मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2017 सत्र


गुरूवार, दिनांक 27 जुलाई, 2017


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर


Top of Form


नीलगाय (रोझ) का व्‍यवस्थापन

[वन]

1. ( *क्र. 2506 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) नीलगाय (रोझ) के द्वारा फसलों को चौपट होने से बचाने की दिशा में विभाग के द्वारा क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) क्‍या सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के ऐसे गांव जो जंगल से सटे हुए हैं, वहां के किसानों की फसल नीलगाय (रोझ) के आक्रमण के कारण चौपट हो रही है तथा ग्रामवासी भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं? विभाग द्वारा ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में बाड़ लगाने की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष में प्रश्‍नकर्ता के सिरमौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन जगहों पर बाड़ लगाई गई है या लगाई जा रही है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) वन विभाग द्वारा मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से प्रायोगिक तौर पर 27 नीलगायों को पकड़कर गांधीसागर अभ्यारण्य में छोड़ा गया है। नीलगायों से फसल हानि की समस्या सम्पूर्ण प्रदेश में है, तदा्नुसार 1000 नीलगायों को प्रदेश स्तर पर पकड़कर अन्यत्र वनक्षेत्र में छोड़े जाने की अनुमति दी गई है। प्रदेश के कुछ स्थानों में कृषि विकास तथा किसान कल्याण विभाग के सहयोग से शाकाहारी वन्यप्राणियों से फसल हानि को रोकने हेतु सोलर फेंसिंग लगाई गई है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्रवण-बधिर कर्मचारियों की मूल स्थान में पदस्थी

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

2. ( *क्र. 223 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या‍ शासन के द्वारा शत-प्रतिशत श्रवण-बधिर कर्मचारियों को उनके मूल पारिवारिक स्थानों पर पदस्थ किया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो शत-प्रतिशत श्रवण-बधिर जितेन्द्र पटेल एवं अन्य ऐसे कर्मचारियों को अब तक उनके मूल पारिवारिक स्थानों में पदस्थ क्यों नहीं किया गया?                                                            (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन ऐसे शत-प्रतिशत श्रवण-बधिर कर्मचारियों को उनके मूल पारिवारिक स्थान पर स्‍थानांतरित करने की मंशा रखता है? यदि हाँ, तो ऐसे स्थानांतरण कब किये जायेंगे?                                            (घ) यदि नहीं, तो क्यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के लिये जारी स्‍थानान्‍तरण नीति में शत-प्रतिशत श्रवण-बधिर कर्मचारियों को उनके मूल पारिवारिक स्‍थानों पर पदस्‍थ किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्व-रोजगार योजना का क्रियान्‍वयन

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

3. ( *क्र. 2763 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01.04.2015 से 31.05.2017 तक समस्‍त                                            स्व-रोजगार योजनाओं के कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? कितने स्‍वीकृत/अस्‍वीकृत हुए, की जानकारी वर्षवार देवें (ख) विभाग द्वारा स्‍वीकृत प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में बैंको द्वारा ऋण नहीं दिया गया? सूची देवें (ग) बैंकों द्वारा स्‍वीकृत प्रकरणों में कितने प्रकरणों में अनुदान राशि बैंको को प्रदान कर दी गई है? सूची देवें। ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिन्‍हें अनुदान राशि प्राप्‍त न होने के कारण बैंकों ने लंबित कर रखा है? सूची देवें। (घ) इन प्रकरणों का कब तक निराकरण कर समय पर ऋण वितरण सुनिश्चित किया जायेगा।

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01.04.2015 से 31.05.2017 तक विभाग द्वारा संचालित समस्‍त स्‍व-रोजगार योजनाओं में कुल 2164 आवेदन प्राप्‍त हुए जिसमें से 2163 आवेदन स्‍वीकृत हुए तथा 1 आवेदन अस्‍वीकृत हुआ। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा उक्‍त अवधि में स्‍वीकृत प्रकरणों में से 02 प्रकरणों में ऋण नहीं दिया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) बैंकों द्वारा स्‍वीकृत प्रकरणों में अनुदान राशि की मांग नोडल बैंकों से की जाती है, जिसकी जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) अनुदान राशि के क्‍लेम नोडल बैंकों के माध्‍यम से निर्धारित क्‍लेम सेटलमेंट प्रक्रियानुसार निपटाये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है।

परिशिष्ट - ''एक''

सड़क मार्गों की स्‍वीकृति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

4. ( *क्र. 683 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) श्‍योपुर जिले में मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पूर्व में निर्मित कौन-कौन सी सड़कों के प्रस्‍ताव तैयार कर डामरीकृत करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल कर जिला योजना समिति के अनुमोदन उपरांत विभाग द्वारा शासन को स्‍वीकृति हेतु कब भेजे गए? (ख) उक्‍त प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति हेतु वर्तमान तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही पूर्ण व क्‍या-क्‍या शेष रह गई है, इन्‍हें कब तक पूर्ण करके उक्‍त प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ग) कौन-कौन सी सड़कों के प्रस्‍ताव विभाग द्वारा शासन को स्‍वीकृति हेतु भेजे जाने हैं? इन्‍हें विलंब से भेजे जाने का कारण व इस हेतु कौन दोषी है, के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा, कब तक यह प्रस्‍ताव शासन को स्‍वीकृति हेतु भेज दिए जावेंगे। तत्‍पश्‍चात् कब तक इन्‍हें स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, कोई भी मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित नहीं है। शासन के निर्णय अनुसार मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित सड़कों में से सामान्य क्षेत्र के 150 आबादी के राजस्व ग्रामों एवं आदिवासी क्षेत्र के 100 आबादी के राजस्व ग्रामों को जोड़ने वाली सड़कों के डामरीकरण के लिये विश्व बैंक योजना अनुमोदित की गई है, जिसमें श्योपुर जिले की पात्रता अनुसार 31 सड़कों को शामिल किया गया है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन के मापदंड अनुसार प्रस्तावित 31 सड़कों में से 20 सड़कों की निविदायें बुलाई जा चुकी हैं, शेष सड़कों के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार हो रहे हैं। समय सारणी विश्व बैंक के समन्वय से तय होती है, अतः पूर्व से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                                                             (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''दो''

रीवा जिले में रोजगार मेले का आयोजन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

5. ( *क्र. 2620 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                   (क) क्‍या आजीविका मिशन रीवा द्वारा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रशिक्षण दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रशिक्षण देने वाली संस्‍था का नाम, कितने लोगों को प्रशिक्षण दिया, उनकी संख्‍या व यदि उनका प्‍लेसमेन्‍ट हुआ तो कम्‍पनी के नाम सहित जानकारी दें? (ख) क्‍या आजीविका मिशन रीवा में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 रीवा जिले में रोजगार मेले का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक रोजगार मेले में कौन-कौन सी कम्‍पनियों ने भाग लिया तथा कितने बेरोजगारों को रोजगार प्राप्‍त हुआ? (ग) एन.आर.एल.एम. द्वारा आजीविका मिशन सेन्‍टर का निर्माण रीवा जिले में कहाँ-कहाँ किया गया? नाम बतावें क्‍या ग्राम संगठन का पैसा अधोसंरचना में खर्च किया जा सकता है? क्‍या ग्राम संगठन की राशि उस संगठन में सम्मिलित समिति अथवा समूह को 1 प्रतिशत ब्‍याज पर लेन-देन की जाती है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2015-16 में प्रशिक्षण नहीं दिया गया। वर्ष 2016-17 में मिशन द्वारा राज्य आजीविका फोरम के अन्तर्गत दिए गए प्रशिक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) विकासखण्ड रीवा के ग्राम लोही में। जी हाँ। ग्राम संगठन साधारण सभा की बैठक में निर्णय लेकर स्व-अर्जित आय से अधोसंरचना में व्यय एवं 1 प्रतिशत ब्याज पर लेन-देन कर सकता है।

खेल मैदान का निर्माण

[खेल और युवा कल्याण]

6. ( *क्र. 2680 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मंडला जिले के विधान सभा क्षेत्र बिछिया के अंतर्गत विगत वर्षों में शासन द्वारा खेल मैदान निर्माण हेतु स्‍वीकृति जारी की गयी थी? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि से खेल मैदान का निर्माण किया जाना था? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को विकास खण्‍ड बिछिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत अंजनिया, विकास खण्‍ड मुख्‍यालय घुघरी एवं विकास खण्‍ड मवई के अंतर्गत ग्राम पंचायत भीमडोगरी में खेल मैदान निर्माण हेतु प्रस्‍ताव दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्य कराये जाने हेतु अभी तक क्‍या कार्यवाही की गयी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रस्‍ताव कार्यालय कलेक्‍टर मंडला में लंबित है। कलेक्‍टर मंडला द्वारा विधानसभा क्षेत्र बिछिया के अंतर्गत किसी भी ग्राम पंचायत में भूमि खेल विभाग के नाम हस्‍तांतरित नहीं हुई है एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में भी ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

प्रधानमंत्री आवास/मुख्‍यमंत्री आवास की स्‍वीकृति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

7. ( *क्र. 2660 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में जिला मुरैना को कितने प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्‍यमंत्री आवास इकाई (संख्‍या) का लक्ष्‍य प्राप्‍त हुआ, की जानकारी अलग-अलग दी जावे व क्‍या इन्‍हें स्‍वीकृत करने हेतु शासन की कोई नीति/निर्देश प्रचलन में हैं, तो उसकी छायाप्रति उपलब्‍ध कराई जावे।                                        (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना अथवा जनपद पंचायत मुरैना व अंबाह जिला मुरैना को उपरोक्‍त प्रश्नांश (क) में से कितना लक्ष्‍य प्राप्‍त हुआ व कुल कितने आवेदन हितग्राहियों से प्राप्‍त हुये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्राप्‍त लक्ष्‍य में से प्रश्‍न प्रस्‍तुति‍ दिनांक तक कितने आवास स्‍वीकृत/प्रक्रियाधीन/अस्‍वीकृत हुए की जानकारी अलग-अलग दी जावे व स्‍वीकृत आवासों में से किन-किन हितग्राहियों को आवास स्‍वीकृत किये, की जानकारी हितग्राही का नाम, पता, स्‍वीकृत दिनांक सहित अलग-अलग दी जावे।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत मुरैना जिले को अब तक 8,578 आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया है। योजना की मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2017-18 में मुरैना जिले का लक्ष्य 850 आवास निर्माण का है। मुख्यमंत्री आवास योजना के नीति-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अधीन जनपद पंचायत मुरैना एवं अम्बाह को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत क्रमशः 4432 एवं 3105 का लक्ष्य दिया गया है। हितग्राहियों से आवेदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री आवास मिशन के तहत प्रश्नाधीन जनपद पंचायतों का लक्ष्य क्रमशः 207 एवं 142 है, जिनके विरूद्ध अब तक क्रमश: 142 एवं 162 आवेदन प्राप्त हुए हैं। (ग) स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जनपद पंचायत मुरैना में 20 एवं अम्बाह में 3 हितग्राही अपात्र होने से अस्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के तहत प्रश्नाधीन जनपद पंचायत में क्रमशः 18 एवं 5 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

बगडी फाटा से भीलतलवाडा मार्ग पर पुलिया निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

8. ( *क्र. 1723 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्या विकास खण्ड नालछा के ग्राम बगडी फाटा से भीलतलवाडा मार्ग पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण हेतु बनाई गई डी.पी.आर. में ग्राम लोभानपुरा (बडाबरखेड़ा) स्थित मान नदी का बहाव अधिक होने से यहाँ पर सड़क के मध्य कलवर्ट पुलिया का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था? (ख) यदि हाँ, तो फिर मान नदी पर रपटे का निर्माण किसके निर्देश पर किया गया तथा इसके लिये कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी, ठेकेदार आदि जवाबदार हैं? रपटे के पास पानी अधिक होने पर रपटा पार नहीं करने संबंधी सूचना फलक नहीं लगा होने के कारण क्‍या गत वर्ष वर्षाकाल के दौरान (1) श्री सिकदार पिता सायबा, निवासी सामरिया (2) श्री नानसिंह पिता भीलीया, नानकीपुरा एवं श्री गब्बू पिता देपालसिंह, लोभानपुरा की तेज बहाव में बह जाने से मृत्यु हो चुकी है? इसके लिये कौन-कौन दोषी व जिम्मेदार है तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है या की जावेगी? (ग) ग्राम लोभानपुरा (बडाबरखेड़ा) स्थित मान नदी पर कलवर्ट पुलिया का निर्माण किया जावेगा अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। रपटे के पास पानी अधिक होने पर रपटा पार नहीं करने संबंधी सूचना फलक लगा है। गत वर्षाकाल में विषयांकित सड़क स्थित मान नदी रपटे पर तेज बहाव में वह जाने से हुई किसी की मृत्यु की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्‍थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रस्तावित नहीं है।

विधायक निधि से स्‍वीकृत कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

9. ( *क्र. 3173 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2006 से प्रश्‍न दिनांक तक केवलारी विधान सभा क्षेत्र में विधायक निधि से कितने कार्य कितनी राशि के स्‍वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं और कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण हैं तो किस कारण से? स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार लंबित/अपूर्ण कार्यों के पूर्ण न होने का क्‍या कारण है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तीन''

औद्योगिक विकास हेतु भूमि‍ का आरक्षण

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

10. ( *क्र. 3099 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक विकास हेतु कितनी भूमि आरक्षित की गई है? (ख) क्या उद्योग हेतु आरक्षित भूमि का बंटन पात्र उद्यमी को किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (ग) क्या उद्यमी द्वारा प्राप्त भूमि पर उद्योग स्थापित कर लिया गया है? क्या भूमि जिस उद्देश्य के लिए बंटित की गई थी, उसका उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जा रहा है? (घ) क्या प्रश्नांश्‍ा (क) के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास जैसे सड़क, विद्युत की सुविधा प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो कब तक औद्योगिक क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास किया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्र, अकोदिया रोड, शुजालपुर हेतु 18.837 हेक्टेयर तथा औद्योगिक क्षेत्र सतेण्डी हेतु 14.72 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु आरक्षित है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) म.प्र. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधीनस्थ औद्योगिक क्षेत्र, सतेण्डी एवं अकोदिया रोड शुजालपुर में उद्योग स्थापना हेतु आवश्‍यक अधोसंरचना उपलब्ध है।

ग्राम सुवासा से मकड़ावन में सड़क निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

11. ( *क्र. 1922 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम सुवासा से मकड़ावन में प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण किस एजेंसी के द्वारा कराया गया है, इसकी लागत क्‍या है? प्रश्‍न दिनांक तक इस सड़क के निर्माण की क्‍या स्थिति है? (ख) इस कार्य की लागत कितनी है, स्‍वीकृति के आधार पर कार्य कितना हो चुका है? (ग) इस सड़क की गुणवत्‍ता की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की गई है एवं क्‍या सड़क निर्माण में अनियमितता को लेकर ग्रामीण जन के द्वारा शिकायतें की गई‍ं, फिर भी शिकायतों की जाँच किये बिना ही भुगतान कर दिया गया। ग्रामीण जनों की शिकायत और उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम सुवासा से मकड़ावन (सुवासा से उन्हैल) सड़क का निर्माण मेसर्स नर्मदा कन्स्ट्रक्शन कम्पनी इन्दौर (म.प्र.) एजेंसी के द्वारा कराया गया है, जिसकी लागत रू. 80.13 लाख (निविदा प्रतिशत सहित) है। प्रश्‍न दिनांक तक मार्ग 05 वर्षीय ग्यारंटी अवधि उपरांत संधारण अन्तर्गत है। (ख) इस कार्य की लागत रू. 80.13 लाख (निविदा प्रतिशत सहित) है। स्वीकृति के आधार पर निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत रू. 80.13 लाख का व्यय हुआ है। (ग) इस सड़क की गुणवत्ता की जाँच मार्ग निर्माण के दौरान राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रक श्री टी.बी.एस. गिल एवं श्री वी.एस. रघुवंशी द्वारा की गई, जिसमें कार्य को संतोषजनक पाया गया। सड़क निर्माण के दौरान निर्माण में अनियमितता को लेकर ग्रामीणजनों के द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई। अतः शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता।

नवीन विकास खण्डों का गठन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

12. ( *क्र. 1810 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में कितने नये विकास खण्ड बनाये जाना प्रस्तावित है? सूची उपलब्ध करावें।                                               (ख) क्‍या वर्तमान में संचालित विकास खण्ड या तो बहुत बड़े-बड़े या बहुत छोटे हैं ? यदि हाँ, तो क्या इनका नये सिरे से सीमांकन/आंकलन करने पर शासन विचार कर रहा है? अवगत करावें                                      (ग) नये प्रस्तावों में क्या नागदा तहसील का नाम विकासखण्ड के लिये सम्मिलित है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।

मुख्‍यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना का क्रियान्‍वयन  

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

13. ( *क्र. 888 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित मुख्‍यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना क्‍या है? क्‍या योजनांतर्गत युवाओं को स्व-रोजगार हेतु ऋण उपलब्‍ध कराया जाता है? ऋण स्‍वीकृति के क्‍या प्रावधान हैं? (ख) क्‍या मुख्‍यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में बैंक द्वारा जमानत एवं सिक्‍युरिटी हेतु चल/अचल संपत्ति बैंक को उपलब्‍ध करवाना अनिवार्य है? (ग) शाजापुर जिले में मुख्‍यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजनांतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 तक कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? कितनी प्रावधानिक राशि के ऋण स्‍वीकृत किये गये? कितनी राशि आवेदकों को उपलब्‍ध कराई गई तथा कितने-कितने बैंक द्वारा अस्‍वीकृत किये गये? कारण सहित उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या शाजापुर जिले में मुख्‍यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजनांतर्गत बैंक शाखाओं द्वारा भौतिक एवं वित्‍तीय लक्ष्‍य की पूर्ति हेतु मात्र औपचारिकता की जा रही है? यदि हाँ, तो शासन स्‍तर पर क्‍या ठोस कार्यवाही की जा रही है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना दिनांक 31.7.2014 तक संचालित थी, परन्तु दिनांक 01.8.2014 से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना प्रारंभ की गई है जिसके प्रावधान/जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत आवेदक द्वारा एम.पी. ऑनलाईन कियोस्‍क के माध्यम से जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को आवेदन करना होता है। पात्र आवेदकों के प्रकरणों की अनुशंसा जिला टास्क फोर्स समिति द्वारा संबंधित बैंक शाखाओं को जाती है। तत्पश्चात् आवेदक के प्रकरण पर ऋण हेतु स्वीकृति का निर्णय बैंक शाखा द्वारा लिया जाता है तथा स्वीकृत प्रकरणों में वितरण की कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत ऋण प्रकरण ऋण गारंटी निधि योजना अन्तर्गत स्वीकृत किये जाते हैं, अतः चल/अचल संपत्ति बैंक को उपलब्ध कराना अनिवार्य नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शाजापुर जिले में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विभाग को प्राप्त आवेदन के विरूद्ध स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है :-

वर्ष

लक्ष्य

प्राप्‍त आवेदन

स्वीकृत प्रकरण

वितरित राशि

(लाख में)
 

संख्या

राशि

2014-15

20

34

15

451.15

356.00

2015-16

20

51

22

560.54

465.90

2016-17

20

52

24

941.20

846.03

योग

60

137

61

1952.89

1667.93

 

स्वीकृत प्रकरणों में बैंकों द्वारा उपलब्ध चरणबद्ध तरीके से वितरण किया जाता है, जिसकी जानकारी बैंक स्तर पर संधारित की जाती है। लक्ष्य पूर्ण होने के कारण प्रकरण विभाग को वापस किये गये जिन्हें आगामी वित्तीय वर्ष में पुनः बैंकों को अग्रेषित किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं।

परिशिष्ट - ''चार''

विकासखण्‍डों में खेल सामग्री का वितरण

[खेल और युवा कल्याण]

14. ( *क्र. 1615 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत पिछले 05 वर्षों में शहरी एवं ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिये शासन द्वारा इन्दौर जिले हेतु कितनी राशि आंवटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खेल विभाग द्वारा इन्दौर जिला अन्तर्गत किस-किस विकासखण्ड में प्राप्त बजट में से कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई है? (ग) किन-किन खेलों पर किस-किस विकासखण्ड में जिला अन्तर्गत राशि व्यय की गई? कौन-कौन सी खेल गतिविधियां संचालित कराई गईं?              कौन-कौन से खेल उपकरण क्रय किये गये और किन-किन विकासखण्डों को कितनी-कितनी खेल सामग्री दी गई? (घ) बजट वर्ष 2016-17 में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं इस राशि से विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये? आगामी बजट वर्ष 2017-18 से क्या-क्या खेल गतिविधियां कराई जायेंगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा विकास खण्‍डवार कोई राशि आवंटित नहीं की जाती। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय बजट खेलवार आवंटित नहीं किया जाता है। अत: खेलवार व्‍यय की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। इन्‍दौर जिले के विकासखण्‍डों में प्रश्‍नांश अवधि में संचालित गतिविधियों, उपलब्‍ध कराये गये उपकरण/सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। वर्ष 2016-17 में आयोजित गतिविधियों को वर्ष 2017-18 में निरंतर संचालित किया जावेगा।

ग्राम पंचायत मुख्‍यालय में पेंशन का वितरण

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

15. ( *क्र. 1013 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत खिलचीपुर एवं जीरापुर में कितने हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्‍था पेंशन, बहुदिव्‍यांग पेंशन, विधवा पेंशन, मुख्‍यमंत्री कन्‍या अभिभावक पेंशन का भुगतान जून 2017 की स्थिति में हो रहा है? जनपद पंचायतवार तथा नगरीय निकायवार संख्‍या बतायें (ख) 01 जुलाई, 2017 की स्थिति में संबंधित हितग्राहियों को किस माह तक की पेंशन का भुगतान हो गया है? पेंशन का भुगतान किस माध्‍यम से कैसे किया जाता है? प्रतिमाह हितग्राही को पेंशन का भुगतान नहीं होने के क्‍या कारण हैं? (ग) क्‍या वृद्ध, दिव्‍यांग एवं विधवा महिलाओं को 15-20 कि.मी. चलकर पेंशन प्राप्‍त करने हेतु पोस्‍ट ऑफिस/बैंक जाना पड़ता है? ग्राम पंचायत मुख्‍यालय में पेंशन का वितरण हो, क्‍या इस संबंध में विभाग को जनप्रतिनिधियों द्वारा सुझाव भी दिये गये हैं? यदि हाँ, तो हितग्राहियों को प्रतिमाह निर्धारित तिथि तक पेंशन प्राप्‍त हो इस संबंध में विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

न्‍यायालय से सजा प्राप्‍त वन अधिकारी

[वन]

16. ( *क्र. 1412 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                        (क) भ्रष्‍टाचार के मामलों में न्‍यायालय से सजा हो जाने के बाद अधिकारियों को सेवा में रखे जाने, उनसे कार्य लिये जाने, पदोन्‍नति आदि का क्‍या प्रावधान है? सजा उपरांत सेवा से पृथक किये जाने का क्‍या प्रावधान है? (ख) भ्रष्‍टाचार के मामलों में वर्ष 2004 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन वन अधिकारियों को न्‍यायालय से सजा हुई है? कितने अधिकारियों को अपील के बाद दोषमुक्‍त किया गया है? (ग) जिला न्‍यायालय/लोकायुक्‍त विशेष न्‍यायालय से सजा हो जाने के बाद किस-किस अधिकारी को किन-किन कारणों से सेवा से पृथक नहीं किया गया? क्‍या वन मुख्‍यालय ने सेवा से पृथक नहीं करने के लिये अनुशंसा की है? यदि हाँ, तो प्रकरणवार ब्‍यौरा दें? (घ) सजा प्राप्‍त अधिकारियों को सेवा से पृथक नहीं किये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं और उनके विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करने जा रहा है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भ्रष्‍टाचार के प्रकरणों में न्‍यायालय द्वारा दोष सिद्ध होने पर पदोन्‍नति का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार(घ) सजा प्राप्‍त अधिकारियों के संबंध में कार्यवाही नियमानुसार की गई है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

इन्दिरा आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

17. ( *क्र. 1528 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के विभिन्न ग्रामों के पात्र हितग्राहियों के नाम भारत सरकार के पोर्टल पर अन्य ग्राम पंचायतों में इन्द्राज हैं? यदि हाँ, तो जिले में कुल कितने ग्रामों के पात्र हितग्राहियों के नाम अन्य ग्राम पंचायतों में दर्ज हो गये हैं? (ख) इस विसंगति को कब तक दूर किया जाकर पात्र हितग्राहियों को इन्दिरा आवास योजना का लाभ मिलेगा? (ग) भारत सरकार के इन्दिरा आवास योजना संबंधी पोर्टल पर गलत प्रविष्टि‍ सुधार कब तक करा लिया जावेगा, अवधि बतायें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार के पोर्टल आवास सॉफ्ट में 07 ग्रामों के हितग्राहियों के नाम अन्य ग्राम पंचायतों में प्रदर्शित हैं। (ख) एवं (ग) भारत सरकार से विसंगति दूर किए जाने की प्रत्याशा में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत पात्र हितग्राहियों को आवास गृह स्वीकृत करने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दे दिए गए हैं।

सोलर स्‍ट्रीट लाईट की खरीदी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

18. ( *क्र. 1894 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) क्‍या धार जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा पंच परमेश्‍वर/14वां वित्‍त मद से वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक सोलर स्‍ट्रीट लाईट की खरीदी कर मजरे/फलियों में स्‍थापित की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो प्रति नग कितने रेट में खरीदी गई तथा किस संस्‍था/एजेंसी से खरीदी गई तथा खरीदी गई सोलर स्‍ट्रीट लाईट प्रत्‍येक पंचायतों में किन-किन मजरे/फलियों में लगाई गई? ब्‍लॉकवार एवं पंचायतवार सूची उपलब्‍ध कराई जावे (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार मजरे/फलियों में स्‍थापित की गई सोलर स्‍ट्रीट लाईट प्रत्‍येक पंचायतों में कितनी बंद हैं एवं कितनी चालू हैं? ब्‍लॉकवार एवं पंचायतवार संख्‍या बतावें। (घ) क्‍या शासन द्वारा पंच परमेश्‍वर/14वां वित्‍त मद से सोलर स्‍ट्रीट लाईट की खरीदी करने के आदेश जारी किये गये? यदि हाँ, तो खरीदी करने के आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें और यदि खरीदी करने के आदेश जारी नहीं किये तो जिनके द्वारा खरीदी की गई, उन पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है।                                          (घ) जी हाँ। सोलर स्ट्रीट लाईट की खरीदी के संबंध में जारी आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।

सोनकच्‍छ को स्‍मार्ट सिटी योजना में शामिल किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( *क्र. 554 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सोनकच्‍छ को भी स्‍मार्ट सिटी योजना अंतर्गत शामिल किया गया है? (ख) यदि स्‍वीकृत है तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्‍वीकृत नहीं है तो क्‍या विभाग द्वारा इसकी स्‍वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) स्‍मार्ट सिटी अंतर्गत क्षेत्रवासियों को क्‍या-क्‍या सुविधाएं उपलब्‍ध हो सकेंगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्‍मार्ट सिटी की कार्यवाही प्रचलन में ना होने से प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

वाटर श्‍ोड परियोजना में अनियमितता

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

20. ( *क्र. 1217 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर जिले के अंतर्गत वाटरशेड परियोजना क्रमांक 19 में करोड़ों रूपये के भ्रष्‍टाचार के विरूद्ध प्रश्‍नकर्ता, माननीय सांसद, जिला पंचायत सदस्‍य, जनपद सदस्‍य एवं परियोजना के ही उपयंत्री सहित बहुत से लोगों के द्वारा शिकायतें की गईं थीं? प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त कुल शिकायतों की सूची देते हुये बतावें कि इन शिकायतों पर अब तक कब-कब क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या वाटरशेड परियोजना 19 में भ्रष्‍टाचार की पुष्टि के बाद भी सहायक यंत्री द्वारा राशि भुगतान की अनुशंसा सी.ई.ओ. जैसीनगर से करवायी गयी, जबकि जाँच रिपोर्ट में वाटरशेड के जिला परियोजना अधिकारी एवं टीम लीडर के विरूद्ध घटिया निर्माण एवं भ्रष्‍टाचार के आरोप प्रमाणित पाये गये हैं, परन्‍तु संरक्षण के चलते किसी भी दोषी पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही किसी भी स्‍तर से नहीं की गई है, क्‍यों? (ग) क्‍या कलेक्‍टर द्वारा वाटरशेड परियोजना क्रमांक 6 एवं 19 में भ्रष्‍टाचार की पुष्टि होने के बाद किसी भी प्रकार के भुगतान नहीं होने की बात कही थी एवं कार्यवाही के साथ वसूली की भी बात कही थी? क्‍या इसके बाद भी भुगतान संबंधित अनुशंसायें की गयीं और भुगतान भी किये गये? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में कब तक किस-किस के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्राप्‍त शिकायतों तथा कृत कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उपयुक्‍त पाये गये कार्यों के भुगतान की अनुशंसा की गई है। प्रमाणित आरोपों के आधार पर दोषियों पर कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

घण्‍टाघर का जीर्णोद्धार  

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( *क्र. 2141 ) श्री रामसिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या घण्‍टाघर जावरा जिला रतलाम का पुरातत्‍व विभाग के तकनीकी सहायक डॉ. डी.पी. पाण्‍डे, उपयंत्री पुष्‍पेन्‍द्र रोकडे, दिनांक 21.7.2016 को स्‍थल निरीक्षण कर दिनांक 23.8.2016 को निरीक्षण प्रतिवेदन आयुक्‍त, पुरातत्‍व अभिलेखागार भोपाल को दिया कि यदि घण्‍टाघर के मूल स्‍वरूप को कायम रखते हुए इसका जीर्णोद्धार कराया जाय तो इसकी वैभवता बनी रहेगी तथा जावरा नवाबों के समय निर्मित स्‍मारक पर्यटकों को देखने का आकर्षण केन्‍द्र भी रहेगा? (ख) उसके बाद भी लोक निर्माण विभाग की सम्‍पत्ति होते हुए जावरा नगर पालिका विभाग ने ऊपरी हिस्‍सों को क्‍यों तोड़ा तथा निचली मंजिल के दुकानदारों व बचे भवन की कब तक मरम्‍मत करेगा, ताकि बारिश में बचे हुए भवन के गिरने से जन-धन की हानि न हो? (ग) क्‍या लोक लेखा समिति की रतलाम में दिनांक 25 मई, 2017 को हुई बैठक में कार्यकारी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने स्‍वीकार किया कि घण्‍टाघर विभाग की स‍म्‍पत्ति है व उन्‍होंने प्रकरण भोपाल भेजा लेकिन भोपाल से अनुमति लंबित थी लेकिन नगर पालिका जावरा ने काफी हिस्‍सा बिना अनुमति तोड़ा तथा न्‍यायालय से स्‍थगन आने पर ही तोड़ फोड़ रूकी? अत: इस प्रकरण में शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) घण्‍टाघर भवन का                       भू-तल लोक निर्माण विभाग के आधिपत्‍य में है तथा इस भवन का प्रथम तल का आंशिक भाग, द्वितीय एवं तृतीय तल नगर पालिका जावरा के आधिपत्‍य में है, घण्‍टाघर भवन अत्‍यन्‍त                                 जीर्ण-शीर्ण अवस्‍था में होने के कारण शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्‍जैन के विशेषज्ञों के अभिमत एवं जन-सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के प्रावधानों के अनुसार नगर पालिका जावरा द्वारा उनके आधिपत्‍य वाले ऊपरी हिस्‍से को तोड़ा गया है। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्‍जैन के अभिम‍त एवं माननीय उच्‍च न्‍यायालय के स्‍थगन आदेश के प्रकाश में मरम्‍मत की जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। घण्‍टाघर भवन अत्‍यन्‍त                              जीर्ण-शीर्ण अवस्‍था में होने के कारण शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्‍जैन के विशेषज्ञों के अभिमत एवं जन सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नगर पालिका द्वारा इस भवन के उनके आधिपत्‍य वाले ऊपरी हिस्‍से को तोड़ा गया है। जी हाँ, माननीय उच्‍च न्‍यायालय इन्‍दौर द्वारा दिनांक 09.05.2017 को स्‍थगन आदेश पारित किये जाने के उपरांत नगर पालिका द्वारा इसे तोड़ने की कार्यवाही बंद कर दी गई। तोड़े जाने की कार्यवाही नियमानुसार होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विकलांग प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में नियुक्ति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

22. ( *क्र. 617 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता का विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 438, उत्‍तर दिनांक 24 फरवरी, 2016 के संदर्भ में विकलांग वर्ग के लिये आरक्षित पदों पर सीधी भर्ती से भरे जाने वाले विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत संयुक्‍त संचालक, पंचायत एवं समाज सेवा ग्‍वालियर संभाग ग्‍वालियर के आदेश क्रमांक स्‍था./वि.भ.अ./93/2589-2090, दिनांक 29.06.1993 द्वारा श्री रमाकांत उपाध्‍याय को ग्राम सहायक के पद पर सेवापुस्तिका में संलग्‍न विकलांगता होने का चिकित्‍सा प्रमाण पत्र दिनांक 17.07.1984, 25 % से कम पर नियुक्ति की गई थी? (ख) क्‍या शासन के नियमानुसार 40 प्रतिशत से कम विकलांगता होने पर नियुक्ति दी जा सकती है? यदि नहीं, तो क्‍या यह नियुक्ति नियमानुसार हुई है? यदि नहीं, तो क्‍या नियोक्‍ता एवं नियुक्ति प्राप्‍तकर्ता के विरूद्ध विधिसम्‍मत कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या श्री रमाकांत उपाध्‍याय की परिवीक्षा अवधि संयुक्‍त संचालक, पंचायत एवं समाज सेवा ग्‍वालियर के आदेश क्रमांक स्‍था./2/परि‍वीक्षा/96/1576/ ग्‍वालियर, दिनांक 16.07.1991 द्वारा दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण कर लेने से परीक्षा अवधि समाप्‍ति‍ का आदेश जारी किया गया था एवं परिवीक्षा काल में रूकी हुई वेतन वृद्धियों का लाभ दिनांक 07.07.1994 से देय होने के कारण वेतन वृद्धियां लगाई जाकर सेवापुस्तिका में अंकित की गई हैं? यदि हाँ, तो नियुक्ति 29.06.1993 को की गई तो परिवीक्षा अवधि 1991 में कैसे पूर्ण किया जाना संभव है? स्‍पष्‍ट करें। (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 438 की कंडिका (ख) के उत्‍तर में श्री रमाकांत उपाध्‍याय के विकलांगता प्रमाण-पत्रों की जाँच क्‍या मुख्‍य चिकित्‍सा, स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी जिला भिण्‍ड के द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन के निष्‍कर्षों के आधार पर उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ड.) क्‍या प्रश्‍नांश (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न क्रमांक 438 का कंडिकावार उत्‍तर कार्यालय जनपद पंचायत, लहार जिला भिण्‍ड के पत्र क्रमांक/ज.पं./वि.स./2016/370, दिनांक 06.02.2016 द्वारा बनाकर मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भिण्‍ड को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत लहार द्वारा प्रेषित उत्‍तर की कंडिका (ख) के अनुसार माननीय उच्‍च न्‍यायालय एवं शासन के साथ धोखाधड़ी करने के संबंध में श्री रमाकांत उपाध्‍याय के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। संयुक्त संचालक, पंचायत एवं समाज सेवा ग्वालियर संभाग ग्वालियर के आदेश क्रमांक/2589-2590, दिनांक 29.06.1993 के द्वारा श्री रमाकांत उपाध्याय का चयन ग्राम सहायक के विकलांग वर्ग के आरक्षित पद पर किया गया था। नियुक्ति के समय विकलांग प्रमाण-पत्र में 25 से कम, 25-75 एवं 75 से 90 प्रतिशत विकलांगता अंकित है तथा प्रमाण-पत्र में 25 से कम पर रेखा खींची गई है। (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार)। कलेक्टर जिला भिण्ड म.प्र. द्वारा इस विषय में दिनांक 30.03.1999 द्वारा जाँच की गई है। जाँच के बिन्दु क्रमांक 5 में उल्लेखित है कि चूंकि कर्मचारी विकलांग है और नियुक्ति के समय उसकी विकलांगता 40 प्रतिशत से अधिक थी, एक लंबी अवधि के बाद विकलांगता में कमी आने के आधार पर उनके विरुद्ध कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। शेष का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता।                                                  (ग) जी हाँ। श्री रमाकांत उपाध्याय की ग्राम सहायक के पद पर नियुक्ति आदेश दिनांक 29.06.1993 के द्वारा किये जाने के उपरांत दिनांक 07.07.1993 को उपस्थिति प्रतिवेदित की गई थी। संयुक्त संचालक, पंचायत एवं समाज सेवा ग्वालियर संभाग ग्वालियर के आदेश क्रमांक/स्था.2/परिवीक्षा/96/1576, ग्वालियर, दिनांक 16.07.1991 में श्री रमाकांत उपाध्याय के द्वारा दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण कर लेने का उल्लेख है, जिसमें स्पष्ट रूप से ग्राम सहायक के पद पर उपस्थिति की दिनांक 07.07.1993 एवं परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की दिनांक 07.07.1995 वर्णित है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। संदर्भित आदेश में त्रुटिवश वर्ष 1991 अंकित है, जो कि 1996 होना चाहिए था। कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक 07.07.1993 से ही 02 वर्ष पूर्ण होने पर नियमानुसार वेतनवृद्धि का लाभ दिया गया है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला भिण्ड के पत्र क्रमांक 836, दिनांक 13.02.2016 के द्वारा श्री उपाध्याय की विकलांगता से बोर्ड सहमत है का उल्लेख है। इस कारण कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है। विकलांग बोर्ड का प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कार्यालय भवन सह शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( *क्र. 2513 ) श्री कैलाश चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका रामपुरा द्वारा भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन हेतु पत्र किस दिनांक को कलेक्‍टर नीमच को प्रेषित किया गया था। (ख) उक्‍त पत्र पर कलेक्‍टर नीमच द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, रामपुरा द्वारा कार्यालय भवन सह शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स निर्माण हेतु जल संसाधन विभाग की रिक्‍त भूमि में से भूमि आवंटन के लिये दिनांक 27.08.2012 को कलेक्‍टर, नीमच को पत्र लिखा गया था।                                                     (ख) कलेक्‍टर, नीमच द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग, मंत्रालय भोपाल से भूमि आवंटन हेतु अनापत्ति प्रदान करने के लिये पत्र क्रमांक 487/आर.टी.सी. दिनांक 31.03.2017 लिखा गया है।

ग्वालियर दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में नालों की सफाई

[नगरीय विकास एवं आवास]

24. ( *क्र. 261 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर दक्षिण में कुल कितने छोटे बड़े नदी नाले हैं और उनकी वर्ष में कितनी बार सफाई होती है, आज दिनांक तक कितने गंदे नालों का गन्दा मलबा साफ हुआ है? क्‍या साफ हुआ गन्दा मलबा सफाई स्थान से हट गया है? (ख) क्या आयुक्त नगर निगम का कोई ऐसा आदेश था कि 20 जून तक सभी नालों की सफाई पूरी करा दी जावेगी? समय-सीमा में उपरोक्त कार्य अगर नहीं हुआ है तो किन अधिकारियो की अनदेखी रही है? उनके विरुद्ध विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ग्‍वालियर दक्षिण में कुल छोटे नाले 114 एवं बड़े नाले 13 हैं। वर्षा से पूर्व एवं बरसात में जल भराव होने पर एवं आवश्‍यकता होने पर नालों की सफाई कराई जाती है। आज दिनांक तक ग्‍वालियर दक्षिण के 114 छोटे नाले तथा 13 बड़े नालों की सफाई कराकर तथा निकाली गई सिल्‍ट को डम्‍फर एवं जे.सी.बी. मशीन से उठवाया गया है। (ख) विभागीय समीक्षा बैठक में दिनांक 25.06.2017 तक नालों की सफाई का कार्य अनिवार्यत: पूर्ण कराने के निर्देश आयुक्‍त, नगर निगम ग्‍वालियर द्वारा दिये गये, प्रश्नांश (क) अनुसार नाला सफाई का कार्य कराया है। उत्‍तरांश अनुसार शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्‍वीकृत सड़कें

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

25. ( *क्र. 2695 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) क्‍या म.प्र. में ग्रेवल सड़कों को पक्‍की सड़कों से जोड़ने के लिए मुख्‍यमंत्री सड़क योजना संचालित है? यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा जिले में उक्‍त योजना से प्रश्‍न दिनांक तक कितने ग्रामों को पक्‍की सड़कों से जोड़ा गया व इस कार्य हेतु कुल कितनी राशि व्‍यय की गई? विधान सभा क्षेत्रवार बतायें। (ख) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में उक्‍त दिनांक के प्रारंभ से प्रश्‍न तक कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गई? स्‍वीकृति दिनांक तक सड़क का नाम, स्‍वीकृत राशि, व्‍यय की गई राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति एवं कार्य एजेंसी का नाम सहित संपूर्ण जानकारी वर्षवार उपलब्‍ध करायें (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार स्‍वीकृत सड़कों में से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं एवं सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? (घ) आगामी वर्षों में पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी सड़क निर्माण किये जाने की योजना है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत भविष्‍य में निर्माण हेतु चिन्हित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

 

 

 

 






 


भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में

परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा में भारी वाहनों के प्रवेश की अनुमति

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

1. ( क्र. 15 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा भोपाल में पुलिस एवं जिला प्रशासन के भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित होने के कारण (नो एन्‍ट्री) उद्योग प्रभावित हो रहा है? (ख) क्‍या पुलिस एवं जिला प्रशासन के द्वारा भेल के वाहनों को नो एन्‍ट्री में भी प्रवेश दिया जाता है?           (ग) क्‍या पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा में उद्योगों से संबंधित भारी वाहनों के प्रवेश की अनुमति प्रदान की जायेगी? (घ) क्‍या वर्ष 2013 में शासन की सहमति से गोविन्‍दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में अनाधिकृत ट्रकों के आवागमन पर रोक लगाने के लिये बेरिकेट्स लगाने का निर्णय लिया गया था एवं अधिकृत ट्रकों से शुल्‍क वसूलने का निर्णय भी लिया गया था? (ड.) विभाग द्वारा इस निर्णय के क्रियान्‍वयन हेतु क्‍या कार्यवाही की गई?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जिला प्रशासन, जिला भोपाल अनुसार, जी नहीं। (ख) से (ग) जिला प्रशासन, जिला भोपाल अनुसार, जी हाँ। (घ) वर्ष 2012 में भारी वाहनों के प्रवेश को नियंत्रित करने हेतु चिन्हित मार्गों पर बेरियर लगाने का निर्णय जिला प्रशासन द्वारा लिया गया था। (ड.) अनधिकृत ट्रकों के आवागमन पर रोक लगाने हेतु विभाग द्वारा               रू. 39.23 लाख की लागत से 12 बेरियर स्थापित किये गये थे।

भानपुर खंती का स्‍थान परिवर्तन

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 18 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र में स्थित भानपुर खंती को आदमपुर छावनी में शिफ्ट किया जा रहा है? (ख) भानपुर खंती को शिफ्ट करने के लिये अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) आदमपुर छावनी में खंती निर्माण के लिये अभी तक क्‍या-क्‍या कार्य किये गये एवं इसमें कितनी-कितनी धनराशि व्‍यय की गई? पृथक-पृथक विवरण दिया जाए? (घ) भानपुर खंती में कचरा डम्‍पिंग का कार्य कब तक बंद किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु भानपुर खंती में ही वैज्ञानिक तरीके से निपटान करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) प्रश्‍न-क के संबंध में भानपुर खंती को वैज्ञानिक तरीके से बंद किये जाने एवं बायोरेमिडियेशन हेतु विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने के लिये निविदा प्रकाशित कर मेसर्स आई.सी.यू.सी. कंसल्‍टेन्‍ट प्राईवेट को कार्यादेश दिया गया है साथ ही कचरे डालने के लिये आदमपुर छावनी में कचरा प्रसंस्‍करण एवं लै‍ण्‍डफिल साईट हेतु मेसर्स भोपाल सॉलिड वेस्‍ट मेनेजमेंट कंपनी प्रा.लि. (एस्‍सेल इन्‍फ्रा प्रोजेक्‍ट) के साथ अनुबंध संपादित किया गया है। (ग) आदमपुर छावनी में खंती निर्माण हेतु की गयी कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त कार्य में अभी तक कोई राशि व्‍यय नहीं की गयी। (घ) कं‍डिका '''' के अनुसार एकीकृत ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन अंतर्गत वेस्‍ट टू एनर्जी प्‍लान संस्‍थापन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही शहरी ठोस का परिवहन आदमपुर छावनी में किया जावेगा एवं भानपुर खंती में कचरा डंपिंग कार्य बंद किया जावेगा।

परिशिष्ट - ''एक''

लवकुशनगर को पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाना

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

3. ( क्र. 59 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार्मिक न्‍यास विभाग द्वारा लवकुशनगर को पवित्र क्षेत्र घोषित किये जाने हेतु कार्यवाही शासन स्‍तर पर किन कारणों से लंबित है? (ख) क्‍या माननीय मंत्री महोदया ने सदन में इस संबंध में कार्यवाही करने और कलेक्‍टर छतरपुर के पत्र क्र. 237, दिनांक 03.05.2016 को अनुशंसा सहित लवकुशनगर को पवित्र नगर घोषित किये जाने का प्रतिवेदन सचिव धार्मिक न्‍यास विभाग को दिया था? (ग) यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें, नहीं तो समय-सीमा बतायें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जिला पंचायत सागर अंन्‍तर्गत सी.ए. ऑडिट

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

4. ( क्र. 148 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायतों का वित्‍तीय अंकेक्षण कार्य कराने की क्‍या प्रक्रिया है एवं सी.ए. की नियुक्ति एवं अनुबंध किसके द्वारा किया जाता है? (ख) भुगतान प्रकिया एवं आवंटन किस प्रकार होता है एवं क्‍या किए गए कार्य का भुगतान अनुबंध शर्तों अनुसार किया जाता है या नहीं? (ग) क्या जिला पंचायत सागर अन्तर्गत किसी एक ही सी.ए. फर्म द्वारा समस्त योजनाओं का ऑडिट किया जा रहा है? (घ) जिला पंचायत सागर अंतर्गत विगत तीन वर्षों में सी.ए. द्वारा किए गए ऑडिट एवं भुगतान की जानकारी उपलब्‍ध कराई जाए।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायतों के वित्तीय अंकेक्षण कार्य हेतु निविदाएं आमंत्रित कर सी.ए. का चयन किया जाता हैं। अनुबंध संबंधित जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा किया जाता हैं। (ख) जिला पंचायत से ऑडिट कार्य पूर्ण करने होने का प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर भुगतान की कार्यवाही की जाती है। जी हाँ। (ग) गत वर्ष तक किया जा रहा था। (घ) वर्ष 2014-15 का अंकेक्षण किया गया, भुगतान राशि रू. 36,95,608/- वर्ष 2015-16 का अंकेक्षण किया गया, भुगतान राशि रू. 74,80,432/- वर्ष 2016-17 का अंकेक्षण किया गया, भुगतान राशि         रू. 54,21,699/-

गरीबी रेखा की सूची से नाम विलोपित करना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

5. ( क्र. 149 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा के शहरी एवं ग्रामीण परिवारों के नाम गरीबी रेखा की सूची से सिर्फ काटे जा रहे हैं या पात्र परिवारों के नाम जोड़े भी जा रहे हैं? (ख) वर्ष 2015-16 के पूर्व क्या गरीबी रेखा की सूची में शामिल परिवारों के नाम सक्षम अधिकारी द्वारा बिना सर्वेक्षण के जोड़े थे? यदि नहीं, तो फिर वर्ष 2015-16 के बाद सूची में से नाम बिना सर्वेक्षण के तथा हितग्राहियों को अपना बचाव पक्ष के बिना नाम क्यों काटे जा रहे हैं? नाम काटे जाने के पूर्व हितग्राहियों को अपना पक्ष रखने के लिए शासन नियमानुसार कारण बताओ नोटिस/समुचित अवसर प्रदान किया गया है या नहीं? प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) वर्ष 2015-16 के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवारों के नाम गरीबी रेखा की सूची में से काटे गए? उनके नामों की ग्रामवार सूची कारण सहित उपलब्ध करावें एवं नाम काटे जाने के संबंध में शासन के नियम उपलब्ध कराए जाएं? (घ) मान. प्रभारी मंत्री सागर द्वारा ''दिशा'' की बैठक दिनांक 3/06/2017 में सूची में से नाम काटने में विधायकों की भूमिका के संबंध में दिए गए निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गरीबी रेखा की सूची से अपात्र परिवारों के नाम हटाये जाना एवं पात्र परिवारों के नाम जोड़े जाना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान गरीबी रेखा की सूची के ग्रामसभा में वाचन करने पर गरीबी रेखा की सूची में जिन अपात्र परिवारों के नाम पाए गए उनके संबंध में विहित प्राधिकारी द्वारा आवश्‍यक जानकारी प्राप्त कर उनके नाम गरीबी रेखा की सूची से हटाये गए। विहित प्राधिकारी द्वारा जाँच के दौरान अपात्र व्यक्तियों की सुनवाई आवश्‍यक नहीं है। प्रभावित व्यक्ति को विहित प्राधिकारी के निर्णय के विरूद्ध अपील के अधिकार हैं। शेष प्रश्‍नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शासन निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्‍नाधीन निर्देश दिये जाना प्रतिवेदित नहीं है।

पीथमपुर कॉलेज में वाणिज्‍य संकाय प्रारंभ करना

[उच्च शिक्षा]

6. ( क्र. 159 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पिछले सत्र में ता.प्र.क्रमांक 1449 में सदन में चर्चा के दौरान माननीय मंत्रीजी द्वारा प्रश्‍नकर्ता को पीथमपुर कॉलेज में अगले सत्र से इस कॉलेज में वाणिज्‍य संकाय प्रारंभ करने का विश्‍वास दिलाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रगति से अवगत करावें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) :  (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में आगजनी की घटनाएं

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

7. ( क्र. 160 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2014- 15 तथा 2015-16 में वर्षवार कुल कितनी आगजनी की घटनाए विभिन्‍न औद्योगिक इकाइयों में घटित हुई? (ख) इन घटनाओं में वर्षवार कुल कितने जान-माल की क्षति हुई तथा आगजनी की घटनाओं के मुख्‍य कारण क्‍या रहे? (ग) क्‍या पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ज्‍वलनशील रसायन का उत्‍पादन व उपयोग करने वाली इकाइयों का चिन्‍हांकन किया गया है तथा क्‍या ये इकाइयां शासन द्वारा निर्धारित अग्निशमन के सुरक्षा मापदण्‍ड का पालन करती हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में इसका भौतिक सत्‍यापन किस एजेन्‍सी द्वारा किया जाता है तथा उपरोक्‍त प्रक्रिया में किन-किन औद्योगिक इकाइयों में कमियां पायी गयी व इन इकाइयों के विरूद्ध क्‍या कार्रवाई संस्थित की गई? (ङ) क्‍या इन इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों को सुरक्षा के आवश्‍यक उपकरण उपलब्‍ध हैं? यदि हाँ, तो भौतिक सत्‍यापन में इसकी पुष्‍टि‍ की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2014-152015-16 में कुल 23 आगजनी की घटनाएं घटित हुई है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) ज्वलनशील रसायनों का उत्पादन व उपयोग करने वाली इकाइयों का चिन्हांकन कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 2 सी-बी तथा म.प्र. कारखाना नियमावली 1962 के नियम, 107 के तहत किया गया है। प्रश्नांश भाग के उत्तर के प्रकाश में उल्लेखित नियमानुसार सुनिश्चित किये जाते हैं। (घ) कारखानों में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के कारखाना निरीक्षकों द्वारा भाग में उल्लेखित अधिनियमों के प्रावधानों का पालन करवाया जाता है। विधि का उल्लंघन करने वाले कारखानों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण सी.जे.एम. धार के समक्ष दायर किये जाते हैं। वर्ष 2014-152015-16 में अग्नि सुरक्षा मापदण्डों के उल्लंघनों के लिये कुल 0910 आपराधिक प्रकरण धारा 38 सहपठित नियम 72 के तहत दायर किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार। (ड.) औद्योगिक क्षेत्रों में नियोजित श्रमिकों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं एवं उसकी जाँच निरीक्षण के समय उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण मान. न्यायालय में दायर किये जाते हैं। आपराधिक प्रकरण म.प्र. कारखाना नियमावली 1962 के नियम 73 के तहत कमशः 1409 कारखानों के विरूद्ध प्रकरण दायर किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार।

उद्योग विभाग की भूमि पर अतिक्रमण

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

8. ( क्र. 163 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाहा क्षेत्र में उद्योग की कितनी भूमि है, कितनी भूमि किसको आवंटित है, उनके नाम पता सहित, कब से है, क्या जिन्हें भूमि आवंटित है, उनके द्वारा क्या का संचालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उन्हें आवंटित भूमि निरस्त कब की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक की जावेगी? कितनी भूमि पर अतिक्रमण है, आवंटित भूमि किन लोगों ने कितनी विक्रय कर दी है, कितनी भूमि पर रहवासी ने मकान निर्माण कर लिया है और जिन्हें भूमि आवंटित थी उनके द्वारा उद्योग संचालित न करने पर कितने व्यक्तियों के आवंटन निरस्त किये गए हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में समय समय पर जारी किये पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कितने अतिक्रमण हटाये गए? कितनी लीज़ निरस्त की गई? कितने उद्योग भूमि पर निवासरत अतिक्रामकों के अतिक्रमण हटाये गए? विगत 6 माह में कितने नवीन उद्योग के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आवेदन प्राप्त हुए है? विभाग में ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन के क्या प्रावधान हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) बड़वाह क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधीन 71.162 हेक्टेयर भूमि है। औद्योगिक क्षेत्र नर्मदा रोड में आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा औद्योगिक क्षेत्र सिरलाय में आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र नर्मदा रोड में बंद इकाइयों की सूची तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। तथा औद्योगिक क्षेत्र सिरलाय में बंद इकाइयां की सूची तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। कुल 34 बंद इकाइयों में से 24 इकाइयों की लीजडीड निरस्त की जाकर 16 का आधिपत्य प्राप्त किया गया, शेष 10 इकाइयों को 60 दिवसीय सूचना पत्र जारी किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र की लगभग 1 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। आवंटित भूमि को विक्रय करने का अधिकार पट्टाग्रहिता को नहीं होता है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर जारी किये गये पत्रों पर विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। कुल 89 अतिक्रमणों में से 49 अतिक्रमण हटाये गये है। विगत 06 माह में नवीन उद्योग के लिये ऑनलाईन एवं ऑफलाईन आवेदन प्राप्त नहीं हुये है। ऑनलाईन आवेदन संबंधी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।

पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के अंतर्गत पंजीयन

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

9. ( क्र. 184 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क ) बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के अंतर्गत कितनों ने पंजीयन (एक्ट लागू होने के दिनांक से ) कराया है? लोक न्यास के अंतर्गत पंजीबद्ध किये गए नामों एवं संस्थाओं की सूचीमय पंजीयन दिनांक एवं पंजीयन का उद्देश्य सहित जानकारी दी जावे। (ख) लोक न्यास के अंतर्गत पंजीबद्ध लोगों/संस्थाओं ने नियमानुसार ट्रस्ट का अंकेक्षण  कब-कब कराया है. ऐसी कितनी सस्थाएं हैं जिन्होंने नियमानुसार अंकेक्षण नहीं कराया गया है? जिन लोगों/संस्थाओं ने अंकेक्षण नियमानुसार नहीं कराया है। उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) ऐसे कितनी संस्था/व्यक्ति हैं जिन्होंने जिस उद्देश्य से पंजीयन कराया है,उसका पालन न कर कोई अन्य कार्य बिना अनुमति के कर रहे है? (घ) ऐसे कुल कितने ट्रस्टी हैं जिन्‍होंने जिस उद्देश्य से ट्रस्ट का पंजीयन कराया है,वे नियमानुसार न ऑडिट करा रहे हैं न ही किसी प्रकार के शासकीय नियमों का पालन कर रहे हैं। उनकी सूची दी जावे। शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कर रही है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विधानसभा क्षेत्र पनागर की ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की लंबित राशि का भुगतान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

10. ( क्र. 230 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत श्रमिकों का पेमेंट समय पर नहीं होता है? (ख) क्या आगामी 02 जुलाई से प्रस्तावित वृक्षारोपण के लिये गड्ढे करने हेतु इसी कारण से श्रमिक कार्य पर नहीं आ रहे हैं? (ग) क्या शासन विगत 5 वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत किये गये कार्य एवं इन कार्यों के भुगतान की अवधि की जाँच करायेगा? (घ) यदि हाँ, तो दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2017-18 में पनागर विधानसभा क्षेत्र में  45% प्रकरणों में मजदूरी भुगतान निर्धारित समय-सीमा में किया गया। (ख) जी नहीं। वृक्षारोपण हेतु श्रमिकों के अभाव की स्थिति नहीं रही। (ग) एवं (घ) भारत सरकार के नरेगा पोर्टल पर प्रत्‍येक कार्य के मस्‍टर रोल एवं भुगतान संबंधी जानकारी उपलब्‍ध होने से जाँच की आवश्‍यकता नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत राशि का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

11. ( क्र. 231 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत भेंट स्वरूप राशि रू. 17000 एवं स्मार्ट फोन की राशि रू. 3000 देने का प्रावधान है? (ख) क्या यह राशि विवाह के दिन दिये जाने का नियम है?             (ग) यदि हाँ, तो वर्तमान वर्ष में पनागर विधानसभा में कितने विवाह हुये एवं कितनी बेटियों को विवाह के दिन चेक प्रदान नहीं किये गये? ऐसा क्यों हुआ? विवाह की दिनांक एवं चेक प्रदान की सूची देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अंतर्गत चेक प्रदान न करने का कारण बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) योजना प्रावधान अनुसार आवेदन पत्र विवाह कार्यक्रम आयोजित होने के 15 दिवस पूर्व प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है। ताकि संबंधित निकायों को आवेदन पत्र के सत्यापन तथा व्यवस्था के लिए पर्याप्त समय मिल सके। ऐसे हितग्राहियों को विवाह योजना के प्रावधान अनुसार विवाह के समय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। समयावधि में ऐसे हितग्राही जो सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लिये आवेदन प्रस्तुत नहीं करते है तो उनको विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित करने का निर्णय संबंधित निकाय स्वयं ले सकती है। किन्तु उन हितग्राहियों को तत्समय सहायता उपलब्ध कराई जाने के निर्देश नहीं है। (ग) पनागर विधान सभा क्षेत्र में योजनांतर्गत अप्रेल 2017 से 3 जुलाई 17 तक 86 कन्याओं के विवाह संपन्न कराये गये हैं जिसमें से 34 कन्याओं को विवाह दिनांक को ही चेक प्रदाय किये गये हैं। 52 कन्या एवं वर द्वारा आवेदन पत्र संबंधित निकायों को विवाह तिथि के एक दिन पूर्व ही उपलब्ध कराये जाने के कारण नियमानुसार पात्रता की जाँच नहीं हो पाने के कारण कन्याओं को विवाह दिनांक को राशि विवाह तिथि के उपरांत प्रदाय की गई है। सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) उतरांश '''' अनुसार।

परिशिष्ट - ''दो''

भोज विश्‍वविद्यालय में पदस्‍थ डायरेक्‍टर के विरूद्ध कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

12. ( क्र. 284 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) भोज विश्‍वविद्यालय में डायरेक्‍टर के पद पर वर्तमान में कौन-कौन, कब से पदस्‍थ है? विश्‍ववि‍द्यालय से है या किसी अन्‍य विभाग से प्रतिनियुक्ति/संविलियन पर हैं? यदि प्रतिनियुक्ति पर की गई चार वर्ष की अधिकतम अवधि पूर्ण कर ली गई हैं और वे उसके बाद भी कार्यरत है तो उनके दोनों विभागों से प्राप्‍त सहमति पत्रों की सत्‍यापित प्रति दें जिसके आधार पर प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के विश्‍वविद्यालय में प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी आरक्षण रोस्‍टर अनुसार कब, किस प्रक्रिया से नियुक्‍त किए गए? कर्मचारीवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के डायरेक्‍टर/अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विगत 5 वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें शासन/प्रशासन को प्राप्‍त हुई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? (घ) क्‍या उक्‍त में से एक डायरेक्‍टर जो लम्‍बे समय से पदस्‍थ हैं उनके विरूद्ध गंभीर शिकायतों में दोषी पाए जाने के बाद भी उन्‍हें क्‍यों नहीं हटाया गया कब तक हटाया जायेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में पदस्थ डायरेक्टर/अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें, उन पर हुई कार्यवाही एवं अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) डॉ. प्रवीण जैन वर्ष 2003 से विश्वविद्यालय में डायरेक्टर के/प्रोफेसर केमिकल साइंस के पद पर नियुक्त है। डॉ. जैन के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्रकरण क्रमांक पी.ई. 29/14 के सत्यापन पर 40/16 दर्ज कर अनुसंधान में लिया है। जिस की प्रारंभिक जाँच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में जाँच में ली जाकर जांचाधीन है। आर्थिक प्रकोष्ठ से पूर्ण जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्षों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।

हटा नगर में नवीन बस स्‍टैण्‍ड स्‍थापित करना

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( क्र. 424 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला दमोह के हटा नगर में नवीन बस स्‍टैण्‍ड स्‍थापित करने की कार्यवाही विभाग में कहाँ लंबित है एवं क्‍या नवीन बस स्‍टैण्‍ड बनाने हेतु भूमि का भी आवंटन हुआ था? (ख) क्‍या हटा नगर में नवीन बस स्‍टैण्‍ड कब तक स्‍थापित हो जावेगा एवं विलम्‍ब क्‍यों हो रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) हटा नगर में नवीन बस स्‍टैण्‍ड स्‍थापित करने की कार्यवाही का प्रकरण विभाग में लंबित नहीं है। जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध अधिकारी ने अवैध रेतगाड़ी छोड़ी

[खनिज साधन]

14. ( क्र. 490 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के अंतर्गत 28 मई 2017 से 2 जून 2017 के बीच 141 गाड़ि‍यों खनिज विभाग द्वारा छोड़ी गई, यदि हाँ, तो इन गाड़ि‍यों से कितनी रायल्‍टी और शा‍स्ति प्राप्‍त हुई? प्रति वाहन क्र. रायल्‍टी ओर शा‍स्ति सहित जानकारी दें। इन गाड़ि‍यों में रेत कितनी थी वाहनवार जानकारी दें?           (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वाहन छोड़ने के अधिकार शासन द्वारा किसको दिए गए हैं, वाहन कब पकड़े गये थे और कब छोड़े गये, आदेशित अधिकारी को आदेश जारी करने का अधिकार प्राप्‍त था यदि नहीं, तो क्‍या कार्यवाही की गई? गाड़ि‍यां शासन को कितनी क्षति हुई? क्षतिपूर्ति करने के लिए प्रावधान है प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी विवरण सहित जानकारी दें? (ग) अवैध रेत उत्‍खनन में पकड़े गये वाहन पर कितना राजस्‍व व कितनी शा‍स्ति आरोपित करने का प्रावधान है? प्रावधान की छायाप्रति सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में गंभीर अनियमितता हुई क्‍या वरिष्‍ठ अधि‍कारियों द्वारा जाँच की जायेगी? दोषी व्‍यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में 33 जप्‍तशुदा वाहनों को मुक्‍त किया गया है। प्रश्‍न की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शित है। (ख) प्रश्‍नानुसार प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। प्रश्‍नानुसार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाई गई है। जी नहीं। प्रश्‍नानुसार खनिज सर्वेयर को निलंबित किया गया है तथा खनि निरीक्षक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए विभागीय जाँच हेतु आरोप पत्र जारी किये गये हैं। प्रकरण में अर्थदण्‍ड की राशि जमा कराई गई है। अत: शासन को क्षति जैसी कोई स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में प्रश्‍नानुसार प्रावधान हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेख अनुसार संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीन''

अवैध रेत उत्‍खनन राजस्‍व प्राप्ति

[खनिज साधन]

15. ( क्र. 491 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के अंतर्गत थाना प्रभारी भारोली ओर उमरी के संयुक्‍त जाँच अधिवेशन में 22 मई 2017 को सिंध नदी के किनारे रेत खदान पर थ्री डी मशीन को जप्‍त किया गया? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) दिनांक 21 मई 2017 को बिना रायल्‍टी ओव्‍हर लोड वाहन को खनिज विभाग ने भिण्‍ड जिले में 17 वाहन पकड़ लिये, यदि हाँ, तो उन पर कितनी शास्‍ति‍ आरोपित की गई? (ग) क्‍या 22 मई 2017 को मध्‍यप्रदेश शासन की ओर से खदानों पर श्रमिकों से रेत उत्‍खनन किया जायेगा? यदि हाँ, तो उत्‍खनन कार्य बंद क्‍यों किया गया, कब उत्‍खनन कार्य प्रारंभ हो जायेगा? शासन के निर्माण कार्यों के लिए रेत की व्‍यवस्‍था किस प्रकार की जायेगी? (घ) भिण्‍ड जिले में वर्ष 2014 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कौन से ट्रक रेत में पकड़ा गया, उसको किस स्‍तर के अधिकारी द्वारा कब कितनी शास्ति आरोपित कर छोड़ा गया? देहात कोतवाली भिण्‍ड में  यू.पी. 82 टी. 3161 यू.पी. 75 एम. 7358 व आर.जे. 0256 रेत में पकड़े गये थे? शराब भरी हुई थी यदि हाँ, तो रेत के अंतर्गत क्‍यों पकड़े गये संशोधन कर शराब में पकड़ा बताया गया? इसके लिए कौन दोषी है प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई कितनी शास्‍ती आरोपित की गई छायाप्रति सहित जानकारी दें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जप्‍त मशीन थाना उमरी परिसर में सुरक्षार्थ रखी हुई है। मशीन मालिक की तलाश की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) पर्यावरण अनुमति की शर्तों के पालनार्थ निर्देश जारी किये गये हैं। खदान संचालकों द्वारा दिनांक 22.05.2017 के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण कलेक्‍टर, भिण्‍ड द्वारा दिनांक 03.06.2017 के द्वारा भिण्‍ड जिले की समस्‍त खदानों को बंद कर दिया गया है। मानसून अवधि के पश्‍चात रेत खनन हेतु नियमानुसार निर्णय लिया जा सकेगा। शासकीय निर्माण कार्यों के‍ लिये वैध रूप से भण्‍डारित रेत स्‍थल से रेत की व्‍यवस्‍था हो सकती है। (घ) प्रश्‍नांश से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। थाना प्रभारी द्वारा पत्र दिनांक 01.06.2017 से अवगत कराया गया था कि, प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित वाहन रेत खनिज के ओव्‍हर लोड होने के कारण पकड़े गये हैं। थाना प्रभारी द्वारा पत्र दिनांक 07.06.2017 से यह अवगत कराया गया कि, उक्‍त पत्र में त्रुटिवश वाहन क्रमांक आर.जे. 11 जी.ए. 6419 के स्‍थान पर आर.जे. 11 जी.ए. 0256 का लेख हो गया है। आर.जे. 11 जी.ऐ. 0256 को शराब के साथ जप्‍त किया गया था। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित वाहन क्रमांक यू.पी. 82 टी 3161 पर रूपये 75,000/- एवं वाहन क्रमांक आर.जे. 11 जी.ए. 6419 पर रूपये 42,000/- शास्ति अधिरोपित की गई है। वाहन क्रमांक यू.पी. 75 एम 7358 के मालिक पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके प्राथमिकी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है।

पीपलरावा में शासकीय महाविद्यालय की स्‍वीकृति

[उच्च शिक्षा]

16. ( क्र. 557 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग प्रदेश के युवा छात्र-छात्राओं के उज्‍जवल भविष्‍य व बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु समय-समय पर महाविद्यालय स्‍वीकृत करता है? यदि हाँ, तो पीपलरावा जिला देवास में शासकीय महाविद्यालय स्‍वीकृत है या नहीं? (ख) क्‍या विभाग द्वारा पिपलरावा व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के बालक-बालिकाओं को अध्‍ययन हेतु नगर में शा. महाविद्यालय खोलने के लिए कोई कार्यवाही प्रचलित है, या नहीं? (ग) क्‍या छात्र-छात्राओं के भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए भविष्‍य में पीपलरावा को शासकीय महाविद्यालय प्राप्‍त हो सकेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। पीपलरावा से 24 किलोमीटर की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, पोलायकला एवं 28 किलोमीटर की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, टोंकखुर्द संचालित हैं, जहाँ विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ग) "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

ग्राम पंचायतों के अंतर्गत मार्ग एवं पुल-पुलिया का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

17. ( क्र. 558 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्‍छ विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अन्‍तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने मार्ग एवं पुल-पुलिया कौन-कौन से मद से स्‍वीकृत किये गये हैं? पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) सोनकच्‍छ विधानसभा क्षेत्र में मार्ग एवं पुल-पुलिया के निर्माण हेतु कुल कितनी-कितनी राशि वर्ष 2015-162016-17 में स्‍वीकृत की गई? (ग) स्‍वीकृत मार्ग, पुल-पुलिया में से कितनों पर निर्माण कार्य चल रहा है व कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चार''

रोजगार सहायक के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

18. ( क्र. 618 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) भिण्‍ड जिले की लहार एवं रौन विकासखण्‍ड के अंतर्गत 01 जनवरी 2015 से 31 मई 2017 तक किन-किन सरपंच, सचिव, ग्राम सहायक, रोजगार सहायक के विरूद्ध किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा कब-कब शिकायतें की गई? उन शिकायतों की जाँच किस-किस अधिकारी से करायी? जाँच में         कौन-कौन सरपंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक दोषी पाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दोषी पाये सरपंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्‍त विकासखण्‍डों में किन-किन सरपंचों के विरूद्ध कब-कब पंचायत अधिनियम की धारा 40 के अंतर्गत नोटिस जारी किये गये? किन-किन अधिकारियों द्वारा जाँच की गई जाँच का अंतिम प्रतिवेदन किस दिनांक को किन अधिकारियों को प्रस्‍तुत किया गया?             (घ) वर्तमान में निलंबित सरपंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के विरूद्ध                  क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक दोषियों को दंडित कर दिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

बडौदा स्‍टेडियम का निर्माण कार्य प्रारंभ कराना

[खेल और युवा कल्याण]

19. ( क्र. 684 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत बडौदा में स्‍टेडियम निर्माण कार्य का स्‍वीकृति आदेश कब जारी हुआ प्रति उपलब्‍ध करावें, इस हेतु जिले को कब कितनी राशि वर्तमान तक प्रदाय की? (ख) स्‍टेडियम निर्माण हेतु निविदा बुलाने सहित नियमानुसार क्‍या सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान तक निर्माण कार्य प्रारंभ न होने के क्‍या कारण हैं? कब प्रारंभ होगा?                (ग) स्‍टेडियम के निर्माण हेतु क्‍या भूमि चिन्हित कर आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो कहाँ व कितनी भूमि चिन्हित/आवंटित की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) क्‍या स्‍टेडियम निर्माण हेतु वर्तमान तक भूमि का चिन्‍हांकन/आवंटन की कार्यवाही में विलंब के कारण न तो स्‍टेडियम का निर्माण कार्य प्रारंभ हो पा रहा है और न ही मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा को क्रियान्‍वयन सहित प्राप्‍त राशि का सदुपयोग ही हो पा रहा है नतीजन क्षेत्रिय खिलाड़ी खेल सुविधा से वंचित बने हुए हैं। (ड.) यदि हाँ, तो क्‍या शासन यथाशीघ्र भूमि का आवंटन करवाकर स्‍टेडियम का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाएगा। यदि नहीं, तो क्‍यों?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) स्‍वीकृति आदेश दिनांक 06.09.2016 को जारी किया गया है, आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट पर  है। स्‍टेडियम निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी म.प्र. लघु उद्योग निगम ग्‍वालियर है, को रूपये 68.64 लाख उपलब्‍ध करायी गई है। (ख) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा स्‍टेडियम निर्माण हेतु कस्‍बा बडौदा में सर्वे क्रमांक 1316 रकबा 5.46 हे. में से 1.463 हे. भूमि आवंटित की गई है यह स्‍थल निरीक्षण के दौरान दिखाई गई भूमि नहीं है। स्‍टेडियम निर्माण हेतु जो भूमि आवंटित गई है वह स्‍टेडियम निर्माण हेतु उपयुक्‍त नहीं है। उपयुक्‍त भूमि के आवंटन के पश्‍चात ही स्‍टेडियम निर्माण का कार्य आरंभ किया जायेगा। उपयुक्‍त भूमि आवंटन की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) स्‍टेडियम निर्माण हेतु अन्‍य स्‍थल पर उपयुक्‍त भूमि आवंटित नहीं की गई है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

ग्राम पंचायत भवन एवं मांगलिक भवन हेतु स्‍वीकृत राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

20. ( क्र. 848 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या ग्राम खेलागांव, तहसील नलखेड़ा, जिला आगर के अंतर्गत शासन द्वारा ग्राम पंचायत भवन एवं मांगलिक भवन हेतु कितनी राशि वर्ष 2016-17, 2017-18 में स्‍वीकृत की गई है? (ख) क्‍या पंचायत भवन एवं मांगलिक भवन ग्राम खेलागांव, गुराड़ीयादेव मार्ग पर शासकीय भूमि उपलब्‍ध होने के उपरांत भी भवन का निर्माण श्‍मशान घाट एवं गांव से दूर बनाने का क्‍या औचित्‍य है? ऐसी स्थिति में क्‍या शासन गांव के नजदीक उपलब्‍ध शासकीय भूमि खेलागांव, गुराड़ीयादेव मार्ग पर भवन बनाने के आदेश देगा? (ग) शासन द्वारा प्रश्‍नांकित गांव के नजदीक शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को न हटाने का क्‍या कारण है? क्‍या शासन गांव टोल्‍कया खेड़ी से बिजना खेड़ी एवं खेलागांव से गुराड़ीयादेव एवं खेलागांव के शासकीय गौचर भूमि का अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम खेलागांव में वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 12.85 लाख का ग्राम पंचायत भवन स्वीकृति दी गई है। मांगलिक भवन स्वीकृत नहीं है। (ख) पंचायत भवन गांव से दूर न बनाया जाकर खेलागांव गुराड़ीयादेव मार्ग में ही गांव के समीप स्थित शासकीय भूमि पर बनाया जा रहा है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) टोलक्याखेड़ी से बीजनाखेड़ी एवं खेलागांव से गुराड़ीयादेव में कोई अतिक्रमण नहीं हैं। खेलागांव की शासकीय गौचर भूमि से दिनांक 08.07.2017 को अतिक्रमण हटा लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विभिन्‍न पेंशन योजनाओं में बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

21. ( क्र. 865 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा गरीब, असहाय, कल्‍याणी दिव्‍यांग वृ‍द्ध एवं निराश्रितों को पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है? (ख) क्‍या प्रश्‍नाधीन वर्गों को पूर्व में बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता के बिना पेंशन प्रदाय की जा रही थी, जिसके वर्तमान में बंद होने से उक्‍त वर्ग के लोगों को भरण-पोषण संबंधी अनेक समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्‍या शासन प्रश्‍नाधीन वर्गों के लोगों को पूर्व की भांति बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता को शिथिल कर पात्र हितग्राहियों को पेंशन देने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक एफ 2-87/2010/26-2,दिनांक 25/6/2013 के पूर्व के गैर बी.पी.एल. निराश्रित श्रेणी के वृद्ध हितग्राहियों को राज्य शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन पूर्वत प्राप्त हो रही है। पेंशन बन्द किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

पेयजल योजना का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( क्र. 866 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र की एकमात्र पेयजल योजना का निर्माण कब कराया गया था? क्‍या योजना के अनुरूप सभी चरणों का कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य कराये जाना शेष हैं एवं वह कार्य कब तक शुरू करायें जायेंगे? (ख) क्‍या केन्‍द्रीय जल आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में बांध का निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? क्‍या निरीक्षण के दौरान दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी हैं? क्‍या शासन केन्‍द्रीय जल आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करेगा यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सागर नगर निगम की पेयजल योजना का निर्माण कार्य लोक स्‍वास्‍थ्‍य, यंत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 1992 से वर्ष 2002 के मध्‍य कराया गया था। जी हाँ, तत्‍समय के लिये निर्धारित सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया गया था। तथापि नगर की बढ़ती जनसंख्‍या हेतु पेयजल योजना का द्वितीय चरण एशियन विकास बैंक के वित्‍तीय सहयोग से मध्‍य प्रदेश अर्बन सर्विस इम्‍प्रूवमेंट प्रोजेक्‍ट के अतंर्गत स्‍वीकृत किया गया है योजना में सम्मिलित कार्य की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। निविदा प्रपत्र एशियन विकास बैंक की अनापत्ति हेतु भेजे गये है, अनापत्ति प्राप्‍त होने पर निविदा आमंत्रित की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। निरीक्षण अप्रैल 1993 से सितम्‍बर 1993, अक्‍टूबर 1994 से दिसम्‍बर 1994, जनवरी 1995 से मार्च 1995, अप्रैल 2000 से सितम्‍बर 2000 एवं अक्‍टूबर 2000 से दिसम्‍बर 2000 के मध्‍य किया गया है। जी हाँ। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। निरीक्षण के दौरान केन्‍द्रीय जल आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन निर्माण संस्‍था लोक स्‍वास्‍थ्‍य यंत्रिकी विभाग द्वारा सुनिश्चित किया गया है।

जिला टीकमगढ़ की फर्जी कार्यवाही प्रस्‍ताव बनाकर खनिज विभाग में लगाया जाना

[खनिज साधन]

23. ( क्र. 1178 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम पंचायत बम्‍होरी अब्‍दा के ग्राम रामनगर में भूमि खसरा क्रमांक 01/1/(क) रकबा 04 हेक्‍टेयर में उत्‍खनन पट्टा दिनांक 24/11/14 को खनिज विभाग टीकमगढ़ द्वारा जारी किया गया है? (ख) क्‍या उक्‍त उत्‍खनन पट्टे हेतु रेखा पत्नी निशांत साहू द्वारा ग्राम पंचायत बम्‍होरी अब्‍दा का फर्जी प्रस्‍ताव बनाकर एवं सरपंच के फर्जी हस्‍ताक्षर बनाकर लीज प्राप्‍त कर ली गई है। उक्‍त ग्राम पंचायत के प्रस्‍ताव रजिस्‍टर की छायाप्रति उपलब्‍ध कराये ! (ग) क्‍या प्रस्‍ताव क्रमांक एवं दिनांक ग्राम पंचायत के प्रस्‍ताव रजिस्‍टर में अंकित नहीं है तथा सरपंच एवं सदस्‍यों द्वारा कोई प्रस्‍ताव नहीं दिया गया जिसका आवेदन पत्र जिला कलेक्‍टर टीकमगढ़ के समक्ष दिया गया है। क्‍या इस प्रकरण की उच्‍च स्‍तरीय जाँच करा कर फर्जी प्रस्‍ताव बनाने वाल एवं फर्जी हस्‍ताक्षर करने वाले के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेंगे तथा उक्‍त लीज उत्‍खनन पट्टा निरस्‍त करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नानुसार ग्राम पंचायत के प्रस्‍ताव रजिस्‍टर की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नानुसार आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है। प्राप्‍त आवेदन की जाँच मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जतारा द्वारा की गई है। जिनके पत्र दिनांक 17.03.2015 द्वारा यह अवगत कराया गया है कि, ग्राम सभा की बैठक दिनांक 17.08.2014 के प्रस्‍ताव क्रमांक 20 द्वारा श्रीमती रेखा साहू पत्नी     श्री निशांत साहू के पक्ष में उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत करने के संबंध में प्रस्‍ताव पारित किया गया है। तत्‍कालीन सचिव ग्राम पंचायत बम्‍होरी अब्‍दा द्वारा अपने कथन में प्रस्‍ताव पारित किये जाने की पुष्टि की है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वॉटर फिल्‍टर प्‍लांट एवं एनीकट प्‍लांट के निर्माण में भ्रष्‍टाचार

[नगरीय विकास एवं आवास]

24. ( क्र. 1180 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत बल्‍देवगढ़ में आम जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्‍ध कराये जाने हेतु वॉटर फिल्‍टर प्‍लांट एवं एनीकट प्‍लांट लगाये जाने हेतु शासन द्वारा कितनी राशि किस वर्ष स्‍वीकृत की गई थी साथ ही उक्‍त दोनों प्‍लांट लगाये जाने के लिये मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी द्वारा किस स्‍थल की खसरा की एवं नक्‍शा स्‍वीकृति हेतु लगाया गया था। (ख) क्‍या उक्‍त वॉटर फिल्‍टर प्‍लांट एवं एनीकट प्‍लांट करमासन ग्राम की नदी पर बनाया जा रहा है जो नदी मार्च महीने के बाद सूख जाती है और नदी में जब पानी नहीं होगा तो आम जनता को पेयजल कैसे उपलब्‍ध होगा तथा प्रश्‍न दिनांक तक वॉटर फिल्‍टर प्‍लांट एवं एनीकट प्‍लांट के निर्माण में कितनी राशि व्‍यय की जा चुकी हैं? (ग) क्‍या उक्‍त दोनों प्‍लांटों के निर्माण हेतु खसरा, नक्‍शा किसी दूसरे स्‍थान का लगाया गया है और निर्माण कार्य वहां किया जा रहा है जिस नदी में पानी माह मार्च से सूख जाता हैं वहां वॉटर फिल्‍टर प्‍लांट एवं एनीकट प्‍लांट निर्माण का क्‍या औचित्‍य हैं। कब तक जाँच कराकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत बल्‍देवगढ़ में आम जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्‍ध कराने हेतु यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत राशि रू. 1264.80 लाख की जलप्रदाय योजना वर्ष 2012-13 में स्‍वीकृत की गई थी। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित स्‍थल के खसरा की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, परन्‍तु निकाय की आवश्‍यकता व डी.पी.आर. के प्रावधान अनुसार- 0.65 mcm Raw Water भण्‍डारण हेतु बैराज (एनीकट) का निर्माण किया जा रहा है, जिससे मार्च माह के बाद भी में आम जनता को पेयजल उपलब्‍ध होगा। वॉटर ट्रीटमेंट प्‍लांट एवं एनीकट निर्माण पर क्रमश: राशि रू. 55.57 लाख व रू. 126.42 लाख व्‍यय की जा चुकी है। (ग) जी नहीं, दोनों प्‍लांटों का निर्माण योजना में प्रस्‍तावित स्‍थल पर किया जा रहा है। जानकारी उत्‍तरांश-'' अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''छ: ''

प्रदेश में लगे उद्योगों की जानकारी

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

25. ( क्र. 1207 ) श्री अजय सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 के दौरान मध्‍यप्रदेश राज्‍य में किन-किन स्‍थानों पर नये वृहद उद्यागों का भूमिपूजन एवं उद्घाटन हुआ? इन उद्यागों से प्रदेश में कितनी संख्‍या में रोजगार (प्रत्‍यक्ष) का सृजन हुआ वर्षवार, उद्यागों के नामवार एवं जिलेवार, रोजगारवार (प्रत्‍यक्ष) उद्घाटनवार विवरण दें? (ख) 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 के दौरान मध्‍यप्रदेश में किन-किन जिलों में किस-किस स्‍थान पर किस-किस नाम के उद्योगों को किस प्रकार का उत्‍पादन करने हेतु कितनी-कितनी भूमि, किस दर पर कब-कब दी गई जारी सभी आदेशों की एक प्रति उपलब्‍ध करायें?                 (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्‍तीय वर्षों के अनुसार प्रदेश के कुल कितनी राशि के निवेश आये, निवेशवार जानकारी दें कि प्रश्‍नतिथि तक उक्‍त निवशों में कुल कितने प्रतिशत कार्य हुआ हैं? कुल कितनी राशि व्‍यय हो चुकी हैं? कब पूर्ण होंगे? प्रकरणवार, जिलेवार जानकारी दें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 के दौरान प्रदेश में 97 स्‍थापित वृहद उदयोगों में 32107 रोजगार सृजित हुए, जिसकी वर्षवार, उदयोग के नामवार, जिलेवार, रोजगारवार (प्रत्‍यक्ष) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट प्रपत्र-एक अनुसार हैं। उद्योगों के भूमिपूजन एवं उद्घाटन की जानकारी ए.के.व्‍ही.एन./आय.आय.डी.सी. में संधारित नहीं की जाती हैं। (ख) 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 के दौरान ए.के.व्‍ही.एन./आय.आय.डी.सी. द्वारा प्रदेश में उद्योगों को आवंटित भूमि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार हैं।           (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्‍तीय वर्षों के दौरान कुल राशि रूपये 9.96 लाख करोड़ के 5790 निवेश आशय प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं, इनमें से कुल राशि रूपये 2.07 लाख करोड़ के 604 निवेश आशय प्रस्‍ताव निरस्‍त हुए हैं तथा शेष कुल राशि रूपये 7.89 लाख करोड़ के 5186 निवेश आशय प्रस्‍ताव क्रियान्‍वयन के विभिन्‍न चरणों में हैं। उपरोक्‍त निवेश प्रस्‍ताव का क्रियान्‍वयन एक सतत् प्रक्रिया हैं, जिसमें कार्य का प्रतिशत/राशि व्‍यय आदि की निरंतर प्रगति की जानकारी संधारित करने का कोई प्रावधान नहीं है, अत: शेष प्रश्‍नांश के उत्‍तर देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

दैनिक वेतन भोगी के स्‍थान पर स्‍थायी कर्मी श्रेणी

[नगरीय विकास एवं आवास]

26. ( क्र. 1264 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. एफ 551/2013/1/3 भोपाल दिनांक 7 अक्‍टूबर 16 के तारतम्‍य में दैनिक वेतन भोगी के स्‍थान पर स्‍थायी कर्मी श्रेणी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसी तारतम्‍य में सागर नगर निगम के द्वारा अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल अलग-अलग वेतनमान के आधार पर स्‍थायी कर्मी की श्रेणी दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में छिंदवाड़ा जिले के नगर पंचायत एवं नगर पालिका में कार्यरत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल कर्मियों को स्‍थायी कर्मी के श्रेणी में कब तक कर दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्‍य प्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा उक्‍त परिपत्र नगरीय निकायों में लागू किए जाने के संबंध में विभागीय निर्देश जारी न होने के कारण संचालनालय पत्र क्रमांक 5995 दिनांक 28.03.2017 से नगर पालिक निगम, सागर को दैनिक वेतन भोगी के स्‍थान पर ''स्‍थायी कर्मी'' की दी गई श्रेणी संबंधी जारी आदेश निरस्‍त करने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) मध्‍य प्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी होने के उपरांत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

ग्वालियर शहर में पेयजल की समस्‍या

[नगरीय विकास एवं आवास]

27. ( क्र. 1315 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर शहर के सभी वार्डों में नियमित जल प्रदाय पीने का पानी नहीं मिल रहा है। शहर के ऐसे कौन-कौन से वार्डों के क्षेत्र हैं, यहाँ पर नियमित प्रतिदिन जलप्रदाय हो रहा है? लिखित जानकारी देवें। (ख) क्या निर्धारित जल प्रदाय की राशि नगर निगम ग्वालियर द्वारा बिल के माध्यम से प्रति माह वसूली जाती हैं? (ग) जलप्रदाय की राशि जिन क्षेत्रों में प्रति दिन जल प्रदाय हो रहा है व जिन क्षेत्रों में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय होता है उनसे कितनी-कितनी राशि प्रति माह बिल से वसूली जाती हैं जिन उपभोक्ताओं को जल प्रदाय एक दिन छोड़ कर होता है, उनसे भी पूरे माह की राशि किस मापदंड से वसूली जाती हैं। क्या यह अन्याय नहीं है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, ग्‍वालियर शहर के सभी वार्डों में नियमित जलप्रदाय किया जा रहा है। शहर के वार्ड क्रमांक 01 से 60 के सभी क्षेत्रों में नियमित जलप्रदाय तथा वार्ड क्र. 61 से 66 में हैण्‍डपंप/ट्यूबवेल के माध्‍यम से नियमित प्रतिदिन जलप्रदाय उपलब्‍ध कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) नियमित जलप्रदाय के आधार पर वार्ड            क्र. 01 से 60 के क्षेत्रों में प्रतिमाह रू. 150/- प्रति कनेक्‍शन (घरेलू) के माध्‍यम से जल कर की राशि वसूल किया जाना निर्धारित है। वार्ड क्र. 61 से 66 तक के उपभोक्‍ताओं से वर्तमान में कोई जल कर की राशि वसूल नहीं की जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मध्‍यान्‍ह भोजन थालियों तथा गिलास का क्रय

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

28. ( क्र. 1342 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के स्‍कूलों में मध्‍यान भोजन व्‍यवस्‍था कब से शुरू हुई तथा मध्‍यान्‍ह भोजन हेतु थालियों तथा गिलासों के लिए राशि का आवंटन कब किया गया था? (ख) क्‍या कई वर्ष बीत जाने के बाद थालियाँ तथा गिलास खराब हो जाने के कारण प्रदेश के सभी स्‍कूलों में इनकी कमियां महसूस की जा रही है? (ग) शासन थालियाँ तथा गिलास खरीदने हेतु कब तक राशि आवंटित कर देगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 1995 से। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) वर्ष 2017 में राशि रू. 25.96 करोड़ जारी की गई है।

परिशिष्ट - ''सात''

जनपद पंचायत सीतामऊ में अनियमितता

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

29. ( क्र. 1413 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या जनपद पंचायत सीतामऊ के वर्तमान अध्‍यक्ष द्वारा अनियमितता किये जाने को लेकर किसानों द्वारा कलेक्‍टर को शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो कब और किस प्रकार की अनियमितताओं की शिकायत हुई? (ख) क्‍या शिकायत मिलने के बाद कलेक्‍टर द्वारा जाँच कराने का आदेश जारी किया है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति सहित ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या जनपद अध्‍यक्ष को पद से हटाने की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो विलंब का कारण स्‍पष्‍ट करें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। किसान संगठन द्वारा दिनांक 15.06.2017 को कलेक्टर को की गई शिकायत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।            (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

बरझा बाईपास का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

30. ( क्र. 1425 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न क्रमांक 665 दिनांक 28/2/17 के द्वारा अवगत कराया गया है, कि अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराकर प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करने के निर्देश मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा को दिये गये हैं। निर्देशानुसार मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा द्वारा प्रस्‍तुत प्रस्‍ताव की प्रति उपलब्‍ध करायें। तथा विगत तीन वर्ष से विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं, इनके विरूद्ध कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश (क) डी.पी.आर. अनुसार संबंधित भू‍-स्‍वामियों के मुआवजा का भुगतान कब किया गया। नहीं किया गया तो क्‍यों तथा लिंक रोड का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी का पत्र दिनांक 09.01.2017 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा को पत्र क्रमांक 2384 दिनांक 13.05.2017 द्वारा प्रेषित प्रस्‍ताव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के पत्र क्रमांक 684/री-2 दिनांक 05.06.2017 द्वारा मूलत: वापिस कर दिया गया है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- ब, ब-1, ब-2 अनुसार है। प्रस्‍ताव के परीक्षण में यह पाया गया कि प्रस्‍तावित मार्ग का रेखांकन (अलॉयमेंट) सिहोरा नगर के स्‍वीकृत मास्‍टर प्‍लान-2005 में यातायात संरचना के प्रस्‍तावित मार्ग से भिन्‍न होने से प्रस्‍ताव अमान्‍य कर दिया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में र‍खे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित रहने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगदरा क्षेत्र में मोबाईल टावर लगवाएं जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

31. ( क्र. 1434 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मोबाइल टावर लगवाए जाने का क्‍या नियम प्रावधान हैं? क्‍या सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के बगदरा क्षेत्र में 60.65 गांव के पहुँच में कोई जनसंपर्क के लिए टावर नहीं लगाये गये हैं? (ख) क्‍या यहाँ अनु.जाति/अनु.जनजाति के अधिकाश: लोगों का निवास हैं तथा इस क्षेत्र में जनसंपर्क के लिए कोई साधन नहीं है? क्‍या इन गरीब आदिवासियों को जनसंपर्क में जोड़ने के लिए मोबाईल टावर लगवाये जाने हेतु शासन स्‍तर पर कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) रहवासियों के जन संपर्क के लिए मोबाईल टावर लगवाये जायेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मोबाईल टॉवर लगवाये जाने हेतु ''मध्‍यप्रदेश नगरपालिका (अस्‍थायी टॉवर का संस्‍थापन/सेल्‍यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिये अधोसंरचना) नियम, 2012 का प्रावधान है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।

गौड खनिज मद से रायल्‍टी का सही उपयोग

[खनिज साधन]

32. ( क्र. 1453 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम पंचायत बारीकला (बारीकला, पुरैनी), नैना (बराज, नैना) सगमनिया, बठियाकला (बठियाकला), मॉद (मोहन्‍ना, नीमी) सकरिया, बिरहुल, खम्‍हरिया, तिवरियान (खम्‍हरिया तिवरियान, खम्‍हरिया पयसियान, भटपुरवा), रामस्‍थान, फुटौंधी, फुटौंधा, पतौड़ा (लिलौरी), जमोड़ी (जमोड़ी, अतरहरा), बेला (बठियाखुर्द) में विगत 5 वर्षों में गौण खनिज मद में कितनी रायल्‍टी जिले को प्राप्‍त हुई? (ख) उक्‍त गौण खनिज मद से इन ग्राम पंचायतों में किसकी अनुशंसा पर विगत 5 वर्षों में कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये जाकर पूर्ण कराये गये हैं? कार्यवार, राशिवार विवरण देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार गौण खनिज मद की प्राप्‍त राशि से इन ग्राम पंचायतों में कोई विकास कार्य नहीं करवाये गये हैं तो इसके लिये दोषी            कौन-कौन हैं? (घ) क्‍या गौण खनिज मद राशि से सतना विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत सतना विधायक की सहमति से सामुदायिक विकास कार्य कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शित है। (ख) बजट के अभाव में कोई कार्य नहीं कराया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) बजट आवंटन के अभाव में कोई कार्य नहीं कराया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) गौण खनिज मद से कार्य कराने के लिये कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 के अंतर्गत प्राप्‍त राशि से 10 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक भवन बनाये जाने की अनुशंसा प्राप्‍त हुई थी, जिसका अनुमोदन दिनांक 21.06.2017 को किया गया है। कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''आठ''

बेसमेंट पार्किंग में व्‍यवसायिक गतिविधि संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

33. ( क्र. 1457 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना नगर निगम क्षेत्रान्‍तर्गत सड़क सुरक्षा समि‍ति द्वारा कितनी बेसमेन्‍ट पार्किंग की पहचान की गई, जिनमें व्‍यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं? इन व्‍यवसायियों को विभाग द्वारा कब-कब बेसमेंट पार्किंग खाली करने के लिये नोटिस जारी किया गया? (ख) बेसमेंट पार्किंग में नोटिस के बाद भी व्‍यवसायिक गतिविधियां चलाने वाले व्‍यवसासियों पर कब-कब कितना-कितना दण्‍ड अधिरोपित किया गया है? (ग) रीवा रोड पर बिल्‍डिंग का नक्‍शा पास करने के उपरांत विपरीत निर्माण के लिये दोषी नगर निगम के अमले को कब तक दण्डित किया जायेगा? दोषियों के नाम बतायें? बेसमेंट पार्किंग कब तक आम जन के उपयोग के लिये खोल दी जायेगी, समय-सीमा बतायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, सतना क्षेत्रान्‍तर्गत सड़क सुरक्षा समिति द्वारा 45 बेसमेंट पार्किंग की पहचान की गई, जिनमें व्‍यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही है। इन व्‍यावसायियों को नगर पालिक निगम सतना द्वारा दिनांक 04.04.2017 को बेसमेंट पार्किंग खाली करने के लिये नोटिस जारी किया गया। (ख) बेसमेंट पार्किंग में नोटिस के बाद भी व्‍यावसायिक गतिविधियां चलाने वाले व्‍यावसायियों पर कोई दण्‍ड अधिरोपित नहीं किया गया है। (ग) रीवा रोड पर बिल्डिंग का नक्‍शा पास कराने के उपरांत विपरीत निर्माण के संबंध में जाँच कराई जा रही है। जाँच के परिणाम के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। 25 भवन स्‍वामियों द्वारा बेसमेंट पार्किंग खाली की जा चुकी है। शेष बेसमेंट पार्किंग खाली कराने की प्रक्रिया नियमानुसार की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भवन निर्माण संबंधी

[उच्च शिक्षा]

34. ( क्र. 1471 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कन्‍या महाविद्यालय सिंगरौली के भवन निर्माण हेतु राशि स्‍वीकृत की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्‍या उक्‍त महाविद्यालय में सहा. प्राध्‍यापक एवं प्राध्‍यापकों के अलावा अन्‍य स्‍टॉफ की कमी है? इन्‍हें कब तक में पूरा कर लिया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिंगरौली के भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 650.00 लाख का प्रस्ताव दिनांक 11.07.2017 को प्राप्त हुआ है। जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेंगी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''नौ''

नगर पालिक निगम सिंगरौली में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

35. ( क्र. 1472 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली अंतर्गत नगर पालिक निगम सिंगरौली में शासन द्वारा विभिन्‍न रिक्त पदों पर अभी तक भर्ती नहीं की गई है? इसकी पूर्ति कब तक में की जावेगी? (ख) क्‍या आवेदन पत्र मंगाये गये थे, तो अभी तक भर्ती प्रक्रिया क्‍यों रोकी गई? क्‍या कारण रहा? तो स्‍पष्‍ट जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, सिंगरौली से प्रस्‍ताव अनुसार सहायक वर्ग-03 के 08 पद, सहायक राजस्‍व निरीक्षक के 11 पद, स्‍वच्‍छता निरीक्षक के 03 पद, समयपाल के 03 पद एवं उपयंत्री के 02 पदों की पूर्ति किए जाने के हेतु प्रस्‍ताव प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड, भोपाल को प्रेषित किए गए। प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड, भोपाल द्वारा चयनित अभ्‍यर्थियों के दस्‍तावेजों के परीक्षण की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) नगर पालिक निगम, सिंगरौली द्वारा भर्ती किए जाने के संबंध में विज्ञप्ति क्र. 560/स्‍था./2016, दिनांक 20.04.2016 से जारी की गई थी। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्र. एक/स्‍था./110/16/3453, दिनांक 06.02.2016 द्वारा रिक्‍त पदों की पूर्ति प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड से कराए जाने के निर्देश के क्रम में नगर पालिक निगम, सिंगरौली द्वारा जारी विज्ञप्ति अंतर्गत भर्ती प्रक्रिया पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

जवाहर नवोदय विद्यालय बजरंगढ़ को प्रभावित करने वाली खदानों को बंद करना

[खनिज साधन]

36. ( क्र. 1529 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय बजरंगढ़ के समीप उत्खनन की लीज की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन नीति में शैक्षणिक संस्थाओं आवासीय परिसरों के समीप उत्खनन के लिये लीज पर जमीन देने का प्रावधान है? (ख) यदि नहीं, तो गुना जिले में शैक्षणिक संस्थाओं आवासीय परिसरों एह आबादी के निकटतम ग्रामों की भूमि की लीज कब तक समाप्त की जावेगी, अवधि बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत आज दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि इस दिशा में कार्यवाही नहीं गई है तो उसके प्रति जवाबदेही किसकी है, उस अधिकारी के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। एक पत्‍थर खनिज का उत्‍खनिपट्टा नियमों में प्रतिबंधित दूरी से बाहर स्‍वीकृत है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में सार्वजनिक भवन से 100 मीटर की दूरी पर उत्‍खनन हेतु लीज देने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के प्रकाश में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के प्रकाश में कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही 

[खनिज साधन]

37. ( क्र. 1537 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता ने दिनांक 08.12.16 को अता. प्रश्‍न क्रमांक 93 एवं दिनांक 19.07.16 को परि.अता. प्रश्न क्रमांक 63 के संदर्भ में बताए कि पलकटोरी ग्राम में हुए अवैध वाहनों के जब खनन माफिया ने पुलिस प्रशासन पर हमला कर छुड़ाकर जिस गजराजसिह पुत्र अमोलसिह खानपुर ब्लाक चंदेरी के प्रांगण में रखे जहाँ से पुलिस ने बरामद किया तो उस पर प्रकरण विवेचना में कब तक दर्ज करेंगे? (ख) क्‍या फरार दो मुख्य आरोपी जिला पंचायत मण्डी की बैठक में खुले आम भाग ले रहे हैं, समाचार पत्रों में भी आ रहा है, तो खनिज अधिकारी उनको पुलिस को सूचना देकर गिरफ्तार क्यों नहीं करा रहे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) फरियादी वीरेन्‍द्र वर्मा पुत्र श्री राममणी वर्मा उम्र 31 साल, खनि निरीक्षक निवासी अशोकनगर द्वारा थाना देहात अशोकनगर में मय जप्‍तशुदा सभी वाहनों के साथ उपस्थित होकर दिनांक 10.06.2016 को रिपोर्ट की थी। जिस पर से अपराध क्रमांक 266/16 धारा 341, 147, 148, 149, 379, 353, 186 ता.हि. एवं संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 3 कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान तत्‍कालीन थाना प्रभारी द्वारा पेश किये गये वाहनों को अपराध में जप्‍त कर जप्‍ती पंचानामा तैयार किया गया। अपराध की विवेचना के दौरान गजराज सिंह पुत्र श्री अमोल सिंह यादव निवासी खानपुर के विरूद्ध कोई साक्ष्‍य नहीं पाया गया। पुलिस द्वारा गजराज सिंह के प्रांगण से कोई वाहन जप्‍त नहीं किये गये। (ख) प्रकरण में 04 नामजद एवं 15-20 अज्ञात व्‍यक्तियों के विरूद्ध पुलिस थाना देहात जिला अशोकनगर में खनि निरीक्षक द्वारा घटना के समय प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

कस्बारेंज ग्राम पंचायत व पालीवाल कॉलोनी को मुंगावली नगरपालिका में शामिल करना

[नगरीय विकास एवं आवास]

38. ( क्र. 1538 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि प्रश्‍नकर्ता के दिनांक 17 मार्च 2017 के प्रश्न क्रमांक 424 के संदर्भ में बतायें कि मुंगावली नगरपालिका की सीमा वृद्धि का अंतिम प्रकाशन कब तक कर लिया जाएगा व पालीवाल कालोनी व कस्बारेंज को कब तक नगरपालिका मुंगावली में शामिल कर लिया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : नगर परिषद् मुंगावली जिला- अशोकनगर में ग्राम पंचायत कस्‍बा रेंज का संपूर्ण क्षेत्र, ग्राम पंचायत मीरकाबाद का कुछ क्षेत्र, ग्राम पंचायत ढि़चरी का क्षेत्र एवं ग्राम कस्‍बाकाछी का संपूर्ण क्षेत्र नगर परिषद् मुंगावली में शमिल करने हेतु नगर परिषद् मुंगावली द्वारा तैयार प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर परीक्षण किया जाएगा, उक्‍त समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री आवास का आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

39. ( क्र. 1579 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरपालिका परिषद् गोटेगांव जिला नरसिंहपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो हितग्राहियों की संख्‍या वार्ड सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो आवास निर्माण हेतु शासन द्वारा जमीन का चिन्हांकन किया गया है? यदि हाँ, तो चिन्हित जमीन की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास का लाभ हितग्राहियों को कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर को प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत सम्मिलित कर लिया गया है। योजना अभी स्‍वीकृत नहीं है। हितग्रहियों का चयन किया जा रहा है। सूची अभी तैयार नहीं की गई है, जिससे उपलब्‍ध कराने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक चार जिसमें ''हितग्राही द्वारा स्‍वयं आवास निर्माण'', स्‍वयं की अथवा राज्‍य शासन द्वारा उपलब्‍ध कराये गये पट्टे की भूमि में किया जाना है, जिसमें पृथक से जमीन की आवश्‍यकता नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत शहरी गरीबों को आवास उपलब्‍ध कराने हेतु हाउसिंग फॉर ऑल प्‍लान ऑफ एक्‍शन एवं विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किये जा रहे है, जिसकी स्‍वीकृति एवं केंद्रांश भारत सरकार से प्राप्‍त होने पर राज्‍यांश सम्मिलित कर हितग्राही को लाभ दिया जा सकेगा, समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है।

मर्यादा अभियान अंतर्गत निर्मित शौचालय

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

40. ( क्र. 1580 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में ऐसे कितने ग्राम हैं जहां पर हितग्राहियों के शौचालय नहीं बने? क्‍या शासन द्वारा ऐसे ग्रामों का सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो सूची प्रदान करें। (ख) ऐसे हितग्राही जिनके शौचालय हितग्राही के स्वयं के द्वारा बनाया गया है एवं सरपंच/सचिव की मिली भगत से राशि हितग्राही को नहीं मिली, क्या ऐसे ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है? यदि हाँ, तो हितग्राहियों को राशि कब तक वितरित कर दी जावेगी? (ग) मर्यादा अभियान के दौरान जिन हितग्राहियों के शौचालय पूर्व से निर्मित थे एवं अब मरम्मत योग्य हैं उनके शौचालयों के मरम्मत की शासन की कोई योजना है यदि हाँ, तो अवगत करावें। मरम्मत योग्य शौचालयों की मरम्मत कब तक करवा दी जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगाँव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर के सभी ग्रामों में शौचालय निर्मित है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है। (ख) पात्र हितग्राहियों द्वारा स्‍वयं शौचालय निर्माण के प्रकरण में प्रोत्‍साहन राशि का भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक खाते में करने की व्‍यवस्‍था है। हितग्राही द्वारा निर्मित शौचालय में सरपंच एवं सचिव की मिलीभगत से हितग्राही को राशि नहीं मिलने का कोई प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) पात्र हितग्राहियों के पूर्व से निर्मित शौचालयों की महात्‍मा गांधी नरेगा के तहत मरम्‍मत कराई जाना प्रतिवेदित है। निर्मित शौचालय हितग्राही की संपत्ति होने से संधारण एवं देख-रेख हितग्राही से अपेक्षित है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

प्रधानमंत्री आवास में प्रथम/द्वितीय किश्‍त भुगतान में अपात्र किये जा रहे हि‍तग्राही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

41. ( क्र. 1611 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) राजगढ़ जिले की वर्ष 2011 की सर्वे सूची में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कितने ग्रामीण एवं कितने शहरी आवास स्वीकृत किये गये हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें प्रथम या द्वितीय किश्‍त का भुगतान होने के उपरान्त अपात्र घोषित किया गया है? अपात्र घोषित किये जाने के कारणों सहित ग्रामवार हितग्राही की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें? (ग) यदि हि‍तग्राही अपात्र ही था, तो उन्हें प्रथम या द्वितीय किश्‍त का भुगतान किस आधार पर किया गया था? क्या अपात्र हि‍तग्राहियों का चयन करने वाले संबंधित कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रथम या द्वितीय किश्‍त राशि का उपयोग अपात्र घोषित किये जा रहे हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण में राशि व्‍यय कर दी गयी है, तो उक्त हितग्राहियों पर किसी प्रकार की कार्यवाही की जावेगी? कारण सहित अवगत करावें एवं हितग्राही को रहने हेतु पूर्ववत स्थिती में लाने हेतु शासन किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय करेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत सारंगपुर अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत अब तक 3,909 आवास स्वीकृत किये गए है। नगर पंचायत क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आवास स्वीकृत नहीं किये जाते हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। अपात्र हितग्राहियों का चयन करने वाले ग्राम पंचायत भैसवामाता, सईदाबाग, खजूरियाहरि के सरपंचों के विरूद्ध धारा 40 के अन्तर्गत कार्रवाई की गई है एवं श्री नंदकिशोर गुर्जर सचिव, श्री छगनलाल विश्वकर्मा सचिव, श्री मानसिंह राठौर सचिव को निलंबित किया गया है तथा सत्यापन अधिकारी श्री सिद्धुलाल कुम्भकार सहायक विकास विस्तार अधिकारी निलंबित किया गया है। (घ) अपात्र हितग्राही से राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। अपात्रों में से इच्छुक को मुख्यमंत्री आवास मिशन में लाभ दिलाने की व्यवस्था की गई है।

परिशिष्ट - ''दस''

स्‍मार्ट सिटी बनने की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 1632 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश में वित्‍तीय वर्ष 2014 से 2017 के दौरान कौन-कौन से शहरों/अन्‍य को स्‍मार्ट सिटी के रूप में चुना गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्‍तीय वर्षों के दौरान उक्‍त चयनित स्‍मार्ट सिटी के केन्‍द्र सरकार/राज्‍य सरकार ने कितनी-कितनी राशि कब-कब किस-किस कार्य हेतु आवंटित कर दी? जारी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार चयनित स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट के अनुसार प्रश्‍नतिथि तक किन-किन जगहों पर क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी लागत के पूर्ण हो चुके हैं? क्‍या कार्य किस स्‍थान पर कितनी-कितनी लागत के चल रहे हैं? स्‍मार्ट सिटी वार जानकारी दें? (घ) प्रदेश की चयनित स्‍मार्ट सिटियों में कार्य कब तक पूर्ण होंगे? स्‍मार्ट सिटी कब तक बनकर तैयार होगी? प्रश्‍नतिथि तक कुल कितनी राशि स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट हेतु आ चुकी है? कितनी राशि व्‍यय हो चुकी है? प्रकरणवार स्‍मार्ट सिटीवार जानकारी दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) स्‍मार्ट सिटी योजना अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2014 से 2017 में भोपाल, इंदौर जबलपुर ग्‍वालियर, उज्‍जैन सागर एवं सतना शहर में स्‍मार्ट सिटी के रूप में चुना गया है। (ख) स्‍मार्ट सिटी योजना अंतर्गत वर्षवार राशि का विवरण एवं आदेश की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) स्‍मार्ट सिटी भोपाल:- भोपाल स्‍मार्ट सिटी के पूर्ण एवं चल रहे कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी:- इंदौर स्‍मार्ट सिटी के पूर्ण कार्य निरंक एवं चल रहे कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी जबलपुर:- जबलपुर स्‍मार्ट सिटी के पूर्ण एवं चल रहे कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी ग्‍वालियर एवं उज्‍जैन:- ग्‍वालियर एवं उज्‍जैन शहर में स्‍मार्ट सिटी के कार्य अंतर्गत सर्वें, डिजाईन एवं विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। स्‍मार्ट सिटी सागर एवं सतना:- स्‍मार्ट सिटी के तृतीय चरण में माह जून 2017 में सागर एवं सतना का चयन किया गया। उक्‍त दोनों शहरों में एस.पी.वी. के गठन की कार्यवाही प्रारंभिक स्‍तर पर प्रचलित है। एस.पी.वी. के गठन के पश्‍चात् सागर एवं सतना में स्‍मार्ट सिटी मिशन के क्रियान्‍वयन का कार्य प्रारंभ किया जावेंगा। (घ) स्‍मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रथम चरण (जनवरी 2016) में चयनित इंदौर, भोपाल एवं जबलपुर स्‍मार्ट सिटी के निर्माण कार्य वर्ष 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। स्‍मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत द्वितीय चरण (सितम्‍बर 2016) में चयनित ग्‍वालियर एवं उज्‍जैन (सितम्‍बर 2016) स्‍मार्ट सिटी के निर्माण कार्य वर्ष 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। स्‍मार्ट सिटी के तृतीय चरण में माह जून 2017 में सागर एवं सतना का चयन किया गया। उक्त दोनों शहरों में एस.पी.वी. के गठन की कार्यवाही प्रारंभिक स्‍तर पर प्रचलित है। एस.पी.वी. के गठन के पश्‍चात् सागर एवं सतना स्‍मार्ट सिटी के निर्माण का कार्य पाँच वर्ष की अवधि में पूर्ण किये जाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। स्‍मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कुल राशि एवं व्‍यय का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।

नर्मदा सेवा यात्रा की जानकारी

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

43. ( क्र. 1638 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन अभियान परिषद् का कानूनी स्‍वरूप क्‍या है? उसके गठन संबंधी समस्‍त दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें उसके वित्‍तीय अधिकार भी बतावें? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मुख्‍यमंत्री द्वारा 2 जुलाई, को करोड़ पेड़ एक साथ लगाने की घोषणा क्‍यों की गई? नर्मदा किनारे के 24 जिलों में किस-किस जिलें में कितने-कितने पेड़ लगाये जा रहे हैं? (ग) क्‍या उपरोक्‍त जिले की सभी पंचायतों को पेड़ लगाने के लिये 10 लाख या 15 लाख रू. दिये गये हैं, यदि हाँ, तो पंचायत का नाम तथा दी गई राशि की सूची देवें तथा बतावें पौधे किस मद में लगाये जायेगे? (घ) एक पेड़ लगाने पर औसतन कितना खर्च आवेगा 6 करोड़ पेड़ लगाने पर कुल कितना खर्च होगा, किस मद से खर्च किया जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पेड़ों की भविष्‍य में देखभाल, खाद, पानी देना इत्‍यादि के लिये क्‍या प्रावधान किये गये है तथा जिम्‍मेदारी किस की तय की गई है सारे पेड़ एक साथ लगाने की जगह टुकड़ों-टुकड़ों में क्‍यों नहीं लगाये जा रहे हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जन-अभियान परिषद् मध्य प्रदेश शासन के योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक अनुदान द्वारा वित्त पोषित, सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अन्तर्गत गठित एवं पंजीकृत संस्था है। परिषद् की ज्ञापन एवं नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा वित्तीय अधिकार पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा छः करोड़ पेड़ एक साथ लगाने की घोषणा नर्मदा के आस-पास के क्षेत्र के मृदा संरक्षण व जल सतह को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

नगर परिषद् कटंनी जिला जबलुपर द्वारा किये गये अनियमितिकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

44. ( क्र. 1710 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् कटंगी जिला जबलपुर द्वारा दिनांक 01.01.2015 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन व्‍यक्तियों को दैनिक मस्‍टर कर्मचारी के रूप में भर्ती कर, किस-किस को किस दिनांक से किस दिनांक तक का किस प्रकार से कितना भुगतान किया गया बतलावें? (ख) क्‍या राज्‍य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोई भी विभाग बिना राज्‍य शासन की पूर्व स्‍वीकृति के किसी भी पद पर दैनिक वेतन पर नियुक्‍त नहीं कर सकता? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित नगर परिषद् कटंगी द्वारा अवैध रूप से की गई भर्तियों तथा उनकी लगातार उपस्थिति दर्शाकर नगद भुगतान करने का दोषी कौन हैं? क्‍या शासन इसकी जाँच कराकर अवैध रूप से किये गये भुगतान की वसूली करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) नगर परिषद् कटंगी जिला जबलुपर के द्वारा अनियमित रूप से दैनिक मस्‍टर कर्मचारी भर्ती करने एवं नियम विरूद्ध पाईप लाईन अधिक दर पर क्रय करने के संबंध में किस-किस के द्वारा कौन-कौन सी शिकायतें आयुक्‍त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल तथा अन्‍य उच्‍च अधिकारियों से की गई एवं इन प्राप्‍त शिकायतों पर कब क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या शासन सम्‍पूर्ण प्रकरण की उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगियों को रखे जाने पर प्रतिबंध है। (ग) निकाय द्वारा जिन 17 कर्मचारियों को आवश्‍यकता अनुसार कार्य हेतु रखा गया है, उन्‍हें दैनिक श्रमिक के रूप में परिषद्/पी.आई.सी. की स्‍वीकृति के आधार पर रखा गया न कि दैनिक वेतन भोगी के रूप में। (घ) कलेक्‍टर, जबलपुर एवं संभागीय कार्यालय को शिकायत प्राप्‍त हुई थी। शिकायत की जाँच संभागीय संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर द्वारा की गई थी। जाँच में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

खिलाड़ि‍यों की आयु की जाँच

[खेल और युवा कल्याण]

45. ( क्र. 1727 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खेल विभाग अन्तर्गत क्रिकेट खेल संगठनों (एम.पी.सी.ए. व शालेय क्रिकेट) द्वारा विभिन्न आयु वर्ग के खिलाड़ि‍यों (जैसे अंडर 14,16,1923) की प्रतियोगिता के पूर्व उनकी आयु के प्रमाण-पत्रों की जानकारी ली जाती है व उनका मेडिकल बोर्ड द्वारा परीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो खेल संगठनों द्वारा आयु के लिये क्या पैमाना निर्धारित किया गया है?            (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खेल संगठनों द्वारा खिलाड़ि‍यों के आयु की जांच के लिए अपनाये गये मापदंडों के बाद भी यदि खिलाड़ी गलत प्रमाण पत्र या मेडिकल की गलत रिपोर्ट के बाद दोषी पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में खेल विभाग द्वारा किस-किस पर क्या कार्यवाही की जाती हैं? स्पष्ट करें व विगत पाँच वर्षों में किन-किन खिलाड़ियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई हैं? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) खेल संगठन स्‍वतन्‍त्र इकाइयां हैं, जो शासन के अधीन कार्य नहीं करती हैं। अत: उनकी प्रक्रियाओं व मापदण्‍डों के बार में जानकारी संधारित नहीं की जाती है।

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

46. ( क्र. 1743 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वर्ष 2010-11 से वर्ष 2017-18 तक हरदा जिले में कुल कितनी व कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत एवं प्रस्तावित हैं वर्षवार व विधानसभा क्षेत्रवार बतायें।  (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत/प्रस्तावित सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? स्वीकृत सड़कों का कार्य किस ठेकेदार अथवा कंपनी को दिया गया है। (ग) क्या कुछ सड़कों का किये गये कार्य से अधिक का भुगतान सम्बन्धित निर्माण एजेंसी/ठेकेदार/फर्म को कर दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उसके लिये कौन जवाबदार हैं? ठेकेदार अथवा जवाबदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में स्‍वीकृत सड़कों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''बारह''

अतिथि विद्वानों को समान कार्य समान वेतन दिया जाना

[उच्च शिक्षा]

47. ( क्र. 1761 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील 313/2013 दिनांक            26 अक्टूबर 2016 द्वारा देश भर के अस्थाई कर्मचारी, दैनिक वेतन कर्मचारियों के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने का आदेश दिया गया था, जिस पर कुछ राज्य सरकारों ने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करना शुरू भी कर दिया है, विवरण सहित बताएं?             (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. सरकार द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान के पद पर कार्यरत सहायक प्राध्यापकों को शासकीय प्राध्यापकों के समान वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है, क्यों कारण सहित बताएं? (ग) क्या उक्त अतिथि विद्वानों को वर्तमान में मात्र 275 रूपये प्रति कालखंड एवं अधिकतम 825 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं जबकि इनके द्वारा शासकीय प्राध्यापकों के समान अध्यापन कार्य किया जा रहा है? (घ) क्या म.प्र. शासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले को म.प्र. के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ अतिथि विद्वानों के लिए लागू किया जाएगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताएं? क्या म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को इन अतिथि विद्वानों से अधिक वेतन प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या इनके पद एवं गरिमा के अनुरूप सम्मानजनक वेतन प्रदान किया जाएगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय ने सिविल अपील 313/2013 में सामान कार्य सामान वेतन अवधारणा की विस्तृत विवेचना कर निर्णय पारित किया गया है। उक्त निर्णय का विभिन्न राज्यों द्वारा पालन किये जाने की जानकारी नहीं है।          (ख) शासन के परिपत्र क्रमांक 969/एफ 01-9/2016/38-1 दिनांक 08.08.2016 द्वारा निर्धारित मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। अतिथि विद्वानों को अस्थाई रूप से आवश्यकता अनुसार अनिश्चित समय के लिए निर्धारित मानदेय पर आमंत्रित किया जाता है तथा उन्हें लोक सेवक भी नहीं माना गया है, इसलिए सहायक प्राध्यापकों के समान वेतन देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत नियमित शैक्षणिक अमले के वेतन से अतिथि विद्वान के मानदेय की तुलना करना न्यायोचित नहीं है क्योंकि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत नियमित शैक्षणिक अमला लोक सेवा आयोग से चयनित है, जबकि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त शैक्षणिक पदों पर छात्रसंख्या/कार्यभार के आधार पर आवश्यकतानुसार अस्थाई रूप से अतिथि विद्वानों का आमंत्रण संबंधित शासकीय महाविद्यालय के सचिव, जनभागीदारी समिति द्वारा आमंत्रित किया जाता है तथा इन्हें लोक सेवक नहीं माना गया है। इसलिए समान कार्य के लिए समान मानदेय का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) नियमित पदस्थापना के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन से अतिथि विद्वानों के मानदेय की तुलना करना उचित प्रतीत नहीं है। चूंकि अतिथि विद्वानों को लोक सेवक नहीं माना गया है। उक्त के संदर्भ में शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

तालाबों की भूमि/पाल पर अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 1797 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर शहर अन्तर्गत बिलावली तालाब कब से विद्यमान है? 1950 के समय तालाब कितने हेक्टेयर/एकड़ में था? खसरा नंबर सहित भूमि की जानकारी उपलब्ध कराये?           (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या बिलावली तालाब/यशवंत सागर तालाब पर आधिपत्य नगर निगम का है? क्या तालाबों में किसानों को खेती हेतु भूमि दी जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष में कितने किसानों को कितने-कितने समय के लिये तालाबों की कितनी भूमि पर खेती के लिये भूमि कब-कब दी गई? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बिलावली तालाब/यशवंत सागर तालाब, सिरपुर, खजराना, तलावली चांदा तालाबों की पूर्व में कुल कितनी भूमि थी व वर्तमान में कितनी भूमि है? क्या तालाबों की पाल पर अतिक्रमण कर व्यवसाय किया जा रहा हैं व तालाब की पाल के आस-पास बहुमंजिला भवनों का निर्माण की अनुमति कितने मीटर की दूरी पर निर्धारित है? क्‍या निर्धारित दूरी के अंदर निर्माण हो चुका है? यदि हाँ, तो इन पर प्रशासन/निगम क्या कार्यवाही कब तक करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 1906 के पूर्व से विद्यमान है। वर्ष 1950 के समय तालाब 337.428 हेक्‍टेयर में था। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।   (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी नहीं, तालाब के आस-पास बहुमंजिला भवनों के निर्माण की अनुमति पाल से 60 मीटर से अधिक दूरी पर निर्धारित हैं। जी हाँ, नगर निगम एवं प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जा कर अवैध निर्माण हटाये जाते हैं। यह कार्यवाही सतत् एवं निरन्‍तर प्रक्रिया के अंतर्गत की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''तेरह''

शासकीय जीर्ण-शीर्ण मंदिरों की मरम्मत करना

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

49. ( क्र. 1811 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के अतंर्गत ऐसे शासकीय मंदिर जो कि वर्षों से मरम्मत के अभाव में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर मरम्मत योग्य हैं, उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन मंदिरों की मरम्मत के लिये विभाग द्वारा क्या योजनायें बनायी गयी हैं? अवगत करावें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कलेक्‍टर उज्‍जैन द्वारा दी गई जानकारी अनुसार मरम्‍मत योग्‍य मंदिरों की जानकारी इस प्रकार है:- (1) श्री देव धर्मराज ओटला ग्राम रतन्‍याखेडी (2) श्री राम मंदिर ग्राम पाडसुत्‍या (3) श्री राम मंदिर ग्राम चापानेर तहसील (4) श्री रामजानकी मंदिर ग्राम दुपडावदा। (ख) जीर्णोद्धार के लिये प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर निर्धारित बजट सीमाओं को देखते हुये आवंटन दिये जाने का प्रावधान है।

शहरी आजीविका मिशन की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

50. ( क्र. 1845 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला-अनूपपुर में किस वित्‍तीय वर्ष में शहरी आजीविका मिशन लागू हुआ है? लागू दिनांक से अब तक कुल कितने हितग्राहियों को किस प्रकार से लाभांवित किया गया है? हितग्राहियों की संख्‍या, समूह का नाम, पता सहित विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य को संचालित करने हेतु कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? अधिकारी का नाम एवं पद तथा कर्मचारी का विवरण प्रदान करें? (ग) क्‍या स्‍थानीय स्‍तर पर कर्मचारियों की भर्ती वित्‍तीय वर्ष 2014 से 2016-17 में की गई है? यदि हाँ, तो समचार-पत्रों में विज्ञापन का दिनांक, प्राप्‍त आवेदन की संख्‍या, चयनित करने की प्रकिया, चयन समिति के अधिकारियों का नाम, चयनित कर्मचारियों का नाम तथा आदेश की कॉपी उपलब्‍ध करावे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला अनुपपुर अंतर्गत नगर पालिका परिषद्, अनुपपुर में वर्ष 2013-14 वित्‍तीय वर्ष में शहरी आजीविका मिशन लागू हुआ। लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।             (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) नहीं। समय-समय पर आवश्‍यकतानुसार कलेक्‍टर दर पर अकुशल, अर्द्धशुकल श्रमिकों से कार्य कराया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

ग्राम उदय में प्राप्त आवेदनों का निराकरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

51. ( क्र. 1859 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) खंडवा जिले में वर्ष 2016-17 में ग्राम उदय कार्यक्रम के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए? (ख) ग्रामीण क्षेत्र में वृद्धावस्‍था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन एवं प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय निर्माण के कितने आवेदन एवं शिकायतें प्राप्‍त हुई? योजनावार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के क्रम में कितने आवेदन/शिकायत निराकृत किए गए कितने आवेदन/शिकायतें जाँच उपरांत निरस्‍त योग्‍य पाये गये? संख्‍यात्‍मक जानकारी दी जाए? (घ) क्‍या खण्‍डवा जिले में ग्राम उदय एवं नमामि देवी नर्मदे यात्रा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में जनकल्‍याणकारी योजनाओं के प्राप्‍त सैकड़ों आवेदन इस बात का संकेत है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अधिकारी/कर्मचारी जनता के प्रति संवेदनशील नहीं हैं? (ड.) यदि हाँ, तो क्‍या खण्‍डवा जिला स्‍तर से पंचायत स्‍तर के लापरवाह/कर्तव्‍यों के प्रति उदासीन अधिकारी/कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिले में वर्ष 2016-17 में ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के तहत कुल 52229 आवेदन प्राप्त हुये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (घ) जी नहीं। (ड.) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में गंभीर अनियमितता

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

52. ( क्र. 1869 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) खंडवा जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्‍तर्गत गत 05 वर्षों में कितनी सड़कों की स्‍वीकृति प्रदान की गई? स्‍वीकृत सड़कें वर्षवार एवं विधानसभावार बतायें। (ख) योजना में बनी कौन-कौन सी सड़कें वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में पाँच वर्ष पूर्ण हो चुकी है? इसके हस्‍तांतरण के पूर्व क्‍या प्रावधान हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार दर्शाई गई सड़कों में मरम्‍मत पर कब-कब एवं कितनी राशि के टेण्‍डर जारी किये गये वर्षवार एजेंसी सहित बतायें। (घ) क्‍या अवधि समाप्‍त होने के दिनांक तक सड़कों का मेंटेनेंस संबंधित ठेकेदार द्वारा किया जाना चाहिए? किंतु विभाग द्वारा बिना भौतिक सत्‍यापन के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्‍य से शासकीय धन का दुरूपयोग करने हेतु टेण्‍डर जारी किये गये? (ड.) यदि हाँ, तो इसके जिम्‍मेदार एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के नाम बतायें? उनसे शासकीय धन के दुरूपयोग की राशि कब तक वसूली की जाएगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मुख्‍य महाप्रबंधक द्वारा अधिकृत महाप्रबंधक व परियोजना क्रियान्वयन इकाई के महाप्रबंधक द्वारा संयुक्त निरीक्षण उपरांत उपयुक्त पाये जाने पर हस्तांतरण किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।

 लक्ष्‍मीनारायण जी मंदिर में पुजारी नियुक्ति

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

53. ( क्र. 1882 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या फोर्ट रोड सबलगढ़ (मुरैना) का लक्ष्‍मीनारायण जी मंदिर काफी पुराना है। जिसका इन्‍द्राज माफीदारान सं.नं. 730 जिल्‍द नं. 02 हिस्‍सा नं. 02 पेज नं. 1074 पर तहसील रिकार्ड में अंकित है? उक्‍त मंदिर का रिकार्ड संधारित सीरियल नं. 98 पर दर्ज है? इनका पुजारी कौन है एवं कब से पुजारी की नियुक्ति की गई है? (ख) क्‍या तहसीलदार सबलगढ़ के न्‍यायालय में मामला क्रमांक 45/16-17 में मंदिर रिकार्ड की नकल लेने पर वर्ष 2017 में सबलगढ़ शब्‍द के आगे किला लिख दिया गया था? यदि हाँ, तो रिकार्ड का कस्‍टोडियन कौन था वह क्‍या कर रहे थे? क्‍या तहसील के अन्‍य रिकार्डों में भी हेराफेरी की गई होगी? (ग) क्‍या तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा की गई जाँच में रिकार्ड की नकल लेने वाले आवेदक द्वारा ही रिकार्ड में हेराफेरी की गई है तो अभी तक नकल आवेदनकर्ता के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई? उक्‍त प्रकरण की जाँच          किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? माह वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावे?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ उक्‍त समय रिकार्ड आफिस काननूगो शाखा में था, जिसका कस्‍टीडियन श्री मुंशीलाल धाकड़  सहायक          ग्रेड-दो थे जो अपनी शाखा में ही कार्य कर रहे थे। तहसील के अन्‍य रिकार्ड में हेराफेरी की कोई जानकारी संज्ञान में नहीं है। (ग) नायब तहसीलदार श्री मनोज दिवाकर से जाँच रिपोर्ट प्राप्‍त होने पर पर दोषी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही हेतु थाना प्रभारी सबलगढ़ को प्र.क्र. 45/2016-17 बी 121 में आदेश दिनांक 4/5/2017 से लिखा गया है। जिसके अनुसार दोषी पर अपराध क्रमांक 272/2017 धारा 420, 467, 468 का दर्ज हो चुका है। उकत प्रकरण की जाँच श्री मनोज दिवाकर नायब तहसीलदार सबलढ़ द्वारा माह जनवरी 2017 से माह अप्रैल 2017 तक की गई।

ग्राम हटूपुरा (घुरैयावसई) में मोरों का मरना

[वन]

54. ( क्र. 1884 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम हटूपुरा में 21-22 जून 2017 को आधा सैकड़ा से भी अधिक मोरों के मरने का समाचार अखबारों में प्रमुखता से छपा हैं? मोरों की संख्‍या, मरने का कारण सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्‍या वन संरक्षण अधिनियमों में राष्‍ट्रीय पक्षी मोर की हिफाजत हेतु उनके पानी, शिकारियों से बचाव के प्रावधान होने के बावजूद वन अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा उदासीनता दर्शाई जाती रही है, क्‍यों? (ग) क्‍या करह आश्रम के आस-पास भी दो वर्ष पूर्व शिकारियों द्वारा मोरों को जहर खिलाकर मारा गया था? क्‍या उक्‍त घटना के बाद क्षेत्र में सतर्कता होनी चाहिए, जो विभाग द्वारा नहीं की जा रही है, पूर्ण जानकारी दी जावे? (घ) क्‍या करहधाम, घुरैया बसई, दौरावली, धनेला आदि स्‍थानों पर वन्‍यजीवों, पक्षियों (मोर) आदि के लिये पानी का स्‍थान निर्मित होना चाहिए, जो नहीं किये गये हैं वर्ष 2016-17 में कितने अस्‍थाई/स्‍थाई निर्माण कराये गये हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। 30. पशु चिकित्‍सक द्वारा दी गई पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में उक्‍त मोरों की मृत्‍यु भीषण गर्मी के कारण होना बताया गया है एवं सील कराये गये विसरा के सैम्‍पलों को जाँच हेतु क्षेत्रीय न्‍यायालयीन विज्ञान प्रयोगशाला ग्‍वालियर भेजा गया है। (ख) जी नहीं। कर्मचारियों द्वारा राष्‍ट्रीय पक्षी मोर एवं अन्‍य वन्‍यप्राणियों को पानी पीने हेतु गर्मी के मौसम में जगह-जगह मिट्टी के घड़े गड़वाये जाकर उनमें पानी भरवाया जाता रहा है तथा जिला पशु चिकित्‍सक मुरैना द्वारा वर्ष 2016 में प्रदाय वैक्‍सीन को घड़ों के भरे हुए पानी में मोरों के पीने हेतु डलवाया गया। शिकारियों से बचाव हेतु वन कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में सघन गस्‍ती की जाकर सतत् निगरानी रखी जाती है। (ग) जी हाँ। उक्‍त घटना के बाद क्षेत्र में बीटगार्ड धनेरा, बीटगार्ड नूराबाद, परिक्षेत्र सहायक मुरैना एवं अन्‍य अधि‍कारियों द्वारा गश्‍ती की जाकर सतत् निगरानी रखी जा रही है। (घ) करहधाम, धनेरा क्षेत्र आदि स्‍थानों पर वन्‍यजीवों, पक्षियों (मोर) आदि के लिए गर्मी के मौसम में जगह-जगह मिट्टी के घड़े गड़वाये जाकर उनमें क्षेत्र में कार्यरत सुरक्षा श्रमिकों के द्वारा एवं कार्यरत वन कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से मोरों एवं अन्‍य वन्‍य जीवों को पानी पीने हेतु भरवाया जाता रहा है। वर्ष 2016-17 से संबंधित जानकारी निरंक है।

कठघर से भेंरोबाबा के स्‍थान तक बनने वाली सड़क का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

55. ( क्र. 1891 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत कठघर से भैरोबाबा के स्‍थान लाड़पुरा तक मुख्‍यमंत्री/ग्राम सड़क योजना तक किस वर्ष में, कितनी लागत से एवं किस ठेकेदार से कार्य कराया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त कार्य कितना पूर्ण किया जा चुका है एवं कितना कार्य शेष है? कार्य का कितना भुगतान कर दिया गया है? कितना भुगतान शेष है? अपूर्ण कार्य को कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा? समयावधि बतावें। अपूर्ण कार्य के लिए विभाग या ठेकेदार कौन दोषी है? (ग) अपूर्ण कार्य के लिए जो कि अनुबंधानुसार ठेकेदार द्वारा नहीं कराया गया है, उक्‍त ठेकेदार के खिलाफ विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी? समयावधि बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्‍नांकित कार्य कठघर रोड से भिलसेंयाकापुरा अंतर्गत होकर वर्ष 2016-17 में राशि रू. 37.72 लाख की लागत से मेसर्स बाबा बर्फानी कंस्‍ट्रक्‍शन कम्पनी सबलगढ़ द्वारा पूर्ण कराया गया। (ख) प्रश्‍नांकित कार्य पूर्ण किया जा चुका है। रू. 37.72 लाख का भुगतान किया गया है। कोई भुगतान शेष नहीं है। कार्य पूर्ण होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण कार्य की मूल एजेन्‍सी श्री तुलसी नारायण गर्ग द्वारा अनुबंधित कार्य अनुबंध की समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने के कारण अनुबंध निरस्‍त करते हुए अमानत राशि           रू. 1,31,515/- राजसात की गई। तत्‍पश्‍चात मेसर्स बाबा बर्फानी कंस्‍ट्रक्‍शन कम्पनी सबलगढ़ से कार्य पूर्ण कराया गया। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते है।

ग्राम पंचायत मदनी वि.स. सोहावल जि. सतना के सचिव की शिकायत

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

56. ( क्र. 1901 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या ग्राम पंचायत मदनी विकाखण्‍ड सोहावल जिला सतना के सचिव की गंभीर शिकायत प्राप्‍त होने पर माननीय मुख्‍यमंत्री जी की ग्राम कोठी की सभा में तत्‍काल उन्‍हें हटाकर जाँच की घोषणा की गई थी तथा उसके बाद संबंधित सचिव को कितनी शिकायतें भ्रष्‍टाचार की प्राप्‍त हुई? जाँच में किन-किन शिकायतों में दोषी पाया गया है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो दोषी ग्राम पंचायत मदनी के विरूद्ध अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई और क्‍या विकलांगता का आधार लेकर स्‍थानांतरण रूकवाया गया? (ग) प्रश्‍नांकित (ख) अनुसार यदि हाँ, तो आरोप सिद्ध होने के बाद भी अभी तक दोषी अधिकारी पर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? कार्यवाही न करके कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं एवं संबंधित को ग्राम पंचायत से स्‍थानांतरित करते हुये अनुशासनात्‍मक कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) क्‍या संबंधित का विकलांगता चिकित्‍सा प्रमाण पत्र संभाग के बाहर के मेडिकल बोर्ड से सत्‍यापित कराया जायेगा। जिससे उसके झूठ प्रमाण पत्र की पुष्टि हो सके। यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जी हाँ। निलंबित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। जी नहीं। (ग) जी हाँ। अपचारी सचिव द्वारा निलंबन बहाली के प्रस्तुत आवेदन पर संबंधित के विरूद्ध विचारोपरांत विभागीय जाँच संस्थित करते हुए निलंबन से बहाल किया गया। विभागीय जांचोपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) श्री चन्द्रभान सिंह सचिव ग्राम पंचायत मदनी के संबंध में विकलांगता होने संबंधी चिकित्सीय प्रमाण उपलब्ध नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खनिज विभाग द्वारा खदानों का आवंटन

[खनिज साधन]

57. ( क्र. 1923 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में पिछले 2 वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में खनिज विभाग द्वारा कितनी गिट्टी, मुरम, रेत मिट्टी की खदानें किस-किस को कहाँ-कहाँ आवंटित की गईं हैं? खदानवार, स्‍थानवार, व्‍यक्तिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में खनिज विभाग द्वारा विगत 2 वर्ष में किन-किन अधिकारियों के प्रतिवेदन पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व, तहसीलदार एवं खनिज अधिकारी द्वारा कितने अवैध खनन के प्रकरण बनाये गये एवं किस-किस प्रकरण में कौन-कौन से वाहन जप्‍त किये गये हैं? उनके गाड़ी नम्‍बर एवं वाहन मालिक के नाम एवं उन पर कितनी-कितनी राशि का जुर्माना किया गया? व्‍यक्तिवार, राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन पर प्रतिवेदन के बाद भी जुर्माना नहीं किया गया? उनकी जानकारी प्रदान करें। (घ) बड़नगर विधान सभा में चिन्हित रेती की खदानें कितनी कहाँ-कहाँ हैं? खदानवार, ग्रामवार, रकबावार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर‍ द‍र्शित है। (ख) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर‍ द‍र्शित है। (ग) प्रश्‍नानुसार एक प्रकरण है। जिसका विवरण प्रश्‍नांश (ख) के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' सरल क्रमांक 12 पर दर्शाया गया है। (घ) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '' पर दर्शित है।

पंजीकृत प्राचीन मंदिरों की जानकारी

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

58. ( क्र. 1924 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने पंजीकृत प्राचीन मंदिर है? उनके नाम तथा कहाँ स्थित है ग्राम सहित जानकारी प्रदान करें? (ख) पिछले 3 वर्षों में सत्र 2014-15, 2015-16 एवं  2016-17 में कितने प्राचीन मंदिरों हेतु रख-रखाव के लिये राशि प्रदान की गई है तथा कितनी राशि प्रदान की गई और उनका क्‍या उपयोग किया गया? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र से पिछले 3 वर्षों में मंदिर जीर्णोद्धार के संदर्भ में कितने प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए तथा उनके संदर्भ में अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) विभाग द्वारा पूर्व में मंदिरों के लिये राशि स्‍वीकृत की गई थी क्‍या उनमें से कुछ राशि उपयोग न होने की स्थिति में लेप्‍स हो गयी थी, यदि हाँ, तो क्‍या उस राशि का पुन: आवंटन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) तहसील बड़नगर में 515 प्राचीन मंदिर पंजीकृत है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 में बड़नगर विधानसभा में 4 मंदिर हेतु राशि प्रदान की गई है जिसका विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्र.

मंदिर का नाम

स्‍वीकृत राशि

उपयोग की गई राशि

उपयोग नहीं हुई
राशि

1

श्री राम मंदिर खरसोदखुर्द

4,50,000/-

3,60,000/-

90,000/-

2

श्री राम मंदिर घरेरी

4,50,000/-

3,60,000/-

90,000/-

3

श्री राम मंदिर नाहरखेडी

15,13,000/-

6,05,200/-

9,07,800/-

4

श्री राम मंदिर उडसिंग

5,18,000/-

2,07,200/-

3,10,800/-

राशि का उपयोग मंदिर जीर्णोद्धार में किया गया। वर्ष 2015-16 एव 2016-17 में राशि स्‍वीकृत नहीं की गई है। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के पिछले 3 वर्षों में मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु कोई भी प्रस्‍ताव विभाग में प्राप्‍त नहीं हुये है। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव है।

छतरपुर जिले में खनिजों की नीलामी

[खनिज साधन]

59. ( क्र. 1943 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला छतरपुर, पन्‍ना में कितने खनिजों की लीजे दी गई और कितनी नीलामी बोली में गौण खनिज की नीलामी की गई? क्‍या नीलामी की गई रेत खदानों का एग्रीमेंट हुआ हैं? विवरण विधान सभा एवं फर्म/व्‍यक्तिवार दिया जाए? (ख) उक्‍त खदानों में से वर्तमान में कौन-कौन सी खदानों में शासन की स्‍वीकृति से रेत उत्‍खनन का कार्य किया जा रहा हैं? क्‍या उक्‍त स्‍वीकृत संचालित खदानों का सीमांकन विधानसभा में लिये निर्णय के अनुसार किया गया हैं? (ग) क्‍या तहसील गौरिहार अंतर्गत नीलामी रेत खदानों, नेहरा, बारीखेड़ा खदान जिसकी अनापत्ति पर्यावरण विभाग से जारी की गई हैं? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें। क्‍या स्‍वीकृत खदान पर्यावरण शर्तों का पालन करते हुये केन नदी से पानी के बहाव को परिवर्तित व अवैध पुल बनाकर स्‍वीकृत एरिया से हटकर रेत का उत्‍खनन 18 जनवरी 2017 के पूर्व किया जा रहा था? यदि हाँ, तो फर्म के विरूद्ध लीज निरस्‍त करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो फर्म के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दर्ज कर राशि रिकवरी की कार्यवाही कर लीज निरस्‍त की कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तों क्‍यों? (घ) क्‍या पर्यावरण स्‍वीकृति में नदी के मूल स्‍वरूप को परिवर्तित करना वर्जित हैं? नदी में भारी मशीन जैसे जे.सी.बी., एल.एन.टी. का प्रयोग करना क्‍या पूर्णत: वर्जित हैं? यदि हाँ, तो संबंधित ठेकेदारों के द्वारा इन मशीनों का उपयोग क्‍यों किया जा रहा हैं? क्‍या ऐसी स्थिति में लीज निरस्‍त की कार्यवाही की जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि तक जिला छतरपुर में मुख्‍य खनिज के खनिपट्टे तथा गौण खनिज के उत्‍खनिपट्टों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र '' पर तथा गौण खनिज के नीलाम खदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है। नीलाम की गई 07 रेत खदानों का अनुबंध निष्‍पादन हुआ है। प्रश्‍नाधीन अवधि तक पन्‍ना जिले में गौण खनिज के उत्‍खनिपट्टों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' तथा गौण खनिज की नीलाम खदानों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है। इस जिले में नीलामी की गई 11 रेत खदानों का अनुबंध निष्‍पादन हुआ है। (ख) छतरपुर जिले की 07 स्‍वीकृत एवं अनुबंधित तथा पन्‍ना जिले की 11 स्‍वीकृत एवं अनुबंधित रेत खदानों में रेत खनन का कार्य किया गया है। वर्तमान में यह खदानें मानसून अवधि में रेत खनन प्रतिबंधित होने के कारण संचालित नहीं है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया था। स्‍वीकृत संचालित खदानों का सीमांकन तहसीलदार द्वारा किया गया है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' पर है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) पर्यावरण स्‍वीकृति में नदी के मूल स्‍वरूप को परिवर्तित नहीं किया जाना, भारी वाहनों का नदी तट पर परिचालन नहीं किया जाना एवं मानव श्रम से खनन संक्रिया संचालित किये जाने की शर्तें निहित हैं। जाँच के दौरान शर्तों के उल्‍लंघन जैसी स्थिति नहीं पायी गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍यमंत्री सड़क योजनान्‍तर्गत निर्माण कार्य में अनियमिततायें

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

60. ( क्र. 1944 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) मुख्‍यमंत्री सड़क योजनान्‍तर्गत वर्ष 01 जनवरी, 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक छतरपुर जिले की जनपद पंचायत नौगांव, लवकुशनगर, गैरिहार, में कितनी सड़कें स्‍वीकृत हुईं, जिनकी प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त हो चुकी है। नामवार, विकासखण्‍डवार, राशिवार, निर्माण एजेंसी की जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या निर्माण एजेंसी के द्वारा प्रथम किश्‍त के रूप में प्राप्‍त की गई राशि का उपयोग कर, स्‍थल भौतिक सत्‍यापन कर द्वितीय किश्‍त या अंतिम किश्‍त प्राप्‍त की है? यदि हाँ, तो भौतिक सत्‍यापन करने वाले उपयंत्री, सहायक यंत्री का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्‍या स्‍वीकृत कार्य पूर्ण या अपूर्ण हैं? स्‍पष्‍ट जानकारी दें। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्‍वीकृत कार्यों की राशि की अंतिम किश्‍त निर्माण एजेंसी द्वारा कितने कार्यों की अंतिम किश्‍त प्राप्‍त कर ली गई है? (घ) निर्माण एजेंसी द्वारा निर्मित सड़कें जैसे जनपद पंचायत, लवकुशनगर के ग्राम पंचायत सिमरिया के ग्राम चंदला सरबई मैन रोड से देवलीपुरवा पहुँचमार्ग की घटिया निर्माण, जनपद पंचायत गौरिहार के रैवना से अलीपुरा पहुँचमार्ग एवं 20 अन्‍य सड़कों के स्‍थल जाँच करवाकर संबंधित एजेंसियां से राशि रिकवरी की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कार्य के माप के आधार पर मूल्‍यांकन अनुसार भुगतान की व्‍यवस्‍था है, किश्‍तों में भुगतान की नहीं।           (घ) प्रश्‍नांकित सड़कों के संबंध में गुणवत्‍ता संबंधी शिकायत शासन के संज्ञान में नहीं है।         समय-समय पर एस.क्‍यू.एम के निरीक्षण में कार्य संतोषप्रद पाया गया है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''चौदह''

असत्‍य तथ्‍यों के आधार पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज करना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

61. ( क्र. 1954 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या पोहरी विकासखण्‍ड के ग्राम छलवासा में रघुवर पुत्र लटूरा जाटव की कृषि भूमि पर वर्ष 2015 में मनरेगा योजनांतर्गत मेढ़ बन्‍धान कार्य स्‍वीकृत हुआ था? क्‍या उक्‍त कार्य वर्ष 2016 में पूर्ण हो गया था? क्‍या उक्‍त कार्य का मूल्‍यांकन उपयंत्री द्वारा किये जाने के उपरांत अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा सी.सी. जारी की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शिकायतकर्ता के पुत्र के बैंक खाते तथा अन्‍य मजदूरों के बैंक खातों में उक्‍त कार्य की मजदूरी की राशि जमा की गई थी? क्‍या पूर्व में उक्‍त प्रकरण की जाँच तीन सदस्‍यी समिति द्वारा की गई थी? जो असत्‍य पाई गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में श्री रघुवर पुत्र लटूरा जाटव के खेत में मेढ़ बंधान कार्य पूर्ण होने के उपरांत तथा स्‍वयं शिकायतकर्ता द्वारा उक्‍त कार्य हेतु स्‍वयं के पुत्र द्वारा मजदूरी करने के उपरांत झूठी शिकायत की जाकर सी.ई.ओ. जनपद पोहरी द्वारा सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक के विरूद्ध बैराढ़ पुलिस थाने में प्राथमिकी उक्‍त प्रकरण में दर्ज करा दी गई? इस प्रकार उक्‍त प्रकरण में असत्‍य प्राथमिकी दर्ज करवाने वाले सी.ई.ओ. जनपद पंचायत पोहरी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, मौके पर मेढ़ बंधान कार्य नहीं पाया गया। (ग) जी नहीं। शिकायतकर्ता श्री रघुवर के खेत पर मेढ़ बंधान का कार्य नहीं पाया जाने से सरपंच, सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत झलवासा के विरूद्ध एफ.आई.आर. करायी गयी। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

नगर परिषद् पथरिया द्वारा दमोह मार्ग पथरिया में बनायी गई दुकान

[नगरीय विकास एवं आवास]

62. ( क्र. 1959 ) श्री लखन पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या वर्ष 2011 में नगर पंचायत पथरिया में दमोह मार्ग पर नगर परिषद् पथरिया द्वारा 31 दुकानें बनाई गई यदि हाँ, तो इन दुकानों के आवंटन हेतु क्‍या प्रक्रिया अपनाई गई एवं कितनी प्रीमियम राशि पर किस-किस हितग्राही को दुकानें प्रदान की गई, सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) नगर परिषद् पथरिया द्वारा बनाई गई इन दुकानों के निर्माण का भुगतान ठेकेदार को किस तरह किया गया? (ग) क्‍या नगर परिषद् पथरिया द्वारा बनाई गई दुकानें आज दिनांक तक अधूरी पड़ी हैं? यदि हाँ, तो इससे नगर परिषद् को दुकान पूर्ण होने के अनुबंध से आज दिनांक तक हुए किराये की आय के नुकसान हेतु कौन जिम्‍मेदार है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या नगर परिषद् को हुये नुकसान की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो किससे और कब तक एवं क्‍या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, मध्‍यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 109 अचल सम्‍पत्ति का अंतरण नियम 1996 के अन्‍तर्गत सार्वजनिक नीलामी से आवंटन किया गया है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) दुकान निर्माण का देयक निकाय निधि से ठेकेदार को भुगतान किया गया है। (ग) जी हाँ। माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में लंबित प्रकरण SA662/2014 के कारण निर्माण पूर्ण नहीं हो सका। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

जिला दमोह में विगत 03 वर्षों में लगाई गई वन रोपड़ि‍यां

[वन]

63. ( क्र. 1960 ) श्री लखन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में वर्ष 2014-15, 2015-162016-17 में वन विभाग द्वारा कितनी वन रोपड़ि‍यां लगायी गई है। अलग-अलग क्षेत्रवार बतावें? (ख) इन वन रोपड़ि‍यों में कितने पौधे लगाये गये एवं कितने मस्‍टर कर्मचारियों को रखा गया एवं वर्षवार अलग-अलग बतावें? (ग) इन वन रोपड़ि‍यों में विगत तीन वर्षों में कितनी राशि वर्षवार खर्च की गई? (घ) इन रोपड़ि‍यों के कितने पौधे अभी तक जीवित स्थिति में हैं। संख्‍या बताएं और यदि पौधे मर गये हैं तो इसमें किसकी लापरवाही है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) परिक्षेत्र दमोह में हथनी एवं नोहटा तथा परिक्षेत्र तेजगढ़ में सांगा इस प्रकार 3 रोपणियां लगाई गई हैं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। रोपणी कार्य में मस्‍टर कर्मचारी नहीं लगाये गये हैं। सभी कार्य क्षेत्रीय वन वृत्‍त द्वारा निर्धारित जॉब दर पर कराये गये हैं। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। सभी पौधे जीवित हैं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सोलह''

सरपंच, उप सरपंच एवं पंच के रिक्‍त पद

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

64. ( क्र. 1971 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें है जहां पर सरपंच, उप सरपंच एवं पंच के पद रिक्‍त हैं? ग्राम पंचायतवार जानकारी दें। (ख) उक्‍त पद रिक्‍त रहने का कारण क्‍या है? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर ग्राम पंचायतों में सरपंच, उप सरपंच एवं पंच के पद रिक्‍त हैं तो रिक्‍त पदों की पूर्ति कैसे व कब तक की जावेगी? (घ) अगर ग्राम पंचायतों के सरपंच, उप सरपंच एवं पंचों द्वारा पद से त्‍याग पत्र दिया गया है, तो क्‍यों एवं किसके कारण बतावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत खातेगांव की ग्राम पंचायतों में सरपंच का 1 पद, उपसरपंच के 8 पद तथा पंचों के 144 रिक्त हैं, इसी प्रकार जनपद पंचायत कन्नौद अंतर्गत उपसरपंच का 1 पद तथा पंचों के 261 पद रिक्त हैं। ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन नियमों के अनुसार यथासमय की जावेगी। (घ) संबंधित द्वारा व्यक्तिगत कारण से त्यागपत्र दिया गया है।

ग्राम पंचायतों को दिये गये आवंटन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

65. ( क्र. 1974 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को वर्ष 2014-15, 15-16 व वर्ष 2016-17 तक शासन द्वारा कितना आवंटन प्रदाय किया गया? पंचायतवार व मदवार जानकारी देवें। (ख) जिन ग्राम पंचायतों को शासन द्वारा राशि आवंटित की गई थी तो क्‍या उक्‍त ग्राम पंचायतों द्वारा राशि का उपयोग मदवार किया गया है? (ग) जिन ग्राम पंचायतों द्वारा राशि का मदवार खर्च न किये जाकर अन्‍य कार्यों में राशि खर्च की गई है, तो उन ग्राम पंचायतों के नाम बतावें। (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव की कोई ऐसी ग्राम पंचायत है जिसे अन्‍य ग्राम पंचायतों के अलावा अतिरिक्‍त आवंटन शासन द्वारा किया गया है अगर हाँ तो क्‍यों कारण बतावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार हैं।           (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार हैं। (ग) जी नहीं। जानकारी निरंक हैं। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता हैं।

डेयरी व्‍यवसाय का विस्‍थापन

[नगरीय विकास एवं आवास]

66. ( क्र. 1981 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विगत 03 जून 2017 को जबलपुर डेयरी व्‍यवसाय में संलग्‍न लोगों की डेयरियों को जिला प्रशासन की संयुक्‍त कार्यवाही के दौरान तोड़फोड़ कर बलपूर्वक स्‍थान से हटाने की कार्यवाही की गई थी, जिसमें अनेक लोग हताहत भी हुये थे? (ख) यदि वर्णित (क) सही तो क्‍या मान. उच्‍च न्‍यायालय द्वारा डेयरी तोड़ने के रोक के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा उक्‍त डेयरियों को तोड़ा गया जिनमें वे डे‍यरियां भी शामिल हैं जिनमें आवेदन आज दिनांक तक प्रदूषण बोर्ड द्वारा निरस्‍त नहीं किये गये? (ग) क्‍या उन डेयरियों को भी तोड़ा गया जिनमें पशुपालन नहीं हो रहा था व डेयरी संचालक प्रशासन के साथ शांतिपूर्वक वार्ता कर रहे थे, जबकि प्रशासन के आदेश पर पुलिस कार्यवाही की गई एवं डेयरी संचालकों पर अनेक धाराओं के अपराध पंजीबद्ध किये गये? (घ) क्‍या डेयरी नीति के तहत जब तक डेयरी विस्‍थापन की सरकारी, वैकल्पिक व्‍यवस्‍था न हो जावे तब तक इन्‍हें पूर्व स्‍थान से हटाया नहीं जा सकता? यदि हाँ, तो डेयरी नीति का पालन क्‍यों नहीं किया गया? क्‍या डेयरी संचालकों पर दर्ज प्रकरण हटाकर शांतिपूर्वक वार्ता की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु अवैध डेयरियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बंद करने के अंतिम आदेश उपरांत दिनांक 03 जनू 2017 को जिला प्रशासन द्वारा संयुक्‍त कार्यवाही की गई। डेयरियों के विरूद्ध कार्यवाही में अनावेदकों द्वारा विरोध करते हुये नगर पालिक निगम के वाहनों को तोड़ने-फोड़ने का प्रयास किया गया था, जिसमें संबंधित थाने में प्रा‍थमिकी दर्ज की गई है। (ख) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के डेयरियों पर की जा रही कार्यवाही को रोकने के आदेश के पश्‍चात कार्यवाही नहीं की गई। ऐसी किसी डेयरी पर कार्यवाही नहीं की गई जिसका आवेदन प्रकरण म.प्र.प्र.नि. बोर्ड में लंबित रहा हो जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। डेयरी संचालकों द्वारा कार्यवाही में बाधा करने वाहनों को तोड़ने के प्रयास के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई। (घ) व्‍यवसायिक प्रक्षेत्र हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत 2015 की कण्डिका (6) के अनुसार ऐसी डेयरी जिनका अपशिष्‍ट सीधे नदी व अन्‍य जल स्‍त्रोतों में बिना उपचार डाला जा रहा है, उन्‍हें चिन्हित कर बंद करने की कार्यवाही नियामक संस्‍था द्वारा किये जाने के दिशा-निर्देश है। व्‍यवसायिक प्रक्षेत्र हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत 2016 के प्रावधानों का पालन किया गया है।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा की लंबित सड़कों का निर्माण शीघ्र पूर्ण कराने की कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

67. ( क्र. 1983 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3084 दिनांक 07.03.2017 के उत्‍तर (क) के अनुसार पंडा जी की मढ़ि‍या से दुर्गा कालोनी सड़क निर्माण की निविदा 20.12.2016 को प्राप्‍त हो चुकी थी एवं उत्‍तर (ख) में बताया गया था कि त्रिपुरी चौक से गढ़ा बाजार सड़क निर्माण की निविदा 27.12.2016 को बुलाई गई थी, साथ ही गौतम मढ़ि‍या से आनंद कुंज सी.सी. रोड की निविदा 18.08.2015 को आमंत्रित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शहर से गढ़ा उपनगरीय क्षेत्र को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों गौतम मढ़ि‍या से आनंद कुंज मार्ग की सीवर लाईन का कार्यपूर्ण होने के बाद भी अब तक सड़क निर्माण प्रारंभ नहीं किया गया हैं, जबकि उत्‍तर में मार्च 2017 से कार्य प्रारंभ करने का लेख दिया था? उक्‍त चारों सड़कों का निर्माण कब से प्रारंभ होगा एवं कब तक पूर्ण होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍न क्रमांक 3084 के उत्‍तर (क) के अनुसार पंडा की मढ़ि‍या से दुर्गा कॉलोनी सड़क मार्ग की निविदा 20.12.2016 को आंमत्रित की गई एवं एकल निविदा 31.01.2017 को प्राप्‍त हुई है। उत्‍तर (ख) के अनुसार जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी नहीं। गौतम  मढ़ि‍या से आंनद कुंज मार्ग सीवर लाईन के प्रापर्टी चेम्‍बर निर्माण कार्य प्रगतिरत है तथा सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ होकर डब्‍लू.बी.एम. चौड़ीकरण का कार्य 75 प्रतिशत हो चुका है। एवं सीमेंट क्रांकीट बेस निर्माण प्रारंभ हो चुका है। प्रश्‍न क्रमांक 3084 में वर्णित चारों सड़कों के कार्य अनुबंध निष्‍पादन पश्‍चात स्‍थलों पर कार्य की प्रगति का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कार्यों हेतु प्रस्‍तावित पूर्णता अवधि अनुसार कार्य पूर्ण किये जाना लक्षित है।

परिशिष्ट - ''अठारह''

मुख्‍यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अन्‍तर्गत हितग्राही को लाभ से वंचित किये जाने की जाँच

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

68. ( क्र. 1984 ) श्री तरूण भनोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में मुख्‍यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना कब प्रारंभ की गई? पश्चिम विधान सभा जबलपुर के अन्‍तर्गत निवासरत कितने हितग्राहियों के उक्‍त योजना अन्‍तर्गत आवेदन प्राप्‍त हुये, जानकारी उनके नामवार, पतेवार विगत तीन वर्षों की जानकारी देवें? (ख) वर्णित (क) की योजना में वर्णित (क) की विधान सभा क्षेत्र क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया व जिनको योजना का लाभ नहीं दिया गया उसके क्‍या कारण थे? जानकारी विगत तीन वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक दी जावे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अवधि में अधोहस्‍ताक्षरी द्वारा अनुशंसित कितने हितग्राहियों के आवेदन विभाग को प्राप्‍त हुये हैं? इनमें से कितने आवेदनों को स्‍वीकृत व कितने आवेदनों को अस्‍वीकृत किया है? अस्‍वीकृत आवेदनों की जानकारी स्‍पष्‍ट रूप से दी जावे? (घ) क्‍या वर्णित (क) की योजना में जिन हितग्राहियों ने पूर्व में लाभ लिया था उनसे भ्रष्‍टाचार व अनियमित्‍ता करके पुन: योजना का लाभ दिया गया? क्‍या इसकी जाँच की जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुल-पुलियों का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

69. ( क्र. 2024 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में नदी/नालों पर छोटे पुल/पुलिया निर्माण की विभाग की क्या योजना है?            (ख) उज्जैन जिले की तराना तहसील में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित मार्गों के कितने ग्रामों में वर्षाकाल के दौरान पुल/पुलियों के अभाव में आवागमन अवरूद्ध हो जाता? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्र में पुराने जर्जर पुल/पुलियों का निर्माण विभाग के माध्यम से कराया जावेगा ? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्‍यमंत्री सड़क योजना तथा महात्‍मागांधी नरेगा के अंतर्गत सड़क संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना में योजनाओं के मापदण्‍डों के अनुरूप पुल-पुलिया निर्माण किए जाते हैं। महात्‍मागांधी नरेगा के अंतर्गत श्रम सामग्री अनुपात को ध्‍यान में रखते हुए छोटे पुल-पुलिया निर्माण कराए जा सकते हैं। (ख) ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित मार्गों में से 8 ग्राम अतिवृष्टि से बाढ़ के समय कुछ अवधि के लिए अवरूद्ध होते हैं। (ग) जर्जर पुल/पुलियाओं की मरम्‍मत/पुनर्निर्माण कराया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता।

शापिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

70. ( क्र. 2029 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् माकडौन में क्या कोई शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो उसमें क्या बेसमेंट में दुकाने बनाना  प्रस्‍तावित की गई हैं? छोटे से कस्बे में बेसमेंट में दुकानें बनाने का क्या औचित्य है? (ख) क्या दुकानों की निविदा निकालते समय निविदादाताओं को बेसमेंट में दुकानों के निर्माण की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो किस माध्यम से? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या स्थिति है? (घ) उक्त कॉम्पलेक्स की तकनीकी स्वीकृति किसके द्वारा जारी की गई? क्या उक्त स्वीकृति निरस्त की गई है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? क्या विभाग दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? (ड.) क्या विभाग उक्त निर्माण कार्य की डी. पी. आर. में सुधार कर पुनः निर्माण प्रारम्भ करेगा? यदि नहीं, तो निविदादाताओं का पैसा कब तक लौटा दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार एवं निकाय को अधिक राजस्‍व की प्राप्ति के लिये नगर परिषद् के निर्णय अनुसार बेसमेंट में दुकानें/गोडाउन का निर्माण प्रस्‍तावित किया गया। (ख) जी नहीं, अपितु दुकानों की नीलामी के समय बेसमेंट का उल्‍लेख न कर U/D अर्थात ऊपर व नीचे दुकानों की निर्माण की जानकारी का प्रदर्शन नगर में सार्वजनिक बैनर, फ्लैक्‍स के माध्‍यम से किया गया था। (ग) जी हाँ, फाउनडेशन हेतु सिर्फ खुदाई का कार्य किया गया था वर्तमान में कार्य बन्‍द है। (घ) कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन संभाग उज्‍जैन के द्वारा तकनीकी स्‍वीकृति जारी की गयी। जी हाँ। नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रदत्‍त अनापत्ति प्रमाण पत्र में उल्‍लेखित शर्तों के प्रावधानों से भिन्‍न निर्माण कार्य प्रारम्‍भ किये जाने के कारण कार्यालय संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन संभाग उज्‍जैन के पत्र क्रमांक 124 दिनांक 13/01/2017 से तकनीकी स्‍वीकृति निरस्‍त की जाकर म.प्र. भूमि विकास नियम के प्रावधानों के अनुसार दुकानों का अभिन्‍यास नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमोदित करा कर, तकनीकी स्‍वीकृति हेतु मांगा गया हैं, जिसकी कार्यवाही प्रचलित है। चूकि कार्य प्रारंभिक स्थिति में ही बंद कर दिये जाने के कारण इसमें कोई भी दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ, निकाय द्वारा डी.पी.आर. में सुधार कर पुन: निर्माण प्रारम्‍भ करने की कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत के अवैध उत्खनन तथा परिवहन

[खनिज साधन]

71. ( क्र. 2062 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन के संदर्भ में विभाग क्या कर रहा है? प्रतिबन्धों के बावजूद रेत कहाँ से आ रही है? (ख) बालू रेत व नदी की काली रेत के भंडारण कर्ताओं पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना में हजारों टन अवैध रेत का उत्खनन व भंडारण है, लेकिन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की, क्या विभाग उनके इस सिस्टम में स्वयं भी सहभागी है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) इस संबंध में समय-समय पर जाँच की कार्यवाही की जाती है। प्रकरण प्रकाश में आने पर अवैध उत्‍खनन कर्ताओं एवं परिवहन कर्ताओं के विरूद्ध नियमानुसार दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जाती है। रेत उत्‍खनन पर लगाये गये रोक वाले क्षेत्रों में रेत की आपूर्ति वैधानिक रूप से भण्‍डारित क्षेत्रों से हो रही है। (ख) प्रदेश में विगत वित्‍तीय वर्ष में रेत खनिज के अवैध भण्‍डारण के 457 प्रकरण दर्ज कर राशि रूपये 184 लाख का अर्थदण्‍ड वसूल किया गया। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर खनिज अमले के भ्रमण के दौरान अवैध रेत भण्‍डारण का कोई प्रकरण नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पुराने टायर से तेल आदि बनाने की इकाइयाँ

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

72. ( क्र. 2070 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में पुराने टायर से तेल आदि बनाने वाली कितनी इकाइयां स्थापित हैं तथा इनमें से कुल कितनी इकाइयां वर्तमान में नियमित रूप से संचालित हो रही हैं? (ख) क्या पुराने टायरों को पिघलाकर/जलाकर तेल आदि बनाने में वायु प्रदूषण होता है? (ग) यदि हाँ, तो इस प्रदूषण की रोकथाम हेतु इकाइयों द्वारा अपने स्तर से कौन सी प्रणाली/विधि अपनायी जाती है? यदि नहीं, तो पुराने टायरों को पिघलाने/जलाने में कौन-कौन सी गैसे उत्सर्जित होती हैं तथा उनका अधिकतम स्तर क्या है, जो प्रदूषण की श्रेणी में आता है। साथ ही उन गैसों के क्या दुष्परिणाम होते है? (घ) केन्द्र सरकार द्वारा इन इकाइयों के संचालन तथा प्रदूषण स्तर को दृष्टिगत रखते हुए क्या दिशा निर्देश निर्धारित किये हैं? (ङ) प्रश्नांश (घ) के क्रम में पुराने टायरों की इकाइयां जो प्रदूषण फैला रही हैं, उनके विरूद्ध किस प्रकार की कार्रवाई करने का प्रावधान है तथा पीथमपुर क्षेत्र में प्रश्न पूछे जाने की दिनांक तक कुल कितने प्रकरण किन-किन इकाइयों पर इस प्रावधान अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में पुराने टायर से तेल आदि बनाने वाली 7 इकाइयां स्थापित हैं। तथा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार दो इकाइयां वर्तमान में नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। (ख) जी हाँ। (ग) इकाइयों द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु रियेक्टर के साथ वेट स्क्रबर की स्थापना की जाती है एवं उत्पन्न पायरो गैस को पुनः प्रक्रिया में ईधन के रूप में उपयोग किया जाता है तथा अतिशेष गैस को वर्निंग चेम्बर में जलाया जाता है। स्क्रबर से उत्पन्न जल को टैंक में संग्रहित कर पुनः प्रक्रिया में उपयोग में लाया जाता है। उत्पादन प्रक्रिया से उत्पन्न कार्बन कणों के उत्सर्जन की रोकथाम हेतु कन्वेयर सिस्टम एवं पम्प के माध्यम से इन्हें सक्शन कर बैगों में एकत्रित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। (ड.) प्रदूषण फैलाने की स्थिति में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा-33 '''' एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा-31'''' के अनुसार उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया बंद करने अथवा/एवं उक्त अधिनियमों की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध करने का प्रावधान है। प्रश्न दिनांक तक किसी भी इकाई के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनान्तर्गत कार्यों को पूर्ण कराने में विलम्ब

[नगरीय विकास एवं आवास]

73. ( क्र. 2114 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव नगर पंचायत अन्तर्गत मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनान्तर्गत कार्यों की स्वीकृति कौन से वर्ष में जारी की गई थी तथा ठेकेदार से अनुबंध अनुसार कितनी-कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करना था तथा कार्य की वर्तमान भोतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या कार्य वर्तमान तक अपूर्ण है? हाँ तो क्या कारण है तथा ठेकेदार से कार्य पूर्ण कराने हेतु नगर पंचायत द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों वर्तमान तक कार्य अपूर्ण हैं? इसके लिये कौन दोषी हैं? क्या संबंधित दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? हाँ तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद् भीकनगांव को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के प्रथम चरण में राशि रू. 174.29 लाख की दिनांक 25.04.2013 तथा द्वितीय चरण में राशि रू 178.10 लाख की दिनांक 11.05.2017 को तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई है। मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत अनुबंध अनुसार कार्यों को पूर्ण कराने की अ‍वधि 06 माह है। प्रथम चरण के अंतर्गत कार्य के भौतिक स्थिति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। द्वितीय चरण के अंतर्गत कार्य कराने के लिए निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) कार्यों के पूर्ण एवं अपूर्ण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कार्य का स्‍थल परिवर्तन होने से कार्य पूर्ण होने में विलंब हुआ है जिससे किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

उच्च स्तरीय दल गठन कर जाँच की कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 2115 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भीकनगांव नगर पंचायत अन्तर्गत निर्माणाधीन कार्य वार्ड क्र 15 में सीमेंट कांक्रिट निर्माण गितेजी के घर से गुरूद्वारा तक लगभग 200 मीटर तथा बी.एस.एन.एल. टॉवर से नाले तक लगभग 325 मीटर कार्य पूर्ण होने के पश्चात मात्र 03 माह में ही पूर्णतः उखड़ चुका है तथा जिसकी शिकायत वार्ड पार्षद द्वारा की गई है तो शिकायत की जाँच में क्या निष्कर्ष निकाला गया है? क्या संबंधित ठेकेदार की राशि नगर पंचायत द्वारा रोकी गई है? हाँ तो क्या कारण है? (ख) उपरोक्त दोनों सीमेंट कांक्रिट रोड पर नगर पंचायत द्वारा डामर कार्य कर दिया गया है? हाँ तो क्यों? क्या जिन सीमेंट कांक्रिट कार्यों की गुणवत्ता के सम्बंध में शिकायत थी उस कार्य को पूर्ण करे बिना डामर डालना नियमानुसार क्‍या सहीं था? यदि नहीं, तो उपरोक्त कार्यों की जाँच हेतु उच्च स्तरीय दल का गठन कर जाँच कराई जायेगी तथा सम्बंधित दोषी/जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? हाँ तो समयावधि बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु आंशिक रूप से कुछ जगह सीमेन्‍ट कांक्रीट रोड की उपरी सतह खराब हुयी है। वार्ड पार्षद द्वारा की गयी शिकायत उपरान्‍त निकाय के अधिकारी द्वारा जाँच की गयी जिसमें रोड की उपरी सतह आंशिक रूप से खराब होना पाया गया। जी हाँ, संबंधित ठेकेदार की राशि रू. 09.38 लाख रोकी गयी है। रोड की उपरी सतह खराब होने के कारण रोकी गयी है। (ख) जी नहीं, अपितु ठेकेदार द्वारा स्‍वत: संज्ञान लेते हुये, उपरी सतह खराब होने के कारण डामरीकरण किया गया है। गुणवत्‍ता के संबंध में शिकायत के रहते हुए कार्य पूर्ण करवाए बिना डामर डालना उचित नहीं कहा जा सकता अत: संभागीय स्‍तर में जाँच समिति का गठन किया जाकर जाँच करवाई जा रही है एवं जाँच के परिणामों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही प्रस्‍तावित की जा सकेगी। जाँच पूर्ण करने एवं कार्यवाही प्रस्‍तावित करने का कार्य 3 माहों में पूर्ण किया जा सकेगा।

स्‍वीकृत कूप में तत्‍कालीन पंचायत सचिव द्वारा फर्जी मस्‍टर भरकर निकाली गई राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

75. ( क्र. 2146 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या ग्राम पंचायत नावनी के रमचा पुत्र पतरी जाति आदिवासी का वर्ष 2011-12 में कपिलधारा कूप स्‍वीकृत हुआ, जिसका निर्माण हितग्राही द्वारा स्‍वयं कराया गया या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबान लोधी द्वारा फर्जी मस्‍टर भर कर संपूर्ण राशि निकाली ली गई? (ख) क्‍या ग्राम पंचायत नावनी के घूमन आदिवासी पुत्र मुल्‍ला आदिवासी वर्ष 2008-09 के कपिलधारा स्‍वीकृत हुआ? क्‍या कूप का निर्माण हितग्राही द्वारा स्‍वयं कराया गया? क्‍या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबान लोधी द्वारा फर्जी मस्‍टर भरकर पूरी राशि निकाल ली गई? (ग) क्‍या ग्राम पंचायत नावनी के वर्ष       2007-08 से वर्ष 2015-16 के समस्‍त स्‍वीकृत कपिलधारा कूप हितग्राहियों द्वारा तत्‍कालीन पंचायत सचिवों की एस.डी.एम. चंदेरी से कोई शिकायत की गई? यदि हाँ, तो शिकायत का क्‍या निराकरण किया गया? यदि निराकरण नहीं किया गया तो क्‍यों? दोषी तत्‍कालीन पंचायत सचिवों पर क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत नावनी में रमचा पुत्र पतरी जाति आदिवासी का वर्ष 2011-12 में कपिलधारा कूप स्‍वीकृत हुआ। जिसका निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है। फर्जी मस्‍टर संबंधी जाँच न्‍यायालय अनुविभाग अधिकारी (राजस्‍व) चंदेरी में प्रचलित है। (ख) ग्राम पंचायत नावनी में घूमन आदिवासी पुत्र मुल्‍ला आदिवासी का वर्ष 2008-09 में कपिलधारा कूप स्‍वीकृत हुआ। जिसका निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है। फर्जी मस्‍टर संबंधी जाँच न्‍यायालय अनुविभाग अधिकारी (राजस्‍व) चंदेरी में प्रचलित है। (ग) ग्राम पंचायत नावनी के वर्ष 2007-08 से वर्ष 2015-16 के समस्‍त स्‍वीकृत कपिलधारा कूप की शिकायत हितग्राहियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी चंदेरी को की गई है। प्रकरण न्‍यायालय अनुविभाग अधिकारी (राजस्‍व) चंदेरी में प्रचलित है।

फर्जी मस्‍टर भरकर राशि हड़पना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

76. ( क्र. 2147 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) वर्ष 2009-10 में ग्राम पंचायत नावनी जनपद पंचायत चंदेरी की हितग्राही श्री फूलसिंह पुत्र बारेलाल का कपिलधारा कूप स्‍वीकृत हुआ था? क्‍या हितग्राही द्वारा कूप का निर्माण स्‍वयं कराया गया था? (ख) क्‍या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबान लोधी द्वारा कूप निर्माण में अतिथि शिक्षक बलराम कुशवाह पुत्र मुल्‍ला कुशवाह (ई.जी.एस.शाला मोहल्‍ला नावनी) का मस्‍टर रोल भरा था तथा उक्‍त अतिथि शिक्षक का मस्‍टर रोल भरने पर हितग्राही फूलसिंह पुत्र बारेलाल द्वारा न्‍यायालय चंदेरी में कोई प्रकरण चलाया गया? (ग) क्‍या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबान लोधी पर न्‍यायालय द्वारा कोई प्रकरण पंजीबद्ध किया गया तथा उन्‍हें जेल भेजा गया तथा जेल में बंद रहने के दौरान उक्‍त सचिव पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि की गई तो क्‍या? यदि नहीं, की गई तो क्‍यों? उन्‍हें जेल में बंद रहने के दौरान पूरा वेतन दिया गया? यदि हाँ, तो क्‍यों और किस जिम्‍मेदार अधिकारी द्वारा दी गई? (घ) क्‍या ग्राम पंचायत नावनी के चन्‍द्रभान सिंह सोलंकी पुत्र कपूरसिंह का वर्ष 2009-10 में कूप निर्माण स्‍वीकृत हुआ था? क्‍या उक्‍त कूप निर्माण हितग्राही द्वारा स्‍वयं किया गया या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबान लोधी के परिजन (माता, पिता, चाचा) द्वारा फर्जी मस्‍टर रोल भरकर पूरी राशि निकाल कर हड़प कर ली गई? इसकी शिकायत की गई उस पर क्‍या कार्यवाही हुई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन प्रश्‍न से जानकारी प्राप्‍त होने पर पंचायत सचिव श्री हरबान लोधी को दिनांक 13.07.2017 को निलंबित किया गया। जेल में बंद रहने की जानकारी प्राप्‍त होने तक वेतन का भुगतान किया गया। तत्‍कालीन प्रभारी पंचायत निरीक्षक श्री बारेलाल रजक को वेतन भुगतान की अनुशंसा करने के कारण निलंबित किया गया है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण किया गया। मजदूरी का भुगतान निर्माण कार्य पर लगे मजदूरों को मस्‍टर रोल के आधार पर किया गया। प्रकरण न्‍यायालय न्‍यायिक दण्‍डाधिकारी (प्रथम श्रेणी) चंदेरी में प्रचलित है। उत्‍तरांश ' अनुसार पंचायत सचिव को निलंबित किया गया।

पुल का संतोषजनक निर्माण के चलते सभी खम्‍भों का धस जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

77. ( क्र. 2173 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2875 दिनांक 28.02.2017 के उत्‍तर में बताया गया हैं कि छिन्‍दवाड़ा जिले के डोडीनाल पुल के निर्माण अवधि में गुणवत्‍ता परीक्षण कंसलटेंसी एवं परियोजना क्रियान्‍वयन इकाई के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर किया गया, जिसमें तत्‍समय कार्य संतोषजनक पाया गया? तो उक्‍त पुल का निर्माण संतोषजनक क्‍यों पाया गया, गुणवत्‍तायुक्‍त निर्माण क्‍यों नहीं? क्‍या शासन संतोषजनक निर्माण हेतु राशि स्‍वीकृत करती है या फिर संतोषजनक निर्माण कराने हेतु अधिकारियों/कर्मचारियों से पर्यवेक्षण कराती हैं? स्‍पष्‍ट करें?          (ख) उक्‍त प्रश्‍न के उत्‍तर में यह भी बताया गया है कि पुल आंशिक क्षतिग्रस्‍त हुआ है, जबकि पुल के अधिकांश खम्‍भे जमीन में धस गये हैं? ठेकेदार से समय पर कार्य कराने हेतु कौन लोग जिम्‍मेदार हैं? समय पर कार्य न करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध तत्‍समय ही कार्यवाही क्‍यों नहीं की गयी? तिथिवार भुगतान राशि की जानकारी दें? (ग) क्‍या शासन निर्माणाधीन उक्‍त गुणवत्‍ताहीन पुल की प्रश्‍नकर्ता के उपस्थिति में जाँच कराकर गुणवत्‍ताहीन पुल के निर्माण में खर्च हुई राशि पुल निर्माण में संलग्‍न तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों तथा संबंधित ठेकेदार से वसूल कर नये सिरे से पुल का निर्माण कराये जाने का आदेश देगा, नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशानुसार संतोषजनक कार्य का अर्थ गुणवत्तायुक्त कार्य से है। शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) पुल निर्माण में बाक्सों की 12 दीवालों का कार्य निर्माणाधीन था जिसमें 4 बॉक्स की दीवालें क्षतिग्रस्त हुई। अतएव पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ। ठेकेदार से समय-समय पर कार्य संपादन के लिये परियोजना क्रियान्वयन इकाई के इंजीनियर एवं पर्यवेक्षण तथा गुणवत्ता नियंत्रक एजेन्सी द्वारा समय पर कार्य पूर्ण करने हेतु प्रयास किये गये, परन्तु अंततः कार्य पूर्ण नहीं करने के लिये ठेकेदार जिम्मेदार है। समय पर कार्य नहीं किये जाने के कारण अनुबंधानुसार ठेकेदार के देयकों से विलम्ब के लिये क्षतिपूर्ति हेतु कटौत्रा कर, कार्यवाही की गई थी। इसके उपरान्त भी ठेकेदार के द्वारा कार्य में विलम्ब किये जाने पर दिनांक 26/12/2014 को महाप्रबंधक के द्वारा अनुबंध निरस्त किया गया तथा मुख्‍यालय के आदेश दिनांक 18.03.2015 द्वारा अनुबंध को पुनर्जीवित किया गया तथा कार्य पूर्ण करने के लिये जून 2015 तक का समय दिया गया परन्तु ठेकेदार ने तब भी कार्य पूर्ण नहीं किया। तदोपरांत महाप्रबंधक ने पुनः दिनांक 16/06/2015 को अनुबंध निरस्त किया। तत्‍पश्‍चात् मुख्‍यालय द्वारा दिनांक 31.01.2016 अनुबंध पुनर्जीवित किया गया तथा कार्य पूर्ण करने के लिये जून 2016 तक का समय दिया गया परन्तु ठेकेदार ने अंततः कार्य पूर्ण नहीं किया। अतएव दिनांक 17/11/2016 को अंतिम रूप से अनुबंध निरस्त किया गया। ठेकेदार को भुगतान की गई राशि के विवरण तिथिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्‍यालय के मुख्‍य महाप्रबंधक द्वारा क्षतिग्रस्त पुल की जाँच कर, निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें ठेकेदार के द्वारा संपादित किये गये कार्य को अनुपयोगी बताया गया। अनुबंधानुसार राशि ठेकेदार से वसूलने योग्य है। पुल का निर्माण किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - ''बीस''

जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

78. ( क्र. 2174 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्‍दवाड़ा एवं श्री प्रदीप उपासे, जिला रोजगार गारंटी अधिकारी, छिन्‍दवाड़ा के विरूद्ध विगत एक वर्षों के भीतर शासन को, विभाग को व जिला कलेक्‍टर को कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन को किससे क्‍या शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? शिकायतों के बिन्‍दु स्‍पष्‍ट करें? (ख) क्‍या उक्‍त अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्‍नकर्ता को भी उपाध्‍यक्ष जिला पंचायत छिन्‍दवाड़ा से पृथक-पृथक शिकायत प्राप्‍त होने पर प्रश्‍नकर्ता ने पत्र क्रमांक 1729 दिनांक 22/11/2016, 1728 दिनांक 22/11/2016 एवं पत्र क्रमांक 104 दिनांक 29/01/2017 माननीय पंचायत मंत्री म.प्र. शासन को एवं पत्र क्रमांक 1730 दिनांक 22/11/2016, क्रमांक 1727 दिनांक 22/11/2016 कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा को प्रेषित किया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त पत्रों के साथ संलग्‍न शिकायतों के बिन्‍दु स्‍पष्‍ट करते हुय यह बतावें कि क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित शिकायतों की जाँच करायी गयी है? हाँ तो किसके द्वारा जाँच किया जाकर जाँच में क्‍या पाया गया है? जाँच प्रतिवेदन संलग्‍न करें और यदि जाँच नहीं की गयी है तो कब जाँच कराया जावेगा? (घ) क्‍या शासन प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों के साथ संलग्‍न शिकायतों के प्रत्‍येक बिंदुओं की प्रश्‍नकर्ता अथवा प्रश्‍नकर्ता के प्रतिनिधि की उपस्थित में जाँच टीम गठित कर जाँच कराने का आदेश देगा, नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्राप्‍त शिकायतों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) शिकायतों पर बिन्‍दुवार तथ्‍यात्‍मक प्रतिवेदन जिला कलेक्‍टर से मांगा गया है। जाँच पूर्ण नहीं हुई है। (घ) वर्तमान स्थिति में जाँच टीम गठित करने की आवश्‍यकता नहीं है।

इंदिरा गांधी गरीबी हटाओं मिशन अथवा आजीविका मिशन केन्‍द्र योजना में भ्रष्‍टाचार

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

79. ( क्र. 2188 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में केन्‍द्र शासन की योजना इंदिरागांधी गरीबी हटाओं एवं आजीविका मिशन योजना मध्‍यप्रदेश के किन-किन जिलों के कौन-कौन से ब्‍लॉक में कब से संचालित हैं?        (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में प्रत्‍येक जिले में कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने रिक्‍त हैं? क्‍या इन योजनाओं का स्‍टॉफ स्‍थाई है कि संविदा आधार पर? क्‍या इनको समय पर वेतन भत्‍ते मिलते है या नहीं? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं में म.प्र. में जिलेवार, ब्‍लॉकवार कितना बजट वार्षिक आता है कितना खर्च होता है वर्ष 2010-11 से प्रश्‍न दिनांक तक योजनाओं के विवरण दें? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्‍यों की समीक्षा विभाग करके घोषित योजनाओं के पालन करने में भ्रष्‍टाचार की जाँच और सी.ए.जी. रिपोर्ट पटल पर रखेगा या दोषियों पर कार्यवाही करेगा? करेगा तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इंदिरा गांधी गरीबी हटाओं योजना 30 जून 2015 को बन्द हो चुकी है। मध्य प्रदेश दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश में अप्रैल 2012 से संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।            (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजना में प्रतिनियुक्ति एवं सविंदा आधार पर कर्मी कार्यरत है। जी हाँ पारिश्रमिक दिया जाता है। (ग) जिलों को आवंटित राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) आजीविका मिशन की योजनाओं की नियमित एवं सतत् समीक्षा की व्यवस्था है। भ्रष्टाचार की कोई शिकायत जाँच हेतु लंबित नहीं है। अंकेक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2015-16 का प्राप्त हुआ है जो विधानसभा के पटल पर रखा जा चुका है।

अधूरे शौचालय के निर्माण एवं राशि आहरण करना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

80. ( क्र. 2206 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में स्‍वच्‍छ भार‍त मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण कराया जाना था। विकासखण्‍ड बाबई, सोहागपुर, केसला (13 पंचायत), होशंगाबाद (9 पंचायत) में कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया हैं? विकासखण्‍डवार एवं ग्रामवार सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या यह सही है कि ग्राम बीकोर, मुढ़ि‍याखेड़ा, सोमलवाड़ाखुर्द, कोठा पंचायत सोनतलाई, शुक्‍करवाड़ाफार्म, जमुनिया, खिड़ि‍या, माल्‍हनवाड़ा, रैपुरा, तालकेसरी, फुरतला, शिवपुर, खैरी, सिमरौधा, तारारोड़ा लोहारिया, कांदईहिम्‍मत, सोमलवाड़ा, गुर्रा, सिलारी, चिल्‍लई, रूपापुर, गुरारी, पालाखेड़ी, किसनपुर, सोढ़रा नागपुरकलां, पांड्री, नानपुरा, घोड़ाकेंप, कामतीरंगपुर, घोघरी, बीजाखारी, टेकापार, श्रीरंगपुर, छेड़का, सारंगपुर, मंगरिया, खरपावड़, उड़दौन, रैनीपानी, पाठई, खापा के शौचालय निर्माण अधूरे है एवं राशि आहरित कर ली गई है जिस पर विभाग द्वारा कार्यवाही किस कारण से नहीं की जा रही है। स्‍पष्‍ट जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) विगत 3 वर्षों में उपरोक्‍त ग्रामों में क्षेत्रीय विधायक द्वारा विभाग को कितने पत्र दिये गये है? उनकी प्रति उपलब्‍ध करावें? जिन अधिकारियों द्वारा शौचालय के निर्माण में गड़बड़ी एवं अवैध वसूली की गई है? क्‍या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी, यदि हाँ, तो कब?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित ग्रामों में शौचालय निर्माण पूर्ण कर लिये गये हैं। कोई निर्माण अधूरा नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) पत्रों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। की गई कार्रवाई की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में नियम विरुद्ध सफाई के टेण्डर

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

81. ( क्र. 2218 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महाकालेश्वर मंदिर में सफाई के ठेके के लिये 2017-18 हेतु कितनी निविदायें प्राप्त हुई? उसमें कितने योग्य निविदाकार थे? इन निविदाकारों ने वित्तीय निविदा में क्या-क्या वित्तीय दरें भरी गई थीं? एजेन्सीवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या भारत शासन के अधीन मंत्रालयों में सामग्री क्रय करने वाली निविदाओं में से QCBS को हटा लिया गया है? यदि हाँ, तो फिर जिस एजेन्सी को मंदिर में सफाई का कार्य दिया गया है उसको QCBS के आधार पर क्यों दिया गया है? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या जिस कंपनी को ठेका दिया गया है उससे भी कम रेट की निविदा प्राप्त हुई थी? क्या फिर भी अधिक रेट वाली एजेन्सी को निविदा प्रदान की गई? क्या निविदा देने के पीछे कम्पनी का टर्न ओवर एवं नेट वर्थ अधिक होना ही आधार माना गया है? यदि नहीं, तो इस शर्त के आधार पर टेण्डर क्यो दिया गया? (घ) वर्ष 2016-2017 सिहंस्थ होने के बाद भी सफाई का ठेका 50 लाख प्रतिवर्ष था। परन्तु 2017-18 में सफाई का ठेका 3.5 करोड़ प्रतिवर्ष में दिये जाने के पीछे क्या कारण रहे हैं? क्या किसी विशेष कम्पनी को लाभ पहुँचाने के लिये दिया गया है? क्या शासन इस मामले को संज्ञान में लेकर प्रदेश स्तरीय कमेटी से जाँच कराकर दोषियों को दण्डित करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नगर पंचायत अध्‍यक्ष एवं सी.एम.ओ. द्वारा की जा रही अनियमितताओं पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

82. ( क्र. 2220 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सेमरिया विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत नगर पंचायत सेमरिया में नगर पंचायत अध्‍यक्ष के पद पर आसीन श्री अजय शुक्‍ला द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये अपने कार्यकाल में पदस्‍थ सभी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों से मिलीभगत में कई प्रकार के अवैधानिक कार्य करवाये गए हैं एवं अपने पदीय दायित्‍वों का निर्वहन न कर नगर परिषद् के विकास के कार्यों में अनियमितता बरती जा रही है। जिसकी एक वर्ष पूर्व जाँच की फाइल आयुक्‍त रीवा द्वारा भोपाल भेजी गई जिस पर आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है, क्‍यों? (ख) क्‍या श्री बालगोविन्‍द चतुर्वेदी डूडा मलेरिया अधिकारी के पद पर हैं एवं उन्‍हें अवैधानिक तरीके से मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी सेमरिया का प्रभार दिया गया है? (ग) क्‍या सेमरिया में राज्‍य शासन द्वारा प्रदत्‍त नगर पंचायत विकास हेतु वर्ष 2016 में एक करोड़ रूपये प्राप्‍त हुये हैं। इसके पूर्व भी राज्‍य शासन से काफी लम्‍बी चौड़ी रकम नगर पंचायत के विकास हेतु नगर पंचायत सेमरिया को प्राप्‍त हुई है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त की जा रही अनियमितताओं के दोषी श्री अजय शुक्‍ला एवं मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं सेमरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद् सेमरिया में हुए अवैधानिक कार्य एवं विकास कार्य में अनियमितता की जाँच संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग रीवा द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन में उत्‍तरदायी के विरूद्ध पत्र क्रमांक एफ 4-06/2017/18-3 भोपाल दिनांक 14.03.2017 से श्री अजय शुक्‍ला अध्‍यक्ष नगर परिषद् सेमरिया जिला रीवा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं। श्री बालगोविन्‍द चतुर्वेदी, मलेरिया अधिकारी के पद पर कभी भी पदस्‍थ नहीं रहें, इनका मूल पद स्‍वच्‍छता निरीक्षक है। अध्‍यक्ष एवं तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी श्री संतोष कुमार पाण्‍डेय के मध्‍य विवाद होने तथा जनहित के कार्य प्रभावित होने के कारण कलेक्‍टर जिला रीवा के आदेश क्रमांक 14 दिनांक 11.04.2016 के तहत श्री बालगोविन्‍द चतुर्वेदी सहायक परियोजना अधिकारी को नगर परिषद् सेमरिया में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी का अतिरिक्‍त प्रभार दिया गया है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) अनियमितताओं में दोषी पाये गये श्री अजय शुक्‍ला, नगर परिषद् सेमरिया जिला रीवा के विरूद्ध विभागीय पत्र क्रमांक एफ 4-06/2017/18-3 दिनांक 14.03.2017 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी श्री बालगोविन्‍द चतुर्वेदी एवं तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी         श्री संतोष कुमार पाण्‍डेय एवं तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, श्री हरिमित्र श्रीवास्‍तव के विरूद्ध आरोप पत्र आयुक्‍त (राजस्‍व) रीवा संभाग रीवा द्वारा जारी किये गये है। कार्यवाही प्र‍चलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

महकेपार विकासखण्‍ड कटंगी में शा. महाविद्यालय स्‍वीकृत करना

[उच्च शिक्षा]

83. ( क्र. 2227 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या महकेपार विकासखण्‍ड कटंगी जि. बालाघाट में उच्‍च शिक्षा विभाग शा. महाविद्यालय स्‍वीकृत करने पर विचार कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक शा. महाविद्यालय खोलने पर विचार किया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना हेतु निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण महाविद्यालय खोलने में कठिनाई है।

खेल परिसर कटंगी जिला बालाघाट में परिसर का समतलीकरण

[खेल और युवा कल्याण]

84. ( क्र. 2228 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या कटंगी जिला बालाघाट में खेल परिसर का समतलीकरण नहीं होने से खेल गतिविधियां बंद है? (ख) यदि हाँ, तो खेल परिसर के समतलीकरण हेतु कब तक राशि स्‍वीकृत की जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। क्‍योंकि निर्माण एजेंसी द्वारा स्‍टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण होने की सूचना उपलब्‍ध नहीं कराई है। (ख) निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण करने के पश्‍चात मैदान समतलीकरण की कार्यवाही की जावेगी।

अपूर्ण प्रधानमंत्री सड़कों के निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

85. ( क्र. 2238 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के शहपुरा विकासखण्‍ड के अंतर्गत निर्माणाधीन प्र.मं.सड़क इंदिरा नगर भैरोघाट का कितना निर्माण कार्य अपूर्ण है? (ख) उक्‍त सड़क निर्माण में कितनी पुल-पुलियों का निर्माण किया जाना था? कितनी पुलियों का निर्माण हो चुका है? कितना शेष है? कितना एवं         कहाँ-कहाँ सड़क का निर्माण शेष है एवं क्‍यों? (ग) उक्‍त शेष सड़क एवं पुलियों का निर्माण कब तक होगा? उपरोक्‍त सड़क निर्माण की अवधि क्‍या थी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 6.039 कि.मी. मार्ग का निर्माण कार्य अपूर्ण है। (ख) कुल 54 नग। निर्मित 45 नग। शेष 09 नग, शेष निर्माण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।  (ग) ठेकेदार का अनुबंध निरस्त किया जा चुका है। नवीन एजेन्सी निर्धारित होने पर कार्य पूर्ण कराया जावेगा। वर्तमान में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। उक्त सड़क निर्माण की अवधि 11 माह थी।

परिशिष्ट - ''बाईस''

स्‍थानांतरण नीति

[नगरीय विकास एवं आवास]

86. ( क्र. 2259 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में वर्ष 2017-18 की स्‍थानांतरण नीति के अनुसार प्रशासनिक तथा स्‍वेच्‍छा के कितने अधिकारियों तथा कर्मचारियों के स्‍थानांतरण आदेश जारी किये गये? उनकी सूची दें। (ख) क्‍या जो लगातार 20 वर्ष से एक ही कार्यालय में पदस्‍थ हैं उनको हटाने के आदेश जिले वार किये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या माननीय प्रभारी मंत्री, सासंदों, विधायकों के प्रस्‍तावों पर स्‍थानांतरण स्‍वेच्‍छा/निरस्‍त हेतु विभागीय मंत्री द्वारा कार्यवाही कर आयुक्‍त कार्यालय नगरीय प्रशासन हेतु सूची अनुमोदित कर प्रश्‍न दिनांक तक भेजी गई? उनकी प्रति दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार स्‍थानांतरण प्रशासनिक/स्‍वेच्‍छा/निरस्‍त किये जावेंगे। यदि हाँ, तो अवधि बतायें, यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2017-18 में सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति के अनुसार विभाग द्वारा जारी किए आदेशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, क्‍योंकि मध्‍य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 89 तथा 94 तथा मध्‍य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 58 के अनुसार एक नगरीय निकाय से दूसरे नगरीय निकाय में स्‍थानांतरण राज्‍य शासन द्वारा ही किया जाएगा। इसलिए आदेश जिलेवार नहीं किए गए हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

हितग्राहियों को अनुदान राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

87. ( क्र. 2263 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) दिनांक 7 मार्च 2017 में मुद्रित प्रश्‍न क्रमांक 4366 में प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में बताया गया है कि 365 बी.पी.एल. कार्डधारी हैं। तो 365 बी.पी.एल. कार्डधारी की सूची दें। जिन हितग्राहियों की प्रश्‍नाधीन अवधि में इंदिरा आवास योजना के 30 हितग्राहियों को अनुदान की राशि स्‍वीकृत की गई है, उनकी सूची दें तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 हितग्राहियों की सूची दें तथा उनको कितनी राशि भुगतान कर दी गई? 426 हितग्राहियों के आवास गृहों में शौचालय का निर्माण हुआ है, उनकी सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संलग्‍न परिशिष्‍ट (क) एवं (ख) में संलग्‍न परिशिष्‍ट ''एकतालिस'' के बिन्‍दु क्रमांक 16‍ में वर्ष 2016-17 में मौहदा ग्राम में पुराना तालाब का गहरीकरण विधायक मद से राशि 199995=00 में कराया जाना बताया गया है जबकि तालाब का गहरीकरण नहीं किया गया। ग्राम खांच निवासी द्वारा दिनांक 27.06.2017 को मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन को शिकायत की है जिमसें गहरीकरण नहीं होने की शिकायत की है। उक्‍त शिकायत की जाँच शिकायतकर्ता को सुनकर कराई जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' '''' '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत खांच के मोहदा ग्राम में पुराने तालाब का गहरीकरण कार्य रू. 1,99,995/- में न किया जाकर रू. 4,99,995/- की लागत से पूर्ण किया गया है। प्रश्‍नाधीन शिकायत अप्राप्त है। शेष प्रश्‍नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।

निर्माण कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

88. ( क्र. 2323 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्‍डौरी जिले की जनपद पंचायत डिण्‍डौरी की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2016-17 में किन-किन मदों में कितनी राशि प्राप्‍त हुई कितने कार्य स्‍वीकृत किये गये एवं कितनी राशि व्‍यय की गई? कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण है? (ख) प्रश्नांश (क) में स्‍वीकृत कार्यों पर कितनी राशि व्‍यय की गई है। अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

जंगलों में आग लगने की जानकारी

[वन]

89. ( क्र. 2324 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्‍डौरी जिले के कौन-कौन से जंगल में किस-किस दिनांक को गर्मी के समय आग लगी? आग लगने के क्‍या कारण थे? आग की वजह से कितना रकबा जंगल का जली, उसमें कितने छोटे पेड़ तथा कितने बड़े पेड़ तथा कितने जीव जल कर नष्‍ट हुए? आग को कब बुझाया गया? किस साधन से आग बुझायी गयी। (ख) प्रश्‍नकर्ता ने कब-कब आग लगने की सूचना विभाग को दी? सूचना देने के बाद क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई भी छोटे-बड़े पेड़ तथा जीव जन्तु जल कर नष्ट नहीं हुये है। (ख) दिनांक 07.04.2017 एवं 09.04.2017 को। क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का कार्य संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार किया गया।

परिशिष्ट - ''तेईस''

प्रदेश के हड़ताली पंचायत सचिवों के संदर्भ में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

90. ( क्र. 2369 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रदेश के पंचायत सचिवों के संदर्भ में माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा 24 मार्च 2013 को भोपाल में की गई घोषणा क्रमांक 3142, 3143, 3144, 3145 क्‍या है इन घो‍षणाओं के अनुसार पंचायत सचिवों को कौन-कौन सी सुविधायें प्रदान करने की घोषणायें की गई? घोषणाओं की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित घोषणाओं के अनुरूप इनके क्रियान्‍वयन हेतु कब-कब, कौन-कौन से आदेश जारी हुये एवं इन जारी आदेशों के तहत इनका क्रियान्‍वयन किस-किस स्‍तर पर किन-किन जिलों, जनपदों में हुआ तथा किन-किन जनपद, जिलों में किन कारणों से प्रश्‍न दिनांक तक नहीं हुआ? क्‍या जारी आदेश मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा अनुसार हुये तथा इनके क्रियान्‍वयन उपरांत पंचायत सचिवों को कौन-कौन सा लाभ मिला? कौन-कौन सा कब तक मिलेगा? (ग) क्‍या वर्ष 2013 में सचिवों को नया वेतनमान स्‍वीकृत हुआ था, जिसके तहत 1995 के पूर्व भर्ती वाले सचिवों को 17500 से 18000 रूपये वेतन प्राप्‍त होता था वर्तमान समय में इस संसोधित कर हड़ताल के पश्‍चात सभी सचिवों की गणना 2008 से हड़ताल करने पर इन वरिष्‍ठ सचिवों को रूपये 14600/का वेतनमान दिया है, ये विसंगतियां क्‍यों? हड़ताल से वापस आने पर सचिवों को आहरण प्रभार विलंब से देने एवं प्रभार देने हेतु नई शर्तों का प्रावधान करने का क्‍या कारण है? क्‍या शासन नवीन संशोधनों को वापस लेकर हड़ताल पूर्व के नियमों को लागू करेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में जारी आदेश की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। स्वीकृत वेतनमान में वेतन निर्धारण त्रुटिपूर्ण पाया जाने और स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा अनुमोदन के बिना अधिक वेतन आहरित किए जाने के परिप्रेक्ष्य में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार आदेश जारी किया गया है। ग्राम पंचायत सचिवों को वित्तीय संव्यवहार का दायित्व सौंपने के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विभागीय जाँच प्रचलित होने एवं शासकीय धनराशि का पर्यवेक्षण तथा हानि की वसूली के प्रकरण अधिरोपित अथवा प्रकरण प्रचलित होने के दौरान संबंधित सचिवों को पुनः वित्तीय संव्यवहार के अधिकार देना जनहित में नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

91. ( क्र. 2396 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के क्रियान्‍वयन को प्रभावी बनाने हेतु संशोधन/सरलीकरण उपरांत मार्गदर्शिका वर्ष 2013 प्रदर्श की गयी थी? क्‍या मार्गदर्शिका अनुसार क्रियान्‍वयन में आ रही कठिनाईयों/समस्‍याओं के समाधान हेतु कोई सुझाव प्राप्‍त हुए हैं? यदि हाँ, तो उनके सुझाव क्‍या थे? (ख) क्‍या मार्गदर्शिका बिन्‍दु 2.4 में योजनांतर्गत कार्यान्वित किये जाने वाले कार्यों की सूची संपूर्ण नहीं है? यदि हाँ, तो संपूर्ण सूची उपलब्‍ध करायें। (ग) अनुमत कार्यों के क्रम संख्‍या 32 में शासकीय भवनों के मरम्‍मत संबंधी कार्य हेतु क्‍या एक लाख रूपये वित्‍तीय सीमा हैं, यह सीमा कब निर्धारित की गयी थी वर्तमान में कई गुना बढ़ोतरी के बाद क्‍या यह वित्‍तीय सीमा प्रसांगिक है? (घ) वर्तमान में सार्वजनिक उपयोग हेतु कम्‍प्‍यूटरीकृत,ई-दक्ष केन्‍द्र, ई-गवर्नेंस, लोक सेवा केन्‍द्र, जनसुनवाई, ई-प्रशिक्षण एवं शिविर आदि के कार्य संचालित हैं, इनमें आम जनता की सुविधा हेतु बैठक व्‍यवस्‍था, विद्युत उपकरण, टीवी, स्‍क्रीन इत्‍यादि को मार्गदर्शिका में समाहित किया जावेगा। (ड.) अनुमत कार्यों में क्रम संख्‍या-34 से बंद हो चुकी जनसुविधा केन्‍द्र को पृथक किया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।           (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विभाग के आदेश दिनांक 12.3.1998 को जारी की गई है। वर्तमान में सीमा प्रासांगिक है। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। (ड.) जी नहीं।

अवैध कॉलोनी निर्माण पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

92. ( क्र. 2405 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 28/3/17 के प्रश्‍न क्रमांक 7632 एवं 7633 के उत्‍तर के तारतम्‍य में कटनी नगर में नियमित की गई 44 कालोनियों के निर्माताओं पर कितनी-कितनी राशि वसूली हेतु किन आदेशों से अधिरोपित की गयी एवं क्‍या इनसे राशि की वसूली हो गयी? यदि हाँ, तो कब-कब एवं कितनी-कितनी यदि नहीं, तो क्‍यों? कालोनी निर्मातावार बतायें। (ख) क्‍या विधान सभा सत्र दिसंबर 2016 में प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3257 के प्रश्‍नांश (ख) का नोटिस जारी करने एवं प्राथमिकी दर्ज करने का उत्‍तर दिया गया था और क्‍या नोटिस जारी करने एवं प्रथमिकी दर्ज करने में विलंब किया गया? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही का परीक्षण करवा कर जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कैसे स्‍पष्‍ट करें? (ग) कलेक्‍टर कटनी द्वारा आयुक्‍त नगर पालिका निगम कटनी को दिनांक 31/05/2017 को क्‍या कार्यवाही हेतु ई-मेल प्रेषित किया गया था? नगर पालिक निगम कटनी द्वारा इस पर कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही, कब-कब की गयी? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतायें? (घ) अवैध कॉलोनियों को चिन्हित करने, सर्वे करने के क्‍या नियम हैं? क्‍या कटनी नगर में वैध घोषित कॉलोनियों के सीमा क्षेत्र के कई खसरा नंबरों को अवैध माना गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों एवं किन सर्वे के आधार पर, यदि नहीं, तो क्‍या सक्षम प्राधिका‍री ऐसा न होने का सत्‍यापन किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश 7632 एवं 7633 में प्रेषित उत्‍तर अनुसार 44 अवैध कॉलोनियों का पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार नियमितीकरण किया गया है और इस सूची के सरल क्रमांक 8, 17 एवं 18 में उल्‍लेखित कॉलोनाईजर की मृत्‍यु हो चुकी है और शेष 41 कॉलोनाईजर/निर्माताओं के विरूद्ध कि‍सी प्रकार की वसूली के आदेश नहीं दिए गए हैं एवं वसूली नहीं की गई है। तथापि जिला न्‍यायालय में बिना कॉलोनाईजर लायसेंस के कालोनी बनाने, सक्षम प्राधिकारी से अभिन्‍यास स्‍वीकृत नहीं कराने, बिना भूमि व्‍यपवर्तन नहीं कराने, नियमानुसार खुली भूमि नहीं रखने हेतु दाण्डिक राशि की वसूली आदि हेतु परिवाद प्रस्‍तुत किया जा चुका है, जो विचाराधीन है। परिवाद के निर्णय अनुसार राशि की वसूली के सबंध में कार्यवाही की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। नगर निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। कलेक्‍टर कटनी से प्राप्‍त ई-मेल पत्र पर नगर पालिक निगम कटनी के पत्र क्रमांक 1437/भवन अनुज्ञा/2017 दिनांक 16.06.2017 एवं पत्र क्रमांक 1648/भवन अनुज्ञा/2017 दिनांक 29.06.2017 द्वारा कटनी नगर में अवैध कालोनी क्षेत्र में भूमियों के‍ विक्रय एवं नामांतरण के संबंध में जाँच प्रतिवेदन एवं अभिलेख प्रदाय करने हेतु तहसीलदार राजस्‍व जिला कटनी को प्रेषित किया गया है। और कार्यवाही हेतु राजस्‍व विभाग से प्रतिवेदन एवं जानकारी अपेक्षित है। नगर निगम कटनी के कॉलोनी सेल के प्रभारी अधिकारी द्वारा तहसीलदार को उल्‍लेखित तिथियों में कार्यवाही हेतु पत्र भेजा गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अवैध कॉलोनियों को चिन्हित करने एवं सर्वें करने का कार्य मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन एवं शर्तें) नियम 1998 के प्रावधान अनुसार किया जाता है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार आवेदन प्राप्‍त होने पर निर्धारित समय-सीमा में सत्‍यापन कराया जाता है।

जनपद पंचायतों में पदस्‍थ उपयंत्रियों के स्‍थानांतरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

93. ( क्र. 2458 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या ग्‍वालियर जिले की जनपद पंचायतों में कितने कितने उपयंत्री संविदा पर एवं विभागीय कब से पदस्‍थ हैं? क्‍या इनके स्‍थानांतरण की कोई पालिसी हैं क्‍या इनके स्‍थानांतरण किये जा रहे हैं? नहीं तो क्‍यों? (ख) क्‍या इनके एक ही स्‍थान पर बने रहने के कारण सरकार को कोई बेनीफिट होता हैं? नहीं तो क्‍या यह वर्षों एक ही स्थान पर बने रह कर जबरन सरपंच एवं सचिवों से अवैध वसूली करते रहते हैं और पंचायत के कार्यों को प्रभावित करते हैं यदि हाँ, तो इनके स्‍थानांतरण कब तक किये जावेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-क अनुसार है। विभागीय उपयंत्री के संबंध में सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति लागू है। संविदा उपयंत्री के कार्य क्षेत्र में परिवर्तन के संबंध में आयुक्‍त, नरेगा द्वारा जारी निर्देश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

लेखापाल मनरेगा जनपद पंचायत चंदेरी द्वारा रिकार्ड न देना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

94. ( क्र. 2459 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या श्री एन एस कलावत लेखापाल मनरेगा चंदेरी को अपनी समस्‍त चार्ज वित्‍तीय वर्ष २०१२-१३ से वर्ष २०१६-१७ तक जनपद पंचायत की रोकड़वही एवं व्‍हाउचर फाइलें एवं अन्‍य सम्‍बंधित नस्तियां जनपद पंचायत चंदेरी में पदस्‍थ श्री हरीहर प्रसाद चौबे सहायक ग्रेड-२ को नहीं दी गई है जो कि गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है, जिसके तहत कार्यालय कलेक्‍टर महोदय जिला अशोकनगर के आदेश क्रमांक १४२८ दिनांक १५-५-२०१७ को संविदा सेवा से पृथक किया गया था। (ख) क्‍या श्री कलावत द्वारा संम्‍पूर्ण प्रभार उक्‍त कार्यवाही होने के पश्‍चात दे दिया गया या नहीं? यदि नहीं, तो संबंधित के विरूद्ध क्‍या कोई कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। श्री एन.एस.कलावत के विरूद्ध थाना चंदेरी में अपराध की प्राथमिकी क्रमांक 320 दिनांक 14.07.2017 को दर्ज कराई गई है।

नागदा के जहरीले नाले की सफाई

[नगरीय विकास एवं आवास]

95. ( क्र. 2463 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा जिला उज्‍जैन में उद्योगों के जहरीले पानी का कच्‍चा नाला प्रतिवर्ष वर्षाकाल में गरीब बस्‍तियों में तबाही का कारण बनता है? इसकी खतरनाक बदबू से स्‍थानीय निवासी गंभीर रोगों से ग्रसित हैं? सरकार ने इससे नागरिकों राहत दिलवाने के लिए अब तक कोई कदम क्‍यों नहीं उठायें? (ख) इस जहरीले नाले के चंबल नदी में मिलने के बीस किलोमीटर तक नदी मृत हो चुकी है? चंबल को शुद्ध रखने के लिए सरकार क्‍या योजना बना रही है? यदि नहीं, तो इस गंभीर मामले में मौन क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नागदा जिले उज्‍जैन में कच्‍चे नाले के पानी का जहरीले होने का परीक्षण नहीं किया गया है। नाले से प्रतिवर्ष वर्षाकाल में गरीब बस्तियों में तबाही की स्थिति नहीं है। नाले से बदबू नहीं है तथा स्‍थानीय निवासियों में गम्‍भीर रोगों से ग्रसित होने की पुष्टि नहीं होती है। अत: नागरिकों को राहत दिलाने संबंधी शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नागदा के नालों के चंबल नदी में मिलने के उपरांत 16 कि.मी. तक म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल नमूनों की जाँच की जाती है, जिसमें नदी के जल की गुणवत्‍ता अधिकांशत: आई.एस. 2296 के अनुसार '''' श्रेणी की पाई जाती है और केन्‍द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नदी की इस स्‍ट्रेच को प्रदूषित घोषित किया गया। नदी में मिलने वाले सीवेज के उपचार हेतु स्‍थानीय शासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है तथा उद्योग के दूषित जल को नदी में एक वर्ष के भीतर शून्‍य निस्‍त्राव करने की शर्त इकाई के ऊपर अधिरोपित की गई है।

आम नागरिकों को रेत प्राप्ति

[खनिज साधन]

96. ( क्र. 2466 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेत खनन एवं विक्रय के संबंध में शासन ने वर्ष २०१७ में क्‍या-क्‍या नये नियम अथवा आदेश जारी किये है? जून २०१७ तक की पूर्ण जानकारी प्रदान करें. (ख) क्‍या शासन की जानकारी में है, कि आम नागरिकों को भवन निर्माण में रेत प्राप्ति हेतु काफी दिक्‍कतें आ रही है? मनमाने भाव नागरिकों से वसूले जा रहे है? (ग) आम नागरिकों को शोषण से बचाकर आसानी से वाजिब दामों में रेत प्राप्ति हेतु शासन क्‍या कदम उठा रहा है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रेत खनन एवं विक्रय के संबंध में शासन द्वारा वर्ष 2017 में कोई नये नियम जारी नहीं किये गये हैं। प्रश्‍नाधीन वर्ष में जारी किये गये आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) प्रदेश में नर्मदा नदी के अतिरिक्‍त अन्‍य नदियों पर संचालित रेत खदानों से आपूर्ति होने के कारण प्रश्‍नानुसार स्थिति नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

महिला स्व-सहायता समूहों से मध्यान्ह भोजन बनवाया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

97. ( क्र. 2467 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधानसभा सत्र दिनांक 21-3-2017 के अतारांकित प्रश्न क्र. 3209 में प्रश्नकर्त्ता ने मध्यान्ह भोजन बनाने वाले महिला स्व-सहायता समूहों से कार्य छीनकर शाला प्रबंध समितियों को सौंपे जाने के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रश्न किये हैं और उनका मय परिशिष्ट क्या उत्तर दिया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश-क के परिशिष्ट में वि.खं. ढीमरखेड़ा के किन ग्रामों के किन विद्यालयों के किन महिला स्व-सहायता समूहों के मध्यान्ह भोजन का कार्य किसके किन दिनांकों के आदेशों से किन्हें सौंपा गया है और आज दिनांक तक उनकी क्या कोई समीक्षा कर परिवर्तन किया गया है? (ग) क्या जिला पंचायत कटनी ने अपने पत्र दिनांक 16-3-2017 द्वारा मु.का.अ. एवं सचिव सदस्य एम.डी.एम समिति को किसी संदर्भ में किसी दिनांक तक कोई प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना निर्देशित और किन्हीं को संसूचित किया गया है? (घ) प्रश्नांश-(क), (ख) एवं (ग) के परिशिष्ट व पत्र पर किन्हीं स्थान के मध्यान्ह भोजन से संबंधित प्रस्ताव किसके द्वारा किस दिनांक को किसे प्रस्तुत किया गया है? (ड.) क्या प्रश्नांश-क परिशिष्ट के ग्राम झिन्नांपिपरिया के स्वसहायता समूह का प्रस्ताव कब, किसके द्वारा, कहाँ प्रस्तुत किया गया है और यदि नहीं, प्रस्तुत हुआ है, तो कारण क्या‍ है और अनियमितता के किस दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उत्तर की प्रति सहपत्रों के साथ पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर रखी गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्न अस्पष्ट होने से जानकारी देना संभव नहीं है। (ड.) ग्राम झिन्नांपिपरिया में प्राथमिक शाला में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था स्व-सहायता समूह द्वारा कराने का कोई प्रस्ताव जिला पंचायत को प्राप्त नहीं हुआ, शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।

वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को प्रभावशील बनाकर भू-जल स्तर में वृद्धि

[नगरीय विकास एवं आवास]

98. ( क्र. 2472 ) श्री मोती कश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला जबलपुर एवं कटनी के किन-किन नगर निगम, नगरपालिका एवं नगरपरिषद् क्षेत्र में निगम 5 वर्षों से आज दिनांक तक प्रतिवर्ष भू-जल स्तर कितना घटा है और उसके कारण क्या पाये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) निकायों में कितने-कितने मकान हैं और जिनमें से कितने-कितने मकानों में निकायों की जलप्रदाय योजना से भिन्न जल संसाधनों का उपयोग किया जाता है? (ग) विगत 5 वर्षों में प्रश्नांश (क), (ख) के किन-किन निकायों में अभी तक कितने लोगों को वॉटर हार्वेस्टिंग के लिये प्रेरित किया गया है तथा कहाँ कितने लोगों की राशि जमा करायी गई है और कितने घरों में योजना को क्रियान्वित कर दिया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) क्षेत्रों के घर-घर में सघन अभियान चलाकर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू कराकर भू-जल स्तर में वृद्धि कराकर बढ़ते जल संकट को समाप्त करने की दिशा में प्रयत्न किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर एवं कटनी जिले के नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद् क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में औसतन प्रति वर्ष 30 से 40 से.मी. की दर से भू-जल स्‍तर घटा है। भू-जल स्‍तर में गिरावट में निम्‍नलिखित कारण है:- 1. वर्षा की कमी 2. भू-जल का अधिक दोहन 3. वर्षा जल को रोकने हेतु उचित जल प्रबंधन का न होना          4. वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रति आम जनता में जागरूकता की कमी। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी हाँ।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

अवैध खदान संचालित कर उत्खनन करने वाले संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

99. ( क्र. 2475 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन खनिज मंत्री द्वारा अपने सगे भाई श्रवण कुमार पाठक एवं भतीजे डॉ. राजीव पाठक तथा संजीव पाठक को सतना जिले में लेट्राईट, बाकसाईड, चूनापत्थर आदि की खदानें स्वीकृत कराई गई थीं? (ख) क्या अवर सचिव खनिज साधन द्वारा कलेक्टर सतना को पत्र क्र.3-35/ 90/12/7 दिनांक 07.11.1990 से कोई निर्देश जारी किये गए थे? इसी तरह द्विवेदी अवर सचिव खनिज साधन द्वारा पत्र क्र.3-102/99/12/2 दिनांक 23.09.2000 जारी किये गए थे? (ग) क्या तत्कालीन कलेक्टर सुखवीर सिंह द्वारा कमेटी गठित कर श्रवण कुमार पाठक के नाम रामास्थान में स्वीकृत लीज 80 एकड़ की जाँच कराई गई थी? क्या जाँच में स्वीकृत क्षेत्र के बाहर खनिज का अवैध उत्खनन करना पाया गया था। जिसके आधार पर तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्र. 2437 दिनांक 08.12.2011 के द्वारा श्रवण कुमार पाठक को नोटिस जारी किया गया। इसी प्रकार तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उक्त दिनांक को ही क्षेत्रीय नियंत्रक भारतीय खान ब्‍यूरो कमला नेहरु नगर जबलपुर को जरिये रजिस्ट्री (AD) भेजकर अनुरोध किया गया था कि खनिज संरक्षण विकास नियम 1988 के नियम 13 की शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है अतः नियमानुसार खनन सक्रियायें बंदकर अवगत कराने हेतु लेख किया गया था? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा इसके पूर्व अतारांकित प्रश्न के माध्यम से पूछे गए जवाब में बताया गया था कि एस.डी.एम. रघुराजनगर बलवीर रमन द्वारा मौके पर जाकर जाँच की गई थी, जिस पर डेढ़ एकड़ में अवैध उत्खनन करना पाया गया था (ड.) क्या वर्ष 2011 एवं 2016 में भी अवैध उत्खनन मौके पर पाया गया था? इसी कारण तत्कालीन कलेक्टर सुखवीर सिंह 2011 में ही, उक्त खदानों की खनन सक्रियायें बंद करने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा खदान बंद कराने की कार्यवाही न कराने का क्‍या कारण है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित कोई कमेटी गठित नहीं की गई थी। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पट्टेदार को स्‍वीकृत क्षेत्र की जाँच उपरांत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) रघुराजनगर के प्रतिवेदन अनुसार अवैध उत्‍खनन करने पर प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित तिथि को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। कलेक्‍टर द्वारा क्षेत्रीय नियंत्रक, भारतीय खान ब्‍यूरो को खनिज संरक्षण एवं विकास नियम, 1988 के नियम 13 की शर्तों के उल्‍लंघन पर कार्यवाही कर खनन संक्रियाऐं बंद करने हेतु लेख किया गया था।        (घ) जी नहीं। अ‍नुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) रघुराजनगर द्वारा पट्टा क्षेत्र के बाहर 0.80 एकड़ क्षेत्र में उत्‍खनन करने का प्रतिवेदन वर्ष 2017 में दिया गया था। जिसके कारण अवैध उत्‍खनन का प्रकरण नियमानुसार कार्यवाही हेतु प्रकरण वर्ष 2017 में दर्ज कराया गया है। (ड.) वर्ष 2011 में अवैध उत्‍खनन के दर्ज प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) द्वारा पारित आदेश दिनांक 25.03.2012 में अवैध उत्‍खनन नहीं पाया जाकर प्रकरण नस्‍तीबद्ध किया गया। खनन संक्रियाओं के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिसके जबाव के परीक्षण उपरांत जबाव समाधान कारक होने पर कलेक्‍टर कार्यालय के आदेश दिनांक 05.10.2012 से खनन संक्रिया बहाल की गई। वर्ष 2016 में अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। प्रकरण वर्ष 2017 में दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिला पंचायत में अटैच कर्मचारियों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

100. ( क्र. 2489 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत उज्जैन में कितने कर्मचारी किस-किस विभाग में कितने समय से अटैच किये गये हैं? इनकी मूल पदस्थापना कहाँ-कहाँ है? कर्मचारीवार, पदवार, संस्थावार, दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिस विभाग से इनको जिला पंचायत में अटैच किया गया है, वहाँ मूल संस्था में शासकीय कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है? जो कर्मचारी जिला पंचायत में अटैच हैं जहाँ उसकी मूल पदस्थापना है, क्या वहाँ पर उक्त कर्मचारी अतिशेष हैं? यदि है, तो अतिशेष कर्मचारियों की जानकारी भी विभागवार, संस्थावार उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिला पंचायत उज्जैन द्वारा कर्मचारियों का अटैचमेन्ट शासन से अनुमति लेकर नियमानुसार किया गया है? यदि हाँ, तो अनुमति एवं नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? अगर अटैचमेन्ट नियम विरूद्ध एवं बिना शासन की अनुमति से किया गया है, तो इसके कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं एवं शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा एवं नियम विरूद्ध अटैच किये गये कर्मचारियों को कब तक मूल संस्था में भेज दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 में दर्शाए गए अधिकारी/कर्मचारी जिला पंचायत उज्जैन में अन्य विभागों से संलग्न थे, जिनका संलग्नीकरण दिनांक 19.07.2017 को समाप्त कर दिया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, उज्जैन को भविष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी का संलग्नीकरण नहीं करने कि हिदायत दी गई है। शेष प्रश्‍नांश उत्पन्न नहीं होते है।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

नमामि देवी नर्मदा यात्रा में व्यय राशि

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

101. ( क्र. 2491 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) परि. तारांकित प्रश्‍न संख्‍या 42 (क्र. 2123) दिनांक 03 मार्च 2017 द्वारा नमामि देवी नर्मदा यात्रा के संबंध में व्यय की गई राशि, मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा आदि के संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है संबंधी उत्तर दिया गया था, तो क्या प्रश्‍नानुसार जानकारी एकत्र कर ली गई है? (ख) यदि हाँ, तो बतायें कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा ''नमामि देवी नर्मदा यात्रा'' में कुल कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई है? (ग) ''नमामि देवी नर्मदा यात्रा'' के दौरान             किन-किन स्थानों पर मा. मुख्यमंत्री महोदय शामिल हुये व उनके द्वारा कौन-कौन सी नई घोषणाएं की गईं व यात्रा के दौरान हरदा जिले में किन-किन नवीन घाटों अथवा पुलों का निर्माण कराये जाने की मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई? (घ) यात्रा के दौरान कुल कितने आवेदन व शिकायतें किस-किस विभागों की प्राप्त हुई व उनमें से कितने आवेदनों व शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है? (च) यदि उक्त संबंधी जानकारी अभी तक एकत्र नहीं की गई है, तो उसका क्या कारण है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा में म.प्र. जन अभियान परिषद् द्वारा किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मुख्यमंत्री जी द्वारा नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा में की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा में जन अभियान परिषद् द्वारा राशि रूपये 1786.42 लाख का व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) मान. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा नमामि देवी नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल हुये स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) यात्रा के दौरान योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (च) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

अधूरे पंचायत भवन के निर्माण की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

102. ( क्र. 2507 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) विकासखण्ड सिरमौर की ग्राम पंचायत डिहिया एवं ग्राम पंचायत सुरवार में निर्माणाधीन पंचायत भवन का कार्य पिछले 03 वर्षों से लंबित होने का क्या कारण है? (ख) क्‍या सत्र 2013-14 में उक्त निर्माण कार्य स्वीकृत हुए थे, किन्तु विभागीय उदासीनता के कारण आज तक उक्त अधूरे पंचायत भवन का कार्य पूर्ण नहीं हो सका। (ग) संबंधित जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी तथा उक्त निर्माण कार्य पूर्ण होने की समयावधि क्या होगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) क्रियान्वयन एजेन्सी सरंपच/सचिव ग्राम पंचायत एवं कार्यक्षेत्र प्रभारी उपयंत्री की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण कार्य लंबित हैं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अधूरे पंचायत भवन का निर्माण एजेन्सी सरपंच, सचिव एवं उपयंत्री की लापरवाही के कारण पूर्ण नहीं हो सका। (ग) जी हाँ। जिम्मेदार सरपंच, सचिव एवं उपयंत्री को स्पष्टीकरण नोटिस क्रं. 2180 दिनांक 12.07.2017 जारी किया गया है। निर्माण कार्य 31.10.2017 तक पूर्ण करा दिया जायेगा।

ऑडिटोरियम हॉल निर्माण की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

103. ( क्र. 2522 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 7542 दिनांक 28 मार्च 2017 के उत्‍तर में बताया गया था कि नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा से ऑडिटोरियम हॉल निर्माण कार्य की स्‍वीकृति के संबंध में प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर स्‍वीकृति प्रदान की जा सकेगी? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका परिषद् द्वारा उक्‍त ऑडिटोरियम हॉल निर्माण की डी.पी.आर. तैयार कर संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मध्‍यप्रदेश को तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु प्रेषित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन द्वारा ऑडिटोरियम हॉल निर्माण हेतु तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें? यदि नहीं, तो उक्‍त संबंध में वर्तमान में क्‍या कार्यवाही किस स्‍तर पर प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त निर्माण कार्य हेतु शासन द्वारा नगर पालिका ब्‍यावरा को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण में राशि रूपये 300.00 लाख उपलब्‍ध करा दी गई है, लेकिन तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति के अभाव में निर्माण कार्य कराया जाना संभव नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 को की गई घोषणा की यथाशीघ्र पूर्ति हेतु ऑडिटोरियम हॉल निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं, उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा द्वारा ऑडिटोरियम हॉल निर्माण कार्य के लिए प्रस्‍तुत डी.पी.आर. के त्रुटिपूर्ण होने से सुधार हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 3337 दिनांक 05.03.2016 से मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा को लिखा गया है। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल द्वारा नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वि‍तीय चरण के अंतर्गत राशि रू. 300.00 लाख अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिए सैद्धान्तिक स्‍वीकृति पत्र क्रमांक 15200 दिनांक 06.12.2016 जारी की गई है, जिसमें नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा की परिषद् द्वारा प्रस्‍ताव क्रमांक 132 दिनांक 13.02.2016 से सड़क निर्माण कराये जाने का संकल्‍प पारित किया गया है, जिसके परिपालन में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराई जाकर दिनांक 28.06.2017 को तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍तुत किया गया है। नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा से ऑडिटोरियम हॉल निर्माण कार्य की सुधारोपरांत डी.पी.आर. प्राप्‍त होने पर परीक्षण उपरांत तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति दी जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

स्‍वीकृत एकरेखण के विपरीत निर्माण कार्य की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

104. ( क्र. 2523 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा में मुख्‍यमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत पैकेज क्रमांक 2602 दिनांक 07.02.2011 के अंतर्गत ग्राम पडोनिया से अमानपुरा तक सड़क स्‍वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त सड़क का निर्माण कर ग्राम अमानपुरा की आबादी को जोड़ दिया गया है? (ख) क्‍या निर्माण के समय निर्माण एजेन्‍सी द्वारा उक्‍त स्‍वीकृत मार्ग को ग्राम अमानपुरा न ले जाते हुये ग्राम से एक कि.मी. पहले ही मार्ग को अन्‍य दिशा में मोड़ कर व्‍यक्तिगत हितलाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो पडोनिया-अमानपुरा मार्ग के एकरेखण के विपरीत कार्य को सत्‍यापित करने वाले तकनीकी अधिकारी-कर्मचारियों ने किस प्रकार मार्ग का औचित्‍य सिद्ध किया? बतावें।        (ग) क्‍या शासन उक्‍त मार्ग निर्माण के एकरेखण में नियम विरूद्ध परिवर्तन की जाँच करवायेगा तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा तथा सड़क सुविधा से वंचित ग्राम अमानपुरा तक शेष रहे एक कि.मी. मार्ग का निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्‍नाधीन मार्ग की स्वीकृति पैकेज क्रमांक 2602 के तहत दिनांक 06.07.2010 को रू. 44.15 लाख लम्बाई 2.70 किलोमीटर की दी गई थी। जी हाँ।           (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित स्वीकृति के रेखांकन में निजी भूमि आने से रेखांकन में परिवर्तन करते हुए 825 मीटर लम्बाई का मार्ग ग्राम अमानपुरा से लोक निर्माण विभाग के सूरजपुर-पडोनिया मार्ग से जोड़ा गया है, जिस पर रू. 8.49 लाख का व्यय हुआ है। किसी व्यक्ति विषेश को लाभ पहुँचाने के उद्देष्य से मार्ग के रेखांकन में परिवर्तन नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं, नियम विरूद्ध परिवर्तन अथवा किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। ग्राम अमानपुरा बारहमासी सड़क से जुड़ा है। शेष प्रश्‍नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।

नर्मदा दर्शन यात्रा पर व्‍यय राशि

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

105. ( क्र. 2534 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) नर्मदा दर्शन (नमामि नर्मदे) यात्रा कहाँ से प्रारम्‍भ करके कहाँ समाप्‍त की गई है? प्रारम्‍भ एवं समापन के कौन व्‍यक्ति मुख्‍य अतिथि थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रारम्‍भ एवं अन्‍य कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि‍ मुख्‍यमंत्री जी एवं समापन अमरकंटक शहडोल में प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम में नर्मदा घाटी विकास की कितनी राशि व्‍य‍य की गई है? मदवार जानकारी देवें।                   (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उपरोक्‍त कार्यक्रमों में नर्मदा विकास के कौन से कार्य किये गये? किये गये कार्यों की कार्यवार, व्‍ययवार एवं स्‍थानवार खर्च की गई राशि की जानकारी देवें।               (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में फिजूल खर्च के लिए कौन अधिकारी दोषी है? उसके विरूद्ध कौन सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा अमरकंटक से प्रारंभ होकर अमरकंटक में समाप्त की गई है। प्रारंभ एवं समापन के मुख्य अतिथि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

अवैध ईंट  भट्टों पर कार्यवाही

[वन]

106. ( क्र. 2554 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या म.प्र. में वन विभाग की वनभूमि परिधि में ईंट भट्टा लगाये जाने का प्रावधान है?                (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं, तो क्‍या जिला छतरपुर के बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन बीट रजपुरा वन परिक्षेत्र क्रमांक 79 बड़ामलहरा एवं ग्राम पंचायत रजपुरा ग्राम धोर्रा हार में ईंट भट्टा लगाकर ईंटों का निर्माण किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्‍त संबंध में क्षेत्रीय विधायक की शिकायत के बावजूद वन भूमि के अंदर किये जा रहे ईंट निर्माण एवं अवैध लकड़ी के इस्‍तेमाल किये जाने पर क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यवाही की प्रति उपलब्‍ध करायें? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। (घ) जिला छतरपुर विधानसभा बड़ामलहरा विधायक द्वारा डी.एफ.ओ. को दूरभाष पर अवैध ईंट भट्टा लगाये जाने संबंधी शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायत पर डी.एफ.ओ. द्वारा कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यवाही की प्रति उपलब्‍ध करायें? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्राम रजपुरा में ईंटों के निर्माण होने का मात्र एक प्रकरण प्रकाश में आया है। ईंट-भट्टा में अवैध लकड़ी के इस्तेमाल किये जाने पर श्री काशीराम तनय मल्थू यादव निवासी रजपुरा के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण 429/17 दिनांक 21.05.2017 पंजीबद्ध किया गया है। कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। परिक्षेत्राधिकारी, बड़ामलहरा को जाँच कर कार्यवाही बाबत् निर्देशित किया गया। कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

स्‍वच्‍छता अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

107. ( क्र. 2561 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले के विकासखण्‍ड सेवढ़ा की नगर पंचायत इन्‍दरगढ में स्‍वच्‍छता अभियान के तहत कुल कितने शौचालयों का निर्माण प्रश्‍न दिनांक तक किया गया? इनमें कितने व कौन-कौन से फिल्‍टर व कौन-कौन से सोख्‍ता बने हैं? कितने व कौन-कौन से पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं? वार्डवार निर्माण एजेंसी का नाम, दी गई राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या अभियान के अंतर्गत समस्‍त शौचालय सोख्‍ता बनने थे ताकि उनका गंदा पानी घरों से बाहर न निकले? यदि हाँ, तो फिल्‍टर क्‍यों बनाये गये? यदि नहीं, तो आदेश (एस्‍टीमेट) की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या इनमें अधिकांश शौचालय जो फिल्‍टर बने हैं वे पुराने बने थे? उन्‍हीं को नया निर्माण दस्‍तावेजों में दर्शाकर राशि आहरित कर ली गई है? यदि नहीं, तो उक्‍त संपूर्ण निर्माण कार्यों की उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जावेगी? (घ) जानकारी उपलब्‍ध करायें कि वर्ष 2016-17 एवं 17-18 में अभी तक कुल एवं किन-किन स्‍थानों पर मिट्टी एवं मुरम का कार्य किया गया? कितनी-कितनी राशि का किस दर से कितनी-कितनी मात्रा का किस-किस ठेकेदार को            किस-किस दिनांक को भुगतान किया गया।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निकाय में स्‍वच्‍छ भारत मिशन अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक 541 व्‍यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, स्‍वच्‍छता अभियान के अंतर्गत उपरोक्‍तानुसार सभी शौचालय सोख्‍ता बनाये गये हैं। निकाय द्वारा कोई भी फिल्‍टर शौचालय निर्मित नहीं कराया गया। प्राक्‍कलन की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

108. ( क्र. 2568 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 14 अप्रैल से 31 मई 2017 तक ग्राम उदय से भारत उदय अभियान संचालन कराने के आदेश जारी किये, जो चार चरणों में पूरे होने थे? इस आयोजन की व्‍यवस्‍था क्‍या पंचायतराज अधिनियम में की गई है? अगर नहीं तो इस तरह के आयोजन में कितनी राशि किस हैड से खर्च की गई, का विवरण देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्‍या अभियान के तीसरे चरण में संबद्ध विभागों द्वारा अधोसंरचना विकास, कार्यों की तकनीकी एवं प्रशास‍कीय स्‍वीकृति, हितग्राही मूलक विकास कल्‍याणकारी योजनाओं में लाभ देने का आदेश था? सहायता के प्रकरणों का परीक्षण कर स्‍वीकृत करना था? (ग) प्रश्नांश (क) के चौथे चरण में ग्राम संसद माप अपराउण्‍ड के रूप में पालन प्रतिवेदन ग्राम संसद में प्रस्‍तुत किया जावेगा तथा स्‍वीकृति‍ पत्र हितग्राहियों को दिये जाएंगे एवं उनको लाभांवित किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के ग्राम सांसदों के आयोजन के दौरान रीवा जिले में कितने आवेदन            किन-किन पंचायतों से किन योजनाओं से संबंधित प्राप्‍त हुए तथा उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण कर संबंधित हितग्राहियों को लाभांवित किया गया का विवरण पंचायतवार एवं जनपदवार देवें? गरीबी रेखा के नाम जोड़ने, कर्मकार मण्‍डल के तहत कार्ड जारी करने एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ने बाबत् कितने आवेदन प्राप्‍त हुए का पृथक से विवरण दें? (ड.) प्रश्नांश (क) के अभियान के दौरान तृतीय एवं चौथे चरण के प्राप्‍त आवेदनों का निराकरण समय पर न किये जाने, गरीबी रेखा में नाम न जोड़े जाने, कर्मकार मण्‍डल के कार्ड जारी न किये जाने, शासन के राशि के अनियमित व्‍यय करने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदन पत्रों पर कार्यवाही न करने एवं राशि समय पर न जारी करने के दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अभियान चलाया जाता है, जिस पर पृथक से कोई व्यय नहीं किया जाता। (ख) एवं             (ग) जी हाँ। (घ) कुल 75,350 आवेदन प्राप्त हुये। ग्राम पंचायतवार/जनपदवार जानकारी का विवरण prd.mp.gov.in/GUBUMP/Default.aspx में पब्लिक डोमेन में सार्वजनिक अवलोकन हेतु उपलब्ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ड.) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान शासन द्वारा निर्धारित चार चरणों में कार्यवाही की गई है तथा प्राप्त आवेदनों पर शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार योजना में पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सहा. प्राध्‍यापक/प्राध्‍यापक के विरूद्ध कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

109. ( क्र. 2576 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के विधान सभा क्षेत्र बीना के शासकीय पी.जी. महाविद्यालय में प्राणी शास्‍त्र विषय की सहायक प्राध्‍यापक श्रीमती नमिता अग्निहोत्री एवं सहायक प्राध्‍यापक प्रो. व्‍ही.के. अग्निहोत्री ने मार्च 2013 में कर्तव्‍य पर रहते हुए बिना किसी अवकाश/अनाधिकृत रूप से अन्‍यत्र स्‍थान से विज्ञान विषय की शोध उपाधि प्राप्‍त की है? यदि हाँ, तो क्‍या शासकीय नियमानुसार यह संभव नहीं है। उक्‍त संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 09.03.2017 को जाँच किये जाने के संबंध में लगाई गई ध्‍यानाकर्षण सूचना पर शासन के द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राचार्य शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय बीना के द्वारा पत्र क्र./783/दिनांक 24.06.2013 एवं पत्र क्र./754/दिनांक 03.06.2014 को प्रमुख सचिव उच्‍च शिक्षा विभाग एवं आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा विभाग को पत्र जारी किये गये थे? उक्‍त संबंध में अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? कब तक कार्यवाही किये जाने की संभावना है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सागर जिले के विधानसभा क्षेत्र बीना के शासकीय स्नातकोत्तर नेहरू महाविद्यालय, देवरी, जिला सागर में प्राणी शास्त्र विषय की सहायक प्राध्यापक श्रीमती नमिता अग्निहोत्री एवं श्री विनोद कुमार अग्निहोत्री, सहायक प्राध्यापक, रसायन शास्त्र, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीना द्वारा दिनांक 15-03-2013 को अपने कार्य के साथ-साथ शोध उपाधि प्राप्त की है। उक्त शोध कार्य हेतु प्राचार्य द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिये गये हैं। दोनों सहायक प्राध्यापकों द्वारा प्रत्येक रविवार पूर्ण दिवस एवं अन्य दिवसों में शाम 05 बजे से रात्रि 11.30 बजे तक, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित न हो, मुख्यालय छोड़ने की अनुमति तत्कालीन प्राचार्य द्वारा दी गई है। संबंधित दोनों सहायक प्राध्यापकों द्वारा किये गये शोध की परिस्थितियां सन्देहजनक होने के कारण डॉ. (श्रीमती) नमिता अग्निहोत्री, सहायक प्राध्यापक, प्राणी शास्त्र, शासकीय स्नातकोत्तर नेहरू महाविद्यालय, देवरी जिला सागर एवं डॉ. विनोद कुमार अग्निहोत्री, सहायक प्राध्यापक रसायन शास्त्र, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीना जिला सागर को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 तथा 7 का उल्लंघन है। सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत दीर्घशास्ति हेतु कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक 1378/2052/2014/38-1, दिनांक 19-07-2017 जारी किया गया। (ख) आयुक्त, उच्च शिक्षा एवं प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा को प्रेषित पत्रों पर प्राचार्य, शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, टीकमगढ़ से जाँच कराई गई, उनके द्वारा जाँच प्रतिवेदन दिनांक 26-03-2015 को प्रस्तुत किया गया। किये गये शोध कार्य की परिस्थितियां सन्देहजनक होने के कारण प्रकरण में संबंधितों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।

जनपद पंचायतों में विभिन्‍न समितियों का गठन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

110. ( क्र. 2583 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या जनपद पंचायतों में विभिन्‍न विभागों से संबंधति समिति गठन के अधिकार हैं? यदि हैं, तो किस नियम के तहत एवं प्रत्‍येक जनपद पंचायत में कितनी समिति का गठन किया जा सकता है? (ख) यदि जनपद पंचायत में विभागवार समितियों का गठन किया गया है, तो समिति के अधिकार क्‍या हैं? समिति के गठन के बाद विभाग द्वारा कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जो समिति के अनुमोदन के उपरांत ही किए जाते हैं? (ग) जनपद पंचायत उज्‍जैन जिला उज्‍जैन में गठित समितियों के गठन से आज दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी बैठकें आयोजित की गईं एवं उन बैठकों में कितने कार्यों का अनुमोदन किया है तथा कितने दिनों के अतंराल में बैठक आयोजित करने के नियम हैं? नियम सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) जनपद पंचायत उज्‍जैन जिला उज्‍जैन में गठित समितियों के गठन से आज दिनांक तक अगर बैठक आहूत नहीं की गई एवं नियमानुसार कार्यों के अनुमोदन नहीं किए हैं, तो इसमें कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? जानकारी प्रदान करें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 47 के अंतर्गत कम से कम 5 तथा आवश्यकतानुसार विहित प्राधिकारी के अनुमोदन से 5 से अधिक समितियां गठित की जा सकती हैं। (ख) मध्यप्रदेश जनपद पंचायत स्थायी समितियों (सदस्यों का निर्वाचन उनकी शक्तियां और कृत्य) नियम 1994 के अध्याय 3 धारा 16 एवं 17 में उल्लेखित अनुसार स्थायी समितियों की शक्तियां और कृत्य हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। मध्यप्रदेश जनपद पंचायत स्थायी समितियों (सदस्यों का निर्वाचन उनकी शक्तियां और कृत्य) नियम 1994 के नियम 19 के अनुसार स्थायी समितियों की प्रतिमाह बैठक आयोजित करने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

शासकीय मंदिरों की कृषि भूमियों का पट्टे/लीज पर दिया जाना

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

111. ( क्र. 2584 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. के विभिन्‍न शासकीय मंदिरों को दान में प्राप्‍त कृषि भूमि पट्टे/लीज पर दी जा सकती है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासकीय मंदिरों की कृषि भूमि को हिन्‍दू धर्म से भिन्‍न धर्म के व्‍यक्तियों को भी पट्टे/लीज पर दी जा सकती है? (ग) महाकालेश्‍वर मंदिर उज्‍जैन जिला उज्‍जैन एवं बिलवामृतेश्‍वर महादेव मदिर बेट संस्‍थान धरमपुरी जिला धार को वर्तमान तक कुल कितनी कृषि भूमि दान में प्राप्‍त हुई तथा उक्‍त कृषि भूमियों को प्रश्‍न दिनांक से विगत 15 वर्षों में अन्‍य धर्मावलंबियों को कृषि कार्य हेतु लीज/पट्टे पर नीलाम किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध कालोनियों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

112. ( क्र. 2609 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र बीना में अवैध कालोनिया हैं? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र में अवैध कालोनियों की नाम सहित सूची उपलब्‍ध करायें? (ग) ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत क्‍या कुरवाई रोड, खिमलासा रोड, देहरी रोड, आगासोद रोड, पर अवैध कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करायी जावे एवं उक्‍त संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के अनुसार अवैध कालोनियों को वैध किये जाने की कार्यवाही की जा रही है तो कब तक की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाईजर के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत विधिवत कार्यवाही की जा रही है। । (घ) नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पेंशन घोटाला की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

113. ( क्र. 2610 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विधान सभा क्षेत्र बीना की जनपद पंचायत में क्‍या पेंशन घोटाला हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो किस ग्राम के पेंशन हितग्राहियों के पेंशन भुगतान में घोटाला किया गया है? (ग) क्‍या शासन द्वारा जनपद पंचायत के पेंशन घोटाले की जाँच करायी है? यदि हाँ, तो उक्‍त पेंशन घोटाले में कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार      क्‍या-क्‍या उक्‍त पेंशन धारियों को कब तक पेंशन का भुगतान कर दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पेंशन वितरण में अनुविभागीय अधिकारी बीना द्वारा की गई जाँच में अनियमितता पाई गई है। (ख) ग्राम एवं हितग्राहीवार सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बीना द्वारा स्वयं के मार्गदर्शन में जाँच कराई गई है, जिसमें पाया गया कि जिन हितग्राहियों के खाते कियोस्क शाखाओं में थे ऐसे पेंशन धारियों की राशि कूट रचना से एस.बी आई कियोस्क शाखा ढांड के संचालक श्री वृन्दावन कुशवाहा द्वारा अनियमितता कर निकाल ली गई है। प्रकरण में संचालक के विरूद्ध तत्काल एफ.आई.आर. थाना भानगढ़ में दर्ज कराई है। वर्तमान स्थिति में प्रकरण पुलिस की जाँच में प्रचलन में है। प्रकरण की जाँच में अन्य कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया। (घ) सभी पेंशन धारियों को देय पेंशन राशि का भुगतान कर दिया गया है।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

नर्मदा सेवा यात्रा में वाहनों पर व्‍यय राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

114. ( क्र. 2622 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा रीवा जिले में नर्मदा सेवा यात्रा ''नमामि देवी नर्मदे'' कार्यक्रम में अमरकंटक तक लोगों को ले जाने के लिये बस एवं अन्‍य वाहनों का भाड़ा/डीजल एवं लोगों के लिए स्‍वल्‍पाहार हेतु राशि जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से किस-किस विभाग को दी गई थी, की सूची उपलब्‍ध करावें एवं स्‍वल्‍पाहार हेतु राशि किस विभाग को किस हिसाब से दी गयी तथा कितनी खर्च की गयी, की सूची उपलबध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में शासन द्वारा कितनी राशि किस मद से जिले को उक्‍त कार्यक्रम हेतु प्राप्‍त हुई थी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

पी.पी.पी. योजनान्‍तर्गत कराए गए कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

115. ( क्र. 2623 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आयुक्‍त नगर निगम रीवा द्वारा पी.पी.पी. योजना के तहत रीवा शहर में शासकीय विगत 5 वर्षों में जमीन गृह निर्माण मण्‍डल रीवा को एवं अन्‍य एजेन्सियों को गृह निर्माण मण्‍डल द्वारा प्राईवेट ठेकेदारों या अन्‍य एजेन्सियों या फर्म को किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गयी? खसरा नम्‍बर, स्‍थान का नाम एवं रकबा तथा उद्देश्‍य बतावें? (ख) क्‍या नगर निगम रीवा में सितम्‍बर 2016 में समदडिया मेडिकल माल बनाने हेतु समदडिया बिल्‍डर के मालिक एवं एस.डी.एम. तहसील हुजूर के बीच करार हुआ था, यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आवंटित भूमि की रजिस्‍ट्री कब कराई गयी एवं नगर पालिक निगम रीवा ने भवन निर्माण की मंजूरी किस दिनांक को दी? (घ) मध्‍प्रदेश मंत्रिमंडल की कैबिनेट ने व्‍यावसायिक उपयोग हेतु समदडिया माल बनाने की मन्‍जूरी किस आधार पर कब दी? सभी प्रतिलिपियां उपलबध करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, आयुक्‍त, नगर पालिक निगम रीवा द्वारा पी.पी.पी. योजना के तहत रीवा शहर में शासकीय जमीन विगत 5 वर्षों में गृह निर्माण मण्‍डल रीवा आथवा अन्‍य एजेंसियों को आवंटित नहीं की गई। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्‍डल द्वारा रीवा जिले में नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत बाल भारती स्‍कूल के सामने सिरमौर चौराहा रीवा की 15000 वर्ग मीटर शासकीय आवासों की भूमि, एस.पी. बंगले के सामने स्थित शासकीय आवासों की 4718.45 वर्ग मीटर भूमि एवं जय स्‍तम्‍भ चौक के पास स्थित शासकीय मुद्रणालय की 2300 वर्ग मीटर भूमि को म.प्र. शासन की पुनर्घनत्‍वीकरण योजना के तहत लिया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आवंटित भूमि की रजिस्‍ट्री एवं नगर पालिक निगम रीवा द्वारा दी गई भवन निर्माण की मंजूरी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) मध्‍यप्रदेश मंत्रिमण्‍डल की कैबिनेट द्वारा व्‍यावयायिक उपयोग हेतु समदडिया माल बनाने की मंजूरी नहीं दी गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीस''

नर्मदा सेवा यात्रा का उद्देश्‍य

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

116. ( क्र. 2634 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सम्‍पन्‍न हुई नर्मदा सेवा यात्रा किस उद्देश्‍य को लेकर की गई? यह किस दिनांक से किस दिनांक तक सम्‍पन्‍न हुई? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा के आयोजन में प्रदेश के किन-किन विभागों की क्‍या-क्‍या सहभागिता रही? पृथक-पृथक जानकारी दी जाये। (ग) सम्‍पन्‍न हुई नर्मदा सेवा यात्रा में राज्‍य शासन की कितनी राशि किन-किन मदों में व्‍यय हुई? (घ) क्‍या यह सही है कि नर्मदा सेवा यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने हेतु व्‍यक्तियों को पैसे देकर लाया गया था?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) ''नमामि देवी नर्मदे'' नर्मदा सेवा यात्रा के उद्देश्य निम्नानुसार है :-1. नर्मदा नदी के संरक्षण एवं नदी में उपलब्ध संसाधनों एवं समुचित उपयोग हेतु जन जागरण। 2. नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों में वानस्पतिक आच्छादन बढ़ाने एवं मृदा क्षरण को रोकने हेतु वृहद स्तर पर पौधरोपण। 3. नदी की पारिस्थितिकीय में सुधार हेतु गतिविधियों का चिन्हांकन एवं उनके क्रियान्वयन में स्थानीय जन समुदाय की जिम्मेदारी तय करना। 4. टिकाऊ एवं पर्यावरण हितैषी कृषि पद्धतियां को अपनाने हेतु जन-जागरण। 5. नदी में प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान एवं उनकी रोकथाम हेतु उपाय व जन-जागरण। 6. नदी के जलभरण क्षेत्र में जल संग्रहण हेतु उपाय एवं जन-जागरूकता। यात्रा दिनांक 11 दिसम्बर 2016 से 15 मई 2017 के मध्य सम्पन्न हुई। (ख) नर्मदा सेवा यात्रा का संचालन एवं विभागों की सहभागिता सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-65/2016/1/चार, दिनांक 23.11.2016 के अनुसार रही है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जन अभियान परिषद् द्वारा नमामि देवी नर्मदा यात्रा में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

नेशनल पार्क तथा अभ्‍यारण्‍य में डीजल वाहनों का उपयोग

[वन]

117. ( क्र. 2639 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नेशनल पार्कों तथा अभ्‍यारण्‍यों में सफारी हेतु डीजल गाडि़यों के उपयोग पर कब से प्रतिबंध लगाया गया था तथा प्रतिबंध लगाने का क्‍या कारण था? (ख) क्‍या प्रदेश में सफारी हेतु फिर से डीजल वाहनों को परमिट किया गया है? यदि हाँ, तो नेशनल पार्क तथा अभ्‍यारण्‍यों अनुसार परमिट किये गये डीजल वाहनों तथा स्‍वीकृत सीटों की संख्‍या सहित विस्‍तृत जानकारी दें।                    (ग) क्‍या जिन कारणों से डीजल वाहनों पर रोक लगायी गयी थी, डीजल वाहनों की पुन: परमिशन देते समय उन कारणों को ध्‍यान में नहीं रखा गया? ज्‍यादा सीटों वाली डीजल वाहनों से होने वाली ज्‍यादा ध्‍वनि का असर वन तथा वन्‍य प्राणियों पर होने वाले प्रतिकूल असर का ध्‍यान रखे बगैर परमिशन देने पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा तथा इसे कब तक बंद कर दिया जाएगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) पत्र दिनांक 16.08.1993 से। पर्यावरण एवं वन्‍यप्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। राष्‍ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्‍यों में पर्यटकों द्वारा लाये जाने वाले डीजल वाहन के प्रवेश हेतु पृथक से अनुज्ञा पत्र देने के लिये शासन द्वारा कोई निर्धारित वाहन संख्‍या/सीट संख्‍या स्‍वीकृत नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। विगत वर्षों में डीजल वाहनों के प्रचालन से वन एवं वन्‍यप्राणियों एवं उनके रहवास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है। वर्तमान में डीजल वाहनों को बन्‍द करने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

जनपद पंचायतों में कार्यरत कर्मचारियों की स्‍थानान्‍तरण नीति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

118. ( क्र. 2640 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश की जनपद पंचायतों में कार्यरत कर्मचारियों के स्‍थानान्‍तरण के क्‍या कोई प्रावधान हैं? क्‍या प्रदेश के जनपद पंचायतों के कर्मचारी नियुक्ति के समय से उसी जनपद पंचायत में कार्यरत हैं तथा कई वर्ष बीत जाने के बाद भी वे उसी जनपद पंचायत में कार्य कर रहे हैं?                (ख) क्‍या शासन यह महसूस नहीं करता कि एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ होने के कारण तथा स्‍थानीय लोगों से अत्‍यधिक निकटता अथवा आपसी वैमनस्‍यता का असर जनपद पंचायतों के कार्यों पर पड़ता है? (ग) क्‍या शासन प्रशासनिक कड़ाई बरतते हुए व्‍यवस्‍थाओं को सुधारने के लिए जनपद पंचायतों में कई वर्षों से एक ही स्‍थान पर कार्यरत कर्मचारियों के स्‍थानान्‍तरण पर गंभीरता से विचार करेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति जनपद विशेष के लिए संबंधित जनपद पंचायत द्वारा ही की जाती है। स्थानान्तरण नीति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में नवीन स्थानान्तरण नीति तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

अपूर्ण निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

119. ( क्र. 2673 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत बुढ़ार जिला शहडोल में वित्‍तीय वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक किन-किन ग्राम पंचायतों में आगनवाड़ी भवन एवं सामुदायिक भवन स्‍वीकृत हेतु राशि जारी की गई है? ग्राम पंचायत का नाम कार्य का नाम, स्‍वीकृत राशि, स्‍वीकृत दिनांक, निर्माण एजेंसी का नाम, कार्य की भौतिक स्थित बतायें (ख) क्‍या प्रश्‍नांकित कुछ ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो उनका पूर्ण विवरण सहित बताएं तथा निर्माण कार्य पूर्ण न करने का क्‍या कारण है? (ग) प्रश्‍नांकित ग्राम पंचायतों में कार्य का मूल्‍यांकन एवं निरीक्षण किन अधिकारियों द्वारा किया जाता है, उनका नाम व पद बतायें। (घ) क्‍या प्रश्‍नांकित ग्राम पंचायतों में जिले एवं जनपद पंचायत के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो अपूर्ण कार्यों के लिये निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।              (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) जी हाँ। अधिकांश कार्य पूर्णता पर है। राशि का दुरूपयोग करने वाली निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अनुसार वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।

ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत स्‍वीकृत मार्ग

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

120. ( क्र. 2674 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र जैतपुर में वित्‍तीय वर्ष 2016-17 में मुख्‍य मंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत मार्ग का नाम, कार्य की लागत, स्‍वीकृति‍ दिनांक, निर्माण कार्य प्रारंभ होने का दिनांक, कार्य की भौतिक स्थिति बतावें? (ख) क्‍या प्रश्‍नांकित योजनांतर्गत विभाग द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में उक्‍त विधान सभा क्षेत्र में मार्ग निर्माण हेतु प्रस्‍ताव बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रस्‍तावित मार्गों की सूची प्रदान करें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कार्य स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

भार क्षमता के अनुरूप परिवहन की जानकारी

[खनिज साधन]

121. ( क्र. 2758 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत खनिज साधन विभाग द्वारा खदान स्‍वीकृत करने के पूर्व क्‍या यह सुनिश्चित कर लिया जाता है कि खदान तक जाने हेतु जो ग्रामीण सड़क का उपयोग किया जाता है, उसकी भार सहन करने की क्षमता कितने टन की होनी चाहिये? यदि हाँ, तो क्‍या इस निर्देश का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इन निर्देशों का सही से पालन सुनिश्चित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या सड़क की गुणवत्‍ता एवं भार से ज्‍यादा वाहन रेत/खनिज लेकर आने के लिये विभाग कोई नीति बनायेगा? (ख) भार से अधिक वाहन निकलने के कारण जो ग्रामीण सड़क क्षतिग्रस्‍त होती है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा होती है तथा सड़कें भी क्षतिग्रस्‍त होती हैं, उसकी जवाबदारी किसकी है? (ग) क्‍या विभाग भविष्‍य से मापदण्‍डों से अधिक भार रेत/खनिज न निकल पाये इस हेतु क्‍या विभाग कुछ सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रश्‍नानुसार प्रावधान नहीं हैं। विभाग द्वारा खनिज परिवहन के वाहनों के पंजीकृत भार क्षमता के अनुरूप परिवहन कराये जाने बाबत् निर्देश प्रसारित किये गये हैं। (ख) राज्‍य शासन के संबंधित विभाग द्वारा समय-समय पर आवश्‍यकता अनुसार सड़कों का सुधार कार्य किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार खनिज का परिवहन कराये जाने के निर्देश विभाग द्वारा जारी किये जा चुके हैं।

सड़क निर्माण योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

122. ( क्र. 2759 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर अंतर्गत गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजना के तहत एक ग्राम को दूसरे ग्राम में जोड़ने तथा किसानों को अपने खेत तक सड़क निर्माण किये जाने हेतु शासन द्वारा कोई योजना संचालित की जा रही है? योजना का नाम, योजना के दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम सड़क योजना के बंद होने से किसानों को खेत से फसल लाने में असुविधा हो रही है। इसको देखते हुए क्‍या विभाग पुन: एक ग्राम को दूसरे ग्राम में जोड़ने तथा किसानों को अपने खेत तक सड़क का निर्माण कराये जाने की योजना को शासन प्रारंभ करेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। महात्‍मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत 'सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना' संचालित हैं। दिशा-निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। योजना संचालित होने से शेष प्रश्‍न उत्‍पन्न नहीं होते हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वन

[नगरीय विकास एवं आवास]

123. ( क्र. 2796 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वन हेतु क्या नियम एवं दिशा-निर्देश हैं? नगरीय निकायों द्वारा क्या-क्या प्रक्रिया अपनाई जाना है? योजना की मॉनिटरिंग  किस प्रकार की जाना है? दिशा-निर्देशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। बैंकों की भूमिका की भी पूर्ण जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरीय निकायों सुसनेर, नलखेड़ा, सोयतकलां एवं बड़ागाँव को योजना हेतु कितना-कितना लक्ष्य दिया गया है? इनमें से कितने लक्ष्य की पूर्ति हो चुकी है? निकायवार विवरण देवें। (ग) क्या एस.ई.सी.सी. डाटा 2011 के आधार पर सर्वे कर पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार की जाना थी जिसके आधार पर योजना का क्रियान्वयन होना हैं? यदि हाँ, तो जिलाधीश महोदय द्वारा पात्र हितग्राहियों की अनुमोदित सूची की निकायवार सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (घ) योजना के क्रियान्वन हेतु आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिये क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकायों द्वारा कितनी भूमि की मांग की गई थी? इनमें से कितनी भूमि आवंटित/आरक्षित की गई है? निकायवार पूर्ण विवरण देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्‍वयन हेतु भारत सरकार, आवास और शहरी गरीबी, उपशमन, मंत्रालय द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। नगरीय निकायों द्वारा प्रथमत: मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार हितग्राहियों का चयन किया जाना है, चयनित हितग्राहियों को आवास उपलब्‍ध कराने हेतु हाउसिंग फॉर ऑल प्‍लान ऑफ एक्‍शन एवं विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाना है। राज्‍य सरकार एवं भारत सरकार से स्‍वीकृत उपरांत अनुदान उपलब्‍ध कराया जाता है। हितग्राहियों अंश की पूर्ति हेतु बैंकों से ऋण ले सकता है अथवा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के घटक-2 क्रेडित से जु‍डी सब्सिडी के माध्‍यम से किफायती आवास अंतर्गत ब्‍याज अनुदान प्राप्‍त कर सकता है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के माध्‍यम से सभी शहरी गरीबों को आवास उपलब्‍ध कराया जाना है। निकायवार कोई लक्ष्‍य निर्धारित नहीं है। सोयतकलां में 386 एवं बड़ागाँव में 384 आवास हितग्राही द्वारा स्‍वयं निर्माण के अंतर्गत स्‍वीकृत किये गये हैं। सुसनेर एवं नरखेड़ा में विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन एवं हाउसिंग फॉर ऑल प्‍लान ऑफ एक्‍शन तैयार किया जा रहा है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में हितग्राही का चयन का आधार एस.ई.सी.सी. डाटा 2011 नहीं है अपितु चयनित हितग्राहियों के संबंध में एस.ई.सी.सी. डाटा की जानकारी दिया जाना है। सूची अनुमोदन हेतु जिला कलेक्‍टर को प्रस्‍तुत की जा रही है, कलेक्‍टर के अनुमोदन उपरांत सूची उपलब्‍ध कराई जा सकेगी। (घ) सोयतकलां एवं बड़ागाँव में स्‍वीकृत परियोजना प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के घटक-4 हितग्राही द्वारा स्‍वयं आवास निर्माण के अंतर्गत किये जाने की स्‍वीकृति दी गई है, जिसमें हितग्राही को स्वंय की भूमि अथवा पट्टे पर दी गई शासकीय भूमि पर हितग्राही द्वारा स्‍वयं किया जाना है, जिससे अन्‍य भूमि आंवटित कराने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बाँध/तालाब निर्माण हेतु वन भूमि दी जाना

[वन]

124. ( क्र. 2797 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्या वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 में प्रावधानित अनुसार आवेदक विभाग को वनभूमि उपयोग हेतु स्वीकृति राज्य शासन द्वारा भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर दी जाती है? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग अंतर्गत विगत 02 वर्षों में जल संसाधन विभाग द्वारा मांगे जाने पर ऐसी कितनी भूमि दी है? प्रदत्त भूमि किन-किन परियोजनाओं के लिए दी हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम लटूरीगुर्जर में बाँध/तालाब हेतु जलसंसाधन विभाग ने वनभूमि की मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बाँध/तालाब हेतु मुआवजा निर्धारण हेतु जलसंसाधन विभाग ने पृच्छा की थी? यदि हाँ, तो क्या मुआवजा निर्धारित किया गया? (घ) क्या जनहित में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परियोजना हेतु वनभूमि प्रदान किये जाने के संबंध में कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में उज्जैन संभाग में, जल संसाधन विभाग को, कुण्डालिया वृहद परियोजना हेतु 405 हेक्टेयर वन भूमि दी गई है। (ख) एवं (ग) जी, नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बांध/तालाब निर्माण हेतु आवेदक संस्था से वन भूमि की मांग हेतु विधिवत् प्रस्ताव प्राप्त होने पर, नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।

संरक्षित वन अधिसूचित किया जाना

[वन]

125. ( क्र. 2806 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या प्रश्‍न क्रमांक 2304 दिनांक 8 मार्च 2006 एवं क्रमांक 366 दिनांक 7 नवम्बर 2006 के उत्तर में राजस्व अभिलेखों में बड़े झाड़ का जंगल, छोटे झाड़ का जंगल, जंगलात, जंगलजला, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई, चारागाह चरोखर मद में दर्ज जमीनों को 1980 के पहले एवं 1980 के बाद भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के अनुसार राजपत्र में संरक्षित वन अधिसूचित किए जाने की जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो राजपत्र में किस दिनांक को धारा 29 के अनुसार संरक्षित वन अधिसूचित किए जाने की प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार किस जिले की किन-किन मदों में दर्ज जमीनों को संरक्षित वन अधिसूचित किया जाना प्रश्न क्रमांक 2304 एवं क्रमांक 366 के उत्तर में बताया गया है यह जमीनें राजस्व अभिलेखों में किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज भूमि रही हैं। (ग) संरक्षित वन अधिसूचित भूमियों के संबंध में राजस्व अभिलेखों में दर्जमदों, अधिकारों एवं प्रयोजनों के ब्यौरे वन विभाग ने अपने किस विभागीय अभिलेख में किस-किस प्रारूप में दर्ज किए हैं? इस संबंध में प्रमुख सचिव वन विभाग ने 10 अप्रैल 2015 को किसे और क्या निर्देश दिए हैं। (घ) वन विभाग ने मदों, अधिकारों एवं प्रयोजनों के ब्यौरे प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी विभागीय अभिलेखों में दर्ज नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? यह ब्यौरे कब तक वन विभाग दर्ज करेगा।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश में प्रश्न क्रमांक-366, दिनांक 07 नवम्बर, 2006 के उत्तर में जिलेवार अधिसूचित संरक्षित वनभूमियों का विवरण उल्लेखित है, लेकिन अधिसूचित संरक्षित वनभूमियों के राजस्व अभिलेखों में दर्ज मद, प्रयोजन की जानकारी का उल्लेख नहीं है। घोषित की गई संरक्षित वनभूमि राजस्व अभिलेखों में मुख्य रूप से छोटे झाड़ के जंगल बड़े झाड़ के जंगल, पहाड़-चट्टान, चरनोई, घास, जंगल खुर्द, जंगलात आदि मद एवं प्रयोजन हेतु दर्ज रही है। (ग) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग का परिपत्र क्रमांक/एफ 25-36/2005/    10-3, दिनांक 10 अप्रैल, 2015 की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। उक्त निर्देशों के तहत भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित वनभूमियों पर तत्समय राजस्व अभिलेखों में दर्ज व्यक्ति एवं समुदाय के अधिकारों के स्वरूपों की जानकारी सक्षम राजस्व विभाग के अधिकारियों से अभिलिखित करवाकर संबंधित वनमंडलाधिकारियों को उपलब्ध कराने का लेख है। राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी वन विभाग के संबंधित वनखण्ड इतिहास, कार्य-आयोजना एवं निस्तार पत्रक में दर्ज किये जावेंगे। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार राजस्व विभाग से जानकारी प्राप्त होने पर प्रश्नांश में दर्शित ब्यौरे विभागीय अभिलेखों में दर्ज किये जावेंगे। यह कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत सम्पादित किये जाने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

शासकीय महाविद्यालय की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

126. ( क्र. 2808 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु शासन के कौन-कौन से मापदण्ड हैं जिन्हें पूरा करना अनिवार्य हैं? मापदण्डों की जानकारी उपलब्ध करावें (ख) वर्ष 2014-15 से 2016-17 में भोपाल एवं सागर संभाग अन्तर्गत किस-किस तहसील मुख्यालय पर शासकीय महाविद्यालय खोले गये हैं, इन महाविद्यालयों में शासन के मापदण्डों का पालन हुआ या मापदण्ड में सरलीकरण किया जाकर महाविद्यालय खोले गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र की ग्यारसपुर तहसील मुख्यालय पर शासकीय महाविद्यालय किस मापदण्ड के अनुसार नहीं खोला जा सकता? छात्र हित में मापदंड सरलीकरण कर महाविद्यालय की स्वीकृति कब तक दी जावेगी? यदि नहीं, तो स्पष्‍ट कारण बतावें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्राथमिक परीक्षण के लिये प्रस्तावित स्थान के आस-पास संचालित विद्यालयों की 12वीं कक्षा में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की न्यूनतम संख्या 500 होना मापदण्ड के रूप में निर्धारित है। यह मापदण्ड फरवरी 2016 से लागू है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में भोपाल संभाग में सिराली (वर्ष 2014 में) गुलाबगंज (वर्ष 2014 में) तथा हुजूर (वर्ष 2016 में) एवं मालथौन (वर्ष 2016 में) बक्स्वाहा (वर्ष 2016 में) तहसील मुख्यालयों पर नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये गये हैं एवं शासन द्वारा मापदण्ड निर्धारण के पश्चात् खोले गए तीन महाविद्यालयों हेतु मापदंडों की पूर्ति हुई है। (ग) ग्यारसपुर तहसील मुख्यालय पर आस-पास के विद्यालयों में 12वीं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित मापदण्ड से कम होने के कारण नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। मापदण्ड में सरलीकरण की कोई नीति वर्तमान में नहीं है।

ग्रामीण विकास कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

127. ( क्र. 2836 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण विकास कार्यों के लिये राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो शहडोल जिले के जनपद पंचायत ब्‍यौहारी एवं जयसिंहनगर में वर्ष 2015-16, 2016-17 में कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये। कार्य की लागत, स्‍वीकृति एवं एजेंसी सहित जानकारी उपलब्‍ध कराई जावे

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

विकास कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

128. ( क्र. 2837 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शहडोल जिले के विभिन्‍न नगरीय निकायों में विकास कार्य कराये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त जिले के विभिन्‍न नगरीय निकायों में जनवरी २०१४ से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्य की लागत राशि, कार्य एजेंसी का नाम, कार्य कराये जाने की प्रक्रिया, स्‍वीकृत एवं पूर्णता दिनांक, मद का नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिले के 06 नगरीय निकायों में जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये कार्य, कार्य की लागत राशि, कार्य एजेन्‍सी का नाम, कार्य कराये जाने की प्रक्रिया, स्‍वीकृत एवं पूर्णता दिनांक, मद की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 01-06 अनुसार है।

क्रय सामग्री व निर्माण कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

129. ( क्र. 2846 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 345 के लेखा नियम 131 नरसिंहगढ़ नगर पालिका पर लागू होती है? यदि हाँ, तो दिनांक 01/01/2015 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका नरसिंहगढ़ में किसकिस मद से क्‍याक्‍या सामग्री क्रय की गई तथा किसकिस मद से किस-किस वार्ड में क्‍याक्‍या निर्माण किये? सामग्री का नाम/क्रय आदेश/दिनांक दर्शाते हुये वार्ड में किये गये निर्माण कार्य की जानकारी/कार्य आदेश/दिनांक/वार्ड का नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा शासकीय नियमों के अनुरूप सक्षम अधिकारी कलेक्‍टर/उपसंचालक/आयुक्‍त/शासन से क्रय आदेश/कार्य आदेश जारी करने के पूर्व नियमानुसार प्रशासकीय/वित्‍तीय/तकनीकी स्वीकृति प्राप्‍त की? (ग) यदि हाँ, तो सक्षम स्वीकृति प्राप्‍त करने हेतु नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा प्रेषित पत्र की दिनांक तथा किस-किस दिनांक को स्वीकृति प्राप्‍त हुई? पत्रों की प्रति सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के आधार पर यदि किसी शासकीय नियम का उल्‍लंघन हुआ है, अनियमितता हुई है, तो क्‍या शासन इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय नियमों के अनुरूप सक्षम प्रशासकीय/वित्‍तीय/तकनीकी स्‍वीकृति प्राप्‍त की गई है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अस्‍थाई कर्मचारियों को वेतन भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

130. ( क्र. 2847 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिका नरसिंहगढ़ में दैनिक वेतन भोगी/मस्‍टर कर्मी/कुशल श्रमिक/अर्द्धशकुल श्रमिक/अन्‍य अस्‍थाई कर्मचारी कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो 01 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कार्यरत कर्मचारियों की सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यरत कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्‍यता/निकाय में पदस्‍थी दिनांक/पदनाम/किस शाखा में कार्यरत/निकाय द्वारा उनसे क्‍या कार्य लिया जा रहा? किस सक्षम अधिकारी की अनुसंशा पर रखा गया सहित पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार उक्‍त कर्मचारियों को नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा किस-किस कर्मचारी को कितना-कितना वेतन/भत्‍ता प्रतिमाह दिया जा रहा है? कर्मचारी का नाम/पिता का नाम/प्रतिमाह वेतन सहित सूची उपलब्‍ध करावें (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार दिया गया वेतन क्‍या कलेक्‍टर दर/शासकीय निर्देश/श्रम विभाग के निर्देश अनुरूप है? क्‍या प्रोविडेन्‍ट फण्‍ड भी नियमानुसार सक्षम विभाग में जमा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जमा किया गया प्रोविडेन्‍ट फण्‍ड की सूची उपलब्‍ध करावें? अगर जमा नहीं किया गया, तो कारण बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ में कार्यरत मस्‍टर श्रमिकों, दैनिक वेतन भोगी, मस्‍टर कर्मी, कुशल श्रमिक, अर्द्धकुशल श्रमिक अन्‍य अस्‍थाई कर्मचारी को कलेक्‍टर दर पर भुगतान किया जा रहा है। जी नहीं। प्रोविडेन्‍ट फण्‍ड कटौत्रा की कार्यवाही क्षेत्रिय कार्यालय भविष्‍य निधि, ग्‍वालियर द्वारा की जाती है। प्रोविडेन्‍ट फण्‍ड के कोड नंबर का अलॉटमेंट दिनांक 15.06.2017 को किया गया है, जिसका क्रमांक एम.पी.जी.डब्‍ल्‍यू.एल. 1606436006 है। निकाय द्वारा दैनिक वेतन भोगी, मस्‍टर कर्मी, कुशल श्रमिक, अर्द्धकुशल श्रमिक अन्‍य अस्‍थाई कर्मचारी का प्रोविडेन्‍ट फण्‍ड आगामी माह के वेतन से कटौत्रा किया जावेगा।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

छात्रों एवं प्राध्‍यापकों के बीच हुई घटना की जाँच

[उच्च शिक्षा]

131. ( क्र. 2856 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जीवाजी विश्‍वविद्यालय ग्‍वालियर मध्‍यप्रदेश के सूचना पत्र क्र./जी.वि.वि./569 दिनांक 06/04/2017 एवं सूचना पत्र क्र. जी.वि.वि./पी..आर./664/दिनांक 07/04/2017 प्राध्‍यापकों एवं छात्रों के बीच हुई मारपीट की घटना के निराकरण हेतु पत्र प्रसारित किये गये? यदि हाँ, तो पत्रों के प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या थाना विश्‍वविद्यालय ग्‍वालियर में एफ.आई.आर. क्र. - 0142 दिनांक 02/04/2017 को प्रो. गणेश दुबे एवं प्रो.आर.ए. शर्मा के विरूद्ध दर्ज किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्‍त दोषी प्रध्‍यापकों के खिलाफ कौन सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाहियों के प्रति के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में अपराधी प्राध्‍यापकों के खिलाफ दण्‍डात्‍मक कार्यवाही न करने के लिए विश्‍वविद्यालय प्रशासन के कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण में परीक्षण कराया गया। जिसमें कोई शिक्षक दोषी नहीं पाया गया। अत: प्रश्नांश के शेष भाग में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उतरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

घटिया सी.सी. रोड निर्माण पर रोक

[नगरीय विकास एवं आवास]

132. ( क्र. 2889 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह नियम है कि निर्माण कार्यों हेतु जारी तकनीकी स्वीकृति का उपयोग कर जिस वर्ष में तकनीकी स्वीकृति जारी हुई हो उसी वर्ष में उसके आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकती है? उक्त समयावधि पश्चात् नवीन संशोधित तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है? (ख) क्‍या नगर परिषद् धामनोद द्वारा वर्तमान में वर्ष 2015 में जारी तकनीकी स्वीकृति क्रं./2395/दिनांक 24.06.15 के आधार पर वार्ड क्रं. 08 एवं 10 में प्रभात लाज से अजंता लाज के मध्य रोड पर लागत राशि रू. 31.185 लाख के सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति टेण्डर दर पर प्रदान की जाकर कार्य करवाया जा रहा है। जिसमें निर्माण एजेंसी द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से अत्यन्त ही घटिया निर्माण सामाग्री का उपयोग किया जाकर राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नगरीय प्रशासन प्रकरण को संज्ञान में लेकर नियम विरूद्ध जारी प्रशासकीय स्वीकृति को निरस्त करने तथा अब तक किये गये निर्माण में उपयोग की गई निर्माण सामाग्री की जाँच करवाकर निर्माण एजेंसी तथा उत्तरदायी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक/प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मनरेगा अंतर्गत कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

133. ( क्र. 2896 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी, 2016 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में अनूपपुर जिले में मनरेगा के तहत स्‍वीकृत कार्यों में कितने कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? अपूर्ण रहने के क्‍या कारण हैं? इन कार्यों में कितनी राशि का भुगतान क्रय की गई सामग्री एवं कितना भुगतान मजदूरी हेतु किया जाना शेष है? दैनिक मजदूरी की दर क्‍या है त‍था अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने एवं मजदूरों को शेष राशि का भुगतान कब तक करा दिया जायेगा? जनपदवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) वित्‍तीय वर्ष           2016-17 में मनरेगा के तहत कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के कब स्‍वीकृत कर किसे एजेंसी बनाया गया है? इन पर प्रश्‍न दिनांक तक कितना व्‍यय किया गया? कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत करने पर किस कारण से रोक लगी हुई है? (ग) अनूपपुर जिले की विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ अंतर्गत उक्‍त अवधि में वॉटर शेड मिशन के तहत कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्य का नाम, स्‍थान, ग्राम पंचायत का नाम, प्रशासकीय स्‍वीकृति की दिनांक कार्य पूर्ण है अथवा अपूर्ण है की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या मनरेगा अधिनियम की अनुसूची II पैरा 29 के प्रावधानों के अनुरूप मजदूरी भुगतान में 15 दिनों से अधिक देरी से किये गये सभी भुगतानों के लिये क्षतिपूर्ति राशि तुरंत प्रदान करने के आदेश हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त आदेशों के क्रम में जिला अनूपपुर जिले में कुल कितनी क्षतिपूर्ति राशि दी जाना थी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में अब तक स्‍वीकृत कार्यों में से अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अप्रारंभ कार्य संख्‍या निरंक है। सामग्री एवं मजदूरी भुगतान में विलम्‍ब की स्थिति‍ नहीं है। नरेगा के तहत दैनिक मजदूरी रू. 172/- है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अनुमत्‍य कार्यों की स्‍वीकृति पर कोई रोक नहीं है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। वर्ष 2017-18 के लिए विलम्‍ब क्षतिपूर्ति     रू. 74,577/- का भुगतान किया गया। शेष राशि रू. 6/- देय है।

ग्राम पंचायत सचिवों का निलंबन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

134. ( क्र. 2897 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत अनुपपूर अंतर्गत पुष्‍पराजगढ़ जनपद पंचायत में कितने ग्राम पंचायत सचिव कार्यरत हैं? जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने ग्राम पंचायत सचिव किन-किन कारणों से निलंबित किये गये/हटाये गये? नामवार पंचायतवार निलंबन या हटाये जाने की कारणवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निल‍ं‍बित किये गये ग्राम पंचायत के सचिवों को कब बहाल किया गया जाकर कौन सी पंचायत में पदस्‍थ किया गया? दिनांकवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्‍ध करायें तथा पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने पंचायत सचिव थे जिनको निलंबित करने अथवा हटाये जाने के पश्‍चात उसी पंचायत में पदस्‍थ किया गया? जहां से उन्‍हें निलंबित अथवा हटाया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार निलंबित किये गये ग्राम पंचायत सचिव में से कितने अनुसूचित जाति/जनजाति के थे? क्‍या निलंबन के पूर्व उन्‍हें निलंबनकर्ता अधिकारी द्वारा समझाईश अथवा चेतावनी पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रति उपलब्‍ध करायें? क्‍या निलंबित ग्राम पंचायत सचिव को जीवन निर्वाह भत्‍ता दिये जाने के शासन के आदेश हैं? यदि हाँ, तो जिन ग्राम पंचायत सचिव को जीवन निर्वाह भत्‍ता नहीं दिया जा रहा है उन्‍हें कब तक जीवन निर्वाह भत्‍ता प्रदान कर दिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत 117 ग्राम पंचायत सचिव कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गंभीर अनियमितताओं के कारण निलंबन के पूर्व सुनवाई अथवा समझाईश देने से सुधार संभव नहीं था। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ की ग्राम पंचायत अल्हवार के सचिव श्री लालमणि सिंह को दिनांक 19.04.2017 को निलंबन से बहाल कर ग्राम पंचायत चिल्हियामार में पदस्थ किया गया है। (ग) जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत 117 ग्राम पंचायत सचिव कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गंभीर अनियमितताओं के कारण निलंबन के पूर्व सुनवाई अथवा समझाईश देने से सुधार संभव नहीं था। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।

अनु. जाति विकास योजनांतर्गत नगर पालिका को प्राप्‍त राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

135. ( क्र. 2904 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनु.जाति विकास योजना अंतर्गत मकरोनिया नगर पालिका के गठन से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका मकरोनिया को कितनी राशि प्राप्‍त हुई? वर्षवार, कार्यवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍त राशि का उपयोग किया गया है, तो कार्यपूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र की छायाप्रति सहित जानकारी देवें। (ग) यदि उपरोक्‍त राशि का उपयोग नहीं किया गया है, तो क्‍या उक्‍त राशि आदिम जाति विभाग द्वारा लैप्‍स हो गई है? यदि राशि का उपयोग समय-सीमा में नहीं किया गया है, तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) अनु. जाति बस्‍ती विकास योजना के अंतर्गत प्रदाय राशि से कितने विकास कार्य अधूरे हैं? कब तक पूर्ण होंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं।           समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण कराये गये। शेषांश का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) वित्‍त वर्ष 2016-17 के 04 कार्य में निविदा एवं अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है, जो वित्‍त वर्ष 2017-18 में पूर्ण कर लिये जायेंगे।

परिशिष्ट - ''छ्त्तीस''

शास. महाविद्यालय मकरोनिया को प्रारंभ किया जाना

[उच्च शिक्षा]

136. ( क्र. 2905 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा सागर प्रवास दिनांक 04.03.2017 के दौरान शास. महाविद्यालय मकरोनिया में खोले जाने हेतु घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शास. महाविद्यालय मकरोनिया में इसी सत्र से प्रारंभ किया जावेगा? (ग) क्‍या शास. महाविद्यालय कला, वाणिज्‍य एवं विज्ञान संकाय के साथ प्रारंभ किया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है,             समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के साथ ही नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

महापौर, अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष एवं पार्षदों के मानदेय में वृद्धि

[नगरीय विकास एवं आवास]

137. ( क्र. 2917 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश के नगरीय निकायों में महापौर, अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष एवं पार्षदों के मानदेय बढ़ाये जाने संबंधी मध्‍यप्रदेश शासन के क्‍या नियम हैं? ग्‍वालियर, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्‍जैन, मुरैना में महापौर, अध्‍यक्ष एवं पार्षदों को 1 जुलाई 2017 की स्थिति में कितना-कितना मानदेय तथा पार्षदों को कितनी-कितनी पार्षद (मौलिक) निधि विकास कार्यों के लिये प्रदाय करायी जा रही है? (ख) नगर पालिक एवं नगर परिषदों में अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष एवं पार्षदों को 1 जुलाई 2017 की स्थिति में कितना-कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्‍या दिया जा रहा मानदेय जनप्रतिनिधियों की 24 घण्‍टे की जनसेवा के मान से पर्याप्‍त है? यदि नहीं, तो क्‍या नगर परिषद् आँतरी जिला ग्‍वालियर के पत्र क्र 485 दिनांक 21.06.2017 को स्‍पष्‍ट करें? क्‍या उनके द्वारा अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष एवं पार्षदों का मानदेय बढ़ाने हेतु माननीय मुख्‍यमंत्री मध्‍यप्रदेश शासन एवं आयुक्‍त महोदय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को आवेदन दिया है? क्‍या उस आवेदन के अनुसार अध्‍यक्ष को 25000/- उपाध्‍यक्ष को 18000/- एवं पार्षदों को 10000/- रूपये मानदेय दिया जावेगा। यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (ग) ग्‍वालियर जिले के नगर परिषद् आँतरी एवं भितरवार में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना वित्‍तीय आवंटन प्राप्‍त हुआ है। प्राप्‍त आवंटन से कितनी-कितनी वित्‍तीय स्‍वीकृति के क्‍या-क्‍या निर्माण कार्य कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश के नगरीय निकायों में महापौर अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष एवं पार्षदों का मानदेय दिये जाने संबंधी मध्‍यप्रदेश नगर पालिका निगम (पार्षदों का पारिश्रमिक तथा भत्‍ते) नियम, 1995 नियमों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। ग्‍वालियर, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्‍जैन एवं मुरैना में 01 जुलाई 2017 की स्थिति में मानदेय क्रमश: महापौर को 11000/- अध्‍यक्ष को 9000/- तथा पार्षदों को 6000/- पारिश्रमिक प्रतिमाह दिया जाता है तथा निगम परिषद् की बजट स्‍वीकृति अनुसार पार्षदों को विकास कार्यों के लिये पार्षद (मौलिक) निधि की अनुशंसा का अधिकार प्रावधानित है। यह राशि प्रत्‍येक नगर निगम के बजट अनुसार पृथक-पृथक रहती है। () मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (पार्षदों का पारिश्रमिक तथा भत्‍ते) नियम, 1995 की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिसमें उल्‍लेखित दर अनुसार नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषदों को जुलाई 2017 की स्थिति में पारिश्रमिक दैनिक भत्‍ता मानदेय प्रतिमाह दिया जा रहा है। नगर पालिका परिषद् में अध्‍यक्ष को पारिश्रमिक भत्‍ता राशि रूपये 3000/- सत्‍कार भत्‍ता 1800/- योग 4800/- उपाध्‍यक्ष को पारिश्रमिक भत्‍ता राशि रूपये 2400/- सत्‍कार भत्‍ता 800/- योग 3200/- पार्षद को पारिश्रमिक भत्‍ता राशि रूपये 1800/- इसी प्रकार नगर परिषदों में अध्‍यक्ष को पारिश्रमिक भत्‍ता राशि रूपये 2400/- सत्‍कार भत्‍ता 1100/- योग 3500/- उपाध्‍यक्ष को पारिश्रमिक भत्‍ता राशि रूपये 2100/- सत्‍कार भत्‍ता 800/- योग 2900/- पार्षद को पारिश्रमिक भत्‍ता राशि रूपये 1400/- दिया जा रहा है। जी हाँ, नगर परिषद् आंतरी जिला ग्‍वालियर के अध्‍यक्ष द्वारा दिनांक 21.06.2017 को पत्र क्रमांक 487 माननीय विधायक श्री लाखन सिंह यादव को प्रेषित करते हुये प्रतिलिपि माननीय मुख्‍यमंत्री जी एवं आयुक्‍त नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित की गई है, जिसमें मानदेय बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पत्र का परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। () नगर परिषद् आंतरी एवं नगर परिषद् भितरवार जिला ग्‍वालियर में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में निम्‍नानुसार वित्‍तीय आवंटन प्राप्‍त हुआ। नगर परिषद् आंतरी को वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 10,4,15,098.00 वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 13,707,000.00 वर्ष 2017-18 में राशि रूपये 11,12000.00 वित्‍तीय आवंटन प्राप्‍त हुआ। नगर परिषद् आंतरी में प्राप्‍त आवंटन से वित्‍तीय स्‍वीकृति अनुसार निर्माण कराये गये व कराये जा रहे हैं, के संबंध में वर्षवार पृथक-पृथक विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नगर परिषद् भितरवार को वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 495.03 लाख वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 191.33 लाख वर्ष 2017-18 में राशि रूपये 100.00 लाख वित्‍तीय आवंटन प्राप्‍त हुआ। नगर परिषद् भितरवार में प्राप्‍त आवंटन से वित्‍तीय स्‍वीकृति अनुसार निर्माण कराये गये व कराये जा रहे हैं, के संबंध में वर्षवार पृथक-पृथक विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

पंचायत जनप्रतिनिधियों के मानदेय की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

138. ( क्र. 2918 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के पंचायतों में अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष जिला पंचायत जनपद पंचायत, सदस्‍य जिला एवं जनपद पंचायत तथा सरपंच एवं पंचों को 01 जुलाई, 2017 की स्थिति में कितना-कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्‍या दिया जा रहा मानदेय जनप्रतिनिधियों की 24 घण्‍टे की जनसेवा के मान से पर्याप्‍त है? यदि नहीं, तो क्‍या पंचायत विभाग के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब से और कितनी-कितनी? यदि नहीं, तो क्‍या विभाग दिया जा रहा मानदेय को पर्याप्‍त मान रहा है? (ख) क्‍या ग्‍वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि अक्‍सर क्षेत्र भ्रमण के दौरान शिकायत करते हैं कि उन्‍हें शासन द्वारा स्‍वीकृत मानदेय उपलब्‍ध नहीं कराया जा रहा? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम स्‍पष्‍ट करें। ग्‍वालियर जिले की घाटीगाँव एवं भितरवार जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधियों पंच, सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्‍यों का 30 जून, 2017 की स्‍थि‍ति में किस-किस जनप्रतिनिधियों के कितने मानदेय का भुगतान किया जाना बाकी है? नाम, पद, ग्राम पंचायतवार सूची दें। इन जनप्रतिनिधियों को कब तक मानदेय का भुगतान कर दिया जावेगा? अभी तक भुगतान न करने का क्‍या कारण था? स्‍पष्‍ट करें। (ग) ग्राम पंचायतवार जनपद पंचायत घाटीगाँव बरई में पंचायत विभाग की योजना में ऐसे कितने शौचालय बनाकर 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक तैयार किये गये हैं, जिनका पिछले वर्षों से हितग्राही को शौचालय निर्माण की राशि उपलब्‍ध नहीं कराई गई? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? क्‍या दोषियों के प्रति कोई दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। कब तक शौचालय निर्माणकर्ता हितग्राही को भुगतान कर दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनपद पंचायत घाटीगाँव में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत दिनांक 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 14294 शौचालय निर्मित कराये गये हैं। स्वच्छ भारत मिशन/स्वच्छ पोर्टल पर प्रदर्शित समस्त पात्र 14294 हितग्राहियों को नियमानुसार शौचालय प्रोत्साहन राशि का लाभ प्रदान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सिवनी जिले में सड़क निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

139. ( क्र. 2924 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कें कितनी लागत की किस दिनांक तक स्‍वीकृत की गई हैं? (ख) उक्‍त स्‍वीकृत सड़कों में कौन-कौन सी सड़क, किन-किन निर्माण एजेन्सियों द्वारा किन-किन अधिकारियों की       देख-रेख में पूर्ण हो चुकी हैं तथा इनमें कब तक गारंटी हैं? ऐसे कौन-कौन सी सड़कें हैं जिन पर निर्माण कार्य या तो प्रारंभ नहीं हुआ हैं या अपूर्ण हैं? उन्‍हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ग) जिन स्‍वीकृत सड़कों पर काम शुरू नहीं हुये हैं या समयावधि पूर्ण होने के बावजूद अपूर्ण हैं उनकी निर्माण एजेन्सियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या सिवनी जिले में प्रधानमंत्री सड़कों की गुणवत्‍ता ठीक नहीं हैं? निर्माण एजेन्सियों द्वारा मनचाहे ढंग पूर्व में स्‍वीकृत साईड चेंज कर सड़कों का निर्माण किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो संबंधित कार्य एजेन्सियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो कारण बतायें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                      (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने के समस्त प्रयास किये जा रहे हैं। निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) 02 मार्ग अप्रारंभ हैं। समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी नहीं। मार्ग का निर्माण स्वीकृत एकरेखण पर ही किया जा रहा है। उत्तरांश (घ) के पूवार्ध के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

कपिल धारा कूप निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

140. ( क्र. 2925 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विधानसभा क्षेत्र सिवनी अन्‍तर्गत महात्‍मा गांधी नरेगा योजना से                  01 अप्रैल 2014 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि में किस ग्राम पंचायत में कितनी लागत से कितने कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं तथा कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं? (ख) वर्ष 2016-17 में उक्‍त योजना अंतर्गत कितना लेबर बजट स्‍वीकृत किया गया? जनपद पंचायतवार जानकारी दी जावे विधानसभा क्षेत्र सिवनी की ग्राम पंचायतवार जानकारी दी जाये। (ग) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत कपिलधारा योजना लागू होने से प्रश्‍न दिनांक तक कितने कूप स्‍वीकृत किये गये हैं? (घ) योजना अंतर्गत स्‍वीकृत कूपों में से कितने कूपों की सी.सी.जारी की गई है एवं वर्तमान में ऐसे कितने कूप स्‍वीकृत हैं जो अपूर्ण पड़े हुये हैं? इनको पूर्ण कराने के क्‍या प्रावधान हैं? इन्‍हें कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) अनुमोदित लेबर बजट-जनपद पंचायत सिवनी 6,25,171 मानव दिवस, जनपद पंचायत बरघाट 6,04,539 मानव दिवस, जनपद पंचायत कुरई 5,53,924 मानव दिवस, जनपद पंचायत केवलारी 5,74,538 मानव दिवस, जनपद पंचायत छपारा 5,48,764 मानव दिवस, जनपद पंचायत घंसौर 7,27,112 मानव दिवस, जनपद पंचायत लखनादौन 8,50,058 मानव दिवस एवं जनपद पंचायत धनौरा 3,81,507 मानव दिवस है। प्रश्‍नांश की जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्‍ट में दी गयी है। (ग) 1566 कूप स्‍वीकृत। (घ) 1101 कूप की सी.सी. जारी। 465 कूप अपूर्ण है। यद्यपि कूप का निर्माण पूर्ण करना हितग्राही की तत्‍परता एवं श्रमिकों की उपलब्‍धता पर निर्भर है। अपूर्ण कूप वर्षा ऋतु-2018 के आगमन तक पूर्ण होना अपेक्षित है।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

संस्‍थाओं को अवांछित लाभ

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

141. ( क्र. 2932 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहरी क्षेत्रों में केन्‍द्रीय मशीनीकृत किचनशेड द्वारा मध्‍यान्‍ह भोजन प्रदाय हेतु संस्‍था चयन में दो से अधिक राज्‍यों में मध्‍यान्‍ह भोजन प्रदाय का अनुभव होने की शर्त जोड़ी गई है? यदि हाँ, तो कब? शर्त जोड़ने का आधार बतावें शर्त प्रस्‍तावित करने वाले अधिकारी का नाम, पद बतावें? (ख) क्‍या दो से अधिक राज्‍यों में मध्‍यान्‍ह भोजन प्रदाय का अनुभव होने संबंधी शर्त के कारण प्रदेश की संस्‍थाएं मध्‍यान्‍ह भोजन प्रदाय कार्य प्राप्‍त करने से वंचित हैं? क्‍या यह कार्य सिर्फ दिल्‍ली की कुछ संस्‍थाओं को ही प्राप्‍त हो रहा है? संस्‍थाओं का विवरण देवें। (ग) संस्‍था विशेष को लाभ पहुँचाने वाली यह शर्त कब तक हटाई जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? अन्‍य राज्‍यों में प्रदाय वाली शर्त हटाकर प्रदेश की स्‍थानीय संस्‍थाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश कब तक जारी किये जायेंगे? (घ) प्रदेश की स्‍थानीय संस्‍थाओं को मध्‍यान्‍ह भोजन प्रदाय में प्राथमिकता देने के संबंध में शासन की नीति का ब्‍यौरा देवें

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 26.07.2016 को मध्यान्ह भोजन के क्षेत्र में गुणवत्ता में सुधार के लिये अनुभवी संस्थाओं की व्यवस्था के उद्देश्य से शर्त जोड़ी गई है। कोई अधिकारी विशेष प्रस्तावक नहीं है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। केंद्रीयकृत रसोई-घरों की संचालनकर्ता संस्थाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन शर्तें किसी संस्था विशेष को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से नहीं रखे जाने के परिप्रेक्ष्य में शर्त हटाई जाना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) शासन की नीति स्थानीय संस्थाओं को प्राथमिकता देने की नहीं होकर केंद्रीयकृत किचिन-शेड से अच्छी गुणवत्ता का भोजन प्रदाय करने की है।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

प्रधानमंत्री आवास योजना के मापदण्‍ड

[नगरीय विकास एवं आवास]

142. ( क्र. 2944 ) श्री कमलेश शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना की स्‍वीकृति के क्‍या नियम मापदण्‍ड हैं? नियमों मापदण्‍डों की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) नगर पालिका नागदा एवं खाचरौद में प्रधानमंत्री आवास योजना अतंर्गत 30 जून 2017 तक कितने आवेदन प्राप्‍त हुए हैं? पृथक-पृथक सूची उपलब्‍ध करायें। (ग) नागदा नगर पालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना अतंर्गत कितने प्रकरणों की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? स्‍वीकृत प्रकरणों के हितग्राही का नाम, वार्ड नं. मोहल्‍ला पता सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक वार्डवार उपलब्‍ध करायें? (घ) खाचरौद नगर पालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना अतंर्गत कितने प्रकरणों की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? स्‍वीकृत प्रकरणों के हितग्राही का नाम, वार्ड नं., मोहल्‍ला पता सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक वार्डवार उपलब्‍ध करायें

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार योजना के मार्गदर्शी सिद्धांत पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत 30 जून, 2017 तक नगर पालिका, नागदा में कुल 8918 आवेदन एवं नगर पालिका, खाचरौद में 1752 आवेदन प्राप्‍त हुये हैं। नागदा की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ब-1'' एवं खाचरौद की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ब-2'' अनुसार है। (ग) नगर पालिका नागदा में 2073 हितग्राहियों की स्‍वीकृति हितग्राही द्वारा स्‍वयं आवास निर्माण अंतर्गत प्रदान की गई है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) नगर पालिका खाचरौद में 349 हितग्राहियों की स्‍वीकृति हितग्राही द्वारा स्‍वयं आवास निर्माण अंतर्गत प्रदान की गई है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत स्‍वीकृत आवास की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

143. ( क्र. 2945 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या कटनी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजनार्न्‍गत हितग्राहियों के आवास स्‍वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो विकासखण्‍डवार, ग्राम पंचायत वर्गवार स्‍वीकृत आवासों का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्‍वीकृति का आधार क्‍या था? क्‍या सर्वे 2011 में अपात्र एवं गलत व्‍यक्तियों के नाम भी सर्वे सूची में दर्ज पाये गये हैं? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतवार सूची का परीक्षण/सत्‍यापन कब किसके द्वारा किया गया? कितने हितग्राही अपात्र पाये गये? क्‍या अपात्र व्‍यक्तियों के स्‍थान पर दूसरे पात्र व्‍यक्तियों के नाम को शामिल किया गया है? ग्राम पंचायतवार, वर्गवार अपात्रता का कारण सहित विवरण दें एवं शामिल किये गये पात्र हितग्राहियों का ग्राम पंचायत, वर्गवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या स्‍वीकृत आवासों का निर्माण हितग्राही द्वारा स्‍वयं से न कराया जाकर ग्राम के बिचौलियों एवं अन्‍य लोगों के द्वारा कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या बिचौलियों एवं अन्‍य लोगों के द्वारा आवास निर्माण हेतु हितग्राही एवं निर्माणकर्ता के मध्‍य किस स्‍तर पर संबंधित से अनुबंध या करार पत्र निष्‍पादित कराया गया है? ग्राम पंचायतवार हितग्राही एवं निर्माणकर्ता बिचौलियों का विवरण दें। (घ) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा अपर मुख्‍य सचिव भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 344 दिनांक 05.06.2017 एवं विकासखंड बहोरीबंद एवं रीठी को भेजे गये पत्रों के संदर्भ में क्‍या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) हितग्राहियों का चयन SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता की तीव्रता के आधार पर भौतिक सत्यापन उपरांत किया गया। जी हाँ। लक्ष्य के विरूद्ध राज्य स्तर से जारी वरीयताक्रम के हितग्राहियों की विचार सूची में से भौतिक सत्यापन पर 134 हितग्राही अपात्र पाए गए जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अपात्र हितग्राही के स्थान पर हितग्राहियों की विचार सूची में उपलब्ध अगले परिवार को लाभ दिया गया। भारत सरकार द्वारा संधारित SECC-2011 में हितग्राहियों के नाम जोड़ने के लिए भारत सरकार की अनुमति नहीं है। (ग) योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवास निर्माण हितग्राही स्वयं द्वारा किया जाना अपेक्षित है। हितग्राही उसकी पसंद से निर्माण के लिए युक्तियुक्त व्यवस्था करने लिए स्वतंत्र है। विभाग द्वारा आवास निर्माण का कार्य किसी अन्य व्यक्ति से कराए जाने की स्थिति नहीं है। (घ) प्रश्नकर्ता का प्रश्नाधीन पत्र अभिलेखों के मुताबिक विभाग को प्राप्त नहीं है। जनपद पंचायत स्तर पर प्राप्त पत्रों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

एकीकृत ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन कार्य की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

144. ( क्र. 2946 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम कटनी द्वारा अपशिष्‍ट प्रबंधन कार्य हेतु आयुक्‍त नगर पालिक कटनी एवं में रामकी इनवायरों इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद के मध्‍य दिनांक 07.05.2015 को अनुबंध निष्‍पादित किया गया है? (ख) क्‍या उक्‍त दिनांक को उपायुक्‍त नगर पालिक निगम कटनी अवकाश पर थे? यदि हाँ, तो अवकाश पर होने के बावजूद भी अनुबंध के प्रथम पृष्‍ठ को छोड़कर शेष पृष्‍ठों में उपायुक्‍त एवं निविदाकर के हस्‍ताक्षर हुये हैं? क्‍या यह कार्य जाली कार्यों की श्रेणी में नहीं आता है? यदि हाँ, तो इस जाली कार्य के लिये दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रामकी इनवायरों इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद के द्वारा समस्‍त कार्यों के निष्‍पादन हेतु नोवेशन अनुबंध कटनी एम.एस. डब्‍ल्‍यू. मैनेजमेंन्‍ट प्रा.लि. द्वारा निष्‍पादित किया गया है? इनके द्वारा किये गये कार्य का सत्‍यापन कब-कब किसके द्वारा किया गया है? सत्‍यापन के दौरान क्‍या कमियां पाई गई हैं? (घ) क्‍या संबंधित संस्‍था को प्राथमिक कलेक्‍शन एवं कचरे के परिवहन कार्य में असंतोष व्‍यक्‍त किया जाकर नोटिस जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब? विवरण दें। (ड.) एकीकृत ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन योजना के क्रियान्‍वयन में कितनी राशि भुगतान की गई है? तिथिवार, संस्‍थावार, भुगतान राशि का विवरण दें तथा यह भी बतायें कि व्‍यय राशि का सत्‍यापन किस सत्‍यापनकर्ता अधिकारी द्वारा किया गया है? नाम, पदनाम सहित विवरण दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ उपायुक्‍त नगर पालिक निगम, कटनी दिनांक 07.05.2015 को आकस्‍मिक अवकाश में थे। उपायुक्‍त द्वारा आयुक्‍त की हैसियत से प्रथम पृष्‍ठ अर्थात स्‍टाम्‍प वाले पेपर वाले भाग को छोड़कर शेष पृष्‍ठ में उक्‍त दिनांक के पूर्व हस्‍ताक्षर किये गये हैं। मुख्‍य पृष्‍ठ स्‍टाम्‍प पेपर पर आयुक्‍त, नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा हस्‍ताक्षर किया गया है। जी हाँ, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) ''नोवेशन अनुबंध'' स्‍पष्‍ट नहीं है तथापि स्‍वतंत्र प्रंबधन इकाई (थर्ड पार्टी) के रूप में इन्‍फ्रा इन (इंडिया) प्रा.लि. की नियुक्ति दिनांक 16.02.2016 को की गई है, जिसके द्वारा कटनी एम.एस.डब्‍लू. मैनेजमेंट प्रा.लि. के कार्यों का सत्‍यापन एवं मॉनिटरिंग का कार्य किया गया है। तत्‍संबंध में इनके द्वारा मासिक प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाकर प्रस्‍तुत की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) व्‍यय राशि का सत्‍यापन स्‍वतंत्र प्रबंधन इकाई इन्‍फ्रा इन (इंडिया) प्रा.लि. (थर्ड पार्टी) द्वारा किया गया है, जिनकी अनुशंसा पर गठित मॉनिटरिंग समिति ठोस प्रंबधन योजना के द्वारा व्‍यय की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। तत्‍पश्‍चात मेयर-इन-काउन्सिल की स्‍वी‍कृति के उपरांत भुगतान की कार्यवाही की गई है। व्‍यय राशि के संबंध में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की गुणवत्‍ता

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

145. ( क्र. 2960 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्‍या नियम हैं? किन नियमों के तहत, किन ग्रामों का मार्ग निर्माण हेतु किस आधार पर चयन किया जाकर प्रस्‍ताव तैयार किया जाता है? (ख) प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक खरगोन जिले में विकासखण्‍डवार किन-किन ग्रामों का चयन मार्ग निर्माण हेतु किया गया? नियमों के तहत कितने प्रस्‍ताव तैयार किये गये? कितने प्रस्‍ताव स्‍वीकृत कराये गये? कितनी लागत के कितने कि.मी. के स्‍वीकृत कराये गये? कार्यवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में खरगोन जिले के विकासखण्‍ड महेश्‍वर एवं बड़वाह के ऐसे कितने ग्राम हैं जो ग्राम पंचायत मुख्‍यालय एवं मुख्‍य मार्गों से नहीं जुड़े हुये हैं? इन ग्रामों को मुख्‍य मार्गों एवं पंचायत मुख्‍यालय से जोड़ने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्ययोजना तैयार की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में विधान सभा क्षेत्र महेश्‍वर एवं बड़वाह विकासखण्‍ड के अंतर्गत कितने कार्यों की गुणवत्‍ता के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं अन्‍य जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता द्वारा शिकायतें की गईं? शिकायतों पर प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? तत्‍संबंध में कार्यों की गुणवत्‍ता की जाँच निर्माण एजेन्‍सी अथवा अन्‍य एजेन्‍सी से कराई गई? जाँच रिपोर्ट के तथ्‍यों से क्‍या शिकायतकर्ताओं को अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍या कारण है? बताया जावे।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत योजना नियम भारत शासन के ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाईट-www.pmgsy.nic.in पर उपलब्ध है। इसके अनुसार वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर सामान्य विकासखण्डों में 500 या उससे अधिक आबादी एवं आदिवासी विकासखण्डों में 250 या उससे अधिक आबादी के पहुँच विहीन पात्र ग्रामों को एकल संपर्कता प्रदान की जाना है तदानुसार प्रस्ताव तैयार किया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) खरगोन जिले के विकासखण्ड़ महेश्वर एवं बड़वाह में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत समस्त पात्र ग्राम मुख्‍य मार्गों से जोड़े जा चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कुल 05 शिकायतें प्राप्त हुईं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

जन भागीदारी, विधायक निधि एवं पेयजल व्‍यवस्‍था की जानकारी

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

146. ( क्र. 2961 ) श्री राजकुमार मेव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन भागीदारी एवं विधायक निधि से कार्य कराये जाने के क्‍या नियम एवं प्रावधान हैं? कौन-कौन से कार्य किस-किस निधि से कराये जा सकते हैं? (ख) खरगोन जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक जन भागीदारी, विधायक निधि से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्‍वीकृत किये गये? वर्तमान में कितने कार्य पूर्ण हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्‍या कारण है? विकासखण्‍डवार जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में खरगोन जिले में विकासखण्‍डवार कहाँ-कहाँ पेयजल हेतु पेयजल टेंकर उपलब्‍ध कराये गये हैं? वर्तमान में कितने टेंकर पेयजल हेतु सही हालत में हैं? कितने पेयजल टेंकर खराब हो चुके हैं? खराब टेंकरों को मरम्‍मत कराने हेतु क्‍या व्‍यवस्‍था की जाती है? खराब टेंकरों को कब तक दुरूस्‍त कराकर पेयजल का वितरण किया जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में कार्यों का निरीक्षण, परीक्षण, किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया एवं निरीक्षण में क्‍या-क्‍या विसंगतियां पाई गईं? यदि कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं कराये गये एवं वर्तमान में भी विगत वर्षों के कार्य अपूर्ण हैं, तो तत्‍संबंध में संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना एवं जनभागीदारी योजना के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।            (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जनभागीदारी योजना में कोई भी पेयजल टेंकर उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र योजनान्तर्गत दिये जाने वाले टेंकर संबंधित पंचायतों को हस्तांतरित किये जाते हैं, उनके रख-रखाव का काम पंचायतें स्वयं करती हैं। उपलब्ध कराये गये पेयजल टेंकरों की विकासखण्डवार/ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उपलब्ध कराये गये कुल 267 पेयजल टेंकर हेतु उपलब्ध कराये जाने योग्य है। विकासखण्ड सेगाँव में 3 टेंकरों से पानी टपकता था। जिनकी मरम्मत कर पेयजल वितरण योग्य है। (घ) निर्माण कार्यों का निरीक्षण जनपद स्तर पर उपयंत्री/सहायक यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा/लोक निर्माण विभाग द्वारा समय-समय पर किया गया है। निरीक्षण के समय कार्य प्रगतिरत व अपूर्ण पाये गये उक्त कार्यों को पूर्ण कराने हेतु कलेक्टर द्वारा भी समय-समय पर निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने हेतु समीक्षा की जाती है एवं अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने हेतु अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1982, दिनांक 28.6.2017 द्वारा जारी कर समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। जनपद स्तर पर प्रतिमाह मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा प्रत्येक अपूर्ण कार्यों की समीक्षा की जाती है एवं अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने हेतु नोटिस भी जारी किये गये हैं। इसके अतिरिक्त जिला स्तर से भी क्रियान्वयन एजेन्सियों को नोटिस दिये गये।

वन भूमि के पट्टों का प्रदाय

[वन]

147. ( क्र. 2969 ) श्री सुदेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गैर आदिवासियों को वनभूमि के प्रमाण-पत्र दिये जाने संबंधी क्‍या प्रावधान हैं? (ख) ग्राम करतौली, रेंज बंहोरी में आदिवासी एवं गैर आदिवासियों का सर्वे कब-कब किया गया एवं किन-किन को वनभूमि के पट्टे (प्रमाण-पत्र) प्रदाय किये गये? (ग) जिला संयोजक आदिम जाति कल्‍याण रायसेन के पत्र            क्र.जा.क्र./वन.अधि./2014/1463, रायसेन दिनांक 24.03.2014 जो कि अनुविभागीय अधिकारी सिलवानी को लिखा गया था? इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) ग्राम करतौली के गैर आदिवासी को वन भूमि के पट्टे (प्रमाण-पत्र) कब तक प्रदाय किये जायेंगे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-2 (ण) के अनुसार ''अन्य परम्परागत वन निवासी'' से ऐसा कोई सदस्य या समुदाय अभिप्रेत है, जो 13 दिसम्बर, 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढि़यों तक प्राथमिक रूप से वन या वन भूमि में निवास करता रहा है और जो जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं के लिये उन पर निर्भर है, (पीढ़ी से 25 वर्ष की अवधि अभिप्रेत है)।             (ख) ग्राम करतौली रेंज बम्हौरी के, आवेदन प्राप्त होने पर वन अधिकार समितियों द्वारा, आदिवासियों के आवेदन मान्य किये जाकर, सर्वे दिसम्बर, 2009, अप्रैल, 2015 एवं जून 2016 में किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन पत्र पर ग्राम करतौली के 26 आवेदकों के दावे प्राप्त करने के लिये विशेष ग्राम सभा आयोजित करने के निर्देश दिये गये एवं ग्राम सभा में 24 आवेदकों द्वारा अपने दावे प्रस्तुत किये गये, परन्तु तीन पीढि़यों से निवासित होने का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने से उनके दावे अमान्य कर दिये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) सभी दावे तीन पीढि़यों का साक्ष्य के अभाव में अमान्य किये गये, ऐसी स्थिति में वन अधिकार पत्र प्रदाय करना संभव नहीं है।

कुष्‍ठ रोगियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

148. ( क्र. 3001 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 4 जून 2017 को रतलाम प्रवास के दौरान मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने प्रश्‍नकर्ता और सतपाल महाराज को आश्‍वस्‍त किया था कि पाँच हजार रूपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ रतलाम में केन्‍द्र के बाहर रह रहे कुष्‍ठ रोगियों को भी दिया जायेगा। इस आश्‍वासन की पूर्ति की दिशा में अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) रतलाम में केन्‍द्र के बाहर रह रहे अनेकों कुष्‍ठ रोगियों को पाँच हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन कब से मिलना शुरू होगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश (क) के संबंध में कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। (ख) राज्य शासन द्वारा कुष्ठ आश्रम में रहने वाले परिवारों के भरण-पोषण, रहवास पुनर्वास एवं उनके बच्चों के शिक्षण एवं रोजगार पर व्यय हेतु राशि रूपये 5000/- प्रति परिवार, प्रतिमाह दिये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति

[खेल और युवा कल्याण]

149. ( क्र. 3002 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश में जिला व अकादमीवार खेल प्रशिक्षकों (एन.आई.एस. कोच) के कितने पद स्‍वीकृत हैं? इनमें से कितने पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है और कितने पद रिक्‍त हैं एवं कितने स्‍थान अटैचमेंट के कारण रिक्‍त हैं? (ख) ऐसे कितने जिले हैं जिनमें खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति कर पदस्‍थापना की जा चुकी है? कितने जिलों में खेल प्रशिक्षकों के पद रिक्‍त पड़े हैं?                    (ग) नियुक्ति की प्रक्रिया क्‍या है? इनकी पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? अटैचमेंट की आवश्‍यकता क्‍यों है? इसके लिये मार्गदर्शी सिद्धांत क्‍या है? (घ) रतलाम जिले की स्थिति क्‍या है? यहां नियुक्‍त खेल प्रशिक्षकों का अटैचमेंट समाप्‍त कर उनकी पदस्‍थापना रतलाम में कब तक कर दी जायेगी अथवा नये खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मध्‍यप्रदेश में जिला व अकादमीवार कुल 172 खेल प्रशिक्षकों के पद स्‍वीकृत हैं। इनमें से 133 पदों पर नियुक्ति की जा चुकी, 39 पद रिक्‍त हैं। अटैचमेंट के कारण कोई भी स्‍थान रिक्‍त नहीं है, जिला व अकादमीवार जानकारी पुस्‍कालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रशिक्षकों की जिलावार पदस्‍थापना व रिक्‍त पदों की जानकारी पुस्‍कालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) नियुक्ति की प्रक्रिया जानकारी पुस्‍कालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किए गए हैं। पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बाताया जाना संभव नहीं है। कोई भी प्रशिक्षक अटैच नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रतलाम जिले में संविदा खेल प्रशिक्षक के 03 पद स्‍वीकृत हैं, जो भरे हुए है। संबंधित प्रशिक्षक की सेवाएं संचालनालय के आदेश क्र. 2972 दिनांक 01.07.2017 द्वारा रतलाम वापस कर दी गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क अंतर्गत ग्रामों को जोड़ना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

150. ( क्र. 3008 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) खरगोन जिले के अन्‍तर्गत विकासखंड कसरावद एवं भीकनगाँव में कितने राजस्‍व ग्राम हैं? जनसंख्‍या सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से कितने ग्रामों को जोड़ा गया है एवं कितने जोड़े जाना शेष हैं? शेष के क्‍या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शेष ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क से कब तक जोड़ा जायेगा? (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिन सड़कों का निर्माण कार्य हुआ है क्‍या उनके मरम्‍मत का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्रामवार पूर्ण जानकारी दें? नहीं तो कारण दें और कब तक कराया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत विकासखंड कसरावद अन्तर्गत पात्र 78 ग्रामों एवं विकासखंड भीकनगाँव में पात्र 82 ग्रामों को जोड़ा गया है। विकासखंड भीकनगाँव में मात्र एक पात्र ग्राम मेहत्याखेड़ी जल संसाधन विभाग के सतसई डेम के डूब क्षेत्र में आने के कारण सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है। (ग) एक पात्र ग्राम डूब क्षेत्र में आने से जोड़ा जाना संभव नहीं है तथा शेष ग्राम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार अपात्र है। अतः जोड़ा जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

मंदिरों का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

151. ( क्र. 3009 ) श्री सचिन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में कितने धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक, प्राचीन, पुरातन महत्‍व के मंदिर बावडि़याँ घाट, किले, सांस्‍कृतिक महत्‍व की धरोहरें आदि शासकीय रिकार्ड में दर्ज हैं एवं कितनी दर्ज होना शेष हैं? इन्‍हें कब तक शासकीय रिकार्ड में दर्ज कर लिया जायेगा?                     (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मंदिरों एवं धार्मिक स्‍थलों के जीर्णोद्धार की क्‍या कार्ययोजना प्रस्‍तावित है? कितनी स्‍वीकृत हैं? वस्‍तु स्थिति से अवगत करावें। इनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा समय-समय पर दिये गये पत्रों एवं अन्‍य माध्‍यमों से विभागीय स्‍तर पर की गई कार्ययोजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत धार्मिक महत्‍व के शासन संधारित 41 मंदिर राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज है। कोई अन्‍य मंदिर दर्ज करना शेष नहीं है। बावडि़या, घाट, किले, सांस्‍कृतिक महत्‍व की धरोहरें, मंदिर या स्‍थल के रूप में दर्ज नहीं होते। (ख) धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग के ज्ञाप. क्रमांक एफ-3-8/2011/छ: दिनांक 17 अक्‍टूबर 2011 में दिये निर्देशानुसार शासन संधारित मंदिरों के जर्णोद्धार कार्य कराये जाते हैं। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

152. ( क्र. 3026 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला रायसेन की जनपद पंचायत उदयपुरा में प्रशासकीय मद से पंच/सरपंचों के प्रशिक्षण में कथित अनियमितता तथा वाहन के उपयोग फर्जी देयक लगाये जाने संबंधी शिकायत की जाँच हेतु कार्यालय जिला पंचायत रायसेन के आदेश क्रमांक 7198/एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस-एम.पी./जि-पं./ 2013, दिनांक 18/07/2013 से जाँच दल का गठन किया गया था? (ख) क्‍या उक्‍त आदेश पर गठित जाँच दल के द्वारा जाँच कर अपना जाँच प्रतिवेदन कार्यालय जिला पंचायत रायसेन को ज्ञाप क्रमांक 5625/शिका/जि.पं/15, दिनांक 17/09/2015 द्वारा जमा किया गया? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन द्वारा अपने पत्र क्रमांक 5980/जि.पं/15, दिनांक 06/10/15 द्वारा जाँच प्रतिवेदन, आयुक्‍त भोपाल संभाग को प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो उक्‍त जाँच प्रतिवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? कारण बतायें एवं इसके लिये कौन दोषी है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

पेयजल परिवहन व्‍यय की प्रतिपूर्ति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

153. ( क्र. 3028 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) दिनांक 07 मार्च 2017 में मुद्रित अत: प्रश्‍न क्रमांक 4379 के प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में ग्राम पंचायतों को पेयजल परिवहन की राशि के आवंटन हेतु राहत आयुक्‍त को पत्र भेजा गया है? आवंटन अभी प्राप्‍त नहीं हुआ इसलिये भुगतान नहीं किया गया, दिया गया है (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान तक पेयजल परिवहन की कितनी राशि भुगतान किये जाने हेतु शेष है और राहत आयुक्‍त द्वारा पेयजल जैसे संकट में पेयजल परिवहनकर्ताओं को राशि आवंटन न करने के कारण भुगतान लंबित है? शासन द्वारा राहत आयुक्‍त के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये शासन स्‍तर से पेयजल परिवहन हेतु आवंटन राशि जारी की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतायें

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) पेयजल परिवहन के भुगतान हेतु सतना जिले से प्राप्त मांग रूपये 2,66,49,237/- के व्यय में अभिलेख राहत आयुक्त द्वारा परीक्षणाधीन है। अगामी कार्यवाही परीक्षण के परिणाम पर निर्भर है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। विभाग द्वारा समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

अंतर्राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी का आयोजन

[उच्च शिक्षा]

154. ( क्र. 3038 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2015 में बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय में स्‍टेम सेल से संबंधित अंतर्राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी आयोजित करने के लिए एक बैंक एकाउंट स्‍टेट बैंक ऑफ इण्डिया में खोला गया था जिसमें नगद एवं चेक के माध्‍यम से राशि जमा की गई थी? अगर हाँ तो क्‍या इस बैंक एकाउंट के संचालन का अधिकार रजिस्‍ट्रार बरकतउल्‍ला के साथ संयुक्‍त रूप से किसी प्राध्‍यापक को भी दिया गया था? अगर हाँ तो इसकी अनुमति किसके द्वारा एवं किस नियम के अंतर्गत दी गई थी?                 (ख) क्‍या उपरोक्‍तानुसार खोले गये बैंक खाते से किए गए भुगतान की स्‍वीकृति वित्‍त नियंत्रक से लेते हुए अंकेक्षण शाखा द्वारा की गई थी? अगर नहीं तो बिना इनकी अनुमति के भुगतान किस नियम के अंतर्गत किया गया एवं वित्‍त नियंत्रक एवं अंकेक्षण का अनुमोदन क्‍यों नहीं प्राप्‍त किया गया? (ग) क्‍या उपरोक्‍तानुसार आयोजित संगोष्‍ठी में आमंत्रित सभी विशेषज्ञ स्‍टेम सेल से संबंधित थे? अगर हाँ तो आमंत्रित विशेषज्ञ जिन्‍हें हवाई यात्रा का भुगतान किया गया इनकी सूची के साथ इनकी विषय विशेषज्ञता संबंधी जानकारी उनके द्वारा दिये गए व्‍याख्‍यान का शीर्षक एवं उन्‍हें भुगतान किए गए हवाई यात्रा देयक की राशि बताएं। (घ) क्‍या सभी आमंत्रित विशेषज्ञ विदेश मंत्रालय के माध्‍यम से आए थे। अगर नहीं तो क्‍या टूरिस्‍ट वीजा पर आये थे? स्‍पष्‍ट करना चाहें तथा यह भी बताना चाहें कि संगोष्‍ठी में कुल कितना व्‍यय हुआ? क्‍या इसके लिए विश्‍वविदयालय वित्‍त संहिता का पालन किया गया? अगर हाँ तो प्रक्रिया बतायें? अगर नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है एवं उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। अनुमति कुलपति द्वारा दी गई थी जिसमें नियम का उल्लेख नहीं है। (ख) जी नहीं। नियम विरूद्ध भुगतान करने से भुगतानकर्ता प्रथमतया दोषी है। अत: सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू. से कराने हेतु विभाग के पत्र क्रमांक 279/2836/2016/38-3, दिनांक 21-02-2017 के द्वारा मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया है। (ग) जी हाँ। विशेषज्ञों के टिकट ट्रेवल एजेंसी द्वारा बुक कराये गये थे जिसका भुगतान ट्रेवल एजेंसी को किया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" पर है। (घ) जी नहीं। सभी आमंत्रित विशेषज्ञ कुलपति द्वारा आमंत्रित किये गये थे। संगोष्ठी में व्यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" पर है। जी नहीं। प्रश्नांश "ख" अनुसार।

परिशिष्ट - ''बयालीस''

वन एवं राजस्‍व में दर्ज भूमियों की जानकारी

[वन]

155. ( क्र. 3043 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) वन भूमियों पर कृषि कार्य करने वाले काश्‍तकारों/किसानों को पट्टे दिये जाने के क्‍या नियम हैं? उक्‍त नियम व आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) यदि वन भूमि व राजस्‍व भूमि के विवाद का प्रश्‍न है, तो उसे सुलझाने के लिये कौन अधिकारी सक्षम है? (ग) छतरपुर जिले में किन-किन ग्रामों में उक्‍त प्रकार की समस्‍या है एवं उसे किस प्रकार निपटाया जावेगा? (घ) छतरपुर तहसील के ग्राम मारगुवां हल्‍का मोरवा के खसरा क्रमांक 242, 253 के वन एवं राजस्‍व भूमि के विवाद को कब तक सुलझा लिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) में दिये गये प्रावधान अनुसार वनभूमि के काबिजों को पात्रता अनुसार वन अधिकार पत्र वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संबंधित जिले के कलेक्टर। (ग) 527 ग्रामों में राजस्व एवं वन सीमा विवाद सुलझाने हेतु वन सीमा पटवारी मानचित्र में अंकित की गई है। वन सीमा के अन्दर राजस्व विभाग द्वारा जारी 2241 कृषि पट्टे को निरस्त किया गया है। शेष 08 ग्राम-गुढ़ा, रामूपुरा, हरपुरा, पुरूवा, गरहा, पथरिया, मनोरखुर्द एवं रैपुरा में वन एवं राजस्व सीमा विवाद के निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) छतरपुर तहसील के ग्राम मारगुवां हल्का मोरवा के खसरा क्रमांक-242 रकबा 13.02 एकड़ एवं खसरा क्रमांक- 253 रकबा 1.88 एकड़ सम्पूर्ण रकबा वन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। प्रश्नाधीन खसरों में वन भूमि एवं राजस्व भूमि के मध्य कोई विवाद नहीं है।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

रियोटिण्‍टो कंपनी की जानकारी

[खनिज साधन]

156. ( क्र. 3044 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छतरपुर जिले में स्थित रियोटिण्‍टो कंपनी वर्तमान में संचालित है? यदि नहीं, तो उस भूमि में स्थित स्‍थायी निर्माण व भूमियां किसके स्‍वामित्‍व व आधिपत्‍य में हैं? उल्‍लेख करें।              (ख) यदि पर्यावरणीय अनुमति के अभाव में उक्‍त कंपनी बंद हो गयी है, तो इसके लिये कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है एवं उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) बिना पूर्व अनुमति के निर्माण की अनुमतियां देने के लिये कौन जिम्‍मेदार है एवं उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍न में उल्‍लेखित कंपनी वर्तमान में संचालित नहीं है। कंपनी द्वारा व्‍यापारिक कारणों से प्रोजेक्‍ट बंद किया गया है। कंपनी की समस्‍त चल-अचल संपत्तियां कंपनी द्वारा राज्‍य शासन को सौंपी गई हैं। जो वर्तमान में शासन के स्‍वामित्‍व एवं आधिपत्‍य में हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कंपनी द्वारा निर्माण की नियमानुसार अनुमति नगर पालिका परिषद्, बक्‍सवाहा से प्राप्‍त की गई थी। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राष्‍ट्रीय ग्रामीण नियोजन गारंटी अधिनियम 2005 के प्रावधानों का पालन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

157. ( क्र. 3061 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्‍या राष्‍ट्रीय ग्रामीण नियोजन गारंटी अधिनियम 2005 की धारा 4 (3) की अनुसूची-1 के क्रमांक 9 में यह प्रावधान है कि कार्यक्रम के अंतर्गत प्रारम्‍भ की गई परियोजनाओं की सामग्री संगठक की लागत कुल परियोजना के 40% से अधिक नहीं होगी तथा अधिनियम की धारा 2 (6) के अन्‍तर्गत परियोजना से आशय है, स्‍कीम के अधीन किया जाने वाला कोई कार्य अभिप्रे‍रित है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रदेश में स्‍कीम के अन्‍तर्गत कराए जाने वाले प्रत्‍येक कार्य में अधिनियम के उपबंधों का पालन किया जा रहा है और सामग्री की लागत कार्य की लागत के 40% से कम रखी जा रही है? यदि नहीं, तो इसका क्‍या कारण है और इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उन पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या अधिनियम की अनुसूची-1 के क्रमांक 12 में स्‍कीम के कार्यों में मशीनों का प्रयोग वर्जित किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या अपर मुख्‍य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा स्‍कीम के कार्यों में मशीनों का प्रयोग करने हेतु जारी किया गया? आदेश अधिनियम के प्रावधानों के विरूद्ध है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त आदेश निरस्‍त किया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की अनुसूची-1 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 22 जून, 2016 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र के परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, जिसमें सामग्री व्‍यय पर 40 प्रतिशत की सीमा के लिए जिले को इकाई निर्धारित किया गया है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ग) एवं (घ) भारत सरकार द्वारा महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की अनुसूची-1 दिनांक 3 जनवरी, 2014 को जारी होने से पूर्व में जारी अनुसूची स्‍वत: व्‍यपगत हो गई है। सामग्री मद में जिला स्‍तर पर 40 प्रतिशत तक व्‍यय अनुमत्‍य है, जिसमें मशीन का उपयोग शामिल है। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

नवीन तालाब निर्माण की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

158. ( क्र. 3066 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या बालाघाट जिले की जनपद पंचायत बिरसा की ग्राम पंचायत खुर्सीपार में नवीन तालाब निर्माण कार्य बाबा डोंगरी में ग्राम पंचायत द्वारा कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कार्य कब प्रारम्‍भ किया गया? मस्‍टर रोल कब-कब जारी किया गया? मस्‍टर रोल का क्रमांक, कुल कितनी भूमि में निर्माण कार्य कराया जा रहा है, कुल कितने मजदूरों ने कुल कितने दिन कार्य किया? किन-किन मशीनरियों का उपयोग किस-किस कार्य हेतु किस दर से किया गया? मशीनरी का अब तक का कुल भुगतान कितना बनता है? कार्य किस रकबा, खसरा नम्‍बर में कराया जा रहा है? जानकारी देवें।           (ग) क्‍या (मनरेगा) जनपद पंचायत बिरसा द्वारा अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में जो कमियां/गलतियां पाई थीं, उस पर कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालाघाट, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी बिरसा द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो किन कारणों से नहीं की गई? (घ) निर्माण कार्य प्रारम्‍भ से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन अधिकारियों/तकनीकी अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन/टीप सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जनपद पंचायत बिरसा के सहायक यंत्री के निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति तथा उसके अनुसरण में की गई कार्रवाई की जानकारी सहपत्रों के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट की जानकारी

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

159. ( क्र. 3067 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट २००७-२०१०-२०१२-२०१४ एवं २०१६ में कुल कितनी राशि निवेश के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए थे? समिटवार एवं कुल राशिवार ब्‍यौरा दें। (ख) निवेश प्रस्‍तावकों में से कितने निवेशकों ने अब तक किन-किन उद्योगों की स्‍थापना कहाँ-कहाँ करने का अनुबंध, अनुमति सरकार के साथ की? उनकी प्रगति रिर्पोट क्‍या है? (ग) उद्योग स्‍थापना में हो रही देरी का क्‍या कारण है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट 2007-2010-2012-2014 एवं 2016 में कुल राशि रू. 1707145/- करोड़ के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए थे। समिटवार एवं कुल राशिवार जानकारी निम्‍नानुसार है- 1. ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट 2007- रू. 120611/- करोड़ 2. ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट 2010 - रू. 237840/- करोड़ 3. ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट 2012 - रू. 352607/- करोड़ 4. ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट 2014 - रू. 433240/- करोड़ 5. ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट 2016 - रू. 562847/- करोड़ (ख) उद्योग स्‍थापना के लिये सरकार के सा‍थ अनुबंध करने अथवा उद्योग विभाग से अनुमति लेने का वैधानिक प्रावधान नहीं है, अत: इस प्रश्‍नांश के शेष भाग का उत्‍तर देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उद्योग स्‍थापना एक सतत् प्रक्रिया है।

खनिज अनुमति की जानकारी

[खनिज साधन]

160. ( क्र. 3073 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग में रेत, खण्डों, पत्थर, मुरम, पहाड़ी आदि की लीजें अनुमतियां प्रदान करने हेतु शासन के क्या निर्देश हैं? उनकी प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) दिनांक 01/01/2014 से प्रश्न दिनांक तक खनिज विभाग दतिया द्वारा दतिया जिले के समस्त अनुभागों में कितने रेत, खण्डों, पत्थ‍र, मुरम, पहाड़ी आदि की लीजें अनुमतियां प्रदान की हैं? समस्त लीज एवं अनुमतियों के आदेश, समस्त एन.ओ.सी., आवेदन आदि दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) की लीजों/अनु‍मतियों के प्रदान करने में शासन के नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के संबंध में जो दावे/आपत्तियां/समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई हैं? इन लीजों को लेकर जो आपत्तियां उठाई गईं हैं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍न के संबंध में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान लागू होते हैं। यह नियम अधिसूचित नियम हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में रेत खनिज के 15, क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर खनिज के 33 के उत्‍खनिपट्टे तथा मुरम खनिज की 02 उत्‍खनन अनुज्ञा स्‍वीकृत की गई है। प्रश्‍न की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित खनन अनुमतियां समस्‍त आवश्‍यक अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्‍त करने के उपरांत दी गई है। दावे, आपत्तियों के संबंध में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियम विरूद् फर्जी भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

161. ( क्र. 3074 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 345 के लेखा नियम 131 के अनुसार परिषद् द्वारा किसी भी कार्य जिसका व्यय 5 लाख से अधिक हो व्यय करने से पहले कलेक्टर से प्रशासनिक स्वीकृति लेना आवश्यक है? (ख) क्या भाण्डेर नगर परिषद् ने बिना कलेक्टर की प्रशासकीय स्वीकृति के जल प्रदाय पाइप लाइन सामग्री पर 18 लाख, हैडपंप सामग्री पर 7 लाख मोटर पंप स्‍टार्टर केबिल पर 10 लाख एवं टिपर वाहन क्रय पर 30 लाख खर्च कर दिये हैं? (ग) क्या इसकी जाँच शहरी विकास अभिकरण दतिया द्वारा की जा रही है और वहाँ के अधिकारी/शाखा प्रभारी को नगर परिषद् भाण्डेर के पदाधिकारी द्वारा जाँच प्रभावित करने हेतु दबाव बनाया गया? क्या इस फर्जीवाड़े में दिखाई गई सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो किससे और नहीं कराया गया तो इसके लिऐ कौन दोषी है? (घ) नगर परिषद् भाण्डेर द्वारा किये गये फर्जीवाड़े/वित्तीय अनियमितता और जाँच प्रभावित करने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक प्रश्नांश (ख) की सामग्री का भौतिक सत्यापन करा लिया जावेगा और बिना प्रशासकीय स्वीकृति के क्रय की गई सामग्री के भुगतान के लिये दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) नगर परिषद्, भाण्‍डेर के द्वारा किये गये फर्जीवाड़े/वित्‍तीय अनियमितता की जाँच हेतु कलेक्‍टर                जिला- दतिया के आदेश क्र. 2693 दिनांक 07.04.2017 द्वारा तीन सदस्‍यीय कमेटी गठित की गई है। जिसमें जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्‍यापन किया जा चुका है। जाँच उपरांत जाँच निष्‍कर्ष अनुसार गुण दोष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

युवाओं को योजनान्तर्गत ऋण

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

162. ( क्र. 3080 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर जिलों में 1 जनवरी 2014 के पश्चात कितने युवाओं ने उद्योग लगाने हेतु कहाँ-कहाँ भूमि मांगी, कितनों को औद्योगिक भूमि उपलब्ध करा दी गई, कितने शेष हैं? (ख) उक्त जिलों में उक्त अवधि में कितने आवेदकों ने विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण लेने हेतु आवेदन किया कितनों के स्वीकृत हुए कितने शेष हैं, कितनों के किन-किन कारणों से आवेदन निरस्त किये गये? (ग) आवेदन देने के पश्चात लोन नहीं होने की किन-किन व्यक्तियों ने किस-किस प्रकार की शिकायत की? उन पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) उक्त जिलों के औद्योगिक क्षेत्र में एसे कितने उद्योग हैं जो गत 5 वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े हैं? इनमें से कितने उद्योगों को विभाग द्वारा पुन: भूमि लौटाने के निर्देश    किन-किन शर्तों के आधार पर दिए? इन्हें नए आवेदकों को कब तक दे दिया जाएगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2014 के पश्चात् औद्योगिक क्षेत्र गरोठ में 17 तथा औद्योगिक क्षेत्र भानपुरा में 2 उद्यमियों द्वारा भूमि की मांग की गई। तत्पश्चात् उन्हें भूमि उपलब्ध कराई गई। वर्तमान में भूमि आवंटन हेतु आवेदन लंबित नहीं है। 2. रतलाम जिले में भूमि आवंटन हेतु वर्ष 2014 में 01 तथा वर्ष 2015 में 09 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिन्हें 01 अप्रैल, 2015 से भू-आवंटन हेतु ऑन-लाईन प्रक्रिया प्रारंभ होने के कारण वापस कर दिया गया है, अतः वर्तमान में कोई आवेदन लंबित नहीं है। 3. वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग अनुसार मंदसौर जिले में 01 जनवरी, 2014 के पश्चात् ए.के.व्ही.एन., उज्जैन को 83 व्यक्तियों ने औद्योगिक क्षेत्र करमदी जिला, रतलाम एवं औद्योगिक क्षेत्र, जग्गाखेड़ी, जिला मंदसौर में भूमि आवंटन हेतु आवेदन किया, जिसमें से 38 आवेदकों को भूमि आवंटित की गई है। 33 आवेदकों के आवेदन प्रक्रियाधीन है, 12 आवेदन निरस्त किए गए। (ख) रतलाम एवं मंदसौर जिलों में प्रश्नांश अवधि में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न स्व-रोजगार योजनान्तर्गत 11597 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 3855 प्रकरणों में बैंकों द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई एवं शेष 7742 प्रकरण पात्रता न होने, बैंको की लक्ष्य पूर्ति तथा प्रकरण व्यवहारिक न होने के कारण निरस्त/वापस किये गये। (ग) आवेदन देने के पश्चात् लोन नहीं मिलने के कारण 154 व्यक्तियों/आवेदकों द्वारा जन-सुनवाई/सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायत की गई जो बैंक शाखाओं द्वारा ऋण नहीं दिये जाने के संबंध में है। इन शिकायतों के निराकरण हेतु बैकों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिला अग्रणी बैंक अधिकारी को लेख किया गया है। (घ) मंदसौर जिले के औद्योगिक क्षेत्र मंदसौर में 02 इकाइयां विगत 05 वर्षों से बंद हैं। उक्त इकाइयों को आवंटित भूमि के निरस्तीकरण की कार्यवाही जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, मंदसौर द्वारा की गई है। 2. रतलाम जिले में 12 उद्योग पाँच वर्ष से अधिक अवधि से बंद है, जिनमें से 02 इकाइयों के प्रकरण डी.आर.टी. में विचाराधीन हैं, 01 इकाई का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। शेष 09 इकाइयों की लीजडीड निरस्त की जाकर 07 इकाइयों से भूमि का आधिपत्य वापिस प्राप्त किया गया तथा 02 इकाइयों के प्रकरण बेदखली हेतु प्रक्रियाधीन है। 3. वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग अनुसार केवल मंदसौर जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में 20 उद्योग विगत 05 वर्षों से अधिक समय से बंद हैं, इन उद्योगों को भूमि लौटाने के निर्देश निष्पादित लीजडीड की शर्तों के उल्लंघन में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 के प्रावधानों के अनुसार दिए जाकर सभी भूखण्डों का आधिपत्य प्राप्त कर लिया गया है एवं इन भूखण्डों को नये आवेदकों को आवंटित किया गया है।

ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

163. ( क्र. 3081 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खंडवा में किल्लौद जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014-15 से 30 जून 2017 तक, किस-किस मद की कितनी कितनी राशि प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्राप्त हुई है? (ख) किल्लौद जनपद अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कितनी कितनी राशि कब-कब बैंकों से आहरित की गई है एवं आहरित राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य किये जा चुके हैं? इनमें से कितने कार्य चालू हैं? उनका मूल्यांकन किस-किस दिनांक को किया गया है? किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा राशि आहरण के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? सूची दें। (ग) किल्लौद विकासखण्ड की      कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014-15 से 2016-17 की सांसद एवं विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों में कौन-कौन से कार्यों की राशि का किस-किस दिनांक को आहरण किया गया है? कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में उक्त मदों में स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कर दिया गया है? किन ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य चालू है तथा किन ग्राम पंचायतों में सांसद निधि व विधायक निधि के कार्य प्रारंभ नहीं किये गए हैं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। राशि आहरण के पश्‍चात कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने की सूची निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। सांसद निधि एवं विधायक निधि से कार्य प्रारंभ नहीं होने की सूची निरंक है।

हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

164. ( क्र. 3082 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खंडवा की जनपद पंचायत किल्लौद के अंतर्गत वर्ष 2013-14, से 2016-17 तक मुख्यमंत्री आवास, किन-किन हितग्राहियों को, किन बैंकों से स्वीकृत किये हैं? कितने हितग्राहियों द्वारा मुख्यमंत्री आवास बना लिए हैं? कितने हितग्राहियों द्वारा अभी तक नहीं बनाये गए हैं? (ख) जनपद पंचायत किल्लौद की समस्त ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास तथा पशु-शेड कितने हितग्राहियों के नाम से स्वीकृत हुए हैं? किन-किन हितग्राहियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास व पशु-शेड निर्माण किये बगैर राशि आहरित की है? उनके नाम की सूची दें। (ग) जनपद पंचायत किल्लौद की किन ग्राम पंचायतों में प्रधान मंत्री आवास, के पात्र हितग्राहियों के नाम, सी.ई.ओ. एन.के. अरण्य और ए.डी.ओ. धर्मराज तुंगापल्ली द्वारा छोड़ दिये गए हैं? ऐसे प्रधानमंत्री आवास से वंचित, पात्र हितग्राहियों की सूची दें तथा किन-किन अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास दिए गए? सूची दें। अपात्रों के नाम प्रधानमंत्री आवास में शामिल करने पर सी.ई.ओ. एन.के. अरण्य और ए.डी.ओ. धर्मराज तुंगापल्ली के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 430 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत आवास स्वीकृत किये गये हैं। प्रथम किश्‍त स्वीकृति पर जारी की जाती है। 167 पशु-शेड स्वीकृत किये गये हैं। पशु-शेड निर्माण किये बगैर राशि आहरित करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्राथमिकता के वरीयता क्रम में आने वाले किसी भी पात्र हितग्राही को नहीं छोड़ा गया है। प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। स्वीकृति एवं प्रथम किश्‍त जारी करने के उपरान्त ग्राम पंचायत गंभीर उबारी में 03 हितग्राही क्रमशः संतोष पिता गोपाल, गफूर पिता अब्दुल खां, नसीर पिता हबीब खां अपात्र पाये गये हैं, जिनसे प्रथम किश्‍त की वसूली हेतु नोटिस दिया गया है। अपात्रों को लाभ देने के लिए जिम्मेदारी नियत कर कार्यवाही करने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को दिये गये हैं।

ग्रामों में पहुँच मार्ग का निर्माण

[वन]

165. ( क्र. 3091 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अमोदा, कुरेला, नीमखेड़ा, बंदरोहा, हीरापुर, रोहणी पहुँच मार्ग को प्रधानमंत्री सड़क योजना से पक्का करने हेतु नौरादेही वन अभ्यारण्य के कारण वन विभाग की अनुमति आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो जनहित में यह अनुमति कब तक दे दी जाएगी? (ग) यदि नहीं, तो इसके क्‍या कारण हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी हाँ। अनुमति हेतु प्रस्ताव अप्राप्त है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर विधिवत् अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही की जावेगी। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

पात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोड़ा जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

166. ( क्र. 3094 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामोदय से भारत उदय के तहत् कितने पात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोड़े गये हैं एवं कितने अपात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सूची से विलोपित किये गये हैं? पंचायतवार जानकारी दें। (ख) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत कितने हितग्राहियों को विभिन्न पेंशन योजनाओं से लाभांवित किया गया? योजनावार संख्यात्मक जानकारी पंचायतवार दें। (ग) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत कितने ग्रामों में जल समस्या निराकरण हेतु हैण्डपंप लगाये गये एवं कितने ग्रामों में अटल ज्योति विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है? कितने ग्रामों का कार्य शेष है? यदि शेष है, तो कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? ग्रामवार जानकारी दें। (घ) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनवरी 2016 से जून 2017 तक कितने युवाओं का मुद्रा योजना, मुख्य मंत्री उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना एवं अन्य आर्थिक कल्याण योजनाओं के अंतर्गत कितने युवाओं को ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार प्रदान किया गया एवं कितने युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामोदय से भारत उदय के तहत 237 पात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोडे गये हैं एवं 3479 अपात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची से विलोपित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) विभिन्न पेंशन योजनाओं से 122 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) हैण्डपंप लगाये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। अटल ज्योति विद्युतीकरण कार्य संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (घ) 1368 युवाओं को ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार प्रदान किया गया एवं 373 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।

हितग्राहियों को पेंशन वितरण

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

167. ( क्र. 3095 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) गुन्‍नौर विधानसभा अंतर्गत कितने हितग्राही पेंशन की पात्रता रखते हैं तथा कितने हितग्राहियों के फिंगर मैच या स्‍केन न होने से कियोस्‍क बैंक से उन्‍हे पेंशन नहीं मिल पा रही है? जनपद पंचायतवार, हितग्राही की संख्‍या देवें। जिन्‍हें पेंशन नहीं मिल पा रही है क्‍या उनके लिए कोई अन्‍य व्‍यवस्‍था नहीं है? यदि हाँ, तो उसका उपयोग क्‍यों नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍या उन्‍हें पेंशन नहीं दी जावेगी? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) से संबंधित हितग्राहियों को पेंशन न मिलने से वह बैंक व कियोस्‍क बैंक के चक्‍कर लगाकर परेशान हैं? ऐसे कियोस्‍क बैंक संचालकों व बैंक के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या पेंशन प्राप्‍त कर रहे हितग्राहियों के लिए ऐसी कोई व्‍यस्‍था नहीं है जो इस तथ्‍य की जाँच कर सके कि वास्‍तव में फिंगर स्‍केन नहीं हो पा रहे हैं या बैंक द्वारा पेंशन के पैसे निकालने के वास्‍ते गुमराह किया जा रहा है? यदि कुछ हितग्राहियों के वास्‍तव में फिंगर स्‍केन या मैच नहीं हो पा रहे हैं, तो ऐसे हितग्राहियों की सूची बनाकर बैंक से पास बुक के माध्‍यम से उनका भुगतान क्‍यों नहीं किया जा रहा है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गुन्‍नौर विधान सभा अन्तर्गत 18296 हितग्राही ही पेंशन की पात्रता रखते हैं। ग्राम पंचायत सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। हितग्राहियों के फिंगर मैच या स्केन मात्र से ही पेंशन प्रदान करने के निर्देश नहीं है। पेंशन बैंक शाखा से नगद, बी.सी. अथवा कियोस्क द्वारा रूपे कार्ड/बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण से किया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

168. ( क्र. 3096 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) गुन्‍नौर विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना के अंतर्गत अप्रैल, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी कन्‍याओं के विवाह संपन्‍न हुए? जनपदवार संख्‍या बतावें। (ख) गुन्‍नौर विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना के अंतर्गत अप्रैल,2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कन्‍याओं के विवाह हेतु कितनी राशि जनपद पंचायतों को प्रदाय की गई संख्‍या बतावें? प्रदाय की गई राशि में से कितनी राशि का खर्च विवाह समारोह में किया गया एवं कितनी राशि जोड़ों को प्रदाय की गई जनपद पंचायतवार संख्‍या बतावें? (ग) प्रत्‍येक जोड़े के मान से विवाह समारोह के लिए जो राशि खर्च के लिए प्रदाय की जाती है, उतनी राशि खर्च नहीं होती है, तो क्‍या ऐसी बची राशि शासकीय खजाने में जमा कराई जाती है? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा देवें? (घ) क्‍या विवाह समारोहों में घटिया व्‍यवस्‍था कर अधिक राशियों के फर्जी बिल बनवाकर शासकीय राशि का गबन किया जा रहा है? क्‍या प्रश्‍नकर्ता की निगरानी में जाँच कमेटी गठित कर जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ग) विवाह समारोह के लिए जनपद पंचायतों को प्रदाय की गई संपूर्ण राशि व्यय की गई। कोई राशि शेष नहीं है। (घ) जी नहीं। गुन्‍नौर विधान सभा क्षेत्र में विवाह समारोह में घटिया व्यवस्था तथा फर्जी बिल बनाकर शासकीय राशि का गबन के संबध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

यू.आ.ई.डी.एस.एस.एम.टी. पेयजल योजना की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

169. ( क्र. 3103 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा नगर में यू.आ.ई.डी.एस.एस.एम.टी. पेयजल योजना के तहत किस नदी में पानी सप्लाय प्लांट लगाया गया है? नदी के नाम की जानकारी देवें। (ख) क्‍या पेयजल सप्लाय हेतु निर्मित प्लांट का निर्माण किसी भी स्थान पर किया जा सकता है चाहे वह पेयजल हेतु पर्याप्त पानी हो या न हो तथा योजना प्रारंभ से प्रत्ये्क वर्ष के फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जून माह में निर्मित प्लांट से पानी कितनी दूरी पर था एवं योजना सर्वे के पश्चात् स्वीकृत मूल नक्शे की प्रति उपलब्ध करावें जिस स्थान पर प्लांट का निर्माण किया जाना प्रस्तावित किया गया?            (ग) सुवासरा-शामगढ़ नगर में यू.आ.ई.डी.एस.एस.एम.टी. पेयजल योजना के तहत जिन वार्डों/मोहल्लों में नवीन पेयजल पाइप लाइन नहीं डाली गई एवं पुरानी पाइप लाइन से पेयजल सप्लाई किया जा रहा है, उन वार्डों/मोहल्लों के नाम बतावें। (घ) दिनांक 8-12-2016 के प्रश्न क्र.1711 (ग) के तारतम्‍य में योजना के पूर्व में स्वीकृत मूल नक्शे की प्रतिलिपि जिस पर उच्च अधिकारी के हस्ताक्षर हों, उपलब्ध‍ करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सुवासरा नगर में यू.आ.ई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत काली सिंध नदी पर इंटेकवेल का निर्माण किया गया है एवं एनीकट का निर्माण किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। जिस नदी में पेयजल योजना की आवश्‍यकता के अनुसार पर्याप्‍त पानी हो वहाँ पर योजना का निर्माण किया जा सकता है एवं जिस नदी में योजना की आवश्‍यकता के लिये पर्याप्‍त पानी न हो वहाँ पर पेयजल योजना के लिये आवश्‍यक पानी के भण्‍डारण के लिये एनीकट बनाकर पेयजल योजना का निर्माण किया जा सकता है। योजना निर्माण प्रारंभ होने के पश्‍चात् जब बैराज का कार्य नहीं हुआ था, गत वर्ष के फरवरी से जून माह में पानी 02 कि.मी. की दूरी पर था एवं इस वर्ष बैराज का लगभग आधा निर्माण हो जाने से फरवरी से जून में भी इंटेकवेल पर पानी उपलब्‍ध था। योजना सर्वे के पश्‍चात् प्रस्‍तावित निर्माण स्‍थल के मानचित्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

लेक्चरर एवं प्राचार्यों की नियुक्ति

[उच्च शिक्षा]

170. ( क्र. 3104 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ महाविद्यालयों में कौन-कौन से संकाय संचालित किये जा रहे हैं। (ख) शामगढ़, सुवासरा महाविद्यालय में प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस महाविद्यालय में शासकीय प्राचार्य, प्रोफेसर/लेक्चरर कितने माह/दिन तक व किस विषय के लिए नियु‍क्त किये गये थे? जानकारी देवें। (ग) शामगढ़, सुवासरा महाविद्यालय की प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस महाविद्यालय में शासकीय प्राचार्य, प्रोफेसर/लेक्चरर कितने माह/दिन तक व किस विषय के लिए नियु‍क्त नहीं किये गये थे तथा उक्त महाविद्यालयों में कितने माह/दिन के लिए अतिथि शिक्षक/विद्वान को नियुक्त किया गया? विषयवार जानकारी देवें। (घ) शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा महाविद्यालयों में वर्तमान सत्र में पढ़ाई हेतु प्राचार्य सहित कितने शासकीय लेक्चरर नियुक्त किये जावेंगे?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय शामगढ़ तथा शासकीय महाविद्यालय सुवासरा में केवल कला संकाय तथा शासकीय महाविद्यालय सीतामऊ में कला एवं विज्ञान संकाय संचालित हैं। (ख) शासकीय महाविद्यालय, शामगढ़ तथा शासकीय महाविद्यालय, सुवासरा में प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किसी भी शासकीय प्राचार्य, प्रोफेसर/लेक्चरर की नियमित पदस्थापना नहीं की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) शासकीय महाविद्यालय, शामगढ़, सीतामऊ एवं सुवासरा में वर्तमान सत्र में पढ़ाई हेतु स्वीकृत विषयों के संबंधित सहायाक प्राध्यापकों के रिक्त पद पर अतिथि विद्वानों के द्वारा अध्यापन किया जाएगा। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही म.प्र. लोक सेवा आयोग में प्रचलित है। संख्या व समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''छियालीस''

रेत उत्खनन एवं परिवहन

[खनिज साधन]

171. ( क्र. 3116 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के द्वारा रेत उत्खनन एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ, तो चल रहे शासकीय निर्माण कार्यों पर रेत कैसे उपलब्ध कराई जावेगी? (ख) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में चल रहे शासकीय निर्माण कार्यों, जैसे - प्रधानमंत्री आवास योजना शौचालय निर्माण हेतु लाई जा रही रेत के वाहनों को भी अधिकारियों के द्वारा अनावश्यक पकड़कर परेशान किया जा रहा है? जिसके कारण शासकीय निर्माण कार्य पूर्ण रूप से बंद पड़े हैं? क्या यह कार्यवाही सही है? (ग) शासकीय निर्माण कार्यों हेतु आसानी से रेत संबंधितों को उपलब्ध हो जावे इसलिए विभाग के पास क्या कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक उसका क्रियान्वयन प्रारम्भ होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा केवल नर्मदा नदी से रेत उत्‍खनन पर अस्‍थाई प्रतिबंध लगाया गया है। शासकीय निर्माण कार्य हेतु रेत उपलब्‍ध कराने के संबंध में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधान हैं तथा वैध रूप से भण्‍डारित रेत स्‍थल से इनकी आपूर्ति हो सकती है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में दर्शाई गई है।

उद्योग विभाग में रिक्त पद

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

172. ( क्र. 3122 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम जिलों में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पद उद्योग विभाग में रिक्त हैं? इन्हें कब तक भर दिया जाएगा? (ख) क्या पद पूर्ति के अभाव में शासन की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है तथा मंदसौर के कई प्रकरण अधूरे हैं? मंदसौर में नये औद्योगिक क्षेत्र के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) मंदसौर में विभिन्न योजनाओं के लिए विभाग को कुल कितनी राशि गत वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुई, उसे कहाँ खर्च की गयी?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मंदसौर जिला, व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र में 10 रिक्‍त पद एवं रतलाम जिले में 18 रिक्‍त पद हैं। रिक्‍त पदों को भरने की प्रक्रिया निरन्‍तर है। निश्चित अवधि बताना सम्‍भव नहीं है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। कोई भी प्रकरण अधूरा नहीं है। मंदसौर जिले में औद्योगिक क्षेत्रों की पर्याप्‍तता को देखते हुए नवीन क्षेत्रों की स्‍थापना के लिए वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) मंदसौर जिले में वित्‍तीय वर्ष 16-17 में एम.एस.एम.ई. प्रोत्‍साहन योजना मद अन्‍तर्गत पात्र स्‍थापित उद्योगों को उक्‍त सहायता प्रदान की जाती है, जिसके तहत गत वर्ष में राशि                   रू. 233,93,493/- का आवंटन प्राप्‍त हुआ, जिसमें से लागत पूँजी अनुदान के रूप में 11 औद्योगिक इकाइयों को राशि रू. 164,30,934/- ब्‍याज अनुदान के रूप में 18 औद्योगिक इकाइयों को राशि रू.44,35,025/- वेट सहायता के तहत एक प्रकरण में राशि रू. 24,19,534/- तथा परियोजना प्रतिपूर्ति के रूप में एक इकाई को राशि रू.1,08,000/- की सहायता प्रदान की जाकर आवंटित राशि का पूर्ण व्‍यय किया गया। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सैंतालीस''

नगर निगम सीमा में संचालित आवास योजनाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

173. ( क्र. 3126 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम सीमा ग्‍वालियर में कौन-कौन सी आवास योजनाएं संचालित हैं? कौन-कौन सी योजना में बी.पी.एल कार्ड आवश्‍यक हैं? किन-किन योजना में बी.पी.एल. कार्य आवश्‍यक नहीं हैं? (ख) नगर निगम ग्‍वालियर की वार्ड नं. 61 से 66 तक के 6 वार्डों में बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राहियों की संख्‍या वार्डवार कितनी है? (ग) क्‍या इन वार्डों में बी.पी.एल. कार्डधारियों को इस वर्ष 2016, 2017 में पात्र हितग्राहियों को राजीव गांधी आवास योजना का लाभ मिला है? यदि हाँ, तो संख्‍या वार्डवार बतायें? नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या नवीन वार्डों में पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है? संख्‍या, नाम, वार्डवार बताएं। नहीं तो क्‍यों? (च) क्‍या वंचित बी.पी.एल. पात्र हितग्राहियों के बी.पी.एल. कार्ड का लाभ देने हेतु कोई विशेष अभियान चलाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, ग्‍वालियर की सीमा में वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) प्रभावशील है इस योजना में हितग्राही को बी.पी.एल. कार्डधारी होना आवश्‍यक नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) सबके लिए। पूर्व की आई.एच.एस.डी.पी. एवं राजीव आवास योजना के अपूर्ण कार्य पूर्ण कराये जा रहे हैं। ये दोनों योजना बंद हो गई है। (ख) बी.पी.एल. कार्ड धारियों की जानकारी वार्डवार :- वार्ड 61 में 03, वार्ड 62 में 21, वार्ड 63 में 05, वार्ड 64 में 19, वार्ड 65 में 04 एवं वार्ड 66 में 31 है। (ग) जी नहीं। राजीव गांधी आवास योजना बंद कर दी गई है, जिससे हितग्राहियों की वार्डवार संख्‍या दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। संख्‍या, नाम, वार्डवार जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। वि‍स्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन अभी तक तैयार नहीं किया गया है। (च) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) सबको आवास उपलब्‍ध कराया जाना है, न कि बी.पी.एल. कार्ड धारक, निकाय से परियोजना प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर भारत सरकार से स्‍वीकृत एवं केंद्रांश प्राप्‍त होने पर लाभ दिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अमृत योजना का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

174. ( क्र. 3127 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अमृत योजना में ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं? जो इस योजना में किया जाना प्रस्‍तावित हैं? (ख) जिला ग्‍वालियर के नगर निगम में नवीन वार्ड 61 से 66 तक 6 वार्डों में अमृत योजना के प्रथम चरण में कौन-कौन कार्य कराया जाना प्रस्‍तावित है? वार्डवार बताएं। नहीं तो कारण बताएं? (ग) क्‍या अमृत योजना में इन वार्डों का भविष्‍य में कार्य कराया जावेगा? प्राथमिकता पर कौन-कौन से कार्य कराये जायेंगे? वार्डवार बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अटल मिशन फॉर रिज्‍यूविनेशन एण्‍ड अर्बन ट्रान्‍सफार्मेशन (अमृत) योजना निम्‍नानुसार घटक के अंतर्गत कार्य स्‍वीकृत किये जा सकते हैं:- 1. जलापूर्ति, 2. सीवरेज सुविधाएं और सेप्‍टेज प्रबंधन, 3. बाढ़ को कम करने के लिए वर्षा जल नाले, 4. पैदल मार्ग, गैर-मोटरीकृत और सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं, पार्किंग स्‍थल 5. हरित स्‍थलों और पार्कों विशेषत: बच्‍चों के लिए और मनोरंजन केन्‍द्रों का निर्माण और उन्‍नयन करके शहरों की भव्‍यता बढ़ाना। (ख) सम्‍पूर्ण ग्‍वालियर, नगर निगम के लिए पेयजल एवं सीवरेज की समग्र योजना तैयार की गई है। पेयजल के लिए अनुमानित लागत राशि रू. 580.90 करोड़ एवं सीवरेज के लिए अनुमानित लागत राशि रू. 606.80 करोड़ है। अमृत योजनांतर्गत ग्‍वालियर नगर निगम के लिए अनुमोदित आयोजना की सीमा में राशि रू. 330.00 करोड़ के पेयजल की योजना एवं राशि रू. 400.00 करोड़ की सीवरेज योजना अभी अनुमोदित की गई है। ग्‍वालियर, नगर निगम क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में 71 ग्राम को सम्मिलित करते हुए वार्ड क्रमांक वार्ड 61-66 तक गठित किये गये हैं। इन नगरीय क्षेत्र की जनसंख्‍या का घनत्‍व कम होने से एवं अमृत योजना में योजना राशि सीमित होने से इन वार्डों को अमृत योजना के अंतर्गत पेयजल एवं सीवरेज परियोजना में सम्मिलित नहीं किया जा सका है। इन वार्डों में ट्यूबवेल एवं हैण्‍डपम्‍पों के माध्‍यम से पेयजल सुनिश्चित किया जा रहा है। सीवरेज परियोजना की आवश्‍यकता वर्तमान आबादी में नहीं है, इन क्षेत्रों में अन्‍य योजना में सेप्‍टेज मैनजमेंट की कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ। अमृत अथवा तत्‍समय प्रचलित अन्‍य योजना में उपलब्‍ध राशि में चरणबद्ध तरीके से पेयजल को प्राथमिकता देते हुए। योजनांतर्गत वार्ड 61-66 में प्रस्‍तावित कार्य की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''अड़तालीस''

कामगारों की कमी के कारण भोपाल शहर की सफाई न होना

[नगरीय विकास एवं आवास]

175. ( क्र. 3141 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सफाई कामगार 400 मीटर या 500 लोगों पर प्रति कामगार की नियुक्ति किए जाने का प्रावधान है, जिसकी मामूली पूर्ति किए जाने हेतु भोपाल नगर निगम आयुक्‍त ने प्रत्‍येक वार्ड 30 से 32 सफाई कामगार नियुक्‍त किए जाने के निर्देश जारी किए हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या दिनांक 24 मई 2017 को भोपाल उत्‍तर विधान सभा क्षेत्र की विधायक समीक्षा बैठक के दौरान जिस वार्ड में सफाई कामगारों की कमी है उनकी नियुक्ति किए जाने हेतु अपर आयुक्‍त नगर निगम भोपाल द्वारा संबंधितों को प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करने के निर्देश दिए थे? (ग) यदि हाँ, तो कौन-कौन से वार्ड में वर्तमान में कितने-कितने सफाई कामगार तैनात हैं और क्षेत्रफल की दृष्टि से तथा 500 लोगों पर किस-किस वार्ड में कितने-कितने सफाई कामगार नियुक्‍त किया जाना आवश्‍यक है? वार्डवार क्षेत्रफल सहित यह अवगत करावें कि क्षेत्रफल तथा 500 लोगों पर प्रति कामगार की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्‍य प्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पत्र क्र. एफ 4-52/2012/18-1, दिनांक 28.02.2014 के संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में दिए गए निर्देशानुसार प्रत्‍येक 500 की जनसंख्‍या पर 01 सफाई संरक्षक नियुक्‍त किए जाने का प्रावधान है। 30 से 32 सफाई कामगार प्रत्‍येक वार्ड में नियुक्‍त किए जाने संबंधी कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। (ख) उत्‍तर विधान सभा क्षेत्र के मान. विधायक द्वारा समीक्षा बैठक में सफाई कामगारों की नियुक्ति के संबंध में प्रस्‍ताव नगर पालिक निगम, भोपाल को प्राप्‍त हुआ है। (ग) उत्‍तर विधान सभा अंतर्गत आने वाले वार्डों में सफाई कार्य हेतु कार्यरत कामगारों की वार्डवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जनसंख्‍या अनुसार 500 लोगों पर किस-किस वार्ड में कितने-कितने सफाई कामगार नियुक्‍त किए जाने संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मध्‍य प्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पत्र क्र.एफ एफ 4-52/2012/18-1, दिनांक 28.02.2014 अनुसार प्रति 500 लोगों पर 01 सफाई संरक्षक नियुक्‍त करने के निर्देश हैं, जिसके अनुसार कार्यवाही की गई है। जोन में पदस्‍थ कर्मियों से सफाई कार्य के अतिरिक्‍त नाला-नाली सफाई कार्य तथा कीटनाशक छिड़काव का कार्य भी संपादित करते हैं। तदानुसार जनसंख्या के अनुपात में प्रत्‍येक वार्ड/जोन में पर्याप्‍त संख्‍या में सफाई संरक्षक नियुक्‍त हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्चास''

निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता का प्रमाण-पत्र

[नगरीय विकास एवं आवास]

176. ( क्र. 3142 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगरीय निकायों में किए जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता पूर्वत: प्रमाण-पत्र क्षेत्रीय पार्षद से लिए जाने के संबंध में कोई नियम या आदेश लागू हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें? यदि नहीं, तो ऐसे प्रमाण-पत्र किन-किन नगरीय निकायों में लिए जा रहे हैं तथा इसके क्‍या तात्‍पर्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में भोपाल नगर निगम में ऐसे प्रमाण-पत्र किस नियम के तहत तथा किन कारणों से लिए जा रहे हैं? इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए           कौन-कौन दोषी है, उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित यह भी अवगत करावें कि यदि नियम नहीं है, तो कार्यों की गुणवत्‍ता के नाम पर पार्षदों का प्रमाण-पत्र लेना कब से प्रतिबंधित किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) नगर निगम, भोपाल ने सूचित किया है कि नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 25 (क) पार्षदों के कर्तव्‍य की उपधारा (2) के अनुसार इस प्रकार के प्रमाण-पत्र लिये जा रहे हैं। इस विषय पर जाँच किये जाने के आदेश दिये गये हैं एवं जाँच के निष्‍कर्षों के अनुसार अगली कार्यवाही की जा सकेगी।

शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय में जल भराव

[उच्च शिक्षा]

177. ( क्र. 3154 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुरैना के शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय परिसर में जल भराव के कारण विद्यार्थियों को भारी असुविधा हो रही है? जल भराव की पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या जून 2017 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्र नेताओं द्वारा महाविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन को जल भराव की समस्‍या के संबंध में ज्ञापन दिया गया था कि जल भराव समस्‍या को अविलंब हल किया जावे? स्थिति की पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या उक्‍त जल भराव की समस्‍या के समाधान के किस स्‍तर पर प्रयास किये गये? वर्ष, व्‍यक्ति का नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्षाकाल के समय निकटवर्ती बस्ती एवं नाले में वर्षा जल की सुव्यवस्थित निकासी न होने के कारण शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मुरैना में जल-भराव की समस्या उत्पन्न होती है। (ख) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्र नेताओं द्वारा महाविद्यालय प्रशासन को जून 2017 में ज्ञापन नहीं दिया गया था, अपितु स्थानीय प्रशासन को समस्या के संबंध में ज्ञापन दिया गया था। (ग) संबंधित महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य,             डॉ. सी.एल. गुप्ता द्वारा स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन को समस्या से अवगत कराया गया और महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति में भी समस्या के समाधान के प्रयास किये गये। समस्या का निराकरण स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन के क्षेत्राधिकार में होने से महाविद्यालय प्रशासन द्वारा उनसे निरंतर संपर्क किया गया। महाविद्यालय के निकट जल-भराव की समस्या का समाधान करने हेतु रूपये 18.00 लाख की राशि की स्वीकृति नगर निगम, मुरैना द्वारा दी जा चुकी है और कार्य प्रगति पर है।

पंचायतों में पंच परमेश्‍वर मद से स्‍वीकृत कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

178. ( क्र. 3174 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत पंच परमेश्‍वर मद से जो राशि वर्ष 2014-15 से 2016-17 में स्‍वीकृत की गई वह किन-किन पंचायतों को प्रदाय की गई? राशि सहित पंचायतवार विवरण दें।         (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन पंचायतों में राशि स्‍वीकृत की गई उन पंचायतों में उक्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये हैं? उनकी वर्तमान स्थिति क्‍या है? वर्षवार सूची उपलब्‍ध करावें।                    (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कितने अपूर्ण हैं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) योजनान्तर्गत 445 कार्य पूर्ण व 106 कार्य अपूर्ण है।

अवैध रेत भण्‍डारण

[खनिज साधन]

179. ( क्र. 3180 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मैहर तहसील के ग्राम ककरा स्थित शासकीय स्‍कूल के प्रांगण में रेत के भण्‍डारण की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो किस आदेश से कब से एवं किसको? कितने क्षेत्र में किसके मालिकाना हक की भूमि में कितनी रेत का भण्‍डारण किया जा रहा है? (ख) क्‍या स्‍कूल के सामने रेत के भण्‍डारण एवं भारी वाहनों की आवाजाही से स्‍कूली बच्‍चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? उक्‍त भण्‍डारण अनुज्ञा कब तक निरस्‍त की जावेगी? नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भारी वाहनों के आवागमन से सड़कों को नुकसान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

180. ( क्र. 3181 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र की किन-किन प्रधानमंत्री सड़कों पर या उसके आस-पास क्रेशर या खदाने संचालित हैं? (ख) प्रधानमंत्री सड़क की भारवहन क्षमता कितनी होती है? क्‍या मैहर क्षेत्र में सड़कों पर चल रहे 30-40 टन क्षमता के वाहनों के आवागमन से सड़कें तेजी से खराब हो रही हैं? इनकी रोकथाम हेतु क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) क्‍या भारी क्षमता वाहनों का आवागमन रोकने हेतु विभाग कोई कार्यवाही सुनिश्चित करायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों की भार वहन क्षमता 8 टन होती है। जी हाँ। इसकी रोकथाम हेतु कलेक्टर जिला सतना एवं थाना प्रभारी, थाना मैहर को मार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने हेतु सूचित किया गया है। (ग) भारी क्षमता वाले वाहनों का आवागमन रोकने हेतु जिला प्रशासन को लेख किया गया है।

परिशिष्ट - ''पचास''

सारणी महाविद्यालय में अनियमितता पर कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

181. ( क्र. 3193 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय सारणी की वर्ष 2010 से वर्ष 2016-17 तक की ऑडिट रिपोर्ट देवें।             (ख) क्‍या कारण है कि प्रश्‍न क्र. 1859 दिनांक 08.12.16 के अनुसार पत्र क्रमांक 1367/14 प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। प्रश्‍न दिनांक इस संबंध में की गई समस्‍त कार्यवाही की जानकारी पत्र व्‍यवहार की छायाप्रति सहित देवें। (ग) वर्ष 2011 से 2014 तक किस एम.पी. ऑन-लाईन द्वारा परीक्षा फीस जमा की गई? फर्म का नाम, खाते का स्‍टेटमेंट छायाप्रति और महाविद्यालय द्वारा किस माध्‍यम से फर्म को भुगतान किया गया। भुगतान रसीद की छायाप्रति सहित देवें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सत्र 2010 से 2014 तक ऑडिट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सत्र 2015-2016 एवं 2016-2017 का ऑडिट नहीं हुआ है। (ख) 1. प्राचार्य द्वारा ऑन-लाईन भुगतान व्यवस्था के निर्देशों का पालन न करने पर एवं रूपये राशि 50/- आउट-सोर्सिंग प्रक्रिया हेतु बी.यू. नोटिफिकेशन के अतिरिक्त भुगतान लेने पर प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, सारणी को कारण बताओ सूचना पत्र आयुक्त उच्च शिक्षा के पत्र क्रमांक 1364, दिनांक 26.11.2016 द्वारा जारी किया गया था। प्राचार्य द्वारा दिनांक 05.12.2016 को दिये गये उत्तर के संबंध में आयुक्त उच्च शिक्षा के पत्र दिनांक 29.12.2016 को क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा भोपाल को जाँचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 2. शासकीय महाविद्यालय सारणी में सत्र 2011 से 2014 में अतिरिक्त भुगतान लिये जाने के कारण म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 तथा 7 का उल्लंघन करने के कारण विभाग के आदेश             क्रमांक-1374/2126/2017/38-1 दिनांक 19-07-2017 द्वारा डॉ. प्रमिला वाधवा, प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, सारणी को दीर्घशास्ति हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) वर्ष 2011 से 2014 तक एम.पी.                ऑन-लाईन द्वारा परीक्षा फीस जमा नहीं की गई।

रियो टिन्‍टो को खदान का आवंटन

[खनिज साधन]

182. ( क्र. 3199 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन एवं भोपाल संभाग की 30 जून 2017 को रॉयल्‍टी, अवैध खनन की पेनल्‍टी, या अन्‍य प्रकार के बकाया की सूची राशि बकायादार का नाम माँग की दिनांक सहित प्रदान करें तथा बतावें कि पिछले 3 सालों से इस कुल राशि में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई और इसके कारण क्‍या हैं? (ख) पन्‍ना के आस-पास के गाँव में रियो टिन्‍टो को हीरे की खदान का आवंटन किन शर्तों पर किया गया था। अनुबंध की प्रति देवें तथा बतावें कि उनका खदान छोड़कर जाने की प्रक्रिया अनुबंध के अनुसार उचित थी? इस संबंध में हुये सम्‍पूर्ण पत्र व्‍यवहार की प्रति तथा दस्‍तावेजों की प्रतियां उपलब्‍ध करावें। (ग) 2017 जनवरी के अनुसार प्रदेश में कोयले की कौन-कौन सी खदान का आवंटन किस-किस कंपनी को किस स्‍थान पर किया गया है? उक्‍त कोयला खदानों से प्रदेश को वर्तमान में क्‍या लाभ किस रूप में कितनी राशि का प्राप्‍त हो रहा है तथा किस-किस खदान से प्रतिमाह औसतन कितना कोयला निकाला जा रहा है? (घ) जनवरी 2017 के अनुसार उज्‍जैन एवं भोपाल संभाग में किस-किस मुख्‍य खनिज की कौन-कौन सी खदान किस-किस फर्म/व्‍यक्ति को आवंटित की गई है? नाम सहित सूची देवें तथा चूना, पत्‍थर, तांबा, अयस्‍क, मैग्‍नीज, अयस्‍क, हीरा, डोलोमाइन तथा बॉक्‍साइड तथा आयरन ओर में राजस्‍व प्राप्ति का 03 वर्ष का ग्राफ बनाकर देवें तथा वृद्धि/कमी का वर्ष अनुसार कारण बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उज्‍जैन एवं भोपाल संभाग के बकायादारों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' पर दर्शित है। जिसमें प्रश्‍नानुसार जानकारी दर्शाई गई है। (ख) जी नहीं। जिला पन्‍ना के आस-पास के गाँव में रियो टिन्‍टो को हीरे की कोई भी खदान स्‍वीकृत नहीं की गई है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                   (ग) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है।

पौध रोपण पर व्‍यय राशि

[वन]

183. ( क्र. 3200 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) 31 जुलाई 2014 को 9272 स्‍थानों पर 1 करोड़ 42 लाख पौध रोपण में रोपण किये पौधों की स्‍थान अनुसार संख्‍या तथा इस रोपण में गड्ढा खोदने, खाद, पौधे की लागत, दी गई मजदूरी एवं अन्‍य प्रशासनिक खर्च अलग-अलग बतावें तथा कुल खर्च बतावें। (ख) भारत के नियंत्रण एवं महालेखाकार का वर्ष 2015-16 तथा 2017 के प्रतिवेदन में विभाग के प्रबंधन में चूक तथा औचित्‍य एवं मितव्‍ययिता के मानकों के पालन में विफलता के जिन दृष्‍टान्‍तों का उल्‍लेख किया गया है। उल्‍लेखित फर्म का नाम, उनके भागीदार/डायरेक्‍टर का नाम, पता कुल प्रभावित राशि की सूची प्रस्‍तुत करें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित सूची में से बतावें कि विभाग द्वारा केग के किन दृष्‍टान्‍तों को स्‍वीकार किया गया है तथा उनसे कितनी राशि की कुल वसूली की गई तथा जिन दृष्‍टान्‍तों को नहीं माना उनके कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित दृष्‍टांतों में चूक के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है तथा उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) भारत के‍ नियंत्रक एवं महालेखाकार के वर्ष 2015-16 के प्रतिवेदन में रोपण की विफलता का कोई उल्‍लेख नहीं किया गया है। वर्ष 2017 का प्रतिवेदन अप्राप्‍त है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।               (ग) एवं (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्माण कार्यों के भुगतान में विलंब

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

184. ( क्र. 3207 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार डही जनपद में विगत दो वर्षों में कितने कार्यों की कार्य पूर्णता की सी.सी. जारी की गई? कार्य का नाम, जारी दिनांक तथा भुगतान वाउचर की दिनांक सभी प्रकरणों में देवें? (ख) क्‍या कारण है कि सी.सी. जारी होने के कई दिनों बाद तक भुगतान नहीं किया गया है? प्रत्‍येक प्रकरण में हुए भुगतान के विलंब का कारण बतावें। (ग) इसके लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                  (ख) केवल 23 कार्यों में सी.सी. जारी होने के बाद भुगतान में बिलम्ब हुआ है। जिसकी जाँच कराई जा रही है। (ग) जाँच में दोषी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय शालाओं में वृक्षारोपण

[वन]

185. ( क्र. 3217 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) सिवनी जिले में दक्षिण सामान्‍य वनमण्‍डल सिवनी के अंतर्गत आने वाले सभी परिक्षेत्रों में क्‍या शासकीय शालाओं में वृक्षारोपण का कार्य किया गया है? (ख) जिले में वर्ष 2013 से प्रश्‍न लगने की स्थिति तक की अवधि में वृक्षारोपण किए गए, उन शासकीय शालाओं के नामों की सूची, वृक्षारोपण में किए गए व्‍यय की पृथक-पृथक राशि की जानकारी, वृक्षारोपण उपरांत प्रतिवर्ष शासकीय शालाओं में सफाई व निंदाई के नाम से हुए व्‍यय की जानकारी उपलब्‍ध करावें।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वृक्षारोपण एवं उसके उपरांत सफाई एवं निंदाई कार्य पर विभाग द्वारा व्यय की गई है। राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

186. ( क्र. 3220 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विधायक विकास निधि योजनांतर्गत स्‍वीकृत ऐसे कितने निर्माण कार्य हैं] जिन्‍हें संबंधित क्रियान्‍वयन एजेन्सियों के द्वारा अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है और ऐसे कितने निर्माण कार्य हैं, जिन्‍हें प्रारंभ तो किया गया परन्‍तु पूर्ण नहीं किया गया है? निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे अप्रारंभ तथा अपूर्ण कार्यों को संबंधित क्रियान्‍वयन एजेन्सियों के द्वारा निर्धारित समय-सीमा में प्रारंभ न करते हुए निर्माण कार्यों को पूर्ण नहीं किया गया है, इसका क्‍या कारण है? ऐसे निर्माण कार्यों को संबंधित क्रियान्‍वयन एजेन्सियों के द्वारा कब तक प्रारंभ कर, पूर्ण कर दिया जायेगा? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के अनुसार ऐसे अप्रारंभ कार्य तथा अपूर्ण कार्यों को संबंधित क्रियान्‍वयन एजेन्सियों के द्वारा निर्धारित समय-सीमा में प्रारंभ न करते हुए निर्माण कार्यों को पूर्ण नहीं किया गया जबकि शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में निर्माण कार्यों को प्रारंभ कर पूर्ण किये जाने हेतु संबंधित क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी को निर्देशित किया जाता है? संबंधित क्रियान्‍वयन एजेन्सियों के द्वारा शासन के निर्देशों का उल्‍लंघन किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्रियान्‍वयन एजेन्सियों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है और कार्यवाही नहीं की गई है, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में स्वीकृत अपूर्ण एवं अप्रारम्भ कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कराने हेतु समय-समय पर निर्माण एजेन्सियों को निर्देशित किया जाता है। साथ ही जिले छिन्दवाड़ा के पत्र क्रमांक 2234, दिनांक 30.6.2016, पत्र क्रमांक 4901, दिनांक 28.3.2017 एवं पत्र क्रमांक 348 दिनांक 13.6.2017 के द्वारा स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया है।

मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

187. ( क्र. 3221 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परा‍सिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कुल कितनी सड़कें मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत की गई हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में स्‍वीकृत की गई सड़कों में से किन-किन सड़कों का निर्माण कार्य क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी द्वारा प्रारंभ किया जा चुका है और कब तक सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा? कार्य करने वाली एजेन्सियों के विवरण सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में स्‍वीकृत की गई सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य स्‍वीकृत होने के बाद आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया है? निर्माण कार्य प्रांरभ नहीं किये जाने का क्‍या कारण है? ऐसी सड़कों का निर्माण कार्य कब तक प्रांरभ कर दिया जायेगा?                 (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में ऐसी कितनी सड़कें हैं जो मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्माण कराये जाने हेतु प्रस्‍तावित है और इन प्रस्‍तावित सड़कों की स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कार्य स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत भविष्‍य में निर्माण हेतु चार सड़कें चिन्हित है। वर्तमान स्थिति में स्‍वीकृति के लिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पी.आई.सी. मेम्‍बरों के फर्जी हस्‍ताक्षर से पाइप खरीदी

[नगरीय विकास एवं आवास]

188. ( क्र. 3238 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर परिषद् पृथ्वीपुर में पी.आई.सी. मेम्‍बरों के फर्जी हस्‍ताक्षर करके करोड़ों रूपये की पाइप लाइन बिछाने हेतु हेड पाइप खरीदे गये? अगर हाँ, तो किस अधिकारी के द्वारा? पदनाम सहित बतावें। (ख) पी.आई.सी. मेम्‍बरों के फर्जी हस्‍ताक्षर करने पर किन-किन लोगों के द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गयी है? नामवार बतावें एवं विभाग के द्वारा इस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) जिन लोगों के द्वारा शिकायत दर्ज की गई है, उस पर आज दिनांक तक क्‍यों कार्यवाही नहीं की गई? क्‍या इस संबंध में उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जायेगी? अगर हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण सहित बतावें। (घ) जो पाइप गलत तरीके से खरीदे गये हैं, उस पर तुरंत रोक लगाई जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) संभागीय संयुक्‍त संचालक न.प्र. एवं वि. सागर को प्रश्‍न में उठाये गये बिन्‍दुओं की जाँच कराने के निर्देश दिये गये हैं। जाँच प्रतिवदेन के निष्‍कर्ष प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

पुरैना आद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों की स्थिति

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

189. ( क्र. 3240 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले के पुरैना औद्योगिक क्षेत्र में सितम्‍बर 2016 तक कुल कितने उद्योग स्‍थापित होने के लिये पंजीकृत हुये हैं? इनमें से कितने उद्योग चालू हो गये हैं और अब तक स्‍थापित उद्योगों में से कितने उद्योग बंद हैं? (ख) वर्तमान में इस औद्योगिक क्षेत्र में किन-किन उद्योगों के लिये कितनी-कितनी भूमि शासन द्वारा लीज पर आवंटित की गई है? आवंटित भूमि पर कितने उद्योग लग चुके हैं और उत्‍पादन करने लगे हैं तथा कितने लोगों को रोजगार मिला है? (ग) इस क्षेत्र में कितने ऐसे उद्योग हैं, जिन्‍हें भूमि आवंटित हो चुकी है लेकिन उन्‍होंने अब-तक उत्‍पादन शुरू नहीं किया है और न ही उद्योग लगाने के लिये आवश्‍यक निर्माण कार्य किये हैं? ऐसे मामलों में शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (घ) पुरैना औद्योगिक क्षेत्र में कितने उद्योगपतियों को अब तक शासन से नगद सब्सिडी के रूप में कितनी धनराशि दी गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार 40 उद्योग पंजीकृत हुए थे। उक्‍त पंजीकृत उद्योगों में से औद्योगिक क्षेत्र पुरैना में वर्तमान में स्‍थापित/बंद उद्योगों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।             (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) पुरैना औद्योगिक क्षेत्र में ऐसा 01 उद्योग हैं, जिसे भूमि आवंटित हो चुकी है लेकिन उसके दवारा अब-तक उत्‍पादन शुरू नहीं किया है, परन्‍तु वह उद्योग, उद्योग स्‍थापनार्थ प्रदत्‍त निर्धारित समयावधि में स्‍थापनाधीन हैं। चूंकि यह उद्योग निर्धारित समयावधि में स्‍थापनाधीन होने के कारण, मध्‍यप्रदेश राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधानों अंतर्गत उद्योग के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता है। (घ) सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उदयम विभाग के अधीनस्‍थ जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र पन्‍ना दवारा पुरैना औद्योगिक क्षेत्र में 31 उद्योगों को राशि रूपये 2,29,46,353/- सब्सिडी के रूप में प्रदाय की गई है।

वॉटर शेड योजना की प्राप्‍त शिकायतों पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

190. ( क्र. 3244 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जिला पन्ना से संबंधित पिछले तीन वर्षों में प्रश्‍नकर्ता से कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? तिथिवार विषय सहित उनकी अद्यतन स्थिति बतायें। (ख) वॉटर शेड योजना में हुये भ्रष्‍टाचार, अनियमितता, फर्जी भुगतान इत्‍यादि से संबंधित जो शिकायतें प्रश्‍नकर्ता के पत्रों के संदर्भ से प्राप्‍त हुई थी? उन पर क्‍या जाँच की गई? जाँच अधिकारी कौन है? आदेश की प्रति बतायें जाँच प्रतिवेदन की प्रति बतायें तथा किसे-किसे दंडित किया गया? उसका नाम, पद बतायें। (ग) यदि जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है, तो उसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।    

नगर निगम में‍ निर्माण अनुमति के प्रकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

191. ( क्र. 3254 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक नवीन भवन निर्माण/भवन पुनर्निर्माण/व्‍यवसायिक कॉम्‍पलेक्‍स/बहुमंजिला बिल्डिंग्‍स एवं अन्‍य प्रकार के निर्माणों की अनुमति के कितने प्रकरण कब-कब प्राप्‍त हुए? जोनवार, नामवार जानकारी दें। (ख) उक्‍त प्रकरणों में से किस-किस प्रकरण में कब-कब किन-किन शर्तों के आधार पर अनुमति प्रदान की गई है? जोनवार, प्रकरणवार, नामवार जानकारी दें। (ग) कौन-कौन से प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित है? जोनवार, प्रकरणवार, नामवार जानकारी दें। (घ) लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जाएगा? निश्चित समयावधि बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) यह एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें आवेदक से मांगी गई जानकारी की पूर्ति होने एवं परीक्षण पश्‍चात् निर्धारित समयावधि में निराकरण किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

 






 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा में सी.सी. रोड का निर्माण

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

1. ( क्र. 16 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा में वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक सीमेंट कांक्रीट की कितने किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया एवं इन सड़कों के निर्माण में कितनी लागत आई है? (ख) गोविन्‍दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कितने कि.मी. कांक्रीट की सड़कों के निर्माण का प्रस्‍ताव लंबित है? इन प्रस्‍तावों को कब तक स्‍वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में गोविन्‍दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों की सुविधा के लिये किन-किन स्‍थानों पर हॉकर्स कॉर्नर के निर्माण की योजना बनाई गई थी? (घ) इन हॉकर्स कॉर्नर का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा भोपाल में वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक 16.96 किलोमीटर कांक्रीट सड़कों का निर्माण किया गया है। इन सड़कों के निर्माण में राशि रूपये 3788.05 लाख की लागत आई है। (ख) सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग के समक्ष कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा भोपाल में हॉकर्स कार्नर के निर्माण की कोई योजना नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश-ग के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍मार्ट सिटी का विकास

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 17 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल सहित प्रदेश के किन-किन महानगरों/नगरों में स्‍मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है? (ख) स्‍मार्ट सिटी के विकास हेतु किन-किन महानगरों/नगरों में कितनी-कितनी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित की गई? पृथक-पृथक बताया जाए। (ग) स्‍मार्ट सिटी के विकास हेतु           किन-किन वर्षों में कितनी-कितनी धनराशि उपलब्ध कराई गई? पृथक-पृथक बताया जाए। (घ) प्रदेश के किन-किन नगरों में स्‍मार्ट सिटी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है एवं क्‍या-क्‍या विकास कार्य किये गये? (ड.) स्‍मार्ट सिटी के निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) स्‍मार्ट सिटी योजना अंतर्गत भोपाल सहित इन्‍दौर, जबलपुर, ग्‍वालियर, उज्‍जैन, सागर एवं सतना शहर में स्‍मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है। (ख) स्‍मार्ट सिटी भोपाल - स्‍मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत क्षेत्र आधारित विकास हेतु भोपाल स्‍मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को शासन द्वारा नॉर्थ एवं साउथ टी.टी. नगर में 342 एकड़ शासकीय भूमि हस्‍तानांतरित की गई है। स्‍मार्ट सिटी इन्‍दौर-स्‍मार्ट सिटी के विकास हेतु इन्‍दौर में कोई भी शासकीय अथवा निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्‍मार्ट सिटी जबलपुर- जबलपुर स्‍मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्‍मार्ट सिटी ग्‍वालियर - ग्‍वालियर स्‍मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्‍मार्ट सिटी उज्‍जैन - उज्‍जैन स्‍मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्‍मार्ट सिटी सागर - सागर स्‍मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्‍मार्ट सिटी सतना                 - सतना स्‍मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। (ग) स्‍मार्ट सिटी योजना अंतर्गत वर्षवार धनराशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (घ) स्‍मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रथम चरण में चयनित इन्‍दौर, भोपाल एवं जबलपुर तथा द्वितीय चरण में चयनित ग्‍वालियर एवं उज्‍जैन द्वारा स्‍पेशल परपस व्‍हीकल (एस.पी.वी.) का गठन किया जाकर स्‍मार्ट सिटी योजना के क्रियान्‍वयन की कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है। विकास कार्य का विवरण निम्‍नानुसार है:- स्‍मार्ट सिटी भोपाल - भोपाल स्‍मार्ट सिटी के विकास कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी इन्‍दौर - इन्‍दौर स्‍मार्ट सिटी के विकास कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी जबलपुर - जबलपुर स्‍मार्ट सिटी के विकास कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी ग्‍वालियर एवं उज्‍जैन - ग्‍वालियर एवं उज्‍जैन शहर में स्‍मार्ट सिटी के कार्य अंतर्गत सर्वे, डिजाईंन एवं विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। स्‍मार्ट सिटी के विकास कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी सागर एवं सतना - स्‍मार्ट सिटी के तृतीय चरण में माह जून 2017 में सागर एवं सतना का चयन किया गया। उक्‍त दोनों शहरों में एस.पी.वी. के गठन की कार्यवाही प्रारंभिक स्‍तर पर प्रचलित है। एस.पी.वी. के गठन के पश्‍चात् सागर एवं सतना में स्‍मार्ट सिटी मिशन के क्रियान्‍वयन का कार्य प्रारंभ किया जावेगा। (ड़.) स्‍मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रथम चरण (जनवरी 2016) में चयनित इन्‍दौर, भोपाल एवं जबलपुर स्‍मार्ट सिटी के निर्माण कार्य वर्ष 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। स्‍मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत द्वितीय चरण (सितंबर 2016) में चयनित ग्‍वालियर एवं उज्‍जैन (सितंबर 2016) स्‍मार्ट सिटी के निर्माण कार्य वर्ष 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। स्‍मार्ट सिटी के तृतीय चरण में माह जून 2017 में सागर एवं सतना का चयन किया गया। उक्‍त दोनों शहरों में एस.पी.वी. के गठन की कार्यवाही प्रारंभिक स्‍तर पर प्रचलित है। एस.पी.वी. के गठन के पश्‍चात् सागर एवं सतना स्‍मार्ट सिटी के निर्माण का कार्य 05 वर्ष की अवधि में पूर्ण किए जाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।

निर्माण हेतु स्वीकृत भूमि पर अतिक्रमण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

3. ( क्र. 143 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से विधानसभा क्षेत्र बण्डा में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें शासन की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों का प्रारंभ स्थापित स्थल पर अतिक्रमण होने के कारण नहीं हो रहा है? (ख) ऐसे क्षेत्र के स्थलों से अतिक्रमण हटाने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? इस शिथिलता से क्या पंचायतों का विकास प्रभावित नहीं हो रहा है। (ग) क्या शासन के विभि‍न्न मदों से स्वीकृत निर्माण कार्यों को स्वीकृत करने के पूर्व स्थल की स्थिति का राजस्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के संबंध में पूर्व में कोई आदेश शासन स्तर से जारी हुए हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृतियों के पूर्व कितने प्रकरणों में राजस्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए गए हैं? विवरण देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। 9 प्रकरण है। (ख) ऐसे क्षेत्र के स्थलों से अतिक्रमण हटाने के लिये मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अनावेदकों को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण कार्यों को शासकीय भूमि में ही कराया जाता है तथा निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के दौरान स्थल का नक्शा एवं खसरा तहसीलदार, पटवारी से लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।  

सी.एस.आर. दरों में एक रूपता लाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

4. ( क्र. 147 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा निर्माण कार्यों के लिए जारी सी.एस.आर. अन्य विभागों के द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों के सी.एस.आर. के समान है? (ख) यदि नहीं, है तो अंतर के क्या कारण हैं? (ग) जहां म.प्र. शासन जी.एस.टी. की विचारधारा से सहमत है फिर दूसरी तरफ विभिन्न विभागों से जारी सी.एस.आर. की दरों में भिन्नता क्यों बनाए रखे है, जबकि खरीदे गए सामान की कीमतों में भिन्नता नहीं है? (घ) आर.ई.एस. विभाग की सी.एस.आर. एवं अन्य सभी विभागों के सी.एस.आर. में डेढ़ से दो गुना तक का अंतर है जबकि शहरों से ग्रामों तक सामान ले जाने की लीड में अधिक खर्च होता है तो क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्य विभागों के सी.एस.आर. के समान आर.ई.एस. का सी.एस.आर. बनाने पर कोई विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा सी.एस.आर. की दरें क्रियान्वित योजनाओं अंतर्गत किये जाने वाले निर्माण कार्यों के प्रकार, मानक, भौगोलिक स्थिति एवं सामग्री तथा मजदूरों की उपलब्‍धता के आधार पर निर्धारित की जाती है। अत: विभाग की दरें अन्‍य निर्माण विभागों के समान नहीं होती। (ख) से (ग) जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्राम पंचायतों के अधूरे निर्माण कार्यों को पूर्ण करना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

5. ( क्र. 232 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की ग्राम पंचायतों में राशि के अभाव के कारण निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या गबन होने के कारण निर्माण कार्य रोक दिये गये हैं? (ग) क्या इन अधूरे निर्माण कार्यों को पूर्ण करने हेतु राशि की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :  (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश एवं के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।

लोक सेवा केन्द्रों में उचित व्य‍वस्थायें कराना

[लोक सेवा प्रबन्धन]

6. ( क्र. 233 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के आवेदन लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रेषित किये जाते हैं? (ख) क्या इन केन्द्रों में आवेदकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है? (ग) क्या इन केन्द्रों में आवेदकों को आवेदन भरने हेतु बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है? जिससे भष्‍टाचार होता है? (घ) क्या इन केन्द्रों में कर्मचारी संख्या बढ़ाई जायेगी ताकि बिचौलियों का सहारा न लेना पड़े?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश के विभिन्‍न विभागों की लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत चिन्हित सेवाओं, एम.पी. ऑनलाईन एवं आर.सी.एम.एस. की सेवाओं हेतु आवेदन लोक सेवा केन्‍द्रों के माध्‍यम से जमा कराए जा सकते हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) लोक सेवा केन्‍द्रों में आवेदन संख्‍या के आधार पर प्रत्‍येक लोक सेवा केन्‍द्र संचालक को निर्धारित संख्‍या में कर्मचा‍री एवं काउंटर रखे जाने का प्रावधान है। विभागीय आदेश क्रमांक एफ             6-8/2011/लोसेप्र/61 दिनांक 15/1/2016 की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''एक''

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

7. ( क्र. 452 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) रीवा जिले में कार्यरत जनपद पंचायतों के किन-किन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारियों को कार्य में लापरवाही बरतने, कार्य में रूचि न लेने, शासन के जारी नियमों निर्देशों के तहत समय पर कार्य न करने पर समय-समय पर वरिष्‍ठ कार्यालयों द्वारा कब-कब कारण बताओ नोटिस जारी की गई, विगत 4 वर्ष की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कारण बताओ नोटिस पर कब-कब, किन-किन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई, अगर कार्यवाही कारण बताओ नोटिस के बाद नहीं की गई बल्कि समाधान कारक मानकर कार्यवाही लंबित की गई तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को (ख) अनुसार कार्यवाही न कर संबंधितों को लीपापोती कर बचाने का प्रयास किया गया तो कारण बताओ नोटिस जारी करने का क्‍या औचित्‍य था? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी के कार्य में रूचि न लेने, ग्राम उदय से भारत उदय के आवेदनों का समय पर निराकरण न करने, समग्र स्‍वच्‍छता के तहत हितग्राहियों को समय पर भुगतान न करने, प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के चयन एवं भुगतान में विलंब करने पर आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग को 25.05.2017 को पत्र क्रमांक 892 के माध्‍यम से कार्यवाही बावत् लिखा गया, जिस पर कार्यवाही लंबित होने के क्‍या कारण हैं?                   (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (घ) के कर्मचारियों को कर्तव्‍य के प्रति लापरवाही एवं शासन के जारी आदेशों निर्देशों का पालन न करने सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी कर समाधान कर देने के दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे, अगर नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) कार्रवाई की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में उल्‍लेखानुसार। (ग) नियम निर्देशों के तहत कार्रवाई की गई है।                  (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्‍तुत पत्र में उल्‍लेखित तथ्‍यों की जाँच में शासन द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान की संतोषजनक है। इनके पदीय दायित्‍वों के निर्वहन में किसी प्रकार की लापरवाही किया जाना प्रदर्शित नहीं होने से प्रकरण नस्‍तीबद्ध किया गया।                     (ड.) प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार कार्यवाही की गई है। प्रचलित प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्‍नांश '' के अधिकारी के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर में उल्‍लेखित है।

परिशिष्ट - ''दो''

वन्‍य प्राणी उपचार केन्‍द्र सतना के निर्माण में अनियमितता

[वन]

8. ( क्र. 453 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन्‍य प्राणी सहउपचार केन्‍द्र सतना के निर्माण में की गई अनियमितता के लिये दोषियों पर जाँच कराकर कार्यवाही बाबत् पत्र प्रश्‍नकर्ता द्वारा 26.04.2017 को पत्र क्रमांक 847 के माध्‍यम से मुख्‍य वन संरक्षक रीवा को लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई, जिसमें संदर्भित बिन्‍दुओं का परीक्षण कर संबंधितों पर कार्यवाही का लेख किया गया था? पत्र अनुसार कार्यवाही की गई हो तो प्रति देते हुए बतावें, अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि समय पर कार्यवाही नहीं की गई एवं की गई कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को अवगत नहीं कराया गया तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं, दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांकित पत्र से म.प्र. विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 3961 दिनांक 08 मार्च 2016, प्रश्‍न क्रमांक 1398 दिनांक 21 जुलाई 2016 एवं प्रश्‍न क्रमांक 1433 दिनांक 08 दिसम्‍बर 2016 का उल्‍लेख करते हुए उपरोक्‍त विधान सभा प्रश्‍न एवं उत्‍तर की प्रति में उल्‍लेखित वस्‍तु स्थित से अवगत होकर जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने एवं की गई कार्यवाही से अवगत कराने का उल्लेख किया गया है। (1) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 3961- विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 3961 के उत्‍तर में प्रश्‍नांश '''' एवं ''ड़'' के संबंध में यह लेख किया गया था कि जानकारी संकलित की जा रही है। जानकारी संकलित हो जाने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। प्रश्‍नांश '''' की जानकारी वनमण्‍डल सतना द्वारा एकत्र की गई है। बालू खरीदी में जिन वाहन क्रमांकों के माध्‍यम से बालू सप्‍लाई की गई है उन वाहनों की क्षमता उतनी बालू लोड करने की पायी गयी है। परिवहन विभाग की बेवसाइट से उक्‍त वाहनों की लोड क्षमता संबंधी जानकारी प्राप्‍त की गई है। किसी वाहन के अभिवहन पास में कोई छेड़छाड़ नहीं पाई गई है। अत: दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नांश '''' की संशोधित जानकारी के संबंध में कार्यालयीन प्रत्र क्रमांक/4465 दिनांक 06.07.2017 से प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (प्रभारी प्रशासन-1) को प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (2) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 1398- विधान सभा क्रमांक 1398 के प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर में यह लेख किया गया था कि तत्‍कालीन वन संरक्षक, सतना के विरूद्ध नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन न करने के संबंध में आरोप पत्र जारी किये जा चुके है। इसी प्रकार तत्‍कालीन मुख्‍य वन संरक्षक, रीवा के विरूद्ध शासन के नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित न करवा पाने के संबंध में आरोप पत्र जारी किया जा चुका है। उक्त दोनो अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाई प्रक्रियाधीन होने से शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (3) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 1433- विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 1433 के उत्‍तर में प्रश्‍नांश '''' के संबंध में यह लेख किया गया था कि शिकायत क्रमांक 25/15 आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ (EOW) रीवा में जांचाधीन होने के कारण कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है। उक्‍त प्रकरण वर्तमान में भी जांचाधीन होने के कारण कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '''' से संबंधित उल्‍लेख के अनुसार विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक-1433 एवं विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक-1398 जांचाधीन होने के कारण शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 वन क्षेत्रान्‍तर्गत बेदखलीय लोगों का पुनर्वास

[वन]

9. ( क्र. 475 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वन क्षेत्रान्‍तर्गत आवासीय बेदखलीय या अतिक्रमण की कार्यवाही के अन्‍तर्गत किस-किस ग्राम में कितने-कितने लोग प्रभावित हुये तथा प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु किस-किस विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही हैं? (ख) यह कि विगत 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले को पुनर्वास हेतु उक्‍त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी / एन.जी.ओ. को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार, कार्यवार, भुगतान कि गई राशि का पूर्ण ब्‍यौरा देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन वनक्षेत्रों में आवासीय बेदखलीय या अतिक्रमण की कार्यवाही के अंतर्गत किसी भी ग्राम के निवासी प्रभावित नहीं हुये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

सुदूर सड़क संपर्क योजना से निर्मित सड़कों की स्‍वीकृति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

10. ( क्र. 544 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जतारा के जनपद पंचायत जतारा एवं जनपद पंचायत पलेरा में महात्‍मा गांधी नरेगा की सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क योजना अन्‍तर्गत अप्रैल, 2013 से जून, 2017 तक मजरा टोलों को जोड़ने हेतु कितनी सड़के स्‍वीकृति की गई? (ख) निर्माणाधीन सुदूर सड़कों से कितने मजरा-टोलों को जोड़ा गया सड़कों के निर्माण में कौन-कौन मापदण्‍ड अपनाये गये? (ग) क्‍या सड़कों के निर्माण में मजदूरों से कार्य कराया गया अगर मजदूरों द्वारा सड़कों का निर्माण किया तो उक्‍त सुदूर सड़क निर्माण में कितने जॉबकार्डधारी मजदूर परिवारों ने कार्य किया? (घ) सड़क निर्माण में जे.सी.बी. एवं ट्रेक्‍टर द्वारा कार्य कराया जाना उचित है तो मजदूरों का भुगतान कैसे हुआ?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत जतारा में 116 एवं जनपद पंचायत पलेरा में 44 सड़कें स्वीकृत की गईं। (ख) 361 मजरा टोलों को जोड़ा जाना लक्षित है। प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 2893 जॉबकार्डधारी मजदूर परिवारों द्वारा कार्य किया गया। (घ) कठोर मिट्टी/मुरूम को ढीला करने एवं काम्पेक्‍शन व परिवहन आदि कार्य 40 प्रतिशत सामग्री मद में किया जाना अनुमत है।

विधि कॉलेज संचालन के नियम प्रक्रियाओं की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

11. ( क्र. 662 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा विधि महाविद्यालय स्‍वीकृत हेतु क्‍या नियम प्रक्रिया प्रचलन में हैं, प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) शासकीय विधि महाविद्यालय मुरैना में विधि कक्षाएं प्रारंभ हेतु किस वर्ष मान्‍यता प्राप्‍त की थी? प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या वर्तमान वर्ष 2017-18 विधि महाविद्यालय मुरैना की मान्‍यता समाप्‍त हो चुकी है यदि हाँ, तो कारण बतावें? (घ) छात्र-छात्राओं के हितार्थ उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित महाविद्यालय को मान्‍यता कब तक दी जायेगी? जिससे                         छात्र-छात्राओं का भविष्‍य अंधकारमय न हो सके व उनकी आगे की विधि शिक्षा नियमित व सुचारू रूप से लागू रहे। क्‍या छात्र-छात्राओं की उच्‍च तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु उच्‍च शिक्षा के सभी शासकीय महाविद्यालयों में वोकेशनल कोर्स (जॉब ओरिएंटेड कोर्स) इस वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2017-18 में शुरू किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताई जावे तथा उपरोक्‍त वोकेशनल कोर्स से संबंधित योग्‍यता व नियम प्रक्रिया की जानकारी भी छायाप्रति सहित दी जावे।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में नवीन विधि महाविद्यालय स्वीकृत करने के संबंध में विभाग का कोई पृथक नियम प्रचलन में नहीं है। बार काउंसिल ऑफ इण्डिया (बी.सी.आई.) के मापदण्डों की पूर्ति पाये जाने पर एवं बी.सी.आई. की मान्यता उपरांत ही विधि महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही की जाती है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार यह महाविद्यालय शासनादेश से 16 सितम्बर 1998 से संचालित है। शासकीय महाविद्यालय मुरैना में विधि कक्षायें प्रारंभ करने हेतु बार काउंसिल ऑफ़ इण्डिया से वर्ष 2003 में मान्यता प्राप्त हुई है, अनुमति पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान वर्ष 2017-18 में विधि कक्षाओं में प्रवेश हेतु जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा बार काउंसिल ऑफ़ इण्डिया, नई-दिल्ली से अनुमति प्राप्त करने हेतु इस महाविद्यालय को दिनांक 29.06.2017 को चार माह का समय दिया गया है, जिससे महाविद्यालय में विधि की कक्षायें नियमित रूप से संचालित हो। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है। समस्त शासकीय महाविद्यालयों में सत्र 2017-18 में वोकेशनल कोर्स प्रारंभ करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। स्ववित्तीय आधार पर महाविद्यालय वोकेशनल अथवा जॉब ओरियंटेड कोर्स संचालित कर सकते हैं, जिसके संबंध में जारी शासनादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के प्रपत्र 1, 2, 3 एवं 4 के रूप में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

अध्‍यापकों को वरिष्‍ठता का लाभ

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

12. ( क्र. 696 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) प्रश्‍नकर्ता के अता.प्र.सं. 6462 दिनांक 28.03.2017 के उत्‍तर में जानकारी संकलित की जा रही है। बताया गया था तो क्‍या उक्‍त जानकारी संकलित कर दी गई है? यदि हाँ, तो उपलब्‍ध करावें यदि नहीं, तो जानकारी संकलित करने में विलम्‍ब का कारण बतावें? (ख) उक्‍त जानकारी संकलित करने में विलम्‍ब के लिए दोषियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? कब तक जानकारी संकलित कर उपलब्‍ध करा दी जावेगी समय-सीमा उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

बायपास मार्ग निर्माण की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( क्र. 697 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्‍योपुर जिला मुख्‍यालय पर सफेद चबूतरे से एफ.सी.आई. गोदाम तक के बायपास मार्ग की दशा वर्तमान में अत्‍यंत खराब है। पूरे मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। (ख) क्‍या इस मार्ग पर हर समय भारी परिवहन एवं यातायात का दबाव हमेशा बना रहता है, इस कारण आवागमन में तो कठिनाई होती ही है साथ ही दुर्घटनाओं की आशंका भी हर समय बनी रहती है। इस कारण उक्‍त मार्ग का शीघ्र उन्‍नतिकरण कार्य कराये जाने की आवश्‍यकता है। (ग) क्‍या नगरपालिका श्‍योपुर ने उक्‍त कार्य की डी.पी.आर. शासन/विभाग को स्‍वीकृति हेतु भेज दी है? यदि नहीं, तो शीघ्र भेजी जावेगी अथवा शासन स्‍वमेव शीघ्र मंगवाएगा तथा उक्‍त कार्य को अनुदान/अन्‍य किसी मद में शामिल करके इसकी डी.पी.आर. राशि का प्रावधान चालू वित्‍त वर्ष के अनुपूरक बजट में करके डी.पी.आर. को स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माह मई 2017 में आपको प्रेषित पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नगर पालिका परिषद श्‍योपुर को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में राशि                       रू. 300.00 लाख की सैद्धान्तिक स्‍वीकृति जारी की गई है, जिसके अंतर्गत सफेद चबूतरे से एफ.सी.आई. गोदाम तक के बायपास मार्ग के उन्‍नयन का कार्य प्रस्‍तावित किया गया है, जिसकी डी.पी.आर. तैयार कराने की कार्यवाही नगर पालिका परिषद श्‍योपुर द्वारा की जा रही है। डी.पी.आर. प्राप्‍त होने पर सैद्धांतिक स्‍वीकृति की राशि की सीमा में निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये जा सकेंगे। (घ) पत्र में उल्‍लेखित सड़क का‍ निर्माण कार्य मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना में स्‍वीकृत राशि से कराया जाना प्रावधानित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दमोह जिले की वन भूमि नोटीफिकेशन

[वन]

14. ( क्र. 791 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की कितनी भूमि वन भूमि घोषित की गई है? इसका नोटीफिकेशन कब हुआ है वन परिक्षेत्रवार बतलावें? क्या राजस्व अभिलेखों में हस्तांतरित कर दर्ज कर ली गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या घोषित वन भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज जिन भूमियों को मई 1996 में नारंगी भूमि मानकर सर्वे किया गया था, उसके आधार पर राजस्व अभिलेखों को अद्यतन नहीं किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं, यह किसकी जिम्मेदारी बनती है? क्या जिम्मेदार अमले के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? शासन कब तक राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने की कार्यवाही पूर्ण कर लेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त भूमि को राजस्व अभिलेखों में हस्तांतरित कर दर्ज करने की कार्यवाही प्रचलन में है। चूंकि कार्यवाही का स्वरूप काफी विस्तृत एवं न्यायालयीन प्रक्रिया का है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीन''

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत स्‍वीकृत राशि

[वन]

15. ( क्र. 792 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत वन मण्डलाधिकारी दमोह को किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में स्‍वीकृत राशि में से वन मण्‍डलाधिकारी दमोह द्वारा कितनी राशि किन कार्यों में व्‍यय की गई? (ग) क्या मटेरियल टेस्ट किये जाने के नियम वन विभाग के माध्यम से कराये गये कार्यों पर भी लागू हैं? यदि हाँ, तो कंडिका (ख) के अनुसार कार्य हेतु क्रय की गई सामग्री की क्या किसी प्रयोगशाला में टेस्ट हुआ है? यदि हाँ, तो प्रयोगशाला का नाम, टेस्ट सेम्पिल लेने वाले अधिकारी का नाम एवं पद दर्शाते हुए जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या टेस्ट सेम्पिल लेने या प्रयोगशाला जाँच नहीं करवाने के कारण कोई अनियमितता प्रकाश में आयी है, यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में कोई कर्मचारी दोषी है, तो उसके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।                       (ग) वन विभाग के माध्यम से कराये गये कार्यां पर मटेरियल टेस्ट किये जाने के वन विभाग के पृथक से कोई नियम नहीं है। किन्तु निर्माण कार्या में लगे मटेरियल का आवश्यकता अनुसार टेस्ट कराया जाता है। प्रश्न अवधि में कराये गये वृक्षारोपण एवं जल संग्रहण संरचना के उन्नयन कार्य में टेस्ट किये जाने वाले मटेरियल का उपयोग नहीं हुआ है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।                    (घ) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चार''

शासकीय कन्‍या महाविद्यालय शाजापुर का भवन निर्माण

[उच्च शिक्षा]

16. ( क्र. 896 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्‍न क्रमांक 2305 दिनांक 29/2/2016 के प्रश्‍नांश (घ) के अनुसार क्‍या उक्‍त महाविद्यालय के निर्माण की पुनरीक्षित लागत के संबंध में एस.एफ.सी. की बैठक में निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या निर्णय लिया गया है? (ग) कन्‍या महाविद्यालय का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा, ताकि छात्राओं का अध्‍यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित होता रहे?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, के पत्र क्रमांक एफ-21-4/2015/38-2, दिनांक 07.12.2016 द्वारा शेष अंतर की राशि रूपये 81.87 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

शाजापुर नगर में पेयजल हेतु पानी लाने हेतु सर्वे

[नगरीय विकास एवं आवास]

17. ( क्र. 897 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला मुख्‍यालय शाजापुर की जनसंख्‍या लगभग 75 हजार है, जिसमें पेयजल हेतु चीलर बांध से पेयजल एवं किसानों को सिंचाई हेतु जल की आपूर्ति की जाती है? अल्‍प वर्षा के कारण पेयजल की आपूर्ति में समस्‍या आती है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्य योजना बनाई जा सकती है? (ख) यदि हाँ, तो जिला मुख्‍यालय शाजापुर से 15 कि.मी. दूरी कराडिया बैराज 23 फीट की ऊंचाई का निर्मित है, जिसमें पर्याप्‍त जल सिंचाई के अलावा उपलब्‍ध रहता है? क्‍या शासन स्‍तर से इसका सर्वे किये जाने का निर्देश जारी किया जाएगा? (ग) क्‍या सर्वे का निर्देश जारी किये जाने से शाजापुर नगर की 75 हजार जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्‍ध हो सकता है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। विगत 05 वर्षों में पेयजल आपूर्ति में केवल वर्ष 2014 में लगभग 18 प्रतिशत कम वर्षा होने एवं अपर्याप्‍त इन्‍टेक व्‍यवस्‍था के कारण जल आपूर्ति में कमी हुई थी। जी नहीं चीलर बांध की जल संग्रहण क्षमता 31.12 एम.सी.एम. है, जिसमें से 3.5 एम.सी.एम. पानी शाजापुर नगर की जलप्रदाय हेतु आरक्षित है। पृथक से योजना बनाने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है। (ख) जी नहीं। कराडि़या बैराज की क्षमता मात्र 0.90 एम.सी.एम. है, जो कि सिंचाई के साथ-साथ शहर की जलप्रदाय योजना के लिये पर्याप्‍त नहीं है। इसलिये पृथक से सर्वे कराने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भोपाल के जलाशयों में अप्राकृतिक मृत्‍यु

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 948 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विगत 5 वर्षों में भोपाल स्थित जलाशयों में अप्राकृतिक मृत्‍यु की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। यदि हाँ, तो वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल जिले के जलाशयों में कितनी-कितनी अप्राकृतिक मृत्‍यु की घटनायें हुईं है वर्षवार एवं जलाशयवार जानकारी दी जावें?                (ख) प्रश्‍नगत जलाशयों में अप्राकृतिक मृत्‍यु रोकने के लिये शासन द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये हैं। विभागवार, जलाशयवार वर्षवार जानकारी दी जावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार राज्‍य सरकार के द्वारा क्‍या कोई सक्षम शासकीय संगठन या संस्‍था या विभाग को भोपाल सहित दुर्घटना बाहुल्‍य जलाशयों में अप्राकृतिक मृत्‍यु रोकने बावत् उत्‍तरदायित्‍व सौंपा गया हैं। यदि हाँ, तो संगठन/संस्‍था/ विभाग के द्वारा किये गये कार्यों का विवरण पृथक से दिया जावें और यदि नहीं, तो क्‍या शासन द्वारा प्रश्‍नगत अप्राकृतिक मृत्‍यु को रोकने के लिये ऐसी ही किसी एजेन्‍सी से गठन पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जायेगा। यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के पर्यटन स्‍थल ओरछा में स्थित बेतवा नदी में भी इसी तरह की घटनाओं में वृद्धि हो रही हैं। यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार समान आशय की जानकारी पृथक से दी जावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। यह सही नहीं है कि विगत 05 वर्षों में भोपाल स्थित जलाशयों में अप्राकृतिक मृत्‍यु की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई हैं। वर्षवार जलाशयवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) नगर निगम, भोपाल द्वारा निगम सीमा के अंतर्गत प्रमुख घाटों एवं जलाशयों में गोताखोरों की ड्यूटी लगाई जाती है। जलाशयवार वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जलाशयों में अप्राकृतिक मृत्‍यु अथवा दुर्घटनाओं के विषय पर किसी संस्‍था अथवा विभाग की उत्‍तर दायित्‍व नहीं सौंपा गया है तथापि म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 67 के (ड.) के प्रावधानों के अनुसार नगर निगम द्वारा व्‍यवस्‍था की जाती है। आपदाओं की रोकथाम, शमन एवं प्रतिवादन कार्यों एक सक्षम एवं प्रभावशाली संगठन का विकास एवं प्रदेश की विकास प्रक्रिया में आपदा प्रबंधन के घटकों को शामिल करते हुये संभावित आपदाओं की रोकथाम तथा न्‍यूनीकरण एवं सतत् विकास की अवधारणा को पुष्‍ट करने के लिये आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश में मध्‍यप्रदेश राज्‍य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन दिनांक 05 सितम्‍बर, 2007 को किया गया। राज्‍य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण माननीय मंत्री गृह विभाग की अध्‍यक्षता में गठित है। प्राधिकरण के कार्यों की निगरानी एवं मार्गदर्शन हेतु माननीय मुख्‍यमंत्री जी मध्‍यप्रदेश शासन की अध्‍यक्षता में एक स्‍टेयरिंग समिति का गठन किया गया है। राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य आपदा प्रबंधन योजनाओं को प्रदेश में लागू करने एवं आपदा प्रबंधन कार्यों के समन्‍वयन हेतु मुख्‍य सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन की अध्‍यक्षता में कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है। (घ) जी नहीं। नगर परिषद् ओरछा क्षेत्र अंतर्गत स्थित बेतवा नदी में क्रमश: वर्ष 2013 में 09 वर्ष 2014 में 02 वर्ष 2015 में 02 वर्ष 2016 में 02 वर्ष 2017 में दिनांक 30.06.2017 तक कुल 03 मौंते हुई है इनकी पुष्टि स्‍थानीय पुलिस स्‍टेशन, ओरछा द्वारा की गई है। मौतों को रोकने हेतु निकाय द्वारा कन्‍ट्रोल रूम स्‍थापित किया गया है एवं बरसात के दिनों में जिला स्‍तर से तैराक होमगार्डों की ड्यूटी लगाई गई है एवं सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा बरसात के दिनों में झॉंसी टीकमगढ़ मार्ग 04 माह के लिये बंद कर दिया जाता है। निकाय द्वारा घाटों पर जगह-जगह बैनर पोस्‍टर, दीवालों पर लेखन एवं कन्‍ट्रोल रूम में (रस्‍सा, जैकेट, ट्यूब) आदि उपकरण सुरक्षित उपलब्‍ध है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

सतधारा तालाब का टूटा हुआ बंधान पूर्ण कराया जाना

[वन]

19. ( क्र. 1177 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम कररई खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में वन विभाग का सतधारा तालाब है। जिसका बंधान टूटा हुआ है? (ख) क्‍या उक्‍त कररई में सतधारा तालाब के बंध जाने पर जानवरों को पीने का पानी हमेशा उपलब्‍ध रहेगा तथा कृषि के लिये भी जल स्‍तर बढ़ जायेगा क्‍या उक्‍त तालाब के फूटे हुये बंधान को निर्माण कराये जाने हेतु आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त बांध की लम्‍बाई ज्‍यादा अधिक नहीं होगी तथा जिसके निर्माण कराये जाने शासन या विभाग पर ज्‍यादा व्‍यय नहीं आएगा, क्‍या इसका स्‍टीमेट प्राक्‍कलन तैयार कराकर विभाग की ओर भेजेंगे, यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राशि का दुरूपयोग किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

20. ( क्र. 1181 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या वर्ष 2012 में नगर पंचायत बल्‍देवगढ़ को खेल स्‍टेडियम बनाने हेतु 46 लाख रूपये की स्‍वीकृति प्रदाय की गई थी। जिसमें प्रथम किस्‍त में 10 लाख रूपये राशि भेजी गई थी। तथा दिनांक 29/3/12 में खेल एवं युवक कल्‍याण विभाग को भूमि भी आवंटित हो गई थी और उसी क्रम में विभाग द्वारा पुन: 20 लाख रूपये की राशि नगर पंचायत बल्‍देवगढ़ को भेजी गई थी। जिसमें मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक 20 लाख का कोई भी निर्माण कार्य धरातल पर नहीं कराया गया एवं वेबसाईड पर कार्य प्रगतिरत डाल कर रखा गया हैं। यदि हाँ, तो क्‍या शासन की राशि को दुरूपयोग किये जाने पर मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी बल्‍देवगढ़ की उच्‍चस्‍तरीय जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) क्‍या उक्‍त राशि मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी द्वारा शासन को वापिस कर दी है? अथवा नगर पालिका अधिकारी के पास आज भी इतने लंबे समय से राशि पड़ी हुई है वस्‍तु स्थिति की जानकारी मय दस्‍तावेज उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को निर्देश देकर शीघ्र ही खेल स्‍टेडियम का निर्माण कार्य करायेंगे? क्‍या यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निकाय द्वारा प्राप्‍त जानकारी के अनुसार निकाय को अब तक रू. 30.00 लाख रूपये की राशि प्राप्‍त हुई है जिसमें से राशि रू. 19.17 लाख व्‍यय हो चुकी है। शेष के संबंध में कलेक्‍टर जिला-टीकमगढ़ को जाँच कराने के निर्देश दिये गये है। कलेक्‍टर जिला-टीकमगढ़ का जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष राशि रू. 10.83 लाख निकाय के खाता नं. 11301000112 में जमा है। (ग) जी हाँ। मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी नगर पंचायत बल्‍देवगढ़ जिला-टीकमगढ़ को नियमानुसार निर्माण कार्य कराये जाने के निर्देश संचालनालय के पत्र क्रं. 18362-63 दिनांक 14.07.2017 द्वारा दिये गये है।

बैतूल जिले के चिचौली में बस स्टैण्ड निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( क्र. 1325 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले के चिचौली में बस स्‍टैण्ड एवं काम्पलेक्स के निर्माण का ठेका किस व्यक्ति/संस्था को कितनी लागत का किस दिनांक को आवंटित किया, उसका कार्यादेश एवं अनुबन्ध क्रमांक व दिनांक क्या है? (ख) नगर पंचायत चिचौली ने किसकी अनुमति व आदेश से किस दिनांक को बस स्टैण्ड के लिये चिकित्सालय भवन व परिसर के किस-किस हिस्से को तोड़ा व उससे निकली सामग्री का क्या उपयोग किया? (ग) क्या निर्मित बस स्टैण्ड के पास स्कूल एवं अस्पताल स्थित हैं। यदि हाँ, तो क्‍या इसमें हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया गया है? (घ) बिना सक्षम स्वीकृति के शासकीय भवन को तोड़ा जाकर उसकी सामग्री ले जाने पर नगर पंचायत ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद, चिचौली ने किसी बस स्‍टैण्ड के लिये चिकित्‍सालय भवन के किसी भी हिस्‍से को नहीं तोड़ा है, परिसर में पुराने खण्‍डहर, जीर्ण-शीर्ण लकड़ी एवं कवेलू के भवन जो की गिरने की स्थिति में थे, को तोड़कर उससे निकली सामग्री को लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। (ग) जी हाँ। निर्मित बस स्‍टैण्ड के पास अस्‍पताल, कालोनी एवं नगर परिषद कार्यालय स्थित है। बस स्‍टैण्ड निर्माण के संबंध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर (म.प्र.) में दायर याचिका क्र. (wp/5710/2017) द्वारा विजय कुमार आर्य, चिचौली विरूद्ध म.प्र. शासन एवं अन्‍य के संबंध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय में जबाव दिनांक 19.06.2017 को प्रस्‍तुत किया है। इस संबंध में आज दिनांक 13.07.2017 तक माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा कोई निर्देश प्राप्‍त नहीं हुए है। (घ) नगर परिषद द्वारा किसी शासकीय भवन को नहीं तोड़ा गया है। चिकित्‍सालय में स्थित कर्मचारियों के आवास जो कि खण्‍डहर स्थिति में थे एवं गिरने की स्थिति में थे, उसे तोड़कर उसकी सामग्री लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''छ:''

दिनांक 04.05.2016 को की गई घोषणा

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

22. ( क्र. 1337 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या माननीय मंत्री लाल सिंह आर्य जी, सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 04.05.2016 को जिला बालाघाट के ग्राम कोचेवाही में वारासिवनी के शंकर तालाब के लिए 1 करोड़ रू. एवं ग्राम रामपायली के देवस्‍थान के लिए 20 लाख रू. के सामुदायिक भवन की घोषणा की गई थी? हाँ या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो माननीय मंत्री जी को प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब-कब पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया और उक्‍त पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उक्‍त घोषणा में दिये गये कार्यों को कब तक पूरा करा लिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्री लाल सिंह आर्य जी मंत्री सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अपने पत्र क्रं0 1619 दिनांक 15.07.2017 द्वारा अवगत कराया है कि वारासिवनी जिला बालाघाट के प्रवास के समय जनप्रतिनिधियों एवं आमजन की मांग अनुसार उनके द्वारा निम्नानुसार कार्यों की घोषणा की गई थी। 1-शंकर तालाब निर्माण 2-रामपायली में स्टाप डेम का निर्माण। (ख) जिला पंचायत कार्यालय के संज्ञान में इसकी जानकारी नहीं है। (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा स्थल परीक्षण कर तकनीकी स्वीकृति जारी होने के उपरांत यथा शीघ्र प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर माह-मई 2018 तक कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा।

खरीदी करने के संबंध में

[वन]

23. ( क्र. 1387 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्‍य पर महुआ, लघुवनोपज समिति/वन समिति को खरीदी करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो कब निर्देश जारी किए गए समितियों को                          कितना-कितना लक्ष्‍य दिया गया, समितियों द्वारा खरीदी कब से प्रारम्‍भ की गई एवं कब बन्‍द की गई? खरीदी बन्‍द करने हेतु जारी आदेश की प्रति, किन-किन समितियों ने कितना-कितना महुआ खरीदा समितिवार बालाघाट जिले की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) बैहर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल कितनी-कितनी क्षमता के शासकीय गोदाम कहाँ-कहाँ है एवं निजी गोदाम कितनी-कितनी क्षमता के कहाँ-कहाँ, किस-किस दर से किराए पर लिए गए? (घ) क्‍या महुआ खरीदी के निर्देश विलम्‍ब से जारी करने के कारण समितियों द्वारा कम महुआ खरीदा गया?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है। समितियों हेतु महुआ फूल के क्रय करने का न तो कोई लक्ष्य निर्धारित है और न ही महुआ फूल की खरीदी बंद करने के अलग से कोई आदेश जारी किये गये है। सीजन 2017 में महुआ फूल खरीदी प्रारंभ एवं बंद होने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। बालाघाट जिले में वर्ष 2016 में प्राथमिक समितियों द्वारा महुआ फूल नहीं खरीदा गया। वर्ष 2017 में बालाघाट जिले में क्रय किये गये महुआ फूल का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत गोदामों की क्षमता का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निजी गोदाम किराये पर नहीं लिए गए है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।

मनरेगा मजदूरों की लंबित मजदूरी के भुगतान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

24. ( क्र. 1415 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) भोपाल संभाग के किस-किस जिले में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी राशि का भुगतान किया जाना लंबित है? जिलावार, ब्‍लॉकवार, माहवार ब्‍यौरा दें। (ख) क्‍या लंबित भुगतान पर मजदूरों को ब्‍याज राशि भी दी गई है? यदि हाँ, जिलावार, ब्लॉकवार ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो कब तक ब्‍याज राशि का भुगतान किया जाएगा? (ग) मनरेगा के तहत भोपाल संभाग में कुल कितने खेतिहर मजदूर पंजीकृत है? जिलावार ब्‍लॉकवार ब्‍यौरा दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार खेतिहर मजदूरों को प्रतिमाह कितने दिन मजदूरी मिल रही हैं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी भारत सरकार के पोर्टल nrega.nic.in पर उपलब्‍ध है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। मजदूरी पर ब्‍याज की राशि भुगतान किये जाने के कोई भी नियम/निर्देश नहीं है।                                                       (ग) मनरेगा के तहत खेतिहर मजदूरों का पंजीयन पृथक से नहीं किया जाता है। मनरेगा योजना के अंतर्गत पंजीकृत जॉबकार्डधारी परिवारों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल nrega.nic.in पर उपलब्‍ध है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''सात''

स्‍टार्टअप योजना के संबंध में

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

25. ( क्र. 1416 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा संचालित स्‍टार्टअप योजना के तहत प्रश्‍न दिनांक तक कितने कार्य प्रारंभ हुए है? कार्यों की वर्तमान स्थिति क्‍या हैं? संचालित स्टार्टअप का जिलावार ब्‍यौरा दें। (ख) स्‍टार्टअप के लिये क्‍या शासन द्वारा बजट में राशि की व्‍यवस्‍था की है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की व्‍यवस्‍था की है? कितनी राशि किस-किस प्रयोजन के लिये आवंटित की गई है? (ग) क्‍या फंड के अभाव में स्‍टार्टअप बंद हुए हैं? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्ष के दौरान स्‍टार्टअप बंद होने के कारण सहित जिलावार ब्‍यौरा दें? (घ) स्‍टार्टअप के लिये प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का ब्‍यौरा दें?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) से (घ) स्‍टार्टअप के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश इंक्‍यूबेशन एवं स्‍टार्टअप नीति 2016 के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा मध्‍यप्रदेश इंक्‍यूबेशन एवं स्‍टार्टअप नीति 2016 अंतर्गत योजना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्‍त उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

सेडमेप का प्रशासकीय विभाग

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

26. ( क्र. 1435 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अता. प्रश्‍न क्रमांक 3041 दिनांक 07.03.2017 में बताया गया कि उद्यमिता विकास केन्‍द्र म.प्र. सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग के अंतर्गत नहीं आता तो प्रमुख सचिव, सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग किस आदेश के तहत उद्यमिता विकास केन्‍द्र मध्‍यप्रदेश के अध्‍यक्ष है? (ख) क्‍या वर्तमान में उद्यमिता विकास केन्‍द्र म.प्र. के अध्‍यक्ष, प्रमुख सचिव, सूक्ष्‍म लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग हैं, क्‍या शासन स्‍तर से इनके अध्‍यक्ष के पदस्‍थापना आदेश जारी किया गया, उसकी सत्‍यप्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रमुख सचिव, सूक्ष्‍म लघु एवं मध्‍यम उद्यम एवं अध्‍यक्ष सेडमेप के द्वारा पदस्‍थापना दिनांक से अभी तक की बैठकों की कार्यवाही विवरण की सत्‍य प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें? (घ) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) में प्रमुख सचिव, सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग की पदस्‍थापना आदेश शासन ने जारी किया, तो अध्‍यक्ष सैडमेप की कार्यावधि में लिये गये निर्णयों की वैधानिक स्थिति क्‍या होगी एवं शासन स्‍तर से क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। सेडमेप एक पंजीकृत सोसायटी है, जिसके बायलॉज में सचिव, उद्योग विभाग को पदेन अध्‍यक्ष माना गया है। वर्तमान में उद्यमिता विकास का विषय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग के अधीन है। (ख) सेडमेप के गठन का शासन आदेश संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। विभागीय कार्य आवंटन के आधार पर प्रमुख सचिव, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम सेडमेप के पदेन चेयरमेन हैं। (ग) सेडमेप, रजिस्‍ट्रार फर्म्‍स एवं संस्‍थाएं मध्‍यप्रदेश से ''सोसायटी एक्‍ट'' के अंतर्गत पंजीकृत संस्‍था है। सेडमेप पर शासन का नियंत्रण नहीं है और न ही शासन के नियम तथा उपनियम सेडमेप पर प्रत्‍यक्षत: लागू होते हैं। अत: विभाग द्वारा बैठकों की कार्यवाही विवरण की सत्‍यप्रतिलिपि उपलब्‍ध कराने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांशों के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''आठ''

वाटर शेड समितियों द्वारा कराये गये कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

27. ( क्र. 1437 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन अन्‍तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला स्‍तरीय वाटरशेड सलाहकार समिति की बैठक कब-कब कहाँ पर सम्‍पन्‍न हुई? उन बैठकों में कौन-कौन विधायक उपस्थित हुए? बैठकवार सूची देवें तथा वर्तमान समिति सदस्‍यों की सूची देवें। (ख) जिला स्‍तरीय वॉटरशेड तकनीकी समिति की बैठक वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कब-कब कहाँ सम्‍पन्‍न हुई? इन बैठकों के कार्यवृत्‍त की एक प्रति देवें। (ग) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में ग्राम स्‍तरीय वाटरशेड समिति द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? ग्रामवार समितिवार विवरण दें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नाधीन समितियों के गठन के प्रावधान नहीं होने के कारण प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''नौ''

ग्रामीण विकास योजनान्‍तर्गत कराये गये कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

28. ( क्र. 1439 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्र के लिये वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला पंचायत द्वारा संचालित विभिन्‍न ग्रामीण विकास की योजनाओं के तहत कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई तथा  कितनी राशि खर्च की गई? (ख) चितरंगी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत, इन्‍द्रा आवास, मुख्‍यमंत्री अन्‍त्‍योदय, आवास योजना एवं मुख्‍यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? कितनी खर्च की गई? इससे कितने हितग्राही लाभान्वित हुये हैं? (ग) विकासखण्‍ड चितरंगी में वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक रोजगार गारंटी योजना के अन्‍तर्गत मेढ़, बंधान योजना, कपिलधारा योजना एवं गौशाला योजना अन्‍तर्गत कितनी राशि प्राप्‍त हुई? कितनी राशि खर्च हुई? पंचायतवार विवरण दें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) महात्‍मा गांधी नरेगा योजना अन्‍तर्गत ग्राम पंचायत या अन्‍य क्रियान्‍वयन एजेंसी को कोई भी राशि जारी नहीं की जाती है। व्‍यय राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

सड़कों की मरम्‍मत किए जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 1464 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सतना शहर के 45 वार्डों में आंतरिक सड़क मार्ग जो कि नगर पालिक निगम सतना द्वारा बनाई गई थी, उनमें जगह जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं जिसमें वर्षाकाल में आम जनता को आवागमन में असुविधा होती है तथा दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है?        (ख) वार्ड 36 एवं 37 में ऐसी कितनी शासकीय प्रस्‍तावित मार्ग/सड़कें हैं, जिन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा रास्‍ते को बंद कर अतिक्रमण किया गया है, आम जनता के लिये उन सड़कों का निर्माण नगर निगम द्वारा अभी तक क्‍यों नहीं कराया गया है? कब तक कराया जावेगा? (ग) सतना नगर निगम द्वारा नगर की क्षतिग्रस्‍त आंतरिक सड़क मार्ग की रिपेयरिंग कब तक करा ली जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, वार्ड क्र. 36 एवं 37 में किसी भी शासकीय प्रस्‍तावित मार्ग/सड़क पर अतिक्रमण नहीं है। प्रस्‍तावित मार्ग/सड़कों का निर्माण स्‍वीकृत एवं वित्‍त की अनुपलब्‍धता के कारण नहीं कराया जा सका। स्‍वीकृति एवं वित्‍त की उपलब्‍धता अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कार्य कराये जा सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर पालिक निगम, सतना द्वारा नगर की क्षतिग्रस्‍त आंतरिक सड़क मार्ग के लिये NIT No. 29 एवं 30 में टेण्‍डर क्र. 41624, 41626, 41627, 41631 एवं 41632 निविदायें दिनांक 21.06.2017 को आमंत्रित की गई है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने पर कार्यादेश के बाद 04 माह में रिपेयरिंग कराई जा सकेगी।

नगर पालिक निगम सतना के स्‍त्रोतों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

30. ( क्र. 1469 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम सतना को वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक वित्‍तीय वर्षवार किस-किस स्‍त्रोतों से कुल कितनी आय हुई? (ख) इन्‍हीं वर्षों में किन-किन कार्यों में 20 लाख रूपये से अधिक व्‍यय किया गया है? वार्डवार कार्यवार व्‍यवस्थित सूची उपलब्‍ध करायें। (ग) इन वर्षों में कितने कार्य स्‍वीकृत हुये कितने कार्य पूर्ण हो गये? कितने कार्य अपूर्ण हैं तथा इनके अपूर्ण रहने के कारणों के साथ जानकारी उपलब्‍ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) 103 निर्माण कार्य स्‍वीकृत जिनमें से 102 कार्य पूर्ण हो गये है एवं 1 कार्य प्रचलन में है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री आवास योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

31. ( क्र. 1492 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) सीधी सिंगरौली जिले में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ने हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुए हैं? प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदक पात्र हैं? कितने अपात्र है? पात्रों को कब तक आवास का लाभ दिया जावेगा? (ख) प्रधानमंत्री आवास के तहत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितना लक्ष्‍य प्राप्‍त हुआ है? लक्ष्‍य अनुसार कितने आवास स्‍वीकृत एवं निर्मित कराये गये हैं? आवास निर्माण की प्र‍गति बतायें? (ग) क्‍या हितग्राहियों को द्वितीय, तृतीय किश्‍त दिये जाने में काफी विलं‍ब किया जाता है यदि हाँ, तो क्‍या इसकी जाँच कराई जाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनके आवास निरस्‍त कर दिये गये हैं, सूची दी जाय? ऐसे हितग्राही जिनके द्वारा आवास का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया था, क्‍या उनके आवास पूर्ण कराये जायेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान-2017 में सीधी एवं सिंगरोली जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए नाम जोड़ने हेतु क्रमशः 28,140 तथा 13,586 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से प्रथम दृष्टया क्रमशः 23,201 एवं 5922 आवेदन परीक्षण में पात्र पाए गए और शेष अपात्र पाए गए। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत इन परिवारों के नाम SECC-2011 में सूचीबद्ध पात्र परिवारों के अन्त में प्रतीक्षा सूची में रखने के निर्देश है। SECC-2011 में सूचीबद्ध सभी पात्र परिवारों को आवास गृह निर्माण के लिए स्वीकृति की स्थिति नहीं आई होने से प्रश्नाधीन परिवारों के संबंध में स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) अब तक सीधी एवं सिंगरोली जिले के लिए क्रमशः 12,635 एवं 13,770 आवास गृह निर्माण का लक्ष्य दिया गया। लक्ष्य अनुसार आवास गृह स्वीकृत किए गए है। अब तक सीधी एवं सिंगरोली जिले में क्रमशः 60 एवं 6 आवास गृह पूर्ण हो गए हैं। शेष समस्त आवास गृह निर्माण के विभिन्न चरणों में है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रधानमंत्री गृह (ग्रामीण) के तहत अपात्र परिवारों द्वारा स्वंय के संसाधनों से आवास गृह पूर्ण करना अपेक्षित है। इच्छुक परिवारों को मुख्यमंत्री आवास मिशन अन्तर्गत लाभ लेने की सुविधा उपलब्ध है।

उत्खनन लीज समाप्त करने बाबत्

[खनिज साधन]

32. ( क्र. 1530 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया गैल गुना की बाउण्ड्री से सटी हुई उत्खनन हेतु भूमि लीज पर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया गैल के प्लांट तथा आवासीय कालोनी के लिये जनधन हानि की जबावदेही किसकी होगी? (ग) भारत सरकार के इस नवरत्न उपक्रम के समीप उत्खनन कार्य को जारी रखा जा सकता है यदि नहीं, तो आज दिनांक तक उक्त लीज समाप्त क्यों नहीं की गई कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्यवाही कब तक की जायेगी? अवधि बतायें तथा यदि कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जबावदेही किसकी होगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन संस्‍थान की बाहरी दीवाल से 200 मीटर दूरी पर पत्‍थर खनिज का (क्रेशर हेतु) उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत है। (ख) प्रश्‍नाधीन उत्‍खनिपट्टा नियमानुसार स्‍वीकृत किये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                      (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधानित प्रतिबंधित क्षेत्र छोड़कर उत्‍खनन कार्य निरंतर रखा जा सकता है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (घ) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गलत नामांतरण पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

33. ( क्र. 1536 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 4189 दिनांक 28 मार्च 2017 तथा प्रश्न क्रमांक 844 दिनांक 21.02.13 के संदर्भ में बताए कि नगरपालिका नागदा में पडलियाकला (पाडलिया बुर्जुंग) की भूमि सर्वे क्रमांक 433 रक्बा 0.0141 का विक्रय किस आधार पर किया गया तथा नामांतरण किस आधार पर हुआ तथा क्या गलत विक्रय व नामांतरण को निरस्त कब तक किया जाएगा? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 24.05.2017 को उज्जैन में उपरोक्त के संबंध में राजस्व आयुक्त उज्जैन श्री ओझा तथा जिलाधीश को जो पत्र दिया गया है उस पर क्या कार्यवाही हुई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका नागदा द्वारा नामांतरण या हक अंतरण जवाहर मार्ग गली नंबर 1 में श्रीमती विमला पति वीरेन्‍द्र के हक में पंजीकृत दस्‍तावेज क्रमांक 538 दिनांक 17-07-2009 के आधार पर किया गया है। उक्‍त पंजीकृत दस्‍तावेज में सर्वे क्रमांक 433 रकबा 0.0141 के संबंध में कोई उल्‍लेख नहीं है। साथ ही खसरा जानकारी अनुसार सर्वे क्रमांक 433 शासकीय दर्ज है खसरे की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अत: सर्वे क्रमांक 433 का विक्रय व नामांतरण के संबंध में नगर पालिका नागदा द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। उक्‍त नामांतरण (हक अंतरण) नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 150 में दी गई विधिवत प्रक्रिया अनुसार ही किया गया है। चूंकि उक्‍त नामांतरण पंजीकृत दस्‍तावेज के आधार पर नगर पालिका अधिनियम में उल्‍लेखित प्रावधानों के अनुरूप किया गया है अत: नामांतरण निरस्‍त किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्राप्‍त पत्र के संबंध में कलेक्‍टर कार्यालय जिला उज्‍जैन के पत्र क्रमांक 4448 दिनांक  22-06-2017 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) नागदा से जांच कराई जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 

गांव से गांव को जोड़ने हेतु रास्ते

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

34. ( क्र. 1582 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा सम्‍पर्क वि‍हीन ग्रामों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने हेतु कोई योजना संचालित है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्‍या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में सम्‍पर्क विहीन ग्रामों को जोड़ने हेतु सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने ग्राम है जो मुख्‍यमार्ग से नहीं जुडे हैं? सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) जो ग्राम मुख्यमार्ग से नहीं जुडे उन्हें कब तक मुख्यमार्ग से जोड़ दिया जावेगा?

 पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संपर्क विहीन ग्रामों को जोड़ने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना संचालित है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत एकल संपर्कता विहीन 30 ग्राम हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधन पूर्व से स्‍वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने के कारण स्‍वीकृति प्रदान नहीं की जा सकी है। स्‍वीकृति वित्‍तीय संसाधनों की सुनिश्चित उपलब्‍धता पर निर्भर होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''दस''

विभिन्न पेंशन योजना के संबंध में

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

35. ( क्र. 1585 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या शासन द्वारा वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन देने का प्रावधान है?                                                   (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या विभिन्न पेंशन योजनाओं में आधार कार्ड अनिवार्य हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में जो हितग्राही अतिवृद्ध हो चुके हैं एवं जिनके अगूठे के निशान मशीन में नहीं आ रहे हैं जिससे उन्हें बैंक द्वारा राशि प्रदान नहीं की जा रही है? क्या शासन द्वारा ऐसे हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो ऐसे हितग्राहियों को शासन की विभिन्न पेंशन योजना का लाभ देने हेतु शासन की क्या कार्ययोजना है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा सेवा यात्रा की जानकारी

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

36. ( क्र. 1639 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा सेवा यात्रा प्रारम्‍भ से अंत तक किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि खर्च की गई, इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिन्ट मीडिया में दिये गये विज्ञापन की सूची, मीडिया का नाम, प्रकाशन/प्रसारण की दिनांक, विज्ञापन राशि, भुगतान की दिनांक सहित देवें? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा पर जनभागीदारी के तहत् किस-किस व्‍यक्ति/संस्‍था/उद्योग ने कौन-कौन से कार्य किस अनुमानित लागत के किये गये शहर/गॉव अनुसार सूची देवें? (ग) नर्मदा सेवा यात्रा में बुलाये गये संतो/अतिथियों/कलाकारों को कितनी राशि के मानदेय का भुगतान किया गया, उनके यात्रा, निवास, भोजन इत्‍यादि पर कितना खर्च किया गया तथा बतावें कि निमांड उत्‍सव एवं अन्‍य कौन से उत्‍सव को नर्मदा यात्रा के समय करने संबंधी आदेश  किये गये? (घ) नर्मदा सेवा यात्रा में प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री एवं केन्‍द्र सरकार तथा राज्‍य सरकार के                 कौन-कौन से मंत्री, मुख्‍य सचिव एवं प्रमुख सचिव किस शहर/गांव में किस दिनांक को रहे  उसकी जानकारी देवें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नर्मदा सेवा यात्रा हेतु म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा व्यय की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर एवं जनसंपर्क संचालनालय द्वारा किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2,3,4 एवं 5 पर है।                (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा नर्मदासेवा यात्रा में आमंत्रित अतिथियों को मानदेय के रूप में कोई राशि नहीं दी गयी। म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा आमंत्रित व्यक्तियों के आने-जाने पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल हुये प्रधान मंत्रीजी, मुख्यमंत्री जी एवं केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के मंत्रियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।

शास. शालाओं से अतिक्रमण हटाया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

37. ( क्र. 1712 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा अता. प्रश्‍न क्रं. 1477 दिनांक 09.12.2016 के उत्‍तर में जबलपुर नगर की शास. शालाओं से अतिक्रमण हटाने संबंधी जानकारी दी गई थी, तो उक्‍त अतिक्रमणों में से नगर की कितनी शालाओं के अतिक्रमण अब तक हटाये गये हैं? कितनी शालाओं के अतिक्रमण नहीं हटे हैं? (ख) क्‍या कलेक्‍टर सह. मिशन संचालक जिला शिक्षा केन्‍द्र जबलपुर द्वारा आयुक्‍त नगर निगम जबलपुर के पत्र क्र. 7080 दिनांक 24.07.2015 एवं पत्र दिनांक 01.05.2017 के द्वारा शास. प्रा. शाला परिसर माढोताल (जबलपुर) में किये गये अतिक्रमण हटाने को लिखा था? (ग) यदि हाँ, तो शाला से उक्‍त पक्‍के अतिक्रमण अब तक क्‍यों नहीं हटाये गये? वैध दस्‍तावेज नहीं होने पर भी अतिक्रमण नहीं हटाने के लिए कौन-कौन दोषी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1477 में 07 शालाओं में अतिक्रमण होने की जानकारी दी गई थी इनमें से 05 शालाओं के अतिक्रमण हटाये जा चुके हैं, 02 शालाओं के अतिक्रमण अभी शेष है। (ख) जी हाँ। (ग) ऐसे सभी अतिक्रामक जिनके पास कोई आवासीय भूमि नहीं है, को व्‍यवस्‍थापित करवाया जाना है। प्रश्‍नाधीन शालाओं की भूमि के अतिक्रमणकर्ता इसी श्रेणी के हैं, उनको इस स्‍थान से विस्‍थापित करके व्‍यवस्‍थापित करने की कार्यवाही करके हटाये जाने की कार्यवा‍ही पूर्ण की जायेगी। अभी तक उपरोक्‍त कारण से ही उक्‍त अतिक्रामक नहीं हटाने जा सके हैं इसके लिये कोई दोषी नहीं है।

बी.पी.एल. सूची में से नाम काटे जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

38. ( क्र. 1726 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्‍या सागर जिला अन्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्रवार बी.पी.एल. एवं राशन कार्डधारियों के नाम विलोपित किए गए हैं। विधानसभा क्षेत्रवार सूची उपलब्ध कराई जावे। (ख) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अन्तर्गत नाम काटे जाने के पूर्व संबंधित हितग्राहियों को अपना पक्ष रखने के लिए क्या समुचित अवसर प्रदान किया गया है या नहीं? प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ग) वर्ष                   2016-17 एवं 2017-18 में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अन्तर्गत क्षेत्रवार बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों के नाम विलोपित करने के फलस्वरूप विधानसभा क्षेत्रवार कितने-कितने दावे-आपत्ति प्राप्त हुए हैं एवं क्या निराकरण किया गया है? (घ) विधानसभा क्षेत्रवार 2016-17 एवं 2017-18 में दावे आपत्ति उपरांत जोड़े गए नामों की सूची उपलब्ध कराई जाए।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान गरीबी रेखा की सूची में जिन अपात्र लोगों के नाम पाये गये उनके संबंध में आवश्‍यक जानकारी प्राप्त कर उनके नाम गरीबी रेखा की सूची से विहित प्राधिकारी द्वारा हटाये गये है। विहित प्राधिकारी द्वारा जाँच के दौरान अपात्र व्यक्तियों को सुनवाई के लिए अवसर देना आवश्‍यक नहीं है। प्रभावित व्यक्ति को विहित प्राधिकारी के समक्ष अपील के अधिकार हैं। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) नरयावली तथा वंडा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जोड़े गये नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष विधानसभा क्षेत्रों की जानकारी निरंक है।

जिला पंचायत गुना अन्तर्गत वाटरशेड में गंभीर अनियमितताओं की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

39. ( क्र. 1754 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) जिला पंचायत गुना अन्तर्गत वाटरशेड सेल में वर्ष 2015-16, 2016-17 में कितनी राशि की निर्माण सामग्री, स्टेशनरी एवं पत्र-पत्रिकायें क्रय की गईं वर्षवार विवरण दें तथा भुगतान किन फर्मों को किया गया नाम सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा की गई शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें। यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? (ग) वाटरशेड सेल प्रभारी द्वारा विगत दो वर्षों में क्रय प्रक्रिया एवं निर्माण प्रक्रिया में अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर मिशन लीडर द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत अनियमित भुगतान करने की जाँच किसके द्वारा कराई गई, यदि नहीं, तो जाँच कब तक कराई जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कम्‍प्‍यूटर के प्रिन्‍टर कार्टेज का क्रय किया गया, जिसके लिए वर्ष 2015-16 में साई इन्‍टरप्राईजेज को रूपये 1690.00  तथा वर्ष 2016-17 में नेट विजन कम्‍प्‍यूटर को रूपए 2400.00 का भुगतान किया गया है। (ख) से (घ) प्रश्‍नाधीन शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते है।

सरपंच व सचिवों की शिकायत

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

40. ( क्र. 1765 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 7522 दिनांक 28 मार्च 2017 के संदर्भ में बताएं कि अशोकनगर जिले के क्षेत्र में ग्राम छेवलाई, नावनी, कडराना, सिहपूर चल्दा, मदउखेडी, झागर, नगेश्री व अन्य किस-किस पंचायत में सरपंच व पंचायत सचिव की कपिलधारा कुओं व अन्य निर्माण कार्यां की क्या-क्या शिकायतें पिछले 3 वर्ष में शासन व जिलाधीश व मुख्यकार्यपालिका अधिकारी जिलापंचायत अशोकनगर को कब-कब मिली व उन पर कब-कब क्या कार्यवाही हुई तथा जाँच की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) जनपद पंचायत चंदेरी जिला अशोकनगर के निलम्बित पी.सी.ओ. श्री बारेलाल रजक द्वारा निलंबित अवधि में पंजाब नेशनल बैंक चंदेरी में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के                         18 प्रकरण प्रस्तुत किये गये है यदि किये गये तो किस नियम के तहत किये गये? निलम्बन अवधि में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास के प्रकरण बैंक में देने के दोषी पाए गए हैं? तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) बारेलाल रजक पी.सी.ओ. द्वारा अपने कार्यकाल में जनपद पंचायत चंदेरी में कितने पंचायत सचिवों के विरूद्ध एफ.आई.आर. होने व जेल में बंद होने के पश्चात् भी यदि कार्य लिया गया? तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा जेल में बंद सचिव को उक्त अवधि का वेतन दिया गया या नहीं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री बारेलाल रजक पी.सी.ओ. द्वारा जनपद पंचायत चंदेरी में श्री हरबान लोधी पंचायत सचिव ग्राम पंचायत नावनी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज होने एवं जेल में बंद होने के अवधि में कार्य नहीं किया गया। जनपद पंचायत चंदेरी कार्यालय को श्री हरबान लोधी के जेल में बंद होने की जानकारी अप्राप्‍त होने से वेतन दिया गया। श्री बारेलाल रजक पी.सी.ओ. को निलंबित किया गया। जेल में बंद अवधि के वेतन भुगतान की राशि श्री हरबान लोधी पंचायत सचिव से जमा कराई गई एवं श्री हरबान लोधी पंचायत सचिव को निलंबित किया गया।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

बिना टिन नंबर बिलों का भुगतान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

41. ( क्र. 1769 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत बरूड, जनपद पंचायत खरगोन, जिला खरगोन द्वारा सप्लायर राजेश धन्नालाल, बरूड को बिना टिन नंबर कई बिलों का भुगतान किया गया है। बरुड़ पंचायत के भुगतान संबंधी प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत के संबंध में जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) ई.पी.ओ. क्रमांक 317647, 201582 एवं 229733 में लाखों रूपये के भुगतान बिना निविदा बुलाये क्यों किये गये। 13वॉ वित्त, 14वॉ वित्त एवं पंच परमेश्वर योजना में एक लाख से अधिक के बिल का भुगतान संबंधी विभागीय नीति/निर्देश की प्रति देवें। यदि ग्राम पंचायत बरूड ने उक्त भुगतान में अनियमितता की है, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) ग्राम पंचायत बरूड द्वारा ग्राम में लगाये गये हाईमास्क को कब और किस आधार पर क्रय किया गया? निविदा की प्रति देवें। निविदा प्रकाशन किस समाचार पत्र में किया गया? प्रति देवें। कितनी निविदा प्राप्त हुई थी? नाम, राशि सहित सूची देवें। यदि निविदा नहीं बुलाई गई थी तो कारण बतायें। (घ) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक सरपंच या सचिव, ग्राम पंचायत बरूड की जनपद पंचायत या जिला पंचायत स्तर पर किसी भी माध्यम से कितनी शिकायत प्राप्त हुई हैं? शिकायतवार नाम व विषय सहित सूची देवें। शिकायतों पर की गई कार्यवाही की सूची देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायत बरूड़ द्वारा बिना निविदा बुलाये ई.पी.ओ. क्रमांक 317647, 201582 एवं 229733 द्वारा कुल राशि रूपये 973300/- का भुगतान किया गया। विभागीय नीति/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। ग्राम पंचायत बरूड़ के सरपंच सचिव के विरूद्ध पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं 92 के प्रावधान अनुसार प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) ग्राम पंचायत बरूड द्वारा ग्राम में लगाये गये हाई मास्ट निविदा आमंत्रित कर दिनांक 07.01.2016 एवं 21.09.2016 को क्रय किया गया। निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। निविदा का प्रकाशन इंदौर समाचार, इंदौर में किया गया। नाम राशि सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक सरपंच/सचिव ग्राम पंचायत बरूड की जनपद पंचायत खरगोन को 05 शिकायतें तथा जिला पंचायत खरगोन को 01 शिकायत प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार।

विकास लागत राशि/पर्यवेक्षक शुल्क

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

42. ( क्र. 1770 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2014 तक खरगोन विकासखण्ड, जिला खरगोन में किन-किन ग्राम पंचायतों में कॉलोनी के आंतरिक विकास पर व्यय लागत राशि का दो प्रतिशत पर्यवेक्षक शुल्क वर्षवार कितनी राशि किस व्यक्ति/संस्था/समूह द्वारा जमा की गयी? पंचायत का नाम सहित सूची देवें। (ख) वर्ष 2010 से 2014 तक खरगोन विकासखण्ड, जिला खरगोन में किन-किन ग्राम पंचायतों में कॉलोनी निर्माणकर्ता द्वारा 10 रूपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से विकास लागत राशि कब कितनी किस व्यक्ति/संस्था/समूह द्वारा जमा की गयी? पंचायत का नाम सहित सूची देवें। (ग) ग्राम पंचायत राजपुरा, जनपद गोगावा, जिला खरगोन में अध्यक्ष, प्रो.पी.सी.फाउण्डेशन, खरगोन द्वारा                                   कितनी-कितनी राशि कब-कब पर्यवेक्षक शुल्क एवं विकास लागत राशि के रूप में जमा की गई। जमा राशि की प्राप्तियों की प्रति देवें। इस संबंध में हुए पत्राचार की प्रति देवें। (घ) वर्तमान में ग्राम डाबरिया, पंचायत राजपुरा, जनपद गोगावा, जिला खरगोन में प्रो.पी.सी. फाउण्डेशन खरगोन द्वारा विकसित की जा रही कालोनी की स्थिति क्या है? इस कॉलोनी हेतु जारी ग्राम पंचायत राजपुरा के पत्रों की प्रति देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में जमा राशि निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जमा राशि निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम पंचायत राजपुरा, जनपद गोगावा जिला खरगोन में अध्यक्ष, प्रो.पी.सी. फाउण्डेशन खरगोन द्वारा शुल्क रूपये 5000/- ग्राम पंचायत राजपुरा को अकाउंट-पे चेक द्वारा दिनांक 02.09.2014 को प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार। इस संबंध में कोई पत्राचार नहीं हुए हैं। (घ) कालोनी विकसित की जा रही है किये गये कार्य की स्थिति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

नगर एवं ग्राम निवेश को प्रेषित पत्र पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

43. ( क्र. 1771 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उप संचालक, नगर एवं ग्राम निवेश, खरगोन को प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/ मेल जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए? इन पत्र/मेल पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पत्रवार कारण सहित बताये। (ख) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत अभिन्यास के विपरीत किये जा रहे अवैध निर्माण को हटाने के लिए जारी पत्रों की प्रति देवें। (ग) बिंदु (ख) में उल्लेखित पत्रों पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) या मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा प्रदत्त जवाब की प्रति देवें। (घ) बिंदु (ख) में उल्लेखित अवैध निर्माणों की वर्तमान स्थिति क्या है। अवैध निर्माणवार नाम, स्थान सहित सूची देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) माह जनवरी 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता से उपसंचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, खरगोन में कोई पत्र/मेल प्राप्‍त नहीं हुए है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्यालय सहायक संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश खरगोन-बड़वानी की स्‍थापना दिनांक 19.09.2013 को हुई थी। उक्‍त दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत अभिन्‍यास हेतु विपरीत किये जा रहे अवैध निर्माणों को हटाने के लिये जारी पत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), खरगोन एवं मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, खरगोन द्वारा प्रदत्‍त जवाब की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित अवैध निर्माण की वर्तमान स्थिति निम्‍नानुसार है :- 1. प्रश्‍न '''' में दिये उत्‍तर क्रमांक 1 के संबंध में कस्‍बा खरगोन खसरा क्रमांक 280/7 (आवासीय से हाउसिंग एवं वाणिज्यिक अभिन्‍यास) पर मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद खरगोन द्वारा पत्र क्रमांक 1929/लो.नि./2016 खरगोन दिनांक 16/02/2016 अनुसार नियमितीकरण किया गया है। 2. प्रश्‍न '''' में दिये उत्‍तर क्रमांक 2 के सबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) खरगोन के पत्र क्रमांक 3811/रीडर-1/एस.डी.ओ. 2016 खरगोन दिनांक 04/10/2016 के अनुसार खसरा क्रमांक 58/2 कुल रकबा 5.260 में से पैकि रकबा 2.950 पर संशोधित अभिन्‍यास स्‍वीकृति की अनुशंसा के पालन अनुसार जिला कार्यालय खरगोन के पत्र क्रमांक 1308/डाय-113/नग्रानि/2016 खरगोन दिनांक 07/10/2016 अनुसार अभिन्‍यास संशोधन किया गया। 3. प्रश्‍नांश '''' के दिये उत्‍तर क्रमांक 3 के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) खरगोन के पत्र क्रमांक 1884/वाचक-1/2014 खरगोन दिनांक 28/04/2014 के अनुसार खसरा क्रमांक 58/3 कुल रकबा 5.260 पर संशोधित अभिन्‍यास स्‍वीकृति की अनुशंसा के पालन अनुसार जिला कार्यालय खरगोन के पत्र क्रमांक 493/डाय/51 छाबरिया/नग्रानि/2014 खरगोन दिनांक 05/05/2014 अनुसार अभिन्‍यास संशोधन किया गया है। 4. प्रश्‍नांश '''' में दिये उत्‍तर क्रमांक 4 के संबंध में कालोनाईजर श्री महेश कठाल्‍या पिता श्री मांगीलाल जी कंठाल्‍या के द्वारा स्‍वीकृत मानचित्र के अनुसार कार्य करने हेतु शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया जिसके पालन पश्‍चात् जिला कार्यालय खरगोन में श्री महेश कंठाल्‍या द्वारा स्‍वीकृत मानचित्र अनुसार कार्य कर रास्‍ते खोले जाने की पुष्‍टी हेतु इस कार्यालय में पत्र आवक क्रमांक 506 दिनांक 08/06/2017 दिया जा चुका है। अवैध निर्माण की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

शिकायतों पर कार्यवाही

[लोक सेवा प्रबन्धन]

44. ( क्र. 1775 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में प्रभारी अधिकारी, शिकायत शाखा को वर्ष 2017 में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता के नाम व विषय सहित सूची देवें। प्रश्नकर्ता की कितनी शिकायत प्रभारी अधिकारी, शिकायत शाखा को प्राप्त हुई? शिकायत पर की गई कार्यवाही के दस्तावेज की प्रति देवें। (ख) सत्र 2015-16 में झिरन्या में हुई जिला योजना समिति की बैठक की कार्यवाही विवरण (कार्यवृत्त) में कलेक्टर जिला खरगोन द्वारा हस्ताक्षरित पेपर्स के पृष्ठ क्र- 10 के बिंदु (7.8) में उल्लेखित तथ्य की जाँच जिस समिति से कराई गई, उस समिति को जाँच हेतु दिये निर्देश की प्रति देवें एवं इस जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कुल 22 शिकायतें प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। प्रश्नकर्ता की 02 शिकायतें, प्रभारी अधिकारी शिकायत शाखा को प्राप्त हुई। शिकायत पर की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ख) दिनांक 29/05/2015 को माननीय खाद्य मंत्री जी, मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार मेसर्स जी.एस. बल्क केरियर पेट्रोल पम्प ग्राम खनगांव तहसील सनावद की जाँच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वाह, जिला आपूर्ति नियंत्रक इन्दौर, सहायक नियंत्रक विधिक माप खण्डवा, तहसीलदार सनावद, सहायक आपूर्ति अधिकारी इन्दौर, कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी खरगोन, भीकनगांव, सनावद, नापतौल, निरीक्षक महेश्वर सेल्स ऑफिसर, एच.पी.सी.एल. इन्दौर के संयुक्त जाँच दल द्वारा जाँच की गई थी। जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार।

ओ.डी.एफ. अंतर्गत स्‍वीकृत शौचालय

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

45. ( क्र. 1779 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की समस्त ग्राम पंचायतों को किस-किस दिनांक को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया? दिनांकवार ग्राम पंचायत के नाम सहित सूची देवें। ओ.डी.एफ. घोषित होने के बाद कितने शौचालय मनरेगा अंतर्गत उन ग्राम पंचायतों में स्वीकृत किये गये? ग्राम पंचायतवार मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत शौचालयों की संख्या देवें। (ख) उक्त मनरेगा अंतर्गत शौचालय निर्माण की अनुमति देने में क्‍या मंत्रालय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक/9188/MGNRES/NR-3/2016 भोपाल, दिनांक 18/09/2016 के बिंदु 5 का उल्‍लंघन हुआ है। यदि बिंदु 5 का उल्‍लंघन हुआ है तो किस पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बतायें। (ग) खरगोन जिले को कब ओ.डी.एफ. घोषित किया गया, ओ.डी.एफ. घोषित होने के बाद कितने शौचालय मनरेगा अंतर्गत खरगोन जिले में स्वीकृत किये गये? शौचालयों की संख्या देवें। (घ) खरगोन जिले के किस-किस जनपद पंचायत को कब-कब ओ.डी.एफ. घोषित किया गया? जनपदवार दिनांक सहित सूची देवें। ओ.डी.एफ. घोषित होने के बाद कितने शौचालय मनरेगा अंतर्गत उन जनपद पंचायतों में स्वीकृत किये गये? जनपदवार मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत शौचालयों की संख्या देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरगोन जिले को दिनांक 31.05.2017 को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया। जिले के ओ.डी.एफ. घोषित होने के पश्‍चात् प्रश्‍न दिनांक तक मनरेगा अंतर्गत शौचालय स्‍वीकृत नहीं किये गये। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

टाउनशि‍पों/कॉलोनि‍यों में अनुमति अनुसार विकास कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

46. ( क्र. 1796 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग द्वारा पिछले 05 वर्षों में कितनी आवासीय कॉलोनियों/टाउनशि‍पों को इन्दौर जिला अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) इन्दौर जिला अन्तर्गत टाउनशि‍पों/कॉलोनि‍यों को विकास अनुमति देते समय किन-किन शर्तों का पालन करना अनिवार्य है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या  टाउन एण्‍ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग द्वारा मंजूरी देने के पश्चात् कॉलोनि‍यों का निरीक्षण व भौतिक सत्यापन किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में किन-किन कॉलोनि‍यों में कब-कब किन-किन अधिकारि‍यों द्वारा निरीक्षण किया गया? क्या कॉलोनि‍यों में निर्माण/विकास कार्य करते समय सभी शर्तों का पालन किया गया है अथवा नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग द्वारा किन-किन कॉलोनि‍यों को सभी शर्तों के पालन में अनापत्ति/विकास कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया गया? क्या कॉलोनाईजरों द्वारा शर्तों के अनुरूप कार्य नहीं करने व धोखाधड़ी की शिकायतें रहवासि‍यों द्वारा प्रशासन को की गई है? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) टाउन एण्‍ड कंट्री प्‍लानिंग जिला कार्यालय इंदौर द्वारा पिछले 5 वर्षों में आवासीय कालोनियों/टाउनशिपों को इंदौर जिला अंतर्गत कुल 917 स्‍वीकृतियां प्रदान की गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे अनुसार है। (ख) इंदौर जिला कार्यालय द्वारा टाउनशिपों/कालोनियों को विकास अनुमति प्रदान करते समय म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973, इंदौर विकास योजना एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों का पालन किया जाना अनिवार्य है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा विकास कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है। कालोनाईजर द्वारा कार्य नहीं करने एवं अन्‍य शिकायतें प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।

शासन की विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को राशन न मिलना

[नगरीय विकास एवं आवास]

47. ( क्र. 1815 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्‍वालियर शहर में म.प्र शासन के निर्धारित मापदण्‍ड के तहत सामाजिक पेंशन पाने वाले भवन अन्‍य संनिर्माण के हितग्राही साइकिल रिक्‍शा, हाथ ठेला चालक, शहरी घरेलू काम काजी महिला, केश शिल्‍पी व हाकर (फेरीवाले) वर्ष 2015 से 15 जून 2017 तक उपरोक्‍त हितग्राहियों के विभिन्‍न योजनाओं के तहत योजना बनाकर कितने-कितने कार्ड बनें?                   (ख) क्‍या जिन पात्र हितग्राहियों के कार्ड बने सभी कार्ड धारकों की राशन स्लिप बन गई हैं?                (ग) क्‍या कार्ड धारक पात्र हितग्राहियों की राशन स्लिप नहीं बनी हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? ऐसे कितने हितग्राही है जिनके कार्ड 2015 से 2016 बीच बने हैं? क्‍या उनकी राशन स्लिप नहीं बनी हैं? योजनावार अलग-अलग संख्‍यावार बतावें? (घ) उन पात्र हितग्राहियों की कब तक राशन स्लिप बन जावेंगी? अभी तक जिन हितग्राहियों की राशन स्लिप नहीं बनी हैं? उन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेंगी? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी सलंग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जिला आपूर्ति नियंत्रक ग्‍वालियर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार 26 अगस्‍त 2016 तक पात्र हितग्राहियों की पात्रता पर्ची जारी हो चुकी है। इसके पश्‍चात् प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित श्रेणियों की पात्रता निर्धारित कर जिला स्‍तर से मेप भी कर दिया गया है। खाद्य विभाग से पात्रता पर्ची का अनुमोदन उपरांत संबंधित हितग्राहि‍यों को पात्रता पर्ची उपलब्‍ध करा दी जायेगी। (ग) जिला आपूर्ति नियंत्रक ग्‍वालियर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार 26 अगस्‍त 2016 से जिला स्‍तर पर सत्‍यापन उपरांत पात्र हितग्राहियों को जिला स्‍तर पर सत्‍यापन उपरांत पात्र हितग्राहियों को जिला स्‍तर से मेप कर दिया गया है। खाद्य विभाग से पात्रता पर्ची का अनुमोदन उपरांत संबंधित हितग्राहियों को पात्रता पर्ची उपलब्‍ध करा दी गई जायेगी। योजनावार अलग-अलग संख्‍या की जानकारी जिला स्‍तर पर पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं होती है। (घ) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

देवकी नगर (निशातपुरा) भोपाल आवास योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 1827 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवकी नगर (निशातपुरा) भोपाल योजना के अंतर्गत बोर्ड द्वारा विज्ञापित स्‍वतंत्र भवन योजना किस दृष्टि से साध्‍य न होने से प्रकोष्‍ठ भवन प्रस्‍तावित की गई? योजना परिवर्तन करने में क्‍या आवेदकों की सहमति प्राप्‍त की गई थी? यदि हाँ, तो विवरण दें। नहीं तो सहमति क्‍यों नहीं प्राप्‍त की गई थी? क्‍या बोर्ड की यह कार्यवाही नियमानुसार है? (ख) क्‍या दिनांक 21.03.2017 के तारांकित प्रश्‍न संख्‍या (क्रमांक 5712) में यह जानकारी दी गई कि आवेदकों का दुगने क्षेत्रफल पर भवन निर्माण करवा कर दिया जा रहा है ऐसी स्थिति में यह स्‍पष्‍ट करें कि पूर्व में कितने क्षेत्रफल का भवन किस मूल्‍य पर दिया जा रहा था और वर्तमान में कितने क्षेत्रफल पर भवन उपलब्‍ध कराया जा रहा है? (ग) क्‍या शासन शेष बचे हितग्राहियों को या तो उसी प्रस्‍तावित योजना के अंतर्गत भूखण्‍ड/भवन बनाकर उपलब्‍ध करायेगा या नगर निगम सीमा के अंतर्गत आवेदकों को पूर्व भवन/भूखण्‍ड के मूल्‍य को आधार मानते हुए मण्‍डल की अन्‍य संपत्ति/नवीन योजना के अंतर्गत भवन/भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराने की कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के पत्र क्रमांक 1755 दिनांक 22/08/2009 द्वारा प्रस्तावित योजना के स्थल का भोपाल विकास योजना 2005 में उपयोग यातायात निर्दिष्ट होने एवं यातायात भूमि उपयोग में आवासीय गतिविधियॉ स्वीकार्य न होने के कारण आवासीय योजना का अभिन्यास निरस्त कर दिया गया। मण्डल द्वारा आवेदकों को योजना स्थगित होने तथा योजना में अपनी जमा राशि मण्डल नियमानुसार वापिस लेने हेतु दिनांक 09/11/2012 को पत्र जारी किया गया। मंडल द्वारा अभिन्यास निरस्तीकरण के विरूद्ध नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा -23 (क) के अन्तर्गत भूमि उपयोग परिवर्तन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। शासन द्वारा भूमि का उपांतरण इस शर्त के साथ उपांतरित किया गया कि रेलवे सीमा से 30 मीटर तक खुला क्षेत्र रखा जावे तदानुसार योजना का अभिन्यास पुनरीक्षित होकर बहुमंजिले भवनों के अभिन्यास की स्वीकृति प्राप्त की गई। स्वीकृत अभिन्यास पूर्व की योजना में पंजीकृत हितग्राहियों की सहमति हेतु पत्र जारी किया गया जिन आवंटियों द्वारा सहमति दी गई उनका नई योजना में पंजीयन सुरक्षित किया गया तथा शेष हिग्राहियों को मंडल नियमानुसार 8% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित राशि वापस की गई। मंडल द्वारा सम्‍पूर्ण कार्यवाही नियमानुसार की गई है। (ख) जी नहीं। निशातपुरा पन्ना नगर योजना में 46.80 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्रफल का भवन दिया जाना प्रस्तावित था जिसका मूल्य रूपये 9.85 लाख प्रस्तावित था। वर्तमान में इसी योजना क्षेत्र के समीप मंडल की हाउसिंग पार्क योजना में उपलब्ध जूनियर एच.आई.जी. भवन जिसका निर्मित क्षेत्रफल 95.50 वर्ग मीटर तथा मूल्य रूपये 18.30 लाख है क्रय करने हेतु मंडल द्वारा प्रस्ताव किया गया है। (ग) पूर्व योजनांतर्गत शेष बचे मात्र 3 आवेदकों जिनके द्वारा पंजीयन राशि वापिस नहीं ली है उनके लिये प्रश्नाधीन योजनांतर्गत स्वतंत्र भूखण्ड/भवन निर्मित कर प्रदान करना पुनरीक्षित अभिन्यास में प्रावधान उपलब्ध न होने के परिप्रेक्ष्य में संभव नहीं है। ये हितग्राही मण्डल की रिक्त संपत्ति अथवा नवीन योजनांतर्गत वर्तमान निर्धारित मूल्य पर संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं जिसमें उनके द्वारा जमा राशि निर्धारित 8 प्रतिशत ब्याज दर पर संपत्ति के मूल्य में समायोजित की जावेगी।

ग्राम पंचायत खेलागांव को प्रधानमंत्री सड़क से जोड़ा जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

49. ( क्र. 1828 ) श्री अजय सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खेलागांव से गुराडि़यादेव जिसकी दूरी मात्र लगभग 3 कि.मी. है एवं खेलागांव से बिजनाखेड़ी जिसकी दूरी लगभग 3 कि.मी. है को ग्राम बिजनाखेड़ी एवं गुराडि़यादेव में पूर्व से निर्मित प्रधानमंत्री सड़क से इस ग्राम पंचायत खेलागांव को जोड़ा जावेगा, ताकि ग्रामीणों को जिला मुख्‍यालय एवं तहसील मुख्‍यालय से आवागमन की सुविधा मिल सके। क्‍या शासन ग्रामीणों की सुविधा हेतु सड़क निर्माण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं कारण सहित बतावें? (ख) शासन द्वारा यदि अपेक्षित मार्ग का निर्माण किया जाता है तो क्‍या इसमें ग्रामीणों के परिवहन व्‍यय आदि में कमी आवेगी? यदि हाँ, तो ग्रामीणों को नलखेड़ा से लालूखेड़ी, खेलागांव होते हुए गुराडि़यादेव लगभग 25 कि.मी. की दूरी परिवहन व्‍यय बढ़ाकार तय कर पहुंचाने का क्‍या औचित्‍य है, कारण सहित बतावें? (ग) क्‍या शासन की नीति अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत को जिला मुख्‍यालय से जोड़ने की योजना है ऐसी स्थिति में क्‍या ग्राम खेलागांव को बिजनाखेड़ी, गुराडि़यादेव सड़क से जोड़ा जाता है तो यह ग्राम पंचायत जिला मुख्‍यालय एवं तहसील मुख्‍यालय से जुड़ सकेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खेलागांव, गुराड़ियादेव, बिजनाखेड़ी ग्राम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पूर्व से ही मुख्‍य मार्गों से जोड़े जा चुके है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशानिर्देशों के अनुसार उन्हें बहुसंपर्कता दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश '' के प्रकाश में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

दोषी अध्‍यक्ष के विरूद्ध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

50. ( क्र. 1846 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 345 के तहत् अनुमति न लेने का प्रमाणित तथ्‍य पर निकाय राशि के दुरूपयोग के दोषी जैतहरी नगर परिषद अध्‍यक्ष का शासनहित में वित्‍तीय अधिकार पर रोक लगाकर अभियोजन की कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अध्‍यक्ष द्वारा शासकीय राशि का अपव्‍यय सम्‍पत्ति नष्‍ट करने पर जाँच उपरांत दोषी सिद्ध होने पर प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही न करने का क्‍या कारण हैं? (ग) संयुक्‍त संचालन रीवा के प्रतिवेदन पर अभी तक कार्यवाही नहीं कराने से यह सिद्ध होता है कि विभाग एवं शासन स्‍वेच्‍छा चारिता अध्‍यक्ष को संरक्षण प्रदान कर रही है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍न में उठाये गये बिन्‍दु की जाँच करने हेतु कलेक्‍टर अनूपपुर को लिखा गया है। कलेक्‍टर अनूपपुर से जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) संभागीय संयुक्‍त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा एवं शहडोल द्वारा इस प्रकरण में जाँच प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया गया। अन्‍य प्रकरण में म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4-5/2017/18-3 भोपाल दिनांक 06.03.2017 के अनुसार                       श्री अवधेश कुमार अग्रवाल अध्‍यक्ष नगर परिषद जैतहरी को म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के धारा 41 (क) के अंतर्गत स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

तीर्थ दर्शन की जानकारी

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

51. ( क्र. 1847 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विकास खण्‍ड जैतहरी/अनूपपुर के वित्‍तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने हितग्राहियों को मुख्‍यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत यात्रा करायी गयी है वर्ष, नाम, पिता, पति का नाम, ग्राम सहित विवरण प्रदान करें? (ख) सम्‍पूर्ण भारत एवं मध्‍यप्रदेश के किस-किस धार्मिक तीर्थों को म.प्र. शासन ने चयनित किया है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित यात्रियों को कहाँ-कहाँ तीर्थ दर्शन कराया गया?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मध्‍यप्रदेश एवं राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

52. ( क्र. 1854 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) मध्‍यप्रदेश के किन जिलों में पूर्व मध्‍यप्रदेश एवं राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन संचालित था? प्रदेश के अन्‍य जिलों में कब से इस योजना का लागू किया जाएगा। वर्तमान में संचालित जिले का उल्‍लेख करें। (ख) जिन जिलों में नये सिरे से संचालित किए जाने हैं क्‍या वहां पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भर्ती की जावेगी? यदि नहीं, तो नवीन जिले में काम को गति कैसे प्रदान किया जाएगा? (ग) क्‍या नीवन जिलों के संचालन हेतु अन्‍य जिला के अधिकारी/कर्मचारी भेजे गये है। लेकिन अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। कारण बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रारंभ में 09 जिलों में संचालित था। वर्ष 2017-18 से प्रदेश के सभी जिलों में मिशन का क्रियान्वयन प्रारंभ हो रहा है। (ख) जी हाँ। संविदा कर्मियों की भर्ती की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नवीन जिलों में मिशन कार्यालय स्थापित किये जा रहे है एवं मिशन कर्मियों की तैनाती प्रक्रियाधीन है।

खंडवा जिले में शासन संधारित धर्मस्‍थलों के संबंध में

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

53. ( क्र. 1871 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खंडवा जिले में धर्मस्‍व विभाग की कितनी सम्‍पत्ति हैं? जिले में शासन संधारित कौन-कौन से मंदिर हैं? सूची उपलब्‍ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सम्‍पत्ति एवं संधारित मंदिरों पर विगत तीन वर्षों में कितनी राशि अब तक व्‍यय की गई हैं वर्षवार बतायें? (ग) क्‍या खंडवा के श्री दादाजी धूनिवाले मंदिर ट्रस्‍ट एवं औंकारेश्‍वर मंदिर ट्रस्‍ट पर उज्‍जैन महॉकाल की भांति प्रशासक नियुक्‍त करने एवं शासकीय ट्रस्‍ट स्‍थापित किये जाने का मामला विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) देशभर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्‍था केन्‍द्रों पर जनभावनाओं का सम्‍मान करते हुए जनहित में शासकीय ट्रस्‍ट कब तक बनाया जाएगा? (ड.) क्‍या गुरूपूर्णिमा पर लगने वाले मेले में श्रृद्धालुओं की सुविधा के लिए खंडवा को विशेष आर्थिक पेकेज स्‍वीकृत किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नगर पालिक निगम मुरैना कर्मचारियों के डेपूटेशन, अटेचमेन्‍ट

[नगरीय विकास एवं आवास]

54. ( क्र. 1886 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना नगर निगम में वर्ष 2016 एवं 2017 में कितने स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, यंत्रियों एवं तृतीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को डेपूटेशन एवं अटेचमेंट किया गया है? उनके पद, पदस्‍थापना का वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या उक्‍त अधिकारी, कर्मचारियों के डेपूटेशन, अटेचमेंट के प्रस्‍ताव नगर निगम अधिकारी मेअर इन काउंसिल के पारित प्रस्‍ताव के अनुसार नहीं किये गये हैं, पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्‍त अधिकारी, कर्मचारियों के डेपूटेशन, अटैचमेंट किस अधिकारी के आदेश से किये गये हैं? क्‍या आदेश करने वाले अधिकारी को राज्‍य शासन द्वारा उक्‍त कार्य हेतु अधिकृत किया गया था? पूर्ण जानकारी तथ्‍यों सहित दी जावे।                          (घ) ऐसे अधिकारी, कर्मचारियों के डेपूटेशन, अटैचमेंट शासन निरस्‍त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? उक्‍त अधिकारी, कर्मचारियों का वेतन कहाँ से आहरण किया जा रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उक्‍त अधिकारी/कर्मचारियों के डेपूटेशन, अटैचमेंट के प्रस्‍ताव मेयर इन काउंसिल के द्वारा पारित नहीं किए गए है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। परिशिष्‍ट के सरल क्रमांक 07 पर अंकित श्री ललित कुमार शर्मा, उपयंत्री को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आदेश क्रमांक या.प्र./07-4/2016/5531 दिनांक 16.12.2016 द्वारा प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ किया गया है। (घ) नगर पालिक निगम मुरैना में कार्य की आवश्‍यकता को देखते हुए संलग्‍न किया गया है। नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलित है। नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति होने के उपरांत ही संलग्‍नीकरण को समाप्‍त किये जाने पर विचार किया जा सकता है। अटैचमेंट अधिकारी/कर्मचारियों का वेतन मूल पदस्‍थापना विभाग से आहरण किया जा रहा है। उक्‍त अधिकारी/कर्मचारियों को कार्य की आवश्‍यकता के दृष्टिगत अटेचमेंट किया गया है।

परिशिष्ट - ''तेरह''

शासकीय महाविद्यालय में प्राध्‍यापकों के रिक्‍त पद

[उच्च शिक्षा]

55. ( क्र. 1887 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या चंबल संभाग मुरैना में संचालित जिले के एक मात्र शासकीय स्‍नातकोत्‍तर कन्‍या महाविद्यालय में कई विषयों के प्राध्‍यापक नहीं होने से छात्राओं का अध्‍यापन कार्य प्रभावित हो रहा है? (ख) उक्‍त महाविद्यालय में विभिन्‍न विषयों के कितने स्‍वीकृत पद हैं, इनमें से कितनों में पदस्‍थापनायें है तथा कितने विषयों के प्राध्‍यापकों के पद रिक्‍त हैं एवं कब से स्‍थाई प्राध्‍यापक नहीं? विषयवार वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) वर्ष 21015, 16, 17 में कितने अतिथि शिक्षिकों की नियुक्ति किन विषयों की, की गई थी? वर्षवार विषयवार जानकारी दी जावें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य कराया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चौदह''

स्‍वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी

[खनिज साधन]

56. ( क्र. 1907 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में गौण खनिज मद से किन-किन निर्माण कार्यों हेतु राशि प्रदाय करने का प्रावधान है तथा प्रत्‍येक विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि देने का प्रावधान है? (ख) प्रश्‍नांकित                          (क) अनुसार वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में गौण खनिज मद से किन-किन विधानसभाओं में कितनी-कितनी राशि किन-किन निर्माण कार्यों हेतु स्‍वीकृत की गई? निर्माण कार्यवार, मय राशि की जानकारी उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में गौण खनिज मद से निर्माण कार्य वार एवं विधानसभा वार राशि दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। यह प्रावधान पूरे प्रदेश पर लागू होते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता।

मनरेगा एवं 14 वां वित्‍त मद की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

57. ( क्र. 1908 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत बाग की ग्राम पंचायत टाण्‍ड,  आंबासोटी, मगदी तथा जनपद पंचायत गंधवानी अंतर्गत ग्राम पंचायत कोसदना में वर्ष                             2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक रोजगार गारंटी योजना एवं 14वां वित्‍त योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में कार्य मशीन से किया जाकर भ्रष्‍टाचार किया गया? (ख) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नांकित पंचायतों में मजदूरी भुगतान में धांधली की गई है एवं मजदूरों के खाते बदलकर भुगतान पर्ची पर फर्जी हस्‍ताक्षर कर भुगतान निकाला गया? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कब तक की जायेगी?                                (ग) 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक रोजगार गारंटी योजना एवं 14 वां वित्‍त योजना अंतर्गत किये गये कार्यों के मस्‍टर रोल, मजदूरी भुगतान हेतु बैंक में दी गई सूची तथा तकनीकी स्‍वीकृति एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) शिकायत प्राप्‍त नहीं होने से जाँच का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मस्‍टर रोल, मजदूरी भुगतान हेतु बैंक में दी गई सूची तथा तकनीकी स्‍वीकृति एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रमाणित छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार।

दतिया जिले की नगर पंचायत इंदरगढ़ के निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

58. ( क्र. 1920 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत इंदरगढ़ में 31 मार्च 2014 के उपरांत कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी से कितनी-कितनी लागत से कराये गये? इनमें कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुये? कौन-कौन से अपूर्ण हैं तथा कौन-कौन से प्रारंभ ही नहीं हुये है? (ख) क्‍या कई वर्षों पूर्व भाण्‍डेर तिराहे पर सुलभ कॉम्‍प्‍लेक्‍स के लिये राशि स्‍वीकृत कर संबंधित निर्माण एजेंसी को राशि का भुगतान कर दिया गया जबकि आज दिनांक तक उक्‍त कार्य 10 %  भी नहीं किया गया, यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है, क्‍या इन जिम्‍मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? कब की जावेगी? (ग) अतारांकित प्रश्‍न क्र. 1791 दिनांक 8-12-16 के उत्‍तर में 25000/- तक 86 कार्य मात्र तीन एजेंसियों द्वारा कराये जाना बताये गये, साथ ही यह कहा गया कि उक्‍त कार्यों की शिकायत न होने से किसी प्रकार की जाँच नहीं की गई, जो संदेहास्‍पद है। अत: उक्‍त कार्यों के वर्क आर्डर, नम्‍बर कार्य का नाम  मूल्‍यांकन कर्ता अधिकारी का नाम/पद नालियों पर डाले गये जालों के वजन की कुल मात्रा एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी उपलब्‍ध करायें।                                (घ) क्‍या उक्‍त समस्‍त कार्यों की गुणवत्‍ता के संबंध में पृथक प्राइवेट एजेंसी से प्रश्‍नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। जाँच उपरांत गुण-दोष के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांकित कार्यों की गुणवत्‍ता के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्‍त नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्राध्‍यापकों एवं सहायक प्राध्‍यापकों का अटैचमेंट

[उच्च शिक्षा]

59. ( क्र. 1931 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उच्‍च शिक्षा विभाग में प्राध्‍यापक एवं सहायक प्राध्‍यापकों को अटैचमेंट पर भेजे जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस-किस विभाग में प्राध्‍यापक एवं सहायक प्राध्‍यापक अटैचमेंट पर जा सकते हैं? (ख) वर्तमान में विभाग के ऐसे कितने प्राध्‍यापक एवं सहायक प्राध्‍यापक अन्‍य विभाग में अटैचमेंट पर है तथा उनके मूल पद तथा स्‍थान तथा वर्तमान में कहाँ कार्यरत है? (ग) क्‍या विभाग द्वारा अटैचमेंट अधिकारियों को वापस मूल विभाग में भेजे जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो इस संदर्भ में क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। विभाग में अटैचमेंट पर भेजे जाने का प्रावधान नहीं है। विभाग में कार्यरत प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं है।

दिव्‍यांगों के पेंशन वितरण की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

60. ( क्र. 1932 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक कितने दिव्‍यांग पंजीकृत हैं? नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पृथक-पृथक प्रदान करें। (ख) इनमें से कितने दिव्‍यांगों का पंजीयन पेंशन योजना के संदर्भ में किया गया तथा कितने दिव्‍यांगों को अभी पेंशन का लाभ प्राप्‍त नहीं हो रहा है? पेंशन का लाभ कब से प्राप्‍त नहीं हो रहा है और क्‍यों नहीं हो रहा है? इसके लिये दोषी कौन अधिकारी है? (ग) बड़नगर विधानसभा के पंजीकृत दिव्‍यांगों को शासन के नियमानुसार पेंशन योजना का लाभ कब तक प्राप्‍त हो जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक 1108 दिव्यांग पंजीकृत है। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की पृथक-पृथक जानकारी निम्नानुसार हैः- 1. जनपद पंचायत बड़नगर-841 2. नगर पालिका बड़नगर- 267 (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के उत्तरांश                (क) में उल्लेखित 1108 दिव्यांगो में से 947 दिव्यांगों का पंजीयन पेंशन योजना के अन्तर्गत किया गया तथा 161 दिव्यांगों को शासन द्वारा निर्धारित पात्रता नहीं रखने के कारण पेंशन योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में पात्रतानुसार दिव्यांगजनों को पेंशन योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है।

 

 शासकीय राशि का दुरूपयोग

[नगरीय विकास एवं आवास]

61. ( क्र. 1945 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रं. 528 के तारतम्‍य में नगर परिषद लवकुश नगर के द्वारा विभिन्‍न योजनाओं से शासकीय राशि के दुरूपयोग के संबंध में राज्‍य शासन का ध्‍यानाकर्षित किया था। (ख) क्‍या जिला प्रशासन ने उल्‍लेखित ध्‍यानाकर्षण में तथ्‍यों की जाँच करवाकर संबंधित संस्‍था के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की? कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करायें। क्‍या शासकीय राशि का दुरूपयोग करने वाले नगर परिषद अध्‍यक्ष, परिषद सी.एम.ओ. के विरूद्ध राशि रिकवरी की कार्यवाही प्रस्‍तावित की है? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं, तो क्‍यों?        (ग) क्‍या नगर परिषद लवकुश नगर, चंदला, बारीगढ़ में वर्ष 01 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक सी.एम.ओ. के द्वारा 2000-3000 रू. के चेक्‍स किन-किन व्‍यक्तियों को किस प्रयोजन के लिए प्रदान किये गये? विवरण सहित जानकारी देवें। क्‍या उक्‍त भुगतान में शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो चेक जारी करने वाले अधिकारी को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 528 में उल्‍लेखित तथ्‍यों की जाँच आवश्‍यक नहीं थी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। परिशिष्‍ट के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासन संधारित मंदिरों को राशि की स्‍वीकृत

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

62. ( क्र. 1952 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या कार्यालय कमिश्‍नर सागर संभाग सागर के पृष्‍ठांकन क्रं.3260/पाँच/2016 सागर, दिनांक 28.12.2016 में उल्‍लेखित श्री शिवमंदिर सरसेड़ एवं धनुषधारी राम राजा मंदिर सरसेड़ एवं श्री सुरई मंदिर अलीपुरा जिला छतरपुर के जीर्णोंद्धार हेतु अतिरिक्‍त राशि स्‍वीकृत के परिप्रेक्ष्‍य में राज्‍य शासन में लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो स्‍वीकृति की कार्यवाही कब तक की जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नर्मदा किनारे पर शव दाह हेतु घाट का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

63. ( क्र. 1976 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में माँ नर्मदा किनारे पर ऐसे कौन-कौन से घाट है जहां पर शव के दाह संस्‍कार किया जाने हेतु पक्‍के श्‍मशान  घाटों का निर्माण करवाया गया है? (ख) म.प्र. के ऐसे कौन-कौन से जिले है जहां से नर्मदा किनारे पर श्‍मशान  घाट का निर्माण किये जाने हेतु विभाग/शासन को प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए है, ऐसे जिलों के ग्रामों व घाटो के नाम बतावें? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के नेमावार में प्रतिदिन लगभग 20 से 25 शवों का दाह संस्‍कार किया जाता है, किन्‍तु पक्‍का श्‍मशान  घाट नहीं होने से कई प्रकार की परेशानी आती हैं, इस हेतु शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि शासन में नेमावर में पक्‍के श्‍मशान  घाटों का निर्माण कार्य करवाये जाने हेतु प्रकरण विचाराधीन है तो कब तक पक्‍के श्‍मशान  घाटों का निर्माण कार्य करवाये जाने हेतु कब तक कार्यवाही की जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नर्मदा नदी के किनारे श्‍मशान घाट निर्माण के लिए माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी 3162 है, जिसकी पूर्ति के लिए संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल के आदेश क्रमांक 4254 एवं 4262 दिनांक 09.03.2017 से नर्मदा नदी के किनारे की नगरीय निकायों को अनुदान राशि उपलब्‍ध कराई गई है, जिससे नगरीय निकायों द्वारा नर्मदा नदी के किनारे विश्रामघाट का निर्माण कराया जा रहा है। (ग) एवं (घ) नगर परि‍षद नेमावर को माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी 3162 के अनुसार विश्रामघाट निर्माण कार्य के लिए राशि    रू. 50.00 लाख विशेष निधि से अनुदान राशि उपलब्‍ध कराया गया है। नगर परिषद नेमावर द्वारा निर्माण कार्य कराने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

निवास की पंचायत एवं कृषि भूमि की पंचायत के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

64. ( क्र. 1977 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यदि कोई व्‍यक्ति की निवास की पंचायत अलग एवं कृषि भूमि की पंचायत अलग है उसे तो शासन की योजना का लाभ देने के क्‍या नियम है। (ख) क्‍या विगत वर्षों में ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायतों द्वारा ऐसे प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन से स्‍वीकृति के लिए प्रस्‍ताव भेजे हैं? (ग) ऐसे किसानों को कृषि आधारित शासन की योजनायें जैसे कपिलधारा मेंढ बंधान आदि अन्‍य कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ लेने हेतु क्‍या प्रक्रिया है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) राज्य स्तर पर ऐसे कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सोलह''

पवित्र क्षेत्र खारीघाट हेतु राशि आवंटन

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

65. ( क्र. 1987 ) श्री तरूण भनोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नमामि देवी नर्मदा महोत्‍सव के पूर्व जबलपुर स्थित खारीघाट क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित करने हेतु राजपत्र में विधिवत् घोषणा की गई थी? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो उक्‍त पवित्र क्षेत्र खारीघाट हेतु शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन किया है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जबलपुर स्थित संत अलायसियस कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने बावत्

[उच्च शिक्षा]

66. ( क्र. 1988 ) श्री तरूण भनोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या जबलपुर स्थित संत अलायसियस कॉलेज को नैक की ग्रेड में '''' प्‍लस प्राप्‍त हुआ है व प्रदेश में उक्‍त कॉलेज अब्‍वल स्‍थान पर है एवं राष्‍ट्रीय प्रत्‍याथन एवं मूल्‍यांकन परिषद (नैक) ने प्रदेश में संत अलायसियस कॉलेज के परफारमेंस एवं स्‍टेन्‍डर्ड को सराहते हुये यूनिवर्सिटी में तब्‍दील करने की सिफारिस भी नैक टीम के रिपोर्ट में हुई है? (ख) क्‍या उक्‍त कॉलेज में पाँच साल के भीतर 223 रिसर्च पेपर पब्लिश हुये एवं 11 बड़े एवं 39 छोटे रिसर्च प्रोजेक्‍ट पर उक्‍त संस्‍थान ने कार्य करते हुये 122 से ज्‍यादा संगोष्‍ठी आयोजित करने के साथ-साथ विद्यार्थियों को विदेश रिसर्च करवाने भी भेजा है? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही है तो क्‍या उक्‍त कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा शासन द्वारा कब तक अनुशांसित करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। नैक की ग्रेड में "ए-प्लस" प्राप्त हुआ है। नैक से उक्त महाविद्यालय ने सी.जी.पी.ए. 3.68 अंक अर्जित किये हैं तथा नैक ने संत अलायसियस कॉलेज के परफारमेंस एवं स्टेन्डर्ड को यूनिवर्सिटी में तब्दील करने की कोई स्पष्ट टीप नहीं दी है, सामर्थ्य मात्र अंकित किया गया है। राज्य शासन द्वारा किसी महाविद्यालय की श्रेणीकरण जैसी कोई कार्यवाही नहीं की जाती हैं। (ख) उक्त कॉलेज में पाँच साल में 423 रिसर्च पेपर पब्लिश हुए एवं 11 बड़े रिसर्च प्रोजेक्ट पर कार्य हुआ, महाविद्यालय में कुल 24 संगोष्ठियां आयोजित हुई। महाविद्यालय द्वारा शोध कार्य हेतु विद्यार्थियों को विदेश नहीं भेजा जाता है।   (ग) इस आशय की कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।

विधानसभा क्षेत्र जतारा से रेत के अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

67. ( क्र. 2002 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जतारा की जनपद पलेरा से सुकनई नदी, उरनदी एवं धसान नदियों से एवं जनपद जतारा के सपरार नदी पर कितनी रेत खदानें सन् 2013 से 2016 तक स्‍वीकृत की गई। (ख) क्‍या इन नदियों से मशीनों द्वारा हो रहे अवैध रेत के उत्‍खनन को रोके जाने हेतु कार्यवाही की जाएगी? (ग) रेत की खदानों के दिये गये पट्टे एवं अवैध तरीके से नदियों की रेत को बिना प‍रमीशन के ठेकेदारों एवं खनिज विभाग की मिली भगत से रेत को निकाला जा रहा। क्‍या इस पर रोक लगाई जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र के प्रश्‍नाधीन क्षेत्र की सुकनई नदी पर कोई रेत खदान स्‍वीकृत नहीं है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) जिला प्रशासन द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

 

पट्टा आतंरण के संबंध में नियमों का पालन

[खनिज साधन]

68. ( क्र. 2007 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मेसर्स विश्‍नाथ सिंह इन्‍टर प्राइजेज प्रो. प्रशांत सिंह निवास रीवा को ग्राम टाई तह. पवई खसरा न. 995/6 रकवा 1.85 हे. पर गिट्टी उत्‍खनिपट्टा दिनांक 24.08.2007 के लिए स्‍वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या क्रेशर गिट्टी उत्‍खनिपट्टा दिनांक 23.06.09 को किस आधार पर स्‍थानांतरित किया गया? क्‍या यह नियम अनुसार है? यदि हाँ, तो किस नियम के अन्‍तर्गत है? नियमों की प्रति बतायें और दिनांक 24.08.2007 की स्थिति में क्‍या उत्‍खनन हो रहा है? ग्राम पंचायत टांई अन्‍तर्गत गिट्टी के दो क्रेशर लगे हुये है ये किसके है इनकी अनुमति कब किन शर्तों पर दी गई थी? अनुमति पत्र एवं शर्तों एवं अन्‍य विभागों द्वारा दिये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रति बतायें। (ख) उपरोक्‍त क्रेशर गिट्टी तोड़ने के लिये जिस खदान से पत्‍थर ले रहे हैं क्‍या उस खदान को मंजूरी देते समय क्‍या यह प्रावधान किया गया था कि वह क्रेशर को गिट्टी बनाने हेतु पत्‍थर को बेच या दे सकेंगे? यदि हाँ, तो प्रति बतावें। यदि नहीं, तो क्‍या नियम विरूद्ध चलाये जा रहे है, क्रेशर की अनुमति निरस्‍त क्‍यों नहीं की गई? बतायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन उत्‍खनिपट्टा दिनांक 24.08.2007 से 23.08.2017 तक के लिये स्‍वीकृत किया गया था। प्रश्‍नाधीन उत्‍खनिपट्टा मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 35 के तहत नियमानुसार अंतरण हुआ है। यह नियम अधिसूचित नियम है। दिनांक 24.08.2007 की स्थिति में कोई उत्‍खनन नहीं किया गया है। प्रश्‍नाधीन ग्राम पंचायत के अंतर्गत श्रीमती नंदिता सिंह एवं श्रीमती अंजू सिंह निवासी ईटौरी के नाम पर दो क्रेशर लगे हैं। विभाग द्वारा क्रेशर लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है। क्रेशर उद्योग लगाने की अनुमति उद्योग विभाग द्वारा दी गई है। उद्योग विभाग के रजिस्‍ट्रेशन की प्रति एवं पर्यावरण विभाग द्वारा दी गई अनापत्ति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में दर्शित है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पन्‍ना जिले के अन्‍तर्गत कल्‍दा एवं श्‍यामगिरि के जंगलों में अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

69. ( क्र. 2008 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग को यह जानकारी संज्ञान में है कि ग्राम पंचायत बन्‍डौरा कुटमी के कल्‍दा एवं श्‍यामगिरि जंगलों में आदिवासियों की भूमि पर उत्‍खनन का कार्य चल रहा है? यदि हाँ, तो कब से तिथि बतायें और विभाग को जानकारी कब प्राप्‍त हुई? उस तिथि से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? तिथिवार बतायें। (ख) क्‍या जिले में आदिवासियों को खेती के लिये जो पट्टे दिये गये थे उस भूमि पर खेती के कार्य न कर माइनिंग का कार्य किया जा रहा है, यदि हाँ, तो वे  कौन-कौन से मामले है और उन पर क्‍या कार्यवाही कब-तक की जायेगी? यदि नहीं, तो जिले में प्रशासन के पास ऐसी कौन-कौन सी भूमि किस-किस ग्राम में है, जिसका पट्टा आदिवासी के पास है? ग्रामवार, आदिवासी का नाम, उसके पिता का नाम, खसरा क्रमांक, रकबा, पट्टा देने की तिथि और वर्तमान में उस भूमि का क्‍या उपयोग किया जा रहा है। (ग) यदि पट्टे की शर्तों का पालन संबंधित द्वारा नहीं किया जा रहा है तो खनिज विभाग का कौन प्राधिकारी इस नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिये कौन जिम्‍मेदार है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नानुसार कोई कार्य नहीं चल रहा है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। नियमानुसार खदान स्‍वीकृत होने के कारण कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। इस उत्‍तर के संदर्भ में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्‍वीकृत पट्टों में शर्तों का पालन किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अठारह''

पेयजल परिवहन में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

70. ( क्र. 2030 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर परिषद तराना द्वारा वर्ष 2016-17 के दौरान ग्रीष्मकाल में पेयजल आपूति हेतु टेंकर द्वारा पेयजल परिवहन कि निविदा निकाली गई थी? यदि हाँ, तो किस दर पर? उक्त आपूर्ति में कितना व्यय किया गया? (ख) पूर्व के वर्षों में पेयजल परिवहन पर     कब-कब कितनी -कितनी राशि व्यय की गई? क्या कारण है कि वर्ष 2016-17 में कई गुना अधिक राशि व्यय कि गई? (ग) उक्त राशि का भुगतान किस मद से किया गया? क्या भुगतान से पूर्व सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई थी? यदि नहीं, तो क्यो? (घ) क्या अन्य मद की राशि से भुगतान करना नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यो?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, पेयजल परिवहन की निविदा जारी की गई थी, जिसमें रू. 580/- (6000 लीटर क्षमता) का प्रति टेंकर की प्राप्‍त हुई। उक्‍त आपूर्ति में रूपये 20.00 लाख का व्‍यय किया गया। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। विगत वर्षों की तुलना में वर्ष 2016-17 में गंभीर पेयजल संकट के कारण अधिक राशि व्‍यय हुई है। (ग) उक्‍त राशि का भुगतान राज्‍य वित्‍त, 14 वें वित्‍त, चुंगी क्षतिपूर्ति मद से किया गया। भुगतान से पूर्व परिषद् से स्‍वीकृति प्रस्‍ताव क्रमांक 181 दिनांक 22.06.2016 के द्वारा ली गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                          (घ) जी नहीं, अन्‍य मद की राशि से भुगतान करना नियमानुसार नहीं है। वित्‍त आयोग की राशि एवं चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से पेयजल परिवहन का भुगतान किया जा सकता है, इसलिये परिवहन कार्य का भुगतान रू. 20.00 लाख का किया गया। बाद में राहत आपदा मद से रू. 15.00 लाख प्राप्‍त होने पर राशि का समायोजन कर लिया गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

शा. महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्‍तीय पाठयक्रमों से संबंधित

[उच्च शिक्षा]

71. ( क्र. 2032 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शा. महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्‍तीय पाठयक्रमों में कार्यरत अतिथि विद्वान, प्रयोगशाला तकनीशियन एवं प्रयोगशाला परिचारक को नियमित किये जाने की क्या योजना है? (ख) उज्जैन जिले के किन-किन शा. महाविद्यालयों में यह कोर्स संचालित है?  वर्तमान में कितना मानदेय दिया जा रहा है? उक्त कर्मचारियों को क्या 29 दिन का वेतन दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त मानदेय पर्याप्त है? (ग) क्या वर्षों से कार्यरत उक्त कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो उक्त पाठ्यक्रम संचालित करने का क्या औचित्य है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) स्ववित्तीय पाठ्यक्रम के संचालन के लिए कार्यरत अतिथि विद्वान या अन्य कर्मचारी लोक सेवक नहीं होते हैं। अतः ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अतिथि विद्वान, प्रयोगशाला तकनीशियन एवं प्रयोगशाला परिचारक जनभागीदारी समिति द्वारा आमंत्रित किये जाते है। अतः यह लोक सेवक नहीं होते है तथा इन्हें नियमित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में प्रारंभ किये गये विषय आधुनिक रोजगारोन्मुखी विषय है। जिनमें रोजगार की अपार संभावनाएं है। अतः छात्र हित में छात्रों की मांग पर स्ववित्तीय पाठ्यक्रम के विषय विभाग से अनुमति प्राप्त कर एवं विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त कर संचालित किये जा रहे है।

परिशिष्ट - ''बीस''


माननीय मुख्यमंत्री महोदय की गई घोषणाएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

72. ( क्र. 2034 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अन्तर्गत माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा इन्दौर जिला अन्तर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में क्या-क्या घोषणाएं की गई थी?             (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कि गई घोषणाओं पर से संबंधित ग्राम सभा में उपस्थित अधिकारियों द्वारा मान.मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर कब तक अमल किया जायेगा? घोषणाओ को कब तक पूर्ण किया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ख) ग्राम बुढी बरलई में क्षिप्रा घाट निर्माण एवं सौन्दर्यकरण की डी.पी.आर. तैयार की गई है। सांवेर बायपास पर हाईमास्ट लगाने के लिए नगर पालिका ने विभाग से आवंटन की मांग की है, जिला पंचायत इंदौर द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र लिखा गया है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

इन्दौर से उज्जैन प्रवाहित होने वाली कान्हे नदी के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

73. ( क्र. 2037 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या इन्दौर से उज्जैन प्रवाहित होने वाली कान्हे नदी के लिए कोई सफाई योजना बनाई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो योजना क्या है? उस योजना में       क्या-क्या कार्य नदी सफाई हेतु किये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नदी में प्रदूषण का स्तर जाँचने की भी कोई योजना है? यदि हाँ, तो प्रदूषण को किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा जांचा गया तथा प्रदूषण का स्तर क्या पाया गया? क्या प्रदूषण के स्त्रोत की कोई जानकारी उपलब्ध है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कान्ह नदी का इन्दौर से उज्जैन तक सांवेर विधानसभा क्षेत्र का कितना क्षेत्र योजना में शामिल है? सफाई हेतु सरकार की क्‍या योजना है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) इन्‍दौर नगर के सीवेज एवं सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के इफ्यूलेन्‍ट को कान्‍ह नदी में मिलने से रोकने के लिये योजना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं, नगर निगम, इन्‍दौर में कोई योजना नहीं हैं, अपितु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय प्रयोगशाला, इन्‍दौर तथा उज्‍जैन द्वारा वि‍भिन्‍न स्‍थानों पर नियमित रूप से हर माह जल का नमूना संग्रहित कर विश्‍लेषण किया जाता है। अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में जल की विश्‍लेषण रिपोर्ट में अंकित हैं। विश्‍लेषण परिणामों के अनुसार नदी जल की गुणवत्‍ता की तुलना भारतीय मानक 2296 (1982) से करने पर नदी के जल की गुणवत्‍ता ''डी'' श्रेणी के अंतर्गत पाई गई हैं, जिसके अनुसार नदी का जल पीने योग्‍य नहीं होकर वन्‍य जीवन एवं मत्‍स्‍य पालन हेतु उपयुक्‍त है। कान्‍हे नदी में मुख्‍यत: इन्‍दौर शहर के नाले एवं सीवेज मिलता है, जिसके कारण नदी प्रदूषित होती हैं। (घ) उक्‍त कार्य योजना में सांवेर विधानसभा क्षेत्र सम्मिलित नहीं है। सफाई हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है।

धार राजबाड़े के जीर्णोंध्‍दार

[नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 2067 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या धार नगर स्थित प्राचीन राजबाड़े के जीर्णोंध्‍दार के नाम पर अनाधिकृत व्‍यक्ति द्वारा अवैध रूप से तोड़-फोड़ कर स्‍वविवेक से निर्माण किये जाने की कार्रवाई की जा रही है तथा इस संबंध में इस व्‍यक्ति द्वारा नगर पालिका को सूचना पत्र प्रेषित किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इस हेतु नगर पालिका परिषद धार व पुरातत्‍व विभाग से आवश्‍यक अनुज्ञा व अनुमति प्राप्‍त की गई है? (ग) क्‍या जीर्णोंध्‍दार के दौरान राजबाड़े के मूल स्‍वरूप व सम्‍पत्ति को यथावथ रखा जायेगा तथा उसमें किसी प्रकार का नवीन निर्माण कर व्‍यवसायिक गतिविधि संचालित नहीं की जा सकेगी इसकी माँनीटरिंग हेतु किस एजेंसी का निर्धारण किया गया अथवा किये जाने वाला है? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा कलेक्‍टर धार को पत्र लिखकर धार के बड़े बंगले में रखरखाव के नाम पर भौतिक रूप से शादी गार्डन चलाकर व्‍यवसायिक उपयोग किये जाने की तर्ज पर राजबाड़े के जीर्णोध्‍दार के नाम पर व्‍यवसायिक उपयोग किये जाने के प्रयास के संबंध में अवगत कराय था? (ड.) यदि हाँ, तो इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा क्‍या कार्रवाई की गई तथा क्‍या इस पत्र का जवाब प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य को लिखित में दिया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, एक गैर शासकीय व्‍यक्ति  श्री सलीम खान पी.आर.ओ. धार स्‍टेट द्वारा भवन रिपे‍यरिंग की जाने की सूचना दिनांक 02/05/2017 को नगर पालिका धार को दी गयी थी इस संबंध में नगर पालिका धार द्वारा राजबाड़ा भवन के कितने भाग की रिपेयरिंग की जाना है का मानचित्र प्रस्‍तुत करने हेतु दिनांक 16/05/2017 को सूचना पत्र जारी किया गया, इस पत्र तामीली के बाद रिपेयरिंग का कार्य बंद कर दिया गया। (ख) जी नहीं। (ग) धार राजबाड़ा निजी संपत्ति है, जीर्णोद्धार हेतु विधिवत अनुमति नहीं लेने के कारण नगर पालिका द्वारा कार्य रूकवा दिया गया है। नगर पालिका धार द्वारा वर्तमान स्‍वरूप में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की अनुमति नहीं दी गई है। निजी सम्‍पत्ति होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। (ड.) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), धार द्वारा बड़ा बंगला स्थित दरबारगढ़ पैलेस, मैरेज गार्डन भूमि सर्वे नंबर 127/2, 128/2 रकबा क्रमश: 0.135 एवं 0.175 हेक्‍टयर पर बिना भूमि व्‍यपवर्तन, अभिन्‍यास स्‍वीकृति के संचालन किये जाने के संबंध में उपयोगकर्ता श्री मयुर जैन पिता श्री प्रदीप जैन निवासी पो-चौपाटी धार के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 52 एवं 58/बी- 121/2015-16 दिनांक 08/08/2016 को दर्ज किया गया जो न्‍यायालय में सुनवाई हेतु विचाराधीन हैं साथ ही मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका, धार से उक्‍त संबंध में रिपोर्ट ली गई, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि नगर पालिका, धार द्वारा जीर्णोद्धार की कोई अनुमति जारी नहीं की गई है और वर्तमान में कोई कार्य नहीं चल रहा हैं। जी हाँ।

ग्राम नीमागांव में खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

75. ( क्र. 2093 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विकास आयुक्त म.प्र.शासन भोपाल को पत्र क्र. 531 दिनांक 12.05.2017 एवं स्मरण पत्र क्र.576 दिनांक 31.05.2017 जिसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव, म.प्र.शासन भोपाल को भी प्रेषित की जाकर प्रमुख अभियन्ता एवं मुख्य अभियन्ता ग्रा.यां.सेवा भोपाल, अधीक्षण यंत्री ग्रा.यां.सेवा नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद, कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी ग्रा.यां.सेवा जिला हरदा द्वारा ग्राम नीमगॉव में खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण हेतु प्रस्तावित स्थल का किये गये निरीक्षण प्रतिवेदन, स्थल पंचनामा आदि की प्रतिलिपि चाही गई है जो प्रश्‍नकर्ता को प्रश्‍न प्रस्तुत किये जाने की दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराये जाने के क्या कारण है? चाही गई जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या हरदा विधान सभा क्षेत्र की तरह ही म.प्र. के अन्य जिलों की विधान सभा में भी आवंटित भूमि पर खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण हेतु कार्यादेश जारी होने के पहले कार्य ऐजेन्सी ग्रा.यां.सेवा से सर्वे कराये जाने की प्रक्रिया की गई है? (ग) यदि हाँ, तो कलेक्टर हरदा द्वारा ग्राम नीमगॉव में स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि आवंटन से पहले ग्रा.यां.सेवा के अधिकारियों से भूमि की उपलब्धता व उपयुक्तता का प्रमाण पत्र क्यों नहीं लिया? (घ) कलेक्टर हरदा द्वारा अनुपयुक्‍त भूमि को खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण हेतु आवंटित किये जाने का क्या कारण है? अनुपयुक्त भूमि आंवटन किये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी जवाबदार है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।   (ख) जी नहीं। कार्य स्‍थल की मांग अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (घ) स्‍थल तकनीकी रूप से अनुपयुक्‍त पाया गया है, अत: भूमि आवंटन से संबंधित अधिकारियों की जिम्‍मेदारी का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

झिरन्या में महाविद्यालय खोलने बाबत्

[उच्च शिक्षा]

76. ( क्र. 2116 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आदिवासी क्षेत्र झिरन्या तहसील में नवीन महाविद्यालय खोलने हेतु स्वीकृति शासन द्वारा प्रदाय की जा सकती है? जिससे सैकड़ों छात्रों को उच्च शिक्षा का लाभ मिल सके? नहीं तो क्या कारण है? हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) क्या झिरन्या अंचल में महाविद्यालय की पढ़ाई हेतु वर्तमान में अधिकतम छात्रों को खरगोन जाना होता है? जो लगभग 60 कि.मी. की दूरी पर स्थित है तथा जिससे अधिकतम गरीब छात्र-छात्राऐं 12वीं अध्ययन के बाद अध्यायन कार्य छोड़ देती है? (ग) यदि हाँ, तो झिरन्‍या तहसील क्षेत्र में नवीन महाविद्यालय की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। झिरन्या तहसील में नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने से नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) जी नहीं। झिरन्या तहसील से शासकीय महाविद्यालय पंधाना एवं शासकीय महाविद्यालय भीकनगांव लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा इन महाविद्यालयों में छात्र-छात्राएँ अध्ययन कर सकते हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

महाविद्यालय में स्टाफ की कमी को पूर्ण करने के सम्बन्ध में

[उच्च शिक्षा]

77. ( क्र. 2120 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अशोकनगर जिले के ईशागढ़ विकास खण्ड के महाविद्यालय में स्टाफ की बहुत कमी है तथा प्रश्‍नकर्ता को पिछले विधानसभा में स्टाफ की कमी को जल्द दूर करने हेतु आश्‍वस्‍त किया था? (ख) यदि हाँ, तो यह कमी आज दिनांक तक दूर नहीं करने का कारण स्पष्ट करें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। लोक सेवा आयोग द्वारा चयन प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही रिक्त पदों की पूर्ति का उल्लेख किया गया था। (ख) शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग में चयन प्रक्रियाधीन है। अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया माननीय न्यायालय का स्थगन होने के कारण स्थगित है। अन्य पदों पर आउटसोर्स से पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

ए.ई./एस.डी.ओ., परियोजना अधिकारी मनरेगा के विरूद्ध जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

78. ( क्र. 2152 ) श्री रामसिंह यादव, श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंचाई विभाग से प्रतिनियुक्ति पर सुरेन्‍द्र कुमार रघुवंशी असिस्‍टेंट इंजीनियर एस.डी.ओ. अशोकनगर तथा वी.के. चौरसिया जिला परियोजना अधिकारी मनरेगा अशोकनगर के विरूद्ध क्‍या-क्‍या शिकायतें पिछले 3 साल में शासन को मिली तथा वे कब से प्रतिनियुक्ति पर सिंचाई विभाग से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में है तथा उन्‍हें कब तक वापस प्रतिनियुक्ति समाप्‍त कर सिंचाई विभाग में पुन: भेजा जावेगा? (ख) मदाउखेड़ी के वर्तमान सरपंच ने पूर्व सरपंच के कार्यकाल की जाँच हेतु कब-कब शिकायतें किस-किस को किस-किस तिथि को की तथा शिकायतों का विवरण देते हुए बताए कि क्‍या कार्यवाही की गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिंचाई विभाग से प्रतिनियुक्ति पर सुरेन्‍द्र कुमार रघुवंशी, असिस्‍टेंट इंजीनियर की जनपद पंचायत मुंगावली में पदस्‍थी के समय श्री महेन्‍द्र सिंह कालूखेड़ा, विधायक विधानसभा क्षेत्र मुंगावली द्वारा मूल्‍यांकन व मनमानी कार्यशैली के कारण हटाने के संबंध में शिकायत की गई थी। श्री सुरेन्‍द्र कुमार रघुवंशी सिंचाई विभाग से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर दिनांक 21.03.2007 से पदस्‍थ किये गये है। श्री सुरेन्‍द्र कुमार रघुवंशी को कलेक्‍टर अशोकनगर के आदेश क्रमांक 3381 दिनांक 05.07.2017 द्वारा प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग भोपाल कार्यालय में उपस्थित होने हेतु भारमुक्‍त किया जा चुका है। श्री वी.के. चौरसिया के नाम का परियोजना अधिकारी पदस्‍थ नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।      (ख) मदाउखेड़ी के वर्तमान सरपंच ने पूर्व सरपंच के कार्यकाल के 5 वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों की जाँच हेतु मान. विधायक महोदय को दिनांक 28.05.2016 को तथा स्‍कूल भवन तथा मनरेगा का कुआं तथा इंदिरा आवास अधूरे कार्यों की जाँच हेतु दिनांक 28.07.2016 को कलेक्‍टर को शिकायत की गई है। जनपद पंचायत से जाँच समिति गठित कर समस्‍त कार्यों की जाँच कराई गई। जाँच में पाया गया कि सभी कार्य स्‍थल पर मौजूद है इनमें से कुछ कार्य अपूर्ण स्थिति में है।

अवैध कालोनियों के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

79. ( क्र. 2153 ) श्री रामसिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर शहर में व आस-पास अवैध कालोनियों के बारे में कितनी शिकायतें शासन को पिछले 3 वर्षों में मिली तथा उन पर क्‍या कार्यवाही हुई? (ख) वैध व अवैध कालोनियों के नाम व विवरण देते हुए बताएं कि अवैध कालोनियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही हो जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 25 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं।        25 प्रकरणों में से 17 प्रकरण शहर क्षेत्र के होने से न्‍यायालय कलेक्‍टर, अशोकनगर में पंजीबद्ध होकर अनावेदकगणों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये है। 08 प्रकरण ग्रामीण क्षेत्र के होने से सुनवाई का क्षेत्राधिकार अनुविभागीय अधिकारी को होने से उनके न्‍यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध होकर विचाराधीन है। (ख) एक वैध कालोनी है, जिसका नाम संत ड्रीम पार्क कालोनी है, अवैध कालोनी की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अवैध कालोनी के 17 प्रकरण न्‍यायालय, कलेक्‍टर अशोकनगर एवं 08 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी के न्‍यायालय में प्रचलित हैं।    समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍नों का गलत उत्‍तर दिया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

80. ( क्र. 2180 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्‍दवाड़ा के आदेश क्रमांक 893 दिनांक 08/06/2016 के तहत सहमति‍ के आधार पर श्री सुनील वर्मा को ग्राम पंचायत समसवाड़ा और श्री जयराम वर्मा सचिव को ग्राम पंचायत सिमरियाकला के कार्यों का सम्‍पादन करने हेतु आदेश प्रसारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? समसवाड़ा और सिमरियाकला की दूरी एवं उक्‍त दोनों सचिवों के निवास का पता सहित जानकारी दें? (ख) क्‍या मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्‍दवाड़ा के आदेश क्रमांक 894 दिनांक 08/06/2016 के तहत आपसी स‍हमति के आधार पर श्री हेमंत कुमार दुबे, सचिव ग्राम पंचायत टाप को ग्राम पंचायत कपुर्दा एवं श्री अबरार खान ग्राम पंचायत कपुर्दा को ग्राम पंचायत टाप में कार्य करने के आदेश प्रसारित किया गया है? (ग) क्‍या उक्‍त दोनों आदेश में लेख किया गया है कि यह पदस्‍थापना अथवा स्‍थानान्‍तरण न होकर वैकल्पिक व्‍यवस्‍था है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन बतायेगा कि किस आदेश-निर्देश में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी उक्‍त प्रकार का आदेश प्रसारित करने हेतु सशक्‍त है? (घ) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 6803 दिनांक   21 मार्च 2017 के उत्‍तर में यह बताया गया है कि वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक आपसी रजामंदी से स्‍थान परिवर्तन किसी भी सचिव का ग्राम पंचायत में नहीं किया गया है? तो प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में यह जवाब कहाँ तक सही है? क्‍या शासन विधान सभा में गलत जवाब देने वाले एवं अधिकारों का दुरूपयोग व भ्रष्‍टाचार कर उक्‍त प्रकार का आदेश प्रसारित करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :  (क) जी हाँ। प्रशासनिक कार्य सुविधा अनुसार किया गया है। समसवाडा की दूरी 12 कि.मी. तथा सिमरिया कला की दूरी 20 कि.मी. है तथा श्री सुनील शर्मा सचिव के निवास का पता ग्राम सलखनी विकासखण्ड चैरई एवं श्री जयराम वर्मा सचिव के निवास का पता ग्राम पंचायत झिरिया है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश अनुसार कार्य संपादन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की गयी। (ग) जी हाँ। उक्त दोनों आदेश प्रशासनिक कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये किया गया है। (घ) जी हाँ। उक्त दोनों आदेश में आपसी रजामंदी से स्थान परिवर्तन नहीं किये गये हैं। बल्कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति प्रभावित न होने को दृष्टिगत रखते हुये प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

इंदिरा आवास की‍ राशि हितग्राहियों को उपलब्‍ध नहीं कराया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

81. ( क्र. 2181 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला पंचायत छिंदवाड़ा के आदेश क्रमांक 9348 दिनांक 31/03/2016 के द्वारा इंदिरा आवास योजनांतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में 3 प्रतिशत कोटे से 108 हितग्राहियों को आवास निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गयी थी? यदि हाँ, तो आवास निर्माण की राशि हितग्राहियों को समय पर भुगतान क्‍यों नहीं की गयी? (ख) क्‍या उक्‍त हितग्राही आज भी उक्‍त आवास की स्‍वीकृत राशि प्राप्‍त करने हेतु जनपद व जिला पंचायतों के चक्‍कर काट रहे है, किंतु उन्‍हें राशि भुगतान नहीं की जा रही है? (ग) क्‍या उक्‍त शिकायत प्रश्‍नकर्ता को प्राप्‍त होने पर प्रश्‍नकर्ता ने दिनांक 06/04/2017 को पत्र क्रमांक 412 एवं दिनांक 26/05/2017 को पत्र क्रमांक 682 माननीय पंचायत मंत्री, म.प्र. शासन को इसी प्रकार दिनांक 06/04/2017 को पत्र क्रमांक 411 व दिनांक 26/5/2017 को पत्र क्रमांक 681 मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिंदवाड़ा को प्रस्‍तुत किया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्‍त पत्रों पर किस स्‍तर से क्‍या कार्यवाही की गयी है? इंदिरा आवास स्‍वीकृत किया गया था, तो समय पर हितग्राहियों को राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन लोग दोषी हैं? क्‍या शासन इसे संज्ञान में लेकर हितग्राहियों को स्‍वीकृत आवास की राशि भुगतान करने का आदेश देगा?    हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ । जिला पंचायत द्वारा दिनांक 31/03/2016 को स्वीकृति जारी की गई। भारत सरकार द्वारा 01/04/2016 से आवास साफ्ट पोर्टल पर स्वीकृति बंद कर दिये जाने के कारण हितग्राहियों को प्रथम किश्‍त की राशि का भुगतान नहीं किया गया।   (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्र. 8223 ए दिनांक 05/07/2017 द्वारा मान. विधायक को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। जिले द्वारा दिनांक 31/03/2016 को स्वीकृति जारी की गई, दिनांक 01/04/2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण प्रभावशील होने से आवास पोर्टल पर भारत सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना की स्वीकृति को अपलोड किया जाना प्रतिबंधित कर दिया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पंप ऑपरेटरों के पदों में पर्याप्‍त वृद्धि (स्‍वीकृति) करने

[नगरीय विकास एवं आवास]

82. ( क्र. 2182 ) श्री कमलेश शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिका होशंगाबाद द्वारा नगर में जल प्रदाय नलकूप (पंप) से किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो नगर में नलकूप (पंप) कितने हैं? पंप ऑपरेटर के नियमित स्‍थायी कितने पद स्‍वीकृत है? (ग) नलकूप (पंप) की संख्‍या के अनुपात में प्रति नलकूप (पंप) के संचालन हेतु निर्धारित एक पंप ऑपरेटर के मान से पर्याप्‍त पंप ऑपरेटर के पदों की वृद्धि (स्‍वीकृति) प्रदान कब करेगें? (घ) होशंगाबाद नगर नलकूप (पंप) का संचालन प्रशिक्षित पंप आपरेटर से  ही किया जाना कब सुनिश्चित करेंगे? निश्चित समयावधि बतायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, होशंगाबाद द्वारा नगर में जल प्रदाय जलावर्धन योजना एवं नलकूप (पंप) के माध्‍यम से किया जाता है।   (ख) नगर पालिका होशंगाबाद क्षेत्रान्‍तर्गत नलकूप (पंप) की संख्‍या 86 है। आदर्श कार्मिक संरचना के अनुसार पंप ऑपरेटर के दो पद स्‍वीकृत है। (ग) वर्तमान में निकाय में अमृत योजना के तहत् नर्मदा जल से प्रदाय हेतु परिचालन विस्‍तार योजना प्रचलित है, जिसके पूर्ण होने पर वर्तमान पंप (टयूबवेल) बंद कर दिए जायेंगे तथा आवश्‍यकता अनुसार कुछ ही टयूबवेल (पंप) संचालित रहेंगे। तत्‍समय आवश्‍यकता को देखते हुए पंप ऑपरेटरों के पदों के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी।  (घ) उत्‍तरांश (ग) के अनुसार अमृत योजना का कार्य पूर्ण होने के बाद आवश्‍यकतानुसार प्रशिक्षित पंप ऑपरेटर्स से संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

नवीन प्रशासनिक भवन का निर्माण

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

83. ( क्र. 2219 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्री महाकोश्वर मंदिर में फेसिलिटी सेन्टर के ऊपर नवीन प्रशासनिक भवन बनाने का क्या कारण है? क्या इससे मंदिर का सौन्दर्यीकरण नष्ट नहीं होगा एवं शिखर दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को पृष्ठ भाग से दर्शन करने एवं मूल संरचना बनाए रखने में परेशानी नहीं होगी? (ख) पूर्व में नवीन प्रशासनिक भवन सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत बनाया गया है जिसमें दान-दाताओं के लाखों रूपये खर्च कर हाईटेक बनाया गया, क्या वह अपर्याप्त है? (ग) क्या दान-दाताओं के पैसों का बिना योजना के बिना                       सोच-विचार किये दुरूपयोग किया जा रहा है? क्या शासन द्वारा मंदिर के सौन्दर्यीकरण को ध्यान में रखते हुए आवश्यकताहीन प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य जो फेसिलिटेशन सेन्टर के ऊपर किया जाना है उसका परीक्षण कर अनावश्यक खर्च पर रोक लगाई जाएगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वृद्ध एवं विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

84. ( क्र. 2244 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रदेश में निराश्रित वृद्धों एवं विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने की पात्रता में गरीबी रेखा राशन कार्ड में नाम दर्ज होने की शर्त है या नहीं? (ख) बरगी वि.स. क्षेत्र की ग्राम पंचायत में कितने वृद्ध एवं विधवाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन बी.पी.एल. राशन कार्ड नहीं होने के कारण रोकी गयी या अस्‍वीकृत की गई है? पंचायतवार बतायें। वर्ष 2016-17 की जानकारी दें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अन्तर्गत 60 वर्ष या अधिक आयु के निराश्रित वृद्धों को पेंशन प्रदाय करने हेतु गरीबी रेखा में नाम दर्ज होने की शर्त नहीं है। 18 वर्ष आयु से अधिक की विधवा जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है को प्रतिमाह रूपये 300/- पेंशन प्रदाय की जाती है। (ख) जबलपुर जिले की बरगी विधान सभा क्षेत्र में पेंशन योजनाओं के मापदण्ड में आने वाले सभी पात्र हितग्राहियों को पेंशन दी जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

क्रेशर संचालक की अनुमति

[वन]

85. ( क्र. 2245 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सामान्‍य वन मंडल, जबलपुर के अंतर्गत जबलपुर जिले में विगत 10 वर्षों में कितने एवं   किन-किन के स्‍टोन क्रेशरों के संचालन की अनुमति प्रदान की गयी? वर्षवार वि.ख.वार जानकारी दें (ख) उपरोक्‍त स्‍टोन-क्रेशरों में कितने एवं किन-किन क्रेशरों को राजस्‍व भूमि वन भूमि एवं निजी भूमि पर अनुमति दी गयी है? उक्‍त क्रेशरों की खनिज भूमि का रकबा कितना है? (ग) प्रश्नांश (क) के कितने क्रेशरों का म.प्र. प्रदूषण निवारण मण्‍डल से प्रदूषण प्रमाण-पत्र/अनापत्ति वर्तमान स्थिति में प्राप्‍त है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) स्टोन क्रेशर संचालन की अनुमति वन विभाग द्वारा नहीं दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

तालाबों के निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

86. ( क्र. 2246 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जबलपुर जिले की बरगी विधानसभा क्षेत्र में महात्‍मा गांधी नरेगा से ग्राम पंचायतवार कितनी लागत से कितने तालाबों का निर्माण एवं गहरीकरण व सुधार कार्य कराया गया? (ख) उक्‍त तालाबों के कार्यों का मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? विगत 3 वर्षों की जानकारी  ग्राम पंचायतवार संख्‍या दें। (ग) प्रश्नांश (क) में निर्मित कराये गये तालाबों में से निर्मित कराये गये कितने तालाब निजी भूमि पर हैं? कितने शासकीय भूमि पर। निजी भूमिधारकों की सूची ग्रामवार पृथक से दें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।     (ग) उक्त तालाब शासकीय भूमि पर निर्मित किये जाना जिले द्वारा प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - ''तेईस''

जनभागीदारी योजना मद हेतु विभाग द्वारा आदेश किये जाना

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

87. ( क्र. 2261 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या प्रदेश में जनभागीदारी योजना मद से धार्मिक न्‍यास विभाग के अंतर्गत आने वाले मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर में निर्माण हेतु रोक हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जनभागीदारी योजना मद से निर्माण कार्य कराने हेतु जनहित में आदेश किये जावेंगे? (ग) क्‍या जनभागीदारी योजना मद में योजना एवं आर्थिक सांख्‍यकीय विभाग द्वारा प्रत्‍येक जिलों में लगभग 80 लाख प्रतिवर्ष आवंटित किये जाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त योजना से धार्मिक कार्यों जैसे प्रदेश में कई मंदिर जीर्ण-शीर्ण हालत में पड़े है, उनका कार्य होगा तो राशि का सदुपयोग नहीं होगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त कार्य अनुमत श्रेणी में न होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश '' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध कालोनी निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 2278 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्‍डला नगरपालिका अंतर्गत महाराजपुर में प्रस्‍तावित गोकुलधाम कॉलोनी के द्वारा कितने रकबा में किस प्रक्रिया के तहत् आवासीय प्‍लाट किस दर पर बेंचे जा रहे हैं(ख) क्‍या खसरा नम्‍बर 78 में निर्माणाधीन गोकुलधाम कालोनी में शासकीय तालाब भी था और इस तालाब को अवैध रूप से कालोनाईजर द्वारा कब्‍जा कर लिया गया है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई है और इस कदाचरण में सम्मिलित अधिकारी/कर्मचारी पर क्‍या कार्यवाही की जावेंगी? यदि नहीं, तो शासकीय तालाब के लिए कितनी राशि कालोनाईजर द्वारा कब एवं किस रूप में शासन के कोष में जमा की गई है? (ग) क्‍या उक्‍त कालोनी अवैधानिक हैं? यदि हाँ, तो विक्रय एवं रजिस्‍ट्री में रोक क्‍यों नहीं हैं? यदि नहीं, तो वैधानिक प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के आधार पर जाँच कराई जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मण्‍डला नगरपालिका क्षेत्रान्‍तर्गत महाराजपुर में प्रस्‍तावित गोकुलधाम कालोनी का कुल रकवा 4.460 हेक्‍टेयर है। निजी भूमि के प्‍लाटों के विक्रय की दर की सूचना नियमानुसार नगरीय निकाय को प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं होने से दर की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। नगर तथा ग्राम निवेश मण्‍डला के पत्र क्रमांक 354 दिनांक 15.07.2016 एवं पत्र क्रमांक 85 दिनांक 08.03.2017 से विकास अनुज्ञा प्राप्‍त तथा अपर कलेक्‍टर के प्रकरण क्रमांक 197 (ब-121) 2015-16 में आदेश क्रमांक 10/2016 दिनांक 24.11.2016 एवं प्रकरण क्रमांक 68 (ब-121) 2016-17 में आदेश क्रमांक 11/2017 दिनांक 06.04.2017 द्वारा विकास की अनुमति प्रदान की गई है। कर्यवाही म.प्र. नगरपालिका (कालोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्त) नियम 1998 के तहत की गई है। (घ) उत्‍तरांश '' '' एवं '' अनुसार कालोनी वैधानिक है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

क्षतिग्रस्‍त मार्गों की मरम्‍मत

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

89. ( क्र. 2336 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्‍तर्गत कौन-कौन से मार्ग क्षतिग्रस्‍त हैं तथा इन्‍हें कब-कब बनाया गया था? (ख) क्‍या इन क्षतिग्रस्‍त मार्गों की मरम्‍मत हेतु प्रयास किए जा रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो इन क्षतिग्रस्‍त मार्गों की मरम्‍मत किस-किस मद से कब तक कर दी जाएगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ।  (ग) संधारण, राज्य आपदा राहत कोष एवं जिला खनिज निधि मद से। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना का क्रियान्‍वयन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

90. ( क्र. 2354 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत जवा जिला रीवा अंतर्गत ग्राम पंचायत डगडैया में मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना की वित्‍तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कुल कितनी सड़कें प्रस्‍तावित/स्‍वीकृत हैं? (ख) उपरोक्‍त सड़कों का नाम, लागत एवं लंबाई सहित बतायें? (ग) उपरोक्‍त सड़कें कब स्‍वीकृत की गई? क्‍या उनकी टेण्‍डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण दें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कार्य स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) (ग) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नर्मदा सेवा मिशन कार्य योजना

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

91. ( क्र. 2363 ) श्री सचिन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) मां नमामि देवी नर्मदे यात्रा, माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा करने के उपरांत किस-किस जिले में कितनी-कितनी घोषणाएं किस-किस प्रकार की गई? यात्रा प्रारंभ से समापन तक के दौरान कुल कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने मां नर्मदा सेवा मिशन 2017 कार्य योजना माननीय प्रधान मंत्री जी को सौंपी थी? यदि हाँ, तो कार्य-योजना क्‍या है और उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या केन्‍द्र सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश सरकार को कोई आदेश या किसी प्रकार के निर्देश प्राप्‍त हुए हैं? यदि हाँ, तो वे क्‍या हैं? कार्यवाहीवार जानकारी दें। (ग) उक्‍त यात्रा के दौरान मां नर्मदा में हुए अवैध उत्‍खनन की शिकायतों से संबंधित ज्ञापन माननीय मुख्‍यमंत्री जी को प्राप्‍त हुए हैं?   हां, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नमामि देवि नर्मदे नर्मदा यात्रा के दौरान मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। यात्रा में जन अभियान परिषद द्वारा किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सरकार को कोई आदेश या निर्देश प्राप्त नहीं हुये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

महाकौशल विकास प्राधिकरण द्वारा स्‍वीकृत राशि

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

92. ( क्र. 2375 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) महाकौशल विकास प्राधिकरण का गठन कब किन उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु किया गया? गठन के पश्‍चात से प्रश्‍न दिनांक तक प्राधिकरण को वर्षवार, मदवार कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई?  वर्षवार सूची देवें एवं उल्‍लेखित राशि में से कितनी-कितनी राशि स्‍थापना व्‍यय में खर्च हुई त‍था प्राप्ति राशि में से वित्‍तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राधिकरण द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये गये? स्‍वीकृत एवं व्‍यय राशि तथा निर्माण एजेंसी के नाम सहित विधान सभा वार सूची देवें।    (ख) क्‍या प्राधिकरण द्वारा एजेंसियों को विकास कार्यों के लिए जारी की गई राशि से निर्मित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं उनके उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्‍त हो चुके हैं? यदि नहीं, तो ऐसे कार्यों की निर्माण एजेंसी वार सूची देवें एवं इस हेतु किसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) क्‍या शासन से बजट आवंटन प्राप्‍त होने के पूर्व निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति नियमानुसार है? यदि हाँ, तो महाकौशल विकास प्राधिकरण के पूर्व मुख्‍य कार्यपालन के द्वारा बजट न होने बाद भी      कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई? इन स्‍वीकृत निर्माण कार्यों में से जिन कार्यों का निर्माण पूर्ण हो चुका है क्‍या उनकी राशि का भुगतान महाकौशल विकास प्राधिकरण द्वारा किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

वन विकास निगम अंतर्गत

[वन]

93. ( क्र. 2379 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) प्रश्‍नकर्ता ने दिनांक 7 मार्च 2017 को पूछे गये प्रश्‍न क्रमांक 4077 के उत्‍तर में शासन का अभिमत प्राप्‍त होते ही लाभ प्रदान करने की बात का उल्‍लेख किया गया था। तो तत्‍संबंध हुई प्रगति से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि शासन के स्‍पष्‍ट आदेश के बावजूद वन विकास निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्‍थाई की श्रेणी में समाहित न करने के क्‍या कारण हैं? इन कर्मचारियों को कब तक स्‍थाई कर्मी श्रेणी का लाभ दिया जावेगा? क्‍या यह लाभ       1 सितम्‍बर 2016 से ही प्रदान किया जावेगा? (ख) वन विकास निगम भोपाल के अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से कर्मचारी मैदानी अमले में परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी सहायक परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी, परियोजना वन पाल एवं क्षेत्र रक्षक के पद पर लगातार 10 वर्षों से एक ही परियोजना मंडल में पदस्‍थ हैं? परियोजना मंडलवार सूची देवें एवं क्‍या शासन शासकीय कार्यों में पारदर्शिता लाने एक ही परियोजना मंडल में 10 वर्षों से अधिक समय से पदस्‍थ उल्‍लेखित मैदानी अमले को अन्‍यत्र स्‍थानांतरित करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ग) क्‍या वन विकास निगम द्वारा मंडल में विगत अनेक वर्षों से स्‍वीकृत पदों के अनुरूप नवीन भर्तियां न कर सेवा निवृत्‍त कर्मचारियों की जाब दर पर नियुक्‍त कर उनकी सेवायें मैदानी अमले में ली जा रही हैं, जिससे मैदानी अमले की क्रियाशीलता प्रभावित हो रही है। यदि हाँ, तो यह बतलावें कि क्‍या शासन सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों की जॉब दर पर मैदानी अमले में नियुक्तियों को बंद कर युवा बेरोजगारों की नियुक्तियां करेगा? उत्‍तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार निर्णय लिया जावेगा। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। मैदानी अमले की अत्‍यधिक कमी के दृष्टिगत तथा कार्य की आवश्‍यकतानुसार निगम द्वारा स्‍वयं के स्‍तर पर पदस्थिति की कार्यवाही की जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से निगम द्वारा आवश्‍यकतानुसार स्‍थानांतरण किये जा सकेंगे। (ग) शासन अनुमति अनुसार निगम अंतर्गत मैदानी अमले की भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अमले की कमी के दृष्टिगत भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने तक सेवा निवृत्‍त कर्मचारियों से प्रभावी रूप से कार्य लिया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

विज्ञान संकाय एवं महाविद्यालय

[उच्च शिक्षा]

94. ( क्र. 2386 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा उच्‍च शिक्षा विभाग के माननीय मंत्री जी और प्रमुख सचिव को अनेकों बार और अभी हाल में पत्र दिनांक 9 जून 2017 राहतगढ़ में संचालित महाविद्यालय में छात्रहित में विज्ञान संकाय की कक्षायें प्रारंभ करवाये जाने बाबत् तथा जैसीनगर में महाविद्यालय प्रारंभ करवाये जाने बाबत् निवेदन किया था? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि राहतगढ़ के महाविद्यालय में विज्ञान संकाय की कक्षायें कब तक संचालित करवा दी जावेगी और जैसीनगर में कब तक महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) यदि नहीं, तो क्‍यों? जानकारी देते हुये कारण बताया जावे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) 1. शासकीय महाविद्यालय, राहतगढ़ में विज्ञान संकाय की कक्षायें प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 2. वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण जैसीनगर में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने में कठिनाई है।

विधायक कप का आयोजन

[खेल और युवा कल्याण]

95. ( क्र. 2388 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी खेल एवं युवक कल्‍याण को पत्र लिखकर विधायक कप (क्रीड़ा प्रतियोगिता) ग्रीष्‍मकालीन अवकाश अथवा शीतकालीन अवकाश में कराये जाने हेतु अनुरोध किया था? (ख) क्‍या विधायक कप प्रतियोगिता कराये जाने हेतु पिछले दो वर्ष से विभाग द्वारा अंतिम तिमाही/जनवरी, फरवरी और मार्च में बजट जारी किया जाता है?        (ग) क्‍या जनवरी, फरवरी, मार्च में सामान्‍यत: बच्‍चों की प‍रीक्षायें होने के कारण बच्‍चे इसमें रूचि नहीं लेते हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार छात्रहित में विधायक कप (क्रीड़ा प्रतियोगिताओं) के आयोजन का समय बदला जावेगा और बजट समय पूर्व आवंटित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्‍यों?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री सड़क

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

96. ( क्र. 2490 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें स्वीकृत हुई हैं? उनमें से कितनी सड़कें निर्माणाधीन है एवं कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं एवं किस-किस एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान कर दिया गया है? सड़कवार, निर्माण एजेन्सीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितनी सड़कें समयावधि में पूर्ण होना थी, जो समय पर पूर्ण नहीं हो पाई? उस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की कितनी नवीन सड़कों के प्रस्ताव विभाग स्तर पर लंबित है एवं उनकी स्वीकृति कब तक की जाना है? सड़कवार, स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।  (ख) सभी सड़कें समयावधि में पूर्ण होना था जिसमें से 12 सड़कें समयावधि में पूर्ण नहीं हो पायी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। समयावधि में कार्य पूर्ण न होने पर अनुबंधानुसार लिक्विडिटी डेमेंज हेतु राशि रोकी गई है। (ग) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

रोजगार सहायकों के रिक्‍त पद

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

97. ( क्र. 2515 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनमें रोजगार सहायको के पद रिक्‍त हैं? (ख) ये पद कितनी समयावधि से रिक्‍त हैं? इन्‍हें भरने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? अभी तक रिक्‍त पदों को न भरने के क्‍या कारण रहे हैं? उक्‍त पद कब तक भर दिए जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। योजनांतर्गत प्रशासनिक व्‍यय की सीमा में संभाव्‍यता अनुसार ही रिक्‍त पदों की पूर्ति संभव हो पायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

मनासा विधानसभा क्षेत्र में भवन विहीन पंचायतें

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

98. ( क्र. 2516 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में कितनी पंचायतें भवनविहीन है व कितनी में उपयुक्‍त भवन नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्राम पंचायतों के समुचित भवन बनाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में कोई भी ग्राम पंचायतें भवन विहीन नहीं है। 26 ग्राम पंचायतों में उपयुक्त भवन नहीं है। (ख) विभाग द्वारा जहां उपयुक्त भवन नहीं है वहां ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम (जी.पी.डी.पी.) की कार्ययोजना में सम्मिलित कर उपलब्ध राशि के आधार पर उपयुक्त कार्यवाही की जा रही है।

सुठालिया खेल स्‍टेडियम निर्माण हेतु भूमि आवंटित करना

[खेल और युवा कल्याण]

99. ( क्र. 2524 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या दिनांक 05.06.2017 को ब्‍यावरा नगर के आई.टी.आई. में आयोजित विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में माननीया मंत्री महोदया खेल और युवा कल्‍याण, मध्‍यप्रदेश शासन एवं प्रभारी मंत्री जिला राजगढ़ द्वारा सुठालिया नगर के खेल स्‍टेडियम निर्माण हेतु विभाग को दो हेक्‍टेयर भूमि आवंटित करने की कार्यवाही हेतु संभागीय खेल अधिकारी राजगढ़ एवं कलेक्‍टर राजगढ़ को आवश्‍यक निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक खेल स्‍टेडियम निर्माण हेतु विभाग को वांछित भूमि का आवंटन किया जा चुका है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन क्षेत्र के खिलाड़ियों को प्रोत्‍साहित करने व विभिन्‍न प्रकार के खेल प्रशिक्षण हेतु खेल स्‍टेडियम की उपयोगिता देखते हुये भूमि आवंटित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। भूमि आवंटन की कार्यवाही में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने में समय लगता है, प्रकरण माह जून 2017 का है। (ग) भूमि आंवटन की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के पैकेज क्रमांक एम.पी. 30102 के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

100. ( क्र. 2525 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के पैकेज क्रमांक एम.पी. 30102 में ग्राम बाड़िया से कांसी तक वर्तमान में निर्माणाधीन मार्ग के मध्‍य ग्राम रावतपुरा के निकट लगभग एक कि.मी. मार्ग पर जलसंसाधन विभाग द्वारा साध्‍यता प्राप्‍त बालदिया नामक तालाब निर्माण कराया जाना प्रस्‍तावित है? जिसकी प्रशासकीय स्‍वीकृति की कार्यवाही शासन स्‍तर पर प्रक्रियाधीन है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क विभाग द्वारा उक्‍त भाग में डामरीकरण कार्य कराये जाने हेतु संबंधित निर्माण एजेन्‍सी को निर्देशित किया गया है? क्‍या उक्‍त भाग में जब जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब निर्माण कराया जाना प्रस्‍तावित है यदि हाँ, तो ऐसे में डामरीकरण कराये जाने का क्‍या औचित्‍य है? क्‍या इससे शासन को राजस्‍व हानि‍ नहीं होगी?   (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या माह अक्‍टूबर 2016 में जलसंसाधन विभाग द्वारा उक्‍त भाग पर तालाब निर्माण कराये जाने से उक्‍त भाग का एलाईमेंट चेंज कर मार्ग निर्माण करने हेतु महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क राजगढ़ को लिखा गया है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन उक्‍त भाग पर एलाईमेंट परिवर्तित कर सड़क निर्माण कार्य करवाऐगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी, नहीं। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी, हॉं। डूब प्रभावित मार्ग के भाग को बांध के ऊपर से सड़क निर्माण कर जोड़ा जाना प्रस्तावित है। जी हाँ।

वनक्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण कर पर्यावरण व भूजल संवर्धन

[वन]

101. ( क्र. 2530 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य का वन और नारंगी क्षेत्र का रकबा कितना है और उसमें वृक्षों की सघनता कितने की तुलना में कितनी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के जिलेवार रिक्त क्षेत्र में वृक्षों के घनत्व को बढ़ाने में अनुमानित कितने वृक्ष रोपित किये जाना आवश्यक है और प्रत्येक जिलों की वर्षवार योजना के अनुसार कितने वर्ष लगेंगे? (ग) मा. मुख्यमंत्रीजी की नर्मदा सेवा यात्रा में की गई घोषणानुसार विभाग द्वारा दिनांक 2-7-2017 को किन जिलों में कितने वृक्ष रोपित किये जा रहे है और शेष वनभूमि में वृक्षारोपण का वर्षवार लक्ष्य कितना निर्धारित किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अभियान से कौन-कौन जिले छूटे है और उनमें पर्यावरण संतुलित बनाने और भू-जल स्तर वृद्धि की दिशा में वर्षवार क्या योजना बनायी गई है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कपिलधारा कूप के सम्‍बंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

102. ( क्र. 2541 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष २००९-१० में ग्राम पंचायत नावनी जनपद पंचायत चंदेरी के हितग्राही श्री फूलसिंह पुत्र बारेलाल का कपिलधारा कूप स्‍वीकृत हुआ था? क्‍या हितग्राही द्वारा कूप का निर्माण स्‍वयं कराया गया था? (ख) क्‍या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबानसिंह लोधी द्वारा कूप निर्माण में अतिथि शिक्षक बलराम कुशवाह पुत्र मुल्‍ला कुशवाह ई. जी. एस. शाला मोहल्‍ला नावनी का मस्‍टर रोल भरा था तथा उक्‍त अतिथि शिक्षक का मस्‍टर रोल भरने पर हितग्राही फूलसिंह पुत्र बारेलाल द्वारा न्‍यायालय चंदेरी में कोई प्रकरण चलाया गया? (ग) क्‍या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबन लोधी पर न्‍यायालय द्वारा कोई प्रकरण पंजीबद् किया गया तथा उन्‍हें जेल भेजा गया? जेल में बंद रहने के दौरान उक्‍त सचिव पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या उन्‍हें जेल में बंद रहने के दौरान पूरा वेतन दिया गया, यदि हाँ, तो क्‍यों और किस जिम्‍मेदार अधिकारी द्वारा दिया गया? (घ) क्‍या ग्राम पंचायत नावनी के चन्‍द्रभानसिहं सोलंकी पुत्र कपूरसिंह का वर्ष २००९-१० के कूप निर्माण स्‍वीकृत हुआ था? उक्‍त कूप निर्माण हितग्राही द्वारा स्‍वयं किया गया या तत्‍कालीन पंचायत सचिव श्री हरबनसिंह लोधी के द्वारा कराया गया था?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी प्राप्‍त होने पर पंचायत सचिव श्री हरबानसिंह लोधी को निलंबित किया गया है। कार्यालय में जानकारी अप्राप्‍त रहने से वेतन का भुगतान किया गया। तत्‍कालीन प्रभारी पंचायत निरीक्षक  श्री बारेलाल रजक को वेतन भुगतान की अनुशंसा करने के कारण निलंबित किया गया है। (घ) जी हाँ। कूप का निर्माण ग्राम पंचायत नावनी द्वारा कराया गया है।

मृत पंचायत सचिव एवं सहायकों के परिवारजनों को अनुकम्पा नियुक्ति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

103. ( क्र. 2547 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत सचिव एव सहायको की मृत्यु पश्चात अनुकम्पा नियुक्ति देने के क्या प्रावधान है? परिजनों द्वारा आवेदन के पश्चात कितने दिनों में अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है? (ख) मंदसौर, रतलाम जिलों में 1 जनवरी 2013 के पश्चात कितने पंचायत सचिव, सहायको की मृत्यु हुई? इनमें से कितनो के परिवारजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दे दी गयी? कितनों को नहीं दी गई? (ग) क्या मंदसौर जिले में मृत कर्मचारी के परिवारजन को 1 वर्ष होने के पश्चात भी विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गयी? इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (घ) मंदसौर जिले में मृत पंचायत सचिव एव सहायकों के परिवारजनों को कब तक अनुकम्पा नियुक्ति दे दी जायेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत सचिवों को मध्यप्रदेश पंचायत सेवा नियम 2011 में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। (ख) मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2013 के पश्चात् 09 सचिवों एवं 01 सहायक सचिव की मृत्यु हुई है तथा रतलाम जिले में 07 पंचायत सचिव की मृत्यु हुई है। उत्तरांश ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

अभिलेख सुधार

[वन]

104. ( क्र. 2557 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या जिला छतरपुर तहसील छतरपुर मौजा हल्‍का सौरा का पुराना खसरा नंबर 254/1 एवं नया 201 वन विभाग की परिधि के अंदर आता है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्‍त नंबर को राजस्‍व विभाग में वन विभाग क्‍यों दर्ज नहीं कराया गया? कारण सहित बतायें।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नियमानुसार मुआवज़ा राशि दिलाने बाबत्

[नगरीय विकास एवं आवास]

105. ( क्र. 2569 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या स्‍थानीय शासन विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल दिनांक      12 अगस्‍त, 1994 के अधिसूचना के अनुक्रम में नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 के उपधारा 1 द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों का उपयोग कर नगर पंचायत गुढ़ के वार्डों का विस्‍तार किया? इसके अलावा स्‍थानीय शासन विभाग भोपाल दिनांक 21, अगस्‍त 1982 में भी संपूर्ण गुढ़वा के क्षेत्र को नगर पंचायत क्षेत्र में जोड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) हां, तो क्‍या राष्‍ट्रीय राजमार्ग 75 रीवा-सीधी के निर्माण बाबत् गुढ़ नगर पंचायत क्षेत्र के किसानों की जमीन बाईपास के निर्माण हेतु अधिग्रहीत करने की कार्यवाही संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई थी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के किसानों की अधिग्रहीत भूमि के मुआवजों का भुगतान क्‍या ग्राम पंचायत के मान से 2.800 वर्गमीटर निर्धारित कर दिया गया, जबकि नगर पंचायत क्षेत्र में इसकी दर 9.30 वर्गमीटर शासन द्वारा निर्धारित की गई है, लेकिन इस मान से भुगतान नहीं किया गया क्‍यों, कारण बतावें? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) अनुसार त्रुटिपूर्ण एवं नियमों से हटकर किये गये मुआवज़े के वितरण से संबंधित किसानों द्वारा आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग के यहां परिवेदित होकर अपील दायर की, जिस पर निर्णय लंबित है? क्‍या आयुक्‍त के द्वारा मांगे गये प्रतिवेदन पर अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ द्वारा अपने प्रतिवेदन में किसानों के मुआवजे के वितरण में हुई त्रुटि को स्‍वीकारा है? (ड.) प्रश्नांश (क) के जारी निर्देशों के अनुक्रम में प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के किसानों को किये गये नियम विरूद्ध भुगतान को संशोधित कराकर प्रश्‍नांश (ग) अनुसार शासन के आदेश पालन में मुआवज़ा दिलाने का आदेश जारी करावेंगे, यदि हाँ, तो कब तक? साथ ही इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? अगर नहीं, तो क्‍यों? आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग के यहां लंबित अपीलों के निराकरण हेतु क्‍या आदेश एवं निर्देश जारी करेंगे? अपीलों के निराकरण में विलंब के दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे, बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्‍तकालय में रखें परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

106. ( क्र. 2571 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उद्योग बिहार चोरहटा की भूमि को भू-खण्‍डों में वितरित करने की कार्यवाही की गई है? कार्यवाही का विवरण देते हुए, बतावें कि नीलामी के दौरान कितनी भूमि (भू-खण्‍ड)      किन-किन को किस शर्त पर आवंटित की गई, उनके साइज (आकार) क्‍या थें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के भू-खण्‍डों को शासन की मंशा अनुसार छोटे-छोटे उद्योग स्‍थापित करने हेतु छोटे-छोटे टुकड़ों में आवंटित किये गए? यदि हाँ, तो इसका विवरण दें, अगर शासन की मंशानुसार ऐसा नहीं किया गया तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भू-खण्‍ड क्रमांक 240 की निविदा प्रक्रिया से अन्‍य फर्मों को क्‍या बाहर कर निजी फर्म को कम कीमत पर भू-खण्‍ड आवंटित कर शासन के राजस्‍व का नुकसान कराया गया, जबकि इसी से लगे भू-खण्‍ड क्रमांक 241 की विधिवत निविदा की कार्यवाही किये जाने से शासन के राजस्‍व की ज्‍यादा बढ़ोत्‍तरी हुई? (घ) प्रश्नांश (क) भू-खण्‍डों के आवंटन में हुई अनियमितता की जाँच हेतु क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग रीवा को भी पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) के भू-खण्‍डों के जो आवंटन नियम विरूद्ध एवं शासन की मंशा के विपरीत किये गए, उसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही प्रश्‍नांश (ग) के भू-खण्‍ड के आवंटन की कार्यवाही त्रुटिपूर्ण कम राजस्‍व पर आवंटित की गई के आवंटन को निरस्‍त कर पुन: आवंटन की कार्यवाही करायेंगे एवं इसके दोषियों पर धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करायेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में गैर औद्योगिक प्रयोजन हेतु उपलब्ध भू-खण्डों को उद्योग स्थापनार्थ वास्तवित निवेशकों को नीलामी के माध्यम से आवंटन करने के प्रस्‍ताव के संबंध में शासन के आदेश क्रमांक 672/456/2017/ए-ग्यारह, दिनांक 2/3/2017 के द्वारा स्वीकृति दी गई थी। इसी आदेश के अनुसार कार्यवाही की गई है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भू-खण्ड क्रमांक 240 की निविदा प्रक्रिया से किसी भी फर्म को बाहर नहीं किया गया है। निविदा प्रक्रिया के तहत प्राप्त होने वाले अधिकतम दर पर भू-खण्ड आवंटित किया गया है जिससे शासन को राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है। इसी प्रकार भू-खण्ड क्रमांक 241 की निविदा विधिवत अधिकतम दर पर ही स्वीकृत की गयी है, जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।         (घ) जी हाँ। भू-खण्ड आवंटन में की गई अनियमितता की जाँच हेतु आयुक्त रीवा संभाग द्वारा पत्र क्रमांक राजस्व/4/3/2017/2853, दिनांक 2/6/2017 द्वारा कलेक्टर जिला रीवा को प्रतिवेदन भेजने हेतु लिखा गया है। कलेक्टर रीवा से जाँच प्रतिवेदन आयुक्त रीवा संभाग को अभी तक प्रेषित नहीं किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (क) के भूखण्डों के आवंटन की कार्यवाही शासन आदेश दिनांक 2/3/2017 में निर्धारित प्रक्रिया व दिशा-निर्देश का पालन किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

विश्‍व विद्यालयीन गतिविधियों के संबंध में

[उच्च शिक्षा]

107. ( क्र. 2589 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्‍वविद्यालय उज्‍जैन के अंतर्गत सत्र 2013-142014-15 के कितने विद्यार्थियों के परिणाम रोके गये (डब्‍लू.एल.) संख्‍या बताएं। विश्‍वविद्यालय द्वारा अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) विश्‍वविद्यालय में कार्यरत गैर शैक्षणिक तकनीकी पद से कितने कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी पद पर समायोजित किया गया हैं? किन नियमों के आधार पर वर्तमान में तकनीकी पद पर कार्यरत हैं ऐसे कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी पर लाने के लिए क्‍या कार्यवाही की गई है? विश्‍वविद्यालय के विभागीय पदोन्‍नति में क्‍या शासन के रोस्‍टर का पालन किया गया है?       (ग) विश्‍वविद्यालय की सभाकोर्ट गठन के लिये विधानसभा सचिवालय से सदस्‍यों के निर्वाचन के बाद भी अभी तक सभा कोर्ट का गठन क्‍यों नहीं किया गया? वर्तमान में सभा कोर्ट के लिए क्‍या कार्यवाही की जा रही है? कब तक कोर्ट का गठन होगा? (घ) क्‍या अप्रैल में आयोजित सेमेस्‍टर परीक्षा के दौरान 15 अप्रैल को बी.एस.सी. नर्सिंग की परीक्षा के एक घंटे पूर्व ऑनलाईन लिंक खोलकर परीक्षा आवेदन जमा कराया, जबकि सेमेस्‍टर परीक्षा आवेदन लिंक बंद हो चुकी थी? इस मामले में विश्‍वविद्यालय स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही की गई? लिंक किसके कहने पर खोली गई? संबंधित पर की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। परीक्षा आवेदन से वंचित छात्रों की संख्‍या की जानकारी दें। विद्यार्थियों को हो रही असुविधा के लिए वि.वि. द्वारा क्‍या कदम उठाये गए?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विद्यार्थियों के रूके हुये परीक्षा परिणामों की संख्या सत्र 2013-14 में 3303 तथा सत्र 2014-15 में 19775 थी। समस्त रूके हुये परिणाम निराकृत कर जारी कर दिये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तृतीय श्रेणी के तकनीकी पदों को योजना एवं मूल्यांकन मण्डल की बैठक दिनांक 03-07-2007 तथा 17-12-2007 की अनुशंसाओं तथा उनके कार्यपरिषद के बैठक दिनांक 19-12-2007 के अनुमोदन के पश्चात विश्वविद्यालय के आदेश क्रमांक 2356 दिनांक 26-12-2007 के द्वारा पदनाम परिवर्तित किया गया है। वर्तमान में तकनीकी पद पर कार्यरत कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी में लाने के लिए कोई भी पृथक से कार्यवाही नहीं की गई है। विश्वविद्यालय में परिनियम 31 एवं शासन के नियमानुसार पदोन्नति संबंधी कार्यवाही की जाती है। विश्वविद्यालय की विभागीय पदोन्नति में मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू पदोन्नति रोस्टर का पालन किया गया है। (ग) विश्वविद्यालय द्वारा सभा के गठन की अधिसूचना क्रमांक/अकादमिक/सम्मिलन/2017/443, दिनांक 20-06-2017 के द्वारा प्रसारित की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) विश्वविद्यालय की अधिसूचना क्रमांक परीक्षा/2017/116, दिनांक 11-04-2017 के बिन्दु क्रमांक "ब" के अन्तर्गत परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि तक ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की तिथि पूर्व निर्धारित थी। अत: आवेदन की लिंक बन्द नहीं होने से खुलने बाबत आदेश की पृथक से आवश्यकता नहीं थी। विश्वविद्यालय स्तर पर इस संबंध में कोई अन्य कार्यवाही करने की आवश्यकता नहीं है। परीक्षा आवेदन से वंचित छात्रों बाबत कोई परीक्षार्थियों का अभ्यावेदन अभिलेखों में प्राप्त नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई है। विद्यार्थी हित में समय-समय पर नियमानुसार उचित निर्णय लेकर कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

विधायक निधि के उपयोग में क्षेत्रीय भिन्‍नता

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

108. ( क्र. 2590 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या विधायक निधि के तहत म.प्र. के समस्‍त विधायकों को अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में क्रिकेट खेल की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए क्रिकेट किट की अनुशंसा करने का अधिकार है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍या म.प्र. के किसी जिले में क्रिकेट किट का अनुमोदन विधायक निधि अंतर्गत जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्‍यों?                    (ख) वर्ष 2015-16 में उज्‍जैन जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा विधायक निधि अंतर्गत क्रिकेट किट की अनुशंसा को अमान्‍य किया जाना तत्‍समय प्रचलित विधि, उपविधि नियम उपनियम अनुसार विधिसम्‍मत है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश के किसी भी जिले द्वारा क्रिकेट किट का अनुमोदन विधायक निधि अन्तर्गत नहीं किया गया है। (ख) विधिसम्मत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

निर्माण कार्य अनियमितता की जाँच

[वन]

109. ( क्र. 2602 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) वन विभाग जिला बालाघाट में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य/अन्‍य कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद में करवाये गये? नियुक्‍त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्‍डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्‍यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से   कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं? उक्‍त कार्य में से किस कार्य के लिए किस कार्य  एजेन्‍सी को कितनी राशि का भुगतान चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का ब्‍यौरा देवें? (ग) क्‍या विभाग में मजदूरों से कार्य करवाया जाता है तथा सुरक्षा वाउचरों के माध्‍यम से उन्‍हें वेतन दिया जाता है? परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कितने मजदूरों से कार्य करवाया गया तथा उन्‍हे वेतन के रूप में कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में समस्‍त प्रकार के कार्यों में किस-किस जनप्रतिनिधियो से अनुशंसाएं मंगाई गई? विवरण देवें।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।   (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य वन विभाग द्वारा कराये गये हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। 31409 मजदूरों को रू. 38,82,38,692/- की मजदूरी राशि का भुगतान किया गया। (घ) जानकारी निरंक है।

आदेशों की अवहेलना पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

110. ( क्र. 2604 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या श्री व्‍ही.के.एस. कुशवाह सहायक यंत्री जल संसाधन विभाग से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जिला बालाघाट में परसवाड़ा जनपद पंचायत में कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो किस हैसियत से? (ख) क्‍या इनके पैतृक विभाग जल संसाधन विभाग द्वारा इनकी सेवायें वापस विभाग में लेने हेतु आदेश जारी किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो इनकी सेवायें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने वापस क्‍यों नहीं की? (ग) क्‍या उक्‍त कर्मचारी निजी स्‍वार्थों की पूर्ति हेतु विभागों के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर सेवायें वापसी के आदेश पर न्‍यायालय से स्‍थगन प्राप्‍त किया है? यदि हाँ, तो श्री कुशवाह की इस मनमानी पर और इच्‍छानुसार नौकरी करने की मानसिकता के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सहायक यंत्री के पद पर प्रतिनियुक्ति पर।   (ख) से (ग) जी हाँ। माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 24.11.16 को प्रतिनियुक्ति समाप्‍त करने का आदेश निरस्‍त करने के कारण माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय एवं आदेश का पालन बंधनकारी है।

मुख्‍यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत निर्माणधीन/निर्मित सड़कों की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

111. ( क्र. 2611 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बीना में मुख्‍यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत कितने निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये हैं एवं कितने निर्माणाधीन हैं एवं कितने पूर्ण हो चुके हैं? (ख) क्‍या ग्रामीण क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री सड़क योजनांतर्गत सड़कों/पुलियों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कार्यवार लागत/स्‍वीकृति एवं वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ग) विगत वर्ष मुख्‍य मार्ग से हरवंशपुर, लाखनखेड़ा ढुरढुरू ओड़ामल तिगड्डा तक मुख्‍यमंत्री सड़क निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त सड़क मार्ग चलने के लायक क्‍यों नहीं है? विभाग द्वारा उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही की है?       (घ) मुख्‍यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत सड़कों के रख-रखाव की अवधि क्‍या है? क्‍या उसका पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? क्‍या हरवंशपुर से ओड़मल सड़क निर्माण की जाँच करायी जावेगी एवं दोषी ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही प्रस्‍तावित की जावेंगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सड़क के मध्य पड़ने वाले उक्त ग्रामों में आवागमन चालू होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पूर्ण सड़कों के पूर्णता के दिनांक से 02 वर्ष की अवधि रख-रखाव हेतु है। ठेकेदारों द्वारा सुधार कार्य आवश्यकतानुसार कराया जाता है। खुरई बीना मार्ग से हरवंश ओड़ामल सड़क का रख-रखाव कार्य ठेकेदार द्वारा नहीं किए जाने से उनकी सुरक्षा निधि के रूप में जमा राशि रू. 18.37 लाख राजसात की गई है।

परिशिष्ट - ''तीस''  

शहर की मुख्‍य सड़क मार्ग के निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

112. ( क्र. 2612 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना के अंतर्गत बीना शहर की मुख्‍य मार्ग की सड़क का निर्माण कराया गया था? (ख) क्‍या सड़क मार्ग के निर्माण कार्य की जाँच में पाया कि निर्माण कार्य घटिया (खराब) किया गया हैक्‍या जाँच उपरांत निर्माण एजेंसी को क्‍या ब्‍लैक लिस्‍टेड किया गया एवं राशि राजसात की गयी है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या माननीय मंत्री महोदय के द्वारा सदन में कार्य प्रकियाधीन बताकर शीघ्र ही सड़क निर्माण कार्य पुन: कराये जाने का कथन किया था?          (घ) यदि (क) से (ग) हाँ है तो प्रश्नांश (क) के अनुसार समय-सीमा बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र दिनांक 8867 दिनांक 10/07/2017 से नियमानुसार निर्माण एजेन्‍सी को ब्‍लैक लिस्‍टेड करने के संबंध में अंतिम नोटिस जारी किया गया है। नगर पालिका परिषद बीना द्वारा निर्माण एजेन्‍सी की राशि राजसात कर ली गई है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्‍तरांश '' अनुसार संविदाकार को कालीसूची में डालने की कार्यवाही की जा रही है। संविदाकार द्वारा कार्य में सुधार कार्य नहीं कराये जाने से नगर पालिका परिषद बीना द्वारा शेष कार्य का प्राक्‍कलन प्रस्‍तुत किया गया है। नगर पालिका परिषद बीना को ठेकेदार के हर्जे खर्चे पर कार्य सम्‍पन्‍न कराने की स्‍वीकृति दी गई है। नियमानुसार प्रक्रिया पूर्ण करते हुए शीघ्र कार्य पूर्ण करवाया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

बिरसा विकासखण्‍ड के कार्यों के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

113. ( क्र. 2618 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले के बिरसा विकासखण्‍ड की ग्राम पंचायत माहे, कनिया, अचानकपुर, खुर्शिपार एवं दमोह में विभिन्‍न योजनाओं के कार्य कराये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन योजनाओं से कौन-कौन से मद से कितनी कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किय गये हैं? (ग) क्‍या इन ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा विभिन्‍न कार्यों में किये जा रहे भ्रष्‍टाचार की शिकायतें मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी बिरसा को की हैं? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) क्‍या शासन जिला स्‍तर के अधिकारियों को भेज कर उच्‍च स्‍तरीय जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र -एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। दो शिकायतें प्राप्त हुईं, प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होते।

पुराने पंचायत भवन को तोड़ कर नया भवन बनाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

114. ( क्र. 2619 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले के बिरसा विकासखण्‍ड की ग्राम पंचायत दमोह के पुराने पंचायत भवन को तोड़कर तथा निर्माण कार्य कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो पुराने भवन को तोड़ने हेतु सक्षम अधिकारी से लिये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। नये निर्माण कार्य किस मद से कितनी लागत के कराये जा रहे हैं? तकनीकी प्रशासकीय स्‍वीकृति तकनीकी स्‍वीकृति स्‍टीमेंट की कापी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या पुराने पंचायत भवन में ग्रामीण पोस्‍ट ऑफिस संचालित था? क्‍या पोस्‍ट ऑफिस हटाने हेतु सक्षम अधिकारी को सूचना पत्र/अनुमति पत्र प्राप्‍त किया गया है? हाँ तो छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) पोस्‍ट ऑफिस हटाने की बगैर अनुमति के भवन को तोड़ने पर क्‍या शासन प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं तकनीकी स्‍वीकृति जारी करने वालों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पुराने भवन को तोड़ने हेतु सक्षम अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। ग्रामसभा द्वारा पुराने भवन को तोड़ने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया था। प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। नवीन (शापिंग) कॉम्पलेक्स भवन ग्राम पंचायत मद से राशि रूपये 10.27 लाख से कराया जा रहा है। तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। पुराने भवन को तोड़ने की सक्षम प्राधिकारी से अनुमति न लेने के कारण संबंधित सहायक यंत्री, उपयंत्री तथा निर्माण ऐजेन्सी को कारण बताओ नोटिस क्रं0 583, 584 दिनांक 14.07.2017 द्वारा जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

मार्गों की मरम्‍मत एवं पुनर्निर्माण कराना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

115. ( क्र. 2630 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्‍तर्गत निर्मित सड़क बैहराडाबर से पिपराही, प्रतापगंज से गोरमा तथा गाड़ा से दादर (काजिन) मार्गों का संधारण नहीं हुआ? पैकेज क्रमांक एम.पी.-3240 एन.एच-7 से धर्मपुरा लम्‍बाई 1.02 कि.मी. का भी कभी संधारण नहीं होने के कारण 5 वर्ष पश्‍चात आई.आर.कार्यों की अधिक राशि आ रही है? पैकेज क्र.एम.पी.-3240 मार्ग पहाड़ी से वसिगड़ा लम्‍बाई 3.23 कि.मी. 5 वर्ष पश्‍चात् के मार्ग होने के कारण प्राक्‍कलन अनुमोदन हेतु लंबित है? पैकेज क्रमांक एम.पी.3240 पटेहरा से हर्दिहाई लम्‍बाई 4.11 कि.मी. 5 वर्ष पश्‍चात् आर.आई.कार्य की राशि की अधिकता के अनुमोदन हेतु मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी मध्‍यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल के अनुमोदन एवं निराकरण हेतु प्रस्‍तुत है? मऊगंज-सीतापुर रोड. नरयनी पैकेज नं. एम.पी.3241 पैकेज पूर्ण समय पूर्ण कर चुकी है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज - 71 की प्रधानमंत्री सड़क बढ़ैया से दुवगवां, घोघम से ब्रम्‍हागढ़ नैया नाला से पांती गोपला, मिशिरगवां से बरौही का मेन्‍टीनेंस नहीं होने के खराब स्थिति में एवं बराव पहाड़ी से मऊगंज अत्‍यंत खराब है, मार्गों की स्थिति दिनों-दिन खराब हो रही है? ऐसा क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मार्गों का निराकरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? प्रत्‍येक का पृथक-पृथक कारण स्‍पष्‍ट करें? किया जावेगा तो कब तक समय-सीमा बतावें? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में खराब स्थिति के लिए कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदार का नाम बतावें? विभाग द्वारा सुधार हेतु क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की जानकारी दें? जिम्‍मेदार के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की? समय-सीमा बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बहेराडाबर से पिपराही मार्ग म.प्र. सड़क विकास निगम को हस्तांतरित किया गया है एवं उनके स्तर पर इस मार्ग की निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''  अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

क्रियान्‍वयन में संशोधन पर पुनर्विचार के संबंध में

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

116. ( क्र. 2631 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या भारत सरकार तथा म.प्र. शासन द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन एवं विकलांग पेंशन कई वर्ष पूर्व से संचालित किया जा रहा हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो पूर्व में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन हेतु गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने की शर्त एवं विकलांग पेंशन हेतु 80 प्रतिशत विकलांगता अनिवार्य नहीं था? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी कि सभी विधवाओं को पेंशन दी जायेगी, किन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक घोषणा का पालन नहीं हुआ? यदि हाँ, तो पालन कब तक कराया जावेंगा समय-सीमा बतावें? क्‍या रीवा जिले में पालन किया गया? यदि हाँ, किस प्रकार? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्‍या म.प्र. शासन द्वारा पूर्व अनुसार पेंशन के नियम लागू किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? क्‍या विकलांगो का प्रतिशत योजना का लाभ प्राप्‍त करने हेतु पूर्ववत 40 प्रतिशत किया जावेंगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार द्वारा संचालित पेंशन योजना में योजना प्रारंभ से ही गरीबी रेखा के नीचे यापन करने की शर्त एवं 80 प्रतिशत या उससे अधिक नि:शक्‍तता अनिवार्य है। किन्तु राज्य शासन द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन, योजनान्तर्गत शासन के आदेश दिनांक 25.06.2013 द्वारा गरीबी रेखा के नीचे यापन की शर्त एवं 40 प्रतिशत या उससे अधिक नि:शक्‍तता अनिवार्य है। (ग) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली सभी विधवाओं को पेंशन दिये जाने का प्रावधान सामाजिक सुरक्षा पेंशन में किया गया है, जिसके अनुसार समस्त जिलों में 18-39 वर्ष आयु की विधवाओं को राज्य शासन की योजना समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन से तथा 40 से 79 वर्ष आयु वर्ग को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में लाभान्वित किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।

पक्‍की सड़क निर्माण किया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

117. ( क्र. 2632 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बरखेड़ा नाथू (वीनस कॉलेज) से कलखेड़ा को जोड़ने वाली आम रास्‍ता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो कब स्‍वीकृति हुई। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्‍या पक्‍की सड़क का निर्माण हो चुका है? यदि नहीं, तो कब तक उक्‍त मार्ग का निर्माण कर दिया जावेगा। (ग) क्‍या बरखेड़ा नाथू से कलखेड़ा जाने हेतु बरसात में कच्‍चा मार्ग होने के कारण आवागमन अवरूद्ध हो जाता है? यदि हाँ, तो ग्रामीणों की परेशानी के निराकरण हेतु उक्‍त मार्ग का पक्‍का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा? तो कब तक नहीं तो क्‍यों कारण बतावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम बरखेड़ा नाथू (वीनस कॉलेज) एवं ग्राम कलखेड़ा पूर्व से सड़क मार्ग से जुड़े हुये है। दोनो ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतो के अनुसार बहुसंपर्कता देने का प्रावधान नहीं है, अतः बरखेड़ा नाथू (वीनस कॉलेज) से कलखेड़ा को जोड़ने वाली आम रास्ता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत नहीं है। (ख) एवं                              (ग) उत्तरांश '' के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।

पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

118. ( क्र. 2643 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना से जोड़ने हेतु पंचायत राज संचालनालय द्वारा क्‍या कोई पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो जारी किये गये पत्र की प्रति उपलब्‍ध कराएं? (ख) प्रदेश में कितनी जनपद पंचायत में योजना लागू कर दिया? क्‍या बालाघाट जिले में विषयांकित योजना को लागू कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन जनपद पंचायतों में लागू कर दी गई है? (ग) लॉजी विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत विषंयाकित योजना लागू न करने वाली जनपद पंचायतों के नाम बतायें तथा उनके विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? (घ) विषयांकित योजना की जानकारी दें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) प्रदेश की समस्त जनपद पंचायत में योजना लागू की गयी हैं। जी हाँ। समस्त जनपद पंचायतों में लागू की गयी हैं (ग) प्रश्नाश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) विषयांकित योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट अनुसार हैं।

शासकीय महाविद्यालय लांजी को पी.जी. कॉलेज का दर्जा

[उच्च शिक्षा]

119. ( क्र. 2644 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. म‍हाविद्यालय लांजी जिला बालाघाट में पी.जी. की किन-किन विषयों की कक्षाएं संचालित हैं इनमें से किन विषयों में पी.जी. कोर्स शासन के द्वारा प्रारंभ किया गया है तथा किन विषयों में जनभागीदारी समिति द्वारा कोर्स प्रारंभ किया गया? कोर्स प्रारंभ करने की दिनांक सहित जानकारी दें? (ख) क्‍या कई वर्षों से पी.जी. कोर्स संचालित होने के बावजूद विषयांकित महाविद्यालय को पी.जी. कॉलेज का दर्जा प्राप्‍त नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो ऐसा न करने का कारण स्‍पष्‍ट करें तथा यह भी बताऍं की यह कब तक कर दिया जाएगा? (ग) विषयांकित म‍हाविद्यालय में स्‍वीकृत नियमित पदों तथा रिक्‍त पदों की जानकारी दें? यह भी बताऍ कि रिक्‍त पद कब तक भर दिये जाऍगे?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय लांजी जिला बालाघाट में समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र विषय की स्नातकोत्तर कक्षाएं सत्र 2013-14 से शासन स्तर से संचालित हैं, हिन्दी तथा राजनीति शास्त्र की स्नातकोत्तर कक्षाएं स्ववित्तीय आधार पर जुलाई 2000 से संचालित है तथा भूगोल की स्नातकोत्तर कक्षा स्ववित्तीय आधार पर जुलाई 2002 से संचालित है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में स्नातकोत्तर दर्जा दिये जाने हेतु शासकीय महाविद्यालय लांजी के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 2 (एफ) एवं 12 (बी) के तहत पंजीकृत नहीं है एवं अन्य कारणों से स्नातकोत्तर दर्जा प्राप्त करने का पात्र नहीं है।                                  (ग) स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 19.02.2016 एवं 24.11.2016 को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को 2371 सहायक प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होने पर पद पूर्ति होगी। वर्तमान में रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों से कार्य संपादित कराया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

जनभागीदारी सहायता से स्‍वीकृत कार्य

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

120. ( क्र. 2667 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना आर्थिक और सांख्यिकी विभाग द्वारा विगत 03 वर्ष में वर्षवार कितनी राशि योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग जिला मुरैना को जनभागीदारी मद से स्‍वीकृत कर भेजी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्‍त मद में से कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं व इस हेतु क्‍या कोई नीति-निर्देश निर्मित हैं? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में प्राप्‍त राशि में से कितने कार्य जिला मुरैना में स्‍वीकृत कर कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य को प्रदाय की गई कार्य विवरण स्‍वीकृत दिनांक, प्रदाय राशि क्रियान्‍वयन एजेंसी का नाम, स्‍वीकृत वर्ष, कार्य की वर्तमान स्थिति आदि से अवगत करावें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में स्‍वीकृत कार्यों हेतु माननीय विधायकगण से अनुशंसा कार्य के प्राप्‍त पत्र की छायाप्रति भी उपलब्‍ध करावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

खनिज खदानों का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

121. ( क्र. 2699 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में प्रश्‍न दिनांक से पिछले 01 वर्षों में कितने खदानों के पट्टे जारी किये गये है और कितने खदानों के पट्टे निरस्‍त किये गये है? खदान एवं पट्टेधारियों के जारी एवं निरस्‍त सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या निरस्‍त किये गये खदानों के पट्टेधारियों से शासन की राशि  वसूली की जाना है? यदि हाँ, तो उन पट्टेधारियों की सूची बकायादारों के नाम व बकाया राशि सहित सूची उपलब्‍ध करायें? क्‍या निरस्‍त खदानों से भी भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है, शासन इस पर क्‍या कार्यवाही करेगा? (ग) क्‍या खनिज अधिकारी जिला छिन्‍दवाड़ा के द्वारा बकायादारों से सांठ-गांठ कर बकाया राशि वसूली के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई? जिससे शासन को करोड़ों राजस्‍व की हानि हो रही है? यदि हाँ, तो ऐसे जिला खनिज अधिकारी के विरूद्ध शासन के द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में विगत एक वर्ष में स्‍वीकृत गौण खनिज के उत्‍खनिपट्टों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में तथा निरस्‍त पट्टों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। विगत एक वर्ष में मुख्‍य खनिज का कोई पट्टा स्‍वीकृत नहीं किया गया है और न ही निरस्‍त किया गया है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश से संबंधित बकायादारों को नियमानुसार मांग पत्र जारी किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

स्‍वीकृत कपिलधारा कुओं को पूर्ण किया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

122. ( क्र. 2707 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में कपिलधारा योजना अंतर्गत योजना लागू होने से अब तक कितने कुएं स्‍वीकृत किये गये? (ख) इस योजनांतर्गत स्‍वीकृत कुओं में से कितनों की सी.सी. जारी कर दी गई हैं? वर्तमान में ऐसे कितने कुएं स्‍वीकृत हैं जो अधूरे पड़े हैं? इनको कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कपिल धारा अंतर्गत ऐसे कितने कुएँ स्‍वीकृत हैं, जो अधूरे पड़े हैं? इन्‍हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 12536 कुए स्वीकृत। (ख) 10758 कूपों की सी.सी. जारी की गई। 1778 स्वीकृत कुए अपूर्ण हैं। अपूर्ण कार्यों का पूर्ण होना जॉब कार्डधारियों द्वारा काम की माँग पर निर्भर है। यद्यपि इन्हें वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है।     (ग) 186 स्वीकृत कुए अपूर्ण हैं। प्रश्‍नांश की जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।

गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में नवीन महाविद्यालय की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

123. ( क्र. 2760 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में कितने शासकीय अथवा अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु शासन के क्‍या    दिशा-निर्देश हैं? निर्देशों की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : नरसिंहपुर जिले गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक शासकीय तथा दो अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्राथमिक परीक्षण के लिये प्रस्तावित स्थान के आस-पास के स्कूलों में 12वीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों की न्यूनतम संख्या 500 निर्धारित है? निर्देश की छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्ट के रूप में है।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

कॉलोनियों के विलेख पंजीकरण शुल्‍क के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 2764 ) श्री रमेश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्‍डवा एवं देवास जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी वैध एवं अवैध कालोनिया है? कॉलोनी का नाम, वैध/अवैध स्थिति, रकबा, स्‍वीकृति दिनांक, कालोनाईजर नाम सहित विधानसभा क्षेत्रवार बतावे? (ख) उपरोत दोनों जिलों में गरीब एवं कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित भू-खण्‍ड रखने के नियम के तहत कितने भू-खण्‍ड कितने रकबे के रिक्‍त रखे गये या आश्रय शुल्‍क जमा किया गया? कॉलोनीवार जानकारी विधानसभावार देवें? (ग) जिन कॉलोनी कॉलोनाईजरों ने भू-खण्‍ड आरक्षित नहीं छोड़े है, उन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाईजरों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) कॉलोनाईजरों द्वारा विलेखो के पंजीकृत कराने का शुल्‍क जमा किया गया है या नहीं? यह भी जानकारी साथ में देवें। इनसे इन शुल्‍कों की वसूली कब तक कर ली जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।

जिला योजना समिति के द्वारा प्रस्तावित कार्य

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

125. ( क्र. 2798 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) विगत 03 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला योजना समिति की बैठकें कब-कब आयोजित की गई? विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बैठकों में किन-किन निर्माण कार्यों के प्रस्ताव किये गये? सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावित कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर से संबंधित कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? कौन सा प्रस्ताव किस स्तर पर किस कारण से लंबित है? किन-किन प्रस्तावों की स्वीकृति हो चुकी है? कार्यवार पूर्ण विवरण देवें।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जिला शाजापुर में जिला योजना समिति की बैठकें वर्ष 2014-15 में दिनांक 24.1.2014 एवं 7.8.2014 वर्ष 2015-16 में दिनांक 5.8.2015 एवं 29.9.2015  वर्ष 2016-17 में दिनांक 14.1.2016 एवं 8.7.2016 जिला आगर मालवा में जिला योजना समिति की बैठकें निम्नानुसार आयोजित की गई है :- वर्ष 2014-15 - निरंक वर्ष 2015-16 - निरंक वर्ष 2016-17 दिनांक 30.04.2016 एवं दिनांक 12.08.2016 (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है। 

पेंशन योजनाओं का क्रियान्वन एवं उपकरण वितरण

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

126. ( क्र. 2799 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को पेंशन दी जा रही हैं? पंचायतवार, पेंशन योजनावार पृथक-पृथक विवरण देवें? भुगतान किस माह तक किया जा चुका हैं? (ख) क्‍या पेंशन हितग्राहियों को भुगतान की जानकारी दी जाती हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार से? यदि नहीं, तो क्या इस ओर विचार कर पहल की जावेगी? (ग) क्या 80 प्रतिशत से अधिक अस्थिबाधित दिव्यांग को मोटो ट्रायसाइकिल दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया व नियम हैं? पूर्ण विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 2 वर्ष में कितने हितग्राहियों ने मोटो ट्रायसाइकिल की मांग की है? इनमें से कितने हितग्राहियों को उपलब्‍ध हो गई है? सूची उपलब्ध करावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विभाग द्वारा 23527 हितग्राहियों को पेंशन दी जा रही है। पंचायतवार, पेंशन योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जी हाँ। पेंशन भुगतान पश्चात् हितग्राहियों को ग्राम पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सहायक, मैदानी अमले के माध्यम से सूचना दी जाती है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार (घ) प्रश्‍नांश (घ) की जानकारी मान्‍य की जायें।

जनप्रतिनिधि के पत्रों पर कार्यवाही

[वन]

127. ( क्र. 2807 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के प्राप्त पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किए जाने एवं पत्र का उत्तर दिए जाने और चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में राज्य शासन के     किस-किस दिनांक को जारी पत्र का वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल भी पालन करता है?      (ख) प्रश्नकर्ता ने वर्ष 2014-2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस विषय पर किस दिनांक को किस क्रमांक का किसे लिखा पत्र वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल में संधारित पंजी में किस क्रमांक पर किस दिनांक को अंकित किया गया? इसमें से किस का प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता को उत्तर प्रेषित नहीं किया, किस पत्र में चाही गई जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई गई। (ग) प्रश्नकर्ता के द्वारा किस दिनांक को लिखे गए पत्र में चाही गई कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किन-किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई? वह जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक             एफ 19-76/2007/1/4, दिनांक 22 मार्च, 2011 तथा उक्त में उल्लेखित समस्त संदर्भित पत्र का।  (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।


 

ग्राम उदय से भारत उदय के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

128. ( क्र. 2809 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 एवं 2017 में भोपाल/सागर संभाग अन्तर्गत आने वाली पंचायतों में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में कितने सामुदायिक एवं व्यक्तिगत आवेदन (प्रपत्र 3) पर दर्ज हुये हैं, इनमें से कितने आवेदनों को निराकृत किया, कितने निरस्त तथा कितने शेष हैं, की जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2016 में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत कितने सामुदायिक आवेदन एवं व्‍यक्तिगत आवेदन (प्रपत्र 3) पर दर्ज हुये है? ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदन पत्रों में से कितने आवेदन पत्रों का निराकरण कर दिया है, कितने शेष हैं, कितने निरस्त किये गये? संख्यात्मक जानकारी बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में शेष रहे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्‍तर्गत सामुदायिक आवेदन एवं व्‍यक्तिगत आवेदन की ग्राम पंचायतवार संख्‍यात्‍मक जानकारी दें? शेष रहे आवेदनों का निराकरण कब तक किया जायेगा, बतायें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। (घ) निराकरण शेष न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सीमेन्ट कांक्रीट निर्माण हेतु बालू रेती से कार्य करने हेतु बाध्य करने

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

129. ( क्र. 2824 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 21 मार्च, 2017 को प्रश्‍न क्र. 5907 के उत्तर में सीमेंट कांक्रीट निर्माण हेतु नदियों की बालू रेती की बाध्यता नहीं है, परन्तु क्‍या खरगोन जिले अन्तर्गत समस्त विकासखण्डों में ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा 14वां वित्त आयोग अन्तर्गत प्रदाय राशि से बालू रेती से ही सीमेन्ट कांक्रीट कार्य कराये जाने हेतु कार्य एजेंसी को बाध्‍य किया जा रहा है तथा वर्तमान में बालू रेती न होने तथा बहुत अधिक दर होने से सभी विकास कार्य बंद पडे हैं तथा शासन द्वारा प्रदाय राशि का उपयोग नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) यह भी बतायें कि रेत मानक आइएस 383-1970 के अन्तर्गत कैसी रेत आती है तथा भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कहाँ-कहाँ पर प्राप्त होती है? क्या देशगाँव में स्थित पत्थर से कृत्रि‍म रेत निर्माण मशीन की रेती का उपयोग सीमेंट कांक्रीट निर्माण हेतु किया जा सकता है? यदि हाँ, तो निर्धारित प्राक्कलन में मशीन से दूरी का परिवहन एवं क्रय दर का प्रावधान निर्धारित प्राक्कलन में किया जावेगा? जिससे कार्य सुगमता से पूर्ण कराये जा सकते हैं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। विभाग द्वारा बालू रेती से सीमेंट कांक्रीट निर्माण कराये जाने हेतु कार्य एजेंसी को बाध्‍य नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ख) रेत (फाइन एग्रीगेट) की गुणवत्‍ता के मानक आईएस 383-1970 में निर्धारित हैं। उपरोक्‍त मानक अनुसार यदि रेत भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र अथवा देशगांव में प्राप्‍त होती है तो उसका उपयोग सीमेंट कांक्रीट में किया जा सकता है। विभाग द्वारा जारी दर अनुसूची अनुसार बनाए जाने वाले प्राक्‍कलनों में सभी प्रकार के परिवहन, क्रय दर आदि शामिल है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्न नहीं होता।

टीआरा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यों की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

130. ( क्र. 2834 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में टीआरा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कौन-कौन से प्रधानमंत्री सड़क के निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगति पर है या जो २०१५-२०१६, २०१६-२०१७ में पूर्ण किये जा चुके हैं? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) टीआरा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा जो निर्माण कार्य किया जा रहा है वह गुणवत्ताहीन, काली मिट्टी सहित घटिया निर्माण सामग्री प्रयोग में लाने एवं कुछ पुलिया क्षतिग्रस्त होना प्रश्‍नकर्ता संज्ञान में आया है? क्‍या टीआरा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किये गए निर्माण कार्यों की एक कमेटी बना कर जाँच करना सुनिश्चित करेंगे एवं उस कमेटी में जनप्रतिनिधि होने के नाते प्रश्‍नकर्ता को भी रखेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अशोकनगर जिले में टीआरा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा 15 मार्गों का निर्माण कार्य वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में पूर्ण/प्रगतिरत है। विकासखण्डवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टीआरा कंस्ट्रक्शन कंपनी के पूर्ण/निर्माण किये जा रहे मार्गों की गुणवत्ता योजना के मापदंडो के अनुरूप है एवं कोई भी पुलिया क्षतिग्रस्त नहीं है। मार्गों की जाँच राज्य गुणवत्ता निरीक्षक/राष्ट्रीय गुणवत्ता निरीक्षक के माध्यम से नियमित रूप से होने से पृथक जाँच की आवश्यकता नहीं है।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

कार्य एवं व्‍यय की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

131. ( क्र. 2838 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या शहडोल जिले में सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण विभाग द्वारा जनहित में कार्य किये जाते हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल जिले में उक्‍त विभाग द्वारा जनवरी २०१४ से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किये गये हैं, कितने व्‍यक्ति को लाभान्वित किया गया है? उक्‍त अवधि में कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु व्‍यय की गई है? कार्यवार, व्‍ययवार संपूर्ण जानकारी के उपलब्‍ध करायी जावे।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है।

परिशिष्ट - ''छ्त्तीस''

गौरा से पर्वतीय ग्राम गौरी तक मार्ग निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

132. ( क्र. 2845 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने स्वयं गौरी ग्राम के भ्रमण उपरान्त दिनांक 27-1-2012 को किसी कलेक्टर का भ्रमण कराया एवं अपने पत्र दिनांक 7-5-12, 26-6-12, 13-9-12, 7-2-13, 12-9-13, 15-2-13 एवं          23-1-14 को किन्हीं निमित्त माननीय विभागीय मंत्री, आयुक्त, कलेक्टर व मु.का.अ. जिला पंचायत कटनी को तथा प्रश्‍नकर्ता के किन्हीं पत्रों पर मु.का.अ. जिला पंचायत कटनी ने पत्र दिनांक 5-5-12, 26-6-12 एवं 28-8-12 को किन्हीं मार्गों के अनुमोदन हेतु कोई लेख किया है? (ख) क्या‍ विधानसभा सत्र दिनांक 15-3-12 के तारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्र. 652) एवं सत्र दिनांक 30-6-2014 की चर्चा व उत्तर पर मा. विभागीय मंत्रीजी ने किसी योजनान्तर्गत गौरा से गौरी मार्ग हेतु दिये गये उत्‍तर पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक कोई प्रयास किये गये हैं? (ग) क्या यह सत्य है कि का.पा.यं. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कटनी ने मनरेगा योजना से ग्रेवल मार्ग एवं जिला खनिज कोष से सीमेन्ट‍ कांक्रीट मार्ग का गौरा से गौरी को जोड़ने की डी.पी.आर. जनवरी 2017 की किसी तिथि को किसी अधिकारी को प्रस्तुत की है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) डी.पी.आर. को स्वीकृत करना व निर्माण करना निर्देर्शित किया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कार्य की स्‍वीकृति विचाराधीन है।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत द्वारा प्रेरकों को प्रशिक्षण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

133. ( क्र. 2848 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या राज्‍य स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास के पत्र क्रमांक 2016/सात/एस.बी.एम (जी)/लेखा 2017 दिनांक 12-05-2017 से कोई पत्र जारी किया गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्‍ध करावे? (ख) उक्‍त पत्र के माध्‍यम से क्‍या प्रदेश के विभिन्‍न जिले के कलेक्‍टरों को कार्य विशेष के लिये राशि उपलब्‍ध कराई गई? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) का संबंध यदि प्रे‍रकों के प्रशिक्षण से है तो प्रेरकों की चयन की क्‍या प्रक्रिया थी तथा प्रशिक्षण किसने दिया? नियम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) राज्‍य स्‍तर से जारी निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ब अनुसार एवं नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र स अनुसार है। (ग) प्रेरक स्‍वच्‍छ भारत मिशन प्रारम्‍भ करने वाले मान. प्रधानमंत्री स्‍वयं के साथ-साथ प्रदेश में स्‍वच्‍छ भारत मिशन को नेतृत्‍व देने वाले मान. मुख्‍यमंत्रीजी थे।

अमरकंटक में स्‍वच्‍छता प्रेरकों के प्रशिक्षण में हुई व्‍यय राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

134. ( क्र. 2849 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या दिनांक 15 मई, 2017 में अमरकंटक जिला शहडोल में स्‍वच्‍छता प्रेरकों का प्रशिक्षण शासकीय व्‍यय से हुआ था? यदि हाँ, तो शासकीय नियम की प्रति सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ, है तो प्रशिक्षण देने वाले का नाम/पदनाम/किस नियम के तहत प्रशिक्षण देने वाले का चयन हुआ/कितने प्रेरकों ने प्रशिक्षण लिया? शासकीय नियम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की जानकारी अनुसार क्‍या सम्‍पूर्ण कार्यवाही शासकीय नियम से हुई है? यदि हाँ, तो नियम की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) में कोई अनियमितता हुई है तो क्‍या शासन इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं क्‍या? नहीं तो क्‍यों नहीं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ अनुसार है। व्‍यय पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ब के तहत अनुमत्‍य है। किसी अनियमितता की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़कों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

135. ( क्र. 2898 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं? कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं? कितनी सड़कें प्रगतिरत हैं एवं कितनी सड़कों पर कार्य प्रारंभ होने के बाद बंद है? (ख) उक्‍त क्षेत्र की निर्माणाधीन प्रधानमंत्री सड़कों की गुणवत्‍ता के संबंध में उच्‍च स्‍तरीय अधिकारी द्वारा सड़कों का कब-कब निरीक्षण किया गया? उनमें क्‍या-क्‍या कमियां पाई गईं? सड़कवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। क्‍या निरीक्षण पर पाई गुणवत्ता से विभाग संतुष्‍ट है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 01 सड़क निर्माणाधीन/प्रगतिरत एवं 87 सड़कें पूर्ण हो चुकी है। वन विभाग से अनुमति अपेक्षित होने से 01 सड़क अप्रारम्भ है। किसी भी मार्ग का निर्माण प्रारंभ होने के पश्चात्‌ बंद नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

पुष्‍पराजगढ़ क्षेत्र में विधायक निधि से स्‍वीकृत कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

136. ( क्र. 2899 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ में विगत तीन वर्षों में विधायक विकास निधि से कितने कार्य स्‍वीकृत किये गये? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ, प्रगतिरत एवं पूर्ण थे वर्षवार, कार्यवार, स्‍वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्‍वीकृत कार्यों में से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किन-किन कार्यों की राशि खर्च न होने के कारण लेप्‍स (अनाहरित) की गई वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में प्रगतिरत एवं अप्रारंभ कार्यों की वर्तमान स्थिति क्‍या है? क्‍या कार्यों को पूर्ण कराके भुगतान कर दिया गया है? (ग) उक्‍त क्षेत्र में उक्‍त अवधि में अनुशंसित निर्माण कार्यों में तकनीकी स्वीकृति शीघ्र उपलब्‍ध कराने हेतु समुचित कार्यवाही की गई है? तकनीकी प्रतिवेदन समय-सीमा में प्राप्‍त न होने की दशा में संबंधित विभाग पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) क्‍या निर्माण कार्यों से संबंधित जिला अथवा ब्‍लॉक स्‍तर पर बैठकें होती है? यदि हाँ, तो समय पर कार्योंत्‍तर स्‍वीकृति जारी न करने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होनी चाहिये?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।          (ख) स्वीकृत कार्यों की राशि लेप्स नहीं हुई है, सभी पूर्ण कार्यों का भुगतान किया जा चुका है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्रगतिरत एवं अप्रारम्भ कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी अनुशंसित कार्यों की तकनीकी स्वीकृति         समय-सीमा में प्राप्त होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। कार्यों की स्वीकृति         समय-सीमा में जारी करने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बी.पी.एल. सूची से नाम पृथक करने

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

137. ( क्र. 2902 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत विभाग द्वारा बी.पी.एल. सूची से अपात्र लोगों के नाम काटने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों में बी.पी.एल. सूची से नाम पृथक किये गये? (ग) क्‍या विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नरयावली में लगभग 100 नामों को अपात्र कर दिया गया है एवं अपात्र सूची का सर्वे कार्य किन-किन कर्मचारियों द्वारा किया गया एवं पात्र हितग्राही को अपात्र करने में यदि कर्मचारियों द्वारा लापरवाही की गई है तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? जानकारी देवें। (घ) क्‍या अपात्र सूची में जीवित व्‍यक्तियों को भी फौत एवं कपिल धारा कुंआ निर्मित होने पर कई नाम सूची से पृथक किये गये है तो पात्र हितग्राहियों को न्‍याय कब तक मिलेगा एवं दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवही करेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। केवल 55 व्यक्तियों के नाम अपात्र होने से बी.पी.एल. सूची से हटाये गये। सर्वे कार्य ग्राम पंचायत सहायक, हल्का पटवारी एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया। किसी भी पात्र हितग्राही को अपात्र नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।  (घ) जी नहीं। ग्राम पंचायत नरयावली की सूची में मात्र कोमल/सुखलाल जैन के नाम के समक्ष सम्पन्नके स्थान पर त्रुटिवश फौत अंकित हो गया था, जिसे दिनांक 24.05.2017 को सुधार दिया गया है। मात्र कपिलधारा कूप निर्मित होने के कारण किसी भी व्यक्ति का नाम बी.पी.एल. सूची से नहीं हटाये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रभारी/अतिरिक्‍त प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्यरत अधिकारियों की जानकारी

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

138. ( क्र. 2906 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) म.प्र. के किन-किन जिलों में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में जिला अधिकारी के पद पर प्रभारी/अतिरिक्‍त प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं? (ख) क्‍या सागर जिले में कब से प्रभारी/अतिरिक्‍त प्रभारी अधिकारी कार्यरत हैं? (ग) क्‍या प्रभारी अधिकारी/अतिरिक्‍त प्रभारी अधिकारी एक जिले से दूसरे जिले की दूरी अधिक होने से कार्य सुचारू ढंग से संचालित कर पा रहे हैं?           (घ) यदि जिले का प्रभार जिले के ही किसी सक्षम अधिकारी या निकटस्‍थ जिले के किसी अधिकारी को प्रभार दिये जाने का प्रावधान है तो सागर जिले में इस विषय का क्‍यों ध्‍यान नहीं रखा गया?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश के श्योपुर, मुरैना, भिण्ड, शिवपुरी, गुना, दतिया, रतलाम, शाजापुर, आगरमालवा, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, खण्डवा, सीहोर, राजगढ़, विदिशा, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, कटनी, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट, रीवा, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, सीधी एवं सतना जिलों में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में जिला योजना अधिकारी के पद पर प्रभारी/अतिरिक्त प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे है। (ख) संचालनालय के आदेश क्रमांक 5073/2016/आसांसं./1-प्रशा./अधी.-1/जी-1, भोपाल, दिनांक 30.11.2016 द्वारा संयुक्त संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय, भोपाल को संयुक्त संचालक, संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सागर का अतिरिक्त प्रभार (आहरण एवं संवितरण अधिकार सहित) सौंपा गया है।         (ग) जी हाँ। (घ) यह पद संयुक्त संचालक के स्तर के होने के कारण संयुक्त संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय भोपाल को उक्त पद का प्रभार सौंपा गया है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्ग

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

139. ( क्र. 2907 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरयावली-कांचरी सड़क मार्ग का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री सड़क परियोजना अंतर्गत किया गया था? (ख) उक्‍त सड़क मार्ग की स्‍वीकृत लागत, लंबाई, निर्माण लागत, कार्य अवधि, कार्य पूर्णता दिनांक, परफारमेंस गारंटी अवधि तथा कार्य एजेंसी की जानकारी देवें। (ग) क्‍या सड़क मार्ग परफारमेंस गारंटी अवधि में ही क्षति ग्रस्‍त/जर्जर हो गया हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) यदि उक्‍त सड़क मार्ग परफारमेंस गारंटी अवधि के पहले ही क्षतिग्रस्‍त/जर्जर हो गयी है तो विभाग ने कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की है एवं दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध भी शासन कोई कार्यवाही करेगा हाँ, तो समय-सीमा बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।  (ग) सड़क अभी निर्माणावधि में है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। (घ) उक्त मार्ग निर्माणाधीन अवधि में है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

मंदसौर के तेलिया तालाब के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

140. ( क्र. 2914 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर के तेलिया तालाब जल सिंचाई विभाग के पास प्रारंभ में था कितने एकड़ में फैला था तथा वर्तमान में अतिक्रमण के बाद कितने एकड़ भूमि को तेलिया तालाब में है तथा क्‍या शासन सीमांकन कराकर वर्तमान स्थिति बतायेगा? (ख) सिंचाई विभाग से तेलिया तालाब किस तिथि को नगरीय प्रशासन विभाग नगर पालिका के नाम किया गया तथा क्‍या तेलिया तालब में पानी रोकने वाली दीवार को छोटा किया गया? यदि हाँ, तो कब क्‍यों व कितने फुट दीवार कम की गई? (ग) क्‍या मंदसौर शहर व जिले में भू-जल स्‍तर तेजी से गिरा है यदि हाँ, तो क्‍या तेलिया तालाब की दीवार को ऊंचा कर जल ग्रहण क्षमता बढ़ायेंगे, ताकि वहां भू-जल स्‍तर और नीचे न जाये।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। मंदसौर तेलिया तालाब जल संसाधन विकास के पास प्रारम्‍भ में था तब यह 134.645 हेक्‍टेयर में फैला था। इस तालाब में 32.270 हेक्‍टेयर भूमि शासकीय है तथा 102.375 हेक्‍टेयर भूमि निजी हैं। दिनांक 27.05.2016 को कलेक्‍टर, मंदसौर द्वारा तालाब का सीमांकन कराया गया था, जिसमें शासकीय भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं पाया गया एवं यह स्थिति वर्तमान में यथावत हैं। (ख) तेलिया तालाब को जल संसाधन विभाग द्वारा दिनांक 05.05.2011 से नगर पालिका के नाम किया गया। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, कार्यालय जिला भू-जल सर्वेक्षण मंदसौर की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016-17 में भू-जल स्‍तर में वृद्धि दर्ज की गयी है। तेलिया तालाब के आस-पास रिहायशी क्षेत्र होने से तालाब की दीवार को ऊचा किया जाना संभव नहीं है।

स्‍टेनों के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

141. ( क्र. 2922 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्री सुभाष साहू, स्‍टेनो जिला पंचायत सिवनी के विरूद्ध दिनांक 26/01/2013 से 16/02/2017 के मध्‍य विभिन्‍न शिकायतों के आधार पर कार्यवाही की गई थी, जिसकी मूल नस्‍ती मिलीभगत कर गुम कर दी गई है जिससे उक्‍त कर्मचारी के विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो कार्यालय से गुम हुई नस्‍ती के लिये जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) क्‍या आरजू विश्‍वकर्मा क्‍वालिटी मानीटर एम.डी.एम. योजना जिला पंचायत सिवनी द्वारा भी श्री सुभाष साहू स्‍टेनों सिवनी के विरूद्ध राज्‍य महिला आयोग को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित शिकायत को स्‍टेनों श्री सुभाष साहू द्वारा शिकायकर्ता आरजू विश्‍वकर्मा क्‍वालिटी मानीटर एम.डी.एम. योजना जिला पंचायत सिवनी को प्रलोभन एवं दबाव डालकर शिकायत वापिस ले ली गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायत पर विभाग श्री साहू के विरूद्ध पुन: विचार कर जाँच करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। नस्ती गुम नहीं हुई है। नस्ती कार्यालय कलेक्टर की शिकायत शाखा में उपलब्ध है। आरोप एवं संलिप्तता प्रमाणित नहीं होने पर शिकायत नस्तीबद्ध की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के     प्रपत्र-'''' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार।          (ग) जी नहीं। शिकायतकर्ता को प्रलोभन एवं दबाव डालकर शिकायत वापस लेने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

142. ( क्र. 2923 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले की नगर पालिका सिवनी द्वारा 01 जनवरी, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ कितनी लागत से किन-किन एजेंसियों से कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त कार्यों के विरूद्ध कब-कब, कितनी राशि का भुगतान किस मद से किन-किन एजेंसियों को किया गया अथवा किया जाना है? (ग) क्‍या उपरोक्‍तानुसार कराये गये कार्यों का किसी वरिष्‍ठ तकनीकी अधिकारी द्वारा मूल्‍यांकन किया गया? यदि हाँ, तो कब तथा किन-किन कार्यों के मूल्‍यांकन में   क्‍या-क्‍या कमियां पाई गई तथा प्रश्‍न दिनांक तक इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 26.08.2015 को समिति द्वारा निरीक्षण कर कार्य में कमियों के संबंध में प्रतिवेदन दिया गया है। नगर पालिका परिषद सिवनी द्वारा समिति के प्रतिवेदन अनुसार सुधार कराया जाकर कार्य पूर्ण कराया गया है।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

नगर पालिका परिषद में प्रेसिडेन्‍ट इन कौंसिल का गठन

[नगरीय विकास एवं आवास]

143. ( क्र. 2941 ) श्री रमेश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक परिषद में प्रेसिडेन्‍ट एन कौंसिल (पी.आई.सी.) के गठन के क्‍या नियम है नियमों की जानकारी उपलब्‍ध करावें? गठन करने का अधिकार किसे है? पी.आई.सी. में मनोनित सदस्‍य पी.आई.सी. में सदस्‍य रहना नहीं चाहे तो उसे अपना त्‍याग पत्र किसे देना चाहिये? किसी सदस्‍य द्वारा त्‍याग पत्र दिये जाने के उपरांत भी उसकी इच्‍छा के विपरीत पी.आई.सी. का सदस्‍य रखा जाना न्‍योयोचित है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार यदि पी.आई.सी. की एक मात्र महिला सदस्‍य द्वारा पी.आई.सी. की सदस्‍यता से त्‍याग पत्र दे दिया जावे एवं उसके पश्‍चात् भी संबंधित को नगर पालिका द्वारा विधि विरूद्ध एजेण्‍डे प्रेषित किये जावे एवं उक्‍त एजेण्‍डे पर भी उक्‍त म‍हि‍ला सदस्‍य द्वारा त्‍याग पत्र की पुष्टि करते हुए एजेण्‍डा लेने से इंकार कर दिया जावे तो इसके पश्‍चात् भी सबंधित को पी.आई.सी. का सदस्‍य मानकर एजेण्‍डा दिये जाने का कृत्‍य न.पा. अधिनियम के नियमों, उपबंधों एवं उप नियमों के वैध अथवा अवैध? यदि वैध है तो किस नियम के तहत नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें? एक मात्र महिला सदस्‍य द्वारा पी.आई.सी. की सदस्‍यता से त्‍याग पत्र दे दिये जाने के पश्‍चात् शेष 6 सदस्‍यों द्वारा प्रस्‍ताव पारित कर कार्य संपादित कर किये गये भुगतान वैध माने जावेंगे अथवा अवैध? यदि वैध है तो किस नियम के तहत नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) नगर पालिका परिषद् खाचरौद में (पी.आई.सी.) सदस्‍य श्रीमती रवाब बोहरा द्वारा दिये गये त्‍याग पत्र की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए दिनांक 03.09.2015 से दिनांक 03.09.2016 तक आहूत की गई (पी.आई.सी.) बैठकों के एजेण्‍डों की प्राप्ति की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए उक्‍त अवधि के प्रस्‍तावों पर अमल करते हुए कितना भुगतान किया गया संपूर्ण ब्‍यौरा उपलब्‍ध करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद में प्रेसिडेन्‍ट इन काउंसिल के गठन के नियमों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, गठन का अधिकार मध्‍यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 70 के अनुसार नगर पालिका अध्‍यक्ष को है, पी.आई.सी. में सदस्‍य रहना नहीं चाहे उसे अपना त्‍यागपत्र अध्‍यक्ष को देना चाहिये, मध्‍यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 70 (3) के अनुसार प्रेसिडेन्‍ट इन काउंसिल के सदस्‍य अध्‍यक्ष के प्रसाद पर्यन्‍त पद धारण करेंगे, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रेसिडेन्‍ट इन काउंसिल के सदस्‍य का त्‍यागपत्र अध्‍यक्ष द्वारा स्‍वीकार किया जाता है, अध्‍यक्ष द्वारा त्‍यागपत्र स्‍वीकार किये जाने तक एजेण्‍डा भेजा जाना विधि सम्‍मत है। प्रेसिडेन्‍ट इन काउंसिल में निर्णय बहुमत के आधार पर लिये जाते हैं। मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (प्रेसिडेन्‍ट इन काउंसिल की शक्तियां तथा इसके कामकाज के संचालन हेतु प्रक्रिया) नियम 1997 के नियम 6 में सम्‍मेलन किये जाने हेतु गणपूर्ति सदस्‍यों की संख्‍या की आधी से पूर्ण मान्‍य की जाती है। प्रेसिडेन्‍ट इन काउंसिल के 7 सदस्‍यों में से 6 सदस्‍यों द्वारा निर्णय लिया जाना पूर्णत: विधि सम्‍मत है (प्रेसिडेन्‍ट इन काउंसिल की शक्तियां तथा इसके कामकाज के संचालन हेतु प्रक्रिया) नियम 1997 की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) श्रीमती रवाब बोहरा द्वारा दिये गये त्‍यागपत्र की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। दिनांक 03.09.2015 से दिनांक 03.09.2016 तक आहूत की गई (पी.आई.सी.) बैठकों के एजेण्‍डों की प्राप्ति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है उक्‍त अवधि के प्रस्‍तावों पर अमल करते हुये किये गये भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

खाचरौद में बस स्‍टैण्‍ड का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

144. ( क्र. 2942 ) श्री रमेश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिका परिषद खाचरौद, जिला उज्‍जैन द्वारा बस स्‍टैण्‍ड निर्माण हेतु कार्यालय उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश उज्‍जैन द्वारा जारी अभिमत क्र. 1011/न.ग्रा.नि/ 2013 उज्‍जैन दिनांक 22.04.2013 की समस्‍त शर्तों का पालन किया गया अथवा नहीं? शर्त क्र. 8 के अनुसार 1 वर्ष की कालावधि के भीतर समस्‍त प्रक्रिया पूर्ण करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया अथवा नहीं? (ख) जिम्‍मेदार अधिकारी द्वारा स्‍थल निरीक्षण कर स्‍वीकृत मानचित्र अनुसार निर्माण किया गया है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी यदि नहीं, है तो 1 वर्ष की समयावधि पश्‍चात् उक्‍त अभिमत वैध है अथवा अवैध? अभिमत की समयावधि बढ़ाये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? उक्‍त निर्माण अभिमत के साथ स्‍वीकृत मानचित्र के अनुसार किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो अभिमत की शर्त क्र. 10 के अनुसार अवैधानिक कृत्‍य करने व अवैध निर्माण के भुगतान के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? दोषियों के विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करा दिया जावेगा? समयावधि बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, समस्‍त शर्तों का पालन किया गया है। जी नहीं, शर्ते क्रमांक 08 के अनुसार 01 वर्ष की कालावधि के भीतर समस्‍त प्रक्रिया पूर्ण न होने के कारण निकाय द्वारा समयावधि बढ़ाये जाने हेतु नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय उज्‍जैन को पत्र दिनांक 06-05-2015 लिखा गया एवं संयुक्‍त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश उज्‍जैन के पत्र दिनांक 22-05-2015 से समयावधि बढ़ाने के संबंध में लेख किया गया, कि पूर्व में उल्‍लेखित शर्तों के पालन में समयावधि में स्‍वीकृति मानचित्र अनुसार निर्माण किये जाने में कार्यालय को कोई आपत्ति नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश (क) के अनुसार 01 वर्ष की समयावधि में कार्य प्रारंभ न होने के कारण समयावधि बढ़ाई गयी। जी हाँ, समयावधि बढ़ाये जाने का प्रावधान हैं। जी हाँ, उक्‍त कार्य नगर तथा ग्राम निवेश से स्‍वीकृत स्‍थल मानचित्र की सीमा में किया गया है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद एवं प्राचार्यों के प्रभार

[उच्च शिक्षा]

145. ( क्र. 2951 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में विगत वर्षों में छात्रों का प्रवेश शुल्‍क कितना-कितना निर्धारित था और वर्तमान वर्ष में कितना-कितना शुल्‍क लिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन स्‍तर/विश्‍वविद्यालय स्‍तर/जन भागीदारी से शुल्‍क में वृद्धि किये जाने हेतु आदेश/निर्देश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति दें? यदि नहीं, तो किनके द्वारा शुल्‍क वृद्धि की गई है? (ग) उच्‍च शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 869, दिनांक 20.04.17 के अनुसार कटनी जिले के शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्यों के प्रभार में परिवर्तन एवं आहरण संवितरण के अधिकारी वरिष्‍ठता के आधार पर दिये गये हैं? (घ) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्र क्रमांक 95, दिनांक 24.04.2017 के संदर्भ में क्‍या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर की विद्या परिषद की स्थायी समिति की बैठक दिनांक 20.04.2013 के अनुसार समस्त शुल्कों में 10 प्रतिशत वृद्धि प्रतिवर्ष करने का निर्णय लिया गया है। शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी का प्रारंभ एवं विकास के निर्देशों की कंडिका (छ) में शुल्क संबंधित प्रावधान वर्णित है, जिसके अनुसार निर्धारित शिक्षण शुल्क में वृद्धि तथा नये शुल्क लगाए जाने का अधिकार समिति को है। आदेश एवं राजपत्र अधिसूचना दिनांक 30.09.1996 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो एवं तीन अनुसार है। (ग) जी हाँ, कटनी जिले के शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पद रिक्त होने की स्थिति में आहरण एवं संवितरण अधिकार वरिष्ठता के आधार पर ही प्रदान किए गए हैं। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा संदर्भित पत्र प्रेषित किया गया था। अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग, जबलपुर से जिला कटनी के अंतर्गत महाविद्यालय की जानकारी पत्र क्रमांक 1297/1454/2015/38-1 भोपाल दिनांक 06.07.2017 द्वारा चाही गयी है। उनसे प्राप्त जानकारी अनुसार प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय के पत्र दिनांक 20.04.2017 का जिला कटनी में कड़ाई से पालन किया जा रहा है।

अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

146. ( क्र. 2952 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या शासन द्वारा दिवंगत कर्मचारी के परिवार के सदस्‍यों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जनपद पंचायत बहोरीबंद में पदस्‍थ रहे स्‍व. मिल्‍लू लाल बर्मन खलासी के आश्रितों के अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण कहाँ लंबित है? (ग) क्‍या विभाग द्वारा दिवंगत कर्मचारी को नियमित हेड से लगातार दिनांक 09.03.1984 से कोषालय के माध्‍यम से वेतन पाने वाले शासकीय सेवक की श्रेणी में न मानकर अनुकंपा नियुक्ति में व्‍यवधान पैदा किया जा रहा है? (घ) क्‍या दिवंगत कर्मचारी का नाम राजस्‍व स्‍थापना अंतर्गत पदक्रम सूची एवं रोस्‍टर में सम्मिलित न होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण लंबित है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? बताएं।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ विभाग में विचाराधीन है।           (ग) विचाराधीन होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिवंगत कर्मचारी राजस्‍व विभाग का न होने के कारण राजस्‍व स्‍थापना अंतर्गत पदक्रम सूची एवं रोस्‍टर में नाम सम्मिलित होने का प्रश्‍न नहीं उठता।

हॉकी टर्फ लगाना

[खेल और युवा कल्याण]

147. ( क्र. 3003 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या पूर्व खेल मंत्री स्‍वर्गीय श्री तुकोजीराव पॅवार द्वारा रतलाम में हॉकी टर्फ बिछाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इसे कब तक बिछा दिया जायेगा? इस घोषणा का क्रियान्‍वयन अभी तक क्‍यों नहीं हुआ? (ख) हॉकी टर्फ के लिये स्‍थान चयन के मापदण्‍ड क्‍या है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) हॉकी टर्फ का निर्माण के लिये स्‍थल चयन का मुख्‍य आधार स्‍थानीय स्‍तर पर हॉकी खेल की पृष्‍ठभूमि व हॉकी खेल का प्रचलन है।

रोड निर्माण में की गई अनियमितताओं की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

148. ( क्र. 3027 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सतना जिले के अन्‍तर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक किन नवनिर्मित मार्गों का डामरीकरण किया गया है? ठेकेदारों के नाम सहित विवरण दें?         (ख) प्रश्नांश (क) मार्गों में 5 वर्ष तक रख-रखाव में किन-किन मार्गों में किन-किन ठेकेदारों द्वारा कितने प्रतिशत किए गए कार्य का भुगतान किया गया है? पृथक-पृथक विवरण दें (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में कुछ ठेकेदारों द्वारा 100 प्रतिशत कार्य करने के बाद भी उनके कार्य को शून्‍य किया गया है जबकि कुछ ठेकेदारों को कम कार्य करने के बाद भी 80 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत भुगतान किया गया है, उनका पृथक-पृथक विवरण दें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त रख-रखाव के भुगतान में किए गए भेदभाव की जाँच उच्‍च स्‍तरीय जाँच दल गठित कराकर कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, जो क्‍यों कारण बताएं? (ड.) उक्‍त मार्गों में से विगत दो वर्षों में जनरल मैनेजर सतना द्वारा किए गए निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मार्ग की स्थिति के अनुसार परफारमेन्स इण्डेक्स के आधार पर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है, किन्तु ठेकेदारों द्वारा किसी माह का देयक निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत नहीं किया है तो अनुबंध के प्रावधान अनुसार शून्य भुगतान किया गया है। विलम्ब से देयक प्रस्तुत करने के कारण किये गये शून्य भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) मार्गों के रख-रखाव का भुगतान विभाग द्वारा स्थापित प्रक्रिया एवं अनुबंध के प्रावधान अनुसार किया गया है। अतः किसी जाँच की आवश्यकता नहीं है। (ड.) विगत दो वर्षों में जनरल मैनेजर द्वारा निरीक्षित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है।

मार्गों में किए रोड निर्माण की जाँच कराने

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

149. ( क्र. 3030 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) सतना जिले के विकासखण्‍ड रामनगर एवं उचेहरा के अतंर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन मार्गों का निर्माण चल रहा है या पूर्ण हो गया है? पृथक-पृथक ठेकेदारवार विवरण दें (ख) प्रश्नांश (क) के मार्गों में स्‍टीमेंट में क्‍या प्रावधानित आइटमों में पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर स्‍वीकृत किया जाकर कार्य कराया गया है? तुलनात्‍मक विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तुलनात्‍मक आइटमों के आधार पर जिन आइटमों में वृद्धि कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया जाकर शासन को क्षति पहुंचाई आकर स्‍वयं भी लाभ अर्जित किया गया है? क्‍या इस पूरे कार्य की जाँच उच्‍च स्‍तरीय जाँच दल गठित कर जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बताएं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के तारतम्य में प्रश्न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

मार्गों में हैवी ट्राफिक घोषित किया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

150. ( क्र. 3031 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) सतना जिले के अन्‍तर्गत प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत वर्ष 12-13 से प्रश्‍न दिनांक तक जो मार्ग बनाए गए है? उन मार्गों में हैवी ट्राफिक घोषित करने हेतु किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब-कब आवेदन दिए गए? ठेकेदार/मार्गवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जिन ठेकेदारों द्वारा आवेदन दिए गए थे उनमें से कितने मान्‍य किए गए कितने अमान्‍य किए गए ठेकेदारवार रोड विवरण देते हुए बताएं कि किन कारणों से आवेदन मान्‍य किए गए किन कारणों से अमान्‍य किए गए? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के मार्गों में क्‍या ऐसे भी मार्ग है जो एक ही नाम की रोडों को दो ठेकेदारों द्वारा निर्माण कराया गया है किन्‍तु एक के आवेदन को हैवी ट्रॉफिक घोषित मान्‍य कर रख-रखाव से छूट हो गई है? जबकि दूसरे अमान्‍य किया गया है? ऐसी कितनी रोड है उसका ठेकेदारवार मार्गवार विवरण दें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में यदि ऐसा होना प्रमाणित पाया गया है तो पक्षपात पूर्ण, भेदभाव पूर्ण कार्य करने के लिए दोषी उत्‍तरदायी के विरूद्ध शासन द्वारा संबंधित को निलंबित कर जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बताएं।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। निरंक। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

निर्माण कार्यों में अनियमितताएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

151. ( क्र. 3040 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम पंचायत कनावर, जनपद पंचायत भिण्‍ड, जिला भिण्‍ड में शौचालय निर्माण में मनरेगा के कार्य में फर्जी मस्‍टर रोल में परिवार के 10-12 सदस्‍यों के नाम दर्शाकर कराये जबकि कार्य मशीनों के माध्‍यम से कराने, मेड बंधन कार्य नहीं होने पर भी राशि आहरित करने आदि गंभीर अनियमितताओं की शिकायत प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो शिकायत कब प्राप्‍त हुई? शिकायतकर्ता का नाम सहित शिकायत का विवरण दिया जाये। (ख) शिकायत की जाँच किस अधिकारी से करायी गयी तथा शिकायत जाँच में किसे दोषी पाया? (ग) क्‍या गंभीर वित्‍तीय अनियमितताओं के चलते दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शिकायत दिनांक 26.05.2017 को प्राप्‍त हुई। शिकायतकर्ता श्री देवेन्‍द्र सिंह भदौरिया द्वारा शौचालयों के निर्माण में फर्जी आहरण, मेढ़ बंधान के कार्यों में बिना कार्य के राशि निकालने और मनरेगा के कार्य मशीनों से कराये जाने के संबंध में शिकायत की गई है। (ख) शिकायत की जाँच प्रभारी परियोजना अधिकारी, मनरेगा जिला पंचायत भिण्‍ड से कराई गई। जाँच में कोई दोषी नहीं पाया गया। (ग) जाँच में कोई दोषी नहीं पाये जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अटेर में ग्रामीण खेल स्‍टेडियम का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

152. ( क्र. 3042 ) श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सभी विधान सभा निर्वाचनों के अनुसार निर्वाचन क्षेत्र अटेर जिला भिण्‍ड अंतर्गत निर्मित कराये जाने वाले ग्रामीण खेल स्‍टेडियम की स्‍वीकृति विभाग द्वारा कब दी गयी थी?           (ख) क्षेत्र में बनने वाले ग्रामीण खेल स्‍टेडियम का ग्राम परा में निर्माण कराने हेतु स्‍थानीय विधायक द्वारा किस दिनांक को पत्र के माध्‍यम से सुझाया गया है? (ग) राजस्‍व अधिकारियों के परामर्श से निर्माण हेतु आवश्‍यक उपलब्‍ध शासकीय भूमि पर ग्राम परा में स्‍टेडियम निर्माण कराने का लिखे जाने के बावजूद भी आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करने के क्‍या कारण है? कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ होकर पूर्ण होगा समय-सीमा बतायी जाये।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र अटेर अंतर्गत ग्रामीण खेल स्‍टेडियम की प्रशासकीय स्‍वीकृति नहीं हुई है। (ख) प्रस्‍ताव पत्र क्रमांक 1605 दि. 25/07/2016 के माध्‍यम से कलेक्‍टर जिला भिण्‍ड को भेजा गया। (ग) आरक्षित भूमि का स्‍थल तकनीकी दृष्टि से अनुपयुक्‍त होने के कारण प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी नहीं हुई। अत: कार्य नहीं कराया गया। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

153. ( क्र. 3059 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या प्रदेश में स्‍वच्‍छ भारत मिशन अंतर्गत माह जून 2016 को शौचालय निर्माण हेतु कृषि एजेन्‍सी हितग्राहियों को बनाया गया है और हितग्राही द्वारा शौचालय निर्माण का एक चरण पूरा करने पर आधी राशि एवं पूरा निर्माण कराए जाने पर ही पूरी राशि सीधे हितग्राही के बैंक खाते में हस्‍तांतरित करने के प्रावधान किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासी हितग्राही गरीबी के कारण शौचालयों का निर्माण नहीं करा पा रहे हैं? क्‍या ऐसी स्थिति में इन क्षेत्रों में निर्माण एजेन्‍सी बदली जायेगी? (ग) क्‍या इन क्षेत्रों में जनपद पंचायत एवं पंचायत स्‍तर पर पदस्‍थ अधिकारियों द्वारा हितग्राहियों को शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्‍साहित करने के बाद भी हितग्राहियों द्वारा शौचालय निर्माण न किए जाने पर शौचालय निर्माण की न्‍यून प्र‍गति के लिए उक्‍त अधिकारी/कर्मचारी किस तरह दोषी हैं? (घ) यदि नहीं, हैं तो क्‍या इन क्षेत्रों में शौचालय निर्माण में न्‍यून प्रगति के कारण जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवा समाप्ति तथा निलंबन के आदेश किए गए शासन द्वारा उन आदेशों को निरस्‍त किया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कतिपय प्रकरणों में संविदा नीति के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जन अभियान परिषद को इस वित्‍तीय वर्ष में प्रदाय आवंटन

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

154. ( क्र. 3060 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के जिलों में जन अभियान परिषद को इस वित्‍तीय वर्ष में विभिन्‍न गतिविधियों एवं नमामी देवी नर्मदे कार्यक्रम हेतु आवंटन प्रदान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जन अभियान परिषद द्वारा नमामी देवी नर्मदे कार्यक्रम में कहाँ-कहाँ, किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि का व्‍यय किया गया? (ग) क्‍या जिला स्‍तर पर जन अभियान परिषद के नाम पर बैंक खाते संचालित हैं? यदि हाँ, तो बैंक खातों से राशि का आहरण एवं व्‍यय के अधिकार किन अधिकारियों को प्राप्‍त हैं? शासन के दिशा निर्देश सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जन अभियान परिषद द्वारा नमामि देवि नर्मदे यात्रा के दौरान किये गये व्यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जी हाँ। राशि आहरण एवं व्यय संबंधी दिशा-निर्देश की जानकारी संलग्‍न परिश्ष्टि के प्रपत्र-ब पर है।

परिशिष्ट - ''बयालीस''

 

देवस्‍थान-मंदिरों की सम्‍पत्तियां

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

155. ( क्र. 3068 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा संधारित उज्‍जैन संभाग में मंदिरों के पुजारियों की नियुक्ति के कितने एवं कौन-कौन से प्रकरण कितने समय से लंबित हैं? पूर्ण ब्‍यौरा जिलेवार प्रदान करें।        (ख) उज्‍जैन संभाग के किन-किन मंदिरों एवं देव स्‍थानों की कौन-कौन सी कृषि भूमि एवं अन्‍य भूमियां वर्ष २०१३ से अब तक किस-किस प्रावधान अंतर्गत किस-किस को लीज पर कितने समय के लिए दी? जिलेवार स्‍थानवार पूर्ण ब्‍यौरा दें। (ग) देवस्‍थानों, मंदिरों की कितनी एवं कौन-कौन सी भूमियां, संपत्त्तियों पर अतिक्रमण है एवं कितने समय से? अतिक्रमण हटाने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? जिलेवार ब्‍यौरा दें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खनिज विभाग के शाखा प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति

[खनिज साधन]

156. ( क्र. 3075 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिलों में खनिज शाखा के शाखा प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति हेतु शासन के क्या प्रावधान है उक्त आदेशों की प्रतियाँ उपलब्ध कराई जावें। (ख) क्या प्रदेश के किसी जिले में खनिज अधिकारी के पदस्थ रहते हुये डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को ओ.आई.सी. खनिज शाखा प्रभारी बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदान करें। यदि नहीं, तो जिन जिलों में जिला खनिज अधिकारी के अतिरिक्त अन्य किसी भी अधिकारी तथा डिप्टी कलेक्टर को प्रभारी अधिकारी शासन की नीति के विरूद्ध बनाया गया है, ऐसे नियुक्तिकर्ता अधिकारि‍यों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी? (ग) क्या दतिया जिले में खनिज अधिकारी के पदस्थ होते हुये अन्य को खनिज शाखा प्रभारी बनाया गया? यदि हाँ, तो क्यों और इसके लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍न अनुसार खनिज शाखा के प्रभारी अधिकारी के पद पर नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिले की प्रशासनिक व्‍यवस्‍था को सुचारू रूप से संचालित करने का दायित्‍व संबंधित जिले के कलेक्‍टर का होता है। अत: प्रश्‍न के अनुरूप कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्राचीन तालाब/बावड़ियों की साफ-सफाई एवं मरम्मत

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

157. ( क्र. 3076 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा भूमिगत जलस्तर उपर उठाने के लिऐ प्राचीन तालाब/बावड़ियों की मरम्मत कार्य को प्राथमिकता दी गई थी? यदि हाँ, तो दतिया जिले में महात्‍मा गांधी नरेगा योजना से किन-किन तालाबों/बावड़ियों की मरम्‍मत की गई और उस कितनी राशि व्‍यय हुई और किसके द्वारा यह कार्य कराया गया? (ख) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में किन किन तालाबों/बावड़ियों की मरम्मत की गई और किसके द्वारा कराई गई तथा उस पर कितना व्यय हुआ? (ग) क्या भाण्डेर विधायक द्वारा कलेक्टर दतिया को अति प्राचीन ऐतिहासिक तालाबों/बावड़ियों की मरम्मत आदि के लिए कोई पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, की गई तो उसके लिऐ कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा भेदभाव किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो भाण्डेर के तालाबों/बावड़ियों की मरम्मत क्यों नहीं कराई गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के         प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। अपर कलेक्टर जिला दतिया द्वारा दिनांक 06.07.2017 को अनुविभागीय अधिकारी भाण्‍डेर को निराकरण हेतु भेजा गया। (घ) जी नहीं। जिले में कुल लिये गये 320 कार्यों में भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के 118 तालाब/बावड़ियों के मरम्मत कार्य लिये गये हैं।

उज्‍जैन संभाग में कचरा निस्‍तारीकरण योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

158. ( क्र. 3078 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन संभाग के किन-किन जिलों में कहाँ-कहाँ कचरे से बिजली या अन्य उपयोग हेतु ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलन में है? कितने जिलों में शहर के कचरे का उपयोग अन्य सकारात्मक कार्यों में किया जा रहा है? कितने जिलों में खुले में कचरा जलाकर शहर के वातावरण को प्रदूषित किया जा रहा है? पर्यावरण विभाग के पिछले एक वर्ष में कब-कब नगरीय निकायों को नोटिस जारी हुए? उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही हुई? सम्भाग की जिलेवार जानकारी देवें? (ख) प्रदेश में किन-किन स्थलों पर कचरे से बिजली या अन्य उपयोग किया जा रहा है? प्रदेश स्तर पर शहर के कचरे का सदउपयोग करने हेतु नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गए,कितने शहरों की कचरा निस्तारीकरण की योजना बनाकर केंद्र एव राज्य सरकार को भेजी गयी? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? क्या मंदसौर को भी योजना में शामिल किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या प्रदेश में स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत ईटों के भट्टों को शहर से दूर भूमि देकर विस्थापित करने की योजना है? यदि हाँ, तो,       1 जनवरी, 2015 के पश्चात उज्‍जैन संभाग के किन-किन शहरों में शहर के मध्य से ईटों के भट्टों को विस्थापित किया गया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उज्‍जैन संभाग के समस्‍त जिलों को जन निजी भागीदारी आधारित एकीकृत ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन कार्ययोजना अंतर्गत सम्मिलित कर निजी भागीदार के चयन हेतु निविदा प्रकाशित की गयी है। जिसके अंतर्गत निकाय क्षेत्रों में नगरीय कचरे से विद्युत या जैविक खाद तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ अनुसार है। ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन एवं हथालन नियम 2000 एवं 2016 अंतर्गत सभी जिलों में कचरे को खुले में जलाना प्रति‍बंधित है। उलंघन की स्थिति में पर्यावरण विभाग द्वारा जारी नोटिस का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ब अनुसार है।          (ख) राज्‍य के समस्‍त नगरीय निकायों को 26 क्षेत्रीय इकाइयों में विभक्‍त कर जन निजी भागीदारी आधारित कार्ययोजना पर विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र स अनुसार है। जी हाँ मंदसौर नगर योजना में सम्मिलित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सिंहस्थ 2016 में किये गए कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

159. ( क्र. 3087 ) श्री रामनिवास रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 में किस अधिकारी को किस-किस कार्य हेतु जिम्मेदारी दी गयी थी? उक्त अधिकारियों ने कितनी-कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत किये? कार्य करने वाली एजेंसी का नाम, कार्य का नाम, कुल राशि, कार्य पूर्ण होने की दिनांक, कुल भुगतान एवं दिनांक सहित सूची देवें? (ख) सिंहस्थ 2016 में किस किस अधिकारी ने कौन-कौन सी सामग्री क्रय करने, किराये पर रखने की दर स्वीकृत की? अधिकारी के नाम,पद सहित खरीदी गयी सामग्री का नाम, मात्रा दर, कुल राशि, सहित सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित अधिकारी पिछले चार वर्षों से किस-किस स्थान पर किस दिनांक से किस दिनांक तक, किस पद पर पदस्थ रहे? उक्त अधिकारियों में से किन-किन के विरूद्ध आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार के प्रकरण लोकायुक्त अथवा ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज हैं अथवा, विभागीय जाँच में हैं? प्रकरण की जानकारी देते हुए अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (घ) सिंहस्थ 2016 में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्‍कृत अधिकारियों की पद सहित सूची प्रदान करें तथा बतावें कि सतना के तत्कालीन निगम आयुक्त एस.के. कथूरिया की घटना के सन्दर्भ में प्रश्नांश (क), (ख) तथा (ग) में उल्लेखित सारे अधिकारियों की संपत्ति की जाँच कराई जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

वन विभाग द्वारा कराये गए निर्माण कार्य

[वन]

160. ( क्र. 3089 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सामान्य वन मंडल एवं कूनो पालपुर वन्य प्राणी अभ्यारण श्योपुर में वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन से कार्य, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि के कब-कब स्वीकृत किये किये गए? कार्यों की निर्माण एजेंसी किसे नियुक्त किया गया? उक्त कार्यों के तकनीकी प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति किस-किस अधिकारी द्वारा जारी की गयी? अधिकारी के नाम व पद सहित जानकारी दें? क्या उक्त अधिकारी स्वीकृतियां जारी करने हेतु सक्षम थे? इस सम्बन्ध में जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों में से कितने पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं एवं कितने अप्रारम्भ हैं एवं क्यों वर्षवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें?              (ग) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों में भ्रष्टाचार, अनियमितताएं, शासकीय राशि‍ के गबन एवं गलत भुगतान के सम्बन्ध में कितनी शिकायतें शासन स्तर, लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्‍यूरों को प्राप्त हुई? इनमें से कितनी की जाँच कराई गयी? जाँच में क्या तथ्य सामने आये? जाँच निष्कर्षों के आधार पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लिखा गया पत्र क्र./क्यू./17 दि. 12-04-17 प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन विभाग भोपाल को प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। शिकायतों के बिन्दुओं पर जाँच की कार्यवाही की जा रही है।

स्टेडियम की स्‍तरहीन बाउण्‍ड्रीवॉल का निर्माण

[खेल और युवा कल्याण]

161. ( क्र. 3092 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर स्थित स्टेडियम की बाउण्‍ड्रीवॉल गुणवत्‍ताहीन होने के संबंध में पत्र द्वारा जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उस पर क्या जाँच एवं कार्यवाही की गई? विवरण देवें एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी? बतावे।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) हाँ। (ख) प्रकरण में जाँच हेतु संभागीय परियोजना यंत्री, परियोजना क्रियान्‍वयन इकाई, लो.नि.वि. नरसिंहपुर को लिखा गया है, जाँच प्रतिवेदन उपरांत प्रकरण में आगामी कार्यवाही की जावेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लक्ष्‍य प्राप्ति की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

162. ( क्र. 3093 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में प्रधानमंत्री आवास के लक्ष्‍य प्राप्त नहीं किए गए? विवरण देवें। (ख) लक्ष्य प्राप्ति हेतु क्या कार्य योजना है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारत सरकार के पोर्टल 'आवास सॉफ्ट' में तकनीकी समस्या के कारण नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के 30 ग्रामों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत लक्ष्य आवंटन नहीं हो सका। (ख) भारत सरकार से तकनीकी समस्या का समाधान करा लिया गया है। लक्ष्य आवंटन दिसम्बर-2017 तक किया जाना लक्षित है।

मंदिरों पर आवागमन हेतु डामरीकरण या सी.सी. रोड निर्माण

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

163. ( क्र. 3105 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्‍व विभाग के अधीन 857 मंदिरों में से ऐसे कितने मंदिर हैं जिन मंदिरों पर आवागमन हेतु डामरीकरण या सी.सी. रोड का निर्माण नहीं हुआ है? (ख) शासन द्वारा मंदिर तक पहुँचने हेतु पक्की सडकों के निर्माण हेतु    क्या-क्या योजना लोक निर्माण विभाग या अन्य विभाग या स्वयं के विभाग की राशि से बनाई गई हैं? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के निम्न मंदिरों मुवाझर माता सीतामउ, कोटेश्वर महादेव सीतामउ, गंगेश्वर महादेव सीतामउ, एलवी महादेव कयामपुर, भडकेश्वर महादेव बसई, माकडी माता शामगढ, मोडी माता शामगढ, आनंद धाम घसोई, हरणेश्वर महादेव घसोई, भैंसासरी माता आम्बा, धर्मराजेश्वर चंदवासा, जोगणिया माता मेरियाखेडी, बाबा रामदेव कचनारा, गुफामाता सुवासरा, गणेश मगरा सुवासरा, बौद्ध गुफाऐ खेजडिया भूप, भेरू बावजी घसोई, आदि पर देश प्रदेश के श्रध्दालु आते हैं मंदिरों के विकास हेतु क्या योजना बनाई गई है? (घ) उपरोक्त मंदिरों तक सड़क निर्माण हेतु स्टीमेट बनाकर योजना कब तक स्वीकृत की जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शौचालय निर्माण की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

164. ( क्र. 3106 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा किसी भी ग्राम एवं ग्राम पंचायत को ओ.डी.एफ. करने से पहले क्या शर्तें हैं?  (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में स्वच्छ‍ भारत अभियान योजना के अन्तर्गत कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया है? ग्राम व हितग्राहियों की संख्‍या तथा‍ कितने ग्रामों को ओ.डी.एफ. का प्रमाण-पत्र दिया जा चुका है? जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में शौचालय निर्माण हेतु ऐसे कितने हितग्राहियों ने आवेदन दे रखे हैं जिन व्यक्तियों का शौचालय निर्माण होना बाकी है? ग्रामवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने हितग्राही व्यक्ति हैं? जिनके शौचालय का निर्माण हो चुका है किन्तु राशि अधूरी या पूर्ण राशि देना बाकी है? ग्रामवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ब अनुसार है।

खनिज फर्शी पत्‍थर की नीलामी

[खनिज साधन]

165. ( क्र. 3128 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी के ग्राम सेसई (रन्‍नोद) तहसील कोलारस में खनिज फर्शी पत्‍थर की नीलाम खदान अंतिम बार कितनी उच्‍चतम बोली पर किस अवधि तक किस ठेकेदार को नीलामी में स्‍वीकृत की गई? (ख) ठेकेदार द्वारा कितनी अमानत राशि (सुरक्षा निधि) किस दिनांक को जमा कराई गई। (ग) खदान बंद होने के कारण की जाँच किन-किन अधिकारियों अथवा संयुक्‍त रूप से कब-कब कराई गई? दिनांकवार बताएं। (घ) क्‍या खदान बंद होने से ठेकेदार द्वारा जमा सुरक्षा राशि व अन्‍य राशियों की वापसी की मांग की गई है? (ड.) यदि खनिज नियमों की प्रतिकूलता के कारण खदान बंद है, तो ठेकेदार को उसकी जमा सुरक्षा राशि वापसी के बारे में क्‍या कार्यवाही की गई तथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? अद्यतन स्थिति बतावें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर फर्शी पत्‍थर की नीलाम खदान अंतिम बार राशि रूपये 23,75,000/- की उच्‍चतम बोली पर दिनांक 31.03.2013 तक की अवधि के लिये श्री नरेन्‍द्र सिंह पुत्र श्री पदमन सिंह द्वारा दिनांक 26.11.2010 को नीलामी में प्राप्‍त की गई। (ख) ठेकेदार द्वारा राशि रूपये 7,12,500/- दिनांक 01.12.2010 को जमा की गई। (ग) खदान बंद होने के संबंध में निम्‍नानुसार अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा जाँच की गई:-

जाँच कर्ता अधिकारी/कर्मचारी

जाँच दिनांक

खनि निरीक्षक, पटवारी

19.01.2011

खनि निरीक्षक

06.02.2011

अधीक्षक भू-अभिलेख, नायब तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी

11.09.2012

उप संचालक, खनिज साधन विभाग, नायब तहसीलदार

24.08.2012

राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी

16.05.2013

(घ) जी हाँ। (ड.) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित नियमों की प्रतिकूलता जैसी स्थिति नहीं है। जमा सुरक्षा राशि वापिसी हेतु संबंधित ठेकेदार द्वारा प्रस्‍तुत आवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

कैन्‍टोनमेंट छावनी परिषद के वार्डों में संचालित योजनाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

166. ( क्र. 3129 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्‍वालियर के अंतर्गत कैन्‍टोनमेंट छावनी परिषद के सात वार्डों में कौन-कौन सी आवास योजनाएं संचालित हैं? कौन सी योजनाओं में बी.पी.एल. कार्ड आवश्‍यक हैं, किन में नहीं? (ख) उक्‍त सातों वार्डों में बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राहियों की संख्‍या वार्डवार कितनी है? (ग) क्‍या इन वार्डों में बी.पी.एल. कार्ड धारियों को वर्ष 2016-17 में पात्र हितग्राहियों को राजीव गांधी आवास योजना का लाभ मिला है? यदि हाँ, तो संख्‍या, नाम, वार्डवार बताएं? नहीं तो क्‍यों?          (घ) क्‍या इन सात वार्डों में पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है? संख्‍या, नाम, वार्डवार बताएं? नहीं तो क्‍यों? (ड.) क्‍या वंचित बी.पी.एल. पात्र हितग्राहियों को बी.पी.एल. कार्ड का लाभ देने हेतु कोई विशेष अभियान चलाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिये आवास) प्रदेश के सम्‍पूर्ण नगरीय क्षेत्र में लागू है। इस योजना में बी.पी.एल. कार्ड की आवश्‍यकता नहीं है, सभी के लिए आवास योजना है। (ख) छावनी परिषद् के साथ वार्डों में बी.पी.एल. कार्डधारियों की जानकारी निम्‍नानुसार है:- वार्ड 01 में 322, वार्ड 02 में 371, वार्ड 03 में 252, वार्ड 04 में 276, वार्ड 05 में 111, वार्ड 06 में 72 एवं वार्ड 07 में 254 है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता क्‍योकि राजीव आवास योजना बंद कर दी गई है। (ड.) प्रधानमंत्री आवास योजना में बी.पी.एल. कार्डधारी होना आवश्‍यक नहीं है, सबके लिए आवास योजना है। यदि छावनी परिषद् द्वारा विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन एवं हाउससिंग फॉर ऑल प्‍लन ऑफ एक्‍शन बनाकर प्रस्‍तुत किया जाता है तो भारत सरकार से स्‍वीकृति प्राप्‍त कर अनुदान उपलब्‍ध कराया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है।

ग्‍वालियर में आयरनओर का किया जा रहा अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

167. ( क्र. 3132 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत पनिहार जिला ग्‍वालियर के किस सर्वे न. के कितने रकबा से आयरनओर उत्‍खनन किस-किस ठेकेदार को किस अवधि से किस अवधि तक उत्‍खनन हेतु दिया गया था? क्‍या उसी सर्वे न. एवं रकबा से आयरनओर उत्‍खनन किया जा रहा है या किया गया था या कर्मचारियों/अधिकारियों की मिली-भगत से पूरे पहाड़ को अवैधानिक तरीके से खोदा गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? यदि नहीं, तो भोपाल से वरिष्‍ठ अधिकारी के नेतृत्‍व में टीम गठित कर प्रश्‍नकर्ता विधायक के समक्ष की गई अवैध खुदाई की जाँच कराई जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) ग्‍वालियर जिले में 1 जुलाई, 2017 की स्थिति में कौन-कौन से खनिज उत्‍खनन के लिये किस-किस पंचायत में किस-किस सर्वे न. पर कितने-कितने रकबा में किस दिनांक से किस-किस दिनांक तक लीज या ठेका किस-किस फर्म/ सोसायटी या ठेकेदार को कितनी-कितनी राजस्‍व प्राप्‍ती के लिये दिये गये हैं? (ग) 1 जनवरी, 2016 से खनिज विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक अवैध उत्‍खनन के संबंध में किस-किस व्‍यक्ति के तथा किस-किस वाहन के प्रति किस-किस खनिज की किस-किस स्‍थान से अवैध उत्‍खनन के संबंध में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? उस व्‍यक्ति का नाम, ग्राम, वाहन का प्रकार एवं नम्‍बर स्‍पष्‍ट करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। स्‍वीकृत क्षेत्र पर ही खनन कार्य किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। इन स्‍वीकृत पट्टों पर राजस्‍व प्राप्ति का स्‍वीकृति के समय निर्धारण किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है।

स्‍वीकृत राशि से अधिक राशि का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

168. ( क्र. 3145 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या भोपाल नगर निगम के कई ठेकेदार ऐसे हैं जिनके द्वारा निर्माण कार्य सम्‍पन्‍न किए जाने के पश्‍चात भी 5 लाख से अधिक के कार्यों का भुगतान नहीं हो सका हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन ठेकेदार हैं उनके नाम एवं सम्‍पन्‍न किए गए कार्यों के नाम वर्षवार बतावें? (ख) वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या भोपाल नगर निगम प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यों हेतु 10 लाख स्‍वीकृत किए गए और उन्‍हीं कार्यों का भुगतान स्‍वीकृत राशि से अधिक हुआ हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं और किस-किस ठेकेदार द्वारा कार्य सम्‍पन्‍न कराए गए हैं? कार्य का नाम, ठेकेदार का नाम तथा स्‍वीकृत राशि से कितनी अधिक राशि का भुगतान किया गया, साथ में यह भी अवगत करावें कि यदि स्‍वीकृत राशि से अधिक राशि का भुगतान किए जाने संबंधी नियम/अधिनियम एवं बजट में कोई प्रावधान हो तो प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना के तहत भोपाल नगर निगम द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के सम्‍पन्‍न कराए गए और कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के प्रगति पर हैं एवं कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के प्रारम्‍भ किया जाना शेष हैं वर्षवार, विधानसभावार बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

धार्मिक स्‍थानों का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

169. ( क्र. 3146 ) श्री आरिफ अकील : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या धार्मिक स्‍थानों के जीर्णोद्धार हेतु राशि उपलब्‍ध कराने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस-किस धर्म के कौन-कौन से धार्मिक स्‍थानों के लिए राशि आवंटित किए जाने का प्रावधान है?                (ख) वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में स्‍वीकृत बजट राशि से भोपाल संभाग के किस-किस धार्मिक स्‍थलों के लिए कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई? जिलेवार वर्षवार धार्मिक स्‍थल का नाम राशि सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रे‍क्ष्‍य में क्‍या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते राशि का उपयोग नहीं करने के कारण राशि लेप्‍स हुई हैं? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि लेप्‍स हुई? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं, उनके विरूद्ध क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेंगी? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध उत्‍खन्‍न पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

170. ( क्र. 3161 ) श्री सचिन यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में खनिज संपदा का अवैध उत्‍खनन करने पर, उत्‍खनन किये गये खनिज पर जुर्माना राशि वसूल किये जाने एवं संबंधितों को दण्‍डित करने के क्‍या-क्‍या प्रावधान, शासकीय नियम एवं मापदण्‍ड हैं? (ख) क्‍या राज्‍य सरकार ने प्रदेश में अवैध उत्‍खनन को पूर्ण रूप से बंद करने के लिये जिला कलेक्‍टर एवं पुलिस अधीक्षकों को कार्यवाही करने हेतु किसी प्रकार के दिशा-निर्देश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नानुसार प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 तथा मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 में है। यह अधिसूचित है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा पत्र दिनांक 22.03.2006 से प्रदेश में अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु जिला स्‍तरीय टास्‍क फोर्स को गठित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

बिजपुरी और सरसई पंचायत में गुणवत्‍ताहीन निर्माण कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

171. ( क्र. 3163 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्‍ड की ग्राम पंचायत बिजपुरी और सरसई में विगत तीन वर्षों (अप्रैल 2014-15 2015-16 2016-17 एव 2017-18 प्रश्‍न दिनांक तक) में मनरेगा से कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये तथा कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना से कितने कार्य स्‍वीकृत किये गये स्‍वीकृत कार्यों में कितने जॉबकार्डधारी परिवारों को कुल कितने दिवस का रोजगार दिया गया वर्षवार बतावें? (ग) क्‍या प्रश्‍नांकित ग्राम पंचायतों में गुणवत्‍ताहीन नियमों के विपरीत कार्य किए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्‍या ग्राम पंचायत बिजपुरी और सरसई में विकास कार्य कागजों में करके धनराशि की बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) 76 कार्य स्वीकृत किये गये। स्वीकृत कार्यों में 432 जॉबकार्डधारी परिवारों को 18123 दिवस का रोजगार दिया गया। विस्तृत विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता।

सूचना के अधिकार के तहत जानकारी का प्रदाय

[वन]

172. ( क्र. 3170 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या रेंजर वन परिक्षेत्र अधिकारी जौरा वन मंडल मुरैना के संबंध में अशफाक खान द्वारा दिनांक 30.05.2017 को उनके मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र तथा शैक्षणिक योग्‍यता कक्षा 5वीं, 8वीं, 10वीं, 12वीं एवं स्‍नातक से संबंधित अंकसूचियों तथा प्रमाण पत्रों की कापी मांगी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्नांश (क) में चाही गई जानकारी विभाग द्वारा उपलब्‍ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों व कब तक चाही गई जानकारी उपलब्‍ध करा दी जावेगी? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के सर्विस बुक की समस्‍त पृष्‍ठों की प्रमाणित प्रतियां तथा दिनांक 1.10.2016 से प्रदाय दिनांक तक रेंजर जौरा की दै‍नंदिनी एवं शासकीय वाहन लागबुक/भ्रमण पत्रक की प्रमाणित प्रतियां भी मांगी गई थी?         (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) हाँ है तो क्‍या चाही गई जानकारी संबंधित को प्रदाय कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों व इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार हैं? उनके ऊपर क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। चाही गई जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 11 अनुसार तृतीय पक्ष से संबंधित होने के कारण तृतीय पक्ष की असहमति होने के फलस्‍वरूप आवेदक को जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई गई, जिसकी सूचना आवेदक को लोक सूचना अधिकारी के पत्र क्रमांक 3143 दिनांक 08.06.2017 से दी गई। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। जानकारी तृतीय पक्ष की होने के कारण उनकी सहमति न होने से धारा-11 के अनुसार लोक सूचना अधिकारी द्वारा जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई गई। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

तिलहन संघ से ग्रामीण विकास विभाग में पदस्‍थ सेवामुक्‍तों को वेतनमान का लाभ

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

173. ( क्र. 3175 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) म.प्र. राज्‍य तिलहन संघ से ग्रामीण विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ सेवायुक्‍तों को पाँचवा-छठवां वेतनमान स्‍वीकृत किया है क्‍या? यदि हाँ, तो कितने लोगों को? नाम, पद, वेतनमान बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने सेवायुक्‍तों को पाँचवा-छठवां वेतनमान की स्‍वीकृति लंबित है? क्‍या सभी सेवायुक्‍तों को पाँचवा-छठवां वेतनमान का लाभ स्‍वीकृत करेगे? कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं? (ग) ग्रामीण विकास विभाग में तिलहन संघ सेवायुक्‍तों के कितने प्रकरण उच्‍च न्‍यायालय अवमानना (वेतनमान) के लंबित हैं? सेवायुक्‍तवार बतावें। (घ) तिलहन संघ से ग्रामीण विकास विभाग में प्र‍तिनियुक्ति पद पर पदस्‍थ कितने सेवायुक्‍तों के कॉन्‍ट्रीब्‍यूटरी प्रोविडेन्‍ट फण्‍ड नियमान्‍तर्गत जमा नहीं हुये? लंबित प्रकरणों (कम राशि जमा) का विवरण दें। क्‍या विभाग इसके निराकरण हेतु कोई कार्यवाही करेगा? कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। (ख) 89 सेवायुक्‍तों' को पाँचवे/छठवे वेतनमान की स्‍वीकृति लंबित हैं। नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। (घ) नियमानुसार जमा हो रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

विश्‍वविद्यालय में संचालित कोर्स

[उच्च शिक्षा]

174. ( क्र. 3176 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) दिनांक 28 मार्च, 2017 के अता. प्रश्‍न क्रमांक 7644 के उत्‍तर अनुसार बताएं कि एनरोलमेंट नंबर पी 89-807 धारक छात्र को एम.ए. समाजशास्‍त्र प्रीवियस परीक्षा में किस माइग्रेशन प्रमाण पत्र के आधार पर किस वर्ष में परीक्षा देने की अनुमति दी गई? प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) शैक्षणिक सत्र वर्ष 2004-05 और 2005-06 में एम.ए. सोशल एन्‍थ्रोपोलॉजी यू.टी.डी. की कक्षा शिक्षण की टाइमिंग किस समय से किस समय तक निर्धारित थी? चारों सेमेस्‍टर्स में एनरोलमेन्‍ट नंबर पी 89-807 धारक का उपस्थिति विवरण दें? (ग) एनरोलमेन्‍ट नंबर पी 89-807 धारक शोधार्थी द्वारा पी.एच.डी. में प्रवेश हेतु प्रस्‍तुत आवेदन की प्रति समस्‍त सहपत्र-संलग्‍नकों-अभिलेखों सहित पंजीयन की प्रति भी उपलब्‍ध करावें? (घ) पुनरीक्षित अध्‍यादेश 14 अनुसार गाइड/पर्यवेक्षक के मार्गदर्शन में शोधकेन्‍द्र पर एनरोलमेंट नंबर पी 89-807 धारक शोधार्थी का एक सेमेस्‍टर कोर्सवर्क/शोधावधि में उपस्थिति विवरण संबंधी अभिलेख उपलब्‍ध करावें? शोधावधि में गाइड एवं शोधार्थी के घोषणा पत्र उपलब्‍ध करावें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 1988-89 में दिल्ली के माइग्रेशन प्रमाण पत्र के आधार पर परीक्षा देने की अनुमति दी गयी। नामांकन पंजी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रात: 07:00 से 10:00 बजे तक। उपस्थिति विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" के बिंदु क्रमांक 1, 2 एवं 3 अनुसार है।

असिस्‍टेंट रजिस्‍ट्रार, फर्म्‍स सोसायटी 1079/68 की जाँच

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

175. ( क्र. 3178 ) श्री हर्ष यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पंजीयन क्रमांक 1079/68, दिनांक 05 जुलाई, 1968 से संबंधित जाँच में सदस्‍यता पंजी, आवेदन, रसीद कट्टे, सदस्‍यता शुल्‍क, कार्यवाही पुस्तिका साधारण/कार्यकारिणी सभा, सूचना पंजी, धारा 27 एवं 28, आय व्‍यय पत्रक, कैशबुक, अचल संपत्ति, बैंक खाता एवं स्‍टॉक रजिस्‍टर के परिप्रेक्ष्‍य में तीनों पक्षों द्वारा प्रावधानों का उल्‍लंघन पाया गया है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में कौन सा पक्ष वैधानिक है? किस पक्ष ने किस अवधि में किन प्रावधानों का उल्‍लंघन किया? (ख) वर्तमान स्थिति में प्रश्‍नाधीन संस्‍था के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या किसी एक पक्ष को वैध ठहराये जाने से जिला न्‍यायालय में किसी एक पक्ष को लाभ पहुंचने की स्थिति बनेगी? (ग) वर्ष 2012 में प्रश्‍नाधीन संस्‍था के निर्वाचन अधिकारी द्वारा एक पक्ष से राशि रूपये पचास हजार लेने के बाद उसकी सदस्‍यता सूची पर कार्यवाही भी न करना और राशि भी वापस न करने की जाँच कब तक कराई जायेगी? क्‍या ऐसी स्थिति में कराए गए निर्वाचन निष्‍पक्ष कहे जाएंगे? संबंधित पक्ष को राशि रूपये पचास हजार कब तक वापस दिलाई जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नांकित संस्‍था की मध्‍यप्रदेश सोसायटी रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 के अधीन जाँच कार्यवाही प्रचलन में हैं। अत: शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उपरोक्‍तानुसार। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) अधिनियम की धारा 32 (2) के अधीन प्रश्‍नांकित शिकायत की जाँच हेतु आवेदन प्राप्‍त न होने से जाँच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। उपरोक्‍तानुसार शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

भारी वाहनों द्वारा सड़के क्षतिग्रस्‍त करने की जाँच

[खनिज साधन]

176. ( क्र. 3183 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर तहसील के भटिया, बरहिया, जूटा, नादन क्षेत्र में किन-किन को खदानों एवं क्रेशर की अनुमतियां दी गई हैं? क्‍या इन खदानों एवं क्रेशर संचालकों के पास सभी प्रकार की वैध अनुमतियां हैं? क्‍या अनुज्ञा क्षेत्र से अन्‍यत्र खनन किया जा रहा है? इस संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों में स्थित क्रेशरों एवं खदान संचालकों द्वारा अपने भारी वाहनों से प्रधानमंत्री तथा पी.डब्‍ल्‍यू.डी. मार्गों को क्षतिग्रस्‍त किया जा रह है? क्‍या सड़कों की भारवहन क्षमता से अधिक डंपरों से सड़कों को हो रही क्षति के मामले में शासन (पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग एवं खनिज साधन विभाग) द्वारा क्रेशर संचालाकों तथा अवैध परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्रामों में स्‍वीकृत खनिपट्टों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-1' तथा क्रेशर आधारित पत्‍थर खनिज के उत्‍खनिपट्टों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-2' पर दर्शित है। इन परि‍शिष्‍टों में प्राप्‍त अनुमतियों का विवरण दर्शाया गया है। अनुज्ञा क्षेत्र से अन्‍यंत्र खनन के प्रकरणों को अवैध उत्‍खनन मानकर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शाया गया है। (ख) जी हाँ। वाहनों में भार क्षमता से अधिक मात्रा में परिवहन करने पर परिवहन विभाग द्वारा जनवरी 2017 से जून 2017 तक 98 वाहनों के विरूद्ध प्रकरण तैयार किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अन्‍य विभागों को वाहनों के विरूद्ध भार क्षमता से अधिक परिवहन किये जाने पर कार्यवाही किये जाने का अधिकार नहीं है। विभाग द्वारा रॉयल्‍टी अपवंचन के प्रकरणों में सतत कार्यवाही की जाती है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वैध/अवैध कॉलोनियाँ

[नगरीय विकास एवं आवास]

177. ( क्र. 3195 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारणी जिला बैतूल में कितनी कॉलोनियां वैध/अवैध हैं? सूची देवें। (ख) क्‍या कारण है कि अता.प्र.क्र. 2924, दिनांक 28.02.2017 के उत्‍तर में सारणी की सांईधाम, सिद्धि विनायक, आमिर होम्‍स, साईंलीला, साईंकृपा, बड़ादेव, एम.जी.फम., बालाजी विहार आदि कॉलोनियों का विवरण क्‍यों नहीं है, जबकि डाक व्‍यवहार में ये पते प्रचलन में है? (ग) इनकी जानकारियां प्र.क्र. 2924, दिनांक 28.02.2017 के अनुसार दी जाये? (घ) इनकी जानकारी पूर्व में न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित सांईधाम, सिद्धिविनायक, आमिर होम्‍स, सांई लीला, साईकृपा, बड़ादेव, एम.जी. फर्म, बालाजी विहार कॉलोनियां नगर पालिका सीमा अंतर्गत नहीं होने से प्रश्‍न क्रमांक 2924 दिनांक 28.02.2017 के उत्‍तर में इनका विवरण नहीं है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।        (घ) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

खनिज पट्टा की जानकारी

[खनिज साधन]

178. ( क्र. 3197 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बड़वानी जिले में गिट्टी, रेत एवं अन्‍य खनिजों के पट्टे प्रश्‍न दिनांक तक कितने हैं? पट्टाधारक का नाम, रकबा, स्‍थान, खनिज प्रकार, लीज अवधि सहित बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

हरियाली महोत्‍सव में लगाये गये पौधों की जानकारी

[वन]

179. ( क्र. 3203 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) हरियाली महोत्‍सव के तहत पिछले तीन साल में लगाये गये पौधों की जिलेवार संख्‍या तथा प्रारम्भिक लागत वर्षवार बतावें? जून जुलाई 2017 तक कितने पेड़ जिन्‍दा अवस्‍था हैं? (ख) 2 जुलाई, 2017 को नर्मदा किनारे वन विभाग के अन्‍तर्गत कुल कितने पेड़ किस जिले की किस तहसील में पेड़ लगाये गये? जिस स्‍थान पर पेड़ लगाये गये वहां गड्ढे किस दिनांक तक किस मद में खोदे गये। (ग) 2 जुलाई, 2017 को लगाये गये पेड़ों की औसत ऊंचाई क्‍या है? किस-किस प्रकार के कितने-कितने पेड़ बाजार से किस फर्म/व्‍यक्ति से खरीदे गये तथा खरीदी की कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में लगाये गये पेड़ के गड्ढों हेतु कुल कितनी खाद एवं ट्री गार्ड किस दर से खरीदे गये? विक्रेता के नाम, बतावें खरीदी की अपनाई गई प्रक्रिया से अवगत करावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।

बाक्‍साईट एवं ग्रेनाईट का उत्‍खनन

[खनिज साधन]

180. ( क्र. 3204 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलान्‍तर्गत बाक्‍साईट एवं ग्रेनाइट के उत्‍खनन में संयुक्‍त उपक्रमों की कंपनियों के मालिक/भागीदार के नाम तथा पता देवें एवं बतावें कि किस-किस कंपनी से अनुबंध किस दिनांक को कितने वर्ष के लिये किया गया? अनुबंध की प्रति देवें। (ख) पिछले दस वर्षों में बाक्‍साईट एवं ग्रेनाइट के चचानडीट खदान जिला अनूपपुर तामर खदान जिला सतना टीकर खदान जिला रीवा में उत्‍पादन की मात्रा तथा शासन को प्राप्‍त कमीशन स्‍थानीय विकास निधि मद में प्राप्‍त राशि की वर्षवार जानकारी दें त‍था बतावें कि उत्‍पादित अवयस्‍क का कितना विक्रय हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उत्‍पादित अयस्‍क के विक्रय का अधिकार किसका है तथा किस दर से यह अयस्‍क पिछले पाँच वर्षों में कितनी मात्रा में किस-किस को विक्रय किया गया? सूची देवें। (घ) भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक के 2015-16 तथा 2017 के प्रतिवेदन में निकाली गयी अनियमितता की जानकारी प्रकरण व्‍यक्ति/संस्‍था का नाम, राशि सहित सूची देवें तथा बतावें कि उन अनियमितताओं में से किसे शासन ने स्‍वीकार कर कितनी राशि किस दिनांक को वसूली की?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में बाक्‍साईट खनिज की कोई खदान स्‍वीकृत नहीं है। ग्रेनाईट खनिज हेतु संयुक्‍त क्षेत्र उपक्रम कंपनी से निष्‍पादित अनुबंध पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर‍ दर्शित है। जिसमें प्रश्‍नानुसार जानकारी दर्शित है।  (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्राम एवं जिलों में ग्रेनाईट की कोई खदान स्‍वीकृत नहीं है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर बाक्‍साईट खनिज की खदानें मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में स्‍वीकृत हैं। जो कि, निगम की संयुक्‍त क्षेत्र कंपनी मेसर्स कटनी बाक्‍साईट प्रायवेट लिमिटेड के माध्‍यम से खनिज के खनन एवं विक्रय हेतु अनुबंधित है। खनिज के वर्ष वार उत्‍पादन विक्रय तथा कमिशन की जानकारी का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। स्‍थानीय विकास निधि के नाम से कोई मद इन जिलों हेतु नहीं है। (ग) निष्‍पादित अनुबंध अनुसार खनिज के विक्रय का अधिकार संयुक्‍त क्षेत्र उपक्रम कंपनी का है। प्रश्‍नांश अनुसार शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। (घ) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन वर्ष 2015-16 मय संलग्‍नक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। वर्ष 2017 का प्रतिवेदन अप्राप्‍त है। प्रतिवेदन में उल्‍लेखित आक्षेपित राशि के विरूद्ध वसूली का प्रकरण परीक्षणाधीन है एवं वास्‍तविक राशि की वसूली एक निरंतर प्रक्रिया है। अत: आक्षेपित प्रकरणों में वसूली की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

वृक्षारोपण कार्यक्रम में कराये गये कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

181. ( क्र. 3213 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02 जुलाई, 2017 के वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिये डही, कुक्षी मिसरपुर जनपद पंचायत द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में कितने गड्ढे कितने मजदूरों द्वारा खोदे गये हैं? जनपदवार, ग्राम पंचायतवार, बतावें? (ख) सामग्री मद में उपरोक्‍त कार्य के लिए मनरेगा में क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? सप्‍लायकर्ता फर्म के नाम सहित जनपदवार जानकारी देवें? (ग) क्‍या कारण हैं कि इस कार्यक्रम के लिये JCB मशीन द्वारा उपरोक्‍त वर्णित जनपद क्षेत्रों में गड्ढे खोदे गयें?         (घ) उपरोक्‍त अनियमितता के लिये दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेंगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) सामग्री मद में पौधों का क्रय किया गया। प्रदायकर्ता नर्सरी/फर्म की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) गड्ढे खुदाई का कार्य मजदूरों से कराया गया है। (घ) अनियमितता संबंधी कोई प्रकरण अथवा प्रमाण शासन के संज्ञान में नहीं होने से किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सड़क का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

182. ( क्र. 3219 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या सिवनी जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले के कितने ग्रामों हेतु कितने कि.मी. सड़क निर्माण का कार्य स्‍वीकृत किया गया है? (ख) वर्तमान में कितनी सड़कों के निर्माण कार्य प्रारंभ हैं तथा कितने अप्रांरभ हैं? कितने कि.मी. सड़क का निर्माण कर लिया गया है? (ग) सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र बरघाट के अंतर्गत कितनी प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण कार्य स्‍वीकृत किया गया है? (घ) कितनी सड़कें निर्माण की गई हैं तथा कितना निर्माण होना शेष है? सड़क निर्माण ठेकेदारों को दी गई अवधि के पश्‍चात भी कितने ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण कार्य अधूरा रखा गया है? क्‍या इनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जा रही है? विधानसभा क्षेत्र बरघाट की जानकारी देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, सिवनी जिले अंतर्गत 991 ग्रामों को सड़क संपर्कता प्रदान करने हेतु 781 मार्गों, (लंबाई 2907.59 कि.मी.) की स्वीकृति भारत शासन से प्राप्त हुई है। (ख) वर्तमान में 111 मार्गों का कार्य प्रगतिरत है। 2 मार्गों का कार्य अप्रारंभ है। 2509.87 कि.मी. सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ग) 156 मार्गों का निर्माण कार्य स्वीकृत है। (घ) 147 मार्गों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है 09 सड़कों का कार्य प्रगतिरत है। सड़क निर्माण ठेकेदरों को दी गई अवधि के पश्चात्‌ भी किसी भी ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य अधूरा नहीं रखा गया है। शेष प्रश्न नहीं उठता।

 

 

संविदा कर्मचारी के आश्रित परिवार को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

183. ( क्र. 3223 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्‍थ संविदा अवधि पर कार्यरत कर्मचारी की अगर आकस्मिक या दुर्घटनावश मृत्‍यु हो जाती है तो ऐसे मृतक संविदा कर्मचारी के आश्रित परिवार के सदस्‍यों को विभाग या शासन द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधा व लाभ प्रदान किया जाता है? (ख) जनपद पंचायत परासिया की ग्राम पंचायत साजवा में संविदा अवधि में कार्यरत रोजगार सहायक          श्री सुमरन उइके की दिनांक 04.06.2017 की मृत्‍यु हो चुकी है। ऐसे मृतक संविदा कर्मी के आश्रित परिवार के सदस्‍यों को विभाग या शासन द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधा व लाभ प्रदान किया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा संविदाकर्मियों के संबंध में जारी निर्देश/शर्ते 2015 में मृतक संविदा कर्मचारी के आश्रित परिवार के सदस्यों को विभाग द्वारा कोई सुविधा व लाभ देने का उल्लेख नहीं है। (ख) ग्राम रोजगार सहायक की संविदा शर्तों में ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के लाभ दिये जाने संबंधी नियमों का उल्लेख नहीं होने से आश्रित को किसी भी प्रकार की सुविधा व लाभ दिया जाना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्‍वयन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

184. ( क्र. 3224 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्‍वयन के शासन के क्‍या दिशा-निर्देश हैं एवं आवास स्‍वीकृति हेतु हितग्राहियों का चयन पात्रता एवं अपात्रता किन मापदण्‍डों के आधार पर किया जाता है? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत परासिया के अन्‍तर्गत कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्‍तर्गत पात्रता के आधार पर आवास निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान करते हुये, हितग्राहियों के खाते में आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्‍त की राशि प्रदान कर दी गई है? ग्राम पंचायतवार हितग्राहियों की संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जिन हितग्राहियों के खाते में प्रथम किश्‍त की राशि प्रदान कर दी गई है, उनमें से कितने हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है और कितने हितग्राहियों के द्वारा आवास निर्माण का कार्य प्रश्‍न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया है? अगर प्रारंभ नहीं किया गया है तो उसका क्‍या कारण है और हितग्राहियों द्वारा निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (घ) परासिया विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत परासिया के अन्‍तर्गत आवास सुविधा प्राप्‍त करने हेतु ऐसे पात्र परिवार जिनके नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना-2011 (एस.ई.सी.सी.2011) सूची में शामिल नहीं हो सके हैं। उन पात्र परिवारों के नाम (एस.ई.सी.सी.2011) सूची में कब तक जोड़ दिये जाएंगे? एस.ई.सी.सी. 2011 सूची में हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने की क्‍या प्रक्रिया है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। योजना हितग्राही मूलक होने से निर्माण कार्य का प्रारंभ एवं पूर्णता हितग्राही के विवेक, इच्छाशक्ति एवं क्षमता पर निर्भर होता है। सभी हितग्राहियों से यथाशीघ्र आवास निर्माण कार्य प्रारंभ कराने के सतत् प्रयास किए गए हैं। (घ) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान-2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 3009 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें प्रथम दृष्टया परीक्षण उपरांत 2160 हितग्राही जिनके नाम SECC-2011 की सूची में नहीं है, प्रथम दृष्टया पात्र पाए गए हैं। भारत सरकार द्वारा जारी प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देश के तहत इन परिवारों के नाम प्रतीक्षा सूची में रखे जाने की व्यवस्था है। भारत सरकार द्वारा संधारित SECC-2011 में नाम जोड़ने की अनुमति नहीं है।

पेंशन घोटाले की रिपोर्ट पटल पर रखी जाना

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

185. ( क्र. 3227 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाले की जाँच रिपोर्ट मंत्री-परिषद द्वारा अपनी अनुशंसा सहित दिनांक 06.03.2013 को सामाजिक न्‍याय विभाग को प्रस्‍तुत की थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त रिपोर्ट को नियमानुसार समय-सीमा में विधान सभा के पटल पर नहीं रखे जाने के क्‍या कारण हैं और कब तक उक्‍त रिपोर्ट विधान सभा के पटल पर रखी जायेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना एवं राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं की जाँच हेतु गठित जाँच आयोग के प्रतिवेदन पर मंत्रि-परिषद समिति का परीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 06.07.2013 जो सामान्य प्रशासन विभाग को दिनांक 11.07.2013 द्वारा सौंपा गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सड़क निर्माण कार्यों के लिए खदान आरक्षण

[खनिज साधन]

186. ( क्र. 3229 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खनिज साधन विभाग राज्‍य मंत्रालय के सड़क निर्माण कार्यों के लिए गौण खनिज खदान आरक्षण के वर्ष 2006 में जारी आदेश के अनुसार आरक्षित खदानों के लिए पर्यावरणीय अनुमति/ सहमति प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं ली जा सकी है? (ख) वर्ष 2016-17 में सड़क निर्माण कार्यों के लिए किस जिले में मिट्टी, मुरम, पत्‍थर एवं रेत की कितनी-कितनी खदान आरक्षित की गई, इनमें से कितनी खदानों से खनन एवं परिवहन से संबंधित पर्यावरणीय अनुमति/सहमति प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी प्राप्‍त नहीं की जा सकी है? (ग) बिना पर्यावरणीय अनुमति या सहमति प्राप्‍त किए किस-किस प्रावधान के तहत सड़क निर्माण कार्यों में गौण खनिज का खनन एवं परिवहन किया जाकर उपयोग किया जा रहा है? (घ) सड़क निर्माण के लिए आरक्षित खदानों की पर्यावरणीय अनुमति, सहमति कब तक प्राप्‍त कर ली जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिज साधन विभाग द्वारा वर्ष 2006 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क प्राधिकरण के अंतर्गत निर्माण किये जाने वाले सड़कों के लिये गिट्टी एवं मुरम की खदानों को आरक्षित किये जाने के निर्देश जारी किये गये थे। यही प्रक्रिया लोक निर्माण विभाग के लिये भी लागू की गई थी। विभाग द्वारा दिनांक 24.06.2009 को मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन कर मुरम खनिज की उत्‍खनन अनुज्ञा स्‍वीकृत करने के अधिकार महाप्रबंधक मध्‍यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को नियम, 68 (2) में प्रावधानित किये गये। इसी नियम में दिनांक 22.08.2013 को संशोधन कर उत्‍खनन अनुज्ञा स्‍वीकृत किये जाने के अधिकार सभी शासकीय विभाग/उपक्रम के कार्यपालन यंत्री के समकक्ष अधिकारी को भी प्रदान किये गये। इन अधिकारों के प्रत्‍यायोजन के पश्‍चात विभाग द्वारा वर्ष 2006 में जारी निर्देश का औचित्‍य समाप्‍त हो गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिन मामलों में पर्यावरण अनुमति आवश्‍यक है, उन मामलों में बिना अनुम‍ति के गौण खनिज का खनन एवं परिवहन किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रेत खदान आवंटन में अनियमितता

[खनिज साधन]

187. ( क्र. 3230 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के किस नियम के तहत राज्‍य खनिज विकास निगम को रेत की खदानों का आवंटन किया गया? किस नियम के अनुसार निगम ने रेत की खदानों को नीलाम कर अनुबंध किए, किस नियम के अनुसार निगम रेत का विक्रय कर रहा हैं? किस नियम के अनुसार निगम रेत विक्रय पर कितनी-कितनी राशि की वसूली कर रहा हैं? पृथक-पृथक बतावें।          (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में राज्‍य शासन ने किस आदेश क्रमांक दिनांक से निगम को किस जिले की किस रेत खदान का आवंटन किया? उसमें से किस खदान से कितनी रेत के बदले कितनी राशि का किस दिनांक को किससे निगम ने अनुबंध किया हैं? इसके बदले में राज्‍य शासन को किस दर से कितनी राशि प्राप्‍त होगी? (ग) उक्‍तानुसार निगम ने रेत के विक्रय की दर में कितनी रायल्‍टी, कितना टैक्‍स, कितना निगम का स्‍थापना व्‍यय, कितना परिवहन व्‍यय एवं कितना लोडिंग एवं अनलोडिंग व्‍यय जोड़ा हैं? इसके अतिरिक्‍त कितनी राशि अन्‍य किस मद की जोड़ी गई हैं? दर प्रति क्‍यूबीक मीटर सहित जोड़ी राशि भी प्रति क्‍यूबीक मीटर बतावें। (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में माह मार्च 2017 तक नदी से मशीनों के जरिये किए गए रेत खनन पर निगम एवं विभाग ने किस-किस के विरूद्ध प्रकरण बनाकर गत एक वर्ष में कितनी मशीनें होशंगाबाद, हरदा, देवास, सीहोर, रायसेन एवं खण्‍डवा जिले में जप्‍त की।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 7 (1) तथा नियम 66 के तहत मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में रेत खदानें विभाग द्वारा उत्‍खनिपट्टे पर स्‍वीकृत की गई हैं। विभागीय आदेश क्रमांक एफ 19-5/2003/12/2 दिनांक 22.04.2003 के तहत मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में स्‍वीकृत रेत खदान से रेत बिक्री हेतु मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम को रेत बिक्री हेतु ठेके बुलाने की अनुमति प्राप्‍त है। रेत खनन नीति, 2015 के प्रावधान अनुसार मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा रेत खदानों का ई-ऑक्‍शन किया जाकर सफलतम बोली कर्ताओं के साथ रेत बिक्री अनुबंध का निष्‍पादन किया गया है। इस नीति के तहत प्रति घनमीटर रेत विक्रय पर मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम का संचालन व्‍यय रूपये 25/- प्रति घन मीटर निर्धारित है। यह दर एक समान है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग द्वारा जिला होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, जबलपुर, देवास, हरदा, ग्‍वालियर, दतिया, भिण्‍ड, नरसिंहपुर, खरगौन, धार, बड़वानी, खण्‍डवा, कटनी, उमरिया, सतना एवं टीकमगढ़ में स्थित रेत खदानों का आवंटन किया गया है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है। प्रश्‍न की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। राज्‍य शासन को मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत खनिज की अधिसूचित रॉयल्‍टी दर 100/- रूपये प्रति घन मीटर प्राप्‍त होती है। (ग) रेत खनन नीति, 2015 के प्रावधान अनुसार मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम को रूपये 125/- प्रति घन मीटर (रूपये 100/- रॉयल्‍टी तथा रूपये 25/- निगम का संचालन व्‍यय) प्राप्‍त होती है। मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा रेत विक्रय दर निर्धारित नहीं की जाती। इस पर नियमानुसार अन्‍य टैक्‍स देय होता है। परिवहन व्‍यय, लोडिंग तथा अनलोडिंग व्‍यय का वाहन परिवहन कर्ता द्वारा किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है।

मुख्‍यमंत्री पद नाम से संचालित पाठ्यक्रम

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

188. ( क्र. 3237 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या जन अभियान परिषद के माध्‍यम से प्रदेश के अनुसूचित जनजाति विकासखण्‍डों में शैक्षणिक वर्ष 2015-16 से दूरस्‍थ शिक्षा पद्धति के आधार पर मुख्‍यमंत्री सामुदायिक नेतृत्‍व क्षमता विकास पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है? (ख) शैक्षणिक वर्ष 2016-17 में इस पाठ्यक्रम हेतु प्रावधानित राशि कितनी थी? प्रावधानित राशि के विरूद्ध जन अभियान परिषद को कितनी राशि आवंटित की गयी है तथा शेष राशि जन अभियान परिषद को आवंटन न करने का क्‍या कारण है एवं होगी तो कब तक एवं कौन दोषी है एवं उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही होगी? (ग) शैक्षणिक वर्ष 2017-18 में 89 अनुसूचित जनजाति विकासखण्‍डों में पाठ्यक्रम निरंतरता के संबंध में विभाग द्वारा क्‍या निर्णय लिया गया है? क्‍या शैक्षणिक वर्ष 2016-17 की कोई राशि लंबित है तो लंबित राशि एवं शैक्षणिक वर्ष 2017-18 हेतु पाठ्यक्रम संचालन हेतु राशि उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या कोई व्‍यवस्‍था की गयी है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। जन अभियान परिषद को वर्ष 2016-17 हेतु राशि रूपये 500.00 लाख आवंटित की गई है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

पंचायत सचिवों के विरूद्ध लंबित शिकायत

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

189. ( क्र. 3251 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत सचिवों की पदस्‍थापना एवं स्‍थानांतरण के क्‍या नियम हैं? उक्‍त आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) छतरपुर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने पंचायत सचिव हैं जिनकी कई बार कार्य में अनियमिततायें एवं भ्रष्‍टाचार की शिकायतें होने पर भी अपने गृह ग्राम पंचायत में पदस्‍थ हैं? सूचीवार जानकारी देवें। (ग) क्‍या शिकायतों व कार्य की अनियमितता के आधार पर सचिवों का स्‍थानान्‍तरण नहीं किया जाना चाहिये? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो छतरपुर जिले की चन्‍दला विधानसभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायतों के सचिवों की शिकायतें लंबित हैं? सूचीवार जानकारी देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के         प्रपत्र-'अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-' अनुसार। (ग) शिकायत प्राप्त होने पर जाँच उपरांत प्रशासनिक निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -' अनुसार।

मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति व मानदेय

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

190. ( क्र. 3252 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों की नियुक्ति के क्‍या नियम हैं?            (ख) नियुक्‍त पुजारियों को मानदेय देने की क्‍या व्‍यवस्‍था है? (ग) जिला छतरपुर की चन्‍दला विधानसभा में स्थित ऐसे कौन-कौन से मंदिर हैं, जिनमें विधिवत पुजारी की नियुक्ति नहीं है तथा अवैध कब्‍जाधारियों को कब तक हटाकर शासन कब्‍जा प्राप्‍त करेगा? (घ) जो मंदिर शासन से संधारित नहीं हैं, उन्‍हें संधारित कराने व उन्‍हें शासन में निहित कराने हेतु क्‍या नियम है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उद्योग स्‍थापित करने की नीति

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

191. ( क्र. 3255 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में तेल एवं गैस आधारित (Oil & Gas) उद्योग स्‍थापित करने की शासन की क्‍या नीति है? प्रदेश के किस-किस जिले में इसकी संभावनाएं हैं? (ख) कौन-कौन सी कंपनी द्वारा इस संबंध में आवेदन दिए गए हैं एवं वर्तमान में उनकी क्‍या स्थिति हैं? किस-किस कंपनी द्वारा कहाँ-कहाँ कार्य प्रारंभ कर दिया गया हैं? कहाँ-कहाँ, कब तक कार्य प्रारंभ किया जाना हैं? (ग) प्रदेश में कोल बेस्‍ड मि‍थेन (CBM) उत्‍पादन की वर्तमान क्‍या स्थिति हैं? किस-किस जिले में उत्‍पादन किया जा रहा हैं एवं कौन सी कंपनी द्वारा किया जा रहा हैं? (घ) उक्‍त कंपनियों द्वारा प्रदेश के कितने बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया गया हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश में तेल एवं गैस आधारित (Oil & Gas) उदयोग स्थापित करने की मध्यप्रदेश शासन, उदयोग एवं रोजगार विभाग की पृथक कोई नीति नहीं है, अपितु मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार विभाग की उदयोग संवर्धन नीति 2014 (माह अक्टूबर 2016 तक संशोधित) अनुसार पात्र उदयोगों (जिसमें तेल एवं गैस आधारित उदयोग भी सम्मिलित हैं) की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु प्रचलित हैं विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मेगा प्रोजेक्ट अंतर्गत प्राप्त आवेदन अनुसार मेसर्स भारत ओमान रिफाईनरी लि. बीना जिला सागर में रू. 12754 करोड़ के पूंजी निवेश से 6 एम.एम.टी.पी.ए. क्षमता की ग्रास रूट पेट्रोलियम रिफायनरी स्थापित की गई है, जो माह जून, 2011 से उत्पादनरत है। कंपनी दवारा स्थापित रिफायनरी में रू. 2855 करोड़ के स्थाई पूंजी निवेश से 1.8 एम.एम.टी.पी.ए. का क्षमता विस्तार प्रस्तावित है जो कि प्रक्रियाधीन है। (ग) रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड दवारा कोल बेस्ड मीथेन का उत्पादन शहडोल जिले में प्रारंभ कर दिया गया है और अनूपपुर जिले में विकास गतिविधियां प्रगति पर है। अनूपपुर जिले में कोल बेस्ड मीथेन का उत्पादन अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। (घ) उपरोक्त दोनों जिलों में कोल बेस्ड मीथेन प्रोजेक्ट अंतर्गत रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड दवारा अपने पत्र दिनांक 12/07/2017 अनुसार कंपनी रोल पर 62 व्यक्तियों को तथा कॉन्ट्रेक्टर्स/ एजेन्सी के माध्यम से 803 व्यक्तियों को कुल 865 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया है। मेसर्स भारत ओमान रिफाईनरी लि. बीना जिला सागर दवारा सेवा प्रदाताओं (कॉन्ट्रेक्टर्स) के माध्यम से वर्तमान में 4134 वर्कर स्थानीय हैं।

सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों की पेंशन

[नगरीय विकास एवं आवास]

192. ( क्र. 3257 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भोपाल नगर निगम के कुछ ऐसे सेवानिवृत्‍त कर्मचारी हैजो वर्ष 1970-71 से कार्यरत थे, उन्‍हें आज दिनांक तक पेंशन नहीं दी जा रही हैं? इसका क्‍या कारण है? निगम में पेंशन योजना लागू होने पर क्‍या सभी कर्मचारियों से अनिवार्य रूप से पेंशन प्राप्‍त करने की कार्यवाही की गई थी या कुछ ही कर्मचारियों को इस योजना में शामिल किया गया था? (ख) क्‍या ऐसे शेष बचे सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिलाने के लिये क्‍या कार्यवाही की जा रही है? ऐसे सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों को जिन्‍हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है, इस संबंध में निगम/शासन क्‍या कार्यवाही करेगा कि ऐसे सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों को पेंशन का लाभ जल्‍दी से जल्‍दी प्राप्‍त हो सकें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, भोपाल में वर्ष 1972 से पूर्व फण्‍ड योजना लागू थी, जिसके अंतर्गत सेवानिवृत्‍त होने वाले कर्मचारी को उनके फण्‍ड की राशि निगम अंश एवं उस पर देय ब्‍याज सहित वापस की जाती थी। वर्ष 1972 में म.प्र. के राज्‍यपाल की स्‍वीकृति से दिनांक 21.03.1972 को पेंशन योजना अनिवार्य रूप से प्रभावशील किए जाने हेतु उप विधियों का प्रकाशन किया गया था। उक्‍त उप विधि में ही दिनांक 01.04.1972 से पूर्व के कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों से अनिवार्य रूप से पेंशन योजना में सम्मिलित होने हेतु विकल्‍प लिए जाने का प्रावधान किया गया था। साथ ही विकल्‍प का प्रारूप भी उक्‍त उप विधि में प्रकाशित किया गया था। उप विधि के प्रकाशन के उपरांत नगर पालिक निगम, भोपाल में दिनांक 01.04.1972 से पेंशन योजना प्रभावशील की गई थी तथा प्रत्‍येक विभागाध्‍यक्ष/शाखा प्रभारियों को परिपत्र भेजकर उनके अधीन 01.07.1972 से पूर्व के कार्यरत कर्मचारियों से पेंशन योजना में सम्मिलित होने हेतु विकल्‍प प्राप्‍त करने के निर्देश दिए गए थे। 01.04.1972 से पूर्व के कार्यरत जिन कर्मचारियों द्वारा विकल्‍प प्रस्‍तुत किए गए थे, उन्‍हें पेंशन योजना में शामिल कर लिया गया था। उपरोक्‍त के पश्‍चात भी बहुत से कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने से रह गए थे, जिन्‍हें समय-समय पर परिपत्र जारी कर विभागाध्‍यक्ष/शाखा प्रभारियों के माध्‍यम से पेंशन योजना में सम्मिलित होने के लिए विकल्‍प प्रस्‍तुत करने का अवसर प्रदान किया गया है। तद्नुसार दिनांक 01.04.1972 से दिनांक 01.07.1991 तक लगभग 19 वर्षों तक पेंशन योजना में सम्मिलित होने के लिए विकल्‍प प्रस्‍तुत करने हेतु समय-समय पर कर्मचारियों को विभागाध्‍यक्ष/शाखा प्रभारी के माध्‍यम से सूचित किया जाता रहा था। मध्‍य प्रदेश शासन स्‍थानीय शासन विभाग के पत्र क्रमांक फा 287/89/18/01, भोपाल दिनांक 05.06.1991 द्वारा नगर निगम के ऐसे कर्मचारी जो किसी कारणवश अपना विकल्‍प नहीं दे सके हैं और जो इस पेंशन योजना में शामिल होना चाहते हैं, उनके संबंध में शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है, कि ऐसे कर्मचारियों को दिनांक 01.07.1991 तक फण्‍ड योजना के पेंशन योजना में सम्मिलित होने का विकल्‍प प्रस्‍तुत करने का एक अवसर ओर दिया जाए, यह अवसर अंतिम होगा। उक्‍त पत्रानुसार नगर निगम, भोपाल द्वारा पेंशन योजना में सम्मिलित होने का अंतिम अवसर प्रदान करते हुए परिपत्र जारी किया गया तथा समस्‍त ऐसे कर्मचारी जो पेंशन योजना में शामिल होने से रह गए थे, उन्‍हें विकल्‍प प्रस्‍तुत करने का अंतिम अवसर प्रदान किया गया था। उपरोक्‍तानुसार स्‍पष्‍ट है कि म.प्र. शासन स्‍थानीय शासन विभाग के अंतिम अवसर के उपरांत भी जो कर्मचारी पेंशन योजना में सम्मिलित होने से रह गए उन्‍हें नगर निगम, भोपाल द्वारा पेंशन स्‍कीम में सम्मिलित नहीं किया जा सकता तथा उन्‍हें उनकी सेवानिवृत्ति पर उनकी जमा फण्‍ड राशि निगम अंश एवं उस पर अर्जित ब्‍याज तथा आर.आर.एफ. राशि एवं परिवार कल्‍याण निधि/बीमा-सह बचत योजना 2014 के अंतर्गत राशि का भुगतान कर दिया जाता है। उपरोक्‍तानुसार स्‍पष्‍ट है कि नगर निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 1972 से पूर्व के कार्यरत कर्मचारियों को 19 वर्षों तक निरंतर अवसर प्रदान किए जाते रहे, कि वह पेंशन योजना में सम्मिलित होने हेतु विकल्‍प प्रस्‍तुत कर दे, परन्‍तु उक्‍त कर्मचारी द्वारा विकल्‍प प्रस्‍तुत नहीं किए गए। वर्ष 1991 में स्‍थानीय शासन विभाग के अंतिम अवसर उपरांत कुछ कर्मचारी शेष रह गए थे, जिन्‍हें पेंशन योजना में सम्मिलित कर पेंशन का भुगतान किया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में ऐसे किसी भी सेवानिवृत्‍त कर्मचारी को पेंशन योजना में सम्मिलित कर पेंशन का भुगतान किया जाना संभव नहीं है क्‍योंकि वर्ष 1993-94 में ऐसे शेष बचे 08 सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों को तथा 08 मृतक कर्मचारियों को एवं शेष 15 कार्यरत कर्मचारियों को नगर निगम, भोपाल के तत्‍का. लेखाधिकारी, श्री एन.एस. राणा एवं तत्‍का. पेंशन अधिकारी, श्री शंकर विश्‍वास द्वारा शासन के अंतिम अवसर की समय-सीमा व्‍यतीत हो जाने के पश्‍चात भी अनियमित रूप से पेंशन योजना में सम्मिलित कर पेंशन का भुगतान प्रारंभ कर दिया गया था जिसके संबंध में नगर निगम के आवासीय संपरीक्षा दल द्वारा संबंधित दोनों अधिकारियों के विरूद्ध आर्थिक अनियमितता एवं प्रभक्षण की गंभीर आपत्ति ली गई थी, जिसके पश्‍चात आयुक्‍त, नगर निगम, भोपाल के आदेशानुसार थाना तलैया, भोपाल में संबंधितों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी तथा वर्तमान में उक्‍त संबंध में मान. जिला न्‍यायालय में अपराधिक प्रकरण क्र.आर.टी. 914/2005 विचाराधीन है। पेंशन योजना में सम्मिलित होने से रह गए कर्मचारियों के संबंध में नगर निगम, भोपाल द्वारा कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है, क्‍योंकि संबंधितों को पेंशन योजना में सम्मिलित होने हेतु विकल्‍प प्रस्‍तुत करने के कई अवसर प्रदान किए गए थे, किन्‍तु उक्‍त संबंधित कर्मचारियों द्वारा उक्‍त अवसरों का लाभ नहीं उठाया तथा वर्तमान में उक्‍त संबंध में मान. न्‍यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने एवं गंभीर ऑडिट आपत्ति होने के कारण ऐसे किसी भी कर्मचारी को जो 01.04.1972 से पूर्व के हैं, जिन्‍होंने पेंशन का विकल्‍प नहीं दिया था को पेंशन योजना में शामिल किया जाना नियमों के अनुरूप नहीं है।

 

 


Bottom of Form