मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र


शुक्रवार, दिनांक 26 जुलाई, 2019


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



सूत्र सेवा बसों का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

1. ( *क्र. 3983 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना से लोक परिवहन को बढ़ावा देने हेतु केंद्र शासन द्वारा राज्य सरकार को दिए गए मद, जिससे शहरी सीमा में यात्री वाहन का संचालन होना था, वह सूत्र सेवा के नाम से संचालित की जा रही है? (ख) क्या सूत्र सेवा के नाम पर यात्री वाहन अंतर शहरी, अंतर्राज्यीय, अंतर संभाग में संचालित की जा रही हैं? (ग) क्या जिन मार्गों पर सूत्र सेवा शुरू की गयी है? उन मार्गों पर पूर्व से ही अत्यधिक संख्या में यात्री बसें संचालित हो रहीं थीं? समस्त बसों की रूट सहित जानकारी देवें (घ) क्या सूत्र सेवा की बसें डीलक्स और वातानुकूलित हैं? परिवहन विभाग किराया सूची के अनुसार इन बसों का किराया साधारण किराये से 25% अधिक व वातानुकूलित बस किराया 50% तक अधिक नियमानुसार है, लेकिन सूत्र सेवा की बसों द्वारा इससे अत्यधिक किराया लेकर यात्रियों का शोषण किया जा रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, सूत्र-सेवा बसों का संचालन केवल शहरी, अंतर शहरी एवं अंतर संभागीय मार्गों पर किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, शासन के अधीन सूत्र-सेवा बसों का संचालन शहरी, अंतर शहरी एवं अंतर संभागीय मार्गों पर प्रारंभ किया गया है। सूत्र सेवा अन्तर्गत संचालित मार्गों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं पूर्व से भोपाल, इन्‍दौर एवं जबलपुर शहर में संचालित बसों की जानकारी परिवहन विभाग के माध्यम से एकत्रित की जा चुकी है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं अन्‍य शहरों में पूर्व से संचालित बसों की जानकारी परिवहन विभाग के माध्‍यम से एकत्रित की जा रही है। (घ) सूत्र-सेवा की कुछ बसें डीलक्स एवं वातानुकूलित हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी नहीं, सूत्र-सेवा के अन्तर्गत संचालित बसों का किराया मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्रधिकार से प्रकाशित दिनांक 28 मई, 2018 के अनुसार यात्री किराया निर्धारित है। जिसका नोटिफिकेशन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सूत्र-सेवा के अन्तर्गत संचालित बसों में यात्रियों से नियमानुसार किराया लिया जा रहा है, यात्रियों के साथ किसी प्रकार का शोषण नहीं किया जा रहा है।

माझी जाति के व्‍यक्तियों को अनु. जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी किया जाना

[आदिमजाति कल्याण]

2. ( *क्र. 3614 ) डॉ. मोहन यादव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के सम्पू्र्ण भाग में समान रूप से माझी समाज के व्‍यक्तियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं अथवा अन्य किसी वर्ग के तथा क्या प्रदेश सरकार ने माझी समाज के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जाने बाबत कोई आदेश/निर्देश जारी किया है? यदि हाँ, तो आदेश कि प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें। (ख) माझी जनजाति सरल क्र. 29 मध्यप्रदेश में अधिसूचित होकर अधिमान्य होने माझी जनजाति का पर्याय भाग समाहित होने के कारण पिछड़ा वर्ग की सूची क्र. 12 से ढीमर, भोई, कहार, धीवट, मल्लाह, केवट (कश्यप, निषाद, रायकवार, बाथम) आदि जातियों को पिछड़ा वर्ग कि सूची क्र. 12 से विलोपन किया जायेगा अथवा नहीं? (ग) प्रदेश में वर्तमान में माझी समाज के व्यक्तियों के साथ जाति संबंधी विसंगति को दूर करते हुए माझी समाज के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रमाण-पत्र जारी किये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों और हाँ तो कब तक?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) माझी जनजाति सम्‍पूर्ण म.प्र. के लिये अनुसूचित जनजाति में मान्‍य है, जिसे नियमानुसार शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति के प्रमाण-पत्र देय हैं जिस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। (ख) प्रश्‍नाधीन जातियों को पिछड़ा वर्ग सूची क्रमांक 12 से विलोपित किये जाने संबंधी कार्यवाही विभाग से संबंधित नही है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध खनिज उत्खनन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

3. ( *क्र. 3981 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 21.2.2019 का प्रश्न क्रमांक 656 में उत्तर (ग) में टीकमगढ़ जिले में स्वीकृत खदान क्षेत्रों के बाहर अवैध उत्खनन होना पाया गया था और शासन द्वारा रू. 1,50,88,00,000/- का अर्थदण्ड उन अवैध उत्खननकर्ताओं पर प्रस्तावित किया गया था? क्या उक्त प्रस्तावित अर्थदण्ड में से अभी तक कोई वसूली नहीं हो सकी है? (ख) क्या उक्त अवैध उत्खनन करने वाली कम्पनि‍यों को तब तक के लिए काली सूची में डालेंगे जब तक उन पर प्रस्तावित अर्थदण्ड की वसूली नहीं हो जाती है? यदि हाँ, तो कब? क्या ऐसी कोई नीति विचाराधीन है कि खदानों की निविदा स्वीकार होने के उपरान्त खदानों का समर्पण नहीं किया जा सकेगा, ताकि समर्पित खदानों से अवैध उत्खनन पर रोक लगे? (ग) प्रश्‍नांश (क) के जवाब में जो अवैध उत्खनन होना पाया गया था, उस कार्यकाल में टीकमगढ़ जिले में खनिज अधिकारी कौन था? पलेरा एवं जतारा ब्लॉक में उस दौरान खनिज निरीक्षक कौन था? (घ) क्या इतनी बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन के लिए किसी अधिकारी को दोषी माना गया है? यदि हाँ, तो किसे? यदि नहीं, तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश अनुसार अवैध उत्‍खनन प्रकाश में आने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया था। वर्तमान में प्रकरण न्‍यायालय में विचाराधीन होने से अर्थदण्‍ड वसूल किय जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रकरण में न्‍यायालय के आदेश अनुरूप कार्यवाही की जा सकेगी। खदानों के समर्पित करने की कार्यवाही प्रचलित नियमों के अनुसार की जाती है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में अवैध उत्‍खनन होना पाया गया था। उस कार्यकाल में जिले में खनि अधिकारी/उप संचालक श्रीमती दीपमाला तिवारी, सुश्री सोनल सिंह तोमर एवं श्री अमित मिश्रा पदस्‍थ रहे। प्रश्‍नाधीन प्रकरण पंजीबद्ध होने के समय श्री मनीष पालेवार, श्री अमित कुमार मिश्रा, श्री पंकजध्‍वज मिश्रा, खनि निरीक्षक के रूप में तथा श्री श्रीराम समेले एवं श्री बृजेश कुमार अहिरवार, प्रभारी खनि निरीक्षक के रूप में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में पदस्‍थ रहे। (घ) जी नहीं। अवैध उत्‍खननकर्ताओं के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दर्ज किया जाकर सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया है। वर्तमान में किसी अधिकारी को दोषी माने जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्राम पंचायत स्‍तर पर गौशालाएं खोलने की योजना का क्रियान्‍वयन

[पशुपालन]

4. ( *क्र. 1848 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश सहित जिला विदिशा में ग्राम पंचायत स्‍तर पर गौशालाएं खोलने की कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा             क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) जिला विदिशा सहित शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। उक्‍त गौशालाओं को शासन द्वारा               क्‍या-क्‍या सुविधाएं दी जा रहीं हैं? (ग) गौशालाओं को प्रतिदिन प्रति गौवंश के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है एवं जून 2019 तक किस-किस गौशाला को कितनी राशि किस आधार पर दी गई? (घ) जिला विदिशा अंतर्गत कितनी गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण किस स्‍तर पर, कब से और क्‍यों लंबित हैं? इनका निराकरण कब तक किया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में प्रथम चरण में पंचायत स्‍तर पर 1000 गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया गया है। उक्‍त में से 30 गौशालाएं, जिला विदिशा में स्‍वीकृत की गईं हैं। गौशालाओं की भूमि का चिन्‍हांकन किया गया है तथा निर्माण कार्य की कार्यवाही चल रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। गौशालाओं को अधोसंरचना निर्माण, चारा भूसा पानी की व्‍यवस्‍था हेतु बजट की उपलब्‍धता के आधार पर राशि उपलब्‍ध कराई जाती है। (ग) गौशालाओं को राशि राज्‍य कृषि विपणन बोर्ड से प्राप्‍त राशि अनुसार गौवंश की संख्‍या के मान से प्रदाय की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) कोई भी प्रकरण किसी भी स्‍तर पर लंबित नहीं है।

 

 

विभाग द्वारा पौध रोपण

[वन]

5. ( *क्र. 2363 ) श्री रामलाल मालवीय, (श्री सोहनलाल बाल्‍मीक) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश ने पौध रोपण में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है? यदि हाँ, तो कितने पौधों का रोपण किस समय किया गया और अब कितने पौधे जीवित हैं? (ख) क्‍या प्रदेश में बाघों की संख्‍या कम हुई है? यदि हाँ, तो 2004 में कितने बाघ थे और 2018 की स्थिति में कितने हैं?  (ग) अब तक कितनी लघु वनोपजों के समर्थन मूल्‍य तय किये गये हैं? अब तक तय समर्थन मूल्‍य वाली कितनी लघु वनोपजों की खरीदी की गई? (घ) दीनदयाल उपवन योजना में कितनी जमीन आवंटित की गई? वहाँ कितना पौधरोपण और कौन से पौधे लगाये गये थे? क्‍या यह योजना फलदार पौधे लगाने के लिए थी?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। दिनांक 31.07.2014 को एक दिवस में रोपित 1.46 करोड़ पौधों में से 1,43,72,801 पौधों के रोपण का गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड दर्ज हुआ है। रोपित पौधों में से वर्तमान स्थिति में 79,92,733 पौधे जीवित हैं। वनमंडलवार रोपित एवं जीवित पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। पौधों की जीवितता की जाँच/सत्‍यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2004 में प्रदेश व्‍यापी गणना नहीं कराई गई थी। अखिल भारतीय बाघ सहभक्षी गणना एवं अन्‍य शाकाहारी वन्‍यप्राणियों का आंकलन वर्ष 2006 में कराया गया था। इस आंकलन के अनुसार प्रदेश में बाघों की संख्‍या सांख्यिकी विश्‍लेषण के पश्‍चात न्‍यूनतम सीमा 236 एवं अधिकतम 364 पाई गई थी, जिसके अनुसार बाघों की मध्‍यमान औसत संख्‍या 300 है। वर्ष 2014 में अखिल भारतीय बाघ सहभक्षी गणना एवं अन्‍य शाकाहारी वन्‍यप्राणियों का आंकलन में प्रदेश में बाघों की संख्‍या न्‍यूनतम सीमा 264 एवं अधिकतम 352 पाई गई थी, जिसके अनुसार बाघों की मध्‍यमान औसत 308 है। वर्ष 2018 में करायी गई अखिल भारतीय बाघ गणना के परिणाम राष्‍ट्रीय व्‍याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्‍ली द्वारा घोषित नहीं किये गये हैं अत: वर्ष 2018 के आंकड़े वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (ग) अब तब 08 लघु वनोपजों के समर्थन मूल्‍य तय किये गये हैं एवं वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में संग्रहित लघु वनोपजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।              (घ) दीनदयाल उपवन योजना वन विभाग में संचालित नहीं रही है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु संसाधन उपलब्‍ध कराया जाना

[स्कूल शिक्षा]

6. ( *क्र. 4289 ) श्री मनोज चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसी शालाएं जो जर्जर भवनों में संचालित हो रही हैं। क्या ऐसे भवनों को चिन्हित कर उक्त जर्जर भवनों हेतु कोई योजना बनाई गयी है? जर्जर भवन में संचालित विद्यालय में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए क्या प्रबंध किये गए हैं? योजना अभी किस स्वरुप में है? पंचायत/नगरवार सूची दें। (ख) प्रदेश में शालाओं में मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु संसाधन उपलब्ध नहीं हैं? उन शालाओं के लिए पूर्व सरकार द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गयी है? वर्तमान में संसाधन उपलब्ध करने हेतु क्या योजना है? पंचायत/नगर वार सूची दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन जर्जर/ जीर्ण-शीर्ण भवन के विरूद्ध नवीन भवन बनाने का प्रस्‍ताव वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2019-20 में भारत सरकार को प्रस्‍तावित किया गया है। जिसकी स्‍वीकृति अपेक्षित है। शाला भवनों में लघु मरम्‍मत कार्य के लिये वर्ष 2018-19 में पंचायत स्‍टाम्‍प शुल्‍क से राशि का प्रावधान किया गया था। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। हाई/हायर सेकेण्डरी जर्जर शाला भवनों में कक्षाएं संचालित न करने के निर्देश हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। जर्जर भवनों में शाला संचालन की कोई सूचना नहीं है। (ख) मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत समस्त लक्षित शालाओं में संसाधन के रूप में भोजन पकाने एवं वितरण के बर्तन उपलब्ध कराये गये हैं तथा 93891 शालाओं में किचिनशेड निर्मित किये गये हैं तथा 2018-19 में 5300 नवीन किचिनशेड स्वीकृत कर प्रथम किश्त की राशि रूपये 61.18 करोड़ प्रदाय की गई है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में जिलों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार कार्ययोजना बनाई जाकर भारत सरकार को प्रेषित की जाती है। वित्तीय वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना में जिलों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर किचिन शेड निर्माण के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।

वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया जाना

[वन]

7. ( *क्र. 3356 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)  क्‍या जिला सीहोर तहसील आष्‍टा की लगभग 15-20 पंचायतें वनग्राम में आती हैं? यदि हाँ, तो उनका प्रस्‍ताव पट्टा या राजस्‍व के लिये केन्‍द्र सरकार को भेजा है या नहीं? (ख) क्‍या वनग्राम में निवास करते हुये लगभग 80-90 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज तक उन लोगों को पट्टे या राजस्‍व भूमि का दर्जा प्राप्‍त नहीं हुआ है? जिसके कारण उन लोगों को शासन की विभिन्‍न योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ता है। इसके लिए कौन जवाबदार है? (ग) क्‍या जिला सीहोर की वनग्राम पंचायतों का प्रस्‍ताव बनाकर शीघ्र केन्‍द्र सरकार को भेजा जावेगा, ताकि उस पर कार्यवाही हो सके?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) तहसील आष्टा अन्तर्गत 12 वनग्रामों सहित सीहोर जिले में कुल 49 वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के प्रस्ताव वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत पत्र क्रमांक/एफ-9/27/2001/10/11/ 731, दिनांक 29.01.2004 से स्वीकृति हेतु भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को प्रेषित किये गये हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति अपेक्षित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नगर निगम, बुरहानपुर द्वारा सीमेंट रोड का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( *क्र. 1694 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम, बुरहानपुर के द्वारा वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक नगर निगम सीमा क्षेत्र में कितने सीमेंट रोड का निर्माण कार्य किस क्षेत्र के वार्ड/मोहल्‍ले में कितनी लागत से एवं किस मद से किया गया है? सूची प्रदान करें। (ख) उक्‍त निर्मित सीमेंट रोड की गुणवत्‍ता संबंधी स्थिति से भी अवगत करायें। (ग) वर्तमान में विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत निविदा के माध्‍यम से स्‍वीकृत कितने सीमेंट रोड का निर्माण कार्य कौन से वार्ड/मोहल्‍ले में प्रारंभ होना शेष है? सूची प्रदान करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम, बुरहानपुर के द्वारा वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक नगर निगम सीमा क्षेत्र में सीमेंट रोड का निर्माण कार्य वार्ड/मोहल्‍ले में लागत एवं मद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) नगर निगम, बुरहानपुर द्वारा उक्‍त निर्मित सीमेंट रोड की गुणवत्‍ता संबंधी स्थिति संतोषप्रद प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

एस.एम.डी.सी. योजना में प्राप्त आवंटन/व्यय

[स्कूल शिक्षा]

9. ( *क्र. 1709 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित एस.एम.डी.सी. योजना में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जिलों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें।                           (ख) प्रश्नांश (क) में नीमच जिले को आवंटित राशि में से कितनी राशि के स्कूल फर्नीचर लघु उद्योग विकास निगम द्वारा अनुमोदित फर्म से स्वीकृत दर पर क्रय किये गये हैं? सामग्रीवार व्यय राशि का ब्यौरा दें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) में क्रय की गई स्कूल सामग्री की अनुमोदित दर रुपये 2600.00 के स्थान पर रुपये 4480.00 प्रति नग की कीमत पर क्रय कर एक निजी फर्म को लाभ पहुँचाते हुए वित्तीय अनियमितता की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में नियम विरुद्ध किये गये क्रय के संबंध में क्‍या प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर जिला नीमच को कोई शिकायत जाँच करने हेतु प्रेषित की गई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' एवं ''3'' अनुसार है।                  (ग) सामग्रीवार दर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। कोई भी सामग्री रू.4480/- की दर से क्रय नहीं की गई है। (घ) कोई शिकायत नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उज्‍जैन जिले में पदस्‍थ सहायक वार्डन के विरूद्ध कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

10. ( *क्र. 3242 ) डॉ. कुंवर विजय शाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत वर्ष 2005 से 2010 तक जिला उज्‍जैन में सहायक वार्डन पद पर की गई नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं की जाँच में किन-किन वार्डनों पर,                            किस-किस धाराओं में प्रकरण दर्ज हुए? क्‍या वर्तमान में भी वे कार्यरत हैं? उनके नाम व पदस्‍थापना सहित जानकारी दें (ख) इन पदों पर पदस्‍थ सहायक वार्डनों पर क्‍या-क्‍या आरोप थे? क्‍या दोषी वार्डनों को सेवा से पृथक न करते हुए, (जेल में होने के बाद भी) उन्‍हें वरिष्‍ठ विभागीय अधिकारियों द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है तथा जिन्‍होंने कार्यवाही को अंजाम दिया, उन्‍हें पद से हटाकर जाँच को प्रभावित किया? यदि हाँ, तो कठोर कार्यवाही न होने के पीछे कौन-कौन दोषी हैं? (ग) शासन द्वारा जनहित में प्रदेश स्‍तर पर ऐसे सहायक वार्डन, जो अनियमितताओं के प्रकरणों में संलिप्‍त हैं, उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत वर्ष 2005 से 2010 तक जिला उज्‍जैन में सहायक वार्डन पद पर की गई नियुक्तियों में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई, अपितु तत्‍कालीन समय में नियुक्‍त सहायक वार्डन श्रीमती पुष्‍पा चौहान के विरूद्ध अंकसूची में कूटरचना करने के आरोप में दोषी पाए जाने पर थाना माधवनगर उज्‍जैन में अपराध क्र.392/2018, दिनांक 29.05.2018 आई.पी.सी. की धारा 420,467,468 एवं 471 में पंजीबद्ध किया गया एवं श्रीमती रत्‍ना जानी को छात्राओं को प्रताड़ित करने के आरोप में दोषी पाए जाने पर पुलिस थाना बड़नगर पर अपराध क्र./144/18, धारा 374,323 भा.दा.वि. तथा जे.जे एक्‍ट 1915 की धारा 75 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। श्रीमती पुष्‍पा चौहान को सेवा से पृथक कर दिया गया। रत्‍ना जानी की सेवाएं समाप्‍त कर दी गईं थीं, माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के अनुपालन में श्रीमती रत्‍ना जानी बी.आर.सी. बड़नगर में संलग्‍न है। (ख) श्रीमती पुष्‍पा चौहान, कन्‍या छात्रावास खाचरौद पर अं‍कसूची में कूटरचना करने तथा श्रीमती रत्‍ना जानी पर छात्राओं को प्रताड़ित करने के आरोप थे। जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                  (ग) राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र का पत्र क्र. 2678, दिनांक 03.05.2018 के माध्‍यम से समस्‍त कलेक्‍टर को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए गए।

नगर परिषद भुआ-बिछिया में क्षतिग्रस्‍त पाईप लाइन का सुधार

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( *क्र. 2778 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद भुआ-बिछिया जिला मंडला अंतर्गत एन.एच. 12ए निर्माण के दौरान निर्माण कंपनी दिलीप बिल्‍डकॉन के द्वारा नगर की पेयजल पाईप लाइन क्षतिग्रस्‍त की गई थी, उक्‍त पेयजल पाईप लाइन पुन: लगाने हेतु निर्माण कंपनी द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये गए और उनमें कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्‍या कुल 6888 मीटर पाईप लाइन लगाई जानी थी लेकिन निर्माण कंपनी द्वारा मात्र 4200 मीटर से भी कम पाईप लाइन लगाई गई और नगर परिषद के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर सम्‍पूर्ण कार्य की अनापत्ति प्राप्‍त कर अपने विभाग से शत-प्रतिशत भुगतान प्राप्‍त कर लिया गया? यदि हाँ, तो इस पूरे कार्य की जाँच कराकर कार्यवाही करेंगें?                                   (ग) दिनांक 22/11/2017 को परिषद की बैठक में उपरोक्‍त विषय पर क्‍या निर्णय लिये गए थे? बैठक कार्यवाही संबंधी दस्‍तावेजों की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। नगर परिषद के पत्र क्र./612/न.परि./ 2017, दिनांक 23/11/2017 के अनुसार परिषद की संयुक्‍त टीम गठित कर पाईप लाइन विस्‍तार की जाँच की जानी थी, उक्‍त जाँच में क्‍या परिणाम/निष्‍कर्ष आये और क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या एन.एच. निर्माण कंपनी दिलीप बिल्‍डकॉन से सांठ-गांठ करके तत्‍कालीन सी.एम.ओ. द्वारा बिना कार्य पूर्ण हुए अनापत्ति जारी की गई थी? यदि हाँ, तो निर्माण कंपनी को अनुचित लाभ पहुँचाने के इस कृत्‍य को लेकर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। एन.एच. 12ए (पैकेज क्र.-3) में परियोजना के क्रियान्‍वयन में बाधक जलप्रदाय पाईप लाइन को निर्माण स्‍थल से हटाकर अन्‍यत्र पुनर्स्‍थापित करने का दायित्‍व अनुबंध अनुसार अनुबंधक मे. दिलीप बिल्‍डकॉन प्रा.लि. भोपाल का था। कंपनी दिलीप बिल्‍डकॉन द्वारा सुधार करते हुए नवीन पाईप लाइन लगा दी गई है। उक्‍त कार्य हेतु म.प्र. रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा कुल रू. 147.34 लाख का भुगतान किया गया है। (ख) जी नहीं। अनुबंधक द्वारा भुआ-बिछिया में 6888 मीटर स्‍वीकृत पाईप लाइन का कार्य पूर्ण किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) परिषद की बैठक दिनांक 22.11.2017 कार्यवाही विवरण प्रस्‍ताव/निर्णय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार नगर परिषद के पत्र क्रमांक 612/न.परि./2017 दिनांक 23.11.2017 के अनुसार संयुक्‍त टीम बनाकर जाँच हेतु नहीं लिखा गया है, अपितु 6888 मीटर पाईप लाइन विस्‍तार कार्य निकाय को जलप्रदाय हेतु पाईप लाइन हैण्‍ड ओव्‍हर करने हेतु लेख किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -  ''एक''

सहायक वार्डनों के सेवा भर्ती नियमों में किये गए बदलाव का औचित्य

[स्कूल शिक्षा]

12. ( *क्र. 4243 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन आवासीय बालक छात्रावास संचालन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में RSK भोपाल से दिनांक 10/05/2018 को जारी निर्देश के चेकलिस्ट के साथ सामान्य प्रशासन विभाग को कब प्रस्तुत किये गए थे तथा अनुमोदन हेतु प्रस्तावों की चेकलिस्ट अनुसार किस अधिनियम, नियम, अधिसूचना, परिपत्र को आधार बनाया गया था? (ख) प्रकरण में RSK भोपाल द्वारा जारी नियुक्ति संबंधी निर्देशों को तैयार करने से पहले सक्षम स्वीकृति किस प्रकार प्राप्त की गयी? किन आधारों पर प्राप्त की गयी? संक्षेपिका के साथ जवाब प्रस्तुत करें। (ग) Charter of Accountability किस विभागीय अधिकारी को दी गयी थी? क्या नोटशीट चलाते समय उस विभागीय अधिकारी द्वारा GAD एवं RSK के पूर्व के सभी अधिनियम, नियम, अधिसूचना, परिपत्र के संकलनों के आधार पर प्रस्तुतीकरण किया गया था? यदि हाँ, तो पूर्व में भर्ती हुए सहायक वार्डनों को नैसर्गिक न्याय दिलाने के लिए RSK के पत्र क्रमांक 8722 दिनांक 17/09/2013 से एम.आर.सी. का उदाहरण लेकर एवं म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के दिनांक 09/03/2012 एवं RSK का पत्र क्रमांक 2494 भोपाल दिनांक 13/03/2012 के सर्कुलर को ध्यान में रखते हुए क्या कार्यवाही की गयी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) नवीन आवासीय बालक छात्रावास संचालन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में निर्देश कार्यकारिणी के अनुमोदन से जारी किये गये थे। कार्यकारिणी को पूर्ण अधिकार होने से सामान्य प्रशासन विभाग को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत शासन के द्वारा वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 51 बालक छात्रावास तथा पूर्व से संचालित 15 छात्रावासों को विभागीय रूप से संचालन के लिये नियम निर्देश बनाने की आवश्यकता थी, जिसके लिये कार्यकारिणी से अनुमोदन प्राप्त कर नियम निर्देश जारी किये गये। (ग) तत्समय प्रचलित प्रावधानों/निर्देशों तथा राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक 8722 दिनांक 17.09.2013 तथा पत्र क्रमांक 2494 दि. 13.03.2012 को ध्यान में रखते हुये निर्देश तैयार किये गये।

नगर निगम रतलाम में वार्ड विभाजन

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( *क्र. 3994 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम रतलाम के चुनाव 2014 में अधिनियम की धाराओं के विपरीत वार्ड विभाजन तथा आरक्षण को लेकर संभागायुक्‍त को दिनांक 12.06.2019 को दिये ज्ञापन के उत्‍तर की प्रति देवें तथा बतावें के आरक्षण जनसंख्‍या के अवरोही क्रम से होगा या जनसंख्‍या के प्रतिशत के अवरोही क्रम से होगा। (ख) इन्‍दौर तथा उज्‍जैन नगर निगम में 2011 की जनसंख्‍या के आधार पर वार्ड की जनसंख्‍या का चार्ट, आरक्षित वार्ड की संख्‍या सहित उपलब्‍ध करावें तथा बतावें कि नगर निगम रतलाम में वार्ड अनुसार जनसंख्‍या के दो भिन्‍न-भिन्‍न चार्ट क्‍यों बनाये गये? एक चार्ट में प्रत्‍येक पृष्‍ठ पर आयुक्‍त, अनुविभागीय अधिकारी (SDM) रतलाम शहर सहित 6 अधिकारियों के हस्‍ताक्षर तथा दूसरे पर मात्र अंतिम पृष्‍ठ पर आयुक्‍त तथा कार्यपालन यंत्री के हस्‍ताक्षर क्‍यों हैं? दोनों में से मान्‍य कौन सा है और क्‍यों? (ग) नगर निगम रतलाम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में चयन कर जिन्‍हें राशि देना प्रारम्‍भ हो चुका है उन हितग्राही का नाम, पट्टे का क्रमांक, आवंटन की दिनांक, ऋण स्‍वीकृति की दिनांक, किश्‍त आवंटन की दिनांक, सहित सूची दें। (घ) क्‍या बिना पट्टे के भी प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर निगम रतलाम में राशि प्रदान की है? यदि हाँ, तो उनके नाम सहित सूची दें तथा कारण बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 10 की उप धारा (1) तथा इसके अंतर्गत बनाये गये म.प्र. नगर पालिका (अजा, अ.ज.जा., पि.व. एवं महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण) नियम 1994 के नियम 3 (1) के अधीन अवधारित वार्डों की कुल संख्या में से प्रत्येक नगर पालिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए ऐसी संख्या में वार्ड आरक्षित किए जाएंगे, जिसका अनुपात उस नगर पालिका के लिए अवधारित वार्डों की कुल संख्या के यथाशक्य निकटतम रूप से वही होगा जो उस नगर पालिका क्षेत्र में अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या के साथ है और ऐसे वार्ड अवरोही क्रम में होंगे जिनमें यथास्थिति अनुसूचित जातियों या जनजातियों की जनसंख्या सर्वाधिक संकेन्द्रित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। नगर निगम रतलाम में वार्ड अनुसार जनसंख्या के दो भिन्न चार्ट नहीं बनाए गए हैं। जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर वार्डवार जनसंख्या का पत्रक तैयार किया जाकर प्रारंभिक प्रकाशन किया गया जिस पर आयुक्त, अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) शहर रतलाम सहित 6 अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं तथा दावे/आपत्तियों के निराकरण उपरांत पुनः जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर वार्डवार जनसंख्या का पत्रक तैयार किया गया था जिसके अंतिम पृष्ठ पर आयुक्त तथा कार्यपालन यंत्री के हस्ताक्षर हैं। प्रारंभिक प्रकाशन के उपरांत दावे/आपत्ति के निराकरण के बाद जो पत्रक तैयार किया गया था वही मान्य है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। ऐसे हितग्राही जो कि सर्वेक्षण में पट्टे पाने हेतु उपयुक्त पाये गये तथा प्राथमिक एवं अंतिम प्रकाशन उपरांत कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होने से पात्र पाये गये तथा जिला स्तरीय समिति से पट्टा देने के अनुमोदन एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-10-47/2015/18-2 भोपाल दिनांक 03.04.2018 के अनुसार योजना में पात्र होने से सक्षम प्राधिकारी द्वारा पट्टा दिए जाने की स्वीकृति दी गई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्‍त जारी की जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

14. ( *क्र. 687 ) श्री सुदेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के सभी 35 शहरी वार्डों के अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण स्‍वीकृत किये गये थे, जिसमें हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये हैं, किन्‍तु राशि जारी नहीं की गई? (ख) हितग्राही के खाते में राशि जारी नहीं किये जाने से हितग्राहियों को होने वाली परेशानी के लिये कौन उत्‍तरदायी है? (ग) पात्र हितग्राही की सूची, राशि जारी अथवा नहीं जारी करने की स्थिति में नाम, पते सहित बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 1800 आवास स्‍वीकृत करने हेतु प्रमाण-पत्र जारी किए गये थे। प्रमाण-पत्र जारी किए गए 1800 हितग्राहियों में से सूची अनुमोदन अनुसार 568 हितग्राहियों को राशि जारी की गई है। शेष 1232 हितग्राहियों के दस्‍तावेज अपूर्ण होने से उन्‍हें राशि जारी नहीं की गई है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों के तहत हितग्राहियों के पात्रता पूर्ण न पाए जाने से राशि जारी नहीं की गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र हितग्राहियों की सूची जिन्‍हें राशि जारी की गई है, के नाम, पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

टीकमगढ़ जिलांतर्गत सिद्धखान तालाब को लीज पर दिया जाना

[वन]

15. ( *क्र. 4298 ) श्री राकेश गिरि : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन परिक्षेत्र टीकमगढ़ अंतर्गत सिद्धखान तालाब (कक्ष क्रमांक आर.एफ. 54 का रकबा 225.172 हेक्‍टेयर) को वन विभाग द्वारा मत्‍स्‍य पालन हेतु किसी मछुआ समूह या समिति को लीज पर दिया गया है? (ख) क्‍या वन विभाग के सिद्धखान तालाब को अन्‍य विभाग द्वारा मछुआ समूह/ समिति को दस वर्ष के लिए लीज पर दिया गया है? यदि हाँ, तो अन्‍य विभाग द्वारा नियम विरूद्ध दी गई लीज के लिए कौन अधिकारी दोषी है, उनके विरूद्ध क्‍या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि नहीं, है तो अभी तक तालाब को लीज पर क्‍यों नहीं दिया गया, इसके लिए जिम्‍मेदार व दोषी अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? कब तक तालाब को मत्‍स्‍य पालन हेतु वन विभाग द्वारा वन समिति को लीज पर दिया जायेगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) सिद्धखान तालाब को ग्राम वन समिति-श्रीनगर से अनुबंध निष्‍पादित कर 01 वर्ष (2012-2013) के लिये लीज पर दिया गया था। (ख) जी हाँ। मत्‍स्‍य विभाग द्वारा प्रश्‍नांश (क) में दर्शित तालाब को 10 वर्ष के लिये मछुआ सहकारी समिति सिद्धखान को लीज पर दिया गया था। इस संबंध में ग्राम वन समिति श्रीनगर तथा मछुआ सहकारी समिति सिद्धखान द्वारा कलेक्‍टर एवं अपर आयुक्‍त स्‍तर पर अपील करने के उपरांत वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के समक्ष प्रचलित है। प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है। अत: दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में विचाराधीन होने के कारण दोषी व्‍यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करना तथा वन समिति को तालाब लीज पर कब तक दे दिया जायेगा, बताया जाना संभव नहीं है।

अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

16. ( *क्र. 3298 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि - क्‍या सिंगरौली जिले के अंतर्गत अवैध कॉलोनियों को पूर्व में म.प्र. शासन द्वारा अवैध को वैध करने का कानून बनाया गया था? यदि हाँ, तो प्रदेश के सिंगरौली जिले की कितनी कॉलोनियों को वैध किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : जी हाँ। प्रदेश के समस्‍त नगरीय निकायों के क्षेत्रांतर्गत स्थित अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए म.प्र. नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरणनिर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 15-क में दिनांक 19/05/2017 को संशोधन किया गया था। जिसके अनुसार सिंगरौली जिले सहित प्रदेश के समस्‍त नगरीय निकायों के क्षेत्रांतर्गत स्थित अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय खण्‍डपीठ ग्वालियर के द्वारा पारित आदेश दिनांक 3/06/2019 में उक्त नियम    15-क को अपास्त कर दिये जाने के कारण यह प्रक्रिया स्‍थगित हो गई है। वैधानिक स्थिति स्‍पष्‍ट होने पर ही आगे की कार्यवाही की जा सकेगी।

मछली पालन हेतु जलाशयों का पट्टे पर आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

17. ( *क्र. 3773 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जलाशयों के मछली पालन हेतु पट्टे आवंटित किये जाते हैं? यदि हाँ, तो पट्टा आवंटन हेतु क्‍या मापदण्‍ड, प्रक्रिया एवं शर्तें हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सिवनी जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन से जलाशयों पर पट्टे कितनी-कितनी अवधि व कितनी-कितनी राशि पर आवंटित किये गये हैं? संस्‍थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि क्‍या है? नाम, पता सहित, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) क्‍या पट्टा आवंटन हेतु जलाशय क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता देने संबंधी कोई नियम है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित पट्टे आवंटन में नियम का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में आवंटित पट्टेधारी नियमित रूप से पट्टे की राशि जमा कर रहे हैं? यदि हाँ, तो जलाशयवार जमा की गई राशि से अवगत करायें। (ड.) विगत 05 वर्षों में सिवनी जिले के अंतर्गत पट्टा आवंटन से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं हैं एवं प्राप्‍त शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई? शिकायतवार/ विधानसभा क्षेत्रवार पूर्ण विवरण देवें।

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार (ग) जी हाँ। नियम का पालन किया जाता है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (घ) पट्टा धारक द्वारा संबंधित ग्राम/जनपद/जिला पंचायत कोष में पट्टा राशि जमा की जाती है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार

नौरादेही अभयारण्‍य में विस्थापित ग्राम

[वन]

18. ( *क्र. 4259 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) नौरादेही अभयारण्‍य में जिला नरसिंहपुर के कितने ग्राम विस्थापित होना है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) जिले के नौरादेही अभयारण्‍य के कितने ग्राम विस्थापित हो चुके हैं? शेष ग्रामों के विस्थापन के‍ लिये क्या-क्या कार्यवाही की जा रही हैं? शेष ग्राम कब तक विस्थापित हो जावेंगे?                      (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. JSP/3521 दिनांक 27.06.19 में उल्लेखित बिन्दुओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला नरसिंहपुर अंतर्गत स्थित नौरादेही अभयारण्‍य क्षेत्र से 05 ग्रामों झलपानी, ढाना, मलकुही, आमापानी, हाडीकाट का विस्‍थापन होना शेष है। (ख) जिला नरसिंहपुर के अंतर्गत स्थित नौरादेही अभयारण्‍य क्षेत्र से 02 वनग्राम खापा एवं मेहगुवा का विस्‍थापन किया जा चुका है। ग्राम आमापानी के विस्‍थापन की कार्यवाही प्रगति पर है। शेष ग्रामों का विस्‍थापन ग्रामसभा की सहमति प्राप्‍त होने के उपरांत बजट उपलब्‍धतानुसार किया जा सकेगा अत:               समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्रमांक JSP/3521 दिनांक 27.06.2019 विभाग में प्राप्‍त होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कोलारस में नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( *क्र. 4276 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवपुरी अंतर्गत कोलारस में नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण किए जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या बस स्टैण्ड के निर्माण हेतु भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों तथा अब तक भूमि आवंटन क्यों नहीं हो सकी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या इस हेतु राज्य शासन स्तर से कार्यवाही में विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन कारणों से विलंब हो रहा है? कोलारस में नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, नगर परिषद कोलारस द्वारा बस स्‍टैण्‍ड के निर्माण कार्य के लिए भूमि आवंटन का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर जिला-शिवपुरी को भेजा गया है, कलेक्‍टर, जिला-शिवपुरी द्वारा म.प्र. शासन, राजस्‍व, विभाग को भेजा गया है। भूमि आवंटन का प्रस्‍ताव म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग स्‍तर पर विचाराधीन होने से नगर परिषद कोलारस को भूमि आवंटित नहीं की जा सकी है। (ख) जी हाँ, नगर परिषद कोलारस को बस स्‍टैण्‍ड निर्माण कार्य के लिए भूमि आवंटन की स्‍वीकृति म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग स्‍तर पर विचाराधीन है, भूमि आवंटन पश्‍चात बस स्‍टैण्‍ड निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नर्मदा नदी के किनारे वृक्षारोपण

[वन]

20. ( *क्र. 4096 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) वर्ष 2017 में 6 करोड़ पौधों का नर्मदा नदी के किनारे एवं प्रदेश के अन्‍य जगहों पर वृक्षारोपण किया गया था, अभी कितने पौधे तैयार हो गये है व पौधों के संरक्षण के लिए कितना प्रयास किया गया है? यदि संरक्षण किया गया था तो अधिकांश पौधे नष्‍ट क्‍यों हुए? बिना संरक्षण के वृक्षारोपण कर पैसों का दुरूपयोग क्‍यों किया गया है? (ख) वृक्षारोपण (समारोह) कार्यक्रम पर किस मद से कितनी राशि का व्‍यय किया गया है?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) नर्मदा नदी के कछार क्षेत्र में वन विभाग द्वारा विभाग के अधीन मध्‍यप्रदेश राज्‍य वन विकास निगम सहित, दिनांक 2 जुलाई, 2017 को 3.34 करोड़ पौधों का रोपण किया गया, साथ ही प्रदेश के अन्य जगहों पर भी वर्ष 2017 में विभाग द्वारा रोपण किया गया। रोपित पौधों को तैयार एवं स्थापित होने में प्रजाति के आधार पर सामान्यतः 4 से अधिक वर्ष का समय लगता है, जबकि इन वृक्षारोपणों को अभी 2 वर्ष का ही समय हुआ है। पौधों के संरक्षण एवं चराई, अग्नि एवं अतिक्रमण से सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा सतत् प्रयास किया गया है तथा जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये गये हैं। नर्मदा कछार में वनक्षेत्रों में तथा वन विभाग द्वारा रख-रखाव किये जा रहे वृक्षारोपण क्षेत्रों में रोपित पौधों की जीवितता प्रतिशत की पुन: जाँच के निर्देश माननीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 29.06.2019 को दिये गये हैं। पौध के संरक्षण की जिम्‍मेदारी जिन अधिकारियों की थी उनकी जाँच की जा रही है। जाँच में दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ख) वृक्षारोपण (समारोह) कार्यक्रम पर योजनावार हुये व्यय की जानकारी निम्नानुसार है :-

योजना का नाम

राशि रू. में

पर्यावरण वानिकी

130720

कार्य आयोजना का क्रियान्‍वयन

269457

समिति द्वारा

377178

 

 

बैगा, भारिया तथा सहरिया सम्मेलन में व्यय राशि

[आदिमजाति कल्याण]

21. ( *क्र. 1304 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में बैगा, भारिया तथा सहरिया सम्मेलन के आयोजन हेतु जिलेवार प्रदाय किया गया आवंटन तथा व्यय की गयी राशि का जिलेवार विवरण देवें? (ख) कंडिका (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्त सम्मेलनों में प्रचार-प्रसार, साज-सज्जा, हितग्राहियों के परिवहन, नाश्‍ता-पानी, भोजन, स्वागत-सत्कार इत्यादि में व्यय हुई राशि का पृथक-पृथक ब्यौरा जिलेवार तथा कार्यक्रमवार देवें? (ग) उक्त सम्मेलनों से कितने हितग्राही लाभान्वित हुए जिलेवार तथा कार्यक्रमवार आंकड़े प्रदान करें? (घ) उपरोक्त सम्मेलनों में जिलेवार, ग्रामवार बसों में बैठ कर आयोजन स्थल तक आने-जाने वाले हितग्राहियों की सूची देवें

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विगत तीन वर्षों में बैगा, भारिया तथा सहरिया सम्मेलन आयोजन हेतु जिलावार आवंटन तथा व्यय का विवरण निम्नानुसार है:-

1. जिला-शहडोल, बैगा सम्मेलन।

वर्ष

प्रदाय आवंटन

व्‍यय

शेष

2016-17

निरंक

-

-

2017-18

60.00 लाख

5996992/-

3008/-

2018-19

18.00 लाख

18.00 लाख

-

2. जिला-छिन्दवाड़ा भारिया सम्मेलन।

वर्ष

प्रदाय आवंटन

व्‍यय

शेष

2016-17

निरंक

-

-

2017-18

50.00 लाख

-

समर्पित

2018-19

62.53 लाख

62.43

10000/-

3. जिला-शिवपुरी सहरिया सम्मेलन।

वर्ष

प्रदाय आवंटन

व्‍यय

शेष

2016-17

निरंक

-

-

2017-18

195.13 लाख

174.176 लाख

2095400

2018-19

60.00 लाख

46.36 लाख

13.64 लाख

 (ख)

1.

2.

3.

4.

5.

6.

7.

सम्‍मेलन व जिले का नाम

प्रचार-प्रसार

साज-सज्जा

परिवहन/     पी.ओ.एल.

नाश्ता-पानीभोजन

स्वागत-
सत्कार

अन्‍य

बैगा सम्मेलन शहडोल

1120855.00

-

2406327.00

4244810.00

-

25000.00

भारिया सम्मेलन छिन्दवाड़ा

139612.00

18390.00

3779280.00

2024590.00

81113.00

200000.00

सहरिया सम्मेलन, शिवपुरी

90000.00

15436500.00

5658100.00

77800.00

5400.00

93800.00

शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है।

(ग)

कार्यक्रम

जिला

लाभान्वित हितग्राही

बैगा सम्मेलन

शहडोल, जबलपुर, कटनी, बालाघाट, डिण्डौरी, उमरिया, मण्डला, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा।

65000

भारिया सम्मेलन

छिन्दवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, होशंगाबाद।

36000

सहरिया सम्मेलन

शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया।

18536

(घ) सम्मेलनों में जिलेवार, ग्रामवार हितग्राही को आयोजन स्थल तक आने जाने हेतु बसें लगाई गईं थीं, किन्तु उक्त सम्मेलनों में आये हितग्राहियों का पंजीयन नहीं किया गया है। अतः हितग्राहियों की सूची उपलब्ध नहीं है।

परिशिष्ट -  ''दो''

शासकीय स्‍कूलों में नवीन ट्रेड्स का संचालन

[स्कूल शिक्षा]

22. ( *क्र. 3188 ) श्री अजय विश्नोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के कई उच्‍चतर माध्‍यमिक शालाओं में विभिन्‍न विषयों में प्रवेश संख्‍या अत्‍यधिक न्‍यून होने पर भी 11वीं कक्षा में उस विषय में प्रवेश दिया जाता है और शिक्षण कार्य किया जाता है? (ख) क्‍या सत्र 2019-2020 से व्‍यावसायिक शिक्षा की 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिये न्‍यूनतम 25 छात्रों की शर्त लागू कर दी गयी है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ग) सामान्‍य विषयों और व्‍यावसायिक शिक्षा के विषयों में प्रवेश देने के नियमों में यह अंतर क्‍यों किया गया है? (घ) क्‍या शासन 25 छात्रों की न्‍यूनतम संख्‍या की शर्त लगाकर क्रमश: व्‍यावसायिक शिक्षा को हतोत्‍साहित करके बंद करने का प्रयास कर रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या शासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रदेश में एक भी विद्यालय में एक भी ट्रेड में व्‍यावसायिक शिक्षा की कक्षायें बंद न की जायें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। विषय स्ट्रीम स्वीकृत होने पर प्रवेश दिया जाता है। (ख) जी हाँ। पुरानी व्यावसायिक शिक्षा ट्रेड में विद्यार्थियों की रूचि कम होने एवं कक्षा 11वीं हेतु नवीन व्यावसायिक शिक्षा ट्रेड आने के कारण। (ग) उच्च शिक्षा के साथ लिंकेज के संदर्भ में यह कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं। नवीन व्यावसायिक शिक्षा अंतर्गत वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप नवीन ट्रेड्स विद्यालयों में संचालित किए जा रहे हैं। वर्तमान में 625 विद्यालयों में 9 ट्रेड संचालित हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2019-20 से 574 नवीन विद्यालयों में भी व्यावसायिक ट्रेड आरंभ करने की सैद्धांतिक सहमति दी गई है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खण्‍डवा जिले में संचालित खदानें

[खनिज साधन]

23. ( *क्र. 3286 ) श्री राम दांगोरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्‍डवा जिले में खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत, मुरम, गिट्टी खदानें किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं और किस समय अवधि तक की जावेंगी? इनको किस दर से खदानें दी गईं? खदान स्वीकृति के लिए विगत 5 वर्षों में शासन से जारी दिशा-निर्देशों की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत निर्माणाधीन ब्रॉडगेज रेलवे के कार्य के लिए रेलवे ठेकेदारों को कहाँ-कहाँ खदानें दी गई हैं एवं कितने क्षेत्रफल भूमि किस दर से दी गई है? विगत 5 वर्षों में क्‍या किसी खदान पर जुर्माने की कार्यवाही अधिरोपित की गई है? यदि हाँ, तो कितना जुर्माना किस-किस खदान से प्राप्‍त हुआ और यदि जुर्माना माफ किया तो किस आधार पर किया गया? शासन निर्देश की प्रति देवें (ग) क्‍या खदानों के लिए पहा‍ड़ि‍यां, छोटा झाड़ जंगल की भूमि का प्रावधान है? यदि हाँ तो शासन निर्देशों की छायाप्रति देवें? रेलवे ठेकेदारों ने क्‍या तय मापदण्‍डों के अनुसार खुदाई की है? यदि हाँ, तो कितने घन मीटर खनिज कितने क्षेत्रफल से निकाला गया है? यदि निर्देशों की अवहेलना हुई है तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई एवं कहाँ-कहाँ से रेत, गिट्टी, मुरम लाई गई है? उनकी रॉयल्टी की रसीदें भी उपलब्ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के अधीन अधिसूचित दर पर रायल्‍टी का भुगतान किये जाने की अनिवार्यता है, खदानें स्‍वीकृति अवधि तक संचालित की जा सकती हैं। उक्‍त नियम अधिसूचित है। (ख) विधान सभा क्षेत्र पंधाना में रेलवे ठेकेदारों को स्‍वीकृ‍त उत्‍खनन अनुज्ञा पत्र तथा अन्‍य वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। किसी भी अनुज्ञाधारी के विरूद्ध अर्थदण्‍ड अधिरोपण की कार्यवाही नहीं की गई है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पहाड़ियां एवं छोटे झाड़ का जंगल की भूमि पर खनि रियायतें आवश्‍यक औपचारिकताओं की पूर्ति उपरांत स्‍वीकृति के प्रावधान है। निर्धारित मापदण्‍डों की अवहेलना किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' में दर्शित अनुज्ञाधारियों द्वारा स्‍वीकृत अनुज्ञा क्षेत्र से कुल 1.65 लाख घन मीटर मुरम का खनन कर रायल्‍टी राशि रूपये 82.50 लाख शासकीय मद में जमा करायी गई है। अत: प्रश्‍नांश अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। रेलवे ठेकेदार द्वारा वैध ठेकेदारों से गिट्टी खनिज क्रय कर उपयोग किया गया है। रायल्‍टी रसीदें ऑन लाइन जारी किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में होने से प्रति उपलब्‍ध कराया जाना संभव नहीं है।

वनग्रामों की भूमियों को राजस्‍व भूमि मानकर कार्यवाही

[वन]

24. ( *क्र. 4329 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) जिला अभिलेखागार खरगौन एवं तहसील अभिलेखागार बड़वाह में वनमण्‍डल में आने वाले 9 वन ग्रामों में से किस वनग्राम की किस-किस वर्ष की नामान्‍तरण पंजी उपलब्‍ध है? उसमें क्रेता का नाम किस दिनांक को संशोधित करने का आदेश किस अधिकारी द्वारा दिया है? (ख) किस वनग्राम के अभिलेखागार में उपलब्‍ध अभिलेखागारों में कितने किसानों के नाम भूस्‍वामी हक पर कितनी भूमि दर्ज है? वनग्राम नियम 1977 के अनुसार पट्टे पर कितने पट्टाधिकारियों को वितरित भूमि का ब्‍यौरा उपलब्‍ध अभिलेखों में दर्ज है? इनमें कितने किसानों को नायब तहसीलदार ने भू-अधिकार एवं पुस्तिका प्रदान की है? (ग) क्‍या वन ग्रामों की भूमि राजस्‍व अभिलेखों में भूस्‍वामी हक पर दर्ज किए जाने, क्रेता का नाम संशोधित किए जाने एवं किसानों के अनुसार राजस्‍व भूमि मानकर की गई है? (घ) वन ग्रामों की भूमियों को राजस्‍व भूमि मानकर कार्यवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में वृक्षारोपण की जाँच

[वन]

25. ( *क्र. 4280 ) श्री तरबर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर की बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में वर्ष 2017 -18 में वन विभाग में किन-किन योजनांतर्गत कार्य कराया गया? किन-किन योजनाओं में कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं कितना व्यय हुआ? योजनावार स्वीकृत राशि एवं व्यय की जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2017-18 में जो वृक्षारोपण किया गया उसमें कितने पौधे लगाने का लक्ष्य था? क्या वह पूरा हुआ? यदि नहीं, तो क्यों? इसमें जितने पौधे लगाये गये थे उनमें से कितने जीवित और कितने मृत हैं? यदि मृत हैं तो क्यों? क्या राशि का दुरूपयोग किया गया? इसमें लिप्त जो भी अधिकारी/कर्मचारी हैं? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।                         (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। जो वृक्षारोपण किया गया है, उसकी जीवितता और राशि के दुरूपयोग के संबंध में जाँच की जा रही है। 

परिशिष्ट -  ''तीन''

 

 






भाग-2

नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत भुगतान में विलंब

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

1. ( क्र. 50 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्‍यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत म.प्र. भवन संनिर्माण योजना के कार्डधारकों को शादी उपरांत रू. 51000 की राशि भुगतान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भुगतान हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि नहीं, तो क्या सामान्य रूप से भुगतान में छ: माह का समय लगता है? यदि नहीं, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर की जनपद पंचायतों में गत दो वर्षों में प्राप्त आवेदन एवं भुगतान की दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) विलंब से भुगतान होने पर कौन जवाबदार है? क्या भुगतान के लिये न्यूनतम समय-सीमा बनाई जावेगी?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी नहीं, मध्‍यप्रदेश राजपत्र प्रकाशित दिनांक 15-02-2019 के अनुसार मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत योजना के महिला श्रमिक कार्डधारकों के लिए संचालित ''विवाह सहायता योजना'' के तहत पूर्व से प्रचलित प्रावधानों में संशोधन करते हुऐ न्‍यूनतम 05 महिला श्रमिक कार्ड धारकों के सामूहिक विवाह के आयोजन की दशा में शादी उपरांत राशि रूपये 51000/- का भुगतान किये जाने का प्रावधान किया गया है। (ख) जी हाँ, उक्‍त योजना लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत आती है, जिसकी समय-सीमा 15 कार्य दिवस निर्धारित है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ग) विवाह सहायता योजना में भुगतान समय पर न होने के लिए संबंधित पदाभिहित अधिकारी जवाबदार होंगे।

ग्राम अमझर के आसपास अवैध क्रेशरों की डस्ट के कारण  जनहानि

[खनिज साधन]

2. ( क्र. 93 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर-अमरकंटक रोड के ग्राम अमझर में सड़क के आसपास क्षेत्र में 8-10 क्रेशर अवैध चल रहे हैं? जिनकी डस्ट से सड़क पर धुंध छाई रहती है? (ख) क्या क्रेशरों की डस्ट के कारण लगातार एक्सीडेंट हो रहे हैं एवं गत वर्ष वाहनों के एक्सीडेंट में 8-10 व्‍यक्तियों की मौत हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो इन मौतों के लिये कौन जवाबदार है? (घ) क्या जवाबदार व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश के संबंध में थाना प्रभारी खमरिया से प्राप्‍त जानकारी अनुसार क्रेशरों के डस्‍ट के कारण वाहनों के एक्‍सीडेंट में एवं दुर्घटना के कारण अपराध/प्रकरण/मर्ग की जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है।

पनागर जिला जबलपुर में अवैध रेत का उत्खनन 

[खनिज साधन]

3. ( क्र. 94 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अवैध रेत उत्खनन के कारण शासन को प्रतिदिन लाखों रूपयों की वित्तीय क्षति हो रही है? (ख) यदि नहीं, तो मदना, इमलई, सिंगलदीप में प्रतिदिन 100 से 150 ट्रक/डम्पर रेत के अवैध उत्खनन से शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि हाँ, तो अवैध रेत उत्‍खनन रोकने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? क्या वाहन राजसात एवं अपराधिक अभियोजन की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (घ) क्या इतने बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन के लिये खनिज अधिकारी दोषी नहीं है? यदि नहीं, तो कौन दोषी है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। अवैध रेत उत्‍खनन के प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) अवैध खनन के फलस्‍वरूप राजस्‍व राशि प्राप्‍त नहीं होती है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्राम मदना में अवैध रेत खनन का एक प्रकरण पंजीबद्ध कर अर्थदण्‍ड रूपये 3,37,500/- वसूल किया गया। अन्‍य उल्‍लेखित ग्राम- इमलई तथा ग्राम- सिंगलदीप में अवैध रेत खनन का कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवा‍ही किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन भूमि के पट्टों का वितरण 

[आदिमजाति कल्याण]

4. ( क्र. 387 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि के पट्टा) व्‍यक्तिगत एवं सामु‍दायिक के आवेदन पत्र कब से किस स्‍तर पर क्‍यों लंबित हैं उनका कब तक निराकरण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित किन किनके आवेदन पत्र ग्राम सभा एवं उपखण्‍ड स्‍तरीय समिति द्वारा कब-कब, क्‍यों निरस्‍त किये गये? संबंधितों को सूचना कब, किस माध्‍यम से दी गई (ग) सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों एवं स्‍थानों पर किया जा सकता है इस संबंध में  क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? प्रति दें। (घ) रायसेन जिले में उक्‍त प्रकरणों के संबंध में 1 जनवरी 17 से जून 19 तक किन-किन सांसद-विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में वर्णित वन भूमि पर एवं धारा 3 (1) में वर्णित प्रयोजनों हेतु सामुदायिक अधिकार दिये जा सकते है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है।

परिशिष्ट -  ''चार ''

निकायों को प्राप्‍त राशि 

[नगरीय विकास एवं आवास]

5. ( क्र. 392 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से जून 19 तक की अवधि में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों को किस-किस मद योजना में वर्षवार कितनी राशि कब-कब प्राप्‍त हुई? (ख) उक्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य कहाँ-कहाँ करवाये, कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं, कार्यवार कारण बतायें, उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (ग) जून 2019 की स्थिति में किन-किन पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्‍यांकन क्‍यों नहीं किया गया कार्य पूर्णता की दिनांक बतायें, अंतिम मूल्‍यांकन कब तक होगा।  (घ) कार्यपालन यंत्री द्वारा उक्‍त अवधि में किन-किन कार्यों का कब-कब निरीक्षण किया? उक्‍त निरीक्षण के समय उक्‍त पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्‍यांकन क्‍यों नहीं किया।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं () जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '''' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '''' पर है। (घ) कार्यपालन यंत्री द्वारा किये गये कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। उपयंत्री द्वारा किये गये कार्यों का मूल्‍यांकन कर कार्यपालन यंत्री से परीक्षण उपरान्‍त अंतिम अनुमोदन किया जाता है।

राजगढ़ विधान सभा अंतर्गत नवीन आवासीय छात्रावास की स्‍वीकृति 

[स्कूल शिक्षा]

6. ( क्र. 630 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) राजगढ़ विधान सभा अंतर्गत विगत 10 वर्षों में कितने आवासीय छात्रावास प्रारम्‍भ हुए, प्रारम्‍भ होने का वर्ष दर्शाते हुए जानकारी दें? (ख) प्रश्‍न कंडिका (क) अनुसार राजगढ़ विधान सभा की शिक्षण संस्‍थाओं की संख्‍या तथा विद्यार्थी की संख्‍या के अनुरूप क्‍या उक्‍त आवासीय छात्रावास नियमानुसार पर्याप्‍त संख्‍या में है? यदि हाँ, तो नियम किस कंडिका के अनुसार आवासीय छात्रावास पर्याप्‍त संख्‍या में है? (ग) प्रश्‍न कंडिका (ग) अनुसार शिक्षण संस्‍थान एवं छात्रों के संख्‍या के आधार यदि क्‍या आवासीय छात्रावास की पर्याप्‍त नहीं है तो? क्‍या शासन राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नये आवासीय छात्रावास स्‍वीकृत करेगा यदि हाँ, तो कितने एवं कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एक बालिका छात्रावास वर्ष 2011-12 से विशेष आवश्‍यकता वाले बच्‍चों के लिए एक 50 सीटर छात्रावास वर्ष 2017-18 तथा एक 100 सीटर बालक आवासीय छात्रावास वर्ष 2017-18 से संचालित है। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नवीन आवासीय छात्रावास बजट उपलब्‍धता या समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत भारत सरकार की स्‍वीकृति पर निर्भर करता है।

सीवेज निर्माण के उपरांत खराब हुई सड़कों को दुरूस्‍त किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( क्र. 692 ) श्री सुदेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर नगर में सीवेज निर्माण हेतु कुल कितनी राशि स्‍वीकृत हुई थी तथा योजना में मापदण्‍ड अनुसार उससे कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये गये हैं। (ख) क्‍या निर्माण कार्य हेतु जो सड़कें खोदी गईं थीं उनकी मरम्‍मत हेतु अलग से कितनी राशि स्‍वीकृत की गई थी एवं सड़क की मरम्‍मत हेतु जो मापदण्‍ड किये गये थे उस अनुसार मरम्‍मत कार्य सही एवं पूर्ण नहीं होने से सम्‍पूर्ण नगर की सड़कें गड्ढों में परिवर्तित हो गईं हैं और दुर्घटना होने से विगत दिनों एक युवक की मृत्‍यु हो गई थी जिसको लेकर नगर में रोष भी था, यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्‍तरदायी है? (ग) क्‍या वर्षाकाल का समय निकट होने से यदि समय रहते हुये सड़कों की मरम्‍मत का कार्य पूर्ण नहीं हो सका तो काफी दुर्घटना घटित होगी, यदि हाँ, तो वर्षाकाल के पूर्व सड़कों की मरम्‍मत हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राशि रू. 50.00 करोड़। निम्‍नानुसार कार्य किये गये हैं- (1) पाइपों का प्रदाय, पाइप जोड़े जाने एवं मैन होल निर्माण। (2) सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट क्षमता 12 एम.एल.डी. का निर्माण। (3) घरेलू कनेक्‍शन हेतु चेम्‍बर निर्माण। (4) विद्युत व्‍यवस्‍था प्रदाय हेतु एच.टी. लाईन। (5) घरों को सीवर कनेक्‍शन प्रदाय। (ख) जी हाँ। राशि रू. 12.36 करोड़। सड़कों की मरम्‍मत निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार की गयी है। संपूर्ण सड़कें गड्ढों में परिवर्तित नहीं हुई हैं, अपितु कुछ स्‍थानों पर सीवर लाईन ज्‍यादा गहरायी लगभग 5 से 6 मीटर पर डाली गई है, जिसका पुनर्भराव सामग्री के बैठने के कारण कुछ स्‍थानों पर सड़क बैठ गई हैं, जिसकी मरम्‍मत संविदाकार द्वारा निरंतर की जा रही है। प्रतिवेदित किया गया है कि नगर पालिका परिषद, सीहोर द्वारा सड़क खराब होने की वजह से किसी युवक की दुर्घटना में न मौत हुई है और न ही किसी तरह का रोष व्‍याप्‍त था। जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) सड़कों का मरम्‍मत कार्य निरंतर किया जा रहा है एवं यथासमय पूर्ण कर लिया जायेगा।

नर्मदा नदी का संरक्षण

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( क्र. 764 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा में किन-किन शहरों का सीवेज/गंदा नाले का पानी/औद्योगिक इकाईयों का अपशिष्‍ट बिना शुद्धीकरण के मिल रहा है? पृथक-पृथक जानकारी दी जाए। (ख) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु शासन द्वारा क्‍या कार्य योजना तैयार की गई है एवं इस योजना में क्‍या-क्‍या कार्य किये जाने का प्रावधान किया गया था एवं कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? (ग) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु बनाई गई कार्ययोजना में कितना व्‍यय संभावित है एवं वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जिन शहरों का सीवेज/गंदे नाले का पानी नर्मदा में मिल रहा है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' पर है। (ख) एवं (ग) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु शासन द्वारा कराये जाने वाले कार्यों, किये जा रहे कार्यों पर होने वाला संभावित व्‍यय एवं वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक व्‍यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' पर है।

इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में कोचिंग संस्‍थानों का रजिस्ट्रेशन

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 883 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया, श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में कितनी कोचिंग संस्थान विभाग के पास रजिस्टर्ड है कोचिंग संचालन हेतु कौन-कौन से नियमों का पालन करना आवश्यक है यह नियम कब से प्रभावशील है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत 1 जनवरी 17 के पश्चात विभाग के किस-किस जिम्मेदार अधिकारी ने, कब-कब, इन कोचिंग संस्थानों की, कहाँ-कहाँ जाँच की? इनमें      क्या-क्या कमियाँ पायी गयी? (ग) क्या इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के बड़े शहरों में चौथी एवं पाँचवीं माला पर संचालित इन कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए नगर निकाय, उच्च शिक्षा एवं प्रशासनिक अधिकारियों की कभी कोई बैठक आयोजित नहीं की गयी? प्रदेश के हजारों बच्चों की सुरक्षा एवं शोषण को रोकने के लिए विभाग के पास क्या नियम हैं? (घ) क्‍या प्रदेश सरकार कोचिंग सेंटर को अपने नियंत्रण में लाकर इनके संचालन, फीस वसूली, भवन, भूमि सुविधा के संबंध में अध्‍यादेश लाने तथा विधानसभा में नवीन अधिनियम बनाने की कार्यवाही कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी नहीं।

खण्डवा के अपूर्ण बस स्टैण्ड के निर्माण को पूर्ण किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( क्र. 1162 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगर के दादाजी वार्ड में बनाये गये उप बस स्टैण्ड पर निगम द्वारा कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई है? (ख) क्या उक्त बस स्टैण्ड आरंभ करने के पूर्व निगम द्वारा परिषद की साधारण सभा में प्रस्ताव पास किया गया था? यदि हाँ, तो उसमें कितने पार्षदों द्वारा सहमति प्रदान की गई थी? (ग) क्या दादाजी वार्ड के उप बस स्टैण्ड के आरंभ होने पर मुख्य बस स्टैण्ड जो कि रेल्वे स्टेशन के पास होने से यात्रियों के लिये अत्यंत सुविधाजनक है, को पूरी तरह बंद किये जाने का भी प्रस्ताव लिया गया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या निगम का यह निर्णय पूर्ण रुप से व्यवहारिक था? क्या इसमें नगर के गणमान्य नागरिकों एवं रेल यात्रियों का सुझाव लिया गया था? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या उक्त बस स्टैण्ड के निर्माण पर शासन के करोड़ों रु. खर्च करने के उपरान्त भी निगम द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिये शौचालय एवं पीने के पानी की मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो उक्त लापरवाही के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) खण्‍डवा नगर के दादाजी वार्ड में बनाये गये उप बस स्‍टैण्‍ड पर निगम द्वारा निम्‍नानुसार कार्यों पर व्‍यय किया गया है:- 1बाउण्‍ड्रीवाल राशि रू. 16,06,219/-  2. डामरीकरण राशि रू. 84,97,464/-  3. टीन शेड राशि रू. 16,62,812/- (ख) जी हाँ। प्रस्‍ताव पर 43 पार्षदों द्वारा सहमति प्रदान की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश () के परिप्रे‍क्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) नगर निगम द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए शौचालय एवं पीने के पानी की व्‍यवस्‍था की है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत अपूर्ण विद्यालय भवनों का निर्माण

[स्कूल शिक्षा]

11. ( क्र. 1181 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किकृपया माननीय मंत्री महोदय यह बताने का कष्ट करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत कुल ऐसे कितने विद्यालय हैं जिनके भवन का निर्माण कार्य अधूरा है? ऐसे विद्यालय भवनों के अधूरा रहने का क्या कारण है? (ख) क्या ग्राम पंचायत बेलवा सुरसरी सिंह में स्थित विद्यालय के अधूरे भवन के निर्माण हेतु सत्र 2017-18 में तत्कालीन मंत्री महोदय के द्वारा सदन में राशि देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि उक्त भवन के निर्माण हेतु स्वीकृत की गई?                      (ग) क्या कारण है कि 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी बेलवा सुरसरी सिंह विद्यालय के अधूरे भवन का निर्माण पूर्ण नहीं कराया जा सका? अधूरे विद्यालय भवन का निर्माण कब तक पूर्ण कराया जा सकेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन कार्य हेतु निर्माण एजेन्सी की मांग अनुसार राशि रू. 8.45 लाख प्रदान की गई थी।                (ग) निर्माण एजेन्सी की लापरवाही के कारण भवन निर्माण पूर्ण नहीं कराया जा सका। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक 5590 दिनांक 04.07.2019 द्वारा अपूर्ण कार्य तत्काल पूर्ण कराने हेतु लेख किया गया है।

परिशिष्ट -  ''पाँच''

अनुसंधान विस्तार उपकेन्द्र के तहत संचालित नर्सरियां

[वन]

12. ( क्र. 1267 ) श्री जसमंत जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) ग्‍वालियर वृत्‍त में एवं शिवपुरी जिले सहित करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत अनुसंधान विस्तार उपकेन्‍द्र के तहत नर्सरियां कहाँ-कहाँ स्थित हैं इन नर्सरि‍यों द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कितनी लागत के किये गये हैं वर्षवार, कार्यवार विस्‍तृत ब्यौरा देवें। (ख) उक्‍त नर्सरियों में संबंधित प्रभारी अधिकारी द्वारा 18 लाख मिट्टी की थैलि‍यां तैयार कराई गई हैं उन थैलि‍यों को विभाग द्वारा किस स्थान से तथा कितनी राशि व्यय कर प्राप्त की गई है विस्‍तृत विवरण देवें। (ग) इन नर्सरियों में सौर उर्जा संयंत्र भी स्थापित किया गया है उस स्थापित संयंत्र का उपयोग किस कार्य में किया जाता है क्या ग्राम टुकी उपकेन्द्र के तत्कालीन प्रभारी अधिकारी द्वारा पानी के टैंकरों को भरवाकर लगभग 13.00 लाख रू. का पानी विक्रय का कार्य किया गया है यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, की गई तो क्यों?            (घ) इन नर्सरियों में मिट्टी की थैलि‍यों को तैयार करने में लगाये गये मजदूरों को मजदूरी का भुगतान 1-25 रूपये के स्‍थान पर मात्र 60 पैसे प्रतिथैली के मान से किया गया है भुगतान किये गये समस्त मजदूरों की सूची एवं भुगतान कोषालय शीट उपलब्ध कराई जावे?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) अनुसंधान एवं विस्‍तार वृत्‍त, ग्‍वालियर के तहत तपोवन ग्‍वालियर, छौलियाना भिंड, देवरी मुरैना, अंगूरी बैराज वं भूता दतिया, ईको सेंटर श्‍योपुर एवं शिवपुरी जिले में एरावन-1, एरावन-2 (टुकी), भेडफार्म तथा वन विद्यालय नर्सरियां स्थित हैं। करैरा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कोई नर्सरी स्‍थापित नहीं है। इन नर्सरियों में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-A अनुसार है। (ख) उक्‍त नर्सरियों में तैयार कराई गई थैलियों के क्रय एवं उस पर हुए व्‍यय का विस्‍तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-B अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित 10 रोपणियों में से 08 रोपणियों में सौर ऊर्जा संयत्र स्‍थापित है जिसका उपयोग पौधों की सिंचाई हेतु किया जाता है। टुकी रोपणी में तत्‍कालीन प्रभारी अधिकारी द्वारा पानी के टैंकरों को भरवाकर कोई भी पानी विक्रय नहीं किया गया है। अत: विभाग द्वारा कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) नर्सरियों में मिट्टी की थैलियों में तैयार करने में लगाये गये मजदूरों को मजदूरी का भुगतान विभागीय जॉब दर अनुसार किया गया है। भुगतान किये गये समस्‍त मजदूरों की सूची एवं कोषालय भुगतान शीट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-C अनुसार है।

प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत स्वीकृत प्रकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( क्र. 1281 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत 31 मई 2019 तक शहरी क्षेत्र बैतूल में             किस-किस को इस योजना अन्तर्गत लाभ पहुंचाया गया है? हितग्राही का नाम एवं पता बताएं।             (ख) इनमें से कितने हितग्राही ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं, जिन्हें इसका लाभ दिया गया है? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) इनमें से कितने हितग्राही निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं, जिन्हें इसका लाभ दिया गया है? सूची उपलब्ध कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत नगर पालिका परिषद, बैतूल के शहरी क्षेत्र में कुल 2101 हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समस्‍त हितग्राही नगरीय क्षेत्र बैतूल के निवासी हैं, जिन्‍हें लाभ दिया गया है। (ग) योजना अंतर्गत हितग्राहियों से इस प्रकार के कोई दस्‍तावेज नहीं लिए जाते, जिससे यह सिद्ध हो कि उक्‍त हितग्राही जन प्रतिनिधि है।

नगरपालिका परिषद बैतूल की लाखापुर डेम की पेयजल योजना की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

14. ( क्र. 1282 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद बैतूल द्वारा बैतूल नगर की पेयजल व्यवस्था हेतु लाखापुर डेम से पानी लाने हेतु क्या किसी प्रकार का कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो स्वीकृत लागत एवं कार्यादेश दिनांक बताएं? (ख) उपरोक्त प्राक्कलन में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हैं? प्राक्कलन की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त कार्य समयावधि में पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा एवं इसका लाभ शहरवासियों को कब तक प्राप्त हो सकेगा? क्या पेयजल व्यवस्था हेतु उपरोक्त डेम में पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है या नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य की लागत राशि              रू. 201.43 लाख है। निविदा पश्‍चात कार्य की लागत राशि रू. 224.99 लाख है। दिनांक 01.09.2016 को कार्यादेश दिया गया है। (ख) उक्‍त कार्य अंतर्गत 18500 मीटर आर.सी.सी. (एनपी-3) पाईप लाइन बिछाया जाना प्रस्‍तावित है। प्राक्‍कलन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उक्‍त कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं हुआ। वन भूमि में से पाईप लाइन बिछाये जाने की अनुमति वन विभाग से विलंब से प्राप्‍त होना तथा पाईप लाइन बिछाये जाने के दौरान मलकापुर आदि ग्राम के कृषकों द्वारा विरोध किये जाने के कारण कार्य में विलंब हुआ। (घ) उक्‍त कार्य अगले 06 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना लक्षित किया गया है। योजना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत रहवासियों को लाभ प्राप्‍त हो सकेगा। पर्याप्‍त वर्षा होने के पश्‍चात उक्‍त डेम में पानी की पर्याप्‍त उपलब्‍धता रहती है।

जबलपुर सहकारी दुग्‍ध संघ के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी के कार्यों की जांच

[पशुपालन]

15. ( क्र. 1292 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर सहकारी दुग्‍ध संघ मर्या. मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी द्वारा परि‍वीक्षा अवधि कब पूर्ण की गयी इनकी नियुक्‍ति कब हुई, परि‍वीक्षा अवधि पूर्ण करने के पश्‍चात कब स्‍थाई किया गया?  (ख) दीपक शर्मा, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी दुग्‍ध संघ मर्या. जबलपुर की नियुक्ति कब हुई किन किन जिलों में पदस्‍थ रहे इनके विरूद्ध किस-किस जिले में शिकायत हुई, कहाँ-कहाँ दोषी पाये गए तथा क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? पूर्ण जानकारी देवें? (ग) जबलपुर दुग्‍ध संघ मर्या. में निम्‍न स्‍तर के बटर का उपयोग कर घी बनाया जाता है। क्‍या उसकी जाँच कर उचित कार्यवाही की जायेगी।                 (घ) दीपक शर्मा, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी दुग्‍ध संघ मर्यादित जबलपुर द्वारा फर्जी बिल ई.टी.पी. लगाकर सरकारी राशि का दुरूपयोग करने संबंधी शिकायत लांजी किरनापुर विधायक द्वारा की जाकर जाँच कर उचित कार्यवाही हेतु पत्र लिखा था, तो क्‍या जाँच कराकर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो जानकारी देवें, नहीं तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति दिनांक 14.08.2007 को हुई। इनके द्वारा दिनांक 06.09.2007 को उपस्थिति दी गयी। परिवीक्षा अवधि पूर्ण नहीं हुई है कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) श्री दीपक शर्मा की पदस्‍थी एवं शिकायतों का विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्र.

पदस्‍थी स्‍थान

अवधि

शिकायत का विवरण

1

जबलपुर सहकारी दुग्‍ध संघ जबलपुर के जिला शहडोल में परियोजना अधिकारी

2006 से 2007 तक

विभागीय जाँच प्रचलन में है।

2

इन्‍दौर सहकारी दुग्‍ध संघ इन्‍दौर

2007 से 2009 तक

निरंक

3

भोपाल सहकारी दुग्‍ध संघ भोपाल

2009 से 2012 तक

निरंक

4

इन्‍दौर सहकारी दुग्‍ध संघ इन्‍दौर

2013 से 2015 तक

निरंक

5

उज्‍जैन सहकारी दुग्‍ध संघ उज्‍जैन

2015 से 2016 तक

विभागीय जाँच प्रचलन में है।

6

एम.पी.सी.डी.एफ. भोपाल

2016 से 2017 तक

निरंक

7

जबलपुर सहकारी दुग्‍ध संघ जबलपुर

वर्ष 2017 से निरंतर

शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है।

(ग) जी नहीं। जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ में निम्न स्तर के बटर की जाँच एम.पी.सी.डी.एफ. के जाँच दल द्वारा निरीक्षण के समय की गई थी। जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलन में है।            (घ) एम.पी.सी.डी.एफ. के पत्र क्रमांक 1660 दिनांक 08.05.19 के माध्‍यम से ई.टी.पी. कार्य से संबंधित समस्‍त मूल दस्‍तावेज बुलाये गये हैं। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।

बालाघाट जिले में विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य

[वन]

16. ( क्र. 1294 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग बालाघाट के द्वारा जिला बालाघाट की जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत नांदगांव में जिला पंचायत बालाघाट के आदेश क्र. 1672 एवं 1673 दिनांक 07-03-2017 के तहत मनरेगा अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से कराये गये थे? (ख) क्या वन विभाग के द्वारा उक्त निर्माण कार्य को पूर्ण करा लिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों उसका भौतिक सत्यापन कराया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या उक्त निर्माण कार्य की सी.सी. (कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र) जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब किस दिनांक को? क्‍या उक्त निर्माण कार्य में सामग्री व्यय के नाम पर भ्रष्‍टाचार किया गया है, यदि नहीं, तो कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी लागत से किस-किस दिनांक को व्यय की गई? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य के पूर्ण हो जाने पर बची राशि शासन को वापस कर दी गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि कब-कब, किस-किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त निर्माण कार्य की जाँच कब तक करायी जाकर अवगत कराया जायेगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वन विभाग द्वारा उक्‍त दोनों कार्यों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। कार्य का भौतिक सत्‍यापन दिनांक 28.11.2018 को किया गया है। (ग) जी हाँ। उक्‍त दोनों निर्माण कार्यों की सी.सी. (कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र) को वनमण्‍डल अधिकारी, दक्षिण सामान्‍य वनमण्‍डल बालाघाट के पत्र क्रमांक-1914, दिनांक 07.03.2019 से जिला पंचायत बालाघाट की ओर प्रेषित किया गया है। उक्‍त निर्माण कार्य की जाँच हेतु वनमंडलाधिकारी दक्षिण सामान्‍य बालाघाट द्वारा आदेशित किया गया है। निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री एवं लागत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्यों की जाँच हेतु वनमंडलाधिकारी दक्षिण (सामान्‍य) बालाघाट द्वारा आदेशित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -  ''छ:''

विकास कार्यों में की गई अनियमितता की जाँच

[वन]

17. ( क्र. 1330 ) श्री जसमंत जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार वन विभाग/माधव राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न योजनाओं के तहत क्या-क्या विकास कार्य किये गये हैं तथा उन विकास कार्य में  क्‍या शौचालय आदि भी सम्मिलि‍त हैं? (ख) ऐसे कितने कार्य हैं जो वर्तमान तक पूर्ण हो चुके हैं, अपूर्ण हैं तथा किन्हीं कारणों से अप्रांरभ हैं अप्रांरभ रहने के क्या-क्या कारण हैं तथा जो पूर्ण हो गये हैं उनका पूर्णता प्रमाण पत्र किस सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया है तथा अपूर्ण कार्यों पर अब तक कितनी राशि व्यय की गई है तथा उनका अद्यतन मूल्यांकन किन के द्वारा किया गया? (ग) क्या रेंज कम्पीस सतनबाड़ा में नवीन शौचालय निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति  रू. 98000- की जारी की गई थी, उक्त शौचालय के नाम पर मात्र पुराने शौचालय को टिपटाप कर नवीन शौचालय दर्शाया जाकर राशि रू 98000.00 का व्यय दर्शाकर राशि खुर्दबुर्द कर दी गई है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कितने शौचालय एवं विकास कार्य हैं और उनमें किस स्तर के अधिकारी द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन कर कार्य का अद्यतन मूल्यांकन कर राशि का भुगतान किया गया है वर्षवार ब्यौरा देवें तथा उनके नाम पदनाम भी बतावें।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                           (ख) उत्‍तरांश () के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार पूर्ण कार्य संख्‍या 120 एवं अपूर्ण कार्य 01 है। कोई कार्य अप्रारंभ नहीं है। पूर्ण कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र सहायक संचालक/परिक्षेत्र अधिकारी माधव राष्‍ट्रीय उद्यान, शिवपुरी द्वारा जारी किया गया है। अपूर्ण कार्य पर प्रश्‍न दिनांक तक राशि रूपये 3,05,865/- व्‍यय की गई है एवं उसका मूल्‍यांकन समय-समय पर सहायक संचालक, माधव राष्‍ट्रीय उद्यान, शिवपुरी द्वारा किया गया है। (ग) रेंज कैम्‍पस सतनवाड़ा में नवीन शौचालय निर्माण की तकनीकी स्‍वीकृति रूपये 98000/- की जारी की गई थी एवं शौचालय निर्माण कार्य 2015-16 में पूरा हो चुका था, परन्‍तु दिनांक 28.03.2019 को परिक्षेत्र सतनबाड़ा में निर्मित शौचालय के संबंध में शिकायत प्राप्‍त हुई, जिसकी जाँच सहायक संचालक, माधव राष्‍ट्रीय उद्यान, शिवपुरी द्वारा की गई। सहायक संचालक के प्रतिवेदन के अनुसार शौचालय निर्माण कार्य में अनियमितता पाये जाने पर परिक्षेत्र अधिकारी सतनबाड़ा को माधव राष्‍ट्रीय उद्यान कार्यालय के पत्र क्रमांक/769, दिनांक 02.05.2019 से कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया। कारण बताओ सूचना पत्र का उत्‍तर वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा अपने पत्र क्रमांक-387, दिनांक 27.06.2019 से प्रस्‍तुत किया गया है। परिक्षेत्राधिकारी द्वारा प्रस्‍तुत जवाब में उल्‍लेखित तथ्‍यों के मूल्‍यांकन एवं परीक्षण हेतु माधव राष्‍ट्रीय उद्यान के कार्यालयीन आदेश क्रमांक/273, दिनांक 12.07.2019 से एक समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन एवं गुणदोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (घ) जानकारी उत्‍तरांश ()  के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर है।

सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेशों का विभाग द्वारा पालन नहीं किया जाना

[स्कूल शिक्षा]

18. ( क्र. 1343 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लाभ हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग के द्वारा आदेश क्रमांक सी 3-09/2017/3/एक भोपाल दिनांक 25-10-2017 (या अन्‍य किसी आदेश क्रमांकों से) 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों से तृतीय क्रमोन्‍नत वेतनमान दिये जाने का आदेश प्रसारित किया गया है? यदि हाँ, तो जारी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशों का पूर्णतया क्रियान्‍वयन क्‍या रीवा जिले में हो गया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? रीवा जिले में उक्‍त आदेश का पालन प्रश्‍नतिथि तक क्‍यों नहीं हुआ? किस-किस को इसका लाभ प्रश्‍नतिथि तक नहीं मिला उसकी संख्‍यावार/जिलेवार जानकारी दें? कब तक दिया जायेगा?               (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशों के उपरांत प्रश्नांश (ख) में ऐसे प्रधानाध्‍यापकों/व्‍याख्‍याताओं की संख्‍या जिलेवार दें, जिनकी शिक्षा विभाग में प्रथम नियुक्ति (यू.डी.टी.) के पद पर हुई थी?                (घ) प्रश्नांश (क) में जारी आदेशों के बाद प्रश्नांश (क),(ख) में जिन शिक्षकों को उक्‍त लाभ प्रश्‍नतिथि तक नहीं दिया, उनकी संख्‍या जिलेवार दें। उक्‍त प्रकरण के निराकरण हेतु जिलेवार  किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारियों को नियुक्‍त किया गया है? प्रकरण में कब तक आदेश जारी कर दिये जायेंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार              (ख) प्रश्नांश '''' में वर्णित आदेश के अनुपालन में रीवा जिला अंतर्गत पात्रतानुसार सहायक शिक्षक से 30 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले 1706 लोकसेवकों को तथा शिक्षक सवंर्ग से 30 वर्ष सेवा पूर्ण करने के पश्चात् 290 लोक सेवकों को तृतीय क्रमोन्नति का लाभ देने हेतु आदेश जारी किये गये हैं। शेष सहायक शिक्षक से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण पश्चात् 233 एवं शिक्षक पद से 30 वर्ष सेवा पूर्ण पश्चात 54 लोक सेवकों के प्रस्ताव तैयार कर विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक की कार्यवाही उपरांत आदेश जारी किये जायेंगे। (ग) रीवा जिला अंतर्गत प्रधानाध्यापकों की संख्या 317 तथा व्याख्याताओं की संख्या 137 कुल संख्या 454, जिनकी प्रथम नियुक्ति शिक्षक के पद पर की गई है। (घ) रीवा जिला अंतर्गत सहायक शिक्षक से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण पश्चात् 233 एवं शिक्षक पद से 30 वर्ष सेवा पूर्ण पश्चात 54 लोक सेवकों की कुल संख्या 287 है। रीवा जिले में गठित जिला स्तरीय पदोन्नति/क्रमोन्नति समिति के सदस्यों की जानकारी इस प्रकार हैः- 1. कलेक्टर द्वारा नामांकित उप जिलाध्यक्ष-अध्‍यक्ष, 2. जिला शिक्षा अधिकारी - सदस्य सचिव, 3. प्राचार्य उ.मा.वि. स्तर- सदस्य, 4. प्राचार्य उ.मा.वि. (एस.सी/एस.टी.) - सदस्य। क्रमोन्नति दिया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -  ''सात''

उमरिया जिले में नल-जल योजना का क्रियान्‍वयन 

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( क्र. 1360 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले की नगर पंचायत नौरोजाबाद में नल-जल योजना का शुभारंभ कब हुआ? (ख) क्‍या उक्‍त नल-जल योजना हेतु राज्‍य शासन द्वारा कोई राशि आबंटित की गई? यदि हाँ, तो कितनी? (ग) उक्‍त नल-जल योजना के पूर्ण करने में शिथिलता क्‍यों बरती जा रही है और उक्‍त योजना कब तक पूर्ण कर दी जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उमरिया जिले की नगर पंचायत, नौरोजाबाद में नल-जल योजना का कार्य दिनांक 29.05.2012 को प्रारंभ हुआ है। (ख) उक्‍त नल-जल योजना हेतु शासन द्वारा राशि रू. 474.30 लाख अनुदान राशि आबंटित की गई है। (ग) योजना के पूर्ण करने के संबंध में किये गये विलंब के कारणों की जाँच कराई जा रही है। योजना दिसम्‍बर, 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[आदिमजाति कल्याण]

20. ( क्र. 1431 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 978 दिनांक 01.03.2016 के उत्‍तरांश में बताया गया था कि, विभिन्‍न श्रेणी के जैसे सहायक आयुक्‍त के 18 पद, जिला संयोजक के 23 पद, विकासखण्‍ड जिला शिक्षा अधिकारी 18 पद, क्षेत्र संयोजक के 38 रिक्‍त पदों की पूर्ति सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पदोन्‍नति नियमानुसार की जायेगी। (ख) क्‍या आज भी सहायक आयुक्‍त के पदों पर प्रभारी के रूप में कार्यरत है, जबकि कुछ मंडल संयोजक उच्‍चतर वेतनमान प्राप्‍त हैं एवं पदोन्‍नति की प्रत्‍याशा में हैं? (ग) क्‍या शासन एक ही पद पर वर्षों से कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को पदोन्‍नति प्रदान कर प्रभारी के रूप में पदस्‍थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। परन्‍तु मंडल संयोजक, सहायक आयुक्‍त का वेतनमान प्राप्‍त नहीं कर रहे हैं। (ग) प्रश्‍न उप‍स्थित नहीं होता।

श्रमिकों हेतु संचालित योजनाएं 

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( क्र. 1525 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्‍थानीय निकायों में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों (स्‍थाई-अस्‍थाई) तथा 25 दिवस 31 दिवस श्रमिकों के लिए क्‍या-क्‍या योजना संचालित है? (ख) ग्‍वालियर नगर निगम में कितने अस्‍थाई/कुशल/अकुशल श्रमिक वर्तमान में कार्यरत हैं? उनकी कितनी अवधि पूर्ण हो चुकी है? (ग) क्‍या कार्यरत कर्मचारियों/श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्‍यु एवं घायल तथा अनुकंपा नियुक्ति आदि का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्‍या किया जावेगा? (घ) क्‍या ग्‍वालियर वार्ड 61 के अंतर्गत सफाई कर्मचारी सितम्‍बर 2019 में पैर कटने से दुर्घनाग्रस्‍त हुआ था? यदि हाँ, तो शासन/निगम प्रशासन द्वारा क्‍या सुविधा दी गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरीय निकायों में कार्यरत नियमित कर्मचारियों के लिये परिभाषित अंशदान पेंशन योजना तथा म.प्र. नगर पालिका कर्मचारी बीमा सह बचत योजना संचालित है। अस्‍थाई/दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के लिये कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना संचालित है। (ख) नगर पालिक निगम ग्‍वालियर में विनियमित (स्‍थायी कर्मी)            कुशल-437, अर्धकुशल-399, अकुशल-2033, कुल 2869 है। 16 मई 2007 से 01 सितबंर 2016 तक की अवधि में सेवारत 263 श्रमिक एवं शेष 2606 दैनिक वेतन भोगी 16 मई 2007 से 01 सितबंर 2016 के पूर्व के हैं। आउटसोर्स ठेके पर राज सिक्‍योरिटी फोर्स के माध्‍यम से 1850 श्रमिक कार्यरत हैं। उक्‍त ठेका दिनांक 27.03.2018 से दिया गया है जिसकी अवधि एक वर्ष 06 माह हो चुकी है। 20 श्रमिक कलेक्‍टर दर पर कार्यरत हैं जिनकी समय-सीमा दिनांक 10.05.2019 से 89 दिवस के लिये स्‍वीकृत है। (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र अनुसार नियमित कर्मचारियों की मृत्‍यु होने पर परिवार के आश्रित सदस्‍य को अनुकंपा नियुक्ति एवं एक्‍सग्रेसिया के रूप में 50 हजार रूपये भुगतान किये जाने का प्रावधान है तथा कर्मचारी के चिकित्‍सा उपचार संबंधी प्रावधान है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की मृत्‍यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है, परंतु उसके परिवार के आश्रित सदस्‍य को एक मुश्‍त रूपये 2.00 लाख (रूपये दो लाख) की राशि अनुकंपा अनुदान के नाम से दी जाएगी एवं वित्‍त विभाग के परिपत्र अनुसार दैनिक वेतनभोगी/स्‍थायीकर्मी की मृत्‍यु अथवा सेवानिवृति होने पर मृत्‍यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान (ग्रेच्‍युटी) का भुगतान, उपादान भुगतान अधिनियम 1972 के प्रावधान के अंतर्गत किया जाएगा एवं कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना अंतर्गत बीमारी/अपंगता हितलाभ का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। उक्‍त कर्मचारी आउटसोर्स एजेंसी राज सिक्‍योरिटी फोर्स का होने के कारण नगर निगम द्वारा कोई सुविधा नहीं दी गई है, परंतु आउट सोर्स एजेंसी राज सिक्‍योरिटी फोर्स द्वारा 25 हजार रूपये की तत्‍काल आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना अंतर्गत उक्‍त कर्मचारी पंजीकृत है। अत: नगर पालिक निगम द्वारा संबंधित एजेंसी को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।

माधव अंधाश्रम में निवासरत बच्‍चों को अनुदान राशि का भुगतान 

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

22. ( क्र. 1534 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर माधव अंधाश्रम में निवासरत बच्‍चों को शासन द्वारा अनुदान राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो किस कार्य हेतु कितनी मात्रा में? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें। विगत तीन वर्षों के आवंटन की प्रति उपलब्‍ध करावें? कितनी-कितनी अनुदान राशि दी गई?             (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या माधव अंधाश्रम को प्रदाय किये जाने वाला अनुदान छात्रों की संख्‍या के अनुपात में अपर्याप्‍त नहीं है? यदि हाँ, तो शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? अवगत करावें। (ग) क्‍या शासन माधव अंधाश्रम को शिक्षा के साथ रोजगारोन्‍मुखी गतिविधियां संचालित करने हेतु कार्ययोजना तैयार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा नियमित रूप से स्‍वैच्छिक संस्‍था माधव अंधाश्रम में अध्‍ययनरत छात्रों के भरण-पोषण एवं कार्यरत कर्मचारियों को वेतन/मानदेय राशि उपलब्‍ध कराई जाती है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार एवं विगत तीन वर्षों के आवंटन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। संस्‍था को दी गई अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार (ख) जी नहीं, माधव अंधाश्रम को प्रदाय किये जाने वाला अनुदान छात्रों की संख्‍या के अनुपात में पर्याप्‍त है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 16,17 एवं 19 दिव्‍यांगजनों के समेकित शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिये सशक्‍त करता है। शासन के विभिन्‍न विभाग तकनीकी शिक्षा, उद्योग, ग्रामीण एवं नगरीय प्रशासन विभाग आदि द्वारा वि‍भिन्‍न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हैं। अत: पृथक से माधव अंधाश्रम के छात्रों के लिए रोजगारोन्‍मुखीकरण गतिविधियां संचालित करने, कार्ययोजना की आवश्‍यकता नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों की पेंशन, गेज्‍युटी का भुगतान

[स्कूल शिक्षा]

23. ( क्र. 1592 ) श्री संजय शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) वर्ष 2012 से माननीय न्यायालय के स्थगन आदेश के आधार पर कितने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी/कर्मचारी/उपसंचालक व इससे उच्च पदों (संयुक्‍त संचालक, अपर संचालक, संचालक, प्राचार्य डायट एवं शिक्षा महाविद्यालय) पर कार्यरत रहे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सम्बद्ध अधिकारियों को 60 वर्ष के आधार पर पेंशन सेवानिवृत्ति संबंधी स्व‍त्व यथा पेंशन, ग्रेच्युटी आदि उपादान का पूरा भुगतान किस-किस अधिकारी को किया गया है और किस-किस को नहीं किया गया है? भुगतान करने और न करने का कारण अधिकारीवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समरूप प्रकरणों में अनेक अधिकारियों को 60 वर्ष के आधार पर पेंशन, ग्रेच्युटी आदि का भुगतान करने एवं शेष को लम्बे समय तक न देने की विभेदकारी स्थिति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या उन पर नियमानुसार विलम्ब हेतु दण्ड आरोपित किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभेदकारी स्थिति के कारण वंचित शेष अधिकारी को भुगतान कब तक किया जाएगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- 2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता।                   (घ) विभेदीकरण जैसी कोई स्थिति नहीं है। इस विषय पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय में संस्‍थित न्‍यायालयीन याचिकाओं पर पारित अंतरिम निर्णयों के अनुसार कार्यवाही की गई है, माननीय न्‍यायालय के अंतिम निर्णय अनुसार अग्रेतर कार्यवाही की जा सकेगी। निश्‍चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

इन्दौर स्थित मारूति मंदिर की भूमि का आवंटन 

[नगरीय विकास एवं आवास]

24. ( क्र. 1612 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित ग्राम खजराना की योजना क्र. 53 में समाविष्ट खसरा नं. 532 जिसका रकबा 1.333 हेक्टेयर है, जो कि मारूति मंदिर की भूमि है। क्या उक्त भूमि पर कलेक्टर द्वारा प्लॉट आबंटित कर दिए गए हैं। () यदि हाँ, तो कलेक्टर द्वारा आबंटित प्लॉटों की सूची एवं जिन नियमों, प्रावधानों के अंतर्गत इन्हें आबंटित किया गया है, की प्रति उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राजस्‍व रिकार्ड खसरा अभिलेख अनुसार खजराना स्थित सर्वे नं. 532 रकबा 2.493 हेक्‍टेयर भूमि मारूति मंदिर व्‍यवस्‍थापक कलेक्‍टर इंदौर देव स्‍थान के नाम से दर्ज है। उक्‍त भूमि पर कलेक्‍टर द्वारा प्‍लॉट आबंटित नहीं किये गए हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वनभूमि पर अवैध कब्‍जाधारियों पर कार्यवाही 

[वन]

25. ( क्र. 1664 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वनभूमि पर अवैध कब्‍जा कर निर्माण कार्यों के कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? उन प्रकरणों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? कितने लंबित हैं तथा कितने प्रकरणों पर अवैध कब्‍जा हटाकर कब्‍जाधारियों पर क्‍या कार्यवाही संस्थित की गई है? वन परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या वन भूमि एवं राजस्‍व भूमि के सीमांकन को लेकर मतभेद बने हैं, यदि हाँ, तो इसके लिए शासन द्वारा एवं दोनों विभागों द्वारा कोई सर्वे या योजना पर कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वह कब पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि नहीं तो इस विषय में आगे विभाग द्वारा क्‍या कोई ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं या उठाए जाएंगे, जिससे वन/राजस्‍व के विवादित मामलों का निराकरण हो सके?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वन भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्यों के कुल 43 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। उक्त 43 प्रकरणों में से 24 प्रकरणों में अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण दर्ज कर माननीय न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये गये, 14 प्रकरणों में बेदखली की कार्यवाही की गई है, 01 प्रकरण में अपराधी की मुत्यु हो जाने पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष 04 प्रकरण परिक्षेत्र स्तर पर लंबित हैं। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। दमोह जिले अंतर्गत वन राजस्व सीमा विवाद के बावत् कलेक्टर, भू-अभिलेख शाखा दमोह के पत्र दिनांक 06.03.2009 की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वन-राजस्व सीमा विवाद के निराकरण हेतु एक समिति बनाए जाने पर विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है।

योजनांतर्गत विकास कार्य 

[आदिमजाति कल्याण]

26. ( क्र. 1666 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 2 वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों में कितने परिवारों को शासन द्वारा किस योजना के तहत लाभ प्रदान किया गया है? ग्रामवार एवं विकासखण्‍डवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) विगत 2 वर्षों में विभाग द्वारा           किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्य कराये गये हैं? कितने प्रस्‍तावित हैं? कितने स्‍वीकृत हैं? ग्रामवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें।

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 02 वर्षों में विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विगत 02 वर्षों में ग्रामों में कराये गये विकास एवं निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विगत 02 वर्षों में अनुसूचित जनजाति बस्‍ती विकास योजना अन्‍तर्गत प्राप्‍त आवंटन के विरूद्ध 87 कार्य प्रस्‍तावित किये गये जिसमें 77 कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई, इसी प्रकार संविधान के अनुच्‍छेद 275 (1) योजना/मद एवं विशेष केन्‍द्रीय सहायता 2017-18 में 12 कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं तथा इस मद अंतर्गत वर्ष 2017-18 में 39 कार्य प्रस्‍तावित किये गये हैं तथा 2018-19 में 25 कार्य प्रस्‍तावित किये गये हैं एवं 08 कार्य कराये गये हैं।

ग्‍वालियर जिले में संचालित क्रेशर

[खनिज साधन]

27. ( क्र. 1681 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले में वर्तमान क्रेशर किन-किन स्‍थानों पर कहाँ-कहाँ संचालित हैं? काली गिट्टी क्रेशरों की संख्या कितनी है? फर्म/प्रबंधक का नाम स्‍थान सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन क्रेशरों को कितने अवधि एवं रकबे की अनुमति दी गई? (ग) क्‍या क्रेशर से गिट्टी परिवहन वाले वाहन स्‍थानीय सड़कों की वाहन भार क्षमता (एम.एस.ए.) से अधिक के भार के वाहन निकालने के कारण सभी पुलिया एवं सड़क क्षतिग्रस्‍त हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो पुलिया की संख्‍या, सड़कों के नाम, लंबाई एवं एजेंसी की सूची नाम सहित उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या शासन उपरोक्‍त सड़कों से निकलने वाले वाहनों की क्षमता के अनुरूप क्रेशर मालिकों के (सी.एस.आर.-कार्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) मद से निर्मित करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्‍या क्रेशरों से होने वाले ध्‍वनि प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण से बचाव हेतु स्‍थानीय निवासियों के लिए सी.एस.आर. के तहत शासन द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं बनाई? कौन दोषी है? शासन दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) एवं (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। (ग) महाप्रबंधक, मध्‍यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्‍वयन ईकाई, ग्‍वालियर एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग- 1 एवं 2 ग्‍वालियर तथा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ग्‍वालियर से प्रश्‍नांश के संबंध में प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्‍वालियर जिले में क्रेशर से गिट्टी परिवहन वाले वाहन स्‍थानीय सड़कों की वाहन भार क्षमता (एम.एस.ए.) से अधिक के भार के वाहन निकालने के कारण कोई भी पुलिया एवं सड़क क्षतिग्रस्‍त नहीं हुई है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

नगर निगम, बुरहानपुर में पानी की समस्‍या का निराकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

28. ( क्र. 1695 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम, बुरहानपुर के द्वारा जल आवर्धन योजना के अलावा वर्ष  2016-17 से 2019-20 तक पानी की समस्‍या के निराकरण के लिए क्‍या-क्‍या कार्य किये गये, कितने लागत के किस मद से किन-किन क्षेत्रों, वार्ड, मोहल्‍ले में कार्य किये गये। सूची प्रदान करें। (ख) उक्‍त कार्य से बुरहानपुर के पानी की समस्‍या का निदान कितने प्रतिशत तक हुआ है। (ग) वर्तमान में बुरहानपुर को कितने पानी की आवश्‍यकता है और वर्तमान में कितना उपलब्‍ध हो पा रहा है।               (घ) नगर निगम, बुरहानपुर के जल प्रभारी अधिकारी द्वारा ग्रीष्‍मकाल में नगर निगम बुरहानपुर क्षेत्र का भ्रमण कर पानी की समस्‍याओं की जानकारी एकत्रित कर क्‍या निगम को उपलब्‍ध कराई गई है, यदि हाँ, तो प्रपत्र प्रस्‍तुत करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्‍त कार्यों से लगभग शहर की 30 प्रतिशत जनता को लाभ मिला है। (ग) बुरहानपुर शहर को वर्तमान जनसंख्‍या के लिये 135 लीटर प्रति व्‍यक्ति प्रतिदिन के मान से 31.72 एम.एल.डी. लीटर पानी की आवश्‍यकता है, उसके बदले 13.94 एम.एल.डी पानी उपलब्‍ध हो पा रहा है। (घ) नगर निगम, बुरहानपुर की सम्‍पूर्ण जल प्रदाय व्‍यवस्‍था भूमिगत जलस्‍त्रोतों पर जैसे कुओं, नलकूप, हैंडपम्‍प तथा कुंडी भंडारा पर आधारित है। जल प्रभारी द्वारा भ्रमण के समय नागरिकों की तथा वार्ड पार्षद की शिकायतों अनुसार जल समस्‍या का निराकरण हेतु आवश्‍यकता अनुसार वार्डों में नये नलकूप खनन, पुराने नलकूपों को गहरा, पुराने कुओं को गहरा तथा उनमें अड़े बोर करने, नये कुएं खुदवाने इत्‍यादि के प्रस्‍ताव आयुक्‍त को प्रेषित किये जा कर उनके समक्ष स्‍वीकृति प्राप्‍त की जा कर नियम अनुसार कार्य कराये गये हैं। इस बाबत् पृथक से कोई प्रपत्र संधारित नहीं किये गये हैं।

अधूरे निर्माण कार्यों का पूर्ण किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 1711 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में नगरीय निकायों में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्यवार स्वीकृत राशि का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरे पड़े हैं? उनकी स्वीकृति की तिथि व अधूरे रहने के कारण स्पष्ट करें तथा संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी/ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है। (ग) स्वीकृत कार्यों के संबंध में घटिया निर्माण होने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है तथा कितनी शिकायतों की जाँच पूरी की जा चुकी है व कितनों की जाँच होना शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त शिकायतों के संबंध में दोषियों के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच हेतु लंबित शिकायतों की कब तक जाँच पूर्ण कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है (ख) कुल स्‍वीकृत 154 कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर है। (ग) स्‍वीकृत कार्यों के संबंध में घटिया निर्माण होने संबंधी कुल 20 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। जिनमें से 09 शिकायतों की जाँच पूर्ण हो चुकी है। 11 शिकायतों की जाँच प्रचलित है। (घ) नगर पालिका परिषद, नीमच की शिकायत में जाँच की जा चुकी है। ठेकेदार से राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही है। 01 शिकायत के जाँच प्रतिवेदन पर शासन स्‍तर पर, दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रचलित है। 01 जाँच में जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही कलेक्‍टर स्‍तर पर प्रचलित है। नगर पालिका, नीमच द्वारा अन्‍य 06 जांचों में कोई दोषी नहीं पाया गया है। लंबित 11 शिकायतों में से 01 शिकायत पर, कलेक्‍टर जिला नीमच द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया है तथा शेष शिकायतों पर नगर पालिका परिषद, नीमच द्वारा निकाय स्‍तर पर जाँच की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

रिलायन्‍स जियो इन्‍फो लि. को जमीन का आबंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

30. ( क्र. 1901 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिलायन्‍स जियो इन्‍फ्रो लि. कं. को ग्‍वालियर शहर में 15 जून 2019 तक कुल कितने टॉवर शासकीय भूमि पर लगाने की अनुमति दी गई, शहर ग्‍वालियर में डिवाईडर एवं चौराहों पर कितने टॉवर लगाये गये? अनुमति दस्‍तावेज के साथ विस्‍तृत जानकारी दें। (ख) शासकीय भूमि जियो कंपनी को स्‍थाई रूप से लीज पर देने से शासन को क्‍या लाभ हुआ है। क्‍या विद्युत वितरण कं. पोल ट्रांसफार्मर लगाने की अनुमति नगर निगम से लेती है। (ग) क्‍या शहर के मध्‍य अत्‍यधिक मोबाइल टॉवर होने से टॉवर के रेडियेशन से मानव मस्तिष्‍क एवं आमजन के स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरीत प्रभाव पड़ने संबंधी कोई अध्‍ययन कराया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (घ) ऐसी जन विरोधी अनुमति कब तक निरस्‍त की जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, ग्‍वालियर द्वारा प्रश्‍नांकित समय तक रिलायन्‍स जियो इन्‍फ्रो लि.कं. को 84 टॉवर लगाने की अनुमति/अनुज्ञा प्रदान की गई है, डिवाईडर पर 05 एवं चौराहों पर 04 टावर लगाये गये हैं, अनुमति के दस्‍तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, ग्‍वालियर को राशि रू. 84.00 लाख प्राप्‍त हुआ है। विदयुत वितरण कं. द्वारा नगर पालिक निगम, ग्‍वालियर से पोल लगाने की अनुमति ली जाती है, ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने की अनुमति नहीं ली जाती है। (ग) मोबाईल टॉवरों से निकलने वाले रेडियेशन से मानव के स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरीत प्रभाव की कोई भी प्रमाणित जानकारी इस विभाग के संज्ञान में अधिकृत रूप से नहीं है। म.प्र. नगर पालिका (अस्‍थाई टॉवर का संस्‍थापन/सेल्‍यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिए अधोसंरचना) नियम 2012 के बिन्‍दु 21 में रेडियेशन संबंधी शिकायत एवं उसके निराकरण के लिए दूरसंचार विभाग अथवा भारत सरकार के सक्षम प्राधिकारी को अधिकृत किया गया है। भारत सरकार द्वारा सभी प्रदेशों में दूरसंचार, टेलीकॉम इन्‍फोर्समेन्‍ट रिसोर्स एण्‍ड मॉनिटरिंग (TERM CELL) का कार्यालय खोला गया है। इसी प्रकार का एक कार्यालय भोपाल में भी है, जहॉ मोबाईल टॉवरों से उत्‍पन्‍न होने वाले रेडियेशन से संबंधित निरीक्षण एवं नियमन का कार्य किया जाता है तथा इनकी जानकारी उपलब्‍ध रहती है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय प्राथमिक माध्‍यमिक विद्यालयों में गणवेश वितरण

[स्कूल शिक्षा]

31. ( क्र. 1923 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में शासकीय प्राथमिक एवं माध्‍यमिक विद्यालयों में वर्ष के किस माह में बच्‍चों को गणवेश दिया जाना था एवं यह गणवेश कब दी गई? (ख) क्‍या गणवेश की क्‍वालिटी घटिया होने के कारण कुछ विद्यालयों से वापस की गई है या नहीं बांटी गई? (ग) आजीविका मिशन एवं स्‍व-सहायता समूह द्वारा सप्‍लाई की गई गणवेश की जाँच किससे कराई गई?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सत्र 2018-19 में शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में 15 सितम्बर 2018 तक बच्चों को गणवेश दिया जाना था। स्व-सहायता समूह के माध्यम से प्रथमबार गणवेश वितरण के कार्य में प्रक्रियागत विलम्ब तथा विधानसभा एवं लोक सभा की आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण शिक्षा सत्र के अंत तक गणवेश वितरण किया गया। (ख) जी हाँ। गुणवत्ता खराब होने तथा नाप से छोटी या बड़ी होने की शिकायत के कारण गणवेश बदलकर बांटी गई है। (ग) राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं स्व-सहायता समूह द्वारा सप्लाई की गई गणवेश के रेण्डम सत्यापन हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक/राशिके/प्रोत्साहन/2018/4437 भोपाल दिनांक 13/07/2018 के द्वारा जिला स्तर पर समिति का गठन किया गया है जिसमें जिला कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी के प्रतिनिधि, जिला परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान, जिला प्रमुख राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, खादी ग्रामोद्योग विभाग अथवा हस्तशिल्प विकास विभाग का प्रतिनिधि जो जिला स्तर पर उपलब्ध हो एवं किसी एक पालक शिक्षक संघ के सचिव एवं अध्यक्ष को शामिल किया गया हैं।

बड़वानी के प्राचार्यों के खिलाफ शिकायतों की जांच

[आदिमजाति कल्याण]

32. ( क्र. 1960 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बड़वानी जिले के 43 प्राचार्यों के विरूद्ध सामग्री क्रय में की गई अनियमितताओं की जाँच वर्षों से लंबित है। यदि हाँ, तो सहायक आयुक्‍त एवं प्राचार्यों के खिलाफ कार्यवाही कब तक होगी? प्रशासन पूरे मामले को क्‍यों दबाना चाहता है? (ख) जाँच प्रतिवेदन में दोषी पाए गए प्राचार्यों को दंडित करने की कार्यवाही एवं वसूली की कार्यवाही कब तक होगी?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यवाही आयुक्‍त, इंदौर संभाग, इंदौर में प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

टंकियों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

33. ( क्र. 2152 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केन्‍ट जिला जबलपुर के तहत कहाँ-कहाँ पेयजल की समस्‍या है? पेयजल की समस्‍या के निदान हेतु क्‍या प्रयास किये गये हैं क्‍या योजना बनाई गई है?                  (ख) प्रश्‍नांश (क) में अमृत योजना के तहत कहाँ-कहाँ पर टंकियों का निर्माण कराना स्‍वीकृत/प्रस्‍तावित है? इसके लिये कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में कहाँ पर किस एजेन्‍सी से टंकियों का निर्माण कब से कराया जा रहा है? वर्तमान में इन टंकियों के निर्माण की स्थिति क्‍या है? इनका निर्माण कब तक पूर्ण कराया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, जबलपुर के केन्‍ट विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम मोहनिया एवं मानेगांव के कुछ हिस्‍सों में आंशिक पेयजल समस्‍या है। मोहनिया एवं मानेगांव नगर निगम सीमा में सम्मिलित नवीन ग्रामों के वार्ड हैं, इन ग्रामों के नगर पालिक निगम, जबलपुर में शामिल होने के पूर्व जो व्‍यवस्‍थाएं थीं उनकों सुचारू रूप से सम्‍पादित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में 5 उच्‍च स्‍तरीय पानी की टंकियां, 38 नलकूप एवं 75 हैण्‍डपम्‍पों का रख-रखाव कर पेयजल व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की जा रही है। पेयजल समस्‍या के स्‍थायी निदान हेतु अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत केन्‍ट विधानसभा क्षेत्र के 3 स्‍थानों पर उच्‍च स्‍तरीय पानी की टंकी का निर्माण किया गया है। (ख) अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत केन्‍ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मानेगांव, तिलेहरी एवं भौंगाद्वार में उच्‍च स्‍तरीय पानी की टंकी का निर्माण किया गया है। मानेगांव में 2200 कि.ली. टंकी की लागत राशि रू. 263.27 लाख तिलेहरी में 800 कि.ली. टंकी की लागत राशि रू. 9.57 लाख एवं भौंगाद्वार में 1600 कि.ली. टंकी की लागत राशि रू. 191.46 लाख की उच्‍च स्‍तरीय पानी की टंकियों का निर्माण किया गया है जिनका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) मानेगांव, तिलेहरी एवं भौंगाद्वार की उच्‍च स्‍तरीय पानी की टंकियों का निर्माण कार्य दिनांक 24.10.2017 से एजेंसी मेसर्स गोंडवाना इंजीनियर लिमिटेड, सी.एम.आर. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रा.लि. जेव्‍ही के द्वारा किया गया है। इन टंकियों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

जबलपुर में उपयंत्रियों की सेवा समाप्ति

[स्कूल शिक्षा]

34. ( क्र. 2154 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तारांकित प्रश्‍न (क्र.1019) दिनांक 12.03.2018 के प्रश्नांश (ख) (ग) के उत्‍तर में  पुस्‍तकालय परिशिष्‍ट (ग) पृष्‍ठ 7 में जिला नियुक्ति समिति जबलपुर की बैठक दिनांक 09.08.17 की कार्यवाही विवरण के प्रस्‍ताव सरल क्र.- 4 में तीन उपयंत्रियो की सेवाएं समाप्‍त करने की सहमति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो पारित 8 प्रस्‍तावों से किस एक प्रस्‍ताव की कार्यवाही कब से प्रचलन में हैं एवं क्‍यों? पालन प्रतिवेदन की छायाप्रति दें। (ख) क्‍या कार्यवाही विवरण के प्रस्‍ताव सरल क्रमांक 4 के अंतिम पैराग्राफ में अंत में चेतावनी पत्र के आधार पर कार्यवाही की जावेगी, जोड़ा गया है और पृष्‍ठ 8 में अंकित जो कि मूल लेटरपेड है बदलकर पृष्‍ठ क्रमांक 7 में अंकित लेटरपेड लगाया गया है जिसकी टाईपिंग में भिन्‍नता स्‍पष्‍ट है और इसमे काउंटर हस्‍ताक्षर भी नहीं है? यदि हाँ, तो मूल लेटरपेड को बदलकर कूट रचना कर प्रस्‍ताव सरल क्रमांक 4 में चेतावनी के आधार पर कार्यवाही की जावेगी को जोड़ने वाले दोषी अधिकारी पर शासन ने कब क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या जिला परियोजना समन्‍वयक जिला शिक्षा केन्‍द्र जबलपुर ने दिनांक 17.10.17 को संबंधित उपयंत्रियों को चेतावनी पत्र जारी कर प्राप्‍त अभ्‍यावेदनों का परीक्षण कर उपयंत्रियों की सेवायें समाप्‍त नहीं की हैं? यदि हाँ, तो क्‍या उन्‍हें कर्मचारियों की सेवा के संबंध में स्‍वयं निर्णय लेने का अधिकार है? यदि नहीं, तो क्‍या शासन आरोपी अधिकारी को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर आवश्‍यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जिला नियुक्ति समिति की बैठक दिनांक 9/8/2017 के कार्यवाही विवरण के प्रस्ताव क्रमांक 4 में संबंधित उपयंत्रियों को दिनांक 17.10.2017 को जिला परियोजना समन्वयक के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। इस प्रस्ताव पर सूचना पत्र जारी करने के पश्चात क्या कार्यवाही की गई इसका कोई ब्यौरा जिला परियोजना समन्वयक द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया। इस संबंध में जिला परियोजना समन्वयक को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 18.7.2019 जारी कर जवाब प्राप्त किया जा रहा है। (ख) इस तथ्य की पुष्टि हेतु जिला परियोजना समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब प्राप्त किया जा रहा है। कूट रचना की जाँच हेतु अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, जबलपुर को परीक्षण हेतु अधिकृत किया गया। परीक्षण उपरांत जो भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी हाँ। जिला परियोजना समन्वयक द्वारा जवाब प्राप्त कर अभ्यावेदन का परीक्षण कर उपयंत्रियों की सेवायें समाप्त नहीं की गईं हैं। जी नहीं, जिला परियोजना समन्वयक को सेवा के संबंध में स्वयं निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। इस संबंध में कलेक्टर, जबलपुर द्वारा जिला परियोजना समन्वयक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। यदि दोषी पाये जाते हैं तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

मुरैना शहर की सफाई व्‍यवस्‍था में गंभीर अनियमितताएं 

[नगरीय विकास एवं आवास]

35. ( क्र. 2163 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर पालिका निगम क्षेत्र में सफाई व्‍यवस्‍था हेतु कितने वाहन  किस-किस दर से ईको ग्रीन कम्‍पनी द्वारा लगाये गये हैं तथा निगम के कितने वाहन संचालित हैं इन पर प्रतिमाह कितना व्‍यय किया जा रहा है तथा कितने अधिकारी/कर्मचारी उक्‍त कार्य में संलग्‍न हैं वाहनवार नामवार सूची उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्‍या गंभीर अनियमितताओं के कारण कई वार्डों में सफाई व्‍यवस्‍था सुचारू नहीं है तथा इन वार्डों की सफाई व्‍यवस्‍था के नाम पर अनियमित व्‍यय दर्शा कर शासन को लाखों रूपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन उक्‍त गंभीर अनियमितताओं की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) ईको ग्रीन कंपनी द्वारा निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं परिवहन के लिए 18 टिपर, 15 साईकिल रिक्‍शा, 02 बुलेरो वाहन तथा 04 ट्रेक्‍टर लगाये गये हैं, जो ईकोग्रीन कंपनी के स्‍वामित्‍व के हैं तथा 08 नग टिपर ईकोग्रीन कंपनी को मुरैना, नगर निगम द्वारा अपने वाहन उपलब्‍ध कराये गये हैं। नगर के 20 वार्डों में कचरा संग्रहण का कार्य ईको ग्रीन कंपनी के द्वारा तथा शेष 27 वार्डों में नगर निगम के द्वारा किया जा रहा है। इन 27 वार्डों में नगर निगम स्‍वामित्‍व के 46 वाहन तथा 08 वाहन किराये के लगे हुये हैं। निगम द्वारा सफाई में किराये के वाहनों पर प्रतिमाह रूपये 2,34,250/- का व्‍यय किया जा रहा है। सफाई कार्य में संलग्‍न ईको ग्रीन कंपनी तथा निगम के अधिकारी/कर्मचारी एवं वाहनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। मुरैना नगर निगम के सभी वार्डों में नियमित सफाई व्यवस्था संचालित है और इसमें किसी प्रकार की अनियमितता तथा आर्थिक क्षति नहीं हो रही है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री आवास (शहरी) आवंटन में अनियमितता 

[नगरीय विकास एवं आवास]

36. ( क्र. 2164 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना को शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में किस-किस वर्ष में कितना-कितना लक्ष्‍य आबंटित किया गया? लक्ष्‍य के विरूद्ध किन-किन हितग्राहियों को आवास प्रदाय किये गये, वर्षवार जानकारी बताएं। तथा सेक डाटा 2011 सर्वे अनुसार बनाई गई पात्र हितग्राही सूची उपलब्‍ध कराएं। (ख) निगम मुरैना द्वारा किन-किन एजेंसियों को आवास निर्माण का कार्य आदेश दिये गये वर्तमान में आवास निर्माण की क्‍या स्थिति है तथा इनको कब तक पूर्ण कराया जाकर हितग्राहियों को आबंटित किया जायेगा। (ग) क्‍या आवास आवंटन में प्राथमिकता को दरकिनार कर अपात्रों को भी आवास आबंटित किये गये हैं। आबंटित कार्य में पारदर्शिता न अपनाने के कारण हितग्राहियों से अवैध वसूली की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन आवास आवंटन में हुई धांधलेबाजी की जाँच कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम मुरैना में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत वर्ष 2016 में ए.एच.पी. घटक अंतर्गत 1116 ई.डब्‍ल्‍यू.एस. स्‍वीकृत हुये वर्ष 2017 में बी.एल.सी. घटक अंतर्गत 745 आवास एवं वर्ष 2018 में बी.एल.सी. घटक अंतर्गत 1188 एवं 99 कुल 2032 आवास स्‍वीकृत हुये। बी.एल.सी. घटक अंतर्गत आवासों का‍ निर्माण कार्य हितग्राहियों द्वारा स्‍वयं कराये जाने का प्रावधान है। ए.एच.पी. घटक में 1116 में से 1069 पात्र हितग्राहियों को आवासों का आवंटन किया जा चुका है तथा 47 हितग्राहियों को आवंटन किया जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर निगम मुरैना में ए.एच.पी. घटक अंतर्गत मेसर्स एल.एन. अग्रवाल जयपुर को कार्यादेश दिनांक 27.01.2017 जारी किया गया। वर्तमान में योजना का कार्य अपूर्ण है योजना की पूर्णता हेतु वित्‍तीय संसाधन एकत्र करने हेतु एल.आई.जी. एवं एम.आई.जी. भवनों के विक्रय तथा हितग्राहियों को बैंक ऋण दिए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है तथा मार्च 2020 तक कार्य पूर्ण कराये जाने का लक्ष्‍य है। कार्यवाही पूर्ण होने पर हितग्राहियों को आधिपत्य दिया जा सकेगा। (ग) जी नहीं। आवासों का आवंटन लॉटरी पद्धति द्वारा पूर्ण पारदर्शिता पूर्वक किया गया है और इसमें किसी प्रकार की अनियमितता अथवा अवैध वसूली नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अध्यापक संवर्ग को राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति

[स्कूल शिक्षा]

37. ( क्र. 2191 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अध्यापक संवर्ग को म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की प्रकिया वर्तमान में प्रचलन में है। यदि हाँ, तो सतना जिले में कितने सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों के नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके है। (ख) सतना जिले के जिन अध्यापकों की नियुक्ति म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक संवर्ग में आज दिनांक तक नहीं की गई है क्या उन पर कार्यवाही प्रचलन में है यदि हाँ, तो शेष बचे सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक के नियुक्ति आदेश कब तक जारी किये जायेंगे (ग) क्या सतना जिले के बहुत से अध्यापक संवंर्ग के कर्मचारियों के सारे रिकार्ड सही होने के बाद भी जानबूझकर आदेश जारी नहीं किये गये है। यदि नहीं  तो सतना जिले के ऐसे समस्त अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की सूची वर्गवार उनमें क्या त्रुटि है (लोकायुक्त प्रकरण छोड़कर) उपलब्ध कराई जाय जिसके कारण आदेश आज दिनांक तक नहीं जारी किये गये है। (घ) जिन अध्यापकों कि नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये है क्या ऐसे अध्यापकों को स्थानान्तरण का लाभ मिलेगा। यदि नहीं, तो आदेश जारी करने में विलंब करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। सतना जिलान्तर्गत सहायक अध्यापक के 5008, अध्यापक के 1764 तथा वरिष्ठ अध्यापक के 413 पदों पर नवीन भर्ती नियम, 2018 अन्तर्गत नियुक्ति‍ के आदेश जारी किए गए हैं। (ख) नियमों के प्रकाश में कार्रवाई प्रचलन में है। परीक्षण में पात्र पाये जाने पर नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की कार्रवाई की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।           (घ) जी नहीं। प्रकरण के परीक्षणोपरांत पात्र पाये जाने पर नियमानुसार नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की जायेगी, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

मॉडल स्‍कूलों के संबंध में

[स्कूल शिक्षा]

38. ( क्र. 2245 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शिक्षा विभाग द्वारा कितनी संख्‍या में मॉडल स्‍कूल प्रदेश भर में खोले गये हैं? इन्‍हें प्रारंभ करने के पीछे विभाग का क्‍या मन्तव्‍य था? देवास जिले में वर्तमान में कितने मॉडल स्‍कूल संचालित किये जा रहे हैं एवं इनमें किस श्रेणी के छात्र-छात्राओं को प्रवेश किया जाता है(ख) क्‍या इन स्‍कूलों में इंग्लिश माध्‍यम में पढ़ाई की व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध है? यदि हाँ, तो बतायें कि वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में कितने छात्र-छात्राओं ने इंग्लिश माध्‍यम के लिये आवेदन किया और उनको अध्‍यापन कराया गया? कन्‍नौद-खातेगांव की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ग) क्‍या जिले के अधिकांश मॉडल स्‍कूलों में शिक्षकों के पद रिक्‍त हैं, जिससे अध्‍यापन कार्य प्रभावित हो रहा है? (घ) क्‍या विभागीय स्‍तर पर इस शै‍क्षणिक सत्र में रिक्‍त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) म.प्र. में विभाग द्वारा 201 मॉडल स्कूल खोले गये हैं। उच्च शैक्षणिक गुणवत्तायुक्त शिक्षा शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखंडों में उपलब्ध कराना है। जिला देवास में 6 मॉडल स्कूल विकासखंड स्तर पर प्रारंभ किये गये हैं, इन स्कूलों में सभी श्रेणी छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा/मेरिट आधार पर प्रवेश दिया जाता है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था है। (घ) पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -  ''आठ''

नवीन छात्रावास प्रारंभ किया जाना

[आदिमजाति कल्याण]

39. ( क्र. 2249 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने अनुसूचित जनजाति के प्री-मैट्रिक एवं पोस्‍ट मैट्रिक बालक/बालिका छात्रावास संचालित हैं? संख्‍या एवं स्‍थान बतायें। वर्तमान में किन-किन जगहों पर सीटें बढ़ाने की मांग की जाती रही है। (ख) क्‍या पूर्व में जनप्रतिनिधियों द्वारा हाई स्‍कूल एवं हा.से. स्‍कूल के अनु. जनजाति वर्ग के बालक-बालिकाओं के लिये नवीन छात्रावास भवन निर्माण किये जाने की मांग की गई है? (ग) क्‍या विभाग की ओंकार, हरणगांव, कुसमा‍निया, पानीगांव एवं कन्‍नौद, खातेगांव, नेमावर में से किसी स्‍थान पर पोस्‍ट मैट्रिक या प्री मैट्रिक छात्रावास प्रारंभ करने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है क्‍या? (घ) यदि हाँ, तो कब तक स्‍वीकृति‍ होगी? यदि नहीं, तो सरकार इन आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्रों में छात्रावास संख्‍या/सीटें बढ़ाने पर विचार करेगी?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) देवास जिले के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में प्री.मैट्रिक एवं पोस्‍ट मैट्रिक छात्रावास संचालित नहीं है, अपितु अनुसूचित जनजाति के 07 सीनियर छात्रावास संचालित हैं। विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्र.

सीनियर छात्रावास

बालक/कन्‍या

स्‍थान

1.

02

बालक 01, कन्‍या 01

कन्‍नौद

2.

02

बालक 01, कन्‍या 01

खातेगांव

3.

01

बालक 01, कन्‍या 0

अजनास

4.

01

बालक 01, कन्‍या 0

विक्रमपुर

5.

01

बालक 01, कन्‍या 0

हरणगांव

6.

महाविद्यालयीन छात्रावास

-

-

वर्तमान में किसी भी स्‍थान पर सीट बढ़ाने हेतु मांग प्राप्‍त नहीं हुई है। (ख) से (घ) जी नहीं। सीट बढ़ाने की योजना नहीं है। आदेश क्र.एफ.12-01/2017/25-2/691 दिनांक 24/03/2017 द्वारा नवीन छात्रावासों की स्‍थापना हेतु नीति/मापदण्‍ड जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार पात्रता पर नवीन छात्रावास खोले जाने पर विचार किया जाता है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट -  ''नौ''

अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र का प्रदाय

[आदिमजाति कल्याण]

40. ( क्र. 2311 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में माझी समाज की पर्याय जातियों को भी अनुसूचित जनजाति हेतु प्रमाण पत्र जारी हुए है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में माझी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया है? (ख) क्‍या सागर जिले की माझी रैकवार समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने की सुविधा प्रदान की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी मध्‍यप्रदेश राज्‍य की अनुसूचित जनजाति सूची में क्र. 29 पर माझी अनुसूचित जनजाति अधिसूचित है। इसके साथ कोई पर्यायवाची जाति शामिल नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) किसी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का क्षेत्राधिकार केवल भारत सरकार को है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रीवा के शासकीय स्‍कूलों में गणवेश वितरण में अनियमितता

[स्कूल शिक्षा]

41. ( क्र. 2532 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 के सत्र में जनपद जवा, त्‍यौंथर, गंगेव, नईगढ़ी, हनुमना एवं मऊगंज में स्‍कूलों में गणवेश वितरण का कार्य किस एजेंसी को दिया गया तथा कितने छात्र, छात्राओं को गणवेश वितरण का आदेश दिया गया तथा कितने छात्र-छात्राओं को गणवेश वितरण किया गया विकासखण्‍डवार छात्र-छात्राओं की संख्‍या बतावें तथा कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) क्‍या जिला पंचायत रीवा की सामान्‍य सभा की बैठक में गणवेश घोटाले के लिए प्रमुख सचिव सामान्‍य प्रशासन को ई.ओ. डब्‍ल्‍यू. से जाँच कराये जाने का निर्णय लिया गया? (ग) क्‍या 2018-19 में वर्णित जनपदों में गणवेश वितरण घोटाले की जाँच ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. से करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक करा ली जायेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 सत्र में रीवा जिले के विकासखण्ड जवा, गंगेव, नईगढ़ी, हनुमना तथा मउगंज के शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक बालक/बालिका को निःशुल्क गणवेश वितरण का कार्य आजीविका मिशन के चिन्हित व चयनित स्व सहायता समूह की महिला सदस्यों द्वारा किया गया है। विकास खण्डवार छात्रों की संख्या तथा भुगतान की गई राशि का  विवरण संलग्‍न  परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी हाँ। जिला पंचायत रीवा के सामान्य सभा की बैठक दिनांक 20/02/2019 के बिन्दु क्रमांक 3 के निर्णय अनुसार गणवेश वितरण की जाँच प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन तथा ई.ओ.डब्ल्यू से कराये जाने का निर्णय लिया गया था। कार्यालय जिला पंचायत जिला रीवा के पत्र क्रमांक 9837/बैठक/सामान्य सभा/जि.पं/2019 रीवा दिनांक 27/03/2019 द्वारा निर्णय अनुसार आवश्‍यक कार्यवाही हेतु पत्र जारी किये गये हैं।                     (ग) विभाग द्वारा जिला पंचायत के प्रस्‍ताव पर आवश्‍यक कार्यवाही हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लेख किया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -  ''दस''

निकाय की ऑडिट आपत्तियाँ  

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 2553 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 की अवधि तक शासन/विभाग द्वारा एवं नगर पालिका परिषद जावरा की स्‍वयं की निधि के द्वारा भी एवं केन्द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्‍वयन हेतु भी इत्‍यादि प्रकार की बजट राशि निकाय को प्राप्‍त हुई? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त वर्षों में विभिन्‍न योजनाओं के क्रियान्‍वयन, निर्माण कार्यों, सामग्री क्रय करना वाहनों का रख-रखाव तथा अन्‍य प्रकार के भी व्‍यय कर भुगतान करना इत्‍यादि कार्य बजट राशि से किये गये? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त वर्षों में किये गये समस्‍त कार्यों के भुगतान संबंधी ऑडिट में  किस-किस प्रकार की आपत्तियां दर्ज की गई? उन आपत्तियों पर अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? (घ) उपरोक्‍त वर्षों में वर्षवार किस-किस प्रकार के प्रयोजन हेतु कौन-कौन से निर्माण कार्य, सामग्री क्रय करना एवं वाहनों के रख-रखाव इत्‍यादि प्रकार के व्‍यय किये गये कार्यवार, वर्षवार, भौतिक सत्‍यापन एवं ऑडिट आपत्तियों तथा आपत्तियों के संदर्भ में की गई कार्यवाहियों सहित जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है।

कॉलोनी विकसित किए जाने की अनुमति 

[नगरीय विकास एवं आवास]

43. ( क्र. 2554 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन/विभाग अपने नगर एवं ग्राम निवेश (टॉउन एंड कंट्री प्‍लानिंग) विभाग के द्वारा कालोनियों में कार्य किये जाने हेतु भिन्‍न-भिन्‍न प्रकार की अनुमतियां प्रदान कर उन कॉलोनी कार्यों को किये जाने हेतु अनुमोदित करता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि तक रतलाम जिला अन्‍तर्गत किस-किस कालोनाईजर ने किस-किस सर्वे एवं स्‍थान, ग्राम, नगर की भूमि पर कॉलोनी विकसित किये जाने की अनुमति विषयक आवेदन दिये? (ग) उपरोक्‍त उल्‍लेखित वर्षों के अंतर्गत कॉलोनी विकसित किये जाने की अनुमति‍ विषयक आवेदनों के साथ भूमि डायवर्ज़न किये जाने हेतु भी कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? (घ) क्‍या उक्‍त कार्यों हेतु स्‍थल निरीक्षण के समय संबंधित निकायों के उक्‍त स्‍थलों के संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी भी विभागीय अधिकारियों के साथ होते हैं तो उक्‍त वर्षों में स्‍‍थल निरीक्षण कर कितनी अनुमतियां दी गईं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। स्‍थल निरीक्षण के समय संबंधित निकायों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित नहीं होते है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

होशंगाबाद में ट्रेचिंग ग्राउंड 

[नगरीय विकास एवं आवास]

44. ( क्र. 2620 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरपालिका होशंगाबाद द्वारा नगरीय क्षेत्र में एकत्रित किया गया कचरा खोजनपुर क्षेत्र में छोड़ा जाता है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्‍या खोजनपुर क्षेत्र जहाँ कचरा डाला जाता है उसके आसपास अनेक नागरिक रहते हैं एवं क्‍या वहाँ के नागरिकों को विद्युत कनेक्‍शन देने से मना कर दिया है? यदि हाँ, तो कब व क्‍यों? (ग) क्‍या नगरपालिका द्वारा ट्रेचिंग ग्राउंड हेतु अन्‍य स्‍थान निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ एवं फिर कचरा खोजनपुर में क्‍यों डाला जा रहा है? (घ) खोजनपुर के नागरिकों को सड़क, पानी, बिजली की मूलभूत सुविधा नगरपालिका कब तक उपलब्‍ध करायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, खोजनपुर क्षेत्र में लगभग वर्ष 1988-89 से कचरा डाला जा रहा है। (ख) जी हाँ, खोजनपुर क्षेत्र में विद्युत कनेक्‍शन पर कोई रोक नहीं है। अवैधानिक अतिक्रमणकर्ताओं को विद्युत कनेक्‍शन हेतु निकाय द्वारा आरंभ से ही प्रमाण पत्र नहीं दिये जा रहे। (ग) जी हाँ, नगर पालिका होशंगाबाद द्वारा 10 हेक्‍टेयर भूमि               (25 एकड़) हल्‍का नं. 16 तह. बावई में चिन्हित की गई है। भूमि निकाय को हस्‍तांतरित न होने के कारण खोजनपुर क्षेत्र में कचरा डाला जा रहा है। (घ) खोजनपुर क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली की मूलभूत सुविधा निकाय द्वारा यथासंभव उपलब्‍ध कराई जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।

ग्राम पंचायत के वन एवं राजस्‍व भूमि पर अतिक्रमण

[वन]

45. ( क्र. 2671 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के सोहावल विकासखण्‍ड में ग्राम पंचायत बारीकला, बराज, नीमी, भरजुनाकला, बठियाखुर्द, नैना में रमना जंगल या अन्‍य वन भूमि की कितनी भूमि राजस्‍व रिकार्ड में एवं कितनी भूमि वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज है? राजस्‍व विभाग एवं वन विभाग की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्‍व अभिलेखों एवं वन अभिलेखों में रमना जंगल एवं अन्‍य वन भूमि के रकबे में अंतर का क्‍या कारण है? (ग) क्‍या पूर्व में वन अपराध प्रकरण क्रमांक 82/20 के तहत लीज एरिया के अतिरिक्‍त सेफ जोन में जंगल के पेड़-पौधों को नष्‍ट करते हुये अवैध उत्‍खनन का कार्य किया गया एवं लगभग 4 हेक्‍टेयर वन भूमि से 120000 घन मीटर लाइम स्‍टोन का उत्‍खनन किया गया? यदि हाँ, तो ऐसा किनके-किनके द्वारा किया गया? वर्तमान में कितनी भूमि पर अवैध रूप से उत्‍खनन का कार्य किया जा रहा है? इसके लिए दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार रमना जंगल एवं अन्‍य भूमि की प्राकृतिक संपदा का अवैधानिक रूप से दोहन करने, जंगल को नुकसान करने के विरूद्ध दोषियों पर शासन द्वारा कब तक और क्‍या कार्यवाही करेगी? अवैध उत्‍खनन किये गये लाइम स्‍टोन की कुल कीमत एवं जंगल की राशि का आंकलन कर कब तक संबंधितों से किस प्रकार वसूल करेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग के अभिलेखों के अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम पंचायतों में वनक्षेत्र से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। राजस्व अभिलेखों के अनुसार उल्लेखित ग्राम पंचायतों में वनक्षेत्र की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ख) वन विभाग तथा राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार रकबे में मामूली अंतर है, जिसके संबंध में जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी नहीं। दिनांक 13.12.2011 को वन परिक्षेत्र सतना के कर्मचारियों द्वारा कक्ष क्रमांक 787 का निरीक्षण करने पर उनके द्वारा वन अपराध प्रकरण 82/20 दर्ज किया गया था। तत्पश्चात् की गई जाँच में यह पाया गया है कि कलेक्टर, सतना एवं खनिज साधन विभाग की सहमति के आधार पर वर्ष 1956 में बिड़ला कार्पोरेशन को खनिज लीज स्वीकृत हुई थी। जिसमें 87.00 हेक्टेयर वन भूमि है। मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-3-183/76/12/16 दिनांक 22.04.1977 द्वारा प्रथम नवकरण अवधि 19.10.1976 से 12.10.1996 के लिए लीज स्वीकृत हुई थी। बिड़ला कार्पोरेशन द्वारा 1996 के बाद वनक्षेत्र में कोई उत्खनन नहीं किया गया है। अतः यह सही नहीं है कि 120000 घन मीटर लाइम स्टोन का उत्खनन किया गया। वर्तमान में क्षेत्र में उत्खनन नहीं हो रहा है इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जंगल को नुकसान पहुँचाने अथवा प्राकृतिक सम्पदा को अवैधानिक रूप से दोहन करने का कोई प्रकरण नहीं है। अतः नुकसानी होने अथवा अन्य कोई कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -  ''ग्यारह''

लीज में प्रदाय की गई आरसी एवं श्रमिक

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 2677 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के सोहावल विकासखंड में ग्राम पंचायत बारीकला, बराज, नीमी, भरजुनाकला, बठियाखुर्द, नैना आदि राजस्‍व ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि बिरला सीमेन्‍ट फैक्‍ट्री द्वारा माइनिंग हेतु ली गई है, शासन द्वारा प्रदान की गई भूमि एवं फैक्‍ट्री द्वारा अर्जित भूमि की पृथक-पृथक जानकारी खसरा नम्‍बर, रकबा, भूमि स्‍वामी क नाम सहित देवें। (ख) क्‍या जिनकी जमीने फैक्‍ट्री द्वारा ली गई हैं उनको रोजगार दिया गया है, यदि हाँ, तो कितने लोगों की जमीन ली गई एवं कितने लोगों को रोजगार दिया गया, वर्तमान में कितने कार्य पर लगे हुये हैं, कितने श्रमिकों को नियमित किया जा चुका है कितने अभी तक क्‍यों बाकी हैं तथा कब तक किया जावेगा? (ग) क्‍या माइनिंग क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा पर शासन से रोक है, यदि हाँ, तो नियम निर्देंश की प्रति देवें और यह भी बतावें कि उक्‍त फैक्‍ट्री के माइनिंग/माइन्‍स/लीज एरिया में किन-किन ठेकेदारों द्वारा कितने-कितने श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है, नियमों के विपरीत कार्य करने के कारण फैक्‍ट्री प्रबंधन के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी। (घ) क्‍या श्रमिकों से 10-15 साल काम लेने के बाद उन्‍हें बाहर निकाल दिया जाता है जिसके कारण ऐसे परिवार आर्थिक रूप से बदहाली का जीवन यापन करने को मजबूर हो जाते हैं, ऐसे कितने श्रमिक है उनकों कब तक वापस कार्य पर लिया जाकर नियमित किया जावेगा, यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

ग्राम पंचायत की वन भूमि पर अतिक्रमण

[वन]

47. ( क्र. 2678 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के सोहावल विकासखंड में ग्राम पंचायत बारीकला, बराज, नीमी, भरजुनाकला, बठियाखुर्द, नैना में रमना जंगल अथवा अन्‍य किसी नाम से कितनी जमीन पर वन भूमि है खसरा नम्‍बर सहित जानकारी देवें। (ख) उक्‍त वन्‍य भूमि में कितने मुनारे गड़े हैं, वर्तमान में कितने सुरक्षित हैं, कितने नष्‍ट किये जा चुके हैं मुनारे किनके द्वारा नष्‍ट किये गये हैं मुनारे नष्‍ट कर अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई। (ग) क्‍या मुनारे नष्‍ट किये जाकर वन्‍य भूमि पर अतिक्रमण किया गया है एवं वन्‍य भूमि में बिना अनुमति अवैध उत्‍खनन किया जाकर पत्‍थर निकाले जा रहे हैं, यदि हाँ, तो अवैध रूप से अतिक्रमण कर उत्‍खनन वन्‍य भूमि की लम्‍बाई, चौड़ाई एवं गहराई क्‍या है, अतिक्रमण की गई आराजी एवं अवैध उत्‍खनन किये गये कच्‍चे माल की कुल कीमत क्‍या है? (घ) क्‍या पूर्व में वन्‍य भूमि में अवैध उत्‍खनन का कोई प्रकरण क्रमांक 82/20 दर्ज किया गया था यदि हाँ, तो किस संस्‍थान के किन-किन लोगों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था प्रकरण में क्‍या कार्यवाही की गई, कितनी-कितनी राशि पैनल्‍टी/हर्जाने के रूप में नियत की गई क्‍या राशि संबंधितों द्वारा जमा की गई, यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतावें, कब तक राशि जमा करा ली जावेगी, अतिक्रमण क्षेत्र को कब तक अतिक्रमण मुक्‍त करा दिया जावेगा

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन भूमि में 40 मुनारे हैं, जिसमें से वर्तमान में 32 मुनारे सुरक्षित हैं। शेष 8 मुनारे स्थल पर बिड़ला सीमेंन्ट फैक्ट्री द्वारा पूर्व में किये गये उत्खनन के दौरान निर्मित गड्ढे होने से नष्ट हुये हैं। (ग) प्रश्नाधीन भूमि पर कलेक्टर, सतना एवं खनिज साधन विभाग की सहमति के आधार पर वर्ष 1956 में बिड़ला कार्पोरेशन को खनिज लीज स्वीकृत हुई थी, जिसमें 87.00 हेक्टेयर वन भूमि है। मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, भोपाल के आदेश क्रमांक             एफ-3-183/76/12/16 दिनांक 22.04.1977 द्वारा प्रथम नवकरण अवधि 19.10.1976 से 12.10.1996 के लिए लीज स्वीकृत हुई थी। बिड़ला कार्पोरेशन द्वारा 1996 के बाद वनक्षेत्र में कोई अवैध उत्खनन नहीं किया गया है। मौके पर गड्ढा निर्मित होने के कारण गड्ढे का सीमांकन किया जाना संभव नहीं है तथा इस कारण कच्चे माल की कुल कीमत बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। कक्ष क्रमांक 787 में उत्खनन, परिवहन एवं मुनारे नष्ट करने के कारण बिड़ला सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 82/20 दिनांक 13.12.2011 पंजीबद्ध किया गया है। उक्त वन अपराध प्रकरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित व्यक्तियों के विरूद्ध दर्ज किया गया है। तत्पश्चात् प्रकरण माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (प्रकरण क्रमांक 35/2014) में प्रचलित होने पर माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश दिनांक 03.02.2016 के अनुसार उत्खनित क्षेत्र के बैक फीलिंग व रिक्लेमेशन का कार्य बिड़ला सीमेन्ट फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा किया जाना है। बिड़ला सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार कार्यवाही किये जाने के उपरांत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 82/20 दिनांक 13.12.2011 का नियमानुसार निराकरण किया जायेगा, क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -  ''बारह''

गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र में कालोनाईजर द्वारा निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 2760 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र के वार्ड 53 में गिरजा कालोनाईजर द्वारा कमर्शियल काम्‍पलेक्‍स सुरेन्‍द्र लैण्‍डमार्क, वार्ड-52 मिसरोद हिमालय बिल्‍डर द्वारा हिमालय रेसीडेन्‍सी, ग्‍लोबस प्रा.लि. बिल्‍डर द्वारा वार्ड-52 में कोरलवुड रेसीडेन्‍सी, मैपलट्री हाईट्स द्वारा मैपलट्री कमर्शियल काम्‍पलेक्‍स एवं पारस हाउसिंग प्रा.लि.द्वारा अरबन पार्क व पारस एम्‍परर का निर्माण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित बिल्‍डरों द्वारा निर्मित किये गये/किये जा रहे आवासीय एवं व्‍यवसायिक परिसरों के निर्माण हेतु नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अभिन्‍यास स्‍वीकृत करने का दिनांक एवं नगर पालिक निगम द्वारा भवन अनुज्ञा जारी करने का दिनांक सहित बताया जाए? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित बिल्‍डरों द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश विभाग एवं नगर पालिक निगम द्वारा जारी भवन अनुज्ञा का उल्‍लंघन कर निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इन बिल्‍डरों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित बिल्‍डरों द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा स्‍वीकृत अभिन्‍यास के विपरीत शासकीय रास्‍ते पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ड.) क्‍या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण की जाँच करवाकर कार्यवाही की जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल में उपलब्‍ध अभिलेख अनुसार हिमालय बिल्‍डर को वार्ड क्रमांक 52 में हिमालय रेसिडेंसी के नाम से भवन अनुमति प्रदान की गई तथा स्‍थल पर भवन अनुमति अनुसार निर्माण किया जा रहा है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अन्‍य बिल्‍डर्स/कॉलोनाईजर्स को अभिलेख अनुसार निर्माण की भवन अनुमति नगर निगम, द्वारा प्रदाय की गई है, संबंधित अन्‍य बिल्‍डर्स/कॉलोनाईजर्स द्वारा प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित निर्माण किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश, भोपाल द्वारा वार्ड क्रमांक 53 में गिरिजा कॉलोनाईजर्स द्वारा कामर्शियल काम्‍प्‍लेक्‍स सुरेन्द्र लैण्‍डमार्ग की विकास अनुज्ञा क्रमांक 2205 दिनांक 04/07/2005 एवं पत्र क्रमांक 484 दिनांक 17/12/2004 वार्ड क्रमांक 52 मिसरोद हिमालय बिल्‍डर द्वारा, हिमालय रेसिडेंसी विकास अनुज्ञा क्रमांक 854 दिनांक 15/05/2014 ग्‍लोबल प्राइवेट लिमिटेड बिल्‍डर द्वारा कोरल वुड रेसिडेंसी विकास अनुज्ञा क्रमांक 924 दिनांक 07/09/2010 मैपलट्री हाईटस द्वारा मैपलट्री काम्‍प्‍लेक्‍स विकास अनुज्ञा जो कि मिसरोद फेस-2 के प्‍लाट पर पत्र क्रमांक 448 दिनांक 27/07/2012 एवं पारस हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड एवं पारस एंपरर द्वारा अर्बन पार्क विकास अनुज्ञा क्रमांक 650 दिनांक 16/10/2009 से अभिन्‍यास स्‍वीकृत किये गये हैं। वार्ड क्रमांक 52 में ग्राम मिसरोद हिमालय बिल्‍डर को हिमालय के नाम से नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा भवन अनुमति क्रमांक 0700 दिनांक 30/03/2015 प्रदान की गई है। (ग) हिमालय बिल्‍डर द्वारा हिमालय रेसीडेंसी का निर्माण नगर निगम द्वारा प्रदान की गई भवन अनुज्ञा के अनुसार किया जा रहा है। अनुज्ञा विरूद्ध कार्य करने पर नगर पालिक निगम, अधिनियम 1956 की धारा 302, 307 में वर्णित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''' में से उल्‍लेखित हिमालय बिल्‍डर द्वारा हिमालय रेसिडेंसी का निर्माण नगर निगम, द्वारा प्रदान की गई भवन अनुज्ञा के अनुसार किया जा रहा है। (ड.) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 

सागर संभाग में विभिन्न प्रकार की पेंशन का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

49. ( क्र. 2842 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में दिसम्बर 2018 एवं जून 2019 की स्थिति में कुल कितने-कितने हितग्राहियों को विभिन्न प्रकार की पेंशन का भुगतान हो रहा है? जिला अनुसार, पेंशन अनुसार, तुलनात्मक ब्यौरा दें? (ख) क्या प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की पेंशनों में राशि वृद्धि करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो वचन पत्र में की गई घोषणा का क्या औचित्य है? (ग) क्या प्रदेश में अप्रैल माह 2019 में 26 हजार 936 और मई माह 2019 में करीब 33 हजार हितग्राहियों के खातों में पेंशन भुगतान नहीं हुआ है? क्या इनमें 6 हजार वे हितग्राही शामिल हैं, जिनकी पेंशन इस वर्ष अप्रैल माह में ही स्वीकृत हुई है? यदि हाँ, तो इस संबंध में सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार (ख) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश शासन, सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण, मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र दिनांक 13-02-2019 द्वारा समस्‍त पेंशन योजनाओं में पेंशन राशि बढ़ाकर रूपये 600/- प्रतिमाह प्रतिहितग्राही की वृद्धि की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रदेश में अप्रैल 2019 में 32,527 हितग्राहियों एवं मई 2019 में 32,965 हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान बैंक खाता बंद होने के कारण, खाते गलत होने के कारण, आई. एफ.सी.कोड गलत एवं अन्‍य विभिन्‍न कारणों से भुगतान असफल हुआ है। जी नहीं, 6000 नवीन स्‍वीकृत प्रकरण नहीं है उन्‍हें माह अप्रैल में 5573 को पेंशन राशि का भुगतान किया गया था तथा 456 नवीन पेंशन हितग्राहियों का भुगतान असफल हुआ था। असफल भुगतान वाले खाते या असफल होने के कारणों में सुधार करने के लिये जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया है असफल भुगतान वाले पेंशन हितग्राहियों के बैंक खातों में सुधार कर नियमानुसार पेंशन राशि के भुगतान किया जावेगा। निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार।

सी.सी. सड़क की लागत 

[नगरीय विकास एवं आवास]

50. ( क्र. 2990 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका शिवपुरी द्वारा एस.पी. कोठी से बायपास तक डाली गई सी.सी. सड़क की कुल लम्‍बाई एवं लागत क्‍या है एवं इसका ठेका किस फर्म को किस एग्रीमेंट के अन्‍तर्गत दिया गया है? प्रति सहित अवगत करायें। (ख) निर्मित की गई सी.सी. सड़क को कितनी बार उखाड़ कर पुन: निर्माण किया गया? निर्माण के बाद आज की स्थिति में सड़क की गुणवत्‍ता क्‍या सही है? किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा सड़क का मूल्‍यांकन किया गया? (ग) क्‍या नई सी.सी. सड़क की मरम्‍मत की जा सकती है? सी.सी. सड़क की मरम्‍मत करने के बाद वह लम्‍बे समय तक चलने लायक रहती है? (घ) शिवपुरी नगर पालिका द्वारा एस.पी. कोठी से बायपास तक डाली गई सी.सी. सड़क के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही हुई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एस.पी.कोठी से बायपास तक सी.सी. सड़क की लम्‍बाई 300 मी. एवं लागत राशि रू. 47.74 लाख मेसर्स राज लक्ष्‍मी कन्‍स्‍ट्रक्‍शन न्‍यू सिटी कॉलोनी गुना के साथ कुल राशि रू. 6.73 करोड़ के कार्यों का अनुबंध नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा किया गया है, जिसमें प्रश्‍नांकित कार्य शामिल है। एग्रीममेंट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा एस.पी.कोठी से बायपास तक सी.सी. रोड कार्य की सतह उखड़ी होने से निर्माण कार्य की तकनीकी जाँच करने के आदेश दिए गए है।           (ग) जी नहीं, जी नहीं। (घ) नगर पालिका परिषद शिवपुरी को समाचार पत्रों के माध्‍यम से शिकायत प्राप्‍त हुई है। नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा संविदा कार्य मेसर्स राज लक्ष्‍मी कन्‍स्‍ट्रक्‍शन न्‍यू सिटी कॉलोनी गुना को सड़क उखड़ कर पुन: बनाये जाने का नोटिस जारी किया गया है। सी.सी. सड़क की सतह उखड़ जाने से संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक 7113-14 दिनांक 15.07.2019 से तकनीकी जाँच समिति गठित की गई है।

सीधी जिले संजय दुबरी अभयारण्य में विस्‍थापन 

[वन]

51. ( क्र. 3027 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) सीधी जिले के अंतर्गत संजय दुबरी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में कितने ग्रामों को शासन के द्वारा विस्‍थापित किया जाना है? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विस्‍थापित होने वाले परिवारों की सूची ग्रामवार उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने ग्रामों को विस्‍थापन कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितने परिवारों को विस्‍थापित किया गया है? विस्‍थापित परिवारों को मुआवजे के साथ परिसम्‍पत्तियों का कितनी राशि का भुगतान किया गया है? सूचीमय भुगतान राशि के उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विस्‍थापित ग्रामों में निवासरत कर्मचारियों, मजदूरी कार्य से बाहर गये परिवार, विधवा, परित्‍यक्‍ता एवं विकलांग लोगों की सूची उपलब्‍ध करायें। क्‍या इस श्रेणी के परिवारों को मुआवजा भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। कितने विस्‍थापित परिवारों की शिकायतें प्राप्‍त हुईं हैं? प्राप्‍त शिकायतों में कितनी निराकृत की गई हैं एवं कितनी शेष हैं तथा कितनी निरस्‍त की गई? कारण सहित सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) सीधी जिले के अन्‍तर्गत संजय टाइगर रिजर्व में कोर क्षेत्र टोला, वीरान सहित कुल 50 राजस्‍व ग्रामों का विस्‍थापन किया जाना था जिसमें से 40 ग्रामों को विस्‍थापित किया जाना शेष है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है।               (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्‍वैच्छिक सहमति प्रदान करने वाले 20 ग्रामों के ग्रामवार 1360 परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। शेष 20 ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा विस्‍थापन हेतु स्‍वैच्छिक सहमति प्रदान नहीं किये जाने के फलस्‍वरूप विस्‍थापन की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी है। (ग) संजय टाईगर रिजर्व से अब तक 10 ग्रामों के 384 परिवारों का विस्‍थापन कार्य पूर्ण कर लिया गया है। विस्‍थापित परिवारों को मुआवजे के साथ परिसम्‍पत्तियों की राशि के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विस्‍थापित 10 ग्रामों के निवासरत कर्मचारियों, मजदूरी कार्य से बाहर गये परिवार विधवा, परित्‍यक्‍ता, विकलांग एवं अनाथ कुल 19 हितग्राहियों में से 18 हितग्राहियों को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है तथा 01 हितग्राही द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत न किये जाने पर जिला स्‍तरीय समिति द्वारा प्रकरण को विचाराधीन रखा गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। विस्‍थापन प्रक्रिया के दौरान उत्‍तर दिनांक तक 309 शिकायतें प्राप्‍त हुईं हैं जिसमें 28 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। 276 शिकायतें उपखण्‍ड स्‍तरीय/जिला स्‍तरीय समिति को निराकरण हेतु प्रेषित की गई है तथा 05 शिकायत/आवेदन माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में विचाराधीन होने के कारण लंबित हैं। शिकायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है।

शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान का भुगतान

[स्कूल शिक्षा]

52. ( क्र. 3078 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के आदेश दिनांक 25/10/2017 द्वारा प्रदेश के शिक्षक संवर्ग को 30 वर्ष सेवाकाल पर दिनांक 01/07/2014 से तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान स्वीकृत किया है? इसके तहत क्या नीमच जिले में समस्त सहायक शिक्षक/शिक्षकों को 30 वर्ष के सेवाकाल पर इसका लाभ दिया गया है? (ख) क्‍या 24 वर्ष सेवाकाल पर सहायक शिक्षक/शिक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान देते समय योग्यता बंधनकारी नहीं थी? क्‍या यह नियम 30 वर्ष सेवाकाल पर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान पर भी लागू है? यदि हाँ, तो नीमच जिले के शिक्षक संवर्ग का वेतन निर्धारण जिला एवं संभागीय कोषालय द्वारा पारित क्यों नहीं किया जा रहा है?                        (ग) नीमच जिले में तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान से उत्पन्न देय एरियर का भुगतान अब तक कितने सहायक शिक्षक/शिक्षकों को किया जा चुका है? शेष कितने शिक्षक बचे हैं? इनका भुगतान कब तक होगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : () जी हाँ। स्कूल शिक्षा विभाग जिला नीमच अंतर्गत 30 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके पात्र सहायक शिक्षक/शिक्षकों को दिनांक 01.07.14 से 30 वर्ष होने के दिनांक से पत्रातानुसार तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान स्वीकृत किया जा चुका है। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्र स्‍था-3/एच/मार्गदर्शन/2007/1176 दिनांक 23.04.2007 द्वारा सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19.04.99 के परिप्रेक्ष्‍य में शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्‍नति के लिए पदोन्‍नति हेतु निर्धारित शैक्षणिक व्‍यावसायिक योग्‍यता होने संबंधी कोई शर्त नहीं है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। सामान्‍य प्रशान विभाग के आदेश दिनांक 25.10.17 द्वारा सहायक शिक्षक/शिक्षकों को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय क्रमोन्‍नत वेतनमान का लाभ परिपत्र दिनांक 19.04.99 के अधीन प्रदाय किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार शिक्षक संवर्ग को वेतन निर्धारतण अनुमोदन हेतु अधिकृत प्राधिकारी (जिला पेंशन अधिकारी नीमच) द्वारा पारित नहीं किए जाने की आपत्ति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ग) नीमच जिलान्तर्गत तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान के 90 सहायक शिक्षकों/शिक्षकों को एरियर्स राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा 302 शिक्षकों के भुगतान शेष हैं। वेतन निर्धारण अनुमोदन उपरांत भुगतान किया जा सकेगा।

पहाड़ की खुदाई का कार्य

[खनिज साधन]

53. ( क्र. 3083 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन खनिज विभाग भोपाल के आदेश क्र.3065/1687/2013/12/1 दिनांक 06.06.2014 से टीकमगढ़ जिले की तहसील जतारा के हल्‍का ग्राम बैरवार में खसरा नं. 1045 का 18.718 हेक्‍टेयर पहाड़ में से कलेक्‍टर टीकमगढ़ के पत्र 11/खनिज/3-06/2016/136/दिनांक 09.02.2016 के अनुसार 14 हेक्‍टेयर भूमि पायरोफ्लाईट डायरपोर खनिज पट्टा हेतु आंतरिक                 श्री मेसर्स मधुवन मिनरल्‍स एवं इंडस्‍ट्रीज़ के नाम की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर समस्‍त आधार अनापत्तियों का प्रदान कर बताएं की यह लीज़ किसके नाम एवं कब तक के लिये है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि इसी पहाड़ी के कौन-कौन से खसरा नं. के कितने-कितने रकबा में कौन-कौन से शास. छात्रावास कितनी-कितनी राशि के बनवाए जा चुके हैं? कौन-कौन से कार्य प्रगति पर हैं और क्‍या इस पहाड़ी पर बरसों से बना धार्मिक आस्‍था का केन्‍द्र गौरइया माता मंदिर नहीं है? अगर हाँ तो क्‍या इन भवनों को भविष्य में नुकासन नहीं पहुंचेगा?            (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर बताएं कि जो दिन-रात मशीनों से खुदाई हो रही है और करोड़ों के छात्रावासों एवं मंदिरों का नुकसान होने जा रहा है, ऐसे कार्यों को कब तक बंद कराया जाएगा और नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार मूल पट्टेदार के पक्ष में समस्‍त वैधानिक अनुमति प्राप्‍त होने पश्‍चात संचालित खनिपट्टा मेसर्स मधुवन मिनरल्‍स एवं इंडस्‍ट्रीज शाहगढ़ के पक्ष में अंतरण में स्‍वीकृत है, अनुबंध अनुसार अंतिम अवधि दिनांक 30.09.2023 तक है। (ग) खसरा क्रमांक 1045 के अंश रकबा 5000 वर्गमीटर क्षेत्रफल पर शासकीय अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्‍या छात्रावास का निर्माण रूपये 194 लाख की लागत से कराया गया है, जिसका कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा कोई अन्‍य कार्य प्रगति पर नहीं है। जी हाँ, गौरइया माता मंदिर स्थित है। पर्यावरण स्‍वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया के दौरान जन सुनवाई की गई तथा स्‍वीकृत क्षेत्र का मंदिर प्रबंधन एवं छात्रावास प्रबंधन की उपस्थि‍ति में सीमांकन किये जाने के दौरान प्रश्‍नांश अनुसार भवनों को नुकसान पहुंचने का कोई तथ्‍य प्रकाश में नहीं आया। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में चूंकि वैधानिक अनुमतियां प्राप्‍त की जाकर खनन संक्रिया संचालित की जा रही हैं। अत: उत्‍खनन बन्‍द कराये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रोस्‍टर तैयार करवाकर रिक्‍त पदों की पूर्ति 

[नगरीय विकास एवं आवास]

54. ( क्र. 3084 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगरीय निकायों में प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी के पद भरे हुए हैं एवं कब से किस-किस के कौन-कौन से पद रिक्‍त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि क्‍या प्रत्‍येक नगरीय निकाय में शासन ने जनसंख्‍या के मापदण्‍ड के आधार पर पद सृजित किया है? अगर हाँ तो ऐसे आदेशों की छायाप्रतियों सहित सम्‍पूर्ण जानकारी से अवगत कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिला टीकमगढ़ की प्रत्‍येक निकाय में जो पद रिक्‍त हैं प्रश्‍न दिनांक तक उनको भरने, रोस्‍टर तैयार हुआ है या नहीं? कब तक नगरीय रोस्‍टर तैयार करवाकर शासन वर्षों से रिक्‍त पद भरने की कार्यवाही सम्‍पूर्ण कर देगा? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा जिले में रोस्‍टर तैयार करवाने में लापरवाही बरतने पर शासन द्वारा दंड का क्‍या प्रावधान है? रोस्‍टर कितने दिनों में तैयार हो जावेगा एवं कितने दिनों में निकाय के रिक्‍त पद भर दिये जावेंगे? समय-सीमा देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगरीय निकायों द्वारा सीधी भर्ती के रिक्‍त पदों की पूर्ति के प्रस्‍ताव उपलब्‍ध कराने पर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्‍यम से पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कर्तव्‍यों के प्रति लापरवाही/उदासीनता बरतने पर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही का प्रावधान है। नगरीय निकायों द्वारा सीधी भर्ती के रिक्‍त पदों की पूर्ति के प्रस्‍ताव उपलब्‍ध कराने पर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्‍यम से पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

जबलपुर शहर में यूनिपोल निविदा में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

55. ( क्र. 3101 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर में यूनिपोल निविदा में मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 के प्रावधानों का पालन किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त निविदा में लायसेंस फीस तथा ठेके की समयावधि का निर्धारण नियमानुसार किया गया था? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) क्या उक्त निविदा में गड़बड़ी कर ठेकेदार को अवैध लाभ पहुँचाने की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों में क्या क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या यूनिपोल का टेंडर निरस्त किया जाकर पुन: नियमों का पालन करते हुए नवीन निविदा निकाली जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, यह निविदा मध्‍यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया  2017  के अध्‍याय चार नियम 9  के अधीन जारी की गई थी जिसमें लाईसेंस फीस निविदा प्रपत्र में प्रारम्‍भ से ही दस वर्ष रखी गई थी। नियम 9 में कोई समयावधि निर्धारित नहीं है दस वर्ष की अवधि निविदा में प्रचारित प्रसारित की गई थी एवं निविदा की य‍ह कार्यवाही खुली पारदर्शी प्रतिस्‍पर्धी बोली ई-टेडरिंग प्रक्रिया के माध्‍यम से की गई थी। (ग) जी हाँ। शिकायत की जाँच के लिए जाँच समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जाँच समिति गठित की गई है, जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

फर्जी तरीके से स्‍कूलों को मान्‍यता दिये जाना की जाँच

[स्कूल शिक्षा]

56. ( क्र. 3115 ) श्री संजय शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जिला शिक्षा विभाग इन्दौर में विगत 5 वर्षों में आर.टी.ई. एक्ट के तहत कितने स्कूलों को मान्यता प्रदाय की गई? मान्‍यता प्रदाय करने के क्या मापदण्ड हैं कितने स्कूलों को किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा कब-कब मान्यता दी गई? वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इन्दौर के बिना संज्ञान में लाये फर्जी तरीके से 09 स्कूलों को मान्‍यता दिये जाने का प्रकरण प्रकाश में लाया गया था? यदि हाँ, तो क्या इस अनियमितता पर कोई जाँच की गई थी? जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई थी तथा जाँच में कोई दोषी पाया गया था? जाँच रिपोर्ट सहित जाँच का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या डी.पी.सी. के डोंगल से किये गये अपराध को सायबर सेल से जाँच कराई गई? जाँच विवरण देवें। क्या सायबर सेल एक्ट अनुसार किसी के डोंगल का इस्तेमाल अन्य कोई कर सकता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इस पूरे फर्जीवाडे़ में डी.पी.सी. की भूमिका क्या है? क्या डी.पी.सी. दोषी नहीं है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) इंदौर जिले में विगत 5 वर्षों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 3103 अशासकीय स्कूलों को मान्यता प्रदान की गयी। अधिनियम के तहत विद्यालय संचालन के मान और मानक की जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मान्यता प्रदान करने वाले अधिकारियों एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों की वर्षवार संख्या  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री राजेश कुमार सिंह, प्राचार्य, शा.क.उ.मा.वि. देपालपुर एवं श्री विजय मण्डलेश्वर प्राचार्य, शा.उर्दू.क.उ.मा.वि.हाथीपाला इंदौर द्वारा जाँच करवायी गयी। जाँच प्रतिवेदन  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स-1 अनुसार है। इसके अतिरिक्त श्री व्ही.पी.एस.राठोर सहायक संचालक महिला बाल विकास विभाग, सुश्री शीतल पाठक, ए.डी.आई.ओ.एनआईसी इंदौर तथा श्री मनोहर धीमान बी.आर.सी.सी. इंदौर शहर-2 से भी जाँच करवाई गई। इसका प्रतिवेदन  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स-2 अनुसार है। (ग) एवं                (घ) जी हाँ। जाँच प्रचलन में होने से जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। शेषांश जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अवगत कराया जा सकेगा।

शालाओं में छात्रों के मान से रखे गए शिक्षक

[स्कूल शिक्षा]

57. ( क्र. 3153 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के मापदण्‍ड अनुसार माध्‍यमिक, हाईस्‍कूल तथा हायर सेकेण्‍डरी शाला में शिक्षकों और छात्रों का अनुपात क्‍या है? (ख) उमरिया जिले के माध्‍यमिक, हाई स्‍कूल एवं हायर सेकेण्‍डरी शालाओं में शिक्षकों एवं छात्रों की संख्‍यात्‍मक जानकारी दी जावे? (ग) कौन-कौन सी शालाओं में शिक्षकों की कमी है? संख्‍या बतायें? (घ) शिक्षकों की कमी कब तक पूरी कर ली जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विभाग अंतर्गत निर्धारित मापदण्ड अनुसार माध्यमिक शाला में न्यूनतम 03 शिक्षक अनिवार्य है एवं छात्र संख्या के अनुपात से 105 से 140 तक चौथा शिक्षक, 141 से 175 तक पाँचवां शिक्षक, 176 से 201 तक छठवां शिक्षक होगा तथा छात्र संख्या की वृद्धि होने पर 35 छात्रों पर 01 शिक्षक रखा जाएगा। जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विषयवार स्वीकृत पदों के अनुरूप शिक्षक रखे जाने का प्रावधान है। जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ख) उमरिया जिले के माध्यमिक शालाओं में 557 शिक्षक, 28753 छात्र, हाईस्कूल में 91 शिक्षक, 8631 छात्र एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में 258 शिक्षक, 16810 छात्र है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

गौशालाओं का निर्माण 

[पशुपालन]

58. ( क्र. 3206 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आवारा पशुओं के संरक्षण, संवर्धन के संबंध में माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय जी द्वारा गौवंशों के लिए पंचायत स्‍तर पर गौशाला बनवाने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो अब तक जिला रीवा में पंचायत स्‍तर में कितने गौशालाओं के निर्माण के लिए वित्‍तीय प्रावधान किया गया? पंचायतवार जानकारी दी जायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दी गई जानकारी के अनुसार किन-किन ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण हो चुका है तथा शेष ग्राम पंचायतों में कब तक गौशालाओं का निर्माण कार्य किया जायेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) राज्‍य शासन द्वारा प्रदेश में निराश्रित गौवंश की   देख-रेख हेतु प्रथम चरण में पंचायत स्‍तर पर 1000 गौशाला खोलने का निर्णय लिया गया है।      (ख) रीवा जिले में पंचायत स्‍तर पर 30 गौशाला खोलने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। प्रति गौशाला निर्माण राशि रू. 29.62 लाख के मान से मनरेगा एवं अंतर्विभागीय अभिसरण से किया जावेगा। (ग) 30 गौशालाओं का निर्माण कार्य की कार्यवाही चल रही है। शेष प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

सिहंस्‍थ 2016 से संबंधित कार्यों का विवरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

59. ( क्र. 3212 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्‍थ 2016 में कुल खर्च कितना हुआ है? यह सिंहस्‍थ 2004 से कितना ज्‍यादा है? सिंहस्‍थ 2016 में नि:शुल्‍क क्‍या-क्‍या सामग्री कितने संत को प्रदान की गई? सूची देवें तथा बतावें कि वैचारिक कुंभ किस दिनांक से किस दिनांक तक लगाया गया और उस पर कितना खर्च हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित वैचारिक कुंभ में शामिल प्रतिनिधियों के नाम पते, सहित सूची देवें तथा उस पर हुए सम्‍पूर्ण खर्च की अन्‍तरीय रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) सिंहस्‍थ 2016 में आर्थिक अनियमितता भ्रष्‍टाचार की कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं? कितनों की विवेचना पूर्ण हो गयी तथा कितनी शिकायतों की विवेचना चल रही है? लोकायुक्‍त एवं ई.ओ. डब्‍ल्यू में कितनी शिकायतों पर प्रकरण दर्ज हुए या विवेचना में है? सभी की सूची, शिकायतकर्ता का नाम दिनांक विषय वस्‍तु सहित जानकारी दें। (घ) क्‍या शासन सिंहस्‍थ 2016 में हजारों करोड़ के घोटाले की जाँच करवायेगा, यदि हाँ, तो क्‍या विधायकों की भी जाँच समिति बनाई जावेगी तथा उसमें प्रश्‍नकर्ता विधायक को भी शामिल किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सिंहस्‍थ 2016 में अब तक राशि  रू. 2433.49 करोड़ का व्‍यय प्रतिवेदित किया गया है। सिंहस्‍थ 2004 में सभी अन्‍य विभागों में हुए व्‍यय की जानकारी इस विभाग में संकलित की जा रही है। अत: इस कारण तुलनात्‍मक जानकारी देना संभव नहीं है। नगर निगम उज्‍जैन द्वारा सिंहस्‍थ 2016 में क्रय की गई सामग्री में से मोलडेड वाटर स्‍टोरेज टैंक 500 लीटर एवं 1000 लीटर का वितरण अखाड़ों/साधु संतो/खालसों/पंडालों आदि को किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वैचारिक कुंभ के आयोजन के संबंध में एवं व्‍यय की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) संबंधित विभाग से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) सिंहस्‍थ 2016 में नगरपालिक निगम उज्‍जैन द्वारा कराये गये कार्यों में कुल 5 शिकायतें (01 लोकायुक्‍त में एवं 04 ई.ओ.डब्‍ल्‍यू.में) प्राप्‍त हुई थी जिसमें से एक शिकायत पर कार्यवाही पूर्ण होकर जाँच समाप्‍त हो गई है। शेष 04 शिकायतों पर ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में विवेचना जारी है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अन्‍य विभागों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) महाकाल मंदिर में नन्‍दी हॉल, इन्‍दौर उन्‍हैल, उज्‍जैन मार्ग, खान नदी कार्य के अधूरा, वृक्षारोपण, पानी की टंकियों एवं अस्‍पताल में अव्‍यवस्‍थाओं आदि के संबंध में प्राप्‍त शिकायतों की जाँच करवाये जाने के संबंध में कार्यवाही विचाराधीन है। 

नगर निगम से संबंधित स्‍काय बस सर्विस का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

60. ( क्र. 3213 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) AICTSL कंपनी का गठन क्‍यों किया गया? नगर निगम किस विषय के तहत प्रदेश में तथा अंतर्राज्‍यीय सेवा कर रही है? क्‍या यह प‍रिवहन विभाग के कार्यों का अतिक्रमण नहीं है। स्‍काय बस सर्विस के अनुबंध की प्रति देवें तथा इन्‍हें इंदौर में गीता भवन क्षेत्र में भूमि का उपयोग किस शर्त के तहत करने दिया जा रहा है? (ख) AICTSL के अंतर्गत स्‍काय बस सर्विस द्वारा किराया, वाहन भाड़ा, विज्ञापन आदि से प्राप्‍त आय 2017 तथा 2018 में कितनी है तथा उसमें AICTSL का हिस्‍सा कितना है? AICTSL को गठन से 2018 तक हुई आय का वर्षवार आंकड़ा बतावें। (ग) AICTSL में कितने कर्मचारी अधिकारी हैं? प्रतिनियुक्ति पर शासन से आने के अलावा किस-‍किस को किस दिनांक से, किस पद पर किस प्रक्रिया के तहत कार्य पर रखा गया? क्‍या नियुक्ति में हुए भ्रष्‍टाचार की जाँच की जावेगी? (घ) शासन अभिजात्‍य वर्ग के लिये ही सेवा उपलब्‍ध कराने का कार्य क्‍यों कर रहा है? ग्रामीण क्षेत्र में बसें क्‍यों नहीं चलाई जा रही हैं? स्‍काय बस के मालिक/भागीदार का नाम तथा पता देवें तथा बतावें कि दोनों कंपनी में अनुबंध के साथ कितनी-कितनी बसें           किस-किस ऑपरेटर की चल रही हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, इन्दौर (ए.आई.सी.टी.एस.एल.) कंपनी का गठन कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत शहर को दीर्घकालीन, सस्ता, सुगम, सुरक्षित एवं विश्‍वसनीय लोक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए किया गया है। नगर निगम, शहर के रहवासियों के आवागमन को सुगम तथा लोक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से यह कार्य कर रही है। जी नहीं। स्काय बसों का संचालन पारदर्शी प्रक्रिया से निविदानुसार संपादित अनुबंध के आधार पर किया जा रहा है। अनुबंध के अनुसार सुचारू संचालन एवं रख-रखाव हेतु स्थान उपलब्ध कराना ए.आई.सी.टी.एस.एल की जिम्मेदारी है। अनुबंधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                     (ख) ए.आई.सी.टी.एस.एल द्वारा पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल के अंतर्गत स्‍कॉय बसों का संचालन किया जा रहा है, अनुबंध अनुसार बस-यात्रियों से प्राप्त किराया, वाहन भाड़ा, विज्ञापन आदि से प्राप्त आय संबंधित बस संचालक द्वारा प्राप्त की जाती है। ए.आई.सी.टी.एस.एल को निविदा के माध्यम से संचालक द्वारा कोट की गई प्रीमियम राशि से आय प्राप्त होती है, वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में प्रीमियम से प्राप्त आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। आय एवं व्यय का वर्षवार विवरण के साथ वर्ष 2005 से 2018 तक की बैलेंस शीट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) ए.आई.सी.टी.एस.एल. कार्यालय में 11 अधिकारी एवं कर्मचारी हैं। अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति ए.आई.सी.टी.एस.एल. सक्षम बोर्ड द्वारा अनुमोदन के पश्‍चात की गई है। नियुक्तियाँ पूर्णतः पारदर्शी प्रकिया के माध्यम से की गई है, अतः जाँच का प्रश्‍न नहीं उठता है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) यह पूर्णतः गलत है की बसों का संचालन अभिजात्य वर्ग के लिए किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में भी यात्रियों को बस सेवा प्रदान की जा रही है। ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा निविदा के माध्यम से चयनित बस संचालक का नाम, पता, बसों की संख्या आदि, समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

बस्‍ती विकास योजना की राशि की जाय

[आदिमजाति कल्याण]

61. ( क्र. 3216 ) श्री संजय यादव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्‍याण बस्‍ती विकास में शहपुरा जनपद के अंतर्गत कितनी पंचायतों को बस्‍ती विकास के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 में जारी की गई? पंचायतवार कार्यों का विवरण सहित बतावें। (ख) क्‍या शहपुरा जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत सूखा को राशि रूपये 98.00 लाख बस्‍ती विकास हेतु विभाग द्वारा जारी की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या एक ही पंचायत को इतनी राशि जारी करना उचित है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या विभाग द्वारा 98 लाख की राशि को अनेकों ग्राम पंचायतों में मूलभूत सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये स्‍वीकृत किया जाना उचित होता? क्‍या शासन ग्राम पंचायतों की मूलभूत सुविधाओं के तहत प्रश्‍नकर्ता की अनुशंसा पर लंबित प्रस्‍तावों को स्‍वीकृत कर राशि जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या ग्राम पंचायत थोड़ा जनपद जबलपुर के प्रस्‍ताव विभाग में लंबित हैं? यदि हाँ, तो इन प्रस्‍तावों को कब तक स्‍वीकृत किया जावेगा?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिम जाति कल्‍याण बस्ती विकास में शाहपुरा जनपद पंचायत के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 में जारी की गई राशि पंचायतवार कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश बस्ती विकास विद्युतीकरण योजना नियम 2018 मद अंतर्गत शासन के विकल्‍प पर 20 प्रतिशत राशि से कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं। जिले से स्‍वीकृति हेतु प्राप्‍त प्रस्‍ताव अनुसार कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद अंतर्गत जिले को प्रदाय आवंटन से जिले के अनुसूचित जनजाति बाहुल्‍य ग्रामों में नियमानुसार स्‍वीकृति जिले द्वारा प्रदाय की जाती है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिले को दिये गये कार्यों के प्रस्‍तावों पर नियमानुसार आवंटन की सीमा में कार्य स्‍वीकृत किये जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। बस्‍ती विकास मद अंतर्गत प्राप्‍त आंवटन की सीमा में स्‍वीकृति की कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ग्राम पंचायत चरगवा में स्‍कूल भवन के निर्माण में अनियमितता 

[स्कूल शिक्षा]

62. ( क्र. 3219 ) श्री संजय यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या वर्ष 2016 में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग जबलपुर द्वारा ग्राम पंचायत चरगवा विकास खण्‍ड शहपुरा में स्‍कूल भवन का निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान स्‍कूल भवन की स्थिति क्‍या है? क्‍या भवन पूर्ण रूप से सुर‍क्षित है? अथवा जर्जर स्थिति में हो चुका है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में निर्मित स्‍कूल भवन की जर्जर स्थिति के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा संबंधित विभाग को पत्रों के माध्‍यम से अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई? प्रश्‍नकर्ता को कब-कब इस संबंध में अवगत कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) स्‍कूल भवन पूर्णत क्षतिग्रस्‍त हो चुका है शिक्षण सत्र प्रारंभ होने वाला है, किन्‍तु विभाग द्वारा भवन का सुधार कार्य क्‍यों नहीं कराया गया है? क्‍या यह अध्‍ययनरत बच्‍चों के भविष्‍य एवं जानमाल से खि‍लवाड़ नहीं है? (घ) चरगवां में निर्मित स्‍कूल भवन का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी विभाग जबलपुर द्वारा भवन निर्माण से संबंधित निर्माणकर्ता ठेकेदार के साथ मिलकर अनियमितता की गई, जिससे भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गया है, क्‍या शासन स्‍कूल भवन का सुधार कार्य संबंधित ठेकेदार से ही करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? ऐसे घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार एवं कार्य का सत्‍यापन करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन कब तक क्‍या कार्यवाही करेगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिये गये प्रतिवेदन के अनुसार हाई/हायर सेकेण्डरी भवन निर्माण में गुणवत्ता का अभाव है। निर्माण एजेंसी द्वारा भवन सुरक्षित बताया गया तथा भवन में आंशिक सुधार की आवश्यकता अंकित की गई है। (ख) जी हाँ। हाई/हायर सेकेण्डरी, प्रश्नाधीन पत्र के संदर्भ में कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को लेख करते हुये इसकी प्रति मान.विधायक को पृष्ठांकित की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी/कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा भी सुधार कार्य की प्रगति से माननीय विधायक को दूरभाष पर भी अवगत कराया जाना बताया गया। (ग) जी नहीं। हाई/हायर सेकेण्डरी भवन पूर्णतः क्षतिग्रस्त नहीं है। कार्य एजेंसी द्वारा भवन सुरक्षित बताया गया है तथा आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये कुछ कक्षों में सुधार कार्य प्रांरभ कर दिया गया है। शेष कक्षों में अध्यापन का कार्य संचालित किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। हाई/हायर सेकेण्डरी भवन सुरक्षित है तथा संबंधित ठेकेदार के माध्यम से सुधार कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

तहसील कुरवाई में जब्‍त शुदा रेत

[खनिज साधन]

63. ( क्र. 3234 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 24/09/2016 को विदिशा जिले के तहसील कुरवाई के ग्राम-ककरूआ पठार में 5280 घनमीटर रेत जब्‍त करके राहुल कठरया S/o प्रमोद कठरया नि. मंडी बामोरा जि. सागर को सुपुर्द की गई थी। (ख) जब्‍त शुदा रेत का आज दिनांक तक क्‍या हुआ? क्‍या शासन ने सुपुर्दगीदार से उक्‍त रेत को वापिस लिया? यदि नहीं, तो  क्‍यों नहीं लिया गया, और कब ली जावेगी? मौके पर रेत है अथवा नहीं? (ग) जब्‍त शुदा रेत का बाजार मूल्‍य क्‍या है? क्‍या इसका निर्धारण किया? अगर नहीं किया तो क्‍यों? (घ) जब्‍त रेत विदिशा जिले की तहसील कुरवाई की है जबकि सुपुर्दगीदार मंडी बामोरा जिला सागर का निवासी है, कुरवाई तहसील के ठेकेदारों को सुपुर्दगी क्‍यों नहीं की गई, जबकि नियमानुसार पास में सिरावली ग्राम की नीलाम खदान का वह ठेकेदार था जिसकी दूरी मात्र 2KM है, उसे सुपुर्दगी क्‍यों नहीं दी गई? (ड.) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी कुरवाई ने 15/9/17 कुरवाई ने 15/9/17 को जिला खनिज अधिकारी विदिशा को पत्र क्रमांक 1734 दि. 15/9/17 को जब्‍त शुदा रेत को ई-टेण्‍डर के द्वारा नीलाम करने के लिये लिखा था, फिर जिला खनिज अधिकारी विदिशा ने आज दिनांक तक जब्‍त शुदा रेत नीलाम क्‍यों नहीं की? उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी? जिन अधिकारियों द्वारा अनियमितता की गई, उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही हुई? अगर नहीं हुई तो क्‍यों? कार्यवाही कब तक की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) जब्‍तशुदा रेत का निवर्तन अनुविभगीय अधिकारी (राजस्‍व) के न्‍यायालयीन प्रकरण में पारित आदेश अनुसार दिया जावेगा। (ग) जब्‍तशुदा रेत का बाज़ार मूल्‍य 35,20,000/- (पैंतीस लाख बीस हजार) आंकलित किया गया है। इसका निर्धारण किया गया है। अत: शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) सुपुर्दगीदार राहुल कठरया को इस लिये जब्‍त शुदा रेत सुपुर्दगी में दी गई थी, क्‍योंकि ग्राम ककरूआ के खसरा क्रमांक 190/2, 237 पर भंडारण अनुज्ञप्ति खनिज शाखा द्वारा पत्र क्रमांक 2302 दिनांक 28.07.2016 तत्‍समय स्‍वीकृत की गई थी। (ड.) जी हाँ। आयुक्‍त, भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा प्रकरण अपील में गतिशील होने से नीलामी नहीं की जा सकी। वर्तमान में आयुक्‍त, भोपाल संभाग, भोपाल के पारित आदेश दिनांक 27.12.2017 के क्रम में न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी, कुरवाई को निर्णय लेना है। तत्‍पश्‍चात नीलामी की जा सकेगी।

आई.सी.डी.एस. समेकित बाल विकास परियोजना में अनियमितता 

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

64. ( क्र. 3235 ) श्री के.पी. सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में निराश्रित निधि से लक्षित वर्ग के कल्‍याण के लिये विगत 3 वित्‍तीय वर्षों में कुल कितनी राशि व्‍यय की गई है? मदवार व्‍यय की गई राशि का ब्‍यौरा दें? शिवपुरी जिले में वर्तमान में कुल कितनी राशि निराश्रित निधि में उपलब्‍ध है तथा कितनी राशि राज्‍य निधि को हस्‍तान्‍तरित की गई है? (ख) शिवपुरी जिले में निराश्रित निधि के पिछले तीन वर्षों में विभिन्‍न माध्‍यमों से कितने प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं? इस मद से डे-केयर सेन्‍टर, ओल्‍ड एज होम्‍स, दिव्‍यांग सहायक उपकरण एवं अन्‍य मदों में व्‍यय किया गया है? मदवार व्‍यय राशि की जानकारी दें?               (ग) क्‍या म.प्र. सामाजिक न्‍याय विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन में शिवपुरी जिले में डे-केयर सेन्‍टर, ओल्‍ड एज होम्‍स संचालन का लेख किया गया है? यदि हाँ, तो इनका संचालन करने वाली संस्‍थाओं को इस निधि से कितनी राशि आवर्ती एवं अनावर्ती व्‍यय के विरूद्ध दी गई? (घ) क्‍या पिछली सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना के तहत 26 जनवरी, 2014 को शिवपुरी जिले में तत्‍कालीन कलेक्‍टर के आतिथ्‍य में आरम्‍भ किया गया था? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें। क्‍या उक्‍त केन्‍द्र के आवर्ती अनावर्ती व्‍यय के देयक उप संचालक कार्यालय, शिवपुरी को प्रस्‍तुत किये गये है?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) शिवपुरी जिले में निराश्रित निधि से दिव्यांग एवं वरिष्ठ कल्याण के लिये विगत वित्तीय वर्षों में रूपये 1,54,44,725/- की राशि व्यय की गई है। मदवार व्यय की गई राशि का ब्यौरा संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जिला अंतर्गत कोई राशि उपलब्ध नहीं है। राज्य निराश्रित निधि से रूपये 27,61,41,564/- की राशि राज्य निराश्रित निधि में शासन निर्देशानुसार हस्तांतरित की गई है। (ख) शिवपुरी जिले में निराश्रित निधि के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में कुल 739 प्रस्ताव विभिन्न माध्यम से प्राप्त हुये हैं। डे-केयर सेन्टर, ओल्ड ऐज होम्स, दिव्यांग सहायक उपकरण एवं अन्य मदों में मदवार व्यय की गई राशि की जानकारी उत्तरांश '''' के संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा मंगलम संस्था के वृद्धाश्रम भवन में डे-केयर सेन्टर का उद्घाटन 26 जनवरी 2014 को किया गया था। मंगलम संस्था द्वारा भुगतान हेतु व्यय के देयक उप संचालक कार्यालय में प्रस्तुत किये गये थे। परीक्षण करने में पाया गया कि बिना सक्षम स्वीकृति के स्थान परिवर्तन एवं वृद्धजन के लाभान्वित न होने के कारण डे-केयर सेन्टर का भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -  ''तेरह''

सहायक वार्डन पद पर की गई नियुक्तियाँ

[स्कूल शिक्षा]

65. ( क्र. 3243 ) डॉ. कुंवर विजय शाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी शिक्षा मिशन में वर्ष, 2005 से 2010 तक सहायक वार्डन पद पर की गई नियुक्तियों में न्‍यूनतम अहर्ताएं क्‍या निर्धारित की गईं थीं? (ख) क्‍या उज्‍जैन जिले में नियुक्‍त किए गए अभ्‍यार्थी न्‍यूनतम शै‍क्षणिक योग्‍यता रखते थे? यदि हाँ, तो ऐसे कितने अभ्‍यार्थियों की नियुक्ति उज्‍जैन जिले में की गई? नाम व पते सहित बताएं। (ग) क्‍या उज्‍जैन जिले में नियुक्ति के समय अभ्‍यर्थियों के पास उक्‍त न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यताएं थीं अथवा नहीं? या उन्‍होंने नियुक्ति के पश्‍चात् निर्धारित शैक्षणिक योग्‍यताएं प्राप्‍त की और वे वर्तमान में भी कार्यरत हैं? ऐसे अभ्‍यर्थियों के नाम व पते सहित बताएं। (घ) सहायक वार्डन पद पर नियमों के विरूद्ध की गई नियुक्तियों के संबंध में विभागीय स्‍तर पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं और उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राजीव गांधी मिशन में वर्ष 2005 से 2010 तक कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सहायक वार्डन पद हेतु न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यता स्‍नातक थी। बालिका छात्रावास में वर्ष 2006 में सहायक वार्डन की न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यता हायर सेकेण्‍डरी निर्धारित थी तथा जून 2008 से न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यता स्‍नातक की गई। (ख) नियुक्‍त किए गए 11 अभ्‍यार्थी में से 10 अभ्‍यार्थी वर्ष 2006 के अनुसार न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यता रखते थे, एक अभ्‍यार्थी सीमा ठाकुर जिनकी नियुक्ति वर्ष 2006 के निर्देशानुसार न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यता हायर सेकेण्‍डरी के आधार पर 20.08.2008 में की गई थी। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार श्रीमती सीमा ठाकुर द्वारा सत्र 2015 में स्‍नातक की योग्‍यता प्राप्‍त की गई है। श्रीमती सीमा ठाकुर वर्तमान में कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय नागदा में कार्यरत है। (घ) नियम विरूद्ध की गई नियुक्ति के परीक्षण के आदेश दिए गये हैं।

परिशिष्ट -  ''चौदह''

इन्दौर नगरीय क्षेत्र का भू-जल स्तर बढ़ाने के लिये जल संरक्षण कार्य 

[नगरीय विकास एवं आवास]

66. ( क्र. 3249 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगरीय क्षेत्र का भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है, जिसके कारण जल आपूर्ति हेतु नगर निगम पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों का अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ता है? (ख) क्या इन्दौर नगरीय क्षेत्र में भू-जल स्तर बढ़ाने के लिये जल संरक्षण जैसे तालाब गहरीकरण, बरसात में घरों एवं सड़कों के पानी का संरक्षण, नदियों का पुनर्जीवन स्टॉपडेम निर्माण आदि विकसित करने हेतु वर्तमान में कोई कार्य योजना बनाई गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इस संबंध में कोई कार्य वर्तमान में शुरू किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं व कब तक पूर्ण होंगे व यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) इन्‍दौर शहर की जलप्रदाय योजना भू-जल पर आधारित नहीं है, अपितु शहर के ऐसे क्षेत्र जहाँ नर्मदा/गंभीर की पाईप लाइन नहीं है वहॉ सिर्फ ग्रीष्‍म ऋतु में नलकूपों एवं टैंकरों के माध्‍यम से जल आपूर्ति की जाती है। ग्रीष्‍म ऋतु की विशेष परिस्थिति के क्रम से टैंकरों से जलप्रदाय किया जाना निगम की जिम्‍मेदारी के अंतर्गत है। ऐसी स्थिति में दायित्‍व/जिम्‍मेदारी को अतिरिक्‍त आर्थिक भार से नहीं जोड़ा जा सकता है। जलप्रदाय के मुख्‍य स्‍त्रोत नर्मदा व गंभीर नदी (यशवंत सागर) है। (ख) जी हाँ। इन्‍दौर नगरीय क्षेत्र में भूजल स्‍तर बढ़ाने के लिए जल सरंक्षण-जल पुनर्भरण के कार्य हेतु प्रस्‍ताव तैयार किये गये है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। तालाबों के गहरीकरण का कार्य जन सहयोग से कराया गया है। इसके अतिरिक्‍त वर्षा जल के संरक्षण के क्रम में लोगों में जागरूकता लाने एवं रेन वॉटर हार्वेंस्टिंग यूनिट लगाने हेतु निविदा बुलाई गई है, जिसमें नागरथ चेरिटिबल ट्रस्‍ट इन्‍दौर की दरें उचित पाई गईं हैं। अनुबंध की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) एवं (घ) नगर निगम द्वारा जलपुनर्भरण कार्य के लिये प्रस्‍ताव तैयार किये गये हैं, जो स्‍वीकृति की प्रक्रिया में है। स्‍वीकृत उपरांत कार्य करवाए जा सकेंगे समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -  ''पंद्रह ''

पानी की टंकी का निर्माण 

[नगरीय विकास एवं आवास]

67. ( क्र. 3250 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 में जनसंख्या घनत्व के अनुसार अधिक क्षमता वाली पानी की टंकियों का अभाव होने के कारण पर्याप्त व सुलभ जल आपूर्ति प्रभावित हो रही है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 के नागरिकों को पर्याप्त व सुलभ जल आपूर्ति हेतु अधिक क्षमता वाली बड़ी पानी की टंकी के निर्माण हेतु कार्य योजना प्रस्तावित है?              (ग) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कितनी क्षमता की पानी की टंकी का निर्माण किया जावेगा व कब तक कार्य पूर्ण होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। विधान सभा क्षेत्र इंदौर- 3 में गांधीहॉल, सदर बाजार, मल्‍हार आश्रम, सुभाष चौक, पागनीसपागा, स्‍नेह नगर, उर्दू स्‍कूल, गाड़ी अड्डा एवं एम.वाय.एच. टंकियों के माध्‍यम से पर्याप्‍त जल आपूर्ति की जा रही है। (ख) भविष्‍य की मांग को ध्‍यान में रखते हुए उक्‍त विधान सभा क्षेत्र में अमृत योजनांतर्गत 2 पानी की टंकियों क्रमश: हरसिद्धी एवं गाड़ी अड्डा में निर्माण प्रस्‍तावित होकर कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्‍त वर्तमान में अन्‍य कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है। (ग) उपरोक्‍तानुसार अमृत योजनांतर्गत हरसिद्धी क्षेत्र में 3.5 एम.एल. एवं गाड़ी अड्डा क्षेत्र में 2.5 एम.एल. क्षमता की टंकियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। दिसम्‍बर, 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

माध्‍यमिक शाला का उन्‍नयन

[स्कूल शिक्षा]

68. ( क्र. 3299 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सिंगरौली जिले के अंतर्गत संचालित नवीन विद्यालय पाठशालाओं का माध्‍यमिक शाला में उन्‍नयन कब तक किया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : सिंगरौली जिले के अन्तर्गत संचालित नवीन विद्यालयों का माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। अतः जानकारी निरंक है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति 

[स्कूल शिक्षा]

69. ( क्र. 3304 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के देवसर विधान सभा क्षेत्र में संचालित हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल, हाई स्‍कूल, जूनियर हाई स्‍कूल/प्राथमिक पाठशाला की सूची उपलब्‍ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्‍या पठन पाठन हेतु स्‍वीकृति अनुसार शिक्षकों की कमी है? स्‍कूलवार विवरण दिया जावें। क्‍या शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो इसकी पूर्ति कब तक कराई जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। जी नहीं। रिक्त पदों के विरूद्ध अध्यापन कार्य अतिथि शिक्षकों द्वारा कराया जा रहा है। पी.ई.बी के माध्यम से माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के उपरांत नियोजन का कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जनजाति विभाग की समस्‍याएं

[आदिमजाति कल्याण]

70. ( क्र. 3313 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बड़वानी जिला आदिवासी बाहुल्‍य जिला है तथा जनजाति विभाग की हाईस्‍कूल एवं हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों में वर्षों से प्राचार्य नहीं हैं? यदि हाँ, तो प्राचार्यों की नियुक्ति कब तक की जायेगी? (ख) क्‍या सेंधवा में निर्मित एकलव्‍य विद्यालय जिसकी लागत् 27 करोड़ रूपये थी, अपूर्ण है तथा विद्यालय भवन का उद्घाटन हो चुके 03 माह हो चुके हैं, किंतु विद्यालय प्रारंभ नहीं हुआ। क्‍या उक्‍त विद्यायल इस माह प्रारंभ होगा? (ग) अपूर्ण विद्यालय भवन का उद्घाटन कैसे कर दिया गया? क्‍या संबंधित PWD/PIU विभाग एवं प्राचार्य एवं सहायक आयुक्‍त बड़वानी पर कार्यवाही की जायेगी?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। हाईस्‍कूल तथा हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल का प्राचार्य पदोन्‍नति पद है एवं पदोन्‍नति शासन के नियमानुसार ही की जा सकती है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, विद्यालय भवन सौंपे जाने पर विद्यालय प्रारंभ हो सकेगा। (ग) संभागीय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. बड़वानी के द्वारा बिना विभाग की सहमति के लोकार्पण कराया गया। जिसमें जिला प्रशासन एवं आदिम जाति कल्‍याण विभाग के कोई भी अधिकारी सम्‍मलित नहीं हुए हैं। इस संबंध में परियोजना संचालक, परियोजना क्रियान्‍वयन ईकाई को आयुक्‍त, आदिवासी विकास द्वारा पत्र क्रमांक/ईएमआरएस/425/2019/19155 दिनांक 12-07-2019 लिखा गया है जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -  ''सोलह ''

बैगा/सहरिया/भारिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया जाना

[आदिमजाति कल्याण]

71. ( क्र. 3315 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)  क्‍या भारत सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश के बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख)  प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्‍यप्रदेश में बैगा, सहरिया तथा भारिया जनजाति की कुल कितनी जनसंख्‍या है? जातिवार, जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग)  उपरोक्‍त विशेष पिछड़ी जनजाति के विकास के लिये कौन-कौन से कार्यों के लिये वित्‍तीय वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में केन्‍द्रीय सरकार एवं राज्‍य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई? जनजाति वार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करावें, तथा उपरोक्‍त विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिये क्‍या-क्‍या कार्य उक्‍त अवधि में कराये गये, पृथक-पृथक जातिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या दिनांक 30.03.2018 को जिला शहडोल के लालपुर में बैगा सम्‍मेलन आयोजित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रयोजन में किस मद से कितनी राशि विभिन्‍न कार्यों हेतु स्‍वीकृत की गई? कार्यवार व्‍यय की जानकारी उपलब्‍ध करावें।

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) :  (क) जी हाँ।  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) भारत सरकार के संदर्भ में जानकारी निरंक। राज्‍य शासन के आदेश क्रमांक एफ 23/6/96/25/3  दिनांक 12 अगस्‍त 1996  की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। उक्‍त प्रयोजन में आदिवासी संस्‍कृति का परीक्षण एवं विकास मद अंतर्गत प्रथम किश्‍त में राशि रूपये 60.00 लाख एवं द्वितीय किश्‍त में राशि रूपये 18.00 लाख कुल राशि रूपये 78.00 लाख सहायक आयुक्‍तआदिम जाति कल्‍याण विभागशहडोल के डी.डी.ओ. में आवंटन उपलब्‍ध कराया गया।

(राशि लाख में)

वर्ष

आवंटन

व्‍यय

शेष

2017-18

60.00000

59.96992

0.03008

2018-19

18.00000

18.00000

-

योग

78.00000

77.96992

0.03008

कार्यवार व्‍यय की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है।

आदिम जाति कल्‍याण मंत्रणा परिषद की बैठकें

[आदिमजाति कल्याण]

72. ( क्र. 3316 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)  क्‍या संविधान के अनुच्‍छेद 244 (1) के तहत प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन और नियंत्रण तथा अनुसूचित जनजातियों के हित के संरक्षण के लिये सुझाव देने हेतु मध्‍यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद की नियमावली 1957 लागू की गई है? यदि हाँ, तो बताये कि मध्‍यप्रदेश आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा अप्रैल, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक आदिम जाति मंत्रणा परिषद की कितनी बैठकें विभाग द्वारा कराई गई तथा मंत्रणा परिषद की बैठक के उपरांत कितने प्रस्‍तावों को महामहिम राज्‍यपाल महोदय को अनुमोदनार्थ भेजा गया? (ख) विभाग द्वारा महा‍महिम राज्‍यपाल महोदय को भेजे गये प्रस्‍तावों में से कितने प्रस्‍ताव पर सहमति व्‍यक्त की और कितने में असहमति? (ग) मध्‍यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक नियमानुसार कितने माह में आयोजित होना अनिवार्य है? 1 अप्रैल 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक मंत्रणा परिषद का गठन न करने का क्‍या कारण है तथा विभाग कब तक मंत्रणा परिषद का गठन कर देगा?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। अप्रैल 2015 के बाद आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक दिनांक 21-03-2018 को आयोजित की गई। मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद की नियमावली 1957 के प्रावधान न होने से महामहिम राज्यपाल महोदया के अनुमोदन हेतु कोई भी प्रस्ताव प्रेषित नहीं किए गए हैं। (ख) प्रश्नांश '' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद के नियमावली 8 (1) में प्रावधान अनुसार परिषद की बैठकें प्रति छः माह में साधारणतया एक बार अध्यक्ष द्वारा निश्चित किए गए स्थान एवं दिनांक को बुलाए जाने का प्रावधान है। 15वीं विधान सभा के गठन के उपरांत नवीन आदिम जाति मंत्रणा परिषद के गठन की कार्यवाही प्रचलन में है।

बी.ई.ओ. को पूर्व की भांति अधिकार संपन्‍न बनाये जाना

[स्कूल शिक्षा]

73. ( क्र. 3327 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सतना में कितने विकासखंड कार्यालय संचालित हैं? उनमें कितने विकासखंड अधिकारी, कितने लिपिक संवर्ग एवं कितने चतुर्थ श्रेणी लिपिक के पद स्‍वीकृत हैं, स्‍वीकृत पदों पर कितने कार्यरत एवं कितने पद रिक्‍त हैं? (ख) क्‍या वर्तमान में प्रदेश के अधिकांश बी.ई.ओ. के पद रिक्‍त हैं? कितने प्रभारी बी.ई.ओ. शासन निर्देशानुसार नियमानुसार बनाये गये हैं? सूची देवें। विकासखंड के सबसे वरिष्‍ठ प्राचार्य को प्रभारी क्‍यों नहीं बनाया जाता है? स्‍कूल शिक्षा विभाग के किन-किन पदों पर प्रभारी नियुक्‍त किया गया है? सूची देवें। रिक्‍त पदों की प्रतिपूर्ति कब तक की जावेगी? प्रभारी व्‍यवस्‍था कब तक समाप्‍त की जायेगी? (ग) क्‍या वर्तमान में समस्‍त बी.ई.ओ. को डी.डी.ओ. घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या संकुल प्राचार्य के समस्‍त प्रशासनिक एवं वित्‍तीय सभी अधिकार बी.ई.ओ. को सौंपे गये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) कब तक बी.ई.ओ. को पूर्व की भांति सभी प्रशासनिक अधिकार प्रदान किये जायेंगे? डी.डी.ओ. सौंपे जाने के बाद बी.ई.ओ. के             क्‍या-क्‍या प्रशासनिक एवं वित्‍तीय अधिकार हैं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला सतना में कुल 08 विकासखण्ड शिक्षा कार्यालय संचालित हैं। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का प्रभार स्थानीय स्तर पर ऐसी शाला के प्राचार्य को दिये जाने के निर्देश हैं कि, जहाँ कार्य की अधिकता न हो, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। व्यवस्था स्वरूप मात्र आहरण संवितरण का अधिकार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। प्रशासनिक अधिकार पूर्व व्यवस्था अनुरूप संकुल प्राचार्य के पास ही है। (घ) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को पूर्व की भांति सभी प्रशासनिक अधिकार प्रदाय करने के संबध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः शेषांश का प्रंश्न उपस्थित नहीं होता।

पंप का उर्जीकरण

[अनुसूचित जाति कल्याण]

74. ( क्र. 3328 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा वर्ष 2007 से अब तक में सतना जिले में विधानसभावार अनुसूचित जाति के कृषकों के पंप उर्जीकरण के कितनी राशि के कार्य कब-कब स्‍वीकृत किये गये हैं? स्‍वीकृत के क्‍या मापदण्‍ड रहे हैं शासन आदेश की प्रतियां देवें। (ख) क्‍या उक्‍त योजना में पात्रता की शर्तों में बदलाव करते हुये केवल बी.पी.एल. कृषकों को ही लाभ प्रदान किये जाने संबंधी राजपत्र दिनांक 15/05/18 प्रकाशित किया गया एवं आदेश जारी किये गये हैं जबकि पूर्व में ऐसा नहीं था? पूर्व में योजना की पात्रता क्‍या थी एवं वर्तमान में क्‍या है? (ग) क्‍या बी.पी.एल. श्रेणी में आने वाले अधिकांश कृषकों के पास 1 एकड़ से कम जमीन है? इस योजना से पात्र कृषक विद्युत का परमानेन्‍ट कनेक्‍शन का बिल तक नियमित नहीं दे पाते हैं, जिससे योजना का पूर्ण क्रियान्‍वयन नहीं हो पाता है और शासन के राजस्‍व की क्षति होती है? क्‍या उक्‍त योजना का लाभ अनुसूचित जाति वर्ग के सभी कृषकों को नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो पंप उर्जीकरण के लिये बी.पी.एल. का बंधन कब तक समाप्‍त कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।  मापदण्‍ड एवं शासन आदेश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) राजपत्र दिनांक 15.5.2018 में प्रकाशित अनुसूचित जाति बस्‍ती विकास, मजरे टोलों का विद्युतीकरण एवं अनुसूचित जाति वर्ग के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन का विस्‍तार योजना नियम की कंडिका 3.11 के अनुसार प्रथमत: जिला स्‍तर पर इस योजना का लाभ केवल बी.पी.एल. कृषकों को ही दिया जावेगा एवं कंडिका 3.12 के अनुसार सभी बी.पी.एल. कृषकों को लाभ देने के बाद कोई भी बी.पी.एल. कृषक शेष न रहने के उपरांत अन्‍य अनुसूचित जाति के कृषकों को आय सीमा एवं कृषि भूमि की उपलब्‍धता अनुसार बढ़ते क्रम में लाभ दिये जाने के आदेश प्रसारित किये गये हैं। उक्‍त योजना में पूर्व में अनुसूचित जाति वर्ग के कृषकों को एवं 07 जून 2017 के पूर्व गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के कृषकों को उक्‍त लाभ दिये जाने का प्रावधान था। तत्‍पश्‍चात राजपत्र दिनांक 07 जून 2017 के अनुसार इस योजना के लिये वे कृषक ही पात्र होंगे जिनके पास अधिकतम 10 हेक्‍टेयर की भूमि हो। पूर्व में एवं वर्तमान में पात्रता संबंधित  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।               (ग) पम्‍प उर्जीकरण योजना वर्ष 2019-20 के स्‍वीकृत प्रकरणों में कृषकों के पास 1 एकड़ से अधिक जमीन है, अभी तक ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। म.प्र. शासन, उर्जा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5-15/2011/तेरह के क्रमांक (ड.) में उल्‍लेखित है कि 1 हेक्‍टेयर तक की भूमि वाले 5 हार्स पावर तक के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के स्‍थायी कृषि पंप उपभोक्‍ता को यूनिटवार           क्र. (i) (ii) (iii) के अनुसार नि:शुल्‍क विद्युत प्रदाय किया जाता है। आदेश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) सभी बी.पी.एल. कृषकों को लाभ देने के बाद कोई भी बी.पी.एल. कृषक शेष न रहने के उपरांत अन्‍य अनुसूचित जाति के कृषकों को आय सीमा एवं कृषि भूमि की उपलब्‍धता के अनुसार बढ़ते क्रम में लाभ दिये जाने का प्रावधान नियमों में है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन विभाग द्वारा किए गए निर्माण कार्य 

[वन]

75. ( क्र. 3337 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) विगत 3 वर्षों में हरदा जिले में शासन द्वारा वन विभाग में तेन्‍दूपत्‍ता लाभांश की कितनी राशि स्‍वीकृत थी? (ख) उक्‍त अवधि में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए? क्‍या स्‍थानीय समिति की सहमति थी? (ग) किन-किन निर्माण एजेंसियों से कार्य कराए गए उन कार्यों की क्‍या स्थिति है? (घ) क्‍या निर्माणाधीन कार्यों को अन्‍य विभाग से भौतिक सत्‍यापन करायेंगे?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में हरदा जिले में तेन्दूपत्ता लाभांश से निम्नानुसार राशि स्वीकृत थीः-

क्र.

वित्तीय वर्ष

स्वीकृत राशि (लाख रूपये में)

1

2016-17

निरंक

2

2017-18

496.58

3

2018-19

1066.66

योग

1563.24

 

(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) समस्त कार्य वन विभाग द्वारा कराये गये हैं। कुल स्वीकृत 34 कार्यों में से 12 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 22 कार्य प्रगति पर है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सोशल ऑडिट त‍था एक्‍सपर्ट ऑडिट से भौतिक सत्‍यापन कराया जाएगा।

परिशिष्ट -  ''सत्रह''

सिराली को नगर प‍रिषद का दर्जा

[नगरीय विकास एवं आवास]

76. ( क्र. 3340 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र में सिराली को नगर परिषद की घोषणा थी की क्‍या स्थिति है? क्‍या उसे नगर परिषद का दर्जा मिल गया है? यदि नहीं, तो कब तक नगर परिषद का दर्जा मिलेगा? (ख) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र में टिमरनी, लिखीनगर, परिषद हेतु कार्यवाही हेतु नवीन भवन निर्माण एवं बस स्‍टैण्‍ड हेतु राशि कब तक स्‍वीकृ‍त की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। टिमरनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सिराली को नगर परिषद गठित किया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नगर परिषद टिमरनी को नवीन कार्यालय भवन निर्माण हेतु वर्ष 2012-13 में राशि रू. 25.00 लाख आबंटित किये गये हैं। बस स्टैण्ड निर्माण हेतु राशि स्वीकृत करने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -  ''अठारह''

सहायक प्राध्‍यापकों की पदोन्‍न‍ति 

[स्कूल शिक्षा]

77. ( क्र. 3352 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले में सहायक प्राध्‍यापकों के पदोन्‍नति हेतु दिनांक 01.11.2015 को न्‍यायालय के निर्णय के पश्‍चात जिला पंचायत सतना द्वारा काउंसलिंग कराई गई थी? किन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक सहायक प्राध्‍यापकों को पदोन्‍नति नहीं दी गई। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन की मंशा स्‍पष्‍ट करते हुए यह बतावें कि उपरोक्‍त संदर्भ में कब तक कार्यवाही की जायेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला पंचायत सतना के अंतर्गत सहायक अध्यापक से अध्यापक पद पर पदोन्नति हेतु दिनांक 02.11.2015 एवं 03.11.2015 तथा अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति हेतु काउंसलिंग दिनांक 04.11.2015 को कराई गई। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक-18258/2015 में हुये निर्णय दिनांक 27.10.2015 के प्रकाश में याचिकाकर्ताओं को भी काउंसलिंग में शामिल कराया गया। विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा पात्र अध्यापकों के पदोन्नति आदेश दिनांक 04.11.2015 को जारी किये गये। विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा अपात्र पाते हुये अनुशंसित नहीं किये जाने के कारण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार अंकित अध्यापकों के पदोन्नति आदेश जारी नहीं किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।

परिशिष्ट -  ''उन्नीस''

कम्प्यूटर ऑपरेटरों का नियमितीकरण 

[वन]

78. ( क्र. 3359 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य वन विकास निगम लि. भोपाल में वर्तमान में कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर अस्थाई/स्थाई रूप से कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में अस्थाई रूप से नियुक्त कम्प्यूटर ऑपरेटरों को 10 से 15 वर्षों का समय व्यतीत होने के बाद भी अभी तक नियमित नहीं किये जाने के कारण सहित जानकारी दें एवं कब तक इनको नियमित किया जावेगा? इसकी निश्चित          समय-सीमा उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग में अस्थाई कम्प्यूटर ऑपरेटरों को समय पर नियमित नहीं किया जा रहा है जबकि सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारियों को प्रतिमाह भारी वेतन देकर संविदा आधार पर लगातार नियुक्तियां दी जा रही हैं?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) .प्र. राज्‍य वन विकास निगम लि. भोपाल में वर्तमान में स्‍थाई/अस्‍थाई रूप से कोई कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर कार्यरत नहीं है। वर्तमान में म.प्र. राज्‍य वन विकास निगम लि. भोपाल में 49 कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर जॉब दर पर कार्यरत है। (ख) चूँकि कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर जॉब दर पर कार्यरत है, अत: उन्‍हें नियमित करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) निगम में अस्‍थाई रूप से कोई कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर कार्यरत नहीं है। अत: नियमित किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍त जनकल्‍याण विभाग की योजनाएं 

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

79. ( क्र. 3403 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍त जन कल्‍याण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सूचीवार जानकारी देवें। (ख) उक्‍त विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यों का लाभ/उपयोग करने के लिए हितग्राहियों की योग्‍यता/पैमानें क्‍या-क्‍या रखा हैं। विवरण देवें।

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार।

विभागीय निर्माण कार्यों की जानकारी 

[पशुपालन]

80. ( क्र. 3404 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी, श्री मनोज चावला, श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य पशुधन एवं कुक्‍कुट विकास निगम के अधिनियम एवं इसके अन्‍तर्गत गठित नियम, विनियमों में निर्माण कार्य करने के उद्देश्‍य उल्‍लेखित हैं या नहीं? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या किसी निगम को खुद निर्माण कार्य कराने की अनुमति है? क्‍या लोक निर्माण विभाग,वित्‍त विभाग,सामान्‍य प्रशासन विभाग एवं मंत्री परिषद से अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो निर्माण कार्य करने वालों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित गठित प्रकोष्‍ठ द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक किये गये निर्माण कार्यों की वर्षवार, स्‍थानवार एवं व्‍ययवार जानकारी देवें

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लीज भूमि की अराजी के नियमों के विपरीत बदला जाना 

[खनिज साधन]

81. ( क्र. 3417 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत आने वाले ग्राम रामस्‍थान में राजधर सिंह की माईनिंग लीज खसरा क्रमांक 1238/2 रकबा 1.850 हेक्‍टेयर में मंजूर है? उक्‍त लीजधारी को एक वर्ष में कितने क्‍यूबिक मीटर पत्‍थर उत्‍खनन किए जाने की अनुमति माईनिंग प्‍लान के तहत मंजूर थी? उक्‍त लीज धारक कितने मीटर गहरी खुदाई एक वर्ष में माईनिंग प्‍लान के तहत कर सकता था? स्‍थल पर माईनिंग अधिकारी के निरीक्षण की एक रिपोर्ट जो गहराई एवं कितने क्‍यूबिक मीटर पत्थर उत्‍खनन प्रश्‍नतिथि तक किया गया है, की उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित लीजधारी ने 22.01.2018 को एक वर्ष के लिए मेसर्स श्री जी इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर इंडिया प्रा.लि. जबलपुर से एग्रीमेंट किया था? उक्‍त लीजधारी ने अपने एग्रीमेंट दिनांक से 01 मई 2019 तक 25000 (पच्‍चीस हजार) क्‍यूबिक मीटर या 75000 (पचहत्‍तर हजार) टन लगभग पत्‍थर उक्‍त खदान से उत्‍खनित कर श्री जी कंपनी से माँ लक्ष्‍मी ट्रेडर्स कोलगवां जिला सतना के खाते (एकाउण्‍ट) में लगभग 28 लाख रूपये प्राप्‍त किया? जबकि माईनिंग प्‍लान के मुताबिक उक्‍त लीज धारक को पाँच वर्ष में मात्र 40000 (चालीस हजार) क्‍यूबिक मीटर उत्‍खनन का अधिकार था लेकिन चार माह में 25000 (पच्‍चीस हजार) क्‍यूबिक मीटर पत्‍थर का अवैध उत्‍खनन कर लिया गया? (ग) क्‍या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम बेलहटा में आराजी क्रमांक 282 का अंश रकबा 3.367 हेक्‍टेयर मुरूम खदान हेतु प्रश्नांश (क) में वर्णित लीजधारी को लीज स्‍वीकृत है? उक्‍त लीजधारी ने उक्‍त लीज की आड में आराजी क्र. 322 रकबा 2.768 हेक्‍टेयर में उत्‍खनन किया है? खनिज विभाग ने पिटपास किस दिनांक को कितने जारी किये? विवरण दें। (घ) क्‍या राजस्‍व विभाग को यह शक्तियां प्राप्‍त हैं कि खनिज विभाग जिन आराजियों पर लीज मंजूर करती है? उन आराजी क्रमांकों को संशोधन कर सकता है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति दें। अगर नहीं तो एस.डी.एम. रघुराजनगर को भ्रमित एवं गुमराह कर राजस्‍व निरीक्षक एवं खनिज निरीक्षक सतना ने क्र./1945/अनु.अधि./2019 सतना दिनांक 11.04.2019 आराजी क्रमांकों में संशोधन करने का आदेश जारी करवाया? आदेश की एक प्रति दें। राज्‍य शासन खनिज/राजस्‍व निरीक्षक को कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍नांश अनुसार उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। अनुमोदित खनन योजना अनुसार पट्टे के प्रथम वर्ष में 8000 घनमीटर मात्रा का उत्खनन किये जाने की अनुमति थी। प्रश्‍नाधीन उत्खनिपट्टे का निरीक्षण खनि निरीक्षक द्वारा दिनांक 06.07.2019 को किया गया। वांछित विवरण सहित निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार पट्टेदार द्वारा कंपनी के किये गये अनुबंध की जानकारी विभाग को नहीं हैं। अतः प्रश्नांश अनुसार राशि प्राप्त किये जाने का विवरण इस विभाग से संबंधित नहीं है। अनुमोदित खनन योजना के अनुसार प्रथम पाँच वर्ष में 40000 (चालीस हजार) घनमीटर खनिज पत्थर के उत्खनन की पात्रता है। खनि निरीक्षक के प्रतिवेदन दिनांक 06.07.2019 के अनुसार पट्टेदार के द्वारा 16819 घनमीटर खनिज पत्थर का उत्पादन स्वीकृत दिनांक से निरीक्षण दिनांक तक किया गया है। चार माह में 25000 (पच्चीस हजार) क्यूबिक मीटर पत्थर का उत्खनन किये जाने की स्थिति सही नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश अनुसार मुरम खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। पट्टेदार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से लगे हुए क्षेत्र खसरा क्रमांक 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर क्षेत्र पर मुरम खनिज का उत्खनन किये जाने से पट्टेदार के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। विभाग द्वारा स्वीकृत उत्खनिपट्टे से खनिज निकासी हेतु ई.टी.पी. के माध्यम से जारी किये गये अभिवहन पास का विवरण  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हैं। (घ) जी नहीं। राजस्व विभाग को प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार संशोधन के अधिकार नहीं है। अनुविभागीय अधिकारी, रघुराजनगर द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदन पर राजस्व निरीक्षक द्वारा मौके की स्थिति की तथ्यात्मक रिपोर्ट दी गई है। आदेश जारी नहीं किया गया है। अतः कार्यवाही का औचित्य नहीं है। अनुविभागीय अधिकारी, रघुराजनगर द्वारा प्राप्त जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।

रायसेन जिले में तेंदुपत्‍ता संग्रह

[वन]

82. ( क्र. 3435 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या रायसेन जिला अंतर्गत तेंदुपत्‍ता संग्रहण का कार्य पूर्ण कर लिया गया? अगर हाँ तो वर्ष 2019 में कितना मानक स्‍तर का तेंदुपत्‍ता संग्रहण किया गया है? (ख) तेंदुपत्‍ता संग्राहकों को उनकी मजदूरी की राशि का भुगतान एवं बोनस राशि का भुगतान किया जा चुका है या नहीं? अगर हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान किया है, कितनी लंबित है? (ग) लाभान्वित श्रमिक की जानकारी ग्रामवार विकासखण्‍डवार देवें साथ ही श्रमिक को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी भी उपलब्‍ध करावें।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में 79891.460 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहित हुआ है। (ख) जी हाँ। रायसेन जिले में संग्रहण वर्ष 2019 में तेन्दूपत्ता श्रमिकों को संग्रहण मजदूरी की राशि रूपये 19,97,28,650.50 का भुगतान किया गया। तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2019 के बोनस की गणना प्रक्रियाधीन है। अतः बोनस भुगतान लंबित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। एकलव्य शिक्षा योजना के अंतर्गत तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं संग्राहक को मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्राहक कल्याण सहायता योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

नगरीय क्षेत्रों में विकास हेतु प्रदत्‍त राशि 

[नगरीय विकास एवं आवास]

83. ( क्र. 3436 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बरेली एवं उदयपुरा नगर परिषद में वर्ष 2015 से 31 मई 2019 तक विभिन्‍न योजनाओं में आबंटित राशि कार्यवार विवरण, कार्यपूर्ण एवं अपूर्ण की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बरेली एवं उदयपुरा नगरीय क्षेत्रों में स्‍वीकृत आवासों की संख्‍या एवं लाभान्वित हितग्राहियों की वार्डवार संख्‍या प्रदान करें। (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पूर्ण एवं अपूर्ण आवासों के नगरीय क्षेत्रों की अपूर्णता की जानकारी कारण सहित उपलब्‍ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरेली एवं उदयपुरा नगर परिषद में वर्ष 2015 से 31 मई 2019 तक विभिन्‍न योजनाओ में आबंटित राशि, कार्यवार विवरण, कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बरेली एवं उदयपुरा नगरीय क्षेत्रों में स्‍वीकृत आवासों की संख्‍या एवं लाभान्वित हितग्राहियों की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरेली एवं उदयपुरा नगरीय निकाय की अपूर्ण आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। आवासों का निर्माण हितग्राहियों द्वारा किया जाता है, जिससे अपूर्णता का कारण बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय सेवकों के दौरा कार्यक्रम और निरीक्षण प्रतिवेदन

[खनिज साधन]

84. ( क्र. 3527 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जले में विगत 02 वर्षों में खनि‍ज साधन और वन विभाग के किस नाम/पदनाम के  कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पदस्‍थ/कार्यरत रहे हैं? और इनके क्‍या कार्य एवं कार्यक्षेत्र रहे हैं? शासकीय सेवकवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या इन शासकीय सेवकों द्वारा शासकीय आदेशों/विभागीय निर्देशों के पालन में दौरा कार्यक्रम तैयार किए गए? और अपने कार्य/अधिकारिता क्षेत्र में निरीक्षण/दौरा कर निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किए गये? यदि हाँ, तो 02 वर्षों में किस-किस शासकीय सेवक (अधिकारी/कर्मचारियों) द्वारा कब-कब और क्‍या-क्‍या दौरा कार्यक्रम तैयार किए गये? और कहाँ-कहाँ एवं कब-कब निरीक्षण किया गया एवं क्‍या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? (ग) पन्‍ना जिले में विगत 02 वर्षों में अवैध उत्‍खनन और भंडारण के कौन-कौन से मामले/प्रकरण किस शासकीय सेवक की क्‍या जाँच/निरीक्षण से सामने आये/ज्ञात हुये हैं? और क्‍या यह मामले/प्रकरण क्षेत्र में पदस्‍थ शासकीय सेवकों (अधिकारियों/कर्मचारियों/के निरीक्षण प्रतिवेदन में भी प्रतिवेदित हुये थे? यदि हाँ, तो प्रकरणवार विवरण बतायें? यदि नहीं, तो क्‍यों? तो क्‍यों न इसे शासकीय कार्यों/दायित्‍वों में लापरवाही एवं अवैध कार्यों की संरक्षण मानकर कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में वन एवं शासकीय भूमि में लगातार हो रहे अवैध उत्‍खनन को रोक पाने में अक्षम शासकीय सेवकों की भूमिका की शासन स्‍तर से जाँच और कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तों किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) से  (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

विभागीय योजनाओं हेतु प्राप्‍त राशि

[आदिमजाति कल्याण]

85. ( क्र. 3528 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना एवं कटनी जिले में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और छात्रावासों एवं आश्रमों हेतु वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी राशि किस-किस मद और कार्य हेतु प्राप्‍त हुई एवं कितनी-कितनी राशि किस मद और कार्य में व्‍यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत सामग्री क्रय में भंडार क्रय समिति के तुलनात्‍मक पत्रक क्‍या थे? क्‍या  क्रय की गई सामग्रियों को सत्‍यापित किया गया? यदि हाँ, तो सत्‍यापन के ब्‍यौरे बतायें और क्रय की गई सामग्रियों के संबंध में प्राप्‍त शिकायतों एवं निराकरण से अवगत करायें। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विकास एवं निर्माण और विद्युतीकरण कार्य हेतु प्राप्‍त राशि का आवंटन एवं कार्यों की स्‍वीकृति किस मांग और प्रस्‍तावों के आधार पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब प्रदान की गयी? कौन-कौन से विकास/निर्माण के कार्य किस-किस स्‍थान पर कब-कब कराये गए? कार्यवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत (क) अवधि में विकास एवं निर्माण और विद्युतीकरण के कार्यों का निरीक्षण, भौतिक सत्‍यापन और कार्यों की माप किस नाम एवं पदनाम के सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? और क्‍या प्रतिवेदन दिये गये? कार्यवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विकस एवं निर्माण और विद्युतीकरण के कार्यों हेतु प्राप्‍त राशि के पक्षपातपूर्ण आवंटन और कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो इन अनियमितताओं की जाँच और कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍या संबंधितों द्वारा ऐसा न होना सत्‍यापित किया जायेगा।

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जिला पन्‍ना एवं जिला कटनी में संचालित योजनाओं और छात्रावासों एवं आश्रमों हेतु वर्ष  2017-18 एवं 2018-19 में मदवारकार्य में व्‍यय, की  जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अन्‍तर्गत मध्‍यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्‍याण विभाग मंत्रालय भोपाल के ज्ञापन क्रमांक/एफ-12-11/2014/25-2 भोपाल, दिनांक 17-06-2014 के निर्देशानुसार सामग्री क्रय छात्रावास/आश्रम स्‍तर पालक समितियों के माध्‍यम से क्रय किये गये एवं संस्‍था स्‍तर पर निर्धारित समिति के द्वारा सामग्री सत्‍यापन की कार्यवाही की जाती है। जिला स्‍तर से सामग्री क्रय एवं सत्‍यापन का प्रावधान नहीं होने से कार्यवाही नहीं की गई है। क्रय की गई सामग्री के सम्‍बन्‍ध में शिकायतें प्राप्‍त नहीं हुईं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विकास एवं निर्माण और विद्युतीकरण कार्य हेतु प्राप्‍त आवंटन की  जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्यों की स्‍वीकृति ग्राम पंचायतोंजनपद पंचायतों एवं जन-प्रतिनिधियों से प्राप्‍त प्रस्‍ताव के आधार पर शासन निर्देशानुसार गठित समिति के अध्‍यक्ष माननीय प्रभारी मंत्री महोदय के अनुमोदन अनुसार स्‍वीकृति प्रदान की गई हैतथा विकास एवं निर्माण कार्य किन-किन स्‍थानों पर कराये गये हैं उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में विकास एवं निर्माण और विद्युतीकरण कार्य हेतु प्रदाय राशि वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आवंटन के अनुसार प्राप्‍त प्रस्‍तावों के आधार पर विकास/निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। कराये गये कार्यों की कार्यवार  जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत (क) अवधि में विकास एवं निर्माण और विद्युतीकरण के कार्यों का निरीक्षण स्‍थानीय निकायों के माध्‍यम से किया गया है और विद्युतीकरण के कार्यों का पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कार्यपालन यंत्रीम.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लिमि. पन्‍ना द्वारा किया जाता है। प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत (क) अवधि में विकास कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्‍यापन माप जनपद पंचायत के सहायक यंत्रीमुख्‍य कार्यपालन अधिकारी द्वारा एवं वर्ष 2017-19 में विभागीय निर्माण कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्‍यापन विभागीय सहायक यंत्रीकार्यालय संभागीय उपायुक्‍त आदिवासी विकास जबलपुर एवं जिला संयोजकआ.जा.क. कटनी द्वारा किया गया। वर्ष 2018-19 में विभागीय निर्माण कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्‍यापन विभागीय सहायक यंत्रीकार्यालय संभागीय उपायुक्‍तआदिवासी विकास जबलपुर एवं जिला संयोजकआ.जा.क. कटनी एवं मण्‍डल संयोजक द्वारा किया गया है। विभागीय निर्माण कार्यों के माप विभागीय सहायक यंत्री द्वारा तथा विद्युतीकरण के कार्यों का निरीक्षणभौतिक सत्‍यापनमाप मध्‍यप्रदेश विद्युत मण्‍डल द्वारा किया गया है। (ड.) जी नहीं। नियमानुसार कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

युवा स्वाभिमान योजना का क्रियान्‍वयन

 [नगरीय विकास एवं आवास]

86. ( क्र. 3579 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में युवा स्वाभिमान योजना के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों द्वारा पंजीयन कराया गया था? (ख) युवा स्वाभिमान योजना के तहत कितने माह के अंतराल में नवीन पंजीयन किये जाते हैं? (ग) पंजीकृत व्यक्तियों में से कितने व्यक्ति प्रश्न दिनांक तक कार्यरत हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) कितने व्यक्तियों का कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के तहत 952 व्यक्तियों का पंजीयन कराया गया है। (ख) युवा स्वाभिमान योजना के तहत नवीन पंजीयन की प्रक्रिया सतत है। (ग) वर्तमान में पंजीकृत व्यक्तियों में से 87 व्यक्ति प्रशिक्षण सह कार्यरत हैं। (घ) वर्तमान में सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कुल 46 व्यक्तियों को राशि रूपये 268944.00 का भुगतान किया जा चुका है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बीस''

ग्राम पंचायत पिछला की भूमि पर लेटेराईट खनन

[खनिज साधन]

87. ( क्र. 3582 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिछला की भूमि पर किसी कंपनी को लेटेराईट खनन हेतु मंजूरी दी गई है? यदि हाँ, तो नाम, रकबा, सर्वे नं. की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त कंपनी को मंजूरी देने के पूर्व क्या शासन द्वारा विज्ञप्ति जारी कर आपत्ति चाही गई थी? यदि आपत्ति प्राप्त हुई तो आपत्तिकर्ताओं के नाम, गाँव सहित जानकारी देवें। (ग) दिनांक 19.05.2019 को लोकसभा चुनाव में पिछला पंचायत में लेटेराईट खनन हेतु मंजूरी के विरोध में क्या ग्रामीणों द्वारा वोटिंग की गई थी या नहीं? बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि वोटिंग हुई तो कुल मतों में से कितने मत गिरे थे? जानकारी देवें। यदि मतदान नहीं हुआ था, तो उसका क्या कारण था?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा के ग्राम पंचायत पिछला में सर्वे क्रमांक 1471 रकबा 14.200 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर आवेदक जयश्री बालाजी माईन्‍स एण्‍ड मिनरल्‍स को खनिपट्टा खनिज लेटेराईट हेतु स्‍वीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। नियत अवधि में कोई आपत्ति प्राप्‍त न होने से शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी हाँ।    (घ) ग्राम पिछला मतदान केन्‍द्र क्रमांक 197 पर कुल 646 मतदाता थे, जिसमें 05 लोगों ने मतदान किया है।

जलाशय के सौंदर्यीकरण में किए जा रहे कार्यों की जाँच

[खनिज साधन]

88. ( क्र. 3600 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से सुरकी पोंड़ी जलाशय के सौंदर्यीकरण हेतु विभाग द्वारा कोई योजना/प्रस्ताव/प्राक्कलन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का एवं कब और किसके द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान की गई तथा वर्तमान में विभाग को कितनी राशि प्राप्त हो चुकी है? कितनी राशि प्राप्त होना शेष है और कब तक प्राप्त हो जावेगी? क्या योजना में समय पर राशि प्राप्त न होने से कार्य पूर्ण होने में देरी तथा लागत में वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए जवाबदार पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कार्य हेतु कब-कब निविदाएँ आमंत्रित की गई एवं किस-किस ठेकेदार को किस-किस समयावधि का कार्य दिया गया? क्‍या निर्माण कार्य स्तरहीन, तय मापदंडों/प्राक्कलन एवं मूल योजना के विपरीत किया गया है? यदि हाँ, तो जिम्मेदार पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी एवं शासन स्तर पर जाँच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्या समस्त कार्य नियमानुसार किया जाना प्रतिवेदित किया जावेगा?               (ग) क्या निर्माण स्थल से उत्खनन उपरांत प्राप्त गौण खनिजों का नियमानुसार निपटान किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण बताएं। यदि नहीं, तो क्या समस्त कार्य नियमानुसार किया जाना प्रतिवेदित किया जावेगा।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डी.एम.एफ.) के पंचवर्षीय प्‍लान के तहत पृथक-पृथक चरणों के लिये क्रमश: 1.50 करोड़, 1.7366 करोड़, 1.7366 करोड़, 1.8066 करोड़, कुल 6.7798 करोड़ का प्रस्‍ताव सुरकी पोंड़ी जलाशय सौंदर्यीकरण हेतु प्रस्‍तुत किया गया है। प्रथम चरण में कलेक्‍टर एवं उपाध्‍यक्ष (डी.एम.एफ.) जिला कटनी के आदेश क्रमांक 2117 दिनांक 20.07.2017 के द्वारा 1.50 करोड़ की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जाकर 75.00 लाख का आवंटन उपलब्‍ध कराया गया है एवं 75.00 लाख की राशि का आवंटन प्राप्‍त होना शेष है। अनुबंधित ठेकेदार को कार्यादेश क्रमांक 1181 दिनांक 31.05.2018 जारी किया जाकर 06 माह की समय-सीमा वर्षाकाल छोड़कर निर्धारित की गई थी। जो मासांत फरवरी 2019 में पूर्ण हो चुकी है। वर्तमान में ठेकेदार द्वारा तालाब बैण्‍ड चौड़ीकरण, दो बाल ड्रेन का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। टर्फिंग एवं रेलिंग का कार्य प्रगति पर है। (ख) सुरकी पोंडी जलाशय के सौंदर्यीकरण हेतु प्रथम चरण में प्राप्‍त प्रशासकीय स्‍वीकृति रूपये 1.50 करोड़ के आधार पर निविदा सूचना क्रमांक 16 दिनांक 07.02.2018 के माध्‍यम से निविदा आमंत्रित की गई एवं प्राप्‍त न्‍यूनतम निवि‍दा दर अनुसार मेसर्स सिंह ट्रेडर्स प्रोपराईटर तेजपाल सिंह, ग्राम जिहुली, जिला कटनी को कार्यादेश जारी कर 06 माह की समय-सीमा वर्षाकाल छोड़कर निर्धारित की गई है। निर्माण कार्य का डी.पी.आर. तैयार कर तकनीकी स्‍वीकृति क्रमांक 614 दिनांक 29.09.2018 जारी की गई है एवं डी.पी.आर. में निहित प्रावधान एवं तकनीकी मापदण्‍ड अनुसार कार्य कराया गया है। (ग) निर्माण स्‍थल से कोई उत्‍खनन कार्य नहीं किया गया है। कार्य नियमानुसार एवं तकनीकी मापदण्‍ड अनुसार कराया जा रहा है।

खनिज का अवैध उत्खनन 

[खनिज साधन]

89. ( क्र. 3633 ) श्री राम दांगोरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जीरवन आमलाखुर्द तक गेज परिवर्तन (रेलवे) का कार्य करने वाली कंपनी द्वारा मुरूम व पत्थर की खदानें किन नामों से स्वीकृत की गई हैं? ग्राम, खसरा नंबर, रकबा और दिनांक सहित सूची देवें I (ख) जीरवन से आमलाखुर्द तक गेज परिवर्तन करने वाली कंपनी पर विगत 5 वर्ष से आज दिनांक तक अवैध उत्खनन के कितने, कितनी मात्रा और कितने मूल्य के प्रकरण बने हैं?    (ग) जिस दिनांक तक जितनी मात्रा के अवैध उत्खनन के प्रकरण खनिज विभाग द्वारा बनाए गए हैं, क्‍या उस दिनांक तक कंपनी द्वारा इस पर डाली गई मात्रा का भौतिक परीक्षण विभाग द्वारा किया गया था? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा? मात्रा सहित विवरण देवें। यदि ट्रैक पर डाली मात्रा का भौतिक मिलान उत्खनन से नहीं किया गया तो किस आधार पर पेनाल्टी तय की गई?    (घ) भौतिक सत्यापन और मिलान नहीं कर जिस अधिकारी द्वारा शासन के राजस्व का नुकसान किया गया? क्‍या उस अधिकारी पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) कंपनी द्वारा खदान की स्‍वीकृति नहीं दी जाती है। कंपनी के पक्ष में कलेक्‍टर द्वारा स्‍वीकृत उत्‍खनन अनुज्ञा का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नानुसार वांछित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र'''' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा खनिज नियमों के अनुरूप अवैध रूप से खनन प्रकाश में आने पर उत्‍खनित क्षेत्र की नाप मौके के अनुसार की जाकर मात्रा का आंकलन कर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाता है तथा उत्‍खनित खनिज मात्रा के अनुरूप ही पेनाल्‍टी का निर्धारण किया जाता है। अवैध खनन के प्रकरणों में उत्‍खनित मात्रा के आधार पर ही अर्थदण्‍ड निर्धारण किये जाने के प्रावधान हैं। उपयोग की गई मात्रा के आधार पर अर्थदण्‍ड अधिरोपित नहीं किया जाता है।    (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

सिंहस्थ महापर्व 2016 में टंकी एवं स्टैण्ड खरीदी की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

90. ( क्र. 3641 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ में हुए टंकी घोटाले को लेकर 14 बिंदुओं का आरोप पत्र नगर निगम आयुक्त उज्जैन द्वारा जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या नगरीय प्रशासन विभाग ने दिसंबर 2017 में इसी विषय पर उठाये गए विधान सभा प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में जाँच कराई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वर्तमान तराना विधायक के द्वारा टंकी खरीदी को लेकर शिकायत पर जाँच शुरू की गयी थी? क्या ई.ओ.डब्ल्यू की आठ सदस्यीय टीम ने जाँच कर अनियमतिताओं की रिपोर्ट प्रस्तुत की? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) क्या पी.व्‍ही.सी. टंकी एवं स्टैण्ड घोटाले में संभागायुक्त जाँच बैठायी गयी थी? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? (ड.) क्या उक्त मामले में करोड़ों की लागत के पी.व्‍ही.सी. टंकी एवं स्टैण्ड खरीदे गए थे? क्या खरीदी जाँच के दौरान भंडार पंजी में दर्ज पायी गयी? क्या फर्जी बिल तैयार कर भुगतान किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो ऑडिट आपत्ति प्राप्त हुई अथवा नहीं? उपरोक्त बिंदुओं पर प्रमाणित दस्तावेजों के साथ जवाब प्रस्तुत करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रकरण में 15 बिन्‍दुओं का आरोप पत्र आयुक्‍त नगरपालिक निगम उज्‍जैन द्वारा श्री मुकेश गर्ग, उपयंत्री को जारी किया गया। आरोप पत्र के उत्‍तर प्राप्‍त होने के उपरांत विभागीय जाँच दिनांक 20.08.2018 को संस्थित की गई। विभागीय जाँच अधिकारी अपर कलेक्‍टर उज्‍जैन है, जिनके द्वारा विभागीय जाँच सम्‍पन्‍न की जा रही है। (ख) जी हाँ। जाँच समिति ने जो रिपोर्ट प्रस्‍तुत की थी, उसके आधार पर कार्यवाही करने के लिए आयुक्‍त नगरपालिक निगम उज्‍जैन को लेख किया गया। उक्‍त प्रतिवेदन में उल्‍लेखित अनियमितताओं को आयुक्‍त नगरपालिक निगम उज्‍जैन द्वारा श्री मुकेश गर्ग, उपयंत्री को जारी आरोप पत्र में शामिल किया गया था, जिस पर उत्‍तरांश (क) अनुसार आगे की कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्‍यूरो में तत्‍कालीन जिला पंचायत अध्‍यक्ष एवं वर्तमान तराना विधायक के द्वारा टंकी खरीदी को लेकर शिकायत क्रमांक 187/18 दर्ज की है। शिकायत की जाँच उनकी विवेचना में है। (घ) प्रकरण में संभागीय आयुक्‍त उज्‍जैन संभाग द्वारा श्री मुकेश गर्ग, उपयंत्री को निलंबित किया गया एवं उत्‍तरांश (क) के अनुसार कार्यवाही की गई। (ड.) इस खण्‍ड के द्वारा पी.व्‍ही.सी. टंकी 500 नग एवं 400 एम.एस स्टैण्ड क्रय किये गये थे। जिसमें से 100 पी.व्‍ही.सी. टंकी व 100 एम.एस. स्टैण्ड मूल निविदा पर क्रय किये गये जिसको विधिवत भंडार गृह के स्‍टॉक रजिस्‍टर में दर्ज किया गया, शेष 400 पी.व्‍ही.सी टंकी व 300 एम.एस. स्टैण्ड मूल निविदा की स्‍वीकृत दर पर नोटशीट प्रचलित कर स्‍वीकृत उपरांत तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा क्रय हेतु कार्यादेश जारी किये गये। स्‍वीकृत दर पर जारी कार्यादेश के तहत क्रय की गई 400 टंकी व 300 एम.एस. स्टैण्ड सीधे श्री मुकेश गर्ग, उपयंत्री द्वारा प्राप्‍त किये जाने से उनके द्वारा भंडार गृह में दर्ज नहीं कराया गया एवं मेला समाप्ति उपरांत भंडार गृह में विधिवत जमा नहीं कराई गई है। क्रय की गई पी.व्‍ही.सी टंकी व एम.एस. स्टैण्ड की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शिकायत की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा की जा रही है। अत: जाँच प्रचलन के दौरान प्रमाणित दस्‍तावेज दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन

[स्कूल शिक्षा]

91. ( क्र. 3646 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आर.टी.ई.) के तहत इस वर्ष मध्यप्रदेश में कितने ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए? ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की तिथि में कितनी बार वृद्धि की गई?                    (ख) ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से सीटों का आवंटन कब किया गया एवं किस-किस जिले में आवेदन के विरूद्ध कितनी-कितनी सीटों पर प्रवेश सुनिश्चित कराया गया? कितनी सीटें खाली रह गईं? जिलावार बतायें। (ग) क्या इस वर्ष व्यापक प्रचार-प्रसार न होने के कारण आर.टी.ई. अंतर्गत आरक्षित सीटों के विरूद्ध आवेदनों की संख्या कम हुई है, जिस कारण कम विद्यार्थियों का प्रवेश हो सका है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सत्र 2019-20 के लिए गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के निःशुल्क प्रवेश हेतु 235901 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए है। ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की तिथि में एक बार वृद्धि की गई। (ख) ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से सीटों का आवंटन दिनांक 01.07.2019 को किया गया। जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रत्येक वर्ष अनुसार ही योजना का यथोचित प्रचार-प्रसार किया गया। इसके अतिरिक्त सम-सामयिक रूप से समाचार विज्ञप्तियों का प्रकाशन भी विविध स्तरों पर किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तेईस''

न्‍यायालयीन निर्णयों का पालन न किया जाना

[स्कूल शिक्षा]

92. ( क्र. 3679 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) श्री रामजी पटनहा, लिपिक, जिला शिक्षा केन्‍द्र सतना की कलेक्‍टर सतना ने आदेश दिनांक   16-10-1996 के द्वारा किस आधार पर संविदा नियुक्ति समाप्‍त की गई थी? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) उल्‍लेखित आदेश के विरूद्ध याचिका क्रमांक डब्‍ल्‍यू.पी. 4480/96 दायर की गई थी व उक्‍त याचिका के अध्‍यधीन रहते आदेश दिनांक 30-11-1999 के जरिये श्री पटनहा को संविदा आधार पर आगामी आदेश तक नियुक्‍त किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित याचिका एवं रिव्यू याचिका पर क्रमश: दिनांक 20-03-200827-08-2008 को माननीय न्‍यायालय से निर्णय हो चुका है? क्‍या आदेश पारित किया गया? माननीय न्‍यायालय के निर्णय के पालन हेतु जिला शिक्षा केन्‍द्र स्‍तर पर कब-कब नोटशीट अधिकारियों के समक्ष प्रस्‍तुत की गई? 10 वर्षों त‍क निर्णय व आदेश को दबाये रखने हेतु कौन जिम्‍मेदार है? इस अवधि में स्‍थापना शाखा का प्रभारी कौन था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में माननीय न्‍यायालय के आदेशों का पालन कराने व मामले को दबाने के दोषियों को दंडित करने हेतु विभाग क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री रामजी पटनहा, लिपिक, जिला शिक्षा केन्द्र, सतना की संविदा नियुक्ति कलेक्टर, सतना के आदेश दिनांक 16.10.1996 से क्रय में अनियमितता के आधार पर समाप्त की गई थी। (ख) जी हाँ। याचिका क्रमांक 4480/96 विचाराधीन रहने के दौरान रिक्त पद पर आदेश दिनांक 30.11.1999 के द्वारा श्री पटनहा को संविदा आधार पर नियुक्त किया गया था। (ग) जी हाँ। श्री पटनहा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर डब्ल्यू.पी. क्रमांक 4480/96 में पारित आदेश दिनांक 20.3.2008 एवं एम.सी.सी. 1201/2008 में पारित आदेश दिनांक 27.6.2008 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। न्यायालयीन निर्णय के पश्चात् हुई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। दस वर्ष तक दबाये रखने जैसी स्थिति नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन अवधि के स्थापना प्रभारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' में उल्लेखित तथ्यात्मक स्थिति के आधार पर एवं डब्ल्यू.पी. क्रमांक 17209/2017 में पारित आदेश दिनांक 30.10.2017 के पारिपालन में   श्री पटनहा कार्यरत हैं। प्रकरण में शासन की ओर से 20.4.2018 को जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है, वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पत्र क्रमांक/राशिके/स्था./2018/1366 दिनांक 8.3.2018 के माध्यम से प्रकरण में शीघ्र विस्तृत जाँच करते हुए गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देश कलेक्‍टर सतना को प्रदान किये गये हैं।

शहरी कॉलोनियों को सर्व सुविधायुक्‍त बनाया जाना 

[नगरीय विकास एवं आवास]

93. ( क्र. 3718 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले में नगरपालिक निगम, रीवा अन्‍तर्गत पदमधर कॉलोनी, शान्ति विहार, विन्‍ध्‍य विहार, चिरहुला, गृह निर्माण मण्‍डल कॉलोनी बनाते समय प्‍लान में पार्क, विद्यालय एवं सामुदायिक भवन की कार्ययोजना थी? जिसके तहत ही निर्माण कार्य किया जाना चाहिए था एवं क्‍या कुछ कॉलोनियों में पार्क के लिये कुछ जगह छोड़ी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्‍दर्भ में क्‍या गृह निर्माण मण्‍डल उक्‍त सुविधा न देने के लिये यह आधार लेता है कि उनके द्वारा कॉलोनी को नगर निगम में स्‍थानान्‍तरित कर दिया है? यदि हाँ, तो फिर इस हेतु ली गई राशि का क्‍या अन्‍य मद में उपयोग करते हैं? यदि हाँ, तो कहाँ पर करते हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा नगरपालिक क्षेत्र रीवा के अन्तर्गत पद्मधर कॉलोनी, शान्ति विहार, विन्ध्य विहार एवं चिरहुला कॉलोनी में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदित अभिन्यास में पदमधर कॉलोनी, विन्ध्य विहार एवं चिरहुला कॉलोनी में Open space (खुला क्षेत्र), शाला भू-खण्ड एवं सामुदायिक भवन तथा शान्ति विहार कॉलोनी में Open space (खुला क्षेत्र) एवं शाला भू-खण्ड का प्रावधान था। जी हाँ। जी हाँ। (ख) मण्डल द्वारा निर्मित की गई कॉलोनियों में आरक्षित शाला भू-खण्डों का विक्रय किया गया है, जिसका निर्माण संबंधित क्रेता द्वारा किया जायेगा। कॉलोनियों के हस्तांतरण एवं पार्कों/सामुदायिक भवन एवं खुले क्षेत्र के रख-रखाव के संबंध में मण्डल एवं नगर निगम रीवा से जानकारी एकत्रित की जा रही है। जानकारी प्राप्त होने पर ली गई राशि एवं उसके उपयोग के संबंध में जानकारी दी जाना संभव होगा।

स्‍कूलों में विद्यार्थियों की निरंतर गिरती संख्‍या

[स्कूल शिक्षा]

94. ( क्र. 3740 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सरदारपुर में 2015 से 2019 तक शासकीय प्राथमिक शाला, माध्‍यमिक शाला, हाई स्‍कूल तथा हायर सेकेण्‍डरी शाखा की संख्‍या इन में कार्यरत शिक्षकों की संख्‍या तथा विद्यार्थियों की संख्‍या बतावें। 2018-19 में प्राथमिक शाला, माध्‍यमिक शाला, हाई स्‍कूल तथा हायर सेकेण्‍डरी में कितने विद्यार्थी पर एक शिक्षक है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में स्‍कूल शिक्षा पर किये गये खर्च की वर्षवार जानकारी दें। आलोच्‍य वर्ष में प्रति विद्यार्थी पर कितना खर्च हुआ? खर्च में कितने प्रतिशत की वृद्धि तथा विद्यार्थियों की संख्‍या में कितने प्रतिशत की वृद्धि/कमी हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि (जिस वर्ष में लागू हो उस अनुसार) प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शाला में नि:शुल्‍क पाठ्य पुस्‍तक, साईकिल, तथा गणवेश कितने विद्यार्थियों को प्रदान की गई? इस मद में वर्षवार कितना व्‍यय हुआ? क्‍या छठी कक्षा के वर्ष 2015-16 में 2.70 लाख थी बच्‍चों को साईकिल दी गई थी तथा वर्ष 2016-17 में लाभान्वित की संख्‍या 1.75 लाख है? वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में एक लाख बच्‍चों की संख्‍या में अंतर सामान्‍य नहीं है? इसका क्‍या कारण है? क्‍या इसमें अनियमितता हुई है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में (जिस वर्ष में लागू हो) वर्षवार हाई स्‍कूल तथा हायर सेकेण्‍डरी में नि:शुल्‍क पाठ्य पुस्‍तक तथा साईकिल कितने-कितने विद्यार्थियों को दी गई तथा इस मद में कितना-कितना व्‍यय हुआ? वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में साईकिल से लाभान्वित होने वाले बच्‍चों की संख्‍या 16 हजार कम तथा पाठ्य पुस्‍तक प्राप्‍त करने वालों की संख्‍या 50 हजार होने के कारण बतावें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। जी हाँ। नवीन माध्यमिक शालाओं की स्थापना एवं नामांकन में कमी के कारण कक्षा 6वीं में साईकिल वितरण हेतु पात्र छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी आई है। जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। साईकिलों हेतु विद्यार्थियों की पात्रता का निर्धारण ग्राम में शाला सुविधा की उपलब्धता न होने पर निर्भर करता है। प्रतिवर्ष शालाओं का उन्नयन होने के फलस्वरूप साईकिलों की संख्या में कमी आना स्वाभाविक है। निःशुल्क पाठ्य पुस्तक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी नहीं आई है, अपितु विगत वर्ष की शेष बची पाठ्य पुस्तकों का समायोजन करने से पाठ्य पुस्तकों की संख्या कम हुई है।

अनुसूचित जाति/जनजाति योजनांतर्गत आवंटित राशि

[अनुसूचित जाति कल्याण]

95. ( क्र. 3759 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 में 15.06.19 तक नगरीय क्षेत्र एव जनपद क्षेत्र में कौन-कौन से मदों से कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य करवाये गये है? सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्षवार, बस्तीवार, कार्य का नाम, प्रदाय राशि, व्यय राशि से अवगत करावें। जनपद क्षेत्र में ग्रामवार, वार्डवार कार्य के नाम, प्रदाय राशि, व्यय राशि से अवगत करावें।        (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्शित अपूर्ण कार्यों को कब तक पूरा करा दिया जावेगा? कार्य न कराने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) राजगढ़ जिला अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामवार एवं नगरीय क्षेत्र में बस्तीवार जनसंख्या के प्रतिशत का घटते क्रम की सूची उपलब्ध करावें एवं अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये जाने के नियम हैं?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जनपद क्षेत्रों में बस्‍तीवार कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं, वार्डवार कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये हैं। बस्‍तीवार जानकारी उपरोक्‍त उल्‍लेखित परिशिष्‍टों अनुसार है। (ख) प्रश्‍नानुसार जिला राजगढ़ के अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करा लिया जावेगा। कार्य पूर्ण न करने वाले निर्माण एजेन्सियों को नोटिस जारी किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। योजनान्‍तर्गत कार्यों की स्‍वीकृति हेतु राशि का कोई बंधन नहीं है।

अध्‍यापक संवर्ग के स्‍थानांतरण

[स्कूल शिक्षा]

96. ( क्र. 3776 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले में वर्ष 2018 में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अध्‍यापक संवर्ग के स्‍थानांतरण किये गये हैं? यदि नहीं, तो उक्‍त स्‍थानांतरण किस नियम के तहत किस अधिकारी द्वारा किये गये हैं? आदेश जारीकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम बतायें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित अध्‍यापक संवर्ग के स्‍थानांतरण शासन के नियमों का पालन करते हुये किये गये थे? यदि हाँ, तो अध्‍यापक संवर्ग के 41 स्‍थानांतरण दिनांक 26 नवम्‍बर 2018 को क्‍यों निरस्‍त किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित नियम विरूद्ध किये गये स्‍थानांतरण में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? प्रश्‍न दिनांक तक संबंधितों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या नियम विरूद्ध किये गये अध्‍यापक संवर्ग के स्‍थानांतरण में कुछ अध्‍यापकों के आदेश निरस्‍त कर खानापूर्ति कर दी गई और दोषी अधिकारी तत्‍कालीन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सी.ई.ओ. श्री स्‍वरोचिष सोमवंशी, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्‍त एवं शाखा प्रभारी को संरक्षण दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। यह स्थानांतरण तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी श्री स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा किये गये। (ख) जी नहीं, नीति के अनुरूप नहीं होने के कारण स्थानांतरण निरस्त किये गये। (ग) प्रकरण की सूक्ष्म जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। प्रांरभिक जाँच में प्रथम दृष्‍टया दोषी पाये जाने पर कलेक्टर सिवनी द्वारा जिला पंचायत कार्यालय सिवनी के वर्तमान शाखा प्रभारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, तथा शाखा में पदस्थ तीन लिपिकों को निलंबित किया गया है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

97. ( क्र. 3798 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या वर्तमान व्यवस्था अनुसार वृद्धावस्था पेन्शन हितग्राही एवं विकलांग पेन्शन हितग्राहियों को पेन्शन का भुगतान बैंक या पोस्ट ऑफिस के माध्यम से होता है? हितग्राही को सूचना कैसे प्राप्त होती है कि उसकी पेन्शन राशि उसके बैंक खाते में जमा हो गई? क्या यह सूचना अनिवार्य एवं सही समय पर हितग्राही को मिल सके इस प्रकार व्यवस्था हेतु शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है? नहीं तो क्या कारण है तथा वर्तमान व्यवस्था में हितग्राहियों को सही सूचना प्राप्त न होने के कारण वृद्ध एवं विकलांग पेन्शनधारी हितग्राहियों को बार-बार बैंकों के चक्कर लगाना पड़ता है, जिससे उन्हें एवं बैंक कर्मियों को बहुत परेशानी होती है? क्या वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व व्यवस्था परिवर्तन कर तेंदूपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान हेतु आदेशित किया है, तो क्या इस व्यवस्था में परिवर्तन कर केवल वृद्ध एवं विकलांग पेन्शनधारियों की मांग अनुसार उनकी सुविधा के लिये नगदी भुगतान हेतु शासन विचार कर सकता है? नहीं तो क्या कारण है तथा हाँ तो कब तक?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। अक्‍टूबर 2017 से प्रतिमाह की 1 से 5 तारीख के मध्‍य नोडल बैंक के माध्‍यम से सिंगल क्लिक ई-पेमेन्‍ट व्‍यवस्‍था के अन्‍तर्गत हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान उनके बैंक/पोस्‍ट आफिस के खातों में किया जाता है, जिन पेंशन हितग्राहियों द्वारा बैंकों से एस.एम.एस. एलर्ट की सुविधा ली गई है उन्‍हें बैंकों द्वारा एस.एम.एस. के माध्‍यम से जानकारी प्राप्‍त होती है, साथ ही ग्राम पंचायतों के सचिवों को भी पेंशन हितग्राहियों की पेंशन राशि जमा होने की सूची पेंशन पोर्टल से निकालकर प्रतिमाह ग्राम पंचायत भवन के सूचना पटल पर चस्‍पा की जाती है। ऐसी ग्राम पंचायतें जिनसे बैंक ब्रान्‍च शाखाएं 5 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है उन ग्राम पंचायतों में प्रतिमाह की 7 तारीख को बैंकिंग करेस्‍पोंडेंट के माध्‍यम से पेंशन वितरण हेतु पेंशन आपके द्वार व्‍यवस्‍था के अन्‍तर्गत बैंकिंग करेस्‍पोंडेंट द्वारा प्रतिमाह हितग्राही को ग्राम पंचायत कार्यालय में ही पेंशन का नगद वितरण किया जाता है। जी नहीं। वर्तमान व्‍यवस्‍था अन्‍तर्गत वृद्ध एवं विकलांगों को पेंशन आपके द्वार व्‍यवस्‍था के अन्‍तर्गत बैंकिंग करेस्‍पोंडेंट द्वारा पेंशन का नगद भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भिण्‍ड जिले में रेत का अवैध भंडारण

[खनिज साधन]

98. ( क्र. 3802 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में भिण्‍ड जिले में रेत के कितने अवैध भंडारण विभाग द्वारा जब्‍त किये गये? वर्षवार, मात्रावार बतावें। (ख) उनकी नीलामी की क्‍या प्रक्रिया अपनाई गई? भंडारणवार, ग्रामवार बतावें। क्‍या नीलामी की पूरी राशि शासन को प्राप्‍त हो चुकी है? यदि हाँ, तो कितनी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) भिण्‍ड जिले में विगत पाँच वर्षों में 32 अवैध भंडारण जप्‍त किये गये। वर्षवार एवं मात्रावार की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के      प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक के अवैध जप्‍त किये गये रेत के भंडारों के निर्वतन के संबंध में मध्‍यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग के परिपत्र क्रमांक  एफ 19-6/2016/12/2 दिनांक 29.04.2016 द्वारा प्राप्‍त निर्देशों के अनुक्रम में कार्यवाही की गई जिसमें राशि रूपये 25, 03, 600/- का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। वर्ष 2018-19 में अवैध जप्‍त किये गये रेत के भंडारों के निवर्तन खुली नीलामी में उच्‍चतम बोली के आधार पर सफल बोलीदार को आवंटित की गई। अवैध भंडारण जप्‍तशुदा खनिज रेत की मात्रा के आधार पर उच्‍चतम आप्‍सेट प्राईज तय कर नीलामी की कार्यवाही किये जाने हेतु दैनिक समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। जिसमें शासन को उच्‍चतम बोली की राशि रूपये 2, 67, 13, 000/- का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। वर्ष 2018-19 में नीलामी में 24 भंडारणों में से 10 भंडारणों की बोली प्राप्‍त हुई। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

नगर परिषद् मुंगावली को स्‍मार्ट सिटी बनाने हेतु निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

99. ( क्र. 3821 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर की नगर परिषद् मुंगावली को स्‍मार्ट सिटी बनाने हेतु कौन-कौन से निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं एवं कितने निर्माण कार्य स्‍वीकृति हेतु लंबित हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) स्‍वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन कार्य प्रश्‍न पूछे दिनांक तक पूर्ण किये गये हैं एवं कौन-कौन सी निर्माण एजेन्‍सी द्वारा कार्य किया गया है एवं कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन हैं? निर्माणाधीन कार्यों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्‍वीकृति उपलब्‍ध करावें। (ग) नगर परिषद् मुंगावली को स्‍मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस निर्माण कार्य के लिए किस-किस निर्माण एजेन्‍सी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) नगर परिषद् मुंगावली को स्‍मार्ट सिटी बनाने के लिए स्‍वीकृत निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जिला अशोकनगर की नगर परिषद् मुंगावली, को स्मार्ट सिटी बनाने हेतु स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मुंगावली स्मार्ट सिटी के स्वीकृत प्रस्ताव के अंतर्गत कोई भी कार्य स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (ख) प्रश्‍न पूछे दिनांक तक स्मार्ट सिटी के अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कोई भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुये हैं। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कं. के द्वारा अनुबंधित संविदाकार मेसर्स डी.आर. बिल्ड स्टेट प्राईवेट लिमिटेड, नोएडा द्वारा स्मार्ट सिटी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माणाधीन कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निर्माणाधीन कार्यों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) नगर परिषद् मुंगावली को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रश्‍न दिनांक तक मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से अनुबंधित संविदाकार मेसर्स डी.आर. बिल्ड स्टेट को राशि रू. 101.16 लाख का भुगतान किया गया है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ड.'' अनुसार है। (घ) नगर परिषद् मुंगावली को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण करने हेतु दिसम्बर 2019 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

नगर पालिका गंजबासौदा की सीमा वृद्धि

[नगरीय विकास एवं आवास]

100. ( क्र. 3824 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य शासन सीमा वृद्धि करने के लिये नगर पालिका गंजबासौदा जिला विदिशा की सीमाओं के अंदर स्‍थानीय क्षेत्रों (ग्रामों) को सम्मिलित करने की कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो शामिल किये जाने वाले ग्रामों के नाम वर्तमान जनसंख्‍या एवं वर्तमान मतदाताओं की संख्‍या विधान सभा एवं लोक सभावार बतावें। (ख) क्‍या उक्‍त शामिल किये जाने वाले ग्रामों की जनसंख्‍या से मतदाताओं की संख्‍या ज्‍यादा है? यदि हाँ, तो इन ग्रामों के शेष मतदाता मताधिकार का प्रयोग कहाँ करेंगे? नगरीय क्षेत्र में या ग्रामीण क्षेत्र में? (ग) क्‍या शासन उक्‍त सीमा वृद्धि में शामिल किये जाने वाले सभी ग्रामों की सम्‍पूर्ण भौगोलिक क्षेत्र एवं सम्‍पूर्ण मतदाताओं को नगरीय क्षेत्र में शामिल करने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या शासन नगर पालिका बासौदा में वार्डों की संख्‍या बढ़ायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि सीमा वृद्धि का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वांछित जानकारी निम्नानुसार हैः-

क्रमांक

शामिल किये जाने वाले ग्रामों के नाम

मतदाता संख्या विधान सभा 18

मतदाता संख्या लोकसभा 19

वर्तमान जनसंख्या

1.

नसीदपुर

485

514

799

2

हरीपुरखैरूआ

3

रजौदा

871

910

1461

4

पठारी बासोदा

5

बनबा जागीर

611

656

1024

6

स्वरूप नगर

4392

4617

7284

7

हतौड़ा

1345

1382

2229

8

बैहलोट

5146

5396

8945

(ख) उत्‍तरांश (क) के अनुसार जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगरपालिका गंजबासौदा में सीमा वृद्धि की कार्यवाही विचाराधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।       (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।

सेवानिवृत्ति अधिकारियों/कर्मचारियों के स्‍वत्‍वों का भुगतान

[स्कूल शिक्षा]

101. ( क्र. 3859 ) श्री पारस चन्‍द्र जैन, श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (‍क) क्या सेवानिवृत्त अपर संचालक लोक शिक्षण श्री उमाशंकर चतुर्वेदी के उच्च न्यायालय, जबलपुर के प्रकरण क्रं. 1085/2002 दिनांक 13/4/2004 तथा संभागीय क्रीड़ा अधिकारी      श्री महेन्द्र कुमार सक्सेना के उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रकरण क्र. 3160 ऑफ 3 दिनांक 16/8/2004 के प्रकाश में 20 वर्षों के न्यूनतम शिक्षण अनुभव की शर्त अमान्य करने के उपरान्त 62 वर्ष की आयु के आधार पर संबंधितों को वेतन व पेंशनरों को सभी लाभों का भुगतान किया गया है? (ख) क्या स्‍कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 16/7/2014 द्वारा श्री पदम कुमार केडिया तथा समरूप प्रकरणों में प्रौढ़ शिक्षा के सभी पर्यवेक्षकों को 62 वर्ष के आधार पर पेंशन आदि सभी लाभों को दिया है तथा उनके सभी न्यायालयीन प्रकरणों को वापस लेने के आदेश दिए गए हैं      (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) तथा (ख) का उत्तर हाँ है, तो अन्य‍ समरूप प्रकरणों (उप/संयुक्त/अपर/संचालक/ आदि) में समानता के आधार पर 62 वर्ष के आधार पर पेंशन आदि के लाभ कब तक दिये जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। श्री उमाशंकर चतुर्वेदी, अपर संचालक को 60 वर्ष के स्‍थान पर 62 वर्ष एवं श्री महेन्‍द्र कुमार सक्‍सेना, क्रीड़ा अधिकारी को 58 वर्ष के स्‍थान पर 60 वर्ष में माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश पर सेवानिवृत्‍त किया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उप/संयुक्‍त/अपर/संचालक आदि से संबंधित प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है। अंतिम निर्णय पश्‍चात कार्यवाही की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

काले पत्‍थर की स्‍वीकृत खदानों एवं विद्युत बिल के भुगतान की जानकारी

[खनिज साधन]

102. ( क्र. 3876 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्‍वालियर में वर्ष 2012 से मार्च 2019 तक के मध्‍य काले पत्‍थर की (क्रेशर आधारित) कुल कितनी खदानें स्‍वीकृत की गई? कितनी खदानों का नवीनीकरण किया गया? इसकी सूची पूर्ण विवरण के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रत्‍येक खदान धारक द्वारा वर्षवार कितना घनमीटर काला पत्‍थर खदान से निकालकर स्‍वयं या अन्‍य स्‍त्रोत से काली गिट्टी में परिवर्तित किया, जिस पर कुल कितनी रॉयल्टी शासन को प्राप्‍त हुई? प्रत्‍येक खदान धारक का माहवार रॉयल्टी का विवरण प्रदान करें। (ग) ग्‍वालियर जिले में स्‍टोन क्रेशर के कुल कितने विद्युत कनेक्‍शन हैं? क्‍या सभी उपभोक्‍ता बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं? ऐसे विद्युत उपभोक्‍ताओं की सूची प्रदान करें, जो बिजली बिल जमा नहीं कर रहे हैं? ऐसे बकायादार उपभोक्‍ताओं की सूची प्रदान करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2012 से मार्च 2019 तक के मध्‍य काला पत्‍थर (क्रेशर आधारित) की कुल 67 खदानें स्‍वीकृत की गई हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्रश्‍नाधीन अवधि में 58 खदानों का नवीनीकरण किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) जिला ग्‍वालियर में विद्युत विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार स्‍टोन क्रेशर के कुल-102 विद्युत कनेक्‍शन हैं, जिनमें से 71 उपभोक्‍ताओं द्वारा बिजली के बिल का भुगतान किया जा रहा है एवं शेष 31 उपभोक्‍ताओं द्वारा बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है।

शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को सुविधाओं का लाभ

[स्कूल शिक्षा]

103. ( क्र. 3924 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कक्षा 5 के बाद अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को क्या-क्या सुविधा या सहायता प्रदाय की जाती है? (ख) क्या शासन द्वारा विगत वर्ष तक 75% प्रतिशत से पास होने वाले विद्यार्थी को लैपटॉप दिया जाता था? यदि हाँ, तो इस वर्ष क्या लैपटॉप वितरण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या ऐसी छात्राएं तो उसी गाँव की निवासी हैं, जहाँ विद्यालय स्थित है, को साइकिल प्रदाय नहीं की जाती? यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र/छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, गणवेश, मध्यान्ह भोजन, आवश्‍यकतानुसार छात्रावासों में आवासीय सुविधा तथा कक्षा 6 वीं में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को प्रावधान अनुसार निःशुल्क साइकिल प्रदाय की जाती हैं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। साइकिल वितरण हेतु प्रावधान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

स्‍कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति तिथि में विभेदीकरण

[स्कूल शिक्षा]

104. ( क्र. 3945 ) श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2018 तक स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक संचालक तथा उससे उच्च पदों (उप संचालक, प्राचार्य डाइट, संयुक्त संचालक, प्राध्यापक/प्राचार्य शिक्षा महाविद्यालय, अपर संचालक, संचालक आदि) से वर्षवार सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों का नाम, पदनाम, शैक्षणिक व प्रशासनिक अनुभव, सेवानिवृत्त आयु (60 या 62) आदि का विवरण दिया जाए। प्रतिवर्ष की जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाए गए शिक्षा अधिकारियों में से ऐसे अधिकारियों के नाम बताएं जिन्होंने 20 वर्ष से कम शिक्षक का कार्य किया तथा जिन्हें 62 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु में सेवानिवृत्ति का लाभ दिया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शाए गए शिक्षा अधिकारियों में से 60 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु के आधार पर सेवानिवृत्त किए गए अधिकारियों के नाम की सूची कारण सहित दर्शाएं (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) में दर्शाए गए शिक्षा अधिकारियों में सेवानिवृत्ति तिथि में विभेदीकरण का कारण दर्शाए क्या प्रश्नांश (ग) के अधिकारियों को समानता के आधार पर 62 वर्ष के आधार पर सेवानिवृत्ति का लाभ दिया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (च) इस विभेदीकारी कार्य हेतु दोषी उत्तरदायी अधिकारियों पर क्या कारवाई की जाएगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (घ) विभेदीकरण जैसी कोई स्थिति नहीं है, इस विषय पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय में संस्थित न्‍यायालयीन याचिकाओं पर पारित अंतरिम निर्णयों के अनुसार कार्रवाई की गई है, माननीय न्‍यायालय के अंतिम निर्णय अनुसार अग्रेत्‍तर कार्रवाई की जा सकेगी। निश्‍चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) उत्‍तरांश (घ) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बैतूल जिले में वैकल्पिक वृक्षारोपण

[वन]

105. ( क्र. 3954 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल नागपुर फोरलेन निर्माण में कितने पेड़ काटे गए? कैम्पा के तहत इन पेड़ों का क्या बैतूल जिले में वैकल्पिक प्लांटेशन करवाया गया? यदि हाँ, तो कहाँ? यदि नहीं, तो क्यों? जब बैतूल में नहीं कराया तो कहाँ कराया गया? (ख) बैतूल औबेदुल्लागंज फोरलेन निर्माण में कितने पेड़ काटे गए या काटे जा रहे हैं? इनके वैकल्पिक प्लांटेशन कहाँ किया जाएगा? क्या कैम्पा के तहत बैतूल जिले में होगा या अन्य कहीं? अगर कहीं और होगा तो क्यों? (ग) बैतूल जिले में 2006 से 2010 तक लोकवानिकी के तहत कितने पेड़ों को कटाने की अनुमति दी गई? क्या उनमें नियमानुसार हितग्राही से वैकल्पिक पौध रोपण करवाया गया? क्या उसका नियमानुसार सत्यापन किया गया? (घ) अन्य प्रोजेक्ट में बैतूल जिले में विगत 15 साल में कुल कितने पेड़ काटने की अनुमति दी गई? क्या उनका वैकल्पिक प्लांटेशन बैतूल जिले में किया गया? यदि हाँ, तो कहाँ पर और कब किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? अगर किसी अन्य जिलों में किया गया तो कहाँ पर किया गया? (ड.) वन विभाग ने विगत दस साल में विभागीय स्तर पर कहाँ-कहाँ कितना पौधरोपण कराया और उसकी सफलता का प्रतिशत क्या रहा? हर वर्ष के पौधरोपण और उसकी सफलता का प्रतिशत बताएं। साथ ही क्या कारण है कि सफलता का प्रतिशत कम रहा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) बैतूल नागपुर फोरलेन निर्माण में 2401 वृक्ष काटे गये हैं। कैम्पा के तहत बैतूल जिले में इन पेड़ों का वैकल्पिक वृक्षारोपण नहीं कराया गया। भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव तथा प्राप्त स्वीकृति अनुसार छिंदवाड़ा जिले में दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल के परिक्षेत्र पांढुर्णा के कक्ष क्रमांक पी-2015 में वृक्षारोपण किया गया। (ख) बैतूल-औबेदुल्लागंज फोरलेन निर्माण में कुल 12854 काटे जाने वाले पेड़ों के विरूद्ध 10990 पेड़ काटे गये, 1864 पेड़ काटे जा रहे हैं। जिनके बदले में वैकल्पिक वृक्षारोपण बैतूल जिले के उत्तर बैतूल सामान्य वनमंडल के अंतर्गत कुल 147.192 हेक्टेयर एवं होशंगाबाद वनमंडल में 119.00 हेक्टेयर में वैकल्पिक वृक्षारोपण किया जाएगा। सीहोर वनमंडल में 43.16 हेक्टेयर में रोपण किया जा चुका है। वृक्षारोपण कार्य भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव तथा प्राप्त स्वीकृति अनुसार किया जा रहा है। (ग) बैतूल जिले में 2006 से 2010 तक लोकवानिकी के तहत 6249 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई। हितग्राहियों से 5270 पौधों का वैकल्पिक पौध रोपण कराया गया। भौतिक सत्यापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभागीय स्‍तर जहां-जहां पर पौधारोपण कराया गया है, उनकी जाँच की जा रही है।

तालाब के डूब क्षेत्र में अवैध भवन निर्माण 

[नगरीय विकास एवं आवास]

106. ( क्र. 3955 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्रीन ट्रिब्युनल कोर्ट एवं शासन के नियमानुसार तालाब के अधिकतम जल स्तर (एम.डब्ल्यु.एल.) क्षेत्र के अंदर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य किया जाना प्रतिबंधित होकर अवैधानिक है? यदि हाँ, तो तेलिया तालाब के डूब क्षेत्र में स्थित यश नगर नाले के उपर स्थित मकानों को हटाने संबंधी कार्यवाही का संपूर्ण विवरण दें। (ख) जुलाई 2003 में अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उपखण्ड द्वारा उप संचालक नगर एवं ग्राम निवेश निगम कार्यालय नीमच को पत्र लिखकर तेलिया तालाब के डूब क्षेत्र में मकान बनाने की अनुमति नहीं देने व दी गई स्वीकृति को निरस्त करने का पत्र लिखा था? (ग) नियमानुसार नालों के 30 मीटर तक निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। तेलिया तालाब के नाले पर कितने मकान बने है? कितनी शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण कर मकान बनाये गये हैं? मकान मालिक के नाम, सर्वे नम्बर सहित विवरण दें।       (घ) तेलिया तालाब में डूब क्षेत्र में कॉलोनी/मकान बनाने के प्रतिबंध के बावजूद भी यश नगर की अनुमति किन नियमों के तहत प्रदान की गयी है? (ड.) तेलिया तालाब का बंदोबस्त वर्ष 1990 की स्थिति में अधिकतम जल स्तर व डूब क्षेत्र सहित कितना क्षेत्रफल था? सर्वे नम्बर, रकबे सहित सम्पूर्ण विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। तेलिया तालाब के डूब क्षेत्र में स्थित यश नगर नाले के ऊपर स्थित मकान को हटाने संबंधी वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। दिनांक 16.07.2019 को आदेश जारी कर सीमांकन हेतु दल का गठन किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उत्‍तरांश (क) अनुसार सीमांकन हेतु आदेश जारी किया गया है। (घ) अभिन्‍यास अनुमोदन, डायवर्सन तथा कॉलोनी विकास की अनुमति के आधार पर यश नगर में मकान बनाने की अनुज्ञा दी गयी है। तेलिया तालाब के एम.डब्‍लू.एल. एवं एफ.टी.एल. क्षेत्र से बाहर स्थि‍त भूमि पर म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 30 (1) (ख) तथा म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 2 (5) (क) एवं नियम 27 के अधीन अनुमति प्रदान की गई है। उक्‍त के संबंध में जाँच करवाई जा रही है। (ड.) तेलिया तालाब का बंदोबस्‍त वर्ष 1990 की स्थिति में अधिकतम जल स्‍तर 199 फीट एवं डूब क्षेत्र सहित निजी भूमि 148.255 हेक्टेयर एवं शासकीय भूमि 39.838 हेक्टेयर क्षेत्रफल था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

शासकीय भूमि पर अवैध रूप से मकानों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

107. ( क्र. 3956 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत यश नगर तेलिया तालाब व नाले के आस-पास कितनी शासकीय भूमि है? सर्वे नम्बर, रकबा, क्षेत्रफल सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) नगर पालिका अंतर्गत यश नगर तेलिया तालाब व नाले पर कितनी शासकीय भूमि पर अवैध रूप से मकानों का निर्माण किया गया है? किन-किन के द्वारा किया गया है? मकान मालिक के नाम सहित संपूर्ण विवरण दें। (ग) नगर पालिका द्वारा यश नगर तेलिया तालाब व नाले के आस-पास कितने मकान निर्माण की अनुमति किस नियम के तहत दी गयी है? तथा कितने मकानों की वर्तमान में लम्बित है? पृथक-पृथक सम्पूर्ण विवरण दें। (घ) क्या डूब क्षेत्र में यश नगर फेस-2 में प्लॉट नं. 8, 9, 10 में कितनी शासकीय भूमि है, जिस पर कब्जा करके मकान बनाया गया है? यदि हाँ, तो नगर पालिका द्वारा डूब क्षेत्र में किस नियम के तहत अनुमति प्रदान की गयी है? यदि अनुमति नहीं दी गयी तो अवैध भवन को गिराने की कार्यवाही की जायेगी और कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) तेलिया तालाब व नाले पर अवैध रूप से किये गये मकानों के निर्माण का सर्वेक्षण एवं सीमांकन, गठित दल द्वारा कराया जा रहा है। सीमांकन पश्‍चात निर्धारण किया जा सकेगा कि कितने भवन शासकीय भूमि पर निर्मित हैं। तदानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) नगर पालिका अंतर्गत यश नगर तेलिया तालाब व नाले के आस-पास मकानों के निर्माण की अनुमति, मध्‍यप्रदेश भूमि विकास नियम 1984 एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के तहत दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वर्तमान में उक्‍त क्षेत्र का कोई निर्माण अनुमति आवेदन लंबित नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ख) अनुसार, गठित दल द्वारा सर्वे एवं सीमांकन उपरांत ही निर्धारित किया जा सकेगा कि डूब क्षेत्र में यश नगर फेस-2 में प्‍लाट नं. 8, 9, 10 में कितनी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है या नहीं। सर्वे एवं सीमांकन पश्‍चात निर्धारित किया जा सकेगा कि डूब क्षेत्र में अनुमति दी गई है या नहीं। तदानुसार ही कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान 

[स्कूल शिक्षा]

108. ( क्र. 3964 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक पद पर नियुक्ति होने वाले शिक्षकों को जिन्हें 20 वर्ष शैक्षणिक कार्य का अनुभव है उन्हें 62 वर्ष तथा बिना अनुभव वालों को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त का प्रावधान किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांक (क) का उत्तर हाँ है, तो क्या शिक्षा महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी शैक्षणिक कार्य मानकर अनुभव का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शिक्षा महाविद्यालयों में पदोंन्नत होकर आने वाले व्याख्याता, संयुक्त संचालक, प्राचार्यों एवं डाइट प्राचार्यों को भी अनुभव का लाभ देकर 62 वर्ष की सेवानिवृत्ति की अवधि की जायेगी? (घ) शिक्षा महाविद्यालय रीवा में कार्य करने वाले संयुक्त संचालक, प्राचार्य जिन्हें 60 वर्ष के आधार पर सेवानिवृत्त किया गया है, परन्तु उच्च न्यायालय में स्थगन आदेश पर 2 वर्ष और कार्य कराया जाकर 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त उपरान्त प्राप्त होने वाले स्वत्वों को रोक दिया गया है? यदि हाँ, तो उनकी सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष या 62 वर्ष मानकार उनके सेवानिवृत्त उपरान्त स्वत्वों का पूर्णतया भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) मूलभूत नियम 56 के अनुसार 31 मार्च 2018 के पूर्व शिक्षा महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को शैक्षणिक अनुभव के आधार पर सेवानिवृत्त किया गया है। वर्तमान में म.प्र. शासकीय सेवक अधिवार्षिकी अधिनियम 31 मार्च 2018 के अनुसार अधिवार्षिकी आयु 62 वर्ष मान्य कर सेवानिवृत्त किया जाकर लाभ प्रदाय किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार। (ग) वर्तमान में समस्त शासकीय अधिकारी/कर्मचारी की सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष कर दी गई है। (घ) शिक्षा महाविद्यालय रीवा में कार्य करने वाली श्रीमती रश्मि शुक्ला प्राचार्य मूल पद संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण को अधिवार्षिकी आयु 60 वर्ष मान्य कर दिनांक 30.6.15 को अपरान्ह से शासकीय सेवा से सेवानिवृत्ति किए जाने के उपरांत स्वत्‍वों के भुगतान का विस्तृत विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।

सेवानिवृत्त की पेंशन का निर्धारण 

[स्कूल शिक्षा]

109. ( क्र. 3976 ) श्री पारस चन्‍द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवानिवृत्त संचालक लोक शिक्षण श्री पी.पी. सिंह को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त (10 वर्ष से भी कम शिक्षण अनुभव होने से) करने के बाद उच्च व उच्चतम न्यायालय के आदेश उपरांत शासन आदेश दिनांक 19/10/2016 के द्वारा बिना कार्य के 62 वर्ष की आयु के आधार पर वेतन व पेंशनरी सभी लाभों का भुगतान किया गया है? (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 16/7/2018 द्वारा श्री पदम कुमार केडिया तथा समरूप प्रकरणों में प्रौढ़ शिक्षा के सभी पर्यवेक्षकों को 62 वर्ष के आधार पर पेंशन आदि सभी लाभों को दिया है तथा उनके सभी न्यायालयीन प्रकरणों को वापस लेने के आदेश दिए हैं। (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) तथा (ख) का उत्तर हाँ हैं तो अन्य समरूप प्रकरणों (उप/संयुक्त/अपर/संचालक आदि) में समानता के आधार पर 62 वर्ष के आधार पर पेंशन आदि के लाभ कब तक दिये जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार  (ग) उप/संयुक्‍त/अपर/संचालक/आदि से संबंधित प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय के समक्ष विचारधीन है। अंतिम निर्णय उपरान्‍त पेंशन आदि का लाभ दिया जावेगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

नगर परिषद् ताल द्वारा कराये गए कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

110. ( क्र. 3984 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् ताल जिला रतलाम द्वारा वित्तीय वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य कराए गए? वर्षवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या कराए गए कार्यों की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति ली गई है? (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद् ताल द्वारा कितने नामांतरण स्वीकृत किए गए? सूची उपलब्ध कराएंकितने विक्रय पत्र के माध्यम से नामांतरण हुए और शेष किस आधार पर हुए तथा कितने पी.आई.सी. से स्वीकृत किए गए? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) यदि हाँ, तो तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद् ताल जिला रतलाम द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 66 निर्माण कार्य करवाए गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर परिषद् ताल द्वारा कुल 429 नामांतरण स्‍वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विक्रय पत्र के माध्‍यम से 252 नामांतरण हुए। शेष 177 नामांतरण मृत्‍यु प्रमाण-पत्र वंशानुक्रम से, परिषद् द्वारा स्‍वीकृत किये गये। पी.आई.सी. द्वारा कोई भी नामांतरण स्‍वीकृत नहीं किया गया है। नामांतरण सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।

राजस्‍व हानि पहुँचाने की शिकायत पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

111. ( क्र. 3987 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर परिषद् सरदारपुर जिला धार में विगत समय पूर्व अध्‍यक्ष आदि द्वारा 3 करोड़ 25 लाख 55 हजार 351 रूपये के राजस्‍व की हानि पहुँचाने की शिकायत हुई? यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायत पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित शिकायत की छ: सदस्‍यों की कमेटी ने जाँच की है? यदि हाँ, तो सभी जिम्‍मेदारों पर प्रकरण दर्ज क्‍यों नहीं किया गया? (ग) क्‍या जाँच रिपोर्ट अनुसार पूर्व अध्‍यक्ष, सी.एम.ओ., लेखापाल ऑडिटर एवं सप्‍लायर/ठेकेदार की जिम्‍मेदारी नहीं बनती? यदि हाँ, तो इन पर प्रकरण दर्ज किया जाये? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित राशि किससे कब तक एवं कैसे वसूली जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, संभागीय संयुक्‍त संचालक इंदौर द्वारा 04 सदस्‍यीय जाँच समिति गाठित कर जाँच कराई जा रही है। आदेश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जाँच की कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

हिरणों द्वारा किसानों की फसलों का नुकसान

[वन]

112. ( क्र. 4015 ) श्री जजपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) अशोक नगर जिले में हिरणों द्वारा किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया जाता है। इसके बचाव के लिये शासन स्‍तर पर कोई क्‍या काई प्रस्‍ताव है? (ख) क्‍या हिरणों को पकड़कर वन अभयारण्य में छोड़ने की कोई कार्य योजना शासन स्‍तर पर विचाराधीन है? यदि है तो किस स्‍तर पर? (ग) हिरणों से होने वाले फसलों के नुकसान का कोई मुआवजा देने की योजना है? यदि है तो किस नाम से है? योजना का नाम बतावें। (घ) क्‍या विगत 5 वर्षों में अशोक नगर जिले में हिरणों द्वारा किये गये फसलों के नुकसान का मुआवजा वितरण किया गया है, तो कब किया गया और कितने किसानों को दिया गया? सूची उपलब्‍ध करावें।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) अशोकनगर जिले में हिरणों द्वारा किसानों को भारी नुकसान पहुँचाये जाने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये। वन्‍यप्राणियों से फसल नुकसानी पर शासन द्वारा क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। मध्‍यप्रदेश शासन, लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-एफ/308-05-01-2010 दिनांक 24.09.2011 से वन्‍यप्राणियों द्वारा किसानों की फसल हानि का मुआवजा राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के खण्‍ड छ: क्रमांक-4 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत राजस्‍व विभाग द्वारा दिया जा रहा है। (ख) वर्तमान में ऐसी कोई योजना शासन के समक्ष विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। राजस्‍व विभाग के राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के खण्‍ड-छ: क्रमांक-4 के प्रावधानों अनुसार वन्‍यप्राणियों से फसल हानि का मुआवजा दिया जाता है। (घ) विगत 5 वर्षों में अशोक नगर जिले में हिरणों से फसलों की नुकसानी के लिए आर.बी.सी. 6 (4) में क्षतिपूर्ति/मुआवजा वितरण की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जाति प्रमाण-पत्र के लंबित प्रकरण

[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]

113. ( क्र. 4017 ) श्री जजपाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन के आदेश क्र. एफ 12/02/2018/62 दिनांक 4.10.2018 को विमुक्‍त घुमक्‍कड़ एवं अर्धघुमक्‍कड़ जाति विकास अभिकरण के प्रस्‍ताव अनुसार घुमक्‍कड़ एवं अर्धघुमक्‍कड़ जनजाति की सूची 30 जिस धनगर उल्‍लेखित है, में उप जाति के रूप में गड़रिया, कुरमार, हटकर, हाटकर, गाड़री, धारिया गोसी, ग्‍वाला, गड़रिया (पाल बघेल) को क्‍या शामिल किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक इन जातियों के जाति प्रमाण अशोक नगर जिले अंतर्गत क्‍यों नहीं बनाये जा रहे हैं? यदि बनावे जावेंगे तो कब तक?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक इन जातियों के जाति प्रमाण-पत्र अशोकनगर जिले में लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शालाओं में अतिरिक्‍त मूलभूत सुविधायें

[स्कूल शिक्षा]

114. ( क्र. 4039 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग द्वारा संचालित शालाओं में शिक्षण कार्य के अतिरिक्‍त सुविधायें जैसे पेयजल, शौचालय, बाउण्ड्रीवॉल आदि सुविधायें दिये जाने का क्‍या प्रावधान है? क्‍या इस हेतु शासन द्वारा गाइड-लाइन है? यदि हाँ, तो प्रति दी जावे। (ख) क्‍या उपरोक्‍त (क) में उल्‍लेखित सभी सुविधायें विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना के स्‍कूलों में उपलब्‍ध है? यदि नहीं, तो क्‍या-क्‍या सुविधायें नहीं दी जा रही हैं? उन सुविधाओं के नाम बताते हुए उनके निराकरण हेतु अभी तक प्रशासन (स्‍कूल शिक्षा) द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही पत्र आदि के माध्‍यम से की गई?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय प्राथमिक/माध्‍यमिक शालाओं हेतु निर्धारित मानक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। शासकीय हाई स्‍कूल/हायर सेकेण्‍डरी शालाओं के अंतर्गत पेयजल और शौचालय अधोसंरचना का ही भाग है। बाउण्ड्रीवॉल की अनिवार्यता नहीं है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। शासकीय प्राथमिक/ माध्‍यमिक शालाओं के प्रस्‍ताव वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2019-20 में सम्मिलित किये गये हैं। शासकीय हाई स्‍कूल/हायर सेकेण्‍डरी शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण बजट की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है।

अंत्‍यावसायी बैंकों के मध्‍यम से ऋण/अनुदान आदि सुविधायें

[अनुसूचित जाति कल्याण]

115. ( क्र. 4040 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अंत्‍यावसायी बैंकों के माध्‍यम से ऋण/अनुदान आदि सुविधायें प्रदान हेतु जन समुदाय (अनुसूचित जाति) को जानकारी देने हेतु प्रचार-प्रसार का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना वर्ष 2014 से 2018 तक कहाँ-कहाँ, किस-किस माध्‍यम से प्रचार-प्रसार किया गया? उस पर कितना व्‍यय हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया तो प्राप्‍त राशि का 100 प्रतिशत उपयोग सम्‍पूर्ण क्षेत्र मुरैना जिला के अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को इसका लाभ नहीं मिलता? (ग) अतारांकित प्रश्‍न क्र. 306, दिनांक 18/02/2019 के उत्‍तर भाग (ख) में प्राप्‍त राशि (वर्षवार), वितरण राशि, संख्‍या हितग्राहीवार आदि की जानकारी दी है। इसमें कुछ ही ग्रामों को हर वर्ष लाभ दिया गया है, जिसमें अधिकांश हितग्राही मुरैना विधान सभा के हैं। इसका क्‍या कारण है? (घ) वर्ष 2014 से 2018 तक प्राप्‍त राशि में से कितनी राशि व्‍यय हुई व कितनी राशि वापस (लेप्‍स) हुई? इसकी जानकारी में वर्षवार, राशि, प्राप्‍त आवंटन, शेष (लेप्‍स) भी शामिल है? इस हेतु कौन-कौन जिम्‍मेदार/जवाबदार है? इस हेतु नियम प्रक्रियाओं के तहत क्‍या कार्यवाही हुई या की जाएगी?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी में आयोजित अस्‍पृश्‍यता निवारण शिविर में अंत्‍यावसायी कार्यालय द्वारा स्‍टाल लगाकर संचालित योजनाओं के पोस्‍टर, बेनर, पेम्‍पलेट के माध्‍यम से एवं समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित कर प्रचार-प्रसार किया गया, जिसमें कोई राशि व्‍यय नहीं की गई। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं का प्रचार-प्रसार के माध्‍यम से सम्‍पूर्ण मुरैना जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को बैंक शाखाओं के माध्‍यम से ऋण स्‍वीकृत कराया जाकर प्राप्‍त अनुदान राशि हितग्राहियों को बैंक शाखा के माध्‍यम से वितरण कराया जाकर प्राप्‍त राशि का 100 प्रतिशत उपयोग किया गया है। हितग्राहियों को इसका लाभ नहीं मिलने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विधान सभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 306 दिनांक 18/02/19 के (ख) भाग में विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी (जनपद पंचायत, मुरैना व अम्‍बाह) के हितग्राहियों को प्राप्‍त आवंटन एवं व्‍यय की वर्षवार जानकारी चाही गई थी, जिसमें वर्षवार हितग्राहीवार ऋण, अनुदान आदि की जानकारी दी गई थी। उपरोक्‍त विधान सभा प्रश्‍न में संपूर्ण जिला एवं मुरैना जिले की समस्‍त विधान सभा क्षेत्रों की जानकारी दी गई थी। उपरोक्‍त विधान सभा प्रश्‍न में सम्‍पूर्ण जिला एवं मुरैना जिले की समस्‍त विधान सभा क्षेत्रों की जानकारी नहीं चाही गई थी इसलिए उक्‍त विधान सभा प्रश्‍न के उत्‍तर में केवल मुरैना एवं अम्‍बाह जनपद पंचायतों के हितग्राहियों की जानकारी दिखाई दे रही है। (घ) वर्ष 2014 से 2018 तक प्राप्‍त राशि, व्‍यय राशि, वापस (लेप्‍स) राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जिला मुरैना अंतर्गत कोई भी राशि वापस (लेप्‍स) नहीं हुई है। इस संबंध में कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

प्राचार्यों के रिक्‍त पदों पर पूर्ति 

[स्कूल शिक्षा]

116. ( क्र. 4077 ) श्री विश्वास सारंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के हायर सेकेण्‍डरी तथा हाई स्‍कूलों में प्राचार्य के कुल कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने पद रिक्‍त हैं? उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) उक्‍त प्राचार्य के रिक्‍त पदों में से कितने पद सीधी भर्ती के रिक्‍त हैं? उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) उक्‍त प्राचार्य के रिक्‍त पदों में से पदोन्नति के कितने पद रिक्‍त हैं? उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्राचार्य के उक्‍त सभी रिक्‍त पद कब तक भर दिये जायेंगे? समयावधि बतायें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश के हायर सेकेण्‍डरी तथा हाई स्कूल में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी इस प्रकार हैः-

स.क्र

संवर्ग

स्वीकृत पद

रिक्त पद

01

प्राचार्य उ.मा.वि.

3307

1676

02

प्राचार्य हाई स्‍कूल

3806

2491

उक्त रिक्त पदों की पूर्ति वैधानिक कारणों से विगत वर्षों में पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी है। पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित होने पर रिक्त प्राचार्यों के पदों की पूर्ति की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्राचार्य हाई स्कूल में सीधी भर्ती के 25 प्रतिशत पद रिक्त है। स्‍थानीय निकायों के अध्‍यापक संवर्ग की नियुक्ति नवीन नियमों के तहत स्‍कूल शिक्षा विभाग में हो जाने के फलस्‍वरूप परिवर्तित स्थिति के कारण अग्रेत्‍तर कार्यवाही हेतु प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार प्राचार्य उ.मा.वि. के 1676 पद एवं प्राचार्य हाई स्कूल के पदोन्नति के 1540 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों की पूर्ति वैधानिक कारणों से विगत वर्षों में पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी है। पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित होने पर रिक्त प्राचार्यों के पदों की पूर्ति की जा सकेगी। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति करना एक सतत प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पशुधन संजीवनी योजनांतर्गत पशुपालकों को लाभ

[पशुपालन]

117. ( क्र. 4090 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या विभाग की पशुधन संजीवनी योजना हेतु 1962 टोल फ्री नम्‍बर कॉल सेंटर निजी कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ तो इससे शासन व पशुपालकों को क्‍या-क्‍या लाभ मिल रहा है? (ख) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। कॉल सेन्‍टर के माध्‍यम से पशु पालकों के रोगी पशुओं की जानकारी संबंधित पशु चिकित्‍सक को उपलब्‍ध कराई जाती है, जिसमें शासन को कॉल सेन्‍टर के मानव संसाधन एवं सॉफ्टवेयर पर होने वाले व्‍यय की बचत के साथ घर पहुंच पशु उपचार सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। (ख) भुगतान नहीं किया गया।

हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

118. ( क्र. 4110 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के कितने हितग्राहियों को वित्तीय वर्ष 2017 से माह जून 2019 की अवधि में वृद्धावस्था पेंशन, कल्याणी पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता राशि एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा राशि प्रदान की गई है? विकासखण्डवार हितग्राहियों की संख्‍यावार जानकारी दें तथा उक्‍तावधि में मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजनान्‍तर्गत प्राप्‍त आवेदन स्‍वीकृत राशि की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सभी पात्र हितग्राहियों को राशि प्रदान कर उनके खातों में राशि जमा करवा दी गई है? कितने हितग्राहियों को राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है? इसके लिए दोषी कौन-कौन है? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में उक्त लाभ प्राप्त न करने वाले हितग्राहियों को राशि कब तक प्रदान कर दी जावेगी एवं अभी तक राशि प्रदान न करने के पीछे दोषी कौन है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विकलांगों को श्रवणयंत्र, ट्राय-साईकिल, बैसाखी सहित कौन-कौन से उपकरण प्रदान किये जाते हैं? वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 में उपरोक्त यंत्र कब-कब प्रदान किये गये? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें।

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ख) जी हाँ। माह जून 2019 में ग्रामीण क्षेत्र के 553 एवं नगरीय क्षेत्र के 92 कुल 645 पेंशन धारियों के बैंक खाते नो सच अकाउन्‍ट इन्‍वेलिड कोड एवं इन्‍वेलिड बैंक आइडे‍न्टिफायर एवं अन्‍य कारणों से भुगतान असफल होने के कारण पेंशन राशि का भुगतान उक्‍त हितग्राहियों के खातों में नहीं हो पाया है। विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ग) 645 पेंशन हितग्राहियों के बैंक खातों की सही-सही जानकारी प्राप्‍त की जाकर पेंशन का भुगतान एरियर्स राशि के साथ किया जावेगा तथा पेंशन हितग्राहियों द्वारा सही एवं पूर्ण जानकारी नहीं देने के कारण भुगतान असफल रहा है। मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह योजनान्‍तर्गत वित्‍त विभाग से राशि प्राप्‍त होने के पश्‍चात शेष हितग्राहियों को राशि का भुगतान नियमानुसार किया जावेगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। दिव्यांगों को प्रदाय किये गये कृत्रिम अंग/सहायक उपकरणों की विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवासहीनों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

119. ( क्र. 4119 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा वर्ष 2011 में चयनित आवासहीनों की सूची में कितने पात्र व्यक्ति वंचित हैं? व्यक्ति का नाम, नगर के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2011 की सूची के बाद प्रधानमंत्री आवास हेतु नगर पंचायत स्तर पर चिन्हित आवासहीन व्यक्तियों की सूची व्यक्ति के नाम सहित ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ग) सुवासरा विधान सभा में ऐसे कितने व्यक्ति हैं जिन्हें एक या दो किश्त प्राप्त होने के बाद तथा कार्य पूर्ण होने के बाद भी राशि प्राप्त नहीं हुई? (घ) कार्य पूर्ण कर चुके व्यक्तियों को कब तक राशि प्राप्त हो जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में नगर परिषद् सुवासरा, शामगढ़ एवं सीतामऊ में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कोई सर्वे नहीं हुआ है।            (ख) वर्ष 2011 में नहीं अपितु 2016 में किए गए सर्वेक्षण की जानकारी नगर परिषद् सुवासरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। नगर परिषद् शामगढ़ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' एवं नगर परिषद् सीतामऊ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' एवं ''7'' अनुसार है। (ग) हितग्राहियों को आवास निर्माण में कार्य के मापदण्ड/प्रगति अनुसार राशि वितरित की गई है। नगर परिषद् सुवासरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है तथा शामगढ़ में जिन हितग्राहियों ने कार्य पूर्ण कर लिया उनको उपलब्ध आवंटन अनुसार राशि आवंटित की जा चुकी है। सीतामऊ में जिन हितग्राहियों ने कार्य पूर्ण कर लिया उनको उपलब्ध आवंटन अनुसार राशि आवंटित की जा चुकी है। तथा हाल में राशि रूपये 21.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है जिन्हें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 के कालम नं. 08 अनुसार हितग्राहियों को भवन निर्माण की प्रगति/मापदण्ड अनुसार राशि आवंटित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) कार्य पूर्ण कर चुके व्यक्तियों के भवन की जिओ टैगिंग कराकर प्रगति अनुसार भुगतान कर दिया गया है। आगे भवनों के कार्य पूर्ण होने पर उपलब्ध आवंटन अनुसार राशि का भुगतान किया जा सकेगा।

नवीन नगर परिषद् की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

120. ( क्र. 4120 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नवीन नगर परिषद् गठन हेतु क्या-क्या नियम एवं शर्तें निर्धारित हैं? (ख) विगत 2 वर्षों में शासन द्वारा कितनी नवीन नगर परिषद् घोषित कर प्रारम्भ की गई हैं? नगर परिषद् का नाम एवं जनसंख्या की जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नाहरगढ़ एवं कयामपुर को तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी आज तक नगर परिषद् का दर्जा क्यों नहीं दिया गया है? (घ) उपरोक्त ग्राम पंचायतों को नगर परिषद् का दर्जा कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) सी.एम. डैशबोर्ड पोर्टल पर प्रश्नांश के विषय से संबंधित कोई घोषणा प्रदर्शित नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''तीस''

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा

[स्कूल शिक्षा]

121. ( क्र. 4145 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा के परिणामों की घोषणा में विलंब का क्या कारण है? (ख) भर्ती परीक्षा में जब सभी वर्गों का आरक्षण प्रतिशत तय है तो फिर सामान्य वर्ग को उत्तीर्ण होने के लिए 60% और अन्य वर्गों के लिए 50% अंक की अनिवार्यता रख अंकों की भिन्नता क्यों रखी गई? क्‍या पासिंग के अंक सभी के लिये समान रखे जावेंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग के लिए पी.ई.बी. द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में लगभग 20 पृथक-पृथक विषयों में परीक्षा आयोजित की गई है। यह परीक्षाएं लगभग सात लाख पचास हजार अभ्यर्थियों के लिये आयोजित की गई। परीक्षा आयोजन उपरांत नियमानुसार प्रश्नों के संबंध में अभ्यर्थियों से अभ्यावेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इन परीक्षाओं में विषयवार अत्यधिक संख्या में अभ्यावदेन प्राप्त हुए हैं। इन अभ्यावेदनों के निराकरण हेतु विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है। विगत दिवसों में आम चुनाव की आचार संहिता तथा चुनाव कार्यों में विषय विशेषज्ञों की व्यस्तता के कारण उनकी उपलब्धता नहीं हो पाई। वर्तमान में विषय विशेषज्ञों की उपलब्‍धता अनुसार परीक्षा परिणाम से संबंधित कार्यवाही द्रुत गति से की जा रही है तथा परीक्षा परिणाम शीघ्रतिशीघ्र जारी किए जायेंगे। (ख) मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अनुसार ही शिक्षक पात्रता परीक्षा में अर्ह होने के लिए प्रवर्गवार न्यूनतम अंकों का प्रतिशत निर्धारित किया गया है। जी नहीं।

भवन एवं दुकानों के निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

122. ( क्र. 4151 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छतरपुर जिले की निकाय सटई द्वारा थाना सटई और आबादी भूमि की पुराई की गई है? यदि हाँ तो उक्त कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कैसे दी गई? नगर पालिका अधिनियम के प्रावधान बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या थाने सटई के 02 निर्मित भवन को गिराकर उनके स्थान पर 02 नवीन भवन बनाकर थाना को निःशुल्क प्रदाय किये गए? क्या यह जनता के करों की राशि का अपव्यय है? स्पष्ट करें किस प्रावधान से ऐसा किया गया? (ग) क्या बिजावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत थाना सटई की आवंटित भूमि पर निकाय द्वारा दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है? उक्त भूमि का थाना सटई का आवंटन निरस्त कर नगर परिषद् को कब आवंटित किया गया? कलेक्टर द्वारा आवंटित आदेश प्रदाय करें। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति भू-स्वामित्व के बिना कैसे जारी की गई? उक्त प्रक्रिया नियम विरुद्ध होने पर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कब तक की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य की स्‍वीकृति कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, सागर संभाग द्वारा एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति परिषद् के प्रस्‍ताव क्रमांक 13 दिनांक 07/12/2015 से प्रदान की गई है। नगर पालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत म.प्र. लेखा नियम 1971 के प्रावधान अनुसार तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति दी गई। (ख) थाने के दो पुराने भवनों के बदले दो नवीन भवन निकाय निधि से बनाकर नि:शुल्‍क दिये गये है। प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। (ग) जी नहीं। प्रकरण में विस्‍तृत जाँच कराई जा रही है। जाँच के निष्‍कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।

छात्रावास/आश्रम के छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं

[अनुसूचित जाति कल्याण]

123. ( क्र. 4153 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत वर्तमान में कितने-कितने छात्रावास/आश्रम संचालित है? संचालित छात्रावास/आश्रम में निवासरत बच्चों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु तथा सुदृढ़ीकरण/ अनुरक्षण कार्य एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 में प्रश्‍न दिनांक तक कितना-कितना आवंटन किस-किस मद में प्रदाय किया गया? मदवार, वर्षवार छात्रावास/आश्रमवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदाय आवंटन के विरूद्ध किस-किस दिनांक को           किस-किस ऐजेन्सी से किस-किस दर पर कितनी-कितनी सामग्री क्रय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार छात्रावासों/आश्रम के सुदृढ़ीकरण/अनुरक्षण कार्य हेतु एवं छात्र/छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कब-कब किस-किस सामग्री का मांग-पत्र भेजा गया? छात्रावासवार/आश्रमवार अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्रय सामग्री की गुणवत्ता की जाँच कब-कब कराई गई? जिला स्तर के किन-किन अधिकारियों के द्वारा प्रदाय सामग्री का भौतिक सत्यापन किया गया? सामग्री की मात्रा तथा दिनांक से अवगत करावें। (ड.) क्या छात्रावास/आश्रमों की मांग अनुसार सामग्री क्रय नहीं करके जिला अधिकारी द्वारा अपनी मर्जी से गुणवत्ताहीन सामग्री क्रय कर भेजी जाती है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (च) क्या विभाग द्वारा उच्च गुणवत्ता की सामग्री क्रय करने हेतु न्यूज पेपर/निविदायें/ऑनलाइन निविदाएं बुलाये जाने हेतु कोई योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें।

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) विभाग अंतर्गत राजगढ़ जिले में वर्तमान में 53 छात्रावास संचालित हैं। आश्रम संचालित नहीं हैं। सुदृढ़ीकरण/अनुरक्षण कार्य हेतु प्रदाय आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। सामग्री पूर्ति मद में छात्रावासवार आवंटन जारी नहीं किया जाता है। सामग्री क्रय मद में प्राप्‍त आवंटन व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) सुदृढ़ीकरण/अनुरक्षण कार्य हेतु जिले द्वारा कोई भी मांग-पत्र नहीं भेजा गया है। सामग्री पूर्ति हेतु मांग-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित परिशिष्‍ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। छात्रावासों की मांग एवं आवश्‍यकता अनुसार ही मध्‍यप्रदेश भण्‍डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 में निहित प्रावधानों एवं जिला स्‍तर पर गठित क्रय समिति की अनुशंसा/अनुमोदन उपरांत ही सामग्री क्रय की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (च) जी नहीं। वर्तमान में छात्रावास/आश्रमों में सामग्री क्रय करने हेतु मध्‍यप्रदेश भण्‍डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 में निहित प्रावधानों के तहत सामग्री क्रय की जा रही है।

निर्माण एवं मरम्‍मत कार्य में लगने वाली सामग्री का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 4159 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र रामनगर के अंतर्गत नगर परिषद् न्‍यू रामनगर जिला सतना में माह दिसम्‍बर 2018 से मई 2019 तक जल प्रदाय, स्‍वच्‍छता (सफाई), स्‍ट्रीट लाईट एवं निर्माण/मरम्‍मत कार्य में लगने वाली सामग्री खरीदी में कितनी राशि का भुगतान किया गया है? सामग्री खरीदने में सक्षम स्‍तर से स्‍वीकृति है या नहीं? (ख) क्‍या नगर परिषद् न्‍यू रामनगर जिला सतना में प्रभारी मु.न.पा. अधिकारी द्वारा निर्माण/मरम्‍मत व अन्‍य कार्यों में लगने वाली सामग्री का प्राकलन तैयार कराया गया है? क्‍या सामग्री क्रय की सक्षम स्‍तर से स्‍वीकृति है? निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हाँ, तो कब तथा सड़क मरम्‍मत आदि कार्य में लगने वाले मटेरियल, निर्माण सामग्री, निविदा दाता से क्रय की गई है या अन्‍य फर्म से? (ग) नगरीय निकाय द्वारा पूर्व वित्‍तीय वर्ष में स्‍वीकृत दरों में कितने राशि तक की सामग्री क्रय करके भुगतान किया जा सकता है? आदेश/नियम सहित जानकारी देवें। नगर परिषद् न्‍यू रामनगर जिला सतना में पूर्व स्‍वीकृत दर में कितने राशि की निर्माण सामग्री एवं अन्‍य सामग्री में भुगतान किया गया है? माह दिसम्‍बर 2018 से मई 2019 तक की जानकारी देवें। (घ) नगर परिषद् न्‍यू रामनगर जिला सतना में माह दिसम्‍बर 2018 से मई 2019 तक कितने मस्‍टर श्रमिक/कर्मचारी की भर्ती की गई है? भर्ती की स्‍वीकृति, विज्ञापन, सूचना सहित जानकारी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद् न्‍यू रामनगर, जिला सतना में माह दिसम्‍बर 2018 से मई 2019 तक जल प्रदाय, स्‍वच्‍छता (सफाई) स्‍ट्रीट लाईट एवं निर्माण/मरम्‍मत कार्य में कुल राशि रूपये 72, 69, 071/- का भुगतान किया गया है। सामग्री खरीदने में स्‍वीकृति प्राप्‍त किया जाना प्रतिवेदित किया गया है। प्रकरण में जाँच करने के आदेश दिए जा रहे है। (ख) जी हाँ, आवश्‍यकतानुसार प्राकलन तैयार किया जाकर क्रय की गई सामग्री की सक्षम स्‍वीकृति प्राप्‍त करना प्रतिवेदित है। आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण निविदा आमंत्रित नहीं की गई है, बल्कि पूर्व स्‍वीकृत दर पर पी.आई.सी. का प्रस्‍ताव क्रमांक 13 दिनांक 01.10.2018 से निविदा न‍हीं होने के कारण सहमति पत्र लिया जाकर पात्र फर्म से सामग्री क्रय की गई है। (ग) पूर्व स्‍वीकृत दर पर सामान्‍यत: सामग्री क्रय करने का प्रावधान नहीं है। विधान सभा एवं लोकसभा आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण नगर परिषद् न्‍यू रामनगर में निविदा नहीं होने से पूर्व स्‍वीकृत दर पर मूलभूत सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये सामग्री क्रय की गई है, जिसमें जल प्रदाय सामग्री राशि रूपये 2, 20, 761.00, स्‍ट्रीट लाईट सामग्री राशि रूपये 2, 34, 376.00 एवं निर्माण/मरम्‍मत सामग्री राशि रूपये 12, 34, 201 कुल लागत राशि रूपये 16, 89, 338.00 का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। प्रकरण में जाँच करने के आदेश दिए जा रहे हैं। (घ) नगर परिषद् न्‍यू रामनगर जिला सतना द्वारा माह दिसम्‍बर 2018 से मई 2019 तक कोई मस्‍टर श्रमिक/कर्मचारी की भर्ती नहीं की गई है और न ही किसी को नियुक्ति आदेश जारी किया गया है।

शालाओं का उन्‍नयन 

[स्कूल शिक्षा]

125. ( क्र. 4163 ) श्री अजय विश्नोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश में कुल कितने नये माध्‍यमिक शाला एवं हाई स्‍कूल का उन्‍नयन करने जा रहा है? जबलपुर जिले की विकासखण्‍डवार जानकारी दें। (ख) उन्‍नयन का मापदण्‍ड क्‍या होगा? (ग) जबलपुर जिले के पाटन तथा मझौली विकासखण्‍ड में किन-किन शालाओं में कितने-कितने शिक्षकों की कमी है? शालावार जानकारी दें। शिक्षकों की पूर्ति के लिये विभाग की क्‍या कार्ययोजना है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2019-20 में माध्यमिक से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर है। माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु पात्रता परीक्षा पी.ई.बी द्वारा आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद रिक्त पदों पर नियोजन की कार्यवाही की जावेगी। अतिथि शिक्षकों द्वारा अध्‍यापन कार्य कराया जा रहा है।

हितग्राहियों के खातों में लगे होल्‍ड हटाया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

126. ( क्र. 4178 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिका परिषद् पन्‍ना ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्‍तर्गत नगर पन्‍ना के 115 हितग्राहियों के जाँच उपरांत पात्र पाये जाने पर कच्‍चे मकान, पक्‍के मकान में परिवर्तित किये जाने हेतु प्रथम किश्‍त 1.00 लाख की राशि हितग्राहियों के खातों में माह फरवरी 2019 को अंतरित की गयी? (ख) क्‍या जाँच के नाम पर भ्रष्‍टाचार करने हेतु 115 हितग्राहियों के खातों पर होल्‍ड लगा दिया गया, जिसमें परिणाम स्‍वरूप ऐसे हितग्राही जो वृद्धावस्‍था, सामाजिक सुरक्षा, विधवा पेंशन व अन्‍य ऐसे वेतन/पेंशन पाने वाले परिवारों के समक्ष विकट स्थिति उत्‍पन्‍न हो गयी है? हितग्राहियों के कच्‍चे मकान भी बरसात में खुले पड़े हैं। (ग) क्‍या नगर पालिका पन्‍ना को किसी व्‍यक्ति के निजी खातों पर रोक लगाने का अधिकार है? यदि नहीं, तो दोषी पदाधिकारियों/अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही संस्थित की गई है? क्‍या अधिकारियों के विरूद्ध सख्‍त कार्यवाही की जावेगी व जनहित में हितग्राहियों के खातों पर लगी रोक तत्‍काल हटाई जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। क्‍योंकि 115 हितग्राहियों की सूची पर कई समाचार पत्रों में आपत्तियां प्रकाशित हुईं एवं लिखित में भी कार्यालय में कई व्‍यक्तियों के द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई, जिस संबंध में नगर पालिका परिषद् पन्‍ना के अध्‍यक्ष के निर्देश अनुसार कार्यवाही करते हुये खातों पर होल्‍ड लगाकर पुन: जाँच करने हेतु निर्देश दिये गये थे। इस पर कार्यवाही करते हुये नगर पालिका परिषद् पन्‍ना द्वारा 115 हितग्राहियों की सूची दावे आपत्ति हेतु एवं सार्वजनिक किये जाने बाबत् 03 समाचार पत्रों प्रचण्‍ड शक्ति, नई दुनिया एवं छतरपुर भ्रमण पर प्रकाशित किया गया, जिस पर कोई आपत्ति प्राप्‍त नहीं हुई। जिसके उपरांत हितग्राहियों के खातों में लगा होल्‍ड हटा दिया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के तारतम्‍य में प्रश्‍न ही नहीं उठता।

नगर पालिका पन्‍ना में आर्थिक अनियमितताएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

127. ( क्र. 4179 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिकाओं में राशि 1.00 लाख रूपये तक की खरीदी/अन्‍य कार्य किये जाने हेतु कोटेशन व्‍यवस्‍था के तहत तथा इससे अधिक राशि की खरीदी/अन्‍य कार्यों का निष्‍पादन ऑनलाइन ई-टेण्‍डरिंग व्‍यवस्‍था कराये जाने का प्रावधान है? (ख) क्‍या नगर पालिका पन्‍ना द्वारा नियत राशि 1.00 लाख रूपये से अधिक राशि की खरीदी/अन्‍य कार्यों का निष्‍पादन मात्र कोटेशन दरें प्राप्‍त कर कराया गया है, जिसमें व्‍यापक पैमाने पर नियत राशि व उससे अधिक राशि के कार्यों में व्‍यापक पैमाने पर करोड़ों रूपये की राशि भ्रष्‍टाचार किया जाना परिलक्षित हुआ है? (ग) यदि हाँ तो क्‍या प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों की जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध सख्‍त कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। नगर पालिका परिषद्, पन्ना द्वारा नियत राशि 1.00 लाख रूपये से अधिक राशि के कार्य कोटेशन पर नहीं कराये जाते हैं। 1.00 लाख से अधिक के कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया ई-टेण्‍डरिंग के माध्यम से कराये जाते हैं। किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन विभाग की समितियों के सुरक्षा गार्डों की जानकारी

[वन]

128. ( क्र. 4191 ) श्री कमल पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग हरदा, जिला हरदा की कुल कितनी समितियों में कितने-कितने सुरक्षा गार्ड कब से तैनात हैं? (ख) उपरोक्‍त सुरक्षा गार्डों को वेतन भुगतान किस दर से किया जाता है? (ग) उपरोक्‍त सुरक्षा गार्ड किस एजेन्‍सी/कम्‍पनी के हैं? एजेन्‍सी/कंपनी का चयन किस पद्धति से किया गया था?              (घ) विगत 5 वर्षों से प्रश्नांश (क) अंतर्गत सुरक्षा गार्ड की भर्ती या एजेन्‍सी चयन की निविदा कब किस अखबार में प्रकाशित की गई?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग हरदा, जिला हरदा के अन्‍तर्गत वनमण्‍डल हरदा की संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों में कोई सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मां नर्मदा में अवैध उत्‍खनन की शिकायतों पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

129. ( क्र. 4192 ) श्री कमल पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के किस-किस जिले में मां नर्मदा में अवैध उत्‍खनन की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं?            1 जनवरी, 2017 से 28 जून 2019 तक की जानकारी दें। (ख) उपरोक्‍त प्राप्‍त शिकायतों में कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं की तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में म.प्र. के            किस-किस जिले में अवैध उत्‍खनन/ओवर लोड कितने-कितने डम्‍परों को शासन/विभाग ने पकड़ा? कितनों पर कार्यवाही की? कितने डम्‍पर राजसात किए गए? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में म.प्र. में पकड़े गए अवैध/ओवर लोड डम्‍पर से शासन को कितना राजस्‍व मिला? वर्षवार जिलेवार जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मां नर्मदा नदी से संबंधित जिलों में प्रश्‍नाधीन अवधि में जो शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं, उनकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार 396 शिकायतों पर कार्यवाही की गई है एवं 04 शिकायतों में जाँच की कार्यवाही प्रच‍लन में है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में दर्शित है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' पर है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में मध्‍यप्रदेश में मां नर्मदा नदी से संबंधित जिलों में अवैध उत्‍खनन और ओवर लोड (अभिवहन पास में निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा) के रेत के परिवहन करते हुए पकड़े गये प्रकरणों में अर्थदण्‍ड के रूप में प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' के कॉलम नंबर-5 पर दर्शित है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

130. ( क्र. 4197 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2014 से 01.01.2019 तक वर्षवार प्रदेश में अवैध उत्‍खनन के कितने मामले जिलेवार सामने आये? रेत सहित अन्‍य सभी खनिजों के मामले वर्षवार, जिलेवार संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (ख) उक्‍त अवधि में खनिज या रेत माफियाओं या अवैध उत्‍खनन के अपराधियों द्वारा पुलिस, खनिज या जिला प्रशासन के अधिकारियों/कर्मचारियों पर हमले की कितनी घटनाएं हुईं और उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्‍खनन की उक्‍त अवधि में कितनी शिकायतें किन के विरूद्ध थीं और उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? होशंगाबाद, देवास व अन्‍य जिलों की जिलेवार जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

सब-फायर ऑफिसर की सेवाओं संबंधी

[नगरीय विकास एवं आवास]

131. ( क्र. 4200 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री रविकांत मिश्रा, सब-फायर ऑफिसर, नगरपालिक निगम, देवास की नियुक्ति किस आधार पर की गई थी एवं यदि निगम स्‍तर पर नियुक्ति की गई थी तो निय‍मितीकरण किस आधार पर किया गया था? साथ ही किस आधार पर समय-समय पर पदोन्नति प्रदान की गई? नियुक्ति के समय शैक्षणिक योग्‍यता क्‍या थी। (ख) प्रश्नांश (क) अधिकारी की नियुक्ति दिनांक से आज दिनांक तक कहाँ-कहाँ पदस्‍थापना हुई? देवास में कितने दिनों से पदस्‍थ है? इनको किस आधार पर म.प्र. फायर कमेटी के सदस्‍य के रूप में रखा गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के उक्‍त अधिकारी के ऊपर नियुक्ति दिनांक से आज दिनांक तक विभागीय एवं अन्‍य कौन-कौन सी जाँच संचालित हैं? इनको क्‍या-क्‍या विभागीय सुविधाएं प्राप्‍त करने की पात्रता है? (घ) सिंहस्‍थ 2016 में नगरपालिक निगम, देवास को किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि प्राप्‍त की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जिलाध्‍यक्ष कार्यालय देवास से प्राप्‍त चयन सूची के आधार पर निम्‍न श्रेणी लिपिक के पद पर श्री रविकांत मिश्रा की प्रथम नियुक्ति दिनांक 27.04.1983 को की गई थी। इसलिये निगम स्‍तर पर नियमितीकरण का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। प्रथम नियुक्ति के समय शैक्षणिक योग्‍यता हायर सेकेण्‍डरी, बी.एस.सी., एम.ए. उत्‍तीर्ण थी। निम्‍न श्रेणी लिपिक से उच्‍च श्रेणी लिपिक के पद पर पदोन्नति वरिष्‍ठता सह योग्‍यता एवं वरिष्‍ठता सूची के आधार पर विभागीय पदोन्नति समिति के अनुशंसा पर दिनांक 06.08.1991 को की गई थी। उच्‍च श्रेणी लिपिक से सब फायर ऑफिसर के पद पर पदोन्नति वर्ष 1990 में राष्‍ट्रीय अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय नागपुर के प्रमाण-पत्र के आधार पर विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा पर दिनांक 24.11.1992 को की गई थी। (ख) श्री रविकांत मिश्रा की नियुक्ति दिनांक 28.04.1983 से आज दिनांक तक किसी स्‍थान पर पदस्‍थापना नहीं हुई है। वर्ष 1990 में राष्‍ट्रीय अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय नागपुर से प्राप्‍त प्रमाण-पत्र होने से म.प्र. फायर कमेटी के सदस्‍य है। (ग) श्री रविकांत मिश्रा पर कोई विभागीय जाँच सं‍स्थित नहीं है। पूर्व में लोकायुक्‍त द्वारा प्राथमिक जाँच की जा रही थी जिसे लोकायुक्‍त उज्‍जैन के द्वारा दिनांक 30.03.2019 को नस्‍तीबद्ध किया गया है। नगरपालिक निगम द्वारा कार्य अनुसार वायरलेस सेट एवं मोबाईल सिम की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

अवैध उत्‍खनन में की गई अवैध वसूली

[खनिज साधन]

132. ( क्र. 4213 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक छतरपुर जिले की किन-किन नदियों में किन-किन व्‍यक्तियों के ऊपर अवैध उत्‍खनन की कितनी रिकवरी निकाली गई? नदीवार, व्‍यक्तिवार राशि बतावें। (ख) क्‍या जिन खनिज माफियाओं की रिकवरी/वसूली निकली है, उन अधिकारियों से आज दिनांक तक वसूली नहीं की गई? यदि नहीं, तो खनिज माफियाओं से वसूली कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो वसूली न होने का कारण सहित स्‍पष्‍ट करें एवं कार्यवाही दिनांक से वसूली दिनांक के बीच हुए विलंब का क्‍या कारण है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्‍नांश के संदर्भ में अवैध उत्‍खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार अवैध खननकर्ताओं के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरण सक्षम स्‍तर से निराकरण उपरांत वसूली की जाना एक सतत प्रक्रिया है। अधिकारियों के विरूद्ध वसूली का प्रश्‍न नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ग) का उत्‍तर, प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्‍तरांश अनुसार है।

वन विभाग से संबंधित कार्य एवं अवैध रेत खनन

[वन]

133. ( क्र. 4223 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में वन विभाग में वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद में कौन-कौन से कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ? कितना बजट मूल कार्य एवं कितना बजट मरम्‍मत कार्य पर किया गया? अटेर विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत वन विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य बिगड़े वन सुधार, नवीन प्‍लांटेशन औषधीय पौधा रोपणी, नर्सरी आदि के कार्य कराये जा रहे हैं? कार्यवार स्‍वीकृत राशि, किये जाने वाले कार्य, कार्यों की वर्तमान स्थिति बतावें।               (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में क्‍या प्रश्‍नावधि में जंगल काटकर नवीन वृक्षारोपण का कार्य किया गया है? यदि हाँ तो कितने-कितने वृक्ष लगाये? आज की स्थिति में वृक्षारोपण की क्‍या स्थिति है? क्‍या वन मण्‍डल में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से रोपित वृक्षों को काटकर/उखाड़कर वन भूमि पर अतिक्रमण द्वारा फसल पैदा की जा रही है? यदि हाँ तो मण्‍डल को कितनी आर्थिक क्षति हुई। (ग) क्‍या वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत से चम्‍बल सेन्चुरी में अवैध रेत खनन/परिवहन हो रहा है? प्रश्‍नावधि में कितने अवैध खनन परिवहन के प्रकरण दर्ज किये? कितने पर कार्यवाही की गई? कितनों पर नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या चम्‍बल सेन्‍चुरी की टीम ने दिनांक 12/6/2019 को मोदनां खदित मार्ग पर राजोरिया के घर के पास रेत से भरे ट्रेक्‍टर को पकड़ा था? यदि हाँ तो चम्‍बल सेन्‍चुरी की टीम ने ट्रेक्‍टर चालक के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की? नहीं की तो क्‍यों? क्‍या ट्रेक्‍टर मालिक से पैसे लेकर छोड़ा गया है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा इन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक होगी?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) भिण्‍ड जिले में वनमंडल भिण्‍ड द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त आवंटन के विरूद्ध कराये गये कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र अटेर के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों का विवरण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।             (ग) वनमंडल मुरैना के अंतर्गत चम्‍बल सेन्‍चुरी में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत से अवैध रेत उत्‍खनन एवं परिवहन नहीं हो रहा है। प्रश्‍न अवधि में निम्‍नानुसार प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं :-

क्र.

वर्ष

प्रकरण संख्‍या

जप्‍त वाहन

1

2016

126

126

2

2017

170

160

3

2018

99

104

4

01.01.2019 से प्रश्‍न दिनांक तक

40

40

 

योग

435

430

वर्ष 2017 में 10 वाहन जप्त नहीं हो सके, 10 वाहनों में से वर्ष 2018 में 05 वाहन जप्त कर लिये गये, शेष 05 वाहन जप्‍ती हेतु वन अपराध प्रकरण कायम किया जाकर कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी हाँ, ट्रेक्‍टर पकड़ा गया था। प्रकरण में वन अपराध प्रकरण क्रमांक/9887/18 दिनांक 12.06.2019 पंजीबद्ध किया गया। यह सही नहीं है कि ट्रेक्‍टर मालिक से पैसे लेकर वाहन छोड़ दिया गया, अपितु ट्रेक्‍टर ट्रॉली को भगाने में सफल हो गया। ट्रेक्‍टर/ट्राली को वापस पकड़ने की कार्यवाही की जा रही है। इस प्रकरण में कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

आई.ई.सी. कार्यों के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

134. ( क्र. 4224 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूचना, शिक्षा एवं संप्रेक्षण के कार्यों हेतु जिला भिण्‍ड में नगरीय निकायों को राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी-कितनी राशि किन मार्गदर्शी निर्देशों के तहत वर्षवार प्राप्‍त हुई? नगर पालिका परिषद् भिण्‍ड में आई.ई.सी. कार्यों का प्रभारी अधिकारी कौन है? नाम एवं पदनाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत आई.ई.सी. कार्यों हेतु प्राप्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी लागत से किये गए? वस्‍तु/सामग्री किस कार्य/उपयोग हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्रय की गई अथवा किराये पर ली गई? कितनी राशि का किन कारणों से अब तक उपयोग नहीं हो सका? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्‍या किये गये कार्यों एवं क्रय की गई अथवा किराये पर ली गयी सामग्री का सक्षम अधिकारी द्वारा भौतिक सत्‍यापन किया गया? यदि हाँ तो किस प्रकार एवं कब-कब? ब्‍यौरा उपलब्ध करायें तथा सक्षम अधिकारी का नाम एवं पदनाम बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत क्‍या सूचना शिक्षा एवं संप्रेक्षण के कार्यों हेतु प्राप्‍त राशि का विभागीय निर्देशानुसार समुचित उपयोग किया गया? यदि हाँ, तो ऐसा होना सत्‍यापित किया जायेगा? यदि नहीं, तो इस पर क्‍या कार्यवाही कब तक की जायेगी बतायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। नगर पालिका परिषद् भिण्‍ड में आई.ई.सी. कार्यों के प्रभारी श्री राजेश कौशल, उपयंत्री एवं श्री दीपेन्‍द्र सेंगर प्रभारी स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रचार-प्रसार के कार्यों की गतिविधियों की संख्‍या तथा आवश्‍यकतानुसार समय-समय पर किये गये कार्यों, क्रय अथवा किराये पर ली गई सामग्री का भौतिक सत्‍यापन सक्षम अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, अपितु निकाय द्वारा सत्‍यापन पश्‍चात ही भुगतान किया जाता है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्माण एवं विकास की स्वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

135. ( क्र. 4242 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत वर्तमान में कुल कितने कॉलोनाईजर एवं होटलें पंजीकृत हैं? सूची एवं संख्या देवें। क्या पंजीकृत कॉलोनाईजर एवं होटलों के मालिकों के द्वारा निर्माण एवं विकास की स्वीकृति ली गयी है? (ख) उज्जैन जिले के अंतर्गत निर्माण एवं विकास कार्यों की स्वीकृति के लिए वेरिफिकेशन कौन करता है एवं कितने वर्षों में स्वीकृति के पालन के संबंध में शासकीय अमले द्वारा पुनः सत्यापन किया जाता है? (ग) नगरीय विकास एवं आवास हेतु कुल कितनी संस्थाओं से कॉलोनाईजरों एवं होटल मालिकों को किन प्रावधानों के अंतर्गत स्वीकृति एवं अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है? प्रावधानों के उल्‍लंघन होने पर समझौता शुल्क किस प्रक्रिया एवं किस आधार पर निर्धारित किया जाता है? (घ) उज्जैन जिले में विगत 5 वर्षों में कितने कॉलोनाईजरों एवं होटल मालिकों की स्वीकृति निरस्त की गयी है? (ड.) उज्जैन जिले में JNNURM के अंर्तगत कुल कितनी एजेंसियों को अधिकृत किया गया है एवं कितनी एजेंसियों को निर्माण एवं विकास की स्वीकृति दी गयी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम उज्‍जैन में वर्तमान में 62 कॉलोनाईजर पंजीकृत हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिले की शेष निकायों में कुल 14 कॉलोनाईजर पंजीकृत हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। होटलों का पंजीकरण नगर निगम एवं नगरीय निकायों में नहीं किया जाता है। नगर निगम उज्‍जैन में पंजीकृत कॉलोनाईजर द्वारा निर्माण एवं विकास की अनुमति ली गई है, तथा होटलों के मालिकों द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के स्‍थल अनुमोदन के पश्‍चात, निर्माण स्‍वीकृति ली गई है। जिले की शेष निकायों में कुल 06 पंजीकृत कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी विकास एवं 02 होटलों द्वारा निर्माण की स्‍वीकृति ली गई है। (ख) उज्‍जैन जिले अंतर्गत, नगर निगम क्षेत्र में निगम में पदस्‍थ तकनीकी अमले द्वारा तथा नगर पालिका/परिषद् क्षेत्र में निकाय के तकनीकी अधिकारी, मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) द्वारा सत्‍यापन किया जाता है। प्रचलित नियमों में पुन: सत्‍यापन किये जाने का प्रावधान नहीं है।              (ग) कॉलोनी विकास हेतु मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के अनुसार पंजीयन तथा विकास अनुमति, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व से भूमि के व्‍यपवर्तन, मध्‍यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 अनुसार अभिन्‍यास अनुमोदन, शहरी भूमि सीमा अधिनियम 1976 अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी, नगर भूमि सीमा की अनापत्ति, नजूल विभाग की अनापत्ति का प्राप्‍त करना होता है, जबकि होटल निर्माण हेतु मध्‍यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्‍थल अनुमोदन तथा नगरीय निकाय से भवन अनुमति प्राप्‍त किये जाने कि आवश्‍यकता होती है। मध्‍यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 308 (क) तथा मध्‍यप्रदेश नगर पालिका नियम 1961 की धारा 187 (क) में उल्‍लेखित प्रावधानों अनुसार समझौता शुल्‍क निर्धारण किया जाकर समझौता किया जाता है। (घ) 01 कॉलोनाईजर की स्‍वीकृति निरस्‍त की गई। (ड.) नगर निगम क्षेत्र की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, तथा अन्‍य निकायों की जानकारी निरंक है।

अध्‍यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलियन के पश्‍चात समस्‍त सुविधाओं का लाभ

[स्कूल शिक्षा]

136. ( क्र. 4244 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रश्‍न दिनांक तक कितने अध्‍यापक संवर्ग शिक्षकों को अध्‍यापक संवर्ग से स्‍कूल शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया गया है? क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग में इन अध्‍यापकों को आने के पश्‍चात स्‍कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों की समस्‍त सुविधायें प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग में समायोजित किये गये अध्‍यापक संवर्ग को सातवें वेतन का लाभ 1 जनवरी 2017 से प्राप्‍त होगा? यदि हाँ, तो प्रदेश में विभाग की गत 6 माही की कार्यवाही के पश्‍चात कितने अध्‍यापकों को सातवें वेतनमान का लाभ तथा सातवें वेतनमान का एरियर प्रदान किया गया? (ग) प्रदेश में कितने शिक्षकों ने अध्‍यापक संवर्ग से नवीन संवर्ग में पदनाम एवं सुविधा प्राप्‍त करने के लिये सहमति पत्र नहीं भरे हैं? क्‍या इन शिक्षकों को इनकी मांग के अनुरूप पूर्व शिक्षा विभाग वाला कैडर प्रदान किया जायेगा? नाम सहित सूची प्रदान करें। क्‍या इस संबंध में मा. न्‍यायालय में कोई प्रकरण विचाराधीन है? (घ) नवीन संवर्ग में आने के पश्‍चात क्‍या स्‍वयं के व्‍यय से बी.एड. करने वाले शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिया जायेगा? नहीं तो क्‍यों? क्‍या शिक्षकों के समान सुविधा के अंतर्गत पूर्व में नियमित शिक्षकों को इसका लाभ दिया गया था? यदि हाँ, तो नवीन संवर्ग को क्‍यों नहीं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अन्तर्गत पंचायत एवं नगरीय निकाय के 1, 75, 934 अध्यापक संवर्ग के लोक सेवक स्कूल शिक्षा विभाग में सुसंगत पदों पर नियुक्त किये जा चुके हैं। स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों की सेवा शर्तों की कार्रवाई प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नही, अपितु मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अनुसार दिनांक 01.07.2018 से सातवां वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। इस संबंध में प्रक्रिया प्रचलन में है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदेश में 561 अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों द्वारा नवीन संवर्ग हेतु सहमति पत्र नहीं दिया है। जी नहीं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (घ) जी नहीं। नवीन शैक्षणिक संवर्ग में आने के पूर्व शिक्षाकर्मी एवं संविदा शाला शिक्षक के पद पर चयन में अभ्यर्थियों को शिक्षण प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) योग्यता के अंकों का अधिभार दिया गया था। वर्ष 2011 के बाद शिक्षण प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) योग्यता की अनिवार्यता के आधार पर ही संविदा शाला शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति का प्रावधान था। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्रदेश की पवित्र नदियों के शुद्धिकरण हेतु योजनायें 

[नगरीय विकास एवं आवास]

137. ( क्र. 4246 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2017 के पश्‍चात प्रदेश की कौन-कौन सी पवित्र नदियों के शुद्धिकरण हेतु कौन-कौन सी योजनाओं पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? प्रदेश की कौन-कौन सी नदियों को शासन द्वारा पवित्र नदियां घोषित किया गया है? (ख) क्‍या पवित्र शहर मंदसौर स्थित पवित्र शिवना नदी के शुद्धिकरण हेतु पूर्व मुख्‍यमंत्री द्वारा दिनांक 29 मई 2018 को 12 करोड़ रू. की राशि की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो माननीय पूर्व मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा पर क्‍या कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित 12 करोड़ रूपये की राशि हेतु विभाग की क्‍या समस्‍त स्‍वीकृतियां प्राप्‍त हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो शिवना नदी के शुद्धिकरण हेतु कार्य जारी नहीं होने के क्‍या कारण है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) दिनांक 1 जनवरी, 17 के पश्‍चात प्रदेश की नदियों के शुद्धिकरण हेतु किये गये कार्यों एवं व्‍यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। राज्‍य शासन द्वारा नदियों को पवित्र घोषित नहीं किया जाता है, अपितु मान्‍यताओं के आधार पर नदियां पवित्र मानी जाती हैं। (ख) जी नहीं, अपितु दिनांक 20 जनवरी, 2018 को दलौदा में आमसभा में ''नर्मदा शुद्धिकरण यात्रा की तर्ज पर शिवना शुद्धिकरण अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए राज्‍य स्‍तर पर सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जावेगी।'' घोषणा की गई थी। निकाय द्वारा राशि रू. 11.99 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार की गई है। (ग) जी नहीं। निकाय द्वारा तैयार की गई योजना परीक्षणाधीन है।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

भू-प्रवेश की अनुमति के बिना खदान का संचालन

[खनिज साधन]

138. ( क्र. 4249 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के ग्राम बड़ारी तहसील विजयराघवगढ़ खसरा न. 65/1 रकवा 0.60 हे. जयपाल कोल वल्द भूरा कोल निवासी बम्‍होरी की भूमि में कलेक्टर कटनी के भू-प्रवेश की अनुमति के बिना क्या खदान संचालित है? (ख) क्या उक्त‍ आराजी आदिवासी की है? यदि हाँ तो उक्त भूमि पर खदान किसके द्वारा संचालित की जा रही है? क्‍या इस संबंध में शिकायत श्री वंशगोपाल दुबे के द्वारा दिनांक 22/10/18 को संचालक, खनिकर्म भोपाल को की गई थी जिसके बाद संचालक भोपाल ने अपने पत्र क्र. 1502 दिनांक 25/01/19 को जाँच हेतु कटनी को पत्र लिखा था? उस पर कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। (ग) क्या अभी भी उक्त जमीन खसरा में आदिवासी के नाम दर्ज है? यदि हाँ तो खसरे के कॉलम न. 12 में ए.सी.सी. कम्पनी कैमोर की लीज (खदान) दर्ज है? क्या‍ यह सही है कि कलेक्टर कार्यालय कटनी द्वारा जानबूझकर ऐसा किया गया है? यदि हाँ तो इसमें दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या वर्ष 1999 में कलेक्टर द्वारा ग्राम बड़ारी में अवैध उत्खनन का मामला दर्ज किया गया था? यदि हाँ तो उस पर कितनी वसूली की गई और कितनी राशि जमा कराई गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। खनिज निरीक्षक के प्रतिवेदन अनुसार उक्‍त क्षेत्र पर मेसर्स ए.सी.सी. सीमेंट को लीज स्‍वीकृत है, परन्‍तु वर्तमान में भू-प्रवेश की अनुमति प्राप्‍त नहीं है तथा इस भूमि पर खदान संचालित नहीं है। प्रश्‍न अनुसार दिनांक 22.10.2018 को शिकायत की गई थी एवं दिनांक 25.01.2019 को जाँच हेतु कटनी को पत्र लिखा गया था। कार्यालय कलेक्‍टर, खनिज शाखा द्वारा जाँच कराकर प्रतिवेदन दिनांक 10.05.2019 को भेजा गया है जो कि संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जी हाँ। राजस्‍व खसरा पाँचशाला वर्ष 2016-17 में उक्‍त भूमि ग्राम बड़ारी तहसील विजयराघवगढ़ खसरा नंबर 65/1 रकबा 0.600 हेक्‍टेयर खसरे के कालम नंबर 12 में ए.सी.सी. कंपनी कैमोर को लीज (खदान) दर्ज है। उक्‍त खसरा नंबर में राज्‍य शासन द्वारा ए.सी.सी. कंपनी के पक्ष में खदान स्‍वीकृत होने के कारण खसरा पाँचशाला के कॉलम नंबर - 12 में खदान स्‍वीकृत होना दर्शाया गया है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के खिलाफ कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता। (घ) जी हाँ। जिला कटनी की तहसील विजयराघवगढ़ के ग्राम बड़ारी में वर्ष 1999 में अवैध उत्‍खनन के 06 प्रकरण दर्ज किये गये थे, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

नाली निर्माण एवं इनडोर स्‍टेडि‍यम के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

139. ( क्र. 4250 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री अधोसरंचना मद से रीवा जिले के गोविन्‍दगढ़ नगर पचायत में भवरा नाला के वार्ड की नाली निर्माण हेतु वर्ष 2015 में कितनी राशि स्‍वीकृत की गई थी? किसके द्वारा उसका निर्माण कार्य कराया गया? क्‍या उक्‍त निर्माण कार्य नहीं हो पाया है, तो क्‍यों? (ख) क्‍या इनडोर स्‍टेडियम पोलो मैदान वार्ड क्रमांक-10 लागत 51-39 लाख की निविदा बुलाई गई थी? यदि हाँ तो कितने निविदाकारों ने निविदा डाली एवं कितनी निविदायें निरस्‍त की गई थीं? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) क्‍या दूसरी निविदा में एक ही निविदाकार ने भाग लिया और उसे ही 11 प्रतिशत से अधिक एस.ओ.आर. पर स्‍वीकृति‍ दी गई? यदि हाँ तो इसमें दोषी अधिकारी/कार्मचारी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी? क्‍या इसमें शासन की आर्थिक क्षति हुई है? (घ) क्‍या उक्‍त इनडोर स्‍टेडि‍यम में शासन से स्‍वीकृत राशि के लावा नगर परिषद् द्वारा अतिरिक्‍त राशि स्‍वीकृत की गई? प्रश्‍नकर्ता के द्वारा उक्‍त के सबंध में नगरीय प्रशासन भोपाल को शिकायत की थी? उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? क्‍या उक्‍त शिकायत आर्थिक अपराध/लोकायुक्‍त में लंबित है? यदि हाँ तो कब से?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना मद से, नगर परिषद् गोविन्‍दगढ़ में भंवरा नाला के वार्ड में नाली निर्माण हेतु वर्ष 2015 में राशि रूपये 130.61 लाख की स्‍वीकृति दी गई थी। नाली का निर्माण नहीं कराया गया है। जी हाँ। मध्‍यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा सड़क का चौड़ीकरण प्रस्‍तावित हो जाने के कारण, नाली निर्माण नहीं कराया गया है। (ख) जी हाँ। 11 निविदाकारों द्वारा निविदा डाली गई थी। सभी निविदाकारों की निविदाऐं खोली गईं। कोई निविदा निरस्‍त नहीं की गई। (ग) जी हाँ। प्रथम निविदा में प्राप्‍त न्‍यूनतम दर विन्‍ध्‍या इनवीरो ग्रुप की स्‍वीकृत की गई थी। परफॉरमेंस सिक्‍योरिटी जमा करने एवं अनुबंध की सूचना जारी की गई थी। ठेकेदार द्वारा परफॉरमेंस सिक्‍योरिटी जमा नहीं करने के कारण, परिषद् की स्‍वीकृति उपरांत, निविदाकार की अमानत राशि राजसात कर, निविदा निरस्‍त करने उपरांत पुन: आमंत्रित एवं उपयुक्‍त निविदा को स्‍वीकार किया गया है, शासन को कोई आर्थिक क्षति नहीं हुई है। कोई दोषी न होने से कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, अपितु शिकायतकर्ता श्री नरेन्‍द्र भुदौलिया गोविन्‍दगढ़ द्वारा माननीय लोकायुक्‍त महोदय भोपाल को दिनांक 20.02.2019 को शिकायत प्रस्‍तुत की गई है। जिसकी प्रति आयुक्‍त, नगरीय एवं विकास भोपाल को देना उल्‍लेखित किया गया है। माननीय लोकायुक्‍त से प्राप्‍त शिकायत की जाँच हेतु संभागीय कार्यालय रीवा को आदेशित किया गया है। जिस पर उनके द्वारा जाँच की जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पट्टे की भूमि पर वन विभाग का कब्जा 

[वन]

140. ( क्र. 4251 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्या ग्राम भिड़की प.ह.नं. 53 रा.नि.मं. बहोरीबंद जि. कटनी स्थित ख. नं. 41/1 एवं 41/2 रकबा एक-एक हेक्टेयर, जो कि ग्राम कुआं तहसील बहोरीबंद जिला कटनी निवासी क्रमशः शांति बाई पिता फुलुआ एवं सिमिया बाई पति प्रेमलाल को पूर्व में पट्टे पर प्रदान की गई थी, का सीमांकन दिनांक 27-4-19 को करने पर उक्त भूमि पर वन परिक्षेत्र बहोरीबंद, जिला कटनी द्वारा बांस की रोपणी करना पाया है? (ख) प्रश्नांश (क) का यदि हाँ, तो यह बतलावें कि क्‍या ग्राम कुआं/भिड़की तहसील बहोरीबंद जिला कटनी में वन विभाग द्वारा पूर्व में बांस रोपण का कार्य कराया था?             (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो यह वृक्षारोपण किस ख.नं. के कितने क्षेत्र में कब किया गया तथा वर्तमान समय में यह किस स्थिति में है? रोपे गए बांस के कितने पौधे जीवित हैं? (घ) क्या विभाग राजस्व विभाग द्वारा दिनांक 27-4-19 को किये गए सीमांकन से सहमत हैं, तो विभाग उक्त भूमि के पट्टाधारियों को कब्ज़ा कब तक प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्या विभाग नियमानुसार पट्टाधारियों की जमीन का स्थल निर्धारण कर कब्ज़ा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

व्याख्याता संवर्ग को समयमान वेतनमान 

[स्कूल शिक्षा]

141. ( क्र. 4252 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कार्यरत व्याख्याता संवर्ग को समयमान वेतनमान देने के शासन के क्या नियम, दिशा-निर्देश हैं? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) कटनी जिला अंतर्गत कितने व्याख्याता अपने पद पर कब से कार्यरत हैं? क्या इन सभी को 10 वर्ष एवं 20 वर्ष का समयमान वेतनमान प्रदाय किया गया है? किस-किस को कब-कब किया और किस-किस को किन कारणों से नहीं किया? सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) अपनी सेवाएँ 20 वर्ष पूर्ण करने वाले कितने व्याख्याता कटनी जिले में कार्यरत हैं? सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि क्या इन सभी को द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है या नहीं दिया गया है? (घ) शासन द्वारा दो वर्ष पूर्व आदेश देने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले के पात्र व्याख्याताओं को द्वितीय समयमान वेतनमान प्रदान न करने के क्या कारण है? इसका दोषी कौन है? दोषी के विरुद्ध कब कार्यवाही की जावेगी तथा उल्लेखित व्याख्याताओं को कब तक द्वितीय समयमान वेतनमान दिया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) व्याख्याता संवर्ग को समयमान वेतनमान देने हेतु म.प्र. शासन वित्त विभाग भोपाल का परिपत्र क्रं. एफ 11-4/2016/नियम/चार भोपाल दिनांक 07-4-16 एवं आदेश क्रं. 44-1/2017/20-2 दिनांक 16-1-2017 नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जिला कटनी में कार्यरत व्याख्याताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। जी नहीं। जिन व्याख्याताओं को समयमान वेतनमान प्राप्त नहीं हुआ है, कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) 20 वर्ष की सेवायें पूर्ण करने वाले कार्यरत व्याख्याताओं की कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (घ) कटनी जिले के पात्र व्याख्याताओं को कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग के आदेश क्रं./स्था.2/स.वे./व्या./2017/3869, दि. 31-7-17 से कुल 30 व्याख्याताओं को एवं आदेश क्रं./स्था.-2/स.वे./व्या./2019/1906 जबलपुर, दिनांक 09-7-19 से कुल 07 व्याख्याताओं को द्वितीय समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है। शेष व्याख्याताओं को द्वितीय समयमान वेतनमान के प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय कटनी में प्रचलन में है। कार्यवाही प्रचलन में होने से कोई दोषी नहीं है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर व्याख्याताओं के अभिलेखों के परीक्षण एवं विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक उपरान्त समयमान वेतनमान शीघ्र जारी किया जावेगा।

प्राथमिक एवं पूर्व माध्‍यमिक पाठशालाओं की मान्‍यता 

[स्कूल शिक्षा]

142. ( क्र. 4253 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र सीधी के अंतर्गत कुल कितने निजी प्राथमिक एवं पूर्व माध्‍यमिक विद्यालय संचालित हैं? क्‍या सभी विद्यालयों की शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए मान्‍यताएं प्रदान की जा चुकी हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? मान्‍यताएं प्रदान न किये जाने के क्‍या कारण हैं? क्‍या दोषियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांकित पाठशालाओं की मान्‍यताओं के वर्तमान प्रचलित नियम क्‍या हैं? प्रति उपलब्‍ध करावें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र सीधी के अंतर्गत 177 निजी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। वर्ष 2019-20 के लिये 150 विद्यालयों को मान्यता प्रदान की जा चुकी है। निर्धारित मापदण्डों का पालन नहीं किये जाने के कारण 27 विद्यालयों को मान्यता नहीं दी गयी है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।                (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट है।

प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों का वेतन निर्धारण

[नगरीय विकास एवं आवास]

143. ( क्र. 4260 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों का वेतन मूल संस्था के अनुसार निर्धारित होता है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (नगरीय प्रशासन का उपक्रम) में पदस्थ ऑप्टेल टेलीकम्युनिकेशन लिमिटेड, भोपाल के तीन कर्मचारियों क्रमश: श्री राजेश बाकलीवाल, श्री नीरज सहाय श्रीवास्तव एवं श्री दिनेश कुमार शर्मा का कंपनी द्वारा वेतनमान का उन्नयन किस नियम के तहत किया गया? क्या इस उन्नयन हेतु कंपनी के संचालक मंडल की अनुमति ली गई है? (ख) क्या प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ कर्मचारियों का वेतनमान राज्य शासन में प्रचलित वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार बिना मूल विभाग द्वारा लिये गये निर्णय के लागू किया जा सकता है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों को 6वें एवं 7वें वेतनमान का लाभ किस नियम के तहत दिया गया? यदि नियम विरूद्ध कार्यवाही की गई है तो दोषियों के विरूद्ध कब तक एवं क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) MPUDC के आदेश क्रमांक- 028/पी.एम.यू./ एडमिन/09 दिनांक 04.01.2010 के द्वारा श्री राजेश बाकलीवाल का वेतनमान परियोजना अवधि तक के लिये बढ़ाया गया था, तो किस नियम एवं किस आदेश से परियोजना समाप्ति के उपरांत भी इसे जारी रखा गया था?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के आदेश क्रं. 08/2/2017, दिनांक 06.04.2018 द्वारा राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों/मण्डलों/निगमों एवं विकास प्राधिकरणों के सेवायुक्तों के वेतनमानों का पुनरीक्षण हेतु जारी आदेशानुसार ऑप्टेल टेलीकम्युनिकेशन लिमिटेड के कर्मचारियों क्रमश: श्री राजेश बाकलीवाल,              श्री नीरज सहाय श्रीवास्तव एवं श्री दिनेश कुमार शर्मा के वेतनमान का पुनरीक्षण किया गया। वेतनमान का उन्नयन नहीं किया गया है। जी नहीं। अपितु कंपनी के प्रबंध संचालक से अनुमति ली गई है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड से प्राप्त पत्र दिनांक 11.09.2018 में उल्लेखित अभिमत तथा सार्वजनिक उपक्रमों/मण्डलों/निगमों एवं विकास प्राधिकरणों के सेवायुक्तों के वेतनमान पुनरीक्षण बाबत् मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के आदेश क्रं. 8/2/2017, दिनांक 06.04.2018 के नियमानुसार ऑप्टेल टेलीकम्युनिकेशन लिमिटेड के कर्मचारियों को पुनरीक्षण वेतनमान (6वें एवं 7वें) का लाभ दिया गया है। नियम विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई है। अतः दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (ग) MPUDC द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया। परियोजना उदय के आदेश क्रं. 028/पीएमयू/एडमिन/09 भोपाल, दिनांक 04.01.2010 द्वारा श्री राजेश बाकलीवाल को स्वीकृत वेतनमान म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्रं. 10-05/2015/18-2, दिनांक 30.09.2015 की कंडिका-1 अनुसार जारी रखा गया है।

शासकीय स्कूलों का भवन निर्माण

[स्कूल शिक्षा]

144. ( क्र. 4263 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिक निगम कटनी अंतर्गत 1/2 एकड़ से अधिक क्षेत्र में कितने और               कौन-कौन से अशासकीय हाई स्‍कूल एवं हायर सेकण्‍डरी स्कूल संचालित हैं एवं इनमें से किस-किस स्कूल में निर्मित भवन कब-कब निर्मित किए गए? कब-कब नक्शे नगरपालिक निगम द्वारा स्वीकृत किए गए और कितने बिना अनुमति या अनुमति के विपरीत निर्मित हैं? स्कूलवार सम्पूर्ण जानकारी बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्कूलों की मान्यता एवं नगरपालिक निगम/नगर तथा ग्राम निवेश से भवनों की स्वीकृति के संबंध में शासकीय नियम क्या हैं और क्या विभाग द्वारा मान्यता प्रदान करते समय इन नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या ऐसा होना विभाग द्वारा पूर्ण विवरण सहित प्रतिवेदित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 35 संस्थाएं हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं की मान्यता के संबंध में नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। वर्ष 2015 के पूर्व भवन निर्माण की अनुमति तथा कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र लेने का प्रावधान नहीं था। वर्ष 2015 के मान्यता नियम की कंडिका 6.2 में सक्षम सिविल प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत बिल्डिंग प्लान तथा भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने का प्रावधान है। वर्ष 2015 के नियम लागू होने के उपरांत कटनी नगर निगम सीमा अंतर्गत 02 विद्यालयों की नवीन मान्यता तथा 12 विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण आदेश सक्षम अधिकारियों द्वारा बिना सक्षम सिविल प्राधिकारी के बिल्डिंग परमीशन एवं भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र के जारी की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। उक्त विद्यालयों की मान्यता निलंबन हेतु मान्यता नियम 2017 की कंडिका 11 (1) में दिये गये प्रावधानों के अनुसार कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं।

नगरपालिक निगमों में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

145. ( क्र. 4264 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में कार्यालय-नगरपालिक निगम कटनी में कौन-कौन अधिकारी एवं वर्ग 3 से ऊपर की श्रेणी के कर्मचारी किस-किस पद पर कब से किन सक्षम आदेशों से कार्यरत हैं और इनके द्वारा क्या-क्या कार्य संपादित किए जा रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त नगरपालिक कटनी को दिनांक 03/06/2019 को दैनिक वेतन सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान बाबत् पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र पर कार्यवाही कर वेतन भुगतान कर दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों और पत्र में उल्‍लेखित दैनिक वेतन सफाई कर्मी किस आदेश से कब से कहाँ-कहाँ कार्यरत रहे हैं? बताएं। (ग) क्‍या नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों/श्रमिकों को स्थाई योजना के तहत विनियमितीकरण के पूर्व से आदेश जारी हैं पर कार्यालय नगरपालिक निगम कटनी में कार्यरत सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मियों/श्रमिकों को स्थाई योजना के तहत विनियमित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो विनियमित किए गए दैनिक वेतन भोगी कर्मियों/श्रमिकों का विवरण बताएं। (घ) संचालनालय नगरीय प्रशासन म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक-5196 दिनांक 30/04/209 से नियमितीकरण एवं स्थाई कर्मी योजना में विनियमित किए जाने के आदेशानुसार क्या मध्यप्रदेश की सभी नगरपालिक निगमों द्वारा जानकारी/प्रकरण आदेशानुसार प्रेषित की गयी? यदि हाँ, तो विवरण देवें यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। इसके पूर्व ही 09 दैनिक वेतन श्रमिकों के संबंध में मेयर-इन-काउंसिल की बैठक दिनांक 05.02.2019 को प्रस्‍ताव क्रमांक 14 में प्रस्‍तुत किया गया। मेयर-इन-काउंसिल द्वारा 04 सदस्‍यीय समिति का जाँच किये जाने हेतु गठन किया गया है। समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन आगामी मेयर-इन-काउंसिल की बैठक में भेजा जा रहा है। इस प्रकार वेतन भुगतान के निर्णय के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। 09 दैनिक वेतन भोगी स्‍वास्‍थ्‍य विभाग, नगरपालिक निगम, कटनी के अंतर्गत कार्यरत रहे हैं। (ग) जी हाँ। पात्र पाये गये 127 दैनिक वेतन श्रमिकों का विनियमितीकरण किये जाने के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) प्रश्‍न में उल्‍लेखित विषय के संबंध में क्रमांक एवं दिनांक अनुसार संचालनालय से पत्र प्रेषित किया जाना नहीं पाया गया है, किंतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 13420, दिनांक 17.07.2018 द्वारा नगरीय निकायों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों/श्रमिकों को स्‍थायीकर्मी योजना में विनियमित किये जाने के संबंध में समस्‍त निकायों से जानकारी चाही गई थी। नगर निगमों में सिर्फ नगरपालिक निगम, छिंदवाड़ा से जानकारी प्राप्‍त हुई है।

 

मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजनांतर्गत राशि का प्रदाय

[नगरीय विकास एवं आवास]

146. ( क्र. 4267 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग की किन-किन निकायों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? निकायवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत प्रथम किश्‍त जारी होने के बाद किन-किन निकायों को शेष राशि जारी की गई? यदि नहीं, तो कारण बतावें। शेष राशि निकायों को कब तक जारी की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजना अंतर्गत क्या राशि जारी न होने का कारण राज्य स्तर पर अथवा निकायों द्वारा कार्यवाही पूर्ण नहीं की जाना दर्शित है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना चरण-2 अंतर्गत उज्‍जैन संभाग में वर्ष 2017-18 में 04 निकायों को 20 प्रतिशत अनुदान राशि एवं 10 नगरीय निकायों को 80 प्रतिशत ऋण राशि विमुक्‍त की गई है, वर्ष 2019-20 में अब तक 12 निकायों को ऋण राशि उपलब्‍ध करायी गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार शेष निकायों को ऋण राशि उपलब्‍ध कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण का आवंटन, नगरीय निकायों को करने हेतु त्रिपक्षीय अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजनांतर्गत चयनित नगरीय निकायों द्वारा, अद्यतन उपयोगिता            प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने एवं त्रिपक्षीय अनुबंध निष्पादित होने के उपरांत, मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कं. द्वारा ऋण की राशि संबंधित नगरीय निकायों को उपलब्‍ध करायी जाना प्रावधानित है। दोनों स्‍तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: कार्यवाही पूर्ण नहीं किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन ग्रामों के मान्य/अमान्य दावे

[आदिमजाति कल्याण]

147. ( क्र. 4270 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार धार जिले के किस वन ग्राम में कितनी भूमि के कितने दावे मान्य एवं कितने दावे अमान्य किए गए? आदिवासियों एवं गैर-आदिवासियों की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) (ज) में वन ग्रामों के संबंध में क्या प्रावधान दिया है? इस कानून में वन ग्रामों के पट्टाधारियों एवं अतिक्रमणकारियों को व्यक्तिगत वन अधिकार मान्य करने का प्रावधान किस-किस धारा में दिया है। (ग) धार जिले के किस ग्राम के भूमि से संबंधित अभिलेख राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध है? उनमें कितने किसानों के नाम पर भू-स्वामी हक में कितनी भूमि दर्ज है? इनमें से कितने किसानों के कितने भूमि के दावे मान्य एवं अमान्य किए? आदिवासी एवं गैर-आदिवासी की पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिए जाने का क्या कारण है? कब तक वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया जाएगा?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ज) में वनों के सभी वन ग्रामों, पुराने आवासों, असर्वेक्षित ग्रामों और अन्य ग्रामों के बसने और संपरिवर्तन के अधिकार, चाहे वे राजस्व ग्रामों में लेखबद्ध हो, अधिसूचित हो अथवा नहीं। (ग) धार जिले के समस्त ग्राम के भूमि से संबंधित अभिलेख राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने हेतु वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण अर्द्धन्यायिक स्वरूप का होने से समयावधि दी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''छत्‍तीस''

खदानें आरक्षित करने का प्रावधान

[खनिज साधन]

148. ( क्र. 4271 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण विकास कार्यों, ग्राम के गरीबों आदि के लिए मिट्टी, मुरम, पत्थर, रेत की खदान आरक्षित किए जाने के संबंध में विभाग ने विगत 3 वर्षों में किस दिनांक को पत्र-परिपत्र जारी किया? यदि इनके लिए खदान आरक्षित करने का पत्र-परिपत्र जारी नहीं किया हो तो कारण बताएं। (ख) सड़क निर्माण कार्यों के लिए किस-किस खनिज की खदान आरक्षित किए जाने का पत्र-परिपत्र विभाग ने किस दिनांक को जारी किया? इसके अनुसार किस खनिज की कितनी खदानें इन्‍दौर संभाग में आरक्षित की गई? जिलेवार बताएं। (ग) सड़क निर्माण कार्यों में लगने वाले खनिज की रॉयल्टी भुगतान एवं खनिज की मात्रा से संबंधित जानकारी और रॉयल्टी क्लीयरेंस प्रमाण-पत्र के संबंध में क्या-क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित हैं? पृथक-पृथक बताएं। (घ) सड़क निर्माण कार्यों के लिए विभाग ने गत तीन वर्षों में इन्‍दौर संभाग में कितने रॉयल्टी क्लीयरेंस प्रमाण-पत्र जारी किए? जिलेवार बताएं।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) वर्तमान में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में इस प्रकार के कार्यों के लिये खदानें आरक्षित करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में सड़क निर्माण कार्यों के लिये खदानें आरक्षित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु नियम 68 (1) (दो) में यह प्रावधान है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना या किसी सरकारी विभाग के अधीन निर्माणाधीन या निर्मित की जाने वाली सड़कों की दशा में मुरम एवं साधारण मिट्टी की अनुज्ञा मध्‍यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक द्वारा या संबंधित सरकारी विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा प्राधिकृत ठेकेदारों को दी जायेगी। (ग) शासन द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 15.03.2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है।

पशुपालन विभाग की योजनाओं की जानकारी 

[पशुपालन]

149. ( क्र. 4277 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग अन्तर्गत पशुपालन में रूचि रखने वालों के लिए कौन-कौन सी योजना संचालित हैं? किस-किस वर्ग के लिए क्या-क्या दिशा निर्देश हैं? किस-किस पशु को पालने पर              क्या-क्या अनुदान दिया जाता है? कौन-कौन से मापदण्ड का पालन आवश्यक है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में उज्जैन जिले में कौन-कौन से पशुओं की योजना से किस-किस आवेदक/हितग्राही को लाभान्वित किया जा रहा है एवं क्या-क्या लाभ दिया जा रहा है?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।

विभिन्न योजनांतर्गत किये गये विकास कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

150. ( क्र. 4281 ) श्री तरबर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर की बण्डा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद् बण्डा एवं शाहगढ़ में वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के अंतर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये? योजनावार, कार्यवार, राशिवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त कार्यों में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे। (ग) अपूर्ण कार्य निर्धारित अवधि समाप्त हो जाने के पश्चात् भी पूर्ण न किये जाने का कारण बतावें। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के लिये दोषी कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक कार्य पूर्ण कर लिये जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

नगर परिषद् द्वारा कराये गये कार्यों की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

151. ( क्र. 4284 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नगर परिषद् बोड़ा द्वारा एक जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या सामग्री क्रय की गई तथा उक्‍त अवधि में कितने नल-कूप खनन कराये गये हैं? दरें आमंत्रित करने एवं निविदायें जारी करने हेतु क्‍या प्रक्रिया अपनाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त अवधि में पेयजल परिवहन में कितनी राशि का व्‍यय किया गया एवं             डीजल-पेट्रोल पर कितना व्‍यय किया गया तथा कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य कराये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्‍या नगर परिषद् द्वारा निरंतर शासन नियमों के विपरीत सामग्री क्रय, पेयजल परिवहन पर अनावश्‍यक व्‍यय, निजी लोगों के यहां ट्यूबवैल खनन, निजी भूमि पर सामुदायिक भवनों का निर्माण करा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन एक उच्‍च स्‍तरीय कमेटी का गठन कर नगर परिषद् द्वारा कराये गये कार्यों की जाँच कर कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक निकाय द्वारा क्रय सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं नल-कूप खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में पेयजल परिवहन पर व्‍यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''', डीजल पेट्रोल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं निकाय द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।           (ग) प्रकरण में जाँच किए जाने के आदेश दिए गए हैं, जाँच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।

गौ-शालाओं की स्‍थापना

[पशुपालन]

152. ( क्र. 4285 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्‍या वचन पत्र में प्रत्येक पंचायत में गौ-शाला खोलने के बात कही गयी है? ये कब तक खोल दी जावेंगी और प्रत्येक गौ-शाला हेतु कितनी राशि आवंटित होगी? (ग) पंचायतों में गौ-शालाएं खोलने के बाद उनका रख-रखाव किस प्रकार से किया जावेगा और यह राशि किस मद से आवंटित की जाएगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) मध्यप्रदेश में गौ-हत्‍या पर पूर्ण प्रतिबंध है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) शासन द्वारा वचन पत्र जारी नहीं किया गया है। शासन द्वारा गौ-शाला परियोजना अंतर्गत प्रदेश में प्रथम चरण में 1000 ग्राम पंचायतों में गौ-शाला खोलने का निर्णय लिया गया है, जिनके निर्माण की कार्यवाही चल रही है। प्रति गौ-शाला निर्माण लागत लगभग रू. 29.62 लाख होगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) गौ-शालाओं के रख-रखाव का ग्राम पंचायतों के माध्‍यम से किया जावेगा। भूसा चारे की राशि की व्‍यवस्‍था पशु पालन विभाग द्वारा की जावेगी।

करों की वसूली में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

153. ( क्र. 4286 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका बड़वानी के द्वारा विगत 05 वर्षों में कितनाकितना कर वसूल किया गया और कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? वर्षवार, मदवार जानकारी देवें l (ख) क्या नगर पालिका बड़वानी में कर वसूली में अनियमितताएं पाई गई थीं? यदि हाँ, तो किनके द्वारा और क्या-क्या? ब्‍योरा देवें l (ग) क्या रसीद कट्टे में फेरबदल के मामले में जाँच संस्थित हुई थीं? यदि हाँ, तो कब और किसके सन्दर्भ में? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें l (घ) क्या जाँच में दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं? क्या शासन कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका बड़वानी के द्वारा विगत् 05 वर्षों में वसूले गये कर एवं व्यय की वर्षवार तथा मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ, श्री सतीशचन्द्र नामदेव, सहायक राजस्व निरीक्षक के द्वारा कर वसूली, नामांतरण, दुकान किराया, दुकान नीलामी वसूली में अनियमितता पायी गयी थी। (ग) जी हाँ, श्री सतीशचन्द्र नामदेव, सहायक राजस्व निरीक्षक के रसीद कट्टे में फेरबदल के संबंध में निकाय के पत्र क्रमांक 2874/स्था./2017 दिनांक 05.07.2017 से जाँच दल का गठन किया गया था किन्तु श्री नामदेव द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये जाने से जाँच नहीं की जा सकी। इस संबंध में नगर पालिका परिषद् बड़वानी के पत्र क्रमांक 350//2017 दिनांक 31.01.2017 द्वारा थाना प्रभारी पुलिस थाना बड़वानी को श्री सतीश नामदेव, सहायक राजस्व निरीक्षक की एफ.आई.आर. कर मुकदमा दायर कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा गया है। श्री नामदेव को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये जाने एवं कर वसूली में अनियमितता किये जाने के कारण निकाय के आदेश क्रमांक 732/स्था./2017, दिनांक 20.02.2017 द्वारा निलंबित किया गया है। (घ) जी हाँ, श्री सतीशचन्द्र नामदेव, सहायक राजस्व निरीक्षक को निकाय के आदेश क्रमांक 732/स्था./2017, दिनांक 20.02.2017 द्वारा निलंबित किया गया है। इसके साथ ही श्री नामदेव, के द्वारा कर वसूली में अनियमितता किये जाने की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर में होने से विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर द्वारा अपराध क्रमांक 151/18 दर्ज किया जाकर विवेचना में लिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजनांतर्गत खनिज प्रतिष्‍ठान का गठन

 [खनिज साधन]

154. ( क्र. 4291 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 का गठन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना (PMKKKY) खनन प्रभावित क्षेत्र के विधिक विकासात्‍मक एवं कल्‍याण हेतु परियोजना/कार्यक्रम हेतु भारत सरकार की स्‍कीम के अंतर्गत किया गया है, जिसके तहत शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों में भी खनिज प्रतिष्‍ठान का गठन किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्‍तर हाँ, है तो क्‍या मंडल की शक्तियां तथा कृत्‍य के भाग (क) प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार प्राथमिकताओं का निर्धारण करना था, जिसके तहत खनिज प्रभावी क्षेत्रों को उनके विकास हेतु खनिज प्रतिष्‍ठान को प्राप्‍त राशि का आवंटन कर योजना को क्रियान्वित किया जा सके (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वित्‍तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में शहडोल संभाग के अंतर्गत जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की कब-कब बैठकें हुईं? बैठक में कौन-कौन उपस्थित थे? बैठक में पारित प्रस्‍ताव की प्रति उपलब्‍ध करावें। जिलावार-वर्षवार सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान द्वारा उपरोक्‍त वित्‍तीय वर्ष में किन-किन कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई? अनुमोदित सूची की प्रति, प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश की प्रति जिन कार्यों की स्‍वीकृति दी गई है उसकी जिलावार-वर्षवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ड.) जिला अनूपपुर में वित्‍तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी रॉयल्टी राशि (डिपोजिट) जमा थी? कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? खनिज प्रतिष्‍ठान मद के प्रस्‍तावित एवं किये गये कार्यों की जिलावार-वर्षवार सूची उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) शहडोल संभाग के अंतर्गत अनूपपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर तथा शहडोल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर तथा उमरिया जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। (घ) शहडोल संभाग के अंतर्गत अनूपपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर तथा शहडोल जिले की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर तथा उमरिया जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। (ड.) जिला अनूपपुर में वित्‍तीय वर्ष 01 अप्रैल 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍य एवं गौण खनिज से लगभग रूपये 833.52 करोड़ रॉयल्‍टी राशि प्राप्‍त हुई है। प्राप्‍त रॉयल्टी राशि का आवंटन खनिज प्रतिष्‍ठान मद में नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

वन अधिकार अधिनियम 2006 का क्रियान्वयन

[आदिमजाति कल्याण]

155. ( क्र. 4303 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फॉरेस्‍ट राइट एक्‍ट 2006 के सही क्रियान्‍वयन के लिए जनजाति कार्य विभाग किस तरह से प्रयासरत है? F.R.A. की ट्रेनिंग, कार्यशाला के लिए किस तरह का प्रयास किया जायेगा?             (ख) चूंकि इसका सीधा असर आदिवासियों के जीवन पर निर्भर करता है? क्‍या इस हेतु कम्युनिटी पार्टिसिपेंट्स के माध्‍यम से प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि बेहतर क्रियान्‍वयन हो सके?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 का क्रियान्वयन प्रदेश में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। कोई पात्र वन निवासी अपने वन अधिकार से वंचित न हो इसके लिये समय-समय पर निरस्त दावों के पुनः परीक्षण हेतु विशेष अभियान चलाये गये है। वन अधिकार के निरस्त दावों के पुनः परीक्षण के लिये वनमित्र सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से पारदर्शिता के साथ ऑनलाइन दावों का निराकरण किया जायेगा। इस संबंध में दिनांक 07.05.2019 को आर.सी.व्ही. प्रशासन अकादमी, भोपाल में प्रदेश के विभाग के जिला अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों एवं गैर शासकीय संगठनों तथा दिनांक 04.06.2019 को म.प्र. जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान ''वाल्मी'' भोपाल में जिला होशंगाबाद की जिला स्तरीय, उपखण्ड स्तरीय समिति के शासकीय सदस्यों, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रदेश के शेष जिलो में भी उपरोक्तानुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की कार्यवाही की जा रही है। शासन द्वारा चलाये गये विशेष अभियानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। चूंकि समस्त दावों के निराकरण में ग्रामसभा एवं वन अधिकार समिति सक्षम प्राधिकारी है, अतः प्रकरणों के निराकरण में स्वमेव कम्युनिटी पार्टिसिपेंट्स है। राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक दिनांक 27.02.2019 में लिये गये निर्णय के अनुसार वन अधिकार के निरस्त दावों को ग्राम सभाओं को सम्प्रेषित किया जाकर दावेदार को युक्तियुक्त सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए दावे का निराकरण किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

भोपाल-बैरसिया मार्ग पर बी.सी.एल.एल. के माध्‍यम से बसों का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

156. ( क्र. 4308 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला योजना समिति भोपाल की बैठक दिनांक 28.01.2014 में भोपाल से बैरसिया मार्ग पर बी.सी.एल.एल. के माध्‍यम से बसों के संचालन हेतु प्रस्‍ताव पारित किया गया था या नहीं? यदि हाँ, तो पारित प्रस्‍ताव की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में भोपाल नगर निगम अथवा बी.सी.एल.एल. द्वारा भी क्‍या कोई प्रस्‍ताव इस आशय का बनाया गया था? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में बैरसिया के निवासियों को कब तक बी.सी.एल.एल. बसों से आवागमन की सुविधा उपलब्‍ध होने लगेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला योजना समिति भोपाल की बैठक दिनांक 28.01.2014 में भोपाल-बैरसिया मार्ग पर संचालन हेतु प्रस्ताव पारित किया गया था। पारित प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। बी.सी.एल.एल. बोर्ड की 27वीं बैठक दिनांक 07/03/2019 में भोपाल-बैरसिया मार्ग पर बस संचालन हेतु निर्णय लिया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।             (ग) बी.सी.एल.एल. द्वारा सूत्र सेवा अंतर्गत बैरसिया मार्ग हेतु 4 बसें प्रावधानित हैं एवं वर्तमान में 2 बसों का नियमित संचालन भोपाल-बैरसिया-सिरोंज मार्ग पर किया जा रहा है, जिससे बैरसिया मार्ग के समस्त रहवासी लाभान्वित हो रहे हैं। शेष 2 बसों का संचालन शीध्र किया जाना प्रस्‍तावित है।

वन विकास निगम की भूमि पर वृक्षारोपण

[वन]

157. ( क्र. 4317 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन विभाग के अंतर्गत विदिशा जिले की लटेरी तहसील में म.प्र. वन विकास निगम ने वन भूमि प्राप्‍त कर वृक्षारोपण का कार्य किया है? यदि हाँ, तो किस-किस चरण में कितनी-कितनी भूमि प्राप्‍त की गई है? उस पर क्‍या-क्‍या कार्य किए गए हैं? कितने वृक्ष लगाये गए हैं? वन सुरक्षा के क्‍या-क्‍या उपाय किए गए हैं और वृक्ष संरक्षण के लिए कितने कर्मचारी स्‍थायी/अस्‍थायी या दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के रूप में लगाए गए हैं? संपूर्ण जानकारी कंपार्टमेंट एवं बीट अनुसार दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 3 वर्षों में भूमि प्राप्‍त होने के बाद इमारती/जलाऊ लकड़ी काटने से म.प्र. वन विकास निगम को कितनी आय प्राप्‍त हुई? वर्षवार बतावें। अतिक्रमण को रोकने हेतु विभाग क्‍या कार्यवाही कर रहा है? क्‍या निगम ने अपने लगाए वृक्षों की गणना कराई है? यदि हाँ, तो बतावें कितने वृक्ष नष्‍ट हुए और कितने उखाड़ दिए गए और शेष कितने वृक्ष बचे हैं? क्‍या निगम के महाप्रबंधक/वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा उक्‍त महत्‍वपूर्ण स्‍थल का कभी निरीक्षण किया है? यदि हाँ, तो किन-किन तिथियों में? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में क्‍या कंपार्टमेंट क्रमांक 358, 360, 361, 362, आलमपुर, रतनगढ़ एवं शहरखेड़ा बीट में लगाए गए वृक्षों को उखाड़कर भू-माफियाओं/ग्रामीणों ने खेती के लिए कब्‍जा कर लिया है? क्‍या अनेक ग्रामीण खेती कर रहे हैं? यदि हाँ, तो विभाग ने इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की है? किन-किन अधिकारियों ने जाँच की? क्‍या दोषियों को दण्डित किया गया है और निगम ने अपनी भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराया है कि नहीं? गत तीन वर्ष में वन विकास निगम को वन भूमि में अतिक्रमण कर खेती करने की शिकायत प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। हस्‍तान्‍तरण में प्राप्‍त वनभूमि की चरणबद्ध जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। हस्‍तांतरित वनभूमि पर करवाये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। रोपण पश्‍चात आगामी तीन वर्षों तक सुरक्षा श्रमिकों को संलग्‍न कर सुरक्षा कार्य करवाया गया है। उक्‍त वन क्षेत्रों में वन सुरक्षा हेतु पदस्‍थ अमले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र स-1 व सुरक्षा श्रमिकों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र स-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वनक्षेत्रों में अतिक्रमण रोकने हेतु अमले द्वारा नियमित भ्रमण किया जा रहा है। रोपित पौधों की नियमानुसार रोपण पश्‍चात आगामी तीन वर्षों तक लगातार गणना कराई जाती है तथा उसके पश्‍चात छठवें एवं आठवें वर्ष में गणना कराई जाती है। इन वृक्षारोपण क्षेत्रों के पौधों के अंतिम गणना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मंडल के वन क्षेत्रों का निरीक्षण किया जाता है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''जी'' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) के संदर्भ में वन परिक्षेत्र उत्‍तर लटेरी के कंपार्टमेंट क्रमांक 358, 360, 361, 362 में लगाये गये पौधों को उखाड़कर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया था जिसमें से कक्ष क्रमांक 360, 361 एवं 362 में कुछ अतिक्रमणकारियों को हटाया गया। कक्ष क्रमांक 358 में भी अतिक्रमण को विफल किया गया है। प्रकरण में सं‍बंधित सहायक परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा अन्‍वेषण किया गया तथा नियमानुसार कार्यवाही की गई/प्रचलित है। गत 3 वर्षों में वनभूमि में अतिक्रमण कर खेती करने की 11 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं, उक्‍त प्रकरणों में की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सहायक पशु चिकित्‍सा क्षेत्र अधिकारियों को वेतनमान का लाभ 

[पशुपालन]

158. ( क्र. 4320 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 30 वर्षों का सेवाकाल पूर्ण कर लेने पर सहायक पशु चिकित्‍सा क्षेत्र अधिकारियों को प्रवर वेतनमान पाने की पात्रता है? यदि हाँ तो किन-किन जिले के ऐसे पात्र अधिकारियों को उक्‍त लाभ किस-किस आदेश क्रमांक-दिनांक से प्रदान किया जा चुका है? (ख) जिला शहडोल के किन-किन सहायक पशु चिकित्‍सा क्षेत्र के अधिकारियों को उक्‍त प्रवर वेतनमान का लाभ प्रदान करने का प्रस्‍ताव कब से संचालनालय पशुपालन में लंबित है तथा लाभ प्रदान नहीं करने का क्‍या कारण है तथा इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेवार है? (ग) प्रश्नांश (ख) पात्र सहायक पशु चिकित्‍सा अधिकारियों को उक्‍त लाभ कब तक में प्रदान कर दिया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं। 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर सहायक पशु चिकित्‍सा क्षेत्र अधिकारी को तृतीय क्रमोन्‍नति वेतनमान की पात्रता है। संचालनालय के आदेश क्रमांक 16 दिनांक 1.1.2019 द्वारा भोपाल, छिंदवाडा, हरदा, ग्‍वालियर, आगरमालवा, इन्‍दौर, जबलपुर, खरगोन, दतिया, सीहोर जिले के 109 पात्र सहायक पशु चिकित्‍सा क्षेत्र अधिकारियों एवं आदेश क्रमांक 2879 दिनांक 6.3.2019 द्वारा छिंदवाडा, दतिया, हरदा, बड़वानी, सीहोर, सागर, टीकमगढ़, रीवा, उमरिया, नरसिंहपुर, भोपाल, झाबुआ, मुरैना सिवनी, इन्‍दौर, उज्‍जैन, बालाघाट, डिंडौरी, ग्‍वालियर, मंदसौर, जबलपुर, सीधी, बैतूल जिले के पात्र 322 इस प्रकार कुल 431 सहायक पशु चिकित्‍सा क्षेत्र अधिकारियों को तृतीय क्रमोन्‍नति वेतनमान स्‍वीकृत किया जा चुका है। (ख) जिला शहडोल के लंबित प्रस्‍ताव संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जिला शहडोल से प्राप्‍त प्रस्‍ताव में कमी होने के कारण उक्‍त जिले के सहायक पशु चिकित्‍सा क्षेत्र अधिकारियों को तृतीय क्रमोन्‍नति वेतनमान स्‍वीकृत नहीं किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

फर्जी नामांतरण निरस्‍त कर दोषीजनों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

159. ( क्र. 4321 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनूपपुर जिला अन्‍तर्गत नगर परिषद् जैतहरी के वार्ड क्र. 3 में स्थित खसरा नं. 337/1 ख पर निर्मित दुकान व भवन तथा खाली भूमि का नामान्‍तरण वर्ष 2010 में किया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि व भवन की सब-रजिस्‍ट्रार के कार्यालय में किस दिनांक को रजिस्‍ट्री निष्‍पादित हुई? नामान्‍तरण आवेदन में संलग्‍न रजिस्‍ट्री की वैधता की जाँच सक्षम अधिकारी या कलेक्‍टर से कराते हुये वैधता की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्‍या नगरीय क्षेत्र की भूमि व भवन की विधिवत विक्रय पंजीयन बगैर ही शासकीय स्‍टाम्‍प ड्यूटी की चोरी करते हुये वास्‍तविक भूमि स्‍वामी से छल व जालसाजी कर फर्जी भूमि स्‍वामी से 50/- रूपये की स्‍टाम्‍प पेपर पर अवैध विक्रय इकरारनामा के आधार पर भूमि स्‍वामी बनने की साजिश रची गई है तथा भूमि का नामान्‍तरण का आवेदन व कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो दोषीजनों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराकर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या वर्तमान राजस्‍व प्रभारी ने अपने सगे भाई के हित में फर्जी नामान्‍तरण कार्यवाही की है? (घ) राजस्‍व उप निरीक्षक का नाम, पिता का नाम भूमि नामान्‍तरण आवेदक का नाम, पिता का नाम की जानकारी देते हुये बताएं कि म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग में उक्‍त भूमि का भूमि स्‍वामी कौन है तथा नामान्‍तरण आवेदन व आदेश दिनांक को राजस्‍व अभिलेख में दर्ज भूमि स्‍वामी का नाम, पिता का नाम, पता तथा वर्ष 1958-59 के अभिलेख अनुसार भूमि स्‍वामी का नाम, जाति तथा किस वर्ग का है? क्‍या जालसाजी पूर्व आदिवासी की भूमि हड़प कर वर्तमान आवेदक ने अपराध किया है? यदि हाँ, तो कलेक्‍टर अनूपपुर आदिवासी की भूमि को हकदार न होने की‍ स्थिति में म.प्र. शासन दर्ज करायेंगे? (ड.) क्‍या शासन इस प्रमाणित जालसाजी व सम्‍पूर्ण प्रक्रिया में आवेदक, तत्‍कालीन सी.एम.ओ. व राजस्‍व प्रभारी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेगा तथा विभागीय कार्यवाही की जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। अनूपपुर जिला अंतर्गत नगर परिषद् जैतहरी के वार्ड क्र.3 में स्थित खसरा क्रमांक 337/1 ख पर निर्मित दुकान व भवन तथा खाली भूमि का नामान्तरण वर्ष 2010 में किया गया है। उक्त भूमि व भवन की सब रजिस्ट्रार के कार्यालय से कोई रजिस्ट्री निष्पादित नहीं की गई है। कार्यालय कलेक्टर अनूपपुर के पत्र क्रमांक विस/2019/368 दिनांक 17/07/2019 के द्वारा उक्त प्रकरण के जाँच हेतु कमेटी गठित की गई। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण की जाँच हेतु जाँच कमेटी का जाँच प्रतिवेदन आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। (घ) नगर परिषद् जैतहरी जिला अनूपपुर में पदस्थ राजस्व उप निरीक्षक का नाम श्री दीनबंधु सोनी तथा पिता का नाम स्व.                श्री गोपीलाल सोनी है। म.प्र. शासन राजस्व विभाग में उक्त भूमि का भू-स्वामी श्री विष्णु जैन पिता धनराज जैन है। नामांतरण आवेदन व आदेश दिनांक को राजस्व अभिलेख में दर्ज भू-स्वामी श्री विष्णु जैन पिता धनराज जैन है। नामांतरण आवेदन व आदेश दिनांक को दर्ज भू-स्वामी का नाम श्री विष्णु जैन पिता धनराज जैन है। वर्ष 1958-59 के अभिलेख अनुसार भूमि स्वामी का नाम बैठोली पिता ठेडकू बैगा, जाति बैगा, वर्ग अ.ज.जा. है। प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। कमेटी का जाँच प्रतिवेदन आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

पशु चिकित्‍सा दवाएं, उपकरण एवं अन्‍य सामग्री का क्रय

[पशुपालन]

160. ( क्र. 4331 ) श्री सुनील सराफ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और बालाघाट जिले में दिनांक 01.01.2016 से 31.05.2019 तक किन-किन फर्मों से पशु चिकित्‍सा दवाईयां, उपकरण व अन्‍य सामग्री क्रय की गई हैं? जिलावार, वर्षवार एवं फर्मवार भुगतान राशि का विवरण देवें। (ख) उक्‍त अवधि में, उक्‍त जिलों में कितने वाहन किराये पर लिये गये? उनके नम्‍बर, वाहन स्‍वामी का नाम, उनको भुगतान की गई राशि, भुगतान दिनांक, लम्बित राशि, वाहनवार-वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अनुबंध के लिये निकाली गई विज्ञापनों की छायाप्रति भी देवें। इन वाहनों का अधिकारियों द्वारा एम्‍बुलेंस अन्‍य कार्यों में जो उपयोग किया गया, उसकी जानकारी वाहनवार देवें।

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार।

पशु चिकित्‍सा दवाओं, उपकरणों, वाहनों एवं अन्‍य सामग्री का क्रय

[पशुपालन]

161. ( क्र. 4332 ) श्री सुनील सराफ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) अलीराजपुर, झाबुआ और खण्‍डवा जिले में दिनांक 01.01.2016 से 31.05.2019 त‍क किन-किन फर्मों से पशु चिकित्‍सा दवाईयां, उपकरण व अन्‍य सामग्री क्रय की गई हैं? जिलावार, वर्षवार, फर्मवार भुगतान राशि का विवरण देवें। (ख) उक्‍त अवधि में, उक्‍त जिलों में कितने वाहन किराये पर लिये गये? उनके नम्‍बर, वाहन स्‍वामी का नाम, उनको भुगतान की गई राशि, भुगतान दिनांक, लम्बित राशि, वाहनवार-वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अनुबंध के लिये निकाली गई विज्ञापनों की छायाप्रति भी देवें। इन वाहनों का अधिकारियों द्वारा एम्‍बुलेंस अन्‍य कार्यों में जो उपयोग किया गया, उसकी जानकारी वाहनवार देवें।

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार।

पशु चिकित्‍सा दवाएं, उपकरण एवं वाहन का क्रय

[पशुपालन]

162. ( क्र. 4335 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन, रतलाम और मंदसौर जिले में दिनांक 01.01.2016 से 31.05.2019 त‍क किन-किन फर्मों से पशु चिकित्‍सा दवाईयां, उपकरण व अन्‍य सामग्री क्रय की गई हैं? जिलावार, वर्षवार, फर्मवार भुगतान राशि का विवरण देवें। (ख) उक्‍त अवधि में, उक्‍त जिलों में कितने वाहन किराये पर लिये गये? उनके नम्‍बर, वाहन स्‍वामी का नाम, उनको भुगतान की गई राशि, भुगतान दिनांक, लम्बित राशि, वाहनवार, जिलावार-वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अनुबंध के लिये निकाली गई विज्ञाप्तियों की छायाप्रति भी देवें। इन वाहनों का अधिकारियों द्वारा एम्‍बुलेंस अन्‍य कार्यों में जो उपयोग किया गया, उसकी जानकारी वाहनवार देवें।

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार।

राशि वसूली के संबंध में

[खनिज साधन]

163. ( क्र. 4336 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड के संबंध में म.प्र. हाईकोर्ट के आदेश क्रमांक डब्‍ल्‍यू.पी. 3056/17, दिनांक 17.07.2018 के बिन्‍दु क्रमांक 22 में वर्णित रूपये               6, 05, 85, 120/- राशि वसूल क्‍यों नहीं की जा सकी? (ख) इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही होगी? (ग) वह राशि कब तक वसूली जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रकरण में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा निर्णय नहीं हुआ है। वूसली हेतु समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

स्‍मार्ट सिटी हेतु स्‍वीकृत परियोजनाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

164. ( क्र. 4339 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में स्‍मार्ट सिटी हेतु कितनी परियोजनाएं स्‍वीकृत की गयी हैं? नाम सहित बतायें और इन परियोजनाओं हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गयी है तथा इनमें केंद्र एवं राज्‍य सरकार का कितना-कितना अंश है? (ख) उपरोक्‍त परियोजनाओं हेतु कितनी-कितनी राशि 30 जून 2019 तक प्राप्‍त हो चुकी है एवं कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं?            (ग) क्‍या कुछ स्‍मार्ट सिटी परियोजनाओं में कार्य स्‍वीकृत लागत से अधिक राशि के कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने कार्य हैं? विवरण दें तथा यह भी बतायें कि यह अतिरिक्‍त राशि केंद्र सरकार देगी अथवा राज्‍य सरकार?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत इन्दौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर एवं सतना का चयन किया गया है। स्मार्ट सिटी अंतर्गत शहरवार स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मिशन गाइड-लाइन अनुसार केन्द्रांश राशि रूपये 100 करोड़ तथा समानुपातिक राज्यांश राशि रूपये 100 करोड़ प्रत्येक स्मार्ट सिटी को प्रतिवर्ष का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार कुल पाँच वर्षों में राशि रूपये 1000 करोड़ (केन्द्र सरकार द्वारा राशि रूपये 500 करोड़ एवं राज्य सरकार द्वारा राशि रूपये 500 करोड़ का अंश) के अनुदान का प्रावधान प्रत्येक स्मार्ट सिटी हेतु किया गया है। (ख) स्मार्ट सिटी परियोजनाओं हेतु प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं पूर्ण परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है

नगर पालिका परिषद् मकरोनिया का गठन

[नगरीय विकास एवं आवास]

165. ( क्र. 4349 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय नगर पालिका परिषद् मकरोनिया का गठन कब किया गया था? तथा गठन उपरांत विभाग द्वारा कौन-कौन से पद/भवन एवं अन्‍य गठन हेतु अन्‍य आवश्‍यक सुविधा उपलब्‍ध कराई गई थीं? (ख) नगर पालिका गठन से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में पदों की पूर्ति/भवन/अन्‍य सुविधाओं के संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में कितनी राशि विभिन्‍न मदों से प्राप्‍त है? स्‍वीकृत पद के अभाव में अव्‍यवस्थित भवन में ही नगर पालिका संचालित हो रही हैं? इसके लिये विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जायेगी? यदि विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है तो क्‍यों? इसका क्‍या आशय है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया का गठन दि. 15 दिसबर, 2014 को किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। पदों की आदर्श कार्मिक संरचना के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। नगर पालिका गठन उपरांत निकाय का कार्यालय तत्कालीन ग्राम पंचायत भवन मकरोनिया में संचालित किया जा रहा है। (ख) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में पदों की पूर्ति संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है एवं नगर पालिका कार्यालय तत्कालीन ग्राम पंचायत मकरोनिया द्वारा निर्मित मंगल भवन में संचालित किया जा रहा है तथा नवीन कार्यालय भवन निर्माण हेतु भूमि प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष उत्तरांश (क) एव (ख) अनुसार है।

मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना के संबंध में

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

166. ( क्र. 4350 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसंबर 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना के तहत कितने विवाह आयोजित किये गये? सागर संभाग अन्‍तर्गत जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या कन्‍यादान योजना के तहत प्रश्नांश (क) आयोजित सभी कन्‍याओं के बैंक खातों में यह राशि शासन द्वारा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो जिलेवार जानकारी देवें। (ग) कन्‍यादान योजना की राशि सागर संभाग के किन-किन जिलों में कितनी-कितनी शेष रह गई है तथा क्‍यों? यह राशि कन्‍याओं के बैंक खातों में कब तक भेजी जायेगी? (घ) वर्ष दिसंबर 2017 में माह अगस्‍त 2018 तक कितने विवाह संपन्‍न हुये थे? यदि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की संख्‍या अत्‍याधिक कम है तो क्‍यों?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार आयोजित सम्‍पन्‍न विवाह में 6025 में से 2222 कन्‍याओं को नियमानुसार भुगतान किया गया है, शेष 3803 कन्‍याओं के भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष जानकारी उत्‍तरांश (ख) अनुसार है।           (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। सागर संभाग अन्‍तर्गत वर्ष दिसम्‍बर 2017 में माह अगस्‍त 2018 तक 6110 विवाह सम्‍पन्‍न किये गये थे एवं सितम्‍बर 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक 5754 विवाह सम्‍पन्‍न किये गये। प्रदेश में लोक सभा चुनाव 2019 की आदर्श आचार संहिता लागू होने से शासन द्वारा 10 मार्च 2019 से 23 मई 2019 तक निर्धारित की गई तिथियों पर विवाह सम्‍पन्‍न नहीं हो पाये।

 

 


 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


गरीब कन्याओं के विवाह हेतु सहायता राशि का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

1. ( क्र. 51 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान आचार संहिता लागू होने पर गरीब कन्याओं के हुये विवाह हेतु सहायता राशि रू. 51 हजार नहीं दी गई है? (ख) क्या उक्त अवधि में म.प्र. शासन द्वारा सामूहिक कन्या विवाह नहीं कराये गये एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा सामूहिक विवाह कराये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या आचार संहिता समाप्त हो जाने पर विधान सभा क्षेत्र पनागर एवं प्रदेश की गरीब कन्याओं को विवाह उपरांत विवाह सहायता राशि दी जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो क्या तत्संबंधी आदेश संबंधित अधिकारियों को दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) लोक सभा चुनाव वर्ष 2019 में दिनांक                10-03-2019 से 23-05-2019 आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण प्रस्‍ताव अनुमति हेतु मुख्‍य निर्वाचन पदाधिकारी मध्‍यप्रदेश को प्रेषित किया गया था। प्रस्‍ताव पर चुनाव आयोग द्वारा लेवल प्‍लेइंग फिल्‍ड डिस्‍टर्ब होने की संभावना बताते हुए प्रस्‍ताव विभाग को लौटाया गया था। निर्वाचन आयोग से आयोग द्वारा आचार संहिता के दौरान मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह के आयोजन की अनुमति न मिलने के कारण प्रदेश मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह अन्‍तर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं कराया गया। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।

मंगल भवन का निर्माण

[अनुसूचित जाति कल्याण]

2. ( क्र. 95 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में रूपये 50 लाख की लागत से ग्राम सूखा विकासखण्ड पनागर में मंगल भवन स्वीकृत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या 3 वर्ष बाद भी अब तक भवन पूर्ण नहीं हुआ है (ग) यदि हाँ, तो कारण बतायें? (घ) क्या भवन का शेष कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी नहीं, अपितु वर्ष 2013-14 में विकासखण्‍ड पनागर हेतु राशि रू. 41.80 लाख से डॉ. अम्‍बेडकर सामुदायिक भवन की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) जमीन विलम्‍ब से मिलने के कारण। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

विवाह हेतु सहायता राशि का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

3. ( क्र. 96 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान आचार संहिता लागू होने पर गरीब कन्याओं के हुये विवाह हेतु सहायता राशि रू. 51 हजार नहीं दी गई है? (ख) क्या उक्त अवधि में म.प्र. शासन द्वारा सामूहिक कन्या विवाह नहीं कराये गये एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा सामूहिक विवाह कराये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या आचार संहिता सामाप्त हो जाने पर विधान सभा क्षेत्र पनागर एवं प्रदेश की गरीब कन्याओं को विवाह उपरांत विवाह सहायता राशि दी जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो क्या तत्संबंधी आदेश संबंधित अधिकारियों को दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) लोकसभा निर्वाचन 2019 से आचार संहिता प्रभावशील थी। आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण दिनांक 27-02-2019 को नगर पालिका जबलपुर में मुख्यमंत्री कन्‍या विवाह योजना अंतर्गत 412 कन्‍याओं के सामूहिक विवाह सम्‍पन्‍न कराये गये थे किन्‍तु कन्‍याओं के बैंक खाते एवं अन्‍य अभिलेख दिनांक 10-03-2019 के पूर्व हितग्राहियों द्वारा नहीं दिये जाने के कारण राशि का भुगतान नहीं किया गया था किन्‍तु आदर्श आचार संहिता 23 मई को समाप्‍त होने के उपरांत माह मई में समस्‍त 412 कन्‍याओं के खातों में राशि का भुगतान ई-पेमेंट के माध्‍यम कर दिया गया है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधान सभा क्षेत्र जनपद पंचायत पनागर के अंतर्गत आने वाली ग्रामीण एवं शहरी निकायों में वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में माह अप्रैल 2018 से दिसम्‍बर 2018 के मध्‍य जनपद पंचायत पनागर द्वारा दिनांक 15-6-2018 में आयोजित किये गये। मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह सामूहिक कार्यक्रम में 07 कन्‍याओं के विवाह सम्‍पन्‍न कराये गये थे जिन्‍हें राशि का भुगतान पूर्व में किया जा चुका है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लंबित प्रकरणों में राशि का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

4. ( क्र. 402 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2017 से जून 2019 तक की अवधि में रायसेन जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष तक की आयु के कितने सदस्‍यों की मृत्‍यु हुई? उनमें से किन-किन को राष्‍ट्रीय परिवार सहायता एवं जनश्री बीमा योजना के अंतर्गत राशि प्राप्‍त हुई?                  (ख) किन-किन को राशि प्राप्‍त नहीं हुई एवं क्‍यों? हितग्राहीवार योजनावार कारण बतायें? (ग) जून 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में राष्‍ट्रीय परिवार सहायता योजना तथा जनश्री बीमा योजना के अंतर्गत किन-किन के प्रकरण किस स्‍तर पर कब से क्‍यों लंबित है? (घ) उक्‍त प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) 1 जनवरी 2017 से जून 2019 की अवधि में रायसेन जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 तक की आयु के कुल 1170 सदस्‍यों की मृत्‍यु हुई है। इनमें से 1149 सदस्‍यों को राष्‍ट्रीय परिवार सहायता का लाभ दिया गया तथा 21 सदस्‍यों को योजना की पात्रता न होने से (घर का मुखिया एवं कमाउ सदस्‍य न होने तथा आयु कम होने से) निरस्‍त किये गये है। राष्‍ट्रीय परिवार सहायता योजना के 1149 पात्र सदस्‍यों में से 107 सदस्‍यों को जनश्री बीमा योजना के अन्‍तर्गत राशि प्रदाय की गई विस्‍तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हितग्राहीवार, योजनावार कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जून 2019 की स्थिति में राष्‍ट्रीय परिवार सहायता योजना एवं जनश्री बीमा योजना के अन्‍तर्गत कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) शेष प्रश्‍न उप‍स्थित नहीं होता।

घुमक्‍कड़ जातियों के कल्‍याण की योजनायें

[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]

5. ( क्र. 403 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्‍त, घुमक्‍कड़, अर्द्ध घुमक्‍कड़ जातियों के आवास भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) रायसेन जिले में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में लोहापीटा समाज के कितने परिवार कहाँ-कहाँ पर कब से निवासरत है उनको क्‍या-क्‍या सुविधायें उपलब्‍ध करवाई जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास, भूमि का पट्टा, उज्‍जवला योजना में गैस कनेक्‍शन अभी तक क्‍यों नहीं दिये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) की सुविधायें उनको कब तक दी जायेगी?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जातियों के आवास भूमि आवंटन के संबंध में विभाग ने कोई निर्देश जारी नहीं किये हैं। अत: प्रति देने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार                           (ग) विशेष रूप से विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ जातियों हेतु आवास पट्टे वितरण संबंधी विभाग द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रतानुसार विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जातियों को लाभ दिया जा रहा है, प्रधानमंत्री आवास सर्वे सूची 2011 में नाम शामिल नहीं होने पर ''छूटे हुये परिवार'' में सम्मिलित किया गया है। सभी पात्र हितग्राहियों को आवेदन पत्र के आधार पर उज्‍जवला योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनातंर्गत पोर्टल चालू है। पात्र हितग्राही योजना का लाभ आवेदन कर निरंतर प्राप्‍त कर रहे हैं। (घ) क्रम आने पर पात्रतानुसार निरंतर लाभ दिया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''बयालीस''

विकास कार्यों की स्‍वीकृति 

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 777 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र के सभी 18 वार्डों में नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा माह अप्रैल 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने रोड, नाली एवं अन्‍य विकास कार्य स्‍वीकृत किये गये? वार्डवार कार्यों के नाम सहित जानकारी दी जाए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित विकास कार्यों को स्‍वीकृत करने की तिथि एवं विकास कार्य प्रारंभ करने की तिथि विकास कार्य पूर्ण करने की क्‍या समय-सीमा निश्चित की गई थी? वार्डवार नाम सहित विवरण दिया जाए? (ग) क्‍या नगर पालिक निगम द्वारा ठेकेदारों का भुगतान नहीं किये जाने के कारण रोड डामरीकरण सहित अन्‍य विकास कार्य अवरूद्ध हुये हैं? अवरूद्ध हुये विकास कार्यों का नाम सहित वार्डवार विवरण दिया जाए?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) गोविन्‍दपुरा क्षेत्र के सभी 18 वार्डों में नगर पालिक निगम, भोपाल की यांत्रिकी शाखा द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''', जलकार्य शाखा के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''', विदयुत शाखा के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं सीवेज प्रकोष्‍ठ के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं नगर यंत्री प्रोजेक्‍ट/एस.बी.एम. द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के                              प्रपत्र-''ड़'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गोविन्‍दपुरा में नवीन मार्गों के संबंध में 

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( क्र. 778 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र में राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा वर्ष माह अप्रैल 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन मार्ग स्‍वीकृत किये गये हैं? मार्गों के निर्माण की स्‍वीकृति कार्य प्रारंभ करने का दिनांक एवं कार्य पूर्ण करने का दिनांक राशि सहित बताया जाए? (ख) राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र के किन-किन मास्‍टर प्‍लान की सड़कों का निर्माण इस वित्‍तीय वर्ष में प्रस्‍तावित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित मार्गों को कब तक स्‍वीकृत कर दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) इस वित्तीय वर्ष में कोई मास्टर प्लान सड़क का निर्माण प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

सिहोरा मास्‍टर प्‍लान के संबंध में 

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( क्र. 937 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका सिहोरा की दिनों दिन बढ़ती आबादी की मूलभूत सुविधाओं एवं नगर के विकास को दृष्टिगत रखते हुये मास्‍टर प्‍लान का क्‍या स्‍वरूप तैयार किया गया है इसकी प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) प्रस्‍तावित मास्‍टर प्‍लान को चरणबद्ध तरीके से कब तक लागू कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। सिहोरा विकास योजना 2011 तैयार की गई है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिहोरा विकास योजना 2011 मध्‍यप्रदेश शासन, आवास एवं पर्यावरण विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ-58-2004-32 दिनांक 13/01/2005 के द्वारा अनुमोदित होकर सूचना के राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 28/01/2005 से प्रभावशील है।

दैनिक एवं मासिक मस्‍टर पर कार्यरत कर्मचारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 1097 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अन्तर्गत नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक एवं मासिक मस्टर के कर्मचारियों को नियमित किये जाने हेतु शासन द्वारा विभाग को क्या आदेश-निर्देश प्राप्त हैं?               (ख) जिला होशंगाबाद अन्तर्गत नगरीय निकायों में दैनिक एवं मासिक मस्टर पर कार्यरत कितने कर्मचारियों को वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक नियमित किया गया है? निकायवार कर्मचारियों की सूची व आदेश की प्रति प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के निकायों में नियमितीकरण हेतु शेष रहे दैनिक एवं मासिक मस्टर पर कार्यरत कर्मचारियों की निकायवार सूची प्रदान की जावे एवं इन्हें कब तक शासन द्वारा नियमित किये जाने की योजना हैं? (घ) क्या वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को पारिश्रमिक का भुगतान वर्तमान कलेक्टर दर पर किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इस दर में इस वर्ष वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) दैनिक वेतन भोगी अस्‍थाई कर्मचारियों को नियमितीकरण किये जाने के संबंध में म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-5-3/2006/1/3 दिनांक 16 मई 2007 द्वारा निर्देश प्राप्‍त हुये थे। (ख) जिला होशंगाबाद अंतर्गत नगर पालिका परिषद इटारसी द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक 36 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित किया गया है। कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं आदेशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                     (ग) नगर पालिका परिषद इटारसी में कर्मचारी नियमितीकरण हेतु शेष नहीं है शेषांश प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जिला कलेक्‍टर होशंगाबाद द्वारा आदेश क्रमांक 6526 दिनांक 31.05.2019 से शासकीय दैनिक वेतन भोगी/श्रमिकों/कर्मचारियों हेतु दिनांक 01.04.2019 से मासिक एवं दैनिक वेतन की दरें लागू की हैं।

शिक्षा विभाग की मनमानी

[स्कूल शिक्षा]

10. ( क्र. 1160 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या शिक्षा विभाग में कर्मचारियों को अपने बच्चों की देखभाल एवं उचित शिक्षा हेतु चाईल्ड केयर लिव का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या इस योजना के तहत दत्तक पुत्र अथवा पुत्री होने पर अवकाश की पात्रता आती है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या खण्डवा जिले के छैगाँवमाखन विकासखण्ड में एक महिला कर्मचारी का आवेदन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा दत्तक पुत्री पर चाईल्ड केयर लिव की पात्रता नहीं होने का उल्लेख कर अवकाश निरस्त किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पर शासन के नियमों की अवहेलना करने पर निलंबन/अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या यह सही है कि शीतल शर्मा सहा. वर्ग 3 के अवकाश प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बावजूद विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी छैगाँवमाखन द्वारा कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया एवं न ही उक्त अवधि‍ का वेतन भुगतान आज दिनांक तक किया गया? (ड.) यदि हाँ, तो विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी छैगाँवमाखन एवं लेखापाल ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश की खुली अवहेलना की है, तो क्या उनके विरूद्ध निलंबन एवं विभागीय जाँच की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। इस योजना के तहत दत्‍तक पुत्र अथवा पुत्री को अवकाश की पात्रता आती है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला खण्‍डवा से किसी प्रकार के आदेश तथा निर्देश नहीं भेजे गये हैं अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (घ) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना से निर्माण कार्य 

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( क्र. 1362 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर परिषद नौरोजाबाद को मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना योजना के 3,00,00,000/-रू. (तीन करोड़ रूपये) स्‍वीकृत किए गये थे? (ख) क्‍या उक्‍त योजना से बार-बार टेण्‍डर आमंत्रित किए गये थे? यदि हाँ, तो बार-बार टेण्‍डर आमंत्रित किए जाने का क्‍या कारण हैं? (ग) उक्‍त योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत राशि से निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रथम निविदा आमंत्रण में प्राप्‍त निविदा दर, विभागीय मानक दर सूची (आई.एस.एस.आर.) 2012 से 3.98% अधिक, प्रचलित दरों के अनुरूप नहीं होने से, राज्‍य स्‍तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 12/02/2019 द्वारा पुन: निविदा आमंत्रित किये जाने की अनुशंसा की गई। द्वि‍तीय निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 304 दिनांक 07.06.2019 उपरान्‍त न्‍यूनतम निविदा दर, विभागीय मानक दर सूची (आइ.एस.एस.आर.) 2012 से 9.11% कम प्राप्‍त हुई है। जिस पर आगामी राज्‍य स्‍तरीय तकनीकी समिति द्वारा निर्णय लिया जा सकेगा। (ग) राज्‍य स्‍तरीय तकनीकी समिति से दर की अनुशंसा की स्‍वीकृति की जाकर, अध्‍यक्षीय परिषद द्वारा दरों का अनुमोदन उपरांत, सक्षम प्राधिकारी द्वारा वित्‍तीय अनुमोदन दिया जाना प्रावधानित है। वित्‍तीय अनुमोदन उपरान्‍त अनुबंध-कार्यादेश की कार्यवाही सम्‍पन्‍न करते हुए, कार्य प्रारंभ करवाया जा सकेगा। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

संस्था को दी गई अनुदान की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

12. ( क्र. 1398 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग द्वारा प्रकाश कल्याण एवं शिक्षा समिति रीवा एवं भोपाल को वर्षवार दी गई अनुदान राशि की अद्यतन जानकारी, देयकों के विवरण सहित दें।                   (ख) उक्त राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र दें। (ग) संस्था द्वारा जमा एफ.डी. की जानकारी दें।

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा संस्‍था प्रकाश कल्‍याण एवं शिक्षा समिति, रीवा एवं भोपाल को अनुदान नहीं दिया जाता है तथा आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा कोई अनुदान राशि प्रदाय नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कुष्‍ठ रोगियों को दी जाने वाली पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

13. ( क्र. 1600 ) श्री संजय शुक्ला : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय संचालनालय के पत्र क्रमांक/निक/6/2010/1116 दिनांक 15 जून 2010 द्वारा दिव्यांगों के क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षक प्रशिक्षकों को भारतीय पुनर्वास परिषद से पंजीकृत होने की अनिवार्यता की गई? (ख) यदि हाँ, तो इंदौर जिले में विभाग द्वारा पत्र जारी होने के बाद                    किस-किस संस्था में कब-कब शिक्षक प्रशिक्षक की भर्ती की गई? क्या उन भर्तियों में R.C.I. की अनिवार्यता देखी गई? यदि नहीं देखी गई तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रदेश में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के तहत हितग्राहियों को बैंक के माध्यम से अनुदान/पेंशन/भरण पोषण की राशि दी जाती है? यदि हाँ, तो कुष्ठ सेवा संस्था इंदौर को कुष्ठ रोगियों को दी जाने वाली राशि बैंकों से क्यों नहीं दी जा रही है? क्या विभाग द्वारा पात्रता अनुसार दी जाने वाली राशि का सत्यापन हितग्राहियों से किया गया?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) पत्र दिनांक 15.06.2010 जारी होने के पश्‍चात् जिला इंदौर में स्‍वैच्छिक संस्‍थाओं में तथा शासकीय संस्‍थाओं में शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों की भर्ती की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। स्‍वैच्छिक संस्‍थाओं में भर्तियों में आर.सी.आई. की अनिवार्यता देखी गई है तथा शासकीय संस्‍थाओं में पदों की पूर्ति तत्‍समय प्रचलित भर्ती नियम के अनुसार की गई है। (ग) विभिन्‍न प्रकार के पेंशन योजनाओं की राशि राज्‍य से सीधे हितग्रा‍हियों के बैंक/पोस्‍ट ऑफिस खाते में दी जाती है। कुष्‍ठ सेवा संस्‍थान इंदौर को विभागीय जिला अधिकारी द्वारा कोषालय के माध्‍यम से पात्रतानुसार राशि बैंक खाते में उपलब्‍ध कराई जाती है। संस्‍था निरीक्षण के दौरान समय-समय पर सत्‍यापन किया जाता है एवं चार्टेड अकाउन्‍टेंट से प्रतिवर्ष अंकेक्षण कराया जाता है।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

रेत, पत्थर, मुरम खनिज का उत्खनन

[खनिज साधन]

14. ( क्र. 1646 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में प्रश्न दिनांक की स्थिति में रेत, पत्थर, मुरम खनिज की कितनी खदानें शासन द्वारा स्वीकृत है? इनमें से कितनी खदानें नीलामी में दी गई हैं और कितनी शेष है?                                    (ख) क्या शासन द्वारा खनिज खदानों के अस्थायी परमिट भी जारी किये जाते हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से कितने लोगों को खनिज उत्खनन के परमिट जारी किये गये हैं और शासन को उनसे प्रश्‍न दिनांक तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में शासन द्वारा किस-किस पर अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक बनाये गये और उन पर क्या कार्यवाही की गई, कितना राजस्व और जुर्माना प्राप्त हुआ?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) ज्‍जैन संभाग में प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत पत्‍थर, मुरम, रेत खनिज की खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                         प्रपत्र-अ पर है। रेत खनिज की खदानें रेत नियम 2018 के तहत ग्राम पंचायतों को आवंटित किये जाने का प्रावधान है। पत्‍थर, मुरम की खदानें जो कि नीलाम नहीं की जा सकी है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर - 5 पर है। (ख) जी हाँ। उज्‍जैन संभाग में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत उत्‍खनन अनुज्ञा एवं उनसे प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में दिनांक 01.04.2018 से दर्ज अवैध उत्‍खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। 

सोन चिरैया अभयारण्‍य का क्षेत्रफल

[वन]

15. ( क्र. 1684 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र ग्‍वालियर एवं अन्‍य विधान सभा के अंतर्गत सोन चिरैया अभयारण्य स्‍थापित है? इसमें कुल कितने ग्राम आते है तथा क्षेत्रफल कितना है? (ख) सोन चिरैया अभयारण्‍य में कुछ क्षेत्र को कम करने अथवा अभयारण्‍य को समाप्‍त करने का विभाग/शासन के पास कोई प्रस्‍ताव है? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या प्रस्‍ताव है? (ग) क्‍या ग्‍वालियर विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 14 के भी कुछ ग्रामों को अभयारण्य से बाहर किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्रामों को एवं आज दिनांक तक डी.एफ.ओ. स्‍तर से लेकर शासन तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या ग्‍वालियर नगर पालिका निगम के वार्ड 65 को भी अभयारण्य में सम्मिलित किया है एवं क्‍या अभयारण्य में कुछ उद्योग भी स्‍थापित है? क्‍या शासन तत्‍काल इनका डी-नोटिफिकेशन करके अभयारण्‍य से बाहर करेगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) ग्‍वालियर जिले के अन्‍तर्गत सोन चिड़िया अभयारण्‍य स्‍थापित है, जिसमें मजरे/टोले सहित कुल 55 ग्राम है, इस अभयारण्‍य का कुल क्षेत्रफल 510.65 वर्ग कि.मी. है। (ख) सोन चिड़िया अ‍भयारण्‍य की सीमा परिवर्तन के तहत सीमा पर स्थित 23 राजस्‍व ग्रामों के 111.73 वर्ग कि.मी. राजस्‍व भूमि को डी-नोटिफाई कर अभयारण्‍य से बाहर किये जाने का प्रस्‍ताव है। (ग) ग्‍वालियर विधान सभा क्षेत्र क्रमांक-14 के 11 ग्रामों तिघरा, सुजवाया, मालीपुरा, ओड़पुरा, रामपुरा, बिठौली, महाराजपुरा, गिरवाई, चक गिरवाई, सौजना तथा बरा को सोन चिड़िया अभयारण्‍य से बाहर किया जाना प्रस्‍तावित है। सोन चिड़िया अभयारण्‍य घाटीगांव के 111.73 वर्ग किलोमीटर आंशिक क्षेत्र के डी-नोटिफिकेशन का प्रस्‍ताव वनमण्‍डल अधिकारी, ग्‍वालियर सामान्‍य वनमण्‍डल से प्राप्‍त होने के पश्‍चात् विभिन्‍न स्‍तरों पर कार्यवाही करते हुए मध्‍यप्रदेश राज्‍य वन्‍यप्राणी बोर्ड की 11वीं बैठक दिनांक 08.07.2014 में अनुशंसा उपरांत राष्‍ट्रीय वन्‍यप्राणी बोर्ड की स्‍टेंडिंग कमेटी की अनुशंसा हेतु प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (वन्‍यप्राणी) मध्‍यप्रदेश के पत्र दिनांक 26.04.2019 से भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। (घ) ग्‍वालियर नगर पालिका निगम का वार्ड क्रमांक 65 का आंशिक भाग सोन चिड़िया अभयारण्‍य में सम्मिलित है। सोन चिड़िया अभयारण्‍य की सीमा में ग्राम गिरवाई के आंशिक भाग के राजस्‍व क्षेत्र में उद्योग स्‍थापित है। सोन चिड़िया अभयारण्‍य के आंशिक क्षेत्र 111.73 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के डी-नोटिफिकेशन के प्रस्‍ताव राष्‍ट्रीय वन्‍यप्राणी बोर्ड की स्‍टेंडिंग कमेटी के समक्ष विचाराधीन है। राष्‍ट्रीय वन्‍यप्राणी बोर्ड की स्‍टेंडिंग कमेटी के निर्णय के उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए संचालित योजनाएं

[अनुसूचित जाति कल्याण]

16. ( क्र. 1849 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अ.जा. एवं अ.ज.जा.वर्ग के व्‍यक्तियों, छात्र-छात्राओं के कल्‍याण के लिए राज्‍य सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? पात्रता की शर्तें एवं मापदण्‍ड सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) विदिशा जिले सहित शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 से जून 2019 तक किस-किस योजना/मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई? उक्‍त राशि से कहाँ-कहाँ और क्‍या-क्‍या कार्य स्‍वीकृत किये गये तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ है? सूची उपलब्‍ध करावें। उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' '' एवं '' अनुसार है।

आदिवासी बालिकाओं की शिक्षा की समस्‍याएं

[आदिमजाति कल्याण]

17. ( क्र. 1962 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सेंधवा शहर में एक नई कन्‍या शाला भवन की स्‍वीकृति छात्राओं की संख्‍या को देखते हुए दी जानी चाहिए। यदि हाँ, तो कब तक दी जाएगी? (ख) क्‍या सेंधवा में आदिवासी बालिकाओं हेतु 500 सीटर छात्रावास भवन बनाने की आवश्‍यकता है, यदि हाँ, तो स्‍वीकृति कब तक दी जाएगी? (ग) क्‍या आदिवासी छात्रावास एवं आश्रमों में शौचालय एवं पानी की सुव्‍यवस्थित व्‍यवस्‍था होनी चाहिए? यदि हाँ, तो कब तक होगी? (घ) क्‍या सेंधवा में सामुदायिक आदिवासी भवन क्षतिग्रस्‍त हो चुका है? यदि हाँ तो कब तक सुधार होगा?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। विकासखण्‍ड सेंधवा मुख्‍यालय पर शासकीय कन्‍या उच्‍चतर मा‍ध्‍यमिक विद्यालय सेंधवा में 1047 छात्राएं अध्‍ययनरत हैं। दर्ज संख्‍या के अनुरूप 02 अतिरिक्‍त कक्षों की आवश्‍यकता है। सीमित वित्‍तीय संसाधन के कारण समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ख) 500 सीटर छात्रावास संभागीय मुख्‍यालय/जिला स्‍तर पर खोले जाने की स्‍वीकृति प्राप्‍त है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) बड़वानी जिले अंतर्गत संचालित समस्‍त छात्रावास/आश्रमों में शौचालय एवं पानी की सुव्‍यवस्थित व्‍यवस्‍था है।        (घ) जी हाँ। सुधार कार्यवाही प्रचलन में है।

नगरीय निकाय द्वारा देयक सुविधाओं की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 1989 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकाय विकास के अंतर्गत नगर परिषद, नगर पालिका एवं नगर पालिक निगम के द्वारा किन-किन श्रेणी के हितग्राहियों को जैसे- फुटपाथ विक्रेता, हाथठेला चालक, ऑटो रिक्‍शा, केश कर्तनालय (नाई की दुकान) आदि वर्ग को सुविधाएं देने का प्रावधान है तथा इस हेतु क्‍या नियम-निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिक मुरैना (वर्तमान में नगर निगम), नगर पालिका अम्‍बाह जिला मुरैना को विगत 03 वर्ष अवधि वर्ष 2016 से 2019 तक कितनी राशि शासन से प्राप्‍त हुई व राशि में से (क) में उल्‍लेखित समुदायों को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी देयक राशि, कितने हितग्राही को दी गई? यदि नहीं, दी गई तो इस हेतु कौन-कौन उत्‍तरदायी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजनांतर्गत सभी श्रेणी के पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया जाता है। नियम-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।                            (ख) नगर पालिक निगम मुरैना एवं नगर पालिका अम्बाह में वर्ष 2016 से 2019 तक शासन से प्राप्त राशि, लाभांवित हितग्राहियों की संख्या एवं उन्हें देयक राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

खण्डवा जिले में अवैध खनिज उत्खनन 

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 2109 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेशभर में विभिन्न मदों से स्वीकृत सड़क निर्माण में संबंधित ठेकेदार/कम्पनी द्वारा अवैध गिट्टी क्रेशर का उपयोग एवं पटरी भरने के लिये अवैध रूप से आसपास की जमीन से मूरुम, मिट्टी का अवैध खनन किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो खनिज विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में ऐसे कितने ठेकेदार/कम्पनी के विरूद्ध एफ.आई.आर. अथवा अर्थदण्ड की कार्यवाही की गई? शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ग) खण्डवा जिले में विगत 5 वर्षों में खनिज उत्खनन हेतु कितनी भूमि किस व्यक्ति को आवंटित की गई हैं? वर्षवार स्थानवार जानकारी देवें? (घ) क्या उक्त खदानों के खनन हेतु गहराई एवं क्षेत्रफल संबंधित कोई दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो खदान संचालकों द्वारा क्या उनका कड़ाई से पालन किया जा रहा है? (ड.) क्या उन खदानों के उत्खनन का भौतिक सत्यापन किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कब-कब एवं किसके द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया? (च) विगत 5 वर्षों में अवैध खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण विभाग द्वारा बनाए गये तथा कितनी राशि अर्थदण्ड के रुप में वर्षवार वसूल की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। (ख) खनिज विभाग द्वारा ठेकेदारों/कंपनी के विरूद्ध एफ.आई.आर. अथवा अर्थदण्‍ड की कार्यवाही नहीं की जाती है। अपितु कलेक्‍टर/सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जाती है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ। पालन किया जा रहा है। (ड.) भौतिक सत्‍यापन कराये जाने संबंधी प्रावधान, प्रचलित नियमों में नहीं है। (च) विगत 05 वर्षों में अवैध खनन एवं परिवहन के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

 

शिक्षकों की भर्ती 

[स्कूल शिक्षा]

20. ( क्र. 2119 ) श्री निलय डागा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बैतूल जिले में विगत 3 वर्ष में जिला पंचायत द्वारा शिक्षकों की की गई भर्ती में से कितने शिक्षकों को आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ किया गया था? सूची दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) बैतूल जिले में जिला पंचायत द्वारा विगत 3 वर्ष क्रमश: 2016-17, 2017-18, 2018-19 में शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्माण कार्य में अनियमि‍तताओं की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( क्र. 2149 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा विधान सभा निर्वाचन की आचार संहिता लागू होने से पूर्व दिनांक 01.04.18 से आचार संहिता लागू होने के दिनांक 06.10.18 तक किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी धनराशि के कार्यादेश जारी किये गये? तथा किन-किन निर्माण कार्यों पर कितना-कितना भुगतान किया गया, कितना भुगतान करना शेष है सूची बतायें? (ख) क्‍या निगम अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा उक्‍त कार्यों में भारी कमीशन लेकर भ्रष्‍टाचार किया गया है तथा नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है। यदि हाँ, तो दो‍षी अधिकारी/ कर्मचारियों के नाम बताये तथा इनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

किराये के भवनों में छात्रावास का संचालन

[आदिमजाति कल्याण]

22. ( क्र. 2150 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा किन-किन स्‍थानों पर किराये के भवनों में छात्रावास संचालित हैं, इन छात्रावासों में छात्रों की संख्‍या कितनी है तथा इन भवनों एवं छात्रों पर प्रतिमाह कितना व्‍यय किया जा रहा है। विगत तीन वर्षों की जनपद पंचायतवार जानकारी बतायें? (ख) क्‍या शासकीय भवनों का निर्माण होने पर भी निर्माण की खामियों को आधार बनाकर विभागीय अधिकारियों ने अभी तक शहरी एवं ग्रामीण छात्रावासों को अपने आधिपत्‍य में नहीं लिया है तथा किराये के भवनों में कमीशनखोरी के कारण छात्रावास अभी भी संचालित है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा शासकीय भवनों में कब तक छात्रावास संचालित करवा दिये जावेंगे?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) मुरैना जिले में आदिम जाति कल्‍याण विभाग के कोई छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

शिकायतों पर कार्यवाही 

[स्कूल शिक्षा]

23. ( क्र. 2159 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) जिला शिक्षा केन्‍द्र जबलपुर में जिला-परियोजना समन्‍वयक के पद पर कब से कौन पदस्‍थ है? इनके विरूद्ध भ्रष्‍टाचार वित्‍तीय अनियमितताएं शासन को वित्‍तीय क्षति पहुंचाने बाबत् किस-किस स्‍तर से कितनी शिकायतें शासन व लोकायुक्‍त संगठन को प्राप्‍त हुई है? पदस्‍थी दिनांक से वर्ष 2018-19 तक की शिकायतों की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन शिकायतों की जाँच शासन ने कब किस स्‍तर के अधिकारी से कराई है एवं किन शिकायतों की जाँच हेतु जाँच समिति का गठन कब किया गया? इसके सदस्‍य कौन-कौन है? जाँच में कौन-कौन सी शिकायतें प्रमाणित पाई गई है। जाँच रिपोर्ट कब प्रस्‍तुत की गई? शासन ने दोषी अधिकारी पर कब क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्‍यों? जाँच रिपोर्ट का विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांकित दोषी जिला परियोजना समन्‍वयक को अभी तक निलंबित कर इनका स्‍थानांतरण अन्‍यत्र न करने का क्‍या कारण है? इनका कब तक स्‍थानांतरण किया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री आर.पी. चतुर्वेदी दिनांक 22.09.2015 से जिला परियोजना समन्वयक, जबलपुर के पद पर पदस्थ हैं। इनके विरूद्ध तीन शिकायत जनप्रतिनिधि के माध्यम से प्राप्त हुई, तीनों शिकायत समप्रकृति की हैं। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) जनप्रतिनिधि से प्राप्त शिकायतों की जाँच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा दिनांक 30.08.2017 को श्री अंशुल गुप्ता, (आई.ए.एस.) एवं श्रीमती कविता बाटला, (एस.डी.एम.), ओमती को अधिकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' अनुसार है। जाँच के अनुसार 07 विद्यालयों में अनियमितता पाई गई। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 28.04.2018 को प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। 07 विद्यालयों में से 05 विद्यालयों से राशि वसूली की कार्यवाही कर ली गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' अनुसार है। शेष 02 विद्यालयों जगत जननी विद्याविहार एवं सेन्ट अब्राहम स्कूल के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। संबंधित 07 नोडल अधिकारियों के विरूद्ध एक-एक वार्षिक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एफ' अनुसार है। जाँच रिपोर्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्रदेश के वन परिक्षेत्रों में अवैध पेड़ों की कटाई 

[वन]

24. ( क्र. 2183 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के वन परिक्षेत्रों में गत 3 वर्षों में, कितने पेड़ अवैध रूप से काटे गये हैं, क्षेत्रवार आंकड़े देवें? (ख) उपरोक्त पेड़ कटाई के मामलों में कौन-कौन से अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी है? (ग) गत तीन वर्षों में पेड़ कटाई के मामलों में रोक लगाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                   (ग) वनों की अवैध कटाई की रोकथाम हेतु नियमित बीट जाँच का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत बीट प्रभारी के अतिरिक्‍त परिक्षेत्र सहायक से लेकर वनमंडलाधिकारी स्‍तर तक के अधिकारियों द्वारा रोस्‍टर अनुसार बीट निरीक्षण किया जाता है। अवैध कटाई को रोकने के लिए मुख्‍यालय स्‍तर पर अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (संरक्षण) को पदस्‍थ किया गया है, जिनका कार्य सतत निगरानी और सुरक्षा का दायित्‍व है। मुख्‍यालय स्‍तर पर अवैध कटाई की समीक्षा प्रत्‍येक 6 माह में की जाती है। वनों की अवैध कटाई की रोकथाम हेतु 329 वन चौकियां गठित की गई हैं तथा आवश्‍यकतानुसार नई चौकियों का गठन भी किया जाता है। वनक्षेत्रों में अवैध कटाई की रोकथाम हेतु संचार व्‍यवस्‍था जैसे-मोबाईल सेट हेतु 5500 सिम, गश्‍ती हेतु 450 वाहन तथा नदी से लगे वनक्षेत्रों में सुरक्षा हेतु 4 जल चौकी स्‍थापित की गई हैं। अवैध कटाई में लिप्‍त अपराधियों से निपटने हेतु वनरक्षकों से लेकर वनपरिक्षेत्राधिकारी स्‍तर तक के कर्मचारी/अधिकारियों को 2600 पम्‍प एक्‍शन बन्‍दूकें एवं परिक्षेत्राधिकारियों को 286 रिवाल्‍वर भी उपलब्‍ध कराये गये हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वितीय चरण में चयनित हितग्राही

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( क्र. 2189 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नगरपरिषद रामनगर अंतर्गत द्वितीय चरण में 3185 हितग्राहियों का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सूची का अनुमोदन हो गया है यदि नहीं, तो क्यों? क्या हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या द्वितीय चरण में 3185 हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन किया जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताई जाय?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु निकाय कार्यालय में 3185 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। (ख) निकाय में हितग्राहियों के प्राप्‍त सभी आवेदन कलेक्‍टर, जिलासतना को अनुमोदन हेतु भेजा गया है। कलेक्‍टर, जिला सतना के पत्र क्रमांक/183/ 2018 सतना, दिनांक 07.09.2018 से सूची जाँच हेतु अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व न्‍यूरामनगर, जिला-सतना को भेजी गई है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व न्‍यूरामनगर, जिला-सतना से परीक्षण उपरांत कलेक्‍टर, जिलासतना से अनुमोदन के पश्‍चात प्राप्‍त पत्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भारत सरकार की स्‍वीकृति उपरांत दिया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

स्कूल शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति

[स्कूल शिक्षा]

26. ( क्र. 2192 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है। चतुर्थ श्रेणी भृत्य एवं सहायक ग्रेड 03 पद पर अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिये कितने आवदेन आये हैं? (ख) संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रीवा अन्तर्गत चतुर्थ श्रेणी भृत्य एवं सहायक ग्रेड 03 के कितने पद रिक्त है? रिक्त पदों का प्रकार एवं वर्गवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ग) सतना जिले के कितने अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पत्र संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रीवा को प्रेषित किये गये हैं। उन आवेदन पत्रों में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सतना जिले के 47 प्रकरण संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग को प्रेषित किये गये, जिसमें से 09 में नियुक्ति हो गई, 01 प्रकरण अमान्य किया गया, 31 प्रकरण में विभाग द्वारा अन्य विभाग में नियुक्ति हेतु अनापत्ति पत्र जारी किया गया है, शेष 03 प्रकरण परीक्षणाधीन होकर कार्यवाही प्रचलन में है तथा 03 प्रकरण कमी-पूर्ति किये जाने हेतु आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी जिला सतना को प्रेषित किये गये है।

परिशिष्ट - ''छियालीस''

निजी स्वामित्व की भूमि में लगी इमारती लकड़ी को काटना

[वन]

27. ( क्र. 2193 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) निजी भूमि पर लगे हुये इमारती लकड़ी के वृक्षों को काटने के लिये वन विभाग के क्या मापदण्ड है? विभागीय आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाय। (ख) क्या निजी भूमि पर लगे हुये इमारती लकड़ी के सूखे वृक्षों के काटने के लिये किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं लेनी पड़ती यदि हाँ, तो विभागीय आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाय। (ग) सतना जिला अन्तर्गत निजी भूमि पर लगे हुये इमारती लकड़ी के वृक्षों को काटने के लिये वर्ष 2018 से आज दिनांक तक कितने आवेदन कलेक्ट्रेट सतना में लंबित है। तहसीलवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (घ) अनुमति हेतु लम्बित प्रकरणों को कब तक निराकृत किया जाकर अनुमति दी जायेगी?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) निजी भूमि पर लगे हुए इमारती लकड़ी के वृक्षों को काटने के लिए वन विभाग में मध्‍यप्रदेश लोकवानिकी अधिनियम, 2001 एवं मध्‍यप्रदेश लोकवानिकी नियम 2002 प्रचलित हैं, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 में है। (ख) निजी भूमि पर लगे इमारती लकड़ी के सूखे वृक्षों के काटने के लिये वन विभाग में पृथक से कोई नियम/ निर्देश नहीं है। निजी भूमि पर लगे हुए इमारती लकड़ी के वृक्षों को काटने के लिए मध्‍यप्रदेश भू राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 240 एवं 241 के अंतर्गत वर्ष 2007 में बनाये गये नियम मध्‍यप्रदेश वृक्षों की कटाई का प्रतिषेध या विनियमन नियम 2007 तथा मध्‍यप्रदेश शासकीय वनों से लगे हुए ग्रामों में इमारती लकड़ी को काटकर गिराने तथा हटाने का विनियमन नियम 2007 का प्रावधान है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

भुगतान करने के संबंध में 

[नगरीय विकास एवं आवास]

28. ( क्र. 2222 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी एवं करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास/मुख्यमंत्री आवास/बी.आर.जी.एफ. आवास योजना के तहत किस-किस वार्ड एवं किस-किस ग्राम में कितना-कितना आवास का लक्ष्य था जिसके विरूद्ध किन-किन व्‍यक्तियों को आवास दिये गये? वर्षवार नामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या आवासों के आवंटन में कतिपय वार्डों एवं ग्रामों में आवास जिस हितग्राही के नाम से स्वीकृत किया जाना था उसी नाम के अन्य व्‍यक्ति को आवास स्वीकृत कर दि‍या गया है? यदि हाँ, तो क्षेत्रीय मैदानी किस कर्मचारी के सत्यापन उपरांत यह कार्य किया गया है नाम व पदनाम सहित बतायें। (ग) नगरीय निकाय/ग्रामीण निकायों में प्रश्नांश (ख) अनुसार किस स्तर के अधिकारी द्वारा हितग्राही की पात्रता का परीक्षण उपरांत किस सक्षम अधिकारी के आदेश से आवासों का वितरण किया गया है? नाम व पद नाम बतावें। (घ) प्रश्न दिनांक तक कितने आवासों को पूर्ण करा दिया गया है कितने अपूर्ण है तथा कितने अप्रांरभ होते हुये भी फर्जी तरीके से हितग्राहियों के खाते में आवास की राशि व्यय कर भुगतान कर दी गई है जबकि मौके पर कार्य नहीं हुआ है विस्तृत ब्यौरा एवं वर्षवार हितग्राहीवार सूची उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय निकायों के लक्ष्‍य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। वार्डवार, नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जी नहीं। सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' कालम 7 अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी के निर्देशन में गठित दल द्वारा किये गये सर्वेक्षण उपरांत जिला कलेक्टर द्वारा सूची अनुमोदित की गई है। ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी संकलित की जा रही है।                (घ) 2997 आवास पूर्ण हैं। 2490 आवास अपूर्ण है। फर्जी तरीके से किसी भी हितग्राही के खाते में राशि का भुगतान नहीं किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी संकलित की जा रही है।

युवाओं को बेरोजगारी भत्‍ता देना

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 2250 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा नगरीय निकायों के माध्‍यम से शहरी क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिये रोजगार प्रदान करने हेतु क्‍या योजनाएं बनाई गई हैं? अभी तक पूरे प्रदेश में कितने शिक्षित बेरोजगारों का चयन निकायों द्वारा किया गया है, जिन्‍हें प्रशिक्षित कर रोजगार प्रदान किया जायेगा? (ख) अभी तक कितने बेरोजगार युवक-युवतियों का चयन प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्‍ता दिये जाने के लिये देवास जिले के अंतर्गत कन्‍नौद, खातेगांव और नेमावर नगर परिषद में किया गया है? (ग) क्‍या इन समस्‍त बेरोजगारों को 4000/- रूपया प्रतिमाह बेरोजगारी भत्‍ता दिया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब से इन शिक्षित बेरोजगारों को यह राशि प्राप्‍त हो जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिए 100 दिन का अस्‍थायी रोजगार प्रदान करने हेतु मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वाभिमान योजना क्रियांवित की गई है। योजना की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। योजनांतर्गत दिनांक 11/07/2019 तक 58657 बेरोजगार युवाओं को निकाय स्‍तर पर ऑनबोर्ड किया गया है। जिन्‍हें प्रशिक्षण अवधि में अस्‍थायी रोजगार प्रदान किया जाएगा। (ख) देवास जिले के नगर परिषद कन्‍नौद में 84 हितग्राही, खातेगांव में 30 हितग्राहियों की ऑनबोर्डिंग की गई है व नगर परिषद नेमावर में प्रशिक्षण केंद्र आरम्‍भ ना होने के कारण हितग्राहियों की ऑनबोर्डिंग नहीं की गई है। (ग) मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वाभिमान योजना अंतर्गत माह में राशि रूपए 4000 स्‍टायपेंड दिए जाने का प्रावधान है किन्‍तु उक्‍त राशि का भुगतान निकाय में कार्य स्‍थल व प्रशिक्षण केन्‍द्र पर हितग्राही की उपस्थिति के आधार किया जाता है। (घ) स्‍टायपेंड भुगतान की प्रक्रिया सतत् है और हितग्राही के पात्र होते ही राशि आधार आधारित बैंक खातें में सीधे हस्‍तांतरित की जा रही है।

परिशिष्ट - ''सैंतालीस''

मैगनेट सिटी में जनसुविधा हेतु साडा की जिम्‍मेदारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

30. ( क्र. 2274 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मैगनेट सिटी (साडा) के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के निवासियों को जनसुविधा हेतु साडा की जिम्‍मेदारी है? (ख) क्‍या मैगनेट सिटी (साडा) के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में जन्‍म से निवासरत लोगों को शासकीय भूमि पर ग्राम आबादी व समीप बने हुए मकान मालिकों को अतिक्रमण क्षेत्र में मानते हुए हटाने के लिए नोटिस दिये गये हैं? (ग) क्‍या मैगनेट सिटी (साडा) के अंतर्गत आने वाले ग्रामों/मजरा टोलों को ग्राम आबादी एवं राजस्‍व ग्राम घोषित किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। जन सुविधा प्रदान करने का दायित्‍व स्‍थानीय निकायों का है। (ख) अंशत: जी हाँ। आबादी के समीप साडा को आवंटित शासकीय भूमि पर बने हुए अवैध मकानों को हटाने हेतु नोटिस दिये गये हैं। ग्राम आबादी में आने वाली शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने के संबंध में कोई नोटिस नहीं दिये गये है। (ग) जी नहीं। मेगनेट सिटी साडा के अंतर्गत आने वाले ग्रामों/मजरा, टोलों को ग्राम आबादी एवं राजस्‍व ग्राम घोषित किये जाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव नहीं है।

शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के नियम

[स्कूल शिक्षा]

31. ( क्र. 2390 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले में शिक्षा विभाग में अनुकंपा के क्‍या नियम है? (ख) उज्‍जैन जिले में शिक्षा विभाग में कितने किन-किन के आवेदन अनुकंपा के प्रकरण वर्ष 2014 से 31 मई 2019 तक विभाग को प्राप्‍त हुए हैं? (ग) शिक्षा विभाग में प्राप्‍त आवेदनों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? कितने को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है? कितने शेष है? शेष रहने का क्‍या कारण है? (घ) शासन क्‍या जटिल अनुकंपा नियमों को कब तक सरल कर दिया जायेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अनुकंपा नियुक्ति संबंधी सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले अंतर्गत भृत्य, सहायक ग्रेड-3 एवं संविदा शाला शिक्षक वर्ग-23 के 135 आवेदन पत्र वर्ष 2014 से 31.05.2019 तक प्राप्त हुए है। (ग) उज्जैन जिला अंतर्गत आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्राप्त प्रकरणों के निराकृत करने एवं लंबित रहने की जानकारी निम्नानुसार हैः-

पद

प्राप्‍त प्रकरण

निराक़ृत प्रकरण

लंबित प्रकरण

भृत्य

55

46

09

संविदा शिक्षक

40

32

08

सहायक ग्रेड-3

40

23

17

योग

135

101

34

पद रिक्त नहीं होने एवं चाहे गये पद हेतु शैक्षणिक अर्हता, प्रशिक्षण एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं होने से शेष है। लंबित रहने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार (घ) सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन हाई स्‍कूल खोलना

[स्कूल शिक्षा]

32. ( क्र. 2391 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद-नागदा विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत किन-किन गांवों में नवीन हाईस्‍कूल खोलने के प्रस्‍ताव विभाग के पास लम्बित है? उन गांवों के नाम सहित सम्‍पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा क्षेत्र में आवश्‍यकता वाले गांवों में नवीन हाई स्‍कूल खोलने के प्रस्‍ताव विभाग को दिए गए हैं? यदि हाँ, तो दिए गए प्रस्‍ताव पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा नागदा शहर में उर्दू हाई स्‍कूल खोलने का प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है? यदि हाँ तो प्रेषित प्रस्‍ताव पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2019-20 में माध्यमिक से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी हाँ। समस्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

भवन निर्माण के संबंध में

[स्कूल शिक्षा]

33. ( क्र. 2431 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्‍यत: शाला भवनों की आयु कितनी मानी जाती है? (ख) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शास.पं.वि.द.उ.मा.वि.सिहोरा का भवन निर्माण कब कराया गया था। क्‍या यह प्रश्नांश (क) के अनुरूप है। यदि नहीं, तो छात्रों की संख्‍या के अनुपात से नया निर्माण/विस्‍तार की क्‍या कार्ययोजना है। इसे कब मूर्तरूप दिया जावेगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) किसी भी भवन की आयु उसके प्रकार, स्ट्रक्चरल डिजाईन एवं रख-रखाव पर निर्भर करती है। अतः वास्तविक आयु बताना संभव नहीं है।                            (ख) प्रश्नाधीन शाला भवन का निर्माण वर्ष 1908 में कराया गया था। नवीन शाला भवन का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पशु चिकित्‍सालय में पदों की पूर्ति

[पशुपालन]

34. ( क्र. 2434 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशु चिकित्‍सालय सिहोरा में कितने चिकित्‍सक/अन्‍य स्‍टाफ के पद स्‍वीकृत हैं? पदवार स्‍वीकृत पदों की सूची उपलब्‍ध करायें (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार वर्तमान में कितने पद भरे हुये हैं और कितने रिक्‍त हैं? कितने वर्षों से किन-किन पदों के अधिकारी/कर्मचारियों के पद रिक्‍त है। कब तक भर दिये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार अस्‍पताल में 1 जनवरी 2016 से प्रश्‍नांश दिनांक तक शासन द्वारा पशुओं के लिये आहार एवं दवाइयां कितनी-कितनी मात्रा में उपलब्‍ध कराई गई तथा कितनी कब वितरित की गई है?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार

दिव्‍यागों को मोटोराईज्‍ड ट्राईसिकल के संबंध में

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

35. ( क्र. 2567 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन/विभाग के माध्‍यम से केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के द्वारा दिव्‍यागों को भिन्‍न-भिन्‍न प्रकार के उपकरण यथा श्रवण यंत्र, बैसाखियां, ट्राईसिकल, व्‍हील चेयर, तथा मोटोराईज्‍ड ट्राईसिकल इत्‍यादि एवं अन्‍य प्रकार के संसाधन प्रदान किये जाते है। (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक जावरा विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत उक्‍ताशय के कितने दिव्‍यांगों को चिन्हित किया जाकर उन्‍हें क्‍या-क्‍या सामग्री प्रदान की गई? (ग) उपरोक्‍त उल्‍लेखित वर्षों (2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक) में वर्षवार शासन विभाग की योजनाओं के क्रियान्‍वयन हेतु जावरा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत शिविर अथवा सम्‍मेलनों के माध्‍यम से इन्‍हें कब-कब वितरित किया गया वर्षवार जानकारी दें? (घ) उपरोक्‍त उल्‍लेखित वर्षों (2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक) में इस हेतु समस्‍त कार्य किये जाने के संदर्भ में जावरा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कितनी-कितनी बजट राशि स्‍वीकृत होकर उसमें क्‍या-क्‍या व्‍यय किया गया? साथ ही जावरा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्षवार हितग्राहियों की जानकारी भी दें तथा वर्तमान में लंबित रहे आवेदनों की संख्‍यात्‍मक जानकारी भी दें?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 134 दिव्‍यांगों को चिन्हित किया जाकर उन्‍हें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार कुल-196 विभिन्‍न प्रकार के यथा श्रवण यंत्र, बैसाखियां, ट्राईसिकल, व्‍हील चेयर तथा मोटराईज्‍ड ट्राईसिकल इत्‍यादि उपकरण प्रदान किये गये।                       (ग) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में शिविर का आयोजन नहीं किया गया। वर्ष 2017-18 में दिनांक 14.06.2017 में मोटराईज्‍ड ट्राईसाईकिल हेतु चिन्‍हांकन शिविर का आयोजन किया जाकर वर्ष 2018-19 में दिनांक 17.04.2018 को वितरण शिविर का आयोजन किया जाकर 28 पात्र हितग्राहियों को मोटराईज्‍ड ट्राईसाईकिल का वितरण किया गया। वर्ष 2018-19 में ही जनपद पंचायत जावरा में दिनांक 16.08.2018 एवं जनपद पंचायत पिपलोदा में दिनांक 18.08.2018 को परीक्षण शिविर का आयोजन किया जाकर दिनां‍क 28.09.2018 को उपकरण वितरण शिविर में 106 पात्र दिव्‍यांग हितग्राहियों को उपकरणों का वितरण किया गया। (घ) प्रश्‍नांश अवधि में जावरा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत शिविरों का आयोजन भारत सरकार सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय की एडिप योजनान्‍तर्गत होने के कारण व्‍यय की जानकारी निरंक है। जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्षवार हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार एवं लंबित आवेदनों की जानकारी निरंक है।

शंकास्‍पद प्रमाण पत्रों की जाँच

[स्कूल शिक्षा]

36. ( क्र. 2568 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतलाम जिले में विभिन्‍न आवेदनों के माध्‍यम से शंकास्‍पद जाति, दिव्‍यांग प्रमाण पत्रों के माध्‍यम से विभाग में हुई त्रुटिपूर्ण नियुक्तियों के संबंध में विभाग का ध्‍यान आकृष्‍ट हुआ है? वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में संविदा शाला शिक्षक की नियुक्ति के सन्‍दर्भ में जानकारी प्रदान करें? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में अध्‍यापक संवर्ग नियुक्ति के समय एवं शिक्षकों की नियुक्ति के समय भी कतिपय आवेदनों के द्वारा अपनी जाति एवं दिव्‍यांग होने के संलग्‍न किये गये प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्‍यापन की जाँच परीक्षण प्रक्रिया इत्‍यादि नहीं होने से सैकड़ों आवेदकों ने छदम (फर्जी) प्रमाण पत्र संलग्‍न कर नियुक्तियां भी प्राप्‍त कर ली? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग को गुमराह कर इस तरह की हुई त्रुटिपूर्ण शंकास्‍पद नियुक्तियों हेतु शासन/विभाग क्‍या कोई जाँच संस्थित कर इन्‍हें वास्‍तविक रूप से सत्‍यापित किये जाने हेतु रतलाम जिले की कोई जाँच करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार इन्‍हें चिन्हित किया गया? अब तक कितने प्रकरण सामने आए? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्राचार्य के रिक्‍त पदों की पूर्ति 

[स्कूल शिक्षा]

37. ( क्र. 2581 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश के हायर सेकेण्‍डरी तथा हाई स्‍कूलों में प्राचार्य के कुल कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने पद रिक्‍त हैं? उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ख) उक्‍त प्राचार्यों के रिक्‍त पदों में से कितने पद सीधी भर्ती के रिक्‍त है, उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उक्‍त रिक्‍त पदों में से पदोन्‍नति के कितने पद रिक्‍त हैं? उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी? (घ) क्‍या प्रचार्यों के रिक्‍त पदों पर व्‍याख्‍याताओं को प्रभारी बनाकर शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार किया जायेगा यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बताये। शासन क्‍या व्‍यवस्‍था करने पर विचार कर रहा है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश के हायर सेकेण्‍डरी तथा हाईस्कूल में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी इस प्रकार हैः-

स.क्र

संवर्ग

स्वीकृत पद

रिक्त पद

01

प्राचार्य उ.मा.वि.

3307

1676

02

प्राचार्य हाई स्‍कूल

3806

2491

उक्त रिक्त पदों की पूर्ति वैधानिक कारणों से विगत वर्षों में पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी है। पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित होने पर रिक्त प्राचार्यों के पदों की पूर्ति की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्राचार्य हाईस्‍कूल में सीधी भर्ती के 25 प्रतिशत पद रिक्त है। स्‍थानीय निकायों के वरिष्‍ठ अध्‍यापक संवर्ग की नियुक्ति नवीन नियमों के तहत स्‍कूल शिक्षा विभाग में हो जाने के फलस्‍वरूप परिवर्तित स्थिति के कारण अग्रेत्‍तर कार्यवाही हेतु प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार प्राचार्य उ.मा.वि. के 1676 पद एवं प्राचार्य हाईस्कूल के पदोन्नति के 1540 पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति वैधानिक कारणों से विगत वर्षों में पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी है। पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित होने पर रिक्त प्राचार्यों के पदों की पूर्ति की जा सकेगी। (घ) शैक्षणिक व्‍यवस्‍था को सुचारू रूप से संचालन के लिये संस्‍था के वरिष्‍ठ लोक सेवक को प्रभारी बनाकर वैकल्पिक वयवस्‍था की गई है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगर पालिका होशंगाबाद द्वारा हटाये गये अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

38. ( क्र. 2622 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से जून 2019 तक नगर पालिका होशंगाबाद द्वारा कब-कब किन-किन लोगों के अतिक्रमण हटाये गये? इसी अवधि में किन लोगों द्वारा अतिक्रमणों को हटाने के संबंध में शिकायतें की गयी? नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्‍या होशंगाबाद नगर में प्रश्नांश (क) में जिन लोगों के अतिक्रमण हटाये सिर्फ उन्‍हीं के अतिक्रमण है, क्‍या इसके अलावा अन्‍य अतिक्रमण नहीं है? यदि अन्‍य लोगों के भी अतिक्रमण है तो वार्डवार नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्‍या नगर पालिका द्वारा सिर्फ निर्धन लोगों के अतिक्रमण हटाये जा रहे हैं और प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमणों को बख्‍शा जा रहा है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद होशंगाबाद द्वारा जनवरी 2018 से जून 2019 तक नगर के सघन बस्‍ती वाले क्षेत्र एवं व्‍यावसायिक क्षेत्रों- सतरास्‍ता हीरो होण्‍डा चौक, सेठानी घाट, ग्‍वालटोली मालखेड़ी स्‍थानों पर अस्‍थाई रूप से किए गए अतिक्रमणों को हटाया गया है। अस्‍थायी अतिक्रमण होने से, हटाए गए अतिक्रमण की सूची संधारित नहीं की गई। अपितु जून 2019 में सेठानी घाट क्षेत्र के सोमवती अमावस्‍या पर्व पर नागरिकगण एवं श्रद्धालूगणों के घाटों पर स्‍नान को दृष्टिगत रखते हुये उनकी सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाए गए जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। अतिक्रमण को हटाने के संबंध में प्राप्‍त आवेदनों/शिकायतों तथा सी.एम. हेल्‍प लाईन में की गई शिकायतों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगरीय क्षेत्र होशंगाबाद के वार्डों में भी अतिक्रमण है, किन्‍तु ऐसे अतिक्रमणों की सूची नहीं बनाई है। (ग) जी नहीं। नगर पालिका परिषद होशंगाबाद द्वारा आवागमन में कठिनाई होने पर सभी लोगों के अस्‍थाई अतिक्रमण हटाये जाते है, इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने हेतु निर्देश प्राप्‍त होने पर निकाय द्वारा अतिक्रमण अमला एवं अन्‍य संसाधन उपलब्‍ध कराए जाते है।

नगर पालिका होशंगाबाद में विधायक/सांयद निधि के कार्य 

[नगरीय विकास एवं आवास]

39. ( क्र. 2623 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका होशंगाबाद में विधान सभा क्षेत्र विकास निधि के जून 2019 की स्थिति में कितने कार्य अपूर्ण, कितने अप्रारंभ है? वर्षवार जानकारी दें। (ख) विधायक निधि के कार्यों के अपूर्ण/अप्रारंभ रहने के क्‍या कारण है? (ग) क्‍या नगर पालिका द्वारा जारी अन्‍य कार्य किये जा रहे हैं, परंतु विधायक के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभ नहीं किया जा रहा है। यदि हाँ तो क्‍यों? (घ) शासन द्वारा विधायक निधि के कार्य एक नियत समया‍वधि में पूरा करने के निर्देश के बाद भी कार्यों को पूरा करने में लापरवाही के क्‍या कारण है? क्‍या इस संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित की जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधायक निधि के कार्य नियत समयावधि में पूर्ण कराए जा रहे हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''अड़तालीस''

पालतु पशुओं का पंजीयन 

[नगरीय विकास एवं आवास]

40. ( क्र. 2624 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पालतु कुत्‍तों का पंजीयन किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ तो प्रावधानों की जानकारी देते हुए बतावें किन धाराओं के अंतर्गत? (ख) क्‍या शासन की जानकारी में यह तथ्‍य है कि सभी नगरीय क्षेत्रों में प्रावधानों के बाद भी अनेक कुत्‍तों के पंजीयन नहीं है। यदि हाँ तो क्‍या इस संबंध में शासन सभी शासकीय/ निजि पशु चिकित्‍सकों को निर्देशित करेगा कि वे सिर्फ पंजीकृत कुत्‍तों का ही इलाज करें, यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या शासन जनहित में नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर कुत्‍तों के साथ पालतु गाय/बैल/शुकर के पंजीयन को भी अनिवार्य करेगा, ताकि नागरिकों को आवागमन में असुविधा न हो, यदि हाँ तो कब तक। यदि नहीं, तो क्‍यों।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नही। अपितु म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 123 (थ) अनुसार पशुओं का रजिस्ट्रीकरण करना तथा ऐसे अंतरालों से जो विहित किए जाय, कृषि उपयोगी पशुओं की गणना परिषद के कर्तव्य के अंतर्गत तथा धारा 252 में कुत्तों के संबंध में उपबंध प्रावधानित है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

जानकारी उपलब्‍ध कराने एवं जिम्‍मेदारी पर कार्य करना

[वन]

41. ( क्र. 2672 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले के सोहावल विकासखंड की ग्राम पंचायत बारीकला, बराज, नीमी, भरजुनाकला, बठियाखुर्द, नैना के रमना जंगल में वृक्षारोपण, बाउन्‍ड्रीवॉल व तारबाडी के कार्य वर्ष 2002 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में पर्यावरण प्रबंधन एवं ग्रीन बेल्‍ट विभाग द्वारा कितनी-कितनी लागत से कब-कब, किन-‍किन वर्षों में कराये गये, का विवरण देवें साथ ही प्राप्‍त राशि का उपरोक्‍त वर्षों से विवरण पृथक से देवें एवं आय और व्‍यय का तुलनात्‍मक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में भूमियां सीमेंट फैक्‍ट्री के लिये आवंटित की गई। आवंटित राजस्‍व एवं वन भूमि का खसरा नं. सहित विवरण देवें। आवंटित भूमियों में क्‍या फैक्‍ट्री द्वारा बाउण्‍ड्रीवॉल/तारबाड़ी लगाकर निर्माण किया गया है? उनमें से कितनी सीमा में फैक्‍ट्री द्वारा एवं कितने भाग में वन विभाग द्वारा बाउण्‍ड्रीवॉल/तारबाड़ी लगाकर भूमि को सुरक्षित किया गया है? पृथक-पृथक जानकारी भूमि नं. एवं सीमा चिन्‍ह को दर्शाते हुए विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की वन भूमियों में अवैध उत्‍खनन की कार्यवाही भी की जा रही है, उत्‍खनन फैक्‍ट्री अथवा ठेकेदारों व आमजनों द्वारा किया जा रहा है, का विवरण देते हुये बतावें कि वर्ष 2010 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितने प्रकरणकिन-किन के ऊपर तैयार कर प्रस्‍तुत किये गये, इनके लिये उपयोग हुये वाहनों के नाम, वाहन क्र. व मालिक के नाम सहित विवरण देवें, इसमें प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी का विवरण वर्षवार देवें, यदि वसूली शेष है, तो पृथक से बतावें और क्‍यों? क्‍या अपराध क्रमांक 82/20 किन-किन के ऊपर पंजीबद्ध किये गये एवं कार्यवाही की स्थिति क्‍या है, की जानकारी अलग से देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार वृक्षारोपण एवं पर्यावरण प्रबंधन हेतु प्राप्‍त राशि का संबंधितों द्वारा दुरूपयोग किया गया? फैक्‍ट्री द्वारा जबरन प्रशासन से मिलीभगत कर खनिज का उत्‍खनन किया एवं कराया जा रहा है, जिस पर जिम्‍मेदारों द्वारा कार्यवाही नहीं की गयी, जिम्‍मेदारों के पद एवं नाम की जानकारी देते हुये बतावें कि इनको दोषी मानकर इन पर क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे, साथ ही फैक्‍ट्री व अन्‍य अवैध उत्‍खननकर्ताओं पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुये राजस्‍व की वसूली कब तक करावेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? कारण सहित बतावें।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) पर्यावरण प्रबंधन एवं ग्रीन बेल्ट नाम का कोई विभाग नहीं है। अत: आय-व्यय एवं अन्य विवरण दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) बिड़ला सीमेन्ट फैक्ट्री को दी गई वन भूमि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इस फैक्ट्री को आवंटित राजस्व भूमि की जानकारी एकत्रित की जा रही है। इस फैक्ट्री को दी गई भूमि पर बाण्ड्रीवॉल/तारबाड़ी लगाने का कार्य वन विभाग अथवा फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया है।                      (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) से संबंधित वन भूमियों में वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक 01 प्रकरण, जिसका वन अपराध प्रकरण क्रमांक 82/20 है, पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण जिन के विरूद्ध दर्ज किया गया है, उसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इस प्रकरण की जाँच करने पर यह पाया गया कि कलेक्टर, सतना एवं खनिज साधन विभाग की सहमति के आधार पर वर्ष 1956 में बिड़ला कार्पोशन को खनिज लीज स्वीकृत हुई थी, जिसमें 87.00 हेक्टेयर वन भूमि है। मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-3-183/76/12/16, दिनांक 22.04.1977 द्वारा प्रथम नवकरण अवधि 19.10.1976 से 12.10.1996 के लिये लीज स्वीकृत हुई थी। उत्खनन कार्य करने के कारण स्थल पर बड़ा गड्ढा निर्मित होने के कारण मौके का सीमांकन कार्य करना सम्भव नहीं है। इसी दौरान प्रकरण माननीय न्यायालय नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल भोपाल (प्रकरण क्रमांक 35/2014) में प्रस्तुत होने के कारण माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 03.02.2016 को दिये निर्णय अनुसार बिड़ला सीमेन्ट सतना द्वारा बैकफिल एवं रिक्लेमेशन क्षेत्र की योजना तैयार की गई है और इस पर अमल किया जा रहा है। बैकफिल एवं रिक्लेमेशन कार्य पूर्ण होने पर वन क्षेत्र का वास्तविक सीमांकन होने पर वन अपराध प्रकरण क्रमांक 82/20 दिनांक 13.12.2011 का निराकरण हो सकेगा। बिड़ला कार्पोरेशन द्वारा 1996 के बाद वनक्षेत्र में कोई उत्खनन नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अन्तर्गत वृक्षारोपण कार्य हेतु किसी प्रकार की राशि प्राप्त नहीं की गई है। प्रकरण में वर्ष 1996 के उपरांत किसी प्रकार का उत्खनन नहीं हुआ है। अतः अवैध उत्खननकर्ताओं पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर राजस्व की वसूली किये जाने प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्चास''

पानी का प्रदाय

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 2684 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विगत 5 वर्षों में हाऊसिंग बोर्ड द्वारा अयोध्‍या नगर, भोपाल स्थित एल-सेक्‍टर में सर्व-सुविधायुक्‍त भू-खण्‍डों (प्‍लाटों) के विक्रय हेतु विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब कितने भू-खण्‍डों का विक्रय किया गया? नाम, पता सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें।                    (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलोनी में भू-खण्‍डों पर मकान मालिकों द्वारा भवन निर्माण कराये जा चुके हैं एवं निर्माणाधीन हैं? यदि हाँ, तो निर्मित एवं निर्माणाधीन भवनों में पानी की सप्‍लाई निरंतर की जा रही है? यदि नहीं, तो पानी सप्‍लाई न करने के क्‍या कारण हैं और कौन-कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार एल-सेक्‍टर में नव-निर्मित मकान धारकों को कब तक पानी की सप्‍लाई नियमित एवं निर्बाध रूप से की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍या समस्‍या है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। विक्रय किये गये भूखण्डों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अयोध्या नगर स्थित एल-सेक्टर में नगर निगम द्वारा बिछाई गई पाईप लाईन का म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा राशि का भुगतान किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, भुगतान पश्चात् नगर निगम द्वारा जल प्रदाय के संबंध में अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पचास''

नई रेत उत्‍खन्‍न नीति

[खनिज साधन]

43. ( क्र. 2697 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश की नदियों से रेती निकालने के लिये किस तरह की नीतियां तैयार की गई है? (ख) क्‍या नदियों से अत्‍यधिक मात्रा में रेत निकालने के कारण नदियों का पर्यावरण खतरनाक स्‍तर तक प्रदूषित हो चुका है एवं अब कई जगहों पर नाम मात्र की भी रेत नहीं बची है ऐसी नदियों की जानकारी देवें जिनमें आवश्‍यकता से अधिक खनन किया जा चुका है। (ग) क्‍या सरकार आगामी कुछ वर्षों के लिये रेत के उत्‍खन्‍न पर रोक लगाने की आवश्‍यकता समझती है ताकि नदी अपने पुराने प्राकृतिक स्‍वरूप को प्राप्‍त कर सके। (घ) क्‍या सरकार रेत के अन्‍य वैकल्पिक साधनों हेतु चट्टानों को पीसकर रेत बनाने का संयंत्र लगाने पर ऋण एवं सब्सिडी दिये जाने पर विचार कर रही हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) वर्तमान में रेत खनन नीति 2017 प्रचलन में है। (ख) नदियों से रेत निकाले जाने हेतु पर्यावरण स्‍वीकृति में दर्शित अनुमानित मात्रा तक ही रेत निकासी की अनुमति दी जाती है। अत्‍यधिक मात्रा में रेत निकालने नदियों का पर्यावरण खतरनाक स्‍तर तक प्रदूषित होने, नाम मात्र की रेत बची होने, आवश्‍यकता से अधिक खनन किये जाने की घटना प्रकाश में नहीं आई है। (ग) जी नहीं। रेत के उत्‍खनन को रोक लगाने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) चट्टानों को पीसकर बनाई गई रेत की मान्‍यता दिये जाने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है।

डी-नोटीफाईड भूमियों के वन अधिकार के मान्य/अमान्य दावें

[वन]

44. ( क्र. 2722 ) श्री निलय डागा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल में सरंक्षित वन सर्वे में शामिल जिन 680 ग्रामों में 243 ग्रामों की समस्त संरक्षित वन भूमि राजपत्र में 15 सितम्बर 1972 को भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड की गई उन्हीं जमीनों के जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार दावे मान्य एवं अमान्य कर दिए गए है? (ख) यदि हाँ, तो 243 ग्रामों में से किस ग्राम की कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई, किस ग्राम की कितनी भूमि अतिक्रमण व्यवस्थापन के लिए 1975 में अंतरित की गई? किस ग्राम की कितनी भूमि 31.12.1976 तक के काबिजों के लिए डीनोटीफाईड की गई? किस ग्राम की कितनी भूमि पर 24.10.1980 तक के कितने काबिजों की पात्रता/अपात्रता निर्धारित की गई? किस ग्राम की कितनी भूमि नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई? किस ग्राम की कितनी भूमि के दावें वन अधिकार कानून के अनुसार मान्य/अमान्य किए? (ग) 243 ग्रामों की डीनोटीफाईड भूमियों को वनभूमि मानकर कार्यवाही किए जाने के लिये कौन-कौन वन अधिकारी जिम्मेदार एवं दोषी है, पद व नाम सहित बतावें?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित 243 ग्रामों की भूमि को वर्ष 1975 में अतिक्रमण व्‍यवस्‍थापन के लिये अंतरित नहीं की गयी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम, 2006 के क्रियान्‍वयन हेतु नोडल आदिम जाति कल्‍याण विभाग है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-2 (घ) में परिभाषित वन भूमि पर वन अधिकार पत्र देने की कार्यवाही की गई है। अत: किसी वन अधिकारी के जिम्‍मेदार एवं दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। वन अधिकार अधिनियम की धारा 6 (8) के अंतर्गत वन अधिकारी के दायित्‍व है, दोषी अधिकारियों की 15 दिवस में पहचान कर, नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

वनाधिकार के मान्‍य दावों पर वितरित पट्टे

[आदिमजाति कल्याण]

45. ( क्र. 2781 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार कानून लागू होने की दिनांक से दिसम्‍बर 2018 तक पूरे प्रदेश में कितने वनाधिकार के दावे प्राप्‍त हुए? उनमें से कितने दावे मान्‍यकर पट्टे वितरित किये गए एवं अमान्‍य किये गए दावे किन कारणों से अमान्‍य किये गए? जिलेवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) जिला मण्‍डला में अमान्‍य किये गए दावों पर पुनर्विचार कर पट्टे दिये जाने को लेकर शासन की क्‍या योजना है? (ग) वनाधिकार कानून की जानकारी हेतु ग्रामों में शिविर लगाये जाने को लेकर शासन की क्‍या योजना है?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ख) राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक दिनांक 27.02.2019 में निर्णय लिया गया है कि समस्त निरस्त दावों को ग्रामसभा को पुनः सम्प्रेषित किया जावे एवं यह सुनिश्चित किया जावे कि दावेदार को विधि अनुसार युक्तियुक्त सुनवाई का अवसर देकर उनके दावे का निराकरण हो। तत्पश्चात् उपखण्ड स्तरीय समिति व जिला स्तरीय समिति के समक्ष इन प्रकरणों को पुनः रखा जावे। म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक 1393 दिनांक 04.07.2019 द्वारा निर्देश जिलों को जारी किये गये है। (ग) म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 440 दिनांक 06.07.2019 द्वारा दिनांक 15.07.2019 से दिनांक 20.07.2019 तक ऐसे ग्राम जिनमें निरस्त दावे प्राप्त होंगे, उनमें ही विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं।

ग्रेनाइट खदानों का संचालन

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 2809 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र चंदला जिला छतरपुर में ग्रेनाइट की खदानें वर्तमान में कहाँ-कहाँ संचालित हैं? उक्‍त खदानों का किन-किन के द्वारा संचालन किया जा रहा है? पूर्ण पता सहित जानकारी देवें। (ख) ग्रेनाइट खदानों के संचालन के लिए किन-किन नियमों का पालन करना अनिवार्य है? नियमावली की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध करायी जाये। (ग) क्‍या ग्रेनाइट खदानों के संचालकों/अधिकारियों द्वारा ग्रेनाइट उत्‍खनन में शासकीय नियमों का पालन किया जा रहा है?                          (घ) क्‍या जिला खनिज अधिकारी, जिला छतरपुर से प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 140/छतरपुर/2019 दिनांक 21.05.2019 द्वारा 09 बिन्‍दुओं में जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ तो क्‍या जानकारी उपलब्‍ध करायी गयी थी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) ग्रेनाईट खदानों के संचालन के लिये ग्रेनाईट संरक्षण एवं विकास नियम, 1999 एवं मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 का पालन अनिवार्य है। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। वृहद स्‍वरूप की होने से जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

टीकमगढ़ तहसील में संचालित क्रेशर

[खनिज साधन]

47. ( क्र. 2910 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ तहसील में स्थित सभी क्रेशर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एम.पी.पी.सी.बी.) और हवा/पानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन करते है? (ख) यदि हाँ, तो टीकमगढ़ तहसील में स्थित सभी क्रेशरों का जिस वर्ष से वह क्रेशर संचालित हैं तब से वर्ष 2019 तक मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एम.पी.पी.सी.बी.) और हवा/पानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोई एन.ओ.सी. जारी की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब? (एन.ओ.सी. की कॉपी वांछनीय) यदि नहीं, तो क्रेशर मालिकों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या संचालित क्रेशरों को खनिज उत्खनन के लिए प्रदत्त खदान का सीमांकन खनिज विभाग द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों एवं क्या उत्खनन हेतु ब्लास्टिंग का वैध लाईसेंस क्रेशर संचालकों द्वारा प्रस्तुत किया गया है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों एवं क्रेशर संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या टीकमगढ़ तहसील के सभी क्रेशरों में ध्वनि नियंत्रण और डस्ट प्रदूषण के लिए कवर्ड टीन शेड की व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों के उल्‍लंघन पर कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्‍टोन क्रेशर इकाइयों को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अंतर्गत सम्‍मति जारी की जाती है। टीकमगढ़ तहसील में 18 स्‍टोन क्रेशरों को जारी सम्‍मति पत्रों की अद्यतन प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) संचालित क्रेशरों को खनिज उत्‍खनन के लिये प्रदत्‍त खदानों का सीमांकन राजस्‍व विभाग द्वारा किया गया है। पट्टाधारियों द्वारा स्‍वीकृत खदानों में ब्‍लास्टिंग हेतु वैध लायसेंस होल्‍डर द्वारा ब्‍लास्टिंग कराई जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) निरीक्षणों में अब तक कोई विपरीत स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लांजी नगर पंचायत में नल-जल योजना संबंधित जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 2914 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लांजी नगर पंचायत अंतर्गत स्‍वीकृत नल-जल योजना के कार्य प्रारंभ है? (ख) उक्‍त नल-जल निर्माण कार्य की निविदा कब जारी हुई थी, निविदा में किन-किन एजेंसियों ने भाग लिया, निविदा में क्‍या-क्‍या शर्तें थी एवं वर्तमान में कौन सी एजेंसी नल-जल का कार्य कर रही हैं? (ग) उक्‍त नल-जल योजना में जो पाईप उपयोग में लाया जा रहा है, क्‍या निविदा के शर्तों के अनुसार पाईप ठेकेदार द्वारा स्‍वयं लिया जा रहा है अथवा विभाग के निर्देशानुसार कहीं और से पाईप प्रदाय किया जा रहा है, यदि हाँ तो जानकारी देवें? (घ) उक्‍त नल-जल के प्राक्‍कलन में पाईप किस मानक का तय किया गया है और उपयोग में कौन सा लाया जा रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जल प्रदाय योजना कार्य की निविदा दिनांक 08.07.2017 को जारी की गई। निविदा में कुल 09 एजेन्सियों (1. न्‍यू इंडिया एण्‍ड सन्‍स, दतिया, 2. इंजीनियरिंग प्रोफेशनल को.प्रा.लि.सूरत, 3. मोश्‍वराय इन्‍फ्रा. लिमिटेड, रायपुर, 4. पृथ्‍वीपाल सिंह एण्‍ड कम्‍पनी, नागपुर, 5. टेक्‍नोड्रिल, रायपुर, 6. एस.एम.सी. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर्स प्रा. लि., थाणे, 7. सेन्‍ट्रल इंडिया इंजीनियरिंग, नागपुर, 8. इन्‍टरजेन एनर्जी लिमिटेड, गुड़गांव, 9. मुरलीधर एण्‍ड कम्‍पनी, नागपुर) ने भाग लिया। निविदा प्रपत्र जिसमें शर्तें शामिल है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में न्‍यू इंडिया एण्‍ड सन्‍स, दतिया द्वारा जलप्रदाय योजना का कार्य किया जा रहा है। (ग) उक्‍त जल प्रदाय योजना में निविदा शर्तों के अनुरूप पाईप ठेकेदार द्वारा स्‍वयं क्रय किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जल प्रदाय योजना में रॉ वाटर राईजिंग मेन तथा क्‍लीयर वाटर फीडर मेन के लिये नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आई.एस.एस.आर. दिनांक 10.05.2012 में उल्‍लेखित आयटम अनुसार डी.आई. के-9 पाईप हेतु आई.एस. कोड 8329/2000 एवं आई.एस. कोड 5342/85 तथा जल वितरण नलिकायें कार्य के लिये एच.डी.पी.ई. PN-100 पाईप आई.एस. कोड 4984/14151/12786/13488 के तय मानक अनुसार पाईप उपयोग किया जा रहा है

पेयजल योजना से संबंधित जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

49. ( क्र. 2915 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत लांजी की पेयजल योजना किस योजना से स्वीकृत की गई थी, तथा वर्तमान में किस योजना से कराई जा रही है? (ख) क्या पूर्व में स्‍वीकृत पेयजल योजना का जल स्‍त्रोत सोन नदी था, तथा वर्तमान में बाघ नदी है, जल स्‍त्रोत क्यों बदला गया। जल स्‍त्रोत बदलने की स्वी‍कृति क्‍या शासन द्वारा प्रदान की गई है? यदि हाँ तो जलस्‍त्रोत का चयन स्‍थल बदलने का कारण बतावें? (ग) नगर पंचायत लांजी में पेयजल योजना के जल स्‍त्रोतों की लंबाई बढ़ने एवं लागत बढ़ने के कारण शासन को अतिरिक्त भार बढ़ने के लिए कौन-कौन जवाबदार है? (घ) क्या पूर्व में स्‍वीकृत जल प्रदाय योजना एवं वर्तमान में जल प्रदाय योजना की लागत में वृद्धि हुई है? यदि हाँ तो शासन द्वारा पूर्व स्‍वीकृत योजना को यथावत क्यों नहीं रखा गया उसे बदलने के लिए कौन जवाबदार हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद लांजी की जल प्रदाय योजना पूर्व में यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा दिनांक 19.02.2014 को स्‍वीकृत की गई। यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना मार्च 2014 में समाप्‍त हो जाने से इस जलप्रदाय योजना को मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत स्‍वीकृत किया जाकर कार्य कराया जा रहा है।                         (ख) जी हाँ। जी हाँ। सोन नदी एक पहाड़ी नदी है, जिसमें बारिश का ही पानी रहता है। शेष समय में पानी का बहाव एवं भराव कम हो जाने से तथा आगामी समय में जनसंख्‍या वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए नवीन जलस्‍त्रोत बाघ नदी का चयन किया गया। जी हाँ। (ग) नवीन स्‍त्रोत पर बनाई गई पेयजल योजना में रॉ वाटर पाईप लाईन की लम्‍बाई बढ़ने से किसी प्रकार की लागत नहीं बढ़ी है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जल प्रदाय योजना में जलस्‍त्रोत के स्‍थल परिवर्तन के उपरान्‍त भी लागत में वृद्धि नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की लंबित राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

50. ( क्र. 2923 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पंचायत त्योंथर के वार्ड क्रं. 03 में बेवा बिटोल प्रजापति पति                    स्व.जगदीश एवं छोटेलाल प्रजापति का नाम अप्रैल 2018 में जारी प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में था? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि एक वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी संबंधित पात्र हितग्राही को आवास योजना की राशि प्राप्त नहीं हो सकी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हितग्राहियों का पैतृक आवास आराजी खसरा क्रमांक 227 में है? यदि हाँ, तो क्या आराजी खसरा क्रमांक 227 में मात्र 0.03 एकड़ भूमि को छोड़कर बाकी शेष भूमि अविवादित है? यदि हाँ, तो उक्त अविवादित भूमि में आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को कब तक आवास योजना का लाभ दिया जा सकेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। संबंधित हितग्राही जिस भूमि पर (आराजी खसरा नं. 227) निवासरत है। वह किसी अन्‍य की भूमि है। हितग्राही को स्‍वयं का भूमि स्‍वामित्‍व संबंधी दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने हेतु कहाँ गया था परंतु हितग्राही द्वारा भूमि के स्‍वामित्‍व संबंधी दस्‍तावेज प्रस्‍तुत नहीं किये जाने से हितग्राही को आवास योजना की राशि जारी नहीं की जा सकी है। (ख) जी हाँ। उपरोक्‍त हितग्राही का पैतृक आवास खसरा नं. 227 में है। खसरा नं.227 की 0.011 हेक्‍टेयर भूमि, भूमि स्‍वामी के द्वारा विक्रय किये जाने से विवादित है, जिसका प्रकरण न्‍यायालय मे विचाराधीन है तथा उक्‍त खसरे 227 की शेष भूमि का भू-स्‍वामी स्‍वयं हितग्राही बेवा बिटोल प्रजापति नहीं है ऐसी स्थिति में उन्‍हें उक्‍त भूमि पर योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है। यदि संबंधित हितग्राही द्वारा अपने स्वामित्व की किसी अन्‍य भूमि का दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किया जाता है तो प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मार्गदर्शी सिद्धांत के प्रावधान को अनुपालित करते हुए योजना का लाभ दिया जाना संभव हो सकेगा।

 

कार्यरत सहायक शिक्षकों की पदोन्‍नति

[स्कूल शिक्षा]

51. ( क्र. 2933 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनेक ऐसे सहायक शिक्षक कार्यरत हैं जो वरिष्ठ पदों की शैक्षणिक/प्रशिक्षण योग्यतायें रखते हैं तथा वरिष्ठ वेतनमान भी उन्हें दिया जा रहा है तथा प्रदेश में शिक्षक/व्यख्याता/ प्राचार्य हाईस्कूल के पद रिक्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसे सहायक शिक्षक जिन्हें वरिष्ठ पदों का वेतन पूर्व से ही प्राप्त हो रहा है, राज्य सरकार के बिना किसी अतिरिक्त व्यय के मात्र पदोन्नति से पदपूर्ति हो सकती है क्‍या शासन इस पर विचार करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या शासन 30 वर्षों से सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत तृतीय क्रमोन्नति प्राप्त करने वालों को पदोन्नति देने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नही?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति योजना अंतर्गत 12 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रथम वरिष्ठ वेतनमान एवं 24 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर द्वितीय क्रमोन्नति एवं 30 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर तृतीय क्रमोन्नति का लाभ प्रदाय किये जाने का प्रावधान है व पदोन्नति हेतु 12, 24 एवं 30 वर्ष की अवधि पूर्ण होना आवश्यक नहीं है। भर्ती एवं पदोन्नति नियम 1973 के अनुसार स्वीकृत पदों के 50 प्रतिशत पदों की पूर्ति पदोन्नति के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

पीड़ित व्‍यक्तियों की जाँच का प्रावधान

[अनुसूचित जाति कल्याण]

52. ( क्र. 2963 ) डॉ. मोहन यादव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उज्‍जैन जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के व्‍यक्तियों के साथ कोई हादसा/घटना होने पर पी‍ड़ित व्‍यक्ति की जाति की जाँच किये जाने में वर्तमान में अत्‍यधिक विलम्‍ब हो रहा है, यदि हाँ, तो इस संबंध में जाँच अवधि के लिए समय-सीमा का कोई प्रावधान है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें, नहीं तो कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हादसे/घटना की जाँच के लिए बनाई गई समिति में जाँच अधिकारियों में से किसी एक सदस्‍य का उसी जाति वर्ग का होने का प्रावधान है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें।

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) अनुसूचित जाति जनजाति अत्‍याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत कोई अपराध पंजीबद्ध होने पर धारा 4 (2) (ड.) अनुसार 60 दिवस के भीतर आरोप पत्र विशेष न्‍यायालय में फाईल करना अथवा विलंब, यदि कोई हो तो लिखित में स्‍पष्‍ट करना, का प्रावधान है जिसका पालन उज्‍जैन जिले सहित पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

रेत की खदानों को स्‍वीकृति 

[खनिज साधन]

53. ( क्र. 2991 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा, नरवर क्षेत्र में विगत 2 वर्ष में कितनी रेत की खदानें स्‍वीकृत की गई? (ख) स्‍वीकृत खदान का नाम, ग्राम का नाम, खसरा नम्‍बर, स्‍वीकृत खदान की अवधि सहित अवगत करायें। (ग) विगत 2 वर्ष में कितनी खदानें अवैध रूप से संचालित पाई गयी हैं? उन पर क्‍या कार्यवाही की गयी है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में, करैरा तहसील में 01 रेत खदान स्‍वीकृत की गई है एवं नरवर क्षेत्र में कोई रेत खदान स्‍वीकृत नहीं की गई है।                          (ख) स्‍वीकृत की गई रेत खदान का नाम कल्‍याणपुर-'', ग्राम का नाम कल्‍याणपुर, खसरा नंबर 01, स्‍वीकृत खदान की अवधि 05 वर्ष (03.10.2018 से 02.10.2023) तक है। (ग) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।

अनुसूचित जनजाति के युवाओं हेतु स्वरोजगार योजना 

[आदिमजाति कल्याण]

54. ( क्र. 3098 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति के युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने संबंधी कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? उनके क्या-क्या मापदंड हैं? (ख) जबलपुर जिले में 5 वर्षों में उक्त योजना अंतर्गत दिए गये ऋण के पश्चात क्या प्रस्तावित इकाइयों के कोई निरीक्षण किये गये है? यदि हाँ, तो उनके निरीक्षण प्रतिवेदन देवें। यदि नहीं, तो, क्यों नहीं किये गये?                  (ग) क्या कुछ हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध कराने के पश्चात भी उनकी प्रस्तावित इकाइयां प्रारंभ नहीं हुई है? यदि हाँ, तो ऐसे समस्त हितग्राहियों की सूची देवें। (घ) जबलपुर जिले में वर्ष 2009-10 तथा 2010-11 में विभाग द्वारा स्वरोजगार योजना के तहत कितने हितग्राहियों को विभिन्न प्रकार के वाहन हेतु ऋण उपलब्ध कराये गये? उनकी सूची देवें जिसमें उनके क्रय किये गये वाहन का क्रमांक भी उल्लेखित हो।

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) अनुसूचित जनजाति के युवाओं को स्‍वरोजगार के लिये ऋण उपलब्‍ध कराने हेतु निम्‍न योजनाएं संचालित है :- 1. मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना 2. मुख्‍यमंत्री आर्थिक कल्‍याण योजना 3. मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना 4. मुख्‍यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, योजनाओं के मापदण्‍ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                 (ख) जबलपुर जिले में विगत 05 वर्षों में उक्‍त योजना अंतर्गत जिले में स्‍थापित विभिन्‍न बैंकों के माध्‍यम से ऋण दिये गये हैं। प्रस्‍तावित इकाइयों का निरीक्षण समय-समय पर बैंकों द्वारा ही (निरीक्षण) किया जा‍ता है। (ग) जबलपुर जिले में विभाग के पास ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। (घ) जिले में वर्ष 2009-10 एवं 2010-11 में 03 हितग्राहियों को ऋण दिया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

 

केटल मार्केट एवं अनाथ आश्रम की जमीन का अवैध रूप से आवं‍टन 

[नगरीय विकास एवं आवास]

55. ( क्र. 3111 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दमोह शहर के बीचो-बीच स्टेशन से लगी हुई 09 एकड़ जमीन ढोर बाजार, केटल मार्केट एवं 06 एकड़ अनाथ आश्रम की जमीन राजस्व अभिलेख में दर्ज है? उक्त 16 एकड़ जमीन पर नगर पालिका परिषद दमोह द्वारा हितबद्ध लोगों को अवैध रूप से पट्टे दे दिये गये हैं?             (ख) क्‍या वर्ष 2003 में तत्कालीन कलेक्टर संदीप सक्सेना ने उक्त सभी पट्टे निरस्त कर दिये थे उसके बावजूद उक्त 16 एकड़ जमीन पर नगर पालिका परिषद दमोह द्वारा 10 दुकानों का टेण्डर निकाला गया जिस पर मात्र 05 दुकानों का निर्माण कराया गया शेष जमीन एक व्यक्ति विशेष को नगर पालिका में प्रस्ताव पास कराकर पट्टे पर दे दी गई? (ग) क्‍या राजस्व अभिलेख में किसी अन्य विभाग के नाम पर दर्ज जमीन को नगर पालिका परिषद दमोह टेण्डर निकाल कर लोगों को आवंटित कर सकता है? इस संबंध में नियमावली में क्‍या उल्‍लेखित है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। म.प्र. नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत उक्त भूमि पर आवासीय भूमि के पट्टे, प्राधिकृत अधिकारी द्वारा निर्देशों के अनुसार समय-समय पर जारी किए गए है। (ख) जी हाँ। तत्कालीन कलेक्टर श्री संदीप सक्सेना द्वारा वर्ष 2004-05 में रोड चौड़ीकरण के लिए बाधा बने काबिज व्यक्तियों का विस्थापन करने के लिए बैठक दिनांक 06.01.2005 के प्रस्ताव क्रमांक 1 से 4 तक पारित कर दुकान किराए पर आवंटित किए जाने के निर्देशानुसार नगर परिषद दमोह द्वारा धर्मशाला परिसर के पास 10 दुकानों का टेण्डर निकाला गया एवं 10 दुकानें ही निर्मित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निर्मित 10 दुकानों के बाजू में नगर पालिका परिषद दमोह के पी.आई.सी. बैठक दिनांक 16.09.2011 के प्रस्ताव क्रमांक 130 के द्वारा एक पट्टे का नामांतरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 109 अनुसार परिषद में निहित या उसके प्रबंध के अधीन नगर पालिका संपत्ति के व्ययन को शासित करने वाले उपबंध प्रावधानित है।

सरदार भगत सिंह शापिंग काम्‍पलेक्‍स का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

56. ( क्र. 3113 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिका दमोह के द्वारा किसान भवन के सामने वन, लोक निर्माण विभाग की जमीन पर अवैध अतिक्रमण करके सरदार भगत सिंह शापिंग काम्‍पलेक्‍स का निर्माण किया गया एवं उक्त निर्माण के दौरान वन, लोक निर्माण विभाग के द्वारा आपत्तियां प्रस्तुत की गई? क्या उक्त आपत्तियों के निराकरण के बगैर शापिंग काम्‍पलेक्‍स का निर्माण कर दुकानों का आवंटन कर दिया गया? (ख) क्‍या राजस्व अभिलेख में अंतरण किये बगैर यह सम्भव हुआ है? यदि हाँ, तो किसकी सहमति से? नगर पालिका परिषद दमोह के अंतर्गत निर्मित शापिंग काम्पलेक्स की दुकानों के वितरण की नियमावली एवं नगर पालिका परिषद में पारित प्रस्ताव की सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) शापिंग काम्‍पलेक्‍स के निर्माण के दौरान वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के द्वारा जो आपत्तियां प्रस्तुत की गई थी उनकी सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। उक्त अवैध निर्माण के खिलाफ याचिकाकर्ता श्री अनुराग हजारी की याचिका पर मान.उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दुकानों को तोड़ने का आदेश पारित किया जा चुका है, निर्धारित समयावधि में अपील दायर न होने पर मान.न्यायालय का आदेश अंतिम हो चुका है फिर भी इन दुकानों को क्‍यों नहीं तोड़ा जा रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि अपितु नगर पालिका दमोह द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशों के पालन में किसान भवन के सामने रखे टपरों, गुमटियों एवं पक्की दुकानों का अतिक्रमण हटाकर वर्ष 2004-05 में रोड चौड़ीकरण किया है। प्रभावित दुकानदारों के पुनर्व्‍यवस्‍थापन हेतु वन विभाग की 16,000 वर्गफुट रिक्त भूमि पर एवं लोक निर्माण विभाग की 9825 वर्गफुट भूमि पर दुकानों का निर्माण कराया गया। तत्कालीन कलेक्टर जिला दमोह द्वारा दिनांक 25.08.2005 को वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों की अनापत्ति हेतु लेण्डपूल समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें संबंधित विभागों द्वारा सहमति प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। म.प्र.शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 6-233/05/सात/नजूल भोपाल दिनांक 28.08.2008 द्वारा 9825 वर्गफुट भूमि का आवंटन नगर पालिका दमोह को किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वन विभाग द्वारा लेण्डपूल समिति की बैठक दिनांक 25.08.2005 में वनमण्‍डलाधिकारी दमोह ने भूमि उपयोग करने की सहमति दी है। परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 09 दिनांक 08.09.2006 में पारित संकल्प अनुसार दुकान आवंटित की गई। तत्समय वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग से कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई थी अपितु वन विभाग द्वारा वर्ष 2017 में आपत्ति प्रस्तुत की गई है। (ख) निकाय द्वारा उक्त भूमि के स्थाई लीज आवंटन किए जाने हेतु नजूल विभाग के माध्यम से राजस्व प्रकरण क्रमांक 16 अ/20 (2004-05) के द्वारा मांग की गई जिसकी प्रीमियम की 10 प्रतिशत राशि भी जमा की गई एवं म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 6-233/05/सात/नजूल, भोपाल दिनांक 28.08.2008 के द्वारा 9825 वर्गफुट भूमि का आवंटन नगर पालिका दमोह को किया गया है। दुकान के वितरण के संबंध में तत्समय प्रचलित संपत्ति अंतरण नियमों की प्रति तथा अनुबंध में शामिल शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं नगर पालिका परिषद दमोह के प्रस्ताव की सत्यप्रति की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) शापिंग काम्प्लेक्स के निर्माण के दौरान वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा आपत्ति प्रस्तुत नहीं की थी अपितु वन विभाग द्वारा वर्ष 2017 में आपत्ति प्रस्तुत की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में श्री अनुराग हजारी पत्रकार द्वारा दायर की गई याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी./8179/2007 में पारित आदेश दिनांक 06. 05.2015 के द्वारा अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्त आदेश के पालन में नगर पालिका द्वारा नजूल विभाग के सहयोग से समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध रूप से दुकानों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

57. ( क्र. 3114 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एक्सीलेंस स्कूल दमोह, शिक्षा विभाग खसरा नं.69/2 रकवा 6.16 एकड़, बिना राजस्व अभिलेख में अंतरण किये नगर पालिका दमोह द्वारा उक्त जमीन पर 47 दुकानों के निर्माण का अतिक्रमण कर आवंटन कर दिया गया? उक्त जमीन आज की दिनांक में एक्सीलेंस स्कूल या नगर पालिका दमोह की है? (ख) नगर पालिका दमोह के द्वारा एक्सीलेंस स्कूल से उक्त जमीन मांग की गई थी, बदले में विद्यालय समिति को 16 क्लास रूम एवं पूरे रकबे को अतिक्रमण मुक्त करके बाउण्ड्रीवॉल बनाकर देने का अवैध अनुबंध किया गया था, उक्‍त मामले से जुड़े समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ग) उक्त किये गये करार के बदले न तो 16 क्लास रूम बनाकर दिये गये, न ही पूरे रकबे को अतिक्रमण मुक्त करके बाउण्ड्रीवॉल बनाकर दी, दूसरी तरफ राजस्व अभिलेख में अंतरण किये बगैर महिला वसती गृह, पानी की टंकी, बना दी गयी, उक्त निर्माण में म.प्र.शासन का धन खर्च हुआ, जबकि एग्रीमेंट था कि नगर पालिका इन दुकानों के बदले में अपने स्वयं के व्यय से निर्माण कराकर देगी जो कि आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुआ, इस प्रकरण में वर्तमान स्थिति क्या है? तथ्यों एवं साक्ष्यों के साथ जानकारी उपलब्ध करावे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। खसरा क्रमांक 69/2 रकवा 6.16 एकड़ भूमि में से मात्र 6000 वर्गफुट भूमि पर रोड के किनारे रोड का अतिक्रमण हटाने के बाद जिला प्रशासन की सहमति से 46 दुकानों का निर्माण नगर पालिका परिषद दमोह द्वारा वर्ष 2005-06 में किया गया है। उक्त भूमि पर स्वामित्व नजूल विभाग का है, खसरे में जेरे निगरानी शिक्षा विभाग दर्ज है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 03.09.2005 को शिक्षा विभाग से नगर पालिका दमोह का अनुबंध निष्पादित किया गया था। अनुबंध के अनुसार 60 दुकानों का निर्माण की सहमति प्रदान की गई थी। 46 दुकानों के निर्माण उपरांत 16 कक्षों के शाला भवन एवं बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के साथ शेष 14 दुकानों का निर्माण किया जाना था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) पालक शिक्षक संघ शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह एवं नगर पालिका दमोह द्वारा दिनांक 03.09.2005 को किये गये अनुबंध को चुनौती देते हुये पालक शिक्षक संघ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 11737/2006 दायर की गई, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 04.09.2006 को मध्यप्रदेश शासन को याचिका का निराकरण करने के निर्देश प्रदान किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पंडित श्री दिवाकर करमरकर द्वारा अवमानना याचिका क्रमांक 463/2007 दायर की गई। जिसमें शासन द्वारा प्रकरण पर दिनांक 21.08.2007 को सभी पक्षों की सुनवाई के उपरांत आदेश क्रमांक एफ-10-10/05/18-2 भोपाल दिनांक 21.08.2007 द्वारा आदेश पारित किये गये की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शासन के निर्देशों के अनुसार सार्वजनिक हित के अनुबंध का पालन करने हेतु पालक शिक्षक संघ के नियमावली की कंडिका 17 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करने एवं स्वीकृति प्राप्त होने पर आगे की कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये साथ ही शेष 14 दुकानों का निर्माण अनुमति प्राप्त होने तक नहीं किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये। अतएव न तो शेष दुकानों का निर्माण किया गया न ही 16 कक्षा कमरों का निर्माण किया गया। शासन द्वारा वर्तमान में बी.आर.सी. भवन एवं शाला भवन का निर्माण करा लिया गया है। पं. श्री दिवाकर करमरकर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 19740/2015 दायर की गई जिसमें आदेश दिनांक 23.06.2016 के द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका खारिज कर दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। भूमि पर पानी की टंकी का निर्माण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लगभग 35 वर्ष पूर्व किया गया था, जो नगर पालिका को हैण्डओवर की गई है।

विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक को परिवर्तन करना

[स्कूल शिक्षा]

58. ( क्र. 3117 ) श्री संजय शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                   (क) जिला परियोजना समन्वयक (डी.पी.सी.) इन्दौर के अधीन कितने जनपद, शिक्षा केन्द्र आते हैं? इन जनपद शिक्षा केन्द्रों में कौन-कौन से विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक कब से कार्यरत हैं?                                                      (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिला अंतर्गत किन-किन विकासखण्डों में विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक विगत 06 या उससे अधिक वर्ष से पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है? क्या शासन विभाग में लम्बे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक को परिवर्तित करने की कोई कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 06 जनपद शिक्षा केन्द्र। इन जनपद शिक्षा केन्द्रों में कार्यरत विकासखण्ड स्रोत समन्वयक की सेवा अवधि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) विकासखण्ड स्रोत समन्वयक की नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। जी नहीं। प्रशासकीय कारणों से।

छात्रवृत्ति में गड़बड़ी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

59. ( क्र. 3150 ) श्री संजीव सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विगत वर्षों में अनुसूचित जाति के बच्‍चों के पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़‍बड़ियां सामने आई थी? यदि हाँ, तो इनमें कुल कितनी राशि का घोटाला सामने आया? (ख) क्‍या इनकी कोई जाँच कराई गई तथा गड़बड़ी पाए जाने पर किन लोगों से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। गड़बड़ि‍यों की जाँच विभिन्‍न स्‍तर पर प्रचलन में है इसलिए घोटालों की राशि बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जाँच कार्यवाही विभिन्‍न स्‍तरों पर प्रचलन में है। जितनी राशि अब तक वसूल कर ली गई है उसकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

सड़कों के निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाया जाना 

[नगरीय विकास एवं आवास]

60. ( क्र. 3155 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उमरिया जिले के नगर परिषद चंदिया में स्‍मार्ट सिटी के तहत सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में गांधी चौक से मनभरन के घर तक एवं बिरसामुंडा तिराहे से विलायत घाट तक सड़क निर्माण हेतु जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटवाया गया था? (ग) यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटवाए जाने के बाद किन-किन लोगों द्वारा पुन: अतिक्रमण कर लिया गया है? पुन: अतिक्रमण हो जाने के लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं?                                                 (घ) स्‍मार्ट सिटी चंदिया के निर्माण हेतु 01.12.2018 से 31.5.2019 तक क्‍या-क्‍या सामग्री क्रय की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी से संबंधित नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा निर्माण कार्य निष्पादन हेतु कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गयी है।

आदि उत्‍सव  में व्‍यय की जानकारी

[आदिमजाति कल्याण]

61. ( क्र. 3166 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मंडला के ग्राम रामनगर में वर्ष 2015 में आयोजित आदि उत्‍सव में कितनी राशि खर्च की गई थी? क्‍या समस्‍त शासकीय व्‍यय के लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया था? यदि नहीं, तो शासकीय राशि के खर्च में अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ख) उक्‍त आयोजन के दौरान भारत सरकार के तत्‍कालीन केन्‍द्रीय मंत्री, जन‍जातीय कार्य विभाग के द्वारा जनजातीय संग्रहालय व कम्‍युनिटी सेंटर निर्माण के लिए कितनी राशि देने की घोषणा की गई थी? घोषणा की राशि में से कितनी राशि अब तक प्राप्‍त हो चुकी है? प्राप्‍त राशि से क्‍या कार्य किये गए हैं? यदि पूरी राशि प्राप्‍त नहीं हुई है तो इस संदर्भ में क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्‍त कार्य करवाने हेतु विभागीय स्‍तर से क्‍या योजना है और कब तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा? (घ) आदि उत्‍सव का आयोजन किया जाना क्‍यों बंद किया गया? क्‍या इसका आयोजन पुन: प्रारंभ कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) वर्ष 2015 में आयोजित आदि उत्‍सव कार्यक्रम कार्यालय सहायक आयुक्‍त, आदिवासी विकास मण्‍डला को आवंटन उपलब्‍ध नहीं कराया गया, जिससे व्‍यय का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (ख) मध्‍यप्रदेश ग्रामीण अधोसंरचना, पेयजल आपूर्ति योजना तथा सड़क विकास निधि के अंतर्गत नवीन प्रस्‍ताव के रूप में वित्‍त विभाग को आदिवासी सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि रूपये चार करोड़ बानवे लाख पिच्‍चासी हजार (492.85 लाख) का प्रस्‍ताव भेजा गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बताया जाना संभव नही। (घ) आदि उत्‍सव बंद नहीं किया गया, शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

सार्वजनिक सुविधा गृहों/बायो सुविधा गृहों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

62. ( क्र. 3172 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्‍वच्‍छता अभियान के तहत किन-किन योजनान्‍तर्गत किन-किन वार्डों में कहाँ-कहाँ पर कब कितनी-कितनी राशि में कितने-कितने सीट के सार्वजनिक सुविधा गृहों (टायलेट) बायो सुविधागृहों का निर्माण किस एजेन्‍सी से कितनी-कितनी राशि में करवाया है? इनकी गुणवत्‍ता की जाँच कब-कब किसने की है? वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कहाँ-कहाँ के सुविधागृह जर्जर, टूट-फूट गये हैं व अनुपयोगी हो गये हैं एवं क्‍यों? इनकी साफ-सफाई की क्‍या व्‍यवस्‍था है? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में कटियाघाट में सार्वजनिक टायलेट का निर्माण कब, किस एजेन्‍सी से कितनी राशि में कराया गया? इसकी गुणवत्‍ता की जाँच कब किसने की? वर्तमान में इस सार्वजनिक सुविधा गृह की क्‍या स्थिति है? इसकी कब से साफ-सफाई नहीं की गई है एवं क्‍यों? (घ) क्‍या शासन घटिया गुणवत्‍तावि‍हीन कराये गये सुविधागृहों के निर्माण कार्य में किये गये भ्रष्‍टाचार की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों व एजेन्‍सी पर कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'', '', '' एवं '' अनुसार है। उनकी गुणवत्‍ता की जाँच समय-समय पर तत्‍कालीन तकनीकी अधिकारियों द्वारा की गई है। (ख) जर्जर एवं टूटे-फूटे सुविधागृहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। शौचालयों में असामाजिक तत्‍वों द्वारा तोड़-फोड़ किये जाने के कारण अनुपयोगी हो गये है। नगर निगम सीमा अंतर्गत स्थित समस्‍त प्री-फब,                                                  प्री-कास्‍ट एवं बायो टॉयलेट का कार्य सांई सन एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) स्‍वच्‍छ भारत मिशन के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 01 नग सुलभ शौचालय 19 सीटर शौचालय का निर्माण सुलभ इंटरनेशनल द्वारा जिसे राशि रू.16.25 लाख में किया गया है। संबंधित विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निर्माण के समय निरीक्षण किया गया है। समय बताना संभव नहीं है। शौचालय वर्तमान में पूर्ण उपयोगरत अवस्था में है। इसके नियमित साफ-सफाई सुलभ इन्टरनेशनल के कर्मचारियों द्वारा की जाती है। अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध कालोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

63. ( क्र. 3214 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विगत समय में सभी नगर निगम के वार्डों का विभाजन एवं आरक्षण किया गया? यदि हाँ तो क्‍या उसकी विवेचना करने के बाद तथा आवश्‍यक हुआ तो नये सिरे से वार्डों का परिसीमन करने के बाद नगर निगमों के चुनाव कराये जायेंगे। (ख) मेट्रो ट्रेन तथा स्‍मार्ट सिटी इंदौर, भोपाल, जबलपुर की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें तथा बतावें कि केन्‍द्र सरकार से समुचित राशि प्राप्‍त हुई है या नहीं? इनका केलेण्‍डर क्‍या है? (ग) प्रत्‍येक नगर निगम की अवैध तथा अविकसित कालोनियों की सूची देवें तथा बतावें कि नवम्‍बर 2018 तक किस नगर निगम में                                                           किस-किस अवैध को वैध किया गया था तथा उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर के संदर्भ में दायर प्रकरण के बारे में बतावें, कि किस-किस दिनांक की सुनवाई हुई तथा शासन की ओर से पैरवी किसने की शासन द्वारा दायर जवाब की प्रति देवें। (घ) नगर निगमों में पिछले 05 वर्षों में 50 करोड़ की राशि के ई-टेण्‍डर की जानकारी, दिनांक, कार्य का आवंटन ठेकेदार/फर्म का नाम, पता, स्‍वीकृत कार्य प्रारंभ की दिनांक, भुगतान राशि और दिनांक की अद्यतन स्थिति सहित सूची देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि विगत समय नगर निगम चुनाव के पूर्व म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 10 में निहित प्रावधानानुसार नगर निगम की आवश्यकता के अनुसार वार्ड का विस्तार एवं धारा 11 के प्रावधान अनुसार प्रदेश की समस्त नगर निगमों में वार्डों का आरक्षण किया गया है। आगामी चुनाव में मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 10 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि इन्दौर एवं भोपाल मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त करने हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है तथा केलेण्डर प्रक्रियाधीन है। स्मार्ट सिटी भोपाल इन्दौरजबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) नगर निगमों की अवैध तथा अविकसित कालोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मान. उच्च न्यायालय ग्वालियर के संदर्भ में दायर प्रकरण की सुनवाई दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विभाग की ओर से प्रकरण में की गई पैरवी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' तथा दायर जवाब की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

स्‍कूलों में प्रवेश होने के बाद विद्यालय छोड़ कर जाना

[स्कूल शिक्षा]

64. ( क्र. 3227 ) श्री संजय यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) बरगी, जबलपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने शासकीय स्‍कूल हैं जिनका अपना स्‍वयं का भवन नहीं है और इन स्‍कूलों में स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने नियमित शिक्षक कार्यरत हैं। (ख) इन स्‍कूलों में 1 जून, 2008 से 31 मई, 2018  के मध्‍य कितने विद्यार्थियों ने प्रवेश लेने के बाद नियमित पढ़ाई को छोड़ दिया वर्षवार जानकारी देवें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) बरगी, जबलपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत समस्‍त शासकीय प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शालाओं के स्‍वयं के भवन है। शासकीय हाईस्‍कूल/हायर सेकेन्‍डरी शालाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।

परिशिष्ट - ''इक्यावन''

पूर्ण हो चुके कार्यों के देयकों का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

65. ( क्र. 3251 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगर पालिक निगम के अन्तर्गत विभिन्न विभागों के निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात भी लम्बे समय से ठेकेदारों के देयकों का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उन्हीं ठेकेदारों को नये कार्यों के टेण्डर स्वीकृत कर कार्य आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या इन ठेकेदारों द्वारा नवीन कार्य आदेश अनुसार कार्य शुरू नहीं किया गया है जिससे जनसामान्य की आवश्यकता एवं विकास प्रभावित हो रहा है? (ख) क्या पूर्ण हो चुके कार्यों के लम्बे समय से रूके देयकों के भुगतान के लिये शासन स्तर पर कोई प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) जिन पूर्ण हो चुके कार्यों के ठेकेदारों को भुगतान किया जाना शेष है की सूची उपलब्ध करावें व कब तक इनके देयकों का भुगतान कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। निगम के कोषालय को प्राप्‍त देयकों का भुगतान नियमानुसार वित्‍तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए राशि की उपलब्‍धता प्राप्‍त होने वाले अनुदान राजस्‍व करों की वसूली के आधार पर वित्‍तीय नियमितता बनाये रखने तथा आवश्‍यक एवं मौसमी खर्चों को प्राथमिकता दिये जाने के उपरांत उपलब्‍ध राशि के तथा देय भुगतान राशि के अनुपात में समन्‍वय स्‍थापित कर ठेकेदारों को भुगतान किये जाते है। जी हाँ। कतिपय विभागों में उन्हीं ठेकेदारों ने नये कार्यादेश कार्य आदेश प्राप्‍त किये है। विभिन्‍न मूलभूत कार्य निकाय के अधीन संचालित होकर नियमानुसार ठेकेदारों से नवीन कार्य आदेश जो उन्‍हें प्राप्‍त हुए है, कार्य प्रस्‍तावित हैं। इस कारण जनसामान्‍य की आवश्‍यकताएं एवं विकास कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है। (ख) जी हाँ। निकाय की स्थिति एवं वित्‍तीय आवश्‍यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिमाह चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि तथा समय-समय पर सड़क मरम्‍मत तथा यात्रीकर, एस.एफ.सी. की राशियां प्राप्‍त है तथा निकाय द्वारा स्‍टाम्‍प ड्यूटी की राशि प्राप्‍त किये जाने के प्रयास किये जाते है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

इन्दौर नगरीय क्षेत्र में मेट्रो ट्रेन का संचालन 

[नगरीय विकास एवं आवास]

66. ( क्र. 3252 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगरीय क्षेत्र की बढ़ती जनसंख्या एवं ट्रैफिक की गम्भीर समस्या को देखते हुये इन्दौर नगरीय क्षेत्र में मेट्रो ट्रेन संचालन आवश्यक है? (ख) क्या इन्दौर नगरीय क्षेत्र में मेट्रो ट्रेन संचालन की कार्य योजना प्रस्तावित है और शासन स्तर पर इस हेतु कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो वर्तमान में किस स्तर पर कार्य लम्बित है? स्पष्ट करें।                                             (ग) इन्दौर नगरीय क्षेत्र में प्रस्तावित मेट्रो ट्रेन का प्रस्तावित रूट बतावें व कार्ययोजना की लागत व कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) इंदौर नगरीय क्षेत्र में यातायात की समस्‍याओं के समाधान के रूप में मेट्रो ट्रेन का संचालन प्रस्‍तावित है। (ख) इंदौर नगरीय क्षेत्र में मेट्रो ट्रेन के संचालन का कार्य योजना प्रचलन में है। कार्य योजना का सुचारू रूप से संचालन विभाग स्‍तर पर किया जा रहा है तथा किसी भी स्‍तर पर कार्य लंबित नहीं है। (ग) इंदौर नगरीय क्षेत्र में प्रस्‍तावित मेट्रो ट्रेन का प्रस्‍तावित रूट व कार्ययोजना की लागत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा वर्ष 2023 प्रस्‍तावित है।

परिशिष्ट - ''बावन''

सीनियर कन्या छात्रावास का निर्माण

[अनुसूचित जाति कल्याण]

67. ( क्र. 3291 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवपुरी अंतर्गत पोहरी विकासखण्ड के ग्राम भटनावर में शासकीय अनुसूचित जाति सीनियर कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को कार्य पूर्ण हुआ है? क्या उक्त छात्रावास भवन का लोकार्पण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को किसके द्वारा लोकार्पण हुआ? क्या विभाग ने उक्त भवन पर अपना आधिपत्‍य प्राप्त कर लिया है? यदि हाँ, तो दिनांक का उल्लेख करें? यदि नहीं, तो आधिपत्‍य प्राप्त क्यों नहीं किया गया? कारण सहित उत्तर दें। उक्त भवन के निर्माण की कुल लागत कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि उक्त छात्रावास भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, तो किस दिनांक से संबंधित वर्ग की छात्राओं को यहां आवासीय सुविधा उपलब्ध करा दी गई है? दिनांक का उल्लेख करें। यदि छात्राओं को उक्त भवन में आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई तो इसके क्या-क्या कारण हैं? क्या उक्त छात्रावास भवन का उपयोग नहीं हो पाने के कारण शासकीय भवन में टूट-फूट होने लगी है? इस हेतु कौन जिम्मेदार है? (ग) छात्राओं को नवनिर्मित छात्रावास भवन में आवासीय सुविधा दिए जाने में हो रहे विलंब हेतु कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी व जिम्मेदार हैं तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक? नवनिर्मित कन्या छात्रावास भवन भटनावर में छात्राओं को आवासीय सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। कार्य दिनांक 31.11.2016 को पूर्ण हुआ। जी हाँ, माननीय विधायक श्री प्रहलाद भारती द्वारा दिनांक 17.01.2017 को भवन का लोकार्पण किया गया। जी हाँ, दिनांक 04.01.2017 को भवन का आधिपत्‍य प्राप्‍त किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। भवन की निर्माण लागत रू. 202.03 लाख है। (ख) नवनिर्मित भवन में आवासीय सुविधा दिनांक 07.07.2019 को उपलब्‍ध करा दी गई है। छात्रावास भवन ग्राम से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर होने एवं रास्‍ता सुनसान होने से छात्राओं एवं उनके पालकों द्वारा उक्‍त भवन में रहने से इंकार कर दिया गया। वैकल्पिक व्‍यवस्‍था स्‍वरूप छात्राओं को पुन: पूर्व भवन में आवासीय सुविधा उपलब्‍ध करायी गई है। उक्‍त निर्मित भवन में छात्रों को आवास सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना प्रस्‍तावित है। भवन में कोई टूट-फूट नहीं हुई है। (ग) विलंब हेतु तत्‍कालीन अधिकारियों/ कर्मचारियों की जिम्‍मेदारी तय करते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

शिक्षाकर्मियों का संविलियन 

[स्कूल शिक्षा]

68. ( क्र. 3303 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत संविलियन हेतु कितने शिक्षाकर्मी शेष हैं? इनको स्‍थाई करने की प्रक्रिया कब तक पूरी की जावेगी? (ख) क्‍या वरिष्‍ठ अध्‍यापक सहायक अध्‍यापकों का नियमितीकरण किया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सिंगरौली जिले में कोई भी शिक्षाकर्मी संविलियन हेतु शेष नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अध्यापक संवर्ग को मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अन्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग के सुसंगत पदों पर नियुक्त करने का प्रावधान है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दोषी सहायक यंत्री के विरूद्ध लोकायुक्‍त प्रकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

69. ( क्र. 3317 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिका शहडोल में विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 3351, नवम्‍बर-दिसम्‍बर 2017 के प्रश्नांश (क) में मोहन राम मंदिर ट्रस्‍ट शहडोल में नियम विरूद्ध कार्य करने हेतु जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी जाँच में दोषी पाये गये, अधिकारी का नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या दोषी पाये गये सहायक यंत्री के विरूद्ध लोकायुक्‍त प्रकरण पूर्व में प्रचलित था? क्‍या विभागीय जाँच उपरांत भी वह दोषी पाया गया है?                                              (ग) क्‍या दोषी पाये गये सहायक यंत्री के विरूद्ध आर्थिक अपराध में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्‍तर यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही अभी तक क्‍यों नहीं की गई व कब तक की जावेगी। क्‍या जाँच को प्रभावित करने हेतु उक्‍त अपराध में लिप्‍त सहायक यंत्री को नगरीय प्रशासन में कार्यपालन यंत्री का अतिरिक्‍त प्रभार दिया गया है तथा ऐसे दोषी सहायक यंत्री को संभाग से बाहर कब तक पदस्‍थ कर दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रथम दृष्‍टया जाँच में                                 श्री प्रकाश जगवानी तत्‍कालीन अध्‍यक्षश्री विद्याशंकर चतुर्वेदीतत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारीश्री बृजेन्‍द्र वर्मासहायक यंत्री एवं श्री देव कुमार गुप्‍ताउपयंत्री नगर पालिका परिषदशहडोल उत्‍तरदायी पाये गये हैं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ, रीवा मध्‍यप्रदेश द्वारा शिकायत क्र. 37/18 के परिपालन में नगर पालिका परिषद, शहडोल से दिनांक 01 मार्च 2017 से दिनांक 26-09-2017 तक के अभिलेख चाहे गए है। प्रकरण में जाँच प्रचलित है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तिरेपन''

नगर पालिका/नगर पंचायत में निर्माणाधीन कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

70. ( क्र. 3318 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कितनी नगर पालिका एवं नगर पंचायते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में विगत तीन वित्‍तीय वर्षों में कौन-कौन से कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? वर्षवार, नगर पालिका एवं पंचायतवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। उक्‍त वर्षों में स्‍वीकृत राशि में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन हैं तथा कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ हैं? (ग) अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? कार्यवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। 

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अनुपपूर जिले में चार नगर पालिका परिषद एवं दो नगर परिषद हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                                  (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अनुकम्‍पा नियुक्ति के प्रावधान

[स्कूल शिक्षा]

71. ( क्र. 3331 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुकम्पा नियुक्ति के क्‍या प्रावधान है, प्रदेश के किन-किन विभागों के किन-किन पदों पर अनुकम्‍पा नियुक्ति प्रदान किये जाने के शासनादेश हैं? शासनादेशों की प्रतियां देवें। (ख) क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी के शिक्षकीय संवर्ग के पदों पर, जैसे संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 पद पर अनुकम्पा नियुक्ति हेतु बी.एड./डी.एड. के साथ साथ पात्रता परीक्षा उत्‍तीर्ण होना अनिवार्य है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में कितने ऐसे प्रकरण हैं जो बी.एड./डी.एड. उत्‍तीर्ण न होने एवं पात्रता परीक्षा उत्‍तीर्ण न होने के कारण अनुकम्‍पा नियुक्ति से वंचित हैं? जिलावार, जानकारी देवें। क्‍या पात्रता परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष कराया जाता है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार अनुकम्‍पा नियुक्ति में पात्रता परीक्षा उत्‍तीर्ण करने तथा बी.एड./डी.एड. अनिवार्य के नियम का शिथलीकरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? कब तक किया जायेगा? विभाग द्वारा लंबित प्रकरणों में अनुकम्‍पा नियुक्ति प्रदान कर बी.एड./डी.एड. अथवा अन्‍य कोर्स क्‍यों नहीं कराया जा सकता है? सीधी भर्ती एवं अनुकम्‍पा नियुक्ति के लिये एक ही अनिवार्य अर्हता होने से अनुकम्‍पा  का क्‍या औचित्‍य बचा है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार (ख) जी हाँ। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। प्रशासनिक कारणों से निश्चित समयांतराल पर परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकी है। (घ) दिनांक 1.4.2010 से प्रभावशील भारत सरकार के निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार नियुक्‍त किये जाने वाले शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता निर्धारित है। अध्यापक संवर्ग एवं अन्य शासकीय कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रित को संविदा शाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने के लिये निर्धारित शैक्षणिक एवं शिक्षण-प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) यथास्थिति प्राप्त करना तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के मार्गदर्शी सिद्धान्‍तों के अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य है। अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में इन नियमों में शिथिलता प्रदान का अनुरोध भारत सरकार से किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गंदे पानी की निकासी

[नगरीय विकास एवं आवास]

72. ( क्र. 3332 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सांई नगर वार्ड क्रमांक 29 सतना के ऊपरी मोहल्‍लों के गंदे पानी की नाली लाकर सांई नगर में रोक दी गई हैं? (ख) क्‍या सांई नगर (अमौधा/महदेवा) के बगल से होते हुई शासकीय नाला निकला था जिसमें अतिक्रमण कर लिया गया हैं? (ग) क्‍या इस गंदे नाली के पानी निकासी हेतु अतिक्रमण ग्रसित नाले में या अन्‍य वैकल्पिक व्‍यवस्‍था करके गंदे पानी की निकासी बरसात पूर्व कराई जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं अपितु वार्ड क्रमांक 29 सांई नगर एवं ऊपरी मोहल्ले के पानी निकासी के लिए नाली का निर्माण कराया गया है। नाली का अंतिम सिरा पानी के प्रकृति बहाव क्षेत्र जो निर्जन है, तक बनाया गया है। (ख) जी हाँ। राजस्व निरीक्षक वृत्त सोहावल के प्रतिवेदन अनुसार अमौधाकला एवं महादेवा के सरहद में अमौधाकला की आराजी नं. 686 एवं ग्राम महादेवा की आराजी नं. 01 सांई नगर के दक्षिण तरफ नाला स्थित है। नाले के उत्तर एवं दक्षिण तरफ वेरी रेवरेन्ट जनरल सेकेट्री के.ई. उम्मन मरथोमा, इन्वान्जिलिस्टिक एसोसिऐशन द्वारा लोहे की जाली एवं बाउण्ड्री बनाकर अतिक्रमण किया गया है। (ग) नाली से पानी निकासी प्राकृतिक बहाव क्षेत्र से हो रही है, जिसमें कोई व्यवधान नहीं है। नाली के अंतिम सिरे एवं नाले के भूमि के बीच में निजी स्वामित्व की भूमि होने से वर्षा पूर्व नाले से नाली को जोड़ने या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

राष्‍ट्रीय माध्‍यमिक शिक्षा अभियान में प्रतिनियुक्ति 

[स्कूल शिक्षा]

73. ( क्र. 3335 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्‍ट्रीय माध्‍यमिक शिक्षा अभियान में जिला अंतर्गत स्‍वीकृत पदों पर प्रतिनियुक्ति की क्‍या प्रकिया है? आर.एम.एस.ए. योजना के लागू होने से अब तक सतना जिले में कब-कब प्रतिनियुक्ति की कार्यवाही की गई? वर्तमान में सतना जिले में कार्यरत अमले की जानकारी देवें? (ख) क्‍या सतना जिले में आर.एम.एस.ए. में वर्तमान में कार्यरत अमला लगभग 8 वर्षों से अधिक समय से पदस्‍थ हैं? प्रतिनियुक्ति की अवधि की समय-सीमा बतावें। संबंधितों की प्रतिनियुक्ति कब तक समाप्‍त की जाकर नये कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर रखा जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?                                      (ग) क्‍या आर.एम.एस.ए. में जिला स्‍तरीय पदों पर प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शासनादेशों के विपरीत कुछ समय बाद प्रतिनियुक्‍त कर्मचारियों को वापस किया जाकर पुन: नई प्रतिनियुक्तियां की गई? कितनी-कितनी प्रतिनियुक्ति समाप्‍त की गई एवं किनको रखा गया? पदवार जानकारी एवं आदेश की प्रतियां देवें। दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या आउटसोर्स से कलेक्‍टर दर पर रखे गये कुशल श्रमिक की दर पर परिवर्तित रूप से मानदेय का भुगतान किया गया है? हाँ तो कम्‍प्‍यूटर आपरेटर का नाम, सेवा अवधि, भुगतान राशि की पूर्ण जानकारी देवें। क्‍या संबंधित को शासन नियमित भृत्‍य पद पर संविलियन करेगा? यदि नहीं तो आउटसोर्स से नियुक्‍त कर्मचारी को क्‍या कलेक्‍टर दर पर मानदेय का भुगतान किया जा सकता है? यदि नहीं, तो इससे शासन के राजस्‍व को कितनी क्षति पहुंची है? इसके लिये दोषी अधिकारी कर्मचारियों से राशि की वसूली करते हुये उनके विरूद्ध क्‍या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रतिनियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित कर प्राप्त आवेदनों में से पात्रता के आधार पर जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा चयन किया जाता है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सतना जिले में प्रतिनियुक्ति की कार्यवाही दिनांक 25.5.2011 एवं दिनांक 15.9.2014 को सम्पन्न हुई। वर्तमान में सतना जिले में कार्यरत अमले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रतिनियुक्ति अवधि 4 वर्ष होती है जिसे विभागों की आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान एवं शिक्षक शिक्षा परियोजना को एकीकृत कर समग्र शिक्षा अभियान लागू किया गया है। योजनाओं के एकीकरण की कार्यवाही पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी हाँ। दो प्रकरणों में ऐसा किया गया था। दिनांक 31.5.2011 को जिला स्तरीय पद लेखापाल में चयनित श्री आशुतोष कुमार नामदेव जिनका मूलपद सहायक ग्रेड 3 एवं डाटा एंट्री आपरेटर पर श्री अनिल कुमार शुक्ला की कार्यरत संस्था महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्व विद्यालय चित्रकूट, अर्द्धशासकीय होने के कारण संबंधितों को क्रमशः पद के अनुरूप ना होने एवं संस्था अर्द्धशासकीय होने के कारण कलेक्टर एवं अध्यक्ष चयन समिति के अनुमोदन पर प्रतिनियुक्ति से वापस किया गया एवं प्रथम चयन प्रक्रिया में लिये गए साक्षात्कार में द्वितीय क्रम में रहे श्री एस.पी.वर्मा कनिष्ठ लेखा परीक्षक को लेखापाल पद पर प्रतिनियुक्ति हेतु कार्यालय आदेश 185 दिनांक 14.7.2011 के द्वारा नियुक्त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। त्रुटि तत्समय ही सुधार दी गई थी। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) श्री काशी प्रसाद सेन डाटा एंट्री ऑपरेटर को अक्टूबर 2011 से अक्टूबर 2017 तक कलेक्टर दर पर रखकर मानदेय का भुगतान किया गया है। जो कि नियम विरूद्ध था। डेटा एंट्री ऑपरेटर को प्रतिनियुक्ति पर अथवा आउटसोर्स पर ही रखा जा सकता था।                                                श्री काशीप्रसाद सेन को अक्टूबर 2017 तक भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जी नहीं। आउटसोर्स एजेंसी की दरों के आधार पर भुगतान किया जाता है। जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

कर्मचारियों का नियमितीकरण 

[वन]

74. ( क्र. 3339 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) म.प्र. के समस्‍त जिलों में वर्ष 2005 से 2010 तक म.प्र. राज्‍य लघु वनोपज संघ जिला यूनियन द्वारा संदेश वाहक (संविदा) को रिक्‍त पद के विरूद्ध रखा गया की जानकारी अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रखे गये संदेश वाहकों का क्‍या नियमितीकरण किया गया? यदि हाँ तो किन-किन को कब-कब नियमित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नर्मदापुरम संभाग में जिलेवार नियमितीकरण किये गए कर्मचारियों के नाम, सहित जानकारी उपलब्‍ध कराएं। जिन्‍हें आज दिनांक तक नियमित नहीं किया गया क्‍या उन्‍हें नियमित किया जावेगा और कब तक?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) म.प्र. के समस्त जिलों में वर्ष 2005 से 2010 की अवधि में कुल 06 संदेशवाहक (संविदा) को रिक्त पद के विरूद्ध रखा गया। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नर्मदापुरम संभाग में किसी भी संविदा पर कार्यरत संदेशवाहक को नियमित नहीं किया गया। संघ के संचालक मण्डल से अनुमोदित संघ के संविदा सेवा नियमों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा दी जा रही छात्रावृत्ति 

[अनुसूचित जाति कल्याण]

75. ( क्र. 3405 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति विभाग द्वारा कितने प्रकार की छात्रवृत्ति दी जाती है? सूचीवार जानकारी देवें। (ख) अनुसूचित जाति विभाग द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति में हितग्राहियों विद्यार्थियों के क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड पैमाने रखे है? सूचीवार जानकारी देवें। (ग) क्‍या पिछले पाँच वर्षों में अनुसूचित जाति विभाग में आदिवासी बच्‍चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति में घोटाला हुआ था? उसमें शासन द्वारा की गई जाँच की छायाप्रति देवें। (घ) उक्‍त छात्रावृत्ति घोटाले में कितने लोगों/कर्मचारियों को दोषी पाया गया एवं उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही चल रही है? पूरी कार्यवाही और दोषी कर्मचारियों कि सूचीवार जानकारी देवें।

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्‍ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, विदेश में उच्‍च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना, अस्‍वच्‍छ व्‍यवसाय में कार्यरत व्‍यक्तियों के बच्‍चों के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजनाएं संचालित की जा रही हैं।                                                 (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा आदिवासी बच्‍चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वर्तमान में चलाई जा रही योजनाओं की जानकरी

[आदिमजाति कल्याण]

76. ( क्र. 3406 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में आदिमजाति कल्‍याण विभाग द्वारा खरगोन जिले में कितनी योजनाएं चलाई जा रही हैं। सूचीवार जानकारी देवें। सूची में योजना का नाम, पिछले पाँच वर्षों से कितने लोगों को लाभान्वित किया नाम, पता, सहित जानकारी दें। (ख) आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं कार्यों से लाभ लेने के लिए क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड रखे हैं? योजनावार विस्‍तृत जानकारी देवें।

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

पार्क की भूमि पर हाँस्‍टल निर्माण 

[नगरीय विकास एवं आवास]

77. ( क्र. 3420 ) श्री प्रदीप पटेल, श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्यालय नगर पालिक निगम सतना के द्वारा मान.उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा डब्‍ल्‍यू पी क्रमांक 3413/2017 में पारित निर्णय दिनांक 09.01.2018 एवं 13.02.2019 के अनुसार घनश्‍याम बिहार कॉलोनी के संबंध में जाँच प्रतिवेदन उप/सहायक/कार्यपालन यंत्री ने 18.03.2019 के हस्‍ताक्षर से बताया? उक्‍त प्रतिवेदन में संयुक्‍त संचालक वास्‍ते उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय सतना एवं आयुक्‍त नगर पालिक निगम सतना ने भी हस्‍ताक्षर किये? (ख) क्‍या दिनांक 14.03.2018 को आतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 780 के (ग) के उत्‍तर में स्‍वीकार किया गया है कि उक्‍त कॉलोनाईजर पार्क की भूमि पर हास्‍टल का निर्माण किया एवं जो भूमि रिक्‍त छोड़ी जाती है उस पर अवैध रूप से मकान बनाकर बेच दिये हैं? अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व रघुराज नगर ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि रिक्‍त भूखण्‍डों की रजिस्‍ट्री करवाकर पूरा बना बनाया मकान बेचा गया और स्‍टाम्‍प ड्यूटी की चोरी कर ली गई? (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) में वर्णित अतारांकित प्रश्‍न 780 दिनांक 14.03.2018 के (घ) में भी कॉलोनाईजर के विरूद्ध नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने नियमों के विप‍रीत बड़ी गड़बड़ी पाई? (घ) क्‍या राज्‍य शासन उक्‍त अवैधानिक कार्य करने वाले कॉलोनाईजर के विरूद्ध पार्क की भूमि पर किये अवैध निर्माण एवं रिक्‍त भू-खण्‍डों पर बनाये मकानों को तोड़े जाने आयुक्‍त नगर पालिक निगम को निर्देंश जारी करेगा? जारी आदेशों की एक प्रति दें। अगर नहीं तो क्‍यों? आयुक्‍त नगर निगम सतना के द्वारा उक्‍त कॉलोनाईजर के विरूद्ध प्रश्‍नतिथि तक कब व क्‍या कार्यवाही स्‍थल पर की है कि बिन्‍दुवार विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ प्रश्‍न क्र. 780 अतारांकित का उत्तर राजस्व विभाग द्वारा दिया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यू.पी. 3413/2017 में दिनांक 09.01.2018 को पारित अंतरिम आदेशानुसार आयुक्त नगर निगम एवं उप संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रश्‍नाधीन कॉलोनी की संयुक्त रूप से जाँच की गई है एवं जाँच रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने हेतु दिनांक 23.03.2019 को कलेक्टर महोदय को प्रेषित की गई। जाँच निष्कर्ष के आधार पर कॉलोनाईजर                                               श्री संजय कापडी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। इसके अतिरिक्त भूखण्ड क्र. 9, 10 एवं 11 पर स्वीकृत किए गए G+1 भवन/बहुआवासीय इकाइयों के स्थान पर G+3 में निर्माण पाए जाने के फलस्वरूप द्वितीय एवं तृतीय तल पर किए गए अवैध निर्माण हेतु म.प्र.न.नि.अ. 1956 की धारा 302 एवं 307 के तहत नोटिसें जारी किए गए। प्रकरण में नियम एवं विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। विभाग की ओर से निर्देश जारी किया जाना विचाराधीन नहीं है।

गलत दस्‍तावेजों के आधार पर ली गई अनुकंपा नियुक्ति 

[स्कूल शिक्षा]

78. ( क्र. 3421 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) क्‍या कार्यालय संयुक्‍त संचालक लोक जिला रीवा संभाग, रीवा म.प्र. के आदेश क्रमांक स्‍थापना/4/अनु.नियु./94/1359 रीवा दिनांक 17.10.1994 से सतेन्‍द्र पाण्‍डेय पुत्र स्‍व. मनमोहन लाल पाण्‍डे को अनुकंपा नियुक्ति करने का आदेश जारी किया गया था? अगर हाँ तो जारी आदेशों की एक प्रति दें? उक्‍त जारी आदेश में जिसमें सतेन्‍द्र पाण्‍डे को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी क्‍या उनके पिता का नाम स्‍व. श्री मनमोहन लाल पाण्‍डे था? अगर नहीं तो श्री मनमोहन लाल पाण्‍डे अनुकंपा नियुक्ति वाले सतेन्‍द्र पाण्‍डे के रिश्‍ते में क्‍या हैं? किस कारण एवं नियमों के तहत उक्‍त अनुकंपा नियुक्ति दी गई? बिंदुवार विवरण दें। (ख) क्‍या सतेन्‍द्र पाण्‍डे के पिता का नाम राजेन्‍द्र प्रसाद पाण्‍डे है? माध्‍यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल के पत्र क्र.0411192 हाई स्‍कूल सर्टिफिकेट (10+2) 1990 के केन्‍द्र क्रमांक 41797081 से अप्रैल 1990 को जो अंकसूची जारी की उसका केन्‍द्र जनता हाई/हायर सेकण्‍डरी स्‍कूल जवा जिला रीवा था? प्रश्‍नांश (क) में वर्णित व्‍यक्ति जिसने अनुकंपा नियुक्ति पाई उसने अपनी सर्विस बुक में या शासकीय रिकार्डों में उपरोक्‍त वर्णित प्रमाण पत्र सह अंकसूची संलग्‍न की है या नहीं? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित जिस आदेश से अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी हुआ उसमें सतेन्‍द्र पांडे के पिता का नाम स्‍व. श्री मनमोहन लाल पांडे लिखा है? क्‍या स्‍व.                            श्री मनमोहन लाल पांडे की मृत्‍यु 27.01.1988 को हुई? जिनका मृत्‍यु प्रमाण पत्र आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय म.प्र. शासन के मुख्‍य पंजीयक द्वारा दिनांक 28.01.1988 को जारी किया गया था? क्‍या यह मृत्‍यु प्रमाण पत्र अनुकंपा नियुक्ति के समय सतेन्‍द्र पाण्‍डे ने स्‍कूली शिक्षा विभाग में जमा किया था? सभी पत्रों/आदेशों/प्रमाण पत्रों की एक प्रति दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संयुक्त संचालक संभाग रीवा द्वारा जारी अनुकम्पा नियुक्ति आदेश में मनमोहन लाल पाण्डेय अंकित है। श्री सतेन्द्र पाण्डेय के पिता का नाम स्व.मनमोहन लाल पाण्डेय नहीं है, अपितु श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय है। श्री सतेन्द्र पाण्डेय श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय के बड़े पुत्र है। स्व.मनमोहनलाल पाण्डेय अनुकम्पा नियुक्ति वाले अभ्यर्थी सतेन्द्र पाण्डेय के बाबा (पिता के पिता) है। नियुक्ति मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रं./सी/3-4/94/3/एक भोपाल दि.10.06.1994 के बिन्दु (एक) ''यदि किसी शासकीय सेवक की असामायिक मृत्यु हो जाती है तो उसकी विधवा अथवा उसकी वैध सन्तान (जिसमें सौतेला पुत्र/पुत्री भी शामिल है) को नौकरी दी जायेगी। अन्य किसी सदस्य या रिश्‍तेदार को नौकरी नहीं दी जायेगी।'' तद्नुसार दी गई अनुकंपा नियुक्ति प्रथम दृष्टया नियमानुसार नहीं है। संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, रीवा को कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। (ख) जी हाँ। माध्‍यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल के पत्र क्रमांक 411192 हाईस्कूल सर्टिफिकेट 10+2) 1990 के केन्द्र क्रमांक 41797081 से अप्रैल 1990 को जो अंकसूची जारी थी उसका केन्द्र जनता हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल जवां जिला रीवा था। प्रश्नांश (क) में वर्णित                                               श्री सतेन्द्र पाण्डेय द्वारा शासकीय रिकार्डों में प्रश्न में वर्णित अंकसूची संलग्न की गई है। अंकसूची की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार (ग) जी हाँ। संयुक्त संचालक संभाग रीवा के द्वारा जारी आदेश में अभ्यर्थी का नाम सतेन्द्र पाण्डेय एवं पुत्र/पुत्री/पति/पत्नी टंकित है। नाती शब्द पृथक से अंकित है एवं स्व. मनमोहनलाल पाण्डेय अंकित है। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय म.प्र. शासन के मुख्य पंजीयक द्वारा जारी स्‍व.मनमोहनलाल पाण्डेय की मृत्यु तिथि दि.27.01.1988 अंकित एवं उक्त प्रमाण पत्र पंजीयन क्रं.73 दिनांक 28.01.1988 को जारी किया गया था।                              श्री सतेन्द्र पाण्डेय ने मृत्यु प्रमाण पत्र अनुकम्पा नियुक्ति के समय आवेदन पत्र के साथ संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के कार्यालय में जमा किया था। प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार

परिशिष्ट - ''चउवन''

 

रेत खदानों की जानकारी 

[खनिज साधन]

79. ( क्र. 3445 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन खनिज नीति की जानकारी देवें। (ख) क्‍या उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली नर्मदा नदी एवं अन्‍य सहायक नदियों में रेत खनिज खदानें स्‍वीकृत हैं? उनमें से कितनी चालू एवं कितनी बंद हैं? (ग) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नीलामी की जानकारी एवं वर्ष 2015 से 2019 तक प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी देवें। (घ) क्‍या वर्तमान में रेत खनन में NGT की रोक लगी हुई है? यदि हाँ तो जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) खनिज नीति 2010 अधिसूचित है। नवीन खनिज नीति के संबंध में कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली नर्मदा नदी एवं अन्‍य सहायक नदियों में 19 रेत खनिज की खदानें स्‍वीकृत हैं। जिसमें से चालू 04 एवं बंद 15 रेत खदानें है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर है।                                     (ग) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कोई नीलामी नहीं की गई है। उक्‍त क्षेत्र में मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा रेत खदानों की नीलामी की गई थी। जिसमें वर्ष 2015 से 2019 तक उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत राशि रूपये 7,50,37,432/- राजस्‍व प्राप्‍त की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) दिनांक 30.06.2019 से 30.09.2019 तक रेत उत्‍खनन वर्षाकाल होने के कारण वर्तमान में प्रतिबंधित किया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर है।

परिशिष्ट - ''पचपन''

अनुकम्‍पा नियुक्तियों के लंबित प्रकरण 

[स्कूल शिक्षा]

80. ( क्र. 3446 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018-19 में कितने बच्‍चों को साईकिल की राशि उपलब्‍ध कराई गई? (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्‍कूल विहीन ग्राम एवं भवन विहीन शालाओं की जानकारी देवें। (ग) स्‍कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत रायसेन जिले में अनुकम्‍पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं? इसके लिये कौन दोषी है? कब तक इनका निराकरण हो पायेगा?                                                      (घ) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में नवीन सत्र वर्ष 2019 हेतु कितने प्राथमिक, माध्‍यमिक, हाई स्‍कूल, हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों की स्‍वीकृति हुई है जानकारी देवें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में कक्षा 6वीं के 593 एवं कक्षा 9वीं के 1583 छात्र-छात्राओं को साईकिल प्रदान की गई।                                                    (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कोई ग्राम स्कूल विहीन एवं कोई प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल भवन विहीन नहीं है। भवन विहीन हाईस्कूल/हायर सेकेन्डरी स्कूल की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ग) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत 07 अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण लंबित है। सहायक ग्रेड-3 के पद रिक्त नहीं होने से एवं आवेदक द्वारा प्रकरण में वांछित पूर्ति नहीं करने से लंबित है। अतः कोई दोषी नहीं है, पद उपलब्ध होने एवं वांछित पूर्ति होने पर प्रकरण का निराकरण हो सकेगा, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं के उन्नयन हेतु वर्ष 2019-20 में जिलों से प्राप्त प्रस्ताव के परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छप्पन''

विद्यार्थियों को गणवेश एवं साइकिल का वितरण 

[स्कूल शिक्षा]

81. ( क्र. 3460 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र के शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2018-19 में कितने विद्यार्थियों को गणवेश तथा साइकिल वितरण करना था तथा कितना वितरण किया। धार जिले की भी संख्‍या इस संदर्भ में बतावें कि कितना बांटना था तथा कितनी बंटी? (ख) क्‍या इसमें काफी विलंब हुआ? शैक्षणिक सत्र समाप्‍त होने के बाद भी गणवेश साइकिल नहीं बंटी तथा दो गणवेश देने के बजाय एक-एक दी गई तथा पेंट के स्‍थान पर हाँफ पेंट दिया गया? यदि हाँ, तो विस्‍तृत कारण बातवें तथा जिम्‍मेदार पर कार्यवाही करें? (ग) क्‍या गणवेश के कपड़े की गुणवत्‍ता मापदण्‍ड के अनुसार नहीं थी? बतावें कि गणवेश के कपड़े की गुणवत्‍ता का मूल्‍यांकन किसके द्वारा कैसे किया गया? उसकी रिपोर्ट देवें। (घ) पूर्व सरकार द्वारा विद्यार्थियों के साथ जो 2018-19 में हुआ वह इस बार 2019-20 में न हो इसके लिये क्‍या कदम उठाये जायेंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2018-19 में सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र में 34017 विद्यार्थियों को एवं जिला धार अंतर्गत 227357 विद्यार्थियों को गणवेश वितरण किया जाना था। समस्त विद्यार्थियों को गणवेश वितरीत की जा चुकी है। सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कक्षा 6वीं के 956 तथा कक्षा 9वीं के 1550 व धार जिलांतर्गत कक्षा 6वीं के 5943 व कक्षा 9वीं के 10959 पात्र विद्यार्थियों को साईकिल वितरीत की जाना थी। समस्त पात्र विद्यार्थियों को साईकिल वितरीत की जा चुकी है। (ख) प्रदेश में निर्वाचन आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने एवं                                      स्व-सहायता समूह के द्वारा प्रथम बार गणवेश वितरण के निर्णय के कारण विलंब हुआ है। विलंब के अतिरिक्त अन्य कोई शिकायत नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नही। कपड़े की गुणवत्ता का परीक्षण सेम्पल रूप में शासकीय लेब बुरहानपुर से कराया गया। जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) वर्ष 2019-20 में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के दिवस से ही पात्र छात्र-छात्राओं को साईकिल वितरण की कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है एवं गणवेश क्रय हेतु राशि विद्यार्थियों के खातों में जारी की जाना प्रावधानित है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नगर पालिका नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ से संबंधित

[नगरीय विकास एवं आवास]

82. ( क्र. 3502 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अप्रैल 2016 से 31 जनवरी 2019 के मध्‍य नगर पालिका परिषद नरसिंहगढ़ द्वारा कम्‍प्‍यूटर व उससे संबंधित उपकरणों पर खरीदी के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित फर्म का नाम, सामग्री का नाम, भुगतान की गई राशि का विवरण, भुगतान का व्‍हाउचर क्रमांक व दिनांक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित सामग्री को क्रय करने में क्‍या-क्‍या प्रक्रिया अपनाई गई है एवं स्‍वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई। मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी/लेखापाल/शाखा प्रभारी/स्टोर कीपर/संबंधित उपयंत्री एवं अध्‍यक्ष जिनके द्वारा भुगतान किया गया है, का नाम व पद बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्‍या सामग्री क्रय के नाम पर भारी भ्रष्‍टाचार किया गया है? यहां तक की बिल के अनुसार सामग्री नगर पालिका में आई ही नहीं और अधिकारी/अध्‍यक्ष/कर्मचारियों की सांठ-गांठ से भुगतान किया गया? क्‍या इसकी जाँच वरिष्‍ठ अधिकारी से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो शासन इसकी जाँच कब तक करावेगा? जाँचकर्ता अधिकारी का नाम व‍ पद बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कम्‍प्‍यूटर एवं अन्‍य उपकरण क्रय किये जाने हेतु ई-टेण्‍डर प्रकिया का निकाय द्वारा पालन किया गया है। निविदा का प्रकाशन समाचार पत्र राज एक्‍सप्रेस भोपाल में कराया गया। दरें प्राप्‍त होने पर परिषद के प्रस्‍ताव क्रमांक 128 दिनांक 12.08.2016 अनुसार स्‍वीकृति प्रदान की गई है। क्रय से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''सत्तावन''

दैनिक वेतन भोगियों के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

83. ( क्र. 3503 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अप्रैल 2016 से 31 जनवरी 2019 के मध्‍य नगर पालिका परिषद नरसिंहगढ़ द्वारा मासिक दैनिक वेतन भोगी एवं मानदेय व दैनिक श्रमिकों को नगर पालिका में नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से अपने चहेतों को काम के नाम पर रखा जाकर भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस व्‍यक्ति को कब-कब से रखा गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रखे गए मासिक दैनिक वेतन भोगी एवं मानदेय व दैनिक श्रमिकों का नाम, पिता का नाम, जातिवर्ग, रखने का दिनांक एवं कराये गए कार्य का नाम बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार रखे गए कर्मचारी/श्रमिक को रखने की स्‍वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई है? मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी/अध्‍यक्ष/लेखापाल व संबंधित कर्मचारी का नाम व पद बतावें। (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में रखे गए श्रमिकों को मनमाने तरीके से भुगतान बिना कार्य का किया गया है, जबकि वास्‍तविकता यह है कि कर्मचारी/श्रमिकों द्वारा कार्य ही नहीं किया गया है? क्‍या इसकी जाँच वरिष्‍ठ अधिकारी से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? जाँचकर्ता अधिकारी का नाम व पद बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। परन्‍तु कार्य की आवश्‍यकता को दृष्टिगत रखते हुए दैनिक वेतनभोगी/मानदेय श्रमिकों को रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के संबंध में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नगर पालिका नरसिंहगढ़ में भ्रष्‍टाचार

[नगरीय विकास एवं आवास]

84. ( क्र. 3504 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अप्रैल 2016 से 31 जनवरी 2019 के मध्‍य नगर पालिका परिषद नरसिंहगढ़ द्वारा नगर में मरम्‍मत कार्य के नाम पर छोटी-छोटी राशि में विभाजित करके लाखों रुपये का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस ठेकेदार को कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में कराए गए मरम्‍मत कार्य का स्‍थान, वार्ड क्रमांक, कार्य का नाम, तकनीकी स्‍वीकृति का क्रमांक व दिनांक, उपयंत्री का नाम व पद, तकनीकी स्‍वीकृति देने वाले अधिकारी का नाम व पद एवं विभाग का नाम व लेखापाल, अध्‍यक्ष, मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी का नाम, पद बतावें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) की अवधि में मरम्‍मत कार्य के नाम पर लाखों रूपयों का भुगतान किया गया है, जिसमें ऑनलाईन टेण्‍डर प्रक्रिया व विज्ञप्ति जारी न करके भारी अनियमितता कर संस्‍था को लाखों रुपये की आर्थिक क्षति मन चाहे तरीके से पहुंचाई गई है। क्‍या इसकी जाँच वरिष्‍ठ अधिकारी से कराई जावेगी? शासन इसकी जाँच कब तक करावेगा। जाँचकर्ता अधिकारी का नाम व पद बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता है। (ग) प्रकरण में जाँच के आदेश दिये गए है। प्रतिवेदन के आधार पर गुणदोष के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

अधिकारियों/कर्मचारियों का स्‍थानांतरण

[वन]

85. ( क्र. 3507 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) कटनी जिले के अंतर्गत किन-किन अधिकारियों के स्‍थानांतरण दिनांक 01.01.2019 से वर्तमान तक किए गए? विवरण दें। उनमें से किस-किस को भारमुक्‍त किया गया एवं किस-किस को नहीं? कारण बताएं तथा कब-तक भारमुक्‍त किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध 01.01.2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। क्‍या उक्‍त शिकायतों की जाँच संबंधितों को हटाकर निष्‍पक्ष रूप से कराई जावेगी ताकि जाँच कार्य प्रभावित न हो? (ग) कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में वन विभाग द्वारा अवैध उत्‍खनन परिवहन, लकड़ी चोरी, कटाई के कितने प्रकरण बनाए गए। कितनों में पी.ओ.आर. काटे गये, कितने में नहीं? पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) के अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कितनी शिकायतें हुई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण एवं उनके द्वारा विभाग में दिये गये आय व्‍यय के ब्‍यौरे की 3 वर्ष की जानकारी दें।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) कटनी वनमण्‍डल के अंतर्गत दिनांक 01.01.2019 से वर्तमान तक किये गये अधिकारियों के स्‍थानांतरण एवं भारमुक्‍त करने संबंधी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों के विरूद्ध 01.01.2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 04 शिकायतें प्राप्‍त हुई है। शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार             (ग) मध्‍य वृत्‍तजबलपुर के अंतर्गत कटनी वनमण्‍डल में विगत तीन वर्षों से अवैध उत्‍खननपरिवहनअवैध कटाई आदि के अंतर्गत दर्ज वन अपराध प्रकरण का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। सभी वन अपराध प्रकरणों में पी..आर. जारी किया गया है।                                            (घ) अधिकारियों/कर्मचारियों (01 उप वनमण्‍डलाधिकारी 01 वनक्षेत्रपाल एवं 01 उप वनक्षेत्रपाल) के विरूद्ध कुल 04 शिकायतें प्राप्‍त हुई है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में दिया गया है। अधिकारी/कर्मचारी आय व्‍यय की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''अट्ठावन''

विद्यालय भवनों का निर्माण कार्य

[स्कूल शिक्षा]

86. ( क्र. 3537 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन शासकीय विद्यालय भवनों के निर्माण और मरम्‍मत कार्य हेतु वर्ष 2016-17 से वर्तमान वर्ष तक किस-किस मद में भारत सरकार और मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि, कब-कब प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्‍त राशि से, कौन-कौन से नवीन विद्यालय भवनों का निर्माण किया गया और किन-किन विद्यालयों में कितनी-कितनी लागत से क्‍या-क्‍या कार्य कराये जाने की स्‍वीकृति प्रदान की गई, और कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब किया गया और क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त कार्य पूर्ण हो गये? यदि हाँ, तो कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्‍ध करायें, यदि नहीं, तो क्‍यों? विद्यालयवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत आवंटित संपूर्ण राशि आहरित होने पर भी निर्माण कार्य अपूर्ण रहने पर क्‍या विभाग/शासन द्वारा संज्ञान लेते हुये, कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही कब की गयी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) पन्‍ना जिले के शासकीय विद्यालयों में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं पर प्राप्‍त शिकायतों पर प्रश्‍न दिनांक तक की गई जाँच एवं कार्यवाही की जानकारी उपलब्‍ध करायें?                                                     (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत निर्माण कार्यों में अनियमितता करने के लिए किस-किसको जिम्‍मेदार पाया गया? क्‍या पन्‍ना जिले के शासकीय विद्यालयों में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की शासन स्‍तर से जाँच करवाकर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के मरम्मत कार्यों की निर्माण एजेन्सी शाला प्रबंधन समिति है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं पर प्राप्त शिकायतों और अधिक राशि आहरण के प्रकरण न्यायालय, जिला पंचायत में दर्ज किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। निर्माण कार्यों में अनियमितताओं के प्रकरण न्यायालय जिला पंचायत में दर्ज होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 

पन्‍ना जिले में विभागीय कार्य और पौधरोपण

[वन]

87. ( क्र. 3538 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में विभागीय निर्माण कार्य और पौधरोपण कार्य हेतु वर्ष 2017-18 से वर्तमान वर्ष तक                                            किस-किस मद में भारत सरकार और मध्‍यप्रदेश शासन से कितनी राशि, प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये तथा उन पर कितनी राशि व्‍यय की गयी, स्‍थलवार जानकारी दें? क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त कार्य पूर्ण हो गये यदि नहीं, तो क्‍यों?                                                 (ग) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्‍त राशि आहरित होने पर भी निर्माण कार्य अपूर्ण रहने और नियत मापदण्‍डों के विपरीत कार्य होने पर क्‍या विभाग/शासन द्वारा संज्ञान लेते हुये कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब की गयी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) पन्‍ना जिले में वर्ष 2017-18 से वर्तमान वर्ष तक किस-किस स्‍थान पर किस-किस योजना के तहत कितनी-कितनी लागत से पौधा रोपण का कार्य किया गया? और किये गये पौधरोपण में से कितने प्रतिशत पौधे/वृक्ष वर्तमान में जीवित पाये गए? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (घ) के तहत निर्माण कार्यों और पौधारोपण कार्य में अनियमितता करने के लिए किस-किसको जिम्‍मेदार पाया गया? क्‍या पन्‍ना जिले के विभागीय कार्यों में अनियमितताओं की शासन स्‍तर से जाँच करवाकर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) राशि आहरित होने पर भी निर्माण कार्य अपूर्ण रहने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अपितु एक निर्माण कार्य में शिथिलता बरतने के कारण कार्य अपूर्ण रहने से संबंधित परिक्षेत्राधिकारी धरमपुरा से वनमंडलाधिकारी उत्‍तर पन्‍ना के पत्र दिनांक 05.07.2019 से स्‍पष्‍टीकरण मांगा गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, जो पौधा रोपण किया गया है, उसकी जीवितता के जाँच के पुन: निर्देश दिये गये है। (ड.) अनियमितता के संबंध में जाँच की जा रही है।

दोषियों को अन्‍यत्र हटाने उपरांत जाँच कराकर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 3566 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम रीवा एवं सतना द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितने कार्य-कितनी राशि से स्‍वीकृत किये गये। स्‍वीकृत कार्य किन-किन संविदाकारों/ ठेकेदारों को किन-किन शर्तों पर करने हेतु कार्यादेश जारी किये गये। वर्तमान स्‍वीकृत कार्यों की भौतिक स्थित मौके पर क्‍या है? कार्यों का निरीक्षण, कब, किन अधिकारियों द्वारा किया गया?                                               (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्‍वीकृत कार्यों के पूर्ण करने की अवधि क्‍या थी अनुबंध अनुसार अगर कार्य पूर्ण नहीं किये तो संबंधित संविदाकारों, सहायक यंत्रियों, उपयंत्रियों के विरूद्ध कब                     कौन-सी कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई, अगर कार्यावधि बढ़ाई गई तो किस शर्त व आदेश की प्रति देते हुए बतावें? इससे ठेकेदार को कितना लाभ हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिले के जिम्‍मेदार अधिकारियों के क्षेत्र के कार्य समय पर पूर्ण नहीं कराये गये संविदाकारों के कार्यावधि बढ़ाकर लाभ पहुंचाया गया। कार्य मौके पर नहीं कराए गए जो कार्य कराए गए वह गुणवत्‍ताविहीन एवं प्राक्‍कलन व तकनीकी स्‍वीकृति से हटकर परंतु फर्जी बिल बाउचर लगा कर राशि आ‍हरित कर ली गई तो इसके लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है एवं उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। कार्यों का सतत् निरीक्षण संबंधित इंजीनियरों द्वारा किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। जिन ठेकेदारों द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं किया जाता उन्हें अनुबंध के प्रावधानों के तहत                             गुण-दोष के आधार पर समयवृद्धि दी जाती है तथा आवश्‍यक होने पर ठेकेदार के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। किसी भी ठेकेदार को अनाधिकृत लाभ नहीं दिया गया है। अपूर्ण निर्माण कार्य जिनमें विलम्ब हुआ है के संबंध में ठेकेदारों एवं इंजीनियरों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) समस्त कार्य गुणवत्तापूर्वक एवं निगम हित में अधिकारियों द्वारा कराया जाता है। आवश्‍यकता पड़ने पर अनुबंध में वर्णित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। नगर निगम रीवा एवं सतना में कोई भी कार्य प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति से विपरीत नहीं कराये गये और ना ही फर्जी बिल लगाकर कोई भी भुगतान कराया गया है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिम्‍मेदार दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

89. ( क्र. 3570 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश खनिज नियम 1996 के नियम 68 (ए) के अनुसार कलेक्‍टर किसी भी विनिर्दिष्‍ट खदान अथवा भूमि पर किसी भी गौण खनिज जिसकी किसी विभाग एवं केन्‍द्र सरकार व राज्‍य सरकार के किसी विभाग के उपक्रम के कार्यों के लिए आवश्‍यकता हो उत्‍खनन करने एवं हटाने व परिवहन के लिए अनुज्ञा देने के नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सतना, जिले में किन-किन संविदकारों/ठेकेदारों को किन-किन विभागीय एवं सरकार के कार्यों हेतु अस्‍थाई अनुज्ञा पत्र जारी किए गए का विवरण वर्ष 2015 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के तारतम्‍य में अस्‍थायी अनुज्ञा पत्र के आधार पर कितने राजस्‍व की वसूली कितनी-कितनी की गई वर्षवार विवरण देवें? क्‍या विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 2365 दिनांक 25.07.2017 में संविदाकारों एवं ठेकेदारों से वसूली गई अस्‍थायी अनुज्ञा पत्र के राजस्‍व की राशि की जानकारी भ्रामक एवं मनगढ़ंत है जबकि ठेकेदारों को अस्‍थायी अनुज्ञा पत्र जारी न किया जाकर संविदाकारों को लाभान्वित किया गया क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संविदाकारों को अस्‍थायी अनुज्ञा पत्र न कर गौण खनिज के दोहन कराने के दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे साथ ही शासन के हुए राजस्‍व के नुकसान की भरपाई संबंधित जिम्‍मेदारों से किस तरह करेंगे एवं इन पर क्‍या शासकीय राशि के गबन का प्रकरण पंजीबद्ध करवायेंगे तो कब तक बताइये? अगर नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश खनिज नियम, 1996 प्रचलित नहीं है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 प्रचलित है। नियम 68 (ए) अधिसूचित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परि‍प्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर अनुसार राजस्‍व वसूली का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नांश अनुसार विधान सभा प्रश्‍न में राजस्‍व राशि वसूली का कोई विवरण नहीं दिया गया है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।                                  (घ) उपरोक्‍तानुसार प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में राजस्‍व हानि नहीं होने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

निर्माण कार्यों में गौण खनिज का उपयोग

[खनिज साधन]

90. ( क्र. 3588 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा किए जाने वाले किन-किन निर्माण कार्यों में रॉयल्टी मुक्त गौण खनिज के खनन की किससे अनुमति लिए जाने एवं किससे पिटपास प्राप्त कर खनिज का परिवहन किए जाने का प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (ख) खनन की अनुमति प्राप्त किए बिना, परिवहन के पिटपास प्राप्त किए बिना गौण खनिज का संकलन किया जाकर, खनन किया जाकर, परिवहन किए जाने की छूट विभाग ने किन-किन कार्यों के लिए किस दिनांक को प्रदान की है? (ग) बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में गत दो वर्षों में कितनी लागत के कितने कार्य विभागीय तौर पर किए गए? उनमें से कितने कार्यों के लिए कितने खनिज के खनन की अनुमति ली गई, कितने खनिज के परिवहन पिटपास प्राप्त किए, खनिज के संकलन, खनन एवं परिवहन पर कितनी राशि खर्च की गई? पृथक-पृथक बताएं। (घ) खनिज खनन की अनुमति नहीं लिए जाने, खनिज परिवहन के पिटपास नहीं लिए जाने वाले विभागीय सब-इंजीनियर एवं एस.डी.ओ. के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की तो कारण बताएं। क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं किये/कराये जाते हैं। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार ऐसी कोई अनुमति/ छूट विभाग द्वारा नहीं जारी की गई। (ग) प्रश्‍नाधीन जिलों में विगत दो वर्षों में खनिज साधन विभाग द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सहरिया जाति का विशेष सर्वें

[अनुसूचित जाति कल्याण]

91. ( क्र. 3604 ) श्री जसमंत जाटव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के किन जिलों में वर्ष 2015 से अनूसूचित जाति एवं जनजाति के एवं कन्या/बालक छात्रावास स्वीकृत होकर संचालित है तथा उक्त संचालित छात्रावासों को किसके आदेश से कब बंद कर दिया गया है? यदि बंद किया गया है तो उससे कितने छात्र एवं छात्राएं वंचित हुये हैं? वर्षवार विस्‍तृत सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या विशेष पिछड़ी जनजाति एवं सहरिया जाति का विशेष सर्वे करने का प्रावधान है किंतु वर्ष 2017 से सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्‍याण विभाग में पदस्थ आयुक्त द्वारा सर्वे का कोई कार्य नहीं कराया गया है, सर्वे के आभाव में उन्हें अधिकारों/ लाभांवित योजनाओं से वंचित किया गया है का संभाग में किन-किन जिले में कितना सर्वे हुआ? वर्षवार सूची उपलबध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार ऐसे कितने आयुक्त हैं जिनके द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया है? क्या श्रीमती उषा पाठक प्रभारी सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला ग्वालियर का जाति प्रमाण पत्र माननीय न्यायालय द्वारा फर्जी पाया गया है, जिस कारण इन्हें दोषी पाये जाने के कारण सजा दी गई है, तब भी उक्त अधिकारी इतने महत्वपूर्ण पद पर कैसे पदस्थ है? क्‍या इनकी सेवाएं समाप्त संबंधी कोई कार्यवाही की जावेगी? समयावधि बतावें।

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शिक्षकों का संविलियन

[स्कूल शिक्षा]

92. ( क्र. 3634 ) श्री राम दांगोरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना में कुल कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं हैं? इनमें कितने शिक्षक पदस्थ हैं? इन शिक्षकों में से कितने शिक्षकों का संविलियन किया गया है? तथा कितने शिक्षक शिक्षिकाओं के संविलियन किन कारणों से लंबित हैं? इसे कब तक पूरा किया जाएगा? (ख) शासन स्तर से शिक्षकों के संविलियन संबंधित क्या दिशा-निर्देश एवं समय-सीमा तय की गई थी? उसका पालन नहीं करने वाले स्थापना लिपिक पर क्या कार्रवाई की गई? (ग) जिन शिक्षक-शिक्षिकाओं के संविलियन विलंब से होंगे उसके लिए दोषी अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी तथा शिक्षकों के विलंब से संविलियन होने पर होने वाले नुकसान के लिए क्या भरपाई की जाएगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पंधाना में 351 प्राथमिक एवं 94 माध्यमिक शालाएं हैं। इनमें 1391 शिक्षक पदस्थ है। इन 1391 में से 1078 अध्यापक संवर्ग के शिक्षक है। मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 एवं विभाग के परिपत्र दिनांक 10.08.18 के अनुसार 1034 अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग के सुसंगत पदों पर नवीन संवर्ग में नियुक्त किया जा चुका है। शेष 44 अध्यापक संवर्ग की नियुक्ति विभिन्न कमियों जैसे स्थायी जाति प्रमाण-पत्र/सत्यापन प्रपत्र पर त्रुटि/विकल्प पर संबंधित के हस्ताक्षर नहीं होना/प्राचार्य द्वारा प्रमाणीकरण नहीं होना/अभिलेखों में वांछित पत्रों का संलग्न नहीं होने, आदि के कारण से रोकी गई है। कमियों की पूर्ति उपरान्त नियमानुसार नियुक्ति की कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. के परिपत्र दिनांक 21.08.18 की कण्डिका-8 में समय-सारणी निर्धारित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (क) में उल्लेखित भर्ती नियम, 2018 में नवीन शैक्षणिक संवर्ग को दिनांक 01.07.2018 से नियुक्ति की पात्रता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शासन को लाखों रूपये का नुकसान

[नगरीय विकास एवं आवास]

93. ( क्र. 3643 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व सरकार में J.N.N.U.R.M. के तहत उज्जैन नगर निगम प्रशासन द्वारा कुल कितनी सिटी बसें कितनी राशि में एवं कब खरीदी गयी? (ख) क्या सिटी बसों के खड़े रहने से नगर निगम प्रशासन सहित शासन को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो दोषी कौन है?                                   (ग) क्या वर्तमान में 8 बसें ही नगर निगम द्वारा संचालित है? क्या उज्जैन सिटी बस के अधिकारियों की मनमानी से सिटी बसें भंगार में बदल चुकी है? (घ) क्या पूर्व सरकार के कार्यकाल में 89 सिटी बसें 2 चरणों में खरीदी गयी थी? यदि हाँ, तो संचालित 8 बसों के अलावा शेष 81 बसों का क्या हुआ? (ङ) पूर्व सरकार के कार्यकाल में 89 सिटी बसों को चलाने के लिए तत्कालीन कंपनी द्वारा कितना स्टाफ रखा गया था? वर्तमान में 81 सिटी बसें बंद होने के कारण कितने कर्मचारियों को बेरोजगारी के संकट का सामना करना पड़ रहा है? (च) पूर्व सरकार के कार्यकाल में जाँच रिपोर्ट में शासन को लाखों रूपये का नुकसान होने के संबंध में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? जानकारी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के तहत नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा जनवरी 2010 में टाटा मार्कोपोलो मेक की 39 सी.एन.जी. मीडी बसें क्रय की गई जिनका क्रय मूल्य 5,44,00,000/- (पाँच करोड़ चौवालिस लाख मात्र) है तथा मार्च 2013 में आयशर मेक की 50 डीजल मीडी बसें क्रय की गई, जिनका क्रय मूल्य 7,91,00,000/- (सात करोड़ इक्‍कानबे लाख मात्र) है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, 39 सी.एन.जी. बसों को संचालित किये जाने हेतु जुलाई, 2017 रॉयल ट्रेवल्स को ठेका प्रदाय किया गया था। किन्तु रॉयल ट्रेवल्स द्वारा अनुबंध शर्तों का उल्‍लंघन किया जाकर बसों को अस्पष्ट कारणों से ऑफरोड रखा गया, जिसके कारण उनकी जमा अमानत राशि रूपये 17,00,000- (सत्रह लाख मात्र) राजसात की गई है। राजसात की गई राशि से खराब बसों की मरम्‍मत की जाकर ऑनरोड किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ, कुल 89 सिटी बसों में से 39 सी.एन.जी. बसें एवं 50 डीजल बसें क्रय की गई थी। वर्तमान में 8 सी.एन.जी. बसें निगम द्वारा संचालित की जा रही है एवं शेष 31 बसें मरम्मत एवं संधारण हेतु कंपनी के डीपो में उपलब्ध है। 50 डीजल बसों में से 19 डीजल बसें निजी ऑपरेटर के माध्यम से उप नगरीय मार्गों पर संचालित की जा रही है एवं शेष 31 बसें ऑफरोड होकर डीपो में उपलब्ध है। विधान सभा निर्वाचन एवं लोकसभा निर्वाचन आचार संहिता के कारण उक्त 31 बसों को निजी ऑपरेटर के माध्यम से संचालन करने की निविदा जारी नहीं की जा सकी थी। शीघ्र ही निजी ऑपरेटर के माध्यम से संचालित किये जाने हेतु निविदा जारी की जाना प्रस्तावित है। अतः कुल 62 बसें ऑफरोड है। जिसमें से 31 सी.एन.जी. एवं 31 डीजल बसें है।                                                (ड.) बस संचालन हेतु ऑपरेटरों द्वारा कर्मचारियों को नियुक्त किया जाता है। उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, उज्जैन (यू.सी.टी.एस.एल.) कम्पनी द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जाती है। अतः कर्मचारियों के बेरोजगारी के संकट का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (च) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ऑपरेटरों के कारण हुये नुकसान के विरूद्ध उनकी जमा अमानत राशि एवं परफारमेन्‍स सिक्योरिटी राशियाँ राजसात की जा चुकी है। कार्य में लापरवाही के कारण                                                श्री बी.पी.द्विवेदी, महाप्रबंधक को यू.सी.टी.एस.एल. कम्‍पनी द्वारा सेवा से पृथक किया जा चुका है।

राशि का आवंटन

[अनुसूचित जाति कल्याण]

94. ( क्र. 3645 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक सागर जिले को किन-किन मदों में, कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्रदाय किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन से सागर जिले में किस-किस मद से क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी राशि व्यय कर कराये गए? (ग) क्या अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना हेतु चालू वित्तीय वर्ष में जिलों को कोई राशि अभी तक प्रदाय नहीं की गई? यदि हाँ, तो कब तक राशि आवंटित की जा रही है? (घ) वित्तीय वर्ष 2018-19 में सागर जिले को आवंटित राशि का ब्यौरा क्या है? उक्त आवंटित राशि से कौन-कौन से कार्य कराये जा रहे हैं?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रदाय की गई राशि की जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में सम्मिलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 

नगरीय निकायों के विकास में विधायकों की भूमिका 

[नगरीय विकास एवं आवास]

95. ( क्र. 3666 ) श्री सचिन बिरला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र में आने वाले नगरीय निकायों में विधान सभा सदस्यों की क्या भूमिका एवं अधिकार हैं? नियम, निर्देश, परिपत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या शासन से नगरीय निकायों को प्राप्त होने वाली आर्थिक स्वीकृतियाँ, अनुदान आदि प्राप्त करने के लिये विधान सभा सदस्यों की अनुशंसा आवश्यक अथवा अपेक्षित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो नियम एवं परिपत्र उपलब्ध करावें। यदि नहीं, हो नगरीय क्षेत्रों के विकास के लिये विधान सभा सदस्यों के क्या दायित्व एवं क्या अधिकार हैं? (घ) इंदौर संभाग में स्थित नगरीय निकायों को वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र में आने वाले नगरीय निकायों में विधान सभा सदस्‍यों की भूमिका एवं अधिकार के संबंध में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 19 एवं म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 9 में उल्‍लेख किया गया है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                               (ख) जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

 

एरिया एजुकेशन ऑफिसर पद पर पदस्‍थापना

[स्कूल शिक्षा]

96. ( क्र. 3684 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान में प्रदेश में संविदा आधार पर 24 वर्षों से व्‍याख्‍याता वेतनमान पर पूर्व B.R.C.C. वर्तमान के B.A.C. कार्यरत है? यदि हाँ तो सूची दें। (ख) क्‍या राज्‍य शिक्षा सेवा के गजट 20132015 में B.R.C.C. के पदों का समायोजन AEOEE पदों पर किया गया है? (ग) क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय की फाईल क्रं. 01-37/2016/20-1 पर दिनांक 01.08.2018 को उक्‍त संविदा विकासखण्‍ड स्‍त्रोत समन्‍वयकों को एरिया एजुकेशन ऑफिसर पर नियुक्‍त किये जाने हेतु प्रशासकीय अनुमोदन माननीय स्‍कूल शिक्षा मंत्री द्वारा किया गया था? यदि हाँ तो कब तक इन कर्मचारियों की पदस्‍थापना AEOEE पद पर की जा सकेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) समग्र शिक्षा अभियान प्रारम्भ होने के फलस्वरूप एरिया एज्यूकेशन ऑफिसर के पदस्थापना प्रस्ताव पर परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''उनसठ''

केंद्र समन्‍वयक पदों पर नियुक्ति

[स्कूल शिक्षा]

97. ( क्र. 3685 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्‍कूल शिक्षा विभाग में डी.पी.ई.पी. परियोजना में संविदा आधार पर विकासखण्‍ड स्‍त्रोत केंद्र समन्‍वयक पदों पर नियुक्ति दी गई थी? यदि हाँ तो वर्तमान में मध्‍यप्रदेश में कितने कर्मचारी है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या विकासखण्‍ड स्‍त्रोत केंद्र समन्‍वयकों को उनके अधीन पद विकासखण्‍ड अकादमिक पदों पर वर्ष 2003 में नियुक्त किया गया था? यदि हाँ तो इन कर्मचारी में से कितने कर्मचारी माननीय न्‍यायालय की शरण में गये थे? सूची दें। (ग) माननीय न्‍यायालय के आदेश पश्‍चात् कितने कर्मचारी वर्तमान में संविदा विकासखण्‍ड स्‍त्रोत केंद्र समन्‍वयक के रूप में कार्यरत हैं? सूची दें तथा शेष अभी तक नियुक्‍त क्‍यों नहीं किया गया? कब तक नियुक्‍त किया जायेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '''' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '''' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '''' पर है। अत:शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति की बैठक 

[आदिमजाति कल्याण]

98. ( क्र. 3711 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 मार्च 2019 से 30 अप्रैल 2019 तक की अवधि में आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्‍मीदवारों से संबंधित जाति प्रमाण पत्रों की जाँच संबंधी राज्‍य स्‍तरीय गठित छानबीन समिति की बैठक किस-किस दिनांक को आयोजित की गई थी? (ख) उक्‍त बैठकों में                                         किस-किस प्रकरण के संबंध में अ‍ंतिम निर्णय लिया जाकर कब-कब, क्‍या-क्‍या आदेश किये गये। यदि आदेश जारी नहीं किये गये तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) राज्‍य स्‍तरीय अनुसूचित जनजाति छानबीन समिति की बैठक दिनांक 18-03-2019 में आयोजित की गई थी। (ख)

क्रं.

प्रकरण में अनावेदक का विवरण

निर्णय का दिनांक

आदेश का संक्षिप्‍त विवरण

1.

आलोक कुमार मीना

18-03-2019

मीना जनजाति मान्‍य किया गया।

2.

श्रीमती माया वर्मा

18-03-2019

कीर जनजाति मान्‍य किया गया।

3.

किशनलाल मांझी

18-03-2019

मांझी जनजाति मान्‍य किया गया।

4.

कमलेश कुमार रायकवार

18-03-2019

कीर जनजाति मान्‍य किया गया।

5.

हरिनारायण कीर

18-03-2019

कीर जनजाति मान्‍य किया गया।

6.

संतोष कुमार कीर

18-03-2019

कीर जनजाति मान्‍य किया गया।

7.

राकेश कश्‍यप

18-03-2019

समिति द्वारा पूर्व में लिये गये निर्णय को यथावत रखा गया।

8.

कमलचंद्र निमात्रे

18-03-2019

समिति द्वारा पूर्व में लिये गये निर्णय को यथावत रखा गया।

9.

शोभित कोष्‍टा

18-03-2019

समिति द्वारा प्रकरण में अतिरिक्‍त अभिलेख चाहे गये।

10.

नागेश्‍वर सोनकेसरी

18-03-2019

माननीय न्‍यायालय में जवाबदावा प्रस्‍तुत करने तथा पूर्व में लिये गये निर्णय को यथावत रखा गया।

जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 

 

मण्‍डल की कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं 

[नगरीय विकास एवं आवास]

99. ( क्र. 3721 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण मण्‍डल द्वारा आवासीय कॉलोनियों का निर्माण करते समय भवन आवंटन से मकान के मूल्‍य के अतिरिक्‍त अच्‍छी लोकेशन (पार्क, विद्यालय, सामुदायिक भवन) के नाम पर अतिरिक्‍त शुल्क लिया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍या आवासियों को उक्‍त सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विगत 5 वर्षों में रीवा नगर में म.प्र. गृह निर्माण द्वारा कितनी कॉलोनियाँ बनाई गई हैं? क्‍या उन कॉलोनियों में उक्‍त सुविधाएं मुहैया कराई गई है? यदि नहीं, तो हितग्राहियों से इस हेतु कुल कितनी-कितनी राशि वसूली गई है तथा उस राशि का व्‍यय कहाँ किया गया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, यदि भवन/भूखण्ड मुख्य मार्ग (18 मीटर या अधिक चौड़ी सड़क) पर अथवा पार्क सामने स्थित है। जी हाँ। आवासियों को उक्त सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। (ख) मण्डल द्वारा विगत 05 वर्षों में रीवा नगर में चिरहुला कॉलोनी के बी-सेक्टर में, एक भाग में 6 एच.आई.जी. सुपर डीलक्स, 14 एच.आई.जी. डुप्लेक्स भवन एवं 2 एच.आई.जी. जूनियर, 2 एम.आई.जी. भूखण्डों का निर्माण एवं विकास कार्य किया गया है। जी हाँ, उक्त सुविधाएं मुहैया कराई है। इसके अतिरिक्त कांक्रीट रोड, कलवर्ट, नाला, जल प्रदाय व्यवस्था, सीवरेज, बाह्य विद्युतीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

लेक्चरार वर्ग के अधिकारियों को समयमान वेतनमान दिया जाना

[स्कूल शिक्षा]

100. ( क्र. 3760 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा संचालित आदर्श उ.मा.वि., टी.टी. नगर भोपाल में कितने-कितने पद स्वीकृत होकर स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने-कितने पदों पर कार्यरत हैं? प्रचार्य, उपप्राचार्य एवं विषयवार स्वीकृत एवं कार्यरत पदों की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या दो उपप्राचार्य के पद के विरूद्ध एक पद सामान्य वर्ग से तथा एक पद आरक्षित वर्ग से भरे जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो रिक्त एक उपप्राचार्य के पद पर रोस्टर अनुसार वरिष्ठ लेक्चरार की पदस्थापना उपप्राचार्य के पद पर कब तक कर दी जावेगी? अवगत करावें(ग) क्या म.प्र. शासन के नियमानुसार आदर्श उ.मा.वि. टी.टी.नगर भोपाल में कार्यरत लेक्चरार वर्ग के अधिकारियों को समयमान वेतनमान देने के नियम हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यरत लेक्चरारों को 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर समयमान वेतनमान प्रदाय किया गया है? यदि नहीं, दिया गया है तो क्यों नहीं? कब तक समयमान वेतनमान का लाभ दिया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा संचालित आदर्श उ.मा.वि. टी.टी. नगर भोपाल में स्वीकृत पद एवं स्वीकृत पद के विरूध्द कार्यरत शिक्षकों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग क्रमांक                                                              सी-3-11/2002/1/3 भोपाल, दिनांक 15 जून, 2009 के अनुसार रोस्टर का प्रावधान है। वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन पदोन्नति नियम 2002 को उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किया गया है। इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण लंबित होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। म.प्र. शासन के नियमानुसार आदर्श उ.मा.वि. टी.टी, नगर भोपाल में कार्यरत लेक्चरार वर्ग के अधिकारियों को समयमान वेतनमान देने के नियम है, जिन लेक्चरों द्वारा 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर ली गई है, उनको समयमान वेतनमान प्रदाय किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''साठ''

सिवनी विधानसभा क्षेत्र में अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

101. ( क्र. 3774 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01/04/2015 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कौन-कौन से अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण बनाये गये हैं? प्रकरणवार, दिनांकवार, कार्यवाहीवार विवरण दें(ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में क्‍या यह जाँच की गई कि क्‍या अवैध उत्‍खननकर्ता एवं परिवहनकर्ता इस तरह का कृत्‍य कब से कर रहे हैं और शासन को रॉयल्‍टी की कितनी आर्थिक क्षति पहुंचाई गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कितने प्रकरणों में यह सिद्ध हो चुका है कि अवैध उत्‍खनन हुआ है, उसमें क्‍या अर्थदण्‍ड सहित रॉयल्‍टी की वसूली की गई?                                                                    (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नावधि में अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन व ओवर लोडिंग की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? शिकायतकर्तावार एवं कार्यवाहीवार जानकारी देवें

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों के संबंध में वस्‍तुस्थिति यह है कि अवैध उत्‍खनन के बनाये गये प्रकरणों में अवधि का आंकलन नहीं है, अपितु साक्ष्‍य एवं मौका निरीक्षण के आधार पर अवैध उत्‍खनन का आंकलन कर प्रकरण तैयार किया गया है तथा अवैध परिवहन करते जो वाहन पाये जाने पर प्रकरण बनाये गये हैं, वे प्रथम बार पाये गये हैं अथवा पूर्व में भी पाये गये हैं, इसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम नंबर 11 अनुसार है। अवैध उत्‍खनन/परिवहन के प्रकरण में अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित किया जाता है, अर्थदण्‍ड आरोपित होने के उपरांत वसूल करने की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) जिन प्रकरणों में अवैध उत्‍खनन सिद्ध होने पर अवैध उत्‍खननकर्ताओं से राशि जमा कराई गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर 9 अनुसार है। चूंकि अर्थदण्‍ड राशि में रॉयल्‍टी शामिल होती है। अत: शेष का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।                                                                   (घ) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

अध्‍यापकों को क्रमोन्‍नत वेतनमान का लाभ

[स्कूल शिक्षा]

102. ( क्र. 3775 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कार्यरत अध्‍यापकों में कितने अध्‍यापक ऐसे हैं, जिनकी सेवा के 12 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी उन्‍हें क्रमोन्‍नत वेतनमान का प्रदाय अब तक नहीं किया गया है? (ख) जिले में ऐसे कितने अध्‍यापक हैं, जो अन्‍य जिलों से संविलियन होकर सिवनी जिले में पदस्‍थ किये गये हैं? अन्‍य जिलों से सिवनी जिलों में संविलियन कर पदस्‍थ किये गये अध्‍यापकों की वरिष्‍ठता नियमानुसार सिवनी जिले में पदस्‍थापना के दिनांक से मानी जावेगी या प्रथम नियुक्ति दिनांक से? अन्‍य जिलों से सिवनी जिले में पदस्‍थ अध्‍यापकों को क्रमोन्‍नत वेतनमान सिवनी जिले में पदस्‍थापना दिनांक से मिलेगा या प्रथम नियुक्ति दिनांक से? जिले में अन्‍य जिले से संविलियन किये गये अध्‍यापकों की सूची नियुक्ति/संविलियन दिनांक तक जानकारी दें? (ग) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार पंचायत एवं नगरीय निकाय पर नियुक्‍त अध्‍यापक सवंर्ग का, स्‍कूल शिक्षा विभाग में शिक्षा संवर्ग के पदों पर संविलियन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो संविलियन के आदेश कब तक जारी होंगे? यदि हाँ, तो क्‍या अध्‍यापक संवर्ग का संविलियन सहायक शिक्षक, शिक्षक व्‍याख्‍याता वर्ष 1994 के ड्राइंग केडर के पदों को पुनर्जीवित कर समान सेवा शर्तानुसार किया जावेगा अथवा शिक्षा विभाग के नये पद सृजित किये जावेंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सिवनी जिले में कार्यरत अध्यापकों में 34 अध्यापक ऐसे हैं, जिनकी सेवा के 12 वर्ष पूर्ण होने के बाद क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ प्रदाय नहीं किया गया है। (ख) सिवनी जिले में अन्य जिले से 123 अध्यापकों का संविलियन किया गया है। अन्य जिलों से सिवनी जिले में पदस्थ किये गये अध्यापकों की वरिष्ठता सिवनी जिले में कार्यभार ग्रहण करने की दिनांक से मानी जावेगी। प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा की गणना कर क्रमोन्नत वेतनमान देने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अन्तर्गत पंचायत एवं नगरीय निकाय में नियुक्त 175934 अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों को स्कूल शिक्षा विभाग के सुसंगत पदों पर नियुक्‍त किया जा चुका है। शेष हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है। जी नहीं, मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के सुसंगत पदों पर नियुक्ति का प्रावधान है।

प्रदेश में रेत भण्‍डारण की अनुज्ञा

[खनिज साधन]

103. ( क्र. 3803 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के कितने जिलों में रेत भण्‍डारण की                                            कितनी-कितनी मात्रा की कितनी-कितनी अनुज्ञा जारी की गई? जिलावार बतायें। (ख) उक्‍त अनुज्ञा किस नियम के तहत जारी की गई? नियम की प्रति देवें तथा मात्रा का निर्धारण करने का क्‍या मापदण्‍ड है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) नियमों में रेत भण्‍डारण की मात्रा के आधार पर रेत भण्‍डारण की अनुज्ञप्ति जारी किये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रदेश में रेत भण्‍डारण हेतु जिलावार जारी अनुज्ञप्तियों की संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                                                                          (ख) उक्‍त अनुज्ञप्तियां मध्‍यप्रदेश रेत नियम, 2018 के तहत जारी की गई हैं। ये नियम अधिसूचित हैं। मात्रा निर्धारित कर रेत भण्‍डारण हेतु अनुज्ञप्ति जारी करने का प्रावधान, नियमों में नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''इकसठ''

पंचायतों के माध्‍यम से लोगों द्वारा उठायी गई रेत

[खनिज साधन]

104. ( क्र. 3811 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में पूर्व वर्षों में पंचायतों को कितनी रेत की खदान स्‍वीकृत की गई थी? पंचायत के माध्‍यम से कितनी मात्रा में और किन-किन लोगों द्वारा रेत उठाई गई है, उनके नाम सहित जानकारी वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या जिन पंचायतों से रेत उठाई गई है, उसकी राशि नहीं मिली है? पंचायत में कितनी राशि आवंटित किया जाना है?                                                                                                  (ग) क्‍या होशंगाबाद जिले में जिन ठेकेदारों के पास रेत खदान है, वे खदान की सीमा से हटकर अन्‍यत्र स्‍थान से रेत उत्‍खनन कार्य कर रहे हैं? ग्राम पंचायतों में ई-रॉयल्‍टी की शासन द्वारा जो व्‍यवस्‍था की गई है, जो केवल निर्धारित स्‍थान से ही रेत परिवहन के लिये जारी की जाती है, परंतु परिवहनकर्ता द्वारा ई-रॉयल्‍टी कहीं से भी जारी कर निश्चित स्‍थान से न रेत उठाकर अन्‍यत्र स्‍थान से रेत उठा रहे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) होशंगाबाद जिले में ग्राम पंचायतों को 75 रेत खदानें आवंटित की गईं थीं, उनमें से प्रश्‍नाधीन अवधि में 20 रेत खदानों से 1013099 घनमीटर रेत उठायी गयी है। खदानवार उठायी गयी रेत मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं जिन व्‍यक्तियों द्वारा रेत उठायी गई है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में पंचायतों की जिन 20 रेत खदानों से 1013099 घनमीटर रेत उठायी गयी है, उसकी रॉयल्‍टी की राशि प्राप्‍त की गयी है, जिसकी पंचायतों को आवंटित राशि रूपये 505654950/- है। (ग) जिले में रेत खदान ठेकेदारों द्वारा खदान की सीमा से हटकर अन्‍यत्र स्‍थान से रेत उत्‍खनन कार्य करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन के प्रकरण दर्ज किये जाते हैं। पंचायतों से रेत निकासी हेतु ई-रॉयल्‍टी जैसी कोई व्‍यवस्‍था नहीं है। उपभोक्‍ता द्वारा सेंड पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन किया जाता है। रजिस्‍ट्रेशन उपरांत उपभोक्‍ता द्वारा स्‍वयं स्‍वीकृत खदान का चयन कर ई-प्रवेश पत्र बनाये जाते हैं।

वन विभाग द्वारा खरीदी गई लकड़ी का भुगतान

[वन]

105. ( क्र. 3812 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                                     (क) क्‍या होशंगाबाद जिला अंतर्गत वन विभाग द्वारा किसानों से राष्‍ट्रीकृत सागौन लकड़ी खरीदकर शासकीय डिपो में रखवा ली गई है और कई-कई महीनों से किसानों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि डिपो से लकड़ी का विक्रय भी कर दिया गया है, ऐसे किसानों की संख्‍या सहित वर्ष 2017 से आज दिनांक तक की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के संबंध में किसान भुगतान के लिये परेशान हैं? इसके लिये कौन जवाबदार है और उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) नवम्‍बर 2018 से आज दिनांक तक कितने किसानों से वन विभाग द्वारा लकड़ी खरीदी गई और कितने किसानों का भुगतान किया गया है? शेष किसानों का भुगतान कितने दिनों में कर दिया जायेगा? भविष्‍य में भुगतान में विलंब न हो इसके लिये भी समय-सीमा निर्धारित की जायेगी?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। होशंगाबाद वन मण्‍डल के अंतर्गत प्रश्नावधि में कुल 52 किसानों के सागौन की इमारती काष्ठ विक्रय की गई है, जिसमें से 42 किसानों की लकड़ी का भुगतान किया जा चुका है। शेष 10 में से 07 का बजट अनुपलब्धता के कारण एवं 03 का मूल्य निर्धारण की कार्यवाही प्रचलित होने से भुगतान लंबित है। अद्यतन विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) आवंटन उपलब्ध न होने से भुगतान में विलंब हुआ है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नवम्बर 2018 से आज दिनांक तक 11 किसानों द्वारा वन विभाग को लकड़ी विक्रय की गई, जिसमें से 01 किसान को उनकी काष्ठ का भुगतान किया जा चुका है। शेष 07 किसानों को बजट उपलब्ध होने पर उनकी काष्ठ की राशि का भुगतान किया जावेगा एवं शेष 03 किसानों की काष्ठ के मूल्य निर्धारण की कार्यवाही प्रचलित है। भुगतान हेतु समय-सीमा निर्धारित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

नलकूप खनन की जानकारी 

[नगरीय विकास एवं आवास]

106. ( क्र. 3833 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय प्रशासन विभाग में कितने आर.आई.टी.सी., क्‍लर्क हैं, जिनको मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी का चार्ज दिया गया है? क्‍या शासन उनके स्‍थान पर सी.एम.ओ. को पदस्‍थ करेगा, जो कि शासन की नीति के अनुकूल है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?                                                                                               (ख) नगर निगम ग्‍वालियर द्वारा सांसद निधि, विधायक निधि, पार्षद निधि से वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक कितने नलकूप, किस-किस वार्ड में किस-किस स्‍थान पर खनन किये गये? इसमे कितने नलकूप चालू हैं, कितने बंद हैं? इसकी सूची वार्डवार देवें तथा प्रति नलकूप खनन पर कितनी राशि व्‍यय की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग में 30 राजस्‍व निरीक्षक एवं 36 क्‍लर्क (सहायक ग्रेड-1, सहायक ग्रेड-2 एवं मुख्‍य लिपिक कम लेखापाल) को प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी बनाया गया है। मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों की सीधी भर्ती के पदों पर म.प्र. लोकसेवा आयोग के माध्‍यम से भर्ती की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। वर्ष 2017-18 में चयनित अभ्‍यर्थियों के लिये आयोग से प्राप्‍त चयन सूची के आधार पर निकायों में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों की पदस्‍थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। पदोन्‍नति के संबंध में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय में प्रकरण प्रचलित होने एवं पदोन्‍नति की कार्यवाही बाधित होने से पदोन्‍नति से भरे जाने वाले पदों पर पदपूर्ति नहीं हो पा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

रीवा जिले की संचालित खदानों के संबंध में जानकारी

[खनिज साधन]

107. ( क्र. 3836 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में मुरम, पत्‍थर, गिट्टी, पटिया, बोल्‍डर मिट्टी किन-किन भूमि नं. पर एवं                                                               किन-किन ग्रामों व तहसीलों में कुल कितनी खदानें संचालित हैं? प्रत्‍येक ठेकेदार का नाम व फर्म का नाम व भूमि नं. बतावें? रीवा‍ जिले में कहाँ-कहाँ कौन-कौन ठेकेदार खनन का कार्य वर्तमान में कर रहे हैं? नाम ग्राम व स्‍थल बतावेंअवैध खदानों के संबंध में विगत 3 वर्षों से अभी तक किन-किन व्‍यक्तियों के ऊपर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खदानों को गहरीकरण के बाद कहाँ-कहाँ किन-किन ग्रामों व तहसीलों में निविदा पूर्ण होने पर समतलीकरण का कार्य, वृक्षारोपण व बाउंड्रीवॉल लगाये गये हैं? क्‍या ठेकेदार खदानों की खुदाई कर, मुरम मिट्टी, निकाल कर छोड़ देते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं, इसका कौन जिम्‍मेदार है? इस पर शासन द्वारा अब तक क्‍यों कार्यवाही नहीं की? बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) संचालित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अवैध उत्‍खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 42 के अंतर्गत अनुमोदित खनन योजना के अनुसार कार्य किया जा रहा है। उत्‍खनिपट्टाधारकों को पत्‍थर उत्‍खनन के बाद उनसे हुये गड्ढों को भरने की प्रक्रिया प्रोग्रेसिव माईन क्‍लोजर प्‍लान तथा वित्‍तीय प्रतिभूति के प्रावधान अनुसार संपन्‍न की जाती है। खनन गड्ढों को खनिज के पूर्ण निकासी होने के बाद उन सभी स्‍थानों को वापस भरा जाता है अथवा अनुमोदित खनन योजना में जल भण्‍डार (वर्षा जल संचयन के लिये) में परिवर्तित किया जाता है। अन्‍यथा की स्थिति में संबंधित पट्टेदार द्वारा जमा वित्‍तीय प्रतिभूति की राशि जप्‍त किये जाने के प्रावधान हैं। रीवा जिले में दुर्घटना संबंधी तथ्‍य प्रकाश में नहीं आये हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

रीवा जिले में क्रेशर मशीनों की जानकारी

[खनिज साधन]

108. ( क्र. 3837 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कुल कितने क्रेशर मशीनें किन-किन ग्रामों में व किस-किस आराजी नं. में कितनी-कितनी क्षमता वाली संचालित हैं? क्रेशर मशीन संचा‍लित करने की अनुमति के लिये कौन-कौन से कागजात व अनुबंध कराये जाते हैं? कौन-कौन सी मशीनें प्रत्‍येक व्‍यक्ति, फर्म का नाम व किन-किन मशीनों को शासन द्वारा चलाने की अनुमति प्राप्‍त है व कितने अवैध तरीके से किन-किन ग्रामों में संचालित हैं? अवैध चलाने वाले व्‍यक्ति पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्रेशर मशीनों के संचालन में                                                             कौन-कौन से क्रेशर में प्रदूषण सहित उपकरण लगाया गया है? किन-किन में नहीं लगाया गया है? इसके प्रदूषण से जनधन में हुई हानि का क्‍या उपाय किया गया है? क्रेशर मशीनों से हुई दुर्घटना अभी तक कहाँ-कहाँ हुई है? अगर हुई है तो प्रत्‍येक का नाम व ग्राम बताएं? (ग) क्रेशर मशीनों में लगने वाले पत्‍थर की लीज़ लेने का क्‍या क्राइटेरिया है? क्‍या क्रेशर चलाने वाले लीज़ के ही मुताबिक पत्‍थर खनन करते हैं या अवैध तरीके से कितने घन मीटर का परिवहन करते हैं? यदि परिवहन करते हैं, तो कौन-कौन सी भूमि नं. ब्‍लॉक तहसील में पत्‍थर तोड़ने का कार्य होता है? इसमें शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जाती है? कितने खदानों पर अवैध पत्‍थर तोड़ने पर कितनों पर कार्यवाही की गई? (घ) बन्‍द खदानों का कितना समतलीकरण किया गया व वृक्षारोपण की स्थिति क्‍या है? गहरी खदानों की सुरक्षा व्‍यवस्‍था क्‍या है, जिसमें मनुष्‍य व पशु दुर्घटना ग्रस्‍त न हो रीवा जिलांतर्गत ऐसा कार्य कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्रामों में कराया गया है? नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) रीवा जिले में संचालित क्रेशर मशीन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अवैध तरीके से संचालित मशीनों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।                                                                                                  (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। क्रेशर मशीन से दुर्घटना संबंधी जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) क्रेशर मशीन लगाने के आधार पर पत्‍थर उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृति के प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में अधिसूचित हैं। उत्‍खनिपट्टा क्षेत्र नियमों में प्रावधानित खनन योजना के अनुरूप खनन कार्य किया जाता है। शेष भाग का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। अवैध उत्‍खनन की शिकायत प्राप्‍त होने पर रीवा जिले में गत 01 वर्ष में 33 प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्‍ड की राशि रूपये 1479500.00 की वसूली की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश के संबंध में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 42 के अंतर्गत अनुमोदित खनन योजना के अनुसार कार्य किया जा रहा है। उत्‍खनिपट्टाधारकों को पत्‍थर उत्‍खनन के बाद उनसे हुए गड्ढों को भरने की निरंतर प्रक्रिया है, जो कि प्रोग्रेसिव माईन क्‍लोजर प्‍लान के अनुसार संपन्‍न की जाती है। खनन गड्ढों को खनिज के पूर्ण निष्‍कर्षण के बाद उन सभी स्‍थानों को वापस भरा जाता है। जो अनुमोदित खनन योजना में प्रस्‍तावित होता है। किसी विशेष क्षेत्र को अनुमोदित खनन योजना में जल भण्‍डार (वर्षा जल संचयन के लिये) में परिवर्तित किया जाता है। रीवा जिले में दुर्घटना संबंधी तथ्‍य प्रकाश में नहीं आये हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

वन अपराध प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से निराकरण

[वन]

109. ( क्र. 3856 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                 (क) प्रदेश के कितनों जिलों में वर्ष 2014 एवं 2015 में वन अपराध प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत बैतूल जिले के उत्तर वन मण्डल (सामान्य) में निराकृत प्रकरणों की संख्या बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अन्तर्गत लोक अदालत के निर्णय उपरांत तय की गई कितनी राशि अपराधी से वसूल गई है? यदि हाँ, तो प्रकरणवार वसूली की जानकारी देवें? (घ) क्या लोक अदालत के निर्णय उपरांत प्रकरण समाप्त हो जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (ख), (ग) अंतर्गत न्यायालयीन निर्णय से ऊपर उठकर वनमण्‍डलाधिकारी द्वारा राशि की वसूली संबंधित वन कर्मचारियों से किये जाने हेतु पुनः अपना निर्णय क्यों दिया गया? (ड.) प्रश्नांश (घ) के फलस्वरूप कर्मचारियों से वसूल की गई राशि कब तक वापिस की जावेगी एवं दोषी अधिकारी पर क्या व कब तक कार्यवाही की जावेगी?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रदेश के 11 जिलों क्रमश: बालाघाट, बैतूल, छतरपुर, छिन्‍दवाड़ा, ग्‍वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, सिवनी, शहडोल एवं शिवपुरी में वन अपराध प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्‍यम से किया गया है। (ख) बैतूल जिले के सामान्‍य वनमण्‍डल उत्‍तर बैतूल में वर्ष 2014 में 120 एवं वर्ष 2015 में 02 वन अपराध प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। संबंधित वन अधिकारियों द्वारा समय पर वन अपराध प्रकरणों में अपराधियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण राज्‍य शासन को हुई हानि की राशि की वसूली के आदेश दिये गये हैं। वनमण्‍डलाधिकारी लोक अदालत से ऊपर नहीं होता। वसूली का आदेश नियमानुसार नहीं है। परीक्षण कर संबंधित वनमण्‍डलाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही एक माह में की जायेगी। (ड.) संबंधित दोषी वन अधिकारियों द्वारा प्रस्‍तुत अपीलों पर सक्षम अधिकारी द्वारा निर्णय लिये जाने के उपरांत ही वसूल की गई राशि के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी।

नियम विरूद्ध प्रभारी प्राचार्य को डी.डी.ओ. का अधिकार

[स्कूल शिक्षा]

110. ( क्र. 3875 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के अंतर्गत शासकीय हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल पथरेही, संकुल बरौंधा, विकासखण्‍ड ब्‍यौहारी में वर्तमान में प्राचार्य के पद पर कौन एवं कितने वर्षों से पदस्‍थ हैं? पदस्‍थ व्‍यक्ति के मूल पद की जानकारी प्रदान करें। (ख) क्‍या शासन के नियमों के विरूद्ध प्रभारी प्राचार्य को डी.डी.ओ. का अधिकार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? प्रभारी प्राचार्य को हटाकर तत्‍काल पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्‍थापना कब तक की जायेगी? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अपने रिश्‍तेदारों को अतिथि शिक्षकों के रूप में नियम विरूद्ध अर्हता न होते हुए भी पदस्‍थ किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कराकर दोषी प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी विकासखण्ड अंतर्गत शासकीय उ.मा.वि. पथरेही संकुल केन्द्र उ.मा.वि. बरौंधा में श्री देवीदीन प्रजापति, प्रधानाध्यापक प्रभारी प्राचार्य के रूप में दिनांक 01.04.2017 से कार्यरत हैं। इनका मूलपद प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्थापना उपलब्‍धता पर निर्भर होती है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नगरीय क्षेत्र में निर्मित दुकानों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

111. ( क्र. 3921 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के नगरीय निकायों द्वारा निकाय क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितनी दुकानों का निर्माण करवाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या निर्मित सभी दुकानों में नवीन संपत्ति अंतरण अधिनियम का पालन किया गया अथवा नहीं?                                            (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में निर्मित की गई दुकानों की भूमि क्या निकाय के स्वामित्व की है अथवा नहीं? क्या दुकानों का निर्माण राजस्व अथवा अन्य विभाग एवं नजूल भूमि पर किया गया तो उक्त भूमि कलेक्टर छतरपुर द्वारा कब आवंटित की गई? क्या आवंटित भूमि का भू-भाटक प्रीमियम राशि जमा की गई तो वर्ष और रसीद का विवरण देवें? (घ) क्या उक्त दुकानों का निर्माण भूमि का राजस्व विभाग से व्यावसायिक भूमि में परिवर्तित करके करवाया गया है अथवा नहीं?                                                                                              (ड.) क्या उक्त दुकानों के आवंटन में विधि अनुसार प्रक्रिया अपनाकर खुली बोली से नीलामी की गई? यदि हाँ, तो विवरण प्रदाय करें? दुकानदारों का आवंटन आदेश, आरक्षण की जानकारी                                                                                            प्रदाय करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) छतरपुर जिले के नगरीय निकायों द्वारा निकाय क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 341 दुकानों का निर्माण किया गया है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि नगर पालिका छतरपुर, महाराजपुर, नौगांव तथा नगर परिषद सटई, खजुराहो, चंदला, बक्सवाहा, बिजावर, घुवारा एवं बड़ा मलहरा द्वारा तत्समय प्रचलित संपत्ति अंतरण नियम का पालन किया गया तथा दिनांक 24.02.2016 के बाद उक्त निकायों में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया नवीन संपत्ति अंतरण नियम के अनुसार की गई है। (ग) नगर पालिका परिषद छतरपुर, महाराजपुर, नौगांव एवं नगर परिषद खजुराहो, चंदला, बड़ा मलहरा, बक्सवाहा तथा बिजावर द्वारा निकाय स्वामित्व की तथा नगर परिषद सटई एवं घुवारा में आबादी भूमि पर दुकानों का निर्माण कराया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निकाय स्वामित्व/आबादी भूमि होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) नगरीय निकाय महाराजपुर, खजुराहो, चंदला, घुवारा द्वारा खुली बोली से नीलामी द्वारा तथा छतरपुर, नौगांव, बड़ा मलहरा एवं सटई द्वारा निविदा प्रक्रिया बंद लिफाफे एवं टेण्डर अनुसार आवंटन किया गया है। शेष नगर परिषद् बक्सवाहा एवं बिजावर द्वारा दुकानों का आवंटन नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

इंदौर शहर में बीचों-बीच अवैध बस स्टैंड का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

112. ( क्र. 3943 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हँस ट्रेवल्स द्वारा इंदौर शहर के बीचों-बीच साउथ तुकोगंज क्षेत्र में ढक्कन वाला कुंआ के समीप अवैध बस स्टैंड संचालित किया जा रहा है, जहां 100 से ज्यादा बसें सड़क के दोनों ओर सड़क/फुटपाथ पर कब्जा कर पार्क की जाती हैं? (ख) नगरीय प्रशासन मंत्रालय/ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा विगत 2 वर्ष में उक्त अवैध बस स्टैंड के विरुद्ध की गई कार्यवाही का विवरण दीजिये? (ग) अगर बस स्टैंड चलाने की अनुमति दी गई हो तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) यह सही है कि हँस ट्रेवल्स द्वारा उक्त क्षेत्र में निजी भूमि पर बसें पार्क की जाती है तथा सवारी बैठाने का कार्य किया जाता है। यह कहना सही नहीं है कि सड़क के दोनों ओर 100 से अधिक बसे फुटपाथ पर कब्जा कर पार्क की जाती है। (ख) लगभग दो वर्ष पूर्व आर.टी.ओ. एवं निगम द्वारा कार्यवाही की थी तथा समय-समय पर की जाती रही है। यह बस स्टेण्ड नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में जानकारी निरंक है।

बिना कार्य के 62 वर्ष की आयु के आधार वेतन व पेंशनरी का लाभ

[स्कूल शिक्षा]

113. ( क्र. 3947 ) श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवानिवृत्त संचालक लोक शिक्षण श्री पी.पी. सिंह को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त                                    (10 वर्ष से भी कम शिक्षण अनुभव होने से) करने के बाद उच्च व उच्चतम न्यायलय के आदेश उपरांत शासन आदेश दिनांक 19/10/2016 के द्वारा बिना कार्य के 62 वर्ष की आयु के आधार पर वेतन व पेंशनरी सभी लाभों का भुगतान किया गया है? (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 16/72018 द्वारा श्री पदम् कुमार टेडीया तथा समरूप प्रकरणों में प्रौढ़ शिक्षा के सभी पर्यवेक्षकों को 62 वर्ष के आधार पर पेंशन आदि सभी लाभों को दिया है तथा उनके सभी न्यायालय प्रकरणों को वापस लेने के आदेश दिया गए हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (क) तथा (ख) का उत्तर हाँ है तो अन्य समरूप प्रकरणों (उप/संयुक्त/अपर संचालक आदि) में समानता के आधार पर 62 वर्ष के आधार पर पेंशन आदि के लाभ कब तक दिए जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उप/संयुक्‍त/अपर/संचालक/आदि से संबंधित प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय के समक्ष विचारधीन है। अंतिम निर्णय उपरान्‍त पेंशन आदि का लाभ दिया जावेगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बासठ''

सेवानिवृत्‍त उपरान्त प्राप्त होने वाले स्वत्वों के भुगतान

[स्कूल शिक्षा]

114. ( क्र. 3965 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग रीवा में उप संचालक, संयुक्त संचालक, अपर संचालक, प्राचार्य डाइट, प्राचार्य शिक्षा महाविद्यालय के पद पर कितने अधिकारी माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से वर्ष 2017 तक कब से कार्यरत थे? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों का 60 वर्ष के आधार पर सेवानिवृत्‍त संबंधी स्वत्व, पेंशन, ग्रेज्‍युटी आदि उपादान का भुगतान कितने अधिकारियों का किया गया तथा अभी कितने अधिकारी उक्त स्वत्व से पूर्णतया या आंशिक रूप से वंचित है तथा भुगतान करने या न करने का कारण बताएं? भुगतान नहीं किये जाने के लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) ऊपर वर्णित स्वत्व से वंचित अधिकारियों को सेवा निवृत्त उपरांन्त प्राप्त होने वाले सभी स्वत्वों का निराकरण कब-तक कर दिया जायेगा और पूर्ण भुगतान कर दिया जायेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रीवा संभागान्तर्गत रीवा में श्रीमती रश्मि शुक्ला, सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा माननीय उच्च न्यायालय के याचिका क्रमांक 6879/2015 के स्थगन आदेश के आधार पर 01.07.2015 से 30.06.2017 तक कार्यरत रही है। श्रीमती शुक्ला दिनांक 30.06.2015 को सेवानिवृत्त हो चुकी थी। (ख) श्रीमती रश्मि शुक्ला, सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा को शासन आदेश के अनुसार 60 वर्ष के आधार पर सेवानिवृत्त किया गया है, इनका जी.पी.एफ. अंतिम भुगतान, जी.आई.एस./ एफ.बी.एफ./सावधि सह बीमा योजना 2003, अर्जित अवकाश समर्पण (ई.एल.) एवं ग्रेच्युटी का भुगतान किया जा चुका है। विभाग द्वारा एन.ओ.सी. की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण 90 प्रतिशत प्रत्‍याशित पेंशन का भुगतान निरंतर किया जा रहा है। विभाग द्वारा एन.ओ.सी. जारी कर दी गई है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता (ग) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के अंतिम निर्णय पारित होने पर पूर्ण भुगतान कर दिया जावेगा।

धारा 165 (6) में औने-पौने दाम पर आदिवासी की बिकती जमीन 

[आदिमजाति कल्याण]

115. ( क्र. 3988 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मालवा की जनजातीय संस्‍कृति, भाषा, परम्‍परा, संगीत, कला तथा चिकित्‍सा पद्धति को संरक्षित करने हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं, इस हेतु क्‍या नवाचार करेंगे? (ख) क्‍या विगत 5 वर्षों में आदिम जाति उपयोजना की अधिकांश राशि गैर आदिवासी क्षेत्र के अंदर निर्मित भवनों तथा कार्यों पर खर्च की गई है? (ग) क्‍या विभाग को धारा 165 (6) के तहत आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय किये जाने के प्रकरणों की जानकारी है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से 2018 में मात्र धार जिले में ही कितने हेक्‍टेयर जमीन गैर आदिवासी को बेची गई? (घ) धारा 165 (6) में आदिवासी की जमीन औने-पौने दाम में बिकने पर क्‍या कोई जाँच गठित की जावेगी?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) मालवा सहित प्रदेश की जनजातीय संस्‍कृति, भाषा, परम्‍परा, संगीत, कला तथा चिकित्‍सा पद्धति को संरक्षित करने हेतु समय-समय पर सर्वेक्षण, संगोष्‍ठी, वर्कशॉप, सेमीनार, दस्‍तावेजीकरण, विशिष्‍ट कला केन्‍द्र की स्‍थापना, प्रदर्शन, औषधीय पौधों का संरक्षण एवं आयुष चिकित्‍सा पद्धति को संरक्षित किया जाना एक निरन्‍तर प्रक्रिया है। जनजातीय बोली संरक्षण की दिशा में गोंडी-हिन्‍दी शब्‍दकोष, कोरकू-हिन्‍दी शब्‍दकोष, भीली-हिन्‍दी शब्‍दकोष, भिलाली-हिन्‍दी शब्‍दकोष, बैगानी-हिन्‍दी शब्‍दकोष, बारेली-हिन्‍दी शब्‍दकोष, कोरकू व्‍याकरण, भीली व्‍याकरण आदि का कार्य निरन्‍तर जारी है। (ख) विगत 5 वर्षों में आदिम जाति उपयोजना की अधिकांश राशि गैर आदिवासी क्षेत्र के अंदर निर्मित भवनों तथा कार्यों पर खर्च नहीं की गई।                                                                       (ग) प्रश्‍नांश इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। वर्ष 2014 से 2018 में धार जिले आदिवासी की भूमि गैरआदिवासी को विक्रय करने की अनुमति नहीं दी गई है। (घ) आदिवासी भूमि की गैर आदिवासी को विक्रय करने की अनुमति न देने से प्रश्नांश (घ) का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता।

राजगढ़ नगर परिषद में करोड़ों का गोलमाल 

[नगरीय विकास एवं आवास]

116. ( क्र. 3989 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विगत 5 वर्षों में दौरान नगर परिषद राजगढ़ में भ्रष्‍टाचार एवं अनियमितता की शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या 10 करोड़ की जल प्रदाय पाईप लाइन डालने के बाद भी पानी वितरण नहीं हो पाया? यदि हाँ, तो अधूरे तथा गलत कार्य कर 10 करोड़ का अपव्‍यय हेतु जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही होगी? (ग) क्‍या मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना में जो नया बांध बनाया गया है, वह लीकेज तथा अनुपयोगी है? इससे शहर को पानी नहीं मिल रहा है? इसकी D.P.R. तथा ठेकेदार का नाम बतावें? क्‍या इसकी जाँच उच्‍च स्‍तर से कराई जावेगी? (घ) क्‍या लाखों की लागत की पुरानी एवं घटिया आर.ओ. मशीन खरीदी गई जो आज तक चालू नहीं हुई? क्‍या इसकी जाँच की जाएगी तथा शौचालय निर्माण में भ्रष्‍टाचार की भी जाँच की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2017 में निर्वाचित पार्षदों द्वारा शिकायती पत्र दिनांक 29.07.2017 द्वारा शिकायत की गयी थी। शिकायत की जाँच हेतु तत्‍कालीन कलेक्‍टर जिला धार द्वारा आदेश क्रमांक/924/डूडा/2017 धार, दिनांक 05.09.2017 से जाँच समिति का गठन किया गया था, समिति ने जाँच पूर्ण कर दस्‍तावेज वापस कर दिये हैं, परन्‍तु अब तक जाँच रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं की है। जाँच रिपोर्ट प्राप्‍त कर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी नहीं। मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्‍तर्गत डाली गयी पाईप लाइन से नगर में जल वितरण किया जा रहा है। मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना की जाँच भी उत्‍तरांश (क) अनुसार गठित समिति द्वारा की गई है, जाँच रिपोर्ट के प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) बैराज में बहुत ही मामूली रिसन गर्मी के दिनों में देखी जाती है। बैराज में पूरा पानी भरा हुआ है, जिससे कि जलप्रदाय किया जा रहा है। योजना की डी.पी.आर. वास्‍तुशिल्‍पी प्रोजेक्‍ट एण्‍ड कंसल्‍टेंट प्राय. लिमिटेड भोपाल द्वारा तैयार की गई है एवं उक्‍त योजना के ठेकेदार प्रार्ची इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रा.लि. इन्‍दौर है। इसकी जाँच उत्‍तरांश (क) अनुसार गठित समिति द्वारा की गई है। जाँच रिपोर्ट प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।                                                                                                  (घ) नगर परिषद राजगढ़ द्वारा क्रय की गई आर.ओ. मशीन की जाँच संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास इन्‍दौर संभाग द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार अनियमितता के लिए श्री सुरेश तातेड़ तत्‍कालीन अध्‍यक्ष, श्रीमती मधुलिका तातेड़ तत्‍कालीन अध्‍यक्ष, श्री यशवंत सिंह ठाकुर, तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, श्री संतराम चौहान, तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, श्री मदनलाल मिमरोट, तत्‍कालीन प्रभारी अधिकारी एवं तहसीलदार, श्री दीपक चौरे, तत्‍कालीन उपयंत्री, श्री रघुनाथ वसुनिया, तत्‍कालीन प्रभारी लेखापाल, श्री मनोज सिंह पवार, तत्‍कालीन प्रभारी लेखापाल उत्‍तरदायी पाये गये हैं, जिनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शौचालय निर्माण की जाँच उत्‍तरांश (क) अनुसार गठित समिति द्वारा की गई है, जाँच रिपोर्ट के प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।

वन उत्‍पादन में निरंतर गिरावट

[वन]

117. ( क्र. 3996 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                     (क) क्‍या प्रदेश में कुल वन क्षेत्र 85.89 लाख हेक्‍टेयर है, जो कुल क्षेत्रफल का लगभग 30 प्रतिशत है? यदि हाँ, तो क्‍या वर्ष 2011 से 2018 तक इमारती लकड़ी, जलाऊ चट्टे तथा बांस के उत्‍पादन में प्रतिवर्ष काफी कमी हुई? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍पादन की कमी से क्‍या यह प्रदर्शित होता है कि पूर्व में शासन स्‍तर पर अवैध जंगल काटने को संरक्षण दिया गया? आलोच्‍य अवधि में तीनों के उत्‍पादन का जिलेवार आंकड़ा देवें। (ग) वर्ष 2011 से 2018-19 तक प्राप्‍त सकल राजस्‍व की वर्षवार जानकारी दें, बतावें कि लक्ष्‍य क्‍या था तथा उसकी कितने प्रतिशत प्राप्ति हुई? रतलाम में स्‍थापित विस्‍तार वृत द्वारा रोपणियों में वर्षवार कितने पौधे तैयार कर कहाँ-कहाँ रोपे गये? उनमें से कितने जीवित हैं। (घ) 2017 में तात्‍कालिक मुख्‍यमंत्री की नर्मदा यात्रा के दौरान कुल कितने पौधे लगाये गये तथा उन पर कितनी राशि खर्च हुई? मई 2019 में कितने पौधे जीवित हैं?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। प्रदेश का कुल वनक्षेत्र 94.69 लाख हेक्टेयर है, जो प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 30.72 प्रतिशत है। वर्ष 2011 से 2018 तक इमारती लकड़ी, जलाऊ चट्टे तथा बांस के उत्पादन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष वनक्षेत्रों में विदोहन की अनुमति दी जाती है। विदोहन योग्य कूपों के क्षेत्र एवं उनमें वनवर्धन के दृष्टिकोण से काटे जाने वाले वृक्षों की संख्या में भिन्नता होने से प्रतिवर्ष कूपों का क्षेत्रफल तथा उत्पादन भी घटता-बढ़ता रहता है। बांस क्षेत्रों में सामूहिक पुष्पन एवं बढ़ते जैविक दबाव के कारण कमी आई है। (ख) इमारती लकड़ी, जलाऊ चट्टे तथा बांस के उत्पादन में कमी का कारण विदोहन योग्य कूपों के क्षेत्र एवं उनमें वनवर्धन के दृष्टिकोण से काटे जाने वाले वृक्षों की संख्या में भिन्नता से प्रतिवर्ष उत्पादन घटना या बढ़ना है। इमारती लकड़ी, जलाऊ चट्टे एवं बांस के उत्पादन की जिलेवार जानकारी संकलित की जा रही है। प्रदेश में वर्षवार इनके उत्पादन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त सकल राजस्व की वर्षवार जानकारी परिशिष्ट संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त रतलाम के अन्तर्गत रोपणियों में वर्षवार तैयार किये गये एवं वितरित किये गये पौधों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। पौधे जीवित होने की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) 15 दिवस में जानकारी प्राप्‍त कर माननीय सदस्‍‍‍य को अवगत करा दिया जाएगा।

परिशिष्ट - ''तिरेसठ''

नवीन नीति तहत गौशालाओं की स्‍वीकृति 

[पशुपालन]

118. ( क्र. 4045 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा क्षेत्र में नवीन गौशाला के संचालन हेतु क्‍या कोई नीति निर्मित की है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी, जिला मुरैना में गौशाला हेतु क्‍या-क्‍या गतिविधियां हुईं? कहाँ-कहाँ कितनी गौ शाला प्रस्‍तावित होकर उनके क्रियान्‍वयन हेतु क्‍या-क्‍या प्रक्रियायें हैं? (ग) क्‍या नवीन नीति के तहत गौशाला स्‍वीकृति/प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कार्यवाही से अवगत करावें?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी, जिला मुरैना में 08 गौशालाएं प्रस्‍तावित की गई है। प्रस्‍तावित गौशाला एवं गतिविधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है तथा क्रियान्‍वयन के निर्देश एवं प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

छात्रावास एवं आश्रयों में निर्माण कार्य

[आदिमजाति कल्याण]

119. ( क्र. 4069 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जिला सिवनी, छिन्‍दवाड़ा व मण्‍डला में वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से आज दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग (सहायक आयुक्‍त) द्वारा विकासखण्‍डवार निर्माण/मरम्‍मत कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हाँ, तो निविदा आमंत्रण सूचना की प्रति, सफल निविदाकर, कार्यदेश, कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों में वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से आज दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित आश्रमों/छात्रावासों के अधीक्षकों द्वारा निर्माण/मरम्‍मत कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कार्यों के कार्य आदेश/संबंधित इंजीनियर की मूल्‍यांकन रिपोर्ट का विवरण उपलब्‍ध करावें? (ग) म.प्र. के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित आश्रमों/छात्रावासों के अधीक्षकों, उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय एवं हाई स्‍कूल के प्राचार्यों को कितनी राशि तक के निर्माण/मरम्‍मत कार्य कराये जाने का अधिकार प्राप्‍त है? यदि शासन/विभाग से प्रदत्‍त अधिकारों से अधिक की राशि के निर्माण/मरम्‍मत कार्य कराये गये तो उन अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन/विभाग के द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। निविदा आमंत्रण सूचना की प्रतिसफल निविदाकारकार्यादेश, कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जिला सिवनी एवं छिन्‍दवाड़ा द्वारा अधीक्षकों से कोई कार्य नहीं कराया गया है। जिला मण्‍डला द्वारा केवल वर्ष 2017-18 में आश्रमछात्रावासों के अधीक्षक द्वारा मरम्‍मत कार्य कराये गये हैं, मण्‍डला जिले के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) मध्‍यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित आश्रमों/छात्रावासों के अधीक्षकोंउच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय एवं हाई स्‍कूल के प्राचार्यों को निर्माण/मरम्‍मत कार्य कराये जाने के कोई भी अधिकार प्रदत्‍त नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निविदा एवं निर्माण कार्य का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

120. ( क्र. 4070 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की नगर पालिका परिषद सिवनी में वर्ष 2008 से आज दिनांक तक मेसर्स अजय कंसट्रक्‍शन जबलपुर रोड, ज्‍यारत नाका, सिवनी द्वारा निविदा पद्धति से                                                                       कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं एवं परिषद में किन-किन निर्माण कार्यों के देयकों (प्रथम एवं अ‍ंतिम) की अमानत राशि (एफ.डी.आर.) एवं निर्माण कार्यों की अन्‍य जमा समस्‍त राशि की जानकारी कार्यवार पृथक-पृथक उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित फर्म मेसर्स अजय कंस्ट्रक्‍शन द्वारा वर्ष 2008 से आज दिनांक तक परिषद के अन्‍तर्गत निविदा पद्धति से कराये गये विभिन्‍न निर्माण कार्य के शेष देयकों/समस्‍त जमा राशि जो परिषद में जमा है, के भुगतान के लिये नगर पालिका परिषद सिवनी को क्‍या पत्र लिखे गये हैं? यदि हाँ, तो दिनांकवार बतावें? क्‍या उपरोक्‍त पत्रों में परिषद ने कार्यवाही कर संबंधित फर्म को भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) क्‍या नगर पालिका परिषद सिवनी द्वारा निविदा पद्धति से कराये जाने वाले निर्माण कार्यों में लगने वाली निर्माण सामग्री का गुणवत्‍ता परीक्षण (टेस्‍ट रिपोर्ट) कराना परिषद की जवाबदारी है? यदि हाँ, तो क्‍या परिषद के द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की सामग्री का गुणवत्‍ता परीक्षण किया जा रहा है? (घ) सिवनी जिले की नगर पालिका परिषद सिवनी में दो पहिया/चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिये नगर के अन्‍दर स्‍थान आरक्षित है? यदि हाँ, तो उन स्‍थानों के नाम वार्डवार बतायें? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या इस हेतु परिषद द्वारा कोई प्रयास किये गये हैं? यदि हाँ, तो उनकी अद्यतन जानकारी उपलब्‍ध करायें?                                                                     (ड.) क्‍या जिले के ग्रामीण/अन्‍य क्षेत्रों से आने वाले दो पहिया/चार पहिया वाहन धारकों को नगर की यातायात पुलिस से नो पार्किंग के कारण होने वाली चालानी कार्यवाही की जवाबदेही नगर पालिका परिषद सिवनी की होगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। संविदाकार द्वारा नगर पालिका परिषद सिवनी को लिखे गये पत्रों का दिनांक 05/12/2012, 05/12/2012, 06/10/2012, 06/10/2012, 06/10/2012, 06/10/2012, 06/10/2012, 6/10/2012, 23/07/2013, 01/01/2014, 16/07/2015, 27/07/2015 जी नहीं, ठेकेदार को निकाय के पत्र क्रमांक 1809 सिवनी, दिनांक 28/08/2015 के द्वारा निर्माण कार्यों में प्रयुक्‍त सामग्रियों की टेस्‍ट रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने हेतु सूचना पत्र जारी किया गया है। ठेकेदार के द्वारा आज दिनांक तक टेस्‍ट रिपोर्ट प्रस्‍तुत न करने के कारण आंशिक भुगतान किया गया है। टेस्‍ट रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने के पश्‍चात् गुणवत्‍ता अनुसार भुगतान करने की नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। निविदा पद्धति से कराए जाने वाले कार्यों में गुणवत्‍ता परीक्षण ठेकेदार से स्‍थल पर स्‍थापित फील्‍ड लेब से करवाए जाने का प्रावधान है।                                                                        (घ) जी हाँ। केवल भगत सिंह वार्ड क्रमांक-23 पुरानी थोक सब्‍जी मण्‍डी में निकाय द्वारा दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिये स्‍थान आरक्षित किया गया है। शेष वार्डों में पार्किंग हेतु स्‍थान तलाशा जा रहा है, स्‍थल उपलब्‍ध होने पर पार्किंग की व्‍यवस्‍था की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। यातायात पुलिस द्वारा शहर के कुछ जगहों में                                                                                      नो-पार्किंग स्‍थान चिन्हित किये गये हैं। इन स्‍थानों पर वाहन पार्किंग पर चालानी कार्यवाही के लिए नगर पालिका परिषद सिवनी जिम्‍मेदार नहीं है।

वन प्राणियों द्वारा की गई जन/पशु हानि पर सहायता 

[वन]

121. ( क्र. 4078 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                     (क) वन्‍यप्राणियों द्वारा की गई जन हानि, घायल तथा पशु हानि पर विभाग द्वारा कितनी सहायता राशि दी जाती है? इस हेतु क्‍या-क्‍या निर्देश हैं, उनकी प्रति दें? (ख) जिला विदिशा एवं रायसेन में 01 जनवरी, 2016 से जून, 2019 तक की अवधि में प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए किन-किन को सहायता राशि दी गई, किन-किन को नहीं तथा किन-किन के प्रकरण क्‍यों लंबित हैं, उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) जिला विदिशा एवं रायसेन एवं औबेदुल्‍लागंज वन मण्‍डल में कौन-कौन से वन मार्ग हैं। 01 जनवरी, 2016 से जून, 2019 तक की अवधि में उनकी मरम्‍मत तथा संधारण पर कितनी राशि व्‍यय की गई? (घ) जिला विदिशा एवं रायसेन में किन-किन तेन्‍दूपत्‍ता श्रमिकों को मजदूरी की राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया, कारण बताएं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन्‍यप्राणियों द्वारा की गई जनहानि, जनघायल, पशुहानि, पशुघायल पर प्रदाय क्षतिपूर्ति की राशि सहित, निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला विदिशा एवं रायसेन में प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्नांश (क) के संबंध में वनमण्‍डलवार प्राप्‍त आवेदन पत्र, भुगतान की गयी क्षतिपूर्ति, लंबित प्रकरणों एवं इनके निराकरण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विदिशा, रायसेन एवं औबेदुल्‍लागंज वनमण्‍डल के अंतर्गत वन मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्‍नाधीन अवधि में वनमार्गों/गश्‍ती एवं निकासी मार्गों के मरम्‍मत तथा संधारण पर वनमण्‍डलवार निम्‍नानुसार राशि का व्‍यय किया गया है :-

वनमण्‍डल का नाम

व्‍यय की गई राशि रूपये में

विदिशा

69,72,324/-

रायसेन

53,14,497/-

औबेदुल्‍लागंज

31,00,078/-

 

(घ) जिला यूनियन विदिशा एवं रायसेन में समस्‍त तेन्‍दूपत्‍ता श्रमिकों को मजदूरी की राशि का भुगतान कर दिया गया है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई भूमि का निर्वनीकरण

[वन]

122. ( क्र. 4079 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सत्‍य है कि 1960 एवं 1970 के दशक में वन विभाग द्वारा धारा 34 (अ) के तहत विभिन्‍न वनखण्‍डों का निर्वनीकरण किया गया था, जिनका विधिवत रूप से राजपत्र में प्रकाशन भी किया गया था? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के तहत उपरोक्‍त वनखण्‍डों को राजस्‍व विभाग को सौंपने के लिए प्रमुख सचिव वन विभाग द्वारा दिनांक 12/06/2015 को सभी संभागीय आयुक्‍तों को पत्र भी जारी किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तहत वन विभाग उपरोक्‍त वनखण्‍डों को अभी तक न सिर्फ कार्ययोजना में शामिल किए हुए हैं अपितु विभिन्‍न अधिकारियों द्वारा ऐसे वनखण्‍डों को वन ही माना जा रहा है? (घ) क्‍या वन विभाग के ऐसे दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण दें? (ड.) प्रश्‍नाधीन कार्यवाही को राजपत्र में प्रकाशित हुए 50 वर्ष व्‍यतीत होने के बाद भी ऐसे वनखण्‍डों को राजस्‍व विभाग को कब तक हस्‍तांतरित किया जायेगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। केवल सीमांकित वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई भूमि का निर्वनीकरण किया गया था। (ख) जी नहीं। (ग) से (ड.) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

पी.आई.यू. द्वारा शासकीय हाई स्‍कूल बरहदी का भवन निर्माण

[स्कूल शिक्षा]

123. ( क्र. 4095 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के विकासखण्‍ड रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत रमसा द्वारा प्राप्‍त निधि से पी.आई.यू. द्वारा शासकीय हाई स्‍कूल बरहदी का भवन निर्माण रूपयें 34.04 लाख की लागत से कराया गया एवं भवन के निर्माण हो जाने के बाद कार्यादेश की शर्तों के मुताबिक विद्यालय भवन ए.डी.पी.सी. रीवा को सौंप दिया गया? (ख) क्‍या रमसा से प्राप्‍त राशि से निर्मित भवन को रमसा के ही जिम्‍मेदार पदाधिकारियों को ही सौंपना चाहिये था? (ग) क्‍या संविदाकार द्वारा ए.डी.पी.सी. रीवा डॉ. पी.एल. मिश्रा को दिनांक 02/07/2016 को श्री जे.पी. साकेत प्रधानाध्‍यापक, श्रीमती शाहीन बेगम, अध्‍यापक एवं श्रीमती आशा चौरसिया, अध्‍यापक के समक्ष भवन के हस्‍तांतरण की कार्यवाही की गई? (घ) उक्‍त भवन विगत 2 वर्षों से संविदाकार से विभाग के अधिपत्‍य में है, परन्‍तु विभाग भवन उपलब्‍ध हो जाने के बाद भी संबंधित विद्यालय संचालित नहीं करा रहा है। (ड.) क्‍या सरकार शासकीय हाई स्‍कूल बरहदी के भवन को अधिपत्‍य में लेने के बाद सर्व-सुविधायुक्‍त भवन में विद्यालय संचालित करायेगी? (च) सर्व-सुविधायुक्‍त भवन में विद्यार्थियों को पठन-पाठन सुनिश्चित कराने हेतु कब तक कक्षाएं संचालित कराई जायेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। भौतिक सत्यापन हेतु गठित समिति की अवलोकन एवं संतुष्टि उपरांत संबंधित शाला प्राचार्य को हस्तांतरित किए जाने के निर्देश हैं। (ग) जी नहीं। भवन में कमियों की पूर्ति हेतु निर्माण एजेन्सी को अवगत कराया गया था। (घ) जुलाई 2019 से कक्षाओं का संचालन प्रारंभ हो गया है। (ड.) एवं (च) उत्तरांश (घ) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

खदानों के सम्बंध में जानकारी

[खनिज साधन]

124. ( क्र. 4108 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में विकासखण्डवार फर्सी, पत्थर, रेत, मुरम, कोपरा, गिट्टी क्रेशर की कौन-कौन सी खदानें कितने-कितने क्षेत्र में स्वीकृत हैं? किसके नाम कितनी अवधि के लिए स्वीकृत हैं?                                                                                                                                                     (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस-किस खदान से विभाग को विगत 3 वर्षों में कितनी-कितनी राशि रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुई? विकासखण्डवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्राप्त रॉयल्टी में से एक निर्धारित राशि संबंधित ग्राम पंचायतों या आंचलिक विकास के लिए जिले को प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में जिले को विकास कार्य हेतु कितनी राशि रॉयल्टी मद में प्राप्त हुई और प्राप्त राशि से क्या-क्या विकास कार्य संपादित किए गए? विकास कार्य स्वीकृत करने की क्या प्रक्रिया है? यदि कार्य नहीं कराये गए और राशि खर्च नहीं की गई तो इसके क्या कारण हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में गौण खनिज की प्राप्‍त रॉयल्‍टी में से एक निर्धारित राशि विकासखण्‍डवार ग्राम पंचायत या आं‍चलि‍क विकास के लिये जिले को प्रदान किये जाने का प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में नहीं है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

नगर पालिका/नगर परिषद अध्‍यक्ष के व्‍यय संबंधी जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

125. ( क्र. 4109 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष एवं नगर परिषद अध्यक्ष को कितनी राशि खर्च करने का अधिकार है तथा नगर पालिका परिषद में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं नगर परिषद में मुख्य नगरपरिषद अधिकारियों को कितनी राशि तक व्यय करने का अधिकार है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ जिले में स्थित नगर पालिका अध्यक्षों एवं नगर परिषद अध्यक्षों द्वारा विगत 5 वर्षों में किन-किन मदों से कितना-कितना व्यय किया गया है? नगर पालिकावार, नगर परिषदवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) () के संदर्भ में विगत 5 वर्ष में विदिशा, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ जिला स्थित नगर पालिका परिषदों में एवं नगर परिषदों में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों द्वारा कितना-कितना व्यय किस-किस मद से किया गया? स्थानीय निकायवार जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में नगर पालिका/नगर परिषद अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी को म.प्र. नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 164, 165 एवं 166 के अंतर्गत आवर्ती व्यय अंतर्गत दिन प्रतिदिन की गतिविधियां लाने के लिए राजस्व व्यय में शामिल वेतन, मजदूरी, स्थापना व्यय, टेलीफोन बिल, विद्युत बिल, किराया, लेखन सामग्री, मरम्मत व रख-रखाव, वाहन व्यय, उपभोग्य, सफाई खर्च, कर्मचारी कल्याण, जलपान व्यय एवं फोटोकॉपी व्यय मुख्य नगर पालिका अधिकारी और लेखा एवं वित्त विभाग के प्रमुख द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से तथा गैर आवर्ती व्यय, पूंजी व्यय और नगर पालिकाओं की परियोजना व्यय मुख्य नगर पालिका अधिकारी और परिषद के अध्यक्ष द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से व्यय किए जायेंगे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                                                                                                  (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

निःशक्तजनों हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाएं

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

126. ( क्र. 4121 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रदेश एवं केन्द्र की योजनाओं की जानकारी देवें? (ख) मन्दसौर जिले में विगत 2 वर्षों में उपरोक्त व्यक्तियों के हित में क्या-क्या कार्य किए गए हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को मोटर ट्राईसाईकिल देने की क्या योजना है, योजना के प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक मन्दसौर जिले में कितनी मोटर ट्राईसाईकिल किन-किन व्यक्तियों को बांटी गई? हितग्राहियों के नाम एवं पते सहित जानकारी देवें। (घ) क्या उपरोक्त योजना के अलावा विधायक निधि से दिव्यांगजनों को मोटर ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो लागत की कितनी प्रतिशत राशि जमा करने उपलब्ध कराई जा सकती है?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण विभाग की दिव्‍यांगता के क्षेत्र में प्रदेश एवं केन्‍द्र की योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) मंदसौर जिले में विगत 2 वर्षों में विधानसभा क्षेत्रवार उपरोक्‍त योजनाओं में लाभान्वितों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) विभाग द्वारा दिव्‍यांगजनों को मोटराईज्‍ड ट्राईसाईकिल देने की योजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक मंदसौर जिले में 20 व्‍यक्तियों को मोटराईज्‍ड ट्राईसाईकिल उपलब्‍ध कराई गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(घ) जी हाँ। उपरोक्‍त योजना के अलावा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्ग-दर्शिका वर्ष 2013 में उल्‍लेखित अनुमत कार्यों की सूची में दिव्‍यांग व्‍यक्तियों के कल्‍याण हेतु मोटर युक्‍त व्‍हील चेयर प्रदान करने का प्रावधान है।

विमुक्त घुमक्कड़ जाति वर्ग के लिये शासन द्वारा संचालित योजनाएं

[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]

127. ( क्र. 4122 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किन-किन जातियों को विमुक्त घुमक्कड़ जाति के अन्तर्गत रखा गया है?                                                                                                         (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में इस जाति के लोग निवासरत हैं? उक्त ग्राम का नाम, पंचायत का नाम तथा ग्राम की जनसंख्या सहित जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त वर्ग के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (घ) विगत 2 वर्षों में मन्दसौर जिले में उपरोक्त वर्ग के उत्थान के लिए कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? कार्य के नाम एवं राशि की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें।

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) विगत दो वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक मंदसौर जिले को विकास कार्यों हेतु आवंटन प्राप्‍त न होने से जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - ''चौंसठ''

नीमच जिलान्तर्गत शालावार विद्यार्थी/शिक्षक/अतिशेष शिक्षकों की संख्या

[स्कूल शिक्षा]

128. ( क्र. 4146 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले की समस्त शालाओं में शिक्षकों की क्या स्थिति है? (ख) किस शाला में कितने विद्यार्थी और कितने शिक्षक हैं? अतिशेष शिक्षक कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं और क्या उन अतिशेष शिक्षकों को अन्य शालाओं में भेजा जावेगा? (ग) कितनी शालाओं में पूर्ण प्राचार्य कार्यरत हैं और कितने पद खाली हैं? (घ) इन खाली पदों को पदोन्नति से भरा जाएगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो पद पूर्ति कैसे की जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) नीमच जिलान्तर्गत शालावार, विद्यार्थी, शिक्षक एवं अतिशेष शिक्षकों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) नीमच जिलान्तर्गत 23 उ.मा.वि., 18 हाई स्कूल में प्राचार्य कार्यरत तथा 42 उ.मा.वि. और 35 हाई स्कूल प्राचार्य के पद रिक्त हैं। (घ) वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति पर यथा स्थिति के निर्देश के क्रम में रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति से संभव नहीं है। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शालाओं में बिजली कनेक्शन के बिल भुगतान

[स्कूल शिक्षा]

129. ( क्र. 4147 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के विद्यालयों में विगत वर्षों में बिजली कनेक्शन के बिल भुगतान के लिए क्या बजट में कोई प्रावधान किया गया? (ख) यदि हाँ, तो कब उनके खातों में भुगतान जायेगा और नहीं तो बिजली बिलों का भुगतान कैसे किया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में बिजली कनेक्शन के बिल भुगतान हेतु बजट का कोई प्रावधान नहीं है। शासकीय हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विद्युत देयकों के भुगतान हेतु ग्लोबल बजट जारी किया जाता है। स्थानीय निधि, वार्षिक अनुदान एवं नगरीय क्षेत्र में शाला उपकर से भी बिजली देयकों का भुगतान करने के निर्देश हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

स्वच्छता/ पेयजल/विद्युत विभाग में खरीदी की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

130. ( क्र. 4156 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद ताल में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक स्वच्छता विभाग, पेयजल विभाग एवं विद्युत विभाग में पृथक-पृथक कुल कितनी खरीदी की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या क्रय की गई सामग्री में भण्‍डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? (ग) क्या शासन द्वारा आदेश देने के बाद भी G.E.M. पोर्टल से खरीदी न कर सीधे बाजार से नियम के विरुद्ध खरीदी की गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या जवाबदार नगर परिषद ताल व अधिकारियों पर राज्य शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। अपितु G.E.M. पोर्टल से खरीदी की गई है तथा तत्‍कालीन आवश्‍यकताओं की पूर्ति हेतु सामग्री निविदा/कोटेशन के माध्‍यम से भी क्रय की गई है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गौशालाओं का निर्माण/स्‍थापना

[पशुपालन]

131. ( क्र. 4166 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                  (क) क्‍या शासन प्रत्‍येक विकासखण्‍ड में गौशाला स्‍थापित करने जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रदेश में कुल कितने गौशाला स्‍थापित करने की योजना है? गौशाला का स्‍वरूप कैसा होगा, उसका संचालन किस प्रकार किया जायेगा? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक कितनी गौशाला के स्‍थानों को चिन्‍हांकन कर लिया गया है? कितनी गौशालायें बन कर तैयार हो गयी हैं अथवा इस वित्‍तीय वर्ष में कितनी गौशालायें बना कर संचालित करने का लक्ष्‍य तय किया गया है? (ग) वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में विभाग नवीन गौशाला निर्माण पर कुल कितनी राशि व्‍यय करने जा रहा है

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं। राज्‍य शासन द्वारा प्रदेश की 1000 ग्राम पंचायतों में गौशालाएं स्‍थापित करने का निर्णय लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में गौशालाओं के निर्माण हेतु 1000 ग्राम पंचायतों का चयन किया जा चुका है। गौशालाओं के निर्माण की कार्यवाही चल रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रति गौशाला निर्माण लागत लगभग रू. 29.62 लाख होगी। गौशाला निर्माण हेतु राशि मनरेगा एवं अंतर्विभागीय अभिसरण से व्‍यय की जावेगी।

ग्‍वालियर संभाग अंतर्गत खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

132. ( क्र. 4167 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर संभाग के अंतर्गत कितनी खदानें कहाँ-कहाँ स्‍थित हैं? इन खदानों से शासन को कितनी राशि कहाँ-कहाँ से रॉयल्‍टी के रूप में ठेकेदारों या अन्‍य स्रोतों से प्राप्‍त हो रही है? अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें (ख) किस-किस आईटम की खदानें किन-किन लोगों या संस्‍थाओं को आवंटित की गई हैं? (ग) खनिज विभाग को प्रतिवर्ष खदान नीलामी या रॉयल्‍टी से या अन्‍य स्रोत से कितनी आय हो रही है? (घ) कितनी खदानें अभी खाली हैं, ठेके नहीं हुये हैं? यह कहाँ-कहाँ स्‍वीकृत है, किस कारण से खाली खदानें आवंटित नहीं हुईं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) ग्‍वालियर संभाग में स्थित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्राप्‍त रॉयल्‍टी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) खनिज विभाग को वर्ष 2018-19 में कुल रॉयल्‍टी राशि रूपये 4623.04/- करोड़ प्राप्‍त हुआ है। (घ) जिला ग्‍वालियर में वन विभाग की आपत्ति के कारण खदानें आवंटित नहीं होने के फलस्‍वरूप खाली हैं। जिला अशोकनगर में कोई भी खदान आवंटन हेतु शेष नहीं है। संभाग के अन्‍य 03 जिलों की असंचालित खदानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

शासन द्वारा आवंटित बजट

[आदिमजाति कल्याण]

133. ( क्र. 4193 ) श्री कमल पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग हरदा जिला हरदा को 01 जनवरी, 2017 से 28 जून, 2019 तक कब-कब कितना-कितना बजट किस-किस मद से मिला?                                                                             (ख) उपरोक्‍त प्राप्‍त बजट विभाग द्वारा कब-कब किस-किस मद में खर्च किया गया?                                                                                                    (ग) क्‍या शासन द्वारा प्राप्‍त बजट का उपयोग विभाग द्वारा उचित मद में किया गया? (घ) क्‍या शासन द्वारा प्राप्‍त बजट में से राशि लेप्‍स हुई है? यदि हाँ, तो क्‍यों एवं कब-कब कितनी-कितनी राशि लेप्‍स हुई?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। योजना अंतर्गत राशि उपयोग नहीं होने के कारण वित्‍तीय वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

अनु. जाति कल्‍याण विभाग, हरदा को प्राप्‍त बजट

[अनुसूचित जाति कल्याण]

134. ( क्र. 4194 ) श्री कमल पटेल : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा अनु. जाति कल्‍याण विभाग हरदा जिला हरदा को 01 जनवरी, 2017 से 28 जून, 2019 तक कब-कब कितना-कितना बजट किस-किस मद से प्राप्‍त हुआ? (ख) उपरोक्‍त प्राप्‍त बजट विभाग द्वारा कब-कब किस-किस मद से खर्च किया गया? (ग) क्‍या शासन द्वारा प्राप्‍त बजट का उपयोग विभाग द्वारा उचित मद में किया गया? (घ) क्‍या शासन द्वारा प्राप्‍त बजट से राशि लेप्‍स हुई है? यदि हाँ, तो क्‍यों एवं कब-कब कितनी-कितनी राशि लेप्‍स हुई?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                                                                       (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, योजनांतर्गत राशि उपयोग नहीं होने के कारण वित्‍तीय वर्षों के अंतिम माह मार्च में समर्पित की गई है। समर्पित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

छतरपुर जिलांतर्गत खनन पट्टा स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

135. ( क्र. 4217 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कुल कितने माइन्‍स एवं मिनरल्‍स (गिट्टी, पत्‍थर, बोल्‍डर) व बालू के खनन पट्टा कितने समय अवधि तक स्‍वीकृत हैं? सूचीवार जानकारी देवें। (ख) कितने क्षेत्र (एरिया) में खनन पट्टा स्‍वीकृत नहीं हुए? उन आवेदकों की सूची उपलब्‍ध करावें एवं वन क्षेत्र के अंतर्गत कितने पहाड़ हैं? विवरण सूची सहित उपलब्‍ध करावें। (ग) उत्‍तरप्रदेश एवं मध्‍यप्रदेश के मध्‍य कितने खनन चेकिंग प्‍वाइंट हैं? कच्‍चे माल व गिट्टी क्रेशर पर रमन्‍ना/पिटपास/रॉयल्‍टी निर्गत किया जाता है? (घ) खनन पट्टा स्‍वीकृति के लिए क्‍या महिलाओं का आरक्षण है? उनको क्‍या प्राथमिकतायें व छूट हैं? विवरण सहित जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जानकारी संधारित कर नहीं रखी जाती। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्‍तर प्रदेश एवं मध्‍यप्रदेश के मध्‍य विभाग का कोई खनन चेकिंग प्‍वाइंट नहीं है। खनिजों का परिवहन जमा अग्रिम रॉयल्‍टी के आधार पर जारी ई-ट्रांजिट पास के द्वारा किया जाता है। (घ) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 21 में महिला आवेदकों को प्राथमिकता दी गई है। यह नियम अधिसूचित है।

अपात्र शिक्षक की नियुक्ति एवं शिक्षक वर्ग में संविलयन 

[स्कूल शिक्षा]

136. ( क्र. 4225 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 कला शिक्षक पद हेतु संविदा शाला शिक्षक भर्ती अधिनियम, 2001 व संशोधित अधिनियम 2003 के अनुसार चयन हेतु कला शिक्षा की पात्रता की क्‍या योग्‍यता निर्धारित है? क्‍या भिण्‍ड जिले के अटेर विधानसभा के अंतर्गत शासकीय मा.वि. मघयापुरा में कला शिक्षक पद पर अपात्र शिक्षक श्री सुधीर त्रिपाठी संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 को नियुक्‍त किया गया है? यदि हाँ, तो उस अपात्र शिक्षक के विरूद्ध कब तक वैधानिक कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में अपात्र शिक्षक कि नियुक्ति हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं? उनके विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी? श्री सुधीर त्रिपाठी, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के विरूद्ध किस-किस के द्वारा कब-‍कब किस-किस को शिकायत की गई? उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्‍यों? (ग) क्‍या उप सचिव म.प्र. शासन स्‍कूल शिक्षा विभाग ने मान. उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर में दायर विभिन्‍न प्रकरणों में पारित निर्णयों के पालन में पत्र क्र. 1483/2202/2017/20-2, दिनांक 23/8/2017 के द्वारा डी.एल.एड. परीक्षा उत्‍तीर्ण एवं कार्यरत शिक्षकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो ग्‍वालियर एवं भिण्‍ड जिले में कितने शिक्षक हैं, जिनका म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर के निर्णय के पालन एवं उप सचिव स्‍कूल शिक्षा विभाग के उल्‍लेखित माप के पालन में संविलि‍यन न होने का क्‍या कारण है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तारतम्‍य में शिक्षकों का संविलियन कब तक किया जावेगा? अभी तक संविलियन न करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) संबंधित विषय-कला समूह में द्वितीय श्रेणी में स्नातक उपाधि या समकक्ष। जी हाँ। श्री सुधीर कुमार त्रिपाठी के विरूद्ध शीघ्र वैधानिक कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) कलेक्टर भिण्ड को नियम विरूद्ध की गई नियुक्ति को निरस्त करने तथा इस नियुक्ति के लिये जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु लिखा गया हैजानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। श्री सुधीर कुमार त्रिपाठी के विरूद्ध की गई शिकायत एवं कृत कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।                                                                                                                     (ग) जी नहीं, अपितु शासन के उल्लेखित पत्र दिनांक 23.08.2017 के द्वारा भारतीय शिक्षा परिषद् लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से पूर्व में बी.एड./डी.एल.एड. की अर्हता प्राप्त एवं वर्तमान में सेवारत याचिकाकर्ताओं को डी.एल.एड. में सम्मिलित होने की स्वीकृति प्रदान की गई, इसमें संविलियन के संबंध में कोई निर्देश नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पैंसठ''

विभागीय योजनाओं/सेवाओं का क्रियान्‍वयन

[अनुसूचित जाति कल्याण]

137. ( क्र. 4226 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में अप्रैल 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन विभागीय योजनाओं के तहत कितने व्‍यक्तियों/स्‍व-सहायता समूहों को कब-कब किस-किस कार्य/व्‍यवसाय हेतु                                                                                    कितनी-कितनी राशि का ऋण और अनुदान किस सक्षम अधिकारी की अनुशंसा पर प्रदाय किया गया? अधिकारी के नाम, पदनाम सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किये गये ऋण एवं प्रदत्‍त किये गये अनुदान राशि/मार्जिन मनी से किये जा रहे कार्य/व्‍यवसाय का किन-किन अधिकारियों द्वारा क्‍या भौतिक सत्‍यापन कब-कब किया गया, इकाइवार बताएं? यदि नहीं, तो कारण बताएं और इस पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) भिण्‍ड जिले में अंत्‍यावसायी सहकारी वित्‍त विभाग में कौन-कौन अधिकारी कब से कब तक कार्यरत हैं? नाम, पदनाम सहित बतायें। वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन प्रकरणों में क्‍या अनियमितता पाई गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या भिण्‍ड जिले में विभागीय योजनाओं में वितरित ऋण एवं अनुदान राशि में किये गये घोटालों की सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) भिण्‍ड जिले में अप्रैल 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक निगम द्वारा जिले के माध्‍यम से संचालित योजनाओं के तहत व्‍यक्तियों/स्‍व-सहायता समूहों को प्रदाय ऋण अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सूची में अंकित हितग्राहियों के ऋण प्रकरण जिला स्‍तरीय चयन समिति जिसमें जिला कलेक्‍टर अथवा कलेक्‍टर प्रतिनिधि, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, जिला संयोजक, आदिम जाति कल्‍याण, परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण, प्राचार्य, आई.टी.आई., जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, राष्‍ट्रीयकृत बैंक प्रतिनिधि एवं कार्यपालन अधिकारी, जिला अंत्‍यावसायी सहकारी विकास समिति है, की अनुशंसा पश्‍चात् बैंकों को प्रेषित किये गये। बैकों द्वारा ऋण स्‍वीकृति उपरांत अनुदान/मार्जिन मनी की मांग के आधार पर कलेक्‍टर की स्‍वीकृति पश्‍चात् मार्जिन मनी राशि आर.टी.जी.एस. के माध्‍यम से बैंक के हितग्राहियों के ऋण खातों में समायोजन हेतु प्रदाय की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत बैंक ऋण, अनुदान/मार्जिन मनी में हितग्राहियों द्वारा संचालित व्‍यवसाय सत्‍यापन बैंकों द्वारा किया जाता है। जिला अंत्‍यावसायी समिति में क्षेत्राधिकारी का पद रिक्‍त होने के कारण भौतिक सत्‍यापन नहीं किया गया। (ग) भिण्‍ड जिले में जिला अंत्‍यावसायी समिति में श्री ए.के. रोहतगी, संयुक्‍त कलेक्‍टर दिनांक 01.04.2016 से 26.09.2016 तक कार्यपालन अधिकारी के प्रभार में रहे एवं दिनांक 26.09.2016 से अद्यतन श्री एम.पी. माहौर कार्यपालन अधिकारी कार्यरत हैं। वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक किसी भी प्रकरण में अनियमितता की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में भिण्‍ड जिले में विभागीय योजनाओं में वितरित ऋण एवं अनुदान राशि में कोई घोटाला नहीं होने से जाँच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जनजाति विकास योजना

[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]

138. ( क्र. 4228 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जनजाति हेतु शासन की कोई विशेष आवास अथवा उत्‍थान या विकास की योजना है? यदि हाँ, तो क्‍या? (ख) विगत 5 वर्षों में उक्‍त योजनाओं में से क्‍या अब तक कोई भी योजना का लाभ बदनावर विधान सभा क्षेत्र को मिला है?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जनजाति वर्ग के आवासविहीन निवासियों कों जिनके पास आवास उपलब्‍ध नहीं है, उन्‍हें आवास उपलब्‍ध कराने के लिये आवास योजना 2017-18 तक संचालित की गई तथा वर्ष 2018-19 से प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) विगत 05 वर्षों में आवास योजनांतर्गत बदनावर विधानसभा क्षेत्र में लाभांवित हितग्राहियों की संख्‍या निरंक है।

बदनावर विधानसभा अंतर्गत संचालित कन्‍या शालाएं

[स्कूल शिक्षा]

139. ( क्र. 4229 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ कौन सी कक्षा तक कन्‍या शाला हैं?                                                                                                                     (ख) क्‍या कन्‍या शिक्षा को प्रोत्‍साहन देने के लिए नवीन कन्‍या शालाओं के प्रस्‍ताव स्‍वीकृत किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) कन्या शाला उन्नयन हेतु पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छियासठ''

फुटबॉल क्रीड़ा प्रतियोगिता की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

140. ( क्र. 4235 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में अंडर 19 वर्षीय राष्‍ट्रीय शालेय फुटबॉल क्रीडा प्रतियोगिता एवं अंडर 14 वर्षीय राष्‍ट्रीय शालेय फुटबॉल क्रीडा प्रतियोगिता मध्‍यप्रदेश में कब-कब आयोजित की गई?                                                                                            (ख) क्‍या अंडर 19 वर्षीय राष्‍ट्रीय शालेय फुटबॉल क्रीड़ा प्रतियोगिता एवं अंडर 14 वर्षीय राष्‍ट्रीय शालेय फुटबॉल क्रीड़ा प्रतियोगिता मध्‍यप्रदेश में आयोजित होना प्रस्‍तावित है? (ग) क्‍या अंडर 14 वर्षीय राष्‍ट्रीय शालेय फुटबॉल क्रीडा प्रतियोगिता जिला सागर में आयोजित हुई थी? वर्ष सहित जानकारी देवें। (घ) यदि अंडर 14 वर्षीय राष्‍ट्रीय शालेय फुटबॉल क्रीड़ा प्रतियोगिता सागर में आयोजित हो चुकी है, तो क्‍या अंडर 19 वर्षीय राष्‍ट्रीय शालेय फुटबॉल क्रीडा प्रतियोगिता सागर में आयोजित करने हेतु मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा कोई प्रस्ताव/कार्यवाही प्रस्‍तावित है/की जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) फुटबाल आयु वर्ग 19 वर्ष बालक प्रतियोगिता वर्ष 2014-15 में इंदौर एवं वर्ष 2016-17 में फुटबाल आयु वर्ग 14 वर्ष बालक/बालिका सागर में आयोजित हुई। (ख) जी नहीं। सत्र 2019-20 में कोई प्रस्‍ताव नहीं है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2016-17(घ) वर्ष 2019-20 का स्‍कूल गेम्‍स फेडरेशन ऑफ इंडिया का राष्‍ट्रीय खेल कैलेण्‍डर जारी हो चुका है। इस सत्र 2019-20 में कोई प्रस्‍ताव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सहायक आयुक्‍त जनजातीय कार्य विभाग की कार्यप्रणाली

[आदिमजाति कल्याण]

141. ( क्र. 4236 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर जिले में कार्यालय सहायक आयुक्‍त जनजा‍तीय कार्य विभाग में वर्तमान में पदस्‍थ सहायक आयुक्‍त की विभाग को विभिन्‍न संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार शिकायतें प्राप्‍त हो रही हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायतें प्राप्‍त हो रही हैं, तो शासन स्‍तर से अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) यदि शासन स्‍तर से प्राप्‍त शिकायतों पर जाँच/कार्यवाही की जा रही है, तो कब तक पूर्ण होगी तथा विभाग द्वारा जाँच के दौरान उन्‍हें कहीं अन्‍यत्र पदस्‍थापना की जावेगी?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्‍त शिकायतों की जाँच संभागीय आयुक्‍त, ग्‍वालियर एवं कलेक्‍टर ग्‍वालियर से कराई जा रही है। जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) नियमानुसार जाँच कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जाँच रिर्पोट अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।

संलग्‍नीकरण समाप्‍त कर पूर्व जाँच में दोषियों का निलंबन

[स्कूल शिक्षा]

142. ( क्र. 4237 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्री प्रदीप चौहान, लेखापाल, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, राजगढ़ का शिकायत के आधार पर स्‍थानान्‍तरण होने पर तत्‍कालीन जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ श्री एस.के. मिश्रा एवं श्रीमती जयश्री पिल्‍लई द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुये अपने पद का दुरूपयोग कर कार्यमुक्‍त नहीं किया गया था? स्‍पष्‍ट करें। (ख) संयुक्‍त संचालक लोक शिक्षण भोपाल संभाग भोपाल द्वारा श्री प्रदीप चौहान को कार्यमुक्‍त नहीं करने तथा उपस्थिति पत्रक पर निरन्‍तर श्री प्रदीप चौहान के हस्‍ताक्षर करने पर गंभीर अनियमितताओं की जाँच में श्री प्रदीप चौहान, लेखापाल एवं तत्‍कालीन जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ जाँच में दोषी पाये जाने पर पूर्व सरकार द्वारा की गई कार्यवाही को स्‍पष्‍ट करें। (ग) श्री प्रदीप चौहान, लेखापाल को पुन: जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ में नियम विरूद्ध संलग्‍नीकरण करके शिकायत शाखा का प्रभार प्रदान किया गया है, इनके द्वारा की गई अनियमितताओं की जाँच कराई जायेगी तथा इनका नियम विरूद्ध संलग्‍नीकरण तत्‍काल प्रभाव से समाप्‍त किया जायेगा तथा पूर्व जाँच में दोषी होने पर निलंबित किया जायेगा? हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री प्रदीप चौहान, लेखापाल कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, राजगढ़ का स्थानान्‍तरण, स्थानान्तरण नीति अनुसार आदेश क्र./स्था./स्थानांतरण/ 2017/1181/दिनांक 17.07.2017 द्वारा बालक उ.मा.वि. गंज राजगढ़ होने पर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, श्री एस.के. मिश्रा द्वारा स्थानान्तरित संस्था के लिये पत्र क्र./स्था.1/2017/1691-92, दिनांक 23.09.2017 द्वारा कार्यमुक्त किया गया था, तथा श्री चौहान स्थानांतरित संस्था बालक उ.मा.वि. गंज राजगढ़ में 25.09.2017 को पूर्वान्ह में उपस्थित हो गये थे। (ख) प्रकरण में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, राजगढ़ श्री एस.के. मिश्रा के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए संचालनालय द्वारा आदेश क्र./स्था.1/सत/सी/वि.स./42/राजगढ़/2019/1384, दिनांक 10.07.2019 द्वारा तीन वेतनवृद्धि रोकने संबंधी दण्ड अधिरोपित किया गया। (ग) तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, राजगढ़ सुश्री जयश्री पिल्लई द्वारा लिपिकीय अमले की कमी के कारण श्री प्रदीप चौहान गणक को बालक उ.मा.वि. गंज राजगढ़ से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय राजगढ़ में फरवरी 2019 में संलग्न किया जाकर शिकायत शाखा का प्रभार दिया गया था। श्री प्रदीप चौहान का संलग्नीकरण जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के पत्र क्र. 358, दिनांक 10.07.2019 को समाप्त किया जाकर मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त किया जा चुका है। श्री चौहान, लेखापाल के विरूद्ध जिला शिक्षा अधिकारी, राजगढ़ कार्यालय के अभिलेख अनुसार अनियमितता संबंधी कोई शिकायत लंबित नहीं है। पूर्व जाँच में दोषी नहीं पाये गये हैं। अतः श्री चौहान को निलंबित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

निष्‍पक्ष जाँच करवाकर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जाना

[स्कूल शिक्षा]

143. ( क्र. 4238 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तत्‍कालीन जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ एवं अन्‍य के खिलाफ गंभीर शिकायतों की जाँच पूर्व मुख्‍यमंत्री महोदय एवं मुख्‍य सचिव कार्यालय में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 9036 दिनांक 26.07.2018, पत्र क्रमांक 9056 दिनांक 07.08.2018, पत्र क्रमांक 9058 दिनांक 07.08.2018 तथा प्रमुख सचिव, स्‍कूल शिक्षा को पत्र क्रमांक 8012, दिनांक 28.05.2018 को गंभीर अनियमितताओं की शिकायत की गई थी? पत्रों के आधार पर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा की गई जाँच एवं कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) तत्‍कालीन जिला शिक्षा अधिकारियों एवं अन्‍यों के खिलाफ विगत सत्र 2012 से 2018 तक जो भी शिकायत श्री सुभाषचन्‍द्र शर्मा, नरेन्‍द्र गोयल एवं नीलकरण राज ठाकुर द्वारा समय-समय पर की गई, उनकी जाँच नहीं करवाकर पूर्व सरकार द्वारा निरन्‍तर संरक्षण प्रदान किया गया था, इनकी निष्‍पक्ष जाँच करवाई जायेगी? (ग) श्री मनीष वर्मा, संयुक्‍त संचालक, लोक शिक्षण इन्‍दौर संभाग इन्‍दौर के नेतृत्‍व में जाँच दल गठित कर तत्‍कालीन जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़, बबीता मिश्रा, मोहनलाल नागर, प्रदीप चौहान के संबंध में 2012 से 2018 तक सभी शिकायतों की जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही समय-सीमा में की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं, स्‍पष्‍ट करें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। मुख्य सचिव कार्यालय से शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत की जाँच तत्समय संयुक्त संचालक/अपर संचालक, लोक शिक्षण, भोपाल के माध्यम से की गई थी। जाँच में समस्त बिन्दुओं का समाविष्ट न पाते हुए प्रकरण की समग्र जाँच हेतु अपर संचालक, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को आदेशित किया गया। अपर संचालक, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना शेष है। (ख) जी नहीं। प्रकरण में उपरोक्तानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) चूंकि शिकायत की जाँच अपर संचालक के स्तर के अधिकारी द्वारा की जा रही है। ऐसी स्थिति में संयुक्त संचालक से जाँच कराये जाने का कोई औचित्य नहीं है। जाँच संपन्न होते ही नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उज्‍जैन जिले  में प्रौढ़ शिक्षा पर्यवेक्षकों का संविलियन

[स्कूल शिक्षा]

144. ( क्र. 4240 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1998 से वर्तमान तक उज्‍जैन जिले में कितने प्रौढ़ शिक्षा पर्यवेक्षकों का संविलियन स्कूल विभाग में शिक्षक के पद पर किया गया? इनमें से उज्जैन जिले में कितने पर्यवेक्षक का संविलियन हुआ? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) संविलियन किये गए पर्यवेक्षकों को शिक्षक पद की जिलास्तरीय वरिष्ठता सूची में किस दिनांक से व किस क्रम पर वरिष्ठता दी गयी? सूची उपलब्ध कराएं। यदि विभागीय वरिष्‍ठता सूची में इन पर्यवेक्षकों को वरिष्ठता प्रदान नहीं हुई तो इसके लिए दोषी कौन है और उन पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या उज्‍जैन जिला अन्‍तर्गत इन पर्यवेक्षकों के द्वारा कोई अभ्यावेदन प्राप्त किये गए थे? यदि प्राप्त हुए थे तो उस पर क्या कार्यवाही की गयी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उज्जैन जिला अंतर्गत वर्ष 1998 से वर्तमान तक 15 प्रौढ़ शिक्षा पर्यवेक्षकों का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) संविलियन किए गए पर्यवेक्षकों को जिला स्तरीय शिक्षक पद की वरिष्ठता सूची में सम्मिलित किया गया है। जिला स्तरीय शिक्षक संवर्ग 2006 एवं प्र.अ. मा.वि. 2008 में तत्समय कार्यरत पर्यवेक्षक प्रौढ़ शिक्षा जो संविलियन होकर शिक्षा विभाग में आए थे, उनके नाम शामिल है। दिनांक एवं क्रम का उल्लेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।                                                                                                 (ग) जी हाँ। प्राप्त अभ्यावेदन/प्रस्तावों पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है।

गांधी सागर डेम मंदसौर में मगरमच्‍छों की सुरक्षा 

[वन]

145. ( क्र. 4247 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील में स्थित गांधी सागर डेम में गत ग्रीष्‍म ऋतु में डेम का पानी कम होने के कारण सैंकड़ों मगरमच्‍छ गांव और शहरों की तरफ विचरण कर रहे थे? यदि हाँ, तो वन विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने मगरमच्‍छों को पकड़कर उन्‍हें पुन: डेम में छोड़ा गया? संख्‍या बतायें। (ख) क्‍या गांधी सागर डेम से अन्‍यत्र ग्रामीण क्षेत्र में विचरण कर रहे मगरमच्‍छों ने ग्रामवासियों में भय पैदा कर रखा है? क्‍या इसके लिये वन विभाग द्वारा गांधीसागर में ही क्रोकोडाईल पार्क बनाने का कार्य प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक पार्क का निर्माण कर दिया जायेगा? क्‍या वन विभाग द्वारा गांधी सागर में मगरमच्‍छों की गिनती हेतु कोई ठोस प्रयास किये गये हैं? यदि हाँ, तो कार्य योजना से अवगत करायें? (ग) मंदसौर जिले में वन विभाग के अधीन ऐसे कितने वनकर्मी हैं, जो मगरमच्‍छों को पकड़ने में निपुण हैं? इनमें से ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जिन्‍होंने 10 से अधिक मगरमच्‍छों को पकड़कर पुन: डेम में छोड़ा? क्‍या विभाग द्वारा इन्‍हें समय-समय पर पुरूस्‍कृत किया जाता है? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? यदि हाँ, तो कब-कब इन्‍हें पुरूस्‍कृत किया गया?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। ग्रीष्‍म ऋतु में मगरमच्‍छ का विचरण नैसर्गिक प्रक्रिया है जो इन्‍ब्रीडिंग डिपरेशन कम करने हेतु आवश्‍यक है। प्रश्‍नाधीन अवधि में 46 मगरमच्‍छों को सुरक्षित पकड़कर चंबल नदी के प्रवाह क्षेत्र में एवं गांधीसागर जलाशय में पुन: छोड़ा गया है।                                                                                                                                        (ख) मगरमच्‍छ एक हिंसक वन्‍यप्राणी है, जिसे जल प्रवाह क्षेत्र से बाहर देखे जाने पर ग्रामीणों का भयभीत होना स्‍वाभाविक है। गांधीसागर अभयारण्‍य के जलाशय क्षेत्र को क्रोकोडाईल पार्क के रूप में विकसित करने की कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। गांधीसागर जलाशय क्षेत्र में मगरमच्‍छों की संख्‍या का आंकलन वर्तमान तक नहीं किया गया है, मंदसौर सामान्‍य वनमण्‍डल अंतर्गत प्रत्‍येक परिक्षेत्र में तैनात वन्‍यप्राणी बचाव दल (रेस्‍क्‍यू टीम) गठित है, जो मगरमच्‍छ सहित अन्‍य वन्‍यप्राणियों को रेस्‍क्‍यू करने में निपुण है। विभाग द्वारा मानक मापदण्‍डों के अनुसार उचित गुणवत्‍तापूर्ण पिंजरों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही रेस्‍क्‍यू दल सहित अन्‍य क्षेत्रीय अमले को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। (ग) वनमण्‍डल मंदसौर अंतर्गत प्रत्‍येक परिक्षेत्र में गठित वन्‍यप्राणी बचाव दल (रेस्‍क्‍यू टीम) में शामिल न्‍यूनतम 04 वनकर्मी मगमच्‍छ सहित अन्‍य वन्‍यप्राणियों को सुरक्षित पकड़ने एवं छोड़ने का कार्य निपुणता से कर रहे हैं। दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 10 ऐसे वनकर्मी हैं, जिनके द्वारा 10 से अधिक मगरमच्‍छों को पकड़कर सुरक्षित उपयुक्‍त रहवास में छोड़ा गया है। वन विभाग द्वारा प्रति वर्ष वन्‍यप्राणी प्रबंधन में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्‍कृत किया जाता है। मगरमच्‍छ रेस्‍क्‍यू दल के सदस्‍यों को भी उनके द्वारा किये गये उत्‍कृष्‍ट रेस्‍क्‍यू कार्य के लिए प्रस्‍ताव होने पर पुरस्‍कृत किया जा सकता है। मगरमच्‍छ को सुरक्षित पकड़कर छोड़ने की रेस्‍क्‍यू कार्यवाही में शामिल उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले टीम के सदस्‍यों की कार्य दक्षता के आंकलन उपरांत चयनित श्री जितेन्‍द्र सिंह पंवार, वनरक्षक बीट, प्रभारी बरदल परिक्षेत्र मंदसौर को पुरस्‍कृत करने हेतु जनवरी, 2019 में उनका नाम मुख्‍य वन संरक्षक एवं पदेन वन संरक्षक उज्‍जैन वृत्‍त उज्‍जैन को प्रस्‍तावित किया है।

कटनी जिले के अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

146. ( क्र. 4248 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के ग्राम बडारी तहसील विजयराघवगढ़ में सात अवैध उत्खननकर्ता तिलोकी नाथ अग्रवाल, राजकिशोर अग्रवाल, देवी प्रसाद दुबे, अशोक दुबे, आशीष गुप्ता, सुन्दरलाल दुबे एवं मोहनलाल चौदहा के संबंध में श्री वंशगोपाल दुबे के द्वारा 22.10.2018 को संचालक खनिकार्म भोपाल में शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो कलेक्टर कटनी को संचालक खनिकार्म भोपाल ने आपने पत्र क्रमांक 1502, दिनांक 25.01.2019 के संबंध में जानकारी चाही थी? (ख) क्या 28.08.2008 को उक्त सातों प्रकरणों की पिटीश्‍न हाई कोर्ट जबलपुर से डिसमिस की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त के संबंध में कलेक्टर कटनी द्वारा शासन को जो जानकारी प्रदान की गई है? उसकी प्रति उपलब्ध करावें (ग) खनिज विभाग कटनी द्वारा 28.08.2008 के बाद कितने प्रकरणों में जवाब प्रस्तुत किया गया है, कितने में माननीय उच्च न्यायालय ने स्‍थगन दिया है? (घ) क्या दिनांक 13.12.2017 को उप सचिव म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 5057/1148/2017 के द्वारा कलेक्‍टर कटनी को पत्र जारी किया गया‍ था? यदि हाँ, तो कलेक्‍टर द्वारा याचिका क्रमांक‍ 13931-2009 में पारित आदेश दिनांक 06.01.2010 के संबंध में स्‍थगन होने की जानकारी दी गई है, जबकि उक्‍त दिनांक को हाई कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 28.08.2018 को उक्‍त सातों प्रकरणों में रिवीजनल अथॉरिटी भारत सरकार, खान मंत्रालय, नई दिल्‍ली को डायरेक्‍शन देते हुए सातों याचिकाएं डिस्‍पोज ऑफ की गई थी। पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार खनिज विभाग, जिला कटनी द्वारा दिनांक 28.08.2008 के बाद तीन प्रकरणों में जबावदावा प्रस्‍तुत किया गया है। उक्‍त तीनों प्रकरणों में माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर से स्‍थगन प्राप्‍त है। (घ) कलेक्‍टर द्वारा याचिका क्रमांक 13931/2009 में पारित आदेश दिनांक 06.01.2010 के संबंध में दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

नगर पालिक निगम रीवा अंतर्गत नाली निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

147. ( क्र. 4254 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम रीवा के वार्ड क्र. 25 के अंतर्गत शारदा नर्सिंग होम के आगे दूसरी गली में नाली निर्माण कार्य को प्राथमिकता से कराये जाने की पूर्व से योजना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त मोहल्‍ले में नालियों के अभाव के कारण मकानों के आसपास कचरे के भराव के कारण महामारी फैलने की संभावना है? यदि हाँ, तो क्‍या नाली निर्माण से पहले नियमित सफाई करायी जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु उक्‍त कार्य हेतु तैयार किए गए प्राक्‍कलन के अनुसार लगभग राशि रूपये 10.89 लाख व्‍यय होना आंकलित है। राशि की उपलब्‍धता के आधार पर सक्षम स्‍वीकृति उपरान्‍त निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद कार्य कराया जा सकेगा। (ख) जी नहीं। शारदा नर्सिंग होम के बाजू से पक्‍का नाला है, जो पुरानी खदान में मिलता है, पक्‍के नाले की सफाई निरन्‍तर होती रहती है, आगे खदान होने के कारण नाला नहीं बनाया गया है। महामारी फैलने की सम्‍भावना नहीं है। भविष्‍य में भी यथासमय सफाई कराई जावेगी।

जल प्रदाय योजनाओं का कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

148. ( क्र. 4261 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 403, दिनांक 18/02/2019 में नरसिंहपुर, गोटेगांव, करेली की जल प्रदाय योजनाओं का कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जा रहा है, संबंधी जानकारी दी गई थी? (ख) उक्त जल प्रदाय योजनाओं की अद्यतन स्थिति क्या है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नरसिंहपुर में जलप्रदाय योजना पूर्ण की जाकर योजना से जलप्रदाय किया जा रहा है। नगरीय निकाय गोटेगांव एवं करेली की जलप्रदाय योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सड़सठ''

नाला/नालियों पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

149. ( क्र. 4262 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर शहर में नाला/नालियों पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कर लिये गये हैं, जिससे नालियों के चोक होने से सड़कों पर पानी भर रहा है, जिससे मकानों एवं दुकानों में भी पानी भरने से करोड़ों का नुकसान हो रहा है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है, उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं उसका नुकसान कौन भरेगा? (ख) उक्‍त अतिक्रमण कब तक हटाया दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद नरसिंहपुर में नाला/नालियों पर अतिक्रमण की बात संज्ञान में आने पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है, नालियों के चोक होने पर नालियों की सफाई करा दी जाती है, कभी-कभी मकानों एवं दुकानों में पानी अतिवृष्टि के कारण भर जाता है, जिसके लिए कोई जिम्‍मेदार नहीं है, जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अतिक्रमण की बात संज्ञान में आने से नगर पालिका एवं जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कटनी कलस्टर क्षेत्र में कचरा संग्रहण का कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

150. ( क्र. 4265 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी क्‍लस्‍टर क्षेत्र में एम.एस.डब्लू. कंपनी द्वारा कचरा संग्रहण कार्य की डी.पी.आर./अनुबंधानुसार कितना-कितना टन कचरा प्रतिदिन संग्रहण का निकायवार आंकलन किया गया था और जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक दिनांकवार एवं निकायवार                                                               कितना-कितना टन कचरा संग्रहि‍त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) क्या वर्तमान में प्रतिदिन पूर्व से अधिक कचरा संग्रहित हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है और यह अधिक कचरा कहाँ से प्राप्त हो रहा है? (ग) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2946, दिनांक 27/07/2017 के उत्तरांश (ग) में इन्फ्रा इन की नियुक्ति दिनांक 16/02/2016 एवं विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2424, दिनांक 08/03/2018 के उत्तरांश (क) में इन्फ्राइन कंपनी से अनुबंध निष्पादन दिनांक 29/01/2016 को तीन वर्ष के लिए होना बताया गया था? यदि हाँ, तो इन्फ्रा इन कंपनी का कार्यकाल कब समाप्त हो गया और मेयर इन कौंसिल की बैठक दिनांक 27/02/2019 का प्रस्ताव क्रमांक 05 क्या था एवं प्रस्ताव में इंफ्राइन का कार्यकाल कब समाप्त होना बताया गया? (घ) क्या कचरा संग्रहण कार्य की मॉनिटरिंग हेतु कोई कमेटी गठित है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी शामिल हैं और योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक मॉनिटरिंग कमेटी की कब-कब बैठक हुई और क्या प्रस्ताव/अनुशंसा की गई?                                                                                                                                        (ड.) प्रश्नांश (घ) क्या मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा पारित प्रस्तावों/अनुशंसाओं एवं दिये गये निर्देशों का संबंधितों द्वारा पालन/क्रियान्वन किया गया? हाँ तो किन प्रस्तावों/अनुशंसाओं का कब-कब पालन किया गया? विवरण बतायें। पारित प्रस्तावों/अनुशंसाओं एवं दिये गये निर्देशों का पालन न होने पर क्या कार्यवाही की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, डी.पी.आर. में अनुमानित कचरे की मात्रा 2014 की अनुमानित जनसंख्‍या के मान से आं‍कलित की गई थी। वर्तमान जनसंख्‍या में अपेक्षाकृत वृद्धि एवं कचरा उत्‍सर्जन स्‍त्रोतों में वृद्धि होना है। यह कचरा आवासीय क्षेत्रों, व्‍यवसायिक क्षेत्रों, बाजार, संस्‍थागत इकाइयों, होटल, सड़क सफाई आदि से प्राप्‍त होता है। (ग) जी हाँ, इन्‍फ्रा इन इण्डिया प्रा.लि. का कार्यकाल दिनांक 15.02.2019 को समाप्‍त हो चुका है। मेयर-इन-कांउसिल की बैठक दिनांक 27.02.2019 प्रस्‍ताव क्रमांक पाँच स्‍वतंत्र प्रबंधन इकाई आई.ई. के कार्यकाल में वृद्धि किये जाने एवं नवीन निविदा आमंत्रण के संबंध में है। प्रस्‍ताव में इन्फ्रा इन इंडिया प्रा.लि. का कार्यकाल फरवरी-2019 में समाप्‍त होना बताया गया है। (घ) जी हाँ, गठित समिति में आयुक्‍त, नगर पालिक निगम कटनी अध्‍यक्ष, नगर पंचायत बरही, कैमोर, विजयराघवगढ़ एवं नगर पालिका परिषद सिहोरा के मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी सदस्‍य हैं। योजना आरंभ से समिति की 17 बैठकें हुईं हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। पारित प्रस्‍तावों/अनुशंसाओं के अपालन की दशा में योजना के अनुबंध के आधार पर दण्‍ड की कार्यवाही के प्रावधान हैं।

कटनी जिले में वानिकी निर्माण और वृक्षारोपण कार्य

[वन]

151. ( क्र. 4266 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के तहत                                                                                                              कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्राप्त राशि से क्‍या वानिकी, निर्माण, वृक्षारोपण कार्य कराये गए हैं? इनकी लागत क्‍या रही? इन कार्यों की स्‍वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई और किये गये कार्य किस-किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवकों के पर्यवेक्षण में किये गये? (ग) यह भी बतायें की वृक्षारोपण कार्य में कितने वृक्ष किस-किस क्षेत्र में लगाए गए, कितनी राशि व्‍यय हुई, कितने वृक्ष बचे हैं? (घ) क्या वर्तमान वर्ष में कटनी जिले में वृक्षारोपण कार्य हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गयी है? यदि हाँ, तो कार्ययोजना में क्या-क्या कार्य कब-कब किया जाना निर्धारित किया गया था और प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कब-कब किये गये तथा कौन-कौन से कार्य किन कारणों से अब तक नहीं किये गये हैं?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जीवित पौधों की पुन: जाँच के निर्देश दिये गये हैं। (घ) जी हाँ। वृक्षारोपण में वर्षा ऋतु 2019 में पौधारोपण कार्य तथा तदुपरांत रख-रखाव कार्य किया जाना है। वर्तमान में पौधारोपण कार्य प्रगति पर है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नगरीय निकायों में नामांतरण/बंटवारा 

[नगरीय विकास एवं आवास]

152. ( क्र. 4268 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले की सभी नगरीय निकायों में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितने नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरण निकायों में प्राप्त हुए? उनमें से कितने प्रकरण निकायों की पी.आई.सी./परिषद में स्वीकृत हुए? निकायवार सूची देवें। क्‍या सभी स्वीकृत प्रकरणों को अमल में ले लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से जो प्रकरण अस्‍वीकृत हुए उन प्रकरणों की अस्‍वीकृति के क्‍या कारण थे? प्रकरणवार बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) शाजापुर जिले की सभी नगरीय निकायों में वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 1694 नामांतरण प्रकरण प्राप्‍त हुए। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के अनुसार निकायों को बंटवारे का अधिकार नहीं है। निकायों की पी.आई.सी./परिषद में 1296 प्रकरण स्‍वीकृत हुए तथा 1197 प्रकरण अमल में लाये गये। 376 प्रकरण लंबित हैं तथा 22 प्रकरण अस्‍वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी 

[नगरीय विकास एवं आवास]

153. ( क्र. 4269 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के सभी नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत निकायवार कितने आवास निर्माण का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया था? उसमें से निकायवार कितने-कितने आवास निर्माण हो चुके हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित योजना अंतर्गत पी.आई.सी./परिषद के अनुमोदन के पश्‍चात् किन-किन निकायों में राजस्‍व अधिकारियों द्वारा सत्‍यापित करने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित योजना अंतर्गत सत्‍यापन हेतु राजस्‍व अधिकारियों को सूची प्रेषित की गई अथवा नहीं? क्‍या उन्‍हें सत्‍यापन कराने के लिए आदेश जारी होगें? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के कॉलम 2, 3, 4 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के कॉलम 6, 7, 8, 9 एवं 10 अनुसार है। शुजालपुर के 322 प्रकरण की जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ, प्रेषित की गई है। हितग्राहियों की सूची सत्‍यापन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) शुजालपुर द्वारा आदेश दिनांक 11.07.2019 द्वारा दल गठित किया गया है।

परिशिष्ट - ''अड़सठ''

रेत खदानों का संचालन 

[खनिज साधन]

154. ( क्र. 4272 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में निर्धारित कितनी रेत खदानों को ऑनलाइन नीलामी में रखा गया? इसमें से कितनी रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी की गई? इनमें से कितनी रेत खदान वर्तमान में संचालित हैं? गत दो वर्ष की जानकारी खनि कर्म एवं भौमिकी संचालनालय भोपाल में उपलब्‍ध जानकारी अनुसार दें? (ख) पंचायतों को आवंटन की कितनी खदानें चिन्हांकित की गई? कितनी खदानें पंचायतों को आवंटित की गई? उनमें से कितनी खदानों का वर्तमान में संचालन हो रहा है? गत दो वर्ष की जानकारी मध्‍यप्रदेश खनिज विकास निगम भोपाल के कार्यालय में उपलब्‍ध जानकारी अनुसार दें। (ग) वर्तमान में संचालित कितनी खदानों का संचालन वर्षाकाल में किस दिनांक से किस दिनांक तक बंद रहेगा? इस अवधि में रेत की आपूर्ति हेतु कितनी रेत के भण्‍डारण की व्यवस्था कितनी अनुमति दी जाकर की गई है? गत दो वर्ष की जानकारी खनि कर्म एवं भौमिकी संचालनालय भोपाल में उपलब्‍ध जानकारी अनुसार दें। (घ) वर्षा ऋतु में रेत खदानों का संचालन बंद होने के दौरान रेत की आपूर्ति हेतु पंचायतों को आवंटित खदानों से पंचायतों को भण्‍डारण की अनुमति नहीं दिए जाने का क्या कारण रहा है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) गत दो वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में प्रश्‍न दिनांक तक रेत की खदानों की ऑन-लाइन नीलामी नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) पंचायतों को आवंटन हेतु 695 खदानें चिन्‍हांकित की गई है। 695 खदानें पंचायतों को आवंटित की गई। उनमें से 226 खदानों का वर्तमान में संचालन हो रहा है। मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा ग्राम पंचायतों को कोई भी रेत खदान आवंटित नहीं की गई है और न ही ग्राम पंचायतों के माध्‍यम से निगम द्वारा किसी खदान का संचालन किया जा रहा है।                                                                                                        (ग) भारत सरकार, पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय द्वारा जारी Sustainable Sand Mining Management Guidelines 2016 अनुसार वर्षाकाल में सामान्‍यत: 15 जून से 01 अक्‍टूबर तक रेत खदानों को बंद रखने के निर्देश हैं। उक्‍त विभाग के पत्र दिनांक 14.06.2019 अनुसार वर्षाकाल का निर्धारण संबंधित जिले के कलेक्‍टर को नियत करने हेतु अधिकृत किया गया है। खदाने बंद रहने की अवधि में रेत की आपूर्ति हेतु 946 रेत के भण्‍डारण की भण्‍डारण अनुज्ञप्तियां वर्तमान में प्रचलित हैं। (घ) वर्षा ऋतु में रेत खदानों का संचालन बंद होने से पंचायतों को आवंटित खदानों से खनन कर भण्‍डारण प्रतिबंधित है।

हर्रा, बेहड़ा, आंवला, सागौन बीज एवं धावड़ा गोंद पर प्रतिबंध

[वन]

155. ( क्र. 4273 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                           (क) लघु वनोपज हर्रा, बेहड़ा, आंवला, सागौन बीज, धावड़ा गोंद के संग्रहण, विपणन, भण्‍डारण एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार एवं शक्तियां किस-किस अधिकारी को भारतीय वन अधिनियम 1927, म.प्र. वनोपज व्यापार विनियमन 1969, संविधान की 11वीं अनुसूची, पैसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006 एवं म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिनियम, विनियमन, अनुसूची एवं संहिता में                                                                                                 किस-किस लघु वनोपज के संबंध में क्या-क्या प्रावधान दिए हैं, प्रावधानों में वनमण्‍डलाधिकारी को क्या-क्या अधिकार एवं शक्तियां दी गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिनियम, विनियमन, अनुसूची एवं संहिता में किस-किस लघु वनोपज को जैव विविधता माना जाकर जैव विविधता के संरक्षण हेतु वनमण्‍डलाधिकारी को क्या-क्या अधिकार एवं शक्तियां दी गई हैं।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा अधिसूचना दिनांक 13.05.2005 से समस्त वनमण्‍डलाधिकारियों (क्षेत्रीय/वन्यप्राणी) को उक्त नियम के प्रयोजन के लिये प्राधिकृत अधिकारी के अधिकार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिन अधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है, उसकी अधिसूचना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।                                                                                                          (ग) हर्रा, बहेड़ा, आवंला, सागौन बीज एवं धांवड़ा गोंद को जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 2 (ख) एवं (ग) में क्रमशः जैव विविधता व जैव संसाधन के रूप में परिभाषित है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 07 जनवरी, 2009 द्वारा वन अधिकारी, जो रेंज ऑफिसर की रैंक से कम न हों, को जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 61 (क) के अंतर्गत शिकायत दर्ज करने के लिये प्राधिकृत किया गया है। जैव विविधता बोर्ड द्वारा अधिसूचना क्रमांक 38, दिनांक 21.09.2018 के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक आर-1868-957-2018-दस-2, दिनांक 12.09.2018 अनुसार वनमण्‍डलाधिकारी (क्षेत्रीय) को पदेन सहायक सदस्य सचिव, मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड घोषित किया गया है एवं अपने अधिकारिक क्षेत्र में जैव विविधता व्यापारियों से लाभ प्रभाजन का अनुबंध, वाणिज्यिक उपयोग के लिये जैव संसाधनों को प्राप्त करने वाले व्यापारी (जिनका कार्यालय या गोदाम या दोनों उस क्षेत्र में स्थित है) से लाभ प्रभाजन का अनुबंध करने हेतु अधिकृत किया गया है।

शिवपुरी जलावर्धन योजना का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

156. ( क्र. 4274 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत शिवपुरी नगर हेतु स्वीकृत जलावर्धन योजना का कौन-कौन सा कार्य प्रश्न दिनांक की स्थित में कितना-कितना शेष है, क्यों? शिवपुरी नगर के                                                                                  किन-किन वार्डों में डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाइन बिछाने/लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है? किन-किन वार्डों में डिस्ट्रीब्यूशन पाईप बिछाने/लगाने का कार्य अपूर्ण है व कितना? किन-किन वार्डों में कार्य अभी प्रारंभ ही नहीं हुआ है व क्यों? वार्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शिवपुरी जलावर्धन योजना हेतु नगर के सभी वार्डों में डिस्ट्रीब्यूशन पाईप बिछाने/लाइन लगाने का कार्य पूर्ण करने हेतु कितनी समयावधि निर्धारित की गई है? सम्पूर्ण डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाइन बिछाने/लगाने हेतु कुल कितनी राशि का व्यय होगा? क्या उक्त समस्त राशि नगर पालिका परिषद शिवपुरी के पास उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्या राशि के अभाव में कार्य की प्रगति में रूकावट आ रही है? कब तक आवश्यक सम्पूर्ण राशि का आवंटन विभाग द्वारा नगर पालिका शिवपुरी को कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत स्‍वीकृत जलावर्धन योजना में मड़ीखेड़ा इन्‍टेक एवं सतनवाड़ा डब्‍ल्‍यू.टी.पी. पर फिनिशिंग कार्य (स्‍टाफ क्‍वार्टर एवं फिल्‍टर मरम्‍मत) 06 टंकियों (पी.एस.क्‍यू. टंकी लुधावली टंकी, अंबेडकर नगर टंकी, स्‍टील टैंक, ट्रान्‍सपोर्ट नगर टंकी, भारतीय विद्यालय टंकी) में फीडरमेन डालने का कार्य तथा 15 किलोमीटर डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पाईप लाइन का कार्य शेष है। अमृत योजना एवं यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना अंतर्गत डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पाईप लाइन डालने का कार्य निम्‍न वार्डों 1, 2, 3, 4, 7, 8, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39 में अपूर्ण है, जो प्रगतिरत है। डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पाईप लाइन डालने हेतु निम्‍न वार्डों 5, 6, 9, 10, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30 में कार्य प्रारंभ होना शेष है। अमृत योजना अंतर्गत डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पाईप लाइन डालने का कार्य 40 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है एवं शेष प्रगतिरत है। (ख) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना अंतर्गत निविदा अनुसार कुल 18 कि.मी. डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पाईप लाइन का कार्य स्‍वीकृत है, जिसकी समय-सीमा दिनांक 31.05.2019 थी। जलावर्धन योजना अंतर्गत डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पाईप लाइन डालने हेतु कुल लागत रू. 280.00 लाख का व्‍यय होना आंकलित किया गया है। अमृत योजनांतर्गत डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पाईप लाइन डालने हेतु समय-सीमा दिनांक 21.12.2020 निर्धारित की गई है, जिस पर राशि रू. 1513.00 लाख का व्‍यय होना आंकलित किया गया है। राशि के अभाव में कार्य प्रगति में रूकावट नहीं आ रही है। निकाय को राशि प्रदान करने की कार्यवाही की जा रही है।

शिवपुरी जिले में शिक्षक संवर्ग का संविलियन

[स्कूल शिक्षा]

157. ( क्र. 4275 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत जिला शिवपुरी में अध्यापक संवर्ग से म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग में कितने अध्यापक, सहायक अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों का संविलियन होना था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने शिक्षकों का संविलियन हो चुका है व किन-किन शिक्षकों का संविलियन होना शेष है? संविलियन होने से शेष रहे शिक्षकों की जानकारी विकासखण्डवार, संकुलवार, संस्थावार नाम व पद सहित पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संविलियन होने से शेष रहे शिक्षकों का संविलियन न होने के क्या-क्या कारण हैं व उक्त शिक्षकों का संविलियन कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत अध्यापक संवर्ग में कार्यरत लोक सेवकों की नियुक्ति स्कूल शिक्षा विभाग में सुसंगत पदों पर किये जाने संबधी कार्यवाही की गई है। शिवपुरी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है, शेष बचे प्रकरणों में कमियों के निराकरण के पश्चात् नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की कार्यवाही नवीन भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत निरंतर प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निःशक्त (दिव्यांग) पेंशन का भुगतान

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

158. ( क्र. 4282 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिले के अनेक नि:शक्‍तजनों को पिछले 8-10 माह से पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो विकासखण्‍डवार ऐसे हितग्राहियों की संख्‍या बतायें? (ख) क्या जिले के अनेक निःशक्तजनों को पिछले 8-10 माह से पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो विकासखण्‍डवार ऐसे हितग्राहियों की संख्या बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पेंशन न मिलने वाले कितने हितग्राहियों द्वारा जनवरी 2019 से अभी तक कलेक्टर सागर को जनसुनवाई के दौरान शिकायतें प्रस्तुत की गई?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ, सागर जिले के अन्‍तर्गत 14912 दिव्‍यांग पेंशन हितग्राहियों को नियमानुसार पेंशन का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है। माह सितम्‍बर, 2018 से माह जून, 2019 तक 179 पेंशन हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान बैंक खाता गलत होने, आई.एफ.एस.सी. कोड गलत होने, अकाउन्‍ट ब्‍लॉक्‍ड फ्रोजन एवं अन्‍य कारणों से हितग्राहियों को पेंशन भुगतान असफल हुआ है, असफल भुगतान हितग्राहियों के खातों में सुधार कर नियमानुसार पेंशन का भुगतान किया जावेगा। माह-वार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।                                                                        (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार। (ग) कलेक्‍टर जिला सागर में जनवरी 2019 से अभी तक जनसुनवाई के दौरान पेंशन नहीं मिलने की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है।

परिशिष्ट - ''उनहत्तर''

कटनी जिले में संचालित अंग्रेजी माध्यम की प्राथमिक शालायें

[स्कूल शिक्षा]

159. ( क्र. 4283 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में शासन द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के महत्व को देखते हुये, अंग्रेजी माध्यम की प्राथमिक शालायें ग्रामीण क्षेत्र में खोलने का निर्णय लिया था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो यह योजना कब प्रचलन में आई तथा योजना अंतर्गत खोले गए अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक शालाओं के संचालन हेतु क्या कार्ययोजना एवं नियम बनाये गए? संचालन नियमों की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियम प्रक्रिया के तहत कटनी जिले में कब-कब, कहाँ-कहाँ, अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रदान करने हेतु प्राथमिक शालायें संचालित की गई? स्थान प्रारंभ दिनांक सहित जनपदवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्राथमिक शालाओं में से कौन-कौन सी प्रश्‍न दिनांक तक किस स्थिति में संचालित थी एवं कौन-कौन सी किन कारणों से कब से बंद हैं तथा इन बंद शालाओं को किस प्रकार से कब तक चालू कर दिया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।

उत्कृष्ट विद्यालयों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

160. ( क्र. 4287 ) श्री राम दांगोरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                 (क) उत्कृष्ट विद्यालय से क्या तात्पर्य है? (ख) क्या पंधाना और छैगांवमाखन के दोनों विद्यालय उत्कृष्ट विद्यालय की श्रेणी में आते हैं? यदि हाँ, तो दोनों ही विद्यालय मापदण्‍डों के अनुरूप क्यों नहीं हैं? क्‍या पंधाना विद्यालय भवन काफी जर्जर स्थिति में है, कभी भी सैकड़ों विद्यार्थियों की जान जा सकती है, ऐसा क्यों? (ग) क्या पंधाना उत्कृष्ट विद्यालय के लिए नवीन भवन स्‍वीकृत कर निर्माण के लिए सीमित समय में राशि जारी की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? पंधाना विधानसभा क्षेत्र में जितने भी विद्यालय हैं, उनमें स्थाई शिक्षक क्‍यों नहीं है? उनकी नियुक्ति कब तक की जाएगी? (घ) पंधाना विधानसभा में कार्यरत शासकीय शिक्षकों का स्थानांतरण अन्यत्र कर दिया गया है, उनके स्थान पर अन्य शासकीय शिक्षकों की पूर्ति क्यों नहीं की गई, उनकी नियुक्ति कब तक की जाएगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय तथा 10 ऐसे विधान सभा क्षेत्र जहाँ एक भी विकासखण्ड मुख्यालय स्थित नहीं है, के एक अच्छी अधोसंरचनायुक्त शासकीय उ.मा. विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चिन्हित किया गया है। यहाँ उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन विद्यालय मापदण्‍ड अनुरूप है। पंधाना विद्यालय जर्जर स्थिति में नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय आदेश दिनांक 10.07.2017 के द्वारा अध्यापक संवर्ग को अन्तर्निकाय संविलियन हेतु ऑनलाइन आवेदन की सुविधा के अन्तर्गत अन्तर्निकाय संविलियन की अनुमति जारी की गई थी। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उपसंचालक पद पर प्रभारी के रूप में पदस्‍थापना 

[स्कूल शिक्षा]

161. ( क्र. 4290 ) श्री पारस चन्‍द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 30.06.2019 की स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग में कितने उपसंचालक और सहायक संचालक कार्यरत हैं? किस-किस जिला कार्यालय में कौन-कौन उपसंचालक और सहायक संचालक पदस्थ‍ हैं? (ख) क्या अधिकांश जिलों में उपसंचालक और सहायक संचालकों के पद पर प्रभारी कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार नाम बतावें? (ग) क्या वर्ष 2016 में एक दो को छोड़कर सभी जिला कार्यालयों में उपसंचालक पद के अधिकारी पदस्थ थे? यदि हाँ, तो क्‍या कारण है कि प्रभारियों को पदस्थ करना पड़ा। (घ) क्‍या डी.पी.सी. के पद पर सहायक संचालकों को पदस्थ करना था? इसके लिए चयन भी किया था? फिर क्यों दिनांक 30.06.2019 तक उनकी पदस्थी सभी जिलों में नहीं हुई?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अनूपपुर जिले में वन विभाग द्वारा कितनी संचालित पौध शालायें

[वन]

162. ( क्र. 4293 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वन विभाग द्वारा कितनी पौध शालायें कार्यरत हैं, इनमें कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) उक्‍त पौध शालाओं में कितने पौधे 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक तैयार किये हैं, उन पर कितना व्‍यय आया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में तैयार किये गये पौधे किन संस्‍थाओं को कितनी राशि‍ में दिये गये हैं तथा कहाँ-कहाँ पर तार फेंसिंग कर उन पौधों को लगाया गया है, लगाये गये तारों की मोटाई क्‍या है? सीमेंट के पोल एवं तार किस फर्म से कितनी राशि में खरीदे गये, क्‍या क्रय की प्रक्रिया में क्रय नियमों का पालन किया गया है? पोल एवं तार की क्‍वालिटी की जाँच किस सक्षम अधिकारी द्वारा की गई। (घ) उक्‍त अवधि में पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी धनराशि विभाग द्वारा किस कार्य हेतु स्‍वीकृत की गई? कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) अनूपपुर जिले में अनुसंधान एवं विस्‍तार वृत्‍त के अंतर्गत सीतापुर एवं अमरकंटक 2 रोपणियां संचालित हैं, जिसमें क्रमश: 2 एवं 1 कर्मचारी कार्यरत हैं।                                                                                                                    (ख) प्रश्‍नांश अवधि में 19,70,056 पौधे तैयार किये गये हैं एवं जिस पर रूपये 1,41,26,185 का व्‍यय हुआ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। क्रय नियमों का पालन करते हुये तार फेंसिंग सामग्री लघु उद्योग निगम/जेम के माध्‍यम से नियमानुसार क्रय की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। क्रय सामग्री की क्‍वालिटी की जाँच एवं परीक्षण लघु उद्योग निगम के अधिकृत अधिकारियों द्वारा किया गया है। क्‍वालिटी की पुन: जाँच की जा रही है, 15 दिवस में जाँच निष्‍कर्षों से माननीय सदस्‍य को अवगत कराया जायेगा। (घ) प्रश्‍नावधि में पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अनूपपुर वनमण्‍डल में उक्‍त अवधि में रूपये 1477.25 लाख का कार्य स्‍वीकृत किया गया है, जिसमें प्रश्‍न दिनांक तक रूपये 698.60 लाख का व्‍यय किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।

नगर परिषद को स्‍मार्ट सिटी बनायी जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

163. ( क्र. 4294 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य की नगर परिषदों को स्‍मार्ट सिटी में रखे जाने की योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नगर परिषद् हैं, जिनको स्‍मार्ट सिटी बनाये जाने पर विचार हो रहा है अथवा बना दी गई है? (ख) क्‍या नगर परिषदों को स्‍मार्ट नगर परषिद में रखे जाने हेतु कोई मापदण्‍ड द्वारा निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की अमरकंटक नगर परिषद को उप स्‍मार्ट सिटी बनाने की घोषणा के पश्‍चात् वहां पर कितनी राशि का आवंटन हुआ, किस संस्‍था के माध्‍यम से कितनी राशि किन-किन कार्यों में खर्च की गई? इन संस्‍थाओं के चयन का आधार क्‍या है एवं किन-किन संस्‍था को                                                                          कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया। (ग) क्‍या पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पूर्व मा. मुख्‍यमंत्री के द्वारा नर्मदा जयंती पर अमरकंटक के रामघाट पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्‍लांट का भूमिपूजन कर दो वर्ष में यह प्‍लांट बनकर तैयार की जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इसकी प्र‍गति की स्थि‍ति से अवगत करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण के अन्तर्गत भी नगरीय निकायों को मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने के लिए राशि रूपये 300.00 करोड़ का प्रावधान था, जिसमें कुल 14 नगरीय निकायों का विकास मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। (ख) जी नहीं अपितु नगरीय निकायों का विकास मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने के लिए संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण के अन्तर्गत, माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार नगर परिषद अमरकंटक को मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने के लिए राशि रूपये 25.00 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है, जिसका अनुदान राशि रूपये 5.00 करोड़ निकाय को उपलब्ध कराई गई है। मिनी स्मार्ट सिटी का कार्य म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा संविदाकार मेसर्स अरूण कंस्‍ट्रक्‍शन, रीवा से कराया जा रहा है। निर्माण कार्य के व्यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना की स्वीकृति आदेश क्रमांक एफ-10-68/2017/18-2 के बिन्दु 4.2 अनुसार चिन्हित किये गये नगरीय निकायों में मिनी स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत चयनित कार्यों का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा किया जाना है। (ग) जी हाँ। प्रगति की स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सत्तर''

छतरपुर जिले में रेत के स्‍वीकृत डम्‍प

[खनिज साधन]

164. ( क्र. 4295 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छतरपुर जिले के स्‍वीकृत बालू डम्‍प पिटपास से निकासी करके डम्‍प किया जाता है? क्‍या डम्‍प किये गये स्‍थान से बालू उठाने पर दोबारा पिटपास/रमन्‍ना जारी किये जाते हैं? (ख) वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक छतरपुर जिले में कुल कितने बालू डम्‍प कितने समय के लिए स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत डम्‍प के प्रोप्राइटर/व्‍यक्ति का नाम, स्‍थायी पता, उत्‍खनन क्षेत्र एवं बालू डंप क्षेत्र स्‍थान का नाम, कुल बालू की मात्रा एवं स्‍वीकृत दिनांक से उठायी गयी बालू की मात्रा जारी किये गये पिटपास/रमन्‍ना/रॉयल्‍टी की संख्‍या, उपयोग में लाये गये पिटपासों की सूची उपलब्‍ध करावें।                                                                         (ग) क्‍या विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से स्‍वीकृत क्षेत्र की बालू के अलावा अनाधिकृत/अन्‍य क्षेत्रों से अवैध उत्‍खनन करके बालू निकाली जाती है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार यदि संबंधित खननकर्ता के द्वारा स्‍वीकृत क्षेत्र से अधिक खनन किया है तो खननकर्ता के ऊपर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) अवधि में डम्‍प में किन-किन अधिकारियों द्वारा मौके पर निरीक्षण किया गया कि डम्‍प सही है या नहीं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। स्‍वीकृत भण्‍डारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र से खनिज निकासी हेतु अभिवहन पास जारी किये जाने के प्रावधान हैं। (ख) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ई.टी.पी. की सूची किसी अनुज्ञप्ति धारक के संबंध में विभागीय पोर्टल से ऑनलाइन जारी की जाती है। अत: सूची उपलब्‍ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) ऐसा कोई प्रकरण अब तक प्रकाश में नहीं आया है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार संबंधित खननकर्ता के द्वारा स्‍वीकृत क्षेत्र से अधिक खनन किये जाने पर जाँच उपरांत अवैध उत्‍खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाता है। जाँच कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है। इस जिले में स्‍वीकृत रेत के डम्‍पों की जाँच हेतु नियमित कार्यवाही की जाती है।

बगैर एन.ओ.सी. के अवैध निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

165. ( क्र. 4297 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के करोंद के मुल्‍ला कॉलोनी के समीप निशातपुरा गृह निर्माण संस्‍था के खसरा नं. 4/1/2 का भूमि स्‍वामी कौन है? नाम व पता सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्‍या उक्‍त भूमि पर किसी अन्‍य के द्वारा भूमि का स्‍वामित्‍व प्राप्‍त किये बिना, अवैध तरीके से नगर निगम भोपाल और नजूल विभाग की एन.ओ.सी. प्राप्‍त किये बिना, अवैध निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा किया जा रहा है? अवैध निर्माण करने वाले का नाम, पता दें।                                                                                          (ग) प्रश्नांश (क) के तहत यदि अवैध निर्माण हो रहा है तो अवैध निर्माण रोकने के लिए नगर निगम भोपाल ने प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्‍या अवैध निर्माण को तोड़कर अवैध निर्माण करने वाले के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या और कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. कम्‍प्‍यूटरीकृत भू-अभिलेख वर्ष 2019-20 अनुसार ग्राम निशातपुरा के खसरा क्रमांक 4/1/2, रकबा 3.784 हेक्‍टेयर की भूमि अध्‍यक्ष निशातपुरा हाउसिंग सोसायटी पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी. 112 भोपाल के नाम है, जो कि अहस्‍तांतरणीय है, जिसका पता नि. 1464 है। (ख) प्रश्‍नाधीन भूमि पर संस्‍था द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश, भू-व्‍यपवर्तन, नगर निगम आदि से अनुमति/अनापत्तियां प्राप्‍त कर कॉलोनी विधिवत विकसित की गई, जिसमें नगर पालिका भोपाल द्वारा भवन अनुमतियां प्रदान करना भी प्रारंभ किया गया था, किन्‍तु संस्‍था द्वारा शासकीय भूमि एवं सार्वजनिक प्रयोजन की भूमि विक्रय करने की शिकायत होने पर, इस कॉलोनी की अनुमतियां नगर तथा ग्राम निवेश तथा नगर निगम भोपाल द्वारा निरस्‍त कर दी गई है, जिसके कारण इस कॉलोनी में भवन निर्माण की अनुमतियां जारी नहीं हो रही है। कॉलोनी के भू-खण्‍डधारियों को कॉलोनी में भवन अनुमतियां प्राप्‍त नहीं होने के कारण अवैध निर्माण प्रांरभ हो गया। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये, इस कॉलोनी को अवैध कॉलोनी के नियमितीकरण की प्रक्रिया में नियमित करने का प्रयास नगर नगर निगम भोपाल द्वारा म.प्र. नगर पालिक निगम (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम-1998 के नियम 15-क अंतर्गत किया गया, किन्‍तु इस नियम को माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा अपास्‍त करने के कारण नियमितीकरण की प्रक्रिया रोक दी गई है। कॉलोनी का अधिकांश भाग विकसित हो गया है, जिसके कारण खसरा क्रमांक-4/1/2 को स्‍थल पर नगर निगम द्वारा चिन्हित किया जाना एवं किन-किन के द्वारा समस्‍त अवैध निर्माण किया जा रहा है, बताया जाना संभव नहीं है।                                                                                                                                     (ग) कॉलोनी में हो रहे अवैध निर्माण रोकने के लिये समय-समय पर म.प्र. नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 (1), 307 (2) के सूचना पत्र जारी किये गये है एवं कुछ भवनों से जैसे कि भवन क्रमांक 110, 114 के अवैध निर्माण को हटाया भी गया है। इसी प्रकार भवन क्रमांक 40, 48 एवं 117 पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा यथास्थिति के आदेश दिये गये हैं। माननीय न्‍यायालय के निर्णय उपरांत आगामी कार्यवाही की जाना संभव हो सकेगा एवं कॉलोनी में आरक्षित स्‍कूल भूमि पर भी अवैध निर्माण के विरूद्ध म.प्र. नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 (1), 307 (2) के सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (घ) प्रश्‍नांश (घ) के संबंध में लेख है कि निशातपुरा गृह निर्माण संस्‍था (सईद नगर) के संबंध में माननीय न्‍यायालय लोकायुक्‍त संगठन में भी जाँच प्रकरण क्रमांक 76/2014 एवं जाँच प्रकरण क्रमांक 1019/17 वर्तमान में प्रचलन में है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय उपरांत आगामी कार्यवाही जाना संभव है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

शासकीय इमारतों पर दीवार लेखन 

[नगरीय विकास एवं आवास]

166. ( क्र. 4299 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ नगरीय निकाय सीमा में स्‍वच्‍छ भारत मिशन/नगर सौंदर्यीकरण के परिप्रेक्ष्‍य में एवं अन्‍यथा भी क्‍या स्‍थानीय निकाय द्वारा स्‍वच्‍छता एवं सौंदर्यीकरण के प्रति जागरूकता से ओतप्रोत विभिन्‍न शासकीय इमारतों पर दीवार लेखन/वाल पेंटिंग कराई गई है?                                                                                                                                                                (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जिला चिकित्‍सालय एवं जिला कार्यालय की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर जन सामान्‍य/महिला बाल विकास विभाग/स्‍वास्‍थ्‍य विभाग या किसी अन्‍य विभाग की ओर से प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ऐसी शासकीय दीवारों पर लेखन के जरिये दीवार लेखन व पेंटिंग को विरंजित कर शासकीय संपत्ति का विरूपण किया गया है? महिला बाल विकास विभाग एवं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा टीकमगढ़ नगर में अपने विभागों की योजनाओं के लेखीय प्रचारों का विवरण कृपया उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ, तो शासकीय संपत्ति विरूपण करने वाले व्‍यक्तियों/विभागों के अधिकारियों द्वारा स्‍थानीय निकाय से इस हेतु पूर्व से सम्‍यक अनुमति प्राप्‍त की गई है? यदि हाँ, तो वसूल किये गये शुल्‍क की जानकारी दें? यदि नहीं, तो ऐसे व्‍यक्तियों/विभागों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? कब तक और क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्‍या शासकीय संपत्ति विरूपण की रोकथाम हेतु शासन कोई उपाय करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और क्‍या?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, महिला बाल विकास विभाग द्वारा 30 एवं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा 03 लेखीय प्रचार किये गये हैं। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु विभागों द्वारा शासकीय प्रयोजन से योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु दीवार लेखन किया गया है। जनहित में होने के कारण प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता। (घ) मध्‍यप्रदेश सम्‍पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1994 लागू है। अत: प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इकहत्तर''

वन परिक्षेत्र के भू-भागों पर अवैध उत्‍खनन एवं पेड़ों की कटाई

[वन]

167. ( क्र. 4300 ) श्री राकेश गिरि : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                 (क) क्‍या जिला टीकमगढ़ में वन परिक्षेत्र की कितनी भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर कब्‍जा किया गया है? यदि हाँ, तो अवैध कब्‍जाधारियों की सूची बीटवार, खसरा नम्‍बर व रकबा सहित बतायें? (ख) क्‍या ग्राम बड़माड़ई में वन समिति अध्‍यक्ष एवं उनके स‍हयोगियों/परिजनों द्वारा वन विभाग की सीमा अंतर्गत पेड़ों की कटाई एवं उत्‍खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा पेड़ों की कटाई एवं उत्‍खनन हेतु स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (ग) यदि नहीं, तो फिर टीकमगढ़ जिले में किस सक्षम अधिकारी की स्‍वीकृति से वन परिक्षेत्र के भू-भागों पर अवैध उत्‍खनन व लकड़ि‍यों की अवैध कटाई की जा रही है? इन अवैध कार्यों के संपादन में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं, बतायें? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक और क्‍या कार्यवाही की जावेगी।

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला टीकमगढ़ के वन परिक्षेत्रों में 4629.23 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध रूप से हुये अतिक्रमण/कब्जे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                                                                      (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) टीकमगढ़ जिले के वनक्षेत्रों में अवैध उत्खनन व लकड़ि‍यों की अवैध कटाई के लिये वन विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अवैध कटाई की जाँच की जा रही है, यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्‍तता पाई जाती है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

वनभूमि पर से अवैध कब्‍जा हटाया जाना

[वन]

168. ( क्र. 4301 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                            (क) टीकमगढ़-निवाड़ी जिले के रेंज निवाड़ी अंतर्गत बीट जैरोन के कक्ष क्र. पी.227 के भूमि खसरा नं. 24, 38, 41, 47 स्थित ग्राम डरगुम्‍बा के पास कितनी-कितनी वन भूमि पर किस-किस के द्वारा कब से अतिक्रमण कर प्रतिवर्ष फसलें बोई जा रही हैं? (ख) क्‍या माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर द्वारा भी कलेक्‍टर टीकमगढ़ वन विभाग को इसी केस में निर्देशित किया गया था कि अतिक्रमणधारियों के विरूद्ध तत्‍काल कार्यवाही कर अतिक्रमण हटवाएं? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) क्‍या कलेक्‍टर टीकमगढ़ ने लिखित पारित आदेश दिनांक 12.04.2016 को आदेश जारी किया था कि वन विभाग की जमीन का 5.6 हेक्‍टेयर वन भूमि पर से कब्‍जा हटा दिया गया है? अगर हाँ तो आदेश की छायाप्रति प्रदान करें। जब कब्‍जा नहीं हटा तो उच्‍च न्‍यायालय को गुमराह क्‍यों किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि विभाग में किस-किस के द्वारा क‍ब-कब, क्‍या-क्‍या शिकायत पत्र टीकमगढ़-निवाड़ी जिले में दिये गये हैं? जनहित में जनता की मांग पर एवं उच्‍च न्‍यायालय के आदेश अनुसार अतिक्रमण हटाया जाएगा तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन वन भूमि पर वर्तमान में किसी के द्वारा अतिक्रमण कर, फसलें नहीं बोई जा रही है। (ख) जी हाँ। माननीय न्यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 9025/2015 में दिनांक 24-06-2015 को इस प्रकरण में कलेक्‍टर, टीकमगढ़ को आवश्‍यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के निर्देश के पालन में कलेक्‍टर, टीकमगढ़ द्वारा आदेश दिनांक 12-04-2016 से अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही की गई है।                                                                                                                                                       (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्तमान में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होने से माननीय उच्च न्यायालय को गुमराह करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के आदेशानुसार वर्तमान में बीट जैरोन के कक्ष क्रमांक पी-227 में अतिक्रमण नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

T.A.C. एवं पैसा एक्‍ट 1996 का गठन

[आदिमजाति कल्याण]

169. ( क्र. 4304 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 15 वर्षों में T.A.C. का गठन कब हुआ था, उसके सदस्‍य कौन-कौन थे और कब-कब T.A.C. की बैठक हुई और बैठकों में क्‍या-क्‍या निर्णय लिया गया और केन्‍द्र सरकार को क्‍या रिपोर्ट भेजी गई? (ख) वर्तमान में T.A.C. का गठन कब तक होगा? (ग) क्‍या पैसा एक्‍ट 1996 का नियम अभी तक नहीं बना है, जिससे पैसा एक्‍ट का पालन नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो सरकार इस दिशा में क्‍या कार्य कर रही है? अगर नियम बना रहे हैं, तो इसकी समिति के सदस्‍य कौन-कौन होंगे आदिवासियों की रूढ़ि‍ प्रथा, परम्‍परा के लिए आदिवासी बुद्धिजीवियों को इस समिति में रखा जायेगा या नहीं और कब तक बनेगा?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 15वीं विधान सभा के गठन के उपरांत नवीन आदिम जाति मंत्रणा परिषद के गठन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) पैसा एक्ट 1996 के नियम बनाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

बैगा, सहारिया, भारिया विशेष जनजाति का उत्‍थान

[आदिमजाति कल्याण]

170. ( क्र. 4305 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विशेष पिछड़ी जनजाति दर्जा प्राप्‍त बैगा, सहारिया, भारिया आदि जाति के उत्‍थान एवं संरक्षण के लिये कितनी योजनाएं चलाई जा रही हैं? विगत 5 वर्षों में कितनी राशि का आवंटन हुआ है और कितनी राशि खर्च हुई है? यदि आवंटित राशि सही योजनाओं हेतु खर्च किये गये तो यह जाति अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्‍यों है? (ख) बैगा विकास प्राधिकरण जब से बना है तब से आज दिनांक तक बैगा जनजाति के उत्‍थान हेतु योजनाओं के लिये आवंटित राशि कहाँ और कितनी राशि खर्च किया गया है? (ग) वर्ष 2015 से आज दिनांक तक बैगा जनजाति के लिये कितने बैगा युवक-युवतियों को रोजगार मिला है तथा विभाग द्वारा कितनी भर्तियां निरस्‍त की गई है? भर्ती निरस्‍त करने का क्‍या कारण है?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विशेष पिछड़ी जनजाति दर्जा प्राप्‍त बैगासहरियाभारिया आदि जाति के उत्‍थान एवं संरक्षण हेतु चलाई जा रही योजनाएं एवं योजनाओं में प्राप्‍त आवंटन एवं व्‍यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैगा विकास प्राधिकरण का गठन शासन आदेश क्रमांक एफ 23-14/2013/3-25, दिनांक 27-05-2013 द्वारा राज्‍य स्‍तर पर गठित है। प्राधिकरण स्‍तर से योजनाओं का संचालन नहीं किया जाता है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग से संबंधित।

जलाऊ लकड़ी एवं वृक्षारोपण

[वन]

171. ( क्र. 4307 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                                                                  (क) क्‍या वन मण्‍डल शिवपुरी का परिक्षेत्र करैरा की बीट महमूद के कक्ष क्रमांक आर.एफ. 460 में जलाऊ लकड़ी वृक्षारोपण वर्ष 2017-18 के संबंध में शिकायत प्राप्‍त होने पर जाँच उड़नदस्‍ता दल द्वारा कराई जाने पर रूपये 2,33,289/- का कार्य होना नहीं पाया गया? (ख) क्‍या उपरोक्‍त शासकीय धन के गबन करने के आरोप में एम.के. सिंह, मुकेश पटेल वन अधिकारी करैरा एम.एस. राणा, मोहन स्‍वरूप गुप्‍ता एवं ऋषि श्रीवास्‍तव को दोषी पाया गया था, जिसमें से मात्र मोहन स्‍वरूप गुप्‍ता एवं ऋषि श्रीवास्‍तव को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा शेष के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ग) क्‍या शिवपुरी वनमण्‍डल में पूर्व में शासकीय धन के गबन के आरोप में वनपाल स्‍तर के कर्मचारी को प्रथम दृ‍ष्‍टया दोषी मानकर आई.पी.सी. की धारा 409 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी? फिर समान प्रकृति के प्रकरण में उपरोक्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 409 एवं 420 का प्रकरण दर्ज क्‍यों नहीं किया गया? (घ) शासन प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये संबंधितों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करायेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) वृक्षारोपण का कार्य कम होने के कारण श्री मोहनस्‍वरूप गुप्‍ता वनपाल, श्री ऋषि श्रीवास्‍तव, वनरक्षक को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया गया एवं श्री एम.एस. राणा वनक्षेत्रपाल को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। श्री एम.के. सिं‍ह व श्री मुकेश पटेल, सहायक वन संरक्षकों का स्‍पष्‍टीकरण का उत्‍तर संतोषजनक नहीं पाये जाने के कारण इन दोनों अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। श्री संदीप शुक्‍ला, सहायक वन संरक्षक एवं श्री लखन लाल शर्मा, वनपाल दोनों सेवानिवृत्‍त हो जाने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रारंभ करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।                                                                                                           (ग) जी हाँ। शिवपुरी वनमण्‍डल में पूर्व में तेंदूपत्‍ता नगद राशि बोनस वितरण में शासकीय धन के गबन के आरोप में वनपाल स्‍तर के कर्मचारी को प्रथम दृष्‍टया दोषी मानकार आई.पी.सी. की धारा 409 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी। चूंकि यह प्रकरण उक्‍त प्रकरण के समान प्रकृति का नहीं है, इस कारण इन अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किये गये हैं। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की आवश्‍यकता नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध रेत एवं खनिज उत्‍खनन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

172. ( क्र. 4309 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में कितनी खनिज खदानें संचालित हैं, का विवरण देते हुये बतावें कि इन खदानों को किन-किन ठेकेदारों/संविदाकारों द्वारा संचालित किया जा रहा है? संचालन की शर्तें एवं अनुबंध की प्रति देते हुए बतावें कि खदान संचालन कितने वर्षों के लिए दी गई है? साथ ही प्राप्‍त राजस्‍व का विवरण वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक देवें। सोन नदी में रेत के उत्‍खनन बावत् कार्यादेश किन संविदाकारों को कितने अवधि के लिए दिया गया है, का विवरण 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक देवें? इससे प्राप्‍त होने वाले राजस्‍व का विवरण पृथक से वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक देवें? इसमें रेत के भण्‍डारण एवं परिवहन बावत् कितने अनुज्ञा पत्र जारी किए गए, का भी विवरण उपरोक्‍तानुसार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध खनिज सम्‍पदाओं के हो रहे अवैध उत्‍खनन के कितने प्रकरण शहडोल जिले में तैयार किये गये, का विवरण तहसीलवार देवें? इनमें से कितने प्रकरण अवैध परिवहन कर रहे वाहनों एवं कितने अवैध खदान संचालकों के विरूद्ध चलाए गए, का विवरण वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक का देवें? सोन नदी में अवैध रेत के उत्‍खनन के रोकने बावत् की गई कार्यवाहियों का विवरण वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक का देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या मसीरा, चतुर्भुज, पोडी घाट, सोन घड़ि‍याल (गोपालपुर) मोहनोलाघाट (मानपुर), बड़ौराघाट (मानपुर) में अवैध रूप से रेत के संचालित खदानों पर कब किन सक्षम अधिकारी द्वारा अवैध परिवहन एवं अवैध रेत के उत्‍खनन पर कार्यवाही की गई एवं कितने वाहनों एवं मशीनों को पकड़ने एवं राजसात करने की कार्यवाही की गई? इनसे कितने राजस्‍व की वसूली की गई?                                                                                                                                          (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार अवैध रूप से खनिज सम्‍पदा के हो रहे दोहन एवं सोन नदी से हो रहे अवैध रेत के उत्‍खनन बाबत संबंधित सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई, अवैध उत्‍खनन को बढ़ावा दिया गया, शासन को राजस्‍व के नुकसान के लिये जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? इन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी एवं अवैध उत्‍खनन पर रोक लगाने बाबत् शासन ने क्‍या कार्य योजना तैयार की है, बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) शहडोल जिले में संचालित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसमें ठेकेदारों द्वारा संचालित घोष विक्रय खदानों की जानकारी भी शामिल है। खदानों की अवधि भी उक्‍त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। मुख्‍य खनिज की खदानों का अनुबंध खनि रियायत नियम, 1960 में निर्धारित अनुबंध प्रारूप-के में तथा गौण खनिज की खदानों का अनुबंध मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में निर्धारित प्रारूप-अठारह एवं सात में किया गया है। उक्‍त नियम अधिसूचित है, जिसमें अनुबंध की शर्तें एवं संचालन की शर्तें दर्शित हैं। प्रश्‍नाधीन अवधि में जिले में प्राप्‍त खनिज राजस्‍व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सोन नदी के संबंध में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शहडोल जिले में रेत के भण्‍डारण एवं परिवहन बावत जारी की गई अनुज्ञा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में शहडोल जिले में तहसीलवार तैयार किये गये अवैध उत्‍खनन व अवैध परिवहन के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                                                                                                                                 प्रपत्र-ई  एफ अनुसार है। प्रश्‍नाधीन अवधि में सोन नदी में तहसीलवार दर्ज किये गये, अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-जी अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) का संदर्भ देते हुए शहडोल जिले की जानकारी चाही गई है। प्रश्‍न में उल्‍लेखित ग्रामों में से ग्राम चतुर्भज, मोहनोलाघाट (मानपुर), बड़ौराघाट (मानपुर) शहडोल जिले में न होकर उमरिया जिले में है। सोन घड़ि‍याल (गोपालपुर क्षेत्र) अभ्‍यारण क्षेत्र अंतर्गत होने से संयुक्‍त संचालक, संजय टाईगर रिजर्व जिला सीधी (म.प्र.) के अंतर्गत आते हैं, जिनके द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                                                                                                                प्रपत्र-एच अनुसार कार्यवाही की गई है। पोड़ी घाट, मसीरा में रेत की खदान संचालित नहीं है। प्रश्‍नाधीन स्‍थल पर खनिज रेत के अवैध उत्‍खनन की रोकथाम के दौरान वाहनों एवं मशीनों को अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी जयसिंहनगर, खनिज अधिकारी, शहडोल एवं पुलिस विभाग द्वारा जप्‍त किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-आई अनुसार है। (घ) जी नहीं। समय-समय पर जाँच के दौरान प्रकरण पाये जाने पर प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में दिये गये उत्‍तर अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

दोषियों पर कार्यवाही के साथ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

173. ( क्र. 4310 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक शहडोल जिले के नगर परिषद ब्‍यौहारी को एक मुश्‍त केन्‍द्रीय सहायता योजना के तहत पेय जल योजना के सुचारू संचालन एवं विस्‍तार बावत रा‍हत राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्राप्‍त हुई बतायें कि उक्‍त कार्य के लिए कितनी लागत का डी.पी.आर. (प्राकलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति) तैयार किया गया? इस कार्य हेतु कितने संविदाकारों द्वारा टेंडर की प्रक्रिया में भाग लिया एवं किस संविदाकार को कार्यादेश किस अवधि के लिए दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर परिषद ब्‍यौहारी में वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक में अन्‍य कौन-कौन से कार्य किन संविदाकारों से कितनी लागत से कराए गए, मौके पर कराए गए कार्यों की भौतिक स्थिति क्‍या है? कार्य राशि व्‍यय अनुसार कराए गए अथवा नहीं? संविदाकारों को किए गए भुगतान का विवरण बतावें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्य अनुबंध की शर्तों प्राक्‍कलन एवं तैयार डी.पी.आर. अनुसार मौके पर नहीं कराए गए एवं एक मुश्‍त योजना से प्राप्‍त राशि का दुरूपयोग कर लिया गया? पेयजल हेतु पाईप लाइनों का विस्‍तार नहीं किया गया क्‍यों? क्‍या ब्‍याज की राशि का भुगतान भी डी.पी.आर. (प्राकलन) से हटकर संविदाकार को सक्षम अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भुगतान कर लाभ पहुंचाया गया, जबकि डी.पी.आर. अनुसार कम भुगतान होना चाहिए। (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) एवं (ग) अनुसार मौके पर कार्य नहीं कराए गए संविदाकार को नियम विरूद्ध तरीके से राशि का भुगतान संबंधि‍त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया गया? फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि का गबन कराया गया? इसके लिए क्‍या संबंधितों से राशि की वसूली के साथ राशि के गबन के अपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। इस कार्य हेतु शासन द्वारा निकाय को राशि रू. 31.00 करोड़ प्रदान की गई है। इस कार्य के लिए राशि रू. 3352.00 लाख की तैयार की गई। कार्य की तकनीकी स्‍वीकृति राशि रू. 3325.00 लाख की प्रदान की गई। इस कार्य हेतु दो संविदाकारों द्वारा टेण्‍डर प्रक्रिया में भाग लिया गया एवं तेजस कंस्‍ट्रक्‍शन एण्‍ड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रायवेट लिमिटेड, पुणे महाराष्‍ट्र को दिनांक 23.03.2015 को 18 माह की कार्यावधि का कार्यादेश जारी किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर परिषद, ब्‍यौहारी द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित योजना के अतिरिक्‍त जलप्रदाय योजना से संबंधित अन्‍य कोई कार्य नहीं कराए गए हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जलप्रदाय योजना के कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार कराए गए हैं। एकमुश्‍त योजना में प्राप्‍त राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया है। स्‍वीकृति अनुसार ही पाईप लाइनें डाली गई है। जी नहीं। ब्‍याज की राशि का उपयोग अनुबंध के अनुसार योजना में कराए गए कार्यों पर ही किया गया है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। उत्‍तरांश (क) () एवं () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दोषियों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

174. ( क्र. 4311 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद चंदिया जिला उमरिया में वर्ष 2017 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन मदों से कितनी-कितनी लागत से कराए गए? विवरण कार्यवार एवं व्‍यय राशि सहित देवें, वह राशि किन-किन मदों से प्राप्‍त हुई, का विवरण भी पृथक से देवें?                                                                                                                                                         (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में से कुछ कार्यों की अनियमितता की जाँच आयुक्‍त राजस्‍व जिला शहडोल द्वारा टीम गठित कर कराई गई थी? जाँच उपरांत किन-किन पर कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई। अगर जाँच पूर्ण नहीं की गई तो इसके लिए जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवा‍ही प्रस्‍तावित की गई जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि जाँच पूर्ण कर ली गई तो इसमें कौन-कौन से जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही की गई? किन-किन संविदाकारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन कार्यों के लिए किया गया? भुगतान पत्रक के साथ विवरण प्रश्नांश (क) के कार्यों का भी विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के कार्यों में की गई अनियमितता एवं भ्रष्‍टाचार प्रमाणित होने पर प्रश्नांश (ख) अनुसार कराई गई जाँच में दोषियों से राशि की वसूली के साथ उन पर गबन के प्रकरण पंजीबद्ध करावेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, आयुक्त शहडोल संभाग द्वारा जाँच टीम नहीं गठित की गई है, अपितु कलेक्टर जिला उमरिया द्वारा जाँच टीम गठित कर जाँच कराई गई है, जिसमें श्री अनिल दुबे, सुश्री रीना राठौर, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री अरविन्द शर्मा प्रभारी सहायक यंत्री एवं श्री विक्रम बागरी, तत्कालीन उपयंत्री नगर परिषद चंदिया उत्तरदायी पाये गए हैं। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर आरोप पत्र तैयार करने के लिए संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग को लिखा गया है। जाँच पूर्ण होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (घ) विभागीय जाँच उपरांत गुणदोष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

समय पर कार्यवा‍ही न करने के लिए जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

175. ( क्र. 4312 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने पत्र क्रमांक-778, दिनांक 17/03/2017 द्वारा आयुक्‍त लोक शिक्षक संचालनालय भोपाल को पत्र लिखकर मदरसा गरीब नवाज ब्‍यौहारी को शासकीय अनुदान हेतु उल्‍लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल के पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों?                                                                                                                                                                                (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में अगर वर्ष 2017 के पत्र पर आज तक कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? कब तक पत्र पर कार्यवाही कर अवगत करावेंगे एवं अनुदान कब तक प्रदान करावेंगे। (घ) प्रश्नांश (क) (ग) के अनुसार कार्यवाही समय पर न करने के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं, जिम्‍मेदारों के पद एवं नाम सहित जानकारी देते हुए बतावें कि उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे, करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल द्वारा मदरसा गरीब नवाज ब्‍यौहारी का अतिरिक्‍त शिक्षक का प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया था। उक्‍त प्रस्‍ताव को म.प्र. राज्‍य सहायता अनुदान समिति के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। समिति द्वारा प‍रीक्षण उपरान्‍त अनुशंसा सहित भारत सरकार को दिनांक 13.06.2018 को अनुदान स्‍वीकृति हेतु भेजा गया है। भारत सरकार से अनुदान स्‍वीकृति अद्यतन अप्राप्‍त है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्रकरण की उच्‍च स्‍तरीय जाँच

[अनुसूचित जाति कल्याण]

176. ( क्र. 4313 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अशोक नगर विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 32 विधायक के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र का प्रकरण उच्‍च स्‍तरीय जाँच समिति के समक्ष लंबित है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, उच्‍च स्‍तरीय छानबीन समिति कितने समय में जाति प्रमाण पत्र की जाँचकर अपना निर्णय देगी? समय-सीमा बतावें नियमानुसार समिति को कितने समय में जाँच निर्णय देने का प्रावधान है? (ग) क्‍या दिनांक 16.09.2013 को उच्‍च स्‍तरीय छानबीन समिति ने श्री जज्‍जी की जाति से संबंधित निर्णय देकर अनुसूचित जाति का नहीं माना था? यदि हाँ, तो इस निर्णय की सम्‍पूर्ण कार्यवाही प्रोसेडिंग का विवरण उपलब्‍ध करावें?

सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। माह जून 2019 से लंबित है।                                                                                                                                 (ख) जाति प्रमाण पत्र की जाँच कर निर्णय देने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। पुलिस अधीक्षक से प्रकरण में जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने के उपरांत ही समिति नियमानुसार जाँच करती है। मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 08 सितम्‍बर, 1997 के प्रावधान अनुसार समिति द्वारा जाँच दिन प्रतिदिन के आधार पर की जावेगी और किसी भी स्थिति में इसे पूर्ण करने के लिए 02 माह से ज्‍यादा समय नहीं लेगी। (ग) जी हाँ। कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एवं निर्णय आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

अशंकालीन लिपिक/भृत्‍य की वेतन वृद्धि

[स्कूल शिक्षा]

177. ( क्र. 4314 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन, स्‍कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-4197120-21 भोपाल, दिनांक 28.06.1997 में शिक्षाकर्मी योजनान्‍तर्गत अंशकालीन लिपिक/भृत्‍य के पद स्‍वीकृत किये गये थे?                                                                                                                                                             (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍तावधि से प्रश्‍न दिनांक तक अंशकालीन लिपिक/भृत्‍य के वेतन में कब-कब, कितनी-कितनी राशि की वृद्धि की गई एवं वर्तमान में प्रतिमाह कितना-कितना वेतन दिया जा रहा है? (ग) क्‍या आगामी विधानसभा सत्र जुलाई 2019 के सामान्‍य बजट में अंशकालीन लिपिक/भृत्‍य के वेतन में वृद्धि किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित ही उपस्थित नहीं होता।

रेत उत्‍खनन की अनुज्ञप्ति एवं अनुज्ञप्ति धारकों के द्वारा नियमों का पालन

[खनिज साधन]

178. ( क्र. 4319 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन/विभाग के द्वारा वर्ष 2019 में रेत के उत्‍खनन हेतु रेत नियम 2018 के तहत अस्‍थाई अनुज्ञा/भण्‍डारण सह व्‍यापार अनुज्ञप्ति एवं व्‍यापारिक अनुज्ञप्ति/स्‍वीकृति/आवंटन पर रोक लगाये जाने संबंधी कोई आदेश शासन/विभाग द्वारा जारी किये गये? यदि हाँ, तो वर्तमान में राज्‍य शासन द्वारा नवीन मध्‍यप्रदेश रेत नियम तैयार किया जाकर लागू कर दिया गया है? यदि नहीं, तो तब तक किया जावेगा? क्‍या प्रदेश में अस्‍थाई अनुज्ञा/भण्‍डारण सह व्‍यापार अनुज्ञप्ति व व्‍यापारिक अनुज्ञप्ति/स्‍वीकृति/आवंटन पर रोक लगाये जाने संबंधी आदेश के कारण वर्तमान में उक्‍त आदेश का परिपालन किया जा रहा है? (ख) क्‍या सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 एवं 2019 में जिला प्रशासन/विभाग द्वारा फर्म/व्‍यक्ति/ग्राम पंचायत/अन्‍य को रेत का उत्‍खनन हेतु अस्‍थाई अनुज्ञा/भण्‍डारण सह व्‍यापार अनुज्ञप्ति व व्‍यापारिक अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश/शर्तों की प्रति उपलब्‍ध करायें? क्‍या उक्‍त अनुज्ञा प्रश्नांश (क) में वर्णित मध्‍यप्रदेश शासन/विभाग के द्वारा वर्ष 2019 में रेत के उत्‍खनन हेतु रेत नियम 2018 में रोक लगाये जाने के उपरांत भी अनुज्ञा अपनी यथास्थिति में है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या अनुज्ञप्ति धारकों/ग्राम पंचायत द्वारा रेत उत्‍खनन करते समय एन.जी.टी. द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो शासन/विभाग के द्वारा अनुज्ञप्ति धारकों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? इसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। फर्म द्वारा वर्तमान में केवलारी विधान सभा में भण्‍डारित रेत की मात्रा की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या रेत का उत्‍खनन करने वाले अनुज्ञप्तिधारियों को रेत उत्‍खनन करने के लिये हैंड लोडिंग के बजाय भारी मशीनरी (जे.सी.बी. पौकलेण्‍ड) का उपयोग किया जा रहा है? इस हेतु शासन/विभाग से अनुमति प्रदत्‍त है? यदि नहीं, तो इन अनुज्ञप्तिधारियों के विरूद्ध शासन/विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? इसकी अद्यतन स्थिति से अवगत कराये। (घ) क्‍या प्रदेश में रेत उत्‍खनन नियम के तहत अस्‍थाई अनुज्ञा/भण्‍डारण सह व्‍यापार अनुज्ञप्ति व व्‍यापारिक अनुज्ञप्ति धारकों द्वारा उत्‍खन्‍न स्‍थल से रेत बिक्री हेतु शासन/विभाग के द्वारा कोई रॉयल्‍टी दर निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्‍या इसी निर्धारित रॉयल्‍टी दर पर डंपर/हाईवा (6 चका, 10 चका व 12 चका) को रेत बिक्री की जा रही है? यदि नहीं, तो ऐसा करने वाले अनुज्ञप्ति धारकों के विरूद्ध शासन/विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या उत्‍खनित रेत अनुज्ञप्ति धारकों के द्वारा उत्‍खनन स्‍थल पर रेत बिक्री डंपर/हाईवा (6 चका, 10 चका व 12 चका) को क्रमश: 7000/-, 12000/-, 14000/- रू. में बिक्री की जा रही है, जिसके कारण बाजार में भवन निर्माण की कीमतें अत्‍यधिक बढ़ रही है? क्‍या इस हेतु शासन/विभाग स्‍तर पर रेत उत्‍खनन स्‍थल में रेत बिक्री की दर शासन द्वारा निर्धारित दर में हो, इस बाबत् कोई योजना/प्रस्‍ताव है? यदि हाँ, तो इस पर मैदानी स्‍तर में कब तक अमल किया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। रोक लगाये जाने संबंधी आदेश जारी किये गये हैं। नवीन मध्‍यप्रदेश रेत नियम, 2019 अभी अधिसूचित किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। वर्तमान समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन अवधि में जिला प्रशासन द्वारा रेत की 01 भण्‍डारण सह-व्‍यापार अनुज्ञप्ति श्री रामकिशन शांडिल्‍य को ग्राम नसीपुर में प्रारूप-सात में मध्‍यप्रदेश रेत नियम, 2018 के तहत 07.02.2019 से 06.09.2019 तक की अवधि के लिये प्रदान की गई है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शर्तें अधिसूचित हैं। इसके अलावा प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार मध्‍यप्रदेश रेत नियम, 2018 के लागू होने के पूर्व एक खनिज व्‍यापारी अनुज्ञप्ति फर्म महिष्‍मति रेत कंपनी मण्‍डला को भी स्‍वीकृत है। पूर्व से स्‍वीकृत होने के कारण उक्‍त अनुज्ञप्तियां यथास्थिति में है। प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत द्वारा कोई रेत खदान संचालित नहीं है। फर्म महिष्‍मति रेत कंपनी मण्‍डला को स्‍वीकृत खनिज व्‍यापा‍री अनुज्ञप्ति अवधि के अलावा 01 रेत की नीलाम खदान संलग्‍न परिशिष्ट के                                                                                                            प्रपत्र-ब अनुसार स्‍वीकृत है। उक्‍त नीलाम खदान मानसून सत्र होने के कारण बंद है। एन.जी.टी. के द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। उक्‍त रेत व्‍यापारी अनुज्ञप्ति एवं भण्‍डारण                                                                                                                               सह-व्‍यापारिक अनु‍ज्ञप्ति संचालित है। इसकी भण्‍डारित रेत मात्रा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं। केवलारी विधानसभा क्षेत्र में महिष्‍मति रेत कंपनी मण्‍डला को स्‍वीकृत रेत खदान में मानसून सत्र की वजह से काम बंद है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।                                                                                                                                                                                                                    (घ) राज्‍य शासन द्वारा रेत खनिज की रॉयल्‍टी दर निर्धारित की जाती है। रेत खनिज की बिक्री दर का निर्धा‍रण राज्‍य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। अत: शेष का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''बहत्तर''

पूर्व माध्‍यमिक विद्यालय का हाई स्‍कूल में उन्‍नयन 

[स्कूल शिक्षा]

179. ( क्र. 4322 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पूर्व माध्‍यमिक विद्यालयों का हाई स्‍कूल में उन्‍नयन करने का नियम/प्रावधान है? यदि हाँ, तो मापदण्‍ड क्‍या हैं? (ख) क्‍या जिला रीवा के विकासखण्‍ड जवा अन्‍तर्गत ग्राम भड़रा स्थित पूर्व माध्‍यमिक विद्यालय प्रश्नांश (क) के मापदण्‍ड में आता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इस पूर्व माध्‍यमिक विद्यालय को हाई स्‍कूल में प्रोन्‍नत नहीं करने का कारण बतायें? (ग) प्रश्‍नाधीन पूर्व माध्‍यमिक विद्यालय कब तक हाई स्‍कूल में प्रोन्‍नत किया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार                                                                                                                                                                       (ख) एवं (ग) वर्ष 2019-20 में स्कूलों के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तिहत्तर''

आदिवासियों को आवास से बेदखल पर रोक

[वन]

180. ( क्र. 4323 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                                                                        (क) शहडोल जिले के तहसील सोहागपुर के ग्राम बमुरी के कौन-कौन आदिवासी कब-कब से आवास घर बनाकर वनभूमि में काबिज हैं? (ख) प्रश्‍नाधीन आदिवासियों के विरूद्ध कब-कब बेदखल की क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) आदिवासियों को आवास घर हेतु पट्टा देने की नीति अनुसार प्रश्‍नाधीन आदिवासियों को आवास हेतु पट्टा कब तक प्रदान किया जायेगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन तहसील के ग्राम बमुरी में कोई आदिवासी वनभूमि पर आवास घर बना कर काबिज नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वनभूमि पर आदिवासियों को आवास घर हेतु पट्टा देने की कोई योजना नहीं है।

स्‍कूल भवनों का निर्माण

[स्कूल शिक्षा]

181. ( क्र. 4325 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र में कितने विद्यालयों के भवन स्‍वीकृत किये गये, जिनमें से कितने भवनों पर काम किया व कितने पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं?                                                                                                                            (ख) विद्यालय भवनों पर स्‍कूलवार कितना बजट प्राप्‍त किया गया, कितना व्‍यय किया कितना शेष है? कब तक पूर्ण होंगे? (ग) किन-किन एजेन्सियों व संस्‍थाओं द्वारा इन भवनों का निर्माण कार्य किया गया? स्‍कूलवार जानकारी देवें (घ) ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले समस्‍त शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की संख्‍या स्‍कूलवार प्रदान करें? जहां पद रिक्‍त हैं, वे कब तक भरे जायेंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विगत 5 वर्ष 2014-15 से सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले को स्वीकृति एवं बजट के अनुसार वर्ष 2015-16 में 9 माध्यमिक विद्यालय भवन एवं वर्ष 2017-18 में 3 प्राथमिक विद्यालय भवन स्वीकृत किये गये हैं। सभी शाला भवन निर्माण कार्य पर काम किया गया है, जिसमें से 11 कार्य पूर्ण एवं 01 कार्य अपूर्ण है। कार्यवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) विद्यालय भवनों पर स्कूलवार प्राप्त बजट, व्यय राशि एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पूर्ण कार्यों की राशि व्यय की जा चुकी है। 01 कार्य अपूर्ण है। छत ढलाई पश्‍चात् कार्य प्रगतिरत है। कार्य दिनांक 31 अगस्त, 2019 तक पूर्ण करा लिया जावेगा। कार्य पूर्ण होने पर अंतिम किश्‍त राशि जारी की जावेगी जो कि अभी शेष है। शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''' अनुसार(ग) ग्राम पंचायत एवं शाला प्रबंधन समिति द्वारा भवन निर्माण, कार्य किया गया। माध्यमिक विद्यालय में विद्युतीकरण का कार्य लोक निर्माण विभाग की विद्युत एवं यांत्रिकी शाखा द्वारा किया गया, नलकूप खनन का कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''अनुसार। पदों की पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ब्‍यावरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित पशु चिकित्‍सालय

[पशुपालन]

182. ( क्र. 4326 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                                                                                  (क) विधान सभा क्षेत्र ब्‍यावरा में कितने पशु चिकित्‍सालय हैं व किन-किन गांवों में संचालित हैं? (ख) क्‍या सभी चिकित्‍सालयों में डॉक्‍टर उपलब्‍ध हैं? यदि हाँ, तो उनकी सूची उपलब्‍ध ग्रामवार करवाएं? यदि नहीं, तो कब तक चिकित्‍सालयों में चिकित्‍सक सेवाएं देंगे? साथ ही वहां पदस्‍थ अधिकारियों/ कर्मचारियों की सूची देवें। (ग) पशुपालकों के लिए कौन-कौन सी वर्तमान में योजनाएं चल रही हैं?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार

परिशिष्ट - ''चौहत्तर''

अधिकारी/कर्मचारियों पर दर्ज अपराधिक प्रकरण

[आदिमजाति कल्याण]

183. ( क्र. 4330 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग में जिन कर्मियों पर जाँच अपराधिक प्रकरण दर्ज है एवं जांचाधीन है, वह तृतीय श्रेणी के अधिकारी कर्मचारी जिला संयोजक सहायक आयुक्‍त पद पर पदस्‍थ है? यदि हाँ, तो शासन नियमों के प्रकाश में इन्‍हें कब तक हटा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या विभाग में अन्‍य विभागों के अधिकारी सहायक आयुक्‍त जिला संयोजक के पद पर कार्यरत है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? साथ में वरिष्‍ठ द्वितीय श्रेणी अधिकारी उपलब्‍ध होने पर भी अन्‍य विभाग के अधिकारियों को क्‍यों पदस्‍थ किया गया है? (ग) क्‍या आहरण संवितरण के अधिकार द्वितीय श्रेणी स्‍तर के अधिकारी को होते हैं? यदि हाँ, तो गुना, सीहोर जिलों में तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों द्वारा यह कार्य किये जा रहे हैं, इसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी है?

आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। श्री कमलेश कुमार पाण्‍डे, सहायक आयुक्‍त, सीधी पशुपालन विभाग। 2. श्री बी.एल. माथुर, प्रभारी जिला संयोजक, गुना वन विभाग। प्रशासनिक व्‍यवस्‍था के अनुरूप। (ग) जी हाँ। प्रभारी जिला संयोजक, गुना, द्वितीय श्रेणी अधिकारी हैं एवं जिला संयोजक सीहोर तृतीय श्रेणी कार्यपालिक है। गुना एवं सीहोर में जिला संयोजक का पद रिक्‍त होने के कारण स्‍था‍नीय व्‍यवस्‍था के तहत् उपलब्‍ध अधिकारियों को कलेक्‍टर द्वारा जिला संयोजक का प्रभार दिया गया है। कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

उपरोक्‍त जिले में समितियों को दी गई राशि की जानकारी

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

184. ( क्र. 4333 ) श्री सुनील सराफ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                 (क) दिनांक 01.01.2016 से 31.05.2018 तक भोपाल जिले में विभाग की किस-किस योजना के तहत कितनी राशि किन व्‍यक्तियों/समितियों को दी गई? योजना नाम, समिति/व्‍यक्ति/N.G.O. नाम, राशि, कार्यनाम सहित वर्षवार देवें। (ख) क्‍या नीलक्रांति योजना के तहत सोना मत्‍यस्‍योदयोग सहकारी समिति में घोड़ा पछाड़ डेम में मछली पालन के लिए 100 केज के स्‍थान पर 50 केज लगाए, इसका भौतिक सत्‍यापन करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम एवं इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ग) बिना विभागीय अनुमति के एकलव्‍य एकवा इंटरप्रायोज के बैंक खाते में 70 लाख रुपये किस आधार पर ट्रांसफर कर दिए गए? इस संबंध में हुई जाँच की प्रमाणित प्रति देवें और इस संबंध में एफ.आई.आर. क्‍यों नहीं की गई? (घ) इसके लिए जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर राशि की वसूली करेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार(ख) जी नहीं। जिन अधिकारी द्वारा भौतिक सत्‍यापन किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार(ग) राशि ट्रांसफर होने की जाँच की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। एफ.आई.आर. के संबंध में पुलिस थाना शाहजहानाबाद के लेख के आधार पर दिनांक 19.6.2019 से प्रकरण सहकारिता धोखाधड़ी होने के कारण आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में पंजीयन हेतु भेजा गया। (घ) दोषी अधिकारी पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

पशु चिकित्‍सा दवाएं, उपकरण, वाहन की जानकारी

[पशुपालन]

185. ( क्र. 4334 ) श्री सुनील सराफ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                                                    (क) इंदौर, जबलपुर और भोपाल जिले में दिनांक 01.01.2016 से 31.05.2019 त‍क किन-किन फर्मों से पशु चिकित्‍सा दवाइयां, उपकरण व अन्‍य सामग्री क्रय की गई है? जिलावार, वर्षवार, फर्मवार भुगतान राशि का विवरण देवें। (ख) उक्‍त अवधि में उक्‍त जिलों में कितने वाहन किराये पर लिये गये? उनके नम्‍बर, वाहन स्‍वामी का नाम, उनको भुगतान की गई राशि, भुगतान दिनांक, लम्बित राशि, वाहनवार, वर्षवार देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अनुबंध के लिये निकाली गई विज्ञापनों की छायाप्रति भी देवें? इन वाहनों का अधिकारियों द्वारा एम्‍बुलेंस अन्‍य कार्यों में जो उपयोग किया गया? उसकी जानकारी वाहनवार देवें

पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार

नगर पालिका, परिषद महिदपुर के कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

186. ( क्र. 4337 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर पालिका परिषद द्वारा दिनांक 01.04.2015 से 31.05.2019 तक समस्‍त क्रय व‍ निर्मित कार्यों तथा प्रदाय सेवाओं पर हुए व्‍यय की जानकारी वर्षवार देवें?                                                                                                                       (ख) कचरा वाहन समेत उन वाहनों पर हुए डीजल/पेट्रोल पर व्‍यय की जानकारी वर्षवार देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पचहत्तर''

प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही

[वन]

187. ( क्र. 4338 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                                          (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के जनपद पंचायत महिदपुर के ग्राम पंचायत ढाबलासिया के संदर्भ में अपर मुख्‍य वन संरक्षक सतपुड़ा भवन को दिये गये प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 46-P, दिनांक 23.06.2019 पर प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराएं? (ख) उपरोक्‍त कार्य की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जनपद पंचायत महिदपुर के ग्राम पंचायत ढाबलासिया में वानिकी एवं फलदार पौधरोपण का प्राक्‍कलन तैयार करने के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍नाधीन पत्र के संदर्भ में शासकीय राजस्‍व भूमि का निरीक्षण वन विभाग एवं राजस्‍व विभाग के संयुक्‍त दल द्वारा किया गया। संयुक्‍त निरीक्षण में स्‍थल पर ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण कर फसल बोना पाया गया। (ख) प्रश्‍नाधीन भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण कोई स्‍वीकृति संभव नहीं है।

वन्‍य जीवों जगंली पशुओं का आबादी क्षेत्र में प्रवेश

[वन]

188. ( क्र. 4351 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                       (क) क्‍या वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग को नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में वन्‍य जगंली जानवर जंगली सुअर, नीलगाय आदि द्वारा फसल नुकसान की शिकायतें प्राप्‍त हुईं हैं? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा जंगली जानवरों द्वारा फसलों को क्षति/नुकसान न हो, इस संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या जंगली जानवरों द्वारा किये गये फसलों के नुकसान का मुआवजा के लिये विभाग से मुआवजा राशि/अन्‍य सुविधा हेतु कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार उक्‍त राशि को कब-कब प्रदाय किया गया?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में नरयावली विधान सभा क्षेत्र में जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान की 46 कृषकों की शिकायतें प्राप्‍त हुई। ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) वन्‍यप्राणी वन क्षेत्र से बाहर राजस्‍व क्षेत्र में आकर किसानों की फसलों की नुकसानी न करें, इसके लिए वन क्षेत्र के अंदर चारे एवं पानी की व्‍यवस्‍था बजट उपलब्‍धता अनुसार की गयी है। (ग) जंगली जानवर द्वारा फसलों का नुकसान करने पर राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा का भुगतान राजस्‍व विभाग द्वारा किया जाता है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छिहत्तर''

समयमान वेतनमान का लाभ न दिया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

189. ( क्र. 4353 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों को शासकीय सेवक माना गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासकीय सेवकों की भांति उन्‍हें समयमान वेतनमान का लाभ मिल रहा है? यदि हाँ, तो यह कब से लागू हुआ है और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं मिल रहा है? (ग) क्‍या विभाग में यांत्रिकी सेवा के समस्‍त अधिकारियों को समयमान वेतनमान का लाभ मिल रहा है? यदि हाँ, तो एक ही विभाग में दो प्रकार की नीतियां क्‍यों अपनाई जा रही है? मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों को समयमान वेतनमान का लाभ कब तक दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। समयमान वेतनमान दिये जाने के लिये कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। यांत्रिकीय सेवा के अधिकारियों को दिये गये समयमान वेतनमान की भांति मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों को समयमान वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

वृक्षारोपण की जाँच

[वन]

190. ( क्र. 4355 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                           (क) 02 जुलाई, 2017 को प्रदेश में 7 करोड़ पौधे रोपित किये गये थे, जिनमें से 3.50 करोड़ पौधे वन विभाग व शेष पौधे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रोपित किये गये थे? क्‍या वन विभाग द्वारा रोपित पौधे की जाँच/सत्‍यापन करायेंगे? (ख) क्‍या वन विभाग द्वारा रोपित पौधों की जाँच विभागीय मंत्री द्वारा बैतूल जिले में की गई थी, जिसमें व्‍यापक अनियमितता पाई गई थी? वन विभाग का मूल कार्य वृक्षारोपण व वन संवर्धन ही है, फिर भी अनियमितताएं पाई गई, क्‍यों? क्‍या विभाग प्रदेश के अन्‍य वनमण्‍डलों में भी उक्‍त वृक्षारोपण की विस्‍तृत जाँच करायेगा?                                                                                                   (ग) प्रश्नांश (क) उल्‍लेखित वृक्षारोपण की विस्‍तृत, सटीक व सूक्ष्‍म जाँच के लिए क्‍या विभाग नई तकनीकी अपनायेगा? यदि हाँ, तो यह प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? नई तकनीक से विभाग को क्‍या लाभ प्राप्‍त होगा?

वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) 02 जुलाई, 2017 को प्रदेश के अन्‍तर्गत नर्मदा कछार में 7.09 करोड़ पौधे रोपित किये गये थे, जिनमें से वन विभाग द्वारा वन विकास निगम सहित 3.34 करोड़ पौधे रोपित किये गये थे। शेष पौधे पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित अन्‍य विभागों द्वारा रोपित किये गये। वन विभाग द्वारा रोपित पौधों की जीवितता की पुन: जाँच की जा रही है।                                                                                                                                                          (ख) माननीय वन मंत्री जी द्वारा बैतूल जिले के उत्‍तर बैतूल वनमण्‍डल के शाहपुर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 227 में रोपित पौधों बावत् दिनांक 27 जून, 2019 को सेम्‍पल प्‍लॉट के आधार पर जाँच की गई, जिसमें अनियमितताएं पायी गयीं। यह अनियमितता प्रथम दृष्‍ट्या उक्‍त वृक्षारोपण के प्रभारी अधिकारी/कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई। प्रदेश के नर्मदा कछार से संबंधित सभी वनमण्‍डलों में 02 जुलाई, 2017 को वन क्षेत्रों में तथा वन विभाग द्वारा रख-रखाव किये जा रहे वृक्षारोपण क्षेत्रों में रोपित पौधों की जाँच हेतु राज्‍य शासन के पत्र दिनांक 12.07.2019 द्वारा जाँच दल गठित कर जाँच कराने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) आधुनिक तकनीकी के माध्‍यम से वृक्षारोपणों की सटीक एवं सूक्ष्‍म जाँच हेतु विभाग सदैव प्रयत्‍नशील है। Drone, Satellite Monitoring तथा Artificial Intelligence तकनीक का उपयोग किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। आधुनिक तकनीकी से वृक्षारोपण के अनुश्रवण साथ-साथ वन आवरण की भी विभाग को सही एवं अद्यतन जानकारी प्राप्‍त हो सकेगी।

सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट कार्य की जानकारी 

[नगरीय विकास एवं आवास]

191. ( क्र. 4359 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत योजना के अंतर्गत भोपाल शहर में किस-किस स्‍थान पर कितनी-कितनी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट बनाने हेतु डी.पी.आर. केन्‍द्र सरकार को भेजी गई थी? केन्‍द्र सरकार द्वारा किस-किस स्‍थान हेतु डी.पी.आर. स्‍वीकृत की गई? स्‍वीकृत डी.पी.आर. की प्रति तथा प्रत्‍येक एस.टी.पी. के ले-आउट की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत कहाँ-कहाँ सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट का निर्माण चल रहा है? सभी साइटों का विवरण दें।                                                                                                  (ग) क्‍या किसी स्‍थान पर डी.पी.आर. में स्‍वीकृत स्‍थान से हटकर निर्माण किया जा रहा है, तो संशोधित डी.पी.आर. एवं केन्‍द्र शासन से उसकी स्‍वीकृति‍ का संपूर्ण विवरण तथा सं‍शोधन प्रस्‍तावित करने वाले एवं उसे अनुमोदित करने वाले सभी अधिकारियों के नाम व पद की जानकारी दें?                                                                                                                              (घ) एस.टी.पी. बनाने में रहवासी क्षेत्रों से उचित दूरी रखने एवं नजदीकी रहवासियों से चर्चा/सहमति हेतु म.प्र. शासन, भारत सरकार, एन.जी.टी. तथा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मण्‍डल द्वारा क्‍या                                                                                                               नीति-निर्देश जारी किये गये हैं? (ड.) शाहपुरा तालाब की डाउन स्‍ट्रीम में बन रहे एस.टी.पी. की वर्तमान रहवासी कॉलोनी, शासकीय विद्यालयों से कितनी दूरी है? क्‍या इसके विपरीत प्रभावों को लेकर कोई अध्‍ययन किया गया है? रहवासियों, विद्यालयों तथा भू-जल पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के अध्‍ययन निष्‍कर्ष उपलब्‍ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत योजनांतर्गत कोई भी डी.पी.आर. केन्‍द्र सरकार (भारत सरकार) को भेजे जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                                                                                                                                   (ग) जी हाँ। भूमि की उपलब्‍धता के अनुसार नगर निगम द्वारा निर्धारित स्‍थानों एवं भूमियों पर एस.टी.पी. का कार्य किया जा रहा है, चूंकि डी.पी.आर. केन्‍द्र सरकार द्वारा स्‍वीकृत नहीं की गई है, जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) भारत सरकार की गाईडलाइन की प्रकाशित प्रारूप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार, एन.जी.टी. की गाईडलाइन की प्रकाशित प्रारूप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार, म.प्र. प्रदूषण बोर्ड की गाईडलाइन की प्रकाशित प्रारूप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) शाहपुरा तालाब की डाउन स्‍ट्रीम में बन रहे एस.टी.पी. के प्रमुख घटक, जिनमें सीवेज एकत्रित एवं उपचारित किया जाता है कि वर्तमान रहवासी कॉलोनी से दूरी लगभग 50 मीटर एवं शासकीय विद्यालय से लगभग 65 मीटर है। जी नहीं। वरन सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मेन्‍यूअल की कंडिका क्रमांक 5.3.7.1 अनुसार क्षेत्र में निर्मित किये जा रहे एस.टी.पी. को एस.बी.आर. तकनीक के आधार पर बनाया जा रहा है, जिसमें सीवेज के उपचारण हेतु तकनीकी रूप से आवश्‍यक आधुनिक सभी घटक जैसे- Screen Chambers, Grit Chamber, Primary Clarifier, Sludge Thickening, Decanters and UV Channels आदि सम्मिलित है, सीवेज उपचारण पश्‍चात् क्षेत्र में दुर्गंध फैलने की संभावना नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍टेडियम निर्माण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र का प्रदाय

[स्कूल शिक्षा]

192. ( क्र. 4361 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्‍टेडियम के निर्माण हेतु राशि स्‍वीकृत नहीं की जाती है? क्‍या छात्र/छात्राओं को खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु स्‍टेडियम निर्माण अनिवार्य है?                                                                                                                                     (ख) क्‍या टीकमगढ़ जिले के नगर परिषद पलेरा अंतर्गत हल्‍का पलेरा हार में खसरा नं. 1740-5, रकबा 3.221 शासकीय भूमि आबादी रकबा .221 हेक्‍ट. हाई स्‍कूल एवं खेल का मैदान रकबा 3.000 हेक्‍ट. भूमि शासकीय उत्‍कृष्‍ट बालक उ.मा.वि. पलेरा एवं मॉडल स्‍कूल के मध्‍य खेल के मैदान हेतु आवंटित है? खेल के मैदान में कौन-कौन से कार्य किसके द्वारा कितनी-कितनी लागत से करवाये जा चुके हैं? (ग) क्‍या नगर परिषद पलेरा जिला टीकमगढ़ द्वारा मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना मद में नगर में स्‍टेडियम निर्माण हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा 98.86 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई है? क्‍या स्‍टेडियम निर्माण हेतु नगर परिषद पलेरा द्वारा शासकीय उत्‍कृष्‍ट उ.मा.वि. पलेरा के प्राचार्य को खेल के मैदान हेतु आवंटित भूमि पर स्‍टेडियम निर्माण हेतु पत्र लिखकर निवेदन किया गया था कि अनापत्ति प्रमाण पत्र दिये जाने हेतु। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर प्राचार्य द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ एवं पी.ई.ओ. टीकमगढ़ द्वारा आयुक्‍त लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल को पत्र क्रमांक विद्या/2019/215, दिनांक 18.2.2019 भेजी गई समस्‍त जान‍कारियों के बावजूद एवं आयुक्‍त, लोक शिक्षण, प्रमुख सचिव, स्‍कूल शिक्षा द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत स्टेडियम निर्माण की कोई योजना नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन विभागीय जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) विभागीय शाला भूमि के अन्य विभाग के उपयोग हेतु शाला की शैक्षणिक व्यवस्था की अनुकूलता का परीक्षण कर ही निर्णय लिया जाता है। अतः समय-सीमा बनाया जाना संभव नहीं है।