मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 26 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सूत्र
सेवा बसों
का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 3983 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना से लोक परिवहन को बढ़ावा देने हेतु केंद्र शासन द्वारा राज्य सरकार को दिए गए मद, जिससे शहरी सीमा में यात्री वाहन का संचालन होना था, वह सूत्र सेवा के नाम से संचालित की जा रही है? (ख) क्या सूत्र सेवा के नाम पर यात्री वाहन अंतर शहरी, अंतर्राज्यीय, अंतर संभाग में संचालित की जा रही हैं? (ग) क्या जिन मार्गों पर सूत्र सेवा शुरू की गयी है? उन मार्गों पर पूर्व से ही अत्यधिक संख्या में यात्री बसें संचालित हो रहीं थीं? समस्त बसों की रूट सहित जानकारी देवें। (घ) क्या सूत्र सेवा की बसें डीलक्स और वातानुकूलित हैं? परिवहन विभाग किराया सूची के अनुसार इन बसों का किराया साधारण किराये से 25% अधिक व वातानुकूलित बस किराया 50% तक अधिक नियमानुसार है, लेकिन सूत्र सेवा की बसों द्वारा इससे अत्यधिक किराया लेकर यात्रियों का शोषण किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, सूत्र-सेवा बसों का संचालन केवल शहरी, अंतर शहरी एवं अंतर संभागीय मार्गों पर किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, शासन के अधीन सूत्र-सेवा बसों का संचालन शहरी, अंतर शहरी एवं अंतर संभागीय मार्गों पर प्रारंभ किया गया है। सूत्र सेवा अन्तर्गत संचालित मार्गों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं पूर्व से भोपाल, इन्दौर एवं जबलपुर शहर में संचालित बसों की जानकारी परिवहन विभाग के माध्यम से एकत्रित की जा चुकी है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं अन्य शहरों में पूर्व से संचालित बसों की जानकारी परिवहन विभाग के माध्यम से एकत्रित की जा रही है। (घ) सूत्र-सेवा की कुछ बसें डीलक्स एवं वातानुकूलित हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं, सूत्र-सेवा के अन्तर्गत संचालित बसों का किराया मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्रधिकार से प्रकाशित दिनांक 28 मई, 2018 के अनुसार यात्री किराया निर्धारित है। जिसका नोटिफिकेशन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। सूत्र-सेवा के अन्तर्गत संचालित बसों में यात्रियों से नियमानुसार किराया लिया जा रहा है, यात्रियों के साथ किसी प्रकार का शोषण नहीं किया जा रहा है।
माझी जाति के व्यक्तियों को अनु. जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी किया जाना
[आदिमजाति कल्याण]
2. ( *क्र. 3614 ) डॉ. मोहन यादव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के सम्पू्र्ण भाग में समान रूप से माझी समाज के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं अथवा अन्य किसी वर्ग के तथा क्या प्रदेश सरकार ने माझी समाज के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जाने बाबत कोई आदेश/निर्देश जारी किया है? यदि हाँ, तो आदेश कि प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें। (ख) माझी जनजाति सरल क्र. 29 मध्यप्रदेश में अधिसूचित होकर अधिमान्य होने माझी जनजाति का पर्याय भाग समाहित होने के कारण पिछड़ा वर्ग की सूची क्र. 12 से ढीमर, भोई, कहार, धीवट, मल्लाह, केवट (कश्यप, निषाद, रायकवार, बाथम) आदि जातियों को पिछड़ा वर्ग कि सूची क्र. 12 से विलोपन किया जायेगा अथवा नहीं? (ग) प्रदेश में वर्तमान में माझी समाज के व्यक्तियों के साथ जाति संबंधी विसंगति को दूर करते हुए माझी समाज के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रमाण-पत्र जारी किये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों और हाँ तो कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) माझी जनजाति सम्पूर्ण म.प्र. के लिये अनुसूचित जनजाति में मान्य है, जिसे नियमानुसार शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति के प्रमाण-पत्र देय हैं जिस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन जातियों को पिछड़ा वर्ग सूची क्रमांक 12 से विलोपित किये जाने संबंधी कार्यवाही विभाग से संबंधित नही है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध खनिज उत्खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
3. ( *क्र. 3981 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 21.2.2019 का प्रश्न क्रमांक 656 में उत्तर (ग) में टीकमगढ़ जिले में स्वीकृत खदान क्षेत्रों के बाहर अवैध उत्खनन होना पाया गया था और शासन द्वारा रू. 1,50,88,00,000/- का अर्थदण्ड उन अवैध उत्खननकर्ताओं पर प्रस्तावित किया गया था? क्या उक्त प्रस्तावित अर्थदण्ड में से अभी तक कोई वसूली नहीं हो सकी है? (ख) क्या उक्त अवैध उत्खनन करने वाली कम्पनियों को तब तक के लिए काली सूची में डालेंगे जब तक उन पर प्रस्तावित अर्थदण्ड की वसूली नहीं हो जाती है? यदि हाँ, तो कब? क्या ऐसी कोई नीति विचाराधीन है कि खदानों की निविदा स्वीकार होने के उपरान्त खदानों का समर्पण नहीं किया जा सकेगा, ताकि समर्पित खदानों से अवैध उत्खनन पर रोक लगे? (ग) प्रश्नांश (क) के जवाब में जो अवैध उत्खनन होना पाया गया था, उस कार्यकाल में टीकमगढ़ जिले में खनिज अधिकारी कौन था? पलेरा एवं जतारा ब्लॉक में उस दौरान खनिज निरीक्षक कौन था? (घ) क्या इतनी बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन के लिए किसी अधिकारी को दोषी माना गया है? यदि हाँ, तो किसे? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार अवैध उत्खनन प्रकाश में आने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से अर्थदण्ड वसूल किय जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रकरण में न्यायालय के आदेश अनुरूप कार्यवाही की जा सकेगी। खदानों के समर्पित करने की कार्यवाही प्रचलित नियमों के अनुसार की जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध उत्खनन होना पाया गया था। उस कार्यकाल में जिले में खनि अधिकारी/उप संचालक श्रीमती दीपमाला तिवारी, सुश्री सोनल सिंह तोमर एवं श्री अमित मिश्रा पदस्थ रहे। प्रश्नाधीन प्रकरण पंजीबद्ध होने के समय श्री मनीष पालेवार, श्री अमित कुमार मिश्रा, श्री पंकजध्वज मिश्रा, खनि निरीक्षक के रूप में तथा श्री श्रीराम समेले एवं श्री बृजेश कुमार अहिरवार, प्रभारी खनि निरीक्षक के रूप में प्रश्नाधीन क्षेत्र में पदस्थ रहे। (घ) जी नहीं। अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया जाकर सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में किसी अधिकारी को दोषी माने जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलने की योजना का क्रियान्वयन
[पशुपालन]
4. ( *क्र. 1848 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सहित जिला विदिशा में ग्राम पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलने की कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) जिला विदिशा सहित शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त गौशालाओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं दी जा रहीं हैं? (ग) गौशालाओं को प्रतिदिन प्रति गौवंश के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है एवं जून 2019 तक किस-किस गौशाला को कितनी राशि किस आधार पर दी गई? (घ) जिला विदिशा अंतर्गत कितनी गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण किस स्तर पर, कब से और क्यों लंबित हैं? इनका निराकरण कब तक किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में प्रथम चरण में पंचायत स्तर पर 1000 गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया गया है। उक्त में से 30 गौशालाएं, जिला विदिशा में स्वीकृत की गईं हैं। गौशालाओं की भूमि का चिन्हांकन किया गया है तथा निर्माण कार्य की कार्यवाही चल रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। गौशालाओं को अधोसंरचना निर्माण, चारा भूसा पानी की व्यवस्था हेतु बजट की उपलब्धता के आधार पर राशि उपलब्ध कराई जाती है। (ग) गौशालाओं को राशि राज्य कृषि विपणन बोर्ड से प्राप्त राशि अनुसार गौवंश की संख्या के मान से प्रदाय की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) कोई भी प्रकरण किसी भी स्तर पर लंबित नहीं है।
विभाग द्वारा पौध रोपण
[वन]
5. ( *क्र. 2363 ) श्री रामलाल मालवीय, (श्री सोहनलाल बाल्मीक) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश ने पौध रोपण में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है? यदि हाँ, तो कितने पौधों का रोपण किस समय किया गया और अब कितने पौधे जीवित हैं? (ख) क्या प्रदेश में बाघों की संख्या कम हुई है? यदि हाँ, तो 2004 में कितने बाघ थे और 2018 की स्थिति में कितने हैं? (ग) अब तक कितनी लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य तय किये गये हैं? अब तक तय समर्थन मूल्य वाली कितनी लघु वनोपजों की खरीदी की गई? (घ) दीनदयाल उपवन योजना में कितनी जमीन आवंटित की गई? वहाँ कितना पौधरोपण और कौन से पौधे लगाये गये थे? क्या यह योजना फलदार पौधे लगाने के लिए थी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। दिनांक 31.07.2014 को एक दिवस में रोपित 1.46 करोड़ पौधों में से 1,43,72,801 पौधों के रोपण का गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड दर्ज हुआ है। रोपित पौधों में से वर्तमान स्थिति में 79,92,733 पौधे जीवित हैं। वनमंडलवार रोपित एवं जीवित पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। पौधों की जीवितता की जाँच/सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' ''क'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2004 में प्रदेश व्यापी गणना नहीं कराई गई थी। अखिल भारतीय बाघ सहभक्षी गणना एवं अन्य शाकाहारी वन्यप्राणियों का आंकलन वर्ष 2006 में कराया गया था। इस आंकलन के अनुसार प्रदेश में बाघों की संख्या सांख्यिकी विश्लेषण के पश्चात न्यूनतम सीमा 236 एवं अधिकतम 364 पाई गई थी, जिसके अनुसार बाघों की मध्यमान औसत संख्या 300 है। वर्ष 2014 में अखिल भारतीय बाघ सहभक्षी गणना एवं अन्य शाकाहारी वन्यप्राणियों का आंकलन में प्रदेश में बाघों की संख्या न्यूनतम सीमा 264 एवं अधिकतम 352 पाई गई थी, जिसके अनुसार बाघों की मध्यमान औसत 308 है। वर्ष 2018 में करायी गई अखिल भारतीय बाघ गणना के परिणाम राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा घोषित नहीं किये गये हैं अत: वर्ष 2018 के आंकड़े वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (ग) अब तब 08 लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य तय किये गये हैं एवं वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में संग्रहित लघु वनोपजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) दीनदयाल उपवन योजना वन विभाग में संचालित नहीं रही है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु संसाधन उपलब्ध कराया जाना
[स्कूल शिक्षा]
6. ( *क्र. 4289 ) श्री मनोज चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसी शालाएं जो जर्जर भवनों में संचालित हो रही हैं। क्या ऐसे भवनों को चिन्हित कर उक्त जर्जर भवनों हेतु कोई योजना बनाई गयी है? जर्जर भवन में संचालित विद्यालय में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए क्या प्रबंध किये गए हैं? योजना अभी किस स्वरुप में है? पंचायत/नगरवार सूची दें। (ख) प्रदेश में शालाओं में मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु संसाधन उपलब्ध नहीं हैं? उन शालाओं के लिए पूर्व सरकार द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गयी है? वर्तमान में संसाधन उपलब्ध करने हेतु क्या योजना है? पंचायत/नगर वार सूची दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन जर्जर/ जीर्ण-शीर्ण भवन के विरूद्ध नवीन भवन बनाने का प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2019-20 में भारत सरकार को प्रस्तावित किया गया है। जिसकी स्वीकृति अपेक्षित है। शाला भवनों में लघु मरम्मत कार्य के लिये वर्ष 2018-19 में पंचायत स्टाम्प शुल्क से राशि का प्रावधान किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। हाई/हायर सेकेण्डरी जर्जर शाला भवनों में कक्षाएं संचालित न करने के निर्देश हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। जर्जर भवनों में शाला संचालन की कोई सूचना नहीं है। (ख) मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत समस्त लक्षित शालाओं में संसाधन के रूप में भोजन पकाने एवं वितरण के बर्तन उपलब्ध कराये गये हैं तथा 93891 शालाओं में किचिनशेड निर्मित किये गये हैं तथा 2018-19 में 5300 नवीन किचिनशेड स्वीकृत कर प्रथम किश्त की राशि रूपये 61.18 करोड़ प्रदाय की गई है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में जिलों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार कार्ययोजना बनाई जाकर भारत सरकार को प्रेषित की जाती है। वित्तीय वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना में जिलों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर किचिन शेड निर्माण के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया जाना
[वन]
7. ( *क्र. 3356 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सीहोर तहसील आष्टा की लगभग 15-20 पंचायतें वनग्राम में आती हैं? यदि हाँ, तो उनका प्रस्ताव पट्टा या राजस्व के लिये केन्द्र सरकार को भेजा है या नहीं? (ख) क्या वनग्राम में निवास करते हुये लगभग 80-90 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज तक उन लोगों को पट्टे या राजस्व भूमि का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है? जिसके कारण उन लोगों को शासन की विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ता है। इसके लिए कौन जवाबदार है? (ग) क्या जिला सीहोर की वनग्राम पंचायतों का प्रस्ताव बनाकर शीघ्र केन्द्र सरकार को भेजा जावेगा, ताकि उस पर कार्यवाही हो सके?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) तहसील आष्टा अन्तर्गत 12 वनग्रामों सहित सीहोर जिले में कुल 49 वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के प्रस्ताव वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत पत्र क्रमांक/एफ-9/27/2001/10/11/ 731, दिनांक 29.01.2004 से स्वीकृति हेतु भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को प्रेषित किये गये हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति अपेक्षित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर निगम, बुरहानपुर द्वारा सीमेंट रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 1694 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम, बुरहानपुर के द्वारा वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक नगर निगम सीमा क्षेत्र में कितने सीमेंट रोड का निर्माण कार्य किस क्षेत्र के वार्ड/मोहल्ले में कितनी लागत से एवं किस मद से किया गया है? सूची प्रदान करें। (ख) उक्त निर्मित सीमेंट रोड की गुणवत्ता संबंधी स्थिति से भी अवगत करायें। (ग) वर्तमान में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निविदा के माध्यम से स्वीकृत कितने सीमेंट रोड का निर्माण कार्य कौन से वार्ड/मोहल्ले में प्रारंभ होना शेष है? सूची प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम, बुरहानपुर के द्वारा वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक नगर निगम सीमा क्षेत्र में सीमेंट रोड का निर्माण कार्य वार्ड/मोहल्ले में लागत एवं मद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर निगम, बुरहानपुर द्वारा उक्त निर्मित सीमेंट रोड की गुणवत्ता संबंधी स्थिति संतोषप्रद प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
एस.एम.डी.सी. योजना में प्राप्त आवंटन/व्यय
[स्कूल शिक्षा]
9. ( *क्र. 1709 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित एस.एम.डी.सी. योजना में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जिलों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में नीमच जिले को आवंटित राशि में से कितनी राशि के स्कूल फर्नीचर लघु उद्योग विकास निगम द्वारा अनुमोदित फर्म से स्वीकृत दर पर क्रय किये गये हैं? सामग्रीवार व्यय राशि का ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में क्रय की गई स्कूल सामग्री की अनुमोदित दर रुपये 2600.00 के स्थान पर रुपये 4480.00 प्रति नग की कीमत पर क्रय कर एक निजी फर्म को लाभ पहुँचाते हुए वित्तीय अनियमितता की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में नियम विरुद्ध किये गये क्रय के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर जिला नीमच को कोई शिकायत जाँच करने हेतु प्रेषित की गई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। (ग) सामग्रीवार दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। कोई भी सामग्री रू.4480/- की दर से क्रय नहीं की गई है। (घ) कोई शिकायत नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में पदस्थ सहायक वार्डन के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
10. ( *क्र. 3242 ) डॉ. कुंवर विजय शाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत वर्ष 2005 से 2010 तक जिला उज्जैन में सहायक वार्डन पद पर की गई नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं की जाँच में किन-किन वार्डनों पर, किस-किस धाराओं में प्रकरण दर्ज हुए? क्या वर्तमान में भी वे कार्यरत हैं? उनके नाम व पदस्थापना सहित जानकारी दें। (ख) इन पदों पर पदस्थ सहायक वार्डनों पर क्या-क्या आरोप थे? क्या दोषी वार्डनों को सेवा से पृथक न करते हुए, (जेल में होने के बाद भी) उन्हें वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है तथा जिन्होंने कार्यवाही को अंजाम दिया, उन्हें पद से हटाकर जाँच को प्रभावित किया? यदि हाँ, तो कठोर कार्यवाही न होने के पीछे कौन-कौन दोषी हैं? (ग) शासन द्वारा जनहित में प्रदेश स्तर पर ऐसे सहायक वार्डन, जो अनियमितताओं के प्रकरणों में संलिप्त हैं, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत वर्ष 2005 से 2010 तक जिला उज्जैन में सहायक वार्डन पद पर की गई नियुक्तियों में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अपितु तत्कालीन समय में नियुक्त सहायक वार्डन श्रीमती पुष्पा चौहान के विरूद्ध अंकसूची में कूटरचना करने के आरोप में दोषी पाए जाने पर थाना माधवनगर उज्जैन में अपराध क्र.392/2018, दिनांक 29.05.2018 आई.पी.सी. की धारा 420,467,468 एवं 471 में पंजीबद्ध किया गया एवं श्रीमती रत्ना जानी को छात्राओं को प्रताड़ित करने के आरोप में दोषी पाए जाने पर पुलिस थाना बड़नगर पर अपराध क्र./144/18, धारा 374,323 भा.दा.वि. तथा जे.जे एक्ट 1915 की धारा 75 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। श्रीमती पुष्पा चौहान को सेवा से पृथक कर दिया गया। रत्ना जानी की सेवाएं समाप्त कर दी गईं थीं, माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में श्रीमती रत्ना जानी बी.आर.सी. बड़नगर में संलग्न है। (ख) श्रीमती पुष्पा चौहान, कन्या छात्रावास खाचरौद पर अंकसूची में कूटरचना करने तथा श्रीमती रत्ना जानी पर छात्राओं को प्रताड़ित करने के आरोप थे। जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य शिक्षा केन्द्र का पत्र क्र. 2678, दिनांक 03.05.2018 के माध्यम से समस्त कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए गए।
नगर परिषद भुआ-बिछिया में क्षतिग्रस्त पाईप लाइन का सुधार
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( *क्र. 2778 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद भुआ-बिछिया जिला मंडला अंतर्गत एन.एच. 12ए निर्माण के दौरान निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के द्वारा नगर की पेयजल पाईप लाइन क्षतिग्रस्त की गई थी, उक्त पेयजल पाईप लाइन पुन: लगाने हेतु निर्माण कंपनी द्वारा क्या-क्या कार्य किये गए और उनमें कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्या कुल 6888 मीटर पाईप लाइन लगाई जानी थी लेकिन निर्माण कंपनी द्वारा मात्र 4200 मीटर से भी कम पाईप लाइन लगाई गई और नगर परिषद के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर सम्पूर्ण कार्य की अनापत्ति प्राप्त कर अपने विभाग से शत-प्रतिशत भुगतान प्राप्त कर लिया गया? यदि हाँ, तो इस पूरे कार्य की जाँच कराकर कार्यवाही करेंगें? (ग) दिनांक 22/11/2017 को परिषद की बैठक में उपरोक्त विषय पर क्या निर्णय लिये गए थे? बैठक कार्यवाही संबंधी दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध कराएं। नगर परिषद के पत्र क्र./612/न.परि./ 2017, दिनांक 23/11/2017 के अनुसार परिषद की संयुक्त टीम गठित कर पाईप लाइन विस्तार की जाँच की जानी थी, उक्त जाँच में क्या परिणाम/निष्कर्ष आये और क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या एन.एच. निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन से सांठ-गांठ करके तत्कालीन सी.एम.ओ. द्वारा बिना कार्य पूर्ण हुए अनापत्ति जारी की गई थी? यदि हाँ, तो निर्माण कंपनी को अनुचित लाभ पहुँचाने के इस कृत्य को लेकर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। एन.एच. 12ए (पैकेज क्र.-3) में परियोजना के क्रियान्वयन में बाधक जलप्रदाय पाईप लाइन को निर्माण स्थल से हटाकर अन्यत्र पुनर्स्थापित करने का दायित्व अनुबंध अनुसार अनुबंधक मे. दिलीप बिल्डकॉन प्रा.लि. भोपाल का था। कंपनी दिलीप बिल्डकॉन द्वारा सुधार करते हुए नवीन पाईप लाइन लगा दी गई है। उक्त कार्य हेतु म.प्र. रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा कुल रू. 147.34 लाख का भुगतान किया गया है। (ख) जी नहीं। अनुबंधक द्वारा भुआ-बिछिया में 6888 मीटर स्वीकृत पाईप लाइन का कार्य पूर्ण किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) परिषद की बैठक दिनांक 22.11.2017 कार्यवाही विवरण प्रस्ताव/निर्णय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार नगर परिषद के पत्र क्रमांक 612/न.परि./2017 दिनांक 23.11.2017 के अनुसार संयुक्त टीम बनाकर जाँच हेतु नहीं लिखा गया है, अपितु 6888 मीटर पाईप लाइन विस्तार कार्य निकाय को जलप्रदाय हेतु पाईप लाइन हैण्ड ओव्हर करने हेतु लेख किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक वार्डनों के सेवा भर्ती नियमों में किये गए बदलाव का औचित्य
[स्कूल शिक्षा]
12. ( *क्र. 4243 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन आवासीय बालक छात्रावास संचालन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में RSK भोपाल से दिनांक 10/05/2018 को जारी निर्देश के चेकलिस्ट के साथ सामान्य प्रशासन विभाग को कब प्रस्तुत किये गए थे तथा अनुमोदन हेतु प्रस्तावों की चेकलिस्ट अनुसार किस अधिनियम, नियम, अधिसूचना, परिपत्र को आधार बनाया गया था? (ख) प्रकरण में RSK भोपाल द्वारा जारी नियुक्ति संबंधी निर्देशों को तैयार करने से पहले सक्षम स्वीकृति किस प्रकार प्राप्त की गयी? किन आधारों पर प्राप्त की गयी? संक्षेपिका के साथ जवाब प्रस्तुत करें। (ग) Charter of Accountability किस विभागीय अधिकारी को दी गयी थी? क्या नोटशीट चलाते समय उस विभागीय अधिकारी द्वारा GAD एवं RSK के पूर्व के सभी अधिनियम, नियम, अधिसूचना, परिपत्र के संकलनों के आधार पर प्रस्तुतीकरण किया गया था? यदि हाँ, तो पूर्व में भर्ती हुए सहायक वार्डनों को नैसर्गिक न्याय दिलाने के लिए RSK के पत्र क्रमांक 8722 दिनांक 17/09/2013 से एम.आर.सी. का उदाहरण लेकर एवं म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के दिनांक 09/03/2012 एवं RSK का पत्र क्रमांक 2494 भोपाल दिनांक 13/03/2012 के सर्कुलर को ध्यान में रखते हुए क्या कार्यवाही की गयी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) नवीन आवासीय बालक छात्रावास संचालन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में निर्देश कार्यकारिणी के अनुमोदन से जारी किये गये थे। कार्यकारिणी को पूर्ण अधिकार होने से सामान्य प्रशासन विभाग को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत शासन के द्वारा वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 51 बालक छात्रावास तथा पूर्व से संचालित 15 छात्रावासों को विभागीय रूप से संचालन के लिये नियम निर्देश बनाने की आवश्यकता थी, जिसके लिये कार्यकारिणी से अनुमोदन प्राप्त कर नियम निर्देश जारी किये गये। (ग) तत्समय प्रचलित प्रावधानों/निर्देशों तथा राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक 8722 दिनांक 17.09.2013 तथा पत्र क्रमांक 2494 दि. 13.03.2012 को ध्यान में रखते हुये निर्देश तैयार किये गये।
नगर निगम रतलाम में वार्ड विभाजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 3994 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम रतलाम के चुनाव 2014 में अधिनियम की धाराओं के विपरीत वार्ड विभाजन तथा आरक्षण को लेकर संभागायुक्त को दिनांक 12.06.2019 को दिये ज्ञापन के उत्तर की प्रति देवें तथा बतावें के आरक्षण जनसंख्या के अवरोही क्रम से होगा या जनसंख्या के प्रतिशत के अवरोही क्रम से होगा। (ख) इन्दौर तथा उज्जैन नगर निगम में 2011 की जनसंख्या के आधार पर वार्ड की जनसंख्या का चार्ट, आरक्षित वार्ड की संख्या सहित उपलब्ध करावें तथा बतावें कि नगर निगम रतलाम में वार्ड अनुसार जनसंख्या के दो भिन्न-भिन्न चार्ट क्यों बनाये गये? एक चार्ट में प्रत्येक पृष्ठ पर आयुक्त, अनुविभागीय अधिकारी (SDM) रतलाम शहर सहित 6 अधिकारियों के हस्ताक्षर तथा दूसरे पर मात्र अंतिम पृष्ठ पर आयुक्त तथा कार्यपालन यंत्री के हस्ताक्षर क्यों हैं? दोनों में से मान्य कौन सा है और क्यों? (ग) नगर निगम रतलाम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में चयन कर जिन्हें राशि देना प्रारम्भ हो चुका है उन हितग्राही का नाम, पट्टे का क्रमांक, आवंटन की दिनांक, ऋण स्वीकृति की दिनांक, किश्त आवंटन की दिनांक, सहित सूची दें। (घ) क्या बिना पट्टे के भी प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर निगम रतलाम में राशि प्रदान की है? यदि हाँ, तो उनके नाम सहित सूची दें तथा कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 10 की उप धारा (1) तथा इसके अंतर्गत बनाये गये म.प्र. नगर पालिका (अजा, अ.ज.जा., पि.व. एवं महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण) नियम 1994 के नियम 3 (1) के अधीन अवधारित वार्डों की कुल संख्या में से प्रत्येक नगर पालिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए ऐसी संख्या में वार्ड आरक्षित किए जाएंगे, जिसका अनुपात उस नगर पालिका के लिए अवधारित वार्डों की कुल संख्या के यथाशक्य निकटतम रूप से वही होगा जो उस नगर पालिका क्षेत्र में अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या के साथ है और ऐसे वार्ड अवरोही क्रम में होंगे जिनमें यथास्थिति अनुसूचित जातियों या जनजातियों की जनसंख्या सर्वाधिक संकेन्द्रित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। नगर निगम रतलाम में वार्ड अनुसार जनसंख्या के दो भिन्न चार्ट नहीं बनाए गए हैं। जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर वार्डवार जनसंख्या का पत्रक तैयार किया जाकर प्रारंभिक प्रकाशन किया गया जिस पर आयुक्त, अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) शहर रतलाम सहित 6 अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं तथा दावे/आपत्तियों के निराकरण उपरांत पुनः जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर वार्डवार जनसंख्या का पत्रक तैयार किया गया था जिसके अंतिम पृष्ठ पर आयुक्त तथा कार्यपालन यंत्री के हस्ताक्षर हैं। प्रारंभिक प्रकाशन के उपरांत दावे/आपत्ति के निराकरण के बाद जो पत्रक तैयार किया गया था वही मान्य है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। ऐसे हितग्राही जो कि सर्वेक्षण में पट्टे पाने हेतु उपयुक्त पाये गये तथा प्राथमिक एवं अंतिम प्रकाशन उपरांत कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होने से पात्र पाये गये तथा जिला स्तरीय समिति से पट्टा देने के अनुमोदन एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-10-47/2015/18-2 भोपाल दिनांक 03.04.2018 के अनुसार योजना में पात्र होने से सक्षम प्राधिकारी द्वारा पट्टा दिए जाने की स्वीकृति दी गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्त जारी की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 687 ) श्री सुदेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के सभी 35 शहरी वार्डों के अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये थे, जिसमें हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये हैं, किन्तु राशि जारी नहीं की गई? (ख) हितग्राही के खाते में राशि जारी नहीं किये जाने से हितग्राहियों को होने वाली परेशानी के लिये कौन उत्तरदायी है? (ग) पात्र हितग्राही की सूची, राशि जारी अथवा नहीं जारी करने की स्थिति में नाम, पते सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 1800 आवास स्वीकृत करने हेतु प्रमाण-पत्र जारी किए गये थे। प्रमाण-पत्र जारी किए गए 1800 हितग्राहियों में से सूची अनुमोदन अनुसार 568 हितग्राहियों को राशि जारी की गई है। शेष 1232 हितग्राहियों के दस्तावेज अपूर्ण होने से उन्हें राशि जारी नहीं की गई है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों के तहत हितग्राहियों के पात्रता पूर्ण न पाए जाने से राशि जारी नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र हितग्राहियों की सूची जिन्हें राशि जारी की गई है, के नाम, पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
टीकमगढ़ जिलांतर्गत सिद्धखान तालाब को लीज पर दिया जाना
[वन]
15. ( *क्र. 4298 ) श्री राकेश गिरि : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन परिक्षेत्र टीकमगढ़ अंतर्गत सिद्धखान तालाब (कक्ष क्रमांक आर.एफ. 54 का रकबा 225.172 हेक्टेयर) को वन विभाग द्वारा मत्स्य पालन हेतु किसी मछुआ समूह या समिति को लीज पर दिया गया है? (ख) क्या वन विभाग के सिद्धखान तालाब को अन्य विभाग द्वारा मछुआ समूह/ समिति को दस वर्ष के लिए लीज पर दिया गया है? यदि हाँ, तो अन्य विभाग द्वारा नियम विरूद्ध दी गई लीज के लिए कौन अधिकारी दोषी है, उनके विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि नहीं, है तो अभी तक तालाब को लीज पर क्यों नहीं दिया गया, इसके लिए जिम्मेदार व दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कब तक तालाब को मत्स्य पालन हेतु वन विभाग द्वारा वन समिति को लीज पर दिया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) सिद्धखान तालाब को ग्राम वन समिति-श्रीनगर से अनुबंध निष्पादित कर 01 वर्ष (2012-2013) के लिये लीज पर दिया गया था। (ख) जी हाँ। मत्स्य विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में दर्शित तालाब को 10 वर्ष के लिये मछुआ सहकारी समिति सिद्धखान को लीज पर दिया गया था। इस संबंध में ग्राम वन समिति श्रीनगर तथा मछुआ सहकारी समिति सिद्धखान द्वारा कलेक्टर एवं अपर आयुक्त स्तर पर अपील करने के उपरांत वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष प्रचलित है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है। अत: दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन होने के कारण दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करना तथा वन समिति को तालाब लीज पर कब तक दे दिया जायेगा, बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 3298 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि - क्या सिंगरौली जिले के अंतर्गत अवैध कॉलोनियों को पूर्व में म.प्र. शासन द्वारा अवैध को वैध करने का कानून बनाया गया था? यदि हाँ, तो प्रदेश के सिंगरौली जिले की कितनी कॉलोनियों को वैध किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : जी हाँ। प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों के क्षेत्रांतर्गत स्थित अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए म.प्र. नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 15-क में दिनांक 19/05/2017 को संशोधन किया गया था। जिसके अनुसार सिंगरौली जिले सहित प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों के क्षेत्रांतर्गत स्थित अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के द्वारा पारित आदेश दिनांक 3/06/2019 में उक्त नियम 15-क को अपास्त कर दिये जाने के कारण यह प्रक्रिया स्थगित हो गई है। वैधानिक स्थिति स्पष्ट होने पर ही आगे की कार्यवाही की जा सकेगी।
मछली पालन हेतु जलाशयों का पट्टे पर आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
17. ( *क्र. 3773 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जलाशयों के मछली पालन हेतु पट्टे आवंटित किये जाते हैं? यदि हाँ, तो पट्टा आवंटन हेतु क्या मापदण्ड, प्रक्रिया एवं शर्तें हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन से जलाशयों पर पट्टे कितनी-कितनी अवधि व कितनी-कितनी राशि पर आवंटित किये गये हैं? संस्थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि क्या है? नाम, पता सहित, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) क्या पट्टा आवंटन हेतु जलाशय क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता देने संबंधी कोई नियम है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पट्टे आवंटन में नियम का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में आवंटित पट्टेधारी नियमित रूप से पट्टे की राशि जमा कर रहे हैं? यदि हाँ, तो जलाशयवार जमा की गई राशि से अवगत करायें। (ड.) विगत 05 वर्षों में सिवनी जिले के अंतर्गत पट्टा आवंटन से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं एवं प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार/ विधानसभा क्षेत्रवार पूर्ण विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (ग) जी हाँ। नियम का पालन किया जाता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) पट्टा धारक द्वारा संबंधित ग्राम/जनपद/जिला पंचायत कोष में पट्टा राशि जमा की जाती है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार।
नौरादेही अभयारण्य में विस्थापित ग्राम
[वन]
18. ( *क्र. 4259 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौरादेही अभयारण्य में जिला नरसिंहपुर के कितने ग्राम विस्थापित होना है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) जिले के नौरादेही अभयारण्य के कितने ग्राम विस्थापित हो चुके हैं? शेष ग्रामों के विस्थापन के लिये क्या-क्या कार्यवाही की जा रही हैं? शेष ग्राम कब तक विस्थापित हो जावेंगे? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. JSP/3521 दिनांक 27.06.19 में उल्लेखित बिन्दुओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला नरसिंहपुर अंतर्गत स्थित नौरादेही अभयारण्य क्षेत्र से 05 ग्रामों झलपानी, ढाना, मलकुही, आमापानी, हाडीकाट का विस्थापन होना शेष है। (ख) जिला नरसिंहपुर के अंतर्गत स्थित नौरादेही अभयारण्य क्षेत्र से 02 वनग्राम खापा एवं मेहगुवा का विस्थापन किया जा चुका है। ग्राम आमापानी के विस्थापन की कार्यवाही प्रगति पर है। शेष ग्रामों का विस्थापन ग्रामसभा की सहमति प्राप्त होने के उपरांत बजट उपलब्धतानुसार किया जा सकेगा अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक JSP/3521 दिनांक 27.06.2019 विभाग में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोलारस में नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 4276 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवपुरी अंतर्गत कोलारस में नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण किए जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या बस स्टैण्ड के निर्माण हेतु भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों तथा अब तक भूमि आवंटन क्यों नहीं हो सकी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या इस हेतु राज्य शासन स्तर से कार्यवाही में विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन कारणों से विलंब हो रहा है? कोलारस में नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, नगर परिषद कोलारस द्वारा बस स्टैण्ड के निर्माण कार्य के लिए भूमि आवंटन का प्रस्ताव कलेक्टर जिला-शिवपुरी को भेजा गया है, कलेक्टर, जिला-शिवपुरी द्वारा म.प्र. शासन, राजस्व, विभाग को भेजा गया है। भूमि आवंटन का प्रस्ताव म.प्र. शासन राजस्व विभाग स्तर पर विचाराधीन होने से नगर परिषद कोलारस को भूमि आवंटित नहीं की जा सकी है। (ख) जी हाँ, नगर परिषद कोलारस को बस स्टैण्ड निर्माण कार्य के लिए भूमि आवंटन की स्वीकृति म.प्र. शासन, राजस्व विभाग स्तर पर विचाराधीन है, भूमि आवंटन पश्चात बस स्टैण्ड निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा नदी के किनारे वृक्षारोपण
[वन]
20. ( *क्र. 4096 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में 6 करोड़ पौधों का नर्मदा नदी के किनारे एवं प्रदेश के अन्य जगहों पर वृक्षारोपण किया गया था, अभी कितने पौधे तैयार हो गये है व पौधों के संरक्षण के लिए कितना प्रयास किया गया है? यदि संरक्षण किया गया था तो अधिकांश पौधे नष्ट क्यों हुए? बिना संरक्षण के वृक्षारोपण कर पैसों का दुरूपयोग क्यों किया गया है? (ख) वृक्षारोपण (समारोह) कार्यक्रम पर किस मद से कितनी राशि का व्यय किया गया है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) नर्मदा नदी के कछार क्षेत्र में वन विभाग द्वारा विभाग के अधीन मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम सहित, दिनांक 2 जुलाई, 2017 को 3.34 करोड़ पौधों का रोपण किया गया, साथ ही प्रदेश के अन्य जगहों पर भी वर्ष 2017 में विभाग द्वारा रोपण किया गया। रोपित पौधों को तैयार एवं स्थापित होने में प्रजाति के आधार पर सामान्यतः 4 से अधिक वर्ष का समय लगता है, जबकि इन वृक्षारोपणों को अभी 2 वर्ष का ही समय हुआ है। पौधों के संरक्षण एवं चराई, अग्नि एवं अतिक्रमण से सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा सतत् प्रयास किया गया है तथा जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये गये हैं। नर्मदा कछार में वनक्षेत्रों में तथा वन विभाग द्वारा रख-रखाव किये जा रहे वृक्षारोपण क्षेत्रों में रोपित पौधों की जीवितता प्रतिशत की पुन: जाँच के निर्देश माननीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 29.06.2019 को दिये गये हैं। पौध के संरक्षण की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों की थी उनकी जाँच की जा रही है। जाँच में दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ख) वृक्षारोपण (समारोह) कार्यक्रम पर योजनावार हुये व्यय की जानकारी निम्नानुसार है :-
योजना का नाम |
राशि रू. में |
पर्यावरण वानिकी |
130720 |
कार्य आयोजना का क्रियान्वयन |
269457 |
समिति द्वारा |
377178 |
बैगा, भारिया तथा सहरिया सम्मेलन में व्यय राशि
[आदिमजाति कल्याण]
21. ( *क्र. 1304 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में बैगा, भारिया तथा सहरिया सम्मेलन के आयोजन हेतु जिलेवार प्रदाय किया गया आवंटन तथा व्यय की गयी राशि का जिलेवार विवरण देवें? (ख) कंडिका (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सम्मेलनों में प्रचार-प्रसार, साज-सज्जा, हितग्राहियों के परिवहन, नाश्ता-पानी, भोजन, स्वागत-सत्कार इत्यादि में व्यय हुई राशि का पृथक-पृथक ब्यौरा जिलेवार तथा कार्यक्रमवार देवें? (ग) उक्त सम्मेलनों से कितने हितग्राही लाभान्वित हुए जिलेवार तथा कार्यक्रमवार आंकड़े प्रदान करें? (घ) उपरोक्त सम्मेलनों में जिलेवार, ग्रामवार बसों में बैठ कर आयोजन स्थल तक आने-जाने वाले हितग्राहियों की सूची देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विगत तीन वर्षों में बैगा, भारिया तथा सहरिया सम्मेलन आयोजन हेतु जिलावार आवंटन तथा व्यय का विवरण निम्नानुसार है:-
1. जिला-शहडोल, बैगा सम्मेलन।
वर्ष |
प्रदाय आवंटन |
व्यय |
शेष |
2016-17 |
निरंक |
- |
- |
2017-18 |
60.00 लाख |
5996992/- |
3008/- |
2018-19 |
18.00 लाख |
18.00 लाख |
- |
2. जिला-छिन्दवाड़ा भारिया सम्मेलन।
वर्ष |
प्रदाय आवंटन |
व्यय |
शेष |
2016-17 |
निरंक |
- |
- |
2017-18 |
50.00 लाख |
- |
समर्पित |
2018-19 |
62.53 लाख |
62.43 |
10000/- |
3. जिला-शिवपुरी सहरिया सम्मेलन।
वर्ष |
प्रदाय आवंटन |
व्यय |
शेष |
2016-17 |
निरंक |
- |
- |
2017-18 |
195.13 लाख |
174.176 लाख |
2095400 |
2018-19 |
60.00 लाख |
46.36 लाख |
13.64 लाख |
(ख)
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
सम्मेलन व जिले का नाम |
प्रचार-प्रसार |
साज-सज्जा |
परिवहन/ पी.ओ.एल. |
नाश्ता-पानी, भोजन |
स्वागत- |
अन्य |
बैगा सम्मेलन शहडोल |
1120855.00 |
- |
2406327.00 |
4244810.00 |
- |
25000.00 |
भारिया सम्मेलन छिन्दवाड़ा |
139612.00 |
18390.00 |
3779280.00 |
2024590.00 |
81113.00 |
200000.00 |
सहरिया सम्मेलन, शिवपुरी |
90000.00 |
15436500.00 |
5658100.00 |
77800.00 |
5400.00 |
93800.00 |
शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
(ग)
कार्यक्रम |
जिला |
लाभान्वित हितग्राही |
बैगा सम्मेलन |
शहडोल, जबलपुर, कटनी, बालाघाट, डिण्डौरी, उमरिया, मण्डला, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा। |
65000 |
भारिया सम्मेलन |
छिन्दवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, होशंगाबाद। |
36000 |
सहरिया सम्मेलन |
शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया। |
18536 |
(घ) सम्मेलनों में जिलेवार, ग्रामवार हितग्राही को आयोजन स्थल तक आने जाने हेतु बसें लगाई गईं थीं, किन्तु उक्त सम्मेलनों में आये हितग्राहियों का पंजीयन नहीं किया गया है। अतः हितग्राहियों की सूची उपलब्ध नहीं है।
शासकीय स्कूलों में नवीन ट्रेड्स का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
22. ( *क्र. 3188 ) श्री अजय विश्नोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के कई उच्चतर माध्यमिक शालाओं में विभिन्न विषयों में प्रवेश संख्या अत्यधिक न्यून होने पर भी 11वीं कक्षा में उस विषय में प्रवेश दिया जाता है और शिक्षण कार्य किया जाता है? (ख) क्या सत्र 2019-2020 से व्यावसायिक शिक्षा की 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिये न्यूनतम 25 छात्रों की शर्त लागू कर दी गयी है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) सामान्य विषयों और व्यावसायिक शिक्षा के विषयों में प्रवेश देने के नियमों में यह अंतर क्यों किया गया है? (घ) क्या शासन 25 छात्रों की न्यूनतम संख्या की शर्त लगाकर क्रमश: व्यावसायिक शिक्षा को हतोत्साहित करके बंद करने का प्रयास कर रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या शासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रदेश में एक भी विद्यालय में एक भी ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा की कक्षायें बंद न की जायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। विषय स्ट्रीम स्वीकृत होने पर प्रवेश दिया जाता है। (ख) जी हाँ। पुरानी व्यावसायिक शिक्षा ट्रेड में विद्यार्थियों की रूचि कम होने एवं कक्षा 11वीं हेतु नवीन व्यावसायिक शिक्षा ट्रेड आने के कारण। (ग) उच्च शिक्षा के साथ लिंकेज के संदर्भ में यह कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं। नवीन व्यावसायिक शिक्षा अंतर्गत वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप नवीन ट्रेड्स विद्यालयों में संचालित किए जा रहे हैं। वर्तमान में 625 विद्यालयों में 9 ट्रेड संचालित हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2019-20 से 574 नवीन विद्यालयों में भी व्यावसायिक ट्रेड आरंभ करने की सैद्धांतिक सहमति दी गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्डवा जिले में संचालित खदानें
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 3286 ) श्री राम दांगोरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत, मुरम, गिट्टी खदानें किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं और किस समय अवधि तक की जावेंगी? इनको किस दर से खदानें दी गईं? खदान स्वीकृति के लिए विगत 5 वर्षों में शासन से जारी दिशा-निर्देशों की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत निर्माणाधीन ब्रॉडगेज रेलवे के कार्य के लिए रेलवे ठेकेदारों को कहाँ-कहाँ खदानें दी गई हैं एवं कितने क्षेत्रफल भूमि किस दर से दी गई है? विगत 5 वर्षों में क्या किसी खदान पर जुर्माने की कार्यवाही अधिरोपित की गई है? यदि हाँ, तो कितना जुर्माना किस-किस खदान से प्राप्त हुआ और यदि जुर्माना माफ किया तो किस आधार पर किया गया? शासन निर्देश की प्रति देवें। (ग) क्या खदानों के लिए पहाड़ियां, छोटा झाड़ जंगल की भूमि का प्रावधान है? यदि हाँ तो शासन निर्देशों की छायाप्रति देवें? रेलवे ठेकेदारों ने क्या तय मापदण्डों के अनुसार खुदाई की है? यदि हाँ, तो कितने घन मीटर खनिज कितने क्षेत्रफल से निकाला गया है? यदि निर्देशों की अवहेलना हुई है तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं कहाँ-कहाँ से रेत, गिट्टी, मुरम लाई गई है? उनकी रॉयल्टी की रसीदें भी उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के अधीन अधिसूचित दर पर रायल्टी का भुगतान किये जाने की अनिवार्यता है, खदानें स्वीकृति अवधि तक संचालित की जा सकती हैं। उक्त नियम अधिसूचित है। (ख) विधान सभा क्षेत्र पंधाना में रेलवे ठेकेदारों को स्वीकृत उत्खनन अनुज्ञा पत्र तथा अन्य वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। किसी भी अनुज्ञाधारी के विरूद्ध अर्थदण्ड अधिरोपण की कार्यवाही नहीं की गई है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पहाड़ियां एवं छोटे झाड़ का जंगल की भूमि पर खनि रियायतें आवश्यक औपचारिकताओं की पूर्ति उपरांत स्वीकृति के प्रावधान है। निर्धारित मापदण्डों की अवहेलना किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में दर्शित अनुज्ञाधारियों द्वारा स्वीकृत अनुज्ञा क्षेत्र से कुल 1.65 लाख घन मीटर मुरम का खनन कर रायल्टी राशि रूपये 82.50 लाख शासकीय मद में जमा करायी गई है। अत: प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। रेलवे ठेकेदार द्वारा वैध ठेकेदारों से गिट्टी खनिज क्रय कर उपयोग किया गया है। रायल्टी रसीदें ऑन लाइन जारी किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में होने से प्रति उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
वनग्रामों की भूमियों को राजस्व भूमि मानकर कार्यवाही
[वन]
24. ( *क्र. 4329 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अभिलेखागार खरगौन एवं तहसील अभिलेखागार बड़वाह में वनमण्डल में आने वाले 9 वन ग्रामों में से किस वनग्राम की किस-किस वर्ष की नामान्तरण पंजी उपलब्ध है? उसमें क्रेता का नाम किस दिनांक को संशोधित करने का आदेश किस अधिकारी द्वारा दिया है? (ख) किस वनग्राम के अभिलेखागार में उपलब्ध अभिलेखागारों में कितने किसानों के नाम भूस्वामी हक पर कितनी भूमि दर्ज है? वनग्राम नियम 1977 के अनुसार पट्टे पर कितने पट्टाधिकारियों को वितरित भूमि का ब्यौरा उपलब्ध अभिलेखों में दर्ज है? इनमें कितने किसानों को नायब तहसीलदार ने भू-अधिकार एवं पुस्तिका प्रदान की है? (ग) क्या वन ग्रामों की भूमि राजस्व अभिलेखों में भूस्वामी हक पर दर्ज किए जाने, क्रेता का नाम संशोधित किए जाने एवं किसानों के अनुसार राजस्व भूमि मानकर की गई है? (घ) वन ग्रामों की भूमियों को राजस्व भूमि मानकर कार्यवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में वृक्षारोपण की जाँच
[वन]
25. ( *क्र. 4280 ) श्री तरबर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर की बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में वर्ष 2017 -18 में वन विभाग में किन-किन योजनांतर्गत कार्य कराया गया? किन-किन योजनाओं में कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं कितना व्यय हुआ? योजनावार स्वीकृत राशि एवं व्यय की जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2017-18 में जो वृक्षारोपण किया गया उसमें कितने पौधे लगाने का लक्ष्य था? क्या वह पूरा हुआ? यदि नहीं, तो क्यों? इसमें जितने पौधे लगाये गये थे उनमें से कितने जीवित और कितने मृत हैं? यदि मृत हैं तो क्यों? क्या राशि का दुरूपयोग किया गया? इसमें लिप्त जो भी अधिकारी/कर्मचारी हैं? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। जो वृक्षारोपण किया गया है, उसकी जीवितता और राशि के दुरूपयोग के संबंध में जाँच की जा रही है।
भाग-2
नियम
46(2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
मुख्यमंत्री
कन्या विवाह
योजना के
अंतर्गत भुगतान
में विलंब
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
1. ( क्र. 50 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत म.प्र. भवन संनिर्माण योजना के कार्डधारकों को शादी उपरांत रू. 51000 की राशि भुगतान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भुगतान हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि नहीं, तो क्या सामान्य रूप से भुगतान में छ: माह का समय लगता है? यदि नहीं, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर की जनपद पंचायतों में गत दो वर्षों में प्राप्त आवेदन एवं भुगतान की दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) विलंब से भुगतान होने पर कौन जवाबदार है? क्या भुगतान के लिये न्यूनतम समय-सीमा बनाई जावेगी?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी नहीं, मध्यप्रदेश राजपत्र प्रकाशित दिनांक 15-02-2019 के अनुसार मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत योजना के महिला श्रमिक कार्डधारकों के लिए संचालित ''विवाह सहायता योजना'' के तहत पूर्व से प्रचलित प्रावधानों में संशोधन करते हुऐ न्यूनतम 05 महिला श्रमिक कार्ड धारकों के सामूहिक विवाह के आयोजन की दशा में शादी उपरांत राशि रूपये 51000/- का भुगतान किये जाने का प्रावधान किया गया है। (ख) जी हाँ, उक्त योजना लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत आती है, जिसकी समय-सीमा 15 कार्य दिवस निर्धारित है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवाह सहायता योजना में भुगतान समय पर न होने के लिए संबंधित पदाभिहित अधिकारी जवाबदार होंगे।
ग्राम अमझर के आसपास अवैध क्रेशरों की डस्ट के कारण जनहानि
[खनिज साधन]
2. ( क्र. 93 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर-अमरकंटक रोड के ग्राम अमझर में सड़क के आसपास क्षेत्र में 8-10 क्रेशर अवैध चल रहे हैं? जिनकी डस्ट से सड़क पर धुंध छाई रहती है? (ख) क्या क्रेशरों की डस्ट के कारण लगातार एक्सीडेंट हो रहे हैं एवं गत वर्ष वाहनों के एक्सीडेंट में 8-10 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो इन मौतों के लिये कौन जवाबदार है? (घ) क्या जवाबदार व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश के संबंध में थाना प्रभारी खमरिया से प्राप्त जानकारी अनुसार क्रेशरों के डस्ट के कारण वाहनों के एक्सीडेंट में एवं दुर्घटना के कारण अपराध/प्रकरण/मर्ग की जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
पनागर जिला जबलपुर में अवैध रेत का उत्खनन
[खनिज साधन]
3. ( क्र. 94 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अवैध रेत उत्खनन के कारण शासन को प्रतिदिन लाखों रूपयों की वित्तीय क्षति हो रही है? (ख) यदि नहीं, तो मदना, इमलई, सिंगलदीप में प्रतिदिन 100 से 150 ट्रक/डम्पर रेत के अवैध उत्खनन से शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि हाँ, तो अवैध रेत उत्खनन रोकने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? क्या वाहन राजसात एवं अपराधिक अभियोजन की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (घ) क्या इतने बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन के लिये खनिज अधिकारी दोषी नहीं है? यदि नहीं, तो कौन दोषी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। अवैध रेत उत्खनन के प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) अवैध खनन के फलस्वरूप राजस्व राशि प्राप्त नहीं होती है। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम मदना में अवैध रेत खनन का एक प्रकरण पंजीबद्ध कर अर्थदण्ड रूपये 3,37,500/- वसूल किया गया। अन्य उल्लेखित ग्राम- इमलई तथा ग्राम- सिंगलदीप में अवैध रेत खनन का कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि के पट्टों का वितरण
[आदिमजाति कल्याण]
4. ( क्र. 387 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि के पट्टा) व्यक्तिगत एवं सामुदायिक के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं उनका कब तक निराकरण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित किन किनके आवेदन पत्र ग्राम सभा एवं उपखण्ड स्तरीय समिति द्वारा कब-कब, क्यों निरस्त किये गये? संबंधितों को सूचना कब, किस माध्यम से दी गई (ग) सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों एवं स्थानों पर किया जा सकता है इस संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? प्रति दें। (घ) रायसेन जिले में उक्त प्रकरणों के संबंध में 1 जनवरी 17 से जून 19 तक किन-किन सांसद-विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में वर्णित वन भूमि पर एवं धारा 3 (1) में वर्णित प्रयोजनों हेतु सामुदायिक अधिकार दिये जा सकते है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
निकायों को प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 392 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से जून 19 तक की अवधि में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों को किस-किस मद योजना में वर्षवार कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? (ख) उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ करवाये, कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं, कार्यवार कारण बतायें, उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (ग) जून 2019 की स्थिति में किन-किन पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन क्यों नहीं किया गया कार्य पूर्णता की दिनांक बतायें, अंतिम मूल्यांकन कब तक होगा। (घ) कार्यपालन यंत्री द्वारा उक्त अवधि में किन-किन कार्यों का कब-कब निरीक्षण किया? उक्त निरीक्षण के समय उक्त पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन क्यों नहीं किया।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' पर है। (घ) कार्यपालन यंत्री द्वारा किये गये कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। उपयंत्री द्वारा किये गये कार्यों का मूल्यांकन कर कार्यपालन यंत्री से परीक्षण उपरान्त अंतिम अनुमोदन किया जाता है।
राजगढ़ विधान सभा अंतर्गत नवीन आवासीय छात्रावास की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
6. ( क्र. 630 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधान सभा अंतर्गत विगत 10 वर्षों में कितने आवासीय छात्रावास प्रारम्भ हुए, प्रारम्भ होने का वर्ष दर्शाते हुए जानकारी दें? (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार राजगढ़ विधान सभा की शिक्षण संस्थाओं की संख्या तथा विद्यार्थी की संख्या के अनुरूप क्या उक्त आवासीय छात्रावास नियमानुसार पर्याप्त संख्या में है? यदि हाँ, तो नियम किस कंडिका के अनुसार आवासीय छात्रावास पर्याप्त संख्या में है? (ग) प्रश्न कंडिका (ग) अनुसार शिक्षण संस्थान एवं छात्रों के संख्या के आधार यदि क्या आवासीय छात्रावास की पर्याप्त नहीं है तो? क्या शासन राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नये आवासीय छात्रावास स्वीकृत करेगा यदि हाँ, तो कितने एवं कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एक बालिका छात्रावास वर्ष 2011-12 से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए एक 50 सीटर छात्रावास वर्ष 2017-18 तथा एक 100 सीटर बालक आवासीय छात्रावास वर्ष 2017-18 से संचालित है। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नवीन आवासीय छात्रावास बजट उपलब्धता या समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत भारत सरकार की स्वीकृति पर निर्भर करता है।
सीवेज निर्माण के उपरांत खराब हुई सड़कों को दुरूस्त किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 692 ) श्री सुदेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर नगर में सीवेज निर्माण हेतु कुल कितनी राशि स्वीकृत हुई थी तथा योजना में मापदण्ड अनुसार उससे कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये गये हैं। (ख) क्या निर्माण कार्य हेतु जो सड़कें खोदी गईं थीं उनकी मरम्मत हेतु अलग से कितनी राशि स्वीकृत की गई थी एवं सड़क की मरम्मत हेतु जो मापदण्ड किये गये थे उस अनुसार मरम्मत कार्य सही एवं पूर्ण नहीं होने से सम्पूर्ण नगर की सड़कें गड्ढों में परिवर्तित हो गईं हैं और दुर्घटना होने से विगत दिनों एक युवक की मृत्यु हो गई थी जिसको लेकर नगर में रोष भी था, यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या वर्षाकाल का समय निकट होने से यदि समय रहते हुये सड़कों की मरम्मत का कार्य पूर्ण नहीं हो सका तो काफी दुर्घटना घटित होगी, यदि हाँ, तो वर्षाकाल के पूर्व सड़कों की मरम्मत हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राशि रू. 50.00 करोड़। निम्नानुसार कार्य किये गये हैं- (1) पाइपों का प्रदाय, पाइप जोड़े जाने एवं मैन होल निर्माण। (2) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट क्षमता 12 एम.एल.डी. का निर्माण। (3) घरेलू कनेक्शन हेतु चेम्बर निर्माण। (4) विद्युत व्यवस्था प्रदाय हेतु एच.टी. लाईन। (5) घरों को सीवर कनेक्शन प्रदाय। (ख) जी हाँ। राशि रू. 12.36 करोड़। सड़कों की मरम्मत निर्धारित मापदण्ड अनुसार की गयी है। संपूर्ण सड़कें गड्ढों में परिवर्तित नहीं हुई हैं, अपितु कुछ स्थानों पर सीवर लाईन ज्यादा गहरायी लगभग 5 से 6 मीटर पर डाली गई है, जिसका पुनर्भराव सामग्री के बैठने के कारण कुछ स्थानों पर सड़क बैठ गई हैं, जिसकी मरम्मत संविदाकार द्वारा निरंतर की जा रही है। प्रतिवेदित किया गया है कि नगर पालिका परिषद, सीहोर द्वारा सड़क खराब होने की वजह से किसी युवक की दुर्घटना में न मौत हुई है और न ही किसी तरह का रोष व्याप्त था। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सड़कों का मरम्मत कार्य निरंतर किया जा रहा है एवं यथासमय पूर्ण कर लिया जायेगा।
नर्मदा नदी का संरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 764 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा में किन-किन शहरों का सीवेज/गंदा नाले का पानी/औद्योगिक इकाईयों का अपशिष्ट बिना शुद्धीकरण के मिल रहा है? पृथक-पृथक जानकारी दी जाए। (ख) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु शासन द्वारा क्या कार्य योजना तैयार की गई है एवं इस योजना में क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान किया गया था एवं कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? (ग) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु बनाई गई कार्ययोजना में कितना व्यय संभावित है एवं वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जिन शहरों का सीवेज/गंदे नाले का पानी नर्मदा में मिल रहा है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (ख) एवं (ग) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु शासन द्वारा कराये जाने वाले कार्यों, किये जा रहे कार्यों पर होने वाला संभावित व्यय एवं वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर है।
इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में कोचिंग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 883 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया, श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में कितनी कोचिंग संस्थान विभाग के पास रजिस्टर्ड है कोचिंग संचालन हेतु कौन-कौन से नियमों का पालन करना आवश्यक है यह नियम कब से प्रभावशील है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत 1 जनवरी 17 के पश्चात विभाग के किस-किस जिम्मेदार अधिकारी ने, कब-कब, इन कोचिंग संस्थानों की, कहाँ-कहाँ जाँच की? इनमें क्या-क्या कमियाँ पायी गयी? (ग) क्या इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के बड़े शहरों में चौथी एवं पाँचवीं माला पर संचालित इन कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए नगर निकाय, उच्च शिक्षा एवं प्रशासनिक अधिकारियों की कभी कोई बैठक आयोजित नहीं की गयी? प्रदेश के हजारों बच्चों की सुरक्षा एवं शोषण को रोकने के लिए विभाग के पास क्या नियम हैं? (घ) क्या प्रदेश सरकार कोचिंग सेंटर को अपने नियंत्रण में लाकर इनके संचालन, फीस वसूली, भवन, भूमि सुविधा के संबंध में अध्यादेश लाने तथा विधानसभा में नवीन अधिनियम बनाने की कार्यवाही कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी नहीं।
खण्डवा के अपूर्ण बस स्टैण्ड के निर्माण को पूर्ण किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 1162 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगर के दादाजी वार्ड में बनाये गये उप बस स्टैण्ड पर निगम द्वारा कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई है? (ख) क्या उक्त बस स्टैण्ड आरंभ करने के पूर्व निगम द्वारा परिषद की साधारण सभा में प्रस्ताव पास किया गया था? यदि हाँ, तो उसमें कितने पार्षदों द्वारा सहमति प्रदान की गई थी? (ग) क्या दादाजी वार्ड के उप बस स्टैण्ड के आरंभ होने पर मुख्य बस स्टैण्ड जो कि रेल्वे स्टेशन के पास होने से यात्रियों के लिये अत्यंत सुविधाजनक है, को पूरी तरह बंद किये जाने का भी प्रस्ताव लिया गया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या निगम का यह निर्णय पूर्ण रुप से व्यवहारिक था? क्या इसमें नगर के गणमान्य नागरिकों एवं रेल यात्रियों का सुझाव लिया गया था? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या उक्त बस स्टैण्ड के निर्माण पर शासन के करोड़ों रु. खर्च करने के उपरान्त भी निगम द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिये शौचालय एवं पीने के पानी की मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो उक्त लापरवाही के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) खण्डवा नगर के दादाजी वार्ड में बनाये गये उप बस स्टैण्ड पर निगम द्वारा निम्नानुसार कार्यों पर व्यय किया गया है:- 1. बाउण्ड्रीवाल राशि रू. 16,06,219/- 2. डामरीकरण राशि रू. 84,97,464/- 3. टीन शेड राशि रू. 16,62,812/- (ख) जी हाँ। प्रस्ताव पर 43 पार्षदों द्वारा सहमति प्रदान की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) नगर निगम द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए शौचालय एवं पीने के पानी की व्यवस्था की है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत अपूर्ण विद्यालय भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 1181 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किकृपया माननीय मंत्री महोदय यह बताने का कष्ट करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत कुल ऐसे कितने विद्यालय हैं जिनके भवन का निर्माण कार्य अधूरा है? ऐसे विद्यालय भवनों के अधूरा रहने का क्या कारण है? (ख) क्या ग्राम पंचायत बेलवा सुरसरी सिंह में स्थित विद्यालय के अधूरे भवन के निर्माण हेतु सत्र 2017-18 में तत्कालीन मंत्री महोदय के द्वारा सदन में राशि देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि उक्त भवन के निर्माण हेतु स्वीकृत की गई? (ग) क्या कारण है कि 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी बेलवा सुरसरी सिंह विद्यालय के अधूरे भवन का निर्माण पूर्ण नहीं कराया जा सका? अधूरे विद्यालय भवन का निर्माण कब तक पूर्ण कराया जा सकेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन कार्य हेतु निर्माण एजेन्सी की मांग अनुसार राशि रू. 8.45 लाख प्रदान की गई थी। (ग) निर्माण एजेन्सी की लापरवाही के कारण भवन निर्माण पूर्ण नहीं कराया जा सका। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक 5590 दिनांक 04.07.2019 द्वारा अपूर्ण कार्य तत्काल पूर्ण कराने हेतु लेख किया गया है।
अनुसंधान विस्तार उपकेन्द्र के तहत संचालित नर्सरियां
[वन]
12. ( क्र. 1267 ) श्री जसमंत जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर वृत्त में एवं शिवपुरी जिले सहित करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत अनुसंधान विस्तार उपकेन्द्र के तहत नर्सरियां कहाँ-कहाँ स्थित हैं इन नर्सरियों द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कितनी लागत के किये गये हैं वर्षवार, कार्यवार विस्तृत ब्यौरा देवें। (ख) उक्त नर्सरियों में संबंधित प्रभारी अधिकारी द्वारा 18 लाख मिट्टी की थैलियां तैयार कराई गई हैं उन थैलियों को विभाग द्वारा किस स्थान से तथा कितनी राशि व्यय कर प्राप्त की गई है विस्तृत विवरण देवें। (ग) इन नर्सरियों में सौर उर्जा संयंत्र भी स्थापित किया गया है उस स्थापित संयंत्र का उपयोग किस कार्य में किया जाता है क्या ग्राम टुकी उपकेन्द्र के तत्कालीन प्रभारी अधिकारी द्वारा पानी के टैंकरों को भरवाकर लगभग 13.00 लाख रू. का पानी विक्रय का कार्य किया गया है यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) इन नर्सरियों में मिट्टी की थैलियों को तैयार करने में लगाये गये मजदूरों को मजदूरी का भुगतान 1-25 रूपये के स्थान पर मात्र 60 पैसे प्रतिथैली के मान से किया गया है भुगतान किये गये समस्त मजदूरों की सूची एवं भुगतान कोषालय शीट उपलब्ध कराई जावे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त, ग्वालियर के तहत तपोवन ग्वालियर, छौलियाना भिंड, देवरी मुरैना, अंगूरी बैराज वं भूता दतिया, ईको सेंटर श्योपुर एवं शिवपुरी जिले में एरावन-1, एरावन-2 (टुकी), भेडफार्म तथा वन विद्यालय नर्सरियां स्थित हैं। करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कोई नर्सरी स्थापित नहीं है। इन नर्सरियों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-A अनुसार है। (ख) उक्त नर्सरियों में तैयार कराई गई थैलियों के क्रय एवं उस पर हुए व्यय का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-B अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित 10 रोपणियों में से 08 रोपणियों में सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित है जिसका उपयोग पौधों की सिंचाई हेतु किया जाता है। टुकी रोपणी में तत्कालीन प्रभारी अधिकारी द्वारा पानी के टैंकरों को भरवाकर कोई भी पानी विक्रय नहीं किया गया है। अत: विभाग द्वारा कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नर्सरियों में मिट्टी की थैलियों में तैयार करने में लगाये गये मजदूरों को मजदूरी का भुगतान विभागीय जॉब दर अनुसार किया गया है। भुगतान किये गये समस्त मजदूरों की सूची एवं कोषालय भुगतान शीट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-C अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत स्वीकृत प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 1281 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत 31 मई 2019 तक शहरी क्षेत्र बैतूल में किस-किस को इस योजना अन्तर्गत लाभ पहुंचाया गया है? हितग्राही का नाम एवं पता बताएं। (ख) इनमें से कितने हितग्राही ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं, जिन्हें इसका लाभ दिया गया है? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) इनमें से कितने हितग्राही निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं, जिन्हें इसका लाभ दिया गया है? सूची उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत नगर पालिका परिषद, बैतूल के शहरी क्षेत्र में कुल 2101 हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समस्त हितग्राही नगरीय क्षेत्र बैतूल के निवासी हैं, जिन्हें लाभ दिया गया है। (ग) योजना अंतर्गत हितग्राहियों से इस प्रकार के कोई दस्तावेज नहीं लिए जाते, जिससे यह सिद्ध हो कि उक्त हितग्राही जन प्रतिनिधि है।
नगरपालिका परिषद बैतूल की लाखापुर डेम की पेयजल योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1282 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद बैतूल द्वारा बैतूल नगर की पेयजल व्यवस्था हेतु लाखापुर डेम से पानी लाने हेतु क्या किसी प्रकार का कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो स्वीकृत लागत एवं कार्यादेश दिनांक बताएं? (ख) उपरोक्त प्राक्कलन में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हैं? प्राक्कलन की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त कार्य समयावधि में पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा एवं इसका लाभ शहरवासियों को कब तक प्राप्त हो सकेगा? क्या पेयजल व्यवस्था हेतु उपरोक्त डेम में पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य की लागत राशि रू. 201.43 लाख है। निविदा पश्चात कार्य की लागत राशि रू. 224.99 लाख है। दिनांक 01.09.2016 को कार्यादेश दिया गया है। (ख) उक्त कार्य अंतर्गत 18500 मीटर आर.सी.सी. (एनपी-3) पाईप लाइन बिछाया जाना प्रस्तावित है। प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं हुआ। वन भूमि में से पाईप लाइन बिछाये जाने की अनुमति वन विभाग से विलंब से प्राप्त होना तथा पाईप लाइन बिछाये जाने के दौरान मलकापुर आदि ग्राम के कृषकों द्वारा विरोध किये जाने के कारण कार्य में विलंब हुआ। (घ) उक्त कार्य अगले 06 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना लक्षित किया गया है। योजना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत रहवासियों को लाभ प्राप्त हो सकेगा। पर्याप्त वर्षा होने के पश्चात उक्त डेम में पानी की पर्याप्त उपलब्धता रहती है।
जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यों की जांच
[पशुपालन]
15. ( क्र. 1292 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ मर्या. मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा परिवीक्षा अवधि कब पूर्ण की गयी इनकी नियुक्ति कब हुई, परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने के पश्चात कब स्थाई किया गया? (ख) दीपक शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी दुग्ध संघ मर्या. जबलपुर की नियुक्ति कब हुई किन किन जिलों में पदस्थ रहे इनके विरूद्ध किस-किस जिले में शिकायत हुई, कहाँ-कहाँ दोषी पाये गए तथा क्या-क्या कार्यवाही हुई? पूर्ण जानकारी देवें? (ग) जबलपुर दुग्ध संघ मर्या. में निम्न स्तर के बटर का उपयोग कर घी बनाया जाता है। क्या उसकी जाँच कर उचित कार्यवाही की जायेगी। (घ) दीपक शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी दुग्ध संघ मर्यादित जबलपुर द्वारा फर्जी बिल ई.टी.पी. लगाकर सरकारी राशि का दुरूपयोग करने संबंधी शिकायत लांजी किरनापुर विधायक द्वारा की जाकर जाँच कर उचित कार्यवाही हेतु पत्र लिखा था, तो क्या जाँच कराकर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो जानकारी देवें, नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति दिनांक 14.08.2007 को हुई। इनके द्वारा दिनांक 06.09.2007 को उपस्थिति दी गयी। परिवीक्षा अवधि पूर्ण नहीं हुई है कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) श्री दीपक शर्मा की पदस्थी एवं शिकायतों का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
पदस्थी स्थान |
अवधि |
शिकायत का विवरण |
1 |
जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर के जिला शहडोल में परियोजना अधिकारी |
2006 से 2007 तक |
विभागीय जाँच प्रचलन में है। |
2 |
इन्दौर सहकारी दुग्ध संघ इन्दौर |
2007 से 2009 तक |
निरंक |
3 |
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ भोपाल |
2009 से 2012 तक |
निरंक |
4 |
इन्दौर सहकारी दुग्ध संघ इन्दौर |
2013 से 2015 तक |
निरंक |
5 |
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ उज्जैन |
2015 से 2016 तक |
विभागीय जाँच प्रचलन में है। |
6 |
एम.पी.सी.डी.एफ. भोपाल |
2016 से 2017 तक |
निरंक |
7 |
जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर |
वर्ष 2017 से निरंतर |
शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है। |
(ग) जी नहीं। जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ में निम्न स्तर के बटर की जाँच एम.पी.सी.डी.एफ. के जाँच दल द्वारा निरीक्षण के समय की गई थी। जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) एम.पी.सी.डी.एफ. के पत्र क्रमांक 1660 दिनांक 08.05.19 के माध्यम से ई.टी.पी. कार्य से संबंधित समस्त मूल दस्तावेज बुलाये गये हैं। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
बालाघाट जिले में विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य
[वन]
16. ( क्र. 1294 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग बालाघाट के द्वारा जिला बालाघाट की जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत नांदगांव में जिला पंचायत बालाघाट के आदेश क्र. 1672 एवं 1673 दिनांक 07-03-2017 के तहत मनरेगा अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से कराये गये थे? (ख) क्या वन विभाग के द्वारा उक्त निर्माण कार्य को पूर्ण करा लिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों उसका भौतिक सत्यापन कराया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या उक्त निर्माण कार्य की सी.सी. (कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र) जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब किस दिनांक को? क्या उक्त निर्माण कार्य में सामग्री व्यय के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है, यदि नहीं, तो कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी लागत से किस-किस दिनांक को व्यय की गई? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य के पूर्ण हो जाने पर बची राशि शासन को वापस कर दी गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि कब-कब, किस-किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त निर्माण कार्य की जाँच कब तक करायी जाकर अवगत कराया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वन विभाग द्वारा उक्त दोनों कार्यों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। कार्य का भौतिक सत्यापन दिनांक 28.11.2018 को किया गया है। (ग) जी हाँ। उक्त दोनों निर्माण कार्यों की सी.सी. (कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र) को वनमण्डल अधिकारी, दक्षिण सामान्य वनमण्डल बालाघाट के पत्र क्रमांक-1914, दिनांक 07.03.2019 से जिला पंचायत बालाघाट की ओर प्रेषित किया गया है। उक्त निर्माण कार्य की जाँच हेतु वनमंडलाधिकारी दक्षिण सामान्य बालाघाट द्वारा आदेशित किया गया है। निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री एवं लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्यों की जाँच हेतु वनमंडलाधिकारी दक्षिण (सामान्य) बालाघाट द्वारा आदेशित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विकास कार्यों में की गई अनियमितता की जाँच
[वन]
17. ( क्र. 1330 ) श्री जसमंत जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार वन विभाग/माधव राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न योजनाओं के तहत क्या-क्या विकास कार्य किये गये हैं तथा उन विकास कार्य में क्या शौचालय आदि भी सम्मिलित हैं? (ख) ऐसे कितने कार्य हैं जो वर्तमान तक पूर्ण हो चुके हैं, अपूर्ण हैं तथा किन्हीं कारणों से अप्रांरभ हैं अप्रांरभ रहने के क्या-क्या कारण हैं तथा जो पूर्ण हो गये हैं उनका पूर्णता प्रमाण पत्र किस सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया है तथा अपूर्ण कार्यों पर अब तक कितनी राशि व्यय की गई है तथा उनका अद्यतन मूल्यांकन किन के द्वारा किया गया? (ग) क्या रेंज कम्पीस सतनबाड़ा में नवीन शौचालय निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति रू. 98000- की जारी की गई थी, उक्त शौचालय के नाम पर मात्र पुराने शौचालय को टिपटाप कर नवीन शौचालय दर्शाया जाकर राशि रू 98000.00 का व्यय दर्शाकर राशि खुर्दबुर्द कर दी गई है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कितने शौचालय एवं विकास कार्य हैं और उनमें किस स्तर के अधिकारी द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन कर कार्य का अद्यतन मूल्यांकन कर राशि का भुगतान किया गया है वर्षवार ब्यौरा देवें तथा उनके नाम पदनाम भी बतावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार पूर्ण कार्य संख्या 120 एवं अपूर्ण कार्य 01 है। कोई कार्य अप्रारंभ नहीं है। पूर्ण कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र सहायक संचालक/परिक्षेत्र अधिकारी माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी द्वारा जारी किया गया है। अपूर्ण कार्य पर प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 3,05,865/- व्यय की गई है एवं उसका मूल्यांकन समय-समय पर सहायक संचालक, माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी द्वारा किया गया है। (ग) रेंज कैम्पस सतनवाड़ा में नवीन शौचालय निर्माण की तकनीकी स्वीकृति रूपये 98000/- की जारी की गई थी एवं शौचालय निर्माण कार्य 2015-16 में पूरा हो चुका था, परन्तु दिनांक 28.03.2019 को परिक्षेत्र सतनबाड़ा में निर्मित शौचालय के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई, जिसकी जाँच सहायक संचालक, माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी द्वारा की गई। सहायक संचालक के प्रतिवेदन के अनुसार शौचालय निर्माण कार्य में अनियमितता पाये जाने पर परिक्षेत्र अधिकारी सतनबाड़ा को माधव राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय के पत्र क्रमांक/769, दिनांक 02.05.2019 से कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया। कारण बताओ सूचना पत्र का उत्तर वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा अपने पत्र क्रमांक-387, दिनांक 27.06.2019 से प्रस्तुत किया गया है। परिक्षेत्राधिकारी द्वारा प्रस्तुत जवाब में उल्लेखित तथ्यों के मूल्यांकन एवं परीक्षण हेतु माधव राष्ट्रीय उद्यान के कार्यालयीन आदेश क्रमांक/273, दिनांक 12.07.2019 से एक समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं गुणदोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों का विभाग द्वारा पालन नहीं किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 1343 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लाभ हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा आदेश क्रमांक सी 3-09/2017/3/एक भोपाल दिनांक 25-10-2017 (या अन्य किसी आदेश क्रमांकों से) 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों से तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान दिये जाने का आदेश प्रसारित किया गया है? यदि हाँ, तो जारी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशों का पूर्णतया क्रियान्वयन क्या रीवा जिले में हो गया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? रीवा जिले में उक्त आदेश का पालन प्रश्नतिथि तक क्यों नहीं हुआ? किस-किस को इसका लाभ प्रश्नतिथि तक नहीं मिला उसकी संख्यावार/जिलेवार जानकारी दें? कब तक दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशों के उपरांत प्रश्नांश (ख) में ऐसे प्रधानाध्यापकों/व्याख्याताओं की संख्या जिलेवार दें, जिनकी शिक्षा विभाग में प्रथम नियुक्ति (यू.डी.टी.) के पद पर हुई थी? (घ) प्रश्नांश (क) में जारी आदेशों के बाद प्रश्नांश (क),(ख) में जिन शिक्षकों को उक्त लाभ प्रश्नतिथि तक नहीं दिया, उनकी संख्या जिलेवार दें। उक्त प्रकरण के निराकरण हेतु जिलेवार किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है? प्रकरण में कब तक आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित आदेश के अनुपालन में रीवा जिला अंतर्गत पात्रतानुसार सहायक शिक्षक से 30 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले 1706 लोकसेवकों को तथा शिक्षक सवंर्ग से 30 वर्ष सेवा पूर्ण करने के पश्चात् 290 लोक सेवकों को तृतीय क्रमोन्नति का लाभ देने हेतु आदेश जारी किये गये हैं। शेष सहायक शिक्षक से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण पश्चात् 233 एवं शिक्षक पद से 30 वर्ष सेवा पूर्ण पश्चात 54 लोक सेवकों के प्रस्ताव तैयार कर विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक की कार्यवाही उपरांत आदेश जारी किये जायेंगे। (ग) रीवा जिला अंतर्गत प्रधानाध्यापकों की संख्या 317 तथा व्याख्याताओं की संख्या 137 कुल संख्या 454, जिनकी प्रथम नियुक्ति शिक्षक के पद पर की गई है। (घ) रीवा जिला अंतर्गत सहायक शिक्षक से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण पश्चात् 233 एवं शिक्षक पद से 30 वर्ष सेवा पूर्ण पश्चात 54 लोक सेवकों की कुल संख्या 287 है। रीवा जिले में गठित जिला स्तरीय पदोन्नति/क्रमोन्नति समिति के सदस्यों की जानकारी इस प्रकार हैः- 1. कलेक्टर द्वारा नामांकित उप जिलाध्यक्ष-अध्यक्ष, 2. जिला शिक्षा अधिकारी - सदस्य सचिव, 3. प्राचार्य उ.मा.वि. स्तर- सदस्य, 4. प्राचार्य उ.मा.वि. (एस.सी/एस.टी.) - सदस्य। क्रमोन्नति दिया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उमरिया जिले में नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1360 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले की नगर पंचायत नौरोजाबाद में नल-जल योजना का शुभारंभ कब हुआ? (ख) क्या उक्त नल-जल योजना हेतु राज्य शासन द्वारा कोई राशि आबंटित की गई? यदि हाँ, तो कितनी? (ग) उक्त नल-जल योजना के पूर्ण करने में शिथिलता क्यों बरती जा रही है और उक्त योजना कब तक पूर्ण कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उमरिया जिले की नगर पंचायत, नौरोजाबाद में नल-जल योजना का कार्य दिनांक 29.05.2012 को प्रारंभ हुआ है। (ख) उक्त नल-जल योजना हेतु शासन द्वारा राशि रू. 474.30 लाख अनुदान राशि आबंटित की गई है। (ग) योजना के पूर्ण करने के संबंध में किये गये विलंब के कारणों की जाँच कराई जा रही है। योजना दिसम्बर, 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[आदिमजाति कल्याण]
20. ( क्र. 1431 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 978 दिनांक 01.03.2016 के उत्तरांश में बताया गया था कि, विभिन्न श्रेणी के जैसे सहायक आयुक्त के 18 पद, जिला संयोजक के 23 पद, विकासखण्ड जिला शिक्षा अधिकारी 18 पद, क्षेत्र संयोजक के 38 रिक्त पदों की पूर्ति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पदोन्नति नियमानुसार की जायेगी। (ख) क्या आज भी सहायक आयुक्त के पदों पर प्रभारी के रूप में कार्यरत है, जबकि कुछ मंडल संयोजक उच्चतर वेतनमान प्राप्त हैं एवं पदोन्नति की प्रत्याशा में हैं? (ग) क्या शासन एक ही पद पर वर्षों से कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान कर प्रभारी के रूप में पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। परन्तु मंडल संयोजक, सहायक आयुक्त का वेतनमान प्राप्त नहीं कर रहे हैं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों हेतु संचालित योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1525 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्थानीय निकायों में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों (स्थाई-अस्थाई) तथा 25 दिवस 31 दिवस श्रमिकों के लिए क्या-क्या योजना संचालित है? (ख) ग्वालियर नगर निगम में कितने अस्थाई/कुशल/अकुशल श्रमिक वर्तमान में कार्यरत हैं? उनकी कितनी अवधि पूर्ण हो चुकी है? (ग) क्या कार्यरत कर्मचारियों/श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्यु एवं घायल तथा अनुकंपा नियुक्ति आदि का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या किया जावेगा? (घ) क्या ग्वालियर वार्ड 61 के अंतर्गत सफाई कर्मचारी सितम्बर 2019 में पैर कटने से दुर्घनाग्रस्त हुआ था? यदि हाँ, तो शासन/निगम प्रशासन द्वारा क्या सुविधा दी गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरीय निकायों में कार्यरत नियमित कर्मचारियों के लिये परिभाषित अंशदान पेंशन योजना तथा म.प्र. नगर पालिका कर्मचारी बीमा सह बचत योजना संचालित है। अस्थाई/दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के लिये कर्मचारी राज्य बीमा योजना संचालित है। (ख) नगर पालिक निगम ग्वालियर में विनियमित (स्थायी कर्मी) कुशल-437, अर्धकुशल-399, अकुशल-2033, कुल 2869 है। 16 मई 2007 से 01 सितबंर 2016 तक की अवधि में सेवारत 263 श्रमिक एवं शेष 2606 दैनिक वेतन भोगी 16 मई 2007 से 01 सितबंर 2016 के पूर्व के हैं। आउटसोर्स ठेके पर राज सिक्योरिटी फोर्स के माध्यम से 1850 श्रमिक कार्यरत हैं। उक्त ठेका दिनांक 27.03.2018 से दिया गया है जिसकी अवधि एक वर्ष 06 माह हो चुकी है। 20 श्रमिक कलेक्टर दर पर कार्यरत हैं जिनकी समय-सीमा दिनांक 10.05.2019 से 89 दिवस के लिये स्वीकृत है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र अनुसार नियमित कर्मचारियों की मृत्यु होने पर परिवार के आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति एवं एक्सग्रेसिया के रूप में 50 हजार रूपये भुगतान किये जाने का प्रावधान है तथा कर्मचारी के चिकित्सा उपचार संबंधी प्रावधान है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है, परंतु उसके परिवार के आश्रित सदस्य को एक मुश्त रूपये 2.00 लाख (रूपये दो लाख) की राशि अनुकंपा अनुदान के नाम से दी जाएगी एवं वित्त विभाग के परिपत्र अनुसार दैनिक वेतनभोगी/स्थायीकर्मी की मृत्यु अथवा सेवानिवृति होने पर मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान (ग्रेच्युटी) का भुगतान, उपादान भुगतान अधिनियम 1972 के प्रावधान के अंतर्गत किया जाएगा एवं कर्मचारी राज्य बीमा योजना अंतर्गत बीमारी/अपंगता हितलाभ का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। उक्त कर्मचारी आउटसोर्स एजेंसी राज सिक्योरिटी फोर्स का होने के कारण नगर निगम द्वारा कोई सुविधा नहीं दी गई है, परंतु आउट सोर्स एजेंसी राज सिक्योरिटी फोर्स द्वारा 25 हजार रूपये की तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। कर्मचारी राज्य बीमा योजना अंतर्गत उक्त कर्मचारी पंजीकृत है। अत: नगर पालिक निगम द्वारा संबंधित एजेंसी को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।
माधव अंधाश्रम में निवासरत बच्चों को अनुदान राशि का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
22. ( क्र. 1534 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर माधव अंधाश्रम में निवासरत बच्चों को शासन द्वारा अनुदान राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो किस कार्य हेतु कितनी मात्रा में? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। विगत तीन वर्षों के आवंटन की प्रति उपलब्ध करावें? कितनी-कितनी अनुदान राशि दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या माधव अंधाश्रम को प्रदाय किये जाने वाला अनुदान छात्रों की संख्या के अनुपात में अपर्याप्त नहीं है? यदि हाँ, तो शासन क्या कार्यवाही करेगा? अवगत करावें। (ग) क्या शासन माधव अंधाश्रम को शिक्षा के साथ रोजगारोन्मुखी गतिविधियां संचालित करने हेतु कार्ययोजना तैयार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा नियमित रूप से स्वैच्छिक संस्था माधव अंधाश्रम में अध्ययनरत छात्रों के भरण-पोषण एवं कार्यरत कर्मचारियों को वेतन/मानदेय राशि उपलब्ध कराई जाती है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं विगत तीन वर्षों के आवंटन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। संस्था को दी गई अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ख) जी नहीं, माधव अंधाश्रम को प्रदाय किये जाने वाला अनुदान छात्रों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 16,17 एवं 19 दिव्यांगजनों के समेकित शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिये सशक्त करता है। शासन के विभिन्न विभाग तकनीकी शिक्षा, उद्योग, ग्रामीण एवं नगरीय प्रशासन विभाग आदि द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हैं। अत: पृथक से माधव अंधाश्रम के छात्रों के लिए रोजगारोन्मुखीकरण गतिविधियां संचालित करने, कार्ययोजना की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन, गेज्युटी का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 1592 ) श्री संजय शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से माननीय न्यायालय के स्थगन आदेश के आधार पर कितने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी/कर्मचारी/उपसंचालक व इससे उच्च पदों (संयुक्त संचालक, अपर संचालक, संचालक, प्राचार्य डायट एवं शिक्षा महाविद्यालय) पर कार्यरत रहे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सम्बद्ध अधिकारियों को 60 वर्ष के आधार पर पेंशन सेवानिवृत्ति संबंधी स्वत्व यथा पेंशन, ग्रेच्युटी आदि उपादान का पूरा भुगतान किस-किस अधिकारी को किया गया है और किस-किस को नहीं किया गया है? भुगतान करने और न करने का कारण अधिकारीवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समरूप प्रकरणों में अनेक अधिकारियों को 60 वर्ष के आधार पर पेंशन, ग्रेच्युटी आदि का भुगतान करने एवं शेष को लम्बे समय तक न देने की विभेदकारी स्थिति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या उन पर नियमानुसार विलम्ब हेतु दण्ड आरोपित किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभेदकारी स्थिति के कारण वंचित शेष अधिकारी को भुगतान कब तक किया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) विभेदीकरण जैसी कोई स्थिति नहीं है। इस विषय पर माननीय उच्च न्यायालय में संस्थित न्यायालयीन याचिकाओं पर पारित अंतरिम निर्णयों के अनुसार कार्यवाही की गई है, माननीय न्यायालय के अंतिम निर्णय अनुसार अग्रेतर कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
इन्दौर स्थित मारूति मंदिर की भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 1612 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित ग्राम खजराना की योजना क्र. 53 में समाविष्ट खसरा नं. 532 जिसका रकबा 1.333 हेक्टेयर है, जो कि मारूति मंदिर की भूमि है। क्या उक्त भूमि पर कलेक्टर द्वारा प्लॉट आबंटित कर दिए गए हैं। (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर द्वारा आबंटित प्लॉटों की सूची एवं जिन नियमों, प्रावधानों के अंतर्गत इन्हें आबंटित किया गया है, की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राजस्व रिकार्ड खसरा अभिलेख अनुसार खजराना स्थित सर्वे नं. 532 रकबा 2.493 हेक्टेयर भूमि मारूति मंदिर व्यवस्थापक कलेक्टर इंदौर देव स्थान के नाम से दर्ज है। उक्त भूमि पर कलेक्टर द्वारा प्लॉट आबंटित नहीं किये गए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनभूमि पर अवैध कब्जाधारियों पर कार्यवाही
[वन]
25. ( क्र. 1664 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वनभूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्यों के कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? उन प्रकरणों पर क्या कार्यवाही की गई है? कितने लंबित हैं तथा कितने प्रकरणों पर अवैध कब्जा हटाकर कब्जाधारियों पर क्या कार्यवाही संस्थित की गई है? वन परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या वन भूमि एवं राजस्व भूमि के सीमांकन को लेकर मतभेद बने हैं, यदि हाँ, तो इसके लिए शासन द्वारा एवं दोनों विभागों द्वारा कोई सर्वे या योजना पर कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वह कब पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि नहीं तो इस विषय में आगे विभाग द्वारा क्या कोई ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं या उठाए जाएंगे, जिससे वन/राजस्व के विवादित मामलों का निराकरण हो सके?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वन भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्यों के कुल 43 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। उक्त 43 प्रकरणों में से 24 प्रकरणों में अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण दर्ज कर माननीय न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये गये, 14 प्रकरणों में बेदखली की कार्यवाही की गई है, 01 प्रकरण में अपराधी की मुत्यु हो जाने पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष 04 प्रकरण परिक्षेत्र स्तर पर लंबित हैं। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। दमोह जिले अंतर्गत वन राजस्व सीमा विवाद के बावत् कलेक्टर, भू-अभिलेख शाखा दमोह के पत्र दिनांक 06.03.2009 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वन-राजस्व सीमा विवाद के निराकरण हेतु एक समिति बनाए जाने पर विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है।
योजनांतर्गत विकास कार्य
[आदिमजाति कल्याण]
26. ( क्र. 1666 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 2 वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों में कितने परिवारों को शासन द्वारा किस योजना के तहत लाभ प्रदान किया गया है? ग्रामवार एवं विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विगत 2 वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्य कराये गये हैं? कितने प्रस्तावित हैं? कितने स्वीकृत हैं? ग्रामवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 02 वर्षों में विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विगत 02 वर्षों में ग्रामों में कराये गये विकास एवं निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विगत 02 वर्षों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना अन्तर्गत प्राप्त आवंटन के विरूद्ध 87 कार्य प्रस्तावित किये गये जिसमें 77 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई, इसी प्रकार संविधान के अनुच्छेद 275 (1) योजना/मद एवं विशेष केन्द्रीय सहायता 2017-18 में 12 कार्य स्वीकृत किये गये हैं तथा इस मद अंतर्गत वर्ष 2017-18 में 39 कार्य प्रस्तावित किये गये हैं तथा 2018-19 में 25 कार्य प्रस्तावित किये गये हैं एवं 08 कार्य कराये गये हैं।
ग्वालियर जिले में संचालित क्रेशर
[खनिज साधन]
27. ( क्र. 1681 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्तमान क्रेशर किन-किन स्थानों पर कहाँ-कहाँ संचालित हैं? काली गिट्टी क्रेशरों की संख्या कितनी है? फर्म/प्रबंधक का नाम स्थान सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन क्रेशरों को कितने अवधि एवं रकबे की अनुमति दी गई? (ग) क्या क्रेशर से गिट्टी परिवहन वाले वाहन स्थानीय सड़कों की वाहन भार क्षमता (एम.एस.ए.) से अधिक के भार के वाहन निकालने के कारण सभी पुलिया एवं सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो पुलिया की संख्या, सड़कों के नाम, लंबाई एवं एजेंसी की सूची नाम सहित उपलब्ध करावें। (घ) क्या शासन उपरोक्त सड़कों से निकलने वाले वाहनों की क्षमता के अनुरूप क्रेशर मालिकों के (सी.एस.आर.-कार्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) मद से निर्मित करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या क्रेशरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण से बचाव हेतु स्थानीय निवासियों के लिए सी.एस.आर. के तहत शासन द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं बनाई? कौन दोषी है? शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) एवं (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन ईकाई, ग्वालियर एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग- 1 एवं 2 ग्वालियर तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ग्वालियर से प्रश्नांश के संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार ग्वालियर जिले में क्रेशर से गिट्टी परिवहन वाले वाहन स्थानीय सड़कों की वाहन भार क्षमता (एम.एस.ए.) से अधिक के भार के वाहन निकालने के कारण कोई भी पुलिया एवं सड़क क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नगर निगम, बुरहानपुर में पानी की समस्या का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 1695 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम, बुरहानपुर के द्वारा जल आवर्धन योजना के अलावा वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक पानी की समस्या के निराकरण के लिए क्या-क्या कार्य किये गये, कितने लागत के किस मद से किन-किन क्षेत्रों, वार्ड, मोहल्ले में कार्य किये गये। सूची प्रदान करें। (ख) उक्त कार्य से बुरहानपुर के पानी की समस्या का निदान कितने प्रतिशत तक हुआ है। (ग) वर्तमान में बुरहानपुर को कितने पानी की आवश्यकता है और वर्तमान में कितना उपलब्ध हो पा रहा है। (घ) नगर निगम, बुरहानपुर के जल प्रभारी अधिकारी द्वारा ग्रीष्मकाल में नगर निगम बुरहानपुर क्षेत्र का भ्रमण कर पानी की समस्याओं की जानकारी एकत्रित कर क्या निगम को उपलब्ध कराई गई है, यदि हाँ, तो प्रपत्र प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्त कार्यों से लगभग शहर की 30 प्रतिशत जनता को लाभ मिला है। (ग) बुरहानपुर शहर को वर्तमान जनसंख्या के लिये 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से 31.72 एम.एल.डी. लीटर पानी की आवश्यकता है, उसके बदले 13.94 एम.एल.डी पानी उपलब्ध हो पा रहा है। (घ) नगर निगम, बुरहानपुर की सम्पूर्ण जल प्रदाय व्यवस्था भूमिगत जलस्त्रोतों पर जैसे कुओं, नलकूप, हैंडपम्प तथा कुंडी भंडारा पर आधारित है। जल प्रभारी द्वारा भ्रमण के समय नागरिकों की तथा वार्ड पार्षद की शिकायतों अनुसार जल समस्या का निराकरण हेतु आवश्यकता अनुसार वार्डों में नये नलकूप खनन, पुराने नलकूपों को गहरा, पुराने कुओं को गहरा तथा उनमें अड़े बोर करने, नये कुएं खुदवाने इत्यादि के प्रस्ताव आयुक्त को प्रेषित किये जा कर उनके समक्ष स्वीकृति प्राप्त की जा कर नियम अनुसार कार्य कराये गये हैं। इस बाबत् पृथक से कोई प्रपत्र संधारित नहीं किये गये हैं।
अधूरे निर्माण कार्यों का पूर्ण किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 1711 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में नगरीय निकायों में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्यवार स्वीकृत राशि का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरे पड़े हैं? उनकी स्वीकृति की तिथि व अधूरे रहने के कारण स्पष्ट करें तथा संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी/ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है। (ग) स्वीकृत कार्यों के संबंध में घटिया निर्माण होने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है तथा कितनी शिकायतों की जाँच पूरी की जा चुकी है व कितनों की जाँच होना शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त शिकायतों के संबंध में दोषियों के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच हेतु लंबित शिकायतों की कब तक जाँच पूर्ण कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है । (ख) कुल स्वीकृत 154 कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) स्वीकृत कार्यों के संबंध में घटिया निर्माण होने संबंधी कुल 20 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिनमें से 09 शिकायतों की जाँच पूर्ण हो चुकी है। 11 शिकायतों की जाँच प्रचलित है। (घ) नगर पालिका परिषद, नीमच की शिकायत में जाँच की जा चुकी है। ठेकेदार से राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही है। 01 शिकायत के जाँच प्रतिवेदन पर शासन स्तर पर, दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रचलित है। 01 जाँच में जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही कलेक्टर स्तर पर प्रचलित है। नगर पालिका, नीमच द्वारा अन्य 06 जांचों में कोई दोषी नहीं पाया गया है। लंबित 11 शिकायतों में से 01 शिकायत पर, कलेक्टर जिला नीमच द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया है तथा शेष शिकायतों पर नगर पालिका परिषद, नीमच द्वारा निकाय स्तर पर जाँच की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रिलायन्स जियो इन्फो लि. को जमीन का आबंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1901 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिलायन्स जियो इन्फ्रो लि. कं. को ग्वालियर शहर में 15 जून 2019 तक कुल कितने टॉवर शासकीय भूमि पर लगाने की अनुमति दी गई, शहर ग्वालियर में डिवाईडर एवं चौराहों पर कितने टॉवर लगाये गये? अनुमति दस्तावेज के साथ विस्तृत जानकारी दें। (ख) शासकीय भूमि जियो कंपनी को स्थाई रूप से लीज पर देने से शासन को क्या लाभ हुआ है। क्या विद्युत वितरण कं. पोल ट्रांसफार्मर लगाने की अनुमति नगर निगम से लेती है। (ग) क्या शहर के मध्य अत्यधिक मोबाइल टॉवर होने से टॉवर के रेडियेशन से मानव मस्तिष्क एवं आमजन के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने संबंधी कोई अध्ययन कराया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (घ) ऐसी जन विरोधी अनुमति कब तक निरस्त की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा प्रश्नांकित समय तक रिलायन्स जियो इन्फ्रो लि.कं. को 84 टॉवर लगाने की अनुमति/अनुज्ञा प्रदान की गई है, डिवाईडर पर 05 एवं चौराहों पर 04 टावर लगाये गये हैं, अनुमति के दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, ग्वालियर को राशि रू. 84.00 लाख प्राप्त हुआ है। विदयुत वितरण कं. द्वारा नगर पालिक निगम, ग्वालियर से पोल लगाने की अनुमति ली जाती है, ट्रांसफार्मर स्थापित करने की अनुमति नहीं ली जाती है। (ग) मोबाईल टॉवरों से निकलने वाले रेडियेशन से मानव के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव की कोई भी प्रमाणित जानकारी इस विभाग के संज्ञान में अधिकृत रूप से नहीं है। म.प्र. नगर पालिका (अस्थाई टॉवर का संस्थापन/सेल्यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिए अधोसंरचना) नियम 2012 के बिन्दु 21 में रेडियेशन संबंधी शिकायत एवं उसके निराकरण के लिए दूरसंचार विभाग अथवा भारत सरकार के सक्षम प्राधिकारी को अधिकृत किया गया है। भारत सरकार द्वारा सभी प्रदेशों में दूरसंचार, टेलीकॉम इन्फोर्समेन्ट रिसोर्स एण्ड मॉनिटरिंग (TERM CELL) का कार्यालय खोला गया है। इसी प्रकार का एक कार्यालय भोपाल में भी है, जहॉ मोबाईल टॉवरों से उत्पन्न होने वाले रेडियेशन से संबंधित निरीक्षण एवं नियमन का कार्य किया जाता है तथा इनकी जानकारी उपलब्ध रहती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों में गणवेश वितरण
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 1923 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष के किस माह में बच्चों को गणवेश दिया जाना था एवं यह गणवेश कब दी गई? (ख) क्या गणवेश की क्वालिटी घटिया होने के कारण कुछ विद्यालयों से वापस की गई है या नहीं बांटी गई? (ग) आजीविका मिशन एवं स्व-सहायता समूह द्वारा सप्लाई की गई गणवेश की जाँच किससे कराई गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सत्र 2018-19 में शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में 15 सितम्बर 2018 तक बच्चों को गणवेश दिया जाना था। स्व-सहायता समूह के माध्यम से प्रथमबार गणवेश वितरण के कार्य में प्रक्रियागत विलम्ब तथा विधानसभा एवं लोक सभा की आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण शिक्षा सत्र के अंत तक गणवेश वितरण किया गया। (ख) जी हाँ। गुणवत्ता खराब होने तथा नाप से छोटी या बड़ी होने की शिकायत के कारण गणवेश बदलकर बांटी गई है। (ग) राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं स्व-सहायता समूह द्वारा सप्लाई की गई गणवेश के रेण्डम सत्यापन हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक/राशिके/प्रोत्साहन/2018/4437 भोपाल दिनांक 13/07/2018 के द्वारा जिला स्तर पर समिति का गठन किया गया है जिसमें जिला कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी के प्रतिनिधि, जिला परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान, जिला प्रमुख राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, खादी ग्रामोद्योग विभाग अथवा हस्तशिल्प विकास विभाग का प्रतिनिधि जो जिला स्तर पर उपलब्ध हो एवं किसी एक पालक शिक्षक संघ के सचिव एवं अध्यक्ष को शामिल किया गया हैं।
बड़वानी के प्राचार्यों के खिलाफ शिकायतों की जांच
[आदिमजाति कल्याण]
32. ( क्र. 1960 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी जिले के 43 प्राचार्यों के विरूद्ध सामग्री क्रय में की गई अनियमितताओं की जाँच वर्षों से लंबित है। यदि हाँ, तो सहायक आयुक्त एवं प्राचार्यों के खिलाफ कार्यवाही कब तक होगी? प्रशासन पूरे मामले को क्यों दबाना चाहता है? (ख) जाँच प्रतिवेदन में दोषी पाए गए प्राचार्यों को दंडित करने की कार्यवाही एवं वसूली की कार्यवाही कब तक होगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यवाही आयुक्त, इंदौर संभाग, इंदौर में प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टंकियों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 2152 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केन्ट जिला जबलपुर के तहत कहाँ-कहाँ पेयजल की समस्या है? पेयजल की समस्या के निदान हेतु क्या प्रयास किये गये हैं क्या योजना बनाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में अमृत योजना के तहत कहाँ-कहाँ पर टंकियों का निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है? इसके लिये कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में कहाँ पर किस एजेन्सी से टंकियों का निर्माण कब से कराया जा रहा है? वर्तमान में इन टंकियों के निर्माण की स्थिति क्या है? इनका निर्माण कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, जबलपुर के केन्ट विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम मोहनिया एवं मानेगांव के कुछ हिस्सों में आंशिक पेयजल समस्या है। मोहनिया एवं मानेगांव नगर निगम सीमा में सम्मिलित नवीन ग्रामों के वार्ड हैं, इन ग्रामों के नगर पालिक निगम, जबलपुर में शामिल होने के पूर्व जो व्यवस्थाएं थीं उनकों सुचारू रूप से सम्पादित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में 5 उच्च स्तरीय पानी की टंकियां, 38 नलकूप एवं 75 हैण्डपम्पों का रख-रखाव कर पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। पेयजल समस्या के स्थायी निदान हेतु अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत केन्ट विधानसभा क्षेत्र के 3 स्थानों पर उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण किया गया है। (ख) अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत केन्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मानेगांव, तिलेहरी एवं भौंगाद्वार में उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण किया गया है। मानेगांव में 2200 कि.ली. टंकी की लागत राशि रू. 263.27 लाख तिलेहरी में 800 कि.ली. टंकी की लागत राशि रू. 9.57 लाख एवं भौंगाद्वार में 1600 कि.ली. टंकी की लागत राशि रू. 191.46 लाख की उच्च स्तरीय पानी की टंकियों का निर्माण किया गया है जिनका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) मानेगांव, तिलेहरी एवं भौंगाद्वार की उच्च स्तरीय पानी की टंकियों का निर्माण कार्य दिनांक 24.10.2017 से एजेंसी मेसर्स गोंडवाना इंजीनियर लिमिटेड, सी.एम.आर. इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. जेव्ही के द्वारा किया गया है। इन टंकियों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।
जबलपुर में उपयंत्रियों की सेवा समाप्ति
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 2154 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न (क्र.1019) दिनांक 12.03.2018 के प्रश्नांश (ख) (ग) के उत्तर में पुस्तकालय परिशिष्ट (ग) पृष्ठ 7 में जिला नियुक्ति समिति जबलपुर की बैठक दिनांक 09.08.17 की कार्यवाही विवरण के प्रस्ताव सरल क्र.- 4 में तीन उपयंत्रियो की सेवाएं समाप्त करने की सहमति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो पारित 8 प्रस्तावों से किस एक प्रस्ताव की कार्यवाही कब से प्रचलन में हैं एवं क्यों? पालन प्रतिवेदन की छायाप्रति दें। (ख) क्या कार्यवाही विवरण के प्रस्ताव सरल क्रमांक 4 के अंतिम पैराग्राफ में अंत में चेतावनी पत्र के आधार पर कार्यवाही की जावेगी, जोड़ा गया है और पृष्ठ 8 में अंकित जो कि मूल लेटरपेड है बदलकर पृष्ठ क्रमांक 7 में अंकित लेटरपेड लगाया गया है जिसकी टाईपिंग में भिन्नता स्पष्ट है और इसमे काउंटर हस्ताक्षर भी नहीं है? यदि हाँ, तो मूल लेटरपेड को बदलकर कूट रचना कर प्रस्ताव सरल क्रमांक 4 में चेतावनी के आधार पर कार्यवाही की जावेगी को जोड़ने वाले दोषी अधिकारी पर शासन ने कब क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर ने दिनांक 17.10.17 को संबंधित उपयंत्रियों को चेतावनी पत्र जारी कर प्राप्त अभ्यावेदनों का परीक्षण कर उपयंत्रियों की सेवायें समाप्त नहीं की हैं? यदि हाँ, तो क्या उन्हें कर्मचारियों की सेवा के संबंध में स्वयं निर्णय लेने का अधिकार है? यदि नहीं, तो क्या शासन आरोपी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जिला नियुक्ति समिति की बैठक दिनांक 9/8/2017 के कार्यवाही विवरण के प्रस्ताव क्रमांक 4 में संबंधित उपयंत्रियों को दिनांक 17.10.2017 को जिला परियोजना समन्वयक के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। इस प्रस्ताव पर सूचना पत्र जारी करने के पश्चात क्या कार्यवाही की गई इसका कोई ब्यौरा जिला परियोजना समन्वयक द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया। इस संबंध में जिला परियोजना समन्वयक को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 18.7.2019 जारी कर जवाब प्राप्त किया जा रहा है। (ख) इस तथ्य की पुष्टि हेतु जिला परियोजना समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब प्राप्त किया जा रहा है। कूट रचना की जाँच हेतु अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, जबलपुर को परीक्षण हेतु अधिकृत किया गया। परीक्षण उपरांत जो भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी हाँ। जिला परियोजना समन्वयक द्वारा जवाब प्राप्त कर अभ्यावेदन का परीक्षण कर उपयंत्रियों की सेवायें समाप्त नहीं की गईं हैं। जी नहीं, जिला परियोजना समन्वयक को सेवा के संबंध में स्वयं निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। इस संबंध में कलेक्टर, जबलपुर द्वारा जिला परियोजना समन्वयक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। यदि दोषी पाये जाते हैं तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
मुरैना शहर की सफाई व्यवस्था में गंभीर अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 2163 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर पालिका निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था हेतु कितने वाहन किस-किस दर से ईको ग्रीन कम्पनी द्वारा लगाये गये हैं तथा निगम के कितने वाहन संचालित हैं इन पर प्रतिमाह कितना व्यय किया जा रहा है तथा कितने अधिकारी/कर्मचारी उक्त कार्य में संलग्न हैं वाहनवार नामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या गंभीर अनियमितताओं के कारण कई वार्डों में सफाई व्यवस्था सुचारू नहीं है तथा इन वार्डों की सफाई व्यवस्था के नाम पर अनियमित व्यय दर्शा कर शासन को लाखों रूपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त गंभीर अनियमितताओं की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) ईको ग्रीन कंपनी द्वारा निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं परिवहन के लिए 18 टिपर, 15 साईकिल रिक्शा, 02 बुलेरो वाहन तथा 04 ट्रेक्टर लगाये गये हैं, जो ईकोग्रीन कंपनी के स्वामित्व के हैं तथा 08 नग टिपर ईकोग्रीन कंपनी को मुरैना, नगर निगम द्वारा अपने वाहन उपलब्ध कराये गये हैं। नगर के 20 वार्डों में कचरा संग्रहण का कार्य ईको ग्रीन कंपनी के द्वारा तथा शेष 27 वार्डों में नगर निगम के द्वारा किया जा रहा है। इन 27 वार्डों में नगर निगम स्वामित्व के 46 वाहन तथा 08 वाहन किराये के लगे हुये हैं। निगम द्वारा सफाई में किराये के वाहनों पर प्रतिमाह रूपये 2,34,250/- का व्यय किया जा रहा है। सफाई कार्य में संलग्न ईको ग्रीन कंपनी तथा निगम के अधिकारी/कर्मचारी एवं वाहनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। मुरैना नगर निगम के सभी वार्डों में नियमित सफाई व्यवस्था संचालित है और इसमें किसी प्रकार की अनियमितता तथा आर्थिक क्षति नहीं हो रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास (शहरी) आवंटन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 2164 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना को शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में किस-किस वर्ष में कितना-कितना लक्ष्य आबंटित किया गया? लक्ष्य के विरूद्ध किन-किन हितग्राहियों को आवास प्रदाय किये गये, वर्षवार जानकारी बताएं। तथा सेक डाटा 2011 सर्वे अनुसार बनाई गई पात्र हितग्राही सूची उपलब्ध कराएं। (ख) निगम मुरैना द्वारा किन-किन एजेंसियों को आवास निर्माण का कार्य आदेश दिये गये वर्तमान में आवास निर्माण की क्या स्थिति है तथा इनको कब तक पूर्ण कराया जाकर हितग्राहियों को आबंटित किया जायेगा। (ग) क्या आवास आवंटन में प्राथमिकता को दरकिनार कर अपात्रों को भी आवास आबंटित किये गये हैं। आबंटित कार्य में पारदर्शिता न अपनाने के कारण हितग्राहियों से अवैध वसूली की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन आवास आवंटन में हुई धांधलेबाजी की जाँच कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम मुरैना में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत वर्ष 2016 में ए.एच.पी. घटक अंतर्गत 1116 ई.डब्ल्यू.एस. स्वीकृत हुये वर्ष 2017 में बी.एल.सी. घटक अंतर्गत 745 आवास एवं वर्ष 2018 में बी.एल.सी. घटक अंतर्गत 1188 एवं 99 कुल 2032 आवास स्वीकृत हुये। बी.एल.सी. घटक अंतर्गत आवासों का निर्माण कार्य हितग्राहियों द्वारा स्वयं कराये जाने का प्रावधान है। ए.एच.पी. घटक में 1116 में से 1069 पात्र हितग्राहियों को आवासों का आवंटन किया जा चुका है तथा 47 हितग्राहियों को आवंटन किया जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर निगम मुरैना में ए.एच.पी. घटक अंतर्गत मेसर्स एल.एन. अग्रवाल जयपुर को कार्यादेश दिनांक 27.01.2017 जारी किया गया। वर्तमान में योजना का कार्य अपूर्ण है योजना की पूर्णता हेतु वित्तीय संसाधन एकत्र करने हेतु एल.आई.जी. एवं एम.आई.जी. भवनों के विक्रय तथा हितग्राहियों को बैंक ऋण दिए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है तथा मार्च 2020 तक कार्य पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। कार्यवाही पूर्ण होने पर हितग्राहियों को आधिपत्य दिया जा सकेगा। (ग) जी नहीं। आवासों का आवंटन लॉटरी पद्धति द्वारा पूर्ण पारदर्शिता पूर्वक किया गया है और इसमें किसी प्रकार की अनियमितता अथवा अवैध वसूली नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग को राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 2191 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग को म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की प्रकिया वर्तमान में प्रचलन में है। यदि हाँ, तो सतना जिले में कितने सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों के नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके है। (ख) सतना जिले के जिन अध्यापकों की नियुक्ति म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक संवर्ग में आज दिनांक तक नहीं की गई है क्या उन पर कार्यवाही प्रचलन में है यदि हाँ, तो शेष बचे सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक के नियुक्ति आदेश कब तक जारी किये जायेंगे (ग) क्या सतना जिले के बहुत से अध्यापक संवंर्ग के कर्मचारियों के सारे रिकार्ड सही होने के बाद भी जानबूझकर आदेश जारी नहीं किये गये है। यदि नहीं तो सतना जिले के ऐसे समस्त अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की सूची वर्गवार उनमें क्या त्रुटि है (लोकायुक्त प्रकरण छोड़कर) उपलब्ध कराई जाय जिसके कारण आदेश आज दिनांक तक नहीं जारी किये गये है। (घ) जिन अध्यापकों कि नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये हैं क्या ऐसे अध्यापकों को स्थानान्तरण का लाभ मिलेगा। यदि नहीं, तो आदेश जारी करने में विलंब करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। सतना जिलान्तर्गत सहायक अध्यापक के 5008, अध्यापक के 1764 तथा वरिष्ठ अध्यापक के 413 पदों पर नवीन भर्ती नियम, 2018 अन्तर्गत नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं। (ख) नियमों के प्रकाश में कार्रवाई प्रचलन में है। परीक्षण में पात्र पाये जाने पर नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की कार्रवाई की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रकरण के परीक्षणोपरांत पात्र पाये जाने पर नियमानुसार नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की जायेगी, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मॉडल स्कूलों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 2245 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शिक्षा विभाग द्वारा कितनी संख्या में मॉडल स्कूल प्रदेश भर में खोले गये हैं? इन्हें प्रारंभ करने के पीछे विभाग का क्या मन्तव्य था? देवास जिले में वर्तमान में कितने मॉडल स्कूल संचालित किये जा रहे हैं एवं इनमें किस श्रेणी के छात्र-छात्राओं को प्रवेश किया जाता है? (ख) क्या इन स्कूलों में इंग्लिश माध्यम में पढ़ाई की व्यवस्था उपलब्ध है? यदि हाँ, तो बतायें कि वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में कितने छात्र-छात्राओं ने इंग्लिश माध्यम के लिये आवेदन किया और उनको अध्यापन कराया गया? कन्नौद-खातेगांव की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या जिले के अधिकांश मॉडल स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिससे अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है? (घ) क्या विभागीय स्तर पर इस शैक्षणिक सत्र में रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) म.प्र. में विभाग द्वारा 201 मॉडल स्कूल खोले गये हैं। उच्च शैक्षणिक गुणवत्तायुक्त शिक्षा शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखंडों में उपलब्ध कराना है। जिला देवास में 6 मॉडल स्कूल विकासखंड स्तर पर प्रारंभ किये गये हैं, इन स्कूलों में सभी श्रेणी छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा/मेरिट आधार पर प्रवेश दिया जाता है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था है। (घ) पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन छात्रावास प्रारंभ किया जाना
[आदिमजाति कल्याण]
39. ( क्र. 2249 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने अनुसूचित जनजाति के प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक बालक/बालिका छात्रावास संचालित हैं? संख्या एवं स्थान बतायें। वर्तमान में किन-किन जगहों पर सीटें बढ़ाने की मांग की जाती रही है। (ख) क्या पूर्व में जनप्रतिनिधियों द्वारा हाई स्कूल एवं हा.से. स्कूल के अनु. जनजाति वर्ग के बालक-बालिकाओं के लिये नवीन छात्रावास भवन निर्माण किये जाने की मांग की गई है? (ग) क्या विभाग की ओंकार, हरणगांव, कुसमानिया, पानीगांव एवं कन्नौद, खातेगांव, नेमावर में से किसी स्थान पर पोस्ट मैट्रिक या प्री मैट्रिक छात्रावास प्रारंभ करने का प्रस्ताव विचाराधीन है क्या? (घ) यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति होगी? यदि नहीं, तो सरकार इन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में छात्रावास संख्या/सीटें बढ़ाने पर विचार करेगी?।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) देवास जिले के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में प्री.मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास संचालित नहीं है, अपितु अनुसूचित जनजाति के 07 सीनियर छात्रावास संचालित हैं। विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
सीनियर छात्रावास |
बालक/कन्या |
स्थान |
1. |
02 |
बालक 01, कन्या 01 |
कन्नौद |
2. |
02 |
बालक 01, कन्या 01 |
खातेगांव |
3. |
01 |
बालक 01, कन्या 0 |
अजनास |
4. |
01 |
बालक 01, कन्या 0 |
विक्रमपुर |
5. |
01 |
बालक 01, कन्या 0 |
हरणगांव |
6. |
महाविद्यालयीन छात्रावास |
- |
- |
वर्तमान में किसी भी स्थान पर सीट बढ़ाने हेतु मांग प्राप्त नहीं हुई है। (ख) से (घ) जी नहीं। सीट बढ़ाने की योजना नहीं है। आदेश क्र.एफ.12-01/2017/25-2/691 दिनांक 24/03/2017 द्वारा नवीन छात्रावासों की स्थापना हेतु नीति/मापदण्ड जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार पात्रता पर नवीन छात्रावास खोले जाने पर विचार किया जाता है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र का प्रदाय
[आदिमजाति कल्याण]
40. ( क्र. 2311 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में माझी समाज की पर्याय जातियों को भी अनुसूचित जनजाति हेतु प्रमाण पत्र जारी हुए है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में माझी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया है? (ख) क्या सागर जिले की माझी रैकवार समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने की सुविधा प्रदान की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में क्र. 29 पर माझी अनुसूचित जनजाति अधिसूचित है। इसके साथ कोई पर्यायवाची जाति शामिल नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) किसी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का क्षेत्राधिकार केवल भारत सरकार को है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा के शासकीय स्कूलों में गणवेश वितरण में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 2532 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 के सत्र में जनपद जवा, त्यौंथर, गंगेव, नईगढ़ी, हनुमना एवं मऊगंज में स्कूलों में गणवेश वितरण का कार्य किस एजेंसी को दिया गया तथा कितने छात्र, छात्राओं को गणवेश वितरण का आदेश दिया गया तथा कितने छात्र-छात्राओं को गणवेश वितरण किया गया विकासखण्डवार छात्र-छात्राओं की संख्या बतावें तथा कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) क्या जिला पंचायत रीवा की सामान्य सभा की बैठक में गणवेश घोटाले के लिए प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन को ई.ओ. डब्ल्यू. से जाँच कराये जाने का निर्णय लिया गया? (ग) क्या 2018-19 में वर्णित जनपदों में गणवेश वितरण घोटाले की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू. से करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक करा ली जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 सत्र में रीवा जिले के विकासखण्ड जवा, गंगेव, नईगढ़ी, हनुमना तथा मउगंज के शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक बालक/बालिका को निःशुल्क गणवेश वितरण का कार्य आजीविका मिशन के चिन्हित व चयनित स्व सहायता समूह की महिला सदस्यों द्वारा किया गया है। विकास खण्डवार छात्रों की संख्या तथा भुगतान की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। जिला पंचायत रीवा के सामान्य सभा की बैठक दिनांक 20/02/2019 के बिन्दु क्रमांक 3 के निर्णय अनुसार गणवेश वितरण की जाँच प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन तथा ई.ओ.डब्ल्यू से कराये जाने का निर्णय लिया गया था। कार्यालय जिला पंचायत जिला रीवा के पत्र क्रमांक 9837/बैठक/सामान्य सभा/जि.पं/2019 रीवा दिनांक 27/03/2019 द्वारा निर्णय अनुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र जारी किये गये हैं। (ग) विभाग द्वारा जिला पंचायत के प्रस्ताव पर आवश्यक कार्यवाही हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लेख किया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निकाय की ऑडिट आपत्तियाँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 2553 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 की अवधि तक शासन/विभाग द्वारा एवं नगर पालिका परिषद जावरा की स्वयं की निधि के द्वारा भी एवं केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु भी इत्यादि प्रकार की बजट राशि निकाय को प्राप्त हुई? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, निर्माण कार्यों, सामग्री क्रय करना वाहनों का रख-रखाव तथा अन्य प्रकार के भी व्यय कर भुगतान करना इत्यादि कार्य बजट राशि से किये गये? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में किये गये समस्त कार्यों के भुगतान संबंधी ऑडिट में किस-किस प्रकार की आपत्तियां दर्ज की गई? उन आपत्तियों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) उपरोक्त वर्षों में वर्षवार किस-किस प्रकार के प्रयोजन हेतु कौन-कौन से निर्माण कार्य, सामग्री क्रय करना एवं वाहनों के रख-रखाव इत्यादि प्रकार के व्यय किये गये कार्यवार, वर्षवार, भौतिक सत्यापन एवं ऑडिट आपत्तियों तथा आपत्तियों के संदर्भ में की गई कार्यवाहियों सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कॉलोनी विकसित किए जाने की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 2554 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग अपने नगर एवं ग्राम निवेश (टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग) विभाग के द्वारा कालोनियों में कार्य किये जाने हेतु भिन्न-भिन्न प्रकार की अनुमतियां प्रदान कर उन कॉलोनी कार्यों को किये जाने हेतु अनुमोदित करता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि तक रतलाम जिला अन्तर्गत किस-किस कालोनाईजर ने किस-किस सर्वे एवं स्थान, ग्राम, नगर की भूमि पर कॉलोनी विकसित किये जाने की अनुमति विषयक आवेदन दिये? (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत कॉलोनी विकसित किये जाने की अनुमति विषयक आवेदनों के साथ भूमि डायवर्ज़न किये जाने हेतु भी कितने आवेदन प्राप्त हुए? (घ) क्या उक्त कार्यों हेतु स्थल निरीक्षण के समय संबंधित निकायों के उक्त स्थलों के संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी भी विभागीय अधिकारियों के साथ होते हैं तो उक्त वर्षों में स्थल निरीक्षण कर कितनी अनुमतियां दी गईं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। स्थल निरीक्षण के समय संबंधित निकायों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित नहीं होते है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
होशंगाबाद में ट्रेचिंग ग्राउंड
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 2620 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका होशंगाबाद द्वारा नगरीय क्षेत्र में एकत्रित किया गया कचरा खोजनपुर क्षेत्र में छोड़ा जाता है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या खोजनपुर क्षेत्र जहाँ कचरा डाला जाता है उसके आसपास अनेक नागरिक रहते हैं एवं क्या वहाँ के नागरिकों को विद्युत कनेक्शन देने से मना कर दिया है? यदि हाँ, तो कब व क्यों? (ग) क्या नगरपालिका द्वारा ट्रेचिंग ग्राउंड हेतु अन्य स्थान निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ एवं फिर कचरा खोजनपुर में क्यों डाला जा रहा है? (घ) खोजनपुर के नागरिकों को सड़क, पानी, बिजली की मूलभूत सुविधा नगरपालिका कब तक उपलब्ध करायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, खोजनपुर क्षेत्र में लगभग वर्ष 1988-89 से कचरा डाला जा रहा है। (ख) जी हाँ, खोजनपुर क्षेत्र में विद्युत कनेक्शन पर कोई रोक नहीं है। अवैधानिक अतिक्रमणकर्ताओं को विद्युत कनेक्शन हेतु निकाय द्वारा आरंभ से ही प्रमाण पत्र नहीं दिये जा रहे। (ग) जी हाँ, नगर पालिका होशंगाबाद द्वारा 10 हेक्टेयर भूमि (25 एकड़) हल्का नं. 16 तह. बावई में चिन्हित की गई है। भूमि निकाय को हस्तांतरित न होने के कारण खोजनपुर क्षेत्र में कचरा डाला जा रहा है। (घ) खोजनपुर क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली की मूलभूत सुविधा निकाय द्वारा यथासंभव उपलब्ध कराई जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।
ग्राम पंचायत के वन एवं राजस्व भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
45. ( क्र. 2671 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के सोहावल विकासखण्ड में ग्राम पंचायत बारीकला, बराज, नीमी, भरजुनाकला, बठियाखुर्द, नैना में रमना जंगल या अन्य वन भूमि की कितनी भूमि राजस्व रिकार्ड में एवं कितनी भूमि वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज है? राजस्व विभाग एवं वन विभाग की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व अभिलेखों एवं वन अभिलेखों में रमना जंगल एवं अन्य वन भूमि के रकबे में अंतर का क्या कारण है? (ग) क्या पूर्व में वन अपराध प्रकरण क्रमांक 82/20 के तहत लीज एरिया के अतिरिक्त सेफ जोन में जंगल के पेड़-पौधों को नष्ट करते हुये अवैध उत्खनन का कार्य किया गया एवं लगभग 4 हेक्टेयर वन भूमि से 120000 घन मीटर लाइम स्टोन का उत्खनन किया गया? यदि हाँ, तो ऐसा किनके-किनके द्वारा किया गया? वर्तमान में कितनी भूमि पर अवैध रूप से उत्खनन का कार्य किया जा रहा है? इसके लिए दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार रमना जंगल एवं अन्य भूमि की प्राकृतिक संपदा का अवैधानिक रूप से दोहन करने, जंगल को नुकसान करने के विरूद्ध दोषियों पर शासन द्वारा कब तक और क्या कार्यवाही करेगी? अवैध उत्खनन किये गये लाइम स्टोन की कुल कीमत एवं जंगल की राशि का आंकलन कर कब तक संबंधितों से किस प्रकार वसूल करेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग के अभिलेखों के अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम पंचायतों में वनक्षेत्र से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। राजस्व अभिलेखों के अनुसार उल्लेखित ग्राम पंचायतों में वनक्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ख) वन विभाग तथा राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार रकबे में मामूली अंतर है, जिसके संबंध में जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी नहीं। दिनांक 13.12.2011 को वन परिक्षेत्र सतना के कर्मचारियों द्वारा कक्ष क्रमांक 787 का निरीक्षण करने पर उनके द्वारा वन अपराध प्रकरण 82/20 दर्ज किया गया था। तत्पश्चात् की गई जाँच में यह पाया गया है कि कलेक्टर, सतना एवं खनिज साधन विभाग की सहमति के आधार पर वर्ष 1956 में बिड़ला कार्पोरेशन को खनिज लीज स्वीकृत हुई थी। जिसमें 87.00 हेक्टेयर वन भूमि है। मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-3-183/76/12/16 दिनांक 22.04.1977 द्वारा प्रथम नवकरण अवधि 19.10.1976 से 12.10.1996 के लिए लीज स्वीकृत हुई थी। बिड़ला कार्पोरेशन द्वारा 1996 के बाद वनक्षेत्र में कोई उत्खनन नहीं किया गया है। अतः यह सही नहीं है कि 120000 घन मीटर लाइम स्टोन का उत्खनन किया गया। वर्तमान में क्षेत्र में उत्खनन नहीं हो रहा है इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जंगल को नुकसान पहुँचाने अथवा प्राकृतिक सम्पदा को अवैधानिक रूप से दोहन करने का कोई प्रकरण नहीं है। अतः नुकसानी होने अथवा अन्य कोई कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लीज में प्रदाय की गई आरसी एवं श्रमिक
[खनिज साधन]
46. ( क्र. 2677 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के सोहावल विकासखंड में ग्राम पंचायत बारीकला, बराज, नीमी, भरजुनाकला, बठियाखुर्द, नैना आदि राजस्व ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि बिरला सीमेन्ट फैक्ट्री द्वारा माइनिंग हेतु ली गई है, शासन द्वारा प्रदान की गई भूमि एवं फैक्ट्री द्वारा अर्जित भूमि की पृथक-पृथक जानकारी खसरा नम्बर, रकबा, भूमि स्वामी क नाम सहित देवें। (ख) क्या जिनकी जमीने फैक्ट्री द्वारा ली गई हैं उनको रोजगार दिया गया है, यदि हाँ, तो कितने लोगों की जमीन ली गई एवं कितने लोगों को रोजगार दिया गया, वर्तमान में कितने कार्य पर लगे हुये हैं, कितने श्रमिकों को नियमित किया जा चुका है कितने अभी तक क्यों बाकी हैं तथा कब तक किया जावेगा? (ग) क्या माइनिंग क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा पर शासन से रोक है, यदि हाँ, तो नियम निर्देंश की प्रति देवें और यह भी बतावें कि उक्त फैक्ट्री के माइनिंग/माइन्स/लीज एरिया में किन-किन ठेकेदारों द्वारा कितने-कितने श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है, नियमों के विपरीत कार्य करने के कारण फैक्ट्री प्रबंधन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। (घ) क्या श्रमिकों से 10-15 साल काम लेने के बाद उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है जिसके कारण ऐसे परिवार आर्थिक रूप से बदहाली का जीवन यापन करने को मजबूर हो जाते हैं, ऐसे कितने श्रमिक है उनकों कब तक वापस कार्य पर लिया जाकर नियमित किया जावेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
ग्राम पंचायत की वन भूमि पर अति