मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
मंगलवार, दिनांक 27 मार्च, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
निर्माण एवं
उन्नतीकरण
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 5952 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की त्योंथर एवं जवा तहसील में लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2017-18 तक कुल कितनी नवीन सड़कें बनाई गईं एवं कितनी सड़कों का उन्नतीकरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित कार्यों की एजेन्सी का नाम बतायें। क्या उक्त कार्य शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुसार एवं निर्धारित समयावधि में कराये गये? (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 में त्योंथर एवं जवा तहसील में कुल कितने कार्य स्वीकृत हैं? नवीन कार्य एवं मरम्मत कार्य तथा उन्नतीकरण कार्य का पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कार्यों की एजेन्सी लागत एवं समयावधि स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड अंतर्गत केवल एक मुख्य जिला मार्ग हरदुआ-चाकघाट मार्ग का उन्नयन कार्य एम.पी.डी.सी. एस.पी. (ए.डी.बी.) वित्त पोषित परियोजनांतर्गत किया गया है, जो कि रीवा जिले के जवा एवं त्योंथर तहसील से गुजरता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ। समयावधि संबंधित कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम-13 अनुसार है। हरदुआ-चाकघाट मार्ग हेतु एजेन्सी म.प्र. सड़क विकास निगम है। उक्त कार्य अनुबंधानुसार निर्धारित एम.ओ.आर.टी. एण्ड एच एवं आई.आर.सी. के मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है। जी नहीं, कार्य निर्धारित समयावधि में नहीं हुआ है। (ग) वर्ष 2017-18 में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 के कुल 2 मार्गों यथा त्योंथर एवं जवा तहसील में ए.डी.बी. एम.पी.डी.आर. - II एस.पी. में स्वीकृति हुई है। उक्त दोनों मार्गों की निविदा प्रक्रियाधीन है। (1) सारंगी-त्योंथर-पनवार-डबोरा मार्ग (2) चाकघाट-सौमारी मार्ग। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के उत्तर (ग) में उल्लेखित दोनों कार्यों हेतु एजेन्सी म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड है। दोनों कार्यों की लागत क्रमश: राशि रू. 25.70 करोड़ एवं रू. 79.71 करोड़। कार्य करने हेतु प्रस्तावानुसार नियत संयुक्त पैकेज का समय 18 माह है।
हलधर योजनांतर्गत अनियमितता की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( *क्र. 1566 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 व 2014-15 में जिला सिंगरौली में हलधर योजनांतर्गत गहरी जुताई के कुल कितने कृषकों का लक्ष्य अनुसार पंजीयन हुआ? अनुदान राशि का विवरण एवं लाभान्वित कृषकों की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शासन की गाईड लाईन के विरूद्ध सामान्य वर्ग के 02 हेक्टेयर से अधिक धारित भूमि वाले अपात्र कृषकों तथा कृषि विभाग में कार्यरत शासकीय कर्मचारी जो सिंगरौली जिले के बाहर के निवासी तथा भूमिहीन हैं, उनको तथा उनके परिजन को भी अपात्र होने के बावजूद योजना में अनुदान का लाभ दिया गया है? ऐसे स्वीकृत अनुदान भुगतान की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी दें। इस संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं उन पर हुई कार्यवाही का विवरण भी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) संलिप्त जिम्मेदार उप संचालक कृषि तथा कर्मचारी कौन-कौन हैं? उनके नाम, पद नाम सहित बतावें। क्या योजना में की गई गंभीर वित्तीय अनियमितता तथा व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप में कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2013-14 में 3400 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। लक्ष्य के विरूद्ध 1477.63 हेक्टेयर 1151 कृषकों को योजना का लाभ दिया गया है। वर्ष 2014-15 में 1440 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। लक्ष्य के विरूद्ध 803.55 हेक्टेयर 663 कृषकों को योजना का लाभ दिया गया है। उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर गहरी जुताई भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विकासखण्डों से गहरी जुताई के प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर अनुदान भुगतान की कार्यवाही की गई है। कुछ कर्मचारियों को अनुदान लाभ दिया गया था, जिनसे राशि वापस ली जाकर शासन के खजाने में जमा कर दी गई है व संबंधितों की आगामी वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) दिनांक 20.06.2012 से 20.11.2014 तक प्रभारी उप संचालक श्री के.के. पाण्डेय द्वारा आहरण संवितरण का कार्य संपादन किया गया एवं शाखा प्रभारी के रूप में श्री आर.के. दीपांकर तत्कालीन ग्रा.कृ.वि.अधि. द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर की गई खरीदी
[सहकारिता]
3. ( *क्र. 5908 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने गेहूं उपार्जन केन्द्र हैं, उन केन्द्रों पर वर्ष 2017-18 में बैंक द्वारा कितनी सी.सी. लिमिट स्वीकृत की गई है? इन केन्द्रों पर खरीदी के समय क्या-क्या सामग्री की आवश्यकता होती है? (ख) उक्त सामान की खरीदी प्रधान कार्यालय द्वारा की गई या उपार्जन केन्द्र द्वारा पृथक-पृथक खरीदी गई? यदि प्रधान कार्यालय से खरीदी गई तो कुल राशि कितनी व्यय की गई व उपार्जन केन्द्रों में कितनी-कितनी राशि समिति के नामे की गई? क्या उक्त सामान हेतु टेण्डर बुलाये गये? यदि हाँ, तो किन-किन कंपनियों ने टेण्डर डाले, उनके नाम एवं उनके द्वारा दिये गये भाव पत्र एवं तुलनात्मक पत्रक प्रदान करें। (ग) क्या उक्त सामान को बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा खरीद कर उपार्जन केन्द्र को देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस नियम के आधार पर, उस नियम की कॉपी प्रदान करें तथा उपरोक्त सामग्री का सत्यापन किन-किन अधिकारियों के द्वारा किया गया?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 71 उपार्जन केन्द्र, रूपये 69.00 करोड़ साख सीमा स्वीकृत की गई, खरीदी के समय आवश्यक सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक उज्जैन के प्रधान कार्यालय स्तर से, कुल व्यय राशि रूपये 73,33,580.00 एवं संस्थाओं को कुल नामे राशि रूपये 73,33,580.00, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, जाँच कराई जा रही है, जाँच पश्चात् समग्र तथ्यों के परीक्षण उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को वेतन का नियमित भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
4. ( *क्र. 5145 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रतिमाह नियमित वेतन भुगतान किए जाने की समय-सीमा निर्धारित है? क्या इन्दौर जिले के प्राथमिक शालाओं में पदस्थ सहायक शिक्षकों के माह जनवरी 2018 के वेतन के भुगतान में विलंब हुआ है? यदि हाँ, तो किन कारणों से विलंब हुआ? (ख) क्या बजट के अभाव में नियमित वेतन के भुगतान में विलंब हुआ है तो बजट किन-किन मदों में व्यय किया गया है, ऐसे वांछित कारण स्पष्ट करें। क्या वेतन के बजट से तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान का एरियर का भुगतान करने के कारण वेतन के लिए बजट राशि में कमी हुई, जिससे अनेकों सहायक शिक्षकों को नियमित वेतन भुगतान नहीं हो सका? यदि हाँ, तो ऐसे जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों जिन्होंने वेतन के बजट से क्रमोन्नत वेतनमान एरियर का भुगतान किया, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के नाम सहित विवरण प्रस्तुत करें। (ग) क्या लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक/बजट/2017-18/465, दिनांक 12.02.2018 के द्वारा योजनाओं में वेतन मद से पुनर्विनियोजन कर बजट उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो इंदौर जिले के इन्दौर विकासखण्ड अंतर्गत कार्यरत सहायक शिक्षकों को जनवरी 2018 का नियमित वेतन भुगतान फरवरी 2018 के अंतिम सप्ताह तक भी नहीं हो सका? कारण स्पष्ट करें। विलंब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) क्या भविष्य में अथवा फरवरी 2018 के वेतन भुगतान में इस प्रकार के विलंब नहीं होने के लिए शासन कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा, ताकि नियमित वेतन भुगतान समय पर हो सके? शेष बचे हुए शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान के एरियर के लिए बजट उपलब्धता की स्थिति से अवगत करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, अपितु कोषालय संहिता के प्रावधान अनुसार आहरण संवितरण अधिकारी को वेतन संवितरण दिवस के पूर्वगामी अंतिम कार्य दिवस के सात दिन पूर्व कोषालय को बिल प्रस्तुत करने के निर्देश हैं। कुछ सहायक शिक्षकों के वेतन देयक संबंधित विस्तृत शीर्ष में पर्याप्त आवंटन के अभाव में लंबित रहे। (ख) वेतन भत्ते मद में उपलब्ध राशि वेतन, मंहगाई भत्ता, आवास गृह भाड़ा, अन्य भत्ते, ग्रेड-पे पर व्यय की गई है। नियमित वेतन भत्ते तथा एरियर राशि भुगतान हेतु पृथक से कोई मद/आवंटन का प्रावधान नहीं है। क्रमोन्नत वेतनमान के एरियर का भुगतान भी वेतन मद से ही विकलनीय है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। पुनर्विनियोजन के फलस्वरूप अतिरिक्त आवंटन के विरूद्ध वेतन देयकों के हुए आहरण के पश्चात् 008-अन्य भत्ते मद से आवंटन पर्याप्त न होने से इस मद को छोड़कर वेतन देयक जनरेट कर आहरित करने के कारण विलंब हुआ है। अतः कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) माह फरवरी 2018 का वेतन भुगतान किया जा चुका है। नियमित वेतन भुगतान कोषालय संहिता के प्रावधानुसार किये जाने की स्थायी व्यवस्था निर्धारित है। क्रमोन्नत वेतनमान के एरियर संबंधित योजना के अंतर्गत बजट की उपलब्धतानुसार आहरण किया जाता है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( *क्र. 5777 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाए जाने हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन रतलाम जिले में किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया? क्रियान्वित योजना पर वर्षवार कितना व्यय किया गया। (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में जिले में खाद-बीज, कृषि उपकरण आदि कहाँ-कहाँ वितरित किये गये? इनमें कितना-कितना अनुदान दिया गया? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में वर्षवार कितना बजट प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ? लाभान्वित हितग्राहियों की योजनावार संख्यात्मक जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में खाद, बीज एवं कृषि उपकरणों का वितरण पात्र हितग्राहियों को जिले के 6 विकासखण्डों में वितरित किये गये हैं। अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है।
नेशनल हाईवे-12 पर निर्मित सड़क की गुणवत्ता
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 3078 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिला अन्तर्गत नगर परिषद भुआ-बिछिया क्षेत्रान्तर्गत एन.एच. 12 राष्ट्रीय राजमार्ग में बंजारी से भंडगा तक दोनों ओर नल-जल योजना की मेन पाईप लाईन मे. दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा डाली जानी थी? क्या नगरवासियों द्वारा एस.डी.एम. बिछिया को कलेक्टर मण्डला के नाम से ज्ञापन सौंप कर शिकायत की जाँच करने का आग्रह किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नगरवासियों की मौखिक शिकायत पर निर्माण एजेंसी द्वारा रातोंरात चोरी छिपे पाईप लाईन बिछाने का कार्य किया गया है, जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर निकाय अध्यक्ष द्वारा परिषद के पदाधिकारियों एवं अमले के साथ मौके पर k-7 (100 mm) के पाईप पाये गये, जबकि नई पाईप लाईन के पाईप प्राक्कलन अनुसार k-9 (100 mm) के डाले जाने थे, जिसकी सूचना पर अनुविभागीय अधिकारी, बिछिया द्वारा पंचनामा तैयार कर पाईप जप्त किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो, मे. दिलीप बिल्डकॉन द्वारा पूर्व प्रस्तुत प्राक्कलन के विपरीत ये कार्य किसकी सहमति, आदेश के द्वारा रातोंरात डाले जा रहे थे? क्या इसकी जाँच हेतु जिला प्रशासन अथवा स्थानीय स्तर पर कोई कार्यवाही की है? इस अवैधानिक कृत्य पर भुगतान कब और कितना किया गया और क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) अनुसार नागारिकों के मूलभूत सुविधा की दृष्टि से बिछिया नगर निकाय में पाईप लाईन प्राक्कलन के विरूद्ध क्यों डाली जा रही थी? दोषी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों नहीं? कार्यवाही कब पूर्ण की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। कोई भी कार्य चोरी छिपे या रातोंरात नहीं किया गया है। जी हाँ। पत्रकार संघ द्वारा कलेक्टर मंडला को ज्ञापन सौंपकर जाँच करने का आग्रह किया गया है। निकाय के अध्यक्ष द्वारा अपने परिषद के पदाधिकारियों के साथ मौके पर जाकर पंचनामा तैयार किया गया, जिसमें कुछ पाईप के-7 (100 एम.एम.) के पाये गये। अनुविभागीय अधिकारी बिछिया द्वारा पंचनामा तैयार कर पाईप जब्त नहीं किये गये हैं। (ग) जी नहीं। कार्य रातोंरात नहीं किया गया, बल्कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगर परिषद बिछिया तथा अथॉरिटी इंजीनियर की देखरेख में कराया गया। कलेक्टर मंडला के द्वारा दिनांक 13.10.2017 को जाँच दल का गठन किया गया है, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। अवैधानिक कृत्य का नहीं वरन् किये गये कार्य का भुगतान अनुबंधक को दो बार दिनांक 31.03.2017 को रू. 74.29 लाख तथा 21.06.2017 को रू. 73.05 लाख का भुगतान किया गया है। किये गये भुगतान में से राशि रू. 15 लाख रोके गये हैं। किये गये कार्य का भुगतान मुख्य नगर पालिका अधिकारी बिछिया एवं सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सत्यापन के उपरांत किया गया है। (घ) कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगर परिषद बिछिया तथा आथॉरिटी इंजीनियर की देखरेख में भारतीय मानक अनुसार उचित गुणवत्ता का कराया गया है। जिला प्रशासन द्वारा जाँच प्रचलन में है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना जिले में जिला शिक्षाधिकारी के पद का प्रभार
[स्कूल शिक्षा]
7. ( *क्र. 3009 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले में जिला शिक्षाधिकारी के पद पर शिक्षा विभाग का डी.ई.ओ. होने के बावजूद भी राजस्व विभाग के डिप्टी कलेक्टर से जिला शिक्षाधिकारी का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) क्या श्री बी.एस. सिकरवार डी.ई.ओ. मुरैना के द्वारा उन्हें डी.ई.ओ. का प्रभार नहीं मिलने से वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति अवमानना दायर की गई है? (ग) क्या शासन मान. उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में डी.ई.ओ. सिकरवार को जिला शिक्षाधिकारी का कार्य कराने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रशासनिक कारणों से श्री सुरेश जादव, डिप्टी कलेक्टर, जिला मुरैना को अपने कार्य के साथ-साथ जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मुरैना का कार्य संपादित करने हेतु आदेशित किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) विभागीय आदेश दिनांक 08.02.2018 द्वारा श्री व्ही.एस. सिकरवार को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड के पद पर समान सामर्थ्य एवं वेतनमान में पदस्थ किया गया है। श्री सिकरवार द्वारा दिनांक 21.02.2018 को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड का प्रभार ग्रहण किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
8. ( *क्र. 5914 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में किस-किस आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत वर्ष 2016 से गबन/अनियमितता के आरोप में प्रकरण दर्ज हुए थे तथा क्या-क्या दण्ड दिये गये? (ख) कार्यालय आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बघोली विकास खण्ड परसवाड़ा में वर्ष 2013-14 में गबन प्रकरण पर उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित याचिका 20840/15, दिनांक 15.02.2016 के पालन में क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध कब-कब की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) गबन या शासकीय दस्तावेजों में हेरा-फेरी में लिप्त पाये गये न्यायालय में विचाराधीन और निलम्बित किये गये तथा निलम्बित अवधि में पुन: उसी कर्मचारी से कार्य लिया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के आधार पर यदि नहीं, तो क्यों लिया गया? (घ) क्या उक्त गबन के दोषियों को कोई दण्ड कभी नहीं दिया गया? कब तक दिया जावेगा? विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है? (ड.) जिले में और किस-किस के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही प्रचलित है? नाम एवं कार्यालय सहित बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित याचिका में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समिति बघोली के 4 कर्मचारियों को अग्रिम जमानत दी गई है। अग्रिम जमानत के संबंध में समिति स्तर से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं थी। (ग) जी नहीं। नियम विरूद्ध कार्य लिये जाने हेतु प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, बघोली के प्रशासक एवं समिति प्रबंधक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (घ) उक्त गबन में लिप्त छः कर्मचारियों में से दो कर्मचारी को सेवा से पृथक किया जा चुका है तथा शेष 4 कर्मचारियों को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई। आपराधिक प्रकरण माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, बालाघाट में विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों के अंश पूंजी की वापसी
[सहकारिता]
9. ( *क्र. 5453 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के सहकारी समितियों में किसानों द्वारा सदस्य बनने हेतु अंशपूंजी जमा की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले में विगत 3 वर्षों में कितने किसानों ने सहकारी समिति में सदस्यता ली? किसान समितिवार पृथक-पृथक वर्षवार, पिछले तीन वर्षों की संख्या बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में पिछले तीन वर्षों में कितने किसानों द्वारा सदस्यता छोड़ी गई? समितिवार, वर्षवार छोड़े गये सदस्यों की संख्या बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में सदस्यता छोड़े गये किसानों को क्या उनकी अंशपूंजी वापस की गई? यदि हाँ, तो समितिवार, वर्षवार, संख्या बतावें? यदि नहीं, तो वापस क्यों नहीं की गई? यदि वापस की जावेगी तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन
[स्कूल शिक्षा]
10. ( *क्र. 1432 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिलान्तर्गत कुल कितनी निजी शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हैं? विद्यालय का नाम, पता, संचालित कक्षा का उल्लेख करें। (ख) क्या संचालित संस्था में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है? यदि हाँ, तो कुल कितने गरीब परिवार के बच्चों को अध्ययन कराया जा रहा है? संस्थावार, कक्षावार बताएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की 210 अशासकीय शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 12.04.2012 के अनुसार अल्प संख्यक शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम से बाहर रखा गया है। अत: उक्त संस्थाओं को छोड़कर शेष संस्थाओं पर यह अधिनियम लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय प्राथमिक शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
11. ( *क्र. 4991 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र कटंगी जिला बालाघाट की शा.प्रा. शाला जमुनियां, कोड़मी, कामठी, कोहका, कोसमी, मोहगांव, नन्दलेसरा, सोनेगांव, चम्बूटोला, नांगोटोला, हरिटोला, तिजूटेकाड़ी, गर्रावोड़ी, दैतबर्रा, पटेलटोला झरिया, मुरझड़टोला शा.मा. शाला में उन्नयन होने की अर्हतायें रखती हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधान सभा क्षेत्र कटंगी की शा.प्रा. शालाओं का शा.मा. शालाओं में उन्नयन होने की अर्हता रखने के बाद भी उन्नयन नहीं हुआ है? (ग) क्या तत्कालीन माननीय शिक्षा मंत्री ने उन्नयन हेतु पत्र क्रमांक 1541/मंत्री/स्कूल/शिक्षा क्र. भोपाल दिनांक 31.12.2016 को पत्र द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को लिखा था। (घ) कब तक अर्हता प्राप्त शा.प्रा. शालाओं का शा.मा. शालाओं में उन्नयन कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में से शासकीय प्राथमिक शाला कोड़मी अर्ह होने से वर्ष 2013-14 में उन्नयन किया गया, शेष शालाएं आर.टी.ई. के मापदण्डों के अनुसार माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु अर्ह नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। इस पत्र में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में से 09 शासकीय प्राथमिक शालाओं जमुनियां, कोड़मी, कामठी, कोहका, कोसमी, मोहगांव, नन्दलेसरा, सोनेगांव, चम्बूटोला, के उन्नयन का उल्लेख था। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार अर्हता न रखने वाली शालाओं के उन्नयन किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत विश्राम गृह की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 1275 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत नगर छापीहेड़ा एवं नगर माचलपुर में विश्राम गृह नहीं होने से संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जिला राजगढ़ द्वारा नवीन विश्राम गृह निर्माण हेतु विस्तृत कार्ययोजना प्राक्कलन तैयार कर गत वर्ष स्वीकृति हेतु वरिष्ठालय को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त वर्णित विश्राम गृह की स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के नगर छापीहेड़ा एवं माचलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के समीपस्थ स्थित होकर टप्पा क्षेत्र है, लेकिन विश्राम गृह की सुविधा नहीं होने से अतिविशिष्ट एवं विशिष्ट अतिथियों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारीगणों के रात्रि विश्राम व्यवस्था में काफी कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त वर्णित नगरों में विश्राम गृह की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ख) जी नहीं, निजी क्षेत्र की अन्य सुविधायें उपलब्ध हैं। वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत स्वीकृति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हलधर योजना का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( *क्र. 5869 ) सुश्री मीना सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषकों को हकाई/जुताई कार्य में सहायता उपलब्ध कराने हेतु हलधर योजना संचालित है? यदि हाँ, तो योजना के क्रियान्वयन हेतु मापदण्ड, पात्रता की क्या प्रक्रिया है? नियम प्रक्रिया की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला उमरिया अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना एवं आत्मा योजना के क्रियान्वयन हेतु कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ था एवं प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध कितनी उपलब्धि हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उपलब्धि के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत लाभांवित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कृषकों को कितनी राशि प्राप्त हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
भावान्तर भुगतान योजना अंतर्गत राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( *क्र. 3160 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के तहत् दमोह जिले में कौन सी फसलों को शामिल किया गया है? उनके क्या भाव निर्धारित किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) इस योजना के तहत दमोह जिले में कितने खरीदी केंद्र बनाये गये थे, संख्या बतावें एवं दमोह जिले में कितने किसानों को कितनी भावान्तर राशि का भुगतान किया गया? (ग) जबेरा विधानसभा में मूंग एवं उड़द की फसल का ही मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के तहत कितने कृषकों को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या किसानों को नियमानुसार उक्त योजना के तहत राशि का भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो क्या अधिकारियों की मिली भगत से व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए उक्त किसानों को फर्जी तरीके से योजना का लाभ दिया गया? यदि हाँ, तो क्या इसमें दोषी अधिकारियों एवं किसानों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ 2017 के लिये भावान्तर भुगतान योजना अंतर्गत दमोह जिले में भी मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द, मूंगफली, तिल, रामतिल एवं तुअर को शामिल किया गया। योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा समय-समय पर घोषित मॉडल (होलसेल) विक्रय दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2017 के लिए भावान्तर भुगतान योजना अंतर्गत शासन द्वारा खरीदी केन्द्र नहीं बनाए गये हैं, अपितु इस योजना की कंडिका 2 के अनुसार भावान्तर का लाभ लेने हेतु पंजीकृत किसान को चयनित जिंस का अधिसूचित कृषि उपज मण्डी प्रांगण में विक्रय करने का प्रावधान है। दमोह जिले में कृषि उपज मण्डी समिति दमोह,पथरिया, हटा, जबेरा एवं उपमण्डी प्रागंण तेंदुखेड़ा में योजनांतर्गत विक्रय हेतु व्यवस्था है। दमोह जिलें में दिनांक 16.10.2017 से 31.12.2017 तक विक्रय संव्यवहारों में 27,321 पंजीकृत किसानों को भावान्तर राशि रू. 75,35,37,448/- का भुगतान किया गया है। (ग) खरीफ 2017 के लिये भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत जबेरा विधान सभा में मूंग के 9 पंजीकृत किसानों को भावान्तर राशि रू. 77,829/- एवं उड़द के 1,810 पंजीकृत किसानों को भावान्तर राशि रू. 4,59,42,853/- का भुगतान किया गया है। (घ) जी हाँ, उक्त योजना के तहत किसानों को नियमानुसार भावान्तर राशि का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षक का नियम विरूद्ध संलग्नीकरण
[स्कूल शिक्षा]
15. ( *क्र. 5590 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की विकासखण्ड रामपुर बघेलान अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिजहटा में प्रभारी प्राचार्य द्वारा नियम विरुद्ध अतिथि शिक्षक वर्ग-1 (अंग्रेजी) में शिक्षण सत्र 2016-17 एवं 2017-18 में शासन के प्रचलित नियमों के विपरीत अपात्र को आमंत्रित करने एवं एक शिक्षक को संकुल में संलग्न रखने की शिकायत जिला पंचायत सतना को की गई थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शिकायत की जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन में क्या निष्कर्ष प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार दोषी प्रभारी प्राचार्य के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो विवरण दें? (घ) क्या जाँच प्रतिवेदन अनुसार दोषी प्रभारी प्राचार्य से अपात्र अतिथि शिक्षक को किये गये मानदेय भुगतान की वसूली एवं संलग्नीकरण शिक्षक को भारमुक्त न करने के प्रमाणित आरोपों में निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच उपरांत श्री घनश्याम दास वर्मा वरिष्ठ अध्यापक को दोषी पाया गया। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संलग्न परिशिष्ट अनुसार जारी आदेश के अनुक्रम में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर में व्याप्त अनियमितताओं की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
16. ( *क्र. 5339 ) श्री अंचल सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कितना-कितना आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अन्य आकस्मिक मद में प्राप्त आवंटन का व्यय डी.पी.सी. एवं जी.पी., सी.ई.ओ. ने अपनी मर्जी से बिना सक्षम अधिकारी समिति के अनुमोदन से व्यय किया गया है? विभिन्न मदों से प्राप्त आवंटन उस मद में खर्च न कर अन्य मदों में खर्च क्यों किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में व्यय की गई राशि का भुगतान बिना किसी टेन्डर (कोटेशन) मात्र देयक के आधार पर किया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित फर्मों को भुगतान की क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? भुगतान के संबंध में शासन के क्या नियम हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। सत्र 2015 से अद्यतन स्थिति तक अन्य आकस्मिक मद में प्राप्त आवंटन के विरूद्ध राशि रू. 40.136 लाख का व्यय हुआ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अन्य आकस्मिक मद में प्राप्त आवंटन का व्यय कार्यालयीन दूरभाष, विद्युत देयक, समीक्षा बैठक आयोजन, मॉनीटरिंग एण्ड सुपरविजन, डीजल देयक, वाहन किराया, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मानदेय भुगतान एवं आकस्मिक प्रवृत्ति के व्यय म.प्र. भंडार क्रय सह सेवा उपार्जन नियम 2015 के अंतर्गत सीमा अनुसार नियमों का पालन करते हुए सक्षम अधिकारी, समिति के अनुमोदन से डी.पी.सी. एवं जेड.पी. सी.ई.ओ. की स्वीकृति से किया गया है। प्राप्त आवंटन का व्यय उसी मद में किया गया है, जिस मद हेतु आवंटन प्रदाय किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। म.प्र. भंडार क्रय सह सेवा उपार्जन नियम 2015 का पालन करते हुए किया गया है। भुगतान शासन के नियमानुसार संबंधित फर्म/व्यक्ति/संस्था को सीधे ई-पेमेंट के माध्यम से सीधे संबंधित के बैंक खाते में किए गए।
न्यायालय में भर्ती प्रक्रिया का आयोजन
[विधि और विधायी कार्य]
17. ( *क्र. 840 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में न्यायालयों में वर्ग 4 में चपरासी/ड्रायवर, चौकीदार व अन्य पदों की संविदा नियुक्ति के लिये प्रदेश के जिलेवार कुल कितने पद थे तथा कुल कितने आवेदन आये? आवेदनकर्ता में स्नातकोत्तर एवं एम.फिल., पी.एच.डी. इंजीनियर, एम.बी.ए., एल.एल.बी. की संख्या बतावें। (ख) सरकार ने वर्ग 3 तथा वर्ग 4 की भर्ती हेतु साक्षात्कार समाप्त कर दिया है तो फिर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ग 4 के पद हेतु साक्षात्कार क्यों लिया गया? लिखित परीक्षा क्यों नहीं आयोजित की गई। (ग) प्रदेश के न्यायालयों में जहां लाखों की संख्या में प्रकरण लंबित हैं, ऐसे में न्यायालय को इस तरह के गैर न्यायिक कार्य में क्यों लगाया गया? स्पष्ट टिप्पणी देवें तथा बतावें कि इससे न्याय प्रक्रिया विलंबित नहीं होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी जिले में कृषि महोत्सव का आयोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( *क्र. 5865 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में कृषि महोत्सव, कृषक मेला, कृषक संगोष्ठी, विज्ञान मेला विभाग द्वारा किन-किन स्थानों में आयोजित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित कृषि महोत्सव, कृषक मेला, कृषक संगोष्ठी पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। सचिव, कृषि उपज मण्डी समिति कटनी द्वारा कृषि विपणन पुरूस्कार योजना के कूपन जारी करने के निर्देश दिये गये थे। उक्त पत्र में बिंदुओं का उल्लेख नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) फर्म फेयर फूड प्राईवेट लिमिटेड कंपनी कटनी द्वारा कृषि उपज मण्डी समिति कटनी के विरूद्ध माननीय न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 कटनी के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक आर.सी.ए. 234/2017 दायर किया गया था, जिसमें दिनांक 29.09.2017 को माननीय न्यायालय द्वारा मण्डी समिति कटनी के पक्ष में निर्णय पारित किया गया है। माननीय न्यायालय के निर्णय के पश्चात् फर्म फेयर फूड प्राईवेट लिमिटेड पर देय मण्डी शुल्क की राशि रसीद क्रमांक 1549/22, दिनांक 28.02.2018 राशि 50,000/- एवं रसीद क्रमांक 1549/23, दिनांक 28.02.2018 राशि 1,11,638/- रूपये जमा की गई है एवं निराश्रित शुल्क रसीद क्रमांक 526/34, दिनांक 27.02.2018 द्वारा राशि रूपये 3233/- रूपये कुल राशि 1,61,638/- जमा की गई है, राशि जमा हो जाने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बैनगंगा नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 3631 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सुनवारा एवं तिलवारा के मध्य बैनगंगा नदी पर, ग्राम कान्हीवाड़ा एवं ग्राम बम्हनी के मध्य सागर नदी पर, ग्राम गुबरिया एवं ग्राम पिंडरई के मध्य चकरघटा घाट पर एवं पलारी से बिछुआ मार्ग पर पुल निर्माण किये जाने हेतु क्या विभाग के पास कोई प्रस्ताव या कार्ययोजना लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या? क्या इस वित्तीय वर्ष में इन्हे बजट में शामिल कर इनका निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) क्या उक्त पुलों के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार विधानसभा प्रश्न के माध्यम से निरंतर मांग भी की जा रही है? यदि हाँ, तो इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित कार्य ग्राम सुनवारा एवं तिलवारा के मध्य बैनगंगा नदी पर, ग्राम गुबरिया एवं पिडरई के मध्य चकराघाट एवं पलारी से बिछुआ मार्ग पर पुल निर्माण लोक निर्माण विभाग के मार्ग में नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ग्राम कान्हीवाड़ा एवं बम्हनी के मध्य सागर नदी पर पुल निर्माण लोक निर्माण के मार्ग में है, वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से प्रस्तावित नहीं है।
शासकीय विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा
[स्कूल शिक्षा]
20. ( *क्र. 5905 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित शासकीय विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग इकाई की स्थापना नहीं की गई है और कई विद्यालयों में पहुंच मार्ग निर्मित नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से निर्मित विद्यालयों के निर्माण में वाटर हार्वेस्टिंग इकाई की स्थापना का प्रावधान ना होने का कारण बताएं और पहुंच मार्ग विहीन विद्यालयों में रामसा द्वारा जारी पत्र क्रमांक/भवन/आरएमएसए/भोपाल 2013-14 दिनांक 2/04/2013 के निर्देशानुसार प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गई? विद्यालयवार बताएं। (ग) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शासकीय विद्यालयों में विगत 3 वर्षों में किस मद की राशि से क्या सामग्री प्रदाय की गई एवं रख-रखाव के क्या कार्य कितनी लागत से कब-कब कराए गए? विद्यालयवार बताएं। (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग इकाई की स्थापना और पहुंच मार्ग निर्माण हेतु क्या कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या एवं किस प्रकार? विद्यालयवार बताएं? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित हाई व हायर सेकेण्डरी शासकीय विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग ईकाई की स्थापना एवं पंहुच मार्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) वर्ष 2013-14 से हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। वर्ष 2013-14 से कोई भी शास. प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय भवन निर्माण न किए जाने से जानकारी निरंक है। (ग) वर्ष 2013-14 से हाई व हायर सेकेण्डरी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) वॉटर हार्वेस्टिंग की जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार। पहुँच मार्ग निर्माण हेतु विभाग के पास कोई बजट उपलब्ध नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय योजनाओं का कृषकों को लाभ
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 4409 ) श्री संजय शर्मा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज में तीन सोसायटी-बसिया, मरखेड़ाटप्पा, भुरेरू में घोटाला (गबन) कब हुआ था, वर्तमान में उक्त प्रकरण की क्या स्थिति है? (ख) उक्त संस्थाओं के कितने किसानों पर कितना ऋण बकाया है, मूलधन-ब्याज राशि सहित पूर्ण विवरण दें तथा उक्त संस्थाओं में कितने अऋणी तथा गैर बकायावार कृषक हैं? उनको शासन की योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ मिले इस संबंध में विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नांश (ग) के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ मिले इस संबंध में किन-किन सांसद विधायकों के पत्र विभाग के अधिकारियों को विगत 5 वर्षों में कब-कब मिले तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2008-09 में। वर्तमान में प्रकरण माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय रायसेन में विचाराधीन है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। समितियों का कार्य व्यवसाय बंद होने के कारण शासन की योजनाओं का लाभ समितियों के कृषकों को नहीं मिल पा रहा है। (ग) समितियों के पुनर्गठन की कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में न्यायालयीन प्रकरण म.प्र. राज्य सहकारी अधिकरण भोपाल में विचाराधीन है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सड़कों का भौतिक निरीक्षण किये बिना राशि का आहरण
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 4175 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कों की मरम्मत बाबत् राशि वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी, किन-किन किलोमीटर व किन-किन रोडों हेतु प्रदान की गयी है? प्रदान राशि अनुसार कार्य कराने हेतु निविदा कब-कब बुलायी गयी एवं किन-किन ठेकेदारों/संविदाकारों को कार्यादेश जारी किये गये? क्या ठेकेदारों की कार्यावधि भी बढ़ाई गयी? हाँ तो किन शर्तों/नियमों के तहत? (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों की मरम्मत हेतु शासन द्वारा क्या नीति निर्धारित की गयी? कितने अन्तराल/समय बाद सडकों की मरम्मत करने का प्रावधान निहित है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार छतरपुर जिले की ऐसी कितनी सडकें हैं जिनकी मरम्मत एवं निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं? इनमें से कितनी लागत के प्राक्कलन किन-किन सड़कों के तैयार कर शासन के पास स्वीकृति हेतु लम्बित हैं तथा कितने स्वीकृत हो चुके हैं? (घ) क्या सड़कों के निर्माण कार्य का मौके पर निरीक्षण किये बिना राशि आहरित कर ली गयी है? यदि हाँ, तो निरीक्षण कर्ता अधिकरी/कर्मचारी का नाम व पद, दिनांक, कार्य का नाम सहित ब्यौदा देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक शाला का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
23. ( *क्र. 5931 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र जैतपुर में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान मा.शा. खैरहनी एवं कन्या मा.शा. रसमोहनी को हाई स्कूल में उन्नयन किये जाने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित की गई घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा उक्त मा.शा. का उन्नयन हाई स्कूल में कब तक कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) माध्यमिक शाला खैरहनी का हाईस्कूल में उन्नयन विभागीय आदेश दिनांक 20.03.2018 के द्वारा किया गया। कन्या माध्यमिक शाला रसमोहनी को कन्या हाई स्कूल में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भिण्ड जिलान्तर्गत टोल पर अवैध वसूली
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 2803 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत सड़क मार्ग पर कहाँ पर टोल स्थापित किए गए हैं? कौन से वाहन कितनी राशि लेने के लिए अधिकृत किए गए हैं? 24 घंटे के अन्तर्गत आने जाने वाले वाहनों से कितनी राशि वसूल की जावेगी? क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत भिण्ड उमरी टोल पर 20 कि.मी. के अन्तर्गत वाहन आने जाने वालों पर कितनी राशि वसूल की जा रही है? क्या स्थानीय लोगों को परेशान कर जबरिया राशि की वसूली हो रही है? क्या 20 कि.मी. के अंदर आवागमन करने वाले स्थानीय लोगों से राशि वसूल होगी, यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के अन्तर्गत कब तक के लिए टोल स्थापित किया गया है? कितना राजस्व कब तक वसूल किया जावेगा? पूर्व में राजस्व प्राप्त होने के कारण क्या टोल समाप्त किया जावेगा? विगत एक वर्ष में टोल का निरीक्षण कब और किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया? क्या कमियां पाई गईं? क्या टोल पर अनियमितता के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में क्या अत्यधिक क्षमता वाले वाहनों से अतिरिक्त राशि लेकर वाहन निकाले जाते हैं? ऐसा क्यों? लो.नि.वि. की ग्वालियर, इटावा और भिण्ड गोपालपुरा क्षतिग्रस्त मार्ग की कब-कब कहाँ पर मरम्मत की गयी दुर्घटना होने पर टोल वालों का क्या दायित्व है? नि:शुल्क सहायता कहाँ पर कब दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या टोल पर जन सुविधा लोगों को दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उमरी टोल पर 20 कि.मी. के अन्तर्गत आने-जाने वाले वाहनों से वसूल की जा रही राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं स्थानीय लोगों को परेशान कर जबरदस्ती राशि वसूल नहीं की जा रही है। जी हाँ। प्राईवेट कार/जीप या समतुल्य वाहन जो ऐसे व्यक्ति के स्वामित्व के हो जो पथकर प्लाजा से 20 कि.मी. की दूरी के अन्दर निवास करता हो, के आवागमन करने पर कंसेशनायर द्वारा अनुबंधानुसार मासिक पास उपलब्ध कराया जाता है। भिण्ड उमरी टोल पर वर्तमान में जिसकी राशि 80 रूपये है। (ग) टोल स्थापना की अवधि एवं राजस्व वसूलने संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। एक्चुअल ट्रैफ्रिक, टारगेट ट्रेफ्रिक से ज्यादा होने की दशा में कंसेशन अवधि अनुबंध के आर्टिकल-29 अनुसार कम करने संबंधी प्रावधान है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' एवं 'ख' अनुसार है। विगत एक वर्ष में म.प्र. सड़क विकास निगम चंबल संभाग के संभागीय प्रबंधक एवं सहायक महाप्रबंधक द्वारा समय-समय पर टोल का निरीक्षण किया गया है। कोई कमियां नहीं पाई गयी। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी नहीं, अत्यधिक क्षमता वाले वाहनों से अनुबंधानुसार टोल राशि ली जाती है। ग्वालियर-भिण्ड-इटावा मार्ग एवं भिण्ड-मिहोना-गोपालपुरा मार्ग पर किये गए मरम्मत कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' एवं 'घ' अनुसार है। दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर कंशेसनायर द्वारा दुर्घटना स्थल की साफ सफाई की जाना, घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दिया गया, पास के अस्पताल तक पीड़ित को पहुंचाना, मार्ग को यातायात हेतु सुरक्षित करना इत्यादि कार्य किया जाना है। ग्वालियर-भिण्ड-इटावा मार्ग एवं भिण्ड-मिहोना-गोपालपुरा मार्ग पर प्रदाय निःशुल्क सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ड' से 'ज' अनुसार है तथा टोल पर अनुबंधानुसार जनसुविधा प्रदान की जा रही है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
फसलों के समर्थन मूल्य का निर्धारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( *क्र. 5853 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किन-किन फसलों का समर्थन मूल्य वर्ष 2018-19 के लिए क्या निर्धारित किया गया है? ब्यौरेवार जानकारी दें। (ख) किसानों की सम्पूर्ण फसलों की खरीदी हेतु विभाग की क्या व्यवस्था है? किसान की फसल समर्थन मूल्य से कम न बिके, इसके लिए क्या नीति बनाई गई है? (ग) क्या हाल ही में हाई कोर्ट के आये इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में कि किसानों की फसल का पूर्ण दाना खरीदा जाएगा, के लिए विभाग ने क्या नीति तैयार की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2018-19 के लिये खरीफ एवं रबी फसलों का समर्थन मूल्य का निर्धारण अभी भारत सरकार द्वारा नहीं किया गया है। वर्ष 2017-18 में खरीफ/रबी के एम.एस.पी. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा कृषि जिंसों की खरीदी नहीं की जाती है। खाद्य एवं सहकारिता विभाग द्वारा एजेंसियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आवश्यकतानुसार खरीदी की जाती है। खरीफ 2017 में भावान्तर भुगतान योजना लागू की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उद्यानिकी
विभाग की
जमीनों का उपयोग
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
1. ( क्र. 192 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् जतारा के बीचों-बीच स्थित उद्यानिकी विभाग की कई हेक्टेयर जमीन से किसानों को क्या-क्या लाभ प्राप्त हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) स्थान पर उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2015 से 2017 के बीच कितने किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से विभाग द्वारा जानकारियां दी गई जिससे किसान उन्नत खेती कर सकें? (ग) क्या विभाग की ऐसी जमीन जिसका उपयोग नहीं हो रहा है उन्हें अन्य विभाग या नगर परिषद् जतारा को सौंप (हस्तांतरित) देंगे जिससे उस जमीन का सही जन उपयोग हो सकें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद् जतारा में विभाग की 6.519 हेक्टेयर भूमि है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में 1905 किसानों को उन्नत खेती हेतु विभाग द्वारा जानकारियां/सहयोग दिया गया। (ग) विभाग के पास उपलब्ध उत्तरांश क की जमीन का पूर्ण जन उपयोग विभागीय गतिविधियों के माध्यम से हो रहा है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( क्र. 456 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में दिनांक 15.09.2017 को मा. प्रभारी मंत्री जी के प्रवास के दौरान तहसील बड़ौदा के पटवारी हल्का नं. 17, 18 के ग्राम नयागांव, ढोढपुर एवं लाथ के कृषकों ने स्वयं की खरीफ फसलें वर्ष 2016 की चक्रवाती तूफान से नष्ट हुई, धान की फसलों का विधिवत बीमा कराने उपरांत फसल बीमा दावा राशि के भुगतान हेतु आवेदन दिया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पर उप संचालक कृषि श्योपुर द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जिले के समस्त ग्रामों के समस्त बीमित कृषकों को फसल बीमा दावा राशि का भुगतान हो चुका है? इसके बावजूद उक्त ग्रामों के 232 कृषक फसल बीमा दावा राशि से वर्तमान तक क्यों वंचित रह गये? (ग) क्या शासन उक्त कृषकों को बीमा दावा राशि से वंचित रहने के कारणों की जाँच कराएगा व पाए गए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा समस्त 232 कृषकों को अविलंब बीमा दावा राशि का भुगतान एक निश्चित समय-सीमा में करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) उप संचालक कृषि जिला श्योपुर द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही की गई है:- उक्त आवेदन पर उप संचालक कृषि जिला श्योपुर के द्वारा कार्यालयीन पत्र क्र.4661 दिनांक 12.10.2017, 5248 दिनांक 15.11.2017 एवं कलेक्टर श्योपुर के पत्र क्र.4707, 4709 दिनांक 12.10.2017, 941 दिनांक 22.01.2018 से ए.आई.सी. बीमा कंपनी भोपाल को श्योपुर जिले की बड़ौदा तहसील के पटवारी हल्का नं.15,17,18 के ग्राम नयागांव ढोढपुर एवं लाथ के 232 कृषकों को फसल बीमा दावा राशि के भुगतान हेतु चाही गई जानकारी भेजी गई है। जिले में खरीफ 2016 के 4231 बीमित कृषकों को 43642674/- रू. बीमा दावा राशि का भुगतान बैंकों के माध्यम से किया गया है। उक्त ग्रामों के 232 कृषकों को फसल बीमा दावा राशि भुगतान के संबंध में ए.आई.सी. बीमा कंपनी ने अपने पत्र क्र.154 दिनांक 04.01.2018 एवं पत्र क्र. 224, दिनांक 24.01.2018 से अवगत कराया गया है कि श्योपुर जिले की बड़ौदा तहसील के पटवारी हल्का नं. 15,17,18 में फसल धान सिंचित सर्वे रिपोर्ट के आधार पर क्षति 50 प्रतिशत से कम आने के कारण ऑन एकाउंट पेमेंट क्षतिपूर्ति अंतर्गत दावा राशि देय नहीं है। परंतु उक्त हल्कों में उपज कमी पाई गई है। योजना अनुसार क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जावेगा। बीमा कंपनी के अनुसार पटवारी हल्का नं.17 एवं 18 में धान सिंचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी एवं क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान बीमित कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया है। इसके अतिरिक्त जिला सहकारी बैंक मर्यादित मुरैना ने प्रथमत: केवल डी.डी. व किसानों की सूची बीमा कंपनी को भेजी थी किन्तु घोषणा पत्र नहीं भेजे थे। तदुपरांत उप संचालक कृषि श्योपुर एवं जिला सहकारी बैंक मर्यादित मुरैना से प्राप्त घोषणा पत्रों के आधार पर पुन: क्षतिपूर्ति का आंकलन कर पात्र कृषकों को दावा राशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जावेगा। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के नगर खरगापुर में विश्राम गृह निर्माण किये जाना
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 876 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में खरगापुर नगर सम्पूर्ण विधानसभा क्षेत्र के मध्य में स्थित हैं एवं विधान सभा खरगापुर के नाम से हैं, जो मुख्यालय भी हैं परंतु नगर खरगापुर में बाहर से आने वाले उच्च अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को रात्रि में ठहरने हेतु कोई भी शासन का विश्राम गृह नहीं है क्या नगर खरगापुर में लोक निर्माण विभाग के द्वारा विश्राम गृह निर्माण कराये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उक्त योजना को लागू कर नगर खरगापुर में विश्राम गृह का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? (ख) यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें की विश्राम गृह का निर्माण क्यों नहीं कराया जा सकता है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार मांग पत्र विभाग में भेजा गया, परंतु विश्राम गृह के निर्माण संबंधी कोई भी निराकरण क्यों नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
आर्थिक अनियमितता की जाँच
[सहकारिता]
4. ( क्र. 1039 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवन्ति मिल वर्कर्स इंडस्ट्रियल को.आप. सोसायटी लिमिटेड सनावाद के पूर्व अध्यक्ष एव प्रबंध संचालक के विरूद्ध सहकारिता विभाग के सयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा क्या जाँच की गई थी? यदि हाँ, तो क्या जाँच प्रतिवेदन में हुए आर्थिक अनियमितताओं के लिए किन-किन संस्था के पदाधिकारियों व जिला सहकारी बैंक के पदाधिकारियों/अधिकारियों को दोषी पाया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाँच में दोषियो के विरूद्ध पृथक-पृथक रूप से क्या कार्यवाही सहकारिता विभाग द्वारा की गई है? आर्थिक अनियमितता की कितनी राशि सम्बन्धितों से वसूल की गई व शेष राशि भी वसूली हेतु सहकारिता विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) इसी प्रकार जिला सहकारी बैंक खरगोन द्वारा जाँच प्रतिवेदन में दोषी पदाधिकारियों बैंक अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है एवं कितनी राशि इनसे वसूल कर संस्था के बकाया ऋण खाते में जमा की गई है? (घ) क्या वर्तमान संचालक मण्डल द्वारा संस्था की उत्पादन को निरंतर चालू रखने के लिए ऋण पुनर्गठन का प्रस्ताव सहकारिता विभाग/जिला सहकारी बैंक खरगोन को दिया है, तो संबन्धित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाँच प्रतिवेदन में आर्थिक अनियमितता
[सहकारिता]
5. ( क्र. 1040 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवन्ति मिल वर्कर्स इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड सनावाद के पूर्व अध्यक्ष एव प्रबंध संचालक के विरूद्ध सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा क्या जाँच की गई थी? यदि हाँ, तो क्या जाँच प्रतिवेदन में हुए आर्थिक अनियमितता के संबंध में नगर सनावाद के थाने पर दर्ज प्राथमिकी पर थाना सनावाद द्वारा प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? (ख) नगर सनावाद थाना में प्राथमिकी करने पर अभी तक थाना सनावाद द्वारा क्या कार्यवाही की गई? उसकी विस्तृत जानकारी देवें? (ग) क्या उक्त प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। अपराध क्रमांक 310/2016 धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है, जिसकी विवेचना जारी है। (ख) थाना सनावद द्वारा की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाचरोद मण्डी में उद्यानिकी फसलों के व्यापार की सुविधा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 1126 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय के दिनांक 10.01.216 को खाचरोद प्रवास के दौरान यह घोषणा कि थी कि खाचरोद मण्डी में उद्यानिकी फसलों के व्यापार की सुविधा विकसित की जावेगी। (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रोजेक्ट कि क्या प्रक्रिया चल रही है, यह कब तक स्वीकृत हो जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर महोदय उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 121-122 उज्जैन दिनांक 15.05.17 से कृषि उपज मंडी समिति खरगोन में उद्यानिकी फसलों के व्यापार हेतु ग्राम दुपड़ावदा में शासकीय भूमि के सर्वे क्रमांक 7/1 रकबा 9.63 हेक्टेयर में से रकबा 3.17 हेक्टेयर, के स्वीकृति का प्रस्ताव राजस्व आयुक्त भोपाल को प्रेषित किया गया है। शासन स्तर से भूमि की स्वीकृति मिलने के उपरांत ही अग्रिम कार्यवाही संभव हो सकेगी। (ख) उपरोक्तानुसार शेष कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत ही अग्रिम कार्यवाही संभव हो सकेगी।
अतिरिक्त कार्य के भुगतान में विलम्ब
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 1329 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में खरगोन मुख्यालय में कब-कब, क्या निर्माण कार्य किस निविदाकर्ता/ठेकेदार के माध्यम से कराये गये? कार्यवार नाम, ठेकेदार का नाम, सहित सूची देवें। (ख) उक्त कार्यों में से किस-किस कार्य में स्वीकृत राशि से अधिक राशि का कार्य किसके निर्देश पर कराया गया? इस अतिरिक्त कार्य का भुगतान किस मद से किया गया? यदि नहीं, किया गया है, तो कारण बतायें। (ग) उक्त अतिरिक्त कार्य एवं ठेकेदार को भुगतान में अत्यधिक विलंब का दोषी कौन है तथा इनके विरूद्ध कार्यवाही कब की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1, 2, 3 अनुसार है।
जबलपुर एवं म. प्र. के अन्य जिलों में फसल बीमा की इकाई निर्धारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 1424 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फसल बीमा में फसलों में हुये नुकसान का मुआवजा निर्धारित करने की इकाई पटवारी हल्का है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या एक पटवारी हल्का में लगभग 30-35 गांव आते हैं? क्या इन सभी ग्रामों की फसलों में नुकसान होने पर ही कृषकों को मुआवजा देने का नियम है? (ग) क्या पटवारी हल्के के कुछ ग्रामों में नुकसान होने पर किसानों को मुआवजा नहीं दिया जाता है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? क्या ग्राम को इकाई निर्धारित करने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश में राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति द्वारा पटवारी हल्का स्तर, तहसील स्तर एवं जिला स्तर पर अधिसूचित की जाने वाली फसलें निर्धारित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश में एक पटवारी हल्का में लगभग 30-35 ग्राम नहीं आते है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार। प्रदेश में बीमित इकाई वार एवं फसलवार पिछले 7 वर्षों के औसत उत्पादकता के आंकड़ों के आधार पर बीमित इकाईयों का निर्धारण किया गया है। योजना के अनुसार प्रत्येक बीमित इकाई में फसलवार निर्धारित संख्या में फसल कटाई प्रयोग किये जाने अनिवार्य है तथा उपलब्ध बीमित इकाईवार, फसलवार औसत उत्पादकता के आंकड़ों के आधार पर ग्राम को ईकाई निर्धारित करने पर शासन द्वारा विचार किया जाकर ही उपरोक्तानुसार राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति द्वारा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार इकाई निर्धारित की गई है।
प्रदेश में ऋणी एवं अऋणी कृषकों के फसल बीमा बावत्
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 1425 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ऋणी एवं अऋणी कृषकों का बीमा बैंकों के माध्यम से किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कितने कृषकों से कितनी प्रीमियम राशि ली गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार फसलों का नुकसान होने पर कितने कृषकों को कितनी बीमित राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार कितने ऋणी एवं अऋणी कृषकों के नुकसान का बीमा भुगतान शेष है? कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2015 मौसम में 21.71 लाख कृषकों को दावा राशि रू. 4660.99 करोड़, रबी 2015-16 मौसम में 1.13 लाख कृषकों को दावा राशि रू. 66.16 करोड़ एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 मौसम में 8.19 लाख कृषकों को दावा राशि रू.1686.15 करोड़ का भुगतान किया गया। बीमा कंपनियों के अनुसार आंकड़े अनंतिम हैं। (घ) रबी 2016-17, खरीफ 2017 एवं रबी 2017-18 की अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति होने के एवज में बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किये जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2017 मौसम हेतु औसत पैदावार के आंकड़े बीमा कंपनी को दिनांक 31.01.2018 एवं रबी 2017-18 मौसम हेतु औसत पैदावार के आंकड़े राज्य शासन द्वारा दिनांक 30.06.2018 तक उपलब्ध कराये जाने के पश्चात प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर दावों की गणना कर यदि किसी अधिसूचित क्षेत्र के अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पायी जाएगी तो योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। खरीफ 2016 में जिन बैंकों द्वारा कुछ बीमित कृषकों की जानकारी बीमा कंपनी को त्रुटिपूर्ण भेजी गई है उनमें त्रुटि सुधार एवं दावा भुगतान की गणना की जा रही है तथा जिलों से संशोधित बोया गया रकबा प्राप्त होने पर बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति का नवीन आंकलन किया जा रहा है। रबी 2016-17 मौसम हेतु दावा भुगतान प्रक्रियाधीन है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 1617 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल में दिनांक 1 जनवरी 2017 के पश्चात कितने आवेदन विभाग को अंकतालिका सत्यापन एवं अन्य हेतु प्राप्त हुए, विभागीय नियमावली के अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन कितनी अवधि में किये जाने का नियम है? (ख) उक्त अवधि के पश्चात ऐसे कितने ऑनलाइन एवं डाक द्वारा आवेदन है जिन्हें समयावधि में आवेदन सत्यापन हेतु किन-किन कारणों से लंबित रखा है? सूची प्रस्तुत करें, समयवधि में आवेदन का निराकरण नहीं होने की मानीटिरिंग विभाग का कौन अधिकारी करता है, नाम सहित जानकारी देवें? (ग) क्या सचिव राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा अपने पत्र क्र. एफ.23 आर.टी.आई./आर.पी.एस.सी./17-18/3003 दिनांक 13/07/17 के माध्यम से बोर्ड कार्यालय को डी.एड. अंक तालिका एवं प्रमाण पत्र के सत्यापन की जानकारी चाही थी, उसे प्रश्न दिनांक तक नहीं देने क्या कारण है? इस संबंध में क्या आवेदक ने भी अपनी 1999 की डी.एड. प्रमाण पत्र रोल नं. 4975158, केंद्र क्रमांक 7101, नामांकन क्र. 0420143 के एवं अंक तालिका रोल नं. 4975158 के सत्यापन के लिए भी आवेदन किया था किन्तु 7 माह पश्चात आवेदक को सत्यापन प्रदान नहीं करने के क्या कारण हैं? (घ) क्या बोर्ड के अधिकारी द्वारा लगातार सत्यापन कार्य में अनियमितता की जा रही है, जिससे युवाओं को नौकरी में समय पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मा.शि.मण्डल, म.प्र., भोपाल में दिनांक 01 जनवरी 2017 से कुल 5745 प्रकरण अंक तालिका/प्रमाण-पत्र सत्यापन हेतु प्राप्त हुए। कार्यालयीन आदेश क्रमांक/1489/अभि./सामान्य 2001 दिनांक 14.01.2001 के अनुसार सत्यापन की प्रक्रिया निर्धारित है, जिसमें सत्यापन की अवधि का उल्लेख नहीं है। आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) दिनांक 01-01-17 एवं इसके पश्चात् प्रश्न दिनांक तक डाक से प्राप्त 5745 आवेदन पत्रों में से 5541 प्रकरणों का सत्यापन कर भेजा गया है तथा 204 प्रकरण आवेदन पत्र शुल्क प्राप्त नहीं होने के कारण, दस्तावेजों की स्पष्ट पठनीय छायाप्रतियाँ प्राप्त नहीं होने के कारण एवं कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण लंबित है। वर्तमान में लंबित 204 प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। मण्डल में सत्यापन हेतु ऑनलाईन आवेदन-पत्र प्राप्त नहीं होते है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल, म.प्र., भोपाल में सत्यापन कक्ष की मॉनिटरिंग का कार्य श्रीमती ज्योति मेघावाले पंजीयक एवं श्री पी.एन.पंचोरे, सहायक सचिव द्वारा संपादित किया जाता है। (ग) सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग का पत्र क्रमाक/एफ/23 आर.टी.आई./आर.पी.एस.सी./17-18/3003 दिनांक 13/07/17 जो कि मा.शि.मण्डल, म.प्र., भोपाल को प्राप्त होना नहीं पाया गया है। सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग से श्री मांगीलाल गाच्छा, परीक्षा वर्ष 1999 अनुक्रमांक 4975158 केन्द्र क्रमांक 7101, नामांकन क्रमांक 043147 का प्रमाण-पत्र स.क्र. 02007009 का सत्यापन प्रकरण पूर्ति उपरान्त मण्डल को दिनांक 03-07-2017 को प्राप्त हुआ। इस पर कार्यवाही उपरान्त सत्यापन प्रतिवेदन दिनांक 17-01-18 को सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग, जयपुर रोड, अजमेर को भेजा गया। इसके पूर्व समय-समय पर सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग को प्रकरण में सत्यापन हेतु शुल्क प्राप्त नहीं होने के कारण, प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त नहीं होने के कारण तथा सत्यापन हेतु प्रमाणित अंकसूची प्राप्त नहीं होने के कारण मण्डल द्वारा कार्यालयीन पत्र दिनांक 21-07-16, 21-09-16, 18-01-17, 13-02-17, 09-03-17 तथा दिनांक 01-06-17 के द्वारा विभाग को त्रुटिपूर्ति हेतु पत्र भेजे गये। सत्यापन प्रतिवेदन पूर्ति पश्चात् दिनांक 17-01-18 को सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग, जयपुर रोड, अजमेर को प्रेषित किया जा चुका है। मांगीलाल गाच्छा ने अपनी वर्ष 1999 डी.एड. प्रमाण-पत्र रोल नंबर 4975158 केन्द्र 7101 नामांकन क्रमांक 0420143 एवं अंक तालिका अनुक्रमांक 4975158 अपने पत्र के साथ प्रेषित करते हुए मण्डल से यह अपेक्षा की गयी थी कि मण्डल सत्यापन की कार्यवाही कर सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर को भेजें। कार्यालयीन आदेश/निर्देश दिनांक 14-01-2001 अनुसार सत्यापन की निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मण्डल के द्वारा व्यक्तिगत रूप से किसी को सत्यापन की जानकारी नहीं दी जा सकती है। अतः शेषांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के प्रकाश में जी नहीं।
मुख्यमंत्री किसान दर्शन योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( क्र. 1928 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18 में कुल कितने किसानों को मुख्यमंत्री किसान दर्शन योजनान्तर्गत किन-किन स्थानों का पर्यटन कराया गया? विकासखण्डवार, ग्रामवार हितग्राहियों का नाम का उल्लेख करें। (ख) प्रत्येक यात्रा में कुल कितनी राशि व्यय की गई है? यात्रा करने के पश्चात् उन हितग्राहियों को क्या क्या विभाग ने लाभ प्रदान किया है? अलग- अलग विवरण प्रदान करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुख्यमंत्री किसान दर्शन योजना विभाग में संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार।
मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गई घोषणाएं
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 2014 ) श्री अजय सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा अध्यापक संवर्ग के स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा पर सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा प्रश्न तिथि तक कब-कब आदेश जारी किये है? घोषणाओं का पूर्ण विवरण जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? उक्त घोषणा के कारण राज्य पर कितनी राशि का अतिरिक्त व्यय होगा? जानकारी उपलब्ध करायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग की सेवाएं शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग के अधीनस्थ करने के संबंध में समुचित प्रस्ताव तैयार किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या हाईस्कूल राहतगढ़ का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
13. ( क्र. 2117 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक नगरीय क्षेत्र में हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल उन्नयन हेतु कोई नियम एवं मापदंड बनाये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता के द्वारा नगरीय क्षेत्र की हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के उन्नयन हेतु भिजवाये गये प्रस्तावों पर ''उक्त शाला दूरी के मापदंड की पूर्ति नहीं करती है'' लेख कर किस आधार पर प्रस्ताव अमान्य कर दिया जाता है? (ग) बतावें कि प्रश्नकर्ता द्वारा नगर परिषद् राहतगढ़ अंतर्गत शासकीय कन्या हाईस्कूल राहतगढ़ के हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन हेतु भेजे गये प्रस्ताव को ग्राह्य कर कब तक उक्त कन्या हाईस्कूल का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शहरी क्षेत्र के लिये पृथक से मापदंड नहीं है। निर्धारित मापदंड संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी प्रस्ताव पर निर्धारित मापदंड अनुसार ही परीक्षण किया जाता है। (ग) वर्ष 2017-18 में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन मापदण्डों की पूर्ति, बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा गत 5 वर्षों में बने रोडों का भौतिक सत्यापन
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 2320 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में गत 5 वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा कितने रोड, कौन-कौन सी एजेन्सियों से निर्माण कराये, कितने पूर्ण हो गये, कितने अधूरे हैं? प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से रोड भौतिक सत्यापन के दौरान गुणवत्ता विहिन होने से घटिया निर्माण के कारण क्षतिग्रस्त हो गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित रोड स्वीकृत मानक अनुसार कौन-कौन से रोड निर्मित नहीं हुए हैं, क्या जंजाली से मक्सूदनगढ़ मार्ग का भौतिक सत्यापन कराकर गुणवत्ता अनुसार रोड का निर्माण नहीं पाया गया तो क्या विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी से वसूली करेगी या नहीं? क्या विभाग शेष रोडों का भी भौतिक सत्यापन कराऐगा? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित रोडों की जाँच और कार्यवाही जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या विभाग द्वारा अभी तक कोई जाँच और कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कौन-कौन किस रोड के लिए दोषी हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
किसानों को बीमा प्रीमियम एवं बीमा क्लेम का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 2328 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 खरीफ फसल के लिये फसल बीमा योजना लागू होने के उपरांत किसानों को प्रीमियम का आच्छादन करना बैंक और कम्पनी के लिये बंधनकारी होकर उनका उत्तरदायित्व था? गाईडलाईन अनुसार बैंकों द्वारा घोषित किसानों के के.सी.सी. खाते से आहरण नहीं किया या कम दर पर किया गया है तो ऋणी किसानों की फसलें खराब हो गई थी,तो क्या बैंक और कम्पनी उस क्षेत्र के किसानों को क्लेम के भुगतान के लिए बंधनकारी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गुना जिले के यूनियन बैंक गुना में ऐसे कितने ऋणी किसान हैं, जिनके प्रीमियम बैंक ने वर्ष 2016 खरीफ सोयाबीन फसल का ऋणी भूमि पर प्रति हेक्टेयर के मान से कम काटकर बीमा कम्पनी को भेजा है और ऐसे कितने ऋणी किसान है, जिनका प्रीमियम काटा ही नहीं है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) बैंक के ऋणी किसानों की खरीफ वर्ष 2016 की फसल खराब होने पर शासन द्वारा क्रापकटिंग अनुसार उस क्षेत्र के अन्य किसानों को क्लेम का भुगतान कम्पनी के द्वारा किया गया,किन्तु बैंक के ऋणी किसानों को भूमि में प्रति हेक्टेयर की दर से बीमित और बिना बीमित किसानों को क्यों नहीं किया? इसका कौन उत्तरदायी है? कब तक भुगतान करेंगे? बैंक के ऋणी किसानों को फसल बीमा योजना के तहत छूटे गये एवं कम राशि मिलने वालों को शेष राशि का बीमा क्लेम का भुगतान कब तक करा दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 से लागू की गई है, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाईड लाईन अनुसार ऋणी कृषकों के लिये अनिवार्य एवं अऋणी कृषकों के लिये ऐच्छिक है। योजनांतर्गत प्रीमियम राशि आच्छादन बैंक शाखाओं द्वारा किये जाने का प्रावधान है। योजना की प्रचालन मार्गदर्शिका अनुसार ऋणी एवं अऋणी कृषकों से मौसम खरीफ हेतु बीमित राशि का 2 प्रतिशत एवं रबी हेतु बीमित राशि का 1.5 प्रतिशत प्रीमियम आहरित करने का प्रावधान है। संबंधित बैंक द्वारा जिले के लिये निर्धारित स्केल ऑफ फायनेंस पर प्रीमियम राशि के.सी.सी. खाते से काटकर संबंधित बीमा कंपनी को भेजी जाती है। (ख) यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा गुना के अनुसार जिले के 3083 पात्र कृषकों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 में सही दर पर बीमा किया गया है, एक भी पात्र ऋणी कृषक शेष नहीं है। बैंक द्वारा प्रीमियम राशि 5515321.20/- रूपये बीमा कंपनी को भेजी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाईड लाईन अनुसार फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर प्राप्त वास्तविक उपज थ्रे-शोल्ड उपज से कम प्राप्त होने पर बीमा कंपनी द्वारा क्लेम का भुगतान किया जाता है। बैंक से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त अवधि में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा गुना के पात्र किसानों के खाते में रू. 127574402.60/- जमा कराये गये है, कोई भी पात्र कृषक शेष नहीं है। यूनियन बैंक में कुछ कृषकों द्वारा बीमा कम मिलने की शिकायत प्रस्तुत की गई है, जिसकी जाँच एवं निपटान केन्द्रीय कार्यालय मुम्बई द्वारा किया जाना है, इन्हीं कुछ आवेदनकर्ता (08) ने अंबुडसगेन (आर.बी.आई) तथा उपभोक्ता फोरम गुना में वाद दायर किया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सिटी लिंक मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 2716 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग की सागर नगर के सिटी लिंक मार्ग (जीरो माइल से मकरोनिया) के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गयी है? इसमें कौन-कौन से कार्य कराया जाना शामिल है? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य हेतु, निविदा स्वीकृत हो गयी हैं? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी कौन है एवं कितनी राशि स्वीकृत की गयी है? क्या निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया है? यदि हाँ, तो कब तक कार्य पूर्ण होगा? (ग) क्या निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्डानुसार कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब-कब किस सक्षम अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया? दिनांक सहित बतायें। (घ) क्या प्रश्नाधीन मार्ग पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए, मार्ग पर बने डिवाईडर की ऊंचाई बढ़ाई जायेगी? यदि हाँ, तो कितनी/यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। आई.आर.सी. के मापदण्डानुसार एवं स्थल आवश्यकतानुसार। अधिकतम 50 से.मी.। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर शहर के व्यस्तम आंतरिक बायपास मार्ग का चौड़ीकरण/पूर्ण निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 2717 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सागर शहर का आंतरिक बायपास भोपाल रोड, बीना रोड एवं एन.एच. 26 राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ता है? क्या यह मार्ग क्षतिग्रस्त है तथा इसकी चौड़ाई मात्र 5 मीटर एवं लम्बाई 6 कि.मी. है? (ख) क्या इस सकरे मार्ग पर यातायात का भारी दबाव रहता है तथा दुर्घटनायें घटित होने की संभावना बनी रहती है? (ग) क्या शासन इस क्षतिग्रस्त मार्ग पर यातायात के दबाव एवं दुर्घटनाओं की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए इस मार्ग की चौड़ाई में वृद्धि कर पुन: निर्माण कराने हेतु स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कुछ भाग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। जी नहीं। मार्ग की कुल लंबाई 6.40 कि.मी. एवं चौड़ाई क्रमश: 5.50, 7.00 मीटर है। (ख) जी नहीं (ग) बजट वर्ष 2018-19 में शामिल, प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा किये गये कार्य
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 2937 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में विगत चार वर्षों में सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग को सड़कों, पुलों, भवनों इत्यादि के रख-रखाव हेतु कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी धनराशि उपलब्ध कराई गई है? (ख) उज्जैन जिले में विगत चार वर्षों सें प्रश्न दिनांक तक इस धनराशि में से कितना व्यय कहाँ-कहाँ किया गया? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षा, बाढ़ एवं प्राकृतिक आपदाओं से उज्जैन जिले के अन्तर्गत किन-किन सड़कों को कितनी आर्थिक क्षति हुई है? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांश 'क' के संबंध में उज्जैन जिले हेतु रख-रखाव हेतु पृथक से कोई राशि प्राप्त नहीं होती है, किन्तु विभाग को प्राप्त राशि में से उज्जैन जिले को सड़क, पुल एवं भवनों हेतु प्रदाय राशि रू. 1056.78 लाख है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
व्यायाम निर्देशकों की क्रमोन्नति के अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी को दिलाना
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र. 3010 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षाधिकारियों को किन-किन कर्मचारियों के क्रमोन्नति आदेश जारी करने के अधिकार हैं? (ख) क्या यू.डी.टी. व पी.टी.आई. समकक्ष पद हैं? लेकिन यू.डी.टी. की क्रमोन्नति के आदेश तो जिला शिक्षाधिकारियों द्वारा किये जाते हैं, जबकि पी.टी.आई. की क्रमोन्नति आदेश भोपाल से किये जाते हैं, ऐसा क्यों है? (ग) क्या शासन पी.टी.आई. ( व्यायाम निर्देशक) की क्रमोन्नति समय-सीमा में हो जाया करें, अनावश्यक भोपाल के लिये लिखा-पड़ी व भागदौड़ न करनी पड़े, इस समस्या के निदान हेतु पी.टी.आई. की क्रमोन्नति करने के अधिकार कब तक जिला शिक्षाधिकारियों को दे दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) अम्बाह विधानसभान्तर्गत पदस्थ पी.टी.आई. में से जिन पी.टी.आई. की द्वितीय क्रमोन्नति देय है, ऐसे कर्मचारी को कब तक द्वितीय क्रमोन्नति देने के आदेश दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी को सहायक शिक्षक/भृत्य संवर्ग को क्रमोन्नति दिये जाने का अधिकार है। (ख) जी नहीं। म.प्र.शासन राजपत्र (असाधारण) दिनांक 04.08.2012 एवं दिनांक 19.10.1973 अनुसार क्रमोन्नति आदेश जारी किये जाते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला शिक्षा अधिकारी जिला मुरैना के पत्र दिनांक 13.03.18 द्वारा श्री दिनेशचंद्र बंसल व्यायाम निर्देशक शा.उत्कृष्ट उ.मा.वि. अम्बाह मुरैना का 24 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर द्वितीय क्रमोन्नति प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उक्त प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बी.ओ.टी. सड़क मार्ग पर स्थित ग्रामों में नाली निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 3319 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन से जावरा की बी.ओ.टी. सड़क मार्ग पर कई ग्राम बसे हुए हैं सड़क निर्माण से इस रोड की उंचाई अधिक होने के कारण ग्रामीण क्षैत्रों में वर्षाकाल में घरों में पानी भर जाता है, जिससे ग्रामीणों का आवागमन दुश्कर हो जाता है? (ख) क्या इस रौड के डी.पी.आर. एवं टेण्डर में सड़क के दोनों और जहां तक बसाहट है वहां तक नाली निर्माण का प्रावधान होने के बावजूद भी संबंधित ठेकेदार के द्वारा नालियों का निर्माण नहीं कराया गया एवं अधिकारियों के द्वारा भी इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है? इस कार्य के लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? उक्त नालियों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कन्शेसनायर द्वारा नाली निर्माण न किये जाने के एवज में नेगेटिव चेंज ऑफ स्कोप की कार्यवाही की गई है। अनुबंधानुसार नाली निर्माण नहीं किये जाने पर नेगेटिव चेंज ऑफ स्कोप किया गया है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। कार्य निर्माण के दौरान स्वतंत्र सलाहकार की देखरेख एवं अनुबंधानुसार अनुशंसा पर नाली निर्माण कार्यस्थल की आवश्यकतानुसार नहीं किया गया। नाली निर्माण की अभी कोई योजना नहीं है।
चार्टड एकाउन्टेन्ट से स्टॉक सत्यापन एवं ऋण वसूली
[सहकारिता]
21. ( क्र. 3342 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवंति मिल वर्कर्स को-ऑपरेटिव सोसायटी सनावद को प्रदान ऋण के तारतम्य में संस्था के स्टॉक की जाँच हेतु चार्टड एकाउन्टेन्ट चांगल एण्ड एसोसिएट्स खरगोन को नियुक्त किया गया था, जिसके द्वारा दिनांक 18.01.2016 को स्टॉक की जाँच की गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या संस्था के स्टॉक पत्रक अनुसार स्टॉक सही पाये जाने पर संस्था के तात्कालिक प्रशासक/संयुक्त आयुक्त सहकारिता इन्दौर द्वारा दिनांक 21.01.2016 एवं 27.01.2016 को प्रेषित अनुरोध पत्र पर कार्यवाही कर बैंक प्रबन्धन द्वारा संस्था पर राशि रूपये 15 करोड़ के पश्चात शेष कार्यशील पूंजी के आहरण पर लगी रोक हटाई गई थी? अथवा जाँच में कम स्टॉक होने के बावजूद बैंक प्रबन्धन द्वारा कार्यशील पूंजी के आहरण पर लगी रोक हटा ली गई थी? (ग) संस्था द्वारा प्रारम्भ वर्ष 2012 से लेकर 20 अक्टूबर 2016 तक मूल धन में कितनी राशि एवं ब्याज में कितनी राशि बैंक में जमा की गई है तथा 21 अक्टूबर 2016 से लेकर 31 जनवरी 2018 तक मूल धन में कितनी राशि एवं ब्याज में कितनी राशि बैंक में जमा की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जाँच हेतु संयुक्त आयुक्त सहकारिता, संभाग इंदौर को निर्देशित किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों को विदेश जाने हेतु नामांकित किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( क्र. 3344 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से विगत 05 वर्षों में उद्यानिकी विभाग से किन-किन वैज्ञानिक और अधिकारियों को स्टडी/विजिट हेतु विदेश जाने हेतु नामांकित किया गया है? अनुशंसा का आधार क्या रखा गया था? कमेटी की अनुशंसा की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या स्टडी/विजिट हेतु भेजे गये अधिकारियों का तत्कालीन कुलपति से कोई संबंध है? अगर हाँ, तो क्या? (ग) क्या आदिवासी जिले में कृषि महाविद्यालय बालाघाट (वारासिवनी) में नियुक्ति उपरान्त कृषि विषय के सह-प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति के बाद जबलपुर मुख्यालय पर पद-स्थापना का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किन-किन सह-प्राध्यापकों की जबलपुर मुख्यालय पर पदस्थापना की गई? क्या इससे आदिवासी जिले में अध्ययनरत विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा विगत 5 वर्षों में उद्यानिकी विभाग से किसी भी वैज्ञानिक और अधिकारी को स्टडी/विजिट हेतु विदेश जाने के लिए नामांकित नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं, पदस्थापना का कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु प्रशासनिक स्तर पर परिस्थिति जन्य आवश्यकतानुसार स्थानांतरण किया जा सकता है। डॉ. बी.पी.बिसेन, उद्यानिकी विभाग, डॉ. वाई.एस. शर्मा, मृदा विज्ञान एवं डॉ. डी.एस. तोमर, पौध रोग विभाग के सह प्राध्यापकों का स्थानांतरण जबलपुर मुख्यालय में किया गया है। स्थानांतरण से अध्ययनरत विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अभाना-तेंदूखेड़ा-पाटन मार्ग के खराब होने संबंधी
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 3421 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत क्या दमोह जिले के अभाना- तेंदूखेडा- पाटन मार्ग खराब हो गया है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के निर्माण हेतु विभाग की क्या प्रक्रिया चल रही है? क्या उक्त मार्ग बनाये जाने के लिए ठेका हो चुका है? यदि हाँ, तो कब तक और किस कंपनी को, रोड बनाने का ठेका दिया गया है? क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्ग सी.सी. रोड का निर्माण होना है? यदि हाँ, तो क्या शासन के द्वारा मुख्य राज्य मार्ग में सी.सी.रोड के निर्माण पर रोक लगाये जाने संबंधी आदेश शासन जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में सीसी रोड संबंधी आदेश के बाद भी नियम विरूद्ध टेंडर निकाले गए हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) उक्त मार्ग का निर्माण कब तक प्रारंभ कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। एजेन्सी चयन की प्रक्रिया एन.बी.डी. योजना में चलन में है। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कार्य एजेन्सी का निर्धारण नहीं होने के कारण। (ख) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) निविदा कार्यवाही प्रक्रिया में है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नागदा गूजरी रोड निर्माण अंतर्गत भारूडपुरा घाट में सुधार कार्य
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 3436 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के नागदा से गूजरी तक बनाये गये सीमेंटेड रोड निर्माण अन्तर्गत भारूडपुरा घाट को लगभग 30 से 40 फीट तक काट कर चढ़ाई को काफी कम कर दिया गया है? (ख) क्या पहाड को सीधा काटने से वर्षाकाल में नमी से भू-स्खलन आदि होने पर पहाड से मिट्टी, पत्थर, मुरम आदि धंसने पर सीधे रोड पर चल रहे वाहन आदि पर गिरने से जान-माल के भारी नुकसान की संभावना भी बढ़ गई है? (ग) क्या घाट के काटे गये भाग के ऊपरी हिस्से को तिरछा काट कर भू-स्खलन की संभावना को कम किये जाने के निर्देश निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा निर्माण एजेंसी को दिये गये हैं, अथवा नहीं? यदि दिये गये हैं तो घाट के काटे गये भाग में ऊपरी हिस्से को कब तक तिरछा काट कर भू-स्खलन की संभावना को कम किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। भारूडपुरा घाट में की गई कटिंग उपलब्ध आर.ओ.डब्ल्यू., भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्ड एवं नियुक्त अथॉरिटी इंजीनियर के अनुमोदन के अनुसार कराया गया है। (ग) जी नहीं। भारूडपुरा घाट में की गई कटिंग उपलब्ध आर.ओ.डब्ल्यू., भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्ड एवं नियुक्त अथॉरिटी इंजीनियर के अनुमोदन के अनुसार कराया गया है। निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा निर्माण एजेन्सी को पृथक से कोई निर्देश जारी नहीं किये गये। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन को प्राप्त आय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 3564 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन को विगत चार वर्षों में विभिन्न मदों में कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई हैं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन द्वारा विगत चार वर्षों में कितना व्यय किस-किस कार्य हेतु किया गया वर्तमान में कितने कार्य पूर्ण हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं एवं कितने कार्य पर कितनी राशि व्यय कर दी गई है वर्षवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) मण्डी समिति उज्जैन द्वारा कितने सुरक्षा गार्ड कहाँ-कहाँ तैनात हैं और प्रतिवर्ष सुरक्षा के नाम पर कितना व्यय किया जा रहा है वर्तमान में कितने सुरक्षा गार्ड कार्यरत् हैं? गार्ड के नामवार, पतावार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कृषि उपज मण्डी समिति प्रांगण उज्जैन में कितनी लूट एवं चोरी की घटनायें हुई हैं? घटनावार, दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं मण्डी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है एवं भविष्य में कोई लूट की घटना न हो, इस संबंध में क्या-क्या प्रबंध कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन द्वारा किये गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' तथा प्रतिवर्ष किए गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) चोरी के 02 प्रकरण हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। भविष्य में लूट/चोरी की घटना रोकने के लिये समिति द्वारा सुरक्षा गार्ड लगाए गए है तथा सी.सी.टी.वी. स्थापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पुल निर्माण के लंबित प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 3632 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधन सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत दो वर्षों में कौन-कौन से पुल कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हुये हैं एवं इन पुलों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार छपारा चमरया नाला पुल निर्माण की स्थिति क्या है? इसके निर्माण में विलंब के क्या कारण हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा पांडिया छपारा गोकलपुर (डूटी केम्प) मार्ग पर धनई नदी में पुल निर्माण का कोई प्रस्ताव लंबित? यदि हाँ, तो कब तक इसे पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है।
किसान कल्याण कोष बनाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
27. ( क्र. 3805 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिस प्रकार सेना हेतु सेना कल्याण कोष होता है, जिसमें आम जनता से लेकर शासकीय तंत्र के साथ साथ सभी की सहभागिता होती है ओर उस कोष की राशि का उपयोग सेना के कल्याण हेतु उपयोग किया जाता है, इसी प्रकार किसान कल्याण कोष बनाये जाने हेतु शासन विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि किसान कल्याण कोष बनता है तो जनप्रतिनिधियों जैसे मंत्रीगण, सांसद, विधायकों आदि के वेतन का कुछ भाग किसान कल्याण कोष हेतु काटने का प्रावधान करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र.
3808 ) श्री
राजेन्द्र
फूलचंद
वर्मा : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सोनकच्छ
विधानसभा
क्षेत्र में खुंटखेडा
से बीसुखेडी, इन्दौर-भोपाल
रोड सोनकच्छ
से सोनकच्छी
तक सड़क
निर्माण की
कोई
कार्यवाही चल
रही है? यदि हाँ, तो किस
स्तर पर
कार्यवाही
प्रचलित हैं? नहीं
तो क्यों
नहीं?
(ख) उक्त सड़कों
में से
कौन-कौन सी
सड़क स्वीकृत
है तथा कौन-कौन
सी सड़क के
प्रस्ताव
लंबित हैं? (ग) क्षेत्रवासियों
को कब तक उक्त
सड़कों का लाभ
मिल सकेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
नहीं। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। सीमित
वित्तीय
संसाधन के
कारण। (ख) कोई स्वीकृत
नहीं। कोई
प्रस्ताव
लंबित नहीं। (ग) उत्तरांश
'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य
में निश्चित
तिथि बताना
संभव नहीं।
सड़क निर्माण विषयक
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 3809 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भौंरासा से झोकर तक सड़क निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है या नहीं? (ख) क्या ग्राम भौंरासा से झोकर तक, सड़क निर्माण में विभाग द्वारा आगामी कोई प्रस्ताव सम्मिलित किया जायेगा? हाँ या नहीं? (ग) ग्राम भौंरासा से झोकर तक सड़क निर्माण में विभाग द्वारा आगामी कार्यवाही कब तक की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्तमान में जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बड़वारा के निर्माण कार्यों को बजट में सम्मिलित करना
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 4029 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.खं. कटनी के ग्राम कौडिया हीरापुर से छहरी को जोड़ने वाले मार्ग को लगभग 5 वर्ष पूर्व एनुअल रिपेयर मद से किसी विभागीय स्वीकृति उपरान्त प्रश्नकर्त्ता से भूमिपूजन कराने के उपरान्त बिना कारण बताये कार्य को निरस्त कर दिया गया है और पुन: स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है? (ख) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 15-10-2016 व दिनांक 11-9-2016 द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी तथा पत्र दिनांक 19-1-2018 द्वारा मा. विभागीय मंत्री को प्रश्नांश (क) मार्ग एवं उसकी विभाग स्तर पर लम्बित डी.पी.आर. पर ध्यान आकर्षित करते हुये प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया है? (ग) क्या प्रश्नरकर्त्ता द्वारा प्रश्नांश (ख) में दर्शित विभागीय मंत्रीजी को सम्बोधित पत्र में किन-किन निर्माण कार्यों को बजट में सम्मिलित करने हेतु अनुरोध किया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) के कार्यों को बजट में सम्मिलित कर लिया गया है और निर्माण कराया जाना सुनिश्चित कर दिया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वितरित संदिग्ध वसूली न होने से उत्पन्न स्थिति
[सहकारिता]
31. ( क्र. 4201 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित छतरपुर द्वारा वितरित संदिग्ध वसूली न होने वाली डूबत राशि 12.55 करोड़ रूपये के संबंध में उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं छतरपुर द्वारा अपने पत्र क्रमांक/विधि/2014/692 छतरपुर दिनांक 28.05.2014 सें संयुक्त आयुक्त एवं आयुक्त सहकारिता भोपाल को सूचित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) क्या न्यायालय वसूली अधिकारी एवं अतिरिक्त तहसीलदार सहकारी संस्थाएं जिला छतरपुर द्वारा उपायुक्त सहकारिता छतरपुर से पत्र क्रमांक वसूली/2014/46 छतरपुर दिनांक 02.02.2014 में पत्र लिखा था अगर हाँ, तो उस पत्र में बैंक के 12,55,460.00 करोड़ रूपये डूब रहे हैं, जिसमें एक करोड़ रूपये तत्कालीन बैंक अध्यक्षों के परिजनों के पास वसूली हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन से कितनी राशि की वसूली लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या वसूली हुई, उनके नाम की रकम कब वसूल की गई? (ड.) क्या बैंक का 2007 से 2011 तक का विशेष ऑडिट हुआ था, यदि नहीं, तो क्यों क्या यदि ऑडिट हुआ होता तो बडामलहरा ब्रांच एवं धुवारा में इतना बड़ा घोटाला संभव होता? क्या इस घोटाले में बैंक के पूर्व अध्यक्षों के समय की जाँच कराई जावेंगी और जाँच कब तक होगी? (च) क्या उक्त पत्र में वसूली अधिकारी द्वारा प्रकरणों की जाँच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से कराई जाने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जाँच क्यों नहीं कराई गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, उप पंजीयक सहकारी संस्था, जिला छतरपुर द्वारा अपने पत्र क्रमांक/साख/विधि/2014/592 दिनांक 28.03.2014 से अवगत कराया गया था। (ख) संयुक्त आयुक्त सहकारिता, सागर संभाग, सागर द्वारा पत्र दिनांक 19.05.2014 से उपायुक्त सहकारिता जिला छतरपुर से सहकारी अधिनियम की धारा-60 के अंतर्गत किये गये निरीक्षण का प्रतिवेदन चाहा गया था। आयुक्त सहकारिता स्तर से पत्र दिनांक 05.08.2014 से उपायुक्त सहकारिता, जिला छतरपुर से बैंक के संदिग्ध एवं डूबत ऋणों की समीक्षा कर कार्यवाही प्रस्तावित कर प्रतिवेदन चाहा गया था, पत्र दिनांक 07.05.2014 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, छतरपुर से संदिग्ध ऋणों की वसूली न होने के संबंध में अभिमत एवं विस्तृत प्रतिवेदन चाहा गया था तथा पत्र दिनांक 06.04.2015 से सयुक्त आयुक्त सहकारिता, सागर संभाग, सागर से प्रकरण में कार्यवाही कर अभिमत सहित प्रतिवेदन चाहा गया था। (ग) जी हाँ, वसूली अधिकारी द्वारा अपने पत्र क्रमांक/वसूली/2014/40 दिनांक 02.02.2014 से लिखा था। तत्कालीन बैंक अध्यक्ष के परिजनों को वितरित एवं बकाया अकृषि एवं कृषि ऋण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ड.) जी नहीं, अंकेक्षण अथवा अन्य किसी माध्यम से विशेष अंकेक्षण कराये जाने के तथ्य प्रकाश में आने पर विशेष अंकेक्षण कराया जाता है। उत्तरांश 'ख' अनुसार चाहे गये प्रतिवेदनों में यदि कोई तथ्य इस संबंध में पाये जाते है, तो जाँच कराई जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (छ) जी हाँ। वसूली अधिकारी द्वारा उपायुक्त सहकारिता, जिला छतरपुर को पत्र लिखा गया था। उत्तरांश 'ख' अनुसार उपायुक्त सहकारिता, जिला छतरपुर से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निर्णय लिया जा सकेगा।
विद्यालयीन भवन/अतिरिक्त कक्ष निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 4230 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विद्यालयीन भवन/अतिरिक्त कक्ष निर्माण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्यालयों के विद्यालयीन भवन/अतिरिक्त कक्ष कब-कब, स्वीकृत किये गये हैं वर्षवार, पंचायतवार, विद्यालयवार, राशिवार, कार्यपूर्णता की समय-सीमा सहित सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो जो भवन/अतिरिक्त कक्ष निर्माण स्वीकृत किये गये उनमें से कितने भवन/अतिरिक्त कक्ष समय-सीमा में पूर्ण हो चुके है? कितने भवन का निर्माण अभी भी अपूर्ण है वर्षवार, पंचायतवार, विद्यालयवार, राशि वार, सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन भवनों का कार्य अपूर्ण है उसका क्या कारण है? क्या शासन इन अपूर्ण भवनों की जाँच कर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपूर्ण भवनों का निर्माण कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार स्वीकृत शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय के 14 भवन एवं 175 अतिरिक्त कक्ष पूर्ण हो चुके है। 13 भवन एवं 20 अतिरिक्त कक्ष का निर्माण अपूर्ण है। पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' में समाहित है। (ग) निर्माण एजेंसी की उदासीनता एवं अनियमितता के कारण शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय के भवनों/अतिरिक्त कक्ष के कार्य अपूर्ण है। अतः निर्माण एजेंसियों को नोटिस जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के निर्माण में विलंब का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित ही नहीं होता। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के समक्ष निर्माण एजेंसियों की सुनवाई कर अपूर्ण कार्यों पूर्ण करने हेतु कार्यवाही की जा रही है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार।
भोपाल गैस त्रासदी में पीडितों को प्रदान राहत एवं पुनर्वास
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
33. ( क्र. 4348 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित व्यक्तियों का पीड़ित श्रेणीवार, संख्यात्मक ब्यौरा क्या है? (ख) गैस त्रासदी के पश्चात वर्ष 2013 से अब तक कितनी राशि राहत एवं पुनर्वास पर व्यय की गई? (ग) गैस पीड़ित किस-किस बीमारियों से ग्रसित हैं? कितने पीड़ितों की मृत्यु हो गई? कितने गंभीर हैं? विगत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक उक्त पीड़ितों की सहायता हेतु केन्द्र अथवा विश्व संस्थाओं से क्या सहायता प्राप्त हुई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कार्यालय कल्याण आयुक्त, भोपाल गैस पीड़ित, भोपाल भारत सरकार के नियंत्रण में संचालित है, के द्वारा उपलब्ध जानकारी निम्नानुसार है:-
प्रवर्ग |
अवार्डेड प्रकरण |
01 प्रवर्ग (व्यक्तिगत क्षति) |
558262 |
02 प्रवर्ग (पशुधन हानि) |
233 |
03 प्रवर्ग (व्यवसायिक हानि) |
547 |
04 प्रवर्ग (मृत्यु प्रकरण) |
15342 |
05 प्रवर्ग (शासकीय उपक्रमों के प्रकरण) |
08 |
कुल योग |
574392 |
कुल 574392 प्रकरणों में से 573955 प्रकरणों में रू. 1549.32 करोड़ मूल मुआवजा वितरित किया गया एवं 437 प्रकरण शेष हैं तथा प्रोरेटा मुआवजा में 563058 प्रकरणों में रूपए 1517.13 करोड़ मुआवजा वितरित किया गया जिसमें से 11334 प्रकरण शेष हैं। (ख) 1. वर्ष 2013-14 में 7726.42 लाख 2. वर्ष 2014-15 में 7487.22 लाख 3. वर्ष 2015-16 में 7749.03 लाख 4. वर्ष 2016-17 में 8587.15 लाख 5. वर्ष 2017-18 (जनवरी 18 तक का व्यय) में 7665.27 लाख राशि व्यय की गयी (ग) हृदय, किडनी, कैंसर, श्वसनतंत्र, मानसिक, नेत्र रोग आदि बीमारियों से ग्रसित हैं जो सामान्य जनसंख्या में हैं। मृतकों की जानकारी उत्तरांश 'क' में दी गई है। शेष वर्गीकृत नहीं हैं। वर्ष-2013 के पश्चात् केन्द्र एवं विश्व संस्थाओं से कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई है।
लोक अदालतों का आयोजन
[विधि और विधायी कार्य]
34. ( क्र. 4351 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष २०१६-१७ वर्ष २०१७-१८ में कितनी लोक अदालतें आयोजित की गई? (ख) रतलाम जिले में आयोजित लोक अदालतों में कितने प्रकरण प्रश्नांश (क) अवधि में निराकृत हुए? तहसीलवार ब्यौरा दें. (ग) क्या संभाग में लोक अदालतें और बढ़ाई जाने की आवश्यकता है? कितने प्रकरण पारिवारिक एवं विभागों व राजस्व के लोक अदातल हेतु कब से लंबित हैं? उज्जैन व रतलाम जिले का ब्यौरा दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत, जिला न्यायालयों एवं तालुका न्यायालयों में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 (अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 तक) कुल आयोजित विभिन्न लोक अदालतों का विवरण निम्नानुसार हैः-
वर्ष 2016-17 |
||
क्र. |
लोक अदालत का प्रकार |
कुल आयोजित लोक अदालतों की संख्या |
1. |
नेशनल लोक अदालत |
09 |
2. |
स्थाई एवं निरंतर लोक अदालत |
355 |
3. |
लोकोपयोगी सेवाओं के लिये स्थाई लोक अदालत |
60 |
4. |
मनरेगा के अंतर्गत लोक अदालत |
15 |
5. |
जेल लोक अदालत |
13 |
6. |
मोबाईल/फील्ड लोक अदालत |
53 |
7. |
विशेष लोक अदालत |
01 |
|
योग |
506 |
वर्ष 2017-18 |
||
क्र. |
लोक अदालत का प्रकार |
कुल आयोजित लोक अदालतों की संख्या |
1. |
नेशनल लोक अदालत |
05 |
2. |
स्थाई एवं निरंतर लोक अदालत |
182 |
3. |
लोकोपयोगी सेवाओं के लिये स्थाई लोक अदालत |
45 |
4. |
मनरेगा के अंतर्गत लोक अदालत |
07 |
5. |
जेल लोक अदालत |
10 |
6. |
मोबाईल/फील्ड लोक अदालत |
20 |
|
योग |
269 |
(ख) रतलाम जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में आयोजित समस्त प्रकार की लोक अदालतों में निराकृत हुए प्रकरणों का तहसीलवार ब्यौरा निम्नानुसार हैः-
वर्ष 2016-2017 |
||
क्र. |
तहसील का नाम |
निराकृत प्रकरण |
|
रतलाम |
4428 |
|
जावरा |
1328 |
|
सैलाना |
390 |
|
आलोट |
521 |
|
योग |
6667 |
वर्ष 2017-2018 |
||
क्र. |
तहसील का नाम |
निराकृत प्रकरण |
|
रतलाम |
2120 |
|
जावरा |
1000 |
|
सैलाना |
274 |
|
आलोट |
728 |
|
योग |
4122 |
(ग) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार समस्त प्रकार के प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रत्येक दो माह में एक बार नेशनल लोक अदालतें आयोजित की जा रही है, इसके साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों/तालुका समितियों द्वारा प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार में अन्य मासिक लोक अदालतें जैसे- स्थाई एवं निरंतर लोक अदालत, लोकोपयोगी सेवाओं की स्थाई लोक अदालत, मनरेगा लोक अदालत, जेल लोक अदालत तथा मोबाईल लोक अदालत इत्यादि आयोजित की जा रही है। जिनमें राजीनामा योग्य न्यायालयों में लंबित/प्री-लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा जाता है और इन लोक अदलतों में अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जाकर पक्षकारों को लाभांवित कराया जाता है। इसलिये संभाग में पृथक से अन्य लोक अदालतें और बढ़ाई जाने की आवश्यकता नहीं है। लोक अदालतों के आयोजन के पूर्व समस्त न्यायालयों/विभागों के राजीनामा योग्य सभी प्रकार के प्रकरणों को चिन्हित किया जाकर पक्षकारों की सहमति लेकर लोक अदालत में प्रस्तुत किया जाता है और ऐसे प्रकरण जो अदालत में निराकृत नहीं होते है, उन्हें संबंधित न्यायालय/विभाग में वापिस किये जाते है और उनका निराकरण रेगुलर कोर्ट में ही प्रक्रिया अनुसार होता है। अतः लोक अदालत खण्डपीठ के पास कोई भी लंबित प्रकरण शेष नहीं रह जाते है। अतः जानकारी निरंक है।
अनुदान योजना अंतर्गत प्याज का भण्डार गृह निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
35. ( क्र. 4407 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अनुदान योजना अंतर्गत शाजापुर जिले में सत्र 2017-18 में प्याज का भण्डार गृह निर्माण हेतु कितने किसानों ने आवेदन प्रस्तुत किये? सूची उपलबध कराई जावे एवं कितने किसानों को पात्र मानकर प्याज भण्डार गृह निर्माण की स्वीकृति दी गई? सूची देवें? (ख) शासन का जिलेवार कितने प्याज का भण्डार गृह निर्माण की स्वीकृति सत्र 2016-17 में हुई? जिसमें शाजापुर जिले के उक्त योजना के अन्तर्गत स्वीकृत हुए? संख्या प्रस्तुत करें। (ग) शासन द्वारा सत्र 2018-19 में प्याज का भण्डार गृह निर्माण हेतु क्या प्रावधान है तथा शाजापुर जिले में कितने प्याज का भण्डार गृह निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (घ) क्या शासन द्वारा जिला शाजापुर प्याज उत्पादन में अग्रणी जिला होने पर प्याज का भण्डार गृह निर्माण में अन्य जिलों से ज्यादा भण्डार गृह निर्माण की स्वीकृति करने का प्रावधान किया जायेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) शाजापुर जिले में वर्ष 2017-18 में प्याज भण्डार गृह निर्माण हेतु 514 किसानों द्वारा ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किये, जिनमें से 431 पात्र किसानों को स्वीकृति जारी की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में जिलेवार 5880 प्याज भण्डार गृह स्वीकृत किये गये जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शाजापुर जिले में 755 प्याज भण्डार गृह स्वीकृत किये गये हैं। (ग) विभाग में संचालित योजना में 25 एवं 50 मीट्रिक टन क्षमता के प्याज भण्डार गृह निर्माण का प्रावधान है। कृषकों द्वारा योजना के प्रावधान अनुसार ऑनलाईन आवेदन करने पर प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर स्वीकृत जारी कर अनुमोदित डिजाइन अनुसार प्याज भण्डार गृह निर्माण कराये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2018-19 हेतु जिलेवार लक्ष्यों का निर्धारण अभी नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार ऑनलाईन आवेदन करने पर पात्र आवेदन की स्वीकृति का प्रावधान है। योजना में जिलों को न्यूनतम लक्ष्य आवंटित किया जाता है तथा शेष लक्ष्य राज्य स्तर पर पूल के रूप में रखा जाता है जो जिला न्यूनतम लक्ष्य प्राप्त कर लें, वह मांग अनुसार पूल से लक्ष्य स्वत: ले सकता है। अत: किसी जिला विशेष के लिये अतिरिक्त लक्ष्य के प्रावधान की पृथक से आवश्यकता नहीं है।
अध्यापक संवर्ग के निकाय/जिले के अन्दर स्थानान्तरण
[स्कूल शिक्षा]
36. ( क्र. 4430 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 28.06.2008 के द्वारा अध्यापक संवर्ग हेतु 25 जुलाई 2008 तक स्वैच्छिक स्थानांतरण के निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो इस निर्देश के परिपालन में शाजापुर एवं आगर मालवा जिले में कितने अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी लाभान्वित हुए जानकारी दे? (ख) क्या वर्तमान में अध्यापक संवर्ग हेतु अंतर्निकाय संविलियन नीति जारी की गई हैं, जिसमें नगरीय निकाय से जिले के अन्दर ही ग्रामीण क्षेत्र में एवं एक जिले से दूसरे जिले में स्थानान्तरण का प्रावधान, कुछ बन्धनों के साथ, किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या इस नीति से स्थानान्तरण चाहने वाले सभी कर्मचारी लाभान्वित होगें? यदि नहीं, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वैच्छिक स्थानान्तरण नीति पुनः जारी की जावेगी? (ग) माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा अनुसार अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन के आदेश कब तक जारी होने की संभावना है? आदेश जारी होने उपरांत शिक्षक संवर्ग एवं अध्यापक संवर्ग की एक समान स्थानान्तरण नीति होगी या पृथक से स्थानान्तरण नीति जारी की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यवाही नहीं होने तक क्या स्वप्रेरणा से छात्र एवं शिक्षक हित में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वैच्छिक स्थानान्तरण नीति पुनः प्रारम्भ की जावेगी एवं अंतर्निकाय संविलियन नीति बंधनमुक्त की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शिक्षा जिला शाजापुर में (वर्तमान आगर मालवा सहित) 197 अध्यापकों को स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ प्राप्त हुआ है। (ख) वर्तमान में अध्यापक संवर्ग हेतु अंतर्निकाय संविलियन नीति जारी की गई है न कि स्थानांतरण की। केवल नीति के प्रावधान अनुसार पात्र पाये जाने एवं रिक्तियों के उपलब्ध होने पर ही लाभ प्राप्त होगा। वर्तमान में निकाय के भीतर स्वैच्छिक स्थानान्तरण की नीति नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अध्यापक संवर्ग की सेवाओं को शिक्षा विभाग, जनजातीय कार्य विभाग के अधीनस्थ करने के संबंध में समुचित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी नहीं।
पी.आई.यू. के माध्यम से निर्माण कार्यों
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 4431 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत पी.आई.यू. के माध्यम से जिला गठन से लेकर वर्तमान तक कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं? लागत, कार्यपूर्णता दिनांक आदि सहित जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की पूर्णता की क्या स्थिति है? इसके अलावा मरम्मत के कार्यों का भी पूर्ण विवरण देवे? (ग) क्या सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के शाला भवन या अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत हुए हैं? यदि हाँ, तो इनके निविदा निकालने एवं कार्य प्रारम्भ होने की क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यों के शीघ्र प्रारम्भ करने एवं पूर्ण करने हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना हैं? क्या आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले कार्य प्रारम्भ होने या पूर्ण होने की संभावना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मरम्मत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। आगामी शैक्षणिक सत्र वर्ष 2019-20 में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
अनुविभागीय अधिकारी दतिया द्वारा अनियमितता कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 4558 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.डी.एम. राजस्व दतिया द्वारा दिनांक 04/8/16 को शासकीय माध्यमिक विद्यालय जौहरिया का निरीक्षण किया गया था और निरीक्षण के समय दो अध्यापक बिना अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित मिले थे जिस हेतु उनके द्वारा एक अध्यापक को बिना नोटिस दिये बिना पक्ष सुने निलंबित कराया गया जबकि दूसरे के बारे में निरीक्षण प्रतिवेदन में भी उल्लेख करना उचित नहीं समझा गया यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या विद्यालय के प्राचार्य ने निरीक्षण के दौरान एस.डी.एम. दतिया को दोनों अध्यापकों के विधिवत अवकाश स्वीकृत कराकर जाने के दस्तावेजों का निरीक्षण कराया था? यदि हाँ, तो फिर केवल एक ही अध्यापक को ही क्यों निलंबित कराया और समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित कराया, जबकि दूसरे अध्यापक के ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? क्या यह सोची समझी योजना के तहत कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या इस सबंध में पीड़ित अध्यापक ने कई स्तरों पर न्याय हेतु आवेदन दिये थे,उन पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई? क्या अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3534 दिनांक 08/12/17 के जबाव में अपूर्ण जानकारी जिसमे (ख) में यह असत्य उल्लेख किया कि मात्र एक ही अध्यापक बिना सूचना के अनाधिकृत अनुपस्थित की जानकारी देकर सदन को गुमराह करने के लिये कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शासकीय माध्यमिक शाला जौहरिया का नहीं अपितु दिनांक 04.08.2016 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जौहरिया का निरीक्षण किया गया था। एस.डी.एम. राजस्व दतिया द्वारा किये गये आकस्मिक निरीक्षण के दौरान श्री वेद प्रकाश यादव अध्यापक को बिना सूचना के अनुपस्थित पाये जाने पर प्रतिवेदन के आधार पर निलंबित किया गया था। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कलेक्टर दतिया को प्रकरण की जाँच कराकर तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराने हेतु पत्र लिख गया है। समाचार पत्र में खबर के प्रकाशन बाबत् कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री वेदप्रकाश यादव अध्यापक के निलंबन से बहाल करने हेतु आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को प्राप्त होने पर संबंधित अध्यापक का जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश दिनांक 22-08-2016 द्वारा निलंबन से बहाल कर दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंधाना की उत्कृष्ट विद्यालय के नवीन भवन का आवंटन
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 4623 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना के नगर पंधाना को उत्कृष्ट विद्यालय के नवीन भवन हेतु विगत 16 माह पूर्व ही राशि स्वीकृत हो चुकी है तथा जिसका लोक निर्माण विभाग द्वारा नक्शा बनकर तैयार भी किया जा चुका है, लेकिन आज दिनांक तक भवन की आवंटन राशि अप्राप्त क्यों हैं? (ख) आवंटन क्यों नहीं जारी किया जा रहा है? जबकि भवन पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण होकर आये दिन छत के कवेलू एवं लकड़ियां गिरती रहती हैं, जिससे छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के चोटिल होने का भय बना रहता है? (ग) क्या भवन का आवंटन जारी किया जायेगा या नहीं यदि किया जायेगा तो कब तक? यदि नहीं, किया जायेगा तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा जारी नहीं की गई है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन विद्यालय में 561 विद्यार्थी अध्ययनरत है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से निर्मित 06 कक्ष तथा पुराने भवन के अच्छी स्थिति के 13 कक्षों में इस प्रकार 19 कक्षों में विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ग) विद्यार्थी संख्या तथा उपलब्ध कक्षों के मान से नवीन भवन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। शेषांश उद्भूत नहीं होता।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों का संचालन
[सहकारिता]
40. ( क्र. 4783 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में भिण्ड जिले की लहार, मिहोना, रौन तहसील के कौन-कौन से ग्रामों में किन-किन सहकारी उपभोक्ता भण्डारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें आवंटित की गई हैं? ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें चलाने वाले उपभोक्ता भण्डार ग्रामीण महिला उद्योग कल्याण संस्था रौन एवं आजी मां उपभोक्ता भण्डार कब-कब से मध्यप्रदेश राज्य सहकारी उपभोक्ता भण्डार से संबंद्ध है? संबंद्धता का दिनांक बतायें? (ख) उपरोक्त तहसीलों के ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें चलाने वाले भण्डारों का पंजीयन क्रमांक, सदस्य संख्या, पदाधिकारियों के नाम एवं पता, कार्यशील पूंजी, भण्डारों के निर्वाचन की दिनांक तथा भण्डारों के आडिट का अंतिम वर्ष एवं भण्डारों के उद्देश्यों का विवरण दें। (ग) उपरोक्त तहसीलों के अंतर्गत कौन-कौन सी प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था कार्यक्षेत्र के बाहर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें संचालित कर रही हैं? (घ) क्या भिण्ड जिले में पंजीकृत उपभोक्ता भण्डार उद्देश्यों के विपरीत अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें संचालित कर रहे हैं? यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच कराकर संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धार जिले में स्कूलों के कार्य संबंधी
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 4828 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.14 से दिनांक 31.01.17 तक धार जिले में कितने स्कूलों में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य का नाम, लागत, कार्य पूर्ण/अपूर्ण सहित वर्षवार, विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) अपूर्ण कार्यों में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ग) ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (घ) क्या किसी निर्माण कार्य में टी.डी.एस. न काटे जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) अपूर्ण कार्यों की व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में समाहित है। (ग) उत्तरांश 'क' में दर्शित प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं से संबंधित अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की संभावित तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में समाहित है। हाई व हायर सेकेण्डरी शालाओं के निर्माण की संभावित तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। समग्र निर्माण कार्यों की पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूलों के उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
42. ( क्र. 4870 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के पास हाई स्कूल को हायर सेकेण्डरी में उन्नयन करने के प्रस्ताव लंबित हैं? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कितने स्कूल का उन्नयन होना है? ग्रामवार स्कूलवार जानकारी देवें। (ग) क्या खातेगांव विधानसभा के हाईस्कूल कांजीपुरा, बुराडा, संदलपुर के हाईस्कूल के उन्नयन के प्रस्ताव सम्मलित है यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही कर उन्नयन कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) वर्ष 2017-18 में शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता एवं निर्धारित मापदंडों की पूर्ति पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला स्तरीय कृषि महोत्सव कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का उल्लंघन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
43. ( क्र. 4958 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले के अन्तर्गत दिनांक 12 फरवरी को आयोजित कृषि महोत्सव कार्यक्रम के दौरान उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकासखण्ड विभाग जिला खरगोन एवं सचिव कृषि उपज मण्डी समिति खरगोन द्वारा वितरित आमंत्रण पत्र में विधायकों का स्थान वारंट ऑफ प्रेसिडेन्स के आधार पर पद की गरिमा के अनुकूल है? हाँ तो क्या उक्त कार्यक्रम में एक निर्वाचित सांसद सदस्य के प्रतिनिधी की अध्यक्षता कराकर आमंत्रण कार्ड में ऊपर स्थान देना एवं विधायकों को विशेष अतिथि बनाकर नीचे स्थान देना, विधायकों की पद एवं गरिमा के अनुकूल है। हाँ तो कैसे? इस सम्बंध में शासन द्वारा जारी निर्देश कि प्रति उपलब्ध करावें। और नहीं तो क्या उपरोक्त कार्यक्रम में जानबूझकर विधायकों की पद एवं गरिमा की चिंता न करते हुए कार्यक्रम के आयोजक उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग जिला खरगोन एवं सचिव कृषि उपज मण्डी समिति खरगोन द्वारा इस प्रकार का आयोजन किया गया है। (ख) इन पर प्रोटोकॉल के उल्लंघन एवं अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वाहन में गंभीर लापरवाही बरतने पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? जिससे भविष्य में इस प्रकार कि पुनरावृत्ति न हो?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरगोन जिले के अन्तर्गत 12 फरवरी 2018 को आयोजित कृषि महोत्सव कार्यक्रम के दौरान उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं सचिव कृषि उपज मण्डी समिति खरगोन द्वारा वितरित आमंत्रण पत्र में मान. विधायकगणों का स्थान पद के गरिमा के अनुकूल है। जिला स्तरीय कृषि महोत्सव कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में मुख्य अथिति मान. श्री बालकृष्णजी पाटीदार श्रम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं राज्य मंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग म.प्र.शासन थे तथा अध्यक्षता मान. श्री नन्दकुमार सिंह चौहान सांसद लोकसभा क्षेत्र खरगोन, खण्डवा थे तथा विशेष अतिथि माननीय विधायकगण, मान. जिला पंचायत अध्यक्ष मण्डी अध्यक्ष थे। कार्यक्रम में अतिथिगण किसी कारणवश नहीं आ सकें। ऐसी स्थिति में मुख्य अतिथि श्री एडिया जी पटेल अध्यक्ष कृषि उपज मण्डी समिति खरगोन तथा अध्यक्षता श्रीमती नंदा ब्राहम्णें सांसद प्रतिनिधि से कराई गई थी। कार्यक्रम के तीन दिवस पूर्व दिनांक 10.02.2018 को प्रिंटिग प्रेस की त्रुटी के कारण आंमत्रण पत्र में प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो पाया था। किन्तु जैसे ही पता चला उसी दिन दिनांक 10.02.2018 को ही आमंत्रण पत्र को निरस्त करते हुए नवीन आमंत्रण पत्र जारी कर अतिथियों को वितरण कर पूर्णरूप से प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
स्थापना शाखा के अधिकारी एवं कर्मचारियों का स्थानांतरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
44. ( क्र. 5027 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदेश जारी किये गये हैं कि स्थापना शाखा, सी.आर. शाखा एवं विभागीय जाँच शाखा में तीन वर्षों से अधिक समय से कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जायेगा? यदि हाँ, तो संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, विंध्याचल भवन की स्थापना सी.आर., विभागीय जाँच शाखा में कौन-कौन कितने समय पदस्थ है? नाम, पदनाम बतावें। (ख) क्या मा. विधायक श्री नारायण त्रिपाठी एवं प्रश्नकर्ता द्वारा स्थापना शाखा, विभागीय जाँच शाखा एवं सी.आर.शाखा से तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अन्यत्र शाखा में स्थानांतरण करने हेतु विगत समय लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति देवें? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो कारण बतावें। क्या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विगत तीन वर्षों से अधिक समय से स्थापना शाखा, सी.आर.शाखा एवं विभागीय जाँच शाखा में कार्यरत कर्मचारियों एवं अधिकारियों को कब तक अन्य शाखाओं में स्थानांतरण कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) स्थानांतरण नीति वर्ष 2017-18 के कण्डिका 8.22 अनुसार ''क्रय/स्टोर/स्थापना शाखा में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को समान्यतः 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में/अन्य स्थान पर पदस्थ किया जाए। जो अधिकारी/कर्मचारी वित्तीय अनियमितताओं एवं शासकीय धन के दुरूपयोग/गबन आदि के प्रकरणों में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाएं, उन्हें ऐसे पदों से हटाये जाने के निर्देश है। नियमानुसार कार्यवाही की जाती है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) माननीय विधायक श्री नारायण त्रिपाठी एवं माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा इस विषय में पत्र माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को संबोधित है विभाग को प्राप्त हुआ जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांनतरण नीति अनुसार 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर सामान्यतः अन्य शाखा में पदस्थ किये जाने के निर्देश है। आवश्यकता एवं परिस्थिति अनुसार स्थानांतरण नीति के अंर्तगत दिये निर्देशों का पालन किया जाता है। अतः शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
अनुदान प्राप्त संस्कृत विद्यालयों के कर्मचारियों/अधिकारियों का वेतन
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 5029 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु जबलपुर एवं रीवा संभाग में अनुदान प्राप्त संस्कृत विद्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो उनकी सूची प्रदान करें। (ख) क्या जबलपुर एवं रीवा संभाग के अनुदान प्राप्त संस्थाओं के अधिकारियों/कर्मचरियों के वेतन/अन्य भत्तों का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? शेष भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जबलपुर एवं रीवा संभाग में संचालित अनुदान प्राप्त संस्कृत विद्यालयों के कर्मचारियों/अधिकारियों के वेतन/अन्य भत्तों की आज दिनांक तक कितनी राशि लंबित है एवं उसका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्कृत विद्यालयों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वेतन/अन्य भत्तों का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीवर लाईन आदि विकास कार्य नहीं कराये जाना
[सहकारिता]
46. ( क्र. 5058 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लावण्य गुरूकुल गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के अनामिका नगर (शाहपुरा) भोपाल में क्षतिग्रस्त सीवर लाईन की मरम्मत कराने व अन्य विकास कार्य कराने संबंधी शिकायत रहवासियों द्वारा उपायुक्त सहकारिता, भोपाल सहित समिति को की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई सीवर लाईन की मरम्मत कार्य के लिये कौन उत्तरदायी है? (ख) क्या समिति द्वारा विकसित अनामिका नगर (शाहपुरा) की क्षतिग्रस्त सीवर लाईन की गंदगी से क्षेत्र में भारी गंदगी का साम्राज्य है? यदि हाँ, तो क्षतिग्रस्त सीवर लाईन को कब तक ठीक करा दिया जावेगा? (ग) क्या समिति द्वारा विकसित उक्त सोसायटी को नगर निगम को नहीं सौंपने से रहवासियों को नल कनेक्शन व साफ-सफाई की सुविधा नहीं मिल रही है? यह समिति को नगर निगम कब सौंप दी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। संस्था में निर्वाचित संचालक मण्डल होने से कार्यवाही हेतु शिकायत संस्था के अध्यक्ष को प्रेषित की गई। संस्था अध्यक्ष द्वारा अवगत कराया गया है कि क्षतिग्रस्त सीवर लाईन की मरम्मत का कार्य, संस्था के सदस्यों से प्राप्त होने वाले मासिक रख-रखाव शुल्क से किया जाना है, मासिक रख-रखाव शुल्क संस्था के सदस्यों द्वारा नहीं दिया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) नगर निगम भोपाल द्वारा नल कनेक्शन प्रदान किये गये है। संस्था को नगर निगम में हस्तांतरित नहीं किया गया है। संस्था द्वारा हस्तांतरण हेतु नगर निगम की शर्तों एवं निर्धारित शुल्क के अदायगी उपरान्त ही कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सभी स्तर के विद्यालयों में शौचालय एवं पेयजल व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 5060 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग के सभी स्तर के कुल कितने उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक, प्राथमिक बालक एवं कन्या विद्यालय स्थापित एवं कार्यशील हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दी जायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सभी स्तर के स्थापित विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिये शौचालय एवं पेयजल की क्या व्यवस्था है? ऐसे कितने विद्यालय हैं जिनमें इन सुविधाओं का अभाव है अथवा उपयोग की स्थिति में नहीं है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दी जायें। (ग) अटेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत सभी स्तर के विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था एवं विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो शालावार जानकारी दी जायें? जिन विद्यालयों में उपरोक्त तीनों सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, उसका क्या कारण है और उन शालाओं में कब तक उक्त सुविधाएं उपलब्ध करा दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के अक्रियाशील शौचालय को कार्यशील करने हेतु कार्य योजना जिला स्तर पर तैयार की गई है, जिस पर बजट की उपलब्धता के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में विद्युत कनेक्शन हेतु बजट उपलब्धता एवं प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्यालय में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु भूमिपूजन
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 5079 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 19.4.2017 को ग्राम बिलहरा की सभा में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जैसीनगर के लिये 74.80 लाख रूपये राशि के 5 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य का जिला प्रशासन द्वारा भूमि पूजन कर कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्माण कार्य हेतु टेंडर आमंत्रित किये जाकर लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. सागर द्वारा कार्यादेश भी जारी कर दिये जाने के फलस्वरूप संबंधित ठेकेदार द्वारा उक्त 5 कमरों के निर्माण का कार्य प्लिंथ स्तर तक करने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्माण कार्य रूकवा दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा किये गये भूमि पूजन के उपरांत जारी निर्माण कार्य रूकवाये जाने के लिए कौन दोषी है? क्या इस स्वेच्छाचारिता के लिये संबंधित के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य की स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोई स्वीकृति जारी नहीं की गई है। परियोजना क्रियान्वयन ईकाई, लोक निर्माण विभाग सागर द्वारा भूमि पूजन कराया गया था। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्य नहीं रूकवाया गया है। (ग) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में शेषांश उद्भूत नहीं होता। म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 27-23/2017/20-2/355-356 दिनांक 26.02.2018 द्वारा स्कूल के लिये आवश्यकता होने के कारण शासकीय उत्कृष्ठ उ.मा.वि. जैसीनगर जिला सागर के भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 175.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। अतः शेषाश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग के वेतन का निर्धारण
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 5098 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (ख) क्या देवास जिले में भी एक संवर्ग के अध्यापकों का अलग-अलग वेतन निर्धारण किया गया है? जिससे छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण संबंधी विसंगतियां उद्भुत हुई हैं, यदि हाँ, तो कारण बतावें? (ग) क्या उक्त विसंगति पूर्ण वेतन निर्धारण के फलस्वरूप विभाग में आर्थिक वित्तीय अनियमितता का प्रकरण निर्मित हुआ? यदि हाँ, तो देवास जिले में शासन का कितना अपव्यय हुआ? (घ) यदि शासकीय धन का अपव्यय हुआ है, तो वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। ऐसा प्रकरण संज्ञान में नहीं लाया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इंदौर में बजट आवंटन एवं व्यय
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 5146 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बीजलपुर में पिछले पाँच वित्तीय वर्षों में किन-किन मदों में कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? मदवार, आवंटन का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्राप्त बजट में कितना-कितना व्यय किन-किन मदों में किया गया, विवरण उपलब्ध करावें? (ग) क्या व्यय निर्धारित सीमा में ही किया गया है यदि नहीं, तो निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किन मदों में किसकी अनुमति से किया गया है? (घ) क्या प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को रात्रि विश्राम किया जाना आवश्यक है, यदि नहीं, तो ऐसे कितने प्रशिक्षणार्थी ने रात्रि विश्राम नहीं किया? रात्रि विश्राम में किए गए व्यय यथा भोजन, आवास एवं टेंट का पृथक जानकारी उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) व्यय निर्धारित सीमा में किया गया है। शेषांश का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) रात्रि रूकने का प्रावधान ऐच्छिक है। कोई भी प्रतिभागी ने रात्रि विश्राम नहीं किया है। शेषांश का प्रश्न नहीं उठता है।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 5179 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में सर्वशिक्षा अभियान के तहत जिलेवार/ब्लॉकों में पदस्थ संविदा अधिकारी/कर्मचारियों का नाम, पदनाम, नियुक्ति दिनांक बतावें। इनमें से कितने कर्मचारी व्यापम या अन्य चयन परीक्षा के माध्यम से चयनित हुये हैं? सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) की सूची अनुसार इन संविदा अधिकारी/कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि उक्त संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को नियमित किया जाता है तो शासन पर कितना वित्तीय भार आयेगा? सभी का वर्तमान मानदेय सहित संपूर्ण सूची दें। साथ ही नियमित कर्मचारियों की तरह समान कार्य समान वेतन की नीति कब लागू होगी? (ग) क्या सर्वशिक्षा अभियान में पदस्थ डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों एवं लेखापाल को एक ही पद पर विभाग द्वारा अलग-अलग वेतनमान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो समान पद पर समान वेतनमान क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या विभाग द्वारा कर्मचारियों के लिये स्थानांतरण नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो दतिया जिले में स्थानांतरण नीति अनुसार वर्ष 2016 एवं वर्ष 2017 में कितने कर्मचारियों के स्थानातंरण किस आधार पर हुए है? नहीं तो क्यों नहीं? कब तक इन कर्मचारियों का स्वैच्छिक स्थानातंरण किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में नियमितीकरण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः वित्तीय भार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पदवार प्रदाय किये जाने वाले मासिक मानदेय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित हैं। संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को पद के वेतनमान का न्यूनतम वेतन, ग्रेड-पे एवं महंगाई भत्ता जोड़कर मासिक परिलब्धियां दी जाती है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सर्वशिक्षा अभियान मिशन अंतर्गत दतिया जिले में वर्ष 2016 एवं 2017 में कोई स्थानातंरण नहीं किया गया है। श्री रघुवीर शरण अहिरवार, भृत्य, जनपद शिक्षा केंद्र, सेंवढ़ा द्वारा आवेदन के माध्यम से अपना स्थानातंरण दतिया चाहा गया था, किन्तु तत्समय जिला शिक्षा केन्द्र, दतिया एवं जनपद शिक्षा केंद्र, दतिया में पद रिक्त न होने से स्थानातंरण पर विचार नहीं किया गया। वर्तमान में जनपद शिक्षा केंद्र, दतिया में पद रिक्त होने से स्थानातंरण नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार 01 अप्रैल से 31 मई तक नियत तिथि में प्रस्ताव जिला स्तरीय नियुक्ति समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाकर समिति के निर्णयानुसार कार्यवाही की जा सकेगी, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
भाण्डेर मंडी के निर्माण कार्यों की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 5180 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भांडेर कृषि उपज मंडी में हुए निर्माण कार्य बहुत ही घटिया गुणवत्ता और अनुबंध शर्तों के आधार पर नहीं हुए हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किस एजेंसी के द्वारा कराए गए और उसको कितनी राशि का भुगतान किया गया? विस्तृत जानकारी कार्यादेश, अनुबंध पत्र एवं इंजीनियर की मूल्यांकन प्रतियों सहित उपलब्ध कराएं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कार्यों की जाँच किसी तकनीकी अधिकारी ने की? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) क्या मंडी प्रांगण में सब्जी मंडी शेडों का निर्माण हो चुका है, तो कब हुआ और क्या उन शेडों में सब्जी मंडी लगने लगी है? यदि हाँ, तो कब से लगने लगी और यदि नहीं, तो क्यों और किस दिनांक से वहां सब्जी मंडी लगने लगेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के घटिया निर्माण कार्यों की उच्चस्तरीय जाँच जनप्रतिनिधि के समक्ष कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण एवं अनुबंध शर्तों के आधार पर ही हुये है। दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक के निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क' में उल्लेखित निर्माण कार्य के घटिया गुणवत्ता का न पाये जाने से किसी जाँच का प्रश्न ही नहीं है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2017 में शेडों का निमार्ण कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में प्रागंण में फल-सब्जी का क्रय-विक्रय नहीं हो रहा है। प्रांगण में फल-सब्जी के क्रय-विक्रय हेतु मंडी समिति द्वारा व्यापारियों से चर्चाकर फल-सब्जी मंडी प्रांगण में क्रय-विक्रय प्रारंभ कराये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। फल-सब्जी मंडी प्रारंभ कराये जाने का निश्चित दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रेल्वे क्रासिंग पर सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 5183 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) MPRDC द्वारा बनाई गई मुरैना से सबलगढ़ एम.एस. रोड पर जौरा रेल्वे क्रासिंग की जगह को किस वजह से छोड़ा गया है? (ख) जौरा रेल्वे क्रासिंग पर विभाग द्वारा निर्माण कार्य न कराये जाने से वहाँ आए दिन जाम की स्थिति निर्मित होती है, जिससे लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है? क्या विभाग इस पर गम्भीरता से कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विभाग द्वारा रेल्वे क्रासिंग के पास सड़क निर्माण न करने के कारण वहाँ आए दिन वाहन दुर्घटनाओं की घटनाएं हो रही हैं? उसका जिम्मेदार कौन है क्या यह स्पष्ट करेंगे कि विभाग उक्त जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विभाग द्वारा रेल्वे क्रासिंग पर सड़क निर्माण कब तक करा दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रेल्वे क्रासिंग पर निर्माण कार्य रेल्वे विभाग से संबंधित है। अत: कार्य को छोड़ने संबंधी प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। रेल्वे क्रासिंग पर निर्माण कार्य रेल्वे विभाग द्वारा किया जाना है। अत: शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी नहीं रेल्वे क्रासिंग पर कोई सड़क दुर्घटना नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) चूंकि रेल्वे क्रासिंग पर निर्माण का कार्य रेल्वे विभाग से संबंधित है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसान महासम्मेलन व नर्मदा सेवा यात्रा बसों से संबंधित
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
54. ( क्र. 5255 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 12.02.2018 को भोपाल में आयोजित किसान महासम्मेलन के लिए कितनी बसें किस दर पर अनुबंधित की गई? जिला बड़वानी द्वारा बसों को कितनी राशि का भुगतान किया गया और कितना भुगतान शेष है? (ख) क्या इसमें नाश्ता एवं भोजन व्यय भी शामिल था? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या दर निर्धारित थी? इसके लिए कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्र.क्र. 1093 दिनांक 29.11.17 के उत्तर अनुसार क्या बसें अनुबंध करने में किलोमीटर के हिसाब से दरें तय नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्यों? भोपाल व अनूपपुर जिलों से किराया दर लगभग समान क्यों हो, जबकि अनूपपुर से अमरकंटक की दूरी भोपाल से अमरकंटक की तुलना में कई गुना कम है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितनी बसों का भुगतान शेष है एवं क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। जिला बड़वानी द्वारा बसों को किये गये भुगतान एवं शेष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी, नहीं। जिले द्वारा भोजन एवं नास्ते में राशि रूपये 67,500/- अलग से व्यय की गई। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पुराने जर्जर ब्रिज के स्थान पर नवीन ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 5288 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा एम.डी.आर. रोड सांवेर- चन्द्रावतीगंज गौतमपुरा पर सांवेर में कट क्या नाले पर स्थित पुराने जर्जर ब्रिज के स्थान पर नवीन ब्रिज निर्माण करने की योजना है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जर्जर ब्रिज के स्थान पर नवीन ब्रिज स्वीकृत है? यदि नहीं, तो क्यों? किसी दुर्घटना के घटित होने की स्थिति में विभाग का कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार होगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ब्रिज से कितनी भार क्षमता के वाहन गुजर रहे हैं और ब्रिज की क्षमता कितने भार की है? क्या इसकी जाँच की गई है? हाँ या नहीं, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें, यदि हाँ, तो किस भार क्षमता के वाहनों का परिचालन उक्त ब्रिज पर प्रतिबंधित है? प्रतिबंधित क्षमता से अधिक वाहनों के परिचालन में क्या कार्यवाही करने का प्रावधान है? इसकी जवाबदेही किन अधिकारी/कर्मचारी पर है? जानकारी प्रदान की जाये? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उक्त स्वीकृत ब्रिज कब तक निर्मित हो जाऐगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में हल्के वाहनों का आवागमन जारी है। लगभग 45 वर्ष पूर्व पुल का निर्माण हुआ है सब स्ट्रक्चर स्टोन मेसोनरी तथा सुपर स्ट्रक्चर आर.सी.सी. सॉलिड स्लेब का निर्मित है। पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण वर्तमान में भार वहन क्षमता बताना संभव नहीं है। जी नहीं, कमर्शियल व्हीकल वाहनों को गुजरने पर प्रतिबंधित किया है। जी हाँ म.प्र. शासन परिवहन विभाग की है। भार क्षमता (लगभग 12 टन) आई.आर.सी. क्लाँज-बी लोडिंग अनुसार। (घ) वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार में व्याप्त भ्रष्टाचार
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 5343 ) श्री अंचल सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर द्वारा वर्ष 2010-11 से वर्ष 2016-17 तक नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आई.टी.ई.) के अंतर्गत जिले में किन-किन स्कूलों में कितने-कितने बच्चों को किस-किस कक्षा में प्रवेश दिलाया गया है वर्षवार, छात्र/छात्राओं की सूची सहित देवें। (ख) क्या जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर द्वारा वर्ष 2010-11 से वर्ष 2016-17 तक अनेकों ऐसे बच्चों को आर.टी.ई. एक्ट के तहत दाखिला दिलवाया गया है, जो पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं एवं निजी स्कूलों को फर्जी समग्र आई.डी. एवं अन्य फर्जी तौर पर अधिक भुगतान किये जाने के प्रकरण सामने आयें हैं? यदि हाँ, तो उनकी जाँच कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? (ग) जबलपुर जिले में कितने निजी स्कूलों को निर्धारित फीस से अधिक से अधिक राशि का भुगतान किया गया है? स्कूलों के नाम एवं दी गई अतिरिक्त राशि बतावें। यह भी बताया जावें कि आर.टी.ई. में निजी स्कूलों को अधिक राशि भुगतान करने पर जबलपुर जिले में किस-किस अधिकारी कर्मचारी एवं स्कूलों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या जाँच के आधार पर दोषी अधिकारी कर्मचारी से राशि वसूल की जावेगी? (घ) क्या जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर द्वारा ऐसे अनेकों स्कूलों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के तहत राशि का भुगतान कर दिया गया है, जो वर्तमान में संचालित नहीं हो रहे हैं? सूची सहित बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जबलपुर जिलें में वर्ष 2011-12 से वर्ष 2016-17 तक गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के अंतर्गत प्रवेशित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच हेतु समिति गठित की गई है। जाँच रिपोर्ट आने पर आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ग) जिलें में गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों को निर्धारित फीस से अधिक की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिलें में एक स्कूल-वैदांत पब्लिक भेडाघाट, जो वर्तमान में संचालित नहीं है, को फीस प्रतिपूति की गई है। कलेक्टर जबलपुर द्वारा संबंधित स्कूल के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है।
यू.डी.टी. की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
57. ( क्र. 5355 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड रीवा में संचालित शासकीय माध्यमिक शाला जोरी रीवा 1 उन्नयन शाला है? जिसमें अध्यापक के तीन पद स्वीकृत हैं, जिसकी छात्र संख्या 67 है? (ख) यदि हाँ, तो शाला में बिना पद स्वीकृत एवं रिक्त के शिक्षक विज्ञान (यू.डी.टी.) को शाला में किस आधार पर पदस्थ किया गया है तथा युक्ति-युक्तिकरण प्रक्रिया में उसी शिक्षक को अंग्रेजी विषय का शिक्षक बताकर किस आधार पर अतिशेष की श्रेणी से बाहर रखा गया? (ग) शासकीय माध्यमिक शाला जोरी रीवा में शिक्षक का पद स्वीकृत एवं रिक्त न होने पर भी कार्यरत शिक्षक विज्ञान को कब तक सही स्थान पर पदस्थ किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के आदेश क्र./स्था-3/शि.पदो./2013/2613-2614 रीवा दिनांक 22.05.2013 के द्वारा श्री महावीर पटेल सहायक शिक्षक की पदोन्नति शिक्षक के पद पर शास.मा.शाला खजुहा संकुल शास उ.मा.वि.खजुहा में की गई थी। तदोपरांत जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा के आदेश क्र./स्था-3/शि. पदो./2013/3423, दिनांक 29.8.2013 के द्वारा आंशिक संशोधन करते हुये शा.मा.शाला जोरी संकुल शा.उ.मा.वि. क्र.1 रीवा में पदस्थ किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। पोर्टल में विषय विज्ञान समूह के स्थान पर अंग्रेजी फीड होने के कारण अतिशेष की श्रेणी से बाहर रखा गया है। उक्त त्रुटि के लिये जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा के पत्र दिनांक 15.03.2018 द्वारा प्राचार्य शा.उ.मा.वि. क्रमांक-1 को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) विभाग के आदेश क्र. एफ 27-3/2012/20-2 भोपाल दिनांक 11.05.2016 के अनुसार माध्यमिक शाला जोरी में अध्यापक/संविदा शिक्षक वर्ग-2 के कुल तीन पद स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। माध्यमिक शाला जोरी में शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं है, संबंधित शिक्षक का वेतन शासकीय मा. शा. बदराँव में शिक्षक के रिक्त पद से आहरित किया जा रहा है। संचालनालय के पत्र दिनांक 16.03.18 द्वारा संबंधित शिक्षक को रिक्त पद की शाला में पदस्थ करने हेतु कलेक्टर जिला रीवा को लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार।
आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश का परिपालन
[स्कूल शिक्षा]
58. ( क्र. 5356 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा अन्तर्जिला अध्यापक महिला एवं नि:शक्त का अन्तर्निकाय संविलियन आदेश क्रमांक/शि.क./एसीडी/92/आनलाइन संवि./2015/1663 भोपाल दिनांक 9 सितम्बर 2015 प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशानुसार सरल क्रमांक 355 में दर्ज अध्यापक की पदस्थापना माध्यमिक शाला हिनौता सिरमौर में रिक्त और स्वीकृत पद पर की गयी है? यदि हाँ, तो आयुक्त लोक शिक्षण के आदेशानुसार उपस्थित क्यों नहीं कराया गया? क्या लोक शिक्षण आयुक्त के आदेश को जिला स्तर पर बदल कर अन्यत्र उपस्थित कराने का जिला शिक्षा अधिकारी को अधिकार है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशानुसार सरल क्रमांक 355 में दर्ज अध्यापक की पदस्थापना अनुसार उपस्थिति कब तक कराना सुनिश्चित की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को पत्र दिनांक 15.03.2018 के द्वारा नियम विरूद्ध किये गये पदांकन आदेश को निरस्त कर उनको आवंटित शाला में पदस्थ किये जाने के निर्देश दिये गये है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार।
भावांतर योजना में पंजीयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
59. ( क्र. 5402 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भावांतर योजना क्या है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। इस योजना के लिये कुल कितने बजट का प्रावधान रखा गया है तथा इस योजना के तहत इसमें कौन-कौन सी फसलों को लिया गया है? (ख) सिवनी जिले में में कुल कितने किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराये गये है? की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सिवनी जिले में योजना प्रांरभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक किसानों द्वारा फसल बेचने के उपरांत उनके द्वारा बेची गई फसल के मूल्य एवं समर्थन मूल्य के अंतर की कितनी राशि सरकार द्वारा कितने किसानों को प्रदान की गई? सिवनी जिलें के किसानों की संख्या, फसल का विक्रय मूल्य 37/1 की पर्ची के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य से अंतर की राशि एवं भावांतर योजना के तहत किसान को प्रदाय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ 2017 के लिये चयनित कृषि उपज का मंडी प्रागंण में विक्रय करने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा घोषित मॉडल (होलसेल) विक्रय दर में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार शासन द्वारा भावांतर की राशि पंजीकृत किसान को प्रदाय करना भावांतर भुगतान योजना है। इसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजनांतर्गत राशि रूपयें 4000 करोड़ का बजट प्रावधान है। खरीफ 2017 की भावांतर भुगतान योजना में सोयाबीन, मक्का, मूंगफली, मूंग, उड़द, तिल, रामतिल एवं तुअर को शामिल किया गया है। रबी 2018 के लिये प्रस्तावित भावांतर भुगतान योजनांतर्गत चना, मसूर, सरसों, प्याज तथा लहसुन को शामिल किया गया है। (ख) खरीफ 2017 के लिये भावांतर भुगतान योजनांतर्गत सिवनी जिले में कुल 41,880 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। (ग) सिवनी जिलें में 19128 पंजीकृत किसानों को भावांतर राशि रू. 47,42,98,818/- इस फार्मूले के तहत प्रदान की गई है:- 1. पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर, समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (होलसेल) विक्रय दर से अधिक हुई तो समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय दर के अंतर की राशि भावांतर के रूप में भुगतान योग्य होगी। 2. पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (होलसेल) विक्रय दर से कम हुई तो समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि का लाभ भावांतर के रूप में देय होगा। 3. किसी उत्पाद का मॉडल (होलसेल) विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य से उपर होने पर उक्त फसल के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं होगी। 4. किसान द्वारा विक्रय दर, न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।
बीमित कृषकों को फसल बीमा का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 5403 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले अंतर्गत खरीफ 2017 में मक्का, सोयाबीन, धान एवं उड़द की फसल का कितने अऋणी किसानों ने फसल बीमा कराया था? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिवनी जिले में कितने कृषकों को फसल बीमा की राशि का भुगतान कर दिया गया है? किन-किन पटवारी हल्कों में कितने किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान कर दिया गया है? कितने प्रकरण लम्बित है यदि भुगतान नहीं किया गया है तो क्यों? (ग) क्या सिवनी जिले में अऋणी किसानों को प्रश्न दिनांक तक फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? इस हेतु शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (घ) कब तक जिले में अऋणी किसानों को फसल बीमा की राशि का भुगतान किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2017 की अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति होने के एवज में बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किये जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2017 मौसम हेतु औसत पैदावार के आंकड़े बीमा कंपनी को दिनांक 31.01.2018 को उपलब्ध कराये जाने के पश्चात प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर दावों की गणना कर यदि किसी अधिसूचित क्षेत्र के अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पायी जाएगी तो योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। खरीफ 2017 मौसम हेतु बीमा कंपनी द्वारा कुल बीमांकन के आधार पर अंतिम राज्यांश प्रीमियम राशि की मांग करने के उपरांत शेष राज्यांश प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कंपनी को करने के पश्चात उपरोक्तानुसार दावों का भुगतान करने का प्रावधान है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति
[सहकारिता]
61. ( क्र. 5413 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा, बैतूल, रायसेन एवं हरदा जिले में कार्यरत केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं उनके अन्तर्गत आने वाली किस समिति को वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसा के आधार पर कितनी राशि प्राप्त हो चुकी है एवं कितनी राशि किन कारणों से प्राप्त नहीं हुई? (ख) बैंक एवं उसके अन्तर्गत आने वाली कौन सी समिति वर्तमान में कितने ओवरड्यूज में हैं? कितनी-कितनी शुद्ध हानि में हैं? ओवरड्यूज एवं हानि में होने का क्या-क्या कारण रहा हैं? (ग) किस समिति के द्वारा कितने किसानों को दिए कर्ज के ब्याज की माफी दिए जाने के आदेश, निर्देश प्राप्त हुए हैं, उसमें से कितनी राशि अपेक्स बैंक या राज्य सरकार समिति को प्रदाय करेंगी? (घ) समितियों को हानि एवं ओवरड्यूज से बचाए जाने के संबंध में विभाग एवं शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राप्त एवं अप्राप्त राशि की चारों जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 4 अनुसार है। वैद्यता अवधि समाप्त हो जाने के कारण राशि अप्राप्त रही है। (ख) चारों जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 से 8 अनुसार है। ऋणों की वसूली समय पर न होना, खाद व्यवसाय में हानि, प्रबंधकीय व्यय के तुलना में कम आमदनी होना आदि कारण है। (ग) कर्ज के ब्याज की माफी के कोई आदेश/निर्देश वर्तमान तक जारी नहीं किये गये है। (घ) वसूली की सतत् समीक्षा की जाती है, पैक्स समितियों को प्रबंधकीय अनुदान दिया जाता है तथा शासन स्तर से ब्याज अनुदान यथा संभव अग्रिम दिये जाने की कार्यवाही की जाती है।
पेंशन गणना के लिए पूर्व की सेवा मान्य किए जाना
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 5438 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के क्रम में विदिशा जिले की व्याख्याता कु. नीरज कनौजिया, शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय विदिशा की पूर्व की सेवाएं जोड़ने की कार्यवाही शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त व्याख्याता की पूर्व की सेवाएं जोड़ने का आदेश कब तक जारी किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्ताव शासन आदेश क्र./एफ-11-20/2017/20-4 दिनांक 26.12.। 7 द्वारा कु. नीरज कनौजिया, शा. उत्कृष्ट विद्यालय विदिशा की पूर्व की सेवाएं जोड़ने के अभ्यावेदन को पूर्ण विचारोपरान्त अमान्य किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कराये गये कार्य
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 5448 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 22.03.2017 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 6148 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर पुस्तकालय परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य अपूर्ण रहने के लिये दोषी कौन है? संबंधित निर्माण एजेन्सियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट-2 के कॉलम नं. 13 में सत्यापनकर्ता का नाम, पदनाम तिथि का विवरण अंकित नहीं है, क्या तकनीकी अधिकारियों से कार्य का मूल्यांकन सत्यापन नहीं हुआ? यदि हाँ, तो क्यों? क्या संबंधित प्राचार्य द्वारा ही कार्य का मूल्यांकन एवं सत्यापन किया गया? कार्यवार विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में संलग्न परिशिष्ट में अंकित कितने स्कूलों के शौचालय क्रियाशील हैं? कितने स्कूलो के शौचालय अक्रियाशील है? जिले के सभी विद्यालयों में पानी की उपलब्धता है? यदि नहीं, तो किन-किन विद्यालयों में पेयजल एवं अन्य उपयोग हेतु पानी की कमी है? विकासखण्डवार, विद्यालयवार पृथक-पृथक विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क) के संलग्न परिशिष्ट में अंकित जानकारी अनुसार सूची के स.क्रं. 583 से 602 तक वर्णित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति लंबित रहने का क्या कारण है? (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कटनी एवं जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र को प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? विगत 03 वर्षों का पत्रवार तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न क्रमांक 6148 दिनांक 22.03.2017 में प्रेषित उत्तर में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के संबंध में उल्लेखित 72 अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराया गया है। कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। समस्त कार्य पूर्ण होने से निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। संबंधित निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध कार्यवाही के अधिकार स्कूल शिक्षा विभाग को नहीं है। (ख) प्रश्न क्रमांक 6148 दिनांक 22.03.2017 के परिशिष्ट में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी के कॉलम 13 में सत्यापनकर्ता का नाम, पदनाम एवं तिथि अंकित थी। ये सत्यापन सहायक यंत्रियों के द्वारा किये गये थे। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (ग) कटनी जिले के सभी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शौचालय क्रियाशील है एवं सभी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पेयजल एवं अन्य उपयोग हेतु हैडपंप एवं अन्य स्त्रोत से पानी की व्यवस्था है। पेयजल की कमी वाली हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार। (घ) प्रश्न क्रमांक 6148 दिनांक 22.03.2017 में संलग्न परिशिष्ट सूची 550 से 602 तक वर्णित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जिले स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में होने से लंबित थी, वर्तमान में प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर ये समस्त कार्य पूर्ण किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार। (ङ) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 03 वर्षों में जिला परियोजना समनव्यक जिला शिक्षा केन्द्र कटनी को प्रेषित पत्रों पर जिला परियोजना समनव्यक कटनी द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'उ' अनुसार।
छात्र-छात्राओं को जारी जाति प्रमाण पत्र का वितरण
[स्कूल शिक्षा]
64. ( क्र. 5449 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 21.07.2017 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 1678 के प्रश्नांश (ख) के उत्तारांश में संलग्न परिशिष्ट दो अनुसार स.क्र. 357 से 492, 542 से 568, 996 से 1013, 1389 से 1662 तक अंकित विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के जाति प्रमाण वितरित क्यों नहीं हुये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले की किन-किन शालाओं के कितने-कितने छात्रों को प्रश्न दिनांक तक जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है? शालावार, छात्र-छात्राओं का विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार असत्य और भ्रम पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करके सदन को गुमराह करने का दोषी कौन है? शासन दोषी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेगा? प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कटनी को प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? विगत 03 वर्षों का पत्रावार, तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दुर्घटनाओं को रोकने हेतु उपाय
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 5454 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा हनुमना मार्ग (एन.एच.-7) को बी.ओ.टी. आधार पर चार लेन में निर्माण करने का कार्य का अनुबंध निवेशकर्ता कंपनी मेसर्स विन्ध्याचल एक्सप्रेस-वे प्राइवेट लिमिटेड के साथ दिनांक 25/01/2012 को निष्पादित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त सड़क पर कितने नग व्ही.यू.पी. (व्हीकुलर अंडर पुल), कितने नग फ्लाई ओवर ब्रिज एवं कितने नग छोटे जंक्शन व अन्य सुरक्षा के प्रावधान बनाये गये हैं? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) प्रकाश में प्रत्येक का स्थान एवं संकेतक का नाम सहित पृथक-पृथक बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सड़क निर्माण के अनुबंध के डी.पी.आर. की सम्पूर्ण प्रति उपलब्ध करावें। क्या जिन स्थानों पर अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं, क्या उन जगहों पर पुन: नए सुरक्षा के प्रबंध किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त मार्ग पर 18 नग वी.यू.पी., 2 नग फ्लाई ओव्हर/ग्रेड सेपरेटर एवं 35 नग छोटे जंक्शन बनाये गये हैं, साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से मार्ग पर आवश्यकतानुसार ड्रम डेलीनेटर, संकेतक चिन्ह, रोड मार्किंग इत्यादि का कार्य भी अनुबंध के प्रावधान के अनुसार किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्त मार्ग का निर्माण कार्य डी.बी.एफ.ओ.टी. योजना अन्तर्गत किया गया है, जिसका विस्तृत प्राक्कलन (डीपीआर) निगम द्वारा तैयार नहीं कराया गया है, केवल फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई गई थी। अतः डी.पी.आर. की सम्पूर्ण प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती। उक्त मार्ग पर चालक की लापरवाही/अज्ञानता के कारण दुर्घटनायें होती हैं। मार्ग का निर्माण कार्य यातायात सुरक्षा के दृष्टिकोण से ही किया गया है एवं आवश्यकता अनुसार जगह-जगह पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं। अतएव कारण बताये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत/निर्माणाधीन/प्रक्रियाधीन/प्रस्तावित रोडों की जानकारी
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 5465 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में विगत 4 वर्ष से कितने रोड निर्माण कार्य स्वीकृत/निर्माणाधीन, प्रक्रियाधीन व प्रस्तावित हैं, की जानकारी रोड का नाम, ठेकेदार का नाम व प्रक्रियाधीन व प्रस्तावित मार्गों में मार्ग का नाम व दूरी आदि सहित जानकारी दी जावे। (ख) निर्माणाधीन कार्यों की क्या स्थिति है? क्या सभी स्वीकृत कार्य समय-सीमा व प्रथम प्राक्कलन के अनुसार पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं? समय-सीमा में पूर्ण होने के क्या कारण हैं व उनको कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) स्वीकृत/निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार एवं प्रस्तावित कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन
[स्कूल शिक्षा]
67. ( क्र. 5492 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र कार्यालय में 01/04/2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किस-किस कार्य हेतु रखा गया था और कितनी-कितनी राशि उस मद में/कार्य में व्यय की गई, जिसके लिये प्रावधानित की गई थी? प्रत्येक वित्तीय वर्ष का अलग-अलग मदवार बतायें। (ख) कार्यालय में स्टेशनरी, फर्नीचर, किताबें, एयर कंडीशनर, कम्प्यूटर/लैपटॉप, साउण्ड सिस्टम तथा उससे संबंधित समस्त सामग्री कैमरा, सुरक्षा उपकरण, बैनर और पोस्टर सुरक्षा, नाम पट्टिका, विद्युत कार्य मरम्मत कार्य, कार्यालयीन साज-सज्जा, टैक्सी परिवहन पी.ओ.एल. टी.एण्ड.पी. आयटम एवं फायर फाईटर इत्यादि कार्य के लिए कितनी राशि का प्रावधान था और कितनी व्यय हुई प्रत्येक वित्तीय वर्ष का अलग-अलग बतायें। (ग) उपरोक्त सामग्री क्रय/सेवाएं/कार्य इत्यादि के लिये किस-किस एजेंसी और फर्म को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? एजेंसी का नाम और पता राशि तिथि के क्रम में बताते हुए यह बतायें कि क्या क्रय समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो उसकी अनुशंसा बतायें। (घ) क्या जो सामग्री प्राप्त की गई थी उसे चालान के साथ प्राप्त किया गया था तथा उसकी प्रविष्टि स्टॉक रजिस्टर में दर्ज करने के बाद में ही भुगतान किया गया था, तो स्टॉक रजिस्टर के प्रति और चालान की प्रति के साथ विवरण देवें। (ड.) क्या फर्नीचर तथा एयर कंडीशन लैपटॉप इत्यादि गायब है। यदि हाँ, कब हुए? ब्यौरा दें। सामग्री का भौतिक सत्यापन क्या उक्त अवधि में किया गया था? यदि हाँ, तो निरीक्षण की प्रतिवेदन की प्रति दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बैंकों से राशि का गबन
[सहकारिता]
68. ( क्र. 5493 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैंक का कर्जा न चुकाने और धोखाधड़ी करने पर क्या सजा और कार्यवाही किसके द्वारा कितने दिनों के अंदर की जाना चाहिए? यदि सक्षम अधिकारी द्वारा नहीं की जाती है, तो सरकार क्या करेगी? (ख) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद के पत्र क्रमांक विप/17-18/25 दिनांक 08/06/2017 द्वारा हर्ष शिक्षित बेरोजगार सहकारी समिति, साख समिति मर्यादित होशंगाबाद को 1742257/- रूपये की राशि जमा करने का नोटिस दिया था? यदि हाँ, तो राशि कब वसूल की गई? यदि नहीं, तो क्यों समिति पंजीयन कब तक निरस्त किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त संस्था के बचत खाता क्रमांक 182001632054 का नाम बिना सूचना दिये परिवर्तन किया गया है ताकि बैंक से धोखाधड़ी कर लाखों रूपये का गबन/घोटाला किया जा सके। यदि हाँ, तो संस्था के उसके प्रबंधक के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. क्यों नहीं कराई गई? कब तक कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? फिर क्या किया जावेगा? (घ) क्या उक्त बैंक ने पत्र पृष्ठांकन क्रमांक अकृषि/ऋण वसूली/17-18/28, दिनांक 29/06/2017 द्वारा संस्था के प्रबंधक को 65225/- रूपये की वसूली का नोटिस दिया था? यदि हाँ, तो राशि वसूल कब की गई? यदि नहीं, तो क्यों उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही क्या और तक तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासनादेश के क्रम में निलंबन से अविलम्ब बहाली
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 5567 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अजय कुमार चौधरी बनाम भारत संघ सिविल अपील सं. 2015 की 1912 दिनांक 18.02.2015 में पारित निर्णय के पालन में क्या भारत सरकार द्वारा अपने पत्र दिनांक 03.07.2015 ज्ञापन सं. 11012/172013-स्था.क्र.111 द्वारा समस्त विभागों को निर्देश जारी कर निलंबित लोक सेवकों को निलंबित किये जाने उपरांत 90 दिवस में आरोप पत्र/व्यवहार्थ अनुशासनिक कार्यवाही संबंधी निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो लोक शिक्षण संचालनालय स्थित टायपिंग बोर्ड में पदस्थ अपचारी अधिकारियों/कर्मचारियों के निलंबन उपरांत, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय अनुरूप व्यवहार्थ अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ की गई? यदि नहीं, तो निर्णय अनुरूप निलंबित लोक सेवकों का निलंबन समाप्त क्यों नहीं माना गया? (ग) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय प्रश्नांश (क) अनुरूप माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 4100/2017 दिनांक 28.03.2017 में प्रकरण में दो माह की समय-सीमा में निराकरण याचिका क्रमांक 2508/2017 दिनांक 02.11.2017 में एक माह की समय-सीमा में निराकरण संबंधी निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो दोनों न्यायालयीन प्रकरणों में समय-सीमा में कार्यवाही न किया जाना स्वेच्छाचारिता/ प्रश्नांश (क) को अनदेखा करना/मा. उच्च न्यायालय जबलपुर की अवमानना श्रेणी अंतर्गत नहीं है? (घ) क्या, सा.प्र.वि. द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 26.04.2017 में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में समान न्यायालयीन प्रकरणों में समान निर्णय लेने संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं गृह विभाग द्वारा आयोजित समीक्षा समिति की बैठक अनुरूप म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, अपचारी लोक सेवकों की निलंबन से बहाली संबंधी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय के टायपिंग बोर्ड में एस.टी.एफ. पुलिस द्वारा छापा मारने के बाद आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने पर अधिकारियों की अनाधिकृत अनुपस्थिति को लेकर आरोप पत्र जारी किए गए। एस.टी.एफ. द्वारा बोर्ड का अभिलेख जब्त कर लिये जाने एवं निलंबित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय आदेश दिनांक 17.06.2015 द्वारा अभियोजन स्वीकृति जारी करने के कारण आरोप पत्र जारी नहीं किये गये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। डब्ल्यू.पी.क्रं. 4100/2017 द्वारा श्री संजय अवस्थी के प्रकरण में मान. न्यायालय द्वारा संबंधित की अपील का 60 दिवस तथा डब्ल्यू.पी.क्रं. 2508/2017 द्वारा श्री विजय सिंह लोधी के प्रकरण में मान. न्यायालय द्वारा संबंधित की अपील का एक माह में निराकरण करने संबंधी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में विभागीय आदेश क्रं. एफ 17-6/2018/20-4 दिनांक 13.03.2018 द्वारा यथोचित कार्यवाही की जा चुकी है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रं. सी 6-2/2013/3/एक, दिनांक 28 जनवरी, 2013 में आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा हेतु समिति गठित की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 30.09.2015 अनुसार उक्त समिति की अनुशंसा के उपरांत राज्य शासन द्वारा गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेना प्रावधानित है। उक्त समिति की अनुशंसा उपरांत संबंधित अपचारी लोक-सेवकों की निलंबन से बहाली नहीं करने संबंधी विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 5595 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के सम्बन्ध में कोई नीति बनाई गयी है? यदि हाँ, तो अतिथि शिक्षकों को कब और कैसे नियमित किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फोर-लेन निर्माण एवं पुल-पुलियों का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 5605 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नेशनल हाइवे क्रमांक 75 सतना से बेला मार्ग के फोर-लेन निर्माण का कार्य विगत कई वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है? यदि हाँ, तो वर्तमान समय में क्या किसी नए ठेकेदार को टेण्डर स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कम्पनी का नाम, पता सहित जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त मार्ग का निर्माण सतना से बेला तक किया जाना है? यदि हाँ, तो नए टेण्डर में कितने किलोमीटर एवं कितनी राशि का टेण्डर स्वीकृत किया गया है? अद्यतन स्थिति सहित जानकारी देवें। (ग) क्या सतना से सज्जनपुर पुरानी सड़क में फोर-लेन बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? क्या उक्त मार्ग के किनारे लगे पेड़ों को कटवा दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पेड़ों को किस विभाग के सुपुर्द किया गया है तथा उनकी अनुमानित लागत कितनी है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार सतना से सज्जनपुर मार्ग में गढ़ी के सामने बनी सकरी पुल एवं मंगली बाजार के समीप बनी सकरी पुल जिनमें आये दिन लंबा जाम लगता है उन पुलों का चौड़ीकरण कराया जाना तथा माधवगढ़ के आगे कालीबाग नाला की नीची पुल की ऊँचाई बढ़ाने हेतु टेण्डर में शामिल है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्या उक्त तीनों पुलियों के चौड़ीकरण हेतु टेण्डर में शामिल कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अभी टेण्डर स्वीकृत नहीं किया गया है। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) यह कार्य दो हिस्सों में स्वीकृत है। वर्तमान में रा.रा. क्रं.-75 के कि.मी; 166 से 170 (सीताराम पेट्रोल पम्प सतना से कृपालपुर गेट तक) शहरी भाग चार-लेन मार्ग एवं कि.मी. 172 से 179 (माधवगढ़ से सज्जनपुर शहरी भाग तक) टू-लेन मार्ग चौड़ीकरण कार्य प्रगति पर है। उक्त मार्ग के किनारे लगे पेड़ों को काटने का कार्य प्रगति पर है, इन पेड़ों को पेड काटने वाले ठेकेदार द्वारा स्वयं की सुपुर्दगी में लिया जाना है एवं मार्ग पर खडे पेड़ों की नीलामी तहसीलदार रघुराजगढ़, सतना के द्वारा की गई है। राशि निम्नानुसार है। (1) कि.मी. 166 से 170 तक नीलामी राशि रू. 5,50,000.00 (2) कि.मी. 172 से 179 तक नीलामी राशि रू. 16,20,000.00 कुल राशि रू. 21,25,000.00 उक्त राशि रा.रा. संभाग सागर द्वारा राजस्व मद में जमा करा दी गई है। (घ) जी नहीं, स्वीकृत कार्य में इन पुल-पुलियों के चौड़ीकरण अथवा पुन: निर्माण के कार्य का प्रावधान सम्मिलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इछावर-रामनगर मार्ग की स्थिति
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 5617 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर से रामनगर के बीच सड़क का निर्माण कब कराया गया था तथा वर्तमान में इस मार्ग की क्या स्थिति है? अंतिम बार उक्त मार्ग की कब मरम्मत कराई गई थी तथा सड़क के क्षतिग्रस्त होने के क्या कारण रहे? (ख) क्या उपरोक्त मार्ग में कुछ स्थानों पर सीमेंट कांक्रीट युक्त सड़क भी बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब बनाई गई है? क्या सड़क के पुन: निर्माण के दौरान रामनगर ग्राम में पूर्व से निर्मित सीमेंट कंक्रीट सड़क का निर्माण छोड़ दिया गया था? यदि हाँ, तो क्यों तथा उक्त सी.सी. सड़क की क्या स्थिति है? (ग) क्या इछावर रामनगर मार्ग की दयनीय हालत को ठीक करने के लिए विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक मार्ग को बनाया जाएगा? (घ) उपरोक्त मार्ग से कौन-कौन से ग्रामों में आवागमन सुविधा मिलती है तथा कितनी आबादी लाभान्वित होती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2008-09 में, वर्तमान में मार्ग क्षतिग्रस्त नहीं है। प्लान मद अंतर्गत मार्ग के 10.60 कि.मी. लंबाई वर्ष 2013-14 में। भारी वाहनों का आवागमन एवं रेत परिवहन होने से। (ख) जी हाँ। वर्ष 2008-09 में। जी हाँ, सी.सी. मार्ग की स्थिति अच्छी होने के कारण, वर्तमान में सी.सी. मार्ग की सतह रफ एवं कुछ क्रेक्स आ गये हैं, मार्ग की स्थिति सामान्य है। (ग) वर्ष 2018-19 में नवीनीकरण हेतु प्रस्तावित किया गया है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) मार्ग से इच्छावर, सिराडी, मोलगा, रामनगर, झालकी, ढाबलाराय इत्यादि गांवों की जनता को आवागमन की सुविधा एवं लगभग 25000 से 30000 की आबादी लाभान्वित होती है।
सृजित, रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 5618 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर विभाग में कौन-कौन से पद सृजित है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में किन-किन कार्यालयों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं, कितने पद भरे हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? जिलेवार विकासखण्डवार ब्यौरा दें। (ख) विकासखण्ड स्तर पर काम करने वाले कौन-कौन से पद हैं तथा इन पदों पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों का क्या कार्य है? (ग) मैदानी स्तर पर अधिकारी-कर्मचारियों की कमी के कारण क्या विभाग और किसानों के बीच परस्पर संपर्क नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो इससे किसानों को क्या परेशानी हो रही है ब्यौरा दें। (घ) मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी के कारण किसानों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भोपाल संभाग में विभाग में जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर सृजित, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार तथा भोपाल संभाग के समस्त कार्यालयों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) विकासखण्ड स्तर पर कार्य करने वाले पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा इन पदों पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किये जाने वाले कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिले के अधिनस्थ जिन विकासखण्ड स्तर पर मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों का पर्याप्त अमला है उनके द्वारा विभाग एवं किसानों के बीच परस्पर संपर्क हो रहा है तथा जिन विकासखण्ड स्तर पर पर्याप्त अमला नहीं है, उन विकासखण्डों में पदस्थ मैदानी अधिकारी एवं कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया जाकर कृषकों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। (घ) विभाग में उपलब्ध अमले अनुसार कार्य की व्यवस्था की दृष्टि अनुसार पदों को भरने की प्रक्रिया नियमानुसार जारी है।
प्रदेश में कृषि विकास दर एवं किसानों की आय में कमी होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 5630 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-12 से 2017-18 तक फसल क्षेत्र में तथा कृषक आय में प्रदेश की विकास दर क्या रही? यह राष्ट्रीय विकास दर से कितना कम अथवा अधिक है? (ख) वर्ष 2011-12 से 2017-18 तक प्रदेश तथा राष्ट्रीय (ओसत) प्रति कृषक वार्षिक आय कितनी है? वर्षवार बतावें। क्या जहाँ एक ओर 20 प्रतशित अधिक उत्पादन वृद्धि के साथ हम कृषि कर्मण पुरस्कार का दावा कर रहे हैं, उस अनुसार प्रदेश की कृषक आय में वृद्धि क्यों नहीं हो पा रही है? इसके क्या कारण हैं? (ग) दिसम्बर 2013 से दिसंबर 2017 तक प्रदेश के कृषकों पर कुल ऋण, ऋण पर उनके द्वारा देय कुल ब्याज तथा फसल बीमा पर दी गयी कुल प्रीमियम राशि की जानकारी वर्षवार दें। (घ) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्याज खरीदी, भावान्तर भुगतान योजना में भुगतान, प्राकृतिक प्रकोप से कृषि में नुकसान के भुगतान हेतु कितना व्यय अनुमानित होगा? उक्त अवधि में केंद्र से कुल कितनी राशि की मांग कब-कब की गयी एवं कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
कृषि महोत्सव आयोजन की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
75. ( क्र. 5631 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 12 फरवरी 2018 को प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर कृषि महोत्सव का आयोजन किया गया? यदि हाँ, तो उक्त महोत्सव में क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किये गए? भावान्तर भुगतान योजना के तहत कितनी भावान्तर भुगतान की राशि कितने किसानों के खातों में जमा की गयी? प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में प्रदेश के कुल कितने कृषकों को भावान्तर की कुल कितनी राशि का किस कारण से भुगतान किया जाना शेष है? (ख) उक्त आयोजन पर कितनी राशि किस-किस मद/योजना से किस-किस कार्य (प्रचार-प्रसार, माइक व्यवस्था, किसानों को लाने ले जाने की परिवहन व्यवस्था, खाने आदि) पर व्यय की गयी? (ग) उक्त कार्यक्रम के दौरान मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा क्या क्या घोषणाएं की गयी? घोषणाओं की पूर्ति हेतु कौन-कौन से आदेश जारी किये गए हैं? आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। शेष घोषणाएं कब तक पूर्ण कर दी जावेंगी? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कृषि महोत्सव में कितने किसान सम्मिलित हुए? जिलेवार बतावें। इस कृषि महोत्सव की क्या उपलब्धियां रहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
शिक्षकों को प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्रों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 5680 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.आई.ओ.एस. में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाये जाने हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र म.प्र. द्वारा जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया हैं? जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होगें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो रीवा जिले में एन.आई.ओ.एस. केन्द्र निर्धारण करने के लिये शर्तों के अनुसार प्रशिक्षित स्टॉफ की उपलब्धता अनिवार्य है? यदि हाँ, तो किन-किन कॉलेजों को प्रशिक्षण दिये जाने हेतु चयनित किया गया? जिनको चयनित किया गया उनमें प्रशिक्षित स्टॉफ कौन-कौन हैं? उनके नाम, पदनाम, प्रशिक्षण प्राप्त दिनांक सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन महाविद्यालयों को प्रशिक्षण केन्द्र नहीं बनाया गया है, उनसे किन-किन शर्तों की प्रतिपूर्ति नहीं करते विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिन महाविद्यालयों को प्रशिक्षण केन्द्र बनाये जाने से वंचित किया गया है, उनको कब तक प्रशिक्षण केन्द्र बनाया जावेगा? (ड.) अवैधानिक प्रशिक्षण केन्द्रों के बनाये जाने पर भुगतान की गई राशि कुल कितनी है? उसे कब तक समिति के सदस्यों से ली जावेगी? साथ ही अवैध केन्द्रों से प्रशिक्षित अभ्यार्थियों के प्रशिक्षण के अमान्य होने पर इसके जिम्मेदार कौन होंगे एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। रीवा जिले में एन.आई.ओ.एस. केन्द्र निर्धारण करने के लिये शर्तों के अनुसार प्रशिक्षित स्टॉफ की उपलब्धता अनिवार्य है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) महाविद्यालयों से प्राप्त आवेदन पत्रों/ सहमति के आधार पर ही प्रशिक्षण केन्द्र बनाये गये हैं। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में समाहित है। (ड.) प्रशिक्षण केन्द्रों के निर्धारण हेतु राशि का कोई प्रावधान नहीं है। अतः भुगतान की गई राशि निरंक है। जिले में कोई अवैधानिक प्रशिक्षण केन्द्र संचालित नहीं है। शेषांश का प्रश्न नहीं उठता।
सी.सी. रोड एवं पुलिया निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 5683 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 53 दिनांक 27 फरवरी 2018 में जिला भिण्ड में सी.सी. रोड निर्माण किला गेट से लहार रोड चौराहा तक 1.30 कि.मी. प्रशासकीय स्वीकृति 2.4.2016 को जारी की गई? प्रश्नांश दिनांक तक 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। यदि हाँ, तो कौन उपयंत्री, सहायक यंत्री उत्तरदायी हैं? क्या उनको निलंबित किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) में मुख्य कारण सघन बस्ती चौड़ाई 07 मीटर मोटाई कम होने के कारण विलंब हो रहा है? ऐसा क्यों? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही होगी? पोल शिफ्टिंग हेतु राशि 40.54 लाख जारी होने के उपरांत अभी तक कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ है? (ग) सी.सी. रोड निर्माण किला गेट से लहार रोड चौराहा मार्ग के मध्य पुलिया की लागत 20 लाख है। कार्य कब प्रारंभ होगा? कार्य पूर्ण होने की तिथि क्या है? क्या अप्रैल 2018 तक 100 प्रतिशत सी.सी. रोड व पुलिया का निर्माण पूर्ण होगा? यदि हाँ, तो कैसे? (घ) क्या विभाग की लापरवाही उदासीनता पूर्ण व्यवहार के कारण निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है? बार-बार अवधि क्यों बढ़ाई जा रही है? वर्णित मार्ग पर पौधारोपण कहाँ पर कब किसके द्वारा किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, कोई उत्तरदायी नहीं, अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। सघन बस्ती में मार्ग की विद्यमान चौड़ाई कम होने एवं अतिक्रमण होने के कारण। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पोल शिफ्टिंग हेतु आवश्यक चौड़ाई प्राप्त न होने के कारण। (ग) जी हाँ। पुलिया शहर के मध्य में है, अत: आवागमन की सुविधा अनुसार सी.सी. रोड कार्य पूर्ण होने के पश्चात पुलिया निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना है। अत: वर्तमान में प्रारंभ अथवा पूर्ण होने की तिथि बताना संभव नहीं है। पूर्ण चौड़ाई उपलब्ध न होने से वर्तमान में पूर्णत: तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। आवश्यक स्थल उपलब्ध न होने के कारण। उक्त कार्य स्वीकृत न होने के कारण प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कृषि ऋण एवं वसूली की जानकारी
[सहकारिता]
78. ( क्र. 5693 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक मर्यादित जबलपुर कटनी के अधीन कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी सेवा सहकारी समितियां क्रियाशील हैं? संचालक मंडल की समय अवधि समाप्त होने के पश्चात इनका संचालन कौन कर रहा है तथा उल्लेखित सेवा सहकारी समितियों में कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से समिति प्रबंधक के पद पर पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समितियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 0 (शून्य) प्रतिशत ब्याज पर कहाँ-कहाँ के कितने कृषकों को कितनी राशि का ऋण दिया तथा उक्त ऋण की कितनी वसूली हुई एवं किस नियम प्रक्रिया के तहत कितने कृषकों को कब कितनी राशि की छूट प्राप्त हुई? समितिवार, वर्षवार कृषक संख्यावार एवं प्रदाय की गई छूट की राशि सहित सूची देवें। (ग) सहकारी बैंकों द्वारा कृषकों को प्रदाय किये जाने वाले कृषि ऋणों पर शासन द्वारा किस-किस प्रकार की कौन-कौन सी छूट कृषकों द्वारा समय पर ऋण अदा करने पर देने का प्रावधान है? नियम की प्रति देवें एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार कृषकों को छूट की राशि प्रदाय न करने के क्या कारण हैं? शासन क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर के अंतर्गत जबलपुर एवं कटनी जिले में 121 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें क्रियाशील हैं जिनकी सूची तथा उनमें पदस्थ समिति प्रबंधक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संचालक मण्डल के स्थान पर नियुक्त प्रशासक समितियों का कार्य संचालन कर रहे हैं। (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से वितरित कृषि ऋण एवं वसूली की समितिवार, वर्षवार, कृषक संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ब्याज अनुदान एवं मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना के अंतर्गत वस्तु ऋण पर 10 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। ब्याज अनुदान एवं वस्तु ऋण पर अनुदान की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना के अंतर्गत कृषकों को कृषि ऋणों की समय पर अदायगी करने पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर एवं मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना के अंतर्गत वस्तु ऋण के 10 प्रतिशत अधिकतम राशि रूपये 10,000/- का अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। प्रावधान की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शासन से प्राप्त छूट/अनुदान की राशि कृषक सदस्यों के खाते में जमा की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा पेपर क्रय की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
79. ( क्र.
5694 ) श्री
नीलेश अवस्थी
: क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
पाठ्य पुस्तक
निगम द्वारा
प्रति वर्ष
लगभग कितना, किस
प्रकार का पेपर
मुद्रण कार्य
हेतु किस नियम
व प्रक्रिया
के तहत क्रय
किया जाता है
एवं यह भी
बतलावें कि
वित्त वर्ष 2013-14 से
प्रश्न
दिनांक तक
निगम द्वारा
किस-किस
श्रेणी का कितना-कितना
पेपर पाठ्य
पुस्तक
मुद्रण हेतु
किस-किस से
क्रय किया गया? वर्षवार
सूची देवें। (ख) क्या
म.प्र. पाठ्य
पुस्तक निगम
को प्रति वर्ष
लगभग 25
हजार टन पेपर
की मुद्रण
कार्य हेतु
आवश्यकता
पड़ती है? परन्तु
निगम द्वारा
कागज खरीद
हेतु
आमंत्रित निविदा
की शर्तों के
अनुसार
प्रतिवर्ष 50 हजार
टन कागज उत्पादन
करने वाली
मिलों को ही
शामिल किया
जाता है तथा
उन्हें ही
निविदा में
भाग लेने वाली
पात्रता होती
है। इस कारण
छोटी पेपर
मिले निविदा
प्रक्रिया में
भाग नहीं ले
पाती हैं? यदि
हाँ, तो
क्या शासन इस
नियम
प्रक्रिया
में संशोधन
करेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) में क्रय
किये गये
पेपरों की
गुणवत्ता की जाँच
कब-कब किस-किस
अधिकारी
द्वारा की गई
एवं गुणवत्ता
परीक्षण
रिपोर्ट क्या
रही एवं क्या
आमंत्रित
निविदा में A श्रेणी
के मैपलिथों
पेपर का मूल्य
काटकर C ग्रेड का क्रीमवो
पेपर सप्लाई
किया जा रहा
है। जिससे
पाठ्य पुस्तक
निगम की छपी
पुस्तकों की
गुणवत्ता
प्रभावित
होती है। क्या
शासन विगत तीन
वर्षों में
पाठ्य पुस्तक
निगम द्वारा
मुद्रित पुस्तकों
की गुणवत्ता
की जाँच कराकर
दोषियों पर
कार्यवाही
करेगा? उत्तर में यदि
हाँ, तो
किस प्रकार से
कब तक?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) म.प्र. पाठ्य
पुस्तक निगम
को प्रतिवर्ष
निःशुल्क पाठ्य
पुस्तक वितरण
योजना
अन्तर्गत
पुस्तकों की
प्राप्त मांग
एवं खुले
बाजार में
विक्रय के लिए
आकंलित मांग
के आधार पर
आवश्यक पेपर
की मात्रा का
आकंलन कर
मुद्रण पेपर
एवं कवर पेपर
का क्रय ई-टेण्डरिंग
प्रक्रिया से
अखिल भारतीय स्तर
पर निविदाऐं
आंमत्रित कर
किया जाता है।
वित्त वर्ष 2013-2014 से
दिनांक 15-03-2018 तक पुस्तक
मुद्रण हेतु
क्रय किए गये
पेपर की वर्षवार
विवरण संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) निगम
को विगत वर्षों
में
प्रतिवर्ष
लगभग 25000 से
30000
मी.टन मुद्रण
पेपर की
आवश्यकता
पड़ी। निगम के
शासक मण्डल
द्वारा
निर्धारित
अनुसार विगत वर्षों
में कवर पेपर
आपूर्ति हेतु
न्यूनतम बीस
हजार मी.टन
सालाना
क्षमता वाले
मिलों तथा
मुद्रण पेपर
हेतु न्यूनतम
नब्बे हजार
मी.टन सालाना
क्षमता वाले
मिलों को भाग
लेने की
पात्रता निविदा
दस्तावेजों
में उल्लेखित
की गई। निविदा
की नियम एवं शर्तों
पर विचार कर
निर्णय हेतु
प्रकरण
यथा-समय निगम
द्वारा शासक
मण्डल के
समक्ष
प्रस्तुत
किया जावेगा। (ग) उत्तरांश
(क) में
क्रय किये गये
पेपर का
प्रदाय
प्रारम्भ होने
के पूर्व मिल
स्तर पर, प्रदाय
प्रारम्भ
होने पर निगम
गोदाम में
प्राप्त होने
पर, मुद्रकों
को प्रदाय के
समय, मुद्रणालयों
में मुद्रण के
समय तथा
पुस्तकें
छपने पर छपी
पुस्तकों की
रेण्डम विधि
से नमूने
निकालकर
विभिन्न शासकीय
प्रयोगशालाओं
से जाँच कराई
गई। विगत तीन वर्षों
में कराई गई
लगभग 1612
जाँचों का विवरण
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार। उपरोक्तानुसार
प्राप्त
पेपर्स जाँच
रिर्पोट्स के
अनुसार
निर्धारित
मापदण्डों की
पूर्ति करते
पाये गये। शासकीय
प्रयोगशालाओं
से कराई गई
जांचों की रिपोर्ट्स
में पेपर
मैपलिथों
गुणवत्ता के
निर्धारित
मापदण्डों की
पूर्ति करता
पाया गया। अतः
मैपलिथों
पेपर के स्थान
पर अन्य
गुणवत्ता के
पेपर के प्रदाय
की स्थिति
नहीं पाई गई। जी
नहीं। विगत
तीन वर्षों
में विभिन्न
शासकीय
प्रयोगशालाओं
से कराई गई 1612
नमूनों की जाँच
में समस्त
पेपर
सेम्पल्स
निर्धारित
गुणवत्ता का
पाया जाने से
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
फर्जी ऋण प्रकरणों की जानकारी
[सहकारिता]
80. ( क्र. 5696 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में सहकारी समिति डिकौली, वारों, सेधपा, रामटौरिया के समिति प्रबंधकों के द्वारा फर्जी ऋण प्रकरण तैयार करने व स्वीकृत करने गेहूं उपार्जन एवं किसान बीमा राशि हड़पने के विरूद्ध कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो प्रति देते हुये बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सहकारी समितियों के प्रबंधकों द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक में कितने किसानों को कितना ऋण स्वीकृत किया गया है? किसानों की संख्यावार/राशिवार/समितिवार/वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या ऋण प्रकरण नियमों के अनुकूल स्वीकृत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के जिन सदस्यों को ब्याज अनुदान एवं बीमा क्लेम की राशि स्वीकृत की गई है, की संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें। इनमें से समिति प्रबंधकों द्वारा अपने परिवार से कितने प्रकरणों में कितनी राशि स्वीकृत कर निकाली है? इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या वर्ष 2017-18 में गेहूं ई-उपार्जन शासन के आदेश के विरूद्ध कार्य करते हुये किसानों से ऋण वसूली न कर सीधे बैंक शाखा प्रबंधक लेखा, महाप्रबंधक के शामिल होने से समिति के बचत खाते से सैकड़ों किसानों की राशि आहरित हुई, जिसकी जाँच डिप्टी रजिस्ट्रार छतरपुर द्वारा की गई, जिस पर फर्जी रसीदे व चालान मिले वो राशि न तो बैंक में और न ही किसानों के खातों में जमा की गई? इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार की गयी अनियमितताओं के लिये दोषियों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? फर्जी तरीके से भर्ती समिति के अधिकारियों/कर्मचारियों को नियम विपरीत प्रभार देकर फर्जी कार्य कराकर राशि हड़पने पर दण्डात्मक कार्यवाही भी प्रस्तावित करेगें, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सड़क मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 5718 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 670 दिनांक 17/07/2017 के उत्तर में स्वीकारा है कि श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम बगदिया से बगदरी तक मार्ग निर्माण की आवश्यकता है, इस हेतु प्राक्कलन तैयार कर ई.ई. लो.नि. श्योपुर द्वारा शासन/विभाग को भेजा है तथा इसे विभाग की स्थायी वित्तीय समिति में इस मार्ग को बजट में शामिल करने हेतु अनुशंसा भी की गई है। (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन निश्चित रूप से उक्त मार्ग निर्माण कार्य को आवश्यक रूप से बजट में शामिल करने पर गंभीरता से विचार करेगा? (ग) क्या उक्त मार्ग पर वर्तमान में नागरिकों को आवागमन में कठिनाईयां आती हैं। नतीजतन नागरिक मार्ग के नवीनीकरण की मांग निरंतर कर रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मार्ग निर्माण कार्य को बजट में निश्चित रूप से शामिल करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, कार्य स्वीकृत किया जा चुका है शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों का नियमितीकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
82. ( क्र. 5719 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग के आत्मा योजना अन्तर्गत छिन्दवाड़ा जिले में कितने कृषि संविदा अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं एवं कितने किसान मित्रों/दीदी का चयन किया गया है? (ख) क्या किसान मित्रों/दीदी को हटाया गया है? वर्ष 2015 से 2018 की स्थिति में जिनकों हटाया गया है क्या उन्हें पुन: वापस लिया जायेगा? (ग) क्या विभाग में रिक्त पड़े पद पर इन्हें नियमित कर सेवा का अवसर प्रदान किया जावेगा? अथवा कलेक्टर रेट पर निर्धारित राशि प्रदान करते हुए सभी सुविधाएं प्रदान की जायेंगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में कब-कब पत्र प्राप्त हुए हैं? उस पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या इस संबंध में दिनांक 19.4.17 को लोक निर्माण मंत्री एवं विधि विधायी कार्य मंत्री द्वारा तीन माह में नियमित करने का आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) आत्मा योजना अंतर्गत छिन्दवाडा जिले में 23 कृषि संविदा अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं एवं 933 कृषक मित्र चयनित हैं। (ख) जी नहीं। वर्तमान में किसी कृषक मित्र को हटाया नहीं गया है। (ग) जी नहीं। इस तरह से शासन की कोई नीति नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में विभाग को प्राप्त नहीं हुए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुरूजी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अनुदेशकों/पर्यवेक्षकों को जारी आदेश की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
83. ( क्र. 5720 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिला शिवपुरी में गुरूजी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अनुदेशकों/पर्यवेक्षकों का आदेश दिनांक 09.02.2018 को जारी किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें। (ख) क्या जिला छिंदवाड़ा में वर्ष 2008 में गुरूजी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अनुदेशकों/पर्यवेक्षकों का भी आदेश जारी नहीं किया गया है? कब तक जारी कर दिया जायेगा? (ग) क्या वर्ष 2008 के अनुदेशक परीक्षा में उत्तीर्ण श्री राजकुमार यादव पिता सुखमन यादव का आदेश क्यों नहीं जारी किया गया है? कब तक जारी कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के द्वारा पारित निर्णय के अनुपालन में राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा दिनांक 09.02.2018 को पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला-छिंदवाड़ा में वर्ष-2008 में समस्त पात्र अनुदेशकों/पर्यवेक्षकों के आदेश जिला स्तरीय छानबीन समिति से अनुमोदन उपरांत माह जुलाई-2010 में जारी कर दिये गये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री राजकुमार यादव, पिता सुखमन यादव द्वारा मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल के आदेश क्रं. एफ 44-56/07/20-2 भोपाल दिनांक 05.10.2009 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार पात्रता न होने के कारण उन्हे संविदा शिक्षक वर्ग-3 हेतु नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनगवां से हरदी बैकुण्ठपुर रोड निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 5735 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग रीवा के उपखंड मनगवां में एम.पी.आर.डी.सी. के अधीन कौन सी कम्पनी ने मनगवां से हरदी बैकुण्ठपुर रोड का निर्माण कराया गया है? रोड निर्माण के लिए कौन सी संविदा शर्तें तय हैं? संविदा की अनुबंध के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त रोड के संवर्धन, संरक्षण मरम्मत व रख-रखाव के लिए कितनी राशि निर्माणाधीन कंपनी/संविदाकार को निर्धारित की गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त रोड के निर्माण के पश्चात कितनी राशि स्वीकृत की गयी है तथा स्वीकृत राशि का क्या उपयोग किया गया है तथा 6-6 माह में प्राप्त राशि की उपयोगिता प्रमाण-पत्र की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि राशि का उपयोग नियमानुसार नहीं किया जाता है, तो क्या उक्त राशि बंद की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ठेकेदार मेसर्स के.सी.सी. रोड कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. गुडगाँव से कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. (एन्युटी) योजनान्तर्गत किया गया है। पृथक से निवेशकर्ता को मार्ग के रख-रखाव/संधारण कार्य हेतु कोई भी राशि निर्धारित नहीं की गयी है। (ग) मार्ग निर्माण उपरांत कोई भी राशि स्वीकृत नहीं की गई है। अतएव स्वीकृत राशि का उपयोग संबंधी प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। निवेशकर्ता को अनुबंध की शर्तों के अनुसार प्रत्येक 06 माह में एन्युटी का भुगतान किया जाता है। अनुबंध में उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी करने का प्रावधान नहीं है। (घ) अनुबंध की शर्तों के अनुसार एन्युटी राशि निवेशकर्ता को प्रदाय की जाती है। अतएव उक्त राशि बन्द किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अप्रशिक्षित शिक्षकों हेतु डी.एल.एड. पाठ्यक्रम
[स्कूल शिक्षा]
85. ( क्र. 5747 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जो अतिथि शिक्षक, शिक्षक विहीन विद्यालयों में अध्ययन कार्य कर रहे हैं अथवा कर चुके हैं? उनको क्यों नहीं डी.एल.एड. कराया जा रहा है? जबकि शासकीय/अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को डी.एल.एड., एन.आई.ओ.एस. के माध्यम से कराया जा रहा है, ऐसा क्यों? (ख) क्या अतिथि शिक्षकों को शिक्षकीय शैक्षणिक कार्य से पृथक माना गया है? यदि हाँ, तो शिक्षकीय कार्य का कम मानदेय भुगतान को साथ क्यों कराया जा रहा है? प्रदेश में अतिथि शिक्षकों को क्यों निकाल दिया गया है? (ग) कुल अतिथि शिक्षकों के द्वारा शैक्षणिक कार्य सुधार हेतु स्वयं के व्यय पर वर्ष 2017-18 में आयोजित होने वाली डी.एल.एड. परीक्षा हेतु ऑन-लाईन आवेदन किया गया था, जिसको निरस्त कर दिया गया है, ऐसे क्यों? उनके जमा शुल्क का जवाबदार कौन होगा? ऐसा भेदभाव क्यों किया गया है? (घ) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अतिथि शिक्षकों को शिक्षकीय सेवा में लेने हेतु घोषणा के आधार पर कब तक शिक्षकीय सेवा में लेने की कार्यवाही की जाएगी जबकि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं शैक्षणिक कार्य में नियमित ली जा रही हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एन.आई.ओ.एस. द्वारा प्रारंभिक शालाओं में कार्यरत सेवाकालीन अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए डी.एल.एड. पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। अतिथि शिक्षक नियमित शिक्षक नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अतिथि शिक्षकों को निर्धारित दर से मानदेय दिया जाता है। शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा लंबे समयावधि हेतु विभिन्न अवकाश पर रहने, प्रशिक्षण पर रहने अथवा शिक्षक/शिक्षिकाओं के रिक्त पदों के विरूद्ध शैक्षणिक सत्र हेतु निर्धारित तिथि तक अस्थायी रूप से अतिथि शिक्षक रखे जाने का प्रावधान है, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अतिथि शिक्षकों को विभाग में लेने हेतु घोषणा नहीं है। संविदा शाला शिक्षक के सीधी भर्ती के रिक्त पदों से 25 प्रतिशत पद अतिथि शिक्षकों जिनके द्वारा न्यूनतम 3 शैक्षणिक सत्रों एवं न्यूनतम 200 दिवस तक शासकीय शालाओं में कार्य किया हो, शिक्षकों हेतु आरक्षित रखे जाने के संबंध में नियम में संशोधन की कार्यवाही प्रचलित है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टेलीफोन की अंडर ग्राउंड लाईन बिछाने की अनुमति
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 5748 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर व उज्जैन संभाग में पी.डब्ल्यू.डी. व एम.पी.आर.डी.सी. के सड़क किनारे ओ.एफ.सी. (टेलीफोन की अंडर ग्राउंड लाईन) डालने की अनुमति हेतु 01.04.2017 से 28.02.2018 तक कितने आवेदन निजी व सरकारी कंपनियों के तरफ से विभाग को प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्राप्त आवेदनों में से कितने पर अनुमति प्रश्न दिनांक तक दे दी गई व जिन पर नहीं दी गई? उसके कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्राप्त आवेदन पर अनुमति दिये जाने की विभाग की क्या स्पष्ट नीति है व आवेदन प्राप्ति से अनुमति दिये जाने तक विभाग द्वारा कितना समय लिया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विभाग को ओ.एफ.सी. (टेलीफोन की अंडर ग्राउंड लाईन) की लाईन बिछाने की अनुमति देने में अधिकारियों के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की कोई शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार आवेदक द्वारा शर्तें पूर्ण करने तथा निर्धारित राशि जमा करने के उपरांत अनुमति प्रदान की जाती है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भवन विहीन स्कूलों का भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 5759 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4578 दिनांक 08 मार्च 2017 के प्रश्नांशों के विभागीय उत्तरों एवं संलग्न परिशिष्टों में दर्शित जानकारी अनुसार कितने भवन विहीन स्कूलों के भवन निर्माण किये गये? कितने प्रस्ताव लंबित है और क्यों? वर्तमान में उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जीर्ण-शीर्ण स्कूलों के भवनों का निर्माण कार्य कब-कब किया गया? कितने भवनों का निर्माण कार्य अब तक नहीं किया गया और क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित भवनों के उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति बजट उपलब्धता पर निर्भर जैसी कार्यवाही विगत कितने वर्षों से लंबित है और क्यों? क्या छात्र-छात्राओं के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए इसी वित्तीय वर्ष में उक्त भवन निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी की जायेगी? हाँ तो बतायें, नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्त कार्यों के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्राप्त पत्रों एवं विभागीय स्तर पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति वर्तमान में क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4578 दिनांक 08 मार्च 2017 के प्रश्नांशों के विभागीय उत्तर में दर्शित 08 भवन विहिन स्कूलों के भवन निर्माण शेष बताया गया था। भारत सरकार से स्वीकृति अप्राप्त होने से सभी 08 भवन विहिन स्कूलों के भवन निर्माण लंबित है। पुनः वार्षिक कार्य योजना 2018-19 में प्रस्ताव शामिल है। हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4578 के उत्तर में उल्लेखित 11 जीर्ण-शीर्ण प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में से वर्ष 2016-17 में 01 एवं वर्ष 2017-18 में 02 जीर्ण-शीर्ण भवनों के विरूद्ध नवीन भवन स्वीकृत हुए, इनका निर्माण कार्य प्रगतिरत है। भारत सरकार से वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2017-18 में शेष 08 जीर्ण-शीर्ण भवनों के विरूद्ध नवीन भवनों की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। कोई भी हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालय जीर्ण-शीर्ण न होने से जानकारी निरंक है। (ग) 08 भवन विहिन प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों की स्वीकृति वर्ष 2015-16 से लंबित है एवं 08 जीर्ण-शीर्ण भवनों की स्वीकृति विगत वर्ष 2013-14 से वार्षिक कार्ययोजना स्वीकृति अप्राप्त रहने से लंबित है। हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालय निर्माण बजट की उपलब्धता पर ही निर्भर करता है। जी नहीं। भारत सरकार से स्वीकृति हेतु वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2018-19 में पुनः प्रस्ताव शामिल किये गये है तथा हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों हेतु बजट की अनुपलब्धता है। (घ) उपरोक्त कार्यों के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पत्र क्रमांक 66 ए दिनांक 01.01.2016 के परिपालन में जीर्ण-शीर्ण भवन प्राथमिक विद्यालय बोथू के स्थान पर वर्ष 2017-18 में नवीन भवन स्वीकृत किया गया जिसका निर्माण कार्य प्रगतिरत है। दिनांक 17.02.2017 को प्राप्त उनके पत्र में भवन विहिन शाला हेतु भवन की मांग की गई है, इसे जिले की वार्षिक कार्ययोजना 2018-19 में सम्मिलित किया गया है। पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 19.06.2017 में माध्यमिक विद्यालय बोरावॉ के जीर्ण-शीर्ण भवन के स्थान पर नवीन भवन की मांग की गई है, जिसका प्रतिवेदन डी.पी.सी. खरगोन के पत्र क्रमांक 1575 दिनांक 01.08.2017 से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है। हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति मान. विधायक के पत्र दिनांक 26.07.16 के क्रम में दी गई है।
एक ही प्रांगण में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 5763 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एक ही परिसर प्रांगण में स्कूल, महाविद्यालय एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त स्कूल/विद्यालय/शाला संचालन करने के सभी मानक/अर्हता रखता है? (ग) क्या मानक/अर्हताओं का उपयोग स्कूल/विद्यालय/शाला के अतिरिक्त प्रांगण के अन्य शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा भी किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे स्कूल/विद्यालय/शाला की मान्यता विभाग द्वारा कैसे प्रदान कर दी गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। एक ही परिसर में दिल्ली पब्लिक स्कूल मकरोनिया, ज्ञान सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग सागर तथा ज्ञान सागर कॉलेज ऑफ ऐज्यूकेशन संचालित है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नकली कीटनाशक एवं खरपतवार दवाओं का विक्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 5764 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खरीफ फसल सोयाबीन, उड़द आदि फसलों के उत्पादन के समय फसल के साथ उगे खरपतवार को नष्ट करने के लिये कीटनाशक दवाओं का विक्रय किया गया था तथा इन दवाओं के नकली ब्रांड बाजार में बेचे गये इस संबंध में विभाग को किसानों द्वारा शिकायतें की गई थीं? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि दवा विक्रेताओं द्वारा बेची गई नकली कीटनाशक खरपतवार दवाओं से किसानों को नुकसान हुआ है तथा जाँच में सही पाया गया है, तो विभाग द्वारा किसानों को क्या राहत/मुआवजा प्रदान किया जाएगा। (घ) कीटनाशक दवा विक्रेताओं के विरूद्ध विभाग द्वारा यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है एवं इस संबंध में विभागीय अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त शिकायत की जाँच हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 4389 दिनांक 21.08.2017 द्वारा जारी निर्देशानुसार विशेषज्ञ कृषि वैज्ञानिक एवं विभागीय अधिकारियों का दल गठन कर आवेदनकर्ता एवं अन्य कृषकों के समक्ष जाँच की गई थी। जाँच दल के निरीक्षण प्रतिवेदन में दवा का उपयोग निर्धारित मात्रा से कम करना पाया जिसके कारण कुछ खरपतवारों पर आंशिक नियंत्रण तथा कुछ खरपतवारों पर नियंत्रण प्रभावी रूप से होना पाया गया है। (ग) दवा विक्रेताओं द्वारा विक्रित दवा को अधिकृत रूप से नकली नहीं कहा जा सकता है, चूंकि उसी कंपनी की उक्त दवा (फ्यूजीफ्लेक्स) शिकायतकर्ता 03 कृषकों के अतिरिक्त लगभग अन्य 100 कृषकों ने उन्हीं दुकानों से खरीदकर उपयोग की जिनके परिणाम अच्छे रहे व प्रभावी नींदा नियंत्रण हुआ। शिकायतकर्ता कृषकों द्वारा दवा का सही मात्रा में उपयोग नहीं किया जाना इसका मुख्य कारण रहा है। विभाग द्वारा किसानों को किसी प्रकार की राहत/मुआवजा प्रदान किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) कीटनाशक दवा विक्रेता वैधानिक रूप से अनुज्ञप्तिधारी विक्रेता है तथा संबंधित कम्पनी के भी अधिकृत विक्रेता है तथा उनके द्वारा नियमानुसार दवा का विक्रय किया गया है। अत: उनके विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
विद्यालय भवनों का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
90. ( क्र.
5780 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या जावरा
नगर स्थित
शासकीय कमला
नेहरू कन्या
उ.मा.विद्यालय
एवं म.गां. उ.मा.
विद्यालय जावरा
दोनों के भवन
अत्यंत
प्राचीन एवं ऐतिहासिक
धरोहर होकर
अनूठी कला के
उत्कृष्ट
भवन हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
उपरोक्त दोनों
स्कूलों के
भवनों में
रख-रखाव, मरम्मत, प्लास्टर, फर्श
के कार्य, छत के
कार्य, दरवाजे, खिड़कियों
के कार्य इत्यादि
प्रकार के
कार्यों के साथ
ही
विद्युतीकरण
के कार्य भी
किया जाना अब
नितांत आवश्यक
है? (ग) यदि
हाँ, तो
उक्त
कार्यों को
किये जाने
हेतु लगातार
जनप्रतिनिधियों
तथा प्रश्नकर्ता
द्वारा भी
कार्यों को
किये जाने
हेतु लगातार
मांग की जा
रही है, तो कब तक
संपूर्ण
कार्यों के
प्राक्कलन
इत्यादि
बनाकर इन्हें
स्वीकृति दी
जा सकेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) एवं
(ख) जी
हाँ
(ग) जी
हाँ, पूर्व
में संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
चाहे गये
प्राक्कलन
संबंधित
प्राचार्य को
प्रेषित किये
गये थे, स्वीकृति
अपेक्षित है। वर्तमान
में दिनांक 13.03.18 को
प्राचार्य, शासकीय
कमला नेहरू
उ.मा.
विद्यालय
जावरा जिला रतलाम
एवं म.गां. उ.मा.
विद्यालय
जावरा द्वारा चाहे
गये स्कूल
मरम्मत के
प्राक्कलन
तैयार किये जा
रहे है। स्वीकृति
स्कूल
शिक्षा विभाग
द्वारा दी
जावेगी।
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं।
नवीन विद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 5795 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पेंचवेली परासिया की पुरानी स्कूल बिल्डिंग की स्थिति अत्यंत जर्जर हो चुकी है और कोई भी गंभीर दुर्घटना स्कूल में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं व शिक्षक/शिक्षिकाओं के साथ घट सकती है? (ख) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पेंचवेली परासिया में नवीन विद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2017/181 दिनांक 16/0522017 एवं माननीय राज्यमंत्री जी को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2017/179 दिनांक 16/05/2017 के माध्यम से निवेदन किया गया था। उन पत्रों पर स्वीकृति हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पेंचवेली परासिया की पुरानी स्कूल बिल्डिंग की जर्जर स्थिति को देखते हुए, छात्र/छात्राओं की सुविधा हेतु नवीन विद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। जिला छिंदवाड़ा के शासकीय उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय पेंचवेली परासिया में कुल 363 विद्यार्थी अध्ययनरत् है। यहां कुल 15 कक्ष हैं, इनमें से 03 कक्ष जर्जर स्थिति में है। इन जर्जर कक्षों में किसी भी प्रकार की शैक्षणिक गतिविधयां संचालित नहीं की जाती है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। वर्तमान में छात्र संख्या के अनुपात में कक्ष उपलब्ध है। यह सही है कि भवन अत्यंत पुराना है। नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की सीमा को देखते हुए अन्य भवन विहीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति की प्राथमिकता है। अतः निश्चित सयम-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रवृत्ति की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
92. ( क्र. 5796 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के समस्त शासकीय एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को 100 प्रतिशत राशि जारी की जा चुकी है? प्रत्येक विकाखण्डवार पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) परासिया विकासखण्ड अंतर्गत समस्त शासकीय एवं माध्यमिक शालाओं के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की राशि क्या छात्र-छात्राओं के खाते में जमा की जा चुकी है? विद्यालयों में अध्ययनरत् कितने छात्र/छात्राओं के बैंक खातों में कुल कितनी राशि जमा कराई गई है? (ग) क्या परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत समस्त शासकीय माध्यमिक शालाओं के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की जो राशि छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में जमा कराई गई है? उस जमा कराई गई छात्रवृत्ति की राशि में से क्या बैंकों द्वारा कुछ राशि काट ली गई है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (घ) यदि हाँ, तो बैंकों के द्वारा कितनी-कितनी राशि किन नियमों के तहत काटी गई है? यदि छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में जमा कराई गई छात्रवृत्ति की राशि में से जो राशि बैंक द्वारा काटी गई है, क्या वह काटी गई राशि छात्र/छात्राओं के बैंक खातों में पुन: बैक द्वारा जमा कराई जायेगी? अगर हाँ तो कब तक जमा करा दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों के निलंबन की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 5831 ) श्री हर्ष यादव, श्री बाला बच्चन, श्री राम लल्लू वैश्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय स्थित टाईपिंग बोर्ड में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को नवम्बर 2013 में निलंबित किया गया था? क्या प्रकरण में एस.टी.एफ. पुलिस करीब साढ़े चार वर्ष उपरांत अंतिम चालान पेश कर पाई है? (ख) क्या म.प्र. शासन, जल संसाधन विभाग द्वारा 10 अपचारी अधिकारियों के, लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 08.09.2016 को दो अपचारी अधिकारियों के एवं गृह विभाग द्वारा दिनांक 18.10.2017 को व्यापम से जुड़े दो अधिकारियों के निलंबन से बहाली आदेश जारी किये गये हैं? क्या उक्त आदेश सा.प्र.वि. के परिपत्र दि 28.01.2013 के पालन में समीक्षा समिति की बैठक के अनुशंसा के परिप्रेक्ष्य में की गई? यदि हाँ, तो बहाली किन ''गुणों'' के आधार पर की गई? (ग) सा.प्र.वि. के परिपत्र दिनांक 28.01.2013 में प्रत्येक 6 माहों में बैठक के निर्देश उपरांत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में शामिल लोक सेवकों की बहाली हेतु करीब साढ़े चार वर्ष में कितनी बैठकें आयोजित की गई? क्या शासनादेश का पूर्णत: पालन किया गया? नहीं तो क्यों? परिपत्र अनुरूप बिना कार्य के निलंबित लोक सेवकों को 75 प्रतिशत राशि देना शासन राशि के दुरूपयोग अंतर्गत नहीं है? यदि बैठक आयोजित की गई है, तो एक अधिकारी एवं चार अल्प वेतन कर्मचारियों को किन ''दोषों'' के आधार पर निलंबन से बहाली संबंधी कार्यवाही अब तक नहीं करने का कारण बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) लोक शिक्षण संचालनालय स्थित टाईपिंग बोर्ड में पदस्थ अधिकारियों को दिसंबर, 2013 में तथा कर्मचारियों को नवंबर, 2013 में निलंबित किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय पत्र दिनांक 20.03.2018 द्वारा जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं गृह विभाग से जानकारी चाही गई है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 28.01.2013 के क्रम में दिनांक 30.01.2018 को समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जी हाँ। निलंबित लोक-सेवकों को मूलभूत नियम 53 के तहत नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जा रहा है। समिति की अनुशंसा के क्रम में विभागीय आदेश दिनांक 13.03.2018 को जारी किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की जानकारी
[विधि और विधायी कार्य]
94. ( क्र. 5837 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में चतुर्थ श्रेणी के कितने पद जिलावार रिक्त हैं? (ख) इन पदों के लिये वर्ष २०१६-१७ और २०१७-१८ में कब-कब विज्ञापन जारी किये गये और कितने जिलावार आवेदन प्राप्त हुये? चपरासी, भृत्य के पद की वांछित योग्यता क्या रखी गई थी? (ग) इन रिक्त पदों में कितने एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. और अनारक्षित वर्ग के पद थे तथा इन श्रेणियों के कुल कितने आवेदन श्रेणीवार प्राप्त हुए? (घ) रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीमा कम्पनियों एवं प्राप्त प्रीमियम की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 5838 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा को लेकर स्टेट लेवल बैंकर समिति ने शासन को कोई रिपोर्ट प्रस्तुत की है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का कार्य किन बीमा कम्पनियों को किस-किस जिले के लिये दिया गया है? (ग) बीमा कम्पनियों को वित्तीय वर्ष २०१५-१६ और २०१६-१७ में कितना प्रीमियम प्राप्त हुआ था? इस अवधि में इन कम्पनियों ने कितनी राशि का मुआवजा वितरित किया है? (घ) आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड और एच.डी.एफ.सी. कम्पनियों को विगत 3 वर्षों में कितना प्रीमियम मिला और इन कम्पनियों द्वारा कितना मुआवजा दिया गया है? वर्षवार बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 5844 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शिक्षा विभाग में सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत राज्य एवं जिलों में संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो प्रदेश में कुल कितने संविदा अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है? जिलेवार एवं पदवार बतावें। (ख) क्या उक्त पदों पर नियुक्त अधिकतर अधिकारी/कर्मचारी ओवर-ऐज हो गये हैं? यदि हाँ, तो क्या उन्हें उनके भविष्य को देखते हुये शासन द्वारा ई.पी.एफ. की सुविधा दी गई है? यदि हाँ, तो कब से? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय ग्वालियर के आदेश द्वारा संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से ई.पी.एफ. दिये जाने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के खाते में कितना-कितना ई.पी.एफ. जमा किया गया है तथा उनके द्वारा कितना-कितना निकाला जा चुका है? जिलेवार बतावें। (घ) क्या शासन द्वारा उक्त्त संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित किये जाने हेतु कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक नियमित किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जिलों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) राज्य कार्यकारिणी समिति के निर्णयानुसार संविदा पर कार्यरत समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों के ई.पी.एफ. कटौती की स्वीकृति उपरांत राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक/राशिके/वित्त/2007/7098 भोपाल, दिनांक 10.8.2007 के माध्यम से ई.पी.एफ. कटैत्रा किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। पत्र की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) वर्तमान में नियमितीकरण का कोई प्रस्ताव/नीति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 5845 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने के क्या नियम निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) दिनांक 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? उनमें से कितने आवेदकों को किस-किस पद पर कब-कब कहाँ कहाँ अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले में ऐसे कितने आवेदक हैं जिन्हें अनुकम्पा नियुक्ति नहीं प्रदान की जा सकी है? उन्हें नियुक्ति नहीं दिये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या शासन मानवीय आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में डी.एड., बी.एड. के नियम शिथिल करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) राजगढ़ जिले में दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 68 अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। उनमें से 24 आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ग) राजगढ़ जिले में 44 आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा सकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (घ) अध्यापक संवर्ग के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदण्डों को शिथिल करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भारत सरकार को पत्र प्रेषित किये गये हैं। उक्त विषय भारत सरकार के क्षेत्राधिकार में आने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 5848 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विगत शीत कालीन सत्र दिनांक 27.11.2017 के प्रश्न क्रमांक 516 के तारतम्य में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा छोटे-छोटे मार्गों के निर्माण की जो मांग की गई थी, उन्हें स्वीकृति प्रदान नहीं करने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सड़कों का मजबूतीकरण एवं नवीनीकरण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 5849 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने मार्गों को चिन्हित किया गया है, जो कि मजबूतीकरण एवं नवीनीकरण की स्थिती में है? (ख) चन्दवासा से असावती, सुवासरा से रूनीजा, रूपणी से कयामपुर, चन्दवासा से मेलखेड़ा मार्गों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों के मजबूतीकरण एवं नवीनीकरण हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसका क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 5854 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं? उनमें से कितने रिक्त हैं? शालावार, पदवार जानकारी दें। (ख) क्षेत्र में एक शिक्षकीय कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं हैं? स्कूल के नाम सहित जानकारी दें। (ग) एक शिक्षकीय शालाओं में स्वीकृत शिक्षकों के पदों की पूर्ति कर दी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उपयंत्री संवर्ग को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 5860 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा उपयंत्री संवर्ग को तृतीय समयमान वेतनमान देने संबंधी आदेश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब से लागू हैं? आदेश-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल जिले के लोक निर्माण विभाग में कितने उपयंत्री संवर्ग के लोगों को उक्त समयमान वेतन का लाभ दिया गया है एवं कितने लोगों को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के बाद भी अभी तक तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया गया है? लाभ न दिये जाने का क्या कारण है? कब तक लाभान्वित कर दिया जायेगा? (ग) ऐसे कितने उपयंत्री हैं, जिनको 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के बाद भी तृतीय समयमान वेतनमान देने के प्रस्ताव कार्यालय प्रमुख अभियंता भोपाल को जानबूझकर विलंब करने की दृष्टि से प्रस्तुत नहीं किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें तथा प्रस्ताव कब तक प्रस्तुत कर देंगे? (घ) पात्र उपयंत्रियों को कब तक लाभान्वित किये जाने की संभावना है? प्रस्ताव में विलंब करने व मनमानी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 18/7/2008 से। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भोपाल जिले के 09 उपयंत्रियों को लाभ दिया गया है एवं ऐसा कोई उपयंत्री शेष नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 5861 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जिला अनूपपुर की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कें/मार्ग, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं व कौन-कौन से सड़क के कार्य प्रगतिरत हैं? प्रस्तावित निर्माण कार्य किस स्तर पर लंबित हैं? (ख) लोक निर्माण विभाग की परियोजना, क्रियान्वयन इकाई द्वारा पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उल्लेखित अवधि में क्या-क्या कार्य अन्य विभागों के कराये गये हैं? कार्य विवरण, लागत व पूर्णता की स्थिति से प्रश्नकर्ता को अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं में शामिल क्षेत्र के कौन-कौन से सड़क निर्माण कार्य किस स्तर पर लंबित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
ऋणी व अऋणी किसानों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
103. ( क्र. 5870 ) सुश्री मीना सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक की अवधि में कितने ऋणी व अऋणी किसानों का बीमा किया गया था? तहसीलवार ऋणी व अऋणी किसानों की संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने किसानों को बीमा का लाभ दिया गया है, कितने लंबित हैं? लंबित ऋणी एवं अऋणी किसानों की तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) किसानों को बीमा राशि का भुगतान नहीं होने से कितने किसानों के आवेदन पत्र/शिकायत उप संचालक कृषि उमरिया को प्राप्त हुये? इन प्राप्त आवेदनों में से कितने किसानों को वास्तविक रूप से भुगतान हो चुका है? कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया जाना लंबित है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें तथा बतायें कि लंबित रहे पात्र किसानों को बीमा का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खरीफ 2016 मौसम अंतर्गत उमरिया जिले में कुल 323 पात्र कृषकों को दावा राशि देय है, जिसमें 287 कृषकों का भुगतान नोडल बैंकों के माध्यम से किया जा चुका है एवं शेष 36 कृषकों को भुगतान प्रक्रियाधीन है। रबी 2016-17, खरीफ 2017 एवं रबी 2017-18 की अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति होने के एवज में बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किये जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2017 मौसम हेतु औसत पैदावार के आंकड़े बीमा कंपनी को दिनांक 31.01.2018 एवं रबी 2017-18 मौसम हेतु औसत पैदावार के आंकड़े राज्य शासन द्वारा दिनांक 30.06.2018 तक उपलब्ध कराये जाने के पश्चात प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर दावों की गणना कर यदि किसी अधिसूचित क्षेत्र के अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पायी जाएगी तो योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। (ग) उप संचालक कृषि जिला उमरिया को 6 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिन पर उप संचालक कृषि उमरिया द्वारा कार्यवाही की जा रही है। उप संचालक कृषि जिला उमरिया को 4 शिकायतें जन-सुनवाई कलेक्टर के माध्यम से प्राप्त हुई है। जिनकी जाँच कराई गई है। 4 कृषक बीमा राशि हेतु अपात्र थे।
आवंटित राशि की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
104. ( क्र. 5873 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा शहडोल संभाग में विभिन्न कार्यों के लिये राशि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ, तो विगत ३ वर्षों से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार प्रत्येक उद्यानिकी संस्थानों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई और आवंटित राशि में से किस-किस कार्य के लिये राशि व्यय की गयी? कार्यवार, व्ययवार, संस्थावार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन वर्षों में शहडोल संभाग के जिला शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया के विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को राशि आवंटित की गई। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रस्तावित कार्ययोजना की जानकारी
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 5875 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा शहडोल संभाग में विभिन्न कार्यों हेतु विगत 03 वर्षों में कोई कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो जिलेवार प्रत्येक अनुभाग स्तर से किन-किन कार्यों को प्रस्तावित किया गया है और प्रस्तावित कार्यों को कराने के लिये किस स्तर तक कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड संरचना में अनुभाग स्तर पर कार्यालय नहीं है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
घोषणानुरूप सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 5881 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 662 दिनांक 27 फरवरी 2018 के उत्तर में बताया गया था कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 29.04.2017 को की गई घोषणानुरूप विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम सलेहपुर से कडियाहाट, ग्राम शमशेरपुरा से गांगाहोनी, ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती पुल तथा ग्राम भगवतीपुर से मलावर तक सड़क निर्माण कार्यों को मुख्य बजट 2018-19 हेतु एस.एफ.सी. की 167वीं बैठक में सम्मिलित करते हुये प्रस्तावित किया गया है? यदि हाँ, तो ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती पुल तक कुल 1.50 कि.मी. लागत 97.97 लाख सड़क निर्माण कार्य को मुख्य बजट 2018-19 में सम्मिलित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा क्रमांक B-3584 दिनांक 29.04.2017 के परिपालन में उक्त अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रामीण मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य को मुख्य बजट 2018-19 में सम्मिलित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन मार्ग की लागत 1.00 करोड़ से कम होने के कारण बजट में सम्मिलित करने की आवश्यकता नहीं होती है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है।
निविदा आमंत्रण की जानकारी
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 5882 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कौन-कौन से कार्य है, जिनके निर्माण हेतु प्रथम, द्वितीय अथवा इससे अधिक बार निविदायें आमंत्रित किये जाने के बाबजूद किसी भी निर्माण एजेन्सी द्वारा उसमें भाग नहीं लिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त वर्णित कार्यों की निविदाओं की पुनरावृत्ति किये जाने के बाबजूद वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कोई निविदा प्राप्त नहीं होने के क्या प्रमुख तथ्य/कारण रहे हैं? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कोई संज्ञान लिया गया? यदि हाँ, तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में सुठालिया-घोघरा घाट मार्ग स्थित पार्वती नदी पर पुल निर्माण कार्य, मजबूतीकरण मद अंतर्गत दोबडा से भाटपुरा मार्ग, कडियाहाट से निवारा मार्ग तथा नापानेरा से नेवली मार्ग की कई बार निविदायें आमंत्रित किये जाने के बाद भी एक भी निविदा प्राप्त नहीं हुई? यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यों के प्राक्कलन में निर्माण स्थल पर कार्य अनुसार कुछ भिन्नताएं होने से यह स्थिति निर्मित हो रही है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा ऐसे कारकों को संज्ञान में लेने उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर में निर्माण कार्यों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
108. ( क्र. 5889 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर में (ग्वालियर जिले में) 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक दो लाख से अधिक राशि के तथा दो लाख से कम राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस निर्माण ऐजेन्सी/ठेकेदार को कितनी-कितनी दरों पर स्वीकृत किये गये हैं? सूची दें। वह कार्य किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? इन निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? क्या निर्माण कराये गये तथा कराये जा रहे कार्यों की खराब गुणवत्ता के सम्बन्ध में शिकायतें उक्तावधि में मिली हैं? यदि हाँ, तो किस-किस निर्माण कार्य की, शिकायतकर्ता का नाम, पता तथा शिकायत की जॉच किस-किस के द्वारा की गई? उनका नाम, पद तथा क्या निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी पाई गई? यदि हाँ, तो क्या दोषी निर्माण एजेन्सी तथा सुपरविजन यंत्रिकों/अधिकारियों के प्रति कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक वि.वि. को कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ है? प्राप्त वित्तीय आवंटन के विरूद्ध किस-किस मद में कितना उपयोग हुआ है? (ग) 1 फरवरी 2018 की स्थिति में वि.वि. में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी अपनी मूल पदस्थापना पर कार्यरत न होकर अन्य कहाँ-कहाँ किस आदेश से अटैच किये गये हैं? उनका नाम तथा पद की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर में प्रश्नांश अवधि 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक दो लाख से अधिक राशि के स्वीकृत निर्माण कार्यों के विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दो लाख से कम राशि के निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं। उक्त अवधि में निर्माण कार्यों की खराब गुणवत्ता के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के नवीन कार्य के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर में उनके पत्र क्रमांक/आ.अ.प्र./ग्वा./1143/2017 दिनांक 04.03.2017 के अनुसार शिकायत क्रमांक 147/15 की कार्यवाही उक्त एजेंसी के यहां प्रचलन में है। मूल शिकायत विश्वविद्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों में अनियमितता की शिकायत श्री राकेश सिंह कुशवाह घास मंडी ग्वालियर एवं श्री देवेन्द्र सिंह दर्पण कॉलोनी, ग्वालियर द्वारा माननीय महामहिम राज्यपाल महोदय को र्की गई थी यह शिकायत माननीय राजभवन कार्यालय के अपर सचिव म.प्र. के पत्र क्रमांक/44/एफ-3-1/2017/रा.स./यू.ए.1/दिनांक 13.01.2017 द्वारा विश्वविद्यालय को दिनांक 30.01.2017 को प्राप्त हुई। प्राप्त शिकायत के संबंध में डॉ.वाय.एम.कूल निदेशक योजना एवं प्रक्षेत्र विकास रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर (सेवानिवृत्त) द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। जिसे कार्यालय पत्र क्रमांक कु.स./स्था.शिकायतजाँच/2017/723 दिनांक 16.02.2017 द्वारा राजभवन भोपाल को प्रेषित किया जा चुका है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) 01 फरवरी 2018 की स्थिति में विश्वविद्यालय अन्तर्गत उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर के विभिन्न विषयों के 06 सहायक प्राध्यापकों/उद्यानिकी सहायकों का प्रशासकीय आधार पर कार्य करने हेतु अस्थायी रूप से आदेशित/संलग्नीकरण विभिन्न इकाइयों में पद रिक्तता एवं छात्र-छात्रों के शिक्षण एवं अनुसंधान कार्य को दृष्टिगत रखते हुए किया गया था। उन्हें भी निरस्त कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
किसानों की बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 5890 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में रबी एवं खरीफ में वर्ष 2016 एवं 2017 में कितने ऋणी व अऋणी किसानों का बीमा किया गया था? तहसीलवार ऋणी व अऋणी किसानों की संख्यात्मक जानकारी देवें। कितने किसानों को बीमा का लाभ दिया गया है? कितने किसान शेष हैं? शेष किसानों (ऋणी एवं अऋणी) की तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी देवें। किसानों की बीमा राशि का भुगतान नहीं होने से कितने किसानों के आवेदन पत्र/शिकायत उप संचालक कृषि ग्वालियर को प्राप्त हुये? उन किसानों के नाम व ग्राम बतावें। प्राप्त आवेदनों में सें कितने किसानों को वास्तविक रूप से भुगतान हो चुका है? कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ख) शेष पात्र किसानों को बीमा का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? प्रन दिनांक तक भुगतान न कराने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें। क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। रबी 2016-17, खरीफ 2017 की अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति होने के एवज में बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किये जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2017 मौसम हेतु औसत पैदावार के आंकड़े बीमा कंपनी को दिनांक 31.01.2018 प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर दावों की गणना कर यदि किसी अधिसूचित क्षेत्र के अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पायी जाएगी तो योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। बीमा कंपनी द्वारा रबी 2016-17 हेतु शेष अंतिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि की गणना कर मांग की गई है जिसके भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उप संचालक कृषि जिला ग्वालियर को कुल 71 कृषकों के आवेदन प्राप्त हुये हैं जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्राप्त आवेदनों में से किसानों को बीमा दावे के भुगतान के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चल-अचल संपत्ति की जानकारी
[सहकारिता]
110. ( क्र. 5893 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखंड विपणन सहकारी समिति हरपालपुर के पास कुल कितनी चल–अचल संपत्ति कहाँ–कहाँ पर किस प्रकार की है? इन संपत्तियों से विगत 02 वर्षों से प्राप्त आय का विवरण प्रदाय करें। वर्तमान में इन संपत्तियों का कैसे उपयोग किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या समिति की किसी संपत्ति को किराये पर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस शर्तों के अधीन? किस प्रक्रिया के अनुसार किसे दिया गया? अलग–अलग जानकारी प्रदाय करें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) चल-अचल संपत्ति एवं आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ, अनुबंध शर्त अधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, जिन व्यक्तियों के द्वारा निर्माण के लिये प्रीमियम राशि उपलब्ध कराई गई, उन्हीं व्यक्तियों को संचालक मंडल की स्वीकृति से संस्था द्वारा दुकानें किराये पर दी गई हैं।
भवन निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 5894 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत पी.आई.यू. के पास किन–किन विभागों के भवनों की स्वीकृति अथवा राशि है? वर्तमान स्थिति क्या है? सूची सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में किन–किन भवनों का निर्माण किस कारण से रूका है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर के नवीन भवन का निर्माण कार्य कब व कहाँ प्रारंभ होगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत शिक्षा विभाग के कितने भवनों की स्वीकृति प्राप्त हुई है? क्या निर्माण प्रारंभ करने में विलंब है? विलंब का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवंटित भूमि पर क्षेत्रीय ग्रामवासियों द्वारा विरोध करने पर मात्र एक कार्य हाई स्कूल गुलट का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ईशानगर की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। निविदा उपरांत निर्माण कार्य ईशानगर में कराया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) कुल 7 कार्य। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ब्रिज, सड़क, भवन का निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 5901 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत उज्जैन नगर में पुराने शहर एवं नये शहर को जोड़ने वाला फ्रीगंज ब्रिज कितना पुराना है? फ्रीगंज ब्रिज की मरम्मत विगत वर्ष 2013-14 से कब-कब की गई? फ्रीगंज ब्रिज की तकनीकी अवधि कितनी है? फ्रीगंज ब्रिज को उक्तावधि में कब-कब विस्तारित किया गया? (ख) क्या भविष्य में फ्रीगंज ब्रिज के पुनर्निर्माण की शासन की कोई कार्ययोजना विभाग के पास है? यदि हाँ, तो विवरण प्रस्तुत करें। (ग) उज्जैन शहर या उज्जैन शहर के आस-पास सिंहस्थ २०१६ में लोक निर्माण विभाग में कितने ब्रिज, सड़क,भवन स्वीकृत हुये थे? उनमें से कितने ब्रिज, सड़क, भवन बनाये गये हैं? कितने प्रगति पर हैं तथा कितने बनना शेष हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अनुमानत: 70 से 80 वर्ष पुराना है। पुल की मरम्मत वर्ष 2013-14, 2014-15 में नहीं की गई वरन वर्ष 2015-16 में सिंहस्थ मद में की गई और वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कोई मरम्मत नहीं की गई। निर्माण के समय का रिकार्ड उपलब्ध नहीं है, अत: तकनीकी अवधि बताना संभव नहीं है। वर्ष 1991-92 में सिंहस्थ मद के अंतर्गत चौड़ीकरण किया गया था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
अतिक्रमण एवं शा. हाई स्कूलों के प्रौन्नत की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 5904 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खाली पड़े, भू-खण्डों पर, मैदानों पर कहाँ-कहाँ, किस-किस ने अतिक्रमण किया है? तहसीलवार ब्यौरा दें। (ख) शासन ने अतिक्रमण कब चिन्हित किये व अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) क्या शाला भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाएगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार? (घ) शासकीय हाई स्कूलों को प्रौन्नत करने की क्या नीति है? इस नीति में उज्जैन दक्षिण विधानसभा के कौन-कौन से हाई स्कूल प्रौन्नत होंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय संबधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ -अनुसार। (ख) हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में समाहित है तथा प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं संबधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) स्कूलों को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु सभी अनुविभागीय अधिकारियों को कलेक्टर के पत्र क्र. 407 दिनांक 20.07.2016, क्र. 509 दिनांक 24.08.2016, क्र. 976 दिनांक 21.11.16, क्र. 137 दिनांक 27.2.2017, क्र. 394 दिनांक 6.6.2017, क्र. 752 दिनांक 18.9.2017 से अतिक्रमण हटाने हेतु लिखा गया है। (घ) हाई स्कूल प्रौन्नत करने की नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। शाला उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं स्वीकृति मापदण्डों की पूर्ति, बजट उपलब्धता पर निर्भर करती है।
सहायक अध्यापकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
114. ( क्र. 5909 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अध्यापक संवर्ग (शिक्षाकर्मी) के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के समक्ष प्रस्तुत रिट याचिका क्रमांक 8208/12 दिनांक 11/02/2017 सरदार सिंह राठौर एवं अन्य विरूद्ध मध्य प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा विभाग वल्लभ भवन भोपाल के ऊपर दर्ज होकर याचिका माननीय न्यायाधिपति महोदय द्वारा नेशनल लोक अदालत में दिनांक 11/02/2017 निराकृत आदेश पारित किया। (ख) उक्त आदेश के परिपालन में प्रार्थी सरदार सिंह एवं अन्य ने शिक्षा विभाग को दिनांक 14/03/2017 को जो पत्र दिया गया था, उस संबंध में आज दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 25/05/2017 को जो पत्र अभ्यावेदन सहित दिया गया, उस पर क्या कार्यवाही की गई एवं इस प्रकरण का निराकरण कब तक हो जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय इन्दौर खण्डपीठ द्वारा पारित निर्णय के परिपालन में सरदार सिंह व अन्य द्वारा विभाग को दिनांक 14.03.2017 को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसका निराकरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उज्जैन के आदेश दिनांक 12.03.2018 के द्वारा किया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश (ग) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश की हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी परीक्षा में नकल के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 5910 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में दिनांक 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रदेश के किन-किन स्कूल में परीक्षा के दौरान कितने विद्यार्थियों को नकल करते हुये पकड़ा? सिर्फ संख्या बतायें। इनमें कितने विद्यालयों में 10 से अधिक विद्यार्थी को नकल करते हुए पकड़ा? उनकी सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग द्वारा 10वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को नकल करते हुए पकड़े जाने पर पुलिस प्रकरण बनाए जायेंगे? प्रदेश में यह नियम कब से लागू किया गया? इस नियम का कब-कब, कहाँ-कहाँ के लिए उपयोग किया गया? (ग) प्रदेश में विभाग की दृष्टि से कितने संवेदनशील केन्द्र हैं? इनमें कितने निजी स्कूल हैं? इनकी सूची उपलब्ध करायें। (घ) उक्त अवधि में उक्त परीक्षा में किस-किस विषय के प्रश्न पत्र में क्या-क्या गलती होने पर किस-किस शिक्षक को डिबार किया गया? इन्हें प्रश्न पत्र निर्माण हेतु कितना भुगतान किया गया? उक्त अवधि में उक्त परीक्षाओं के परिणाम में कितने विद्यार्थियों द्वारा पुनर्गणना के दौरान कितने विद्यार्थियों के अंकों में वृद्धि हुई? सिर्फ संख्या बतायें। इनमें कितनों के अंक न्यायालय के निर्देश के बाद बढ़े?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) माध्यमिक शिक्षा मण्डल मध्यप्रदेश द्वारा जारी निर्देश के तहत परीक्षा के दौरान पूरे प्रदेश में यदि कोई व्यक्ति अनैतिक कार्य में लिप्त सामूहिक नकल करने एवं कराने में गंभीर रूप से लिप्त पाए जाने पर उनके विरूद्ध परीक्षा अधिनियम 1937 की धाराओं के तहत पुलिस में एफ.आई.आर दर्ज कराये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रावधानुसार कार्यवाही की जावेगी। मण्डल के निर्देश पत्र क्रमांक 563/प.स./2018 भोपाल दिनांक 11.01.2018 एवं पत्र क्रमांक 596/प.स./2018 भोपाल दिनांक 23.01.2018 जारी किया गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार। (ग) प्रदेश में वर्ष 2018 की परीक्षा हेतु 483 संवेदशील केन्द्र जिला प्रशासन के प्रस्ताव अनुसार चिन्हित किये गये है, जिनमें निजी परीक्षा केन्द्र की संख्या 66 है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार। (घ) उक्त अवधि में हायर सेकेण्डरी परीक्षा के विषय हिन्दी सामान्य के प्रश्न-पत्र के निर्माण कार्य में मण्डल निर्देशों का पालन नहीं करने, गलत जानकारी देने की त्रुटि करने के कारण दो शिक्षक क्रमश: श्रीमती वंदना व्यास, व्याख्याता, उज्जैन एवं श्री संतोष स्वर्णकार शाजापुर को मण्डल के समस्त कार्य से डिबार किया गया है। इन्हें उक्त कार्य हेतु किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है। शेषांश अंक सत्यापन के दौरान वर्ष 2015 में 1110, 2016 में 1046 तथा वर्ष 2017 में 958 छात्रों के अंक परिवर्तन हुये। माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार वर्ष 2015 में 06, 2016 में 01 तथा 2017 में 02 छात्रों के अंक बढ़े।
मण्डी अधिनियम के विपरीत गोदामों पर छापामार कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
116. ( क्र. 5918 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लक्ष्मीनाराण शर्मा कृषि उपज मण्डी समिति करोंद भोपाल के प्रांगण में स्थित फर्म एम.एस. इंटरप्राईजेज गोदाम क्रमांक जी.बी.ई. 150, 244, 245 में दिनांक 05.12.2017 को एवं विक्की ट्रेडर्स गोदाम क्रमांक जी.बी.ई. 188 में दिनांक 04.12.2017 को गोविन्दपुरा एस.डी.एम. (मुकुल गुप्ता) व उनकी टीम द्वारा औचक रूप से छापामार कार्यवाही कर अवैधानिक बताकर भण्डारित गेहूं व चावल को जब्त किए जाने के पश्चात मण्डी अधिनियम के विरूद्ध सचिव द्वारा गोदाम संचालक के लायसेंस बिना कोई सूचना एवं स्पष्टीकरण के निलम्बित एवं निरस्त किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गोदामों में क्रमश: फर्म एम.एस. इंटरप्राईजेज द्वारा दिनांक 10.10.2017 मेसर्स सुदामा ट्रेडिंग कंपनी देहली से 49 क्विंटल चावल व 942 क्विंटल गेहूं मेसर्स राजेश ट्रेडर्स भोपाल से तथा विक्की ट्रेडर्स द्वारा दिनांक 04.12.2017 को मदरसा जामिया इस्लामिया अरबिया मोतिया पार्क भोपाल से 785 क्विंटल छनाई, बिनाई के लिए अनुबंध के आधार पर गोदाम में मण्डी आवक तोल कांटे की पर्ची के साथ रखा था? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गल्ले को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दस्तावेजों के आधार पर माननीय मजिस्ट्रेट (प्रकाश डामोर) प्रथम श्रेणी न्यायालय भोपाल द्वारा दिनांक 28 फरवरी 2018 को सुपुर्दगी पर सौंपे जाने हेतु आदेश जारी किए गए हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छापामार कार्यवाही मण्डी अधिनियम के विपरीत नहीं है? यदि नहीं, तो किस अधिकारिता के तहत कार्यवाही की गई क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दस्तावेजों के आधार पर निष्पक्ष जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मण्डी समिति भोपाल द्वारा फर्म एम.एस. इन्टरप्राईजेज एवं फर्म विक्की ट्रेडर्स के प्रकरणों में फर्मों को नियमानुसार स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु फर्म एम.एस. इन्टरप्राईजेज को पत्र क्रमांक 417 दिनांक 05.12.2017 तथा फर्म विक्की ट्रेडर्स को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/मंडी/लायसेंस/17-18/417 दिनांक 05.12.2017 जारी कर प्रकरण में युक्तियुक्त अवसर प्रदान किये गये एवं दिनांक 07.12.2017 को अध्यक्ष मंडी समिति के अनुमोदन से मण्डी समिति के पत्र क्रमांक 420 दिनांक 17.12.2017 तथा एम.एस. इन्टरप्राईजेस की अनुज्ञप्तियां एवं पत्र क्रमांक 429 दिनांक 07.12.2017 से तत्काल प्रभाव से निलंबित की गई तथा मण्डी समिति की बैठक दिनांक 28.12.2017 में पारित प्रस्ताव क्रमांक 04 के ठहराव/निर्णय अनुसार पत्र क्रमांक 1965-1966 दिनांक 03.01.2018 के द्वारा उक्त दोनों फर्मों की अनुज्ञप्ति निरस्त की गई। (ख) फर्म एम.एस. इन्टरप्राईजेज द्वारा दिनांक 10.10.2017 मेसर्स सुदामा ट्रेडिंग कम्पनी देहली 49 क्विंटल चावल 942 क्विंटल गेहूं मेसर्स राजेश ट्रेडर्स भोपाल से तथा विक्की ट्रेडर्स द्वारा दिनांक 04.12.2017 को मदरसा जामिया इसलामिया अरबिया मोतिया पार्क भोपाल से 785 क्विंटल छनाई बिनाई के लिये अनुबंध के आधार पर संव्यवहार किये, उक्त फर्मों द्वारा कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 37 के अंतर्गत क्रय-विक्रय के प्रावधानों के विपरीत अनुबंध के आधार पर छनाई, बिनाई कार्य कोई वैध प्रक्रिया नहीं है और न ही मंडी समिति भोपाल के कार्यालयीन उपलब्ध रिकार्ड एवं मण्डी प्रांगण में उक्त कृषि उपज की वैध आवक नहीं हुई है। (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी म.प्र. कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 की धारा क्रमांक 24 सन् 1973 की धारा 33 अंतर्गत विधि अनुकूल कार्यवाही की गई है।
ए.डी.जे. कोर्ट एवं व्यवहार न्यायालय की जानकारी
[विधि और विधायी कार्य]
117. ( क्र. 5925 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत तहसील मझौली में ए.डी.जे. कोर्ट की स्वीकृति कब प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ए.डी.जे. कोर्ट भवन के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं कब तक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) सीधी जिले के अंतर्गत तहसील कुसमी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना किये जाने के संबंध में अभी तक शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या व्यवहार न्यायालय कुसमी में स्थापित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सीधी जिले की तहसील मझौली में मध्यप्रदेश राजपत्र भाग-1 दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित विधि विभाग की अधिसूचना दिनांक 05.10.2016 एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की अधिसूचना दिनांक 18.11.2016 द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) तहसील मझौली में विभागीय आदेश दिनांक 26.09.2017 द्वारा दो न्यायालय कक्षों वाले नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु रूपये 1,28,73,000 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। निश्चित समय अवधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) तहसील कुसमी जिला सीधी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना हेतु माननीय उच्च न्यायालय से अभिमत प्राप्त किया गया। माननीय उच्च न्यायालय ने अवगत कराया है कि कुसमी में सिविल न्यायालय की स्थापना की मांग निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप न होने से नस्तीबद्ध की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कॉलोनी के रहवासियों को आवंटित भू-खण्डों का मालिकाना हक
[सहकारिता]
118. ( क्र. 5926 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में कल्पना नगर कॉलोनी के लिये शासन द्वारा राजस्व विभाग द्वारा राज्य सहकारी आवास संघ को कितनी-कितनी भूमि किस-किस वर्ष में आवंटित की गई थी? आवंटन के नियम एवं शर्तें क्या थी? (ख) राजस्व विभाग द्वारा राज्य सहकारी आवास संघ से आवंटन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना भू-भाटक एवं अन्य राशि वसूल की गई? पृथक-पृथक बताया जाए? (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी को आवंटित भूमि का टायटल (मालिकाना हक) निरस्त कर देने के कारण उक्त कॉलोनी अवैध हो गई है? (घ) शासन को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी के रहवासियों द्वारा समस्या के निराकरण हेतु ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है? (ड.) शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी के रहवासियों को आवंटित भू-खण्डों का मालिकाना हक दिलवाने के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 1989 में 42 एकड़, वर्ष 1999 में 3.7 एकड़, नियम व शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रब्याजी राशि रूपये 20,56,210.00 प्रब्याजी राशि पर ब्याज रूपये 34,96,533.00 भू-भाटक की राशि रूपये 36,01,850.00. (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। (ड.) राजस्व विभाग में प्रकरण प्रक्रियाधीन है।
नवीन सड़क निर्माण में भेदभाव
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 5928 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी नवीन सड़कें स्वीकृत की गई? सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में प्रमुख सड़कों को आपस में जोड़ने हेतु अलिसरीया (भोले डूंगरी) से इमली जोड़, तेलिया हनुमान मंदिर, डुगलाय से बांका खेड़ी, नीमखेड़ी से देवली, बोल्दा से हड़लायकलॉ एवं उंचोद से रानी बड़ोदा मार्गों पर सड़क निर्माण की मांग की गई थी? उक्त मार्गों में से कितनी नवीन सड़कें लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत कर दी गई हैं? यदि नहीं, की गई हैं, तो क्यों? (ग) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण में लोक निर्माण विभाग द्वारा भेदभाव क्यों किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। एक कार्य। शेष कार्यों पर वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण कार्यवाही की जाना संभव नहीं हो सकी। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
120. ( क्र. 5932 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त महोदय, लोक शिक्षण संचानालय म.प्र. भोपाल के 2015 के आदेशानुसार श्री सुभाष चन्द शर्मा अध्यापक एवं श्रीमती सुषमा शर्मा सहायक अध्यापक का संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल संभाग भोपाल द्वारा बबीता मिश्रा की शिकायत के अनुसार विभागीय जाँच में नियुक्ति स्वरूप प्रमाण-पत्रों का विभागीय सत्यापन करवाया गया था, स्पष्ट करें फिर जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा द्वेषभावना के तहत वरिष्ठ अधिकारी द्वारा करवाई विभागीय जाँच होने पर पुन: विभागीय जाँच के आदेश नियम विरूद्ध कैसे दिये गये हैं? उक्त आदेश का क्या तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जायेगा? (ख) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ का प्रशासकीय स्थानांतरण होने पर तथा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल द्वारा कार्यमुक्त करने पर फिर अपने पद का दुरूपयोग करते हुये विभागीय जाँच होने पर भी नियम विरूद्ध पुन: विभागीय जाँच के आदेश देने पर जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जायेगा? (ग) विभागीय जाँच होने पर तथा स्पेशल टॉस्क फोर्स पुलिस म.प्र. भोपाल की जाँच में नियुक्ति स्वरूप प्रमाण-पत्र सत्य पाये जाने पर तथा निलंबन के 45 दिवस के पश्चात निलंबन अवधि नहीं बढ़ाने पर संस्था में दिनांक 29.03.2016 को प्रदान की गई उपस्थिति मान्य की जायेगी। (घ) आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र. भोपाल के आदेशानुसार विभागीय जाँच होने पर जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ का स्थानांतरण होने तथा आयुक्त द्वारा कार्यमुक्त करने के पश्चात भी विभागीय जाँच के आदेश को क्या तत्काल प्रभाव से निरस्त कर निलंबन आदेश निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, अपितु आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु दिनांक 15.01.2015 को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल संभाग को निर्देशित किया गया था। जाँच प्रतिवेदन अद्यतन अप्राप्त है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शाजापुर के पत्र दिनांक 19.06.2015 द्वारा कलेक्टर राजगढ़ को प्रेषित किये गये पत्र के साथ संलग्न जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर राजगढ़ के आदेशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा दिनांक 13.02.2017 को विभागीय जाँच संस्थित की गई है। जी नहीं। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दिनांक 15.01.2015 को केवल जाँच के निर्देश दिये गये विभागीय जाँच के नहीं। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विभागीय जाँच संस्थित है। जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा एस.टी.एफ. से जाँच नहीं कराई गई है। निलंबन के 45 दिवस के पूर्व आरोप पत्र जारी किये है। समय-सीमा में आरोप पत्र जारी नहीं किये जाने के संबंध में श्री सुभाष शर्मा एवं श्रीमति सुषमा शर्मा द्वारा आयुक्त भोपाल संभाग के समक्ष प्रस्तुत अपील को आयुक्त भोपाल संभाग द्वारा अस्वीकार किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला उन्नयन एवं रिक्त पदों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
121. ( क्र. 5934 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी में ऐसे कितने स्थान हैं जहां हाई स्कूलों से पाँच किलोमीटर की दूरी तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों से आठ किमी की दूरी पर क्रमश: हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं हैं? (ख) क्या विकासखण्ड लांजी के अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला सावरीकला, शासकीय माध्यमिक शाला उमरी, शासकीय माध्यमिक शाला नेवरवाही तथा विकासखण्ड किरनापुर के अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला पौनी, हाई स्कूल उन्नयन के समस्त मापदंड पूरे करते हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत समस्त हाई स्कूलों तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में स्वीकृत तथा रिक्त पदों की जानकारी दें। (घ) विधानसभा क्षेत्र लांजी में कौन-कौन से हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल उन्नयन के मापदंड को पूरा करते हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शाला उन्नयन के मापदण्ड (दूरी) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। विभाग द्वारा हाई स्कूल से हाई स्कूल एवं हायर सेकेन्डरी से हायर सेकेन्डरी की दूरी की जानकारी एकत्रित नहीं की गई है। (ख) वर्ष 2017-2018 में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शाला उन्नयन बजट उपलब्धता एवं मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर करेगा। (ग) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत हाई स्कूलों तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में स्वीकृत तथा रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
122. ( क्र. 5935 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित अधिनियम की धारा 36 के अंतर्गत मंडियों में अधिसूचित कृषि उपज के विक्रय हेतु कोई भी अधिसूचित कृषि उपज की बोली न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम में शुरू की ही नहीं की जा सकती अर्थात व्यापारी एम.एस.पी. से नीचे फसल खरीद ही नहीं सकता? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश की मंडियों में एम.एस.पी. से नीचे कृषि उपज की बिक्री तथा विषयांकित अधिनियम के खुलेआम उल्लंघन के लिए शासन ने मंडी सचिवों पर क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है, तो कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ग) विषयांकित अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में मॉडल विक्रय दर (भावान्तर हेतु) एम.एस.पी. से नीचे कैसे संभव है? (घ) केन्द्र सरकार द्वारा क्या अनाज दलहनों तथा तिलहनों पर आयात शुल्क समाप्त करने से प्रदेश के बाजारों में इसके दुष्प्रभावों की जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मण्डी अधिनियम, 1972 की धारा 36 (3) में प्रावधान है कि मण्डी प्रांगण में विक्रय के लिए लाई गई अधिसूचित कृषि उपज की कीमत निविदा बोली या खुले नीलाम पद्धति द्वारा तय की जाएगी तथा तय हुए मूल्य में किसी भी कारण से कोई कटौती नहीं की जाएगी, परन्तु मण्डी प्रांगण में ऐसी कृषि उपज की जिसके लिए कि राज्य सरकार द्वारा समर्थन कीमत घोषित की गई है, कीमत उस कीमत से कम निर्धारित नहीं की जाएगी जो इस प्रकार नियत की गई कीमत से कम पर प्रारम्भ नहीं होने दी जाएगी। कृषि उपज मण्डी सतिमियों में कृषि उपज की नीलामी समर्थन मूल्य पर ही प्रारंभ कराई जाती है। गुणवत्ता के आधार पर उच्चतम प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा बोली लगाई जाती है। तदोपरांत कृषकों की सहमति के आधार पर ही अनुबंध जारी किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाने वाली मॉडल (होल-सेल) विक्रय दर कोई खरीदी दर नहीं है अपितु किसान को बाजार भाव के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा प्रदान करने हेतु शासन द्वारा सहायता के रूप में योजना में निर्धारित शर्तों के अध्यधीन एवं पात्रता अनुसार, पंजीकृत किसानों को प्रदान की जाती है। इसलिये मंडी अधिनियम के उल्लंघन की स्थिति नहीं है। यह भावांतर राशि मंडी में बेची गई फसल के विक्रय मूल्य के अतिरिक्त दी जाती है। (घ) प्रश्नागत आयात शुल्क केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टी.डी.एस. कटौत्रे की जानकारी
[सहकारिता]
123. ( क्र. 5942 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 869 दिनांक 27/02/18 के (क) उत्तर के परिशिष्ट अनुसार विपणन संघ भोपाल के दिनांक 24/06/15 की प्रमाणित प्रति देवें। यह भी बतावें कि किस आधार पर टी.डी.एस. कटौत्रे संबंधित यह पत्र जारी किया गया, जबकि वाणिज्यिक कर विभाग के आदेश क्रमांक 2996/PS/CT/08 दिनांक 29/07/2008 में उल्लेख है कि टी.डी.एस. राशि न काटने वाले अधिकारी पर शास्ति आरोपित किया जाना निर्धारित है? (ख) क्या इसके लिए विपणन संघ में (टी.डी.एस. में छूट संबंधी) वाणिज्यिक कर विभाग से अनुमति ली? यदि हाँ, तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्न क्रमांक 869 दिनांक 27/02/2018 के (ग) उत्तर अनुसार टी.डी.एस. राशि नहीं काटने पर झाबुआ के अधिकारियों पर तो कार्यवाही कर दी गई लेकिन खरगोन, राजगढ़, बुरहानपुर, देवास, शाजापुर के अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं की गई? इन्हें क्यों संरक्षण दिया गया व झाबुआ में क्यों कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्तानुसार परिवहनकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत देयकों का विवरण देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विपणन संघ द्वारा जारी पत्र दिनांक 24.06.2015 की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार, विपणन संघ द्वारा जारी पत्र आयकर अधिनियम की धारा 194 सी के आधार पर जारी किया गया है जिसके अनुसार दिनांक 01.06.2015 के पश्चात वर्ष के दौरान किसी व्यक्ति के स्वामित्व में दस से अधिक ट्रक नहीं रहे हैं, तो ऐसे व्यक्ति के स्व-घोषणा पत्र के आधार पर टैक्स काटने वाली संस्था द्वारा टी.डी.एस. कटौत्रा किया जाना आवश्यक नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार खरगोन, राजगढ़ एवं बुरहानपुर जिले में दस ट्रक से कम ट्रक स्वामित्व होने संबंधी घोषणा पत्र दिये जाने से टी.डी.एस. कटौत्रा नहीं किया गया, देवास एवं शाजापुर जिले के ऐसे परिवहनकर्ताओं से कटौत्रा किया गया है जिन्होंने आयकर अधिनियम की धारा 194 सी के अंतर्गत घोषणा पत्र नहीं दिया, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्याज छटाईकर्ता को राशि का भुगतान
[सहकारिता]
124. ( क्र. 5943 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 872 दिनांक 27.02.18 के प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट (1) में वर्णित छटाई व्यय की जानकारी छटाईकर्ता नाम, भुगतान राशि, बैंक खाता नम्बर/व्हाउचर, दिनांक सहित जिलावार देवें। (ख) यह भी बतावें कि छटाई कितने रू. प्रति क्विंटल की दर से की गई? इसकी दर विभाग ने कितनी निर्धारित की थी? क्या कारण है कि प्रश्नांश (क) अनुसार अलग-अलग जिलों में छटाई अलग अलग दरों पर की गई? जिलावार कारण सहित जानकारी देवें। (ग) कुल कितने छंटाईकर्ताओं की कितनी भुगतान राशि शेष है? जिलावार छटाईकर्ता नाम, लंबित राशि सहित देवें। (घ) उपरोक्त भुगतान में विलंब के कारण भी देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न खरीदी केन्द्र की जानकारी
[सहकारिता]
125. ( क्र. 5946 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद के होशंगाबाद एवं हरदा जिले में किन सहकारी साख समितियों को वर्ष 2015,2016 एवं 2017 में गेहूं, मूँग व धान खरीदी का केन्द्र बनाया गया? खरीदी केंद्र बनाने के नियम की छायाप्रति देवें। (ख) उपरोक्त वर्षों में गेहूं, मूँग व धान खरीदी की प्रासंगिक दरें क्या थीं? समितियों द्वारा जिंसवार, कितना व्यय किया गया? वर्षवार केंद्रवार जानकारी देवें। जिन केंद्रों द्वारा निर्धारित दर से अधिक प्रासंगिक व्यय किया उनके उत्तरदायी अ अधिकारी का नाम व की गई कार्यवाही बतावें। (ग) उपरोक्त वर्षों में गेहूं, मूँग व धान के लिए कितनी-कितनी साख सीमा स्वीकृत की गई थी? दिनांक 31 मार्च तक उक्त वर्षों में साख सीमा के विरूद्ध कितनी राशि समितियों पर बकाया थी? वर्षवार, समितिवार जानकारी देवें। (घ) दिनांक 31 मार्च तक उक्त वर्षों में शेष बकाया के विरूद्ध समिति के पास कितना कवरेज उपलब्ध था? जिन समितियों में कवरेज की कमी पाई गई उस कमी के लिए कौन उत्तरदायी है और इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ड्रिप सिस्टम का भौतिक सत्यापन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
126. ( क्र. 5947 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 में किन-किन कृषकों के ड्रिप अनुदान की 20 प्रतिशत राशि किन कारणों से रोकी गई थी? यदि ड्रिप संयंत्र स्थापित नहीं थे तो वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी एवं ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी ने भौतिक सत्यापन में ड्रिप संयंत्र स्थापित होकर पानी देना क्यों बताया? ऐसे असत्य भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, कृषक संख्या सहित देवें। (ख) उक्त संचालक उद्यानिकी, जिला खरगोन द्वारा किस आधार पर किन-किन कंपनियों को अनुदान राशि का 20 प्रतिशत रोका गया? प्रति देवें। इस रोकी गई राशि का सत्यापन पुन: संबंधित ब्लॉक/ग्रामीण स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो कृषक के नाम, पता सहित जानकारी देवें। (ग) कृषकों के खेत पर ड्रिप सिस्टम का भौतिक सत्यापन करने की जानकारी क्या ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा दौरा डायरी में दर्ज की जाती है? (घ) क्या उप संचालक उद्यानिकी खरगोन द्वारा कृषकों के खेत पर ड्रिप सिस्टम का भौतिक सत्यापन किया जाता है? क्या इस सत्यापन कार्य को उप संचालक उद्यानिकी अधिकारी द्वारा दौरा डायरी में दर्ज किया जाती है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कृषकों के प्रक्षेत्रों पर फसल खड़ी होने के कारण ड्रिप सिस्टम के लेटरल पाईप नहीं बिछाये गये थे, इस कारण 20 प्रतिशत राशि का भुगतान सामग्री प्रतिष्ठापन के उपरांत करने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया था। कृषकों को पूर्ण सामग्री प्रदाय कर प्रक्षेत्रों पर हेड यूनिट की स्थापना कर सिस्टम की जाँच कर ली गई थी। इसलिए समिति द्वारा भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। असत्य भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) में लिखे कारण अनुसार राशि रोकी गई। कार्य का सत्यापन पुन: कार्यक्षेत्र के अधिकारियों द्वारा किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं '2' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। भौतिक सत्यापन का कार्य विकासखंड स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरोपियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
127. ( क्र. 5948 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, होशंगाबाद के द्वारा वर्ष 2015 के फसल बीमा के संबंध में कोई अपराध दर्ज कराया गया था? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की प्रति देवें। (ख) उक्त में कौन-कौन आरोपी थे और उनके विरूद्ध क्या-क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या इस संबंध में सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त हरदा एवं संयुक्त आयुक्त नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद द्वारा जाँच की गई थी। जाँच की प्रति देवें। (घ) क्या दोनों जांचों के निष्कर्षों में अंतर है और क्या यह नियमानुसार है तथा उक्त के संबंध में बैंक संचालक मंडल/स्टॉफ उप समिति द्वारा क्या-क्या निर्णय लिये? निर्णयों की प्रति देवें। क्या निर्णय नियमानुसार है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत कार्यों के भौतिक स्थिति की जानकारी
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 5956 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र देवरी जिला सागर में लोक निर्माण विभाग, एम.पी.आर.डी.सी., पी.आई.यू. द्वारा विगत दो वर्षों में कौन-कौन से स्वीकृत कार्यों का निर्माण किया जा रहा है? कार्य की वर्तमान भौतिक स्थिति, पूर्णता की स्थिति बतावें। (ख) महाराजपुर से सहजपुर से केसली मार्ग कब, कितनी लागत से स्वीकृत किये गये? कार्य किस फर्म को दिया गया है? कितनी राशि अब तक ठेकेदार कं. को दी गई है और कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? कार्य आरंभ न होने के क्या कारण हैं? इस संबंध में कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) देवरी से सहजपुर मार्ग के निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण हेतु कौन उत्तरदायी है? घटिया निर्माण होने व निर्मित मार्ग में दरारें होने, निर्माण के दौरान ही मार्ग टूटने हेतु कौन उत्तरदायी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
स्कूल शिक्षा विभाग में अटैचमेन्ट समाप्त करना
[स्कूल शिक्षा]
129. ( क्र. 5961 ) श्री सुदेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वर्ष 2017 में शासन द्वारा शिक्षा विभाग में समस्त प्रकार के अटैचमेन्ट समाप्त करने के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति संलग्न करें। उक्त आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग इंदौर जिले में किन-किन कर्मचारियों के अटैचमेन्ट समाप्त कर उन्हें मूल संस्था हेतु रिलीव किया गया? सूची देवें। वे कब से आसंजित थे तथा किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अटैचमेन्ट समाप्त नहीं किया गया? सूची देवें। (ख) क्या शासन के स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी कई विभागों एवं कार्यालय प्रमुखों द्वारा अटैच कर्मचारियों एवं अधिकारियों के अटैचमेन्ट समाप्त नहीं किये गये एवं शासन के आदेशों की अवहेलना की गई है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों पर अनुशासनात्मक क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) इंदौर जिले के उन कर्मचारियों की सूची देवें जो शासन के आदेशों के पश्चात् भी अपनी मूल संस्था को छोड़कर अन्य विभागों एवं कार्यालयों में आज दिनांक तक आसंजित है? आसंजित करने वाले अधिकारियों के नाम पद एवं विभाग की जानकारी देवें एवं कब से कर्मचारियों को अटैच किया गया? (घ) आसंजित करने की प्रक्रिया में संबंधित पक्षों के क्या अधिकार क्षेत्र हैं? क्या अन्य विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अटैच करने का उन्हें अधिकार है अथवा संबंधित विभाग की अभिस्वीकृति की आवश्यकता होती है? क्या आसंजन में उनके द्वारा पूर्व प्रक्रिया का पालन किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार। (ख) संचालनालय के पत्र दिनांक 20/03/2018 द्वारा संबंधित आहरण संवितरण अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार। प्रतिवाद प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के अनुसार किसी शिक्षक को 10 वर्षीय जनगणना, आपदा राहत कर्तव्यों या यथास्थिति, स्थानीय प्राधिकारी या राज्य विधान मण्डलों या संसद के निर्वाचनों से संबंधित कर्तव्यों से भिन्न किसी गैर शैक्षिक प्रयोजनों के लिए अभिनियोजित नहीं किया जाना प्रावधानित हैं। शेषाश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
संतरा
फसलों के लिए
फूड
प्रोसेसिंग
प्लांट का
निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
1. ( क्र. 990 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा शाजापुर जिले में प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 1324/31.3.17 के तारतम्य में कितने निजी निवेशकों को प्रोत्साहित कर आमंत्रण दिया गया है? कितने निजी निवेशक जिले में आये? संख्या प्रस्तुत करें? क्या शाजापुर में फूड प्रोसेसिंग यूनिट संचालित है, यदि हाँ, तो कितनी? (ख) निजी निवेशकों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने में विभाग द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) संतरा बाहुल्य उत्पादक क्षेत्रों के लिये 37 निवेशकों को प्रोत्साहित कर आमंत्रण दिया गया था। शाजापुर जिले में संतरा आधारित उद्योग स्थापित करने हेतु अभी तक एक भी निवेशक/आवेदक नहीं आया है। शाजापुर जिले में विभाग की वित्तीय सहायता से कोई भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट संचालित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किया जाना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
2. ( क्र. 991 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट वर्ष 2016 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना में निवेश के कितने करार किस उद्योगपति ने कहाँ-कहाँ उद्योग स्थापना हेतु किए? (ख) संतरा, धनिया, लहसून, अमरूद एवं सीताफल उत्पाद में अग्रणी शाजापुर, आगर मालवा एवं राजगढ़ जिले में शासन उक्त दिशा में क्या पहल कर रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त जिलों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित होंगे?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन समिट में 58 निवेशकों से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना में निवेश हेतु करार किये गये थे, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले से संबंधित कोई करार नहीं हुआ है। आगर-मालवा एवं शाजापुर जिले हेतु करार किये निवेशकों से उद्योग लगाने हेतु पत्राचार किया गया किंतु किसी भी निवेशक ने रूचि प्रदर्शित नहीं की है। शासन द्वारा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायतायें स्वीकृत की गई है जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते हैं। (ग) खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो की स्थापना निजी निवेशकों की रूचि पर निर्भर है।
कीटनाशक औषधियों के विक्रय की अधिकृत दुकानों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( क्र. 1403 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों के कितने पंजीकृत फुटकर विक्रेता हैं वर्तमान में पंजीयन जारी करने हेतु कितने आवेदन पत्र लंबित हैं? (ख) दमोह जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों के कितने नमूने लिये गये वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लिये गये नमूने किन-किन प्रयोगशालाओं को जाँच हेतु भेजे गये? भेजे गये नमूनों में से कितने नमूने अमानक स्तर के पाये गये? अमानक पाये गये नमूनों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) दमोह
जिले में
उर्वरक के 246
पंजीकृत
फुटकर
विक्रेता, बीज के 147
पंजीकृत
फुटकर
विक्रेता एवं
कीटनाशक
औषधियों के 402
पंजीकृत
फुटकर
विक्रेता
हैं। वर्तमान
में पंजीयन
जारी करने
हेतु कोई भी
आवेदन पत्र
लंबित नहीं
है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है। (ग)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''अड़तीस''
अधिसूचित फसलों के अतिरिक्त गैर अधिसूचित फसलों का बीमा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 1426 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अधिसूचित फसलों का ही बीमा किया जाता है? (ख) क्या अधिसूचित फसलों के अतिरिक्त गैर अधिसूचित फसलों का बीमा किया जा सकता है? (ग) विगत तीन वर्षों में कौन-कौन सी गैर अधिसूचित फसलों का बीमा किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन गैर अधिसूचित फसलों का बीमा करने का विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) प्रदेश में बीमित इकाईवार एवं फसलवार पिछले 7 वर्षों के औसत उत्पादकता के आंकड़ों के आधार पर बीमित फसलों का निर्धारण किया गया है। योजना के अनुसार प्रत्येक बीमित इकाई में फसलवार निर्धारित संख्या में फसल कटाई प्रयोग किये जाने अनिवार्य है तथा उपलब्ध बीमित इकाईवार, फसलवार औसत उत्पादकता के आंकड़ों के आधार पर प्रदेश में उगाई जाने वाली सभी प्रमुख फसलों को अधिसूचित करने हेतु शासन द्वारा विचार किया जाकर ही राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति द्वारा प्रदेश में अधिसूचित फसलें निर्धारित की गई है।
फसलों की बीमित राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 1427 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर तहसील में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कृषकों की फसलों के नुकसान के आधार पर बीमित राशि का भुगतान हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो कृषक संख्या एवं राशि की जानकारी देवें? (ग) यदि भुगतान नहीं हुआ है, तो कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत बीमित राशि का भुगतान न होने के लिये कौन जवाबदार है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पनागर तहसील में खरीफ वर्ष 2015 में 1365 कृषकों को दावा राशि रू.3,95,32,726/-, रबी वर्ष 2015-16 में वास्तविक उपज थ्रे शोल्ड उपज से अधिक होने के कारण दावा राशि देय नहीं, खरीफ वर्ष 2016 में 131 कृषकों को दावा राशि रू.13,24,022/- का भुगतान हो चुका है। रबी वर्ष 2016-17 की दावा राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) खरीफ 2016 मौसम में उत्तरांश (क) अनुसार भुगतान के अतिरिक्त जिलों से प्राप्त संशोधित बोये गये रकबे के आधार पर पुन: दावा राशि का आंकलन बीमा कंपनी द्वारा किया जा रहा है। रबी 2016-17 की अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति होने के एवज में बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किये जाने का प्रावधान है। बीमा कंपनी द्वारा रबी 2016-17 हेतु शेष अंतिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि की गणना कर मांग की गई है जिसके भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री भावांतर योजना के किसानों के पंजीयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 1884 ) श्री जतन उईके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. छिन्दवाड़ा जिले के सातों विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में कितने किसानों का पंजीयन किया गया है तथा पंजीयन होने के उपरांत कितने किसानों का पंजीयन निरस्त किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बताएं? (ख) क्या मुख्यमंत्री भावांतर योजना के लिये फसल बीमा योजना में पंजीयन करने के लिये शासन द्वारा कोई अभियान चलाया गया था? यदि हाँ, तो कब से कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत भावांतर योजना में कितने किसानों को लाभांवित किया गया है? कितने किसानों के खाते में राशि जमा की गई है और कितने किसानों के खाते में राशि जमा होना शेष है? शेष रहे किसानों के खाते में कब तक राशि जमा की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ 2017 के लिये भावांतर भुगतान योजनांतर्गत छिंदवाड़ा जिले में 80579 किसानों का पंजीयन किया गया है। पंजीयन होने के उपरांत किसी भी पंजीयन को निरस्त नहीं किया गया है। विधानसभा क्षेत्रवार पंजीकृत किसानों की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. छिंदवाड़ा-11360, 2. परासिया-4144, 3. जुन्नारदेव-8728, 4. अमरवाड़ा-11497, 5. चौरई-24774, 6. सौंसर-13867, 7. पांर्ढूना-6209 (ख) मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत 12 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2017 तक पंजीयन कार्य हेतु अभियान चलाया गया। (ग) खरीफ 2017 के लिये भावांतर भुगतान योजनांतर्गत छिंदवाड़ा जिले में दिनांक 16.10.2017 से 31.12.2017 तक विक्रय संव्यवहारों में दिनांक 15.03.2018 की स्थिति में 31,293 पंजीकृत किसानों को लाभांवित करते हुये उनके बैंक खातों में भावांतर की राशि रू. 68,77,61,695/- जमा की गई है तथा 1945 पंजीकृत किसानों का भुगतान शेष है। जिन किसानों को पात्रता अनुसार भावांतर राशि का भुगतान शेष है उन प्रकरणों में पोर्टल पर किसान का नाम, उनके द्वारा विक्रय की गई फसल का नाम, मात्रा, बैंक खाता क्रमांक, बैंक का आई.एफ.एस.सी. कोड, रकबा आदि तकनीकी त्रुटियों के सुधार एवं सत्यापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तदोपरांत उन्हे भावांतर राशि का भुगतान किया जा सकेगा परंतु इसके लिये समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय विभागों में संविलियन
[सहकारिता]
7. ( क्र. 2016 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी आवास संघ में वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2010 तक कि अवधि में किन-किन कर्मचारियों की सेवाएं शासन के किस विभाग/सचिवालय में प्रतिनियुक्ति पर किस-किस पद पर सौंपी गई थी? कर्मचारियों को कार्यमुक्त करते समय उनका पद एवं वेतनमान क्या-क्या थे? (ख) उक्त प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों द्वारा अपनी सेवाओं से त्यागपत्र/स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति किस दिनांक को किन कारणों एवं शर्तों के साथ दिए गए एवं त्यागपत्र/स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के समय संबंधित कर्मचारियों की आयु कितनी थी? नाम पद एवं वर्ग सहित बतायें? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रतियुक्ति पर लिए गए कर्मचारियों द्वारा त्यागपत्र/स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दिए जाने के उपरांत संबंधित कर्मचारियों का संविलियन किस-किस पद पर किन-किन शर्तों पर किया गया? क्या इन कर्मचारियों की सेवाएं सीधी भर्ती की मानी गई थी? यदि हाँ, तो मूल विभाग से त्यागपत्र/स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के समय वे शासकीय सेवा हेतु सीधी भर्ती की निर्धारित आयु सीमा को पार कर गए थे? यदि हाँ, तो शासकीय सेवा हेतु ओवर एज हो गए? कर्मचारियों का किसी भी शासकीय विभाग में सीधी भर्ती से संविलियन किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर, नियम विरूद्ध किए गए संविलियन को निरस्त किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों के विरूद्ध राज्य सहकारी आवास संघ में पदस्थी के दौरान कौन-कौन सी जाँच प्रचलित थी तथा जाँच निष्कर्षों के आधार पर उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) किसी भी प्रतिनियुक्त कर्मचारी द्वारा त्यागपत्र नहीं दिया गया है तथा न ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत क्रय की गई सामग्री
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 2017 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कृषि विभाग में वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत कितनी राशि की कौन-कौन सी कृषि सामग्री क्रय की गई थी? (ख) राष्ट्रीय खाद् सुरक्षा मिशन योजनांतर्गत किस-किस प्रक्रिया के तहत किन-किन संस्थाओं से कितनी-कितनी राशि की कृषि सामग्री क्रय की गई थी? (ग) क्रय की गई कृषि सामग्री कितने किसानों को वितरित की गई सूची सहित जानकारी प्रदाय करें। वितरण की प्रक्रिया कया थी? क्या किसानों से प्राप्त शपथ पत्र के आधार पर कृषि यंत्र प्रदाय किये गए थे? (घ) यदि हाँ, तो शपथ पत्र के आधार पर कितने किसानों को लाभान्वित किया गया? (ड.) क्या इस संबंध में शासन को भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? क्या भ्रष्टाचार सिद्ध होने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना जिले में कृषि विभाग में वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत राशि रू. 49871258 के बीज, प्रदर्शन आदान सामग्री, कल्चर, पौध संरक्षण दवा, सूक्ष्म पोषक तत्व एवं स्प्रेयर क्रय किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनांतर्गत सामग्री का क्रय संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास के द्वारा प्राप्त लक्ष्य का जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति से अनुमोदन अनुसार विकासखण्डवार सामग्री का क्रय शासकीय/ अर्द्धशासकीय संस्था से किया गया है। सामग्री का फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) क्रय की गई कृषि सामग्री 14065 कृषकों को वितरित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जनपद पंचायत की कृषि समिति से सूची अनुमोदित कराकर संबंधित विकासखण्डवार के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों द्वारा क्रय की गई कृषि सामग्री का वितरण कराया गया। बड़े शक्ति चलित कृषि यंत्र प्रदाय में विगत पाँच वर्ष से योजनांतर्गत लाभ नहीं लिया गया है इस बावत किसानों से शपथ पत्र लिये गये थे। (घ) शपथ पत्र के आधार पर 62 किसानों को लाभान्वित किया गया है। (ड.) जी हाँ, माननीय लोकायुक्त द्वारा जाँच कार्यवाही प्रचलन में है तथा विकासखण्ड उचेहरा जिला सतना में दोषी अधिकारी तत्कालीन उप संचालक कृषि श्री एस.के.शर्मा एवं तत्कालीन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी उंचेहरा श्री गंगा सिंह के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करायी जा चुकी है। प्रकरण माननीय जिला न्यायालय में विचाराधीन है।
नेशनल हाईवे की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 3095 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले में मे. दिलीप बिल्डकान कंपनी द्वारा कहाँ-कहाँ पर सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है? विकासखण्ड एवं विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या मण्डला से अंजनिया-बिछिया तथा मण्डला से फूलसागर-नारायणगंज नेशनल हाईवे में है? क्या उक्त सड़क का निर्माण भी उक्त कंपनी द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो, सड़क निर्माण में कितना व्यय किया गया है? प्रति किमी लागत की जानकारी देवें? कंपनी के क्या मापदण्ड हैं? निर्माण घटिया तरीके से है, इसका क्या कारण है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी? (ग) जिले में मे. दिलीप बिल्डकान कंपनी द्वारा सड़कों के निर्माण के लिए कितने स्थानों पर हाट मिक्शिंग प्लांट स्थापित किया गया है? कितने स्थानों पर लगे प्लांटों की भूमि का डायवर्सन किया गया है? कब तथा कितनी राशि शासन/प्रशासन के कोष में किस चालान नं. या किस वैधानिक प्रक्रिया से जमा की गई? यदि नहीं, तो, बिना डायवर्सन के प्लांट कैसे स्थापित किये गये? क्या दोषी अधिकारी एवं कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या इन्हें जिला प्रशासन, वन, पर्यावरण विभाग एवं स्थानीय नगरी एवं ग्रामीण संस्थाओं द्वारा शासकीय एवं निजी भूमि पर जिले में खनिज उत्खनन, पेड़ काटने की अनुमति तथा हाट मिक्शिंग प्लांट स्थापित करने की अनुमति कब-कब दी गई? वैधानिक मापदण्ड सहित तिथिवार, विभागवार, संस्थावार तथा विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। मण्डला से अंजनिया-बिछिया मार्ग का निर्माण अनुबंधक मे.दिलीप बिल्डकॉन द्वारा किया गया है। परन्तु मण्डला से फूलसागर-नारायणगंज राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य अनुबंधक मे. गेनन डंकरले एण्ड कंम्पनी द्वारा किया जा रहा है। मण्डला-अंजनिया-बिछिया-चिलपी छ.ग. सीमा तक पेकेज-3 रा.रा.12ए सड़क कुल लम्बाई 92.35 कि.मी. के निर्माण पर रू. 415.08 करोड़ राशि व्यय की गई है जो कि लगभग रू. 4.49 करोड़ प्रति कि.मी. आती है। मार्ग का निर्माण भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्डों के अनुरूप किया गया है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निगम के अंतर्गत मण्डला जिले में मे. दिलीप बिल्डकाँन कम्पनी द्वारा दो स्थानों पर हाट मिक्स प्लान्ट स्थापित किया गया था। जिस हेतु अनुबंध की शर्तों अनुसार अनुबंधक द्वारा अपने हरजे खर्चे पर भूमि की व्यवस्था की गई थी। अतः शेष जानकारी निरंक एवं शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
उद्यानिकी विभाग में प्राप्ति आवंटन एवं व्यय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
10. ( क्र. 3131 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु शासन से कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में अशोकनगर जिले में प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों को किस-किस प्रयोजन से कितनी-कितनी राशि का अनुदान दिया गया? विकासखण्डवार वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में अशोकनगर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा किस-किस कम्पनी से कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई तथा क्रय सामग्री का क्या उपयोग किया गया? (घ) क्या क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता की जाँच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) क्रय सामग्री की गुणवत्ता की जाँच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है। शासकीय/सहकारी संस्थाओं द्वारा गुणवत्ता जाँच उपरांत ही सामग्री प्रदान की गई है। निजी संस्थाओं से सत्यापित (प्रमाणित) बीज क्रय किया गया है।
अध्यापक संवर्ग के वेतन विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 3145 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को छाठवां वेतनमान स्वीकृत किए जाने के फलस्वरूप वेतन निर्धारण के संबंध में कठिनाई एवं विसंगतियों के निराकरण हेतु क्या वरिष्ठ स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? (ख) यदि हाँ, तो इन विसंगतियों का निराकरण अभी तक न किए जाने हेतु कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या अध्यापक संवर्ग के वेतन निर्धारण में आने वाली कठिनाइयों एवं विसंगतियों का निराकरण हेतु शासन से आदेश कब तक जारी कर दिए जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। समुचित आदेश जारी किये जा चुके है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भावांतर योजना की राशि के भुगतान के लिए आयोजित किये गये सम्मेलन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 3154 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भावांतर योजना के तहत कृषकों को राशि के भुगतान के लिए किसानों का सम्मेलन दिनांक 12 फरवरी, 2018 को भोपाल में आयोजित किया गया था? (ख) क्या उक्त आयोजन में संपूर्ण प्रदेश से किसानों को आमंत्रित किया गया था? यदि हाँ, तो किसानों के परिवहन की व्यवस्था एवं उनके लाने एवं ले जाने में दमोह जिले के कितने शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई सूची उपलब्ध कराएं दमोह जिला से किसानों को लाने-ले जाने हेतु कितनी बसें एवं वाहन किराये पर लिये गये थे? उन पर किये गये खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार आयोजित किये सम्मलेन में टेंट व्यवस्था, खाने एवं किराये के वाहन पर कुल कितना भुगतान किया गया? संपूर्ण खर्च का ब्यौरा उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी, हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधि विरूद्ध संचालक मंडल का गठन
[सहकारिता]
13. ( क्र. 3343 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित संस्था की उपविधियों में अगस्त, 2016 तक यह प्रावधान था कि केवल ऐसे सदस्य जो संस्था की मिल/उद्योग में कार्यरत् हों, एक वर्ष में 180 कार्य दिवस हों तथा जिन्होंने 20 अंश क्रय किये हों, उन्हें ही निर्वाचन में वोट देने एवं प्रबंध समिति में संचालक बनने की पात्रता है एवं अन्य सदस्य अपात्र होंगे? (ख) क्या विषयांकित संस्था द्वारा संचालित मिल के श्री हेमंत गोयल, सत्यनारायण गोयल, श्रीमती कमला नागर, सहित सभी सदस्यों की नियुक्ति दिनांक, पद, वेतन, प्रोविडेंट फंड क्रमांक क्या है एवं वर्ष 2007 से 2016 तक वर्षवार इनके द्वारा कितने कार्य दिवस कार्य किया है? (ग) क्या मिल में कार्यरत रहने की शर्त का उल्लंघन के साथ ही संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, इन्दौर संभाग के निर्णय दिनांक 10-08-2015 तथा माननीय न्यायालय पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश, भोपाल के निर्णय दिनांक 24-06-2016 की अवमानना करते हुए सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल द्वारा नियुक्त रजिस्ट्रीकरण/निर्वाचन अधिकारी श्री संतोष जोशी एवं संस्था के तात्कालिक प्रशासक श्री अशोक वर्मा द्वारा सदस्यता सूची में षड़यंत्र पूर्वक श्री हेमंत गोयल, सत्यनारायण गोयल, राजकुमार गोयल, किशोर पटेल, सुनील बजाज एवं श्री विजय गुप्ता को संस्था के अगस्त 2016 में सम्पन्न संचालक मंडल के निर्वाचन में विधि विरूद्ध तरीके से संचालक निर्वाचित घोषित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त संचालकों के विरूद्ध क्या वैधानिक कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, उपविधि का प्रावधान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) संस्था के निर्वाचन पूर्ण हो गये है। निर्वाचन उपरांत पक्षकार सहकारी अधिनियम की धारा 64 (2) (5) के अंतर्गत विवाद प्रकरण दायर कर अनुतोष प्राप्त कर सकते है। (घ) जी नहीं।
सरपंचों द्वारा की गई मांग पर सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 3345 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मुख्य मंत्री को प्रेषित पत्र क्रमांक/4024 दिनांक 06.01.2018 जो कि मसनगॉव रेल्वे स्टेशन से मुख्य नहर के दाएं टेमागॉव इन्दौर-बैतूल हाइवे तक 50 कि.मी. डामरीकरण मार्ग स्वीकृत कर भादूगॉव उन्द्रकच्छ होते हुये छिदगॉव मेल के पास होशंगाबाद रोड तक जोड़े जाने हेतु लिखा गया है, इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग हरदा जिले की 22 ग्राम पंचायतों के सरपंचों द्वारा की गई प्रश्नांश (क) में अंकित उक्त रोड को डामरीकरण किये जाने की मॉग, जिसमें पुल पुलियाओं को निर्माण नहीं होना है, को पूरा किये जाने हेतु कोई कार्ययोजना बनाये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उसका कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावित मार्ग के एकरेखण का निर्धारण एवं सर्वेक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) वर्तमान में वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सीमित होने से कोई विचार किया जाना संभव नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
कृषि आदान विक्रेताओं को DAESI कोर्स कराने की योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 3438 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में किस जिले में कितने कृषि आदान विक्रेता खाद, बीज एवं कीटनाशक दवाइयों के लायसेंस प्राप्त डीलर है? (ख) म.प्र. में पिछले दो वर्षों में कितने कृषि आदान विक्रेताओं को एक वर्षीय DAESI ( Diploma in Agrculture Extension Service For input Dealer) प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं? (ग) म.प्र. में आगामी एक साल में अधिकतम कितने कृषि आदान विक्रेताओं को DAESI (Diploma in Agrculture Extension Service For input Dealer) कोर्स करवाये जाने की योजना है एवं इसकी क्या व्यवस्था है? (घ) म.प्र. में किस-किस जिले में DAESI कोर्स के लिए N.T.I. और Facilitator की नियुक्ति की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बीज के लायसेंस प्राप्त डीलर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार खाद के लायसेंस प्राप्त डीलर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार एवं कीटनाशक दवाइयों के लायसेंस प्राप्त डीलर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) म.प्र. में पिछले दो वर्षों में दिये गये कृषि आदान विक्रेताओं को एकवर्षीय DAESI (Diploma in Agriculture extension Service for input Dealer) कोर्स प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र मेनेज, हैदराबाद द्वारा जारी किया जाना है। कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ग) वर्ष 2017-18 में 23 बैच (कुल 920 आदान विक्रेता हेतु) के संचालन की अनुमति जारी की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वर्ष 2018-19 हेतु जिलों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) DAESI कोर्स के लिए NIT और Facilitator की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
निजी स्कूलों में ड्रेस कोड/पाठ्यक्रम परिवर्तन
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 3559 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा निजी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिये ड्रेस कोड/पाठ्यक्रम परिवर्तन के संबंध में क्या कोई दिशा निर्देश जारी हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराई जावे ! (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में शासन को कोई शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें निजी स्कूलों द्वारा समयावधि से पूर्व ही ड्रेस कोड/पाठ्यक्रम परिवर्तन कर पालकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाले जाने का उल्लेख है? यदि हाँ, तो शिकायत के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या शासन निजी स्कूलों में बार-बार ड्रेस कोड/पाठ्यक्रम परिवर्तन के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही हेतु जिला स्तरीय निगरानी समिति का गठन कर निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा सबंधित विषयों का विनियमन) विधेयक 2017, दिनांक 22.02.2018 से प्रवत्त हुआ है। इस संबंध में नियमों को अंतिम रूप दिए जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है।
फसल
प्रीमियम
बीमा की
किसानों से
काटी गई राशि
[सहकारिता]
17. ( क्र. 3638 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा फसल बीमा प्रीमियम की राशि कितने प्रतिशत किस-किस फसल पर काटे जाने के निर्देश हैं? (ख) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सिवनी से सम्बद्ध प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं/सहकारी समितियों द्वारा शासन के निर्देशानुसार ही राशि किसानों से काटी गई है? (ग) वर्ष 2014-17 के मध्य जिला सहकारी बैंक सिवनी से सम्बद्ध प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं/सहकारी समितियों के सदस्यों से कितनी बीमा प्रीमियम की राशि कितने प्रतिशत की दर से प्राप्त की एवं बीमा कंपनी को कितनी राशि प्रेषित की गई और कितने कृषक फसल बीमा का लाभ ले पाये? प्राथमिक कृषि साख संस्था/सहकारी समितिवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अवधि में जिला सहाकारी बैंक सिवनी से संबंधित कोई शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ फसल हेतु एन.सी.एल. का 2 प्रतिशत तथा रबी फसल हेतु 1.50 प्रतिशत प्रीमियम काटे जाने के निर्देश है। (ख) जी हाँ। (ग) मौसमवार तथा समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 8 अनुसार है। (घ) जी हाँ। शिकायतों की जाँच कर निराकरण किया जा चुका है।
उदयानिकी विभाग द्वारा सिवनी जिला को प्राप्त बजट
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
18. ( क्र. 3639 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत चार (04) वर्षों में उदयानिकी हेतु जिला सिवनी को कितना बजट प्राप्त हुआ वर्षवार जानकारी देवें? (ख) उक्त वर्षों में विकासखंडवार व्यय की गई राशि का विवरण देवें। फलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किये गये हैं तथा इसके फलस्वरूप आम के फलों के उत्पादन में कितनी वृद्धि हुई है? (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी में कितनी नर्सरी हैं? इन नर्सरी में विगत 04 वर्षों में क्या-क्या कार्य किये गये हैं एवं कितनी राशि व्यय की गई है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन वर्षों में विकासखण्डवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। फलों के उत्पादन बढ़ाने के लिये विभाग द्वारा आम, अमरूद, संतरा एवं नींबू का 661.100 हेक्टेयर में पौध रोपण कार्य कराया गया एवं कृषकों को तकनीकी प्रशिक्षण का आयोजन/राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर भ्रमण कराया गया एवं साहित्य प्रदान किये गये। आम फलों के उत्पादन में वर्ष 2014-15 की तुलना में वर्ष 2017-18 में 12.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में दो नर्सरियॉ हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
सड़क निर्माण विषयक
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 3810 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लकुमडी से मुरावर तथा ग्राम ढाबला खालसा से कजलास तक सड़क निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है या नहीं? (ख) क्या ग्राम लकुमडी से मुरावर तक तथा ग्राम ढाबला खालसा से कजलास तक सड़क निर्माण में विभाग द्वारा आगामी कोई प्रस्ताव सम्मिलित किया जा जायेगा, हाँ या नहीं? (ग) उक्त सड़कों पर सड़क निर्माण हेतु विभाग द्वारा आगामी कार्यवाही कब तक की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, लकुमडी से मुरावर जिला सिहोर तक प्रस्ताव विचाराधीन है तथा ढाबला खालसा से कजलास तक कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वित्तीय अनियमितता का दोषी प्रबंधक के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
20. ( क्र. 3862 ) पं. रमेश दुबे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1582 दिनांक 22 जुलाई 2016 के उत्तर में यह बताया गया है कि श्री मजहर खान समिति प्रबंधक को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाये जाने के कारण उनसे राशि वसूलने एवं उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हुई? हाँ तो प्रति संलग्न करें और नहीं हुई तो दर्ज न होने का कारण स्पष्ट करते हुए यह बतावें कि एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराने के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या संबंधित से राशि वसूल कर ली गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक राशि वसूल कर लिया जावेगा? (घ) क्या शासन दोषी प्रबंधक से राशि शीघ्र वसूल कर जमा करने एवं उनके विरूद्ध वित्तीय अपराध का प्रकरण दर्ज करने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों नहीं, कारण बताएं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 एवं 58-बी के अंतर्गत वसूली के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' अनुसार।
वरिष्ठ अध्यापकों का पदांकन करना
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र. 4030 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, ढीमरखेड़ा व कटनी में उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों में किन-किन विषयों के कौन-कौन वरिष्ठ अध्यापक कब से पदस्थ हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के वेतन उनकी पदस्थी के विद्यालयों से ही आहरित किये जा रहे हैं? शालावार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के वरिष्ठ अध्यापक मूल पदस्थ विद्यालय में पदस्थ न होकर किन्हीं विभिन्न विभागीय आदेशों द्वारा किन्हीं अन्य संस्थाओं में कार्यरत हैं, इस प्रकार की पदस्थापना का औचित्य क्या है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) से हुए रिक्त पदों पर उन विषयों के अध्यापकों की पदस्थापना की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मॉडल स्कूल एवं उत्कृष्ट विद्यालय में आवश्यकतानुसार प्रतिनियुक्ति पर पदांकन के निर्देश है। शासकीय आवश्यकतानुसार इस प्रकार की व्यवस्थाये समय समय पर की जाती है। (घ) जी नहीं। रिक्त पद पर अतिथि शिक्षक को रखने का प्रावधान है।
शासकीय कार्यक्रमों में अशासकीय सदस्य को अतिथि बनाया जाना
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 4034 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने शासकीय भवन एवं सड़कों का निर्माण किया गया? (ख) उपरोक्त बताये गये स्थानों में से किन-किन स्थानों का शासकीय स्तर पर भूमि पूजन अथवा लोकार्पण के कार्यक्रम कराये गये एवं कितने स्थानों के, बिना भूमि पूजन एवं लोकार्पण के कार्य प्रारम्भ कर दिया गया? (ग) हरदा जिले के कितने व कौन-कौन से स्थानों पर लोक निर्माण विभाग द्वारा अशासकीय सदस्य को शासकीय कार्यक्रमों में अतिथि बनाया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (घ) लोक निर्माण विभाग द्वारा हरदा विधानसभा अन्तर्गत ऐसे कितने व कौन-कौन से शासकीय कार्यक्रम हुये जिसके भूमि पूजन अथवा लोकार्पण कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में स्थानीय वर्तमान विधायक का नाम अंकित नहीं किया गया व इसके लिये कौन जवाबदार है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार एवं सड़क विकास निगम लिमिटेड के अंतर्गत हरदा-छीपानेर मार्ग का बी.ओ.टी. (एन्युटी) योजनांतर्गत दिनांक 24.06.2014 को कार्य पूर्ण किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग संभाग हरदा द्वारा किसी भी शासकीय कार्यक्रम में अशासकीय सदस्यों को अतिथि नहीं बनाया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी प्रदाय करने बाबत्
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 4116 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के पुनर्घनत्वीकरण योजना के अन्तर्गत रीवा शहर के नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत बाल भारती स्कूल के सामने सिरमौर चौराहे के जमीन के बदले बनाये नवीन कलेक्ट्रेट भवन रीवा के साज सजा का कार्य विड के शर्तों में शामिल नहीं था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो साज-सज्जा हेतु कौन सी जमीन विल्डर को प्रदान की गई? साज-सज्जा हेतु कौन-कौन से कार्य नवीन कलेक्ट्रेट भवन में किये जाने थे? (ग) बालभारती स्कूल के सामने स्थित शासकीय भूमि निर्माण कार्य के लिये शासन द्वारा स्वीकृति विड राशि रुपये 369999999 के विरूद्ध रुपये 186000000 लाख का शासकीय निर्माण मण्डल पर्यवेक्षण एवं वास्तुविदीय शुल्क के उपरान्त बचने वाली शेष राशि शासन के खाते में जमा किया जाना था? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में उपरोक्त कितनी राशि किस दिनांक को कहाँ जमा की गई? उपरोक्त राशि कब जमा किया जाना था? प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या सम्पूर्ण साज-सज्जा कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो कब तक करना था? क्या राशि भी जमा करनी थी? यदि हाँ, तो जमा की गई? यदि हाँ, तो कब बतावें? यदि नहीं, की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इस विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है अपितु म.प्र. गृह निर्माण मण्डल से संबंधित है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
विद्यालयों का उन्नयन करना
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र. 4176 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग द्वारा छतरपुर जिले में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्यालयों का उन्नयन किया गया है? इनमें से प्राथमिक से माध्यमिक, माध्यमिक से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी विद्यायलों का उन्नयन किया गया है? सूची प्रदाय करें? (ख) क्या उक्त उन्नयन किये गये सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2017-18 में कक्षायें प्रारम्भ हो चुकी हैं, यदि नहीं, तो उक्त विद्यालयों में नवीन कक्षायें कब से प्रारम्भ होंगी? (ग) चन्दला विधानसभा क्षेत्र के कुछ प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय उन्नयन हेतु पात्रता में आये हैं यदि हाँ, तो कौन-कौन से स्कूल उन्नयन हेतु पात्रता की श्रेणी में आये है? सूची प्रदाय करें? (घ) चन्दला विधानसभा क्षेत्र के वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्यालयों का उन्नयन करने हेतु प्रस्ताव शिक्षा विभाग छतरपुर द्वारा शासन को भेजा गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी प्राथमिक विद्यालय का माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन नहीं किया गया है। वर्ष 2016-17 में 12 माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूल में उन्नयन किया गया। उन्नत शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) चन्दला विधान सभा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय का माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन के लिए कोई भी विद्यालय पात्र नहीं है। वर्ष 2017-18 में माध्यमिक एवं हाई स्कूल शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) वर्ष 2013-14 से चन्दला विधानसभा क्षेत्र से किसी भी प्राथमिक विद्यालय का माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन का प्रस्ताव प्रेषित नहीं किया गया है। माध्यमिक विद्यालय से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायरसेकेण्ड्री स्कूल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
वेयर हाउसों में भण्डारित जिन्स की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 4179 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की समस्त मंडियों व उप मण्डियों के अन्तर्गत कितने प्राइवेट व शासकीय/ सहकारी वेयरहाउस निर्मित हैं एवं कितने वर्तमान में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त वेयर हाउसों में कितनी जिन्स/माल किसान व व्यापारियों का रखा है दिनांक 01/4/2017 से प्रश्न दिनांक तक किसानवार, व्यापारीवार, जिन्स रखने का दिनांक, मात्रावार ग्राम का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त वेयरहाउसों में व्यापारियों द्वारा चुकाये गये मण्डी शुल्क का कितना कृषि उत्पाद रखा गया? व्यापारीवार, प्रो./फर्म का नाम, पता दिनांक सहित, मण्डी में चुकाये गये मण्डी शुल्क का सम्पूर्ण ब्यौरा व दिनांक, सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की सम्पूर्ण जानकारी दिनांक 01/4/2017 से प्रश्न दिनांक तक सूचीवार उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) छतरपुर जिले के क्षेत्रांतर्गत कृषि उपज मंडी समितियों एवं उपमण्डियों में 96 प्रायवेट वेयरहाउस एवं 08 शासकीय वेयरहाउस कुल 104 निर्मित है, जिसमें सभी संचालित है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार।
स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित छात्रावास
[स्कूल शिक्षा]
26. ( क्र. 4196 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत किन-किन स्वयं सेवी संस्थाओं (एन.जी.ओ.) के द्वारा कब से कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से गैर आवासीय, आवासीय छात्रावास, बालिका छात्रावास, कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास सी.डब्ल्यू. एस.एन. बालक एवं बालिका छात्रावास संचालित हैं? पूर्ण पता सहित सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदेश एवं केन्द्र शासन ने किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? किन-किन स्वयं सेवी संगठनों को कब-कब कितनी-कितनी राशि दी गई है तथा किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि का उपयोग किया गया वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन स्वयं सेवी संगठनों द्वारा कब से एक से अधिक कौन-कौन से छात्रावास कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? इन्हें किस माध्यम से एक से अधिक छात्रावासों के संचालन की अनुमति कब किसने दी है? किन-किन छात्रावासों की कब-कब किस-किस ने जाँच की है और जाँच में क्या-क्या अनियमितताएं/शिकायतें पाई गई और तत्संबंध में कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांकित किन-किन छात्रावासों में कितना-कितना स्टॉफ स्वीकृत व पदस्थ हैं इनमें कितने-कितने छात्र-छात्राएं हैं। छात्रावासों के संबंध में प्राप्त शिकायतें, जाँच रिपोर्ट व तत्संबंध में की गई कार्यवाही की वर्षवार जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जबलपुर जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कोई भी गैर आवासीय छात्रावास संचालित नहीं है। दो बालक आवासीय छात्रावास स्वंय सेवी संस्था (एन.जी.ओ.) के द्वारा संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जबलपुर जिले में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत बालिका छात्रावास व कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास का संचालन विभागीय तौर पर किया जाता है। सी.डब्ल्यू.एस.एन. बालक एवं बालिका छात्रावास स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित है। पूर्ण पता सहित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रदेश एवं केंद्र शासन द्वारा आवंटित राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। वर्ष 2014-15 की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नानुसार किसी भी स्वयं सेवी संगठन द्वारा एक से अधिक छात्रावास का संचालन नहीं किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। महात्मा गांधी बालक छात्रावास गोकलपुर के संबंध में दिनांक 5.8.2016 को शिकायत संज्ञान में आई, जिसकी जाँच डी.पी.सी. श्री आर.पी. चतुर्वेदी एवं ए.पी.सी. ई. एण्ड आर. श्री आई.एम.त्रिपाठी के द्वारा दिनांक 06.08.2016 को की गई। शिकायत निराधार पाई गयी। जाँच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' पर है। जिले के शेष संचालित छात्रावासों के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं है। (घ) आवासीय बालक छात्रावासों के स्टॉफ एवं छात्रसंख्या की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। सी.डब्ल्यू.एस.एन. छात्रावासों में स्वीकृत व पदस्थ स्टॉफ एवं छात्र/छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'उ' अनुसार है। महात्मा गांधी बालक छात्रावास गोकलपुर के संबंध में प्राप्त उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखित शिकायत की जाँच की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। जिले के शेष संचालित छात्रावासों के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नि:शुल्क शिक्षा की फीस प्रतिपूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 4198 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में संचालित मान्यता प्राप्त अशासकीय किन-किन स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आर.टी.ई.) के तहत वर्ष 2016-17 से नि:शुल्क प्रवेश हेतु वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये इनमें से कितने छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिया गया वर्षवार जानकारी देवें। जिले में संचालित अशासकीय हाई/स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलो की वर्ष 2014-15 वर्ष 2017-18 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांकित (क) किन-किन स्कूलों में प्रवेशित छात्र/छात्राओं का सत्यापन किन-किन अधिकारियों ने किया है? इनमें से कितने-कितने बच्चे दस्तावेजों के आधार पर अपात्र पाये गये। कौन-कौन से स्कूल कब से बंद पाये गये हैं? इस संबंध में कब-कब किस पर क्या क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांकित किन-किन स्कूलों को कक्षावार व वर्षवार प्रवेशित कितने-कितने छात्र/छात्राओं की किस मान से फीस प्रतिपूर्ति की कितनी-कितनी राशि स्कूल प्रमुखों/प्राचार्यों व स्कूल संस्थाओं के खाते में जमा कराई गई है? क्या शासन नियमों के विपरीत फीस प्रतिपूर्ति की राशि का आवंटन करने वित्तीय अनियमितता भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों/स्कूल संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2016-17 से गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के अंतर्गत वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के प्रवेशित बच्चों के निःशुल्क प्रवेश हेतु प्राप्त आवेदनों की एवं प्रवेशित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। आर.टी.ई. के अंतर्गत हाई/हायर सेकेन्डरी शालाओं में प्रवेश नहीं दिया जाता है। (ख) सत्यापनकर्ता अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। दस्तावेजों के आधार पर सत्र 2016-17 में 1301 एवं सत्र 2017-18 में 1273 बच्चे अपात्र पाये गये। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में सत्र 2016-17 में अध्ययनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। चूंकि शिक्षा का अधिकार नियम में फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही शैक्षणिक सत्र के अन्त में मार्च में किये जाने का प्रावधान है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों का डामरीकरण किया जाना
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 4205 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लहार जिला भिण्ड के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के सुन्दरपुरा अन्तियनपुरा मार्ग, अजनार मगरौल मार्ग, लहार सेवढ़ा मार्ग, नरोल मिहोनी माता मंदिर मार्ग, लहार हीरापुरा काथा मार्ग, लहार श्यामपुरा रहावलीउबारी मार्ग, अमाहा से धौरका मार्ग, जैतपुरा असवार मार्ग, जैतपुरामढ़ी जगन्नाथपुरा मार्ग, बेजला से मोरखी (छोटी) मार्ग, ग्राम ररी पहुंच मार्ग एवं अजनार मार्ग से रोहानी सींगपुरा मार्ग का डामरीकरण का कार्य विगत 05 वर्षों में कब-कब कराया गया? (ख) क्या उपरोक्त (क) में वर्णित मार्ग जीर्ण-शीर्ण होकर बड़े-बड़े गड्ढों में बदल चुके हैं? यदि हाँ, तो उपरोक्त मार्गों पर डामरीकरण न कराने के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जखमौली से राठौरन की मढैईयां मार्ग तथा दबोह से जगदीशपुरा आलमपुर मार्ग का पूर्ण निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मार्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डामरीकरण न कराने के लिये कोई दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जखमौली से राठौर की मढैया मार्ग के कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि 31.05.2018 एवं दबोह जगदीशपुरा से आलमपुर मार्ग पर कुछ भाग में अतिक्रमण होने कारण कार्य पूर्ण होने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
भवन का निर्माण करने के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 4206 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय माध्यमिक शाला क्रमांक-01 लहार जिला भिण्ड के भवन का निर्माण किस वर्ष में हुआ था? (ख) क्या उक्त भवन जीर्ण-शीर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो नवीन भवन न बनाकर उसी जीर्ण-शीर्ण भवन में विद्यार्थियों की कक्षायें लगाकर छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वर्ष 1963 से संचालित शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल आलमपुर एवं शासकीय माध्यमिक शाला क्रमांक-01 लहार के नवीन भवनों का कब तक निर्माण करा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय माध्यमिक शाला क्रमांक-01 लहार जिला भिण्ड के भवन का निर्माण सन् 1930 में हुआ था। (ख) शाला का संपूर्ण भवन जीर्ण-शीर्ण नहीं है, शाला में कुल 06 कक्ष हैं, जिसमें से 03 कक्ष सही हालत में है और इनमें कक्षाएं लग रही है। वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में नवीन भवन स्वीकृत हुआ है, जिसका निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जीर्ण-शीर्ण कक्षों में कक्षाएं संचालित नहीं है। अतः किसी के दोषी होने अथवा दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल आलमपुर के भवन मरम्मत हेतु राशि रू.11.97 लाख की स्वीकृति दी गई है। नवीन भवन की आवश्यकता नहीं है। शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-01 के नवीन भवन का निर्माण कार्य प्रगतिरत है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी समितियों में उपविधि अनुसार सदस्यों का चयन एवं पंजीयन
[सहकारिता]
30. ( क्र. 4264 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम आमपुरा,तहसील डोलरिया विकासखण्ड एवं जिला होशंगाबाद स्थित रेवा ईंट भट्टा सहकारी समिति मर्या. आमूपुरा संस्था में उपविधि अनुसार सदस्यों का चयन एवं पंजीयन किया गया है? (ख) क्या संस्था का कार्यकाल 03 वर्ष का होता है, संस्था के पंजीयन हेतु प्रस्ताव संगठक द्वारा तैयार किया गया, जिसके आधार पर उपायुक्त द्वारा पंजीकृत किया गया हैं? क्या यह नियमानुसार हैं। (ग) कंडिका (ख) का यदि नहीं, तो क्या संबंधितों के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक बतायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जाँच के निर्देश दिये गये है। (ग) जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के अधीन।
अतिथि शिक्षकों को गुरूजियों से संविदा शिक्षकों समान अवसर दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 4271 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वारा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय प्राथमिक, मिडिल, हाई व हायर सेकेण्डारी विद्यालयों की संख्या कितनी है और उनमें नियमित सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक, सहायक अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक, संविदा वर्ग-3, संविदा वर्ग-2, संविदा वर्ग-1 व व्याख्याता तथा उनकी तुलना में विगत 3 वर्षों में अतिथि शिक्षकों की कार्यरत संख्या कितनी व कितने प्रतिशत है? (ख) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 5-9-2017 को किसी स्थान के शिक्षक दिवस कार्यक्रम में अतिथि शिक्षकों को प्राप्त हो रहे किस मानदेय पर किस सम्मानजनक मानदेय दिये जाने की घोषणा की है और किस दिनांक से प्रभावशील कर दिया गया है? (ग) क्या 1 से 10 वर्षों से सेवारत अतिथि शिक्षकों के संविदा शिक्षक बनाये जाने की दिशा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 2-2-2018 द्वारा किस प्रारूप में कोई चयन मापदण्ड, आयु सीमा व प्राथमिकता छूट आदि का प्रावधान किया है और विभाग द्वारा गुरूजियों के संविदा शिक्षक तथा तदुपरान्त अतिथि शिक्षक के वर्तमान अनुपात संख्या पर सहायक अध्यापक पद पर संविलियन की कार्यवाही प्रचलित है? (घ) अतिथि शिक्षकों द्वारा फरवरी 2018 की अवधि के राज्य स्तरीय आंदोलन में गुरूजियों के संविदा शिक्षक के रूप में नियुक्ति के समान की गई मांग पर क्या निर्णय लिया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बड़वारा विधान सभा क्षेत्र में शासकीय 398 प्राथमिक शालायें, 137 माध्यमिक शालायें, 33 हाई स्कूल एवं 20 हायर सेकेण्डरी स्कूल है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 02.02.2018 में अतिथि शिक्षकों के लिये आयु सीमा में अधिकतम 9 वर्ष की छूट का प्रावधान उल्लेखित है। जी नहीं। (घ) ऐसे मांग पर निर्णय लिया जाना विचाराधीन नहीं है।
सहकारी केन्द्रीय बैंकों के कर्मचारियों को सातवाँ वेतनमान
[सहकारिता]
32. ( क्र. 4275 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के कर्मचारियों को दिनांक 01 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दिये जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रदेश के 38 जिलों से वांछित प्रस्ताव शासन को प्राप्त हो चुके हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त प्रस्तावों पर शासन विचार करके कब तक सातवाँ वेतनमान स्वीकृत करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) आयुक्त सहकारिता स्तर पर राज्य शासन के सेवायुक्तों को स्वीकृत वेतनमान के तुल्य वेतनमान की स्वीकृति के प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) जी नहीं, 29 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से प्रस्ताव आयुक्त सहकारिता को प्राप्त हुये हैं। (ग) प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत निर्धारित मापदंडों की पूर्ति करने वाली जिला बैंकों के कर्मचारियों को राज्य शासन के तुल्य सातवां वेतनमान स्वीकृत करने का निर्णय लिया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाई माक्स लाईट चालू करने के संबंध में
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 4334 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा खितौला सिलौण्ड़ी मार्ग में बी.ओ.टी. टोल नाका कनवानी एवं प्रतापपुर में हाई माक्स लाईट लगाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) लाईट चालू करने एवं बंद करने के जिम्मेदार कर्मचारी का नाम बतायें। यह भी बतायें कि इनके द्वारा प्रतिदिन कितने बजे लाईट चालू की जाती है एवं कितने बजे बंद की जाती है। (ग) प्राय: देखने में आता है कि प्रश्नांश (क) लाईट आये दिन बंद रहती है कारण बतायें। एवं प्रतिदिन लाईट चालू रखने के दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सिहोरा-मझगवां-सिलौड़ी मार्ग, बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) योजनांतर्गत निर्मित मार्ग का टोल नाका ग्राम डाबू (कि.मी. 6+500) में है, (कनवारी नाम से कोई ग्राम म.प्र. सड़क विकास निगम के संज्ञान में न होकर फनवारी ग्राम है, जो कि मार्ग के कि.मी. 8+500) में है, जहां टोल नाका स्थित नहीं है तथा हाई मास्ट लाईट का प्रावधान नहीं है तथा प्रतापपुर (कि.मी. 13+890) में हाई मास्ट लाईट लगाई गई है। (ख) हाई मास्ट लाईट चालू करने एवं बंद करने वाले कर्मचारी का नाम निवेशकर्ता द्वारा दी गई जानकारी निम्नानुसार है:- (1) टोल नाका डाबू-श्री मुकसी लाल काछी (2) प्रतापपुर- श्री अजय कुमार दाहिया लाईट संध्या काल चालू की जाती है एवं प्रात: काल बंद की जाती है। (ग) जी नहीं। अचानक इलेक्ट्रिक समस्या अथवा पावर सप्लाई में व्यवधान आने के कारण लाईट बंद हो जाती है, जो कि आवश्यक सुधार उपरांत पुन: चालू कर दी जाती है। ऐसा कोई दिशा निर्देश नहीं है। अत: प्रति उपलब्ध नहीं की जा सकती।
जैविक खेती संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
34. ( क्र. 4353 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम व उज्जैन जिले में जैविक खेती के प्रति किसानों को उत्साहित करने हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये? विगत तीन वर्षों का ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितने एवं कहाँ-कहाँ बायोगैस संयंत्र निर्माण कराये गये व उक्त कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? तहसीलवार ब्यौरा दें। (ग) परम्परागत कृषि विकास योजनांतर्गत लाभान्वित कृषकों का प्रश्नांश (क) अवधि का संख्यात्मक ब्यौरा तहसीलवार दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) रतलाम व उज्जैन जिले में जैविक खेती के प्रति किसानों को उत्साहित करने हेतु परम्परागत कृषि विकास योजना संचालित है, जिसमें प्रचार-प्रसार लीफलेट, पम्पलेट, भ्रमण एवं प्रशिक्षण आदि के द्वारा किसानों में जागरूकता पैदा की जा रही है। गत तीन वर्षों की रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं उज्जैन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में कुल 841 बायोगैस संयंत्र निर्माण एवं रू. 21.025 लाख राशि व्यय की रतलाम जिले की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार एवं उज्जैन जिले की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत कुल 2249 लाभान्वित कृषकों की रतलाम जिले की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार एवं उज्जैन जिले की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 4387 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सेवढ़ा जिला दतिया में कहाँ-कहाँ एवं कुल कितनें हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं? (ख) प्रश्नांश कंडिका (क) वर्णित हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल किस दिनांक से स्वीकृत होकर संचालित हो रहे हैं? इनमें ऐसे कौन-कौन से स्कूल हैं, जिनके स्वयं के भवन न होकर वे अपग्रेड होने के बाद पुराने भवन में मिडिल स्कूल के भवन से संचालित हो रहे हैं? (ग) जिन स्कूलों के स्वयं के भवन नहीं हैं क्या उनके नवीन भवन बनाने के लिये इस वर्ष राशि स्वीकृत की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
गुणवत्ताविहीन खाद्य बीज
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
36. ( क्र. 4388 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 381 दिनांक 27-11-17 के जवाव में सदन के माध्यम से विभाग द्वारा आधी अधूरी जानकारी दी गई जिसमें प्रपत्र (ब) में बीजों के लैब टैस्टिंग की जानकारी व जाँच अधिकारियों के नाम की जानकारी नहीं दी गई क्यों? (ख) इसी प्रकार प्रपत्र (स) में जिलावार/कृषकवार जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या ग्वालियर संभाग में उद्यान विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने सप्लायर से मिलकर किसानों को गुणवत्ताविहीन घटिया किस्म का बीज कई गुनी ज्यादा कीमत में क्रय कर बांटा गया है? यदि नहीं, तो क्या संपूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराई जावेगी।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा प्रश्न के प्रश्नांश (ख) में चाहे अनुसार जानकारी उपलब्ध कराई गयी थी। बीज प्रमाणीकरण संस्थाओं द्वारा बीजों के अंकुरण परीक्षण कराने के उपरांत ही अंतिम बीज प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जाते हैं जिसमें बीजों का अंकुरण प्रतिशत प्रमाण पत्रों में अंकित रहता है जो भारत शासन के निर्धारित मानकों को पूरा करता है। यदि कहीं से बीजों की संदिग्धता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तभी बीजों के अंकुरण का परीक्षण प्रयोगशालाओं से कराया जाता है। वर्ष 2016-17 में बीज प्रमाणीकरण अधिकारी, बीज परीक्षण प्रयोगशाला, ग्वालियर से बीज टेस्ट कराये गये है। प्रमाण पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा प्रश्न के प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रपत्र-स में प्रश्नांश में चाहे अनुसार ही जानकारी प्रदाय की गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बीजों की गुणवत्ता के संबंध में संभाग के किसी भी जिले से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। बीजों की प्रदायगी शासकीय रोपणियों/प्रक्षेत्रों, मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम, मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, एन.एच.आर.डी.एफ. नासिक/इंदौर से की गई है। जिन बीजों की पूर्ति उपरोक्त शासकीय/सहकारी संस्थाओं से नहीं हो सकी उनके लिये संभाग स्तर पर खुली निविदा आमंत्रित कर न्यूनतम दरें प्राप्त होने पर समिति की अनुशंसाओं के आधार पर बीज की दरों का अनुमोदन कर बीजों की पूर्ति सुनिश्चित की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केन्द्रीय सड़क निधि के संबंध में
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 4412 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय सड़क निधि से भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 से फरवरी 18 तक रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में किन-किन सड़कों हेतु कितनी राशि स्वीकृत की? (ख) उक्त अवधि में उक्त जिलों की किन-किन सड़कों के निर्माण हेतु केन्द्रीय सड़क निधि से राशि स्वीकृति के प्रस्ताव विभाग ने कब-कब भारत सरकार को भेजे? (ग) प्रश्नांश (ख) की सड़कों के निर्माण हेतु भारत सरकार से राशि स्वीकृत हो, इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास किये पूर्ण विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क) के कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कार्यरत स्टाफ
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 4432 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिला शिक्षा केन्द्रों एवं जनपद शिक्षा केन्द्रों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? इनमे से कौन से पद सीधी भर्ती/संविदा नियुक्ति से, कौन से प्रतिनियुक्ति से एवं कौन से आउटसोर्स से या कलेक्टर दर से भरे जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कार्यरत स्टाफ की पदनाम सहित पूर्ण जानकारी देवें? सर्वसंबंधितों के नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावे? (ग) क्या आगर जिला अंतर्गत जनपद शिक्षा केन्द्रों में लेखापाल के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो क्या इसके विरूद्ध माननीय न्यायालय में कोई प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या न्यायालय ने निर्णय दे दिया हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आगर जिला अंतर्गत विभाग की ओर से एवं संबंधित की ओर से प्रस्तुत जवाब की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? क्या न्यायालयीन प्रकरण के शीघ्र निराकरण एवं संविदा लेखापाल की नियुक्ति हेतु विभाग की ओर से कोई प्रभावी कदम उठाया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। प्रकरण में माननीय न्यायालय के समक्ष शासन की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय न्यायालय के पारित निर्णयानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
शासन के विरूद्ध लंबित प्रकरणों के संबंध में
[विधि और विधायी कार्य]
39. ( क्र. 4433 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत शासकीय भूमि संबंधी कितने प्रकरण माननीय न्यायालयों में शासन के विरूद्ध प्रचलित होकर लंबित हैं? सूची उपलब्ध करावे? किन-किन प्रकरणों में शासकीय भूमि के संरक्षण हेतु जनहित याचिका लगाई गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में शासन की ओर से पैरवी कौन-कौन से अधिवक्ता कर रहे हैं? (ग) शासन के पक्ष में निर्णय कराने हेतु कोई कार्ययोजना है? शासकीय अधिवक्ता/ओ.आई.सी./याचिकाकर्ता संयुक्त रूप से या पृथक-पृथक कब-कब माननीय न्यायालय में उपस्थित हुए? (घ) उल्लेखित प्रचलित प्रकरणों में शीघ्र निर्णय हो इस हेतु क्या संबंधित विभाग को निर्देशित किया जावेगा एवं कार्ययोजना बनाई जावेगी? प्रकरणवार विवरण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के स्थायी कर्मियों को विनियमित करने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 4451 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम में कितने वर्षों से कितने अस्थायी कर्मचारी किस-किस जिले में कार्यरत हैं? (ख) शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण अन्तर्गत अन्य विभागों के तरह अस्थायी कर्मचारियों को बीज निगम में नियमित करने के लिए कब-कब कार्य योजना बनाई गयी? इस योजना की वर्तमान स्थिति क्या है क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07/10/2016 के अनुसार म.प्र शासन में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों के लिए "स्थायी कर्मियों को विनिमित" करने की योजना के सम्बन्ध में आदेश जारी किये गये थे, यदि हाँ, तो इस आदेश पर बीज निगम ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या बीज निगम द्वारा दिनांक 13/10/16 के पत्र क्रमांक एचओ/प्रशासन/देवेभो/2016/3309 को उक्त नियमितीकरण हेतु कोई पत्र प्रबन्ध संचालक द्वारा जारी किया गया था, यदि हाँ, तो इस पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) बीज निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को कब तक नियमित कर दिया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बीज निगम के अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के लिए दिनांक 5.8.2017 एवं 30.12.2017 को कार्ययोजना बनाई गई है। निगम द्वारा म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3, दिनांक 7.10.2016 के अनुसार निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को ''स्थायी कर्मियों को विनियमित'' करने के बीज निगम के प्रस्ताव का शासन स्तर पर परीक्षण एवं विचारण हेतु प्रक्रियाधीन हैं। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिरिक्त कार्य
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 4519 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन ईकाई के द्वारा अपने संभागीय परियोजना यंत्री को निर्माण स्थल पर ठेकेदारों से झूलाघर आंगनवाड़ी एवं प्रयोगशाला स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति संलग्न करें। (ख) कितनी-कितनी अनुमानित लागत (पी.ए.सी) पर अनुबंध करने वाले ठेकेदारों को झूलाघर आंगनवाड़ी एवं प्रयोगशाला स्थापित करना है? प्रत्येक की अलग-अलग लागत सीमा बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) झूलाघर सभी लागत के कार्यों पर एवं निविदा लागत (पी.ए.सी.) रू. 50.00 लाख से अधिक होने पर प्रयोग शाला स्थापित करना आवश्यक है।
किसानों को अनुदान पर फलदार पौधे का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
42. ( क्र. 4555 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी विभाग के द्वारा किसानों को फलदार पौधे दिए जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो योजना विवरण दें? (ख) बैतूल जिले में वर्ष 2017-18 में इस योजनांतर्गत कितने किसानों को कौन-कौन सी प्रजाति के कितने-कितने फलदार पौधों का वितरण किया गया है? विकासखंडवार, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक किसानों को फलदार पौधे वितरण किए जाने हेतु कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन से पौधे क्रय किए गए? पौधों की कीमत सहित जानकारी देवें? (घ) क्या फलदार पौधे किसानों को अनुदान पर दिए जाते हैं? यदि हाँ, तो उक्त वर्ष में बैतूल जिले के कितने किसान काे कितना कितना अनुदान स्वीकृत किया गया? विकासखंडवार, संख्यात्मक जानकारी दें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) राज्य योजना अंतर्गत फल क्षेत्र विस्तार योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के घटक फल क्षेत्र विस्तार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत अनार क्षेत्र विस्तार तथा मनरेगा योजना संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा अनियमितता
[सहकारिता]
43. ( क्र. 4589 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र. अतारांकित 7004 दिनांक 23.03.2017 के प्रश्नांश (क) के जवाब में शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल एवं विकास कुंज गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल के द्वारा क्रमश: ग्राम बंजारी एवं बावडि़या कला स्थित भूमि हेतु कालोनी विकास व्यय की वसूली गई राशि के उपयोग के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये होना बताया है? (ख) क्या अतारांकित विधानसभा प्रश्न क्र. 7004 दिनांक 23.03.2017 के जवाब में प्रश्नांश (क) में अंकित दोनों सहकारी समितियों को बताये गये पते पर नियमित संचालित नहीं होना बताया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में दोनों सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? क्या कार्यवाही में विलम्ब हुआ है? यदि हाँ, तो उसके लिये कौन दोषी/उत्तरदायी है? क्या संबंधित के विरूद्ध एवं दोनों सहकारी समितियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी? हां, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ''क'' के संबंध में जाँच प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। उत्तरांश ''ख'' के संबंध में संस्था के तत्कालीन अध्यक्षों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेतु व रिटेनिंगवाल का निर्माण
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 4616 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता के पत्र दिनांक 14-1-2015, 7-5-2015, 16-6-2015, 2-1-2016, 5-3-2016, 11-9-2016, 11-3-2017 द्वारा मा. विभागीय मंत्री से वि.स.क्षे.बड़वारा की किन्हीं नदियों के किन्हीं स्थानों में सेतु व अन्य निर्माण हेतु अनुरोध किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में से महानदी के भदौरा नं. 2 से बसाडी की कोई डी.पी.आर. रूपये 12.48 करोड़ की है और जो प्रमुख अभियन्ता स्तर पर लम्बित है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में से हिरन नदी के कुन्सरी, बेलकुण्ड नदी के झिन्नापिपरिया-कटरा, भमका-कटरा, कछारगांव-टोपी एवं भमराड नदी के खिरहनी-अतरिया में लघु सेतु निर्माण तथा महानदी के ग्राम सुड्डी के बरहाटोला मार्ग व बेलकुण्ड नदी के पिपरिया शुक्ल में हुये तटबंधों के कटाव को रोकने हेतु रिटेनिंगवाल निर्माण के प्रस्ताव किन स्तरों पर लम्बित है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) प्रस्तावों को बजट में सम्मिलित कर अतिशीघ्र निर्माण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न में उल्लेखित कार्य वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है तथा तटबंधों में रिटेनिंगवाल का निर्माण विभाग द्वारा नहीं कराया जाता है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का अस्थाई प्रभार दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 4725 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा एवं अपर संचालक शिक्षा को जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के पद पर दिनांक 02.04.2003 से कब तक जिला शिक्षा अधिकारी के टी.आर.-1 वित्तीय नियम 144 के प्रभार में थे? उक्त अवधि में क्या जिला परियोजना समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन रीवा को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का चालू प्रभार दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारी के चालू प्रभार वाले अधिकारी का मूल पद क्या था तथा शासन स्तर से चालू प्रभारी अधिकारी को क्या अधिकार प्रत्यायोजित किये गये थे। आदेश एवं नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें तथा उक्त चालू प्रभार का अधिकारी वर्तमान में कहाँ किस पद प्रभार में है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अवधि में स्कूल शिक्षा विभाग में जिला संवर्ग अन्तर्गत रीवा जिले में सहायक ग्रेड-3 भृत्य, मीनियल की कुल कितनी नियुक्तियां की गई और कितना अनुकम्पा एवं सीधी भर्ती प्रक्रिया से की गई? पदवार भर्ती वार जानकारी देवें तथा उन नियुक्ति आदेशों में किसके हस्ताक्षर हैं? क्या उसे उन आदेशों में हस्ताक्षर करने का अधिकार था? यदि हाँ, तो सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) हाँ तो यदि चालू प्रभारी अधिकारी को नियुक्ति प्रक्रिया एवं आदेशों एवं प्रचलित नस्तियों में हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं था, तो नियम विरूद्ध हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे, की जानकारी भर्ती से संबंधित अपनाई गई प्रक्रिया एवं प्रचालित नस्तियों एवं जारी किये गये आदेश प्रतियों के साथ जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा एवं पदेन अपर संचालक, शिक्षा को टी.आर-1 वित्तीय नियम 144 के तहत दिनांक 02.04.2003 से 24.11.2003 तक प्रभार में रहे है। जी हाँ। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी के चालू प्रभार वाले अधिकारी का मूल पद तत्समय प्रधानाध्यापक था। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में व्याख्याता (अर्थशास्त्र) के पद पर शास. कन्या उ.मा.वि. गोविन्दगढ़ जिला रीवा में पदस्थ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी रीवा की पदमुद्रा पर श्री हर्षलाल शुक्ला तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर है। शेषांश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उक्त नियुक्तियों की जाँच हेतु कलेक्टर रीवा को लिखा गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर परीक्षणोंपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेषांश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल में चयनित कर्मचारियों की संख्या
[स्कूल शिक्षा]
46. ( क्र. 4726 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल एव इनके अन्य कार्यालयों में सन् 2005 के पश्चात् कितने कर्मचारी एवं अधिकारी चयनित होकर कार्य कर रहे हैं? क्या उन्हें अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है? (ख) क्या माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल के एवं अन्य कर्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों से वेतन का 10 प्रतिशत कटौती करके एवं माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा 10 प्रतिशत की राशि प्रदान कर, उनके एन.एस.डी.एल. खाते में 20 प्रतिशत राशि जमा की जा रही है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से? (ग) अंशदायी पेंशन योजना की कुल 20 प्रतिशत राशि कहाँ जमा की जा रही है? क्या कर्मचारियों को प्रान नम्बर तो दिये गये है किन्तु उनके खातों में अभी तक राशि जमा नहीं की गई, जिससे कर्मचारी को हुई वित्तीय हानि के लिये दोषी कौन है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? (घ) कर्मचारियों के खातों में कब से अंशदायी पेंशन योजना की राशि 20 प्रतिशत कब तक उनके खातों में जमा होगी तथा ब्याज की राशि भी प्रदान की जायेगी तथा दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल एवं अन्य कर्यालयों में सन् 2005 के पश्चात कुल 53 कर्मचारी एवं अधिकारी चयनित होकर कार्यरत है। जी हाँ, अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ, अधिकारियों एवं कर्मचारियों से वेतन का 10 प्रतिशत कटौत्रा करके मण्डल द्वारा 10 प्रतिशत राशि प्रदान कर उनके एन.एस.डी.एल.खाते में 20 प्रतिशत राशि जमा की जा रही है। माह मई 2017 से जमा की जा रही है। (ग) अंशदायी पेंशन योजना की कुल 20 प्रतिशत राशि प्रान नंबर खाते में जमा की जा रही है। जी नहीं, इसमें कर्मचारियों को कोई वित्तिय हानि नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' में दी गई जानकारी के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु किसानों को अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
47. ( क्र. 4781 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के बालाघाट विकासखण्ड परसवाड़ा किरनापुर विकासखंड अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु किसानों को अनुदान व अन्य योजना अंतर्गत क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई गई वर्षवार प्रदाय सामग्री की हितग्राही संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में हितग्राहियों के चयन की क्या प्रक्रिया है? क्या इनके चयन में नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 में उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु किस योजना में कितना कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है तथा प्रश्न दिनांक तक कितना लक्ष्य पूर्ण हुआ है? योजनावार जानकारी प्रदान करें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) फल-पौध रोपण योजना, सब्जी एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजना, यंत्रीकरण योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन/आवेदन प्रक्रिया द्वारा प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर हितग्राहियों का चयन करने की प्रक्रिया है। किचन गार्डन, मिनीकिट/प्रदर्शन योजना, मेला प्रदर्शनी एवं कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण योजनाओं में विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों द्वारा उद्यानिकी अपनाने वाले हितग्राहियों को प्राथमिकता देते हुये चयन किया जाता है। हितग्राही के चयन में प्रक्रिया/नियमों का पालन किया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राज्य स्तर से जिलेवार लक्ष्य आवंटित किये जाते हैं। बालाघाट जिले की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कृषि यंत्रीकरण हेतु बजट प्रावधान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
48. ( क्र. 4782 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले को विगत 3 वर्षों में कृषि यंत्रीकरण हेतु कौन-कौन सी योजनाओं में बजट उपलब्ध कराया गया एवं कितना-कितना? वित्तीय वर्षवार, योजनावार पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटित बजट के परिप्रेक्ष्य में कितने बजट का उपयोग किया गया? यदि कुल बजट में से उपयोग किया गया तो मध्यप्रदेश के कुल बजट का कितना प्रतिशत बालाघाट जिले ने उपयोग किया? वित्तीय वर्षवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उपयोग किए गए बजट से कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में परसवाड़ा विधानसभा के अन्तर्गत लाभान्वित किये गये कृषकों की वर्षवार, योजनावार, संख्यात्मक जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
49. ( क्र. 4829 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिन बीमा कंपनी द्वारा किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा किया जा रहा है, उनके नाम संभागवार देवें। (ख) खरीफ वर्ष 2016 व रबी वर्ष 2016-17 में इनके द्वारा प्रीमियम राशि जमा करने संबंधी जो जानकारी शासन को भेजी गई, उसकी प्रमाणित प्रति संभागवार, बीमा कंपनीवार देवें। (ग) बड़वानी व धार जिले में खरीफ वर्ष 2017 व रबी वर्ष 2017-18 में कितने किसानों से कितनी प्रीमियम राशि ली गई, की जानकारी तहसीलवार किसान संख्या सहित प्रीमियम राशि सहित पृथक-पृथक देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बीमा कंपनी के अनुसार जानकारी प्रावधिक है।
सोसायटियों द्वारा फसल बीमा प्रीमियम व बीमा क्लेम
[सहकारिता]
50. ( क्र. 4830 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत बड़वानी व खरगौन की जिन सोसायटियों, जिला केन्द्रीय बैंक खरगोन की शाखाओं व अन्य संबंधित समितियों द्वारा किसानों से कितनी प्रीमियम राशि ली? उनकी जानकारी सोसायटी/शाखा/समितिवार, किसान संख्या सहित विधानसभा क्षेत्रवार देवें। खरीफ वर्ष 2016 व रबी वर्ष 2016-17 के संदर्भ में देवें। (ख) उपरोक्तानुसार कितना बीमा क्लेम इनके माध्यम से दिया गया? सोसायटीवार/समितिवार/शाखावार, बीमा क्लेम राशि, किसान संख्या सहित देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) खरगोन एवं बड़वानी जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा फसल बीमा योजना खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना खरीफ 2016 में प्राप्त प्रीमियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 तथा 3 अनुसार है। (ख) खरीफ 2016 तथा मौसम आधारित खरीफ 2016 के प्राप्त बीमा क्लेम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है।
शिक्षिकाओं के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 4846 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नवीन कन्या उ.मा. विद्यालय तुलसीनगर भोपाल की किन-किन शिक्षिकाओं के विरूद्ध माह दिसम्बर 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? (ख) क्या प्रश्नांकित शिक्षिकाओं के विरूद्ध हॉस्टल वार्डन रहते हुए छात्राओं से अवैध वसूली संबंधी शिकायतों पर प्राचार्य द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को शिकायत की गई थी? (ग) प्रश्नांकित शिक्षिकाओं के अभद्र व्यवहार, अनुपस्थिति आदि की दिनांक 15.12.2017 की शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? इनके स्थानांतरण हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा कलेक्टर भोपाल को लेख किया गया है? अब तक स्थानांतरण आदेश जारी न होने के क्या कारण हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राचार्य शा. नवीन कन्या उ.मा.वि. तुलसीनगर भोपाल के द्वारा श्रीमती रेखा सिंह उ.श्रे. शिक्षिका के विरूद्ध पत्र दिनांक 15.12.2017 द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. एवं पत्र दिनांक 03.02.2018 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, जिला भोपाल को शिकायत पत्र प्रेषित किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) संचालनालय के पत्र दिनांक 30.12.2017 द्वारा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल संभाग भोपाल को शिकायत की जाँच कर प्रतिवेदन चाहा गया था। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त न होने पर पुन: संचालनालय के पत्र दिनांक 18.01.2018 द्वारा जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया है किंतु जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। उक्त शिकायत समाचार पत्र में प्रकाशित होने पर शिकायत की जाँच अपर संचालक, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान म.प्र. भोपाल द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 03.03.2018 अनुसार श्रीमती अर्चना शर्मा, प्राचार्य एवं तत्कालीन वार्डन श्रीमती रेखा सिंह को विद्यालय से अन्यत्र स्थानान्तरित कर इनके विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। माननीय राजस्व मंत्री एवं सहकारिता राज्यमंत्री द्वारा श्रीमती रेखा सिंह, उ.श्रे.शि. को अन्यत्र स्थानान्तरण हेतु कलेक्टर जिला भोपाल को लेख किया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश दिनांक 16.03.2018 द्वारा श्रीमती अर्चना शर्मा, प्राचार्य एवं तत्कालीन वार्डन श्रीमती रेखा सिंह का स्थानान्तरण आदेश जारी किया जा चुका है।
मध्य प्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के संबंध में
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 4890 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड में कितने SQC कन्सलटेन्ट वर्तमान में काम कर रहे हैं वर्तमान में चल रहे कार्यों का सुपरवीजन क्या है? क्या कारपोरेशन में पदस्थ इंजीनियरों द्वारा यह कार्य नहीं हो सकता है? कार्यों के सुपरवीजन पर कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है? विगत दो वर्षों की सूची देवें (ख) क्या यह कार्य लोकनिर्माण विभाग के इंजीनियरों की देखरेख में नहीं हो सकता? जिससे करोड़ो की राशि की बचत भी हो सकती है? (ग) यह नीति कब से लागू है? इसके पूर्व में बगैर कन्सलटेन्ट के यह कार्य कैसे होता था? (घ) शासन नई नीति कब तक बनायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध में प्रावधान अनुसार। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्यों की लागत की तुलना में कन्सलटेंट पर किया गया व्यय अत्यंत कम है। कन्सलटेंट न होने पर निगम के अंतर्गत इतने वृहद परियोजनायें सम्पादित किया जाना संभव नहीं है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम लि.मि. के गठन से अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यालय प्राचार्य शास. उ.मा.वि. हर्राखेडा जिला भोपाल का वेतन बधित बहाल करना
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 4900 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री लेखीराम कुशवाह सहायक ग्रेड-३ कार्यालय प्राचार्य शास.उ.मा.वि. हर्राखेड़ा के द्वारा कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल संभाग भोपाल में पदस्थ रहते हुये विधानसभा कक्ष का कार्य ग्रहण न करते हुये प्रभार लेने से इंकार करने के आरोप में निलंबित किया जाकर असंचयी प्रभाव से एक वेतन वृद्धि भी रोक दी गई थी, यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभागीय जाँच उपरांत श्री लेखीराम कुशवाह को निर्दोष पाये जाने पर बहाल कर विभागीय कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो बहाल आदेश की प्रति एवं क्या इनकी रोकी गई वेतन बृद्धि बहाल कर पुनः लगा दी गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) श्री लेखीराम कुशवाह की विभागीय जाँच संस्थित नहीं की गई अपितु आरोप पत्र संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण भोपाल संभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/शिका.वि.जाँच/12/2013/1012,दिनांक 04.03.2013 जारी कर प्रतिवाद चाहा गया। श्री कुशवाह से प्राप्त प्रतिवाद समाधान कारक नहीं पाये जाने पर संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण भोपाल संभाग भोपाल के आदेश क्रमांक/शिका.-जाँच/निलम्बन/मु.लि./ 12-13/3841-42,दिनांक 16.08.2013 के द्वारा एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकते हुये निलम्बन अवधि को कर्तव्य अवधि मान्य कर प्रकरण को समाप्त कर दिया गया। जी हाँ वर्तमान में श्री कुशवाह विभागीय कार्य कर रहे हैं। आदेश की प्रति संलगन परिशिष्ट में सम्मिलित है। उत्तरांश के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाना
[सहकारिता]
54. ( क्र. 4986 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवा सहकारी समिति चौखण्डी के समिति प्रबंधक की प्रथम नियुक्ति तिथि क्या है तथा प्रथम नियुक्ति तिथि से प्रश्न दिनांक तक किन-किन समितियों में कब से कब तक प्रभार में था तथा वर्तमान में कितनी समितियां उसके प्रभार में हैं वर्तमान प्रभार वाली समितियों के विक्रेताओं के ऊपर कितनी-कितनी राशि कब से खाद्यान्न, मिट्टी तेल, शक्कर, नमक की बकाया हैं? समितिवार, विक्रेता का नाम, पिता का नाम, बकाया राशि, बकाया राशि की तिथि अंकित कर समितिवार जानकारी देवें तथा उक्त बकाया राशियों की वसूली ब्याज राशि के साथ कब तक करा लेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के समिति प्रबंधक के प्रभारवाली समितियों में विक्रेताओं के ऊपर बकाया राशि के वसूली के क्या प्रयास किये गये हैं? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें तथा यह भी बतायें की बकाया राशि वाले किन-किन विक्रेताओं को खाद्यान्न अभी भी दिया जा रहा है किन-किन को नहीं जिन्हें नहीं दिया जा रहा है तो क्यों? बकाया राशि के विक्रेताओं के ऊपर एक समान कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? इसमें कौन-कौन दोषी हैं? दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेंगे? दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करा देंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के समिति प्रबंधक क्या सेवा सहकारी समिति पनवार के फर्जी ऋण वितरण में जिसमें रमाकान्त द्विवेदी, समिति प्रबंधक रामकृष्ण मिश्रा, सहायक समिति प्रबंधक के ऊपर अपराध दर्ज कराया गया है? उस अवधि में समिति पनवार शाखा डभौरा में था। उस फर्जी ऋण वितरण के समायोजन पत्र शाखा सीमा ऋण स्वीकृत में इसके भी हस्ताक्षर थे, तो इसे क्यों आरोपी नहीं बनाया गया है? क्या तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं पर्यवेक्षक को फर्जी ऋण वितरण में सह अभियुक्त बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि है (क) के समिति प्रबंध की प्रथम नियुक्ति तिथि से प्रश्न दिनांक तक यदि शाखा डभौरा के अधीन समितियों में ही रखा गया, तो क्या इसकी कुल सेवा इन्हीं समितियों में ली जावेगी? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो इसे हटाकर इसके पदस्थापना अवधि में किया गये, फर्जी ऋण वितरण एवं बचत बैंक के लाभ हानि की जाँच, जाँच दल गठित कर करायेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सेवा सहकारी समिति चौखण्डी के समिति प्रबंधक श्री विशेषर प्रसाद कुशवाह की प्रथम नियुक्ति दिनांक 14.09.1991 है तथा उपस्थिति दिनांक 20.09.1991 है। श्री कुशवाह की उपस्थिति दिनांक से दिनांक 07.09.1995 तक समिति भनिगवां शाखा जवां इसके पश्चात समिति खाजा (वर्तमान समिति रीमारी), आदेश दिनांक 04.11.1996 से समिति खाजा के साथ चौखण्डी का प्रभार दिया गया। नवीन शाखा डभौरा दिनांक 13.06.1998 से अस्तित्व में आने से शाखा जवां की 6 समितियां शाखा डभौरा में संबद्ध की गई। बैंक के आदेश दिनांक 31.08.2000 से श्री कुशवाह को समिति रीमारी से हटाकर समिति चौखण्डी में पदस्थ किया गया, बैंक आदेश दिनांक 25.09.2001 से समिति बाराहुला का प्रभार दिया गया। बैंक आदेश दिनांक 29.07.2004 से श्री कुशवाह को समिति चौखण्डी से हटाकर रीमारी में पदस्थ किया गया। बैंक आदेश दिनांक 06.01.2008 से श्री कुशवाह समिति चौखण्डी, रीमारी एवं बाराहुला के साथ-साथ प्रभारी पर्यवेक्षक के पद पर पदस्थ किया गया। बैंक आदेश दिनांक 18.09.2009 से श्री कुशवाह को रीमारी, पनवार के साथ बाराहुला समिति से हटाकर समिति चौखण्डी प्रभार में दी गई। वर्तमान में बैंक आदेश दिनांक 04.07.2013 से श्री कुशवाह के पास समिति चौखण्डी, बाराहुला, दोंदर, पनवार एवं डभौरा लिंक का प्रभार है। विक्रेताओं पर बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। बकाया राशि की वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) बकाया राशि की वसूली हेतु विक्रेताओं को नोटिस जारी किये गये हैं। जारी नोटिस की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। बकाया राशि वाले समस्त विक्रेताओं को खाद्यान्न दिया जा रहा है। समस्त विक्रेताओं पर एक समान कार्यवाही की जा रही है। अतः किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सेवा सहकारी समिति मर्यादित, पनवार के फर्जी ऋण वितरण की जाँच कलेक्टर जिला रीवा द्वारा कराई गई, जाँच में श्री विशेषर कुशवाह को दोषी नहीं बताया गया है तथा श्री कुशवाह उस समय समिति पनवार में पदस्थ नहीं थे। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन समिति प्रबंधक श्री रमाकांत द्विवेदी तथा सहायक समिति प्रबंधक श्री रामकृष्ण मिश्रा के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। प्रकरण पुलिस विवेचना में है। शेष प्रश्न पुलिस विवेचनाधीन। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी नहीं, श्री विशेषर कुशवाह को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के आदेश दिनांक 16.03.2018 से स्थानान्तरित कर सेवा सहकारी समिति मर्यादित, हिनौता, बीड़ा, मौहर्वा एवं चचाई शाखा बीड़ा में पदस्थ किया गया है। बैंक स्तर से इनकी पदस्थापना अवधि के ऋण वितरण एवं बचत बैंक के लाभ हानि की जाँच कराई जायेगी।
सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 4989 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं अपर संचालक शिक्षा जिला रीवा के कार्यालय में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक में जिले में पदस्थ किन-किन गुरूजी सहायक अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा भेजा गया है? उन प्राप्त प्रस्तावों पर किस-किस की सेवा समाप्त कर दी गयी? किस-किस की नहीं? पारित आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश के अवधि में प्राप्त जिन प्रकरणों में सेवा समाप्ति का आदेश जारी नहीं किया गया? तो क्यों? कारण बताते हुए नाम, पद, प्राप्त प्रस्ताव प्रचलित (नस्ती) प्राप्त होने का दिनांक अंकित प्रचलित नस्ती के साथ जानकारी देवें तथा यह भी बतायें कि अभी तक आदेश जारी न करने में कौन-कौन दोषी हैं? दोषी पर कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के लंबित प्रकरण का निराकरण कब तक कराकर सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर देंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के अवधि में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय भेजे गये प्रकरणों की जानकारी, किये गये आदेश की प्रति, जावक पंजी की छायाप्रति एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय में दर्ज आवक पंजी की छायाप्रति के साथ जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा के कार्यालय में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक जिले में पदस्थ गुरूजी, सहायक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक की सेवा समाप्त करने संबंधी कोई प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा नहीं भेजा गया है। उक्त अवधि में वर्ष 2013 में श्री श्रवण कुमार तिवारी सहायक अध्यापक की अपराधिक प्रकरण में संलिप्तता के कारण माननीय न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध पाये जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पदेन अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की हैसियत से सेवा समाप्ति आदेश पारित किया गया है। पारित आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उल्लेखित अवधि में सेवा समाप्ति संबंधी कोई प्रस्ताव मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की ओर नहीं भेजा गया है अपितु पदेन अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की हैसियत से श्री श्रवण कुमार तिवारी सहायक अध्यापक की सेवा समाप्ति संबंधी आदेश पारित किया गया है। जावक पंजी की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्य में धांधली की शिकायत
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 4997 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री को दिनांक 13/2/2018 को बालाघाट जिले के चन्दन नदी पर बन रहे पुल स्टापडेम में बरती अनियमितता की शिकायत प्रहलाद गजभिये ग्राम पांजरा पोस्ट जराहमोहगांव तहसील खैरलांजी जिला बालाघाट ने की है। (ख) यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री जी को की गई शिकायत की किस अधिकारी द्वारा करायी जा रही है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित कार्य विभाग के अधीन नहीं है। अपितु यह कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा बालाघाट के अधीन है। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक-2 बालाघाट के पत्र दिनांक 16.03.2018 के द्वारा शिकायत की जानकारी एवं जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
कृषि उपजमण्डी का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
57. ( क्र. 5031 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी समिति हनुमना एवं उपमण्डी मऊगंज का नवनिर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कुल लागत, निर्माण/एजेन्सी चयन में अपनाई गई प्रक्रिया तथा जारी तक आर्डर की जानकारी, विवरण सहित प्रदान करें। (ख) क्या मण्डी निर्माण के दौरान दुकानों का भी निर्माण किया गया है यदि हाँ, तो विवरण दें तथा क्या उनका आवंटन हो चुका है तो आवंटन में अपनाई गई प्रक्रिया का विवरण दें? (ग) क्या मण्डी निर्माण/दुकानों के निर्माण तथा आवंटन में अनियमितता की गई है? यदि हाँ, उस सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, उपरोक्त प्रांगणों में निर्माण कार्यों हेतु कुल लागत राशि रू. 643.91 लाख निर्माण कार्यों की एजेंसी चयन में ई-टेण्डरिंग के माध्यम से समाचार पत्रों में निविदा विज्ञप्ति का प्रकाशन कर प्राप्त न्यूनतम दर स्वीकृति के उपरांत अनुबंध के अनुक्रम में कार्यों के वर्क आर्डर जारी किये गये जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मंडी प्रागंण हनुमना में स्ववित्तीय योजनांतर्गत 36 दुकानों का आवंटन म.प्र. कृषि उपज मंडी (भूमि एवं संरचना का आवंटन) नियम 2009 में वर्णित उपबंधों के तहत विज्ञप्ति प्रसारित कर दिया गया है। अपनाई गई प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) दुकान आवंटन के संबंध में मंडी समिति में अनियमितता प्रकाश में नहीं आने से शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रशंकरण के अंतर्गत कराये गये कार्यों की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
58. ( क्र. 5061 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रशंसकरण विभाग के द्वारा विगत तीन वर्षों में मैदानी स्तर पर क्या क्या कार्य/सहायता उपलब्ध करायी गयी? विधानसभा क्षेत्रवार प्रत्येक कार्य की जानकारी उपलब्ध करायी जावे? (ख) उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत भिण्ड जिले में प्रशासकीय संरचना का क्या स्वरूप है? कुल कितने पद किस-किस स्तर के किस-किस स्थान के लिये स्वीकृत हैं वर्तमान में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हुये व कितने पद कितनी अवधि से रिक्त हैं? (ग) अटेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में उद्यानिकी विभाग द्वारा कितने लघु एवं सीमांत कृषकों को विगत तीन वर्षों में इस कार्य को बढ़ावा देनें के लिये किस-किस रूप में सहायता उपलब्ध करायी गयी? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायी जाये।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं की जानकारी
[सहकारिता]
59. ( क्र. 5067 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में प्रत्येक स्तर की कुल कितनी सहकारी समितियां क्रियाशील हैं? इन समितियों के द्वारा क्या-क्या कार्य किया जाना है? विगत तीन वर्षों में इनमें से कितनी समितियों का ऑडिट एवं निरीक्षण कार्य सम्पन्न किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ख) अटेर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत सभी स्तर की क्रियाशील एवं अक्रियाशील कुल कितनी सहकारी समिति अस्तित्व में हैं? किन-किन समितियों में भारसाधक अधिकारी को कार्य सौंपा गया? इन समितियों की वित्तीय क्षमता कितनी हैं? क्या शासन स्तर से इन सहकारी समितियों को अपने कार्य हेतु कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी गयी है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी विवरण दिया जाये।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 461, इन समितियों द्वारा उपविधियों में वर्णित उद्देश्य अनुसार कार्य किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। शासन द्वारा कार्यशील पूंजी उपलब्ध नहीं कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक्सीडेंट प्वाइटों का सुधार
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 5083 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के भापेल गांव से और राहतगढ़-बागरोद होते हुये विदिशा तक बनाये जाने वाले नेशनल हाइवे मार्ग पर लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग सागर के द्वारा कब-कब, किन-किन एक्सीडेन्ट प्वाइंटों को कहाँ-कहाँ चिन्हित किया गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मई 2016 में कलेक्टर सागर एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग सागर को एक्सीडेंट प्वाइंटों में सुधार आदि कार्य कराने के लिये पत्र लिखे गये थे तथा विभाग ने एक्सीडेंट सुधार हेतु आश्वस्त भी किया था? पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि हाँ, तो हाल में ही निर्माण किये जा रहे सागर-विदिशा मार्ग पर पत्रानुसार एक्सीडेंट प्वाइंट पर कोई सुधार कार्य न करने के लिये और आये दिन हो रही एक्सीडेंट की दुर्घटनाओं के लिये विभाग के किन अधिकारियों को दोषी माना जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पत्राचार की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) सागर विदिशा मार्ग पर कि.मी; 155/4 में पत्रानुसार एक्सीडेन्ट प्वांइट पर अस्थाई परिशोधन का कार्य कर दिया गया है एवं स्थाई परिशोधन का प्रावधान निर्माणाधीन कार्य कि.मी. 81 से कि.मी. 175 में टू लेन विथ पेव्हड मय पुल-पुलियों सहित मार्ग चौड़ीकरण कार्य में सम्मिलित है एवं यथाशीघ्र कराया जा रहा है। अत: कोई भी विभागीय अधिकारी दोषी नहीं है।
उर्दू स्कूल का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 5084 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुरखी विधानसभा क्षेत्र के राहतगढ़ नगर में कक्षा 1 से 5 तक शासकीय उर्दू प्राथमिक शाला संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो कितने छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं? जानकारी कक्षावार दी जावे? (ख) क्या सरकारी मिडिल स्कूल में अलग से उर्दू विषय के अध्यापन की कोई व्यवस्था न होने से ये बच्चे कक्षा 6वीं से उर्दू विषय का अध्ययन नहीं कर पाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कब तक राहतगढ़ नगर की उक्त शासकीय उर्दू प्राथमिक शाला का उन्नयन मिडिल स्कूल में कर दिया जावेगा और यदि उन्नयन नहीं किया जावेगा तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) उर्दू प्राथमिक शाला का उर्दू माध्यमिक शाला में उन्नयन विचाराधीन है।
घूघर हाई स्कूल निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 5085 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. के द्वारा शासकीय हाईस्कूल घूघर के शाला भवन का निर्माण कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त भवन में 8 महीने में ही बड़ी-बड़ी दरारें आ जाने पर दो बार मरम्मत करायी गयी और अब फिर उक्त भवन में पुन: दरार पड़ गयी है? इस अमानक निर्माण के लिए किस अधिकारी का उत्तरदायित्व है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार घटिया निर्माण सामग्री एवं गुणवत्ताविहीन भवन निर्माण किये जाने के लिये क्या ठेकेदार के विरूद्ध तथा संबंधित उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अपितु भवन के रेनवाटर के डक्ट एवं पैरापिट वाल में कुछ जगहों पर लिकेज क्रेक थे जिनको ठेकेदार से तुरंत ठीक करा दिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में भवन की स्थिति संतोषप्रद है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षक के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 5099 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन संविदा भर्ती वर्ष 2018 में वर्ष 2011 में उतीर्ण कर चुके अतिथि शिक्षक जो कि वर्ग 01 की परीक्षा उत्तीर्ण थे बी.एड. होने पर भी पद की कमी होने से चयनित नहीं हो पाये थे उन्हें चयन किया जायेगा? (ख) क्या वर्ष 2011 में व्यापम परीक्षा उतीर्ण ऐसे अतिथि शिक्षक जिन्होंने वर्ग-3 की परीक्षा उतीर्ण की किन्तु बी.एड. होने के बावजूद चयन नहीं किया गया? क्या उन्हें 2018 में चयनित किया जावेगा? (ग) क्या 2018 संविदा भर्ती में 8-10 वर्षों का अनुभव रखने वाले प्रशिक्षित अतिथियों के लिए विभागीय परीक्षा के माध्यम से कोई प्रावधान किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जी नहीं।
एन.एच. 59 ए पर किये जा रहे विद्युत कार्य
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 5134 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 59ए पर स्थित ग्राम कलवार से कन्नौद पर किये जा रहे पोल 'फिटिंग कार्य (विद्युत कार्य) की क्या लागत है एवं किस कंपनी द्वारा कार्य किया जा रहा है? कार्य करने के नियम शर्तें क्या हैं? छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) शासन द्वारा कंपनी को प्रति विद्युत पोल के हिसाब से या प्रति किलोमीटर के हिसाब से राशि प्रदाय की जा रही है? प्रति विद्युत पोल या प्रति किलोमीटर कितनी राशि प्रदाय की जा रही है? (ग) उक्त कार्य कितने किलोमीटर में किया जा रहा है? प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युत पोल हटाये गये एवं उनके स्थान पर कितने पोल लगाये गये? कितने क्रांसिंग किये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लागत (अनुबंधित राशि) रू. 63.05 लाख एवं उक्त कार्य मेसर्स आर.सी. मालवीय एण्ड एसोसिएट इन्दौर द्वारा किया जा रहा है। कार्य करने के नियम एवं शर्तें अनुबंध में उल्लेखित है। छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, अनुबंध में शेड्यूल ऑफ ऑयटम के अनुसार विभिन्न ऑयटम का भुगतान किया जा रहा है। (ग) उक्त कार्य 15 कि.मी. की लंबाई में किया जा रहा है। कुल विद्युत पोल 186 नग हटाये गये तथा उनके स्थान पर 186 नये पोल लगाये गए एवं 42 नग क्रासिंग का कार्य किया गया है।
प्रायवेट स्कूलों में आर.टी.आई. के तहत
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 5137 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के ग्रामीण अंचलों से कितने प्रायवेट स्कूलों में आर.टी.आई. के तहत कितने बच्चों को सत्र 2016-2017 एवं 2017-2018 में प्रवेश दिया गया? विद्यालय एवं कक्षावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आर.टी.आई. के तहत उक्त संस्थाओं में दर्ज विद्यार्थियों से संबंधित किन-किन संस्थाओं को कब-कब कितना भुगतान किस मान से शासन द्वारा किया गया? संबंधित संस्था में शैक्षणिक व अशैक्षणिक कार्य हेतु कितना स्टाफ है की जानकारी देवें? (ग) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में संचालित प्रायवेट हाई/हायरसेकण्डरी स्कूलों में सत्र 2017-18 में विद्यार्थियों को अध्यापन कराने वाले शिक्षकों के नाम, योग्यता क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में सत्र 2016-17 में अध्ययनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। चूंकि शिक्षा का अधिकार नियम में फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही शैक्षणिक सत्र के अन्त में मार्च में किये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2017-18 की फीस प्रतिपूर्ति अभी प्रारम्भ नहीं हुई है। शैक्षणिक व अशैक्षणिक कार्य हेतु कार्यरत स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है।
कार्यालय/विद्यालयों में प्रभारी के रूप में कार्य करना
[स्कूल शिक्षा]
66. ( क्र. 5147 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग के इन्दौर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कितने प्रभारी अधिकारी के रूप में तथा हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी, कितने प्रभारी प्राचार्य एवं प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में, कितने प्रभारी प्रधानाध्यापक कार्यरत है? (ख) इन्दौर जिले में भी इस प्रकार के प्रभारी अधिकारी कब से कार्यरत है? ऐसे स्थानों में कब तक नियमित अधिकारियों की पदस्थापना की जावेगी? (ग) क्या प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्यरत रहने पर अतिरिक्त भत्ते का भुगतान किया जाता है, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रभारी अधिकारियों को अतिरिक्त भत्ते भुगतान किए जाने हेतु शासन द्वारा प्रावधान/विचार किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी, नहीं। नियमों में ऐसा प्रावधान नहीं है। (घ) जी, नहीं।
प्राप्त वेतनमान के आधार पर पदनाम प्रदान किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
67. ( क्र. 5148 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक/शिक्षकों को निर्धारित समय-सीमा में पदोन्नति नहीं मिल पा रही है? यदि हाँ, तो कौन सी वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है? (ख) पदोननति से वंचित रहने के बाद भी कई शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं ऐसे शिक्षकों को काल्पनिक पदोन्नति दिए जाने पर विचार किया जा रहा है अथवा जिन शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिया जा रहा है उन्हें प्राप्त वेतनमान के आधार पर पदनाम दिए जाने की कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या ऐसे शिक्षकों को योग्यता के आधार पर पदनाम प्रदान किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कयों? (घ) क्या मान. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा पदनाम प्रदान किए जाने संबंधी को ई घोषणा की गयी है? यदि हाँ, तो उसपर कब तक अमल किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मान. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में प्रस्तुत विशेष अनुमति याचिका (सिविल) क्र. 13954/2016 म.प्र. शासन एवं अन्य विरूद्ध आर.बी. राय एवं अन्य में अंतरिम पारित आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा पदोन्नति के संबंध में यथास्थिति के निर्देश प्रदान किए गए है। सहायक शिक्षक/शिक्षकों को म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. 1477/2796/1/3/05 दिनांक 03.09.2005 द्वारा 12 वर्ष उपरांत वरिष्ठ वेतनमान एवं 24 वर्ष उपरांत क्रमोन्नति वेतनमान तथा आदेश क्र. सी 3-09/2017/3/एक दिनांक 25 अक्टूबर 2017 द्वारा 30 वर्ष उपरांत तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। शेषांश के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) घोषणा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मार्ग निर्माण में किसानों की ली गई भूमि का मुआवजा
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 5172 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में विकासखंड बैतूल के अंतर्गत बैतूल बाजार से हथनोरा-परसोड़ीखुर्द होते हुए एन एच ६९ तक मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस वर्ष में कितने कि.मी मार्ग का निर्माण किया गया तथा इसकी लागत क्या थी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मार्ग निर्माण में किस-किस किसान की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की गई थी? (घ) क्या किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा दिया जा चुका है? यदि हाँ, तो किस-किस क्रषक/व्यक्ति को कितना-कितना? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक मुआवजे का वितरण कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है क्यों कि मार्ग का भू-अर्जन प्रस्ताव क्रयनीति अंतर्गत तैयार कर पुन: प्रस्तुत करने हेतु कलेक्टर बैतूल द्वारा निर्देशित किया गया है। निर्देशानुसार पुन: सर्वे कर प्रकरण कार्यपालन यंत्री स्तर पर तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अंग्रेजी माध्यम से कृषि विषय की पुस्तकें उपलब्ध न होना
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 5178 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की कक्षा ११वी एवं कक्षा १२वीं में कृषि विषय पढ़ाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या हिन्दीं व अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ाया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए कौन-सा पाठ्यक्रम लागू किया गया है? तय किया गया पाठ्यक्रम किन पुस्तकों से पढ़ाया जा रहा है तथा कौन-कौन से प्रकाशकों के माध्यम से इन पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करायें? क्या पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा अंग्रेजी माध्यम से कृषि विषय की पुस्तकें जारी की गई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौनसी पुस्तकें हैं? सूची देवें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि अग्रेजी माध्यम में कृषि विषय से संबंधित पुस्तकें प्रकाशित नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को हो रही असुविधा के लिये कौन जवाबदेह है तथा इनके प्रकाशन की क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) अंग्रेजी माध्यम में नहीं पढ़ाया जाता, केवल हिन्दी माध्यम में पढ़ाया जाता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्य के अनुबंध में ठेकेदार के फर्जी हस्ताक्षर कर पेज बदलना
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 5294 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-रायसेन में 11 मील से 34 मील तक मार्ग के कार्य के अनुबंध के पेज क्र. 115 में ठेकेदार के फर्जी हस्ताक्षर कर पेज बदलने की शिकायत की गयी थी? क्या उक्त शिकायत के संबंध में माननीय मंत्रीजी ने ठेकेदार के आवेदन पर जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिये थे? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा माननीय मंत्रीजी के निर्देशों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या शिकायत करने वाले ठेकेदार ने हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जाँच उपरांत रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु आवेदन दिया। (ग) क्या कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग रायसेन के पत्र क्र.3953 दिनांक 23/08/2017 से अधीक्षण यंत्री को लिखा गया था कि यह गंभीर आपराधिक प्रकरण है। अवैधानिक कार्य के लिये आगे कार्यवाही हेतु मार्गदर्शन मांगा था, किन्तु विभाग के उच्च अधिकारी मंत्रीजी के निर्देश के बाद भी इस संबंध में कोई कार्यवाही न कर दोषी अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने हेतु कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। (घ) क्या मंत्रीजी के आदेश एवं शिकायत होने के बाद भी कार्यवाही नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज कर आगामी कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) शासन के निर्देशानुसार जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। प्राप्त जाँच प्रतिवदेन अनुसार अग्रिम कार्यवाही निर्धारित की जावेगी।
गारंटी पीरियड के समाप्त होने के उपरांत परफोरमेंस राशि वापिस करना
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 5295 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग रायसेन के अनुबंध क्रमांक-141/डी12-13 में परफारमेंस अवधि 18 माह है? क्या कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग रायसेन के पत्र क्रमांक 4103, दिनांक 16/09/2016 से अधीक्षण यंत्री को लिखा था कि 11 मील से 34 मील के कार्य की गारंटी पीरियड 18 माह था? क्या कार्यपालन यंत्री ने पत्र क्र.2617 दिनांक 30/05/2017 से जमा की गयी? प्रतिभूति राशि वापिस हेतु लिखा था, क्योंकि 18 माह की अवधि समाप्त हो चुकी है? (ख) क्या अधीक्षण यंत्री ने पत्र क्रमांक-3311 दिनांक 03/06/2017 से मुख्य अभियंता को संबोधित पत्रानुसार 18 माह की परफारमेंस अवधि दिनांक 29/05/2017 को समाप्त हो चुकी है? उसी दौरान संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों ने अनुबंध क्रमांक-144/डी/2012-13 के पेज क्रमांक-115 को ठेकेदार के फर्जी हस्ताक्षर कर बदल दिया। इस आपराधिक कृत्य में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों को बचाने हेतु अधिकारी ठेकेदार की परफोरमेंस राशि वापिस नहीं कर रहे हैं। (ग) अनुबंध क्रमांक-141/डी/2012-13 में तथा एन.आई.डी. में परफारमेंस अवधि 18 माह थी, इस संबंध में प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित पत्रों से पूर्णरूपेण स्पष्ट है। अतः ठेकेदार की परफारमेंस राशि कब तक वापिस की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। अवधि विवादित है। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। अधीक्षण यंत्री द्वारा कार्यपालन यंत्री के पत्र का हवाला दिया है। अनुबंध में पृष्ठ बदलने के संबंध में जाँच की जा रही है। जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) जाँच में है एवं जाँच उपरांत ही प्रकरण में निर्णय लिया जायेगा।
11 नवम्बर शिक्षा दिवस के रूप में मनाने
[स्कूल शिक्षा]
72. ( क्र. 5345 ) श्री अंचल सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 11 नवम्बर को सम्पूर्ण प्रदेश में शिक्षा दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो इस आयोजन में कौन-कौन से कार्यक्रमों को संचालित किया जा सकता हैं? क्या शासन के संज्ञान में जबलपुर जिले में ऐसे शासकीय/अशासकीय शाला है, जिनमें 11 नवम्बर को शिक्षा दिवस के रूप में नहीं मनाया जा रहा है? (ख) क्या 11 नवम्बर को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने हेतु शासन द्वारा कोई आदेश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यह भी बताया जावे कि क्या शासकीय/अशासकीय शालाओं में 11 नवम्बर को शिक्षा दिवस मनाया जाना क्यों अनिवार्य है? क्या शिक्षा विभाग द्वारा संचालित माध्यमिक शालाओं में दिनांक 11.11.2013 को सांय 4.00 बजे शालाओं को बंद करने के आदेश शासन द्वारा दिये गये थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ग) क्या 11 नवम्बर को शिक्षा दिवस कार्यक्रम के उपरांत शालाओं में उस दिन का अवकाश घोषित कर दिया जाता है अथवा कार्यक्रम उपरांत शेष शाला समय में बच्चों को अध्ययन कार्य सुचारू रूप से कराया जाता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। 11 नवम्बर 2013 को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस आयोजित किये जाने के राज्य शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस प्रकार की जानकारी एकत्र नहीं की जाती है। (ख) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शैक्षणिक कैलेण्डर में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री श्री अब्दुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाए जाने का उल्लेख है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी हाँ।
सड़क निर्माण के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 5354 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड बालाघाट अंतर्गत ग्राम आगरवाड़ा से छोटा जागपुर पहुँच मार्ग का निर्माण किस सन में, किस एजेंसी द्वारा कराया गया है? ठेकेदार का नाम बताएं। (ख) इस कार्य की लागत कितनी थी, स्वीकृति के आधार पर कार्य कितना हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इस सड़क की गुणवत्ता की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की गई थी एवं क्या सड़क निर्माण में अनियमितता को लेकर ग्रामीणजन के द्वारा शिकायतें की गई थी? यदि हाँ, तो वह क्या थी? क्या उन शिकायतों पर जाँच की गई? यदि नहीं, तो बिना जाँच किए भुगतान किस आधार पर कर दिया गया? ग्रामीण जनों की शिकायत और उन पर की गई कार्यवाही की प्रति बताएं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग का निर्माण कार्य मण्डी बोर्ड द्वारा नहीं कराया गया है। अत: शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, अपितु प्रश्नांकित क्षेत्रान्तर्गत मंडी बोर्ड द्वारा पाथरवाड़ा-आगरवाड़ा (व्हाया जागपुर) बड़ा जागपुर से छोटा जागपुर मार्ग मय बाक्स कल्वर्ट लम्बाई 3.38 कि.मी., लागत राशि रू. 210.74 लाख का निर्माण कार्य दिनांक 29.12.2017 से स्वीकृत किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' तथा 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों का मरम्मतीकरण एवं निर्माण
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 5375 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की पौनिया, चौखंडी, चिकमार मार्ग, महकेपार पहुँच मार्ग, पाजनविहरी-रामजी टोला मार्ग आवागमन के लिए अत्यंत खराब हो गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या लोक निर्माण विभाग इन तीनों मार्गों को मरम्मतीकरण के अंतर्गत स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शा.हाई स्कूलों का शा.उ.मा.शाला में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 5376 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के कटंगी विधानसभा क्षेत्र की शा.हाईस्कूल सालेवर्डी, शा.हाईस्कूल लिंगापौनार, शा.हाई स्कूल टेकाडी (का), शा.हाई स्कूल बम्हनी, शा. हाई स्कूल बनेरा, शा.हाई स्कूल नां हाई स्कूल से हायर सेकेन्डरी में उन्नयन करने की अर्हतायें रखते हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब तक हाई स्कूलों का हायर सेकेन्डरी में उन्नयन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2017-18 में शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता एवं मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेंवढ़ा नगर में नर्सरी खोले जाने
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
76. ( क्र. 5388 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सेवढ़ा जिला दतिया में कुल कितनी व कहाँ-कहाँ नर्सरी हैं इसमें कौन-कौन कर्मचारी स्थाई, अस्थाई दैनिक वेतन, पारिश्रमिक पर कार्य कर रहे हैं उनके नाम पद पदस्थी स्थल की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या विकासखण्ड सेंवढ़ा में दो तहसीलें हैं, जिनकी दूरी आपस में लगभग 35 कि.मी. है, किन्तु दो तहसीलों के बीच एक मात्र नर्सरी इन्दरगढ़ में होने से दूसरी तहसील सेंवढ़ा के किसानों को दूरी अधिक होने से शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है, जिससे वे उन्नत पौध नहीं खरीद पाते हैं? (ग) क्या शासन की सेंवढ़ा तहसील में एक नवीन नर्सरी बनाये जाने की कोई योजना है यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत हो जायेगी यदि नहीं, तो क्या यहां के किसानों को शासन की योजना का लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से नवीन नर्सरी खोले जाने के पृथक से आदेश जारी करेंगे?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विकासखण्ड सेवढ़ा जिला दतिया में एक नर्सरी शासकीय निकुंज नेतुआपुरा, इंदरगढ़ में है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दतिया जिले में विकासखण्ड सेवढ़, दतिया एवं भाण्डेर में शासकीय नर्सरी संचालित है। किसानों को नर्सरी की दूरी अधिक होने से योजनाओं का लाभ नहीं मिलने एवं उन्नत पौधे नहीं खरीद पाने की कोई शिकायत नहीं है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 5389 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया से सेवढ़ा रोड़ से आलमपुर मार्ग पर नवीन कार्य स्वीकृति का कार्य आदेश कब जारी हुआ? उसमें क्या-क्या प्रावधान हैं? कार्य कब प्रारंभ होकर कब पूर्ण होगा? कार्य प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण किया गया? उनके द्वारा क्या प्रतिवेदन दिये गये डी.पी.आर. एवं एग्रीमेंट की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त मार्ग में प्रयुक्त की जाने वाली मिट्टी को उठाने बावत निर्माण एजेंसी द्वारा शासन से कोई अनुमति नहीं ली तथा कम सी.बी.आर. की मिट्टी निर्माण कार्य में लगाई है? यदि नहीं, तो मिट्टी की परमीशन की छायाप्रति एवं सी.बी.आर. के संबंध में लैब टेस्टिंग की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या उक्त मार्ग की पुलियों में गिट्टी के स्थान पर बड़े-बड़े बोल्डर बिना रेत + सीमेंट के मिश्रण के साथ लगाये गये, साथ ही सी.सी. का जो कार्य किया जा रहा है, उसमें जगह-जगह इनीकोम है? (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय, उक्त मार्ग की भोपाल स्तर से टीम बनाकर मेरे समक्ष जाँच करायेंगे, ताकि सड़क की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके, जाँच होने तक संबंधित निर्माण एजेंसी का पेमेंट रोके जाने के आदेश जारी करेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 17.05.2017 को। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 6 एवं प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। मिट्टी परमीशन एवं सी.बी.आर. जाँच की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7, 8 अनुसार है। (ग) जी नहीं, सीमेंट कांक्रीट कार्य निर्धारित मापदण्डानुसार करवाया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्था पिपरसमां के बैक खाते से आहरित की गई राशि
[सहकारिता]
78. ( क्र. 5393 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. शिवपुरी द्वारा सहकारी संस्था पिपरसमा के बचत बैंक खाते से दिनांक 30.6.2015 को रू 22 लाख की राशि का आहरण किस कारण से किया गया? आहरण की गई राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में कहाँ-कहाँ व कितना-कितना उपयोग किया गया? क्या यह आहरण नियम अनुसार किया गया था? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो इस अनियमितता के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. शिवपुरी द्वारा सहकारी संस्था पिपरसमा शिवपुरी के बचत खाते से आहरित की गई 22 लाख की राशि में से कितनी-कितनी राशि कब-कब वापस की गई एवं कितनी राशि बापस किया जाना शेष है? शेष राशि किस दिनांक तक सहाकारी संस्था पिपरसमा को वापस कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, शिवपुरी की शाखा शिवपुरी से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था पिपरसमा के सेविंग खाते से तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा दिनांक 30.06.2015 को राशि रू. 22 लाख नामे कर ''ब्याज प्राप्त संस्थाओं पर'' खाते जमा खर्च किया गया था जो नियमानुसार नहीं होने के कारण उक्त राशि को बैंक द्वारा संस्था के सेविंग खाते में जमा कराया जा चुका है। दोषी तत्कालीन शाखा प्रबंधक के विरूद्ध बैंक कर्मचारी सेवा नियम के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) आहरित संपूर्ण राशि रू. 22 लाख पिपरसमा संस्था के बचत खाते में जमा कराई जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
प्रदेश के विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारी की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
79. ( क्र. 5396 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में प्रदेश के उद्यानिकी विभाग के अन्तर्गत उप-संचालक उद्यान एवं सहायक संचालक उद्यान के रिक्त पदों पर वरिष्ठ उद्यान अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी के रुप में पदस्थ किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने उप-संचालक उद्यान एवं सहायक संचालक उद्यान के रिक्त पदों के विरुद्ध कनिष्ठ अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है? सूची में जानकारी उपलब्ध कराये। (ग) उच्च पदों पर, जिन निम्न पदों पर पदस्थ व.उ.वि.अ. को प्रभारी बनाया गया है उसके नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराये। यह भी बतायें की प्रभारी नियुक्त करते समय वरिष्ठता का नियमानुसार ध्यान रखा गया है? (घ) यदि प्रभारी अधिकारी को नियुक्त करते समय नियमों का पालन नहीं किया गया तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कब तक एवं क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ एवं 'ब' अनुसार है। (ग) रिक्त पद का प्रभार दिये जाने के संबंध में निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–स अनुसार है। जिले में कार्यरत वरिष्ठतम अधिकारी को प्रभार दिया गया है। (घ) उप संचालक/सहायक संचालक उद्यान के पद रिक्त होने के कारण निर्देशानुसार प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर प्रभार सौंपा गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित स्कूल की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 5399 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम घाट अमरावती में विभाग द्वारा संचालित स्कूल में कितने विषयवार शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं? कक्षावार जानकारी सूची में देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त में कितने पदों पर शिक्षक पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं। पदस्थ प्रत्येक का नाम, पदनाम सूची में देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) में संचालित स्कूल में कक्षावार विद्यार्थियों की दर्ज संख्या कितनी है?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र- 'एक' अनुसार। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र- 'एक' में
समाहित है। (ग) रिक्त
पदों की
पूर्ति एक सतत
प्रक्रिया
हैं। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र 'एक' अनुसार।
परिशिष्ट
- ''अट्ठावन''
निलंबित कर्मचारियों पर निर्वाह भत्ता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
81. ( क्र. 5401 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत कृषि विभाग के उपसंचालक कृषि द्वारा विगत दो वर्षों में कितने कर्मचारियों को किन-किन आरोपों के तहत किस नियम के अंतर्गत निलंबित किया गया? दिशा-निर्देशों की छायाप्रति एवं निलंबन आदेश कर्मचारीवार उपलब्ध करावें? (ख) निलंबित कर्मचारियों के निलंबन अवधि में निर्वाह भत्ता दिये जाने के क्या नियम हैं? क्या उन्हें पात्रतानुसार समय पर निर्वाह भत्ता का भुतगान किया गया? यदि हाँ, तो कर्मचारीवार विवरण दें? नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) श्री हेमन्त कुमार नागदेवे लेखापाल कार्यालय सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी लखनादौन को किन आरोपो के तहत निलंबित किया गया? क्या श्री नागदेवे को समय-सीमा में आरोपपत्र प्रदाय न करने पर निलंबन आदेश स्वतः समाप्त हो गया था? यदि हाँ, तो विभाग ने संबधित कर्मचारी को बहाल मानते हुये उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर करने से क्यों रोका? जबकि संबंधित कर्मचारी कार्यालय में लगातार कार्यालय में उपस्थित होते रहें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) प्रकरण के निराकरण के संबंध में विभागीय मंत्री द्वारा उपसंचालक, कृषि सिवनी को निर्देशित किया है? यदि हाँ, तो संबधित अधिकारी के द्वारा निर्देशों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दो कर्मचारियों को म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के प्रावधान अनुसार निलंबित किया गया। दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं निलंबन आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता मूलभूत नियम 53 के प्रावधान अनुसार दिया जाता है। जी हाँ। श्री विक्रम सिंह, निलंबित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को जुलाई 2017 एवं श्री एच.के.नागदेव, निलंबित लेखापाल को अक्टूबर 2017 से पत्रातानुसार नियमित जीवन निर्वाह भत्ता भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। श्री हेमन्त कुमार नागदेव लेखापाल कार्यालय सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी लखनादौन को निर्देशो की लगातार अवहेलना करने के कारण निलंबित किया गया। जी नहीं समय-सीमा में आरोप पत्र जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सिवनी के आदेश क्रमांक 969, दिनांक 16.2.2018 द्वारा श्री एच.के.नागदेव, लेखापाल को निलंबन से बहाल किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगझर से नागपुर रोड पुराना वायपास मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 5404 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें आती हैं? क्या सभी सड़कें ठीक हालत में हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन सी सड़कों में सुधार कार्य किया जाना है? (ख) क्या नगझर से मंडला वायपास, बरघाट बायपास, होते हुये पुराना नागपुर बायपास मार्ग तक आने वाला मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग में अंतिमवार डामरीकरण (पूर्ण निर्माण कार्य ) कराया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मार्ग की स्थिति कैसी है, मार्ग की स्थिति जानने के लिये कब और किस अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन तैयार किया गया? प्रतिवेदन उपरांत विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? उक्त मार्ग कब तक बनकर तैयार होगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानीय निधि से छात्रवृत्ति का भुगतान व समायोजन करना
[स्कूल शिक्षा]
83. ( क्र. 5437 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अन्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान न होने पर कितने छात्रों द्वारा सी.एम.हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई थी वर्षवार जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त शिकायत के निराकरण की दृष्टि से शिकायत कर्ता छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान संस्था की स्थानीय निधि से किया जाकर शिकायतें विलोपित कराई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्थानीय निधि से भुगतान की गई राशि के समायोजन हेतु कब-कब कितनी राशि संस्था को उपलब्ध करवाई गई है? यदि नहीं, तो स्थानीय निधि से अनियमित व्यय करने के लिए कौन उत्तरदायी है? कब तक स्थानीय निधि से भुगतान की गई राशि की भरपाई की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2016-17 में 403 एवं वर्ष 2017-18 में 182 छात्र/छात्राओं द्वारा सी.एम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रकरण में जाँच के निर्देश दिये गये है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
रिंग रोड के निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार किए जाने
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 5439 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गंजबासौदा में रिंग रोड के निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार किए जाने के लिए विभाग द्वारा निविदा प्रकाशित की गई है? यदि हाँ, तो निविदा की प्रति व निविदा की सर्वे की प्रति उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो उक्त निविदा किस फर्म की स्वीकार की गई है? यदि नहीं, तो कारण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चयनित फर्म द्वारा सर्वे का कार्य प्रगति पर है। (ख) मेसर्स प्रेसिस सर्वे एवं मेजरमेंट गाडरवाड़ा जिला नरसिंहपुर की। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 5456 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपजमंडी समिति कटनी द्वारा उप संचालक मंडी बोर्ड जबलपुर को पत्र क्रमांक 502 दिनांक 24/05/2017 से बिन्दु क्र. 1 से 6 तक क्या जानकारी भेजी गयी थी तथा बिन्दु क्र. 6 में उल्लेखित बिन्दु पर दिनांक 24/05/2017 के बाद उप संचालक एवं सचिव मंडी द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? यदि नहीं, की गई तो इसके लिये दोषी शाखा प्रभारी एवं सचिव के विरूद्ध कब, क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) फर्म फेयर फूड प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के मंडी कटनी के विरूद्ध न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के अतिरिक्त न्यायाधीश कटनी के न्यायालय में आर.सी.ए. 234/2017 प्रकरण दायर किया था जिसके दिनांक 29/09/2017 को निर्णय मंडी पक्ष में होने के बाद भी उक्त फर्म के विरूद्ध सचिव द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की और फर्म को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से बकाया राशि से स्थगन लाने का मौका दिया जा रहा है, जबकि फर्म का क्रय-विक्रय तत्काल प्रतिबंध कर अनुज्ञप्ति निलंबित किया जाना चाहिए था, ऐसा न करने के लिये दोषियों एवं फर्म के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। सचिव, कृषि उपज मंडी समिति कटनी द्वारा कृषि विपणन पुरूस्कार योजना के कूपन जारी करने के निर्देश दिये गये थे। उक्त पत्र में बिंदुओं का उल्लेख नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) फर्म फेयर फूड प्राईवेट लिमिटेड कंपनी कटनी द्वारा कृषि उपज मंडी समिति कटनी के विरूद्ध माननीय न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 कटनी के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक आर.सी.ए. 234/2017 दायर किया गया था जिसमें दिनांक 29.09.2017 को माननीय न्यायालय द्वारा मंडी समिति कटनी के पक्ष में निर्णय पारित किया गया है। माननीय न्यायालय के निर्णय के पश्चात् फर्म फेयर फूड प्राईवेट लिमिटेड पर देय मंडी शुल्क की राशि रसीद क्रमांक 1549/22 दिनांक 28.02.2018 राशि 50,000/- एवं रसीद क्रमांक 1549/23 दिनांक 28.02.2018 राशि 1,11,638/- रूपये जमा की गई है एवं निराश्रित शुल्क रसीद क्रमांक 526/34 दिनांक 27.02.2018 द्वारा राशि रूपयें 3233/- रूपये कुल राशि 161638/- जमा की गई है, राशि जमा हो जाने से शेष प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
माननीय न्यायालयों के आदेशों का क्रियान्वयन
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 5457 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग एवं खेल मंत्रालय द्वारा वर्ष 2000 से शासकीय विद्यालयों में व्यायाम शिक्षा निर्देशिकों (पी.टी.आई.) की नियमित भर्ती ही नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में हाँ तो राज्य के अधिकांश प्राथमिक, हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल माडल स्कूल, बिना व्यायाम शिक्षा निर्देशकों के ही संचालित हो रहे है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में भर्ती नहीं किये जाने के कारण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पटीसन क्र. 616732/16 दायर की गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो दिनांक 05/10/2016 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को आवेदन नये सिरे से प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिये गये एवं छ: माह में निर्णय लिये जाने का आदेश दिये गये? जिसके पालन में पिटीसनकर्ता द्वारा दिनांक 03/02/2017 को आवेदन दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या निर्णय लिया गया बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? किया जावेगा तो कब तक समय-सीमा बातावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2005 के नियमों में संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 (व्यायाम) के पद का प्रावधान है, तदनुसार निकायों द्वारा भर्ती की गई। (ख) जी नहीं। प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल में व्यायाम निर्देशक के पद का प्रावधान नहीं है। हायर सेकेण्डरी स्कूलों में व्यायाम निर्देशक/सहायक अध्यापक व्यायाम पद स्वीकृत है। वर्तमान में सीधी भर्ती अन्तर्गत 860 रिक्त पदों की भर्ती हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्न में उल्लेखित माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर रिट पीटीशन क्रमांक 616732/2016 अभिलेख उपलव्ध नहीं है अपितु संबंधित विषय की याचिका क्रमांक 16732/2016 दिनांक 05.10.2016 को निर्णित हुई है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वादी को अभ्यावेदन प्रस्तुत करने एवं 6 माह में निरारकण करने के निर्देश दिये गये। जी हाँ। प्रकरण परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किसानों मित्र/किसान दीदीयों को प्रतिमाह मानदेय बाबत्
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 5476 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में किसान मित्र/किसान दीदी योजना में जो मानदेय देने का प्रावधान है जो वार्षिक वर्ष के हिसाब से वर्ष में दो बार तीन-तीन हजार रूपये दिसम्बर व मार्च के अंत में दिए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या किसाना मित्र/किसान दीदीयों के मानदेय 6000 हजार वार्षिक देने का प्रावधान है क्या इसे प्रति माह 500 रूपये के हिसाब से दिया जाना उचित होगा जिससे उन्हें कुछ आर्थिक रूप से सहायता मिलने में आसानी होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषक मित्र को दायित्व निर्वाह भत्ता राशि रू. 6000/- वर्ष में दो वार तीन-तीन हजार रूपए दिए जा रहे है। (ख) जी हाँ। कृषक मित्र को वार्षिक दायित्व निर्वाह भत्ता राशि रू. 6000/-देने का प्रावधान है। दायित्व निर्वाह भत्ता खरीफ एवं रबी मौसम में आयोजित गतिविधियों में किसान मित्र की भागीदारी एवं सहयोग के कार्य प्रतिवेदन एवं मूल्यांकन के आधार पर दिया जाता है। प्रत्येक माह दिया जाना सम्भव नहीं।
किसान मित्र/किसान दीदीयों को हर वर्ष ग्रामसभा के ठहराव प्रस्ताव से मुक्ती बाबत
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
88. ( क्र. 5477 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में किसान मित्र/किसान दीदी योजना कब से संचालित है व इसके क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा क्या नीति निर्देश प्रचलन में है, इसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उपरोक्त योजना में प्रति वर्ष ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रति का प्रावधान है? क्या इससे किसान मित्र/किसान दीदी को हर वर्ष ग्राम सभा प्रस्ताव पारित कराने में अत्यधिक परेशानियां आती है? (ग) क्या उपरोक्त योजना जन हितैषी होकर अतिमहत्वकारी है? क्या मध्यप्रदेश शासन ग्राम सभा का जो ठहराव प्रस्ताव समय-समय पर मांगे जाते हैं उसको निरस्त करने की नीति निर्मित करेगा जिससे योजना सुचारू रूप से चल सके? (घ) ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव को प्रतिबंधित करने हेतु शासन नियम बना कर प्रतिबंध हटायेगा? यदि हाँ, तो निश्चित समय-सीमा बताए।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में भारत सरकार सहायतित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा अंतर्गत भारत सरकार के मार्गदर्शी निर्देश जून 2010 के अनुरूप कृषक मित्र का चयन वर्ष 2012-13 में किया गया। शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश दिनांक 09-04-2012 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। किसान मित्रों के चयन हेतु शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश दिनांक 09-04-2012 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं पुनरीक्षित मार्गदर्शी निर्देश दिनांक 15-12-2015 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रगतिशील कृषक मित्रों का चयन विस्तार तंत्र एवं कृषकों के मध्य जीवन्त संपर्क हेतु किया गया है। ग्राम सभा का ठहराव प्रस्ताव अनुसार चयन किया जाता है तथा चयन प्रक्रिया पुनरीक्षित मार्गदर्शी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के मार्गदर्शी निर्देशानुसार चयन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि मित्रों को कार्य अनुसार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 5494 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि मित्र रखने के सरकार के क्या उद्देश्य हैं इससे क्या-क्या कार्य लिये जा रहे हैं, इनकी अर्हता, योग्यता, कार्यक्षेत्र, दायित्व, उत्तरदायित्व क्या-क्या हैं तथा इन्हें क्या-क्या अधिकार तथा शक्ति हैं? (ख) पन्ना जिले में जो कृषि मित्र हैं उनसे क्या-क्या कार्य लिए जा रहे हैं तथा उसके एवज में उन्हें कितना वेतन भत्ते सुविधाएं प्रतिमाह दिया जा रहा है? (ग) उपरोक्त दायित्व, कार्य करने वाले योग्यता वाले कर्मचारी को न्यूनतम कितना वेतन भत्ते सुविधाएं दी जावें, इसके संबंध में मानदेय या वेतन देने निर्धारण के क्या सिद्धांत हैं वर्तमान में दिया जा रहा वेतन/मानदेय पर्याप्त किस आधार पर और क्यों हैं? (घ) क्या इन्हें ग्राम सेवक की भांति न्यूनतम वेतन दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पन्ना जिले में कृषक मित्रों से स्थानीय स्तर पर विभागीय योजनाओं का प्रचार प्रसार, वैज्ञानिक तकनीकों का प्रचार-प्रसार तथा विकासखण्ड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा समय-समय पर, कृषि गतिविधियों के आयोजन संबंधी सौंपे गये कार्य कराये जा रहें है। कृषक मित्रों को वार्षिक दायित्व निर्वाह भत्ता राशि रूपये 6000/- दिया जा रहा है। (ग) भारत सरकार सहायतित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा अन्तर्गत योजना के प्रावधान अनुसार दायित्व निर्वाह भत्ता दिया जा रहा है। (घ) जी नहीं। पूर्ण कालिक सेवा अथवा नियमित पदों के अन्तर्गत चयन नहीं किया गया है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितिकरण
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 5495 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अतिथि शिक्षक के नियुक्ति, नियमितिकरण, वेतन भत्तो, कार्यों के क्या नियम/परिपत्र प्रभावशील है उनकी प्रति बताते हुए यह भी बताये कि किस-किस जिले में कितने पद रिक्त है तथा कार्यरत है? (ख) इनके द्वारा इनके संगठन अथवा अन्य कर्मचारी यूनियन संगठनों द्वारा इनके संबंध में सरकार से क्या-क्या मांगे की गई है और उस मांग को पूरा करने में सरकार को क्या-क्या कठिनाईया हैं? प्रत्येक मांग के संबंध में पृथक-पृथक बतायें। (ग) क्या मुख्यमंत्रीजी या उनके मंत्रीमंडल के सदस्यों ने अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण के लिये कोई घोषणा की है? यदि हाँ, तो कब? क्या-क्या तथा उनकी घोषणा पूरी करने के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण करने से सरकार पर कितना वित्तीय भार औसतन प्रत्येक शिक्षक के मान से आयेगा? क्या इन्हें नियमित कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति, मानदेय चयन प्रक्रिया आदि के संबंधित आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण हेतु कोई नियम नहीं है। अतिथि शिक्षकों को शिक्षकों के पद रिक्त होने की स्थिति में रखा जाता है, पृथक से अतिथि शिक्षक के नाम से कोई पद स्वीकृत नहीं है। विभागीय आदेश दिनांक 24.02.18 के क्रम में वर्तमान में कोई भी अतिथि शिक्षक कार्यरत नहीं है। (ख) अतिथि शिक्षकों को नियमित करने, संविदा शाला शिक्षक के पदों पर संविलयन करने, मानदेय बढ़ाये जाने आदि संबंधी मुख्य मांगे की जाती रही हैं। अतिथि शिक्षकों को नियमित एवं संविदा शाला शिक्षक के पदों पर संविलियन करने का कोई नियम एवं नीति नहीं है। मानदेय बढ़ाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा संविदा शाला शिक्षक के सीधी भर्ती के पदों पर 25 प्रतिशत पद अतिथि शिक्षकों हेतु आरक्षित करने की घोषणा की है, जिसके क्रम में मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण में दिनांक 2 फरवरी, 2018 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रकाशित राजपत्र अनुसार मध्यप्रदेश पंचायत संविदा शाला शिक्षक (नियोजन एवं संविदा की शर्ते) नियम 2005 में संशोधन कर अतिथि शिक्षकों हेतु संविदा शाला शिक्षकों के रिक्त पदों में से 25 प्रतिशत पद ऐसे अतिथि शिक्षकों हेतु जिन्होने न्यूनतम 3 शैक्षणिक वर्षों एवं न्यूनतम 200 दिवस कार्य किया हो के लिए आरक्षित करने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं होने से एवं उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक ग्रेड-३ के आदेश को अपास्त के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 5556 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन अपर मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा श्री लेखीराम कुशवाह को कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक/शिका.-जाँच/निलम्बन/मु.कि./१२/२०१३/३८४१ दिनांक १७-०७-२०१४ को अपास्त करने का अनुमोदन कर दिया गया था। (ख) क्या श्री लेखीराम कुशवाह को दिये गये आदेश को कर्तव्य अवधि मान्य किया गया था, तब एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव को रोकने के मध्यप्रदेश शासन द्वारा नियम बनाये गये हैं, शासन आदेश एवं नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या अपर मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अनुमोदन उपरांत नस्ती क़मांक/२२४/२०१४/२०-४ पर रखे आदेश प्रारूप एवं प्रस्तुत टीप का ई रेजर से मिटाया गया? यदि हाँ, तो प्रमाण की जाँच कर क्या कार्यवाही करेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) नियमों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा विभाग के लिपिक/कर्मचारियों का निलंबन
[स्कूल शिक्षा]
92. ( क्र. 5558 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत/जनपद पंचायत को शिक्षा विभाग अंतर्गत मिनिस्ट्रीयल स्टॉफ पर कार्यवाही करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो नियम स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिला अंतर्गत वर्ष 2013 में कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी इन्दौर के किन लिपिकों/कर्मचारियों पर निलंबन की कार्यवाही की गई? सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या निलंबित लिपिक/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई जाँच कमेटी बनाई गई? यदि हाँ, तो कमेटी में कौन-कौन सदस्य थे? सूची देवें? जाँच कमेटी द्वारा किन-किन कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच कर कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या सभी लिपिक/कर्मचारियों को दोष मुक्त कर केवल एक कर्मचारी/लिपिक पर निलंबन की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या की गई निलंबन की कार्यवाही के विरूद्ध लिपिक निगम द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को वर्ष 2016 में अपील की गई? यदि हाँ, तो उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या आयुक्त् द्वारा सम्बंधित को अपना पक्ष रखने हेतु बुलाया गया था? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो उस पर क्या निर्णय हुआ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभागीय आदेश क्रमांक 44-65/85/बी-2/बीस दिनांक 26.12.1996 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अपर संचालक स्कूल शिक्षा के अधिकार प्रदत्त कर उन्हें पदेन अपर संचालक शिक्षा घोषित किया जाकर समसंख्यक आदेश दिनांक 27.06.1997 द्वारा प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार प्रत्यायोजित किये गये हैं। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) इंदौर जिला अंतर्गत वर्ष 2013 में कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, इंदौर में किसी भी कर्मचारी को निलंबित नहीं किया गया। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य में किस-किस बीज के नमूनों की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 5577 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में बीज निरीक्षकों द्वारा लिये गये बीज के नमूनों की जाँच वर्तमान में किस-किस प्रयोगशाला में की जा रही है? इसमें से किस प्रयोगशाला को वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जीन्स के कितने बीज नमूने जाँच के लिये वर्षवार प्राप्त हुए? (ख) प्रयोगशाला ने प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में जाँच के लिये प्राप्त हुए जीन्स के कितने बीज सेम्पल को अमानक होना प्रतिवेदित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित अमानक नमूनों से संबंधित बीज उत्पादन एवं विक्रय करने वालों में से कितनों के विरूद्ध संभाग भोपाल में एफ.आई.आर. पंजीबद्ध कराई गई? (घ) अमानक बीज के लिए जिम्मेदारों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राज्य में बीज निरीक्षकों द्वारा लिये गये बीज के नमूनों की जाँच हेतु बीज परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर, इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, सागर, जबलपुर तथा पवारखेडा (होशंगाबाद) अधिसूचित की गई हैं। बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं को वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक फसलवार प्राप्त बीज नमूनों की प्रयोगशालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जाँच के लिये प्राप्त हुये बीज नमूनों में से अमानक पाये गये बीज नमूनों की प्रयोगशालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) से संबंधित अमानक नमूनों से संबंधित बीज उत्पादन एवं विक्रय करने वालों में से किसी के विरूद्ध भोपाल संभाग में एफ.आई.आर. पंजीबद्ध नहीं कराई गई है। (घ) संभाग भोपाल में बीज अधिनियम 1966,बीज नियम 1968 तथा बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माचना नदी पर करबला पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 5584 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल से इंदौर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैतूल शहर के पास करबला क्षेत्र की माचना नदी पर बना पुल/पुलिया लोक निर्माण विभाग की है या राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि पुल लोक निर्माण विभाग का है तो क्या इस क्षतिग्रस्त पुल जिस पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है, की मरम्मत कराए जाने अथवा नवीन पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? यदि नहीं, तो कब कार्यवाही कर नवीन पुल का निर्माण कराया जाएगा? (ग) यदि राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीन यह पुल है तो नवीन पुल का निर्माण कब तक कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत है। (ख) जी हाँ। क्षतिग्रस्त नहीं है, अपितु सकरा होने से, जी नहीं। वर्तमान में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में सुरक्षा एवं पीने के पानी की व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 5585 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में शिक्षा विभाग के अधीन कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं हैं? (ख) क्या सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में पीने के पानी की सुमचित व्यवस्था है? यदि हाँ, तो क्या व्यवस्था है? यदि नहीं, तो ऐसी कौन-कौन सी शालाएं हैं जहाँ पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है तथा सरकार शालाओं में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए क्या कदम उठा रहीं है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसी कौन-कौन सी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं हैं, जहाँ सुरक्षा की दृष्टि से बाउण्ड्रीवॉल नहीं है? कब तक इन शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कर दिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बैतूल जिले में 2034 शासकीय प्राथमिक एवं 868 माध्यमिक शालाएं है। (ख) सभी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पेयजल सुविधा है। राज्य मद से स्थाई पेयजल स्त्रोत विहीन शालाओं में व्यवस्था की योजना अनुमोदित है। बजट उपलब्धता एवं प्राथमिकता के आधार पर उक्त कार्य किया जावेगा। (ग) उत्तरांश (क) के संबंध में 977 शासकीय प्राथमिक एवं 454 माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्य योजना में राशि प्राप्त होने पर निर्माण कार्य कराया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाई स्कूल/हायर सेकेण्ड्री स्कूल प्राचार्य द्वारा की गई विभागीय एवं अन्य जाँच
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 5593 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले के किस हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूल प्राचार्य द्वारा सर्वाधिक विभागीय एवं अन्य जाँच की गई? एक ही प्राचार्य को सर्वाधिक जाँच सौंपने के क्या कारण हैं वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय जाँच एवं अन्य जांचों को करने वाले समस्त जाँचकर्ता के नाम, पदनाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जाँचकर्ता द्वारा जाँच के माध्यम से अभद्रता एवं डराने धमकाने की कितनी शिकायतें भी कार्यालय में प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या उज्जैन जिले के हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूल प्राचार्य द्वारा वर्ष 2017 में प्रारंभिक जाँच कर अधिकारी/कर्मचारियों का निलम्बन करवाया गया था? निलंबित अधिकारी/कर्मचारियों के नाम पदनाम एवं निलंबित अवधि में कार्यालय नाम सहित सूची उपलब्ध करावें एवं निलम्बन अवधि में उन्हे उसी जाँचकर्ता अधिकारी के अधीनस्थ कार्यालय में अटैच किया गया। ऐसे अधिकारी/कर्मचारी की सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में श्री बी.एम.परिहार, प्राचार्य द्वारा सर्वाधिक विभागीय एवं अन्य जांचे की गई। प्राचार्य के जांच कार्य में दक्ष होने एवं अधिकांश शिकायतें संकुल अधीनस्थ कर्मचारी की होने से संकुल प्राचार्य को जांच सौंपी गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” एवं “ब” अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“स” अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“द” एवं “इ” अनुसार।
उज्जैन जिले में ए.पी.सी. (जेण्डर) के रूप में नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 5594 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में ए.पी.सी. (जेण्डर) के रूप में किसकी नियुक्ति कब की गई है? नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है? क्या ए.पी.सी. (जेण्डर) की नियुक्ति राज्य शिक्षा केन्द्र के नियमानुसार की गई है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलबध करावें। यदि ए.पी.सी. (जेण्डर) की नियुक्ति मापदण्ड विरूद्ध की गई है तो इसके लिए कौन दोषी है एवं शासन दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या उज्जैन जिले में जून 2017 से प्रश्न दिनांक तक ए.पी.सी. (जेण्डर) द्वारा जिले के छात्रावासों का नियमित भ्रमण किया गया? यदि हाँ, तो भ्रमण की दिनांक, पाई गई स्थिति एवं डी.पी.सी. द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या किसी बी.आर.सी. को छात्रावास में अनियमितता के लिए दोषी ठहराते हुए निलम्बित किया गया है? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी देवें एवं बी.आर.सी. को निलम्बित करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम वर्तमान प्रभार सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) ए.पी.सी. (जेन्डर), डी.पी.सी. और बी.जी.सी. के छात्रावास के प्रति क्या दायित्व हैं? प्रति उपलब्ध करावें। डी.पी.सी. द्वारा छात्रावास में जून 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने निरीक्षण किये गए एवं निरीक्षण के दौरान कोई अनियमितता देखी गई? यदि हाँ, तो उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रति उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक 1248/2537/2017/20-4 भोपाल दिनांक 21.7.2017 द्वारा विशेष प्रकरण मानते हुए अस्थायी रूप से श्रीमती मनीषा मिश्रा को सहायक परियोजना समन्वयक (जेण्डर) का प्रभार सौंपा गया है। ए.पी.सी. (जेण्डर) के पद पर प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने की प्रक्रिया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' और 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्री सुनील कुमार शर्मा, विकासखण्ड स्रोत समन्वयक, जनपद शिक्षा केन्द्र, बड़नगर को कार्य में लापरवाही बरतने के कारण कलेक्टर, उज्जैन के अनुमोदन उपरांत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, उज्जैन के आदेश क्रमांक/शिक्षा/स्था./ 2017/1847 दिनांक 4.12.2017 के द्वारा निलम्बित किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है।
बबीता मिश्रा जाँच में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
98. ( क्र. 5600 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बबीता मिश्रा, वरिष्ठ अध्यापक तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य, शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला राजगढ़ राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय यौन उत्पीड़न जाँच समिति की जाँच रिपोर्ट में गंभीर कदाचरण एवं षड़यंत्र करने, कूटरचित पत्र बनाने तथा साजिश करने की दोषी पाये जाने पर तथा कलेक्टर, राजगढ़ को कई अभ्यावेदन देने पर भी अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ख) श्री एस.पी. व्यास, प्राचार्य की जाँच समिति की जाँच रिपोर्ट में तथा श्री आर.के. मीणा की जाँच रिपोर्ट में बबीता मिश्रा वित्तीय अनियमितताएं करने, संस्था से वर्ष 2002 से 2012 तक की कैशबुक गायब करने, फर्जी गोपनीय चरित्रावली (सी.आर.) सत्र 2011-12 लिखवाने तथा अतिथि शिक्षिका के संस्था में नहीं आने पर भी फर्जी हस्ताक्षर कर कोषालय से फर्जी वेतन निकालने की जाँच में दोषी पाये जाने पर तथा अनेकों अभ्यावेदन देने पर भी कलेक्टर, जिला राजगढ़ द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) उक्त विभागीय जाँच रिपोर्ट के आधार पर बबीता मिश्रा एवं मोहनलाल नागर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर अपराधिक प्रकरण कब तक दर्ज किया जायेगा? (घ) बबीता मिश्रा की नियुक्ति शासन के रचनाक्रम के विपरीत विभागीय जाँच में पाये जाने पर तथा श्री प्रशांत ढ़ोलस एवं श्री ए.के. दीक्षित की जाँच में नियम विरूद्ध प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनकर जाँच को प्रभावित करने पर उक्त जाँच को निरस्त कर बबीता मिश्रा की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त की जायेगी तथा प्रश्नांश (क) एवं (ख) की स्पष्ट दोषी होने पर क्या तत्काल प्रभाव से अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माननीय न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन द्वारा कलेक्टर राजगढ़ को श्री सुभाषचन्द्र शर्मा को निलंबन से बहाल करने के निर्देश के अनुक्रम में श्री शर्मा को बहाल किया गया। सुश्री बबीता मिश्रा के विरूद्ध माननीय न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन द्वारा किसी भी कार्यवाही के आदेश नहीं थे। अत: कार्यवाही एवं शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सुश्री बबीता मिश्रा के संबंध में संचालनालय द्वारा कलेक्टर राजगढ़ को दिनांक 01.03.2018 को समस्त बिन्दुओं की विस्तृत जाँच कराकर समुचित कार्यवाही हेतु लिखा गया है। जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) संचालनालय के आदेश दिनांक 24.02.2014 द्वारा विषयांकित प्रकरण की जाँच श्री ए.के. दीक्षित तत्कालीन अपर संचालक, लोक शिक्षण भोपाल द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। आयुक्त द्वारा निर्देशित एवं संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारी की जाँच को निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
श्री प्रदीप चौहान लिपिक को कार्यमुक्त करने
[स्कूल शिक्षा]
99. ( क्र. 5601 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा श्री प्रदीप चौहान एकाउन्टेंट का 7 माह पूर्व प्रशासनिक आधार पर अन्यत्र स्थानांतरण हो जाने पर भी आज पर्यन्त तक कार्यमुक्त क्यों नहीं किया गया है तथा स्थानांतरण संस्था में उसकी एल.पी.सी. क्यों नहीं भेजी गयी है तथा प्रदीप चौहान का 7 माह से वेतन का आहरण भी जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के कार्यालय से नियम विरूद्ध हो रहा है इसके लिये कौन दोषी है? (ख) श्री प्रदीप चौहान एकाउन्टेंट के संबंध में श्री गुलाब सोनी शिक्षक द्वारा शिकायत की गई थी तथा शिकायत के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा क्या अंतिम जवाब प्रस्तुत किया था तथा प्रदीप चौहान शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के कार्यालय में कैसे कार्यरत हैं, आदेश का उल्लंघन करने पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। (ग) श्री प्रदीप चौहान एकाउन्टेंट को स्थानांतरित संस्था में कार्यमुक्त नहीं करने, उसकी एल.पी.सी. नहीं भेजने तथा लम्बे समय से उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवारकर वेतन आहरण करने, वरिष्ठ कार्यालय के लिये जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ स्पष्ट गंभीर कदाचरण के दोषी होने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा तथा श्री प्रदीप चौहान एकाउन्टेंट को स्थानांतरित संस्था में प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाएगा तथा संलग्नीकरण के आदेश नहीं होने पर कैसे नियम विरूद्ध कार्यालय में संलग्न किया गया है? क्या संलग्नीकरण समाप्त किया जावेगा? (घ) श्री प्रदीप चौहान को कार्य मुक्त नहीं करने तथा वरिष्ठ कार्यालय को असत्य जानकारी देने पर गंभीर कदाचरण के दोषी जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ को प्रभाव से निलंबित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी, जिला राजगढ़ कार्यालय द्वारा श्री प्रदीप चौहान, गणक को स्थानांतरण उपरान्त भी पदस्थ संस्था हेतु कार्यमुक्त नहीं करने के संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण भोपाल, संभाग भोपाल को लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक 839-40, दिनांक 15.03.2018 के द्वारा जाँच करने के निर्देश दिये गये है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त ही गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है।
पदस्थ अध्यापक/सहायक अध्यापकों के प्रान नंबर आवंटित नहीं होना
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 5604 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के विभिन्न विकासखण्डों के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पदस्थ अध्यापक/सहायक अध्यापकों को संविलियन के एक साल बाद भी प्रान नंबर आवंटित नहीं हुए हैं, जिसके चलते अध्यापकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है? क्या इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं हैं? (ख) क्या संकुल केन्द्रों द्वारा परिवीक्षावधि पूर्ण कर अध्यापक संवर्ग में शामिल इन अध्यापकों के प्रान नंबर आवंटित करने हेतु कई बार फार्म भरवाए गए हैं? यदि हाँ, तो किन-किन संकुल केन्द्रों में फार्म भरवाने के बाद किन अध्यापकों के प्रान नंबर आवंटित हो गए हैं तथा किन अध्यापकों के वर्तमान समय तक प्रान नंबर आवंटित नहीं किये गये हैं? उनके नाम सहित संकुल केन्द्रवार जानकारी देवें। (ग) क्या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सतना में संकुल केन्द्रों/स्वयं अध्यापकों द्वारा फार्म जमा करने के बाद भी लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल/सम्बंधित संस्थान को जानकारी नहीं भेजी जाती है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी हैं तथा इस कार्य हेतु किसे प्रभारी बनाया गया है? (घ) क्या संबंधित अध्यापकों के प्रान नंबर आवंटित नहीं होने से प्रतिमाह लगभग 2000 रूपये का नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो इसकी भरपाई कैसे की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति होने पर अध्यापकों द्वारा प्रान किट प्राप्त करने हेतु आवेदन करने पर एन.एस.डी.एल. द्वारा प्रान नम्बर आवंटित किया जाता है। प्रान नम्बर आवंटन होते ही अंशदान की राशि की कटौती प्रारम्भ हो जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता। (ख) जी नहीं। निर्धारित प्रारूप में एक बार ही प्रान आवंटन हेतु आवेदन फार्म भरवाकर एन.एस.डी.एल. को प्रेषित किया जाता है। आवंटित प्रान नम्बरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार तथा प्रान नम्बर आवंटन हेतु शेष अध्यापकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। दिसम्बर 2017 के पूर्व आवेदकों द्वारा प्रान प्राप्त करने हेतु भरे गये आवेदन फार्म संचालनालय के माध्यम से एन.एस.डी.एल. को भेजे जाते थे। दिसम्बर 2017 से आवेदकों से प्राप्त आवेदन पत्रों को जिला शिक्षा अधिकारी स्तर से ही ऑनलाईन किया जाता है। इन कार्यों के लिए श्री सुनील निगम, व्याख्याता एवं श्री विज्येन्द्र सिंह, सहायक ग्रेड-3 को जिम्मेदारी दी गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रान नम्बर आवंटित होने पर अंशदान की राशि का कटौत्रा प्रारम्भ हो जाता है। अतः नुकसान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता घोटाले में दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
101. ( क्र. 5613 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग सतना में किसानों के पंजीयन में गलत बैंक खाता नंबर दर्ज किये गए हैं? यदि हाँ, तो किसानों के नाम पता सहित बैंक खाता क्रमांक/बैंक का नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या सहकारिता घोटाले में एक बैंक खाते में कई किसानों के नाम जोड़कर लाखों का वारा-न्यारा करने वाली समितियों पर खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने खाता संसोधन एवं सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश स्तर पर मामला तूल पकड़ने के बाद क्या आयुक्त ने जाँच के बिंदु तय करते हुए प्रतिवेदन तलब किया गया है? यदि हाँ, तो जाँच के बिंदु क्या हैं? (ग) क्या आयुक्त ने कलेक्टर सतना को जिन बिन्दुओं पर जाँच करने के निर्देश दिए गए हैं, उनमें किसान पंजीयन के लिए प्रस्तुत आवेदन में कौन से बैंक खाते का विवरण अंकित है, किसान पंजीयन में किस व्यक्ति/संस्था का बैंक खाता दर्ज है? पंजीयन में गलत बैंक खाता दर्ज करने वाले कर्मचारी का नाम/पद तथा उसके विरुद्ध की गई कार्यवाही, किसान पंजीयन पर कितनी उपज विक्रय की गई है? उपज की राशि किस बैंक खाते में उपार्जन समिति द्वारा जमा कराई गई है उसका पूरा ब्यौरा सहित शामिल है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार सतना जिले में अभी तक एक भी फर्जी नाम क्यों नहीं हटाये गए तथा दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिना निविदा प्रक्रिया के कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 5619 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई जाती है? यदि हाँ, तो प्रक्रिया का पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) क्या ऑफ लाइन पद्धति से निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों की निविदाएं इन श्रेणी में ली गई हैं? क्या बिना निविदा बुलाए भी कार्य कराए जाते हैं, यदि हाँ, तो कितनी राशि तक तथा कौन-कौन से कार्य बिना निविदा बुलाए कराए जाते हैं? (ग) सीहोर जिले में पिछले 03 सालों में विभाग द्वारा कौन-कौन तथा कितनी राशि के किन-किन एजेंसी के द्वारा कार्य ऑनलाईन तथा ऑफ लाईन पद्धति से कराए गए हैं वर्षवार, ब्यौरा दें। उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) सीहोर जिले में पिछले 03 सालों में विभाग द्वारा कौन-कौन तथा कितनी राशि के किन-किन एजेंसी के द्वारा कार्य बिना निविदा पद्धति से कराए गए हैं वर्षवार ब्यौरा दें। उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृति अनुसार प्रारूप निविदा सक्षम अधिकारी से अनुमोदित होने के पश्चात निविदायें वेबसाइट पर अपलोड की जाती है तथा नियत समय एवं दिनांक तक निविदाकारों से प्राप्त निविदायें खोली जा कर आगामी कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजनाओं में आफ लाइन पद्धति से निविदायें आमंत्रित की जाती है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इछावर मंडी के तौल कांटे की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
103. ( क्र. 5620 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में कुल कितनी कृषि उपज मंडियां तथा उनके अधीन कितनी उप मंडियां संचालित हैं कौन-कौन सी मंडी व उप मंडी कब-कब प्रारंभ हुई? ब्लाकवार ब्यौरा दें। इनमें से कितनी मंडियों में उपज की खरीदी वर्तमान में की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मंडी तथा उप मंडियों में कितने खरीददार व्यापारी लायसेंस जारी किए गए हैं? विगत 3 वर्ष का वर्षवार ब्यौरा दें। मंडी व उप मंडीवार 3 वर्ष की खरीदी का वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) क्या शासन द्वारा सीहोर जिले की कृषि उपज मंडियों में विद्युत तौल कांटे स्थापित किए गए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी मंडियों में कितनी-कितनी क्षमता के तौल कांटे स्थापित हैं। (घ) क्या इछावार स्थित कृषि उपज मंडी में 50 मी. टन क्षमता वाला विद्युत तौल कांटा लगा हुआ हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक लगा दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सीहोर जिले के अंतर्गत कुल 08 मंडियाँ संचालित है तथा इनके अधीन 08 उपमंडियाँ संचालित है। मंडी व उपमंडी प्रारंभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। ब्लॉकवार ब्यौरा एवं वर्तमान में 08 मुख्य मंडियों तथा 04 उपमंडियों में कृषि उपज की खरीदी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 08 मंडी तथा 08 उपमंडियों की विगत 3 वर्षों की खरीददार, व्यापारियों के लायसेंस जारी किये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) जी हाँ। मंडियों में स्थापित तौलकांटों एवं क्षमता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (घ) जी नहीं। तौलकॉटा लगाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश में संचालित मॉडल स्कूल एवं उन पर व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
104. ( क्र. 5632 ) श्री रामनिवास रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित 201 शासकीय मॉडल स्कूलों की सूची उपलब्ध कराते हुए बतावें कि इन स्कूलों के भवन निर्माण के लिए कितनी-कितनी राशि वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक स्वीकृत की गयी? स्वीकृत राशि के विरुद्ध भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? स्कूलवार जानकारी दें? स्कूलों भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण होने सम्बन्धी पूर्णता प्रमाण-पत्रों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में उक्त मॉडल स्कूलों में से कौन-कौन से स्कूल संचालित हैं? इनमें कितनी-कितनी छात्र संख्या है? इन मॉडल स्कूलों में शैक्षणिक एवं अन्य कर्मचारियों की क्या पद संरचना निर्मित की गयी? कौन-कौन से पद कितनी-कितनी संख्या में स्वीकृत है? कितने-कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों को भरने की शासन की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में शैक्षणिक वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक इन मॉडल स्कूलों को कितनी-कितनी राशि किस किस मद में आवंटित की गयी? कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गयी? विगत वर्षों का परीक्षा परिणाम क्या-क्या रहा? स्कूलवार, वर्षवार जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
हितग्राहियों की सूची
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
105. ( क्र. 5658 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना, फल पौध रोपण योजना, सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजना अंर्तगत खरगोन जिले के सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में अनुदान से लाभान्वित समस्त हितग्राहियों की सूची उनके पूर्ण नाम, पता, अनुदान राशि, अनुदानित फसल का नाम सहित योजनावार देवें। (ख) उक्त हितग्राहीयों के अनुदान कब-कब किस डीलरों/कंपनियों/कृषकों को प्रदान किये गये। कंपनीवार/डीलरवार/कृषकवार खाता क्रमांक सहित अनुदान राशि की सूची देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन वर्षों में खरगोन जिले में औषधीय एवं सुगंधित क्षेत्र फसल विस्तार योजना में लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी निरंक है। शेष योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
106. ( क्र. 5659 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम अंतर्गत कृषकों को उद्यानिकी फसलों की खेती की नवीन तकनीक एवं उससे होने वाले लाभ से अवगत कराने हेतु खरगोन जिले के किन-किन कृषकों को राज्य के अन्दर तथा राज्य के बाहर भ्रमण करा कर प्रशिक्षित कराया गया? कृषक के पूर्ण नाम, पता, भ्रमण स्थानवार सूची देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिला एवं इसके समस्त ब्लांक स्तर पर आयोजित प्रदर्शनी एवं सेमिनार कार्यक्रम की सूची स्थानवार, लाभान्वित कृषक संख्या, कुल व्यय कार्यक्रमवार देवें। (ग) उक्त भ्रमण एवं सेमिनार/प्रदर्शनी संबंधी जिला खरगोन कार्यालय एवं संचालय कार्यालय के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें। (घ) उक्त भ्रमण में चयन संबंधी एवं सेमिनार/प्रदर्शनी संबंधी विभागीय दिशा-निर्देशों की प्रति देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
मण्डी बोर्ड सेवा में उपयंत्रियों को शामिल किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
107. ( क्र. 5682 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा प्रश्न क्रमांक 430 दिनांक 27/02/2018 में प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर जानकारी एकत्र की जा रही है दिया गया है। तथा (घ) का उत्तर 34 उपयत्रियों को राज्य विपणन सेवा में शामिल किया गया है, दिया गया है? तो राज्य विपणन बोर्ड सेवा के अस्तित्व में नहीं होने के बाद राजमंडी बोर्ड सेवा के प्रभाव में आने के बाद और कितने उपयंत्री को बोर्ड सेवा में किस आदेश क्रमांक दिनांक से किस-किस को शामिल किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : राज्य मंडी बोर्ड सेवा के प्रभाव में आने तथा राज्य विपणन बोर्ड सेवा के असतित्व में नहीं होने के बाद किसी भी नियमित उपयंत्री को बोर्ड सेवा में शामिल नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ निलम्बन से बहाली
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 5697 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुदान प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवा में वरिष्ठता के आधार पर प्रभारी प्राचार्य के दायित्व निर्वाहन हेतु दिनांक 30.06.2007 को संयुक्त संचालक लोक रीवा द्वारा किसे आदेशित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त प्रभारी प्राचार्य को दिनांक 14.08.2015 एवं 16.05.2017 को निलंबन आदेश जारी किया गया लेकिन संयुक्त संचालक रीवा ने समिति को विवादित मानते हुए निलंबन बावत् अनुमोदन नहीं किया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रभारी प्राचार्य के आदेश 30.06.2016 को जारी होने के बाद संबंधित के निलंबन की जानकारी/शिकायत आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को दी गयी, जबकि संयुक्त संचालक रीवा द्वारा समिति को विवादित मानकर निलंबन का अनुमोदन किया था? संयुक्त लोक शिक्षण रीवा द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2017/68 दिनांक 24.08.2017 द्वारा प्रभारी प्राचार्य के आदेश को सही तथा समिति को विवादित दर्शाते हुये अयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को प्रतिवेदन किया था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में यदि हाँ, तो फिर विवादित समिति के निर्णय से प्रभारी प्राचार्य का निलंबन क्यों किया गया? कारण सहित बताएं एवं यह भी बताएं कि प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण द्वारा विधि विरूद्ध निलंबन नियम 1978 के नियम 3 से 9 तक का पालन किये वगैर निलंबन/अनुमोदन/आदेश दिनांक 11.11.2017 एवं 28.11.2017 को कब तक निरस्त करेगें? अगर नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दिनांक 30.06.2007 को कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में अंकित आदेशों के द्वारा निलंबन आदेश प्रबंध समिति के द्वारा जारी किया गया था। उक्त आदेशों का अनुमोदन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग रीवा द्वारा नहीं किया गया। (ग) जी नहीं। दिनांक 30.06.2016 को कोई आदेश जारी नहीं हुआ। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग रीवा द्वारा पत्र क्रमांक/68 दिनांक 24.08.2017 द्वारा प्रेषित पत्र की प्रति आयुक्त लोक शिक्षण को दिनांक 15.03.2018 को प्राप्त हुई है। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रभारी प्राचार्य श्री शिवबदन चतुर्वेदी के निलंबन का अनुमोदन नहीं किया गया। प्रश्नांश (घ) में अंकित आदेश दिनांक 11.11.2017/12.11.2017 के द्वारा समिति द्वारा निलंबन किया गया तथा प्रभारी प्राचार्य श्री शिवबदन चतुर्वेदी के निलंबन का अनुमोदन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग रीवा के आदेश क्रमांक/140/अनुदान/2017 दिनांक 28.11.2017 के द्वारा किया गया, तत्समय समिति विधि मान्य थी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
109. ( क्र. 5701 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर में वर्ष 2013-17 के दौरान पंजीयक द्वारा बनायी चयन समिति द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में भर्ती की गयी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो गढ़ीमलहरा, गर्रोली, चुरयारी, देवरा अनगोर, सेधपा, रामटोरिया, लहेरापुरवा, टटम, पिपट, ढडारी, बरकोहा में सहकारी अधिनियम 1962 के नियम 44 का पालन न कर समिति प्रबंधकों एवं संचालकों के सगे संबंधियों व रिश्तेदारों की भर्ती की गयी जिसमें अधिकांश लोग कार्यक्षेत्र के बाहर के हैं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में नियम विरूद्ध अधिनियम से हट कर भर्ती किये गये विक्रेताओं की प्रस्ताव सहित सूची दिनांकवार उपलब्ध कराते हुए बतावें कि कुल कितने विक्रेताओं की भर्ती किन-किन समितियों में कब-कब की गयी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार नियम एवं प्रक्रिया के पालन किये बगैर सहकारी अधिनियम से हट कर की गयी विक्रेताओं की भर्ती को निरस्त करते हुये संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के साथ अन्य अनुशासनात्मक कार्यवाही क्या करेगें? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, जिले में कार्यरत सेवा सहकारी समितियों में 8 विक्रेताओं की नियुक्ति चयन समिति द्वारा की गई है। (ख) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी नियम 1962 के नियम 44 में केवल संचालकों के पत्नि/पति/पिता/माता/भाई/बहिन/पुत्र/पुत्री के उसी संस्था में भर्ती नहीं की जा सकती है तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारी सेवानियम में कर्मचारी के उस समिति के कार्यक्षेत्र का निवासी होना आवश्यक नहीं है। प्रश्नांकित समितियों में संचालकों के रिश्तेदारों की भर्ती नहीं की गई है। (ग) छतरपुर जिले में वर्ष 2013 से 2017 के मध्य भर्ती किये गये विक्रेताओं की समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधानों के विपरीत की गई नियुक्तियों को निरस्त करने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश उपायुक्त सहकारिता, जिला छतरपुर को दिये गये।
जिम्मेदारों की पहचान कर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 5702 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन में वर्ष 2011 के दौरान संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 की नियुक्ति की गई? नियुक्ति पूर्व ज्ञापन की कार्यवाही कब की गई प्रति के साथ बतावें? कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए, मैरिट सूची एवं चयन सूची की प्रति देते हुये बतावें कि संबंधितों के नियुक्ति आदेश कब जारी किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आदेश क्रमांक 459, 461, 710 एवं 713 पर किन-किन के नियुक्ति आदेश जारी किये गये? आदेश की प्रति देते हुये बतावें कि नियुक्ति संबंधित प्रकरण आयुक्त राजस्व रीवा संभाग के यहॉं लंबित हैं? प्रकरण की पेशी एवं प्रकरण क्रमांक क्या है? शासन द्वारा पक्ष समर्थन कब-कब किया गया? अगली सुनवाई की तिथि क्या नियत है बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या आदेश जारी करने के पूर्व संबंधित जनपद पंचायत की समिति से विज्ञापन एवं अन्य वैधानिक प्रक्रियाओं बाबत अनुमोदन लिया गया यदि हाँ, तो, जिला पंचायत सीधी द्वारा नियुक्ति बाबत् अनुमति कब प्रदान की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के सापेक्ष में क्या कार्यवाहियां नियुक्ति पूर्व की गई? विज्ञापन व आवेदन पत्र प्राप्त नहीं किये गये, फर्जी तरीके से आदेश नियुक्ति बाबत जारी किये गये? क्या नियुक्ति निरस्त करते हुये दी गई राशि की वसूली के साथ धोखधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करावेंगे? तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। नियुक्त हेतु विज्ञापन जारी नहीं किया गया 04 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। मैरिट सूची तैयार नहीं कराई गई। 04 अभ्यार्थियों के नियुक्ति आदेश दिनांक 04.03.2011 एवं 15.04.2011 को जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) आदेश क्र. 459 पर श्री सतीश कुमार पाण्डेय, 461 पर दीपा पाण्डेय, 710 पर श्री राजेश कुमार साहू एवं 713 पर कुमारी विभा शर्मा के आदेश जारी किये गये है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। जी हाँ, प्रकरण क्रमांक 746/नि./10-11 न्यायालय अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा में प्रकरण लंबित है। प्रकरण की पेशी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। शासन द्वारा पक्ष समर्थन नहीं किया गया है। पक्ष सर्मथन हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रामपुर नैकिन द्वारा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रामपुर नैकिन प्रकरण का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। सुनवाई की अगली तिथि दिनांक 18.06.2018 नियत है। (ग) जी नहीं। जिला पंचायत सीधी एवं जनपद पंचायत रामपुर नैकिन की समिति से अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया है। (घ) प्रकरण अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा के न्यायालय में प्रचलन में है। प्रकरण में पारित अंतिम निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मरीजों का इलाज न कर आर्थिक अनियमितता किये जाने की जाँच
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
111. ( क्र. 5703 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल मेमोरियल चिकित्सालय में गैस पीड़ितों की गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, हद्य रोग आदि के इलाज हेतु आधुनिक मशीने/चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं जो कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में इन मशीनों एवं उपकरणों का उपयोग न किया जाकर यहां आने वाले मरीजों को विशेष रूप से कैंसर रोग से पीड़ित मरीजों को इलाज हेतु भोपाल के निजी चिकित्सालयों में इलाज हेतु रैफर किया जाता है उन निजी चिकित्सालयों द्वारा मनमाने इलाज हेतु बनाए गये प्राक्कलनों को संचालक/उप संचालक गैस राहत स्वीकृति प्रदान कर उन निजी चिकित्सालयों को करोड़ो रूपये का प्रतिवर्ष भुगतान किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में विभाग द्वारा गैस पीड़ित कैंसर रोगियों को इलाज कराने हेतु किन-किन भोपाल के निजी चिकित्सालयों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ग) यदि नहीं, तो गैस पीड़ित कैंसर मरीजों का भोपाल मेमोरियल अस्पताल में वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में कितने मरीजों का इलाज किया गया है वर्षवार संख्या बताएं। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या भोपाल मेमोरियल चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों को न भरा जाकर निजी चिकित्सालयों से सांठ-गांठ कर करोड़ों रूपए का कमीशनबाजी का खेल संचालक, गैस राहत सहित अन्य के द्वारा किया जाकर गैस पीड़ितों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है? (ड.) यदि नहीं, तो क्या इनकी शासन उच्च स्तरीय जाँच करायेगा एवं भोपाल मेमोरियल चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियमित नियुक्ति करने की कार्यवाही शीघ्र करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रश्न (क) एवं (ग) भोपाल मेमोरियल चिकित्सालय मध्यप्रदेश सरकार के नियंत्रण में नहीं है। उक्त संस्थान् भारत सरकार के नियंत्रण में संचालित है। संचालक, गैस राहत एवं पुनर्वास, द्वारा शासन द्वारा निर्धारित नीति नियमों के अनुरूप विधिवत् परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जाती है। (ख) उत्तरांश (क) में स्थिति स्पष्ट की गई है। संचालक, गैस राहत एवं पुनर्वास, द्वारा शासन द्वारा निर्धारित नीति नियमों के अनुरूप विधिवत् परीक्षण उपरांत वर्ष 2017-18 में भुगतान की स्वीकृति दी गई है। (1) जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय- रूपये-5,51,15,138/- (2) नवोदय कैंसर चिकित्सालय - रूपये - 1,67,77,117/- (3) चिरायू मेडिकल कॉलेज- रूपये-1,68,91,085/- जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय की राशि रूपये-77,79,490/- भुगतान हेतु शेष है। (ग) उत्तरांश (क) में स्थिति स्पष्ट की गई है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) में स्थिति स्पष्ट की गई है। भ्रष्टाचार से संबंधित आरोप निराधार है। (ड.) उपरोक्त उत्तरांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.एड. परीक्षार्थी को परीक्षाफल अनुसार अंकसूची प्रदान न किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
112. ( क्र. 5710 ) पं. रमेश दुबे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1483 दिनांक 21/07/2017 के प्रश्न भाग (ख) के उत्तर में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेशित विद्यार्थियों का ही परीक्षा परिणाम घोषित कर उन्हें अंकसूची प्रदाय किया गया हैं? बताया गया प्रश्न भाग (ग) और (घ) का समुचित उत्तर न देकर क्या गोलमाल उत्तर दिया गया है? (ख) प्रश्न क्रमांक 1483 के प्रश्न भाग (ग) में उल्लेखित पत्र पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी? श्रीमति ममता नामदेव परीक्षार्थी का परीक्षाफल क्या था? उन्हें अंकसूची प्रदान क्यों नहीं की गयी? (ग) क्या शासन उक्त परीक्षार्थी को बी.एड. परीक्षा के परीक्षाफल की अंकसूची प्रदान नहीं करने, प्रश्नों का गोलमाल उत्तर देने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश देगा नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विकलांग प्रमाण-पत्र की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 5736 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांगों (विकलांगों) हेतु आयोजित विशेष भर्ती अभियान के द्वारा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के आदेश पृ. क्रमांक/स्था./3/विश्ोष शिक्षक नियुक्ति/90/414 रीवा दिनांक 11.11.1990 द्वारा भर्ती की गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में श्री कमलेश प्रसाद तिवारी, पिता गोविंद प्रसाद तिवारी ग्राम मोहरिया विकलांग कोटे से शिक्षक पद पर हाई स्कूल कन्या लालगांव जिला रीवा में की गयी थी? यदि हाँ, तो नियुक्ति हेतु कौन से मेडिकल बोर्ड द्वारा विकलांगता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में श्री तिवारी के द्वारा प्रस्तुत विकलांगता प्रमाण-पत्र की जाँच हेतु कार्यालय सिविल सर्जन सह सी.एम.ओ. रीवा के सी.एम. हेल्पलाइन/2007/3594 दिनांक 30.8.2017 द्वारा विकलांगता का प्रतिशत तथा बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण-पत्र की जाँच हेतु शिकायत के परिपालन में प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभाग द्वारा फर्जी मेडिकल प्रमाण-पत्र की जाँच कब तक कराकर दोषी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करते हुए सेवा से पृथक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सब्जियों के रख-रखाव हेतु दिये जाने वाला अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
114. ( क्र. 5753 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिक विभाग द्वारा किस-किस योजना के अंतर्गत फलों, फूलों और जल्दी खराब होने वाली फसलों व सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जा रहा है? विगत 03 वर्षों में फसलवार व योजनावार कितना कुल कितना अनुदान दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रतिवर्ष कितना रकबा विगत वर्ष में बढ़ा/घटा वर्षवार 03 वर्षों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितना अनुदान किसानों को अलग-अलग योजनाओं हेतु कितना प्रस्तावित है? किन्तु बजट की कमी के चलते नहीं दिया जा सका है? राशि की जानकारी वर्ष 2016-17, 2017-18 व 2018-19 की देवें। (घ) विगत 03 वर्षों में पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग विकसित किये गये व इन पर कुल कितना अनुदान सरकार ने दिया व कितना बजट की कमी के चलते नहीं दे पाये आंकड़े बताये व इस वित्तीय वर्ष में विभाग ने बजट में कितनी राशि की मांग किस-किस मद में की?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रश्नाधीन योजनाओं हेतु वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वीकृत बजट अनुसार की जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द एवं ई अनुसार है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों को पेंशन व ग्रेज्युटी का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 5756 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रौढ़ शिक्षा पर्यवेक्षक म.प्र. शासन का संविलियन उच्च शिक्षक के पद पर शिक्षा विभाग में किया गया है? यदि हाँ, तो संख्या बतायें। (ख) शिक्षक पद पर संविलयन के पश्चात किन्ही मामलों में 62 वर्ष में एवं किन्ही मामलों में 60 वर्ष में सेवा निवृत्त किया गया? ऐसा क्यों वर्षवार जानकारी दी जाए। (ग) क्या उपरोक्त शिक्षकों ने माननीय न्यायालय में शासन के विरूद्ध प्रकरण दायर किया है और यदि हाँ, तो आज दिनांक तक कितने प्रकरण दायर किये गए हैं और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) क्या सेवानिवृत्त शिक्षकों के द्वारा दायर प्रकरण में माननीय न्यायालयों द्वारा शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाने के पश्चात भी सेवानिवृत्त शिक्षकों को पेंशन एवं ग्रेज्युटी (Gratuity) रोकी गयी है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण है एवं उसके कारणों के बारे में जानकारी दें। (ड.) क्या श्री वीरेन्द्र कुमार भार्गव जो कि उत्कृष्ठ उ.मा.वि. सांवेर जिला इंदौर से दि. 30.09.2015 को सेवानिवृत्त हुए थे, सेवानिवृत्ति के पश्चात भी आज दिनांक तक पेंशन नहीं दी जा रही है और यदि हाँ, तो कारण बतायें। क्या श्री वीरेन्द्र कुमार भार्गव द्वारा 4 बार, कलेक्टर, इंदौर जिला पंचायत CEO, इन्दौर में शिकायत दर्ज करवाने के पश्चात भी मामले का निराकरण नहीं किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। संख्या 359 है। (ख) मूलभूत नियम 56 के अनुसार कार्यवाही करने का प्रावधान है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) जी नहीं। अपितु उत्तरांश (ख) के प्रकाश में अधिवार्षिकी आयु 60 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत श्री वीरेन्द्र कुमार भार्गव की सेवानिवृत्ति दिनांक 30.09.13 से 50 प्रतिशत एवं संशोधित आदेश प्राचार्य, उमावि. सांवेर इंदौर के आदेश क्र. 1263-1264 दिनांक 18.03.18 द्वारा 90 प्रतिशत प्रत्याशित पेंशन प्रदाय की जा रही है। श्री भार्गव द्वारा मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में दायर याचिका क्र. 4278/2016 में पारित निर्णय दिनांक 23.09.16 द्वारा 62 वर्ष अधिवार्षिकी आयु के आधार पर निराकरण के निर्देश प्रदान किए गए है। अन्य समरूप मुख्य प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुक्रम में पुर्नविचार याचिका क्र. 119/2018 मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में वर्तमान में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण निर्णय उपरांत नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
आय एवं व्यय की जानकारी
[सहकारिता]
116. ( क्र. 5761 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पश्चिम निमाड़ (खरगौन) में समितियों द्वारा वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक किये गए उपार्जन कार्य के अंतर्गत प्रासंगिक व्यय व अन्य व्यय की दर प्रति क्विंटल क्या हैं? जानकारी दें। (ख) नोडल एजेंसी से प्राप्त व्यय की राशि प्रति क्विंटल दर क्या रही? (ग) यदि व्यय अधिक किया गया है तो प्रति क्विंटल दर क्या रही? क्या उचित व्यय हुआ है, यदि नहीं, तो क्या अधिक व्यय की राशि का उत्तरदायित्व निर्धारण किया गया है, यदि हाँ, तो क्या कारण है? (घ) क्या उत्तरदायित्व निर्धारण कर राशि की वसूली की जायेगी एवं संबंधित नियंत्रणकर्ता अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ड.) समितियों द्वारा वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक किये गए उपार्जन कार्य के अंतर्गत कमीशन की राशि वर्षवार कितनी प्राप्त हुई? कमीशन राशि प्राप्त होने के उपरांत भी क्या समितियों को उपार्जन कार्य हेतु बैंक द्वारा दी गई लिमिट में राशि वर्षवार कितनी शेष रही है? यदि शेष रही है तो क्यों? क्या उत्तरदायित्व निर्धारण कर राशि की वसूली की जावेगी एवं क्या संबंधित आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार, अधिक व्यय के उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
दो पारियों में संचालित शाला भवनों हेतु भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
117. ( क्र. 5770 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ वि.ख. में ऐसे कितने शाला/ महाविद्यालय हैं जो दो पारियों (सुबह/दोपहर) में संचालित की जा रही हैं तथा इसका क्या कारण है? (ख) यदि दो पारियों में संचालन करने का कारण शाला भवन की उपलब्धता न होना है, तो विभाग इस संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) यदि वर्तमान में उक्त शालाएं दो पारी में संचालित हो रही हैं, तो इनके लिये शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर विकासखण्ड में 5 प्राथमिक, 8 माध्यमिक, 3 हाई स्कूल, 09 हायर सेकेण्डरी तथा राहतगढ़ विकसखण्ड अंतर्गत 2 माध्यमिक विद्यालय, 1 हाई स्कूल एवं 1 हायर सेकेण्डरी स्कूल, भवन/कक्षों की अनुउपलब्धता के कारण दो पालियों में संचालित है। महाविद्यालयों का संबध विभाग से न होने से जानकारी इस विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती। (ख) जी हाँ। सर्वशिक्षा अभियान के तहत वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2018-19 में भवन विहीन शासकीय माध्यमिक शाला के भवनों की स्वीकृति प्रस्तावित है। 6 हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं हेतु भवन/अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष विद्यालयों की स्वीकृति बजट उपलब्धता पर निर्भर करेंगी। (ग) भारत सरकार से राशि एवं स्वीकृति प्राप्त होने पर बजट की उपलब्धता एवं प्राथमिकता के अनुसार भवन विहीन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं का भवन निर्माण किया जावेगा, हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेंगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गढपहरा-बहरोल-धामोनी सड़क मार्ग के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 5771 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गढपहरा-बहरोल-धामोनी सड़क मार्ग के निर्माण कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है? (ख) क्या उक्त सड़क मार्ग स्वीकृति/निविदा की जानकारी के बाद कार्य ऐजेंसी चयनित कर ली गई है एवं किस कार्य एजेंसी को उक्त कार्य की निविदा दी गई है एवं कार्य पूर्णता की तिथि क्या है? (ग) क्या कार्य एजेंसी द्वारा वर्तमान में उक्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिये विभाग से अनुबंध/भूमि पूजन/अन्य कार्यसंपादित कर लिये गये हैं? (घ) यदि उपरोक्त कार्य एजेंसी द्वारा कर लिये गये हैं तो कार्य एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा है? सड़क निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। निर्माण एजेन्सी मेसर्स केसीसी बिल्डकॉन प्रा.लि. गुडगांव हरियाणा के साथ अनुबंध संपादित किया गया है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता का दिनांक 25 दिसम्बर, 2018 है। (ग) जी हाँ, कार्य एजेन्सी द्वारा अनुबंध सम्पादित कर लिया गया है। (घ) एजेन्सी द्वारा दिनांक 26.04.2017 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
स्कूल बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
119. ( क्र. 5783 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में किन-किन स्थानों पर कुल कितने प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूल एवं हायर सेकेन्डरी स्कूल शासन/विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नगत उल्लेखित स्कूलों की नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की ग्रामवार वार्डवार स्थानवार जानकारी दें तथा क्या सभी शालाएं स्वयं के भवन में संचालित हो रही हैं अथवा अन्य भवन में संचालित हो रही है? (ग) क्या विगत कई वर्षों से संचालित हो रही शालाएं भवनविहीन शालाएं भी हैं, तो इसी के साथ अनेकों शालाओं की बाउण्ड्रीवॉल भी नहीं बन पाई है, तो शालाओं को दी गई भूमियों का सीमांकन भी किया गया है अथवा नहीं? (घ) अवगत कराएं कि क्षेत्रीय शालाओं में विद्युतीकरण, पेयजल की स्वयं की व्यवस्था, फर्नीचर की क्या स्थिति हैं एवं स्टाफ के साथ ही छात्र-छात्राओं के शौचालयों की क्या स्थिति है? शालाओं के सीमांकन भवनों की स्थिति एवं बाउण्ड्रीवॉल इत्यादि किये गये वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक के कार्यों की स्थिति से अवगत कराएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में 372 शासकीय प्राथमिक, 165 माध्यमिक, 30 हाई स्कूल एवं 20 हायर सेकेंण्डरी स्कूल संचालित हैं। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित शासकीय प्राथमिक/ माध्यमिक/हाई/हायर सेकेंण्डरी स्कूलों की नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की ग्रामवार, वार्डवार, स्थानवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) विधानसभा क्षेत्र जावरा के अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन नहीं है। 293 प्राथमिक एवं 124 माध्यमिक विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। 237 प्राथमिक एवं 117 माध्यमिक विद्यालयों की भूमि का सीमांकन किया गया है। 135 प्राथमिक एवं 48 माध्यमिक विद्यालयों का सीमांकन किया जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में समाहित है। (घ) विधानसभा क्षेत्र जावरा की 97 प्राथमिक एवं 80 माध्यमिक विद्यालयों में विद्युतीकरण है। समस्त विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था है, 358 प्राथमिक एवं 160 माध्यमिक विद्यालयों में स्वयं की पेयजल व्यवस्था है। 9 प्राथमिक एवं 64 माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था है। समस्त विद्यालयों में पृथक-पृथक बालक बालिकाओ हेतु शौचालय की व्यवस्था है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में समाहित है। विद्यालयों में सीमांकन हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत वार्षिक कार्ययोजना 2013-14 से बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के प्रस्ताव शामिल किये गये है। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'द' अनुसार।
बजट कार्यों एवं हितग्राहियों के अनुदान की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
120. ( क्र. 5784 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं के माध्यम से शासन/ विभाग द्वारा प्रदेश के साथ ही रतलाम जिले में उद्यानिकी फसलों के प्रोत्साहन, संवर्धन हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-2016 से वर्ष 2017-18 तक किन-किन कार्यों के लिये रतलाम जिले में जावरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जावरा एवं पिपलौदा विकासखण्ड में योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कितना-कितना वर्षवार बजट स्वीकृत होकर किन-किन योजना अंतर्गत उद्यानिकी कार्यों एवं अनुदान मूलक कार्यों तथा कृषि सयंत्रों अनुदान बाबत क्या-क्या कार्य किये गये? (ग) उपरोक्त उल्लेखित प्रश्नगत वर्षों के अंतर्गत योजना अंतर्गत मूलक कार्य, अस्थाई, स्थाई निर्माण कार्य, कृषक हितग्राही अनुदान, कृषि उद्यानिकी, संवर्धन सयंत्र अथवा उपकरण इत्यादि पर दिये गये अनुदान की जानकारी दे? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षगत प्रश्नगत समूहों, कृषकों, फर्मों, सोसायटी, व्यक्तियों को दी गई योजना अंतर्गत अनुदान मूलक सब्सीडी की जानकारी, कार्यों की जानकारी नामवार, ग्रामवार, ब्लॉकवार, तहसीलवार जिला अंतर्गत प्रदान करें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्रवार एवं विकासखण्डवार आवंटन स्वीकृत न होकर विभिन्न योजनाओं में आनलाईन आवेदन प्राप्त कर प्रथम आओं प्रथम पाओं के आधार पर पात्र आवेदनों को अनुदान का लाभ दिया जाता है। प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
किसान मित्र/दीदी का मानदेय बढ़ाये जाने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
121. ( क्र. 5800 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण म.प्र. में लगभग वर्ष 2005-06 आत्मा परियोजना के अंतर्गत किसान मित्र/दीदी निरंतर अपनी सेवाएं लगभग 6000/- रूपये वार्षिक मानदेय (लगभग 16 रूपये प्रतिदिन) पर निरंतर प्रदान करते आ रहे हैं, जो मानदेय अकुशल श्रमिक को मनरेगा योजना के अंतर्गत प्रतिदिन प्रदान किये जाने वाली मजदूरी की राशि 172/- रूपयें में से भी बहुत कम है, क्या शासन द्वारा किसान मित्र एवं दीदी को प्रदान किया जाने वाला मानदेय वर्तमान मंहगाई को देखते हुए एवं मजदूरों को प्रदान की जाने वाली मजदूरी की राशि को देखते हुए कम नहीं है? (ख) क्या शासन द्वारा आत्मा परियोजना के अंतर्गत कार्यरत किसान मित्र/दीदी के कम मानदेय पर विचार करते हुए मानदेय को बढ़ाये जाने के संबंध में निर्णय लेते हुए कलेक्टर दर से मानदेय प्रदान किया जायेगा? (ग) क्या शासन आत्मा परियोजना के अंतर्गत कार्यरत किसान मित्र/दीदी को नियमित किये जाने के संबंध में विचार करते हुए निर्णय लेगा? जानकारी उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) आत्मा परियोजना के अन्तर्गत कृषक मित्रों का चयन वर्ष 2012-13 से किया गया है। कृषक मित्र को वार्षिक दायित्व निर्वाह भत्ता राशि रू. 6000/- देने का प्रावधान है। दायित्व निर्वहन भत्ता खरीफ एवं रबी मौसम में आयोजित गतिविधियों में कृषक मित्र जो कि स्वयं उन्नतशील कृषक है एवं अपने कृषि कार्य के साथ साथ आत्मा एवं अन्य विभागीय गतिविधियों में भागीदारी, सहयोग एवं कार्य मूल्यांकन के आधार पर दिया जाता है। (ख) आत्मा योजना भारत सरकार सहायतित है योजना के मार्गदर्शी निर्देश 2014 में प्रावधान अनुरूप दायित्व निर्वाह भत्ता प्रदाय किया जाता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
पुल एवं पुलियों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 5801 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कौन-कौन से विभिन्न पुल के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा शासन स्तर पर प्रेषित किये गये है? ऐसे प्रस्ताव पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा ऐसे प्रस्तावित पुल के निर्माण कार्य की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीणों की आवश्यकता को देखते हुए, 1. ग्राम कोठार गौलीढाना में 2. ग्राम पंचायत सेतपरास के ग्राम खुकरिया के पास पुलिया 3.ग्राम पंचायत खारापिंण्डरई के मर्राम बिजौरी गोरखपुर मार्ग कन्हान नदी पर पुलिया 4. ग्राम देवरी से पिपरिया के मध्य पुलिया 5. बालकछार से कौआनाला के मध्य पुलिया 6. कन्हरगांव जिल्हेरीघाट के समीप पुलिया 7. मोरडोंगरी से चांदामेटाकलां के बीच बालकराम नाला पर पुलिया 8.ग्राम हरईढाना के समीप पुलिया 9. ग्राम नवेगांव से कोंडरा के मध्य पुल के निर्माण कार्यों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न पुलों एवं पुलिया के निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में मेरे द्वारा विभाग को वर्ष 2014-15 से अनेकों पत्र प्रेषित किए जा चुके हैं, जिन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? प्रेषित किये गये पत्रों में उल्लेखित ऐसे विभिन्न पुल एवं पुलिया के निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वरिष्ठ अध्यापकों की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
123. ( क्र. 5820 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. में कब-कब एवं कहाँ-कहाँ म.प्र. शासन द्वारा मॉडल हाई स्कूल खोले गये जो कि वर्तमान में हायर सेकेण्डरी स्कूल स्तर तक उन्नयन किये जा चुके हैं? जिला सीधी अन्तर्गत उक्त स्कूलों में किन-किन वरिष्ठ अध्यापकों को कब-कब, किन-किन शालाओं में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया? (ख) क्या प्रतिनियुक्ति में लिये गये वरिष्ठ अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई है तथा उनके वेतन मूल शालाओं से ही आहरित किये जा रहे है? क्या प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद भी वरिष्ठ अध्यापकों को विभाग द्वारा मूल पदस्थापना स्थान पर उपस्थित होने के लिये कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या उपरोक्त में से कुल वरिष्ठ अध्यापकों के विरूद्ध शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी मॉडल स्कूल नहीं खोला गया। शेषांश का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्न (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जिला परियोजना समन्वयक एवं सहायक जिला परियोजना समन्वयक की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
124. ( क्र. 5822 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के ऐसे कितने जिले हैं, जहां आर.टी.ई. फीस प्रतिपूर्ति कार्य हेतु चुनिंदा अधिकारियों/कर्मचारियों को कलेक्टर सह जिला मिशन संचालक के अधिकारों को अतिक्रमित कर अयोग्य कर्मचारियों को सहायक जिला परियोजना समन्वयक का प्रभार सौंपा गया है? (ख) भोपाल जिले में आर.टी.ई. फीस प्रतिपूर्ति कार्य के लिए तत्कालीन डी.पी.सी. द्वारा गलत तरीके से बालिका शिक्षा ए.पी.सी. को आर.टी.ई. संबंधित ए.पी.सी. बनाया गया? क्या याख्याताओं/अध्यापकों को सहायक जिला परियोजना समन्वयक व्याख्यात जैसे पदों पर कलेक्टर के अधिकारों को अतिक्रमित कर रखा गया है? (ग) क्या एक विकासखण्ड के अकाउन्टेंट को भी अनाधिकृत रूप से कार्यालय में अटैच किया गया हैं? क्या जिला शिक्षा केन्द्रों में ए.पी.सी. एवं अन्य पदों पर प्रभार सौंपने का अधिकार केवल जिला मिशन संचालक कलेक्टर, जिला परियोजना अधिकारी को दिया गया हैं? भोपाल जिले के संदर्भ में यदि उक्त कार्य गलत हुआ हैं तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) निरंक। (ख) जी नहीं। जी नहीं, तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक, भोपाल द्वारा सहायक परियोजना समन्वयक (कम्यूनिटी मोबिलाईजेशन) का पद रिक्त होने से सर्वशिक्षा अभियान की योजनाओं एवं घटकों के क्रियान्वयन हेतु जिला शिक्षा केन्द्र, भोपाल में पूर्व से ही पदस्थ सहायक परियोजना समन्वयक के मध्य कार्य विभाजित कर कार्य का दायित्व सौंपा गया है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। पद रिक्तता की स्थिति में कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत स्थानीय व्यवस्थान्तर्गत जिला स्तर पर प्रभार सौंपा जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पॉलीहाउस, नेटहाउस का निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
125. ( क्र. 5832 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर एवं रायसेन जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में विभिन्न योजना अंतर्गत कितनी संख्या एवं वर्ग मीटर में पॉलीहाउस, नेटहाउस का निर्माण कराया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में कितनी अनुदान राशि पॉलीहाउस, नेटहाउस एवं पौधा रोपण सामग्री कृषकों को प्रदान की गई? प्रश्न दिनांक तक कितनी संरचना क्रियाशील व अक्रियाशील हैं? संरचनाओं में उपयोग की गई सामग्री का परीक्षण सीपेट भोपाल द्वारा कराया गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सही है कि 6 पॉलीहाउस बने ही नहीं और करोड़ों से ऊपर अनुदान राशि निकाल कर गबन किया गया है। यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई? एफ.आई.आर. न कराने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय स्कूलों में बिजली की सुविधा के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 5839 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र राघौगढ़ में कितने शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल है? इनमें से कितने स्कूलों में बिजली के कनेक्शन है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने विद्यालयों में पेयजल सुविधा हैं? (ग) ''क'' अनुसार स्कूलों में से कितने स्कूल भवन विहीन हैं? जिलावार बतायें। (घ) राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से स्कूल भ्ावन विहीन हैं और कौन-कौन से स्कूलों में बिजली की सुविधा नहीं है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 463 शासकीय प्राथमिक, 162 माध्यमिक, 17 हाई स्कूल एवं 12 हायर सेकेण्डरी स्कूल है, जिनमें से 55 शासकीय स्कूलों में बिजली का कनेक्शन है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार समस्त शासकीय विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था है। इनमें से 520 विद्यालयों में हैण्डपंप या नलजल योजना से स्थाई स्त्रोत की व्यवस्था है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार 01 शासकीय प्राथमिक स्कूल भवन विहीन है। (घ) राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 01 प्राथमिक स्कूल अनुसूचित जाति टपरा खिरियादांगी, भवन विहीन है। कोई भी माध्यमिक/हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन विहीन नहीं है। 597 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलो में बिजली की सुविधा नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 02 हाई स्कूल दिरौली, टोडरा में बिजली की सुविधा नहीं है।
उद्यानिकी विभाग की सम्पत्ति के उपयोग
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
127. ( क्र. 5846 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में उद्यानिकी विभाग का कार्यालय संचालित हैं? यदि हाँ, तो कब से और कहाँ पर? (ख) राजगढ़ जिले में उक्त विभाग में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा उन पर कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है तथा कितने पद रिक्त हैं? उनकी पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) क्या विभाग की जिले में अपनी कोई शासकीय अचल सम्पत्ति भी है? यदि हाँ, तो कौन-कौन, कहाँ-कहाँ पर? (घ) शासन की उक्त सम्पत्ति का जिले में क्या उपयोग किया जा रहा है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) राजगढ़ जिले में उद्यानिकी विभाग का कार्यालय राजमहल परिसर तृतीय मंजिल राजगढ़ में दिनांक 12.02.1982 से संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। पदों की पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिये समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) राजगढ़ जिले में विभाग की अचल संपत्ति है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) सम्पत्ति उपयोग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक की पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
128. ( क्र. 5847 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग के अन्तर्गत माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नियुक्त किये जाने का क्या नियम है? शासन के निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में राजगढ़ में कितने माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद स्वीकृत है? उनमें से कितने रिक्त है तथा कितने कार्यरत है तथा उन्हें वर्तमान में कौन सी ग्रेड दी जा रही है? (ग) क्या शासन माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक की पदोन्नति करेगा? यदि हाँ, तो पदोन्नति किस पद पर की जावेगी? (घ) क्या उन्हें पदोन्नति उपरान्त हाई स्कूल प्राचार्य बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शाला) की नियुक्ति नहीं अपितु पदोन्नति किए जाने का प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शाला) के 209 पद स्वीकृत है, जिनमें से 188 कार्यरत एवं 21 पद रिक्त है तथा 9300-34800+3600 ग्रेड-पे प्रदान किया जा रहा है। (ग) ऐसे प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शाला) जो स्नातकोत्तर है उनकी पदोन्नति विषयवार व्याख्याता, उ.मा.वि. के पद वरिष्ठता एवं पात्रतानुसार की जाती है। वर्तमान में मान. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में प्रस्तुत विशेष अनुमति याचिका (सिविल) क्र. 13954/2016 म.प्र. शासन एवं अन्य विरूद्ध आर.बी. राय एवं अन्य अंतरिम पारित आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा पदोन्नति के संबंध में यथास्थिति के निर्देश प्रदान किए गए है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
पर्यावरणीय अनुमति एवं सहमति प्राप्त करना
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 5850 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन खनिज विभाग भोपाल के आदेश दिनांक 31 जनवरी, 2006 के अनुसार सड़क निर्माण कार्यों के लिए आरक्षित खदानों की पर्यावरणीय अनुमति एवं सहमति लिए जाने की कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक भी नहीं की गई? (ख) दिनांक 31 जनवरी, 2006 के आदेश में सड़क निर्माण हेतु खदान आरक्षण, पिटपास बुक प्राप्त करने, रॉयल्टी काट कर जमा करवाए जाने के क्या-क्या निर्देश दिए गए हैं? इन आरक्षित खदानों से संबंधित पर्यावरणीय अनुमति या सहमति किसे प्राप्त करनी चाहिये थी? (ग) सड़क निर्माण कार्यों के लिए पर्यावरणीय अनुमति, सहमति लिए जाने के संबंध में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग एवं एम.डी. सड़क विकास निगम ने किस दिनांक को क्या प्रक्रिया निर्धारित कर क्या-क्या आदेश, निर्देश दिए? यदि प्रक्रिया निर्धारण नहीं की हो, आदेश, निर्देश नहीं दिए हो, तो कारण बतावें? (घ) बिना पर्यावरणीय अनुमति, सहमति के लिए सड़क निर्माण कार्यों में गौण खनिज के उपयोग के लिए प्रमुख अभियन्ता एवं एम.डी. किसे जिम्मेदार मानते हैं? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कर रहे हैं? कब तक करेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) संदर्भित आदेश में पर्यावरणीय अनुमति सहमति बाबत दिशा-निर्देश नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) प्रश्नांकित आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सड़क निर्माण के कार्यों हेतु भारत सरकार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार जिलास्तरीय/राज्यस्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण (डी.ई.आई.ए.ए./एस.ई., आई.ए.ए.) से प्राप्त की जाती है। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विभाग के संज्ञान में नहीं लाया गया है, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भावान्तर योजना में क्रय की जाने वाली जीन्स
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
130. ( क्र. 5851 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में भावान्तर योजना किस दिनांक से लागू की गई, इस योजना के अनुसार किसान की किस उपज की प्रति एकड़ कितनी मात्रा क्रय किए जाने की अधिसूचना किस दिनांक को प्रकाशित की है। (ख) शासन द्वारा किसान की उत्पादित पूरी फसल को भावान्तर योजना के अन्तर्गत क्रय नहीं किए जाने का क्या कारण है? सरकार ने अधिकतम मात्रा का निर्धारण किस फार्मूले के आधार पर किया है? (ग) योजना प्रारम्भ होने के बाद कितनी और कौन सी फसल को भावान्तर योजना के अनुसार क्रय किया गया है? इसके अन्तर की कितनी राशि का किसानों को भुगतान किया? जिलेवार बतावें (घ) किसानों की उत्पादित पूरी फसल का लाभ भावान्तर योजना के अनुसार दिए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ 2017 के लिये भावांतर भुगतान योजना मध्यप्रदेश में दिनांक 16 अक्टूबर, 2017 से लागू की गई है। मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश क्रमांक डी-15/44/17/14-3, दिनांक 17 अक्टूबर, 2017 एवं समसंख्यक आदेश दिनांक 16 नवम्बर, 2017 से योजनांतर्गत कृषि जलवायु क्षेत्र अनुसार चयनित जिंसो की अधिकतम उत्पादकता का निर्धारण किया गया है। (ख) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत पंजीकृत किसानों की उपजों को शासन द्वारा क्रय करने का प्रावधान नहीं हैं अपितु इस योजना में पंजीकृत किसानों द्वारा मंडी प्रागंणो में चयनित उपज के विक्रय संव्यवहार में याजना की शर्तों के अध्याधीन तथा पात्रता अनुसार शासन द्वारा भावांतर की राशि का भुगतान किया जाता है। उत्तरांश (क) में वर्णित राज्य शासन के आदेशों द्वारा भावांतर भुगतान योजना में प्रति हेक्टेयर अधिकतम उत्पादकता का निर्धारण किये जाने हेतु प्रदेश के प्रत्येक कृषि जलवायु क्षेत्र (कुल 11 कृषि जलवायु क्षेत्र) में आने वाले जिलों में से चयनित फसल के विगत पाँच वर्षों में तीन सर्वश्रेष्ठ उत्पादकता के आंकड़े के औसत वाले जिले के उत्पादकता आंकड़ो को उक्त कृषि जलवायु क्षेत्र में आने वाले समस्त जिलों में उक्त फसल के उक्त उत्पादकता के आंकड़ो को मान्य किया गया है। (ग) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत चयनित आठ फसलों को पंजीकृत किसानों द्वारा दिनांक 14 मार्च, 2018 की स्थिति में विक्रय मात्रा की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भावांतर भुगतान योजना में जिलेवार भावांतर राशि के भुगतान की दिनांक 20 फरवरी, 2018 की स्थिति में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) शासन के आदेश दिनांक 17 अक्टूबर, 2017 एवं दिनांक 16 नवम्बर, 2017 से कृषि जलवायु क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जिलों में से चयनित फसल के विगत पाँच वर्षों में से तीन सर्वश्रेष्ठ उत्पादकता के आंकड़ो को उक्त कृषि जलवायु क्षेत्र में आने वाले समस्त जिलों में उक्त फसल के उक्त उत्पादकता के आंकड़ो को मान्य किये जाने के आधार पर अधिकतम उत्पादकता को शामिल किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 5856 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में दूधी पर उमरधा एवं मुआर का पुल स्वीकृत हुआ? यदि हाँ, तो कब? क्या इसका भूमि पूजन माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया है? (ख) क्या भूमि पूजन के बाद पुल का निर्माण कार्य प्रांरभ हो गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक निर्माण कार्य प्रांरभ कर पुल बनाने का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 13.04.2017। जी नहीं, अपितु नरसिंहपुर जिला प्रभारी मंत्री म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग एवं विधि विधायी म.प्र. शासन द्वारा भूमि पूजन किया गया। (ख) जी हाँ। दिनांक 14.08.2017 को कार्यादेश जारी किया गया है। वास्तविक रूप से दिनांक 15.10.2017 से कार्य प्रारंभ। अनुबंधानुसार कार्य दिनांक 13.12.2019 तक पूर्ण किया जाना नियत है।
उर्वरक भण्डारण के लिए गोदामों की व्यवस्था
[सहकारिता]
132. ( क्र. 5857 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक सोसायटी में उर्वरक (खाद) भण्डारण के लिए गोदामों की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रत्येक सोसायटी में उर्वरक भण्डारण की व्यवस्था को देखते हुए विभाग सोसायटी स्तर पर गोदाम निर्माण कराये जाने हेतु क्या नीति बनाएगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों की सूची
[स्कूल शिक्षा]
133. ( क्र. 5859 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में अनुदान प्राप्त हायर सेकेण्डरी/हाई स्कूलों में शिक्षकों एवं लाईब्रेरियनों के पदों पर नियमितीकरण में अनियमितता की गई है बताएं कि रीवा जिले में वर्ष 1990 से 1997 तक कितने अनुदान प्राप्त हायर सेकेन्ड्री/हाई स्कूल कार्यरत थे। सभी स्कूलों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) रीवा जिला स्थित जवा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवा में वर्ष 1990 से 1997 के बीच किन-किन शिक्षकों/लाईब्रेरियनों का पदों पर अनुमोदन हुआ था वर्ग, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) जवा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवा में वर्तमान में कितने अनुमोदित शिक्षक/लाईब्रेरियन कब से किस-किस पद पर पदस्थ हैं वर्गवार, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (घ) विगत 5 वर्षों में जवा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवा में कितने अनुमोदित शिक्षक/लाईब्रेरियनों को सेवा से पृथक किया गया है? पृथक किये गये शिक्षकों/लाईब्रेरियनों की सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। रीवा जिले में अनुदान प्राप्त 9 हायर सेकेण्डरी एवं 01 हाई स्कूल कार्यरत है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार।
किसान क्रेडिट कार्ड
[सहकारिता]
134. ( क्र. 5862 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कितने किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बने हुये हैं? सहकारी साख संस्थावार संख्या की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) किसान क्रेडिट कार्ड अंतर्गत किसानों की साख निर्धारण हेतु क्या मापदंड एवं प्रक्रिया निहित है? क्या कृषि भूमि का वेरीफिकेशन कर साख निर्धारित किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मापदंड एवं प्रक्रिया के अनुरूप विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अन्तर्गत क्या सभी साख संस्थाओं ने साख निर्धारण किया है? यदि हाँ, तो किन-किन जवाबदेह अधिकारियों द्वारा मानीटरिंग की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार साख निर्धारण न करने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 4 वर्षों में अनुभाग स्तर या जिला स्तर पर प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है। क्या विभाग द्वारा राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित कर साख निर्धारण में विसंगति न हो इस हेतु प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 46762 किसान क्रेडिट कार्ड। संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला स्तर पर गठित तकनीकी समूह द्वारा विभिन्न फसलों के ऋणमान तय किये जाते है, उक्त ऋणमान के आधार पर किसानों की भूमि का रकबा तथा उनके द्वारा बोई गई फसलों के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड की साख सीमा निर्धारित किये जाने की प्रक्रिया है। कृषकों की भूमि का सत्यापन राजस्व अभिलेख से किया जाकर साख सीमा निर्धारित की जाती है। (ग) जी हाँ। शाखा स्तर से शाखा प्रबंधक द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। (घ) साख निर्धारण न करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर.टी.आई. का लागू होना
[स्कूल शिक्षा]
135. ( क्र. 5863 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रदेश में कब से लागू हुआ है? इस अधिकार के तहत अशासकीय विद्यालयों में प्रवेशित बी.पी.एल. परिवार के बच्चों को दी जाने वाली शुल्क की अधिकतम सीमा प्रतिवर्ष के हिसाब से कितनी तय की गई है तथा इसमें कब-कब परिवर्तन किया गया है? (ख) क्या अनूपपुर जिले में अनेकों मामले में स्कूलों की सालाना फीस निर्धारित अधिकतम फीस से कम होने के बावजूद उन्हें अधिकतम फीस का लाभ देकर के शासन के नियमों की अवहेलना की जा रही है। इस संबंध में विगत एक वर्ष में प्राप्त शिकायतों तथा उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रदेश में वर्ष 2010 से तथा शिक्षा का अधिकार नियम वर्ष 2011 से लागू है। अधिनियम/नियम का क्रियान्वयन वर्ष 2011-12 से प्रारंभ हुआ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययनरत् बच्चों को दी जाने वाली शुल्क की अधिकतम सीमा वर्षवार संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले में अशासकीय शालाओं को निर्धारित नियमों के अनुसार फीस प्रतिपूर्ति की गई। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 5867 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भवन विहीन प्राथा. शाला, माध्यमिक शाला, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल के लिए नवीन भवनों के निर्माण के संबंध में प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें? (ख) विभाग द्वारा प्रेषित नवीन भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव पर स्वीकृति के संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक भवनविहीन स्कूलों के लिये नवीन भवन निर्माण किये जायेगें? (ग) कितने विद्यालय हैं, जिनमें छात्र संख्या के मान से पर्याप्त छात्रों को बैठने हेतु कक्ष उपलब्ध नहीं हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत उल्लेखित स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण के संबंध में शासन क्या योजना बना रहा है? कब तक स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण की स्वीकृति, प्रदान की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र में भवन विहीन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी निरंक है। अत: शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के संबध में उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न ही नहीं उठता। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों हेतु भवन निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में समाहित है। शेष रह गए हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में अतिरिक्त कक्षों के प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना 2018-19 में शामिल है। भारत सरकार से योजना अनुमोदन उपरांत स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के अतिरिक्त कक्ष निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किसान क्रेडिट कार्ड अन्तर्गत किसानों का साख निर्धारण
[सहकारिता]
137. ( क्र. 5871 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र मानपुर में कितने किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बने हुये हैं? सहकारी साख संस्थावार संख्या की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) किसान क्रेडिट कार्ड अंतर्गत किसानों की साख निर्धारण हेतु क्या मापदंड एवं प्रक्रिया निहित है? क्या कृषि भूमि का वेरिफिकेशन कर साख निर्धारित किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मापदंड एवं प्रक्रिया के अनुरूप विधानसभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत क्या सभी साख संस्थाओं ने साख निर्धारण किया है? यदि हाँ, तो किन-किन जवाबदेह अधिकारियों द्वारा मानीटरिंग की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार साख निर्धारण न करने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 4 वर्षों में अनुभाग स्तर या जिला स्तर पर प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या विभाग द्वारा राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित कर साख निर्धारण में विसंगति न हो इस हेतु प्रभावी कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 35177 किसान क्रेडिट कार्ड। संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला स्तर पर गठित तकनीकी समूह द्वारा विभिन्न फसलों के ऋणमान तय किये जाते है, उक्त ऋणमान के आधार पर किसानों की भूमि का रकबा तथा उनके द्वारा बोई गई फसलों के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड की साख सीमा निर्धारित किये जाने की प्रक्रिया है। कृषकों की भूमि का सत्यापन राजस्व अभिलेख से किया जाकर साख सीमा निर्धारित की जाती है। (ग) जी हाँ। शाखा स्तर से शाखा प्रबंधक द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। (घ) साख निर्धारण न करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर.टी.ई. अंतर्गत प्रवेश
[स्कूल शिक्षा]
138. ( क्र. 5872 ) सुश्री मीना सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रदेश में कब से लागू हुआ है? इस अधिकार के तहत अशासकीय विद्यालयों में प्रवेशित बी.पी.एल. परिवार के बच्चों को दी जाने वाली शुल्क की अधिकतम सीमा प्रतिवर्ष के हिसाब से कितनी तय की गई है तथा इसमें कब-कब परिवर्तन किया गया है? (ख) क्या उमरिया जिले में अनेकों मामले में स्कूलों की सालाना फीस निर्धारित अधिकतम फीस से कम होने के बावजूद उन्हें अधिकतम फीस का लाभ देकर के शासन के नियमों की अवहेलना की जा रही है? इस संबंध में प्राप्त शिकायतों तथा उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम वर्ष 2010 से एवं शिक्षा का अधिकार नियम वर्ष 2011 से लागू हुआ। प्रदेश में नियम का क्रियान्वयन वर्ष 2011-12 से हुआ। (ख) उमरिया जिले में अशासकीय शालाओं को शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार फीस प्रतिपूर्ति की गई। अत: शेषांश का प्रशन ही उपस्थित नहीं होता।
न्यायालय संचालन की जानकारी
[विधि और विधायी कार्य]
139. ( क्र. 5874 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित न्यायालयों में लगातार न्यायाधीशों की कमी के कारण मामलों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और न्यायाधीशों की पदस्थापना किये जानें की मांग लगातार शासन से की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में विभिन्न स्तर के कितनें न्यायाधीशों की कमी है और कब तक कमी की पूर्ति कर ली जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्मित दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया
[सहकारिता]
140. ( क्र. 5876 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जयसिंहनगर द्वारा जनपद पंचायत जयसिंहनगर के पास गोदाम तथा दुकानों का निर्माण कार्य कराया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त निर्माण कार्य के लिये कितनी राशि किस मद से खर्च की गई तथा निर्माण की प्रक्रिया सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) मुताबिक निर्मित दुकानों की नीलामी किस प्रक्रिया के तहत की गई? क्या नीलामी में रोस्टर नियम का पालन किया गया है? नीलामी में कितनी राशि प्राप्त हुई और प्राप्त राशि किस प्रकार व्यय की गई एवं राशि की अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। व्यय राशि किस प्रक्रिया के तहत किस कार्य के लिये व्यय की गई? (घ) क्या प्रश्नांकित निर्माण कार्य में अनियमितता के संबंध में उप पंजीयक शहडोल द्वारा कार्यवाही की गई है, तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) संस्था द्वारा स्वयं की पूंजी एवं अमानत राशि से रू. 38.57 लाख में निर्माण कार्य कराया गया। संस्था द्वारा जल संसाधन अनुविभाग जयसिंहनगर के उपयंत्री से तकनीकी सहयोग प्राप्त कर निर्माण कार्य कराया गया। (ग) संस्था द्वारा निर्मित दुकानों की खुली बोली के आधार पर नीलामी कराकर दुकानों का आवंटन किया गया। दुकान नीलामी में रोस्टर का पालन किया गया है। निर्मित कुल 13 दुकानों में अनारक्षित वर्ग के लिए 06 दुकाने, अनुसूचित जाति वर्ग के लिये 01 दुकान, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये 02 दुकानें, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 01 दुकान, शिक्षित बेरोजगार वर्ग के लिये 01 दुकान, विधवा या परित्यक्ता के लिये 01 दुकान एवं 01 दुकान कार्यालय भवन के लिये आरक्षित रखा गया है। इन दुकानों की नीलामी के द्वारा संस्था को रू. 51.31 लाख राशि प्राप्त हुई जिसमें से अमानत राशि वापिस करते हुये शेष राशि संस्था के बचत खाते में जमा है। (घ) आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जयसिंहनगर द्वारा भवन निर्माण फण्ड में प्रावधान नहीं होने, कार्यशील पूंजी से राशि व्यय कर निर्माण कार्य करने तथा निर्माण के संबंध में अनुमति नहीं लेने की अनियमितताओं के कारण उप पंजीयक शहडोल द्वारा संस्था के संचालक मंडल को सहकारी अधिनियम की धारा 53 (1) के अंतर्गत अतिष्ठित किया गया।
माध्यमिक शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
141. ( क्र. 5883 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी माध्यमिक शालाऐं है, जो कि हाई स्कूल में उन्नयन की पात्रता रखती हैं? क्या प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उनके उन्नयन के संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो शालावार बतावें, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त सभी पात्र माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन मापदण्डों की पूर्ति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसान मित्रों के पारिश्रमिक में वृद्धि करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 5884 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत ग्रामों में कार्यरत किसान मित्रों को वर्तमान में क्या पारिश्रमिक दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या शासन मंशानुरूप खेती को लाभ का धंधा बनाने एवं आधुनिक कृषि तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं उनके क्रियान्वयन में ग्रामों में कार्यरत किसान मित्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में किसान मित्रों को अत्यंत अल्प पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जिससें उनको परिवार जीवन यापन में कठिनाईयां उत्पन्न हो रही हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इनके पारिश्रमिक में वृद्धि किये जाने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषक मित्रों को वार्षिक दायित्व निर्वाह भत्ता राशि रू. 6000 हजार देने का प्रावधान है। (ख) कृषक मित्रों से वर्ष में खरीफ एवं रबी मौसम में आयोजित गतिविधियों में एवं रबी मौसम में आयोजित गतिविधियों में एवं विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार में सहयोग लिया जाता है। पूर्णकालिक सेवाएं नहीं ली जा रही है। किसान मित्रों का चयन भारत सरकार सहायतित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा अंतर्गत भारत सरकार के मार्गदर्शी निर्देश जून 2010 के अनुरूप किया गया है एवं प्रावधान अनुसार राशि दी जा रही है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
प्राथमिक शालाओं, माध्यमिक शालाओं तथा हाई स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 5891 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन सी प्राथमिक शालाओं का उन्नयन माध्यमिक शाला में, माध्यमिक शालाओं का उन्नयन हाई स्कूल में एवं हाई स्कूलों का उन्नयन हायर सेकण्डरी स्कूल में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किया गया है विद्यालय का नाम पता, वतावें? (ख) प्रश्न कर्ता विधायक के पत्र क्र./शिक्षा/2017-18/46 दिनांक 6/7/2017 के अनुसार माननीय मंत्री महोदय के कार्यालय से प्राप्त निर्देशानुसार मान. स्कूल शिक्षा मंत्री को लिखा था पत्र की प्रति दें? क्या शा.मा.वि.लखनपुरा एवं अमरगढ़ जनपद पंचायत घाटीगॉव को हुई स्कूल में अपग्रेड तथा शा.हाई स्कूल पार जपनद पंचायत घाटीगॉव को शा.हायर हेतु पत्र दिया था, यदि हाँ, तो उन्नयन से संबंधित स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा क्या औपचारिकतायें पूरी कर ली गई हैं एवं कौन-कौन सी औपचारिकतायें पूर्ण होना शेष हैं? उन्नयन में हो रही देरी में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? कब तक उन्नयन के आदेश जारी कर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित किसी भी प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में, हाई स्कूल का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ है। 3333 माध्यमिक शाला गढाजर का हाई स्कूल में उन्नयन हुआ है। (ख) पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। वर्ष 2017-18 शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता एवं मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर करेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने के नियम
[स्कूल शिक्षा]
144. ( क्र. 5892 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर रखने के क्या नियम हैं व कितनी अवधि के लिये प्रतिनियुक्ति पर रखा जाता है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर जिले में बी.आर.सी., बी.ए.सी., ए.पी.सी/बी.जी.सी., सी.ए.सी. के पदों पर सर्वशिक्षा अभियान में कितने कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर किस अधिकारी के आदेश से रखा है? अधिकारी का नाम व पद बतावें, कितनी अवधि के लिये रखा है? आदेश की प्रति दें। कर्मचारी का नाम प्रतिनियुक्ति पर पदस्थी का दिनांक, ब्लॉक का नाम, पद सहित पूर्ण जानकारी दें? जिन पदों पर प्रतिनियुक्ति की अवधि पूर्ण हो चुकी है, क्या ऐसे कर्मचारियों को उनके मूल पद पर पदस्थी कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी दें। (ग) प्रतिनियुक्ति पर अवधि से अधिक बने रहने के लिये कितने कर्मचारियों द्वारा माननीय न्यायलय से स्थगन आदेश लिये गये हैं? नाम, पद सहित सूची उपलब्ध करावें, जिन कर्मचारियों ने माननीय न्यायालय में स्थगन नहीं लिया है, उन कर्मचारियों को कब तक उनके मूल पद पर भेजा जावेगा? प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों को क्यों नहीं हटाया गया है? इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो ऐसे दोषी अधिकारियों के नाम, पद बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सभी जिलों में सर्वशिक्षा अभियान मिशन अंतर्गत कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर रखने के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-18/94/3/1 दिनांक 12.12.1994 में प्रतिनियुक्ति अवधि सामान्यत: चार वर्ष। इससे अधिक अवधि तक रखा जाना आवश्यक है तो दोनों विभागों की आपसी सहमति से अवधि बढा़ई जा सकती है। जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। ग्वालियर जिले में 04 ए.पी.सी. एवं 03 बी.आर.सी.सी. की प्रतिनियुक्ति अवधि 04 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। सर्व शिक्षा अभियान की गतिविधियों के संचालन की दृष्टि से तथा लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था.1/राज/जी/194/प्रति.नि./2017/798 दिनांक 9.6.2017 के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यालय तथा उसके अनुशांगिक कार्यालयों में पदस्थ ऐसे शिक्षक सवंर्ग के कार्यरत कर्मचारियों को भारमुक्त न किये जाने के निर्देश होने से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत ए.पी.सी. एवं बी.आर.सी. की सेवायें मूल विभाग वापिस नहीं की गई। (ग) प्रतिनियुक्ति पर अवधि से अधिक बने रहने के संबंध में किसी कर्मचारी द्वारा कोई स्थगनादेश प्राप्त नहीं किए गए हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (क) में अंकित व्यवस्था तथा लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था.1/राज/जी/194/प्रति.नि./2017/798 दिनांक 9.6.2017 के द्वारा कार्यरत कर्मचारियों को भारमुक्त न किये जाने के निर्देश होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि संकाय शुरू करने के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
145. ( क्र. 5895 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी शासकीय उच्चतर माध्मिक शाला में कृषि संकाय स्थापना करने हेतु शासन के क्या नियम हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में कितने शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला संचालित हैं? उपरोक्त में से कितनों में कृषि संकाय की कक्षाएं संचालित हैं या थी? सूची प्रदाय करें. (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कृषि पाठ्यक्रम संचालन हेतु शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला खैराकला, ईशानगर,बिजावर में कृषि संकाय स्थापना हेतु क्या–क्या अर्हता पूरी करना आवश्यक है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कृषि संकाय के लिये न्यूनतम कृषि उपयोग के लिये भूमि की उपलब्धता अनिवार्य है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में 20 शा. उच्चतर माध्यमिक शाला संचालित है, कृषि संकाय स्वीकृत नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
किसान
सम्मेलन के
संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
146. ( क्र. 5896 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में वर्ष 2017-18 में राजनगर, छतरपुर, बिजावर विकासखंड के ग्रामों व स्थानों में कौन–कौन से किसान सम्मेलन हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के आलोक में विकासखंडवार हुए किसान सम्मेलन की सूची व उपस्थित कृषकों की संख्या बताये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में वर्ष 2017-18 में राजनगर, छतरपुर, बिजावर विकासखण्ड के 24 स्थानों पर कृषक प्रशिक्षण, कृषक संगोष्ठी एवं किसान सम्मेलन आयोजित हुये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्यक्रमों में कुल 2360 कृषक उपस्थित हुये।
कृषि आदान विक्रेता के संबध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
147. ( क्र. 5902 ) डॉ. मोहन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में किस जिले में कितने कृषि आदान विक्रेता हैं? (खाद बीज एवं कीटनाशक दवाइयों के लायसेंस प्राप्त डीलर) (ख) म.प्र. में पिछले दो वर्षों में कुल कितने कृषि आदान विक्रेताओं को एकवर्षीय DAESI (Diploma in Agrculture Extension Service for input Dealer) प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं? (ग) म.प्र. में अगले एक साल में अधिकतम कितने विक्रेताओं को DAESI (Diploma in Agrculture Extension Service for input Dealer) कोर्स करवाये जाने की योजना एवं व्यवस्था है? म.प्र. में किस-किस जिले में DAESI कोर्स के लिए N.T.I. और Facilitator की नियुक्ति की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बीज के लायसेंस प्राप्त डीलर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। खाद के लायसेंस प्राप्त डीलर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं कीटनाशक दवाइयों के लायसेंस प्राप्त डीलर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) म.प्र. में पिछले दो वर्षों में दिये गये कृषि आदान विक्रेताओं को एकवर्षीय DAESI (Diploma in Agriculture extension Service for input Dealer) कोर्स प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र मेनेज, हैदराबाद द्वारा जारी किया जाना है। कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ग) वर्ष 2017-18 में 23 बैच (कुल 920 आदान विक्रेता हेतु) के संचालन की अनुमति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वर्ष 2018-19 हेतु जिलों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। DAESI कोर्स के लिए NIT और Facilitator की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के संबंध में
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
148. ( क्र. 5903 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन में उद्यानिकी विभाग द्वारा फसलों के विकास के लिये कौन-कौन सी योजनाए संचालित हैं वर्ष २०१४ से प्रश्न दिनांक तक संचालित योजनाओं में किस योजना के लिये शासन से कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें? (ख) उज्जैन जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजना के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? कितने कृषकों को किस-किस योजना का लाभ दिया गया हैं? (ग) उज्जैन जिले में तैनात क्षेत्रीय कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें क्या उनके द्वारा क्षेत्र का भ्रमण कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया? वित्तीय वर्ष 2016-17 में कृषकों को योजनाओं की जानकारी देने एवं उन्हें जागरूक करने के लिये विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये है? (घ) उज्जैन जिले में उद्यानिकी विभाग को किस योजना के कितने कृषकों के ऑनलाईन एवं कितने आवेदकों के ऑफलाईन आवेदन वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया तथा कितने आवेदन पत्र निरस्त किए गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में कृषकों को विभागीय योजनाओं की जानकारी देने एवं उन्हें जागरूक करने के लिये मेला प्रदर्शनी, कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किये गये तथा अंत्योदय मेले में विभागीय योजनाओं से संबंधित साहित्य उपलब्ध कराया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
विभागीय शासकीय सेवकों के कार्य एवं दायित्व
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
149. ( क्र. 5906 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के क्रियान्वयन के लिए कौन-कौन शासकीय सेवक एवं तकनीकी अमला कार्यरत एवं पदस्थ है? इनके द्वारा क्या कार्य किस प्रकार सम्पादित किये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत जिला परामर्शदाता एवं तकनीकी सहायकों द्वारा विगत 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य वर्षवार किये गये? क्या इनके वेतन/भत्तें एवं सुविधायें वर्षवार प्रदान किये गये और जिले में क्या उपलब्धियां वर्षवार प्राप्त हुई? पृथक-पृथक बतायें। (ग) कटनी जिले में विभागीय अमले के कौन-कौन पद स्वीकृत हैं? विगत तीन वर्षों में इन पदों पर नियुक्ति पदस्थ एवं कार्यरत शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम सहित बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत किन श्रेणियों शासकीय सेवकों द्वारा कार्यक्षेत्र में भ्रमण किया जाता है और क्या किन्ही शासकीय सेवकों को अपनी टूर डायरियों का संधारण कर, वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त करना पड़ता है? यदि हाँ, तो, किन-किन को एवं किस प्रकार? (ड.) प्रश्नांश (घ) के तहत विगत-03 वर्षों में किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा अपनी टूर डायरियों में कब एवं क्या प्रतिवेदन किया गया और किन वरिष्ठ अधिकारियों से कब एवं क्या अनुमोदन प्राप्त किये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कटनी जिले में राष्ट्रीय खादय सुरक्षा मिशन के क्रियान्वयन हेतु वर्तमान में 01 तकनीकी सहायक श्री संदीप धारपुरे कार्यरत है। जिले में 01 तकनीकी सहायक एवं 01 परामर्शदाता का पद रिक्त है। तकनीकी सहायक द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना से संबंधित लक्ष्यों का विभाजन, नस्तियों का संधारण, कृषि यंत्र, प्रशिक्षण, सिंचाई यंत्रो से संबंधित फाईलों का परीक्षण, आनलाईन स्वीकृति भुगतान संबंधी कार्य के साथ-साथ आवश्यकतानुसार मैदानी कार्य संपादित किया जाता है। (ख) कटनी जिले में परामर्शदाता का पद फरवरी 2013 से रिक्त है। केवल तकनीकी सहायक ही कार्यरत है। तकनीकी सहायक द्वारा वर्षवार किये गये कार्य, प्रदाय किये गये वेतन/भत्तों एवं उपलब्धियों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) कटनी जिले में विभागीय अमले के वर्गवार स्वीकार पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। विगत तीन वर्षों में इन पदों पर पदस्थ एवं कार्यरत शासकीय सेवकों के नाम पदनाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उप संचालक कृषि वर्ग-1, सहायक संचालक कृषि वर्ग-2 एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सहायक भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी वर्ग-3 के शासकीय सेवकों द्वारा आवश्यकतानुसार कार्य क्षेत्र में भ्रमण किया जाता है उक्त अधिकारियों द्वारा किये गये दौरा दायरी का संधारण किया जाता है तथा वरिष्ठ अधिकारियों से समय-समय पर अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। विभागीय मैदानी अमले के डायरी अनुमोदन की व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के शासकीय सेवकों द्वारा विगत 03 वर्षों में वर्षवार टूर डायरियों में क्षेत्र भ्रमण कर कृषकों तकनीकी उत्पादन संबंधित जानकारी (बीज,खाद्य,पौध संरक्षण फसल प्रदर्शन,सिंचाई यंत्रों,अन्तरवर्ती फसल एकीकृत पोषण प्रबंध,समन्वित कीट नियंत्रण एवं प्रशिक्षण) दी गई का प्रतिवेदन किया गया। वर्षवार किये गये कार्य के अनुमोदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
सहकारी समितियों का संचालन
[सहकारिता]
150. ( क्र. 5907 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-7779 दिनांक 31/03/2017 के प्रश्नांश (ड.) का उत्तर ''निर्देश जारी किये गये हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है'' दिया गया था,? तो प्रश्न दिनांक तक किन शासकीय सेवकों द्वारा क्या निर्देश किन्हें दिये गये एवं आदेशों के पालन में किस-किस के द्वारा क्या कार्यवाही अब तक की गई? प्रकरणवार बतायें और पालन प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही तथा अधिरोपित राशि की वसूली लम्बे समय से लंबित होने के क्या कारण है? प्रकरणवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही तथा राशि की वसूली में अत्याधिक विलंब होने का संज्ञान लेते हुये, क्या शासन स्तर से, नियत अवधि में जाँच करवाकर, कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अंशदायी पेंशन योजना में अध्यापकों को भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
151. ( क्र. 5911 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन संभाग के कितने अध्यापकों को सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु उपरान्त अंशदायी पेंशन योजना में जमा कितनी राशि का भुगतान कहाँ-कहाँ, किस-किस अध्यापक एवं उनके परिवारजन को किया गया? (ख) क्या अध्यापकों की अंशदायी पेंशन योजना में भुगतान को लेकर कम्पनी अध्यापकों को भुगतान नहीं कर रही है जिससे अध्यापकों, उनके परिवारजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो प्रदेश में भुगतान हेतु कितने प्रकरण, किस-किस के किन-किन कारणों से पेंडिंग हैं? (ग) अध्यापकों को सेवा के दौरान विभिन्न पारिवारिक आयोजन हेतु कितने प्रतिशत राशि का भुगतान किये जाने का नियम है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही प्रचलन में है? जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं। अध्यापकों के अंशदायी पेंशन योजना में जमा राशि का भुगतान संबंधित अध्यापक तथा मृत्यु होने की स्थिति में उनके उत्तराधिकारी द्वारा आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करने पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अभिलेख सत्यापित किए जाने पर एनएसडीएल मुम्बई द्वारा किया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी परिशिष्ट-'एक' अनुसार है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निःशुल्क एवं बार शिक्षा का अधिनियम (RTE) के तहत 25 नि:शुल्क प्रवेश
[स्कूल शिक्षा]
152. ( क्र.
5912 ) श्री
कालुसिंह
ठाकुर : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) निःशुल्क
एवं बार
शिक्षा का
अधिनियम (RTE) के
अन्तर्गत
प्रायवेट स्कूलों
में गरीब एवं
वंचित समूह के
बच्चों के 25
निःशुल्क
प्रवेश की
सत्र 2015-16 की
फीस
प्रतिपूर्ति
के पूर्व
किन-किन जिलों
के कलेक्टर सह
जिला मिशन
संचालक के
द्वारा प्राचार्यों
की अध्यक्षता
में समितियाँ
गठन कर परीक्षण
कराये जाने
हेतु निर्देश
दिये गये? (ख) क्या
भोपाल जिले
में सत्र 2015-16 की
फीस
प्रतिपूर्ति
के पूर्व
प्राचार्यों
की अध्यक्षता
में कलेक्टर
सह जिला मिशन
संचालक जिला
भोपाल द्वारा
आदेश क्रं. 1958
दिनांक 18.11.2016 द्वारा
आदेश जारी
किया गया था? परीक्षण
हेतु निश्चित
किये गये 646
प्रायवेट
स्कूलों के
द्वारा
हस्ताक्षरित
सूची उपलब्ध
करावें? (ग) प्राचार्यों
की अध्यक्षता
वाली किस
समिति को
कौन-कौन से
प्रायवेट
स्कूल
परीक्षण हेतु
सौंपे गये थे? यदि
हाँ, तो
कलेक्टर
द्वारा
हस्ताक्षरित
सूची उपलब्ध
करावें? (घ) क्या
कलेक्टर सह
जिला मिशन
संचालक
द्वारा गठित
समितियों के आदेश
को तामिल ही
नहीं कराया
गया? यदि
तामिल कराया
गया है तो
प्राचार्य
एवं समिति के
सदस्यों को
प्राप्त हुए
आदेश की पावती
उपलब्ध
करावें? यदि उक्त
रिकार्ड
उपलब्ध नहीं
है तो दोषी
अधिकारी
कर्मचारी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
कब तक की
जाएगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जानकारी
संकलित की जा
रही है। (ख) जी
हाँ। आदेश
दिनांक तक
मात्र 412 अशासकीय
शालाओं के
प्रपोजल जिला
कार्यालय को
प्राप्त हुए
थे, जिन्हें
परीक्षण हेतु
चुना गया।
स्कूलों की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) प्राचार्यों
की अध्यक्षता
वाली
समितियों को
परीक्षण हेतु
सौंपे गये
अशासकीय
शालाओं की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार।
कलेक्टर
द्वारा
हस्ताक्षरित
गठित समिति की
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार। (घ) जी
नहीं। आदेश को
तामील कराने
हेतु दिनांक 18.11.2016 को
सायं 4
बजे शासकीय
कन्या
सरोजिनीनायडू
उ.मा.वि., भोपाल में
बैठक आयोजित
कर संबंधितों
को अवगत कराया
गया।
तदानुसार
अधिकांश
संबंधितों द्वारा
परीक्षण
प्रतिवेदन भी
प्रस्तुत
किये गये है।
इसके
अतिरिक्त
समिति सदस्यों
को उनके
मोबाईल नम्बर
पर भी सूचित
किया गया। अतः
शेषांश का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
किसान सम्मेलन के नाम पर शासन की राशि की बंदरबांट किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
153. ( क्र. 5920 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डी अधिनियम में किसान सम्मेलन आयोजित किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या बोर्ड प्रस्ताव पारित करने के उपरांत ही किसान सम्मेलन पर राशि व्यय किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल जिले में कहाँ-कहाँ कब-कब किसान सम्मेलन आयोजित किए गए सूची सहित यह अवगत करावें कि मण्डी बोर्ड द्वारा किन-किन किसान सम्मेलनों की कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया और बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कुछ किसान सम्मेलनों की राशि बोर्ड प्रस्ताव पारित नहीं होने के बावजूद भी राशि व्यय की गई है? यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी जाँच कराकर नियम विरूद्ध शासन की राशि व्यय करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित वर्षवार ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। नियमों के अंतर्गत म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक/कृषि अनु/बी-3/1/14/1 (6)/38-39 दिनांक 07.05.10 के अनुसार किसान सम्मेलन के लिये स्वीकृति राज्य शासन द्वारा दी जाती है। जिसका भुगतान मंडी बोर्ड द्वारा किया जाता है। राज्य शासन की स्वीकृति होने से स्वीकृति हेतु पुन: बोर्ड में नहीं रखा गया है। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में मंडी बोर्ड की कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि की कुल जमा राशि पर प्रोद्भूत ब्याज मद से भोपाल जिले में आयोजित किसान सम्मेलन के लिये राज्य शासन द्वारा दी गयी स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। किसान सम्मेलन पर राशि का व्यय प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार किया गया है। प्रकिया अनुसार कार्यवाही होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खेल प्रतियोगिता हेतु व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
154. ( क्र. 5921 ) श्री आरिफ अकील : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिले में राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित किए जाने हेतु लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा राशि दी जाती है? यदि हाँ, तो भोपाल जिले में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन सी प्रतियोगिताएं आयोजित किए जाने हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई और उसका व्यय किस किस कार्य में किया गया (ख) प्राप्त राशि का ऑडिट कब-कब किस किसके द्वारा कराया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पुल निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
155. ( क्र. 5929 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) काला पीपल से कुरावर एवं काला पीपल से सीहोर मार्ग को आपस में जोड़ने वाली मनसाया-सेमलिया-बड़बेली मार्ग पर कई गॉवों के नागरिक के आवागमन को देखते हुए लोक निर्माण विभाग द्वारा उल्लेखित सड़क पर आज दिनांक तक पुल का निर्माण नहीं होने से वर्षा काल में आवागमन में कठिनाई होती है, (ख) क्या उक्त नाले पर विभाग द्वारा पुल निर्माण शीघ्र कराया जावेगा? जिससे नागरिकों का आवागमन सुगम हो सकें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, आंशिक रूप से आवागमन हेतु कठिनाई होती है, वर्तमान में 3 रो ह्यूम पाईप का वेंटेड कॉजवे निर्मित है, वर्षाकाल में अधिकतम 4 बार पानी ओव्हरफ्लो के कारण मात्र तीन से चार घण्टे के लिए यातायात बाधित होता, बाकी समय यातायात चालू रहता है। (ख) नवीन पुल निर्माण न तो प्रस्तावित है और न ही स्वीकृत है, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जायेगी।
स्टेट हाइवे-41 की मरम्मत
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 5930 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्टेट हाईवे-41 पर रखरखाव हेतु टोल टैक्स का प्रावधान किये एक वर्ष से अधिक होने के बावजूद भी मरम्मत का कार्य आष्टा से शुजालपुर के मध्य नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क के अंतर्गत अरनियाकलॉ, अमलाय (पत्थर की) व शुजालपुर मण्डी के पास सड़क की अत्यंत जर्जर स्थिति हो गयी है? कब तक मरम्मत का कार्य करवाया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, आष्टा से शुजालपुर के मध्य मरम्मत कार्य अनुबंधानुसार समय-समय पर किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, सड़क पर कुछ गड्ढे हुए है, जिनकी मरम्मत का कार्य नियमित प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है।
मंडी निधि से प्राप्त आय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
157. ( क्र. 5936 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में मंडी निधि से प्राप्त आय की जानकारी वर्षवार दें इस राशि को किसानों के हित में कैसे खर्च किया जाता है? (ख) बालाघाट जिले में विगत पाँच वर्षों में मंडी निधि से किये गये कार्यों की जानकारी विधानसभा क्षेत्र अनुसार दें? (ग) क्या लांजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रिसेवाड़ा से जामुनटोला तक सीमेंट कांक्रीट सड़क दूरी 1.5 किमी मंडी निधि से स्वीकृत करेंगे? (घ) म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 36 के उल्लंघन से मंडी टैक्स में हुए नुकसान की विगत पाँच वर्षों की जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडी निधि से विगत 05 वर्षों में प्राप्त आय की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मंडी निधि से प्राप्त आय का व्यय म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम -1972 में उल्लेखित धारा 39 एवं 44 में प्रावधानित मदों में किया जाता है। (ख) बालाघाट जिले में विगत 05 वर्षों में मंडी निधि के अंतर्गत पृथक-पृथक मदों से किये गये कार्यों की विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) लांजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नांकित सड़क का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हेाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा-36 के प्रावधान अंतर्गत विगत 05 वर्षों में मंडी शुल्क का नुकसान होने की जानकारी निरंक है।
ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी तथा सर्वेयर के वेतनमानों के अंतर के संबंध में
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
158. ( क्र. 5937 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी तथा सर्वेयर की भर्ती एक ही वेतनमान पर की गयी थी किन्तु ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी तथा ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी से सर्वेयर का वेतनमान बढ़ा दिया गया? (ख) क्या शासन ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी तथा ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी का वेतनमान सर्वेयर के वेतनमान के बराबर करने पर विचार करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी तथा विभाग के गठन के समय विभाग में सर्वेयर के पद स्वीकृत नहीं होने के कारण प्रश्नाधीन जानकारी संधारित नहीं है। कृषि विभाग में दिनांक 01.04.2006 के पूर्व ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी तथा सर्वेयर एक समान वेतनमान पर कार्यरत थे। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश दिनांक 15.06.2009 द्वारा कृषि विभाग में कार्यरत सर्वेक्षकों (सर्वेयरों) का वेतनमान जल संसाधन विभाग के सर्वेक्षकों के समान दिनांक 01.04.2006 से स्वीकृत किया गया है। (ख) किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की तदविषयक मांग विचाराधीन है।
संस्थाओं का भुगतान
[सहकारिता]
159. ( क्र.
5945 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
राज्यमंत्री, सहकारिता
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कारण है कि
आदिम जाति
सेवा सह.संस्था
खोटिया
जिला-बड़वानी
द्वारा सहज
बीज उत्पादक
सह.संस्था
द्वारा जिला
बड़वानी का
अक्टूबर 2016 का
लंबित भुगतान
नहीं किया जा
रहा है? (ख) जब जिला
सहकारी
केंद्रीय
बैंक खरगौन के
पत्र क्रमांक/विप./लक्ष्य/2016-17/4082 दि.15.10.16 में
स्पष्ट है
कि बीज संस्थाओं
में कसारमेंट
आधार पर
प्रदाय नहीं
हाेगा तब
प्रश्नांश (क) अनुसार
भुगतान क्यों
लंबित किया
गया? (ग) इसके
अतिरिक्त
अन्य कितने
प्रकरणों में
भुगतान लंबित
हैं? फर्म
का नाम, बिल दिनांक, फर्म
द्वारा प्रस्तुत
बिल के विवरण
सहित प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि की
जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(क) अनुसार
भुगतान कब तक
कर दिया जाएगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता
( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) बीज
उत्पादक
संस्था द्वारा
प्रदत्त बीज 80
क्विटल में से
35.20
क्विटल के
विक्रय
उपरांत आदिम
जाति सेवा सहकारी
संस्था
कोटिया
द्वारा राशि
रू. 1,10,880 का
भुगतान हेतु
चेक जारी किया
गया, बीज
संस्थाओ
द्वारा चेक का
भुगतान
प्राप्त न
करने एवं 44.80
क्विटल बीज
विक्रय न होने
से भुगतान लंबित
रहा। (ख) उत्तरांश
'क' अनुसार।
(ग) इसके
अतिरिक्त
संस्था स्तर
पर अन्य कोई
प्रकरण
भुगतान हेतु
लंबित नहीं है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) कमीशन
राशि रू. 8,800 काट कर
राशि रू. 2,51,200 का चेक
क्रमांक 019221
दिनांक 15.03.2018 भुगतान
हेतु जारी कर दिया
गया है।
मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
160. ( क्र. 5953 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील त्योंथर जिला रीवा अंतर्गत बारी-चौरा घाट काटकर हनुमना तक मार्ग बनाये जाने के लिये शासन की क्या योजना है? (ख) क्या उपरोक्त मार्ग निर्माण कराये जाने हेतु शासन द्वारा सर्वे कराया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब और वर्तमान में उक्त कार्य की क्या प्रगति है? (ग) उक्त कार्य कब तक करा लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) स्थायी वित्तीय समिति की 171वीं बैठक में अनुमोदित। बजट में अंकित होने के पश्चात प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। (ग) वर्तमान में समय-सीमा का उल्लेख किया जाना संभव नहीं है।
फसलों का स्टॉक
[सहकारिता]
161. ( क्र. 5957 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक होशंगाबाद के होशंगाबाद एवं हरदा जिले में वर्ष 2015, 2016, 2017 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ, मूंग, उड़द, तुअर एवं धान खरीदी के दौरान समितियों द्वारा स्टॉक का परिदान किया इसके पश्चात वेयरहाउस से स्टॉक वापस कर दिया गया जिससे समितियों को लाखों रूपये का नुकसान उठाना पड़ा? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम, सहित देकर बतावें कि उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) उक्त वर्षों में समर्थन मूल्य खरीदी के दौरान उपरोक्त जिंसों की खरीदी के दौरान वापस स्टॉक में आई कमी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कई केंद्रों पर उपरोक्त जिंसों की अमानक गुणवत्ता की खरीदी की गई? यदि हाँ, तो इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
162. ( क्र. 5959 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अजय कुमार चौधरी बनाम भारत संघ सिविल अपील सं. 2015 की 1912 दिनांक 18.02.2015 में पारित निर्णय के पालन में भारत सरकार द्वारा अपने पत्र दिनांक 03.07.2015 ज्ञापन सं. 11012/17, 2013-स्था.क. 111 द्वारा समस्त विभागों को निर्देश जारी कर निलंबित लोक सेवकों को निलंबित किये जाने के उपरांत 90 दिवस में आरोप पत्र/व्यवहार्थ अनुशासनिक कार्यवाही करने संबंधी निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो लोक शिक्षण संचालनालय स्थित टाइपिंग बोर्ड में पदस्थ अपचारी अधिकारी/कर्मचारियों के निलंबन उपरांत माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय अनुरूप व्यवहार्थ अनुशासनिक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो निर्णय अनुरूप निलंबित लोक सेवकों का निलंबन समाप्त क्यों नहीं माना गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुरूप माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 1400/2017, दिनांक 28.03.2017 एवं याचिका क्रमांक 2508/2017, दिनांक 02.11.2017 में निर्धारित समय-सीमा में निराकरण संबंधी निर्देश दिये गये थे, दोनों प्रकरणों में समय-सीमा में कार्यवाही न करने हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं। (घ) क्या सा.प्र.वि. द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 26.04.2017 में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में समान न्यायालयीन प्रकरणों में समान निर्णय लेने संबंधी निर्देशों के परिपालन में अन्य विभागों की भांति स्कूल शिक्षा विभाग निलंबित लोक सेवकों की बहाली संबंधी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय के टायपिंग बोर्ड में एस.टी.एफ. पुलिस द्वारा छापा मारने के बाद आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने पर अधिकारियों की अनाधिकृत अनुपस्थिति को लेकर आरोप पत्र जारी किए गए। एस.टी.एफ. द्वारा बोर्ड का अभिलेख जब्त कर लिये जाने एवं निलंबित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय आदेश दिनांक 17.06.2015 द्वारा अभियोजन स्वीकृति जारी करने के कारण आरोप पत्र जारी नहीं किये गये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। डब्ल्यू.पी.क्रं0 4100/2017 द्वारा श्री संजय अवस्थी के प्रकरण में मान0 न्यायालय द्वारा संबंधित की अपील का 60 दिवस तथा डब्ल्यू. पी.क्रं. 2508/2017 द्वारा श्री विजय सिंह लोधी के प्रकरण में मान. न्यायालय द्वारा संबंधित की अपील का एक माह में निराकरण करने संबंधी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में विभागीय आदेश क्रं. एफ 17-6/2018/20-4 दिनांक 13.03.2018 द्वारा यथोचित कार्यवाही की जा चुकी है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रं. सी 6-2/2013/3/एक, दिनांक 28 जनवरी, 2013 में आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा हेतु समिति गठित की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 30.09.2015 अनुसार उक्त समिति की अनुशंसा के उपरांत राज्य शासन द्वारा गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेना प्रावधानित है। उक्त समिति की अनुशंसा उपरांत संबंधित अपचारी लोकसेवकों की निलंबन से बहाली नहीं करने संबंधी विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।