मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016 सत्र
बुधवार, दिनांक 27 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग 3 : गृह, जेल, पशुपालन, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, विधि और विधायी कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, महिला एवं बाल विकास )
भिण्ड
जिले में स्वीकृत
आंगनवाड़ी
केन्द्र
1. ( *क्र. 2828 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के ग्रामीण क्षेत्र में जनपदवार कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर क्रियाशील हैं एवं इन सभी पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद भरे हुए हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से केन्द्रों पर किस-किस दिनांक से पद रिक्त हैं? सूची उपलब्ध करायी जाये। (ख) अटेर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने स्थानों पर आंगनवाड़ी के भवन बने हुये हैं एवं जिनके भवन नहीं बने हैं, उन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कब तक भवन निर्माण स्वीकृत किये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जनपदवार स्वीकृत एवं क्रियाशील आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। रिक्त पदों की रिक्तता दिनांक से सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र अटेर अन्तर्गत कुल स्वीकृत 172 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 54 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन बने हुये हैं तथा शेष 118 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण शेष भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
गुना जिले में आवंटित बजट एवं सामग्री
2. ( *क्र. 3000 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में गत तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्रवार किस-किस योजना में कितना बजट दिया गया? कितना वर्षवार खर्च किया गया? यदि समानता नहीं है तो कारण सहित बतायें। (ख) गुना जिले में हैण्डपंपों की विधानसभा क्षेत्रवार आवंटित कितनी केसिंग गत तीन वर्षों में तकनीकी अधिकारियों को दी गई? कितनी केसिंग केन्द्रीय भण्डार द्वारा दी गई? किन तकनीकी अधिकारियों पर अभी भी केसिंग बकाया है? क्या विभाग उन पर कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित ऐसे कितने तकनीकी अधिकारी मौजूद हैं या स्थानांतरित हो गये हैं, जिनके नाम विभाग की सामग्री बकाया है, वह वसूल की जायेगी? उनने क्यों खर्च नहीं की बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों की तकनीकी समूह से योजनावार जाँच करायी जावेगी कि विधानसभा क्षेत्रवार प्राप्त बजट के आवंटन में पक्षपात किया है? कौन जिम्मेदार है? क्या उन पर कार्यवाही होगी एवं कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बजट विधानसभा क्षेत्रवार नहीं दिया जाता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) केसिंग विधानसभा क्षेत्रवार आवंटित नहीं की जाती। केन्द्रीय भण्डार अस्तित्व में नहीं होने के कारण केसिंग नहीं दी गई है। तकनीकी अधिकारियों पर केसिंग बकाया नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) किसी भी तकनीकी अधिकारी के पास विभाग की सामग्री बकाया नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिट फण्ड कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी
3. ( *क्र. 3326 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भा.द.वि. की धोखाधड़ी, आपराधिक दुर्विनियोग आदि से संबंधित धाराओं तथा प्रकरण विशेष की आवश्यकतानुसार भा.द.वि. की अन्य संबंधित धाराओं के अलावा म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2000, ईनामी चिट एवं धन परिचालन योजना पाबंदी अधिनियम, 1978 एवं चिट फण्ड अधिनियम, 1982, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 आदि की संबंधित धाराओं में फर्जी, चिटफण्ड/अन्य कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने पर कार्यवाही किए जाने के विधिक प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में आगर जिले में ऐसी कितनी कार्यवाही की गई। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी के कितने शिकायती आवेदन विगत 03 वर्षों में प्राप्त हुए? थानेवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त आवेदनों में से कितनों में एफ.आई.आर. की जाकर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार कार्यवाही की गई? थानेवार विवरण देवें। (घ) क्या स्वप्रेरणा से कम्पनियों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ियों पर प्रभावी कार्यवाही हेतु कोई कार्ययोजना बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में आगर जिले में भा.द.वि. की धोखाधड़ी, आपराधिक दुर्विनियोग आदि से संबंधित धाराओं के अलावा म.प्र. निक्षेपकों के हितों संरक्षण अधिनियम 2000 के अंतर्गत गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों के विरूद्ध 02 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। उपरोक्तानुसार पंजीबद्ध प्रकरणों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी करने संबंधी केवल एक शिकायत पत्र थाना नलखेड़ा में प्राप्त हुई है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) विभिन्न गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों एवं अन्य कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ियों पर प्रभावी कार्यवाही हेतु पर्याप्त प्रावधान भारतीय दण्ड विधान एवं विविध अधिनियमों में है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऐसी कम्पनियों पर निगरानी रखी जाती है। इसके अलावा संचालनालय संस्थागत वित्त, म.प्र.शासन तथा रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज द्वारा भी इस संबंध में आपस में समन्वय स्थापित कर कार्यवाही कराई जाती है तथा समय-समय पर इस संबंध में राज्य शासन स्तर पर बैठक कर ऐसी कम्पनियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की समीक्षा उपरांत उचित वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।
पेय-जल व्यवस्था हेतु आवंटित राशि
4. ( *क्र. 2844 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में पेय-जल व्यवस्था हेतु केन्द्र सरकार ने कितनी राशि म.प्र. को दी, जिसमें कितनी खर्च हुई? राशिवार वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के समय अनुसार म.प्र. सरकार ने पेय-जल व्यवस्था हेतु विभाग को कितनी-कितनी राशि आवंटित की तथा कितनी-कितनी खर्च हुई? वर्षवार जानकारी बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में पेयजल व्यवस्था हेतु केन्द्र सरकार से म.प्र. को दी गई राशि एवं खर्च की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सिंहावल विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
5. ( *क्र. 3241 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहावल विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं तथा किन-किन कारणों से कितनी बंद हैं? (ख) जो योजनाएं बंद हैं वे कब तक शुरू हो जायेंगी? (ग) कितने हैण्डपम्प खराब हैं एवं कब तक सुधारे जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 95 नल-जल प्रदाय योजनायें संचालित हैं, जिनमें से 5 योजनायें स्त्रोत असफल होने से, 2 योजनायें पंचायत द्वारा न चलाये जाने से, 6 योजनायें विद्युत अवरोध के कारण, 2 मोटरपंप जलने के कारण एवं 1 योजना पाईप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद है। (ख) स्त्रोत असफल होने से बंद योजनाओं में विभाग द्वारा नवीन स्त्रोत विकसित करने की कार्यवाही की जा रही है, शेष अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) सिंहावल विधानसभा क्षेत्र में 47 हैण्डपंप सामान्य खराबी से बंद हैं, जिनका सुधार कार्य सतत् सुधार प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाता है।
सशस्त्र बलों की वाहिनियों हेतु बैरक निर्माण
6. ( *क्र. 3397 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सशस्त्र बलों की वाहिनियों (बटालियन) के मुख्यालय के अतिरिक्त डी.आर.पी. सहित यह स्थल जहां सशस्त्र कंपनियों को बारी-बारी से तैनात किया जाता रहता है, वहां बैरक निर्माण किये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उन स्थलों पर वर्ष 2012 से आज प्रश्न दिनांक तक जिलेवार कितने बैरक का निर्माण किया गया है? संख्यात्मक जानकारी बतावें। (ग) क्या इन स्थलों पर सशस्त्र बलों की कंपनियों के रूकने के लिए बड़ी संख्या में बैरेक्स की कमी है तथा उपलब्ध बैरेक्स में शौचालय व पेयजल जैसी सुविधाओं का अभाव है? क्या शासन नये बैरक व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कार्य योजना बना रहा है? (घ) यदि नहीं, तो जिलेवार उपलब्ध बैरक व उनमें मूलभूत सुविधा तथा शौचालय व पेयजल आपूर्ति की स्थिति की सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के 07 जिलों में 18 बैरक का निर्माण कराया गया है। (ग) जी हाँ। उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजनाओं का भौतिक सत्यापन
7. ( *क्र. 3248 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में स्वीकृत विभिन्न नल-जल योजनाओं की कितनी संख्या है? (ख) टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र में उक्त नल-जल योजनाओं में से कितनी चालू, कितनी बंद एवं कितनी प्रगतिरत हैं? कब स्वीकृत हुईं? (ग) विभाग के स्टोर में कितनी खराब विद्युत मोटरें उपलब्ध हैं तथा कौन-कौन सी कंपनी की हैं? कितने समय बाद खराब हो गईं थीं? क्या इसका परीक्षण करायेंगे। क्या मजबूरी है कि इन्हीं कंपनियों की मोटरें क्रय की जा रही हैं। (घ) जो योजनायें इतनी लम्बी समयावधि बीत जाने के पश्चात् भी प्रगतिरत दर्शाई जा रही हैं, उन्हें निरस्त कर संबंधित ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 362 नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। (ख) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 35 योजनाएं चालू, 30 योजनाएं बंद एवं 11 योजनाएं प्रगतिरत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय स्टोर में 43 खराब विद्युत मोटर पंपसेट उपलब्ध हैं। उक्त मोटर पंपसेट लघु उद्योग निगम के माध्यम से मेसर्स मोनिएग्रो इंडस्ट्रीज, मे. संगम पंप प्रा.लिमि., मे. एग्रो इक्यूपमेंट कंपनी प्रा. लिमि. एवं मे. सुपर पंप प्रा. लिमि. कंपनी द्वारा प्रदाय की गई हैं। मोटर पंपसेट गारंटी अवधि के बाद खराब हुए हैं। शासन के नियमानुसार मोटर पंपसेट का क्रय म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से किया जाता है। (घ) जिन नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन में स्त्रोत प्राप्त न होने के कारण विलंब हुआ है, के स्त्रोत प्राप्त होने की संभाव्यता का परीक्षण कर उन्हें निरस्त किये जाने अथवा जारी रखने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
बिना डिग्रीधारी चिकित्सकों पर कार्यवाही
8. ( *क्र. 1175 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस थाना धामनोद, धरमपुरी, माण्डव एवं नालछा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में बिना डिग्रीधारी झोलाछाप बंगाली आदि प्रायवेट क्लीनिक संचालकों द्वारा गलत इलाज किये जाने से मरीजों की मृत्यु हो जाने संबंधी कितनी सूचनाएं प्राप्त हुईं व विवेचना उपरांत कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? (ख) वर्षवार प्राप्त सूचना, दर्ज प्रकरण एवं दोषी फर्जी इलाजकर्ता के विरूद्ध किन-किन धाराओं में क्या-क्या कार्यवाही हुई है? प्रकरणवार बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पुलिस थाना धामनोद, धरमपुरी, माण्डव एवं नालछा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों (01.07.2013 से 30.06.2016) में बिना डिग्रीधारी झोलाछाप बंगाली आदि प्रायवेट क्लीनिक संचालकों द्वारा गलत इलाज किये जाने से मरीजों की मृत्यु हो जाने संबंधी कुल 04 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें मर्ग पंजीबद्ध कर जाँच उपरांत 04 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जबलपुर जिले में संचालित आंगनवाडी़ केन्द्र
9. ( *क्र. 2502 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्द्र भवनविहीन व किराये के भवनों में संचालित हैं। भवनों का निर्माण कराने की क्या योजना है? परियोजनावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) शासन ने प्रश्नांकित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई है एवं किस-किस योजना मद की कितनी-कितनी राशि आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदाय की गई है? वर्ष 2014-15 से 2016-17 की परियोजनावार जानकारी दें। (ग) विधानसभा क्षेत्र केंट जबलपुर के तहत संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में शासन की गाईड लाइन के तहत कौन-कौन सी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं एवं क्यों? इसके लिए जिला प्रशासन ने क्या कार्यवाही की है? कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है? मूल कार्ययोजना क्या है? इसके लिए कितनी राशि का प्रावधान किया गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में 2101 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 285 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 2386 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिसमें से 383 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 974 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 1029 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाने की योजना है। (ख) जिले को वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक योजनावार उपलब्ध कराई गई राशि एवं व्यय हुई राशि की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केन्ट के अन्तर्गत 104 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल, शौचालय खेलकूद एवं बिजली इत्यादि बुनियादि सुविधाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ग’ अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करती है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विधानसभा क्षेत्र केन्ट के अन्तर्गत वर्तमान में 21 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण स्वीकृत/प्रस्तावित हैं, इनमें से 14 भवन पूर्ण हैं एवं 07 भवन निर्माणाधीन हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये मूल कार्ययोजना का उल्लेख उत्तरांश (क) में किया गया है। नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु ईकाई लागत रूपये 7.80 लाख में, मनरेगा से राशि रूपये 1.80 लाख की सीमा तक, महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत आई.सी.डी.एस. से राशि रूपये 2.00 लाख तथा पंच परमेश्वर (14 वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, स्टाम्प ड्यूटी) से शेष राशि 4.00 लाख स्वीकृत की जा सकेगी।
पुलिस थाने व चौकियों में पदों की पूर्ति
10. ( *क्र. 1895 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पुलिस थाने एवं पुलिस चौकियों में कितने पद हैं, कितने पद रिक्त हैं तथा कितने पूर्ति हैं? (ख) क्या शासन द्वारा कंजर प्रभावित क्षेत्र में अलग से पुलिस बल या अलग से बी.एस.एफ. या अन्य कंपनी की योजना बनाई है तो बतावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान सीमा पर अंगारी, ढोढर, धतुरिया, डोकरखेड़ी में जाँच हेतु चौकी निर्मित की गई है या नहीं अगर नहीं तो कब तक जाँच चौकी निर्मित की जावेगी? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कंजर प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस को कितने वाहन एवं हथियार अतिरिक्त उपलब्ध हैं या नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) परिस्थितियों के अनुसार स्थानीय स्तर पर पुलिस व्यवस्था लगाई जाती है। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस थानों एवं चौकियों में कुल 12 वाहन प्रदान किये गये हैं, इसके अतिरिक्त चौकी रूनीजा थाना सुवासरा को छोड़कर 05 एफ.आर.बी. वाहन उपलब्ध कराये गये हैं। इसी प्रकार सुवासरा विधान क्षेत्र के अंतर्गत थानों/चौकियों को प्रदाय हथियार के अतिरिक्त 18 रायफल 5.56 एम.एम. इसास एवं ग्राम-बनी, बसई,खेताखेड़ा में लगे 1-4 विशेष सशस्त्र बल गार्ड को एम.एम. काबाईन-09,7.62 एम.एम. रायफल, एस.एल.आर.-08, 5.56 एम.एम. इंसास 08 प्रदान किये गये हैं।
बंद नल-जल योजनाएं
11. ( *क्र. 1937 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आमला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत PHE विभाग द्वारा पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई? अलग-अलग वर्षवार दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत नल-जल योजना में कितनी योजनाएं सुचारू रूप से संचालित हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। कितनी नल-जल योजनाएं बंद हैं? बंद होने का क्या कारण है? बंद योजनाएं कब तक प्रारंभ कर दी जायेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आमला विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वित्तीय वर्षों में 13 नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गईं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) 12 नल-जल योजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। एक नल-जल योजना स्त्रोत में पर्याप्त आवक क्षमता प्राप्त नहीं होने से बंद, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
विधान सभा क्षेत्र पानसेमल में संचालित पुलिस थाना/चौकी
12. ( *क्र. 359 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पानसेमल में कुल कितने पुलिस थाने एवं पुलिस चौकियां हैं? (ख) कौन सा पुलिस थाना, चौकी कौन से पुलिस अनुविभाग के अधीन है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के क्षेत्र का पानसेमल, खेतिया एवं पलसूद पुलिस थाना राजपुर के अधीन है और निवाली सेंधवा के अधीन है? (घ) क्या पानसेमल मुख्यालय पर SDOP कार्यालय प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में कुल 3 थाने पानसेमल, खेतिया एवं निवाली तथा पुलिस चौकी पलसूद है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) जी नहीं। थाना निवाली, खेतिया एवं पानसेमल के विगत पाँच वर्षों के अपराधों के आँकड़ों व जिले में पूर्व में स्वीकृत 1 अति. पु.अ. व 3 एस.डी.ओ.पी. के पद के आधार पर एस.डी.ओ.पी. पानसेमल के पद की उपयोगिता प्रतीत न होने के कारण प्रस्ताव अमान्य किया गया है।
रीवा जिले में वेयर हाउस की संख्या
13. ( क्र. 2794 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में शासन द्वारा सब्सिडी उपलब्ध कराकर या स्वयं के द्वारा निर्मित किये गये वेयर हाउस (खाद्यान्न गोदाम) नगरीय एवं ग्रामीण की कुल संख्या बतावें? कुल संख्या के विस्तृत विवरण में विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त सब्सिडी की राशि, निर्माण की राशि, निर्माणकर्ता का नाम एवं पूर्ण पता, निर्मित किये गये स्थान, ग्राम पंचायत, ब्लॉक का नाम, वार्ड क्रमांक, नगरीय क्षेत्र के पृथक-पृथक विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या शासन द्वारा कोई दिशा-निर्देश प्राप्त हैं कि एक तहसील में क्रय किये गये खाद्यान्न को उसी तहसील के वेयर हाउस में न रखकर दूसरे तहसील में स्थित वेयर हाउस में रखने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें तथा जिले में निर्मित सभी वेयर हाउस में खाद्यान्न रखने की क्षमता का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में क्या वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों की तहसीलों में क्रय किये गये खाद्यान्न को जिला मुख्यालय के वेयर हाउस में रखा गया है, जबकि हनुमना, मऊगंज, देव तालाब, मनगंवा, त्योंथर आदि में निर्मित वेयर हाउस खाली पड़े हुये हैं? प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक वेयर हाउस में रखे हुये खाद्यान्न की कुल मात्रा एवं कहाँ से लाकर कितनी मात्रा में रखे गये, की सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में खाद्यान्न ढुलाई में कितनी राशि खर्च की गई है? क्या तहसील में निर्मित वेयर हाउस में खाद्यान्न रखने से ढुलाई की राशि कम खर्च होती? यदि हाँ, तो क्या शासकीय राशि का ढुलाई में अपव्यय जिला मुख्यालय में निर्मित वेयर हाउस के मालिक को लाभ पहुँचने के लिये किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो किसके द्वारा, कब तक? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रीवा जिले में सब्सिडी उपलब्ध कराकर कोई गोदाम निर्मित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, परन्तु मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के पत्र क्रमांक म.प्र.वे.ला.का/वाणिज्य/2016-17/319 भोपाल, दिनांक 18.04.2014 में निर्देश दिया गया है कि वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2016-17 में गेहूं उपार्जन की अनुमानित मात्रा में बहुत कमी होने के कारण ''जिले को एक ही यूनिट मानते हुए'' जिले में संचालित विभिन्न शाखाओं की समस्त संयुक्त भागीदारी योजना के गोदामों पर भण्डारण तत्काल 'रोकते (बंद कराते) हुए' जिले की पी.ई.जी./शासकीय भण्डारण-क्षमता के गोदामों पर जिले के अन्य सेक्टरों से परिवहन कराकर शत-प्रतिशत भण्डारण कराया जावे। तत्पश्चात् प्राथमिकता सूची के तहत संयुक्त भागीदारी योजना के गोदामों में भण्डारण कराया जावे। जिले में निर्मित वेयर हाउसों में खाद्यान्न रखने की क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, परन्तु त्योंथर, देव तालाब एवं मऊगंज के किसी भी व्यवसायी द्वारा गेहूं भण्डारण हेतु अनुबंध नहीं किया गया है। इसी प्रकार मनगंवा के 03 वेयरहाउस में से केप्टन वेयरहाउस एवं सुदर्शन वेयरहाउस द्वारा मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन से अनुबंध नहीं किया गया है। जे.के. वेयरहाउस में गेहूं भण्डारित किया गया है। हनुमना स्थित एकमात्र गुप्ता वेयरहाउस का उपयोग मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) पी.ई.जी. एवं शासकीय/जेव्ही गोदामों में भण्डारण हेतु 122 लाख रूपये परिवहन व्यय म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा वहन किये गये। जी हाँ, परन्तु उस स्थिति में पी.ई.जी. के गोदाम और शासकीय गोदाम खाली रह जाते और शासन को गारंटी राशि के रूप में 305 लाख तथा निजी गोदाम मालिकों को रूपये 206 लाख का भुगतान करना पड़ता। इस प्रकार शासकीय राशि की बचत हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछली पालन समिति का नियम विरूद्ध पंजीयन
14. ( *क्र. 3202 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के उण्डासा तालाब में मत्स्य पालन हेतु कौन सी मछली उद्योग समिति पंजीबद्ध एवं अधिकृत है? (ख) क्या उक्त तालाब में मछली पालन कार्य किसी अन्य संस्था को सौंपा जा रहा है? यदि हाँ, तो किस संस्था को किस नियम के तहत? (ग) क्या एक ही तालाब के कार्य क्षेत्र में एक से अधिक समिति को कार्यादेश देना, म.प्र. सहकारी समिति अधिनियम 1960 की धारा 9 का उल्लंघन नहीं है? (घ) क्या विभाग उक्त अधिनियम का पालन दृढ़ता से करायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन तालाबों में मत्स्य पालन हेतु कोई भी सहकारी समिति पंजीबद्ध एवं अधिकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तालाब में मछली पालन का कार्य किसी भी संस्था को नहीं सौंपा गया है। (ग) एक ही तालाब के कार्यक्षेत्र में एक से अधिक समिति को कार्यादेश देना म.प्र. सहकारी समिति अधिनियम 1960 का उल्लंघन होता है। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उल्लंघन की स्थिति नहीं है। (घ) जी हाँ।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
15. ( क्र. 2438 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजना कितनी राशि की स्वीकृत की गई? वर्षवार बताएं। इनमें से कितनी बंद हैं एवं कितनी चालू हैं। ग्रामवार सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं को किस वर्ष ग्राम पंचायत को चालू हालत में सौंपा गया एवं किस ग्राम की योजना का विभाग स्वयं संचालन कर रहा है? (ग) बंद नल-जल योजनाओं वाले ग्रामों में मार्च 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में विभाग द्वारा नलकूप खनन किया गया? ग्रामवार सूची दें। (घ) प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों में नलकूप खनन होना शेष है? ग्रामवार सूची दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 13 योजनाएं रूपये 195.79 लाख की लागत से स्वीकृत की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
राज्य उद्यानिकी मिशन योजना का क्रियान्वयन
16. ( *क्र. 3381 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में राज्य उद्यानिकी मिशन योजना एवं राज्य पोषित योजना अंतर्गत मल्चिंग फिल्म लगाने के क्या प्रावधान थे? इस योजना में वर्ष 2015-16 में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा राज्य उद्यानिकी मिशन योजना एवं राज्य पोषित योजना अंतर्गत मल्चिंग फिल्म लगाने के लिए एम.पी. एग्रो या संबंधित कंपनी को अनुदान राशि भुगतान की गई है? अगर हाँ, तो उनकी जिलेवार सूची उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन योजनाओं में मल्चिंग फिल्म लगाने के लिये प्रति हेक्टेयर इकाई लागत राशि रूपये 32,000/- का 50 प्रतिशत अधिकतम रूपये 16,000/- प्रति हेक्टेयर के मान से अधिकतम 2 हेक्टेयर तक पात्र कृषकों को अनुदान देने का प्रावधान है। योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में 14,117 कृषकों को लाभांवित किया गया। (ख) जी हाँ। 32 जिलों द्वारा अनुदान भुगतान किया गया है। जिलेवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''नौ''
मुरैना जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
17. ( *क्र. 1731 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना में वर्ष 2014 से जून 2016 तक एकीकृत महिला बाल विकास सेवा परियोजना मुरैना ग्रामीण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, उप कार्यकर्ता एवं सहायक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया की प्रारंभिक एवं अंतिम सूची क्या थी? अभ्यर्थियों के नाम, प्राप्तांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त सूची के प्रथम दस अभ्यर्थियों के क्या-क्या दस्तावेज संलग्न थे? उनकी पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या वर्णित अवधि में हुई नियुक्तियों में प्राप्तांकों के आधार पर अभ्यर्थियों की सूची में रद्दों बदल कर चयन में अनियमितता की गई है? क्या शासन वरिष्ठ अधिकारियों से उसकी जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पेयजल की समस्या
18. ( *क्र. 1975 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितनी पेयजल, स्थल जल, नल-जल योजनाएं स्थापित हैं, उनमें से कितनी योजनाएं चालू एवं कितनी बंद हैं, बंद योजनाओं का कारण बतावें एवं उन्हें कब तक चालू कर दिया जाएगा? क्या विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही से बंद हैं? क्या जाँच करायेंगे? (ख) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा नवीन हैण्डपंप खनन, नलकूप स्थापित किए गए हैं? ग्रामवार एवं खनन की गहराईवार जानकारी बतावें। वर्तमान में कितने नवीन हैण्डपंप स्वीकृत हैं एवं कितने स्थानों पर हैण्डपंपों में सिंगल फेस अथवा थ्रीफेस मोटर प्रस्तावित की गई है? उन्हें कब तक स्थापित करवा दिया जावेगा? (ग) क्या सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री की लापरवाही से खराब हैण्डपंप एवं बंद नल-जल योजनाओं में रूचि न लेकर समयावधि में सही नहीं करवाया जाता? जिससे अधिकांशत: पेयजल समस्या बनी हुई है? क्या जाँच करवायेंगे? (घ) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पेयजल समस्या में दोषी अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री को पद से कब तक हटा दिया जाएगा एवं नवीन खनन जो कि पूर्ण हो चुके हैं, क्या उनकी गहराई से जाँच करवायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। स्त्रोत से बंद योजनाओं को छोड़कर अन्य कारणों से बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 33 बसाहटों में 49 हैण्डपंप प्रस्तावित हैं। सिंगलफेस एवं थ्रीफेस पंप प्रस्तावित नहीं हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले में मुख्यमंत्री पेयजल योजना का क्रियान्वयन
19. ( *क्र. 2964 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत राजगढ़ जिले के कौन-कौन से गांवों को जोड़ा गया है? (ख) उक्त ग्रामों में वर्तमान में कौन-कौन से गांवों की क्या स्थिति है? ग्रामवार बतायें। (ग) मुख्यमंत्री पेयजल योजना के अंतर्गत राजगढ़ जिले के गांवों को जोडने के बारे में क्या प्रगति हुई है? यदि नहीं, तो क्यों और इस संबंध में कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत नवीन नल-जल योजनओं की स्वीकृति वर्तमान में नहीं की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
हरदा जिले में आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति
20. ( *क्र. 3127 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी भवन सरकार द्वारा स्वीकृत हुए थे, कितने भवनों का कार्य पूर्ण हो चुका है और संचालित हो रहे कितने भवन प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं? भवन पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी? तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिले में आंगनवाड़ी भवन जो प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हुए, इस सबंध में क्या किसी अधिकारी और संबंधित ऐजेंसी पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) महिला एवं बाल विकास के प्रचार प्रसार एवं जन कल्याण हेतु कहाँ-कहाँ और कब दिनांकवार शिविर लगाए गए, कितना व्यय किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) हरदा जिले में कुल 341 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुये हैं। इनमें से 277 भवन पूर्ण हो चुके हैं एवं इन भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। प्रश्न दिनांक तक 58 भवन निर्माणाधीन (अपूर्ण) हैं। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिये स्वीकृत वित्तीय वर्ष में पूर्ण करने की समय-सीमा नियत थी। निर्माणाधीन इन आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण ऐजेंसी ग्राम पंचायत है। स्थानीय परिस्थितियों एवं अन्य कारणों से आंगनवाड़ी भवन के निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सके हैं, जो वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण की ग्राम एजेंसी ग्राम पंचायत है। जिला पंचायत हरदा द्वारा निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की जाकर संबंधित एजेंसियों के सचिव एवं सरपंच को भवन निर्माण के निर्देश दिये जाते हैं। संबंधित तकनीकी अमले में आर.ई.एस./ए.ई. मनरेगा को समय-समय पर कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिये जाते हैं। इस प्रकार की कोई शिकायत ग्राम पंचायतों से नहीं होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) अतिकम वजन के बच्चों के माता-पिता हेतु फेमिली ओरिएंटेशन के आयोजित शिविरों पर हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
फर्जी पेंशन प्राप्त करने पर कार्यवाही
21. ( क्र. 3415 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के थाना मिहोना में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 74/13 में सुरेन्द्र सिंह छोटे भाई देवेन्द्र सिंह के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर फर्जी रूप से सेना में भर्ती होकर पेंशन प्राप्त कर रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिला सैनिक कल्याण ऑफिसर भिण्ड द्वारा दिनांक 03.07.2014 को तोपखाना अभिलेख आर्टीलरी रिकार्ड नासिक रोड केम्प 422102 ए.पी.एस., पिन-908802 को पत्र लिखकर पेंशन बंद करने को लिखा था? यदि हाँ, तो अभी तक पेंशन सुरेन्द्र सिंह उर्फ देवेन्द्र सिंह को भुगतान होने का कारण बतायें। (ग) जिला सैनिक कल्याण ऑफिसर भिण्ड में पेंशन बंद कराने बाबत् कब तक सैनिक मुख्यालय तथा पेंशन भुगतान करने वाली बैंक को पेंशन बंद करने हेतु पत्र लिखा गया? सभी पत्रों की प्रतियां दें। (घ) क्या सैनिक कल्याण ऑफिसर भिण्ड द्वारा अपराधों को संरक्षण देकर पेंशन का भुगतान कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना मिहोना जिला भिण्ड में आरोपी सुरेन्द्र सिंह द्वारा स्वयं के छोटे भाई देवेन्द्र सिंह की अंकसूची के आधार पर सेना में नौकरी करने के संबंध में अप.क्र. 74/13 पंजीबद्ध किया गया था, जो कि सक्षम न्यायालय में विचाराधीन है। भूतपूर्व सैनिक नायक देवेन्द्र सिंह वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहा है। (ख) जी हाँ। प्रकरण सक्षम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पेंशन रोके जाने के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है। (ग) जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, भिण्ड द्वारा प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही हेतु तोपखाना अभिलेख आर्टीलरी रिकार्ड नासिक रोड को पत्र क्रमांक 337/70, दिनांक 03.07.2014 तथा पत्र क्रमांक 575 दिनांक 30.05.2016 को प्रेषित किये गये हैं जो क्रमशः संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार है। पेंशन बंद किये जाने के संबंध में प्रकरण सैनिक मुख्यालय, भारत सरकार स्तर पर निर्णय लिया जाकर बैंक को पत्र लिखा जाएगा। (घ) किसी भी व्यक्ति की पेंशन प्रारंभ एवं बंद करना सैनिक कल्याण अधिकारी भिण्ड के अधिकार क्षेत्र में न होने से उनके द्वारा किसी भी अपराध को संरक्षण नहीं दिया गया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा अन्य उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है।
योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक जानकारी
22. ( *क्र. 3146 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित हितग्राही मूलक एवं निर्माण कार्य से संबंधित योजनाएं भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का मदवार कार्यवार ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त (क) में संचालित योजनाओं में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस मद से क्या-क्या सामग्री किन नियमों के तहत क्रय की गई? (ग) क्या उपरोक्त सामग्री क्रय एवं भुगतान के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुईं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभागीय जिला अधिकारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण कर इन योजनाओं का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रतलाम जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित हितग्राही मूलक एवं निर्माण कार्य से संबंधित योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का मदवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ एवं '2' अनुसार है। (ख) उपरोक्त (क) में संचालित योजनाओं में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक सैलाना विधान सभा अंतर्गत सामग्री क्रय नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शिकायत प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है। (घ) जी हाँ। विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण किया गया है। निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है।
राशन वितरण में अनियमितता पर कार्यवाही
23. ( *क्र. 14 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26 फरवरी 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 1 (क्र. 16) तथा अतारांकित प्रश्न संख्या 4 (क्र. 102) के संदर्भ में बताएं कि प्रकरण दर्ज के बाद केविएट क्यों नहीं लगाई गई तथा जानबूझकर अधिकारियों ने ऐसे आदेश पारित किये व केविएट नहीं लगाई व स्टे वेकेट के प्रयास नहीं किये, ऐसे अधिकारियों की पहचान कर कब तक कार्यवाही करेंगे? (ख) खाद्य विभाग के अधिकारी सुकृति सिंह व श्री चंदेल की रिपोर्ट में जिन अधिकारियों व सहकारी समितियों के विरूद्ध राशन वितरण में अनियमितताओं के बावजूद ऐसे दोषियों को राशन वितरण से अलग क्यों नहीं किया गया? (ग) जब उपरोक्त रिपोर्ट में चंदेरी एस.डी.ओ. के विरूद्ध आयुक्त ग्वालियर को लिखने का जिलाधीश को लिखा तो उन्होंने क्यों रिपोर्ट नहीं की तथा चंदेरी व मुंगावली की एस.डी.ओ. जिन्होंने जिन गांवों में अलग सहकारिता समितियां होने के बाद भी जगदीश कुशवाह, नरेश यादव आदि की राशन माफिया समितियों से संलग्न कर उन्हें ब्लैक मार्केट करने का मौका दिया, उनकी पहचान कर उन्हें दण्डित क्यों नहीं किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जिले में प्राथमिकी दर्ज करने के प्रकरणों में स्टे की स्थिति पूर्व में निर्मित नहीं होने के कारण केविएट नहीं लगाई गई। स्टे वेकेट कराने हेतु वर्ष 2010 से प्रयास शुरू कर दिये गए थे। प्रभारी अधिकारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दिनांक 12.10.2010, 05.05.2014, 23.08.2014 एवं 06.04.2016 को स्टे वैकेट कराने हेतु आवेदन लगाये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) राशन वितरण में अनियमितताओं के दोषी कर्मचारियों को राशन वितरण से अलग करने हेतु कलेक्टर अशोकनगर द्वारा उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं गुना/अशोकनगर का पत्र क्रमांक 584/खाद्य/2010 दिनांक 11.06.2010 लिखा गया। जिले में तत्समय अनियमितता पाए जाने वाली एक लीड एवं सात उचित मूल्य दुकानों के प्रबंधक एवं विक्रेता वर्तमान में इन समितियों में कार्यरत नहीं है। (ग) चंदेरी एस.डी.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कलेक्टर अशोकनगर द्वारा पत्र क्रमांक/709/खाद्य/2010, दिनांक 24.06.2010 द्वारा आयुक्त, ग्वालियर को लिखा गया है, किन्तु न्यायालयीन स्थगन के कारण आगामी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है। चंदेरी व मुंगावली एस.डी.ओ. द्वारा जगदीश कुशवाह की राशन समितियों पर अवैध रूप से कोई दुकान संलग्न नहीं की गई। नरेश यादव नाम के व्यक्ति द्वारा वर्तमान में किसी भी उचित मूल्य दुकान का संचालन नहीं किया जा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लाठीचार्ज मामले की जाँच व कार्यवाही
24. ( *क्र. 3420 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर में व्याप्त पेयजल संकट को लेकर माह जून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था? किन परिस्थितियों में पुलिस द्वारा शांतिपूर्वक ज्ञापन सौंपने जा रहे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। किसके आदेश से। (ख) क्या शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे कार्यकर्ताओं को बेरहमी से पीट कर पुलिस द्वारा घायल किया गया, जिससे कई कार्यकर्ताओं के सिर में गंभीर चोटें आईं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित पुलिस कार्यवाही की जाँच कब किसके द्वारा की गई? किसे दोषी पाया गया व उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (घ) पुलिस लाठीचार्ज के मामले में कांग्रेस नेताओं द्वारा आई.जी. सागर को दिये ज्ञापन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 13.06.2016 को जल संकट को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के नगर निगम सागर का घेराव किया। समझाईश देने के पश्चात भी पुलिस द्वारा लगाये गये प्रथम एवं द्वितीय बेरीकेटिंग ध्वस्त कर दी एवं अंतिम बेरिकेटिंग को तोड़ने का प्रयास करने लगे व अपने साथ लाये मटके पुलिस कर्मियों पर फेंकने लगे एवं तृतीय बेरीकेटिंग को तोड़कर नगर निगम कार्यालय में प्रवेश कर तोड़-फोड़, मारपीट एवं आगजनी पर आमादा थे। समझाईश पर भी ना मानने पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा हल्का पुलिस बल (लाठी चार्ज) प्रयोग के लिखित आदेश पर न्यूनतम बल प्रयोग किया गया। (ख) जी नहीं। मौके पर जन-धन हानि रोकने हेतु पुलिस द्वारा सक्षम अनुविभागीय दण्डाधिकारी की लिखित अनुमति पश्चात ही हल्का बल प्रयोग (लाठी चार्ज) किया गया। पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं के सिर पर वार नहीं किया गया है। घटना की मजिस्ट्रियल जाँच जारी है। (ग) पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की मजिस्ट्रियल जाँच प्रारंभ की गई है जो प्रचलन में है। जाँच निर्णय उपरांत ही तदनुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (घ) घटना की मजिस्ट्रियल जाँच जारी है। निर्णय उपरांत तद्नुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
खाद्य सुरक्षा से वंचित परिवारों को केरोसिन का वितरण
25. ( क्र. 3375 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कौन-कौन श्रेणी के कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा दी गई है? क्या खाद्य सुरक्षा में केरोसिन की उपलब्धता शामिल है? (ख) क्या खाद्य सुरक्षा श्रेणी के ऊपर के ए.पी.एल. परिवारों को सफेद केरोसिन उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में जिलेवार उपलब्धता एवं फुटकर बिक्री दर की जानकारी देवें। (ग) सफेद केरोसिन वितरण और भण्डारण में अनियमितता रोकने के क्या प्रावधान शासन ने किये हैं? इन प्रावधानों के तहत 01.01.2016 से प्रदेश में कब-कब कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में अन्त्योदय एवं प्राथमिकता श्रेणी के कुल 1,19,38,554 परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। जी नहीं, परन्तु एकरूपता की दृष्टि से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्यान्न का लाभ लेने वाले सभी पात्र परिवारों (गैस कनेक्शनधारी परिवारों को छोड़कर) को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत रियायती दर का केरोसीन उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) भारत सरकार ने केरोसीन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 में संशोधन किया है। उक्त संशोधन के पूर्व राज्य सरकार ने उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से गैर-पी.डी.एस. केरोसीन 6 जिलों- इन्दौर, भोपाल, सीहोर, जबलपुर, खण्डवा एवं सिवनी के जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध कराये थे, परन्तु मांग के अभाव में उसका वितरण उपभोक्ताओं को नहीं हो सका। भारत सरकार के उक्त संशोधन पश्चात् गैर-पी.डी.एस. केरोसीन की आपूर्ति के क्रियाकलाप, विपणन, व्यवसाय या वाणिज्य की गतिविधियों को केरोसीन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 के प्रावधानों से मुक्त किया गया है। अब कोई भी व्यक्ति मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी नियंत्रण आदेश, 1979 के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर गैर-पी.डी.एस. केरोसीन का व्यवसाय कर सकता है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। केरोसीन का भण्डारण पेट्रोलियम नियम, 2002 के अंतर्गत किया जाता है। प्रश्नांकित अवधि में गैर-पी.डी.एस. केरोसीन के वितरण एवं भण्डारण में अनियमितता का मामला प्रकाश में नहीं आया है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राष्ट्रीय
पेयजल
सुरक्षा
पायलट
प्रोजेक्ट
का क्रियान्वयन
1. ( क्र. 60 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि अता. प्रश्न संख्या 3 (क्रमांक 107) दिनांक 01 मार्च 2016 के संदर्भ में बताएं कि पिपलौदा ब्लॉक जिला रतलाम में पायलेट प्रोजेक्ट का कार्य कब प्रारंभ हुआ व कितनी धनराशि किस संस्था के माध्यम से अभी तक किस-किस कार्य के लिए ली गई व आगे कितनी धनराशि से किस-किस प्रकार के क्या कार्य किये जायेंगे, ताकि पिपलौदा ब्लॉक में जलस्तर ऊंचा हो?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : 1 दिसम्बर 2012 से। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का क्रियान्वयन
2. ( क्र. 112 ) श्री सुदेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर हेतु प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में कितने गैस वितरण का लक्ष्य विभाग द्वारा रखा गया है कुल संख्या बतावें? (ख) प्रश्न (क) संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक क्षेत्र की विभिन्न गैस एजेंसियों पर बी.पी.एल हितग्राहियों के कितने आवेदन-पत्र प्राप्त हो चुके है एजेंसीवार नाम बतावें? (ग) गैस वितरण का कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत प्रदेश एवं जिले को कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है। (ख) जिला सीहोर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र-159 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्राप्त करने हेतु कुल 3,359 आवेदन प्राप्त हुए हैं। गैस एजेंसीवार जमा आवेदन पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र-159 सीहोर में माह जून, 2016 से गैस कनेक्शन वितरण का कार्य प्रारम्भ किया गया है। विधानसभा क्षेत्र में 529 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन वितरण किए जा चुके हैं, इसके अतिरिक्त चयनित हितग्राहियों को समारोहपूर्वक गैस कनेक्शन का वितरण किया जाएगा।
आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन
3. ( क्र. 116 ) श्री सुदेश राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक किन-किन स्थानों पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किये गये है, स्थान सहित वर्षवार जानकारी देवें? (ख) कितने आंगनवाड़ी के स्वयं के भवन हैं तथा कितनी आंगनवाड़ी भवन विहीन है जो किराये पर लिये गये कक्षों में संचालित हो रही है, इनके स्वयं के भवन के निर्माण हेतु वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलित है तथा भवनों का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र-159 सीहोर में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कोई नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ नहीं किये गये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विधानसभा क्षेत्र-159 सीहोर में कुल 278 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 93 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में तथा 152 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में व 33 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। विधानसभा क्षेत्र-159 सीहोर में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 30 भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इस प्रस्ताव पर मनरेगा योजना के अभिसरण से वर्ष 2016-17 में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी जाना विचाराधीन है।
राशन सामग्री की पात्रता पर्ची की उपलब्धता
4. ( क्र. 123 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा के पलेरा एवं बल्देवगढ़ विकासखण्डों के अंतर्गत ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें शेष हैं जिनमें हितग्राहियों को राशन की पात्रता पर्ची उपलब्ध नहीं हो पाई है? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें तथा पात्रता पर्ची जारी न होने का कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक पात्रता पर्ची बनाने में जाति प्रमाणित कराने में पक्षपात कर रहे हैं? ऐसी स्थिति में क्या रोजगार सहायकों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? (ग) कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों के हितग्राहियों को शत प्रतिशत पात्रता पर्ची उलपब्ध हो गई है और कौन सी ग्राम पंचायतें शेष हैं? जानकारी पंचायतवार उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के पलेरा एवं बल्देवगढ़ के विकासखण्डों की समस्त ग्राम पंचायतों के सत्यापित समस्त परिवारों को राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के पलेरा एवं बल्देवगढ़ के विकासखण्डों की समस्त ग्राम पंचायतों के आवेदन करने वाले सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पंचायतवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त राशि का दुरूपयोग
5. ( क्र. 133 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर दुग्ध संघ एवं भोपाल दुग्ध संघ को वर्ष-2005 से 2016 तक केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं संचालित योजना, बुन्देलखण्ड, डेयरी विकास परियोजना प्रथम चरण एवं बुन्देलखण्ड डेयरी विकास, द्वितीय चरण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (क्षे.सं.) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (प्रयोगशाला) संधारण एवं मुख्यमंत्री, संकल्प योजना, आचार्य विद्यासागर योजना, म.प्र. डेयरी संचालन एवं विकास विस्तार योजना के तहत अभी तक कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं किन-किन कार्यों पर कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या बुन्देलखण्ड के अंतर्गत टीकमगढ़ जिले में जतारा में चिलिंग सेन्टर पर सोलर प्लांट लगाये जाने की सुविधा दी गई थी, परन्तु जतारा की राशि कहाँ पर व्यय की गई? पानी की टंकी बनाये जाने का भी प्रावधान था परन्तु आज दिनांक तक कार्य नहीं किया गया क्यों? कारण स्पष्ट करें एवं जतारा हेतु आवंटित संपूर्ण राशि का विवरण कार्य सहित देंगे? (ग) क्या जतारा के लिये आवंटित राशि का उपयोग कहीं अन्यत्र कर लिया गया है? किस सक्षम अधिकारी के आदेश से किया गया? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायेंगे तथा दोषी पाये जाने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं संचालित विभिन्न योजना अंतर्गत वर्ष 2005 से 2016 तक सहकारी दुग्ध संघ ग्वालियर को प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार तथा सहकारी दुग्ध संघ भोपाल को प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र परिशिष्ट ''ब' अनुसार है। (ख) बुन्देलखण्ड के टीकमगढ़ जिले के दुग्ध शीतकेन्द्र जतारा पर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सोलर प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गई थी। सौर गर्म जल संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा कार्य जतारा में ही किया गया है। प्रावधानित समस्त राशि ऊर्जा विकास निगम को हस्तांतरित की गई। स्वीकृत प्रावधान में हॉट वॉटर टैंक बनाने का प्रावधान है इसके अतिरिक्त पानी की कोई टंकी बनाये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाचरौद में फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना
6. ( क्र. 330 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खाचरौद शहर मटर उत्पादन में म.प्र. में अग्रणी तहसील है, यहां प्रतिदिन लगभग 200 ट्रक मटर का उत्पादन होता है। साथ ही टमाटर, फूल एवं अन्य सब्जियां भी प्रचुर मात्रा में उत्पादित होती हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या यहां लम्बे समय से फूट प्रोसेसिंग प्लांट की मांग उठती रही है तथा यदि खाचरौद में इस प्लांट की स्थापना की कार्य योजना प्रस्तावित की जाती है तो क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ होगा? क्या इस बाबत् विभाग द्वारा क्या योजना पर अमल किया जा रहा है? मटर फल मण्डी में ही तुले इस बाबत् क्या कार्ययोजना बनाई जा रही है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना विभाग द्वारा नहीं की जाती है। मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति, 2014 के क्रम में विशिष्ट वित्तीय सहायताओं के प्रावधान अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने हेतु निजी निवेशक लाभ ले सकता है। मंडी अधिनियम 1972 की धारा 6 में संशोधन अनुसार कृषक अपनी शीघ्र नश्वर होने वाली कृषि उपज का विक्रय मंडी प्रांगण में या मंडी प्रांगण के बाहर करने का निर्णय स्वविवेक से लेता है, अत: कार्य-योजना बनाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उचित मूल्य दुकान
7. ( क्र. 333 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में ग्रामीण क्षेत्रों में कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? (ख) क्या शासन द्वारा प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान किया गया था? प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर कब तक उचित मूल्य दुकान खुल जावेगी? (ग) यदि ऐसा नियम नहीं है तो कब तक नियम बनाया जावेगा, ताकि ग्रामीणों को पैदल चलना न पड़े एवं पंचायत मुख्यालय पर ही सामान मिल सके?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में ग्रामीण क्षेत्र में कुल 58 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। (ख) जी नहीं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर नहीं अपितु प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने का प्रावधान है। पंचायतों के अंतर्गत स्थान चयन करने का अधिकार जिला पंचायत को है। उचित मूल्य दुकानों का आवंटन कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के प्रकाश में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल योजना की
8. ( क्र. 334 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नागदा नगर के डाउन स्ट्रीम में चम्बल नदी के अशुद्ध पानी के कारण पेयजल संकट था। इसलिये विभाग द्वारा 22 ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 29.30 करोड़ की योजना बनाई गई थी? (ख) इस योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या योजना के टेंडर हो चुके हैं? यदि टेंडर हो चुके हैं तो कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) योजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निविदायें प्राप्त होकर स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
पानसेमल, राजपुर एवं ठीकरी वि.खं. में नलकूप खनन पर प्रतिबंध
9. ( क्र. 362 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बड़वानी जिले के पानसेमल, राजपुर एवं ठीकरी वि.खं. में नलकूप खनन पर शासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (ख) क्या शासकीय नलकूप खनन किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो निजी खनन पर रोक क्यों लगाई गई हैं? (ग) क्या इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है? यदि हाँ, तो क्या किसानों को नलकूप खनन की अनुमति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यह छूट प्रदान की जावेंगी और नहीं तो कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पेयजल के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों हेतु निजी नलकूपों के खनन पर रोक लगाई गई थी। (ग) पेयजल परीक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमति प्रदान की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा अंतर्गत खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण
10. ( क्र. 824 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही हैं, जो खाद्यान्न पात्रता पर्ची प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं? ग्रामवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लोगों में से कितनो को प्रश्न दिनांक तक पात्रता पर्ची प्रदान कर दी गई है एवं कितने लोगों को किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक पात्रता पर्ची प्रदान नहीं की गई? ग्रामवार, नामवार सूची देवें। (ग) पात्र लोगों को पात्रता पर्ची प्रदान न करने के क्या कारण हैं? समय पर पात्रता पर्ची प्रदान न करने वाले कर्मचारियों पर शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा एवं वंचित लोगों को कब तक पात्रता पर्ची प्रदान कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 60,285 परिवारों को सत्यापन उपरांत राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची जारी की गई है। ग्रामवार पात्र परिवारों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित समस्त परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर दी गई है। पात्र परिवारों को सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना को संचालन
11. ( क्र. 880 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंह नगर तहसील अंतर्गत ग्राम नगनौड़ी एवं ब्यौहारी तहसील अंतर्गत ग्राम सपटा में सार्वजनिक पेयजल उपलब्धता हेतु नल-जल योजनान्तर्गत ओवर हैड टैंक की स्थापना की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त नल-जल योजना इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में बंद पड़ी हुई थी, जबकि उक्त क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है और यहां पेयजल की गंभीर समस्या निर्मित है? क्या उक्त समस्या के संबंध में संबंधित जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम सपटा की नल-जल योजना ग्रीष्म ऋतु में भी चालू रही है। ग्राम नगनौड़ी की नल-जल प्रदाय योजना मोटरपंप खराब, विद्युत प्रदाय की अनियमितता एवं पंचायत की अरूचि के कारण बंद थी जिसे पेयजल समिति गठित कराकर चालू करा दिया गया है। ग्राम नगनौड़ी में ग्रीष्मकाल में 15 हैण्डपंपों के माध्यम से भी जलप्रदाय होता रहा है। किसी भी प्रकार की पेयजल समस्या नहीं रही है अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाइप लाइन विस्तार
12. ( क्र. 881 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंह नगर एवं ब्यौहारी तहसील अंतर्गत पेयजल उपलब्धता हेतु नल-जल योजना गांवों में संचालित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त तहसीलों के संचालित नल-जल योजनाओं में पाइप लाइन विस्तार किया जावेगा क्योंकि नल-जल योजना स्थापना के उपरांत पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है? आबादी तीव्र गति से बढ़ रही है? (ग) यदि विस्तारीकरण का प्रस्ताव है या कराया जा रहा है तो किस-किस नल-जल योजना में कितनी लंबी पाइप लाइन लगाये जाने का प्रस्ताव है या लगाया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विस्तारीकरण का न तो प्रस्ताव प्राप्त है तथा न ही कराया जा रहा है परंतु संबंधित ग्राम पंचायत से प्रस्ताव एवं अंशदान की राशि प्राप्त होने पर पाइप लाइन विस्तार की कार्यवाही की जा सकेगी।
आगंनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार
13. ( क्र. 1008 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला भिण्ड में कौन सी परियोजना संचालित है? सांझा चूल्हा कार्यक्रम, आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार किन स्वसहायता समूहों के माध्यम से जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक किया गया? (ख) भिण्ड जिले की आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण हेतु जनवरी 2016 से प्रश्नांश तक निविदा आमंत्रित की गई निविदा चयन प्रक्रिया क्या अपनाई गई? प्रावधान क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) ओर (ख) के अंतर्गत समूहों का नाम एवं कार्यकारणी अध्यक्ष, सचिव का नाम, उद्देश्य और कार्यक्षेत्र क्या है? ऑडिट समयावधि में की गई? भौतिक रूप से संचालित है? (घ) पूरक पोषण आहार वितरण निविदा आंमत्रित और चयनित में गंभीर अनियमितता हुई? स्थानीय स्वसहायता समूहों को चयनित न करके अन्यत्र क्षेत्र को क्यों चयनित किया गया विगत तीन वर्षों में किस स्तर के अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन के साथ जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग भिण्ड अंतर्गत 09 परियोजनाएं ग्रामीण क्षेत्र तथा 01 परियोजना शहरी क्षेत्र में कुल 10 परियोजनाएं संचालित है। सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत् आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार प्रदाय कर रहे स्व सहायता समूहों की सूची परियोजनावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ पर है। (ख) भिण्ड जिलें की शहरी बाल विकास परियोजना की आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण हेतु जनवरी 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक दो बार दिनांक 16/04/2016 एवं दिनांक 13/05/2016 को निविदा आमंत्रित की गई थी। कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला भिण्ड के पत्र क्रमांक/आईसीडीएस/पोआ/ 16/1082, भिण्ड, दिनांक 07/04/2016 द्वारा जारी EOI (एक्सप्रेसन आफ इंट्रेस्ट) की शर्तों के तहत् नियमानुसार निविदा चयन प्रक्रिया अपनाई गई है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ पर है। निविदा चयन प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ पर है। चयन प्रक्रिया के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ पर है। (घ) पूरक पोषण आहार वितरण निविदा आमंत्रित और चयनित में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुयी है। संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण निष्पक्षता तटस्थता, पारदर्शिता एवं विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा गठित जिला स्तरीय पोषण समिति द्वारा सम्पन्न की गई है। प्रथम विज्ञप्ति में समिति द्वारा चयनित समूह/महिला मण्डलों का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश है। गत तीन वर्षों में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय व्यवस्था का समय-समय पर संभागीय संयुक्त संचालक/ जिला कार्यक्रम अधिकारी/परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक एवं गठित टीमों द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ पर है।
नगर एवं ग्राम रक्षा समिति सदस्यों को मिलने वाली सुविधा
14. ( क्र. 1273 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यातायात वार्डन नियुक्त करने तथा सामग्री प्रदान करने संबंधी नीति, निर्देश की प्रति देवें। खरगोन जिले में कितने यातायात वार्डन कहां-कहां पर नियुक्त किये गये हैं। (ख) . इंदौर संभाग के कितने जिलो में यातायात पार्क का निर्माण किया गया है, कितने स्थानों पर यह पार्क पूर्ण, अपूर्ण या अप्रारम्भ हैं। कारण सहित बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वर्तमान में 04 यातायात वार्डन कार्यरत है। स्थान निश्चित नहीं है। (ख) इन्दौर जिले में रेसीडेंसी एरिया रेडियों कालोनी के पास एक यातायात पार्क तथा उप पुलिस महानिरीक्षक शहर कार्यालय रानी सराय में परिसर में एक यातायात पार्क बना हुआ है। जिला झाबुआ में एक यातायात पार्क पूर्ण होकर संचालित है। इन्दौर संभाग के शेष अन्य किसी जिले में यातायात पार्क वित्तीय अनुशासन के कारण उपलब्ध नहीं है।
सिरीगुरू सिंघ सभा कटनी की जाँच बाबत्
15. ( क्र. 1288 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरीगुरू सिंघ सभा कटनी के प्रबंधक एवं सचिव द्वारा गुरूजी सिंघ सभा की चल एवं अचल संपत्ति को फर्जी तरीके के खुर्द-बुर्द करने की शिकायत पुलिस अधीक्षक, कटनी एवं थाना प्रभारी कोतवाली कटनी को दिनांक 30.05.2016 को सिक्ख समाज के नागरिकों द्वारा दी तथा फर्जी चुनाव को रोकने एवं पंजीयन निरस्त करने तथा विधि संगत चुनाव कराने हेतु एक पत्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी तथा कलेक्टर कटनी को भी दिया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही करेंगे? (ग) दिनांक 19.06.2016 को अवैधानिक चुनाव को निरस्त किए जाने हेतु कलेक्टर कटनी को दिनांक 21.06.2016 को दिए गए पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त आवेदन पत्र की जाँच की गई जिसमें किसी भी प्रकार का जुर्म दस्तंदाजी अपराध घटित होना नहीं पाया गया। साथ ही न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी कटनी द्वारा उक्त आवेदन पत्रों पर कार्यवाही करते हुए रा.प्र.क्र. 460/बी. 121/2015-16 दर्ज कर अनावेदक पक्ष को सूचना पत्र जारी कर जाँच प्रचलित है। प्रकरण में प्रथमतः अधिकार क्षेत्र का निर्णय किया जाएगा, इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर दोनों पक्षों को सुनकर प्रकरण का निर्णय किया जाएगा। न्यायालयीन प्रकरण है, इसलिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) आवेदक द्वारा प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्रों के आधार पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी कटनी में कार्यवाही प्रचलित है।
नल-जल योजना की शिकायत
16. ( क्र. 1320 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 30.3.2016 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न संख्या 38 (क्रमांक 6057) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या शिकायतकर्ता को बिना सुने जाँच की गई है? जाँच प्रतिवेदन को प्रति सहपत्रों सहित उपलब्ध कराये। बिना सुने जाँच करना तथा असत्य जाँच प्रतिवेदन देने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या शिकायतकर्ता द्वारा पुन: मई 2016 से प्रश्न दिनांक की अवधि में मुख्यमंत्री, अधीक्षण यंत्री रीवा, सरपंच, सचिव, ग्राम पंचायत खाद्य को शिकायत की गई व शिकायतकर्ता को पुन: सुना जाकर शिकायत में उल्लेखित बिन्दुओं को जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पूर्व में की गई शिकायत में सचिव एवं सरपंच ने विषयांकित शिकायत में क्या प्रतिवेदन दिया है? उसका भी विवरण उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। शिकायत में वर्णित तथ्यों का परीक्षण, अभिलेखों एवं स्थल सत्यापन द्वारा किया गया। शिकायत एवं जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत हैण्डपंप खनन
17. ( क्र. 1340 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वित्त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने स्थानों पर हैण्डपम्प लगाने हेतु गड्ढे खोदे गये? ग्राम वार सूची उपलब्ध करावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नल-जल योजना हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई?। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ग्रामों में जो नल-जल योजना संचालित की जा रही हैं उनमें से कितनी नल-जल योजना वर्तमान में सुचारू रूप से चालू हैं एवं कितनी बंद हैं? जो नल-जल योजना बंद है उनके बंद होने का कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जो नल-जल योजना बंद है उन्हें चालू करने की शासन की कोई मंशा है? यदि हां, तो कब तक चालू करा दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नल-जल योजना हेतु राशि स्वीकृत नहीं की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-3 के अनुसार है। (घ) 3 नल-जल योजनाएं पाइप लाइन में टूट-फूट के कारण बंद हैं जिन्हें चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
गोटेगांव में एस.डी.ओ.पी. (पुलिस) कार्यालय एवं अमले
18. ( क्र. 1344 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव में एस.डी.ओ.पी. (पुलिस) कार्यालय शासन की मंशानुसार स्वीकृत किया जा चुका है। इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गोटेगांव में एस.डी.ओ.पी. (पुलिस) कार्यालय की स्थापना कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खुजराहो में पदस्थ ABFO श्री अहिरवार को हटाये जाने अथवा निलंबित किया जाना
19. ( क्र. 1379 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलांतर्गत खजुराहो में पदस्थ पशु औषधालय में ABFO श्री अहिरवार द्वारा शासकीय कर्तव्यों को निर्वहन नहीं किया जा रहा है और लंबे समय से कार्यरत है? (ख) क्या नगर खजुराहो के रहने वाले अन्य लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि उक्त ABFO श्री अहिरवार द्वारा पशुओं के उपचार हेतु खुले आम सुकराना शुल्क की मांग की जाती है? (ग) क्या लंबे समय से पदस्थ ABFO श्री अहिरवार को जिले से बाहर स्थानांतरण की कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या जाँचकर निलंबित किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में शासन द्वारा स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। (घ) शिकायत प्राप्त होने पर जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
शस्त्र लाईसेंस की स्वीकृति के संबंध में
20. ( क्र. 1380 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने शस्त्र लाईसेंस के प्रकरण लंबित पड़े हैं जिनकी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं पुलिस विभाग से रिपोर्ट लगाकर भेजी गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा शस्त्र लाईसेंस के स्वीकृत हेतु पत्र कलेक्टर महोदय छतरपुर को दिये गये यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला छतरपुर में आलोच्य अवधि में नवीन शस्त्र लायसेंस आवेदन पत्रों पर पुलिस तथा अ.वि.दण्डा. से 275 प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा शस्त्र लायसेंस स्वीकृत करने हेतु 12 पत्र 12 व्यक्तियों को शस्त्र लायसेंस स्वीकृत करने हेतु दिये गये हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। 03 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिवपुरी जिले में यंत्रियों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों की अविलंब पूर्ति
21. ( क्र. 1568 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले में जून-2016 की स्थिति में सहायक यंत्री/उपयंत्री/कर्मचारियों एवं मैकेनिकों के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ पर कब से रिक्त है? उक्त रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे? (ख) क्या विकासखण्ड बदरवास में वर्तमान में पदस्थ उपयंत्री द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने, जनसुनवाई न करने एवं हैण्डपंपों के पाइप एवं सामग्री खुर्द-बुर्द करने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब किस-किस के द्वारा की गई? (ग) क्या बदरवास विकासखण्ड के पदस्थ उपयंत्री कार्य के प्रति लापरवाह है, जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को है? कार्य सुचारू रूप से चलें? इसके लिये क्या इन्हें बदरवास विकासखण्ड से हटाकर किसी सक्षम उपयंत्री की पदस्थापना की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) बदरवास विकासखण्ड में विभाग द्वारा जनवरी-2015 से जून-2016 तक क्या-क्या सामग्री, मशीनें आदि कब-कब प्रदाय की गई तथा उक्त सामग्री, मशीनें आदि कहाँ-कहाँ लगाई गई? कौन-कौन सी कितनी-कितनी पुरानी सामग्री और मशीनें आदि पुराने हैण्डपंपों/नलकूपों से निकालकर कितनी-कितनी कहाँ-कहाँ लगाई गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। नियमित स्थापना के रिक्त पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 ‘अ’ एवं कार्यभारित स्थापना के रिक्त पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 ‘ब’ अनुसार। निश्चित समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदाय की गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अ, लगाई गई जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2ब, विद्युत मोटर पम्प स्थापित करने संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 स एवं पुरानी सामग्री निकाल कर लगाने संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 द अनुसार है।
गौशालाओं के पंजीयन हेतु लंबित आवेदन
22. ( क्र. 1569 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में गौशालाओं के पंजीयन हेतु जून 2016 की स्थिति में आवेदन लंबित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी गौशालाओं के आवेदन कब से एवं क्यों लंबित है? इनका पंजीयन एवं मान्यता कब तक कर दी जाएगी? (ख) क्या प्रदेश में गौशालाओं के पंजीयन में अनावश्यक रूप से विलंब किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो गौशालाओं के पंजीयन क्यों लंबित है? (ग) क्या शिवपुरी जिले में शासकीय गौशालाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी गौशालाएं कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं तथा कितनी गौ-माताएं हैं? (घ) क्या शिवपुरी की गौशाला की भूमि पर अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो गौशाला की कुल कितनी भूमि किस खसरा नंबर की है एवं गौशाला की कितनी भूमि पर किसका कितनी भूमि पर कब से अतिक्रमण है एवं क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। परीक्षण के पात्र होने पर गौशालाओं के पंजीयन की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुपालन विभाग द्वारा फर्जी हितग्राहियों को लांभावित करना
23. ( क्र. 1622 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग के द्वारा संचालित हितग्राही मूलक योजनाएं क्या-क्या हैं? योजनाओं का लाभ किन पात्र व्यक्तियों को शासन/विभाग के दिशा निर्देश द्वारा दिये जाने के प्रावधान हैं? दिशा निर्देश/नियम की जानकारी देवें? (ख) बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं के तहत् किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि से लाभांवित किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित वर्षों में विभाग के अधिकारियों द्वारा फर्जी हितग्राहियों से सांठ-गांठ कर योजनाओं का लाभ बताकर विभाग/शासन को आर्थिक नुकसान पहुँचाया गया हैं? यदि नहीं, तो क्या उपरोक्त वर्षों में अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किये गये प्रकरणों की जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो किस किस स्तर के सक्षम अधिकारियों से कब तक जाँच करा ली जायेगी? जाँच उपरांत दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग
24. ( क्र. 1624 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में 15/जून/2016 तक कितने व्यक्ति कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं से लाभांवित हुये, सूची उपलब्ध करावें? (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग से जुड़ने हेतु प्रशिक्षण अथवा मार्गदर्शन के कार्यक्रम कब-कब संचालित किये गये हैं? तिथिवार पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें? (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा व्यक्ति लाभांवित हो, इस हेतु विभाग कोई कार्ययोजना तैयार कर रहा है, यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में 15 जून 2016 तक 101 व्यक्ति लाभान्वित हुये। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
पॉली हाउस/नेट हाउस के लिए अनुदान
25. ( क्र. 1625 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत केन्द्र/राज्य शासन की अनुदान योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने हितग्राहियों के पॉली हाउस/नेट हाउस कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हुये हैं? विवरण सूची सहित उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित हितग्राहियों के पॉली हाउस/नेट हाउस बनाये जाने हेतु कौन-कौन सी एजेंसी अधिकृत की गयी थी, सूची उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एजेंसी का चयन हितग्राही स्वयं करता है। कार्य करने वाली एजेंसियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना नियम
26. ( क्र. 1745 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी जिले में उपनिरीक्षक, निरीक्षक स्तर के एवं इससे उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग नियमानुसार अधिकतम कितने समय तक की जा सकती है? (ख) भोपाल जिले में वर्तमान में पदस्थ उक्त स्तर के सभी पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग क्या अधिकतम समय-सीमा के अंदर है? अधिकारी का नाम वर्तमान पदस्थापना स्थल, जिले में पोस्टिंग की तिथि सहित सूची भी उपलब्ध करवायें? (ग) क्या उक्त स्तर के अधिकारियों में ऐसे भी अधिकारी शामिल हैं जो भोपाल जिले के मूल निवासी हैं? अगर हाँ, तो इनकी सूची भी उपलब्ध करवायें? (घ) इन अधिकारियों में से ऐसे कौन से अधिकारी हैं जो दो एवं अधिक बार स्थानांतरण होने के बाद पुन: भोपाल जिले में वापस आ गए हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति क्रमांक एफ-6-एक/2015/एक/9 भोपाल दिनांक 15.04.15 की कण्डिका 8.7 में निर्धारित नीति अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
आंतरी थाना प्रभारी के विरूद्ध शिकायत
27. ( क्र. 1853 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना प्रभारी आंतरी श्री जय किशोर राजौरिया की अनियमितताओं जैसे (1) महिलाओं के साथ बदसलूकी करना. (2) रेत का अवैध कारोबार कराना. (3) रेल की रेक से डीजल-पेट्रोल की चोरी करना. (4) आंतरी थाना क्षेत्र में सट्टा तथा जुआ खिलवाना. (5) दामोदर सेन एवं उनकी पत्नी की लूट में अपराधियों से अवैध वसूली करना इत्यादि। बिंदुओं पर युवा कांग्रेस ग्वालियर के लोकसभा अध्यक्ष संजय सिंह यादव द्वारा दिनांक 23.06.2016 को वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को ज्ञापन दिया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? क्या उक्त बिंदुओं की जाँच कराई? यदि हाँ, तो प्रत्येक बिंदुवाईज़ जाँच रिपोर्ट स्पष्ट करें? क्या थाना प्रभारी आंतरी के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्या उक्त थाना प्रभारी को भारी लूट खसोट तथा सम्मानीय व्यक्तियों को अपमानित करना तथा झूठे केस दर्ज कराने की छूट दे रखी है? यदि नहीं, तो फिर उक्त थाना प्रभारी के प्रति कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ख) पत्र क्र./प्र.क्र.क्यू./आर.डी.एम./नौ-5/14, 15 एवं 16 ग्वालियर, दिनांक 15.06.2016 जो डॉ.संजय गोयल जिला दण्डाधिकारी जिला ग्वालियर द्वारा पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को लिखा था, उसमें अपराध क्र. 52/16 थाना आंतरी आरोपी (1) पंजाब सिंह पुत्र श्री नारायण सिंह. (2) जगदीश सिंह पुत्र श्री रामजीलाल. (3) मोहन सिंह पुत्र श्री रामनाथ सिंह ग्राम तोंडा थाना आंतरी के शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर संबंधित थाने में जमा कराने हेतु आदेश दिये थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? प्रश्न दिनांक तक उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या शस्त्र संबंधित थाने में जमा कर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को दिया गया ज्ञापन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। उपरोक्त ज्ञापन की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, देहात, ग्वालियर से कराई गई। जिसमें क्रमांक 1 से 5 तक बिन्दु प्रमाणित नहीं पाये गये। यद्यपि थाना प्रभारी आंतरी के द्वारा उपरोक्त वर्णित ज्ञापन के प्रत्येक बिन्दु पर विधिवत कार्यवाही की गई है इसके बावजूद उन्हें अपना आचरण सुधारने एवं जनता के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने के निर्देश दिये गये हैं। पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर के द्वारा थाना प्रभारी आंतरी जयकिशोर राजौरिया को प्रशासनिक कारणों से आंतरी थाने से स्थानान्तरित किया जा चुका है। (ख) दिनांक 21.06.2016 को जिला दण्डाधिकारी, ग्वालियर के द्वारा आदेश क्रमांक क्यू/9/14/15/ 16/2016 दिनांक 21.06.2016 से पंजाब सिंह, जगदीश सिंह, मोहन सिंह के लायसेंस निरस्त करने के आदेश जारी किये गये थे, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ ’स’ ’द’ अनुसार। उपरोक्त आदेश के पालन में दिनांक 08.07.2016 को उपरोक्त तीनों व्यक्तियों के लायसेंस व आर्म्स थाना आंतरी जिला ग्वालियर में लायसेंस व आर्म्स जमा करा लिये गये हैं। जमा की रसीद पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’इ’ अनुसार।
हैण्डपंपों सेट तथा प्लेटफार्म का निर्माण
28. ( क्र. 1854 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में विभाग को सिंगल फेस कनेक्शन की विद्युत मोटर 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी उपलब्ध हुई थी? कुल उपलब्ध विद्युत मोटरों में से ग्वालियर ग्रामीण, डबरा एवं भितरवार विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी उपलब्ध कराई अलग-अलग संख्यावार स्पष्ट करें? भितरवार विधान सभा क्षेत्र में प्राप्त विद्युत मोटरें किस-किस पंचायत में किस-किस स्थान पर डाली गई है? (ख) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक पी.एच.ई. विभाग द्वारा घाटीगाँव (बरई एवं भितरवार) विकासखण्ड में पेयजल की पूर्ति के लिये कितने नवीन खनन किये हैं? नवीन खनन में ऐसे कितने-कितने खनन हैं जहां उक्त अवधि में खनन हुये पाईन्टों में न हैण्डपंप सेट लगे है न उनका प्लेट फार्म निर्माण हुआ है ऐसी खननों की सूची ग्राम पंचायत का नाम, खनन का स्थान, खनन दिनांक एवं हैण्डपंप सेट पर प्लेटफार्म न बनाने का क्या कारण हैं? (ग) इस लापरवाही के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? दोषियों के प्रति क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अब कब तक हैण्डपंप सेट डालकर तथा प्लेटफार्म तैयार कर पेयजल की पूर्ति हेतु प्रदाय करा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 45 सिंगलफेस मोटरपंप। ग्वालियर ग्रामीण एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में क्रमशः 27 एवं 18 विद्युत मोटरें उपलब्ध कराई गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 458 नलकूप खनन कराये गये। समस्त सफल नलकूपों पर हैण्डपंप लगाये जा चुके हैं प्लेटफार्म निर्माण का कार्य ठेकेदार द्वारा नहीं किये जाने के कारण शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्लेटफार्म निर्माण में हुये विलंब हेतु अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है अपितु दोषी ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
खाद्यान्न पर्चियों का वितरण
29. ( क्र. 1867 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागरिकों की सुविधाओं एवं खाद्य आपूर्ति हेतु विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को पर्ची जारी किये जाने का प्रावधान है? यदि बी.पी.एल. कार्ड धारक उपभोक्ता को किसी कारणवश खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं की गई है, तो क्या उसे खाद्यान्न दिये जाने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था बाबत् विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? प्रावधानों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो किन-किन श्रेणी के उपभोक्ताओं को पर्ची जारी किये जाने के निर्देश है? खाद्यान्न पर्ची जारी न करने के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विक्रेता राशन दुकान द्वारा पात्र बी.पी.एल. कार्डधारक को कार्ड होने के बावजूद खाद्यान प्रदाय न करने पर विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधान सभा क्षेत्र गुनौर में पूर्व वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न वितरण से संबंधित कितनी शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायत में से कितनी शिकायतों की जाँच करवाई गई एवं कितने शिकायतें सही पाई गई और सही पाई गई शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत पात्र परिवार की श्रेणियों के सत्यापित परिवारों को जारी पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) के आधार पर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन सामग्री वितरण किए जाने का प्रावधान है। आवेदन करने वाले पात्र उपभोक्ता को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची उपलब्ध कराने की व्यवस्था होने से वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों को स्थानीय निकाय/संबंधित विभाग द्वारा सत्यापन किए जाने उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर राशन वितरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों की श्रेणी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करने का कार्य स्थानीय निकाय/संबंधित विभाग द्वारा किया जाता है। पोर्टल पर सत्यापित समस्त पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। इसमें कोई दोषी नहीं होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रत्येक माह पात्र परिवार का विवरण एवं उनकी राशन पात्रता पी.ओ.एस. मशीन पर अपलोड की जाती है तथा उन्हीं परिवारों हेतु उचित मूल्य दुकान को राशन सामग्री का आवंटन जारी किया जाता है। यदि उचित मूल्य दुकानदार द्वारा इन परिवारों में से किसी को राशन सामग्री प्रदाय करने से इंकार किया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई। प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
30. ( क्र. 1881 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी विहीन केन्द्रों के लिये नाबार्ड से वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुये थे? (ख) यदि हाँ, तो तीन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी भवन बनकर तैयार क्यों नहीं हुये? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? विलंब के लिये कौन सा विभाग जिम्मेदार है? (ग) कब तक आंगनवाड़ी भवन विभाग को हस्तांतरित हो जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। आष्टा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012-13 में नाबार्ड योजना अंतर्गत प्री-फेब पफ पैनल तकनीक से (प्री-फेब) निर्माण हेतु कुल 115 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये थे। प्री-फेब तकनीक से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में लागत अधिक होने एवं भवन निर्माण में परंपरागत भवन निर्माण पद्धति के समान ही समय लगने के कारण आष्टा विधानसभा क्षेत्र में प्री-फेब तकनीक से निर्मित होने वाले कुल 115 आंगनवाड़ी भवनों के स्थान पर केवल 53 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण ही प्री-फेब तकनीक से कराये जाने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है। इनमें से 48 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण है, 05 आंगनवाड़ी भवन निमार्णाधीन है। परिस्थितिजन्य निर्णय एवं विलंब के लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। (ग) 48 पूर्ण आंगनवाड़ी भवनों का हस्तांतरण महिला बाल विकास विभाग को प्राप्त हो चुका है। शेष निर्माणाधीन 05 आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य माह सितंबर 2016 तक पूर्ण होगा। तदुपरांत इन भवनों के हस्तांतरण की कार्यवाही की जा सकेगी।
मछली पकड़ने का ठेका
31. ( क्र. 1896 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में मछली पकड़ने का कार्य कितने ठेकेदारों के द्वारा किया जा रहा है। (ख) जिले में किस ठेकेदार द्वारा किस जगह मछली पकड़ने का कार्य किया जा रहा है ठेकेदार का नाम व स्थान बतावें तथा किस ठेकेदार का कहाँ तक का क्षेत्र है जानकारी देवें? (ग) किस स्थान का कितनी राशि में ठेका दिया? (घ) मंदसौर जिले में विगत दो वर्षों में ठेकेदारों से कितनी राशि प्राप्त हुई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में मछली पकड़ने का कार्य ठेकेदारों के द्वारा नहीं किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) मंदसौर जिले में महासंघ के अधीन गांधी सागर जलाशय से मत्स्य विक्रय अनुबंध ग्रहीता से वर्ष 2014-15 में रूपये 7,57,27,760.00 (सात करोड़ सत्तावन लाख सत्ताईस हजार सात सौ साठ ) एवं वर्ष 2015-16 में रूपये 20,17,56,000.00 (बीस करोड़ सत्रह लाख छप्पन हजार) की राशि प्राप्त हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला नरसिंहपुर में संचालित गोदामों की जानकारी
32. ( क्र. 1928 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में वेयर हाउस एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने गोदाम किस-किस दर से, किन-किन लोगों से, कब से कब तक किराये से लिये गये हैं? (ख) भंडार गृह किराये पर लेने के क्या मापदण्ड हैं? (ग) वेयर हाउस एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के जिला नरसिंहपुर में कितने गोदाम कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी क्षमता के संचालित हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) शासकीय गोदामों में भण्डारण पश्चात् आवश्यकतानुसार निजी गोदामों को विभिन्न संयुक्त भागीदारी योजनाओं/किराये के तहत गोदाम संचालकों से ऑनलाईन ऑफर प्राप्त कर 'प्रथम आओ प्रथम पाओ' के मापदण्डों के तहत लिए जाते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
33. ( क्र. 1929 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी आबादी पर दुकान संचालित किये जाने के शासन के निर्देश हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या वर्तमान में तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं, तो नवीन उचित मूल्य की दुकानें खोलना कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या शासन द्वारा उचित मूल्य की दुकानों का संचालन समूहों को दिये जाने का प्रावधान है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक समूहों के संचालन करने के आदेश हो जावेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिन पंचायतों में नवीन उचित मूल्य दुकानें खोलना प्रस्तावित है, उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उचित मूल्य की दुकान का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों को किए जाने का प्रावधान है। (घ) उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही चल रही है। उच्च न्यायालय से प्राप्त स्थगन के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हत्या के आरोप में जमानती द्वारा सार्वजनिक रूप से अवैध शस्त्र लहराना
34. ( क्र. 1948 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र ‘’इन्दौर समाचार’’ के मुख्य पृष्ठ पर दिनांक 19 जून 2016 को प्रकाशित खबर अनुसार इन्दौर बाय-पास पर आर-9 रेस्टोरेंट में दिनांक 16 जून को हत्या के आरोपी, ग्राम लेबड, जिला धार निवासी राकेश सिंह गौतम द्वारा अपने जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया था तथा क्या उक्त पार्टी में समाचार पत्र में छपे फोटो व समाचार अनुसार इन्दौर शहर के अनेक गुण्डे एवं अपराधी तत्वों का जमावड़ा हुआ था? (ख) क्या राकेश सिंह गौतम, कैलाश अग्रवाल व दिनेश मकवाना हत्याकाण्ड में आरोपी के रूप में धार न्यायालय द्वारा दो आजन्म कारावास की सजा से दण्डित किया गया है एवं वर्तमान में जमानत पर है तथा क्या जमानत एवं जन्मदिन की खुशी में राकेश सिंह गौतम द्वारा हंगामा एवं रिवाल्वर से हवा में फायरिंग की गई तथा सूचना पर कनाडि़या पुलिस भी मौके पर पहुंची थी? क्या हवाई फायर किये जाने पर इन्दौर पुलिस अथवा कनाडि़या पुलिस द्वारा कोई प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? क्या इसकी जानकारी वर्तमान में पदस्थ आई.जी. इन्दौर को उपलब्ध हो चुकी थी? (ग) क्या इस प्रकार सार्वजनिक रूप से अवैध हथियार को हवा में लहराना व हवाई फायर करना, जमानत शर्तों का उल्लंघन है तथा क्या शासन इस प्रकरण के पश्चात् माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में जमानत निरस्त करने की अपील करेगा तथा अवैध रूप से रिवाल्वर रखने एवं हवाई फायर करने के अपराध में आर्म्स एक्ट एवं आई.पी.सी. स के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 16.06.2016 को इंदौर बायपास पर स्थित आर-9 रेस्टोरेन्ट में राकेश सिंह गौतम के जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया गया था। इस संबंध में की गई जाँच में घटना स्थल पर शहर के गुण्डों एवं अपराधिक तत्वों का जमावड़ा होने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। (ख) राकेश सिंह गौतम व अन्य को कैलाश अग्रवाल व दिनेश मकवाना हत्या काण्ड में न्यायालय द्वारा दिनांक 14.12.2015 को दौहरी आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है एवं आरोपी राकेश सिंह गौतम को माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा दिनांक 13.05.2016 को जमानत पर रिहा किये जाने के आदेश पारित किये गये। दिनांक 16.06.2016 को घटना के संबंध में कोई भी सूचना थाना कनाडि़या पर प्राप्त न होने के कारण पुलिस घटना स्थल पर नहीं गई थी बल्कि दिनांक 19.06.2016 को दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के संबंध में जाँच थाना कनाडि़या द्वारा की गई है। जाँच में आये तथ्य एवं साक्ष्य के आधार पर राकेश गौतम द्वारा रिवाल्वर से हवा में फायर किये जाने के तथ्य की पुष्टि नहीं हुई है। राकेश गौतम द्वारा पार्टी में उपस्थित विरेन्द्र दीखित से उसकी लायसेंसी रिवाल्वर अवैध रूप से अपने कब्जे में रखना पाये जाने के कारण राकेश गौतम एवं विरेन्द्र दीखित के विरूद्ध दिनांक 28.06.2016 को थाना कनाडि़या पर अपराध क्रमांक 280/16 धारा 25, 30 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है। वर्तमान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक इंदौर जोन तत्समय प्रशिक्षण पर राज्य से बाहर थे। घटना के समय कार्यभार धारित करने वाले अति.पुलिस महानिदेशक, इंदौर जोन को घटना की सूचना दी गई थी। (ग) श्री राकेश गौतम द्वारा जमानत शर्तों का उल्लंघन किये जाने के संबंध में परीक्षण कर जमानत निरस्त कराये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक, धार द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक, धार श्री विक्रम सिंह को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रभारी अधिकारी द्वारा जमानत निरस्तीकरण की कार्यवाही सक्षम न्यायालय में की जा रही है। शेष उत्तर प्रश्नांश ’ख’ में समाहित है।
नवीन स्त्रोत का निर्माण
35. ( क्र. 1953 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नल-जल की जो योजनायें स्त्रोत सूख जाने के कारण बंद हैं, के नवीन स्त्रोत निर्माण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराये जायेंगे? (ख) यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नल-जल योजनाओं के स्त्रोत सूख जाने के कारण कितने नवीन स्त्रोत निर्माण कराये गये? कितने सफल एवं असफल हैं? सूची देवें? (ग) यदि असफल हैं तो पुन: नये स्थान पर खनन कराया गया है या नहीं? यदि नहीं, कराया गया है तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजनाओं के सभी स्त्रोत सफल हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नलकूप खनन हेतु ग्रामों की चयन प्रक्रिया
36. ( क्र. 1954 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रति वर्ष नलकूप खनन हेतु टेण्डर आमंत्रित किये जाते हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत टेण्डर के अनुसार ग्रामों में नलकूप खनन के वर्क आर्डर जारी किये जाते हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों की आवश्यकता/मांग के आधार पर ग्रामों का चयन नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या ग्राम पंचायत की मांग अनुसार खनन कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) विभाग द्वारा आंशिक पूर्ण श्रेणी बसाहटों, पेयजल विहीन शालाओं एवं पेयजल विहीन शासकीय भवनुयक्त आँगनवाड़ी में पेयजल व्यवस्था की जाती है।
आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को गृह नगर में पदस्थ के नियम
37. ( क्र. 1955 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को गृह जिले में पदस्थ करने के क्या नियम प्रावधान हैं। (ख) इन्दौर जिलांतर्गत वर्तमान में कितने आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक गृह जिले में पदस्थ हैं। (ग) आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को किन कारणों से गृह जिलों में पदस्थ नहीं किया जा सकता? (घ) क्या आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को जिला पुलिस बल को छोड़कर अन्य स्थानों पर गृह जिले में पदस्थ किया जा सकता है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नीति एफ- 6- 1/2015/ एक/9 दिनांक 15.04.15 की कण्डिका 8.16 अनुसार। (ख) जिला इंदौर में 356 आरक्षक एवं 317 प्र.आर. पूर्व से ही गृह जिले में पदस्थ है। पुलिस मुख्यालय के आदेश दिनांक 17.02.16 संलग्न परिशिष्ट अनुसार के पश्चात् कोई भी आरक्षक/प्रधान आरक्षक गृह जिले में पदस्थ नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
नलकूप/हैण्डपंप की जानकारी
38. ( क्र. 1960 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देपालपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने-कितने नलकूप/हैण्डपंप लगे हुए हैं इनमें से कितने चालू अवस्था में हैं और कितने बंद हैं, बंद होने का कारण स्पष्ट करें? विगत तीन वर्षों में खनित नलकूपों की जानकारी देवें? (ख) बंद होने का कारण भू-जल स्तर गिरना है या तकनीकी त्रुटि हैं? यदि तकनीकी त्रुटि है तो कब तक सुधार कर दिया जायेगा? (ग) कितने ग्रामों में पेयजल संकट की स्थिति है और उससे निपटने के लिए क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (घ) क्षेत्र के अंतर्गत कितने गाँवों में नल-जल योजना लागू है एवं कितने में नहीं, जिनमें नहीं है उनमें कब तक योजना लागू कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 2173 हैण्डपंप स्थापित हैं जिनमें से 1592 चालू एवं 581 जलस्तर नीचे जाने के कारण बंद हैं। विगत 3 वर्षों में 554 नलकूप खनित किये गये (ख) उत्तरांश-‘क‘ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में पेयजल संकट की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 115 ग्रामों में नल-जल योजना संचालित है एवं 69 ग्रामों में नहीं है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजनाओं का संचालन
39. ( क्र. 1995 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अशोक नगर के विकासखण्ड चंदेरी एवं ईसागढ़ में वर्ष 2015-16 में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना के तहत कितनी राशि खर्च की गई? (ख) किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना कार्य कर रही है और किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना बंद पड़ी है सूची उपलब्ध करावें? (ग) बंद पड़ी नल-जल योजना चालू करने के लिये शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
आंगनवाडि़यों के स्वयं के भवन
40. ( क्र. 2054 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिले शहडोल अनूपपुर एवं उमरिया में ऐसी कितनी आंगनवाडि़यां हैं जिनके पास स्वयं के भवन हैं एवं ऐसी कितनी आंगनवाडि़यां हैं जो किराये के भवन में संचालित हैं? (ख) उपरोक्त जिले में जो आंगनवाडि़यां किराये के भवन में संचालित हैं उसके लिये विगत् 3 वर्षों में कितने किराये का भुगतान किया गया है। प्रति वर्ष व्यय की राशि का विवरण दें? (ग) अनूपपुर जिले में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाडि़यों को अपने भवन बनाने की अनुमति प्रदान की जाकर आवंटन जारी किया गया है। उक्त अवधि की जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) उपरोक्त वर्षों में जारी की गई राशि में से कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने अधूरे हैं तथा अधूरे निर्माण कार्य की दशा में भवन निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। यदि हाँ, तो कितनी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शहडोल संभाग अन्तर्गत कुल 3377 आंगनवाडि़या (मिनी सहित) संचालित है। इनमें से 2438 विभागीय भवनों में, 533 किराये के भवनों में एवं 406 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। (ख) शहडोल संभाग अन्तर्गत सम्मिलित जिलों में किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी भवनों के लिये विगत तीन वर्षों में किराया भुगतान कि स्थिति निम्नानुसार हैः-
क्र. |
जिले का नाम |
विगत तीन वर्षों में किराया भुगतान का विवरण |
योग |
||
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
|||
1 |
शहडोल |
12,02,150 |
14,93,350 |
28,27,565 |
55,23,065 |
2 |
अनुपपुर |
4,25,400 |
3,98,850 |
44,84,400 |
12,72,650 |
3 |
उमरिया |
2,03,100 |
5,44,300 |
4,66,600 |
12,14,000 |
|
कुल |
18,30,650 |
24,36,500 |
37,42,565 |
80,09,715 |
(ग) अनूपपुर जिलें में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजना के अभिसरण से 25 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है। इस हेतु राशि रू. 42.00 लाख (प्रथम किश्त) का आवंटन जारी किया गया है। (घ) अनूपपुर जिले में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजना के अभिसरण से 25 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये राशि, वित्तीय वर्ष 2016-17 में ही जारी की गई है। इस राशि से प्रस्तावित भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। इन भवनों में लागत वृद्धि नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अस्पतालों हेतु क्रय सामग्री पर भारी भ्रष्टाचार पर प्राथमिकी दर्ज
41. ( क्र. 2075 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर संभाग के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन जबलपुर कटनी, नरसिंहपुर, मण्डला, बालाघाट, सिवनी, डिण्डौरी के द्वारा अस्पतालों के लिये सामग्री क्रय करने हेतु सहकारियों समितियों के साथ सांठ-गांठ कर शासकीय धनराशि का गबन करने संबंधी शिकायत पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर को दिनांक 12.5.15 को प्राप्त हुई थी? (ख) उक्त शिकायत में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नरसिंहपुर द्वारा 4.4.014 को आहरित बिल क्र. (1) में राशि 40,78,233.00 में पलंग, स्टूल एवं अन्य सामग्री बाजार मूल्य से अधिक राशि पर क्रय दर्शाकर भारी मात्रा में भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई थी? क्या उक्त शिकायत की जाँच कर संबंधित अधिकारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्यानिकी योजनाएं
42. ( क्र. 2084 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सभी विकासखण्डों वर्ष 2013-14 से बीज वितरण, खाद वितरण फलदार, फूलदार पौध रोपण संबंधी योजनाओं में क्या-क्या सामग्री वितरित की गई है? (ख) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने उद्यान विकसित किये गये तथा उनके विकास व विस्तार के लिये 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? उद्यानवार जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लम्बे अर्से से सिवनी जिले के उद्यानिकी मिशन से जोड़े जाने हेतु मांग की जा रही है? सिवनी जिले को उद्यानिकी मिशन से जोड़ने हेतु अभी तक विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं सिवनी जिले को उद्यानिकी मिशन से जोड़े जाने की समय-अवधि बतावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सिवनी जिले को एन.एच.एम. में शामिल करने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया जिसे भारत सरकार ने सीमित संसाधनों के कारण मान्य नहीं किया है, अत: समय-सीमा बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्रों की जानकारी
43. ( क्र. 2085 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र हैं? इन केन्द्रों में कितना मत्स्य बीज उत्पादन होता है? मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन का कार्य कौन-कौन से तालाब में किया जा रहा है? तालाबवार जानकारी देवें। (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु सिवनी जिले में क्या-क्या प्रयास किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सिवनी जिले में विगत तीन वर्षों में शासन द्वारा कितने ठेकेदारों को तालाब में मछली पकड़ने का ठेका दिया गया है एवं शासन को इससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (घ) क्या एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के डेम संजय सरोवर बांध भीमगढ़ (छपारा) में मत्स्य बीज उत्पादन प्रक्षेत्र खोलने हेतु विभाग के पास कोई योजना है? यदि हाँ, तो इस योजना को कब तक कार्य रूप में वर्णित किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) सिवनी जिले में तीन विभागीय एवं आठ निजी मत्स्य बीज प्रक्षेत्र है। प्रक्षेत्रों का विवरण एवं उत्पादित मत्स्य बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य नहीं होता है तालाबो में मत्स्य पालन की तालाबवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जिले में मत्स्य पालन एवं मत्स्यबीज उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु विभागीय योजनाएं संचालित है। मत्स्यबीज उत्पादन हेतु निजी क्षेत्र में मत्स्य बीज संवर्धन क्षेत्र निर्माण हेतु ऋण स्वीकृति पर अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। (ग) संजय सरोवर बांध भीमगढ़ जलाशय में उत्पादित मछली के विक्रय हेतु श्रीमती नीता डेग द्वारा दिनांक 20.12.2011 से 15.06.2021 तक के लिये अनुबंध निष्पादन किया गया है जिससे वर्ष 2013-14 में रूपये 13.64 लाख 2014-15 में रूपये 13.64 लाख एवं वर्ष 2015-16 में रूपये 15.13 लाख की राशि प्राप्त हुई है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापित करना
44. ( क्र. 2270 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भिण्ड जिले में विकासखण्ड मेहगांव में वर्ष 2015-16 में प्राप्त लक्ष्य अनुसार नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित करने हेतु स्थान चिन्हित कर खनन कर हैण्डपंप स्थापित करने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड भिण्ड द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मैकेनिकल शाखा ग्वालियर को लिखा गया है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त चिन्हित स्थानों में ग्राम बहुआ में जयनारायण कुशवाह के दरवाजे पर व ग्राम नुन्हड में विमलेश सिंह नरवरिया के दरवाजे पर पूर्व से ही हैण्डपंप विधायक मद से लगे हुए हैं और जिनका भुगतान संबंधित एजेंसी को पूर्व में ही किया जा चुका है? ग्राम नुन्हड में चिन्हित स्थान से अन्य स्थान शिवचरण के दरवाजे पर खनन कार्य कराया जाकर हैण्डपंप स्थापित कराये जाने की प्रक्रिया की जा रही है जिसकी दूरी लगभग 100 फुट है? यदि हाँ, तो उक्त त्रुटिपूर्ण कार्यवाही के लिये कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी दोषी है, नाम बतायें। (ग) क्या विभाग उक्त दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेंगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक समय-सीमा बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) ग्राम बहुआ में जयनारायण कुशवाहा के दरवाजे पर पूर्व से ही विधायक मद में हैण्डपंप लगा है। विभाग द्वारा ग्राम बहुआ में इस वर्ष कोई हैण्डपंप खनन नहीं किया गया। ग्राम नुन्हड़ में विमलेश सिंह नरवरिया के दरवाजे पर पूर्व में विधायक मद से कोई हैण्डपंप नहीं लगा है। जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बाछड़ा जाति समुदाय की महिलाओं का उत्थान
45. ( क्र. 2293 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग में बाछड़ा जाति समुदाय की महिलाओं को उन्हें समाज की मूल धारा से जोड़ने के लिये क्या कोई योजना बनाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में बनाई गई योजना के क्रियान्वयन हेतु संभाग को कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में प्राप्त हुई है तथा उसका व्यय किस प्रकार से किया गया है? जिलेवार मदवार ब्यौरा दें। (ग) योजना क्रियान्वयन के पूर्व कार्य योजना एवं व्यय की जाने वाली राशि के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अनुमोदन लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (ख) (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
पशु औषधालय की स्थापना
46. ( क्र. 2317 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा अंतर्गत कितने पशु औषधालय स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? पदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या ग्राम पंचायत सिधार में नवीन पशु औषधालय खोलने हेतु प्रस्ताव कलेक्टर सिंगरौली के माध्यम से प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो कब तक में स्वीकृत करा दी जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक पूर्ण करा दी जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016-17 हेतु प्राप्त वित्तीय प्रावधानों के अनुसार नवीन औषधालय स्थापना की लक्ष्य पूर्ति होने के पश्चात् ग्राम पंचायत सिधार में पशु औषधालय खोलने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उक्त प्रस्ताव परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला बदल की कार्यवाही
47. ( क्र. 2329 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह कि दतिया जिले में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने लोगों पर जिला बदल की कार्यवाही हेतु थानों द्वारा अनुशंसा की गयी है। उनके नाम/उन पर चल रहे अपराध क्र. व दिनांक/उनके पते सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) किसी भी व्यक्ति को जिला बदल करने के शासन के क्या नियम हैं, नियम की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ग) दतिया जिले में ऐसे कितने व्यक्ति शेष है जिन पर पिछले 3 या 4 वर्षों में 2 या उससे ज्यादा केस दर्ज हुये हैं एवं उन पर पहले के भी केस चल रहे है। लेकिन उन पर जिला बदल की कार्यवाही नहीं की गयी। साथ ही जिन व्यक्तियों पर जिला बदल की कार्यवाही की गयी है उनमें ऐसे कितने व्यक्ति है जिन पर पिछले 3 वर्षों में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है? (घ) उक्त कंडिका (क), (ख), (ग) में वर्णित जानकारी से क्या ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि उक्त कार्यवाही व्यक्तिगत द्वेष के कारण की गयी है जबकि जो वास्तविक अपराधी है उन्हें इस प्रक्रिया से दूर रखा गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला दतिया में 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक 06.07.2016 तक 226 व्यक्तियों के विरूद्ध जिलाबदर प्रकरणों में अनुशंसा की गई है। उन पर पर चल रहे अपराधों का विवरण दिनांकवार पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिलाबदर करने के संबंध में म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के तहत कार्यवाही की जाती है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) दतिया जिले में कुल 880 व्यक्ति है जिन पर विगत 3-4 वर्षों में 2 या उससे अधिक प्रकरण दर्ज हुए है एवं उन पर पहले के केस चल रहे हैं परन्तु उन पर जिला बदर की कार्यवाही नहीं की गयी है। ऐसे 10 प्रकरण है जिनमें जिलाबदर की कार्यवाही की गयी है जिन पर विगत 3 वर्ष में एक भी प्रकरण दर्ज नहीं है। (घ) जी नहीं। म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की मंशानुसार राज्य की सुरक्षा व्यवस्था एवं लोक शांति बनाये रखने हेतु विधि अनुरूप आवश्यक कार्यवाही की गयी है। यह कहना सही नहीं है कि कार्यवाही व्यक्तिगत द्वेष से की गयी है एवं वास्तविक अपराधी को प्रक्रिया से दूर रखा गया है।
पशु नस्ल सुधार के कार्य
48. ( क्र. 2337 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने पशु चिकित्सा केन्द्र, कितने पशु नस्ल सुधार केन्द्र विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? (ख) पशुपालन विभाग द्वारा पशु नस्ल सुधार हेतु कौन-कौन सी योजना एवं उपाय किये जा रहे हैं? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक पशुपालन एवं पशु चिकित्सा आदि हेतु समय-समय पर विभाग ने क्या कार्यक्रम बनाये एवं उनका क्रियान्वयन किस प्रकार किया गया? बिन्दुवार बतावें? (घ) नरसिंहपुर जिले में कितने डॉक्टर एवं कितने अन्य कर्मचारी विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ पर कार्यरत हैं एवं कितने पद कहाँ-कहाँ रिक्त है इन पदों को भरने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा 04 पशु चिकित्सालय, 04 पशु औषधालय, कुल 08 पशु चिकित्सा संस्थाएं एवं पशु नस्ल सुधार हेतु 01 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र तथा 08 उपकेन्द्र कुल 09 कृत्रिम गर्भाधान संस्थाएं संचालित की जा रही है। (ख) पशुपालन विभाग द्वारा पशु नस्ल सुधार दो प्रकार से किया जा रहा है -1. प्राकृतिक गर्भाधान के माध्यम से 2. कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से। प्राकृतिक गर्भाधान के माध्यम से नस्ल सुधार हेतु गौ वंशीय पशुओं हेतु नंदीशाला योजना, भैंसों में मुर्रा पाडा प्रदाय योजना (समुन्नत योजना) एवं बकरी में नस्ल सुधार हेतु जमनापारी/बारबरी/सिरोही नर बकरा प्रदाय, योजनाओं द्वारा नस्ल सुधार किया जा रहा है। कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से उन्नत देशी नस्ल एवं जर्सी तथा एच.एफ. (विदेशी नस्ल) के हिमीकृत वीर्य द्वारा गायों एवं भैंसो में कृत्रिम गर्भाधान कर नस्ल सुधार किया जा रहा है। (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा पशु पालन एवं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिनका क्रियान्वयन विभागीय संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समय-समय पर रिक्त पदों को भरने हेतु द्वितीय श्रेणी पदो हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों हेतु कार्यवाही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से की जाती है।
गेहूं की खरीदी के बाद परिवहन व्यवस्था
49. ( क्र. 2338 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य पर धान एवं गेहूं की खरीदी के बाद परिवहन की व्यवस्था किस तरीके से की जाती है इसके लिये क्या प्रक्रिया अपनायी जाती है? (ख) क्या परिवहन का खर्च किसान को दिया जा सकता है इसके लिये क्या विभाग विचार कर रहा है? (ग) किसानों को गेहूं एवं धान उपार्जन के बाद परिवहन का खर्च दिये जाने के संबंध में विभाग क्या विचार कर रहा है? यदि यह व्यवस्था लागू होती है जो राशि बिचौलियों के पास जाति है वह किसानों के पास आ सकती है इन्हें रोकने हेतु विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उपार्जन एजेंसियों द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूं को उपार्जन केन्द्र से गोदामों तक परिवहन करने हेतु ई-टेण्डर के माध्यम से निविदा आमंत्रित कर सेक्टरवार परिवहनकर्ताओं की नियुक्ति की जाती है। (ख) किसानों की सुविधा की दृष्टि से जिला स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित उपार्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न का उपार्जन किया जाता है ताकि किसानों को अपनी उपज विक्रय करने हेतु अधिक दूरी तय न करना पड़े। उपार्जित खाद्यान्न को शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार नियत गोदामों में भंडारित किया जाता है, जो कि सामान्यत: उपार्जन केन्द्रों से अधिक दूरी पर स्थित होते हैं, जहां तक खाद्यान्न परिवहन करने हेतु सभी किसानों के पास परिवहन के साधन न होने तथा विक्रय की जाने वाली मात्रा में भिन्नता होने के कारण गोदाम तक परिवहन का दायित्व किसानों को सौंपा जाना व्यवहारिक रूप से उचित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के परिवहन हेतु निर्धारित शर्तों के अनुसार कोई भी व्यक्ति निविदा में भाग ले सकता है।
पात्रता पर्ची का वितरण
50. ( क्र. 2347 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में कितनी गरीबी रेखा, अति गरीबी रेखा, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना कर्मकार मण्डल में पंजीकृत हितग्राही हैं? जनपद पंचायत, अनुसार जानकारी दें? इनमें से कितनों को राशन की पर्ची नहीं दी गई? (ख) जिले में 31 मई 2016 की स्थिति में कितने पात्र परिवारों को राशन की पर्ची नहीं दी गई तथा क्यों कारण बतायें तथा कब तक राशन की पर्ची देंगे? (ग) जिला छतरपुर में फसल क्षति वाले पात्र कितने किसानों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण होना है तथा 31 मई, 2016 की स्थिति में कितने किसानों को पर्ची दी गई? शेष किसानों को कब तक पर्ची दी जायेगी? (घ) पात्र परिवारों को राशन पर्ची के संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग तथा जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) छतरपुर जिले में गरीबी रेखा, अन्त्योदय अन्न योजना मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना एवं कर्मकार मण्डल की श्रेणी अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों के सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची की जनपदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवेदन करने वाले सत्यापित सभी पात्र परिवार को पात्रता पर्ची जारी की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) जिले में 31 मई, 2016 की स्थिति में सत्यापित 26,354 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष थी जिनमें उचित मूल्य दुकानों से मैप किए गए 19,562 परिवारों को 22 जून, 2016 को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। 6,792 शेष परिवार एवं दिनांक 31 मई, 2016 के बाद 12,734 सत्यापित एवं मैप किए गए कुल 19,526 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। जिले में माह जून, 2016 की स्थिति में लगभग 79 प्रतिशत जनसंख्या को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभांवित किया गया है, उसके उपरांत भी जिले में नवीन परिवारों को सत्यापन किया गया है। शेष रहे परिवारों का परीक्षण उपरांत पात्रता पर्ची जारी की जाएगी। (ग) छतरपुर जिले में सूखे के कारण 50 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान वाले 59,338 किसान हैं जिनमें से दिनांक 31 मई, 2016 की स्थिति में 36,018 एवं दिनांक 22.06.2016 को 18,045 किसानों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। शेष 5,248 किसानों को पात्रता पर्ची परीक्षण उपरांत जारी की जाएगी। (घ) पात्र परिवार श्रेणी में सम्मिलित परिवारों का सत्यापन स्थानीय निकाय द्वारा सतत् प्रक्रिया के रूप में किया जा रहा है। परिवार के सत्यापन उपरांत विभागीय अमले द्वारा परिवार की मैपिंग संबंधित उचित मूल्य दुकान से की जाती है। तदुपरांत माह के प्रथम सप्ताह में नवीन/संशोधित परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाती है किन्तु राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में नवीन सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची 22 जून, 2016 को जारी की जाकर माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जा रहा है।
अपराधी को गिरफ्तार कर चालान पेश किया जाना
51. ( क्र. 2362 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना उचेहरा अंतर्गत दिनांक 28/01/2015 को ट्रक क्र. एम.पी. 19 एच.ए. 1917 के चालक द्वारा खड़े हुए लोगों पर लापरवाही व उपेक्षा पूर्वक टक्कर मार दिये जाने से बेलहटा निवासी सत्यवती व राजेन्द्र नगर (खूँथी) सतना निवासी सुखराज चौधरी की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त घटना की रिपोर्ट मृतकों के परिजनों द्वारा दिनांक 31/01/2015 को थाना उचेहरा में दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो क्या पुलिस द्वारा अपराध क्र. 66/15 पंजीबद्ध किया गया था? (ग) क्या पुलिस द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित ट्रक की जप्ती कर ट्रक ड्राइवर व ट्रक मालिक को घटना दिनांक से आज दिनांक तक गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही चालान पेश किया गया? कारण सहित विवरण देवें? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ, तो ट्रक को कब तक जप्त करते हुए ट्रक ड्राइवर व ट्रक मालिक को गिरफ्तार कर चालान पेश किया जायेगा? पुलिस द्वारा समय पर कार्यवाही न करने पर क्या कार्यवाही अमल में लाई जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 31.01.2015 को थाना उचेहरा में मृतकों के परिजनों द्वारा सूचना दी गई थी। जिला चिकित्सालय में दिनांक 28.01.2015 को मृतकों की मृत्यु की सूचना पर मर्ग 08/2015 व 09/2015 कायम किया गया। जाँच पर से दिनांक 26.03.2015 को फरियादी अपराध क्रमांक 66/2015 धारा 304ए, 279, 337 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। (ग) ट्रक क्रमांक एम.पी.19 एच.ए.-1917 को दिनांक 05.07.2016 को जब्त किया गया। ट्रक चालक इन्द्रभान तनय लोली प्रजापति उम्र 30 वर्ष निवासी तेंदूहटा थाना मैहर को दिनांक 12.07.2016 को गिरफ्तार किया गया एवं दिनांक 07.07.2016 को ट्रक मालिक अभिषेक तिवारी तनय सभाजीत तिवारी निवासी महाराणा प्रताप नगर, थाना कोतवाली सतना को दिनांक 07.07.2016 को न्यायालय में उपस्थित होने के लिये नोटिस तामिल कराई गई है। दिनांक 08.07.2016 को न्यायालय जे.एम.एफ.सी. उचेहरा में चालान क्रमांक 180/2016 तैयार कर न्यायालय प्रस्तुत किया गया है। आरोपी चालक इन्द्रभान प्रजापति के विरूद्ध पूरक चालान 180-ए/2016 दिनांक 12.07.2016 को तैयार कर दिनांक 15.07.2016 को न्यायालय प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण क्रमांक 220/16 दिनांक 08.07.2016 न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) दिनांक 05.07.2016 को ट्रक क्रमांक एम.पी.19 एच.ए.-1917 को दिनांक 05.07.2016 को जब्त किया गया, दिनांक 08.07.2016 को चालान मान. न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। अनुसंधान अनावश्यक रूप से लंबित रखने के फलस्वरूप उप निरीक्षक एस.बी.चौधरी, तत्कालीन थाना प्रभारी उचेहरा, प्रधान आरक्षक-635 सियाशरण एवं प्रधान आरक्षक 664 कल्लू रावत थाना उचेहरा को दिनांक 13.07.2016 को निलंबित किया गया है।
सतना जिले में संचालित नल-जल योजनाएं
52. ( क्र. 2363 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल समस्या ग्रस्त ग्रामों में नवीन नल-जल प्रदाय योजना स्वीकृत कराई जाएगी? यदि हाँ, तो प्रस्तावित नल-जल योजना विधान सभा क्षेत्र व ग्राम पंचायतवार बताएं? (ख) क्या पुरानी नल-जल योजनाओं का विस्तारीकरण करने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या सतना जिले के अंतर्गत रैगांव विधान सभा क्षेत्र के ग्राम छुलहनी (सायडिंग) में नल-जल योजना संचालित है? यदि है तो क्या टंकी निर्माण कराये जाने हेतु विभाग द्वारा स्वीकृत कराया गया था? (ग) क्या उक्त ग्राम में स्वीकृत टंकी का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक पूर्ण होगा समय-सीमा बताएं? (घ) सतना जिले में विभिन्न विकास खण्डों में वर्तमान समय में कितनी नल-जल योजनायें किन कारणों से बंद पड़ीं हैं? कब तक चालू करा दी जाएंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में नवीन योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (घ) 35 नल-जल योजनाएं विभिन्न कारणों से बंद हैं। स्त्रोत असफल होने के कारण बंद योजनाओं में स्त्रोत विकसित करने की कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है। अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
बिना अभियोजन के अभियोग पत्र प्रस्तुत करना
53. ( क्र. 2411 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भाण्डेर ने पत्र क्र. 51 दि. 08.09.15, 52 दि. 08.09.15, 53 दि. 11.09.15, 54 दि. 11.09.15, 60 दि. 07.10.15 पुलिस अधीक्षक दतिया को लिखे थे? (ख) क्या उक्त पत्रों में यह उल्लेख था कि थाना भाण्डेर द्वारा आरोपियों से सांठ-गांठ कर सीधे लाभ पहुंचाने के लिए प्रकरणों में बिना अभियोजन के विधिक परामर्श के व विवेचना में की विधिक त्रुटियों की पूर्ति के बिना अभियोग पत्र मा. न्यायालय में प्रस्तुत किए जा रहे हैं? (ग) क्या इसके बाद सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया और थाना भाण्डेर के इस गंभीर कृत्य के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में अंकित सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भाण्डेर के पत्रों के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही हुई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री प्रदीप कुमार मिश्रा के विरूद्ध गंभीर कदाचरण की शिकायत पाये जाने पर संचालक लोक अभियोजन मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा निलंबित किया गया था। प्रश्नांश ’क’ में वर्णित पत्रों में उल्लेखित अपराधों की विवेचना की समीक्षा उपरांत 02 प्रकरणों में थाना प्रभारीगण भांडेर एवं विवेचकों की लापरवाही पाये जाने पर दण्डित किया गया है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश ’ग’ में समाहित है।
महिला बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाएं
54. ( क्र. 2414 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में महिला बाल विकास विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन योजनाओं पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, तहसीलवार एवं मदवार संपूर्ण जानकारी उपलबध कराई जावे? (ख) अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन के क्रियान्वयन हेतु समिति का गठन कब किया गया है और उसमें कौन-कौन सम्मिलित हैं? बैठकें कब-कब हुई प्रोसीडिंग की जानकारी उपलब्ध कराई जाए? (ग) पंजीयत समिति के पदाधिकारियों की विस्तृत जानकारी दी जाए वर्ष 2014-15 से 31 मई, 2016 तक समितियों द्वारा क्या-क्या कार्य किए गए और उन पर किस-किस मद में कितनी राशि व्यय की गई है, जानकारी दी जावे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) दतिया जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में योजनाओं पर किये गये व्यय की जानकारी परियोजनावार एवं मदवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। महिला एवं बाल विकास विभाग में प्रशासकीय इकाई बाल विकास परियोजना होने से विभागीय योजनाओं पर किये व्यय की जानकारी परियोजनावार दी गयी है। (ख) दतिया जिले में अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन के क्रियान्वयन हेतु समिति का गठन पंजीयन क्रमांक-02/39/01/13958/10 दिनांक 15/09/2010 से किया गया। उक्त समिति में सम्मिलित पदाधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। दिनांक 27/01/2014 एवं 09/06/2015 को समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसके प्रोसिडिंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर है। जिला कलेक्टर, दतिया द्वारा नियमित विभागीय प्रगति समीक्षा बैठकों में भी अटल बाल मिशन की गतिविधियों की समीक्षा की जाती है। (ग) पंजीयन समिति के पदाधिकारियों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। वर्ष 2014-15 से 31 मई 2016 तक समितियों द्वारा किये गये कार्यों में व्यय की गई राशि की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ पर है।
तदर्थ रूप से नियुक्त अलिपिकीय पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित
55. ( *क्र. 2437 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन, कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के परिपत्र क्र./सी-3-4/89/3/49 भोपाल, दिनांक 24/01/1989 में 31/03/1986 के पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्त अलिपिकीय पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति देने के निर्देश होने के बाद भी संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं म.प्र. ने आदेश क्र./10776, दिनांक 31.08.89 के द्वारा 77 कर्मचारियों को 31/08/89 से किन नियमों के तहत नियुक्त किया गया है? (ख) विभाग में पदस्थ प्रगति सहायक/संगणक से सहायक सांख्यिकी अधिकारी एवं सहा. सांख्यिकी अधिकारी से सांख्यिकी अधिकारी के पद पर कब से पदोन्नति नहीं की गई है एवं कब तक पदोन्नति की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मध्यप्रदेश शासन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-4/89/3/49/भोपाल दिनांक 24.01.89 में दिनांक 24.01.89 से तदर्थ रूप से अलिपिकीय पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किये जाने के दिशा निर्देश जारी किये गये थे। संचालनालय पशु चिकित्सा सेवायें के आदेश क्रमांक 10776/दिनांक 31.08.89 द्वारा उक्त प्रसारित दिशा निर्देशानुसार ही 77 तदर्थ कर्मचारियों (अलिपिकीय) का नियमितीकरण किया गया था। (ख) संगणक/प्रगति सहायक से सहायक सांख्यिकीय अधिकारी के पद पर 2015 से पदोन्नती नहीं की गई एवं सहायक सांख्यिकीय अधिकारी से सांख्यिकीय अधिकारी के पद पर पदोन्नती वर्ष 2014 से नहीं की गई है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
इंदौर में बढ़ते अपराध एवं घटनाएं
56. ( क्र. 2455 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जैसे महानगर में पुलिस विभाग के कर्मचारी अधिकारी अपने कार्यों के प्रति जवाबदार नहीं है या उन्हें क्षेत्र में हो रही घटनाओं की जानकारी नहीं होती है? (ख) क्या गत दिवस इंदौर के एम.वाय. अस्पताल से सरेआम 12 वर्ष के बच्चे का अचानक लापता हो जाना पुलिस की निष्क्रीयता का दर्शाता है या नहीं? (ग) पुलिस बढ़ते अपराधों व घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रही है? गुण्डे बदमाशों में पुलिस का खोफ नहीं है क्या उपरोक्त घटना की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी या नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। इंदौर जिले में पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण रूप से जवाबदार हैं तथा उन्हें क्षेत्र में हो रही घटनाओं की जानकारी रहती है। (ख) इंदौर के एम.वाय. अस्पताल से दिनांक 17.06.2016 के सायं 17.30 बजे फरियादिया सुलोचना पति मुकेश दीवान निवासी सोमनाथ की जूनी चाल, एम.आई.जी. इंदौर अपने 12 वर्षीय पुत्र रोहित के लापता हो जाने की रिपोर्ट दिनांक 18.06.2016 को संयोगितागंज थाने में किये जाने पर अपराध क्रमांक 371/16, धारा 363 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया है। इसमें पुलिस की निष्क्रियता नहीं है। (ग) जी नहीं। पुलिस अपराधों एवं घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित नहीं हो रही है अपितु पुलिस की सक्रियता तथा गुण्डे बदमाशों पर की गई प्रभावी कार्यवाही से अधिकतर अपराधों में कमी आई है। उपरोक्त अपराध का अनुसंधान किया जा रहा है, उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है।
म.प्र. में नोटरी नियुक्ति प्रक्रिया लंबित होना
57. ( क्र. 2462 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया काफी लंबे समय से लंबित होने से आम जनता को परेशानी के साथ-साथ राजस्व की हानि भी हो रही है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हां, है तो ऐसा क्यों हो रहा है? शासन की इसमें क्या मंशा है स्पष्ट करें? (ग) क्या शासन नोटरी नियुक्ति करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। नोटरी नियुक्ति की कार्यवाही चल रही है अभी तक कुल 29 जिलों एवं तहसीलों के लिए नोटरी नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन हैण्डपंप खनन
58. ( क्र. 2466 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पी.एच.ई. मुरैना द्वारा जिलान्तर्गत कुल कितने नवीन हैण्डपंप खनन कराये गये हैं? 01.04.2015 से 31.05.2016 तक की स्थिति में जानकारी मय ग्राम, मजरा, मोहल्ला सहित दी जावें? (ख) पी.एच.ई. मुरैना द्वारा कुल कितनी हैण्डपंपों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, उसमें से कितनों का स्वीकृत हुआ? (ग) स्वीकृत प्रस्ताव में से किस-किस की अनुशंसा से कितने-कितने हैण्डपंप खनन हुए? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र अम्बाह के लिये नवीन हैण्डपंप खनन के प्रस्ताव शासन को भेजने एवं विधानसभा क्षेत्र अम्बाह में खनन कराने में पक्षपात हुआ है, यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ड.) क्या शासन पक्षपातपूर्ण रवैया समाप्त कर विधायक अम्बाह की मांग के अनुसार जरूरत मंद ग्रामों, मजरों में हैण्डपंप खनन कराने पर विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 499 नलकूप खनन कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में 350 आंशिक पूर्ण बसाहटों के प्रस्ताव के विरूद्ध 110 एवं वर्ष 2016-17 में 350 आंशिक पूर्ण बसाहटों के प्रस्ताव के विरूद्ध आवंटन की उपलब्धता के अनुसार 150 आंशिक पूर्ण बसाहटों का लक्ष्य दिया गया। (ग) आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में जनप्रतिनिधियों से प्राथमिकता ज्ञात कर वर्ष 2015-16 में 367 एवं वर्ष 2016-17 में 132 नलकूप खनन किये गये हैं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश-‘घ‘ अनुसार। विभागीय कार्य योजना के अनुसार कार्य किया जायेगा।
बुनकरों की सुविधाएं
59. ( क्र. 2511 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हस्तकरघा बुनाई कार्य कहाँ-कहाँ होता है एवं क्या-क्या उत्पादन किया जाता है? (ख) खरगोन जिले की विधानसभा क्षेत्रवार कितने परिवार एवं सदस्य हस्थकरघा बुनाई के माध्यम से साड़ी निर्माण, अन्य वस्त्रों का निर्माण कर रहे है? क्या शासन द्वारा सर्वे किया जाकर पंजीकृत किया गया? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराया जावें? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर की महेश्वरी साड़ी के उत्पादन का अन्य क्षेत्र में साड़ी का निर्माण कर महेश्वरी साड़ी का नाम से निकली महेश्वर साड़ी विक्रय की जा रही है? यदि हाँ, तो इसे रोकने हेतु क्या नियम बनाये गये? क्या कार्यवाही की गई बतावें? (घ) महेश्वर के हस्तकरघा बुनकर परिवारों के सदस्यों के आर्थिक विकास हेतु रोजगार मूलक कोई कार्य योजना आवास सुविधा हेतु सामाजिक उत्थान हेतु योजना बनाई गई है, यदि हाँ, तो क्या-क्या एवं इसका क्रियान्वयन कब तक होगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 2701, जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) महेशवर में निम्न योजनाएं संचालित की जा रही है:- एकीकृत क्लस्टर विकास योजना, उद्यमी स्व-सहायता समूह योजना/अशासकीय संस्थाओं को सहयोग, अनुसंधान विकास योजना, हाथकरघा विकास योजना, प्रमोशन एवं अभिलेखीकरण, स्पेशल प्रोजेक्ट योजना, शिल्पी कल्याण योजना प्रदर्शनी एवं मेला योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है।
महेश्वर में हार्टिकल्चर हब की घोषणा का क्रियान्वयन
60. ( क्र. 2512 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 29/06/2012 के खरगोन जिले के महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु महेश्वर में हार्टिकल्चर कब की स्थापना किये जाने हेतु घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा भूमि का चिन्हांकन, सीमांकन, भूमि आधिपत्य इत्यादि कार्यवाही कर ली गई है यदि हाँ, तो भूमि का सर्वे नं., रकबा, ग्राम का नाम, आदि बतावें? (ग) क्या दिनांक 09 दिसम्बर 2015 को तरांकित प्रश्न क्रमांक 615 के संबंध में माननीय मंत्रीजी द्वारा महेश्वर में हार्टिकल्चर हब की स्थापना के संबंध में माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के क्रियान्वयन एवं पालन करने हेतु माननीय मुख्यमंत्रीजी से चर्चा कर अवगत कराने हेतु सदन में आश्वस्त किया गया था? माननीय मुख्यमंत्री जी से क्या चर्चा हुई अवगत करावे एवं महेश्वर में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन कब तक किया जाकर हार्टिकल्चर हब की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। हार्टिकल्चर हब के अंतर्गत उद्यानिकी विकास से संबंधित गतिविधियां आवश्यकता अनुसार महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में चयनित क्लस्टर के ग्रामों में की जाना है। इस संबंध में संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी के पत्र क्रमांक 3021 दिनांक 19/05/2016 द्वारा कलेक्टर खरगोन को निर्देश जारी किये गये है। क्लस्टर के ग्रामों में उद्यानिकी विकास एक सतत प्रक्रिया है, अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
धान खरीदी, मिलिंग भुगतान में अनियमितता
61. ( क्र. 2556 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क 1008 दि. 26 फरवरी 2016 का उत्तर सही दिया गया था, जिसमें स्वीकार किया गया है कि 3026061.74 क्विंटल धान खरीदी गई थी, यदि हाँ, तो बतायें कि (1) धान किस-किस गोदाम ओपन केब में रखी गई (2) किस-किस मिलर्स को कितनी-कितनी दी गई (3) मिलर्स ने कितना चावल किस-किस ने कितना लौटाया (4) और उक्त मात्रा खरीदी का भुगतान किस-किस सोसायटी को कितना-कितना दिया गया? (ख) क्या धान महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ के मिलर्स को दी गई और वर्तमान में भी दी जा रही है, जबकि बालाघाट जिले के मिलर्स की क्षमता 2-3 गुना बड़ी है, क्या कारण, सप्रमाण बतावें, इसका प्रस्ताव तथा अनुमोदन किसने दिया? (ग) क्या वर्ष 2013-14 धान खरीदी, भण्डारण, मिलिंग, चावल वापसी के आंकड़े सुरक्षित है, यदि हाँ, तो ब्यौरा दें कि उसमें अनियमितता नहीं है? (घ) वर्ष 2014-15 का किस-किस मिलर्स द्वारा चावल जमा नहीं कराया गया है, उनके नाम, पते, चावल की मात्रा, उसकी कीमत बताते हुए यह भी बतायें कि उनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। बालाघाट जिले में वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के गोदामवार एवं केपवार भंडारण मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। मिलिंग हेतु मिलर्स को प्रदाय धान की मात्रा एवं उनके द्वारा जमा चावल मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। उपार्जित धान की राशि का सोसायटीवार किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर 277303 मे.टन धान का उपार्जन हुआ है। इसके पूर्व जिले में वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में भी बालाघाट जिले में उपार्जित धान को बालाघाट जिले के अतिरिक्त अन्य जिलों के मिलर्स से मिलिंग कराने के बावजूद शत्-प्रतिशत मिलिंग वर्ष 2014-15 को छोड़कर कभी नहीं हो पाई है। राज्य शासन द्वारा मिलिंग की निर्धारित समय-सीमा में भारत सरकार से वृद्धि कराए जाने के उपरांत भी वर्ष 2014-15 की मिलिंग 31.10.2015 तक पूर्ण हो सकी तथा वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 में उपार्जित धान की सम्पूर्ण मिलिंग नहीं हो सकी है। खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग समय-सीमा में कराने हेतु बालाघाट जिले के साथ-साथ समीपस्थ जिला मण्डला की न्यूनतम दूरी पर स्थित राईस मिल एवं जिले की सीमा से लगे महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य के कस्टम मिलर्स से मिलिंग समय-सीमा में पूर्ण कराये जाने हेतु प्रथमत: दिनांक 30.06.2016 नियत की गई थी किन्तु इस समय-सीमा में भी जिले में उपार्जित धान की मिलिंग का कार्य पूर्ण न होने से मिलिंग कराए जाने हेतु समय-सीमा में एक माह अर्थात् दिनांक 31.07.2016 तक की वृद्धि की गई है। महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य के मिलर्स से मिलिंग हेतु भारत शासन द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2013-14 में उपार्जित धान, भण्डारण, मिलिंग एवं चावल वापसी के आंकड़े सुरक्षित हैं, इस संबंध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आई है। (घ) वर्ष 2014-15 में 128 मिलर्स द्वारा 8282.76 क्विंटल चावल जमा नहीं कराया गया। जिसकी राशि रू. 24073121.49 होती है। इनमें से 125 मिलर्स से राशि रू. 7965945.49 उनके देयकों से काटकर एवं नगद राशि जमा कराई जा चुकी है। शेष 03 मिलर्स से उनके देयकों से राशि रू. 5204304 की कटौती किए जाने के पश्चात् भी राशि रू. 16107176 की वसूली नहीं हो पाने के कारण पत्र क्र. उपा.एवंमि./940 बालाघाट दिनांक 28.06.2016 द्वारा पुलिस अधीक्षक, बालाघाट को एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु लिखा गया है साथ ही उक्त में से 02 मिलर्स के विरूद्ध उनके चैक बैंक में अनादृत हो जाने के कारण उनके विरूद्ध माननीय जिला न्यायालय, बालाघाट में प्रकरण दायर किया गया है। चावल जमा न करने वाले मिलर्स की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
विभाग द्वारा सीधे सामग्री क्रय करना
62. ( क्र. 2582 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी, श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा म.प्र. लघु उद्योग निगम के स्थान पर अब विभाग द्वारा सीधे सामग्री क्रय करने के आदेश प्रदायकर्ता एजेंसियों को दिये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 01 जनवरी 2015 से आज दिनांक तक किन-किन सामग्री यथा पाइप, पम्प एवं अन्य उपकरणों के लिये किन-किन एजेंसियों को कितनी कितनी लागत के कार्य आदेश दिये गये हैं जिलेवार एवं दिनांकवार जानकारी प्रदान की जावे? (ग) क्या जिन कार्य एजेंसियों को कार्य आदेश दिये गये हैं वह स्वयं सामग्री का उत्पादन नहीं कर अन्य स्थानों से सामग्री क्रय कर उपलब्ध कराती हैं, विभागीय अधिकारियों द्वारा इस बात का परीक्षण किया गया अथवा नहीं? (घ) जिन एजेंसियों ने उक्त अवधि में निर्धारित मापदण्डों से कम सामग्री प्रदाय की गई उन पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उतरांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपीयों के विरूद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही
63. ( क्र. 2593 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के माण्डव में आपराधिक प्रवृति वाले परिवार के सदस्य इन्द्रिया, विशम्भर, नानक्या, धीरजसिंह, रमेश, विक्रम पिता जामसिंह व उनके पुत्रों मिथुन, विष्णु, नाना, गुंगा पिता इन्द्रिया एवं रवि, पवन पिता विशम्भर द्वारा पुलिस थाना माण्डव क्षेत्र में वर्षों से खुलेआम गुण्डागर्दी लुटपाट, चोरी, डकेती, जबरन कब्जा, लोगों पर प्राणघातक हमले, गोलीबारी आदि अनेकों आपराधिक गतिविधियाँ बेखौफ की जा रही हैं। (ख) यदि हाँ, तो संबंधितों पर अब तक कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं विभिन्न धाराओं में दर्ज प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध करावें एवं संबंधितों के विरूद्ध अनेकों गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बावजूद उनके विरूद्ध रासुका एवं जिला बदल आदि कड़ी कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या पुलिस प्रशासन संबंधित आरोपियों एवं उनका मुख्य सरगना विशम्भर पर दर्ज प्रकरणों की समीक्षा कर इनके विरूद्ध रासुका एवं जिला बदल आदि कड़ी कानूनी कार्यवाही कर क्षेत्र के आम नागरिकों को इनकी गुण्डागर्दी से मुक्ती दिलवाने संबंधी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। उपरोक्त आरोपियों द्वारा अपराधिक गतिविधियां बेखौफ नहीं की जा रही है। यह सही है कि आरोपीगण नानक्या, इन्द्रिया, विशम्भर, रमेश, विक्रम, मिथुन, विष्णु, नाना, रवि एवं पवन के विरूद्ध थाना माण्डव जिला धार में अपराध पंजीबद्ध है। उपरोक्त आरोपीगणों के विरूद्ध पुलिस द्वारा समय-समय पर विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है। गूंगा और धीरज सिंह के विरूद्ध कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं है। अपराधिक रिकार्ड का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) नानक्या के विरूद्ध 22 प्रकरण, इन्द्रिया उर्फ इंदर सिंह के विरूद्ध 13 प्रकरण, विशम्भर के विरूद्ध 04 प्रकरण रमेश के विरूद्ध 02 प्रकरण, विक्रम के विरूद्ध 01 प्रकरण, मिथुन के विरूद्ध 04 प्रकरण,विष्णु के विरूद्ध 08 प्रकरण, नाना के विरूद्ध 04 प्रकरण, रवि के विरूद्ध 02 प्रकरण तथा पवन के विरूद्ध 04 अपराधिक प्रकरण है। उक्त व्यक्तियों में से गूंगा तथा धीरज सिंह के विरूद्ध थाना माण्डव पर कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। शेष उपरोक्त व्यक्तियों के अपराधिक रिकार्ड संलग्न परिशिष्ट पर है। इनमें आरोपी इन्द्रिया उर्फ इंदर सिंह पिता जाम सिंह निवासी रामपुरा व आरोपी नानकिया पिता जाम सिंह भील के विरूद्ध जिला बदर का आदेश जिला दण्डाधिकारी, धार के न्यायालय द्वारा पारित किया गया है एवं विशम्भर पिता जाम सिंह के आपराधिक रिकार्ड के आधार पर जिला बदर की कार्यवाही उपरोक्त न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) जी हाँ। इन्द्रिया उर्फ इंदर सिंह पिता जाम सिंह निवासी रामपुरा के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 49/15 आदेश दिनांक 05.01.2016 एवं नानकिया पिता जामसिंह के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 47/15 आदेश दिनांक 06.01.2016 के माध्यम से जिला दण्डाधिकारी, धार द्वारा जिला बदर किया गया है। विशम्भर पिता जामसिंह भील निवासी रामपुरा के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही का प्रकरण क्रमांक 26/16 जिला दण्डाधिकारी, धार के समक्ष विचाराधीन है।
परिसमापन के बाद भी संघ द्वारा व्यवसाय करना
64. ( क्र. 2594 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य हथकरघा बुनकर संघ जबलपुर का वर्ष 2010 से परिसमापन कर दिया गया है? यदि हाँ,तो परिसमापन के बाद भी संघ द्वारा व्यवसाय क्यों किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संघ को परिसमापन क़े बाद व्यवसाय की अनुमति किसके द्वारा दी गई? (ग) क्या परिसमापन के बाद बुनकर संघ क्रियाशील रहता है? (घ) संचालक हथकरघा को शासन ने संघ का परिसमापक नियुक्त किया है? यदि हाँ, तो संचालक द्वारा पारिसमापन संबंधी क्या कार्यवाही की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 71 (2) (ज) के प्रावधान अनुसार परिसमापन के बाद संघ द्वारा व्यवसाय किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में संघ को परिसमापन के बाद व्यवसाय की अनुमति पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. द्वारा दी गई है। (ग) परिसमापन पश्चात् बुनकर संघ कर्मचारियों के स्वत्वों के भुगतान/बुनकर संघ की आस्तियों एवं दायित्वों के निराकरण होने तक क्रियाशील रह सकता है। (घ) जी हाँ। परिसमापक द्वारा बुनकर संघ के आस्तियों एवं दायित्वों के निराकरण एवं बुनकर संघ की परिसम्पत्तियों के विक्रय हेतु म.प्र. राज्य वित्त विकास निगम को कन्सलटेन्ट नियुक्त किया गया है। बुनकर संघ के 74 कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का भुगतान एवं 55 कर्मचारियों के सेवानिवृत्त स्वत्वों का भुगतान किया जा चुका है।
पन्ना जिले की पवई वि. क्षे. खाद्य सामग्री के वितरण में अनियमितता
65. ( क्र. 2601 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला की पवई विधान सभा क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना आवंटन राशन दुकानों को उपलब्ध किया गया है एवं उनके द्वारा कितना-कितना वितरण किया गया है,? (ख) क्या राशन की दुकानों से वितरण न होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है,? (ग) उक्त दुकानों से वितरण संबंधी अनियमितताएं होने के कुल कितने मामले प्रकाश में आए हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है, पंचायतवार,जानकारी दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उचित मूल्य दुकानों से वितरण सामग्री प्राप्त न होने की शिकायतें प्राप्त होने पर उनकी जाँच कराई गई, जाँच में अनियमितता पाए जाने पर निर्मित प्रकरणों में से 5 उचित मूल्य दुकान के विक्रेता/समिति प्रबंधक के विरूद्ध प्राथमिकी, 2 विक्रेताओं को निलंबित व 6 प्रकरणों में जमा प्रतिभूति राशि समपहृत करने की कायर्वाही की गई एवं 19 प्रकरणों में अनुविभागीय अधिकारी पवई/शाहनगर के न्यायालय में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उचित मूल्य दुकानों से वितरण संबंधी अनियमितताएं पाये जाने पर कुल 32 प्रकरण निर्मित किये गये हैं एवं की गई कार्यवाही की पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
विभाग को प्राप्त राशि
66. ( क्र. 2602 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्रांतर्गत उद्यानिकी विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-2014 में राज्यांश केन्द्र सरकार से कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त राशि प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु, कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यदि हितग्राहियों को वितरित किया गया है तो प्रश्नांश (ख) अनुसार संख्या बतायें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में सत्यापन कराया जायेगा। यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट बतायें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) किसी हितग्राही विशेष के संदर्भ में शिकायत इंगित किये जाने पर माननीय विधायक महोदय की सुविधानुसार सत्यापन कराया जा सकता है।
संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
67. ( क्र. 2603 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग की कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? क्या योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु सक्षम अधिकारियों द्वारा सतत् निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो निरीक्षण कितने समय उपरांत किन-किन अधिकारियों द्वारा कार्य करने का प्रावधान हैं? (ख) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विभाग की संचालित लाड़ली लक्ष्मी, पूरक पोषण आहार, सांझा चूल्हा की जानकारी प्रदाय की जावेगी। योजनाओं का क्रियान्वयन किन-किन संस्थाओं/एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) पवई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न संचालित योजनाओं के संबंध में कहाँ-कहाँ से शिकायतें प्राप्त हुई। इन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला पन्ना अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग की निम्नानुसार योजनाएं संचालित की जा रही है :- (अ) संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा संचालित योजनाये:- 1. आई.सी.डी.एस.योजना, 2. पूरक पोषण आहार सांझा चूल्हा कार्यक्रम 3. किशोरी बालिका योजना 4. मंगल दिवस, 5. अन्न प्राशन, 6. अटलबिहारी बाजपेई बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, (ब) संचालनालय महिला सशक्तिकरण द्वारा संचालित योजनायें :- 7. लाड़ली लक्ष्मी योजना, 8. स्वागतम लक्ष्मी योजना, 9. उषा किरण, 10. समेकित बाल सरंक्षण योजना, 11. मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, जी हाँ। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु सक्षम अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण किये जाने का प्रावधान है। निरीक्षण निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर है।
खाद्यान्न वितरण में की गई अनियमितता
68. ( क्र. 2634 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में फूड सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्यान्न का वितरण कब से कराया जा रहा है? गुना जिले में ब्लॉकवार कितने प्रतिशत आमजन लाभान्वित हो रहे हैं? (ख) क्या गत 06 माह पूर्व और पश्चात् के फूड वितरण रिकार्ड में खाद्यान्न का आवंटन और वितरण में अंतर क्यों किया गया? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? क्या गत 3 माह में खाद्यान्न का वितरण गरीबों को कर दिया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्य सही हैं तो बताये कि घोषित खाद्यान्न, राशन दुकानों में गत 6 माह से प्रत्येक पात्र परिवारों को क्यों उपलब्ध नहीं हो रहा है? कौन जिम्मेदार है? क्या पात्र परिवारों में से कुछ नाम विलोपित किये हैं? कितने विलोपित किये है? कारण सहित विवरण दें? (घ) यदि गुना जिले में प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित एवं घोषित खाद्यान्न फूड सुरक्षा अधिनियम अनुसार समय पर पात्र लोगों को उपलब्ध न हो तो शासन के कौन लोग जिम्मेदार हैं? क्या गत 6 माह के रिकार्ड की जाँच कराकर दोषियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गुना जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत खाद्यान्न का वितरण मार्च, 2014 से कराया जा रहा है। जिले में ब्लॉकवार लाभान्वित हितग्राहियों का प्रतिशत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में खाद्यान्न के आवंटन में अंतर आया है, किन्तु आवंटन के अनुरूप पात्र परिवारों को वितरण किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों के विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में नवीन सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की गई है। उक्त कार्यवाही के कारण आवंटन में अंतर आया है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। जी नहीं, 8,701 अपात्र परिवारों के नाम विलोपित किये गए हैं, क्योंकि इन्हें ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत उक्त परिवारों को अपात्र पाया गया है। (घ) ऐसे पात्र परिवार जो किसी कारण से किसी विशिष्ट माह में राशन सामग्री नहीं ले जाते हैं, उन्हें आगामी माह में उक्त राशन को प्राप्त करने की पात्रता है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सकीय वाहन की उपलब्धता
69. ( क्र. 2660 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर, जिला बालाघाट द्वारा बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा ब्लॉक के लिए विभाग को पशु चिकित्सकीय वाहन उपलब्ध कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक प्रति माहवार वाहन कहाँ-कहाँ किन-किन ग्रामों में भ्रमण कर चिकित्सीय कार्य किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नलकूप खनन
70. ( क्र. 2661 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले में नलकूप खनन कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा जितनी भी निविदाएं आमंत्रित कर दर स्वीकृत की गई वह वारासिवनी, कटंगी, बालाघाट, लालबर्रा, खैरलॉजी ब्लॉक से ज्यादा दर, बिरसा, बैहर, परसवाड़ा, किरनापुर, लॉजी में स्वीकृत कराये गये? (ख) क्या जिले के सभी ब्लॉक में ग्रेवल पैक नलकूप खनन कार्य की स्वीकृति निविदा दरें लगभग एक समान है? तो साधारण नलकूप खनन कार्य की निविदा दरें बिरसा, बैहर, परसवाड़ा, किरनापुर एवं लॉजी ब्लॉकों में अधिक किन कारणों से स्वीकृत की गई? (ग) नलकूप खनन कार्य की निविदा दरें अधिक स्वीकृत करने से विभाग को आर्थिक क्षति पहुंची उसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। इंटरट्रेपियन कोलेप्सेबल स्ट्रेटा होने के कारण। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दुग्ध उत्पादन
71. ( क्र. 2702 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दुग्ध उत्पादन में वृद्धि एवं प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता दिशा में विगत तीन वर्षों में सरकार द्वारा किये गये प्रयासों, चलायी गयी योजनाओं का उज्जैन संभाग के जिलों, विशेषकर रतलाम जिले का तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ख) प्रदेश में पशुओं की गणना कब हुई? उक्त गणना का जिलेवार पशुवार ब्यौरा क्या है? क्या विगत तीन वर्षों में दुधारू पशुओं की संख्या में वृद्धि हुई है अथवा कमी? प्रतिशतवार ब्यौरा क्या है? (ग) राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, एम.पी.स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन, म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की विगत दो वर्षों की उपलब्धियों का ब्यौरा क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रदेश में पशुओं की गणना भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक 5 वर्षों में की जाती है, विगत पशु गणना 2012 में हुई, उक्त गणना का जिलेवार पशुवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। प्रति वर्ष पशुओं की गणना नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
नल-जल योजना
72. ( क्र. 2722 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर क्षेत्र में विगत 3 वर्ष में कितनी नल-जल योजना स्वीकृत हुई है और इनका काम कब से शुरू हुआ है? दिनांक सहित बतायें? (ख) नल-जल योजना के अंतर्गत पानी की टंकियों का काम कब से अपूर्ण है? इन्हें पूर्ण क्यों नहीं किया है? (ग) नल-जल योजना के निर्माण कार्य त्रुटिपूर्ण होने के कारण बंद है तो इसके लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत बज्जरवाड़ा, शुक्करवाड़ा, बुधनी, सिरवाड़, महेन्द्रवाडी, आरी, सांगाखेड़ा, गूजरखेड़ी, सनखेड़ा में निर्मित पानी की टंकी बनाई गई है जिनका कार्य अपूर्ण है इनका कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 13 नल-जल योजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत नल-जल योजनाओं में टंकी का निर्माण प्रावधानित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। कोई भी नल-जल योजना त्रुटिपूर्ण निर्माण कार्य के कारण बंद नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित सभी टंकियों का कार्य पूर्ण है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रताडित करने वालों पर अपराध पंजीबद्ध करना
73. ( क्र. 2739 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कपूरी के सरपंच कमलेश दाहिया द्वारा दिनांक 19 अप्रैल, 2016 को आत्महत्या का अपराध जसो थाना में दर्ज किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो आत्महत्या की विवेचना में मृतक की पत्नी एवं उसके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा प्रताडि़त करने वाले व्यक्तियों का नाम अपने कथन में उल्लेखित किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो प्रताड़ना करने वाले लोगों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मृतक के परिवार के सदस्यों के कथन मर्ग जाँच के दौरान लिये गये, जिन्होंने अपने कथनों में उमाशंकर व्यास, रमाशंकर व्यास, रामसुजान सिंह द्वारा पंचायत चुनाव जीतने के फलस्वरूप गाली-गुफ्तार कर अपमानजनक व्यवहार किये जाने की बात बताई है। (ग) मृतक परिवार के कथनों के समर्थन में अन्य कोई स्वतंत्र साक्षी एवं अन्य साक्ष्य आत्महत्या के लिये दुष्प्रेरण, प्रताड़ना के संबंध में प्राप्त नहीं हुई है। आरोपों को दृष्टिगत रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) नागौद को जाँच हेतु नियुक्त किया गया है। मर्ग की जाँच जारी है, जाँच में पाये गये साक्ष्य के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
मलबरी रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम
74. ( क्र. 2757 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में मलबरी रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम में जिले को कितना-कितना बजट वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में प्राप्त हुआ है तथा प्राप्त बजट किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? (ख) मलबरी विस्तार कार्यक्रम में कितने कृषकों को लाभ दिया गया? (ग) क्या उक्त योजना अंतर्गत कृषकों को कृषि उपकरण एवं भवन इत्यादि हेतु वर्ष भर प्रतीक्षा करनी पड़ती है? यदि हाँ, तो क्या कारण है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) झाबुआ जिले में मलबरी रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में प्राप्त बजट एवं कार्यवार किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 पर है। (ख) 68 कृषकों को लाभ दिया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कालीकराय बांध से फ्लोराईड ग्रसीत क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध कराना
75. ( क्र. 2766 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बदनावर/सरदारपुर अंतर्गत 13 करोड़ की लागत से निर्मित कालीकराय बांध से फ्लोराइड मुक्त पेयजल योजना 44 बसाहटों में संचालित होती है, दीर्घावधि से वर्तमान तक मरम्मत निधि एवं स्टॉप की कमी के कारण योजना का संचालन व्यवस्थित एवं नियमित नहीं हो पा रहा है? नियमित पेयजल कब तक उपलब्ध होगा? (ख) क्या शासन स्तर पर योजना के नियमित संचालन हेतु स्टॉफ एवं राशि उपलब्ध करवाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) बदनावर विधानसभा क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु माही डेम से प्रस्तावित योजना शासन स्तर पर लंबित है? योजना की स्वीकृति कब तक होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माही डेम आधारित समूह जल प्रदाय योजना का मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रशासकीय अनुमोदन प्रदान किया गया है। योजना हेतु सक्षम स्तर से आवश्यक जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकेगी। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
होमगार्ड सैनिकों को पुलिस के सिपाही की सुविधा एवं वेतनमान
76. ( क्र. 2770 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28.03.2016 में मुद्रित ता. प्रश्न सख्या 12 (क्रमांक 7012) के उत्तर (क) एवं (ख) माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 21.01.2015 के निर्णय के पालन में दिनांक 01.12.2011 से 05.02.2013 तक के एरियर्स का भुगतान किया जा चुकी है व होमगार्ड सैनिकों के लिये नए नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? बताया है तो क्या होमगार्ड के नगर सैनिकों से पुलिस सिपाही की तरह कार्य लिया जाता है लेकिन सुविधाएं एवं वेतन भत्ते उस मान से नहीं प्रदान किये जा रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या होमगार्ड सैनिकों के लिये क्या नए नियम बनाये जा चुके हैं, तो प्रति देवें? अगर नहीं बनाये गये तो बनाने की समय-सीमा बतावें और अगर नहीं, बनाये जायेंगे तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) ''मध्यप्रेदश होमगार्ड नियम 2016'' जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
नाबालिक बालक एवं बालिकाओं के उपर घटित अपराधों को रोका जाना
77. ( क्र. 2771 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में नाबालिग बालक एवं बालिकाओं के अपहरण/चोरी के बाल अपराध संबंधी सूचना/प्राथमिकी किन-किन थानों पर कब-कब दर्ज करायी गई की जानकारी वर्ष 2014 से प्रश्नांश तक की देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अपहरण/चोरी के उपरांत कितने बालक एवं बालिकाओं की वापसी कर पुलिस द्वारा उनकों परिजनो को सौंपा गया एवं कितने ऐसे हैं, जिनका पता प्रश्नांश दिनांक तक में नहीं लगया जा सका? उनमें से कितने हत्या एवं बलात्कार के शिकार हुए? इस पर पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार अपहरण/चोरी गये बालक/बालिकाओं की वापसी नहीं हुई उनमें से कुछ की हत्याएं कर दी गई, उस पर उनके परिजनों को क्या सरकार द्वारा अनुदान/सहायता राशि प्रदान की गई? की गई तो बतावें? अगर नहीं की गई तो क्या इस पर सरकार योजना तैयार कर दु:खी परिवार को सहायता/अनुदान प्रदान करने पर विचार करेगी? हाँ तो कब तक? अगर नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सरकार के द्वारा बाल अपराध को रोकने बाबत् क्या कार्ययोजना तैयार की है? अगर नहीं तो भविष्य में इस बाबत् क्या योजना तैयार करेंगे, जिससे प्रदेश में इसका अनुपात घट सके? साथ ही पीडि़त परिवार के अनुदान बाबत् सरकार की क्या नीति है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार हैं। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के संबंध में कुल 662 अपहरण के प्रकरणों में से 451 बालक/बालिकाओं की दस्तयाबी कर पुलिस द्वारा उनके परिजनों को सौंपा गया है एवं शेष 215 बालक/बालिकाओं की दस्तयाबी के प्रयास किये जा रहे हैं। 149 बालिकाओं के साथ बलात्कार की घटनाऐं घटित हुई हैं एवं 02 बालक/बालिकाओं की हत्या हुई हैं, इन प्रकरणों में पुलिस द्वारा विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है। (ग) जी नहीं। कुल 02 प्रकरणों में अपहृत बालक एवं बालिकाओं की हत्या हुई है तथा दोनो प्रकरणों में पीडि़त पक्ष द्वारा राहत राशि हेतु आवेदन पत्र जिला विधिक सहायता प्रकोष्ठ रीवा में प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। पीडि़त पक्ष द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर राज्य शासन की विधि अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश ’क’ के संदर्भ में बाल अपराधों को रोकने के लिए शासन द्वारा प्रत्येक थाने में बाल कल्याण अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। जिले में विशेष किशोर इकाई संचालित है, साथ में चाइल्ड हेल्प लाईन संचालित है जो बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण, सुरक्षा का कार्य करती है तथा सार्वजनिक स्थान रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड, प्रमुख धार्मिक स्थानों एवं सार्वजनिक चैराहों पर भीख मांगते पाये जाने वाले बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर उनके माता पिता के सुपुर्द किये जाते हैं तथा बाल कल्याण समिति द्वारा उनके आश्रम गृह एवं शिक्षा सुरक्षा, स्वास्थ्य, संरक्षण आदि व्यवस्था की जाती हैं इस हेतु आपरेशन स्माइल, आपरेशन मुस्कान अभियान चलाये गये। पीडि़त परिवार के अनुदान बाबत् मध्य प्रदेश अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना लागू की गई है। शासन द्वारा लागू की गई नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
78. ( *क्र. 2793 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग को विगत तीन वर्षों में राज्य योजना एवं केन्द्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत कितनी योजनाएं संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कितना-कितना लक्ष्य प्राप्ति के विरूद्ध बजट आवंटन राज्य योजना एवं केन्द्र प्रवर्तित योजना से प्राप्त हुआ? योजनावार, आवंटन विगत तीन वर्षों का पृथक-पृथक बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्राप्त बजट आवंटन के विरूद्ध व्यय किया गया, विगत तीन वर्षों के योजनावार, पृथक-पृथक विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में हितग्राहियों द्वारा विभिन्न योजनाओं हेतु कराये गये ऑनलाईन पंजीयन की सख्ंया उपलब्ध करावें एवं किये गये व्यय की विगत तीन वर्षों की जानकारी उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) 10834 हितग्राहियों द्वारा ऑनलाईन पंजीयन कराया गया। ऑनलाईन पंजीयन हेतु विभाग द्वारा प्रथक से कोई व्यय नहीं किया गया।
चौकी बैडि़या का उन्नयन
79. ( क्र. 2815 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बैडि़या की आबादी लगभग 10 हजार तथा आस-पास लगभग 52 ग्राम होने से प्रश्नकर्ता द्वारा चौकी बैडि़या को उन्नयन करने के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या चौकी बैडि़या में पुलिस संख्या बल कम होने से एवं क्षेत्र बड़ा होने से अपराधिक गतिविधियों में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है? यदि हाँ, तो अपराधिक प्रकरणों की पिछले 3 वर्षों की वर्षवार तुलनात्मक केवल संख्या बताई जावे? (ख) क्या अपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिये चौकियों के उन्नयन की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो चौकी बैडि़या का उन्नयन कब तक किया जावेगा? साथ ही क्या पुलिस बलों की संख्या भी वर्तमान जनसंख्यावार बढ़ाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक बढ़ाई जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र की पुलिस चौकी बैडि़या का थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। जी नहीं। पिछले 3 वर्षों की वर्षवार घटित अपराधों की तुलनात्मक संख्या निम्नानुसार है- वर्ष 2013 में 185 वर्ष 2014 में 183 वर्ष 2015 में 148 (ख) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन आंगनवाडि़यों की स्वीकृति
80. ( क्र. 2816 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी आंगनवाडि़यां है, इसकी सूची दी जावे? इन आंगनवाडि़यों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की सूची दी जावे? बड़वाहा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी एवं सहायिकाओं के पद रिक्त हैं? ये पद कब से रिक्त हैं? रिक्तता के कारण, क्या है? जानकारी दी जावे। (ख) राज्य शासन द्वारा आंगनवाड़ी खोलने के लिये क्या मापदण्ड हैं अर्थात कितनी जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी की स्वीकृति दी जाती है? शासन के नियमानुसार विधान सभा क्षेत्र में और कितनी आंगनवाडि़यों की स्वीकृति होना है? वर्तमान वर्ष में कितनी आंगनवाडि़यां प्रारंभ की जा रही हैं, उसकी सूची दी जावे तथा शेष आंगनवाडि़यां कब प्रारंभ होंगी, उसकी जानकारी एवं समय-सीमा बताई जावे? बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में रिक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत बाल विकास परियोजना बड़वाह एवं सनावद परियोजना में क्रमश: 81 एवं 126 कुल 207 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ पर है। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ पर है। बड़वाह विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 04 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 15 आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पद रिक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ पर है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु भारत सरकार द्वारा जनसंख्या के मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं जिसके अनुसार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 400-800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 800-1600 की जनसंख्या पर दो तथा 1600-2400 की जनसंख्या पर तीन तथा इसके पश्चात् प्रति 800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। राज्य शासन द्वारा भारत सरकार के निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के अनुसार ही आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाते हैं। बड़वाह विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 38 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। बड़वाह विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों पर पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है, पदपूर्ति हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी
81. ( क्र. 2845 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डिण्डौरी जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? केन्द्र का संचालन कब प्रारंभ हुआ? (ख) वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवन हैं? भवन का निर्माण कब हुआ तथा किस मद से हुआ? भवन निर्माण की एजेंसी कौन था? कितनी राशि स्वीकृत हुई थी? (ग) भवन में कक्षों का संचालन कब प्रारंभ हुआ वर्तमान में भवन की स्थिति कैसी है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) डिण्डौरी जिले में कुल 1913 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। केन्द्र संचालन के संबंध में केन्द्रवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) जिले में 1386 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों में केन्द्रों के संचालन के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर है।
पेय-जल हेतु प्रस्ताव की स्वीकृति
82. ( क्र. 2884 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सूखा घोषित श्योपुर जिले में (कराहल तहसील को छोड़कर) भू-जल स्तर अत्याधिक गिर जाने के कारण कुएं, बावड़ी, नदी, नाले सब सूख चुके हैं। नतीजन जिले में जल संकट व्याप्त हो गया है। उक्त स्थिति वर्ष दो वर्ष के अंतराल से अल्प वर्षा के कारण जिले में निर्मित होती रहती है? (ख) उक्त स्थिति के मद्देनजर क्या शासन ने पी.एच.ई. विभाग को प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिये थे, के पालन में ई.ई. श्योपुर द्वारा जिले के समस्या मूलक 280 ग्रामों में चंबल नदी के पानी से पेय-जल आपूर्ति हेतु राशि 1394 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को स्वीकृति हेतु भेजा था व कब? (ग) क्या शासन ने प्रस्ताव को संशोधन हेतु विभाग को वापस भेजा है? क्या विभाग द्वारा पुन: संशोधित प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दिया है अथवा शासन ने मंगवा लिया है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रस्ताव की स्वीकृति हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो प्रस्ताव मंगवाकर जनहित में प्रस्ताव को शासन अपने स्तर पर कब तक स्वीकृत करेगा अथवा केन्द्र सरकार की सहायता से कब तक स्वीकृत करवा लेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जिले में वर्तमान में पेय-जल का संकट नहीं है। (ख) जी हाँ। माह मई 15 में। (ग) जी नहीं। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों की स्वीकृति व सुविधाएं
83. ( क्र. 2885 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, में से कितने केन्द्रों में से शासन निर्देशानुसार कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध/अनुपलब्ध हैं व क्यों? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्तमान में उक्त में से 117 केन्द्र शौचालय विहीन, समस्त केन्द्र बिजली विहीन एवं दर्जनों केन्द्र परिसरों में हैण्डपंप/पेय-जल की व्यवस्था के अभाव में बच्चों व धात्री महिलाओं को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो सभी केन्द्रों में उक्त निर्देशानुसार सुविधाएं कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) उक्त में से कितने केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित है, कितने अन्य शासकीय/किराये के भवनों में संचालित हैं? इनके लिये वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक कितने भवन किस-किस योजना मद में स्वीकृत किये, का नाम, लागत, एजेन्सी व निर्धारित समयावधि की जानकारी वर्ष/भवनवार बतावें? (घ) उक्त में से कौन-कौन से भवनों का निर्माण निर्धारित समयावधि में पूर्ण हुए कौन-कौन से भवन विभागीय अमले की उदासीनता के कारण निर्धारित समयावधि के पश्चात् भी अपूर्ण/अप्रारंभ पड़े हैं? क्या शासन भवनों के निर्माण कार्य में हुए विलम्ब के कारणों की जाँच करा कर निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्तमान में 493 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। सभी 493 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेय-जल एवं अन्य आवश्यक सुविधायें उपलब्ध हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध सुविधाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) जी नहीं। श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित 493 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 493 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेय-जल की व्यवस्था उपलब्ध है, 22 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय एवं समस्त 493 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली की व्यवस्था नहीं है। शौचालय एवं बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण हितग्राहियों को कठिनाई होती है। शौचालय एवं बिजली की व्यवस्था वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 493 संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 190 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित है, 65 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में एवं 238 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ पर है। वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक विभिन्न योजनाओं में कुल 105 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुए हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर है। (घ) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत कुल 105 आंगनवाड़ी भवनों में से 24 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो चुका है, शेष 81 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया जाकर ग्राम पंचायतों के द्वारा किया जाता है, अतः विभागीय अमले की उदासीनता का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
दर्ज प्रकरणों की संख्या
84. ( क्र. 2895 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के सब डिवीजनल सिरोंज/लटेरी क्षेत्र में 01 जनवरी 2014 से 31.05.2016 तक की अवधि में कितने अपराधिक प्रकरण घटित हुए हैं, कितने प्रकरण दर्ज किये एवं कितने प्रकरण दर्ज नहीं किये गये? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में कितने अपराधियों पर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये हैं? कितने प्रकरण विवेचना में है और कितने प्रकरण में अपराधियों को दंडित किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के पुलिस अनुविभाग सिरोंज तथा लटेरी क्षेत्र में 01 जनवरी, 2014 से 31.05.2016 तक की अवधि में कुल 8233 आपराधिक घटनाऐं घटित हुई हैं, जिनमें से कुल 2815 घटनाओं के संबंध में धारा 154 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत संज्ञेय अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं तथा शेष 5418 घटनाओं के संबंध में धारा 155 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत असंज्ञेय अपराध की सूचना पंजीबद्ध की गई है। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण
85. ( क्र. 2896 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसील सिरोंज/लटेरी में इस वर्ष 50 प्रतिशत से अधिक सूखा प्रभावित कितने किसानों को खाद्यान्न सुरक्षा पर्ची का वितरण किया गया है, कितने लाभान्वित किसानों को पात्रता होने पर भी खाद्यान्न सुरक्षा पर्ची का वितरण नहीं किया गया है? क्यों विवरण सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने आपदा प्रभावित किसान हैं, जिन्हें पात्रता होने पर भी खाद्यान्न सुरक्षा पर्ची का वितरण नहीं किया गया है? उचित मूल्य दुकानवार जानकारी देवें? खाद्यान्न सुरक्षा पर्ची वितरण में विलंब क्यों हो रहा है, कब तक पर्ची का वितरण कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जावेगा? विलंब के लिए जिम्मेदार कौन है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसील सिरोंज के 7,868 एवं लटेरी के 7,238 इस प्रकार कुल 15,106 सूखा प्रभावित किसानों को प्राकृतिक आपदा श्रेणी अंतर्गत सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। इन परिवारों में अन्य श्रेणियों के अंतर्गत पात्रता पर्चीधारी सूखा प्रभावित परिवार सम्मिलित नहीं है। आवेदन करने वाले कोई सत्यापित किसान पात्रता पर्ची हेतु शेष नहीं हैं। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) सूखे के कारण 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति वाले समस्त किसानों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की गई है। इन परिवारों को भी माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जाएगा। उक्त उल्लेखित आधार पर विलंब के लिए किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समय पर प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति न भेजना
86. ( क्र. 2916 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा जिला योजना मण्डल मुरैना में हैण्डपंप खनन के प्रस्ताव प्रस्तुत उपरांत जिला योजना मण्डल द्वारा हैण्डपंप खनन के प्रस्तावों को P.H.E.D. कार्यपालन यंत्री मुरैना को भेज दिये जाते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश ''क'' के प्रकाश में उपसंभाग P.H.E.D. मुरैना द्वारा प्राक्कलन 20 से 25 दिन बाद E.E.P.H.E.d. कार्यालय मुरैना द्वारा वापिस भेजे जाते हैं? (ग) क्या उपरोक्त ''क'' में उल्लेखानुसार हैण्डपंप खनन के प्रस्ताव जो P.H.E.D. उपसंभाग अम्बाह से संबंधित है के प्राक्कलन लगभग दो से ढाई माह तक वापिस तकनीकी स्वीकृति हेतु P.H.E.D. कार्यपालन यंत्री मुरैना कार्यालय नहीं भेजे जाते हैं, जिससे हैण्डपंप खनन कार्य समय पर नहीं होते हैं व शासन की नीति जो पेय-जल समस्याओं के निराकरण के लिये निर्देशित है। उनका उल्लंघन हो रहा है? (घ) क्या म.प्र. शासन P.H.E.D. विभाग उपसंभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अम्बाह के संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ‘क‘ एवं ‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दोषी पर कार्यवाही
87. ( क्र. 2917 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या 23 (क्र.-7432) दिनांक 28.3.16 के परिप्रेक्ष्य में भोपाल के कोलार थाना अंतर्गत मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स श्री सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) आत्मज श्री ओमप्रकाश टीबडेवाल पता जी-1 सागर होम्स फेस-1, 274, ए-सेक्टर, कोलार रोड, भोपाल के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक किन-किन के द्वारा कितनी शिकायतें अमानत में खयानत धोखाधड़ी व जालसाजी आदि के प्राप्त हुई हैं? (ख) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) में आवासीय भू-खण्ड क्रमांक-8, 102 क्रमश: शिकायतकर्ता श्रीमती साधना माथुर एवं श्रीमती सरोज सक्सेना से संबंधित होने तथा अनावेदक सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में धारा 138 नेगोशियेबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट 1881 में तहत कार्यवाही विचाराधीन होने की जानकारी दी है यदि हाँ, तो किस सक्षम न्यायालय में किस दिनांक को किस क्रमांक पर धारा 138 में यह प्रकरण दर्ज हुआ है? (ग) यदि यह प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है तो विधान सभा को गलत जानकारी देने वाले संबंधित दोषी थाना प्रभारी एवं मंत्रालय स्तर पर कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) उक्त जालसाज बिल्डर के विरूद्ध प्राप्त प्रकरणों में उक्त बिल्डर की संपत्ति जप्त कर कब तक पीडि़तों को इनकी राशि का भुगतान कराया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) तारांकित प्रश्न संख्या 23 (क्र. 7432) दिनांक 28.03.2016 के परिप्रेक्ष्य में भोपाल के कोलार थाना अंतर्गत मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स श्री सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध प्रश्न दिनांक 30.06.2016 तक शिकायतकर्ता श्री प्रकाश कुमार वाधवानी पिता श्री गोपीचन्द वाधवानी, श्री सुनील मेवानी पिता श्री जे.एस.मेवानी, श्रीमती सरोज सक्सेना पति श्री अरूण सक्सेना, श्रीमती साधना माथुर पति श्री उमेश कुमार माथुर, श्री मनोहर सिंह पिता श्री राजमल सिंह तथा श्री विजय कुमार डुलानी पिता स्व. श्री एस.के.एस. एवं उक्त शिकायतकर्ताओं में से श्री प्रकाश कुमार वाधवानी तथा श्री मनोहर सिंह द्वारा पुनः शिकायत पत्र दिये गये। इस प्रकार कुल 08 शिकायत पत्र धोखाधड़ी के संबंध में प्राप्त हुए हैं। (ख) जी हाँ। परिवादी श्रीमती साधना माथुर एवं श्रीमती सरोज सक्सेना द्वारा मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स के श्री सुनील अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध दिनांक 12.01.2016 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी पीठासीन श्री अमजद अली न्यायालय, भोपाल में धारा 138 नेगोशियेबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट 1881 के तहत परिवाद प्रस्तुत किये गये हैं, जो विचाराधीन हैं। न्यायालयीन कार्यवाही की जानकारी दिया जाना संभव नहीं। (ग) प्रश्नांश के संबंध में जिला लोक अभियोजन अधिकारी, भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। अतः दी गई जानकारी सही है, कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (घ) थाना कोलार, जिला भोपाल में आरोपी श्री सुनील कुमार अग्रवाल (टीबडेवाल) के विरूद्ध (1) अप.क्र. 292/16, धारा 420, 467, 468 भा.द.वि. का दिनांक 03.06.2016 को (2) अप.क्र. 307/16 धारा 420, 467, 468 भा.द.वि. का दिनांक 08.06.2016 को एवं (3) अप.क्र. 340/16 धारा 420, 467, 468 भा.द.वि. का दिनांक 23.06.2016 को पंजीबद्ध किये जाकर विवेचनाधीन है। माननीय न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पुलिस अधीक्षक राजगढ़ के निर्देशों पर कार्यवाही न होना
88. ( क्र. 2931 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 30.05.2016 को पुलिस अधीक्षक जिला राजगढ़ द्वारा पुलिस थाना सुठालिया अंतर्गत ग्राम हांसरोद निवासी अनुसूचित जाति वर्ग की महिला श्रीमती संतोष बाई पत्नी जगदीश बलाई के साथ ग्राम के ही एक व्यक्ति जगमोहन पिता गंगा प्रसाद जो कि विद्युत ठेकेदार हैं, के द्वारा मारपीट एवं झूमा-झटकी करने के संबंधी आवेदन पर पाँच दिवस में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु थाना प्रभारी सुठालिया को लिखित निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में थाना प्रभारी सुठालिया द्वारा संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध किन धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर क्या प्रभावी कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से एफ.आई.आर. दर्ज न कर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) क्या थाना प्रभारी सुठालिया एवं संबंधित दोषी व्यक्ति की आपसी सांठ-गांठ के चलते प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जाकर फरियादी अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं पर शिकायत वापस लेने का निरंतर दबाव बनाया जा रहा है? यदि नहीं, तो ऐसे क्या कारण है जिससे प्रश्न दिनांक तक आरोपी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जा रही है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन ऐसे लापरवाह थाना प्रभारी सुठालिया को निलंबित कर आरोपी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, दिनांक 30.05.2016 को थाना सुठालिया अंतर्गत ग्राम हासरोद नि. अनुसूचित जाति वर्ग की महिला श्रीमती संतोष बाई पत्नी जगदीश बलाई के साथ ग्राम के व्यक्ति जगमोहन सक्सेना जो विद्युत ठेकेदार हैं के द्वारा मारपीट एवं झूमाझपटी करने संबंधी आवेदन पत्र प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देश सहित प्राप्त हुआ था। उक्त निर्देश के पालन में कार्यवाही करते हुए आवेदन पत्र की जाँच की गई। जाँच के दौरान आवेदिका संतोष बाई एवं साक्षीगण सीमाबाई, बादाम बाई, राधेश्याम, शिवसिंह एवं अमृत लाल के कथन लेख किये गये। लगातार कार्यवाही करते हुए आवेदन पत्र जाँच उपरांत दिनांक 08.07.2016 को आरोपी जगमोहन सक्सेना के विरूद्ध अपराध क्रमांक 6/16, धारा 294, 323, 506 भा.द.वि. एवं 3 (1) द,ध, 3 (2) 5क एससी/एसटी का कायम कर विवेचना में लिया गया जो विवेचनाधीन है। साक्षीगण समय पर नहीं मिलने से जाँच पूर्ण करने में विलंब हुआ, परिणामस्वरूप निर्धारित समय पर कार्यवाही नहीं हो सकी। (ख) जी नहीं। जाँच पूर्ण होने पर आरोपी जगमोहन सक्सेना के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 294, 323, 506 एवं अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम की धारा 3 (1) द,ध, 3 (2) 5क के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध करते हुए प्रभावी कार्यवाही की गई है। साक्षियों के समय पर उपस्थित नहीं होने से जाँच में विलंब हुआ है। (ग) प्रकरण में जाँच उप पुलिस अधीक्षक (अजाक) द्वारा की गई थी। थाना प्रभारी सुठालिया की लापरवाही नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नीति अनुसार नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करना
89. ( क्र. 2932 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किये जाने की क्या नीति है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या निर्धारित नीति व जनसंख्या के अनुपात में प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्र खोल दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक पात्रता रखने वाले कितने ग्राम अभी भी आंगनवाड़ी केन्द्र के लाभ से वंचित है? नाम सहित बतावें? (ग) क्या शासन ऐसे आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों/मजरे-टोलों व शहरी वार्डों में शासन की नीति अनुरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन सहित प्रारंभ करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु भारत सरकार द्वारा जनसंख्या के मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं जिसके अनुसार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 400-800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 800-1600 की जनसंख्या पर दो तथा 1600-2400 की जनसंख्या पर तीन तथा इसके पश्चात् प्रति 800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। नवीन आंगनवाड़ी खोलने के राज्य शासन के प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा उपलब्धता की स्थिति में स्वीकृति प्रदान की जाती है तभी नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किया जाता है। (ख) जी नहीं। जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डों पूर्ण करने वाले ग्राम/वार्ड में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में यह ग्राम /वार्ड आंगनवाड़ी विहीन नहीं है। निकटवर्ती आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से आई.सी.डी.एस. सेवाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ग) जी नहीं। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है एवं भवनों की उपलब्धता उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करता है। अतः राज्य सरकार स्तर से कार्यवाही वित्तीय वर्ष में की जाना संभव नहीं है।
गैस रिफिल की सुविधा
90. ( क्र. 2949 ) श्री मोती कश्यप : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी के किन विकासखण्ड मुख्यालयों में कितनी-कितनी गैस एजेंसियों हैं और कितनी जनसंख्या की बस्तियों में गैस एजेंसी आवंटित की जा सकती है और जिसके अंतर्गत किस विकासखण्ड के किस जनसंख्या के कौन से ग्राम पात्र हैं और वहां कब तक एजेंसियों खोल दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा में कितने ग्राम हैं और कितने बी.पी.एल. कार्डधारी है तथा गैस एजेंसी से चतुर्दिक अधिकतम दूरी कितने कि.मी है? (ग) जिला कटनी के किसी स्थान में दिनांक 24.06.2016 को उज्जवला योजना के समारोह में किन शर्तों में कहाँ के कितने लोगों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन वितरित किये गये हैं? (घ) क्या यह सुनिश्चित किया गया है कि बी.पी.एल हितग्राही अपने संसाधनों से आकर गैस एजेंसियों से रिफिल प्राप्त करेंगे अथवा गैस एजेंसियों उनके घरों में जाकर आपूर्ति की सुविधा प्रदान करावेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कटनी जिले के विकासखण्ड मुख्यालय कटनी में-06, रीठी, विजयराघवगढ़, बहोरीबंद एवं ढीमरखेड़ा में 01-01 गैस एजेंसियों संचालित हैं। नई गैस एजेंसी की स्थापना भारत सरकार पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा अनुमोदित यूनिफाईड गाइड लाइन फॉर सिलेक्शन ऑफ एल.पी.जी. डिस्ट्रीब्यूटरशिप, जून, 2016 में निर्धारित मानकों के अनुसार की जाती है। गाईड लाइन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आवश्यकतानुसार एजेन्सी की आवश्यकता व चयन का निर्णय राज्य सरकार की विषय वस्तु नहीं है। (ख) विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के अंतर्गत 232 ग्राम है, जिसमें 35,415 प्राथमिकता परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। जिसमें बी.पी.एल. परिवार सम्मिलित हैं। ढीमरखेड़ा में संचालित गैस एजेंसी से विकासखण्ड सीमा की अधिकतम चतुर्दिक दूरी 25 किलोमीटर है। (ग) दिनांक 24 जून, 2016 को कटनी डिग्री कालेज के सभागार से कटनी जिले के 466 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन वितरण योजनांतर्गत भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुरूप किया गया है। (घ) ऑयल कम्पनी के प्रावधान अनुसार नियमित एल.पी.जी. वितरकों द्वारा नियमानुसार अपने कार्यक्षेत्र के उपभोक्ताओं को रिफिल की होम डिलीवरी प्रदाय की जाती है। राजीव गांधी ग्रामीण एल.पी.जी. वितरकों द्वारा गोदाम से रिफिल डिलीवरी प्रदाय किए का प्रावधान है, परन्तु नवीनतम यूनिफाईड गाईड लाइन जून, 2016 के अनुसार किसी राजीव गांधी ग्रामीण एल.पी.जी. वितरक की मासिक रिफिल सेल 1500 से अधिक होने पर होम डिलीवरी प्रदाय करना अनिवार्य है।
बड़वारा में लिंक कोर्ट की स्थापना
91. ( क्र. 2952 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 12.03.2012 एवं 11.11.2012 में विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के किन तहसील मुख्यालयों में लिंक कोर्ट की स्थापना की मांग की है? (ख) प्रश्नांश (क) की किस तहसील मुख्यालय में किसी दिनांक को लिंक कोर्ट प्रारंभ कर दिया गया है और कहाँ पर अभी तक स्थापित नहीं किया गया है? (ग) क्या तहसील बड़वारा में लिक कोर्ट के लिये किन्हीं खसरे व रकबे की कोई भूमि आरक्षित की गई है और किन्हीं न्यायिक अधिकारी द्वारा निरीक्षण कर लिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) क्षेत्र में कितने थाना आते हैं? (ड.) तहसील बड़वारा में कब तक लिंक कोर्ट की स्थापना कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील मुख्यालयों ढीमरखेड़ा एवं बड़वारा में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के न्यायालयों की स्थापना की मांग की है। (ख) तहसील मुख्यालय ढीमरखेड़ा में उच्च न्यायालय की अधिसूचना दिनांक 16.03.16 द्वारा व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की श्रृंखला न्यायालय प्रारंभ की गई है। तहसील मुख्यालय बड़वारा में अभी तक नियमित श्रंखला न्यायालय स्थापित नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
बड़वानी विधान सभा क्षेत्र के कार्य
92. ( क्र. 2981 ) श्री रमेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2014 से 30.05.2016 तक कितने ट्यूबवेल खनन किये गये? माहवार जानकारी देवें? (ख) कितने ट्यूबवेल पर हैण्डपंप स्थापना की गई, कितने राइजिंग पाइप दिए गए की जानकारी प्रश्न (क) की समयावधि हेतु देवें। ट्यूबवेल खनन, हैण्डपंप स्थापना एवं प्लेटफार्म निर्माण के लिए कितनी राशि व्यय की गई? पृथक-पृथक जानकारी प्रश्न (क) की समयावधि हेतु बतावें? (ग) क्या असफल ट्यूबवेलों में भी सिंगल फेस मोटर स्थापित की गई है, यदि हाँ, तो क्यों? सूची सहित देवें। सफल ट्यूबवेल जिनमें मोटर व अन्य सामग्री नहीं लगाई की सूची भी देवें? इसका कारण भी बतावें? (घ) क्या विकासखण्ड पाटी अंतर्गत स्थापित सोलर पंप (डी.सी. पंप) चालू स्थिति में है यदि नहीं, तो क्यों? सोलर पंप चालू करने हेतु क्या विभाग को आवंटन दिया गया था?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं।
यातायात व्यवस्था
93. ( क्र. 3018 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने, जाम की समस्या से निपटने व दुर्घटनाओं को रोकने हेतु जिला पुलिस प्रशासन, यातायात व परिवहन विभाग तथा नगर निगम ने कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या व्यवस्था की है एवं इस संबंध में क्या कार्ययोजना बनाई गई है वर्ष 2015-16 से 2016-17 जून 2016 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने व उसे नियंत्रित करने हेतु कौन-कौन सा कितना स्टॉफ स्वीकृत व पदस्थ हैं? कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? किन-किन संसाधनों, उपकरणों की आवश्यकता है और इसके लिये क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में नो-एन्ट्री के दौरान भारी व अन्य वाहनों के प्रवेश से कितनी दुर्घटनाऐं घटित हुई हैं? इसमें कितने व्यक्तियों/वाहन चालकों की मृत्यु हुई है, कितने घायल, कितने अपंग हुये हैं? इससे संबंधित पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने वाहनों/वाहन चालकों को पकड़ा गया है और उन पर क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में समझौता कर वाहन/वाहन चालकों को छोड़ा गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में वाहन चालकों से अवैध वसूली करने उन्हें परेशान करने, समझौता प्रकरणों में अवैध वसूली करने से संबंधित प्राप्त कितनी शिकायतों पर जिला प्रशासन ने कब, किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) शहर के मुख्य चौराहे/तिराहें पर उपलब्ध बल के अनुसार यातायात अधिकारी/कर्मचारी की ड्यूटी लगायी जाती है साथ ही मुख्य चौराहों पर लाउड हेलर एवं 12 चौराहों/तिराहों पर पी.ए.सिस्टम के माध्यम से यातायात कर्मी के द्वारा एनाउंस कर यातायात को संचालित किया जाता है। 2- जबलपुर शहर की यातयात व्यवस्था को सुधारने, जाम की समस्या से निपटने एवं दुर्घटना को रोकने हेतु यातायात पुलिस के द्वारा शहर के मुख्य चौराहे/तिराहे पर पक्के डिवाईडर न होने की स्थिति में यातायात व्यवस्था हेतु सड़क सुरक्षा कोष मद से क्रय किये गये स्टापर्स रखकर लेफ्ट टर्न बनाये गये हैं। जिससे जाम एवं दुर्घटना की स्थिति पर नियंत्रण रखते हुये यातायात व्यवस्था की जाती है। 3- विशेष ड्यूटियों जैसे जुलूस/शोभायात्रा एवं व्ही.आई.पी. आगमन के समय चौराहों/तिराहों आदि में स्टॉपर्स रखकर यातायात डायर्वट किया जाता है। जिससें उक्त महत्वपूर्ण ड्यूटियों में जाम की स्थिति निर्मित न हो सके। 4- नो-एंट्री दौरान भारी वाहनों को रोकने हेतु, शहर के सीमा क्षेत्र में यातायात पॉइंट (जैसे अंधमूक बाई-पास, कटंगी बाय-पास, महाराजपुर बाय-पास, खजरी खिरिया, रांझी चुंगीनाका, बिलहरी नाका, बरगी हिल्स, सगडा क्रा.) लगाया जाकर व्यवस्था की जा रही है। जिससे सामान्यतः दुर्घटनाओं पर नियंत्रण है। 5- शहर व्यस्ततम चौराहों/तिराहों जैसे पेंटीनाका चौक, दमोह नाका चौक, बल्देवबाग, रानीताल चौक, ब्लूम चौक, कार्पोरेशन चौक, नौदरा, मढाताल, में ट्रॉफिक सिग्नल के माध्यम से यातायात संचालित कर व्यवस्था की जा रही है। परिवहन विभाग द्वारा सक्षम अधिकारियों की अनुशंसा पर गंभीर सड़क दुर्घटना करने वाले वाहन चालकों के 39 लायसेंस निरस्त किये गये हैं एवं शराब पीकर व यातायात नियमों का पालन न करने वाले 25 वाहन चालकों के लाईसेंस निलंबित एवं 01 लाईसेंस निरस्त कर दिये गये हैं। इस प्रकार कुल 65 वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। 6- यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु शासन द्वारा वर्ष 2016-17 में जिला जबलपुर में दो नवीन यातायात थाने हेतु राशि स्वीकृत की गई है एवं डाटा सेंटर गोरखपुर में शीघ्र ही बनाया जावेगा। जो भविष्य में शहर की यातायात व्यवस्था को और बेहतर करेंगे। 7- शहर के व्यस्ततम चौराहों/तिराहों पर 625 सी.सी.टी.व्ही. लगाये जाना प्रस्तावित है। यह वर्ष 2016 के अंत तक लग जावेंगे, जो यातायात एवं कानून व्यवस्था की दृष्टि से उपयोगी होंगे। (ख) 1- वर्तमान में शहर में एक यातायात थाना है, जिसमें स्वीकृत, उपलब्ध एवं कमी बल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। जिले में पदस्थ सूबेदार/उपनिरीक्षक/आरक्षकों में से नवीन भर्ती के अधि./कर्म. प्रशिक्षण में है। प्रशिक्षण उपरांत जिले में आमद् होने के पश्चात् रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकेगी। 2- जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। सड़क सुरक्षा कोष के अंतर्गत आवंटित बजट से यातायात उपकरणों का क्रय हेतु क्रय समिति एवं तकनीकी समिति गठित कर कार्यवाही की जा रही है। (ग) कुल 72 दुर्घटनाएं हुई हैं। जिस पर 72 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिसमें 08 व्यक्ति/वाहन चालकों की मृत्यु हुई है तथा घटनाओं में कुल 50 व्यक्ति घायल हुये हैं तथा कोई व्यक्ति अपंग नहीं हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) वाहन चालकों से अवैध वसूली करने, उन्हें परेशान करने, समझौता प्रकरण में अवैध वसूली करने की कोई भी शिकायत नहीं है।
पगारा डेम से पेय-जल उपलब्ध कराना
94. ( क्र. 3045 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में जौरा नगर एवं आस-पास के गाँव में पेय-जल हेतु जल निगम द्वारा ठेकेदार से पगारा तालाब से नगर व ग्रामों तक पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान में कार्य कराया जा रहा है? स्वीकृति राशि, कंपनी का नाम सहित जानकारी दी जावें। (ख) जून 2016 तक कितने गांवों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है? किस-किस गाँव में टंकी निर्माण की जा रही है? पाइप लाइन व टंकी निर्माण सहित गांवों के नाम बताया जावे। (ग) क्या जिन किसानों के स्वामित्व के खेतों में पाइप लाइन बिछाई जा रही है? शासन द्वारा अनुबंध के साथ खेतों से पाइप लाइन निकालने हेतु स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो अनुबंध के किस शर्त क्रमांक में ठेकेदार/कंपनी को उक्त सुविधा दी गई है? (घ) पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी को प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान शासन द्वारा निर्धारित किया है? यदि हाँ, तो क्या, नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। निविदा की स्वीकृत राशि रूपये 7766.08435 लाख एवं फर्म का नाम मेसर्स जे.आई.टी.एफ. वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नई दिल्ली है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) शासन/म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा कंपनी को परियोजना के क्रियान्वयन का दायित्व दिया गया है, राइट ऑफ वे शासन का दायित्व है अनुबंध में इस बाबत् पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं, पाइप लाइन भूमि के नीचे डाली जाने से।
निविदा की शर्तें
95. ( क्र. 3060 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के सभी जिलों के लिये म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लि. भोपाल द्वारा परिवहन के ठेके अलग-अलग कार्यों के लिये दिये जाते हैं? जिलेवार कार्यों के नाम बतावें। (ख) निविदा वर्ष 2015-16 में प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुल कितने सफल निविदाकार निगम द्वारा अलग-अलग कार्यों के लिये अनुबंध किये गये? सागर जिले में सफल निविदाकार की सूची कार्यवार दी जावे। (ग) यदि सफल निविदाकार अनुबंध के समय निविदा की Truck Exclusivity की शर्तों का पालन करने में असफल रहते हैं तो निविदा की शर्तों के अनुसार उन्हें ब्लैक लिस्ट करने व ई.एम.डी. राजसात करने की कार्यवाही की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कितने सफल निविदाकारों के विरूद्ध Truck Exclusivity की शर्तों का पालन न करने पर और नागरिक आपूर्ति निगम को गलत जानकारी देकर गुमराह करने पर ब्लैक लिस्ट करने की एवं ई.एम.डी. राजसात करने की कार्यवाही की गयी? सूची कार्यवार जिलेवार दी जाये।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लि. द्वारा 'द्वार प्रदाय योजना', रबी, खरीफ में उपार्जित खाद्यान्न, सामान्य चावल, बारदाना के एल.आर.टी. परिवहन तथा खाद्यान्न एवं बारदाना के एच.एल.आर.टी. परिवहन हेतु परिवहनकर्ता की नियुक्ति की जाती है। जिन क्षेत्रों एवं कार्यों हेतु परिवहनकर्ता नियुक्त किए गए हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लि. वर्ष 2015-16 में द्वार प्रदाय योजनांतर्गत 324, एल.आर.टी. रबी उपार्जन 99 एल.आर.टी. खरीफ उपार्जन 23, एल.आर.टी. सामान्य 26, एल.आर.टी. चावल 10, एल.आर.टी. बारदाना 15, एच.एल.आर.टी. खाद्यान्न 29 एवं एच.एल.आर.टी. बारदाना 11 सफल निविदाकारों से परिवहन हेतु अनुबंध किया गया। सागर जिले में कार्यवार सफल निविदाकारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) श्री नीरज रोड लाईंस, सागर द्वारा सफल निविदाकारों के विरूद्ध Truck Exclusivity की शर्तों का पालन न करने के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। प्राप्त शिकायत की जाँच में शिकायत नस्तीबद्ध योग्य पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना हरदा में पंजीबद्ध अपराध में प्रभावी कार्यवाही नहीं किया जाना
96. ( *क्र. 3083 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद, हरदा जिले की शाखाओं से संबंधित पुलिस थाना हरदा में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 558/15, 740/15 एवं 743/15 में अभी तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की जाकर माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त पंजीबद्ध अपराधों में निर्धारित समय-सीमा में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन आरोपियों को कब-कब गिरफ्तार किया गया है? यदि गिरफ्तार नहीं किया गया तो इसके लिए संबंधित पुलिस आधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई। (ग) क्या उक्त बैंक एवं उससे संबद्ध समितियों द्वारा पुलिस थाना हरदा में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने के संबंध में कितनी शिकायतें किस-किस स्तर पर प्राप्त हुई हैं? उन प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद की हरदा जिले की शाखाओं से संबंधित थाना हरदा में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 558/15 धारा 420, 406, 467, 468, 471, 474, 120-बी भा.द.वि. में आरोपीगण (1) भावना काले को दिनांक 10.06.2016 को (2) ज्ञानेश्वर काले को दिनांक 05.06.2016 को तथा प्रेम कुमार व्यास को दिनांक 07.07.2016 को गिरफ्तार किया गया है। अपराध क्रमांक 743/15 धारा 420, 406, 409, 120-बी भा.द.वि. के आरोपीगण जितेन्द्र धनगर एवं सुदर्शन जोशी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। यह कहना सही नहीं है कि प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है। फरार आरोपीगणों की गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास किए गये हैं तथा उनके विरूद्ध धारा 82, 83 द.प्र.सं. के अंतर्गत उद्घोषणा व संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही भी प्रकरणों की विवेचना के दौरान प्रक्रियाधीन है। उपरोक्त तीनों प्रकरण विवेचनाधीन होने से अभी तक अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। किसी पुलिस अधिकारी की इस संबंध में त्रुटि नहीं पाई जाने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद की हरदा शाखा एवं वृहत्ताकार सहकारी समिति मर्यादित कडौला से संबंधि दो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनके संबंध में थाना हरदा पर दो प्रकरण पंजीबद्ध किए गये हैं जो विवेचनाधीन हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
दर्ज अपराधों पर कार्यवाही
97. ( क्र. 3095 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में सभी थानों में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने लूट, डकैती, चोरी, जुआ-सट्टा, मारपीट, हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए हैं, थानेवार जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराधों की त्रैमासिक जानकारी माननीय सदस्यों को उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों की प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है, कितनों में शेष है, विवेचना उपरांत कितने प्रकरणों में चालान पेश कर दिये गये हैं, कितने शेष हैं तथा उक्त प्रकरणों में से कितने अपराधी फरार हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 1 जनवरी 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने पीडि़त व्यक्ति की शिकायतें एम.पी./आई.जी./डी.आई.जी./शासन को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस थानों की? उक्त शिकायतों पर कब-कब किस थाने द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों का विवरण देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला विदिशा के सभी थानों पर दिनांक 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक 30.06.2016 तक लूट, डकैती, चोरी, जुआ, सट्टा, हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के पंजीबद्ध अपराधों की थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
पशुओं के उपचार संबंधी जानकारी
98. ( क्र. 3096 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में पशुओं के उपचार हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी-कितनी मात्रा में किन-किन दवाइयों का प्रदाय किस एजेंसी के द्वारा किया गया है तथा इस मद में कितना-कितना व्यय हुआ है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) विदिशा जिले के अन्तर्गत पदस्थ पशु चिकित्सक द्वारा विगत 2 वर्षों में पशु चिकित्सा हेतु किस-किस ग्राम के कितने-कितने भ्रमण किये गये हैं, संख्या बतायी जावे और उनके द्वारा कितनी राशि के बिल प्रस्तुत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित वर्षों में प्राप्त दवाइयों को वर्षवार कितने किसानों को वितरित कर लाभान्वित किया गया है? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत इसी अवधि में किस-किस ग्राम में कहाँ-कहाँ पशु चिकित्सा तथा टीकाकरण कैम्प आयोजित कर पशुओं का इलाज किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब' अनुसार है। (ग) विदिशा जिले के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में पशु उपचार 132786 औषधि वितरण 98062 एवं वर्ष 2015-16 में पशु उपचार 154855 औषधि वितरण 141237 तथा वर्ष 2016-17 में माह जून तक पशु उपचार 51589 औषधि वितरण 34562 पशु-पालकों को दवाइयों का वितरण किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही
99. ( क्र. 3123 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत रबी उपार्जन वर्ष 2015-16 के लिए म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लि. भोपाल के द्वारा निविदा क्रमांक 3042 (सेक्टर सागर-01 के लिए) दिनांक 09.02.2016 को आमंत्रित की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ई-निविदा विज्ञापन अनुसार प्राप्त न्यूनतम दर पर विचार कर परिशिष्ट-01 के अनुसार दर अनुमोदित की गई एवं मुख्यालय भोपाल द्वारा दिनांक 16.03.2016 को जिला प्रबंधक सागर को आदेश/पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकृत दर एवं एल-1 तथा एल-2 ठेकेदार के नाम सहित जानकारी देते हुए आदेश/पत्र की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या समय-सीमा में ठेकेदार ने प्रतिभूति राशि जमा करायी एवं अनुबंध निष्पादित किया? यदि नहीं, तो कार्पोरेशन ने ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्याही की? यदि नहीं, तो इसके लिए कार्पोरेशन का कौन अधिकारी उत्तरदायी है और उसके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा सागर जिले के सेक्टर-01 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं के एल.आर.टी. परिवहन हेतु दिनांक 09.02.2016 को आमंत्रित निविदा में स्वीकृत दर एवं जारी आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। निविदा में एल-1 पर मेसर्स सांई ट्रांसपोर्ट कंपनी एवं एल-2 पर मेसर्स सोना ट्रांसपोर्ट कंपनी रही थी। (ग) परिवहनकर्ता से प्रतिभूति राशि जमा नहीं कराई गई और न ही अनुबंध निष्पादित किया गया। उक्त क्षेत्र की निविदा त्रुटिवश पुन: आमंत्रित किए जाने तथा उसमें कम दर प्राप्त होने के कारण प्रथम बार स्वीकृत परिवहन आदेश निरस्त किया गया। परिवहन आदेश निरस्त किये जाने के कारण किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना
100. ( क्र. 3128 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में विगत 5 वर्षों में किन-किन स्थानों पर नल-जल योजना स्वीकृत हुई? वर्तमान में कितने स्थानों पर कार्य पूर्ण हो चुके हैं कितने अपूर्ण हैं जो अभी तक पूर्ण नहीं हुए? उनके क्या कारण हैं? (ख) तहसील सिराली के ग्राम जिनवानिया में विभाग द्वारा पानी टैकंर ट्यूबवेल व पाइप लाइन बिछा दी गई है किंतु आज दिनाक तक लाभ क्यों नहीं मिल रहा हैं? ग्राम पंचायत को आज दिनांक तक क्यों नहीं सौंपा गया? इस सबंध में दोषी कौन है? क्या दोषी अधिकारियों या ठेकेदारों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम छिदगाँव मेल में शासन द्वारा वर्ष 2007- 08 में तवा कॉलोनी में पेय-जल टंकी का निर्माण किया गया था? 8 वर्ष बीतने के बाद भी गाँव में पानी की सप्लाई प्रारंभ हुई है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या किसी अधिकारी द्वारा पेय-जल टंकी का निरीक्षण किया गया था?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना पूर्ण एवं ग्राम पंचायत को हस्तांतरित होकर वर्तमान में चालू है। किसी के दोषी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। योजना पूर्ण कर परीक्षण चालन किया गया। सरपंच के द्वारा योजना संचालन में रूचि न लेने के कारण योजना चालू नहीं रह सकी। वर्तमान में स्थल पर जल प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''अड़तीस''
प्रदेश में उपभोक्ता विवादों का निस्तारीकरण
101. ( क्र. 3149 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 13 के तहत उपभोक्ता विवादों के निस्तारीकरण हेतु कितने दिनों का समय निश्चित किया गया है? 1 जनवरी 2015 के पश्चात् उज्जैन, इंदौर संभाग में कितने प्रकरण उपभोक्ता विवादों के रजिस्टर्ड हुए, उनमें कितनों का निराकरण कितने दिनों में किया? (ख) क्या माननीय राज्य आयोग एवं जिला उपभोक्ता मंचों दवारा विवादों का निस्तारीकरण प्रकरणों के निर्णय को यथाशीघ्र ऑन-लाईन कोनफोनेट वेबसाईट पर अपलोड किये जा रहे हैं, क्या इस संबध में कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो अवगत करायें? (ग) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग म.प्र. भोपाल के अधीन वर्तमान में कितने जिला उपभोक्ता मंच कहाँ-कहाँ क्रियाशील हैं? उक्त अवधि में उन्होंने कितने प्रकरणों का निराकरण किया? क्या अनेक जिला मंचों में कोरम तथा नियुक्तियों के अभाव में नियमित बैठक नहीं हो पा रही है एवं भारी तादाद में उपभोक्ता मामले विचाराधीन हैं? (घ) क्या प्रकरणों के निराकरण में देरी से उपभोक्ता को संरक्षण नहीं मिल पा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को निराशा उत्पन्न हो रही है। इसका आकलन विभाग दवारा कब-कब किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत उपभोक्ता परिवादों का निराकरण विरोधी पक्षकार को सूचना होने के 90 दिवस के भीतर किया जाना प्रावधानित है तथा प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता होने पर प्रकरण का निराकरण 150 दिवस के भीतर किया जाना प्रावधानित है। प्रश्नाधीन अवधि में उज्जैन तथा इन्दौर संभाग के जिला उपभोक्ता फोरम में संस्थित प्रकरणों और निर्धारित अवधि में उनके निराकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, म.प्र. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग द्वारा प्रकरणों के निराकरण उपरान्त कॉनफोनेट वेबसाईट पर अपलोड किए जाने के संबंध में निर्देश दिनांक 26-06-2015 एवं 14-10-2015 को जारी किए गए हैं। वर्तमान में 24 जिला उपभोक्ता फोरमों द्वारा अपलोडिंग की कार्यवाही की जा रही है। (ग) वर्तमान में 48 जिला मुख्यालयों पर जिला उपभोक्ता फोरम स्थापित हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के स्थान तथा प्रश्नाधीन अवधि में समस्त जिला उपभोक्ता फोरम में संस्थित और निराकृत प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में सभी उपभोक्ता फोरमों में प्रकरणों की संख्या के आधार पर बैठकों का आयोजन नियमित रूप से किया जा रहा है। कोरम के अभाव में बैठकों का आयोजन न होने की स्थिति नहीं है। समस्त जिला फोरमों में जून 2016 की स्थिति में 18551 प्रकरण लंबित हैं। वर्तमान में जिला फोरमों के स्वीकृत 24 पदों में से 18 पदों पर अध्यक्ष पदस्थ हैं, इसी प्रकार सदस्यों के स्वीकृत 102 पदों में से 90 सदस्य कार्यरत हैं। (घ) उपभोक्ता फोरमों में लंबित प्रकरणों में से अधिक लंबित वाले जिलों में निराकरण हेतु उपाय किये जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत शासन द्वारा प्रदेश में भोपाल, इन्दौर और जबलपुर में अतिरिक्त फोरम का गठन किया गया जिसमें से इन्दौर में अतिरिक्त जिला फोरम का कार्यालय प्रारम्भ हो चुका है एवं भोपाल व जबलपुर में कार्यवाही प्रचलित है। इस प्रकार प्रकरणों के शीघ्र निराकरण का प्रयास किये जा रहे हैं। जिला उपभोक्ता फोरम अर्द्धन्यायिक प्रकृति के कार्यालय हैं, ऐसी स्थिति में उनके कार्य का आंकलन राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
परिशिष्ट - ''उनतालीस''
प्रदेश में मानव तस्करी की घटनाएँ
102. ( क्र. 3153 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में 1 जनवरी 2014 से 1 जनवरी, 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों की मानव तस्करी/अपहरण/गुमशुदगी के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? जिलेवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने महिलाएं/बच्चे अभी तक बरामद किये गए हैं? उक्त घटनाओं को अंजाम देने वाले कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है? (ग) प्रदेश में मानव तस्करी की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? शासन के प्रयासों के बावजूद इन घटनाओं पर नियंत्रण न होने के क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 01 जनवरी, 2014 से 01 जनवरी, 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों की मानव तस्करी के 165 अपहरण के 14068 प्रकरण एवं गुमशुदगी के 37354 प्रकरण (कुल 51587 प्रकरण) पंजीबद्ध हुए हैं। इनमें से 16857 विवाहित महिलाएं, 14072 अविवाहित महिलाएं एवं 15693 बालिकाएं एवं 6976 बालक (कुल 22669) अवयस्क हैं। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में 23405 महिलाएं एवं 18545 बच्चे अभी तक बरामद किये गये हैं। उक्त घटनाओं को अंजाम देने वाले 8185 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। (ग) मानव दुर्व्यापार की रोकथाम हेतु सभी जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों/उप पुलिस अधीक्षकों को मानव दुर्व्यापार के प्रकरणों की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण हेतु नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है। केन्द्रीय शासन के अनुमोदन उपरांत 24 मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाईयों के साथ-साथ अन्य जिलों में भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के निर्देशन में इन प्रकरणों की विवेचना की जाती है। सभी इकाइयों के साथ 02 स्वयं सेवी संगठन संबद्ध किये गये हैं। मानव दुर्व्यापार रोकने हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा उचित दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं एवं पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा इस कार्य में स्वयं सेवी संगठनों का सहयोग भी लिया जाता है। ऑपरेशन स्माइल व ऑपरेशन मुस्कान द्वारा भी गुम बालक बालिकाओं की तलाश की गई है। मानव दुर्व्यापार के प्रकरणों में पुलिस द्वारा त्वरित एवं न्याय संगत कार्यवाही की जा रही है।
व्यापम घोटाले में दर्ज प्रकरण
103. ( क्र. 3155 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले में एस.टी.एफ़. द्वारा दर्ज 212 प्रकरण की सूची दें तथा बतावें की कौन-कौन सा प्रकरण किस-किस परीक्षा से सम्बंधित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में कुल आरोपियों की संख्या कितनी है? उनमें से कितने छात्र, अभिभावक, रेकेटियर, सॉल्वर तथा इम्पेर्सोनेटर है? कितने म.प्र. के हैं? कितने अन्य किस-किस राज्य के हैं? (ग) व्यापम घोटाले के संबंध में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उनमें से कितनी शिकायतों को विवेचना/जाँच में शामिल किया गया? तथा उनमें से किस-किस शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया गया? जिन शिकायतों की विवेचना नहीं हो पाई, उन्हें सी.बी.आई. को कब सौंपा गया? (घ) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम द्वारा रोल नम्बर टेम्परिंग के वर्ष 2008 से 2011 के प्रकरणों में विवेचना की गई अथवा नहीं तथा उन पर एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार उपरोक्त प्रकरणों की विवेचना सी.बी.आई. कर रही है। अतः जानकारी दिया जाना संभव नहीं। (ग) व्यापम घोटालों के संबंध में कुल 1355 शिकायतें प्राप्त हुई थीं उनमें से 34 शिकायतों की जाँच उपरान्त 19 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। व्यापम संबंधी शिकायतों की जाँच सी.बी.आई. को सौंपे जाने के संबंध में म.प्र.शासन की ओर से दिनांक 19.11.2015 को माननीय उच्चतम न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिस पर निर्णय प्रतीक्षित है। सी.बी.आई. द्वारा अभी तक कोई शिकायत अधिग्रहीत नहीं की है। (घ) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम द्वारा रोल नम्बर टेम्परिंग के वर्ष 2008 से 2011 के प्रकरणों की विवेचना नहीं की गई है।
प्रदेश में तेजी से बढ़ते सायबर अपराध
104. ( क्र. 3162 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि आई.टी. एक्ट के प्रदेश में प्रभाव में आने के बावजूद भी प्रदेश में सायबर अपराध लागातार बढ़ रहे हैं? विशेषकर 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों तथा तकनीकी उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों में इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है? क्या विभाग मानता है की इससे अपराध में बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो बचपन बचाने के लिए विभाग ने क्या नीति बनाई? (ख) क्या प्रतिदिन मोबाइल पर प्राप्त होने वाले झूठे सन्देश, झूठी इनामी योजना, गिफ्ट वाउचर, अखबारी विज्ञापन, ए.टी.एम. पासवर्ड पूछ कर राशि निकालना जैसे सायबर क्राइम पीड़ित व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने के लिए कोई पृथक से टोल फ्री नम्बर अथवा वेबसाईट प्रचलन में है? यदि हाँ, तो अवगत करायें? (ग) उज्जैन संभाग में सायबर अपराध के कितने प्रकरण किस-किस किस्म के किस-किस थानों में दर्ज है? 1 जनवरी 2014 के पश्चात् की जानकारी देते हुए बतायें की इनमें से कितने प्रकरणों का निराकरण हो गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही है कि राज्य में आई.टी.एक्ट के प्रभाव में आने के बाद से सायबर अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यह सही नहीं है कि विशेषकर 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों में इसका प्रचलन बढ़ा है परन्तु तकनीकी उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों द्वारा सायबर क्राइम के प्रकरण प्रकाश में आये है। सायबर अपराधों की रोकथाम के लिए सायबर जागरूकता अभियान चलाये जाकर विभिन्न माध्यमों से सामान्य जनता को जागरूक बनाया जा रहा है। (ख) सायबर क्राइम से पीडि़त व्यक्तियों की सहायता हेतु ई-मेल एड्रेस mpcyberpolice@mppolice.gov.in एवं mpcyberpolice@gmail.com जारी किये गये हैं। इसके अतिरिक्त सायबर अपराधों से संबंधित सूचना 100 डायल पर भी दी जा सकती है। (ग) उज्जैन संभाग में माह जनवरी, 2014 से सायबर संबंधी अपराधों के कुल 161 प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिनमें से 130 प्रकरणों में संबंधित न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किये गये जिसमें से पाँच प्रकरणों में आरोपियों को दण्डित तथा तीन प्रकरणों में दोष मुक्त किया गया है, 122 प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन है। कुल 19 प्रकरणों में खात्मा भेजा तथा 12 प्रकरण विवेचना में लंबित हैं। अपराधों का वर्गीकरण कर तैयार की गई तालिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं उज्जैन संभाग में सायबर संबंधी अपराधों की थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजना
105. ( क्र. 3187 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा ग्रामों में पेय-जल उपलब्ध कराये जाने हेतु जल योजना स्वीकृत की जाती है? यदि हाँ, तो स्वीकृत करने के क्या नियम हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ में विभाग द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर कब-कब नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? (ग) उक्त स्वीकृत नल-जल योजना का संचालन किसके द्वारा किया जाता है? (घ) उक्त नल-जल योजना क्या वर्तमान में चालू हैं? यदि नहीं, तो चालू नहीं होने का क्या कारण है? उक्त बन्द नल-जल योजना कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
परिशिष्ट - ''चालीस''
मछली पालन हेतु पट्टे पर दिये तालाब
106. ( क्र. 3188 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन हेतु तालाबों को पट्टे पर दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ में मत्स्य विभाग द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन तालाबों को मछली पालन हेतु पट्टे पर दिया गया है? (ग) उक्त मछली पालन हेतु दिये गये तालाबों को किन-किन संस्थाओं/समितियों को कितनी-कितनी अवधि के लिये कितनी राशि पर पट्टे पर दिये गये हैं? (घ) उक्त पट्टे पर मछली पालन हेतु दिये गये तालाबों की संस्थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि, उनके अध्यक्ष, सदस्यों के नाम व पता सहित बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। नीति एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में मछली पालन हेतु पट्टे पर दिये गये 18 तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन मछुआ सहकारी समितियों को मछली पालन हेतु पट्टे पर दिये गये तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन मछुआ सहकारी समितियों के पंजीयन क्रमांक, दिनांक, अध्यक्ष एवं सदस्यों के नाम व पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- द अनुसार है।
सिवनी जिले में चोरी की वारदातों पर कार्यवाही
107. ( क्र. 3193 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दो-तीन वर्षों से सिवनी जिले में आये दिन दस-पन्द्रह चोरियां हो रही हैं? (ख) क्या सिवनी जिला चोरों का अड्डा बन गया है और वे दिन-दहाड़े चोरियां कर रहे हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हाँ, तो पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, थानावार पकड़े चोरों या चोरी की दर्ज रिपोर्ट की जानकारी दी जाए? (घ) सिवनी जिले के चोरों के आतंक से मुक्त करने की दिशा में पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कोई ठोस कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। विगत तीन वर्षों (30.06.2013 से 29.06.2016) में चोरी के कुल 819 अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) जी नहीं। विगत तीन वर्षों (30.06.2013 से 29.06.2016) में दिन के समय चोरी के कुल 208 अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं। (ग) चोरी की घटनाओं के संबंध में अपराध पंजीबद्ध कर विधि अनुरूप कार्यवाही पुलिस द्वारा की गई है। चोरी के अपराधों के नियंत्रण हेतु थाना स्तर पर बीट व्यवस्था को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया गया है। थाना स्तर पर रात्रि गश्त को अधिक प्रभावी बनाया गया है। संपत्ति संबंधी पूर्व अपराधियों के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। प्रश्न के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नकबजनी की घटनाओं के अनुसंधान तथा पतासाजी हेतु विशेष अनुसंधान टीम का गठन किया गया है। चोरी की घटनाओं की रोकथाम हेतु जिले के राजपत्रित अधिकारियों तथा थाना प्रभारियों को भी साप्ताहिक गश्त का दायित्व दिया गया है। पुराने संपत्ति संबंधी अपराधियों की नियमित निगरानी की व्यवस्था कर चोरी की घटनाओं के नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही की गई है।
परिशिष्ट - ''इकतालीस''
लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत राशन वितरण
108. ( क्र. 3194 ) श्री दिनेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राशन दुकानों में प्रतिमाह निर्धारित समय में खादयान्न आदि प्राप्त न होने की शिकायत में 15 दिवस में म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के तहत सामग्री दिलाना अनिवार्य है एवं समय-सीमा में सामग्री प्रदाय न होने पर स्वत: की प्रेरणा से अपील होने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतायें कि यह प्रावधान कब से लागू हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी जिले के विकासखण्डों में जनवरी 2014 से मई 2016 तक कौन-कौन पदाभिहित अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी किन-किन क्षेत्रों में कब से कब तक पदस्थ रहे? (ग) जनवरी 2014 से मई 2016 तक प्रश्नांश (ख) के पदाभिहित अधिकारियों को सी.एम. हेल्प लाइन से, लेबल-एक के किस अधिकारी ने, आवेदक को कब और क्या सामग्री दिलवायी? राशन दुकानों के किस-किस विक्रेता को क्या शास्ति/दण्ड दिया गया? लेबल-एक के प्राधिकृत अधिकारी के नाम सहित बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत आवेदक को निर्धारित 15 दिवस में सामग्री नहीं मिलने की स्थिति में किस-किस अपीलीय अधिकारी ने स्व-प्रेरणा से शिकायतों को अपील में लिया? किस-किस पदाभिहित अधिकारियों के विरूद्ध शास्ति की अनुशंसा की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। लोक सेवाओं के प्रदाय गारंटी अधिनियम, 2010 के अंतर्गत किसी पात्रता पर्चीधारी परिवार को राशन सामग्री प्राप्त न होने पर पदाभिहित अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने के दिनांक से 15 दिवस की अवधि में पात्रतानुसार राशन सामग्री दिलाए जाने का प्रावधान है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा निर्धारित समय-सीमा में राशन न दिलाए जाने की स्थिति में स्व-प्ररेणा से प्रकरण अपील में लेने का प्रावधान है। यह प्रावधान दिनांक 10 अप्रैल, 2013 से लागू है। (ख) सिवनी जिले के विकासखण्डों में जनवरी 2014 से मई 2016 तक पदस्थ पदाभिहित अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी के नामों एवं पदस्थी अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सी.एम. हेल्प लाइन में दर्ज शिकायतों को लोक सेवाओं के प्रदाय गारंटी अधिनियम, 2010 के अंतर्गत आवेदन के रूप में मान्य करने का प्रावधान न होने सके कारण अधिनियम अंतर्गत किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन
109. ( क्र. 3196 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी ऐसी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिससे ग्रामीण वासियों को दुग्ध उत्पादन हेतु प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक राशि मुहैया कराई जा रही है? (ख) क्या मिनी डेयरी हेतु कोई योजना क्रियान्वित है? हाँ तो जिला पश्चिम निमाड़ (खरगोन) में विगत एक वर्ष में उसके अंतर्गत वर्तमान में कुल कितने दुग्ध उत्पादनकर्ताओं को लाभान्वित किया जा चुका है और किया जा रहा है? (ग) क्या उक्त योजनाओं के लाभ हेतु आवेदन करने वालों को जिलों में वर्तमान में योजना बंद है, कहकर लाभ नहीं दिया जा रहा है? हाँ तो क्यों नहीं? ऐसा करने वाले संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर किस प्रकार की कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या पशुपालन विभाग के प्रशासकीय प्रतिवेदन में अंकित सभी योजनाओं में से वर्तमान में कितनी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है और कितनी बंद कर दी गई हैं? योजनावार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक राशि मुहैया कराने हेतु वत्स पालन प्रोत्साहन योजना एवं गोपाल पुरस्कार योजना क्रियान्वित की जा रही है। पूर्व में संचालित बैंक ऋण एवं अनुदान पर दुधारू पशु इकाई योजना एवं आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना को समाहित कर नवीन योजना ’’आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना’’ तैयार की गई है जिसकी स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ख) वर्ष 2015-16 में बैंक ऋण एवं अनुदान पर दुधारू पशु इकाई योजना क्रियान्वित थी। उक्त योजना के अंतर्गत विगत एक वर्ष में कुल 97 दुग्ध उत्पादनकर्ताओं को लाभान्वित किया जा चुका है। आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना में विगत एक वर्ष में कुल 82 दुग्ध उत्पादनकर्ताओं को लाभान्वित किया जा चुका है। वर्तमान में ’’आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना’’ तैयार की गई है जिसकी स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजना की स्वीकृति के उपरांत तदानुसार प्रकरण स्वीकृत किए जाएंगे। (ग) जी नहीं। नवीन प्रस्तावित ’’आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना’’ के लक्ष्य जिलेवार निर्धारित कर लिए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''बयालीस''
आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति
110. ( क्र. 3197 ) श्री सचिन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कई आंगनवाड़ी केंद्र भवन विहीन हैं? क्या इनके भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजे गये हैं? हाँ, तो उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? नहीं तो क्यों? कारण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय विभागीय भवनों में खोले गये हैं जो पर्याप्त नहीं है, जीर्ण-शीर्ण एवं उनमें मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, यदि हाँ, तो बतायें कि इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये नये भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की जायेगी? हाँ तो समय-सीमा बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) कसरावद विधान क्षेत्र में कुल 308 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 125 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 42 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 141 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। कसरावद विधान सभा क्षेत्र में कुल 155 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों (किराये के भवनों में संचालित) में से 33 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है वर्तमान में इनमें से 17 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति दी जा चुकी है। शेष भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाने की योजना है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुरूप अन्य शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन जीर्ण-क्षीर्ण नहीं है एवं इन भवनों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव भी नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बोर खनन एवं हैण्डपंप स्थापना
111. ( क्र. 3203 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2016 में पेय-जल समस्या निवारण हेतु बोर खनन कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किये गये? (ख) क्या उक्त बोर पर हैण्डपंप/मोटर पंप स्थापना कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्षाकाल प्रारंभ होने तक खनित बोर पर हैण्डपंप/मोटर पंप स्थापना न हो पाने का क्या कारण है? (घ) उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 6 जनवरी 2016 से। (ख) जी नहीं। 49 सफल नलकूपों में जलस्तर हैण्डपंप की जल उद्वहन क्षमता से नीचे होने के कारण हैण्डपंप स्थापित नहीं किये गये। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ अनुसार। (घ) कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं।
संविदा हैण्ड पम्प टेक्निशियनों को कार्यभारित कर्मचारी बनाना
112. ( क्र. 3210 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में सन् 2010 से पदस्थ संविदा हैण्ड पम्प टेक्निशियन अप्रैल 2015 में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे? (ख) यदि प्रश्न की कंडिका (क) का उत्तर हाँ है तो क्या 14 अप्रैल 2015 को माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा संविदा हैण्ड पम्प टेक्निशियनों को कार्यभारित कर्मचारी बनाने का आश्वासन देकर हड़ताल समाप्त कराई गई थी? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार 14 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक हैण्ड पम्प टेक्निशियनों को कार्यभारित कर्मचारी बनाने की किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? संविदा हैण्ड पम्प टेक्निशियनों को कब तक कार्यभारित कर्मचारी के रूप में पदस्थ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उतरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बुंदेलखण्ड में हॉर्टिकल्चर हब निर्माण
113. ( क्र. 3250 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्तमान में कौन-कौन से क्षेत्र में हॉर्टिकल्चर हब संचालित किये जा रहे हैं? उनकी स्थापना वर्ष सहित, नाम, स्थान जिला सहित अवगत करायें? (ख) क्या बुंदेलखण्ड में हॉर्टिकल्चर हब बनाये जाने हेतु शासन स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलन में है? क्या सदन में घोषित आश्वासन के पालन में 50 करोड़ की राशि बजट में सम्मिलित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो आदेश क्रमांक, दिनांक सहित जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो इसे कब तक शामिल कर लिया जायेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) वर्तमान में प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में हार्टिकल्चर हब संचालित नहीं है। अत: जानकारी निरंक है। (ख) जी नहीं। सदन में घोषित आश्वासन का आधार भारत सरकार द्वारा बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज के अंतर्गत विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के विचाराधीन अनुमोदन के आधार पर था। भारत सरकार नीति आयोग के द्वारा नवीन परियोजनाओं के लिये बुंदेलखण्ड पैकेज के अंतर्गत राशि प्रदान नहीं करने की जानकारी से अवगत कराया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ, 2016 में विभाग द्वारा किये गये स्थायी/अस्थायी निर्माण
114. ( क्र. 3269 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु विभाग द्वारा स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के कौन-कौन से कार्य किये गये हैं। (ख) क्या उक्त संपूर्ण कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा अपूर्ण हैं? यदि अपूर्ण हैं तो क्यों? कारण सहित जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या उक्त कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाये गये हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो ऐसे कार्यों के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, समस्त कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से करवाये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''तैंतालीस''
सिंहस्थ, 16 हेतु गृह विभाग द्वारा कराये गये अस्थायी निर्माण
115. ( क्र. 3270 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु गृह विभाग द्वारा अस्थायी प्रकृति के कौन-कौन से कार्य करवाये गये हैं, सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त संपूर्ण अस्थायी कार्य पूर्ण गुणवत्ता से किये गये हैं, अथवा नहीं? यदि नहीं, तो ऐसे कार्यों के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) निम्नानुसार कार्य कराये गये - (1) पुलिस कर्मियों की आवास/अस्थाई थाना/कंट्रोल रूम राणौजी की छत्री व्यवस्था हेतु टेंट एवं विद्युत कार्य। (2) सेन्ट्रलाईज्ड पी.ए. सिस्टम सम्पूर्ण मेला क्षेत्र हेतु। (3) सी.सी.टी.वी (केम्पों एवं बाहरी चेकिंग नाकों पर कुल 83 स्थानों पर) (4) पुलिस बल के परिवहन हेतु वाहन किराये दर पर। (5) संचार व्यवस्था हेतु अस्थाई थानों एवं केम्पों पर दूरभाष व इन्टरनेट व्यवस्था। (ख) उक्त सभी कार्य पूर्ण गुणवत्ता एवं निर्धारित मापदण्डानुसार किये गये हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय व ठेका पद्धति से खनन बोर
116. ( क्र. 3294 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र पथरिया में स्कीम बोर, साधारण बोर विभागीय मशीनों एवं ठेका पद्धति से खनन किए गए किन-किन ग्रामों में कितना खनन किया गया? (ख) खनन किए गए बोर में सभी ग्रामों में प्लास्टिक क्रेसिंग/आयरन क्रेसिंग पाइप एवं प्लेटफार्म का कार्य किया गया? (ग) खनन किए गए कितने बोर में जल उपलब्ध होने के बाद भी विभाग द्वारा प्लास्टिक क्रेसिंग/आयरन पाइप व प्लेटफार्म का कार्य नहीं किया गया? उक्त कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऐसा कोई भी बोर नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना
117. ( क्र. 3295 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2016 में राशन दुकानों पर खाद्यान्न वितरण हेतु क्या राशन कार्ड का आधार कार्ड से लिंक (राशन कार्ड) होना जरूरी है? (ख) यदि हाँ, तो 30 जून 2016 तक प्रत्येक जिले में कितने राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक किए जा चुके हैं? (ग) यदि राशन कार्डों का आधार कार्ड से लिंक होना शेष है तो उन राशन कार्ड धारियों को माह जुलाई 2016 में राशन किस तरह से वितरण किया जावेगा। (घ) यदि वितरण नहीं किया जा सका तो उसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पात्र परिवारों की पहचान सुनिश्चित् करने के लिए नगरीय क्षेत्र के ऐसे परिवार जिनके द्वारा मांगे जाने के उपरांत भी परिवार के कम से कम एक सदस्य का आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराया गया है ऐसे परिवारों के अस्तिव में न होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था से बाहर करने के लिए माह जुलाई, 2016 में राशन सामग्री वितरण हेतु पी.ओ.एस. मशीन में प्रदर्शित नहीं कराया गया है। ऐसे परिवारों के कम से कम एक सदस्य द्वारा माह जुलाई, 2016 में आधार नंबर उपलब्ध कराये जाने पर अगस्त माह में माह अगस्त, 2016 की राशन सामग्री के साथ-साथ माह जुलाई, 2016 की सामग्री का वितरण किया जाएगा। (ख) 30 जून, 2016 की स्थिति में पात्र परिवारों के डाटाबेस में कम से कम एक सदस्य के आधार नंबर प्रविष्ट वाले परिवारों की जिलेवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्रामीण क्षेत्र के जिन पात्र परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर उपलब्ध नहीं है उन्हें भी राशन का वितरण किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में परिवार के कम से कम एक सदस्य द्वारा आधार नंबर उपलब्ध कराने पर राशन का वितरण किया जाएगा। (घ) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वास्तविक पात्र परिवारों को राशन वितरण से नहीं रोका गया है। अस्तित्वहीन एवं बोगस/दोहरे परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से बाहर करने हेतु नगरीय क्षेत्र में जिन परिवार आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराया गया है उनसे आधार नंबर प्राप्त कर राशन का वितरण किया जाएगा। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''पैंतालीस''
उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में संचालित नल-जल योजनाएं
118. ( क्र. 3302 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में हैण्डपंप लगे हुये हैं, जिसमें कितने चालू हैं एवं कितने बंद हैं? बंद पड़े हैण्डपंपों को कब तक चालू किया जाएगा या उनकी जगह नये हैण्डपंप लगाये जायेंगे? (ख) क्षेत्र के कितने ग्रामों में कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं तथा जिन ग्रामों में नल-जल योजना नहीं है, उन ग्रामों में नल-जल योजना का निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नलों (हैण्डपंप) के उत्खनन हेतु वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने पत्र कार्यपालन यंत्री को लिखे गये? (घ) पत्र में उल्लेखित स्थानों पर कहाँ-कहाँ नलों का उत्खनन किया गया? स्थानवार जानकारी प्रदान करें? वर्ष 2016 में कितने नलों का उत्खनन किया जाना है? स्थानवार जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 302 ग्रामों में, 3255 हैण्डपंप चालू एवं 62 हैण्डपंप संधारण अंतर्गत। आंशिक पूर्ण बसाहटों में नल-कूप खनन का कार्य मापदण्ड के अनुसार करवाया जाता है। (ख) 59 ग्रामों में नल-जल योजनायें संचालित हैं। दिनांक 29.6.2015 से नवीन नल-जल योजनाएं स्वीकृत नहीं की जा रही हैं। (ग) 14 पत्र। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार।
आवश्यक वस्तु अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही
119. ( क्र. 3310 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में सार्वजनिक विवरण प्रणाली अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकानों का वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कराए गए निरीक्षण एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही का तीन वर्षों का ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त अवधि में कितने प्रकरण अनियमितताओं के बने व क्या कार्यवाही की गई वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) उपरोक्त अवधि में पेट्रोल डीजल पंपों, गैस एजेंसियों, लीड संस्थाओं, घेरलू गैस व नीले कैरोसीन का व्यवसायिक उपयोग करने वाली संस्थाओं के निरीक्षण व अनियमितता पाये जाने पर की गई कार्यवाही का अलग-अलग बयौरा दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
समूह पेय-जल योजना
120. ( क्र. 3312 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन कौन सी समूह पेय-जल योजनाओं के कार्य प्रस्तावित एवं स्वीकृत है? इनकी वर्तमान स्थिति तथा भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नायन समूह पेय-जल योजनान्तर्गत कितनी ग्राम पंचायतों में पेय-जल उपलब्ध कराया गया तथा कितनी ग्राम पंचायते शेष है? शासन द्वारा तय मापदण्ड एवं समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्तानुसार समूह पेय-जल योजना में केवल ग्राम पंचायतों को ही जोड़ा गया है? पंचायत में सम्मलित गांवों को नहीं? यदि हाँ, तो गांवों को कब तक जोड़ा जायेगा? इसके लिए क्या कार्ययोजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में नायन एवं मझौड़िया समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं तथा माही समूह पेय-जल योजना का कार्य प्रस्तावित है। मझौड़िया समूह जल प्रदाय योजना की निविदा की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। नायन समूह जल प्रदाय योजना की प्रगति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 13 ग्राम पंचायतों को शुद्ध पेय-जल उपलब्ध कराया गया है, 4 पंचायतें शेष हैं। कार्य अगस्त 2015 तक पूर्ण किया जाना था परंतु रेलवे लाइन के नीचे से पाइप निकालने की अनुमति प्राप्त होने में विलंब के कारण 4 पंचायतों में जल प्रदाय प्रारंभ नहीं किया जा सका। कोई भी विभागीय अधिकारी दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नायन समूह जल प्रदाय योजना में 17 ग्राम पंचायतों के 27 ग्रामों की 44 बसाहटों को जोड़ा गया है। शेष ग्रामों को सम्मिलित करने की कोई कार्ययोजना नहीं है।
परिशिष्ट - ''छियालीस''
बाल सुधार की योजनाओं का क्रियान्वयन
121. ( क्र. 3320 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कितने प्रकार के बाल गृह संचालित हैं? जिलेवार जानकारी दें? इनमें बच्चे तथा बच्चियों की निर्धारित संख्या तथा वर्तमान में इनमें रह रहे बच्चों की संख्या की जानकारी दें? (ख) इन बाल गृह का प्रशासनिक सेटअप तथा वर्तमान में रिक्त पदों की जानकारी दें? रिक्त पदों को भरने की दिशा में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है तथा ये पद कितने समय से रिक्त हैं? जिला सिवनी में पुराने जेल परिसर को बाल सुधार गृह बनाया जाना क्या किशोर न्यास अधिनियम 2015 का उलंघन नहीं है शासन इसे क्या अन्य जगह पर शिफ्ट करेगा? (ग) बच्चों में भिक्षावृत्ती को रोकने समेकित बाल संरक्षण योजना में जिलेवार दी गई बजट राशि का ब्यौरा दें? क्या जिलों में यह राशि लैप्स हो जाती है? लैप्स राशि की भी जानकारी दें। (घ) बाल गृहों में गर्भवती तथा धात्री महिलाओं की जानकारी दें? गर्भवती महिलाओं तथा नवजात जन्मे शिशु की देखभाल हेतु शासन की गाइड लाइन की 1 प्रति उपलब्ध कराएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में बालक एवं बालिकाओं हेतु बाल गृह संचालित हैं। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' पर है। निर्धारित संख्या एवं वर्तमान में निवासरत बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' पर है। (ख) बाल गृह शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। अशासकीय संस्थाओं हेतु भारत सरकार की समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत निर्धारित सेटअप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर है। राज्य शासन द्वारा संचालित बाल गृह निर्धारित सेटअप एवं वर्तमान में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' पर है। रिक्त पदों की पूर्ती हेतु भर्ती नियम बनाये जा रहे हैं। अधिकांश पद वर्ष 2010 से रिक्त है। जी नहीं। जी नहीं। (ग) योजना में भिक्षावृत्ति रोकने हेतु पृथक से कोई बजट प्रावधानित नहीं है। (घ) बाल गृहों में 18 वर्ष तक की बालिकाएं निवास करती है। किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा-74 के तहत पहचान प्रकट नहीं की जा सकती है। बाल गृहों में किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है पृथक से कोई गाइड लाइन नहीं है।
जिला आपूर्ति अधिकारी/नियत्रकों के द्वारा स्वतंत्र निरीक्षण
122. ( क्र. 3323 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के परिपत्र 5994 दिनांक 26-09-2009 में जिला आपूर्ति अधिकारियों/नियंत्रकों द्वारा प्रतिमाह राशन दुकानों के स्वतंत्र निरीक्षण के निर्देश दिये गये हैं? (ख) क्या राशन दुकानों से संबंधित सी.एम. हेल्पलाइन की लेबल-2 पर पहुँची शिकायतों की जाँच का दायित्व, जिला आपूर्ति अधिकारियों/नियंत्रकों का है? (ग) क्या प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण ने किसी निर्देश के माध्यम से मासिक शेष स्टॉक शून्य दर्शाने वाली राशन दुकानों में से कुछ की स्वतंत्र जाँच करने के निर्देश जिला आपूर्ति नियंत्रकों/अधिकारियों को दिये हैं? (घ) जबलपुर एवं सागर संभाग के खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2015-16 में प्रश्नांश ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' के तहत कौन-कौन दुकानों की जाँच कब-कब की गई? जाँच में क्या पाया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। सी.एम. हेल्पलाइन के लेवल 01 के अधिकारी द्वारा 07 दिवस में शिकायत की जाँच कर निराकरण अपलोड न किये जाने की स्थिति में लेवल 02 पर पहुँची शिकायतों के निराकरण की जबाबदेही जिला आपूर्ति नियंत्रक/अधिकारियों की है। (ग) जी हाँ। (घ) जबलपुर एवं सागर संभाग के खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2015-16 में प्रश्नांश (क) एवं (ग) के तहत की गई दुकानों की जाँच एवं कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' पर दर्शित है। प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत जिला आपूर्ति नियंत्रक/अधिकारियों द्वारा दुकानों की जाँच बंधनकारी नहीं है। शिकायत का निराकरण नियमानुसार किया गया है।
मुडवारा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत लाभांवित हितग्राही
123. ( क्र. 3324 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग द्वारा म.प्र. में राज्य योजनाएं एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के अन्तर्गत विगत 3 वर्षों से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? योजनावार बतायें । जिला कटनी में कितनी-कितनी राशि खर्च की गयी? (ख) प्रश्नांश ''क'' में दर्शित योजनाओं के अन्तर्गत मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित है और उनके उददेश्यों के तहत कितने-कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है? (ग) मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में पशु चिकित्सा अन्तर्गत विगत दो वर्ष में कितने हितग्राहियों के पशुओं की चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी, अवकाश एवं आकस्मिक समय में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने की हितग्राहीवार एवं इस संबंध में प्राप्त शिकायतों की जानकारी एवं किए गए निराकरण बताएं? (घ) क्या कटनी जिला मुख्यालय स्थित चिकित्सालय में बीमार पशुओं को लाने की व्यवस्था है, यदि हाँ, तो बताएं यदि नहीं, तो क्यों, कब तक उपरोक्त सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में योजनावार कुल प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जिला कटनी में योजनावार व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में संचालित हितग्राहीमूलक योजनायें एव विगत 03 वर्षों में लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में पशु चिकित्सा अन्तर्गत विगत दो वर्ष में उपलब्ध कराई गई पशु चिकित्सा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘द‘‘ अनुसार है। अवकाश एवं आकस्मिक समय में 117 हितग्राहियों के पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई, हितग्राहीवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘इ‘‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। पशु चिकित्सालय में पशुओं को लाने की व्यवस्था हेतु कोई योजना नहीं है न ही इस प्रकार की कोई व्यवस्था प्रस्तावित है।
विभाग की योजनओं एवं गायों का संरक्षण
124. ( क्र. 3327 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने हेतु कौन-कौन से हितग्राहीमूलक योजनायें वर्तमान में संचालित हैं? कृपया योजनावार प्रक्रिया व दिए जाने वाले लाभ से संबंधित जानकारी का विवरण देवें? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश‘ ‘‘क‘‘ अनुसार कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया हैं? योजनावार लाभार्थियों की संख्या उपलब्ध करावें? (ग) आवारा गायों के संरक्षण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं? गौ-शालाओं को अनुदान दिए जाने एवं संचालन के क्या निर्देश हैं? गौ-शालाओं की मॉनिटरिंग किस प्रकार की जाती हैं? विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित गौ-शालाओं के संदर्भ में जानकारी देवे? (घ) क्या वर्षाकाल में आवारा गायों की समस्या अधिक रहती हैं, क्या इससे निपटने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर हेतु की जाने वाली कार्यवाही बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 3 वर्षों में 674 हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) गायों के संरक्षण हेतु जिले में 13 गौ-शालाएं क्रियाशील है, जिसमें क्षमता अनुसार गौ-वंश को संरक्षित किया जाता है। गौ-शालाओं को अनुदान दिये जाने एवं संचालन के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। क्रियाशील गौ-शालाओं की मॉनीटरिंग तहसील स्तर पर पदस्थ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों एवं उनके अधीनस्थ पदस्थ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के माध्यम से साप्ताहिक रूप से करायी जाती है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 7 गौशालायें संचालित हैं उक्त गौ-शालाओं में 2044 गौ-वंश है। (घ) जी हाँ। इससे निपटने के लिए क्रियाशील गौ-शालाओं में क्षमता अनुसार गौ-वंश को संरक्षित किया जाता है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 7 गौ-शालायें है एवं गौ-अभ्यारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र सालरिया में 5 हजार गौ-वंश के संरक्षित करने की योजना कार्य प्रचलन में है।
राशन कार्ड एवं खाद्यान्न सामग्री
125. ( क्र. 3330 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा नगर, पिपलौदा तहसील, जावरा तहसील अंतर्गत किस-किस प्रकार के उक्त स्थानों अंतर्गत कुल कितने राशन कार्ड प्रश्न दिनांक तक बने हैं? (ख) साथ ही उपरोक्त स्थानों अंतर्गत बनाए गए कुल राशन कार्डों के विरुद्ध किस-किस प्रकार की खाद्यान्न सामग्री प्रति व्यक्ति के मान से कितनी प्राप्त होती है? (ग) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक बनाए गए राशन कार्डों/परिवारों के विरुद्ध प्राप्त होने वाली खाद्यान्न सामग्री भी क्या उपरोक्त कुल सामग्री के साथ सम्मिलित है? (घ) यदि हाँ, तो क्या अनेक राशन कार्डधारियों/परिवारों को प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची प्राप्त नहीं होकर वे शासन की योजना एवं खाद्यान्न सामग्री से अब तक वंचित है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने राशन कार्डधारी/परिवार हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जावरा नगर, पिपलौदा एवं जावरा तहसील अंतर्गत माह जून, 2016 की स्थिति में अन्त्योदय अन्न योजना के 5,004 एवं प्राथमिकता श्रेणी के अंतर्गत 48,445 परिवार कुल 53,449 परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) जारी की गई है। (ख) अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न (30 किलो गेहूं, 5 किलो चावल) एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम खाद्यान्न (4 किलो गेहूं, 1 किलो चावल) प्रति सदस्य के मान से आवंटन एवं वितरण किया जाता है। कुल 53,449 परिवारों को माह जून, 2016 में 9914.14 मे. टन गेहूं एवं 2367.66 मे. टन चावल का आवंटन जारी किया गया है। (ग) प्रदेश में 01 मार्च, 2014 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू किया गया है। अधिनियम के अंतर्गत आवेदन करने वाले सत्यापित पात्र परिवारों की पात्रतानुसार खाद्यान्न सामग्री का आवंटन जारी किया गया है। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की गई है। इन परिवारों को भी माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जा रहा है। पात्र परिवार के रूप में सत्यापित समस्त परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है।
पुलिस अधिकारियों की जाँच, आरोप एवं प्रकरण
126. ( क्र. 3331 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश भर में वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठ पुलिस अधिकारी/पुलिसकर्मी ऐसे भी है जिस पर विभिन्न प्रकार के आरोप/प्रकरण एवं जाँच संस्थित होने के बावजूद वे कहीं न कहीं पर पदस्थ हैं? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन में ऐसे कितने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी हैं जिनके विरुद्ध उक्त प्रकार की स्थितियां है? जिलेवार संख्या सहित बताये? (ग) साथ ही उक्त प्रकार के अधिकारियों/कर्मियों के विरुद्ध किस-किस प्रकार की जाँच/आरोप होने के बावजूद भी वे कार्यरत है, तो किस नियम के अंतर्गत कार्यरत हैं? (घ) क्या विभागीय एवं अन्य जाँच आरोप निराकृत नहीं होने के बावजूद भी क्या वे अपनी सेवाएं निरंतर दे सकते हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की जानकारी ’निरंक’ है। 42 कनिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं पुलिस कर्मी हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-11 (19)/97/1-10, दिनांक 20.08.1997 अनुसार, ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जो फील्ड पदों पर या संवेदनशील पदों पर पदस्थ हैं, जिनके विरूद्ध लोकायुक्त संगठन/राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की सिफारिश पर अभियोजन स्वीकृति या विभागीय जाँच की कार्यवाही विचाराधीन है या आदेशित की गई है, ऐसे सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को फील्ड पदों से तथा संवेदनशील पदों से स्थानांतरण कर उनकी गैर संवेदनशील पदों पर पदस्थापना की जाये। स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 अनुसार जो अधिकारी/कर्मचारी वित्तीय अनियमितताओं एवं शासकीय धन के दुरूपयोग/गबन आदि के प्रकरणों में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाएं, उन्हें ऐसे पदों से हटाया जाए। ऐसे दोषी कर्मचारियों को पुनः ऐसे पद पर पदस्थ न किया जाए। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश ’ग’ अनुसार।
जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी के रख-रखाव एवं ट्रेनिंग सेंटर
127. ( क्र. 3336 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्तमान में पुलिस के कितने ट्रेनिंग सेंटर संचालित हैं? इनमें किस स्तर तक के पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है और वर्तमान में उनकी संख्या क्या है? (ख) क्या कुछ वर्ष पूर्व तक जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर में उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती थी? वर्तमान में क्या उप पुलिस अधीक्षक की ट्रेनिंग बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं और भविष्य में उप पुलिस अधीक्षक की ट्रेनिंग को पुन: शुरू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सागर स्थित जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर के रख-रखाव के लिए विगत 5 वर्षों में कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतायें। क्या यह राशि अकादमी के हिसाब से पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या शासन अकादमी के रख-रखाव हेतु राशि बढ़ाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर जिले में वर्तमान में 02 पुलिस ट्रेनिंग सेंटर संचालित हैं - (1) जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर। इस अकादमी में उप पुलिस अधीक्षक स्तर तक के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। (2) पुलिस प्रशिक्षण शाला सागर म.प्र.। इस में सूबेदार तथा सहायक उप निरीक्षक स्तर तक के शासकीय सेवकों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में दिनांक 01 जून 2016 से सूबेदार (अ) स्टेनो एवं स.उ.नि. (अ) स्तर के प्रशिक्षणार्थियों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिनकी संख्या 305 है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। उप पुलिस अधीक्षकों का प्रशिक्षण जे.एन.पी.ए. सागर में चलता रहेगा। (ग) जे.एन.पी.ए. सागर में पी.सी.एण्ड.आर. एवं एम.ओ.डब्लू. मद के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में व्यय की गई राशि का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बजट उपलब्धता के अनुसार राशि आवंटित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''सैंतालीस''
म.प्र. की सार्वजनिक वितरण प्रणाली
128. ( क्र. 3337 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की वर्तमान सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के तहत नवीन दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है? यदि हाँ, तो कितनी नवीन दुकानों का संचालन प्रारंभ किया जा चुका है? जिलेवार बताएं। यदि नहीं, तो यह दुकानें कब तक शुरू कर ली जायेंगी? (ख) क्या शासन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गेहूं, चावल, नमक, शक्कर, कैरोसिन वितरण के समान खाद्य तेल एवं दालों को भी सार्वजनकि वितरण प्रणाली के तहत वितरण की कोई योजना विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा और कब तक? (ग) क्या शासन की बारिश के सीजन में शमशान घाटों पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कैरोसिन प्रदाय कराने की योजना प्रचलन में है? यदि नहीं, तो क्या शासन उस पर विचार करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। अभी नवीन दुकानों का आवंटन नहीं होने से उनके संचालन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के प्रकाश में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी नहीं। राज्य को प्राप्त होने वाला कैरोसीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के हितग्राहियों के लिए घरेलू ईंधन/प्रकाश हेतु होने से विचार किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक से अधिक शासकीय आवास, पात्रता से अधिक अर्दली और वाहन का उपयोग
129. ( क्र. 3345 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कई आई.पी.एस. अधिकारियों द्वारा भोपाल एवं भोपाल के बाहर पदस्थी स्थान पर भी शासकीय आवास अपने आधिपत्य में रखने के मामले प्रकाश में आए हैं? यदि हो तो किन-किन आई.पी.एस. अधिकारियों के आधिपत्य में एक से अधिक व कहाँ-कहाँ शासकीय आवास हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन अधिकारियों के पास अवैध रूप से एक से अधिक शासकीय आवास अपने आधिपत्य में है उनसे क्या शासन बाजार दर से किराये के रूप में राशि वसूल की जावेगी? यदि हाँ, तो किस दर से और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या आई.पी.एस. अधिकारियों के उपयोग हेतु अर्दली एवं वाहन रखने की पात्रता है? यदि हाँ, तो कितने-कितने अर्दली व वाहन रखने की पात्रता है? नियम की प्रति उपलब्ध कराते हुए अवगत करावें कि भोपाल एवं मुख्यालय में पदस्थ कौन-कौन आई.पी.एस. अधिकारी अधिकार से अधिक व कितने-कितने अर्दली एवं वाहनों का अवैध रूप से उपयोग कर रहे हैं? क्या शासन अवैध रूप से व पात्रता से अधिक अर्दली एवं वाहन जिस पर डीजल पेट्रोल जो राशि व्यय हुई है, उसकी वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री चन्द्रशेखर सोलंकी (भा.पु.से) पुलिस अधीक्षक जिला उमरिया का भोपाल में शासकीय आवास गृह क्रमांक डी-21, उपांत कालोनी, चार इमली पर अनाधिकृत आधिपत्य है। (ख) श्री सोलंकी के अनाधिकृत आधिपत्य के संबंध में लोक परिसर बेदखली अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही प्रचलित है। अनाधिकृत आधिपत्य की अवधि के संबंध में लायसेंस फीस की वसूली आवास आवंटन नियम -2000 के उप नियम-29 के अनुसार की जावेगी। (ग) जी हाँ। पात्रता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। भोपाल एवं मुख्यालय में पदस्थ आई.पी.एस. अधिकारियों के पास पात्रता से अधिक अर्दली अथवा वाहन तैनात नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस कस्टडी में मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा
130. ( क्र. 3346 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या प्रदेश में पुलिस कस्टडी में मृत्यु होने के मामले प्रकाश में आये हैं यदि हाँ, तो वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जिले में कुल कितने-कितने मामले प्रकाश में आये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कस्टडी में जिन लोगों की मृत्यु हुई है उन प्रकरणों में कितने पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही की गई तथा जिलेवार कितने-कितने प्रकरणों में जाँच लम्बित है? (ग) क्या पुलिस कस्टडी में मृत्यु होने पर मृतक के परिजन को मुआवजा देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का और यदि नहीं, तो क्या शासन इस ओर कोई योजना बना रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक 06.07.2016 तक प्रकाश में आये मामलों की जानकारी वर्षवार, जिलेवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में कस्टडी में जिन लोगों की मृत्यु हुई है उन प्रकरणों में पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक की गई तथा जिलेवार जाँच में लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) पुलिस कस्टडी में मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाता है। मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग, मंत्रालय, भोपाल के मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) के द्वारा दिनांक 31.03.2015 को मध्यप्रदेश अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना 2015 लागू की गई है। जिसमें आय अर्जित करने वाले की मृत्यु की दशा में अधिकतम रूपये 4.00 लाख तक तथा आय अर्जित न करने वाले की दशा में अधिकतम रूपये 2.00 लाख तक का प्रावधान है। मध्यप्रदेश राजपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
सड़क दुर्घटनाओं में मृत/घायलों को मुआवजा
131. ( क्र. 3360 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक सड़क दुर्घटनाओं में कितने लोग मारे गए? कितने लोग घायल हुए? किन-किनको सहायता राशि शासन द्वारा प्रदान की गई? किन-किन को नहीं तथा क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अज्ञात वाहनों से कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई? उनको राशि क्यों नहीं दी गई? इस संबंध में शासन की क्या योजना है? (ग) शासन द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या-क्या उपाय किया जा रहा है? (घ) क्या इंदौर-भोपाल हाईवे पर सीहोर जिला क्षेत्र में दुर्घटना संभावित डेंजर जोन चिन्हित किए गए हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? डेंजर जोन में दुर्घटना रोकने के क्या उपाय किए जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भोपाल संभाग में 01 जनवरी, 2015 से 30 जून 2016 तक सड़क दुर्घटनाओं से 1267 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 9114 व्यक्ति घायल हुए हैं। सड़क दुर्घटना से मृत व्यक्तियों के विधिक वारिसान तथा घायलों में से 378 व्यक्तियों को शासन द्वारा सहायता राशि प्रदान की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। ज्ञात वाहन सड़क दुर्घटना से मुआवजा मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से दिया जाता है। (ख) प्रश्नांश ’क’ अनुसार अवधि में अज्ञात वाहनों से भोपाल संभाग में 187 व्यक्तियों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हुई। शासन की सोलेशियम स्कीम के अंतर्गत 62 मृतकों के वारिसानों को 15,12,500/- रूपये की प्रतिकर सहायता राशि प्रदान की गई है। शासन के सोलेशियम स्कीम 1989 के अंतर्गत अज्ञात वाहन सड़क दुर्घटना होने पर मृतक के विधिक वारिसानों को 25,000/- रूपये तथा गंभीर घायल पीडि़त 12,500/- रूपये जिला कलेक्टर को आवेदन करने पर परीक्षण उपरांत सहायता/प्रतिकर दिये जाने का प्रावधान है। (ग) सड़क दुर्घटनाओं एवं मृत्यु दर में कमी लाने हेतु शासन द्वारा दिनांक 03.03.2016 को ’’मध्यप्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2015’’ घोषित की है। जिसका उद्देश्य ’’सड़क सुरक्षा दुर्घटना विहीन सफर के लिए’’ रखा गया है। नीति के अनुसार वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटना एवं मृत्यु में अनुपातिक रूप से 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क सुरक्षा एक अन्तर्विभागीय एवं बहुआयामी विषय है जिसके अंतर्गत निर्माण नियोजन एवं क्रियान्वयन ऐजेन्सी (विभाग) के कार्यों को विभाजित कर लक्ष्य प्राप्ति हेतु चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को बचपन से ही यातायात के नियमों के संबंध में जागरूक करने हेतु पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है वहीं दूसरी ओर जन संपर्क/पुलिस विभाग द्वारा संचार माध्यमों से लगातार यातायात नियमों के प्रति छात्र-छात्राओं एवं आम नागरिकों को जागरूक करने हेतु लगातार प्रचार प्रसार किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा डेंजर जोन को चिन्हित कर उनका परिशोधन कराया जा रहा है। पुलिस विभाग द्वारा यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराकर नियमों के उल्लंघन पर चालानी कार्यवाही की जा रही है। (घ) इंदौर-भोपाल हाईवे पर सीहोर जिला क्षेत्र के अंतर्गत 1- न्यू क्रिसेंट चैराहा, 2- लसुडिया परिहार जोड़, 3- सेकड़ाखेड़ी जोड़, 4- बिलकिसगंज जोड़, 5- चैपाल सागर, 6- सोड़ा जोड़, 7- चैपाटी बायपास चैराहा आष्टा, 8- अलीपुर चैराहा, आष्टा, 9- सोड पुल के पास, 10- मेहतवाडा जोड़, 11-ग्राम कोठरी, 12- अमलाह जोड़, 13- पगारिया घाटी, दुर्घटना संभावित डेंजर जोन चिन्हित किये गये हैं। उपरोक्त चिन्हित स्थानों में सड़क दुर्घटना रोकने हेतु लोक निर्माण विभाग/सड़क निर्माता ऐजेंसी से संपर्क कर सड़क सुरक्षा संकेतक-चेतावनी/सूचनात्मक/आदेशात्मक बोर्ड लगाये गये हैं। वाहन चालकों को सुरक्षित यात्रा के संबंध में समझाइश, परिवहन विभाग के साथ संयुक्त चैकिंग, गति सीमा के उल्लंघन एवं शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। समय-समय पर सड़क सुरक्षा सप्ताह एवं विशेष अभियान के दौरान पम्पलेट, नुक्कड़ नाटक आदि माध्यमों से छात्र-छात्राओं, वाहन चालकों, आम नागरिकों को यातायात नियमों से जागरूक किया जा रहा है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के स्वरूप में बदलाव
132. ( क्र. 3361 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना में बदलाव किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) क्या लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत दिए जाने वाले प्रमाण पत्रों में बदलाव किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? पूर्व में दिए जा रहे प्रमाण पत्रों में कोई कमी थी, यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना और बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ योजना को एक साथ जोड़ा जा रहा है? यदि हाँ, तो योजना के बिंदुओं का ब्यौरा दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ, लाड़ली लक्ष्मी योजना में आंशिक परिवर्तन किया गया है। योजना में विभाग के आदेश क्र.एफ 3-11/2007/50-2 दिनांक 24.12.2014 द्वारा किये गये आंशिक परिवर्तन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, हितग्राहियों को समय पर व सरलतापूर्वक योजना का पूर्ण लाभ प्राप्त हो. इसको दृष्टिगत रखते हुए मंत्री परिषद् के द्वारा दिनांक 16/12/2014 (आईटम क्रमांक-9) को लिए गये निणर्य अनुसार “लाड़ली लक्ष्मी निधि’’ का गठन किया गया है. अब बचत पत्र के स्थान पर राशि लाड़ली लक्ष्मी निधि में जमा करते हुए हितग्राही को लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण-पत्र दिया जा रहा है। (ग) जी नहीं।
संपदा संचालनालय द्वारा शासकीय आवास गृहों का आवंटन
133. ( क्र. 3370 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपदा संचालनालय द्वारा शासकीय आवासों का आवंटन विगत कई माहों से बंद किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? शासकीय आवासों का आवंटन कब से बंद है? (ख) क्या तुलसीनगर एवं शिवाजीनगर में पूर्व प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के कारण शासकीय आवासों का आवंटन बंद था तथा क्या वर्तमान में प्रस्तावित नार्थ टी.टी. नगर स्मार्ट सिटी हुई है तो क्या नार्थ टी.टी. नगर में निवासरत शासकीय कर्मचारियों को उनकी वर्तमान की पात्रता अनुसार शासकीय आवास आवंटन किया जाना है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नार्थ टी.टी. नगर के रहवासियों को शासकीय आवास रिक्त करने के नोटिस जारी किये जा चुके हैं तथा उनसे उनकी पात्रता अनुसार आवेदन भी प्राप्त किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो भोपाल शहर के रिक्त शासकीय आवासों में एक ओर तो अनाधिकृत व्यक्ति आवासों में निवास कर रहे हैं वही दूसरी ओर नोटिस प्राप्त शासकीय कर्मचारियों को आवास आवंटित नहीं किये जा रहे हैं विभाग कब तक पात्रताधारी शासकीय सेवकों को आवास आवंटन करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। भोपाल विकास प्राधिकरण की नार्थ एवं साउथ टी.टी. नगर की भूमि पर पुनर्घत्वीकरण योजनान्तर्गत नवीन आवासों के आवंटन बंद है। शासकीय आवासों का आवंटन 01 दिसम्बर 2015 से बंद है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नार्थ टी.टी. नगर का क्षेत्र भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के क्षेत्र आधारित विकास घटक में प्रस्तावित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वैकल्पिक आवास के लिए आवेदन पत्र प्राप्त हो रहे है। (घ) आवास आवंटन की प्रक्रिया विचाराधीन है। परिस्थितियां परिवर्तनशील होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मा. पूर्व विधायकों एवं सांसदों को सुरक्षा मुहैया कराना
134. ( क्र. 3371 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 जनवरी, 2014 से 1 जुलाई, 2016 तक 100 पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों को शासन द्वारा सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराये गये हैं? यदि हाँ, तो सुरक्षा कारणों से पूर्व विधायकों के नाम नहीं बताते हुए सिर्फ संख्या पृथक-पृथक बतावें? (ख) यदि कोई पूर्व विधायक स्वयं के व्यय पर अपनी सुरक्षा हेतु सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने की मांग करने पर क्या शासन सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। 10 पूर्व सांसदों एवं 38 पूर्व विधायकों को सुरक्षा कारणों से पी.एस.ओ. उपलब्ध कराये गये हैं। (ख) जी नहीं। पुलिस रेग्यूलेशन की कण्डिका 494 अंतर्गत मापदण्डों अनुसार सुरक्षा कारणों का परीक्षण कर पी.एस.ओ. उपलब्ध कराये जाते हैं।
कुटीर योजनाओं से हितग्राहियों का चयन
135. ( *क्र. 3374 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को शासन की विभिन्न योजनाओं से ऋण एवं अनुदान प्रदान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने हितग्राही ऐसे थे, जिनके परिवार में पूर्व से ही उद्योग स्थापित थे? स्थापित उद्योगों का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित कौन प्रकरण के चयन का क्या आधार विभाग एवं बैंक द्वारा लिया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) तक चयन में नये उद्यमियों को प्रोत्साहन न देकर पुराने उद्यमियों को अवसर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन हैं? शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कब तक कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) 385 (ख) किसी भी हितग्राही का पूर्व में उद्योग स्थापित नहीं था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राइवेट वकील की नियुक्ति
136. ( क्र. 3385 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-01-14 से 30-06-16 तक कितने प्राइवेट वकील शासन में प्रदेश में कितने प्रकरणों में पैरवी के लिए नियुक्त किये। जिलावार बतावें? (ख) इन्हें अब तक कितना भुगतान किया गया, नाम, भुगतान राशि सहित बतावें? (ग) इन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें। इन्हें नियुक्ति देने के कारण भी बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवलखा बीज कंपनी की जाँच
137. ( क्र. 3389 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ता.प्र. संख्या 2 (क्र 259) दिनांक 09.12.15 के आश्वासन के फलस्वरूप बनी जाँच कमेटी ने नवलखा बीज कंपनी की वर्ष 2004-05 से 2013-14 तक की समयावधि की जाँच पूर्ण कर ली है? तो बतावें कि कितने किसानों के बयान लिये? (ख) क्या बीज प्रमाणीकरण संस्था उज्जैन ने नवलखा बीज कंपनी महिदपुर का रिकार्ड जाँच समिति को उपलब्ध करा दिया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या रिकार्ड नहीं देने पर इनके अधिकारियों को अभियुक्त बनाया गया है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक अभियुक्त बनाया जायेगा? ये जाँच दिशाहीन होने के कारण इसे कब तक S.I.T. को सौंप दिया जायेगा?
गृह
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जी
नहीं, जाँ
का स्वरूप
वृहद होने से
प्रकरण
वर्तमान में जांचाधीन
है। जाँचदल
द्वारा कुल 69 कृषकों
के कथन लिये
गये हैं।
(ख) जी
नहीं। वर्ष 2006 तक के
अभिलेख नष्ट
किये जाने से
उपलब्ध नहीं कराये
गये। नवलखा
बीज कम्पनी से
संबंधित
उपलब्ध
अभिलेख जाँच
समिति द्वारा
जब्त किये गये
हैं। वर्तमान
में प्रकरण
जांचाधीन है।
जाँच में आये
साक्ष्य के
आधार पर
प्रकरण में
विधि अनुरूप
अग्रिम कार्यवाही
की जावेगी। (ग)
उत्तर
प्रश्नांश ’ख’ में
समाहित है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
प्रकरण में
पुलिस
मुख्यालय के
आदेश से गठित जाँच
दल द्वारा
नियमानुसार जाँच
प्रचलित है। अतः
अन्य एस.आई.टी.
को जाँच सौंपे
जाने की
आवश्यकता
नहीं है।
ड्रिप, पॉली हाउस का निर्माण
138. ( क्र. 3392 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-01-13 से 30-06-16 तक संदर्भ में बतावें कि राजपुर वि.स. क्षेत्र में कितनी ड्रिप सामग्री दी गई? हितग्राही संख्या, रकबा, प्रदायकर्ता फर्म का नाम, फर्म का प्रोप्राईटर, टिन नं. अनुदान राशि सहित वर्षवार जानकारी देवें? (ख) इनसे सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई इसका आंकलन बतावें। उपरोक्त ‘’क’’ अनुसार समयावधि में बड़वानी जिले में कितने पॉली हाउस स्वीकृत हुए? किस कंपनी ने निर्माण कराएं? विधान सभा क्षेत्रवार, हितग्राही नाम, स्थान, कंपनी नाम, राशि सहित बतावें? (ग) एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को पॉली हाउस स्वीकृत किए गए इन प्रकरणों की जानकारी बड़वानी जिले के संदर्भ में देवें। ऐसा क्यों किया गया? इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कल तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा सिंचाई क्षमता में वृद्धि के संबंध में आंकलन नहीं किया जाता है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) बड़वानी जिले में एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को पॉली हाउस स्वीकृत नहीं किया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुक्षी परियोजना अधिकारी द्वारा कार्य में लापारवाही
139. ( क्र. 3398 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग में परियोजना क्षेत्र में विभाग की संपूर्ण गतिविधियों के सुचारू/नियमित संचालन करवाने का संपूर्ण उत्तरदायित्व परियोजना अधिकारी का होता है? (ख) यदि हाँ, तो परियोजना अधिकारी का उत्तरदायित्व तय होने के उपरांत भी समस्याएं यथावत हो तो परिस्थिति में उन पर क्या जवाबदेही तथा होगी एवं कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के निसरपुर परियोजना के आंगनवाड़ी केन्द्रों में अव्यवस्थाओं के संबंध में बार-बार जनप्रतिनिधियों द्वारा पत्र लिखने एवं ध्यान दिलाया जावे पर कोई कार्यवाही नहीं की गई क्यों? (घ) इस संबंध में कब तक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) परियोजना के संचालन में लापरवाही पाये जाने की स्थिति में प्रकरण की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए उत्तरदायित्व निर्धारित कर परियोजना अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (ग) सभापति स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास निसरपुर द्वारा ग्राम सुसारी एवं देषपालिया का निरीक्षण किया जाकर जनपद पंचायत निसरपुर क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्र में अव्यवस्था एवं अनियमितता करने वालो के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने संबंधी पत्र प्राप्त हुआ। पत्र प्राप्ति के उपरान्त अनियमितता करने वाले समूह पर कार्यवाही करते हुए परियोजना अधिकारी निसरपुर के पत्र क्रमांक 287 दिनांक 29/12/2015 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था तथा दण्ड स्वरूप मासिक भुगतान से राशि का कटौत्रा किया गया। परियोजना अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 357 दिनांक 26/03/2016 से प्रकरण में की गई कार्यवाही से माननीय विधायक कुक्षी जिला धार को अवगत कराया गया। परियोजना अधिकारी निसरपुर को उक्त पत्र के अतिरिक्त अन्य किसी जन प्रतिनिधि द्वारा कार्यवाही हेतु पत्र नहीं लिखा गया। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार कार्यवाही किये जाने से शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सामग्री क्रय में अनियमितता
140. ( क्र. 3400 ) श्री मधु भगत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत बालाघाट जिले में पिछले 3 वित्तीय वर्षों में वेतन भत्तों को छोड़कर किए गए कार्य, खरीदी, अनुदान इत्यादि में कितनी राशि का भुगतान, किस-किस फर्म/संस्था को किया गया? (ख) क्या क्रय सामग्री चयन और उसके भुगतान से भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो भण्डार क्रय नियम में जो क्रय के प्रकार है उनके अनुसार बची रखी, सामग्री, कितनी राशि की किस एजेन्सी, संस्था से क्रय की गई? (ग) क्या मापदण्ड से क्रय गुणवत्ता विहीन जरूरत से ज्यादा, अधिक-अधिक कीमत पर स्थानीय विक्रेता (कंपनी को छोड़कर) सामग्री क्रय की शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन के विरूद्ध कौन दोषी पाया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंप का खनन
141. ( क्र. 3407 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्ष 2013-14 से जून 2016 तक हैण्डपंप खनन हेतु किस-किस मद से कितना-कितना आवंटन किया गया है और कितने हैण्डपंप खनन कराये गये हैं? (ख) हैण्डपंप खनन करने हेतु विभागीय कार्य योजना तैयार करने का क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ग) विधान सभा क्षेत्र सिंहावल में वर्ष 2013-14 से जून 2016 के तक कितने हैण्डपंप किस-किस मद से खनन हुए और खनन हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामीण बसाहटों में पेय-जल व्यवस्था हेतु निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित हैं:- 1. प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेय-जल उपलब्ध कराया जाना। 2.प्रत्येक ग्रामीण परिवार को उसके निवास से अधिकतम 500 मीटर की परिधि में पेय-जल का स्त्रोत उपलब्ध कराया जाना। 3. पहाड़ी क्षेत्र में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को उसके निवास से अधिकतम 30 मीटर की ऊँचाई/नीचाई में पेय-जल का स्त्रोत उपलब्ध कराया जाना। उपरोक्त मापदण्डों के आधार पर आंशिक पूर्ण बसाहटें कार्ययोजना में सम्मिलित की जाती हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
कर्मचारियों का अनावश्यक रूप से संलग्नीकरण
142. ( क्र. 3411 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में पशुपालन विभाग के कितने कर्मचारी एवं अधिकारी का संलग्नीकरण किया गया है? क्या संलग्नीकरण का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतायें? (ख) संलग्न किये गये कर्मचारियों व अधिकारियों को क्या उसकी पदस्थी संस्था पर भेजा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राज्य शासन के निर्देशानुसार उक्त संलग्नीकरण किये गये हैं? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) छतरपुर जिले में पशुपालन विभाग के किसी भी कर्मचारी एवं अधिकारी का संलग्नीकरण नहीं किया गया है। अपितु कार्यसुविधा की दृष्टि से कर्मचारियों को रिक्त संस्थाओं में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर जिले में अपराधों की स्थिति
143. ( क्र. 3421 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में 2014-15 एवं 2015-16 में कुल कितने मामले महिलाओं के गायब होने के दर्ज हुए हैं? इसी तरह उक्त अवधि में कितनी नाबालिग लड़कियों एवं लड़कों के गायब होने के मामले दर्ज हुए? थानावार जानकारी दें। (ख) उक्त अवधि में बलात्कार के कितने मामले दर्ज हुए? किन-किन मामलों में अपराधी गिरफ्तार नहीं किये जा सके? दर्ज मामलों में कितने प्रकरण दलित व आदिवासी महिलाओं द्वारा दर्ज कराये गये? (ग) उक्त अवधि में चोरी, लूट, डकैती, चैन स्नैचिंग आदि की घटनायें हुई? किन-किन मामलों में अपराधी गिरफ्तार नहीं हो सकें? क्यों? पुलिस द्वारा इन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) वर्णित अपराधों की रोकथाम के लिए सागर जिले में पुलिस द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ती जाने के क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) उक्त अवधि में बलात्कार के कुल 418 मामले दर्ज हुये है। 21 मामलों में आरोपी गिरफ्तार नहीं किये जा सके हैं। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार। इनमें से आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने वाले प्रकरणों व गिरफ्तारी नहीं होने के कारण के संबंध में थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार। (घ) प्रश्नांश ’क’ ’ख’ ’ग’ वर्णित अपराधों में महिलाओं, नाबालिग लड़कियों, लड़कों के गायब होने एवं चोरी, लूट, डकैती, चैन स्नैचिंग की घटनाओं की रोकथाम के प्रयास में जिले में उपलब्ध बल से रात्रि गश्त कराये जाने के साथ जिले में नियमित वाहन चैकिंग, रोड पैट्रोलिंग, नाकाबंदी, संदिग्ध वाहन व व्यक्तियों की चैकिंग लगातार कराई जा रही है। सीमावर्ती जिलों में चोरी, लूट, डकैती एवं चैन स्नैचिंग की घटनाओं के अपराधों में गिरफ्तार होने वाले अपराधियों से भी पूछताछ कराई जाकर उक्त अपराधों के रोकथाम के प्रयास किये जा रहे हैं।
ग्रीष्म काल में खनित नल-कूप
144. ( क्र. 3428 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 16-17 के ग्रीष्मकाल में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना में कितने नल-कूप किए गये व कितनी सिंगल फेस मोटरें प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में वहीं खण्डवा जिले की अन्य विधान सभाओं में कितने नल-कूप किए गये व कितनी सिंगल फेस मोटरें प्रदाय की गई हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 106 नल-कूप खनित किये गये व 10 सिंगल फेस मोटर पंप स्थापित किये गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
परिशिष्ट - '' उन्चास ''
सूखाग्रस्त किसानों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
145. ( क्र. 3432 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूखाग्रस्त किसानों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण क्या हो चुका है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में पंधाना मात्र 60 प्रतिशत ही क्यों वितरण की गई है? (ग) बाकी 40 प्रतिशत किसानों को क्यों नहीं मिल पा रही है? मिलेगी या नहीं? (घ) क्या इनका साल पूरा होने के बाद भी इन्हें खाद्यान्न पर्ची यदि मिलेगी तो क्या उन्हें खाद्यान्न दिया जा सकेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। आवेदन करने वाले सभी पात्र किसानों को पात्रता पर्ची वितरण किया जा चुका है। (ख) पंधाना विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पात्रतानुसार 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति वाले कुल 70,886 किसानों में से सत्यापन उपरांत 12,793 किसानों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। शेष 58,093 परिवार पूर्व से ही अन्य श्रेणी में सत्यापित होकर योजना का लाभ ले रहे हैं। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) सूखा प्रभावित किसानों को 31 अक्टूबर, 2016 तक के लिए प्राथमिकता परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, इस अवधि तक इन परिवारों को रियायती दर का राशन वितरण किया जाएगा।
ईदुज्जुहा के अवसर पर धार्मिक कुर्बानी की अनुमति
146. ( क्र. 3548 ) श्री आरिफ अकील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय कानून Preservation of Cruelty to animals Act 1960 की धारा 28 के तहत किसी भी धार्मिक कुर्बानी को अपराध नहीं माना गया है? यदि हाँ, तो क्या मुस्लिम धर्मानुसार ईदुज्जुहा के मौके पर पड़ा/भैंस की धार्मिक कुर्बानी की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नांश (क) को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के तहसील मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर पर पड़ा/भैंस की कुर्बानी हेतु यदि प्रदेश में कहीं अनुमति की आवश्यकता हो तो आवेदक को आगामी ईदुज्जुहा के अवसर पर धार्मिक कुर्बानी करने की तुरंत अनुमति देकर धार्मिक कार्य में सहयोग प्रदान करेगें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) पशु पालन विभाग के चिकित्सकों द्वारा अनुमति दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं हैं।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अपराधियों
की गिरफ्तारी
1. ( क्र. 108 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिले के ग्राम परासरी के श्री राजेन्द्र कलावत की दिनांक 31 मई, 2016 को पेट्रोल से जलकर जो मौत हुई है उसमें मृत्यु पूर्व बयान में बताया कि जिला पंचायत चुनाव में रूपये 1.50 लाख का कर्ज दिया था वह जब जाता तो भगा दिया जाता था तथा बाद में उस पर पेट्रोल डालकर जला दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई? जिस व्यक्ति ने उधार लिया था उसकी व अन्य लोगों की गिरफ्तारी में विलंब क्यों हो रहा है? (ख) ललितपुर के विश्वकर्मा के बयान के बाद भी युवराज होटल में हुए गोलीकाण्ड के लोगों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है? (ग) अथाईखेड़ा में जो कार एक्सीडेंट हुआ था उसके दोषियों को गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं हुई है? कब तक हो जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 31.05.2016 को थाना देहात जिला अशोकनगर द्वारा श्री राजन पुत्र सुकुआ कलावत उम्र 45 साल निवासी परासरी को जली हुई अवस्था में जिला अस्पताल अशोकनगर में भर्ती कराया गया था। चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय अशोकनगर द्वारा मरीज कथन न देने की हालत में न होने के कारण मरणासन्न कथन अंकित नहीं किये जा सके। ईलाज के दौरान दिनांक 01.06.2016 को हमीदिया अस्पताल, भोपाल में श्री राजन कलावत की मृत्यु होने पर नियमानुसार मर्ग पंजीबद्ध कर जाँच की गयी। मर्ग जाँच में मृतक राजन के भाई जगदीश कलावत द्वारा प्रस्तुत सी.डी. में उपलब्ध तथ्यों के आधार पर थाना कोतवाली जिला अशोकनगर में अपराध क्रमांक 387/16 धारा 302, 34 भादवि का आरोपी उत्तम पटवारी एवं राजू के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन है। विवेचना में आये तथ्य एवं साक्ष्य के अनुरूप विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। (ख) जिला अशोकनगर के थाना कोतवाली अशोकनगर में दिनांक 02.11.2015 को अपराध क्रमांक 666/15 धारा 336 भादवि अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना में घायल साक्षी श्री मन्जुल विश्वकर्मा ने कथन में टेन्ट के पर्दे खोलते समय गिरने से चोंट आना बताया है। उक्त साक्षी के कथन तथा विवेचना में संकलित साक्ष्य/तथ्यों के आधार पर खात्मा प्रतिवेदन क्रमांक 56/15 दिनांक 30.12.2015 को तैयार किया गया है। विवेचना के दौरान किसी व्यक्ति के विरूद्ध कोई साक्ष्य नहीं होने से प्रकरण में गिरफ्तारी नहीं हुई है। (ग) मृतक धन्नू उर्फ थान सिंह की मृत्यु अथाईखेड़ा में अज्ञात ट्रेक्टर चालक द्वारा टक्कर मारने की सूचना पर थाना बहादुर जिला अशोक नगर में अपराध क्रमांक 45/16 धारा 279, 337, 304ए भादवि पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना में अज्ञात ट्रेक्टर तथा चालक ज्ञात न हो पाने के कारण खात्मा प्रतिवेदन क्रमांक 02/16, दिनांक 13.05.2016 को तैयार किया गया है। आरोपी अज्ञात होने से गिरफ्तारी नहीं की गई है। अथाईखेड़ा में घटित दुर्घटना कार से न होकर अज्ञात ट्रेक्टर से घटित हुई है।
संचालित पशु चिकित्सालय
2. ( क्र. 179 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में कुल कितने पशु अस्पताल ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित है? (ख) उनमें प्रत्येक केन्द्रों पर कितने कर्मचारियों/अधिकारियों के पद स्वीकृत होकर कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? केन्द्रवार जानकारी देवें? (ग) किस-किस केन्द्र पर भवन हैं एवं किस स्थिति में है? (घ) किस-किस केन्द्र पर भवन नहीं है? जहां भवन नहीं है वहां भवन स्वीकृति की क्या कार्यवाही की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में कुल 06 पशु चिकित्सा संस्थाएँ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) प्रश्नांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रगति सहायक/संगठक की वरिष्ठता
3. ( क्र. 202 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के एफ क्र. सी-3-4/89/3/49 भोपाल दिनांक 24.01.1989 के परिप्रेक्ष्य में संचालनालय पशु चिकित्सा सेवायें म.प्र. के आदेश क्र. 10776 स्था. ब/एफ-55 ए/89-90 भोपाल दिनांक 31.08.1989 के द्वारा तदर्थ रूप से अलिपिकीय पदों पर कार्यरत 77 कर्मचारियों को आगामी आदेश तक अस्थायी रूप से नियमित किया गया था? जिसमें प्रगति सहायक/संगणक के 32 कर्मचारी थे? इनकी वरिष्ठता के संबंध में आदेश पृथक से प्रसारित किये जाने का लेख है? (ख) प्रश्नांश (क) के आदेश के परिपालन में उक्त आदेश के कालम क्र. 03 में वरिष्ठता के संबंध में तदर्थ कर्मचारियों की खंड अवधि को गणना में न लेते हुये वास्तविक कार्य किये गये अवधि के आधार पर वरिष्ठता का निर्धारिण किया जाना था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या आदेश के परिपालन में वरिष्ठता सूची बनाई गई एवं इन कर्मचारियों को पदोन्नत करते समय इनकी वरिष्ठता का उक्त आदेश में पालन किया गया? (घ) इन 32 प्रगति सहायक/संगणक में कितने कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है एवं किस आधार पर दी गई तथा इनको कोई वरिष्ठ प्रगति सहायक/संगणक के पहले पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो कारण बतायें? इन 32 प्रगति सहायक/संगणक की तदर्थ सेवा में से खंड अवधि घटाकर प्रथम सेवा किस दिनांक से मान्य की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) 8 कर्मचारी को पदोन्नति दी गई है। वर्ष 1989 से वर्ष 2013 के बीच जारी की गई वरिष्ठता सूची के विरूद्ध निर्धारित समयावधि में कोई अभ्यावेदन प्राप्त नहीं हुआ है। वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति आदेश जारी किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नियमित नियुक्ति दिनांक प्रथम सेवा मान्य की गई।
विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक
4. ( क्र. 203 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र./सी-3-2/2013/1/3/भोपाल दिनांक 03.07.2014 के परिपालन में वर्ष में दो बार पदोन्नति समिति की बैठकें नियमित रूप से किये जाने के निर्देश किये गये हैं? (ख) सांख्यिकीय अधिकारी, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी के पदों पर पदोन्नति कब से नहीं हुई है? समय पर पदोन्नति न किये जाने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही विचाराधीन है? (ग) समय पर पदोन्नति न किये जाने के कारण सेवा मुक्त हो चुके कर्मचारी/अधिकारियों के लिये जो क्षति हुई है उसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या दोषियों के खिलाफ शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) सांख्यिकीय अधिकारी पद पर वर्ष 2014 एवं सहायक सांख्यिकीय अधिकारी पद पर वर्ष 2015 से पदोन्नति नहीं की गई। फीडिंग कैडर के विचारण क्षेत्र में आने वाले अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवदेन समय पर उपलब्ध नहीं होने के कारण पदोन्नति समिति की बैठक करने में विलम्ब हुआ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बंद नल-जल योजनाएं
5. ( क्र. 275 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन सी नलजल योजनाएं किस-किस कारण से बंद हैं? उन योजनाओं की वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजनाएं कब से पुन: प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्त्रोत असफल होने से बंद योजनाओं में नये स्त्रोत विकसित करने की कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है। अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
नवीन पुलिस चौकी की स्थापना
6. ( क्र. 282 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में नवीन पुलिस चौकी प्रारंभ किए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव गृह विभाग में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? (ख) क्या शिवपुरी जिले के पोहरी थानान्तर्गत ग्राम झिरी साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील स्थान है और यहां वर्षों से पुलिस चौकी की मांग की जाती रही है? ग्राम सिंह निवास से खुरई मार्ग पर जिसकी लंबाई लगभग 40 कि.मी. है, इस मार्ग पर कोई पुलिस चौकी व थाना न होने के कारण असामाजिक तत्व इस मार्ग का उपयोग अनैतिक कार्य के लिए करते है? (ग) यदि हाँ, तो क्या गृह विभाग इस मार्ग में पड़ने वाले ग्राम झिरी में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी नहीं। ग्राम झिरी में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया।
मडावदा में पुलिस चौकी एवं पुलिस आवास निर्माण
7. ( क्र. 340 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र का ग्राम मडावदा सबसे बड़ा गांव है इसके आस-पास करीब 50 ग्राम आते हैं एवं यहां पर पूर्व से ही पुलिस चौकी की कमी महसूस की जा रही है? चूंकि खाचरौद थाना क्षेत्र काफी बड़ा एवं फैला हुआ क्षेत्र होने से लोगों की समय पर पुलिस सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है? यहां कब तक पुलिस चौकी प्रारंभ कर दी जावेगी? (ख) क्या खाचरौद तहसील मुख्यालय पर अधिकारी एवं स्टाफ हेतु आवासीय क्वार्टर नहीं बने है जबकि जगह प्रर्याप्त है? प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में भी कई बार लिखा जा चुका है? यहां कब तक क्वार्टरों का निर्माण प्रारंभ होगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। समय पर पुलिस सेवा उपलब्ध कराई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पुलिस स्टॉफ के लिये 21 शासकीय आवास उपलब्ध है, 23 आवासों की कमी है। पु.मु. द्वारा जिला उज्जैन के लिये 700 आवास (बहुमंजिला) एवं 68 सामान्य आवास इस प्रकार कुल 768 आवास भविष्य में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रस्तावित है। बजट उपलब्धता के अनुसार निर्माण कराये जावेंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नियुक्ति के संबंध में
8. ( क्र. 497 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/आया की भर्ती/नियुक्ति जनपद पंचायत/नगरीय निकाय स्तर पर की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो भर्ती/नियुक्ति में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, क्यों? बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका का पद मानसेवी होने से आरक्षण का प्रावधान नहीं है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति में शासन निर्देशानुसार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिये 05 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के लिये 10 अंको का प्रावधान रखा गया है।
झाबुआ जिले में शस्त्र लायसेंस की स्वीकृति
9. ( क्र. 869 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014 से अब तक कितने शस्त्र लायसेंस स्वीकृति हेतु हितग्राहियों के प्रकरण जिला स्तर पर प्राप्त हुए? (ख) उक्त प्राप्त प्रकरणों में पुलिस विभाग की रिपोर्ट एवं राजस्व की रिपोर्ट कितने प्रकरणों में प्राप्त होकर कितने शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किए गए? (ग) झाबुआ जिले में लंबित शस्त्र लायसेंस प्रकरणों में स्वीकृति दी जाना क्यों अपेक्षित है? (घ) क्या शस्त्र लायसेंस के प्रकरणों पर शासन द्वारा कोई प्रतिबंध लगाया गया है? अगर नहीं तो झाबुआ में कलेक्टर द्वारा शस्त्र लायसेंस की स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 580 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। (ख) 84 प्रकरणों में रिपोर्ट प्राप्त हुई है। उक्त सभी को शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। (ग) उत्तरांश ’ख’ अनुसार। (घ) जी नहीं। उत्तरांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास योजाना
10. ( क्र. 898 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिला अंतर्गत मछुआ कल्याण मत्स्य विकास योजना के तहत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं के तहत किन-किन संवर्ग के लागों को पात्र हितग्राही बनाया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अंकित योजनाओं के तहत विगत 03 वर्षों में कितने हितग्राहियों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं से जोड़ा गया? क्या इन योजनाओं के तहत ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? यदि हाँ, तो हितग्राहियों की संख्या बताएं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) शहडोल जिले अन्तर्गत विभागीय संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजनाओं में वर्णित प्रावधानों के तहत सभी संवर्ग के लोगो को हितग्राही बनाया जाता है। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में विगत तीन वर्षों में 4581 हितग्राहियों को संचालित योजना से जोड़ा गया है। जी हाँ व्यौहारी विधान सभा क्षेत्र में 1291 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है।
पशुपालन योजना संचालन
11. ( क्र. 899 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में पशुपालन से संबंधित कार्यक्रम संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त संबंध में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं जिनके द्वारा पशुपालकों को लाभ पहुंचाया जाता है? (ग) उक्त समस्त योजनाओं के लिये वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई और किस-किस कार्य के लिये व्यय किये गये? योजनावार कितने लोगों को लाभान्वित किया गया तथा कार्य संचालन के लिये किये गये व्यय की जानकारी बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) पशुपालकों को लाभ पहुंचाने हेतु अनुदान पर नर सूकर, सूकरत्रयी, प्रजनन योग्य बकरा, बैकयार्ड कुक्कुट इकाई, कडकनाथ चूजों की इकाई, प्रजनन योग्य मुर्रा पाडा, गौ सांड प्रदाय, बैंक ऋण एवं अनुदान पर डेयरी इकाईवत्स पालन प्रोत्साहन योजना,नवीन दुग्ध समिति गठन एवं आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना संचालित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
12. ( क्र. 984 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में संचालित मत्स्य विभाग में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस के विरूद्ध की गई हैं तथा शिकायतकर्ता के नाम सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ख) क्या प्राप्त शिकायतों की जाँच करायी गई थी, यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी से कब-कब करायी गई एवं उनके द्वारा जाँच में क्या तथ्य पाये गये तथा उन तथ्यों के आधार पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई, शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) क्या कतिपय शिकायती प्रकरणों की जाँच उसी अधिकारी से करायी गई है, जिसके विरूद्ध शिकायत दर्ज करायी गई थी, यदि हाँ, तो ऐसे किन-किन प्रकरणों में किस कारणवश किया गया है तथा इस गतिविधि हेतु किसके निर्देश प्राप्त हुए थे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) दमोह जिले में मत्स्य विभाग में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्नाधीन अवधि में 15 शिकायते प्राप्त हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जाँचकर्ता अधिकारी का नाम जाँच में पाये गये तथ्य एवं प्रस्तावित कार्यवाही का शिकायतवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ में दर्शित शिकायत सरल क्रमांक 1 एवं 4 के प्रकरणों में तत्कालीन जिला अधिकारियों की शिकायत कलेक्टर दमोह की जनसुनवाई में होने से जिला अधिकारी की हैसियत से जाँच कर प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपे गये थे।
किसान हितैषी योजनाएं
13. ( क्र. 985 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा एवं जबेरा विकासखण्ड में उद्यानिकी के अंतर्गत शासन के द्वारा विगत 3 वर्षों से कौन-कौन सी किसान हितैषी योजनाएं संचालित की जा रही है तथा कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार उपलब्ध करायी गई है? (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विकासखण्डों में कितने किसानों को प्रवर्तित योजना का लाभ दिया गया है तथा कितने किसानों के द्वारा लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन दिये गये थे? (ग) उद्यानिकी विभाग में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों से कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं तथा उक्त योजनाएं कब से संचालित हैं? संचालित योजनाओं में अभी तक कुल कितनी राशि व्यय की गई है, कितने हितग्राही लाभांवित हुए, विकासखण्डवार एवं वर्षवार बतलावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विकासखण्ड तेन्दूखेड़ा में राशि रूपये 93.83 लाख तथा जबेरा में रूपये 111.57 लाख उपलब्ध कराई गई है। (ख) विकासखण्ड तेन्दूखेड़ा में प्राप्त आवेदन 842 एवं लाभांवित हितग्राही 842 तथा जबेरा में प्राप्त आवेदन 798 एवं लाभांवित हितग्राही 798 हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणाएं/कार्यवाही
14. ( क्र. 986 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 22/08/2008 को जबलपुर में मछुआ महापंचायत आयोजित की गई थी, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मछली पालन विभाग से संबंधित अनेक घोषणाएं की गई थी, उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? की गई घोषणाओं में से कितनों की अभी तक पूर्ति की जा चुकी है तथा कितनी घोषणाएं शेष हैं? (ख) क्या विभाग के द्वारा अनेक मुख्यालयों में निषादराज मंगल भवन एवं केशव कुटी निर्माण कहाँ-कहाँ पर एवं कितनी लागत से किया गया है? (ग) दमोह जिला भी मछुआ बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण उसका चयन कर उल्लेखित निषादराज मंगल भवन एवं केशव कुटी निर्मित किये जाने हेतु कार्ययोजना तैयार करवाकर स्वीकृति प्रदान की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तब?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। मछुआ महापंचायत में विभाग से संबंधित 14 घोषणाएं की गई थी सभी घोषणओं की पूर्ति की जा चुकी है घोषणाओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विभाग के माध्यम से 14 निषादराज मंगल भवन एवं केशव कुटी का निर्माण हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिले में बी.आर.जी एफ योजना बंद होने के कारण निषादराज मंगल भवन एवं केशव कुटी का निर्माण नहीं कराया जा सकता है।
छिन्दवाड़ा जिले में घटित अपराध
15. ( क्र. 1120 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के सभी थानों में 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने लूट डकैती चोरी, जुआ, सट्टा, मारपीट, हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए हैं? थानेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है, कितने मुलजिम गिरफ्तार हुए? कितने मामले न्यायालय में प्रस्तुत हुए कितने मामलों की विवेचना जारी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रकरणों में पीड़ितों की F.I.R. दर्ज करने में संबंधित थानों में देरी की जाती है? यदि हाँ, तो क्या इस कारण शिकायत S.P. छिंदवाड़ा को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो किन-किन थानों की? संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक कोई नोटिस या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जिला छिन्दवाड़ा में लूट, डकैती, चोरी, जुआ, सट्टा, मारपीट, हत्या, बलात्कार, महिला उत्पीड़न के प्रकरणों का थानावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में कुल 5930 प्रकरणों में अनुसंधान पूर्ण हो चुका है, कुल 11038 मुल्जिम गिरफ्तार हुये हैं। कुल 5706 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। कुल 477 प्रकरण विवेचनाधीन हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। सामान्य तौर पर ’क’ में दर्शित प्रकरणों में प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज करने में देर नहीं की गई है। इस संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस अधीक्षक स्तर पर समय-समय पर समीक्षा किये जाने पर कुल 05 प्रकरण ऐसे प्रकाश में आये है, जिनमें विलंब से कायमी हुई है, संबंधित विलंबकर्ताओं को दण्डित किया गया है।
छात्र/छात्राओं द्वारा हत्याओं एवं आत्महत्याओं
16. ( क्र. 1121 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार म.प्र. में आये दिन स्कूल के छात्र/छात्राओं द्वारा आत्महत्या व उसका प्रयास किये जाने के मामले उजागर हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में पांर्ढुना विधान सभा क्षेत्र में कितने छात्र/छात्राओं द्वारा आत्महत्या व हत्या के प्रयास किये गये वर्षवार अवगत करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश में स्कूल के छात्र/छात्राओं द्वारा आत्महत्या तथा आत्महत्या के प्रयास की घटनाऐं आये दिन नहीं, बल्कि कतिपय घटनाऐं घटित हुई हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
बालिका समृद्धि योजना
17. ( क्र. 1123 ) श्री जतन उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में बालिका समृद्धि योजना के तहत् कितनी-कितनी बालिकाओं को योजना दिनांक तक लाभांवित कर उनके नाम से कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई तथा क्या बालिकाओं के नाम पर की गई N.S.G. अथवा एफ.डी. राशि की परिपक्वता दिनांक के बाद रिन्युवल करवाई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कितनी बालिकाएं हैं, कितनी योजनाओं में बालिकाओं के नाम की संख्याऐं N.S.G. अथवा एफ.डी. राशि परिपक्वता तिथि अथवा बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। उन्हें उक्त राशि भुगतान की पात्रता है या नहीं? यदि हाँ, तो राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा? नहीं तो कारण देवें? परियोजनावार जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में बालिका समृद्धि योजनान्तर्गत 8430 बालिकाऐं लाभान्वित कर प्रत्येक बालिका के नाम से 500/- रूपये की राशि अनुसार कुल 4215000.00 रूपये की राशि जमा कराई गई है, 1413 बालिकाओं की एफ.डी./एन.एस.सी. का रिन्युवल किया जा चुका है। 1954 बालिकाओं की एफ.डी. अपरिपक्व है एवं 5063 बालिकाओं की परिपक्व एन.एस.सी का रिन्यूवल प्रक्रियाधीन है। (ख) पांढूर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बालिकाओं के नाम की 528 एन.एस.सी एवं 317 एफ.डी. है। कुल संख्या 845 है। जिसमें 69 बालिकाओं को 18 वर्ष पूर्ण हो गये है। उन्हें उक्त राशि की पात्रता है, राशि का भुगतान शीघ्र किया जावेगा। परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’अ’ पर है।
मत्स्य बीज एवं उत्पादन
18. ( क्र. 1218 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल और उसके आस-पास स्थित जलाशयों में कुल कितनी मात्रा में मत्स्य बीज डाला गया है? मत्स्य बीज की आपूर्ति करने वाली एजेंसियों के नाम और जलाशयों के नाम एवं उसमें डाले गये मत्स्य बीजों की मात्रा सहित जानकारी देवें? (ख) जलाशयों में मत्स्य बीज सही मात्रा में डाला जाता है या नहीं और इसके उत्पादन आदि का निरीक्षण कौन करता है? क्या यह समस्त प्रक्रिया किसी विशेष एजेंसी या विभाग की निगरानी में होती है? (ग) मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्रों के नाम एवं इन केन्द्रों से मत्स्य उत्पादन क्षमता कितनी-कितनी हुई है? (घ) बड़े जलाशयों में आई.एम.सी. (इंडियन मेजर कार्प) की क्या स्थिति है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) भोपाल एवं उसके आस-पास स्थित जलाशयों में कुल 43.84 लाख मत्स्य बीज संचयन किया गया है। मत्स्य बीज प्रदायकर्ता एजेंन्सी का नाम, जलाशय का नाम एवं संचित मत्स्य बीज की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ जलाशयों में मत्स्य बीज विभागीय मापदण्ड अनुसार संचयन किया जाता है, उत्पादन का निरीक्षण विभागीय अमले द्वारा किया जाता है। मत्स्य महासंघ के जलाशयों में मत्स्य बीज संचयन का कार्य गठित समिति के समक्ष होता है। समस्त प्रक्रिया विभाग एवं मत्स्य महासंघ की निगरानी में होती है। (ग) मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्रो से मत्स्य उत्पादन का कार्य नहीं होता है। मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्रों के नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मत्स्य महासंघ के अधीन बड़े जलाशयों में आई.एम.सी (इंडियन मेजर कार्प) का प्रतिशत् 78.33 है।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र
19. ( क्र. 1360 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भवन निर्माण की शासन की कोई मंशा है? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कुल 286 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 74 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 50 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 162 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार भवन विहीन (किराये पर संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों में से वर्ष 2015-16 में 13वें वित्त आयोग से 05 आंगनवाड़ी भवनों एवं परफॉरर्मेंस ग्रांट से 02 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति जारी की गई है। शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाने की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
नलजल योजना तथा पानी की समस्या
20. ( क्र. 1391 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग को छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नलजल योजना तथा पानी की समस्या के निजात हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ तथा अब तक कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) ऐसे कितने ग्राम हैं, जहां पर हैण्डपंप खनन तथा नलजल योजना में सुधार पर शासन की कितनी राशि व्यय हुई? (ग) हैण्डपंप सुधार पर तथा पानी की टंकियों के सुधार हेतु कितनी धनराशि का व्यय हुई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में क्रमशः रूपये 863.56 लाख एवं रूपये 300.99 लाख का आवंटन दिया गया तथा क्रमशः रूपये 556.35 लाख एवं रूपये 261.66 लाख का व्यय किया गया। (ख) वर्ष 2015-16 में 319 ग्राम एवं वर्ष 2016-17 में 121 ग्रामों में क्रमशः रूपये 201.71 लाख एवं रूपये 84.00 लाख का व्यय हुआ। (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016 में हैण्डपंप सुधार हेतु क्रमशः रूपये 120.31 लाख एवं रूपये 114.75 लाख की राशि व्यय की गई। पानी की टंकियों के सुधार हेतु कोई राशि व्यय नहीं की गई।
खाद्यान्न वितरण न करने
21. ( क्र. 1576 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 में कुछ उचित मूल्य की दुकानों को उनका पिछला रूका हुआ खाद्यान्न चालू माह के खाद्यान्न के साथ दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन उचित मूल्य की दुकानों को कब-कब, कितना-कितना, कितने-कितने महीनों का रूका हुआ खाद्यान्न चालू माह के खाद्यान्न के साथ दिया गया? (ख) क्या ऐसी उचित मूल्य की दुकान संचालकों द्वारा संबंधित हितग्राही को चालू माह के खाद्यान्न के साथ रूका हुआ पिछले महीनों का खाद्यान्न नहीं बांटा गया और न ही व्यक्तियों के राशन कार्डों पर इंद्राज किया गया? यदि हाँ, तो ऐसी कौन-कौन सी उचित मूल्य की दुकानें और उनके संचालक हैं जिन्होंने उक्त खाद्यान्न नहीं बांटा? (ग) क्या शिवपुरी जिले में जिन उचित मूल्य की दुकानों को पिछला रखा हुआ खाद्यान्न दिया गया है वह संबंधित हितग्राही को वितरित हुआ या नहीं? इसका किसी के द्वारा सत्यापन नहीं किया गया? यदि नहीं, तो किस-किस के द्वारा सत्यापन किया गया? (घ) क्या शिवपुरी जिले की जिन उचित मूल्य की दुकानों को वर्णित अवधि में जो पिछला रूका हुआ खाद्यान्न दिया गया था वह दुकान संचालकों द्वारा काला-बाजारी कर विक्रय किया गया है? यदि नहीं, तो इसका क्या प्रमाण है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा राशन लेने हेतु दुकान पर आने वाले पात्र परिवारों को प्रतिमाह सामग्री प्रदान की जाती है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में यह प्रावधान है कि यदि राशनकार्ड धारक किसी विशिष्ट माह के दौरान उस मास की पात्रता अनुसार सामग्री का क्रय नहीं करता है तो वह ऐसी शेष सामग्री अगले माह प्राप्त कर सकेगा। शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 में उक्त प्रावधान अनुसार पात्र परिवारों को खाद्यान्न का प्रदाय किया गया है एवं राशनकार्ड/पात्रता पर्ची पर उसका इन्द्राज भी किया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जिले की उचित मूल्य दुकानों पर खाद्यान्न वितरण का सत्यापन नियमित रूप से पदस्थ नोडल अधिकारियों, संबंधित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों द्वारा किया जाता है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतवार राशन दुकानों का संचालन
22. ( क्र. 1596 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा.उचित मूल्य की दुकानों को ग्राम पंचायतवार संचालित कराने के शासन के निर्देश दिए गए है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में पंचायतवार दुकानें संचालन की सूची उपलब्ध कराई जावे. (ख) राशन दुकानों को महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा संचालित कराने के लिए शासन के निर्देश दिए गए? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति एवं सिवनी जिले में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित दुकानों की सूची उपलब्ध करावें. (ग) ग्राम पंचायतवार राशन दुकानों को महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से संचालित कराने के निर्देश जाने के बाद भी समूहों से दुकानों को संचालन नहीं कराने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी तथा उक्त दुकानों का संचालन कब तक समूहों के माध्यम से किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। उक्त निर्देश के पालन में उचित मूल्य दुकान के आवंटन की प्रक्रिया प्रचलित है। वर्तमान में जिन पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जिले के ग्रामीण क्षेत्र एवं प्रत्येक नगरीय क्षेत्र में यथासंभव न्यूनतम एक तिहाई उचित मूल्य दुकानें महिलाओं की संस्थाओं को आवंटित करने का प्रावधान है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्तमान में दुकान आवंटन प्रक्रियाधीन होने सूची उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नवीन दुकान आवंटन प्रक्रिया पूर्ण होते ही दुकान आवंटन की जाएगी। उच्च न्यायालय के स्थगन के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
केरोसिन वितरण
23. ( क्र. 1619 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में केरोसिन का किस-किस कम्पनी के द्वारा परिवहन किया जाता है। (ख) विधान सभा क्षेत्र में वितरण हेतु प्रतिमाह कितना कोटा आवंटित है। (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितना कोटा कितनी संस्थाओं को आवंटित किया जा रहा है। (घ) प्रश्न दिनांक तक वितरित केरोसिन की जानकारी प्रदान करें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जैन जिले के विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में इण्डियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के थोक केरोसीन डीलरों द्वारा केरोसीन का परिवहन किया जाता है। (ख) केरोसीन का प्रतिमाह आवंटन क्षेत्र में प्रचलित राशनकार्ड/पात्रता पर्चियों के आधार पर किया जाता है। पात्रता पर्चियों की संख्या अपडेशन के फलस्वरूप परिवर्तित होने से आवंटन की मात्रा भी प्रति माह परिवर्तित होती रहती है। बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में माह जून, 2016 में कुल 1,35,168 लीटर केरोसीन का आवंटन जारी किया गया है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कुल 3,539.984 के.एल केरोसीन का आवंटन 96 संस्थाओं (उचित मूल्य दुकानों) को किया गया है। (घ) माह अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 3,459.222 के.एल केरोसीन का वितरण बड़नगर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को किया गया है।
हितग्राहियों को जारी राशन कार्ड
24. ( क्र. 1620 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को जारी किये गये राशन कार्ड की संख्या कितनी है? राशन कार्ड के लिये कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) वर्ष 2015-2016 में राशन कार्ड प्राप्त करने हेतु प्राप्त कितने आवेदन निरस्त हुए तथा कितने स्वीकृत किये गये? पात्र हितग्राहियों के चयन का क्या आधार है? किन आधारों पर राशन कार्ड का आवंटन किया जाता है? (ग) जो हितग्राही इस योजना से वंचित हैं उनको कब तक इस योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर अंतर्गत कुल 32,476 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची/ई-राशनकार्ड जारी किये गए हैं। ई-राशनकार्ड हेतु उक्त विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 5,078 आवेदन पत्र विगत एक वर्ष में प्राप्त हुए हैं। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आवेदकों के अपात्र पाये जाने के कारण कुल 4,283 आवेदन पत्र निरस्त किये गये। पात्र परिवारों की विभिन्न श्रेणियों में उपयुक्त पाये जाने के कारण 795 आवेदकों को स्थानीय निकायों के सत्यापन उपरांत उचित मूल्य दुकानों से मेप कर पात्रता पर्ची जारी की गई है। पात्र परिवारों की विभिन्न श्रेणियों में संबंधित विभागों द्वारा वैध पाये जाने के आधार पर पात्र परिवारों का चयन किया जाता है एवं स्थानीय निकायों के सत्यापन उपरांत उचित मूल्य दुकानों से मेप कर उन्हे ई-राशनकार्ड (पात्रता पर्ची) जारी किया जाता है। (ग) आवेदन करने वाले पात्र परिवारों का चिन्हांकन एवं सत्यापन एक सतत प्रक्रिया है। अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
संचालित मछुआ समितियां
25. ( क्र. 1626 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधान सभा क्षेत्र में कितनी मछुआ/मत्स्य सहकारी समितियां संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित समितियों को किन-किन स्थानों पर मत्स्याखेट हेतु कौन-कौन से तालाब आदि लीज़ पर दिये गये, सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित समितियों की लीज़ कब समाप्त हो रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में चार मछुआ सहकारी समितियां संचालित है। (ख) प्रश्नांश "क" अनुसार समितियों को मत्स्याखेट हेतु पट्टे पर दिये गये तालाब/जलाशय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ख" अनुसार तालाब/जलाशयों की लीज समाप्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम (4) अनुसार है।
राशन वितरण एवं राशन कार्ड बनाने
26. ( क्र. 1698 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंगावली व जावरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने प्रकार के राशन कार्ड बनाये जाकर कुल कितना राशन किस-किस प्रकार का खाद्यान्न प्रति माह प्राप्त होता है व कितना वितरण होता है, वितरण केन्द्रवार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) क्या विभिन्न प्रकार के राशनकार्ड जो बनाये गये है वह हितग्राहियों को प्राप्त होकर उन्हें निर्धारित मात्रा में राशन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस प्रकार का कितना-कितना राशन किस-किस कार्ड पर किस-किस वितरण केन्द्र से प्रदाय किया जा रहा है? (ग) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक समस्त राशन कार्डधारियों को खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या नवीन बने राशन कार्ड वालों को भी मिल रहा है यदि नहीं, तो किन-किन राशनकार्ड धारियों को खाद्यान्न पर्ची नहीं मिली, उनका वितरण केन्द्रवार, नामवार विवरण दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 32 किलोग्राम गेहूं, 3 किलोग्राम चावल कुल 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 4 किलोग्राम गेहूं, 1 किलोग्राम चावल कुल 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य तथा जावरा विधान सभा क्षेत्र में अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 30 किलोग्राम गेहूं, 5 किलोग्राम चावल कुल 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों 4 किलोग्राम गेहूं, 1 किलोग्राम चावल कुल 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से प्रचलित पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) परिवारों की संख्या के आधार पर आवंटन जारी किया जाता है। माह जून, 2016 में आवंटित एवं वितरित खाद्यान्न की दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश 'क' अनुसार। वितरण केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची एवं पी.ओ.एस. मशीन से परिवार की पहचान के आधार पर खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में नवीन सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी कर माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जा रहा है। पात्र परिवार के रूप में सत्यापित एवं उचित मूल्य दुकान से मैप किए गए समस्त परिवारों की पात्रता पर्ची जारी हो जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुमावली विधान सभा में पोषण आहार में गड़बड़ी
27. ( क्र. 1732 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परियोजना ग्रामीण मुरैना में वर्ष 2014 से जून 2016 तक जिला कार्यालय से कितना पूरक पोषण आहार (THR) प्राप्त हुआ प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र सहित, माहवार वजन सहित प्रत्येक आईटम की जानकारी दी जावे? (ख) उक्त अवधि में प्राप्त खाद्यान्न की निर्धारित मात्रा से कम मिलने की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है, तो उक्त शिकायतों की जाँच कब-कब कराई गई एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या उक्त क्षेत्र की आंगनवाड़ियों का नियमित निरीक्षण जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा न कर स्वयं के निवास पर ही दस्तावेजों में खाना पूर्ति की जाती है? क्या उक्त निरीक्षण की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि को दी जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना के विकासखण्ड क्षेत्र में दस आदर्श आंगनवाड़ी के निर्माण हेतु प्राप्त राशि को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खाते में डालकर स्वयं परियोजना अधिकारी ने वापस ले लिये है, जिसकी पावती आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नहीं दी गई है क्यों? क्या शासन इसकी जाँच करायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परियोजना मुरैना ग्रामीण में वर्ष 2014 से जून 2016 तक जिला कार्यालय से पोषण आहार प्राप्त न होकर एम.पी.एग्रो द्वारा सीधे परियोजना को प्राप्त होता है, जो परियोजना से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक भेजा जाता है। परियोजना को पूरक पोषण आहार (टी.एच.आर.) कितना प्राप्त हुआ प्रत्येक केन्द्र सहित वितरण माहवार वजन एवं प्रत्येक आईटमवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। परियोजना मुरैना ग्रामीण के अन्तर्गत आने वाली समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण सेक्टर पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी द्वारा नियमित किया जाता है। परियोजना अधिकारी द्वारा निरीक्षण की जानकारी एम.आई.एस. पोर्टल पर ऑनलाईन प्रतिमाह दर्ज की जाती है एवं पर्यवेक्षक द्वारा किये गये आंगनवाड़ी केन्द्र निरीक्षण की दौरा डायरी परियोजना अधिकारी के अनुमोदन के उपरान्त परियोजना कार्यालय में संधारित की जाती है। स्वयं के निवास पर खाना पूर्ति करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। सुमावली विधान सभा क्षेत्र के मुरैना विकासखण्ड के आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों के उन्नयन हेतु राशि विभाग के निर्देशानुसार सीधे ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण आहार तदर्थ समिति के खातों में जमा करायी गई है तथा समिति द्वारा कार्य कराकर राशि व्यय की गई है। अतः परियोजना अधिकारी द्वारा राशि वापिस लेने, पावती देने, जाँच कराए जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की पेंशन के संबंध में
28. ( क्र. 1813 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्री आर.व्ही. जोशी, अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सागर मण्डल के पद से अगस्त 2009 में सेवानिवृत्त होने के उपरांत प्रश्न दिनांक तक उनके पेंशन निर्धारण अथवा अन्य स्वत्वों का भुगतान किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो विलम्ब हेतु कारण क्या हैं? (ख) शासन द्वारा प्रदेश के पेंशनभोगी सेवानिवृत्त अधिकारी, कर्मचारियों को पेंशन एवं अन्य स्वत्वों के भुगतान सम्बन्धी दिशा-निर्देश क्या हैं? क्या प्रश्नांश के प्रकरण में दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यो? शासन के निर्देशों का पालन समय-सीमा में न किये जाने के लिये दोषी कौन है? (ग) क्या जिला पेंशन अधिकारी, ग्वालियर द्वारा श्री जोशी का पी.पी.ओ. जारी कर दिये जाने के बावजूद जिला कोषालय सागर को आवश्यक प्रमाण-पत्र मुख्य अभियन्ता ग्वालियर द्वारा उपलब्ध न कराये जाने के कारण भुगतान नहीं हो सका है एवं प्रमाण-पत्र उपलब्ध करने के हेतु जिला कोषालय अधिकारी सागर द्वारा मुख्य अभियंता को पत्र लिखा गया है? (घ) यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं कीं गई, तों दोषी कौन है एवं क्या शासन द्वारा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही कर दंण्डित किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्रेज्युटी, समूह बीमा योजना एवं 100 प्रतिशत् पेंशन का भुगतान किया जाना शेष है। मुख्य अभियंता ग्वालियर द्वारा ग्रेज्युटी एवं 100 प्रतिशत पेंशन भुगतान का प्रस्ताव जिला कोषालय अधिकारी सागर को दिनांक 11.07.2016 को भेजने एवं अधीक्षण यंत्री मण्डल सागर द्वारा समूह बीमा योजना की राशि का देयक प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण। (ख) सेवानिवृत्ति के समय अमांग/अजाँच प्रमाण-पत्र प्राप्त होने की स्थिति में पेंशन एवं अन्य स्वत्वों के तत्काल भुगतान का नियम है। जी नहीं। मुख्य अभियंता ग्वालियर एवं अधीक्षण यंत्री मण्डल सागर के उत्तरदायित्व का निर्धारण जाँच उपरांत ही किया जा सकेगा। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जांचोपरान्त ही बताया जा सकेगा।
सागर नगर में पेयजल समस्या के स्थायी निराकरण
29. ( क्र. 1845 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय बायोगैस एवं खाद्य प्रबंधन कार्यक्रम के तहत सागर जिले में दीनबन्धु मॉडल बायोगैस संयंत्र पर कितने हितग्राहियों को कितना अनुदान दिया गया है? विगत तीन वर्षों में कितने लागत के बायोगैस संयंत्र स्थापित किये गये वर्षवार हितग्राहियों की संख्या एवं अनुदान राशि बतायें? (ख) उक्त योजना का लाभ प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार एवं जन जागृति हेतु क्या कार्यवाही की है? प्रत्येक वर्ष कितने बायोगैस सयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया यदि लक्ष्य सुनिश्चित नहीं हैं तो क्या सरकार प्रत्येक वर्ष लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार करेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) सागर जिले में विगत 3 वर्षों में केन्द्रीय अनुदान के अंतर्गत 432 हितग्राहियों को राशि रूपये 36,34,566/- एवं राज्य शासन के टॉप-अप अनुदान अंतर्गत 464 हितग्राहियों को राशि रूपये 11,60,000/- दिया गया है। विगत 3 वर्षों में राशि रूपये 84,51,300/- लागत के बायोगैस संयंत्र स्थापित किये गये। वर्षवार हितग्राहियों की संख्या एवं देय अनुदान राशि की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
हितग्राहियों की संख्या |
अनुदान राशि रूपये |
2013-14 |
170 |
17,85,000/- |
2014-15 |
146 |
16,95,000/- |
2015-16 |
148 |
17,48,000/- |
(ख) प्रचार-प्रसार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हितग्राहियों को कृषि मेले एवं कृषि महोत्सव के दौरान बायोगैस मार्गदर्शिका का वितरण किया गया। प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 11500 बायोगैस संयत्र स्थापना का लक्ष्य निर्धारित था। प्रत्येक वर्ष जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।
पेयजल संकट की कार्ययोजना
30. ( क्र. 1886 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में पीने के पानी का भीषण संकट को देखते हुए भी विभाग ने उचित पेयजल प्रबंध की कार्य योजना नहीं बनाई जिससे क्षेत्र में पेयजल हेतु हा हाकार मच गया। (ख) विभाग द्वारा पेयजल हेतु कितनी नलजल योजना विगत कई वर्षों से आष्टा क्षेत्र की लंबित है जिसकी स्वीकृति अभी तक नहीं दी गई? ग्रामवार जानकारी देवें? (ग) विभाग द्वारा पेयजल संकट से निपटने हेतु क्या कार्ययोजना बनाई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पेयजल प्रबंध की कार्ययोजना बनाई गई है। (ख) 2 नलजल योजनाएं। ग्राम चामसी एवं खामखेड़ा जत्रा की नलजल योजनाओं की स्वीकृति हेतु पूर्ण अंशदान राशि जमा नहीं करने के कारण। (ग) पेयजल संकट के निवारण हेतु 30 जून, 2016 तक की अवधि के लिये बनाई गई कार्ययोजना संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस चौकी खोलने
31. ( क्र. 1887 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस चौकी खोलने के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई कब तक पुलिस चौकी स्थापित की दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृति
32. ( क्र. 1888 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में अभी अनेक ग्राम में निर्धारित जनसंख्या होने के बावजूद भी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो अभी कितने ग्राम ऐसे हैं, जिनमें आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है और उन ग्राम के हितग्राहियों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है? (ग) इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है क्या शासन उन पर कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हो जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) आष्टा विधान सभा क्षेत्र के 46 राजस्व ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है। आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों को विभागीय योजनाओं का लाभ प्रदाय हेतु निकटवर्ती आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है एवं टीकाकरण, टी.एच.आर. इत्यादि का लाभ दिया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधान सभा क्षेत्र आष्टा के 46 आंगनवाड़ी विहीन राजस्व ग्रामों में से 18 राजस्व ग्रामों की जनसंख्या आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के पूर्ण न होने के कारण आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित नहीं हैं तथा 23 आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों में 35 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 04 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही प्रचलन में है समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
कैदियों को उपलब्ध सुविधाएं
33. ( क्र. 1901 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले में विगत 5 वर्षों में कितने कैदी कारावास (जेल) में बंद रहे वर्षवार संख्या बतावें। (ख) शासन द्वारा एक कैदी पर एक दिन में कितना खर्च तथा सुविधाएं दी जाती हैं? (ग) मंदसौर जेल प्रशासन के द्वारा कैदियों के सुधार हेतु विगत दो वर्षों में क्या-क्या कार्यक्रम कराएं या चलाएं? (घ) मंदसौर जिले के एक कमरे या एक हाल में कितने कैदी रखने का नियम बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मंदसौर जिले में विगत 5 वर्षों में जेल में बंद रहे बंदियों की दिनांक 31 मार्च की स्थिति में वर्षवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्र. |
जेल का नाम |
वर्ष 2011-12 |
वर्ष 2012-13 |
वर्ष 2013-14 |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
1. |
जिला जेल मंदसौर |
370 |
426 |
483 |
471 |
473 |
2. |
उप जेल गरोठ |
135 |
128 |
129 |
96 |
66 |
(ख) शासन द्वारा प्रतिदिन एक कैदी के भोजन पर किये जाने वाला खर्च निर्धारित नहीं है, अपितु प्रतिदिन कैदी के भोजन की मात्रा निर्धारित की गई है, जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शासन द्वारा कैदियों को दी जाने वाली सुविधाएं संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) समय-समय पर योग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराकर कैदियों को योग प्रशिक्षण दिया गया। इसी प्रकार विभिन्न प्रवाचकों को, जेल पर बुलाकर भजन, प्रवचन, ध्यान आदि के कार्यक्रम आयोजित किये गए। (घ) जिला जेल मंदसौर के पुराने बैरिक में 30 एवं नये बैरिक में 20 बंदियों को तथा उप जेल गरोठ के प्रत्येक बैरिक में 10 बंदियों को परिरूद्ध रखने की अधिकृत क्षमता है।
संचालित परियोजनाएं
34. ( क्र. 1902 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में विभाग के द्वारा कितनी परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विभाग के अंतर्गत कितनी तहसील एवं कितने ब्लॉक सम्मिलित हैं? (ग) सीतामऊ एवं गरोठ में दो-दो परियोजना संचालित कि जाती है उन्हें दूसरी II परियोजना का नाम सुवासरा एवं शामगढ़ देकर क्यों सुविधा नहीं दी गई? (घ) ।। नंबर की परियोजना सुवासरा एवं शामगढ़ के नाम से कब से संचालित होना प्रारंभ की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में दो बाल विकास परियोजनायें संचालित की जा रही है। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विभाग के अन्तर्गत चार तहसील सीतामऊ, सुवासरा, गरोठ एवं शामगढ़ तथा दो ब्लॉक गरोठ, सीतामऊ सम्मिलित है। (ग) विभाग द्वारा वर्तमान में सीतामऊ एवं गरोठ में दो-दो बाल विकास परियोजनाएं संचालित कर आई.सी.डी.एस. की सेवाएं आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के नाम अनुसार ही परियोजनाओं के नाम दिये गये है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त नोटरी पद की पूर्ति करना
35. ( क्र. 1912 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के माननीय न्यायालय खिलचीपुर में नोटरी का एक पद रिक्त है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त पद किन कारणों से कब से रिक्त है तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त रिक्त पद की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या माननीय न्यायालय खिलचीपुर में नोटरी का स्वीकृत पद लम्बे समय से रिक्त होने से आमजनों को नोटरी कार्य हेतु काफी कठिनाईयां उत्पन्न हो रही है एवं वर्तमान में न्यायालय में कानूनी कामकाज की अधिकता भी है? यदि हाँ, तो उक्त नोटरी के रिक्त पद की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ? पदस्थ नोटरी का निधन हो जाने से पद रिक्त है। जिला न्यायालय, राजगढ से पैनल प्राप्त न होने के कारण नियुक्ति की कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) जी हाँ? समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गृह निर्माण संस्थाओं की अनियमितता
36. ( क्र. 1967 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में विगत् तीन वर्षों में गृह निर्माण संस्थाओं की अनियिमतता के विरूद्ध पुलिस थानों में कितने आवेदन प्राप्त हुए। थानेवार संख्या की जानकारी दें? गृह निर्माण संस्थाओं के संचालक मण्डल की जानकारी दें जिनके विरूद्ध शिकायतें हैं? (ख) प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्राप्त शिकायतों में से कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं? (घ) ऐसे प्रकरणों में कितने व्यक्तियों को जेल में भेजा गया तथा उक्त प्रकरणों की स्थिति क्या है संस्था सहित नाम उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर जिले में विगत तीन वर्ष 2013, 2014 एवं 2015 की अवधि में गृह निर्माण संस्थाओं की अनियमितता के विरूद्ध पुलिस थानों में जो आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं उनकी थानेवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। गृह निर्माण संस्थाओं के संचालक मण्डल के विरूद्ध वर्ष 2013 में 02 वर्ष 2014 में 03 एवं वर्ष 2015 में 06 शिकायतें प्राप्त हुई जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ख) विगत तीन वर्षों में प्राप्त शिकायतों की जाँच करवाई गई एवं जाँच उपरांत पाये गये तथ्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ के कॉलम 09 पर अंकित है। (ग) प्राप्त शिकायतों में 09 अपराधिक प्रकरण कायम किये गये हैं। थाना सराफा के अपराध क्रमांक 91/14, धारा 420, 120बी, 406ए, 409 भादवि में चालान न्यायालय प्रस्तुत किया गया है। थाना छत्रीपुरा के अपराध क्रमांक 127/14 व 128/14 धारा 292क (3) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 संशोधन 2003 में खारजी कता की गई है। थाना भंवरकुआ के अपराध क्रमांक 239/14, धारा 420 भादवि 292 क (3) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 संशोधन 2003 में विवेचना उपरांत खात्मा कता किया गया है। शेष 05 प्रकरणों की विवेचना जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार। (घ) विवेचना के दौरान कुल 06 प्रकरणों में जिन आरोपियों को जेल भेजा गया है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार।
पशु पालन विभाग में राशि के संबंध में
37. ( क्र. 2015 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक अशोकनगर जिले के विकासखण्ड चन्देरी एवं ईसागढ़ में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा कितनी राशि से कौन-कौन सी दवाईयां क्रय की गई है? (ख) क्रय की गई दवाईयों में से कितनी राशि की दवाईयां कितने पशु पालकों को वितरित की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक अशोकनगर जिले के विकासखण्ड चंदेरी एवं ईसागढ़ में विभाग द्वारा राशि रूपये 35.00 लाख की औषधि क्रय कर प्रदाय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) क्रय की गई दवाइयों से वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 तक विकासखण्ड चन्देरी एवं ईसागढ़ में राशि रूपये 35.00 लाख की औषधियां कुल 186174 पशुओं हेतु पशुपालकों को वितरित की गई।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में बुनियादी सुविधायें
38. ( क्र. 2055 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन हेतु शासन ने कौन-कौन से मापदण्ड निर्धारित किये हैं तथा अन्य कौन-कौन सी बुनियादी सुविधायें होना आवश्यक है? दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिले शहडोल, उमरिया तथा अनूपपुर में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजनावार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये कौन-कौन सी बुनियादी सुविधायें हैं? ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनमें बच्चों के मनोरंजन, खेलकूद की व्यवस्था शौचालय व स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की तहसीलवार, परियोजनावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) उक्त जिलों में सुविधा विहीन ऐसे कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जहां पर बच्चों के बैठने के लिये पर्याप्त जगह, कमरे, शौचालय नहीं हैं। केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) उक्त जिलों में जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के बैठने के लिये पर्याप्त जगह, कमरे, शौचालय नहीं हैं उन केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न करने हेतु क्या विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई है एवं इस हेतु विगत तीन वर्षों में किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये नवीन भवन का निर्माण कितनी राशि से कराया गया तथा इन भवनों में क्या-क्या बुनियादी सुविधायें हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्र के संचालन में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर हितग्राहियों की गतिविधियों हेतु पर्याप्त स्थान, पेयजल, शौचालय इत्यादि बुनियादी सुविधायें होना आवश्यक है निर्धारित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) शहडोल संभाग अन्तर्गत सम्मिलित जिलों में कुल 3377 आंगनवाड़िया (मिनी सहित) संचालित है। इनमे से 2438 विभागीय भवनों में, 533 किराये के भवनों में एवं 406 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (ग) शहडोल संभाग में सम्मिलित 03 जिलों में संचालित 3377 आंगनवाड़ियों में बच्चों के बैठने के लिये पर्याप्त जगह कमरे उपलब्ध है, 573 आंगनवाड़ी केन्द्रो में शौचालय नहीं है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (घ) शौचालय सुविधा विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभिन्न विभागों के अभिसरण से शौचालय निर्माण के लिये निर्देश समस्त कलेक्टर्स को जारी किये गये है। विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में शहडोल संभाग के 03 जिलों को उन्नयन कार्य के लिये 9.00 लाख रूपये एवं अनुरक्षण व रख-रखाव कार्य के लिये 214.00 लाख रू. की राशि जारी की गई है। आंगनवाड़ी भवनों की वर्तमान लागत 7.80 लाख रूपये प्रति भवन नियत है। उक्त अवधि में आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिये शहडोल संभाग के अनुपपूर जिले को 25 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये 42.00 लाख रू., उमरिया जिले को 17 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिय 30.00 लाख तथा शहडोल जिले को 146 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये 264.00 लाख रूपये प्रथम किश्त के रूप में जारी की गई है। निर्मित होने वाले इन आंगनवाड़ी भवनों में पेयजल, शौचालय, खेलकूद के लिये जगह, बाउण्ड्रीवॉल इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है।
गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन
39. ( क्र. 2056 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''प्रधानमंत्री उज्जवला योजना'' के अंतर्गत गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देने के संबंध में भारत सरकार, राज्य सरकार के क्या निर्देश हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) गैस एजेंसी संचालक द्वारा गरीब महिलाओं से क्या-क्या दस्तावेज तथा किस-किस सामग्री हेतु कितनी राशि ली जा रही है? क्या उक्त सामग्री नि:शुल्क दी जा रही है? (ग) गैस एजेंसी संचालकों द्वारा आवेदन पत्र भरने हेतु क्या 200 रूपये लिये जाने का नियम है, यदि नहीं, तो गैस एजेंसी संचालकों द्वारा 200 रूपये क्यों वसूल किये जा रहे हैं? इस योजना की प्रक्रिया में सांसदों और विधायकों की क्या कोई भूमिका निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक इस योजना की प्रक्रिया में सांसदों और विधायकों की क्या कोई भूमिका निर्धारित कर दी जायेगी? (घ) उक्त योजना में गरीब महिला के चयन के क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं, चयन की प्रक्रिया तथा कौन, किस आधार पर इनका चयन करेगा? पूर्ण विवरण के साथ नियम की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ड.) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में इस योजना के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) ''प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना'' के अंतर्गत गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देने के संबंध में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ''प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना'' के अंतर्गत हितग्राही को नवीन गैस कनेक्शन प्राप्त करने हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन, निवास का प्रमाण, बैंक खाता एवं आधार कार्ड की प्रति गैस एजेंसी पर जमा करना अनिवार्य है। योजनांतर्गत हितग्राही को खाली सिलेण्डर, एक रेगूलेटर, सुरक्षा नली, उपभोक्ता कार्ड नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही गैस कनेक्शन हेतु निरीक्षण एवं कनेक्शन स्थापित करने पर होने वाला व्यय भी नहीं लिया जा रहा है। हितग्राही को गैस चूल्हा (हितग्राही के पास चूल्हा न होने पर) एवं प्रथम रिफिल की राशि स्वयं वहन करनी है, हितग्राही द्वारा इस राशि को नगद भुगतान न करने की स्थिति में ब्याज़ मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की सुविधा दी गई है, जिसका समायोजन भविष्य में गैस रिफिल पर देय अनुदान से किया जाएगा। (ग) योजनांतर्गत नवीन कनेक्शन के लिए गैस एजेंसी संचालकों द्वारा हितग्राहियों से आवेदन पत्र भरने हेतु कोई राशि लिये जाने का प्रावधान नहीं है। गैस संचालकों द्वारा हितग्राहियों से आवेदन पत्र भरने के नाम पर कोई राशि लेने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। एजेंसी संचालकों के विरूद्ध इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। योजना के तहत हितग्राहियों को गैस कनेक्शन का वितरण जनप्रतिनिधियों एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति में वितरण कराये जाने का प्रावधान है। (घ) योजनांतर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना वर्ष 2011 में सर्वेक्षित परिवारों की 07 श्रेणियों में से कम से कम एक वंचित श्रेणी के परिवारों की महिलाओं को गैस कनेक्शन जारी किये जाना है। योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) योजनांतर्गत शहडोल जिले में 2793 उमरिया में 2091 एवं अनूपपुर में 2617 हितग्राहियों को नवीन गैस कनेक्शन जारी किये गये हैं।
अधिकारियों/कर्मचारियों के विभागीय जाँच उपरांत पदोन्नति
40. ( क्र. 2081 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस जोन जबलपुर (रेडियो में कार्यरत) कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब विभागीय जाँच आरोपित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभागीय जांचों का अंतिम निष्कर्ष क्या था एवं कौन-कौन सी जांचों में दो बार अंतिम आदेश होने के उपरांत भी विगत तीन वर्षों से अनुशासित अधिकारी के पास पुन: अंतिम आदेश हेतु लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दो बार एक ही विभागीय जाँच में अंतिम आदेश होने एवं तीसरी बार आदेश हेतु लंबित रहने के क्या कारण है, किस विभागीय प्रक्रिया के तहत यह प्रकरण विगत तीन वर्षों से लंबित रखा गया है एवं ऐसी और कितनी विभागीय जाँच एस.एस.पी. (आर) के पास कब से लंबित है? ऐसी स्थिति में विभागीय पदोन्नति बाधित होने पर दोषी कौन है एवं दोषियों के ऊपर शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रपत्र के क्रमांक-3 पर अंकित श्री जयकुमार मेहता की विभागीय जाँच मान. न्यायालय में प्रकरण प्रचलित रहने के कारण लंबित है। (ग) मान. न्यायालय में विभागीय जाँच की विषय वस्तु की घटना से संबंधित आपराधिक प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन होने के आधार पर विभागीय जाँच में निर्णय स्थगित करते हुए अंतिम निर्णय मान. न्यायालय द्वारा पारित निर्णय उपरांत लिये जाने का आदेश जारी किया गया है। कोई दोषी नहीं है अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य में सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली
41. ( क्र. 2099 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत किस-किस श्रेणी के हितग्राहियों या कार्डधारियों को वर्तमान में किस दर पर प्रतिमाह कितनी-कितनी सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है? (ख) सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से सामग्री उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में राज्य में किस श्रेणी के कितने कार्डधारी पंजीकृत है, उनकी यूनिट संख्या क्या है? जिलेवार बतायें। (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से सामग्री प्राप्त किये जाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन को पात्र माना गया है एवं शहरी क्षेत्रों में किस-किस को पात्र माना गया है? (घ) किस सामग्री पर भारत सरकार कितना अनुदान दे रही है एवं राज्य सरकार कितना अनुदान दे रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को खाद्यान्न 35 किलोग्राम प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से रू. 1/- प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को नमक 1 किलोग्राम रू. 1/- एवं शक्कर 1 किलोग्राम रू. 13.50/- की दर से तथा अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 5 लीटर तथा प्राथमिकता परिवारों को 4 लीटर केरोसीन प्रतिमाह प्रति परिवार कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर दिया जा रहा है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सत्यापित अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता परिवारों एवं सदस्य संख्या की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ पर दर्शित है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार की दो श्रेणी हैं- अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता परिवार। प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित शहरी एवं ग्रामीण परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण किए जाने वाले खाद्यान्न एवं केरोसीन का आवंटन भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर पर राज्य सरकार को उपलब्ध कराए जाने के कारण अनुदान राशि की जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजनांतर्गत वितरण किए जाने वाले गेहूं पर रू. 1/- एवं चावल पर रू. 2/- किलो तथा नमक पर रू. 6.03 प्रति किलो समस्त व्यय सहित का अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा क्रय कर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण हेतु उपलब्ध कराई जा रही शक्कर पर भारत सरकार द्वारा रू. 18.50 तथा राज्य सरकार द्वारा रू. 4.83 प्रति किलो समस्त व्यय सहित का अनुदान दिया जा रहा है। शक्कर एवं नमक का क्रय निविदा के माध्यम से किये जाने के कारण अनुदान की राशि परिवर्तनशील है।
जल संरक्षण योजना का क्रियान्वयन
42. ( क्र. 2102 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिला में जल संरक्षण योजना के तहत विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ख) विगत 03 वर्षों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग योजना का संचालन किन-किन ग्रामों में किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित योजना हेतु सिवनी जिले में कितनी राशि का आवंटन विगत 3 वर्षों में किया गया, उसमें विधान सभा क्षेत्र केवलारी में कहाँ-कहाँ उपरोक्त योजना से संबंधित कार्य कराये गये? क्या वर्तमान में यह योजना सुचारू रूप से संचालित हो रही है? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। रिचार्ज शॉफ्ट का निर्माण एवं नलकूपों की हाइड्रोफ्रैक्चरिंग का कार्य किया जा रहा है। (ख) विगत 3 वर्षों में किसी भी ग्राम में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य नहीं किया गया है। (ग) विगत 3 वर्षों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग हेतु पृथक से कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ। शेष उत्तरांश-‘ख‘ अनुसार।
कृषि उपज खरीदी केन्द्र
43. ( क्र. 2131 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अतारांकित प्रश्न संख्या 104 (क्रमांक 2076), दिनांक 26.02.2016 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ग) के उत्तर में सिकमी कास्तकार द्वारा मूल किसान से भूमि के सिकमी पर लेने हेतु किये गये अनुबंध अधिकार पत्र में उल्लेखित अवधि अनुसार अनुबंध मान्य होता है? उत्तर दिया है तो केन्द्रीय सहकारी बैंक शिवपुरी की शाखा करैरा में कार्यरत सेवा सहकारी समितियों द्वारा वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक की गई खरीदी से सिकमी के पंजीयन के अनुबंध पत्र/अधिकार पत्र का विवरण उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : जी हाँ। केन्द्रीय सहकारी बैंक शिवपुरी की शाखा करैरा में कार्यरत सेवा सहकारी समितियों द्वारा वर्ष 2014-15 में जिन सिकमी काश्तकारों से समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन किया गया है, उनसे किए गए अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। वर्ष 2015-16 में केन्द्रीय सहकारी बैंक शिवपुरी की शाखा करैरा में आने वाली संस्थाओं द्वारा किसी भी सिकमी काश्तकार का गेहूं उपार्जन हेतु पंजीयन नहीं किया गया है।
प्रश्नकर्ता की शिकायत पर कार्यवाही
44. ( क्र. 2135 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के भ्रमण के दौरान श्रीमती ममता सिंह पर्यवेक्षक का जनसमुदाय के साथ अच्छा कार्य व्यवहार एवं विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का सही ढंग से संचालन न करने संबंधी मौखिक शिकायतें की गई जिस पर से प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक/339/एम.एल.ए./2016 दिनांक 04.02.2016 को जिला कार्यक्रम अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा जिला शिवपुरी को शिकायत पत्र प्रस्तुत किया था? जिसमें जाँच की जाकर इनके प्रशासकीय अधिकारी छीनने का उल्लेख भी था? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत दिनांक से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक शिकायत की जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताते हुये कार्यवाही कब तक की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक का पत्र प्राप्त हुआ था परन्तु पत्र में जाँच किये जाने का उल्लेख नहीं था इसलिए जाँच नहीं कराई गई। (ख) पत्र में जाँच किये जाने का उल्लेख नहीं था। पत्र में पर्यवेक्षक श्रीमती ममता सिंह के विरूद्ध किसके द्वारा क्या शिकायत की गई, यह भी स्पष्ट उल्लेखित नहीं था इस कारण प्रशासकीय प्रभार नहीं हटाया गया। प्रशासकीय प्रभार के दौरान सामान्य कार्य किए जाते हैं, आहरण- संवितरण अधिकारी का प्रभार श्री सत्यपाल शेखरन परियोजना अधिकारी नरवर के पास है। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी
45. ( क्र. 2163 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में वर्ष 2013 से अब तक कुल कितने अपराध पंजीबद्ध हुये हैं? पुलिस थानावार, अपराधवार संख्या बतायी जावे? (ख) प्रश्नगत अपराधों में से कितने अपराधों के चालान पेश हुये तथा कितनों का खुलासा हुआ कितने शेष है कारण सहित जानकारी दी जावें? (ग) विभाग द्वारा शस्त्र लायसेंस दिये जाने की अनुशंसा करने हेतु क्या-क्या मापदण्ड प्रचलन में है तथा प्रश्नगत अवधि में विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत शस्त्र लायसेंस प्राप्त करने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं कितनों पर अनुशंसा की गई और कितनों पर नहीं की गई कारण सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ एवं ’स’ अनुसार है।
गौ शाला की जानकारी के संबंध में
46. ( क्र. 2167 ) श्री अनिल जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा गौ वंश संरक्षण के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं योजनावार जानकारी दी जावें। गौ शाला खोले जाने हेतु क्या-क्या नियम प्रचलन में है? (ख) टीकमगढ़ जिले में प्रश्न दिनांक में कितनी गौ शालायें संचालित हैं? उनमें उपलब्ध पशुओं की संख्या एवं निर्मित सुविधाओं का विवरण गौशालावार दिया जावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में कितनी नवीन गौशालायें कहाँ-कहाँ पर खोले जाने के प्रयास शासन द्वारा किये जा रहे हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा पंजीकृत क्रियाशील गौशालाओं को जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियों के माध्यम से गौवंश के भरण पोषण हेतु अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। गौशालाओं में नस्ल सुधार, व्यवस्थापन, जैविक खाद निर्माण के प्रोत्साहन हेतु गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। गौशाला खोले जाने हेतु नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) टीकमगढ़ जिले में प्रश्न दिनांक कुल 07 गौशालाऐं पंजीकृत होकर क्रियाशील है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) गौशालाऐं समाजसेवियों/संस्थाओं द्वारा खोली जाती हैं, जिनके म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीयन उपरांत बोर्ड द्वारा उन्हें अनुदान प्रदाय किया जाता है। विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के कोई भी समाजसेवी/संस्था गौशाला पंजीयन हेतु नियमानुसार आवेदन कर सकते है।
जेलों के संबंध में
47. ( क्र. 2172 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 1 जनवरी, 2016 की स्थिति में प्रदेश की विभिन्न श्रेणी की जेलों में कैदियों को क्या-क्या सुविधायें मुहैया कराई जा रही हैं? (ख) टीकमगढ़ जिले की विभिन्न जेलों में उक्त तिथि को कितने कैदी मौजूद है और उन्हें क्या-क्या सुविधायें दी जा रही है? (ग) टीकमगढ़ जिले में कैदियों को दिये जाने वाले राशन, खाद्य सामग्री क्या मानक स्तर के दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो विगत 3 वित्तीय वर्षों में एजेंसी बार प्रदाय मानक सामग्री की मात्रा बतायी जावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले की विभिन्न जेलों में दिनांक 1 जनवरी, 2016 की स्थिति में निरूद्ध बंदियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इन बंदियों को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार सुविधाएं दी जा रही है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
स्थायी वर्गीकृत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी
48. ( क्र. 2273 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में कुल कितने स्थायी वर्गीकृत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत थे जिनको दिनांक 31.12.2015 को सेवानिवृत्त किये जाने का आदेश दिनांक 17.9.2015 को जारी किया गया था? कर्मचारियों के नामवार जानकारी दी जावें। (ख) क्या उक्त आदेश के विरूद्ध उक्त कर्मचारियों के द्वारा पृथक-पृथक माननीय उच्च न्यायालय में याचिकायें प्रस्तुत की गयी है जिनमें पारित आदेशों के क्रम में कितने कर्मचारियों को पुन: कार्य पर रख लिया गया है और किन-किन को नहीं? नामवार जानकारी दी जावें। (ग) कार्य पर न लिये जाने वाले कर्मचारियों को कब तक कार्य पर लिया जायेंगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एक। श्री कमलेश कुमार शर्मा। (ख) एवं (ग) श्री कमलेश कुमार शर्मा को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में पुन: कार्य पर रख लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डीजल पंप से कम डीजल का प्रदाय
49. ( क्र. 2284 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मई एवं जून 2015 को नापतौल विभाग द्वारा कौन-कौन से डीजल पंप पर अमानक डीजल, डीजल पंप मशीन से कम डीजल देने संबंधी कार्यवाही की गई। इस पंप के मालिक का नाम एवं पता बतायें। इस कार्यवाही में कौन-कौन अधिकारी मौके पर उपस्थित थे। मौके पर किस अधिकारी द्वारा किस-किस उपकरण, पदार्थ की जाँच की गई? (ख) उक्त मौके पर नापतौल अधिकारी कौन थे, नापतौल अधिकारी द्वारा किन उपकरणों को चेक किया गया, उपकरणों में किस प्रकार की खामी पाई गई। डीजल पंप पर नापतौल अधिकारी द्वारा पूर्व निरीक्षण के समय लगाई गई सील की स्थिति क्या थी। इस प्रकरण के पूर्व किस नापतौल अधिकारी ने इस पंप की जाँच की तथा सील लगाई गई? (ग) उक्त मौके पर पंचनामा किस अधिकारी द्वारा बनाया गया, डीजल पंप मशीन की रीडिंग में अनियमितता होने पर क्या कार्यवाही की गई। वर्तमान में यह कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? (घ) उक्त पंप की जाँच में कौन-कौन से विभाग सम्मिलित थे। डीजल पंप जाँच संबंधी हुए पत्राचार का विवरण देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टंकी निर्माण कार्य
50. ( क्र. 2286 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने टंकी निर्माण कार्य पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारम्भ हैं? अप्रारम्भ एवं अपूर्णता का कारण भी बतायें। (ख) विभागीय कार्य राशि में गबन, अनियमित आहरण आदि के कितने प्रकरण किस स्तर पर प्रचलन में हैं। कितने प्रकरण न्यायालय, कलेक्टर न्यायालय, एस.डी.एम. न्यायालय, पुलिस स्तर पर कार्यवाही हेतु लंबित हैं। प्रकरणवार आरोपियों के नाम स्थान सहित सूची देवें। (ग) वर्ष 2016 में कितने स्थानों से नलकूप निकाले गये, कारण सहित बतायें। (घ) नलकूप खनन एवं नलकूप मरम्मत कार्य खरगोन जिले में किन शर्तों पर प्रदान किया गया है। प्रति देवें। नलकूप की शिकायत की अवधि एवं मरम्मत में लगने वाले दिनों की गणना हेतु विभाग क्या प्रक्रिया अपना रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 158 टंकियों का निर्माण कार्य किया जाना था जिसमें से 149 पूर्ण, 7 प्रगतिरत एवं 2 अप्रारंभ हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ऐसा कोई प्रकरण नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 883 नलकूपों से हैण्डपंप निकाले गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
जिला न्यायालय
51. ( क्र. 2287 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने जिला न्यायालय उनके जिला मुख्यालय पर स्थित हैं तथा कितने जिला मुख्यालय पर स्थित नहीं हैं, नाम, स्थान सहित सूची देंवे। (ख) प्रदेश में कितने जिला न्यायालय को जिला मुख्यालय में स्थानांतरित कब-कब किया गया। कारण सहित सूची देंवे। (ग) खरगोन जिले में झिरन्या, भगवानपुरा एवं सेगाव के दूरस्थ ग्रामीणों को खरगोन जिला न्यायालय अधिकतम कितनी दूरी पर स्थित है। सुलभ न्याय हेतु दूरस्थ ग्रामीणों को जिला मुख्यालय में जिला न्यायालय स्थानांतरण किया जा सकता है या नहीं। इस स्थानांतरण संबंधी कितने आवेदन संबंधित विभाग को विगत 3 वर्षों में प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों पर की गई कार्यवाही बतायें। (घ) खरगोन जिला न्यायालय को जिला मुख्यालय पर स्थापित करने संबंधी कार्यवाही किस कारण लंबित है। इस संबंध में हुए पत्र व्यवहार की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रदेश के निम्नलिखित 49 जिला न्यायालय उनके जिला मुख्यालयों पर स्थित हैं 1 अलीराजपुर, 2 अनूपपुर, 3, अशोकनगर, 4 बालाघाट, 5 बड़वानी, 6 बैतूल, 7 भिण्ड, 8 भोपाल, 9 बुराहनपुर, 10 छतरपुर, 11 छिंदवाड़ा, 12 दमोह, 13 दतिया, 14 देवास, 15 धार, 16 डिण्डोरी, 17 पूर्वी निमाड (खण्डवा), 18 गुना, 19 ग्वालियर, 20 हरदा, 21 होशंगाबाद, 22 इन्दौर, 23 जबलपुर, 24 झाबुआ, 25 कटनी, 26 मण्डला, 27 मंदसौर, 28 मुरैना, 29 नरसिंहपुर, 30 नीमच, 31 पन्ना, 32 रायसेन, 33 राजगढ़, 34 रतलाम, 35 रीवा, 36 सागर, 37 सतना, 38 सीहोर, 39 सिवनी, 40 शहडोल, 41 शाजापुर, 42 श्योपुर, 43 शिवपुरी, 44 सीधी, 45 सिंगरोली, 46 टीकमगढ़, 47 उज्जैन, 48 उमरिया, 49 विदिशा प्रदेश का 1 जिला न्यायालय पश्चिम निमाड़ (मण्डलेश्वर) उसके जिला मुख्यालय खरगोन में स्थित न होकर पश्चिम निमाड़ मण्डलेश्वर में स्थित है। (ख) प्रदेश के 49 जिला न्यायालय उनकी स्थापना के दिनांक से उनके जिला मुख्यालयों पर ही स्थापित है। अतः इन जिला न्यायालयों में से किसी भी जिला न्यायालय को जिला मुख्यालय में स्थानांतरित किया जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मात्र एक जिला न्यायालय पश्चिम निमाड़ (मण्डलेश्वर) जिला मुख्यालय खरगोन पर आवश्यक मूलभूत सुविधाएँ जैसेः- उपयुक्त शासकीय भवन, न्यायाधीश एवं स्टाफ हेतु उपयुक्त एवं समुचित शासकीय आवासगृह आदि उपलब्ध न होने के कारण अभी तक स्थानांतरित नहीं किया जा सका है। (ग) खरगोन जिले में झिरन्या, भगवानपुरा एवं सेगांव के दूरस्थ ग्रामीणों को खरगोन जिला न्यायालय से अधिकतम दूरी की जानकारी एकत्रित की जा रही है। जिला मुख्यालय पर आवश्यक मूलभूत सुविधाए, जैसेः- न्यायालय हेतु उपयुक्त एवं सर्वसुविधायुक्त शासकीय भवन तथा न्यायाधीश एवं अमले के लिये उपयुक्त एवं समुचित शासकीय आवासगृह उपलब्ध होने पर ही जिला मुख्यालय पर जिला न्यायालय स्थानांतरित किया जा सकता है। विगत 3 वर्षों में कुल 06 आवेदन प्राप्त हुए है। प्राप्त आवेदन पत्र समुचित कार्यवाही हेतु उच्च न्यायालय को प्रेषित किये गये। उच्च न्यायालय ने मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, स्थानांतरण पर होने वाले व्यय की पूर्ति हेतु बजट की उपलब्धता तथा जिला न्यायालयों को मुख्यालय में स्थानांतरण के संबंध में शासन की नीति/अभिमत से अवगत कराने का अनुरोध किया गया है। तदनुसार मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कलेक्टर खरगोन को लिखा गया एवं जिला न्यायालय को मुख्यालय में स्थानांतरण के संबंध में नीति निर्धारण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग से जानकारी प्राप्त की गई। सामान्य प्रशासन विभाग ने अवगत कराया है कि वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन के तहत विधि विभाग स्वयं इस हेतु आवंटित कार्यों के मद्देनजर व्यय हेतु यथा बजटीय प्रावधान के अनुसार सक्षम है। कलेक्टर खरगोन ने खरगोन जिला मुख्यालय पर जिला न्यायालय स्थापित किये जाने हेतु मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत उपयुक्त न्यायालय भवन एवं न्यायाधीश तथा स्टाफ के लिये उपयुक्त एवं समुचित आवासगृह उपलब्ध होने की जानकारी दी है। कलेक्टर के उक्त प्रतिवेदन पर अभिमत प्रदान करने का अनुरोध उच्च न्यायालय से किया गया है। उच्च न्यायालय का अभिमत अप्राप्त है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय की अनुशंसा एवं प्रस्ताव अनुसार आवश्यक मूलभूत सुविधाएं जैसेः- न्यायालयों हेतु उपयुक्त एवं सर्वसुविधायुक्त शासकीय भवन तथा न्यायाधीशों एवं अमले के लिये उपयुक्त एवं समुचित शासकीय आवासगृह उपलब्ध न होने के कारण जिला न्यायालय को जिला मुख्यालय खरगोन पर स्थापित करने संबंधी कार्यवाही लंबित है। पत्र व्यवहार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बड़नगर विधान सभा क्षेत्र की गैस एजेंसियां
52. ( क्र. 2299 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी गैस एजेंसियां हैं किस-किस कम्पनी की गैस एजेंसियां कार्यरत हैं तथा उनके ऑफिस एवं गोडाउन कहाँ-कहाँ स्थित है। (ख) यह एजेंसियां किस-किस के नाम से आवंटित हैं प्रत्येक एजेंसी पर कितने कनेक्शन की पात्रता है? (ग) पात्रतानुसार कितने कनेक्शन स्वीकृत हैं तथा कितने कनेक्शन दिये गये हैं सूची उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
मत्स्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन
53. ( क्र. 2308 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सहायक संचालक मत्स्य, जिला होशंगाबाद को पत्र क्रमांक 414/आर पिपरिया दिनांक 10/05/2016 द्वारा पत्र लिखा गया था यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक मत्स्य विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं हेतु जिला होशंगाबाद अन्तर्गत कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई विकासखण्डवार, कार्यवार जानकारी प्रदान करें? (ग) मत्स्य बाजार बनाये जाने हेतु क्या गाईड लाईन हैं, जिला होशंगाबाद अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में मत्स्य बाजार बनाये जाने हेतु किस-किस स्थान हेतु राशि आवंटित की गई, विकासखण्डवार व कार्य, स्थानवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 670 दिनांक 23.06.2016 से चाही गई जानकारी प्रदाय की गई। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जिला होशंगाबाद अन्तर्गत योजनाओं पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) मत्स्य बाजार बनाये जाने हेतु जारी की गई योजना एवं गाईड लाईन तथा जिला होशंगाबाद अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में मत्स्य बाजार हेतु आवंटित राशि की विकासखण्डवार एवं कार्य स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति
54. ( क्र. 2309 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनपद पंचायत पहाड़गढ़ के मजरा हमीरपुर में आदेश क्र. आ.बा.नि/स्था/२००७-२००८/४८४ए दिनांक १८-०८-२००९ से की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के छ: वर्ष बाद उसके शैक्षणिक दस्तावेज हायर सेकण्डरी अकंसूची की जाँच करवाने के क्या कारण रहे उक्त दस्तावेज के अलावा अन्य दस्तावेजों की जाँच भी कराई थी यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन विवरण देवें? (ख) क्या उक्त कार्यकर्ता की नियुक्ति के समय प्रस्तुत दस्तावेज के प्रमाणीकरण के बावजूद भी ०२ माह उपरांत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से इस्तीफा के क्या कारण रहे? क्या विभाग द्वारा फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति के कारण इस्तीफा लिया जाकर प्रकरण को दबाये जाने का कृत्य किया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास परियोजना पहाड़गढ़ के पत्र क्र./148 ए/ दिनांक 18.08.2009 के द्वारा श्रीमती लक्ष्मी सिकरवार की नियुक्ति आंगनवाड़ी केन्द्र हमीरपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर की गई। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के पत्र क्र./क्यू/1068/2015/ दिनांक 05.10.2015 के परिप्रेक्ष्य में आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जाँच हेतु संचालक म.प्र. राज्य ओपन स्कूल बोर्ड शिवाजी नगर भोपाल को पत्र क्र./जाँच/2015-16/5637 मुरैना दिनांक 06.10.2015 द्वारा लेख किया गया था। म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद शिवाजी नगर भोपाल के पत्र क्र./रिकार्ड/2015/4423/ भोपाल दिनांक 07.10.2015 द्वारा हॉयर सेकण्डरी की सत्यापित अंकसूची एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पहाड़गढ द्वारा सत्यापित बी.पी.एल. प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद शिवाजी नगर भोपाल के पत्र क्र./ रिकार्ड/2015/4423/ भोपाल दिनांक 07.10.2015 द्वारा हॉयर सेकण्डरी की अंकसूची कार्यालयीन रिकार्ड से सत्यापित कर प्रेषित की गई। जी नहीं। उक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा दिनांक 03.12.2015 को स्वेच्छा से इस्तीफा दिया गया अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में बोरवेल की जानकारी
55. ( क्र. 2312 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में मार्च 2016 के बाद से किस दिनांक से पी.एच.ई. और मेकेनिकल विभाग के द्वारा किस-किस ग्राम में कितने बोरवेल कितनी गहराई के कराये गये हैं पृथक-पृथक मेकेनिकल और पी.एच.ई. दोनों की अलग-अलग जानकारी प्रदान करें? (ख) किये गये बोरवेल में कितने बोरवेल से पानी की आवक हुई तथा कितने बोरवेल बिना पानी (सुखे) रहे। किये गये बोरवेल में प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपंप डाल कर ग्रामीण जनता को सुविधा प्रदान की गई ग्रामवार सूची प्रदान की जायें? (ग) उज्जैन जिले में किस-किस कंपनी को बोर उत्खनन के ठेके प्रदान किये गये तथा प्रति फिट के हिसाब से क्या दर रही। ठेकेदार के नाम तथा किये गये बोरवेल की जानकारी प्रदान करें। इन ठेकेदारों को प्रश्न दिनांक तक किस-किस ठेकेदार को कितना-कितना भुगतान किया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है।
दैनिक वेतन पर कर्मचारी रखने के नियम
56. ( क्र. 2333 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यान विभाग में दैनिक वेतन पर कर्मचारी रखने के क्या नियम हैं, क्या कोई अधिकारी कर्मचारी अपने सगे संबंधियों को अपने कार्यालय में दैनिक वेतन पर कर्मचारी रख सकते हैं, नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) दतिया जिले में वर्ष 2010 के उपरांत कौन-कौन कर्मचारी (प्रश्न दिनांक तक) दैनिक वेतन पर रखे गये तथा कौन-कौन निकाले गये? इनके नियुक्ति हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई तथा निकालने के क्या कारण रहे, सूची सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या दतिया जिले की इंदरगढ़-नर्सरी पर उद्यान विकास अधिकारी द्वारा अपने सगे संबंधियों को दैनिक वेतन पर पुराने कई वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को हटाकर रखा है, क्या उनके द्वारा किया गया कृत्य शासन के नियम में आता है? यदि नहीं, तो इसके लिये क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उद्यान विभाग में दैनिक वेतन पर कर्मचारी रखने का कोई नियम नहीं है। विभाग में कार्य की आवश्यकता एवं बजट उपलब्धता के आधार पर श्रमिक रखे जाते हैं। अतः नियम की प्रति उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग में कार्य की आवश्यकता एवं बजट उपलब्धता के आधार पर श्रमिक रखे जाते हैं तथा कार्य समाप्त उपरान्त श्रमिकों को कार्य से पृथक किया जाता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान का वितरण
57. ( क्र. 2343 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में विगत तीन वर्षों में कितने कार्डधारी या पर्चीधारियों को खाद्यान का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा किया गया है? (ख) प्रति यूनिट कितना गेहूं, चावल, नमक एवं अन्य चीजे प्रदान की जाती हैं? (ग) जिले में प्रत्येक दुकान के अनुसार कितनी मात्रा विविध खाद्यानों एवं उपयोगिता वस्तुओं की प्रदान की जाती है, दुकानवार जानकारी दें? (घ) जो कार्डधारी पर्चियों से वांछित है उन्हें पर्चियां उपलब्ध कराने हेतु विभाग क्या कार्यवाही एवं कब तक करने जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खाद्यान्न वितरण के पात्रता पर्चीधारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को खाद्यान्न 35 किलोग्राम (30 किलोग्राम गेहूं, 5 किलोग्राम चावल) प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम (4 किलोग्राम गेहूं, 1 किलोग्राम चावल) प्रति सदस्य के मान से, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को नमक 1 किलोग्राम, शक्कर 1 किलोग्राम तथा अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 5 लीटर तथा प्राथमिकता परिवारों को 4 लीटर केरोसीन प्रतिमाह प्रति परिवार दिया जा रहा है। (ग) उचित मूल्य दुकानों पर संलग्न पात्र परिवारों की संख्या के आधार पर खाद्यान्न एवं अन्य राशन सामग्री का दुकानवार ऑनलाईन आवंटन जारी किया जाता है। माह जुलाई, 2016 हेतु आवंटित राशन सामग्री की दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) स्थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल पर सत्यापित समस्त परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है।
कार्य योजना संचालित
58. ( क्र. 2344 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की कौन सी कार्ययोजना संचालित हैं? (ख) कितने अधिकारी एवं कर्मचारी किस-किस जगह विभाग में कार्यरत हैं? (ग) विगत दो वर्षों में अभी तक जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये गये एवं कराये जाने की योजना है? (घ) कितने बागान एवं फार्म विभाग द्वारा विकसित किये गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा बागान एवं फार्म विकसित नहीं किये जाते है। फल पौध रोपण योजनांतर्गत चयनित कृषकों द्वारा फल पौध रोपण करने पर विभाग द्वारा योजना के प्रावधान अनुसार अनुदान दिया जाता है।
नलजल योजना अंतर्गत प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही
59. ( क्र. 2354 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला छतरपुर के अंतर्गत तहसील नौगांव, लवकुशनगर, चंदला व राजनगर में वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में जनभागीदारी योजना के तहत नलजल योजना अंतर्गत कितने प्रस्ताव किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए? ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार, उप संभागवार जानकारी देवें तथा किन-किन पंचायतों द्वारा एवं अन्य द्वारा योजना अंतर्गत किस-किस दिनांक को 01 प्रतिशत एवं 03 प्रतिशत की राशि जमा की गई? (ख) पंचायत द्वारा राशि जमा करने के बाद किस दिनांक को टेण्डर बुलाए गए तथा किस दिनांक को कार्य आदेश जारी किये गये? यदि कार्य आदेश जारी नहीं किये गये हैं, तो इनके लम्बित रखने का क्या कारण है? (ग) क्या लम्बे समय तक कार्य आदेश जारी नहीं करना एवं शासन की नीति एवं मंशा अनुसार काम न करने हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम खिरवा एवं पहरापुरवा की नलजल योजना की स्वीकृति जारी हो चुकी है। ग्राम हिनौती की नलजल योजना की स्वीकृति परीक्षणाधीन है। ग्राम ललपुर एवं मउसहानिया की अंशदान की राशि नवीन नलजल प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध लगने की दिनांक 29.6.2015 के पश्चात् प्राप्त होने पर स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी है। ग्राम पहरापुरवा योजना हेतु निविदा क्रमांक 19 दिनांक 13.6.14 से आमंत्रित की गई। कार्यादेश क्र. 3285 दिनांक 03.11.14 से जारी किया गया। निविदाकार की मृत्यु हो जाने के कारण शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु पुन: निविदा आमांत्रित की जा रही है। ग्राम खिरवा जल प्रदाय योजना हेतु निविदा क्र. 02 दिनांक 10.06.15 से आमंत्रित की गई। जिसे अधीक्षण यंत्री द्वारा पत्र क्र. 572 दिनांक 09.02.16 से निरस्त किया गया। पुनः निविदा पत्र क्र. 17 दिनांक 09.03.16 से आमंत्रित की गई। जिसमें किसी भी निविदा कार द्वारा भाग नहीं लिया गया। निविदा आमंत्रण की पुनः कार्यवाही की जा रही है। (ग) कार्यवाही शासन के नियमों के अनुरूप की गई है। अतः कोई अधिकारी/कर्मचारी विलंब के लिये उत्तरदायी नहीं है।
हैण्डपंपों में कुटॉक एवं मैपिंग कार्य
60. ( क्र. 2373 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सतना खण्ड अंतर्गत हैण्ड पम्पों में कुटॉक एवं मैपिंग का कार्य कराया गया था? यदि हाँ, तो किसके द्वारा कराया गया है, बताएं? (ख) क्या किसी संस्था या अशासकीय व्यक्ति द्वारा यह कार्य किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उसके पास पूर्व से अनुभव था? यदि नहीं, तो ऐसे फर्म को कार्य क्यों दिया गया कारण सहित बताएं? (ग) क्या उक्त कार्य पूर्व में विभाग के उपयंत्री एवं ब्लॉक समन्वयक द्वारा किया जा रहा था तो फिर अशासकीय व्यक्ति को बिना टेन्डर के कार्य क्यों दिया गया? कारण सहित बताएं? (घ) क्या वर्तमान में उसी फर्म को बिना टेन्डर के पुन: कार्य दिया गया है? क्या इस फर्म द्वारा किये गये कार्य की जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। विभाग में पदस्थ उपयंत्रियों एवं विकासखण्ड समन्वयकों के पर्यवेक्षण में निजी संस्था द्वारा। (ख) जी हाँ। जी नहीं। यह कार्य एक नये प्रकार का कार्य था, जिसका किसी भी संस्था के पास पूर्व अनुभव नहीं था। (ग) जी हाँ। विभागीय अमले के पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्यों में व्यस्त रहने के कारण विभागीय रूप से कार्य कराया जाना संभव नहीं था। अशासकीय व्यक्ति को बिना टेण्डर के कार्य नहीं दिया गया है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। फर्म द्वारा कार्य निर्धारित मापदण्डानुसार किया गया है अत: जाँच काराये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिला सलाहकारों एवं ब्लॉक समन्वयकों को प्राप्त सुविधाएं
61. ( क्र. 2374 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के समस्त जिलों के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में वर्ष 2013 में ब्लॉक समन्वयकों व जिला सलाहकारों की संविदा नियुक्ति की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इन्हें नियमित करने की योजना है? यदि है तो कब तक नियमितीकरण के आदेश जारी किये जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताएं? (ग) क्या इन संविदा कर्मियों को वेतन वृद्धि का लाभ देते हुए ई.पी.एफ. कटौती भी की जाएगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में नियुक्त जिला सलाहकारों को खण्ड कार्यालय सतना में बैठने की व्यवस्था तथा प्रचार प्रसार हेतु भ्रमण हेतु वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो विगत वर्ष 2015-16 में प्रचार प्रसार के लिए भ्रमण हेतु किन-किन जिला सलाहकारों को वाहन उपलब्ध कराया गया तथा उनके द्वारा कहाँ-कहाँ भ्रमण किया गया जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। भारत शासन की योजना के प्रावधान अनुसार सीमित अवधि के लिए ही उनकी सेवा संविदा पर ली गयी है। (ग) जी नहीं। (घ) बैठने की व्यवस्था की गई है। वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया है। वाहन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान नहीं है, यात्रा भत्ता नियमानुसार दिया जाता है।
मत्स्य विभाग अंतर्गत आई.ए.पी. योजना के क्रियान्वयन
62. ( क्र. 2399 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में मत्स्य विभाग को आई.ए.पी. योजना से वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है और इस योजना से प्राप्त मद का कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया है? (ख) मत्स्य विभाग सिवनी को आई.ए.पी. योजना से प्राप्त आवंटन की कितनी राशि वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 व 2016-17 मछली उत्पादन हेतु खर्च की गई है? व्यय होने के बाद मछली उत्पादन में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है वर्षवार तुलनात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। इस योजना के क्रियान्वयन के चलते यदि विभागीय अधिकारियों की कोई शिकायत हुई हे तो जाँच उपरांत की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन आई.ए.पी. योजना में वर्ष 2014-15 में निरंक वर्ष 2015-16 में 32.50 लाख एवं वर्ष 2016-17 में निरंक आवंटन प्राप्त हुआ है प्राप्त राशि रूपये 32.50 लाख से ग्राम बागडोगरी (पांडिया छपारा) में मत्स्य आहार संयंत्र की स्थापना की गई। (ख) प्रश्नाधीन प्राप्त आवंटन को मत्स्योत्पादन हेतु व्यय नहीं किया गया है जिले में वर्ष 2014-15 में 4429 मे. टन वर्ष 2015-16 में 4648 मे.टन एवं वर्ष 2016-17 में माह जून 2016 तक 625 मे. टन मत्स्योत्पादन रहा है। योजना क्रियान्वयन के पूर्व वर्ष 2013-14 में कलेक्टर सिवनी को प्राप्त शिकायत पर जाँच संस्थित की गई थी जो प्रक्रियाधीन है।
मिलावटी दूध को लेकर डाले गये छापे
63. ( क्र. 2415 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में मिलावटी दूध को लेकर SDM दतिया द्वारा दुग्ध शीत एवं संग्रह केन्द्र दतिया में छापा डाला गया था? (ख) क्या उक्त छापे के दौरान प्रारंभिक शोपटेस्ट में ग्राम कालीपहाड़ी सहित कई ग्रामों का दूध टेस्ट पॉजीटिव पाया गया था? छापे के दौरान कौन-कौन से ग्रामों के दूध के सेम्पल भरे गये थे? SDM भाण्डेर द्वारा छापे की रिपोर्ट क्या दी गई थी? उसकी प्रति भी उपलब्ध कराई जावें। (ग) SDM भाण्डेर द्वारा भरे गए सेम्पल की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो उसकी क्या रिपोर्ट आई? उसकी प्रति उपलब्ध कराई जाए? SDM की रिपोर्ट एवं प्रयोगशाला की रिपोर्ट दोनों को उपलब्ध कराया जाये। (घ) इस मिलावटी दूध षड़यंत्र में सम्मिलित व्यक्तियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। एस.डी.एम. दतिया द्वारा दिनांक 05.09.2015 को समितियों से दुग्ध संकलन परिवहन वाहन के शीतकेन्द्र पर आने से पूर्व रोककर दूध सैम्पल जाँच हेतु लिये गए। (ख) काली पहाड़ी एवं दुर्गापुर का दूध सैम्पल शीतकेन्द्र पर जाँच हेतु दिया गया था। जाँच में केवल काली पहाड़ी का दूध सोप पोजेटिव पाया गया था। जाँच रिपोर्ट अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एस.डी.एम. भाण्डेर द्वारा बढ़ोनी, रायपुर सानी, काम्हर एवं पठारी के दूध सैम्पल जाँच हेतु खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा जाँच हेतु लिए गए। एस.डी.एम. भाण्डेर द्वारा जाँच रिपोर्ट दुग्ध शीतकेन्द्र पर नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मिलावटी दूध के संबंध में कार्यवाही एस.डी.एम.भाण्डेर/खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा की गई थी। अतः षड़यंत्र में सम्मिलित व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जानकारी इस विभाग द्वारा दी जाना संभव नहीं है।
दुग्ध शीत एवं संग्रह केन्द्र
64. ( क्र. 2427 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के दुग्ध शीत एवं संग्रह केन्द्रों पर विभिन्न मदों में जनवरी, 2013 से 31 मई, 2016 तक कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) परिवहन व्यवस्था हेतु 1 जनवरी, 2013 से 31 मई, 2016 तक किस-किस व्यक्ति की कौन-कौन से वाहन किस दर पर किराये पर किये गये और उन पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) 1 जनवरी, 2013 से 31 मई, 2016 दतिया जिले के दुग्ध शीत एवं संग्रह केन्द्रों पर प्रतिमाह कितना-कितना दूध संग्रह हुआ? (घ) 1 जनवरी, 2013 से 31 मई, 2016 तक दतिया जिले के दुग्ध शीत एवं संग्रह केन्द्रों पर मिलावटी दूध के कितने सैम्पल लिये गए और क्या कार्यवाही हुई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) 1 जनवरी, 2013 से 31 मई, 2016 तक दतिया जिले के दुग्ध शीतकेन्द्र दतिया में डेयरी डाक पर दूध के 135 एवं भाण्डेर दुग्ध शीतकेन्द्र पर 46 सैम्पल मिलावटी पाये गये। जाँच उपरांत पंचनामा बनाकर मिलावटी दूध को नष्ट किया गया।
ए.पी.एल. खाद्यान की जानकारी देने
65. ( क्र. 2477 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या ब्लॉक अम्बाह में पात्रता धारियों को फरवरी 2016 से खाद्यान्न पर्ची का वितरण नहीं हुआ है? खाद्यान्न पर्ची का वितरण कब तक करा दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : जिला मुरैना के ब्लॉक अम्बाह में माह फरवरी, 2016 में सत्यापन उपरांत 476 परिवारों को पात्रता पर्ची वितरण किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में नवीन सत्यापित 578 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी कर वितरण कराई गई है। इन परिवारों को भी माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जा रहा है।
साउथ टी.टी. नगर स्थिति शासकीय आवास रिक्त करने
66. ( क्र. 2480 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि स्मार्ट सिटी व अन्य स्कीम के अंतर्गत सम्पदा संचालक द्वारा साउथ टी.टी. नगर स्थिति शासकीय आवास में रह रहे रहवासियों को मकान खाली कराने के नोटिस दी गया है? (ख) स्मार्ट सिटी व अन्य स्कीम का प्रोजेक्ट पूर्व नार्थ टी.टी. नगर का हिस्सा लिया गया था? क्या यह सही है वहां पर शासकीय आवास रिक्त कराये गये है? यदि हाँ, तो वहां पर प्रथम चरण में स्मार्ट सिटी में स्कीम नहीं लागू की गई है? इसका क्या कारण है? (ग) क्या शासन जब तक साउथ टी.टी.नगर में रहने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था हेतु नार्थ टी.टी. नार्थ में मकान तैयार कर नहीं दिये जाते हैं? तब तक मकान खाली नहीं कराये जाएंगे? (घ) साउथ टी.टी. नगर रहवासियों को जारी किये गये नोटिस पर रोक लगाई जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। पुर्नघनत्वीकरण योजना के अंतर्गत आने वाले आवासों को रिक्त कराने हेतु नोटिस जारी किये गये है। (ख) नार्थ टी.टी. नगर का क्षेत्र पूर्व में भोपाल विकास प्राधिकरण की पुर्नघनत्वीकरण योजना में सम्मिलित था वर्तमान में उक्त क्षेत्र में स्मार्ट सिटी की क्षेत्र-आधारित विकास योजना प्रस्तावित की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं।
बाल संरक्षण गृह संचालन
67. ( क्र. 2501 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में शासकीय व अशासकीय बाल संरक्षण गृह कौन-कौन से व कब से संचालित है व उनमें कितने-कितने बच्चे रह रहे है? (ख) हरदा जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में बाल गृह संचालन किये जाने के पंजीयन व स्वीकृति संबंधी किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा आवेदन-पत्र प्रस्तुत किये/प्राप्त आवेदन पत्रों में से किनको स्वीकृति प्रदान की गई व किन-किन को प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति प्रदान नहीं कि जा सकी। उसका क्या कारण है? (ग) बाल संरक्षण गृह संचालन करन के क्या नियम व शर्तें है? जानकारी सहित प्रति उपलब्ध करायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्तमान में हरदा जिले में एक भी बाल गृह संचालित नहीं है। (ख) वर्ष 2012 से 2015 के मध्य अशासकीय संस्था न्यू ज्ञान शिखर शिक्षा समिति का बाल गृह के पंजीयन प्रस्ताव प्राप्त हुआ था जिसका पंजीयन निम्न कमियाँ होने के कारण नहीं किया गया:- 1. प्रबन्ध कार्यकारिणी की नवीन सूची अनुपलब्ध। 2. नियमावली में संस्था का कार्यक्षेत्र हरदा, होशंगाबाद है। 3. अधिनियम के प्रावधान अनुसार बालगृह की क्षमता 50 बच्चों की होगी जिसमें 10 प्रतिशत् अतिरिक्त के मान से 60 बच्चों हेतु आवासीय व्यवस्था होना अनिवार्य है। परन्तु संस्था के पास 25 बालकों हेतु आवासीय व्यवस्था होने से संस्था बाल गृह हेतु उपयुक्त नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश किशोर न्याय (बालको की देख-रेख और संरक्षण) नियम 2015 में प्रावधान दिए गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत संचालित राशन दुकानें
68. ( क्र. 2548 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा संचालित राशन दुकान खोलने के क्या नियम है? नियमानुसार पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर राशन दुकानें संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशन दुकान के संचालन में गड़बड़ी की कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी शिकायतें वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक शासन स्तर पर प्राप्त हुई? इन प्राप्त शिकायतों की जाँच कब किसके द्वारा की गई एवं जाँच के क्या निष्कर्ष निकले एवं इसमें किसे दोषी पाया गया एवं दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) राशन दुकान संचालन में महिलाओं की भागीदारी की शासन की क्या योजना है तथा इस योजना अंतर्गत पाटन विधान सभा अंतर्गत कब, कहाँ, क्या कार्यवाही की गई, बतलावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में कार्यालयीन रिकॉर्ड अनुसार पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन स्तर पर राशन दुकान के संचालन में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला स्तर पर उक्त विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्राप्त शिकायतों एवं उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 अंतर्गत जिले के ग्रामीण क्षेत्र एवं प्रत्येक नगरीय क्षेत्र में यथासंभव न्यूनतम एक तिहाई उचित मूल्य दुकानें महिलाओं की संस्थाओं को आवंटित करने का प्रावधान है। उचित मूल्य दुकानों के आवंटन पर वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन है।
दोषी पर कार्यवाही किए जाने
69. ( क्र. 2564 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 अनुसार मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना अंतर्गत ओला पाला प्रभावित किसानों को रीवा जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा जवा सिरमौर एवं डभौरा मनगवां के अधीन आने वाली किन-किन समितियों के कितने किसानों के किन-किन माहों में खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए पात्रता पर्ची जारी की गई थी उक्त पात्रता पर्ची कितने माहों के लिए जारी की गई थी? (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के जारी पात्रता पर्ची के अनुसार उक्त समितियों में कितने-कितने गेहूं, चावल, शक्कर, मिट्टी तेल, नमक का अतिरिक्त आवंटन कब-कब जारी किया गया है की जानकारी खाद्यान्न (वस्तु) वार समितिवार, माहवार देवें? (ग) प्रश्नांश ‘’क’’ ‘’ख’’ अनुसार समितियों को प्राप्त खाद्यान्न एवं अन्य वस्तु उपभोक्ताओं को वितरण नहीं हुआ तो क्यों इस कार्य में कौन-कौन दोषी है। उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) यदि ‘’क’’, ‘’ख’’, ‘’ग’’ हाँ तो यह बताए कि क्या गंगा देवी पति नन्हकू पासी निवासी चौखण्डी समग्र परिवार आई.डी. 41406273 सेवा सहकारी समिति चौखण्डी दुकान चौखण्डी को पात्रता पर्ची जारी थी यदि हाँ, तो उसे क्यों खाद्यान्न नहीं दिया गया कारण बताऐं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार में वर्ष 2015-16 में ओला-पाला के कारण जिन किसानों की फसल को 50 प्रतिशत् या उससे अधिक नुकसान हुआ था उन्हें माह मार्च, 2016 तक की अवधि के लिए प्राथमिकता परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया था। प्राथमिकता परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों का स्थानीय निकाय द्वारा सतत् रूप से सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई। माह मार्च, 2016 की स्थिति में रीवा जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा जवा, सिरमौर, डभौरा एवं मनगवां के अधीन आने वाली समितियों में ओला-पाला श्रेणी अंतर्गत जारी पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परिवारों को माह मार्च, 2016 तक राशन सामग्री प्राप्त करने के लिए पात्रता पर्ची जारी की गई थी। (ख) उचित मूल्य दुकानों से संलग्न सत्यापित अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को परिवार के आधार पर एवं प्राथमिकता परिवारों की सदस्य संख्या के आधार पर खाद्यान्न का एवं परिवार संख्या के आधार पर शक्कर, नमक एवं केरोसीन का ऑनलाईन आवंटन जारी किया जाता है। श्रेणीवार परिवारों हेतु पृथक से राशन सामग्री का आवंटन जारी नहीं किया जाता है। माह मार्च, 2016 में दुकानवार जारी राशन सामग्री आवंटन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर राशन सामग्री का वितरण किया गया है। उचित मूल्य दुकान सोनवर्षा विकासखण्ड नईगढी से संलग्न ओला-पाला से प्रभावित किसानों को पात्रता पर्ची वितरण न करने एवं विक्रेता द्वारा राशन सामग्री के अवैध रूप से विक्रय करने के कारण राशन सामग्री का वितरण नहीं किया जा सका है। संबंधित पंचायत सचिव एवं विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्नांश के इस भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केंद्रो की स्वीकृति एवं उनकी क्रियाशीलता
70. ( क्र. 2583 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) होशंगाबाद एवं भिण्ड जिले के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जनपदवार कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत होकर क्रियाशील हैं एवं इन सभी पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद भरे हुये हैं यदि नहीं, तो कौन-कौन से केंद्रों पर किस-किस दिनांक से पद रिक्त हैं, की सूची उपलब्ध करायी जावें? (ख) विधान सभा क्षेत्र पिपरिया एवं अटेर अन्तर्गत स्वीकृत आंगनवाड़ी केद्रों में कितने स्थानों पर आंगनवाड़ी के भवन बने हुये हैं एवं जिनके भवन नहीं बने हुये हैं उन आंगनवाड़ी केंद्रों में कब तक भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? सूची के साथ समय-सीमा बतायी जावे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) होशंगाबाद एवं भिण्ड जिले के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जनपदवार स्वीकृत एवं क्रियाशील आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ पर है। रिक्त पदों की रिक्तता दिनांक से सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ पर है। (ख) विधान सभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत कुल स्वीकृत 285 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 157 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन बने हुये है तथा शेष 128 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। विधान सभा क्षेत्र अटेर अन्तर्गत कुल स्वीकृत 172 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 54 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन बने हुये है तथा शेष 118 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी (सूची ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘तीन‘ पर है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण शेष भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
नलजल योजनाएं
71. ( क्र. 2599 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नई नलजल योजनाएं बंद कर दी गई है? (ख) क्या गत वर्षों में नलजल योजनाओं की स्वीकृति हेतु लागत की 3 प्रतिशत राशि हितग्राहियों/पंचायतों से जमा कराई गई थी जो आज भी जमा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (ख) के अधीन नलजल योजनाओं का निर्माण/क्रियान्वयन कराया जायेगा? (घ) यदि नहीं, तो क्या उक्त जमा राशि जमाकर्ताओं को वापिस की जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) दिनांक 29.6.2015 से नवीन नलजल योजनाओं की स्वीकृति प्रतिबंधित है इसके पूर्व जमा अंशदान राशि की नलजल योजनाओं की स्वीकृति की जा रही है। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ के अनुसार। (घ) जी हाँ, तत्काल।
सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली की दुकानों का आवंटन
72. ( क्र. 2641 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में खाद्य का वितरण खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पंचायतवार नवीन दुकानें खोलकर वितरण किये जाने के शासन ने आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो नियम एवं निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (ख) क्या खाद्य सामग्री पुराने नियम से वितरित की जा रही है? यदि हाँ, तो अधिनियम के तहत पुरानी दुकानों को कब तक बंद किया जावेगा तथा नवीन दुकानों का आरक्षण शासन निर्देशानुसार कर दिया गया है? जिसमें 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो संचालित दुकानों पर महिलाओं को दिये गये आरक्षण की सूची गुना जिले की ग्राम पंचायतवार पटल पर रखें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित तथ्यों के पालन में म.प्र. शासन ने ऐसा संशोधन कर ऐसी नीति बनाई है कि पुरानी दुकानों का यथावत कर उनमें आरक्षण न कर, शेष बची पंचायतों में नवीन दुकानों ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खोलने की ही योजना है? क्या मात्र नवीन दुकानों के लिए ही आरक्षण व्यवस्था का प्रावधान है? (घ) गुना जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कितनी नवीन दुकानों से खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है? कितनी पुरानी दुकानों से वितरण हो रहा है? क्या पुरानी दुकानों में सेल्समैन या संस्थाएं अधिनियम के तहत पालन करते हैं? क्या उनका आरक्षण नवीन अधिनियम के तहत है? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान के अनुरूप प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोलने का निर्देश शासन द्वारा जारी किये गये है। निर्देश के अनुरूप कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं वर्तमान में राशन दुकानों से सामग्री का वितरण मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अनुरूप किया जा रहा है। उक्त नियंत्रण आदेश के अनुरूप दुकान आवंटन संबंधी कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात् उचित मूल्य दुकानों का युक्तियुक्तीकरण होने के फलस्वरूप नियमानुसार दुकानों का संचालन हो सकेगा। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं, राज्य शासन के पत्र क्रमांक एफ-7-19/2014/29-1, भोपाल दिनांक 29 मई, 2015 द्वारा जारी निर्देश की कण्डिका 3 में महिला संस्थाओं के लिए दुकानें आरक्षित करने की एक प्रक्रिया क्रमानुसार दी गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) गुना जिले में नवीन उचित मूल्य दुकानों के आवंटन की कार्यवाही अभी पूर्ण नहीं होने से खाद्यान्न वितरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिले में पूर्वानुसार 218 उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। जी हाँ। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत खैजराबाबा में पुलिस चौकी स्थापित किया जाना
73. ( क्र. 2644 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बमोरी के अंतर्गत ग्राम कनेराचक/विश्वनगर आदि ग्रामों में पारदी समुदाय निवास करते हैं? यदि हाँ, तो शासन प्रशासन को इनके आतंक की गतिविधियों की शिकायत प्राप्त हुई है क्या? (ख) क्या गुना जिले के बमोरी विधान सभा क्षेत्र बमोरी में पारदियों के आतंक एवं गंभीर गतिविधियों को रोकने हेतु कोई कदम उठाये गये हैं? (ग) क्या पारदियों के आतंक को रोकने हेतु शासन एवं प्रशासन को ग्राम खैजराबाबा में पुलिस चौकी स्थापित किये जाने हेतु जानकारी मिली है? यदि हाँ, तो पारदियों की आतंक की गतिविधियों को रोकने हेतु कब तक पुलिस चौकी की स्थापना की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं, अपराधिक गतिविधियों की शिकायत प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ख) क्षेत्रांतर्गत किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना तथा गंभीर गतिविधियां घटित होने पर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ। ग्राम खेजराबाबा में नवीन पुलिस चौकी स्थापित किये जाने का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया है।
हितग्राहियों को राशि वितरण
74. ( क्र. 2649 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जिन हितग्राहियों के आधार नंबर समग्र पोर्टल में खाद्य विभाग में दर्ज नहीं है, उन्हें राशन नहीं दिया जायेगा? (ख) गुना जिले में केवल एक लाख चौदह हजार परिवार के लोगों के आधार कार्ड लिंक हैं। साठ हजार परिवार अभी लिंक नहीं हुये हैं। क्या कारण है? क्या वे लोग राशन से वंचित नहीं रह जायेंगे? (ग) क्या म.प्र. शासन ऐसे परिवार जो आधार कार्ड से लिंक नहीं हुये है। उन्हें भी खाद्यान्न उपलब्ध करायेंगे, जब तक की उनके आधार कार्ड लिंक नहीं हो जाते? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पात्र परिवारों की पहचान सुनिश्चित् करने के लिए नगरीय क्षेत्र के ऐसे परिवार जिनके द्वारा मांगे जाने के उपरांत भी परिवार के कम से कम एक सदस्य का आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराया गया है ऐसे परिवारों के अस्तित्व में न होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था से बाहर करने के लिए माह जुलाई, 2016 में राशन सामग्री वितरण हेतु पी.ओ.एस. मशीन में प्रदर्शित नहीं कराया गया है। ऐसे परिवारों के कम से कम एक सदस्य द्वारा माह जुलाई, 2016 में आधार नंबर उपलब्ध कराये जाने पर अगस्त माह में अगस्त, 2016 की राशन सामग्री के साथ-साथ माह जुलाई, 2016 की सामग्री का वितरण किया जाएगा। (ख) गुना जिले में माह जुलाई, 2016 की स्थिति में कुल 1,80,815 पात्र परिवार है जिसमें से 1,26,891 परिवारों के डाटाबेस में परिवार के कम से कम एक सदस्य के आधार नंबर उपलब्ध है। शेष 53,924 परिवार के डाटाबेस में आधार नंबर की जानकारी उपलब्ध नहीं है, यह परिवार जिले के ग्रामीण क्षेत्र के है। ग्रामीण क्षेत्रों में उत्तरांश 'क' की व्यवस्था अभी लागू ही नहीं की गई है। अत: किसी परिवार के राशन से वंचित रहने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जुलाई माह में ग्रामीण क्षेत्र के जिन पात्र परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर उपलब्ध नहीं है उन्हें भी राशन का वितरण किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में आधार नंबर उपलब्ध कराने पर राशन का वितरण किया जाएगा।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र विकास हेतु राशि आवंटन
75. ( क्र. 2664 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु मांग संख्या 41 में विभाग को राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन जिलों को आवंटित की गयी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
राशि का आवंटन
76. ( क्र. 2665 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु मांग संख्या 41 में विभाग को राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन जिलों को आवंटित की गयी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार आवंटित राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
धान मिलिंग के संबंध में
77. ( क्र. 2668 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विपणन संघ द्वारा उपार्जन केन्द्रों से धान खरीदी कर गोदामों में भण्डारण किया जाता है एवं मिलिंग कार्य हेतु मिलर्स को धान प्रदाय किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष उपार्जन केन्द्रों से कितना धान खरीदा गया, कितना गोदामों में भण्डारण किया गया एवं कितना मिलिंग कार्य हेतु धान मिलर्स को प्रदाय किया गया? (ग) विपणन संघ द्वारा मिलिंग कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रदेश एवं जिले से बाहर के किन-किन मिलर्स को कितनी-कितनी धान की मात्रा प्रदाय किया गया है? परिवहन व्यय सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रदेश एवं जिले से बाहर मिलिंग हेतु शासन के क्या आदेश एवं निदेश हैं, उसकी प्रति देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जिन जिलों में नोडल एजेंसी मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ है, उन जिलों में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से धान का उपार्जन कराया जाकर उपलब्ध भंडारण क्षमतानुसार गोदाम/केप में भंडारण किया जाता है। भंडारित धान को मिलिंग हेतु मिलर्स को प्रदाय की जाती है। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक बालाघाट जिले में धान की वर्षवार उपार्जित, भंडारित एवं मिलिंग हेतु प्रदाय मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले में उपार्जित धान में से प्रदेश एवं जिले से बाहर के मिलर्स को मिलिंग हेतु प्रदाय धान की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। वर्तमान में धान की कस्टम मिलिंग का कार्य किया जा रहा है। कस्टम मिलर्स द्वारा मिलिंग उपरांत देयक प्रस्तुत करने पर ही परिवहन में व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी। (घ) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
जेल कैदियों की व्यवस्था
78. ( क्र. 2711 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग के कितने एवं कौन-कौन से जिला जेलों, केन्द्रीय जेलों एवं उपजेलों में विचाराधीन बंदियों के लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु वीडियों कान्फ्रेंसिग सुविधा विगत तीन वर्षों में दी गई? जेलवार ब्यौरा क्या है एवं उक्त अवधि में कितने प्रकरणों की सुनवाई इस सुविधा से हुई? (ख) विगत तीन वर्षों में कितने गरीब बंदियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराई गई? जेलवार ब्यौरा क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) संभाग की केन्द्रीय जेलों एवं जिला जेलों में लंबी अवधि वाले बंदियों को दिये जाने वाले औद्योगिक, कृषि एवं अन्य प्रशिक्षणों का लाभ लेने वाले बंदियों की संख्या एवं कृषि तथा जेल उद्योगों से प्राप्त आय का तीन वर्षों का ब्यौरा क्या है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांश भाग- (क) का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-2 व 3 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश भाग- (ख) का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-4 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश भाग- (ग) का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-5 व 6 अनुसार है।
लाड़ो अभियान संबंधी
79. ( क्र. 2712 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ो अभियान के तहत उज्जैन संभाग में जिलेवार, तहसीलवार बाल विवाह रोकने के प्रकरणों का दो वर्षों का ब्यौरा दें? (ख) कितने मामलों में जिलेवार कितने पुलिस प्रकरण दर्ज हुए तथा कितने मामले न्यायालयों में प्रस्तुत हुए? (ग) प्रदेश में दो वर्षों में बाल विवाह का प्रतिशत क्या रहा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) विभाग में आंकडे संधारित नहीं किये जाते है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनियमितताएं
80. ( क्र. 2754 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं इन केन्द्रों में संचालित गतिविधियों के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) उक्त केन्द्रों में निर्देशानुसार सभी कार्य एवं गतिविधियां नियमित संचालित होने, केन्द्रों के नियमित न खुलने तथा गुणवत्तायुक्त भोजन न परोसे जाने सहित अन्य कई प्रकार की अनियमितताएं बरती जाने की स्थिति निर्मित होती रही है अथवा होती रहती है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हां, है तो इन अनियमितताओं की रोकथाम हेतु विभाग क्या कार्यवाही करेगा? जून 2014 से वर्तमान तक की अवधि में उक्त संचालित केन्द्रों में किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया के दौरान क्या अनियमितताएं पाई गई? (घ) उक्त अवधि में अनियमितताएं बरती जाने की क्या कोई शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उनकी जाँच कराई गई? जाँच उपरांत कौन दोषी पाया गया के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) झाबुआ जिले में कुल 1606 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ पर है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ पर है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश अवधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
चलित पशु चिकित्सालय
81. ( क्र. 2758 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशु चिकित्सा विभाग द्वारा झाबुआ जिले में कितने चलित पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहे हैं तथा इस पर कितना व्यय होता है? (ख) चलित पशु चिकित्सालय द्वारा विगत दो वर्षों में 14-15 एवं 15-16 में कहाँ-कहाँ भ्रमण किया तथा कितने-कितने पशुपालकों को इससे लाभान्वित किया गया? (ग) क्या अधिकतर मैदानी कर्मचारी/अधिकारियों के सतत् क्षेत्र में भ्रमण नहीं करने के कारण पशुपालकों को काफी परेशानियों उठाना पड़ती हैं? विभाग को इस संबंध में लगातार शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं? क्या विभाग इन पर कोई कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) झाबुआ जिले में एक चलित पशु चिकित्सालय कार्यरत है। इस पर प्रति वर्ष लगभग 1.00 लाख रू. की राशि व्यय की जा रही है। (ख) विभागीय चलित पशु चिकित्सालय द्वारा वर्ष 2014-15 में झाबुआ जिले के 6 विकासखण्डों के 126 ग्रामों में भ्रमण कर उपचार, टीकाकरण, औषधि वितरण, कृत्रिम गर्भाधान आदि विभागीय कार्यों द्वारा 6352 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में झाबुआ जिले के 6 विकासखण्डों के 183 ग्रामों में भ्रमण कर विभागीय कार्यों द्वारा 11142 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। जिले में कार्यरत समस्त संस्थाओं पर पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में सतत भ्रमण किया जा रहा है। शिकायत प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जावेंगी।
शासकीय राशि के अपव्यय को रोका जाने
82. ( क्र. 2779 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में जिला एवं सत्र न्यायालय के भवन का निर्माण वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक में कब-कब, कितनी-कितनी लागत से कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर जिला एवं सत्र न्यायालय के भवनों का निर्माण विगत वर्षों में ही कराया गया एवं भवन निर्माणाधीन भी है, लेकिन इस भवन को अन्यत्र हटाकर स्थापित करने की कार्ययोजना शासन ने तैयार की है, जबकि वर्तमान में निर्मित एवं संचालित न्यायालय उपयुक्त एवं आमजनता के सुविधा अनुसार है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में क्या नवीन भवन के निर्माण हेतु भूमि पूजन/ शिलान्यास ए.जी. कॉलेज रीवा के बगल में किया गया? किया गया तो कब? इस पर कितनी राशि खर्च की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अगर जिला एवं सत्र न्यायालय शहर के मध्य एवं आम जनता की सुविधा अनुसार है, तो क्या इसे यथावत रखते हुए भूमि पूजन/शिलान्यास में अपव्यय की गई राशि की वसूली संबंधितों से करते हुए विधि संगत कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला एवं प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही
83. ( क्र. 2780 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में जनपद पंचायतों के महिला बाल विकास विभाग द्वारा कितनी बालिकाओं के जन्म का सर्वे कराया गया तथा उनमें से कितनी बालिकाओं का पंजीयन कर लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित किया गया तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के बालिकाओं में से कितनी बालिकाएं कुपोषण की शिकार हुई, उनमें से कितने का उपचार कर कुपोषण से मुक्त कराया गया तथा कितनों की मृत्युएं हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या कुपोषित बालक एवं बालिकाओं के सर्वे का कार्य रीवा जिला में जनपदवार कराया गया? अगर कराया गया तो जनपदवार जानकारी देवें? उनमें से कुपोषित बच्चों का कुपोषण से मुक्ति बाबत् कब-कब, क्या-क्या प्रयास किया गया? इस पर कितनी राशि कब-कब व्यय की गई? प्रयास उपरांत क्या परिणाम रहा? (घ) कुपोषित बच्चों के सर्वे का कार्य न कराकर उनके कुपोषण से मुक्ति बाबत् सार्थक प्रयास नहीं किये गये, बच्चों की मृत्युएं हुईं तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? जवाबदारों के ऊपर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही जिला प्रशासन अथवा शासन द्वारा प्रस्तावित की गई? अगर नहीं तो क्यों?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क)
बालिकाओं के
जन्म का पृथक
से सर्वे
कराने का कोई
प्रावधान
नहीं है।
बालक-बालिकाओं
के जन्म का
पंजीयन किया
जाता है। रीवा
जिले में
लाड़ली
लक्ष्मी
योजना
अंतर्गत वर्ष 2012-13 से कुल 83,624
बालिकाओं का
जन्म हुआ है
एवं 37,253
बालिकाओं को
लाड़ली
लक्ष्मी
योजना से
लाभान्वित
किया गया है।
कोई प्रकरण
लंबित नहीं
है। (ख) वर्ष 2012-13 से 2015-16
तक 17,971
बालिकाएं
कुपोषित पाई
गई, जिनमें
से 4,242
बालिकाओं का
उपचार किया
गया। 1,647
बालिकाओं को
कुपोषण से
मुक्त कराया
गया है। किसी
बालिका की
मृत्यु
प्रतिवेदित
नहीं है। (ग)
जी नहीं।
आंगनवाड़ी
केन्द्र में 5 वर्ष तक
के बच्चों का
वज़न लिया
जाकर उनके पोषण
स्तर का
निर्धारण
किया जाता है।
कुपोषण से बच्चों
के बचाव हेतु
निरंतर
निम्नानुसार
प्रयास किये जा
रहे है :-1. आई.सी.डी.एस.
सेवाओं का
प्रदाय 2. पूरक
पोषण आहार
प्रदाय 3.
चिन्ह्ति
बच्चों को
पोषण
पुनर्वास
केन्द्रों
में संदर्भित
करना। 4. स्नेह
सरोकार
कार्यक्रम
अंतर्गत 12
सम्मेलन
आयोजित कर 2,522 बच्चों
की
जिम्मेदारी
लोगों को दी
गई। 5. सुपोषण
अभियान
अंतर्गत
स्नेह
शिविरों का आयोजन
किया गया।
व्यय
निम्नानुसार
किया गया है :-
वर्ष
राशि विवरण
(रू. लाख में)
2012-13 26.44
2013-14 16.99
2014-15 13.93
2015-16 33.17
बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु किये गये प्रयासों के परिणाम शनैः शनैः प्राप्त होते है। स्नेह शिविरों के आयोजन से जनसमुदाय की सहभागिता से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु जागरूकता आई है, जिससे कुपोषित बच्चों की संख्याओं में उत्तरोत्तर कमी परिलक्षित हो रही है। कुपोषित बच्चों की माताओं के उन्मुखीकरण प्रशिक्षण से कमजोर बच्चों की पहचान करने एवं उनकी देखभाल करने में माताओं की क्षमता का संवर्धन पाया गया। (घ) कुपोषित बच्चों के सर्वे हेतु पृथक से कोई निर्देश नहीं है। आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों का वज़न लिया जाकर पोषण स्तर के आधार पर पात्रता अनुसार सेवाएं प्रदान की गई। जिले अंतर्गत किसी भी बच्चें की मृत्यु कुपोषण के कारण होना प्रतिवेदित नहीं है, अतः शेष का प्रश्न ही नहीं।
आंगनवाड़ी भवनों की रंगाई पुताई एवं मरम्मत
84. ( क्र. 2787 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले को वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आंगनवाड़ी भवन रंगाई पुताई एवं मरम्मत हेतु किस मद से प्राप्त हुई? इसकी भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सैलाना विधान सभा अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों की रंगाई पुताई एवं मरम्मत हेतु प्राप्त राशि से कितनें भवनों में रंगाई पुताई एवं मरम्मत की गई? इसमें कितनी राशि का व्यय हुआ आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में व्यय की गई राशि के संबंध में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रतलाम जिले को वर्ष 2013-14 में भवन उन्नयन हेतु कुल राशि रूपये 24425000/- एवं वर्ष 2015-16 में भवन रख-रखाव हेतु कुल राशि रूपये 134000/- का आवंटन उपलब्ध कराया गया है। भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ अन्तर्गत सैलाना विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 में आंगनवाड़ी भवनों के उन्नयन कार्य में राशि रू. 3044921/- एवं वर्ष 2015-16 में आंगनवाड़ी भवनों के रख-रखाव कार्य में राशि रू. 40000/- का व्यय हुआ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के संदर्भ में व्यय की गई राशि के सबंध में 03 शिकायतें प्राप्त हुई है। इन शिकायतों में एक शिकायत की जाँच परियोजना अधिकारी जिला पंचायत के द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर रतलाम के समक्ष विचाराधीन है। शेष दो शिकायतों की जाँच संयुक्त संचालक, एकीकृत बाल विकास सेवा उज्जैन संभाग उज्जैन एवं पुलिस अधीक्षक, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों उज्जैन द्वारा की जा रही है।
जानकारी प्रदाय करने
85. ( क्र. 2803 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, रेशम संचालनालय विभाग, हथकरघा संचालनालय विभाग, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड संत रविदास म.प्र. ह.शि. एवं हथकरघा विकास निगम माटी कला बोर्ड में अपने दायित्व का निर्वहन करते हुये विगत तीन वर्षों में क्या कार्य किये हैं? सभी की पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त निगम बोर्ड संचालनालय द्वारा रीवा जिले के लिये विगत तीन वर्षों में कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ? आवंटन विरूद्ध कितना, कहाँ, किसे, किस कार्य हेतु कितना व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त निगम बोर्ड संचालनालय द्वारा केन्द्र शासन द्वारा वित्त पोषित योजना से रीवा जिले को आदिवासी उपयोजना एवं विशेष घटक योजना में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन पर कितना, किस कार्य के लिये, कहाँ, किसे व्यय किया गया? विगत तीन वर्षों का विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त निगम बोर्ड संचालनालय द्वारा अभिनव योजना एवं महिला नीति पर रीवा जिले को कितना आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन पर कितना, किस कार्य के लिये, कहाँ, किसे, व्यय किया गया, विगत तीन वर्षों का विवरण देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी 'क' के अनुक्रम में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी 'क' के अनुक्रम में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) जानकारी 'क' के अनुक्रम में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है।
योजनाओं का क्रियान्वयन
86. ( क्र. 2804 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में महिला बाल विकास विभाग को विगत तीन वर्षों में राज्य योजना एवं केंद्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत कितनी योजनाएं संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कितना-कितना लक्ष्य प्राप्ति के विरूद्ध बजट आवंटन राज्य योजना एवं केन्द्र प्रवर्तित योजना से प्राप्त हुआ? योजनावार, आवंटन विगत तीन वर्षों का पृथक-पृथक बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्राप्त बजट आवंटन के विरूद्ध व्यय किया गया, विगत तीन वर्षों के योजनावार, पृथक-पृथक विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में हितग्राही मूलक कार्यों में व्यय की गई राशि की मदवार हितग्राहियों की संख्यात्मक ग्रामवार, वर्षवार विगत तीन वर्षों की उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत गठित संचालनालय महिला सशक्तिकरण के तहत राज्य शासन के द्वारा निम्न योजनाएं संचालित है - लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाडो अभियान, स्वागतम लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, शोर्यदल, उषा किरण/केन्द्र प्रवर्तित योजना – एकीकृत बाल संरक्षण योजना (आई.सी.पी.एस.) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना एवं केन्द्र प्रवर्तित योजना में एकीकृत बाल विकास सेवा, पूरक पोषण आहार, सबला योजना तथा राज्य योजना में मंगल दिवस कार्यक्रम संचालित है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘1’ पर है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' एवं ‘2’ पर है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है।
उद्यानिकी विभाग को प्राप्त राशि
87. ( क्र. 2874 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग मण्डला वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में केन्द्र शासन एवं राज्य शासन से कितनी राशि आवंटित की गयी? मदवार वर्षवार बतायें? (ख) उक्त आवंटित राशि का किन-किन मदों में किस-किस कार्य हेतु उपयोग किया गया? हितग्राही योजना से लाभ लेकर सफल रहा या नहीं? यदि असफल रहा तो कारण सहित बतायें? (ग) मण्डला जिले को प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र मण्डला के दोनों विकासखण्ड मण्डला एवं नैनपुर में कितनी राशि व्यय की गयी एवं उससे कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कहाँ-कहाँ कराये गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
लोक.स्वा. यांत्रिकी विभाग में संलग्नीकरण
88. ( क्र. 2875 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले में विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को कहाँ से कहाँ और कब-कब संलग्नीकरण किया गया? नाम, पदनाम सहित बतायें। (ख) संलग्न अधिकारी/कर्मचारी के रिक्त पदों का कार्य सम्पादन की जिम्मेदारी किसे प्रदान की गयी और काम कैसे चल रहा है? (ग) क्या संलग्नीकरण शासन स्तर से पूर्णत: बन्द है और संलग्न करने पर संलग्न कर्मचारी का वेतन आदेशित करने वाले अधिकारी के वेतन से देने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो संलग्नीकरण का आदेश देने वाले अधिकारी पर शासन कब तक और क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड मण्डला के अन्तर्गत किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का संलग्नीकरण नहीं किया गया है। (ख) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्री वितरण में अनियमितता की जाँच
89. ( क्र. 2922 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. संख्या प्रश्न संख्या. 37 (क्र. 2099) 04.03.2016 के उत्तर (क) के दोषियों के खिलाफ अभी तक (30.6.16) तक जाँच अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ख) यदि जाँच लंबित है तो कब तक पूर्ण कर ली जावेगी।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सेवा सहकारी समिति पिपरसेवा के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में प्रचलित प्रकरण में पारित आदेश में भविष्य के लिए चेतावनी देकर प्रकरण समाप्त किया गया। समिति प्रबंधक श्री राजीव सिंह तोमर के विरूद्ध समिति के संचालक मंडल को सेवा नियमों के अतंर्गत कार्यवाई करने हेतु लिखा गया था जिस पर संचालक मंडल द्वारा श्री तोमर को भविष्य में त्रुटि न करने की चेतावनी दी गई। प्रियदर्शनी उपभोक्ता भंडार, वार्ड क्रमांक 31, मुरैना शहर के विरूद्ध दर्ज एफ.आई.आर. पर प्रकरण विवेचनाधीन है। यह उचित मूल्य की दुकान अभी भी निलंबित है। (ख) प्रश्नांश 'क' के प्रकरण के संबंध में कोई जाँच लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुपालकों को दी जा रही सुविधाएं
90. ( क्र. 2925 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन पशुपालन विभाग द्वारा कृषि के साथ-साथ आय में वृद्धि हेतु पशुपालकों को क्या सुविधा किस-किस प्रकार की देने का प्रावधान होकर उनके क्रियान्वयन की क्या नीति निर्देश हैं? (ख) उपरोक्त ''क'' के प्रकाश में म.प्र. शासन द्वारा जिला मुरैना को कितनी राशि पशुपालन हेतु दी गई की जानकारी जनवरी 2014 से जून 2016 तक दी जावे? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में दी गई राशि से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कितनी राशि दी जाकर कितने पशुपालकों को किन-किन पशुओं की खरीदी में सहयोग प्रदान किया? प्रदाय राशि सहित दी जावें? (घ) क्या पशुपालन नीति के तहत् अजा, अजजा, अन्य पिछड़ा वर्ग व अनारक्षित (सामान्य) वर्ग को कोई विशेष राहत देने के प्रावधान दिये हैं यदि हाँ, तो अवगत करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) पशुपालन विभाग द्वारा कृषि के साथ-साथ आय में वृद्धि हेतु विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित हैं। इन योजना अंतर्गत पशु पालकों को विभिन्न सुविधाओं एवं योजनाओं के प्रावधान एवं क्रियान्वयन के दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा मुरैना जिले को पशुपालन हेतु राशि रु. 1,25,39,484.00 प्रदाय की गई। (ग) प्रश्नांश ’’ख’’ में दी गई राशि से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में राशि रु. 22,44,980.00 दी जाकर 134 पशुपालकों को बकरा, 48 पशु पालकों को मुर्रा सांड एवं 26 डेयरी इकाई पशुओं की खरीदी में सहयोग प्रदान किया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा अजा, अजजा एवं सामान्य वर्ग को विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं में अनुदान का अलग अलग प्रतिशत निर्धारित है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
निर्धारित समयावधि से अधिक समय तक पदस्थापना
91. ( क्र. 2941 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग के अंतर्गत किसी भी स्तर के पुलिसकर्मी की एक ही स्थान पर अधिकतम कितनी अवधि तक पदस्थ रहने की क्या नीति है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य राजगढ़ जिले के अंतर्गत आरक्षक से लेकर नगर निरीक्षक तक के पदों पर शासन द्वारा निर्धारित समयावधि से अधिक समय से एक ही स्थान पर कौन-कौन पुलिसकर्मी किस-किस थाने में पदस्थ है एवं जिले में शासन नीति अनुरूप पदस्थापना सुनिश्चित करने का दायित्व किस अधिकारी का होता है? क्या उत्तरदायी अधिकारियों द्वारा जिले में इसका पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन राजगढ़ जिले के अंतर्गत तीन वर्ष से अधिक तक एक ही स्थान पर पदस्थ ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की पदस्थापना अन्यत्र स्थानों पर करने की कार्यवाही कर जिले में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने एवं जनसामान्य में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास बहाली हेतु ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति क्रमांक एफ-6-एक/2015/एक/9 भोपाल दिनांक 15.04.15 की कण्डिका 8.7 में निर्धारित नीति अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घटित अपराध व पुलिस बल की पूर्ति
92. ( क्र. 2942 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत पुलिस थानों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन धाराओं में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये? थानावर बतावें तथा उक्त अवधि में पंजीबद्ध अपराधों में से कितने प्रकरणों में कब से विवेचना जारी है तथा कितने प्रकरणों में अभी भी अपराधी अज्ञात है? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत समस्त पुलिस थानों में कौन-कौन से पद स्वीकृत है तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध किस स्तर के कितने पद किन कारणों से कब से रिक्त है एवं प्रश्न दिनांक तक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत पुलिस थानों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक थाना सुठालिया में कुल पंजीबद्ध अपराध 623, थाना ब्यावरा में 883, थाना देहात ब्यावरा में 499, थाना करनवास में 318 प्रकरण विभिन्न धाराओं में पंजीबद्ध किये गये हैं। उक्त चारों थानों में प्रकरण पंजीबद्ध के समय से कुल 63 प्रकरणों में विवेचना जारी है तथा वर्तमान में कुल 28 प्रकरणों में अपराधी अज्ञात हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत थानों में निरीक्षक, उप निरीक्षक, सउनि, प्रधान आरक्षक, आरक्षक के पद स्वीकृत हैं जिनमें 09 उप निरीक्षक, 02 सउनि के 02 प्रधान आरक्षक एवं 10 आरक्षक पद रिक्त हैं। उप निरीक्षक तथा आरक्षक के सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भरे जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक व प्रधान आरक्षक की पदोन्नति प्रक्रिया न्यायालयीन निर्णय अनुसार रूकी हुई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति किया जाना सतत् विभागीय प्रक्रिया है।
पशु शेड निर्माण
93. ( क्र. 2958 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की योजना के अंतर्गत पशु शेडों के लिये धनराशि का प्रावधान किया गया है? (ख) विगत 3 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी और ढीमरखेड़ा में कितने संख्या पशुशेड के निर्माण हेतु धनराशि का आवंटन किया गया है और निर्माण का आकार व प्रकार क्या निर्धारित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों के कितने हितग्राहियों को किस प्रक्रिया के अंतर्गत किस राशि के पशु शेड आवंटित किये गये है? (घ) प्रश्नांश (ग) में से किनके द्वारा शेडों का निर्माण कर लिया गया है और उनकी जाँच किनसे करायी गई है? (ड.) प्रश्नांश (घ) में से किनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विभाग में पशु शेड निर्माण की कोई योजना संचालित नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी से लाभान्वित कृषक
94. ( क्र. 2960 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग ने मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में उद्यानिकी के क्षेत्र में कोई योजना बनायी है? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा में वर्ष 2016 में उद्यानिकी के कौन-कौन से कार्यक्रम संचालित किये गये हैं और कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया है? (ग) क्या विभाग ने उद्यानिकी के उत्पादन के आधार पर कोई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की है? (घ) प्रश्नांश (ग) इकाइयां किनके द्वारा संचालित की जा रही है और कितना उत्पादन किया जा रहा है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वित्तीय अनियमितता के संबंध में
95. ( क्र. 3013 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में गत 3 वर्षों में कौन-कौन सी योजनाएं विभाग द्वारा संचालित की गई? उनमें योजनावार क्या बजट दिया गया? अनुदान की क्या योजनाएं है? विधान सभा क्षेत्रवार चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र की विवरण सहित जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों में गत 5 वर्षों में कितने किसानों को चारा उत्पादन वाले किसानों को कुटी मशीन दी गई वर्षवार जानकारी दें। (ग) क्या चारा उत्पादन के साथ जो खाद एवं बीज दिया? उन किसानों को और कुटी मशीन वाले किसानों का भौतिक सत्यापन विभाग करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक। (घ) क्या चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र एवं गुना जिले के अन्य हिस्सों में समान रूप से योजनाओं का बजट का आवंटन किया गया है? यदि समानता नहीं है तो क्या विभाग मदवार योजनाओं की जाँच कर दोषियों पर कब तक कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) गुना जिले में गत् 3 वर्षों में विभाग द्वारा संचालित की गई योजनाएं एवं योजनावार बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। विभाग की अनुदान की योजनाओं की विधान सभा क्षेत्रवार एवं चॉचौड़ा विधान सभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जिले में विगत 5 वर्षों में वर्ष 2011-12 में निरंक, वर्ष 2012-13 में निरंक, वर्ष 2013-14 में 211, वर्ष 2014-15 में निरंक, वर्ष 2015-16 में निरंक, किसानों को कुट्टी मशीन प्रदाय की गई है। (ग) जी हाँ। जिले में पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी/पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ भौतिक सत्यापन कराया गया है। (घ) योजनाओं के बजट का आवंटन जिले की मांग एवं आवश्यकता अनुसार जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाओं को किया जाता है। विधान सभा क्षेत्रवार बजट आवंटन का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
माईक्रोइरीगेशन योजना
96. ( क्र. 3024 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला जबलपुर को माईक्रोइरीगेशन योजना राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित हितग्राही मूलक संचालित किन-किन योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन योजनाओं से संबंधित कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? योजनाओं की लक्ष्यपूर्ति बतलावें। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित माईक्रोइरीगेशन योजना में कितनी-कितनी राशि के कृषि यंत्र उपकरण मशीनरी की खरीदी कब-कब, कहाँ-कहाँ से की गई? इससे संबंधित देयकों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब, किन-किन फर्मों/कंपनियों व प्रदायकर्ता एजेंसी को किया गया है? सूची दें। (ग) प्रश्नांकित माईक्रोइरीगेशन योजना में चयनित कितने हितग्राहियों को कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इन्हें कितनी राशि के कृषि यंत्र उपकरण व मशीनरी प्रदाय की गई तथा इन्हें अनुदान की कितनी राशि का भुगतान किया गया? इसका सत्यापन कब किसने किया है? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित योजना में किये गये भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत विभाग द्वारा कृषि यंत्र उपकरण मशीनरी की खरीदी नहीं की जाती है। कृषकों द्वारा प्रतिष्ठापित कराये गये ड्रिप/स्प्रिंकलर पर दिये गये अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा माइक्रोइरीगेशन से संबंधित योजना में कोई सामग्री प्रदाय नहीं की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन योजनांतर्गत प्राप्त शिकायत की जाँच उपरांत श्री व्ही.के.चौकसे तत्कालीन प्रभारी उप संचालक के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है।
प्रदेश में कार्यरत पुलिसकर्मी
97. ( क्र. 3027 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जनसंख्या के मान से पुलिसकर्मी कार्यरत हैं? अगर हाँ तो प्रदेश के थानों में कितनी जनसंख्या पर एक पुलिसकर्मी कार्यरत है? (ख) प्रदेश में अगर जनसंख्या के मान से थानों पर पुलिसकर्मी पदस्थ रहते है तो म.प्र. के ऐसे कितने ग्राम नगर है जहाँ पर निर्धारित जनसंख्या तो है किंतु पुलिस थाने स्थापित नहीं? ऐसे ग्रामों नगरों की संख्या बतावें। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत थाने एवं पुलिस चौकियों पर निर्धारित जनसंख्या के हिसाब से पुलिस बल नियुक्त है? यदि नहीं, तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जनसंख्या के साथ ही भा.द.वि. के अपराधों व अन्य मापदण्डों के आधार पर पुलिसकर्मी कार्यरत है। वर्तमान में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर पुलिसकर्मियों का राष्ट्रीय औसत-182.68 व मध्यप्रदेश का औसत-134.43 है। (ख) जी नहीं। मात्र जनसंख्या के मान से थानों का गठन नहीं किया जाता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती/ पदोन्नति तथा स्थानान्तरण से की जाती है, जो सतत् प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भिण्ड जिले के थाना नगर के प्रकरण क्र. 626 में मुल्जिम की गिरफ्तारी
98. ( क्र. 3048 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की एफ.आई.आर. क्रमांक 625/2015 दिनांक 01.12.2015 थाना नगर में हत्या के प्रकरण में कितने लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध हुआ था? लोगों के नाम, पता, धाराएं सहित जानकारी दी जावें। (ख) उक्त प्रकरण में कितने अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है? कितने की नहीं हो सकी है? गिरफ्तारी नहीं होने के क्या कारण रहे? पुलिस द्वारा फरार मुल्जिम के खिलाफ अभी तक क्या कार्यवाही की गई? माह, दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या फरार मुल्जिम, परिवारजनों, गवाहों को डरा, धमका रहा है एवं शहर में ही रहकर घूमता रहता है? क्या मृतक परिवारजनों द्वारा पुलिस को शिकायतें की गई? उस पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आवेदक श्री जयराज की प्रथम सूचना पर थाना सिटी कोतवाली जिला भिंड में दिनांक 01.12.2015 को अपराध क्रमांक 625/15 धारा 307, 341, 294, 34 भा.द.वि. का आरोपी 1- शिवम् उर्फ मजनू उर्फ छोटे पुत्र शरदचंद्र शर्मा, निवासी आर्य नगर, भिण्ड, 2- अन्ना उर्फ अनु पुत्र रामनरेश शर्मा निवासी आर्य नगर भिण्ड, 3- लकी उर्फ रूद्रांश शास्त्री पुत्र भीमशंकर निवासी आर्य नगर भिण्ड, 4- अश्विनी पुरोहित पुत्र मुरारी निवासी आर्य नगर भिण्ड के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में विवेचना में आये तथ्य एवं साक्ष्य के आधार पर दिनांक 02.12.2015 को धारा 302 भा.द.वि. भी बढ़ाई गई है। (ख) प्रकरण में आरोपी 1- शिवम् उर्फ मजनू उर्फ छोटे पुत्र शरदचंद्र शर्मा, निवासी आर्य नगर, भिण्ड को दिनांक 04.12.2015, 2- अन्ना उर्फ अनु पुत्र रामनरेश शर्मा निवासी आर्य नगर भिण्ड को 23.03.2016 एवं 3- लकी उर्फ रूद्रांश शास्त्री पुत्र भीमशंकर निवासी आर्य नगर भिण्ड को 05.04.2016 को गिरफ्तार किया गया जा चुका है। प्रकरण में वर्तमान में एक आरोपी अश्विनी पुरोहित के घटना दिनांक से लगातार फरार होने के कारण गिरफ्तारी शेष है। फरार आरोपी अश्विनी पुरोहित की गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक, चंबल जोन द्वारा रूपये 15,000/- का नकद ईनाम की घोषणा की है। फरार आरोपी अश्विनी पुरोहित के स्वामित्व की कृषि भूमि को भी धारा 82, 83 द.प्र.सं. के अंतर्गत सक्षम न्यायालय से आदेश प्राप्त कर तहसीलदार भिण्ड के माध्यम से कुर्क की जाने की कार्यवाही की गई है तथा प्रकरण में फरार आरोपी की गिरफ्तारी हेतु विधि अनुरूप सभी प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) प्रकरण के फरार आरोपी द्वारा परिजनों एवं गवाहों को डराने, धमकाने एवं शहर में घूमने संबंधी कोई शिकायत मृतक के परिजनों द्वारा थाना सिटी कोतवाली भिण्ड में नहीं की गई है।
राशन पात्र हितग्राही
99. ( क्र. 3065 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में दिनांक 31.12.2013 की स्थिति में राशन के कुल कितने पात्र हितग्राही थे और प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने पात्र हितग्राही हैं? (ख) सागर जिले में दिनांक 1.4.2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रति माह कितने हितग्राहियों की राशन पात्रता पर्ची जारी की जा रही है? जानकारी माहवार, विधान सभा क्षेत्रवार संख्यात्मक रूप में देवें। (ग) क्या सागर जिले में कुल पात्र हितग्राहियों की संख्या से भी बहुत ज्यादा पात्रता पर्ची जारी की गयी हैं? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? विस्तारपूर्वक बतावें कि इसकी उच्चस्तरीय जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सागर जिले में दिनांक 31.12.2013 की स्थिति में ए.पी.एल.-2,24,056, बी.पी.एल.-2,33,016, एएवाय-57,373, वृद्धजन-1,770, कुल 5,16,215 राशनकार्डधारी परिवार थे तथा माह जून, 2016 की स्थिति में जिले में सभी श्रेणियों के कुल 4,60,327 पात्र परिवार हैं। (ख) सागर जिले में दिनांक 1.4.2014 से प्रश्न दिनांक तक माहवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों का सत्यापन स्थानीय निकाय/संबंधित विभाग द्वारा किया जाता है। सागर जिले में पात्र परिवार के रूप में 20,55,046 जनसंख्या को सम्मिलित किया गया है जो कि जनगणना, 2011 अनुसार जनसंख्या 23,74,014 की तुलना में 86 प्रतिशत है। पात्र परिवार के रूप में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों को विलोपन करने की कार्यवाही माह अप्रैल, 2016 से जून, 2016 तक किये जाने के कारण पृथक से जाँच कराए जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय जाँच
100. ( क्र. 3066 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश में कितने और किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच कब से चल रही है और कितनी पूर्ण हो गई है जिन पर निर्णय लिया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बताया जाये कि विभागीय जाँच पूर्ण करने के लिए कितनी समयावधि तय है? ऐसे कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच लंबित है जिनकी जाँच समयावधि में समाप्त हो गई है? उनके नाम, पद वर्तमान पदस्थापना दिनांक सहित, विभागीय जाँच का आदेश दिनांक, जाँच अधिकरी के नाम सहित जानकारी दी जाये? (ग) क्या विभागीय जाँच लंबित रहने के कारण निर्दोष अधिकारी एवं कर्मचारी के कल्याण संबंधी हितों को आघात पहुँचता है? (घ) विभागीय जाँच समयावधि में पूर्ण न करने पर संबंधित जाँच अधिकारी के विरूद्ध भी क्या कोई कार्यवाही के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि किन-किन जाँच अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई है, जिनके द्वारा निर्धारित समयावधि में जाँच पूर्ण नहीं की? लंबित विभागीय जांचों का निराकरण कब तक करा दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) एक वर्ष/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विभागीय जाँच एक अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है, जिसमें साक्ष्य एवं गवाही की प्रक्रिया अपनायी जाती है। बिना प्रक्रिया के पालन के विभागीय जाँच में निर्णय लेने पर निर्णय गलत हो सकता है तथा प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त का उल्लंघन हो सकता है। अतः प्रक्रिया अपनाकर जाँच पूर्ण करने से निर्णय सही होता है एवं हित प्रभावी नहीं होता है। (घ) यदि किसी प्रकरण में निर्धारित समय-सीमा से अधिक विलंब किसी स्तर पर होता है तो यथोचित कारण न होने पर उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए संबंधित के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने के निर्देश है। विभागीय जाँच अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है, जिसमें प्रक्रिया का पालन कर ही जाँच की जाती है। बिना प्रक्रिया के पालन के विभागीय जाँच में निर्णय लेने पर निर्णय गलत हो सकता है तथा प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त का उल्लंघन हो सकता है। अतः प्रक्रिया अपनाकर जाँच पूर्ण करने से निर्णय सही होता है एवं हित प्रभावी नहीं होता है। प्रकरणों में विलम्ब जाँच प्रक्रिया का विधिवत पालन करने से ही होता है। जानबूझकर किसी अधिकारी द्वारा विलम्ब किये जाने का प्रकरण संज्ञान में नहीं आने से कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। किसी भी जाँच में प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों का उल्लंघन न हो इस दृष्टिकोण से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
उद्यानिकी विभाग में प्राप्त आवंटन/कार्य की जानकारी
101. ( क्र. 3103 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग में विदिशा जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक किस-किस मद में कितनी राशि आवंटित की गई है? मदवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटन में से कौन-कौन से कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई है, बतावें तथा कितने कृषकों को लाभ दिया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं, उनकी जानकारी पृथक से दी जावे? (घ) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र के अंतर्गत संचालित नर्सरी पर पौधा रोपण हेतु पर्याप्त पानी की व्यवस्था है या नहीं? यदि नहीं, तो पानी की व्यवस्था हेतु कोई योजना है तो बतावें? क्या पर्याप्त पानी के अभाव में पौधा रोपण नहीं हो पा रहा है, जिससे शासन को राजस्व की हानि के साथ किसानों को पौधे उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रारंभिक सर्वेक्षण के अनुसार उपलब्ध कराना अत्याधिक खर्चीला होने के कारण कोई योजना नहीं है। पर्याप्त सिंचाई व्यवस्था के अभाव में नर्सरी में पौध उत्पादन कार्यक्रम नहीं लिया जा रहा है। अत: राजस्व हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विधान सभा क्षेत्र के कृषकों को आवश्यकतानुसार पौधों की प्रदायगी विभागीय अन्य रोपणियों से कराई जा रही है।
मछुआ समितियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना
102. ( क्र. 3104 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितनी मछुआ समितियां संचालित हो रही हैं? ग्रामवार, समिति के नाम उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित मछुआ समितियों को कहाँ-कहाँ पर कब से कब तक समयावधि के लिए मछलीपालन का ठेका दिया गया है? समितिवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित समितियों के माध्यम से कितने व्यक्तियों एवं परिवारों को रोजगार प्राप्त हुआ, समितिवार सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने स्थान हैं? जहां पर मछली पालन की संभावना है पर वर्तमान में कोई मछुआ समिति संचालित नहीं हो रही है? स्थानवार सूची उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विदिशा जिले में 35 मछुआ सहकारी समितियां संचालति है। ग्रामवार एवं समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मछुआ समितियों को किसी प्रकार का ठेका नहीं दिया गया है। तालाबों को पट्टे पर दिया गया है, समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "क" अनुसार समितियों के माध्यम से 392 व्यक्ति एवं परिवारों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) बासौद विधान सभा क्षेत्र में जाजोन भावनखेडी मुरादपुर, घटेरा, पुराघटेरा, बघर्रू एवं त्योंदा में ऐसे सात स्थान है जहाँ मछली पालन की संभावना है तथा सभी स्थानों पर मछुआ समिति संचालित है। स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
इन्दौर संभाग के पर्यटन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था
103. ( क्र. 3114 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग के पर्यटन स्थलों पर विगत 3 वर्षों में विभिन्न श्रेणियों में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? सूची थानेवार उपलब्ध करावें। अब तक (प्रश्न दिनांक तक) किस प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या पर्यटन स्थलों के आसपास किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यदि हाँ, तो क्या व्यवस्था की गई है? (ग) क्या पर्यटन स्थलों के आसपास के क्षेत्र में अपराधिक गतिविधियों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाना चाहिए। अथवा की जावेगी।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर संभाग के अन्तगर्त पर्यटन स्थलों पर विगत 03 वर्षों में पंजीबद्व अपराधों की सूची तथा उनमें की गई कार्यवाही की थानेवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार हैं। (ख) जी हाँ, इंदौर संभाग के अन्तर्गत पर्यटन स्थलों की सूरक्षा हेतु संबंधित थाने से सुरक्षा व्यवस्था लगाई जाती हैं तथा थाना मोबाईल द्वारा पेट्रोलिंग की जाती हैं अवकाश एवं विशेष आयोजन के समय संबंधित जिले से अतिरिक्त बल भी सुरक्षा व्यवस्था हेतु लगाया जाता हैं इसके अतिरिक्त ग्राम रक्षा समिति एवं कोटवारों को भी सहयोग लिया जाता हैं। (ग) जी नहीं। पंजीबद्ध अपराधों का पर्यटन स्थलों की विशेष सुरक्षा हेतु जिला खरगोन में पर्यटन चौकी महेश्वर, जिला धार में पर्यटन चौकी माण्डवगढ़ एवं बुरहानपुर जिले में पर्यटन चौकी हेतु 01 उपनिरीक्षक, 04 सहायक उपनिरीक्षक, 06 प्रधान आरक्षक, 08 आरक्षक एवं 01 चालक का बल स्वीकृत किया गया है। औंकारेश्वर एवं महेश्वर में सुरक्षा हेतु सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाये गये है।
गेहूं खरीदी केन्द्र
104. ( क्र. 3133 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में कितने गेहूं खरीदी केन्द्र बनाये गए थे किन-किन केन्द्रों पर कितनी खरीदी की गई वर्तमान में जिला प्रशासन के पास कितना गेहूं का स्टाक है किन-किन केन्द्रों से कितनी घटित पाई गई कितने वेयर हाउस में सरकारी खरीदी गेहूं का स्टाक कितना है और किन-किन वेयर हाउस में स्टाक रखा गया है? (ख) केन्द्रों द्वारा गेहूं क्रय करने के दौरान किन-किन मदों पर कितनी राशि खर्च कि गई कृपया मदवार केन्द्रवार सूची देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) हरदा जिले में वर्ष 2016-17 में 92 गेहूं खरीदी केन्द्र बनाए गए थे। केन्द्रवार गेहूं खरीदी एवं घटती की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। वर्तमान में हरदा जिले में गोदामवार भंडारित गेहूं की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं के गोदामों में भंडारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ख) उपार्जन करने वाली संस्थाओं द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन पर मदवार एवं केन्द्रवार खर्च की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है।
मारपीट की घटनाएं
105. ( क्र. 3154 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्नांकित तिथि तक प्रदेश में कितने शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रताड़ित करने, मारपीट करने व शासकीय कार्य में अवरोध करने की घटनाएं पंजीबद्ध हुई? कितने आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं/पत्रकारों एवं समाजसेवियों के साथ मारपीट, फोन पर जान से मारने की धमकी, जानलेवा हमला एवं हत्या की घटनाएं घटित हुई? जिलेवार बतावें? इन घटनाओं में कितने प्रकरण, किन-किन धाराओं के तहत, किन-किन आरोपियों के विरुद्ध दर्ज किये गए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों के आरोपियों में कितने गिरफ्तार किये जा चुके है? कितनों की गिरफ्तारी शेष है? कितने फरार हैं? फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों में से कौन-कौन आरोपी किस-किस राजनैतिक दल अथवा संगठन से संबंधित हैं? शिकायतों की विवेचना नहीं हो पाई, उन्हें सी.बी.आई. को कब सौंपा गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्नांकित तिथि तक शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रताडि़त करने, मारपीट करने व शासकीय कार्य में अवरोध करने की घटनाओं के संबंध में प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 3007 अपराधिक प्रकरण विभिन्न धाराओं में पंजीबद्ध किये गये हैं। पंजीबद्ध प्रकरणों का जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। उपरोक्त अवधि में आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं, पत्रकारों एवं समाजसेवियों के साथ मारपीट, फोन पर जान से मारने की धमकी, जानलेवा हमला एवं हत्या की घटनाओं के संबंध में प्रदेश में कुल 40 अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ में उल्लेखित प्रकरणों के आरोपीगणों के नाम, गिरफ्तार किये गये व गिरफ्तारी हेतु शेष आरोपीगणों की संख्या आदि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार। फरार आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे है। प्रकरण विशेष की आवश्यकतानुसार फरार आरोपीगणों के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुसार अनुसंधान किया जाता है। प्रश्नांश ’क’ में वर्णित अपराधों के आरोपीगण के राजनैतिक दल या संगठन के संबंधों की आवश्यकता अपराधी प्रकरण के अनुसंधान में नहीं होने से संकलित नहीं की जाती है। प्रश्नांश ’क’ में वर्णित पंजीबद्ध प्रकरणों में से शेष लंबित प्रकरणों की नियमानुसार विवेचना तत्परता से की जा रह है, उन्हें सी.बी.आई. को सौंपे जाने का कोई औचित्य नहीं है।
पोस्टमार्टम में लापरवाही
106. ( क्र. 3163 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर में 16 अप्रेल 2016 को पड़ाव पुलिस स्टेशन के पास एक 3 माह की बच्ची लावारिस स्थति में मिली थी, जिसे गम्भीर बीमारी के चलते KRH अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया? यदि हाँ, तो उक्त बालिका का पोस्टमार्टम किस दिनाक को कराया गया? (ख) लावारिस लाशों का पोस्टमार्टम कितने दिनों में कराये जाने का प्रावधान है? क्या उक्त बालिका का पोस्टमार्टम विभाग की लापरवाही के चलते 1 माह में हुआ इसके लिए कौन जिम्मेदार है? विभाग ने उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की? (ग) क्या इस प्रकरण में पुलिस विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पोस्टमार्टम के पुलिस दस्तावेज समय पर नहीं देने के कारण पोस्टमार्टम में देरी हुई इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या उक्त प्रकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस विभाग को चिट्ठी लिखी थी वह किस दिनांक को पुलिस विभाग को मिली, उस पर पुलिस विभाग ने क्या कार्यवाही की?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला ग्वालियर थाना पड़ाव में दिनांक 27.05.2016 को श्री संतोष वाल्मीक नि. ग्वालियर के हस्ते डॉक्टर श्री सार्थक जुगरान विभागाध्यक्ष फोरेंसिक विभाग जी.आर.एम.सी. ग्वालियर की ओर से अज्ञात बालिका उम्र करीब 03 माह का शव फ्रीजर में बाल एवं शिशु रोग विभाग द्वारा दिनांक 19.04.2016 को रखवाये जाने के संबंध में एक लिखित सूचना प्राप्त हुई। उक्त सूचना पर दिनांक 27.05.2016 को देहाती नालिसी मर्ग क्रमांक 0/16 धारा 174 जा.फौ. का लेख किया जिसके आधार पर असल मर्ग क्रमांक 14/2016 धारा 174 जा.फौ. का पंजीबद्ध कर पंचायतनामा शव बनाया गया व पोस्टमार्टम उसी दिन करवाया गया। (ख) लावारिश शव के मिलने पर लाश की पहचान के उद्देश्य से परिस्थिति अनुसार शव सुरक्षित रखा जाता है। यथाशीघ्र पोस्टमार्टम कराया जाना चाहिए। प्रश्नांश ’क’ में लावारिस बच्ची की लाश की सूचना दिनांक 27.05.2016 को प्राप्त होते ही मर्ग पंजीबद्ध कर शव परीक्षण कराया गया है। मृत्यु की सूचना अस्पताल से विलंब से प्राप्त होने के कारण से मर्ग की कायमी कर शव परीक्षण उक्त दिनांक को ही कराया गया है। विलंब के संबंध में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा जाँच आदेशित की गई है। (ग) जी नहीं। पुलिस द्वारा तत्काल कार्यवाही की गई है। (घ) दिनांक 27.05.2016 को स्वास्थ्य विभाग द्वारा 14:30 बजे पुलिस थाना पड़ाव को लिखित सूचना दी गई जिस पर पुलिस थाना पड़ाव में मर्ग क्रमांक 14/16 धारा 174 दं.प्र.सं. कायम कर प्रधान आरक्षक, गंगाराम माहौर थाना पड़ाव द्वारा तत्काल संपूर्ण कार्यवाही की गई।
शपथ आयुक्त नियुक्त किया जाना
107. ( क्र. 3189 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालयों में शपथ पत्र प्रस्तुत करने हेतु विभाग द्वारा शपथ आयुक्त नियुक्त किये जाते हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने शपथ आयुक्त नियुक्त किये गये हैं? उनके नाम, स्थान तथा नियुक्ति दिनांक सहित बतावें? (ग) उक्त शपथ आयुक्त के क्या कार्य है? क्या उक्त न्यायालयों में न्यायालयीन कार्य हेतु नियुक्त किये गये शपथ आयुक्तों को अन्य विभाग में भी शपथ पत्र तस्दीक करने के निर्देश हैं? (घ) क्या उक्त न्यायालयों में न्यायालयीन कार्य हेतु नियुक्त किये गये शपथ आयुक्तों की मॉनिटरिंग की जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब उनकी मॉनिटरिंग की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं? शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस विभाग में कर्मचारियों के पदों की पूर्ति
108. ( क्र. 3190 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस रक्षित केन्द्र, जेल एवं पुलिस थानों एवं होम गार्ड कार्यालयों में वर्तमान में कितने पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? (ख) उक्त स्वीकृत पदों पर कौन-कौन से पुलिस अधिकारी/कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? नाम, पदनाम, पदस्थापना स्थल का नाम तथा पदस्थापना स्थल पर पदस्थी दिनांक सहित बतावें? (ग) उक्त स्वीकृत पदों में से कितने पद रिक्त हैं? पदनाम सहित बतावें। उनकी पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) होमगार्ड सैनिकों को जहाँ पर कितने समय के लिये किस कार्य के लिये नियुक्त किये जाने का प्रावधान है? राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ में वर्तमान में किन होमगार्ड सैनिकों को कहाँ-कहाँ पर कब से किस कार्य हेतु नियुक्त किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राजगढ़ जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस रक्षित केन्द्र, जेल, पुलिस थानों एवं होमगार्ड कार्यालयों में वर्तमान में स्वीकृत अधिकारियों/कर्मचारियों के पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) राजगढ़ जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस रक्षित केन्द्र, पुलिस थानों एवं होमगार्ड कार्यालयों में कार्यरत् अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जेल विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) राजगढ़ जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस रक्षित केन्द्र, जेल, पुलिस थानों एवं होमगार्ड कार्यालयों में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार। जिला राजगढ़ में होमगार्ड सैनिकों की डियूटी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार।
पट्टा आवंटन में अनियमितताएं
109. ( क्र. 3192 ) श्री दिनेश राय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय मत्स्यपालन नीति 2008 के अनुसार जिला सिवनी के किन विकासखण्डों के किन ग्रामों के किन रकबों के तालाब/जलाशय मत्स्य पालन नीति के प्रावधानों के अनुसार पट्टा आवंटन की दृष्टि से किस स्तर की पंचायत के अधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रावधानों के अनुसार वर्तमान में किन तालाबों-जलाशयों की पट्टा अवधि प्रश्न दिनांक को समाप्त होने की स्थिति में किन जनपद व जिला स्तरीय तालाब-जलाशयों की पट्टा आवंटन हेतु विज्ञप्ति किस दिनांक को किन सक्षम अधिकारी दवारा जारी कर आवेदन आमंत्रित किये हैं? (ग) कलेक्टर सिवनी ने विभागीय मत्स्य पालन नीति के परिपालन में विगत दो वर्षों की समयावधि के भीतर किन तालाब-जलाशयों का पट्टा आवंटित कर अनुबंध सम्पादित कराया है? (घ) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) से (घ) अनियमितताओं पर पंचायत विभाग का ध्यान आकर्षित कर दोषियों के विरूद्ध पद के दुरूपयोग की कार्यवाहियां करायी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मत्स्य पालन नीति 2008 के अनुसार 0 से 10 हेक्टेयर तक के तालाब एवं जलाशय ग्राम पंचायत, 10 से 100 हेक्टेयर तक के तालाब एवं जलाशय जनपद पंचायत एवं 100 से 1000 हेक्टेयर तक के तालाब एवं जलाशय जिला पंचायत के अधीन है। जिला सिवनी में मत्स्य पालन हेतु उपलब्ध तालाब एवं जलाशयों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) कलेक्टर द्वारा तालाब एवं जलाशयों का पट्टा आवंटन कर अनुबंध संपादित कराने का प्रावधान नहीं है। प्रस्ताव नियमानुसार होने पर अनुमोदन उपरांत पट्टा धारक एवं संबंधित पंचायत के मध्य अनुबंध किया जाता है। (घ) अनियमित्ताएं नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गरीबी रेखा वाले राशन कार्डों का वितरण
110. ( क्र. 3195 ) श्री दिनेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने सामान्य, गरीबी रेखा, अन्त्योदय के राशन कार्ड बनाये गये? जनपद पंचायतवार वर्षवार, कार्ड की श्रेणी सहित जानकारी दी जावें? (ख) उपरोक्त में वर्णित समय के पूर्व राशन कार्डों की संख्या की तुलना में वर्तमान राशन कार्डों की बढ़ोत्तरी के क्या कारण रहें? (ग) क्या एक ही परिवार के अनेक व्यक्तियों द्वारा गरीबी रेखा वाले कार्ड बनाये जाने से संख्या में बढोत्तरी हुई? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारियों द्वारा कार्ड बनाये गये हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी जिले में प्रश्नांकित अवधि में बी.पी.एल. श्रेणी के 9856 कार्ड बनाये गए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अन्तर्गत ए.पी.एल. श्रेणी प्रचलन में नहीं होने से ए.पी.एल. राशनकार्ड जारी करने संबंधी प्रावधान लोक सेवा गारंटी अधिनियम से विलोपित किया जा चुका है। उक्त अवधि में कोई भी नवीन अन्त्योदय राशन कार्ड जारी नहीं किये गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधान अनुसार आवेदकों द्वारा बी.पी.एल. श्रेणी के अंतर्गत शामिल करने हेतु आवेदन प्राप्त होने पर सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त सूची में नाम जोड़े जाने के फलस्वरूप बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों की संख्या में वृद्धि हुई है। (ग) ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
111. ( क्र. 3198 ) श्री सचिन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मनरेगा के अभिसरण से आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड/स्नीप जिले में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 के लिये खरगोन जिले से कसरावद परियोजना में 16 एवं भीकनगांव परियोजना में 2 कुल 18 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्यों में से प्रश्न दिनांक तक कितने शेष हैं? स्थानवार जानकारी दें। (ख) उक्त आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2015-16 हेतु मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड/स्निप जिले में) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु खरगोन जिले की कसरावद परियोजना में 12 एवं भीकनगांव परियोजना में 05 आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये गये है। (ख) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधानों के उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
थाना कोतवाली सीहोर पर हमला/बलवा की घटना
112. ( क्र. 3219 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर कोतवाली थानांतर्गत दिनांक 03.06.10 एवं 04.06.10 को दो पक्षों में मारपीट व थाना कोतवाली पर हमला किये जाने की घटना घटित हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या पुलिस प्रशासन ने प्रश्नांकित प्रकरण में अपराध क्रमांक 310/10, 311/10, 312/10, 313/10, 314/10 एवं 315/10 पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित प्रकरणों में किन-किन व्यक्तियों पर किन-किन धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध हुए? प्रकरणवार बताएं तथा कौन-कौन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई व कौन-कौन फरार हैं? (घ) क्या प्रश्नांकित प्रकरणों में सभी आरोपियों के विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है? किन-किन व्यक्तियों को जमानत मिली है? किन-किन आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ व क्या-क्या दण्ड अधिरोपित हुए? प्रकरणों में अद्यतन स्थिति क्या है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ’क’ में वर्णित घटनाओं के संबंध में थाना कोतवाली सीहोर में अपराध क्रमांक 310/10, 311/10, 313/10, 314/10 एवं 315/10 दर्ज किये गये हैं। अपराध क्रमांक 312/10 का संबंध प्रश्नांश ’क’ में उल्लेखित घटना से नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजना की स्वीकृति
113. ( क्र. 3244 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के जनपद पंचायत लटेरी के ग्राम पंचायत अनंतपुर में नल-जल योजना जनभागीदारी योजना के तहत किस दिनांक को कार्य स्वीकृत हुआ? कार्य कब से प्रारंभ किया गया? कार्य स्वीकृति के समय उसकी लागत क्या थी? अभी तक कितना कार्य किया जा चुका है? कितना कार्य होना शेष है? कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्य में निर्माण एजेंसी या ठेकेदार के विरूद्ध क्वालिटी की अनियमितता संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के जनपद पंचायत लटेरी में अनंतपुर नाम की कोई ग्राम पंचायत या ग्राम नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलकूप खनन
114. ( क्र. 3247 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत इस ग्रीष्मकाल में कितने नवीन नलकूप खनन किये गये? कितने सफल रहे एवं कितने असफल रहे? (ख) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में भू-जल संवर्धन में कितनी रिचार्जिंग शॉफ्ट का निर्माण कराया गया? इसका लक्ष्य क्या था तथा इसके विरूद्ध कितना कार्य कराया गया? संवर्धन कार्य में रीचार्जिंग शॉफ्ट निर्माण से पूर्व सर्वेक्षण कराया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में इस ग्रीष्मकाल में कितनी बन्द नल-जल योजनाओं को चालू किया गया? ग्रामवार जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में इस वर्ष कितने हैण्डपम्पों के पास प्लेट फार्म बनवाए गए? कितने बनाना शेष है? प्लेट फार्म बनवाने का कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 13 नवीन नलकूपों का खनन किया गया जिसमें 11 सफल एवं 2 असफल रहे। (ख) 12 रिचार्जिंग शॉफ्ट का निर्माण कराया गया। लक्ष्य विधान सभावार नहीं दिया जाता। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) 16 बंद नलजल योजनाओं को चालू किया गया। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) इस वित्तीय वर्ष में कोई प्लेटफार्म निर्माण नहीं किया गया है। 11 प्लेटफार्म बनाये जाना है। प्लेटफार्म का निर्माण कार्य वर्षाकाल पश्चात् कराया जायेगा।
हैण्डपंप खनन
115. ( क्र. 3265 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला पंचायत ग्वालियर की विभिन्न वार्डों में वर्ष 2015 जनवरी से प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपंप लगाए गए? (ख) क्या वार्ड क्र. 13 में पेयजल की आवश्यकतानुसार हैण्डपंप नहीं खोदे गये? (ग) क्या जनपद पंचायत भितरवार के ग्राम बागवई की नलजल योजना विगत दो वर्षों से बंद पड़ी जिससे पेयजल की गंभीर समस्या है जिसमें लोगों एक से दो कि.मी. तथा पानी लेने जाना पड़ता है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में हैण्डपंप खनन एवं ग्राम बागवई की नलजल योजना कब तक चालू की जावेगी एवं हैण्डपंप कब तक खोदे जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 651 हैण्डपंप। (ख) वार्ड क्रमांक-13 की आंशिक पूर्ण बसाहटों में लक्ष्य एवं आवंटन की उपलब्धता के अनुसार हैण्डपंप खोदे गये हैं। (ग) ग्राम बागवई की बिजली कटी हुई होने से नलजल योजना बंद है। ग्राम बागवई में स्थापित सभी 15 हैण्डपंप चालू हैं, जिनसे ग्रामवासी पेयजल प्राप्त कर रहे हैं। ग्राम में पेयजल समस्या नहीं है। (घ) ग्राम की विद्युत समस्या का निराकरण होने पर नलजल योजना चालू की जा सकेगी। इस हेतु निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। ग्राम पूर्ण श्रेणी का होने के कारण हैण्डपंप नहीं लगाये जा सकेंगे।
सिंहस्थ 2016 में विभाग द्वारा किये गये स्थायी निर्माण
116. ( क्र. 3274 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु गृह विभाग द्वारा पुलिस ट्रेनिंग स्कूल सहित उज्जैन जिले में कुल कितनी राशियों के कौन-कौन से स्थायी निर्माण करवाये गये हैं? (ख) क्या गृह विभाग द्वारा उक्त संपूर्ण स्थायी निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाये गये हैं, यदि नहीं, तो ऐसे कार्यों के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त संपूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, अथवा अपूर्ण हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संपूर्ण कार्य पूर्ण हो चुके है।
कारागृह स्टाफ व्यवस्था
117. ( क्र. 3275 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में कुल कितने कारागृह स्थित हैं तथा उनमें पृथक-पृथक कितने कैदियों को रखे जाने की क्षमता है। (ख) क्या जिले के सभी कारागृहों में समुचित स्टाफ उपलब्ध है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या जिले के समस्त कारागृहों में क्षमता के अनुरूप ही कैदियों को अभिरक्षा में रखा गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) उज्जैन जिले में कुल 04 कारागृह स्थित हैं, जिनकी क्षमता निम्नानुसार है :-
कारागृह का नाम |
क्षमता |
केन्द्रीय जेल उज्जैन |
1650 कैदी |
उप जेल तराना |
20 कैदी |
उप जेल महिदपुर |
80 कैदी |
उप जेल खाचरौद |
130 कैदी |
(ख) जी हाँ। कारागृहों में समुचित स्टाफ स्वीकृत है। प्रहरी वर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) केन्द्रीय जेल उज्जैन एवं उप जेल तराना में क्षमता से अधिक कैदी निरूद्ध हैं, जिनकी क्षमता में वृद्धि के प्रयास आगामी योजनाओं में किये जावेंगे।
मत्स्य पालन व बीज उत्पादन
118. ( क्र. 3296 ) श्री लखन पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन का कार्य कौन-कौन से तालाबों में किया जाता है? तालाबवार जानकारी देवें? (ख) म.प्र. शासन द्वारा मत्स्य पालन व बीज उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु क्या प्रयास किये गए हैं? (ग) दमोह जिले में विगत 03 वर्षों में शासन द्वारा कौन से ठेकेदार को कौन से तालाब में मछली पकड़ने का ठेका दिया गया है एवं शासन को इसमें कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (घ) ठेकेदार के नाम एवं पते सहित जानकारी दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) दमोह जिले में मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन से संबंधित तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा मत्स्य पालन एवं मत्स्य बीज उत्पादन हेतु विभागीय योजनाएं संचालित की जाकर समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। (ग) विभाग द्वारा तालाबों को मछली पकड़ने हेतु ठेके पर नहीं दिये जाते है। अत: राजस्व प्राप्ति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश "ग" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
नल-जल योजनाओं व हैण्डपंपों का खनन
119. ( क्र. 3297 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पथरिया विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक पेयजल हेतु कितने नल-जल योजना एवं हैण्डपंप स्वीकृत किए गए है? (ख) पथरिया विधान सभा क्षेत्र में कितने ऐसे ग्राम हैं जहां पेयजल का भारी संकट है? ऐसे ग्रामों के लिए पेयजल सुविधा हेतु शासन के पास कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो ऐसे ग्रामों को पेयजल सुविधा कब तक उपलब्ध की जावेगी? (ग) क्या आगामी वर्ष में ऐसी कोई योजना लाने का प्रावधान किया जावेगा? यदि हाँ, तो जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 336 हैण्डपंप स्वीकृत किये गये एवं एक भी नल-जल योजना स्वीकृत नहीं की गई। (ख) वर्तमान में पेयजल संकट व्याप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आगामी वर्ष में आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने की विभाग की योजना है।
उद्यानिकी द्वारा कराये जाने वाले प्रशिक्षण
120. ( क्र. 3303 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में फलोद्यान के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने किसानों को लाभांवित किया गया? क्या फलोद्यान को प्रोत्साहन देने हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है? (ख) प्रशिक्षण कहाँ-कहाँ व कब-कब दिया गया? प्रशिक्षण में सम्मिलित कृषकों की संख्या उपलब्ध करावे व प्रशिक्षणों में कितनी राशि व्यय की गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है।
आँगनवाड़ी केन्द्रों को आवंटित एवं व्यय राशि
121. ( क्र. 3309 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रायसेन जिले के बाड़ी एवं उदयपुरा जनपद अंतर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना संचालित है? यदि हाँ, तो उक्त परियोजना अंतर्गत कितने आँगनवाड़ी केन्द्र परियोजनावार कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तो क्या सभी आँगनवाड़ी केन्द्रों में भवनों की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो कब तक भवन की व्यवस्था की जावेगी? (ग) क्या उक्त दोनों परियोजनाओं के संचालन हेतु शासन से राशि आवंटन की जाती है? यदि हाँ, तो परियोजनावार वर्ष 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गई और किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी व्यय की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रायसेन जिले की बरेली एवं उदयपुरा जनपद अन्तर्गत बाल विकास परियोजना बरेली एवं बाल विकास परियोजना उदयपुरा संचालित है। बाल विकास परियोजना बरेली में 314 तथा बाल विकास परियोजना उदयपुरा में 225 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ पर है। (ख) सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन की व्यवस्था नहीं है। भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है सीमित वित्तीय संसाधनों के होने के कारण सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन व्यवस्था हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ पर है।
राशन वितरण के संबंध मे
122. ( क्र. 3311 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने बी.पी.एल. हितग्राहियों को पात्रता पर्ची के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है? राशन दुकानवार संख्यात्मक जानकारी का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जिन बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राही को पात्रता पर्ची नहीं मिल पाई उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने हितग्राही है ग्राम पंचायतवार ब्यौरा दें? हितग्राही को समय पर पात्रता पर्ची नहीं मिलने के लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्यो? (ग) क्या शासन द्वारा पंचायत स्तर पर राशन दुकानें खोलने का प्रावधान किया गया है यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 44,582 परिवारों को बी.पी.एल. श्रेणी में सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है। बी.पी.एल. श्रेणी के अंतर्गत सत्यापित पात्रता पर्चीधारी परिवारों की उचित मूल्य दुकानवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सैलाना विधान सभा क्षेत्र के 44,582 परिवार बी.पी.एल. श्रेणी में तथा 22,773 अन्य पात्रता श्रेणी परिवार में सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। कोई भी बी.पी.एल. पात्र परिवार सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची से वंचित नहीं है। पात्र परिवारों को जारी पात्रता पर्ची के उपरांत परिवार की राशन सामग्री की पात्रता आती है तथा उचित मूल्य दुकानों से इसी आधार पर राशन का वितरण किया जाता है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायतवार उचित मूल्य दुकान खोले जाने का प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में किया गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पेयजल की उपलब्धता
123. ( क्र. 3322 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2016 से किन-किन ग्रामों में नलजल एवं मुख्यमंत्री पेयजल योजना तथा हेण्डपंप बंद होने एवं सुधार किये जाने की ग्रामवासियों द्वारा मांग की गई यह जानकारी क्या-क्या थी, बतायें? (ख) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2016 से पेयजल आपूर्ति की क्या कार्ययोजना थी, इसके पालन में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य पूर्ण किये गये, कौन-कौन से कार्य किये जाने शेष हैं, किये गये कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, कार्यवार, स्थलवार बतायें? (ग) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2016 से राष्ट्रीय पेयजल योजना, अनुसूचित जाति विकास मद, अनुसूचित जनजाति विकास मद, सूखा राहत मद एवं 14वें वित्त अन्तर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा हेण्डपंप स्थापित किये गये है एवं लोक स्वा. यांत्रिकी विभाग द्वारा हेण्डपंप एवं पेयजल योजनाओं में मरम्मत/संधारण के कौन-कौन से कार्य, किस सक्षम प्राधिकारी के किस आदेश से कहाँ-कहाँ कराये गये, कार्यवार, लागतवार बतायें,
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कार्ययोजना विधान सभा क्षेत्रवार नहीं बनाई जाती है। मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
ग्रामीण पेयजल योजना का प्रचार-प्रसार
124. ( क्र. 3325 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत जागरूकता के कार्य करने वाली संस्थाओं के चयन की क्या प्रक्रिया है? क्या इन संस्थाओं का चयन प्रदेश स्तर से किया जाता है? यदि हाँ, तो नियम बतायें। (ख) विगत् तीन वर्षों में प्रश्नांश ''क'' के तहत कटनी जिले में योजना का कार्य कराने वाली संस्था को किस नियम एवं प्रक्रिया के तहत कार्यादेश दिये गये। (ग) प्रश्नांश ''क'' के तहत कटनी जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत विगत् तीन वर्षों में आयोजित जागरूकता के कार्यक्रमों में कौन-कौन शासकीय सेवक, जनप्रतिनिधि, उपस्थित रहे? (घ) प्रश्नांश ''क'' से ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले में आयोजित कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष में आंकलन कराया गया, यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) अभिरूचि की अभिव्यक्ति का विज्ञापन जारी कर संस्थाओं से आवेदन प्राप्त किये जाते हैं। इन आवेदन पत्रों का परीक्षण समिति द्वारा किया जाकर योग्य संस्थाओं का चयन किया जाता है। जी हाँ। इस बाबत् निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पैनल में शामिल संस्थाओं में से नियमानुसार निविदा/कोटेशन के माध्यम से न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाली संस्थाओं को कार्यादेश दिये गये। (ग) शासकीय सेवकों के रूप में जिला कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं विभिन्न विभागों के जिला/ब्लाक/ग्राम पंचायत स्तरीय अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों के रूप में त्रि-स्तरीय पंचायती राज के निर्वाचित प्रतिनिधियों जैसे- जिला/जनपद पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सदस्यों ग्राम पंचायत सरपंचों/पंचों की उपस्थित रही। (घ) जी नहीं, प्रक्रिया में तृतीय पक्ष से ऑकलन का प्रावधान नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों में समूह जलप्रदाय योजनाओं के क्रियान्वन
125. ( क्र. 3328 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्धता हेतु समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत की हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने ग्राम इसमें शामिल हैं एवं कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित नहीं किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार स्वीकृत योजना का क्रियान्वयन कब होगा एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य होंगे? (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार क्या स्वीकृत योजना से विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के छूटे हुए ग्रामों को सम्मिलित किए जाने पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब सम्मिलित किया जावेगा? (घ) पूर्व से संचालित ग्रामीण नलजल योजना को इस योजना में किस प्रकार समाहित किया गया हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावित आगर मालवा समूह जलप्रदाय योजना में सुसनेर विधान सभा क्षेत्र के 204 ग्राम सम्मिलित हैं। सम्मिलित न किये गये ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। योजनांतर्गत अंतर्ग्राही कूप, जलशोधन संयंत्र, पाइप लाइन बिछाने का कार्य, आर.सी.सी. टंकी निर्माण कार्य एवं नल कनेक्शन के कार्य प्रस्तावित हैं। (ग) तकनीकी परीक्षण उपरांत सम्भावित होने पर। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (घ) पूर्व से संचालित योजना के अवयवों के उपयोगी होने पर।
आंगनवाड़ी केन्द्रों को व्यवस्थापन
126. ( क्र. 3329 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला आगर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के पास स्वयं के भवन हैं एवं कितने भवन विहीन हैं? प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु कोई कार्य योजना है? यदि हाँ,, तो भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन कब तक निर्मित होंगे? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन शासकीय विद्यालयों के परिसर में ही या विद्यालय परिसर के निकट स्थित है, सूची उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आगर जिले में 239 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के विभागीय भवनों में, 359 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किराये पर एवं अन्य शासकीय भवनों में संचालित) है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 155 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये पर एवं अन्य शासकीय भवनों में संचालित) संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) जी हाँ। भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल 103 आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन शासकीय विद्यालय परिसर में या विद्यालय परिसर के निकट स्थित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ पर है।
उपयोगी एवं अनुपयोगी सामग्रियां
127. ( क्र. 3332 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पेयजल एवं जल संकट निवारण हेतु रतलाम जिले में शासन/विभाग प्रारम्भ से अनेक योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से जिले भर में अब तक बंद/खराब, जीर्ण-शीर्ण एवं अनुपयोगी विद्युत मोटर, पाईप लाईन, राईजिंग लाईन, हैण्डपंप, टंकिया इत्यादि अनेक क्या भण्डार गृह में सूचीबद्ध किये है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में जिले भर में किन-2 भंडार गृहों में कौन-कौन सी, कितनी सामग्री सूचीबद्ध की गयी है? (घ) उक्त वर्षों में नवीन प्राप्त सामग्री एवं अनुपयोगी सामग्री जिन स्थानों से, जिस प्रकार आई एवं गयी, की सूची भौतिक सत्यापन सहित बतायें एवं यदि तत्संबंधी कोई कार्यवाही भी की गयी हो तो? बताएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 के अनुसार है।
मत्स्य बीज संवर्धन हेतु नर्सरी पोंड्स का निर्माण
128. ( क्र. 3333 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में मत्स्योद्योग विभाग के अधीन रखे गए पहसारी जलाशय के डाउन स्ट्रीम में मत्स्य बीज संवर्धन हेतु नर्सरी पोंड्स का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो किस वर्ष? कितने पोंड्स का निर्माण कराया गया एवं कितनी राशि किस योजना से व्यय की गई? उक्त कार्य का निर्माण एवं सुपर विज़न करने वाले उपयंत्री, सहायक यंत्री का नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थल का उपयोग निर्माण के बाद मत्स्य बीज संवर्धन के लिए हुआ है? यदि हाँ, तो कब-कब एवं कितना मत्स्य बीज संवर्धन हुआ? (ग) वर्तमान में उक्त नर्सरियों की भौतिक स्थिति कैसी है? उपयोग में आ रही है, यदि नहीं, तो क्यों? इनकी स्थल की मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करें? क्या मिट्टी की गुणवत्ता नर्सरी निर्माण के लिए उपयुक्त थी? यदि नहीं, तो निर्माण क्यों किया गया? इसके मापदंड क्या है? इस कार्य को करने वाले उपयंत्री द्वारा अशोकनगर, शिवपुरी, गुना एवं ग्वालियर में कराये गए निर्माण कार्यों की सूची, लागत राशि एवं उनकी वर्तमान स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) पहसारी जलाशय के डाउन स्ट्रीम में मत्स्य बीज संवर्धन हेतु नर्सरियों के अनुपयोगी होने पर इनको निर्माण कराने वाले उपयंत्री, सहायक यंत्री के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2005 में विभागीय मद से एक पौंड रूपये बीस हजार की लागत से वर्ष 2010-11 में पाँच पौंड रूपये 4.97.722.00 राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत निर्मित किये गये। कार्यों का सुपर विजन उपयंत्री श्री डी. सी. थापक एवं सहायक यंत्री श्री बी.एस.चतुर्वेदी द्वारा किया गया। (ख) जी हाँ। वर्ष 2011-12 में विभागीय मद से निमित एक पौंड में 12.00 लाख मत्स्य बीज (स्पान) संवर्धन किया गया। (ग) वर्ष 2011-12 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत निर्मित पाँच पौंड क्षतिग्रस्त होने से उपयोग में नहीं ली जा रही है। मिट्टी परीक्षण नहीं कराया गया है भौतिक रूप से मिट्टी की गुणवत्ता नर्सरी निर्माण हेतु उपयुक्त है मत्स्य बीज उत्पादन हेतु स्थल के समीप नहर, नदी ट्यूबवेल बाँध या अन्य प्राकृतिक साधन की वैकल्पिक व्यवस्था होने के साथ ही नर्सरी निर्माण हेतु भूमि उपयुक्त हो जिसमें क्ले का प्रतिशत 40 से अधिक एवं पर्याप्त जल धारण क्षमता हो आवश्यक होता है। जिला अशोक नगर में 10 नर्सरी का निर्माण राशि रूपये 8.88 लाख से डी.सी.थापक, उपयंत्री की देखरेख में किया गया है। वर्तमान में नर्सरियों में मत्स्य बीज संवर्धन कार्य किया जा रहा है। जिला गुना एवं शिवपुरी में निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। ग्वालियर जिले में वर्ष 2006-07 में बाउंड्रीवाल का निर्माण रूपये 3.00 लाख से श्री डी.सी.थापक, उपयंत्री की देख-रेख में किया गया जिसकी स्थिति अच्छी है। (घ) नर्सरियों के अनुपयोगी होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राशन सामग्री वितरण पर मॉनीटिरिंग व्यवस्था
129. ( क्र. 3334 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में राशन सामग्री वितरण की प्रभावी मॉनीटिरिंग हेतु उचित मूल्य की दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में कहाँ-कहाँ उपलब्ध करा दी गयी है सूची उपलब्ध करायें? (ख) उज्जैन संभाग में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से राशन सामग्री वितरण कब से प्रारम्भ किया जाना था कहाँ-कहाँ पर डीलरों द्वारा ऑनलाइन सॉफ्टवेयर वितरण किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करायें? (ग) जिन क्षेत्रों में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर द्वारा वितरण नहीं किया जा रहा है वहां विलम्ब के क्या कारण हैं विभाग द्वारा इन क्षेत्रों में कब तक सुविधा प्रधान कर दी जाएगी? (घ) विभाग द्वारा राशन डीलरों को कम्प्यूटर मशीन देने का चयन किस आधार पर किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में राशन सामग्री वितरण की प्रभावी मॉनीटिरिंग हेतु समस्त 22,401 उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई गई है। उज्जैन संभाग के जिलों में जिन उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई गई है। उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग के जिलों में सेवाप्रदाता द्वारा उचित मूल्य दुकानों पर दिनांक 22 दिसम्बर, 2015 तक पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर दिनांक 01 जनवरी, 2016 से पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से राशन वितरण किया जाना था, किन्तु सेवाप्रदाता द्वारा दिनांक 01 फरवरी, 2016 की स्थिति में उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाने से माह फरवरी, 2016 से पी.ओ.एस. मशीन के द्वारा राशन सामग्री का वितरण प्रारंभ किया गया है। नीमच नगर की 33 उचित मूल्य दुकानों पर माह मार्च, 2016 से पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से राशन का वितरण प्रारंभ किया गया है। सेवाप्रदाता द्वारा विलंब से मशीन लगाई जाने के कारण उसके ऊपर आर्थिक दण्ड अधिरोपित किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उज्जैन संभाग समस्त उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पी.ओ.एस. मशीन किन्ही चयनित दुकानों पर न लगाई जाकर प्रदेश की समस्त उचित मूल्य दुकानों पर लगाई गई है। पी.ओ.एस. मशीनों को किराये पर लगाने एवं उनके संधारण हेतु सेवा प्रदाता का चयन मध्यप्रदेश इलेक्ट्रोनिक डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा खुली निविदा के माध्यम से किया गया है।
खाद्य सोसायटियों कमिशन का पुनर्निर्धारण
130. ( क्र. 3335 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-3-49/2012/29-2 भोपाल दिनांक 4 मई, 2015 को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधन के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न के लिये उचित मूल्य की दुकान के कमीशन का पुनर्निर्धारण करने के आदेश जारी किये गये? हाँ तो बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगरीय क्षेत्र में खाद्यान्न पर उचित मूल्य की दुकानों को 70/- रूपये प्रति क्विंटल की दर से कमीशन दिया जावेगा एवं ग्रामीण क्षेत्र में पृथक विक्रेता होने पर प्रत्येक दुकान को केवल खाद्यान्न पर 4800/- रूपये प्रति दुकान कमीशन दिया जावेगा? यदि हाँ, तो नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कमीशन में भिन्नता क्यों रखी गयी है? कारण सहित बतायें? क्या शासन उक्त आदेश को निरस्त कर एक समानता पूर्वक कमीशन के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को रू. 70/- प्रति क्विंटल तथा ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को 200 या 200 से अधिक राशनकार्ड वाली प्रत्येक दुकान को रू. 8,400/- खाद्यान्न पर कमीशन दिया जा रहा है। यह कमीशन पृथक विक्रेता रखने पर ही देय होगा अन्यथा एक विक्रेता द्वारा ही एक से अधिक दुकानों का संचालन करने पर अतिरिक्त दुकानों एवं 200 से कम राशनकार्ड वाली दुकानों के लिए रू. 2,400/- प्रति दुकान कमीशन दिया जा रहा है। 200 से कम राशनकार्ड वाली दुकानों के लिए पृथक से विक्रेता रखना आवश्यक नहीं है। भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न वितरण पर उचित मूल्य दुकानों को रू. 70/- प्रति क्विंटल की दर से कमीशन निर्धारित किया गया है। तद्नुसार नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को कमीशन दिया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों की संख्या का निर्धारण 800 पात्र परिवारों की संख्या के आधार पर करने के कारण प्रति दुकान खाद्यान्न की मात्रा ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में अधिक है, साथ ही चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में असर व्यवस्था लागू की जाने के कारण जिस उचित मूल्य दुकानदार द्वारा उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा दी जाएगी, उसके खाद्यान्न आवंटन में भी वृद्धि होने से कमीशन राशि में भी अधिक प्राप्त होगा, जो कि एक मुश्त कमीशन देने पर संभव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोली जाने के कारण नगरीय क्षेत्र की तुलना में प्रति दुकान पात्र परिवारों की संख्या कम होने से खाद्यान्न आवंटन की मात्रा कम होगी जिस पर प्रति क्विंटल की दर से कमीशन निर्धारित करने पर कमीशन कम प्राप्त होता। ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को भी आर्थिक रूप से सक्षम बनाने तथा कम पात्र परिवार संख्या वाली पंचायतों में दुकानों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्न पर प्रति क्विंटल के स्थान पर एक मुश्त कमीशन निर्धारित किया गया है। शासन के इस निर्णय से प्रत्येक पंचायत में एक दुकान खोलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में कमीशन निर्धारण हेतु जारी आदेश में संशोधन/निरस्त करने की कोई आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस थाना भवनों का रख-रखाव
131. ( क्र. 3339 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने पुलिस थाने संचालित हैं? इन पुलिस थानों के भवनों की क्या स्थिति है और विगत 5 वर्षों में इनके रख-रखाव पर कितनी राशि व्यय की गई? (ख) सागर नगर स्थित थाना कोतवाली का भवन कितने वर्ष पुराना है? इस भवन की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या थाना कोतवाली भवन के रख-रखाव हेतु कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो वह कितनी राशि का है तथा कब तक स्वीकृत हो जायेगा? (ग) क्या सागर नगर स्थित कटरा यातायात पुलिस चौकी को अपने मूल स्थान से विस्थापित करने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो यह कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 8 पुलिस थाने संचालित है। इन पुलिस थानों के भवनों की स्थिति सामान्य है और विगत 05 वर्षों में इनके रख-रखाव पर पी.सी. एण्ड आर. मद के अंतर्गत 490000/- रूपये एवं एम.ओ.डब्ल्यू. प्रशासकीय मद के अंतर्गत 100000/- रूपये राशि व्यय की गई है। (ख) सागर नगर स्थित थाना कोतवाली ब्रिटिश कालीन निर्मित है। इस पुलिस थाना भवन की स्थिति सामान्य है। उक्त भवन के जीर्णोद्वार कराने हेतु पी.सी.एण्ड.आर. मद से राशि रूपये 10.75 लाख स्वीकृत की गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपियों की गिरफ्तारी
132. ( क्र. 3347 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल जिले में कितनी साम्प्रदायिक दंगे, साम्प्रदायिक तनाव, साम्प्रदायिक घटनाएं घटित हुई तथा किन-किनके विरूद्ध किस-किस धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने आरोपी हैं जिनके विरूद्ध साम्प्रदायिक दंगे, साम्प्रदायिक तनाव, साम्प्रदायिक घटनाओं के प्रकरण पंजीबद्ध हैं लेकिन प्रश्न दिनांक की स्थिति में गिरफ्तार नहीं किए गए हैं? (ग) क्या साम्प्रदायिक दंगे, साम्प्रदायिक तनाव, साम्प्रदायिक घटनाओं के आरोपियों के विरूद्ध एन.एस.ए. की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जिन आरोपियों के विरूद्ध एन.एस.ए. की कार्यवाही की गई उनके विरूद्ध पूर्व में साम्प्रदायिक के अतिरिक्त अन्य धाराओं के प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में ऐसे कितने आरोपी हैं जिनके विरूद्ध पूर्व में कोई प्रकरण पंजीबद्ध न होते हुए भी पहली बार में ही द्वेषपूर्ण भाव से एन.एस.ए. की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक 30.06.2016 की स्थिति में भोपाल जिले में प्रश्नानुसार साम्प्रदायिक तनाव की दो घटनाएं घटित हुई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी शेष नहीं है। (ग) हाँ। एक आरोपी के विरूद्व एन.एस.ए. की कार्यवाही की गई है। पूर्व में कोई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। (घ) एन.एस.ए. की कार्यवाही द्वेषपूर्ण भाव से नहीं की गई। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत विधिक प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जाती है। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
हैण्डपंप का खनन
133. ( क्र. 3348 ) श्री
आरिफ अकील :
क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) क्या
ग्राम
पंचायत/सरपंच
के प्रस्ताव
अनुसार
माननीय जिला
रायसेन
प्रभारी एवं गृह
मंत्री मध्यप्रदेश
शासन के पत्र
क्रमांक 7480 दिनांक 29 मार्च 2016 को
ग्राम
कचनारिया के
टोला
मुरलीखेड़ी
में सी.सी. रोड
एवं हैण्डपंप
खनन हेतु
संबंधित को
आवश्यक आदेश
प्रदान करने
हेतु कलेक्टर
जिला रायसेन
को पत्र जारी
किया था?
(ख)
यदि हाँ, तो
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
जनहित को
दृष्टिगत रखते
हुए
संबंधितों
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों तथा इस
लापरवाही के
लिए कौन-कौन
दोषी है और
प्रश्नांकित
कार्य कब तक
किया जावेगा? यदि
नहीं, तो
क्यों?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) :
(क)
जी हाँ। (ख)
नवीन
हैण्डपंप
स्थापना की
कार्यवाही की
जा रही है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
निश्चित तिथि
नहीं बताई जा
सकती।
सीहोर जिले में स्थापित खाद्य प्रसंस्करण इकाई
134. ( क्र. 3365 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में शासन निजी कंपनियों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर किन-किन कंपनियों द्वारा इकाई स्थापित की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थापित की जाने वाली कंपनियों द्वारा किन पदार्थों का प्रसंस्करण किया जाएगा? प्रसंस्कृत किए जाने वाली वस्तु क्रय करने के लिए कंपनियों की क्या पॉलिसी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इकाइयों में कितना रोजगार सृजन होगा ब्यौरा दें (1) क्या कंपनी द्वारा रोजगार के लिए स्थानीय स्तर पर प्राथमिकता दी जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार इकाइयों के स्थापना की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या इकाइयां कार्य प्रारंभ कर चुकी है? यदि हाँ, तो उत्पादन कब तक प्रारंभ होगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी नहीं। निजी कम्पनियां स्व-निवेश से इकाइयां स्थापित करती हैं जिन्हें खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत कतिपय अनुदान/छूट दी जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के तारतम्य में राज्य शासन द्वारा कोई इकाई स्थापित नहीं करने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुमशुदा बच्चों की तलाश
135. ( क्र. 3366 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने अवस्यक लड़के लड़कियों के गुम होने के प्रकरण दर्ज हुए? गुमशुदा बच्चों के नाम, पता व प्रकरण दर्ज होने का पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए संबंधित थाना प्रभारी तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार गुमशुदा बच्चों को गायब होने में क्या कोई गिरोह तो कार्य नहीं कर रहा है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) बच्चों के गुमशुदा या गायब होने की घटनाओं को रोकने के लिए शासन द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सीहोर जिले में 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक अवयस्क लड़के-लड़कियों के गुम होने के कुल 214 प्रकरण दर्ज हुए हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) थाना पर गुमशुदा बालक-बालिका की सूचना प्राप्त होने पर म.प्र.पुलिस रेग्यूलेशन पैरा क्रमांक 419 के अनुसार गुमशुदगी दर्ज कर धारा 363 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर तत्काल जाँच तलाश प्रारम्भ की जाती है। प्रत्येक गुमशुदा बालक-बालिका की जानकारी ट्रेक द मिसिंग चाईल्ड पोर्टल पर जानकारी अपलोड की जाती है, जिससे प्रभावी खोज संभव हो सके। गुमशुदा बालक-बालिका के पंजीबद्ध अपराधों को मानव तस्करी का प्रकरण मानकर गंभीरता एवं संवेदनशीलतापूर्वक विवेचना एवं तलाश कर प्रकरण का निराकरण किया जाता है। गजट प्रकाशन, दूरदर्शन प्रसारण भी कराया जाता है। गुमशुदा बच्चों की दस्तयाबी हेतु ऑपरेशन मुस्कान के तहत तलाश की जाती है। (ग) प्रश्नांश ’क’ के संबंध में जिला सीहोर में कोई गिरोह का होना नहीं पाया गया। (घ) उत्तरांश ’ख’ अनुसार।
पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) में आ रही बाधाएं
136. ( क्र. 3378 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता के दस्तावेज के रूप में मात्र पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) को मान्यता दी गई है? अन्य किसी दस्तावेज को नहीं? (ख) क्या पात्रता पर्ची की त्रुटियां खाद्य सुरक्षा में बाधा है? यदि हाँ,तो इस दस्तावेज में त्रुटि करने वालों के लिये क्या प्रावधान है? (ग) क्या सी.एम. हेल्प लाइन की शिकायत क्र. 2190107 की जाँच में यह पाया गया है कि परिवार में 08 सदस्य होते हुये भी 02 सदस्यों की पात्रता दी गई है? शिकायत की जाँच किस स्तर पर किसके द्वारा की गई? प्रतिवेदन की प्रति दें? (घ) क्या इसी तरह की प्रदेश के अन्य जिलों में भी शिकायतें प्राप्त हुई है? हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही बताएं? (ड.) क्या प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के तथ्यों से यह साबित नहीं होता है कि पात्रता पर्चियों के आधार पर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होने का दावा मिथ्या है तथा पर्चियों में व्यापक त्रुटियों के बावजूद कार्यवाही न होने से उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) में उल्लेखित समग्र परिवार आईडी को पी.ओ.एस. मशीन में प्रविष्टी कर परिवार की पहचान उपरांत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकान से परिवार को राशन का वितरण किया जा रहा है। भोपाल, इन्दौर एवं खण्डवा जिला मुख्यालय के नगरीय क्षेत्र में जिन पात्र परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर उपलब्ध है उनकी पहचान बायोमेट्रिक आधार पर की जाकर राशन का वितरण किया जा रहा है। (ख) पात्र परिवार श्रेणी के अंतर्गत सम्मिलित परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा ऑनलाईन पात्रता श्रेणी में सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की जाने की व्यवस्था की गई है। पात्र परिवारों को जारी पात्रता पर्ची में यदि कोई संशोधन आवश्यक है तो आवेदक स्थानीय निकाय के माध्यम से संशोधन करा सकते है। संशोधन उपरांत नवीन पात्रता पर्ची स्वत: निर्मित हो जाती है। (ग) जी नहीं। शिकायत क्रमांक 2190107 इंदिरा आवास योजना से संबंधित है शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं संशोधन एक सतत् प्रक्रिया होने के कारण जाँच कराये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
हैण्डपंप का खनन
137. ( क्र. 3379 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले की बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में कितने नलकूप खनन किये गये? (ख) उक्त वर्षों में खनित नलकूपों में से ऐसे कितने ग्राम हैं जहां हैण्डपंपों का सामान नहीं डालने से हैण्डपंप चालू नहीं हो सके? (ग) वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में हैण्डपंप खनन किस ठेकेदार एजेंसी द्वारा किया गया एवं उसे कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) क्या पुराने हैण्डपंपों के संधारण हेतु विभाग प्रमुख एवं अन्य को शिकायत प्राप्त हुई है? अगर हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में क्रमशः 229 एवं 136 नलकूप खनन किये गये। (ख) ऐसा कोई भी ग्राम शेष नहीं है, जिसमें सफल नलकूप पर हैण्डपंप स्थापित कर उसे चालू न कर दिया गया हो। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। सुधार योग्य हैण्डपंपों को सुधार कर चालू किया गया।
पूरक पोषण आहार की जाँच
138. ( क्र. 3383 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग के अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक एफ4-522014/50-2, भोपाल दिनांक 24 फरवरी 2014 के अनुसार पूरक-पोषण आहार निगरानी समिति का गठन परियोजना अधिकारी द्वारा किया जाना था। अगर हाँ तो छिन्दवाड़ा जिले की किन-किन परियोजनाओं में अभी तक निगरानी समिति गठित की गई है। उनकी सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या इन निगरानी समितियों की बैठकें आयोजित किया जाना अनिवार्य है। अगर हाँ तो छिन्दवाड़ा जिले की परासिया परियोजना क्र. 01 में इन 02 वर्षों में निगरानी समिति की बैठक आयोजित नहीं की गई है तो कब तक आयोजित की जायेगी? (ग) क्या निगरानी समितियों की बैठक आयोजित नहीं किए जाने में संबंधित परियोजना अधिकारी की लापरवाही है। अगर हाँ तो बैठक आयोजित नहीं किए जाने के लिए विभाग द्वारा संबंधित परियोजना अधिकारी के उपर क्या कार्यवाही की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4- 5/2014 /50 -2,भोपाल, दिनांक 24 फरवरी 2014 के अनुसार पूरक पोषण आहार निगरानी समिति का गठन परियोजना अधिकारी द्वारा किया जाना था। शासन के उक्त निर्देश के परिपालन में जिले में संचालित 14 परियोजनाओं में समिति का गठन किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। निगरानी समिति की बैठक दिनांक 15.07.2016 को आयोजित की गई है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यापम प्रकरण पर कार्यवाही
139. ( क्र. 3387 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम से जुड़े 212 प्रकरण जो STF तथा अन्य पुलिस थाने में दर्ज हुये उनमें कुल आरोपियों की संख्या कितनी है कितनी गिरफ्तारी हुयी थी, CBI का प्रकरण सौंपने की दिनांक 13.07.2015 तक तथा कितने फरार थे? (ख) STF की व्यापक घोटाले से संबंधित कितने आवेदन प्राप्त हुये थे तथा 13.07.2016 के पूर्व तक कितने आवेदनों पर विवेचना पूर्ण कर प्रकरण दर्ज कर लिये थे तथा कितने विवेचनाधीन है। शेष कितने आवेदन थे जिन पर विवेचना प्रारंभ ही नहीं की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विवेचना के अलावा STF द्वारा 13.07.2016 के पूर्व अन्य कितने प्रकरणों पर विवेचना की जा रही थी लेकिन FIR दर्ज नहीं हुई थी उनकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (घ) STF द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत आवेदन की प्रति देवें जिसमें लंबित आवेदन की प्रति देवें जिसमें लंबित विवेचनाधीन प्रकरण, लंबित आवेदन और शेष 27 दर्ज प्रकरण, जिसे अभी तक CBI ने नहीं लिया है का उल्लेख हो?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) व्यापम से जुड़े एस.टी.एफ. एवं मध्यप्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 212 प्रकरणों में कुल आरोपियों की संख्या 4046 है जिसमें से 3063 आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं। सी.बी.आई. को प्रकरण सौंपने की दिनांक 13.07.2015 तक कुल 983 आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष थी। (ख) एस.टी.एफ. को व्यापम घोटाले के संबंध में कुल 1355 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 34 आवेदन पत्रों पर दिनांक 13.07.2016 तक जाँच उपरांत 19 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे। 315 आवेदन पत्रों की जाँच कर निराकृत किये गये हैं। कुल 1040 आवेदन पत्र वर्तमान में जाँच हेतु लंबित हैं, जिनमें जाँच प्रक्रियाधीन थी अथवा प्रारम्भ नहीं हुई थी। उक्त लंबित आवेदन पत्रों की जाँच सी.बी.आई. से कराने के संबंध में एस.टी.एफ./म.प्र.शासन द्वारा दिनांक 19.11.2015 को माननीय उच्चतम न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिस पर निर्णय होना शेष है। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा दिनांक 13.07.2016 के पूर्व 1040 शिकायतों की जाँच की जा रही थी परंतु उक्त दिनांक तक जांचों पर पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई थी। उक्त आवेदन पत्र अभी जाँच हेतु लंबित है। उक्त लंबित आवेदन पत्रों की जाँच सी.बी.आई. से कराने के संबंध में एस.टी.एफ./म.प्र.शासन द्वारा दिनांक 19.11.2015 को माननीय उच्चतम न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिस पर निर्णय होना शेष है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
जनवरी 2015 से जून 2016 तक दर्ज प्रकरण
140. ( क्र. 3388 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में जनवरी 2015 से जून 2016 तक दर्ज हत्या एवं दुर्घटना के प्रकरणों की संख्या इन में मृत व्यक्तियों की संख्या, आरोपियों की संख्या जिलेवार बतावें? इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग की संख्या कितनी-कितनी है? (ख) पिछले तीन वर्षों में पुलिस द्वारा दर्ज कितने प्रकरणों में न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय के कितने प्रकरण में आरोपियों की सजा मिली और कितने में आरोपी बरी हुये वर्षवार संख्या बतावें? (ग) पिछले 03 वर्षों से न्यायालय में पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों पर दिये गये अंतिम निर्णय का सफलता प्रतिशत कितना है किस प्रकार की धाराओं के प्रकरणों में सबसे कब तथा किसमे सबसे जयादा सफलता प्रतिशत है वर्षवार बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रतिशत में सफलता प्रतिशत बढ़ाने हेतु पिछले 03 वर्षों में शासन स्तर पर क्या प्रयास किये गये, क्या शासन उसके परिणाम से संतुष्ट हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर संभाग के सभी जिलों में 01 जनवरी, 2015 से 30 जून, 2016 तक हत्या के कुल 571 एवं दुर्घटना में मृत हुए, व्यक्तियों से संबंधित कुल 2933 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। शेष प्रश्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) विगत 03 वर्षों में प्रकरणों में सजायाबी का प्रतिशत बढ़ाने हेतु सतत् प्रयास किये गये हैं। गंभीर प्रकरणों को चिन्हित एवं सनसनीखेज परिधि में लेकर प्रकरण की अच्छी विवेचना कर चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत करने के उपरांत प्रकरण की अभियोजन कार्यवाही का समन्वय हेतु अधिकारी नियुक्त किये जाते हैं। विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई गई है तथा प्रकरणों में वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने पर बल दिया जा रहा है। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों की नियुक्तियां शासन द्वारा की जाकर, प्रकरणों का न्यायालय से शीघ्र निराकरण का प्रयास किया जा रहा है। प्रकरणों के अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु विवेचना अधिकारियों को समय-समय पर अनुभवी प्रशिक्षकों को बुलाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा विवेचक को विवेचना की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है। प्रकरणों की विवेचना हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं तथा वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने के लिए संबंधित विवेचनाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
स्व-सहायता समूह में पदस्थ कर्मचारी
141. ( क्र. 3390 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01-01-13 से 30-06-16 तक कितने स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं/थे की पूरी जानकारी देवें? प्रत्येक समूह के नाम, पते, सदस्य नाम सहित देवें? (ख) इन समूहों को कितनी खाद्यान्न सामग्री एवं राशि कब-कब वितरित की गई की जानकारी समूहवार, खाद्यान्न सामग्री दी गई राशि सहित माहवार बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में उज्जैन जिले की निम्न 03 बाल विकास परियोजनाओं के कुल 311 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिनके अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं/थे की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
परियोजना का नाम |
स्व-सहायता समूहों की संख्या |
आंगनवाड़ी/मिनी केन्द्रों की संख्या |
1 |
महिदपुर-1 |
109 |
144 |
2. |
महिदपुर-2 |
123 |
138 |
3. |
खाचरौद-2 |
024 |
029 |
|
कुल |
256 |
311 |
परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘01’’ पर है। (ख) समूह को माहवार वितरित खाद्यान्न की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘02’’ पर है। समूह को माहवार वितरित राशि (भुगतान की गई राशि) की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘03’’ पर है।
दालों की जब्ती व वेयर हाऊस प्रबंधन के संबंध में
142. ( क्र. 3393 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा 01-01-15 से 30-06-16 तक कितनी दालें कहाँ-कहाँ से जब्त की? जिलावार जानकारी देवें? मिलों, माल, दुकानों की जानकारी पृथक-पृथक देवें? इन्हें बाजार में नीलाम किया गया या नहीं? नहीं तो क्यों? यदि हाँ, बतावें कि इन्हें बाजार में कब-कब नीलाम किया गया? नीलामी किस दर पर की गई? यदि की गई हो तो बतावें। (ख) शासन ने कितना प्याज किस दर पर पूरे प्रदेश में क्रय किया? जिलावार बतावें? इसकी अद्यतन स्थिति भी बतावें? (ग) प्रदेश के प्राइवेट वेयर हाउसों में किस-किस योग्यता के कर्मचारी नियुक्त किया जाना आवश्यक है? योग्यता, शैक्षणिक योग्यता, विषय विशेषज्ञता सहित पूरी जानकारी देवें? (घ) जिन वेयर हाउसों में योग्यतानुसार कर्मचारियों को नहीं पदस्थ किया है उन पर नजर रखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही कब तक तय कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश में राज्य शासन द्वारा 600 रूपये प्रति क्विंटल के मान से कुल 10,37,555.83 क्विंटल प्याज क्रय किया गया। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपार्जित प्याज के विक्रय हेतु विपणन संघ द्वारा निविदायें आमंत्रित की गई थी। प्रथम निविदा में मात्र 82,915.74 क्विंटल प्याज के लिए ही निविदायें प्राप्त हुई। प्राप्त निविदाओं में 0.60 रूपये प्रति कि.ग्रा. से लेकर अधिकतम 2.60 रूपये प्रति कि.ग्रा. तक दर प्राप्त हुई। अत्यंत कम दर प्राप्त होने के कारण द्वितीय निविदा आमंत्रित की गई है। (ग) म.प्र. कृषि गोदाम नियम, 1961 में वेयर हाउस के कर्मचारियों की अनिवार्य योग्यता का प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
थाना गौतमपुरा के संबंध में
143. ( क्र. 3394 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि थाना गौतमपुरा जिला इंदौर के अंतर्गत ग्राम काई सेवा सहकारी संस्था 28 लाख रू. की लूट के आरोपी प्रश्न दिनांक तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं? इन्हें कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा? (ख) इसी थाना क्षेत्र के ग्राम तलावली के राम प्रसाद परमार के यहाँ हुई लूट के आरोपी भी गिरफ्तारी नहीं किये गये क्यों? इन्हें कब तक गिरफ्तारी कर लिया जावेगा? (ग) विगत 2 वर्षों में कितनी मोटर साइकल इस थाना क्षेत्र में चोरी हुई? कितनी बरामद हुई, माहवार जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रबंधक सेवा सहकारी संस्था ग्राम काई जिला इंदौर की प्रथम सूचना पर थाना गौतमपुरा जिला इंदौर में अपराध क्रमांक 155/14, धारा 392 भा.द.वि. अज्ञात दो आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में विवेचना हेतु अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस, देपालपुर के नेतृत्व में विशेष विवेचना दल का गठन किया गया है। प्रकरण में अज्ञात आरोपियों की पतारसी एवं गिरफ्तारी हेतु विधि अनुरूप प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) आवेदक श्री रामप्रसाद की प्रथम सूचना पर दिनांक 07.07.2014 को थाना गौतमपुरा, जिला इंदौर में अपराध क्रमांक 167/14, धारा 457, 380 भा.द.वि. का अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध चोरी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में आरोपी दीपक पुत्र नाथू पारदी निवासी उज्जैन को दिनांक 30.07.2014 को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण के शेष 03 आरोपी सचिव, गोविन्दा, अजय सभी निवास उज्जैन के लगातार फरार रहने के कारण गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। प्रकरण में फरार अरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक, इंदौर (पश्चिम) के द्वारा रूपये 3-3 हजार के नकद ईनाम की घोषणा की गई है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु विधि अनुरूप प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश ’ग’ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजनाओं का संचालन
144. ( क्र. 3395 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाए कहाँ-कहाँ संचालित है? सूची उपलब्ध कराएं? (ख) क्या इनमें से कई नल-जल योजनाए बंद है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं किन-किन कारणों से बंद है? (ग) क्या विभाग इन नल-जल योजनाओं को प्रांरभ करने के लिए कोई कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) बंद नल-जल योजनाएं कब तक पुन: प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 49 नल-जल योजनाएं संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 7 योजनाएं बंद हैं जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्त्रोत असफल होने के कारण बंद नल-जल योजनाओं में नये स्त्रोत विकसित करने की कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है, शेष अन्य कारणों से बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। (घ) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
बैतूल जिले में पंजीकृत? समितियों को तालाब आवंटन
145. ( क्र. 3396 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में चिचोली, शाहपुर एवं घोड़ाडोंगरी विकासखण्ड में मत्स्य पालन विभाग के अंतर्गत कितने तालाब हैं, स्थानवार सूची उपलब्ध कराएं? (ख) उपरोक्त विकासखण्डों में मत्स्य पालन हेतु कितनी समितियां पंजीकृत हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या पंजीकृत सभी समितियों को तालाब आवंटित हैं यदि नहीं, तो कौन-कौन सी ऐसी समितियां हैं जिन्हें तालाब आवंटित नहीं है तथा क्यों? (घ) क्या इस संबंध में शासन की कोई योजना है कि सभी समितियां को तालब आवंटित किए जाए? यदि हाँ, तो योजना क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन विकासखण्डों में मत्स्य पालन विभाग अन्तर्गत कोई तालाब नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन विकासखण्डों में 14 पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। 02 पंजीकृत समितियों को तालाब आवंटित नहीं है। उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। मत्स्य पालन की नीति -2008 भाग दो नीति एवं निर्देश के बिन्दु क्रमांक -03 (3.1) अनुसार पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों को उनके कार्यक्षेत्र के तालाब एवं जलाशयों का आवंटन प्राथमिकता के आधार पर किये जाने का प्रावधान है। नीति एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
खरगोन जिले हुई हत्या की जाँच
146. ( क्र. 3399 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के ग्राम पिपलीखेड़ा पोस्ट बेडि़या तहसील बड़वाह के निवासी शिवराम पिता स्व.जतमाल एवं दूरसिंह पिता नान्य के शव दिनांक 06/11/15 इंदिरा सागर नहर में पाये जाने पर शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उपरोक्त हत्याओं, की जाँच पूर्ण कर ली गई है? इसके आरोपियों के नाम बतावें? इस संबंध में गवाहों के बयान पर पुलिस ने किन-किन को आरोपी बनाया यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इस प्रकरण में पुलिस कब तक आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित घटना के संबंध में थाना सनावद जिला खरगोन में मृतक श्री शिवराम पिता जयमल भिलाल, उम्र 38 वर्ष नि. पीपरीखेड़ा की मृत्यु के संबंध में मर्ग क्रमांक 107/15, दिनांक 06.11.2015 को तथा मृतक श्री दुरसिंह पिता नानटा भिलाला, उम्र 32 वर्ष नि. पीपरीखेड़ा की मृत्यु के संबंध में मर्ग क्रमांक 108/15, दिनांक 06.11.2015 को पंजीबद्ध कर विधि अनुरूप मर्ग जाँच की गई है। (ख) मर्ग क्रमांक 107/15 तथा मर्ग क्रमांक 108/15 की जाँच में साक्षियों के कथनों, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, राऊ, इंदौर से प्राप्त प्रतिवेदन, मेडिकोलीगल संस्थान, भोपाल से प्राप्त अभिमत तथा मर्ग प्रकरणों की जाँच में आये साक्ष्य के आधार पर मृतक श्री शिवराम एवं श्री दुर सिंह की मृत्यु पानी में डूबने से प्रमाणित हुआ है तथा कोई भी संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया है। दोनों मर्ग प्रकरणों की जाँच पूर्ण की जा चुकी है। (ग) दोनों मर्ग प्रकरणों की जाँच में संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। अतएव आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विवादास्पद व्यक्ति की फील्ड में पदस्थापना
147. ( क्र. 3401 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परि.अता. प्रश्न संख्या 131 (क्रमांक 5419) दिनांक 09 मार्च 2016 का उत्तर सही दिया गया था? तो अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने, पंजीबद्ध होने, लोकायुक्त जाँच/प्रकरण पंजीबद्ध होने आरोप पत्र जारी होने, जाँच अधिकारी की नियुक्ति होने, कार्यपालन यंत्री से अधीक्षण यंत्री पद पर, पदोन्नति हेतु डी.पी.सी, आयोजित होने पदोन्नति आदेश जारी होने, मुख्य अभियंत्री का प्रभार होने, इत्यादि घटनाओं को दिनांक के बढ़ते क्रम में बताते हुए बतायें कि क्या पदोन्नति नियम 2002 के प्रबंधानुसार इनकी पदोन्नति नियमानुसार की गई थी? (ख) इनके खिलाफ कितने आरोप पत्र कब-कब जारी किये गये विभागीय जाँच के जाँच प्रतिवेदन का विवरण दें। यदि नहीं, तो विलंब का कारण, तिथिवार, कार्यवाही विवरण बतावें? (ग) क्या ऐसे व्यक्ति की जिसके विरूद्ध लोकायुक्त प्रकरण दर्ज हो, संवेदनशील पदों या फील्ड में पदस्थापना नहीं की जावेगी यदि हाँ, तो इतनी पदस्थपना किस के प्रस्ताव पर की गई, नाम, पद बतायें क्या निरस्त की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अधीक्षण यंत्री के पद पर पदोन्नति आरोप पत्र जारी करने के पूर्व नियमानुसार दी गई थी। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के कालम 4 एवं 7 में अंकित है। (घ) पदस्थापना प्रशासनिक कारणों से की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
योजनाओं का क्रियान्वयन
148. ( क्र. 3402 ) श्री मधु भगत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं तथा कार्यक्रम एवं उत्तरदायित्व है इनके लिये, पिछले 3 वित्तीय वर्षों में कितना फण्ड किस माध्यम से मिला तथा इसमें से कितना फण्ड बजट बालाघाट जिले का आवंटित किया गया? (ख) लामता विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी समितियां है, के सदस्यों के नाम, पते तथा उनके द्वारा क्या कार्य मछली पालन, विक्रय कहाँ-कहाँ किया गया/जा रहा हैं? (ग) विभाग की योजनाएं, कार्यक्रमों से लामता विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन, हितग्राही लाभान्वित हुए? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में क्या विभाग के हितों तथा मछली पालन में विकास के उद्देश्य से मछुआ समिति के हितो को देखते हुए विभागीय अधिकारियों ने दौरे कर, निरीक्षण प्रतिवेदन दिये? यदि हाँ, तो प्रति बतायें दौरे की तिथि, स्थान बतायें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) राज्य योजना मंडल से अनुमोदन उपरांत वित्त विभाग के माध्यम से विभाग को बजट आवंटित होता है, विभागीय योजनाओं, कार्यक्रम तथा विगत तीन वित्तीय वर्षों में योजनाओं के लिये आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब एवं स अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार बालाघाट जिले में लामता विधान सभा क्षेत्र नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश अनुसार बालाघाट जिले में लामता विधान सभा क्षेत्र नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा किए गए दौरे एवं निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता
149. ( क्र. 3405 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अता. प्रश्न संख्या 46 (क्रमांक 4307) दिनांक 14 मार्च, 2016 का उत्तर दिया गया है, निर्माण कार्य, इकाई स्तर पर कराये गये, तो ''ईकाई से क्या आशय है''? (ख) क्या उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) और (घ) में उल्लेखित कार्यों के इस्टीमेट के आधार पर भुगतान किया गया तथा निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो इस्टीमेट की प्रति बताते हुए? यह भी बतायें कि सामग्री क्रय में कितनी राशि तथा मजदूर कारीगर को कितनी मजदूरी दी गई अथवा लेबर मद में कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (घ) के उत्तर में स्वीकार किया है कि टेंडर बुलाकर सामग्री क्रय की गई, तो प्रकाशित निविदा की प्रति बताते हुए, यह स्पष्ट करें कि उसमें जो मात्रा आइटम दर्ज है, क्या वही आइटम और मात्रा का निर्माण या सामग्री क्रय की गई? निविदा कब खोली गई, निविदा क्या रजिस्टर्ड डाक से प्राप्त हुई? (घ) उक्त कार्य की निविदा ई-टेण्डरिंग के माध्यम से जारी क्यों नहीं की गई? (ड.) क्या खरीदी गई सामग्री और इस्तेमाल की गई सामग्री की मात्रा में अंतर है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इकाई से आशय 7वीं वाहिनी विसबल भोपाल से है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ ’ब’ एवं ’स’ अनुसार है। कार्यों की स्वीकृति में सामग्री एवं लेबर चार्ज की पृथक-पृथक स्वीकृति नहीं की जाती है। मजदूरी का भुगतान संबंधित फर्म द्वारा किया गया हैं। (ग) कोटेशन (सीमित निविदा) के द्वारा सामग्री क्रय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार। कोटेशन (सीमित निविदा) में दर्शायी गयी सामग्री और मात्रा ही निर्माण कार्य हेतु क्रय की गयी है। सीमित निविदा (कोटेशन) समिति के समक्ष दिनांक 13.10.2013, 01.12.2013, 24.10.2013, 12.10.2013, 25.10.2013, 18.11.2013, 12.11.2013, 13.11.2013, 14.12.2013, 16.12.2013, 17.12.2013, 18.12.2013, 03.03.2014, 02.03.2014, 02.03.2013, 03.03.2014, 04.03.2014, 02.03.2014, 03.03.2014, 04.03.2014, 02.03.2014, 03.03.2014, 02.03.2014, 04.08.2014, 06.12.2014, 30.10.2014, 01.11.2014, 03.11.2014, 02.11.2014 दिनांकों को खोले गये थे। संबंधित फर्म स्थानीय बाजार के होने के कारण फर्मों के द्वारा स्वयं कार्यालय में आकर दिये गये थे। रजिस्टर डॉक से प्राप्त नहीं हुये। (घ) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 के स्वीकृति प्राप्ति के समय ’ई’ टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू नहीं थी। (ड.) जी नहीं।
दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये प्रयास
150. ( क्र. 3406 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बैतूल ट्रॉफिक वार्डन योजनांतर्गत आता है? यदि हाँ, तो इस योजना का क्रियान्वयन कब से शुरू कर दिया गया है? तिथि एवं वर्ष से अवगत करावें? (ख) बैतूल जिले में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितने व्यक्तियों की मौतें हुई? (ग) सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत ट्रॉफिक वार्डन योजना के तहत बैतूल जिले को सुगम एवं दुर्घटनाविहीन बनाने हेतु अब तक क्या प्रयास किये गये? (घ) सड़क एवं दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु संसाधन प्राप्ति हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 25.05.2015 से प्रारंभ है। (ख) बैतूल जिले में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु की संख्या वर्ष 2014-238 वर्ष 2015-236 एवं वर्ष 2016 (30.06.2016 तक) -147 है। (ग) सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत ट्रॉफिक वार्डन योजना के तहत बैतूल जिले को सुगम एवं दुर्घटनाविहीन बनाने हेतु आम जनता के बीच यातायात नियमों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। समय-समय पर ट्रॉफिक वार्डन के सहयोग से घायलों की मदद की जाती है। चौक चौराहों पर लोगों को समझाईश दी जाती है। (घ) नियमानुसार प्राप्त बजट के आधार पर संसाधन क्रय किये जाते है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग की योजनाएं
151. ( क्र. 3408 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में सीधी एवं सिंगरौली जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में कितना आवंटन दिया गया है तथा किन-किन ग्रामों में लघु उद्योग जैसे हरी कालीन बुनाई आदि का कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में कितने प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं और उन्हें प्रशासन से क्या-क्या सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं? (ग) इस तरह के केन्द्र जो पूर्व में संचालित थे और वर्तमान में बंद कर दिये गये है, उन्हें कब तक पुनर्संचालित कर दिया जावेगा? (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले में हस्तशिल्प एवं खादी ग्रामोद्योग कर्मचारियों का पद स्वीकृत है, तो उसकी पूर्ति कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। सीधी जिले के ग्राम हटवा, खुरदाटोला, करोईखड, मन्सर, पथरोई, अमरपुर, दुआर, तितली, खाण्डी, बांकी, गेरूआ, खुशियारी, बिछया, सतपहरा, झिगांझर, गौडाही, हटदाखास आदि ग्रामों में दरी, कालीन के कार्य किये जाते है। (ख) कोई भी प्रशिक्षण केन्द्र 'क' के अनुक्रम में संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
152. ( क्र. 3409 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं एवं कितने केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं? (ख) जिन केन्द्रों के स्वयं के भवन नहीं है? उन केन्द्रों को कब तक भवन निर्माण कराने की योजना है? (ग) जून, 2016 तक सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाडि़यों की क्या स्थिति है? भवन एवं कार्यकर्ताओं की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) की कमी होने पर भवन निर्माण एवं कार्यकर्ताओं की पदस्थापना कब तक होगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सीधी जिले में संचालित 1829 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 935 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित है एवं सिंगरौली जिले में संचालित 1335 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 830 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित है। (ख) जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्वयं के विभागीय भवन नहीं है, उन भवनविहीन (किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। (ग) जून 2016 तक सिंहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाडि़यों की, भवन एवं कार्यकर्ताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) सिंहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्तमान में कुल 24 भवन निर्माणाधीन है एवं मनरेगा योजना के अभिसरण से 132 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए है जिन पर वर्ष 2016-17 में स्वीकृति दी जाना विचाराधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पदों की पूर्ति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
उद्यान विभाग की योजनाएं
153. ( क्र. 3410 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यान विभाग में किस-किस योजना में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है वर्ष 2013-14 से जून 2016 तक प्राप्त आवंटन वर्षवार एवं मदवार बताएं? (ख) प्राप्त आवंटन से हितग्राही मूलक योजना से वर्षवार कुल कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है? (ग) विधान सभा क्षेत्र सिहावल में कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना से लाभ दिया गया है एवं प्राप्त आवंटन का कितने प्रतिशत सिहावल विधान सभा में व्यय किया गया है? (घ) सीधी एवं सिंगरौली में हितग्राहियों को वर्षवार सामग्री वितरण का पूर्ण विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपभोक्ता फोरम में प्राइवेट सदस्य की नियुक्ति
154. ( क्र. 3413 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में कितने उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय स्थापित हैं एवं उनके कार्य की क्या प्रक्रिया है? (ख) उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय में एक सामाजिक कार्यकर्ता की भी सदस्य के रूप से नियुक्ति की जाती है? उसकी क्या प्रक्रिया है? (ग) ऐसे नियुक्त सदस्य की क्या अर्हता होना चाहिये? क्या इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप के आधार पर भी नियुक्तियां होती है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) योग्य व्यक्तियों के चयन के लिये शासन ने क्या कदम उठाये हैं? ताकि अयोग्य व्यक्ति इसमें प्रवेश नहीं कर सके?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य में प्रादेशिक स्तर पर मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं 48 जिला मुख्यालयों पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम स्थापित हैं। राज्य शासन द्वारा भोपाल, इन्दौर तथा जबलपुर में अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम भी गठित किये गये हैं, जिनमें से इन्दौर में जिला फोरम का कार्यालय प्रारम्भ हो चुका है। भोपाल एवं जबलपुर में अतिरिक्त जिला फोरम का कार्यालय प्रारम्भ किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं जिला उपभोक्ता फोरम की कार्य प्रक्रिया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986, उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987, उपभोक्ता संरक्षण विनियम, 2005 तथा मध्यप्रदेश उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में वर्णित अनुसार है। (ख) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 में वर्णित अनुसार है। (ग) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्य की नियुक्ति हेतु अर्हता संबंधी प्रावधान उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 में वर्णित अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सदस्यों के चयन हेतु अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
घटिया औषधियों एवं औजार का क्रय
155. ( क्र. 3414 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 के अंतर्गत कितनी राशि की औषधि औजार क्रय किये गये? नाम सहित सूची, मात्रा, कंपनी/फर्म का नाम, समाप्ति तिथि सहित बतायें? (ख) क्या औषधि औजार क्रय के पूर्व क्षेत्रीय संस्थाओं या अधिकारियों से मांगपत्र मांगा गया? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या बिना मांग पत्र के अनावश्यक एवं घटिया दवा खरीदी गयी? (ग) क्रय की गई औषधि औजार का भुगतान के पूर्व गुणवत्ता परीक्षण कराया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो भुगतान क्यों किया गया? क्या ऐसा शासकीय प्रावधान है? यदि नहीं, तो कौन दोषी है? (घ) क्या औषधि औजार क्रय के पूर्व जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन किया गया है या नहीं? यदि लिया गया है तो कृषि समिति का कार्यवाही विवरण बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रदेश में घटित अपराध
156. ( क्र. 3417 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 460, दिनांक 26.02.2016 में प्रदेश में घटित अपराधों की अपराधवार, जिलेवार योग सहित जानकारी दें। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में माह फरवरी 2016 से 30 जून 2016 तक की अवधि में प्रदेश में घटित अपराधों की अपराधवार, जिलेवार योग सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में प्रदेश में महिलाओं/ बालिकाओं के साथ सामूहिक बलात्कार के किस-किस जिले के किन-किन थानों में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? उन पंजीबद्ध अपराधों में से कितने प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2016 में माह फरवरी से 30 जून तक सभी अपराध शीर्षों में संपूर्ण मध्यप्रदेश में 1,15,171 अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
जिला टीकमगढ़ में रिक्त पदों की पूर्ति
157. ( क्र. 3418 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विगत 02 वर्षों में कितने अपराध (धारा 154 एवं 155) में पंजीबद्ध किये गये? (ख) जिले के विभिन्न थानों सहित कुल कितना पुलिस बल स्वीकृत है? अलग-अलग पदवार स्वीकृत पद एवं रिक्त पदों की जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या पुलिस बल की कमी के कारण जिले की कानून व्यवस्था पर विपरित असर पड़ा है? जिसके कारण अपराधों में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो शासन रोकथाम के लिये क्या कर रहा है और कब तक रिक्त पदों की पूर्ति कर ली जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2014 में 3522 अपराध एवं वर्ष 2015 में दिनांक 4670 अपराध धारा 154 दप्रसं के अंतर्गत पंजीबद्ध हुई है। उक्त अवधि में 25,362 असंज्ञेय अपराधों (धारा 155 दप्रसं) की सूचना जिले के विभिन्न थानों पर प्राप्त हुई है। (ख) टीकमगढ़ जिले में विभिन्न थानों सहित स्वीकृत बल उपलब्ध बल एवं कमी बल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुलिस बल की कमी के कारण जिला टीकमगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है, बल्कि कानून व्यवस्था सामान्य एवं नियंत्रित है। रिक्त पदों की पूर्ति नियमित रूप से ट्रान्सफर, पदोन्नति तथा सीधी भरती के माध्यम से की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पुलिस थानों की सीमाओं का पुनर्गठन
158. ( क्र. 3419 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र कितने पुलिस थानों में विभक्त है? अलग-अलग थानावार ग्रामों के नामों सहित अवगत करायें। (ख) क्या टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र एक ही जनपद और एक ही तहसील अनुभाग (राजस्व) में समाहित है जबकि पुलिस थानों की संरचना में उक्त विधान सभा क्षेत्र के कई ग्राम अन्य तहसीलों एवं राजस्व अनुभागों से संचालित होते हैं? यदि हाँ, तो उक्त थानों में सम्मिलित ग्राम उनकी तहसीलों के नाम सहित अवगत करायें। (ग) बेहतर कानून व्यवस्था और सस्ता सुलभ प्रशासन दिये जाने हेतु क्या इस औचित्यहीन पुलिस थानों के सीमांकन को पुनर्गठित किये जाने की कोई योजना विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्यों? हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र कुल 05 थानों (थाना-कोतवाली, थाना-देहात, थाना-बड़ागांव, थाना-बलदेवगढ़, थाना-वुडेरा) में विभक्त है। अलग-अलग थानावार ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जी नहीं। वर्तमान थानों की सीमाएं प्रशासनिक नियंत्रण एवं दूरी की दृष्टि से बनी हुई है, विधान सभावार थानों के पुनर्गठन करने पर कुछ क्षेत्र थानों से अत्यधिक दूर हो जावेंगे, जो प्रशासनिक नियंत्रण की दृष्टि से उचित नहीं होगा।
न्यायालयों में लंबित मामले एवं रिक्त पद
159. ( क्र. 3422 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला न्यायालयों में किस वर्ग के कितने न्यायाधीशों के पद खाली है? जिलावार कोर्टवार बतावें। वर्ष 2015 के बाद कितने पद भरने का प्रावधान किया गया? अब तक कितने पद भरे जा सके हैं? (ख) क्या न्यायाधीशों के पद रिक्त होने के कारण प्रकरणों की पेंडेंसी बढ़ रही है? विभाग द्वारा रिक्त पदों को भरने व आवश्यक नवीन पदों के सृजन की क्या योजना बनाई गई हैं? इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अनियमितता
160. ( क्र. 3423 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में प्रचलित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत किस वर्ग एवं किस श्रेणी के हितग्राहियों को किस दर पर प्रतिमाह कितना अनाज, शक्कर, केरोसिन आदि उपलब्ध करवाया जा रहा है? (ख) सागर एवं बैतूल जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के वर्तमान प्रचलित प्रावधानों के अनुसार माह मार्च 2016 में कितने कार्डधारियों के परिवार के कितने सदस्यों के लिए कितना अनाज, शक्कर एवं केरोसिन वितरित की गई? कितने कार्डधारियों को राशन वितरित नहीं किया गया? जिलेवार बतावें। (ग) सागर एवं बैतूल जिले में कितनी दुकानों से वितरण का कार्य वर्तमान में किया जा रहा है? इसमें से कितनी दुकानों का गत एक वर्ष में विभागीय अमले के द्वारा निरीक्षण किया गया? कितनी दुकानों में कौन-कौन सी अनियमितता होना पाया गया? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को खाद्यान्न 35 कि.ग्रा. प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 कि.ग्रा. प्रति सदस्य के मान से रू. 1/- प्रति कि.ग्रा. की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को नमक 1 कि.ग्रा. रू. 1/- एवं शक्कर 1 कि.ग्रा. रू. 13.50/- की दर से तथा अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 5 लीटर एवं प्राथमिकता परिवारों को 4 लीटर केरोसीन प्रतिमाह प्रति परिवार कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर दिया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। समस्त पात्र परिवारों के लिए सामग्री उपलब्ध कराई गई है। सामग्री प्राप्त करने नहीं आने वाले हितग्राही वंचित रहते हैं (ग) सागर जिले में 890 एवं बैतूल जिले में 592 उचित मूल्य दुकानों से राशन सामग्री के वितरण का कार्य वर्तमान में किया जा रहा है। सागर एवं बैतूल जिलों की सभी दुकानों का गत एक वर्ष में निरीक्षण किया गया है। अनियमितता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
नगर पंचायत पंधाना अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
161. ( क्र. 3437 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत पंधाना में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? (ख) क्या सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चे आ रहे है? (ग) क्या पंधाना की सभी आंगनवाडि़यों में मंगल दिवस मनाया जा रहा है? (घ) प्रभारी योजना अधिकारी क्या पंधाना में ही रहते है या खण्डवा से आते ही नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नगर पंचायत पंधाना में 16 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) परियोजना अधिकारी के पद पर श्री सौरभ तोमर पदस्थ है परन्तु उनकी लम्बी अवधि के अवकाश पर जाने से सुश्री परवीन बाली, पर्यवेक्षक को प्रभारी परियोजना अधिकारी का प्रभार दिया गया है जो पंधाना में ही रहती है।