मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
नवम्बर-दिसम्बर, 2017
सत्र
सोमवार, दिनांक 27 नवम्बर, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मृतक किसान
के आश्रितों
को सहायता
राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( *क्र. 328 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में दिनांक 06.06.2017 को आन्दोलित किसानों पर गोली चलाकर 07 किसानों की मौत पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक मृतक किसान के परिवार को एक करोड़ रूपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है? (ख) अगर हाँ तो परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसील उमरेठ के ग्राम कचराम के कर्ज में डूबे किसान श्याम कुमार यदुवंशी जिसने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अधिकारी, महिन्द्रा फायनेंस कंपनी के अधिकारी एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों की निरंतर प्रताड़ना के कारण दिनांक 21 जून, 2017 को कीटनाशक दवा का सेवन कर आत्म हत्या कर ली है, के आश्रित परिवार के सदस्यों को मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा कितनी सहायता राशि प्रदान की जायेगी? (ग) जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा मृतक किसान को कर्ज वसूली हेतु निरंतर प्रताड़ित करते हुए दबाव बनाया जा रहा था तथा जिसके कारण मजबूर होकर कृषक श्याम कुमार यदुवंशी ने आत्महत्या कर ली, क्या उपरोक्त मामले की सरकार के द्वारा उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या मृतक किसान श्याम कुमार यदुवंशी की मृत्यु के संबंध में तहसीलदार उमरेठ द्वारा अनुविभागीय अधिकारी परासिया को झूठा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें किसान की मृत्यु का कारण किसान की मानसिक स्थिति व पारिवारिक विवाद बताया गया? क्या इस संबंध में उच्च स्तरीय जांच कराते हुए तहसीलदार के ऊपर कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान दिनांक 06.06.2017 को गोली चालन में 05 किसानों की मौत पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1-1 करोड़ मुआवजे की घोषणा की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) तहसीलदार उमरेठ ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व परासिया को झूठा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। अत: उच्च स्तरीय जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुंडेल नदी पर स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 440 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में दिनांक 10.01.2016 के दौरे के दौरान घोषणा क्रमांक बी. 1513 द्वारा कुंडेल नदी पर स्टॉप डेम निर्माण कराने की घोषणा की थी? (ख) कुंडेल नदी पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणानुसार स्टॉप डेम बनाने की शासन स्तर पर क्या योजना प्रचलित है? इस नदी पर डेम निर्माण की स्वीकृति कब तक हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) मान. मुख्य मंत्रीजी की घोषणा अनुसार कुंडेल एवं मलेनी नदी के संगम स्थल के नीचे गोठरामाता मंदिर के समीप डोडियाना बैराज का निर्माण कार्य 31.05.2017 को पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जैविक खेती को प्रोत्साहन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( *क्र. 809 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विस्तार सुधार कार्यक्रम (आत्मा) अन्तर्गत जिला छतरपुर में कृषक प्रशिक्षण, कृषक भ्रमण एवं कृषि विज्ञान मेले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या कृषकों की सूची मनमानी तरीके से बनाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जाता है? (ग) जैविक खेती प्रोत्साहन योजना हेतु जिला छतरपुर में कितनी राशि वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में व्यय की गई? विवरण सहित जानकारी दें। (घ) क्या प्रदेश स्तर पर मॉनिटरिंग हेतु टीम गठित की गई? यदि हाँ, तो कब-कब?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जैविक खेती प्रोत्साहन योजना जिले में संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रदेश स्तर पर आत्मा अन्तर्गत थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग हेतु शासन के निर्देशानुसार नाबार्ड द्वारा चिन्हित संस्थान नेबकॉन के माध्यम से वर्ष 2014-15 में मॉनिटरिंग कार्य कराया गया था।
मीरखेड़ी हिरनखेड़ा मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( *क्र. 708 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत ग्राम मीरखेड़ी एन.एच. 86 से ग्राम हिरनखेड़ा तथा पी.डब्ल्यू.डी. मार्ग अत्यंत जर्जर, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते बार-बार इस मार्ग के निर्माण कार्य को विगत 3 वर्षों से भी ज्यादा समय से लंबित रखा गया है? (ग) यदि नहीं, तो क्या मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक 508/2017-18, दिनांक 28.6.2017 को अनुमोदित किये जाने के बाद भी प्रश्नांश (क) में दर्शित सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है? कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार मीरखेड़ी से हिरनखेड़ी मार्ग का निर्माण कब तक पूरा करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में मार्ग के निर्माण की कार्यवाही म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-2 सागर के द्वारा की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
अमलाहा से भाऊखेड़ी मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 618 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें आती हैं? क्या सभी सड़कें ठीक हालत में हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन सी सड़कों में सुधार कार्य किया जाना है? (ख) क्या अमलाहा से भाऊखेड़ी ग्राम तक आने वाला मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग पर अंतिमवार डामरीकरण कब (पूर्ण निर्माण कार्य) कराया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मार्ग की स्थिति कैसी है, मार्ग की स्थिति जानने के लिये कब और किस अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन तैयार किया गया? प्रतिवेदन उपरांत विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या अमलाहा से भाऊखेड़ी मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? उक्त मार्ग कब तक बनकर तैयार होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय आवासों के पहुंच मार्ग में अतिक्रमण
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 613 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर/नगर में ट्रांजिट हॉस्टल शासकीय कॉलोनी के मध्य स्थित हैं? यदि हाँ, तो उस कॉलोनी के शासकीय आवास गृह एच-3, एच-4 एवं आई-2 आवासों के आवागमन हेतु संधारित मार्ग की माप पुस्तिका (एम.बी.) के अनुसार चौड़ाई बतायें? (ख) क्या उक्त आवासों के पहुंच मार्ग (शासकीय भूमि) पर अन्य रहवासियों के द्वारा अवैध निर्माण/अतिक्रमण कर लिये जाने संबंधी सूचना पत्र जनप्रतिनिधि द्वारा संबंधित कार्यपालन यंत्री को माह जून 2017 में दी गई थी? यदि हाँ, तो प्रतिनिधि के नाम का उल्लेख करते हुए पत्र की प्रति प्रस्तुत कर अतिक्रमणकारियों के नाम की सूची प्रस्तुत करें। (ग) क्या उक्त पत्र के तारतम्य में कार्यपालन यंत्री द्वारा प्रश्न दिनांक तक मार्ग (शासकीय भूमि) को मुक्त कराने हेतु सारगर्भित कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो संक्षिप्त में उल्लेख करें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? शिथिलता बरतने के लिये कौन-कौन कर्मी दोषी हैं? नाम एवं पद उल्लेखित करें। (घ) क्या शासन उक्त शासकीय आवासों के मार्ग (शासकीय भूमि) से तत्काल अवैध निर्माण/अतिक्रमण को हटाते हुए विभाग प्रमुख को निर्देशित करेगा तथा दोषी कर्मियों को दण्डित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। शासकीय आवास गृह एच-3, एच-4 एवं आई-2 आवासों के आवागमन हेतु संधारित मार्ग की पुस्तिका में उक्त पहुंच मार्ग का उल्लेख नहीं है, वर्तमान में आवागमन हेतु लगभग 5 फीट चौड़ी गली पूर्व से है। (ख) जी हाँ। श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, विधायक जी के पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गली के दोनों ओर कोई अतिक्रमण नहीं पाया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अतिक्रमण नहीं पाये जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों का संविलियन
[सहकारिता]
7. ( *क्र. 370 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक एवं जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. के कर्मचारियों को अन्य विभाग में संविलियन करने हेतु जो योजना बनाई गई उसके अंतर्गत किन-किन कर्मचारियों को किस-किस पद पर, किस-किस विभाग में संविलियन कर कहाँ-कहाँ पदस्थ किया गया है एवं किन-किन का संविलियन होना शेष है? सूची सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) जिन कर्मचारियों का संविलियन अभी तक नहीं किया गया, उनके संविलियन न होने के क्या कारण हैं? उनके लिये विभाग की क्या कार्य योजना है? (ग) जिन कर्मचारियों के संविलियन नहीं हुये हैं क्या विभाग द्वारा उन कर्मचारियों को वेतन/भत्तों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, कितना-कितना? यदि नहीं, तो किस-किस कर्मचारी को कितना-कितना भुगतान देना शेष है? कब तक इनका भुगतान कराया जायेगा? जिलावार सूची सहित जानकारी दें। (घ) क्या दतिया जिला बैंक के कर्मचारियों के संविलियन हेतु स्क्रीनिंग कमेटी ने दो बार अनुशंसा की, उसके बावजूद यहां के एक भी कर्मचारी का संविलियन नहीं हुआ? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" एवं "दो" अनुसार है। (ख) संविलयन हेतु अन्य सहकारी संस्थाओं में आवश्यक संख्या में पद उपलब्ध न होने अथवा उनकी वित्तीय स्थिति के सुदृढ़ न होने अथवा उनकी सहमति न होने तथा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु कम शेष होने एवं संविलयन हेतु पात्र न पाये जाने आदि के कारण। बैंकों के शेष बचे कर्मचारियों के संबंध में संबंधित बैंकों के परिसमापकों द्वारा परिसमापन की प्रक्रिया के अंतर्गत निर्णय लिया जाएगा। (ग) कर्मचारियों के वेतन भत्तों का भुगतान विभाग द्वारा नहीं अपितु संबंधित बैंक के परिसमापक के द्वारा किया जाना है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "तीन" एवं "चार" अनुसार है। जिन कर्मचारियों का भुगतान शेष है, उन्हें संबंधित संस्थाओं के परिसमापक द्वारा संस्था की लेनदारियों की वसूली के उपरांत परिसमापक द्वारा निर्धारित किये गये प्राथमिकता क्रम में प्राप्त वसूली को दृष्टिगत रखते हुए भुगतान किये जाने का प्रावधान है। भुगतान की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दतिया की वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उसमें संविलियन किया जाना उपयुक्त न पाये जाने के कारण संविलयन नहीं किया जा सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
सड़कों के निर्माण के मापदण्ड
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 308 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत (1) एन.एच.7 से कारीवाह (2) एन.एच.7 से बम्हनौदा (3) एन.एच.7 से मोहनिया कुशनेर सड़कों के निर्माण एवं सुधार हेतु प्राक्कलन बनाये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या वित्तीय व्यवस्था न होने के कारण यह सड़कें स्वीकृत नहीं की गई हैं? (ग) क्या आम जनता की आवश्यकताओं के आधार पर सड़कों का निर्माण किया जाता है? यदि हाँ, तो इन अतिआवश्यक सड़कों के लिये बजट का प्रावधान क्यों नहीं है? (घ) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण की प्राथमिकता तय करने का क्या मापदण्ड है? नियमों की जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधन के कारण। (घ) सामान्यत: जिले में कुल स्वीकृत कार्यों की लागत, वित्तीय उपलब्धता व कार्य की आवश्यकता के आधार पर प्राथमिकता तय की जाती है। इस संबंध में शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बांधों एवं नहरों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 164 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाह विधान सभा क्षेत्र के काटकुट क्षेत्र में पानी की कमी एवं किसानों का कृषि सिंचित रकवा बढ़ाने के लिए प्रश्नकर्ता ने सुखाड़ी नदी पर बांध एवं सातसोई नामक स्थान पर बांध निर्माण के सम्बन्ध में प्रस्ताव भेजे हैं? यदि हाँ, तो प्राप्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या विषयांकित प्रस्ताव का सर्वे हो गया है? यदि हाँ, तो इसकी राशि कब स्वीकृत होगी और सर्वे नहीं हुआ तो क्या कारण रहे हैं? क्या प्रस्ताव सही है? यदि हाँ, तो सर्वे में इतना विलम्ब क्यों है? क्या चिन्हित स्थान पर बांध निर्माण से कृषकों को सिंचाई में लाभ नहीं होगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार यदि सर्वे की कार्यवाही प्रारंभ करते हैं तो सर्वे कब तक हो जावेगा? क्या यह कार्य इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत हो जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
बीमित कृषकों को फसल बीमा का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( *क्र. 903 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिलांतर्गत खरीफ 2016 में सोयाबीन एवं उड़द की फसल का कितने अऋणी किसानों ने फसल बीमा कराया था? तहसीलवार विस्तृत जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सागर जिले में कितने कृषकों को फसल बीमा की राशि का भुगतान कर दिया गया है? किन-किन पटवारी हल्कों में कितने किसानों को किस कारण से फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? (ग) क्या सागर जिले में अऋणी किसानों को आज दिनांक तक फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? इस हेतु शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (घ) कब तक जिले के अऋणी किसानों को फसल बीमा की राशि का भुगतान किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ फसल उड़द जिला स्तर पर अधिसूचित की जाती है। अऋणी कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ वर्ष 2016 अंतर्गत फसल सोयाबीन एवं उड़द हेतु 21566 अऋणी कृषकों के बीमा दावा रूपये 80.02 लाख का भुगतान संबंधित बैंक शाखाओं को किया जा चुका है। सागर जिले में कृषि विभाग द्वारा बीमित 20802 अऋणी कृषकों द्वारा आवेदन पत्र जमा करते समय उपलब्ध कराये गये खाते की जानकारी में भिन्नतायें होने से एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से बीमा दावों का भुगतान किया जाना संभव न हो पाने के कारण पात्र कृषकों के बीमा दावों का भुगतान डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से किया जा रहा है। पात्र 4946 कृषकों को डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान किया गया है। शेष पात्र कृषकों के बीमा दावों का भुगतान यथाशीघ्र किया जाना है। (ग) खरीफ वर्ष 2016 अंतर्गत सागर जिले के पात्र अऋणी कृषकों के बीमा दावों के भुगतान का कार्य प्रक्रियाधीन है। (घ) खरीफ वर्ष 2016 अंतर्गत सागर जिले के पात्र अऋणी कृषकों के बीमा दावों के भुगतान का कार्य प्रक्रियाधीन है।
उज्जैन-इन्दौर सड़क मार्ग का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 547 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-इन्दौर फोरलेन मार्ग का निर्माण कब पूर्ण किया गया एवं कितनी राशि व्यय की गई एवं टोल वसूली किस दिनांक से प्रारंभ की गई थी? उसकी क्या क्या शर्तें थीं? (ख) वर्तमान में उज्जैन-इन्दौर रोड का मेंटेनेंस कब से नहीं किया गया है एवं वर्तमान में सड़क की क्या स्थिति है? अक्टूबर 2016 से अक्टूबर 2017 तक इस सड़क पर कितनी दुर्घटनाएं हुईं? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। इसके लिये दोषी कौन है? उनके विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई? (ग) क्या रोड का मेंटेनेंस न होने पर भी टोल वसूली की जा रही है? विभागीय अधिकारियों द्वारा इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (घ) क्या शासन द्वारा रोड के मेंटेनेंस की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन-इंदौर फोरलेन मार्ग का निर्माण दिनांक 19/11/2010 को पूर्ण किया गया एवं मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. मार्ग अंतर्गत होने के कारण विभागीय तौर पर कोई राशि व्यय नहीं की गई। टोल वसूली का कार्य सी.ओ.डी. (कमर्शियल ऑपरेशन डेट) दिनांक 19/11/2010 से प्रारंभ की गई थी। लोक निर्माण विभाग द्वारा नस्ती क्र. एफ 23-12-2006/सा./19, दिनांक 03/03/2008 से जारी टोल अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) वर्तमान में उज्जैन-इंदौर फोरलेन का मेंटनेंस कार्य वर्षा उपरांत प्रारंभ नहीं किया गया है। अनुबंधानुसार वर्षा ऋतु उपरांत मार्ग का रफनेस टेस्ट कराया जाना है। रफनेस टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर रिन्यूअल कार्य निवेशकर्ता कंपनी को किया जाना है। वर्तमान स्थिति में कुछ कि.मी. में सतह असमतल हुई है। कुछ स्थानों पर मिट्टी के शोल्डर का लेविल सड़क के लेविल से नीचे हो गया है। रोड़ फर्नीचर की चमक कम हो गई है। अक्टूबर 2016 से अक्टूबर 2017 तक फोरलेन पर हुई दुर्घटनाओं की जानकारी पुलिस प्रशासन, जिला इंदौर-उज्जैन एवं निवेशकर्ता से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार। दुर्घटनाओं का कारण यातायात नियमों की अवहेलना है, इसके लिये कोई दोषी नहीं है। निवेशकर्ता कंपनी द्वारा शीघ्र मेंटनेंस कार्य नहीं शुरू करने की स्थिति में अनुबंधानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ। कंशेसनायर से निष्पादित अनुबंध के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत कंशेसनायर को टोल वसूलने के अधिकार सड़क निर्माण एवं मरम्मत के आधार पर दिया गया है, मात्र सड़क मरम्मत के आधार पर नहीं। कंशेसनायर द्वारा सड़क का निर्माण किया गया है, यद्यपि गत कुछ माहों से मरम्मत में आंशिक विलंब हुआ है। इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 1178, दिनांक 17/04/2017, 2200 दिनांक 14/07/2017, 2474 दिनांक 18/08/2017, 3106 दिनांक 05/10/2017 एवं 3325 दिनांक 26/10/2017 से निवेशकर्ता कंपनी को अनुबंधानुसार मेंटनेंस किये जाने हेतु लिखा गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार। (घ) जी हाँ। निवेशकर्ता कंपनी द्वारा अनुबंधानुसार मेंटनेंस नहीं किये जाने की स्थिति में अनुबंधानुसार कार्यवाही की जायेगी।
भावांतर योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( *क्र. 362 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भावांतर योजना में उत्तर दिनांक तक कितने किसानों के पंजीकरण हुये, कितनों ने किस फसल के लिये अंतर प्राप्ति हेतु आवेदन दिया? (ख) भावांतर योजना से उत्तर दिनांक तक लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या तथा उन्हें कुल प्राप्त अंतर राशि बतावें। (ग) भावांतर योजना के तहत कौन-कौन सी फसल है तथा उस फसल पर मिलने वाले भावांतर का सूत्र (फार्मूला) क्या है? सभी फसलों पर एक-एक उदाहरण सहित उक्त सूत्र से मिलने वाले भावांतर को बतावें। (घ) इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रतलाम, विदिशा, सागर तथा उज्जैन मंडी के प्रश्नांश (ग) में शामिल फसलों के 1 नवम्बर 2016 तथा 2017 के उच्चतम तथा न्यूनतम खरीदी भाव बतावें तथा बतावें कि 1 नवम्बर 2017 के भावों पर उच्चतम तथा न्यूनतम कितना भावांतर प्राप्त हो सकता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भावान्तर भुगतान योजना में दिनांक 14.11.2017 की स्थिति में कुल 16,21,176 किसानों के पंजीयन हुये हैं। इस योजनान्तर्गत चयनित फसलों के विक्रय उपरान्त भावान्तर की राशि प्राप्ति हेतु आवेदन दिये जाने का प्रावधान नहीं होने से दिनांक 14.11.2017 तक इस प्रयोजन हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) दिनांक 14.11.2017 की स्थिति में किसी भी किसान को भावान्तर का लाभ प्रदान नहीं किया गया है, अपितु इस योजना में दिनांक 16.10.2017 से 31.10.2017 तक की अवधि में चयनित कृषि जिन्सों का मण्डी प्रांगण में विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को भावान्तर की राशि का भुगतान नवम्बर मासान्त तक किया जावेगा। (ग) भावान्तर भुगतान योजना में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द, तुअर शामिल है। भावान्तर राशि की गणना विधि के उदाहरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नागत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अभी राज्य शासन द्वारा भावान्तर भुगतान योजना हेतु दिनांक 01.11.2017 के लिये मॉडल (होलसेल) दर निर्धारित नहीं करने के कारण उपरांकित तिथि के किसी भी सौदे में भावान्तर की गणना संभव नहीं है।
जलाशयों की मरम्मत
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 867 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की सिंचाई परियोजनाओं/जलाशयों में सीपेज एवं नहरों के जीर्णोद्धार/विस्तार में सुधार/मरम्मत की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो किस-किस जलाशय में कितनी-कितनी राशि की आवश्यकता है? वर्ष 2014-15 से वर्षवार, विकासखण्डवार, जलाशयवार, पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन जलाशयों के प्रस्ताव/प्राक्कलन आर.आर.आर. मद में प्रशासकीय स्वीकृति हेतु जिले द्वारा वरिष्ठ कार्यालयों को कब-कब प्रेषित किये गये हैं, प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? कारण सहित जलाशयवार विवरण दें। उक्त जलाशयों की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक दिलाई जावेगी? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 915, दिनांक 09.09.2017 में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाहीवार, तिथिवार पृथक-पृथक विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। डी.पी.आर अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) कार्यपालन यंत्री, कटनी से प्राप्त विवरण अनुसार पत्र में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।
स्वीकृत तालाबों का निर्माण
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 515 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शामगढ़ सुवासरा उद्वहन सिंचाई योजना के पहले पूर्व में स्वीकृत तालाब बंजारी, प्रतापपुरा, भटूनी के निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक मंजूरी क्यों नहीं दी गई है? (ख) शामगढ़ सुवासरा लघु सिंचाई योजना के तहत ग्राम बंजारी, भटूनी, प्रतापपुरा की पंचायतों एवं ग्रामवासियों के द्वारा उक्त योजना से वंचित कर बंजारी, भटूनी, प्रतापपुरा में नवीन तालाब निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाने का प्रस्ताव शासन की ओर प्रेषित किया गया है, इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्न दिनांक तक बंजारी, प्रतापपुरा, भटूनी, सेमली कांकड, सेदरा करनाली, नकेडिया में तालाब निर्माण की कार्य प्रगति कि जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाओं के डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से स्वीकृति दिये जाने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
15. ( *क्र. 917 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 575, दिनांक 17.07.2017 में उत्तर दिया गया था कि अनुशासनात्मक कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत ही की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराई जा सकेगी तो उक्त कार्यवाही किसके आदेश से किसके द्वारा की जा रही है एवं उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त अधिकारी द्वारा कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या शासन विधि सम्मत एवं समय-सीमा में कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, श्री अखिलेश निगम के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 14 (4) के तहत कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 18.8.2017 को जारी किया गया है। कार्यवाही प्रचलित है। (ख) कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मसाला खेती हेतु अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
16. ( *क्र. 559 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में ग्वालियर जिले में मसाला खेती हल्दी के लिए जिले में कितना बजट था? (ख) उपरोक्त राशि में केंद्र सरकार व मध्यप्रदेश सरकार की अनुदान राशि कितनी-कितनी थी? (ग) जिले में कितनी संख्या में कृषकों को किन-किन विकासखण्ड व किन-किन ग्रामों में हल्दी की खेती के लिए वस्तु व अनुदान राशि का भुगतान किस तारीख से किया गया व कृषकों को अपने हिस्से की कितने प्रतिशत राशि देय थी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) वर्ष 2016-17 में लक्ष्य आवंटित नहीं किये गये। वर्ष 2017-18 में ऑनलाईन आवेदन अनुसार 123 कृषकों द्वारा 41.25 हेक्टेयर की पूर्ति की गई है। अनुदान भुगतान हेतु आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन योजना राज्य पोषित योजना है, जिसमें 100 प्रतिशत अनुदान मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिया जाता है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में वस्तु एवं अनुदान राशि का भुगतान नहीं किया गया। कृषकों को हल्दी बीज की लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 30,000/- रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान देय है।
इंगोरिया-बिरगोदिया (देपालपुर) मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 271 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंगोरिया-बिरगोदिया (देपालपुर मार्ग) मार्ग का निर्माण पूर्व में किस ऐजेन्सी द्वारा कराया गया था? कब पूर्ण हुआ था, उस पर कितनी राशि व्यय की गई थी व उक्त सड़क कितने वर्ष की ग्यारंटी में थी? (ख) क्या मार्ग ग्यारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त था? क्या वर्तमान में दूसरी नवीन एजेन्सी द्वारा बी.टी. रिनीवल का कार्य उक्त मार्ग पर कराया गया। कार्य कराने के पूर्व मार्ग की स्थिति स्पष्ट करें। वर्तमान में किया गया कार्य कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है, मार्ग निर्माण में पटरी भराई कार्य प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है, जिससे आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? कितनी दुर्घटनाओं के बाद शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त निर्माण कार्य पर आज दिनांक तक कितना व्यय हुआ है? कार्य की ग्यारंटी एवं निर्माण की अवधि क्या थी? क्या समयावधि में एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया गया? वर्तमान में कार्य अपूर्ण है एवं जो निर्माण किया गया, वह घटिया स्तर का है जिससे सड़क जगह-जगह से जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। क्या शासन जांच कर विभागीय अधिकारियों एवं निर्माण एजेन्सी पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इंगोरिया-बिरगोदिया (देपालपुर मार्ग) मार्ग का निर्माण ए.डी.बी. एम.पी.एस.आर.एस.पी. ii योजनान्तर्गत पूर्व में ठेकेदार मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन लि., भोपाल द्वारा कराया गया था। मार्ग का निर्माण कार्य दिनांक 25.04.2011 को पूर्ण हुआ था। उक्त मार्ग पर कुल राशि रू. 45.65 करोड़ व्यय की गई थी। अनुबन्धानुसार उक्त सड़क 1 वर्ष की ग्यारंटी में थी। (ख) जी नहीं। जी हाँ। दिनांक 25.04.2011 को मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् अनुबन्धानुसार डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड दिनांक 24.05.2012 तक निर्माण एजेन्सी द्वारा मार्ग का रख-रखाव किया गया। डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड उपरांत 4 वर्षों तक मार्ग की डामर सतह में कहीं-कहीं पोटहोल्स निर्मित होने एवं मुरम शोल्डर, झाड़ी सफाई का कार्य जोनल कान्ट्रेक्ट के तहत् म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा करवाया गया। आई.आर.सी. एस.पी. 77-2008 अनुसार 5 वर्ष बाद डामर सतह का नवीनीकरण कार्य किया जाना आवश्यक होता है। तद्नुसार डामर सतह में रिन्यूअल एवं सतह खराब होने की स्थिति में रिन्यूअल हेतु 30 एम.एम. बी.सी. (डामर की मोटाई) एवं डामरीकृत सतह के दोनों 60 से.मी. में कोरबन्दी कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई। मार्ग की कुल लम्बाई 30 कि.मी. में से 27.50 कि.मी. में बी.टी. रिन्यूअल कार्य किया जाना था, जिसमें से 27.00 कि.मी. में डामर का कार्य पूर्ण किया गया। 500 मीटर में इंगोरिया चैराहे के नजदीक एक पुलिया निर्माण का कार्य दूसरी एजेन्सी द्वारा करवाया जाना था, इसलिये उक्त पुलिया के लिये तकनीकी रूप से 500 मीटर लम्बाई को छोड़ना पड़ा। उक्त छूटे हुए भाग में मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है एवं रिन्यूअल किये गये 27.00 कि.मी. में कुल 8 से 10 स्थानों पर छोटे पेंच बन गये हैं। ठेकेदार को अनुबन्धानुसार मार्ग पर पटरी भराई का कार्य न होकर 60 से.मी. चौड़ाई में चयनित मिट्टी से कोर बन्दी का कार्य किया जाना था, जो ठेकेदार की आन्तरिक समस्या के कारण उक्त कोर बन्दी कार्य नहीं किया गया है। दुर्घटनाओं का कारण मुख्यतः वाहन की तेजगति, वाहन चालक की जागरूकता की कमी एवं यातायात के नियमों की अवहेलना के कारण है, जिसके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। बिरगोदा-इंगोरिया मार्ग लम्बाई 30 कि.मी. डामर सतह चौड़ाई 5.5 मीटर दोनों तरफ मुरम 2.5-2.5 मीटर में निर्मित होकर बी.टी. रिन्यूअल कार्य 27.00 कि.मी. में पूर्ण किया गया है। ठेकेदार द्वारा दिनांक 10.11.2017 से शेष छूटे 500 मीटर में रिन्यूअल कार्य एवं कोर बन्दी 60 से.मी. चौड़ाई में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। 15.12.2017 तक अनुबन्धानुसार कार्य पूर्ण कर दिये जाने की सम्भावना है। मार्ग अच्छी स्थिति में है, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त बी.टी. नवीनीकरण कार्य पर आज दिनांक तक 2,80,38,913/- व्यय हुआ है। ठेकेदार को अनुबन्धानुसार किये गये कार्य के पूर्ण दिनांक से 3 वर्ष तक रख-रखाव किया जाना है। निर्माण अवधि अनुबन्ध दिनांक 19.12.2016 एवं कार्यादेश दिनांक 20.12.2016 से 4 माह दिनांक 19.04.2017 तक थी। जी नहीं। अपूर्ण कार्य को अनुबन्धानुसार समयावृद्धि की जाकर कार्य को पूर्ण करने हेतु ठेकेदार द्वारा दिनांक 10.11.2017 को कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। दिनांक 15.12.2017 तक कार्य पूर्ण होने की संभावना है, जो कार्य किया गया है, वह अच्छी श्रेणी का है। इस कार्य का निरीक्षण म.प्र. सड़क विकास निगम के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी समय-समय पर किया गया, निरीक्षण के दौरान किया गया कार्य सही पाया गया है। सड़क कहीं भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं है। वर्षाऋतु उपरांत मार्ग पर मात्र 8 से 10 पेंच निर्मित हुए हैं। ठेकेदार को अनुबन्धानुसार किये गये कार्य का कार्य पूर्ण दिनांक से 3 वर्ष तक रख-रखाव किया जाना है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन के दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 125 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 03 सितम्बर, 2016 को मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (7) के अंतर्गत धार जिले में पंजीबद्ध प्रकरण में कौन से पटवारी हल्का नम्बर व सर्वे नम्बर की कितनी भूमि पर कितनी मात्रा में अवैध रूप से मुरम का उत्खनन किये जाने का प्रकरण किस फर्म पर दर्ज किया गया है? (ख) क्या दिनांक 03 सितंबर, 2016 को प्रकरण दर्ज होने तक ए.के.वी.एन. के लेबड़ मानपुर फोरलेन से उज्जैन औद्योगिक क्षेत्र तक निर्माण किये जा रहे फोरलेन के लिए बिना लीज़ चुकाये, रोड निर्माण एजेंसी के द्वारा पटवारी हल्का नं. 138 की शासकीय भूमि सर्वे नं. 30/2, 51/1, 51/2 भूमि पर 60 फीट लम्बाई, 42 फीट चौड़ाई व 12 फीट गहराई से कुल 3 लाख घनफीट अवैध मुरम का उत्खनन किया जा चुका था? (ग) क्या प्रकरण का निराकरण हो चुका है? यदि हाँ, तो त्रुटिकर्ता रोड निर्माण एजेंसी पर कितना जुर्माना अधिरोपित किया गया है व अब तक कुल कितनी राशि वसूल की गई है? (घ) यदि अब तक वसूली नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी व कितनी राशि वसूल की जावेगी? समयावधि व अधिरोपित अर्थदण्ड की स्पष्ट मात्रा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांश लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) क्षेत्र धार जिला धार से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
किला रोड से लहार रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 355 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग भिण्ड द्वारा किला रोड से लहार रोड तक मार्ग निर्माण किया जा रहा है, जिसका निर्माण जून 2017 तक पूर्ण होना था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक मार्ग का कितना निर्माण पूर्ण हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत समय पर मार्ग पूर्ण न होने के कारण कौन दोषी है? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अंतर्गत किस स्तर के अधिकारी की निगरानी में मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है? समय-समय पर क्या प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया? क्या कार्यवाही की गई? (घ) किला रोड से लहार रोड मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा? प्रयुक्त सामग्री का किस प्रयोगशाला में निरीक्षण परीक्षण और गुणवत्ता की जांच की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
सिंचाई कार्यों के निर्माण हेतु प्रयुक्त सामग्रियों की गुणवत्ता
[जल संसाधन]
20. ( *क्र. 487 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंचाई कार्यों के निर्माण हेतु उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के गुणवत्ता की क्या शर्तें निर्धारित की गई हैं, विवरण देते हुए बतावें कि क्या अपरपूर्वा नहर संभाग रीवा लोअर सिहावल नहर संभाग चुरहट के निर्माण में उपरोक्त शर्तों का पालन कर सामग्री का उपयोग किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर सामग्री का उपयोग शर्तों अनुसार किया गया तो उपयोग की गई सामग्री मिट्टी, सीमेंट, इस्पात, सीमेंट कांक्रीट/प्रवलित सीमेंट कांक्रीट का परीक्षण निर्धारित आवृत्त अनुसार कब-कब किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? परीक्षण प्रतिवेदन देते हुए बतावें कि उपयोग हुई सामग्री गुणवत्तापूर्ण एवं मानक स्तर की थी? (ग) प्रश्नांश (क) के निर्माण प्रश्नांश (ख) अनुसार उपयोग की गई सामग्री सीमेंट की जांच अधिकृत प्रयोग शाला द्वारा कब-कब कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई? रिपोर्ट की प्रति देते हुए बतावें। अगर जांच बगैर सामग्री उपयोग की गई तो क्यों? इसी तरह क्या रेत के उपयोग पूर्व रेत में गाद (सिल्ट) सामग्री अनुमत्य सीमा से अधिक नहीं है, की जांच कब-कब की गई? प्रति देते हुए बतावें। बगैर जांच सामग्री का उपयोग किया गया तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के कार्य में प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार यदि सामग्री की गुणवत्ता की जांच किये बगैर गुणवत्ता विहीन सामग्री उपयोग की गई जिसकी वजह से नहरें क्षतिग्रस्त हुईं व ठेकेदारों/सविंदाकरों को घटिया सामग्री का उपयोग कराकर लाभांवित किया गया तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं? उनकी पहचान कर राशि की वसूली के साथ क्या अनुशासनात्मक एवं दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आई.एस.कोड. एवं विभागीय स्पेसीफिकेशन के अनुसार किया जाना प्रतिवेदित है। आई.एस.कोड. का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3/4/5'' अनुसार है। परीक्षणों की आवृत्ति विभागीय क्वालिटी कंट्रोल मैनुअल वॉल्यूम-2 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' में दी गई है। जी हाँ। मानक स्तर से कम पाए जाने पर कार्य को रिजेक्ट किया जाकर पुन: कार्य कराया जाता है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित प्रपत्र ''3/4/5'' अनुसार है। सामग्री का उपयोग परीक्षण उपरांत ही किया जाता है, तथापि यदि समान स्त्रोत से ही सामग्री लाई जा रही है, तब की स्थिति में परीक्षण की आवश्यकता नहीं पाए जाने के कारण परीक्षण आवृत्ति कम रहती है। किसी सामग्री का बिना परीक्षण किए उपयोग नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं। निर्माण सामग्री का उपयोग परीक्षण के उपरांत ही किया जाता है। गुणवत्ता परीक्षण की कमी के कारण कोई नहर क्षतिग्रस्त नहीं होना प्रतिवेदित है। ठेकेदार को किसी भी प्रकार की छूट देकर लाभ पहुंचाने की स्थिति नहीं है। अत: अधिकारियों पर जिम्मेदारी नियत करने एवं दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
धार व इंदौर जिले में प्याज खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 877 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इस वर्ष धार एवं इंदौर जिलों में कितनी प्याज कितने किसानों से खरीदी गई? किसान संख्या, मात्रा, भुगतान राशि सहित जिलावार बतावें। इसकी नीलामी किन-किन को की गई, कितनी राशि उन्होंने नीलामी में जमा कराई? जिलावार बतावें। (ख) उपरोक्त खरीदी में शासन ने किस दर से कितनी हम्माली का भुगतान किया, परिवहन व भंडारण पर कितना व्यय किया? जिलावार बतावें। (ग) प्र.क्र. 1289, दिनांक 24.07.2017 में वर्णित धार एवं इंदौर जिले में प्याज खरीदी के भंडारण व्यय तथा हम्माली एवं तुलाई व्यय की जानकारी भंडारणकर्ता नाम, पता स्थान, भुगतान राशि तथा हम्माल/तुलावटी नाम, पता भुगतान राशि सहित जिलावार देवें। (घ) क्या कारण है जिला विपणन अधिकारी धार द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. DN/446/MLA/KUKSHI/2017, दिनांक 29.08.2017 की वांछित जानकारी प्रश्नकर्ता को आज तक प्रदान नहीं की गई। इसके लिये इन पर कार्यवाही कब तक होगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ड्रिप योजना में अनियमितता की जांच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
22. ( *क्र. 728 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2013-14 में ड्रिप (माइक्रो इरीगेशन) योजना के क्रियान्वयन में प्रभारी सहायक संचालक उद्यान जिला भोपाल श्री आर.जी. सोनी व रामेश्वर मालवीय सहित अन्य के द्वारा की गई अनियमितता की जांच भोपाल कलेक्टर द्वारा उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के पत्र क्र. उ./रा.उ.मि./शिका./एम-2/14-15/697 भोपाल दिनांक 04.08.2014 को कराई गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या जांच प्रतिवेदन के अभिमत अनुसार योजना के क्रियान्वयन, कृषकों के चयन, दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाना, फर्जी अनुदान भुगतान किया जाना आदि गंभीर अनियमितता पाई गई? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या जांच प्रचलन में है? यदि हाँ, तो जांच कब से प्रारंभ की गई और कब तक पूर्ण होना थी तथा यह भी अवगत करावें कि जांच में लापरवाही एवं विलम्ब के क्या कारण हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) कलेक्टर भोपाल द्वारा कोई जाँच नहीं की गई। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तालाब एवं स्टापडेम की स्वीकृति
[जल संसाधन]
23. ( *क्र. 206 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से तालाब एवं स्टापडेम शासन स्तर से स्वीकृत किए तथा उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) कितने तालाबों/स्टापडेमों की स्वीकृति पश्चात् अब तक कार्य प्रारंभ नहीं किए गए, कितने प्रस्ताव किस कारण से शासन स्तर पर लंबित हैं? (ग) लंबित प्रस्तावों को शासन कब तक कार्य स्वीकृति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शासन स्तर पर स्वीकृति का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ग) साध्यता स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''बारह''
सारंगपुर-संडावता मार्ग पर पुलिया निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 137 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत सारंगपुर-संडावता निर्माणाधीन मार्ग पर कुल कितनी लंबाई का सड़क निर्माण एवं कितनी पुल-पुलियों का निर्माण होना प्रस्तावित है? प्रस्तावित कार्य के विरुद्ध कितने कि.मी. सड़क एवं कितनी पुल-पुलिया का निर्माण किया गया? तुलनात्मक चैनेज एवं प्रस्तावित कार्य विरुद्ध बनायी गयी पुल-पुलियाओं का विवरण देवें? (ख) क्या सारंगपुर-संडावता मार्ग पर प्राक्कलन अनुसार दर्शाये गये समस्त स्थानों पर नवीन पुलियों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या ग्राम पाडल्यामाता में पूर्व पुलिया के स्थान पर नवीन पुलिया का निर्माण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? प्राक्कलन अनुसार प्रस्तावित चैनेज पर पुलियों का निर्माण कब तक कराया जावेगा? (ग) सारंगपुर-संडावता निर्माणाधीन मार्ग के निर्माण कार्य को पूर्ण करने की अनुबंधानुसार अंतिम तिथि क्या थी? क्या अंतिम तिथि तक कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कार्य पूर्ण करने की समयावधि कब तक एवं किस आधार पर बढ़ायी गयी? विलंब के लिए कौन दोषी है? दोषी विभाग/ठेकेदार के विरुद्ध कितनी शास्ति आरोपित की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) निर्माणाधीन सारंगपुर-संडावता मार्ग के निर्माण कार्य के विरुद्ध विभाग को गुणवत्ता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निर्माणाधीन मार्ग पर कुल 30.015 कि.मी. सड़क निर्माण एवं 36 नग पुल-पुलियों एवं एक वृहद पुल का निर्माण कार्य होना प्रस्तावित है। प्रस्तावित कार्य के विरूद्ध 30.015 कि.मी. में सड़क एवं 33 नग पुल-पुलिया का निर्माण कार्य किया जा चुका है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्य प्रगति पर है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य दिनांक 30.11.2017 है। (ग) अंतिम तिथि 27.09.2017 एवं वृहद पुल का कार्य अनुबंधानुसार दिनांक 18.02.2019 नियत है। पाडल्यामाता की पुलिया एवं वृहद पुल के कार्य को छोड़कर शेष कार्य पूर्ण हो चुका है। पुलिया का निर्माण कार्य 30.11.2017 तक पूर्ण करा लिया जावेगा, पाडल्यामाता में अतिक्रमण होने के कारण समय दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''तेरह''
नीमच मनासा मार्ग का सीमेन्टीकरण
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 109 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल के पत्र क्रमांक 2574/ई.पी.सी./नीमच-मनासा/प्रोजेक्ट/2017 भोपाल दिनांक 12 मई, 2017 द्वारा नीमच मनासा मार्ग के 1-6 किलोमीटर लम्बाई से सीमेन्ट कांक्रीट मार्ग के निर्माण हेतु पृथक से स्वीकृति लेकर कार्य पूर्ण कराने हेतु बताया गया था। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्ग के निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गई? क्या सर्वे कर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति कर मार्ग का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नीमच-झालावाड़ नवीन एस.एच. 7 मार्ग के मनासा शहरी क्षेत्र के कि.मी. 27.070 से 28.890 कुल 1.82 कि.मी. में सीमेन्ट कांक्रीट फोरलेन निर्माण हेतु प्राक्कलन राशि रू. 756.43 लाख तैयार किया जाकर स्टेट हाइवे फंड की कार्यकारी समिति के समक्ष अनुमोदन हेतु दिनांक 13.11.2017 को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति उपरांत प्राथमिक औपचारिकतायें पूर्ण कर कार्य प्रारंभ कराने की कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मंदसौर कमर्शियल
सहकारी बैंक
में
अनियमितता
[सहकारिता]
1. ( क्र. 1 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर स्थित पूर्व परिसमापनाधीन "दी मंदसौर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक" वर्तमान में सम्परिवर्तित नाम "मंदसौर कमर्शियल सहकारी साख संस्था" में परिसमापन के दौरान म.प्र.शासन की स्वीकृति के बगैर कर्मचारियों को पाँचवा एवं छठवां वेतनमान अवैध रूप से स्वीकृत कर भुगतान कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्या पंजीयक सहकारिता ने कोई जाँच करवाई है? अगर हाँ, तो जांच में कौन-कौन दोषी पाये गये एवं उनके खिलाफ विभाग द्वारा किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गयी? कितनों से वसूली कर ली गई है? (ख) क्या सहकारिता विभाग मंदसौर-उज्जैन-भोपाल L4 अधिकारियों ने उक्त सम्बन्ध में 181 के अन्तर्गत कोई जानकारी बैंक को दी थी? क्या पंजीयक ने दिनांक 12/11/2007 को व संयुक्त पंजीयक उज्जैन ने समय-समय परिसमापनाधीन बैंक के अनावश्यक कर्मचारियों को बाहर निकालने का आदेश दिया था? यदि हाँ, तो क्या उसकी पालन हुई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या परिसमापनाधीन बैंक के कर्मचारियों को वार्षिक वसूली के आधार पर तथा जमा वसूली राशि के आधार पर पंजीयक संयुक्त पंजीयक द्वारा वेतन देने का कोई आदेश दिया गया था? क्या बैंक में आदेश का पालन किया गया? (घ) उक्त प्रकरण में परिसमापन दिनाक 1 अप्रैल 2003 से 15 अक्टूबर 2017 तक कितनी राशि की सेलरी कर्मचारियों को दी गयी तथा कितने % वसूली का लक्ष्य कर्मचारियों को दिया गया वर्षवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जांच में दोषी बैंक के परिसमापक एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला मंदसौर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) जी नहीं, जी हाँ, संयुक्त आयुक्त सहकारिता उज्जैन द्वारा 14-09-2017 को निर्देश दिये गये। संस्था की कामकाज कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 12-10-2017 को 10 कर्मचारियों की सेवायें समाप्त की गयी तथा 03 कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर संविदा पर नियुक्त किया गया। आयुक्त सहकारिता मध्यप्रदेश द्वारा दिनांक 16-10-2017 को उपरोक्त दोनों आदेश निरस्त कर दिये गये है। (ग) जी हाँ, जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मंदसौर कमर्शियल सहकारी बैंक में अनियमितता
[सहकारिता]
2. ( क्र. 7 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संयुक्त आयुक्त सहकारिता म.प्र द्वारा दिनांक 11/09/17 को संयुक्त आयुक्त इंदौर संभाग इंदौर को शिकायतकर्ता राकेश त्रिवेदी एवं मो. जाकिर की शिकायत पर मंदसौर नगर के परिसमापनाधीन सहकारी बैंक दि मन्दसौर को-ऑपरेटिव कापरेटिव बैंक लिमिटेड में हुए करोड़ों रुपये के गबन घोटलों दस्तावेजों को गायब करने, दस्तावेजों में हेराफेरी, नकली निर्मित सदस्यता सूची, समस्त नकली कार्यवाही को आधार बनाकर फर्जी तरीके से अवैध आदेश के आधार पर चुनाव कराये जाने के प्रयास एवं समस्त वित्तीय घोटालों की जांच करने सम्बन्धी शिकायत पर पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या संयुक्त आयुक्त इंदौर संभाग द्वारा जाँच पूर्ण होने तक गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही का निर्णय आने तक उक्त बैंक से संबंधित कोई भी आगामी कार्यवाही नहीं करने के आदेश प्रदान किये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सी.एम. हेल्प लाइन की शिकायत क्रमांक 2487409 दिनांक 11/08/16 के शिकायती विवरणी में दिनाक 02/09/16 में शिकायत की जांच करायी गई, प्रतिवेदन अनुसार सम्बंधित बैंक के परिसमापक एवं उप पंजीयक द्वारा अवैध तरीके से बैंक कर्मचारियों को पाँचवा-छठवां वेतनमान स्वीकृत करना पाया गया है? क्या विभाग द्वारा सम्बन्धित से वसूली की जा चुकी है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, संयुक्त आयुक्त सहकारिता उज्जैन संभाग उज्जैन के पत्र दिनांक 14-09-2017 के पालन में संस्था की कामकाज कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 12-10-2017 को 10 कर्मचारियों की सेवा समाप्त की गई तथा 03 कर्मचारियों को दिनांक 12-10-2017 को कलेक्टर रेट पर नियुक्त किया गया। आयुक्त सहकारिता मध्यप्रदेश द्वारा दिनांक 16-10-2017 से उप पंजीयक मंदसौर के उपरोक्त दोनों आदेशों को निरस्त किया गया। (ख) जी हाँ, संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन द्वारा दिनांक 14-09-2017 को निर्देश दिये गये है। (ग) जी हाँ, जी हाँ, उपायुक्त सहकारिता जिला मंदसौर एवं परिसमापक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
माइक्रो इरीगेशन योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
3. ( क्र. 11 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में माइक्रो इरीगेशन योजना अंतर्गत ड्रिप के किन-किन आशयपत्रों को किन कारण से निरस्त किया गया। (ख) खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में माइक्रो इरीगेशन योजना अंतर्गत ड्रिप के हितग्राहियों का अनुदान कब-कब किस कंपनी को कितनी-कितनी राशि किस माध्यम से संबंधित कंपनी को दी गई है, दिनांकवार हितग्राही के नाम, पता व अनुदान राशि सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के उक्त योजना संबंधित कितने पत्र/मेल किसी भी माध्यम से वर्ष 2017 में संचालक/उपसंचालक/प्रमुख सचिव कार्यालय को प्राप्त हुए। इन पत्रों के जवाब/कार्यवाही की प्रति देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2017-18 में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध वर्तमान तक कोई भी अनुदान भुगतान नहीं किया गया है। (ग) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता की प्रमुख सचिव/संचालक उद्यानिकी/उप संचालक उद्यान, खरगोन को 15 पत्र प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। प्रश्नकर्ता के क्रमांक फ दिनांक 06.07.2017 अनुसार मेसर्स लक्ष्य एग्रो. इण्ड. खरगोन की ओर से कोई कमी एवं अनियमितता नहीं पाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है।
सड़क एवं पुलियाओं का निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 13 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित जवाहर पथ से हाथीखाना एवं पिपलौदा तहसील के ग्राम सुखेडा बस स्टैण्ड पुलिया एवं अगेठी-कुशलगढ़ मार्ग पुलिया नहीं होने से सैकड़ों गांवों का आवागमन बाधित होकर कठिनाइयां बनी रहती है तथा उक्त क्षेत्र की अत्यंत आवश्यक सड़क एवं पुलियाओं की आवश्यकताओं के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार प्रश्नों पत्रों आदि अन्यान्य माध्यमों से निराकरण हेतु शासन/विभाग से लगतार संपर्क किया जा रहा है? (ख) क्या पिपलौदा तहसील की बस स्टैण्ड से व्हाया पंचेवा-पिपलौदा टू लेन फंटे तक की सड़क एवं जावरा तहसील की पद्मावती धाम रिंगनोद से व्हाया कलालिया-फोर लेन फंटे तक की सड़क निर्माण की मांग ग्रामीणों द्वारा लगातार की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्षेत्र की आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मुख्य सड़कों एवं पुलिया की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति कब तक दी जाकर कार्य कब प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता अनुसार स्वीकृति प्रदान की जावेगी, निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
कृषि उत्पादन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 21 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2013 से अब तक कृषि उत्पादन दर का ब्यौरा क्या है? उज्जैन संभाग के जिलों का पूर्ण विवरण वर्षवार, जिलेवार प्रदान करें। (ख) उज्जैन संभाग के जिलों में विभागीय योजनाओं में वर्ष 2016-17 में कितनी राशि प्रदाय की गई? योजनावार देवें? (ग) उक्त अवधि में विभागीय योजनाओं की प्रगति का ब्यौरा देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 22 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं उज्जैन जिले में जनवरी 2013 से अब तक विभाग की किन-किन योजनाओं की कौन-कौन सी स्वीकृतियाँ कितनी राशि की प्रदान की गई वर्षवार तहसीलवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं की प्रगति एवं योजना से लाभ का पूर्ण विवरण दें. (ग) उपरोक्त अवधि में कौन-कौन सी स्वीकृत योजना के कार्य किस कारण से अब तक लंबित है? किस-किस योजनाकार्य की राशि किस कारण से लेप्स हुई? इस हेतु कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायी पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में रतलाम जिले की तीन परियोजनाएं क्रमश: मकोडिया रूण्डी तालाब, उमरन तालाब एवं मांदलियाघाट तालाब परियोजना में वन भूमि व्यपवर्तन की स्वीकृति प्राप्त न होने से लंबित होना प्रतिवेदित है। उज्जैन जिले में कोई परियोजना लंबित नहीं है। किसी भी परियोजना में राशि लेप्स नहीं हुई है। अत: उत्तरदायित्व निर्धारण करने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
खाद, बीज, दवाई के नमूनों की जांच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 30 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा विगत 3 वर्षों में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों के कितने-कितने नमूने लिये गये वर्षवार जानकारी देवें? (ख) उक्त नमूनों को किस प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा गया। प्रयोगशाला का नाम, नमूने के आदान का नाम सहित जानकारी देवें? (ग) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में किन-किन दुकानों के उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों के विक्रय के लाइसेंस निरस्त किये गये? उन दुकानों के नाम की सूची देवें। (घ) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में जिन दुकानों को उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों के विक्रय के लिये नये लाइसेंस प्रदान किये गये है, उन दुकानों के नाम की सूची देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
नौगाँव - ईशानगर - बल्देवगढ़ मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 37 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत नौगाँव-ईशानगर-बल्देवगढ़ मार्ग की कुल लम्बाई कितनी है? इसमें किस-किस विधानसभा क्षेत्र से कितना–कितना कि.मी. मार्ग निकलता है? (ख) उक्त मार्ग में विगत 5 वर्षों में निर्माण या मरम्मत के लिए कब-कब कितनी–कितनी राशि, कितने–कितने हिस्से में व्यय की गई? (ग) वर्तमान में पूरा मार्ग ध्वस्त स्थिति में है. विभाग ने इसके नव निर्माण की क्या योजना बनाई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक सड़क निर्माण की प्रक्रिया किस स्थिति में है? कब तक काम शुरू होना संभावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में मार्ग का नवनिर्माण विभाग की किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं है। मजबूतीकरण मद में प्रस्ताव तैयार किया गया है। (घ) मजबूतीकरण का प्राक्कलन परीक्षणाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्गों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 38 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलान्तर्गत नौगाँव से नेगुवां – चरखारी मार्ग एवं नौगाँव से कैमाहा – महोबा मार्ग कितने कि.मी. का है. (ख) प्रश्नांश “क” के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले. इन दोनों मार्गों को जो की ध्वस्त एवं जर्जर हालत में हैं के पुननिर्माण और मरम्मत का कार्य कब से शुरू होने की संभावना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नौगांव से नेगुंवा मार्ग 5.60 कि.मी. एवं नौगांव से कैमाहा-महोबा मार्ग 67.37 कि.मी. का है। (ख) नौगांव से नेगुंवा चरखारी मार्ग की निविदा प्रक्रियाधीन है, वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नौगांव से कैमाहा-महोबा मार्ग एन.डी.बी. योजनांतर्गत नौगांव-श्रीनगर मार्ग के नाम से स्वीकृत है। प्रशासकीय स्वीकृतिनुसार मार्ग की लंबाई 33.57 कि.मी. एवं लागत रू. 70.29 करोड़ है। कार्य दिनांक 15.07.2017 से प्रारंभ एवं कार्य पूर्णता अवधि 20 माह है।
प्रस्तावित मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 42 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से मार्गों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कौन से प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित हैं, प्रस्ताववार पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ठिगरिया से करजू मार्ग, इन्दौर-कोटा से देहरियासोयत मार्ग, मोड़ी से गणेशपुरा, गुदरावन से बगुलामुखी माता मंदिर तक रोड स्वीकृति हेतु मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या आगर जिला अंतर्गत जिला मार्ग घोषित करने हेतु कार्ययोजना में सम्मिलित मार्गों का प्रारंभिक चयन कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाकर दिनांक 11.09.2015 को सांसद महोदय की अध्यक्षता वाली जिला सतर्कता एवं मूल्याकंन समिति की बैठक में अनुमोदित किया गया था? यदि हाँ, तो आगे क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश ‘‘क‘‘, ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ में उल्लेखित प्रस्तावित मार्गों की स्वीकृति जनहित में शीघ्र होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उज्जैन-झालावाड़ नवीन एस.एच. 59 मार्ग पर नगरीय क्षेत्र सुसनेर एवं सोयतकलां में फोरलेन किये जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए। नगरीय क्षेत्र सुसनेर एवं सोयतकलां में फोरलेन किये जाने के प्राक्कलन लागत राशि रू. 14.5 करोड़ एवं राशि 14.6 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किये गये थे। भूतल परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय भारत सरकार के पत्र दिनांक 07.06.2016 के द्वारा एदलाबाद (महाराष्ट्र सीमा) बुरहानपुर-बोरगांव-छेगांवमाखन-देशगांव-बड़वाह-इन्दौर-उज्जैन-आगर-राजस्थान सीमा तक कुल लंबाई 376 कि.मी. को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में सैद्धांतिक स्वीकृति दिये जाने एवं एन.एच.ए.आई. द्वारा उज्जैन-झालावाड़ मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार किये जाने के कारण उक्त म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा तैयार किये गये प्राक्कलन एन.एच.ए.आई. को सौंप दी गई है। उक्त प्रस्ताव एन.एच.ए.आई. स्तर पर लंबित है। नवीन घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 752बी के अंतर्गत जीरापुर-सुसनेर (राजस्थान सीमा तक) 38 कि.मी. मार्ग के उन्नयन कार्य हेतु विस्तृत प्राक्कलन बनाया जाना प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' में दर्शित है। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं।
विभागीय योजना अंतर्गत भुगतान व कार्यों की मॉनिटरिंग
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
11. ( क्र. 43 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने कृषकों को किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया? योजनान्तर्गत आगर जिले को कितना-कितना बजट कब-कब प्राप्त हुआ एवं इसके विरूद्ध क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं.572, दिनांक 07.07.17 से जिलाधीश महो.से वर्ष 2015-16 में ड्रिप वितरण कार्य में अनियमितता के चलते जाँच एवं कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं.749, दिनांक 25.08.17 से वर्ष 2015-16 में ड्रिप वितरण कार्य की सम्पूर्ण जानकारी जिला कार्यालय से चाही थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? पत्र के प्रति उत्तर में कोई पत्र लिखा हो तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनावार लाभान्वित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? यदि कम्पनी/फर्म को भुगतान किया गया हो तो कब-कब किस किस कम्पनी/फर्म को कितना-कितना भुगतान किया गया? भुगतान पत्रक की दिनांकवार प्रति उपलब्ध करावे?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब एवं स अनुसार है। (ख) जी हाँ। उप संचालक उद्यान आगर-मालवा के आदेश क्रमांक 1720 दिनांक 21.07.2017 द्वारा विभागीय जांच दल गठित किया गया था, परंतु वर्तमान में गठित जांच दल के सदस्यों के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज होने से जांच नहीं की जा सकी। नये सिरे से जाँच दल कलेक्टर द्वारा गठित कर जांच की कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) जी हाँ। योजना क्रियान्वयन अन्तर्गत जिन कृषकों को ड्रिप लाईन दी गई, उसकी पूर्ण सूचीमय संपर्क नम्बर के 02 दिवस में चाही गई थी। उक्त पत्र के संबंध में 556 कृषकों की सूची मोबाईल नम्बर सहित उप संचालक उद्यान आगर-मालवा के पत्र क्रमांक 2180 दिनांक 14.11.2017 द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। शेष कृषकों के सम्पर्क नम्बर विधायक महोदय को उपलब्ध करा दिये जावेंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं स'' अनुसार है।
रीवा जिले के जल उपभोक्ता संथा पहाड़ी में नाली निर्माण
[जल संसाधन]
12. ( क्र. 79 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के उपसंभाग गुरमा अंतर्गत जल उपभोक्ता संघ पहाड़ी में वर्ष 2016-17 में काढ़ा वाटर शोर्स (नाली निर्माण) के कार्य में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी शिकायत आम जनता पहाड़ी द्वारा अधीक्षण यंत्री जल संसाधन नहर मंडल रीवा के यहाँ की गई थी? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का संपूर्ण विवरण देवें? (ख) क्या जांच में दोषी पाए गए उपयंत्री व अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन के विरुद्ध अनुशासनात्मक व निलंबन की कार्यवाही की गई है? यदि की गई है तो संघ पहाड़ी के अध्यक्ष के विरुद्ध भी क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त कार्य में किये गए भ्रष्टाचार में अध्यक्ष/उपयंत्री/एस.डी.ओ. को आरोपी बनाया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या किये गए भ्रष्टाचार की वसूली उक्त तीनों आरोपियों से की जावेगी तथा जल उपभोक्ता संघ को भ्रष्टाचार का दोषी होने पर संघ भंग की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या अधीक्षण यंत्री जल संसाधन नहर मंडल रीवा द्वारा संघ का खाता सीज कर आहरण पर रोक लगाते हुए पुनर्निर्माण के आदेश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या नए सिरे से निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) अधीक्षण यंत्री द्वारा गुरमा नहर के पहाड़ी माइनर की आर.डी. 1740 मीटर में निर्मित वाटर कोर्स का निरीक्षण किया गया तथा गुणवत्ताहीन कार्य के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु की गई अनुशंसा पर अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री को निलंबित किया गया। नाली निर्माण में कांक्रिट का कराया गया अमानक कार्य तुड़वाकर संथा अध्यक्ष द्वारा स्वयं के व्यय पर पुन: नाली का निर्माण करा लिया जाना प्रतिवेदित है, इसे संथा अध्यक्ष के विरूद्ध वित्तीय दण्ड मानते हुये उनके विरूद्ध अन्य कोई कार्यवाही नहीं की गई है। निलंबित अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री के विरूद्ध जांच प्रचलन में है। जांच उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाना संभव होगा। (घ) जी हाँ। अधीक्षण यंत्री बाण सागर नहर मण्डल रीवा द्वारा संथा का खाता सीज कराया गया था। किन्तु आगे कार्य सुचारू ढंग से संपादित कराने को दृष्टिगत रखते हुये चेक आहरण पर से रोक हटा ली जाना प्रतिवेदित है। संथा अध्यक्ष द्वारा नाली के अमानक कार्य को तोड़कर सुधार करा लिया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 75 का निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 89 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा सीधी से सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग-75 ई. का निर्माण कार्य पुल-पुलिया सहित कितना पूर्ण है और कितना अपूर्ण है? (ख) सड़क निर्माण कार्य की समय-सीमा कब तक के लिए निर्धारित है तथा कब तक में पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रीवा से सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग 75ई कुल लंबाई 82.4 कि.मी. में से म.प्र. सड़क विकास निगम को भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सौंपे गये 57.8 कि.मी. का कार्य पूर्ण हो चुका है। सीधी से सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग-75ई कुल लंबाई 102.60 कि.मी. में से अभी तक 62 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है शेष प्रगतिरत है। (ख) रीवा-सीधी खण्ड कि.मी. 2/8 से कि.मी. 33/2 एवं कि.मी. 55/4 से 83/4, लंबाई 57.80 कि.मी. का निर्माण कार्य दिनांक 30.09.2016 को पूर्ण हुआ। सीधी-सिंगरौली की निर्माण समय-सीमा दिनांक 18.09.2015 तक निर्धारित थी। सड़क निर्माण का कार्य जून 2018 तक पूर्ण होना संभावित है।
विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 95 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2014-15 स प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में कृषि महोत्सव, कृषक मेला, कृषक संगोष्ठि, कृषि विज्ञान मेला सह प्रदर्शनी फसल बीमा के दावा राशि व प्रमाण पत्र वितरण, किसान महासम्मेलन (बैहर में मा. मुख्यमंत्री जी का कार्यक्रम) कृषि विज्ञान मेला सहप्रदर्शनी (लालाबर्रा), खाद्य प्रसंस्करण यंत्रदूत ग्राम किसान महोत्सव बालाघाट जैसे कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित कार्यक्रमों में किस-किस योजना एवं मद से कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में कहाँ-कहाँ व्यय की गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता की शिकायत पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 104 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले से संबंधित शिकायतकर्ता के शिकायत पत्र दिनांक 08/03/2016 की जाँच अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग सिवनी मण्डल सिवनी एवं अधीक्षण यंत्री सेतु मण्डल जबलपुर से कराई गई? (ख) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन में यह तो स्वीकार किया गया कि शिकायत पत्र में उल्लेखित सड़क एवं पुल की स्वीकृति मांग संख्या 42 में शासन द्वारा दी गई है, एवं उल्लेखित मार्गों में पड़ने वाले ग्रामों की आदिवासी जनसंख्या का उल्लेख किया जाना था, किन्तु स्पष्ट नहीं बताया गया कि उक्त निर्माण कार्य गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में किया गया है? (ग) शासन द्वारा ही गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के सड़क एवं पुल निर्माण कार्यों की स्वीकृति मांग संख्या 42 में दी गई है, ऐसी स्थिति में शासन किसके विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु माननीय विधायक के पत्र दिनांक 18.03.2016 द्वारा प्राप्त शिकायत की जांच संबंधित अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग भवन/पथ एवं सेतु द्वारा कराई गयी। (ख) जी नहीं। प्रतिवेदन स्पष्ट एवं सटीक है। (ग) नियमानुसार परीक्षणोपरांत स्वीकृतियां जारी की गई है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदसौर एवं नीमच जिले में मंडी निधि से निर्मित सड़कों एवं उनके अनुरक्षण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 112 ) श्री कैलाश चावला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर एवं नीमच जिले में विगत 10 वर्षों में मण्डी निधि से कौन-कौन सी सड़कें बनाई गई हैं? उनके अनुरक्षण (मरम्मत) का कार्य कब-कब किया गया? सड़कों के नाम एवं अनुरक्षण की दिनांक, राशि व वर्तमान में सड़क की स्थिति क्या है? (ख) क्या शासन ने वर्तमान में मण्डी विकास निधि से सड़क न बनाए जाने का निर्णय किया है? यदि हाँ, तो निर्णय की तारीख, एवं आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त सड़कों के अनुरक्षण/नवीनीकरण हेतु शासन द्वारा कोई निर्णय लिया गया है? यदि नहीं, तो क्या उक्त सड़कें लोक निर्माण विभाग को स्थानान्तरित कर उनकी मरम्मत/नवीनीकरण करने हेतु विशेष धनराशि आवंटित की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंदसौर एवं नीमच जिले में विगत 10 वर्षों में कुल 10 ग्रामीण सड़कों का निर्माण मंडी निधि/किसान सड़क निधि से बनाई गई है। उक्त सड़कों का अनुरक्षण (मरम्मत) एवं वर्तमान स्थिति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी, नहीं। अपितु मंडी बोर्ड द्वारा मंडी प्रांगण के बाहर सड़क एवं भवन निर्माण कार्य नहीं कराये जाने संबंधी निर्देश मुख्य सचिव, म.प्र. शासन के नोटशीट क्रमांक 340 दिनांक 15.09.16 से जारी किये गये है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित मंडी समिति निधि तथा किसान सड़क निधि से प्रश्नांकित जिलों की निर्मित कराई गयी सड़कों की अनुरक्षण का कार्य आवश्यकतानुसार कराया गया है। लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर सड़कों के नवीनीकरण हेतु वर्तमान में विशेष धनराशि आदि के आवंटन की कार्यवाही विचार क्षेत्र में नहीं है।
पूर्व निर्मित नहरों/पाईप लाईन के सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तारीकरण
[जल संसाधन]
17. ( क्र. 129 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा लगभग 25-30 वर्ष पूर्व बनाये गये पीरघाटपुरा तालाब निर्माण के दौरान सिंचाई हेतु निर्मित नहर/पाईप लाईन वर्तमान में पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा भविष्य में पीरघाटपुरा तालाब की नहर/पाईप लाईन की दुरूस्तीकरण/ मजबूती/सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तारीकरण का कार्य किया जावेगा ताकि किसानों को सिंचाई सुविधा मिल सकें? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। आर.डी. 120 मी., 1300 मी., 1510 मी., 1580 मी., 1700 मी., 3100 मी. एवं आर.डी. 2500 मी. पर नहर/पाईप लाईन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) पाईप लाईन के सुधार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 138 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील सारंगपुर अन्तर्गत खरीफ फसल 2016 के लिये कितने किसानों को बीमा क्लेम मिला है? यदि नहीं, मिला तो क्यों नहीं? (ख) खरीफ फसल 2016 के लिए किन-किन बैंकों में किन-किन पटवारी हल्कावार के कितने-कितने किसानों ने कितने-कितनी प्रीमियम राशि जमा करायी एवं जमा करायी गयी बीमा प्रीमियम राशि में से कितने-कितने किसानों की कितनी-कितनी राशि बीमा कंपनी को भेजी गयी? पटवारी हल्कावार, बैंकवार बीमा कंपनी को भेजी गयी राशि का विवरण देवें? (ग) तहसील सारंगपुर की खरीफ फसल वर्ष 2016 में किस-किस पटवारी हल्के की वास्तविक उपज कितनी-कितनी आई थी? हल्केवार वास्तविक उपज की जानकारी से अवगत करावें एवं कितने प्रतिशत वास्तविक उपज आने पर फसल बीमा देय है? आदेश की प्रति भी देवें? (घ) म.प्र. शासन द्वारा क्या कृषि एवं फसल बीमा हेतु प्रदेश में किन-किन निजी बीमा कंपनियों को काम करने की अनुमति दी है? उनका विवरण देते हुए निजी बीमा कंपनियों द्वारा किन-किन जिलों के कितने-कितने किसानों का बीमा किया जाकर कितनी-कितनी बीमा राशि का भुगतान किया गया जिलेवार विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान औसत पैदावार आंकड़ों के आधार पर उन पात्र कृषकों के लिये किया जाता है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में फसल कटाई प्रयोगों में कमी पाई जाती है। सारंगपुर तहसील में किसी भी पटवारी हल्के में उपज में कमी नहीं पाई गई थी, अत: योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति देय नहीं है। (ख) सारंगपुर तहसील की बीमा आवरण की बैंकवार व पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) खरीफ 2016 मौसम हेतु सारंगपुर तहसील की थ्रेशहोल्ड उपज व वास्तविक उपज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि., आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड एवं एच.डी.एफ.सी. इरगो कंपनी को राष्ट्रीय स्तर पर निविदा उपरांत काम करने की अनुमति दी गई है। खरीफ 2016 मौसम हेतु कंपनीवार, जिलेवार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सेवा सहकारी समिति कोटर को फसल बीमा की आवंटित राशि में गबन
[सहकारिता]
19. ( क्र. 156 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 एवं 2015 में सेवा सहकारी समिति कोटर को फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि शासन से आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो आवंटित राशि का विवरण वर्षवार पृथक-पृथक बताएं? (ख) क्या फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि का नगद भुगतान किसानों को नहीं किया गया, यदि हाँ, तो कब तक नगद भुगतान किसानों को करा दिया जावेगा? (ग) क्या सेवा सहकारी समिति कोटर के प्रभारी समिति प्रबंधक धनंजय प्रसाद गौतम के विरुद्ध शासकीय राशि के गबन एवं दुरूपयोग को लेकर पुलिस थाना कोटर में आर्थिक गबन का अपराध धारा 420,467,468 एवं 409 दर्ज है? यदि दर्ज है तो अपराध क्रमांक व दिनांक सहित जानकारी देवें? (घ) क्या आरोपी प्रभारी समिति प्रबंधक की गिरफ्तारी की गई है? यदि नहीं, तो क्यों कब तक गिरफ्तार किया जावेगा एवं यह भी बतावें कि अभी तक गिरफ्तार न करने के क्या कारण है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। खरीफ 2013 हेतु राशि रू. 5,88,066.45, रबी 2013-14 हेतु राशि रू. 8,05,481.69 तथा खरीफ 2015 हेतु राशि रू. 32,98,099.69 आवंटित की गई। (ख) सेवा सहकारी संस्था मर्या., कोटर के कृषक सदस्यों को फसल बीमा क्लेम की राशि प्रथमतः समिति द्वारा उनके ऋण खाते में जमा की गई, तदोपरान्त ऋण खाते के क्रेडिट बैलेन्स राशि को कृषक के बचत खाते में जमा करा दी गई है। (ग) जी हाँ। अपराध क्रमांक 0254/2017, दिनांक 22.07.2017 (घ) जी नहीं। आरोपी की तलाश पुलिस द्वारा दिनांक 28.07.2017, 29.07.2017, 30.07.2017, 31.07.2017, 28.08.2017, 25.09.2017, 03.10.2017, 29.10.2017, 13.11.2017, 14.11.2017 तथा 15.11.2017 को हर संभावित स्थान पर की गई, परन्तु अभियुक्तगण दस्तयाब नहीं हुए है। पुलिस द्वारा विश्वसनीय मुखबीर लगाकर आरोपियों की पता-तलाश के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। गिरफ्तारी की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विश्राम गृह सागर में अतिरिक्त ब्लॉक निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 160 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नहर के विश्राम गृह क्रमांक 1 में एक अतिरिक्त ब्लॉक निर्माण कराये जाने की घोषणा माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा सागर प्रवास के दौरान की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त ब्लॉक निर्माण कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में हैं? ब्लॉक निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माननीय मंत्रीजी द्वारा प्रस्ताव तैयार करने हेतु घोषणा नहीं, अपितु निर्देश दिये गये थे। (ख) प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
बंद पुलिया को चालू किया जाना
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 175 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा तहसील के ग्राम पगढाल बस स्टैण्ड से रेल्वे स्टेशन के बीच सड़क निर्माण में निर्मित पुलिया को असामाजिक तत्वों द्वारा बन्द कर दिए जाने के संबंध में प्रश्न क्रमांक 2094 दिनांक 24 जुलाई, 2017 में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछा गया था? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्न दिनांक तक भी उक्त मार्ग की पुलिया मिट्टी की बोरियों से बंद है? यदि हाँ, तो भाग (घ) के उत्तर में जवाब दिया गया था कि ''जी नहीं''। क्या इसकी जांच किसी कमेटी द्वारा कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जवाब हेतु कौन जिम्मेदार है एवं उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी एवं बंद पुलिया को कब तक चालू कर सड़क के दोनों ओर पानी निकासी की व्यवस्था कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी हाँ। शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई नहीं, कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ऊमर नदी के कटाव हेतु कार्य योजना
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 179 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत ऊमर नदी के बहाव के कारण कुछ ग्रामों में मिट्टी का कटाव हो रहा है? यदि हाँ, तो कितने ग्राम उक्त कटाव से प्रभावित हैं जानकारी देवें? (ख) जिन ग्रामों में ऊमर नदी के कारण कटाव हो रहा है उस कटाव को रोकने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, किन-किन ग्रामों में कटाव रोकने हेतु क्या-क्या कार्य किया जा रहा है एवं कितना कार्य शेष है? (ग) कटाव रोकने हेतु, कार्ययोजना में क्या-क्या कार्य सम्मिलित किये गये हैं? उसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की जावे। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आंखीवाडा, सिमरीबडी, पिण्डरई (अकोला), खमरिया (कंधरापुर) में हो रहे कटाव को रोकने हेतु पत्राचार किया गया था? उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जी हाँ। ऊमर नदी के कटाव से 4 ग्राम क्रमश: आंखीवाड़ा, सिमरीबड़ी, पिण्डरई (अकोला) एवं खमरिया (कंधरापुर) प्रभावित होना प्रतिवेदित है। जी हाँ। उक्त ग्रामों में कटाव रोकने के लिए गेबियन वाल के कार्य प्रस्तावित किए गए। मान. सदस्य द्वारा कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, जबलपुर को लिखे गए पत्र दिनांक 17.11.2016 के अनुसार कटाव रोकने संबंधी प्राक्कलन एवं ड्राइंग कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, नरसिंहपुर को अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन उपसंभाग, गोटेगांव ने उनके पत्र दिनांक 30.11.2016 द्वारा हस्तांतरित किया जाना प्रतिवेदित है। कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से संबंधित होने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। किये गये पत्राचार की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1/2/3/4 अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
भावांतर योजना अंतर्गत मक्का खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 197 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भावांतर योजना सिवनी जिले में सफल है? इस योजना से जिले के किसानों को कौन-कौन सी फसलों का लाभ दिया जा रहा है? (ख) क्या सिवनी जिला के किसानों द्वारा समर्थन मूल्य मक्का खरीदी मात्रा भावांतर योजना में 26 क्विंटल प्रति हेक्टर से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति हेक्टर करने के लिये जिले के किसानों द्वारा मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो कारण बतावें? (ग) क्या सिवनी जिला में किसानों द्वारा मक्का प्रति हेक्टर 50 से 60 क्विंटल पैदावार की जा रही है? पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी 40 क्विंटल प्रति हेक्टर से की गई थी परन्तु भावांतर योजना अंतर्गत मक्का खरीदी 26 क्विंटल प्रति हेक्टर से की जाना है जबकि मक्का का उत्पादन 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टर होता हैं इन हालातों में शासन से किसानों को 26 क्विंटल प्रति हेक्टर भावांतर योजना का लाभ प्राप्त होगा तो मक्का की शेष पैदावार भावांतर राशि से वंचित नहीं होगा? यदि हाँ, तो किसानों के हित को देखते हुये शासन भावांतर योजना अंतर्गत समर्थन मूल्य खरीदी 26 क्विंटल प्रति हेक्टर से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति हेक्टर करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत सिवनी जिले के साथ ही संपूर्ण प्रदेश में किसानों को आठ फसलों-सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द एवं तुअर में निर्धारित शर्तों एवं पात्रता अनुसार भावांतर का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ। विगत वर्षों की मक्का उत्पादकता के आधार पर मांग की गई है। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा सिवनी जिलें में किसानों के हित में भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत खरीफ 2017 के लिये मक्का की औसत उत्पादकता 43.00 क्विंटल प्रति हेक्टेयर लागू की गई है।
समितियों द्वारा अमानक बीज का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( क्र. 198 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में प्रमाणित बीज उत्पादित समितियां कितनी हैं वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक बीज उत्पादक सदस्य किसानों को कितना बीज वितरण किया गया? वर्षवार समितिवार बीज की जिंसवार, बीज की मात्रा एवं किसानों की संख्या सहित विकासखण्ड क्षेत्रवार विवरण देवें? (ख) यदि बीज उत्पादक सदस्य कृषकों को उन्नत किस्म का बीज दिया गया तो उन्नत बीज से कितना उत्पादन हुआ तथा बीज समितियों द्वारा बीज उत्पादक सदस्य कृषकों से कितना बीज लिया गया? (ग) यदि नहीं, लिया गया तो बीज समितियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी अथवा कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिवनी जिले में वर्तमान में कुल 14 प्रमाणित बीज उत्पादक समितियां कार्यरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) बीज उत्पादक सदस्य कृषकों को उन्नत किस्म का बीज दिया गया जिससे वर्ष 2015-16 में 24807.14 क्विंटल तथा 2016-17 में 34741.92 क्विंटल बीज का उत्पादन हुआ। बीज समितियों को बीज उत्पादक सदस्य कृषकों से वर्ष 2015-16 में 18509.54 क्विंटल तथा वर्ष 2016-17 में 28063.94 क्विंटल बीज प्राप्त हुआ। विस्तृत विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम घुघरी का कटाव रोकना
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 201 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 11-9-2016 द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को कटनी के वि.खं. ढ़ीमरखेडा के ग्राम घुघरी में बेलकुण्ड नदी के प्रवाह से निरन्तर बढ़ते कटाव से किन्हीं के मकान धसकने, सीमेन्ट मार्गों के झूलने, किन्हीं संख्या में परिवारों को अन्यत्र शरण दिलाने, अधिकारियों के संयुक्त दल द्वारा किसी तिथि में निरीक्षण करने, किसी राशि का प्राक्कलन बनाने, संशोधित करने और नदी का प्रत्यावर्तन करने का लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 7-5-2017 को मा. मुख्यमंत्री जी को स्मरण दिलाया है कि जनदर्शनयात्रा दिनांक 11-9-2016 को उनके द्वारा प्रश्नांश (क) पर वि.खं. ढ़ीमरखेडा के ग्राम खमतरा में कोई घोषणा की गई है और उसका आई.डी. नं. क्या है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और कब तक मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन किया जाकर ग्राम को ढहने से बचा लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मान. सदस्य का प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र अभिलेख में प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ख) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 11.09.2016 को की गई घोषणा का उद्धरण इस प्रकार है ''घुघरी कटाव को बंद कराया जाएगा।'' घोषणा का आई.डी. क्रमांक-बी-2551 है। (ग) डी.पी.आर. मुख्य अभियंता, बोधी कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
छोटी महानदी पर सेतु निर्माण
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 202 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 8-6-2016 द्वारा मा. विभागीय मंत्री जी को वि.स.क्षेत्र बड़वारा में बहने वाली छोटी महानदी में ग्राम बसाडी और भदौरा नं. 2 में सेतु निर्माण हेतु कोई लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की किसी लागत की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में लम्बित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) को आगामी बजट में सम्मिलित किया जाकर सेतु निर्माण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 08.06.2016 नहीं अपितु दिनांक 08.06.2017 को पत्र प्राप्त हुआ है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना अन्तर्गत स्टॉपडेम निर्माण
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 207 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री सिंचाई योजनान्तर्गत स्टॉपडेम तालाब निर्माण/मरम्मत के प्राक्कलन शासन को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं के भेजे हैं एवं कौन सी योजना के नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सिंचाई/योजना की विभाग और शासन ने कौन-कौन से कार्यों में स्वीकृति प्रदान की है? यदि नहीं, तो कौन सी योजनाएं शासन स्तर पर लंबित हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री सिंचाई योजनान्तर्गत भेजे गए प्राक्कलन एवं उन पर दी गई स्वीकृति की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जल संसाधन विभाग में ए.आई.बी.पी., एस.एम.आई., आर.आर.आर. एवं केडवम के अंतर्गत कार्य कराए जाते हैं। बन्डा विधानसभा क्षेत्र के कोई प्रस्ताव उक्त योजना के अंतर्गत प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
समितियों से बीज क्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 213 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सतना जिले में वर्ष 2016-17 से खरीफ वर्ष 2017 तक की अवधि में विभागीय योजनान्तर्गत म.प्र. बीज निगम एवं अन्य कृषि उत्पादक समितियों द्वारा कौन-कौन सा प्रमाणित एवं आधार बीज कितनी-कितनी मात्रा में क्रय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की संस्थाओं द्वारा उत्पादित जिले के बीज में से योजनाओं में कितना बीज निगम का एवं अन्य उक्त संस्थाओं से कितना-कितना बीज किन-किन योजनाओं में लिया गया? इस संबंध में शासन द्वारा क्या निर्देश/आदेश दिए गए हैं, उनकी प्रतियां भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के जिलों में उक्त संस्थाओं में बीज उपलब्ध होते हुए भी जिले के बाहर की संस्थाओं तथा N.S.C. से किस सक्षम अधिकारी के आदेश से बीज क्रय किया गया? फसलवार बीज की क्रय मात्रा एवं कीमत बताएं। (घ) उक्त जिलों में उपलब्ध बीज योजनाओं में न लेने के लिए एवं समस्त सहकारी समितियों में भण्डारण के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (ड.) क्या प्रश्नांश (ख),(ग),(घ) के परिप्रेक्ष्य में शासन जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब-तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जिला सतना में विभागीय योजनाओं में प्रदाय बीज की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। शासन के निर्देश/आदेशों की छायाप्रतियां की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 के निर्देशों के परिपालन में ही जिला सतना में बीज का क्रय किया गया है। फसलवार बीज की क्रय मात्रा एवं कीमत का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (घ) जिले में उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में बीज निगम, एन.एस.सी. एवं म.प्र. बीज संघ से शासन की गाइडलाईन अनुसार जिले में नियमानुसार बीज भण्डारण कराया गया है। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ड.) उत्तरांश (ख) (ग) (घ) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही नियमानुसार की गई है, अत: जांच कराने तथा कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
लेखा सत्यापन में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र. 214 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में किन-किन फर्मों के लेखा सत्यापन कब से किया जाना शेष है? फर्मवार, वर्षवार विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) की फर्मों में से कुछ फर्मों के लेखा सत्यापन 05 वर्ष से या उससे अधिक अवधि से किया जाना शेष है, जिनके रिकॉर्ड भी कार्यालय से गायब किए गये हैं, जिनकी शिकायतें भी प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल के कार्यालय में वर्ष 2017 में की गई है? लेखा सत्यापन हेतु तत्कालीन सचिव श्री करूणेश तिवारी द्वारा क्या पृथक-पृथक फर्मों के लेखा सत्यापन हेतु फर्म कर्मचारियों को आवंटित करने के बाद भी फर्मों से सांठ-गांठ कर लेखा सत्यापन न कर फर्मों को लाभ पहुंचाया गया है? (ग) क्या प्रदेश के बाहर से आयातित दलहन के बिल बिल्टी वर्ष 2013-14 के कार्यालय से गायब होने के बाद भी उन वर्षों के लेखा सत्यापन कर बिना बिल बिल्टी के मंडी शुल्क से छूट दाल मिलों को दी गई है? यदि हाँ, तो दी गई छूट फर्मवार, राशिवार नस्ती प्रभारी/सचिववार विवरण दें? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य ने पत्र क्रमांक क्यू 01 दिनांक, 19.06.2017 एवं 10.07.2017, 22.06.2016 जो प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल को लिखा था, उस पर क्या कार्यवाही की गई है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ड.) प्रश्नांश (ख) (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा में जांच करा कर दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, तत्कालीन सचिव द्वारा पत्र दिनांक 06.07.2017 से दल गठित कर सत्यापन कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये। लेखा सत्यापन कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने संबंधी फर्म से सांठगांठ करके लाभ पहुँचाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नागत जानकारी वृहद स्वरूप की होने से एकत्रित की जा रही है। (घ) पत्र दिनांक 19.08.2017 के साथ, संलग्न पत्र दिनांक 16.06.2017 में दर्शित संदंर्भ दिनांक 02.06.2017 से मंडी बोर्ड भोपाल से पूर्व में पत्र दिनांक 13.06.17 से उप संचालक जबलपुर को जांच सौंपी गई, साथ ही कृषि उपज मंडी समिति कटनी को पत्र दिनांक 24.06.17 से श्री मुकेश राय लिपिक, मंडी समिति कटनी द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से स्थगन प्राप्त करने पर तत्परता से रिक्त कराने संबंधी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल के पत्र दिनांक 26.09.2017 द्वारा माननीय विधायक श्री यादवेन्द्र सिंह का पत्र दिनांक 10.07.2017 आंचलिक कार्यालय जबलपुर को प्रेषित कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन चाहा गया। कार्यवाही प्रचलन में है। पत्र दिनांक 22.06.2016 के संबंध में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल के पत्र दिनांक 17.11.17 द्वारा उप संचालक जबलपुर से पत्र में उल्लेखित बिंदुओं के संबंध में प्रतिवेदन चाहा गया है। (ड.) उत्तर ''ख'' ''ग'' एवं ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही प्रचलन में है, प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भावान्तर योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 238 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भावान्तर योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दें? इस योजना के लिए कुल कितना बजट रखा गया है तथा इसमें कौन-कौन सी फसलों को लिया गया है तथा प्रदेश में किसानों द्वारा कुल कितने रजिस्ट्रेशन कराये गये हैं? (ख) क्या विधान सभा में जब इस योजना का प्रारूप माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा रखा गया था तब मंडी में व्यापारियों द्वारा फसलों को कम कीमत में खरीदने से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई शासन द्वारा किये जाने की बात कही गयी थी किन्तु एफ.ए.क्यू. फसलों पर ही भावान्तर की बात लाकर योजना का स्वरूप ही बदल दिया गया? (ग) क्या एम.एस.पी. से कम कीमत पर बिकने वाली फसलों को एफ.ए.क्यू. न मानकर भावान्तर का लाभ नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या एफ.ए.क्यू. फसलों पर भावान्तर देने से किसानों को प्रति क्विंटल बहुत कम फायदा मिलने के कारण तथा प्रस्तावित बजट भी खर्च न होने की संभावनाओं को देखते हुये दबाव देकर पंजीकृत कृषकों की संख्या बीस लाख तक बढ़ाई गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना अंतर्गत दिनांक 14.11.2017 की स्थिति में प्रदेश के 1621176 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। विभाग द्वारा द्वितीय अनुपूरक में बजट स्वीकृति अपेक्षित होने से उत्तर दिये जाने दिनांक तक बजट प्रावधान बताया जाना संभव नहीं है। (ख) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत चयनित फसलों के विक्रय हेतु एफ.ए.क्यू. स्तर का होने की बाध्यता निर्धारित नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
रजेगांव-लांजी-आमगांव सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 239 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रजेगांव-लांजी-आमगांव मार्ग पर रिनीवल के लिए कितने बार टेंडर कॉल किये हैं? (ख) क्या विषयांकित रजेगांव, लांजी, आमगांव की सड़क की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा ठेकेदार को अर्थदण्ड दिया गया था तथा वह कितना था? (ग) सड़क में गिट्टी के साथ मुरूम की अत्यधिक मात्रा होने से डामर उखड़ने के तथा तीन वर्षों तक मेंटेनेन्स न कर पाने के भय से ठेकेदारों द्वारा इसके नवीनीकरण का टेण्डर न भरने को देखते हुए पूर्व में ठेकेदार द्वारा दण्ड से प्राप्त राशि को क्या नवीनीकरण में उपयोग किया जाएगा? (घ) क्या विषयांकित सड़क के पुन: निर्माण हेतु इन्टर स्टेट योजना में कोई प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) चार बार। (ख) जी हाँ मार्ग की जांच के आधार पर रूपये 3,10,118/- का अर्थदण्ड लगाया जाकर राशि वसूल की गई एवं विभागीय जांच के आधार पर रूपये 117.41 लाख की राशि राजसात की गई। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
भावांतर योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
32. ( क्र. 254 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किसानों को उनकी उत्पादित फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रारंभ की गयी भावान्तर योजना क्या है? इसमें क्या-क्या प्रावधान किये गए है? उक्त योजना के तहत कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ख) क्या उक्त योजना के अंतर्गत कंडिका 4 में विक्रय अवधि 15 दिसम्बर व अरहर के लिए 30 अप्रैल पश्चात किसान द्वारा विक्रीत फसल को विक्रय मूल्य न मानकर कंडिका 5, 5.1,5.2,5.3 के अनुसार मॉडल विक्रय दर निर्धारित करने के पश्चात ही एम.एस.पी. से अंतर की राशि किसान को दिए जाने के प्रावधान है? क्या भावान्तर योजना के तहत किसानों द्वारा मण्डी में बेची गयी फसल का मूल्य व एम.एस.पी. के अंतर की राशि किसानों को दिए जाने का प्रावधान नहीं है? यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना में किसानों को भ्रमित किया जा रहा है? क्या सरकार द्वारा एम.एस.पी. पर उक्त फसलें नहीं खरीदकर किसानों को नुक्सान पहुँचाने की योजना है? यदि नहीं, तो कैसे? (ग) उक्त योजना के तहत अभी तक कितने किसानों का पंजीकरण हो चुका है? जिलेवार बतावें? किस प्रकार उक्त योजना का लाभ किसानों को दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र.शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के ज्ञाप दिनांक 06 सितम्बर 2017 से प्रसारित खरीफ 2017 के लिए भावांतर भुगतान योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, जिसमें योजना से संबंधित विस्तार से प्रावधान वर्णित है।विभाग द्वारा द्वितीय अनुपूरक में बजट स्वीकृति अपेक्षित होने से उत्तर दिये जाने दिनांक तक बजट प्रावधान बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, इस योजना की कंडिका 4 में निर्धारित विक्रय अवधि सोयाबीन की दिनांक 16.10.2017 से 31.12.2017 तक मूंगफली, तिल, रामतिल, मूंग, उड़द की दिनांक 16.10.2017 से 15.12.2017 तक मक्का की दिनांक 16.10.2017 से 31.01.2018 तक तुअर हेतु 1 फरवरी 2018 से 30 अप्रैल 2018 तक के पश्चात पंजीकृत किसानों द्वारा बेची जाने वाली फसलों पर भावान्तर का लाभ देने का प्रावधान नहीं है। इस योजना अंतर्गत निर्धारित शर्तों के अध्याधीन पंजीकृत किसान द्वारा बेची गयी चयनित फसल की विक्रय दर समर्थन मूल्य से कम किंतु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से अधिक हुई तो समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि भावांतर के रूप में भुगतान योग्य होगी। पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से कम हुई तो समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि का लाभ भावांतर के रूप में देय होगा, परंतु किसी उत्पाद के मॉडल (Wholesale) विक्रय दर औसत (तीन राज्यों का) यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर रहे, तो उक्त फसल उत्पाद के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जायेगी। यदि किसान द्वारा विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा। जी नहीं समर्थन मूल्य पर केवल एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की एक निश्चित मात्रा में उपज की शासन द्वारा खरीदी की जाती है जबकि भावान्तर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों को, चयनित आठ फसलों के मंडी प्रांगण में विक्रय करने हेतु गुणवत्ता संबंधी बाध्यता नहीं होने से उन्हें एफ.ए.क्यू. से निम्न स्तर गुणवत्ता की उपज बेचने पर भी निर्धारित शर्तों के अधीन भावांतर की राशि देय होगी जिसकी वजह से इस योजना अंतर्गत प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को लाभ प्रदान करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होते है। (ग) इस योजना अंतर्गत दिनांक 14.11.2017 की स्थिति में प्रदेश के 16,21176 किसानों का पंजीयन हो चुका है, जिसकी जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भावांतर भुगतान योजना में किसानों को लाभ प्रदान करने की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा इस योजना में पंजीकृत किसानों को उत्तरांश ''ख'' में दर्शायी गई विधि अनुसार भावांतर का लाभ दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं की पूर्ति
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 261 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1783, दिनांक 24 जुलाई 2017 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 29.04.2017 को विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम सलेहपुर से कडियाहाट, ग्राम शमशेरपुरा से गांगाहोनी, ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती पुल तथा ग्राम भगवतीपुर से मलावर तक सड़क निर्माण कराये जाने की घोषणा की गई थी, जिनके निर्माण हेतु प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्ताव 2017-18 में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं हो सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त वर्णित अत्यंत महत्वपूर्ण लोक महत्व के मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्ताव माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के परिपालन में दि्वतीय अनुपूरक बजट प्रस्ताव 2017-18 में सम्मिलित कर लिया गया है अथवा नहीं? क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणापूर्ति हेतु प्राथमिकता के आधार पर उक्त मार्गों के निर्माण की स्वीकृति दि्वतीय अनुपूरक बजट 2017-18 में प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो कब तक उक्त घोषणाओं की पूर्ति कर स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। द्वितीय अनुपूरक बजट 2017-18 में सम्मिलित होने के उपरांत ही स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों हेतु गोदाम निर्माण
[सहकारिता]
34. ( क्र. 262 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 25.08.2017 से कलेक्टर राजगढ़, उपायुक्त सहकारिता राजगढ़ एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजगढ़ को विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के द्वारा खाद भंडारण/उपदुकान हेतु गोदाम निर्माण के लिये आवश्यक भूमि एवं राशि आवंटन हेतु मांग की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या दिनांक 15.08.2017 को माननीय विभागीय मंत्री जी के ग्राम खुरी विकासखंड ब्यावरा के प्रवास के दौरान प्रश्नकर्ता की मांग पर खाद भंडारण/उपदुकान हेतु गोदाम निर्माण कराये जाने की घोषणा की गई, जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माह अक्टूबर 2017 में माननीय मंत्री जी को मांग-पत्र सौंपा गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त मांग-पत्र वर्णित समितियों हेतु गोदाम निर्माण हेतु स्वीकृतियां जारी कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक माननीय विभागीय मंत्री जी की घोषणा के परिपालन में उपरोक्तानुसार स्वीकृतियां प्रदान कर आवश्यक भूमि व राशि का आवंटन प्रदान कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। उपायुक्त सहकारिता, जिला राजगढ़ द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, राजगढ़ से प्रस्ताव प्राप्त कर भूमि आवंटन हेतु कलेक्टर जिला राजगढ़ को भेजे गये हैं। (ख) जी हाँ। शेष उत्तरांश ‘क’ अनुसार। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पास खाद भंडारण/उप दुकान निर्माण हेतु राशि उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में राजगढ़ जिलें में सहकारिता विभाग की ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है, जिसमें निर्माण किया जा सके। खाद्य विभाग एवं कृषि विभाग की योजनाओं से लाभ दिलाये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंगोरिया-उन्हेल मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 272 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंगोरिया-उन्हेल मार्ग का निर्माण पूर्व में किस एजेन्सी द्वारा कराया गया था, कब पूर्ण हुआ था, उस पर कितनी राशि व्यय की गई थी व उक्त सड़क कितने वर्ष की ग्यारंटी में थी? (ख) क्या मार्ग ग्यारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त था? क्या वर्तमान में दूसरी नवीन एजेन्सी द्वारा उक्त मार्ग पर बी.टी. रिनीवल का कार्य कराया गया। क्या वर्तमान में किया गया कार्य कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है मार्ग निर्माण में पटरी भराई कार्य प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है? इसका जिम्मेदार कौन है? (ग) उक्त निर्माण कार्य पर आज दिनांक तक कितना व्यय हुआ है? कार्य की ग्यारंटी एवं निर्माण की अवधि क्या थी? क्या समयावधि में एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया गया वर्तमान में कार्य अपूर्ण है एवं जो निर्माण किया गया वह घटिया स्तर का है, जिससे सड़क जगह-जगह से जीर्णशीर्ण हो चुकी है। क्या शासन जांच कर विभागीय अधिकारियों एवं निर्माण एजेन्सी पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इंगोरिया-उन्हेंल मार्ग का निर्माण ए.डी.बी. एम.पी.एस.आर.एस.पी.-II योजनांतर्गत पूर्व में ठेकेदार मेसर्स एस.पी.सी. इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. जयपुर द्वारा कराया गया था। मार्ग का निर्माण कार्य दिनांक 30.04.2011 को पूर्ण हुआ था। उक्त मार्ग पर कुल राशि रू. 23.70 करोड़ व्यय की गई थी। अनुबंधानुसार उक्त सड़क 1 वर्ष की ग्यारंटी में थी। (ख) जी नहीं। जी हाँ। जी नहीं। मार्ग के कुछ स्थानों पर वर्षाऋतु उपरांत पोटहोल्स निर्मित हुए थे, जिसे ठेकेदार द्वारा रिपेयर कर दिया गया है। अनुबंधानुसार डामर सतह के दोनों ओर 60-60 सेमी. कोरबन्दी का कार्य अनुबंध अवधि में पूर्ण कर दिया गया है। मार्ग अच्छी स्थिति में है। सामान्यत: दुर्घटनाओं का कारण यातायात नियमों की अवहेलना है, जिसके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। (ग) उक्त बी.टी. रिन्यूअल कार्य पर आज दिनांक तक राशि रू. 2,44,11,890/- व्यय हुआ है। अनुबंधानुसार बी.टी. रिन्यूअल कार्य पूर्णता दिनांक से 3 वर्ष तक ग्यारंटी पीरियड में है। निर्माण की अवधि कार्यादेश दिनांक 03.01.2017 से 3 माह तक दिनांक 02.04.2017 थी, जिसमें अनुबंधानुसार समयावृद्धि का प्रावधान है। ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण कर दिया गया है। जी नहीं। वर्तमान में मार्ग अच्छी स्थिति में है। जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भावातंर योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 275 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू की गई भावांतर योजना क्या है? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या जिन किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है, उनकों भावांतर योजना का लाभ दिया जावेगा? किसानों को किस पद्धति से समर्थन मूल्य का लाभ दिया जावेगा? (ग) प्रश्न की कंडिका (क),(ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार किसानों को भावांतर योजना का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के ज्ञाप दिनांक 06 सितम्बर 2017 से प्रसारित खरीफ 2017 के लिए भावांतर भुगतान योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन योजना अंतर्गत पंजीकृत किसानों को ही योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान है, परन्तु पूर्व में दिनांक 20.10.2017 तक जो किसान पंजीयन नहीं करा सके थे उन्हें दिनांक 15.11.2017 से 25.11.2017 तक भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन कराने का अवसर प्रदान किया गया है। इस योजना अंतर्गत निर्धारित शर्तों के अध्याधीन पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से अधिक हुई तो समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि भावांतर के रूप में भुगतान योग्य होगी। पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से कम हुई तो समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि का लाभ भावांतर के रूप में देय होगा परन्तु किसी उत्पाद के मॉडल (Wholesale) विक्रय दर का औसत (तीन राज्यों का) यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से उपर रहे तो उक्त फसल उत्पाद के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जायेगी। यदि किसान द्वारा विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा। (ग) इस योजना अंतर्गत दिनांक 16.10.2017 से 31.10.2017 के मध्य चयनित उपज का मंडी प्रांगण में विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को पात्रतानुसार भावांतर की राशि का माह नवम्बर में मासान्त तक भुगतान किया जायेगा।
राजगढ़ जिले में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 276 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में वर्ष 2015-16 व 2016-17 में लोक निर्माण विभाग द्वारा किस-किस ब्लॉक में कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की स्वीकृत सड़कों की लम्बाई व लागत सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) की जानकारी अनुसार क्या नरसिंहगढ़ ब्लॉक में भी कोई सड़क स्वीकृत की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 283 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग संभाग विदिशा/गंजबासौदा द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कौन-कौन से निर्माण/विकास कार्य किये गये हैं या किये जा रहे हैं? इन निर्माण/विकास कार्यों का विवरण, योजना का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति व दिनांक, कार्य की लागत, लाभान्वित ग्रामों के नाम, ठेकेदार का नाम, कार्य की वर्तमान स्थिति पूर्ण/ अपूर्ण, अपूर्ण होने का कारण, कार्य कब तक पूर्ण होने की संभावना है आदि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत ऐसे कितने कार्य प्रस्तावित किये गये हैं, जिनकी स्वीकृति अपेक्षित है? यदि स्वीकृति अपेक्षित है तो किस स्तर पर? इन कार्यों की सूची, प्रस्ताव क्रमांक व दिनांक, प्रस्ताव कहाँ प्रेषित किया गया है, कार्य का नाम, स्वीकृति प्रेषित करने की दिनांक एवं लागत लाभान्वित ग्रामों के नाम, वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस अधिकारी के पास लम्बित है, की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब तक जारी की जा रही है? यदि नहीं, तो लम्बित रहने का कारण बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) साध्यता स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
उपखण्ड सैलाना अंतर्गत निर्माधीन सड़कें
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 298 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी लंबाई की कितनी सड़कें स्वीकृत हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत सड़क निर्माण में अनियमितता तथा घटिया निर्माण संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) शिकायत की जांच में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी व ठेकेदार दोषी पाए गए दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भवन एवं विद्युत पोल का निर्माण
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 299 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 204-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने भवन निर्माण एवं विद्युत पोल स्थानांतरण के कार्य विभाग द्वारा करवाए गए? इसके लिए किस-किस एजेंसी को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं? क्या स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण हो जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' व 'ब' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत विद्युत खम्भों स्थानांतरण का कार्य रतलाम-सैलाना-बांसवाड़ा बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) मार्ग पर निर्माण में बाधक विद्युत लाइनों एवं पोलों के विस्थापन एवं प्रतिस्थापन का कार्य कंसेशनायर मेसर्स अग्रोहा रतलाम टोलवेज लि. महू द्वारा म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. रतलाम के सुपरविजन में दिनांक 30.03.2016 को पूर्ण कर दिया गया है एवं चार्जलाईनों का हस्तांतरण म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. रतलाम को कर दिया गया है एवं जावरा पिपलौदा-जालन्धर खेड़ा एवं पिपलौदा-सैलाना बी.ओ.टी. (एन्यूटी) मार्ग निर्माण निवेशकर्ता कम्पनी मेसर्स डी.बी.एल. जावरा सैलाना टोलवेज लि. भोपाल द्वारा मार्ग निर्माण में बाधित विद्युत खम्भों का विस्थापन का कार्य दिनांक 27.03.2014 को पूर्ण किया गया है एवं चार्ज विद्युत लाइनों एवं पोलों का हस्तांतरण म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. पिपलौदा जिला रतलाम को कर दिया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' व 'ब' अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत रतलाम सैलाना बांसवाड़ा बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) मार्ग सी.ओ.डी. दिनांक 27.06.2015 को पूर्ण हो गया है एवं जावरा पिपलौदा-जालन्धर खेड़ा एवं पिपलौदा सैलाना, बी.ओ.टी. (एन्यूटी) मार्ग दिनांक 09.05.2014 को पूर्ण हो गया है उक्त दोनों मार्गों रतलाम-सैलाना-बांसवाड़ा मार्गों में बाधित खम्भों/विद्युत लाईन का विस्थापन का कार्य दिनांक 30.03.2016 एवं जावरा-पिपलौदा-जालन्धरखेड़ा एवं पिपलौदा-सैलाना मार्गों में बाधित खम्भों/विद्युत लाईन का विस्थापन का कार्य दिनांक 27.03.2014 को पूर्ण कर दिया गया है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 305 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग/परियोजना इकाई, लोक निर्माण विभाग संभाग विदिशा द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कौन-कौन से निर्माण /विकास कार्य किये गये है या किये जा रहे हैं, इन निर्माण /विकास कार्यों का विवरण, योजना का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति व दिनांक, कार्य की लागत, लाभान्वित ग्रामों के नाम ठेकेदार का नाम, कार्य की वर्तमान स्थिति पूर्ण/अपूर्ण, अपूर्ण होने का कारण, कार्य कब तक पूर्ण होने की संभावना है आदि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत ऐसे कितने कार्य प्रस्तावित किये गये हैं, जिनकी स्वीकृति किस स्तर पर अपेक्षित है? इन कार्यों की सूची, प्रस्ताव क्रमांक व दिनांक, प्रस्ताव कहाँ प्रेषित किया गया है, कार्य का नाम, स्वीकृति हेतु भेजने की लागत, लाभान्वित ग्रामों के नाम, वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस अधिकारी के पास लम्बित है, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब जारी की जा रही है? यदि नहीं, तो लम्बित रहने का कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब-1', अनुसार है। (ख) 5 कार्य प्रस्तावित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विभाग में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों अनुसार प्राथमिकता क्रम में विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 312 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में करेली से आमगांव, सिंहपुर, डांगीढाना सड़क एम.पी.आर.डी.ए. द्वारा बनाई जा रही है? (ख) उक्त सड़क के निर्माण की समय-सीमा एवं निर्माण हेतु स्वीकृत राशि क्या है? (ग) क्या उक्त सड़क का निर्माण डी.पी.आर. में उल्लेखित गुणवत्ता अनुसार से किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है तो इसका दोषी कौन है? (घ) क्या उक्त सड़क निर्माण कार्यादेश अनुसार समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। एम.पी.आर.डी.ए. नहीं, अपितु एम.पी.आर.डी.सी. लिमि. द्वारा। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ।
क्रियान्वयन एजेंसी पर कार्यवाही करने व टोल नाके में आवश्यक सुविधाएं
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 329 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम इकलहरा में स्थित डी.बी.एल. टोल प्लाजा में वाहनों की वसूली तो निरंतर की जा रही है, लेकिन टोल नाका पर न तो शौचालय की सुविधा है और न ही पेयजल की पर्याप्त सुविधा है एवं एम्बुलेंस में कोई मेडिकल स्टॉफ नहीं रहता है और टोल नाका पर उपभोक्ताओं को निर्धारित मापदण्डों के अनुसार जो आवश्यक सुविधा प्रदान की जाना चाहिये वे सभी सुविधाएं प्रदान नहीं की जा रही है? इसका क्या कारण है? क्या उपरोक्त संबंध में उच्च स्तरीय जांच कराकर संबंधित कंपनी पर कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या परासिया से बैतूल तक (क्र. 43) दिलीप बिल्डकॉन कम्पनी के द्वारा जो मार्ग का निर्माण कराया गया है उस मार्ग में आने वाले अनेकों नगर/ग्रामों पर एप्रोच रोड का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है और अनेकों नगर/ग्रामों के कई स्थानों पर नाली का निर्माण कार्य आज भी नहीं किया गया है, जिसके कारण लोगों के घरों में बारिश के दिनों पानी भर रहा है और आमजनों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? कंपनी के द्वारा एप्रोच रोड व अन्य अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? (ग) क्या दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के द्वारा बनाई गई परासिया से बैतूल तक (क्र. 43) सड़क का मेन्टेनेंस कार्य समय पर नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण कई जगहों पर सड़क व पुलिया टूट-फूट चुकी है? कंपनी द्वारा मेन्टेनेंस का कार्य समय पर नहीं किये जाने पर विभाग द्वारा कंपनी पर क्या कार्यवाही की गई है और नहीं की गई है तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। टोल नाके पर अनुबंधानुसार शौचालय, पेयजल एवं एम्बुलेंस उपलब्ध है। मेडिकल स्टॉफ टोल नाके पर ही रहता है। उपभोक्ताओं को निर्धारित मापदंडों के अनुसार उपरोक्त सुविधायें निरंतर प्रदान की जा रही है। कन्सेशन अनुबंधानुसार सुविधाएं उपलब्ध हैं। अतः जांच एवं कंपनी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मार्ग पर आने वाले नगर ग्रामों के एप्रोच रोडों का निर्माण कन्सेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार कराया गया है। (ग) इस मार्ग का मेंटेनेन्स कार्य अनुबंधानुसार समय पर किया जा रहा है। मार्ग ठीक स्थिति में है एवं पुल-पुलिया भी टूटी-फूटी नहीं है। वर्तमान में आवश्यक मेंटेनेन्स कंपनी द्वारा किया जा रहा है। कंसेशनायर मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा अनुबंधानुसार मेंटनेंस का कार्य प्रगति पर है इसलिए कोई कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मण्डी भिण्ड को प्राप्त राजस्व
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
44. ( क्र. 356 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत कौन-कौन सी कृषि उपज मण्डी समितियां हैं? उनमें कौन-कौन कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? कौन-कौन से पद रिक्त है एवं कब तक पद पूर्ति हो जायेगी? (ख) कृषि उपज मण्डी समिति भिण्ड में विगत दो वर्षों में किस माह में किस-किस दर पर कितना कर प्राप्त हुआ है तथा किस दर से कर लगाया जाता है? (ग) भिण्ड जिले में कौन सी कृषि उपज मण्डी समिति को कौन सा ग्रेड प्राप्त हुआ है? किस कारण से ग्रेड में गिरावट आई है? इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं? (घ) कृषि उपज मण्डियों में भिण्ड जिले में सरसों/तिली की पैदावार अत्यधिक होने के उपरांत विगत दो वर्षों में कम कर प्राप्त हुआ है, इसके क्या कारण है? क्या इसका निदान किया जायेगा? क्या उच्च स्तरीय जांच की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत भिण्ड, गोहद, मेंहगांव, मौं, लहार, आलमपुर कृषि उपज मण्डी समितियाँ स्थापित है। उनमें कार्यरत कर्मचारियों एवं रिक्त पदों की मण्डीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्य की उपलब्धता के आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति भिण्ड में विगत दो वर्षों में जिन्सवार, माहवार प्राप्त मण्डी फीस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मण्डी अधिनियम 1972 की धारा (19) के अन्तर्गत अधिसूचित कृषि उपज के विक्रय पर कृषि उपज के प्रत्येक एक सौ रूपये पर 2 रूपये के मान से मण्डी फीस का उदग्रहण किया जाता है। (ग) भिण्ड जिले की कृषि उपज मण्डी समितियाँ क्रमंश: भिण्ड, गोहद, मेंहगांव, मौं, आलमपुर एवं लहार को ''घ'' ग्रेड प्राप्त है। कृषि उपज मण्डी भिण्ड एवं गोहद को म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा वर्ष ''2009-10 व 2010-11 एवं 2011-12'' (माह अप्रैल से मार्च तक) की औसत आय के आधार पर ''ग'' ग्रेड में वर्गीकृत की गई थी। कृषि उपज मण्डी समितियों के विगत तीन वित्तीय वर्ष ''2012-13, 2013-14 एवं 2014-15'' (माह अप्रैल से मार्च तक) की औसत आय के आधार पर आदेश दिनांक 09.02.2016 से वर्गीकरण में ग्रेड ''घ'' में वर्गीकृत की गई है। कृषि उपज मण्डी समिति भिण्ड एवं मण्डी समिति गोहद की वर्ष ''2012-13 एवं 2013-14'' में गत वर्ष की तुलना में आय में कमी के कारणों की जाँच हेतु आंचलिक कार्यालय ग्वालियर के आदेश दिनांक 15.11.2017 से जाँच दल गठित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के उपरान्त गुण दोष के आधार पर अधिकारी/कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारण कर कार्यवाही की जायेगी। (घ) भिण्ड जिले के अन्तर्गत भिण्ड, गोहद, मेहगांव, मौं, लहार, आलमपुर कृषि उपज मण्डी समितियों में सरसों/तिली के उत्पादन के आंकड़े, आवक एवं प्राप्त आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उत्तरांश ''ग'' में जाँच दल का गठन किया गया है।
अनुबंध अनुसार सड़कों का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 363 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अंतर्गत वर्ष 2015 से आज दिनांक तक बी.ओ.टी. योजना में कितने मार्गों की निवेशक अवधि समाप्ति पर अनुबंध समाप्त किया है? (ख) क्या अनुबंध समाप्ति पूर्व अनुबंधानुसार निवेशकों को सड़क सतह निर्धारित मानकों अनुसार मरम्मत कर सौंपना थी? (ग) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा किन-किन मार्गों पर अनुबंध समाप्त होने के पूर्व व तत्काल बाद बम्प इंडीकेटर टेस्ट कराया? टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (घ) क्या अनुबंध समाप्त करते ही उज्जैन-झालावाड़ मार्ग इंदौर, इच्छापुर मार्ग व मध्यप्रदेश विकास निगम के रीवा व शहडोल संभाग की सड़कें चलने लायक नहीं रहीं? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? (ड.) क्या प्रश्नांश (घ) के अनुसार सड़कों के रख-रखाव पर शासन द्वारा तुरंत राशि व्यय की जा रही है या निकट भविष्य में व्यय की जायेगी? क्या यह व्यय शासन के पैसे का दुरूपयोग नहीं माना जायेगा? क्या होने वाला व्यय उन अधिकारियों से वसूला जावेगा, जिन्होंने बी.ओ.टी ऑपरेटरों का अनुबंध समाप्त कर उन्हें लाभ पहुँचाया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अंतर्गत वर्ष 2015 से आज दिनांक तक बी.ओ.टी. योजना में दो मार्गों (1) इंदौर-इच्छापुर (एदलाबाद) मार्ग एवं (2) उज्जैन-झालावाड़ मार्ग की निवेशक अवधि क्रमशः दिनांक 18.02.2017 एवं 09.09.2017 को समाप्ति पर अनुबंध समाप्त किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। टेस्ट रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। यह सही नहीं है कि उज्जैन-झालावाड़ मार्ग, इंदौर-इच्छापुर मार्ग एवं मध्यप्रदेश विकास निगम के रीवा एवं शहडोल संभाग की सड़कें चलने लायक नहीं हैं। उक्त सभी सड़कें अच्छी स्थिति में हैं। अतः किसी अधिकारी के दोषी होने का कोई प्रश्न नहीं है। (ड.) जी हाँ। जी नहीं। मार्ग के रख-रखाव का कार्य एक सतत् एवं निरंतर प्रक्रिया है। अतः मार्ग रख-रखाव पर होने वाले व्यय शासन के पैसे का दुरूपयोग नहीं है। अतः अधिकारियों से व्यय वसूलने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त बी.ओ.टी. मार्गों के कन्सेशन अनुबंध में निर्धारित कन्सेशन अवधि पूर्ण होने के कारण कन्सेशन अनुबंध समाप्त किये गये हैं। इसमें बी.ओ.टी. ऑपरेटर को कोई लाभ पहुंचाने का प्रश्न नहीं है।
रतनगढ़ मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 371 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में माता रतनगढ़ मार्ग का जो निर्माण हुआ है उसके निर्माण में अवस्थी कन्सट्रक्शन द्वारा जो मिट्टी, जी.एस.बी. मुरम उपयोग में लाई गई वह कहाँ से उठाई गई, कितनी-कितनी मात्रा में उक्त सामग्री उपयोग में लाई गई है? (ख) क्या उक्त रोड में प्रयुक्त मिट्टी की सी.बी.आर. वेल्यू 12 बताई गई जो पूर्णत: गलत है, क्या लेबोरेट्री से गलत रिपोर्ट बनवाकर विभाग के अधिकारियों से मिलकर या उन्हें गुमराह कर भुगतान प्राप्त किया गया है? (ग) क्या उक्त रोड में एस्टीमेट के अनुसार डामर की मात्रा कम है? साथ ही रोड के निर्माण में मिट्टी के ऊपर डस्ट डाली जाना थी। संबंधित ठेकेदार द्वारा डस्ट के स्थान पर पास की खदान से रेत उठवाकर डाली है? (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय उक्त माता मार्ग की निष्पक्ष जांच प्रश्नकर्ता के समक्ष रोड की कटिंग कर उच्च अधिकारियों से कराये जाने के निर्देश जारी करेंगे, ताकि माता मार्ग निर्माण कार्य की सूक्ष्म जांच हो सके।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 289295.315 घन मीटर मिट्टी आराजी क्रमांक 99 रकबा 3.48 मौजा बसई मलिक से सक्षम अधिकारी की अनुमति से उठाई गई तथा इतनी ही मात्रा का उपयोग किया गया, कार्य में जी.एस.बी., मुरम का उपयोग नहीं किया गया। (ख) जी नहीं। जी नहीं। 7 सी.बी.आर. से ऊपर की मिट्टी का उपयोग अर्थवर्क कार्य में तथा 12 सी.बी.आर. से ऊपर के मटेरियल का उपयोग हार्ड शोल्डर निर्माण में किया गया है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (घ) कार्य स्वीकृत प्राक्कलन एवं मापदण्डानुसार किया गया है। कार्य की गुणवत्ता मापदण्डानुसार है। पृथक से जाँच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
परीवीक्षा अवधि में नियम विरूद्ध पदस्थापना
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 393 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग से चयनित सहायक यंत्रियों को लोक निर्माण विभाग में पदस्थ करने की क्या नीति/नियम हैं? (ख) क्या लोकसेवा आयोग से चयनित सहायक यंत्रियों की दो वर्ष की परीवीक्षा अवधि समाप्त होने के पूर्व उपसंभाग में स्वतंत्र रूप से पदस्थ किये जाने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दें। (ग) यदि नहीं, तो क्या मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग के आदेश क्र. एफ-1-01/2017 भोपाल, दिनांक 27.04.2017 के द्वारा परीवीक्षाधीन सहायक यंत्री (वि/यां) को अनुविभागीय अधिकारी वि/यां उपसंभाग सीहोर के पद पर नियम विरूद्ध पदस्थ किया गया एवं प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग के आदेश क्र. 301/996/व्य.न./2017/ 1649 भोपाल, दिनांक 27.09.2017 के द्वारा परिवीक्षाधीन सहायक यंत्री (वि/यां.) को सीहोर से वि/यां मरम्मत उपसंभाग क्र.-2 भोपाल में अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो द्वितीय श्रेणी अधिकारी के एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण करने के क्या नियम हैं एवं परीवीक्षा अवधि के दौरान नियम विरूद्ध जिन सहायक यंत्रियों को उपसंभागों में अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है, उनके आदेश निरस्त किए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सामान्यः कार्यालय/मैदानी पदस्थापनाओं में रिक्त पद के विरूद्ध पदस्थ किया जाता है। (ख) उन्हें पदस्थ किये जाने को प्रतिबंधित करने वाला कोई नियम नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षतिग्रस्त मार्ग का सुधार
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 394 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय अनुविभागीय दंडाधिकारी गोहद, जिला भिण्ड के आदेश क्रमांक क्यू/एस.डी.ओ/एस.टी./2015/1881 दिनांक 31.10.2015 द्वारा जिगनियां-गुहीसर मार्ग पर 8 टन भार से अधिक वाहनों का आवागमन पूर्ण रूप से मार्ग पर प्रतिबंध लगाया गया था? यदि हाँ, तो उक्त प्रतिबंध लगाने का कारण बतायें। (ख) क्या अनुविभागीय दंडाधिकारी (राजस्व) गोहद, जिला भिण्ड ने आदेश क्रमांक क्यू/एस.डी.ओ./एस.टी/2015/2092 दिनांक 02.12.2015 के आदेश का उल्लंघन करने पर एफकॉन्स प्राइवेट कंपनी के विरूद्ध थाना मौ जिला भिण्ड में अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक कंपनी के विरूद्ध लोक निर्माण विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर W.P.No. 8353/15 दिनांक 18.12.2015 से प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को बैंक गांरटी कंपनी से लेने तथा क्षतिग्रस्त मार्ग का सुधार कराने का निर्देश दिया था? यदि हाँ, तो बैंक गारंटी न लेकर कंपनी को शासन को क्षति पहुँचाने के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन से हो रही क्षति को रोकने की दृष्टि से प्रतिबंध लगाया गया था। (ख) जी हाँ। मान. उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशानुसार एफकॉन्स कंपनी द्वारा कार्य किये जाने के कारण विभाग के स्तर पर कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ग) जी नहीं। मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा संबंधित एफकॉन्स कंपनी को मार्ग का पुनर्निर्माण कराना अथवा पुनर्निर्माण न कराने की स्थिति में बैंक गारंटी विभाग को देने के निर्देश दिये गये थे। संबंधित कंपनी द्वारा मार्ग का पुनर्निर्माण पूर्ण कराया गया। इसलिये बैंक गारन्टी लेने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। अत: कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 430 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में छोटे नदी, नालों पर स्टॉप डेम का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत समस्त स्टॉप डेम की सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो दिसम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जगह पर कितनी-कितनी राशि के स्टॉप डेम स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत डेमों में से कितने पूर्ण हैं एवं कितने अपूर्ण हैं, की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जो स्टॉप डेम अपूर्ण हैं, उनकी अपूर्णता का कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुये विभिन्न नदियों एवं नालों पर जगह-जगह पर स्टॉप डेम निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, उस प्रस्ताव पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो स्टॉप डेम निर्माण कब तक करवा दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा कोई भी स्टॉप डेम का निर्माण नहीं कराना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत शेर नदी बैराज तथा खैरीमाता (बुढैना) जलाशय की साध्यता दिनांक 26.07.2017 को प्रदान की गई है। परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य की निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्याज
खरीदी की राशि
का भुगतान
[सहकारिता]
50. ( क्र. 437 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१७ में प्रदेश में कितना प्याज किसानों से खरीदा गया? शाजापुर जिले में खरीदे गये प्याज की जानकारी केन्द्रवार दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में खरीदे गए प्याज की कितनी राशि कितने कृषकों को भुगतान कर दी गई है? क्या सम्पूर्ण कृषकों को राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में क्रय किये गए प्याज की राशि कृषकों को किस माध्यम से भुगतान की जा रही है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्रय किये गये प्याज की राशि का भुगतान नहीं किया गया है, तो कब तक किया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 87,32,771.76 क्विंटल, 153616 कृषकों से जिसमें देवास जिले में 50 कृषकों से खरीदी गई प्याज के संबंध में कार्रवाई कलेक्टर देवास से तथ्यात्मक प्रतिवेदन के निष्कर्षों के अधीन होने से खरीद मात्रा एवं कृषक संख्या में सम्मिलित नहीं है, शाजापुर जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार क्रय किये गये प्याज की संपूर्ण राशि 698.62 करोड़ 153616 कृषकों को भुगतान कर दिया गया है। (ग) कृषकों को भुगतान उनके द्वारा दिये गये बैंक खाते में किये जाने के निर्देश हैं। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
मुख्यमंत्री की घोषणानुसार स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 441 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में दिनांक 26.04.2015 के दौरे के दौरान घोषणा क्रमांक बी. 0921 द्वारा बागेड़ी नदी पर ग्राम पाड़सुतिया, भिकमपुर एवं बागेड़ी में श्रृंखलाबद्ध स्टॉप डेम निर्माण कराने की घोषणा की गयी थी? (ख) इस हेतु शासन स्तर पर डी.पी.आर. तैयार कर सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने पर भी आज दिनांक तक स्टॉप डेमों की स्वीकृति क्यों नहीं हो पाई है? उक्त डेमों की स्वीकृति कब तक हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। बागेड़ी, पाड़सुतिया एवं भीकमपुर बैराज की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 448 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसीलों में कृषकों के फसलों का बीमा किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो सहकारी बैंकों द्वारा कितने ऋणी कृषकों का फसल बीमा किया गया है और इसके अतिरिक्त अन्य विभागों जैसे कृषि विकास विस्तार विभाग द्वारा तहसीलवार कितने कृषकों का फसल बीमा किया गया है? कृषक संख्यावार, तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायी जाए। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के मुताबिक फसल बीमा धारक कितने कृषकों को फसल बीमा की राशि मुहैया करायी जा चुकी है तथा कितने कृषकों को फसल बीमा की राशि प्रदाय किया जाना लंबित है? समस्त जानकारी किसान की संख्यावार, तहसीलवार उपलब्ध करायी जाए।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जलाशय एवं नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 449 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसीलों में जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई जलाशय निर्माण तथा नहरों का निर्माण का कार्य कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्येक कार्य की वर्षवार तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी तथा प्रश्न दिनांक तक संबंधित कार्यों की व्यय संबंधी जानकारी, कार्य निष्पादन अधिकारी सहित उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत निर्माण कार्यों में डूब प्रभावित कृषकों के भूमि का मुआवजा वितरण की जानकारी निर्माण कार्यवार, कृषक संख्यावार उपलब्ध करायी जाए।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है।
सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
54. ( क्र. 463 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में कितनी सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु शासन को भेजे गये हैं तथा लाभान्वित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी दी जावे। योजना के अंतर्गत कितने हेक्टेयर में सिंचाई होगी? (ख) क्या शासन द्वारा विभाग स्तर पर प्रेषित प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जाकर योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवंटन उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में जल संसाधन विभाग शाजापुर द्वारा प्रधानमंत्री सिंचाई योजनांतर्गत सिंचाई हेतु प्रस्ताव शासन को नहीं भेजे गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजे जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जल संसाधन विभाग में ए.आई.बी.पी., एस.एम.आई., आर.आर.आर एवं केडवम के अंतर्गत कार्य कराए जाते हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर अंतिम नहीं होने से इनकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं आवंटन उपलब्ध कराने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 476 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में लोक निर्माण विभाग से संबंधित जनपद पंचायत नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार में कितने मार्ग कब से स्वीकृत हैं? तिथि, लागत व कार्य एजेन्सी बतायें। वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों की प्रगति क्या है? यदि शून्य है, तो मार्ग निर्माण कब पूर्ण होंगे? कार्य प्रगति पर होने के चलते संबंधित मार्ग की स्वीकृत राशि संबंधित एजेन्सी को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं अन्य भौतिक सत्यापन पर कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई है? (ग) क्या छतरपुर जिले के तहसील नौगांव अंतर्गत अलीपुरा वन वैरियर से हरपालपुर पहुँच मार्ग, चन्दला, सरबई, गौरिहार, चन्द्रपुरा पहुँच मार्गों की हालत अत्यंत जीर्ण है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के मार्गों के निर्माण की क्या योजना है एवं कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे? (घ) स्वीकृति के संबंध में राज्य शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक कार्य स्वीकृत किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ अलीपुरा वन बैरियर से हरपालपुर पहुँच मार्ग नवीनीकरण के अंतर्गत स्वीकृत है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार कार्य दिनांक 31.01.18 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। शेष उल्लेखित मार्ग परफॉरमेंस ग्यारंटी के अंतर्गत है, जिनका सुधार कार्य प्रगति पर है। मार्ग की परफॉरमेंस गारंटी दिनांक 23.04.2018 तक है। चंदला, सरवई, गौरीहार, मंथाडे मार्ग नया घोषित स्टेट हाइवे है। परफॉरमेंस गारंटी में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
रोड निर्माण एवं मजबूतीकरण की जानकारी
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 486 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्र. 445 दिनांक 17.07.2017 के माध्यम से विधान सभा गुढ़ की ऊबड़-खाबड़ एवं क्षतिग्रस्त रोडों के निर्माण एवं मरम्मत कराने हेतु शासन एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया था? उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पत्र क्र. 265 दिनांक 18.06.2017 एवं पत्र क्र. 654 दिनांक 14.09.2016 के माध्यम से मंत्री लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन को एवं पत्र क्र. 949 दिनांक 05.07.2017, पत्र क्र. 950 दिनांक 05.07.2017 के माध्यम से अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण संभाग एक रीवा को प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा रोडों के निर्माण बाबत् पत्र लिखे गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किन-किन सड़कों/रोडों के निर्माण/मजबूतीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत आदेश की प्रति देते हुए बतावें कि कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? अगर कार्य स्वीकृत नहीं किये गये तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार रोडों के निर्माण/मजबूतीकरण के कार्य स्वीकृत नहीं किये गये जबकि इसके संबंध में कई बार पत्र लिखे गये तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में रीवा सीधी मार्ग एन.एच. 75-ई का कुछ हिस्सा आता है। रीवा सीधी मार्ग पेव्हड शोल्डर के साथ दो लेन सीमेंट कांक्रीट मार्ग का निर्माण कार्य दिनांक 30.09.16 को पूर्ण हुआ और मार्ग अच्छी स्थिति में है। (ख) जी हाँ केवल दो पत्र क्रमांक 654 दिनांक 14.09.2016 एवं पत्र क्रमांक 950 दिनांक 05.07.2017 विभाग में प्राप्त। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार, निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। शेष कार्यों के प्राक्कलन परीक्षणाधीन है। (घ) कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। कोई दोषी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जैविक खाद खरीदी में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
57. ( क्र. 491 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि जैविक खाद के लिये कृषि विभाग द्वारा बार-बार टेण्डर की तारीख बढ़ाई जा रही है? कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रदेश में जैविक खाद की कितनी राशि में खरीदी किया जाना है व किस मापदण्ड से खरीदी किया जाना है। (ग) क्या मध्यप्रदेश में जैविक खाद बनाने वाली लघु इकाईयां मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम को नजर अंदाज करते हुये एवं नियम विरूद्ध खरीदी की कार्यवाही की जा रही है? (घ) जैविक खाद निर्माता जो कि प्रदेश से बाहर की इकाईयां हैं, क्या मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के विरूद्ध खरीदी का कार्य बाहर की इकाईयों लाभ पहुँचाने के दिया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जैविक खाद के संबंध में टेंडर की कार्यवाही म.प्र.राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, भोपाल द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) परम्परागत कृषि विकास योजना एवं आदिवासी उपयोजना अंतर्गत निहित घटकों की पूर्ति हेतु आवश्यकतानुसार राशि का प्रावधान है। मापदण्ड एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। जैविक खाद के मापदण्ड उर्वरक नियंत्रण आदेश (FCO) में निर्धारित किये गये हैं। तदानुसार जैविक खाद (सिटी कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, आर्गेनिक मैन्योर एवं प्रोम उत्पादों) के लिए निर्धारित मापदण्ड अनुसार आफर आमंत्रित कर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए जैविक उत्पाद का क्रय-विक्रय किया जा रहा है। जिसमें मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम को नजर अंदाज नहीं किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। जैविक खाद के मापदण्ड उर्वरक नियंत्रण आदेश (FCO) में निर्धारित किये गये हैं। जैविक खाद (सिटी कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, आर्गेनिक मैन्योर एवं प्रोम उत्पादों) के लिए निर्धारित मापदण्ड अनुसार आफर आमंत्रित कर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए जैविक उत्पाद का क्रय-विक्रय किया जा रहा है। जिसमें मध्य प्रदेश के अधिकांश निर्माताओं द्वारा जिनके द्वारा निर्धारित स्पेसीफिकेशन/मापदंड/आवश्यकताएं पूरी की गयी हैं। उन्हीं निर्माताओं से क्रय किया जा रहा है। आफर प्रक्रिया में किसी बाहर की इकाई को लाभ नहीं पहुंचाया जा रहा है।
स्वीकृत नवीन मार्ग निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 516 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में माननीय विभागीय मंत्री जी के पदभार ग्रहण से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों की स्वीकृति हुई है, मार्गों के नाम, दूरी एवं राशि तथा विभाग द्वारा अन्य स्वीकृत कार्यों की विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में माननीय मंत्री जी के पदभार ग्रहण के उपरांत प्रश्नकर्ता द्वारा कितनी बार सड़क निर्माण की मांग की गई? उन समस्त मांग पत्रों की छायाप्रति सहित जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के क्षेत्रवासियों की जीवन रेखा स्वरूपी एक-एक कि.मी. की छोटी-छोटी सड़कों की स्वीकृति प्रदान न होने का कारण स्पष्ट करें। दिनांक 9 मार्च, 2017 तारांकित प्रश्न क्रमांक 5610 के जवाब में माननीय मंत्री जी द्वारा सीतामऊ से खेड़ा बोलिया मार्ग को सदन में स्वीकृति प्रदान की गई थी? प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। आवेदन पत्रों की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) सक्षम वित्तीय समिति द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप छोटी सड़कों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के सरल क्रमांक-07 के उपखण्ड 7.3 अनुसार है, तथा सीतामऊ से खेड़ा बोलिया मार्ग के स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उज्जैन-इन्दौर सड़क मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 548 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-इन्दौर सड़क मार्ग के निमार्ण के समय कितने वृक्ष काटे गये थें? कितने वृक्ष डी.पी.आर. में थे एवं कितने वृक्ष निर्माण एजेन्सी द्वारा लगाये गये? उनमें से कितने वृक्ष वर्तमान में मौजूदा हैं? पृथक-पृथक संख्या बतावें। (ख) उज्जैन एवं इन्दौर नगरीय क्षेत्र में कहाँ-कहाँ एवं कितनी-कितनी रेलिंग लगाई गई थी? उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी थी? वर्तमान में रेलिंग खराब हो चुकी है, उसके सुधार हेतु एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारीयों द्वारा कब और क्या कार्यवाही की गई? रेलिंग सुधार कार्य कब तक करा लिया जावेगा, जिससे जनहानि न हो? (ग) उज्जैन-इन्दौर रोड पर कितने एवं किस-किस स्थान पर डिवायडर अवैध रूप से काटे गये हैं? स्थानवार सूची उपलब्ध करावें। क्या एम.पी.आर.डी.सी. के जिला अधिकारियों को उक्त मार्ग पर जाते समय अवैध कटे हुए डिवायडर दिखाई नहीं दिये? इन अधिकारियों ने डिवायडर ठीक करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की? दिनांकवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त डिवायडर कब तक ठीक किये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन-इन्दौर सड़क मार्ग के निर्माण के समय कुल 8857 वृक्ष काटे गये थे। अनुबन्ध अनुसार 10 गुना वृक्ष लगाये जाने थे एवं 89487 वृक्ष निर्माण एजेन्सी द्वारा लगाये गये। उनमें से लगभग 45000 वृक्ष वर्तमान में मौजूद है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उज्जैन एवं इन्दौर नगरीय क्षेत्र में रेलिंग की जानकारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रेलिंग की सुरक्षा की जिम्मेदारी निवेशकर्ता कम्पनी मेसर्स महाकालेश्वर टोलवेज़ प्रा.लि., इन्दौर की है। जी हाँ। रेलिंग के सुधार एवं अन्य मरम्मत कार्य हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) उज्जैन-इन्दौर रोड पर अवैध रूप से तोड़े गये डिवायडरों की संख्या एवं स्थानवर सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अधिकारियों को उक्त मार्ग पर जाते समय अवैध कटे हुए डिवायडर दिखाई दिये, जिसके लिये निवेशकर्ता कम्पनी को डिवायडर के सुधार कार्य एवं अन्य मरम्मत कार्य हेतु पत्र लिखे गये हैं। अवैध कटे हुए डिवायडर के सुधार के संबंध में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। इसके अतिरिक्त थाना प्रभारी बाणगंगा/सांवेर/नानाखेड़ा/नीलगंगा को क्षतिग्रस्त डिवायडर की सूची अनुसार असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही करने हेतु संभागीय प्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम, उज्जैन द्वारा पत्र क्र. 1092/इन्दौर-उज्जैन फोरलेन मार्ग /2017 उज्जैन, दिनांक 11.04.2017 से लिखा गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 562 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 112 अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत ऐसे कितने रोड हैं, जिनका प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है एवं कार्य अपूर्ण है? (ख) विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र 112 अंतर्गत कितनी सड़कें कितनी लागत से स्वीकृत हुई एवं उक्त सड़कों पर कितना व्यय किया गया है एवं सड़क की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उक्त सडकों का कितने प्रतिशत कार्य हो चुका है एवं ठेकेदार को कुल राशि का कितना प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है? (घ) उक्त सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
नहरों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण
[जल संसाधन]
61. ( क्र. 563 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वर्षों में बालाघाट जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 112 में किन-किन नहरों के सुदृढ़ीकरण, उन्नयन, पुन: निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब नहरों की मरम्मत, सुदृढ़ीकरण, उन्नयन, पुन: निर्माण हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) विभाग द्वारा किन-किन नहरों के सुदृढ़ीकरण, उन्नयन, पुन: निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? क्या स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
स्वीकृत पुल निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 566 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-2390 दिनांक 24-07-2017 के प्रश्नांश (क) का दिया गया उत्तर किस प्रकार सत्य है, जबकि निर्माण स्थल पर आधे-अधूरे पिलर ही निर्मित हैं और जब सुपर स्ट्रक्चर की ड्राइंग का अनुमोदन ही नहीं हो सका था, तो यह निर्माण किस स्वीकृति के आधार पर क्यों किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी नदी पर निर्मित होने वाले पुल के संबंध में विभाग द्वारा अब तक क्या–क्या कार्यवाही कब-कब की गई, क्या-क्या पत्राचार किया गया? क्या-क्या स्वीकृति प्राप्त की गई एवं प्रदान की गई तथा किस कार्यवाही एवं किन निर्देशों से ठेकेदार का अनुबंध समाप्त किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-189 दिनांक 17/07/2017 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तर नया ठेका निर्धारित होने के उपरांत पुल निर्माण की कार्यवाही की जायेगी, के पालन में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण बतायें एवं दस्तावेज उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी सही थी, सबस्ट्रक्चर का कार्य एक पियर की एक लिफ्ट को छोड़कर पूर्ण था। अत: सबस्ट्रक्चर का कार्य पूर्ण बताया गया था। सुपरस्ट्रक्चर की ड्राइंग को छोड़कर अन्य सभी ड्राइंगे पूर्व में ही स्वीकृत थीं। तत्समय सुपरस्ट्रक्चर का कार्य पूर्ण नहीं किया गया था। सबस्ट्रक्चर का कार्य अनुमोदित ड्राइंग के आधार पर किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। ठेकेदार द्वारा दिनांक 28.12.2016 को प्रस्तुत वर्क प्रोग्राम के अनुसार कार्य न करने एवं धीमी गति से कार्य करने के कारण अनुबंध में निहित प्रावधानों के तहत कार्य का अनुबंध दिनांक 12.06.2017 को समाप्त किया गया, जिसे पुनर्जीवित किया गया है। (ग) ठेकेदार द्वारा पुन: कार्य करने की सहमति देने पर दिनांक 17.11.2017 को ठेका पुनर्जीवित किया गया। सुपरस्ट्रक्चर की ड्राइंग दिनांक 12.07.2017 को अनुमोदित कर दी गई है। ठेकेदार द्वारा कार्य पुन: प्रारंभ कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
विधायक निधि की राशि की उपयोगिता
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 567 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 6914 दिनांक 23-03-2017 पर चर्चा के दौरान माननीय मंत्री महोदय द्वारा शेष बची राशि उपयोग और जांच कराने की बात कही गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कितनी-कितनी लागत के किन-किन कार्यों को विधायक निधि से कराये जाने हेतु कब-कब अनुशंसा की गयी? अनुशंसावार, प्रशासकीय स्वीकृतिवार, कार्यवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत किन-किन अनुशंसित कार्यों को कब-कब किया गया एवं कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई तथा कितनी राशि शेष रही? कार्यवार बतायें और लोक निर्माण विभाग के कार्यों हेतु अनुशंसित प्रश्नकर्ता सदस्य की विधायक निधि की कुल कितनी राशि उपयोग से शेष है एवं किस कार्यालय के बैंक अथवा शासकीय खाते में कब से जमा है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में विधायक निधि से अनुशंसित एवं उपयोग से शेष रही राशि का किस प्रकार एवं किन कार्यों में उपयोग किन शासनादेशों से किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) विधायक निधि से अनुशंसित शेष राशि के उपयोग के संबंध में आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है ।
सिविल न्यायालय वर्ग-2 की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
64. ( क्र. 574 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग ४0 कि.मी. की दूरी पर गुनौर विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय में जहाँ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/पुलिस मुख्यालय एवं तहसीलदार, जनपद पंचायत का मुख्यालय है वहाँ सिविल न्यायालय वर्ग-2 की स्थापना न किए जाने का क्या कारण है? (ख) क्या गुनौर जिला पन्ना में सिविल न्यायालय वर्ग-2 की स्थापना हेतु म.प्र. शासन विधि विधायी कार्य विभाग द्वारा पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो पत्र के संदर्भ में राजस्व विभाग द्वारा क्या जवाब दिया गया? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) गुनौर में सिविल न्यायालय वर्ग-2 की स्थापना हेतु पर्याप्त भवन है, जैसे कि तहसील का नया भवन बन जाने से पुराना भवन, लोक सेवा केन्द्र का नया भवन बन जाने से पुराना लोक सेवा भवन, स्टॉक रूम भवन में भी कई कमरे उपलब्ध होने के बावजूद भी राजस्व विभाग द्वारा गलत एवं भ्रामक जानकारी देकर शासन को भवन उपलब्ध न होना बताकर उक्त न्यायालय की स्थापना हेतु गलत जानकारी दी गई, क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के संबंध में भवन अनुपलब्धता की गलत जानकारी दिये जाने की मौके में समिति बनाकर जाँच कराई जाकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही कर गुनौर में सिविल न्यायालय वर्ग-2 की स्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय ने अवगत कराया है कि तहसील गुनौर जिला पन्ना में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की श्रृंखला/नियमित न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग माननीय प्रशासनिक कमेटी (एल.जे.एस.) द्वारा विचारोपरांत नस्तीबद्ध की गई है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर, पन्ना द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गुनौर जिला पन्ना से प्राप्त जानकारी के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय को अवगत कराया गया है कि गुनौर में कोर्टरूम, न्यायालय के लिये आवास गृह तथा स्टॉफ के आवास के लिये वर्तमान में कोई पूर्व निर्मित भवन इत्यादि उपलब्ध नहीं है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषकों को समय पर बीज उपलब्ध न कराया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 576 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र के लिए कृषकों को बुवाई के लिए किस-किस योजना से बीज उपलब्ध कराने के निर्देश थे? योजनावार, हितग्राही संख्यावार वर्ष 2015-16,2016-17 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या गुनौर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में मौसम खरीफ फसल हेतु बीज उपलब्ध न होने के कारण किसानों को बीज के लिये इधर उधर भटकना पड़ा? विभाग द्वारा बीज उपलब्ध न कराने का क्या कारण है? समय पर बीज उपलब्ध न होने के कारण जिन किसानों के खेतों में बुवाई नहीं हो सकी उनके लिए कृषि विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) क्या किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग जिला पन्ना द्वारा जिन फर्मों से बीज उपलब्ध कराने का अनुबंध किया गया, उन फर्मों द्वारा बाजार में बीज का मूल्य अधिक होने के कारण बीज उपलब्ध नहीं कराया गया और बीज बाजार में बेच दिया गया? जिन फर्मों द्वारा बीज उपलब्ध नहीं कराया गया, क्या उनके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय तिलहन एवं आईलपॉम मिशन राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, सब मिशन ऑन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल, सूरजधारा एवं अन्नपूर्णा योजनान्तर्गत अनुदान पर जिला पन्ना के पात्र कृषकों को बीज उपलब्ध कराने का प्रावधान है। गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत योजनावार, वर्षवार, फसलवार वितरित बीजों एवं लाभान्वित, हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कृषकों को बुवाई हेतु उनकी मांग के अनुसार समय पर बीज उपलब्ध कराया गया है। बीज उपलब्ध न होने के कारण किसी भी किसान की फसल बुवाई शेष रहने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा बीज प्रदायक संस्थाओं से बीज प्रदाय हेतु अनुबंध करने का कोई प्रावधान नहीं है। जिला पन्ना में बीज प्रदायक संस्थाओं द्वारा बाजार में बीज का मूल्य अधिक होने के कारण बीज उपलब्ध नहीं कराने और बीज बाजार में बेच दिया जाने संबंधी कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षिप्रा नदी के किनारे घाटों का निर्माण
[जल संसाधन]
66. ( क्र. 583 ) श्री राजेश सोनकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सांवेर विधानसभा क्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा क्षिप्रा नदी के किनारे पर घाट के निर्माण की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो घाट का निर्माण कब तक पूर्ण होगा एवं इस हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है या की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब तक घाट निर्माण किया जायेगा? प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने घाटों के निर्माण हेतु पत्र प्रेषित किया गया है? उक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उनमें से कितने घाटों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? घाटों के निर्माण कि प्रक्रिया कब तक प्रारंभ की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने घाटों को स्वीकृति प्रदान नहीं की गई? स्वीकृति प्रदान नहीं करने के क्या कारण हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सांवेर विधानसभा क्षेत्र में क्षिप्रा नदी के किनारे ग्राम बूढ़ी बरलई में घाट निर्माण के लिए प्राक्कलन तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) से (घ) जी हाँ। 11 घाटों के लिए। संभावना परीक्षण व प्राक्कलन तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रेमसर-मूंदला मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 587 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम प्रेमसर-मूंढला मार्ग मुख्य जिला मार्ग है एवं यातायात एवं कृषि उत्पादन परिवहन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग भी है। इस मार्ग की सतह वर्तमान यातायात घनत्व के योग्य न होने से बार-बार क्षतिग्रस्त होती रहती है। (ख) वर्तमान में उक्त मार्ग की स्थिति कई भागों में अत्यंत खराब है। इस कारण नागरिकों को आवागमन में कठिनाईयां आती हैं। इस तथ्य को प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 680 दिनांक 24.07.2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में स्वीकारा भी है। (ग) उक्त कठिनाईयों के निवारण हेतु ई.ई., लो.नि.वि. श्योपुर द्वारा उक्त मार्ग के उन्नयन हेतु 45 करोड़ का प्राक्कलन तैयार कर शासन/विभाग को स्वीकृति हेतु भेजा है। यह वर्तमान में कब से किस स्तर पर परीक्षणाधीन हैं? परीक्षण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) क्या शासन क्षेत्रीय नागरिकों को वर्तमान तक आवागमन में हो रही कठिनाईयों के निवारण हेतु उक्त प्राक्कलन से संबंधित परीक्षण की कार्यवाही को अविलम्ब पूर्ण करवाकर इसे विभाग की प्राथमिकता सूची में शामिल करके इसे चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में निश्चित रूप से जुड़वाकर इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी हाँ। दिनांक 12.09.2017 से मुख्य अभियंता (उत्तर परिक्षेत्र) लोक निर्माण विभाग ग्वालियर स्तर पर। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पार्वती नदी के पुल निर्माण पर कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 588 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 686 दिनांक 17.07.2017 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) में स्वीकारा है कि श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पार्वती नदी का पुल सड़क सतह से बहुत नीचा व सकरा है। इसे वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त ऊँचा व चौड़ा बनाने की आवश्यकता है? इस हेतु 19.38 करोड़ की डी.पी.आर. ई.ई. सेतु निगत ग्वालियर द्वारा तैयार करके शासन/विभाग को भेज भी दी है? (ख) क्या ब्रिक्स योजना अंतर्गत कार्यों की प्रस्तावित सूची को स्वीकृत करने की कार्यवाही विभाग में प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो ये कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होगी? (ग) क्या उक्त प्रस्तावित सूची में उक्त पुल निर्माण कार्य शामिल हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन जनहित में अविलम्ब इसे शामिल करेगा व इस कार्य को चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में सम्मिलित करके इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, तिथि बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
69. ( क्र. 614 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? वर्ष 2015 से वर्तमान (2017) तक संचालित योजनाओं से किन-किन योजनाओं के लिए कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें। (ख) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित था? लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? कितने कृषकों को किस-किस योजना का क्या-क्या लाभ दिया गया? बतावें। (ग) सिवनी जिले में उद्यानिकी विभाग को किस योजना के कितने कृषकों के ऑन-लाईन एवं ऑफ-लाईन प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया तथा कितने आवेदन पत्र किस कारण से निरस्त किये गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
फसल बीमा प्रीमियम राशि का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 615 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक सिवनी जिले में किसानों से कितनी प्रीमियम राशि फसल बीमा के लिए ली गई? तहसीलवार, वर्षवार बतावें। (ख) उपरोक्त समयावधि में फसल बीमा की राशि का कितना भुगतान किया गया? वर्षवार, किसान संख्या, राशि सहित तहसीलवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितनी फसल बीमा की राशि का वितरण होना शेष है? यह कब तक भुगतान कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना खरीफ 2013 से रबी 2015-16 मौसम तक तहसीलवार बीमा आवरण की जानकारी तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 व रबी 2016-17 की तहसीलवार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2013 से खरीफ 2016 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुस्करा बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 619 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा इछावर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अजनाल नदी पर बैराज बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ख) क्या बैराज की डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बैराज से कितने हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी? कुल कितने कि.मी. नहर बनाई जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार बैराज में कितना पानी संग्रहित होगा? बांध की ऊंचाई कितनी है और कितने गेट लगाए जाएंगे? क्या निर्माण कार्य की निविदा जारी की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो निर्माण कब तक प्रारंभ किया जाएगा? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या बैराज निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम की कितनी भूमि अधिग्रहिता की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) इछावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अजनाल नदी पर मुस्करा बैराज चिन्हित है। परियोजना की साध्यता स्वीकृति दिनांक 16.03.2016 को प्रदान की गई है। डी.पी.आर. मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन है। (ग) से (ड.) डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
72. ( क्र. 653 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अभिनव योजना मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र जौरा में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदाय किये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा के लिए योजना प्रारंभ से मृद्रा स्वास्थ्य कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया? यदि हाँ, तो वर्षवार लक्ष्य एवं प्रगति बताऐं? (ग) विगत वर्ष 2016-17 में कितने मिट्टी नमूना परीक्षण किये गये और परीक्षण उपरांत कितने किसानों को विभाग द्वारा स्वाइल हैल्थ कार्ड प्रदाय या सहायता प्रदाय की गई? विकासखण्डवार सम्पूर्ण जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुरैना जिले में संचालित अभिनव योजना मृदा स्वास्थय कार्ड योजना अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र जौरा में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक 48595 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदाय किये गये हैं। विकासखंडवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मृदा स्वास्थय कार्ड बनाने का लक्ष्य विधानसभा क्षेत्रवार न दिया जाकर विकासखंडवार प्रदाय किये जाते हैं। जौरा विधानसभा का क्षेत्र जौरा, पहाड़गढ़ एवं कैलारस विकासखंडों के अंतर्गत आता है। जौरा, पहाड़गढ़ एवं कैलारस विकासखंड के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लक्ष्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य कार्ड की प्रगति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विगत वर्ष 2016-17 विधानसभा क्षेत्र जौरा के अंतर्गत 11296 मिट्टी नमूने परीक्षण किये जाकर 39151 स्वाईल हैल्थ कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं। विकासखंडवार कृषकों को प्रदाय स्वाईल हैल्थ कार्ड एवं सहायता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
जीर्ण-शीर्ण अनुपयोगी तालाबों की मरम्मत
[जल संसाधन]
73. ( क्र. 656 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा के अंतर्गत विभाग द्वारा निर्मित कितने तालाब हैं और कितने तालाब जीर्ण-शीर्ण होकर मरम्मत के अभाव में अनुपयोगी हो गये हैं? स्थानवार विवरण दें। (ख) क्या शासन के लाखों रूपयों से निर्मित जन सुविधा हेतु बनाये गये तालाबों का विभाग द्वारा रख-रखाव नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो जीर्ण-शीर्ण तालाबों की मरम्मत क्यों नहीं करायी जा रही है? (ग) विधानसभा जौरा के अन्तर्गत जीर्ण-शीर्ण अनुपयोगी तालाबों की मरम्मत हेतु विभाग द्वारा कोई मद स्वीकृत की गयी है अथवा की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में आमजनता एवं किसानों की सिंचाई सुविधा हेतु एवं जल स्तर को संतुलित रखने हेतु जीर्ण-शीर्ण अनुपयोगी तालाबों की मरम्मत करवाकर उन्हें उपयोगी कब तक बनाया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा निर्मित एक तथा सात निमज्जित तालाब हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) निमज्जित तालाबों के जीर्णोद्धार कराने का जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कोई प्रावधान नहीं है। किंतु मनरेगा से सुधार कराया जा सकता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों का संचालन
[सहकारिता]
74. ( क्र. 659 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर में कितनी सहकारी समितियां कार्यरत हैं? क्षेत्रफल की अधिकता के कारण एवं ज्यादा गांव सम्मिलित होने के कारण कितनी सहकारी समितियों में विभाजन कर और समितियां बनाने की आवश्यकता है? (ख) क्या सास-बहु, तूमडा, रम्पुरा, बसुरिया तथा छैनाकछार समिति में विभाजन कर और भी समिति बनाने की योजना है? (ग) क्या उक्त समितियों में सम्मिलित ग्रामों की हर पंचायत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान संचालित है? यदि नहीं, तो ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें संचालित नहीं हैं? (घ) प्रत्येक पंचायत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें संचालित हो जिससे हितग्राहियों को लाभ मिल सके, ऐसी किसी व्यवस्था के लिए विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 125. ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। गाडरवारा तहसील की 57 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान संचालित नहीं है। (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों को संचालित करने की कार्यवाही खाद्य विभाग द्वारा की जाती है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दुकान विहीन ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकान खोलने के निर्देश खाद्य विभाग द्वारा 25 सितम्बर 2017 को जारी किये गये हैं।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 660 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील गाडरवार जिला नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में 8 मई, 2017 को मा. मुख्यमंत्री का दौरा हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त क्षेत्र में लोक निर्माण विभागान्तर्गत कितनी सड़कों के निर्माण की मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री की घोषणानुसार लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों को बनाने के लिए कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई तथा किन-किन सड़कों को निर्माण हेतु चिन्हित किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 08.05.2017 को नहीं अपितु दिनांक 09.03.2017 को। छ: (6) मार्गों की। (ख) जी हाँ प्राक्कलन तैयार कर परिक्षेत्रीय कार्यालय में परीक्षणाधीन है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भावान्तर योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 669 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भावान्तर योजना क्या है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। इस योजना के लिये कुल कितने बजट का प्रावधान रखा गया है तथा इस योजना के तहत इसमें कौन-कौन सी फसलों को लिया गया है? अनूपपुर जिले में कुल कितने रजिस्ट्रेशन किसानों द्वारा कराये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। यह भी जानकारी दें कि विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ के ग्राम जरहा, बड़ीतुम्मी, करौदाटोला, सिवनी संगम ग्राम कृषि उपज मंडी से कितने किलोमीटर की दूरी पर स्थित है? (ख) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में योजना प्रारंभ से लेकर के प्रश्न दिनांक तक किसानों द्वारा फसल बेचने के उपरांत उनके द्वारा बेची गई फसल के मूल्य एवं समर्थन मूल्य के अंतर की कितनी-कितनी राशि सरकार द्वारा कितने-कितने किसानों को प्रदाय की गई? उक्त विधान सभा क्षेत्र के किसान की संख्या बेची गई फसल का नाम व मात्रा, फसल का विक्रय मूल्य 37/1 की पर्ची के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य से अंतर की राशि एवं भावांतर योजना के तहत किसान को प्रदाय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तर प्रस्तुत किये जाने तक विकासखंड अनूपपुर में 1392, विकासखंड कोतमा में 835, विकासखंड जैतहरी में 1699 तथा विकासखंड पुष्पराजगढ़ में 1918 किसानों द्वारा पंजीकरण कराया गया है। दिनांक 15 से 25 नवम्बर 2017 के मध्य पोर्टल पर नवीन पंजीयन कराये जा सकेंगे। योजना में अनूपपुर जिले में कुल 5844 किसानों के द्वारा पंजीयन कराया गया है। कृषि उपज मंडी अनूपपुर से विकासखंड पुष्पराजगढ़ के ग्राम जरहा 100 कि.मी., बड़ीतुम्मी 130 कि.मी., करौदा टोला 95 कि.मी., सिवनी संगम 106 कि.मी. लगभग दूरी पर स्थित है। द्वितीय अनुपूरक में बजट स्वीकृत अपेक्षित होने से बजटीय प्रावधान प्रश्न का उत्तर प्रस्तुत करने तक अवगत कराया जाना संभव नहीं है। (ख) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत चयनित फसलों को दिनांक 16.10.2017 से 31.10.2017 तक की अवधि में मंडी प्रांगण में विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को पात्रता अनुसार भुगतान नवम्बर मासान्त तक किया जावेगा। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण प्रस्ताव की जानकारी
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 678 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ में अस्पताल चौराहा से बायपास तक सड़क निर्माण हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही चल रही है? (ख) क्या उक्त सड़क की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक स्वीकृति जारी हो सकेगी? (ग) नगर वासियों व छात्राओं द्वारा विगत कई वर्षों से की जारी अस्पताल चौराहे से बायपास तक सड़क निर्माण की मांग कब तक पूर्ण हो सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। परीक्षणाधीन है। (ख) जी नहीं। सीमित वित्तीय संसाधन के कारण। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। (ग) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
चिकित्सीय उपकरणों का उपयोग
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
78. ( क्र. 729 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गैस पीडि़तों के चिकित्सीय परीक्षण हेतु विभाग द्वारा वर्ष 2011-12 में डबल वेलून व अन्य चिकित्सीय उपकरण क्रय किये गये थे? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से चिकित्सीय परीक्षण यंत्र क्रय किये गये और उनका उपयोग गैस राहत के कौन-कौन से अस्पतालों में किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या कुछ चिकित्सीय उपकरणों का उपयोग क्रय दिनांक से आज दिनांक तक नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके नाम व पद सहित उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें? (ग) क्या गैस राहत विभाग में गैस पीडि़तों के चिकित्सीय परीक्षण हेतु प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित क्रय मशीनों की आवश्यकता नहीं है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित मशीनों को किन कारणों से क्रय किया गया? क्या यह शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2011-12 में डबल वेलून सिस्टम उपकरण क्रय नहीं किया गया है, लेकिन अन्य उपकरण वर्ष 2011-12 में गैस राहत चिकित्सालयों हेतु क्रय किये गये हैं। चिकित्सालयवार सूची एवं चाही गई विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार सूची में अंकित चिकित्सकीय उपकरणों का उपयोग मरीजों के परीक्षण एवं जाँच हेतु उपकरणों का उपयोग आवश्यकतानुसार किया जा रहा है। शेष के संबंध में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में स्थिति स्पष्ट की गई है।
चन्दपुरा-बण्डपुरा सड़क मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 732 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना कि चन्दपुरा-बण्डपुरा सड़क मार्ग के निर्माण की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा किस सन् में की गई थी एवं निर्माण की प्रक्रिया कब प्रारंभ की गई? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त मार्ग की वर्तमान में नवम्बर 2017 तक की क्या स्थिति है, उसका कार्य किस कंपनी द्वारा प्रारंभ किया गया था? सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई, अभी तक कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) उक्त मार्ग के निर्माण हेतु शेष कार्य के लिये कितनी बार निविदायें आमंत्रित की गई? कितनी बार अस्वीकृत हुई तथा कितनी बार स्वीकृत हुई? कार्य पूर्ण होने में विलम्ब के क्या कारण हैं? (घ) उक्त मार्ग के शेष कार्य हेतु शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई? कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा? माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा एवं वर्तमान स्थिति में कितना समय हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सहकारी शक्कर कारखाना द्वारा देनदारियों का भुगतान
[सहकारिता]
80. ( क्र. 733 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी शक्कर कारखाना कैलारस मुरैना पर किसानों, कर्मचारियों, सहकारी बैंक की कितनी राशि की देनदारियां बकाया है? नवम्बर 2017 तक की जानकारी दी जावे। (ख) गन्ना उत्पादक किसानों की बकाया राशि का भुगतान करने हेतु शासन द्वारा क्या नीति बनाई गई है? कितने किसानों की राशि बकाया है? उसका भुगतान कब तक करा दिया जावेग? क्या पूर्व में भुगतान हेतु शासन द्वारा आश्वासन दिया गया था? आश्वासन की पूर्ति में क्यों विलम्ब किया गया? (ग) उक्त कारखाने में वर्तमान में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा उनको कब से वेतन नहीं दिया गया है? कितनी राशि बकाया है? उन्हें कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नवम्बर 2017 की अनअंकेक्षित स्थिति में किसानों की राशि रू. 80,62,636.00, कर्मचारियों की राशि रूपये 14,00,99,586.00 एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित मुरैना की राशि रूपये 36,43,359.00 बकाया है। (ख) गन्ना उत्पादक किसानों की बकाया राशि का भुगतान किये जाने हेतु कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, 3474 कृषक, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं, जी हाँ, कारखाने की वित्तीय स्थिति दयनीय होने के कारण। (ग) 23 कर्मचारी, वर्ष 2010-11 से। राशि रूपये 81,01,392.00। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
नवीन जलाशय निर्माण
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 753 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2016-17 में किन-किन ग्रामों में नवीन जलाशय निर्माण स्वीकृत किये गये हैं तथा कितनी-कितनी धनराशि से निर्माण किया जायेगा? स्वीकृत राशि, व्यय राशि व शेष राशि सहित निर्माण एजेंसी का नाम व पता सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक बांधों से कितने किलोमीटर नहर निर्माण किया जायेगा? कितने किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया है तथा किन-किन किसानों की जमीन डूब क्षेत्र से प्रभावित हुई है? प्रत्येक किसान का नाम, पिता का नाम, प्रभावित रकबा क्या है तथा कितनी भूमि शासकीय है? प्रत्येक बांध से कितने हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होना प्रस्तावित है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या किसानों को भूमि के बदले भूमि दी गर्इ है? यदि नहीं, दी गई है तो कार्य प्रारंभ करने के पूर्व किस दर से प्रभावितों को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है? प्रत्येक किसान को दी गई मुआवजे की राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। यदि कार्य बिना मुआवजे के भुगतान किये बिना प्रारंभ कर दिया गया है तो ऐसे नियम विरूद्ध कार्य करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2016-17 में बड़ी तुम्मी जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.05.2016 को रू. 197.42 लाख की 75 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 1.20 कि.मी. लम्बी नहर। बड़ी तुम्मी जलाशय के डूब क्षेत्र के 13 किसानों एवं नहर कार्य से प्रभावित 7 किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना प्रतिवेदित है। डूब क्षेत्र से प्रभावित 13 कृषकों की चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुआवजा राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। नहर कार्य में ग्राम बड़ी तुम्मी के 1 कृषक को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है तथा ग्राम छोटी तुम्मी के 6 कृषकों को नहर भूमि का मुआवजा आपसी सहमति के आधार पर देने की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। मुआवजा भुगतान/आपसी सहमति के बिना कार्य प्रारंभ नहीं कराया जाना प्रतिवेदित होने से किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अटेर विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 756 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विगत 5 वर्षों में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड से संबंधित लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण हेतु सार्वजनिक रूप से घोषणा की गई है? (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई उपरोक्त सड़कों के निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? निविदा कब स्वीकृत हुई? एग्रीमेंट कब हुआ? ठेकेदार फर्म का नाम, कितनी अवधि में कार्य पूर्ण होना है एवं लागत आदि की विस्तृत जानकारी दी जाये। (ग) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषित इन सड़कों का समय-सीमा में निर्माण सुनिश्चित होने कि लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार रहेगा? नाम, पदनाम सहित जानकारी दी जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ग) समस्त कार्यों पर कार्यवाही प्रगतिरत है एवं चंबल एक्सप्रेस-वे की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट का कार्य प्रगतिरत् है एवं निर्माण कार्य हेतु कोई एजेन्सी नियुक्त नहीं की गई है। निर्माण कार्य एन.एच.ए.आई. (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भावान्तर योजना में सरसों फसल को शामिल करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 757 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित की गई भावांतर योजना में सरसों की फसल को सम्मिलित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड सहित समूते चम्बल संभाग में सरसों एक मुख्य फसल है, जिससे सरसों की फसल का उत्पादन करने वाले किसान शासन की योजना से लाभान्वित होने से वंचित रहेंगे, ऐसी स्थिति में क्या शासन सरसों की फसल को भावांतर योजना में सम्मिलित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) विधान सभा क्षेत्र अटेर सहित समूचे भिण्ड जिले में बाजरा भी प्रमुख फसल है, क्या भिण्ड जिले में भावांतर योजनान्तर्गत बाजरा खरीदी के मात्र दो केन्द्र भिण्ड व मौ में स्थापित किये गये हैं? यदि हाँ, तो अटेर सहित अन्य क्षेत्रों के किसानों को इन केन्द्रों पर फसल ले जाने हेतु लम्बी दूरी तय करना पड़ेगी जो व्यवहारिक नहीं है, जिसे देखते हुये क्या प्रत्येक तहसील/टप्पा तहसील स्तर पर बाजरा फसल खरीदी के केन्द्र स्थापित किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भावांतर भुगतान योजना प्रदेश में खरीफ 2017 में पायलट आधार पर लागू की गई है, अत: शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) खरीफ 2017 की भावांतर भुगतान योजना में कृषि जिन्स ''बाजरा'' सम्मिलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भावांतर योजना में पंजीयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
84. ( क्र. 761 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक भावांतर योजना के तहत म.प्र. में कुल कितने कृषकों द्वारा पंजीयन कराया गया है व पंजीयन कराये जाने का प्रतिशत क्या है? (ख) हरदा जिले में कितने कृषकों की कितनी व कौन-कौन सी कृषि उपज भावांतर योजना के तहत प्रश्न दिनांक तक विक्रय की गई है व उसका भावांतर मूल्य क्या है? (ग) हरदा जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को भावांतर योजना के तहत शासन द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया गया है। हरदा जिले की कृषि उपज मंडी अनुसार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) भावांतर योजना के संबंध में शासन को कितनी शिकायतें अथवा सुझाव प्राप्त हुये हैं व शासन द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ 2017 की भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत दिनांक 14.11.2017 की स्थिति में कुल 16,21,176 कृषकों द्वारा पंजीयन कराया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र.शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के ज्ञाप दिनांक ''09.11.2017 द्वारा इस योजना के लिये दिनांक 16.10.2017 से 31.10.2017'' की अवधि हेतु घोषित औसत मॉडल (होलसेल) रेट के आधार पर सोयाबीन के लिये रूपये 470 प्रति क्विंटल, मक्का के लिये रूपये 235 प्रति क्विंटल, मूंग के लिये रूपये 1455 प्रति क्विंटल, मूंगफली के लिये रूपये 730 प्रति क्विंटल, उड़द के लिये रूपये 2400 प्रति क्विंटल भावांतर की राशि होती है। (ग) इस योजना में दिनांक 16.10.2017 से 31.10.2017 तक की अवधि में चयनित कृषि जिंसों का मंडी प्रांगण में विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को भावांतर की राशि का भुगतान नवम्बर 2017 मासान्त तक किया जावेगा। तत्पश्चात् प्रश्नागत जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। (घ) भोपाल संभाग अन्तर्गत हरदा जिले में भावांतर भुगतान योजना के संबंध में प्रश्नांकित अवधि में कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है।
नवीन नहर निर्माण
[जल संसाधन]
85. ( क्र. 769 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड के अंतर्गत मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में किसानों की कृषि भूमि सिंचाई हेतु कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्रामों में नहरों की व्यवस्था है? क्षेत्रवार, ग्रामवार जानकारी दी जावे। (ख) क्या मेहगांव क्षेत्र अंतर्गत अमायन क्षेत्र के किसानों की कृषि भूमि की सिंचाई हेतु नवीन नहर निर्माण कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन अमायन क्षेत्र के किसानों की सिंचाई की समस्या को ध्यान में रखते हुए नवीन नहर निर्माण की स्वीकृति देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) एवं (ग) जी
हाँ। मेहगांव
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत
अमायन क्षेत्र
के किसानों की
कृषि भूमि की
सिंचाई हेतु
सिंध (सेवड़ा) बैराज
प्रस्तावित
है। डी.पी.आर.
मुख्य
अभियंता बोधी
कार्यालय में
परीक्षणाधीन
होने से
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होते हैं।
निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 770 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड के अंतर्गत मेहगांव विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत 04 वर्षों में कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये? कार्य का नाम एवं राशिवार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त कार्यों में से आज दिनांक तक कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा कितने कार्य प्रगति पर तथा कितने कार्य अप्रारंभ हैं? कार्यवार जानकारी दी जावे। (ग) क्या विभाग जो कार्य प्रगति पर है तथा जो अप्रारंभ हैं, उन्हें शीघ्र पूर्ण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) से
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार
है।
शासकीय उचित मूल्य दुकान विक्रेताओं को प्रदाय वेतन
[सहकारिता]
87. ( क्र. 773 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उचित मूल्य दुकान विक्रेताओं के लिए प्रति माह वेतन दिए जाने की व्यवस्था है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले में इन विक्रेताओं को प्रदाय किये जा रहे वेतन की जानकारी विकासखण्डवार बैंक शाखावार देवें। (ग) शासकीय उचित मूल्य विक्रेताओं को प्रदाय किये जा रहे वेतन में विसंगतियां है तो क्यों? जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त वेतन विसंगतियों का क्या कारण है? उपरोक्त विसंगतियां कब तक ठीक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता
( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जी हाँ, प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियों के
कर्मचारी
सेवानियम के
अनुसार
कर्मचारियों
को वेतन एवं
भत्ते संस्था
के संचालक
मंडल द्वारा संस्था
की देय भुगतान
क्षमता एवं
अन्य निर्धारित
मापदंडों के
अनुसार
संस्था की
पात्रता के
अंतर्गत दिये
जाने का प्रावधान
होने के कारण।
(घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
पृथक-पृथक
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियों की
आर्थिक
स्थितियां
पृथक-पृथक होने
से
विसंगतियों
का निराकरण
संभव नहीं है।
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
88. ( क्र. 774 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर एवं राहतगढ़ क्षेत्रांतर्गत राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के खरीफ फसल वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किन-किन पटवारी हल्कों में बीमा राशि का वितरण किया गया? (ख) क्या सागर एवं राहतगढ़ क्षेत्र के अधिकांश पटवारी हल्कों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 का वितरण नहीं किया गया है? कई पटवारी हल्कों को फसल बीमा में सम्मिलित नहीं किया गया एवं पटवारी हल्कों के नाम विकासखण्डवार देवें? (ग) यदि उपरोक्त पटवारी हल्कों को फसल बीमा की राशि में सम्मिलित नहीं किया गया है तो इसके लिए विभाग किस को उत्तरदायी मानता है एवं उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत सागर एवं राहतगढ़ तहसील की खरीफ फसल 2015 में बीमा राशि का वितरण की जानकारी एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 में बीमा राशि वितरण की पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत सागर एवं राहतगढ़ क्षेत्र के 6 पटवारी हल्कों में फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर खरीफ 2016 हेतु बीमा दावा देय नहीं है। विकासखण्ड सागर के पटवारी हल्का नं. 69 ग्राम पटकुई एवं विकासखण्ड राहतगढ़ पटवारी हल्का नं. 626 ग्राम राहतगढ़ में अधिसूचित फसलों का रकबा 100 हेक्ट. से कम होने से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 में सम्मिलित नहीं किये गये हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यपालन यंत्रियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 786 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-2013 से आज दिनांक तक मण्डी बोर्ड भोपाल संभाग में पदस्थ कितनी कार्यपालन यंत्रियों को अनियमितताओं की शिकायत के कारण निलंबित किया गया था? (ख) क्या श्री शिव कुमार उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री, भोपाल संभाग को निलंबित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या श्री शिव कुमार, उपाध्याय द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पिटीशन क्रमांक 13608/ 2014 दायर कर स्थगन प्राप्त किया गया था? यदि हाँ, तो मण्डी बोर्ड भोपाल द्वारा बहाल किया गया था कि माननीय न्यायालय का निर्णय बहाली आदेश पर बंधनकारी होगा। (घ) क्या मण्डी बोर्ड भोपाल द्वारा श्री उपाध्याय के विरूद्ध गंभीर अनियमितताओं के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पिटीशन क्रमांक आई.ए.216/2016 दायर कर स्थगन आदेश रिक्त कराने की मांग की गयी थी? यदि हाँ, तो माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 04.02.2016 से स्थगन रिक्त कर दिया गया था। (ड.) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा स्थगन रिक्त करने के पश्चात् भी श्री उपाध्याय को निलंबित नहीं करते हुये उनसे मण्डी बोर्ड जबलपुर संभाग में कार्यपालन यंत्री का कार्य किस नियम से कराया जा रहा है? (च) क्या एक निलंबित कार्यपालन यंत्री से दिनांक 04.02.2016 से दिनांक 16.08.2017 तक कार्य करते हुये दिनांक 16.08.2017 को भूतलक्षीय प्रभाव से निलंबन से बहाल किस नियम के तहत किया गया है एवं क्या शासन के इस प्रकार कोई नियम है? (छ) श्री शिव कुमार उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड तकनीकी संभाग भोपाल में पदस्थ एक कार्यपालन यंत्री को सड़क निर्माण कार्य में उदासीनता के कारण आदेश दिनांक 30.05.2014 से निलंबित किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। श्री शिव कुमार उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री द्वारा माननीय उच्च न्यायलय जबलपुर में रिट पिटीशन क्रमांक 13608/2014 दायर की, माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 19.09.2014 को पारित अंतरिम आदेश से श्री उपाध्याय के निलंबन आदेश दिनांक 30.05.2014 पर स्थगन दिया गया था। माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय बंधनकारी होता है, किंतु ऐसा उल्लेख निलंबन से बहाली आदेश दिनांक 16.08.2017 में शामिल नहीं किया गया। (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पिटीशन क्रमांक आई.ए. नम्बर 216/2016 दायर कर स्थगन रिक्त कराने की मांग की गई जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 04.02.16 को स्थगन रिक्त किया गया था। (ड.) राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम-1998 के विनियम-25 के तहत श्री शिव कुमार उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री को मंडी बोर्ड तकनीकी संभाग जबलपुर में पदस्थ किया गया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन रिक्त किये जाने पर श्री शिव कुमार उपाध्याय, कार्यपानल यंत्री को आदेश दिनांक 16.08.17 द्वारा भूतलक्षी प्रभाव से बाहर कर कार्य की आवश्यकता एवं प्रशासनिक व्यवस्था के तहत मंडी बोर्ड तकनीकी संभाग जबलपुर में कार्यपालन यंत्री के पदीय दायित्वों का कार्य संपादित कराया जा रहा है। (च) मंडी बोर्ड के आदेश क्रमांक 2502 दिनांक 01.10.14 द्वारा श्री शिव कुमार उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री के निलंबन आदेश को निष्प्रभावी किया गया था। इस कारण कार्य की आवश्यकता के तहत तकनीकी संभाग जबलपुर में कार्यपालन यंत्री के पदीय दायित्वों का कार्य संपादित किया गया तथा स्थगन रिक्त होने पर प्रशासकीय व्यवस्था के तहत आदेश दिनांक 16.08.17 द्वारा श्री उपाध्याय को भूतलक्षी प्रभाव से बहाली आदेश जारी किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (छ) श्री शिव कुमार उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री तकनीकी संभाग, जबलपुर के विरूद्ध 04 शिकायतें प्राप्त हुई। प्राप्त शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पन्ना जिले में आवंटित राशि
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 787 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा पन्ना जिले के पवई विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभाग द्वारा किस-किस मद के लिये कब-कब आवंटित की गयी? मदवार, राशिवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितनी-कितनी राशि के किस-किस एजेंसी से क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये वर्षवार, कार्यवार, राशिवार, एजेंसीवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत मेन्टेनेंस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? राशिवार, कार्यवार, वर्षवार जानकारी बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' एवं 'स' अनुसार है।
मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 810 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सचिव, मध्यप्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग के पत्र क्र. F/2810/2016/16/19/यो/2016 भोपाल, दिनांक 13.04.2016 को राजनगर से डुमरा, राजनगर से बछौन, छतरपुर राजनगर विक्रमपुर मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी की गई? पृथक-पृथक आदेश दें? (ख) क्या मेसर्स आई.एल.एण्ड.एफ.एस.लि.प्लाट एन.सी. 22 ब्रादा कुर्ला काम्पलेक्स मुंबई (महा.) द्वारा पेटी पर काम अधिकारियों के माध्यम से दिया गया जिससे कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लग रहे है? (ग) कार्यपूर्ण होने की अवधि 02 वर्ष है लेकिन राजनगर से डुमरा का रोड प्रारंभ नहीं हुआ और विधान सभा प्रश्न क्र. 66, दिनांक 17/07/17 को प्रपत्र (अ) में 03/03/17 को गलत जानकारी विधान सभा में दी गई है? यदि कार्य कराये गये हैं तो कौन-कौन से कराये गये हैं? कार्यवार राशिवार विवरण दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। संबंधित आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उक्त अनुबंध अंतर्गत कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
बानसुजारा से ग्वाल सागर तालाब में पानी का भराव करने हेतु
[जल संसाधन]
92. ( क्र. 820 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वाल सागर तालाब बल्देवगढ़ से किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाता है तथा खेतों में बानसुजारा की नहर के पानी को भेजने का कोई प्रावधान भी नहीं है? क्या किसानों को सिंचाई करने के लिये बानसुजारा की नहर से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाये जाने हेतु उक्त बानसुजारा से ग्वाल सागर तालाब बल्देवगढ़ को नहर से या पानी लिफ्टिंग करके तालाब को भरे जाने की शासन के पास कोई योजना है? यदि हाँ, तो योजना की विस्तारपूर्वक जानकारी उपलब्ध करायें। यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम देवीनगर, जिनागढ़ छारकी, जटेरा, सुजानपुरा, बैसा, राजनगर, वनयानी, वनपुरा, दुर्गानगर, झिनगुंवा, करमासन, डुम्बार, लुहेरा, गनेशपुरा लड़वारी, नारायणपुर अहार, कछयाखेरा आदि ग्रामों का बानसुजारा की नहरों के पानी से किसानों को वंचित कर दिया गया है? (ग) क्या इन ग्रामों को बानसुजारा से ग्वाल सागर तालाब का भराव करके फसलों को पानी दिये जाने की शासन द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो अवगत करायें, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या इन ग्रामों के किसानों की फसलों को पानी दिये जाने की योजना तैयार करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। ग्वाल सागर तालाब बल्देवगढ़ का भूतल बानसुजारा परियोजना की नहर के तल (सी.बी.एल.) से लगभग 35 मीटर ऊंचा होने तथा बांध में अतिरिक्त जल उपलब्ध नहीं होने के कारण बानसुजारा की नहर से पानी उद्वहन कर ग्वाल सागर तालाब को भरने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) बानसुजारा परियोजना की नहरों के प्रारंभिक सर्वेक्षण अनुसार खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम देवीनगर, जिनागढ़, छारकी, जटेरा, सुजानपुरा, वैसा, राजनगर, वनयानी, वनपुरा, दुर्गानगर, झिनगुवां, करमासन, डुम्बार, लुहेरा, गनेशपुरा, लडवारी, नारायणपुरा, अहार, कछयाखेरा की भूमि ऊंचाई पर होने तथा कमाण्ड क्षेत्र के बाहर होने के कारण सिंचाई हेतु पानी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
अनूपपुर वैंकटनगर मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 828 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर वैंकटनगर मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृत कब हुई है? स्वीकृत दिनांक, लागत तथा निविदाकार का नाम भी उल्लेख करें? क्या उक्त सड़क का भूमि पूजन लोक निर्माण मंत्री द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो तिथि बतावें। (ख) क्या उक्त सड़क का कार्य धीमी गति से चल रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। क्या उक्त सड़क का रिवाईज स्टीमेट तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो कितने राशि का तथा उक्त राशि का उपयोग किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कहाँ? सम्पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) उक्त सड़क निर्माण की समय-सीमा क्या है? क्या समय-सीमा पर बनाया जा सकता है या कि पुनरीक्षित प्राक्कलन की प्रत्याशा में लेट किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 19.08.15, को लागत रूपये 5744.18 लाख, मेसर्स तिरूपति बिल्डकॉन। जी हाँ। दिनांक 11.10.15 को। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 17.11.2017 है। कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया जा सकता, कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 08.08.17 को जारी कर दी गई है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्षतिग्रस्त रोडों का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 840 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2017 को ग्वालियर फूलबाग मैदान में भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार के माननीय मंत्रियों द्वारा ग्वालियर जिले के लोक निर्माण विभाग से संबंधित किन-किन रोडों या अन्य निर्माण कार्यों का भूमिपूजन कितनी-कितनी लागत से किस दिनांक को किस-किस मंत्री महोदय, विधायक महोदय की उपस्थिति में किया गया था? लागत राशि स्पष्ट करें। भूमिपूजन दिनांक से किस-किस रोड एवं अन्य निर्माण का प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना निर्माण कार्य हुआ है? उक्त भूमिपूजन किये गये कुछ निर्माण कार्यों का प्रश्न दिनांक तक लगभग 6 माह की अवधि बीत जाने तक टेण्डर ही नहीं हुये है, क्या यह सत्य है? यदि हाँ, तो इतनी जल्दी भूमिपूजन का क्या औचित्य था? ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य हैं जिनके टेण्डर प्रश्न दिनांक तक नहीं हुये है नाम सहित स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा जुलाई 2017 के प्रश्न क्र. 185 दिनांक 17 जुलाई 2017 को भितरवार विधानसभा क्षेत्र की जर्जर रोडों के निर्माण के संबंध में जवाब में बताया गया था कि चीनौर-भितरवार व्हाया करईया मार्ग का निर्माण एन.डी.वी. योजना की ऋण सहायता के अंतर्गत करने हेतु पत्र दिनांक 7/7/2017 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? क्या उक्त दिवस से प्रश्न दिनांक तक आगे की टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो किस एजेन्सी को टेण्डर मिला है? टेण्डर राशि तथा निर्माण पूर्ण करने की अवधि स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार 13 जुलाई 2017 के प्रश्न के अनुसार रोड क्र.-2 को छोड़कर अन्य रोडों क्र.-1 से लगभग 12 तक की क्या-क्या प्रोग्रेस है? प्रत्येक रोडवार अलग-अलग जानकारी स्पष्ट करें? प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा वर्ष 2008 से वर्तमान तक लगातार लगभग प्रत्येक सत्र में एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय, माननीय लोक निर्माण मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियन्ता से पत्रों के माध्यम से एवं स्वयं मिलकर अनुरोध करने के बाद भी उक्त रोडों का निर्माण न कराने का क्या वास्तविक कारण है स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) दिनांक 07.07.2017 से नहीं अपितु दिनांक 22.04.2017 से एन.डी.बी. परियोजना के अंतर्गत बचत की राशि से उक्त मार्ग के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 13.07.2017 नहीं अपितु दिनांक 17.07.2017 के अनुसार मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जांच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 841 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कृषि उपज मण्डी, लश्कर-ग्वालियर, डबरा, भितरवार एवं मोहना में वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 1 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर किस-किस जन प्रतिनिधि या अधिकारी या अन्य की अनुशंसा से कितनी-कितनी लागत से किस-किस यंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के सुपरवीजन में किस-किस एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा निर्माण कराया गया है तथा निर्माण किया जा रहा है? निर्माण कार्य की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? सम्पूर्ण जानकारी प्रत्येक निर्माण कार्य वाईज अलग-अलग स्पष्ट करें। (ख) कृषि उपज, उप-मण्डी मोहना में निर्माणधीन बाउण्ड्रीवॉल/कम्पाउण्डवॉल, एप्रोच डब्ल्यू वी.एम. रोड, कार्यालय भवन एवं आंतरिक डब्ल्यू वी.एम. सड़क का जो निर्माण कराया गया है तथा कराया जा रहा है उसकी गुणवत्ता प्राक्कलन अनुसार सही नहीं है, ऐसा स्थानीय नागरिकों द्वारा प्रश्नकर्ता के क्षेत्र भ्रमण के दौरान शिकायतें की गई हैं। इन निर्माण कार्यों को किस-किस उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के सुपरविजन में कराया जा रहा है? उक्त यंत्री ग्वालियर जिले में किस दिनांक एवं वर्ष से पदस्थ हैं? क्या इतने लम्बे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ यंत्रियों को जिनके द्वारा निर्माण कार्यों में अनियमितता की जा रही है, उनकी जांच कराई जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? क्या लम्बी अवधि से ग्वालियर जिले में पदस्थ इन यंत्रियों को अन्यत्र स्थानांतरण कर इनके द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की जांच कराई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) ग्वालियर जिलें की कृषि उपज मण्डी लश्कर-ग्वालियर, डबरा, भितरवार एवं उपमण्डी मोंहना में वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित उपमण्डी मोंहना में कराये गये तथा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में इस कार्यालय को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कराये गये तथा कराये जा रहे निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री की समय-समय पर लोक निर्माण विभाग ग्वालियर, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग ग्वालियर तथा विभागीय परीक्षण प्रयोगशालों में जाँच कराई गई है। जिसके प्राप्त परीक्षण परिणामों में निर्माण कार्य मानक स्तर के पाये गये है। प्रश्नांकित उपमण्डी के निर्माण कार्यों में संलग्न तकनीकी अमले की पदस्थी अवधि सहित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कार्यों में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। अत: उक्त आधार पर प्रश्नांकित शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बांधों की लाईनिंग का कार्य
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 848 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र मुलताई में वर्ष 2013 से आज दिनांक तक कितने बांधों के लाईनिंग के कार्य किये गये? कार्य का नाम, कार्य पूर्णता दिनांक, लागत, ठेकेदार फर्म का नाम, ठेकेदार को भुगतान की गई राशि की कार्यवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या लाईनिंग के लिये टेंडर की शर्तों के मुताबिक गुणवत्ता परीक्षण लैब यथास्थान बनाई जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रत्येक कार्य की गुणवत्ता परीक्षण लैब के भौतिक सत्यपान से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या प्रत्येक कार्य गुणवत्तापूर्ण किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें कि गुणवत्ता का मापदण्ड क्या है एवं प्रत्येक कार्य की गुणवत्ता को दर्शाने वाले प्रत्येक दस्तावेजों की छायाप्रति देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। दिनांक 01.01.2014 के पूर्व प्रचलित अनुबंधों में गुणवत्ता परीक्षण लैब यथा स्थान पर बनाया जाना आवश्यक नहीं था। कार्यों की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब'अनुसार है। (ग) कार्य गुणवत्ता पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। लाईनिंग कार्य 1:2:4 कांक्रीट से कराए जाने की स्थिति में स्ट्रेंग्थ 150 kg/cm² एवं 1:3:6 कांक्रीट से कराए जाने की स्थिति में स्ट्रेंग्थ 100 kg/cm² के मापदण्ड निर्धारित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मुलताई भैंसदेही मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 849 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्रिज कॉर्पोरेशन विभाग द्वारा मुलताई विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन मुलताई-भैंसदेही मार्ग में अम्भोरा नदी एवं बिसनूर-साईखेड़ा मार्ग पर पारसडोह डूब क्षेत्र में ग्राम गौला के पास ब्रिज बनाये जाना प्रस्तावित है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त दोनों कार्यों को करने के लिये विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही एवं पत्राचार किये गये? प्रत्येक की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये कार्य विभाग द्वारा कब तक प्रारंभ किये जायेंगे? स्पष्ट दिनांक बताएं। (घ) उक्त कार्यों, पारसडोह बांध एवं मुलताई-भैंसदेही मार्ग की प्रगति को देखते हुये अब तक दोनों ब्रिजों के कार्य प्रांरभ हो जाने थे? बिन्दु (क) में दिये कार्यों की देरी के लिये कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अम्भोरा नदी पर पुल निर्माण हेतु प्राक्कलन राशि रूपये 344.28 लाख तैयार एवं ग्राम गौला के पास पुल निर्माण हेतु प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। जल संसाधन विभाग का पत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। (घ) पुल निर्माण हेतु प्राक्कलन बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जीर्ण-शीर्ण पुलियों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 854 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बोरावा भनगांव मार्ग तहसील कसरावद वेदा नदी का पुल, टेमाबेहरामपुरा से सुगर मार्ग तहसील गोगावा वेदा नदी का पुल एवं भुलगांव गोगावा मार्ग तहसील कसरावद कुन्दा नदी पर स्थित उक्त तीनों पुल जीर्ण-शीर्ण एवं रेलिंग विहीन अवस्था में विद्यमान हैं, के मरम्मत एवं रेलिंग कार्य कराये जाने के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लोक निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों को पत्र प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य क्यों नहीं कराये गये? (ख) क्या उक्त पुलों का स्थल निरीक्षण कर स्थानीय ग्रामीणों के आवागमन में होने वाली किसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभागीय स्तर पर निर्माण कार्य शीघ्र कराये जाने की कार्यवाही करने हेतु कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन है हां, तो प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य की स्वीकृति जारी नहीं करने के क्या कारण है? (ग) स्थानीय रहवासियों के आवागमन का सुचारू एवं सुविधाजनक बनाने के लिए उक्त तीनों पुलों की मरम्मत एवं रेलिंग निर्माण कार्य कब तक करा लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मरम्मत हेतु पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, प्रचलित दर सूची में परिवर्तन होने से पुनरीक्षित प्रस्ताव की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
बांध एवं बांध के नहर का सुधार कार्य
[जल संसाधन]
99. ( क्र. 855 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के धामनोद नाला तालाब, अमर बगवा तालाब, डाबरी तालाब, हिरापुर तालाब, दोमाड़ा तालाब, बिलिदड तालाब, ढाबा तालाब एवं सादडबन इन तालाबों के बांध एवं नहर के सुधार कार्य तथा साडली, बारदेवला एवं अम्बादड़ की नहरों का पक्कीकरण करने एवं देवला, कन्ड़गांव, नागरला स्टॉप डेमों की स्वीकृति के प्रस्ताव प्रमुख अभियंता जल संसाधन भोपाल को प्रस्तावित कब-कब प्राप्त हुए? (ख) क्या उपरोक्त प्रस्तावों की स्वीकृति जारी कर दी गई है? हाँ तो कब? नहीं तो क्यों? विलंब के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित प्रस्तावों की अद्यतन स्थिति क्या है? तत्संबंध में जानकारी दें? कब तक उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति जारी कर दी जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाओं के बांध एवं नहर के सुधार कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। साडली तालाब, बारदेवला तालाब एवं अम्बादड़ तालाब की नहरों के पक्कीकरण एवं देवला, कन्नड़गांव एवं नागरला स्टॉप डेम के स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। परिशिष्ट में दर्शायें गये परियोजनाओं के डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिये जाने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
100. ( क्र. 860 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फसल बीमा योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में धार जिले की गंधवानी तहसील क्षेत्र में कितने किसानों का फसल बीमा कराया गया। उक्त किसानों का पटवारी हल्कावार, संख्यावार ब्यौरा उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (क) योजना अनुसार कितने किसानों को उक्त योजनांतर्गत लाभ प्रदान कर कितनी राशि वितरित की गई। तहसीलवार, पटवारी हल्कावार, कृषक संख्यावार ब्यौरा उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2014, रबी वर्ष 2014-15, खरीफ वर्ष 2015 एवं रबी वर्ष 2015-16 तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2016 एवं रबी वर्ष 2016-17 में धार जिले की गंधवानी तहसील क्षेत्र में किसानों के फसल बीमा के पटवारी हल्कावार, संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत किसानों को उक्त योजनांतर्गत लाभ प्रदानकर वितरित राशि की तहसीलवार, पटवारी हल्कावार, कृषक संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भावांतर योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 861 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कुल कितने किसान हैं तथा भावांतर योजना में धार जिले के कितने किसानों का पंजीयन किया गया? उक्त किसानों का ब्लॉकवार, गांववार, संख्यात्मक विवरण उपलब्ध करावें। (ख) भावांतर योजना में कौन-कौन सी फसलों को शामिल किया गया है एवं उनके समर्थन मूल्य क्या-क्या है? (ग) उक्त योजनांतर्गत क्या किसानों को समर्थन मूल्य के आधार पर भुगतान किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) धार जिले में 3,52,790 किसान हैं तथा भावांतर भुगतान योजना अन्तर्गत चयनित आठ फसलों के लिये धार जिले में दिनांक 14.11.2017की स्थिति में कुल 52,904 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। किसानों का केन्द्रवार पंजीयन के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भावांतर भुगतान योजना अन्तर्गत शामिल आठ फसलों के नाम एवं उनके लिये खरीफ 2017 हेतु निर्धारित समर्थन मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत निर्धारित शर्तों के अध्याधीन पंजीकृत किसानों के द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर समर्थन मूल से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (wholesale) विक्रय दर से अधिक हुई तो समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य की अन्तर की राशि भावांतर के रूप में भुगतान योग्य होगी। पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (wholesale) विक्रय दर से कम हुई तो समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर के अन्तर की राशि का लाभ भावांतर के रूप में देय होगा परन्तु किसी उत्पाद का मॉडल (wholesale) विक्रय दर यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर रहे तो उक्त फसल उत्पाद के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जायेगी। यदि किसान द्वारा विक्रय दर न्यूनतम समर्थन दर से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा।
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[सहकारिता]
102. ( क्र. 868 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के किसानों को विगत वर्षों की बीमा राशि अप्राप्त है? यदि हाँ, तो किस-किस समिति/बैंक शाखा में कितने किसानों की कितनी-कितनी राशि कब से लंबित है? लंबित बीमा राशि की समिति/शाखावार जानकारी वर्ष 2014-15 से वर्षवार, समितिवार, पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने किसानों के बीमा दावा के प्रकरण क्षेत्रीय प्रबंधक, कृषि फसल बीमा निगम भोपाल में कब से लंबित हैं? लंबित बीमा राशि के प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 789 दिनांक 23.08.2017 एवं 192 दिनांक 05.05.2017 में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माणाधीन मार्ग के विलंब संबंध में कार्यवाही
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 874 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 582 दिनांक 17.07.17 में वर्णित मार्ग प्रश्न दिनांक तक कितना पूर्ण हो गया है बतावें। अब तक प्रदाय राशि की भी तिथिवार जानकारी देवें। (ख) निर्माणकर्ता फर्म द्वारा उपयोग की गई समस्त खनिज की मात्रा, खनिज नाम सहित बतावें? (ग) मार्ग के गुणवत्ताहीन व विलंब से कार्य होने की शासन कब तक जांच कराएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्न क्र. 582, दिनांक 17.07.2017 में वर्णित मार्ग महिदपुर- पानबिहार- जीवाजी नगर पर डामरीकरण एवं सी.सी. रोड का कार्य, पुल-पुलियाओं सहित पूर्ण हो गया है। नाली निर्माण, पेवर ब्लॉक एवं रोड फर्नीचर के कुछ कार्य शेष होकर प्रगतिरत है। उक्त मार्ग एडीबी पैकेज-‘‘ओ’’ परियोजनान्तर्गत स्वीकृत चार मार्गों में से एक है। पैकेज-‘‘ओ’’ अन्तर्गत अब तक प्रदाय की गई राशि में से महिदपुर-पानबिहार-जीवाजीनगर के कार्य के विरूद्ध प्रदाय की गई राशि की जानकारी कन्सलटेन्ट मेसर्स आईटीएल से प्राप्त की जाकर जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) निर्माणकर्ता फर्म द्वारा उपयोग की गई समस्त खनिज की मात्रा एवं खनिज का नाम विवरण कन्सल्टेंट मेसर्स आई.टी.एल. से प्राप्त कर जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) मार्ग का गुणवत्तापूर्ण निर्माण एडीबी द्वारा अनुमोदित सुपरविज़न क्वालिटी कन्सलटेन्ट की देखरेख में हो रहा है, जिसे समय-समय पर म.प्र. सड़क विकास निगम के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। मार्ग गुणवत्ताहीन न होकर गुणवत्ता युक्त है। कार्य की निर्धारित समयावधि अभी पूर्ण नहीं हुई है। अतः विलम्ब से न होकर समय-सीमा में है। अतः जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ड्रिप अनुदान से लाभांवित हितग्राही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
104. ( क्र. 878 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में सत्र 2016-17 में PMKSY अंतर्गत ड्रिप अनुदान से लाभांवित हितग्राहियों की संख्या बतावें? (ख) उक्त हितग्राहियों को अनुदान किस-किस कंपनी को कब-कब कितनी राशि प्रदान की गई? कृषक नाम, अनुदान राशि दिनांक सहित बतावें। (ग) उक्त हितग्राहियों की अनुदान राशि का कितने प्रतिशत भाग किन कारणों से रोका गया? बाद में यह राशि कब-कब किन कंपनियों को प्रदान की गई? (घ) उक्त हितग्राहियों के प्रपत्र 07 एवं 08 की प्रति देवें? संबंधित ड्रिप कंपनी के बैंक स्टेटमेंट की प्रति भी देवें, जिसमें विभाग ने कृषक अंश जमा होना चेक किया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (श्री सूर्यप्रकाश मीना) : (क) धार जिले में सत्र 2016-17 में PMKSY अंतर्गत 266 हितग्राहियों को ड्रिप से लाभांवित किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) हितग्राहियों के द्वारा सामग्री क्रय कर ली गई थी किन्तु खेत में फसल खड़ी होने के कारण संयंत्र प्रतिस्थापन नहीं किया जा सकता था साथ ही उपलब्ध बजट को व्यय करने के लिये यह निर्णय लिया गया कि 80 प्रतिशत राशि का भुगतान कम्पनी द्वारा सामग्री प्रदायगी उपरांत किया जाकर शेष 20 प्रतिशत राशि का भुगतान संयंत्र प्रतिस्थापन उपरांत किया जाये। हितग्राहियों के यहां संयंत्र स्थापना उपरांत कंपनी की रोकी गई 20 प्रतिशत राशि के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्याज खरीदी में भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
[सहकारिता]
105. ( क्र. 881 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इस वर्ष प्याज खरीदी पर हम्माली, तुलाई एवं भण्डारण की क्या दर शासन ने निर्धारित की है, बतावें? विगत वर्ष की दरें भी पृथक से बतावें? (ख) प्र.क्र. 1289, दिनांक 24.07.2017 में पुस्तकालय में रखी जानकारी में बताया गया कि होशंगाबाद में भण्डारण व्यय 1, 78, 98, 878 = 0 एवं हम्माली तथा तुलाई पर 1, 78, 98, 878 = 0 व्यय हुए? ये भुगतान किन-किन लोगों, फर्मों को किए गए उनके नाम, पते, भुगतान राशि की जानकारी, भुगतान वाउचर की छायाप्रति देवें? (ग) उपरोक्तानुसार जानकारी हरदा में भण्डारण व्यय 93, 25, 348 = 0 एवं हम्माली तथा तुलाई व्यय 93, 25, 348 = 0 के संदर्भ में भी देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार भण्डारण कितने समय के लिये किया गया? भण्डारणकर्ताओं व विभाग के बीच हुए अनुबंधों की प्रमाणित प्रति देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल, उज्जैन, खरगोन, बड़वानी जिलों में प्याज खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
106. ( क्र. 890 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्र.क्र. 1289, दिनांक 24.07.2017 में वर्णित भोपाल, उज्जैन, खरगौन, बड़वानी जिलों में प्याज की हम्माली एवं तुलाई का भुगतान किन-किन को किस दर पर किया गया? जिलावार हम्माल, नाम तुलावरी नाम, भुगतान राशि की जानकारी पता सहित भुगतान वाऊचर की छायाप्रति सहित देवें? (ख) उपरोक्तानुसार भण्डारण के लिये जिन्हें भुगतान किया गया है, उनके नाम, पता, भण्डारण स्थान, भुगतान राशि की जानकारी भुगतान वाऊचर की छायाप्रति सहित जिलावार देवें? कितने समय के लिये भण्डारण किया गया, बतावें? (ग) क्या कारण है कि इस वर्ष प्याज खरीदी की हम्माली की दर 12 रू. क्विंटल निर्धारित है, जबकि विगत वर्ष इससे कई गुना अधिक राशि का भुगतान किया गया? तुलाई भी मंडी दर से कई गुना अधिक दी गई? भण्डारण व्यय भी कई गुना अधिक किया गया, जबकि प्याज सड़ गई? (घ) उपरोक्त फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़वानी जिले में बीमा क्लेम वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
107. ( क्र. 891 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के लिये बड़वानी जिले में कितने किसानों को कितनी बीमा क्लेम राशि प्रदान की गई? पृथक-पृथक जानकारी तहसीलवार देवें। (ख) कितने किसानों को 0 से 1000 रू., 1000 से 2000 रू. एवं 2000 रू. से अधिक राशि का बीमा क्लेम प्रदान किया गया? खरीफ व रबी की पृथक-पृथक जानकारी तहसीलवार बतावें। (ग) रबी 2015 की कितनी बीमा क्लेम राशि बड़वानी जिले में प्रदाय की गई प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जानकारी देवें? (घ) यदि बीमा क्लेम का प्रदाय नहीं किया गया है, तो इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा एवं बीमा क्लेम का वितरण कब तक सुनिश्चित करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 के लिए बड़वानी जिले के किसानों को प्रदान की गयी बीमा क्लेम राशि की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं रबी 2016-17 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) रबी 2015 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू नहीं थी। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत रबी 2015 में बड़वानी जिले के बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनातंर्गत रबी 2015-16 मौसम हेतु बड़वानी जिले में क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान दिनांक 16.08.2017 को किया गया। क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को किया गया है। जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। रबी 2016-17 के दावों का भुगतान प्रक्रियाधीन है।
मूण्डला बांध परियोजना
[जल संसाधन]
108. ( क्र. 895 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में स्वीकृत मूण्डला बांध परियोजना हेतु अधिग्रहित की गई भूमि में से कितने कृषकों को मुआवजा नहीं मिल पाया है? (ख) क्या उक्त नहरों में सी.सी. कार्य हुआ है?यदि हाँ, तो क्या वह कार्य गुणवत्तापूर्ण किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 124 कृषक। (ख) जी हाँ। मूंडला बांध परियोजना की नहरों में संलग्न परिशिष्ट अनुसार लाईनिंग कार्य कराया गया है। जी हाँ। गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है।
ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 896 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2015-2016, 2016-17 तथा 2017-18 में ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम आयोजित किया गया था? यदि हाँ, तो कब से कब तक? (ख) उक्त कार्यक्रम हेतु उक्त अवधि में क्या कृषि विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में कोई किसान रथ आदि चलवाये गये थे? यदि हाँ, तो कब से कब तक? कितनी संख्या में? (ग) उक्त अवधि में रथ हेतु जिन वाहनों का उपयोग किया गया था उनके वाहन का नाम, वाहन मालिक का नाम, पता, उनका पंजीयन क्रमांक तथा किस दर पर लगाया गया था? (घ) क्या उक्त अवधि में उक्त कार्यक्रम हेतु कोई सामग्री भी क्रय की गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सामग्री किस-किस फर्म से किस-किस दर से क्रय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राजगढ़ जिलें में कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम दिनांक 15 अप्रैल से 2 मई 2017 तक आयोजित किया गया था। (ख) जी हाँ, दिनांक 15 अप्रैल से 2 मई 2017 तक किसान रथ चलवाये गये थे, जिनकी कुल संख्या 12 थी। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सागर व रायसेन जिलों में उद्यानिकी विभाग की योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
110. ( क्र. 904 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर एवं रायसेन जिले में उद्यानिकी एवं खाद्य-प्रसंस्करण विभाग की किन-किन योजनाओं में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक योजनावार कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई? विभागीय योजनाओं का लाभ वर्णित अवधि में कितने हितग्राहियों को दिया गया? (ग) उक्त वर्णित अवधि में सागर व रायसेन जिलों में विभागीय योजनाओं से कितने हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ दिये गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
निर्वाचन कार्यवाही
[सहकारिता]
111. ( क्र. 918 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्रमांक 577 दिनांक 17.07.2017 को उत्तर दिया गया था कि निर्वाचन आदेश जारी करने के पूर्व भण्डार के पंजीकृत नाम का कार्यालयीन पंजीयन रजिस्टर से मिलान नहीं किया गया था? तो उक्त पंजीकृत नाम का कार्यालय पंजीयन रजिस्टर से मिलान क्यों नहीं किया गया था? कारण सहित बतायें। उक्त आदेश जारी करने वाले अधिकारी का मूल पद एवं नाम बतायें। (ख) क्या उक्त संस्था का संचालक मण्डल का निर्वाचन शासन के नियमों व निर्देशों के अनुसार किया गया था? यदि हाँ, तो निर्वाचन से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करायें। उक्त संस्था का निर्वाचन अधिकारी का मूल पद एवं नाम बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, भण्डार का निर्वाचन आदेश जारी करने के पूर्व निर्वाचन कक्ष द्वारा पंजीयन रजिस्टर से मिलान नहीं किया गया। चूंकि संस्था अध्यक्ष का आवेदन सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार, बड़ा मलहरा के नाम से आया था, उसी नाम से निर्वाचन कक्ष द्वारा निर्वाचन आदेश प्रस्तुत कर तत्कालीन अधिकारी उप पंजीयक श्री के. पाटनकर द्वारा आदेश जारी किये गये। (ख) भंडार का निर्वाचन वर्ष 2012 में हुआ था। निर्वाचन विषयक कोई न्यायालयीन वाद संज्ञान में नहीं है। निर्वाचन से संबंधित समस्त दस्तावेज सील बन्द करने का प्रावधान है। अतः बिना न्यायालयीन आदेश के उसे खोला जाना संभव नहीं है। उक्त संस्था के निर्वाचन अधिकारी श्री पी.एल. अहिरवार सहकारी निरीक्षक थे। वर्तमान में भण्डार परिसमापन में है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहर निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 976 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र पंधाना की ग्राम बलखड़ से ग्राम सिल्टिया नहर की स्वीकृति हो चुकी है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा स्वीकृति हेतु बार-बार पत्राचार करने पर विभाग द्वारा इस नहर का सर्वे भी करा लिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या इस नहर की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? कब तक स्वीकृति मिलेगी एवं इसका कार्य कब तक प्रारम्भ किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। भगवंतसागर वृहद परियोजना से जनप्रतिनिधियों की मांग अनुसार ग्राम सिल्टिया से बलखड़ तक नहर वृद्धि के प्रस्ताव का सर्वेक्षण पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
तालाब निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
113. ( क्र. 977 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अन्तर्गत ग्राम पाबई का तालाब स्वीकृत हो चुका है या नहीं? (ख) क्या उक्त तालाब की स्वीकृति मिलने पर आस पास के 40 गांवों के किसानों को सिंचाई हेतु एवं आदिवासी ग्रामीणों को पेयजल हेतु पानी मिल सकेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक तालाब का कार्य प्रारम्भ हो जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) ग्राम पाबई के समीप चिन्हित दीवाल लघु सिंचाई परियोजना से तीन ग्रामों की 387 हेक्टे. भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना में पेयजल हेतु प्रावधान नहीं है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
एनीकट निर्माण कार्य में राशि का गबन
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 981 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बुसौल में एनीकट डैम का निर्माण किया गया है? (ख) क्या उक्त कार्य हेतु माननीय पूर्व विधायकों द्वारा विधायक निधि से रूपये ग्यारह लाख, पंद्रह लाख एवं बारह लाख प्रदान किया गया था? (ग) क्या तत्कालीन जरमोहरा बांध के अध्यक्ष द्वारा कुछ कार्य करवाया गया एवं शेष राशि का गबन कर लिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त राशि के गबन किए जाने पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। बुसौल गांव के समीप खपटिहा नाला स्टापडेम का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2009 में किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्य राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी मद से किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) एवं (घ) तत्कालीन संस्था अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2002 में जरमोरा बांध की नहर के मरम्मत कार्य विधायक मद से प्राप्त राशि से कराए गए हैं। राशि का गबन करने का कोई प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों फर्म व कम्पनियों के विरूद्ध कार्यवाही
[जल संसाधन]
115. ( क्र. 983 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा किन-किन ठेकेदारों, फर्मों व कम्पनियों को किन किन कारणों से कालातीत (ब्लैक लिस्टेड) किया गया है? आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) मेन्टेना कम्पनी, वन्दना कन्स्ट्रक्शन कम्पनी, विजय कन्स्ट्रक्शन कम्पनी व अन्य ब्लैक लिस्टेड कम्पनियों को वर्तमान में कौन-कौन से कार्य किस नियम आदेश से दिये गये हैं, कार्यों की सूची आदेश के प्रतियों के साथ देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नियम विरूद्ध कार्यादेश देने एवं कार्य करने के लिए कौन दोषी है, दोषी के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 (1 से 3) अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित वन्दना कन्स्ट्रक्शन कम्पनी को छोड़कर शेष कम्पनियां ब्लैक लिस्टेड नहीं है। कार्यरत कम्पनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है एवं आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (1 से 6) अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार कम्पनियों को दिये गये कार्य नियमानुसार हैं। इसके लिये कोई दोषी नहीं हैं। अत: दण्डात्मक कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
घटिया पॉली
हाऊस निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
1. ( क्र. 2 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 114, दिनांक 17 जुलाई 2017 के संदर्भ में बताएं कि अगस्त, 17 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक विभाग के अधिकारियों, कृषक एवं कम्पनी के बीच कब-कब बैठक करवाकर कृषक की समस्या दूर करने हेतु किस-किस स्तर पर प्रयास किये गये? (ख) उक्त प्रश्न क्रमांक 114 के प्रश्नांश (ख) में बताया गया कि पॉली हाउस निर्माण कम्पनी को कृषक ने स्वयं ने चुना है, क्या इन कम्पनियों की जानकारी विभाग द्वारा कृषक को दी जाती है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इन फर्जी कम्पनियों पर कार्यवाही क्यों नहीं कर कृषकों को न्याय दिलाया जा रहा है? जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन इंदौर संभाग में कितने कृषकों ने किन-किन कम्पनियों के खिलाफ किस-किस कृषि उपकरण पॉली हाउस या अन्य तरह की शिकायत किस-किस दिनांक को की? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त संभाग में कंपनियों के साथ अनियमितता कर फर्जी कम्पनियों को शिकायत के बावजूद बचाया जा रहा यदि नहीं, तो किन-किन कम्पनियों के खिलाफ किस-किस प्रकार की ठोस कार्यवाही उक्त अवधि में कर कृषकों को न्याय दिलाया गया? (घ) प्रदेश में विगत चार वर्ष (जनवरी, 2014 से) में उक्त घटिया निर्माण एवं उपकरण को लेकर कितनी-कितनी कम्पनी को अपात्र घोषित किया गया है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) पॉलीहाउस निर्माण में कृषकों को आ रही समस्या के निराकरण हेतु संचालक उद्यानिकी द्वारा दिनांक 18.07.2017 को पॉलीहाउस निर्माता कंपनियों एवं अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। क्षेत्रीय अधिकारी कृषकों के सतत संपर्क में रहते हैं। समस्या दूर करने हेतु जिला एवं राज्य स्तर पर समन्वय कर निराकरण किया जाता है। (ख) जी हाँ। पंजीकृत कंपनियों की शिकायत सत्य होने पर जाँच उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन अवधि की संभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
परिशिष्ट - ''इकतालीस''
बॉयपास मार्ग एवं सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 16 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगढ़-नयागांव फोरलेन सड़क निर्माण के समय से ही (1) बरगढ़ फंटे से भैंसाना फंटे तक एवं (2) बरगढ़ फंटे से भूतेडा फंटे तक बॉयपास बनाए जाने एवं (1) ग्राम रोजाना से अरनिया पीथा मण्डी मार्ग (2) जावरा शहर से व्हाया ईदगाह-अरनिया पीथा पहुँच मार्ग की मांग लगातार की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या फोर-लेन निर्माण के समय से ही बरगढ़ फंटे से भैंसाना फोरलेन मार्ग अरनिया पीथा मण्डी एवं घनी आबादी का क्षेत्र होने से एक्सीडेंटल जोन होकर लगातार दुर्घटनाएं/ जनहानि बढ़ती जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या ग्रामीण क्षेत्रों का एवं बाहरी तथा अन्य आवागमन, यातायात का दबाव काफी बना रहता है, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ती जाकर यातायात भी अस्तव्यस्त एवं बाधित होकर अनेक कठिनाइयां आ रही है? (घ) अवगत कराएं कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बायपास एवं सड़कों को कब तक स्वीकृति दी जाकर कार्य कब प्रारंभ किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार एवं जावरा शहर में बायपास स्वीकृति के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि लेबड़-नयागांव फोरलेन की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में डी.पी.आर. तैयार करने वाले स्वतंत्र सलाहकार द्वारा किये गये अध्ययन एवं सुझाव अनुसार फोरलेन मार्ग को जावरा शहर के मध्य से निकाले जाने की अनुशंसा की गई है। बायपास मार्ग हेतु वर्तमान में कोई विभागीय कार्य योजना नहीं है।
सुखेड़ा उपमंडी एवं फल, फूल, सब्जी मण्डी कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( क्र. 17 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा कृषि उपज मण्डी समिति अंतर्गत सुखेड़ा उपमंडी एवं खाचरौद नाका फल-फूल मण्डी प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति दी जाकर इन्हें प्रारंभ करने की कार्य योजना पूर्ण कर ली गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त दोनों मण्डियों के कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ किये जाने हेतु भी शासन/विभाग द्वारा डी.पी.आर., ड्राईंग-डिजाईन का कार्य पूर्ण कर वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो खाचरौद नाका फल-फूल, सब्जी मण्डी एवं सुखेड़ा उपमंडी में किस-किस प्रकार के कौन-कौन से कार्यों को सम्मिलित कर किस प्रकार की कार्य योजना बनाई गई है? (घ) साथ ही अवगत कराएं कि उपरोक्त दोनों मण्डियों के कार्यों पर पृथकत: कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर उसके अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किये जाएंगे तथा इन्हें कब पूर्ण कर लिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सुखेड़ा उपमण्डी हेतु शासकीय भूमि की अधिसूचना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी हाँ, खाचरौद नाका फल-फूल मण्डी प्रारम्भ किये जाने की स्वीकृति दी जाकर निविदा आमंत्रित की गई है। (ख) सुखेड़ा उपमण्डी की अधिसूचना जारी होने पर डी.पी.आर. ड्राईंग-डिजाइन तैयार करवाकर वित्तीय स्वीकृति प्राप्त की जावेगी। जी हाँ, खाचरौद नाका फल-फूल मण्डी की डी.पी.आर. ड्राईंग-डिजाइन तैयार कराकर, वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) खाचरौद नाका फल-फूल मण्डी में निम्न कार्यों को सम्मिलित कर कार्य योजना बनाई गई है। जिसमें (1) कव्हर्ड शेड, (2) ट्राली शेड (3) पब्लिक कन्वीनियेन्स, (4) इंट्रेस गेट-3 नग, (5) बाउण्ड्रीवाल, (6) सी.सी.रोड, (7) साइड ड्रेनेज एवं कल्वर्ट, (8) आंतरिक विद्युतीकरण, (9) बाह्य विद्युतीकरण कार्य को निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदाय की गई तथा जन भागीदारी योजना और बी.ओ.टी. आधार पर कराई जाने वाली निम्न कार्य शामिल किये गये है:- कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग युनिट, कलर सार्टेक्स, ग्रेडिंग एवं पैकिंग, वेस्ट डिस्पोजल, वे-ब्रिज एवं सेण्ड्रीशॉप गोदाम। सुखेड़ा उपमण्डी के प्रांगण की अधिसूचना जारी होने के बाद कार्य योजना बनाई जावेगी। (घ) उपमण्डी खाचरौद नाका फल-फूल मण्डी के लिये स्वीकृत डी.पी.आर. अनुसार रू. 987.20 लाख का बजट स्वीकृत होकर निम्नानुसार प्रस्तावित कार्य कराये जावेंगे। (1) कव्हर्ड शेड, (2) ट्राली शेड (3) पब्लिक कन्वीनियेन्स, (4) इंट्रेस गेट-3 नग, (5) बाउण्ड्रीवाल, (6) सी.सी.रोड, (7) साइड ड्रेनेज एवं कल्वर्ट, (8) आंतरिक विद्युतीकरण, (9) बाह्य विद्युतीकरण कार्य जिनकी निविदा आमंत्रित की गई है, स्वीकृति उपरान्त कार्यादेश दिनांक से 15 माह में पूर्ण करा लिया जावेगा। उपमण्डी सुखेड़ा हेतु बजट स्वीकृत नहीं हुआ है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 23 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2015 से आज दिनांक तक किन-किन कार्यों की कितनी-कितनी राशि की स्वीकृतियां प्रदान की गई वर्षवार, पूर्ण जानकारी दें। (ख) आलोट विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कितने कार्य लंबित है? कब तक पूर्ण होंगे? (ग) ताल में कॉलेज भवन एवं आलोट में खेल स्टेडियम के कार्य अब तक प्रारंभ क्यों नहीं हुए? देरी के लिए उत्तरदायी पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं, तो क्यों नहीं.
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय ताल जिला रतलाम निर्माण कार्य का कार्यादेश दिनांक 04.09.2017 को जारी किया जाकर नींव कार्य प्रगति पर है। आलोट में खेल स्टेडियम निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। शेष प्रश्नांश कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
5. ( क्र. 24 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं उज्जैन जिले में वर्ष 2013 (जनवरी) से अक्टूबर 2017 तक विभाग की किन-किन योजनाओं के अंतर्गत, कौन-कौन सी स्वीकृतियां प्रदान की गई? तहसीलवार, मदवार, राशिवार, लाभान्वितों की संख्यावार ब्यौरा दें. (ख) किन-किन योजनाओं के लक्ष्य आलोट सहित रतलाम व उज्जैन जिले की तहसीलों में प्राप्त नहीं किये जा सके? जिलों में सबसे कम लाभान्वितों की तहसील कौन-कौन सी है? योजना लाभ लक्ष्य पूर्ण नहीं करने वालों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) दोनों जिलों के कितने व कौन-कौन से प्रस्ताव 2013 से अब तक शासन को स्वीकृति हेतु भेजे? कितने स्वीकृत हुए व कितने एवं कौन-कौन से प्रस्ताव लंबित हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
अधूरे निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 31 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में पी.आई.यू. एजेंसियों द्वारा खरगोन जिले में कितने निर्माण कार्य कराये गए। इनमें से कितने कार्य अपने स्टीमेट बजट अनुरूप पूर्ण आकार ले पाए तथा कितने कार्य अपने स्टीमेटेड आकार से कम आकार में बने और राशि समाप्त हो गई। निर्माण कार्य का नाम, स्थान व राशि सहित सूची देवें। (ख) उक्त निर्माण कार्यों को किस ठेकेदार द्वारा लिया गया था, स्टीमेट अनुसार कम आकार निर्मित होने का कारण क्या था? (ग) वर्तमान में खरगोन जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य अप्रारंभ, निरस्त, अधूरे, पूर्ण, आंशिक निर्मित एवं प्रगतिरत हैं। (घ) ग्राम पंचायत धूलकोट विकासखण्ड भगवानपुरा में वर्ष 2016 एवं 2017 में निर्मित छात्रावास की नींव की अधिकतम गहराई एवं न्यूनतम गहराई कितनी है। इस छात्रावास की सभी कालम की गहराई भवन के भूतल से कालमवार बतायें। कम गहराई का कारण भी कालमवार बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-2' एवं 'ब', 'ब-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' व 'द' अनुसार है।
अनियमितता पर कार्यवाही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
7. ( क्र. 32 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी संचालनालय द्वारा नेट हाउस/माइक्रोइरीगेशन अनियिमितता संबंधी वर्ष 2016 एवं 2017 में कब-कब एवं किस-किस अधिकारी/कंपनी के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस/कार्यवाही के आदेश जारी किये गये? नाम, पद, स्थान सहित सूची देवें। इन नोटिस/कार्यवाही आदेश की जानकारी देवें। किस-किस अधिकारी का निलंबन का प्रस्ताव भेजा गया है? किस-किस कंपनी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई, इन कंपनियों पर कार्यवाही की वर्तमान कंपनीवार स्थिति बतायें। (ख) उक्त शिकायत/जांच विषयक संबंधित ड्रिप निर्माता कंपनियों एवं किसी भी स्तर पर विभागीय पत्राचार की प्रति देवें। (ग) वर्ष 2017 में ड्रिप निर्माता कंपनियों पर कब-कब किन कारणों से कितनी-कितनी पेनल्टी/किसी भी प्रकार का शुल्क संचालक/संचालनालय स्तर पर जमा कराया गया है। कंपनीवार राशि सहित शुल्क के कारण की सूची देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) वर्ष 2016 एवं 2017 में 13 अधिकारी/कर्मचारियों एवं 45 कंपनियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''द'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
8. ( क्र. 39 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में उद्यानिकी विभाग में जिलाधिकारी के पद पर कौन कब से पदस्थ हैं? इनके कार्यकाल में शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किसानों की सूची, योजना का नाम और प्राप्त राशि या सामान आदि की जानकारी प्रदाय करें। (ख) शासन की उद्यानिकी विकास की कौन–कौन सी योजनायें छतरपुर जिले में लागू हैं? विगत 04 वर्षों में जिले के कितने किसानों को लाभान्वित किया गया? योजना का नाम, लाभार्थी की संख्या सहित क्या– क्या लाभ दिया गया, आदि जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश “ख” के अनुक्रम में विगत 04 वर्षों में छतरपुर जिले में विभाग की विभिन्न योजनाओं हेतु कितना लक्ष्य था? कितनी पूर्ति हुई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जिले में श्री बी.पी. सिंह बघेल दिनांक 18.09.2013 से सहायक संचालक उद्यान के पद पर पदस्थ हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'', ''अ'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित ईशानगर
[सहकारिता]
9. ( क्र. 40 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा ईशानगर जिला छतरपुर में शाखा प्रबंधक के पद पर कौन, कब से पदस्थ है तथा यह पूर्व में कहाँ-कहाँ किस–किस पद पर कब से कब तक पदस्थ रहे? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा ईशानगर जिला छतरपुर से कितनी सहकारी समितियाँ जुड़ी हैं? उनका कार्य क्षेत्र कितना है? कौन–कौन समिति सेवक कार्यरत हैं? (ग) विगत 3 वर्षों में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा ईशानगर जिला छतरपुर एवं उससे जुड़ी समितियों के द्वारा कितने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) श्री विवेक भारती दिनांक 07.02.2017 से पदस्थ है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 06. शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( क्र. 44 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने कृषकों को किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया? योजनान्तर्गत आगर जिले को कितना-कितना बजट कब-कब प्राप्त हुआ एवं इसके विरूद्ध कितने कृषकों एवं किन-किन फर्मों को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 889 दिनांक 10.10.17 द्वारा प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपसंचालक जिला आगर से जानकारी चाही थी? यदि हाँ, तो पत्र के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? पत्र के प्रति उत्तर में कोई पत्र लिखा हो तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत हलधर योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया हैं? भुगतान संबंधी सत्यापित सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के संदर्भ में योजनावार लाभान्वित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? यदि कम्पनी/फर्म को भुगतान किया गया हो तो कब-कब किस-किस कम्पनी/फर्म को कितना-कितना भुगतान किया गया, जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में लाभांवित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। योजनांतर्गत प्राप्त बजट एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अ एवं 2 ब अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। (घ) भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अ अनुसार है।
सिंचाई क्षमता में वृद्धि
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 45 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें/परियोजनायें संचालित एवं प्रगतिरत हैं? कौन-कौन सी परियोजनायें प्रस्तावित हैं एवं किस स्तर पर प्रस्तावों पर कार्यवाही प्रचलित हैं? (ख) म.प्र. में नहरों द्वारा, लिफ्ट ऐरिगेशन द्वारा कितना क्षेत्र सिंचित हो रहा हैं? विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ की तुलना में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रचलित परियोजनाओं से सिंचित क्षेत्र कितना हैं? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं के स्वीकृत होने पर कितना सिंचित क्षेत्र बढ़ने की संभावना है? प्रस्तावित परियोजनाओं की स्वीकृति कब तक होगी? प्रस्तावित परियोजनावार विवरण देवें? क्या लखुन्दर नदी पर स्टाप डेम निर्माण हेतु डी.पी.आर. प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो स्वीकृति किस स्तर पर लंबित है? कार्य की स्वीकृति कब तक होकर कार्य प्रारम्भ होगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 01 मध्यम एवं 21 लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित (निर्मित) हैं। 04 लघु परियोजनाएं प्रगतिरत (निर्माणाधीन) हैं तथा 04 लघु परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में म.प्र. में जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों से एवं लिफ्ट एरिगेशन के माध्यम से रबी 26,51,624 हे., खरीफ 2,51,122 हे. कुल 29,02,746 हे. सिंचाई की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3/4'' अनुसार है। (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 9181 हे. सिंचित क्षेत्र है। योजनाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' में दर्शित है। (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रस्तावित 04 सिंचाई परियोजनाओं के स्वीकृत होने पर सिंचित क्षेत्र में 997 हे. की बढ़ोत्री होगी। शेष प्रश्नांश हेतु विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' में दर्शित है। कार्य की स्वीकृति एवं कार्य प्रारंभ की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रदाय सब्सिडी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
12. ( क्र. 64 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं पर सब्सिडी प्रदान की जाती है, योजनाओं सहित जानकारी देवें। (ख) रतलाम मंदसौर नीमच जिलों में कितने हितग्राहियों को 1 लाख से अधिक की योजनाओं पर कितनी-कितनी सब्सिडी विभाग द्वारा प्रदान की गई? 1 जनवरी 17 से प्रश्न दिनांक तक कि जानकारी हितग्राहियों के नाम सहित देवें। (ग) उक्त कितनी योजनाओं में उक्त अवधि में कितने हितग्राहियों ने खराब उपकरण, खराब पोली हाउस की शिकायत की? इनमें से ऐसी कितनी शिकायतें हैं जिनका निराकरण 1 वर्ष के बाद भी नहीं हो पाया? है, खराब उपकरण प्रदान करने, पॉलीहाउस निर्माण करने वाली कितनी कम्पनियों को उक्त अवधि में म.प्र में प्रतिबंधित किया गया है? (घ) 1 जनवरी 2013 के पश्चात "जैन एरिगेशन कम्पनी" के खिलाफ म. प्र की कुल कितनी शिकायत किस-किस कृषक ने किस-किस कारण के लिए की? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में केवल संरक्षित खेती योजनांतर्गत 10 हितग्राहियों ने खराब उपकरण एवं पॉलीहाउस की शिकायत की है। 1 जनवरी 2017 से 1 वर्ष अभी पूर्ण नहीं हुआ है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। खराब उपकरण, पॉलीहाउस निर्माण करने वाली 04 कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में मात्र एक कृषक श्रीमती रामकन्याबाई शर्मा द्वारा उक्त कंपनी के खिलाफ पॉलीहाउस निर्माण के संबंध में शिकायत की गई थी। विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त पॉलीहाउस का सुधार कार्य उक्त कंपनी से करवाया गया।
कृषकों को कृषि यंत्रों की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 93 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न कृषि यंत्रों के लिये कृषकों का ऑनलाईन पंजीयन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो तहसील चितरंगी अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितने कृषकों का ऑनलाईन पंजीयन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कितने कृषक लाभांवित हुए हैं? (घ) क्या शेष पात्र कृषकों को कृषि यंत्रों के लिये लाभान्वित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) हाँ। पंजीकृत कृषकों को योजना के मार्गदर्शी निर्देशानुसार पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया जावेगा।
अधिग्रहित भूमि का मुआवज़ा
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 94 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी से सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग 75 ई. के निर्माण में तहसील चितरंगी अंतर्गत कुल कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गयी है? उसमें से कितने किसानों को भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मुआवज़ा राशि का वितरण करा दिया गया है और कितने शेष हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में अधिग्रहित भूमि में सभी प्रभावित किसानों का नाम अवार्ड सूची में है? यदि हाँ, तो सूची की प्रति देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग एन.एच.75 तहसील चितरंगी अंतर्गत कुल 14 ग्राम प्रभावित है, 14 ग्राम में 885 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसमें 753 किसानों को मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है। मुआवजा वितरण हेतु 132 कृषक शेष है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
योजनावार आवंटित एवं व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 96 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष २०12-13 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार की किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई? जबलपुर संभाग अंतर्गत कितनी-कितनी राशि जिलों को आवंटित की गई, कितनी-कितनी राशि किन-किन घटकों में व्यय की गई? केन्द्र एवं राज्य सरकार के योजनवार वर्षवार बतावें। (ख) जिले में योजनाओं की शेष राशि का व्यय किन कारणों से नहीं किया जा सका वर्तमान में शेष राशि कितनी है। (ग) बालाघाट जिले को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के अंतर्गत योजनावार आवंटित राशि विधानसभा क्षेत्रवार कितनी-कितनी व्यय की गई? (घ) बालाघाट जिलान्तर्गत आत्मा योजना में जिले को वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक तथा प्राप्त राशि के विरूद्ध वर्षवार एवं घटकवार कितनी-कितनी राशि कहाँ व्यय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
विभागीय योजनाओं में प्राप्त राशि
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 103 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, प्राप्त राशि के विरूद्ध जिलेवार कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के सड़क एवं पुल निर्माण कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई और कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुवासरा व्हाया नाहरगढ़ मार्ग पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 110 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेतु निगम द्वारा सुवासरा व्हाया नाहरगढ़ मार्ग के बीच आने वाली नदी रेतम,आवना, शिवना पर पुल निर्माण किए जाने हेतु सर्वे किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो सर्वे उपरांत क्या कार्यवाही की गई एवं कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? कब तक पूर्ण कार्यवाही की जा कर टेण्डर जारी कर दिए जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, शिवाना नदी पर पुल को छोड़कर। (ख) रेतम नदी पर पुल निर्माण हेतु राशि रूपये 574.30 लाख, आवना नदी पर पुल निर्माण हेतु राशि रूपये 430.96 लाख डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है एवं शिवना नदी पर पुल निर्माण हेतु सर्वेक्षण कराया जाना है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में संभावित तालाब स्टापडेम जलाशय निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 111 ) श्री कैलाश चावला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सिंचाई जिला योजना की बैठक में मनासा विधानसभा क्षेत्र में संभावित तालाब स्टापडेम जलाशय आदि की सूची विधायक मनासा द्वारा पत्र क्रमांक 159 दिनांक 16-04-2016 को कलेक्टर जिला नीमच को भेजी गई थी? (ख) उक्त सूची में उल्लेखित कार्यों का सर्वे कब किया गया है वस्तुस्थिति की अद्यतन क्या जानकारी है? यदि नहीं, तो इन कार्यों का सर्वे कब तक करवा कर कार्य प्रारभ किए जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त सूची में उल्लेखित कार्यों का सर्वे संबंधित विभागों से कराया गया है। अद्यतन जानकारी इस प्रकार है:- 1. जल संसाधन विभाग अंतर्गत बख्तुनी तालाब, नयामालाहेड़ा तालाब, कालिया खो तालाब पगारा तालाब एवं सेमलीईस्तमुरार स्टॉप डेम योजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है तथा डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रगति पर है। 2. ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा प्राप्त सुझावों पर कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। 3. मत्स्य पालन विभाग द्वारा जलाशय आदि का निर्माण नहीं किया जाता है। केवल मत्स्य पालन का कार्य किया जाता है। 4. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मनासा जिला नीमच द्वारा प्राप्त सुझाव पर कार्यवाही की गई तदानुसार ग्राम डांगड़ी नाले पर 05 स्टॉप डेम का निर्माण कार्य पूर्ण, ग्राम बरथुन में नाहरसिंह के खेत के पास स्टॉप डेम का निर्माण कार्य पूर्ण, ग्राम देथल में नाले पर स्टॉपडेम का निर्माण कार्य पूर्ण, ग्राम लसुड़ी आंत्री में रतनलाल रामनाथ के खेत के पास स्टॉपडेम का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी तरह वाटर शेड परियोजना अंतर्गत ग्राम पावटी, दूरगपुरा, चपलाना, बनी, बरखेड़ा, बडकुआ, भदवास, मोया, एवं सेमली इस्तमूरार से स्टॉपडेम का निर्माण कार्य 56 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य वाटरशेड परियोजना अंतर्गत नहीं किया जा सकता।
कृषि सामग्री का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( क्र. 130 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की नीति अनुसार गरीब एवं अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के छोटे कृषकों को प्रतिवर्ष उन्नत बीज एवं दवाइयां व कृषि यंत्र एवं सिंचाई सुविधा के तहत विद्युत/डीजल पम्प, पाईप लाईन आदि अनुदान पर अथवा रियायती दर पर प्रदाय किये जाते हैं? क्या उपरोक्त सामग्री विभागीय ईकाइयों द्वारा निर्मित की जाती हैं, अथवा निर्माता कम्पनियों से क्रय कर वितरित की जाती हैं? यदि क्रय की जाती हैं तो किस स्तर पर कितनी मात्रा में क्रय करने के अधिकार किस स्तर की क्रय समिति को है व क्रय सामग्रियों की दर के निर्धारण व सत्यापन संबंधी क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (ख) धार जिले में वर्ष 2015 से अब तक प्रतिवर्ष दवाइयां व कृषि यंत्र एवं सिंचाई सुविधा के तहत विद्युत/डीजल पम्प, पाईप लाईन रासायनिक खाद बीज आदि सामग्री क्रय हेतु वर्षवार कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया गया? जिले में विभाग द्वारा किस-किस दर पर किन-किन फर्मों से किस आधार पर सामग्रियां क्रय की गई हैं? वर्षवार सामग्री की मात्रा/आर्डर दिये जाने की प्रक्रिया एवं क्रय समिति सदस्य व कार्यवाही विवरण की प्रति के साथ आदेशकर्ता अधिकारी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। विभागीय इकाइयों द्वारा सामग्री निर्मित नहीं की जाती है और न ही कंपनियों से क्रय की जाती है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिले में वर्ष 2015 से अब तक प्राप्त आवंटन एवं मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार एवं दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। विभाग द्वारा निजी फर्मों से सामग्री क्रय नहीं की गई। शासकीय सहकारी संस्था जैसे एम.पी.एग्रो, डी.एम.ओ., एन.एस.सी., म.प्र. राज्य बीज निगम व बीज संघ से पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को अनुदान पर सामग्री उपलब्ध कराई गई है। वर्ष 2015 से अब तक योजनाओं में दिये गये मार्गदर्शी दिशा-निर्देश के अनुसार जिले के उपसंचालक कृषि के द्वारा कार्यवाही की जाती है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
श्योपुर जिला में लोकनिर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 135 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में विभाग द्वारा दिनांक 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से सड़क, पुल, पुलिया, भवन आदि निर्माण कार्य कराये गए? उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि, कार्य प्रारम्भ होने की दिनांक, कार्य पूर्ण होने की दिनांक, निर्माण एजेंसी सहित जानकारी दें? कौन-कौन से कार्य पी.आई.यू. के माध्यम से कराये गए? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कौन-कौन से अपूर्ण एवं कौन-कौन से अप्रारम्भ है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मंत्री जी, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग श्योपुर को विधान सभा क्षेत्र विजयपुर में कौन-कौन से सड़क, पुल, पुलिया, भवन आदि निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु कब-कब पत्र भेजे गए? इनमें से किन-किन कार्यों की डी.पी.आर. कितनी-कितनी राशि की तैयार कर स्वीकृति हेतु कब-कब शासन स्तर पर भेजी गयी? कौन-कौन से कार्य शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि के कब-कब स्वीकृत किये? कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु किस कारण से शासन स्तर पर लंबित हैं? इन्हें कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्रीजी को दिनांक 17.01.17 को पत्र लिख कर टेंटरा-विजयपुर मार्ग व विजयपुर से धोवनी मार्ग के पुनर्नवीनीकरण तथा इन मार्गों की डी.पी.आर. तैयार कराकर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने बाबत् लेख किया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में विजयपुर से धोवनी तक मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने का कार्य मेसर्स लॉयन इंजीनियरिंग कंसलटेंट द्वारा किया जा रहा है फिजिबिलिटी रिपोर्ट का कार्य पूर्ण होने के पश्चात ही प्रस्ताव मय राशि के स्वीकृति हेतु विचार किया जावेगा। अत: चाही गई जानकारी निरंक है। विजयपुर-धोवनी-टेंटरा मार्ग के बी.टी. रिन्युवल कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 11.07.2017 व राशि रू. 571.99 लाख प्रदान की गई है। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है अत: स्वीकृति बाबत प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 75 में पुल/पुलियों तथा डामरीकरण न कराये जाना
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 157 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 75 में सतना-रीवा मार्ग पर माधवगढ़ के आगे कालीबाग की पुलिया छोटी एवं कम ऊंचाई होने से प्रतिवर्ष बरसात में बाढ़ आने से भीषण तबाही होती है? यदि हाँ, तो क्या पूर्व वर्ष में सेना के हेलीकॉप्टर प्रशासन द्वारा बुलाये गए थे एवं बाढ़ में फंसे लोगों को निकाल कर सतना में बने कैम्प में लाया गया था?लेकिन बार-बार बाढ़ आने से भी शासन/प्रशासन द्वारा गंभीरता से क्यों नहीं लिया जाता है? (ख) क्या इसी मार्ग पर सज्जनपुर में बीच बाजार एवं मगरदहा नदी में (गाढ़ी के पास) बनी पुल बहुत ही सकरी एवं अंग्रेजों के ज़माने की है जहां हमेशा जाम लगता है उक्त दोनों पुलियों में आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं लेकिन इन पुलियों का चौड़ीकरण क्यों नहीं कराया जा रहा? (ग) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 75 सतना से पन्ना मार्ग में रैगाँव मोड़ के आगे अंग्रेजों के ज़माने की बनी सकरी पुलिया जीर्ण-क्षीर्ण हालत में है जहां कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है विभाग द्वारा उक्त पुलिया को क्यों नहीं बनवाया जा रहा है? साथ ही सिविल लाइन चौराहे से आगे उमरी सतना तक जहां व्यस्ततम इलाके की जर्जर सड़क क्यों नहीं बनवाई जा रही है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित पुल/पुलियों तथा सड़क मार्ग की मरम्मत सहित कार्य विभाग द्वारा कार्ययोजना में सम्मिलित कर पूर्ण कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रा.रा.क्रं. 75 में सतना-रीवा मार्ग पर माधवगढ़ के आगे कालीबाग की पुलिया छोटी एवं कम ऊँचाई होने से वर्षा ऋतु में आवागमन प्रभावित होता है। जी हाँ। जी हाँ। इस पुलिया के स्थान पर आवश्यकतानुसार नवीन पुलिया का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। (ख) पुल की चौड़ाई कम होने के कारण कभी-कभी जाम की स्थिति निर्मित होती है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा सतना एवं सज्जनपुर बायपास निर्माण पूर्ण करने के पश्चात इस पुल पर यातायात का दबाव कम हो जायेगा। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा उक्त मार्ग में आने वाली वर्तमान पुलिया के स्थान पर नवीन पुलिया बनाया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में निवेशकर्ता के द्वारा अपेक्षित प्रगति न दे पाने के कारण निवेशकर्ता को अनुबंध प्रावधान निरस्तीकरण का नोटिस दिनांक 22.05.2017 को जारी किया गया है। बैंकर द्वारा निवेशकर्ता प्रतिस्थापन की कार्यवाही प्रगति पर। सिविल लाइन चौराहे से आगे उमरी सतना तक का भाग की मरम्मत हेतु कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित कालीबाग की पुलिया की स्वीकृति सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त होने के पश्चात संभव होगा, शेष पुलियों के निर्माण हेतु वित्तीय संसाधन की उपलब्धतानुसार स्वीकृति हेतु विचार किया जा सकेगा। निश्चित तिथि समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमानक खाद एवं बीज का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( क्र. 199 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या, सिवनी विकासखण्ड में अमानक उर्वरक एवं बीज बेचे जाने के संबंध में कृषकों द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही है? जिनका प्रकाशन स्थानीय समाचार पत्रों में भी किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विकासखण्ड सिवनी में सहकारी एवं निजी विक्रेताओं द्वारा अमानक उर्वरक एवं बीज का वितरण किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त माध्यमों से वितरित उर्वरक एवं बीज की गुणवत्ता एवं मानक स्तर की जाँच हेतु विभाग/शासन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा किन-किन सहकारी संस्थाओं एवं निजी व्यवसायियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई वर्षवार बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। किसानों द्वारा अमानक उर्वरक एवं बीज बेचे जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अपितु कुछ स्थानीय समाचार पत्रों द्वारा ऐसी खबर प्रकाशित की गई हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। खरीफ एवं रबी मौसम प्रारंभ होने के पूर्व एक से डेढ़ माह तक आदानों की गुण नियंत्रण हेतु सघन अभियान चलाया जाकर सहकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर, उर्वरक तथा बीज के नमूने लेकर परीक्षण हेतु प्रयोगशाला को भेजे जाते हैं एवं उक्त कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। नमूने अमानक प्राप्त होने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विकासखंड सिवनी में सहकारी एवं निजी विक्रेताओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
23. ( क्र. 200 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनाएं वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु प्रस्तावित हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी की कितनी सिंचाई योजनाओं की डी.पी.ओ. तैयार कर स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या उक्त सिंचाई योजनाओं को इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' एवं ''2'' अनुसार है I
परिशिष्ट - ''सैंतालीस''
भवन रिक्त कराकर बाजार दर से वसूली
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 226 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 जुलाई 2017 के प्रश्न क्रमांक 707 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ, जी हाँ, दिनांक 05.09.2017 को अपरान्ह भारमुक्त किया गया है। (ख) का उत्तर जी हाँ, जी नहीं बाजार दर से किराये की वसूली की जा रही है (ग) का उत्तर समय-सीमा जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा लोक परिसर बेदखली अधिनियम के अंतर्गत सक्षम अधिकारी से पत्राचार किया गया है। अत: कोई दोषी नहीं है। बाजार दर से किराये की वसूली की जा रही है दिया गया है? तो संबंधित उपयंत्री को वर्ष 2014 में भारमुक्त करने के 3 वर्ष तक मकान रिक्त न कराने, बाजार दर से किराया वसूल न करने के लिये निश्चित रूप से दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही न कर बचाने का प्रयास किया जा रहा है? मात्र विभाग द्वारा पत्राचार कर औपचारिक कार्यवाही करने के लिए शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेगा? (ख) संबंधित उपयंत्री से बाजार दर से वसूली की गणना पश्चात् कितनी राशि बनी उसमें से कितनी राशि वसूली गई, क्या संबंधित के वेतन से एक मुश्त वेतन की वसूली की जावेगी। यदि हाँ, तो कब-तक यदि नहीं, तो कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2014 में भारमुक्त करने के तीन वर्ष तक मकान रिक्त न करने पर अनुविभागीय अधिकारी नागौद को लोक परिसर बेदखली अधिनियम के प्रावधानुसार बेदखल कराने हेतु समय-समय पर लेख किया गया है एवं नियमानुसार बाजार दर से किराये की वसूली संबंधित उपयंत्री के वेतन से प्रतिमाह की जा रही है। अतः कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संबंधित उपयंत्री से बाजार दर से वसूली की राशि दिनांक 05/09/2014 से 31/10/2017 तक कुल राशि रू. 1,08,450/- होती है, जिसके विरूद्ध उपयंत्री से रू. 98,035/- की वसूली की जा चुकी है। शेष राशि की वसूली आगामी माह के वेतन से किया जाना है।
क्षतिग्रस्त रोड एवं पुलियां की मरम्मत
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 227 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24 जुलाई 2017 के प्रश्न क्रमांक 2349 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में दिया गया है कि भर्री से सुहावल मार्ग में सतना नदी पर जुझार घाट, स्टाप डेम, कम काजवे का निर्माण कराया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण पश्चात् उक्त संरचना वर्ष 2005-06 में जल संसाधन विभाग द्वारा ग्राम पंचायत सोहोला को हस्तांतरित कर दी जाना प्रतिवेदित है। मरम्मत एवं रख-रखाव का दायित्व ग्राम पंचायत का है। अत: इस विभाग द्वारा कार्यवाही आपेक्षित नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो सोहोला को हस्तांतरित किये गये पत्र की प्रति उपलब्ध कराये तथा जुझार घाट पर स्टाप डेम, कम काजवे के पुनर्निमाण/मरम्मत में राशि व्यय किये जाने हेतु ग्राम पंचायत सक्षम नहीं है क्या? शासन/मरम्मत/पुनर्निमाण का प्राक्कलन तैयार कर व्यय राशि हेतु बजट में राशि स्वीकृत कर निर्माण कराया जाएगा ताकि क्षेत्र के निवासियों का आवागमन सुगम हो सके। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्यवाही कब की तक पूर्ण कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। हस्तांतरण प्रमाण पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित कार्य का नियंत्रण पुनर्निर्माण/मरम्मत इत्यादि पंचायत के नियंत्रणाधीन होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
फीडर नहर तथा लाइनिंग कार्य
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 240 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी को प्रेषित पत्र क्रमांक Q/वि.स./2017 दिनांक 20.06.2017 के परिपालन में टूटी बांयी तट नहर साल्टे जिला बालाघाट से फीडर नहर बनाकर वाराटार में पानी गिराने हेतु सर्वे करने संबंधी जो पत्र लिखा गया था उस पर अब तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) सर्वे संभाग जल संसाधन बालाघाट संभाग के अंतर्गत खराड़ी जलाशय की नहरों में लाइनिंग का कार्य कब तक स्वीकृत कर दिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सर्वेक्षणानुसार ढुटी बांयी तट मुख्य नहर के बेड लेवल से वाराटार जलाशय का बेड लेवल ऊंचा पाये जाने से ढुटी बांयी तट मुख्य नहर से वाराटार जलाशय में जल भराव किया जाना संभव नहीं है। (ख) डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
बंद किये गये भूमि विकास बैंकों के कर्मचारियों का समायोजन
[सहकारिता]
27. ( क्र. 241 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भूमि विकास बैंक बंद करने का निर्णय शासन द्वारा कब लिया गया? आदेश की प्रति संलग्न करें। (ख) बंद किये गये सहकारी संस्थानों के कर्मचारियों के समायोजन के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) बंद किये गये भूमि विकास बैंकों के कर्मचारियों की संख्या जिलेवार देवें। कितने कर्मचारियों का समायोजन अन्य सहकारी संस्थानों में किया गया है तथा कितने शेष हैं? (घ) बंद किये गये विषयांकित बैंक के बचे हुए कर्मचारियों के समायोजन की शासन के पास क्या योजना है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। (घ) बैंकों के शेष बचे कर्मचारियों के संबंध में संबंधित बैंकों के परिसमापकों द्वारा परिसमापन की प्रक्रिया के अंतर्गत निर्णय लिया जाएगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य से अंतर की राशि किसानों के खातों में जमा किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 256 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को उनकी उत्पादित फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रारंभ की गयी भावान्तर योजना के तहत दिनांक 16 अक्टूबर से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रदेश के जिलों की मंडियों में किसानों द्वारा विक्रय की गयी फसल उपरांत उनके विक्रय मूल्य एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान किये जाने हेतु जानकारी मंगाई गयी है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों से क्या-क्या जानकारी प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्न दिनांक तक किसानों द्वारा फसल बेचने के उपरांत कितने किसानों को उनके द्वारा बेची गयी फसल के मूल्य एवं समर्थन मूल्य के अंतर की कितनी-कितनी राशि सरकार द्वारा कितने-कितने किसानों को प्रदाय की गयी? कृपया जिलेवार निम्न प्रारूप अनुसार बतावें जिले का नाम 1.क्र. 2.किसान का नाम व पता 3.बेची गयी फसल का नाम व मात्रा 4.फसल का विक्रय मूल्य 37/1 की पर्ची अनुसार 5.न्यूनतम समर्थन मूल्य से अंतर की राशि 6.भावांतर योजना के तहत किसान को प्रदाय की गयी राशि 7.रिमार्क (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को भ्रमित कर भावांतर योजना इसलिए चालू की है ताकि सरकार को किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदनी पड़े? यदि नहीं, तो किसानों को भावान्तर की राशि का भुगतान कब तक एवं किस प्रकार किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल पर दिनांक 16.10.2017 से पंजीकृत किसानों द्वारा मंडी प्रांगण में चयनित फसलों को विक्रय करने तथा योजना में भावांतर की राशि की गणना के प्रावधान अनुसार अन्य जानकारियां उपलब्ध है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत पंजीकृत किसानों द्वारा मंडी प्रांगण में चयनित फसलों का दिनांक ''16 अक्टूबर 2017 से 31 अक्टूबर 2017'' के मध्य का विक्रय संव्यवहार में भावांतर की राशि की गणना उपरांत नवम्बर मासान्त तक भुगतान किया जायेगा। प्रश्न दिनांक तक योजना प्रावधान अनुरूप कृषकों को भुगतान नहीं किया गया है। अत: शेष प्रारूप अनुसार जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत पंजीकृत किसानों द्वारा दिनांक 16.10.2017 से 31.10.2017 तक मंडी प्रांगण में विक्रय की गई चयनित उपज का पात्राता अनुसार भावांतर की राशि का नवम्बर मासान्त तक भुगतान किया जायेगा। शेष का योजना निर्देश अनुसार भुगतान किया जायेगा।
लघु सिंचाई योजना/तालाब निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
29. ( क्र.
263 ) श्री
नारायण सिंह
पँवार : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजगढ़
जिले की
विधानसभा
क्षेत्र ब्यावरा
में जलसंसाधन
संभाग
नरसिंहगढ़ के
अंतर्गत वर्तमान
में किन-किन
लघु सिंचाई
योजना/तालाब
निर्माण हेतु
प्रस्ताव
शासन स्तर पर
किन कारणों से
कब से लंबित
हैं? (ख)
प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में उक्त
लंबित प्रस्तावों
की स्वीकृति
की अद्यतन
स्थिति क्या
है? क्या
शासन किसानों
को सिंचाई
सुविधा का त्वरित
लाभ प्रदान
करने हेतु उक्त
लंबित प्रस्तावों
की स्वीकृति
प्रदान कर
दि्वतीय
अनुपूरक बजट
प्रस्ताव 2017-18
में प्रावधान
करेगा?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) एवं
(ख) वर्तमान
में शासन स्तर
पर प्रशासकीय
स्वीकृति
हेतु ब्यावरा
विधान सभा
क्षेत्र का
कोई प्रस्ताव
लंबित नहीं
है। अत: शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होते।
नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला की बाउण्ड्रीवाल निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 264 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1786 दिनांक 24 जुलाई 2017 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि नवीन 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक तकनीकी अमले हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं से मंडी प्रांगण से बाहर निर्मित हो रही है उनकी बाउन्ड्रीवाल निर्माण कार्य हेतु मंडी बोर्ड के अंतर्गत वित्त पोषण की कार्यवाही प्रकियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार क्या नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला ब्यावरा में प्रश्न दिनांक तक स्थायी जल एवं विद्युत व्यवस्था करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक स्थायी व्यवस्था कर तकनीकी अमले की पदस्थापना एवं बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य करा दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। नवीन 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक तकनीकी अमले हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी हाँ, नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला जो मंडी प्रांगण से बाहर निर्मित हो रही है, प्रयोगशालाओं की बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य हेतु मंडी बोर्ड के अंतर्गत वित्त पोषण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में जल एवं विद्युत व्यवस्था कराये जाने हेतु प्रदेश के अंतर्गत वस्तु एवं सेवाकर, (जी.एस.टी.) लागू होने से मंडी बोर्ड द्वारा निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई है, जिसमें विद्युत कार्य की निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा जल व्यवस्था हेतु अधिकांश निविदाओं में निविदाकारों के द्वारा भाग नहीं लिये जाने से पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष बाउण्ड्रीवाल की जानकारी प्रश्नांश ''क'' अनुसार है।
सड़कों को बजट में सम्मिलित करना
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 265 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय मुख्य अभियन्ता जबलपुर के पत्र दिनांक 5-8-2014 के परिप्रेक्ष्य में विभागीय पत्र क्र. 3575/5454/2014/19/यो. दिनांक 26/27-8-2014 द्वारा प्रश्नकर्ता को विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के मार्ग आदि के निर्माण की कोई जानकारी उपलब्ध करायी गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में ऐसे कौन से कार्य हैं, जो स्वीकृत, निर्मित, निर्माणाधीन और प्रक्रियाधीन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) सूची के क्रमांक 2 (9) के महानदी पुल से बरहाटोला तक नदी में रिटेनिंगबाल सहित निर्माण का प्राक्कलन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग जबलपुर द्वारा बनवाया जाकर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक करा दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) सूची के प्रश्नांश (ख) कार्यों को छोड़कर शेष कार्य को कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी और आगामी बजट में सम्मिलित कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 26-27/08/2014 नहीं अपितु 28.08.2014 से जानकारी उपलब्ध कराई गई। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृति संबंधी समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र बड़वारा की सड़कों को प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 266 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 22-10-2017 द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के किन्हीं कि.मी. लम्बाई के किन्हीं ग्रामों के मिसिंग लिंक मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु कोई लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 22-10-2017 द्वारा मा. विभागीय मंत्रीजी को किन्हीं संदर्भों का उल्लेख करते हुये किन्हीं मार्गों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु कोई आग्रह किया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने विभागीय कार्यपालन यंत्री को अपने पत्र दिनांक 11-3-2017 द्वारा पुल-पुलिया सहित बछौली एवं बिछिया से कटंगीकला मार्ग निर्माण का प्राक्कलन तैयार करने एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु कोई लेख किया है? (घ) क्या विकासखण्ड कटनी के ग्राम कटंगीकला से कटंगीखुर्द होकर बडेराकला का मार्ग अत्यंत जर्जर है और जिसकी मरम्मत एवं निर्माण तत्काल आवश्यक है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) कार्य कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इस विभाग को प्रश्न में उल्लेखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सोयाबीन खरीदी के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
33. ( क्र. 277 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़, कुरावर, तलेन, बोडा कृषि उपज मण्डी में दिनांक 16.10.2017 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी सोयाबीन की खरीदी की गई है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार दिनांक 16.10.2017 से प्रश्न दिनांक तक खरीदी गई सोयाबीन किस-किस भाव से कितनी-कितनी खरीदी गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राजगढ़ जिले की कृषि उपज मंडी समिति कुरावर, नरसिंहगढ़ तथा उपमंडी तलेन, बोडा में दिनांक 16.10.2017 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई कृषि उपज सोयाबीन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
चिकनी सांकड तथा बल्लीखेडा आंबायडा मार्ग के संबंध में
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 300 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपखण्ड सैलाना अंतर्गत चिकनी-सांकड तथा बल्लीखेडा-आंबायडा मार्ग किसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत हुआ तथा इसकी लागत क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत दोनों सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण किए जाने के लिए क्या समय-सीमा विभाग द्वारा तय की गई थी? क्या तय समय-सीमा में कार्य पूर्ण हो जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) समय-सीमा से कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क) से (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
परिशिष्ट
- ''पचास''
सैलाना विधानसभा अंतर्गत विभागीय योजना का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
35. ( क्र. 301 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि उपज मंडी सैलाना एवं उपमंडी बाजना, राबटी व सरवन के विकास एवं निर्माण कार्य संबंधी कितने प्रस्ताव या आवेदन प्राप्त हुए? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित इन मंडियों में विकास हेतु कोई विशेष कार्य योजना तैयार कर क्षेत्र के आदिवासी कृषकों को लाभ प्रदान कर सकता है? (ग) क्या मंडी समिति सैलाना द्वारा सैलाना मंडी हेतु अतिरिक्त भूमि आवंटन एवं सरवन में भूमि आरक्षित करने हेतु केलक्टर रतलाम को प्रस्ताव दिया है? यदि हाँ, तो इस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश की आर्थिक रूप से कमजोर मण्डियों को बोर्ड निधि एवं मान मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुक्रम में विकास कार्य कराये जाकर आदिवासी कृषकों को लाभ प्रदान किया जाता है। (ग) कृषि उपज मण्डी समिति सैलाना हेतु अतिरिक्त भूमि आवंटन एवं सरवन में भूमि आरक्षित करने हेतु कलेक्टर रतलाम को प्रस्ताव मंडी समिति द्वारा दिया गया है। जिसकी कार्यवाही कलेक्टर रतलाम के कार्यालय में प्रक्रियाधीन है।
जिला योजना समिति की बैठक का पालन प्रतिवेदन
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 306 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर एवं सचिव, जिला योजना समिति विदिशा के द्वारा दिनांक 26-08-17 को जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 10-08-17 का कार्यवाही विवरण जारी किया है? यदि हाँ, तो यह कार्यवाही विवरण लोक निर्माण विभाग विदिशा को किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यवाही विवरण में संबंधित विभागों को बैठक कार्यवाही विवरण का पालन प्रतिवेदन योजना मंडल विदिशा को भेजने के निर्देश है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो लोक निर्माण विभाग विदिशा द्वारा किस-किस बिन्दु का पालन कर प्रतिवेदन योजना मंडल विदिशा को प्रेषित कर संबंधित सदस्य को पालन प्रतिवेदन की सूचना दी गई है तथा किस-किस बिन्दु पर पालन प्रतिवेदन अपेक्षित है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 30.08.2017 को प्राप्त। (ख) जी हाँ। (ग) लोक निर्माण विभाग संभाग विदिशा के पत्र क्रं. 6759 दिनांक 25.09.2017 द्वारा पालन प्रतिवेदन जिला योजना अधिकारी जिला विदिशा को प्रेषित। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पालन प्रतिवेदन एवं कार्यवाही से माननीय सदस्यों को अवगत कराने का दायित्व जिला योजना अधिकारी का है। विभाग से संबंधित पूर्ण पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत, इसके लिये कोई दोषी नहीं है।
परिशिष्ट - ''बावन''
राज्य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों का परिसमापन
[सहकारिता]
37. ( क्र. 307 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 3-3/2012/15-1/ भोपाल दिनांक 21.10.2015 द्वारा राज्य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों का परिसमापन/ कर्मचारियों का सहकारी बैंकों/समितियों में संविलियन एवं बैंकों के कालातीत ऋणों की वसूली हेतु एक मुश्त समझौता योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो आदेश निर्देश की प्रति देवें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो उक्त योजना के तहत विदिशा जिले के जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के किस-किस कर्मचारी का संविलियन किस-किस सहकारी बैंकों/समितियों में किया गया है एवं किस-किस कर्मचारी को एक मुश्त समझौता योजना का लाभ दिया गया है तथा कौन-कौन से कर्मचारी शेष रहे हैं, की जानकारी नामवार, पदवार, बैंकवार देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में शेष रहे कर्मचारियों को आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें भोपाल का पत्र क्रमांक/भूविअ/1/ 2017/0073/389 भोपाल दिनांक 18.08.2017 द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने के आदेश दिए गये हैं। (घ) यदि हाँ, तो शासन की किस नीति के तहत? नीति की प्रति देवें। यदि नहीं, तो नीति विरूद्ध आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए शेष कर्मचारियों का अन्य विभाग ने संविलियन किये जाने के आदेश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। एक मुश्त समझौता योजना का लाभ किसी कर्मचारी को नहीं दिया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) राज्य शासन द्वारा लिये गये प्रशासकीय निर्णय के आधार पर आदेश जारी किये गये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छूटी (मिसिंग लिंक) सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 310 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 46 एवं बरेला क्षेत्रान्तर्गत 38 सड़कें एक दूसरे ग्राम से नहीं जुड़ी हैं? (ख) क्या इन छूटी (मिसिंग लिंक) सड़कों के निर्माण की जवाबदारी लोक निर्माण विभाग की है? (ग) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत प्रश्नांश (क) की सड़कें लोक निर्माण विभाग को निर्माण हेतु हैंडओवर की गई हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत सड़कें बनाई जायेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांश में सड़कों के नाम का उल्लेख नहीं होने से विभाग द्वारा जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश का उत्तर 'क' के अनुसार।
पनागर में न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
39. ( क्र. 311 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की कार्ययोजना में नवीन न्यायालय खोले जाने का प्रावधान किया गया है? जबलपुर जिले की जानकारी देवें। (ख) उक्त कार्य योजना में तहसील मुख्यालय पनागर में न्यायालय खोलने का प्रावधान किया गया है या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक न्यायालय खोलने की घोषणा की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा लागू की गई न्यायालय नीति-2014 के अनुसार निर्धारित मापदंडों के अंतर्गत नवीन न्यायालय खोले जाने का प्रावधान है। जबलपुर जिले के अंतर्गत किसी भी स्थान पर नवीन न्यायालय खोले जाने के प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) तहसील मुख्यालय पनागर के किसी भी श्रेणी का न्यायालय खोले जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कदवाया से ईसागढ़ मुख्य मार्ग का नवीनीकरण
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 318 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कदवाया से ईसागढ़ से मुख्य मार्ग की हालत बहुत खराब है एवं जगह-जगह पर गड्ढे हो गये हैं? यदि हाँ, तो उस मार्ग को नया बनाने पर क्या कोई विचार चल रहा है? (ख) क्या यह सही है कि कदवाया से ईसागढ़ की दूरी 15 किमी. है, कदवाया में पुरात्तव विभाग के अनेक स्तूप एवं माँ बीजासन देवी का बहुत प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर है। जहां लाखों श्रद्धालु प्रतिमाह आते है एवं वहां से झांसी, शिवपुरी, गुना, पिछोर, चंदेरी आदि के रास्ते गये हुये हैं, जिससे 24 घंटे वाहनों का आवागमन रहता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इस रोड के नवीनीकरण एवं चौड़ीकरण पर कोई विचार चल रहा है? यदि हाँ, तो प्रशासनिक स्वीकृति कव तक प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, जी हाँ। जी हाँ, जी हाँ। (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं है शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई योजनाओं/जलाशयों का निर्माण
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 338 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिंचाई योजनायें क्र. 01 झूलनदेव जलाशय ग्राम गाजनडोह क्र. 02 घटामाली (देवरानी दाई) स्टॉप डेम जलाशयों की शासन द्वारा साध्यता प्राप्त हो चुकी है परंतु फिर भी विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उपरोक्त दोनों सिंचाई योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा रहा है, इसका क्या कारण है? (ख) उपरोक्त दोनों सिंचाई योजनाओं के जलाशयों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2017-18 में कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर प्रस्तावित किये गये हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) झुलनदेव जलाशय की साध्यता स्वीकृति दिनांक 31.05.2017 को दी गई है। सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होकर डी.पी.आर. तैयार किया जा रहा है। घाटामाली (देवरानी दाई) स्टॉप डेम की साध्यता दिनांक 18.10.2016 को प्रदाय की गई। सर्वेक्षण उपरांत मुख्य अभियंता, बैनगंगा कछार, सिवनी, द्वारा डी.पी.आर. दिनांक 22.09.2017 को प्रमुख अभियंता कार्यालय में प्रस्तुत होकर परीक्षणाधीन है। परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं होने से कार्य प्रारंभ किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 339 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017 अप्रैल तक कौन-कौन से निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं और कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण हैं एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है? सम्पूर्ण स्वीकृत निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों को क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा समय-सीमा में पूर्ण कराया जा रहा है? अगर नहीं कराया जा रहा है तो इसका क्या कारण है और कौन-कौन से अधिकारी इसके लिए दोषी है? (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में परासिया विधान सभा क्षेत्र के लिए कौन-कौन से निर्माण कार्यों को स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा प्रस्तावित किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बैतूल-सारणी-परासिया (राज्य रा.मार्ग क्रं.-43) लंबाई 124.10 कि.मी. (बी.ओ.टी.+एन्यूटी) योजना अंतर्गत प्रदान की गई। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) बैतूल-सारणी-परासिया मार्ग दिनांक 11.11.2015 को पूर्ण किया जा चुका है। वन क्षेत्र के कि.मी. 70+500 से 80+200 (4.78 कि.मी.) का कार्य अपूर्ण है। कि.मी. 4.78 के लिए वन विभाग टाईगर कोरिडोर के अंतर्गत आने से अनापत्ति पत्र जारी होना अपेक्षित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। बैतूल-सारणी-परासिया के शेष 4.78 कि.मी. का कार्य वन विभाग द्वारा स्वीकृति न मिलने के कारण नहीं हो पाया है। विभाग का कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' अनुसार है।
मार्ग निर्माण में विलंब
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 358 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग भिण्ड द्वारा चन्दूपुरा से गोपालपुरा ढोचरा मार्ग लंबाई 2.20 कि.मी. राशि 131.35 लाख दिनांक 29.07.2016 को स्वीकृत की गई? अभी तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या कार्यादेश 7452-53 दिनांक 21.12.2016 जारी किया गया है कार्य पूर्ण करने की अवधि 20.12.2017 है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण और परीक्षण किया गया? प्रतिवेदन की छायप्रति सहित जानकारी दें। (घ) क्या कार्य की गति धीमी है जिसके कारण समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हो रहे हैं इसके लिए कौन उत्तरदायी है क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। 32.58 प्रतिशत। (ख) जी हाँ। (ग) कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग भिण्ड द्वारा दिनांक 15.09.2017। निरीक्षण टीप संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्य प्रगति धीमी होने के लिये ठेकेदार को दिनांक 08.03.2017 एवं दिनांक 29.07.2017 को नोटिस जारी किया गया है। अनुबंध के प्रावधानुसार मार्ग निर्माण की समानुपातिक प्रगति नहीं दिये जाने के कारण ठेकेदार के देयक से क्षतिपूर्ति राशि रोकी जावेगी।
परिशिष्ट - ''चौवन''
धरई-भिण्ड-चरथर एल थ्री नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 359 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग भिण्ड में धरई-भिण्ड-चरथर नहर एल थ्री निर्माण हेतु दस करोड़ छत्तीस लाख रू. स्वीकृत किए गए है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या नहर निर्माण के लिए विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है? इसके क्या कारण हैं, इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक एवं क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसानों के हितों में सिंचाई की सुविधा के लिए नहर निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? (घ) भिण्ड जिले के अंतर्गत कौन सी नहर में मरम्मत का कार्य विगत तीन वर्षों में करवाया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, रू.1026.10 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 25.01.2016 को दी गई। कार्य के साथ नगर-पालिका भिण्ड को नहर के दोनों ओर नाली का निर्माण करना था। नगर-पालिका द्वारा यह कार्य नहीं किया गया। इस कारण विभाग द्वारा आमंत्रित निविदा निरस्त की गई। कार्य का प्राक्कलन यू.सी.एस.आर.-2016 की दरों पर पुनरीक्षित किए जाने पर लागत रू.1342.53 लाख आने के कारण प्रस्ताव से लाभ की तुलना में लागत अधिक आने के कारण प्रस्ताव स्थगित किया गया। (ख) एवं (ग) विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही शेष नहीं है। जब तक नगर-पालिका द्वारा दोनों ओर की नाली का निर्माण नहीं किया जाता है तब तक कार्यवाही स्थगित होने से समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। किसी के दोषी होने से किसी कार्यवाही की स्थिति नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''पचपन''
माध्यम द्वारा व्यक्तियों/फर्मों को आवंटित कार्य
[जनसंपर्क]
45. ( क्र. 368 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यम एवं जनसम्पर्क विभाग के कार्य में क्या-क्या भिन्नता है? यदि दोनों के अधिकांश कार्य समरूप है तो फिर माध्यम का गठन क्यों किया गया? माध्यम शासकीय उपक्रम की श्रेणी में आने के बावजूद क्या बिना टेण्डर निकाले स्वीकृत दर पर कार्य का आवंटन कर रहा है? उस नियम की विस्तृत जानकारी कानूनी टीप सहित देवें। (ख) माध्यम द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में अक्टूबर 2017 तक प्रचार प्रसार के जो-जो कार्य किये गये है उनका प्रकार, कार्य की अवधि, भुगतान की स्थिति एवं भुगतान का प्रकार टेण्डर या स्वीकृत दर की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित किस-किस कार्य का आदेश किस-किस विभाग द्वारा किस दिनांक को किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माध्यम एवं जनसंपर्क विभाग के कार्यों में सामान्य रूप से एकरूपता है। माध्यम जनसंपर्क की विशेषज्ञ एजेन्सी के रूप में कार्य करता है। प्रोफेशनल दृष्टि से कार्य के लिए शासन द्वारा माध्यम का गठन किया गया है। माध्यम शासकीय विभागों के अनुरूप टेण्डर के आधार पर ही कार्य करता है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों को बीजों का वितरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
46. ( क्र. 381 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा ग्वालियर संभाग में 01 अप्रैल 2015 के उपरांत किसानों को कब-कब, कौन-कौन से बीजों का वितरण किया गया? उक्त बीजों को विभाग में किसके द्वारा सप्लाई दी गई वर्षवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) कितनी-कितनी मात्रा में किस-किस फर्म द्वारा किस-किस दर से कौन-कौन से बीज सप्लाई की गई, प्राप्त बीजों की किस लैब में किस अधिकारी द्वारा गुणवत्ता की जांच की गई, उनके जांच प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) उक्त बीज का कितनी-कितनी मात्रा में कितने किसान को वितरण किया गया जिलावार/विकासखण्डवार कृषक संख्यावार/बीज के प्रकार सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या गुणवत्ताविहीन खराब क्वालिटी का बीज अधिकारियों द्वारा फर्जी रिपोर्ट बनाकर क्रय कर किसानों को वितरित किया? शासन के द्वारा किसानों को दी जाने वाली लाभकारी योजना को अलाभकारी बताया गया जिससे किसानों को खेतों में मुनाफा नहीं हो सका? यदि नहीं, तो क्या सम्पूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष जांच करा ली जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। प्रदायकर्ता फर्मों द्वारा बीज की गुणवत्ता की जाँच उपरांत ही प्रमाण पत्र सहित बीज प्रदाय किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण प्रयुक्त सामग्री
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 383 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेंवढ़ा तहसील अंतर्गत आने वाले भगुवापुरा-आलमपुर मार्ग कितनी लागत से किस निर्माण एजेंसी द्वारा बनाया जा रहा है? कार्य के एस्टीमेट प्रोजेक्ट रिपोर्ट, निर्माण एजेंसी के एग्रीमेंट की छायाप्रति सहित जानकारी दी जाये? (ख) उक्त रोड के निर्माण में कितनी मिट्टी, कितनी (मात्रा) मुरम, कितना बजरा, कितनी डस्ट, कितनी गिट्टी का उपयोग किया गया? ये कहाँ से उठाई गई? (ग) उक्त रोड के निरीक्षण हेतु किस उपयंत्री की ड्यूटी किस सब डिवीजन से लगाई गई है? सब इंजी. का नाम एवं पदस्थी स्थल की जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) क्या भाण्डेर सब डिवीजन के कार्य में दतिया सब डिवीजन के इंजीनियर की ड्यूटी लगाई गई? यदि हाँ, तो क्यों? क्या भाण्डेर सब डिवीजन में कोई उपयंत्री नहीं है या ठेकेदार के मन माफिक नहीं था? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या दतिया सब डिवीजन के इंजीनियर को वापिस कर भाण्डेर सब डिवीजन के इंजीनियर को नियुक्त करने के निर्देश देवेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के स्तंभ 9, 10, 11, 12, 13 एवं 14 में उल्लेखनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
जानकारी उपलब्ध कराने बाबत्
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
48. ( क्र. 413 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3493 दिनांक 09.03.2017 द्वारा मध्यप्रदेश के समस्त जिलों के साथ-साथ रीवा जिले को पैक हाउस, पाली हाउस, नेट हाउस, प्लाज भण्डार विभिन्न योजनाओं से अनुदान प्रदान कर बनवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में रीवा जिले को वर्गवार, योजनावार, प्राप्त लक्ष्य एवं आवंटन की जानकारी प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो रीवा जिले को विभिन्न योजनाओं के वर्गवार प्राप्त लक्ष्य से प्रत्येक ब्लॉक को विभाग द्वारा पृथक-पृथक लक्ष्य निर्धारित किया गया था? यदि हाँ, तो लक्ष्य की पृथक-पृथक ब्लॉकवार जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा निर्धारण का आदेश नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध प्राप्त आवंटन पर वितरण की जानकारी क्षेत्रफल वर्गवार, योजनावार वर्षवार, ब्लॉकवार, ग्रामवार, नाम, पिता का नाम, संपूर्ण पता राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में ऑनलाईन किये गये आवेदकों की जानकारी प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक की भौतिक स्थिति संपूर्ण लागत अनुदान के भुगतान की राशि एवं दिनांक तथा अनुदान के भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति का विवरण उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। (ख) लक्ष्य जिला स्तर से ब्लॉकवार आवंटित किया गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -04 के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
सिंचाई परियोजना को स्वीकृति बाबत् कार्यवाही
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 423 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 में प्रस्तावित कैलाशपुर माइक्रो सिंचाई (सूक्ष्म दबाब) परियोजना के क्रियान्वयन के कार्य हेतु डी.पी.आर. तैयार कर लिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव जल संसाधन भोपाल द्वारा अर्धशासकीय पत्र क्रमांक एफ./15/2/17/31 भोपाल दिनांक 19.06.2017 से प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग लखनऊ को पत्र लिखा गया है कि अदवा नाले पर पिकपवियर बनाकर बाणसागर परियोजना से प्रवाहित 46 क्यूसेक जल में से 6.3 क्यूसेक जल उद्वहन कर सिंचाई की प्रतिपूर्ति मध्यप्रदेश राज्य द्वारा अपने हिस्से से उत्तर प्रदेश की उसी नहर के माध्यम से की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में क्या पत्राचार किया गया? पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि नहीं, तो क्या पुन: मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग द्वारा स्मरण पत्र जारी किया गया? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या स्मरण पत्र जारी किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यो कारण स्पष्ट करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) कैलाशपुर माइक्रो सिंचाई परियोजना की पी.एफ.आर. तैयार की गई है। जी हाँ। उत्तर प्रदेश सरकार को लिखे गये पत्र तथा स्मरण पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
परिशिष्ट - ''छप्पन''
तालाब की स्वीकृति
[जल संसाधन]
50. ( क्र. 424 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 214 एवं 122 के विभागीय टीप में विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में स्थित बौलिहा तालाब का प्रस्तावित स्थल अटारी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में आता है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो अटारी परियोजना का जलग्रहण क्षेत्र 11.40 वर्ग किलोमीटर के सापेक्ष 75 प्रतिशत पानी की आवक 2.68 मिली घनमीटर आंकलित है? जिसमें से 2.63 मिली. घनमीटर पानी का भंडारण किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 222 दिनांक 14.04.2016 पर मुख्य अभियंता, गंगा कछार जल संसाधन विभाग रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 4432 दिनांक 23.04.2016 द्वारा उपरोक्त बांध को प्राथमिकता क्रम में पूर्ण कराने की व्यवस्था हेतु पत्र कार्यपालन यंत्री बाणसागर अपरपूर्वा नहर संभाग रीवा को लिखा गया था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक की, की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अटारी तालाब में 2.546 मिघमी. जल संग्रहित किया जाता है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। तालाब का बेसिन सर्वेक्षण पूर्ण। कार्यपालन यंत्री द्वारा साध्यता परीक्षण किया जाना प्रतिवेदित है।
लापरवाह अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 425 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय मत्स्योद्योग मध्यप्रदेश द्वारा सेंट्रल सर्वर के माध्यम से आयुक्त कोष एवं लेखा पर्यावास भवन भोपाल को राशि आवंटन किया जाकर प्रतिलिपि पृष्ठांकित क्रमांक/3414/मा/ बजट/भोपाल दिनांक 05.12.2014 को रूपये 25.68 लाख एवं पृष्ठां.क्र. 4417/मां/बजट/भोपाल दिनांक 11.02.2015 को रूपये 04.12 लाख रूपये जारी कर प्रतिलिपि के क्रमांक 02 में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग रीवा को डी.डी.ओ. कोड सहित विवरण देकर बी.सी.ओ. कोड-3104-कमिश्नर कमांड एरिया डेवलपमेंट विभाग से आवंटन की पुष्टि कर अवगत कराने का लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या इसकी पुष्टि की गई थी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? पुष्टि नहीं करने के लिये क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारी को चिन्हित किया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, चिन्हित किया गया तो क्यों? चिन्हित किया जावेगा तो कब तक? नहीं चिन्हित किया जावेगा तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में पुष्टि की गई? यदि हाँ, तो आवंटन प्राप्त नहीं होने की जानकारी संबंधित को दी गई? यदि हाँ, तो पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रश्नांकित पत्र दिनांक 05.12.2014 कमिश्नर, कमाण्ड एरिया डेव्हलपमेंट के कार्यालय में दिनांक 31.12.2014 को प्राप्त हुआ। पत्र में उल्लेखित राशि तृतीय त्रैमास की समाप्ति के अंतिम दिनांक 31.12.2014 को प्राप्त होने से राशि संबंधित डी.डी.ओ. को आवंटित नहीं हो सकी। अत: आयुक्त के पत्र दिनांक 13.01.2015 द्वारा संचालक, मत्स्योद्योग से अनुरोध किया गया कि प्रश्नांकित राशि चतुर्थ त्रैमास में उपलब्ध कराई जावे। इसके उपरांत संचालक, मत्स्योद्योग द्वारा किसी भी प्रकार का पत्राचार विभाग से नहीं किया गया। इसी प्रकार पत्र दिनांक 11.02.2015, कमिश्नर कमाण्ड ऐरिया डेव्हलपमेंट के कार्यालय में प्राप्त होने पर पाया गया कि आवंटन पत्र में त्रुटिपूर्ण बी.सी.ओ. कोड 3102 अंकित था। कमिश्नर काडा का सही बी.सी.ओ. कोड-3104 है। संचालनालय मत्सयोद्योग म.प्र. के पत्र दिनांक 18.03.2015 द्वारा आयुक्त, कोष एवं लेखा से आवंटन कोड 3102 से 3104 किए जाने का अनुरोध किया गया। इसकी पुष्टि आयुक्त कोष एवं लेखा से कमिश्नर काडा को प्राप्त न होने के कारण तथा चतुर्थ त्रैमास 31.03.2015 को समाप्त हो जाने के कारण कोई कार्यवाही संभव नहीं हो सकी। पत्राचार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''1/2/3 एवं 4'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
बांध निर्माण के संबंध में
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 429 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रीष्म के मौसम में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के मुंगवानी, गोरखपुर, ऊसरी, सिवनीबंधा आदि क्षेत्रों में पानी की समस्या आती है? यदि हाँ, तो यहां पानी की समस्या से निजात दिलवाये जाने हेतु शासन की क्या कार्य योजना है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत कोदरास कला के ग्राम बुढैना के पास कुढारी नामक स्थान पर माछा नदी पर बांध निर्माण हेतु पत्राचार किया गया था यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्रीष्म के मौसम में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभागीय तालाबों से सिंचाई हेतु जल की कोई मांग नहीं होती है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। खैरीमाता (बुढैना) बांध के डी.पी.आर. हेतु साध्यता स्वीकृति दिनांक 26.07.2017 को प्रदान कर दी गई है।
विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 431 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत किये गये? सूची प्रदान करें। स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण हैं सूची प्रदान करें। जो कार्य अपूर्ण हैं उनकी अपूर्णता का कारण स्पष्ट करें। (ख) पी.आई.यू. द्वारा विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में दिसम्बर 2013 से वर्तमान तक कितने निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं/कराये गये की स्वीकृति दिनांक, राशि, ठेकेदार का नाम, कार्यपूर्ण किये जाने का दिनांक सहित सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जो कार्य कराये जा रहे हैं, उनमें से कितने, कौन-कौन से अधूरे एवं कितने पूर्ण हो चुके हैं? समय-सीमा पूर्ण हो जाने के उपरांत भी जो कार्य अपूर्ण हें उनके पूर्ण न होने का कारण स्पष्ट करें? कार्य पूर्ण न किये जाने के लिए जवाबदेह ठेकेदार/अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन गोटेगांव से कुण्डा सी.सी. रोड के प्राक्कलन की प्रतिलिपि प्रदान करें, साथ ही बतावें कि उक्त कार्य के पूर्ण होने की समय-सीमा क्या थी ? क्या कार्य समय-सीमा में पूर्ण कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा जवाबदेह ठेकेदार/अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 09.12.2017 है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
न्यायालय स्थापना की स्वीकृति
[विधि और विधायी कार्य]
54. ( क्र. 450 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर तहसील में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक एवं आदेश की जानकारी तथा न्यायालय संचालन हेतु किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है तथा प्रश्न दिनांक तक संचालन की अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी जाए।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क) जी हाँ। (ख) म.प्र.
शासन,
विधि और
विधायी कार्य
विभाग, भोपाल के
पत्र दिनांक 1-3-2012/ 21-ब
(एक) 4704, दिनांक
22.12.2016
एवं म.प्र.
राजपत्र
दिनांक 16.12.2016 में
प्रकाशित
अधिसूचना के
अनुसार अपर
जिला एवं सत्र
न्यायाधीश का
पद स्वीकृत
है। जिला एवं
सत्र
न्यायाधीश, शहडोल
के अनुसार
न्यायालय
संचालन हेतु
कोई राशि
आवंटित नहीं
है। अपर जिला
एवं सत्र
न्यायाधीश के
न्यायालय
संचालन हेतु
अध्यक्ष, अधिवक्ता
संघ, जयसिंहनगर
के पत्र
दिनांक 26.10.2017 के
अनुसार
व्यवस्था की
जा रही है।
जी हाँ।
विभाग को आवंटित एवं व्यय राशि
[जनसंपर्क]
55. ( क्र. 451 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में जनसंपर्क विभाग को राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गई है और उक्त आवंटन से किस-किस कार्य के लिये कितना-कितना व्यय किया गया है? कार्यवार व्यय प्रक्रिया सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''सत्तावन''
सिंचित भूमि का मुआवजा भुगतान
[जल संसाधन]
56. ( क्र. 459 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील मैहर अंतर्गत ग्राम जोबा निवासी जगानु साकेत पिता श्री रामजियावन साकेत की ग्राम बंदरिया स्थित आराजी नं.132/3 रकवा 0.596 हे. को म.प्र. शासन द्वारा अधियारी सागर बाँध एवं नहर योजना हेतु अधिग्रहित कर असिंचित भूमि मानते हुए 1,87,441 रूपये निर्धारित कर अवार्ड पारित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या अधिग्रहित भूमि सिंचित एवं दो फसली होने के कारण अवार्ड असिंचित भूमि मानते हुए मुआवजा बनाये जाने पर न्यायालय प्रथम अपर जिला न्यायाधीश मैहर जिला सतना के यहाँ अपील करने पर एम.जे.सी.प्र.क्र.-37/2015 पर दिनांक 11/05/2016 को पारित आदेश में 1,87,441 रूपये प्रतिकर और उस पर अवार्ड दिनांक से एक वर्ष तक 9% और उसके बाद से भुगतान दिनांक तक 15% वार्षिक साधारण ब्याज सहित भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं? (ग) क्या संबंधित जन द्वारा न्यायालय के पारित निर्णय की प्रति अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 22/09/16 को भू-अर्जन अधिकारी सतना के कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया गया था एवं आवेदक द्वारा भी पुनः अपने पत्र दिनांक 25/03/2017 को आवेदन पत्र के साथ निर्णय की प्रति भू-अर्जन अधिकारी के कार्यालय में जमा करने के बावजूद भी आज दिनांक तक मुआवजा भुगतान क्यों नहीं किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। जी हाँ। मा. न्यायालय के निर्णय पर शासकीय अधिवक्ता का अभिमत दिनांक 13.12.2016 को प्राप्त हुआ। भू-अर्जन अधिकारी द्वारा दिनांक 18.09.2017 को कार्यपालन यंत्री, सतना से रू. 2,72,370.00 राशि की मांग की गई। आवश्यक आवंटन उपलब्ध होने पर भू-अर्जन अधिकारी द्वारा दिनांक 16.11.2017 को भुगतान हेतु संबंधित को बुलाये जाने पर जानकारी प्राप्त हुई है कि भूमि स्वामी की मृत्यु हो चुकी है। इनके वारिसान का निर्धारण होने के उपरांत ही भुगतान संभव हो सकेगा।
कृषि यंत्र उपकरणों का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
57. ( क्र. 464 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कृषि विभाग को कृषकों को यंत्र उपकरण क्रय करने हेतु वित्तीय वर्ष २०१६ - २०१७ में कितना आवंटन प्राप्त हुआ था? (ख) शाजापुर जिले में वित्तीय वर्ष २०१६-१७ में कितने कृषकों द्वारा कृषि यंत्र उपकरण हेतु आवेदन दिये गए थें? उनके नाम, पते सहित जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने कृषकों को कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्र प्रदाय किये गये तथा कितने आवेदक अपात्र पाये गये? क्या उन्हें आवेदन पूर्ण करने हेतु कोई सूचना दी गई? अपात्र हितग्राहियों की विस्तृत जानकारी दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) शाजापुर जिले में कृषि विभाग को कृषकों को यंत्र उपकरण क्रय करने हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में रू. 129.27 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत शाजापुर जिले को वर्ष 2016-17 में कृषकों द्वारा रेज्डबेड प्लांटर एवं रीपर कमबाईन्डर क्रय करने पर अनुदान के रूप में राशि रूपया 4005844.00 का आवंटन दिया गया है। (ख) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत शाजापुर जिले के 157 कृषकों द्वारा कृषि यंत्र उपकरण हेतु आवेदन किये गये थे। नाम और पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत जिन कृषकों के द्वारा ऑनलाईन आवेदन किया गया था उनको म.प्र. फार्मर्स सब्सिडी ट्रेकिंग सिस्टम (M.P.F.T.S.) पोर्टल द्वारा 808 चयनित कृषकों को लाभान्वित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत शाजापुर जिले के 157 कृषकों को कृषि यंत्र उपकरण क्रय पर अनुदान दिया गया है। कोई आवेदक अपात्र नहीं पाया गया।
भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 469 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय सत्र 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक भूमि संरक्षण अधिकारी जिला उज्जैन द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य सम्पूर्ण जिले में प्रारंभ किये गये हैं उन समस्त कार्यों की भौतिक और वित्तीय जानकारी प्रदान करें। (ख) वर्तमान में उन कार्यों की क्या स्थिति है तथा कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा वर्तमान में कौन-कौन से कार्य चल रहे है? (ग) बड़नगर विधानसभा में वित्तीय सत्र 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कराये गये उन समस्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? समस्त कार्यों की भौतिक और वित्तीय स्थिति की पूर्ण जानकारी प्रदान करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वित्तीय सत्र 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक भूमि संरक्षण अधिकारी उज्जैन द्वारा जिले में प्रारम्भ किये गये निर्माण कार्यों की भौतिक और वित्तीय जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में निर्माण कार्यों की स्थिति एवं विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) बड़नगर विधानसभा में वित्तीय सत्र 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये कार्यों की वर्तमान स्थिति एवं विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
किसान सड़क निधि से सड़कों का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
59. ( क्र. 472 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान सड़क निधि के अंतर्गत कार्यपालन यंत्री म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड उज्जैन के पत्र क्रमांक/बोर्ड/निर्माण/14-15/1601 उज्जैन, दिनांक 24/03/2015 के द्वारा बड़नगर विधानसभा की 4 सड़कों का प्रथम स्तरीय प्राक्कलन प्रेषित किया गया था वर्तमान में उपरोक्त कार्य की भौतिक स्थिति की जानकारी प्रदान करें। (ख) इन सड़कों के निर्माण के संदर्भ में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा इन सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? इन सड़कों के निर्माण को लेकर वर्तमान स्थिति क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मण्डी बोर्ड द्वारा पत्र क्रमांक 72 दिनांक 06.01.2017 से प्रश्नांकित सड़क कार्यों को सूची में शामिल किया जाकर म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये है। (ख) किसान सड़क निधि मद के अन्तर्गत गठित साधिकार समिति के प्रस्तावित एजेण्डे की सूची में प्रश्नांकित सड़क कार्य शामिल किये गये है। राज्य शासन के निर्देश के अनुक्रम में मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर कार्य नहीं कराये जाने के संदर्भ में प्रश्नांकित सड़क कार्यों के प्रस्तावों को पत्र क्रमांक 72 दिनांक 06.01.2017 के माध्यम से म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये है। (ग) उत्तरांश-ख के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों की हुई फसल की नुकसानी दिलायी जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 488 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 18 फरवरी, 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारम्भ किया गया? इस हेतु कितने किसानों को रीवा संभाग से ले जाया गया? इसमें कितनी राशि किस मद से खर्च की गई? क्या इस हेतु पृथक से आवंटन/राशि शासन से प्रदान की गई? यदि हाँ, तो विवरण देते हुए बतावें कि किस कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की योजना के क्रियान्वयन में रीवा संभाग अंतर्गत कितने किसानों को कब-कब जोड़ा गया? माहवार विवरण देवें साथ ही कितने किसानों को कितनी-कितनी बीमा की राशि से कितने किसानों को लाभांवित किया गया? तहसीलवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रियान्वयन हेतु रीवा संभाग के किन-किन बैंकों को कितना-कितना लक्ष्य किसानों को बीमा हेतु दिया गया, का विवरण योजना प्रारंभ से वर्षवार देते हुए बतावें कि प्रश्नांश दिनांक तक में लक्ष्य के पूर्ति की स्थित वर्षवार क्या रही? बीमा की प्रीमियम राशि का बैंकवार विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) की योजना का लाभ प्रश्नांश (ख) अनुसार किसानों को समय पर फसल की नुकसानी अनुसार नहीं दिया गया तो जवाबदारों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही प्रश्नांश (ग) अनुसार बैंकों द्वारा लक्ष्य अनुसार किसानों का बीमा नहीं किया, किसान बीमा की राशि से वंचित हुए तो इस पर क्या कार्यवाही किन-किन पर करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शुभारंभ हेतु रीवा संभाग से कुल 3416 किसानों को सीहोर जिले के शेरपुर में ले जाया गया था। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 मौसम हेतु रीवा संभाग में क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को किया गया है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। रीवा संभाग की जिलेवार, बैंकवार व तहसीलवार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजना ऋणी कृषकों के लिए अनिवार्य एवं अऋणी कृषकों के लिए ऐच्छिक है। अत: योजनांतर्गत किसी भी बैंक को लक्ष्य देने का कोई प्रावधान नहीं है। बैंकवार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार। खरीफ 2016 मौसम हेतु योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन औसत पैदावार के आंकड़ो के आधार पर रीवा संभाग में क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को किया गया है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रभारी मंत्री के आदेश पर कार्यवाही न करने के दोषियों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
61. ( क्र. 489 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24 जुलाई 2017 के प्रश्न क्र. 1969 के उत्तर में उल्लेखित कार्य विभाग से संबंधित न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, दिया गया है? क्या प्रभारी मंत्री को दिये गये पत्रों में उल्लेखित कार्य आंगनवाड़ी भवन, पंचायत भवन, सार्वजनिक शौचालय निर्माण, स्टापडेम निर्माण, के साथ अन्य निर्माण कार्यों हेतु लिखे गये पत्र के कार्य जिला पंचायत द्वारा स्वीकृत नहीं किये जा सकते थे, जबकि जिला पंचायत रीवा के पास विभिन्न मदों की राशि भी उपलब्ध है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जल संसाधन मंत्री को प्रभारी मंत्री रीवा को कार्य स्वीकृत हेतु पत्र लिखा गया था, जिस पर माननीय मंत्री जी द्वारा कलेक्टर रीवा को स्वीकृति की अनुशंसा के साथ पत्र भेजा गया था, इस कारण यह कहना कि विभाग से संबंधित नहीं है, क्या उचित एवं तर्कसंगत है? क्या कार्यों को स्वीकृत कर राशि जारी करने की कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) मा. विधायक जी के संदर्भित पत्र में उल्लेखित समस्त कार्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित होने के कारण मा. मंत्रीजी द्वारा पत्र कलेक्टर रीवा को जावक किया गया, जिसे कलेक्टर रीवा द्वारा जिला पंचायत को जावक किया गया। अत: विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक- 1969 दिनांक 24.07.2017 में यह कहना तर्कसंगत है कि पत्र में उल्लेखित कार्य विभाग से संबंधित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। कार्यों की स्वीकृति कर राशि जारी करने की कार्यवाही जिला पंचायत के नियंत्रणाधीन होने से स्वीकृति की समय-सीमा अथवा स्वीकृत न करने का कारण बतलाया जाना संभव नहीं है।
कार्यों की जानकारी एवं अनियमितता की जांच
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 502 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में बालाघाट जिले में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक एवं कितने कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य/मरम्मत कार्य/विकास कार्य किये गये और इनके प्राक्कलन के अनुसार कितनी मात्रा में रेत का उपयोग किया गया? (ख) उपरोक्त कार्य में जो रेत उपयोग की गई वह कहाँ से खरीदी गई उसकी रॉयल्टी की कितनी राशि किस-किस प्रदानकर्ता, निर्माणकर्ता, अनुबंधकर्ता द्वारा कब-कब शासन के खाते में जमा की गई? (ग) क्या बालाघाट जिले में पर्याप्त फण्ड प्राप्त होने के बावजूद भी गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं, तो क्या जिले की सड़कों तथा अन्य निर्माण की गई संरचनाओं की गुणवत्ता बहुत अच्छी पाई गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब', 'ब-1' अनुसार है। (ख) ठेकेदार द्वारा विभिन्न प्रदायकर्ता से रेत खरीदी की गई है, जिसकी रायल्टी भुगतान की जानकारी उपलब्ध न होने से शासन की निर्धारित दर से रायल्टी की राशि काटकर विभाग द्वारा संबंधित मद में जमा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ।
शामगढ़ सुवासरा वृहद सिंचाई योजना के विषय में
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 513 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शामगढ़ सुवासरा वृहद सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति स्वीकृत हुए कितना समय हो गया है? (ख) प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात् टेण्डर प्रक्रिया आज दिनांक तक क्यों प्रारंभ नहीं हो पाई है? इस योजना का कार्य प्रारंभ करने हेतु टेण्डर प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) शामगढ़ सुवासरा सिंचाई योजना के तहत सर्वे अनुसार शामगढ़ सुवासरा की कितनी पंचायतें तथा उनके ग्राम प्रस्तावित हैं तथा कुल कितने ग्रामों को इसका लाभ मिलेगा और कितने ग्रामों को नहीं मिलेगा? ग्राम के नामवार जानकारी देवें। (घ) शामगढ़ सुवासरा वृहद सिंचाई योजना से वंचित ग्रामों को लाभांवित करने हेतु विभाग द्वारा क्या तकनीकी कार्यवाही की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शामगढ़-सुवासरा उद्वहन नहर सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.05.2017 को प्रदान की गई। (ख) वृहद परियोजना होने के कारण तकनीकी स्वीकृति उपरांत दिनांक 14.11.2017 को परियोजना की निविदा आमंत्रित किए जाने की कार्यवाही की गई है। (ग) प्राथमिक प्रस्ताव अनुसार योजना से कुल 189 ग्रामों के 40,000 हेक्टर क्षेत्र में सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। इसमें से 20,000 हे. गरोठ, 10,000 हेक्टर शामगढ़ एवं 10,000 हेक्टर सुवासरा तहसीलों की भूमि है। शामगढ़ एवं सुवासरा तहसीलों के प्रस्तावित 117 ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय परियोजनाओं के लिए पंचायतवार जानकारी संधारित नहीं की जाती है तथा परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र के बाहर गैर लाभांवित ग्रामों का सर्वेक्षण नहीं किया जाता है, अत: जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) परियोजना से जो गांव सिंचाई लाभ लेने से वंचित ग्रामों के लिए पृथक से कोई योजना नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारंभ करना
[विधि और विधायी कार्य]
64. ( क्र. 514 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर के पत्र क्रमांक सी/4318/जबलपुर दिनांक 31.07.1998 तीन 10-42/75 मंदसौर सीतामऊ के आदेश को प्रश्न दिनांक तक कितने वर्ष, माह, दिन हो गए। (ख) म.प्र. शासन द्वारा इतने वर्षों में जनता की सुविधा हेतु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के पत्र क्रं. सी/4318 पर कोर्ट प्रारम्भ करने हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए? (ग) यदि शासन की ओर से कोर्ट प्रारंभ करने हेतु कोई प्रयास नहीं किया गया तो उसका कारण बतावें। (घ) सीतामऊ से भी छोटी जगह व कम सुविधा वाले स्थानों पर भी ए.डी.जे. कोर्ट/श्रृंखला संचालित की जा रही है, उसका क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर का पत्र क्रमांक सी 4318 जबलपुर दिनांक 31.07.1998 तीन-10-42/75 मंदसौर-सीतामऊ इस विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय के अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 09.05.1995 के अंतर्गत की गई अनुशंसा के अनुसार सीतामऊ में ए.डी.जे.कोर्ट संचालित करने हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत न्यायालय भवन, न्यायाधीश एवं स्टाफ के लिए आवासगृह, न्यायाधीश एवं स्टाफ के पद तथा फण्ड उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है। तद्नुसार विधि विभाग के पत्र दिनांक 06.01.1996, दिनांक 31.01.1997, दिनांक 19.03.1998, दिनांक 11.08.1998, दिनांक 06.08.1999, दिनांक 30.01.2003, दिनांक 02.12.2011, दिनांक 07.02.2014, दिनांक 23.09.2015, दिनांक 01.01.2016, दिनांक 02.02.2016, दिनांक 23.03.2017, दिनांक 27.05.2017, विधान सभा में दिए गए आश्वासन क्रमांक 734 दिनांक 12.06.2017 एवं सचिव विधि का अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 12.06.2017 द्वारा कलेक्टर मंदसौर को सीतामऊ में उपयुक्त न्यायालय भवन तथा न्यायाधीश एवं कर्मचारियों के लिए उपयुक्त शासकीय भवन उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया था। तत्पश्चात कलेक्टर जिला मंदसौर ने उनके पत्र क्रमांक 1042/एस.सी.2/17 दिनांक 11.07.2017 द्वारा अवगत कराया गया है कि तहसील सीतामऊ जिला मंदसौर में अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय हेतु शासकीय भवन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, परन्तु न्यायालय परिसर में रिक्त भूमि उपलब्ध है, जहॉ अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय के लिये नवीन कक्ष बनाया जा सकता है। सीतामऊ अभिभाषक संघ द्वारा अपर जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना हेतु न्यायालय भवन में ही स्थित बार कक्ष रिक्त किया गया है, जिसमें न्यायालय स्थापित किया जा सकता है। न्यायाधीशों के आवास हेतु भूमि सर्वे क्रमांक 339/2 रकबा 0.971 हेक्टेयर पूर्व से आरक्षित की गई है। कर्मचारियों के लिए आवास हेतु भूमि आरक्षित नहीं है। यदि शासन शीघ्र न्यायालय की स्थापना करना चाहता है, तो रिक्त कक्ष में स्थापित किया जा सकता है। कलेक्टर जिला मंदसौर के उक्त ज्ञापन पर माननीय उच्च न्यायालय का अभिमत प्रदान करने हेतु लिखा गया है। माननीय उच्च न्यायालय का अभिमत अप्राप्त है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रदेश में तहसील स्तर पर म.प्र. उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति-2014 के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप लंबित प्रकरणों की संख्या, उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं, न्यायिक अधिकारी की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुये उच्च न्यायालय के नीतिगत निर्णय के आधार पर कुल स्थानों पर श्रृंखला न्यायालय संचालित है।
उद्यानिकी विभाग की संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
65. ( क्र. 564 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा बालाघाट जिले में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या बालाघाट जिले में उद्यानिकी विभाग के उद्यानों एवं नर्सरियों को शासन द्वारा किसी प्रकार की राशि भी आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो दिनांक 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब किस-किस नर्सरी को किस-किस कार्य के लिये आवंटित की गई हैं? नर्सरी का नाम व दिनांक सहित विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) उपरोक्त प्राप्त आवंटित राशि में से व्यय की गई राशि की जानकारी विधानसभावार दें। (घ) क्या विभाग द्वारा कृषकों को वृक्ष एवं बीज प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो लाभान्वित कृषकों की संख्या, वृक्षों की संख्या, बीज की मात्रा सहित विधानसभा क्षेत्रवार बतावें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''स'' अनुसार है।
नाले का डायवर्सन
[जल संसाधन]
66. ( क्र. 565 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वारासिवनी विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत नांदगांव के ग्राम नगझर के पास से डोकरिया नाला निकला हुआ है तथा उक्त नाले के डायवर्सन करने से अन्य ग्राम पंचायतों के आस-पास के जल से तालाब का भराव किया जा सकता है? जिससे किसानों को फसलों के लिये पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकता है? क्या उक्त डोकरिया नाले का डायवर्सन करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक कभी किसी सक्षम अधिकारी द्वारा मौके पर जाकर वस्तु स्थिति को देखकर सर्वे किया है? यदि हाँ, तो कब और किस अधिकारी द्वारा मौके पर मुआयना किया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या डोकरिया नाले के डायवर्सन होने से तालाबों का भराव अच्छा हो जायेगा और किसानों की फसलों के लिये भरपूर सिंचाई हेतु पानी मिल जायेगा? यदि हाँ, तो उक्त नाले को डायवर्सन कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उपसंभाग, द्वारा दिनांक 19.04.2017 एवं कार्यपालन यंत्री, बैनगंगा संभाग द्वारा दिनांक 20.04.2017 को निरीक्षण उपरांत साध्यता प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। परियोजना की हाईड्रोलॉजी के परीक्षण हेतु मुख्य अभियंता बोधी को निर्देश दे दिए गये है। हाईड्रोलॉजी के परीक्षण उपरांत ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
तिलहन, दलहन और मोटे अनाज की उपज
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
67. ( क्र. 568 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में तिलहन, दलहन और मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं का ब्यौरा प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत इन योजनाओं हेतु विगत तीन वर्षों में वर्षवार कितना लक्ष्य, कितनी राशि प्राप्त हुई, कितनी राशि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यय की गई? मदवार ब्यौरा बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या केन्द्र सरकार द्वारा भी योजनाओं के संचालन हेतु राशि आंवटित की गई है? यदि हाँ, तो योजनावार, लक्ष्यवार राशि के आवंटन, व्यय का मदवार, वर्षवार विवरण बतायें। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना क्या है, इसे कटनी जिले में किस प्रकार एवं कहाँ- कहाँ संचालित किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में किन-किन योजनाओं का कब-कब लक्ष्य पूर्ण नहीं हुआ और आवंटित राशि का उपयोग नहीं किया गया? इसके क्या कारण रहें? क्या इसके लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कटनी जिले में तिलहन, दलहन और मोटा अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत इन योजनाओं हेतु विगत तीन वर्षों की लक्ष्य आवंटन एवं व्यय की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) केन्द्र सरकार द्वारा योजनाओं के संचालन हेतु राशि संचालनालय को आवंटित की जाती। डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी.) कृषकों के खाते में सीधे अनुदान भुगतान किये जाने की प्रक्रिया है। नियमानुसार आवेदन/देयक प्रस्तुत करने पर अनुदान सीधे कृषकों के खाते में भुगतान की जाती है। यह प्रक्रिया कटनी जिले में भी लागू है। (घ) जिले में संचालित योजनाओं के लक्ष्य एवं प्राप्त राशि के विरूद्ध व्यय राशि तथा व्यय नहीं होने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। कृषि यंत्र/उपकरणों में कृषकों की मांग/आवेदन कम प्राप्त होने के कारण व्यय कम हुआ। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
किसान सड़क निधि के कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 569 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 192 दिनांक 17-07-2017 की जानकारी एकत्रित की जा चुकी है, यदि हाँ, तो यह जानकारी क्या है और किसान सड़क निधि से क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान हैं, इसके क्रियान्वन के लिए क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं एवं यह निधि किन-किन स्रोतों से प्राप्त होती हैं ? (ख) जनवरी 2014 से नवम्बर 2017 तक कृषि उपज मंडी समिति कटनी को कितनी आय प्राप्त हुई? माहवार बतायें। प्राप्त आय की राशि का किन-किन कार्यों में किस सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत कृषि उपज मंडी समिति क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में किसान सड़क निधि से कहाँ-कहाँ, क्या-क्या, कार्य कितनी-कितनी लागत से कब-कब कराये गए? कार्यों की वर्तमान स्थिति सहित बतायें। (घ) किसान सड़क निधि से मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य कराये जाने प्रस्तावित हैं और कौन-कौन से कार्य कराये जाना वर्तमान में स्वीकृत हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 192 दिनांक 17.07.2017 के संबंध में प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। किसान सड़क निधि से उक्त निधि से निर्मित ग्रामीण सड़कों के अनुरक्षण, ग्रामीण सड़कों का निर्माण तथा मंडी क्षेत्रों में विभिन्न आधारभूत संरचनाओं को निर्मित कराये जाने इत्यादि का प्रावधान है। उक्त निधि के क्रियान्वयन के संबंध में शासनादेश एवं विभागीय निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। यह निधि प्रदेश की मंडी समितियों द्वारा अधिसूचित कृषि उपजों पर संग्रहित मंडी शुल्क राशि 2 प्रतिशत में से 1 प्रतिशत राज्य विपणन विकास निधि के रूप में प्राप्त होने वाली राशि का 85 प्रतिशत भाग है। (ख) जनवरी 2014 से नवम्बर 2017 तक मंडी समिति, कटनी में प्राप्त आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार तथा व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 4 अनुसार एवं निर्माण कार्य पर किये गये व्यय की सक्षम अधिकारी से अनुमति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 5 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में मंडी समिति, कटनी के क्षेत्र में किसान सड़क निधि से कराये गये कार्यों की स्थानवार, लागत तथा वर्तमान स्थिति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 6 अनुसार है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश संदर्भ में मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, के निर्देश क्रमांक 340 दिनांक 15.09.16 अनुसार मंडी बोर्ड द्वारा अब मंडी प्रागंण में भवन/अन्य निर्माण कार्य तथा मंडी प्रांगण से सीधे जुड़े पहुंच मार्ग के अलावा अन्य कोई निर्माण कार्य नहीं किया जायेगा - चाहे वह भवन हो या सड़क। उक्त निर्देंश के पश्चात मंडी बोर्ड स्तर पर मुडवारा विधानसभा क्षेत्र में किसान सड़क निधि से कार्य प्रस्तावित नहीं है। उल्लेखित निर्देश के पूर्व स्वीकृत निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी उत्तरांश ''ग'' में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 6 अनुसार है।
तालाबों एवं नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 575 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों की सिंचाई सुविधा एवं कृषक सिंचाई हेतु कितने तालाबों का निर्माण किया गया है एवं किस मद से कब-कब बनाये गये एवं कितनी लागत के बनाये गये हैं? (ख) जो तालाब सिंचाई योजना हेतु बनाये गये हैं उन तालाबों में कितनी नहरों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? इससे कितना रकबा सिंचित होता है? ग्रामवार तालाबवार बतावें। (ग) क्या जो तालाब बनाये गये हैं, उनका निर्माण सही नहीं हुआ है व आधा अधूरा कार्य कराया गया है जबकि उन तालाबों का पैसा निकाल लिया गया है एवं नहरों का निर्माण नहीं हुआ है जिससे तालाबों का पानी कृषकों तक नहीं पहुंच रहा है? (घ) क्या उक्त तालाब व नहर की जॉच समिति बनाकर की जावेगी जिसमें भारी भ्रष्टाचार कर पूर्ण राशि निकाल ली गई है लेकिन आज दिनांक तक उनका तालाबों का कार्य पूर्ण नहीं किया गया एवं संबंधित अधिकारी/कर्मचारी एवं ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) गुनौर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी योजना का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। बरबीरा नाला तथा टिर्री गुरने तालाब निर्माणाधीन हैं जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तालाबों का निर्माण निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कराया जा रहा है। किए गये कार्य का भुगतान मूल्याकंन के आधार पर किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से कृषकों को जल प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। कार्य में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार/अनियमितता प्रतिवेदित नहीं होने से जांच कराने अथवा अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ठेकेदार पर कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सड़क में आंशिक परिवर्तन एवं स्वीकृत मार्ग के बजट में संशोधन
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 585 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वन टू वन योजना के अंतर्गत शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र में बोरसाली से झुण्डाखेड़ा स्वीकृत मार्ग को व्हाया मखावद से, टिटोडीखेड़ा होकर जाने वाले आंशिक परिवर्तन के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित मार्ग के प्रस्ताव की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी यदि नहीं, तो ऐसे महत्वपूर्ण जिला मुख्यालय से ग्राम को जोडे जाने वाले मार्ग के प्रस्ताव कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) पूर्व बजट में मोरटा से छोटी पोलाय - माधोपुर व्हाया सकराई मार्ग त्रुटिवश 4 किमी लागत रू. 2.40 करोड़ प्रावधान के स्वीकृत किया गया था, किन्तु विभाग द्वारा उपरोक्त मार्ग जिसकी पूरी लम्बाई 16 किमी लागत 10.00 करोड़ प्रस्तावित है। क्या संशोधन हेतु प्रस्ताव तैयार किये गए हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) में वर्णित पूर्व स्वीकृत मार्ग के लिए संशोधित बजट प्रावधान कब तक कर दिया जावेगा? शासन स्तर पर इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, जी हाँ। संशोधित प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार।
नवीन मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 600 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 25.06.2017 को श्योपुर जिले में रोड शो के दौरान ग्राम बगडुआ में ग्रामीणों द्वारा आवागमन में वर्तमान तक आ रही कठिनाईयों के निवारण हेतु ग्राम ददुनी से चिमलका होकर 12 एल नहर तक मार्ग निर्माण कराने की मांग की थी? (ख) उक्त मांग को गंभीरता से लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने मौके पर ही उक्त मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये थे? (ग) यदि हाँ, तो निर्देशों के पालन में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली है, क्या-क्या नहीं व क्यों? इसे कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) क्या शासन शेष कार्यवाही अविलंब पूर्ण करवाएगा तथा उक्त निर्देशों के पालन में मार्ग निर्माण कार्य को चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल करवाकर इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) स्थल निरीक्षण उपरांत डी.पी.आर. की कार्यवाही संभाग स्तर पर प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राड़ेप से सरजूपुरा मार्ग निर्माण स्वीकृत करना
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 601 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम राड़ेप से सरजूपुरा मार्ग वर्तमान में पहुँच विहीन हैं नागरिकों को आवागमन में कठिनाई होती है इसी कारण नागरिक इस मार्ग को डामरीकृत करने की निरंतर मांग भी कर रहे है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ई.ई. लो.नि.वि. श्योपुर को उक्त मार्ग की डी.पी.आर. तैयार करके शासन की स्वीकृति हेतु भेजने के लिये पत्र लिखा था। (ख) यदि हाँ, तो ई.ई. लो.नि.वि. श्योपुर ने डी.पी.आर. तैयार कर शासन को स्वीकृत हेतु भेज दी है? यदि हाँ, तो कब? इसकी लागत क्या है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक भेजी जावेगी। (ग) क्या शासन उक्त मार्ग निर्माण कार्य को आवश्यक रूप से जनहित में आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करवाकर इसे चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में निश्चित रूप से शामिल करके इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
ड्रिप सिंचाई योजना में स्वीकृत प्रकरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
73. ( क्र. 616 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक ड्रिप सिंचाई योजना में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त प्रकरणों में कितना अनुदान दिया गया? क्या अनुदान राशि के प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो लंबित प्रकरणों की संख्या तथा लंबित रहने के कारण सहित विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी दें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 617 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्य योजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई? कार्य योजना में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किये गये हैं? विधान सभा क्षेत्रवार कार्य योजना बतावें। (ख) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र में नवीन तालाबों के निर्माण के प्रस्ताव विभागीय कार्य योजना अथवा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किये गये हैं? प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु कब प्रस्तुत किये गये हैं? (ग) क्या विगत 5 वर्षों में केवलारी विधान सभा क्षेत्र में तालाबों के रख-रखाव गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो तालाबों के नाम/ग्राम सहित लागत राशि की सूची प्रदान करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कार्य योजना शासन की स्वीकृति हेतु सिवनी जिले से संचालनालय को दिनांक 11.05.16 को प्राप्त हुई है। जिले की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 एवं विधानसभावार कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ख) कैवलारी विधानसभा क्षेत्र के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव विभागों को प्राप्त नहीं हुये है। अपितु विभागीय कार्य योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में कार्य सम्मिलित किये गये हैं। जिला स्तर से जिला कृषि सिंचाई योजना (D.I.P.) का प्रस्ताव दिनांक 11.05.16 को संचालनालय को प्राप्त हुआ है एवं प्राप्त प्रस्ताव का दिनांक 22.12.16 को S.L.S.C. की बैठक में अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। (ग) कैवलारी विधानसभा क्षेत्र में तालाबों का रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृणीकरण तथा नवीन तालाबों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
प्याज उत्पादन एवं भंडारण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
75. ( क्र. 628 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 वर्ष के दौरान भोपाल संभाग में प्याज की फसल कुल कितने रकबे में बोई गई थी? जिलावार, तहसीलवार, वर्षवार ब्यौरा दें। प्रश्नांश (क) अनुसार भोपाल संभाग में विगत 3 वर्ष के उत्पादन का जिलावार, तहसीलवार, वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) विगत 3 वर्ष के दौरान शासन द्वारा भोपाल संभाग में किस दर पर कितनी ब्याज खरीदी गयी? जिलावार, तहसीलवार, वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) क्या शासन द्वारा खरीदी गई प्याज को नष्ट किया गया है? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्ष के दौरान भोपाल संभाग में कितनी प्याज नष्ट की गई? जिलावार, तहसीलवार, वर्षवार ब्यौरा दें। (घ) क्या शासन द्वारा प्याज के भंडारण के लिए प्रयास किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो प्याज को लम्बे अंतराल तक सुरक्षित रखने के लिए किए गए प्रयासों का ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) भोपाल संभाग में विगत 03 वर्षों में 35428 हेक्टेयर में प्याज की फसल बोयी गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ख) विपणन संघ द्वारा विगत 03 वर्ष के दौरान भोपाल संभाग में वर्ष 2015-16 में उपार्जन निरंक एवं वर्ष 2016-17 में 6.00 रूपये प्रति किलोग्राम तथा वर्ष 2017-18 में 8.00 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीदी गई। तहसीलवार प्याज की खरीदी नहीं की गई। जिलेवार एवं केन्द्रवार खरीदी गई प्याज का विवरण निम्नानुसार है:- 1. वर्ष 2015-16 में उपार्जन निरंक। 2. वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वर्षवार खरीदी गई प्याज में से नष्ट की गई प्याज मात्रा का जिलेवार एवं केन्द्रवार विवरण निम्नानुसार है:- 1. वर्ष 2015-16 में निरंक। 2. वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। भोपाल संभाग में प्याज को लंबे अन्तराल तक सुरक्षित रखने हेतु विगत 03 वर्षों में 21325 मैट्रिक टन क्षमता के 1172 प्याज भण्डार गृह निर्माण पर कृषकों को अनुदान उपलब्ध कराया गया।
उद्यानिकी कृषकों का विदेश भ्रमण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
76. ( क्र. 629 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा 3 वर्ष के दौरान उद्यानिकी कृषकों को भारत के बाहर अन्य देशों में भ्रमण कराया गया है? यदि हाँ, तो वर्षवार भ्रमण कार्यक्रमों का ब्यौरा दें। (ख) क्या शासन द्वारा वर्ष 2016-17 में 1 नवम्बर से 11 नवम्बर तक उद्यानिकी कृषकों को इजराइल हॉलैंड व नीदरलैंड भ्रमण पर भेजा गया था? यदि हाँ, तो भ्रमण पर गए सदस्यों का पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार भ्रमण दल में शामिल सदस्यों में कुछ सदस्य किसी मंत्री के रिश्तेदार हैं? यदि हाँ, तो मंत्री का नाम व भ्रमण पर गए सदस्यों से मंत्री के रिश्तों का ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार भ्रमण पर मंत्री द्वारा अपने रिश्तेदारों को भेजने से अपने प्रभाव व पद के दुरूपयोग का मामला बनता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में दिनांक 01.11.2016 से 06.11.2016 तक की अवधि में नीदरलैण्ड (हॉलैण्ड) एवं 06.11.2016 से 11.11.2016 तक की अवधि में इजराईल का ''उद्यानिकी फसलों की तकनीकी का अध्ययन'' हेतु अधिकारियों एवं कृषकों के दल द्वारा भ्रमण किया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -01 एवं 02 अनुसार है। (ग) भ्रमण दल के अभिलेखों में कृषक श्री देवेश कुमार पिता श्री सूर्यप्रकाश मीणा, राज्य मंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का उल्लेख है। (घ) श्री देवेश कुमार मीणा पुत्र श्री सूर्यप्रकाश मीणा, राज्य मंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग कृषक हैं एवं उनके द्वारा पासपोर्ट एवं कृषक अंश राशि जमा की गई है। प्रगतिशील कृषक होने से भ्रमण दल में शामिल करने में किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। अत: प्रभाव व पद के दुरूपयोग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्निर्माण करने बाबत्
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 657 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बीरमपुरा से चौड़ेरा मार्ग एवं ग्राम अलापुर से नहर तक का मार्ग विभाग द्वारा वर्षों पूर्व बनवाया गया था जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त होकर असुविधाजनक हो गया है? क्या इन सड़क मार्गों का पुनर्निर्माण करवाये जाने की विभाग की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित क्षतिग्रस्त सड़कों को बनवाया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है, यातायात सुचारू रूप से चालू है। (ख) विभाग में वित्तीय संसाधन की उपलब्धता एवं प्राथमिकतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
78. ( क्र. 658 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 516 दिनांक 17.07.2017 के उत्तरांश (क) में यह जानकारी दी गई है कि नोटशीट में शब्दावली को काट कर फर्जी संस्था उपाध्यक्ष माता राम की उपस्थिति दर्शाने पर संलिप्त लिपिक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो संलिप्त पर क्या कार्यवाही की गई है? संलिप्त के जवाब सहित अद्यतन जानकारी दी जावेगी? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) में वर्णित कृत्य से सेवा सहकारी संस्था रजौंधा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था और उक्त कृत्य एक षड़यंत्र के तहत किया गया था। तथा प्रकरण में एक लिपिक को कारण बताओं सूचना पत्र देकर प्रकरण में कार्यवाही करने की औपचारिकता की गई है? यदि हाँ, तो क्यों एवं यदि नहीं, तो अन्य संलिप्तों को नोटिस जारी क्यों नहीं किये गये? (ग) क्या उक्त प्रकरण में तत्कालीन उपायुक्त की लापरवाही या संलिप्तता प्रतीत होती है? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें, यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जवाब संतोषप्रद न होने से श्री आलोक त्रिवेदी, सहायक ग्रेड- 3 को दिनांक 16.11.2017 को आरोप पत्र जारी किया गया। जवाब की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आरोप पत्र पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन। (ख) जी नहीं। जी नहीं, प्रकरण में एक लिपिक को कारण बताओं सूचना पत्र देकर औपचारिकता नहीं की गई है बल्कि संयुक्त आयुक्त सहकारिता, ग्वालियर संभाग को शिकायत की जांच दिनांक 20.09.2017 को सौंपी गई है जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (ग) शेष जांच निष्कर्षाधीन।
पुल की मरम्मत
[लोक निर्माण]
79. ( क्र.
665 ) श्री
गोविन्द
सिंह पटेल :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गाडरवारा
नगर के पास
बहने वाली शक्कर
नदी पर बने
हुऐ पुल को
कितने वर्ष हो
चुके हैं तथा
पुल की अवधि
कितने वर्ष की
है? (ख)
क्या उक्त
पुल
क्षतिग्रस्त
हो गया है, जिसमें
बड़े-बड़े
गड्ढा तथा
लोहे की रॉडे
ऊपर दिखने लगी
हैं? क्या
इसकी जानकारी
विभाग को है? क्या
इनको सुधारने
के लिये स्थानीय
जनता द्वारा
मांग की गई है? यदि
हाँ, तो
विभाग द्वारा
अभी तक मरम्मत
के संबंध में
क्या
कार्यवाही की
गई? (ग)
मरम्मत
कार्य कब तक
करा दिया
जायेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क) 46
वर्ष आर.सी.सी.
पुल की अवधि
लगभग 100
वर्ष की होती
है। (ख) जी
नहीं। पुल का
वेयरिंग कोट
आंशिक
क्षतिग्रस्त
हुआ है। जी
हाँ। जी हाँ।
मरम्मत हेतु
प्राक्कलन
परीक्षणाधीन
है। (ग) निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 666 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण हो चुका है? उनके संरक्षण हेतु विभाग समय-समय पर क्या कार्यवाही करता है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की अवधि में निर्मित सड़कों पर बढ़ते हुए आवागमन एवं बढ़ते हुए उपयोग के कारण इन सड़कों के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो विभाग इन सड़कों के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण की हेतु क्या कार्य योजना तैयार कर रहा है तथा कार्य योजना बनाकर कार्य कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण संलग्न के परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) निर्धारित यातायात घनत्व के दृष्टिगत सड़कों का चौड़ीकरण प्रस्तावित किया जाता है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
जलाशय का निर्माण
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 670 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुपपूर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत वर्ष में झिलमिला जलाशय स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त जलाशय का निर्माण कब प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) उक्त झिलमिला जलाशय के निर्माण में कितने कृषकों की जमीन अधिग्रहित की गई है? जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित हुई है क्या उन किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा शासन द्वारा संबंधित को भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किसान का नाम व ग्राम, प्रदाय की गई मुआवजे की राशि की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या कुछ ऐसे भी किसान हैं जिनकी जमीन अधिग्रहित की गई है किन्तु उन्हें मुआवजे की राशि अभी तक प्रदाय नहीं की गई है ? (घ) यदि हाँ, तो मुआवजे की राशि वितरित न किये जाने के कारण बतायें साथ ही यह भी बतायें कि उन किसानों को मुआवजे का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जलाशय का निर्माण कार्य दिनांक 02.05.2017 से प्रारंभ किया गया जिसे अनुबंधानुसार जून-2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) कुल 121 कृषकों की भूमि अधिग्रहित की गई जिसमें से 100 किसानों की भूमि का मुआवजा भुगतान कर दिया गया है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। शेष 21 कृषकों में से 03 कृषकों का आपसी विवाद के कारण भुगतान नहीं किया जा सका तथा 18 कृषक चैक प्राप्त करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) पुष्पराजगढ़ के कार्यालय में उपस्थित नहीं होने से उनके मुआवजा चैक प्रदान नहीं किए जा सके। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। संबंधित कृषक कभी भी उपस्थित होकर मुआवजा का चैक प्राप्त कर सकते है।
किसानों को कृषि उपकरणों पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
82. ( क्र. 671 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना अनुदान कृषि उपकरणों पर किसानों को दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यह अनुदान किन-किन नियमों के तहत दिया गया साथ ही अनुदान की विस्तृत नियमावली की जानकारी भी उपलब्ध करायें। (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में उक्त अवधि में कितने किसानों को, कितना अनुदान, किन-किन कृषि उपकरणों पर दिया गया? ग्रामवार कृषकों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? उक्त योजना से संबंधित कितने प्रकरणों की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? इनका क्या निराकरण किया गया? प्रत्येक शिकायतों की जानकारी नाम सहित, ग्रामवार उपलब्ध करायें। (घ) कृषि उपकरणों पर किसानों को दी जाने वाली अनुदान योजना के प्रचार-प्रसार के लिये उक्त अवधि में कितनी-कितनी राशि कब-कब विभाग द्वारा उक्त विधान सभा क्षेत्र में दी गई? उक्त राशि को विभाग द्वारा कब-कब, कितना-कितना व किन-किन कार्यों में व्यय किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रू. 39.39537 लाख कृषि उपकरणों पर अनुदान दिया गया है। (ख) शासन द्वारा जारी नियमावली के तहत अनुदान राशि का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में 736 किसानों को, राशि 39.39537 लाख का अनुदान कृषि यंत्र चैपकटर, उड़ावनी पंखा, स्प्रेयर पंप, सीड ड्रिल, पावर टिलर एवं ट्रेक्टर उपकरणों पर दिया गया है। ग्रामवार कृषकों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। सी.एम. हेल्प लाईन के माध्यम से कल्टीवेटर एवं सीड ड्रिल की शिकायत श्री पुरूषोत्तम बंजारा/श्री लालू सिंह बंजारा, हर्रई द्वारा किया गया है, जिसका निराकरण हो चुका है। (घ) योजनाओं का प्रचार प्रसार मैदानी अमले द्वारा किया जाता है। उक्त योजना का प्रचार प्रसार हेतु पृथक से कोई भी उपलब्ध नहीं रहती है अपितु इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न किसान मेलों, संगोष्ठियों तथा कृषि महोत्सव में व्यापक रूप से किया जाता है।
किसानों का मण्डी टैक्स
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 684 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में अनाज बेचते समय कुल कितने प्रतिशत टैक्स किसानों से काटे जाते हैं? टैक्स के अनुसार अलग-अलग जानकारी प्रदान करें तथा वर्तमान में मण्डी टैक्स की कितनी राशि शासन के पास जमा है? (ख) मार्च 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक मण्डला जिले में कुल कितने कार्य स्वीकृत हुए? कार्य का नाम, स्वीकृत राशि सहित विधान सभावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) कार्यों की स्वीकृति हेतु क्या स्थानीय विधायक की अनुशंसा होनी चाहिये? यदि हाँ, तो विधान सभा मण्डला में स्थानीय विधायक की अनुशंसा में कितने कार्य स्वीकृत हुए? यदि नहीं, तो कार्य स्वीकृति के मापदण्ड क्या हैं? (घ) मण्डला जिले में विधान सभा मण्डला अंतर्गत कितनी मण्डी टैक्स प्राप्त किया गया है और जनहित में क्या उपयोग किया गया? प्रश्नांश (ख) की अवधि में जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश में अनाज बेचते समय किसानों से किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाता है। मंडी समितियों द्वारा अधिसूचित कृषि उपजों पर व्यापारियों से 2 प्रतिशत मंडी शुल्क एवं 0.20 प्रतिशत निराश्रित शुल्क मंडी समितियों को प्राप्त होता है। शासन के पास जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) मार्च-2013 से प्रश्नांश दिनांक तक मंडला जिले में विद्यमान मंडियों/उपमंडियों के प्रांगण तथा उनके क्षेत्र में कुल 30 कार्य स्वीकृत हुये है, जिनकी कार्यवार, राशिवार तथा विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। (ग) कार्यों की स्वीकृति हेतु स्थानीय माननीय विधायक की अनुशंसा होने की अनिवार्यता नहीं है तथा न ही उत्तरांश ''ख'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 में दिये गये कार्य स्थानीय माननीय विधायक की अनुशंसा से स्वीकृत हुये है। स्वीकृत किये गये कार्य स्थानीय आवश्यकता तथा राशि की उपलब्धता पर आधारित है। (घ) मंडला जिले की मंडियों में प्राप्त होने वाले मंडी शुल्क की मंडीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है जिसका उपयोग जनहित में उत्तरांश ''ख'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 में दिये गये कार्यों में किया गया है।
किसानों को कृषि उपकरण एवं खाद बीज प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
84. ( क्र. 685 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितने कृषकों को कृषि यंत्र प्रदाय किये गये है? कृषकों की संख्या विकासखंडवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या इनका कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन लिया गया है? इनका बाजार मूल्य क्या है एवं किसानों को दिये गये कृषि यंत्रों का मूल्य क्या है? इनमें क्या अंतर है? यदि अंतर है तो अंतर के लिये दोषी कौन है तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या कृषि यंत्र के साथ खाद-बीज एवं डीजल/विद्युत पंप भी किसानों को प्रदाय करने की विभाग की योजना है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) की अवधि एवं प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विकासखंडवार लाभांवित कृषकों की संख्या बतायें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में योजना के लिए कृषक आवेदनों का अनुमोदन त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के अंतर्गत संबंधित जनपद पंचायत की कृषि स्थायी समिति से लिए जाता है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, कृषि यंत्रों का क्रय किसानों द्वारा अपनी स्वेच्छा अनुसार पंजीकृत विक्रेताओं एवं संस्थाओं से किया जाता है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, विभागीय योजनाओं के प्रावधान अनुरूप अनुदान पर यंत्र उपलब्ध कराये गयें हैं। (घ) जी हाँ, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि रथ के नाम पर शासन की राशि का दुरूपयोग
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 730 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रदेश के भोपाल, होशंगाबाद संभागों में कृषि महोत्सव मनाया गया? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों/व्यवस्थाओं पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या संचालनालय द्वारा मध्यप्रदेश माध्यम को कृषि रथ निर्मित किए जाने हेतु कार्यादेश जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो कितने कृषि रथ निर्मित किए गए और उन पर डीजल पेट्रोल तथा प्रचार-प्रसार आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि कृषि रथ के संचालन से किसानों को क्या-क्या लाभ हुआ तथा कृषि रथ किस रजिस्टर्ड संस्था से निर्मित किया गया? उनका पंजीयन प्रमाण पत्र एवं अनुभव प्रमाण पत्र सहित अवगत करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
86. ( क्र. 731 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के खरीफ 2016 के बीमा दावा की राशि लाभान्वित किसानों के बैंक खाते में समायोजन तथा प्रमाण-पत्र का दिनांक 16 अगस्त से 31 अगस्त तक वितरण किए जाने संबंधी किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक 8-1/2017/14-2 भोपाल दिनांक 5 अगस्त 2017 को प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स को जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल संभाग के किस-किस जिले के कितने-कितने किसानों द्वारा कितनी-कितनी राशि का क्लेम किया था और राज्य शासन द्वारा कितने-कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि वितरित की गई है? (ग) क्या कुछ अधिकारियों द्वारा भोपाल संभाग के कुछ किसानों को सूची से हटाकर उनकी बीमा राशि का भ्रष्टाचार किया गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन जांच कराकर भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो राशि का समायोजन कहाँ किया गया और किसानों को वितरित नहीं करने के क्या कारण हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) भोपाल संभाग के भोपाल, रायसेन, राजगढ, सीहोर एवं विदिशा जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस प्रकार के कोई भी प्रकरण प्राप्त नहीं हुये हैं, अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के खरीफ, रबी फसलों के अमानक बीजों पर दुकानों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 742 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016 एवं 2017 में खरीफ, रबी फसलों के अमानक बीजों की कितनी दुकानों की जांच की गई? फर्मों के नाम, मालिकों के नाम, पते सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई तथा शासन द्वारा बुआई प्रारंभ से पूर्व कितनी फर्मों को जांचकर सील किया गया? (ग) क्या फसल खराब होने, फसलों में भारी मात्रा में खरपतवार उगने की शिकायतों के बाद ही विभाग इस तरह की कार्यवाही करता है? (घ) क्या शासन ऐसे किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान करेगा? जिन किसानों की अमानक बीजों के कारण फसल खराब हुई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016 एवं 2017 में खरीफ, रबी फसलों के अमानक बीजों की कुल 17 दुकानों (फर्मो) की जांच की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अमानक बीज नमूना से संबंधित कुल 17 फर्मो के खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बीज निरीक्षकों द्वारा जिला मुरैना में बुवाई प्रारंभ के पूर्व कुल 26 फर्मों की जांच की गई। जांच में गभीर अनियमितता न पाई जाने से शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मुरैना जिले में फसल खराब होने, फसलों में भारी मात्रा में खरपतवार उगने संबंधी शिकायत प्रतिवेदित न होने के कारण विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''सड़सठ''
शासकीय आवासों की मरम्मत एवं संधारण
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 752 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दो वर्षों से शिवाजी नगर, चार ईमली एवं कोटरा सुल्तानाबाद, भोपाल में स्थित शासकीय आवासों की मरम्मत एवं संधारण का कार्य किसी निजी संस्था को दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 हेतु उक्त निजी संस्था को आवासों की मरम्मत एवं संधारण हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है? (ग) प्रश्नाधीन वर्षों में निजी संस्था द्वारा कितनी-कितनी राशि श्रेणीवार आवास में व्यय की जा चुकी है? (घ) उक्त निजी संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यों के ऑडिट की क्या व्यवस्था की गई है, यदि हाँ, तो संस्था का नाम बताएं, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विगत दो वर्ष में वर्ष 2016-17 में दिनांक 06.01.2017 को वर्णित क्षेत्रों में स्थित आवासों की मरम्मत एवं संधारण हेतु निजी संस्था मेसर्स राघव कंस्ट्रक्शन (संविदाकार) को ई-निविदा के माध्यम से दिया गया। (ख) निजी संस्था को कोई राशि आवंटित नहीं की जाती है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) महालेखाकार द्वारा निर्धारित प्रतिवर्ष आडिट किया जाता है।
हल्कों को अधिसूचित कर राहत दिलाने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 758 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले को सूखा राहत के अंतर्गत अधिसूचित करने में अधिकारियों की लापरवाही से 93 हल्के छूटे गये थे, जिनमें सबसे अधिक 33 हल्के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर से संबंधित है, हल्के अधिसूचित नहीं होने से लगभग सात हजार किसान फसल बीमा का लाभ लेने से वंचित हो गये, यह लापरवाही कैसे हुई व इस लापरवाही के लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या एग्रीकल्चर बीमा कंपनी लिमिटेड द्वारा खरीफ की फसल के लिये बीमा प्रीमियम जमा करने की आखिरी तारीख निकल जाने का कारण दर्शाते हुये इन छूटे 93 हल्कों को अधिसूचित करने से मना किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो कैसे इन छूटे 93 हल्कों को शासन द्वारा पुन: अधिसूचित कराया जायेगा? इसके लिये आज तक क्या-क्या प्रयास किये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सूखा राहत के अंतर्गत अधिसूचना किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी नहीं की जाती है। (ख) अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति बैठक दिनांक 17.10.17 के कार्यवाही विवरण क्र./बी-8-5/2016/14-2 दिनांक 13.11.17 के बिन्दु क्रमांक 10 अनुसार निर्णय लिया गया है कि अधिसूचित होने से छूटे हुये 93 पटवारी हल्कों में मुख्यत: बाजरा एवं धान सिंचित फसलें अधिसूचित होना प्रस्तावित थी, उक्त फसलों के दावे बनने की संभावना कम है, अत: उक्त पटवारी हल्कों में कृषकों से लिये गये प्रीमियम बैंकों द्वारा कृषकों को वापिस करने की कार्यवाही की जावे। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
लोक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
90. ( क्र. 759 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला एवं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में सरकार की ओर से पैरवी करने वाले लोक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक जी.पी. व ए.जी.पी. नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है? नियुक्ति संबंधी नियम या प्रावधान बताएं। (ख) लोक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त होने के लिये क्या योग्यता होना आवश्यक है तथा एक बार लोक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक जी.पी. व ए.जी.पी. नियुक्त होने पर कोई व्यक्ति कितने समय तक अपने पद पर रह सकता है? (ग) जनवरी, 2004 से जून, 2017 तक जिला एवं सत्र न्यायालय ग्वालियर में कितने लोक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक जी.पी. एवं ए.जी.पी. व विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किये गये? यह नियुक्ति किसके आदेश से कितनी अवधि तक के लिये की गई? नाम, पदनाम, आदेश क्रमांक दिनांक सहित जानकारी दी जाये। (घ) शासन द्वारा जनवरी, 2004 से जून, 2017 तक जिला एवं सत्र न्यायालय ग्वालियर में कितने लोक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक जी.पी. एवं ए.जी.पी. व विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति के लिये कोई आवेदन आमंत्रित किये गये थे? आवेदन आमंत्रित करने के दिनांक सहित सभी पदों के लिये आवेदन करने वाले व्यक्तियों के नाम, पते सहित जानकारी दी जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रोड निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 762 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा नगर में शासकीय जिला चिकित्सालय हरदा से छिपानेर वायपास तक 1.26 कि.मी. रोड निर्माण शासन स्तर से स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त रोड निर्माण पर कितनी राशि व्यय होना है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार 1.26 कि.मी. रोड निर्माण के संबंध में जिला योजना समिति की बैठक में प्रस्ताव पास किये जाने के दो वर्ष बाद भी रोड निर्माण स्वीकृत/प्रारंभ नहीं होने का क्या कारण है एवं उसके लिये कौन जवाबदार है? (घ) कब तक उक्त रोड स्वीकृत कर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग की किसी भी योजना में सम्मिलित न होने से वर्तमान में मजबूतीकरण योजनांतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कोई जवाबदार नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टिमरन एवं मटकुल नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 765 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण उपसंभाग होशंगाबाद द्वारा 1. मानपुरा हरदा से बिरजाखेड़ी पम्प हाऊस मार्ग पर टिमरन नदी पर एवं 2. रन्हाईकलां से कुकरावद मार्ग पर मटकुल नदी पर बाक्स ब्रिज के निर्माण कार्य का प्राक्कलन स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त दोनों पुलों पर कितनी-कितनी राशि व्यय होना है व निर्माण कार्य स्वीकृति की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) लोगों को वर्षा ऋतु में आवागमन में हो रही परेशानी को दृष्टिगत रखते हुये कब तक उक्त दोनों पुलों की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदाय कर दी जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 782 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुरानी रा.रा.मार्ग 26 रेल्वे गेट क्रमांक 28 मकरोनिया एवं केंट क्षेत्र में स्थित इस गेट पर लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग/राष्ट्रीय राजमार्ग उपसंभाग सागर द्वारा आरोबी निर्माण एवं अन्य कार्यों हेतु कोई प्राक्कलन तैयार किया गया है? (ख) यदि प्राक्कलन तैयार किया गया है तो उस प्राक्कलन को शासन स्तर से कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होगी? (ग) क्या उपरोक्त प्राक्कलन/आरोबी/ अन्य कार्य निर्माण हेतु रेल्वे विभाग द्वारा इस संबंध में विभाग को कोई पत्र प्राप्त हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।
किसान मेलों का आयोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 793 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में आत्मा अन्तर्गत किसानों की सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु दिनांक 01.04.2012 से दिनांक 31.03.2016 तक किन स्थानों पर किसान मेलों का आयोजन हुआ। उक्त आयोजनों में कितने किसानों के द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाया गया। मेलेवार वर्षवार, स्थानवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार आयोजित किसान मेलों में कितने कृषकों को कितनी राशि की सामग्री प्रदान की गई है वर्षवार, मेलेवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त मेलों के लिये कितनी राशि का आवंटन व्यय करने हेतु प्राप्त हुआ था एवं कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार/मेलावार बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है।
परिशिष्ट - ''उनहत्तर''
बलराम तालाब निर्माण की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 794 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 5 वर्षों से अब तक कितने बलराम तालाब निर्माण की स्वीकृति दी गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत बलराम तालाबों के निर्माण में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर व्यय की गई कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है, कितने कृषक अनुदान प्राप्ति हेतु कब से शेष है? अनुदान शेष रहने के क्या कारण है बतायें। (ग) कितने स्वीकृत बलराम तालाबों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कितने तालाब का कार्य अपूर्ण है? कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? निर्मित किये गये एवं अपूर्ण बलराम तालाबों की निगरानी किस-किस अधिकारी द्वारा की जा रही है, उसका नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांकित अवधि (वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक) में कुल 301 बलराम तालाब के निर्माण की स्वीकृति दी गई। (ख) स्वीकृत बलराम तालाबों के निर्माण में कृषकवार व्यय की गई राशि एवं भुगतान की गई राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2014-15 में 01 वर्ष 2016-17 में 11 एवं वर्ष 2017-18 में 02, कुल 14 कृषकों को अनुदान की द्वितीय किस्त प्रदाय की जाना शेष है। विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कुल 301 स्वीकृत बलराम तालाबों में से 287 बलराम तालाबों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 14 बलराम तालाबों का कार्य अपूर्ण है। योजनान्तर्गत बलराम तालाब निर्माण कार्य स्वयं कृषक द्वारा किया जाता है। अपूर्ण बलराम तालाब हेतु कृषक स्वयं जिम्मेदार है। निर्मित एवं अपूर्ण बलराम तालाबों की निगरानी का कार्य स्वयं कृषक द्वारा किया जाता है। मूल्यांकन एवं सत्यापन का कार्य विभागीय अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाता है। नाम, पदनाम सहित विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पंजीयक सहकारिता मध्यप्रदेश को लिखे गये पत्र पर कार्यवाही
[सहकारिता]
96. ( क्र. 802 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ''पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा मध्यप्रदेश सोसाइटी अधिनियम के नियोजन की शर्तों का अवधारणा करने की शक्तियों के संबंध में'' विषयान्तर्गत दिनांक 20.07.2017 को लिखा गया पत्र जो पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश भोपाल को दिनांक 24.07.2017 को प्रेषित किया गया था में चार बिन्दुओं पर जानकारी चाही गई थी? (ख) क्या प्रश्नकर्ता को चाही गई चार बिन्दुओं की जानकारी भेज दी गई है? क्या भेजी गई जानकारी आधी अधूरी बिन्दुओं रहित दी गई है? कारण सहित उत्तर देवें। (ग) क्या शासन/विभाग चाही गई चार बिन्दुओं की पूर्ण रूप से जानकारी पुन: प्रत्येक को बिन्दुवार बताते हुए उसकी प्रतियां प्रश्नकर्ता को बिन्दुवार उपलब्ध कराते हुए सदन के पटल पर रखेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, विपणन संघ से प्राप्त पूर्ण जानकारी प्रेषित की गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यभारित एवं आकस्मिक सेवा निधि के कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
97. ( क्र. 803 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियम/निर्देशों के अधीन संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास भोपाल के अंतर्गत कार्यभारित एवं आकस्मिक सेवा निधि के अंतर्गत कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी समयमान-वेतनमान का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनों को दिया? कितनों को क्यों नहीं दिया? (ख) क्या जिन कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान नहीं दिया गया है वह कर्मचारी भी जिनको दिया गया है उन कर्मचारियों के समान वर्ष 1998 से कार्यभारित एवं आकस्मिक सेवानिधि के अधीन नियुक्ति मानते हुए वर्तमान में उन्हीं के समान वेतनमान दिया जा रहा है? (ग) क्या वंचित पात्र कर्मचारियों को एक पदेन उप सचिव/प्रभारी संचालक कमला नेहरू चिकित्सालय गैस राहत भोपाल के दबाव में आकर सी.एम.ओ. गैस राहत द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण की जिसकी समयमान-वेतनमान दिये जाने से कोई संबंध नहीं है की जानबूझकर आड़ लेकर नहीं दिया जा रहा है? क्या कर्मचारियों द्वारा इस संबंध में विभाग का ध्यान आकर्षित किये जाने पर सी.एम.ओ. गैस राहत द्वारा वंचित व पात्र कर्मचारियों को समयमान वेतन का लाभ देने के संबंध में नोटशीट क्र. 6623 दिनांक 25.07.2017 संचालक कमला नेहरू चिकित्सालय को अनुमोदनार्थ भेजी गई थी? उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? तथ्यात्मक बतावें। (घ) क्या शासन/विभाग शासन के प्रचलित नियम/निर्देशों की अवहेलना करते हुए शासन की छवि धूमिल करने वाले दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए वंचित पात्र कर्मचारियों को भी समयमान-वेतनमान का लाभ दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास भोपाल के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत भोपाल के अधीन कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कार्यभारित एवं आकास्मिक सेवा निधि से वेतन पा रहे 103 कर्मचारियों में से 42 कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान का लाभ दिया गया हैं। शेष 61 कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में नियमित वेतनमान दिनांक 30.09.1998 के स्थान पर दिनांक 16.06.1992 से दिये जाने हेतु याचिका प्रस्तुत की थी। प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी.24275/2003 डब्लू.पी.5567/2014 डब्लू.पी. 9182/2014 के अनुपालन में उक्त कर्मचारियों को आर्थिक अनुवर्ति लाभ दिनांक 16.06.1992 से दिनांक 30.9.1998 तक दिया गया था, जिसको राज्य शासन द्वारा आदेश क्रमांक एफ6-5/2015/47दिनांक 09.02.2015 से सी.एम.ओ.गैस राहत का आदेश क्रमांक 1979 दिनांक 15.03.2013, आदेश क्रमांक 2495 दिनांक 12.05.2014 एवं आदेश क्रमांक 5856 दिनांक 01.10.2014 न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप न होने के कारण अनियमित आदेश निरस्त किया गया है, के विरूद्ध प्रकरण मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में पुन: प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी.2506/ 2015 दायर किया गया जो विचाराधीन है, के अनुक्रम में सी.एम.ओ. गैस राहत भोपाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक दिनांक 28.06.2017 में दी गई अनुशंसा के अनुक्रम में समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है। इसी प्रकार कार्यालय कलेक्टर गैस राहत भोपाल में पदस्थ कार्यभारित सेवा के चतुर्थ श्रेणी के 22 कर्मचारी कार्यरत है जिनमे से 17 कर्मचारियों द्वारा समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किये जाने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पीटीशन क्र.9976/2015 दायर की है जो मान. उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से उक्त कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है। शेष 05 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही प्रचलन में है। संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास में कार्यरत 06 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो में से 05 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया। शेष 01 कर्मचारी के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ख) सी.एम.ओ. गैस राहत के अधीन कार्यरत 61 कार्यभारित कर्मचारियों को समयमान वेतनमान नहीं दिया गया है, क्योंकि संबंधित प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी.2506/2015 में दिनांक 23.02.2015 से वसूली संबंधी आदेश पर स्थगन हैं, प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन हैं। न्यायालय निर्णय के पश्चात ही प्रकरण निराकृत किया जावेगा। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता, क्योकि प्रकरण क्रमांक 2506/2015 माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है। (घ) सम्पूर्ण प्रकरण में जो भी दोषी होगा उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
योजनाओं हेतु व्यय की गई राशि का सत्यापन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
98. ( क्र. 815 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान सड़क निधि, कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि, गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि अंतर्गत छतरपुर जिले में कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से कार्यों हेतु किस संस्था को दी गई? (ख) उक्त योजना के अनुसार वर्ष 2015 से 25 अक्टूबर, 2017 तक किस संस्था के माध्यम से कार्य कराये गये? संस्था का नाम तथा स्वीकृत राशि की जानकारी दें। (ग) स्वीकृतकर्ता अधिकारी द्वारा प्रशासकीय स्वीकृतियां जो जारी की गई, उनकी प्रतियां दें? (घ) सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन है उनके नाम पद सहित जानकारी दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान सड़क निधि, कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि, गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि में से किसान सड़क निधि से छतरपुर जिले की कृषि उपज मंडी समितियों के लिये राशि रू. 5.30 करोड़ स्वीकृत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (घ) सत्यापनकर्ता अधिकारी कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड तकनीकी संभाग सागर है।
नारायणपुर के खैरया नाले का डायवर्सन किया जाना
[जल संसाधन]
99. ( क्र. 823 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम नारायणपुर के पास खैरहा नाला का डायवर्सन करके नारायणपुर के तालाब में डालने तथा नारायणपुर के तालाब से कैनाल के द्वारा अहार के तालाब में तथा अहार से लड़वारी के दोनों तालाबों में डायवर्सन करके डालने तथा जिससे चारों तालाबों में अच्छा जल भराव होने से किसानों को लाभ दिए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कई शासन को प्रस्ताव भेजे गये? यदि हाँ, तो उक्त खैरहा नाले के डायवर्सन में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या यह भी सच है कि उक्त नाले के डायवर्सन हेतु शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा प्राक्कलन या डी.पी.आर. मौके पर जाकर बनाया गया? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें? यदि प्राक्कलन डी.पी.आर. मौके पर जाकर नहीं बनाया गया तो क्यों नहीं बनाया गया? कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। प्रस्ताव हेतु तकनीकी उपयुक्तता की जांच की गई। तकनीकी अध्ययन में पाया गया कि नारायणपुर तालाब खैरहा नाले से 2.6 मीटर तथा अहार तालाब नारायणपुर तालाब से 5.1 मीटर की ऊंचाई पर है। तकनीकी रूप से खैरहा नाले से नारायणपुर, अहार एवं लड़वारी तालाबों का भरा जाना संभव नहीं होने से परियोजना की डी.पी.आर. नहीं बनायी गई।
फल विकास योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
100. ( क्र. 835 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में फल विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 से अब तक कितने किसानों को किस खसरा नं. पर कुल कितना रोपित रकबा, कौन से पौधा के लिये कितनी अनुदान राशि किस बैंक खाता क्रमांक के माध्यम से भुगतान की गयी है? (ख) क्या अनुदान राशि का दुरूपयोग किया गया है तथा रोपित पौधे सिर्फ रिकॉर्ड में ही दर्ज है? क्या विभाग सिर्फ एक विकासखण्ड जैतहरी का भौतिक सत्यापन कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) अनुदान राशि दुरूपयोग की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। तथापि जिले से जीवितता बावत प्राप्त जानकारी में विसंगति पाई जाने से जाँच के आदेश दिये गये हैं जो शीघ्र पूर्ण किया जायेगा।
आत्मा परियोजना का गठन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 836 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में आत्मा परियोजना का गठन कब किया गया है तथा वर्तमान में आत्मा परियोजना के अशासकीय सदस्य कौन-कौन हैं? नाम, पिता का नाम, पता एवं कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान का उल्लेख करें? (ख) परियोजना में सम्मिलित एन.जी.ओ. का नाम तथा पदाधिकारियों का नाम, पता का विवरण देवें? उक्त संस्था द्वारा वर्तमान में किस सामाजिक क्षेत्र में काम किया जा रहा है? (ग) क्या उक्त संस्था द्वारा वर्तमान में कृषकों को आत्मा अन्तर्गत भ्रमण कराया गया है? यदि हाँ, तो भ्रमण स्थल व्यय की गई राशि एवं कृषकों की नामवार जानकारी प्रदान करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला अनूपपुर में आत्मा परियोजना वर्ष 2007-08 से संचालित है। वर्तमान में आत्मा परियोजना अंतर्गत आत्मा गवर्निंग बोर्ड के अशासकीय सदस्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आत्मा परियोजना अंतर्गत आत्मा गवर्निंग बोर्ड में सोनांचल सेवा समिति, अनूपपुर नाम एन.जी.ओ. शामिल है। जिस समिति में 11 सदस्य है। समिति के अध्यक्ष श्री सुनील शुक्ला, चेतना नगर, अनूपपुर है।संस्था द्वारा अनूपपुर जिले में कृषि, भूमि संरक्षण, जल संरक्षण के अतिरिक्त अन्य सामाजिक कार्य जैसे बेटी बचाओ, वृद्धा आश्रम आदि सामाजिक विषयों पर कार्य किये जा रहे है। (ग) जी नहीं। उक्त संस्था द्वारा वर्तमान में कृषकों को आत्मा अन्तर्गत भ्रमण नहीं कराया गया। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
प्राप्त शिकायत की जांच एवं कार्यवाही
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 838 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 5022 दिनांक 30.07.2009 में म.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स द्वारा दिनांक 24.06.2009 को मा.मंत्री जी एवं दिनांक 07.07.09 को प्रमुख सचिव को तत्कालीन प्रभारी अधीक्षण यंत्री (प्रशासन) द्वारा की गई अनियमितताओं के संबंध में की गई शिकायत की जांच कराई जा रही है की जानकारी दी गई थी? तो क्या जांच करा ली गई है? (ख) यदि हाँ, तो जांच निष्कर्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं जांच में विलम्ब के लिये दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) शासनादेश दिनांक 19/11/2010 द्वारा प्रभारी अधीक्षण यंत्री (प्रशासन) के प्रभार से मुक्त किया गया एवं शासनादेश दिनांक 25/04/2011 द्वारा स्थानांतरित कर कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण वि/यां संभाग जबलपुर में पदस्थ किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
किसानों की अर्जित भूमि का मुआवजा भुगतान
[जल संसाधन]
103. ( क्र. 839 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से मार्च, 2017 तक जल संसाधन विभाग एवं प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन विभाग भोपाल ने भिण्ड जिले में कितने किसानों की अर्जित कितनी भूमि के पारित किए गए अवार्ड आदेश के अनुसार मुआवजा की कितनी राशि के भुगतान की स्वीकृति कब प्रदान की? आवंटन कब प्रदान किया। (ख) जनवरी, 2014 से लागू भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 23, 30 एवं धारा 31 में क्या प्रावधान दिया है धारा 24 में क्या प्रावधान दिया है उनका पालन किए जाने के संबंध में विभाग ने किस दिनांक को पत्र परिपत्र या आदेश निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया? (ग) भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 11 के अनुसार पारित अवार्ड आदेशों को भूमि अर्जन अधिनियम 2013 धारा 30 धारा 31 एवं 23 के अनुसार संशोधित किए जाने के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टेकनपुर-हर्सी कैनाल रोड का निर्माण
[जल संसाधन]
104. ( क्र. 846 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ता. प्रश्न क्र. 4486 दिनांक 09 मार्च, 2017 को माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक को सदन में चर्चा अनुसार टेकनपुर-हर्सी कैनाल रोड का इसी वित्तीय वर्ष में निर्माण कराने का जवाब दिया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? स्पष्ट करें। अब रोड का निर्माण कब तक करा लिय जावेंगा? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें। (ख) ककैटों, अपर ककैटों तथा पेहसारी तालाब में जो पानी है वह उक्त तालाब क्षेत्र के किसानों को इस अत्यधिक सूखे में देने से क्यों वंचित किया जा रहा है? क्या इन तालाब क्षेत्र के किसानों को रबी की फसल के लिये पानी दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से और कितना? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस क्षेत्र के किसानों के साथ यह अन्याय नहीं है? क्या किसान इससे पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं? (ग) क्या ककैटों तालाब से पानी को लिफ्ट करके तिघरा डेम में लाया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस हेतु कितनी राशि खर्च कर पानी लाने हेतु प्राक्कलन है? क्या इतनी अधिक राशि का अस्थाई उपयोग कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या यह स्थाई योजना है या अस्थाई? (घ) यदि अस्थाई योजना है तो इतनी राशि को इस योजना की मुख्य राशि में जोड़कर चंबल नदी से स्थाई योजना बनाकर पानी की व्यवस्था हमेशा के लिये क्यों नहीं की जा रही है? यदि स्थाई रूप से ठोस योजना बनाई जा रही है तो फिर इतनी राशि का गलत उपयोग करने का क्या औचित्य है? क्या इस योजना को निरस्त कर स्थाई निदान के लिये चंबल नदी से तिघरा डेम में पानी लाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) टेकनपुर हर्सी कैनाल रोड का निर्माण कराए जाने का आश्वासन सदन में दिया गया है। दिनांक 27.09.2017 को मुख्य अभियंता द्वारा प्राक्कलन प्रस्तुत किया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्ताव की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई है अत: शेष प्रश्नांश का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) इस वर्ष अल्प वर्षा होने से ककेटों तथा पेहसारी तालाबों में जल संग्रहण नहीं होने के कारण किसानों को रबी फसल के लिए पानी नहीं दिया जा सका है। (ग) जी हाँ। रू. 1264.09 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति नगर निगम ग्वालियर द्वारा दी गई है। कार्य निविदा के माध्यम से कराया जा रहा है। कार्य अस्थाई है, भ्रष्टाचार से संबंधित उल्लेख निराधार है। (घ) प्रश्नाधीन अस्थाई कार्य तालाब के डेडस्टोरेज से पेयजल के लिए आवश्यकतानुसार नगर-निगम ग्वालियर के लिए किया जा रहा है। स्थाई योजना नगर-निगम ग्वालियर से संबंधित होने के कारण विभाग द्वारा उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
ग्वालियर जिले प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
105. ( क्र. 847 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना क्या है? इस प्रदेश में यह योजना कब से लागू किया गया है एवं योजना अंतर्गत किस प्रकार से प्राकृतिक आपदाग्रस्त कृषकों को फसल क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त होती है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बीमा योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले के भीतरवार चिनौद एवं घाटीगॉव तहसील क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा कृषि सहकारी समितियों द्वारा कितने-कितने कृषकों से कितनी-कितनी राशि कृषकों के ऋण खातों से काटकर या नगद भुगतान प्राप्त कर प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना अंतर्गत किन-किन कृषि फसलों का बीमा किया गया? बैंकवार, कृषकों की संख्या बीमा हेतु काटी गई राशि सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बीमाकृत फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को पटवारी हल्कावार कितनी-कितनी राशि का क्लेम प्राप्त हुआ? (घ) क्या यह सत्य है कि खरीफ 2017 एवं रबी 2017 की फसलें ग्वालियर जिले के भीतरवार, चिनौर एवं घाटीगॉव तहसील क्षेत्र में सूखा के कारण पूरी तरह नष्ट हो गई है? शासन इन कृषकों को इन फसल बीमा योजना या अन्य किस-किस योजना से कितनी-कितनी राहत, कब तक, किस हिसाब से दे रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषकों की फसलों को मौसम के अनापेक्षित घटनाक्रम के कारण हानि/क्षति होने पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु योजना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ वर्ष 2016 से लागू किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत प्राकृतिक आपदा के कारण हानि होने पर बीमा दावों का भुगतान फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त आंकडों के आधार पर किया जाता है। योजना की प्रचालन मार्गदर्शिका के बिन्दु क्र. IV (क) बाधित बुआई/रोपण जोखिम, (ख) खड़ी फसल (बुआई से लेकर कटाई तक) (ग) फसल कटाई के उपरांत होने वाले नुकसान एवं (घ) स्थानीयकृत आपदायें अनुसार बीमा दावों का भुगतान किया जाता है। योजना की प्रचालन मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ वर्ष 2016 हेतु फसलवार, अधिसूचित इकाईवार बीमा दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। रबी वर्ष 2016-17 के बीमा दावों की गणना का कार्य प्रक्रियाधीन है। खरीफ वर्ष 2017 हेतु बीमांकन का कार्य प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा दावों की गणना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नि:शुल्क बीज वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 850 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि किन-किन फसलों का नि:शुल्क मिनिकिट बीज विभागीय योजनान्तर्गत दिया जाता है? इसे देने के क्या-क्या मार्गदर्शी निर्देश है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत दलहनी (चना, मसूर, मूंग, उडद, अरहर) तथा राष्ट्रीय तिलहन एवं आईलपाम मिशन अंतर्गत तिलहनी (सरसो, अलसी, सोयाबीन, तिल, मूंगफली आदि) फसलों का नि:शुल्क मिनिकिट बीज दिया जाता है। मार्गदर्शी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुलताई-भैंसदेही मार्ग की निर्माण
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 851 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई-भैंसदेही मार्ग को SH घोषित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो इस निर्माणाधीन मार्ग का SH के नियमों से निर्माण किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त कार्य को SH के नियमों के मुताबिक बनाने के लिये शासन एवं केन्द्र को प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की छायाप्रति देवें? (ग) बिन्दु (क) के अनुसार यदि प्रस्ताव नहीं भेजा गया तो इसमें कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? नाम दें, साथ ही यह बतायें अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय सड़क निधि योजना में प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.1.2015 को प्रदाय की गई थी, जिसमे मार्ग की श्रेणी एम.डी.आर. में दर्शित है। राज्य सरकार द्वारा यह मार्ग दिनांक 24.09.2016 में एस.एच. घोषित किया गया। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
108. ( क्र. 856 ) श्री सचिन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में जिला खरगोन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसलों का सहकारी समितियों के माध्यमों से बीमा किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? क्या बीमा कंपनियों से किसानों की बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराकर उन्हें शत-प्रतिशत मुआवजा दिया गया है? यदि नहीं, तो तत्संबंध में जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि प्राप्त नहीं होने पर बीमा कंपनियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कसरावद तहसील क्षेत्रांतर्गत किन-किन कंपनियों द्वारा सहकारी समितियों के माध्यमों से फसल बीमा किया गया? सहकारी समितिवार एवं बीमा कंपनियों एवं मालिकों के नाम पते सहित जानकारी देवें? (घ) उक्त फसलों के मुआवजा राशि का वितरण कब तक फसल बीमा कंपनियों द्वारा करा लिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वर्ष 2017 में प्याज की खरीदी
[सहकारिता]
109. ( क्र. 857 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में कितनी राशि की प्याज कितनी मात्रा में खरीदी गई तथा हम्माली, तुलाई, भण्डारण परिवहन व अन्य पर व्यय की गई राशि का अंतर क्या रहा? जानकारी जिलेवार दें। (ख) वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में कितनी मात्रा में प्याज खराब/नष्ट हुई उससे शासन को कितनी राशि का नुकसान हुआ और क्यों? कारण सहित जिलेवार जानकारी दें। (ग) वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में प्याज खरीदी के दौरान शासन ने भण्डारण की क्या व्यवस्था की एवं प्रदेश के अंदर एवं बाहर नीलामी से शासन को कितनी राशि का लाभ व हानि हुई? (घ) वर्ष 2016 एवं वर्ष 2017 में उक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में कितनी-कितनी शिकायतें एवं ज्ञापन किस-किस के माध्यमों से प्राप्त हुए और उस पर शासन ने प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की? जिलेवार जांच प्रतिवेदनों सहित जानकारी दें। (ड.) वर्ष 2016 एवं 2017 में प्याज खरीदी में क्या अनियमितताएं हुई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की? क्या जांच की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन से अवगत करावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर का पक्कीकरण
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 862 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बाग में निर्मित खनिअम्बा सिंचाई तालाब की नहर पक्कीकरण हेतु विभाग द्वारा शासन स्तर पर प्रेषित प्रस्ताव का परीक्षण प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा किया जा रहा है, इस आशय की जानकारी दिनांक 24 जुलाई, 2017 को प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1902 के परिप्रेक्ष्य में प्रदान की गई थी? उक्त प्रस्ताव का परीक्षण हो चुका है या नहीं? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि उक्त प्रस्ताव का परीक्षण हो चुका है तो क्या खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्कीकरण हेतु राशि स्वीकृत कर दी गई है। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) दिनांक 01.09.2017 से लागू नई दरों के अनुसार डी.पी.आर. पुनरीक्षित की जा रही है। पुनरीक्षित डी.पी.आर. प्राप्त होने पर ही प्रशासकीय स्वीकृति पर विचार किया जाएगा।
आमाघाटा तालाब परियोजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
111. ( क्र. 863 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आमाघाटा तालाब परियोजना का विरोध डूब क्षेत्र के किसानों के जनविरोध के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका, इस आशय की जानकारी दिनांक 9 मार्च, 2017 को प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्रमांक 4101 के परिप्रेक्ष्य में प्रदान की गई थी, तो बतावें कि उक्त परियोजना से कितना क्षेत्रफल एवं कितने किसान डूब क्षेत्र से प्रभावित हो रहे है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त विरोधकर्ताओं द्वारा जनहित की इस योजना को अटकाने हेतु अभी तक क्या कदम उठाये गये है? (ग) क्या यह सही है कि उक्त क्षेत्र में पानी की गंभीर किल्लत है और यदि उक्त परियोजना इस क्षेत्र में साकार रूप लेती है तो क्षेत्र के हजारों किसानों को पानी की उपलब्धता आसानी से हो सकेगी। यदि हाँ, तो उक्त परियोजना की स्वीकृति हेतु क्या सरकार पुनर्विचार करेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अनुमानित 25 हेक्टेयर निजी भूमि। विस्तृत सर्वेक्षण नहीं होने से किसानों की संख्या बतलाया जाना संभव नहीं है। (ख) कृषकगणों द्वारा दिनांक 28.07.2004, 08.09.2005, 22.08.2011, 02.09.2011, 24.09.2011 एवं 07.11.2017 को विरोध करते हुए स्थल निरीक्षण एवं सर्वेक्षण कार्य को रोका गया। (ग) जी हाँ। परियोजना का विस्तृत सर्वेक्षण नहीं होने से लाभांवित कृषकों की संख्या बतलाया जाना संभव नहीं है। जी हाँ डूब क्षेत्र के कृषकगणों द्वारा सहमति देने की स्थिति में।
कृषकों को प्रशिक्षण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
112. ( क्र. 869 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा समय-समय पर कृषकों का प्रशिक्षण एवं विभागीय कार्यशाला का आयोजन किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में वर्ष 2013-14 से कब-कब प्रशिक्षण, भ्रमण सह प्रशिक्षण, कार्यशाला आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं? आयोजित प्रशिक्षण में कितने कृषकों को कब-कब प्रशिक्षण दिलाया गया है? कृषकों के प्रशिक्षण में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्षवार, विकासखण्डवार, प्रशिक्षण की तिथिवार, राशिवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांकित अवधि में फसल क्षेत्र विस्तार, सब्जी क्षेत्र विस्तार, मसाला क्षेत्र विस्तार, बाड़ी, किचिन गार्डन के तहत कितने कृषकों को लाभांवित किया गया है? विकासखंडवार कृषक संख्या सहित विवरण दें? बताएं कि 'नमामि देवी नर्मदे' के तहत बहोरीबंद एवं रीठी की किन-किन ग्राम पंचायतों को कितने-कितने पौधे उपलब्ध कराये गये? विकासखंडवार, ग्राम पंचायतवार बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रशिक्षण, भ्रमण सह प्रशिक्षण, कार्यशाला में कौन-कौन पदाधिकारी उपस्थित रहे? तिथिवार, कार्यक्रमवार बताएं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 (अ) एवं प्रपत्र-02 (ब) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है।
सिंचाई तालाबों/ जलाशयों में लगाई गई रोक
[जल संसाधन]
113. ( क्र. 872 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कि कटनी जिले में तालाबों से सिंचाई हेतु पानी में रोक लगाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो लगाई गई रोक से जिले में कुल कितनी बोनी प्रभावित हुई? किस-किस तहसील का कितना रकबा तालाबों/जलाशयों की सिंचाई सुविधा से वंचित रहा? खरीफ एवं रबी फसल का फसलवार, तहसीलवार, हेक्टेयरवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कटनी जिले में तालाबों/ जलाशयों से संबंद्ध किसानों की फसल को पानी न मिलने के कारण फसल सूखने हेतु कौन-कौन विभाग/अधिकारी जिम्मेदार हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार तालाबों/जलाशयों से संबंद्ध किसानों की फसल के नुकसानी की प्रतिपूर्ति जिले/शासन द्वारा किस तरह से कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। कटनी जिले में सिंचाई हेतु पानी की रोक नहीं लगाई गई है अल्प वर्षा से जलाशयों में हुए कम भराव को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक 14.09.2017 को जिला जल उपयोगिता समिति में हुए निर्णय अनुसार कृषकों की मांग आने पर कृषि विभाग एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के संयुक्त निरीक्षण उपरांत वास्तविक आंकलन के आधार अनुविभागीय अधिकारी दण्डाधिकारी की अनुमति से पानी दिया जाना निर्णित किया गया है ताकि पानी का अपव्यय न हो सके। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते। (ग) जलाशयों में उपलब्ध पानी किसानों को फसल हेतु दिया गया है अत: फसल सूखने हेतु विभाग के किसी अधिकारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) तालाबों/जलाशयों से संबंद्ध किसानों को किसी फसल की नुकसानी जलाशयों से पानी न मिलने के कारण नहीं हुई है अत: नुकसानी की प्रतिपूर्ति किए जाने का प्रश्न ही नहीं है।
अरण्या बहादुर डेम का जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 875 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अरण्या बहादुर डेम के जीर्णोद्धार के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) उपरोक्त कार्य की अद्यतन स्थिति बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) DRIP कार्य मद में रू.41.74 लाख। 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण एवं शेष कार्य प्रगतिरत् है।
विभागीय जांच की अद्यतन स्थिति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
115. ( क्र. 876 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 585 दि. 17.07.17 के (क) उत्तर में वर्णित विभागीय जांच की अद्यतन स्थिति बतावें। विगत 6 माह के समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। (ख) यह भी बतावें कि जांच में किस कारण से विलम्ब हो रहा है? इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि जांच पूर्ण हो गई है तो जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें। (ग) जिन 8 हितग्राहियों के बलराम तालाब अपूर्ण थे क्या वे पूर्ण हो गये है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होंगे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्न क्रमांक 585 के परिप्रक्ष्य में श्री अश्विनी कुमार झारिया, तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी (न.घा.यो.) महिदपुर जिला उज्जैन के विरूद्ध संचालनालयीन पत्र क्रमांक अ-5-बी/वि.जां./7-2017/668, दिनांक 25.03.2017 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये। आरोपों का बचाव उत्तर समाधानकारक न पाये जाने के कारण संचालनालयीन आदेश क्रमांक अ-5-बी/वि.जां./7-2017/1799, दिनांक 4.9.2017 के द्वारा विस्तृत विभागीय जांच हेतु संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन संभाग उज्जैन को जांचकर्ता अधिकारी एवं उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। विभागीय जांच प्रचलित है। विगत छ: माह में किये गये पत्राचार की छायाप्रतियाँ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही करते हुये विभागीय जांच संस्थित की गई है। जांच अधिकारी को शीघ्र कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। जांच अधिकारी द्वारा जांच कार्यवाही की जा रही है। अत: अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 8 अपूर्ण बलराम तालाबों के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।
धार जिले में बीमा क्लेम संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
116. ( क्र. 879 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांर्गत खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के लिये धार जिले में कितने किसानों को कितनी बीमा क्लेम राशि प्रदान की गई? पृथक-पृथक जानकारी तहसीलवार देवें। (ख) कितने किसानों को 0 से 500 रू., 500 से 1500 रू. एवं 1500 रू. से अधिक राशि का बीमा क्लेम प्रदान किया गया? खरीफ व रबी की पृथक-पृथक जानकारी तहसीलवार देवें? (ग) रबी 2015 की कितनी बीमा क्लेम राशि धार जिले में प्रदान की गई प्रश्न (क) व (ख) अनुसार बतावें? (घ) यदि बीमा राशि का प्रदाय नहीं किया गया है तो कब तक कर दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के लिए धार जिले में किसानों को प्रदान की गयी बीमा क्लेम राशि की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट 1 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) रबी 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू थी। जिसके अंतर्गत धार जिले में बीमा क्लेम राशि रू. 27609536 जिले के पात्र कृषकों को दिया गया है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। (घ) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनातंर्गत रबी 2015-16 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान धार जिले के उन पात्र कृषकों को किया गया है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। रबी 2016-17 के दावों का भुगतान प्रक्रियाधीन है।
धार जिले में संधारण संबंधी जानकारी
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 880 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विगत 03 वर्षों में संधारण के कितने कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? कार्य हेतु स्वीकृत राशि व्यय राशि, लंबित राशि, सहित विधानसभावार वर्षवार देवें? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिये टेंडर प्रक्रिया की जानकारी तथा विज्ञप्ति की जानकारी भी देवें? (ग) इन कार्यों का निरीक्षण कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति सहित देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4, 5, अनुसार है।
ब्याज, खरीदी में भ्रष्टाचार संबंधी
[सहकारिता]
118. ( क्र. 882 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्र.क्र. 1289, दिनांक 24.07.2017 में उल्लेखित सीहोर, विदिशा एवं रायसेन जिलों में प्याज खरीदी के भण्डारण व्यय तथा हम्माली एवं तुलाई व्यय की जानकारी भण्डारणकर्ता नाम, स्थान, भुगतान राशि तथा हम्माल नाम, तुलावरी नाम, भुगतान राशि, पता, सहित जिलावार पृथक-पृथक देवें? (ख) क्या कारण है कि हम्माली व तुलाई तथा भण्डारण की दरें तीनों जिलों में पृथक-पृथक है व मंडी दर से कई गुना अधिक है? (ग) उपरोक्त जिलों में भण्डारण कितने समय के लिये किया गया? भण्डारणकर्ताओं व विभाग के बीच हुए भण्डारण अनुबंधों की प्रमाणित प्रति भी देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खरगोन जिले की जीनिंग/प्रेसिंग मिल संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
119. ( क्र. 883 ) श्री कमलेश शाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की जीनिंग/प्रोसिंग मिल व्यवसायिओं द्वारा वर्ष 2007 से 2013 तक मंडी में किन-किन मदों में कितना-कितना टैक्स जमा कराया गया?। (ख) सत्र 2007-08 से 2016-17 तक खरगोन मंडी में कपास की आवक एवं व्यापारी/व्यवसायी द्वारा खरीदी की मात्रा सूची वर्षवार देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरगोन जिले की जीनिंग/प्रोसिंग मिल व्यवसायिओं द्वारा वर्ष 2007 से 2013 तक जमा कराई गई मंडी फीस रूपये 39,72,91,661/- तथा निराश्रित शुल्क 6,17,89,553/- वसूल किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बैतूल जिले के मार्गों का मेंटेनेंस
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 887 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में लोक निर्माण विभाग के अधीन ऐसे कौन-कौन से मार्ग हैं, जिन्हें बने 05 वर्ष से अधिक समय हो गया है? विकासखण्डवार मार्गों की सूची उपलब्ध कराए। (ख) क्या इन मार्गों के मेंटेनेंस के लिये पुन: टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है? (ग) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं तथा कब तक टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) विवरण पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
बैतूल जिले में गढ़ा व सोपई डेम निर्माण
[जल संसाधन]
121. ( क्र. 888 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में गढ़ा एवं सोपई डेम बनाया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इनका सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) यदि हाँ, तो टेंडर की प्रक्रिया कब से प्रारंभ कर दी जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। जी हाँ। दोनों परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं हुई है। अत: टेण्डर हेतु समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
प्याज खरीदी के संबंध में
[सहकारिता]
122. ( क्र. 892 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा इस वर्ष कितने कृषकों से कितनी राशि की प्याज खरीदी गई? जिलावार कृषक संख्या, खरीद मात्रा, राशि, भण्डारण व्यय, हम्माली, तुलाई, परिवहन व्यय सहित बतावें? (ख) भण्डारण, हम्माली, तुलाई, परिवहन व्यय के लिये क्या दर निर्धारित की गई थी? कितनी प्याज नीलाम की गई? कितनी राशन दुकान या अन्यत्र वितरण हेतु दी गई? (ग) नीलामी से कितनी राशि प्राप्त हुई? जिलावार प्याज मात्रा, नीलामी राशि, क्रेताओं के नाम, पते सहित जानकारी देवें? (घ) कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान शेष है? जिलावार बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुल-पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 897 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में खिलचीपुर विकासखण्ड के ग्राम गोरधनुपरा से राजस्थान सीमा तक जाने वाले मार्ग पर पुल नहीं होने से कई ग्रामों का आवागमन बन्द हो जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा सेतु निगम से ग्राम गोरधनुपरा से राजस्थान सीमा तक जाने वाले मार्ग पर पुल तथा ग्राम बगा फत्तूखेड़ी से बरनियाखेड़ी से मूंजखेड़ा और ग्राम गंगापाट से देहरा के बीच बनायी पुलिया बनाया जाना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
उद्यानिकी विभाग से लाभांवित हितग्राही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
124. ( क्र. 898 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में उद्यानिकी विभाग द्वारा 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया है? (ख) विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या, ग्राम का नाम तथा किस योजना में लाभान्वित किया गया है? बतावें। (ग) उक्त योजनाओं में विधान सभा राजगढ़ अंतर्गत लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों को कितना-कितना अनुदान दिया गया है? (घ) वर्ष 2017-18 में किन-किन योजनाओं में कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ है? उनके लिये विधानसभा राजगढ़ के कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्रवार आवंटन नहीं दिया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
मंडियों में सोयाबीन व उड़द के भाव
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
125. ( क्र. 905 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन एवं उड़द की फसलों के औसत भाव (कीमत) वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या रहे वर्षवार-मंडीवार जानकारी दें। (ख) सागर जिले की कृषि उपज मंडियों में वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 के सितम्बर एवं अक्टूबर माह तक सोयाबीन फसल की उच्चतम एवं न्यूनतम भाव (कीमत) क्या रही? मंडीवार वर्षवार बतावें। (ग) सागर जिले की कृषि उपज मंडियों में वर्ष 2012-13 से 2017-18 के माह सितम्बर, अक्टूबर व नवंबर माह में सोयाबीन एवं उड़द के औसत भाव (कीमत) क्या रहे वर्षवार, मंडीवार, वर्णित माहवार जानकारी दे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
यंत्रियों की गृह जिले में पदस्थापना
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 906 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग नया संभाग भोपाल अंतर्गत कौन-कौन कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री कब-कब से पदस्थ हैं? (ख) सेवापुस्तिका रिकार्ड के अनुसार उक्त कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री किन जिलों के मूल निवासी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन के नियमानुसार उक्त यंत्रियों को गृह जिले में पदस्थ किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम सहित बतावें? क्या नियम विरूद्ध की गई पदस्थापना के संबंध में विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) संलग्न परिशिष्ट के कॉलम-6 अनुसार। (ग) स्थानांतरण नीति 2017-18 की कंडिका- 8.16 के अनुसार सामान्यतः पदस्थ नहीं किये जाने का प्रावधान हैं, किंतु यंत्रीगणों की कमी होने के कारण एवं विभागीय आवश्यकता के परिप्रेक्ष्य में उक्त पदस्थापना की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
10% अनुदान योजना में कृषकों के नगद ऋण को भी शामिल किये जाना
[सहकारिता]
127. ( क्र. 907 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि सहकारी साख समितियों से लिये जाने वाले खाद-बीज के लिये अल्पावधि ऋण पर अनुदान केवल वस्तु ऋण राशि पर 10% अनुदान देने की योजना मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना के तहत हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो क्या इस योजना में वस्तु ऋण के बजाय नगद ऋण पर अनुदान देने की योजना प्रस्तावित है? (ग) यदि नहीं, तो क्या भविष्य में किसान हित में वस्तु ऋण के साथ-साथ अल्पावधि नकद ऋण पर भी 10% अनुदान दिये जाने की योजना बनाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) कृषकों द्वारा अल्पावधि नगद ऋण भी कृषि व्यवसाय/कार्य हेतु ही लिया जाता है, तो क्या सरकार 10% अनुदान में नकद ऋण को भी सम्मिलित करने का निर्णय लेगी? किसान हित में विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में प्रदेश में कृषकों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अल्पावधि कृषि ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जा रहा है, अतः अन्य कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।
फसल बीमा का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
128. ( क्र. 908 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं रायसेन जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत योजना प्रारंभ के वर्ष से वर्ष 2017-18 के सितम्बर तक कृषकों से कितना-कितना प्रीमियम वर्षवार प्राप्त किया गया? ऋणी एवं अऋणी कृषकों के संबंध में पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्राप्त प्रीमियम के विरूद्ध फसल नुकसानी की स्थिति में फसल सीजन/वर्षवार कितनी-कितनी राशि कितने कृषकों को उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या सतना व रायसेन जिलों में अऋणी कृषकों को आज दिनांक तक फसल बीमा का लाभ नहीं दिया गया है? यदि नहीं, दिया गया तो क्यों? कब तक अऋणी कृषकों को फसल बीमा का लाभ दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना एवं रायसेन जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016, रबी 2016-17 एवं खरीफ 2017 में ऋणी एवं अऋणी कृषकों से प्राप्त प्रीमियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2016, रबी 2016-17 एवं खरीफ 2017 में कुल लाभान्वित ऋणी एवं अऋणी कृषकों की संख्या एवं कुल भुगतान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खरीफ 2016 हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान सतना एवं रायसेन जिले में उन पात्र कृषकों के लिये नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। रबी 2016-17 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2017 हेतु औसत पैदावार के आंकड़े मुख्य फसलों एवं तुअर हेतु उपलब्ध होने के पश्चात क्षतिपूर्ति प्रक्रिया आरंभ होगी।
पांढुर्णा जलाशयों एवं नहरों का संरक्षण
[जल संसाधन]
129. ( क्र. 910 ) श्री जतन उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत जिला छिन्दवाड़ा के विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा में स्थित जलाशयों एवं नहरों के रख-रखाव व मरम्मत के लिये शासन की क्या योजना है तथा प्रतिवर्ष इस योजना मद में कितने राशि का भुगतान किया जा रहा है? जलाशयों व नहरों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ख) यदि इन पर सही रख-रखाव व मरम्मत कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जलाशयों एवं नहरों के रख-रखाव व मरम्मत के लिए शासन द्वारा जल उपभोक्ता संथाओं को राशि प्रदान की जाती है। प्रतिवर्ष बांध के रख-रखाव हेतु राशि रू.40/- प्रति हे. एवं नहरों के रख-रखाव हेतु राशि रू.120/- प्रति हे. इस प्रकार कुल राशि रू.160/- प्रति हे. के अनुसार पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्मित 17 जलाशयों के कुल कमाण्ड क्षेत्र 4811.70 हे. के लिए राशि रू. 7,69,872.00 का भुगतान जल उपभोक्ता संथाओं को किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में जलाशय एवं नहर अच्छी स्थिति में हैं। (ख) बांध एवं नहरों के रख-रखाव व मरम्मत कार्य जल उपभोक्ता संथा को प्राप्त आवंटन के अनुसार ठीक हो रहा है, इसके लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है।
निर्मित जलाशयों के पक्की नहरों की राशि स्वीकृति
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 911 ) श्री जतन उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन उपसंभाग पांढुर्णा के अधीनस्थ निर्मित योजनाएं के राजडोगरी, माड़वी हिवरासेनाडवार, भाजीपानी, राजडोगरी, भंदारगोदी, उत्तमडेरा, ढोलन खापा, बिछुआ साहनी, टेमनी साहनी, मोहखेड़ी जलाशयों नहरों की राशि कब तक स्वीकृत की जायेगी? (ख) क्या जलाशयों की कच्ची नहर होने के कारण उन शहरों से अधिक मात्रा में पानी सिपेज होकर बह जाता है, जिससे किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पाता है? निम्न जलाशयों के नहरों के लिये शासन कब तक राशि उपलब्ध कराएगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जबलपुर संभाग के छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन उपसंभाग पांढुर्णा के अधीनस्थ निर्मित योजनाएं के राजडोंगरी, माण्डवी, हिवरासेनाडवार, भाजीपान, राजडोंगरी, भंदारगोदी, उत्तमडेरा, ढोलनखापा, बिछुआसाहनी, टेमनी साहनी मोहखेड़ी जलाशयों नहरों के रख-रखाव हेतु प्रथम किश्न की राशि दिनांक 22.08.2017 तथा द्वितीय किश्त की राशि दिनांक 07.11.2017 को स्वीकृत कर जल उपभोक्ता संथा को आवंटित की गई है। जलाशयवार आवंटित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जलाशयों की कच्ची नहरों में होने वाले बहाव का रूपाकंन करते समय ट्रांसमिशन लॉसेस, सीपेज लॉसेस आदि का प्रावधान कर कमाण्ड क्षेत्र का निर्धारण किया जाता है। नहरों के रख-रखाव हेतु शासन द्वारा राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है।
विभागीय कार्यवाही
[सहकारिता]
131. ( क्र. 921 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 576 दिनांक 17.07.2017 को उत्तर दिया गया था कि जांच प्रतिवेदन के आधार पर उत्तरदायी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है? तो क्या उत्तरदायी अधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया है? हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उत्तरदायी अधिकारी पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन विधि सम्मत एवं समय-सीमा में कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों पर नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा की गई कार्यवाही
[सहकारिता]
132. ( क्र. 922 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2266 दिनांक 24.07.2017 को उत्तर दिया गया था कि समिति प्रबंधक के पद का प्रभार तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता श्री अखिलेश निगम द्वारा दिया गया है? श्री निगम से स्पष्टीकरण प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है? तो क्या उक्त अधिकारी से स्पष्टीकरण प्राप्त करने की कार्यवाही कब व किसके आदेश से किसके द्वारा की जा रही है? उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त अधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण प्राप्त करने की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन विधि सम्मत एवं समय-सीमा में कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। श्री अखिलेश निगम से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के संबंध में प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) कार्यवाही प्रकियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
133. ( क्र. 930 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्ष 2014-2015 और वर्ष 2015-2016 में कितने किसानों की रबी और खरीफ फसलों का बीमा किया गया वर्ष 2014-2015 और वर्ष 2015-2016 में कितने किसानों को कितनी बीमा राशि दी गई? जिलावार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किस-किस जिले में कितने किसानों को कितनी दावा राशि दी गई है? पटवारी हल्कावार एवं तहसीलवार बतायें? (ग) उपरोक्त (क) के अनुसार वर्षों में कितने किसानों से कितनी प्रीमियम राशि ली गई है और बीमा की मुआवजा/क्षतिपूर्ति राशि दी गई है? पटवारी हल्कावार, तहसीलवार एवं जिलावार बतायें? (घ) प्रदेश के 51 जिलों को वर्ष 2014-15 एवं 2015-2016 में कितनी फसल बीमा राशि किन बीमा कंपनियों से प्राप्त हुई? जिलावार बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-2016 में लागू नहीं थी। वर्ष 2014-2015 और वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत किसानों को जिलावार दी गई बीमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनातंर्गत प्रदेश के 51 जिलों के पात्र कृषकों को एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-2016 में बीमा दावों के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।
शासकीय आवासों का संधारण/मरम्मत
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 931 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में शिवाजी नगर एवं तुलसी नगर स्थित ‘’ई’’ एवं ‘’एफ’’ श्रेणी के शासकीय आवासों की मरम्मत/संधारण हेतु किन-किन माननीय विधायकों के द्वारा मुख्य अभियंता भोपाल परिक्षेत्र को पत्र लिखे गये तथा ये किन-किन आवासों से संबंधित थे? नामवार विस्तृत विवरणे दें। (ख) प्रश्नांश (क) दर्शित शासकीय आवासों में से कौन-कौन से कार्य किन-किन शासकीय आवासों में करवाये गये? नामवार विस्तृत विवरण दें तथा एफ-93/63 से 63/76 तक के कौन-कौन से कार्य होना शेष है एवं ये कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) दर्शित आवासों के संबंध में की गई कार्यवाही से सामान्य प्रशासन विभाग के नियम/निर्देशों के अनुसार क्या संबंधित विधायकों को अवगत कराया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या संबंधित संभागीय कार्यालय द्वारा शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की जाती है? यदि हाँ, तो एफ-93/63 तुलसी नगर, भोपाल के संबंध में दिनांक 01.07.2017 का शिकायत नं. 50184, दिनांक 01.07.2017 का शिकायत नं. 53544, दिनांक 07.10.2017 का शिकायत नं. 61823, दिनांक 01.10.2017 का शिकायत नं. 62667, दिनांक 01.09.2017, शिकायत क्र. 52204 दिनांक 16.10.2017, शिकायत क्र. 63499 पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (ड.) शिकायतों के निराकरण में विलम्ब के लिये कौन दोषी हैं? संबंधितों पर क्या कार्यवाही कब तक कर भविष्य में शिकायतों के त्वरित निराकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं क्रमांक एफ-63/76 कोई आवास गृह अस्तित्व में नहीं है। आवास क्रमांक 93/63 से 93/76 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, कार्यवाही की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) कोई नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।