मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
सोमवार, दिनांक 27 फरवरी 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मकसूदनगढ़
तहसील में
लिंक
न्यायालय की
घोषणा
[राजस्व]
1. ( *क्र. 1523 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के मकसूदनगढ़ कस्बे में तहसील स्थापित है? उक्त तहसील का परगना क्या चाचौड़ा विधानसभा छोड़कर अन्य विधानसभा राघौगढ़ में एस.डी.ओ. राजस्व न्यायालय लगता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या राघौगढ़ से मकसूदनगढ़ की दूरी 50 कि.मी. से अधिक है? क्या मकसूदनगढ़ में एस.डी.ओ. राजस्व न्यायालय के लिए दो दिवसीय लिंक न्यायालय बनाई जा सकती है। (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) के तथ्य सत्य हैं तो कब तक परगना राघौगढ़ के एस.डी.ओ. राजस्व न्यायालय को सप्ताह में दो दिवस के लिए लिंक न्यायालय घोषित करायेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। उक्त तहसील परगना राघौगढ़ अंतर्गत आती है जिसका विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा है। इसका एस.डी.ओ. न्यायालय राघौगढ़ में लगता है। (ख) जी हाँ। लिंक न्यायालय बनाई जा सकती है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय/गैर खातेदार भूमि का आबादी भूमि में परिवर्तन
[राजस्व]
2. ( *क्र. 1312 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत शासकीय भूमि/गैर खातेदार भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन किये जाने के क्या नियम हैं एवं इसकी क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्तमान में इंदौर संभाग की तहसीलवार कितनी भूमि शासकीय/गैर खातेदार भूमि दर्ज है? कितनी भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन किया गया है एवं वर्तमान में कितनी शेष है? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में तहसीलवार कितने आवेदकों एवं ग्राम पंचायतों द्वारा शासकीय भूमि/गैर खातेदार भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन करने हेतु आवेदन/प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये? प्राप्त प्रस्तावों में क्या कार्यवाही की गई? आवेदन एवं प्रस्ताववार जानकारी से अवगत करावें। (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र महेश्वर की तहसील महेश्वर एवं तहसील बड़वाह क्षेत्रान्तर्गत शासकीय/गैर खातेदार भूमि पर ग्रामवासी मकान बनाकर निवास कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक उक्त भूमि को परिवर्तन कर आबादी भूमि में आवासीय पट्टे स्वीकृत कर पट्टे आवंटित किये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेला
मैदान की भूमि
पर अवैध
निर्माण
[राजस्व]
3. ( *क्र. 2151 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के राजगढ़ नगर पंचायत द्वारा मेला मैदान की राजस्व भूमि पर अवैध रूप से दुकानें आदि निर्मित कर धनाढ्य व्यक्तियों को बेच कर अनियमितता की है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त अवैध निर्माणों एवं दुकानों को तोड़कर मेला मैदान को समतल कर पुराने स्वरूप में स्थापित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवैध निर्माण करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारी
[पशुपालन]
4. ( *क्र. 1906 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में पशु चिकित्सा विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम हैं? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा विगत 5 वर्ष में उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) धार जिले में कुल 262 अधिकारी/कर्मचारी एवं धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 35 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर जिले में डायवर्सन के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
5. (*क्र. 2220 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक डायवर्सन के कितने प्रकरण लंबित हैं? तहसीलवार बतायें। (ख) एक वर्ष से अधिक समय तक डायवर्सन के कितने प्रकरण लंबित हैं तथा लंबित होने के क्या कारण हैं? तहसीलवार बतायें। (ग) क्या डायवर्सन के प्रकरण अधिक समय तक लंबित रखने के कारण शासन को राजस्व की हानि होती है तथा आवेदकों को अनावश्यक परेशानी होती है? यदि हाँ, तो लोगों की परेशानी दूर करने के लिये शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा? (घ) एक वर्ष से अधिक समय वाले लंबित डायवर्सन के प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक डायवर्सन के कुल 596 प्रकरण लंबित हैं। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सागर जिले में एक वर्ष से अधिक समय तक डायवर्सन के कुल 172 प्रकरण लंबित हैं। उपरोक्त प्रकरणों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की 1959 की धारा 172 के प्रावधान अनुसार आवेदकों द्वारा नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत की एन.ओ.सी. एवं संयुक्त संचालक नगर तथा ग्रामीण निवेश का ले आउट एवं नक्शा प्लाट का नक्शा बटांकन प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण लंबित हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) ऐसे डायवर्सन के प्रकरणों में जाँच की कार्यवाही की जाती है, जिसमें नियमानुसार समय लगना स्वाभाविक है। (घ) शीघ्र निराकरण हेतु निर्देश जारी किये गये हैं।
कालाबाजारी में लिप्त दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
6. ( *क्र. 522 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 07 दिसम्बर, 2016 के प्रश्न क्र. 1434 के उत्तर (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है, उत्तर दिया गया है? क्या संबंधित जानकारी एकत्रित कर ली गई? जानकारी अनुसार किन-किन को दोषी मानकर उनके ऊपर किस-किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित की गई? कार्यवाही की प्रति देवें। (ख) यदि कार्यवाही समय पर पूर्ण नहीं की गई तो इसके लिए दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? उसकी प्रति देवें। अगर कार्यवाही किसी भी स्तर से नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं, इन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में 05 अक्टूबर, 2016 को कालाबाजारी हेतु ले जाया जा रहा जो खाद्यान्न पकड़ा गया, वह खाद्यान्न जिस वाहन में लोड किया गया था, उस वाहन मालिक का नाम वाहन क्रमांक के साथ बतावें? क्या उक्त वाहन मालिक के संबंध रीवा जिले में पदस्थ खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी से हैं, जिसकी मिलीभगत से खाद्यान्न/शक्कर एवं तेल की कालाबाजारी जिले भर में आये दिन हो रही है? संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के साथ अन्य संबंधित विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध खाद्यान्न की कालाबाजारी में संलिप्त होने के प्रकरण पुलिस थानों में पंजीबद्ध करायेंगे? हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। प्रकरण में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के कर्मचारियों एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही की गई है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के कर्मचारियों पर की गई विभागीय कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में 05 अक्टूबर, 2016 को कालाबाजारी हेतु ले जाया जा रहा खाद्यान्न पकड़ा गया, वह खाद्यान्न ट्रक क्र. एम.पी. 17 एच.एच. 2529 जिसके मालिक श्री कृष्णमुरारी यादव निवासी मिर्जापुर उत्तरप्रदेश तथा ट्रक क्र. एम.पी. 17 एच.एच. 2465 के ट्रक मालिक एवं चालक श्री जय सिंह साकेत निवासी ग्राम महेवा पोस्ट नई बाजार जिला सोनभद्र उत्तर प्रदेश है। इस कालाबाजारी प्रकरण में प्रथम दृष्टया मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही हेतु अपराध क्रमांक 266/16 दिनांक 07.10.2016 पुलिस थाना हनुमना में दर्ज होकर विवेचनाधीन है।
तहसील कार्यालय के भवन का निर्माण
[राजस्व]
7. ( *क्र. 2004 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र की तहसील कसरावद का कार्यालय पूर्ण रूप से जर्जर एवं आवागमन की अव्यवस्था के कारण भी अन्य प्रस्तावित स्थान पर भवन निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) उक्त कार्यालय में जनहित के कार्यों से संबंधित स्थानीय लोगों को आये दिन हो रही परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए उक्त भवन का निर्माण कार्य प्रस्तावित स्थान पर कब तक कर दिया जायेगा? (ग) उक्त कार्य में लापरवाही क्यों की जा रही है? क्या संबंधित उच्चाधिकारी इस मामले पर संज्ञान लेगें? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भवन की ड्राइंग, डिजाइन तैयार करने पर, प्राक्कलन स्वीकृत राशि से अधिक होने के कारण निर्माण प्रारंभ नहीं किया जा सका। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई लापरवाही नहीं की जा रही है। जी हाँ अधिक प्राक्कलन का परीक्षण कर।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
8. ( *क्र. 1136 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील में विगत 8-10 दिन पूर्व शीतलहर के कारण तुअर की फसल पाला पड़ने से नष्ट हो गई है? (ख) क्या शासन पाला पड़ने के कारण हुए नुकसान का सर्वे कराकर राहत राशि देने का विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पाला पड़ने से कितने ग्राम तथा कितने हेक्टेयर की फसल प्रभावित हुई है तथा इस हेतु हेक्टेयरवार कितना मुआवजा राष्ट्रीय फसल योजना के लिए किसानों को दिया जाएगा? (घ) क्या राष्ट्रीय फसल बीमा योजना में किसानों के हुए नुकसान के आंकलन अनुसार विभाग मुआवजा राशि प्रदान करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भंडारण नियमों का उल्लंघन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( *क्र. 2643 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2015-16 में रबी एवं खरीफ उपार्जन सीजन में कृषकों से क्रय की गई कृषि उपज में क्या समस्त पंजीकृत कृषकों को एस.एम.एस. द्वारा खाद्यान्न केन्द्र में लाने की सूचना दी गई है तथा क्या समस्त खरीदी एस.एम.एस. शेडयूलिंग के अनुसार ही की गई है? अगर ऐसा नहीं है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या उपार्जन के परिवहन हेतु जिला स्तर पर वाहनों का मूवमेंट मेपिंग प्लान तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो क्या मूवमेंट का पालन किया गया है? अगर ऐसा नहीं है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या सिवनी जिले में उपार्जन केन्द्र के पास के गोदाम में खाद्यान्न का परिवहन न कर क्रॉस (cross) मूवमेंट से दूर के गोदाम में परिवहन कर मूवमेंट प्लान का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो इसका जिम्मेवार कौन है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु निर्धारित शेडयूलिंग अनुसार एस.एम.एस. किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। मूवमेंट मेपिंग प्लान का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भंडारण की नीति अनुसार परिवहन कर भंडारण कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल सेंट्रल जेल का निरीक्षण
[जेल]
10. ( *क्र. 2085 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा जिला जेलों के निरीक्षण के लिए पूर्व से कोई नियम बनाये हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा दें? क्या उक्त नियमों में हाल ही में कोई संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) भोपाल कलेक्टर अथवा उनके प्रतिनिधि द्वारा प्रश्न दिनांक से दो वर्ष पूर्व दिनांक तक सेंट्रल जेल भोपाल का किन-किन दिनांकों में निरीक्षण किया? ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सेन्ट्रल जेल का नियमित निरीक्षण नहीं होने से जेल ब्रेक की घटना घटित हुई? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए कलेक्टर अथवा नामित प्रतिनिधि को जिम्मेदार बनाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या भोपाल कलेक्टर को जेल ब्रेक मामले में क्लीन चिट दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जी नहीं। उक्त नियमों में कोई संशोधन नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं। जेल ब्रेक मामले की न्यायिक जाँच आयोग द्वारा की जा रही है। रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (घ) जी नहीं। जेल ब्रेक मामले की न्यायिक जाँच आयोग द्वारा की जा रही है। रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
दान-पत्र द्वारा भूमि का नामान्तरण
[राजस्व]
11. ( *क्र. 1400 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला तहसील मुरैना के वृत्त-2 मृगपुरा के प्रकरण क्रमांक/2/2015-16/अ 6 में पिता द्वारा पुत्र को भूमि का दान-पत्र के आधार पर किस सर्वे नम्बरों की भूमि का नामान्तरण किया गया है। (ख) आदेश पारित दिनांक 23.05.2016 में दान-पत्र का क्या प्रयोजन था? क्या राजस्व कानून में पालकों को दान-पत्र के द्वारा सम्पत्ति हस्तांतरण करने का प्रावधान सार्वजनिक उपयोग के अलावा संतानों को भूमि नामान्तरण के प्रावधान हैं? (ग) मुरैना तहसील में पिछले पाँच वर्षों में पिता द्वारा अपने पुत्रों को भूमि दान पत्रों के माध्यम से कितने प्रकरणों में भूमि नामान्तरण किया गया है? समय, संख्या, नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) क्या यह पिता की एक से अधिक संतानों का भूमि, सम्पत्ति से स्वामित्व (हक) समाप्त करने का अनुचित प्रयोग तो नहीं है, तथ्यों सहित किन परिस्थति में उक्त प्रकरण में आदेश किया गया? पूर्ण जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ आदेश पारित दिनांक 23.05.2016 में दान पत्र का प्रयोजन दान है। (ग) जिला मुरैना की तहसील मुरैना के वृत्त 02 मृगपुरा में 02 प्रकरणों में पिछले पाँच वर्षों में दान पत्र के आधार पर नामांतरण किये गये हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नामांतरण की कार्यवाही अभिलेख अद्यतन करने की प्रक्रिया है न कि स्वत्व प्रदाय करने की एवं उप पंजीयक कार्यालय से पंजीकृत दान पत्र (विलेख) प्राप्त होने पर भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत राजस्व न्यायालय द्वारा पंजीकृत विलेख की वैधता की जाँच एवं स्वत्व संबंधी प्रश्न के निराकरण की अधिकारिता राजस्व न्यायालय को नहीं है।
राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
12. ( *क्र. 2394 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने मजरे टोले हैं जो राजस्व ग्राम नहीं हैं? क्या इन्हें राजस्व ग्राम घोषित किए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक इन मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा? इसके क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र के मजरों को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने हेतु क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला स्तर पर पत्राचार किया गया? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त मजरों के समय पर राजस्व ग्राम घोषित नहीं होने से यहाँ के लोगों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया, इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 75 मजरे टोले हैं, जो राजस्व ग्राम नहीं हैं। उक्त मजरे टोलों में से 02 मजरे धावड़िया एवं सोहनगढ़ तहसील सैलाना को राजस्व ग्राम बनाने की कार्यवाही अन्तर्गत राजस्व ग्राम घोषणा संबंधी आदेश जारी हो चुके हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जन प्रतिनिधियों के पत्राचार के परिप्रेक्ष्य में उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही की गयी। (ग) मजरे पृथक राजस्व घोषित किये गये हैं। अधिकार अभिलेख बनाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। यह कार्य वृहद स्वरूप होने एवं अमले की कमी होने से अधिकार अभिलेख बनाया जाना शेष है। मजरे टोलों को राजस्व ग्राम की भांति मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं।
वन ग्रामों का राजस्व ग्रामों में परिवर्तन
[राजस्व]
13. ( *क्र. 156 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में बड़वाह/सनावद तहसील में कितने राजस्व ग्राम हैं, कितने वन ग्राम हैं एवं कितने वीरान ग्राम हैं? इसकी पृथक-पृथक जानकारी दी जावे। (ख) तहसील/बड़वाहा/सनावद के वन ग्रामों में निवासरत परिवारों को शासन के द्वारा किन योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है? क्या इन ग्रामों में किसी भी प्रकार का निर्माण या योजनाएं जो राजस्व ग्राम में तो हैं, किन्तु वन ग्राम में स्वीकृत नहीं की जा सकती है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्राप्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या विभाग वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन हेतु कोई कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या वन भूमि के आवंटित पट्टे को भूमि स्वामी की मृत्यु उपरांत उनके वैध वारिसों के नामांतरण हो रहे हैं? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कितने नामांतरण हो चुके हैं और कितने नामांतरण होना शेष हैं? शेष कब तक हो जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खरगौन जिले के बड़वाह तहसील में 181 राजस्व ग्राम 09 वन ग्राम एवं 55 वीरान ग्राम एवं सनावद तहसील में 129 राजस्व ग्राम 27 वीरान ग्राम हैं तथा वन ग्राम नहीं हैं। (ख) वन मंडल तहसील के बड़वाह के वनग्रामों में निवासरत परिवारों को शासन योजनाओं की मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्राप्त होता है तथा वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत सभी वनग्रामों में निर्माण या योजनाएं स्वीकृत की जाती हैं। (ग) जी हाँ। वन विभाग से मार्गदर्शन चाहा गया है। मार्गदर्शन अपेक्षित है। (घ) जी हाँ। विगत 5 वर्षों में कोई भी आवेदन नामांतरण हेतु प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिरोंज एवं लटेरी में स्वीकृत नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( *क्र. 2176 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं, कितनी-कितनी लागत में स्वीकृत हुईं हैं, स्वीकृति वर्ष सहित जानकारी देवें, जिसमें से कितनी चालू हैं और कितनी बंद पड़ी हैं? बंद रहने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को पुन: चालू करने हेतु शासन की क्या योजनाएं हैं? प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं कार्य पूर्ण होने के बाद भी ट्रांसफार्मर न लगने के कारण बंद हैं? उन ग्रामों की जानकारी देवें। क्या उक्त संबंध में विद्युत विभाग को ट्रांसफार्मर लगवाये जाने हेतु पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक विद्युत विभाग द्वारा ट्रासंफार्मर क्यों नहीं रखा गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या जनपद पंचायत लटेरी क्षेत्र के ग्राम पंचायत आनंदपुर में जनभागीदारी मद से नल-जल योजनाएं निर्माणाधीन हैं? निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जाकर ग्रामवासियों को लाभांवित किया जावेगा? पानी टंकी निर्माण कार्य में काफी कमजोर एवं गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है, जिसमें एक ओवर हेड टैंक का निर्माण हुआ है, पाईप लाईन कमजोर है, क्या उक्त संबंध में विगत वर्षों में ग्रामवासियों के माध्यम से शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की गई एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 53 योजनाएँ स्वीकृत हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जीर्ण-शीर्ण बंद नल-जल योजनाओं को छोड़कर अन्य बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने की योजना है। कोई भी नल-जल योजना ट्रांसफार्मर के अभाव में बंद नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। 31 मार्च, 2018 तक निर्माण कार्य पूर्ण होना संभावित है। जी नहीं, कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 174 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा जिलाधीश व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के रायसेन जिले के अधिकारियों को जिले में गिरते हुए भू-जल स्तर के कारण अभी से अधिकांश नलकूप सूखने से आगामी महीनों में मनुष्यों व पशुओं को जबर्दस्त पीने के पानी के संकट के संदर्भ में हैण्डपंप मेकेनिकों व स्टाफ की संख्या व गाड़ी, मोटरसाईकिल बढ़ाने तथा नीचे से पानी ऊपर खींचने के लिये विद्युत मोटर देने की योजना के लिये पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो शासन ने क्या कार्यवाही की है? (ख) प्रश्नकर्ता ने किस-किस गांव के लोगों के हैण्डपंप लगाने के आवेदनों को पिछले एक वर्ष में विभाग के रायसेन जिले व भोपाल स्तर के अधिकारियों को अग्रेषित किये? उसमें से कितने व किस गांव में हैण्डपंप लग गये हैं व सुधर गये हैं व आगामी योजना क्या है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंद नल-जल योजनाओं को प्रारंभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( *क्र. 2631 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा बंद नल-जल योजनाओं को पुन: चालू कराये जाने के दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें। (ख) भिण्ड जिले के अंतर्गत कुल कितनी नल-जल योजनाएं वर्तमान में चालू हैं एवं कितनी बंद हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) क्या विभाग द्वारा मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू कराये जाने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है? यदि नहीं, तो किस नल-जल योजना को चालू कराये जाने के लिये कार्यवाही की जा रही है? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। दिशा निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 58 चालू, 149 बंद। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
17. ( *क्र. 984 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 69 (क्रमांक 1266), दिनांक 26.02.2016 में प्रदत्त जानकारी के प्रकाश में प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक उज्जैन जिला उज्जैन को प्रेषित पत्र क्र. ए-1323/उ.द./16, दिनांक 12.06.2016 जो कि दिनांक 20.06.2016 को प्राप्त हुआ, के संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को संबंधित जानकारी कब उपलब्ध कराई गई तथा चाही गई जानकारी मय दस्तावेजों के उपलब्ध करावें? चिमनगंज मण्डी पुलिस थाना उज्जैन द्वारा अपराध क्र. 1065/12 में चालान किस दिनांक को प्रस्तुत किया गया। उक्त अपराध में फरियादिया तस्नीन तथा साक्षी असगर हुसैन द्वारा किस दिनांक को शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार फरियादिया एवं साक्षी द्वारा चालान प्रस्तुत करने के पूर्व शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के उपरांत भी दोषी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करते हुये निर्दोष के विरूद्ध कार्यवाही करने पर अनुसंधानकर्ता अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवही की गई? (ग) अनुसंधानकर्ता अधिकारी के विरूद्ध दिनांक 10.02.2016 को प्रारंभिक जाँच हेतु दिये गये, आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें तथा पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक जाँच में क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच पूर्ण हुई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस अधीक्षक, उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक ए-1323/उद/16, दिनांक 12.06.2016 जो कि दिनांक 20.06.2016 को प्राप्त हुआ जिसकी जाँच करवाई गई। उक्त पत्र के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी विधानसभा सचिवालय को विभागीय पत्र क्रमांक एफ 13-06/2016/बी-1/दो, दिनांक 09.02.2017 को उपलब्ध कराई गई है। थाना चिमनगंज मण्डी के अपराध क्र. 1065/12 में चालान दिनांक 31.12.2012 को सी.जे.एम. उज्जैन में प्रस्तुत किया गया। उक्त अपराध में फरियादी तस्नीन तथा साक्षी असगर हुसैन द्वारा दिनांक 17.12.2012 को शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध की विवेचना के दौरान प्रस्तुत किये गये शपथ-पत्र का उल्लेख केस-डायरी में नहीं करने पर प्राथमिक जाँच नगर पुलिस अधीक्षक, जीवाजीगंज, उज्जैन से कराई गई। विवेचक की लापरवाही पाये जाने पर आदेश दिनांक 01.07.2016 के द्वारा रूपये 500/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। (ग) प्रारम्भिक जाँच के आदेश दिनांक 10.02.2016 नगर पुलिस अधीक्षक, जीवाजीगंज, उज्जैन का जाँच प्रतिवेदन दिनांक 30.05.2016 एवं दण्डादेश दिनांक 01.07.2016 की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
अपूर्ण पेयजल योजनाओं को पूर्ण किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( *क्र. 2236 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिरडी, सहनगाँव, घाटपिपरिया ग्राम पंचायतों/जल समितियों से विभाग द्वारा (तीन प्रतिशत) पेयजल योजना के लिये कितनी-कितनी राशि वसूली गयी? ग्रामवार राशि दिनांक सहित बतायें। (ख) क्या ग्राम सिरडी, सहनगाँव एवं घाटपिपरिया की पंचायतों/जल समितियों से राशि जमा करवाने के उपरान्त भी संबंधित योजनाओं के कार्य नहीं करवाये गये? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम निमनवाड़ा एवं दुनावा की पेयजल योजना के लिये विभाग द्वारा स्वजल धारा योजना के तहत कब (दिनांक) कितनी राशि स्वीकृत की गयी? ग्रामवार जानकारी दें। दोनों ग्रामों की स्वजल धारा योजना का वर्क आर्डर जारी करने का दिनांक एवं कार्य समाप्त करने का दिनांक दें। इन दोनों ग्रामों की स्वजल धारा योजना में विभाग द्वारा अब तक कितनी राशि का व्यय किन-किन कार्यों में किया गया है? कार्यवार व्यय की विस्तृत जानकारी दें। क्या दोनों योजनायें अब तक अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिरडी, सहनगाँव, घाटपिपरिया, निमनवाडा एवं दुनावा की बिन्दु 'क', 'ख' एवं 'ग' के अनुसार दी गयी पेयजल योजनायें विभाग द्वारा कब तक पूर्ण कर ली जायेंगी? ग्रामवार दिनांक स्पष्ट करें तथा इन पेयजल योजनाओं के कार्य में विलंब के लिये कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों के विरुद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिरडी के द्वारा राशि रू. 73,350.00 दिनांक 28.02.2016 एवं ग्राम पंचायत सहनगांव के द्वारा राशि रू. 18,600.00 दिनांक 30.10.2015 को अंशदान के रूप में जमा की गई है तथा ग्राम घाट पिपरिया द्वारा कोई राशि जमा नहीं की गई। (ख) जी हाँ, भारत शासन पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा नवीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध लगाये जाने के कारण। (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम निमनवाड़ा एवं दुनावा की पेयजल योजना के लिये विभाग के द्वारा स्वजल धारा योजना के अंतर्गत कोई योजना स्वीकृत नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तर (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वाहनों की बीमा अवधि में वृद्धि
[परिवहन]
19. ( *क्र. 1369 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभिन्न प्रकार के स्वचलित वाहनों के बीमा के निर्धारण का आधार क्या है तथा वाहनों का बीमा कितने प्रकार से किया जाता है? (ख) क्या विभिन्न बीमा कंपनियों द्वारा वाहनों के बीमा की दरों में भिन्नता है या समान दरें हैं? (ग) क्या वाहनों के बीमा की अवधि अभी एक वर्ष से अधिक अवधि तक का किया जाता है? यदि नहीं, तो भविष्य में क्या शासन की इसको लागू करने की कोई योजना है।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 146 के तहत प्रत्येक वाहन को पर व्यक्ति जोखिम बीमा की आवश्यकता संबंधी प्रावधान है। धारा 146 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बीमा कंपनियों का विषय भारत-सरकार से संबंधित है। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओवरहैड टैंको का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( *क्र. 1944 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्रामों में पेयजल सुविधा हेतु ओवरहेड टैंकों के संचालन से संबंधित परि.अता. प्रश्न संख्या 41 (क्रमांक 1042) दिनांक 01 मार्च, 2016 को परिशिष्ट 15 में संलग्न कर दी गई थी, जिसमें 08 ओवरहैड टैंक बंद बताये गये थे, 02 के कार्य प्रगति पर तथा 03 टैंकों को चालू बताया गया है। (ख) क्या उक्त प्रश्नांश के परिशिष्ट 15 की सूची मुताबिक समस्त ओवर हैड टैंको से पेयजल प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। प्रश्न क्रमांक 1042 के उत्तर में 8 ओवर हैड टैंक योजनाएं बंद, 2 प्रगतिरत तथा 5 चालू होने की जानकारी दी गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अधिग्रहीत भूमि का त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन
[राजस्व]
21. ( *क्र. 2273 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में निर्माणाधीन हाईवे के लिये जमीनों के अधिग्रहण में त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन के चलते भू-स्वामियों के 50 करोड़ से अधिक की मुआवजा राशि आर्बीट्रेटर के समक्ष ढाई हजार से ज्यादा किसानों की सुनवाई चल रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या संभागायुक्त द्वारा प्रकरणों की कराई गई जाँच में ज्यादा प्रकरणों में गलत मूल्यांकन के चलते किसी को अधिक पर ज्यादातर भू-स्वामियों को कम मुआवजा दिया जाना परिलक्षित हुआ है। (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में जाँच के बाद संभागायुक्त ने तर्क के लिये जाँच अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है? इन्हें कब तक दर्ज किया जाकर अवार्ड पारित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? गलत मूल्यांकन कम या ज्यादा करने वाले कर्मचारी या अधिकारी का नाम, पद सहित सूची उपलब्ध करावें। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? नहीं की गई तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तकनीकी शिक्षा महाविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
22. ( *क्र. 1359 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 9 (क्रमांक 112), दिनांक 7 दिसम्बर 2016 के प्रश्न के खण्ड (ख) के उत्तर में बताया गया कि वर्ष 2016-17 में निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की लगभग 60% सीटें रिक्त हैं, क्या विभाग स्तर पर इसकी समीक्षा वर्तमान में की गई है? यदि हाँ, तो समीक्षा निर्णय की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ख) 1 जनवरी, 2014 के पश्चात किन-किन तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों ने भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली से अनुमति लेकर कौन-कौन से नवीन संकाय कहाँ-कहाँ खोले? उज्जैन इंदौर संभाग की जानकारी देवें? (ग) प्रदेश में 1 जनवरी 2015 के पश्चात् कितने निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय किन-किन कारणों से बंद हुये, बंद महाविद्यालयों को पुन: प्रारम्भ किये जाने हेतु विभाग स्तर पर क्या प्रयास किये? (घ) क्या प्रदेश के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की देश स्तर पर योग्यता कमजोर सिद्ध हो रही है, जिससे प्रदेश के अभियांत्रिकी महाविद्यालों के प्रति विद्यार्थियों का रुझान कम हुआ है, जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश के कई महाविद्यालय बंद हुए हैं? इसकी समीक्षा विभाग द्वारा कब-कब की गई, उसमें अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के प्रति मध्यप्रदेश में विद्यार्थियों की गत वर्षों में कम रूचि का कारण क्या रहा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 1 जनवरी, 2014 के पश्चात् तकनीकी महाविद्यालयों में इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के अन्तर्गत खोले गये नवीन संकाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रदेश में 1 जनवरी, 2015 के पश्चात् बंद अथवा काउंसलिंग से पृथक हुये इंजीनियरिंग महाविद्यालय की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बंद किये जाने की कार्यवाही भारत शासन के अधीनस्थ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली द्वारा की जाती है। राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर पर छात्रों का पाठ्यक्रम में रुझान कम होने के फलस्वरूप सीटें नहीं भरने के कारण महाविद्यालय बंद हुये हैं। सभी संस्थायें निजी क्षेत्र की हैं एवं संस्थायें प्रारंभ एवं बंद करने के सम्पूर्ण अधिकार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के होते हैं, अतः महाविद्यालयों को पुनः प्रारंभ करने हेतु शासन के प्रयास का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यकता एवं मांग पर विद्यार्थियों का अन्य पाठ्यक्रमों में रुझान होने के कारण अभियांत्रिकी महाविद्यालय में रुझान कम हुआ है।
पी.ए.सी.एल. कम्पनी की घोषित अचल सम्पत्ति
[राजस्व]
23. ( *क्र. 749 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आगर अंतर्गत कलेक्टर महोदय के पत्र दिनांक 22.09.2016 के परिपालन में पी.ए.सी.एल. कम्पनी की सम्पत्ति होने से जिले की कुछ जमीनों के नामान्तरण, पंजीयन पर रोक लगाई है? यदि हाँ, तो ग्रामवार जानकारी देते हुए तद्संबंधी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जमीन को पी.ए.सी.एल. कम्पनी की सम्पत्ति घोषित की गई है तो उसका आधार क्या है? क्या विधिक रूप से विज्ञप्ति निकाली गई, जमीनी कर्मचारी पटवारी आदि से प्रतिवेदन लिया गया? यदि हाँ, तो तद्संबंधी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करें। (ग) रिटायर्ड जस्टिस लोढ़ा कमेटी द्वारा क्या उक्त के संबंध में कोई निर्णय/निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो निर्णय की सत्यापित प्रति उपलब्ध करायें? पी.ए.सी.एल. कम्पनी द्वारा लोढ़ा कमेटी/तद्संबंधी नोडल आफिसर को प्रस्तुत दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि पूर्ण विधिक कार्यवाही के बिना ही जमीन के नामांतरण/पंजीयन/क्रय-विक्रय पर रोक लगाई है तो क्या समीक्षा की जाकर उचित एवं कृषकों के हित में कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अभिवादन स्वरूप ‘‘जय हिन्द’’ शब्द का प्रयोग
[गृह]
24. ( *क्र. 1791 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय सेना एवं मध्य प्रदेश होमगार्ड (नगर सेना) में वरिष्ठ अधिकारियों को अभिवादन स्वरूप ‘‘जय हिन्द’’ बोलने का प्रावधान है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो, परिपत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) मध्यप्रदेश पुलिस/मध्यप्रदेश सशस्त्र बल एवं अन्य पुलिस इकाइयों में वरिष्ठ अधिकारियों को अभिवादन स्वरूप किस शब्द का उपयोग किया जाता है? (ग) क्या मध्यप्रदेश पुलिस/मध्यप्रदेश सशस्त्र बल एवं अन्य पुलिस इकाइयों में वरिष्ठ अधिकारियों को अभिवादन स्वरूप ‘‘जय हिन्द’’ शब्द का उपयोग किया जाता है? यदि नहीं, किया जाता है तो क्यों? (घ) क्या शासन मध्यप्रदेश पुलिस/मध्यप्रदेश सशस्त्र बल एवं अन्य पुलिस इकाइयों में ‘‘जय हिन्द’’ शब्द का उपयोग अभिवादन स्वरूप किया जाना लागू करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भारतीय सेना के संबंध में जानकारी केंद्र सरकार से संबंधित है। मध्यप्रदेश नगर सेना में ‘‘जय हिन्द’’ बोलने की परंपरा पूर्व से चली जा रही है। इसके पृथक से कोई आदेश/निर्देश उपलब्ध नहीं हैं। (ख) कनिष्ठ अधिकारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अभिवादन करते समय सैल्यूट किया जाता है। (ग) सैल्यूट करते समय ‘‘जय हिन्द’’ शब्द का उपयोग करना अनिवार्य नहीं है। लेकिन अभिवादन के समय ‘‘जय हिन्द’’, ‘‘नमस्ते’’ अथवा ‘‘नमस्कार’’ जैसे शब्दों का उपयोग अनेक वर्षों से परम्परा में है। (घ) दीर्घकाल से प्रचलित परम्पराओं में परिवर्तन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
मण्डी सोसायटी बगौता में गेहूँ की जप्ती
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( *क्र. 1298 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के खरीदी केन्द्र सोसायटी बगौता मण्डी छतरपुर में गेहूँ जप्त कर तहसीलदार द्वारा दिनांक 04.05.2012 को अपने वरिष्ठ अधिकारी को कार्यवाही प्रतिवेदन दिया गया था। उक्त प्रतिवेदन में किसके द्वारा किस नियम व धारा का उल्लंघन किया गया था, लेख किया था या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम नियम एवं रेव्यूलेशन की धारा 38 से 47 तक की उपधाराओं में खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता की जाँच हेतु सेम्पल भरकर रसायनिक विश्लेषण के लिये भेजने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्र.सं. 74 (क्र. 818), दिनांक 07.12.2016 को रसायनिक परीक्षण का प्रावधान नहीं है, उत्तर क्यों दिया गया था? (ग) क्या म.प्र. शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार किसी वाहन में संदिग्ध माल लदते एवं लदे हुये पकड़ा जाता है तो उक्त माल के साथ वाहन को जप्त करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के प्रश्न का यह उत्तर क्यों दिया गया था कि ट्रक को संदिग्ध नहीं माना गया था? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न के उत्तर में उल्लेख किया गया था कि गोविन्द प्रसाद गुप्ता द्वारा सूचना पत्र लेने से इंकार किया गया था, क्या तहसीलदार द्वारा सूचना पत्र तामीली में सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश-5 नियम 17 के अन्तर्गत तामीली प्रक्रिया का पूर्णरूपेण परिपालन किया गया था या नहीं? यदि हाँ, तो प्रतिवादी के तामीली का प्रतिग्रहण करने से इंकार करने संबंधी नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, तहसीलदार द्वारा दिनांक 04.05.2012 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त जाँच प्रतिवेदन में श्री मंजू अग्रवाल का नाम उल्लेख किया गया था, जाँच में गेहूँ उपार्जन के दौरान खरीदी केन्द्र-बगौता में श्री मंजू अग्रवाल का पंजीयन नहीं होने एवं उनके द्वारा उपार्जन केन्द्र में परिवहन हेतु लगाये गये ट्रक में लदवाया जा रहा गेहूँ पुराना एवं संदिग्ध होने के कारण न्यायालय कलेक्टर छतरपुर में दंडात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु तहसीलदार द्वारा दिनांक 04.05.2012 को कलेक्टर, जिला छतरपुर को प्रतिवेदित किया गया। (ख) जी हाँ। उपार्जन नीति अंतर्गत उपार्जित गेहूँ के रसायनिक परीक्षण का अनिवार्य प्रावधान न होने से विधानसभा प्रश्न क्रमांक 818 में रसायनिक परीक्षण का प्रावधान नहीं होने का लेख किया गया था। (ग) वाहन की जप्ती अनिवार्यत: की ही जाएगी, ऐसा कोई विधिक प्रावधान नहीं है। प्रकरण विशेष की परिस्थितियों के आधार पर माल के साथ-साथ वाहन जप्ती की कार्यवाही की जा सकती है। इस प्रकरण में कार्यवाही तत्समय की परिस्थिति के अनुसार जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा की गई। (घ) जी हाँ, राजस्व न्यायालयों में सूचना पत्र की तामीली का प्रावधान सिविल प्रकिया संहिता के आदेश-5 नियम 17 के अंतर्गत न होकर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की अनुसूची-एक के अंतर्गत है, जिसका पूर्णरूपेण परिपालन किया गया था। तामीली का प्रतिग्रहण करने से इन्कार करने संबंधी निर्देश की प्रति संलग्न संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अशोकनगर
जिले की
भूमियों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
1. ( क्र. 16 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व मंत्री को पत्र लिखकर राजस्व मण्डल ग्वालियर के एक सदस्य द्वारा अशोकनगर शहर की शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 555 रक्बा 6 बीघा तथा खसरा क्रमांक 558 व 572 की करोड़ों की भूमि में शासन के विरूद्ध निजी व्यक्तियों के हक में फैसले देने की शिकायत की है तो शिकायत का विवरण देते हुए बताएं कि क्या राजस्व मण्डल के शासन के विरूद्ध दिये फैसलों की जाँचकर विभाग शासन के हितों का संरक्षण करेगा? (ख) क्या अशोकनगर शहर के मध्य भोसलें का बाड़ा की करोड़ों की शासकीय भूमि जिस पर तत्कालीन गुना कलेक्टर श्रीमति नीलम राव द्वारा कब्जा हटा दिया गया था, पुनः गजराजसिंह पुत्र अमोलसिंह खासखेड़ा चंदेरी द्वारा बेनामी कब्जा कर लिया है का प्रकरण भी इसी राजस्व मण्डल के सचिव के पास है व यहाँ भी निजी व्यक्ति के पक्ष में यह सदस्य उपरोक्त दो प्रकरणों की तरह निर्णय कर सकते है। (ग) इस सदस्य को इस प्रकरण से हटाने व उनकी उपरोक्त 2 अन्य फैसले जो शासन विरूद्ध दिये है, की समीक्षा करने का पत्र प्रश्नकर्ता ने मुख्यमंत्री जी, राजस्व मंत्री जी, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व को नवम्बर एवं दिसम्बर 2016 में दिया है उस पर क्या कार्यवाही हुईं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पालकटोरी जिला अशोकनगर में हुए अवैध खनन के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना
[गृह]
2. ( क्र. 45 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 8 दिसम्बर 2016 के अता. प्रश्न संख्या 13 ( क्रमांक 93 ) के संदर्भ में बताएं कि पलकटोरी जिला अशोकनगर में अवैध खनन पर किन लोगों पर दस करोड़ का जुर्माना किया गया तथा पुलिस रिपोर्ट में नामजद अपराधी आरोपी जिन्हें फरार घोषित किया उन्हें गिरफ्तार न कर उन्हें कोर्ट से स्टे प्राप्त करने का मौका क्यों दिया गया? (ख) यादवेन्द्र व अजय ने वर्ष 2016 में दिसम्बर माह में कई वाहनों से जुलूस निकालकर पर्चे वितरित कर आमसभा की व इसके पूर्व 15 अगस्त को मण्डी अशोकनगर में झण्डावंदन किया तथा ईसागढ़ नगर परिषद् में एक सांसद के साथ चुनाव प्रचार किया तो इन तीन मौका पर फरार घोषित दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया? (ग) कब तक गिरफ्तार हो जाएगी तथा जिन 15-20 अज्ञात व्यक्तियों के नाम लोगों ने दिये उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कलेक्टर, जिला अशोकनगर द्वारा पत्र दिनांक 25.06.2016 से यादवेन्द्र सिंह पुत्र श्री देशराज सिंह यादव, अजय पुत्र श्री देशराज सिंह यादव, निवासी तायडे कॉलोनी अशोकनगर मनोज दांगी, लखन यादव निवासीगण अशोकनगर के विरुद्ध अवैध खनन पर रुपये 10 करोड़ 26 लाख 40 हजार रुपये के जुर्माना हेतु नोटिस जारी किया गया है। पुलिस द्वारा अप.क्र. 266/16 में किसी को फरार आरोपी घोषित नहीं किया गया है। प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में किसी भी न्यायालय द्वारा स्टे प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण में नामजद आरोपियों में से 02 आरोपी मनोज दांगी व लखन यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। विवेचना में आई साक्ष्य अनुसार विधि अनुरुप कार्यवाही की जावेगी।
अथाईखेड़ा जिला अशोकनगर की भूमि सर्वे क्रमांक 696/2 का पट्टे पर दिया जाना
[राजस्व]
3. ( क्र. 46 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्वे क्रमांक 696/2 अथाईखेड़ा की भूमि को आत्मसमर्पित डाकू छोटेसिंह भदौरिया को पट्टे पर कब दी गई थी तथा क्या उस भूमि को शर्तों के विरूद्ध बिना जिलाधीश की अनुमति के राजेन्द्र शर्मा को बेची गई? इस संबंध में पिछले 3 वर्षों में कितनी शिकायतें मिली व राजेन्द्र शर्मा के पक्ष में की गई उक्त भूमि की रजिस्ट्री क्यों निरस्त नहीं की गई? (ख) मुंगावली खुली जेल में कितने आत्मसमर्पित डाकुओं को कितनी-कितनी भूमि का पट्टा अशोकनगर जिले में प्रदाय किया गया? उनके नाम व भूमि का क्षेत्रफल बताएं तथा यह भी बताएं कि जिन को यह भूमि पट्टे पर दी गई थी क्या उसमें यह शर्त थी कि वे स्वयं खेती करेंगे लेकिन पिछले एक वर्ष में इन भूमि पर दस से पन्द्रह वर्ष तक कोई वहा रहकर खेती नहीं करता तथा अन्य लोग खेती कर रहे है व शिकायत के बाद भी यह पट्टे निरस्त क्यों नहीं हुए व बिना जिलाधीश की अनुमति के कितनी-कितनी भूमि की रजिस्ट्री किस-किस को की गई विवरण दें। प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में जिलाधीश, राजस्व मंत्री, प्रमुख सचिव को लिखे पत्र पर क्या कार्यवाही हुई।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंधुआ मजदूरों की मुक्ति
[श्रम]
4. ( क्र. 51 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बंधुआ मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) क्या उज्जैन संभाग में शासन ने जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित की है. यदि हाँ, तो जिलेवार- नाम सहित ब्यौरा दें? (ग) उज्जैन संभाग में विगत पाँच वर्षों में कितने एवं कौन-कौन से बंधुआ मजदूर मुक्त हुए?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में बंधुआ मजदूरों के हितों की रक्षा के लिये सरकार द्वारा की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी, हाँ उज्जैन संभाग में शासन ने जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित की है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) उज्जैन संभाग में विगत पाँच वर्षों में कोई बंधुआ मजदूर मुक्त नहीं कराया गया है।
राजस्व भूमि की जानकारी विषयक
[राजस्व]
5. ( क्र. 54 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 99 (क्र.२७१६) दिनांक २०१६ एवं प्रश्न क्र.४८ दिनांक ०७ दिसम्बर २०१६ को उत्तर विगत दो सत्रों में नहीं दिये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या विभाग को प्रश्न के उत्तर संबंधी जानकारी जुलाई २०१६ में प्राप्त हो गई थी? फिर यह उत्तर २९ जुलाई एवं ०७ दिसम्बर को क्यों दिया गया कि ''जानकारी एकत्र की जा रही है''? (ग) सदन को गुमराह करने वालों पर क्या कार्यवाही की गई? एवं संबंधित प्रश्न का पूर्ण उत्तर दें .
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पनागर विधानसभा में हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 93 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभागीय एवं ठेके पर नलकूप खनन किये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो नलकूप खनन के स्थान का चयन किस आधार पर किया जाता हैं? (ग) क्या यह सही है कि ग्राम पंचायत की मांग के अनुसार नलकूप खनन नहीं किये जाते हैं? (घ) पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गत ३ वर्षों में ग्रामवार किये गये नलकूप खनन की जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में नलकूप खनन के स्थान का चयन ग्रामवासियों की सहमति से भू-जलविद् की अनुशंसा अनुसार किया जाता है। (ग) पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में ग्राम पंचायत की मांग के अनुसार नलकूप खनन नहीं किये जा सकते है। (घ) पनागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत गत 3 वर्षों में ग्रामवार किये गये नलकूप खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नल जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 94 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा नई नल-जल योजनायें बंद कर दी गई हैं, जिसके कारण पेयजल की गंभीर समस्या बन गई हैं? (ख) क्या गर्मी के दिनों में जलस्तर कम हो जाने से हैण्डपंपों से पानी आना बंद हो जाता हैं? (ग) क्या जिन ग्रामों में नल-जल योजनायें चल रही हैं, उन ग्रामों में पानी की उपलब्धता बनी रहती हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) एवं (ग) के अधीन शासन नल-जल योजनायें विशेषकर ड्राई क्षेत्रों जैसे बैरागी, धनपुरी, मलारा, तिलहरी, पहाड़ीखेड़ा, रिछाई शारदानगर, डूंगा महगांव, सिलपुरी, सलैया, पिपरिया, बम्हनी पुरवा, नगना, मटामर, पहरहा टोला, कंदराखेड़ा, पड़रिया, तिवारीखेड़ा, टिकारी, इमलिया, हथना में चालू करने हेतु विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्या ऐसे ड्राई क्षेत्रों में गहरे नलकूप उत्खनन किये जा सकेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी, नहीं। (ख) जी हाँ, कुछ हैण्डपंपों में। (ग) जी, हाँ। (घ) प्रश्नांश ‘‘घ’’ में उल्लेखित ग्रामों में से अधिकांश ग्रामों के लिये बरगी बाँध स्त्रोत आधारित समूह नल-जल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही की जा रही है। जी हाँ, ऐसे क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था हेतु भूजलविद् की अनुशंसित गहराई तक नलकूप खनन भी किये जा सकेंगे।
मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
8. ( क्र. 136 ) श्री लखन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जिनकी आबादी 100 से ज्यादा है और वह राजस्व ग्राम घोषित नहीं है, नाम सहित जानकारी प्रदाय करें? (ख) मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिये नियम व प्रक्रिया क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई, तो क्यों और इन्हें कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल 28 मजरे टोले है जो निम्नानुसार है- 1. पिपरिया तिगड्डा, 2.आदिवासी टोला,3.अम्मामोटा, 4.लमनया, 5.सड़क की टपरिया, 6. मढाटोला, 7.शहपुरा खुर्द की टपरिया, 8.हरदुटोला, 9.झुनारी की टपरिया, 10.गुलाब की टपरिया 11. सुनुवा की टपरिया, 12.हरदुआखुर्द 13.सिमरी बरोदा 14.इन्द्रा कालोनी कनोरा 15. इन्द्रा कालोनी घूघस 16. फालतु की टपरिया 17. नोना की टपरिया 18. हिम्मतपुरा 19. बमनपुरा 20. धरम की टपरिया 21.पारदी की टपरिया 22. मुरकिल की टपरिया 23. प्रेम नगर 24.आदिवासी की टपरिया 25.कंचनपुरा 26.चैपरा वरखेरा 27.खैरो हिंगवानी 28.हअदुआ टोला। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उपरोक्त मजरे टोले राजस्व ग्राम बनने के मापदण्डों को पूर्ण नहीं करते हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''दो''
प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत कनेक्शन प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( क्र. 137 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के क्या नियम व प्रावधान है, योजना में कौन-कौन पात्रता रखता है? योजना से संबंधित नियमावली एवं प्रावधान की जानकारी उपलब्ध करायी जावे? (ख) दमोह जिले में विधानसभा पथरिया क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन सी एवं कहाँ-कहाँ गैस कंपनियां संचालित की जा रही है एवं इसके प्रोप्राईटर का नाम, पता एवं मोबाईल नं. सहित जानकारी दी जावे? (ग) पथरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री योजना तहत गैस एजेंसियों को कितने आवेदन प्राप्त हुए एवं कितने स्वीकृत किए गए व कितने गैस कनेक्शन वितरण किए गए व कितने वितरण किया जाना शेष हैं? (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना तहत गैस एजेंसियों ने कितने आवेदन अस्वीकृत किए? अस्वीकृत किए जाने का कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय करने का प्रावधान है। योजनांतर्गत लाभांवित होने वाले परिवारों की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं नियमावली एवं प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) पथरिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत 6,771 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 6,023 आवेदन स्वीकृत एवं 5,728 गैस कनेक्शन वितरित एवं 295 गैस कनेक्शन वितरण हेतु शेष हैं। (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत प्राप्त आवेदनों में से 461 आवेदन उपभोक्ता के पास पूर्व से गैस कनेक्शन होने, सूची में नाम भिन्न होने आदि कारणों से अस्वीकृत किए गए हैं।
सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील में राजस्व नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
10. ( क्र. 146 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले की चितरंगी तहसील में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण नामांतरण एवं बंटवारा के प्राप्त हुए? इनमें से कितने प्रकरण नामांतरण एवं बंटवारा के स्वीकृत किये गये? कितने शेष है, उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी तथा शेष है तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) चितरंगी तहसील में नामांतरण एवं बंटवारा की कार्यवाही हेतु क्या ग्राम पंचायतों को कोई अधिकार दिए गए हैं? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतों से उपरोक्त वर्ष में कितने प्रकरणों का निराकरण कराया गया है, सूची सहित जानकारी देवें तथा निराकरण नहीं किया गया तो क्यों व लंबित प्रकरणों को कब तक निराकृत करा लिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( क्र. 147 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के क्या नियम व प्रावधान हैं? योजना में कौन-कौन पात्रता रखता है, योजना से संबंधित नियमावली एवं प्रावधान की एक प्रति उपलब्ध कराई जावें? (ख) सिंगरौली जिले में विधानसभा क्षेत्रवार कौन-कौन सी एवं कहाँ-कहाँ गैस कंपनियां संचालित की जा रही है एवं उनके प्रोपराइटर का नाम पता सहित जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस एजेन्सियों को कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए और कितने-कितने स्वीकृत किये गये? कितने वितरण किये गये? कितने वितरण किया जाना शेष है एवं कितने आवेदन अस्वीकृत किये गये? पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराई जाय? अस्वीकृत करने का कारण स्पष्ट करें? (घ) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हा वितरण का लक्ष्य तथा कितने स्वीकृत, वितरण, लंबित एवं अस्वीकृत किये गये हैं? पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायी जाये?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों में से परिवार निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय करने का प्रावधान है। योजनांतर्गत नवीन गैस कनेक्शन प्राप्त करने की पात्रता रखने वाले परिवारों की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। योजना के नियम एवं प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) सिंगरौली जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन हेतु प्राप्त आवेदन 35,049, स्वीकृत आवेदन 31,219, वितरित गैस कनेक्शन 25,624 एवं वितरण से शेष 5,595, एवं अस्वीकृत आवेदन संख्या 1,019 हैं। हितग्राही के पास पूर्व से गैस कनेक्शन होने या एक से अधिक बार आवेदन करने आदि कारणों से आवेदनों को निरस्त किया गया है। पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस चूल्हा वितरण का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। चितरंगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत गैस कनेक्शन हेतु प्राप्त आवेदन, स्वीकृत, गैस कनेक्शन जारी, लंबित एवं अस्वीकृत आवेदनों की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' के क्रमांक 1 से 134 अनुसार है।
निजी यात्री बसों में ई-टिकिट की व्यवस्था
[परिवहन]
12. ( क्र. 157 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा राज्य परिवहन निगम को भंग कर यात्री परिवहन हेतु निजी यात्री बसों को नियम शर्तों के अधीन संचालन हेतु दिया गया है? यदि हाँ, तो किन शर्तों/नियम के अधीन दिया गया है? नियम की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या इन नियम शर्तों में यह भी उल्लेखित है कि यात्री सुविधा के लिये किन नियम के अंतर्गत दो सीटों के मध्य कितना अंतर होना चाहिये? वाहन चालक के लिये पृथक से केबिन होना चाहिये, इसी प्रकार क्या यात्रियों को ई-टिकिट प्रदान किये जाने के संबंध में कोई प्रकरण विचाराधीन है, जिससे कि यात्रियों को निर्धारित यात्री किराये से अधिक की वसूली न हो। क्या शासन ई-टिकिट की व्यवस्था करेगा, जिसमें कि बस क्रमांक, वाहन मालिक का पूर्ण पता, निर्धारित यात्री किराया, यात्रा की दूरी एवं टिकिट क्रमांक सहित उल्लेख हो। यह सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यात्री परिवहन के कर्मचारियों के द्वारा अधिक किराया लिये जाने की शिकायतें, शासन द्वारा दर कम करने के उपरांत भी पुरानी दरों पर किराया वसूला जाने तथा वाहन संचालनकर्ताओं के द्वारा यात्रियों के साथ दुव्यवहार की शिकायतों पर क्या शासन इस कोई कार्यवाही करेगा? दो सीटों के अंतराल के ऐसे कितने प्रकरण विगत 6 माह में पाये गये एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? आरोपित अर्थदण्ड सहित जानकारी दी जावे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही है कि मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को परिसमापन का निर्णय फरवरी 2005 में लिया गया था। तदोपरांत सितम्बर 2009 से मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित यात्री बसों का संचालन पूर्णत: बंद कर दिया गया है। निजी यात्री बसों को संचालन हेतु परमिट मोटरयान अधिनियम 1988 में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप प्रदाय किये जाते है। सुसंगत मोटरयान अधिनियम 1988 के अध्याय-5 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र 'अ' अनुसार है (ख) मध्य प्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 158 में दो सीटों के मध्य अंतर का प्रावधान वर्णित है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। इसी प्रकार वाहन चालक के बैठने के स्थान बावत प्रावधान मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 163 में वर्णित है। जिसके अनुसार मोटर-कैब से भिन्न प्रत्येक लोकसेवायान में चालक को बैठने के लिये अलग से एक कंपार्टमेंट होना चाहिए। जी नहीं। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा बसों का संचालन नहीं किये जाने के कारण यात्रियों के ई-टिकिट के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन द्वारा निर्धारित किराये से अधिक किराया लिए जाने एवं संचालनकर्ताओं के द्वारा यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाती है। दो सीटों के अंतराल के संबंध में विगत छ: माह में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नीमच जिले के रामपुरा आई.टी.आई. का निरीक्षण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
13. ( क्र. 182 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के रामपुरा आई.टी.आई. का निरीक्षण करने के उपरान्त प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 481-482 दिनांक 15-09-2016 प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं माननीय तकनीकी शिक्षा मंत्री जी को प्रेषित कर उक्त संस्था की कठिनाईयों को हल करने हेतु लिखा गया था। (ख) उक्त पत्र में जिन कमियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया उन पर प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। प्रश्न में उल्लेखित समस्यावार की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''तीन''
राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमणों के निराकरण हेतु कार्यवाही
[राजस्व]
14. ( क्र. 191 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्रश्न संख्या-11 (क्रमांक 213) दिनांक 24-02-2016 को प्रश्नकर्ता द्वारा किए गए प्रश्न के जवाब में दी गई सूची में दिनांक 28-04-15, 29-06-2015, 22-07-2015 एवं 19-07-2015 को कितने अतिक्रमणकर्ता के विरूद्ध दायर प्रकरण का निराकरण किया गया, किन-किन पर अर्थदण्ड आरोपित किया गया। दिनांकवार जानकारी बतावें। (ख) इन प्रकरणों के निराकरण हेतु अतिक्रमणकर्ता द्वारा किस दिनांक को नोटिस दिया गया। किस तारीख को तामील हुआ? जिस तारीख को तहसील न्यायालय से राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 2 क्रमांक 4 की कण्डिका 7 में नियत आदेशिका पंजी में अंकित किया गया है। उसकी जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिक्रमणों के निराकरण हेतु केम्प आयोजित करने का आदेश किस तारीख को किया, नोटिस कब जारी हुआ मुनादी पिटने के बाद पंचनामा किस तारीख को बनाया गया।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्वालियर शहर के लश्कर क्षेत्र में संचालित तिल्ली व धान की फैक्ट्रियां
[पर्यावरण]
15. ( क्र. 198 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर शहर के लश्कर क्षेत्र में गिरवाई, हारकोटा, बेलदारपुरा, हारकोटासीर में तिल्ली व धान साफ करने की फैक्ट्रियां संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन फैक्ट्रियों का दूषित पानी वहां के नालों में जाता है? जिससे नाले दूषित हो रहे है? (ग) क्या गिरवाई नाला, हारकोटासीर, कालासैयद नाला और हनुमान बांध नदी में तिल्ली के छिलकों व दूषित पानी भरा रहता है तथा इससे कोई अप्रिय घटना हो सकती है? क्या यह सही है कि दूषित जल से आस-पास के ट्यूबवेलों में भी दूषित पानी हो रहा है? जिससे लोग बीमार पड़ रहे है? (घ) क्या विगत 5 वर्षों में इन फैक्टियों पर शासन/प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) केवल तिल्ली सफाई करने की फैक्ट्रियां संचालित है। (ख) तिल्ली उद्योगों द्वारा धुलाई से उत्पन्न निस्त्राव के उपचार हेतु उपचार संयंत्र स्थापित किये गये है, उपचारित दूषित जल को परिसर के अंदर उपयोग किया जाता है तथा परिसर के बाहर निस्सारण नहीं होता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। आसपास के ट्यूबवेल/बोरवेल के जल नमूनों की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप पाई गई है। दूषित पानी से लोगों में बीमारी फैलने की कोई सूचना नहीं है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से बिना सम्मति उद्योग संचालन करने के संबंध में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, ग्वालियर द्वारा 03 तिल्ली उद्योगों के विरूद्ध जल अधिनियम,1974 की धारा 25 (1) के उल्लघंन के कारण धारा-44 के अंतर्गत न्यायालय में प्रकरण दायर किये गये है, जो माननीय सीजेएम न्यायालय, ग्वालियर में विचाराधीन है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
16. ( क्र. 203 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 29 जुलाई 2016 के प्रश्न स.क्र.123 (क्र.3215) में बताया गया कि रिर्सोट संचालक द्वारा अवैध रूप से भूमि सर्वे. क्र. 60 के रकबा 6.65 हेक्टेयर व वन भूमि पर 0.196 हेक्टेयर अतिक्रमण कर रिर्सोट का संचालन 2009-10 से किया जा रहा है, 1 अगस्त 2016 के बाद उक्त भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने हेतु विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक क्या किया, कार्यवाही की बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त शासकीय सर्वे नंबर की भूमियों का सीमांकन किया जाकर अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है, वर्तमान स्थिति बतावें। रिर्सोट संचालक द्वारा उक्त शासकीय भूमि का उपयोग व्यावसायिक प्रयोजन हेतु कैसे किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जलाशयों की मछली (मत्स्य) समितियों का गठन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
17. ( क्र. 205 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली एवं कन्नौद विकासखण्ड में कुल कितने जलाशयों पर विभाग द्वारा मछली (मत्स्य) समितियों का गठन किया गया है? समितियों का गठन किस प्रकार किया जाता है? समिति में किन-किन व्यक्तियों को लिया जाता है? नियम बतावें। (ख) प्रश्नांकित (क) समितियों का गठन दिनांक, समिति सदस्यों की जानकारी समितिवार देवें? विगत तीन वर्षों में प्रश्नांकित समितियों में से कितनी समितियों की शिकायतें, आर्थिक, गठन के संदर्भ में प्राप्त हुईं। विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की? (ग) क्या प्रश्नांकित समितियों में जिन लोगों की भूमि बांध बनाते वक्त डूब में गई थी उन्हें न लेकर अन्य व्यक्तियों को लिया गया है? क्या समितियों के पदाधिकारियों ने डूब प्रभावितों से राशि ली है? अगर हां, तो विभाग ने क्या कार्यवाही की?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन विकासखण्डों में 14 जलाशयों पर 16 समितियां गठित है। समितियों के गठन एवं व्यक्तियों के लिये जाने के नीति एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विगत 3 वर्षों में प्राप्त तीन शिकायतों की जाँच कराई जाकर निराकरण किया गया। (ग) प्रश्नांकित समितियों में डूब प्रभावित/विस्थापित व्यक्तियों के साथ अन्य स्थानीय मछुआ व्यक्तियों को भी शामिल किया गया है। समिति पदाधिकारियों द्वारा डूब प्रभावित से राशि लिये जाने के संबंध में विभाग के पास कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
खाद्यान्न हेतु पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( क्र. 237 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत म.प्र. के निवासरत समस्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवारों को इस योजना से जोड़ा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में विधान सभा क्षेत्रवार अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों की संख्या बतावें? इन परिवारों के लिए खाद्यान्न हेतु ''पात्रता पर्ची'' किस श्रेणी (अ.जा./अ.ज.जा.) परिवार, बी.पी.एल. परिवार, श्रमिक संवर्ग के पंजीकृत परिवार आदि में जारी की गई है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित परिवारों की पात्रता पर्ची भोपाल संभाग के जिलों में इसी श्रेणी में जारी न करते हुये अन्य श्रेणी में पात्रता पर्ची दिनाँक 01.01.2014 से 31.12.2016 की अवधि में जारी करने के लिए कौन दोषी है, बतावें? इसी श्रेणी में पात्रता पर्ची जारी करने के लिये निर्देश जारी किये जावेंगे या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत प्राथमिकता परिवार में प्रदेश में निवासरत समस्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति के (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी एवं आयकरदाताओं को छोड़कर) परिवारों को सम्मिलित किया गया है। (ख) भोपाल संभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्रेणी अंतर्गत जारी पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के ऐसे परिवार जिनको अन्य पात्र परिवार श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई थी, उन्हें अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी किये जाने के कारण इस श्रेणी के कितने परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे एवं श्रमिक संवर्ग श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है की जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवारों को अन्य प्राथमिकता परिवार श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी करने से उनके खाद्यान्न पात्रता में कोई परिवर्तन नहीं होगा लेकिन अन्त्योदय अन्न योजना श्रेणी अंतर्गत सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी करने पर उनके खाद्यान्न की पात्रता कम (परिवार में 7 से कम सदस्य होने पर) हो जाएगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पृथक से निर्देश जारी करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
इंदौर उज्जैन संभाग में सहायक ग्रेड तीन के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
19. ( क्र. 257 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में राजस्व विभाग में सहायक ग्रेड तीन के कर्मचारीयों के कितने पद रिक्त है? जिलेवार, ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में अनुसूचित जाति, अनु.जनजाति. पिछड़ावर्ग व सामान्य वर्ग श्रेणी के रिक्त पदों का अलग-अलग ब्यौरा दें. (ग) पद पूर्ति हेतु शासन द्वारा की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें.
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में आत्महत्या की घटनाएँ
[गृह]
20. ( क्र. 276 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 150 ( क्र.1518) दिनांक 07.12.16 के उत्तर में दिनांक 01 जुलाई 2016 से 15 नवम्बर 2016 तक प्रदेश में कुल 3469 आत्महत्या की घटनाएँ घटित होने जिनमें से 531 (कृषक एवं कृषक मजदूर) तथा 281 छात्र थे, की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 16 नवम्बर 2016 से प्रश्नांकित तिथि तक की अवधि में प्रदेश में आत्महत्या की कुल कितनी घटनाएँ घटित हुई? जिलेवार बतावें? उक्त आत्महत्याओं के क्या क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में आत्महत्या करने वालों में से कितने कृषक, कृषि मजदूर व छात्र थे? जिलेवार जानकारी दें? (घ) आत्महत्या करने वाले कृषक, कृषि मजदूर एवं छात्रों के परिवारों के स्वावलंबन के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश अवधि 16 नवंबर 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रदेश में कुल 1761 आत्महत्या की घटनाएं घटित हुई हैं। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है एवं आत्महत्याओं के कारणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (घ) शासन के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ दिया जाता है।
जमीन आवंटन एवं तहसील का दर्जा मिलना
[राजस्व]
21. ( क्र. 300 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधानसभा अंतर्गत क्या नांदनवाडी को तहसील का दर्जा दिया जायेगा? क्या तत्संबंध में शासन स्तर से उक्त तहसील से निर्माण की पृष्ठ भूमि विचाराधीन है या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक तहसील का दर्जा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) नांदनवाडी में उक्त तहसील कार्यालय भवन कब तक स्वीकृत हो जायेगा? तत्संबंध में क्या योजना प्रस्तावित है? (ग) उप तहसील नांदनवाडी में नामान्तरण बंटवारे के कितने प्रकरण विचाराधीन हैं तथा कितने प्रकरण का निराकरण किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उप तहसील नांदनवाडी में नामांतरण, बटवारे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
प्रदेश के नौनिहालों के हित में कार्यवाही
[गृह]
22. ( क्र. 301 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में छिन्दवाड़ा के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कितने छात्र/छात्राओं द्वारा आत्महत्या व हत्या के प्रयास किये गये वर्षवार अवगत करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में, वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक 2 छात्र/छात्रा द्वारा आत्महत्या की गई है। पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में छात्र/छात्राओं द्वारा आत्महत्या के प्रयास एवं हत्या के प्रयास की जानकारी निरंक है। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला अनूपपुर में संचालित गौशाला
[पशुपालन]
23. ( क्र. 406 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितनी गौशाला संचालित हैं, गौशाला संचालित करने का वर्ष एवं स्थान बतायें तथा प्रति गौशाला पशुओं की जानकारी वर्षवार प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा कितनी राशि अनुदान के रूप में किस-किस मद से प्रदान की गई? उपलब्ध राशि का उपयोग किस एजेंसी के माध्यम से किस प्रयोजन हेतु किया तथा कितनी-कितनी राशि खर्च की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) अनूपपुर जिले में कुल 02 गौशालायें संचालित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2016-17 में राज्य सरकार म.प्र.गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड, म.प्र. भोपाल द्वारा जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति, जिला अनूपपुर के माध्यम से गौशालाओं को राशि प्रदाय की जाती है। प्रदाय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
अति ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
24. ( क्र. 416 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र 14 ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत मार्च 2016 में अति ओलावृष्टि हुई थी? (ख) कितने ग्राम ओला से प्रभावित हुये, कितने किसानों को राहत राशि दी गई और कितने शेष है? शेष किसानों को राशि कब तक दी जावेगी? (ग) शासन द्वारा ओला प्रभावित किसानों को अभी तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है? शेष कितनी राशि किसानों को दी जाना शेष है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील ग्वालियर (गिर्द) अंतर्गत कुल 55 ग्राम ओलावृष्टि से प्रभावित हुये थे। जिनमें कुल 9611 हितग्राहियों को राशि 10,63,74,887/- (राशि रुपये दस करोड़ तिरेसठ लाख चौहत्तर हजार आठ सौ सतासी) स्वीकृत की जाकर भुगतान किया गया है। ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र में भुगतान हेतु कोई राशि शेष नहीं है। (ग) तहसील ग्वालियर (गिर्द) से राशि 10,63,74,887/- (राशि रुपये दस करोड़ तिरेसठ लाख चौहत्तर हजार आठ सौ सतासी) का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान हेतु कोई राशि शेष नहीं है।
भू-राजस्व अधिकार आवासीय पट्टों का वितरण
[राजस्व]
25. ( क्र. 419 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शहरी नगरीय क्षेत्र से 8 कि.मी. की सीमा में बसे हुये ग्रामों के निवासियों को भू-अधिकार आवासीय पट्टे दिये जाने पर शासन ने कोई प्रतिबंध लगाया है? (ख) शहरी नगरीय क्षेत्र से 8 कि.मी. की दूरी में बसे हुये ग्रामों के निवासियों को भू-अधिकार आवासीय पट्टे नहीं होने से मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत का लाभ कैसे मिलेगा? (ग) क्या शहरी क्षेत्र से 8 कि.मी. के अंदर आने वाले ग्रामों के ग्रामवासियों को भू-राजस्व अधिकार पट्टे सरकार देगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्रापुर नल-जल आवर्धन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 455 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कर्रापुर में नल-जल योजना की स्वीकृति की घोषणा मा. मुख्यमंत्री द्वारा कब की गई थी? इस घोषणा के परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) मा. मुख्यमंत्री की घोषणा के उपरांत कर्रापुर नल-जल आवर्धन योजना प्रारंभ होने में विलम्ब का क्या कारण है? (ग) विभाग द्वारा नल-जल योजना में स्त्रोत जैसे कुआं, स्कीम बोर एवं अन्य साधनों का खनन कार्य एवं निर्माण कार्य करा लिया गया है तथा नल-जल योजना में पर्याप्त पानी है तो नल-जल योजना प्रारंभ कराने में विलम्ब का क्या कारण है? (घ) कर्रापुर नल-जल आवर्धन योजना कब तक प्रारंभ की जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 26 जनवरी 2013 को योजना की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत जलस्रोत तैयार कर अन्य कार्यों हेतु निविदा आमंत्रित की गई जो अधिक दरें आने के कारण निरस्त हुई। पुनः निविदा आमंत्रित की गई है जो दिनांक 08.02.2017 को प्राप्त हो चुकी है एवं स्वीकृति हेतु परीक्षणाधीन है। (ख) योजना में सफल स्रोत विलंब से प्राप्त होने, परीक्षण उपरांत पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किये जाने में विलंब होने के कारण योजना क्रियान्वयन में विलंब हुआ। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ अनुसार। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ अनुसार परीक्षणाधीन निविदा की स्वीकृति पश्चात् क्रियान्वयन किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
कौशल विकास केन्द्र प्रारंभ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
27. ( क्र. 456 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने शासकीय कौशल विकास केन्द्र (आई.टी.आई.) संचालित किये जा रहे हैं? (ख) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र की वृहद ग्राम पंचायतें नरयावली, जरूआखेड़ा, कर्रापुर, परसोरिया में कौशल विकास केन्द्र (आई.टी.आई.) प्रारंभ करने की कोई नीति विभाग द्वारा बनाई जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) वर्तमान में नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी शासकीय कौशल विकास केन्द्र अथवा आई.टी.आई. संचालित नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
3 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ अधिकारियों के स्थानांतरण
[राजस्व]
28. ( क्र. 470 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार के पद पर कौन-कौन अधिकारी कब से कहाँ-कहाँ पदस्थ है? (ख) उज्जैन में तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार के कितने पद स्वीकृत हैं? पदों के अभाव से कितने तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार अधिक अथवा कम हैं? तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार की जानकारी पदस्थापना दिनांक से उपलब्ध करावें। (ग) तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार के स्थानांतरण के सम्बंध में शासन की क्या नीति है? ऐसे कितने तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार हैं जो ३ वर्ष से अधिक अवधि से एक ही जिले में पदस्थ हैं? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (घ) तीन साल से अधिक समय से पदस्थ तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार को नियमानुसार क्या स्थानांतरित किया जावेगा? यदि किया जावेगा तो कब तक? यदि नहीं, किया जावेगा तो बिंदुवार कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "क" एवं "ख" अनुसार। (ख) उज्जैन जिले में तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार के स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की स्थिति निम्नानुसार है-
पदनाम |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त (कम) |
तहसीलदार/अपर तहसीलदार |
17 |
13 |
04 |
नायब तहसीलदार |
14 |
07 |
07 |
पदस्थापना दिनांक की जानकारी उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "क" एवं "ख" अनुसार। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित स्थानान्तरण नीति अनुसार। उज्जैन जिलें में तीन वर्ष से अधिक अवधि से 03 तहसीलदार एवं 02 नायब तहसीलदार पदस्थ हैं-
क्र. |
तहसीलदार |
नायब तहसीलदार |
1 |
श्री डी. के. वर्मा |
श्री शेखर चौधरी (परि.) |
2 |
श्री विवेक सोनर |
श्रीमती सुनीता साहनी (परि.) |
3 |
श्रीमती मीना पाल |
---- |
(घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में संचालित राशन दुकान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 471 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितनी राशन की दुकानें हैं व कितने वर्षों से संचालित की जा रही हैं? ग्रामीण क्षेत्रों में किस नीति अंतर्गत कितने किलोमीटर के दायरे के ग्रामीणों को राशन दुकान से उपलब्ध कराया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रत्येक राशन दुकान पर कितने हितग्राहियों को राशन उपलब्ध कराया जाता हैएवं कितना-कितना राशन प्रत्येक दुकानों को आवंटित किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा राशन दुकानों पर अनाज आदि पहुंचाने हेतु किस माध्यम से राशन/अनाज का परिवहन कराया जाता है व क्या नियमों, शर्तों के तहत कराया जाता है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पिछले ३ वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन फर्मों/कम्पनियों से उक्त राशन/अनाज का परिवहन कराया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कुल 98 उचित मूल्य की दुकानें हैं, जो लगभग 25 वर्षों से संचालित की जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के अंतर्गत दूरी का मापदण्ड न होकर प्रत्येक पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। (ख) उचित मूल्य दुकानों को उनमें संलग्न पात्र अन्त्योदय परिवारों की संख्या एवं प्राथमिकता परिवारों के सदस्यों की संख्या के आधार पर प्रति माह राशन सामग्री आवंटित की जाती है। घट्टिया विधानसभा की उचित मूल्य दुकानों में संलग्न परिवारों एवं उन्हें फरवरी माह में आवंटित राशन सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) घट्टिया विधानसभा में शासन द्वारा 'द्वार प्रदाय योजना' के अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक तथा केरोसीन के थोक विक्रेताओं के माध्यम से केरोसीन का परिवहन कराया जाता है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
हैण्डपंप एवं नल-जल प्रदाय योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
30. ( क्र. 488 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनवरी 2017 तक हैण्डपंप एवं नल-जल प्रदाय योजनाएं कौन-कौन सी कहाँ-कहाँ पर स्थापित हैं एवं इनमें से कौन-कौन से हैण्डपंप एवं नल-जल प्रदाय योजनाएं प्रश्न दिनांक की स्थिति में बंद हैं? बंद हैण्डपंप एवं नल-जल प्रदाय योजनाएं कब तक चालू हो जावेगी? (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में हैण्डपंप संधारण का कार्य किस एजेंसी को दिया गया है? 31 जनवरी, 2017 की स्थिति में उक्त एजेंसी को वर्ष 2016-17 का कितना भुगतान किया जाना था? उक्त भुगतान कब तक किया जावेगा? (ग) जनवरी 2016 से जनवरी 2017 तक कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी हैण्डपंप/नल-जल प्रदाय योजनाओं की शिकायतें उपयंत्री/सहायक यंत्री को प्राप्त हुई एवं कौन-कौन सी शिकायतें सी.एम. हैल्पलाईन में प्राप्त हुई? इनका निराकरण कब-कब किया गया? (घ) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उपयंत्री/सहायक यंत्री को हैण्डपंप संधारण हेतु एवं नल-जल प्रदाय योजनाओं के सुधार हेतु वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कोई सामग्री/मशीनरी प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी कितनी-कितनी कब-कब प्रदाय की गई एवं उसका उपयोग कब-कब कहाँ-कहाँ किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार। (ख) मेसर्स पुष्पेन्द्र शर्मा, राघवेन्द्र नगर शिवपुरी, रू. 5.31 लाख, दिनांक 14.02.2017 को भुगतान कर दिया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 05 एवं 06 अनुसार।
फूटे तालाबों की मरम्मत
[राजस्व]
31. ( क्र. 495 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजस्व विभाग के कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से तालाब हैं? इन तालाबों का भूमि खसरा नम्बर एवं रकबा कितना है? क्या इन तालाबों में वर्तमान में फसल उगाई जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त फसल कितने-कितने रकबा में किन-किन के द्वारा कब से उगाई जा रही है? (ख) उक्त तालाबों में से किन-किन तालाबों की पार/दीवार आदि फूटी है, जिसके कारण तालाब की क्षमता अनुसार वर्षा ऋतु का पानी संग्रहित नहीं हो पाता है? इन तालाबों की पार/दीवार आदि की मरम्मत/निर्माण कब तक की जावेगी, जिससे इनमें वर्षा जल संग्रहित हो सके एवं ग्रामों का भू-जल स्तर बढ़ सके? (ग) क्या शासन नवीन तालाबों का निर्माण नहीं करा पा रहा है और जो पुराने तालाब बने हुए हैं, उनकी अनदेखी कर रहा है? यदि नहीं, तो राजस्व तालाबों की फूटी दीवार/पार आदि की निर्माण/मरम्मत क्यों नहीं करायी जा रही है? (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजस्व तालाब चन्दौरिया-सांडर, आमखेड़ा, अजलपुर, बड़ोखरा, बामौरकलां, मथना का किदरन एवं नाहरसिंह तालाब, बिजरौनी का पीर वाला एवं अटारई आदि के तालाबों की पार/दीवार आदि फूटी है? इनका निर्माण/मरम्मत कब तक कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मकान के नुकसानी का मुआवजा न देने के लिए दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
32. ( क्र. 523 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 07.12.2016 में मुद्रित परि.तारांकित प्रश्न संख्या 132 (क्रमांक 1435) के दिये गये उत्तर के संदर्भ में बतायें कि आर.बी.सी. 6-4 की कण्डिका (तीन) के भाग 01 व 02 (पूर्ण नष्ट आगे मरम्मत योग्य नहीं) गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त (जहां क्षति 50 प्रतिशत) को रूपये 95100 प्रति मकान सहायता राशि देने का प्रावधान है, परिशिष्ट (क) अनुसार क्या नायब तहसीलदार वित्त गोविंदगढ़ तहसील हुजूर द्वारा बाढ़ प्रभावित/अतिवृष्टि के कारण 50 प्रतिशत से अधिक प्रभावित मकानों की सूची 46 लोगों की प्रस्तुत की है, जबकि तहसील गुढ़, त्योंथर, सहित रीवा जिले के अन्य तहसीलों द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक मकानों के नुकसानी की जानकारी नहीं दी गई क्यों? (ख) परिशिष्ट (क) अनुसार जिनके मकानों की क्षति 50 प्रतिशत से अधिक हुई उनको आर.बी.सी. एक्ट के तहत 95100 रूपये क्यों प्रदान नहीं किये गये, इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक, करेंगे अगर नहीं तो क्यों? (ग) परिशिष्ट (क) अनुसार क्या 50 प्रतिशत से अधिक हुए नुकसानी के लिए वंचितों को नियमानुसार मुआवजे का भुगतान पुन: अतिरिक्त करायेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों? शेष अन्य तहसीलों से 50 प्रतिशत से अधिक नुकसानी की सूची प्राप्त कर के संबंधितों को भी आर.बी.सी के तहत 95100 रूपये प्रदान करायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आर.बी.सी. छ:-4 के प्रावधानों में 50 प्रतिशत से अधिक मकान क्षति होने पर क्षति के वास्तविक आंकलन के आधार पर अधिकतम रूपये 95,100 प्रति मकान अनुदान सहायता राशि देने का प्रावधान है। यह सही है कि दिसम्बर 2016 सत्र के संशोधित प्रश्न क्रमांक 1435 के उत्तर के साथ ‘परिशिष्ट क’ में 46 लोगों की सूची प्रदाय की गई थी। चूंकि उक्त प्रश्न क्रमांक 1435 (संशोधित) में गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तहसीलों के प्रभावितों की जानकारी चाही गई थी, इस कारण जिले के अन्य तहसीलों की जानकारी तत्समय प्रदाय नहीं की गई थी। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- क अनुसार जिन प्रभावितों के मकानों की क्षति 50 प्रतिशत से अधिक हुई उनको आर.बी.सी 6-4 के प्रावधान अनुसार जनप्रतिनिधि, वार्ड मेम्बर, सरंपच आदि की उपस्थिति में वास्तविक क्षति आंकलन के आधार पर ही राहत राशि प्रदाय की गई है। इसमें कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार सभी पात्र प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर पात्रता अनुसार राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। अत: अतिरिक्त राहत राशि प्रदाय किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। रीवा जिले के शेष तहसीलों के 50 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त मकानों के लिए प्रभावितों को राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
रीवा जिले में भू-धारक प्रमाण-पत्र जारी किये जाना
[राजस्व]
33. ( क्र. 623 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की सभी तहसीलों में भू-धारक प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए कितने आवेदन पत्र लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें तथा लंबित आवेदनों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की संख्या क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) प्रकरण कब से लंबित हैं कि तथा प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? क्या कैम्प लगाकर प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा, जिससे गरीबों को भू-धारक प्रमाण-पत्र मिल सके और शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व अभिलेखों की नकल हेतु साफ्टवेयर व्यवस्था
[राजस्व]
34. ( क्र. 655 ) श्रीमती इमरती देवी, श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की कृषि भूमि के खसरा राजस्व अभिलेखों की नकल देने साफ्टवेयर की व्यवस्था की गई है? उक्त साफ्टवेयर का निर्माण जब एन.आई.सी. के द्वारा किया गया है तब उक्त साफ्टवेयर से सेवा देने हेतु अशासकीय संस्थाओं को कार्य करने की अनुमति कब-कब किस किस साफ्टवेयर कम्पनी को दी गई है? (ख) क्या साफ्टवेयर कम्पनी बदलने से प्रदेश में अनेक स्थानों पर राजस्व अभिलेख की प्रविष्टि में अनियमितता की गई है अथवा समय पर प्रविष्टि नहीं करने से प्रदेश के किसान परेशान हो रहे हैं? (ग) विगत ५ वर्षों में शासन द्वारा किस किस साफ्टवेयर कम्पनी को उक्त कार्य किस अवधि में कितनी लागत में सौंपा गया एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि इस कार्य में अनियमितता हुई है तो उत्तरदायी कौन है? क्या उक्त जनहित का कार्य एन.आई.सी. या किसी सरकारी संस्था से नहीं कराया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। NIC सॉफ्टवेयर से सेवा देने का कार्य विभागीय अमले तथा लोक सेवा गारण्टी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। NIC सॉफ्टवेयर से सेवा देने की अनुमति कभी भी किसी भी अशासकीय संस्था को नहीं दी गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) शासन द्वारा मे. भोपाल ई-गवर्नेंस लि. को पी.पी.पी बूट मॉडल पर फरवरी 2013 में कार्य प्रारंभ करने हेतु कार्यादेश जारी किए गए। इस हेतु किसी राशि का भुगतान कम्पनी को नहीं किया गया है। इस कार्य में कोई अनियमितता नहीं हुई है। अतः कोई उत्तरदायी नहीं है। वर्तमान में उक्त कार्य आयुक्त, भू-अभिलेख के नियंत्रण व निर्देशन में किया जा रहा है। अतः अन्य सरकारी संस्था से इसे कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।
कार्यों की जानकारी एवं अनियमितता की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 704 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकि विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है कितने अपूर्ण है, उक्त में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चैक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य है जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई। (घ) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कुल कितने हैण्डपंप खनन किये गये? ग्रामवार, दिनांकवार, विकासखण्डवार किनके अनुशंसा पर खनन कार्य किया ब्यौरा देवें? स्थानीय विधायक की कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई एवं उक्त कितनी अनुशंसाओं पर हैण्डपंप खनन कार्य किया गया बतायें? जिन अनुशंसा पर कार्यवाही नहीं की गई कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार वर्णित कार्यों में से किसी भी कार्य एजेन्सी को कार्य पूर्ण किये बिना अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2015-16 में 65 एवं वर्ष 2016-17 में 104 कुल 169 नलकूप खनित किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में स्थानीय माननीय विधायक के 19 पत्रों के माध्यम से कुल 172 हैण्डपम्पों की अनुशंसाएं प्राप्त हुई जिसके अंतर्गत क्रमशः 27 एवं 13 आंशिकपूर्ण श्रेणी की बसाहटों में अनुशंसा अनुसार कार्य करवाया गया। शेष अनुशंसित ग्राम पूर्ण श्रेणी में होने के कारण कार्य नहीं कराया गया।
राईस मिंलिग अनियमितता की जाँच एवं कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 705 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बालाघाट के राईस मिलर्स के आलाव अन्य जिले/राज्य के राईस मिलर्स को कस्टम मिलिंग का कार्य दिया गया है तथा अनियमितता के चलते उनमें से कुछ राईस मिलर्स बैंक/विद्युत विभाग एवं शासन की ओर से ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है? (ख) बालाघाट जिले के अंतर्गत वर्ष 2015 एवं 2016 में कौन-कौन से केन्द्रों से कितनी मात्रा में धान की मात्रा क्रय की गई केन्द्रवार मात्रा बताये? उपरोक्त धान कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से गोदाम में भंडारित की गई थी? गोदाम का स्थान गोदाम मालिक का नाम भंडारण की मात्रा गोदाम की अवधि सहित बताये तथा ये बतायें कि बालाघाट जिले के अंतर्गत कौन-कौन से गोदाम है जहां पर धान भंडारित नहीं की गई? उसका क्या कारण है इसके लिए जिम्मेदार कौन है जबकि अन्य जिले या अन्य प्रदेश के जिलों के गोदामों में धान का भंडारण किया गया? (ग) जिले में उत्पन्न होने वाली धान अन्य जिलों में मिलिंग के लिये भेजी गई क्यों? सभी गोदामों में धान के परिवहन में कुल कितनी राशि का व्यय हुआ? धान परिवहन कार्य के लिये किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चैक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, राईस मिलर्स से अनुबंध निष्पादन करने के पूर्व कस्टम मिलर्स से नियमानुसार विद्युत बिल एवं अन्य आवश्यक अभिलेख प्राप्त कर अनुबंध निष्पादित किए गए हैं, किन्तु विपणन संघ से अनुबंधित राईस मिलर्स में से किसी भी राईस मिलर्स को बैंक/विद्युत विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड करने की जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। राईस मिलर्स से किए गए अनुबंध की शर्त अनुसार निर्धारित मात्रा में चावल जमा न कराने के कारण वित्तीय वर्ष 2015-16 में साईंबाबा राईस मिल, बगरदा, वैनगंगा राईस मिल, गर्रा एवं बाबा सालासर एग्रो टेक मिल, गोंदिया को ब्लैक लिस्टेड किया गया है एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 में मेसर्स ओम राईस मिल, मेंहदीवाड़ा को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 2015 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं वर्ष 2016 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपार्जित धान के गोदामवार भंडारण, मात्रा, गोदाम का स्थान, मालिक का नाम एवं भंडारण अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्ष 2015 में भंडारण नीति के अनुसार जारी निर्देश के तहत प्राथमिकता सूची अनुसार गोदामों में धान का भंडारण कराया गया है। वर्ष 2016-17 में धान भंडारण हेतु पृथक से निजी गोदाम संचालकों से ऑनलाईन ऑफर प्राप्त करते हुए निरीक्षण में उपयुक्त पाए गए गोदामों की शाखावार 0-20 कि.मी. एवं 20 कि.मी. से अधिक दूरी पर स्थित गोदामों में जिला स्तरीय समिति द्वारा लॉटरी के माध्यम से गोदामों का प्राथमिकता क्रम निर्धारित कर धान का भंडारण कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में 3,02,606.17 मे.टन एवं वर्ष 2015-16 में 2,77,327.68 मे.टन धान का उपार्जन किया गया था। इसके पूर्व वर्षों में उपार्जित धान की मात्रा कम होने के बावजूद स्थानीय मिलर्स द्वारा दीर्घ समयावधि में ही मिलिंग न करने से शेष धान निविदा द्वारा विक्रय करने के लिए विवश होना पड़ा। सर्वप्रथम प्राथमिकता के आधार पर मिलिंग हेतु स्थानीय कस्टम मिलर्स से अनुबंध निष्पादित किए गए। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समयावधि में कस्टम मिलिंग कराए जाने हेतु जिले की सीमा से लगे जिले मण्डला एवं गोंदिया (महाराष्ट्र) के मिलर्स से कस्टम मिलिंग का कार्य कराया गया। भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय पूल में निर्धारित लक्ष्य अनुसार चावल जमा कराने हेतु खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में उपार्जित धान की उसना चावल हेतु छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र राज्य से कस्टम मिलिंग के अनुबंध निष्पादित किए गए। धान परिवहन पर वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में भुगतान प्राप्त करने वाले परिवहनकर्ताओं के नाम, भुगतान की गई राशि एवं भुगतान हेतु जारी चैक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
नरसिंहपुर जिले में तुषार (पाला) से प्रभावित फसलें
[राजस्व]
37. ( क्र. 744 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में जनवरी 2017 में किस तहसील के कौन कौन से ग्रामों की फसलें पाला से प्रभावित हुई हैं? कितने किसानों की कौन-कौन सी फसलें कितने प्रतिशत तुषार (पाला) से प्रभावित हुई हैं? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या तुषार (पाला) से पीडि़त किसान को मुआवजा दिया जावेगा अगर दिया जावेगा तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, नरसिंहपुर जिले में जनवरी 2017 में तहसील नरसिंहपुर, गोटेगांव, गाडरवारा, करेली एवं तेन्दूखेड़ा तहसीलों के कुल 1064 ग्रामों की फसले पाला से प्रभावित हुई है। कुल 27629 किसानों की अरहर/मसूर की फसलें 5 से 20 प्रतिशत फसल तुषार से प्रभावित हुई है। तहसीलवार एवं ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ख) सर्वे के अनुसार तुषार (पाला) से 5 से 20 प्रतिशत फसल प्रभावित होने के कारण आर.बी.सी. 6-4 के तहत आर्थिक सहायता की पात्रता नहीं होने के कारण पीडि़त किसान को मुआवजा दिया जाना संभव नहीं है।
आगर जिला अंतर्गत नवीन पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
38. ( क्र. 750 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक जिले में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय संचालित किया जाना नीति निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो नवगठित आगर जिले में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय स्वीकृति की क्या स्थिति हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सोयतकलां में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु पत्र लिखा था या मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) सोयतकलां में माईनिंग एरिया की अधिकता होने व आगर जिले में समग्र रूप से साध्य होने की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नवीन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सोयतकलां में प्रारम्भ करने हेतु कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक होगी? (घ) क्या आगर जिला अंतर्गत नवीन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु इंजीनियरिंग महाविद्यालय उज्जैन से प्रतिवेदन/अभिमत चाहा था? यदि हाँ, तो प्राप्त अभिमत की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। क्या सोयतकलां में महाविद्यालय स्वीकृति हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। परियोजना परीक्षण समिति से अनुमोदन उपरांत मंत्रि-परिषद् अनुमोदन हेतु प्रस्तुत। (ख) जी हाँ। जिला मुख्यालय आगर में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय स्थापित किया जा रहा हैं। अत: सोयतकला में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की स्थापना का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। अपितु प्राचार्य, इंजीनियरिंग महाविद्यालय उज्जैन की अध्यक्षता में आगर में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की स्थापना हेतु डीपीआर तैयार करने हेतु समिति का गठन किया गया था। जी नहीं।
नल-जल योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 773 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पी.एच.ई विभाग के द्वारा बुन्देलखण्ड पैकेज में ब्लॉक शाहनगर एवं ब्लॉक पवई में कितनी नल-जल योजनायें स्वीकृत की गई हैं? (ख) इस योजना पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) कितनी नल-जल योजनाएं चालू हैं एवं कितनी बंद हैं? यदि नल-जल योजनाएं बंद है तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बुंदेलखण्ड पैकेज के अंतर्गत ब्लॉक शाहनगर में 56 एवं ब्लॉक पवई में 56 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। (ख) इन योजनाओं पर रू. 721.08 लाख की राशि व्यय की गई है। (ग) बुंदेलखण्ड पैकेज के अंतर्गत ब्लॉक शाहनगर एवं ब्लॉक पवई में कुल 36 योजनाएं चालू एवं 48 योजनाएं बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
छात्रावासों में सुधार कार्य
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
40. ( क्र. 841 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय जबलपुर में छात्र/छात्राओं के लिए कितने छात्रावास हैं। छात्रावासों में कौन–कौन सी सुविधाएं व व्यवस्थाएं हैं। किन–किन छात्रावासों में कब से रसोई (मैस) शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है एवं क्यों? पानी की टंकियों की सफाई कराने की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांकित किन–किन छात्रावासों की मरम्मत सुधार कार्य कब से नहीं कराया गया है एवं क्यों? कौन–कौन से छात्रावासों के कौन–कौन से ब्लॉक खस्ताहाल, जर्जर हो गये हैं? इनका पुनर्निर्माण कराने की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) स्थित आवासों के रखरखाव, मरम्मत व सुधार कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2013–14 से 2016–17 तक की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांकित छात्रावासों के रखरखाव, मरम्मत व सुधार कार्य हेतु कितनी–कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी–कितनी राशि किन–किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2013–14 से 2016 – 17 की जानकारी दें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) संस्था में नौ बालक छात्रावास एवं दो कन्या छात्रावास हैं। छात्रावासों में आधारभूत सुविधाएं यथा सामाचार पत्र (हिन्दी एवं अग्रेंजी) रंगीन टीवी छात्रावासों में खेलकूद की सुविधाएं उपलब्ध हैं समस्त छात्रावासों की रसोई (मैस) में शुद्ध पेयजल (वाटर कूलर विथ आर ओ) की व्यवस्था हैं। छात्रावास की रसोई में पानी की टंकियों की सफाई पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा की जाती हैं। (ख) छात्रावास क्रमांक 07 की मरम्मत का कार्य विगत 02 वर्षों से नहीं कराया गया हैं, उपलब्ध बजट एवं कार्यों की प्राथमिका के आधार पर मरम्मत कार्य प्रतिवर्ष कराये जाते हैं। सभी छात्रावास लगभग 60 वर्ष पुराने हो चुके हैं। पृथक से आवंटन प्राप्त नहीं होने से पुनर्निर्माण की योजना नहीं हैं। (ग) वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी-2013-14 रूपये 7,52,778/-, 2014-15 रूपये 10,18,120/-, 2015-16 रूपये 27,54,626/-, 2016-17 रूपये 1,99,500/- (घ) छात्रावासों के रख-रखाव हेतु पृथक से कोई आवंटन नहीं होता हैं। छात्रावासों की मरम्मत हेतु किये गये व्यय की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस थाना भवनों का निर्माण
[गृह]
41. ( क्र. 842 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर में स्थित किन– किन पुलिस थानों के भवन कमजोर व खण्डहर हो गये हैं? उक्त भवन कितने वर्ष पुराने हैं। इन थाना भवनों का पुनर्निर्माण कराने की शासन की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांकित किन–किन पुलिस थानों के अंतर्गत पुलिस कर्मियों के आवास हेतु कहाँ– कहाँ पर कितने–कितने शासकीय आवास निर्मित हैं? इनमें से कितने आवास जर्जर/कमजोर व खण्डहर व उपयोगहीन हो गये हैं। इसकी जाँच कब किसने की है? इनकी मरम्मत व पुनर्निर्माण न कराने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) में स्थित आवासों के रखरखाव, मरम्मत व सुधार कार्य हेतु कितनी कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2013 – 14 से 2016 – 17 तक की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में किन–किन थाना भवनों व कहाँ–कहाँ के कितने-कितने आवासीय भवनों का कब– कब कितनी कितनी राशि में कौन–कौन सा कार्य किस एजेन्सी से कराया गया है वर्ष 2013 – 14 से 2016 – 17 तक की जानकारी दें। (ड.) प्रश्नांश (क) में स्थित कहाँ–कहाँ के किन–किन आवासों में कब से कौन–कौन अनाधिकृत रूप से निवासरत है एवं क्यों? किन-किन आवासों पर कब से किस-किस का अवैध कब्जा/अतिक्रमण है व अवैध निर्माण कराया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। थाना भवनों के निर्माण की कार्ययोजना स्वीकृति के लिये प्रक्रियाधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। पुलिस आवास-गृहों की मरम्मत का कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में विभाग को एम.ओ.डब्ल्यु/ पी.सी.एण्ड.आर (प्रशासकीय/आवासीय) मद में उपलब्ध कराये गये बजट के अनुसार कराया जाता है। पुलिस को हर वर्ष प्राप्त होने वाले बजट से प्रत्येक इकाई के पुलिस आवास-गृह की मरम्मत का कार्य किया जाना संभव नहीं हो पाता है। फिर भी इकाई प्रमुखों द्वारा नियमों के परिप्रेक्ष्य व उपलब्ध बजट के अनुसार आवास-गृहों की मरम्मत का कार्य शीघ्रतापूर्वक कराये जाने का भरसक प्रयास किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार। परिशिष्ट में दर्शित निर्माण कार्य पुलिस विभाग के लिए अधिकृत निर्माण एजेन्सी मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से कराये गये है। (ड.) जी नहीं। जी नहीं।
प्रताडि़त करने वालों पर अपराध पंजीबद्ध करना
[गृह]
42. ( क्र. 869 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाजी सहाबुद्दीन जिला सतना द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को दिनांक 10/01/2017 को सी.एस.पी. सीताराम यादव एवं नगर दण्डाधिकारी बलबीर रमन के विरूद्ध शिकायत कर स्थानान्तरित करने और निष्पक्ष जाँच करने का निवेदन किया गया है। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के अधिकारियों को हटाकर किसी अन्य अधिकारियों से शिकायत की निष्पक्ष जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बताएं? (ग) विधान सभा परि.अता. प्रश्न संख्या 73 (क्रमांक 2739) दिनांक 27/07/2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया है कि आरोपों को दृष्टिगत रखते हुये अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को जाँच हेतु नियुक्त किया गया है, क्या जाँच पूर्ण हो गई? यदि हाँ, तो जाँच में क्या तथ्य पाये गये? उन तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूर्ण कर ली जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में वर्णित शिकायत की निष्पक्ष जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतना से करायी गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) नागौद श्री संतोष डहेरिया को थाना जसो जिला सतना के मर्ग क्र0 2/16 की जाँच हेतु नियुक्त किया गया है। मर्ग की जाँच जारी है, जाँच की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कस्टम मिलिंग
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
43. ( क्र. 870 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं कटनी में किन-किन राइस मिलों को कितनी-कितनी धान वर्ष 2016 में मिलिंग हेतु दी गई पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की मिलों द्वारा वर्ष 2016 में कितना-कितना चावल जमा किया गया? जमा किये गये चावल में से किन-किन राइस मिलों के कितने-कितने लाट अमानक/रिजेक्ट किये गये/पाये गये राइस मिलवार विवरण दें। क्या तीन लाट फेल होने पर/रिजेक्ट होने पर राइस मिल को ब्लैक लिस्टेड किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त प्रावधान अनुसार किन-किन राइस मिलों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (ग) क्या सतना एवं कटनी जिले से कस्टम मिलिंग का चावल अन्य जिलों में भेजा गया है और उस भेजे गये चावल को रिजेक्ट/अमानक किया गया है? ऐसा किन राइस मिलों के चावल को किया गया है? उसके चावल को उठाने और पुन: जमा करने में परिवहन व्यय किसके द्वारा वहन किया जावेगा? यदि उक्त परिवहन व्यय नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा वहन किया जावेगा तो विभाग को कितनी आर्थिक क्षति होगी? उसकी वसूली का दायित्व किसका होगा और उसके लिये दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांकित अवधि में घटिया चावल को लेकर किसके द्वारा कब शिकायत की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2016 में मिलर्सवार जमा चावल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मिलर्सवार अमानक/रिजेक्ट किये गये चावल की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी हाँ। सतना एवं कटनी जिले के किसी भी मिलर को उल्लेखित अवधि में ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया है। चावल के रिजेक्ट लॉट को राईस मिलर्स द्वारा पुन: अपग्रेड कराकर मानक स्तर का चावल दिए जाने से मिलर्स को ब्लैक लिस्टेड करने की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी हाँ। कटनी जिले से बाहर भेजे गए कस्टम मिल चावल में से मेसर्स गुरूनानक इण्डस्ट्रीज, कटनी; मेसर्स सतनाम इण्डस्ट्रीज, कटनी; मेसर्स सतराम दास, करमचन्द, कटनी; मेसर्स साईंकृपा इण्डस्ट्रीज, कटनी एवं मेसर्स अमनफूड कटनी राईस मिल का चावल अमानक स्तर का पाए जाने से रिजेक्ट किया गया था। अमानक चावल को राईस मिलर्स से पुन: अपग्रेड कराया जाकर जमा कराने पर परिवहन व्यय की राशि रू. 1.97 लाख का कटौत्रा राईस मिलर्स से किया गया। इस प्रकार कार्पोरेशन को परिवहन व्यय में कोई हानि नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सतना एवं कटनी जिले में प्रश्नांकित अवधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पीपलरांवा अन्तर्गत बालौन चौकी का निर्माण
[गृह]
44. ( क्र. 890 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र पीपलरांवा अन्तर्गत बालौन चौकी का भवन उपलब्ध है हाँ या नहीं? नहीं, तो कब से नहीं? (ख) भवन के आभाव में चौकी कहाँ पर लग रही है? क्या भवन के अभाव में पुलिस कर्मियों एवं आमजन को समस्याएँ नहीं होती हैं? (ग) क्या उक्त चौकी के लिए भवन निर्माण की कोई प्रक्रिया चल रही है? हाँ तो क्या, नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। दिनांक 13.03.1980 से उपलब्ध नहीं है। (ख) पुलिस चौकी शासकीय प्राईमरी स्कूल के एक बड़े कक्ष से संचालित की जा रही है। जी हाँ। (ग) चौकी भवन निर्माण की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।
पिपलरांवा को टप्पा तहसील का दर्जा देना
[राजस्व]
45. ( क्र. 891 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा आम नागरिकों की राजस्व व अन्य तहसील संबंधी समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के ग्रामों व नगरों में टप्पा तहसील का दर्जा दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस आधार पर? (ख) क्या शासन द्वारा सोनकच्छ तहसील से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सन् 2002 से नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त नगर पिपलरांवा को तहसील, उपतहसील या टप्पा आदि दर्जा देने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है या नहीं यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या शासन पिपलरांवा क्षेत्र में लगभग 20-25 ग्रामों के सैकड़ों-हजारों क्षेत्रवासियों की समस्या के निराकरण हेतु पिपलरांवा को टप्पा तहसील का दर्जा देने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो इन हजारों ग्रामीणों को हो रही परेशानियों का जिम्मेदार कौन होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आवश्यकता एवं उपयोगिता अनुसार टप्पा, तहसील का दर्जा देने की कार्यवाही की जाती है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मछुआ कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
46. ( क्र. 915 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किन्हीं वर्षों में विभागीय किन्हीं आदेश के अधीन मध्यप्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड का गठन एवं पुनर्गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में किनको किन पदों पर मनोनीत किया गया है? (ग) क्या किन्हीं कार्यकाल की समाप्ति के बाद प्रश्नांश (क) का पुनर्गठन किन कारणों से नहीं किया गया है? (घ) किस अवधि तक प्रश्नांश (क) का पुनर्गठन कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। वर्ष २०१२ से विभागीय आदेश दिनांक 21 मई 2012 से मछुआ कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) में अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष तथा दो सदस्यों को मनोनीत किया गया है। श्री मोती कश्यप विधायक को अध्यक्ष पद पर, डॉ कैलाश विनय एवं श्री सीताराम बाथम को उपाध्यक्ष पद पर एवं श्री विजय मांझी तथा श्री रजूलाल रैकवार को सदस्य पद पर मनोनीत किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 03-01-2014 के बिन्दु क्रमांक 01 अनुसार वर्तमान में मंत्री मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग म.प्र.शासन के पास अध्यक्ष पद का प्रभार है। (ग) पुनर्गठन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
नल-जल योजनाओं का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
47. ( क्र. 916 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, कटनी, ढीमरखेड़ा के किन ग्रामों में नल-जल योजनायें स्वीकृत हुई हैं और उनमें से कितनी पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में से कौन सी योजना सम्पूर्ण ग्राम में विस्तारित नहीं है और कौन सी योजना की पाईप लाईनें टूट-फूट गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में कौन-सी योजना के बोर असफल हो गये हैं और कहाँ नये बोरों का खनन आवश्यक है और उनमें से कहाँ नये बोर कर दिये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में कौन-सी योजनायें किन कारणों से ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं की जा सकी हैं और कब तक निराकरण कर हस्तांतरित कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्लेखित योजनाओं को पूर्ण करने के उपरांत ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दिया जावेगा। हस्तांतरण की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नेटवर्किंग सर्वर डाउन होने के कारण गरीबों को राशन उपलब्ध न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 937 ) श्री आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माह जनवरी 2017 को भोपाल सहित अन्य जिलों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को राशन उपलब्ध नहीं हो पाने की शिकायत माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन खाद्य विभाग को प्रेषित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो अवगत करावें कि प्रदेश सरकार द्वारा किस-किस जिले में कितने-कितने परिवार को गरीबी रेखा के राशन कार्ड जारी किए गए और उसमें से कितने गरीब राशन कार्डधारियों को नियमित रूप से राशन प्राप्त नहीं हो रहा है तथा कितने गरीब परिवार को केन्द्र से राशन का आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण विगत 1 वर्ष से राशन पर्ची उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के गरीबों को राशन उपलब्ध कराने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में अवगत करावें कि यदि नेटवर्किंग सर्वर डाउन होने की स्थिति में गरीबों को राशन उपलब्ध नहीं होता तो क्या पूर्व की भांति रजिस्टर पर अंगूठा या हस्ताक्षर कराकर राशन उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। माह अगस्त, 2016 के पश्चात् स्थानीय निकाय द्वारा बी.पी.एल. श्रेणी के अंतर्गत सत्यापित परिवार जिनकी पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है, की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। भारत सरकार द्वारा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत खाद्यान्न आवंटन प्रतिमाह की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। प्रदेश में खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाया जाकर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खण्डवा नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर शेष प्रदेश में पात्र परिवारों की हकदारी पीओएस मशीन में डाउनलोड कर राशन सामग्री का वितरण किए जाने से एन.आई.सी. का सर्वर डाउन होने पर भी पी.ओ.एस. मशीन से राशन सामग्री वितरण करने में कोई कठिनाई नहीं है। इंदौर, भोपाल, खण्डवा, बुरहानपुर, देवास, छिन्दवाड़ा नगर निगम क्षेत्र में आधार प्रमाणीकरण के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में यदि किसी परिवार का बायोमेट्रिक सत्यापन सफल न होने अथवा सत्यापन में विलम्ब होने पर हितग्राही से पहचान स्वरूप दस्तावेज प्राप्त कर निगरानी समितियों के सदस्यों की उपस्थिति में वितरण पंजी के माध्यम से राशन सामग्री वितरण के निर्देश पूर्व से ही जारी हैं। जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जेल में कैदियों को सुविधाएं
[जेल]
49. ( क्र. 983 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कैदियों के खाद्यान्न एवं रहन-सहन के संबंध में जेल विभाग द्वारा कौन-कौन से पत्र परिपत्र एवं निर्देश जारी किये गये? सभी की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जारी निर्देशों के अनुरूप कैदियों को सुविधाएं नहीं मिलने के संबंध में उक्त समयावधि में उज्जैन जिले की जेलों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों की तहसीलवार, जेलवार जानकारी उपलब्ध करावें? निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कैदियों के खाद्यान्न एवं रहन-सहन के संबंध में कुल 04 परिपत्र जारी किये गए हैं। इन परिपत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब, स एवं द अनुसार है। (ख) जारी निर्देशों के अनुरूप कैदियों को सुविधाएं नहीं मिलने के संबंध में उज्जैन जिले की जेलों के संबंध में प्रश्नाधीन अवधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुआवजे का भुगतान
[राजस्व]
50. ( क्र. 1019 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 10.10.2016 को चक्रवर्ती तूफान, तेज हवा व वर्षा से किन 2 ग्रामों के कितने कितने कृषकों की धान की फसलों में कितना कितना नुकसान हुआ तत्समय कराये गये सर्वे सूचीनुसार ग्रामवार पीडि़त कृषकों की संख्या बतावें? (ख) उक्त में से ग्रामवार कितने-कितने पीडि़त कृषकों को वर्तमान तक मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया व कितने कितने को नहीं व क्यों? (ग) क्या यह सच है कि तत्समय सर्वे दलों ने सर्वे सूची में मनमानी बरतते हुए ग्राम राड़ेप के मौजा, खेड़ली, खानपुरा सहित आपदा प्रभावित उक्त ग्रामों के सैकड़ों कृषकों के नाम नहीं जोड़े गये नतीजन वे वर्तमान तक मुआवजा राशि से वंचित बने हुए है क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा छूटे हुए कृषकों को अविलम्ब मुआवजा राशि का भुगतान कराएगा, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) फसल बीमा धारक जिन 762 पीडि़त कृषकों की रिपोर्ट एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी को भेजी है उसे स्वीकृत कराने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई कब तक बीमा राशि स्वीकृत कराकर पीडि़तों को दिलाई जावेगी? समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 10.10.2016 को चक्रवर्ती तूफान, तेज हवा व वर्षा से तत्समय कराये गये सर्वे अनुसार धान फसल क्षति वाले कृषकों की ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र– अ अनुसार है। (ख) जिले श्योपुर में 17 ग्राम के 947 प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र – ब अनुसार है। उक्त 17 ग्राम के 780 प्रभावित कृषकों को राहत राशि का वितरण नहीं किया गया है। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र– ब अनुसार है। उपरोक्त आपदा के दौरान सर्वे पश्चात् जिला कलेक्टर द्वारा दिनांक 17-10-2016 को राशि रूपये 244.20 लाख (रू. दो करोड़ चौवालिस लाख बीस हजार) की मांग की गई थी। जिले को तत्समय दिनांक 22.10.2016 को आवंटन उपलब्ध करा दिया गया था। पुन: जिला कलेक्टर द्वारा विलम्ब से राशि रूपये 246.54 लाख (रू. दो करोड़ छयालिस लाख चौवन हजार) की मांग की गई है। विलम्ब से की गई मांग के संबंध में आयुक्त चम्बल संभाग को जाँच कर स्पष्ट अभिमत सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु लिखा गया है। (ग) जी नहीं। श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में तहसील बडौदा में सर्वे दलों का गठन कर प्रभावित ग्रामों सहित राडेप के मौजा, खेडली, खानपुरा का भी सर्वे कराया गया था जिसमें खानपुरा एवं खेडली में धान की फसल में 10-15 प्रतिशत क्षति होने से उन्हें सहायता राशि प्रदाय नहीं की गई। सर्वे दलों द्वारा किसी प्रकार की मनमानी नहीं की गई न ही किसी पात्र कृषक को सर्वे सूची में छोड़ा गया है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) संचालनालय किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 के अंतर्गत श्योपुर तहसील से धान सिंचित फसल के नुकसानी हेतु तूफान/ओलावृष्टि आपदा के लिए जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा कुल 408 कृषकों के लिये मौसम के मध्य प्रतिकूलता क्षतिपूर्ति विकल्प के अंतर्गत सामान्य सर्वे किया गया है एवं क्षतिपूर्ति निर्धारण हेतु कार्यवाही प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त अंतिम दावा निर्धारण फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर किया जावेगा।
पेयजल प्रस्ताव की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र. 1020 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी कि
(क) प्रश्नकर्ता
के परि.अता.
प्रश्न संख्या
82 (क्रमांक
2884) दिनांक
27.07.2016 में
श्योपुर
जिले में 280 पेयजल
समस्या मूलक
ग्रामों में
चंबल नदी से
पेजजल आपूर्ति
के स्थाई
समाधान हेतु
ई.ई पी.एच.ई श्योपुर
द्वारा 1395.74
करोड़ का
प्रथम चरण
प्रस्ताव शासन
से
परीक्षणाधीन
हैं बताया था
तथा प्रश्नकर्ता
के ही परि.अता.
प्रश्न संख्या
94 (क्रमांक
1028) दिनांक
07.12.2016 के प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
उत्तर में
बताया है कि
योजना प्रस्ताव
की संभाव्यता
का परीक्षण
किया जा रहा
है संभाव्यता
एवं आवंटन की
उपलब्धतानुसार
कार्यवाही की
जा सकेगी? (ख) प्रश्नांश
(क) के
अनुक्रम में
क्षेत्र हित
में क्या
शासन प्रस्ताव
की संभाव्यता
का परीक्षण
कार्य
यथाशीघ्र
पूर्ण कराकर इसे
केन्द्र को
स्वीकृत
हेतु भेजेगा व
स्वीकृत
करवाएगा केन्द्र
सरकार द्वारा
स्वीकृत
नहीं करने की
स्थिति में क्या
शासन इस प्रस्ताव
को बजट में
शामिल करके स्वीकृति
प्रदान करेगा
व कब तक यदि
नहीं, तो
क्यों?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क)
जी
हाँ। (ख) योजना
प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है। संभाव्यता
होने पर एवं
आवंटन की
सहमति प्राप्त
होने पर
कार्यवाही की
जा सकेगी। निश्चित
समय-सीमा नहीं
बताई जा सकती
है।
खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रांरभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
52. ( क्र. 1075 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र सहित म.प्र. में 47 समूह जल प्रदाय योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति मंत्री परिषद की बैठक में दिनांक 8.6.2016 को की जा चुकी है? (ख) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में वान सुजारा से समूह जल प्रदाय योजना 155 ग्रामों हेतु रूपये 974.52 करोड़ तथा पलेरा-गर्रोली (धसान) समूह जल प्रदाय योजना–59 ग्रामों हेतु रूपये 5,25,11 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इन दोनों जल प्रदाय योजनाओं का कार्य कब से प्रांरभ किया जा रहा है तथा सर्वेक्षण का कार्य एवं किस प्रकार से इसका संचारण संधारण किया जाना है स्पष्ट करें? (ग) क्या शामिल ग्रामों को समूह जल प्रदाय योजना से 2018 तक पेयजल उपलब्ध करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा क्या जनहित में शीघ्र कार्य प्रांरभ करा दिया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी, हाँ। अनुमोदन किया गया है। (ख) जी, नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
खरगापुर विधानसभा में खाद्यान्न का बंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
53. ( क्र. 1076 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डूबदेई ग्राम पंचायत में विगत 3 माह से जनता को खाद्यान्न गेहूँ नहीं बांटा जा रहा है और सेल्समेन के द्वारा अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर का खाद्यान्न कालाबाजारी कर बेच दिया गया यदि खाद्यान्न बांटा गया है तो अवगत कराये यदि नहीं, बांटा गया है तो क्यो? कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या हीरापुर सोसायटी से ग्राम डूबदेई का खाद्यान्न बांटा जाता है क्या शासन द्वारा यह खाद्यान्न हीरापुर से न बांट कर हर माह ग्राम डूबदेई से ही बांटा जाए? इस प्रकार के आदेश करेगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के भ्रमण के दौरान ग्राम पिपरा, मड़ोरी, गुना डूबदेई आदि स्थानों पर खाद्यान्न नहीं बांटे जाने की शिकायत आम जनता द्वारा की गई जिसका कारण खाद्यान्न बांटने हेतु जिस मशीन उपकरण को प्रयोग में लाया जाता वह खराब होना है एवं सेल्समेन 8-10 दिन तक मुख्यालय टीकमगढ़ के चक्कर लगाते है मशीनें ठीक नहीं होती है। हां, तो इसका क्या कारण है? (घ) क्या खाद्यान्न बांटने वाले उपकरण मशीनें खराब क्रय की गई हैं? यदि शासन ने क्रय की है तो किस सन में क्रय की गई? खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में खाद्यान्न सही बांटे जाने की देखरेख किस सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है? विकासखण्डवार एवं ग्रामवार सूची सक्षम अधिकारी के नाम सहित देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं, ग्राम पंचायत दूबदेई में खाद्यान्न की कालाबाजारी न की जाकर खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। माह अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, 2016 में खाद्यान्न वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, हीरापुर समिति से ग्राम दूबदेई का खाद्यान्न वितरण किया जाता था। कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़ के आदेश दिनांक 08-02-2017 के द्वारा ग्राम दूबदेई का खाद्यान्न वितरण हीरापुर समिति से न किया जाकर ग्राम पंचायत ग्राम दूबदेई से ही किया जाने संबंधी निर्देश संबंधित समिति प्रबंधक एवं विक्रेता को जारी किये जा चुके है। वर्तमान में ग्राम दूबदेई का खाद्यान्न वितरण उचित मूल्य दुकान दूबदेई से ही किया जा रहा है। (ग) प्रश्नकर्ता के भ्रमण के दौरान ग्राम पिपरा, मड़ोरी, गुना डूबदेई आदि स्थानों पर खाद्यान्न नहीं बांटे जाने की शिकायत की जानकारी कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला टीकमगढ़ में नहीं है। राशन सामग्री का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से किया जाता है, जिसमें मशीनों के सुधार हेतु कॉल रजिस्टर करने बाबत नि:शुल्क कॉल सेन्टर स्थापित किया गया है। मशीन खराब होने की स्थिति में दुकानदार द्वारा शिकायत दर्ज करने के 48 कार्यालयीन घण्टों में शिकायत निराकरण का प्रावधान है एवं निर्धारित समयावधि में निराकरण न किये जाने पर सेवा प्रदाता पर पेनाल्टी अरोपित किये जाने का प्रावधान है। मशीन के सुधार हेतु जिले में तकनीकी विशेषज्ञ पदस्थ है, जोकि यथासंभव मौके पर जाकर ही पी.ओ.एस. मशीन की त्रुटि में सुधार करते है। (घ) जी नहीं। शासन ने मशीनें क्रय नहीं की है बल्कि यह मशीनें निविदा के आधार पर अलग-अलग समूहों के सेवाप्रदाता जिलों में मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड तथा मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लगाई गई है। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण की देखरेख के लिये क्षेत्र में पदस्थ खाद्य, सहकारिता एवं राजस्व विभाग के अधिकारीगण सक्षम अधिकारी है। विकासखण्ड की समस्त ग्राम पंचायतों को सम्मिलित कर विकासखण्डवार सक्षम अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
ग्रामोद्योग द्वारा जनहित में किये जाने वाले कार्य
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
54. ( क्र. 1096 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन ग्रामोद्योग द्वारा विगत तीन वर्ष में बजट में कितनी राशि का प्रावधान होकर प्रदेश के सभी जिलों को कितना आवंटित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि में से मुरैना जिले को कितनी राशि आवंटित की गई व उक्त राशि में से किन-किन जनपद पंचायतों में राशि वितरण की गई, वर्षवार जानकारी दी जावे? (घ) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में प्राप्त राशि में से कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु दी गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
पशुपालन विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्य
[पशुपालन]
55. ( क्र. 1097 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग के क्या-क्या उद्देश्य जनहित में है व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या प्रक्रियाएं निर्धारित है की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) म.प्र. शासन द्वारा विगत तीन वर्ष में बजट में कितनी राशि आवंटित होकर प्रदेश के जिलों को दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में मुरैना जिला को आंवटित राशि में से किन-किन जनपद पंचायतों को राशि दी गई अलग-अलग बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में जनपदवार राशि में से जनपद पंचायत अंबाह व मुरैना को राशि दी जाकर जनहित कार्यों में व्यय की गई की जानकारी ग्राम का नाम हितग्राही की संख्या कार्य विवरण वर्ष व दिनांक इत्यादि सहित दी जावे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
ग्राम पंचायत कोहदड़ की पेयजल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 1197 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत ग्राम पंचायत कोहदड़ में 3 वर्ष पूर्व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 48 लाख रूपये की पेयजल योजना स्वीकृति हुई थी? जिसमें ग्रामीणों द्वारा 50,000 रूपये जन सहयोग भी विभाग को दिया गया व टेंडर भी हो चुका था लेकिन आज दिनांक तक कार्य प्रांरभ क्यों नहीं हुआ है? (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इस पेयजल योजना का कार्य किया जायेगा या नहीं? (ग) यदि किया जायेगा तो कब तक एवं इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि नहीं, किया जायेगा तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोहदड़ की पेयजल योजना जनवरी 2016 में रूपये 48.81 लाख की स्वीकृत हुई थी। जी हाँ रूपये 48,810.00 की राशि जमा की गई है। निविदा में अधिक दरें प्राप्त होने के कारण निविदा स्वीकृत नहीं की गई तथा सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए पुनः निविदाएँ आमंत्रित नहीं की गई। (ख) जी हाँ, कार्य किया जाएगा। (ग) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार कार्य किया जाएगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। शेष उत्तरांश ‘‘क’’ अनुसार। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजगढ़ जिला मुख्यालय पर नवीन स्थान पर जिला जेल का भवन का निर्माण
[जेल]
57. ( क्र. 1216 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित जेल भवन वर्तमान में बीच बाजार में रहवासी क्षेत्र में स्थित है जिससे कैदियों से आस-पास में रहने वाले व्यक्तियों को हमेशा भय बना रहता है? क्या उक्त जिला जेल से आज दिनांक तक कैदियों के भागने की कोई घटना हुई है? हाँ तो कब-कब बतावें। (ख) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर वर्तमान में जिला जेल का भवन अत्यन्त जीर्ण शीर्ण अवस्था में है? (ग) क्या जिला राजगढ़ हेतु शासन द्वारा कोई भूमि आंवटित की गई है यदि हाँ, तो कहाँ पर, कितनी और कब? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या शासन जिला जेल के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत कर जिला जेल का नवीन भवन निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित जेल भवन वर्तमान में बीच बाजार में स्थित है। जेल के आसपास रहने वाले रहवासियों द्वारा कैदियों से भयभीत होने की कोई शिकायत नहीं की गई है। जी हाँ। दिनांक 13/05/2009 को 04 कैदी फरार हुए थे। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। नवीन जेल के निर्माण हेतु राजगढ़ नगर में (संकट मोचन बड़ली) में 10 हैक्टेयर भूमि दिनांक 10/05/2001 को आवंटित की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राजगढ़ में नवीन जेल भवन निर्मित किये जाने हेतु पर्सपेक्टिव प्लान के द्वितीय चरण की योजनांतर्गत भारत सरकार को वर्ष, 2013 में प्रस्ताव प्रेषित किया गया था, जो मान्य नहीं किया गया।
राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में 200 नवीन हैण्डपम्प की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
58. ( क्र. 1217 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्तमान में किन किन ग्रामों में किन-किन स्थानों पर कितने-कितने हैण्डपम्प लगे हुये है? (ख) उक्त में से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों में किन-किन स्थानों पर हैण्डपम्प चालू अवस्था में है? (ग) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जिन ग्रामों अथवा स्थानों पर हैण्डपम्प बन्द अथवा खराब पड़े हुये हैं, वहाँ पर पीने के पानी की क्या व्यवस्था है? (घ) क्या शासन गर्मी के पूर्व उक्त स्थानों पर पीने के पानी के लिये 200 हैण्डपम्प स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 573 ग्रामों की 774 बसाहटों में 2760 स्थानों पर हैण्डपंप लगे हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक 2526 हैण्डपंप चालू अवस्था में हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खराब हैण्डपंपों का नियमित सुधार किया जाता है। हैण्डपंप बंद की स्थिति में ग्राम में स्थित अन्य हैण्डपंपों/अन्य स्त्रोतों से पेयजल उपलब्ध होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, केवल निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्रता में आने वाली बसाहटों में अतिरिक्त हैंडपंप लगाए जाने का कार्य किया जा सकेगा।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
59. ( क्र.
1235 ) श्री
संजय उइके :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्राम पंचायत
मानेगाँव
जनपद बिरसा
जिला बालाघाट
के
ग्रामीणों/ग्राम
पंचायत द्वारा
शासकीय भूमि
में किये गये
अतिक्रमण को हटाने
कलेक्टर, अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व बैहर
एवं तहसीलदार
बिरसा को
अनेकों आवेदन
दिया गया है? (ख) यदि
हाँ,
तो विगत तीन
वर्ष में
अतिक्रमण
हटाने के आवेदन
कब-कब प्राप्त
हुए एवं अभी
तक क्या
कार्यवाही की
गई है? अतिक्रमण
कर्ताओं के
नाम एवं कितनी
भूमि में कब
से अतिक्रमण
किया गया एवं
किन-किन को
पूर्व में पट्टा
आवंटित किया
गया? उनकी
सूची देवें। (ग)
अतिक्रमण
सम्बन्धी
जानकारी
पटवारी, राजस्व
निरीक्षक
द्वारा कब-कब
दी गई थी? यदि
पटवारी
द्वारा
अतिक्रमण की
जानकारी नहीं
दी गई तो उनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई? (घ)
शासकीय
भूमि पर किये
गये अतिक्रमण
को कब-तक हटा
दिया जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) दो
आवेदन पत्र
क्रमश: दिनांक 14.12.2016
एवं 10.01.2017
तहसीलदार
बिरसा को
प्राप्त
हुये है। (ख) विगत
तीन वर्षों
में ग्राम
पंचायत
मानेगांव
द्वारा
दिनांक 14.12.2016 एवं 10.01.2017
को अतिक्रमण
हटाने के
आवेदन प्राप्त
हुए है। प्रकरण
न्यायालय
में
विचाराधीन
होने से शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अतिक्रमणकर्ताओं के नाम |
खसरा नम्बर |
रकबा एकड़ में |
राकेश ताम्रकार |
12/1 |
0.120 |
सुखीराम |
103 |
0.01/2 |
देवीलाल |
103 |
0.03/4 |
छबीलाल |
103 |
0.03/4 |
चेतन |
103 |
0.01/2 |
खलन |
103 |
0.03/4 |
गोतर |
103 |
0.03/4 |
(ग) अतिक्रमण संबंधी जानकारी पटवारी द्वारा दिनांक 14.12.2016 एवं 10.01.2017 को न्यायालय तहसीलदार बिरसा को दी गई है। (घ) न्यायालय तहसीलदार बिरसा में प्रकरण की सुनवाई उपरान्त नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जावेगी।
उपार्जित धान की मिलिंग
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 1237 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपार्जित धान की मिलिंग कार्य हेतु जिले, जिले से बाहर, दूसरे जिलों को एवं प्रदेश से बाहर के मिलरों को धान प्रदाय किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक जिले एवं जिले के बाहर एवं प्रदेश से बाहर के किन-किन मिलरों को कितना-कितना धान, कितनी-कितनी बैंक गारंटी/जमानत राशि लेकर प्रदाय किया गया? (ग) वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन मिलरों ने मिलिंग उपरान्त कितना-कितना चावल कब-कब, किन-किन गोदामों में जमा कराया? शासन द्वारा मिलिंग कार्य हेतु निर्धारित तिथि एवं उसके उपरान्त कब-कब, कितना-कितना धान जमा किया गया? (घ) जिन मिलरों को वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक मिलिंग कार्य हेतु धान प्रदाय किया गया, उन मिल मालिकों के नाम एवं पता सहित समयावधि में मिलिंग कार्य पूरा नहीं करने वाले मिलरों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं मिलरों को किस-किस दर से कितना-कितना परिवहन व्यय का भुगतान किया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दखल रहित भूमियों की जाँच
[राजस्व]
61. ( क्र. 1238 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के पटवारी मानचित्र,निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज दखल रहित जमीनों को आरक्षित वन बनाए जाने के संबंध में भारतीय वन अधिनियम १९२७ की धारा ५ से १९ तक की जाँच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैतूल, मुलताई, भैंसदेही द्वारा की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब से? अभी तक जाँच पूरी नहीं होने का क्या कारण है? (ग) भू-राजस्व संहिता १९५९ एवं याचिका क्रमांक २०२/९५ में दिए गए आदेशों का पालन सुनिश्चित कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कब तक जाँच बंद कर देंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 22.01.91 से न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण न्यायालयीन कार्यवाही में लंबित है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अपने दायित्वों के निर्वहन के साथ साथ वन व्यवस्थापन अधिकारी का अतिरिक्त कार्य भी कर रहें है। (ग) समय-सीमा दी जाना संभव नहीं।
अपराध क्रमांक 0533/12 कार्यवाही करने बाबत्
[गृह]
62. ( क्र. 1244 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना कम्पू ग्वालियर में अपराध क्रमांक 0533/12 भारत सिंह पुत्र बाबूराम धारा 224 व 225 ए चरित्र सत्यापन में असत्य जानकारी देकर पुलिस उप निरीक्षक की नौकरी प्राप्त की है यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) कार्यालय पुलिस अधीक्षक भिण्ड क्र. 932 दिनांक 15.10.2004 अनुक्रमांक 6232 भारत सिंह पुत्र बाबूराम अनुसूचित जाति आरक्षक जी.डी. चरित्र सत्यापन के उपरांत आदेश जारी किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) श्री भारत सिंह पुत्र बाबूराम द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर मिथ्या जानकारी दी गई? कूट रचित दस्तावेज विभाग में प्रस्तुत किया गया? प्रश्नांश दिनांक तक कार्यवाही हुई जानकारी दें? (घ) पुलिस थाना कम्पू ग्वालियर चालान क्र. 177113 दिनांक 30.06.2016 धारा 224 व 225 क तथा धारा 18 सी के तहत अस्त्र-शस्त्र लायसेंस आवेदकों के चरित्र सत्यापन की पंजी में दर्ज है अभी तक क्या कार्यवाही हुई जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) प्रकरण में चालान क्रमांक 177/13, दिनांक 30.06.2016 कता किया जाकर मिसल नम्बर 8220/13 दिनांक 04.09.2013 को पेश न्यायालय किया जा चुका है। धारा 18सी बाबत् प्रश्नांश स्पष्ट नहीं है।
राजस्व ग्रामों की राजस्व भूमि को नारंगी भूमि में शामिल किया जाना
[राजस्व]
63. ( क्र. 1267 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, एवं खसरा पंजी में दर्ज राजस्व ग्रामों की दखल रहित भूमियों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वन खंडों में शामिल कर लिया है? (ख) यदि हाँ, तो किस किस मद में, किन किन सार्वजनिक प्रयोजनों, निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज किस किस ग्राम की कितनी-कितनी भूमि नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वन खण्ड में शामिल की गई है? क्या इसके लिए कलेक्टर बैतूल अथवा राजस्व विभाग बैतूल द्वारा अनुमति/सहमति दी गई है? यदि हाँ, तो किस पत्र क्रमांक/दिनांक से? पत्र की प्रति उपलब्ध कराएँ। (ग) किन-किन मदों में दर्ज जमीनों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सिविल याचिका क्रमांक २०२/९५ में १२ दिसंबर १९९६ एवं आई.ए.क्रमांक ७९१-७९२ में दिनांक ०१ अगस्त २००३ को आदेश जारी किया है, इस आदेश में किन मदों की जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे या नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने के अधिकार या छूट प्रदान की गई है? (घ) बिना अनुमति के, बिना सहमति के एवं बिना अंतरण के निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों को वन विभाग द्वारा नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वन खण्ड में शामिल करने पर राजस्व विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
64. ( क्र. 1275 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में अगस्त, 2016 से आज तक नागदा व खाचरौद के खाद्य अधिकारियों के द्वारा कितनी खाद्यान्न पात्रता पर्चियां अपने कार्यालयों में अपलोड की हैं, नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन अपलोड पर्चियों में से कितनी पर्चियां जनरेट होकर हितग्राहियों को खाद्यान्न हेतु वितरित कर दी गई हैं? सूची उपलब्ध करावें। यदि इन हितग्राहियों को पर्चियां जनरेट होने के बाद भी नहीं मिली हैं तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या स्थानीय खाद्य शाखा नागदा/खाचरौद द्वारा अपलोड करने के तीन से छः माह बीत जाने के बाद भी पात्रता पर्चियां जनरेट नहीं हुई हैं? ये पर्चियां कब तक हितग्राहियों को वितरित कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के परिवारों के सत्यापन का कार्य स्थानीय निकाय द्वारा एवं परिवारों को संबंधित उचित मूल्य दुकान से मेपिंग खाद्य विभाग के अमले द्वारा किया जाता है। उसके पश्चात् समग्र पोर्टल से एन.आई.सी. द्वारा पात्रता पर्ची ऑनलाईन जारी की जाती है। विधानसभा क्षेत्र नागदा एवं खाचरौद में माह अगस्त, 2016 से आज दिनांक तक 322 सत्यापित परिवारों को खाद्य विभाग के अमले द्वारा उचित मूल्य दुकानों से मेप किया गया है। मेप किये गये परिवारों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर अनुसार।
नये जिले के गठन के मापदण्ड
[राजस्व]
65. ( क्र. 1276 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा एक नया जिला बनाने के क्या-क्या मापदण्ड, नियम एवं निर्देश होते हैं? नियम व निर्देशों की जानकारी देवें? (ख) नागदा किन नियमों के कारण जिला नहीं बन पा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पूर्ण विचारोपरान्त प्रकरण अमान्य किया गया है।
प्रभारी आपूर्ति अधिकारी की शक्तियां
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
66. ( क्र. 1299 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में पदस्थ अधिकारियों को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षक में दिये गये नियमों एवं निर्देशों के तहत आदेश करने की शक्तियां प्राप्त है या नहीं? (ख) क्या कार्यालय कलेक्ट्रेट खाद्य जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक 1465 दिनांक 20.09.2012 को कलेक्टर द्वारा सहायक आपूर्ति अधिकारी को प्रभारी जिला अपूर्ति अधिकारी बनाया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी के वरिष्ठ अधिकारी को संपूर्ण शक्तियां स्वत: प्राप्त हो जाती है या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो म.प्र.शासन द्वारा जारी की गई अधिसूचना में दिये गये अधिनियम के नियम व निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) यदि नहीं, तो प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा दिनांक 20.09.2012 से 11.08.2013 तक कितने प्रकरणों के निराकरण कर आदेश जारी किये गये थे उक्त आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार उक्त अधिकारी द्वारा किया गया कृत्य म.प्र.शासन की अधिसूचना में दिये गये नियम व निर्देशों का उल्लंघन कर पद के दुरूपयोग की श्रेणी में आता है या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी के विरूद्ध शासन कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा। यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला आपूर्ति अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन हेतु ही सहायक आपूर्ति अधिकारी को प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार दिया गया था। जिला छतरपुर में जिला आपूर्ति अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा जिला आपूर्ति अधिकारी के दायित्वों का निर्वहन कलेक्टर, छतरपुर द्वारा जारी आदेश के परिपालन में किया गया है। (ग) जिला छतरपुर में जिला आपूर्ति अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी का दायित्व सौंपे जाने हेतु किसी अधिसूचना को जारी किए जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) कलेक्टर, छतरपुर द्वारा जारी आदेशानुसार सहायक आपूर्ति अधिकारी को प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार सौंपा गया था, इस कारण नियम व निर्देशों का उल्लंघन कर पद का दुरूपयोग नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्य राज्यों से आने वाले पशुओं के प्रवेश की अनुमति एवं उपचार
[पशुपालन]
67. ( क्र. 1313 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह प्रदेश में कुछ समय के लिये अन्य राज्यों से पशु या पशुओं के समूह जैसे भेड़ों के समूह ऊंटों के समूह बकरीयों के समूह इत्यादि लाखों की संख्या में प्रवेश कर राज्य के क्षेत्रों में विचरण करते हैं? यदि हाँ, तो इनकी प्रतिवर्ष संख्या क्या रहती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इसके लिये किसी प्रकार की नियमावली, प्रवेश अनुमति, उपचार प्रमाण पत्र एवं अन्य से संबंधित नियम बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो उपलब्ध करायें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्रदेश में प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों के पशु जैसे भेड़, ऊंट के समूह क्षेत्र में किसानों की फसलों, वनों को नुकसान पहुंचाते हैं एवं क्षेत्र के पशुओं को विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी फैलती है? यदि हाँ, तो इसके लिये शासन स्तर पर विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की जाती है एवं इसके क्या उपाय किये जाते हैं? (घ) क्या इंदौर संभाग के जिलों में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक अन्य राज्य या आस-पास के क्षेत्रों से क्षेत्र में प्रवेश करने वाले भेड़ों के समूह, ऊंटों के समूह का पंजीयन किया जाकर पशुओं के उपचार की जानकारी प्राप्त की गई? यदि हाँ, तो बतावें? क्या आने वाले पशुओं का टीकाकरण इत्यादि की जाँच की गई? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा इनका पंजीयन नहीं किया जाता हैं। अतः वास्तविक संख्या बताना संभव नहीं। (ख) प्रवेश अनुमति के विभाग में कोई नियम नहीं है। तथापि अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले पशुओं में संक्रामक बीमारी की सूचना प्राप्त होने पर बीमारियों की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा अधिसूचित ‘‘पशुओं में संक्रामक एवं संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण अधिनियम 2009’’ एवं उसके अन्तर्गत बनाये गये ‘‘पशुओं में संक्रामक एवं संसर्गजन्य रोगो के नियंत्रण एवं रोकथाम (चैकपोस्ट एवं संगरोध शिविर निरीक्षण की रीति आदि) नियम 2015 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पशु पालन विभाग को इस संबंध में कोई सूचना या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। परन्तु इसकी संभावनाएं रहती है। वर्तमान में ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है। पशुओं में होने वोले रोगों की रोकथाम हेतु रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण हेतु उपाय किए जाते हैं। (घ) जी नहीं। जी नहीं। कोई प्रावधान नहीं है।
चिकित्सीय क्षतिपूर्ति देयक के माध्यम से शासन की राशि का दुरूपयोग
[गृह]
68. ( क्र. 1339 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पदस्थ एवं सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारियों द्वारा विगत 05 वर्षों की स्थिति में विभाग से अवैध रूप से चिकित्सीय क्षतिपूर्ति देयक की राशि प्राप्त किए जाने की शिकायत शासन को प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन अधिकारियों द्वारा चिकित्सीय क्षतिपूर्ति देयक के माध्यम से किस-किस माह में और वर्ष में कुल कितनी-कितनी राशि विभाग से प्राप्त की और यदि नहीं, तो जाँच कराकर वसूली की कार्यवाही करेंगे वर्षवार अधिकारी का नाम, पद व पदस्थी स्थल सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। 02 भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों, श्री मंयक जैन, भा.पु.से. एवं श्री अशोक अवस्थी, भा.पु.से. के अधिकारियों के विरूद्ध चिकित्सीय क्षतिपूर्ति देयक की शिकायत प्राप्त हुई थी। (ख) श्री मयंक जैन, भा.पु.से.के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं श्री अशोक अवस्थी भा.पु.से. के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। श्री मयंक जैन, भा.पु.से. के संबंध में शिकायत के तथ्य अप्रमाणित पाये गये। श्री अशोक अवस्थी की जाँच में जो तथ्य पाये जावेंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
बोगस खाते खोलने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[गृह]
69. ( क्र. 1342 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी शहर की कोतवाली पुलिस में दिनांक 12 जुलाई 2016 एवं 22 दिसम्बर 2016 को किन-किन के विरूद्ध किस-किस के द्वारा किन-किन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कराए गए? (ख) उक्त दर्ज पंजीबद्ध प्रकरणों में किन-किन आरोपियों की गिरफ्तारी कर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा आरोपियों से क्या-क्या जप्त किया एवं जप्त सामग्री में से किन-किन का नाम हवाला कारोबार में लिप्त पाए गए एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त अपरोध एक्सिस बैंक कटनी एवं अन्य बैंकों में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर खाता खुलवाये गये थे? यदि हाँ, तो क्या इन खातों की जाँच करवायी गयी है? खातों की जांचोपरांत क्या-क्या तथ्य पाए गए एवं उन खातों में कितनी-कितनी राशि जमा पाई गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना कोतवाली जिला कटनी में दिनांक 12.07.2016 एवं 22.12.2016 को दर्ज अपराधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर समाहित है। सभी प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर में समाहित है। वर्तमान में सभी प्रकरण विवेचनाधीन है, सभी बिंदुओं पर विवेचना की जा रही है, प्राप्त साक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
थाना गोरमी, जिला भिण्ड के अंतर्गत साम्प्रदायिक दंगे से पीडि़तों को आर्थिक सहायता
[गृह]
70. ( क्र. 1343 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना गोरमी, जिला भिण्ड के अंतर्गत माह दिसम्बर 2016 में साम्प्रदायिक दंगे की घटना घटित हुई थी? यदि हाँ, तो उक्त घटना में किन-किन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर किन-किन को आरोपी बनाया गया? अपराध क्रमांक सहित विवरण दें। (ख) उक्त पंजीबद्ध अपराध में किन-किन आरोपियों को गिरफ्तार किया जाकर चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तथा किन-किन आरोपियों को गिरफ्तार किन-किन कारणों से नहीं किया गया है, इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या उक्त साम्प्रदायिक दंगे में वर्ग विशेष के लोगों के मकानों में आग लगाई गई एवं उनकी सम्पत्ति को नष्ट किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन का कितना-कितना नुकसान हुआ? (घ) क्या उक्त दंगा पीडि़तों को शासन की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही नहीं है कि साम्प्रदायिक दंगा हुआ था, बल्कि यह एक साम्प्रदायिक घटना थी। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" में समाहित है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) घटना के फलस्वरूप वर्ग विशेष के लोगों के मकानों में आगजनी की जाकर उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीनों की अधिसूचना
[राजस्व]
71. ( क्र. 1454 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले के राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीनों का 01 अगस्त 1958 को राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के तहत् संरक्षित वन भूमि घोषित कर वन विभाग द्वारा किये गये बंदोबस्त के बाद भी प्रश्नांकित तिथि तक राजस्व अभिलेख खसरा पंजी में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों को संरक्षित वन भूमि के रूप में संशोधित नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या मुख्य सचिव द्वारा 24 जुलाई 2004 को दिये गये आदेश के बाद भी वन विभाग द्वारा 1966 एवं 1975 में राजस्व विभाग को अंतरित एवं 1972 में डी-नोटीफाइड कर अंतरित जमीनों को भी राजस्व अभिलेखों में प्रश्नांकित तिथि तक भी वन विभाग से अंतरित या डी-नोटीफाइड जमीन के रूप में संशोधित नहीं किया जा सका है? (ग) क्या यह भी सही है कि पटवारी मानचित्रों में वनखण्ड़ों की सीमा लाइन दर्ज कर लिये जाने के बाद भी सीमा लाइन में शामिल खसरों को खसरा पंजी में सीमांकित संरक्षित वनखण्ड के रूप में प्रश्नांकित तिथि तक भी संशोधित नहीं किया जा सका है? (घ) यदि हाँ, तो 1958 से प्रश्नांकित तिथि तक राजस्व अभिलेख खसरा पंजी में संशोधित प्रवष्टियां दर्ज न किये जाने का क्या-क्या कारण रहा है? खसरा पंजी में संशोधित प्रविष्टि कब तक दर्ज कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कार्य प्रगति पर है। अभिलेख मिलान संशोधन की कार्यवाही सतत् की जा रही है। (ग) जनवरी 2009 के संयुक्त प्रतिवेदन अनुसार 111 ग्रामों में वन विभाग के नोटिफिकेशन के आधार पर नक्शा संशोधित उपरान्त सीमा सत्यापन किया जा चुका है। नियमानुसार सतत् खसरा संशोधन की कार्यवाही की जा रही है। (घ) नियमानुसार परीक्षण उपरान्त निर्देशों के तहत सतत् संशोधित प्रविष्टियों की कार्यवाही जारी है।
गरीबी रेखा (बी.पी.एल.) के कार्ड अपात्र व्यक्तियों द्वारा भी बनाने पर उसे निरस्त किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 1487 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गरीबी रेखा (बी.पी.एल.) के कार्ड अपात्र व्यक्तियों द्वारा भी बनवा लिये गये है? यदि हाँ, तो जिलेवार अपात्र परिवार चिन्हित किये गये है संख्या स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अपात्र बी.पी.एल. कार्ड धारी के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाना सुनिश्चित किया गया है, व कब तक इन अपात्र कार्ड धारियों के कार्ड निरस्त कर दिये जावेगें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की (बी.पी.एल.) सूची में सक्षम अधिकारी द्वारा नाम सम्मिलित किए जाने के उपरांत ही राशनकार्ड बनाए जाते हैं। ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 16,876 बी.पी.एल. राशनकार्डधारी परिवार अपात्रता श्रेणी के अंतर्गत चिन्हांकित किए गए हैं। जिलेवार अपात्र व्यक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिवारों के राशनकार्ड निरस्त कर दिए गए हैं।
इन्दौर जिले के परिवहन विभाग में चार पहिया वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन
[परिवहन]
73. ( क्र. 1490 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले के परिवहन विभाग में चार पहिया वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन होना पाये गये है? (ख) यदि हाँ, है तो कितने फर्जी रजिस्ट्रेशन हुए है, संख्या देवें। प्रश्नांश (क) अनुसार चार पहिया वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन किये जाने के सम्बंध में विभाग द्वारा दोषी अधिकारी व कर्मचारीयों विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर जिले में कोई भी चार पहिया वाहन का फर्जी रजिस्ट्रेशन होना नहीं पाया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुना जिले में निर्वाचन पर्यवेक्षक की नियुक्ति
[राजस्व]
74. ( क्र. 1533 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्वाचन पर्यवेक्षक जिला निर्वाचन कार्यालय गुना में वाहिद अली लेब टेक्नीशियन को उनके मूल विभाग में भारमुक्त किया गया है अथवा नहीं? अगर भारमुक्त किया गया हो तो आदेश क्रमांक दिनांक सहित उपलब्ध करावें? (ख) निर्वाचन पर्यवेक्षक गुना में किस कर्मचारी की पदस्थापना/पदोन्नति कर पदस्थ किया गया तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या पूर्व निर्वाचन पर्यवेक्षक द्वारा अपना कार्यभार नवीन निर्वाचन पर्यवेक्षक को अंतरित किया गया हो तो चार्ज सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या वाहिद अली निर्वाचन पर्यवेक्षक द्वारा भारमुक्त होने के उपरांत भी पर्यवेक्षक का कार्य संपादन किया जा रहा है, इनके द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस का संपूर्ण कार्य किसके आदेश से किया गया? क्या यह न्यायोचित है अथवा नियम विरूद्ध? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार कार्यवाही नहीं की गई है तो जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा इनका पक्ष क्यों लिया जा रहा है। विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 582 सत्र जुलाई 2016 एवं प्रश्न क्रमांक 1334 दिनांक 06.12.2016 में भ्रामक जानकारी क्यों उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए कौन दोषी है? नाम व पद स्पष्ट बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) निर्वाचन पर्यवेक्षक गुना में श्री एस.आर.मुंगी, सहायक ग्रेड-2 को उनके कार्य के साथ-साथ निर्वाचन पर्यवेक्षक गुना का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार। (ग) उतरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा राशन में पात्रता पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
75. ( क्र. 1625 ) श्री अंचल सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत प्रश्नकर्ता को विधान सभा क्षेत्र पूर्व जबलपुर में कुल कितने हितग्राहियों को गरीबी रेखा कार्ड जारी कर पात्रता पर्ची का वितरण कर दिया गया है एवं कितने हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदान किया जाना शेष है? (ख) क्या गरीबी रेखा कार्ड तैयार होने की अवधि से लगभग 2 से 3 माह तक गरीबी रेखा कार्डधारी को पात्रता पर्ची उपलब्ध नहीं हो पाती है जिससे गरीबी रेखा कार्डधारी शासन की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाता एवं खुले बाजार में महंगे दामों में खाद्य सामग्री क्रय करता है जिससे हितग्राही को अधिक आर्थिक बोझ आता है? क्या शासन प्रक्रिया का सरलीकरण करेगा? हाँ तो कब तक। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या शासन गरीबी रेखा कार्डधारी को कार्ड जारी करने के साथ ही पात्रता पर्ची प्रदान कर प्रक्रिया को सरलीकरण कर पात्र हितग्राही को योजना का लाभ तत्काल प्रदान करेगा तो यह योजना कब से लागू होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र जबलपुर (पूर्व) में 46,287 बी.पी.एल. परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है एवं 514 बी.पी.एल. हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
प्रदेश में महिलाओं के प्रति हुये साइबर क्राइम
[गृह]
76. ( क्र. 1635 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में महिलाओं के प्रति हुये साईबर क्राइम के कितने शिकायती पत्र कब-कब प्राप्त हुये? जिलेवार, वर्षवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्राप्त शिकायती पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त प्राप्त शिकायतों पर कब-कब किस पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर चालान प्रस्तुत किया गया तथा इन प्रस्तुत प्रकरणों की वर्तमान अद्यतन स्थिति क्या है तथा कितने प्रकरण साक्ष्य न होने की वजह से खारिज किये गये? (ग) प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे साईबर क्राइम के प्रकरणों की रोकथाम हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
जबलपुर से भेजे गये अमानक गेहूँ के संदर्भ में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1636 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 05.10.2016 को सतना जिले के चार गोदामों का निरीक्षण कर 30 सितम्बर 2016 और 1 अक्टूबर 2016 को जबलपुर से भेजे गये गेहूँ के सेम्पल लिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो सेम्पल की निरीक्षण रिपोर्ट क्या थी एवं निरीक्षित कौन-कौन सी गोदामों में कितनी-कितनी मात्रा का गेहूँ अमानक स्तर पर पाया गया? (ग) जबलपुर जिले से मिट्टी युक्त गेहूँ भेजे जाने की शिकायतें किन-किन जिलों से आई तथा जबलपुर के किन-किन केन्द्रों से गेहूँ भेजने पर कब रोक लगाई गई क्या रोक लगाये जाने के बाद भी अमानक स्तर का गेहूँ जबलपुर से अन्य जिलों में भेजा गया? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है तथा उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या जबलपुर से सतना, मेद्यनगर, कटनी, पवई, अमानगंज भेजा गया गेहूँ मिट्टी युक्त होने की शिकायतें प्राप्त हुई है तथा जबलपुर की कई गोदामों में मिट्टी युक्त गेहूँ पाया गया था? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई एवं प्राप्त शिकायतों का निराकरण न कर जनता को मिट्टी युक्त गेहूँ वितरित करने के लिये कौन उत्तरदायी है उन पर शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं, गोदामों से सेंपल नहीं लिये गये थे वरन् गोदामों का निरीक्षण जिला प्रबंधक, सतना द्वारा किया गया था। (ख) निरीक्षण दौरान गोदामों में पाया गया अमानक स्तर का गेहूँ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले से मिट्टीयुक्त गेहूँ भेजे जाने की शिकायतें सतना व पन्ना जिले से प्राप्त हुई। जबलपुर जिले से गेहूँ भेजने पर रोक नहीं लगाई जाकर मानक स्तर के गेहूँ का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कराया जा रहा है तथा अतिशेष मात्रा एफ.सी.आई. को प्रदाय की गई है। अत: कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, जबलपुर से सतना, मेघनगर, कटनी, पवई व अमानगंज भेजे गये गेहूँ में से सतना, पवई एवं अमानगंज को प्रेषित गेहूँ के मिट्टीयुक्त होने की शिकायत प्राप्त हुई है। जी नहीं, जबलपुर के गोदामों में मिट्टीयुक्त गेहूँ नहीं पाया गया था। शिकायत पर गुणवत्ता निरीक्षक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारियों द्वारा गोदामों की जाँच कराई जा रही है। जनता को मिट्टीयुक्त गेहूँ वितरित नहीं कराया जा रहा है, अतएव कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
78. ( क्र. 1664 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रघुराजनगर तहसील के पटवारी हल्का बठिया कला कि आराजी क्र. 81/1 के अंश रकबा 42 डिसिमिल में अतिक्रमण हटाने को लेकर तहसीलदार रघुराजनगर के पत्र क्रमांक 871 दिनांक 15 नवम्बर 2016 को 5 सदस्यी कमेटी गठित की गयी थी? (ख) क्या उक्त कमेटी आज दिनांक तक उक्त आराजी से अतिक्रमण नहीं हटा पायी है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो उक्त आराजी कब तक अतिक्रमण मुक्त करा दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) अतिक्रमण हटाना न्यायालयीन प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय तथा निजी भूमियों की जानकारी
[राजस्व]
79. ( क्र. 1665 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1958-59 की खतौनी के आधार पर पटवारी हल्का कोलगवां की आराजी खसरा क्र. 160 का कितना रकबा शासकीय भूमि दर्ज है, निजी भूमिस्वामियों के नाम एवं रकबा की जानकारी दें? (ख) प्रश्न दिनांक तक आराजी खसरा क्रमांक 160 के कितने बटे नंबर हो चुके हैं तथा उनके कौन-कौन से भू-स्वामी खसरे में दर्ज है तथा उनका रकबा कितना है? उक्त आराजी में अब कितनी शासकीय भूमि शेष बची है और उस पर वर्तमान में किन-किन लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है? (ग) प्रश्नांश (क) की शासकीय आराजी का कब-कब किस पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी ने निजी व्यक्तियों को भूमि स्वामी बना दिया? नामांतरण पंजी क्रमांक सहित बतायें तथा नामांतरण पंजी कहाँ है? नामांतरण पंजी का विवरण उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में शासकीय भूमि को खुर्द-बुर्द करने वाले दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? खसरा क्रमांक 160 के अवैध नामांतरण कब तक निरस्त कर भूमि शासकीय घोषित कर दी जायेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 1958-59 की खतौनी के आधार पर उक्त आराजी में कुल 19 व्यक्तियों (भू-स्वामियों) के नाम से दर्ज अभिलेख है, जिसका कुल रकबा 3.73 एकड़ है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) आराजी क्रमांक 160 में 82 बटांक हो चुके है, जिसका कुल रकबा 2.395 एकड़ है, उक्त 19 भू-स्वामियों के खसरे पृथक से संलग्न है। प्रश्न दिनांक तक उक्त आराजी में 3.421 हेक्टेयर भूमि मध्यप्रदेश शासन दर्ज अभिलेख है। खसरा वर्ष 1967-68 के खसरे के कॉलम नम्बर 2 में रकबा 4.00 एकड़ मकान दर्ज है तथा रकबा 2.83 एकड़ में बंजर दर्ज अभिलेख है। तथा 0.768 हेक्टेयर में सतना सेमरिया मुख्य मार्ग निर्मित है शेष रकबे में पुरानी बस्ती बसी है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार वर्ष 1958-59 से वर्ष 1980-81 के मध्य विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों में नियमानुसार पारित आदेश के तहत भू-स्वामी घोषित किया गया है, यह जानकारी वर्ष 1969-70 एवं वर्ष 1980-81 के अभिलेखागार में उपलब्ध खसरा में अंकित टीप पर आधारित है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार। खसरों में अंकित टीप के अनुसार यह पाया गया कि उक्त समस्त कार्यवाहीयां राजस्व प्रकरणों में पारित आदेशों के आधार पर कि गई है। नामांतरण पंजीयों में पारित आदेशों से निजी भूस्वामी स्वत्व घोषित नहीं किया गया है। इसलिए नामांतरण पंजी उपलब्ध कराये जाने का प्रश्न उद्भुत नहीं होता है। (घ) प्रथम दृष्टया उत्तरांश (क),(ख), एवं (ग) में वर्णित शासकीय भूमि का खुर्द-बुर्द होना नहीं पाया गया उक्त आराजी क्रमांक 160 में अवैध नामांतरण नहीं पाये गये है। इसलिये अवैध नामांतरणों को निरस्त कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पुराने मंडी प्रांगण से अतिक्रमण हटाना
[राजस्व]
80. ( क्र. 1692 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कालापीपल के पुराने प्रांगण का सीमांकन मंडी के आवेदन पर क्या तहसीलदार कालापीपल द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो कब किया गया। क्या उक्त प्रांगण पर टीनशेड का अतिक्रमण पाया गया अथवा नहीं? यदि पाया गया तो किन किन व्यक्ति/संस्था का। (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित प्रांगण से टीनशेड अतिक्रमण हटाने हेतु क्या मंडी समिति कालापीपल ने आवेदन दिया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब मंडी समिति से आवेदन प्राप्त हुए, उक्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित प्रांगण से टीनशेड अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया? क्या तहसीलदार कालापीपल द्वारा किसी व्यक्ति/संस्था को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से अतिक्रमण नहीं हटाया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुराने मंडी प्रांगण से अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस बल की पूर्ति
[गृह]
81. ( क्र. 1693 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मंडी समिति कालापीपल अथवा तहसीलदार कालापीपल द्वारा मंडी समिति के पुराने प्रांगण से टीनशेड अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस बल की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या पुलिस बल नियम अनुसार उपलब्ध कराया गया? (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित प्रांगण से अतिक्रमण हटाने हेतु रवाना पुलिस बल अतिक्रमण हटाए बगैर किस के आदेश से वापस हुआ? (ग) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित प्रांगण से अतिक्रमण हटाने हेतु पुलिस बल क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया? क्या थाना प्रभारी कालापीपल द्वारा लेन-देन करके अतिक्रमणकर्ताओं को संरक्षण दिया गया, जिसके कारण क्या मंडी समिति के हित प्रभावित नहीं हुए। (घ) क्या प्रश्नांश "क" में उल्लेखित अतिक्रमण को न हटाने के निर्देश पुलिस अधीक्षक शाजापुर द्वारा दिए गये थे? यदि हाँ, तो क्यों।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। आवश्यकतानुसार चाहा गया बल उपलब्ध करवाया गया। (ख) पुलिस बल आंशिक अतिक्रमण हटाकर मण्डी सचिव एवं तहसीलदार कालापीपल जिला शाजापुर के द्वारा दिये गये आदेश के पालन में मण्डी प्रांगण से वापस हुआ। (ग) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रूप से लाल, पीली,नीली बत्ती व हूटर का उपयोग
[गृह]
82. ( क्र. 1752 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल में किस-किसके स्वामित्व व किस-किस अधिकारी/जनप्रतिनिधि के आधिपत्य वाले वाहनों पर अवैध रूप से पात्रता न होने के बावजूद लाल,पीली,नीली, बत्ती एवं हूटर का उपयोग किए जाने को लेकर पुलिस एवं परिवहन विभाग की संयुक्त कार्यवाही में चालानी कार्यवाही की है? (ख) वाहन क्रमांक वाहन के स्वामी का नाम तथा आधिपत्य में रखने वाले अधिकारी/जनप्रतिनिधि का नाम सहित यह अवगत करावें कि अवैध रूप से लाल,पीली,नीली, बत्ती व हूटर का उपयोग करने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्तानुसार मोटर व्हीकल एक्ट एवं संबंधित नियमों के तहत कार्यवाही की गई है।
पुलिस सुधार एवं विदेश यात्राओं के नाम पर शासन की राशि का दुरूपयोग
[गृह]
83. ( क्र. 1753 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस आधुनिकीकरण व सुधार हेतु आई.पी.एस. अधिकारियों द्वारा शासन के व्यय पर विदेशों में जाकर प्रशिक्षिण प्राप्त किए है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश के किन-किन आई.पी.एस. अधिकारियों ने किन-किन देशों की कब-कब तथा कितनी-कितनी राशि व्यय कर यात्राएं की है? (ख) क्या प्रदेश में वर्ष 1861 अंग्रेजों के जमाने नियम आज भी लागू है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार आई.पी.एस. अधिकारियों द्वारा शासन की राशि से की गई विदेश यात्राओं/प्रशिक्षण का क्या औचित्य रहा? यदि आई.पी.एस. अधिकारियों की विदेश यात्राओं से विभाग को पुलिस सुधार हेतु कोई लाभ नहीं हुआ, तो क्या शासन संबंधितों से राशि की वसूली करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभाग का नया सेटअप/एक्ट शासन के समक्ष प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या और कब से विचाराधीन है तथा कब तक लागू किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी, हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ,ब एवं स अनुसार। विदेश यात्राओं का सम्पूर्ण व्यय भारत सरकार द्वारा वहन किया गया है, केवल दिनांक 02.06.2014 से 06.06.2014 तक यू.एस.ए. में आयोजित सीनियर क्राईसेस मेनेजमेन्ट कोर्स में नामांकित श्री संजीव शमी, भारतीय पुलिस सेवा के विदेश प्रशिक्षण पर रूपये 43,468/- तथा श्री के.बी. शर्मा, भारतीय पुलिस सेवा के विदेश प्रशिक्षण पर रूपये 35,047/- का व्यय हुआ है। (ख) जी नहीं। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण के उपरान्त अपने अधीनस्थ पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर उन्हें भी लभान्वित किया। उक्त के परिप्रेक्ष्य में राशि वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
गेहूँ खरीदी के स्थापित केन्द्र
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 1760 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा में चालू वर्ष में गेहूँ खरीदी के कितने केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं, नामवार जानकारी देवें? (ख) क्या गेहूँ के अधिक उत्पादन को देखते हुये क्षेत्र में नये खरीदी केन्द्र बनाने पर विभाग विचार करेगा? (ग) विगत खरीफ सीजन में धान खरीदी के समय वेयर हाऊसों में किसानों को हुई परेशानी की कितनी आपत्तियां विभाग को प्राप्त हुई थी, उनके निराकरण हेतु विभाग ने क्या विचार किया? (घ) क्या सहकारी समितियों के खरीदी केन्द्रों के अलावा वेयर हाऊसों में जो खरीदी की गयी थी, उनमें आपत्तियां आई थी, इस बात को ध्यान में रखते हुये क्या इस बार वेयर हाउसों में गेहूँ की खरीदी नहीं की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में नवीन उपार्जन केन्द्र खोले जाने हेतु जिला स्तरीय समिति से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए हैं। प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण कर निर्णय लिया जा सकेगा। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में गोदाम स्तर पर धान उपार्जन में किसानों को हुई परेशानी के संबंध में माननीय विधानसभा सदस्य द्वारा अवगत कराया गया था, जिसके परिप्रेक्ष्य में उपार्जन केन्द्र बावईकलां एवं सहावन को स्वर्णपरी वेयरहाउस सालीचौका से हटाकर पूर्ववत् केन्द्रों से संचालन कराया गया। सास-बहू (देवरी) उपार्जन केन्द्र को प्रतीक वेयरहाउस कामती गाडरवारा से संलग्न कर धान का उपार्जन किया गया, जिसके संबंध में किसी भी कृषक द्वारा परेशानी होने के संबंध में अवगत नहीं कराया गया। (घ) उपार्जित खाद्यान्न के परिवहन व्यय में बचत, स्कन्ध के परिवहन के दौरान होने वाली कमी को रोकने एवं गुणवत्ता में सुधार की दृष्टि से जिला स्तरीय गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर ही चयनित गोदामों पर गेहूँ का उपार्जन किया जाएगा।
सुमावली (मुरैना) विधानसभा में खनन हुई नल-जल योजना प्रारंभ नहीं होना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
85. ( क्र. 1768 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुमावली (मुरैना) विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी नल-जल योजनायें हैं, जिनके खनन कराने के बाद प्रारंभ/चालू नहीं हो सकी है, गावं का नाम खनन का वर्ष, राशि का भुगतान सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी पुरानी नल-जल योजनायें है जो चालू होने के बाद बंद पड़ी है उन गांवों के नाम, बंद पड़ी रहने का कारण, बंद होने का वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) शासन अधूरी व पुरानी बंद पड़ी योजनाओं को कब तक चालू करायेगा, इन सभी पर चालू कराने में कितनी राशि खर्च होगी क्या शासन उक्त राशि को स्वीकृत की मंजूरी प्रदान करेगा हां तो कब तक।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 4 योजनाएं हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 21 योजनाएं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में अधूरी (प्रगतिरत) नल-जल योजनाओं को पूर्ण करने हेतु अनुमानित लागत रू. 64.64 लाख है, को वित्तीय वर्ष 2017-18 में आवंटन उपलब्ध होने की स्थिति में पूर्ण करवाया जायेगा। बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू करने के लिये रू. 371.93 लाख की स्वीकृति जनवरी 2017 में दी जा चुकी है।
परिशिष्ट - ''बाईस''
रिक्त स्थानों पर पदों की पूर्ति बाबत्
[पशुपालन]
86. ( क्र. 1783 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु चिकित्सा विभाग के अंतर्गत जिला सिंगरौली में चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफों की कमी है? (ख) इनकी पद पूर्ति के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है तथा कब तक में पद पूर्ति की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) लोकसेवा आयोग इन्दौर द्वारा पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 18.5.2016 द्वारा विज्ञापन प्रसारित किया गया है। एवं नियंत्रक व्यवसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल को सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 217 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 6.2.2017 को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भू-स्वामियों की भूमि परिवर्तन एवं नजूल से अनापत्ति
[राजस्व]
87. ( क्र. 1842 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत अनुविभाग सारंगपुर में किन-किन भू-स्वामियों के द्वारा वर्ष 2014 से 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक भूमि परिवर्तित एवं नजूल से अनापत्ति के लिये आवेदन किया गया है? भू-स्वामी के नाम, सर्वे क्र. रकबा आदि का वर्षवार विस्तृत विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश “क” अनुसार प्राप्त आवेदनों में से किन-किन भू-स्वामियों के भूमि परिवर्तित एवं नजूल अनापत्ति का निराकरण किया गया है? आदेश क्र./दिनांक से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश “क” में शेष भू-स्वामी के भूमि परिवर्तित एवं नजूल अनापत्ति के आवेदनों का निराकरण प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है? उन आवेदकों के निराकरण नहीं करने के कारणों से अवगत करावेंएवं निराकरण करने की नियमानुसार समय-सीमा क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्डपम्प मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
88. ( क्र. 1844 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ के विकासखण्ड सारंगपुर में वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन हैण्डपम्प उत्खनन हेतु लक्ष्य निर्धारित था? नवीन हैण्डपम्प उत्खनन की जानकारी से अवगत करावें वर्तमान में कितने हैण्डपम्प चालू हैं एवं कितने हैण्डपम्प बंद हैं? ग्रामवार, स्थानवार, बन्द हैण्डपम्पों की विस्तृत जानकारी से अवगत करावें? (ख) हैण्डपम्प सुधारने हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक जिला राजगढ़ को कितना आवंटन या सुधार हेतु सामग्री जैसे वॉल्व, हैण्डल, हेड, वॉयशर, चैन पाईप लाईन इत्यादि सामग्री प्रदाय की गई थी वर्तमान में हैण्डपम्प ठीक करने हेतु कोई सामग्री/आवंटन प्राप्त नहीं होने एवं ग्रामीण क्षेत्र में जल स्तर नीचे जाने से पीने के पानी की काफी परेशानी है? उक्त परेशानी को दूर करने हेतु विभाग द्वारा क्या योजना बनाई जा रही है? (ग) जल स्तर नीचे जाने एवं छोटी-छोटी खराबी से कितने-कितने हैण्डपम्प अस्थाई रुप से बन्द है? उक्त बन्द हैण्डपम्पों को कब तक ठीक कर दिया जावेगा? (घ) जल स्तर नीचे जाने से ग्रीष्म ऋतु में हैण्डपम्प बन्द होने की स्थिति में विभाग द्वारा पीने की पानी हेतु क्या कार्ययोजना बनाई जा रही है? अवगत करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लक्ष्य जिलेवार दिये जाते हैं विकासखण्डवार नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में खनित नलकूपों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। 762 हैण्डपम्प चालू एवं 354 बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 तथा 3 अनुसार है। (ख) रू. 83.32 लाख आवंटन प्रदाय किया गया। जी, नहीं। संभावित पेयजल संकट निवारण हेतु कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें हैण्डपंपों में राईजर पाईप बढ़ाना, नवीन नलकूप खनन, सबमर्सिबल पंप स्थापना इत्यादि कार्य प्रस्तावित किये हैं। (ग) क्रमशः 239 एवं 115 हैण्डपम्प बंद है। विभाग द्वारा साधारण खराबी से बंद हैण्डपम्पों को नियमित संधारण कर सुधारा जाता है। साथ ही जलस्तर से बंद हैण्डपम्पों में राईजर पाईप बढ़ाकर चालू करने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) उत्तरांश ‘‘ख’’ अनुसार।
स्कूल, अस्पताल हेतु राजस्व भूमि का प्रदाय
[राजस्व]
89. ( क्र. 1879 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल भवन के निर्माण, अस्पताल निर्माण, सार्वजानिक भवन निर्माण एवं अन्य जनहितार्थ कार्यों हेतु शासन द्वारा राजस्व भूमि को प्रदाय करने हेतु नियम-प्रक्रिया क्या है? (ख) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में विधान सभा क्षेत्र बिजावर में ऐसे कितने प्रकरण है, जिनमे भूमि आबंटन की मांग कब की गई दिनांकवार जानकारी प्रदाय करें? उपरोक्त प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांक "ख" के अनुक्रम में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमे प्रश्न दिनांक तक भूमि आवंटित नहीं की गई? भूमि आवंटित नहीं होने के क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश "ग" के अनुक्रम में उपरोक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक और कैसे किया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व भूमि को प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (घ) भूमि आवंटन संबंधी प्रकरणों का निराकरण एक निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न पर्चीयों एवं कूपनों में गड़बडि़यां
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
90. ( क्र. 1885 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में क्या श्रेणियों के पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है? विगत 10 माह में कितने हितग्राहियों को कूपन निरस्त हुयें और क्यों? इनमें तकनीकी कारणों से निरस्त सभी कूपनों पुन: जारी कर दिया गया है, नहीं तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र में पात्र हितग्राहियों के कूपन निरस्त होने, कूपन में गलत फीडिंग, ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा की गई गड़बडि़यां के कारण उत्पन्न स्थितियों के कारण खाद्यान्न न मिल पाने व व्यप्त अनियमितताओं के निराकरण के लिये क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी के मार्गदर्शन में अभियान चलाकर हितग्राहियों के हित में कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो फिर किस प्रकार अनियमितताओं को रोका जायेगा? (ग) तकनीकी कारणों व अन्य अनियमितताओं के कारण पात्र हितग्राहियों के साथ हो रही समस्याओं के समाधान हेतु विभाग की क्या योजना है? क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण व गलत जारी कूपनों को सुधारे जाने व अन्य व्यप्त समस्याओं के निराकरण हेतु विभाग त्वरित रूप से क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत अपात्र पाए गए एवं 50 क्विंटल से अधिक समर्थन मूल्य पर अपनी उपज विक्रय करने वाले 1350 परिवारों की पात्रता पर्ची निरस्त की गई है। तकनीकी कारणों से पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची निरस्त होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पात्र हितग्राहियों के कूपन निरस्त होने एवं कूपन में गलत फीडिंग करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। पात्र परिवारों का सत्यापन स्थानीय निकाय द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। इस संबंध में माननीय सदस्य द्वारा कोई तथ्य शेष से अवगत कराए जाने पर उसकी जाँच कराई जा सकेगी। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों का डाटा समग्र पोर्टल से पृथक कर स्थिर कर दिया गया है जिससे अन्य विभागों द्वारा डाटाबेस में संशोधन एवं जोड़ने की कार्यवाही के कारण पात्र परिवार के स्वत: अनमेप की समस्या का निराकरण हो गया है। जिन परिवारों को अपात्रता के कारण अनमेप किया गया है, उन परिवारों की जानकारी कारण सहित पी.ओ.एस. मशीन पर उपलब्ध कराई गई है। पी.ओ.एस. मशीन की तकनीकी खराबी के कारण राशन वितरण न होने पर वितरण पंजी के माध्यम से राशन वितरण की अनुमति दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
यात्री बसों में होने वाली दुर्घटनाएं
[परिवहन]
91. ( क्र. 1886 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत विगत दो वर्षों में कितनी यात्री बसों की दुर्घटनाओं हुई हैं? दुर्घटना उपरांत क्या कार्यवाही की गई एवं दुर्घटना को रोकने के लिये क्या कदम उठाये गये? प्रकरणवार विवरण देवें? (ख) जिला सिवनी अंतर्गत सिवनी से बरघाट, कुरई,छपारा, लखनादौन, धारना, लखनवाड़ा, बखारी, बंडोल, भीमगढ़,धनौरा व केवलारी आदि चलने वाली यात्री बसों को आवंटित परमिट की जानकारी वाहनवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश ''ख'' मार्गों पर चलने वाली यात्री बसों के परमिट कितनी अवधि के एवं कितनी अवधि अंतराल के जारी किये गये हैं? (घ) क्या कम अवधि अंतराल के एवं कम अवधि के जारी परमिटों से दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है? यदि हाँ, तो इस ओर सुधारात्मक कार्यवाही किये जाने के लिये समीक्षा कर उचित कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? (ड.) यात्री बसों में नियुक्त एजेण्ट किस वैधानिक प्रक्रिया के तहत नियुक्त किये गये हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस अधीक्षक सिवनी से प्राप्त जानकारी अनुसार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) माह जनवरी 2017 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) मार्गो पर चलने वाली यात्री बसों को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 87 अंतर्गत अस्थाई परमिट नियम अनुसार कम से कम एक माह की अवधि के लिये जारी किये गये है। (घ) कम अवधि अंतराल एवं परमिटों की अवधि से दुर्घटनाओं का कोई संबंध नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) लोक सेवा यानों द्वारा यात्रा के लिये टिकटों की बिक्री के लिए एजेन्टों का अनुज्ञापन और उनके आचरण का विनिमय मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के प्रावधान अनुसार किया जाता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
रेशम विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
92. ( क्र. 1889 ) श्री संजय शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष २०१३ - २०१४ से प्रश्न दिनाँक तक रेशम विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की गई? (ख) वर्ष २०१३ - २०१४ से वर्तमान तक इन योजनाओं के संचालन हेतु कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ग) कितनी राशि कौन-कौन सी योजनाओं पर कहाँ-कहाँ खर्च की गई, वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (घ) कितने कृषकों को कौन-कौन सी योजनाओं से लाभान्वित किया गया है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में रेशम संचालनालय अंतर्गत मलबरी रेशम विकास तथा टसर रेशम विकास एवं विस्तार योजनाएं संचालित है। मनरेगा योजना अंतर्गत टसर खाद्य वृक्षों (अर्जुन एवं साजा) का पौधरोपण कार्य कराया गया है। (ख) मनरेगा योजनांतर्गत प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है, विभागीय योजनांतर्गत बजट आवंटन जिलेवार आवंटित होता है, विधानसभा या केन्द्रवार आवंटन नहीं किया जाता है। (ग) मनरेगा योजनांतर्गत व्ययित राशि एवं विभागीय योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन के विरूद्ध विधानसभा तेंदुखेड़ा क्षेत्र अंतर्गत व्ययित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 में है। (घ) लाभान्वित कृषकों/हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 में है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
93. ( क्र. 1892 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि क) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितनी नल-जल योजनायें संचालित है? कितनी योजनायें सुचारू रूप से चल रही है? कितनी योजनाएं बंद पड़ी हैं? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ख) बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को प्रारंभ करने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) 2016 -2017 में नल-जल योजनाओं के सुधार कराने हेतु विभाग द्वारा नरसिंहपुर जिले को कितनी राशि प्रदान की गई? (घ) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी राशि से किन-किन ग्रामों में सुधार कार्य कराये गये? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 81 नल-जल योजनाएं संचालित हैं। 57 योजनाएं सुचारू रूप से चल रही हैं तथा 24 योजनाएं बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बंद योजनाओं के प्राक्कलन तैयार कर 2 लाख से कम लागत वाली योजनाओं को ग्राम पंचायतों के माध्यम से चालू करवाने हेतु राशि जारी की गई है तथा 2 लाख से अधिक लागत वाली योजनाओं को चालू करने हेतु विभाग द्वारा निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शीतलहर से प्रभावित फसलों के सर्वे एवं मुआवजे
[राजस्व]
94. ( क्र. 1899 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 माह दिसम्बर 2016 एवं जनवरी 2017 में ओलावृष्टि एवं शीतलहर के कारण सुवासरा विधानसभा क्षेत्र सहित मन्दसौर एवं नीमच जिले के कौन-कौन से गांवों में फसल क्षति हुई? (ख) यदि क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे विभाग द्वारा करवाया गया है, तो पटवारी हल्केवार सर्वे की जानकारी देवें। (ग) मन्दसौर एवं नीमच जिले में क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजा राशि हेतु जिलाधीशों द्वारा कितनी-कितनी राशि के मांग पत्र शासन को भेजे हैं? (घ) शीतलहर से फसल नुकसानी का मुआवजा कब तक किसानों को प्राप्त हो जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मंदसौर जिले की तहसील गरोठ के 7 ग्रामों में एवं तहसील शामगढ़ के 19 ग्रामों में दिनांक 26/01/2017 को ओलावृष्टि से एवं जिले के 944 ग्रामों में शीतलहर से रबी की फसलों में 10 से 15 प्रतिशत नुकसान होना पाया गया है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नीमच जिले के अन्तर्गत उक्त 2 माह में ओलावृष्टि एवं शीतलहर के कारण कोई फसल क्षति नहीं हुई है। (ख) क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कृषि एवं राजस्व विभाग के अमलों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया जिसमें जिले के सभी ग्रामों की फसलों में 10 से 15 प्रतिशत नुकसान होना पाया गया। (ग) आर.बी.सी 6-4 के अंतर्गत 10 से 15 प्रतिशत नुकसानी के लिये प्रावधान न होने के कारण प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश “ग“ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हटाए गए अतिरिक्त पुलिस बल की पुन: तैनाती
[गृह]
95. ( क्र. 1900 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले में सबसे ज्यादा कंजर प्रभावित विधानसभा क्षेत्र कौन सा है? जानकारी देवें। (ख) ग्राम नागखजूरी एवं खेजडि़या में अतिरिक्त पुलिस बल कब से तैनात किया गया है तथा तैनाती का कारण बतावें? (ग) वर्तमान में ग्राम नागखजूरी एवं खेजडि़या से अतिरिक्त पुलिस बल को क्यों हटाया गया? कारण स्पष्ट करें। अतिरिक्त पुलिस बल हटाने के बाद यदि कोई दुर्घटना घटित होती है तो इसकी जवाबदारी किसकी होगी? (घ) कंजर प्रभावित ग्राम खेजडि़या एवं नागखजूरी में अतिरिक्त पुलिस बल पुन: कब तक तैनात कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मंदसौर जिले में सबसे ज्यादा कंजर प्रभावित विधानसभा क्षेत्र सुवासरा है। (ख) कंजरों की गतिविधियों पर नियंत्रण किये जाने ग्रामवासियों से चर्चानुसार प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम नागखजूरी एवं खेजडि़या में अतिरिक्त पुलिस बल लगभग 15 वर्षों से तैनात किया गया है। (ग) जिले में विभिन्न कानून व्यवस्था एवं अन्य इंतजाम ड्युटी हेतु दिनांक 04.01.2017 को ग्राम नागखजूरी एवं खेजडि़या से पुलिस बल को हटाया गया था। इस दौरान कोई घटना घटित न हो इसके लिए थाना सीतामऊ से एवं ग्राम बसई में पूर्व में उपलब्ध बल से गश्त हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। ग्राम नागखजूरी एवं खेजडि़या में पुलिस बल को पुनः दिनांक 06.02.2017 से ड्युटी हेतु लगाया गया है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों बाबत्
[गृह]
96. ( क्र. 1907 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में गृह विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत है? (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम् पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरीत किये जाने के नियम है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व विगत 5 वर्ष में किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) धार जिले में विभाग के 1042 कर्मचारी एवं धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विभाग के 127 कर्मचारी कार्यरत है। (ख) जी हाँ। उक्त नियमों के पालन में विभाग के कुल 216 अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जा चुका है, जिनमें पुलिस के-196, लोक अभियोजन के-17 और होमगार्ड के-3 अधिकारी/कर्मचारी शामिल है।
पुलिस द्वारा चैकिंग के नाम पर आम जनता को परेशान कर अवैध वसूली करना
[गृह]
97. ( क्र. 1911 ) श्री के.पी. सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 02 वर्षों से प्रदेश के प्रत्येक थाने की पुलिस द्वारा प्रतिदिन शाम 6 बजे से 8 बजे तक आम लोगों के वाहनों की चैकिंग की जा रही है? उक्त चैकिंग किसके आदेश से हो रही है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त चैकिंग कर आम जनता से विभाग द्वारा अवैध वसूली की जा रही है तथा अनावश्यक रूप से आम जनता को परेशान किया जा रहा है? (ग) क्या शासन आम जनता से की जा रही अवैध वसूली को रोके जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। स्थानीय अधिकारियों के मौखिक आदेशानुसार समय-समय पर एवं समय बदल कर चैकिंग की जाती है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
रजिस्ट्री पट्टे भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
98. ( क्र. 1932 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 120 (क्रमांक 7545) दिनांक 31 मार्च, 2016 के भाग (क) से (घ) में उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है बताया गया था। यदि जानकारी एकत्रित हो गई है तो जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या रीवा जिले के तहसील सेमरिया ग्राम कोलौरा के भूमि खसरा क्रमांक 6/1क, के भूमि स्वामी द्वारा लगातार अपनी भूमि से वेजा कब्जा बेदखल की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो उसमें प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या कलेक्टर रीवा स्वयं प्रकरण को निगरानी में लेकर तहसीलदार द्वारा पारति आदेश दिनांक 26/12/2012 को निरस्त करेंगे? (घ) उक्त प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ब्यौहारी शहर के खटखरिहा तालाब से लगी भूमि की जानकारी
[राजस्व]
99. ( क्र. 1945 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत ब्यौहारी नगर में रीवा अमरकंटक राज्य मार्ग से लगे हुये खटखरिहा तालाब के पश्चिम दिशा में उक्त राज्य मार्ग से लगा हुआ विद्युत विभाग के कार्यालय के उत्तर दिशा में २०० मीटर की दूरी तक रीवा शहडोल राज्यमार्ग से लगा हुआ पूर्व दिशा में भवन, दुकान इत्यादि निर्मित हैं। (ख) यदि प्रश्नांश ‘क’ हाँ तो उपरोक्त क्षेत्र पर किस-किस के द्वारा मकान, दुकान इत्यादि का निर्माण कराया गया और कितने रकबे पर करायी गई है। उक्त भूमियों का स्वामित्व मकान निर्माणकर्ता को कब और किसके आदेश के तहत दी गई है। तथा कितनें भवन व दुकान भूमि के स्वामित्व के बगैर शासन की भूमि पर निर्मित हैं। (ग) क्या उक्त प्रश्नांकित क्षेत्र पर मध्यप्रदेश शासन की बेश कीमती भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध तरीके से भवन इत्यादि का निर्माण पाया जाता है तो निर्माण हटानें की कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिवगन विभाग के शुल्क में अनियमितता
[परिवहन]
100. ( क्र. 1961 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वर्तमान में कृषि कार्य में उपयोग आने वाले ट्रैक्टर पर भी अंतरण कर लगाया है? क्या ट्रैक्टर म. प्र कराधान अधिनियम की धारा 11 (२) के अन्तर्गत कर मुक्त है यदि हाँ, तो अंतरण कर ट्रैक्टर पर लगाने के क्या कारण है? (ख) क्या वर्तमान में परिवहन टेक्स ऑनलाईन जमा करते समय कोई त्रुटि हो जाती है तो उसका सुधार नहीं किया जाता, तथा पुन: टैक्स व फीस जमा करानी पड़ती है यदि हाँ, तो क्यों? उज्जैन, इंदौर संभाग में प्रश्न दिनांक तक इस तरह की कितनी शिकायत किस-किस व्यक्ति द्वारा की गई, विभाग द्वारा कितनों की राशि लौटाई गयी? क्या विभाग द्वारा चेंज रिक्वेस्ट की सुविधा पुन: प्रदान की जायेगी? (ग) क्या ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क में 4 गुना वृद्धि तथा विलम्ब शुल्क १०० के स्थान पर १००० रु. किया गया है यदि "हां" तो आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें, क्या विभाग इतनी वृद्धि को न्याय संगत मानता है इसकी समीक्षा कब-कब की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) से संदर्भित शुल्क कम करने की विभाग की कोई कार्यवाही प्रचलन में है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम की धारा 11 (2) के अंतर्गत कृषि कार्य के लिये उपयोग में आने वाले ट्रैक्टर मोटरयान कर से मुक्त है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) परिवहन विभाग में पंजीकृत वाहनों के वाहन स्वामी द्वारा वाहन का कर ऑनलाईन जमा करने में किसी प्रकार की त्रुटि हो जाती है तो कराधान अधिकारी द्वारा नियमानुसार आदेश पारित कर यदि कर उसी वाहन से संबंधित है तो कर को समायोजित करने के आदेश किये जाते हैं एवं अन्य वाहन से संबंधित त्रुटि है तो कर वापसी करने का प्रावधान म.प्र.मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा (14) में विहित है। उज्जैन संभाग अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक ऑनलाईन टैक्स जमा होने वाली त्रुटियों के सुधार हेतु कुल 31 प्रकरण प्राप्त हुये जिन्हें नियमानुसार निराकृत किया गया, इनमें से रूपये 88805/-की राशि वापस की गई। इंदौर संभाग अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक ऑनलाईन टैक्स जमा होने वाली त्रुटियों के सुधार हेतु कुल 110 प्रकरण प्राप्त हुये इनमें से 24 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है,शेष 86 प्रकरणों पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में हैं। 01 प्रकरण में परीक्षण उपरांत रूपये 39000/-की राशि वापस की गई। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उपरोक्तानुसार त्रुटिपूर्ण कर जमा होने पर सुधार एवं वापसी की व्यवस्था प्रचलित है,ऐसी स्थिति में पुनः प्रारंभ किये जाने की स्थिति नहीं हैं। (ग) राज मार्ग एवं भूतल परिवहन मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा दिनांक 29.12.2016 को राजपत्र में प्रकाशन करते हुये केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 32 एवं 81 में संशोधन करते हुये नवीन शुल्क की दरे लागू की गई है। लर्निंग ड्रायविंग लाइसेंस के हेतु प्रत्येक वर्ग के लिये 40/- रूपये के स्थान पर 200/- रूपये एवं स्थाई लायसेंस हेतु प्रत्येक वर्ग के लिये 250/- के स्थान पर 700/- रूपये दरे लागू की गई है। इसी प्रकार ड्रायविंग लायसेंस का समय पर नवीनीकरण नहीं कराने पर विलंब शुल्क रूपये 1000/- राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 29.12.2016 से लागू किया गया है। राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। केंद्र सरकार से संबंधित होने के कारण समीक्षा नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र सरकार से संबंधित होने के कारण कोई कार्यवाही राज्य शासन स्तर पर अपेक्षित नहीं है।
मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाओं की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 1964 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह की हटा विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजना की कितनी नल-जल योजनाएं संचालित है? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजना का कार्य कब, किस कार्य एजेंसी से कितनी राशि से कराया गया था? क्या सभी योजनाएं चालू स्थिति में हैं? जो योजनाएं बन्द हैं उन योजनाओं को चालू कराने की क्या रूपरेखा बनाई? (ग) हटा विधान सभा क्षेत्र की 75% नल-जल योजनाएं बन्द हैं, क्या इसका निरीक्षण कराया जाकर दोषी अधिकारियों पर वसूली की कार्यवाही तय की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? 75% बन्द नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुख्यमंत्री पेय-जल योजना नाम से 11 योजनाएं संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। ’’नल से जल आज और कल’’ कार्यक्रम के अंतर्गत बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। बंद नल-जल योजनाओं का निरीक्षण कराया गया है। बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत निर्मित बंद नल-जल योजनाओं के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
खराब हैण्डपम्पों का सुधार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 1989 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 1 जनवरी 2017 की स्थिति में किस-किस पंचायत में कितने-कितने हैण्डपम्प लगे हैं, जिनमें से कितने हैण्डपम्प किस-किस कारण से खराब हैं? उनको किस कारण नहीं सुधारा जा रहा है? प्रत्येक पंचायत, गांव, मजरा, टोला वाईज प्रत्येक खराब हैण्डपम्प के स्थानवार जानकारी दें। (ख) क्या खराब हैण्डपम्पों को सुधारने हेतु सामान भोपाल से उपलब्ध कराने पर रोक है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों रोक लगाई गई है? कारण सहित स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो हैण्डपम्पों को सुधारा क्यों नहीं जा रहा? (ग) क्या ऐसे दोषी यंत्रियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। सुधार योग्य हैण्डपम्पों को नियमित संधारण प्रक्रिया के तहत सुधारा जा रहा है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिक्य कर में कटौती करना
[परिवहन]
103. ( क्र. 2005 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 10 जनवरी, 2017 राज्य में उपयोग के लिये पंजीकृत प्रत्येक मोटरयान पर अंतरण, हरित व अन्य करों में अत्यधिक वृद्धि अन्य राज्यों से कम या अधिक है, तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ख) उक्त पंजीकृत वाहन स्वामित्वों में हो रही परेशानियों/विसंगतियों को दूर किये जाने हेतु राज्य शासन पुन: विचार करेगा? हाँ, तो जनहित में उक्त निर्णय कब तक लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित करों में कटौती जनहित में की जायेगी? यदि हाँ, तो विवरण बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त करों से राज्य शासन को कितनी आय अधिक होगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) अधिनियम 2016 जो कि दिनांक 10-01-2017 से प्रभावी हो चुका है, के द्वारा प्रथम बार हरित एवं अंतरण कर अधिरोपित किये गये हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार हरित कर अन्य राज्य जैसे कर्नाटक, आन्धप्रदेश, उत्तराखण्ड, तमिलनाडू, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र एवं अंतरण कर गुजरात, राजस्थान आदि में पूर्व से ही अधिरोपित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। औसतन संशोधित मोटरवाहन कर अन्य राज्यों में प्रचलित मोटरवाहन करों की दरों के लगभग समान है। (ख) पंजीकृत वाहन स्वामियों को कोई परेशानी/विसंगति की बात सामने नहीं आई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कर की दरों में कोई कटौती किया जाना प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रतिवर्ष लगभग रूपये 130 करोड़।
पायलेट प्रोजेक्ट कार्य योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
104. ( क्र. 2023 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल अतिदोहित होने के कारण प्रदेश की दो तहसीलों को विगत वर्षों में केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट कार्य योजना बना कर जल संवर्धन एवं जल संरक्षण किये जाने हेतु बजट स्वीकृत कर प्रारंभिक कार्यों की शुरूआत की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश की किन तहसीलों को इसमें चिन्हित कर सम्मिलित किया तथा किस वर्ष में सम्मिलित कर इस हेतु कितना बजट स्वीकृत एवं प्रावधानित कर अब तक क्या-क्या कार्य किये गये? उन पर कितना व्यय हुआ? (ग) प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृत किस दिनांक को दी जाकर इस प्रोजेक्ट को पूर्ण किये जाने हेतु कितनी समयावधि निश्चित की गई एवं प्रोजेक्ट स्वीकृति दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या किया गया? (घ) क्या चिन्हित दोनों तहसीलें जल अतिदोहित होकर जल स्तर भी भूमि के काफी नीचे जा चुका है इससे जल संकट एवं सूखे की स्थिति बनती जा रही है, तो प्रोजेक्ट कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी, हाँ। (ख) रतलाम जिले की तहसील पिपलौदा एवं सतना जिले की तहसील रामपुर बघेलान। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (घ) प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रस्तावित कार्य विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर करवाये जा रहे हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
सुखेडा उपमंडी भूमि आवंटन/स्वीकृति
[राजस्व]
105. ( क्र. 2024 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुखेडा में उपमंडी प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/कृषि विभाग द्वारा स्वीकृति दी जाकर उपमंडी की भूमि हेतु कृषि उपज मंडी समिति जावरा द्वारा भू-भाटक की राशि जमा कर समस्त औपचारिकताएं मंडी बोर्ड द्वारा पूर्ण की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर रतलाम, संभागायुक्त उज्जैन एवं मंडी बोर्ड आयुक्त सह प्रबंध संचालक भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व को कार्यवाही अग्रेषित की गई है? (ग) यदि हाँ, तो भूमि आवंटन/स्वीकृति प्रमुख सचिव राजस्व के समक्ष प्रस्तुत होकर किस दिनांक से लेकर अब तक किन-किन कारणों से विचाराधीन होकर लंबित है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी, मा. राजस्व मंत्री, मा. कृषि मंत्री, मा. प्रमुख सचिव राजस्व, मा. प्रमुख सचिव कृषि के साथ ही मा. मुख्य सचिव, म.प्र. शासन को कब-कब किन दिनांकों में कितने पत्रों के माध्यम से निवेदन किया गया? उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई एवं अनुमति कब दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 23-01-2017 को अंतर्विभागीय समिति द्वारा भूमि आवंटन का निर्णय लिया जाकर भूमि आवंटन के आदेश दिनांक 17.02.2017 को जारी किये गये। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग का पत्र दिनांक 15.10.2015 मान. मंत्री जी, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग का पत्र दिनांक 02.06.2016 एवं मान. विधायक का पत्र दिनांक 26.07.2016 विभाग में प्राप्त हुये। उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नल-जल योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 2040 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के कितने ग्रामों में नल-जल योजना संचालित हैं? (ख) कितनी नल-जल योजना खराब है तथा इन्हें कब तक ठीक कर लिया जावेगा? (ग) कितनी नल-जल योजना बंद है कितनी नल-जल योजनाओं की टंकी खराब है कितनी नल-जल योजनाओं के पाइप लाइन खराब है पंचायत ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (घ) उक्त योजनाओं को कब तक संचालित कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नरसिंहपुर जिले में 345 ग्रामों में नल-जल योजनाएं संचालित हैं। (ख) 104 नल-जल प्रदाय योजनाएं विभिन्न कारणों से खराब/बंद हैं, जिन्हें सुधार कर चालू करने की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) 104 नल-जल प्रदाय योजनाएं बंद हैं। 08 नल-जल योजनाओं की उच्च स्तरीय टंकियां खराब है, तथा 83 नल-जल प्रदाय योजनाओं की पाइप लाइन खराब है। ग्राम एवं पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘‘ख’’ अनुसार।
श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं
[श्रम]
107. ( क्र. 2041 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा श्रमिकों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) विभाग में कितने श्रमिक चिन्हित हैं? (ग) जिले में श्रम विभाग द्वारा कितने रेनबसेरा एवं भवन बनाये गये हैं? इनकी बिन्दुवार स्थानों की जानकारी प्रदान करें? (घ) रेन बसेरों को संचालित करने एवं श्रमिकों को विश्राम के लिए कौन सी योजनाएं लागू हैं? श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं दवाईयों के लिए कोई योजना संचालित हैं तो जानकारी प्रदान करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत प्रदेश में माह जनवरी, 2017 की स्थिति में कुल 2511060/- (पच्चीस लाख ग्यारह हजार साठ) निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। (ग) नरसिंहपुर जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत नगर परिषद् तेन्दुखेड़ा एवं सांईखेड़ा में रैन बसेरा का निर्माण प्रस्तावित है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के द्वारा रैन बसेरों को संचालित करने एवं श्रमिकों को विश्राम के लिए निर्माण रैन बसेरा योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत निर्माण श्रमिक अथवा उनके आश्रित सदस्य द्वारा एक बार में अधिकतम सात दिवस तक तथा एक माह में अधिकतम 15 दिवस हेतु रैन बसेरा का उपयोग रात्रि विश्राम हेतु किया जा सकेगा। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक के बच्चों को पढ़ाई-लिखाई हेतु शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरूस्कार योजना, सुपर-5000 (कक्षा-10) योजना, सुपर-5000 (कक्षा-12) योजना व्यवसायिक पाठ्यक्रम हेतु अध्ययन अनुदान योजना, राज्य लोकसेवा आयोग एवं संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पर पुरूस्कार योजना, व्यवसायिक (यू.जी./पी.जी.) पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग हेतु अनुदान योजना एवं चिकित्सा के लिए चिकित्सा सहायता/दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता योजना संचालित की जाती है।
अवर्षा के कारण सूखे प्रभावित जिले और तहसील
[राजस्व]
108. ( क्र. 2046 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष अवर्षा के कारण प्रदेश के जिले और तहसीलें सूखा प्रभावित घोषित की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन से जिले व तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित हुईं? (ख) क्या अनूपपुर जिले और उसके अंतर्गत आने वाली तहसीलों को भी सूखाग्रस्त घोषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त जिले में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने व पेय-जल की व्यवस्था कराते हुये कितनी राशि उक्त जिले को प्रदाय की गई व जिले द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या सूखे के बावजूद जिले में सूखा राहत कार्य प्रारंभ नहीं होने से लाखों युवा रोजगार की तलाश में जिले व प्रदेश से पलायन कर गये हैं? यदि नहीं, तो शासन द्वारा उक्त जिले में सूखा राहत कार्यों के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि के राहत कार्य स्वीकृत कर लोगों को रोजगार प्रदाय किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। (ख) जी हाँ। अनूपपुर जिले की सभी तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। जिलों में मनरेगा योजनान्तर्गत 150 दिवस का रोजगार दिये जाने का प्रावधान किया जाकर रोजगार प्रदाय किया गया। जिले को पेय-जल परिवहन हेतु रूपये 1.60 करोड़ का आवंटन प्रदाय किया गया। जिले द्वारा राशि रूपये 1.08 करोड़ पेय-जल परिवहन हेतु व्यय की गई। पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में भी 150 दिवस का रोजगार मनरेगा के तहत दिलाये गये एवं पेय-जल परिवहन हेतु राशि रूपये 37,21,786/- उपलब्ध कराये गये। (ग) जी नहीं, सूखे कि समस्या के दृष्टिगत रखते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के अंतर्गत अधिक से अधिक मानव दिवस निर्मित करने व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर से 100 के स्थान पर 150 मानव दिवस सृजन के तह्त 21097 रोजगार मूलक कार्य खोले गये। जिनमें 34.18 लाख मानव दिवस सृजित हुये, जिसमें राशि 5365.92 लाख (तिरेपन करोड़ पैंसठ लाख बानवे हजार मात्र) व्यय की जाकर लोगों को रोजगार प्रदाय किया गया। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है।
नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
109. ( क्र. 2047 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत वित्तीय वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं इनके नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किन-किन के द्वारा किया गया तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत नामांतरण/बंटवारा/सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण शासन द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं किया गया? यदि हाँ, तो निर्धारित अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांकित वर्णित अवधि में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन प्रश्न दिनांक की स्थिति में निराकरण हेतु लंबित थे? इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस चौकी प्रारंभ किया जाना
[गृह]
110. ( क्र. 2051 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना उमरेठ के अंतर्गत लगभग 120 गांव आते हैं और उमरेठ थाने से ग्राम कन्हरगांव की दूरी अत्याधिक होने के कारण आवश्यकता पड़ने पर या अप्रिय घटना घटने पर उमरेठ थाना से पुलिस प्रशासन को ग्राम कन्हरगांव पहुँचने में काफी विलंब होता है? अगर हाँ तो क्या ऐसी परिस्थितियों में ग्राम कन्हरगांव में पुलिस चौकी प्रारंभ किया जाना आवश्यक नहीं है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कन्हरगांव क्षेत्र में हो रही आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाये जाने हेतु, ग्राम कन्हरगांव में पुलिस चौकी प्रारंभ किए जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक, छिंदवाड़ा को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2016/212 दिनांक 28.5.2016 एवं पुलिस महानिदेशक, भोपाल का पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2016/239 दिनांक 6.6.2016 के माध्यम से लिखा गया था? जिस पर पुलिस चौकी प्रारंभ किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत थाना उमरेठ के ग्राम कन्हरगांव में पुलिस चौकी प्रारंभ किए जाने की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। ग्रामवासियों को आवश्यकता पड़ने पर या अप्रिय घटना घटने पर थाना उमरेठ से पुलिस बल ग्राम कन्हरगांव में पहुँच जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 2061 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सीधी जिले के विधानसभा क्षेत्र धौहनी के अतंर्गत नल-जल योजना पांड ताला, छुही, गिजवार, खड़ौरा सिरौला, पथरौला, मड़वास, टिकरी, गोतरा, टमसार, भुईमाड़, कुसमी, जुरी, धूपखड़, खौड़ी, गंजरी एवं बकवा की नल-जल व्यवस्था पूर्णत: बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बंद पड़े नल-जल योजनाओं को मरम्मत एवं संधारण कार्य कराकर पुन: संचालित करने हेतु विभागीय स्तर पर क्या कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो बंद पड़े नल-जल योजनाओं को पुन: कब तक चालू कर दिया जावेगा? (ग) सीधी/सिंगरौली जिले के अतंर्गत विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में कितने मुख्यमंत्री पेय-जल योजना स्वीकृत हैं? स्वीकृत मुख्यमंत्री पेय-जल योजना में कितने पूर्ण हैं एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण एवं बंद पड़े मुख्यमंत्री पेय-जल योजना का संधारण/ मरम्मत कराकर के पुन: चालू करा दिया जावेगा? (घ) सीधी/सिंगरौली जिले के विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अतंर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने हैण्डपम्प उत्खनन की स्वीकृति दी गई थी? कितने हैण्डपम्प का उत्खनन का कार्य पूर्ण करा लिया गया है एवं कितने का उत्खन्न अभी शेष है? क्या शासन स्तर से हैण्डपम्प उत्खनन में रोक लगी है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो उत्खनन कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांक (क) के संदर्भ में बंद नल-जल याजनाओं को ’’नल से जल आज और कल’’ अभियान के अंतर्गत पुनः चालू करने की योजना है। बंद नल-जल योजनाओं में से अधिक से अधिक योजनाओं को जून 2017 तक चालू करने के प्रयास किये जायेंगे परंतु निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ग) सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी एवं मझौली में क्रमशः 10 एवं 13 तथा सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर में 27 मुख्यमंत्री पेय-जल योजनाएं स्वीकृत होकर सभी पूर्ण हैं। बंद नल-जल योजनाओं को पुनः चालू किया जावेगा। (घ) सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी एवं मझौली में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्रमशः 194 एवं 206 हैण्डपम्प खनन की स्वीकृति दी गई तथा सभी कार्य पूर्ण कराये गये हैं तथा सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर में वर्ष 2014-15 में शून्य स्वीकृति एवं वर्ष 2015-16 में 25 नलकूपों की स्वीकृति दी जाकर सभी कार्य पूर्ण कराये गये। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी की स्थापना/उन्नयन
[गृह]
112. ( क्र. 2062 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले की तहसील मझौली के अतंर्गत ग्राम टिकरी में एवं तहसील कुसमी के अतंर्गत ग्राम डेवा चिनगवाह में पुलिस चौकी स्थापित किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उक्त स्थानों में कब तक पुलिस चौकी की स्थापना कर दी जावेगी? (ख) सीधी जिले की तहसील मझौली अतंर्गत स्थित पुलिस चौकी मड़वास को उन्नयन कर पुलिस थाना बनाये जाने का प्रस्ताव है क्या? यदि हाँ, तो कब तक उन्नयन कर दिया जावेगा? (ग) सीधी जिले के अतंर्गत पुलिस चौकी मड़वास एवं पुलिस थाना भुईमाड़ के लिये स्वयं का भवन नहीं यदि हाँ, तो भवन निर्माण हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? यदि स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, तो जानकारी देवें? (घ) सिंगरौली जिले के तहसील सरई के अतंर्गत स्थित पुलिस चौकी निवास को पुलिस थाना के रूप में उन्नयन करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक उन्नयन कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (ख) प्राप्त प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये ने के कारण अमान्य किया गया। (ग) जी हाँ। पुलिस थाना भुईमाड़ का प्रस्ताव पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना वर्ष 2014-15 के अंतर्गत थाना का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जो अंतिम चरण में है। चौकी मड़वास का निर्माण आगामी निर्माण योजना में सम्मिलित किया जावेगा। (घ) जी हाँ। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया।
उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
113. ( क्र. 2080 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ऐसे कितने परिवार व सदस्य पात्र हैं जिन्हें उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न वितरण किया जाता है? क्या उचित मूल्य की दुकानवार परिवार का मुखिया व सदस्य संख्या की जानकारी विभागीय वेबसाईड पर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है? (ख) पात्र परिवारों को खाद्यान्न वितरण हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रत्येक माह कितने खाद्यान्न की आवश्यकता थी तथा कितना खाद्यान्न का आवंटन प्राप्त हुआ है? माहवार जानकारी दें? (ग) क्या पात्र परिवारों व सदस्यों को खाद्यान्न वितरण हेतु पर्याप्त आवंटन प्राप्त होता है? यदि हाँ, तो बहुत से पात्र परिवार व सदस्य खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित क्यों हो जाते हैं? इसके निरीक्षण की क्या व्यवस्था है? (घ) खाद्यान्न वितरण में अनियमिता के लिए कौन-कौन दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है व की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) शहडोल जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत माह फरवरी, 2017 की स्थिति में 2,13,424 पात्र परिवारों के 8,65,640 सदस्यों को उचित मूल्य दुकानों से खाद्यान्न का वितरण हेतु आवंटन जारी किया गया है। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शहडोल जिले में पात्रता पर्चीधारी (ई-राशनकार्ड) परिवारों के लिए पात्रतानुसार पर्याप्त राशन सामग्री का आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। उचित मूल्य दुकानों से राशन सामग्री के वितरण की जाँच खाद्य, राजस्व एवं सहकारिता विभाग के अमले द्वारा करने की व्यवस्था है। (घ) शहडोल जिले में प्रश्नांकित अवधि में खाद्यान्न वितरण में अनियमितता का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
पशुओं के पोस्टमार्टम की व्यवस्था
[पशुपालन]
114. ( क्र. 2086 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मृत पशुओं के पोस्टमार्टम की क्या व्यवस्था है? क्या पशुओं का पोस्टमार्टम खुले मैदान में किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या यह न्यायोचित है? (ख) क्या खुले मैदान में पोस्टमार्टम करने से संक्रमण फैलने की आशंका होती है? यदि हाँ, तो संक्रमण के रोकथाम की क्या व्यवस्था है? (ग) क्या पशुओं के पोस्टमार्टम हेतु शासन द्वारा पी.एम. रूम बनाए जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रदेश में मृत पशुओं का पोस्टमार्टम पशुचिकित्सों द्वारा उपयुक्त रूप से प्रकाशयुक्त स्थान पर किसी भी एकांत स्थान पर या मालिक के परिसर में या आस-पास के उपयुक्त स्थान पर किया जाता है। मृत पशुओं के पोस्टमार्टम एवं उसके उपरांत पशु शव का निपटारा एवं स्थल को संक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित “पशुओं में संक्रामक और संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण (टीकाकरण प्रमाण पत्र का प्रपत्र, पोस्टमार्टम परीक्षण तथा पशु शव के निपटारे की प्रक्रिया)” नियम 2010 अनुसार है। (ख) जी हाँ। किन्तु संक्रमण की रोकथाम हेतु मृत पशुओं के पोस्टमार्टम एवं उसके उपरांत पशु शव का निपटारा एवं स्थल को संक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित “पशुओं में संक्रामक और संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण (टीकाकरण प्रमाण पत्र का प्रपत्र, पोस्टमार्टम परीक्षण तथा पशु शव के निपटारे की प्रक्रिया)” नियम 2010 अनुसार की जाती है। (ग) जी नहीं। मृत पशुओं के पोस्टमार्टम एवं उसके उपरांत पशु शव का निपटारा एवं स्थल को संक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित “पशुओं में संक्रामक और संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण (टीकाकरण प्रमाण पत्र का प्रपत्र, पोस्टमार्टम परीक्षण तथा पशु शव के निपटारे की प्रक्रिया)” नियम 2010 अनुसार किया जाता है।
आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासियों का कब्जा
[राजस्व]
115. ( क्र. 2152 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार, सरदारपुर एवं गंधवानी तहसील के कितने आदिवासियों की जमीन पर कितने गैर आदिवासी लोगों ने कब्जा कर रखा है? कब्जाधारियों के नाम एवं पता की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन ने कब्जाधारियों के विरूद्ध कितने प्रकरण दर्ज किये हैं? यदि नहीं, तो क्यों इसके लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने आदिवासियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक वापस दिलाया गया है? यदि नहीं, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़े झाड़-छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन
[राजस्व]
116. ( क्र. 2157 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़े झाड़ छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में सर्वोच्च अदालत ने सिविल या.क्र. 202/95 में 12 दिसं. 1996 आई.ए. क्र.792-792 में दि. 1 अगस्त 2003 एवं ग्वालियर उच्च न्यायालय ने या.क्र. 1413/2002 में दि. 8 सित. 2006 को क्या आदेश दिया है? इन आदेशों में नारंगी भूमि सर्वे या नारंगी वनखण्डों में शामिल करने की क्या-क्या छूट या अधिकार किसे दिया है? (ख) बड़े झाड़ छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में मुख्य सचिव ने 24 दिसम्बर 2014 एवं प्रमुख सचिव वन ने दिनांक 13 फरवरी 2015 को क्या आदेश दिये?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों का नियंत्रण एवं प्रबंधन
[राजस्व]
117. ( क्र. 2158 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाए गए निस्तार पत्रक की प्रति एवं निस्तार पत्रक में दर्ज संसाधनों का अधिकार, प्रबंधन एवं नियंत्रण संबंधित पंचायती राज व्यवस्था को सौंपे जाने का क्या प्रावधान है? इस संबंध में शासन ने किस दिनांक को पत्र जारी किया, प्रति सहित बतावें? (ख) होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक की प्रति एवं कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज कितनी जमीनों का अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपा जाना शेष है, कितने ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को निस्तार पत्र की प्रति सौंप दी है? तहसीलवार बतायें। (ग) निस्तार पत्रक की प्रति सौंपे जाने एवं निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों का प्रबंधन, नियंत्रण एवं अधिकार सौंपे जाने की कार्यवाही कब तक पूरी की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
118. ( क्र. 2200 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभाओं में 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक शीतलहर/पाला/ओला पड़ने संबंधी जानकारी शासन को है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के कितने पटवारी हल्कों में शीतलहर/पाला/ओलावृष्टि का प्रकोप हुआ है? पटवारी हल्के व उनमें आने वाले ग्रामों का नाम बताते हुये जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में सर्वे किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया तथा कितने किसानों का कितना-कितना नुकसान का आंकलन करा तथा कितने किसानों को मुआवज़ा दिया गया? अगर मुआवज़ा नहीं दिया गया तो शासन किसानों को कब तक मुआवज़ा राशि देगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नरसिंहगढ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में शीतलहर से प्रभावित फसल क्षति का सर्वे गठित टीम के द्वारा किया गया है, सर्वे दल में पटवारी, आर.ए. ई. ओ. कृषि विभाग, रोजगार सहायक, उदयान विकास अधिकारी को सम्मिलित किया गया था। पटवारी हल्का ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सर्वेक्षण में प्रभावित पटवारी हल्का के ग्रामों में फसल क्षति 25 प्रतिशत से कम पाये जाने के कारण प्रभावित ग्रामों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के परिशिष्ट 1 (एक) फसल हानि के लिये आर्थिक सहायता के मानदण्ड अनुसार कोई मुआवजा राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
म.प्र. परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति
[परिवहन]
119. ( क्र. 2201 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. परिवहन विभाग में कुल कितने जिला परिवहन अधिकारी हैं? क्या परिवहन विभाग में अन्य शासकीय विभाग से प्रतिनियुक्ति पर पद स्थापना करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक अन्य शासकीय विभाग से कितने अधिकारी/कर्मचारी परिवहन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर गये हैं? मूल विभाग का नाम दर्शाते हुये अधिकारी/कर्मचारी के पद सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार उपलब्ध जानकारी, क्या प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध शासकीय नियमानुसार है? (घ) प्रश्न की कंडिका (क), (ख), (ग) के आधार पर क्या कोई अनियमितता हुई है? हाँ तो क्या जानकारी दें। क्या शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश में कुल 51 जिले हैं, जिनमें कार्यालय प्रमुख के रूप में जिला परिवहन अधिकारी पदस्थ हैं। म.प्र. परिवहन विभाग (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2011 अनुसूची 1 नियम-4 व अनुसूची 2 नियम-6 के अनुसार विभिन्न संवर्गों के पद स्वीकृत हैं। तद्नुरूप अनुसूची 1 एवं 2 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संभागीय उप परिवहन आयुक्त के कुल 12 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 09 पद विभागीय तथा 03 पद प्रतिनियुक्ति के हैं। इसी प्रकार क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के 03 पद मध्यप्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा डिप्टी कलेक्टर संवर्ग के अधिकारियों को सामान्य प्रशासन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लिया जाना प्रावधानित है (ख) 01.04.2016 के पश्चात् कोई भी अधिकारी/कर्मचारी विभाग में प्रतिनियुक्ति पर नहीं लिया गया है। इस अवधि से पूर्व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर श्री अश्वनी रावत राज्य प्रशासनिक सेवा को प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है। (ग) विभागीय भर्ती नियमों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर लिया जाना प्रावधानित है। (घ) प्रश्न की कंडिका (क), (ख), (ग) के आधार पर कोई अनियमितता नहीं हुई है। भर्ती नियमों के प्रावधानों के अनुसार प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है।
जेल में बंदियों द्वारा निर्मित सामग्री
[जेल]
120. ( क्र. 2221 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की जेलों में बंदियों को उनकी कार्य कुशलता के अनुसार विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण की व्यवस्था है ? यदि हां तो केन्द्रीय जेल सागर में किन-किन ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है ? (ख) क्या प्रशिक्षित बंदियों द्वारा सामग्री का निर्माण किया जाता है ? यदि हां तो कौन-कौन सी सामग्री का निर्माण कराया जाता है ? क्या वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक बंदियों द्वारा निर्मित सामग्री के विक्रय से प्राप्त हुई आय का वितरण बंदियों के परिवारों को किया गया है ? यदि हां तो कितनी राशि, बंदियों के परिजनों की दी गयी है ? क्या राशि का भुगतान ऑन लाइन सिस्टम द्वारा किया गया है ? (ग) क्या निर्मित सामग्री का उचित मूल्य पर विक्रय कराने हेतु विभिन्न शहरों में विक्रय केन्द्र स्थापित कराये जाने की योजना है ? यदि हां, तो कितने और कहां-कहां ? क्या शासन जेलों में बंदियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प आदि सामग्री को शासकीय कार्यालयों में क्रय करने के लिए बाध्यकारी आदेश देगा ? यदि नहीं तो क्यों ?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। केन्द्रीय जेल सागर में सिलाई, बुनाई, स्क्रीन प्रिंटिंग, बढ़ई तथा लौहारी ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ। बंदियों से फर्श, आसन दरी, गोना पट्टी, चादर, कालीन, टॉवेल, लकड़ी का फर्नीचर, हवाई चप्पल, स्टेश्नरी सामग्री, फिनाइल, कंबल निर्माण, लोहा फर्नीचर, थाली गिलास, कटोरी, बंदी वस्त्र आदि का निर्माण कराया जाता है। बंदियों द्वारा निर्मित सामग्री के विक्रय से प्राप्त हुई आय का वितरण बंदियों के परिजनों को किये जाने का जेल नियम में प्रावधान नहीं है। अत: बंदियों के परिजनों को राशि भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विक्रय केन्द्र स्थापित कराये जाने की कोई योजना नहीं है। वर्तमान में केन्द्रीय जेल भोपाल, ग्वालियर एवं सागर जेल परिसर में बंदियों द्वारा निर्मित सामग्री विक्रय की जाती है। मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 के नियम, 27 (1) में पूर्व से बंदियों द्वारा उत्पादित सामग्री को बिना निविदा बुलाए विभिन्न विभागों को क्रय का प्रावधान है। अत: शासकीय कार्यालयों में क्रय करने के बाध्यकारी आदेश देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अविवादित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
121. ( क्र. 2240 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्रमांक-1816 दिनांक-22/07/2016 के उत्तर की एकत्रित जानकारी क्या है? बतायें। (ख) नामांतरण, बंटवारा एवं सीमाकंन के अविवादित प्रकरणों के आवेदनों पर कितने-कितने दिनों में कार्यवाही पूर्ण करने के क्या-क्या नियम लागू है? उक्त प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निराकरण न करने पर, किस अधिनियम के तहत, क्या कार्यवाही किस शासकीय सेवक पर की जाती है? (ग) प्रश्नांश ''क'' की जानकारी के साथ ही प्र.क्र. 1058, 22.7.15 के तारतम्य में अविवादित राजस्व प्रकरणों के आवेदनों पर नियत समयावधि में कार्यवाही पूर्ण न करने के जिम्मेदार शासकीय सेवकों पर अब तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के स्पष्ट उल्लंघनों पर, अपीलीय अधिकारियों द्वारा इन प्रकरणों में स्व-प्रेरणा से कार्यवाही न करने का कारण बतायें एवं क्या अधिनियम के प्रावधानों, शासनादेशों का उल्लघंन करने कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नलकूप/हैण्डपम्पों का खनन एवं संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
122. ( क्र. 2241 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विधायक विकास निधि से नलकूप खनन हेतु कार्यपालन यंत्री, पी.एच.ई. कटनी को प्रेषित पत्र दिनांक 24/09/2016, 03/10/2016 एवं 17/10/2016 में अनुशंसित कार्य अब तक पूर्ण न होने एवं कार्य हेतु राशि का आवंटन प्राप्त न होने का कारण तथा विभाग/कार्यालय द्वारा राशि प्राप्त करने हेतु की गई कार्यवाही का विवरण और उपरोक्त कार्य किस प्रकार एवं कब तक कराये जायेंगे? (ख) मुडवारा विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2013-14 से अब तक, कितने नवीन हैण्डपम्प खनन, किस-किस योजना में, किन-किन स्थान हेतु स्वीकृत हुये? बोर का खनन कब-कब किया गया? कितने बोर सफल रहे और कितने बोर असफल तथा सफल रहे बोरो में हैण्डपम्प कब-कब स्थापित किये गये? (ग) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र में स्थापित हैण्डपम्पों में वर्ष 2014-15 से अब तक मरम्मत/संधारण के कौन-कौन से कार्य, कब-कब किसके द्वारा किये गये? इसके लिये कौन-कौन सी सामग्री कब-कब क्रय की गई? सामग्री क्रय करने की अनुशंसा किन-किन के द्वारा की गई? सामग्रीवार, व्यय की गई राशि सहित बतायें। (घ) कटनी जिले में हैण्डपम्पों की सामग्री खरीदी में अनियमितताओं की कितनी शिकायतें कार्यपालन यंत्री को दिसम्बर 2016 से आज दिनांक तक प्राप्त हुई एवं इन पर क्या कार्यवाही हुई? बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री (सुश्री कुसुम सिंह महदेले) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) स्थापित हैण्डपम्पों में वर्ष 2014-15 से अब तक मरम्मत/संधारण के लघु सुधार तथा वृहद सुधार के कार्य विभागीय हैण्डपम्प मैकेनिकों एवं सहायक अमले द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया। कार्यपालन यंत्री की मांग पर अधीक्षण यंत्री एवं मुख्य अभियन्ता द्वारा अनुशंसा करने पर जिले हेतु हैण्डपम्प संधारण की सामग्री क्रय की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) एक शिकायत प्रश्नांकित अवधि में कार्यपालन यंत्री कटनी को प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच प्रक्रियाधीन है।
बिना टैक्स लिए एन.ओ.सी. जारी करना
[परिवहन]
123. ( क्र. 2247 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14,2014-15 तथा 2015-16 की अवधि में जिला परिवहन कार्यालय बालाघाट द्वारा मोटर मालिकों पर बकाया टैक्स की जानकारी वर्षवार मोटर मालिकों के नाम सहित दें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में वाहन बेचने अथवा नया परमिट जारी करते समय कोई टैक्स बकाया न होने संबंधी कितने अनापत्ति प्रमाण पत्र किस-किस मोटर मालिक को जारी किए गए वर्षवार मोटर मालिकों के नाम सहित जानकारी दें? (ग) क्या यह सही है कि टैक्स बकाया होते हुऐ भी मोटर मालिकों को वाहन बेचने अथवा नया परमिट जारी करने हेतु बिना टैक्स लिए एन.ओ.सी. जारी कर शासन को लाखों रूपये का चुना लगाया गया? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूध्द क्या कार्यवाही की गयी अथवा की जाएगी? (घ) किन-किन मोटर मालिकों के खिलाफ EOW की जाँच चल रही है? जाँच रिपोर्ट सहित जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 में जिला परिवहन कार्यालय बालाघाट के मोटर मालिकों पर बकाया टैक्स की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में वाहन बेचने अथवा नया परमिट जारी करते समय कोई टैक्स बकाया न होने संबंधी वर्षवार जानकारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) यह सही नहीं है कि टैक्स बकाया होते हुऐ भी मोटर मालिकों को वाहन बेचने अथवा नया परमिट जारी करने हेतु बिना टैक्स लिए एन.ओ.सी जारी की गई है। (घ) बालाघाट जिले के अंतर्गत मोटर मालिक श्रीमती सीतादेवी मंगे के खिलाफ ई.ओ.डबल्यू की जाँच चल रही है, जिसकी जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालाघाट के द्वारा की जा रही है। कार्यालय द्वारा जारी पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
लीज पर दी गई भूमि की शर्तें
[राजस्व]
124. ( क्र. 2258 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के अंतर्गत नगर पालिका परिषद् छतरपुर, नौगांव, महाराजपुर, नगर परिषद् राजनगर, खजुराहो में कितनी शासकीय भूमि है? शासकीय कुल भूमि का कितने-कितने भाग पर क्या-क्या उपयोग किया जा रहा है? क्षेत्रफल, खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) नगर पालिका परिषद् छतरपुर में राज्य शासन द्वारा जिला मुख्यालय में बी.एड. कॉलेज के बाजू में शासकीय भूर्मि सर्वे नं. 3184/4 कुल रकबा 8.86 बंजर में से 45x35=1575 वर्गफिट राजस्व प्रकरण क्र. 2/ए-20-1/86-87 मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल के आदेश क्र. ए-6-171/सात/सा 2बी/88, दिनांक 19.09.1988 के अनुसार पार्टी कार्यालय हेतु भूमि आरक्षित की गई थी? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासकीय लीज़ से संबंधित शर्तों का उल्लंघन करते हुए पार्टी कार्यालय का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है, क्या नियमानुसार है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या नियमों के विपरीत होने के कारण लीज़ निरस्त करने की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करना
[राजस्व]
125. ( क्र. 2259 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के क्षेत्रांतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 1958 के बंदोबस्त के अभिलेखों के आधार पर कितने तालाब हैं? कितने तालाब शासकीय हैं? कितने तालाब निजी हैं? पृथक-पृथक जानकारी दें? इन तालाबों का खसरा नं. एवं रकबा भी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में भू-अभिलेख में दर्ज शासकीय तालाबों में किस-किस अतिक्रमणकर्ता द्वारा कब-कब तथा कितने-कितने रकबे में अतिक्रमण किया गया है? (ग) नगर चन्दला (दुर्गा मंदिर तलैया) शासकीय अस्पताल के पास शासकीय तालाब में किस-किस अतिक्रमणकर्ता द्वारा कितनी-कितनी आराजी पर अवैध कब्जा कर लिया गया है? नामवार, खसरावार एवं रकबावार जानकारी दें? क्या किये गये अतिक्रमण को अतिक्रमण मुक्त करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) सही है तो शासन कब तक इन शासकीय तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा लेगा? यदि इनका आवंटन निजी व्यक्तियों को कर दिया गया है, तो आवंटित करने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेय-जल समस्या का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
126. ( क्र. 2289 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विगत 3 वर्ष पूर्व से वर्तमान वर्ष २०१६-१७ तक कब-कब पेय-जल टंकी का निर्माण एवं पेय-जल पाइप लाइन विस्तार का कार्य स्वीकृत हुआ? (ख) उक्त स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रारंभ होकर पूर्ण हुए एवं कितने कार्य वर्तमान में भी अप्रारम्भ एवं अपूर्ण हैं? कार्य प्रारंभ करने की दिनांक बतावें। अपूर्ण कार्य वर्तमान तक किस कारण से अपूर्ण हैं? (ग) अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा, कृपया कारण सहित ग्रामवार एवं कार्यवार जानकारी दी जावे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 3 योजनाओं के समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 1 योजनांतर्गत विद्युत संयोजन को छोड़कर अन्य समस्त प्रस्तावित कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। उपलब्ध विद्युत ट्रांसफार्मर से कनेक्शन प्राप्त नहीं हो सका। अतः पृथक ट्रांसफार्मर स्थापना व विद्युत कनेक्शन हेतु निविदा आमंत्रित की जा रही है। (ग) विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापना कार्य व विद्युत कनेक्शन मार्च 2017 तक पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
काला बाजारी रोकने हेतु निरीक्षण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
127. ( क्र. 2336 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 1393 दिनांक 20/07/16 के उत्तर में परिशिष्ट में दी गई जानकारी के अनुसार अर्थदण्ड किन-किन तिथियों में जमा किया गया? (ख) क्या छतरपुर जिले में लगातार कालाबाजारी हो रही है लेकिन कागजों पर कार्यवाही हो जाती है और प्रकरण विचाराधीन रहते है? (ग) कनष्ठि आपूर्ति अधिकारियों द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक कब-कब टूर किये? (घ) राजनगर तहसील तथा लवकुशनगर तहसील अंतर्गत किन-किन ग्रामों में 2014 से प्रश्न दिनांक तक टूर किया गया तथा क्या कमियां प्राप्त हुईं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम 8 अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रकरणों में सुनवाई कर कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
ऑन-लाईन राजस्व रिकार्ड
[राजस्व]
128. ( क्र. 2395 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त भूमियों के राजस्व रिकार्ड को ऑन-लाईन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या ऑन-लाईन राजस्व रिकार्ड में किसी भी प्रकार की आंशिक गलतियां नहीं हैं? यदि हैं, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा कब तक इन गलतियों में सुधार कर लिया जावेगा? (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र एक से अधिक व्यक्तियों के नाम से ऐसे कितने कृषि भूमि खाते हैं, जनके नाम भू-अधिकार पुस्तिका में अंकित है परन्तु ऑन-लाईन खाता खसरा में सभी के नाम दर्ज नहीं है? (ग) प्रश्नांश (ख) के सम्बन्ध में जिनके नाम ऑन-लाईन खाता खसरा नकल में नहीं अंकित है उन्हें कब तक दर्ज कर दिया जावेगा तथा जिनके नाम गलती अंकित है उसमें सुधार किए जाने की क्या व्यवस्था है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ऑन-लाईन रिकार्ड में कोई त्रुटि संज्ञान में आने पर नियमानुसार त्रुटि सुधार किया जाता है। प्रश्नाधीन आंशिक गलतियों के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। राजस्व भूमियों के रिकार्ड में त्रुटि सुधार करना सतत् गतिशील प्रक्रिया है, जो निरंतर चलती रहती है। (ख) एक से अधिक व्यक्तियों के नाम से दर्ज कृषि भूमि खाते, जिनके नाम भू-अधिकार पुस्तिका में है, उन समस्त खातेदारों का नाम ऑन-लाईन खाता खसरा में दर्ज है। (ग) ऑन-लाईन खाता खसरा नकल में नाम छूटने या गलत नाम पाए जाने पर नियमानुसार संशोधन की कार्यवाही की जाती है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
129. ( क्र. 2461 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक दो लाख रूपये से कम राशि के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में क्या-क्या निर्माण कार्य, किस-किस ग्राम में किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार संधारण पर किस-किस प्रकार के कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का मापांकन/सत्यापन किस-किस नाम/पदनाम द्वारा किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं प्रपत्र-2 अनुसार है।
खसरा में नाम इंद्राज विषयक
[राजस्व]
130. ( क्र. 2485 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमि सर्वे क्रं. ५८० रकबा १७ विस्वा कस्बाह जौरा पर श्री बाबूलाल जैन का रजिस्टर्ड विक्रय पत्र द्वारा क्रय कर लगभग ८० वर्षों से काबिज है, जिसका कि श्री जैन द्वारा नगर पालिका परिषद् जौरा में वार्षिक हाउस टैक्स दिया जा रहा है? (ख) क्या राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा शासन के विभिन्न आदेशों के क्रम में उक्त सर्वे क्रं. भूमि को अधिग्रहण मुक्त कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यवाही के आधार पर श्री जैन द्वारा खसरा में नाम इंद्राज हेतु कार्यालय कलेक्टर में अपना आवेदन संलग्न सहपत्रों सहित दे दिया गया है लेकिन क्या कारण रहे कि आज दिनांक तक श्री जैन का नाम खसरा में इंद्राज हेतु कार्यवाही नहीं की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समूह पेय-जल योजना की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
131. ( क्र. 2497 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत समूह पेय-जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित समूह पेय-जल योजना का लाभ क्षेत्रीयजनों को कब से मिलना प्रारंभ हो जावेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समूह पेय-जल योजना स्वीकृत नहीं है। अभी संजय सागर बांध आधारित 188 ग्रामों की नेहरयाई समूह जलप्रदाय योजना, जिसमें बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के 42 ग्राम सम्मिलित हैं, की लागत रू. 238.93 करोड़ की डी.पी.आर. बनाई गई है, जिसे आवश्यक जल आवंटन प्राप्त न होने के कारण पुनरीक्षित किया जा रहा है। (ख) योजना हेतु पर्याप्त जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन उपरांत स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की जायेगी। निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती है।
ग्राम रूनाहा में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
132. ( क्र. 2498 ) श्री विष्णु खत्री : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत ग्राम पंचायत रूनाहा में वर्ष 2016 में उप पुलिस महानिरीक्षक भोपाल द्वारा बैठक का आयोजन किया गया था अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उप पुलिस महानिरीक्षक भोपाल द्वारा क्षेत्रीय आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए एक पुलिस चौकी की आवश्यकता रूनाहा में होना चाहिये, इसे स्वीकार किया गया था अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गयी एवं ग्राम रूनाहा में कब तक पुलिस चौकी का संचालन प्रारंभ हो जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) उप पुलिस महानिरीक्षक भोपाल द्वारा वर्ष 2015 में भ्रमण के दौरान रूनाहा जोड़ पर पुलिस चौकी खोले जाने की मांग पर प्रस्ताव भेजा गया था। (ग) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया।
कटनी हवाला कांड की जाँच
[गृह]
133. ( क्र. 2507 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी हवाला कांड प्रकरण शासन के संज्ञान में कब आया? तब से प्रवर्तन निदेशालय को जाँच सौंपने तक पुलिस द्वारा की गई संपूर्ण कार्यवाही की जानकारी देवें। (ख) विभाग ने प्रवर्तन निदेशाला को जाँच सौंपने संबंधी जो पत्र व्यवहार किया उसकी प्रमाणित प्रति देवें। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिनांक 31/01/2017 तक मामले में कितने लोगों से पूछताछ की गई, कितने आरोपी बनाये गये? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) जब कटनी पुलिस प्रकरण की जाँच कर रही थी तो भोपाल केस डायरी किस अधिकारी के आदेश से एवं क्यों बुलाई गई? पुलिस द्वारा जाँच के दौरान जितने लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया इसके नोटिस का पालन करते हुए कितने लोगों से पूछताछ की गई, कितने लोगों को आरोपी बनाया? नाम सहित जानकारी देवें। (घ) आयकर एवं अन्य विभागों ने इस संबंध में पुलिस को जो दस्तावेज उपलब्ध कराये उनकी प्रमाणित प्रति देवें। क्या प्रवर्तन निदेशालय को जाँच हस्तांतरित करते समय पुलिस ने अपनी जाँच के व अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं? यदि हाँ, तो उनकी प्रमाणित प्रतियां देवें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पुलिस प्रवर्तन निदेशालय को जाँच में सहयोग नहीं करेगी इसका कारण भी बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 12.07.2016 को थाना कोतवाली कटनी में धोखाधड़ी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर खाता खोलने की शिकायत पर अपराध क्रं. 738/16 धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी, 423, 424 भा.द.वि. कायम किया गया। प्रकरण की विवेचना कटनी पुलिस द्वारा की जा रही है। प्रकरण विवेचनाधीन होने से अन्य जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जाँच प्रवर्तन निदेशालय सौंपने संबंधी विभाग के आदेश की सत्यापित प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘अनुसार। प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) अपराध अनुसंधान विभाग मुख्यालय, पु.मु. भोपाल द्वारा प्रकरण डायरी बुलवाई गई थी, चूँकि प्रकरण विशिष्ट किस्म का था, विवेचना के बिंदु विवेचक को निर्देशित किये गये थे। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) कटनी पुलिस द्वारा प्रकरण की विवेचना की जा रही है। विवेचनाधीन होने से अन्य जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
पशु चिकित्सा भवन का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना
[पशुपालन]
134. ( क्र. 2529 ) पं. रमेश दुबे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में किन-किन ग्रामों/नगरों में पशु चिकित्सालय अथवा पशु औषधालय भवन निर्माणाधीन हैं? इन भवनों के निर्माण की स्वीकृति किस तिथि को प्राप्त हुई? एजेंसी कौन है? निर्माण की अवधि क्या थी? समय पर निर्माण नहीं होने पर ठेकेदारों के विरूद्ध किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? ग्रामवार जानकारी दें। (ख) उक्त भवनों की निर्माण लागत क्या थी? अनुबंध की शर्तें क्या थीं? समय पर निर्माण पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? कौन लोग जिम्मेदार हैं? समयावधि में भवन का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या विकासखण्ड चौरई जिला छिन्दवाड़ा के ग्राम समसवाड़ा में पशु चिकित्सालय भवन का विगत 3-4 वर्षों से निर्माण चल रहा है? प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो क्यों? निर्माण की अवधि क्या थी? निर्माण पूर्ण नहीं होने के लिये कौन लोग जिम्मेदार हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त भवन का शीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण कराने के संबंध में उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं छिन्दवाड़ा और कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग को पत्र प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो क्या शासन भवन निर्माण में विलंब के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए भवन का शीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण कराने तथा प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में निर्माणाधीन भवन का उच्चाधिकारियों को निरीक्षण करने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। पशु चिकित्सालय भवन समसवाड़ा का सिविल कार्य दिनांक 31.12.2015 को एवं विद्युतीकरण कार्य दिनांक 6.2.2017 को पूर्ण किया गया है। अनुबंध अनुसार निर्माण की अवधि 3 माह थी। ठेकेदार व्दारा धीमी गति से कार्य किये जाने के कारण निर्धारित समयावधि में निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता (यो/ब) कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 129/दिनांक 15.2.2017 से प्राप्त जानकारी अनुसार अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. सिवनी द्वारा अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि रू. 23,931/- ठेकेदार से वसूल की गई है। कार्य गुणवत्तापूर्ण किया गया है। अत: किसी भी तरह के निरीक्षण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सीमा चिन्हों की स्थापना
[राजस्व]
135. ( क्र. 2530 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में कुल कितने सीमा चिन्ह (चांदा-मुनारा) स्थापित किये गये थे? सीमा चिन्हों के विलुप्त होने की दशा में कितने सीमा चिन्ह विगत वर्षों में कब-कब स्थापित किये गये? कितने सीमा चिन्ह स्थापित किया जाना शेष है? सीमा चिन्हों की लोकेशन नाम सहित ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी दें। (ख) विगत 3 वर्षों में कितने सीमांकन प्रकरण सीमा चिन्ह नहीं होने की दशा में निरस्त कर दिये गये अर्थात सीमांकन नहीं किया गया? भूमि स्वामी का नाम, पता सहित जानकारी दें? (ग) विलुप्त सीमा चिन्हों का चयन, उनकी सूचना, विलुप्त सीमा चिन्हों को पुनर्स्थापित करने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या छिन्दवाड़ा जिले में इस जिम्मेदारी का पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र चौरई के तहसील चौरई चांद एवं विछुआ में विलुप्त सीमा चिन्हों का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उनके लोकेशन नाम सहित यह बतावें कि इन विलुप्त सीमा चिन्हों को कब तक पुनर्स्थापित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में कुल 56050 चांदा-मुनारा स्थापित किये गये थे। सीमा चिन्ह विलुप्त होने की दशा में वर्ष 2006-2007 से 2009-2010 तक चांदा 2220 स्थापित किये गये थे तथा 25,900 सीमा चिन्ह स्थापित किया जाना शेष थे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) ऐसे कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। (ग) विलुप्त सीमा चिन्हों का चयन उनकी सूचना की जिम्मेदारी म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा-124 की उपधारा (2) एवं (3) के अधीन बनाये गये नियम के अंतर्गत ग्राम पटेल एवं पटवारी की है, जबकि विलुप्त सीमा चिन्हों को पुनर्स्थापित करने की जिम्मेदारी म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा-124 एवं धारा 128 के अंतर्गत तहसीलदार की जिम्मेदारी है। जिसके पालन हेतु वर्तमान में जी.पी.एस. सेटेलाईट के माध्यम से चांदा पत्थरों का स्थापन कार्य किया गया है। (घ) वर्तमान में जी.पी.एस. सेटेलाईट पर आधारित चांदा पत्थरों (कंट्रोल पाइंट) तीन प्रकार के (प्रायमरी, सेकेण्डरी, टरसरी) स्थापित किये गये है। विधानसभा क्षेत्र चौरई के अंतर्गत तहसील चौरई, चांद एवं बिछुआ में कुल 07, प्रायमरी, 108 सेकेण्डरी कंट्रोल पाइण्ट एवं 1357 टरसरी कंट्रोल पाइण्ट सेटेलाईट के माध्यम से स्थापित कर दिये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
खाद्यान्न परिवहन की टेंडर प्रणाली तहसील स्तर पर प्रारंभ की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
136. ( क्र. 2531 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य के खाद्यान्न परिवहन पर उज्जैन जिले में कितनी राशि का भुगतान किया गया था? (ख) परिवहन (खाद्यान्न) की टेंडर प्रणाली जिला स्तर पर ही क्यों की जाती है? यह तहसील तर पर क्यों नहीं की जाती? (ग) तहसील स्तर पर यह टेंडर प्रणाली कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के परिवहन पर राशि रू. 442.25 लाख का भुगतान किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा विगत वर्षों के अनुभव एवं सुझावों के आधार पर परिवहन हेतु निविदाएं संभाग के क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर आमंत्रित की जाती है। कार्पोरेशन की प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत तहसील स्तर पर कार्यालय न होने के कारण निविदा आमंत्रित की जाना सम्भव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में तहसील स्तर पर निविदा की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकरण की विवेचना में विलंब
[गृह]
137. ( क्र. 2532 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.सं. 184 (क्र. 1851) दि. 07.12.16 के (ख) उत्तर अनुसार जिन शेष किसानों के संबंध में विवेचना जारी है, क्या ये विवेचना पूर्ण हो गई है? (ख) इसी के (ग) उत्तर में बताया गया है कि प्रकरण में विवेचना विशेष जाँच दल द्वारा की जा रही है? क्या ये विवेचना पूर्ण हो गयी है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच का विवरण देवें। (ग) यदि नहीं, तो यह विवेचना कब तक पूर्ण होगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा एम.सी.आर.सी. क्रमांक 6742/2016 हसमुखलाल नवलखा विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन में धारा 482 द.प्र.सं. के तहत थाना महिदपुर जिला उज्जैन में पंजीबद्ध अप. क्र. 35/2005 धारा 420,468, भा.द.वि., 3/7 ई.सी.एक्ट की प्रथम सूचना पत्र ‘‘क्वेश‘‘ (quash) कर दी गई है। उक्त आदेश के पालन में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश महिदपुर उज्जैन द्वारा प्रकरण की कार्यवाही समाप्त कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्वाइंट ऑफ सेल मशीनों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
138. ( क्र. 2536 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 20 (क्रमांक 438), दिनांक 20.07.2016 के अनुसार जिन 22401 उचित मूल्य दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें लगाई गई हैं, वे किन-किन कंपनियों की हैं? कंपनी का नाम, संचालक नाम सहित पूरी टेंडर प्रक्रिया की जानकारी देवें? (ख) इन कंपनियों के विरूद्ध दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2017 तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? जिलावार, माहवार जानकारी देवें? इन्हें अब तक कितनी राशि भुगतान कर दी गई है? माहवार कंपनीवार बतावें। (ग) इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? इन कंपनियों को कितने पत्र/नोटिस दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2017 तक भेजे गये व उनके उत्तर इन कंपनियों ने क्या दिये की प्रमाणित प्रति दें? (घ) इन मशीनों में गड़बड़ी व जनता को राशन वितरण की परेशानियों की अनदेखी करके इन कंपनियों पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। उचित मूल्य दुकानों पर मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्नालॉजी प्राईवेट लिमिटेड, पुणे एवं मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड, तेलंगाना कंपनियों द्वारा पी.ओ.एस. मशीन लगाई गई हैं, जिनके संचालक क्रमश: श्री विनोद फिलिप एवं श्री कृष्णा प्रसाद हैं। पी.ओ.एस. मशीन लगाए जाने हेतु प्रदेश के जिलों को 7 समूहों में बांटा गया। समूहवार जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम द्वारा फायनेंशियल एक्सप्रेस, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान टाईम्स तथा ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल www.mpeproc.gov.in के माध्यम से 4 बार एन.आई.टी. प्रकाशित की गई, जिसमें तीसरे कॉल में समूह 1, 2, 5 एवं 7 हेतु मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्नालॉजी प्राईवेट लिमिटेड एवं चौथे कॉल में समूह 3, 4 एवं 6 हेतु मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड का चयन पी.ओ.एस. मशीन लगाने हेतु किया गया। (ख) पी.ओ.एस. मशीन के संबंध में शिकायत एवं सूचना, संशय, समाधान आदि के लिए मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम में कॉलसेन्टर स्थापित किया गया है। कॉलसेन्टर पर दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2016 तक कुल 17,231 शिकायतें टेलीफोन के माध्यम से प्राप्त हुईं, जिनका जिलेवार एवं माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कंपनियों को भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) कंपनियों द्वारा सर्विस लेवल एग्रीमेंट के अनुसार 48 कार्यालयीन घंटों में शिकायत का निराकरण न करने पर माह जुलाई, 2016 तक मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्नालॉजी प्राईवेट लिमिटेड को राशि रू. 20,35,764 एवं माह सितम्बर, 2016 तक मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड को राशि रू. 1,68,769 का पेनाल्टी स्वरूप भुगतान नहीं किया गया है। डी.एस.के. डिजिटल को दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2016 तक जारी नोटिस एवं उनके द्वारा प्रस्तुत जबाव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) निविदा की शर्तों के अनुसार सर्विस लेवल एग्रीमेंट की अर्हताओं के अनुरूप जितनी मशीन खराब रहीं, कंपनियों को उनके किराए का भुगतान नहीं किया गया है, इस कारण से किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतों से पेय-जल व्यवस्था टेक ओवर करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
139. ( क्र. 2538 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कोणदा, दौगांवा, सुसारी, पडि़याल, अमलसुमा की पेय-जल व्यवस्था नर्मदा नदी से पाइप लाइन से इन ग्रामों को जोड़कर की गई थी, लेकिन उपरोक्त ग्राम पंचायतों द्वारा इनके मेंटेनेन्स में अक्षम होने के कारण क्या विभाग इन्हें टेक ओवर करेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? फिर इन ग्रामों में पेय-जल की क्या वैकल्पिक व्यवस्था विभाग करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) शासन की नीति के अनुसार योजना ग्राम पंचायत को वर्ष 2008 में संचालन-संधारण हेतु अंतरित की गई है। ग्राम पंचायतों को संधारण हेतु आवश्यक मार्गदर्शन विभाग द्वारा दिया जाता है। वर्तमान में सभी गाँवों की पेय-जल योजना चालू है। विभाग द्वारा योजनाओं के टेक ओवर करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उपरोक्त उत्तरांश (क) अनुसार।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची वितरण में विलंब
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
140. ( क्र. 2539 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले से खाद्यान्न पात्रता पर्ची के कितने प्रकरण जनपदों से शासन को भोपाल प्रेषित करने पर वर्तमान में लंबित है? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) ये प्रकरण लंबित क्यों है? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। (ग) इनका निराकरण कब तक कर पर्चियां वितरण प्रारंभ कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार श्रेणी के हितग्राहियों का समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर सत्यापन का कार्य स्थानीय निकाय द्वारा किया जाता है। माह सितम्बर, 2016 से स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापित 12,904 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं किए जाने से किसी अधिकारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।
धान खरीदी के भण्डारण एवं परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
141. ( क्र. 2543 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से कौन-कौन केन्द्रों से कितनी मात्रा में धान की खरीदी की गई? केन्द्रवार, खरीदी की मात्रा बताएं। उपरोक्त धान कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से गोदामों में भण्डारित की गई है? गोदाम स्थान, मालिक का नाम, भण्डारण की मात्रा एवं अवधि सहित बताएं। (ख) क्या परिवहनकर्ताओं द्वारा खरीदी केन्द्र के समीप भण्डारण स्थल वेयर हाउस में खद्यान्न न ले जाकर दूर के वेयर हाउस में भण्डारण हेतु परिवहन किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या खरीदी केन्द्र के समीप भण्डारण न करने की शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कटनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2014-15, वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में केन्द्रवार समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपार्जित धान को जिन गोदामों में भंडारण किया गया है, उनके स्थान, मालिक का नाम, भंडारण मात्रा एवं अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सामान्यत: ऐसी स्थिति नहीं रही है किन्तु प्रश्नांकित अवधि में भण्डारण नीति के अनुसार प्रथम आओ प्रथम पाओ अथवा लॉटरी पद्धति लागू होने से कतिपय स्थान पर ऐसी स्थिति होने की संभावना रही। (ग) खरीदी केन्द्र के समीप भंडारण न करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया है।
पटवारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
142. ( क्र. 2558 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 110 (क्रमांक 1200) दिनांक 07 दिसम्बर 2016 के भाग (ख) में जी नहीं। श्री निजामुद्दीन खान लगभग 10 वर्ष से पदस्थ हैं, इसके लिये इनको जिले की अन्य तहसील में स्थानान्तरण के निर्देश दिये जा रहे हैं। उत्तर दिया है तो क्या निर्देशानुसार स्थानान्तरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो स्थानान्तरण के आदेश की छायाप्रति, स्थानान्तरण उपस्थिति रिपोर्ट की प्रति सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उपरोक्त पटवारी का स्थानान्तरण आदेश होने के बाद भी इन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है? इस हेतु कौन-कौन अधिकारी जवाबदार हैव उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही कब तक की जायेगी? क्या पोरसा तहसील के अधिकारी उक्त पटवारी को वर्तमान हल्के पर ही रखना चाहते हैं? ऐसा क्यों? (ग) श्री निजामुद्दीन खान पटवारी नियुक्ति दिनांक से प्रस्तुत प्रश्न दिनांक तक कब-कब कहाँ-कहाँ, किन-किन तहसील के किन-किन हल्का नम्बर पर पदस्थ रहे की जानकारी दी जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। पटवारी दिनांक 01/02/2017 को उपस्थित हो चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ग) श्री निजामुद्दीन खान पटवारी की नियुक्ति दिनांक 09/05/1989 से वर्ष 2003 तक प.ह. रजौधा पर वर्ष 2003 से 2004 तक ग्राम धर्मगढ़ एवं 2006 से वर्ष 2016 तक प.ह. रजौधा तहसील पोरसा में ही पदस्थ रहे हैं।
भू-अर्जन में अनियमितता
[राजस्व]
143. ( क्र. 2578 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलान्तर्गत शासकीय/सार्वजनिक प्रयोजनों हेतु वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी भूमि/संपत्ति आदि अर्जित की गई? क्या सभी प्रकरणों में मुआवजा प्रदान कर दिया गया है? किन प्रकरणों में शेष है और क्यों? (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 के चौड़ीकरण हेतु अर्जित भूमि व संपत्तियों के मामलों में किन-किन प्रकरणों का आज दिनांक तक निराकरण नहीं किया जा सका है, क्यों? इस मामले में उचित मुआवजा न मिलने की कितनी शिकायतें/आवेदन कलेक्टर सतना व संभाग आयुक्त रीवा को विगत दो वर्षों में प्राप्त हुई। इनका किस प्रकार निराकरण किया गया? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के चौड़ीकरण में प्रभावित शासकीय संपत्तियों जैसे स्कूल/पंचायत भवन आदि के पुननिर्माण की क्या योजना है? इनका कम मुआवजा निर्धारित किये जाने के क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कौशल विकास हेतु किये गये प्रयास
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
144. ( क्र. 2579 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से प्रदेश में कौशल विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएं प्रचलित है? योजनावार विवरण दें। (ख) वर्ष 2015-16 व 2016-17 में सतना जिले में केन्द्र व राज्य सरकार की इन प्रचलित योजनाओं से किन-किन को किस प्रकार किस ट्रेड में प्रशिक्षित किया गया। कहाँ-कहाँ प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब आयोजित किये गये व इन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई। (ग) क्या प्रशिक्षण उपरांत हितग्राहियों को रोजगार/स्वरोजगार दिलाने का भी प्रयास किया गया। यदि हाँ, तो कुल प्रशिक्षत हितग्राहियों में से वर्तमान में कितने किस प्रकार के रोजगार में संलग्न है।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) विभाग द्वारा आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से संचालित किये जाने वाले प्रशिक्षण की योजनाएं निम्नानुसार हैं:- 1. क्राफ्ट्समेन ट्रेनिंग स्कीम - इसके तहत आई.टी.आई. में एक एवं दो वर्षीय नियमित प्रशिक्षण संपादित किया जाता है। 2. कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण - इसके तहत कौशल विकास केन्द्रों में अल्पावधि के प्रशिक्षण संचालित किये जाते हैं। (ख) एवं (ग) सतना जिले में संचालित आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्रों दिये गये प्रशिक्षण तथा व्यय की राशि तथा स्वरोजगार/रोजगार में नियोजित प्रशिक्षणार्थी की संख्या का विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नीली-पीली बत्ती का दुरूपयोग
[परिवहन]
145. ( क्र. 2583 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में पदस्थ किस-किस विभाग के किस-किस अधिकारी के वाहन पर नीली-पीली बत्ती लगने की पात्रता/नियम हैं? (ख) नीली-पीली बत्ती वाहन में लगाने की पात्रता कौन से विभाग के किस अधिकारी द्वारा निर्धारित की जाती है? (ग) क्या नीली-पीली बत्ती की पात्रताधारी अधिकारियों के निजी वाहन में भी यह बत्ती लगाने की पात्रता है? यदि नहीं, तो शासन ऐसे वाहनों पर क्या कार्यवाही करेगा? (घ) सागर जिले में पदस्थ, निगम-बोर्ड के किस-किस अधिकारी को वाहन में नीली/पीली बत्ती लगाने का अधिकार/पात्रता है? विभाग का नाम व पद बतायें। किस नियम से इन्हें पात्रता है? नियम की प्रति बतायें। अपात्र शासकीय सेवकों द्वारा नीली/पीली बत्ती वाहन में उपयोग करने वालों के खिलाफ शासन क्या भारतीय दण्ड संहिता प्रावधान अनुसार कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राज्य शासन द्वारा अधिकारियों को अपने कर्तव्य एवं डयूटी के दौरान यान के अग्रशीर्ष भाग पर नीली/पीली बत्ती उनके अधिकार क्षेत्र में लगाने की पदवार पात्रता प्रदान की गई है। इस संबंध में जारी अधिसूचनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। तद्नुरूप अधिसूचनानुसार विभिन्न विभागों के सागर में पदस्थ अधिकारियों को नीली/पीली बत्ती लगाने की पात्रता है। (ख) केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 108 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसरण में राज्य शासन (परिवहन विभाग) द्वारा यान पर नीली/पीली बत्ती लगाने की पात्रता निर्धारित की जाती है। (ग) अधिसूचित पदधारी अधिकारियों को अपने कर्तव्य एवं डयूटी के दौरान शासकीय/संलग्न वाहनों के अग्रशीर्ष भाग पर नीली/पीली बत्ती उनके अधिकार क्षेत्र में लगाने की पात्रता है। जिन न्यायाधीशों को शासन की ओर से वाहन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। उन्हें वाहन के लिए कन्वेंस अलाउन्स उपलब्ध कराया जाता है, उन्हें निजी वाहन में पीली बत्ती उनके अधिकार क्षेत्र में लगाने की पात्रता प्रदान की गई है। केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 108 के अधीन मोटरयान के अग्रशीर्ष भाग पर नीली/पीली बत्ती का अनाधिकृत उपयोग करने पर शास्ति रू 3000/- वसूल किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेय-जल व्यवस्था हेतु हैण्डपम्प बोर में मोटर डाली जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
146. ( क्र. 2632 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत तीन वर्षों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा उपखण्ड गोहद के द्वारा पेय-जल व्यवस्था हेतु हैण्डपम्प बोर में मोटर डालकर पेय-जल की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कृपया स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) मेहगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पेय-जल व्यवस्था हेतु कितने प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये? उनमें से कितने स्थानों पर विभाग द्वारा मोटर डालकर पेय-जल सुविधा उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या मेहगांव विधान सभा क्षेत्र में हैण्डपम्प बोर में मोटर डालने के प्राप्त प्रस्तावों की उपेक्षा कर भिण्ड जिले की अन्य विधान सभा क्षेत्रों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाकर कार्य पूर्ण किया।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में पेय-जल व्यवस्था हेतु 5 ग्रामों में मोटरपंप स्थापना हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुये। निर्धारित मापदंडानुसार पेय-जल सुविधा उपलब्ध होने के कारण उक्त पांचों ग्रामों में किसी भी स्थान पर मोटर स्थापना का कार्य नहीं कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी, नहीं।
नवीन राशन दुकान खोली जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
147. ( क्र. 2640 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नवीन राशन दुकान खोले जाने के क्या नियम हैं? (ख) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में भी कई ग्राम ऐसे हैं, जहां के लोगों को राशन लेने हेतु अपने गांव से 10-15 कि.मी. दूर जाना पड़ता है। (ग) समय–समय पर जिला प्रशासन को नवीन राशन दुकान प्रारम्भ करने हेतु भेजे गए प्रस्तावों के आधार पर क्या नवीन दुकान प्रारम्भ की गई है तथा खोले जाने की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक नवीन राशन दुकानें प्रारम्भ कर दी जावेंगी? (घ) क्या विभाग के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर राशन दुकान खोले जाने हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो कब तक उक्त कार्ययोजना पर कार्यवाही प्रारम्भ की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राज्य शासन द्वारा नवीन राशन दुकान खोलने के संबंध में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 7, 8 एवं 9 में प्रावधान किये गए हैं। उक्त प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, परन्तु प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित नियंत्रण आदेश में प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोले जाने का प्रावधान किया गया है। (ग) जी हाँ, उक्त नियंत्रण आदेश के प्रावधान के अनुसार उचित मूल्य दुकान खोलने की कार्यवाही प्रारंभ की गई थी, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में उक्त नियंत्रण आदेश के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में आगामी कार्यवाही करने पर रोक के कारण नवीन दुकानें नहीं खोली जा सकी हैं। प्रकरण में माननीय न्यायालय के अंतिम निर्णय के उपरांत नवीन उचित मूल्य दुकान स्थापना पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रावधान है तथापि उत्तरांश (ग) में उल्लेखित प्रकरण के प्रकाश में विधिक परामर्श प्राप्त कर दुकानविहीन पंचायतों में नवीन उचित मूल्य दुकान खोलने पर विचार किया जा सकेगा।
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
148. ( क्र. 2641 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें आज दिनांक तक भी पात्रता पर्ची प्राप्त नहीं हुई है, जिसके कारण उन्हें आज भी राशन प्राप्त नहीं हो रहा है तथा वह शासन की योजना से वंचित हैं, तथा ऐसे भी कई हितग्राही हैं जिन्हें पात्रता पर्ची प्राप्त हो चुकी है किन्तु दुकान पर उन्हें सेल्समेन के द्वारा उक्त प्राप्त पर्ची को अवैध कहकर राशन प्रदाय नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या विभाग के द्वारा ऐसे हितग्राही जिन्हें पात्रता पर्ची प्राप्त नहीं हुई है जबकि वह पात्र हैं, को भी किसी तरह राशन उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) क्या विभाग के द्वारा योजना से वंचित हितग्राहियों को पात्रता अनुसार लाभ दिलाने हेतु कोई कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो कब तक शेष हितग्राहियों को योजना का लाभ मिलना प्रारम्भ हो जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पानसेमल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत माह अगस्त, 2016 के पश्चात् स्थानीय निकाय द्वारा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवार के रूप में सत्यापित 1420 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों में से दोहरे परिवार, समर्थन मूल्य पर 50 क्विंटल से अधिक गेहूँ विक्रय करने वाले एवं प्राकृतिक आपदा से प्रभावित श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित ऐसे परिवार जो अन्य श्रेणी में सत्यापित नहीं हैं, को पात्रता न होने के कारण राशन सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा है। इन परिवारों की जानकारी पी.ओ.एस. मशीन पर कारण सहित प्रदर्शित कराई जा रही है। (ख) जी नहीं। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को ही राशन सामग्री वितरण किए जाने का प्रावधान है। (ग) पात्र परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर सीडिंग की कार्यवाही प्रचलित है, तत्पश्चात् अपात्र/दोहरे परिवार को विलोपित किए जाने के उपंरात भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन सीमा के अंतर्गत नवीन सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।
उप तहसील बनाने के मापदण्ड
[राजस्व]
149. ( क्र. 2642 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप तहसील बनाने के क्या मापदंड हैं ? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिला सिवनी, बालाघाट एवं मंडला में कितनी उप तहसील बनाई गई है? जिलावार विवरण देवें। क्या उक्त जिलों में उपतहसील बनाये जाने हेतु क्या और भी प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन हैं ? यदि हां तो विवरण बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत ग्राम कान्हीवाड़ा को उप तहसील बनाया गया है ? यदि हां तो कब से ? स्थापना वर्ष एवं उप तहसील खोले जाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हां तो कान्हीबाड़ा उप तहसील में मापदंड अनुसार कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं ? क्या उप तहसील में नयाब तहसीलदार एवं अन्य कर्मचारी प्रतिदिन उपस्थित होकर जन समस्याओं का निराकरण करते हैं ? यदि नहीं तो क्यों ?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मेप
I.T. भोपाल
द्वारा
टेबलेट/स्मार्टफोन
क्रय में
अनियमितता
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
1. ( क्र. 7 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेप I.T. भोपाल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (N.H.M.) द्वारा कितने टेबलेट/स्मार्टफोन प्रदाय करने के लिये कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? क्या इसके क्रय करने के लिये मेप I.T. भोपाल ने टेंडर प्रक्रिया की है? (ख) यदि हाँ, तो वेबसाईट एवं समाचार पत्रों, जिनमें टेंडर निकाला गया, की पूरी जानकारी विज्ञप्ति की छायाप्रति सहित देवें? जिन फर्मों ने इसमें हिस्सा लिया उनकी एवं चयनित फर्म की जानकारी देवें? यदि बिना टेंडर निकाले फर्म/कंपनी का चयन किया गया तो इसकी अनुमति प्रक्रिया के संपूर्ण पत्र व्यवहार या नियम की छायाप्रति देवें? (ग) चयनित फर्म/कंपनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों एवं विगत 3 वर्ष की बैलेंस शीट की छायाप्रति देवें? यदि टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई तो इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें? शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम तथा मैप-आईटी, भोपाल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (N.H.M.) द्वारा किसी भी प्रकार की राशि का भुगतान अभी तक नहीं प्रदान किया गया है। टेण्डर प्रक्रिया MAP IT ने नहीं की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने उनके पत्र क्र.NHM/IT/7424, द्वारा टेबलेट क्रय करने हेतु मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम को दिनांक 06/08/2016 को पत्र लिखा गया था। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम से प्राप्त जानकारी अनुसार संस्था द्वारा 14,500 टेबलेट क्रय करने हेतु टेंडर प्रक्रिया की गयी है। (ख) MAP IT द्वारा टेण्डर प्रक्रिया नहीं की गई है। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम द्वारा जानकारी दी गई है कि निम्न समाचार पत्रों के माध्यम से NIT (Notice Inviting Tender) निकाला गया था:- 1.Patrika Hindi Bhopal Edition. 2.Hindustan Times M.P.Edition English. 3.Financial Express Delhi Edition English . ई प्रोक्योरमेन्ट वेबसाईट के माध्यम से ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया की गयी। इस टेंडर प्रक्रिया में निम्नानुसार 5 फ़ार्म/कंपनी द्वारा भाग लिया गया:- 1.M/S Business Automation Pvt.Ltd.Indore. 2.M/S VSN International Indore. 3.M/S Karvy Data Management Services Hyderabad A.P. 4.M/S Micromax Informatics Ltd.Gurgoan. 5. M/S Plexus IT Pvt.Ltd.Bhopal. चूंकि कंपनी का चयन नियमानुसार किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) चयनित फर्म/कंपनी M/S Plexus IT Pvt.Ltd.Bhopal द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों एवं विगत 3 वर्षों की बेलेंस शीट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि प्रक्रिया नियमानुसार की गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तहसील मूंगावली के ग्राम छेबलाई में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
2. ( क्र. 43 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम छैवलाई तहसील मुंगावली में शासकीय भूमि पर बड़े किसानों का अतिक्रमण कर खेती करना व कुंओं को खोदकर सिंचाई करने की राजेन्द्र रघुवंशी व प्रश्नकर्ता ने पिछले 03 वर्षों में कितने पत्र, जिलाधीश को कब-कब लिखे व उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या वर्ष 2016 में पटवारी तथा अन्य राजस्व कर्मचारी इस भूमि की फसल की आमदनी का हिस्सा लेकर अतिक्रमण की सही जाँच नहीं कर रहे हैं व रिपोर्ट नहीं कर रहे है, यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जावरा जिला रतलाम की शासकीय भूमि की नीलामी
[राजस्व]
3. ( क्र. 44 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा जिला रतलाम की उपरजिस्ट्रार कार्यालय के पास की भूमि सर्वे क्रमांक 746 क्षेत्रफल 69.44 वर्ग मीटर वर्ष 1957-58, 1982-86 तथा 2005 के खसरे में आबादी शासकीय दर्ज होकर कलेक्टर नजूल द्वारा दिनांक 05.09.98 को सार्वजनिक नीलामी की विज्ञप्ति निकाली थी तो उक्त भूमि नीलाम नहीं होने के क्या कारण रहे विवरण दे? (ख) उक्त भूमि पर शासन की ओर से धारा 248 में अतिक्रमण की कार्यवाही हुई थी तो रेवन्यू बोर्ड ने धारा 248 को लागू क्यों नहीं माना? (ग) उक्त भूमि अनिसाजहाँ के नाम किस आधार पर दर्ज हुई व उनकी मृत्यु के कितने समय बाद उक्त भूमि का नामांतरण किसके नाम, किस आधार पर किया गया व क्यों? क्या शासन उक्त भूमि का नामांतरण नजूल विभाग से एन.ओ.सी. विक्रय पत्र आदि निरस्त करते हुए उक्त भूमि को पुनः शासकीय घोषित करेगा यदि हो तो कब व नहीं तो क्यों वर्तमान में उक्त भूमि का मालिक कौन है व कैसे? विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या गलत नामांतरण व विक्रय पत्र करने वालों पर शासन कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक व नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को केशलेस किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 52 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को केशलेस करने की दिशा में सरकार ने अब तक क्या कदम उठाये हैं? (ख) प्रदेश में उक्त राशन की दुकानें कब तक केश लेस हो पाएगी? (ग) केशलेश राशन दुकानें क्या शहरी क्षेत्रों तक समिति रहेगी या ग्रामीण क्षेत्रों में भी? यदि ग्रामीण क्षेत्र भी इसमें सम्मिलित है, तो वहाँ क्या एवं कैसे व्यवस्था सुनिश्चित होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों का संचालन सहकारी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। केशलेस ट्रांजेक्शन हेतु संबंधित संस्था/बैंक का खाता नेशनल पैमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया से सम्बद्ध होना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्र में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की संस्थाओं द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों के बैंक खाते नेशनल पैमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया से सम्बद्ध कराने की कार्यवाही सहकारिता विभाग द्वारा की जा रही है, तदुपरांत ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों पर केशलेस ट्रांजेक्शन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सकेगी। नगरीय क्षेत्र की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की संस्थाओं से भिन्न संस्थाओं द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों के बैंक खाते राष्ट्रीयकृत बैंकों में खुलवाए जा रहे हैं। अभी तक नगरीय क्षेत्र की 924 उचित मूल्य दुकानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाते खुलवाए जाकर यू.एस.एस.डी., यू.पी.आई. (भीम एप्लीकेशन) एवं ई-वालेट के माध्यम से केशलेस ट्रांजेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। (ख) नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों पर केशलेस ट्रांजेक्शन की सुविधा मार्च, 2017 तक उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों के बैंक खाते नेशनल पैमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया से सम्बद्ध होने के उपरांत केशलेस ट्रांजेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। (ग) केशलेस व्यवस्था नगरीय एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की उचित मूल्य दुकानों पर लागू की जाएगी। शेष उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार है।
दूषित पेयजल स्त्रोतों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 53 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में गत वर्ष से अब तक दूषित पानी पीने से कहाँ-कहाँ बीमारी फैली? कितने लोग बीमारी के शिकार हुए तथा कितने दूषित पानी से मरे? (ख) क्या दूषित पेयजल स्त्रोतों की जाँच की गई? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट क्या है? दूषित जल होने के कारणों की जानकारी दें। (ग) दूषित पेयजल से ग्रस्त्र नागरिकों, ग्रामवासियों को शासन ने त्वरित सहायता व इलाज एवं दूषित पेयजल शुद्धिकरण हेतु दी गई सहायता, इलाज व्यय आदि का ब्यौरा क्या है? (घ) भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम हेतु क्या कदम उठाये गये है.
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उज्जैन संभाग के शाजापुर एवं रतलाम जिले के ग्रामों एवं नगर पंचायत धामनोद जिला रतलाम में। शाजापुर जिले में 86 एवं रतलाम जिले में 1876 व्यक्ती बिमार हुए जिसमें से 1 की मृत्यु हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रतलाम एवं शाजापुर से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार चिकित्सा विभाग की विकासखण्ड काम्बेट टीम एवं जिलास्तर से रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर उपचार आदि किया गया। त्वरित सहायता व इलाज एवं दूषित पेयजल सुदृढ़ीकरण पर लगभग रू. 2.75 लाख का व्यय हुआ। (घ) स्वच्छ पेयजल के उपयोग, पेयजल स्त्रोत के आसपास साफ-सफाई रखने तथा गंदा पानी पेयजल स्त्रोत में न मिले इस बाबत् सलाह दी गई है। पेयजल स्त्रोतों के निर्जीवीकरण की कार्यवाही की गई है।
राशन कार्ड हेतु पात्रता पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 95 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत ग्राम घाना, मटामर, तिंदनी, मझगवां, रिठौरी, पनागर एवं अन्य ग्रामों में राशन कार्ड धारकों को 4 माह से पात्रता पर्ची नहीं मिली है? (ख) क्या पात्रता पर्ची मिलने के बाद भी राशन नहीं मिल रहा है? (ग) क्या ऐसे व्यक्तियों को राशन दिये जाने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) इस विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत ग्राम घाना, मटामर, तिंदनी, मझगवां, रिठौरी, पनागर एवं अन्य ग्रामों में माह सितम्बर, 2016 के पूर्व सत्यापित समस्त पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन वितरण किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से ग्राम घाना, मटामर, तिंदनी, मझगवां, रिठौरी, पनागर के सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। जिन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पात्रता पर्चीधारी वास्तविक परिवार को राशन सामग्री का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से किया जा रहा है। ऐसे परिवार जिन्हें पात्रता पर्ची जारी की गई थी। यदि इनमें से किसी परिवार को अपात्रता के कारण विलोपित किए जाने ऐसे परिवारों को राशन सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा है। (ग) अपात्र परिवारों को राशन सामग्री का वितरण किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सालयों में एंबुलेंस सुविधा
[पशुपालन]
7. ( क्र. 96 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घायल या बीमार जानवरों के इलाज हेतु एंबुलेंस की सुविधा आवश्यक हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के पशु चिकित्सालय के पास जानवरों के इलाज के लिये एंबुलेंस व्यवस्था है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या एंबुलेंस से वंचित पशु चिकित्सालयों को एंबुलेंस उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) विभाग में 27 चल विरूजालय, 38 चल पशु चिकित्सा इकाइयाँ एवं 89 आदिवासी विकासखण्ड में अनुबंधित मोबाइल यूनिट कार्यरत है, जो समय-समय पर क्षेत्रों में जाकर आवश्यकतानुसार पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराती है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं।
ग्राम में स्वच्छ पेयजल हेतु पाईप लाईन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 158 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़वाहा में ऐसे कितनी ग्राम पंचायतें एवं ग्राम है जहाँ पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा पाईप लाईन की स्वीकृति प्रदान की गई है, उसकी जानकारी दी जावे। क्या जल निगम द्वारा विधान सभा क्षेत्र में कोई पाईप लाईन डालकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है यदि हाँ, तो लाभान्वित होने वाले ग्रामों की सूची दी जावे? (ख) जल निगम द्वारा ग्रामों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये क्या प्रावधान है? नियम की प्रति दी जावे। क्या जन प्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र के शेष रहे ग्रामों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के संबंध में जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार को समय-समय पर प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये हैं। यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) ग्राम पंचायतों एवं ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के संबंध में जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर ओव्हर हेड टंकी के निर्माण, पाईप लाईन, ट्युबवेल आदि के संबंध में प्रेषित पत्रों के प्रस्ताव अनुसार विभाग द्वारा कब तक स्वीकृति की जावेगी उसकी समय-सीमा बताई जावे? पिछले 8 वर्षों में कितने ग्रामों में पेयजल योजना का लाभ दिया गया? कितने ग्रामों में लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है? कहाँ-कहाँ पर पेयजल नहीं मिल रहा है, कितनी योजनायें प्रारम्भ हो गई कितनी अप्रारम्भ हैं क्या कारण है उनकी जानकारी दी जावे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वाह की ग्राम पंचायतों एवं ग्रामों जहाँ पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु पाईप लाईन की स्वीकृति प्रदान की है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दी गई है। जल निगम द्वारा जिन ग्रामों, में पाईप लाईन डालकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्राप्त प्रस्ताव में उल्लेखित ग्राम मोगरगांव, सेमरला एवं कपस्थल को सामूहिक जल प्रदाय योजना में सम्मिलित करने हेतु परीक्षण करने पर तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं पाया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 में अनुसार है।
वन ग्राम मजरों, टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाना
[राजस्व]
9. ( क्र. 214 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्रों के कितने वन ग्राम, मजरे टोले ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या 250 से अधिक है व अपने मूल ग्राम से दूरी 2 कि.मी. से अधिक है, मूल ग्राम एवं मुख्य मार्गों से जोड़ने हेतु कौन-कौन सी योजनाओं से प्रश्नांकित ग्रामों में मार्ग निर्माण किया जाना है? पृथक-पृथक वनग्राम, मजरों, टोलों अनुसार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांकित (क) में वनग्राम, मजरों, टोलों को सरकार की राजस्व ग्राम बनाये जाने की योजना है, अगर हां, तो कब तक इन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जावेगा? विगत 10 वर्षों से सरकार ने इस पर क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या प्रश्नांकित (क) व (ख) को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिलने से निवासरत ग्रामीणों, कृषकों, छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है? अगर हां, तो कब तक वन ग्राम, मजरों, टोलों को राजस्व ग्राम बनाया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) देवास जिले के वागली विधान सभा क्षेत्र में कुल 11 वनग्राम है जिनका विवरण निम्नानुसार है- 1.मगरादेह 2.पटाडीपाला 3. कंडिया 4. धारडीतालाव 5.पुतलीपुरा 6.रामपुरा (ओंकारेश्वर परियोजना अन्तर्गत डूव मे) 7.धोबघट्टा 8.डोंगलापानी 9.तुमडीखेडा 10. सिंगलादेह 11. जबलपुर। ऐसे मजरे टोले नहीं है। विभाग का कार्य मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने तक सीमित है। (ख) जी हाँ। समस्त वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की कार्यवाही के अन्तर्गत वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा 2 के तहत प्रस्ताव वन मंडल देवास के पत्र क्रमांक 1538 दिनांक 10.02.2002 से केन्द्र सरकार को भेजे जाने हेतु मुख्य वन संरक्षक (भू सर्वेक्षण) म.प्र. भोपाल को प्रेषित किये गये थे जिसके तारतम्य में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की भारत सरकार द्वारा दी गई सैद्धांतिक स्वीकृति पर दिनांक 24.2.2004 से स्थगन एवं निवर्नीकरण पर रोक लगाये जाने के कारण कार्यवाही लम्बित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उतरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आर्थिक अपराध शिकायतों का निराकरण
[राजस्व]
10. ( क्र. 215 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में हुये आर्थिक अपराधों से संबंधित कितनी शिकायतें कलेक्टर देवास के समक्ष वर्ष 2014-15, वर्ष 2015-16, वर्ष 2016-17 में प्राप्त हुई हैं? उपरोक्त प्राप्त शिकायतों से कितनी शिकायतों का निराकरण हो चुका है तथा कितनी लंबित हैं? निराकृत प्रकरणों में दोषियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध आर्थिक अपराध संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई थीं? नाम, विभाग का नाम व शिकायतकर्ता की जानकारी देवें। प्रश्नांश (क) में लंबित शिकायतों किस स्तर पर किन कारणों से लंबित हैं? लंबित शिकायतों का निराकरण कब तक कर लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उतरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला-पुरूष एवं अवयस्क लड़के/लड़कियों के गुमशुदगी प्रकरण
[गृह]
11. ( क्र. 246 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने महिला पुरूष एवं अवयस्क लड़के/लड़कियों के गुमशुदगी प्रकरण दर्ज हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गुमशुदा बच्चों तथा महिलाओं को तलाशने के लिए पुलिस विभाग द्वारा अभी तक क्या प्रयास किये गये? प्रयास करने के पश्चात् कितने गुमशुदा बच्चों तथा महिला एवं पुरूषों को तलाशने में पुलिस को सफलता प्राप्त हुई? (ग) अवयस्क बच्चों की गुमशुदगी के प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के क्या-क्या निर्देश हैं? विभागीय निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर ऑपरेशन स्माईल चलाया जाकर गुमशुदा बच्चों को तलाशने का प्रयास किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? प्रश्नांश (क) अवधि में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा के गुमशुदा बच्चों की सूची पृथक से देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विदिशा जिले में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक गुमशुदा महिला-825, पुरूष-579 एवं अवयस्क लड़के-105 एवं लड़कियों की संख्या 209 है। थानेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गुमशुदा बच्चों एवं महिलाओं की तलाश उनके रिश्तेदारों, आसपास के ग्रामों, साप्ताहिक बाजार, अन्य थाना क्षेत्रों में करवाई गई। गुमशुदा बच्चों एवं महिलाओं के फोटो प्राप्त कर गुमशुदा बालक बालिकाओं एवं महिलाओं के सर्वोत्तम हित में नियमानुसार गजट प्रकाशन कराया जाकर तकनीकी संसाधनों से भी तलाश हेतु प्रयास किये गये हैं। गुमशुदा नाबालिग लड़के लड़कियों की तलाश हेतु इंटरनेट के माध्यम से www.trackthemissingchild.gov.in पर जानकारी दर्ज कर तलाश के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रयासों के उपरांत दस्तयाब गुमशुदा बच्चों, महिला एवं पुरूषों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ में समाहित है। (ग) अवयस्क बच्चों की गुमशुदगी के प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश एवं विभागीय निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमशः ’ब’ एवं ’स’ अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र गंजबासौदा सहित जिला विदिशा में चलाये गये ऑपरेशन इस्माइल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार है। अवयस्क लड़के-लड़कियों की तलाश समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर कराई जाती है, विधानसभा क्षेत्र गंजबासौदा के अंतर्गत अवयस्क लड़के-लड़कियों की गुमशुदगी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ में समाहित है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 74 के तहत बालक की पहचान प्रतिषेध होने से सूची दिया जाना संभव नहीं है।
वाहन चोरी के प्रकरण
[गृह]
12. ( क्र. 247 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2016 तक बाईक, स्कूटी एवं मोटर सायकिल वाहन चोरी के कितने प्रकरण दर्ज हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने वाहन बरामद कर लिये गये, इनमें कितने आरोपी बनाये गये? क्या इनकी सुपुर्दगी संबंधित वाहन मालिकों को दे दी गई? (ग) ऐसे कितने मामले हैं जिनमें बरामद वाहन, वाहन मालिकों को न देते हुये थाने में खड़े कर रखे है और कब से? थानेवार, वाहन क्रमांक सहित जानकारी देवें? (घ) जो वाहन अभी तक बरामद नहीं किये गए हैं उनमें पुलिस क्या कार्यवाही कर रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विदिशा जिले में दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2016 तक बाईक, स्कूटी एवं मोटर सायकल, वाहन चोरी के 692 प्रकरण दर्ज हुए हैं। (ख) प्रश्नांश ’क’ अनुसार 237 वाहन बरामद कर लिये गये हैं। इनमें 221 आरोपी बनाये गये हैं। बरामद 237 वाहनों में से 223 वाहन वास्तविक मालिकों को माननीय न्यायालय के आदेशानुसार सुपुर्दगी में दिये गये हैं। (ग) शेष बरामद 14 वाहन संबंधित न्यायालय के आदेश की प्रत्याशा में बरामदगी दिनांक से थाने पर रखे हैं। उपरोक्त वाहनों को वाहन मालिकों के नाम सहित थानावार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जो वाहन अभी तक बरामद नहीं किये गये हैं उनमें वाहन/अज्ञात आरोपीगणों की पतारसी जारी है।
महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएँ
[गृह]
13. ( क्र. 278 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 37 (क्र. 809) दिनांक 20.07.16 के उत्तर में दिनांक 01 फरवरी 2016 से 30 जून 2016 तक प्रदेश में कुल 1868 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएँ घटित होने जिसमें 883 वयस्क एवं 985 अवयस्क महिलाऐं तथा 108 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाएँ घटित होने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 1 जुलाई 2016 से प्रश्नांकित तिथि की अवधि में प्रदेश में कितनी महिलाओं के साथ बलात्कार/सामूहिक बलात्कार की घटनाएँ घटित हुई? कृपया अ.जा., अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग तथा वयस्क/अवयस्क महिलाओं सहित जिलेवार जानकारी दें? इनमें से कितनी महिलाओं की हत्या हुई एवं कितनों ने आत्महत्या की? (ग) प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराध एवं बलात्कार की घटनाओं को रोकने के क्या क्या प्रयास शासन द्वारा किये गए हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों को रोकने हेतु भीड़भाड़ वाले स्थानों जैसे बस स्टेण्ड, सराफा, मंदिर आदि स्थानों पर पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल के सामने निर्भया टीम का भ्रमण एवं निर्भया टीम द्वारा स्कूल कॉलेजों में बालिकाओं/महिलाओं की सुरक्षा एवं कानूनों के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। राज्य महिला हेल्पलाईन 1090 एवं 100 डॉयल टेलीफोन नंबरों का प्रसार प्रचार किया जा रहा है। जिले में समर्थ संगिनी का गठन किया गया है। समस्त थानों पर समर्थ संगिनी (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, उषा, आशा, कार्यकर्ताओं) की एक बैठक आयोजित कर समर्थ संगिनी के उद्देश्य एवं कार्ययोजना के बारे में बताया जा रहा है।
शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के साथ मारपीट की घटनाएँ
[गृह]
14. ( क्र. 279 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जुलाई 2016 से प्रश्नांकित तिथि तक चम्बल संभाग में शासकीय कर्मचारियों/ अधिकारियों को प्रताड़ित करने, मारपीट करने व शासकीय कार्य में अवरोध करने की कितनी घटनाएं पंजीबद्ध हुई? कितने आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं/पत्रकारों एवं समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों के साथ मारपीट, फोन पर जान से मारने की धमकी, जानलेवा हमला एवं हत्या की घटनाएं घटित हुई? जिलेवार बतावें। (ख) इन घटनाओं में कितने प्रकरण, किन-किन धाराओं के तहत, किन-किन आरोपियों के विरुद्ध दर्ज किये गए? आरोपियों के नाम व पते सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों के आरोपियों में कितने गिरफ्तार किये जा चुके हैं, कितनों की गिरफ्तारी शेष है, कितने फरार हैं? फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01 जुलाई 2016 से दिनांक 31.01.2017 अवधि में चंबल संभाग में शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रताडि़त करने, मारपीट करने एवं शासकीय कार्य अवरोध करने के संबंध में जिला मुरैना में 37, जिला श्योपुर में 06, जिला दतिया में 14, जिला भिण्ड में 27 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। जिला भिण्ड में पत्रकार के साथ मारपीट की घटना में 01 प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
छिन्दवाड़ा जिले में घटित अपराध
[गृह]
15. ( क्र. 311 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के थानों में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने लूट, डकैती, चोरी, जुआं, सट्टा, मारपीट, हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए है? थानावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है? कितने मुजरिम गिरफ्तार हुए? कितने मामले न्यायालय में प्रस्तुत हुए कितने मामलों की विवेचना जारी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रकरणों में पीडि़तों की एफ.आई.आर. दर्ज करने में संबंधित थानों में देरी की जाती है? यदि हाँ, तो क्या इसकी शिकायत एस.पी. छिन्दवाड़ा को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन थानों की? संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक कोई नोटिस या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के थानों में 01.01.2014 से दिनांक 31.01.2017 तक लूट-05, डकैती-02, चोरी-57, जुआ-115, सट्टा-202, मारपीट-665, हत्या-27, बलात्कार-67, एवं महिला उत्पीड़न - 27 प्रकरण दर्ज हुए है। थानावर विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में दर्शित प्रकरण में संबंधित थानों में पीडि़तों की एफ.आई.आर. देरी से दर्ज करने के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अतः किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई है।
विभागांतर्गत संचालित योजनाएं
[पशुपालन]
16. ( क्र. 312 ) श्री जतन उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में पशुपालन से संबंधित हितग्राहियों को लाभांवित एवं प्रोत्साहित किये जाने की कार्यवाही संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16, 2016-17 में पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र को आवंटित की गई और आवंटित राशि से कौन-कौन से कार्य के लिए कितनी, राशि व्यय की गई? व्यय की गई राशि से लाभांवित हितग्राहियों सहित एवं अन्य कार्यों के लिए किये गये व्यय का ब्यौंरा उपलब्ध करायें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राज्य स्तरीय हितग्राही सम्मेलन में बसों का अधिग्रहण
[परिवहन]
17. ( क्र. 357 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में कितने राज्य स्तरीय हितग्राही सम्मेलन में हितग्राहियों को भेजने हेतु कितनी बसों का अधिग्रहण किया गया, बस नंबर सहित सूची देवें। यदि अधिग्रहण विभाग के किसी भी स्तर पर नहीं किया गया हैं तो प्रमुख समाचार पत्रों में अधिग्रहण वाली खबरों का कब-कब खण्डन प्रकाशित कराया गया है या क्या कार्यवाही की गई है, तत्संबंधी दस्तावेज की प्रति देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में में. भोपाल ग्लास एण्ड टेण्ट स्टोर भोपाल, में. विजन फोर्स भोपाल, में.लोटस एडवरटाईजर्स भोपाल को किन शर्तों, किन दरों पर कार्य दिया गया, प्रति देवें। इन कंपनियों से हुए पत्राचार की प्रति देवें। किन-किन कार्यों को करने हेतु लिखित या मौखिक कहा गया इवेंटवार कार्यों की सूची देवें। (ग) उक्त कंपनियों के द्वारा किये गये कार्यों का निरीक्षण या मूल्यांकन किन अधिकारियों द्वारा किया गया नाम, पद, किये गये कार्य दिनांक सहित सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मण्डला विधानसभा क्षेत्र की बम्हनी बंजर को तहसील बनाने का दर्जा
[राजस्व]
18. ( क्र. 382 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बम्हनी बंजर को पूर्ण तहसील का दर्जा प्रदान करने हेतु प्रश्नकर्ता की माँग पर सर्वे कार्य हो चुका है? यदि हाँ, तो कब तक बम्हनी बंजर को पूर्ण तहसील का दर्जा दे दिया जावेगा? यदि नहीं, तो कब तक विभागीय औपचारिकता पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) मण्डला जिला एवं मण्डला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजस्व विभाग में बम्हनी बंजर टप्पा तहसील के रूप में कब से घोषित होकर कार्यरत है? यदि हाँ, तो बम्हनी बंजर किस तिथि से टप्पा तहसील घोषित हुई है? यदि नहीं, तो बम्हनी बंजर कब तक घोषित हो जाएगी? (ग) क्या पूर्ण तहसील की विधिवत घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो बम्हनी बंजर को पूर्ण तहसील बनाने की घोषणा कब तक संभावित है और यदि नहीं, तो शासन द्वारा बम्हनी बंजर को पूर्ण तहसील का दर्जा प्रदान करने में विलंब का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर मण्डला के आदेश क्रमांक 150/स.अ.रा./2015 दिनांक 05.10.2015 द्वारा टप्पा तहसील घोषित होकर कार्यरत है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मण्डला विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं की मानव तस्करी
[गृह]
19. ( क्र. 383 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में वर्ष 01 जनवरी 2014से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में महिलाओं की मानव तस्करी/अपहरण/गुशुदगी के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? इनमें से कितनी महिलायें विवाहित/ अविवाहित एवं अव्यवस्क थी? महिलाओं की वर्गवार (सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अ.ज.जा., अ.जा.) संख्या वर्षवार, थानावार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितनी महिलायें बरामद की गई है तथा उक्त घटनाओं के दोषी कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया? (ग) उक्त घटनाएं न घटे इसके लिये क्या-क्या तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कुल-963 महिलायें बरामद हुई जिसमें उक्त घटनाओं के दोषी 187 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। (ग) उक्त घटना न घटे इसके लिये शासन द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं को स्कूल एवं कॉलेज में पुलिस द्वारा शिविर लगाकर संवाद कर अपराधों के संबंध में समझाइश दी जा रही है साथ ही स्कूल/कॉलेज लगने एवं छूटने के समय पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा नियमित भ्रमण कर असामाजिक तत्वों पर निगाह रखी जा रही है। निर्भया पेट्रोलिंग एवं डॉयल 100 की व्यवस्था की गई है। शासन द्वारा ग्राम स्तर पर एवं मोहल्ला स्तर पर ‘‘समर्थ संगीनी‘‘ कार्यक्रम संचालित कर ग्राम की महिलाओं को आशा कार्यकर्ता तथा आगनवाड़ी सहायिकाओं एवं पुलिस के माध्यम से महिलाओं को जागरुक किया जा रहा है तथा अपराधियों की जानकारी तत्काल पुलिस को दी जाने संबंधी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। मानव तस्करी को रोकने हेतु सभी जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को नोडल अधिकारी मनोनित किया गया है।
नोटबंदी के अवैधानिक कृत्य के दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
20. ( क्र. 448 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 08 नवम्बर, 2016 को घोषित की गई नोटबंदी के पश्चात् पुलिस विभाग द्वारा किन-किन जिलों में कितने-कितने व्यक्तियों को नये एवं पुराने नोटों के संबंध में अवैधानिक कृत्य करते हुए पकड़ा गया? संख्या नाम सहित बताया जाये? (ख) पुलिस द्वारा कितने प्रकरणों में जाँच पूरी कर चालान की कार्यवाही की गई एवं कितने प्रकरण में अभी विवेचना चल रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरणों में कब तक विवेचना पूर्ण कर ली जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पुलिस द्वारा पंजीबद्ध किये गये कुल 28 प्रकरणों में से 22 प्रकरणों में जाँच पूर्ण कर चालान की कार्यवाही की गई है। शेष 06 प्रकरण विवेचनाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में गैस कनेक्शनों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 499 ) श्री
रामसिंह यादव
:
क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शिवपुरी जिले
के कोलारस
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
उज्जवला
योजना के तहत
गैस कनेक्शन
दिए जा रहे
हैं? यदि
हाँ, तो
इस योजना के
अंतर्गत
कितने हितग्राहियों
का चयन किया
गया है?। (ख)
कोलारस
विधान सभा
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
उज्जवला
योजना के तहत 31 जनवरी 2017 तक कितने
हितग्राहियों
को गैस कनेक्शन
दिया गया है? (ग) कोलारस
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
उज्जवला
योजना में
कितने गैस
कनेक्शन
दिया जाना शेष
है? शेष
हितग्राहियों
को गैस कनेक्शन
कब तक दे दिए
जावेंगे? (घ) क्या
प्रश्नकर्ता
ने जिला
आपूर्ति
अधिकारी जिला-शिवपुरी
से
प्रधानमंत्री
उज्जवला
योजना के तहत
कोलारस विधान
सभा क्षेत्र में
दिए जा रहे
गैस कनेक्शनों
के लिए चयनित
हितग्राहियों
की सूची पत्र
दिनांक 19/12/2016 से
मांगी थी? यदि हाँ, तो उक्त
सूची क्यों
उपलब्ध नहीं
कराई गई?
प्रश्नकर्ता
के पत्रों पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) जी
हाँ। भारत
सरकार द्वारा
सामाजिक-आर्थिक
एवं जाति
जनगणना,
2011
में कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र के 1,41,057
सर्वेक्षित
हितग्राही
निर्धारित 7
श्रेणियों
में से किसी
भी एक वंचित
श्रेणी के
अंतर्गत आने
के कारण गैस
कनेक्शन
प्राप्त
करने की
पात्रता है। (ख)
प्रधानमंत्री
उज्ज्वला
योजनांतर्गत
कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र के 14,886
हितग्राहियों
को दिनांक 31 जनवरी 2017 तक गैस
कनेक्शन
जारी किए गए
हैं। (ग) प्रधानमंत्री
उज्ज्वला
योजनांतर्गत
कोलारस
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
भारत सरकार
द्वारा
सामाजिक-आर्थिक
एवं जाति
जनगणना,
2011
के
सर्वेक्षित
परिवारों में
से 1,20,628
हितग्राहियों
को उनकी
पात्रता
परीक्षण के पश्चात्
गैस कनेक्शन
जारी किया
जाना शेष है। योजनांतर्गत
हितग्राहियों
को (प्रारम्भ
से 3
वर्ष की अवधि
में) गैस
कनेक्शन
जारी किया
जाना है। (घ) जी
हाँ। प्रधानमंत्री
उज्ज्वला
योजनांतर्गत
कोलारस विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
गैस कनेक्शन
हेतु चयनित
हितग्राहियों
की जानकारी
विस्तृत
होने से सी.डी.
में सॉफ्ट
कापी में
माननीय सदस्य
को उपलब्ध
कराई गई किन्तु
माननीय सदस्य
के निज सहायक
द्वारा ग्रहण
नहीं की गयी।
नामांतरण/बटवारा/सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
22. ( क्र. 500 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नामांतरण, फोती नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के जनवरी-2017 की स्थिति में आवेदन लंबित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से आवेदन कब से कहाँ पर लंबित हैं? लंबित आवेदनों को निराकरण किन कारणों से नहीं किया गया? (ख) क्या नामांतरण, फोती नामांतरण, बटवारा एवं सीमांकन के संबंध में शासन ने कोई गाईडलाईन/दिशा निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो इनकी प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि गाईडलाईन/दिशा निर्देश में वर्णित अवधि में नामांतरण, फोती नामांतरण, बटवारा एवं सीमांकन के कौन-कौन से प्रकरण निराकृत नहीं किए गए? (ग) उक्त लंबित प्रकरणों में से किस-किस प्रकरण में किन-किन के द्वारा क्या-क्या लापरवाही बरती गई? गाईडलाईन/दिशा निर्देश का पालन किन-किन के द्वारा नहीं किया गया? लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अप्रैल 2014 से दिसम्बर 2016 तक सीमांकन किए गए हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के कहाँ-कहाँ के कब-कब सीमांकन किए गए?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। शासन दिशा निर्देशों के अनुरूप नियत अवधि में नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तें
[राजस्व]
23. ( क्र. 530 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत शासन द्वारा संचालित विभागों में कितने कर्मचारी संविदा के आधार पर नियुक्त हैं? इनका मिलने वाला न्यूनतम वेतन एवं सेवा शर्तें शासन द्वारा क्या निर्धारित की गई हैं विभागवार बतावें। इनकी कुल संख्या प्रदेश में कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संविदा कर्मचारियों की सेवा अवधि (संविदा अवधि) कितने वर्ष की होती है? संविदा अवधि उपरांत क्या अगली अवधि बढ़ाने बावत् पुन: आवेदन/वरिष्ठ अधिकारियों की अनुशंसा ली जाती है, जिसके कारण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इनका शोषण किया जाता है? बार-बार संविदा अवधि न बढ़ाने बाबत् शासन द्वारा कोई नवीन आदेश एवं निर्देश जारी कराये जायेंगे? साथ ही यह भी बतावें कि नियमित कर्मचारियों की भांति इनके वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाओं बाबत् क्या समय-समय पर शासन द्वारा निर्देश जारी किये जाते हैं? अगर जारी किये जाते हैं तो प्रति देवें, अगर नहीं तो क्या नवीन आदेश एवं निर्देश संविदा कर्मचारियों के हित में जारी करेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की भांति सुविधा एवं वेतन भत्ते संबंधी आदश जारी करायेंगे? साथ ही संविदा अवधि बार-बार बढ़ाने बाबत् आवेदन न देने पर भी क्या विचार कर उचित निर्णय संविदा कर्मचारियों के हित में लेंगे? लेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन के जारी आदेशानुसार कार्यवाही न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[श्रम]
24. ( क्र. 532 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 07.12.2016 में मुद्रित अतारांकित प्रश्न संख्या 139 (क्र. 1440) के दिए गए उत्तर के संदर्भ में बतायें कि रीवा जिले में अगर भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल के तहत पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों के आवेदन नवीनीकरण बाबत् मूल पंजीयन के साथ संबंधित निकायों में जमा करने पर नवीनीकरण एवं नवीन पंजीयन किये जाने का पालन संबंधित पदाविहित प्राधिकारियों द्वारा किया जा रहा होता तो कार्यालय कलेक्टर रीवा द्वारा पत्र क्र. 807 से 809 दिनांक 12.12.2016 के माध्यम से संबंधितों को आदेश दिया गया? यदि हाँ, तो शासन के आदेश दिनांक 15.12.2014 का पालन रीवा जिले में नहीं किया जा रहा था, क्यों? इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर संबंधित निकायों के पदाविहित प्राधिकारियों द्वारा शासन के आदेश का पालन न कर श्रमिकों का नवीनीकरण पंजीयन एवं नवीन नवीनीकरण नहीं किया गया, पात्र श्रमिक लाभ से वंचित हुए तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? नवीन पंजीयन एवं नवीनीकरण हेतु निकायों में पूर्व में जमा किये आवेदन पत्रों का परीक्षण कर उनके नवीनीकरण एवं नवीन पंजीयन कराने की कार्यवाही करेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न संदर्भ में स्वप्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने श्रमिकों के नवीनीकरण आवेदन के आधार पर नवीनीकरण की कार्यवाही की गई? साथ ही नये पंजीयन श्रमिकों के जारी किये गये कार्ड की जनपद वार एवं नगर निकायवार जानकारी देवें। अगर स्व-प्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर नवीनीकरण एवं नवीन पंजीयन नहीं किये गए तो इसके लिए दोषियों पर किस तरह की एवं कब तक कार्यवाही करेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अन्तर्गत पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों के आवेदन नवीनीकरण बावत् मूल पंजीयन के साथ संबंधित निकायों में जमा करने पर नवीनीकरण एवं नवीन पंजीयन किए जाने की कार्यवाही पदाभिहित अधिकारियों द्वारा की जा रही है। (मंडल के द्वारा अधिसूचित नियमों के अनुसार) दिनांक 12.12.2016 को माननीय विधायक महोदय, के पत्रानुसार संबंधित पदाभिहित अधिकारियों को पुनः निर्देशित किया गया था। (ख) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के नियमानुसार संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पंजीयन/नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों का पंजीयन मंडल की पात्रता की शर्तों के अनुसार किया जाकर पात्र निर्माण श्रमिकों का पंजीयन एवं नवीनीकरण किया जा रहा है। निर्माण श्रमिकों का पंजीयन एवं नवीनीकरण सत् त प्रक्रिया है तथा नियमित रूप से उक्त कार्यवाही की जा रही है। (ग) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अन्तर्गत स्व-प्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक चाही गई जनपदवार एवं नगर निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अनुसार है चूंकि स्व-प्रमाणित शपथ-पत्र के आधार पर ही पंजीयन/नवीनीकरण की कार्यवाही की जा रही है अतः दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य पर्चियां जारी न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 533 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, सीधी, सतना जिले में शासन द्वारा भिन्न-भिन्न योजनाओं के तहत पंजीबद्ध कार्डधारियों एवं बी.पी.एल. के हितग्राहियों की वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी एवं किस-किस माह में किन-किन संबंधित योजनाओं को पात्र हितग्राहियों की खाद्य पर्चियां जनरेट होकर जारी की गई, का विवरण जिलावार एवं जनपदवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य पर्चियां प्रश्नांश (क) की अवधि में जनरेट होकर नहीं निकाली गई, पात्र हितग्राही खाद्यान्न से वंचित हुए तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही क्या उनके पूर्व माहों में खाद्यान्न उपलब्ध कराने संबंधी आदेश एवं निर्देश जारी करेगें? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार खाद्य पर्चियां जनरेट होकर नहीं निकल रही हैं, तो शासन एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी, जिससे पात्र हितग्राहियों को खाद्यान उपलब्ध कराया जा सके? पिछले एक वर्ष में कितने ऐसे हितग्राही हैं जो खाद्य पर्ची से वंचित हुए? जिलेवार एवं जनपदवार विवरण देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को समग्र पोर्टल पर स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। जिन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है, उनको प्रतिमाह पात्रता पर्ची जारी करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक परिवार के सदस्यों की संख्या में कोई परिवर्तन न हुआ हो। रीवा, सीधी, सतना जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में माहवार, विकासखण्डवार एवं जिलेवार पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) माह अगस्त, 2016 तक सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा, इस कारण से कोई जबावदार न होने के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत ही राशन सामग्री वितरित करने का प्रावधान होने के कारण पूर्व माहों का खाद्यान्न दिया जाना सम्भव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है, उनकी जिलेवार एवं जनपदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) हेतु नवीन कार्यालय भवन निर्माण
[राजस्व]
26. ( क्र. 543 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शुजालुपर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शुजालपुर का कार्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण होकर क्षतिग्रस्त हो चुका है? उक्त भवन के स्थान पर नवीन भवन निर्माण के संबंध में शासन की क्या योजना है? (ख) यदि हाँ, जो कब तक शुजालपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के नवीन भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शुजालपुर का कार्यालय भवन वर्ष 1925 का बना हुआ है जिसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शुजालपुर का कार्यालय संचालित हो रहा है। वर्तामान में कोई प्रस्ताव नहीं है (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवनिर्मित तहसील भवनों में अतिरिक्त निर्माण
[राजस्व]
27. ( क्र. 545 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुलाना एवं शुजालपुर के नवनिर्मित भवनों में पहुँच मार्ग निर्माण का प्रावधान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो पहुँच मार्ग का निर्माण अभी तक क्यों नहीं किया गया। यदि नहीं, तो नव निर्मित तहसील में पहुँच मार्ग निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या गुलाना तहसील अंतर्गत संचालित लोक सेवा केन्द्र भवन की स्वीकृति प्रदान की गई है? (घ) यदि नहीं, तो प्रथम लोक सेवा केन्द्र भवन निर्माण हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है तथा कब तक नवीन तहसील गुलाना में लोक सेवा केन्द्र हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं (ख) पहुंच मार्ग के प्राक्कलन का परीक्षण कर निर्णय लिया जायेगा (ग) जी नहीं (घ) भूमि के चयन की कार्यवाही प्रगतिरत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवनिर्मित तहसील भवनों में बाउंड्रीवाल रिकार्ड रूम
[राजस्व]
28. ( क्र. 547 ) श्री
जसवंत सिंह
हाड़ा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
शुजालपुर के
अंतर्गत तहसील
गुलाना एवं
शुजालपुर के
नवनिर्मित
भवनों में बाउंड्रीवाल
निर्माण किये
जाने की स्वीकृति
प्रदान की गई
है तथा भवनों
की सुरक्षा हेतु
बाउंड्रीवाल
निर्माण किये
जाने हेतु कोई
कार्य योजना
शासन के समक्ष
विचाराधीन है? (ख) यदि
नहीं, तो
क्या बाउंड्रीवाल
निर्माण किये
जाने हेतु
शासन द्वारा
कोई योजना
तैयार की जा
रही है? कब
तक बाउंड्रीवाल
निर्माण की
जावेगी?
(ग)
क्या
विधानसभा
क्षेत्र
शुजालपुर
अंतर्गत प्रश्नांश
(क) में अंकित
नवीन तहसील
भवनों में
रिकार्ड रूम, अभिभाषक
बैठक व्यवस्था, कृषकों
तथा
पक्षकारों की
बैठक व्यवस्था
तथा वाहन
पार्किंग की
पृथक से व्यवस्था
की गई है?
(घ)
यदि
नहीं, तो
प्रश्नांश ''ग'' में
वर्णित व्यवस्था
कब तक की
जावेगी?
क्या
शासन के पास
इस संबंध में
कोई प्रस्ताव
विचाराधीन है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
नहीं। जी हाँ (ख)
जी हाँ।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) जी हाँ, वैकल्पिक
व्यवस्था
की गई है। (घ) प्रश्नांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नजूल भूमि की जानकारी एवं पट्टे का वितरण
[राजस्व]
29. ( क्र. 580 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर के अन्तर्गत नजूल भूमि कहाँ-कहाँ स्थित है? (ख) वर्णित ''क'' की विधान सभा में विगत 25-30 वर्षों से नजूल भूमि में निवासरत कितने गरीब पीडि़तों को स्थानीय प्रशासन द्वारा पट्टा दिया गया है? (ग) क्या यह प्रदेश के मान. मुख्यमंत्री महो. जी द्वारा घोषणा की गई थी नजूल भूमि में काबिज गरीब पीडि़तों को पट्टा प्रदाय किया जावेगा उनकी घोषणा के परिप्रेक्ष्य में कितने नजूल भूमि में बसे गरीबों को पट्टा प्रदाय किया गया है जानकारी वर्ष 2013 से 1 जनवरी 2017 बताई जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार। (ख) नजूल भूमि में निवासरत 1700 लोगों को स्थानीय प्रशासन द्वारा पट्टा दिया गया है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013 से 01 जनवरी, 2017 तक नजूल भूमि में काबिज 2017 गरीब पीडि़त व्यक्तियों को पट्टा प्रदाय किया गया।
उज्जवला योजना अन्तर्गत वितरित गैस कनेक्शन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
30. ( क्र. 581 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर के अन्तर्गत कितने गरीबी रेखा कार्डधारकों को उज्जवला योजना अन्तर्गत नवीन गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये गये है? जानकारी उनके नामवार, पतेवार सूची सहित दी जावे? (ख) क्या उक्त योजना का वर्तमान में संचालन बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त योजना गरीबों के हितो हेतु पुन: कब प्रारंभ की जावेगी? (ग) क्या उक्त योजना से लाभान्वित हितग्राहियों के गरीबी रेखा कार्ड निरस्त कर दिये जावेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों में से परिवार निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय करने का प्रावधान है। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र जबलपुर में प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत नवीन गैस कनेक्शनधारियों के नाम एवं निवास के पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा मार्च, 2017 तक प्रदेश के 20 लाख परिवारों को नवीन गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें लाभान्वित हितग्राहियों के गरीबी रेखा के कार्ड निरस्त किए जाएं।
शहरी सीमा में वाहन दुर्घटनाएं
[गृह]
31. ( क्र. 606 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम सीमा में विगत एक वर्ष में भारी वाहनों से कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुईं? उक्त सड़क दुर्घटनाओं में से कितनी मृत्यु नो इंट्री के समय दर्ज की गयी? 01 जनवरी 2016 से 31/12/2016 तक थानावार, वाहन क्रमांक, वाहन मालिक/ड्राईवर, मृतक का नाम सहित दुर्घटना का स्थल एवं समय सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) उक्त प्रकरणों में अब तक पुलिस द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? नो इंट्री के समय शहर में वाहन प्रवेश के लिए किसे दोषी माना गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जबलपुर नगर निगम सीमा में विगत 01 वर्ष में कुल 168 सड़क दुर्घटनाएं भारी वाहनों से हुई है। उक्त 168 दुर्घटनाओं में से 19 दुर्घटनाएं नो-एन्ट्री के दौरान हुई है, जिसमें 19 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2016 तक थानावार वाहन क्र. वाहन मालिक/ड्रायवर, मृतक का नाम, सहित दुर्घटना का स्थल व समय सहित पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त प्रकरणों में पुलिस द्वारा दोषियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किये गये है। विवेचना में आये तथ्यों के आधार पर दोषी माना गया।
F.S.L. प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
32. ( क्र. 607 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में विगत 3 वर्षों में दर्ज अपराधिक प्रकरणों, दुर्घटनाओं के सभी प्रकरणों में से कितने एवं किन-किन प्रकरण में F.S.L. (बिसरा) की जाँच हेतु नमूने सागर स्थित या अन्य प्रयोग शालाओं में कब-कब भेजे गये? (ख) भेजे गये नमूनों में से कितने प्रकरणों की परीक्षण/जाँच रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है? कितने प्रकरणों की जाँच रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं प्राप्त हुयी? (ग) थानावार, वर्षवार जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जबलपुर जिले में विगत तीन वर्षों में दर्ज आपराधिक एवं दुर्घटनाओं में कुल 881 प्रकरणों में बिसरा परीक्षण हेतु सागर व अन्य प्रयोगशालाओं में भेजे गये है। जिनमें अपराधों के 180 एवं दुर्घटनाओं के 701 प्रकरणों को भेजा गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भेजे गये बिसरा के नमूनों में से 761 प्रकरणों में जाँच रिपोर्ट प्राप्त चुकी है तथा 120 प्रकरणों की जाँच प्राप्त नहीं हुई है। (ग) थानावार, वर्षवार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आत्महत्या के दर्ज प्रकरण
[गृह]
33. ( क्र. 635 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के समस्त थानों में वर्तमान में फरार आरोपियों/वारंटियों की नाम, पता, थाना, फरारी दिनांक, प्रकरण की धारा सहित सूची थानावार देवें। इन्हें पकड़ने के क्या प्रयास किए गए? (ख) खरगोन जिले में 1.1.2015 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज हत्या, आत्महत्या, वाहन दुर्घटना एवं अन्य अपराध के प्रकरणों की संख्या, सूची थानावार देवें। आत्महत्या के प्रकरणों की संख्या विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में दर्ज आत्महत्या प्रकरण में आत्महत्या के कारण सहित प्रकरणवार सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। फरार आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम गठित कर उनके परिजनों एवं रिश्तेदारों के बारे में जानकारी एकत्रित कर पतासाजी की जा रही है। इस संबंध में आसपास क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर मुखबिर लगाये गये है। इसके अलावा जिले के कुल 64 फरार आरोपियों/वारंटियों में से 41 के संबंध में गिरफ्तारी की सूचना देने पर ईनामी राशि की उद्घोषणा की गई है, 4 आरोपीगणों के विरुद्ध धारा 82, 83, दप्रस के अंतर्गत कार्यवाही की गई है तथा 4 अन्य के विरुद्ध धारा 82, 83, दप्रस के अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अन्य आरोपीगणों की कोई चल-अचल संपत्ति नहीं होने से संपत्ति कुर्की की कार्यवाही संभव नहीं है। प्रश्न दिनांक के बाद उपरोक्त में से एक आरोपी को दिनांक 08.02.2017 को गिरफ्तार किया गया है। फरार आरोपियों/वारंटियों की गिरफ्तारी के निरंतर प्रयास किये जा रहे है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ एवं ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है।
यातायात सप्ताह में दर्ज प्रकरण
[गृह]
34. ( क्र. 637 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में यातायात विभाग द्वारा यातायात सप्ताह में दर्ज प्रकरण के प्रकार व संख्या बतायें। इन सप्ताहों में वसूली गई राशि सप्ताहवार बतायें। कितने वाहनों में फिटनेस, बीमा, पंजीयन कार्ड नहीं पाया गया, इन वाहनों की नंबर सहित सूची देवें। (ख) यातायात सप्ताह में उक्त अवधि में कितने वाहन चालकों की आंखों की जाँच कब-कब कराई गई। (ग) यातायात सप्ताह में कितने वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की गई या कार्यवाही हेतु अन्य विभाग को निर्देशित किया गया।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत तीन वर्षों में यातायात सप्ताह (अवधि) में वाहन चैकिंग के दौरान बिना हेलमेट, बिना बीमा, बिना रजिस्ट्रेशन का कोई वाहन नहीं पाया गया। (ख) यातायात सप्ताह अवधि में वाहन चालकों की आंखों की जाँच के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है -
क्र. |
यातायात सप्ताह का दिनांक |
नेत्र शिविर का आयोजन दिनांक |
जिनके नेत्रों का परीक्षण किया गया उन वाहन चालकों की संख्या। |
1 |
दिनांक 05 जनवरी 2015 से 12 जनवरी 2015 तक |
11.01.2015 |
59 |
2 |
दिनांक 10 जनवरी 2016 से 16 जनवरी, 2016 तक |
14.01.2016 |
106 |
3 |
दिनांक 09 जनवरी 2017 से 15 जनवरी, 2017 तक |
12.01.2017 |
71 |
(ग) यातायात सप्ताह के दौरान विगत तीन वर्षों में 195 वाहनों के विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही कर रूपये 35,400/- का समन शुल्क वसूला गया।
यातायात सप्ताह में दर्ज प्रकरण
[परिवहन]
35. ( क्र. 638 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में आर.टी.ओ. विभाग द्वारा यातायात सप्ताह में दर्ज प्रकरण के प्रकार व संख्या बतायें, इन सप्ताहों में वसूली गई राशि यातायात सप्ताहवार बतायें। कितने वाहनों में फिटनेस, बीमा, पंजीयन कार्ड नहीं पाया गया। (ख) यातायात सप्ताह में उक्त अवधि में कितने वाहनो के परमिट, फिटनेस निरस्त किये गये। (ग) विगत 3 वर्षों में यातायात सप्ताह में कितने वाहनों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई। यातायात सप्ताह के अतिरिक्त समयावधि में आर.टी.ओ. विभाग द्वारा कितने वाहनों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यातायात सप्ताह नहीं अपितु सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है। विगत तीन वर्षों में परिवहन विभाग द्वारा खरगोन जिले में सड़क सुरक्षा सप्ताह में दर्ज प्रकरण के प्रकार और संख्या निम्नानुसार है :- (1) बिना परमिट वाहनें - 30, (2) बिना फिटनेस वाहनें - 46, (3) फिटनेस निरस्त वाहनें - 11, (4) बिना बीमा वाहनें - 16, (5) बिना पी.यू.सी. वाहनें - 23, कुल योग - 126 जिससे रुपये 4,03,813/- शासकीय राजस्व की प्राप्ती हुई है। (ख) परमिट निरस्त वाहनों की संख्या निरंक है एवं फिटनेस निरस्त वाहनों की संख्या 11 है। (ग) खरगोन जिले में सड़क सुरक्षा सप्ताह में विगत तीन वर्षों में परिवहन विभाग द्वारा 126 वाहनों के विरुद्ध मोटरयान अधिनियम/नियम में विहित प्रावधान के अन्तर्गत कमी पाये जाने पर चालानी कार्यवाही की गयी है। अतिरिक्त समयावधि में परिवहन विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही निम्नानुसार हैः- (1) बिना परमिट वाहनें- 02, (2) बिना फिटनेस वाहनें - 06, (3) फिटनेस निरस्त वाहनें - 11, (4) बीमा वाहनें - 03, (5) बिना पी.यू.सी. वाहनें - 08, कुल योग - 30।
उचित मूल्य की दुकानों में शेड का निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 651 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में विभाग द्वारा कितनी उचित मूल्य की दुकानें कब से संचालित है? दुकान का नाम, ग्राम का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन की प्रत्येक उचित मूल्य की दुकानों के सामने प्रांगण में शेड का निर्माण किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन दुकानों में शेड का निर्माण किया गया है एवं कितनी-कितनी राशि से शेड का निर्माण किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक उचित मूल्य की दुकानों में विक्रेताओं की नियुक्ति की गई है? यदि नहीं, तो इनकी नियुक्ति कब तक कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कुल 145 उचित मूल्य दुकानें वर्ष 2003 से संचालित है। दुकानों के नाम एवं ग्राम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के स्वयं के भवनों में फर्श एवं शेड का निर्माण कराए जाने की योजना है। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 40 उचित मूल्य दुकानों पर फर्श एवं शेड का निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है, जिनमें से 12 दुकानों के फर्श एवं शेड का निर्माण पूर्ण हुआ है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रति फर्श एवं शेड निर्माण की लागत राशि रू. 50 हजार निर्धारित है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित 145 उचित मूल्य दुकानों पर 85 विक्रेता कार्यरत हैं। शेष उचित मूल्य दुकानों में विक्रेता की नियुक्ति प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के सेवा नियम में वर्णित प्रावधानों तथा मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान के तहत करने हेतु सहकारिता विभाग को लिखा गया है।
राजस्व विभाग में भूमि हस्तांतरण
[राजस्व]
37. ( क्र. 667 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1065, दिनांक 7/12/2016 के संदर्भ में भूमि का हस्तांतरण कब किया गया? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) यदि नहीं, किया गया तो कारण बतायें? कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भूमि का हस्तांतरण नहीं किया गया है। भूमि हिरण जल संसाधन संभाग, जबलपुर की है। (ख) हस्तांतरण का प्रकरण कार्यपालन यंत्री, हिरण जल संसाधन संभाग जबलपुर के द्वारा मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग भोपाल की विभागीय सहमति प्राप्त न होने से भूमि का हस्तांतरण नहीं हो सका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम कटरा को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
38. ( क्र. 682 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 22 (क्रमांक 423) दिनांक 22/7/2016 में अवगत कराया गया था कि विकासखण्ड सिहोरा के ग्राम कटरा को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में कलेक्टर द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये तथा यह भी बताये कि जन आकांक्षाओं की मांग के अनुरूप ग्राम कटरा को राजस्व ग्राम कब तक घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम कटरा को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जाना है क्योकि ग्राम खम्हरिया (कटरा) पूर्व से ही राजस्व ग्राम है। कलेक्टर से प्राप्त प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नल जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 683 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकास खण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अधीन 1/1/2009 से प्रश्न दिनांक तक नल जल/मुख्यमंत्री नल जल योजनांतर्गत किन-किन ग्रामों में स्वीकृति प्रदान की गई। वर्षवार, पंचायतवार, योजना की लागत, योजना की स्थिति पेयजल सप्लाई की स्थिति सहित विवरण उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से ग्रामों में नल जल योजना का कार्य प्रस्तावित हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम मढ़ापरसवारा में वर्ष 2007-08 में स्वीकृत नलजल योजना की टंकी का कार्य वर्ष 2016-17 में कराया जाना प्रस्तावित है। इस टंकी का 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
पट्टा वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
40. ( क्र. 718 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार कई वर्षों से काबिज भूमिहीनों को पट्टा वितरण किया जाना प्रस्तावित है किन्तु प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र (परसवाड़ा) अंतर्गत ग्राम जरेरा, लिंगा, कोसमी जैसे अनेकों ग्रामों में वर्षों से काबिज भूमिहीनों को पट्टा प्रदान करने से इसलिये इंकार कर दिया गया है, क्योंकि उस उक्त खसरा, रकवा में छोटे घास या छोटे घास के जंगल लिखा हुआ है क्या राजस्व भूमि पर यदि छोटे झाड़ का जंगल या छोटे घास का जंगल हो तब भी पट्टा प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? छोटे झाड़ का जंगल या छोटे घास का जंगल की क्या परिभाषा है? (ख) पट्टा वितरण में राजस्व या वन भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तित करने के लिये नये नियमों का क्या प्रावधान किया गया है तथा पट्टा वितरण की क्या कार्यवाही प्रचलित हैवर्ष 2015, 2016 एवं 2017 में परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पट्टा वितरण संबंधी कितने आवेदन प्राप्त हुये कितने हितग्राहियों को पट्टा प्रदाय किये गये? कितने को पट्टा वितरित नहीं किया गया एवं क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रीवा जिले के सेल्समैनों का वेतन एवं कमीशन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 726 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 'द्वार प्रदाय योजनान्तर्गत हितग्राहियों को खाद्यान समितियों को प्रदान किया जाता है। उसके वितरण में सेल्समैनों को कमीशन अथवा वेतन दिया जाता है या कि दोनों प्रदाय किया जाता है। (ख) यदि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा कमीशन एवं वेतन प्रदाय किया जाता है तो सेल्समैनों के वेतन व कमीशन के पत्रक दिनांक 1-4-2015 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करायें। (ग) यदि वेतन व कमीशन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा प्रदान किया जाता है तो बतायें कि सेल्समैन समिति के कर्मचारी हैं अथवा नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारी हैं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रीवा जिले में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा 'द्वार प्रदाय योजनान्तर्गत अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से उचित मूल्य दुकान तक खाद्यान्न एवं राशन सामग्री का प्रदाय किया जाता है। मध्यप्रदेश शासन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आदेश क्र. एफ 3-49/2012/29-2 दिनांक 04.05.2015 द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत आवंटित खाद्यान्न पर उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को रू. 8,400 प्रतिमाह पृथक विक्रेता रखने पर तथा एक विक्रेता द्वारा ही एक से अधिक दुकानों का संचालन करने पर अतिरिक्त दुकान के लिए रू. 2,400 प्रतिमाह कमीशन का भुगतान किया जाता है। उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली ही संस्था द्वारा ही विक्रेता की नियुक्ति एवं वेतन भुगतान की कार्यवाही की जाती है। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा सेल्समैनों को कमीशन अथवा वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उचित मूल्य दुकान पर कार्यरत सेल्समैन संबंधित सहकारी संस्था के कर्मचारी हैं।
गैर सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) को प्रदत्त राशि का उपयोग
[श्रम]
42. ( क्र. 742 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में विभाग के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में किन-किन गैर सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस प्रयोजन हेतु कब-कब दी गई? उक्त राशि का उक्त संगठनों द्वारा क्या उपयोग किया गया तथा इसका भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में राजगढ़ जिले में कौन-कौन से एन.जी.ओ. बाल श्रमिकों के लिये कार्य कर रहे? उक्त संस्थाओं द्वारा किन-किन बाल श्रमिकों को क्या-क्या सेवाएं दी गई तथा अन्य क्या-क्या गतिविधियां की गई तथा उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? बाल श्रमिकों के नाम पते व आयु सहित बतावें? (ग) उक्त अवधि में किन-किन संस्था/संगठनों के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें किस-किस स्तर पर कब प्राप्त हुई तथा प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राजगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों में गैर सरकारी संगठनों को दी गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। गैर सरकारी संगठनों द्वारा किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन परियोजना में कार्यरत परियोजना संचालक, फील्ड अधिकारी एवं बी.आर.सी., जन शिक्षक द्वारा समय समय पर किया जाता है एवं संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा भी भौतिक सत्यापन किया जाता है। (ख) उक्त अवधि में संलग्न एन.जी.ओ. की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। एन.जी.ओ. द्वारा बाल श्रमिकों को भारत सरकार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के दिशा निर्देश अनुसार बाल श्रम से मुक्त कराकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े जाने का कार्य किया जाता है। संबंधित बाल श्रमिकों के नाम, पते संबंधी जानकारी विवरण पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (ग) वर्णित अवधि में एक शिकायत संस्था राव माधव सेवा समिति के विरूद्ध प्राप्त हुई थी जिसकी जाँच उपरांत संस्था का कार्यादेश निरस्त किया गया।
पेयजल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 751 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत कितनी नवीन पेयजल योजना स्वीकृत की गई हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें, अद्यतन स्थिति में योजना संचालन की स्थिति भी अंकित करें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा या कार्यपालन यंत्री जिला आगर/शाजापुर द्वारा विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में किन-किन पंचायतों/ग्रामों में पेयजल योजनाओं की स्वीकृति के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को/शासन को भेजे हैं? विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रस्ताववार विवरण देवें। ऐसे कौन-कौन से प्रस्ताव/मांग हैं जिनमें पंचायत द्वारा 3 प्रतिशत राशि जमा नहीं की जा सकने के कारण योजना स्वीकृत नहीं हो पाई हैं? पृथक से विवरण देवें? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में 4 इंच एवं 8 इंच बोर खनन के लिए कितनी बार निविदा जारी की गई? जारी निविदा के संदर्भ में कितने बोर हुए एवं इसके लिए संबंधित फर्म को कितना भुगतान किया गया? (ड.) निविदाकार को जारी कार्यादेश, भुगतान पत्रक एवं बोर खनन के भौतिक सत्यापन रिपोर्ट की जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। ऐसी कोई योजना नहीं है। (घ) विगत दो वर्षों में 4 इंच बोर खनन की कोई निविदा जारी नहीं की गई एवं 8 इंच बोर खनन की निविदा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जारी निविदा निरस्त कर दिये जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश-घ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन गौशालाओं के संचालन हेतु स्वीकृत राशि
[पशुपालन]
44. ( क्र. 752 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौपालन को बढ़ावा देने हेतु विभाग की कौन-कौन से योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में विगत 3 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं? लाभान्वित हितग्राहियों की योजनावार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या मनरेगा के अभिसरण में गौशाला संचालन हेतु निर्माण कार्यों के लिए राशि स्वीकृति का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में म.प्र. में कितनी राशि स्वीकृत की गई? उक्तानुसार स्वीकृत राशि की जिलेवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आगर जिला अंतर्गत कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) गौपालन को बढ़ावा देने हेतु पशुपालन विभाग द्वारा गोपाल पुरस्कार योजना, वत्सपालन प्रोत्साहन योजना, नन्दीशाला योजना एवं आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना संचालित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों को कम मजदूरी की प्राप्त शिकायतें
[श्रम]
45. ( क्र. 783 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के विधानसभा क्षेत्र पवई में औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों को कम मजदूरी दिये जाने संबंधी कुल कितनी शिकायतें विगत तीन वर्षों में प्राप्त हुई? (ख) उक्त शिकायतों के आधार पर किन-किन उद्योग का निरीक्षण/परीक्षण विभाग के किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया है एवं तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में पन्ना जिले के विधानसभा क्षेत्र पवई में औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों को कम मजदूरी दिये जाने संबंधी दो शिकायतें श्रम कार्यालय पन्ना में प्राप्त हुई है। (ख) उक्त शिकायतों के आधार पर श्रम कार्यालय पन्ना द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही की गईः- (1) कटनी मिनरल्स प्रा.लि. पुरैना उद्योग का निरीक्षण श्री ओ.पी. मिश्रा, एवं श्री एच.के. डेनियल तत्कालीन श्रम निरीक्षकगण, कटनी द्वारा दिनांक 27.06.2014 को किया गया था। निरीक्षण में दिये गये निर्देशों का परिपालन प्रबंधन द्वारा दिनांक 04.07.2014 को प्रस्तुत किया गया। (2) श्री गुरू कार्वाईड एंड केमिकल्स प्रा.लि. पुरैना का निरीक्षण श्री यू.सी. शर्मा, श्रम निरीक्षक द्वारा दिनांक 06.10.2015 को किया गया था। इसमें श्रमिकों को न्यूनतम वेतन से कम भुगतान पाया गया था। जिसके संबंध में न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत दावा प्रकरण माननीय श्रम न्यायालय सागर में दिनांक 08.01.2016 को दायर किया गया।
पन्ना जिले की नल जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 784 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले के ग्रामीण इलाकों में कितनी नल-जल एवं कितनी मुख्यमंत्री पेयजल योजनायें संचालित की जा रही है? (ख) इन पेयजल योजनाओं पर विगत 5 वर्ष से अब तक शासन ने कुल कितनी धनराशि खर्च की है और इनका रखरखाव, संचालन किस एजेंसी द्वारा कराया जाता है? (ग) इन संचालित पेयजल योजनाओं में कितनी चालू है और कितनी बंद पड़ी हैं? बंद पड़ी योजनाओं को कब तक चालू कराने का लक्ष्य है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 77 एवं 37 (ख) कुल राशि रू.219.56 लाख। संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। (ग) 50 चालू एवं 64 बंद। जीर्ण-शीर्ण योजनाओं को छोड़कर बंद पड़ी नलजल योजनाओं को जून 2017 तक चालू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। कार्य पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताई नहीं जा सकती।
स्वीकृत पद अनुसार कार्यरत पुलिसकर्मी
[गृह]
47. ( क्र. 811 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की पुलिस थानों में जनसंख्या की मान से पुलिसकर्मी के पद स्वीकृत किये जाते हैं, तो कितनी जनसंख्या पर एक पुलिसकर्मी का पद स्वीकृत है? (ख) क्या उक्त मापदण्ड अनुसार पुलिसकर्मी की नियुक्ति की जाती है तो क्या खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस थानों एवं पुलिस चौकियों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिसकर्मी तैनात है? (ग) अगर नहीं तो खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस चौकी एवं पुलिस थाने पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस स्टाफ की पूर्ति कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ’क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौ सेवकों को प्रशिक्षण देने के पीछे उद्देश्य
[पशुपालन]
48. ( क्र. 816 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के द्वारा वर्ष 1999-2000 में ग्रामीण क्षेत्र की हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण बेरोजगार युवकों को जो प्रशिक्षण दिया गया था उसके पीछे शासन का उद्देश्य क्या था? (ख) विभाग में संधारित जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश ऐसे कितने युवक है जिन्होंने 03 माह का विकासखण्ड स्तर पर एवं 03 माह का जिला स्तर पर गौ सेवकों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है गौ सेवक का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवकों की संख्या बतावें। (ग) क्या वर्ष 1999-2000 में गौ सेवकों के लिए भोपाल में 03 माह के लिये पशु गर्भादान का भी प्रशिक्षण दिया गया था किन्तु प्रश्नांश दिनांक तक प्रशिक्षित गौ सवकों से सेवा नहीं ली गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त प्रशिक्षित गौ सेवकों से पशु उपचार कराये जाने हेतु कोई आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) गौसेवक योजना के प्रावधान अनुसार यह एक स्वरोजगारोन्मुखी योजना है, जिसका उद्येश्य गौसेवकों के माध्यम से दूर-दराज क्षेत्र में पशु पालकों को प्रारंभिक प्राथमिक पशु उपचार, पशुपालन की जानकारी एवं बधियाकरण तथा वैज्ञानिक तरीके से पशुओं के रख-रखाव बाबत् समुचित जानकारी पशु पालकों तक पहुंचाने का है। योजना अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से एक बेरोजगार नवयुवक को छ: माह का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण उपरांत गौसेवकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते है। जिसके पश्चात् गौसेवक अपने क्षेत्र में पशुओं का प्राथमिक उपचार कर स्वेच्छा सेवा शुल्क पशुपालकों से प्राप्त करते है। इस तरह वो अपना स्वरोजगार स्थापित करते है। (ख) विभाग में संधारित जानकारी अनुसार अब तक 21921 युवकों को प्रशिक्षण दिया गया है। (ग) गौसेवकों के लिए वर्ष 1999-2000 में, कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल में 3 माह के लिए पशु गर्भाधान का प्रशिक्षण नहीं दिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
नलकूप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 817 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा देवास जिले की कौन-कौन सी विधानसभा क्षेत्र में कितने-कितने नलकूप किन-किन ग्रामों में खनन करवाये गये हैं? (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक देवास जिले की विधानसभा क्षेत्रों में लगाये गये हैण्डपंपों की वर्तमान में क्या स्थिति है? हैण्डपंप चालू है अथवा बंद है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी बतावें। (ग) आने वाले समय में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होना है, खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कई नलकूपों में पानी की कमी आने लगी है, ऐसे में क्षेत्र की जनता को भीषण जल संकट से गुजरना पड़ सकता है, तो विभाग ने इसके निदान हेतु क्या कार्य योजना बनाई है? (घ) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बंद पडे हेण्डपंपों को विभाग द्वारा कब तक ठीक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार कार्य योजना नहीं बनाई जाती है। संपूर्ण जिले हेतु बनायी गयी कार्य योजना में जिसमें नवीन नलकूप खनन, जलस्तर कमी वाले नलकूपों में पावर पम्प, हैण्डपम्पों में राईजर पाईप विस्तार, पेयजल परिवहन कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। (घ) हैण्डपम्प संधारण का कार्य सतत् प्रक्रिया के अन्तर्गत समय-सीमा में सम्पादित किया जा रहा है।
नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की योजना
[पर्यावरण]
50. ( क्र. 853 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जीवन दायिनी पवित्र मॉ नर्मदा नदी को प्रदूषित होने से रोकने शुद्धीकरण व पर्यावरण संरक्षण की क्या योजना बनाई है? (ख) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नर्मदा नदी के किनारे बसे गांवों, घाटों से मिल रहे नालों की गंदगी उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को मिलने से रोकने हेतु क्या उपाय किये हैं। कार्य योजना क्या है वर्तमान में नर्मदा नदी के जल की प्रदूषण की क्या स्थिति है? (ग) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नर्मदा नदी के प्रवाह क्षेत्र में आने वाले किन–किन तटीय नगरों, नगरीय निकायों, कस्बों को चिन्हित कर सीवरेज व औद्यौगिक ईकाइयों के प्रदूषित पानी को मिलने से रोकने हेतु कब, क्या निर्देश जारी किये है एवं किस पर कब, क्या कार्यवाही की है? 2015 – 16 से 2016 – 17 तक की जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सभी जल प्रदूषणकारी उद्योगों में दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित कराये जाकर शून्य निस्त्राव की स्थिति का पालन कराया जाता है। मेसर्स सिक्यूरिटी पेपर मिल,होशंगाबाद द्वारा उपचारित निस्त्राव की कुछ मात्रा नर्मदा नदी में निस्सारित की जाती है। बोर्ड द्वारा नर्मदा नदी के 31 बिंदुओं पर जल गुणवत्ता मापन किया जाकर महत्वपूर्ण पर्वो,त्यौहारों पर जन-जागृति कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। नर्मदा नदी की जल गुणवत्ता भारतीय मानक आर्हएस 2296:1982 के अनुसार ‘‘ए‘‘ श्रेणी की है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है।
अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये आवास व्यवस्था
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
51. ( क्र. 854 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय रॉझी जबलपुर में कार्यरत अधिकारियों/ व्याख्याताओं व कर्मचारियों के लिए किस-किस टाईप के कितने कितने आवास निर्मित हैं, इन आवासों में कौन-कौन से संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध हैं? (ख) प्रश्नांकित किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास किस-किस को आवंटित हैं? किन-किन आवासों पर कब से किस-किस का अवैध कब्जा, अतिक्रमण व कौन सा निर्माण कराया है? किस-किस ने कौन-कौन से आवासों को कब से अवैध रूप से किराये पर दिया है। अवैध कब्जा अतिक्रमण निर्माण व अवैध रूप से किराये पर देने वालों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? सूची दें। वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांकित आवंटित किन-किन आवासों का किराया कब से किस-किस ने नहीं दिया है एवं क्यों? किस-किस से किराये की कितनी-कितनी राशि लेना बकाया है? इस बकाया राशि की वसूली हेतु कब-कब किस-किस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांकित आवासों के संधारण, सुधार व मरम्मत कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किस-किस टाईप के कितने-कितने आवासों का कब से कोई भी सुधार व मरम्मत कार्य नहीं कराया गया है एवं क्यों? कौन-कौन से आवास जर्जर एवं खण्डहर हो गये हैं वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक की जानकारी दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। इन आवासों में मूल भूत सुविधाएँ उपलब्ध है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। अवैध निर्माण से संबंधित कोई जानकारी संस्था में नहीं है। दोषी कर्मचारियों को नियमानुसार कार्यवाही किये जाने की सूचना दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। अवैध रूप से निवासरत बाहरी व्यक्तियों से आवास रिक्त कराये जाने के निर्देश सुरक्षा अधिकारी को दिये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। आवास रिक्त करवाये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रकरण की विस्तृत जाँच हेतु संस्था स्तर पर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता है। (ग) संस्था के आवासीय परिसर स्थित समस्त टाईप के आवासों का महाविद्यालय द्वारा नियमानुसार आवास किराया (लायसेस फीस) प्रतिमाह वसूल की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) संस्था के आवासीय परिसर स्थित समस्त टाईप के आवासों में प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर संधारण, सुधार व मरम्मत कार्य प्राप्त बजट प्राप्ति अनुसार पी.डब्ल्यू.डी. के माध्यम से करवाया जाता है। इन आवासों के संधारण, सुधार व मरम्मत पर किया गया व्यय - संस्था के बजट से सत्र 2015-16 रूपये 1,28,260/- एवं सत्र 2016-17 रूपये 15,85,201/- विभागीय बजट से व्यय की राशि सत्र 2015-16 रूपये 3,47,000/-, रूपये 3,55,000/- एवं रूपये 2,40,000/- है। जर्जर एवं खण्डहर आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है।
नवीन जेल भवन की स्वीकृत
[जेल]
52. ( क्र. 861 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिला मुख्यालय में नवीन जेल भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब और कितनी राशि की हुई थी तथा संविदाकार कौन था? अब तक कुल कितनी राशि खर्च हुई है? (ख) निर्माणाधीन जेल भवन की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रारंभिक दौर से अब तक कितने बार प्राक्कलन का पुनरीक्षण किया गया है? (ग) क्या भवन की लागत कई गुना बढ़ गयी है? यदि हाँ, तो कारण क्या है? भवन बनने की समय-सीमा बताएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) अनूपपुर जिला मुख्यालय में नवीन जेल भवन की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 17/01/2008 को राशि रूपये 465.20 लाख की एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 15/02/2016 को राशि रूपये 719.94 लाख की प्रदान की गई। अनूपपुर में जेल भवन के निर्माण हेतु संविदाकार - मेसर्स रूही कन्स्ट्रक्शन कंपनी, श्री राकेश कुमार गौतम तथा श्री महेश प्रसाद अग्रवाल हैं। उक्त जेल भवन में अब तक कुल राशि रूपये 485.28 लाख व्यय हुई है। (ख) वर्तमान में निर्माणाधीन जेल भवन का कार्य फिनिशिंग स्तर पर है। प्रारंभिक दौर से अब तक एक ही बार पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया गया है। (ग) जी नहीं। जेल भवन नवीन एस.ओ.आर. दर में मजदूरी, सामग्री आदि में वृद्धि होने के कारण भवन की लागत लगभग डेढ़ गुना बढ़ी है। भवन निर्माण के अनुबंध के अनुसार निर्माण पूर्ण करने की अंतिम तिथि 24/01/2018 है।
भूमि के अधिकार पत्र का बंटन
[राजस्व]
53. ( क्र. 862 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में दखल रहित एवं वास दखलकार अधिनियम के तहत कुल कितने पात्र हितग्राहियों को भूमि अधिकार पत्र दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले के कितने पात्र हितग्राहियों का परीक्षण किया गया है? जिन्हें भूमि का अधिकार पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, उन्हें कब तक प्रदान कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कटनी में भूमियों का मद परिवर्तन एवं नामांतरण
[राजस्व]
54. ( क्र. 874 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प.ह.न. 39 बरगवाँ रा.नि.म. मुडवारा-1 तहसील व जिला कटनी में स्थित भूमि खसरा नं. 140, 141, 143/1, 156, 157, 158 एवं 159 की भूमि अधिकार अभिलेख 1956 में प्रान्तीय सरकार घास मद नजूल में दर्ज थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में उपरोक्त खसरा नम्बरों की भूमियाँ किन-किन के नाम दर्ज किस अधिकार के तहत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खसरा नम्बरों की भूमि के स्वामियों में किन-किन सक्षम अधिकारियों के कौन-कौन आदेशों से कब-कब परिवर्तन किए गए और इन खसरा नम्बरों की भूमियों पर वर्तमान में कौन-कौन काबिज है और क्या संरचना निर्मित है? (ग) क्या इन खसरा नम्बरों की भूमियों को खुर्द-बुर्द करने की कटनी जिला प्रशासन के संबंधित विभाग को वर्ष 2013 से शिकायतें एवं जानकारी प्राप्त है? यदि हाँ, तो पटवारी राजस्व निरीक्षकों एवं अन्य शासकीय सेवकों ने कब-कब एवं क्या-क्या जाँच की गई और क्या-क्या प्रतिवेदन दिए गए प्रतिवेदनों पर सक्षम प्राधिकारियों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) दिनांक 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय नजूल भूमि एवं शासकीय भूमियों को गलत तरीके से नामांतरण करने मद परिवर्तन करने सम्बन्धी किन-किन नागरिकों द्वारा शिकायतें की गई? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
थानों का पुनर्गठन
[गृह]
55. ( क्र. 927 ) श्री मोती कश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा में कौन-कौन से थाने आते हैं और अन्य क्षेत्र के थानों में उसके कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? (ख) तहसील ढीमरखेड़ा में कौन-कौन से थाने आते हैं और उनके अंतर्गत ऐसे कौन-से ग्राम हैं, जो किसी किलोमीटर दूरी के समीपवर्ती थाने के अंतर्गत नहीं आते हैं और जिनका आवागमन का मार्ग किसी थाने के द्वार के सामने से है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की विसंगति को दूर करने की दिशा में कोई प्रयास किये गये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में थानों के क्षेत्र की सीमा का पुनर्गठन किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना बड़वारा, ढीमरखेड़ा एवं थाना उमरियापान कुल 03 थाने आते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) थाना ढीमरखेड़ा और उमरियापान आते है। जी नहीं। (ग) एवं (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. और कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
56. ( क्र. 928 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, कटनी, ढीमरखेड़ा में किन क्षेत्रों/स्थानों में कौशल विकास केन्द्र और आई.टी.आई. निश्चित की गई है और उनके लिये किन खसरों – रकबों की भूमि और भवन चिन्हित किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) केन्द्र कब किन स्थानों में किन–किन ट्रेडों के प्रारंभ किये गये हैं और किन ट्रेडों में किन वर्षों में कितने लोगों को प्रशिक्षित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के कौन से केन्द्र किन कारणों से बंद कर दिये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) केन्द्रों की कमियों को दूर कर उन्हें कब तक पुन: प्रारंभ कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) विधानसभा बड़वारा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विकासखण्ड बड़वारा तथा कटनी क्षेत्रों में कोई भी शासकीय कौशल विकास केन्द्र और आई.टी.आई. निश्चित नहीं किये गये है। विकासखण्ड ढीमरखेड़ा में ग्राम पोंडी खुर्द प.ह.न. 114/20, खसरा नं 1,2,3 1/3 के तहत 2.00 हेक्टेयर भूमि का आवंटन हुआ हैं वर्तमान में विकासखण्ड ढीमरखेड़ा में नवीन आई.टी.आई. खोलने की योजना नहीं हैं। (ख) पूर्व से संचालित शासकीय आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासकीय कौशल विकास केन्द्र, उमरियापान (ढ़ीमरखेड़ा) केन्द्र बंद नहीं किया गया है, इस केन्द्र में मई 2016 तक प्रशिक्षण संचालित किया गया है। एमपीसीवेट की साधारण सभा में लिये गये निर्णयानुसार इस केन्द्र में आगामी वित्तीय वर्ष से मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत लघु अवधि प्रशिक्षण प्रांरभ करने की योजना है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन शस्त्र लाईसेंस अनुज्ञप्तिधारी जारी करना
[गृह]
57. ( क्र. 971 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितने नवीन शस्त्र लायसेंस की अनुज्ञप्ति जारी की गई, विधानसभा क्षेत्रवार, संख्या सहित जानकारी दी जावें। (ख) उक्त लायसेंसों के बनाये जाने में बारह बोर, एन.पी.बोर एवं रिवाल्वर पिस्टल के कितने लायसेंस हैं, संख्यावार जानकारी दी जावे? (ग) मुरैना जिले में नवीन लायसेंस बनाने के कितने आवेदन विचाराधीन हैं संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014, 2015, 2016 में कुल 357 नवीन शस्त्र लायसेंस की अनुज्ञप्ति जारी की गई। विस्तृत जानकारी निम्नानुसार है-
क्र |
विधानसभा छेत्र क्रमांक/ नाम |
वर्ष |
स्वीकृत शस्त्र लायसेंस की संख्या |
01 |
03 सबलगढ़ |
2014 |
निल |
02 |
04 जौरा |
2014 |
02 |
03 |
05 सुमावली |
2014 |
10 |
04 |
06 मुरैना |
2014 |
07 |
05 |
07 दिमनी |
2014 |
05 |
06 |
06 अम्बाह |
2014 |
08 |
कुल योग |
357 |
(ख) (1) -बारह बोर गन के लायसेंस संख्या - 31, (2) -एन.पी.बोर के लायसेंस संख्या - 304, (3) - पिस्टल/रिवाल्वर लायसेंस संख्या - 22 (ग) नवीन शस्त्र लायसेंस हेतु पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा उपरांत 71 आवेदन पत्र विचाराधीन है।
असंगठित कर्मकार मंडल हेतु योजनाएं
[श्रम]
58. ( क्र. 995 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कार्यरत असंगठित कर्मकार मण्डल हेतु कौन-कौन सी योजनाएँ हैं? योजनाओं की प्रति उपलब्ध करावें। उज्जैन जिले में 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाओं में हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? योजनावार, तहसीलवार जानकारी प्रदान करें? (ख) उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कब-कब बैठकें आयोजित की गई? उक्त बैठकों में मण्डल के अध्यक्ष सहित किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया, बैठकों में कौन-कौन से निर्णय लिये गये? (ग) यदि अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया गया है, तो क्या भविष्य में आयोजित होने वाली बैठकें में आमंत्रित किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा वर्तमान में किसी भी योजना का संचालन नहीं किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के संदर्भ में चाही गई जानकारी निरंक है। (ग) तदैव।
कौशल विकास योजनाएं
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
59. ( क्र. 996 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएँ हैं? योजनाओं की जानकारी प्रदान करते हुए, जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में कितनी कार्यशालाएँ किन-किन संस्थाओं द्वारा आयोजित की गई? तहसीलवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार आयोजित कार्यशाला में कितने हितग्राहियों द्वारा पंजीयन कराया गया तथा कौन-कौन की योजनाओं को कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया? योजनावार, तहसीलवार जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार यदि योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, तो कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) विभाग द्वारा आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से संचालित किये जाने वाले प्रशिक्षण की योजनायें निम्नानुसार है:- 1. क्राफट्समेन ट्रेनिंग स्कीम : इसके तहत आई.टी.आई. में एक एवं दो वर्षीय नियमित प्रशिक्षण संपादित किया जाता है। 2. अप्रेंटिस ट्रेनिंग स्कीम : इसके तहत आई.टी.आई. उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को उद्योगों में शिक्षुता प्रशिक्षण संपादित कराया जाता है। 3. कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण : इसके तहत कौशल विकास केन्द्रों में अल्पावधि के प्रशिक्षण संचालित किये जाते है। उक्त प्रशिक्षण के अतिरिक्त कोई कार्यशालायें आयोजित नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड विधानसभा में ओलावृष्टि
[राजस्व]
60. ( क्र. 1014 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में 26 जनवरी, 2017 की रात्रि में कहाँ-कहाँ पर ओला पड़े? कितना नुकसान हुआ, जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में दिनांक 26 व 27 जनवरी 2017 को ओला पीडि़तों के लिए किन अधिकारी ने कहाँ पर निरीक्षण किया? कितना प्रतिशत क्षति आंकी गई जानकारी दें? (ग) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्रामों में कितने कृषकों को कौन-सी फसल कितने प्रतिशत क्षति हुई? शासन स्तर से क्या क्षतिपूर्ति होगी? (घ) प्रश्नांश (क) और (ग) में फसल को अत्यधिक क्षति होने, फसल नष्ट होने पर क्या लगान माफ किया जायेगा? क्षतिपूर्ति की कार्यवाही कब तक होगी जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। क्षति 25 प्रतिशत से अधिक है। (ख) दिनांक 26 व 27 जनवरी 2017 को भिण्ड जिले के जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई उन क्षेत्रों में प्रारंभिक निरीक्षण कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अपर कलेक्टर द्वारा किया गया है। क्षति का सर्वे राजस्व, कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संयुक्त दल द्वारा कराया गया है। सर्वे उपरांत 25 से 33 प्रतिशत क्षति आंकलित की गई है। (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 13 ग्रामों के 4644 खातेदारों की सरसों एवं गेहूँ की फसल में 33 प्रतिशत क्षति हुई है। आर.बी.सी. 6-4 के अंतर्गत अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। प्रभावितों को अनुदान सहायता राशि शीघ्र ही वितरित की जाएगी।
फोरेंसिक मोबाईल यूनिट की स्थापना
[गृह]
61. ( क्र. 1045 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में फोरेंसिक मोबाईल यूनिट की स्थापना हेतु शासन ने स्वीकृति दे दी है यदि हाँ, तो इसके प्रांरभ न होने के क्या कारण है कब तक प्रांरभ की जावेगी? यूनिट हेतु कौन-कौन से पद स्वीकृत किये गये है? (ख) श्योपुर सहित जिन अन्य जिलों में उक्त यूनिट की स्थापना की स्वीकृति दी गई है उनमें से किन-किन जिलो में ये यूनिट प्रारंभ हो चुकी है किन-किन जिलों में नहीं? (ग) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-99 (क्र. 1037) दिनांक 07.12.16 के उत्तर में बताया गया है कि पदों की उपलब्धता के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी तो बतावें कि पदों की उपलब्धता हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई कब तक ये कार्यवाही पूर्ण करके यूनिट हेतु स्वीकृत पदों पर नवीन पद स्थापना कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। शासन आदेश दिनांक 13.12.2016 द्वारा श्योपुर में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर नियुक्त किये गये अधिकारी को शासन आदेश दिनांक 16.01.17 द्वारा दिनांक 04.03.17 तक कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी गई है, इनके द्वारा कार्यभार ग्रहण करने पर यूनिट प्रारंभ हो सकेगी। यूनिट हेतु वैज्ञानिक अधिकारी-01, प्रयोगशाला सहायक-01, स्टेनो कम कम्प्यूटर आपरेटर-01, आरक्षक चालक-01 एवं आरक्षक (एम) -01 के पद स्वीकृत। (ख) जिला बड़वानी, नीमच, कटनी, डिण्डौरी, हरदा, अशोकनगर, अनूपपुर, बुरहानपुर अलीराजपुर, सिंगरौली, एवं सागर जिले में यूनिट प्रारंभ हो चुकी है। जिला उमरिया में यूनिट प्रारंभ नहीं हुई। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है। पूर्ण कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं।
पोलिटेक्निक कॉलेज में नवीन संकाय की कक्षाएं
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
62. ( क्र. 1046 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर पोलिटेनिक कालेज में वर्तमान में कौन-कौन से संकायों की कक्षाएं संचालित है इनमें कितने-कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, की संख्या बतावे? (ख) उक्त उक्त कालेज में ऑटोमोबाईल व इलेक्टिकल्स की संकाय अब तक प्रांरभ नहीं हो पाई है इसके क्या कारण है कब तक प्रांरभ की जावेगी? (ग) उक्त संकाय की कक्षाएं व वर्तमान तक प्रांरभ न होने के कारण ऑटोमोबाईल व इलेक्ट्रिकल्स संकाय की पढ़ाई हेतु जिले के विद्यार्थियों को अब भी अन्यत्र जाना पड़ता है नतीजन उन्हें कठिनाई होती है इस हेतु छात्र निरन्तर मांग कर रहे है? (घ) यदि हाँ, तो बतावे कि छात्रों की मांग एवं उक्त संकाय की आवश्यकता के मद्देनजर क्या शासन उक्त दोनों संकायों की कक्षाएं निश्चित रूप से आगामी शिक्षा से प्रारंभ करवाएगा यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) श्योपुर पोलिटेनिक कालेज में वर्तमान में 03 संकाय संचालित है इनमें अध्ययनरत छात्रों की संख्या निम्नानुसार हैं:- 1- कम्प्यूटर सांईस एवं इजी, 35 छात्र, 2- कम्प्यूटर हार्डवेयर एण्ड मन्टेनेंस 05 छात्र 3- मैकेनिकल इंजी. 95 छात्र (ख) एआईसीटीई से स्वीकृति न होने के कारण ऑटोमोबाईल व इलेक्ट्रिकल्स ब्रांच आंरभ नहीं किये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) संज्ञान में नहीं हैं। (घ) जी नहीं एआईसीटीई की स्वीकृति नहीं होने के कारण।
आगामी ग्रीष्म काल में पेयजल आपूर्ति हेतु योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 1078 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेजयल संकट हमेशा बना रहता है तथा आने वाले गर्मी के मौसम में विभाग द्वारा खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हेतु किस प्रकार की योजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या आगामी गर्मी के समय नवीन हैण्डपंप खनन कराये जाने हेतु विधायकों से प्रस्ताव मांगे जाकर खनन करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बताये यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह भी सच है कि विधानसभा क्षेत्र खरगापुर के अंतर्गत जिन ग्रामों की नल-जल योजना तकनीकी रूप से या राशि के अभाव में बंद पड़ी है उनको पुन: चालू करायेगें? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? (घ) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में काफी मात्रा में हैण्डपंप खराब हालत में पड़े है और कुछ लाईनों में पाईप कम होने से बंद हैं? क्या मैकेनिकों द्वारा हैण्डपंपों का सुधार सरपंचों से फर्जी सत्यापन करा लेते हैं? क्या ऐसी स्थिति में हैण्डपंपों का सुधार विधायक के भ्रमण के समय या सुधार कार्य का सत्यापन विधायकों से करायेगें? यदि ऐसा कराया जायेगा तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। आगामी ग्रीष्म ऋतु (अप्रैल से जून) में संभावित पेयजल संकट निराकरण हेतु कार्ययोजना बनाई गई है जिसके अंतर्गत हैण्डपम्पों में राईजर पाईप बढ़ाने, सिंगल फेस मोटर पंप लगाने, योजनाओं में स्रोत निर्माण एवं आंशिक पूर्ण बसाहटों में नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपम्प लगाने के कार्य सम्मिलित है। (ख) टीकमगढ़ जिले को आगामी ग्रीष्म ऋतु (अप्रैल से जून) में अंतरिम रूप से 185 नलकूप खनन करने का लक्ष्य दिया गया है जिसमें प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में कराये जाने वाले नलकूप भी सम्मिलित हैं। सामान्यतः विधानसभा क्षेत्र के आंशिकपूर्ण ग्रामों की सूची पर संबंधित माननीय विधायकगणों से प्राथमिकता तय करवाकर तद्नुसार कार्य करवाया जाता है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) जी हाँ। विभाग का यह प्रयास होगा कि अधिक से अधिक योजनाऐं जून 2017 तक चालू कर ली जाएं। निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती। (घ) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाल श्रम से संबंधित
[श्रम]
64. ( क्र. 1106 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा बालश्रम प्रथा को प्रतिबंधित किये जाने संबंधी क्या क्या अधिनियम व नियम प्रचलन में है? (ख) क्या शासन श्रम विभाग द्वारा बाल श्रमिकों पर प्रतिबंध किये जाने हेतु जहां बाल श्रमिक कार्यरत है वहां उन्हें निरीक्षण करने का अधिकार है यदि हाँ, तो विगत तीन वर्ष में मुरैना जिले के किन-किन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण अथवा छापामारी कर कार्यवाही की गई व छापे या निरीक्षण दौरान कितने बालश्रम पाये गये की जानकारी प्रतिष्ठानवार दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में पाये गये बालश्रमिकों को उनके पुनर्वास हेतु शासन ने क्या पहल की है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बाल श्रम प्रथा को प्रतिबंधित की जाने हेतु बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 प्रभावशील है। केन्द्र सरकार द्वारा बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 को 1.09.2016 से प्रचलन में है। (ख) म.प्र. शासन श्रम विभाग द्वारा निरीक्षकों एवं अधिकारियों को बाल श्रमिकों का नियोजन जहां प्रचलित है वहां पर अधिनियम के अंतर्गत निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है। मुरैना जिले में विगत तीन वर्षों में 18 व्यवसायी प्रतिष्ठानों में अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत निरीक्षण किया गया है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अनुसार है। और सभी 18 प्रकरणों पर कार्यवाही सक्षम न्यायालय में विचाराधीन है। निरीक्षण के दौरान कोई भी बाल श्रमिक नहीं पाये गये है। (ग) उत्तरांश-ख के प्ररिपेक्ष्य में बाल श्रमिक नहीं पाये गये जिससे पुनर्वास का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कल्याण से संबंधित जानकारी
[श्रम]
65. ( क्र. 1107 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कल्याण कर्मकार अधिनियम के तहत क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान है व उनके संचालन हेतु क्या-क्या नियम व प्रक्रियाएं शासन द्वारा निर्मित की है? (ख) विगत तीन वर्षों में म.प्र. शासन श्रम विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) के हितग्राहियों के हितार्थ कितनी राशि प्रदेश के जिलों को दी गई जिलावार बतायी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में राशि प्राप्त होने पर जिला प्रशासन द्वारा विधान सभा क्षेत्र दिमनी में कितने श्रमिकों को किस-किस कार्य के लिये दी गई की जानकारी नाम, पता, कार्य विवरण राशि, वर्ष व दिनांक दी जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 के माध्यम से मंडल द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को हितलाभों का भुगतान कर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान है। मंडल के संचालन हेतु नियम व प्रक्रियाएं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित अवधि में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा हितग्राहियों के हितार्थ जिलेवार प्रदाय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र दिमनी में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को योजनावार प्रदाय हितलाभ की जानकारी नाम एवं पते सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
भूमि विक्रेताओं द्वारा भूमि का विक्रय
[राजस्व]
66. ( क्र. 1120 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 13 मार्च 2015 के अतारांकित प्रश्न संख्या 72 (क्रमांक 3490) में जानकारी एकत्रित की जा रही है। उत्तर दिया गया था क्या जानकारी एकत्रित हो गई है, यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी प्रश्न दिनांक तक को क्यों उपलब्ध नहीं करायी गई? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित बिन्दुओं की जाँच कब तक करा ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक स्वा. यांत्रिकी विभाग भिण्ड में हुए भ्रष्टाचार की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
67. ( क्र. 1129 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 जनवरी 2013 से 31 दिसम्बर 2016 तक आर्थिक अपराध ब्यूरो भोपाल, मुख्यालय एवं ग्वालियर कार्यालय में भिण्ड जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायतें किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब-कब की गई? शिकायतकर्ताओं का नाम, पता सहित बतायें? (ख) उपरोक्त अवधि में प्राप्त शिकायतों की जाँच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? प्रत्येक शिकायत का जाँच का प्रतिवेदन दें? (ग) भिण्ड जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में हुये भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायतों पर किन-किन के विरूद्ध किस-किस धारा में अपराध पंजीबद्ध किये गये तथा उनमें किस किन-किन के विरूद्ध कब-कब न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय आराजी न.32 में अनाधिकार कब्जा
[राजस्व]
68. ( क्र. 1215 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत ग्राम बम्हनगवां कि शासकीय आराजी न.32 रकवा 3.22 एकड़ वर्ष 1963-64 से 1969-70 तक शासकीय दर्ज थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या 1969-70 के बाद अनाधिकार कब्जा रामसखा सेन का था, बिना कोई सक्षम अधिकारी के आदेश के खसरा के कालम न. तीन में कैसे भू-स्वामी दर्ज हो गया बताएं? क्या वर्तमान समय पर उक्त जमीन बिक्री की जा चुकी है, यदि हाँ, तो कितने लोगों के नाम बिक्री की गई नाम सहित बताएँ? (ग) क्या नगर निगम अंतर्गत जमीन प्लाट आवंटन का अधिकार कलेक्टर/तहसीलदार को है, क्योंकि उक्त जमीन नगर निगम की सीमा के अन्दर है? (घ) क्या भू-स्वामी दर्ज करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी, जिन्होंने शासन की वेशकीमती जमीन को फर्जी तरीके से भू-स्वामी दर्ज की है क्या इनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
माँग संख्या 41 में विकास कार्यों हेतु प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 1236 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु माँग संख्या 41 में विकास कार्यों हेतु राशि प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं एवं कार्य हेतु कब-कब प्राप्त हुई एवं किन-किन कार्य योजना हेतु कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ जिलेवार व्यय की गयी? (ख) आदिवासी उपयोजना क्षेत्रान्तर्गत बजट अनुसार प्राप्त राशि के आवंटन हेतु विभाग के क्या मापदण्ड/प्रावधान है? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की सूची उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क’’ अनुसार वर्षवार प्राप्त राशि का विवरण संलग्न है। विभाग को बजट के माध्यम से राशि प्राप्त हुई है। कार्य योजनावार, जिलेवार व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख’’ अनुसार है। (ख) जनसंख्या के अनुपात में राशि का आवंटन किया जाता है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग’’ अनुसार है।
मुख्य सचिव के आदेशानुसार सीमांकन
[राजस्व]
70. ( क्र. 1268 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव म.प्र.शासन भोपाल के पत्र दिनांक २४ जुलाई २००४ के आदेशानुसार बैतूल जिले में किए गए वन एवं राजस्व भूमि के सीमांकन के दौरान वनखंडों में शामिल जमीनों को निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख में राजस्व विभाग द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक संशोधित नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो सीमांकन के दौरान किस ग्राम की किस किस मद में दर्ज कितनी कितनी भूमि वनखंडों में शामिल किया जाना पाया गया है तथा यह भूमि निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए वर्तमान में भी दर्ज है? (ग) क्या सीमांकन के दौरान वनखण्ड में शामिल पाई गई भूमियों के सामुदायिक वन अधिकार पत्र वन अधिकार कानून २००६ जो वर्ष २००८ से लागू है की धारा ३ (१) ''ख'' अनुसार वितरित कर दिए गए है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है तथा कब तक वितरित कर दिए जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नारंगी वनखण्ड में शामिल भूमि की जाँच एवं कार्यवाही
[राजस्व]
71. ( क्र. 1269 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के १३०३ राजस्व ग्रामों में से १२९९ राजस्व ग्रामों के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में विभिन्न मदों, विभिन्न सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों की जमीनों को वन विभाग ने नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने की राजस्व विभाग द्वारा अभी तक जाँच कर कार्यवाही नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो राजस्व ग्रामों के राजस्व अभिलेखों में सावर्जनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज कितने ग्रामों की किन-किन मदों की भूमि नारंगी वनखण्ड में शामिल कर ली है? (ग) क्या भू-राजस्व संहिता १९५९ एवं भारतीय वन अधिनियम १९२७ में दखल रहित भूमियों को नारंगी भूमि माने जाने का प्रावधान दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त संहिता एवं नियम की किस धारा में यह प्रावधान है? क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सिविल याचिका क्रमांक २०२/९५ में दखल रहित जमीनों को नारंगी भूमि माने जाने की छूट या अधिकार प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो माननीय न्यायालय के किस दिनांक के आदेश से यह प्रावधान दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डेयरी विकास कार्य हेतु प्राप्त राशि
[पशुपालन]
72. ( क्र. 1274 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर/आ.जा. कल्याण विभाग से आदिवासी हितग्राहियों हेतु डेयरी विकास कार्य हेतु दो बार राशि प्राप्त हुई थी? (ख) योजनान्तर्गत प्राप्त राशि किन-किन गॉवों में कितने कृषकों/हितग्राही हेतु किन-किन कार्यों में कितना-कितना, कब-कब व्यय किया गया /जावेगा? योजना की डी.पी.आर. एवं पूर्णता प्रमाण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या योजना पूर्ण उपरान्त योजना के लाभान्वित हितग्राही में से कितने हितग्राही द्वारा उक्त योजनान्तर्गत डेयरी का कार्य किया जा रहा है? कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा फीडबैक लिया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) 1. वर्ष 1991-92 से 1996-97 के मध्य बालाघाट जिले में एकीकृत आदिवासी डेयरी विकास परियोजना का क्रियान्वयन किया गया था। जिसमें लगभग 7068 पशुपालक सदस्य थे। योजनांतर्गत बैहर विधानसभा के 24 ग्रामों में दुग्ध सहकारी समितियों का गठन करते हुए इन समितियों से संबध्द लगभग 705 दुग्ध प्रदायक सदस्यों से ग्राम स्तर पर ही दूध क्रय करने हेतु अधोसंरचना का विकास किया गया। ग्रामों की जानकारी एवं योजना अंतर्गत व्यय की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। योजना की डी.पी.आर. एवं पूर्णता प्रमाण पत्र (राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। 2. बालाघाट जिले में द्वितीय बार कामधेनू एकीकृत आदिवासी डेयरी विकास परियोजना वर्ष 2004-2005 में स्वीकृत की गयी थी। 03 वर्षीय परियोजना का क्रियान्वयन वर्ष 2006-07 से 2008-09 के मध्य किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। योजना की डी.पी.आर. एवं पूर्णता प्रमाण पत्र (राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' एवं 'फ' अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में क्रियान्वित दोनों परियोजनाओं का कार्यकाल समाप्त हुए क्रमश: लगभग 22 एवं 08 वर्ष हो चुके है, अत: योजना पूर्ण उपरान्त योजना के लाभान्वित हितग्राही में से कितने हितग्राही द्वारा उक्त योजना अंतर्गत डेयरी का कार्य किया जा रहा है बाबत् जानकारी उक्त परियेजनाओं में सम्मिलित ग्रामों के सर्वेक्षण पश्चात् ज्ञात हो सकेगी। जिले में प्रथम बार क्रियान्वित एकीकृत आदिवासी डेयरी विकास परियोजना का मासिक आधार पर अनुश्रवण योजना की क्रियान्वयन एजेन्सी सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर के अधिकारियों द्वारा किया जाता था। इसके अतिरिक्त एम.पी.सी.डी.एफ. स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठकों में बालाघाट सहित अन्य सभी परियोजनाओं का राज्य स्तरीय अनुश्रवण किया गया था। जिले में द्वितीय बार क्रियान्वित कामधेनू एकीकृत आदिवासी डेयरी विकास परियोजना के अनुश्रवण हेतु शासन द्वारा जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में अनुश्रवण हेतु शासन द्वारा जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति गठित की गयी थी, जिसमें जिले के परियोजना अधिकारी एकीकृत आदिवासी डेयरी विकास परियोजना, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं को भी सदस्य के रूप में सम्मिलित किया गया था। जिसके द्वारा परियोजना का मासिक आधार अनुश्रवण किया जाता था। परियोजना के प्रदेश स्तर पर त्रि-मासिक आधार पर अनुश्रवण हेतु प्रबंध संचालक, एम.पी.सी.डी.एफ. की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय परियोजना क्रियान्वयन कमेटी गठित की गयी थी जिसमें संचालक, आदिम जाति कल्याण विभाग, भोपाल एवं आयुक्त सह-संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, भोपाल के प्रतिनिधि को बतौर सदस्य सम्मिलित किया गया था। इसके अतिरिक्त एम.पी.सी.डी.एफ. स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठकों में बालाघाट सहित अन्य सभी परियोजनाओं का अनुश्रवण किया गया था।
’’ई''रजिस्ट्री नामांतरण
[राजस्व]
73. ( क्र. 1277 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरियाणा राज्य के बाद म.प्र. में राजस्व मामलो के रजिस्ट्री नामान्तरण सीधे ’’ई’’ पंजियन के द्वारा रजिस्ट्रीकरण कार्यालयों से राजस्व रिकार्डो में हो ऐसा नियम अगस्त 2016 से लागू होने वाला था। उक्त योजना वर्तमान में किस स्तर पर है? (ख) म.प्र. में यह योजना कब तक लागू कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामों में गोचर भूमि की उपलब्धता
[राजस्व]
74. ( क्र. 1278 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में कितनी मात्रा में गोचर भूमि उपलब्ध है वर्तमान में गोचर भूमि पर किसका आधिपत्य है? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में उक्त भूमि को किस उपयोग में लिया जा रहा है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नजूल अभिलेख में नाम दर्ज किया जाना
[राजस्व]
75. ( क्र. 1304 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के नजूल रजिस्टर में किस अवधि में सीट क्रमांक 46 द भूखण्ड क्रमांक 277 खसरा नं. 2666 किसके आदेश से किन दस्तावेजों पर, किसके नाम दर्ज किया गया था? उक्त दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) क्या न्यायालय नजूल अधिकारी जिला छतरपुर द्वारा प्रकरण क्र. 104/अ-20/87-88 दिनांक 01.09.1994 को आर्डर सीट पर चार वर्ग मीटर का स्थायी पट्टा जारी करने का लेख किया था। हां, या नहीं? यदि हाँ, तो किन दस्तावेजों के आधार पर, उल्लेख करे। प्रश्नांश से संबंधित दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्यों नजूल अधिकारी के आदेश का पालन न करने अवैधानिक तरह से लाभ पहुँचाने की दृष्टि से नजूल रजिस्टर 8 वर्ग मीटर दर्ज कर दिया गया था? प्रश्नांश के अनुसार उक्त आदेश के पालन में नजूल रजिस्टर में कब तक संशोधन कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपराधिक प्रकरण की जाँच
[गृह]
76. ( क्र. 1305 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-78 (क्रमांक 822) दिनांक 07.12.2016 में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक 2820/2015 का उल्लेख किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त याचिका प्रश्नांश से संबंधित थी ही नहीं। यदि हाँ, तो उक्त याचिका किस संबंध में दायर की गई थी एवं उक्त याचिका 07.11.2016 तक किस स्थित पर थी? (ग) प्रकरण में उक्त पत्र का जवाब देने वाले डॉक्टर द्वारा इलाज नहीं करने का कारण बतायें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्र.क्र. 822 के (घ) भाग में जानकारी एकत्रित की जा रही है, जबाव दिया गया था। यदि उक्त जानकारी को एकत्रित कर लिया गया हो तो प्रमाणित प्रतिलिपियां उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेत के अवैध उत्खनन को लेकर उत्पन्न कानून व्यवस्था की स्थिति
[गृह]
77. ( क्र. 1354 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार माह अगस्त 2015 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर चंबल संभाग में रेत, पत्थर एवं अन्य खनिज के वैध एवं अवैध उत्खनन को लेकर कितने शासकीय सेवकों पर जानलेवा हमले हुए एवं इस दौरान कितनों की मृत्यु हुई एवं कितने स्थायी रूप से विकलांग हो गये? उनमें से कितने खनन कारोबार से जुड़े थे? इन प्रकरणों में कितने आरोपी बनाये गये? इन आरोपियों में से कितने के विरूद्ध माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिये गये? जिलेवार, थानेवार सूची दें। (ख) क्या प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते खनन कारोबारी बेलगाम हो चुके हैं और आये दिन अवैध उत्खनन किये जाने को लेकर खूनी संघर्ष हो रहे हैं, यदि नहीं, तो इन खूनी संघर्ष की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक माह अगस्त 2015 से 31.01.2017 तक ग्वालियर, चंबल संभागों में रेंत, पत्थर एवं अन्य खनिज के उत्खनन को लेकर कुल 11 शासकीय सेवकों पर जानलेवा हमले हुए, इनमें से एक शासकीय सेवक की मृत्यु हुई। स्थायी रूप से विकलांग की संख्या निरंक है। 32 नामजद एवं करीब 20-25 अज्ञात आरोपी खनन कारोबार से जुड़े हुए पाये गए। प्रकरणों से संबंधित कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। समय-समय पर पुलिस द्वारा अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाती है।
उज्जैन संभाग में रजिस्टर्ड तौल कांटे
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 1376 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न दुकानों/संस्थानों पर कितने इलेक्ट्रॉनिक एवं अन्य तौल कांटे रजिस्टर्ड हैं, संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित जिलो के नाप-तौल विभाग में कर्मचारियों के रिक्त पद के अभाव में मंदसौर जिले में विभिन्न तोल कांटे का निरीक्षण एवं वार्षिक सील लगाने के कार्य में कर्मचारियों द्वारा अनियमितता बरती जा रही है? विगत एक वर्ष में इसका निरीक्षण वरिष्ठ अधिकारियों दवारा कब-कब किया गया? (ग) मंदसौर जिले में किन-किन दुकानों संस्थानों के तौल काँटों के निरीक्षण में क्या कमियां पाई गई? (घ) रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिले में नाप तौल विभाग के विभिन्न कर्मचारियों/अधिकारियों के खिलाफ कितनी शिकायत 1 जनवरी 2015 के पश्चात् प्राप्त हुई उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी दिनांक 01.04.2016 से 31.01.2017 की निम्नानुसार है:-
जिले का नाम |
इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे |
अन्य तौल कांटे |
रतलाम |
3266 |
189 |
मंदसौर |
3088 |
2383 |
नीमच |
1106 |
370 |
(ख) जी नहीं, ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। सहायक नियंत्रक द्वारा दिनांक 28.06.2016 व दिनांक 18.11.2016 को निरीक्षण किया गया। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में एक शिकायत निरीक्षक रतलाम की शिकायत पाई गई। जिस पर जाँच अधिकारी सहायक नियंत्रक नापतौल रतलाम के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित निरीक्षक को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, उत्तर अपेक्षित है।
प्राइवेट कंपनियों, व्यक्ति द्वारा पर्सनल लोन फाईनेंस नियम
[राजस्व]
79. ( क्र. 1388 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निजी (प्राइवेट) फासनेंस कंपनियों द्वारा व्यक्तियों द्वारा (साहूकारी प्रथा), समिति बनाकर पर्सनल लोन प्रदाय करने के नियमों की प्रमाणित प्रति देवें? स्वर्ण, प्रापर्टी गिरवी रखकर पर्सनल लोन देने की जानकारी भी देवें? (ख) इसके लिये कौन से लाइसेंस, अनुमतियां प्राप्त करनी होती है, की जानकारी की प्रमाणित प्रति देवें? यह कितनी ब्याज दर ऋणी व्यक्ति/व्यक्तियों से ले सकते हैं, की जानकारी भी देवें? क्या ये Daily Collection पर धन वापसी ले सकते हैं? यदि हाँ, तो इससे संबंधित नियम बतावें? (ग) अधिक ब्याज वसूलने, बिना लाइसेंस/अनुमति के पर्सनल लोन फायनेंस करने वालों पर क्या कार्यवाही की जा सकती है? इसके पूरे नियम बतावें? (घ) इसकी निगरानी के लिये पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची उनकी पदस्थापना स्थान, पद सहित देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन, धार जिलों में प्रायवेट फाइनेंस संबंधी
[राजस्व]
80. ( क्र. 1391 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिलों में कितनी प्राइवेट फाइनेंस कंपनियां, व्यक्ति, व्यक्ति समूह (समिति बनाकर) पर्सनल लोन देने का वर्तमान में कार्य कर रही हैं? विधान सभा क्षेत्रवार, बतावे। (ख) दि. 01.01.14 से 20.01.17 तक धार के कलेक्टर/S.D.M./तहसील कार्यालयों से ऐसे कितने लाइसेंस/अनुमति जारी हुए एवं पुराने रिन्यूअल की सूची वर्षवार, विधान सभावार देवें। (ग) धार जिलान्तर्गत जो व्यक्ति/ कंपनियां बिना लाइसेंस/अनुमति के पर्सनल लोन फाइनेंस कर रही है उन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल, इंदौर में पर्सनल लोन संबंधी
[राजस्व]
81. ( क्र. 1393 ) श्री
रमेश पटेल :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल, जिले में
कितनी
प्राईवेट
फाइनेंस
कंपनियां, व्यक्ति
पर्सनल लोन
देने का कार्य
वर्तमान में
कर रहे हैं? नाम सहित
बतावें। (ख) इन
लोन देने वाले
व्यक्तियों, फायनेंस
कंपनियों के
पास मनी
लेंडर्स
लायसेंस (साहूकारी
लायसेंस) एवं
अन्य
लायसेंस/अनुमतियों
की छायाप्रति
देवें। दि. 01-01-14 से 31-12-16 तक
भोपाल, जिले
के कलेक्टर/S.D.M./तहसील
कार्यालयों
से ऐसे कितने
लायसेंस/ अनुमति
जारी हुई एवं
रिन्यूअल की
गई की सूची, नाम सहित
देवें। (ग) इन
कंपनियों/व्यक्तियों
द्वारा विगत 2 वर्षों
में जिनको चेक
से या नगद
पर्सनल लोन दिया
है की पूरी
जानकारी ब्याज
दर सहित भोपाल, जिले की
वर्षवार दें। वसूली
गई
प्रोसेसिंग
फीस भी बतावें।
(घ) जो व्यक्ति/कंपनियां
बिना
लायसेंस/अनुमति
के पर्सनल लोन
दे रही हैं, उनकी
सूची दे। उन
पर शासन कब तक
कार्यवाही
करेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
सुभावली मुरैना के पटवारी हल्का जौरा खुर्द के नामान्तरण
[राजस्व]
82. ( क्र. 1406 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की मुरैना तहसील के पटवारी हल्का जौरा खुर्द के सर्वे क्रमांक 755/2 मिन में राजस्व रिकार्ड के आधार पर कितने आवासीय भूखण्डों के प्रकरण नामान्तरण हेतु लंबित है जनवरी 2017 की स्थिति में जानकारी दी जावे? (ख) पटवारी हल्का जौराखुर्द के सर्वे क्रमांक 755/2 मिन में कितने आवासीय भूखण्डों पर भवन निर्मित किये गये है संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) ऐसे कितने भूखण्ड मालिक सर्वे क्रमांक 755/2 मिन में है जिन्हें वर्तमान में नामान्तरण के बाद भी आवासीय भूखण्डों का कब्जा नहीं मिला है उनके नाम, पिता का नाम, भूखण्ड की माप सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (घ) क्या शासन/प्रशासन सर्वे क्रमांक 755/2 मिन के उन भूखण्ड मालिकों को जिन्हें आज तक कब्जा नहीं मिला है शीघ्र कब्जा दिलाने की कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासियों एवं भूमिहीनों को वितरित पट्टा
[राजस्व]
83. ( क्र. 1468 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र में अनु.जाति, आदिवासियों एवं भूमिहीनों को विगत 10 वर्षों में कितने पट्टे वितरित किये गये हैं, ग्राम सहित जानकारी देवें? (ख) पट्टेधारियों में से कितनों को मौके पर कब्जा दिलाया गया है तथा कितने कब्जा प्राप्ति से आज भी वंचित हैं? (ग) कब्जा प्राप्ति से शेष रहे पट्टेधारियों को कब तक कब्जा दिला दिया जावेगा? अभी तक पट्टेधारियों को कब्जा न दिलाये जाने के क्या कारण रहे हैं तथा इसके लिए कौन राजस्व अधिकारी दोषी है, उसके विरूद्ध जिम्मेदारी तय कर दण्डित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पट्टा वितरण पर रोक होने के कारण कोई पट्टा वितरित नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) उत्तरांश-क के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भुत नहीं होता है।
फसल क्षति का मुआवजा
[राजस्व]
84. ( क्र. 1472 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को फसल क्षति का मुआवजा एवं बीमा राशि वितरित की जाना थी, उनकी वर्षवार कृषकों की संख्या, ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, विकासखण्ड का नाम एवं स्वीकृत राशि की सूची उपलब्ध करावें? क्या कृषकों से बीमा हेतु प्रीमियम की राशि जमा कराई गई थी, यदि हाँ, तो कितनी-कितनी? (ख) प्रश्नांश 'क' की सूची में से कितने कृषकों को मुआवजा/बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? पीडि़त कृषकों को मुआवजा/बीमा राशि का अभी तक भुगतान न किये जाने का क्या कारण रहा है? बीमा राशि वितरित किये जाने के कम्पनी के क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (ग) प्रश्नांश 'ख' के मुआवजा/बीमा राशि से वंचित कृषकों को कब तक भुगतान कर दिया जावेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चरनोई भूमि में अतिक्रमण
[राजस्व]
85. ( क्र. 1649 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी हल्का नं. 34 ग्राम सुलेमान पिपरिया तहसील मझौली जिला जबलपुर के खसरा नं. 11 रकवा 13.27 खसरा नं. 2 रकवा 1.10 हेक्टेयर राजस्व अभिलेख में किस मद में दर्ज है? (ख) क्या खसरा नं. 11 के कुछ हिस्से में ग्राम पंचायत कोनीकला द्वारा खेल मैदान का निर्माण एवं वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है? शेष भाग में अतिक्रमण कर फसल बोई जा रही है तथा इस संबंध में संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा जनसुनवाई के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा को दिनांक 24.01.2017 को एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि पर वर्तमान समय में किसका कब्जा है? क्या शासन उपरोक्त चरनोई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर अतिक्रमणकारियों पर वैधानिक कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील मझौली अंतर्गत ग्राम सुलेमान पिपरिया पटवारी हल्का नं.34 रा.नि.म.मझौली के खसरा नं.11 रकवा 13.270 खसरा नं.2 रकवा 1.10 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेख में घास मद में दर्ज है। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायतं कोनीकला द्वारा कुछ हिस्से में केवल वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। कुछ हिस्से से अतिक्रमण कर फसल बोई गयी थी, जिसे अतिक्रामकों से मुक्त करा दिया गया है। उक्त संबंध में ग्राम पंचायत कोनीकला द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) सीहोरा को दिनांक 24.1.2017 की जनसुनवाई में कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित भूमि पर वर्तमान समय में मध्य्रपदेश शासन का कब्जा है तथा उक्त भूमि अतिक्रमण मुक्त।
सतना जिले में शा. भूमि की जानकारी
[राजस्व]
86. ( क्र. 1683 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डालीबाबा मंदिर सतना के महंत जगन्नाथ दास के नाम भू-अभिलेखों में 14.1 एकड़ भूमि दर्ज थी, जिसका आराजी खसरा क्र. 275/1 एवं 275/1/2 है? (ख) क्या तत्कालीन राजस्व अधिकारियों द्वारा उक्त शासकीय भूमि कुछ भू-माफिया के नाम बेची/नामांतरण के माध्यम से स्वामित्व परिवर्तन राजस्व अभिलेखों में कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त आराजी कब तक शासकीय घोषित कर दी जायेगी तथा शासकीय भूमि को खुर्द-बुर्द करने वाले राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) डालीबाबा मंदिर सतना के मंहत जगन्नाथ दास के नाम शासकीय अभिलेखों में 14.01 एकड ग्राम डेलौरा की आराजी नंबर 775/1 में दर्ज अभिलेख है आराजी नम्बर 275/1 एवं 275/1/2 मंहत जगन्नाथ दास डालीबाबा मंदिर सतना के नाम दर्ज अभिलेख नहीं हे। (ख) जी नहीं। (ग) ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपम्प का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
87. ( क्र. 1695 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले में हैण्डपम्प संधारण का कार्य विभाग के द्वारा किया जा रहा है अथवा ठेकेदार के द्वारा? यदि ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है तो वर्ष 2016-17 में कुल कितना भुगतान किया गया अथवा किया जायेगा? (ख) क्या प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित जिले में हैण्डपम्प संधारण कार्य ठेकेदार द्वारा नहीं करने की शिकायतें विभाग को की गयी थी? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विकासखण्ड शाजापुर एवं मो. बड़ोदिया में विभाग द्वारा तथा विकासखण्ड शुजालपुर एवं कालापीपल में ठेकेदार के माध्यम से हैण्डपम्प संधारण का कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार को अभी तक रु.5.43 लाख का भुगतान किया गया है तथा लगभग रू. 12.61 लाख भुगतान किया जाना है। (ख) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा हैण्डपंप संधारण कार्य बंद करने के कारण अनुबंध में प्रावधानित नियम एवं शर्तों के अनुसार उसके विरूद्ध कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि के व्यपवर्तन
[राजस्व]
88. ( क्र. 1697 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-89 (क्रमांक 6969) के उत्तर में बताया गया है कि होशंगाबाद जिले की सोहागपुर तहसील के ग्राम कामती, टेकापारा, सारेगपुर, घोघरी बीजाखारी, रैनीपानी, श्रीरंगपुर क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 10 व्यपवर्तन आदेश जारी किये गये, क्या इन ग्रामों में निर्मित अन्य होटल, आवास, फार्म हाउस अवैध है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, हो तो अनुमति प्राप्त न किये जाने पर प्रश्नांकित दिनांक तक कितने प्रकरण बनाए गए? (ग) क्या मंढ़ई के देनवा नदी किनारे मध्यप्रदेश टूरिज्म द्वारा संचालित वाइसन लॉज में व्यपवर्तन एवं नगर तथा ग्राम निवेश का अनुमति प्राप्त कर के निर्माण किया गया? यदि नहीं, तो, क्या मध्यप्रदेश टूरिज्म को व्यपवर्तन एवं नगर तथा ग्राम निवेश का अनुमित प्राप्त करना अनिवार्य नहीं है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिटफंडियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही
[गृह]
89. ( क्र. 1755 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या भोपाल सहित प्रदेश में चिटफंडियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई उनके नाम पता व व्यवसाय सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में और कौन-कौन लोग है जिनके विरूद्ध कार्यवाही राजनैतिक दबाव के चलते लंबित है उनके नाम पते व व्यवसाय सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2010 से 31.01.2017 तक मध्यप्रदेश में कुल 49 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजनीतिक दबाव के चलते कोई प्रकरण लंबित नहीं है। प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। लंबित प्रकरणों में आरोपियों के नाम, पते एवं व्यवसाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस थानों की स्थापित चौकियां एवं स्वीकृत पद
[गृह]
90. ( क्र. 1763 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा में कितने पुलिस थाने एवं कितनी पुलिस चौकियां स्थापित हैं उनमें कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? (ख) स्वीकृत अधिकारियों/ कर्मचारियों के पदों में कितने पद भरे हैं एवं कितने पद खाली है तथा रिक्त पदों को कब तक भर दिया जायेगा? थाने एवं चौकियों की नामवार जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 04 थाने एवं 03 चौकियां स्थापित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आई.आई.टी. संस्थान एवं कौशल विकास केन्द्र का संचालन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
91. ( क्र. 1764 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा में कितनी आई.टी.आई. संस्थान एवं कितने कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं? (ख) शासकीय स्तर पर जितने आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं, जिनके अपने स्वयं के भवन है तथा कितने भवनविहीन है? (ग) भवनविहीन में कब तक भवन बना दिये जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा में 01 शासकीय आई.टी.आई. तथा 03 प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित हैं। 02 शासकीय कौशल विकास केन्द्र (साईखेड़ा एवं बाबई चीचली) स्वीकृत हैं, जिनमें मई 2016 तक प्रशिक्षण संचालित हुआ। (ख) आई.टी.आई. गाडरवारा का शासकीय भवन निर्माणाधीन है, बाबई चिचली स्थित शासकीय कौशल विकास केन्द्र ग्रामीण विकास विभाग के शासकीय बीआरसी भवन में स्थित हैं। साईखेड़ा का शासकीय कौशल विकास केन्द्र जनपद पंचायत साईखेड़ा के अम्बेडकर भवन में स्थित था। (ग) शासकीय आई.टी.आई. गाडरवारा का भवन निर्माणाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं, कौशल विकास केन्द्रों की योजना में भवन निर्माण सम्मिलित नहीं हैं।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
92. ( क्र. 1790 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की तहसील शाढ़ौरा के नगर परिषद क्षेत्र स्थानीय शाढ़ौरा में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान किस संस्था द्वारा व किस क्षेत्र (ग्रामीण/नगरीय) में संचालित होती हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय उचित मूल्य की दुकान के कमीशन का निर्धारण किस क्षेत्र (ग्रामीण/नगरीय) के आधार पर निर्धारित किया जा रहा है और क्यों? (ग) यदि उक्त संस्था नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है और कमीशन का निर्धारण ग्रामीण क्षेत्र के आधार पर हो रहा हो तो अंतर की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अशोकनगर जिले की तहसील शाढ़ौरा के नगर में श्री महावीर बहुद्देशीय सहकारी संस्था मर्यादित, शाढ़ौरा द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान नगर परिषद शाढ़ौरा में संचालित की जा रही है। (ख) श्री महावीर बहुद्देशीय सहकारी संस्था मर्यादित, शाढ़ौरा द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान को खाद्यान्न पर कमीशन ग्रामीण क्षेत्र में संचालित उचित मूल्य दुकान अनुसार दिया गया है। अगस्त, 2011 से पूर्व शाढ़ौरा ग्राम पंचायत होने के कारण जिला स्तर पर संस्था को ग्रामीण क्षेत्र अनुसार खाद्यान्न पर कमीशन दिया गया है। (ग) श्री महावीर बहुद्देशीय सहकारी संस्था मर्यादित, शाढ़ौरा द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान को नगरीय क्षेत्र अनुसार खाद्यान्न पर पात्रतानुसार कमीशन के अंतर की राशि का भुगतान एक माह में कर दिया जाएगा।
कर्मचारियों के वेतन एवं हैण्डपम्प मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
93. ( क्र. 1839 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विभाग में कितने-कितने नियमित कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, संविदा हैण्डपम्प मैकेनिक, लेबर के रुप में कार्यरत है? उपखण्डवार, पदवार जानकारी देवें एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 में उक्त कार्यरत कर्मचारीयों को कब से मानदेय/वेतन नहीं मिल पा रहा है? (ख) प्रश्नांश “क” अनुसार यदि वेतन नहीं दिया जा रहा है तो प्रश्नांश “क” में दर्शित कर्मचारियों को कब तक वेतन दिया जायेगा? (ग) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत हैण्डपम्प मैकेनिकों/लेबरों को ग्रामीण क्षेत्र में हैण्डपम्प ठीक करने हेतु वाहन प्रदाय किया गया था? उसे बन्द किया गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करे? यदि नहीं, तो फिर क्षेत्र में हैण्डपम्प ठीक करने हेतु उसका उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश “ग” अनुसार यदि हैण्डपम्प ठीक करने हेतु वाहन नहीं लगाया गया है तो कब तक वाहन लगाने की विभाग द्वारा व्यवस्था की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो फिर ग्रामीण क्षेत्र में खराब हैण्डपम्प सुधारने हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विवरण परिशिष्ट-एक अनुसार। वित्तीय वर्ष 2016-2017 में उक्त कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन/मानदेय भुगतान किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। हैण्डपंप संधारण हेतु वाहन किराये पर लिया गया था, परन्तु आवश्यकता नहीं होने से बंद कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) हैण्डपंप संधारण हेतु फिलहाल वाहन की आवश्यकता नहीं है।
भू-स्वामियों के नामान्तरण एवं बंटवारा का निराकरण
[राजस्व]
94. ( क्र. 1843 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत अनुविभाग सारंगपुर की तहसील सारंगपुर एवं पचोर में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक भू-स्वामियों द्वारा किस-किस दिनांक तक किन-किन लोगों द्वारा नामांतरण, बटवारा के लिये आवेदन प्रेषित किये गये? नामवार, ग्रामवार दिनांकवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश “क” अनुसार भू-स्वामियों के नामांतरण/बंटवारे संबंधी निराकरण किस-किस दिनांक को किया गया? नामवार, ग्रामवार, दिनांकवार जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश “क” अनुसार किन-किन भू-स्वामियों के नामांतरण एवं बंटवारें के निराकरण प्रश्न दिनांक तक नहीं किये गये? कृपया कारण सहित नामवार, ग्रामवार जानकारी से अवगत करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जाना
[राजस्व]
95. ( क्र. 1861 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेंवढ़ा में कुल कितने ग्राम हैं? इनमें कितने राजस्व ग्राम एवं कितने और कौन-कौन से मजरे टोले हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) कितनी जनसंख्या वाले ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जाता है? नियम उपलबध कराते हुए जानकारी दें कि सेंवढ़ा विकासखण्ड के जो ग्राम राजस्व ग्राम नहीं हैं उनकी जनसंख्या की गणना कब और किसके द्वारा की गई वर्तमान में उनकी जनसंख्या कितनी है? (ग) क्या कुछ ग्रामों (सेंवढ़ा विकासखण्ड) की जनसंख्या नियमों के अनुरूप होने पर भी उन्हें राजस्व ग्राम नहीं बनाया गया न ही राजस्व अधिकारियों द्वारा इसके लिये कोई कार्यवाही की? फलस्वरूप इन ग्रामों का विकास बाधित हो रहा है? यदि नहीं, तो इनकी जाँच करा ली जावेगी। (घ) क्या उक्त ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने बाबत् माननीय मंत्री जी द्वारा पृथक से आदेश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेंवढ़ा में कुल 229 ग्राम है जो सभी राजस्व ग्राम है। राजस्व ग्राम से पृथक मजरे टोले की संख्या की कोई गणना राजस्व अभिलेख में पृथक से दर्ज नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पृथक से केवल जनसंख्या की गणना का कोई प्रावधान न होने से ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) ऐसा कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 1887 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की जनपद पंचायत सिवनी व छपारा में कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें हैं और कितना आवंटन प्राप्त होना है और कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त होता है? (ख) ऐसे कितने हितग्राही है जिनका खाद्यान्न उचित मूल्य की दुकान में आता है किन्तु पात्र पर्ची न होने के कारण सेल्समेन द्वारा खाद्यान्न नहीं दिया जाता है? क्या उक्त हितग्राहियों का खाद्यान्न सुरक्षित रहता है या स्टाक पंजी में बैंलेन्स रहता है? (ग) विगत दो वर्षों में कितना खाद्यान्न बैंलेन्स हुआ है? माहवार बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी जिले की जनपद पंचायत सिवनी में 64 एवं जनपद पंचायत छपारा में 48 कुल 112 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। सत्यापित किये गए पात्र परिवार जो उचित मूल्य दुकानों से मेप किये जाते हैं, उन्हें ही आवंटन जारी किया जाता है। सिवनी जिले में माह फरवरी, 2017 में 8,942 अन्त्योदय परिवारों को 20 किलोग्राम गेहूं व 15 किलोग्राम चावल प्रति परिवार के मान से जारी किया गया है। जबकि 54,863 प्राथमिकता परिवारों के 2,11,980 सदस्यों को 3 किलोग्राम गेहूं एवं 2 किलोग्राम चावल प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया है। (ख) दुकान से मेप किये गए सत्यापित पात्र परिवारों को ही पात्रता पर्ची प्राप्त होती है एवं उनके लिए ही आवंटन जारी कर खाद्यान्न उचित मूल्य दुकान पर भेजा जाता है। किसी पात्र परिवार द्वारा विशिष्ट माह में सामग्री प्राप्त न करने पर आगामी माह में प्राप्त करने का प्रावधान है। जिन हितग्राहियों द्वारा राशन सामग्री क्रय नहीं किया जाता है उनका स्टॉक उचित मूल्य दुकान में सुरक्षित रहता है, जिसका आगामी माहों में समायोजन किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत कार्यवाही
[राजस्व]
97. ( क्र. 1888 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत किस प्रकार की और कौन-कौन सी कार्यवाहियां करने हेतु किसे अधिकृत किया गया हैं? (ख) सिवनी जिले की समस्त तहसील में 01/04/2015 से प्रश्न दिनांक तक भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत हल्का के तहत हल्का पटवारियों के द्वारा अपने-अपने प्रभार क्षेत्र में कितनी-कितनी रजिस्ट्री, फौती, नाबालिग से बालिगी, अविवादित बंटवारा की कितनी प्रविष्टियां दर्ज करायी गयी हैं एवं इसके विपरीत कितनी प्रविष्टियां राजस्व अधिकारी/पीठासीन अधिकारी द्वारा पारित की गई है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार कितनी शेष प्रविष्टियां को दर्ज करने के लिये क्या लक्ष्य रखा गया है और किस स्तर के अधिकारी के द्वारा इसकी नियमित समीक्षा की जावेगी? क्या समीक्षा की नियमित जानकारी स्थानीय विधायकों को भी नियमित उपलब्ध कराई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों की मृत्यु होने पर सहायता
[राजस्व]
98. ( क्र. 1901 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में मंदसौर जिले में ऐसे कितने किसान है, जिनकी फसल क्षति होने से मृत्यु हुई है या आत्महत्या के प्रयास किए गए है नाम स्थान की जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षैत्र के ग्राम दल्लौद के निवासी रतनलाल की मृत्यु किस कारण से हुई बतावें तथा शासन द्वारा मृतक के परिवार को कोई आर्थिक सहायता या अन्य सहायता प्रदाय की गई हो तो उसकी जानकारी देवें तथा सहायता हेतु अन्य क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन द्वारा आज दिनांक तक कितनी राशि की आर्थिक सहायता या आश्रितों को शासकीय नौकरी दी गई है? (घ) नोटबंदी के बाद मन्दसौर जिले के कस्बा नारायणगढ़ में बैंक के बाहर एक किसान द्वारा आत्महत्या का प्रयास किया गया था, शासन द्वारा उसे क्या सहायता प्रदान की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला मंदसौर में विगत 5 वर्षों में फसल क्षति होने के कारण किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है और न ही आत्महत्या का प्रयास किया गया है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दल्लौद के रतनलाल पिता बग्गाजी बलाई की मृत्यु दिनांक 16-01-2017 हुई। चिकित्सक द्वारा हार्ट अटैक से मृत्यु होना परिजनों को बताया गया। परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम नहीं कराया गया और न ही थाने में कोई सूचना दी गई। मृतक के परिजनों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनांतर्गत राशि रूपये 20,000/- की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता। (घ) मंदसौर जिले के कस्बा नारायणगढ़ में एक किसान राधेश्याम पिता लक्ष्मण द्वारा बैंक ऑफ इण्डिया शाखा नारायणगढ़ में चेक का भुगतान समय पर नहीं होने के कारण कीट नाशक दवा पीने का प्रयास किया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद किसान को अस्पताल से छुटटी दे दी गई, कोई जनहानि नहीं हुई। अत: सहायता राशि प्रदान किए जाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नवीन पुलिस चौकी हेतु गृह मंत्री के आदेश के पालन
[गृह]
99. ( क्र. 1902 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकी हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा की गई मांग पर गृह मंत्री जी द्वारा दिए गए आश्वासन एवं पत्र क्रमांक 1648 दिनांक 25-07-2016 पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) कंजर प्रभावित क्षेत्र सुवासरा में नवीन पुलिस चौकियों की मांग, प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्र की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना सीतामऊ तहसील के ग्राम खेताखेड़ा, नकेडि़या एवं शामगढ़ तहसील के ग्राम बापच्या में कब तक की जावेगी? (घ) नवीन पुलिस चौकी की स्थापना नहीं होने के कारण यदि कोई दुर्घटना घटित होती है तो उसकी जवाबदारी किसकी रहेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (ख) माननीय विधायक द्वारा पत्र दिनांक 30.03.2016 के माध्यम से ग्राम खेताखेड़ा में तथा पत्र दिनांक 22.07.2016 के माध्यम से ग्राम खेताखेड़ा नकेडि़याँ व ग्राम बापच्या में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने के संबंध में लिखा गया है। (ग) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (घ) कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु वर्तमान पुलिस थाना सीतामउ एवं शामगढ़ द्वारा पर्याप्त, समुचित गश्त एवं पुलिस व्यवस्था लगाई जा रही है।
पर्यावरण संरक्षण हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही
[पर्यावरण]
100. ( क्र. 1905 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात् इंदौर, उज्जैन संभाग में किन-किन खदानों, उद्योगों के खिलाफ पर्यावरण विभाग द्वारा नियमों के विरुद्ध कार्य करने की कितनी शिकायत किस-किस व्यक्ति ने विभाग को की, उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम एवं शिकायत की अद्यतन स्थिति सहित जानकारी देवे? (ख) उक्त संभाग में 1 जनवरी 2014 के पश्चात् विभाग के किन-किन अधिकारी ने कहाँ-कहाँ उद्योगों खदानों का निरीक्षण कर क्या-क्या कार्यवाही की, दिनांक सहित जानकारी देवें? पर्यावरण अधिकारियों को वर्ष में कितने निरीक्षण करना अनिवार्य है? (ग) 1 जनवरी 2014 के पश्चात् उक्त संभाग में विभाग के कितने अधिकारी/ कर्मचारियों के खिलाफ किस-किस व्यक्ति ने किस-किस प्रकार की शिकायत की, विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश "क' से संदर्भित सभी खदानों/उद्योगों के पास पर्यावरण विभाग की NOC है यदि "हा" तो रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले के समस्त उद्योगों/खदानों की NOC की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘अनुसार है। आवश्यकतानुसार उद्योगों/खदानों के निरीक्षण किये जाते है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (घ) जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत एन.ओ.सी. जारी किये जाने के प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 1908 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत है तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ है? (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम है? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा विगत 5 वर्ष में उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) धार जिले में प्रथम श्रेणी अधिकारी-01, द्वितीय श्रेणी अधिकारी-03 व नियमित स्थापना में 88 एवं कार्यभारित स्थापना में 106 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से धरमपुरी उपखण्ड में 15 कर्मचारी कार्यरत हैं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। स्थानांतरण नीति के अन्तर्गत कार्य सुविधा एवं प्रशासकीय आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विचार किया जाता है। शासकीय कर्मचारी के तीन/पाँच वर्ष पूर्ण करने के उपरांत स्थानांतरण किया जाना अनिवार्य नहीं है। (ग) उत्तरांश-ख के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मुल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
102. ( क्र. 1909 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में खाद्य विभाग अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की कितनी दुकानें संचालित है? (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ में उल्लेखित शासकीय उचित मूल्य की दुकानें कब से संचालित है? दुकानवार जानकारी देवे? (ग) प्रत्येक दुकानों में वर्तमान में कितने परिवार है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 75 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
तहसील बैराढ़ में रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
103. ( क्र. 1925 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील बैराढ़ का गठन कब हुआ? तहसील बैराढ़ में कौन-कौन से पद स्वीकृत किए गये है व स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद वर्तमान में भरे व कौन-कौन से पद किस कारण से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या बैराढ़ तहसील में अभी तक पृथक वर्षा मापक यंत्र की स्थापना नहीं की जा सकी है? यदि हाँ, तो तहसील बैराढ़ में वर्षा मापक यंत्र की स्थापना कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील बैराढ़ का गठन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) भोपाल दिनांक 09.07.13 द्वारा जारी अधिसूचना अनुसार किया गया। तहसील बैराढ़ में नवीन सैटअप अनुसार 01 तहसीलदार, 01 नायब तहसीलदार, 05 सहायक ग्रेड-3, 06 भृत्य, के पद स्वीकृत है, जिसमें से 01 तहसीलदार, 01 नायब तहसीलदार, 05 सहायक ग्रेड-3, 03 भृत्य के पद भरे हुए हैं, केवल भृत्य के 03 पद रिक्त हैं। (ख) कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खराब पड़ी नल योजना को दुरूस्त किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
104. ( क्र. 1935 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने गांव है जहां नल-जल योजना प्रारंभ होने के बाद प्रश्न दिनांक को सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रही है गांव के नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार नल-जल योजना में क्या खराबी है इस खराबी को दूर करने के लिये कितनी राशि व्यय होगी। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त नल-जल योजना को पुन: प्रारंभ करवाने के लिये क्या-क्या विभागीय प्रयास किये गए? (घ) क्या जिस ग्राम में नल-जल योजना लागू नहीं की जा सकती वहां पेयजल की समस्या से निपटने के लिये विभाग द्वारा हैण्डपंप खनन कर नहीं लगाये जा सकते। यदि हाँ, तो जनता व जनप्रतिनिधियों के कई पत्र लिखने के बाद भी पेयजल की पूर्ति करने हेतु चंदला विधान सभा क्षेत्र में हैण्डपंप क्यों नहीं लगाये जा रहे है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) 47 गांव, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) ‘‘नल से जल आज और कल’’ कार्यक्रम अंतर्गत विभाग द्वारा बंद योजनाओं का सर्वेक्षण किया जाकर 2 लाख से कम एवं 2 लाख से अधिक सुधार वाली योजनाओं को चिन्हित कर चालू करने हेतु क्रमशः संबंधित ग्राम पंचायत एवं विभाग को दायित्व दिया गया है। इस हेतु ग्राम पंचायतों को राशि जारी की गई है तथा विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों के निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) निर्धारित मापदंड के अनुसार पेयजल उपलब्ध न होने की स्थिति में आंशिकपूर्ण श्रेणी के ग्रामों में विभाग द्वारा आवंटन की उपलब्धता अनुसार नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना की कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बंदी परिवीक्षाधीन सम्मोचन नियम 4 में संशोधन
[जेल]
105. ( क्र. 1936 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. बंदी परिवीक्षाधीन सम्मोचन नियम 1964 के नियम 4 में परिवीक्षा पर छोड़े जाने की अवधि 14 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या परिवीक्षा पर छोड़े जाने की अवधि 14 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष कर दी जावे तो शासन पर आर्थिक बोझ कम होगा तथा एक वर्ष में 42 दिन छुट्टी पर रहने में शासन को करोड़ों रूपये की बचत होगी? (ग) यदि हाँ, तो शासन नियम 4 में संशोधन किये जाने का कब प्रावधान करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओवर हैड टैंकों तथा हैण्डपंपों की समीक्षा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 1946 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक दिनांक ०४-०९-२०१५ के परिप्रेक्ष्य में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उप संभाग ब्यौहारी द्वारा जनपद पंचायत ब्यौहारी के ग्राम गोपालपुर, कुम्हिया, झिरिया, जमुनी, पथरेही, भन्नी, हिरवार, खारी, बरहाटोल, बरा बगेलहा, रसपुर तथा जनपद जयसिंहनगर के कनाडी खुर्द, कल्लेह में ओवर हैड टैंको के कार्य प्रगति पर बताया गया था। इसी तरह ब्यौहारी जनपद के हथवार, बोकरा बोकरी, चचाई, नकुनी, जगमल, सूखा, बगदरी, सकंदी, सरवाही तथा जयसिंहनगर जनपद के बलौंडी पूर्व, छतैनी, बरहाटोला, पिपरी, कल्लोह, गोपालपुर ओवर हैड टैंको को बंद बताया गया था। (ख) उक्त समस्त ओवर हैड टैंकों से पेयजल हेतु जलप्रदाय किये जानें की समुचित कार्यवाही क्यों नहीं की गई। (ग) समीक्षा बैठक दिनांक ०४-०९-२०१५ के संबंध में ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उप संभाग ब्यौहारी द्वारा जनपद पंचायत ब्यौहारी में स्थापित हैंडपंपों की संख्या २०७४ तथा कूटांक लेखन पूर्ण स्त्रोतों की संख्या १२३० तथा जयसिंहनगर जनपद में स्थापित हैंडपंपों की संख्या २१३३ तथा कूटांक लेखन पूर्ण स्त्रोतों की संख्या १२०० बताया गया है। उक्त दोनों जनपद पंचायतों में स्थापित प्रत्येक हैण्डपंपों के स्थान तथा उनके वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। दिनांक 04.09.2015 को जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक नहीं हुई थी। दिनांक 04.09.15 को बैठक स्थगित हो गई थी। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ में उल्लेखित ग्रामों में से 5 ग्रामों में टंकियां हैं, जिसमें से 4 पूर्ण एवं 1 टंकी प्रगतिरत है। वर्तमान में ग्राम गोपालपुर, भन्नी, कनाड़ी खुर्द तथा जमुनी में टंकी का निर्माण कार्य पूर्ण होकर जल प्रदाय की व्यवस्था कर दी गई है तथा ग्राम पथरेही में टंकी निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आवासीय भूखण्डों का भू अधिकार प्रमाण पत्र का वितरण
[राजस्व]
107. ( क्र. 1947 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में आवासीय भूखण्डों का भू अधिकार प्रमाण पत्र वितरण की कार्यवाही की गई है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ हाँ तो उक्त तहसीलों के प्रत्येक ग्रामों में ग्रामवार, कितनें व्यक्ति मध्य प्रदेश शासन की भूमि पर मकान बनाकर निवासरत पाये गये हैं। प्रत्येक ग्रामों में ग्रामवार कितने व्यक्तियों को आवासीय भूखण्ड के भू अधिकार प्रमाण पत्र वितरित किये गये हैं और कितने व्यक्तियों को भू अधिकार वितरण की कार्यवाही शेष है। और यदि शेष है तो क्यों। उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है। और कब तक पूर्ण कर ली जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्रमोन्नति के लाभ से वंचित कर्मचारी
[श्रम]
108. ( क्र. 1963 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रम विभाग के अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं में पदस्थ ड्रेसर कर्मचारियों को वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन के आदेश अनुसार नियम २००८ के तहत 10 वर्ष व २० वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रथम एवं द्वितीय (क्रमोन्नति) उच्च वेतनमान माननीय उच्च न्यायालय के अदेशानुसार कर्मचारियों की नियुक्ति दिनांक से रूपये ९५०-१४०० वेतनमान पर दिया गया है। (ख) यदि हाँ, तो कब से दोनों वेतनमानों का विभाग का आदेश दिनांक बताये अगर नहीं दिया गया है तो क्यों नहीं दिया कब तक दिया जावेगा? (ग) विभाग द्वारा ड्रेसर कर्मचारियों को दोनों उच्च वेतनमान से वंचित करने वाले उच्च अधिकारियों की लापरवाही से कर्मचारियों को जो आर्थिक क्षति हुई उनके विरुद्ध कार्यवाही की गई है अगर नहीं की गई तब कब तक की जाएगी।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) 1- माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार तथा विभागीय आदेष दिनांक 27.04.2015 अनुसार ड्रेसर कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से रू. 950-1400 तथा समय पर प्रभावशील आगामी वेतनमान पुनरीक्षण नियमों के अनुसार वेतनमान दिया जा रहा है (वर्तमान में रू. 5200-20200$1900 ग्रेड-पे भुगतान किया जा रहा है। 2- कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें म.प्र. में पदस्थ ड्रेसर कर्मचारियों को सीधी नियुक्ति के पश्चात् 10 वर्ष 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण करने पर प्रथम एवं द्वितीय उच्च वेतनमान वित्त विभाग के आदेशानुसार नियम 2008 के तहत स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। ग्रेड-पे में विसंगति होने के कारण वित्त विभाग के ज्ञाप दिनांक 23.05.2014 के अंतर्गत ड्रेसरों के लिये स्वीकृत प्रथम समयमान वेतनमान अब उनका मूल वेतन हो गया है। अतः ड्रेसरों के लिये समयमान वेतनमान संषोधित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उच्च ग्रेड-पे वेतनमान नहीं दिया गया है, क्योंकि कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सामान्य प्रषासन विभाग से स्वीकृति प्राप्त होने पर उच्चतर वेतनमान स्वीकृति संबंधी कार्यवाही की जावेगी। (ग) ड्रेसर कर्मचारियों को उच्च वेतनमान से वंचित करने संबंधी संचालनालय के अधिकारियों द्वारा कोई लापरवाही नहीं की गई है, जिससे ड्रेसर कर्मचारियों को आर्थिक क्षति पहुंची हो।
शासकीय भूमि को अवैध रूप से बेचना
[राजस्व]
109. ( क्र. 2001 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम अहिरगाँव तहसील अमरपाटन जिला सतना में कौन-कौन सी भूमि म.प्र. शासन की है? भूमि का खसरा, नक्शा, रकबा सहित जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) की भूमि में से भूमि खसरा नं. 185 का अवैधानिक रूप से हल्का पटवारी से षडयंत्र पूर्वक सांठ-गांठ कर ऋषि कुमार पुत्र श्री देवशरण द्विवेदी द्वारा भूमि स्वामी बनकर राजू पुत्र श्री रामेश्वर अहीर को उक्त भूमि बेंच कर नामान्तरण करा दिया है। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की अवैधानिक कार्यवाही को अनुविभागीय अधिकारी ने दिनांक 24.09.2012 को निरस्त कर ऋषि कुमार द्विवेदी एवं तत्कालीन हल्का पटवारी के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज कराने का आदेश 24.09.2012 को दिया यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई। (घ) क्या श्याम बाबू पुत्र रामलाल सेन निवासी अहिरगाँव जिलाध्यक्ष सतना ने अनुविभागीय अधिकारी अमरपाटन, थाना प्रभारी अमरपाटन को आदेश के पालन कराने का निवेदन किया यदि हाँ, तो अभी तक विलंब के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम अहिरगाँव तह. अमरपाटन जिला सतना में कुल किता 238 रकबा 46.773 है, भूमि शासन की है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। वर्तमान में आराजी क्रमांक 185 म.प्र. शासन दर्ज है। (ग) जी हाँ। न्यायालय नायब तहसीलदार मौहारी कटरा के आदेश क्रमांक 319/ना.तह./2017 अमरपाटन दिनांक 11.01.2017 द्वारा थाना प्रभारी अमरपाटन को एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु पत्र लिखा गया। (घ) जी हाँ, न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी अमरपाटन के आदेश क्रमांक 295/अ74/11-12/ अमरपाटन दिनांक 24.09.2012 द्वारा थाना प्रभारी अमरपाटन को एफ.आई.आर. दर्ज करने एवं जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया। पुलिस विवेचना उपरान्त जाँच कर कार्यवाही की जावेगी। जिसकी कार्यवाही प्रचलित है।
भूमि को आरक्षित कर राजस्व रिकार्ड में अंकित करना
[राजस्व]
110. ( क्र. 2002 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में मंदसौर वाले सेठ, लक्ष्मीनारायण के पुराने खसरा नंबर की लगभग 120 हेक्टेयर भूमि के वर्तमान खसरा नम्बर क्या है तथा इस भूमि को शासन के अधीन लेने के बारे में मुंगावली विधायक द्वारा मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव, राजस्व मंत्री व प्रमुख सचिव राजस्व आयुक्त ग्वालियर, जिलाधीश अशोकनगर को जो शिकायत गत वर्ष अक्टूबर-नवम्बर में की थी, उस पर शासन ने क्या कार्यवाही की? (ख) अशोकनगर जिले के ग्राम देहरदा, हिनोतिया, पधार, अखाईदान, दिलखेड़ा, खेरा आदि की 120 हेक्टेयर भूमि के पुराने खसरा नम्बर व वर्तमान खसरा नम्बर का विवरण देते हुये बताएं कि इस पर किन-किन लोगों का कब्जा कब से है? उनके नाम व पते देते हुये बताएं कि शासन उस पर क्या कार्यवाही कर रहा है व क्या इस समस्त भूमि को शासकीय घोषित कर खेल के मैदान व ग्राम विकास से भवनों हेतु इस भूमि को आरक्षित कर राजस्व रिकार्ड में अंकित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
111. ( क्र. 2010 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक समर्थन मूल्य पर कितना गेहूँ एवं धान क्रय किया गया? सोसायटीवार तथा खरीदी केन्द्रवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रत्येक वर्ष के मान से उपार्जित गेहूँ एवं धान के भण्डारण के लिए वेयर हाउस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है? यदि हाँ, तो विवरण दी जाय। (ग) यदि नहीं, तो आगामी उपार्जित गेहूँ एवं धान के भण्डारण के लिए शासन क्या व्यवस्था करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरगोन जिले में वर्ष 2014 में 1,25,109 मे.टन, वर्ष 2015 में 1,54,333 मे.टन एवं वर्ष 2016 में 58,844 मे.टन गेहूँ समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया है। जिले में धान का उपार्जन निरंक है। समितिवार एवं खरीदी केन्द्रवार समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिले में 42,063 मे.टन शासकीय एवं 1,04,018 मे.टन निजी इस प्रकार कुल 1,66,081 मे.टन भण्डारण क्षमता उपलब्ध है। गोदामवार उपलब्ध भण्डारण क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा हितग्राही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
112. ( क्र. 2011 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने गरीबी रेखा, अतिगरीबी रेखा, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना कर्मकार मंडल में पंजीकृत हितग्राही है? जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय अनुसार जानकारी दें? (ख) उपरोक्तानुसार दिसम्बर, 2016 की स्थिति में कितने पात्र परिवारों को राशन पर्ची नहीं दी गई और क्यों? (ग) फरवरी, 2016 प्रश्नांकित दिनांक तक उक्त क्षेत्रान्तर्गत फसल क्षति वाले पात्र कितने किसानों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया गया और कितने शेष रहे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 22,635 गरीबी रेखा, 6,499 अतिगरीबी रेखा, 3,614 मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, 6,337 भवन निर्माण एवं कर्मकार मंडल में हितग्राहियों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्रता परीक्षण एवं परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत ही यह संख्या ज्ञात हो सकेगी। (ग) फरवरी, 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी किसान फसल क्षति अंतर्गत पात्र नहीं होने से पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री पेय-जल जनभागीदारी योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 2029 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पेय-जल जनभागीदारी योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पेय-जल की उपलब्धता एवं सुविधा प्रदान किये जाने हेतु प्रारंभ की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले के सभी विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों में जन सहयोग प्राप्त कर ग्राम पंचायतों के माध्यम से विभागीय कार्यवाही कर कितनी योजनाएं, कितनी-कितनी राशि की बनाई गयी है? (ग) किस वर्ष में किस दिनांक को कार्य योजना बनाई जाकर विभागीय कार्यवाही पूर्ण कर शासन/विभाग को अग्रेषित की गई है? (घ) अग्रेषित की गई योजनाओं के अतिरिक्त अनुविभाग क्षेत्र एवं जिला स्तर पर कितना योजनाओं के प्रस्ताव विचाराधीन होकर प्रश्न दिनांक तक लंबित है? प्रश्नांश (क) से लेकर (घ) तक संपूर्ण स्थिति से अवगत करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। ’’मुख्यमंत्री पेय-जल जनभागीदारी योजना’’ के नाम से कोई योजना प्रारंभ नहीं की गई है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय कार्यों का निष्पादन
[राजस्व]
114. ( क्र. 2030 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में प्रश्न दिनांक तक सीमांकन बंटवारा, नामांतरण, नवीन एवं डुप्लीकेट पावती दी जाना, रास्तों के विवाद शासकीय भूमि पर अतिक्रमण, अवैध कब्जों के साथ ही लगातार बनती जा रही आवासीय कॉलोनियों, पट्टों इत्यादि के संबंध में क्या-क्या विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? (ख) जिले में सभी अनुविभागीय क्षेत्रों में उपरोक्तानुसार क्या-क्या किया जाकर कितने कार्य किये गये, कितने निष्पादन/पूर्ण हुए, लंबित रहे? क्या इस हेतु दण्डात्मक कार्यवाही हुई तो बताएं साथ ही पटवारी हल्का क्षेत्रों में पटवारी पूर्ण समय रहकर कार्य करते है, इसका सत्यापन किस प्रकार किया जाता है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नरसिंहपुर जिले में संचालित पशु चिकित्सालय
[पशुपालन]
115. ( क्र. 2042 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने पशु चिकित्सालय संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) जिले में डॉक्टर, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी, अटेन्डेंट के पद स्वीकृत हैं? कितने पदों पर कार्यरत एवं कितने पद रिक्त हैं कि जानकारी वर्गवार, विधानसभा क्षेत्रवार देवें? (ग) रिक्त पद कब तक भर लिये जावेंगे? (घ) क्या नरसिंहपुर में रोग अनुसंधान केंद्र संचालित हैं? यदि हाँ, तो इस केन्द्र में पशु चिकित्सा अधिकारी, सहायक पशु क्षेत्राधिकारी एवं अटेन्डेंट के पद कब तक भर दिये जावेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। नवीन संस्था स्थापित होने से पद सृजित नहीं है। अत: जिले में पदस्थ अमले में से अतिरिक्त प्रभार देकर संस्था का संचालन किया जा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
यातायात पुलिस विभाग द्वारा चालान की कार्यवाही
[गृह]
116. ( क्र. 2043 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर यातायात पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में कितने चालान बनाये गये तथा कितना अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया? दो पहिया एवं चार पहिया की अलग-अलग जानकारी दी जावे। (ख) क्या यातायात पुलिस विभाग द्वारा वन-वे के नाम पर वाहन मालिकों से अवैध वसूली की गई है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यातायात शाखा द्वारा मो.व्ही. एक्ट के तहत की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है -
वर्ष |
कुल प्रकरण |
दो पहिया वाहन |
चार पहिया वाहन |
|||
2016-2017 |
चालान |
समन |
चालान |
समन शुल्क |
चालान |
अर्थदण्ड अधिरोपित |
6,681 |
21,24,400 |
5,549 |
14,43,000 |
1,132 |
6,81,400 |
यातायात शाखा द्वारा मो.व्ही. एक्ट के तहत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
कुल प्रकरण |
दो पहिया वाहन |
चार पहिया वाहन |
|||
2016-2017 |
प्रस्तुत चालान |
अर्थदण्ड अधिरोपित |
प्रस्तुत चालान |
अर्थदण्ड अधिरोपित |
प्रस्तुत चालान |
अर्थदण्ड अधिरोपित |
86 |
203200 |
81 |
1,25,200 |
05 |
78,000 |
(ख) अवैध वसूली नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
अनूपपुर जिले में बलात्कार मामले
[गृह]
117. ( क्र. 2048 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक बलात्कार के कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं। वर्षवार एवं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। इन पंजीकृत मामलों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण की पीडि़त व्यस्क/अव्यस्क महिलाओं की संख्या कितनी है तथा कितने सामूहिक बलात्कार की घटनायें घटित हुईं? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने मामलों में पुलिस के द्वारा चालान प्रस्तुत कर दोषियों को दंड दिलाया गया है तथा कितने बलात्कार के प्रकरण अभी भी विवेचना के अभाव में लंबित है। लंबित मामलों में विवेचना कब तक पूर्ण कर ली जायेगी। (ग) उक्त मामलों में पीडि़त कितनी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को शासन द्वारा सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है, कितनी महिलाओं को उक्त सहायता राशि का भुगतान नहीं हुआ है। भुगतान न मिलने का कारण एवं कब तक पीडि़त महिलाओं को मुआवजा राशि का विवरण कर दिया जायेगी।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। विवेचना में लंबित मामलों की शीघ्रातिशीघ्र विवेचना पूर्ण करने के प्रयास जारी हैं। (ग) उक्त अ.जा. की 34 एवं अ.ज.जा. की 64 (कुल 98) महिलाओं में से अ.जा. की 06 एवं अ.ज.जा. की 15 (कुल 21) महिलाओं को शासन द्वारा सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है। मात्र 02 पीडि़त जिनमें 01 अ.जा. वर्ग की, 01 अ.ज.जा. वर्ग की पीडि़त महिला का जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं होने से राहत राशि के प्रकरण लंबित है, जिसके कारण भुगतान अब तक नहीं हो सका है। शीघ्र जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त कर राहत प्रकरण तैयार कर राशि स्वीकृत कराकर पीडि़त महिलाओं को मुआवजा राशि का वितरण कर दिया जायेगा। शेष 27 अ.जा. एवं 48 अ.ज.जा. (कुल 75) की महिलाओं के साथ घटित घटनाओं में आरोपी सजातीय होने से राहत राशि की पात्रता न होने के कारण भुगतान नहीं किया गया है।
पंचायतों के माध्यम से पशु आहार का वितरण
[राजस्व]
118. ( क्र. 2049 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शहडोल संभाग को वर्ष 2015-16 में सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक शहडोल संभाग अंतर्गत जिला अनूपपुर, उमरिया एवं शहडोल में कितना पशु आहार, चारा, भूसा कितनी मात्रा में क्रय किया गया? इनकी प्रति क्विंटल के हिसाब से दर क्या रही तथा कुल कितनी धनराशि का पशु आहार क्रय किया गया? जिलेवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार राशि बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्रय किया गया पशु आहार, भूसा, चारा का वितरण किन विकासखण्डों की किन ग्राम पंचायतों में कितना-कितना वितरित किया गया? वितरण का माध्यम क्या था तथा उक्त अवधि में कितनी राशि का खर्चा आया? (ग) क्या पशु आहार, चारा, भूसा के वितरण की जानकारी जनप्रतिनिधियों को नहीं दी गई थी? यदि नहीं, तों क्यों? यदि हाँ, तो जिन ग्राम पंचायतों में पशु आहार वितरित किया गया, उसमें उपस्थित जनप्रतिनिधियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शहडोल संभाग के जिला शहडोल की 6 तहसीलें, जिला उमरिया की 5 तहसीलें एवं जिला अनूपपुर की 4 तहसीलें इस प्रकार कुल 15 तहसीलें को सूखा घोषित किया गया। शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले में ही पशु आहार 260 क्विंटल, प्रति क्विंटल 1400/- की दर से राशि रूपये 4.14 लाख में तथा गेहूँ/भूसा 9590 क्विंटल प्रति क्विंटल 795/- की दर से राशि रूपये 76,24,050 में क्रय किया गया। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। जिला शहडोल एवं उमरिया में पशु आहार एवं भूसे क्रय निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जिला अनूपपुर के अंतर्गत पशु आहार एवं भूसा चारा के वितरण की ग्राम पंचायतवार एवं विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। जिले के कुल 68 पशु आश्रय स्थलों में पशुपालन विभाग के मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों की देख-रेख में संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच/पंचों की उपस्थिति में ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तावित महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्यों द्वारा पशु आश्रय (शिविर) का संचालन किया गया है। (ग) जी नहीं। पशु आहार, चारा, भूसा के वितरण की जानकारी जनप्रतिनिधियों को दी गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–स अनुसार है।
श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित योजनाएं एवं श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
119. ( क्र. 2055 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रमिकों के कल्याण हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? (ख) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग द्वारा कितने श्रमिकों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है? हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने श्रमिक पंजीकृत हैं? श्रमिकों के पंजीयन की क्या नियमावली है? (घ) क्या विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को शासन की योजनाओं का लाभ समय-सीमा पर प्रदान किया जा रहा है? क्या अनेकों श्रमिकों द्वारा समय-सीमा पर योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं होने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, जिसका क्या कारण है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत परसिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को निम्न योजनाओं के अंतर्गत प्रदाय हितलाभ की संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र.
योजना का नाम
लाभांवित
हितग्राहियों
की संख्या
1. प्रसूति
सहायता 21
2. मृत्यु
की दशा में
अंत्येष्टि
सहायता एवं अनुग्रह
भुगतान
02
3. शिक्षा
हेतु
प्रोत्साहन
राशि 3977
4. मेधावी
छात्र/छात्राओं
को नगद
पुरूस्कार 1394
(ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत परासिया विधानसभा क्षेत्र में कुल 2963 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। श्रमिकों के पंजीयन हेतु भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा-12 के अंतर्गत पंजीयन के लिए निर्माण श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य है। प्रथम बार 5 वर्ष के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑन-लाईन आवेदन करने पर 5 रूपये नगद भुगतान कर पंजीयन किया जा सकेगा एवं निरंतरण हेतु 10 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया है। (घ) जी, हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करने पर समय-सीमा में योजनाओं का हितलाभ प्रदाय किया जाता है। जिले में प्रश्नांकित अवधि में किसी भी पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक से लाभ प्राप्त नहीं होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
जिला परिवहन अधिकारियों की पदस्थी
[परिवहन]
120. ( क्र. 2103 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला परिवहन अधिकारियों की नियुक्ति की है? यदि हाँ, तो जिलावार पदस्थ अधिकारियों का ब्यौरा दें? (ख) क्या जिला परिवहन अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में कोई नियम है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। क्या निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को भी जिलों का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? (ग) क्या राजगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों के दौरान बगैर परमिट और फिटनेस वाले वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं हुई हैं? यदि हाँ, तो मामलों में परिवहन विभाग के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध जाँच की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो जाँच प्रकरणों का ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई अथवा कब तक कर ली जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला परिवहन कार्यालयों में कार्यालय प्रमुख के रूप में क्षेत्रीय/अतिरिक्त क्षेत्रीय/वरिष्ठ जिला परिवहन अधिकारी/सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं परिवहन निरीक्षक, प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं। जिलेवार पदस्थ अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जिला परिवहन अधिकारी नहीं अपितु सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के सीधी भर्ती के स्वीकृत पदों को लोकसेवा आयोग के माध्यम से तथा पदोन्नति के पदों को परिवहन निरीक्षकों के पद से पूर्ति करने का प्रावधान है। परिवहन निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को भी जिलों का प्रभार दिया गया है। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, राजगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों के दौरान बिना परमिट एवं बिना फिटनेस वाले वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं हुई हैं। दिनांक 06/10/2015 को राजगढ़ जिले में बस दुर्घटनाग्रस्त होने पर तत्समय पदस्थ श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ को अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति गंभीर लापरवाही बरतने के कारण दिनांक 07/10/2015 से निलंबित किया गया। श्री त्रिपाठी को जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दिनांक 14/12/2015 को निलंबन से बहाल कर जिला परिवहन अधिकारी सतना के पद पर पदस्थ किया गया। श्री त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति आवेदन मान्य करते हुए, दिनांक 30/04/2016 से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति के आदेश जारी किये गये। दिनांक 13/12/2016 को राजगढ़ जिले में हुई बस दुर्घटना होने पर श्री के.पी. अग्निहोत्री प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ को निलंबित किया गया है। श्री अग्निहोत्री द्वारा निलंबन आदेश के विरुद्ध मान. न्यायालय में WP NO. 8326/16 दायर की गयी, जिस पर मान. न्यायालय द्वारा अपने पारित आदेश दिनांक 16/12/2016 से स्थगन दिया गया है। श्री अग्निहोत्री के विरूद्ध घटना के क्रम में विभागीय जाँच संस्थित कर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 6957 दिनांक 22/12/2016 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये हैं। विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है।
परिवहन विभाग द्वारा अभियान नहीं चलाया जाना
[परिवहन]
121. ( क्र. 2166 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में परिवहन विभाग ने गत 6 माह में पाथाखेड़ा की कोयला खदानों से कोयला परिवहन करने वाले वाहनों के फिटनेस, पी.यू.सी. प्रमाण-पत्र एवं बकाया टैक्स की वसूली का कोई अभियान नहीं चलाया। (ख) पाथाखेड़ा की कोयला खदानों से कोयला परिवहन करने वाले वाहनों के फिटनेस, पी.यू.सी. प्रमाण-पत्र एवं बकाया टैक्स की कौन-कौन सी जानकारी वर्तमान में बैतूल के परिवहन के पास उपलब्ध है, यह जानकारी प्राप्त किये जाने के संबंध में परिवहन विभाग ने किस-किस दिनांक को कोयला कंपनी प्रबंधन को पत्र लिखा है? (ग) वाहनों के फिटनेस पी.यू.सी. प्रमाण-पत्र बकाया टैक्स की वसूली के लिये परिवहन विभाग वर्तमान में क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक वाहनों की सूची कोयला कंपनी प्रबंधन से परिवहन विभाग प्राप्त कर लेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा बैतूल जिले में गत 06 माह में निम्न तिथियों में वाहनों की चैकिंग हेतु अभियान चलाया गया है। दिनांक 01.09.2016 से 09.09.2016 तक, दिनांक 09.11.2016 से 24.11.2016 तक, दिनांक 01.01.2017 से 15.01.2017 तक (ख) जानकारी उपलब्ध नहीं होने से महाप्रबंधक डबल्यू.सी.एल. पाथाखेड़ा एवं मुख्य अभियंता सारणी पावर हाउस को कोयला परिवहन करने वाले वाहनों के फिटनेस, पी.यू.सी. प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 4889/17/जि.प.अ/दिनांक 28.01.2016 को पत्र लिखा गया। (ग) दिनांक 01.01.2017 से 15.01.2017 तक विशेष अभियान चलाया गया। प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित अनुसार पत्र व्यवहार के अनुक्रम में महाप्रबंधक वेस्टर्न कोलफील्ड लिमि. पाथाखेड़ा के पत्र क्रमांक 780 दिनांक 19.02.2017 के द्वारा 23 वाहनों की सूची प्राप्त हो गई है।
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 एवं 237
[राजस्व]
122. ( क्र. 2173 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 एवं धारा 237 में क्या प्रावधान वर्तमान में है, इन धाराओं में किस दिनांक को क्या-क्या संशोधन राजपत्र में अधिसूचित किया? (ख) निस्तार पत्रक में दर्ज एवं धारा 237 (1) के अनुसार आरक्षित भूमियों को कृषि कार्य के लिये आवंटित करने, शासकीय कार्य के लिये आवंटित करने एवं निजी उद्योगों, निजी परियोजनाओं, निजी संगठन एवं संस्थाओं को आवंटित करने का वर्तमान में क्या प्रावधान, आदेश, निर्देश, नीति है? प्रति सहित बतावें। (ग) धारा 234 के तहत बनाए गए निस्तार पत्रक में किन-किन मदों में भूमि दर्ज किये जाने के क्या प्रावधान हैं? इनमें से किन-किन मदों की भूमि के संबंध में सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्र. 202/95 में 12 दिसम्बर 1996 एवं 1 अगस्त, 2003 को क्या आदेश दिये हैं? (घ) होशंगाबाद संभाग के हरदा, बैतूल एवं होशंगाबाद जिले के कितने राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक विभाग के पास उपलब्ध है, उनमें कितनी-कितनी भूमि वर्तमान में किस-किस मद में दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 में निस्तार पत्रक का तैयार किया जाना एवं धारा 237 से निस्तार अधिकारों के प्रयोग के लिए कलेक्टर द्वारा भूमि का पृथक रखा जाना के प्रावधान है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) धारा 234 के तहत बनाए गए निस्तार पत्रक में निम्न मदों में भूमि दर्ज किये जाने के प्रावधान है :- (क) इमारती लकड़ी या ईंधन के लिये आरक्षित क्षेत्र के लिये (ख) चारागाह बीड़ या चारे के लिये आरक्षित क्षेत्र के लिये (ग) कब्रिस्तान तथा श्मशान भूमि के लिये (घ) गौठान के लिये (ड.) शिविर भूमि के लिये (च) खलिहान के लिये (छ) बाजार के लिये (ज) खाल निकालने के लिये (झ) खाद के गड्ढों के लिये (न) पाठशालाओं खेल के मैदानों उद्यानों सड़कों, गलियों, नालियों जैसे तथा उसी प्रकार के लोक प्रयोजनों के लिये (ट) किन्ही अन्य प्रयोजनों के लिये जो निस्तार के अधिकार के प्रयोग के लिये विहित किये जाये। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
123. ( क्र. 2214 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने बी.पी.एल. राशन कार्डधारी हितग्राही हैं? ग्राम व नगरवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार सभी बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों का रिकार्ड ऑन-लाईन अपडेट कर दिया गया है? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार सभी का रिकार्ड ऑन-लाईन अपडेट कर दिया गया है, तो क्या सभी हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कब तक खाद्यान्न पर्ची का वितरण कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 27,707 हितग्राही बी.पी.एल. राशन कार्डधारी हैं। ग्राम व नगरवार हितग्राहियों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है, उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा।
संविदा हैण्डपम्प मैकेनिकों का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 2215 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्रम विभाग द्वारा हैण्डपम्प मैकेनिक, कुशल/अकुशल/अर्द्धकुशल/तकनीकी मजदूरों के भुगतान नियम क्या लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग में कार्यरत संविदा हैण्डपम्प मैकेनिकों के भुगतान हेतु भी लागू होते हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) अगर प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में नियुक्त संविदा हैण्डपम्प मैकेनिकों को श्रम विभाग के नियम अनुसार मानदेय नहीं दिया गया है तो क्यों? कारण बतावें। शासन कब से संविदा हैण्डपम्प मैकेनिकों को श्रम विभाग के नियम अनुसार मानदेय देगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संविदा नियुक्ति हेतु स्वीकृत प्रावधान अनुसार मानदेय दिया जा रहा है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की स्थिति
[श्रम]
125. ( क्र. 2231 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में श्रम विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? बतावें। (ख) राजगढ़ विधानसभा में दिनांक 1 जनवरी 2014 से 1 जनवरी 2017 तक कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजना का लाभ दिया गया है? योजना का नाम, हितग्राही की संख्या राशि, दिनांक सहित बतावें। (ग) श्रम विभाग द्वारा श्रम विभाग में दुकान एवं संस्थान के पंजीयन के क्या नियम निर्देश हैं? पंजीयन कितनी अवधि के लिये किया जाता है? कितना शुल्क निर्धारित है? (घ) राजगढ़ विधानसभा में दिनांक 1 जनवरी 2014 से 1 जनवरी 2017 तक किन-किन संस्थाओं का पंजीयन कब-कब किस-किस कार्य के लिये कितनी अवधि के लिये किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा वर्तमान में राजगढ़ जिले में पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 1 जनवरी, 2014 से 1 जनवरी, 2017 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रदाय हितलाभ की योजनावार एवं हितग्राही की संख्यावार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) म.प्र. दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 के अंतर्गत श्रम विभाग में दुकान एवं स्थापनाओं का पंजीयन विभागीय पोर्टल के माध्यम से पूर्णतः ऑन-लाईन किया जाता है। इसके संबंध में जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। यह पंजीयन पाँच वर्ष के लिये किया जाता है, जिसमें निर्धारित शुल्क निम्नानुसार हैः-
क्र.
स्थापनाओं का
वर्ग
निर्धारित
शुल्क
1. सभा
स्थापनाओं के
लिये जहाँ
कर्मचारी
नियोजित नहीं
है। 100/- रू.
2. 1 से 3
कर्मचारी
नियोजित है। 150/- रू.
3. 3 से अधिक
किन्तु 10 से कम
कर्मचारी
नियोजित है। 200/- रू.
4. 10 या अधिक
कर्मचारी
नियोजित है। 250/- रू.
(घ) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 1 जनवरी, 2014 से 1 जनवरी, 2017 तक पंजीकृत स्थापनाओं की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है।
पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक के पदों की जानकारी
[राजस्व]
126. ( क्र. 2232 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त है? अलग अलग बतावें। (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में कार्यरत पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक के नाम तथा कब से पटवारी किस हल्के में कार्यरत है? बतावें। (ग) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक के पास कितने नामान्तरण अथवा बंटवारा लम्बित है? यदि है, तो कब से और क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) उक्त लम्बित नामान्तरण अथवा बॅंटवारा कब तक कर दिया जावेगा.
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व निरीक्षक के 04 पद स्वीकृत जिनमें 01 पद रिक्त है। पटवारी के 58 पद स्वीकृत एवं 13 पद रिक्त है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) पटवारियों के स्तर पर कोई भी अविवादित, नामांतरण, बंटवारे लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुलताई विधानसभा क्षेत्र में हुये हत्या के प्रकरण
[गृह]
127. ( क्र. 2238 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने हत्या के एवं अंधे कत्ल के प्रकरण वर्ष जनवरी 2014 से आज दिनांक तक दर्ज किये गये? प्रत्येक प्रकरण की जानकारी मुलताई विधानसभा क्षेत्र में स्थित थानों के अनुसार दिनांकवार दें। (ख) बिन्दु (क) के अनुसार दिये कितने प्रकरणों का निराकरण संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? किन कारणों से लंबित प्रकरणों का खुलासा नहीं हो सका? कारण स्पष्ट करें। (ग) बिन्दु (ख) के अनुसार दिये गये लंबित प्रकरण जिनका खुलासा नहीं हो सका, उन्हें कब तक विभाग द्वारा सुलझा लिया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (घ) इन लंबित प्रकरणों का अब तक निराकरण न कर, इन प्रकरणों की अनदेखी संबंधित अधिकारियों के द्वारा क्यों की जा रही है/की गयी है।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में हत्या व अन्धे कत्ल के कुल 53 प्रकरण जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज किये। सभी प्रकरण की पृथक-पृथक दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) बिन्दु (क) के अनुसार कुल 53 प्रकरणों में से 52 प्रकरणों का निराकरण संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया है। 01 प्रकरण के लंबित होने का कारण परिशिष्ट में निहित है। (ग) बिन्दु (ख) के अनुसार 01 लंबित प्रकरण में खुलासा हो चुका है व आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। शीघ्र ही विवेचना पूर्ण कर प्रकरण का निराकरण किया जावेगा। (घ) लंबित प्रकरण में संबंधित अधिकारी द्वारा कोई अनदेखी नहीं की गई है।
राजस्व नकलों का प्रदाय एवं जानकारी
[राजस्व]
128. ( क्र. 2239 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में अभिलेखागारों के आधुनिकीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है एवं रिकार्ड/राजस्व अभिलेखों की नकल कम्यूटराइज्ड तौर पर प्रदाय की जा रही है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र एवं नकलों का कम्यूटराइज्ड तौर पर तैयार कर प्रदान करने की सक्षम प्राधिकारी की अभिस्वीकृति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 157 (क्रमांक-3595) दिनांक 29/07/2016 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर ''स्केन किये गये स्याही अभिलेखों की नकल प्रदाय की जाती है'' दिया गया था, यदि हाँ, तो तहसील स्तर के स्थायी अभिलेखों की नकल जिला अभिलेखागार से, मैनुअली तौर पर संधारित अभिलेखों की प्रतिलिपि कराकर क्यों प्रदाय की जा रही है और तहसील अभिलेखागार क्यों बंद पड़े हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में अभिलेखागारों के सुचारू संचालन होने का सत्यापन कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1818 दिनांक 22/07/2016 का उत्तर ''जानकारी एकत्रित की जा रही है'' दिया गया था, यदि हाँ, तो एकत्रित जानकारी/प्रश्न का उत्तर क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। कटनी जिले में तहसील स्थित अभिलेखागारों के आधुनिकीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है। राजस्व अभिलेख की कम्प्यूटराइज्ड नकलें प्रदाय की जा रही हैं। (ख) जी हाँ। स्थायी स्वरूप के ऐसे राजस्व अभिलेख जिन्हें लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जाना है उनकी स्केनिंग विभाग द्वारा करायी गई है। स्केन किए गए स्थायी स्वरूप के इन अभिलेखों को डॉक्यूमेन्ट मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर से रिट्रीव कर कम्प्यूटराइज्ड नकल प्रदान की जा रही है। तकनीकी अवरोध की स्थिति में मैन्युअली भी नकल प्रदान की जाती है। तहसील में अभिलेखगार बंद नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नकर्ता का प्रश्न क्रमांक 1818 किसान कल्याण से संबंधित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में राशन कार्डों से अधिक आवंटन की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
129. ( क्र. 2242 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय खाद्य द्वारा वर्ष 2015-16 में राशन कार्डों से अधिक आवंटन की जाँच हेतु, जिला आपूर्ति-नियंत्रक भोपाल, सागर एवं जबलपुर को क्या-क्या आदेश दिये गये थे? क्या इन आदेशों पर जाँच प्रतिवेदन विभाग को प्राप्त हुये? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? आदेशवार बतायें और किसी आदेश की जाँच से जिला आपूर्ति-नियंत्रक सागर ने इंकार किया था, तो इसे इनकी अक्षमता क्यों नहीं पाया गया? (ख) जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 14/06/2014, 30/11/2014 एवं 12/02/2015 क्या है और क्या कारण रहे कि प्रतिवेदन दिनांक-14/06/2014 में राशन कार्डों एवं आवंटन में अंतर था, परंतु बाद के दोनों प्रतिवेदनों में, वे इस तथ्य से पीछे हटे? (ग) जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर के प्रतिवेदन दिनांक-11/12/2015 में दर्शित तथ्य सही है अथवा विधानसभा प्रश्न क्रमांक-2315 दिनांक 13/12/2012 के परिशिष्ट ''ब'' में दर्शाये गये आवंटन एवं कार्डों के अंतर या अपर कलेक्टर कटनी का जाँच प्रतिवेदन दिनांक-24/04/2014 के तथ्य सही है, स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत, जाँच, अपचारियों की पहचान एवं कार्यवाही हेतु शासन ने क्या मार्गदर्शी बिन्दु एवं अवधि नियत की है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवन, आवास एवं पद स्वीकृति हेतु बजट का आवंटन
[राजस्व]
130. ( क्र. 2249 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16 दिसम्बर-2015 को तारांकित प्रश्न संख्या-17 (क्रमांक 806) के जवाब में लांजी को पूर्ण राजस्व अनुविभाग का दर्जा प्राप्त होने की बात स्वीकारी गई थी। कृपया राजपत्र की वह प्रति जिसमें लांजी को राजस्व अनुविभाग कार्यालय बनाया गया था, उपलब्ध करावें? (ख) क्या यह सही है कि विगत तीस वर्षों से राजस्व अनुविभाग कार्यालय लांजी में न तो स्टॉफ स्वीकृत किया गया, न ही भवन बनाया गया और न ही SDM का शासकीय आवास बनाया गया? क्या इसका कारण इस कार्यालय का राजपत्र में न आना है? (ग) क्या वर्तमान बजट सत्र में अनुविभाग कार्यालय लांजी हेतु भवन SDM तथा कर्मचारियों के आवास एवं पद स्वीकृति हेतु बजट आवंटित कर दिया जाएगा? (घ) अनुविभाग कार्यालय किरनापुर के भवन SDM तथा कर्मचारियों के आवास हेतु बजट क्या इसी बजट सत्र में आवंटित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बालाघाट जिले में स्वीकृत नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
131. ( क्र. 2250 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री नल-जल योजना हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? वर्षवार विकासखण्ड अनुसार ग्राम पंचायतों के नाम सहित जानकारी दें। (ख) उक्त पंचायतों में ऐसी कितनी पंचायतें हैं, जिन्हें प्राक्कलन पश्चात तीन प्रतिशत राशि जमा करने हेतु विभाग द्वारा कहा गया है? वर्षवार ग्राम पंचायतों के नाम तथा तीन प्रतिशत की राशि सहित जानकारी दें। (ग) उक्त ग्राम पंचायतों में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिनके द्वारा तीन प्रतिशत की राशि जमा कर दी गई है तथा ऐसी कितनी पंचायतें हैं, जिनमें मुख्यमंत्री नल-जल योजना स्वीकृत कर दी गई है? (घ) ऐसी कितनी पंचायतें हैं जिनके द्वारा नल-जल योजना के विस्तार हेतु मांग की गई है तथा कितनों को स्वीकृति प्रदान की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) इस नाम से कोई योजना नहीं है। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ अनुसार। (घ) बालाघाट जिले में विगत तीन वर्षों में 15 ग्राम पंचायतों के द्वारा नल-जल योजना के विस्तार हेतु मांग की गई एवं स्वीकृति प्रदान की गई है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
धारा 162 में संशोधन
[राजस्व]
132. ( क्र. 2251 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या वर्ष 2013 में धारा 162 के संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो इस संशोधन को कब तक में लागू किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 16.09.2013 में प्रकाशित भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम लागू हो गया है।
नामजद आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करना
[गृह]
133. ( क्र. 2260 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के थाना देवतालाब अंतर्गत ग्राम कुंजबिहारी सिमरिया निवासी बिहारीलाल कुशवाहा पिता रामस्वरूप कुशवाहा के आवेदन पर दिनांक 16.07.2016 में अपराध क्र. 148/16 धारा 303 भा.द.वि. का मुकदमा नामजद आरोपियों के विरूद्ध कायम किया गया? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या उपरोक्त नामजद आरोपीगणों के विरूद्ध दर्ज मुकदमा अपराध क्र. 148/16 का चालान न्यायालय में आज दिनांक तक पेश हुआ है या नहीं? यदि नहीं, तो पेश न होने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उपरोक्त अपराध क्रमांकों के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी आज दिनांक तक की गई है या नहीं? यदि नहीं, तो गिरफ्तार न करने एवं इतना समय बीत जाने का क्या कारण है? (घ) क्या पुलिस द्वारा घोर लापरवाही करते हुए प्रभावशील एवं सरहंगों के दबाव के कारण न्यायालय में चालान पेशन न किये जाने के कारण फरियादी न्याय से वंचित हैं? यदि हाँ, तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। बिहारीलाल पिता श्री रामस्वरुप कुशवाह निवासी कुंजबिहारी सिमरिया के आवेदन पर थाना देवतालाब, जिला रीवा अन्तर्गत दिनांक 16.07.2016 को संदेहियों श्रीमती रेखा पत्नी श्री रमेश कुशवाह एवं सुश्री संगीता पुत्री श्री राम पगार कुशवाह, समस्त निवासी ग्राम सिमरिया कुंजबिहारी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 148/16 धारा 303 भा.द.वि. का नहीं बल्कि 363 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया। प्रथम सूचना प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उपरोक्त प्रकरण की विवेचना में अभी तक नामजद संदेहियों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य न मिलने एवं अपहृता के बरामद नहीं होने से अंतिम प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है। विवेचना के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। विवेचना जारी। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सबमर्सिबल पम्प का भौतिक सत्यापन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
134. ( क्र. 2261 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा छतरपुर जिले में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की अवधि में कितने सबमर्सिबल पम्प किस संस्था से किस दर पर खरीदे गये हैं? कुल कितनी नल-जल योजना स्वीकृत है? कितनी नल-नल योजना चालू हैं, कितनी बन्द पड़ी हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) किस-किस तहसील में किस-किस गांव में सबमर्सिबल पम्प स्थापित किये गये हैं? भौतिक सत्यापन कर बतायें कि आज की स्थिति में वे चालू हैं या बंद पड़े हैं? यदि बंद पड़े हैं तो कारण बतायें? कितनी नल-जल योजना पूर्ण व अपूर्ण व कितने के कार्य प्रगति पर हैं? कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति व निर्माण एजेंसी कौन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? इन लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कब तक निलंबन की कार्यवाही कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिले में 355 योजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें से 335 योजना पूर्ण एवं 12 योजना प्रगति पर है। जिले में 180 नल-जल योजना चालू एवं 155 योजना बंद पड़ी हैं। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जिले में स्थापित किये गये सबमर्सिबल पंपों की जानकारी, चालू बंद की स्थिति व बंद का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिले में 335 नल-जल योजना पूर्ण व 12 नल-जल योजना प्रगति पर है। प्रगतिरत नल-जल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति व कार्य की निर्माण एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में गैस वितरण की समीक्षा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
135. ( क्र. 2282 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में गैस एजेन्सियों की संख्या 28 एवं गैस कनेक्शनधारी उपभोक्ता की संख्या लगभग 1 लाख 40 हजार है तथा प्रतिदिन गैस रिफलिंग 3 हजार के लगभग की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या एजेन्सी संचालकों को सिलेण्डर रिफलिंग के दौरान उपभोक्ताओं को बिल देने का निर्देश दिया गया है? यदि हाँ, तो एजेन्सी संचालक उपभोक्ताओं को बिल क्यों नहीं देते हैं? (ग) घरेलू गैस सिलेण्डर उपभोक्ता को बाजार दर 656 रूपये के स्थान पर 665 या फिर 670 रूपये वसूल कर रहे हैं तथा होम डिलेवरी के नाम पर 10 रूपये का अतिरिक्त चार्ज ले रहे हैं जबकि 656 रूपये में ही होम डिलेवरी चार्ज भी शामिल है? (घ) प्रश्नांश (ग) में यदि हाँ, तो क्या कीमत बदलने पर प्रशासन सभी एजेन्सी संचालकों गैस रिफलिंग दर एजेन्सी अपने डिलेवरी वाहन पर बड़े अक्षरों में अंकित करने का एवं बिल देने का आदेश दिया है? यदि हाँ, तो उपरोक्त का सत्यापन प्रशासन द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो संतुष्टि प्रमाण-पत्र दें? यदि नहीं, तो कब-कब क्या कार्यवाही की गई? सभी का विवरण एजेन्सी संचालकवार दिया जाये।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। गैस रिफिल बुकिंग के पश्चात ऑयल कंपनी के सिस्टम से स्वत: बिल निर्मित होते हैं। निर्मित बिलों को रिफिल प्रदाय के समय उपभोक्ताओं को एक प्रति देने हेतु जिला प्रशासन द्वारा गैस एजेंसी संचालकों को बैठकों में एवं लिखित में निर्देश जारी किए गए हैं एवं इस संबंध में समय-समय पर विभागीय अमले द्वारा जाँच की गई। जिले में बिल न देने एवं अधिक राशि लेने के संबंध में 2 गैस एजेंसी संचालकों के विरूद्ध प्रकरण निर्मित किए गए हैं। (ग) माह फरवरी, 2017 की स्थिति में रीवा शहर में घरेलू गैस सिलेण्डर होम डिलेवरी सहित दर रूपये 727 प्रति सिलेण्डर निर्धारित है। ऑयल कंपनी द्वारा निर्धारित दर पर ही गैस एजेंसी संचालक द्वारा रिफिल प्रदाय की जाती है। निर्धारित दर से अधिक राशि लेने एवं होम डिलेवरी न करने के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाती है। (घ) जिला प्रशासन द्वारा गैस रिफिल के देयक जारी करने हेतु गैस एजेंसी संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं एवं इसकी समय-समय पर जाँच कराई जाकर देयक जारी न करने एवं त्रुटिपूर्ण देयक जारी करने वाली एजेंसी के विरूद्ध प्रकरण भी निर्मित किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य निर्माण की लापरवाही से धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
136. ( क्र. 2283 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जिला प्रशासन को दिनांक 02.01.2017 तक उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में 8.33 लाख क्विंटल से ज्यादा धान की खरीदी हो चुकी है, जिसमें से 7.45 लाख का परिवहन हो चुका है? शेष धान करीब 88 हजार क्विंटल केन्द्रों पर रखी है, जो दिनांक 02.01.2017 को भीग गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में धान खरीदी केन्द्रों पर धान उठाव के लिये तीन सेक्टर बनाये गये हैं, जिनका ठेका भोपाल से दिया गया है। यदि हाँ, तो दिनांक 04.01.2017 तक जवा, परसिया, मनगवां, कुठिला, गंगेव, बैकुण्ठपुर, सिरमौर आदि केन्द्रों पर 40 हजार क्विंटल से ज्यादा धान खरीदी केन्द्रों पर पड़ी है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में मनगवां खरीदी केन्द्र गोदाम के नजदीक होने के बावजूद डेढ़ हजार क्विंटल धान पानी गिरने के समय बाहर पड़ी थी? खरीदी केन्द्रों पर भी तिरपाल और पॉलीथीन की खरीदी नहीं हुई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में धान भीग जाने से गीली हो गई, जिससे खराब हो जावेगी। इसके जिम्मेदारी के लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? कारण स्पष्ट करें, की जावेगी तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले में खरीफ विपणन मौसम 2016-17 में दिनांक 02.01.2017 तक 88 हजार क्विंटल धान उपार्जन समितियों से परिवहन हेतु शेष थी। परन्तु, किसी भी समिति प्रबंधक एवं नोडल अधिकारी द्वारा उक्त धान के वर्षा से भीगने या खराब होने की सूचना नहीं दी गई है। (ख) रीवा जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के परिवहन हेतु 04 सेक्टर यथा-चाकघाट, त्योंथर, हुजूर, रीवा एवं मऊगंज बनाए गए थे। उपार्जित धान के परिवहन हेतु परिवहनकर्ता की नियुक्ति एवं दर स्वीकृति की कार्यवाही मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन मुख्यालय द्वारा की जाती है। जी हाँ। जवा, मनगवां, कुठिया, गंगेव, बैकुण्ठपुर, सिरमौर आदि केन्द्रों पर दिनांक 04.01.2017 तक लगभग 40 हजार क्विंटल परिवहन हेतु शेष थी, जिसका उठाव पूर्ण हो चुका है। (ग) मनगवां उपार्जन केन्द्र पर धान खरीदी हेतु तिरपाल और पॉलीथीन उपलब्ध है। पानी गिरने के समय उपार्जित धान पूर्णत: सुरक्षित थी, जिसके कारण धान क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। (घ) रीवा जिले में किसी भी उपार्जन केन्द्र पर वर्षा से धान भीगने एवं क्षतिग्रस्त नहीं हुई है, और न ही इस प्रकार की कोई सूचना है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेय-जल समस्या का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
137. ( क्र. 2290 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत कितने ग्रामो में 1 प्रतिशत एवं 3 प्रतिशत योजना अंतर्गत पेय-जल संबंधित नवीन कार्य स्वीकृति बाबत् प्रस्तावित है एवं उक्त में से कितने कार्य स्वीकृत हो चुके हैं? (ख) शेष कार्य कब तक स्वीकृत हो जावेंगे? स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे? ग्रामवार एवं कार्यवार जानकारी दी जावे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई योजना प्रस्तावित नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेय-जल परिवहन व्यय की राशि का भुगतान
[राजस्व]
138. ( क्र. 2291 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत ग्राम पंचायतों को वर्ष २०१३-१४ से वर्तमान वर्ष तक किये गए पेय-जल परिवहन व्यय की राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? पेय-जल परिवहन की राशि कब तक सम्बंधित ग्राम पंचायतों को भुगतान कर दी जावेगी? कृपया ग्राम पचांयतवार भुगतान सम्बन्धी जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में पेय-जल परिवहन नहीं किया गया। वर्ष 2016-17 में ग्राम पंचायत तिलगारा एवं मुलथान को पेय-जल परिवहन हेतु राशि का भुगतान किया गया। (ख) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत शेष ग्राम पंचायत भुवानीखेड़ा, बखतगढ़, काछीबडोदा, चंदवाडियाकलां एवं जाबडा ग्राम पंचायतों में पेय-जल परिवहन की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। परिवहन के देयक जिला कलेक्टर को प्राप्त होने पर भुगतान कलेक्टर द्वारा किया जावेगा।
शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना
[राजस्व]
139. ( क्र. 2292 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत कितने हेक्टेयर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है? उक्त अतिक्रमित भूमि का प्रकार भी बताया जावे जैसे शासकीय विद्यालय परिसर, तालाब क्षेत्र, शमशान भूमि, गोचर, खेल मैदान। (ख) उल्लेखित स्थल की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने के सम्बन्ध में शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गयी है? मुक्त की गयी भूमि की जानकारी ग्राम एवं स्थलवार रकबा सहित उपलब्ध करावे? (ग) शेष अतिक्रमणयुक्त भूमि कब तक अतिक्रमण से मुक्त करवाई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
140. ( क्र. 2345 ) कुँवर
विक्रम सिंह :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तहसीलदार
प्रभारी मण्डल
महेबा तहसील
छतरपुर के
प्रकरण क्र. 75/अ.68/14-15
दिनांक 08/04/15 को
अतिक्रमण
हटाने बाबत्
कार्यवाही की
गई? (ख) क्या
दिनांक 23/01/17 को
आवेदकों
द्वारा ग्राम
धमची में
शासकीय भूमि
पर पुन:
अतिक्रमण के
संबंध में
अनुविभागीय अधिकारी
राजस्व
छतरपुर को
आवेदन दिया
गया? (ग) उक्त
आवेदन पत्र पर
तत्काल
कार्यवाही के
निर्देश
तहसीलदार को
दिये गये? (घ) यदि
हाँ, तो
अब तक
कार्यवाही न
किये जाने के
क्या कारण
रहे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से (ग)
जी हाँ। (घ) कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है।
प्राप्त आवंटन, व्यय के परीक्षण तथा टूर प्रोग्राम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
141. ( क्र. 2346 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कल्याणकारी संस्थाओं हेतु योजनान्तर्गत राज्य शासन द्वारा वर्ष 2014-15 से 16-17 तक कुल कितना आवंटन मदरसों, वृद्धाश्रमों, नारी निकेतन एवं अनाथ आश्रमों को दिया गया तथा व्यय कितना किया? ब्यौंरा दें। (ख) क्या विभागीय अधिकारियों ने जिलेवार परीक्षण किया यदि हाँ, तो क्या गड़बड़ी हुई? ऐसे कितने प्रकरण प्रकाश में आये? स्पष्ट करें। (ग) छतरपुर जिले में सक्षम अधिकारियों ने टूर प्रोग्राम के अनुसार अपनी रिपोर्ट में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाहियां की वर्षवार बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित रिपोर्ट में आय-व्यय का परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो उसका उल्लेख सौंपी गई रिपोर्ट में किया। यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2014-15 से 16-17 तक कल्याणकारी संस्थाओं मदरसों, वृद्धाश्रमों, नारी निकेतन एवं अनाथ आश्रमों आदि को आवंटित खाद्यान्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनांतर्गत राज्य सरकार को बी.पी.एल. दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है, इस पर राज्य सरकार द्वारा कोई राशि व्यय नहीं की गई है। (ख) कल्याणकारी संस्थाओं के निरीक्षण का कार्य संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। खाद्य विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किए गए है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छतरपुर जिले में सामाजिक न्याय एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण एवं उनमें पाई गई अनियमितताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) छतरपुर जिले की कल्याणकारी संस्थाओं का निरीक्षण महालेखाकार कार्यालय के दल द्वारा किया गया है। शेष भाग प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग
द्वारा वर्ष 2016-17 में नवीन
हैण्डपम्प
हेतु प्राप्त
आवंटन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
142. ( क्र. 2389 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला होशंगाबाद अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में नवीन हैण्डपम्प खनन हेतु कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) नवीन हैण्डपम्प खनन हेतु विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत पेय-जल व्यवस्था हेतु इस वित्तीय वर्ष में क्या कार्य योजना बनायी गयी? क्या इसमें क्षेत्रीय विधायकों व सांसदों से अनुशंसायें प्राप्त की गई? (ग) नवीन हैण्डपम्पों का खनन इस वित्तीय वर्ष में किस दिनांक से प्रारंभ होगा, तथा जिन क्षेत्रों में ग्रीष्मकाल में पेय-जल का परिवहन किया जाता हैं, उन क्षेत्रों में पेय-जल आपूर्ति हेतु विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना बनाकर व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी, ताकि पेय-जल संकट उत्पन्न न हो।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रू. 58.81 लाख। (ख) कार्य योजना जिलेवार बनाई जाती है। जी हाँ। (ग) चालू वित्तीय वर्ष में नलकूपों का खनन कार्य प्रारंभ हो चुका है एवं 69 जिले/विधानसभा बसाहटों में नवीन हैण्डपम्प खनन कार्य पूर्ण कराया गया है। गत वर्ष होशंगाबाद जिले के किसी भी ग्राम/बसाहट में ग्रीष्मकाल के दौरान पेय-जल परिवहन की आवश्यकता नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामों में पेय-जल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
143. ( क्र. 2396 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामो में पेय-जल उपलब्ध करने हेतु शासन द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन से ग्राम सम्मलित हैं तथा उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होगा? इस संबंध में अभी तक शासन द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई है? (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र के बाजना उपखण्ड में नायन परियोजना के माध्यम किन-किन ग्राम पंचायतों में पेय-जल उपलब्ध कराया जा रहा है? क्या इस योजना में शासन द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक योजनानुसार कार्य पूर्ण हो जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के सम्बंध में योजना के माध्यम से लाभान्वित ग्राम पंचायतों के शेष रहे ग्रामों को भी इस योजना में सम्मलित कर पेय-जल उपलब्ध कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में शासन द्वारा विचार किया? (घ) यदि नहीं, तो इन ग्रामों में पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण। रेल्वे क्रासिंग की अनुमति में विलंब के कारण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (ग) जी नहीं। (घ) शेष आंशिक पूर्ण बसाहटों में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार पेय-जल व्यवस्था की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की हितग्राही मूलक योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
144. ( क्र. 2405 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित हो रही हैं। (ख) इनमें से जिला-उज्जैन के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ग) इन योजनाओं में वर्ष नवम्बर 2014 से 1 जनवरी 2017 में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनाओं लाभ कितने कृषकों को या पंचायतों को प्रदान किया गया है? उनके नाम तथा पंचायत ग्रामों की जानकारी एवं योजना की लागत सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभाग के अन्तर्गत किसी भी प्रकार की हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित नहीं हो रही है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूसा और चारा वितरण योजना
[राजस्व]
145. ( क्र. 2406 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूखा ग्रस्त एवं अल्प वर्षा से घोषित होने वाले क्षेत्र में विभाग द्वारा भूसा और चारा वितरण करने की योजना है? यदि हाँ, तो क्या यह योजना अतिवृष्टि से तबाह होने वाली फसल वाले क्षेत्र में भी संचालित होती है। (ख) पिछले 3 वर्षों में उज्जैन संभाग में कौन-कौन से क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? (ग) क्या पिछले 3 वर्षों में बड़नगर विधानसभा में इस योजना का लाभ प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो कितने लोगों को और कितना लाभ प्रदान किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) केवल सूखा प्रभावित घोषित क्षेत्रों में पशुचारे के कमी की संभावना होने पर पशुपालन विभाग द्वारा कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के आधार पर पशु शिविर खोले जाने के प्रावधान है। जी नहीं। (ख) वर्ष 2014-15 में निरंक, वर्ष 2015-16 में 43 तहसीलें सूखा घोषित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं वर्ष 2016-17 में निरंक। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जेल में कैदियों को रखने की शासन द्वारा निर्धारित क्षमता
[जेल]
146. ( क्र. 2407 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में कितनी जेल हैं? उनमें जिला जेल और उपजेल कितनी हैं? वर्तमान में जिला जेल और उपजेल में कैदियों को रखने की शासन द्वारा निर्धारित क्षमता क्या है, तथा क्षमता के अनुसार कितने कैदी जेलों में बंद है? (ख) उज्जैन जिले में ऐसे कितने भवन हैं, जिनका निर्माण उपजेल के लिये किया गया है किन्तु अभी तक वहाँ पर उपजेल प्रारंभ नहीं हुई है? (ग) कैदियों की संख्या के मान से क्या शासन प्रारंभ नहीं होने वाली उपजेलों को प्रारंभ करने के लिये क्या कार्यवाही कर रहा है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) उज्जैन जिले में 04 जेलें हैं, उनमें से 01 केन्द्रीय जेल स्तर की एवं 03 जेलें उपजेल स्तर की है, जिनकी बंदी आवास क्षमता एवं निरूद्ध बंदी संख्या का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
जेल का नाम |
बंदी आवास क्षमता |
निरूद्ध बंदियों की संख्या |
1. |
केन्द्रीय जेल उज्जैन |
1650 |
2173 |
2. |
उपजेल तराना |
20 |
18 |
3. |
उपजेल महिदपुर |
80 |
67 |
4. |
उपजेल खाचरौद |
130 |
125 |
(ख) उज्जैन जिले में 01 उपजेल बड़नगर में निर्माणाधीन है। (ग) उज्जैन जिले में निर्माणाधीन उपजेल बड़नगर में कुछ निर्माण कार्य शेष हैं तथा पद सृजन इत्यादि प्रक्रियाधीन है, जिसके उपरांत सुरक्षा अमला एवं आवश्यक सामग्री की व्यवस्था कर उप जेल बड़नगर को प्रारंभ किया जा सकेगा।
एल.पी.जी गैस से होने वाली दुर्घटनाओं में उपभोक्ताओं को मुआवजा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
147. ( क्र. 2408 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एल.पी.जी गैस से होने वाली दुर्घटनाओं में उपभोक्ताओं को किसी प्रकार मुआवजा प्राप्त होता है? (ख) यदि हाँ, तो मृत्यु होने पर कितना, घायल होने पर कितना तथा आगजनी पर कितना-कितना मुआवजा प्रदान किया जाता है तथा इसका आंकलन किस प्रकार किया जाता है? (ग) पिछले 3 वर्षों में उज्जैन जिले में एल.पी.जी. से होने वाली कितनी दुर्घटनाओं को पंजीकृत किया गया है तथा कितनों को मुआवजा प्राप्त हुआ और कितने प्रकरण विचाराधीन है? उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) एल.पी.जी. दुर्घटना बीमा पॉलिसी के अंतर्गत एल.पी.जी. कनेक्शन धारक की मृत्यु होने पर राशि रू. 6 लाख प्रति व्यक्ति, चिकित्सा व्यय का कवर 30 लाख प्रति घटना, जिसमें अधिकतम 2 लाख प्रति व्यक्ति तथा 25,000 प्रति व्यक्ति की तुरन्त राहत एवं पंजीकृत परिसर में सम्पत्ति की क्षति पर अधिकतम राशि रू. 2 लाख के मुआवजे का प्रावधान है। दुर्घटना में हुई क्षति का आंकलन बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है। (ग) उज्जैन जिले में विगत 3 वर्षों में एल.पी.जी. से संबंधित कुल घटित 5 दुर्घटनाएं पंजीकृत हुई हैं। पंजीकृत प्रकरण में कार्यवाही बीमा कंपनी स्तर पर प्रचलित है, किसी भी प्रकरण में अभी तक मुआवजा प्रदाय नहीं किया गया है।
ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा मीटर अनुसार किराया प्राप्त किया जाना
[परिवहन]
148. ( क्र. 2440 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले में चलने वाले ऑटो रिक्शा में सवारियों से भुगतान प्राप्त करने हेतु नियमानुसार मीटर लगे हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या सभी ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा सवारियों से गंतव्य तक पहुँचने का किराया मीटर अनुसार प्राप्त किया जाता है? (ख) यदि नहीं, तो ऐसे रिक्शा चालकों के विरूद्ध विभाग व प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा मीटर अनुसार किराया प्राप्त किया जावे इस हेतु परिवहन विभाग की ओर से कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) ऑटो रिक्शा में नियमानुसार मीटर लगे हुऐ हैं। किराया मीटर अनुसार ही लिया जाता है। यदि नियम का उल्लंघन किया जाता है तो परिवहन एवं यातायात पुलिस द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा मीटर से किराया नहीं लेकर संचालित करने पर परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस द्वारा उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है -
क्र. |
वर्ष |
चालान संख्या |
वसूल किया गया शमन शुल्क रूपये |
1 |
2013 |
828 |
352500/- |
2 |
2014 |
2332 |
892000/- |
3 |
2015 |
338 |
137000/- |
4 |
2016 |
245 |
107000/- |
|
योग |
3743 |
1488500/- |
(ग) समय-समय पर विभाग द्वारा चैकिंग अभियान चलाया जाकर ऑटो रिक्शा चालकों को मीटर से ही किराया लिये जाने के निर्देश दिये जाते रहे हैं।
मध्यप्रदेश में बाल श्रमिक प्रतिबंधित
[श्रम]
149. ( क्र. 2445 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बाल श्रमिक प्रतिबंधित हैं? यदि हाँ, तो क्या यह प्रतिबंध केवल औद्योगिक संस्थानों में ही लागू है? यदि नहीं, तो क्या औद्योगिक संस्थानों के साथ ही सभी दुकानों/कार्यालयों एवं होटलों पर भी यह प्रतिबंधित हैं? यदि हाँ, तो शासन निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या बाल श्रमिक प्रतिबंधित होने के बाद भी प्रदेश में कई व्यवसायिक संस्थानों में बाल श्रमिक कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो शासन व जिला प्रशासन इस संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) पिछले एक वर्ष में पूरे मध्यप्रदेश में कितने बाल श्रमिकों को कार्य करते हुए पकड़ा गया व किन-किन व्यवसायियों के खिलाफ कार्यवाही की गई जिलेवार संख्या बताते हुए सूची उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 के अधिनियम 2016 के अनुसार सभी तरह के नियोजनों में 14 वर्ष से कम उम्र के बाल श्रमिक प्रतिबंधित है। 14 वर्ष से कम उम्र के बालक उनके खुद के परिवार द्वारा संचालित कार्य जो खतरनाक उद्योग अथवा प्रक्रिया नहीं है, उसमें स्कूल में पढ़ाई के समय के बाद एवं अवकाश समय में सहयोग कर सकते हैं। उक्त अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 एवं बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 के अंतर्गत श्रम निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण किये जाते है एवं किसी संस्थान में बाल श्रमिक के नियोजन के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर श्रम विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम द्वारा जाँच कर कार्यवाही की जाती है। निरीक्षण में यदि बाल श्रमिक पाये जाते है तो अधिनियम के अनुसार नियोजक के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (ग) पिछले एक वर्ष में मध्यप्रदेश में जिन जिलों में बाल श्रमिक पाये गये, जिलेवार बाल श्रमिकों की संख्या निम्नवत हैः-
1.
इंदौर - 51 बाल
श्रमिक
2. गुना - 03 बाल
श्रमिक
3. देवास - 07 बाल
श्रमिक
4. सीधी - 02 बाल
श्रमिक
5. आगर
मालवा - 11 बाल
श्रमिक
6. नीमच - 03 बाल
श्रमिक
7. झाबुआ - 05 बाल
श्रमिक
8. छतरपुर - 01 बाल
श्रमिक
9. सागर - 03 बाल
श्रमिक
10. बैतूल - 01 बाल
श्रमिक
11. अशोकनगर - 01 बाल
श्रमिक
12. उज्जैन - 03 बाल
श्रमिक
13. भोपाल - 16 बाल
श्रमिक
जिन
नियोजकों के
यहां बाल
श्रमिक पाये
गये उनके
विरूद्ध की गई कार्यवाही
व विमुक्त
कराये गये बाल
श्रमिक की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाया जाना
[राजस्व]
150. ( क्र. 2460 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की बरेली एवं उदयपुरा तहसील के कितने मजरे टोले को राजस्व ग्राम बनाये जाने की विभाग की योजना है? नामवार जानकारी दें। (ख) विगत 03 वर्षों में कितने मजरे टोले राजस्व ग्राम में परिवर्तित हो चुके हैं तथा प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्तावित हैं, इन्हें कब तक राजस्व ग्राम में परिवर्तित कर दिया जायेगा? (ग) बरेली एवं उदयपुरा तहसील के मजरे टोले को राजस्व ग्राम बनाये जाने के बाद विभाग द्वारा उन ग्रामों में विकास की क्या-क्या सुविधाएं दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2014-2015 में तहसील उदयपुर के मूल ग्राम पड़रई कला के मजरा बूढा को पृथक राजस्व ग्राम बनाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग का कार्य मजरे-टोले को राजस्व ग्राम बनाये जाने तक सीमित है।
थानों में दर्ज अपराधिक प्रकरणों
[गृह]
151. ( क्र. 2462 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन के विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा अंतर्गत थाना बरेली, बाड़ी, देवरी, भारकच्छ एवं उदयपुरा में चोरी, जुंआ, मारपीट, लूटपाट, वित्तीय अनियमितता एवं अन्य प्रकरणों में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें, स्थानीय पुलिस, अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा चालानी कार्यवाही में विवेचना का बहाना बनाकर अपराधी के विरूद्ध चालानी कार्यवाही नहीं की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पंजीबद्ध प्रकरणों में पुलिस द्वारा कब तक चालानी कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, कि जावेगी तो क्यों? क्या विभाग ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) परिशिष्ट ’अ’ में वर्णित अपराधों में से विवेचना में लंबित अपराधों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। इनमें से किसी भी प्रकरण में विवेचना का बहाना बनाकर विवेचना स्थगित नहीं रखी गई है। (ग) प्रश्नांश ’ख’ अनुसार समस्त प्रकरणों में विवेचना पूर्ण होने पर आई साक्ष्य अनुसार विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध व्यवस्थापन करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
152. ( क्र. 2488 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि.अ.प्रश्न संख्या ३६ क्रं. २९०३ दिनांक १७-०३-२०१६ एवं अतारांकित प्रश्न क्रमांक १८१० दिनांक २२-०७-२०१६ एवं प्रश्न क्रं. १३९२ दिनांक ०७-१२-२०१६ के उत्तरांश में जानकारी एकत्रित की जा रही, अवगत कराया गया है। यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जानकारी एकत्रित की जा चुकी है यदि नहीं, तो विलंब के कारण स्पष्ट करें? (ख) उपरोक्त प्रश्न के उत्तरांश से अवगत होने के लिए ०१ वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है। उपरोक्त प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित करने का उत्तरदायित्व किन-किन अधिकारियों पर है? क्या उक्त ६ अधिकारी अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह नहीं कर पा रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
153. ( क्र. 2512 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के डाटा पर महिलाओं को गैस कनेक्शन का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो रायसेन जिले में कितनी महिलाओं को गैस कनेक्शन का वितरण होना है? ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में वार्डवार संख्या बतायें। (ख) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में ग्राम पंचायतवार तथा शहरी क्षेत्र में वार्डवार कितनी महिलाओं को गैस कनेक्शन मिल गये तथा कितनी महिलाओं के आवेदन पत्र गैस एजेन्सी पर लंबित है तथा क्यों? उनको कब तक गैस कनेक्शन मिल जायेंगे? (ग) रायसेन जिले में गैस एजेन्सियों द्वारा कितने आवेदन पत्र निरस्त किये तथा क्यों? क्या परिवार के मुखिया का नाम एस.ई.सी.सी. में दिखाई दे रहा है परन्तु उसकी पत्नी का नाम नहीं दिखाई दे रहा है, इस स्थिति में गैस कनेक्शन क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? (घ) क्या एस.ई.सी.सी. सूची में दर्ज अनेक परिवार ग्राम में नहीं मिल रहे हैं तथा उनका मतदाता सूची में नाम भी नहीं है? सूची में इस तरह की विसंगति में सुधार के संबंध में क्या प्रक्रिया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों में से 1,29,942 परिवार निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, इन महिलाओं की पात्रता परीक्षण उपरांत प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय किया जाना है। ग्राम पंचायतवार जारी गैस कनेक्शन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ एवं वार्डवार जारी गैस कनेक्शन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। (ख) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में ग्राम पंचायतवार जारी गैस कनेक्शन एवं लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ तथा वार्डवार जारी गैस कनेक्शन एवं लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। लंबित आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर गैस कनेक्शन जारी किए जाएंगे। (ग) रायसेन जिले में गैस एजेन्सियों द्वारा निरस्त किए गए आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 की सूची में हितग्राहियों का नाम न होने, हितग्राही के पास पूर्व से गैस कनेक्शन होने, एक से अधिक बार आवेदन करने, परिवार में वयस्क महिला सदस्य का नाम न होने या नाम का मिलान न होने आदि कारणों से आवेदन-पत्रों को निरस्त किया गया है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत सर्वेक्षित सूची में महिला सदस्य के नाम से ही गैस कनेक्शन जारी किए जाने का प्रावधान है। (घ) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षण किए जाने के कारण सर्वेक्षित परिवारों की सूची में से कुछ परिवार उल्लेखित निवास के पते पर निवासरत् होना नहीं पाया गया है। सर्वेक्षित परिवारों के डाटाबेस में संशोधन का अधिकार भारत सरकार को होने राज्य स्तर से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
गौ-शाला भूमि आवंटन
[राजस्व]
154. ( क्र. 2514 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-शालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। गौ-शाला द्वारा भूमि आवंटन के आवेदन पत्र देने के कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण होना चाहिये तथा इस हेतु क्या-क्या प्रक्रिया की जाती है? (ख) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले की कितनी गौ-शालाओं के लिये भूमि आवंटन के आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (ग) गौ-शालाओं को भूमि आवंटन किये जाने संबंधी प्रकरणों में समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण हो, इस संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद-विधायकों के पत्र विगत दो वर्षों में कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) गौ-शालाओं को भूमि आवंटन के प्रकरणों की प्रक्रिया में सरलीकरण के संबंध में विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। निराकरण हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नरसिंहपुर जिले के तहसील गाडरवारा अंतर्गत 01 प्रकरण लंबित है। आवेदक गौ-शाला पंजीकृत नहीं है। पंजीयन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। रायसेन जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) भूमि आवंटन निर्धारित नीति एवं प्रक्रिया के तहत किया जाता है। गौ-शालाओं के लिये पृथक से कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बिना अनुमति नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किया जाना
[राजस्व]
155. ( क्र. 2521 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के 1299 राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद में सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को बिना किसी आदेश एवं बिना किसी अनुमति के नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने वाले किसी भी वन अधिकारी के विरूद्ध राजस्व विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है? (ख) निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद में सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने का आदेश या अनुमति किस दिनांक को किसने दिया है? बिना किसी आदेश या बिना किसी अनुमति के कितने ग्रामों की कितनी भूमि नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल की गई? (ग) बिना किसी आदेश या अनुमति के निस्तार पत्रक में दर्ज बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनी को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल किए जाने वाले वन अधिकारियों के विरूद्ध राजस्व विभाग ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की गई है तो क्यों? (घ) वन विभाग के संबंधित जिम्मेदार एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध राजस्व विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राहत राशि की स्वीकृति
[राजस्व]
156. ( क्र. 2533 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विकासखण्ड क्षेत्र की वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितनी राहत राशि स्वीकृत की गई थी? वर्षवार बतावें। (ख) उपरोक्त में से कितनी राशि वितरण हेतु शेष है? वर्षवार बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) महिदपुर विकासखण्ड क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में 68546820/- तथा वर्ष 2015-16 में 200673646/- राशि स्वीकृत की गई। (ख) उपरोक्त सम्पूर्ण राशि वितरित की जा चुकी है। अब कोई राशि वितरण से शेष नहीं है।
कटनी हवाला कांड प्रकरण
[गृह]
157. ( क्र. 2537 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी हवाला कांड प्रकरण में पुलिस ने कितने लोगों को पूछताछ के लिये नोटिस भेजा, उनमें से कितनों से पूछताछ की, कितनों को गिरफ्तार किया गया? नाम, दिनांक सहित बतावें। (ख) एक्सिस बैंक कटनी के कितने अधिकारियों/कर्मचारियों से पूछताछ की गई, कितने गिरफ्तार किए गए की जानकारी देवें? एक्सिस बैंक से जब्त दस्तावेजों की छायाप्रति देवें? (ग) पुलिस ने E.D. को प्रकरण सौंपने के पूर्व जो जाँच प्रतिवेदन बनाया या जो कार्यवाही की उसकी प्रमाणित प्रति देवें। पुलिस ने आयकर, वाणिज्यिक कर व अन्य विभागों से इस प्रकरण से संबंधित जो पत्र व्यवहार किया एवं जो दस्तावेज प्राप्त किए उसकी प्रमाणित प्रति देवें? (घ) E.D. को प्रकरण सौंपने संबंधी जो आदेश जारी किया उसकी प्रमाणित प्रति देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। प्रकरण विवेचनाधीन होने से प्रश्नांश में वर्णित शेष जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) कटनी पुलिस द्वारा प्रकरण की विवेचना की जा रही है। प्रकरण विवेचनाधीन होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है।
इंदौर-जबलपुर संभाग की गौ-शालाओं का संचालन
[पशुपालन]
158. ( क्र. 2541 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-जबलपुर संभाग में कितनी गौ-शालाएं संचालित हो रही हैं? गौ-शाला का नाम, संचालक ट्रस्ट/N.G.O./व्यक्ति का नाम संचालक मंडल पदाधिकारियों के नाम सहित जिलावार बतावें? (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक गौ-शाला में कितने गाय, बछड़े हैं? इन गौ-शालाओं को दिनांक 01.01.2013 से 31.12.2016 तक कितना अनुदान दिया गया? वर्षवार, जिलावार बतावें। (ग) उपरोक्त अवधि में कितने गाय, बछड़ों की मौत हुई की जानकारी भी जिलावार, गौ-शालावार देवें? (घ) इन गौ-शालाओं के नाम कितनी भूमि है, गौ-शाला का नाम, स्थान, भूमि रकबा सहित जिलावार देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) इंदौर-जबलपुर संभाग में 165 गौ-शालायें संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार।
राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
159. ( क्र. 2546 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत ग्राम छोटी करहिया, तहसील रीठी के ग्रामवासियों द्वारा अलग से राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की मांग की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो आयुक्त, जबलपुर संभाग के पत्र क्रमांक 1090 दिनांक 25.10.16 एवं कलेक्टर कार्यालय कटनी के पत्र क्रमांक 1401 दिनांक 16.12.2016 के संदर्भ में क्या कार्यवाही हुई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश के अनुक्रम में तहसील रीठी के टोला छोटी करहिया को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु मापदण्ड के अनुसार तहसीलदार से परीक्षण कराया गया। छोटी करहिया का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 129.29 हे. कुल जनसंख्या 420 है किन्तु मूल ग्राम से करहिया टोला की दूरी 1/2 कि.मी. है। जो कि मापदण्ड अनुसार 02 कि.मी. से कम दूरी पर स्थित होने से उक्त टोला राजस्व ग्राम बनाये जाने की श्रेणी में नहीं आता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पट्टा वितरण
[राजस्व]
160. ( क्र. 2547 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले की बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र में अ.जा./अ.ज.जा. को पट्टा वितरण किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या सभी पट्टाधारक पट्टे की भूमि पर काबिज हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कितने हितग्राही पट्टे की भूमि पर काविज नहीं है? क्या ग्राम खडरा के पट्टाधारकों को आवंटित पट्टे का स्थान परिवर्तन कर दूसरी जगह कब्जा दिया जा रहा है? ग्रामवार, तहसीलवार विवरण दें। संबंधित हितग्राहियों को कब तक कब्जा दिलाया जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 627 दिनांक 04.07.16 एवं म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 852/990/2016/सात-6, दिनांक 06.10.16 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं, किसने की, कब जाँच की गई और उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास से संबंधित योजनाएं
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
161. ( क्र. 2564 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि को लाभ का धंधा बनाने में मत्स्य पालन का भी योगदान शामिल है? (ख) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग द्वारा कृषि की आय में पैदावार बढ़ाने हेतु मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग द्वारा क्या-क्या योजनाएं संचालित किये जाने के प्रावधान होकर उनको मूर्तरूप देने की क्या प्रक्रिया है? (ग) विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा के अंतर्गत विगत 03 वर्ष में मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग द्वारा क्या-क्या योजनाएं संचालित की गई या प्रस्तावित हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्ष में विभागीय संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
आई.टी.आई. की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
162. ( क्र. 2565 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने हेतु शासन व माननीय मुख्यमंत्री जी कटिबद्ध है व इस हेतु मानीय मुख्यमंत्री जी व विभाग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था स्वीकृत की जायेगी? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में दो विकासखण्ड करैरा एवं नरवर हैं, परन्तु किसी भी विकासखण्ड में से एक भी विकासखण्ड में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था की स्वीकृति प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक नहीं की गई है? ऐसा क्यों? कारण बतावें? (ग) क्या जनहित व रोजगार की दृष्टि से व माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार विकासखण्ड करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में वर्ष 2016-17 के अनुपूरक बजट या वर्ष 2017-18 के मुख्य बजट में आई.टी.आई. प्रारंभ के प्रस्ताव शामिल कर लिये जावेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। विभाग की कौशल विकास नीति (संशोधित 2014) के अनुसार प्रत्येक अनसर्विड विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की नीति है। (ख) विकासखण्ड करैरा में दो प्राइवेट आई.टी.आई. तथा विकासखण्ड नवरव में दो प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित होने के कारण शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्वीकृति नहीं की गई है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी अधिकारी को बचाया जाना
[राजस्व]
163. ( क्र. 2580 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय नियंत्रक, शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री द्वारा जारी पत्र क्रमांक/जीबी/दो/2007/881 और 882, दिनांक 26 फरवरी, 2008 किसे लिखा गया और किसे प्रतिलिपि दी गई? पत्र की प्रति और जावक पंजी के संबंधित पृष्ठ की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या नियंत्रक को लिखा गया कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास, नागरिक अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ का पत्र क्रमांक-723, दिनांक 23 फरवरी, 2008 से संबंधित नोटशीट/फाईल गुम होने से यह पत्र आयुक्त द्वारा अनुमोदित होना संदेहास्पद है? आयुक्त द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2008 को पुन: पत्र क्रमांक 737 क्यों लिखा गया? छपाई न रोकने के लिये दोषी कौन है? (ग) बिना प्रूफ रीडिंग के उपरोक्त अनुपयोगी छपाई कार्य होने का दोषी कौन है? मंत्रालय के अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग द्वारा भुगतान न किये जाने के निर्देश की स्थिति में राशि की वसूली किस विभाग या अधिकारी से की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। नियंत्रक शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक जी.बी/दो/2007/881 दिनांक 26.02.2008 मेसर्स आदर्श प्रिन्टर्स एण्ड पब्लिशर्स भोपाल और पृष्ठांकन पत्र क्रमांक 882 दिनांक 28.02.2008 आयुक्त अनुसूचित जाति विकास (नागरिक अधिकारी संरक्षण प्रकोष्ठ) भोपाल को जारी किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास (नागरिक अधिकारी संरक्षण प्रकोष्ठ) भोपाल का पत्र क्रमांक 737 दिनांक 26.02.2008 में पुस्तकों एवं पोस्टरों की मुद्रण दर कम कराये जाने से संबंधित है। आयुक्त अनुसूचित जाति विकास भोपाल का पत्र क्रमांक 723 दिनांक 23.02.2008 के मांग के आधार पर मुद्रण कार्य जारी रखा गया। अनुसूचित जाति विकास भोपाल द्वारा किसी प्रकार की मुद्रण कार्य नहीं कराये जाने की रोक नहीं लगाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रूफ रीडिंग का कार्य संबंधित मांगकर्ता कार्यालय (आयुक्त अनुसूचित जाति विकास नागरिक अधिकारी संरक्षण प्रकोष्ठ भोपाल) द्वारा ही किया जाता है। भुगतान न किये जाने एवं वसूली के संबंध में कार्यालय नियंत्रक, शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री, मध्यप्रदेश भोपाल की नस्ती क्रमांक जी.बी./दो/(274) /2009 में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
बंद नल-जल योजनाओं को चालू किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
164. ( क्र. 2581 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल कितनी नल-जल योजनाएं हैं? इनका निर्माण किस वर्ष में किस योजनान्तर्गत किया गया था? निर्माण वर्ष व लागत का विवरण दें। (ख) निर्मित योजनाओं में से वर्तमान में कितनी योजनाएं किस कारण से कब से बंद हैं? इनको चालू करने के लिए विभाग अथवा निकाय/पंचायत द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) मैहर क्षेत्र की बंद नल-जल योजनाओं को कब तक पुन: चालू कर दिया जावेगा? (घ) मैहर विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों के लिए नल-जल योजनाओं के निर्माण के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं, इनकी स्वीकृति कब तक दी जावेगी व कब तक निर्माण कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 39। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ‘‘नल से जल आज और कल’’ कार्यक्रम अंतर्गत विभाग द्वारा बंद योजनाओं का सर्वेक्षण किया जाकर लघु एवं दीर्घ सुधार वाली योजनाओं को चिन्हित कर चालू करने हेतु क्रमशः संबंधित ग्राम पंचायत को राशि जारी की गई है एवं विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ अनुसार अधिक से अधिक बंद योजनाओं को जून 2017 तक चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है परंतु निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (घ) मैहर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में 4 नवीन जल प्रदाय योजनाओं के प्रस्ताव जिला खनिज मद से स्वीकृति हेतु प्रस्तावित हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
165. ( क्र. 2584 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र देवरी अंतर्गत वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनायें कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत की गई हैं एवं कहाँ-कहाँ स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में से कितनी नल-जल योजना सुचारू रूप से संचालित हो रही है, कितनी बंद पड़ी है, बंद होने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं के सुचारू रूप से संचालन हेतु क्या योजना है? इन्हें कब तक चालू किया जावेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 11 योजनाएं सुचारू रूप से संचालित हैं, 4 योजनाएं बंद पड़ी हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जानबूझकर स्टे वेकेट न कराने का मामला
[गृह]
166. ( क्र. 2585 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना जहांगीराबाद, भोपाल में दर्ज एफ.आई.आर. क्र. 889/2013 पर पेश चालान में कौन-कौन आरोपी शासकीय सेवक हैं? इनके विभागों को चालान पेश होने संबंधी जानकारी कब तक दी जायेगी? नहीं, तो क्यों? (ख) इस मामले में माननीय उच्च न्यायायल का स्टे कब से प्रभावशील है? (ग) स्टे वेकेट करवाने के लिये गृह/पुलिस विभाग के किस-किस अधिकारी ने कब-कब क्या-क्या प्रयास किये? (घ) स्टे वेकेट करवाने का प्रयास नहीं करने के लिये कौन-कौन दोषी है? स्टे वेकेट संबंधी कार्यवाही के लिये विभाग की ओर से किसे प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जायेगा? नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना जहांगीराबाद, भोपाल में दर्ज एफ.आई.आर. क्र. 889/2013 में 35 आरोपीगणों में से 23 शासकीय सेवक हैं जिनके विभागों को चालान पेश करने संबंधी जानकारी दी जा चुकी है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 11.04.2014 को स्टे आदेश जारी किया गया था। (ग) उच्च न्यायालय, जबलपुर में प्रकरण सुनवाई हेतु तिथि लगातार नियत हो रहा है एवं समय-समय पर शासकीय अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किये जा रहे हैं किंतु याचिका का निराकरण नहीं होने से स्टे वेकेट नहीं हो सका है। (घ) प्रकरण के संबंध में स्टे वेकेट कराने हेतु श्री भारतेन्दु शर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक, जहांगीराबाद, भोपाल को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। स्टे वेकेट कराने के प्रयास नहीं करने हेतु कोई दोषी नहीं है।
तहसील मेहगांव में लिपिकीय कर्मचारियों की व्यवस्था
[राजस्व]
167. ( क्र. 2636 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में तहसील मेहगांव में लिपिकीय कर्मचारियों की कमी है? यदि हाँ, तो उनकी पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या तहसील मेहगांव में कर्मचारियों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन के उपरांत भी कर्मचारियों को तहसील मेहगांव में पदस्थ नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) क्या विभाग तहसील मेहगांव में कर्मचारियों की कमी देखते हुये तहसील मेहगांव में लिपिकीय कर्मचारियों को पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। भिण्ड जिले की तहसील मेहगांव में लिपिक कर्मचारियों की कमी है। उनकी पूर्ति हेतु व्यवसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल को पत्र भेजे गये हैं। (ख) तहसील मेहगांव में कर्मचारियों की पूर्ति हेतु माननीय प्रभारी मंत्री जी द्वारा तहसील मेहगांव में पदस्थ किये जाने हेतु किसी भी कर्मचारी का स्थानान्तरण अनुमोदन नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
168. ( क्र. 2667 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी के अंतर्गत प्रस्तावित समूह नल-जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? कृपया इसकी Progressive Report का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना की प्रशासकीय स्वीकृति, स्वीकृत राशि, कार्य पूर्णता का दिनांक सहित लाभान्वित ग्रामों का विवरण विधान सभा क्षेत्रवार देवें। (ग) सिवनी एवं छपारा नगर में पेय-जल व्यवस्था हेतु वर्तमान में क्या-क्या कार्य प्रगतिरत है एवं इनको कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या निर्धारित समयावधि में ये कार्य पूर्ण कर लिये जावेंगे? यदि नहीं, तो इसका जिम्मेदार कौन है एवं उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं प्रपत्र-2 अनुसार है, कार्य पूर्णता का दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सिवनी नगर की जल प्रदाय योजना का कार्य नगर पालिका परिषद् सिवनी द्वारा करवाया जा रहा है। नगरपालिका परिषद् सिवनी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। छपारा आवर्धन जल प्रदाय योजना का कार्य विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) सिवनी जलप्रदाय योजना कार्य 31.12.2017 तक की समयावधि में करवाया जाना है, जबकि छपारा जल प्रदाय योजना की पुनरीक्षित योजना बनाई जा रही है। स्वीकृत पश्चात् कार्य पूर्ण किये जायेंगे। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। इस हेतु कोई भी जिम्मेदार नहीं है। अतः कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य आपूर्ति के सम्बन्ध में l
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
169. ( क्र. 2670 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के द्वारा आदिम जाति एवं कल्याण विभाग के द्वारा संचालित एवं अनुदान प्राप्त आश्रमों एवं छात्रावासों में गेहूँ का आवंटन किया जाता है? (ख) क्या बड़वानी जिले के अंतर्गत संचालित आश्रमों एवं छात्रावासों में विगत कुछ माहों से सिर्फ चावल ही प्रदाय किया जा रहा है? जिसके कारण बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो गेहूँ का प्रदाय कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में कितने आश्रमों एवं छात्रावासों को विभाग के द्वारा खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है? संस्थावार सूची उपलब्ध करावे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। भारत सरकार से अक्टूबर, 2016 से मार्च 2017 के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग छात्रावास योजना के अंतर्गत केवल चावल का आवंटन प्राप्त हुआ था परन्तु राज्य शासन के अनुरोध पर भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग छात्रावास योजना अंतर्गत गेहूँ एवं चावल का आवंटन पूर्ववत् जारी किया गया है। जिस अनुसार जिलों को पूर्व मापदण्ड अनुसार गेहूँ व चावल दिया जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्य
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
170. ( क्र. 2693 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्या-क्या कार्य किए जाते हैं? (ख) विगत 5 वर्षों में छतरपुर जिले में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किए गए?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विभिन्न योजनाएं, जिसमें मुख्य रूप से अनुसंधान योजना तथा विकासीय गतिविधियों, जियोसाइंस एवं जियाइन्फार्मेटिक्स, विज्ञान का लोक व्यापीकरण एवं विज्ञान के प्रचार-प्रसार, सामाजिक आर्थिक विकास के लिये विज्ञान, सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र, पेटेन्ट सूचना केन्द्र, जैव प्रौद्योगिकी उपयोग केन्द्र, मिशन एक्सीलेंस, ग्रामीण तकनीक प्रयोग केन्द्र, एटलस परियोजना तथा जलवायु परिवर्तन शोध केन्द्र के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधी कार्य किये जाते है। मैप आई.टी. द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र किये गये कार्य निम्न है:- (1) शासकीय विभागों तथा एजेंसियों को सूचना प्रौद्योगिकी सम्बन्धी इनपुट प्रदान करना तथा उन्हें कम्प्यूटराइजेशन एवं नेटवर्किंग में सहायता देना। (2) आई.टी.-सेक्टर की वृद्धि को प्रोत्साहित करने हेतु, पब्लिक तथा निजी क्षेत्र के निवेशकों तथा उद्यमियों, व्यापार संघों एवं वित्तीय–संस्थानों से समन्वय स्थापित करना। (3) शासन में आई.टी. के क्षेत्र में मानव-संसाधनों के विकास में सहायता प्रदान करना। (4) शासकीय विभागों एवं एजेंसियों को कंसल्टेंसी सेवाएँ प्रदान करना। (5) प्रदेश में आई.टी. से जुड़ी गतिविधियों एवं नवाचारों को प्रोत्साहित करना। (6) आई.टी. आधारित शिक्षा, प्रचार-प्रसार की गतिविधियों, आई.टी. आधारित-सेवाओं, आई.सी.टी. तथा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के सभी कार्यों में सहायता करना। (6) आई.टी. से जुड़े प्रोजेक्ट्स में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करना। मैप आई.टी. द्वारा निम्न) प्रोजेक्टों के अंतर्गत विभिन्न कार्य किये गये हैं:- ई-शक्ति, ई-दक्ष, व्ही.सी.आर परियोजना (वर्चुअल क्लास रूम), जी.आई.जी.डब्ल्यू के अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट का निर्माण, डिजिटल इंडिया, MPSSDI जी.आई.एस. लैब, कम्प्यूटर दक्षता और प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT), राज्य ई-मेल सेवा, MP मोबाइल, ई-साइन और डिजिटल लॉकर, MP Code (MP संहिता), COE के माध्यम से परियोजना कार्यान्वयन, ई-पंजीयन, सी.सी.टी.एन.एस, आर.सी.एम.एस., वर्चुअल आई.टी. कैडर, ई-गवर्नेंस अवॉर्ड, ई-गवर्नेंस सोसायटी, प्रोजेक्ट ई-मिशन टीम, एम. गवर्नेंस इत्यादि। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किये गए कार्य इस प्रकार है:- आई.टी. अधोसंरचना संबंधी विकास जिसमें स्टेट डाटा सेंटर (SDC), स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) की स्थापना एवं इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं भोपाल में आई.टी. पार्क की स्थापना संबंधी कार्य। आई.टी. प्रमोशन, संबंधी कार्य एवं प्रदेश में आई.टी. निवेश संबंधी कार्य। प्रदेश में आधार पंजीयन एवं केबल डिजिटाईजेशन संबंधी कार्य। जैव प्रौद्योगिकी परिषद् को राज्य की जैव प्रौद्योगिकी नीति के क्रियान्वयन का दायित्व भी सौंपा गया है। परिषद् निम्न मुख्य उद्देश्य के साथ कार्यरत हैं:- जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों एवं स्थानीय समुदायों के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी तकनीकों के प्रयोगों तथा शोध को प्रोत्साहन देने के लिये शासकीय विभागों/संस्थाओं को सहायता प्रदान करना। जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शिक्षा के विकास को प्रोत्साहित करना। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।