मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2017
सत्र
बुधवार, दिनांक 26 जुलाई, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
स्कीम बोर
के अपूर्ण कार्यों
को पूर्ण किया
जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 2504 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सत्र 2013-14 में विभाग के द्वारा विधानसभा क्षेत्र सिरमौर में स्कीम बोर के तहत 6 इंच के कुल कितने हैण्डपंप खनन कार्य कराए गये थे? क्या चिन्हित स्थलों में किये गए खनन में आज तक राइजर पाईप, मोटरपंप एवं हैण्डल नहीं लगाये गये, जिस कारण से क्षेत्रवासियों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल सका? उक्त लंबित कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ख) इतने वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी उक्त योजना का लाभ जनता को क्यों नहीं मिल पाया? क्या विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की उदासीनता के कारण शासन द्वारा जल संकट को दूर करने के प्रयासों पर गतिरोध उत्पन्न हो रहा है? क्या विभाग द्वारा ऐसे मामलों की निष्पक्ष जाँच कराई जावेगी तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदारों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 21 नलकूप। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( *क्र. 2980 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2016 से 30.06.2017 तक कितने बोर खनन किए गए? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) इनमें से निर्धारित मापदण्डों के अनुसार केसीन पाईप कितने लगाये, कितनी गहराई के किए गए? (ग) महिदुपर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) अनुसार समयावधि में कितनी नल-जल योजनाओं के कार्य स्वीकृत हुए? कितने कार्यों के टेंडर स्वीकृत हुए एवं कितने कार्य प्रारंभ हुए? सूची देवें। (घ) टेंडर स्वीकृत होकर कितने कार्य प्रारंभ नहीं हुए या रूके हुए हैं? सूची देवें। इसके कारण बतावें। इसके दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 163 नलकूप (बोर)l जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार हैl (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार हैl (ग) 16 नल-जल योजनाओं के कार्य स्वीकृत किए गए, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार हैl (घ) 6 टेंडर स्वीकृत हुए हैं, जिनके कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार हैl शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl
पी.ई.जी.वाय. स्कीम अंतर्गत गोदाम निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( *क्र. 2794 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पी.ई.जी.वाय. Private Enterpreneur Guarantee Scheme लागू है? यदि हाँ, तो इसके अंतर्गत कितने गोदाम किन-किन स्थानों पर किस-किस क्षमता के निर्मित किये गये हैं। (ख) उक्त योजना में नोडल एजेंसी कौन है एवं उनके क्या उत्तरदायित्व हैं। (ग) उक्त योजनांतर्गत किन-किन स्थानों पर गोदाम निर्माण कर लिये गये हैं। निर्माण पूर्ण होने की तिथिवार, निवेशकवार जानकारी देवें। (घ) उक्त निर्मित गोदामों में से किन-किन गोदामों के अनुबंध नोडल एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कर लिये गये हैं एवं किन-किन गोदामों के अनुबंध किन कारणों से नहीं हुए हैं। (ड.) अनुबंधित गोदामों की ग्यारंटीड किराया राशि में कटौतियां, अर्थदण्ड हेतु कोई नीति है। क्या यह निविदा शर्तों एवं अनुबंध में उल्लेखित है? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण देवें। (च) क्या निर्माणाधीन गोदामों का निरीक्षण निविदानुसार किया गया था? यदि हाँ, तो निरीक्षण रिर्पोट किनके द्वारा बनाई गई? निरीक्षण रिपोर्ट में निवेशकों के हस्ताक्षर कराए गए या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। गोदाम निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन भोपाल नोडल एजेन्सी है। कार्पोरेशन का उत्तरदायित्व प्रदेश में उपयुक्त स्थानों पर एच.एल.सी. की स्वीकृति उपरांत, निविदा के माध्यम से एम.टी.एफ. के प्रावधान अनुसार भण्डारण हेतु क्षमता निर्मित करवाया जाना है। खाद्यान्न भण्डारण के पी.एम.एस. (प्रिजरवेशन मेंटेनेंस एंड सिक्योरिटी ऑफ स्टाक्स) हेतु निवेशकों से लीज़ अनुबंध निष्पादित करवाया जाना है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ड.) निर्माण अनुबंध के शैड्यूल-I, 8 (C) में रोड पर 40 M.M. थिक डामरीकरण एवं अनुबंध की कंडिका 35 में ''इन्फ्रास्ट्रक्चर्स'' के अंतर्गत वुडन क्रेट्स का प्रावधान है। निवेशकों को गारंटी अनुबंध दिनांक से एक वर्ष में डामरीकरण करवाने एवं दिनांक 26.11.2016 तक वुडन क्रेट्स रूपये 0.37 प्रति क्विंटल प्रतिमाह ''गारंटी किराये'' से कटोत्री के आधार पर एच.एल.सी. द्वारा शिथिलता दी गई है। निर्धारित समय-सीमा में कार्य नहीं करवाने पर एच.एल.सी. (उच्च स्तरीय समिति) की बैठक दिनांक 28.03.2017 द्वारा क्षतिपूर्ति एवं अनुबंध सीज करने का निर्णय लिया गया है। (1) अनुबंध की कंडिका 31 के अनुसार 1+1=2 वर्ष में कार्य पूर्ण नहीं करवाने पर अनुबंध निरस्ती का प्रावधान है तथा कंडिका 32 में विलंब से पूर्ण हुए गोदामों को गृहीत न करने तथा जमा सुरक्षा राशि जब्त करने का प्रावधान है। (2) अनुबंध की कंडिका 53 (ii) में निर्धारित मापदण्ड के गोदाम निर्माण नहीं करवाने पर अनुबंध निरस्त करने, कम रेन्ट करने, लीज अवधि कम करने का प्रावधान है। (3) एच.एल.सी. दिनांक 16.04.2013 द्वारा माईनर एवं मेजर डेवियेशन का निर्धारण एवं माईनर डेवियेशन को स्वीकृत करने के अधिकार एस.एल.सी. को दिये गये हैं। निवेशकों के हित में एच.एल.सी. द्वारा माईनर डेवियेशन वाले गोदामों को डबल सी.एस.ए. (क्षतिपूर्ति) लगाते हुऐ गारंटी का निर्णय लिया गया है। (च) अनुबंध की कंडिका 52 में चार स्तरों पर निवेशक द्वारा नोडल एजेन्सी को सूचित करने पर भारतीय खाद्य निगम एवं मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के इंजीनियरों की संयुक्त समिति द्वारा निरीक्षण का प्रावधान है। उक्त कंडिका में निरीक्षण रिपोर्ट पर निवेशक के हस्ताक्षर करवाने का प्रावधान नहीं है।
तकनीकी स्वीकृति की समय-सीमा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( *क्र. 2061 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंचायत या अन्य विभागों की पेयजल संबंधित तकनीकी स्वीकृति विभाग द्वारा कितने कार्य दिवस में दी जाती है? क्या अवधि का प्रावधान है? (ख) क्या विभाग के जिला अधिकारी पेयजल जैसी गंभीर विषयों की तकनीकी स्वीकृति अपनी मर्जी से 4-5 माह या 1 वर्ष तक कभी भी दे सकते हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र पंधाना की कितनी पंचायतों की तकनीकी स्वीकृतियाँ कितने समय से लंबित पड़ी हैं व कितनी स्वीकृतियाँ दी जा चुकी हैं? (घ) क्या ग्रीष्मकाल के भीषण पेयजल संकट के बावजूद तकनीकी स्वीकृति को अनावश्यक रोके रखने वाले अधिकारियों पर विभाग कोई कार्यवाही करता है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) निश्चित समयावधि का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रस्तावित कार्य स्थल के निरीक्षण पश्चात् तकनीकी मापदण्ड एवं आवश्यकता के आधार पर यथाशीघ्र तकनीकी स्वीकृति प्रदान की जाती है। (ग) विधानसभा प्रश्न प्राप्ति दिनांक 04.7.2017 तक खण्ड कार्यालय को प्राप्त सभी प्रस्तावित कार्यों की तकनीकी स्वीकृतियाँ दी जा चुकी हैं। कोई लंबित नहीं हैं। प्रश्न प्राप्ति तक कुल 11 कार्यों की तकनीकी स्वीकृतियाँ इस वित्तीय वर्ष में दी जा चुकी हैं। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य दुकानों के कमीशन का निर्धारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( *क्र. 3045 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक/एफ-3-49/2012/29-2, भोपाल दिनांक 04.05.2015 को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न के लिये उचित मूल्य की दुकान के कमीशन का पुनर्निर्धारण करने के आदेश जारी किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या नगरीय क्षेत्र में खाद्यान्न पर उचित मूल्यों की दुकानों को 70 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कमीशन दिया जावेगा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पृथक विक्रेता होने पर प्रत्येक दुकान को केवल खाद्यान्न पर 8400 रूपये प्रति दुकान कमीशन दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में भिन्नता क्यों रखी गयी है? कारण सहित बतावें। क्या शासन उक्त आदेश को निरस्त कर एक समानता पूर्वक कमीशन के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को रू. 70/- प्रति क्विंटल तथा ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को 200 या 200 से अधिक राशनकार्ड वाली प्रत्येक दुकान को एक मुश्त प्रतिमाह रू. 8,400/- खाद्यान्न पर कमीशन दिया जा रहा है। यह कमीशन पृथक विक्रेता रखने पर ही देय होगा, अन्यथा एक विक्रेता द्वारा ही एक से अधिक दुकानों का संचालन करने पर अतिरिक्त दुकानों एवं 200 से कम राशनकार्ड वाली दुकानों के लिए रू. 2,400/- प्रति दुकान कमीशन दिया जा रहा है। 200 से कम राशनकार्ड वाली दुकानों के लिए पृथक से विक्रेता रखना आवश्यक नहीं है। भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न वितरण पर उचित मूल्य दुकानों को रू. 70/- प्रति क्विंटल की दर से कमीशन निर्धारित किया गया है। तदानुसार नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को कमीशन दिया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों की संख्या का निर्धारण 800 पात्र परिवारों की संख्या के आधार पर करने के कारण प्रति दुकान खाद्यान्न की मात्रा ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में अधिक है, साथ ही चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में ''असर'' व्यवस्था लागू की जाने के कारण जिस उचित मूल्य दुकानदार द्वारा उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा दी जाएगी, उसके खाद्यान्न आवंटन में भी वृद्धि होने से कमीशन राशि भी अधिक प्राप्त होगी, जो कि एक मुश्त कमीशन देने पर संभव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोली जाने के कारण नगरीय क्षेत्र की तुलना में प्रति दुकान पात्र परिवारों की संख्या कम होने से खाद्यान्न आवंटन की मात्रा कम होगी, जिस पर प्रति क्विंटल की दर से कमीशन निर्धारित करने पर कमीशन कम प्राप्त होता। ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को भी आर्थिक रूप से सक्षम बनाने तथा कम पात्र परिवार संख्या वाली पंचायतों में दुकानों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्न पर प्रति क्विंटल के स्थान पर एक मुश्त कमीशन निर्धारित किया गया है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में कमीशन निर्धारण हेतु जारी आदेश में संशोधन/निरस्त करने की कोई आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आपदा राहत मद से वितरित राशि
[राजस्व]
6. ( *क्र. 2621 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2786, दिनांक 17.03.2016 में बताया गया था कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा आपदा राहत मद से दुर्घटना प्राकृतिक प्रकोप से शारीरिक क्षति/मृत्यु हो जाने से पीड़ितों के आश्रितों को राहत राशि प्रदान की जाती है तथा 17.03.2016 तक के दो वर्ष में 51 व्यक्तियों को 61 लाख रूपये की राहत राशि प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) एवं प्र.क. 7394, दिनांक 27.3.2017 के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक मऊगंज विधान सभा क्षेत्र में आग लगने की घटना से (मकान, दुकान, खलिहान) नाम, पूर्ण पता, स्वीकृत राशि का विवरण देवें? संबंधितों को आर्थिक सहायता दिये जाने के प्रावधान के अनुरूप किसे-किसे आर्थिक सहायता दी गयी, की सूची विगत तीन वर्षों की पूर्ण पता, घटना स्थल का नाम एवं स्वीकृत राशि का विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक दुर्घटना प्राकृतिक प्रकोप/दुर्घटना से शारीरिक क्षति/मृत्यु हो जाने से शासन द्वारा राहत राशि प्राप्त लोगों के मृतक का नाम, आश्रित का नाम, पूर्ण पता तथा प्रदान की गई राहत राशि का विवरण प्रकोप का प्रकार सहित पृथक-पृथक देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन द्वारा आपदा राहत मद से नाव दुर्घटना अथवा बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाशय में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्ड में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्यक्तियों के मृत्यु या शारीरिक क्षति एवं प्राकृतिक आपदाओं से शरीरिक क्षति/मृत्यु होने पर पीड़ितों के परिवार को राहत राशि प्रदान की जाती है। जी हाँ, प्रश्न क्रमांक 2786, दिनांक 17.03.2016 में दिये गये उत्तर में दो वर्षों में 51 व्यक्तियों को राशि रूपये 40-00 लाख तथा अग्नि पीड़ितों एवं अन्य मद में रूपये 21-00 लाख की राहत राशि का वितरण किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) एवं प्र.क. 7394, दिनांक 27.03.2017 के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक मउगंज विधानसभा क्षेत्र में आग लगने की घटना से (मकान, दुकान, खलिहान) नाम, पूर्ण पता, स्वीकृत राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक अग्नि दुर्घटना, प्राकृतिक प्रकोप से शारीरिक क्षति नहीं हुई है। मृत्यु हो जाने से शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों (आर.बी.सी. 6-4) के प्रावधानानुसार मृतक व्यक्ति आश्रितों को राहत राशि प्रदान की गई है। प्रदान की गई राहत राशि का व्यक्तिवार/ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
राजस्व निरीक्षकों को स्थानांतरित/आसंजन करने के नियम
[राजस्व]
7. ( *क्र. 3035 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 207, दिनांक 12.05.2016 से राजस्व निरीक्षकों को सशक्त कर नायब तहसीलदार की शक्तियां प्रदत्त की गई हैं? कौन से राजस्व निरीक्षकों को सशक्त किया जाना है? क्या सशक्त राजस्व निरीक्षकों को स्थानांतरित अथवा आसंजन करने के भी नियम हैं? (ख) भिण्ड जिले में कितने राजस्व निरीक्षकों को सशक्त राजस्व निरीक्षक (नायब तहसीलदार) माना गया व इनमें से कितने नायब तहसीलदार के रूप में कार्यरत हैं? नाम व पूर्व एवं वर्तमान पदस्थापना स्थान सहित जानकारी दी जाये। क्या जिले में सशक्त निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के साथ-साथ अपने मूल पद का कार्य भी करने हेतु आदेशित किया गया है? (ग) विगत तीन वर्ष में भिण्ड जिले में कौन-कौन नायब तहसीलदारों को एक से दूसरे स्थान पर कब-कब स्थानांतरित/आसंजित किया गया? जिले के वृत्त फूप व उमरी पर कौन-कौन राजस्व निरीक्षक पदस्थ हैं? क्या राजस्व निरीक्षक पदस्थ होते हुये भी जिला भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ राजस्व निरीक्षकों से यहां कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस कारण से क्या इन्हें हटाया जायेगा? सभी की नामजद जानकारी दी जाये। (घ) गोरमी वृत्त के प्रभारी राजस्व निरीक्षक को नायब तह. गोहद के रूप में स्थानांतरण/आसंजन किया था, जहां से इनको बिना स्थानांतरण नियम के भिण्ड तहसील के वृत्त फूप पर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? नाम सहित जानकारी दी जाये? क्या नियम विरूद्ध होने से हटाया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जिले के अंदर वरिष्ठ राजस्व निरीक्षक को सशक्त किया गया है। जी हाँ। (ख) भिण्ड जिले में 19 राजस्व निरीक्षकों को सशक्त माना है। इनमें से 11 नायब तहसीलदार के रूप में कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिले में सशक्त राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के साथ-साथ अपने मूल पद का कार्य भी करने हेतु आदेशित किया है। (ग) भिण्ड जिले में आदेश दिनांक 29.12.2016 द्वारा निम्नलिखित राजस्व निरीक्षकों को एक से दूसरे स्थान पर पदस्थ किया गया है :-
स.क्र. |
नाम |
वर्तमान पदस्थापना |
नवीन पदस्थापना |
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
1. |
श्री बलवीर सिंह भदौरिया |
तह. मौ |
वृत्त फूप |
2. |
श्री विनोद सिंह तोमर |
तह. मेहगांव |
वृत्त पीपरी |
3. |
सुश्री माला शर्मा |
वृत्त पीपरी |
तह. मौ |
जिले में वृत्त फूप पर श्री आलोक सिंह भदौरिया एवं वृत्त उमरी पर श्री अनिल सिंह भदौरिया राजस्व निरीक्षक पदस्थ हैं। वृत्त फूप पर श्री आलोक सिंह भदौरिया रा.नि. को कार्य सुविधा की दृष्टि से पूर्व से ही पदस्थ किया गया है। बलवीर सिंह भदौरिया रा.नि. को नायब तहसीलदार के रूप में बाद में पदस्थ किया गया है। उनकी मूल पदस्थापना भू-अभिलेख कार्यालय में ही है। (घ) श्री बलवीर सिंह भदौरिया प्रभारी रा.नि. गोरमी को नायब तहसीलदार गोहद के रूप में पदस्थ किया गया था। बाद में इनको कार्य सुविधा की दृष्टि से वृत्त फूप पर पदस्थ किया गया है। इनका स्थानान्तरण नहीं किया गया है। इनकी मूल पदस्थापना भू-अभिलेख भिण्ड में ही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मौजा खुथी (राजेन्द्र नगर) में दर्ज आबादी
[राजस्व]
8. ( *क्र. 1760 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत मौजा खुथी (राजेन्द्र नगर) राजस्व निरीक्षक मण्डल सतना प्रथम की आराजी न. 59/1 में अर्सा पूर्व से बस्ती बसी है? यदि हाँ, तो राजस्व रिकॉर्ड में क्या आबादी दर्ज है या नहीं बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या बस्ती की आबादी के विक्रय-पत्र खाली भू-खण्ड दर्शाकर कराए गए हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत विवरण सहित बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि विक्रय-पत्र निष्पादित हुए हैं तो किन-किन नियमों का उल्लंघन करते हुए यह कृत्य किया गया है? इसमें कौन-कौन दोषी हैं, दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई या नहीं? (घ) मौजा खुथी (राजेन्द्र नगर) की आराजी न. 59/1 वर्ष 1924 से 1958-59 के बाद कब-कब किसके नाम दर्ज हुई? आराजी किस प्रावधान अनुसार बंटन हुई? क्या पूर्व से बसे व्यक्तियों का कब्ज़ा अनुसार डायवर्सन है या नहीं? यदि है तो भूमि स्वामी सुधार क्यों नहीं हुआ? उक्त आराजी में बसी आबादी नगर निगम का वार्ड कब से निर्मित है व कितने मकान न. आवंटित हैं तथा क्या शासकीय राशि से निर्माण कार्य भी हुए हैं? यदि हाँ, तो कब-कब क्या-क्या निर्माण कार्य हुए हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मौजा खुथी की प्रश्नाधीन भूमि में काफी समय से बस्ती बसी है, किन्तु राजस्व रिकॉर्ड अनुसार आबादी के रूप में दर्ज नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार आराजी नं. 59/1 में म.प्र. शासन आबादी की भूमि नहीं है। उक्त भूमि स्वामी के नाम से है, उक्त भूमि में अधिकांशतः मकान दर्शाये जाकर विक्रय एवं पंजीयन कराये गये हैं। पंजीयन अधिनियम 1908 की धारा 34, 35, 58, 59, 60 के अंतर्गत दस्तावेजों का पंजीयन किया जाता है। (ग) जिला पंजीयक सतना द्वारा दी गई जानकारी अनुसार विक्रय पत्रों के निष्पादन में किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गुना जिले में परिवहन कर/राजस्व कर की वसूली
[परिवहन]
9. ( *क्र. 1521 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से परिवहन अधिकारी नियुक्त रहे? क्या परिवहन वसूली का उत्तरदायित्व इनको था? यदि हाँ, तो वर्षवार परिवहन कर की वसूली की दिन प्रतिदिन कमी के कारण क्या हैं, कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या परिवहन विभाग के कार्यों की वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभाग किसी सक्षम अधिकारी से जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक। (ग) क्या प्रश्नांश (क) (ख) में वर्णित तथ्यों के अनुसार यदि विभाग की योजनाओं में परिवर्तन या परिवहन कर की औसत वृद्धि अनुसार कर वसूली में कमी के लिए अधिकारी उत्तरदायी हैं तो उन पर कार्यवाही कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की समीक्षा में यदि कोई दोषी है तो क्या विभाग परिवहन नीति में परिवर्तन करेगा या परिवहन अधिकारी को हटायेगा और कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गुना जिले में पदस्थ अधिकारी का नाम, पदनाम एवं अवधि की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
पदस्थ अधिकारी का नाम एवं पदनाम |
अवधि |
1. |
श्री एस.एल. बरेलिया, जिला परिवहन अधिकारी |
02.06.2012 से 27.11.2014 |
2. |
श्रीमती मधु सिंह, जिला परिवहन अधिकारी |
28.11.2014 से 16.12.2015 |
3. |
श्री विक्रमजीत सिंह कंग, जिला परिवहन अधिकारी |
17.12.2015 से 28.08.2016 |
4. |
श्री कालीचरण अग्निहोत्री, प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी |
29.08.2016 से 26.09.2016 |
5. |
श्री विवेक दांते, प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी |
27.09.2016 से आज दिनांक तक |
जी हाँ, वर्षवार परिवहन कर/राजस्व की वसूली का विवरण निम्नानुसार है :-
(राशि करोड़ों में)
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त परिवहन कर/राजस्व |
1. |
2013-14 |
16.92 |
2. |
2014-15 |
17.56 |
3. |
2015-16 |
16.73 |
4. |
2016-17 |
19.06 |
5. |
2017-18 प्रश्न दिनांक तक) |
7.13 |
जी नहीं, यह कहना सही नहीं है कि उल्लेखित अवधि में परिवहन कर/राजस्व की वसूली में दिन प्रतिदिन कमी हुई है। प्रथम तिमाही में गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में गुना जिले का वृद्धि का प्रतिशत 60 है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) से (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पॉलीटेक्निक पवई को उपलब्ध बजट राशि
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
10. ( *क्र. 2439 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्राचार्य शासकीय पॉलीटेक्निक पवई जिला पन्ना का पत्र क्रमांक भवन/2017/190, दिनांक 06.06.2017 संचालक तकनीकी शिक्षा को प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार ब्यौरा दें और कब-तक वांछित चाही गई राशि जारी हो जायेगी। (ख) क्या इस्टीमेट और डी.पी.आर. में बाह्य विद्युतीकरण हेतु राशि का प्रावधान नहीं रखा गया था? यदि हाँ, तो ऐसी गलती किस प्राधिकारी ने की, उसका नाम पद बतायें। (ग) क्या भवन हेतु जब डी.पी.आर इस्टीमेट बनाये जाते हैं तो बाह्य विद्युतीकरण हेतु आवश्यक राशि का प्रावधान किया जाता है? यदि हाँ, तो इस मामले में यह लापरवाही क्यों की गई। (घ) विभाग में आज की स्थिति में कितना फंड किस-किस मद में इस वित्तीय वर्ष हेतु उपलब्ध है, शीर्ष सहित राशि बतायें और चाही गई राशि किस मद और शीर्ष से स्वीकृत की जायेगी? उस मद में कितना फंड उपलब्ध है।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में पुनरीक्षित प्राक्कलन भेजे जाने हेतु दिनांक 07.07.2017 को पत्र जारी किया गया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सांवेर रोड स्थित जेल के निर्माण कार्य को पुन: प्रारंभ किया जाना
[जेल]
11. ( *क्र. 2041 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि. अता. प्रश्न क्र. 472, दिनांक 22.07.2015 में सांवेर रोड पर वर्षों से निर्माणाधीन जेल के लिए क्या भारत शासन द्वारा राशि पूर्ति के लिए राज्य स्तर पर व्यवस्था कर जेल निर्माण किये जाने हेतु कहा गया था, तो क्या शासन स्तर पर जेल निर्माण हेतु पी.आई.यू. इन्दौर से कोई प्राक्कलन भेजा गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राज्य स्तर पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता कब तक कराई जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब तक रूके हुए निर्माण कार्यों को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता कराकर कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा एवं निर्माण कार्य पुन: कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, पी.आई.यू., इन्दौर द्वारा तैयार प्राक्कलन पर शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही की गई है। (ख) राज्य के वित्तीय संसाधनों से वर्ष 2017-18 के बजट में राशि रूपये 30.00 करोड़ प्रावधानित किये गए हैं। (ग) निर्माण कार्य इसी वित्तीय वर्ष में प्रारंभ होकर आगामी 03 वर्षों में पूर्ण होना संभावित है।
तकनीकी महाविद्यालयों के शिक्षण शुल्क का निर्धारण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
12. ( *क्र. 2826 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में कितने शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निजी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं व कितने विगत 5 वर्षों में बंद हुए हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत तीनों प्रकार के कॉलेजों का प्रतिवर्ष क्या शिक्षण शुल्क है? शिक्षण शुल्क निर्धारण करने हेतु क्या-क्या पैरामीटर है व किस-किस श्रेणी के लिये क्या-क्या शुल्क फीस नियामक आयोग द्वारा तय की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बतायें कि सर्वाधिक फीस लेने के लिये कौन-कौन से निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को शासन से अनुमति प्राप्त है? 25 सर्वाधिक फीस लेने वाले कॉलेजों का नाम, पता संचालकों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार सर्वाधिक फीस लेने वाले 25 कॉलेजों में पढ़ाने वाले लेक्चर, रीडर, प्रोफेसर जो आज दिनांक तक कार्यरत हैं, मय नाम, शिक्षा व अनुबंध, उन्हें दी जा रही मासिक तनख्वाह, पी.एफ. कटौत्रा की जानकारी टेबल में देवें? (ड.) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में बतायें कि कॉलेजों में शिक्षक, विद्यार्थी का प्रतिशत क्या निर्धारित है? कितने विदयार्थी पर कितने शिक्षक होना चाहिए एवं इस प्रतिशत को शासन कैसे सुनिश्चित करवाता है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामों के भू-अभिलेख एवं नक्शों का कम्प्यूटरीकरण
[राजस्व]
13. ( *क्र. 1791 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश के सभी ग्रामों की भूमि संबंधी जानकारी को पूर्णत: कम्प्यूटरीकृत किये जाने हेतु निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत कितने ग्रामों का भू-अभिलेख एवं ग्राम का नक्शा विभागीय साईड पर उपलब्ध है तथा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से ग्रामों का भू-अभिलेख एवं नक्शा साईड पर किन कारणों से उपलब्ध नहीं है तथा ग्रामों के भू-अभिलेख एवं नक्शे को कम्प्यूटरीकृत करने के लिये किस एजेन्सी के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है? अनुबंध शर्त, भुगतान की स्थिति कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र सहित बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत वर्तमान में लगभग 18 ग्रामों के नक्शे विभागीय साईड पर उपलब्ध नहीं होने से कृषकों को खसरा नकल, रजिस्ट्री, नामांतरण, बंटवारे व अन्य प्रयोजन में आवश्यकता होने पर कोई रिकॉर्ड नहीं होने से अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है तथा क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? (घ) यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक उक्त ग्रामों के भू-अभिलेख व नक्शों का पूर्ण विवरण कम्प्यूटरीकृत करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन भू-अर्जन अधिनियम के तहत मुआवजा भुगतान
[राजस्व]
14. ( *क्र. 2171 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4601, दिनांक 06.03.2017 के उत्तर में यह बताया गया है कि पेंच बांध के डूब क्षेत्र ग्राम सिहोरामगढ़ का एवं केवलारीसंभा जिला छिन्दवाड़ा की भूमियों का अवार्ड दिनांक 20.12.2013 को पारित किया जाकर दिनांक 25.01.2014 को कमिश्नर जबलपुर द्वारा अनुमोदित किया गया है तथा सिहोरामगढ़ के भू-धारकों को मार्च 2014 में और केवलारीसंभा के भू-धारकों को जून 2015 में मुआवजा राशि भुगतान किया गया है? (ख) क्या भू-अर्जन अधिकारी द्वारा पारित उक्त अवार्ड बिना कमिश्नर के अनुमोदन के विधि सम्यक रूप से मान्य है? यदि हाँ, तो कमिश्नर से अनुमोदन का क्या औचित्य है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन यह मानता है कि कमिश्नर द्वारा अनुमोदन दिनांक 25.01.2014 के पश्चात् ही भू-अर्जन अधिकारी द्वारा उक्त ग्रामों का पारित अवार्ड विधि सम्यक रूप से मान्य हुआ और उसके पश्चात् ही भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण होकर मुआवजा राशि का भुगतान विधि अनुकूल किया गया? (घ) क्या शासन उक्त दोनों ग्रामों की भूमियों का नई भू-अर्जन नीति जो दिनांक 01.01.2014 से प्रभावाशील हुई, के पश्चात् उक्त दोनों ग्रामों की भू-अर्जन अवार्ड अनुमोदन होने के कारण अनुमोदन दिनांक 25.01.2014 से अर्थात नयी भू-अर्जन नीति प्रभावशील होने के पश्चात् भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण होना मानकर उक्त दोनों ग्रामों का नये सिरे से वर्तमान दर पर अवार्ड पारित कर भू-धारकों को भुगतान करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम सिहोरामगढ़ के अवार्ड को दिनांक 25.1.2014 को एवं ग्राम केवलारी के पारित अवार्ड को दिनांक 7.1.2014 को कमिश्नर जबलपुर द्वारा अनुमोदित किया गया है। जो विधि सम्यक है। राज्य शासन द्वारा प्रशासनिक अधिकारों एवं विधिसम्यक प्रक्रियाओं के अंतर्गत प्रदत्त प्राधिकार के अंतर्गत साधारण मामलों में रूपये एक करोड़ से अधिक तथा परियोजनाओं के मामले में पाँच करोड़ से अधिक के अवार्ड का अनुमोदन करने हेतु अधिकार संभागीय आयुक्त को प्रत्यायोजित किये गये हैं। वृहद परियोजनाओं के मामले में 05 करोड़ से अधिक राशि का अवार्ड होने के कारण कमिश्नर जबलपुर से अनुमोदन कराया गया है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार यह निर्धारित विधिक प्रक्रिया है। (घ) जी नहीं भू-अर्जन अधिनियम 1894 के अंतर्गत किया गया है। जिसका अवार्ड भी उसी पुराने अधिनियम के अंतर्गत पारित किया गया है। अत: नये सिरे से भू-अर्जन की कार्यवाही अथवा अवार्ड पारित करने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
परियट नदी के संरक्षण हेतु कार्यवाही
[पर्यावरण]
15. ( *क्र. 222 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्डिनेंस फैक्ट्री, डेयरी एवं गांव के नाली नालों का गंदा पानी पनागर विधान सभा क्षेत्र की परियट नदी में जा रहा है? (ख) क्या परियट नदी का पानी पूर्णत: दूषित हो चुका है, जिसके कारण जलीय जीव जंतुओं के जीवन को खतरा पैदा हो गया है? (ग) क्या शासन द्वारा परियट नदी के संरक्षण के लिये कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं? (घ) क्या परियट नदी के संरक्षण हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) आर्डिनेंस फैक्ट्री से दूषित जल का निस्सारण परियट नदी में नहीं होता है, किन्तु ग्राम-इमलिया, परियट, कंदराखेड़ा एवं खैरी स्थित डेयरियों का दूषित जल परियट नदी में मिलता है। जबलपुर के राँझी क्षेत्र का घरेलू दूषित जल नाले के माध्यम से परियट नदी में मिलता है, परन्तु परियट नदी के आसपास स्थित गांव मटामर, महगवा एवं इमलिया का घरेलू दूषित जल परियट नदी में नहीं मिलता है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा जनहित याचिका क्रमांक 1219/1998 (नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच विरूद्ध म.प्र. शासन) में दिनांक 15.02.2017 को पारित आदेशानुसार डेयरियों में उपचार संयंत्र कार्यरत् करने के लिए 06 माह का समय दिया गया है तथा दूषित जल का निस्त्राव परियट नदी में रोकने हेतु बोर्ड द्वारा परियट नदी में दूषित जल का निस्सारण रोकने एवं दूषित जल का उपचार करने हेतु जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 के प्रावधान अन्तर्गत डेयरियों को नोटिस/निर्देश जारी किये गये हैं।
आग से हुई क्षति पर मुआवजा
[राजस्व]
16. ( *क्र. 2230 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक आग लग जाने से कितनी क्षति हुई है? आग लगने के कारण हुई क्षति से कितनी हेक्टयर कृषि भूमि एवं कितने घर जलकर नष्ट हुये? विवरण विकासखण्डवार अलग-अलग देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त पीड़ित परिवारों को कितनी-कितनी क्षति पूर्ति का आंकलन कर कितने पीड़ित परिवारों को कितना-कितना मुआवजा प्रदान किया गया? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत ग्राम झितर्रा, कोहका, सोनखार, छपारा में घर में आग लग जाने से एवं ग्राम लोपा, पांजरा, झगरा, अलौनीखापा, छपारा में माह अप्रैल-मई कृषकों की खड़ी फसल में आग लग जाने से हुई क्षति की मुआवजा राशि कृषकों एवं पीड़ित परिवारों को दे दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि पीड़ित परिवारों को दी गई है? नाम सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में वर्ष 2014- 2015 से प्रश्न दिनांक तक आग लग जाने से फसल नष्ट होने पर कुल 166 पीड़ितों को राशि रूपये 18,75,359/- एवं घर जल कर नष्ट होने पर 53 पीड़ितों को राशि 8,76,700/- की सहायता राशि स्वीकृत की गई है तथा आग लगने के कारण हुई क्षति संबंधी विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त पीड़ित परिवारों में 166 के फसल क्षति होने पर एवं 53 के मकानों में आग से क्षति होने के कारण पीड़ित परिवारों को क्रमश: राशि रू. 18,75,359/- एवं राशि रू. 8,62,500/- कुल राशि रूपये 27,52,059/- की राहत राशि प्रदान की गई है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत ग्राम झितर्रा में घर में आग लग जाने से कुल 4 पीड़ित व्यक्तियों को कुल राशि रू. 4,07,600/- की राहत राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत वितरित की जा चुकी है। शेष ग्राम सोनखार एवं छपारा में घर में आग लगने से कोई क्षति नहीं हुई है। ग्राम कोहका में विद्युत शार्ट से मकान (श्री राजेन्द्र सिंह आ. कन्हैया सिंह) में आग लग जाने से आर.बी.सी. 6-4 में राहत राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं होने से आर्थिक सहायता प्रदाय नहीं की जा सकी है। पीड़ित व्यक्तियों की सूची पृथक से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है। माह अप्रैल-मई 2017 में कृषकों की खड़ी फसल में आग लग जाने से हुई क्षति अनुसार ग्राम लोपा में कुल 20 पीड़ित कृषकों को राशि रू. 3,58,620/- ग्राम झगरा में कुल 12 कृषकों को राशि रू. 1,38,400/- ग्राम छपारा में कुल 08 कृषकों को राशि रू. 1,57,300/- का भुगतान किया गया। ग्राम अलौनीखापा में कुल 01 पीड़ित कृषक (श्री शेख आमिद आ. शेख मोहम्मद) को कुल राशि रू. 10,000/- की क्षति का भुगतान किया जा चुका है। ग्राम पांजरा में खड़ी फसल में आग लग जाने से कोई क्षति नहीं हुई है। इस प्रकार अप्रैल-मई 2017 में कुल 41 पीड़ित कृषकों को राशि रू. 6,64,320/- का भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ग" अनुसार है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित पेयजल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( *क्र. 2306 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रत्येक गांव में पेयजल की समुचित व्यवस्था हो, सबको पानी मिले, इसके लिये शासन की क्या योजना है? (ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में किन-किन गांवों में पेयजल योजनाएं संचालित हैं तथा जहां पर योजना संचालित नहीं है, वहां पर योजना संचालित किये जाने हेतु क्या शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो लंबित प्रस्ताव को कब तक स्वीकृत कर पेयजल की व्यवस्था की जावेगी? (ग) गाडरवारा क्षेत्र के दूर-दराज के ऐसे ग्राम जो जंगली एरिया में स्थापित हैं वहां पर पेयजल की समुचित व्यवस्था के लिये शासन की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्रामों में पेयजल व्यवस्था हेतु हैण्डपंपों के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन एवं नल-जल योजना के माध्यम से 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। (ख) 89 ग्रामों में नल-जल योजना संचालित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नल-जल योजना स्वीकृति का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना की योजना है।
कृषि भूमि का समय-सीमा में सीमांकन
[राजस्व]
18. ( *क्र. 2943 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व निरीक्षक वृत-1 नागदा में 1 जनवरी, 2015 से 30 जून, 2017 तक कितनी कृषि भूमि के सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के आवेदन नागदा तहसील में प्राप्त हुए? दिनांकवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितनी भूमि का सीमांकन (नपती) किस दिनांक को किया गया? सीमांकन प्रतिवेदन तहसील में किस दिनांक को जमा किए गए तथा कितनी भूमि का सीमांकन शेष है? कारण सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या सीमांकन प्रतिवेदन में पटवारियों द्वारा स्पष्ट न लिखते हुए गोलमाल लिखा गया है? (घ) प्राप्त आवेदनों में से कितने प्रकरणों का बंटवारा स्वीकृत हुआ तथा राजस्व रिकॉर्ड में अमल दरामत हुआ है? पटवारी ने कितने प्रकरण में बंटवारा फर्द बनाकर पेश की? दिनांकवार विवरण दें तथा कितने प्रकरण अभी लंबित हैं? कारण सहित विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व निरीक्षक वृत्त 01 नागदा में 1 जनवरी, 2015 से 30 जून, 2017 तक कृषि भूमि के सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा के नागदा तहसील में निम्नानुसार आवेदन प्राप्त हुए है :-
क्र. |
अवधि |
नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
1. |
जनवरी 2015 से 30.09.15 तक |
94 |
61 |
90 |
2. |
01.10.2015 से 30.9.2016 तक |
64 |
61 |
75 |
3. |
01.10.2016 से 30.9.2017 तक |
134 |
123 |
160 |
आवेदन प्राप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) कुल 231 प्रकरणों का निराकरण किया गया। 123 प्रकरणों में अमल किया गया है। शेष दिनांक 01.07.2017 की स्थिति में 99 प्रकरण लंबित हैं। माह सितंबर 2016 से वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर से अमल दरामद शेष है।
तहसील मुख्यालय जीरापुर में शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
19. ( *क्र. 1012 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन के विजन 2018 में प्रदेश के सभी विकासखण्ड़ों में अनिवार्य रूप से शासकीय आई.टी.आई. प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या कलेक्टर राजगढ़ द्वारा दिनांक 27.12.2010 को आई.टी.आई. जीरापुर हेतु भवन निर्माण के लिये शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1521/2 रकबा 1.902 हेक्टेयर भूमि में से तीन एकड़ भूमि सुरक्षित कर विभाग के आधिपत्य में सौंपी जा चुकी है तथा क्या जीरापुर में संचालित प्रायवेट आई.टी.आई. का शुल्क शासकीय आई.टी.आई. की तुलना में चार गुना अधिक होने से क्षेत्र के गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के छात्र-छात्राएं तकनीकी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन जीरापुर में माननीय मुख्यमंत्री जी के विजन 2018 के निर्णय अनुसार शासकीय आई.टी.आई. प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। राजगढ़ जिले में 05 शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं, जिनमें जीरापुर के पात्र आवेदक प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में जीरापुर में शासकीय आई.टी.आई. खोलने की योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिहोरा विकासखण्ड में आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
20. ( *क्र. 1426 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिहोरा विकासखण्ड मुख्यालय में आई.टी.आई. खोले जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र पर मंत्री जी द्वारा पत्र क्र. 9650, दिनांक 04.8.2016 के माध्यम से संचालक कौशल विकास भोपाल को निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या सिहोरा विकासखण्ड कृषि आधारित विकासखण्ड है तथा यहां के बच्चे निजी आई.टी.आई. में अध्ययन करने में सक्षम नहीं हैं? क्या सिहोरा में निजी आई.टी.आई. का उल्लेख करते हुये शासकीय आई.टी.आई. अभी तक आरंभ नहीं की गई, जिससे अनेकों छात्र तकनीकी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। (ग) यदि हाँ, तो कब तक शासकीय आई.टी.आई. आरंभ कर दी जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग की नीति में प्रत्येक विकासखण्ड में 01 शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. खोलने की योजना है। जबलपुर जिले में 07 विकासखण्ड हैं, जिनमें 06 शासकीय तथा 32 प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित हैं। वर्तमान में सीहोरा विकासखण्ड में शासकीय आई.टी.आई. खोलने की योजना नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( *क्र. 1921 ) श्री नागर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2008 से 2017 तक अलीराजपुर जिले में किन-किन ग्रामों में मुख्यमंत्री नल-जल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति की गई है? (ख) क्या जिन ग्रामों में मुख्यमंत्री नल-जल योजना स्वीकृत की गई, उन ग्रामों में ग्रामीणों को पानी उपलब्ध हो रहा है? यदि हाँ, तो ग्रामों के नाम बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिन ग्रामों में निर्माण कार्य अधूरे हैं, उनकी सूची उपलब्ध करावें? साथ ही कार्य पूर्ण नहीं होने का कारण बतावें। (घ) अधूरे कार्य कब तक पूर्ण होंगे? समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 51 योजनाएं स्वीकृत की गईं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसी भी मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं के कार्य अधूरे नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजनगर क्षेत्र में राशन की आपूर्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( *क्र. 2256 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा परि. अतारांकित प्रश्न क्र. 2336, दिनांक 27.2.2017 के परिशिष्ट (ब) एवं (स) में पाई गई अनियमितताओं का उल्लेख किया गया? (ख) क्या कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रतिमाह निरीक्षण करते हैं और निरीक्षण प्रतिवेदनों को बदल कर अनियमितता करते हैं? क्या मिट्टी का तेल प्रतिमाह लोगों को नहीं मिलने के संबंध में राजनगर क्षेत्र के ग्रामीण जन आये दिन शिकायतें करते हैं? (ग) क्या कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी जिला आपूर्ति अधिकारी छतरपुर से सांठ-गांठ करके क्षेत्र में की जा रही अनियमितताओं का पंचनामा लिखवाकर समाप्त कराते हैं? यदि नहीं, तो राजनगर क्षेत्र के विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीणजन अपने हक के लिए क्यों परेशान हैं एवं उनको प्रतिमाह राशन पूर्ण रूप से क्यों नहीं मिलता और न ही मिट्टी का तेल एवं शक्कर मिलती है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रश्न के परिशिष्ट 'स' में निरीक्षण में पाई गई अनियमितताओं एवं परिशिष्ट 'ब' में प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम की जानकारी का उल्लेख किया गया था। (ख) कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा सामान्यत: प्रतिमाह निरीक्षण किया जाता है, किन्तु निरीक्षण प्रतिवेदनों को बदल कर अनियमितता करने संबंधी तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। राजनगर क्षेत्रांतर्गत केरोसीन संबंधी शिकायतें आये दिन प्राप्त नहीं होती हैं, अपितु यदा कदा केरोसीन संबंधी कोई शिकायत प्राप्त होती है, जिसका त्वरित निराकरण किया जाता है। (ग) जी नहीं, राजनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्धारित पात्रता अनुसार पात्र परिवारों को केरोसीन एवं शक्कर का आवंटन प्रतिमाह उपलब्ध कराया गया है। भारत शासन से पात्र परिवारों हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर की सब्सिडी प्राप्त न होने से वर्तमान में शक्कर का आवंटन प्रदेश में माह मई 2017 से नहीं दिया जा रहा है। उचित मूल्य दुकानों की जाँच उपरांत पाई गई अनियमितताओं के संबंध में संबंधितों के विरूद्ध प्रकरण नियमानुसार पंजीबद्ध करते हुये वैधानिक कार्यवाही की जाती है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसील इटारसी अंतर्गत नामांतरण के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
23. ( *क्र. 1249 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला होशंगाबाद तहसील इटारसी के अंतर्गत नामांतरण के कितने प्रकरण लंबित हैं? अद्यतन स्थिति बताएं। (ख) क्या ग्राम पीपलढाना तहसील इटारसी में स्थित कृषि भूमि खसरा नं. 381/1, 381/2 एवं खसरा नं. 409 जुमला रकबा 2.257 हेक्टेयर मध्यप्रदेश शासन के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज करने हेतु दिनांक 21.03.2017 को नायब तहसीलदार इटारसी ने निर्णय दिया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या आदेश का पालन हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नाधीन भूमि पर अभी भी किन्हीं व्यक्तियों का कब्जा है? यदि हाँ, तो इस पर क्या त्वरित कार्यवाही की गई है? कब तक राजस्व अभिलेख में म.प्र. शासन अंकित कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कौशल विकास संचालनालय में पदस्थ अमला
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
24. ( *क्र. 1982 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कौशल विकास संचालनालय का कार्यालय जबलपुर में है? यदि हाँ, तो संचालनालय, जबलपुर में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पद बतावें? जानकारी वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक देवें। (ख) क्या उक्त अधिकारी/कर्मचारी जबलपुर में रहकर कार्य करने के बजाय भोपाल में अपनी सुविधा के अनुसार कार्यालयों में बैठकर कार्य कर रहे हैं? क्या इस हेतु शासन के आदेश हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जावे? यदि नहीं, है तो संबंधितों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) वर्णित (क) में उल्लेखित वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जबलपुर एवं जबलपुर से भोपाल के दौरान आने जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर किये गये यात्रा का ब्यौरा, व्यय की गई राशि का विवरण नाम पद सहित दी जावे? (घ) क्या संचालनालय के समस्त स्वीकृत पद भर गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या एम.पी.एस.एस.डी.एम. का कार्यालय भोपाल में है? यदि हाँ, तो पदस्थ संलग्न किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या शासन द्वारा संलग्नीकरण समाप्त किया गया? यदि हाँ, तो पदस्थ करने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जी हाँ। एम.पी.एस.एस.डी.एम. कार्यालय भोपाल में है। कार्यरत एवं संलग्न किये अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। जी हाँ। एम.पी.एस.एस.डी.एम. द्वारा आई.टी.आई. की सेमेस्टर परीक्षा ऑनलाईन, एप्रेन्टिसशिप ट्रेनिंग का क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना, पी.पी.पी. मोड की संस्थाओं की मॉनिटरिंग, कौशल के क्षेत्रों में संलग्न म.प्र. शासन के अन्य विभागों के साथ समन्वय, स्किल के क्षेत्र में सेमीनार वर्कशॉप समिट का आयोजन इत्यादि कार्य किये जा रहे हैं, इसीलिये उक्त कार्यों के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिये अन्य संस्थाओं से अधिकारियों/कर्मचारियों को एम.पी.एस.एस.डी.एम. कार्यालय में कार्य करने के लिये बुलाया गया है। अत: कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जेलों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु आवंटित बजट
[जेल]
25. ( *क्र. 1410 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था ठीक करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में माह दिसम्बर 2016 में कोई बैठक आयोजित हुई थी? यदि हाँ, तो उक्त बैठक में क्या-क्या निर्णय लिए गए थे? ब्यौरा दें। (ख) क्या मुख्यमंत्री के आदेशानुसार केन्द्रीय जेलों में जैमर और सी.सी.टी.वी. कैमेरा लगाने सहित प्रहरियों को अत्याधुनिक शस्त्रों से लैस करने का भी निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कार्य हेतु कितना बजट का प्रावधान किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रदेश की सभी केन्द्रीय जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है? यदि हाँ, तो केन्द्रीय जेलवार ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक किए जाने की योजना है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार व्यवस्थाओं हेतु वित्त विभाग ने बजट नहीं दिया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। क्या वित्त विभाग ने चालू वर्ष में जेलों के बजट में कटौती की है? यदि हाँ, तो कितनी? बजट कटौती के कारणों का ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, दिनांक 19.12.2016 को माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में लिये गए निर्णयों का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, सुरक्षा उपकरण एवं सुरक्षा संबंधी निर्माण कार्यों हेतु वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 2054.70 लाख का बजट प्रावधान किया गया था। (ग) प्रदेश की सभी केन्द्रीय जेलों में सुरक्षा व्यवस्था संबंधी कार्य प्रगति पर है। केन्द्रीय जेलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) वर्ष 2017-18 में इन्दौर में नवीन केन्द्रीय जेल निर्माण हेतु राशि रूपये 30.00 करोड़, बुरहानपुर में नवीन जेल निर्माण हेतु राशि रूपये 9.00 करोड़ एवं वर्तमान जेल भवनों में रिजर्व गार्ड रूम, सी.सी.टी.व्ही. कंट्रोल रूम, बैरक निर्माण, आब्जर्वेशन टावर एवं जेलों की बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु राशि रूपये 20.00 करोड़ का प्रावधान लोक निर्माण विभाग बजट में रखा गया है। इसी तरह शस्त्र गोला बारूद के लिए राशि रूपये 10.00 लाख जेल बजट में प्रावधानित है। आवश्यकता पड़ने पर अनुपूरक बजट में अतिरिक्त मांग की जाएगी।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बालाघाट जिले
में फटाखा
फैक्ट्री
में हुये विस्फोट
की जाँच/कार्यवाही
[गृह]
1. ( क्र. 13 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के ग्राम खेरी में फटाखा फैक्ट्री में हुये विस्फोट में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई एवं कितने व्यक्ति घायल हुये? नाम, पते सहित बताया जाये। (ख) शासन द्वारा मृत व्यक्तियों/घायलों के परिवारों को कितनी-कितनी आर्थिक सहायता दी गई? (ग) फटाखा फैक्ट्री खोलने की अनुमति किस विभाग द्वारा किस दिनांक को दी गई थी? अनुमति देने वाले अधिकारी का नाम, पद सहित बताया जाये। (घ) क्या फटाखा फैक्ट्री खोलने की अनुमति देने से पूर्व फैक्ट्री का स्थल निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ तो निरीक्षण का दिनांक, निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम, पद सहित बताया जाये। (ड.) फटाखा फैक्ट्री में क्या सुरक्षा के पूरे उपाय किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या-क्या उपाय किये गये थे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बालाघाट जिले के ग्राम खैरी में फटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 26 व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा 05 व्यक्ति घायल हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार। (ग) फटाखा निर्माण की अनुज्ञप्ति जिला दण्डाधिकारी बालाघाट के अनुमोदन से दिनांक 21.07.2017 को जारी की गई थी। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बालाघाट एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी बालाघाट के प्रतिवेदन के आधार पर विनिर्माण की अनुज्ञप्ति श्री व्ही. किरण गोपाल राव, तत्कालीन कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बालाघाट के अनुमोदन उपरांत श्री संजय जैन, तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी (अनुज्ञप्ति शाखा) बालाघाट द्वारा जारी की गई। (घ) जी हाँ। निरीक्षण दिनांक 01.08.2013 को श्री राजेश शर्मा तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालाघाट एवं दिनांक 05.07.2014 को सुश्री सुमनलता माहौर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग बालाघाट द्वारा किया गया था। (ड.) जी हाँ। फटाखा फैक्ट्री में एक पक्का कुआं, पानी का टैंक, रेत एवं अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की गई थी।
थाना लहार जिला भिण्ड में फरियादी का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना
[गृह]
2. ( क्र. 45 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23.04.2017 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् जिला भिण्ड ने थाना लहार में नगर निरीक्षक पुलिस को कमलेश कुमार (सफाई जमादार) नगर परिषद् लहार के आवेदन पर कार्यवाही करने हेतु पत्र क्रमांक क्यू/राजस्व/2017 दिनांक 23.04.2017 प्रस्तुत किया था? (ख) यदि हाँ, तो आवेदन पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच कब और किसके द्वारा कराई जाकर किस धारा में प्रकरण पंजीबद्ध किया यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या नगर परिषद् के कार्य में बाधा पहुंचाने एवं सफाई सभागार को धमकाने के दोषियों को पुलिस संरक्षण दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो अभी तक प्रकरण पंजीबद्ध न करने का कारण बतायें? (घ) दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण कब तक पंजीबद्ध किया जाकर गिरफ्तार किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित पत्र दिनांक 24.04.2017 को थाना लहार में प्राप्त हुआ है। (ख) उक्त आवेदन पत्र की जाँच दिनांक 24.04.2017 को उप निरीक्षक बी.एस. परिहार थाना लहार द्वारा की गई। जाँच पर किसी प्रकार का संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। (ग) जी नहीं। शेष उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति एवं भवन का जीर्णोद्धार
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
3. ( क्र. 46 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आई.टी.आई.) लहार जिला भिण्ड में कितने पद स्वीकृत हैं और स्वीकृत पदों में से कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ख) क्या लहार (आई.टी.आई.) में स्वीकृत एवं पदस्थापना किये गये कर्मचारियों को अन्य संस्थाओं में संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो अन्य संस्थाओं में संलग्न किये जाने का कारण बताये? (ग) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में जीर्णशीर्ण आई.टी.आई. भवन लहार की मरम्मत एवं उपकरणों की खरीदी में कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार ब्यौरा दें। (घ) क्या यह सच है कि आई.टी.आई. भवन पूर्णत: जीर्णशीर्ण होकर छात्रों को बैठने में उपयुक्त न होने से छात्रों को प्रशिक्षण में व्यवधान होता है? यदि हाँ, तो भवन का निरीक्षण कराकर भवन की मरम्मत तथा बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? (ड.) प्रश्नकर्ता द्वारा 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक माननीय तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं प्रमुख सचिव/सचिव को लहार आई.टी.आई. की समस्याओं के निराकरण हेतु कब-कब पत्र लिखे गये और उन पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई पूर्ण विवरण दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) आई.टी.आई. लहार का निरीक्षण करा लिया गया है। राशि रूपये 15.589 लाख के व्यय से मरम्मत के कार्य कराये गये है, जिनका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इसके अतिरिक्त अन्य मरम्मत कार्यों के लिए राशि रूपये 12.53 लाख का आवंटन किया गया है, जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। (ड.) माननीय विधायक द्वारा 01.01.2016 के बाद लिखे गये पत्र क्रमश: क्रमांक 2015-16/8 दिनांक 05.02.2016 एवं दिनांक 03.03.2016 के परिप्रेक्ष्य में संचालनालय द्वारा निम्नानुसार कार्य किये गये:- 1. संस्था के निम्न कार्यों को कराने के लिए डी.पी.आर. प्राप्त करने हेतु कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखा गया है: 1.1 संस्था के मुख्य भवन एवं छात्रावास भवन रंगाई-पुताई। 1.2 संस्था के मुख्य भवन एवं छात्रावास भवन में शौचालय एवं ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत। 1.3 संस्था भवन के चारों ओर मैदान का समतलीकरण, जिससे वर्षा ऋतु में पानी जमा न हो पाये। 1.4 छात्रावास भवन के हॉल के फ्लोर की मरम्मत। 1.5 मुख्य भवन की छत की मरम्मत। 1.6 मुख्य भवन के प्रवेश द्वार एवं दीवार की मरम्मत। 1.7 मुख्य भवन में थ्योरी कक्ष की मरम्मत। 1.8 प्राचार्य कक्ष की मरम्मत। 1.9 कोपा व्यवसाय हेतु लैब का निर्माण। 1.10 मुख्य भवन के खिड़की-दरवाजों की मरम्मत। 1.11 संस्था परिसर में चौकीदार कक्ष का निर्माण। 1.12 संस्था के छात्रावास भवन की गैलरी एवं पोर्च के फर्श की मरम्मत। 1.13 संस्था के समस्त कक्षों के वेंटिलेशन की मरम्मत। 1.14 संस्था के मुख्य भवन एवं छात्रावास भवन में सेनेट्री फिटिंग।
आवर्धन नल-जल प्रदाय योजना को पूर्ण कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( क्र. 134 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम कंदवा में जल आवर्धन योजनान्तर्गत जलप्रदाय योजना का कार्य निविदा होने के पूर्व स्थल पर पुरानी पाइप लाईन से पानी का प्रदाय किया जाता था, जिसे विभागीय इंजीनियरों ने जे.सी.बी. मशीन से खुदवाकर नई पाइप लाईन पुन: बिछाई है? जबकि प्राक्कलन अनुसार यह कार्य ठेकेदार को करना था। (ख) यदि हाँ तो क्या ठेकेदार को प्रत्येक तौर पर इस कार्य की लागत का लाभ विभाग ने ठेकेदार को नहीं दिया और विभागीय राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी। (ग) कार्य एजेन्सी से किए जाने वाले अनुबंध की किस कंडिका में कितने समय में कार्य पूर्ण करने का प्रावधान निहित है। (घ) ग्राम कंदवा की इस योजना को अनुबन्ध अनुसार कब तक पूर्ण हो जाना था, विलम्ब के लिए कौन दोषी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ जलप्रदाय किया जाता था, परंतु विभागीय इंजीनियरों ने पुरानी पाइपलाइन खुदवाकर नई पाइप लाइन बिछाने का कार्य नहीं किया हैl (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl (ग) अनुबंध की कंडिका-34 के अनुसार कार्यादेश दिनांक 23.12.2016 से 2 माह में कार्य पूर्ण करने का प्रावधान निहित हैl (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार दो माह में। विलंब हेतु दोषी ठेकेदार के विरुद्ध नियमानुसार शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही की जाएगीl
पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की जाना
[गृह]
5. ( क्र. 283 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी कलेक्टर (खनिज शाखा) द्वारा पत्र क्रमांक 3999/खनिज/2016 दिनांक 26/11/2016 को पुलिस अधीक्षक कटनी को पत्र लिखकर दस्तावेज संलग्न कर फर्जी अभिवहन पास पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज किए जाने हेतु लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक कटनी द्वारा क्यों नहीं दिए गए? कब तक दिए जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 15.6.2017 को रचनानगर निवासी, कटनी के किस व्यक्ति द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी एवं कलेक्टर कटनी को दिनांक 19.6.2017 को कार्यालय में पावती प्राप्त कर शिकायत की गई है? उक्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए धोखाधड़ी, फर्जी परिवहन पास बनाने वालों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के आधार पर थाना माधव नगर जिला कटनी में अपराध क्रमांक 662/17, धारा 467, 468, 471, 420, 34 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। (ग) रचनानगर निवासी श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री का पत्र दिनांक 15.06.2017 जो पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर कार्यालय कटनी में दिनांक 20.06.2017 को प्राप्त हुआ था, जिसमें प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के संबंध में कार्यवाही हेतु लिखा गया था। शेष जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है।
मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास योजना (नगरीय) का क्रियान्वयन
[श्रम]
6. ( क्र. 399 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में श्रम विभाग की मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास योजना (नगरीय) के अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया है? वर्षवार बताएं? (ख) यदि योजनांतर्गत हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है तो इसका क्या कारण है तथा इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना का लाभ हितग्राहियों को दिलाये जाने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी निरंक। (ख) सागर नगर में म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास योजना (नगरीय) के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में किसी भी निर्माण श्रमिक का आवेदन प्राप्त नहीं होने से योजना में लाभ नहीं दिया जा सका है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास योजना (नगरीय) का लाभ दिलाने हेतु मण्डल द्वारा समय-समय पर प्रचार-प्रसार, जिला स्तरीय प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन कर श्रमिकों को योजनाओ की जानकारी प्रदान की जाती है।
सागर के संभागीय श्रम कार्यालय के शासकीय भवन निर्माण एवं निरीक्षकों के पदों की स्वीकृति
[श्रम]
7. ( क्र. 400 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर संभाग अंतर्गत श्रम विभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ के कार्यालय शासकीय भवन में संचालित हैं या किराये के भवन में। (ख) यदि किराये के भवन में संचालित है तो क्या सागर के संभागीय श्रम कार्यालय के शासकीय भवन निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ तो यह कितनी राशि का है एवं कब तक स्वीकृति प्राप्त हो पायेगी? (ग) सागर संभागीय श्रम कार्यालय में निरीक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान में कितने भरे तथा कितने रिक्त हैं? शासन स्तर पर रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सागर संभाग के अंतर्गत श्रम विभाग के कार्यालय निम्नानुसार संचालित हैः-
क्र. कार्यालय का नाम भवन शासकीय/निजी
1. सहायक श्रमायुक्त, सागर निजी भवन में
2. श्रम पदाधिकारी, दमोह शासकीय भवन में
3. श्रम पदाधिकारी, छतरपुर शासकीय भवन में
4. श्रम पदाधिकारी, पन्ना शासकीय भवन में
5. श्रम पदाधिकारी, टीकमगढ़ शासकीय भवन में
(ख) श्रमायुक्त कार्यालय से इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) सागर संभागीय कार्यालय में निरीक्षकों के 10 पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान में 4 पद भरे तथा 6 पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड से श्रम निरीक्षक पद हेतु चयनित अभ्यार्थियों की सूची कार्यालय को प्राप्त हुई है। इनकी नियुक्ति के पूर्व चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के परीक्षण की कार्यवाही प्रचलित है। जिसके उपरांत नियुक्ति हेतु नियमानुसार पात्रता रखने वाले अभ्यार्थियों की विभिन्न कार्यालयों में रिक्त पदों के विरूद्ध पदस्थापना की कार्यवाही की जाएगी।
जंगली जानवरों से हुई फसल क्षति का मुआवजा
[राजस्व]
8. ( क्र. 408 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में जंगली जानवरों से हुई फसल क्षति के मुआवजा प्रकरण राजस्व विभाग द्वारा स्वीकृति उपरांत विभाग को भेजे गये है? (ख) यदि हाँ, तो कितने किसानों को मुआवजा वितरण किया जाना है एवं कितनी राशि का मुआवजा दिया जाएगा? (ग) उक्त मुआवजा राशि राजस्व विभाग को वन विभाग द्वारा कब भेजी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) सागर जिले के अंतर्गत तहसील मालथौन के केवल 51 किसानों को मुआवजा वितरण किया जाना था। तहसील मालथौन में 9 विपत्तिग्रस्त किसानों को 3200/- भुगतान किया जा चुका है। 42 कृषकों को राशि रूपये 2,26,335/- राशि रूपये दो लाख छब्बीस हजार तीन सौ पैंतीस की राशि राहत का भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। (ग) वन विभाग द्वारा राशि राजस्व विभाग को नहीं भेजी जाती। जंगली जानवरों से हुई फसल क्षति के लिये राहत राशि राजस्व विभाग द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार प्रभावितों को प्रदाय की जाती है।
हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस निष्क्रिय
[गृह]
9. ( क्र. 488 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड में 25 अक्टूबर 2016 को 62 वर्षीय शान्ति देवी एवं 38 वर्षीय मनोज दुबे चतुर्वेदी की नगर भिण्ड में धारदार हथियार से गला रेत कर की गई हत्या दिनांक 2 दिसम्बर 2016 को प्रात: लालजी सिंह कुशवाह की गोली मार कर की गई हत्या तथा भीमनगर में वर्ष 2012 से 65 वर्ष की महिला आशा देवी जैन की हत्या के प्रकरणों में पुलिस द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? छाया प्रति सहित जानकारी दें। लहार जिला भिण्ड के मुहिमखान जो कि 22 सितम्बर 2015 को घर से निकला था तथा जिसकी दिनांक 25 सितम्बर को लाश रूहानी रोड पर मिली इसमें पुलिस द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें? (ख) भिण्ड जिले के अंतर्गत हत्या के प्रकरणों में वृद्धि होने पर भी प्रकरण सुलझाए बिना या हत्या का खुलासा किए बिना प्रकरण बंद कर दिया जाता है ऐसा क्यों? क्या भिण्ड पुलिस कार्यवाही करने में अक्षम है यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या वरिष्ठ अधिकारियों को प्रकरण निराकरण हेतु भेजा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या भिण्ड पुलिस गंभीर प्रकरणों का निराकरण न करके रेत वाहनों की धर पकड़ में है तो विगत पाँच वर्षों में भिंड में अपराध में वृद्धि क्यों हो रही है? भिण्ड में क्या वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कब किस थाने का निरीक्षण किया गया क्या कमियां पाई गई कमियों की पूर्ति समय पर की गई? विगत पाँच वर्षों में डी.जी.पी. भोपाल ने किस दिनांक को भ्रमण किया यदि नहीं, तो क्यों? विगत पाँच वर्षों में किस माह में पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में पुलिस विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी क्या वर्णित प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द किए जायेगे, यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 25.10.2016 को शांति देवी एवं मनोज दुबे की हत्या के संबंध में थाना कोतवाली जिला भिण्ड में अप.क्र.477/16 धारा 302 भा.द.वि. का प्रकरण, दिनांक 02.12.2016 को लाल जी सिंह कुशवाह की हत्या के संबंध में थाना कोतवाली जिला भिण्ड में अप.क्र. 543/16 धारा 302 भा.द.वि. का प्रकरण तथा दिनांक 23.09.15 को मुहीन खॉ के अपहरण के सम्बंध में थाना लहार जिला भिण्ड में अप.क्र. 241/15 धारा 363 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विभाग द्वारा तीनों प्रकरणों में ईनाम की घोषणा भी की गई है। उपरोक्त तीनों प्रकरण वर्तमान में विवेचना में हैं। विवेचनाधीन होने से अनुसंधान संबंधी जानकारी दी जाना न्याय संगत नहीं है। भीमनगर में वर्ष 2012 में आशादेवी जैन की हत्या का कोई भी प्रकरण थाना कोतवाली तथा थाना देहात भिण्ड में नहीं होना पाया गया। (ख) यह कहना सही नहीं है कि हत्या के प्रकरणों में वृद्धि होने पर भी प्रकरण सुलझाये बिना बंद कर दिया जाता है। भिण्ड पुलिस द्वारा हत्या के प्रकरणों में पूर्व के वर्षों के लम्बित हत्या के अज्ञात आरोपियों की पतारसी हेतु हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी लगातार विवेचना प्रगति की समीक्षा की जाती है। (ग) भिण्ड पुलिस द्वारा राजस्व व खनिज विभाग के साथ संयुक्त रूप से अवैध रेत के उत्खनन व परिवहन के विरूद्ध समय-समय पर कार्यवाही की गई है। विगत पाँच वर्षों में जिला भिण्ड में अपराधों में कमी आई है। भिण्ड जिले का दिनांक 28.10.12 को तथा दिनांक 03.02.16 को तत्कालीन पुलिस महानिदेशक द्वारा भ्रमण किया गया था। भ्रमण के दौरान परिलक्षित कमियों को उनके द्वारा दिये गये निर्देशानुसार दूर किया गया है। विगत पाँच वर्षों में भिण्ड जिले का निरीक्षण पुलिस महानिरीक्षक द्वारा दिनांक 30.12.12, 22.04.15, 29/30.12.16 तथा 21.01.17 को किया गया है। निरीक्षण प्रतिवेदन विभागीय गोपनीय दस्तावेज होने से संलग्न नहीं किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के सम्बंध में पुलिस विभाग द्वारा विधिवत विवेचना कार्यवाही की जा रही है। अपराध क्रमांक 477/16 तथा 543/16 की विवेचना विशेष गठित अनुसंधान दल द्वारा की जा रही है। पतासाजी के प्रयास किये जा रहे हैं, अतः प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द करने की आवश्यकता नहीं है।
जाति प्रमाण पत्र की सत्यता की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( क्र. 489 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 3033 दिनांक 27.03.2017 में बताया गया है कि श्री एम.के. उमरिया सहायक यंत्री पी.एच.ई. को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई तथा श्री उमरिया के जाति प्रमाण पत्र का परीक्षण प्रमुख अभियन्ता कार्यालय द्वारा किया जा रहा है यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) क्या श्री एम.के.उमरिया ने असत्य जानकारी के आधार पर अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर पदोन्नति का लाभ लिया गया है यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) अनुसार विभाग के आदेश क्र. एफ 2-8/2004/1/34 दिनांक 25.08.2005 में पदोन्नति का लाभ देने से पूर्व परीक्षण किसके द्वारा कब किया गया है? इसके लिए कौन दोषी हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) श्री एम.के.उमरिया की नियुक्ति उपयंत्री के पद पर एवं सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत हुई थी। प्रमुख अभियंता से प्राप्त टीप दिनांक 30.5.2016 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री एम.के. उमरिया को सहायक यंत्री के पद पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के अन्तर्गत पदोन्नति प्रदान की गई है। इस संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) दिनांक 1.4.2003 की स्थिति में प्रमुख अभियंता द्वारा जारी उपयंत्री की वरिष्ठता सूची के आधार पर विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करने हेतु प्रमुख अभियंता से प्राप्त प्रस्तावानुसार विभाग द्वारा प्रस्ताव लोक सेवा आयोग भेजे गए। चूंकि श्री उमरिया की नियुक्ति अनुसूचित जनजाति वर्ग के अन्तर्गत हुई थी इसलिए पदोन्नति भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के अन्तर्गत हुई, अतः पदोन्नति हेतु कोई दोषी नहीं है।
स्वत्वों का भुगतान एवं अनुकंपा नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 652 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्वर्गीय श्री विनोद शर्मा के स्वत्वों का भुगतान व पत्नी श्रीमती रचना शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित कितने आवेदन पी.एच.ई.डी. खण्ड शिवपुरी सर्किल ग्वालियर ई.एन.सी. भोपाल म.प्र. शासन व माननीय संबंधित मंत्री व मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किये की जानकारी आवेदनों की फोटो प्रति सहित उपलब्ध करावे। (ख) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही, स्वत्वों का भुगतान एव अनुकंपा नियुक्ति का विवरण देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कार्यपालन यंत्री खण्ड शिवपुरी को 1, माननीय मंत्री महोदय को 1 एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को 1 तथा सी.एम.हेल्पलाईन में 1 आवेदन प्रस्तुत किये गए हैं। इस प्रकार कुल 4 आवेदनपत्र प्राप्त हुये है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) कार्यालय कार्यपालन यंत्री, खण्ड शिवपुरी के आदेश क्रमांक 40 दिनांक 10.2.2014 एवं केशबुक. व्हाउचर क्रमांक 33 दिनांक 21.2.2014 के द्वारा स्व.श्री विनोद शर्मा दैनिक वेतन भोगी पंप आपरेटर की पत्नी श्रीमती रचना शर्मा को रूपये 1,25,000.00 (एक लाख पच्चीस हजार मात्र) का अनुकम्पा अनुदान का भुगतान किया गया है। नियमानुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं होने के कारण श्रीमती रचना शर्मा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु पात्र नहीं है
हैण्डपम्पों के खनन हेतु मांगे गये प्रस्तावों अनुसार हैण्डपम्प खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( क्र. 915 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री टीकमगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नवीन हैण्डपम्प खनन कराये जाने के संबंध में समस्त विधायकों, सांसदों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव मांगे गये थे? उसी क्रम में खरगापुर विधानसभा में भी 30 स्थानों पर हैण्डपम्प खनन हेतु प्रस्ताव मांगे गये थे, परंतु प्रश्न दिनांक तक कोई भी हैण्डपम्प खनन नहीं कराया गया ऐसा क्यों किया गया कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या दिनांक 20/4/17 को विकासखण्ड बल्देवगढ़ में पेयजल संकट के संबंध में आहूत बैठक जिसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी उपस्थित नहीं हुये क्या रोजगार सहायकों के द्वारा यह जानकारी दी गई कि क्या जिन स्थानों के हैण्डपम्प खराब हैं, उनका सुधार करा दिया जाने के संबंध में निर्देश देने पर बैठक में उपस्थित हैण्डपम्प मैकेनिकों द्वारा बताया गया कि कार्यपालन यंत्री एवं एस.डी.ओ. पाईप तथा अन्य सामग्री नहीं देते है, इसलिये हैण्डपम्प ठीक नहीं हो पायेंगे तथा जिसकी जानकारी कलेक्टर टीकमगढ़ को 26/4/17 को पत्र के माध्यम से दी गई, परंतु आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। क्या ऐसे लापरवाह एस.डी.ओ. के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं मात्र आंशिकपूर्ण बसाहटों की सूची प्राथमिकता निर्धारण हेतु उपलब्ध कराई गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ उपस्थित नहीं हुये थे। जी नहीं, पर्याप्त पाईप एवं अन्य सामग्री दी जाती है। जी हाँ, कलेक्टर टीकमगढ़ को जानकारी दी गई थी। जी नहीं, हैंडपंप संधारण नहीं होने पर संबंधित मैकेनिक से स्पष्टीकरण मांगा जाकर एस.डी.ओ., उपयंत्री एवं मैकेनिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यातायात व्यवस्था
[गृह]
13. ( क्र. 1061 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष में 2016-17 में यातायात विभाग द्वारा दो पहिया वाहनों के बिना हेलमेट के प्रकरणों में कितने चालान किए गए एवं इस अवधि में कितनी आय हुई? (ख) यातायात विभाग एवं पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार बिना हेलमेट दो पहिया वाहनों के सड़कों पर चलने एवं पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा बिना हेलमेट के पेट्रोल दिए जाने पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जा रही है। (ग) शासन द्वारा हूटर लगाने की पात्रता किस-किस को है क्या अनाधिकृत व्यक्ति के वाहन पर लगे हूटरों एवं अवैध रंग-बिरंगी लाईटों को हटाने के लिए अभियान चलाकर हटाने संबंधी कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2016-17 में यातायात विभाग द्वारा दो पहिया वाहनों के बिना हेलमेट प्रकरण के 8,61,265 चालान कर 20,32,88,500 रुपये समन शुल्क की राशि जमा की गई है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार यातायात विभाग द्वारा बिना हेलमेट दो पहिया वाहनों के सड़कों पर चलने के विरुद्ध नियमित एवं समय-समय पर अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है। पेट्रोल पम्प मालिकों द्वारा दो पहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट लगाकर आने पर पेट्रोल प्रदाय नहीं किये जाने के संबंध में खादय् नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय म.प्र. द्वारा समस्त कलेक्टर म.प्र. को निर्देशित किया गया है। (ग) हूटर लगाने की पात्रता के संबंध में मध्य प्रदेश राजपत्र क्रमांक 395 दिनांक 31 अगस्त 2013 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्रभारी प्रचार्य को हटाया जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
14. ( क्र. 1072 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय शहडोल के प्रभारी प्राचार्य श्री शक्ति सिंह खटीक के खिलाफ जाँच व शिकायत प्रचलित है जिसका पूर्व में भी प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्र. 3558, दिनांक 22/07/2014 के उत्तर में जानकारी हाँ देकर पद से हटाया जाना बताया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त अक्षम प्रभारी प्राचार्य को पुन: से प्राचार्य के पद पर क्यों पदांकित किया गया है कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में श्री खटिक को किसके आदेश से पुन: प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है बतायें कि कब तक पद से हटा दिया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पदस्थापना के लिए दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन-सी कार्यवाही कब तक की जावेगी।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) 'क' के अनुक्रम में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) विभागीय आदेश दिनांक 12.05.2017 के द्वारा प्राचार्य शहडोल का प्रभार सौंपा गया। प्रशासकीय सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत प्राचार्य का प्रभार सौंपा गया। (घ) उत्तरांश 'ग' के अनुक्रम में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेय जल हेतु नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 1155 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत पेयजल हेतु कितनी नल-जल योजना की स्वीकृति शासन स्तर पर लंबित है? (ख) उक्त योजना की स्वीकृति से कौन-कौन से गांवों में नल-जल योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कब तक प्राप्त हो सकेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई भी नहीं। (ख) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अशोकनगर जिले में नामांतरण एवं सीमांकन
[राजस्व]
16. ( क्र. 1185 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के किस-किस व्यक्ति ने पिछले 2 साल में सीमांकन नामांतरण के लिये आवेदन शासन को किस-किस तिथि को दिये तथा कितने प्रकरणों में नामांतरण, सीमांकन हो गया तथा यदि नहीं, हुआ तो क्यों? (ख) कानून के तहत समय पर नामांतरण व सीमांकन नहीं होने पर किस-किस कर्मचारी पर कार्यवाही हुई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कौशल विकास आई.टी.आई. परीक्षा
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
17. ( क्र. 1263 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रोफेशनल एक्जाम बोर्ड द्वारा वर्ष 2016 में आयोजित कौशल विकास आई.टी.आई परीक्षा में वेल्डर ट्रेड की परीक्षा में गलत प्रश्नों पर कितने उम्मीदवारों द्वारा समय-सीमा में आपत्ति दर्ज की गई थी? आपत्तियों पर कुंजी समिति द्वारा किस आधार पर परीक्षण किया गया, कुंजी समिति के सदस्यों के चयन का क्या मापदण्ड है? वर्तमान में इस समिति में कौन-कौन से सदस्य है और कब से पदस्थ है इनके चयन का क्या आधार है इन्हें कितना मानदेय (भत्ता) दिया जाता है? (ख) क्या इस कुंजी समिति के द्वारा प्रश्नों के उत्तर पर दिये गये निर्णय को अंतिम किस आधार से माना जाता है यदि समिति द्वारा गलत उत्तर को ही सही माना जाता है तो बोर्ड के द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अतंर्गत प्रश्न क्रमांक 38 एवं 40 पर दर्ज आपत्ति पर गलत उत्तर को ही कुंजी समिति द्वारा किस आधार पर आवेदकों की आपत्ति को अमान्य किया गया है उसका आधार बताया जावें? (घ) भारत सरकार रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा एवं Trade Theory and assignment/Test by G.S. Sethi द्वारा जारी पुस्तक में अंकित उत्तर को अमान्य करने का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। कुल 06 उम्मीदवारों ने समय-सीमा में वेल्डर ट्रेड के प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज की थी। कुंजी समिति सदस्यों ने उम्मीदवारों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्य का परिक्षण पाठ्यक्रम पुस्तकों का अवलोकन एवं विचार विर्मश कर परीक्षण किया। कुंजी समिति के सदस्यों के चयन हेतु महाविद्यालय स्तर पर कार्यरत् योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों का चयन किया जाता है। प्रत्येक परीक्षा हेतु विषयवार अलग-अलग विषय विशेषज्ञों का चयन किया जाता है। कुंजी समिति के सदस्यों हेतु शासकीय संस्था में कार्यरत शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है। वेल्डर ट्रेड हेतु निम्न विशेषज्ञ सदस्य थे:- श्री आशीष तिवारी, श्री संतोष कुमार पटेल, व्याख्यात मैकेनिकल, स.व.पोली.महाविद्यालय, भोपाल, श्री जितेन्द्र हेमवानी, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, बैतूल, डॉ. अजय कुमार जैन, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, ग्वालियर, डॉ. राजीव जैन, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जबलपुर। इस परीक्षा में वेल्डर ट्रेड से संबंधित कुंजी समिति के सदस्यों को 5000/- रूपये मानदेय का भुगतान किया गया है। (ख) कुंजी समिति के सदस्य संबंधित विषय के विशेषज्ञ होते है, इस आधार पर उनके निर्णय को अंतिम मानकर कार्यवाही की जाती है। संबंधित विषय के विशेषज्ञों के निर्णय पर किसी प्रकार की कार्यवाही करने का प्रावधान नियमों में नहीं है। (ग) कुंजी समिति के विषय विशेषज्ञों ने उम्मीदवारों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्य, पाठ्यक्रम, पुस्तकों का अवलोकन एवं गहन विचार-विर्मश कर आवेदकों की आपत्तियों को अमान्य किया गया। (घ) कुंजी समिति के विषय-विशेषज्ञों द्वारा लिया गया निर्णय उल्लेखित पुस्तक में अंकित उत्तर को अमान्य करता है।
नागदा को जिला बनाने के लिये की गयी मांग
[राजस्व]
18. ( क्र. 1353 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व विधायक श्री दिलीप सिंह गुर्जर के द्वारा वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक नागदा को जिला बनाने के लिये कितनी बार माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखे एवं कितनी बार प्रतिनिधि मण्डल के साथ ज्ञापन दिये गये थे? (ख) यदि हाँ तो पत्र एवं ज्ञापन की छाया प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तुलसीनगर स्थित एफ टाइप शासकीय आवासों का आवंटन
[गृह]
19. ( क्र. 1411 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तुलसीनगर स्थित एफ टाइप शासकीय आवास गृह क्रमांक 88/45 से 88/56 तक रिक्त रखे जाने की विभाग की कोई योजना है? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक आवंटित न होने के क्या कारण है? (ख) यदि उक्त आवास गृह आवंटित हो गए हैं तो आवंटितों द्वारा आधिपत्य क्यों नहीं लिया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार आवासों का आधिपत्य ले लिया गया है? यदि हाँ, तो आवास रिक्त रहने के क्या कारण है? (घ) क्या आवास (रिक्तता के कारण) शीघ्र आवंटित किए जाएंगे यदि आवंटित हो चुके हैं तो क्या संबंधितों का आवंटन निरस्त किया जाकर अन्य पात्रों को आवंटित किए जाएंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में दर्शित आवास रिक्त रखने की विभाग की कोई योजना वर्तमान में नहीं है। सभी आवास नियमित रूप से आवंटित किये गए है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) अंतर्गत आवासों का अधिपत्य आवंटिती द्वारा समय-समय पर प्राप्त किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आवास रिक्तता की दशा में आवंटन समिति की आगामी बैठक में पुन: आवंटित किये जायेंगे। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन बोर खनन एवं सिंगल फेस मोटरों का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 1448 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत वर्ष 2017-18 में शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कितने नवीन बोर खनन की स्वीकृति दी तथा उक्त के विरूद्ध कितने स्थानों पर बोर खनन कर हैण्डपंप स्थापित कर दिये गये हैं तथा कितने स्थानों पर बोर खनन किये जाने शेष हैं? जानकारी स्थान सहित पृथक-पृथक देवें? (ख) शासन से कितनी सिंगल फेस मोटर की स्वीकृति प्राप्त हुई तथा उक्त स्वीकृति के विरूद्ध कितनी सिंगल फेस मोटर का प्रदाय विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किया तथा कितनी प्रदाय की जाना शेष हैं? जानकारी स्थान सहित पृथक-पृथक बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 26 नवीन नलकूप बोर खनन की स्वीकृति दी गई, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) 18 सिंगल फेस मोटर पंप की स्वीकृति दी गई, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
उज्जवला योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 1450 ) श्री सुदेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जवला योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सीहोर में कितने हितग्रहियों को योजना का लाभ योजना के प्रारम्भ होने से आज दिनांक तक दिया गया हैं? हितग्राहियों की सूची बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र अंतर्गत किस-किस एजेंसी को कितने-कितने कनेक्शन प्रदाय किये जाने का लक्ष्य दिया गया तथा एजेंसी द्वारा उक्त लक्ष्य के विरूद्ध कितने कनेक्शन का प्रदाय किया गया तथा कितने प्रदाय किये जाने शेष हैं? एजेंसीवार प्रदाय तथा शेष की जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जवला योजना अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र सीहोर में 07 गैस एजेन्सियों से 14367 हितग्राहियों को योजना का लाभ योजना के प्रारंभ होने से आज दिनांक तक दिया है। गैस एजेंसीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों में से ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले सीहोर जिले के 124290 परिवारों को पात्रतानुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय किया जाना है। एक क्षेत्र में एक से अधिक गैस एजेन्सी होने पर पात्र हितग्राही को किसी भी गैस एजेन्सी से गैस कनेक्शन प्राप्त करने की सुविधा होने के कारण जिले में गैस एजेंसीवार गैस कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। जिले में योजनांतर्गत 68758 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन जारी किये जा चुके है एवं 55532 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन जारी किये जाने शेष है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण
[राजस्व]
22. ( क्र. 1473 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली अंतर्गत किस तरह से खसरा-खतौनी कम्प्यूटराईज्ड क्या की जायेगी? क्या कम्प्यूटरीकृत की आवश्यकता है? इसे कब तक में पूरा किया जावेगा? भूमि की रजिस्ट्री पंजीयन किया जाना है, तो नामांतरण के लिये किसानों को अन्य विभागों में भी नहीं भटकना पड़ेगा? (ख) क्या 1958, 1959 की वार्षिक खतौनी को कम्प्यूटराईज कराया जायेगा, क्योंकि खतौनी मुख्य अभिलेख है (जो फटे जा रहे है) यदि हाँ, तो कब तक।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जिला सिंगरौली के सभी ग्रामों के खसरा खतौनी को कम्प्यूटराईज्ड करा लिया गया है। वर्तमान में भूमि की रजिस्ट्री के लिए किसान को पंजीयन विभाग एवं नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में जाना होता है। (ख) तहसील स्थित अभिलेखागारों के आधुनिकीकरण के अंतर्गत गत बन्दोबस्त के समय तैयार कराए गए खसरा, खतौनी तथा उसके बाद के नामांतरण एवं संशोधन पंजी की स्केनिंग करायी जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 1477 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सौर ऊर्जा नल-जल योजना की पिछले वर्ष (2016) में घोषणा हुई थी, यदि हाँ तो सिंगरौली जिले के किन-किन ग्रामों का सर्वेक्षण तैयार किया गया है? क्या निविदा तैयार हुई है? (ख) वर्ष 2017-18 में इन कार्यों को कब तक पूर्ण किया जायेगा? यदि नहीं, तो स्पष्ट जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी महिला अधीक्षिका से छेड़छाड़
[गृह]
24. ( क्र. 1522 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के जिला अधिकारी श्री आर.एस. परिहार गुना के विरूद्ध आदिवासी महिला अधीक्षिका से छेड़छाड़ एवं उत्पीड़न का आपराधिक प्रकरण क्रमांक 206/2017 गुना केन्ट थाने में दिनांक 01-04-2017 को दर्ज हुआ है? (ख) यदि हाँ तो आज दिनांक तक श्री परिहार की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा क्यों नहीं की गई? (ग) क्या श्री परिहार द्वारा जाँच को लंबित रखकर जाँच प्रभावित की जा रही है, जाँच में आज दिनांक तक श्री परिहार को घटना की निशानदेही को पुलिस द्वारा नहीं बुलाया गया है और न ही आज दिनांक तक प्रकरण में इनके कथन आदि भी पुलिस नहीं ले पाई है, कारण बतायें? (घ) क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 3229/2017 में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा प्रकरण में आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? प्रकरण में पुलिस द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? प्रकरण में जाँच कब तक पूरी की जावेगी एवं प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय को उत्तर कब तक प्रस्तुत किया जावेगा तथा प्रकरण में चालान माननीय न्यायालय को कब तक प्रस्तुत किया जावेगा? चालान प्रस्तुत करने की समय अवधि क्या है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) आवेदिका की रिपोर्ट पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया व अनावेदक आर.एस.परिहार द्वारा भी विवेचना के दौरान आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। सभी बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुये विवेचना जारी है, प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) अनावेदक आर.एस. परिहार द्वारा जाँच प्रभावित नहीं की जा रही है। घटना की निशानदेही का नक्शा मौका नियमानुसार फरियादिया के बताये अनुसार बनाया गया है। अनावेदक आर.एस.परिहार के कथन दिनांक 26.04.2017 को लिये गये हैं। (घ) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में रिट पिटीशन क्रमांक 3229/2017 दायर की गई है। उक्त रिट पिटीशन में जबाव दावा प्रस्तुत करने हेतु नगर पुलिस अधीक्षक गुना बाय.पी.सिंह को प्रभारी अधिकारी दिनांक 01.06.2017 को नियुक्त किया गया है, उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में अतिरिक्त महाधिवक्ता से सम्पर्क कर जबाव दावा प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण में पुलिस द्वारा आज दिनांक तक फरियादिया एवं 03 साक्षीगणों के कथन लेखबद्ध किये गये हैं व फरियादिया की निशानदेही से घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। प्रकरण में जबाव दावा प्रस्तुत करने के लिए दिनांक 10.08.2017 नियत है जिसके पूर्व ही यथासंभव माननीय उच्च न्यायालय में जबाव दावा प्रस्तुत किया जावेगा। प्रकरण वर्तमान में अनुसंधान में है, विवेचना में प्राप्त साक्ष्यों के अनुसार प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। प्रकरण में विवेचना जारी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न पर कार्यवाही
[राजस्व]
25. ( क्र. 1539 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किअशोकनगर में राजस्व भूमि पर अतिक्रमण के संबंध में 27 फरवरी 2017 को प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 16, 27 मार्च 2017 प्रश्न क्रमांक 4831, 7 दिसम्बर 2016 के परि. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 82 तथा 27 फरवरी 2017 के प्रश्न क्रमांक 46 अथाईखेडा की सर्वे क्रमांक 696/2 के बारे में प्रत्येक प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही हुई है विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्री बाबूलाल यादव एडवोकेट प्रदेश महासचिव भा.कम्प्यूनिस्ट पार्टी द्वारा शिकायत में अंकित, कस्बा अशोकनगर की भूमि सर्वे नं.497/1 मिन.1 रकबा 0.011 हे. सर्वे नं. 501/1 रकबा 0.366 हे.505/1 रकबा 0.418 हे. 518/1 रकबा 0.010 हे. 520, 521 रकबा 0.806 हे. 530 मि. 531 मि. 532, 533 मि. 534 मि.2 535/2 538 मि. रकबा 1.432 हे. सर्वे नं. 555/2 मि.1 रकबा 1.045 हे. 560/2 रकबा 0.188 हे. 564/1 मि.2 रकबा 0.094 हे. 572/2 मि.1 रकबा 1.077 हे. 582/3 रकबा 0.026 हे. 583/1 रकबा 0.104 हे. 584/2 मि.1 रकबा 0.175 हे. 585/1 मि.2 रकबा 0.264 हे. 586 मि.1 587 मि. 589, 590 मि. 591 मि. 592 मि. 594 मि. रकबा 0.063 हे. वर्तमान राजस्व अभिलेख में खाना नं. 3 में भालचंदराव, शिवाजीराव, लीला आत्मज केशवराव मराठा के नाम अंकित है एवं खसरे के खाना नं. 12 में तहसीलदार के प्रकरण क्र.32 अ-6/08-09 आदेश दिनांक 8.7.2009 से भूमि शासकीय दर्ज है। इन सर्वे नम्बरों में कॉफी संख्या में 30 से 40 वर्ष पूर्व से मकान बने है। यह भूमि पूर्व में भालचन्द राव, शिवाजी राव, लीला आत्मज केशवराव मराठा के नाम भूमि भू-स्वत्व पर दर्ज थी। भूमि सर्वे नं. 555 में से 6 बीघा 558 में से 2 बीघा 572 में से 1 बिस्बा पर गजराम सिंह पुत्र अलोल सिंह यादव द्वारा विक्रय पत्र दिनांक 5.11.1955 के आधार पर केशवराव बल्द सीताराम भौसले के स्थान पर नामांतरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जो न्यायालय तहसीलदार अशोकनगर के प्र.क्र.110 अ-6/14-15 में पारित आदेश दिनांक 20.8.2015 से नामांतरण का आदेश निरस्त किया गया। मान.राजस्व मण्डल के प्रकरण क्र.निगरानी-788-एक-16 में पारित आदेश दिनांक 14.3.2016 से उक्त भूमि पर विक्रय पत्र दिनांक 5.11.1955 के आधार पर क्रेता गजराम सिंह पुत्र अलोल सिंह का नामांतरण किये जाने का आदेश पारित किया गया। नामांतरण आदेश को राजस्व मण्डल के पुनर्विलोकन में प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। ग्राम अथाईखेडा की शासकीय भूमि सर्वे क्र.696/2 को कलेक्टर के न्यायालयीन प्र.क्र. 02/स्वमेव निगरानी/2015-16 में पारित आदेश 20.2.2017 से उक्त भूमि शासकीय घोषित की जा चुकी है। जिसका अमल राजस्व अभिलेख में कर दिया गया है।
भू-अभिलेख में कम्प्यूटर त्रुटि का सुधार
[राजस्व]
26. ( क्र. 1548 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले की पोहरी एवं बैराढ़ तहसील में कम्प्यूटर की त्रुटि से सैकड़ों कृषकों की निजी भूमि को शासकीय भूमि दर्शाया जा रहा है? प्रश्नकर्ता के 17 मई 2014 के पत्र के संदर्भ में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त मध्यप्रदेश द्वारा कलेक्टर शिवपुरी को जारी पत्र क्रमांक 219/कम्प्यूटर-9/2014 ग्वालियर दिनांक 27.5.2014 में उक्त कम्प्यूटर त्रुटियों की जाँच कर कृषकों के भू-अभिलेख सुधार के लिए लिखा गया था। उक्त पत्र के पालन में किन किन पटवारी हल्कों में किन किन कृषकों के भू-अभिलेख में सुधार कर दिया गया था? ऐसे खातेदारों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पोहरी तथा बैराढ़ तहसील के पटवारी हल्का घौरिया, गोवर्धन, गुरीच्छा व अन्य पटवारी हल्कों में भी सैकड़ों खातों में वर्तमान में भी कम्प्यूटर की त्रुटि से भू-अभिलेख निजी भूमि को शासकीय भूमि दर्शाया जा रहा है। क्या विभागीय एवं कम्प्यूटर की त्रुटि को विभाग संज्ञान में लेकर, पुराने रिकार्ड के आधार पर कब तक सुधार कर लेगा? तहसीलों में कम्प्यूटर त्रुटि से संबंधित लंबित प्रकरणों की सूची पटवारी हल्कावार एवं खातेदारों के नाम सहित उपलब्ध करावें उक्त त्रुटियों का संशोधन कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजे का वितरण
[राजस्व]
27. ( क्र. 1583 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में विगत तीन वर्षों में ओला, पाला एवं अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा वितरित किया गया है? यदि हाँ तो कितने लोगों को कब-कब वितरित किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या जिन हितग्राहियों का नाम मुआवजा सूची में आया था एवं उन्हे मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ? ऐसे हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी संख्या प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार ऐसे हितग्राहियों को मुआवजा नहीं दिये जाने का क्या कारण था? इन्हे कब तक मुआवजा प्रदान कर दिया जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट पर है।
(ख) प्रश्नांश
'क' अनुसार
सभी प्रभावित
कृषकों को
मुआवजा राशि
का वितरण उनके
बैंक खातें
में कर दिया
गया है। कोई
भी प्रभावित
कृषक राहत
राशि के लिये
शेष नहीं है। (ग)
प्रश्नांश 'ख' अनुसार
जानकारी
निरंक है।
परिशिष्ट
- ''पाँच''
लोकसभा/विधानसभा निर्वाचन व अन्य कार्य हेतु नियमित पदों पर नियुक्ति
[राजस्व]
28. ( क्र. 1604 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011 से लोकसभा, विधानसभा निर्वाचन व अन्य कार्य हेतु नियुक्त कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति नहीं दिये जाने से विदिशा जिले के कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालयो में याचिका दायर की है यदि हाँ तो जानकारी देवें? (ख) उक्त याचिकाओं पर माननीय न्यायालय द्वारा किस दिनांक को क्या आदेश दिये गये हैं तथा क्या आदेश का पालन किया है? (ग) कलेक्टर विदिशा द्वारा दिनांक 01.01.2011 से प्रश्नांकित तिथि तक कितने सहायक ग्रेड-3 के पदों पर किस किस संवर्ग में नियुक्तियां की गई हैं? वर्तमान में सहायक ग्रेड-3 के कितने पद किस किस संवर्ग के कब से रिक्त हैं? बतावें? (घ) क्या अवर सचिव, म.प्र. शासन, राजस्व विभाग भोपाल ने पत्र क्रमांक/515/365/2011/दिनांक-25.02.2011 में किस न्यायालीयन निर्णय के क्रम में कलेक्टर विदिशा को किस किस याचिकाकर्ताओं को अन्य जिलों की भांति जो भी पद रिक्त हो उस पर नियमित नियुक्ति के संबंध में आदेश दिये थे? यदि हाँ तो आदेश का पालन 6 वर्ष बाद भी नहीं होने के लिये कौन जिम्मेदार है? कब तक नियमित पद पर नियुक्ति की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरोन गुना बायपास में अधिग्रहीत भूमि के मुआवजा वितरण में फर्जीवाड़ा
[राजस्व]
29. ( क्र. 1643 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के गुना जिले के अंतर्गत आरोन-गुना बायपास का निर्माण किस कंपनी द्वारा किया गया हैं? उक्त सड़क निर्माण में जिले के कितने किसानों की कितनी जमीन अधिग्रहीत की गई है तथा अधिग्रहीत जमीन का कितना मुआवजा किसानों को दिया गया है? मुआवजा प्राप्त व्यक्तियों की सूची, मुआवजे की रकम सहित उपलब्ध करावें? (ख) क्या ऐसे लोग भी मुआवजा सूची में शामिल हैं जिनकी जमीन अधिग्रहीत नहीं की गई है? यदि हाँ तो वे लोग कौन हैं जिन्हें मुआवजा दिया गया है। उन व्यक्तियों के नाम एवं दी गई मुआवजा राशि की सूची उपलब्ध करावे? (ग) लोगों को बगैर जमीन अधिग्रहण किये मुआवजा देने के लिये कौन अधिकारी एवं हितग्राही जिम्मेदार हैं? गलत तरीके से मुआवजा लेने वाले व्यक्तियों एवं संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गुना जिले के अंतर्गत गुना आरोन-सिरोंज मार्ग पर आरोन बायपास टू-लेन का निर्माण म.प्र.सड़क विकास निगम भोपाल द्वारा मेसर्स बंसल पथवे कंपनी से कराया गया है। उक्त सड़क में तहसील आरोन अंतर्गत कस्बा आरोन के 94 खातेदारों की 22.789 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है। अधिग्रहित की गई भूमि की मुआवजा राशि 28,73,92,810/- रूपये स्वीकृत की जाकर प्रशासकीय शुल्क सहित कुल राशि 30,17,62,451/- का अवार्ड पारित किया गया है। अवार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
अस्थाई होम गार्डों की नियुक्ति
[गृह]
30. ( क्र. 1741 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मा. गृह मंत्री म.प्र. शासन भोपाल को लिखे गये पत्र क्रमांक 357 दिनांक 08/04/2017 जिसकी प्रतिलिपि मा. मुख्यमंत्री म.प्र., मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग म.प्र. शासन भोपाल को प्रेषित की गई थी, पर क्या कार्यवाही की गई? स्पष्ट करें। (ख) म.प्र. में सिंहस्थ महाकुम्भ के दौरान भर्ती किये गये होमगार्ड सैनिकों को प्रशिक्षण एवं ड्यूटी में लगभग दो वर्ष का समय लगा व सिंहस्थ ड्यूटी एवं बाढ़ आपदा के बाद उनकी सेवायें समाप्त कर दी गई? इस दौरान बहुत से होमगार्ड ओवर ऐज हो गये तो क्या उन्हें पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जावेगी? (ग) क्या उक्त प्रशिक्षित सैनिक जो सिंहस्थ महाकुम्भ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं को पुनः सेवा में रखे जाने के संबंध में विभाग द्वारा कोई योजना अथवा प्रस्ताव पारित किया गया है? (घ) यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मान. विधायक के पत्र दिनांक 8.4.2017 पर महानिदेशक, होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा मुख्यालय से अभिमत प्राप्त किया गया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। सिंहस्थ मेला 2016 के लिए अस्थाई स्वयंसेवक केवल सिंहस्थ के विशेष प्रयोजन हेतु सीमित समयावधि के लिए नामांकित किए गए थे तथा जारी निर्देश में यह भी लेख किया गया था कि इसके बाद इन्हें अन्य कोई क्लेम नहीं दिया जाएगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूँ परिवहन में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 1792 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपार्जन वर्ष 2017-18 में गेहूँ परिवहन के संबंध में शासन द्वारा क्या-क्या प्रावधान रखे गये थे? प्रावधानित नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या राजगढ़ जिले में उपार्जन वर्ष 2017-18 में गेहूँ परिवहन के नियमों का अक्षरश: पालन कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार समितियों का उपार्जित गेहूँ संबंधित वेयर हाउस में तय परिवहन रूट चार्ट अनुसार पहुचाया गया? यदि हाँ तो तय परिवहन रूट चार्ट एवं संबंधित वेयर हाउस की आवक पंजी की प्रति सहित जानकारी देवें? (ग) क्या राजगढ़ जिले में शासन के तय मानकों व नियमों के विपरीत उपार्जन वर्ष 2017-18 में गेहूँ का ओव्हर लोड परिवहन किया गया है तथा शासन द्वारा निर्धारित परिवहन रूट चार्ट का भी उल्लंघन किया गया है? (घ) यदि हाँ तो इसमें कौन अधिकारी दोषी है एवं क्या शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा एवं परिवहन कर्ताओं की जमा राशि को राजसात करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन खाद्यान्न पर्चियां जनरेट कर वितरण करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 1807 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नागदा एवं खाचरौद की वंचित परिवारों की कितनी खाद्यान्न पर्चियां स्थानीय खाद्य विभाग द्वारा अप लोड कर दी गयी हैं? उनमें से कितनी पर्चियां भोपाल कार्यालय के द्वारा अपलोड होना शेष है? शेष रहने का क्या कारण है? (ख) ये पर्चियां कितने समय से लंबित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त पर्चियां कब तक अपलोड होकर हितग्राहियों को वितरीत करा दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नागदा एवं खाचरौद में स्थानीय निकाय द्वारा 653 नवीन परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पोर्टल पर पात्र परिवार के रूप में सत्यापित किया गया है, जिनकी पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में हितग्राहियों की संख्या के विरूद्ध जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिलों में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित नवीन परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं हुई है। जिन परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
पंजीबद्ध प्रकरण में कार्यवाही
[गृह]
33. ( क्र. 1841 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले के थाना अहमदपुर में दिनांक 17.04.2013 को अपराध क्रमांक 37/13 पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ तो आरोपी कौन है? चालान किसके विरूद्ध कोर्ट में पेश किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में क्या फरियादी की शिकायत के जाँच प्रतिवेदन क्रमांक अति.पु.अ./सीहोर/रीडर/17 (शि.पु.-06) दिनांक 30.03.2017 में प्रथम सूचना प्रतिवेदन के प्रतिपर्ण कॉपी में आरोपी के नाम के सम्मुख विनोद मीना लेख किया गया एवं अभियोग पत्र में संलग्न कॉपी में रवि मीना लेख किया गया है? यदि हाँ, तो इस विरोधाभास स्थिति के लिए दोषी कौन है? (ग) क्या प्रतिवेदन के प्रतिपर्ण कॉपी में लेख आरोपी एवं अभियोग पत्र के संलग्न कॉपी में लेख आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया है? यदि नहीं, तो चालान किसके विरूद्ध पेश किया गया है और क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण कि एफ.आई.आर. में विरोधाभासी स्थिति एवं एफ.आई.आर. से भिन्न चालान पेश करने वाले अधिकारी का कोई दोष नहीं है? क्या न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से दोषी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही नहीं की जा सकती है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। अप.क्र.-37/13 धारा 279, 337, 338 भा.द.वि. प्रकरण के प्रथम सूचना पत्र में आरोपी रवि मीना पिता रामस्वरुप मीना निवासी महुआखेडी थाना दोराहा अंकित है। प्रकरण के अनुसंधान में आरोपी संतोष पिता घूडेलाल निवासी ग्राम सांकला के विरुद्ध साक्ष्य अनुरुप अभियोग पत्र वर्ष 2013 में सक्षम न्यायालय में पेश किया गया है। (ख) जी हाँ। विरोधाभास के लिये विभागीय कार्यवाही के अंतर्गत जाँच अति.पुलिस अधीक्षक सीहोर द्वारा की जा रही है। (ग) जी नहीं। प्रकरण में अनुसंधान उपरांत साक्ष्य के आधार पर आरोपी संतोष पिता घूडेलाल के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया है। (घ) प्रकरण में अनुसंधान में आये साक्ष्य अनुरुप कार्यवाही की जाकर एफ.आई.आर. से भिन्न आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण में दिये गये निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है।
प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र.
1844 ) श्री
रामलाल रौतेल
: क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
वित्तीय
वर्ष 2008
से 2014
तथा 2015
से 2016
अनूपपुर खण्ड
में हुए
विभागीय
कार्य एवं
संविदाकारों
से कराये गये
कार्यों की
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? यदि
हाँ तो शिकायत
का प्रकार क्या
है? प्राप्त
शिकायत पर अभी
तक क्या
कार्यवाही
हुई है? (ख) क्या
भौतिक सत्यापन
शिकायतकर्ता
एवं उसके
प्रतिनिधि की
अनुपस्थिति
में किया गया
है? यदि
हाँ तो
सम्मिलित न
करने का कारण
क्या है? (ग) क्या
दोषी अधिकारी
के विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी, यदि हाँ तो
कब तक?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क)
जी हाँ। विवरण
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार। (ख) विभाग
के दक्ष
अधीक्षण
यंत्री की
अध्यक्षता में
जाँच दल का
गठन कर भौतिक
सत्यापन
कराया गया है
अतः शिकायतकर्ता
एवं
जनप्रतिनिधि
को सम्मिलित नहीं
किया गया। (ग) प्रथम
दृष्टया
उत्तरदायी
पाये गये
अधिकारी/कर्मचारियों
श्री
आर.वाय.तिवारी, श्री
यू.एस.नामदेव, श्री
हीरा सिंह
धुर्वे
तत्कालीन
कार्यपालन यंत्री
खण्ड अनूपपुर, श्री
के.के.गुप्ता
प्रभारी
सहायक यंत्री, श्री
आर.पी.अहिरवार
श्री
एस.पी.द्विवेदी
उपयंत्री में
से श्री हीरा
सिंह धुर्वे, कार्यपालन
यंत्री, श्री
आर.पी.अहिरवार
एवं श्री
एस.पी.द्विवेदी
उपयंत्रियों
के विरूद्ध
शासन के पत्र
क्रमांक एफ-5-6/17/1/34
दिनांक 4.3.2017 द्वारा
एवं श्री
के.के.गुप्ता, सेवानिवृत्त
प्रभारी सहायक
यंत्री को
शासन के
समसंख्यक
पत्र दिनांक 30.6.2017
द्वारा आरोप
पत्र जारी कर
दिए गए हैं। शेष
सेवानिवृत्त
उत्तरदायी
अधिकारी श्री
आर.वाय.तिवारी
एवं श्री
यू.एस.नामदेव
कार्यपालन
यंत्री की
सेवानिवृत्ति
तथा अपचार की
घटना चार वर्ष
से अधिक होने
के कारण इनके
विरूद्ध
मध्यप्रदेश
सिविल सेवा (पेंशन)
नियम 1976
के तहत
कार्यवाही की
जाना संभव
नहीं है।
लीज भूमि का दुरूपयोग
[राजस्व]
35. ( क्र. 1860 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में किन-किन शैक्षणिक संस्थाओं को शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु कितनी-कितनी शासकीय भूमि किस ग्राम/शहर में भूमि लीज पर दी गई है? (ख) खंडवा नगरीय क्षेत्र में निमाड़ एजुकेशन सोसायटी को किस खसरा नम्बर की कितनी भूमि किस प्रयोजन हेतु लीज पर कब दी गई है? लीज शर्तों की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) क्या लीजधारक संस्था द्वारा लीजभूमि पर नियम विरूद्ध निर्माण कार्य करवाए गये है? क्या संस्था द्वारा लीज भूमि पर गत 15 में किये गये सभी निर्माण कार्यों की अनुमति प्राप्त की है? यदि हाँ तो आदेश प्रति उपलब्ध कराएं? (घ) क्या शिक्षा के प्रचार प्रसार हेतु मिली भूमि पर लीजधारक द्वारा बड़ा होटल एवं मैरिज गार्डन बनाकर व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ तो इनके निर्माण की अनुमति किसके द्वारा दी गई आदेश प्रति उपलब्ध कराएं? (ड.) राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मूल लीज शर्तों में परिवर्तन कर फ्री होल्ड की गई भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य क्या है? क्या अब इसका भू-भाटक उस दर से वसूला जा रहा है? (च) क्या इस फ्री होल्ड अनुमति प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाएगी? क्या जनहित में ऐसी लीज भूमि को शासन अपने आधिपत्य में लेगा? यदि हाँ तो कब?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खण्डवा जिले के शहर खण्डवा में दि निमाड एजुकेशन सोसायटी खण्डवा शैक्षणिक संस्था को शिक्षा हेतु नजूल ब्लॉक नं. 73 प्लाट नं. 01 क्षेत्रफल 34834 वर्गफिट भूमि एवं ब्लॉक नं. 70 प्लाट नं. 17 क्षेत्रफल 218210 वर्गफिट खण्डवा शहर में लीज पर दी गई है। (ख) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में दि निमाड एजुकेशन सोसायटी खण्डवा को खण्डवा शहर स्थित नजूल ब्लॉक नं. 70 प्लाट नं. 17 क्षेत्रफल 218210 वर्गफिट ब्लॉक नं. 73 प्लाट नं. 01 क्षेत्रफल 34834 वर्गफिट भूमि ''लीज ऑफ इन्ट्रा म्युनिसिपल नजूल फार बिल्डिंग परपज'' प्रयोजन हेतु दिनांक 08.10.1948 को लीज पर दी गई थी। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) लीजधारक संस्था द्वारा लीज भूमि पर नियम विरूद्ध निर्माण कार्य किये जाने एवं संस्था द्वारा लीज भूमि पर निर्माण कार्यों की अनुमति के संबंध में तात्कालीन कलेक्टर खण्डवा द्वारा प्रकरण की जाँच कर प्रतिवेदन भेजा गया है जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। संस्था द्वारा क्षेत्रफल 1473.32 वर्गमीटर पर शैक्षणिक प्रयोजनार्थ एवं कार्यालय निर्माण की अनुमति आयुक्त, नगर पालिक निगम खण्डवा से ली गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हां, लीज भूमि पर शिक्षण संस्थान '' दि निमाड एजुकेशन सोसायटी खण्डवा'' के नाम से लीज दी गई भूमि पर संचालित होटल एवं फ्री-होल्ड की गई भूमि के संबंध में जाँच प्रतिवेदन प्रमुख राजस्व आयुक्त, भोपाल को प्रेषित किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ड.) मूल लीज शर्तों में परिवर्तन कर फ्री-होल्ड की गई भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य राशि रूपये 52,67,80,800.00 रूपये है। उक्त लीज भूमि का वार्षिक भू-भाटक राशि रूपये 296569.00 निर्धारित किया गया है। (च) संस्था को फ्री-होल्ड अनुमति के प्रकरण की वस्तुस्थिति की जाँच कर तत्कालीन कलेक्टर, खण्डवा द्वारा प्रतिवेदन भेजा गया है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नल-जल योजना के नलकूप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
36. ( क्र. 1881 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 2 वर्ष में सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के कितने गांवों में नल-जल योजना के नलकूप खनन कब-कब किये गये। गावों के नाम, खनन का वर्ष सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या नल-जल योजना के कार्य काफी अतंराल के बाद भी अधूरे पड़े हैं। न ही पाईप लाईन बिछी है और न ही टंकियां निर्मित की है? उक्त नल-जल योजना का कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) क्या शासन के बार-बार निर्देशों के बावजूद भी नल-जल योजनाओं पर कार्य प्रांरभ नहीं किया है तथा ऐसी कितनी नल-जल योजनाएं है जो पूर्ण होने के बाद भी जून 2017 तक टूटी-फूटी पड़ी हैं, उनका निर्माण वर्ष एवं जून 2017 की स्थिति की पूर्ण जानकारी दी जावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2015 में 01 ग्राम मुंगावली में नल-जल योजना का नलकूप खनन किया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। स्वीकृत योजना अंतर्गत पर्याप्त स्त्रोत का अभाव, टंकी निर्माण स्थल विवाद एवं ठेकेदार द्वारा कार्य नहीं करने के कारण कार्य अपूर्ण हैं। योजनाओं के कार्य पूर्ण करने की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ग) जी नहीं, बंद योजनाओं को पुनः चालू करने हेतु ''नल से जल आज और कल'' कार्यक्रम अंतर्गत लघु सुधारवाली (2.00 लाख से कम लागत) बंद नल-जल योजनाओं को पंचायत के माध्यम से चालू करने हेतु राशि उपलब्ध करवायी गई है एवं वृहद सुधार वाली (रू. 2.00 लाख से अधिक लागत) बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हतु विभाग द्वारा निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
अल्ट्राटेक सीमेंट हेतु भूमि अधिग्रहण
[राजस्व]
37. ( क्र. 1895 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में अल्ट्राटेक सीमेंट के लिये भूमि का अधिग्रहण किस भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत किया गया? (ख) आदिवासी एवं गैर अादिवासियों की भूमि खरीदी या लीज पर ली गई भूमि कितनी अधिग्रहित की गई और कितना मुआवजा दिया गया? प्रति हेक्टेयर किस रेट से खरीदी गई तथा लीज पर ली गई, गांववार राशि की जानकारी देवें? (ग) क्या नवीन भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार अधिग्रहित आदिवासियों एवं गैर आदिवासियों की भूमि का मुआवजा भूमि के बाजार मूल्य से 04 (चार) गुना अधिक मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है? ऐसे कितने आदिवासी व गैर आदिवासी किसानों को भूमि के बाजार मूल्य से 04 (चार) गुना अधिक मुआवजा दिया? किसानों की सूची नाम, गांव एवं राशिवार ब्यौरा देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) धार जिले में अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के लिये भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2012-13 में होने से भूमि अर्जन अधिनियम 1894 के तहत भूमि का अधिग्रहण किया गया है। (ख) धार जिले में अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के लिये 8 ग्रामों की कुल 90.611 हे. निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है जिसमें आदिवासी वर्ग की 50.079 हे. भूमि तथा गैर आदिवासी वर्ग की 40.532 हे. भूमि का अधिग्रहण किया गया है। जिसमें प्रत्येक ग्राम की पृथक-पृथक दरें होने से तदानुसार अवार्ड राशि का भुगतान किया गया है। ग्रामवार प्रकरणों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र– अ अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त अल्ट्राटेक कंपनी को सतही अधिकार के तहत 9 ग्रामों की 774.625 हे. भूमि लीज पर दी गई है जिसमें आदिवासी वर्ग की 752.945 हे. भूमि तथा गैर आदिवासी वर्ग की 21.680 हे. भूमि लीज पर दी गई है। ग्राम चिराखान में गैर आदिवासी वर्ग के एक कृषक खातेदार की 2.705 हे. भूमि अल्ट्राटेक कंपनी द्वारा सीधे क्रय की गई है। ग्रामवार विवरण का संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी नहीं। प्रावधान नहीं होने से किसी को भी चार गुना प्रतिकर नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट द्वारा धार जिले में भूमि अधिग्रहण
[राजस्व]
38. ( क्र. 1896 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में प्रस्तावित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के लिये कौन-कौन से ग्रामों में सरकारी भूमि शासन के द्वारा दी गई? उक्त प्लांट के लिये कितनी भूमि आदिवासी एवं गैर आदिवासी की खरीदी एवं लीज पर ली गई? सभी भूमि का खाता, खसरा नंबर हल्के सहित उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार जिन आदिवासी एवं गैर आदिवासी एवं सरकारी भूमि अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के लिये ली गई है? क्या उक्त भूमि के लिये पंचायत द्वारा प्रस्ताव ठहराव किये गये? (ग) क्या अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा जो भूमि का अधिग्रहण किया गया, आदिवासी या गैर आदिवासी की जो भूमि ली गई है? भूमि स्वामी के प्रत्येक परिवार के सदस्य को रोजगार दिया गया? ऐसे कितने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों के सदस्यों को रोजगार दिया गया? (घ) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या उक्त परियोजना के लिये भू-अर्जन की तथा खनन की अनुमति ग्राम सभा से ली गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) धार जिले में प्रस्तावित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के लिये तहसील मनावर के ग्राम टोंकी, टेमरनी, सोण्डूल, गोलपुरा, उदियापुर, बोरलाई, चिराखान, सीतापुरी, अवराल, अण्डियाव एवं तहसील गंधवानी के ग्राम बडिया,करोंदिया एवं धुरसल की शासकीय भूमि लीज पर दी गई है। उक्त प्लांट के लिये मनावर तहसील के 6 ग्राम एवं गंधवानी तहसील के 3 ग्राम इस प्रकार कुल 9 ग्रामों की कुल 774.625 हे. भूमि सतही अधिकार के तहत लीज पर दी गई है। जिसमें आदिवासी वर्ग की 752.945 है. भूमि शामिल है। उक्त के अतिरिक्त अल्ट्राटेक कंपनी द्वारा ग्राम चिराखान (मनावर) में सामान्य वर्ग के एक कृषक की 2.705 हे. भूमि सीधे रजिस्टार विक्रय पत्र से क्रय की गई है। ग्रामवार खसरा नं. हल्के सहित विवरण हेतु सतही अधिकार के संबंध में अनुमोदन गणना पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र.शासन पुनर्वास विभाग के आदेश दिनांक 21.3.2014 द्वारा अल्ट्राटेक सीमेंट संयत्र से प्रभावित परिवारों के लिये पुनर्वास नीति प्रसारित की गई जिसके बिन्दु क्रमांक 7.13.1 अनुसार प्रत्येक प्रभावित खातेदार के परिवार के एक सदस्य को कंपनी में सीधे रोजगार अथवा प्रभावित सदस्य के रोजगार करने के इच्छुक नहीं होने पर विकल्प के रूप एक मुश्त रूपये 3 लाख रोजगार अनुदान के रूप में देने का प्रावधान किया गया है। कंपनी द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार उक्त निर्देश दिनांक 21.3.2014 के अनुक्रमांक में प्रभावित 77 सदस्यों द्वारा रोजगार अनुदान का विकल्प चुनने से प्रति सदस्य को रूपये 3-3 लाख का नगद भुगतान किया गया है। 5 खातेदार जो नौकरी के इच्छुक होने पर रोजगार प्रदान किया गया। शेष प्रभावित कृषकों के विकल्प/योग्यता अनुसार रोजगार अथवा अनुदान की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ।
उर्मिल बांध हेतु भूमियों/परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण
[राजस्व]
39. ( क्र. 1938 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उर्मिल बांध जिला छतरपुर हेतु ग्राम सिंहपुर, मुर्खरा, खिरवा, टटम राजस्व हल्कों के किन-किन व्यक्तियों की कितनी भूमियों/परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण किया गया है? अधिग्रहण से प्रभावित व्यक्तियों के पास मौके पर कितनी भूमि शेष बची है? प्रकरणवार पारित आदेश व प्रतिकर निर्धारण पत्रक व प्रभावित व्यक्तियों की शेष बची भूमि का ब्यौरा संलग्न करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों के किसानों की अधिग्रहित भूमियों के पश्चात उनके पास बहुत ही कम भूमि बची है? बांध में जल भराव के पश्चात इन किसानों के मकान व शेष बची भूमि के चारों ओर पानी भर जाने से शेष बची भूमि व भवन का किसानों द्वारा उपयोग नहीं कर पाने की शिकायतें प्रकाश में आयी हैं? (ग) क्या ग्रामों के निर्वाचित सरपंच, जनप्रतिनिधियों के द्वारा जिला प्रशासन छतरपुर को ज्ञापन के माध्यम से शिकायतों के संबंध में ध्यानाकर्षित किया है? यदि हाँ तो ज्ञापन/शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही प्रतिवेदन देवें। (घ) क्या राज्य शासन/जिला प्रशासन उक्त तथ्यों पर विचार कर डूब क्षेत्र में प्रभावित नागरिकों की शेष बची कम भूमियों एवं मकानों, जो जल भराव के कारण उनके उपयोग में नहीं आ रही हैं का सर्वे करवाकर ऐसी भूमियों/भवनों का अधिग्रहण कर मुआवजा भुगतान का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिला/पुरूष/अवयस्क बच्चों के गुमशुदगी के दर्ज प्रकरण
[गृह]
40. ( क्र. 1939 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के पुलिस थाना नौगांव, हरपालनपुर, गढ़ीमलहरा, महाराजपुर, लवकुशनगर, गौरिहार, चंदला, सरबई में 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने महिला/पुरूष अवयस्क लड़के/लड़कियों के गुमशुदगी प्रकरण दर्ज हुए? उनके नाम, पता तथा प्रकरण दर्ज होने की तारीख बतलावें? (ख) कितनी महिलाओं एवं अवयस्क लड़कियों के साथ गैंग रेप किया गया तथा कितनी पीड़ित महिला/लड़कियों ने आत्महत्या कर ली एवं कितनों की हत्या कर दी गई? (ग) गुमशुदा बच्चें एवं बच्चियों तथा महिलाओं को तलाशने के लिए पुलिस विभाग द्वारा पुलिस थाना नौगांव के अपराध क्रमांक 34/14 धारा 365 में गुमशुदा व्यक्ति की तलाश के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को दिनांक 25.06.2015 में कार्यवाही से संबंधित शिकायती आवेदन में क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें? कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शाये पीड़ित महिला/पुरूष एवं अवयस्क लड़के/लड़कियों को शासन स्तर से क्या कोई सहायता दी गई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गयी? इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या पुलिस विभाग द्वारा कोई ठोस कार्ययोजना बनायी गई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में महिलाओं के नाम प्रकटन के संबंध में भारतीय दण्डविधान की धारा 228-ए में प्रतिषेध होने से महिलाओं के नाम परिशिष्ट में उल्लेख नहीं किये गये हैं। इसी प्रकार अवयस्क लड़के एवं लड़कियों के मामलों में भी किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधि. 2015 की धारा-74 के अनुसार नामों का प्रकटन प्रतिषेध होने से परिशिष्ट में उल्लेख नहीं किये गये। (ख) प्रश्नांश अवधि में 17 महिलाओं एवं 17 अवयस्क लड़कियों के साथ गैंग रेप घटना प्रकाश में आये है। किसी भी पीड़ित महिला/लड़की द्वारा न तो आत्महत्या की गई ओर न ही हत्या हुई। (ग) थाना नौगांव के अप.क्र. 34/14 धारा-365 भा.द.वि. के आवेदक करोडी लाल रैकवार द्वारा मान. मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को दिनांक 25.06.15 को प्रस्तुत आवेदन पत्र की जाँच एस.डी.ओ.पी. नौगांव द्वारा की गई। घटना के संबंध में दिनांक 26.03.2013 को आवेदक की रिपोर्ट पर गुम इंसान क्र. 15/13 कायम कर जाँच की गई। जाँच के दौरान संदेही द्वारा बहला फुसला कर अपहरण का संदेह पाये जाने पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान संदेहीयान पडोसीयान से पूछताछ की गई। इससे संबंधित पेम्पलेट सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा कराया गया एवं दूरदर्शन/गजट प्रकाशन कराया गया। आरोपी एवं अपहृत के संबंध में सूचना देने वाले को 10,000/- का ईनाम घोषित किया गया। शिकायत पत्र में दर्ज संदेहीयान आर.के. माझी एवं असरदार धीरज सिंह के विरुद्ध लगाये गये आरोप अबतक प्रमाणित नहीं पाये गये है। प्रकरण में आरोपी एवं अपहृत की तलाश के प्रयास जारी है। प्रश्नांश के उत्तर के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं ''ख'' में दर्शाये पीड़ित महिला/पुरुष एवं अवयस्क लड़के/लड़कियों को शासन स्तर से कुल-15 प्रकरणों में आर्थिक सहायता दी गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिये क्षेत्र में जन शिकायत निवारण, जन शिविरों को आयोजन कर आम जन मानस को जागृत किया जा रहा है।
खाद्य पर्चियों में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 1958 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 144 दिनांक 20 मार्च 17 के उत्तर में स्वीकार किया है कि 619 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करना शेष हैं? तो क्या अन्य ग्रामों में इसके अलावा पात्रता पर्ची जारी करना शेष है और यह कब तक जारी कर दी जावेगी? (ख) उपरोक्त प्रश्न में सदन में मौखिक चर्चा के दौरान मंत्री जी द्वारा स्वीकार किया था कि नगर पंचायत में गड़बड़ी हुई तो अभी तक गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों-अधिकरियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक करेंगे, जिन्होने जनसंख्या से अधिक पर्ची जारी की थी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। विधान सभा प्रश्न क्रमांक 144 तारांकित के उत्तर में पथरिया नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के 619 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी किया जाना शेष होने की जानकारी दी गई थी वर्तमान में पथरिया विधान सभा क्षेत्र के 1586 एवं दमोह जिले के कुल 7263 नवीन सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में हितग्राहियों की संख्या के विरूद्ध जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। (ख) नगर पंचायत पथरिया में जनसंख्या से अधिक पात्रता पर्ची जारी होने के संदर्भ में जाँच कराई गई जिसमें जनसंख्या से अधिक पात्र सदस्य संख्या होना नहीं पाई गई है।
सौर ऊर्जा प्लांट हेतु आवंटित भूमि
[राजस्व]
42. ( क्र. 2018 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सेमली कांकड में मेसर्स एवेजर्स सोलर प्रा.लि. को कौन से सर्वे नं. की भूमि पर प्लांट लगाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है एवं कितने हेक्टेयर भूमि पर सोलर प्लांट का कार्य किया जा रहा है तथा प्लांट हेतु कितने हेक्टयर भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ख) उपरोक्त सर्वे क्रं. की भूमि जिस पर सोलर प्लांट द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है वर्ष 1947 के बाद से उपरोक्त सर्वे नं. की भूमि प्रश्न दिनांक तक किस-किस के नाम रही? (ग) पुराना सर्वे क्रं. 749/5, नवीन सर्वे (751), 749/11 नवीन सर्वे (752), 749/7 नवीन सर्वे (769), 749/8 नवीन सर्वे (770) का वर्ष 1975 से 1990 नक्शा तथा खसरा नकल उपलब्ध करावें। (घ) यदि नक्शे उपलब्ध नहीं है तो इसका मूल कारण स्पष्ट करते हुए जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला मंदसौर की तहसील सुवासरा के ग्राम सेमलीकांकड में मेसर्स एवेंजर्स सोलर प्रा.लि.ने निजी भूमि खसरा नं. 747 रकबा 1.04 हे. 748 रकबा 1.09 हे. 751 रकबा 8.31 हे. एवं 752 रकबा 10.22 हे. कुल किता 04 कुल रकबा 20.66 हे. क्रय की है। उक्त भूमि पर सौर परियोजना लगाने की अनुमति नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा दी गई है। उक्त खसरा नं. की भूमि को चारों ओर से घेरने हेतु वर्तमान में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण प्रगति पर है। (ख) तहसील सुवासरा के ग्राम सेमलीकांकड की खसरा नं. 747 748 751 एवं 752 की भूमि प्रश्न दिनांक तक जिन जिन भूमिस्वामियों के नाम रिकार्ड में अंकित रही उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सर्वे नंबरों का बंदोबस्त वर्ष 1993-94 का नक्शा वर्तमान में उपलब्ध है इसके पूर्व का बन्दोबस्त वर्ष 1938-39 का नक्शा प्रचलित था। प्रत्येक वर्ष नवीन नक्शा बनाने के प्रावधान नहीं है अत वर्ष 1975 से 1990 के बीच का नक्शा उपलब्ध कराने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। खसरा पंचसाला वर्ष 1976-77 से वर्ष 1980-81 लगायत वर्ष 2016-17 तक की खसरा प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रत्येक वर्ष नवीन नक्शा बनाने के प्रावधान नहीं है।
बड़वानी निवासी व्यक्ति की गिरफ्तारी
[गृह]
43. ( क्र. 2020 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घनश्याम धाकड़ पिता दुर्गालाल धाकड़ निवासी बडवन जिला मंदसौर को पुलिस द्वारा किस दिनांक व किस समय किस स्थिति में गिरफ्तार किया था? (ख) घनश्याम को कौन से थाने में रखा गया था? वहां के टी.आई. एवं पुलिस स्टॉफ का नाम व पद एवं कितने घण्टे/दिन तक घनश्याम को रखा गया था? (ग) क्या पुलिस द्वारा घनश्याम को उपचार के लिए मंदसौर जिला चिकित्सालय लाया गया था या अन्य चिकित्सालय में चिकित्सीय परीक्षण (मेडिकल) करवाकर अग्रिम उपचार हेतु आगे रेफर कर दिया गया था? यदि हाँ तो चिकित्सीय परीक्षण प्रतिवेदन (मेडिकल रिपोर्ट) तथा किस चिकित्सालय में ले जाया गया था, की जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) घनश्याम पिता दुर्गालाल धाकड़ निवासी बड़वन जिला मंदसौर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है। (ख) घनश्याम धाकड़ को किसी भी थाने में नहीं रखा गया था। (ग) दिनांक 08.06.2017 को ग्राम दलौदा रेल में घनश्याम धाकड़ घायल अवस्था में मिला था जिसे पुलिस द्वारा इलाज हेतु जिला चिकित्सालय मंदसौर भेजा गया था। जिला चिकित्सालय मंदसौर के डिस्चार्ज टिकिट की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जिला चिकित्सालय मंदसौर द्वारा घनश्याम धाकड़ को इलाज हेतु एम.वाय. अस्पताल इंदौर रेफर किया गया। एम.वाय अस्पताल इंदौर में इलाज के दौरान घनश्याम धाकड़ की मृत्यु हो गई। एम.वाय. अस्पताल इंदौर की बाह्य रोगी पर्ची (ओ.पी.डी.) की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 2027 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की विभाग की क्या योजना है? (ख) क्या खाद्यान्न वितरण हेतु पात्रता पर्ची जारी करने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या? (ग) क्या उक्त व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत की गई है? यदि हाँ तो क्या कारण है कि उज्जैन जिले की तराना तहसील में 1 -1 वर्ष बीत जाने पर भी खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी नहीं की जाती? (घ) इसके लिये कौन दोषी है? क्या विभाग पात्रता पर्ची शीघ्र जारी करने के प्रबन्ध करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के नाम प्राधिकृत अधिकारी द्वारा गरीबी रेखा की सूची में सम्मिलित करने के उपरांत उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत स्थानीय निकाय द्वारा प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापन एवं उचित मूल्य दुकान से मैपिंग उपरांत उपलब्ध खाद्यान्न आवंटन सीमांतर्गत पात्रता पर्ची जारी कर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। (ख) जी हाँ। शेष भाग का उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में हितग्राहियों की संख्या के विरूद्ध जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिलों में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न के शेष भाग का उत्तर प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
कम्प्यूटरीकृत खसरा नकल व्यवस्था में सुधार
[राजस्व]
45. ( क्र. 2028 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषकों को कृषि भूमि के दस्तावेज खसरा, बी-1 नकल उपलब्ध कराये जाने की क्या व्यवस्था है? (ख) क्या विभाग द्वारा कम्प्यूटरीकृत खसरा बी-1 दस्तावेज प्रतिवर्ष किसानों को निःशुल्क वितरण का प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या उक्त दस्तावेज किसानों को ग्रामों में निःशुल्क वितरित किये जा रहे हैं? (ग) उज्जैन जिले की तराना तहसील में विगत कई माह से सर्वर बन्द होने का हवाला देकर कम्प्यूटरीकृत खसरा बी-1 नकल नहीं दी जा रही है इसके लिये कौन दोषी है? (घ) क्या विभाग कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था में सुधार करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंदोबस्त में हुई त्रुटियों का निराकरण
[राजस्व]
46. ( क्र. 2054 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1995-96 में किए गए बंदोबस्त में बहुत से ग्राम एवं नगरीय निकाय छोड़ दिया गया था? यदि हाँ, तो जिला आगर एवं शाजापुर के संदर्भ में विस्तृत जानकारी कारण सहित देवे? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम पडाना एवं अन्य भी कई ग्राम एवं नगरीय निकायों में बंदोबस्त नहीं किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कोई प्रभावी रणनीति तय कर कृषक हित में प्रक्रिया का सरलीकरण कर बंदोबस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या 1995-96 में किए गए बंदोबस्त में बहुत सी त्रुटियाँ इंगित हुई थी? यदि हाँ, तो त्रुटियों के समाधान हेतु क्या नियम एवं निर्देश हैं? जारी निर्देशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित त्रुटि सुधार हेतु विगत 03 वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं या मांग मिली हैं? प्राप्त मांग/आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या स्वप्रेरणा से शिविर आयोजित कर या अन्य सरलीकृत प्रक्रिया से बंदोबस्त में हुई त्रुटियों का सुधार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जिला शाजापुर में वर्ष 1991-92 से बन्दोबस्त का कार्य प्रारम्भ हुआ था। जो 7 जून 2000 तक प्रभावशील रहा। म.प्र. राजपत्र दिनांक 9 जून 2000 में प्रकाशित अधिसूचना से राजस्व सर्वेक्षण की संक्रियाएं शासन द्वारा समाप्त की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। तत्समय के जिला शाजापुर में कुल 1108 ग्राम थे जिसमें से 805 ग्रामों का बन्दोबस्त पूर्ण कर लिया गया था। 303 ग्रामों का बन्दोबस्त होना शेष था। वर्तमान स्थिति अनुसार जिला शाजापुर में 629 ग्रामों में से 363 ग्रामों का बन्दोबस्त कार्य हुआ है। जिले के 266 ग्राम बन्दोबस्त से शेष है। जिले के किसी भी नगरीय निकाय में बन्दोबस्त कार्य नहीं हुआ है। वर्ष 2014 में आगर-मालवा जिले का गठन हुआ। जिसमे कुल ग्राम 503 है। 472 ग्राम में बन्दोबस्त पूर्ण है शेष 31 नगरेत्तर एवं नगरीय ग्रामों का बन्दोबस्त का कार्य नहीं हो पाया है। ग्रामों की संख्या में अन्तर का कारण मजरे टोलो को पृथक राजस्व ग्राम बनाया जाना है। (ख) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। कुल 27 ग्रामों का बन्दोबस्त नहीं हुआ है। जिसमे ग्राम पडाना भी सम्मिलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 89 एवं 107 (5) में विहित प्रावधान अनुसार बन्दोबस्त में हुई त्रुटियों में सुधार किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। (घ) जिला आगर-मालवा के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में बन्दोबस्त शुदा ग्रामों में बन्दोबस्त त्रुटि के संबंध में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक कलेक्टर एवं अनुभाग स्तर पर निम्नानुसार प्रकरण दर्ज हुए है:-
न्यायालय 2014-15 2015-16 2016-17
प्राप्त
निराकृत प्राप्त
निराकृत प्राप्त
निराकृत
कलेक्टर 8 0 21 1 4 2
उप खण्ड
अधिकारी 35 2 41 16 24 18
योग्य 43 2 62 17 28 20
ऐसे प्राप्त
आवेदनों में
सम्बधित
तहसीलदार एवं
संबंधित
राजस्व
निरीक्षक से
स्थल
निरीक्षण प्रतिवेदन
प्राप्त कर
प्रकरणों का
निराकरण किया
जाता है
बन्दोबस्त त्रुटि
के संबंध में
तहसीलदार एवं
हल्का पटवारी
को जिला स्तर
से निर्देशित
किया गया है
कि बन्दोबस्त
संबंधी त्रुटि
संज्ञान में
आने पर तत्काल
अनुविभागीय
अधिकारी को
अवगत कराते
हुए प्रकरण
तैयार
करायें। निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
डायल 100 के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
47. ( क्र. 2055 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डायल 100 प्रारम्भ होने के बाद से आज दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितनी शिकायतें डायल 100 पर दर्ज कराई गई हैं? इनमें से कितनों में एफ.आई.आर. दर्ज की जाकर कार्यवाही की गई हैं? कृपया थानेवार संख्यात्मक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों में से कितनी शिकायतें अवैध रूप से शराब बिक्री से संबंधित थी? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? कृपया शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) क्या डायल 100 योजनान्तर्गत चलने वाले वाहनों को ठेका पद्धति पर चलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो योजना प्रारम्भ से वर्तमान तक शासन की कितनी राशि वाहनों के लिए व्यय हुई हैं? (घ) डायल 100 से अपराधों पर अभूतपूर्व रूप से अंकुश लगा हैं, इसलिए विभाग ठेका पद्धति को समाप्त कर स्वयं के वाहन से डायल 100 संचालित करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) डायल 100 प्रारम्भ होने के बाद से आज दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत थाना सुसनेर, सोयत एवं नलखेडा में डायल 100 पर दर्ज सूचनाएं एवं उनमें से दर्ज एफ.आई.आर. की जानकारी (थानेवार) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूचनाओं में से अवैध रुप में शराब बिक्री से संबंधित सूचनाओं की संख्या एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) योजना के अंतर्गत वाहनों का संचालन खुली निविदा के तहत न्यूनतम मूल्य (एल-1) आधार पर चयनित सफल निविदादाता के माध्यम से किराये के वाहनों एवं उसी कम्पनी के चालक, पर्यवेक्षक स्टॉफ एवं मेन्टेनेन्स दायित्व पद्धति (Wetlease Model) के आधार पर चलाया जा रहा है। वाहनों के लिए योजना प्रारम्भ दिनांक 01.11.2015 से दिनांक 31.03.2017 तक वाहन किराये एवं संचालन व्यय (ईधन छोड़कर) पर कुल राशि रुपये 87,80,65,525/- व्यय हुई है। (घ) डायल 100 सेवा के अंतर्गत वाहन संचालन का दायित्व संबंधित फर्म को मार्च 2020 तक के लिये दिया गया है। शासन द्वारा वाहन क्रय स्वयं के शासकीय चालकों एवं पर्यवेक्षकों के द्वारा वाहन चलवाने, शासन द्वारा ही वाहनों के मेन्टेनेन्स करने की प्रक्रिया अपनाने के विषय में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यथासमय विचार किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
छोटे घास, गौचर की जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराना
[राजस्व]
48. ( क्र. 2063 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना में शासन की छोटे घास, गौचर या छोटे झाड़ की कितनी जमीने हैं? क्या वह सारी जमीनें अतिक्रमण मुक्त हैं या उन पर बस्तियाँ बन चुकी हैं? (ख) क्या जिला कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को यह अधिकार है, कि वह उक्त जमीनों को मुक्त कराये? (ग) यदि अधिकार है तो अभी तक कितनी छोटे घास, गौचर या छोटे झाड़ की जमीनों को विधानसभा क्षेत्र में मुक्त कराया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खण्डवा जिले के अंतर्गत पंधाना विधानसभा क्षेत्र में गौचर व छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि 11575.03 हे. है एवं बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि 3062.55 हे. है। बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि अतिक्रमण मुक्त होकर वनविभाग के अधीन है तथा छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि पर कहीं-कहीं कृषि एवं आवासीय बस्तियों बनाकर अतिक्रमण है। (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अतंर्गत छोटे झाड़ के जंगल मद की राजस्व भूमि में से अतिक्रमण हटाने की अधिकारिता तहसीलदार को है। तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिपालन में खण्डवा जिले के अतंर्गत पंधाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 382 हे. भूमि अतिक्रमण मुक्त करायी जा कर वृक्षारोपण कराया गया है।
राजस्व मण्डल के आदेशों का परीक्षण
[राजस्व]
49. ( क्र. 2068 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व मण्डल ग्वालियर में राजस्व संबंधित अपीलों की सुनवाई होती है? (ख) यदि हाँ तो, पिछले तीन वर्षों में राजस्व मण्डल के द्वारा शासकीय भूमि के प्रकरणों में विभिन्न जिला कलेक्टर के आदेशों के विरूद्ध शासकीय भूमि को निजी व्यक्तियों के नाम पर किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) यदि हाँ तो क्या शासन द्वारा राजस्व मण्डल द्वारा जारी शासकीय भूमि को निजी व्यक्तियों के नाम पर किये जाने के आदेशों का परीक्षण करने संबंधी कोई दिशा निर्देश दिये है? (घ) क्या इस प्रकार की समस्याओं के समाधान हेतु शासन द्वारा कोई ऐसी न्यायिक/प्रशासकीय व्यवस्था बनाने संबंधी प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जो स्वमेव शासन हित में राजस्व मण्डल के आदेशों का निरन्तर परीक्षण करती हो?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा शासन के विरूद्ध पारित निर्णय के विरूद्ध मान.उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत कर शासन का हित संरक्षण सुनिश्चित किया जाता है। (घ) जी नहीं।
ब्लैकमेलिंग रैकेटों पर कार्यवाही
[गृह]
50. ( क्र. 2073 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-इंदौर संभाग के बड़े शहरों में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने हाई-प्रोफाइल सेक्स व ब्लैकमेलिंग के रैकेट प्रकरण कहाँ-कहाँ, किस-किस शहर में सामने आये? इनके खिलाफ क्या-क्या सख्त कार्यवाही की गई? थानावार, शहरवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रकरणों में एसे कितने प्रकरण हैं जिनमें पीड़ित बालिकाओं, महिलाओं एवं परिवारजनों ने आत्महत्या तक कर ली? सिर्फ संख्या बतायें। क्या यह सही है की सोशल मीडिया के इस युग में इस तरह के आपराधिक मामले बढ़े हैं? क्या उक्त संभाग में पकड़े गये सेक्स रैकेट ब्लैकमेलिंग मामलों में बड़ी मात्रा में महिलायें भी लिप्त पायी गयी? (ग) 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्न थानों में कुल कितने प्रकरण सायबर अपराध के प्रकाश में आये, क्या इसके लिए प्रदेश स्तर पर कोई नये सायबर थाने सेंटर स्थापित करने का विचार विभाग द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या विभाग मानता है की राजस्थान से लगे मंदसौर में अफीम तस्कर एवं अन्य अपराध में सायबर सेल सेंटर की प्राथमिकता और बढ़ जाती है? क्या मंदसौर में नवीन सायबर थाने के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ तो अद्यतन स्थिति से अवगत करायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) उज्जैन-इंदौर संभाग के बड़े शहरों में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक हाई प्रोफाइल सेक्स व ब्लैकमेलिंग के रैकेट प्रकरणों में मात्र इंदौर शहर में कुल-22 प्रकरण प्रकाश में आये हैं। सभी प्रकरणों में विधि सम्मत कार्यवाही की गई है। प्रकरणों की शहरवार, थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) संबंधित संदर्भित प्रकरणों में किसी भी पीड़ित बालिका, महिला एवं परिजन के द्वारा आत्महत्या नहीं की गई है। जी नहीं, इंदौर संभाग में पकड़े गए सेक्स रैकेट ब्लैकमेलिंग मामलों में लिप्त महिलाओं की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्न थानों में कुल सायबर अपराध के 645 प्रकरण प्रकाश में आयें। वर्तमान में प्रदेश स्तर पर सायबर अपराधों के लिये सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना भोपाल में संचालित है, इसके अतिरिक्त इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन में जोनल सायबर पुलिस कार्यालय संचालित हैं। मध्यप्रदेश के 51 जिलों में पुलिस महानिदेशक के आदेशानुसार दिनांक 31.01.2017 से प्रत्येक जिलों के जिला मुख्यालय थानें को सायबर नोडल थाना घोषित किया गया है। (घ) जी हाँ। मंदसौर जिले के थाना यशोवर्धन नगर को नोडल सायबर थाना घोषित किया गया है जो दिनांक 31.01.2017 से कार्यरत है।
पेयजल संबंधी कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र. 2111 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में कहाँ-कहाँ पर ट्यूबवेल खनन, पाईपलाईन नवीन कार्य, मरम्मत कार्य, टंकी निर्माण कार्य एवं अन्य पेयजल सम्बंधित कार्य किए गये हैं? सूची उपलब्ध करावें तथा इन कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई है, कृपया राशि व्यय संबंधित जानकारी उपलब्ध करावें। तथा कार्य एजेंसी कौन थी? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में क्षेत्रीय विधायक के पत्र के आधार पर कितने स्थानों पर हैंडपंप खनन, पाईपलाईन मरम्मत कार्य, सिंगल फेस मोटर प्रदाय किये गये? सूची उपलब्ध करावें। स्वीकृत शेष कार्य किसकी अनुशंसा से किए गये या स्वीकृति का विभाग द्वारा क्या मापदण्ड निर्धारित किया गया था?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभाग द्वारा कार्य वार्षिक लक्ष्य, दिशा-निर्देश एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार संपादित किये जाते हैं, जिनमें यथासंभव माननीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
मत्स्य पालन हेतु गठित समिति का पंजीयन निरस्त कर डूब प्रभावितों की समिति का गठन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
52. ( क्र. 2113 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत अपरवेदा डेम में मत्स्य पालन हेतु कौन सी संस्था को अधिकृत किया गया है तथा इस संस्था में कुल कितने सदस्य है? संस्था के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों के नाम तथा निवास स्थान की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या संस्था के अध्यक्ष एवं सचिव दोनों डूब प्रभावित एवं विस्थापित नहीं हैं तथा भीकनगांव क्षेत्र के बाहर के निवासी हैं? (ग) यदि हाँ तो क्यों? क्या नियमानुसार डूब क्षेत्र प्रभावित विस्थापितों को उक्त संस्था में रखा जाना था? यदि हाँ तो क्या उपरोक्त संस्था का गठन तथा उसे मत्स्य पालन करने हेतु अधिकृत करने की प्रक्रिया सहीं है? नहीं तो क्या वर्तमान में पंजीकृत संस्था को निरस्त कर नवीन डूब प्रभावित/विस्थापितों की संस्था गठन कर निष्पक्ष रूप से अधिकृत किया जायेगा? हाँ तो समयावधि बतायें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत अपरवेदा डेम में मत्स्य पालन का कार्य करने वाली संस्था/सदस्य/अध्यक्ष सचिव/निवास स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। संस्था के अध्यक्ष डूब प्रभावित व विस्थापित है तथा संस्था में सचिव पद नहीं है। (ग) नियमानुसार डूब प्रभावित क्षेत्र विस्थापितों का उक्त संस्था में रखा गया है। उपरोक्त संस्था का गठन तथा उसकी मत्स्य पालन पट्टा प्रक्रिया म.प्र.शासन मछुआ नीति 2008 अनुसार सही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नई सराय तहसील की व्यवस्था
[राजस्व]
53. ( क्र. 2118 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अशोकनगर की नई सराय तहसील को तहसील बने लगभग चार वर्ष पूरे हो चुके है लेकिन न तो आज दिनांक तक यहाँ व्यवस्थित कर्मचारियों की कमी को पूर्ण किया गया है और न ही यहाँ तहसीलदार के निरंतर बैठने की व्यवस्था है, तहसीलदार यहाँ एक सप्ताह में एक से दो दिन ही बैठते हैं? (ख) यदि हाँ तो कर्मचारियों की समुचित व्यवस्था एवं तहसीलदार के निरंतर बैठने की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तहसील नईसंराय जिला अशोकनगर के गठन को 04 वर्ष पूर्ण होने जा रहे है। राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश दिनांक 01.01.2014 को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर नवीन तहसील नईसंराय के लिये :- तहसीलदार-02, नायब तहसीलदार-02, सहायक ग्रेड-3- 05, भृत्य/प्रोसेस सर्वर-06 पद स्वीकृत है। वर्तमान में पूर्व तहसील ईसागढ़ में पदस्थ कर्मचारियों में से 01 सहायक ग्रेड-03, 01-भृत्य तथा 01 कम्प्यूटर ऑपरेटर को नईसंराय तहसील में पदस्थ किया गया है। वर्तमान में तहसील कार्यालय नईसराय में 01 नायब तहसीलदार को प्रभारी तहसीलदार नियुक्त कर पदस्थ किया गया है। यह कहना सही नहीं हैं कि यहाँ तहसीलदार को निरंतर बैठने की व्यवस्था नहीं है। प्रभारी तहसीलदार का निवास नईसंराय में होकर निरंतर तहसील कार्यालय में बैठते है। (ख) तहसील कार्यालय में वर्तमान में 03 कर्मचारी पदस्थ होकर कार्यरत है। तथा प्रभारी तहसीलदार निरंतर मुख्यालय पर बैठकर कार्य सम्पादित कर रहे है।
राष्ट्रीय बीमा योजना राशि का वितरण
[राजस्व]
54. ( क्र. 2144 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में प्रदेश के प्रत्येक जिले में कितनी-कितनी धनराशि राष्ट्रीय बीमा योजना में तथा राजस्व पुस्तिका 6-4 के तहत मुआवजे में मिली? प्रत्येक जिले का विवरण दें। (ख) क्या खरीफ 2015 में गुना में राष्ट्रीय बीमा में 71 करोड़ 97 लाख 65 हजार लेकिन अशोकनगर में सिर्फ 45 हजार सात सौ रूपये तथा राजस्व पुस्तिका 6-4 के तहत गुना में 162.4 करोड़ दिया गया तथा अशोकनगर में सिर्फ 1.45 करोड़ दिया गया जबकि कुछ वर्ष पूर्व अशोकनगर गुना जिले का ही हिस्सा था? क्या अशोकनगर में इतनी कम धनराशि इसलिए दी, क्योंकि समय पर अधिकारियों ने आंकड़े भेजकर मांग नहीं की? क्या उन अधिकारियों की पहचान कर उन्हें दण्डित किया जायेगा तथा शासन किसानों की पुन: आंकलन कर उचित धनराशि देने पर विचार करेगा? (ग) क्या खरीफ फसल 2015 के दतिया जिले में सिर्फ 4 तथा अशोकनगर में 154 किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया गया तथा प्रदेश भर में 20.50 लाख किसानों को बीमा का लाभ दिया गया जबकि प्रीमियम 28 लाख 75 हजार किसानों ने जमा करायी थी क्या इससे सिद्ध नहीं होता कि प्रदेश में हर जिले में नुकसान हुई फसल का सर्वे ठीक से नहीं किया गया तथा उच्च अधिकारियों ने फसल नुकसान की सर्वे रिपोर्ट को गंभीरता से लेकर अध्ययन नहीं किया गया? क्या इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्डपम्प खनन एवं मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
55. ( क्र. 2145 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर जिले की कौन-कौन सी तहसील में पिछले 3 वर्षों में किस-किस गांव व बस्ती में नये हैण्डपम्प लगे, कितने हैण्डपम्प सुधारे गये व वर्तमान में कितने हैण्डपम्प चालू हैं व कितने खराब हैं? (ख) क्या पिछले 3 वर्षों में विधायक मुगावली ने विषयांतर्गत पत्र लिखे हैं? यदि हाँ, तो लिखे गए पत्रों को विवरण देते हुए बताए कि क्या कार्यवाही हुई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिले के सभी हैण्डपंप सतत् संधारण प्रक्रिया के अंतर्गत निरंतर सुधारे गए। वर्तमान में 5,504 हैण्डपंप चालू व 605 हैंडपंप बंद हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
गुना जिले में सहरिया आदिवासियों को खाद्यान वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
56. ( क्र. 2187 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा गुना जिले में प्रत्येक सहरिया आदिवासियों को शत् प्रतिशत बी.पी.एल. श्रेणी में मानकर शत् प्रतिशत खाद्यान्न वितरण हेतु चयनित किया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों के अनुसार गुना जिले में सहरिया बाहुल्य ग्रामों में राशन वितरण प्रत्येक सहरिया परिवारों को आवंटन क्यों नहीं हो रहा है? क्या उनके राशन कार्ड नहीं है या अन्य कोई कारण है, कारण सहित बतायें? (ग) क्या गुना जिले में अनुजाति एवं जनजाति के संपूर्ण परिवारों को खाद्यान्न वितरण की पर्ची नहीं दी गई? कब तक सभी पात्रों को उपलब्ध कराकर खाद्यान्न राशन वितरण करायेगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों का पालन न करने के लिये कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 2205 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर विकासखंड बाबई के ग्राम आरी में नल-जल योजना कब और किस मद से स्वीकृत हुई है? कार्य प्रारंभ की दिनांक बतायें। (ख) क्या उक्त नल-जल योजना का कार्य जनभागीदारी मद से किया गया है परन्तु अभी तक न तो योजना चालू की गई है और न विभाग द्वारा इस पर कोई कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में नल-जल योजना के निर्माण अपूर्ण होने एवं मौके से सामान चोरी होने के संबंध में क्षेत्रीय विधायक द्वारा जिला योजना समिति की बैठक में भी अवगत कराया परन्तु उक्त योजना का कार्य किस कारण से पूर्ण नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 13.9.13 को नल-जल योजना मद से। दिनांक 22.08.2014। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री सुभाष गायकवाड़, ठेकेदार की लापरवाही के कारण। श्री सुभाष गायकवाड़, ठेकेदार जिम्मेदार है, उसका अनुबंध निरस्त किया जाकर नियमानुसार अपूर्ण कार्य को संबंधित ठेकेदार की जोखिम एवं लागत के आधार पर कार्य पूर्ण करवाये जाने हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शासकीय भूमि पर उद्योग द्वारा अवैध कब्जा एवं अतिक्रमण
[राजस्व]
58. ( क्र. 2215 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिरलाग्राम नागदा जिला उज्जैन में बिरला मंदिर के आसपास की शासकीय भूमियों तथा शहरी सीमा में किन-किन भूमियों पर बिरला उद्योगों एवं अन्यों का अवैध कब्जा, अतिक्रमण है? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रशासन ने उद्योग प्रबंधकों से शासकीय भूमि मुक्त करवाने हेतु कार्यवाही की हैं? यदि हाँ, तो कब-कब? की गई कार्यवाहियों का पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) क्या बिरला के एयरपोर्ट स्थित शासकीय भूमि में बिना अनुमति अवैध दीवार निर्मित की है? यदि हाँ तो शासन ने इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की है? पूर्ण ब्यौरा दें तथा कब तक अवैध निर्माण हटा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उज्जैन जिला के बिरला ग्राम नागदा में वर्ष 1943 व 1945 में तत्कालीन ग्वालियर रियासत द्वारा बिरला ब्रदर्स को उद्योग स्थापना हेतु भूमि आवंटित की गई थी। (ख) जी हाँ। अतिक्रमण केमिकल डिविजन ग्रेसिम उद्योग नागदा के विरूद्ध वर्ष 2016-17 में कार्यवाही की गई थी। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में COMA/03/2016 से प्रकरण विचाराधीन है। निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
तहसील कार्यालय की बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण
[राजस्व]
59. ( क्र. 2226 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिलांतर्गत तहसील कार्यालय कटंगी एवं तहसील कार्यालय परिसर तिरोड़ी बाउन्ड्रीवॉल विहीन हैं? (ख) क्या विभाग तिरोड़ी एवं कटंगी तहसील कार्यालय जिला बालाघाट की बाउन्ड्रीवॉल स्वीकृत करने पर विचार कर रहा है? (ग) यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्राक्कलन तैयार कराया जा रहा है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 2237 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में पेयजल पूर्ति हेतु वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्रवार कितने हैण्डपंप खनन की स्वीकृति प्रदान की गयी? उक्त स्वीकृति के विरूद्ध कितने हैण्डपंप खनन किये गये? खनन किये गये हैण्डपंपों में से कितने सफल एवं असफल हुये? विकासखण्डवार, ग्रामवार जानकारी दें? सिविल एवं मैकेनिकल खण्ड की जानकारी अलग-अलग दें? (ख) जिले के पहाड़ी एवं पानी की कमी वाले आदिवासी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार 2016-17 में हैण्डपंप खनन न होने के लिए कौन जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2016-2017 में कुल 247 हैंडपंप खनन की स्वीकृति दी गई है, शेष विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जिले को प्राप्त लक्ष्य एवं आवंटन के अनुसार नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य करवाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराधों में चोरी किये गये माल की बरामदगी न होना
[गृह]
61. ( क्र. 2289 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के थाना फतेहगढ़ के अपराध क्रमांक 58/15 एवं 225/15 थाना सिटी कोतवाली गुना के अपराध क्रमांक 312/15 तथा थाना खुरई जिला सागर के अपराध क्रमांक 400/15 में चोरी गये माल मशरूका की कितने प्रतिशत बरामदगी हुयी? सम्पूर्ण माल की बरामदगी क्यों नहीं हुई? इसके लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही की गयी। (ख) प्रश्नांश (क) के अपराधों में से किनके फरियादियों ने माल की पहचान नहीं की, इसके बाद भी माल बरामद किस आधार पर बताया गया? मामले की लीपापोती करने के दोषी कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अपराधों की पतारसी के दौरान अपराधियों की कॉल डिटेल्स में वक्त घटना किन पुलिस अधिकारियों से लगातार अपराधियों की बात होना पाया गया? उनके नाम बतावें तथा अपराध में संलिप्तता एवं कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर उक्त पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित अपराधों एवं बरामदगी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परिशिष्ट में उल्लेखित फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के उपरांत शेष माल की बरामदगी के प्रयास किये जायेंगे। फरार अपराधियों के विरुद्ध धारा 173 (8) जाफौ के अन्तर्गत अनुसंधान जारी है। विवेचना में किसी अधिकारी की लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई है अतः किसी अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधों में से थाना कोतवाली जिला गुना के अपराध क्रमांक 321/15 में आरोपियों द्वारा माल गला दिये जाने से शिनाख्तगी की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। थाना खुरई जिला सागर के अप.क्र. 400/15 में आरोपियों के मेमोरेण्डम पर मशरुका जप्त हुआ था, शिनाख्तगी की कार्यवाही नहीं कराने के संबंध में तत्कालीन विवेचक एवं थाना प्रभारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराधों के अपराधियों से कोई मोबाईल फोन जप्त नहीं हुये थे एवं अनुसंधान में कॉल डिटेल का उपयोग नहीं किया गया है। अभी तक किसी पुलिस अधिकारी की संलिप्तता नहीं पाई गई हैं, अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु विभाग के नियम
[राजस्व]
62. ( क्र. 2307 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने मजरे, टोले है, जिन्हें वन ग्राम से राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु विभाग के नियम क्या हैं? नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने मजरे, टोले हैं जो मापदण्ड पूरे करते हैं उन्हें कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जाएगा? यदि हाँ तो उन्हें कब तक, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गाडरवारा में मजरा टोला से राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु मापदण्ड अनुसार एक भी प्रकरण लंबित नहीं है। विभाग के नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधान सभा क्षेत्र व तहसील गाडरवारा में पूर्व में नियमानुसार सर्वे कराया गया जिसमें 6 मजरे टोलो यथा ढाना टोला, घोधराटोला, कछार टोला काटजूनगर,कीर खेडा व सतधारा को राजस्व ग्राम में परिवर्तित व घोषित किया जाकर,रिकार्ड तैयार किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 2321 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डिण्डौरी के कौन-कौन से ग्रामों में वर्ष 2017-18 में पेयजल की समस्या थी व है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पेयजल की समस्या ग्रस्त स्थानों में क्या पेयजल की उपलब्ध करायी गयी अगर हां, तो बतावें कौन-कौन से ग्रामों के पेयजल व्यवस्था किस-किस माध्यम से की गयी। अगर नहीं तो क्यों कौन व्यवस्था करेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पेयजल व्यवस्था हेतु कुल कितनी राशि शासन बजट में रखी थी जिसमें से डिण्डौरी जिले में कितनी राशि व्यय हुई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ग्रीष्म ऋतु के दौरान समस्याग्रस्त गांवों में संबंधित पंचायतों के द्वारा परिवहन के माध्यम से पेयजल व्यवस्था कर्रवाई गई। विभाग द्वारा उक्त ग्रामों में सर्वेक्षण कर उपयुक्त स्थान पर नलकूप खनन कर स्थाई पेयजल की व्यवस्था की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत भी इनमें से कुछ ग्रामों को सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तावित कार्य विभागीय कार्यक्रम में उपलब्ध बजट के अंतर्गत कराए जा सकेंगे। ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए पेयजल परिवहन का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया जाता है एवं इस हेतु विभाग के बजट में पृथक से प्रावधान नहीं किया गया है। तथापि ग्रीष्मकाल में परिवहन द्वारा पेयजल व्यवस्था हेतु 21 संभावित ग्रामों हेतु कलेक्टर द्वारा रूपये 18.45 लाख की राशि की मांग राहत आयुक्त से की गई थी, किए गये परिवहन का भुगतान किया जाना शेष है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पुलिस कॉलोनी के निर्माण की जानकारी
[गृह]
64. ( क्र. 2322 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक डिण्डौरी में कहाँ-कहाँ पुलिस कालोनी का निर्माण हुआ? स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, कालोनी की ड्राइंग, प्राक्कलन की छायाप्रति बतावें। (ख) क्या डिण्डौरी जिले में व सभी थानाओं एवं चौकियों में पुलिस के अधिकारी एवं जवानों के लिए उपयुक्त आवासीय व्यवस्था है? अगर हाँ तो बतावें चौकी भाड़ासर्रद थाना करंनिया, बजाग, समनापुर में उपयुक्त आवास क्यों नहीं है? अगर नहीं तो कब तक उपयुक्त आवासीय व्यवस्था किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक डिण्डौरी में हुडको ऋण पोषित योजना के अंतर्गत निर्मित आवास गृहों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
योजना वर्ष |
स्थान |
स्वीकृत दिनांक |
स्वीकृत राशि (रू. लाखों में) |
कार्य प्रारम्भ दिनांक |
कार्य पूर्णता दिनांक |
रिमार्क |
1 |
हुडको वर्ष 2013-14 |
12+48 आवास गृह डी.आर.पी लाईन डिण्डौरी |
11.06.2013 |
624.84 |
04.03.2014 |
04.05.2016 |
कार्य पूर्ण |
2 |
हुडको वर्ष 2014-15 |
12+48 आवास गृह डी.आर.पी लाईन डिण्डौरी |
11.06.2013 |
624.84 |
16.02.2015 |
13.09.2016 |
कार्य पूर्ण
|
पुलिस लाईन परिसर डिण्डौरी में निर्मित की गई कालोनी की ड्राइंग, की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्राक्कलन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ख) जी नहीं। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजनान्तर्गत डिण्डौरी जिले में पदस्थ पुलिस बल के लिये चतुर्थ चरण अर्थात वर्ष 2019-20 में आरक्षक-48 एवं अराजपत्रित अधिकारियों के लिये-12 इस प्रकार कुल 60 आवासगृह बनाये जाना प्रस्तावित है। निर्माण प्रक्रिया के अन्तर्गत निर्माण कार्य क्रमशः थाना करंनिया, बजाग, समनापुर एवं गाडासरई में आवश्यकता अनुरूप चरणबद्ध तरीके से कराया जायेगा।
संनिर्माण कर्मकार मंडल संबंधी जानकारी
[श्रम]
65. ( क्र. 2347 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सचिव म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल में नियमित रूप से वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई। प्राप्त राशि किस बैंक के किस खाता में जमा है। खाताधारक सहित विवरण दें? कितनी राशि जमा होना शेष है और क्यों बताएं? (ख) सचिव म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल के कार्यालय में कितने कर्मचारी/अधिकारी विभाग से एवं कितने प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं वर्गवार, पदवार, नामवार, नियुक्ति दिनांक सहित विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के कर्मचारियों के अतिरिक्त दैनिक वेतन/संविदा एवं कलेक्टर दर पर कब-कब कितने कर्मचारी किसकी स्वीकृति से किस वेतनमान पर किस प्रक्रिया से नियुक्त किये गये बताएं? (घ) प्रश्नांश (ग) में नियुक्त कर्मचारियों को रखने में आरक्षण नियम एवं भर्ती नियम का पालन किया गया अथवा नहीं बताएं? (ड.) प्रश्नांश (क) (घ) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय किसी अन्य विभाग के प्रमुख सचिव से जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब-तक और नहीं तो कारण बताएं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में वर्ष 2013-14 से जून 2017 की स्थिती में प्राप्त उपकर की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. वर्ष प्राप्त उपकर राशि
1 2013-14 2,64,49,51,341
2 2014-15 3,03,93,02,062
3 2015-16 2,86,43,92,820
4 2016-17 3,46,99,77,912
5 2017-18 (जून 2017 की स्थिती में) 37,07,60,317
योग 12,38,93,84,452
प्राप्त उपकर राशि विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा की जाती है, राष्ट्रीयकृत बैंकों संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सभी खाते सचिव, म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल पदनाम से संचालित है। भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के तहत प्रदेश में संचालित निर्माण कार्यों की कुल निर्माण लागत का 1 प्रतिशत उपकर मंडल में जमा कराये जाने का प्रावधान है। उपकर संग्रहण अनवरत प्रक्रिया होने से राशि जमा होने एवं शेष होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में श्रम विभाग से ही अधिकारी वर्तमान में कार्यरत है। जिसमें से सचिव, म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, की नियुक्ति मंडल कार्यालय में की गई है तथा 01 सहायक सचिव, श्रम विभाग से प्रतिनियुक्ति से मंडल में कार्यरत है इसके अतिरिक्त 01 लेखाधिकारी, कोष एवं लेखा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। वर्गवार, पदवार, नामवार, नियुक्ति दिनांक सहित पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व विभाग के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
66. ( क्र. 2367 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा की बैठक दिनांक 07.12.2016 को पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1467 की कंडिका (ख) के उत्तर में नामांतरण की प्रक्रिया को और भी सरल किया जा रहा है इसे और भी कम समय में पूर्ण किया जा सकेगा बतलाया गया था। तो तत्संबंध में हुये सुधार से अवगत करावें? (ख) पाटन विधान सभा अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के किस-किस के कौन-कौन से प्रकरण फौती दुरूत्ती के नामांतरण के, आपसी बंटवारा, राजस्व रिकार्ड दुरूस्त करने, खसरा बटांकन करने तथा नक्शा काटने के कब से लंबित है बतलावें राजस्व निरीक्षण मंडलवार प्रकरण दर्ज दिनांक सहित सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राजस्व प्रकरणों के निपटारें की क्या कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ तो कौन-कौन से प्रकरण कितने दिन में निपटाये जाने की समय-सीमा निर्धारित है एवं क्या उल्लेखित कार्य लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आते हैं? (घ) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रकरणों के इतने समय से लंबित रहने के क्या कारण है? किन कारणों से इनके निपटारे में विलंब हो रहा है? प्रकरणवार बतलावें एवं इन लंबित प्रकरणों का किस प्रकार से कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? प्रकरण लंबित रहने का दोषी कौन है? दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश की जेलों में व्यवस्था
[जेल]
67. ( क्र. 2368 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर केन्द्रीय जेल, जिला जेल एवं उपजेल स्थापित हैं? इनमें कितना पुलिस बल स्वीकृत है एवं प्रश्न दिनांक पर कहाँ-कहाँ कितना बल पदस्थ है? इन जेलों की कितने-कितने बंदी बंद रखने की क्षमता है तथा प्रश्न दिनांक को किन-किन जेलों में कितने-कितने सजायाफ्ता कैदी एवं कितने विचाराधीन कैदी अवरूद्ध थे? सूची देवें। (ख) जेल बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण के क्या नियम हैं? बंदी अवस्था में उन्हें किस प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होती है? जेल अस्पतालों में कैदियों को दी जाने वाली दवाइयां किसके द्वारा किसकी अनुशंसा पर खरीदी जाती है? इनकी गुणवत्ता की जाँच कब-कब किसके द्वारा की जाती है एवं प्रदेश में कहाँ-कहाँ जेल अस्पताल संचालित हैं? इनमें कितना-कितना स्टॉफ स्वीकृत है तथा वर्तमान में कहाँ-कहाँ कितना पदस्थ है तथा इन अस्पतालों के संचालन हेतु वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में खर्च हुई? मदवार वर्षवार सूची देवें। (ग) प्रदेश में बंदियों को खाद्य सामग्री प्रदान करने के क्या नियम हैं? प्रति कैदी भोजन में कितना व्यय आता है? दिये जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जाँच किसके द्वारा की जाती है? विगत एक वर्षों के अंदर किन-किन जेलों में कब-कब गुणवत्ता विहीन भोजन देने की शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यह भी बतलावें कि जब जेल का सभी काम ठेके पर होता है, तो क्या जेल शासन जेल के अंदर चल रहे संगठित भ्रष्टाचार समाप्त करने हेतु प्रदेश की जेलों में भोजन ठेकेदार के माध्यम से करेगा? उत्तर में यदि किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रदेश में स्थापित जेलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। प्रदेश में स्थापित जेलों में स्वीकृत बल एवं उसकी पदस्थापना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। प्रदेश में स्थापित जेलों की क्षमता एवं उनमें अवरूद्ध सजायाफ्ता कैदी एवं विचाराधीन कैदी की संख्या की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ख) जेल मैन्युअल के अनुसार जेल में प्रवेश के बाद सभी बंदियों के स्वास्थ परीक्षण चिकित्सा अधिकारी द्वारा की जाएगी। चिकित्सा अधिकारी न केवल बीमार बंदियों की चिकित्सा पर अपितु जेल की स्वास्थ्य रक्षा से संबंधित प्रत्येक विषय पर भी सर्तकता पूर्वक ध्यान देगा। बंदी की अस्वस्थ अवस्था में उन्हें चिकित्सा अधिकारी की सलाह अनुसार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। जेल अस्पतालों में कैदियों को दी जाने वाली दवाइयां उपचार करने वाले चिकित्सक की अनुशंसा पर जेल अधीक्षक द्वारा खरीदी जाती है। इनकी गुणवत्ता की जाँच भी संबंधित चिकित्सक एवं पेरा मेडिकल स्टॉफ द्वारा की जाती है। प्रदेश में स्थापित जेलों में संचालित अस्पताल, स्वीकृत स्टॉफ एवं पदस्थ स्टॉफ की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। अस्पतालों के संचालन में वित्तीय वर्ष 2013-14 से अब तक हुए व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ड अनुसार है। (ग) जेल मैन्युअल के अंतर्गत प्रदेश में बंदियों को खाद्य सामग्री प्रदान करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है। प्रति बंदी भोजन में औसत वार्षिक व्यय रूपये 17,503/- है। दिये जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जाँच जेल चिकित्सा अधिकारी एवं जेल अधीक्षक द्वारा की जाती है। विगत एक वर्ष के अन्दर जेलों में भोजन संबंधी प्राप्त शिकायत एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ अनुसार है। जेलों में भोजन सामग्री का क्रय जेल पूर्ति नियम, 1968 एवं म.प्र. भंडार क्रय नियम, 2015 में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत ई-टेंडरिंग के माध्यम से खुली निविदा आमंत्रित कर संबंधित जेल अधीक्षक द्वारा की जाती है। जेलों में भोजन ठेकेदार के माध्यम से करने संबंधी कोई प्रावधान जेल नियमों में नहीं है।
जल आवर्धन योजना जैसीनगर
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 2382 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जैसी नगर की 1.22 करोड़ रूपये की जल आवर्धन योजना का प्रशासनिक आदेश जारी किया जा चुका है? प्रति देवें। (ख) यदि हाँ, तो यह बतावें कि जैसीनगर की नल-जल योजना के टेंडर कब तक लगाये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रूपये 1.20 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टेण्डर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।
कटनी जिले में राजस्व स्थापना अंतर्गत रिक्त पद
[राजस्व]
69. ( क्र. 2392 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में राजस्व स्थापना के अंतर्गत राज्य प्रशासनिक सेवा, तृतीय श्रेणी अधिकारियों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं पदानुसार विवरण प्रदान करें? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारियों को तीन-तीन तहसीलों का प्रभार दिया गया है? इसी प्रकार तहसीलदार की अधिकारिता में एक से अन्य विभाग का प्रभार भी दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अन्तर्गत क्या रिक्त पद भरे जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी जिले में राजस्व स्थापना अंतर्गत राज्य प्रशासनिक सेवा तृतीय श्रेणी अधिकारियों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
पदनाम |
पदों का विवरण |
रिमार्क |
||
स्वीकृत |
कार्यरत |
रिक्त |
|||
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
1 |
अपर कलेक्टर |
01 |
01 |
-- |
|
2 |
संयुक्त कलेक्टर/डिप्टी कलेक्टर |
07 |
06 |
01 |
1 नव नियुक्त डिप्टी कलेक्टर वर्तमान में परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणरत है |
3 |
तहसीलदार |
08 |
06 |
02 |
वर्तमान में 01 तहसीलदार निलंबित है |
4 |
नायब तहसीलदार |
08 |
05 |
03 |
|
(ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) संपूर्ण प्रदेश में तहसीलदारों की अत्याधिक कमी होने से पद पूर्ति की जाना कठिन है। नायब तहसीलदारों के पदों की पूर्ति हेतु मांग-पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
होमगार्ड जवानों का वेतनमान
[गृह]
70. ( क्र. 2395 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन डी.जी. होमगार्ड द्वारा दिनांक 14/12/2016 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिपालन में मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक के न्यूनतम वेतन रू. 17055 अनुसार दिनांक 01/03/2017 को मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश के होमगार्ड जवानों को रू. 12040 से बढ़ाकर 17055 किये जाने के आदेश शासन से स्वीकृत है? (ख) क्या माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार डायरेक्टर जनरल होमगार्ड मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 868/गो.शा (1)/कोर्टकेस/2016 भोपाल दिनांक 14.12.2016 के द्वारा अति मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग भोपाल को पत्र प्रेषित कर बेसिक पे-5680, ग्रेड पे-1900, डीए-9475 (125%) इस प्रकार कुल राशि-17055 रूपये पुलिस आरक्षकों के समान होमगार्ड जवानों को न्यूनतम वेतन प्रदान किये जाने संबंधी जानकारी प्रेषित की गयी है। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित न्यूनतम वेतनमान की अपेक्षा वर्तमान में देय वेतनमान आदेश के विपरीत है? यदि हाँ, तो क्या होमगार्ड को उक्त वेतनमान उक्त दिनांक से प्रदान किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) क्या होमगार्ड सैनिकों को शासन के द्वारा 60 वर्ष तक सेवाकार्य करने के शासन आदेश हैं? यदि हाँ, तो क्या होमगार्ड सैनिकों का तीन वर्ष में पुन: नामांकन कराया जाता है, मेडिकल फिटनेस, पुलिस चरित्र सत्यापन लिये जाते है? यदि हाँ, तो क्या यह उचित है? यदि नहीं, तो क्या आदेश संशोधित किया जाकर पुन: इस नामांकन प्रक्रिया को समाप्त किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) शासन आदेश दिनांक 1.3.2017 तथा संशोधित आदेश दिनांक 5.7.2017 के अनुसार पुलिस आरक्षक के न्यूनतम वेतन के समरूप होमगार्ड सैनिकों को भुगतान किये जाने के आदेश पारित किये गये। तद्नुसार भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी हाँ। 60 वर्ष तक सेवा का प्रावधान है, म.प्र. होमगार्ड नियम 2016 संशोधित नियम दिनांक 17.1.2017 के नियम 27 उप नियम (1) खण्ड (ख) के अनुसार होमगार्ड को प्रत्येक 03 वर्ष की समाप्ति पर पुनः नामांकन का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत उनकी सेवा विस्तार के लिए पूर्व सेवा संतोषजनक होने, आचरण, चरित्र का सत्यापन, शारीरिक क्षमता आदि पर विचार किया जाता है। उक्त व्यवस्था में संशोधन अथवा समाप्त करना विचाराधीन नहीं है।
राईस मिलो द्वारा जमा चावल की जाँच एवं कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 2400 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 से सी.एम.आर. में किन-किन राईस मिलों द्वारा कितना-कितना चावल कब-कब जमा किया गया? किन-किन राईस मिलों का कितना-कितना चावल अमानक/खराब स्तर का किस जाँच/कार्यवाही में कब-कब पाया गया और इसी अवधि में किन-किन राईस मिलों पर क्या कार्यवाही की गयी? किन कारणों से कितने दिनों के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया। (ख) क्या कटनी जिले में वर्ष 2005-06 में राईस मिलों द्वारा किसानों को फर्जी भुगतान की जाँच हुई थी? यदि हाँ, तो यह जाँच क्या थी? किस मिल की क्या जाँच एवं क्या कार्यवाही हुई और किस राईस मिल पर किस प्रतिवेदन से क्यों कार्यवाही नहीं हुई? (ग) कटनी जिले में लेवी मामले में अनियमितताओं पर ई.ओ.डब्ल्यू. जबलपुर द्वारा किन-किनके विरूद्ध अपराध क्रमांक 11/12 किन धाराओं में कब दर्ज किया गया है? क्या इनके चालन माननीय न्यायालय में पेश कर दिए गए? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो कब तक पेश किये जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि पर भू-माफिया द्वारा अतिक्रमण
[राजस्व]
72. ( क्र. 2456 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि १० दिसम्बर २०१४ के तारा. प्रश्न क्रमांक ४५ एवं दिनांक ०५ मार्च २०१४ के तारांकित प्रश्न क्रमांक १०० के संदर्भ में बताया कि अशोकनगर शहर के मध्य भोसले का बाड़ा ग्राम पिपराई व ग्राम अथाईखेड़ा की करोड़ों की शासकीय भूमि जिसे जिला प्रशासन व राजस्व विभाग ने शासकीय घोषित की थी, को भू-माफिया ने अपने व बेनामी गजराज सिंह पुत्र अमोल सिंह ग्राम खानपुर ब्लाक चंदेरी के नाम अतिक्रमण कर रखा है व राजस्व मण्डल ग्वालियर में अपील की थी तथा राजस्व मण्डल के एक सदस्य ने करोड़ों की इस भूमि को निजी व्यक्तियों के नाम नामांतरण करने के आदेश कर दिये हैं व जिसकी अपील व समीक्षा का शासन ने निर्णय लिया है, में क्या प्रगति हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अशोकनगर शहर के मध्य भोसले का बाड़ा के प्रकरण में माननीय अध्यक्ष राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा उनके प्रकरण क्र. 110 एक 17 में प्रकरण को पुनर्विलोकन में लिया गया है जो विचाराधीन है। ग्राम अथाईखेड़ा की शासकीय भूमि सर्वे क्र. 695/1,696/2 को न्यायालयीन प्रकरण 02/स्वमेव निगरानी/15-16 में पारित आदेश दिनांक 20/02/2017 से उक्त भूमि शासकीय घोषित की जा चुकी है, जिसका अमल राजस्व अभिलेख में कर दिया गया है। ग्राम पिपरई में नायब तहसीलदार के प्र.क्र. 18 अ 19/2003-04 में पारित आदेश दिनांक 05.07.2004 को आयुक्त ग्वालियर के प्र.क्र. 266/2007-08 में पारित आदेश दिनांक 05.12.2008 से निगरानी निरस्त कर दी गई थी तथा राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा न्यायालयीन प्र.क्र. 22-11/2014 में पारित आदेश दिनांक 19.05.2014 से निगरानी निरस्त कर दी गई थी जिसे माननीय राजस्व मंडल द्वारा पुनर्विलोकन में लेकर प्र.क्र. 4155-11/2014 में पारित आदेश दिनांक 06.01.2016 द्वारा आयुक्त के आदेश को निरस्त करते हुये नायब तहसीलदार मुंगावली का आदेश यादवेन्द्र सिंह पुत्र देशराज सिंह के पक्ष में स्थिर रखा है। वर्तमान अभिलेख एवं कम्प्यूटर अभिलेख में भूमि शासकीय पठार दर्ज है।
पर्वतीय ग्रामों में पेयजल सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 2468 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.स.क्षे. बडवारा के वि.खं. बडवारा के ऊंचे पर्वतों में बसे ग्राम कारीबराह, अमराडांड, धीरपुर तथा वि.खं. ढीमरखेड़ा के ग्राम गौरी, मुखास, दादरसिहुंड़ी, कोठी, छोटी हर्रई व बड़ी हर्रई, छाहर, कोकोडबरा समुद्र तल से कितनी ऊंचाई पर और किस प्रकार की भू-संरचना पर बसे हैं तथा उनकी भू-जल की क्या स्थिति है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के किसी जनसंख्या के ग्राम मुखास में वर्ष 2006 से 2008 की किसी अवधि में किसी स्थान के प्रदूषित जल के पीने से किन्हीं संख्या में बच्चों के निधन उपरान्त उस ग्राम के किसी स्थान पर ट्यूबवेल खनन कर व लिफ्टकर पेयजल सुविधा उपलब्ध करायी गई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 20-1-2012 को का.पा.यं. लोक स्वा. यांत्रिकी कटनी एवं पत्र दिनांक 16-4-2012 को माननीय विभागीय मंत्री जी को ग्राम गौरी सहित किन्हीं ग्रामों में हैण्डपम्प खनन करने एवं पत्र दिनांक 11-3-2017 को पर्वतीय ग्राम मुखास के समान पर्वतीय ग्राम गौरी में पहाड़ के नीचे ट्यूबवेल बोर खनन कर व लिफ्टकर पेयजल उपलब्ध कराने की मांग पर आज दिनांक तक किस प्रकार की कार्यवाही की गई है? (घ) क्या पेयजल संकट से ग्रस्त शत्-प्रतिशत आदिवासी प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में विभागीय योजना से अथवा जिला खनिज कोष (डी.एम.एल.) का उपयोग कर ट्यूबवेल द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) विभागीय मापदंड के अनुसार आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में आवश्यकतानुसार एवं तकनीकी रूप से व्यवहार्य साधनों से पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
दर्ज अपराधियों की गिरफ्तारी की जानकारी
[गृह]
74. ( क्र. 2473 ) श्रीमती
ऊषा चौधरी :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सतना जिले के
कोलगवां थाना
के अंतर्गत
अपराध क्र.1016/2016 धारा 307, 34, अपराध
क्र.168/2016 धारा
420, 467, 468, 471, 34 एवं
थाना सिटी कोतवाली
के अंतर्गत
अपराध क्र.169/2017 धारा 420, 467, 471, 34, अपराध
क्र.156/2017 दिनांक 18.02.2017 धारा 379 तथा
अपराध क्र.0794/16 दिनांक
28.11.2016
धारा 420, 467, 468, 471, 120B के
तहत मुक़दमे
दर्ज हैं? (ख) क्या
अपराध क्र.1016/16 में
चार आरोपियों
के विरुद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
कराई गई थी? यदि हाँ, तो
क्या घटना
दिनांक को ही
एक प्रमुख
अपराधी गिरफ्तार
किया गया था? तीन
अन्य आज
दिनांक तक
गिरफ्तार
क्यों नहीं
किये गए? थाना
कोलगवां को
पुलिस
अधीक्षक सतना
एवं नगर पुलिस
अधीक्षक सतना
द्वारा कितने
पत्र आज दिनांक
तक जारी किये
गए?
क्या उनका
अध्ययन
गृहमंत्री
एवं डी.जी.पी.
मुख्यालय
भोपाल द्वारा
किया गया? यदि
नहीं,
तो क्या
अध्ययन
करेंगे? (ग) अपराध
क्र.168/2016, 169/2017 के
अपराध में
राजस्व विभाग
के
अधिकारियों
को आज दिनांक
तक मुलजिम
क्यों नहीं
बनाया गया, जबकि
कार्यालय
अपराध
अनुसंधान
विभाग पुलिस मुख्यालय
भोपाल द्वारा
एवं सतना
पुलिस अधीक्षक
एवं अतिरिक्त
पुलिस
अधीक्षक
द्वारा थाना
प्रभारी सिटी कोतवाली
एवं कोलगवां
को कई पत्र जारी
किये जा चुके
हैं,
फिर भी पटवारी
से लेकर
अधिकारी एवं
काल्पनिक पट्टेदार
ईश्वर प्रताप सिंह, सविता
गुप्ता, अनीश टेकवानी, दीपक चंदानी, काम्या
सुखेजा एवं
सतीश सुखेजा
को मुलजिम
क्यों नहीं
बनाया गया? कारण
सहित बताएं। (घ) क्या
पटवारी हल्का
सिजहटा के 16 काल्पनिक
कृषक के नाम
से तत्कालीन
पटवारी द्वारा
पटवारी
प्रतिवेदन
देकर यह कहा
गया था कि वर्तमान
में उक्त
कृषकों का
कब्जा है? इसी
आधार पर
तत्कालीन
तहसीलदार
नीरज खरे ने 16.07.2017
एवं 18.07.2017
को यह कहकर
आवेदन निरस्त
कर दिया गया
था कि धारा 115, 116 के
तहत 15 वर्ष
पूर्व हो जाने
के कारण इस
कार्यालय को
अधिकार नहीं
है? सक्षम
न्यायालय में
जाने का अवसर
प्रदान किया
गया था? विवरण सहित
जानकारी
देवें। क्या
इसी आधार पर
तत्कालीन
एस.डी.एम./कलेक्टरों
ने त्रुटि
सुधार के आदेश
दिए थे?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। जिला
सतना के थाना
कोलगवां के
अपराध
क्रमांक-1016/16
धारा 307,34
भा.द.वि. के
प्रकरण में
नामजद आरोपी
रजनीश शर्मा
को दिनांक 25.10.2016
को गिरफ्तार
किया गया था। अन्य
तीन अज्ञात
अपराधियों के
विरूद्ध पर्याप्त
साक्ष्य
प्राप्त नहीं
होने से
गिरफ्तार
नहीं किये गये।
पुलिस
अधीक्षक सतना
एवं नगर पुलिस
अधीक्षक सतना
द्वारा
अनुसंधानकर्ता/थाना
प्रभारी को समय-समय
पर पत्र जारी
किये गये हैं।
इन पत्रों का
गृह मंत्री
एवं डी.जी.पी.
मुख्यालय
भोपाल के सीधे
अध्ययन से
सम्बंध नहीं
है। (ग) थाना
कोलगवां के
अप.क्र. 168/2016 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34
भा.द.वि. के
प्रकरण में
साक्ष्य के
आधार पर आरोपी
राजा भाई
पाण्डे, लक्ष्मण
सिंह,
अखिलेश, लक्ष्मी प्रसाद
त्रिपाठी (सेवा
निवृत्त
राजस्व
निरीक्षक) को
गिरफ्तार
किया जा चुका
है। आरोपी
रजनीश शर्मा
की गिरफ्तारी
पर माननीय
उच्च
न्यायालय
द्वारा रोक
लगाई गई है। थाना
कोतवाली के
अपराध
क्रमांक-169/17
धारा 420,
467, 471, 34 भा.द.वि. के
प्रकरण में एक
आरोपी
लक्ष्मी प्रसाद
त्रिपाठी (सेवा
निवृत्त
राजस्व
निरीक्षक) को
गिरफ्तार
किया गया है। विवेचना
जारी है। मूल
दस्तावेज
प्राप्त होने
पर अग्रिम
कार्यवाही की
जावेगी। (घ) कृषकों
के कब्जे के
संबंध में
पटवारी हल्का
सेजहटा
द्वारा किसी
भी प्रकार का
कोई प्रतिवेदन
कार्यालय में
प्रस्तुत
नहीं किया गया
है। प्रश्नांश
में अंकित
दिनांक सही
प्रतीत नहीं
होता,
इस कारण
इसका जवाब
दिया जाना
संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
75. ( क्र. 2479 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के अंतर्गत पात्र विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई शासकीय या प्राईवेट कालेजों से करने पर शासन द्वारा फीस में सहायता प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या इस योजनान्तर्गत विधि की पढ़ाई करने वाले मेधावी छात्रों को भी सरकारी एवं प्राईवेट कालेजों में प्रवेश लेने पर फीस में सहायता प्राप्त होगी? यदि नहीं, हो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। योजना के अनुसार आवेदक को एम.एम.वी.वाई. पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन प्रिन्ट कर पूर्ण संलग्नों के साथ संबंधित संस्था को प्रस्तुत करना होगा। (ख) जी नहीं। इस योजना अंतर्गत क्लेट प्रवेश परीक्षा के माध्यम से शासकीय महाविद्यालय एवं एल.एल.यू. संस्थाओं में प्रवेशित छात्रों को ही फीस में सहायता प्राप्त होगी।
मेधावी छात्र पुरस्कार योजना
[श्रम]
76. ( क्र. 2488 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भवन एव अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल भोपाल द्वारा शिक्षा हेतु मेधावी छात्र योजना अंतर्गत छात्रवृति प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो शैक्षणिक सत्र 1 जुलाई 2015 के पश्चात मंदसौर जिले में कितने-कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति किस-किस दिनांक को प्रदान की? वर्षवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) उक्त योजना अंतर्गत उक्त अवधि में कितने-कितने विद्यार्थियों ने योग्य होने के बावजूद छात्रवृत्ति नहीं प्राप्त होने की शिकायत की? शिकायतकर्ता छात्र के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या मंदसौर सुभाष हायर सेकेण्डरी स्कूल प्रेम कालोनी के छात्र श्री सचिन पिता अम्बाराम सहित लगभग 25 छात्रों को विद्यालय द्वारा श्रम विभाग में आवेदन देने के बाद भी लगभग 5 वर्षों से मेधावी छात्र योजना का लाभ नहीं दिया गया? कारण बतायें। (घ) उक्त छात्रवृति का लाभ नहीं प्रदान करने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? विभाग द्वारा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरूस्कार योजना संचालित की जाती है। मंदसौर जिले में प्रश्नांकित अवधि में कुल 25676 विद्यार्थियों को शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है, प्रदाय की गई राशि की दिनांकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में किसी भी पात्र विद्यार्थी द्वारा छात्रवृत्ति नहीं मिलने की शिकायत नहीं की गई है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मंदसौर सुभाष हायर सेकेण्डरी स्कूल प्रेम कालोनी के छात्र श्री सचिन पिता अम्बाराम सहित सभी पात्र छात्र/छात्राओं को नियमानुसार योजना में आवेदन करने पर प्रतिवर्ष मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार योजना का लाभ दिया जा रहा है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आबादी, नजूल भूमि, खसरा एवं शीट की जानकारी
[राजस्व]
77. ( क्र. 2500 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी क्षेत्र में नजूल आबादी भूमि का नजूल नक्शा/नजूल खसरा/नजूल शीट तैयार करने के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1142 उत्तर दिनांक 24 फरवरी 2016 की कंडिका (क) में शासन ने यह कार्यवाही प्रचलित बताया है। तो कंडिका (क) अनुसार नजूल नक्शा/नजूल खसरा/नजूल शीट तैयार करने के शासकीय नियम के आधार पर क्या नरसिंहगढ़ में दर्ज शासकीय आबादी/नजूल भूमि/नजूल खसरा/नजूल शीट तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार नजूल आबादी/नजूल खसरा/नजूल नक्शा/ नजूल शीट तैयार करने की कोई समय-सीमा है? यदि हाँ, तो उसी के अनुरूप नरसिंहगढ़ नगर का नजूल नक्शा/नजूल खसरा/नजूल शीट तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो उत्तर दिनांक 24 फरवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा की गई? की गई कार्यवाही की जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
78. ( क्र. 2501 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्र के वनग्राम/मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने पर ही उन्हें मूलभूत सुविधाओं का लाभ शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दिया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी यदि नहीं, तो इन क्षेत्रों में निवासरत् लोगों को बिजली, पानी एवं सड़क जैसी मूलभूत सुविधा प्रदान करने का दायित्व किसका है? (ग) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामीण क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव शासन/जिला स्तर पर विचाराधीन हैं? ग्रामों के नामों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या मानवीय आधार पर मजरे टोले/वनग्रामों में निवासरत् लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए व्यापक जनहित में कंडिका (ग) अनुसार प्रस्तावों को रास्जव ग्राम घोषित करने का आदेश जारी किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। मूलभूत सुविधाओं का लाभ सभी बसाहटों को दिया जा रहा है। (ख) ग्रामीण क्षेत्र के वनग्राम/मजरे टोलों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने का दायित्व शासन के संबंधित विभागों के मैदानी अमले का है। (ग) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भरतगढ़ को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। राज्य शासन को धारा 108 की अधिसूचना जारी किये जाने के लिये प्राप्त हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कंडिका (ग) अनुसार किसी ग्रामीण क्षेत्र की बसाहट को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताव लंबित नहीं होने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पशु औषधालय के भवन निर्माण की जानकारी
[पशुपालन]
79. ( क्र. 2505 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत सिरमौर की ग्राम पंचायत उमरी में पशु औषधालय भवन के निर्माण की स्वीकृति सत्र 2008-09 में प्रदाय की गई थी, जिसके बाद भवन का निर्माण प्रारंभ हो गया था, किन्तु क्या कारण है कि अभी तक उक्त भवन का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका? (ख) उक्त निर्माण हेतु किस एजेन्सी को अधिकृत किया गया था तथा निर्माण की समय-सीमा विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गई थी? (ग) उक्त पशु औषधालय का निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) भवन का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) उक्त निर्माण कार्य हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग क्र.1 रीवा (म.प्र.) को निर्माण एजेन्सी नियुक्त किया गया था। निर्माण कार्य की समय-सीमा निर्माण एजेन्सी द्वारा 03 माह निर्धारित की गई थी। (ग) कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग क्र. 1 रीवा (म.प्र.) के पत्र क्रमांक 2455/रीवा/दिनांक 6.7.2017 के अनुसार कार्य पूर्णता दिनांक 27.5.2010 है एवं दिनांक 21.12.2016 को विभाग को हस्तान्तरित किया जा चुका है।
प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
80. ( क्र. 2552 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4844 दिनांक 20.03.2017 को (क) से (ग) तक जिन पत्रों का उल्लेख किया गया था, उक्त पत्रों से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त पत्रों पर संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग को भेजे गये प्रकरण के संबंध में उनके द्वारा श्री एस.एन. शुक्ला, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी रामनगर के दिनांक 30.04.2014 को सेवानिवृत्त हो जाने के कारण प्रकरण का पुन: परीक्षण करने पर पाया गया कि घटना दिनांक श्री एस.एन. शुक्ला की सेवानिवृत्ति दिनांक से 04 (चार) वर्ष पूर्व की है, जिसके कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 के नियम (9) के अंतर्गत कार्यवाही की जाना संभव नहीं होने से उक्त प्रकरण नस्तीबद्ध किये जाने का प्रशासकीय निर्णय लिया जाकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान की स्थिति एवं स्थान परिवर्तन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
81. ( क्र. 2553 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्कीम के तहत् शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की स्थिति स्थान एवं संख्या का परिवर्तन करने का अधिकार कलेक्टर को है? हाँ या नहीं? (ख) क्या जिला छतरपुर की नगर पंचायत राजनगर की दिनांक 26.03.2010 के पूर्व शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के वार्ड नं. 4,5,6,14 एवं 15 की छत्रसाल विपणन सहकारी समिति मर्या. राजनगर द्वारा संचालित की जा रही थी? हाँ या नहीं? (ग) क्या कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजनगर के आदेश क्र. 141 एवं 142 दिनांक 25.03.2010 को अनुविभागीय अधिकारी द्वारा नगर पंचायत राजनगर की शासकीय उचित मूल्य दुकान के वार्ड नं. 4 एवं 5 को श्रृद्धा महिला प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्या. राजनगर को एवं वार्ड नं. 6 अन्नपूर्णा प्राथमिक उपभोक्ता सहाकारी भंडार मर्या. राजनगर को आवंटित की गई थी? हाँ या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकानों की स्थिति एवं स्थान का परिर्वतन किया जाना उल्लेखित होता है? हाँ या नहीं? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार यदि हाँ, तो क्यों अधिकारी द्वारा कलेक्टर (सक्षम अधिकारी) से स्थिति एवं स्थान का परिवर्तन करने की अनुशंसा नहीं ली गई थी? कारण सहित बतायें। (च) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्यों? कार्यालय कमिश्नर सागर संभाग सागर म.प्र. के आदेश क्रं. 308/तीन/विभा./अपील/2012 सागर दिनांक 13.04.2012 को श्री नागदेवे को निर्दोष होने हेतु कमिश्नर सागर द्वारा लेख किया था? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या शासन विधिसम्मत जाँच न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2009 के उपबंध (दो) की कंडिका (1) में उचित मूल्य दुकान की संख्या तथा उनका स्थान नियत करने का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रावधानित थे। (ख) से (घ) जी हाँ। (ड.) दुकान आवंटन अधिकारी द्वारा सक्षम अधिकारी (कलेक्टर) के समक्ष प्रकरण न भेजकर वैधानिक भूल की गई थी। (च) कमिश्नर सागर संभाग, सागर के आदेश क्रमांक 308/तीन/विभा.अपील/2012 दिनांक 13.04.20142 द्वारा श्री नागदेवे द्वारा प्रस्तुत कारण बताओ नोटिस का उत्तर समाधान कारक पाये जाने के कारण श्री नागदेवे के विरूद्ध कार्यवाही समाप्त की गई थी। तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री एस.एन. शुक्ला को दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु अभिलेख की प्रमाणित प्रतियां एवं आरोप पत्र आदि तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल की ओर कार्यालयीन पत्र क्र. 309/तीन/विभा.जाँच/2014 दिनांक 26.03.2014 को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे गये थे। श्री शुक्ला 30.04.2014 को सेवानिवृत्त हो गये। घटना दिनांक श्री शुक्ला के सेवानिवृत्ति दिनांक से चार वर्ष पूर्व की होने से मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 अंतर्गत कार्यवाही संभव नहीं होने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
शासन द्वारा आवंटित बंगले के उपयोग की जानकारी
[गृह]
82. ( क्र. 2562 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की 29वीं बटालियन में वर्तमान में कमाण्डेंट के पद पर कौन पदस्थ है वे कहाँ से किस दिनांक को कार्यमुक्त होकर किस दिनांक को यहां ज्वाइन हुये हैं? (ख) क्या उक्त अधिकारी शासन द्वारा आवंटित शासकीय आवास में निवास कर रहे हैं? क्या वे जिला मुख्यालय पर कहीं और निवास करते हैं? यदि शासन द्वारा आवंटित क्वार्टर में नहीं रहते हैं, तो क्यों? कहीं और निवासरत हैं, तो उसकी जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त अधिकारी अपना संपूर्ण कार्य ग्वालियर से रहकर कर रहे हैं? अपने समस्त प्रकरण एवं दायित्वों का निराकरण अपने अधीनस्थों को ग्वालियर बुलाकर करते हैं। सप्ताह में एक या दो दिन ही अपने कार्यालय आते हैं। यदि नहीं, तो उक्त बिंदुओ पर उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी? (घ) क्या वे शासन द्वारा उपलब्ध कराये बंगले में न रहकर स्थानीय क्लब जो अतिथियों के लिये बनाया गया है, इसमें आकर रूकते हैं तथा शासन से मिलने वाले हाउस रेन्ट को वेतन के साथ नकद प्राप्त कर रहे हैं, क्या उन्होंने अपने घर ग्वालियर में अपने घरेलू कार्य के लिये यहां के कर्मचारी रखे हैं? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जावे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान, भा.पु.से. (म.प्र. 2012) 29वीं वाहिनी, वि.स.बल, दतिया में कमाण्डेंट के पद पर पदस्थ हैं। वे जिला उज्जैन से दिनांक 10.12.2016 को कार्यमुक्त होकर, दिनांक 13.12.2016 को दतिया में ज्वाइन हुए हैं। (ख) जी नहीं। वे वर्तमान में 29वीं वाहिनी, वि.स.बल, दतिया में ही वाहिनी परिसर स्थित अराजपत्रित अधिकारी सदन के एक कक्ष में निवास कर रहे हैं, जिसकी नियमानुसार राशि का भुगतान उनके द्वारा किया जा रहा है। सेनानी के लिये निर्धारित शासकीय क्वार्टर पूर्व से ही काफी जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है, जिसकी मरम्मत लोक निर्माण विभाग, दतिया द्वारा कराई जा रही है। मरम्मत कार्य वर्तमान में चालू है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्री चौहान अतिथियों के लिये बनाये गये किसी स्थानीय क्लब में नहीं वरन् वे 29वीं वाहिनी के दतिया में ही वाहिनी परिसर स्थित अराजपत्रित अधिकारी सदन के एक कक्ष में निवास कर रहे हैं। श्री चौहान शासन से मिलने वाला कोई हाउस रेन्ट नहीं प्राप्त कर रहे हैं। ग्वालियर में इनका कोई शासकीय अथवा निजी घर नहीं है। अतः ग्वालियर में कर्मचारी रखने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रकरण में किसी प्रकार की जाँच की आवश्यकता नहीं प्रतीत होती।
पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 2573 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत पेयजल संकट को देखते हुये दिनांक 17.04.2017 को ग्राम बड़गाँव में सत्याग्रह पर बैठा गया था? यदि हाँ, तो ज्ञापन पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर जिला स्तर एवं राज्य स्तर से क्या कार्यवाही हुई? तिथिवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद में कितने-कितने हैण्डपंप किस-किस ग्राम में स्वीकृत किये गये? कितने हैण्डपंप स्वीकृत किया जाना शेष है? विकासखण्डवार विगत 03 वर्षों का विवरण दें। क्या प्रस्तावित हैण्डपंपों में शासन/विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार बंद नल-जल योजनाएं और नवीन प्रस्तावित योजनाओं में से विकासखण्ड बहोरीबंद एवं रीठी अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाओं में सुधार हुआ, कितनी नल-जल योजनाओं में विगत लंबे समय से बंद होने के बाद भी सुधार नहीं हो पा रहा है? क्या बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डॉग, बरजी निटर्रा, बाकल सहित अन्य ग्रामों की नल-जल योजना लंबे समय से बंद होने के बाद भी प्रारंभ नहीं हो सकी है, क्यों? कारण बताएं। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रभारी मंत्री, जिला कटनी को संबोधित पत्र क्र. 10 दिनांक 07.04.17 एवं पत्र क्र. 43 दिनांक 20.04.17 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जिले में 295 आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों के अंतर्गत नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना के कार्य प्रस्तावित हैं, जिसके अंतर्गत वर्ष 2017-18 में 150 बसाहटों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद की 47 बसाहटें सम्मिलित है। विधानसभा क्षेत्र में 3362 हैण्डपंप स्थापित हैं, 3317 चालू एवं 45 हैण्डपंप बंद हैं, जिन्हें सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत् सुधारा जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र में 90 नल-जल योजनाएं स्थापित हैं, 34 बंद योजनाओं में से 23 योजनाएं सुधार कर चालू करवाई गई हैं। शेष 11 बंद योजनाओं में से 9 योजनाएं पंचायत एवं 2 योजनाएं विभाग के माध्यम से चालू करने की कार्यवाही की जा रही है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है। बंद योजनाओं को चालू करने हेतु राशि ग्राम पंचायतों को दी गई है। हस्तांतरित नल-जल योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पत्र क्र. 10 दिनांक 7.4.17 अप्राप्त है। प्राप्त पत्र क्र.43 दिनांक 20.4.17 के संदर्भ में की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 के अनुसार है।
खैरी विस्फोट काण्ड पर कार्यवाही
[गृह]
84. ( क्र. 2596 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के ग्राम खैरी में फटाका विस्फोट काण्ड में पीड़ित परिवार के किस सदस्यों का शासन प्रशासन की ओर से कितनी-कितनी कब-कब सहायता राशि प्रदाय की गई तथा अन्य किसी भी प्रकार से मदद दी गई? (ख) उक्त विस्फोट काण्ड पीड़ित परिवार के अनाथ बच्चों के लिये शासन ने क्या योजना बनाई है? माननीय कृषि मंत्री महोदय द्वारा 21 बच्चों को गोद लेने का समाचार प्रकाशित हुआ था? क्या शासन या स्वयं मंत्री जी द्वारा उक्त अनाथ बच्चों को कानूनी रूप से गोद लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस विषय पर शासकीय आधार पर क्या कार्य किया जा रहा है? (ग) अनाथ बच्चों के भरण-पोषण शिक्षा स्वास्थ्य के लिये शासन द्वारा क्या-क्या कार्य करवाये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मृतकों के आश्रित बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गयी है। जी नहीं। (ग) स्थानीय प्रशासन द्वारा बच्चों के निःशुल्क शिक्षण तथा यथा आवश्यक चिकित्सा एव उपचार की व्यवस्था की गई है।
योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन]
85. ( क्र. 2598 ) श्री मधु भगत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में पशुपालन विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं क्रियान्वित हैं? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजनाओं में कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से मद में खर्च की गई? भुगतान का आधार क्या था? चेक क्रमांक एवं भुगतान के सभी वाउचरों की प्रति प्रदाय करें। (ख) विभाग जिला बालाघाट द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में खरीदी की गई तथा इस खरीदी का क्या आधार था? समस्त भुगतानों का विस्तृत ब्यौरा प्रदान करें। (ग) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में गौपालन एवं नन्दी रक्षक कार्य की दिशा कौन-कौन से कराये जा रहे हैं तथा कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? पूर्ण ब्यौरा देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। ग्राम सभा, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति द्वारा अनुमोदित एवं स्वीकृत प्रकरणों में अनुदान राशी उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें द्वारा हितग्राही के बैंक खाते में सीधे जमा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स ''अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
नल-जल/हैण्डपम्प योजनाओं का नवीनीकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
86. ( क्र. 2607 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर में विगत 2 वर्षों में कितनी नल-जल एवं नल उत्खनन (हैण्डपंप) योजनायें स्वीकृत की गयी हैं एवं विधान सभा क्षेत्र बीना के लिये कितनी आवंटित की गयी हैं? विगत वर्षों से जर्जर हालत में संचालित नल-जल/हैण्डपम्प योजनाओं के नवीनीकरण हेतु क्या प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम-खिमलासा एवं मंडीवामोरा की जर्जर हालत में संचालित नल-जल योजना के नवीनीकरण या नवीन नल-जल योजना स्वीकृत करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं के प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 5 नल-जल योजनाएं एवं 566 हैण्डपंप योजनाएं स्वीकृत की गई हैं एवं विधानसभा क्षेत्र में 78 हैण्डपंप योजनाएं स्वीकृत हुईं, नल-जल योजना की स्वीकृति नहीं दी गई है। जर्जर हालात वाली योजनाओं में तकनीकी रूप से व्यवहार्थ होने की स्थिति में सुधार कार्य कराने का प्रयास किया जाता है, जर्जर हैण्डपंपों में नए पुर्जे (स्पेयर-पार्ट) बदलकर सुधार कार्य कराया जाता है। (ख) संबंधित ग्राम पंचायतों से नल-जल योजना के सुधार कार्य अथवा आवर्धन योजना हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर प्रस्ताव परीक्षण उपरांत प्रचलित मापदण्डों एवं नियमों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) 'नल से जल आज और कल' कार्यक्रम अंतर्गत 12 लघु सुधार वाली (रू. 2.00 लाख से कम लागत) बंद नल-जल योजनाओं को पंचायत के माध्यम से चालू करने हेतु राशि उपलब्ध करवायी गई है एवं 25 वृहद सुधार वाली (रू. 2.00 लाख से अधिक लागत) बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु विभागीय निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौसदन की स्थापना
[पशुपालन]
87. ( क्र. 2608 ) श्री महेश राय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना के ग्राम देवल में सन् 1939 में ब्रिटिश शासनकाल में मध्यप्रदेश निर्माण के पूर्व डेयरी फार्म की स्थापना की गयी थी? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन ने सन् 1962 में डेयरी फार्म बंद कर 11 गौसदनों की स्थापना करायी गयी, जो सन् 2003 तक संचालित रही? इसके उपरांत शासन ने उक्त भूमि एवं कर्मचारियों को पशु चिकित्सा विभाग में सेवायें एवं 700 एकड़ जमीन/सम्पत्ति सौंप दी है? (ग) यदि हाँ, तो ग्राम देवल की भूमि पर पुन: गौसदन प्रारंभ करने के लिये क्या प्रावधान है? (घ) ग्राम देवल की खाली भूमि पर शासन के द्वारा कोई कार्य योजना प्रस्तावित है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नांश (क) की पुष्टि से संबंधित अभिलेख विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। (ख) सन् 1962 में डेयरी फार्म बंद करने से संबंधित कोई अभिलेख विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। अपितु मध्यप्रदेश शासन पशुपालन विभाग के पत्र क्रमांक 12794/गौसदन/2000-1/भोपाल, दिनांक 10.7.2000 द्वारा गौसदन बंद कर, कार्यरत अमले का समायोजन विभाग में किया गया है। वर्तमान में कोई भूमि पशुपालन विभाग के पास नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में ग्राम देवल की भूमि पर पुन: गौसदन की स्थापना प्रस्तावित नहीं है। (घ) जी नहीं।
खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
88. ( क्र. 2638 ) श्री नागर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में वर्ष 2016 में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत कितने परिवार को पोर्टल द्वारा पात्र माना गया? सूची बतावें। (ख) क्या पोर्टल से सभी पात्र परिवार को खाद्यान्न पर्ची अपडेट कर दिया गया? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई और कब तक पोर्टल पर अपडेट होकर खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध होगी? (ग) जिन पात्र परिवारों को पर्ची उपलब्ध नहीं होने से खाद्यान्न उपलब्ध नहीं किया गया, उस पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अलीराजपुर जिले में वर्ष 2016 में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत 2,516 परिवारों को पात्र परिवार के रूप में चिहांकित किया गया है। चिहांकित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चिन्हांकित 2,516 परिवारों में से 1,951 परिवारों की पात्रता पर्ची निर्मित कर हितग्राहियों को उपलब्ध करा दी गई है। शेष 565 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में हितग्राहियों की संख्या के विरूद्ध जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिलों में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के आधार पर प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य सुरक्षा कानून प्रावधानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
89. ( क्र. 2641 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित कानून के तहत कितनी आबादी को केन्द्र सरकार द्वारा सब्सिडी पर दिये जा रहे अनाज का लाभ दिया जा सकता है? क्या यह संख्या शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग है? यदि हाँ, तो अलग-अलग बताएं? (ख) कानूनों के प्रावधानों के तहत प्रदेश के कितने पात्र परिवारों को योजना का लाभ दिया जा सकता है तथा इस हेतु केन्द्र से प्राप्त होने वाले खाद्यान्नों की जानकारी उपलब्ध करवायें? (ग) वर्तमान में जबलपुर संभाग में ऐसे कितने पात्र परिवार हैं जिन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्नों का लाभ दिया जाना है तथा ऐसे कितने परिवार हैं जो पात्र तो हैं किन्तु विगत कई महीनों से लाभ से वंचित हैं? क्या संपूर्ण पात्र परिवारों को केन्द्र से प्राप्त खाद्यन्न के अतिरिक्त संपूर्ण कीमत का खाद्यान्न वितरित करने के बजाए शासन अनावश्यक रूप से अपने ही द्वारा बनाए गए पात्र परिवारों के नाम से जबरन कटौत्री कर रहा है? (घ) पात्रता श्रेणीयां बनाते समय विषयांकित कानून में निर्धारित संख्या का ध्यान न रखने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या शासन या तो जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेगा अथवा पूरी कीमत का खाद्यान्न खरीदकर समस्त पात्र परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि का आवास आबादी में परिवर्तन के नियम
[राजस्व]
90. ( क्र. 2642 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय घास भूमि को आवास आबादी भूमि में परिवर्तित करने के नियमों की विस्तृत जानकारी दें। क्या परिवर्तन के अधिकार कलेक्टर को होते हैं तथा परिवर्तन करने के लिए अधिकतम कितने रकबे को परिवर्तित किया जा सकता है? (ख) बालाघाट जिले में विषयांकित के संबंध में किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कब-कब आवेदन किया गया तथा उनमें से किन-किन पंचायतों की भूमि को आवास आबादी में परिवर्तित कर दिया गया तथा कितने प्रकरण अभी लंबित हैं? विगत पाँच वर्षों की जानकारी ग्राम पंचायतों सहित देवें। (ग) आवासीय भूमि की कमी तथा समस्त अधिकार प्राप्त होने के बावजूद प्रकरणों का निपटारा न करने के लिए राज्य शासन दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा तथा इन प्रकरणों का निपटारा कब तक कर लिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाल पानी की समस्या
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
91. ( क्र. 2653 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के 10 गांवों के लोगों को लाल पानी की समस्या से मुक्त कराने हेतु प्रस्तावित गुणावद समूह नल-जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) 07 अक्टूबर 2015 को ई-निविदा जारी होने बावजूद योजना पर अभी तक काम प्रारंभ क्यों नहीं हुआ? (ग) यह योजना कब तक पूर्ण होगी और प्रभावित क्षेत्र के लोगों को कब से शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) योजना हेतु वित्तीय संयोजन अपेक्षित है। (ख) वित्तीय संयोजन न होने के कारण योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ नहीं किया जा सका है। (ग) निश्चित समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है।
स्थापित नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
92. ( क्र. 2658 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में कितनी नल-जल योजना हैं, कितनी स्वीकृत हैं? उनका नाम, स्थान, स्वीकृत दिनांक, प्रारंभिक दिनांक वर्तमान स्थिति आदि से अवगत करावे। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत नल-जल योजना जो बंद है, उनके कारण बताते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें चालू करने हेतु प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या-क्या गतिविधियां हुईं? विस्तार से व भेजे गए पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या विगत तीन-चार माह पूर्व म.प्र. शासन (PHED) द्वारा बंद नल-जल योजनाओं को प्रारंभ हेतु राशि जिला प्रशासन मुरैना को भेजी जा चुकी है व इसकी टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है एवं वर्तमान में कहाँ-कहाँ इस वर्ष में स्वीकृत कार्य कितने पूर्ण-अपूर्ण एवं प्रक्रियाधीन है? जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार हैl (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार हैl जिला प्रशासन द्वारा बंद योजनाओं को चालू करने हेतु दी गई प्रशासकीय स्वीकृतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार हैl (ग) जी हाँ, राशि उपलब्ध कराई गई हैl टेंडर की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैl लघु एवं दीर्घ सुधार वाली बंद योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार हैl
वारासाना नामान्तरण के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
93. ( क्र. 2696 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा में मोहखेड़, पांढुर्णा, सौंसर, बिछुआ तहसील में वर्ष 2013-14 से जनवरी 2017 तक कितने वारासाना नामान्तरण किये गये हैं व कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित होने का क्या कारण हैं? कब तक सभी प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा? (ख) विगत दो वर्षों में मोहखेड़, पांढुर्णा, सौंसर, बिछुआ में कितने हितग्राहियों को वास दखल का पट्टा दिया गया है एवं कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? कितने पात्र व अपात्र हुए हैं? ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2013-14 से जनवरी 2017 तक प्रश्नांश तहसीलों में वारसाना नामांतरण की जानकारी निम्नानुसार है :-
तहसील |
निराकृत वारसाना नामांतरण |
शेष |
मोहखेड़ |
5525 |
निरंक |
पांढुर्णा |
3108 |
निरंक |
सौंसर |
1125 |
निरंक |
बिछुआ |
1771 |
निरंक |
योग |
11.529 |
निरंक |
(ख) विगत दो वर्षों में प्रश्नांश तहसीलों में वासस्थान दखलकार अधिनियम के तहत पट्टे की जानकारी निम्नानुसार है :-
तहसील |
प्राप्त आवेदन |
पात्र पाये गये |
अपात्र पाये गये |
मोहखेड़ |
19 |
- |
19 |
पाढुर्ना |
10 |
- |
10 |
सौंसर |
29 |
23 |
06 |
बिछुआ |
41 |
30 |
11 |
योग |
99 |
53 |
46 |
पात्र पाये गये 53 व्यक्तियों को वासस्थान दखलकार का पट्टा दिया गया ।
आई.टी.आई. खोले जाने की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
94. ( क्र. 2703 ) श्री जतन उईके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत नांदनवाड़ी उप तहसील मुख्यालय है? काफी बड़ा ग्रामीण क्षेत्र होने के साथ-साथ आस-पास क्षेत्र भी लगा हुआ वृहद पैमाने पर है। (ख) क्या उप तहसील नांदनवाड़ी एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं नांदनवाड़ी में आई.टी.आई. न होने के कारण परेशानी उठाते हैं? क्या शासन द्वारा नांदनवाड़ी में आई.टी.आई. खोला जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या तकनीकी शिक्षा को बढ़ाने हेतु छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नांदनवाड़ी में आई.टी.आई. खोले जाने की स्वीकृति प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (ग) शासन की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में 01 शासकीय आई.टी.आई. खोलने की है। वर्तमान में 122 ऐसे विकासखण्ड हैं, जिसमें कोई शासकीय अथवा आई.टी.आई. नहीं है। पांढुर्णा में 01 शासकीय तथा 04 प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित है। नांदनावडी विकासखण्ड पांढुर्णा में है, जिसमें आई.टी.आई. पांढुर्णा संचालित है। पृथक से शासकीय आई.टी.आई. खोलने की योजना नहीं है।
राजस्व अभिलेखों में सुधार
[राजस्व]
95. ( क्र. 2779 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम मेखडाहेडी, राजपुरा उर्फ झुनझुनीपुरा, ललितपुरा बिचगावडी सांरगपुर एवं भिलवाडि़या में सन् 1960 में चकबंदी लागू की गई थी, के मुताबिक राजस्व अभिलेखों में तो नवीन खातेदारों के नाम तो इन्द्राज कर दिये गए थे किन्तु मौके पर अभिलेखानुसार उन्हें काबिज नहीं किया गया व पूर्ववत् ही अपने-अपने खेतों पर वर्तमान तक काबिज हैं? (ख) क्या 60 वर्षों तक उक्त ग्रामों में राजस्व अभिलेखानुसार किसानों का कब्जा नहीं हो पाया? क्या कब्जे के आधार पर ही राजस्व अभिलेखों में इन्द्राज करके पूर्व की भॉति कृषकों के नाम दर्ज कर दिये जावेंगे? तत्पश्चात एक वर्ष में राजस्व अभिलेख को व्यवस्थित कराकर जो किसान जहाँ काबिज हैं, के अनुसार अभिलेख बना दिये जावेंगे? (ग) यदि हाँ, तो उक्त ग्रामों के राजस्व अभिलेखों को वर्तमान तक सुधार कर दुरूस्त क्यों नहीं किया गया व कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। श्योपुर जिले की तहसील बडौदा के ग्राम 1. राजपुरा उर्फ झुनझुनीपुरा, 2. बिचगावडी, 3 मेखडाहेडी, 4. ललितपुरा, 5. सारंगपुर, 6. भिलवाडि़या का अधिकार अभिलेख तैयार किये जाने हेतु अधिसूचना जारी कि गई है। (ख) उक्त ग्रामों का राजस्व अभिलेख तैयार कराया जा रहा है। (ग) कार्यवाही प्रचलित है।
अधिकार अभिलेख बनाना
[राजस्व]
96. ( क्र. 2780 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के जिन 26 ग्राम मजरे टोलों को कलेक्टर श्योपुर के आदेश क्रमांक 139, दिनांक 05.12.2012 द्वारा राजस्व ग्राम बनाया गया था, के नाम बतावें? (ख) प्रश्नकर्ता के अता.प्र. क्रमांक 623, दिनांक 22.07.2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया था कि उक्त राजस्व ग्रामों के अधिकार अभिलेख बनाने का कार्य विभागीय उपलब्ध अमले से कराया जाता है? तारांकित प्र.सं. 21, क्रमांक 6170, दिनांक 20.03.2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उक्त कार्य ऑउटसोर्स से भिण्ड, मुरैना के सेवानिवृत्त अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है, ये बताया था। कौन सा उत्तर सही है यह अवगत कराते हुए बतावें कि क्या शासन उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? दोनों प्रश्नों के उत्तर भिन्न-भिन्न देने के लिये उत्तरदायियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) जिले के ग्राम बड़ौदिया बिन्दी, मण्डी सहित जिन सात ग्रामों का प्रमाणीकरण कार्य मार्च, 2017 तक पूर्ण होना था? क्या पूर्ण कर लिया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक पूर्ण होगा? (घ) जिले के ग्राम माधो का डेरा, दिवानचन्द का डेरा सहित जिन 21 ग्रामों के क्षेत्रीय कार्य प्रचलन में होना बताया है। इसे क्या शासन एक निश्चित समय-सीमा में पूर्ण करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर जिले के 26 ग्राम मजरे-टोलो को कलेक्टर श्योपुर के आदेश क्रमांक 139 दिनाँक 05/12/12 द्वारा राजस्व ग्राम बनाये गये थे, जो निम्नानुसार है- माधौ का डेरा, दीवानचंद का डेरा, तिल्लीडेरा, मेवाडा कछार, भसून्दर का टपरा, दौला का पुरा, रामबाडी, गांधीनगर, कौथ, मण्डी, हीरापुर, ककरधा, भोजका, केरका, सारसल्ला, साबडी, पीपलावावडी, मेघपुरा, जाखौदा, किरवारा, माना का पुरा, सिरथरिया का पुरा मकनाकापुरा पाच्यपुरा, ठेरकापुरा, बीरमपुर। (ख) जी हाँ। जी हाँ। दोनों उत्तर सही है। उक्त प्रक्रिया चरणबद्ध होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नही है। दोनों प्रश्नों के उत्तर भिन्न नहीं दिये गये है, अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जिले के ग्राम बडौदियाबिन्दी, मण्डी, दो ग्रामों के नवीन प्रमाणीकरण कराया जाकर जिला प्रशासन को हस्तांतरण कर दिया गया है। शेष पांच ग्राम-अगरा, मेघपुरा, जाखौदा, बडौदाकलां, मानाकापुरा, का प्रमाणीकरण माह अक्टूबर 2017 तक करा दिया जावेगा। (घ) जिले के ग्राम माधौ का डेरा, दीवानचन्द का डेरा, सहित 21 ग्रामों के क्षेत्रीय कार्य प्रचलित है, उक्त कार्य चरणबद्ध प्रक्रिया होने से कोई निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नही है ।
भूमि अर्जन की जानकारी
[राजस्व]
97. ( क्र. 2783 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के अंतर्गत राजमार्ग 78 कटनी से शहडोल मार्ग को टू-लेन बनाने का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्राम मझगवां, तहसील बड़वारा के भूमि स्वामी हरीदिन, मनरमन, जसकरण, वृन्दावन सहित किन-किन भूमि स्वामियों से कितनी-कितनी भूमि राजमार्ग अधिनियम 1956 के अंतर्गत मार्ग निर्माण हेतु अर्जित की गई है? अर्जित भूमि के बदले विभाग द्वारा किन-किन भूमि स्वामियों को कब-कब कितनी-कितनी मुआवजा राशि कब-कब प्रदान की गई है? भूमि स्वामी के नाम सहित भूमि एवं राशि का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सभी भूमि स्वामियों को मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है? यदि नहीं, तो शेष भूमि स्वामियों को कब तक मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जायेगी? समयावधि बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि स्वामियों को कोई मुआवजा या कोई निराकरण प्राप्त न होने के बावजूद भी भूमि स्वामियों को ठेकेदार के हित में बेघर करने का क्या औचित्य है? क्या सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 1397 दिनांक 31.05.2017 के अनुसार रोड बनने के बाद, भूमि क्रय किये जाने के नाम से सहमति ली जा रही है, न्यायसंगत है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 262 दिनांक 22.05.17 एवं 364 दिनांक 09.06.2017 के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम मझगाँव तहसील बड़वारा में उक्त निर्माण हेतु अर्जित की जाने वाली भूमि राष्टीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3डी में प्रकाशित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसमें प्रश्नांश खातेदार हरीदिन, मनरमन, जसकरण एवं वृन्दावर के नाम भूमि स्वामित्व की भूमि अर्जन हेतु प्रकाशित नहीं की गई है। ग्राम मझगवां के लोक निर्माण विभाग की बनी सड़क का विस्तारीकरण विभागीय प्रस्ताव अनुसार कराया जा रहा है। इस विस्तारीकरण में शासकीय आबादी भूमि खसरा नंबर 611, 727, 752 पर बने आंशिक मकान प्रभावित हो रहे हैं। उपरोक्त शासकीय आबादी में अतिक्रमिक मकानों के प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण मूल्यांकन कराकर अतिक्रामक मकान खाली कराये गये हैं व अतिक्रमणयुक्त स्थल पर निर्माण हेतु विभाग को कब्जा सौंपा गया। इसी अनुक्रम में मार्ग विस्तारीकरण एलाइमेंट में खसरा नं. 730/1,731 एवं 724 की आंशिक भूमि प्रभावित होने तथा पूर्व में 3-डी में प्रकाशित न होने से शासन की आपसी सहमति भूमि क्रय नीति के तहत मुआवजा निर्धारित किया गया है। जिनमें सहमति प्राप्त कर मुआवजा भुगतान कर भूमि प्रयोजन हेतु पंजीबद्ध कराई जावेगी। (ख) एवं (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) पत्र क्रमांक 262 दिनांक 22.5.2017 के अनुक्रम में लेख है कि अनुविभागीय अधिकारी/भू-अर्जन अधिकारी कटनी द्वारा पूर्व से ही उक्त मुआवजा वितरण के संबंध में प्रक्रिया प्रारंभ कर परियोजना प्रबंधक म.प्र.सड़क विकास निगम रा.रा.मार्ग क्रमांक 78 जबलपुर के प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजा राशि का भुगतान किये जाने बाबत् कार्यालय के पत्र दिनांक 1.5.2017 एवं कार्यालय के पत्र दिनांक 23.5.2017 द्वारा तत्काल मुआवजा राशि का भुगतान कराने हेतु लेख किया गया है। तत्संबंध में 38 प्रभावित व्यक्तियों के मुआवजा राशि 3900738/- (उन्तालिस लाख सात सौ अड़तीस) रूपये का मांग पत्रक भेजा गया है।
पी.ई.जी.वाय स्कीम के तहत गोदाम निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
98. ( क्र. 2795 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.ई.जी.वाय स्कीम के तहत अनुबंधित गोदामों के अनुबंध निरस्तीकरण कर ग्यारंटीड किराया नहीं दिये जाने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) अनुबंध निरस्तीकरण के क्या कारण हैं? गोदामवार जानकारी दें। क्या यह कार्यवाही निविदा शर्त एवं अनुबंध अनुसार है? (ग) क्या अर्थदण्ड आदेश दिनांक से न लगाकर अनुबंध दिनांक से लगाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? इस हेतु उत्तरदायी कौन है? (घ) भण्डारण हेतु गोदामों में खरीदी केन्द्र बनाए जा रहे हैं, तो प्राथमिकता होने के कारण पी.ई.जी. गोदामों में खरीदी केन्द्र क्यों नहीं बनाए जा रहे हैं? क्या मेपिंग में पी.ई.जी. गोदामों को प्राथमिकता दी जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। अनुबंध के प्रावधान अनुसार निर्धारित मापदण्ड में छूट देने के अधिकार एच.एल.सी. (उच्च स्तरीय समिति) को भारत सरकार द्वारा प्रदत्त किये गये हैं। निवेशकों द्वारा प्रावधान के तहत कार्य नहीं करने की स्थिति में एच.एल.सी. द्वारा अनुबंध सीज कर गारंटी निरस्त की गई है। निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य स्तरीय समिति दिनांक 28.02.2017 की अनुशंसाओं को मान्य करने के लिये प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन की ओर से पत्र क्रमांक 877, दिनांक 16.05.2017 एवं प्रमुख सचिव, खाद्य की ओर से पत्र क्रमांक एफ/11-15/2013/29-2, भोपाल दिनांक 13.06.2017 द्वारा अध्यक्ष सह प्रबंध संचालक, भारतीय खाद्य निगम, मुख्यालय नई दिल्ली को पत्र लिखा गया है। (ख) अनुबंध निरस्ती के कारणों की गोदामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्यवाही निविदा तथा अनुबंध के प्रावधान के तहत उच्च स्तरीय समिति के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में भारतीय खाद्य निगम द्वारा की गई है। (ग) अनुबंध के प्रावधान अनुसार गोदाम गारंटी पर लेने के दिनांक से ही निर्धारित मापदण्ड अनुसार गोदाम का निर्माण कर पी.एम.एस. (प्रिजरवेशन मेंटेनेंस एण्ड सिक्योरिटी ऑफ स्टॉक्स) सर्विसेस उपलब्ध करवाया जाना है। निजी निवेशकों को रोड डामरीकरण के लिए अनुबंध प्रभावशील होने के दिनांक से अधिकतम एक वर्ष की शिथिलता दी गई थी तथा वुडन क्रेट्स दिनांक 26.11.2016 तक रूपये 0.37 प्रति क्विंटल प्रति माह गांरटी हेतु स्वीकृत दर से कटौत्री की शर्त पर छूट दी थी। समय-सीमा में कार्य नहीं करवाने से एच.एल.सी. के दिनांक 28.03.2017 के निर्णय अनुसार भारतीय खाद्य निगम द्वारा कार्यवाही की गई है, जिसके लिए निवेशक उत्तरदायी है। (घ) पी.ई.जी. गोदामों के अनुबंध में खरीदी केन्द्र बनाने का प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश शासन के आदेश दिनांक 04.02.2017 में वर्णित सुविधाओं (मापदण्डों) के आधार पर खरीदी केन्द्र स्थापित करने का चयन जिला स्तर पर गठित कमेटी के प्रतिवेदन के आधार पर जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है।
पृथक राजस्व ग्राम की स्थापना
[राजस्व]
99. ( क्र. 2805 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा क्रमांक ए0969 के अनुसार प्रदेश के मजरे-टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता में विहित प्रावधान एवं पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु मजरे की जनसंख्या 200 से अधिक, मूल अबादी से 2 कि.मी. की दूरी व 200 एकड़ का क्षेत्रफल होना चाहिए? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त मापदंडानुसार 4/2017 तक भोपाल/सागर सम्भाग के कुल चिन्हित मूल ग्रामों के कितने मजरे-टोले ग्रामों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? कितने मूल ग्रामों के कितने मजरे-टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया जाकर अधिकार अभिलेख तैयार कराये जा चुके हैं? प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के कितने, किन ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? सम्मिलित ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बासौदा, त्यौंदा एवं ग्यारसपुर तहसील के अन्तर्गत कितने मजरे-टोले ग्राम हैं, जो पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने से वंचित हैं? इन ग्रामों की जनसंख्या, मूल आबादी से दूरी व कितनी एकड़ का क्षेत्रफल क्या है? जनहित में निर्धारत मापदंड में मजरे-टोले ग्राम को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश से ओर सरलीकरण किये जाने की योजना है? हाँ, तो बतावें? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत माह मार्च 2017 में 3 मूल ग्रामों के 3 मजरा टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाकर अधिसूचना जारी की गई है। जिनका अधिकार अभिलेख निर्माण का कार्य जिला स्तर पर प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत बासौदा, त्यौदा एवं ग्यारसपुर तहसील के अंतर्गत कोई मजरे-टोले जो मापदण्ड के अनुसार राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु पात्र हैं। शेष नहीं है। मजरे-टोलों में वे समस्त मूलभूत सुविधाएं प्रदाय की जा रही हैं, जो राजस्व ग्राम के निवासियों को प्राप्त हैं।
रतलाम में हुए घटनाक्रम की जानकारी
[गृह]
100. ( क्र. 2810 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान आन्दोलन के दौरान दिनांक 4 जून 17 को डेलनपुर रतलाम में सायं को क्या घटनाक्रम हुआ? बतावें। क्या उक्त दिनांक को मान. मुख्यमंत्री रतलाम पहुँचे एवं रात्रि विश्राम किया? क्या उक्त घटना की जानकारी मान. मुख्यमंत्री जी को दी गयी? यदि हाँ, तो कितने बजे? किस अधिकारी द्वारा? घटना संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा क्या निर्देश दिए? यदि जानकारी मुख्यमंत्री को नहीं दी गयी तो क्यों? (ख) क्या उक्त घटना के सम्बन्ध में पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज की गयी? यदि हाँ, तो कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गयी? प्रति उपलब्ध करावें। किस अधिकारी द्वारा एफ.आई.आर. के निर्देश दिए गये? (ग) क्या दिनांक 5 जून को मुख्यमंत्री को रतलाम से सैलाना व्हाया डेलनपुर होकर जाना था? यदि हाँ, तो किस मार्ग से गए एवं क्यों? क्या उन्हें यह जानकारी थी की कि प्रश्नांश (क) की घटना के बाद हुई प्रत्येक एफ.आई.आर. में 400-500 महिलाओं यानि की कुल 1400-1500 को आरोपी बनाया गया? (घ) प्रश्नांश (क) की घटना के सन्दर्भ में पुलिस द्वारा आरोपियों की धड़पकड़ कितने बजे प्रारंभ की? दिनांक 05 जून 17 को प्रातः 4 से 10 बजे तक कहाँ-कहाँ किस-किस आरोपी के घर गिरफ्तारी के लिए किस-किस के द्वारा छापे डाले? पुलिस रोजनामचे की प्रति दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 04.06.2017 के करीब शाम 04 बजे ग्राम डेलनपुर में कुछ लोगों द्वारा रतलाम की ओर दूध, सब्जी लाने वाले किसानों से विवाद कर बांसवाड़ा रतलाम स्टेट हाईवे पर जाम लगाया जा रहा था। उक्त सूचना पर पुलिस बल द्वारा मौके पर पहुंचकर आंदोलन कर रहे व्यक्तियों को स्टेट हाईवे पर जाम न करने की समझाईश दी गई किन्तु उत्तेजित जनसमूह के द्वारा पुलिस बल पर पत्थर एवं लाठी से प्राण घातक हमला किया गया, जिससे एक पुलिस कर्मचारी स.उ.नि. पवन कुमार यादव के आंख में गंभीर चोट आई, जिससे उनकी बांयी आंख की दृष्टि स्थाई रुप से समाप्त हो गई तथा हमले से स्वयं के बचाव में एक पुलिसकर्मी के हाथ में फ्रेक्चर हुआ। भड़काऊ भाषण से उत्तेजित होकर भीड़ द्वारा पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक की बोलेरो, पुलिस कंट्रोल रुम के 02 वाहन महिन्द्रा मेक्स के अलावा अन्य वाहनों पर भी पथराव एवं तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई। फायर ब्रिगेड वाहन एवं राजस्थान रोडवेज की बस एवं ट्रक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। दिनांक 04.06.2017 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय सर्किट हाउस रतलाम पहुंचे एवं रात्रि विश्राम किया था। उक्त घटना की जानकारी माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पुलिस अधीक्षक, रतलाम द्वारा रात्रि करीब 10.00 बजे दी गई थी। उक्त घटना के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी ने विधिसम्मत् कार्यवाही करने तथा घायल पुलिसकर्मी को स्टेट प्लेन से समुचित ईलाज हेतु शंकर नेत्रालय चेन्नई भेजने के निर्देश दिये थे। (ख) दिनांक 04.06.2017 को डेलनपुर रतलाम में हुई घटना के संबंध में थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में कुल 03 एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' अनुसार है। उक्त घटना के संबंध में एफ.आई.आर. प्रक्रियानुसार थाना प्रभारी औद्योगिक क्षेत्र रतलाम के निर्देश पर हुई थी। (ग) दिनांक 05 जून 2017 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय का सड़क मार्ग से सैलाना में आयोजित आम-सभा कार्यक्रम में जाना प्रस्तावित था परन्तु सैलाना, इन्दौर एवं अन्य स्थानों पर कार्यक्रम प्रस्तावित होने के कारण, प्रशासनिक एवं समय संयोजन को दृष्टिगत रखते हुए हेलीकॉप्टर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय रतलाम से सैलाना के लिए रवाना हुए थे। प्रश्नांश (क) की घटना के संबंध में यह कहना सही नहीं है कि प्रत्येक एफ.आई.आर. में 400-500 महिलाओं तथा कुल 1400-1500 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। अतः माननीय मुख्यमंत्री जी को इस प्रकार की जानकारी होने का प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नांश (क) की घटना के संबंध में पुलिस द्वारा आरोपियों की धरपकड़ दिनांक 05.06.2017 को प्रातः 04.00 बजे के बाद प्रारंभ की गई। दिनांक 05.06.2017 को प्रातः 04.00 बजे से 10.00 बजे तक आरोपी डी.पी. धाकड़ एवं अन्य आरोपियों की तलाश अम्बोदिया, बिलपांक, धराड, महुगाँव, नागदा एवं खाचरौद में की गई। तलाश के दौरान आरोपियों के घरों में ताले लगे पाए गए। आरोपियों की तलाश श्री विवेक सिंह चौहान नगर पुलिस अधीक्षक, रतलाम, निरीक्षक राजेश सिंह चौहान थाना प्रभारी औद्योगिक क्षेत्र रतलाम, निरीक्षक नरेन्द्र यादव थाना प्रभारी माणक चौक एवं अन्य पुलिस बल द्वारा की गई थी। प्रकरण विवेचना में होने से रोजनामचे की प्रति दिया जाना संभव नहीं है।
भूमि की जानकारी
[राजस्व]
101. ( क्र. 2814 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर तहसील अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मण्डल जयसिंहनगर के पटवारी हल्का-जयसिंहनगर के ग्राम जयसिंहनगर स्थित आराजी खसरा क्रमांक ४८२/१ क, मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग की नजूल भूमि है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो प्रश्नांकित भूमि का वर्ष १९८५-८६ से प्रश्न दिनांक तक खसरा पंचशाला की स्थिति, खसरे में किस आधार पर परिवर्तन किया गया है? जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्नांकित भूमि प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्ष १९८५-८६ से खसरा पंचशाला में उसके रकबे की सूक्ष्म जाँच कराकर प्रश्न दिनांक तक स्थिति स्पष्ट करायी जावेगी। यदि खसरे में गलत दर्ज है, तो क्या संबंधीजन के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) खसरा वर्ष 1985-86 से वर्ष 1999-2000 तक उक्त भूमि में कोई परिवर्तन नहीं है। कलेक्टर शहडोल के आदेश अनुसार खसरा पंचशाला वर्ष 2000-0। से वर्ष 2004-05 तक के खसरा वर्ष 2002-03 के खसरा नं. 36/3 में जर्द इत्तलाबी बन्दोबस्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 1057/2578-आठ/64, भोपाल दिनांक 18.06.65 के अनुसार खसरा नं. 482/1 रकबा 1.214 हेक्टेयर को म.प्र. शासन नजूल घोषित किया गया है। खसरा वर्ष 2004-05 तक उक्त में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। खसरा पंचशाला रोस्टर वर्ष 2005-06 में खसरा रोस्टर के समय खसरा नं. 482/1 के रकबा 1.093 हेक्टेयर एवं 482/1ख रकबा 0.121 हेक्टेयर रामप्रसाद के नाम तथा 482/1ख/2 रकबा 0.052 हेक्टेयर अमित पिता रामखेलावन के नाम दर्ज है। खसरे में उक्त दोनों परिवर्तन में किसी सक्षम अधिकारी के आदेश का हवाला दर्ज नहीं है। (ग) खसरे में दर्ज गलत प्रविष्टि के संबंध में दर्ज भूमि स्वामियों को नोटिस पश्चात् स्पष्टीकरण लिया जावेगा। यदि यह प्रविष्टि अवैधानिक तरीके से की गई है तो संबंधितों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी।
योजना की स्थिति
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
102. ( क्र. 2815 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में कुटीर एवं ग्राम उद्योग विभाग द्वारा कार्य संचालित किया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त विभाग द्वारा वर्ष २०१४-१५ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया तथा हितग्राहियों की चयन की क्या प्रक्रिया रही। कितने हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो सका। प्राप्त न होने का कारण क्या है।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत 408 प्रकरण बैंक द्वारा अस्वीकत किये गये हैं, फलस्वरूप उन्हें लाभ प्राप्त नहीं हुआ। स्वरोजगार योजनाओं में प्राप्त आवेदनों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाते हैं। समिति द्वारा अनुशंसा उपरांत बैकों को प्रेषित किये जाते हैं। रेशम योजनाओं में प्राप्त आवेदन एक एकड़ भूमि एवं 12 माह सिंचाई स्त्रोत उपलब्ध होने पर परीक्षण कर जिला स्तर पर चयन किया जाता है। हस्तशिल्प योजनाओं में हितग्राही का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है।
मलाजखण्ड ताम्र परियोजना द्वारा किये गये प्रदूषण की जानकारी
[पर्यावरण]
103. ( क्र. 2818 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बालाघाट जिले में स्थित मलाजखण्ड ताम्र परियोजना के डंप एवं खान क्षेत्र से निकलने वाले एसिड एवं डेम से रिसने वाले दूषित पानी द्वारा परियोजना क्षेत्र से लगी कृषि भूमि एवं पेय जले को दूषित करने तथा नालों में बहकर बंजर नदी, सोन नदी एवं करमसरा तालाब को प्रदूषित करने तथा परियोजना द्वारा दूषित पानी को रोकने के लिए बनाए गए कुण्डों एवं पम्पों की व्यवस्था के कारगर होने की जाँच की गई है? (ख) यदि हाँ, तो जाँच कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई जाँच में क्या पाया गया? जाँच उपरांत परियोजना को क्या निर्देश दिए गए? जाँच रिपोर्ट सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या म.प्र. प्रदूषण बोर्ड द्वारा उद्योगों एवं खानों में व्याप्त प्रदूषण के आधार पर उन्हें ग्रीन ट्रेड एवं ओरेंज श्रेणी में रखा जाता है? यदि हाँ, तो इसका निर्धारण करने के क्या प्रावधान हैं तथा मलाजखण्ड ताम्र परियोजना को किस श्रेणी में रखा गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित गाईड-लाईन्स अनुसार उद्योगों एवं खानों को पर्यावरण प्रदूषण सूचकांक (ई.पी.आई.) के आधार पर लाल, नारंगी तथा हरी श्रेणी में वर्गीकरण मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 15/6/2017 अनुसार किया जाता है। इसके अनुसार ई.पी.आई. स्कोर 60 और 60 से अधिक होने पर लाल श्रेणी 41 से 59 तक नारंगी श्रेणी तथा 21 से 40 तक हरी श्रेणी में उद्योगों/खानों का वर्गीकरण किया जाता है। मलाजखंड ताम्र परियोजना लाल श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत है।
बालाघाट जिले में खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
104. ( क्र. 2819 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में खाद्यान्न पर्ची का वितरण पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतवार/वर्गवार कितनी-कितनी खाद्यान्न पर्ची वितरण की गई? कितनी-कितनी पात्रता है? कितनी वितरण किया जाना शेष है? बतावें। (ग) क्या जिन लोगों के नाम पूर्व में गरीबी रेखा की सूची में एक ही परिवार के साथ था, समग्र आई.डी. बनाते समय परिवार अलग-अलग होने पर गरीबी रेखा का लाभ एक ही परिवार को दिया जा रहा है, दूसरे परिवार को नहीं, जबकि पूर्व में दोनों परिवार का एक ही कार्ड में गरीबी रेखा का क्रमांक था? (घ) सही है तो क्या शासन दोनों परिवारों को गरीबी रेखा क्रमांक का लाभ देने पर विचार करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 2827 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने परिवारों को खादय सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं और कितने शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक उक्त पर्चियों का वितरण कर दिया जायेगा? (ख) उक्त क्षेत्र अंतर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है? वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (ग) उक्त क्षेत्र में खाद्यान्न सुरक्षा मिशन पर्व के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष हैं? शेष को कब तक लाभान्वित कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 54,286 परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है। पात्रता पर्चीधारी परिवारों को पर्ची पर ही सामग्री प्राप्त होती है। अत: लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ प्राप्त करने हेतु पृथक से राशनकार्ड की आवश्यकता नहीं है। नवीन सत्यापित 1460 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी किया जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 1,24,260 परिवारों का डाटा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर दर्ज किया गया है, जिसमें से 55,746 परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवार के रूप में सत्यापित किया गया है, इन परिवारों में से 1,460 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। शेष उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खाद्य सुरक्षा पर्व के दौरान घोषणा पत्र भरने वाले 12,954 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के पात्र परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत घोषणा पत्र भरने वाले पात्र परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ प्राप्त करने से शेष नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंटवारा किये जाने के प्रावधान एवं नियम
[राजस्व]
106. ( क्र. 2843 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता में १९५९ में बंटवारा किए जाने के क्या प्रावधान हैं? क्या किसी खातेदार की पुत्री को बराबर हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार है? कोई पुत्री अपने हक का त्याग अपने भाई के पक्ष में करना चाहती है तो उसके क्या नियम हैं? बतावें। (ख) पन्ना जिले में वर्ष २०१४ से प्रश्न दिनांक तक कितने बंटवारा किये गये तथा कितने प्रकरणों में पुत्रियों को बराबर हिस्सा दिया गया एवं कितनी पुत्रियों का हक त्यजन स्वीकार किया गया? (ग) क्या यह सही नहीं है कि पन्ना जिले में अपनी-अपनी अधिकारिता में नायब तहसीलदार को जिन बंटवारा प्रकरणों में हित रखने वाले पक्षकार से पैसा मिल जाता है उसमें पुत्रियों के नाम छोड़ दिए जाते हैं तथा जिन प्रकरणों में पैसा नहीं मिलता है उनमें पुत्रियों के नाम जोड़कर बंटवारा कर दिया जाता है? (घ) क्या ऐसे प्रकरणों (वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक) की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण के प्रावधान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
107. ( क्र. 2844 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागरिकों की सुविधाओं एवं खाद्यान्न आपूर्ति हेतु विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को पर्ची जारी किये जाने का प्रावधान हैं? यदि बी.पी.एल.कार्ड धारक उपभोक्ता को किसी कारणवश खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं की गई है, तो क्या उसे खाद्यान्न दिये जाने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था बाबत् विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? प्रावधनों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो किन-किन श्रेणी के उपभोक्ताओं को पर्ची जारी किये जाने के निर्देश हैं? गुनौर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत खाद्यान्न पर्ची जारी न करने के लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विक्रेता राशन दुकान द्वारा पात्र बी.पी.एल. कार्डधारक को कार्ड होने के बावजूद खाद्यान्न प्रदाय न करने पर विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार विधान सभा क्षेत्र गुनौर में पूर्व वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न वितरण से संबंधित कितनी शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायत में से कितनी शिकायतों की जाँच करवाई गई एवं कितनी शिकायतें सही पाईं गईं और सही पाई गईं शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में भ्रष्टाचार की जाँच
[परिवहन]
108. ( क्र. 2855 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में 2014 से प्रश्न दिनांक तक एक ही सेक्शन (सीट) में कौन अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं। कर्मचारीवार, पदस्थापनावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में श्री ललित शुक्ला एवं अन्य कई कर्मचारी विगत कई वर्षों से एक ही सीट पर पदस्थ हैं। क्या ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था है? यदि नहीं, तो लगातार क्यों पदांकित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त कर्मचारियों को एक ही सीट में पदांकित करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? क्या इन्हें नियमित चक्रानुक्रम में बदला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) कार्यालयीन व्यवस्था एवं कर्मचारियों की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुये ही कर्मचारियों के मध्य कार्य विभाजन किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कौशल विकास केन्द्रों के प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
109. ( क्र.
2879 ) श्री
माधो सिंह
डावर : क्या
राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अलीराजपुर
जिले के कौशल
विकास
केन्द्रों में
वर्ष 2014-15
से वर्ष 2016-17 में
कितने
विद्यार्थियों
ने किस ट्रेड
में प्रशिक्षण
प्राप्त किया? सूची
प्रदान करें। (ख)
उक्त वर्षों
में कितने
प्रशिक्षणार्थियों
ने स्वयं का
रोजगार
प्रारम्भ
किया तथा
कितने बेरोजगार
हैं। (ग) क्या
प्रशिक्षणार्थियों
को रोजगार
प्रारम्भ
करने हेतु
सरकारी सहायता
प्रदान की गई? यदि
हाँ, तो
कितने
बेरोजगारों
को? नाम, रोजगार
एवं रोजगार
स्थलों की
सूची प्रदान
करें। यदि
नहीं,
तो क्यों। (घ) क्या
इन प्रशिक्षण
प्राप्त
बेरोजगारों
को रोजगार
देने की कोई
योजना बनाई जा
रही है? यदि हाँ, तो बताएं।
राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा ( श्री
दीपक जोशी ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
अनुसार है। बेरोजगार
प्रशिक्षणार्थियों
की सूची
संधारित न
होने से संख्या
बताना संभव
नहीं है। (ग) जी
नहीं,
प्रावधान
नहीं है। (घ) जी
नहीं।
वेतन व पी.एफ. राशि का भुगतान
[श्रम]
110. ( क्र. 2882 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगालिया में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग तथा लार्सन एण्ड टूब्रो कंपनी व उसकी सबलेट कंपनियों द्वारा टेंडर एवं ठेकेदारों के माध्यम से किन-किन श्रमिकों को किस-किस कार्य के लिए रखा गया है? सूची दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
111. ( क्र. 2883 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खण्डवा में मांधाता थाना अंतर्गत ग्राम करोली में पुलिस चौकी खोलने का प्रस्ताव विभाग के पास आया है? (ख) नवीन पुलिस चौकी ग्राम करोली में खोलने हेतु धनगाँव थाने के किन-किन ग्रामों को शामिल किया जा रहा है? (ग) नवीन पुलिस चौकी करोली की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (घ) क्या मांधाता में नवीन अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कार्यालय खोलने का प्रस्ताव विचाराधीन है? इसमें किन-किन पुलिस थानों को शामिल किया जायेगा? (ड.) अनुविभागीय अधिकारी ( लिस) कार्यालय मांधाता की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी हाँ। इस अनुविभाग में क्रमशः मांधाता, धनगाँव एवं छेगाँवमाखन थानों को शामिल करना प्रस्तावित है। (ड.) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मछली पालन की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
112. ( क्र. 2900 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में किन-किन तालाबों/डेम में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) मत्स्य पालन के कार्य से विगत दो वर्षों में कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई? (ग) वर्तमान में कौन-कौन कार्य एजेंसी किस दर पर कार्य कर रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) सागर जिले में 252 ग्रामीण तालाब, 35 निजी तालाब, 64 डेम (सिंचाई जलाशय) कुल 351 तालाब में मत्स्य पालन किया जा रहा है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग के अधीन कोई तालाब/डेम नहीं है। म.प्र. मत्स्य महासंघ के अधीन राजघाट जलाशय से वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 38.475 लाख एवं 2016-17 में राशि रूपये 39.90 लाख की आय महासंघ को प्राप्त हुई। (ग) राजघाट जलाशय को म.प्र. मत्स्य महासंघ (सहकारी) मर्यादित द्वारा श्री देशराज चन्नी, बंगाली काली तिराहा गोपालगंज सागर से वर्ष 2013-14 में 5 वर्ष के लिये रूपये 175.275 लाख में मत्स्य विपरण हेतु अनुबंध निष्पादन किया गया।
मुख्यमंत्री नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 2901 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में कितनी नल-जल योजनाओं के तहत विभाग में राशि जमा है? (ख) मुख्यमंत्री नल-जल योजना के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा जमा राशि से विभाग द्वारा नल-जल योजनाएं कब तक स्वीकृत की जावेगी? (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नल-जल योजना से स्वीकृत एवं ग्राम पंचायतों द्वारा राशि जमा वाली ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना की स्वीकृति में विलम्ब का क्या कारण है तथा विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) ग्राम पंचायतों द्वारा राशि जमा उपरांत भी नल-जल योजनाओं की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है तो विभाग द्वारा जमा राशि से ग्राम पंचायतों को आगामी पेयजल योजनाओं के संबंध में कोई दिशा निर्देश या जानकारी दी गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 11 नल-जल योजनाओं हेतु। (ख) मुख्यमंत्री नल-जल योजना के तहत ग्राम पंचायतों की कोई राशि जमा नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl (ग) 6 योजनाओं में से 2 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, तीन योजनाओं में निर्धारित अंशदान की पूरी राशि जमा नहीं हुई है तथा एक योजना पुनरीक्षित की जा रही है। निर्धारित अंशदान की पूर्ण राशि जमा होने तथा योजना पुनरीक्षित होने के पश्चात निर्धारित लक्ष्य के अंतर्गत एवं आवंटन की उपलब्धता अनुसार शेष योजनाओं की स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगीl (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl
नामान्तरण प्रकरणों की प्रविष्टि
[राजस्व]
114. ( क्र. 2915 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी-मार्च 2017 के ता. प्रश्न क्र.6353 दिनांक 20 मार्च 2017 को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पूछे गये प्रश्न के (क) भाग के उत्तर में प्रकरण क्र.17/14-15 अपील आदेश दिनांक 21/7/2016 के पालन में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या प्रकरण क्रमांक 17/14-15/आदेश दिनांक 21/07/2016 का कम्प्यूटर में अमल हो गया है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त (क) के प्रकरण में तत्कालीन तहसीलदार चीनौर दोषी है? यदि हाँ, तो दोषी के प्रति क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) म.प्र. में कोटवार (चौकीदार) की नियुक्ति के शासन द्वारा क्या-क्या नियम हैं? 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले के भितरवार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा कितने कोटवार की नवीन नियुक्ति किस-किस गाँव (पंचायत) में की गई है? क्या नियुक्ति अवैधानिक, नियम विरूद्ध तरीके से की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हत्या, अपहरण तथा बलात्कार के मामले एवं रिक्त पदों की जानकारी
[गृह]
115. ( क्र. 2916 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में किन-किन व्यक्तियों की हत्याओं, अपहरण बलात्कार, लूट, डकैती एवं चोरी 1 जनवरी से 30 जनू 2017 तक हुई है? उनका नाम, पिता/पति का नाम, जाति, थाना, पता सहित बतावें। क्या इन घटनाओं में संलिप्त अपराधी पकड़े गये हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम घटनावार स्पष्ट करें। यदि फरार है, तो कब तक पकड़ लिये जावेंगे तथा अज्ञात व्यक्तियों की कब तक खोज कर ली जावेगी? समय-सीमा स्पष्ट करें। (ख) 1 जुलाई 2017 की स्थिति में थाना गिरवाई, माधोगंज, जनकगंज, पुरानी छावनी, इन्दरगंज, भितरवार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाल थानों में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, बैच नं., पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें। उक्त थानों में 3 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर कौन-कौन पुलिस कर्मचारी पदस्थ हैं? क्या उनको अन्यत्र थानों में स्थानांतरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त थानों में कितने-कितने पद 1 जुलाई 2017 की स्थिति में किस-किस स्तर के पुलिस कर्मचारियों के रिक्त हैं? उनकी कब तक पूर्ति कर ली जावेगी? समय-सीमा स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। भारतीय दण्ड विधान की धारा 228-ए तथा किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 74 के प्रावधान अनुसार महिलाओं एवं अवयस्क बालक/बालिकाओं के नामों का प्रकटन प्रतिषेध होने से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में उल्लेख नहीं किये गये हैं। प्रश्नांकित अपराध शीर्षों के तहत विवेचनाधीन प्रकरणों में अज्ञात आरोपीगणों को ज्ञात करने एवं ज्ञात आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार किसी एक थाने में किसी भी कर्मचारी की एक पद पर पदस्थापना सामान्यतः 04 वर्ष तथा अधिकतम 05 वर्ष निर्धारित की गई है। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति के अनुसार तृतीय श्रेणी कार्यपालक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का एक ही स्थान पर 03 वर्ष या इससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसका आशय यह है कि, जिन आधारों पर स्थानांतरण किया जा सकता है उनमें से एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में समाहित है। रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक के 100 प्रतिशित पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जाती है, उप निरीक्षक के 50 प्रतिशत पदों की पूर्ति सीधी भर्ती से एवं 50 प्रतिशत पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जाती है। माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण संबंधी प्रकरण विचाराधीन होने से पदोन्नति की प्रक्रिया वर्तमान में स्थगित है। आरक्षकों के 100 प्रतिशत पदों की पूर्ति सीधी भर्ती के द्वारा की जाती है, आरक्षकों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलन में है। पदों का रिक्त होना एवं उन पदों को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासीयों की जमीन पर कब्जा
[राजस्व]
116. ( क्र. 2931 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में ऐसे भी प्रकरण हैं कि आदिवासी की जमीन आदिवासी के नाम पर ही क्रय कर अन्य वर्ग के लोगों के द्वारा खेती की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ काबिज हैं? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगा और कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) जिला प्रशासन कब तक उन आदिवासियों की जमीन को वापस कब्जा दिलाएगा और उन लोगों पर कब तक क्या क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कदीमी मस्जिद को यथास्थिति रखा जाना
[गृह]
117. ( क्र. 2935 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि हमीदिया अस्पताल में कदीमी मस्जिद के सिलसिले में भोपाल कजयात/मसाजिद कमेटी के जिम्मेदारों ने हमीदिया अस्पताल का दौरा किया था और उनकी गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन और जिला प्रशासन और अन्य विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ मीटिंग हुईं थी? यदि हाँ, तो कब-कब तथा कहाँ-कहाँ मीटिंग आयोजित की गई और उनमें किस-किस विभाग के अधिकारियों/जिम्मेदारों ने भाग लिया और बैठक में क्या-क्या निर्णय लिये गए तथा यह भी अवगत करावें कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि मस्जिद के किसी भी हिस्से को विवाद निपटाने तक नहीं तोड़ा जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो बैठक के निर्णय के विपरीत सत्ताधारी दल के वरिष्ठ लोगों एवं बजरंग दल आर.एस.एस., शिवसेना के उपद्रवियों के सहयोग से साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से माहे रमजानुल मुबारिक का त्यौहार प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व मस्जिद का गेट तोड़ दिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि हमीदिया अस्पताल परिसर में कहीं भी नमाज अदा करने तथा पूजा करने पर कोई रोक नहीं है? यदि हाँ, तो वहाँ कौन-कौन से व कब-कब से पंजीकृत एवं अपंजीकृत रूप से धार्मिक स्थल स्थापित हैं? उनकी सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) हमीदिया अस्पताल के तथाकथित कदीमी मस्जिद/दवा स्टोर के संबंध में भोपाल के शहर काजी मुश्ताक अली नदवी, नायाब काजी श्री बाबर अली, श्री अबुल कलाम, शहर मुफ्ती ने दिनांक 16.02.2017 को हमीदिया अस्पताल का दौरा किया था, उस दिनांक को इन तीनों पदाधिकारियों ने प्रशासन एवं पुलिस व अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दौरा किया था। दिनांक 16.02.2017 को मात्र भ्रमण किया गया था। किसी प्रकार की कोई विज्ञप्ति या निर्णय जारी नहीं किया गया था। दिनांक 27 एवं 28.05.2017 की मध्य रात्रि को पुलिस कन्ट्रोल रूम, भोपाल में प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने डॉ. अनीस उर रहमान एवं उसके दो अन्य साथियों के साथ बैठक कर उक्त विवादित इमारत में कोई धार्मिक आयोजन नहीं करना बताया था। दिनांक 28.05.2017 को दोपहर 12.30 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष, भोपाल में प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों एवं श्री बाबर अली नायाब काजी, श्री अबुल कलाम शहर मुफ्ती एवं श्री यासिर अराफात प्रभारी सचिव मसाजिद कमेटी द्वारा विचार-विमर्श कर एक लिखित संयुक्त विज्ञप्ति जारी की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि हमीदिया अस्पताल परिसर स्थित दवा स्टोर/पुरानी मस्जिद संबंधी इमारत में प्रशासन स्तर से यथास्थिति बनाये रखते हुए कोई फेरबदल या परिवर्तन नहीं किया जावेगा। इसी प्रकार नायाब काजी साहब व शहर मुफ्ती साहब द्वारा भी मुस्लिम समाज से अपील की गयी कि उक्त इमारत के संबंध में रमजान के बाद शहर काजी श्री मुश्ताक अली साहब तथा मुस्लिम समाज के वरिष्ठ उलेमा/धर्म गुरूओं तथा प्रशासन के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में निर्णय या फैसला होने तक किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्य आयोजित न करें तथा इस इमारत में किसी भी समाज का कोई भी व्यक्ति प्रवेश न करें। दिनांक 29.05.2017 को सायं 4.00 बजे पुलिस कन्ट्रोल रूम में प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शहर कज़यात के नायाब काजी श्री बाबर अली, श्री अबुल कलाम शहर मुफ्ती के साथ बैठक कर दिनांक 28.05.2017 को जारी विज्ञप्ति के पालन का निर्णय लिया। (ख) यह कहना सही नहीं है कि बैठक के निर्णय के विपरीत सत्ताधारी दल के वरिष्ठ लोगों एवं बजरंग दल, आर.एस.एस., शिवसेना के उपद्रवियों के सहयोग से साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से माह रमजानुल मुबारिक का त्यौहार प्रारंभ होने से एक दिन पूर्व पुराना ड्रग स्टोर का गेट तोड़ दिया गया। (ग) हमीदिया अस्पताल परिसर में स्थित धार्मिक स्थलों पर नमाज अदा करने एवं पूजा करने पर कोई रोक नहीं है। सिर्फ हमीदिया अस्पताल स्थित दवा स्टोर (विवादित स्थल) में दिनांक 28.05.2017 को मुस्लिम समाज के वरिष्ठ उलेमा/धर्म गुरूओं तथा प्रशासन के अधिकारियों के मध्य लिये गये निर्णय के पालन में नमाज अदा/पूजा का कार्य नहीं किया जा रहा है। हमीदिया अस्पताल परिसर में धार्मिक अपंजीकृत स्थलों में हमीदिया अस्पताल में नेत्र विभाग के सामने मंदिर, गांधी मेडिकल के सामने राम मंदिर वही पंजीकृत धार्मिक स्थलों में वक्फ बोर्ड के रिकार्ड अनुसार मस्जिद व मकबरा दोस्त मोहम्मद खान हमीदिया अस्पताल परिसर एवं मस्जिद ढाई सीड़ी बाके बर फसील गरबी किला फतेहगढ़ दर्ज है।
साम्प्रदायिकता के झूठे पंजीबद्ध प्रकरण
[गृह]
118. ( क्र. 2936 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव, दंगे आदि की घटनाएं घटित हुईं? यदि हाँ, तो जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कहाँ-कहाँ साम्प्रदायिक दंगे, तनाव की घटनाएं कब-कब, किन-किन कारणों से घटित हुईं? घटनावार, ग्रामवार, तहसीलवार, जिलेवार यह भी अवगत करावें कि कौन-कौन आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया? (ख) क्या जिला अलीराजपुर अंतर्गत थाना भाभरा क्षेत्र में दिनांक 26 जून 2017 यानि ईद के दिन साम्प्रदायिक तनाव के कारण कर्फ्यु लगाया गया था? यदि हाँ, तो कर्फ्यु के दौरान भाभरा पुलिस द्वारा कानून को हाथ में लेकर मुस्लिम घरों के दरवाजे तोड़कर, घर में घुसकर डंडों तथा बंदूकों के दम पर महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें की गईं तथा स्टूडेंट, युवाओं सहित बुजुर्ग लोगों के साथ घर के बाहर निकालकर बेरहमी से मारा-पीटा गया और निर्दोष लोगों के विरूद्ध झूठे प्रकरण पंजीबद्ध कर जेल भेजे गये? साथ ही पुलिस द्वारा वाहनों में तोड़-फोड़ भी की गई? (ग) यदि हाँ, तो संघ के मेघल गुप्ता पुत्र श्री सम्भु गुप्ता के विरूद्ध माह अप्रैल 2017 को थाना भाभरा में मुस्लिम समाज के लड़की को भगाकर ले जाने की शिकायत की थी? यदि हाँ, तो 2 माह पश्चात भी पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही लड़की को उनके घर वालों के सुपुर्द किया गया? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि यदि समय रहते मेघल गुप्ता के विरूद्ध कार्यवाही की जाती तो क्या इस ईद के दिन साम्प्रदायिक उपद्रव उत्पन्न होता? यदि नहीं, तो क्या शासन स्थानीय लोगों के मामली नुकसान के रूप में मुआवजा देकर जो झूठे प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं उन्हें वापिस लेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जनवरी 2016 से 30 जून 2017 तक प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगा निरंक है एवं साम्प्रदायिक तनाव की घटना, दिनांक, कारण घटना स्थल तथा जो आरोपी गिरफ्तार नहीं हुये हैं उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अपर जिला दण्डाधिकारी के आदेश क्रमांक/का.व्य./2017/839/कैम्प आजाद नगर दिनांक 26.06.2017 को सी.आर.पी.सी. की धारा 144 (1) के तहत लोक हित एवं लोक परिसम्पत्ति सुरक्षा एवं शांति हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया था। जी नहीं। (ग) दिनांक 21.04.2017 को गुम इंसान क्रमांक 06/17 गुमशुदा मेघल गुप्ता पिता सम्भु गुप्ता उम्र 22 वर्ष निवासी आजाद नगर व गुमशुदगी क्रमांक 07/17 दिनांक 22.04.17 में गुमशुदा नमिरा पिता स्लामुद्दीन मकरानी उम्र 19 वर्ष निवासी आजाद नगर की गुमशुदगी दर्ज की गई। दोनों बालिग होकर दोनों ने प्रेम विवाह किया है, कोई अपराधिक कृत्य नहीं पाया जाने से अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। इस प्रकरण में किसी की भी लापरवाही नहीं पाई गई। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दुर्घटनाग्रस्त वाहनों का पनु: उपयोग
[परिवहन]
119. ( क्र. 2939 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बस रूपी यातायात वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के पश्चात दोबारा सड़क परिवहन हेतु उपयोग करने के लिए नवीन फिटनेस आवश्यक है? संबंधित नियम, धारा और कंडिका बतावें। (ख) आर.टी.ओ. इन्दौर पंजीकृत वहन एम.पी. 09, एफ.ए. 5705 की दिनांक 25 अगस्त 2015 को पुलिस स्टेशन राहुरी, जिला अहमदनगर (महाराष्ट्र) अंतर्गत दुर्घटनाग्रस्त होने से जान-माल की हानि होने की एफ.आई.आर. हुई थी? (ग) प्रश्नाधीन दुर्घटनाग्रस्त वाहन का फिटनेस प्रमाण-पत्र लिए बिना दोबारा सड़क पर परिवहन का दोषी कौन है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर सूचना प्राप्त होने पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा वाहन के निरीक्षण उपरान्त यदि वाहन फिटनेस के मानकों के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो वाहन की फिटनेस निरस्त की जाती है। तदोपरान्त वाहन स्वामी द्वारा वाहन दुरूस्त कराकर पुनः निरीक्षण हेतु प्रस्तुत करने पर फिटनेस मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 56 (4) के तहत पुनः जारी की जाती है। नवीन फिटनेस हेतु दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के लिये पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) वाहन स्वामी।
किसान आंदोलन की रिपोर्ट
[गृह]
120. ( क्र. 2954 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर में गोली चालन के दौरान मृत व्यक्तियों की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें की दालौदा में पुलिस की लाठियों से मृत किसान घनश्याम की मृत के लिये कौन-कौन पुलिस अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उनके नाम तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) जून 2017 के किसान आंदोलन के दौरान राजनैतिक नेताओं को मंदसौर न जाने देने का क्या कारण था तथा मुख्यमंत्री को जाने देना उस दिन धारा 144 हटा लेने का क्या कारण है, बतावें तथा संबंधित दस्तावेजों की प्रति देवें। (ग) प्रश्न दिनांक तक क्या मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार किसान आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा दर्ज किये गये प्रकरण वापस लेने के संदर्भ में क्या मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो समस्त पत्राचार की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) यदि नहीं, तो क्या विभाग आंदोलन के दौरान दर्ज किये प्रकरण वापस लेने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक दर्ज प्रकरण वापस ले लिये जायेंगे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 06.06.17 को पिपलियामंडी क्षेत्र में गोली चालन से 05 व्यक्तियों की मृत्यु हुई, जिसके संबंध में जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। दिनांक 08.06.17 को दालौदा रेल में उपद्रव/भगदड़ के दौरान घनश्याम धाकड़ घायल अवस्था में मिला था जिसे पुलिस द्वारा ईलाज हेतु जिला चिकित्सालय मंदसौर लाया गया जहाँ चिकित्सक द्वारा घनश्याम धाकड़ को अग्रिम ईलाज हेतु एम.वाय. इंदौर रेफर किया गया। एम.वाय. अस्पताल इंदौर में ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मृत घनश्याम धाकड़ की मृत्यु की जाँच के संबंध में जिला मजिस्ट्रेट मंदसौर द्वारा मजिस्ट्रीयल जाँच आदेशित की गई है। अतः इस विषय में जानकारी देना न्यायसंगत नहीं होगा। (ख) दिनांक 06.07.17 को किसान आंदोलन हिंसक हो जाने के फलस्वरुप धारा 144 (2) द.प्र.सं. के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई थी व दिनांक 13.06.17 को कानून व्यवस्था सामान्य होने से हटाई गई थी। इस निषेधाज्ञा के प्रभावशील रहने के दौरान सभा, रैली, जुलूस, प्रदर्शन आदि प्रतिबंधित होने से इन्हें आयोजित करने के प्रयासों को एहतियातन रोका गया था। जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी किये गये आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) संधारित अभिलेख अनुसार प्रकरण वापस लेने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा दर्ज होना नहीं पाई गई है। इस संबंध में मान. मुख्यमंत्री सचिवालय में प्राप्त आवेदन पत्रों को आवश्यक कार्यवाही हेतु गृह विभाग/पुलिस महानिदेशक को भेजा गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया है, जिस कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
रतलाम प्रवास की जानकारी
[गृह]
121. ( क्र. 2955 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री के 4 जून 2017 रात्रि से 5 जून 2017 प्रात: 9 तक रतलाम प्रवास के दौरान उन्हें डेलनपुर ग्राम में किसान आंदोलन की घटना 12 घण्टे बाद प्रकरण दर्ज करना 5 जून 2017 को प्रात: 5 बजे सैकड़ों पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु भेजने की जानकारी मुख्यमंत्री को किसी भी माध्यम से कब-कब दी गई? मान. मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में क्या-क्या निर्देश दिये? (ख) क्या दिनांक 25.06.2017 को रतलाम जिले के पांचों भाजपा विधायक डेलनपुर गाँव में गये? यदि हाँ, तो डेलनपुर के निवासियों ने उन्हें पुलिस के अत्याचार के बारे में क्या कहा? (ग) क्या यह सही है कि 25.06.2017 को डेलनपुर से आने के बाद रतलाम सर्किट हाउस में भाजपा के पांचों विधायक तथा जिला अध्यक्ष ने एस.पी. को बुलाया यदि हाँ, तो उस मीटिंग संबंधी कार्यवाही की जानकारी दें? (घ) क्या यह सही है कि डी.जी. धाकड़ शाम 7.20 मिनट बाद डेलनपुर पहुंचे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 4 जून 2017 की रात्रि में ग्राम डेलनपुर में किसान आंदोलन के दौरान घटित घटना के संबंध में घटना स्थल पर निरीक्षक थाना प्रभारी औ.क्षे. रतलाम की ओर से शून्य पर कायमी समय 23.00 बजे रात्रि में ही की गई थी। घटना स्थल पर कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य बनाने एवं घायलों को अस्पताल में चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने तथा राजमार्ग को सुचारू रूप से आवागमन हेतु संचालित कराने के पश्चात उक्त अपराध की असल कायमी थाने पर प्र.आर. प्रदीप शर्मा को भेजकर प्रात: 04.22 पर कायमी गयी। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात वैधानिक कार्यवाही करते हुए आरोपियों की तलाश एवं गिरफ्तारी के लिए नगर पुलिस अधीक्षक रतलाम के नेतृत्व में पुलिस की टीम रवाना हो गई थी, इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय को कोई सूचना नहीं दी गई थी। दिनांक 04-06-2017 की सायं घटित घटना की जानकारी माननीय मुख्यमंत्री महोदय को रात्रि में ही दी जा चुकी थी, अत: पुलिस की वैधानिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी हेतु बल भेजने की सूचना माननीय मुख्यमंत्री महोदय को देने का कोई औचित्य नहीं था। यह कहना सही नहीं है कि सैकड़ों पुलिसकर्मियों को आरोपियों की गिरफ्तारी करने हेतु भेजा गया। (ख) दिनांक 25-06-2017 को रतलाम जिले के विधायक डेलनपुर ग्राम गए थे। माननीय विधायकों के जनसंपर्क में उन्हें जो बताया गया इसकी जानकारी विभाग द्वारा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) दिनांक 25-06-2017 को सर्किट हाउस रतलाम में माननीय विधायकों और पुलिस अधीक्षक रतलाम के मध्य ग्राम डेलनपुर में घटित घटना के संबंध में चर्चा हुई थी, चर्चा के दौरान पुलिस अधीक्षक रतलाम द्वारा उक्त घटना संबंधित जानकारी माननीय विधायकों को दी गई थी। माननीय विधायकों द्वारा कहा गया कि उक्त घटना में जो लोग शामिल नहीं है उन्हें आरोपी न बनाया जाए। तत्संबंध में पुलिस अधीक्षक रतलाम द्वारा आश्वासन दिया गया कि निर्दोष को आरोपी नहीं बनाया जायेगा। (घ) अनुसंधान में अद्यतन उपलब्ध साक्ष्याधार पर थाना औ.क्षे. रतलाम में पंजीबद्ध अपराधों में नामजद आरोपी डी.पी. धाकड़ का, पूर्व से ही उपस्थित होना पाया गया।
खाद्य सामग्री वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 2958 ) श्री राजकुमार मेव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से खाद्य सामग्री एवं अन्य सामग्री का वितरण पी.ओ.एस. मशीनों के माध्यम से कब से किया जा रहा है? क्या पी.ओ.एस. मशीन में खाद्यान्न सामग्री की उपलब्धता, वितरण एवं शेष की जानकारी उपभोक्तावार अंकित रहती है? यदि नहीं, तो पी.ओ.एस. मशीनों को कब तक इन जानकारियों का अपडेशन करने की व्यवस्था की जावेगी? (ख) क्या शासन द्वारा उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से नियमित प्रतिमाह खाद्यान्न का वितरण हो रहा है? क्या उपभोक्ता माह में खाद्यान्न सामग्री नहीं ले पाता है तो उसे आगामी माह में विगत माह की सामग्री लेने की पात्रता है? यदि हाँ, तो इस नियम का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) विभाग द्वारा पी.ओ.एस. मशीन को प्रतिमाह की किस दिनांक से खोला जाता है एवं किस दिनांक को पी.ओ.एस. मशीन को बंद कर दिया जाता है तथा सामग्री दी जाना बंद कर दी जाती है? क्या पी.ओ.एस. मशीन को मात्र 10-12 दिन के लिए ही खोला जाता है, जिसके कारण उपभोक्ता अपनी सामग्री प्राप्त नहीं कर पाते? (घ) खरगोन जिले में विगत एक वर्ष में विकासखण्डवार खाद्यान्न सामग्री नहीं मिलने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उनका क्या निराकरण किया गया? क्या उपभोक्ता को माह में सामग्री प्राप्त नहीं करने की स्थिति में आगामी माह में विगत माह का खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा है? ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिन्हें खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो सका? क्या उपभोक्ताओं को नियमानुसार विगत माह के खाद्यान्न का वितरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुओं को चिकित्सा सुविधा की जानकारी
[पशुपालन]
123. ( क्र. 2959 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में किन-किन स्थानों पर पशु चिकित्सालय, औषधालय एवं चल पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहे हैं? किन-किन संस्थाओं में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं, कितने भरे हुये हैं एवं कितने रिक्त हैं? संस्थावार जानकारी दी जावें। (ख) खरगोन जिले में चल पशु चिकित्सालय कहाँ-कहाँ संचालित किये जा रहे हैं? क्या चल पशु चिकित्सालयों का संचालन विभागीय चिकित्सा अमले द्वारा नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो चल पशु चिकित्सालय किस प्रक्रिया एवं नियमों के तहत किसके द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? (ग) क्या महेश्वर में चल पशु चिकित्सालय संचालित हैं? चल पशु चिकित्सालय महेश्वर किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है? किन-किन ग्रामों में कब-कब चिकित्सा करने का क्या समय, दिन निश्चित है? क्या इसकी सूचना ग्राम में पशु पालकों को दी जाती है? यदि है, तो किस माध्यम से इसका क्या प्रमाण है? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में महेश्वर विधान सभा क्षेत्र की विकासखण्ड महेश्वर एवं बड़वाह के ग्रामों में संचालित पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सकों एवं रिक्त पदों की पद पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) खरगोन जिले में एक चल पशु चिकित्सा इकाई जिला स्तर पर तथा एक चल विरूजालय विकासखण्ड महेश्वर में संचालित है। चल पशु चिकित्सा इकाई का संचालन विभागीय अमले द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। चल विरूजालय विभागीय अमले द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ. एल.एस. चौहान, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्रीमती हंसा कनौजिया तथा श्री जे.एच. पठान एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्री भला विश्राम एवं कमा सोलंकी पदस्थ है। ग्रामों में चिकित्सा का दिन एवं समय निश्चित है तदानुसार चल विरूजालय में पदस्थ अमले द्वारा सेवाएं दी जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है। समय'सीमा बताना संभव नहीं है।
भू-अधिग्रहण की जानकारी
[राजस्व]
124. ( क्र. 2973 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-अधिग्रहण के संबंध में शासन के कौन-कौन से अधिनियम/नियम परिपत्र प्रचलित एवं लागू हैं और इनकी वैधानिकता क्या है और किस आधार पर परिपत्रों की वैधानिकता अवैध क्यों न मानी जावे? सप्रमाण उत्तर दें। (ख) विधान सभा क्षेत्र राजनगर अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस की भूमि शासन द्वारा अथवा उसकी एजेंसी द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही की गई? ग्राम का नाम, खसरा क्र., रकबा, अधिग्रहण की गई? भूमि का रकबा, भूमि स्वामी और मुआवज़ा राशि तथा मुआवज़ा राशि का भुगतान कब और किस आधार पर किया गया? किस-किस का किस कारण से शेष हैं? (ग) क्या अधिग्रहण की कार्यवाही/मुआवजे के विरूद्ध कौन-कौन प्रभावित अथवा भूमि स्वामी न्यायालय की शरण में गये हैं, उनका नाम तिथि कारण बताते हुए यह भी बतायें कि शासन ने इस बारे में क्या नीति अपनाई अथवा कार्यवाही की गई है कि उक्त व्यक्ति न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य हुए? क्या शासन परीक्षण करेगा कि अधिग्रहण में मुआवजे में कोई अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो औपचारिक आदेश जारी किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ई-गवर्नेंस द्वारा की जा रही अनियमितता
[राजस्व]
125. ( क्र. 2976 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न क्र. 4659 दिनांक 06.03.2017 के (ख) उत्तर अनुसार क्या भोपाल ई-गवर्नेंस द्वारा तकनीकी कारण दुरूस्त कर लिये हैं एवं पेमेंट गेट-वे ले लिया है? क्या सामान्य जनता को लॉगिन बनाकर तथा पेमेंट गेट-वे से नकल प्राप्त करने की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उपरोक्तानुसार प्रश्न के (ग) उत्तर में निर्माणाधीन Public Interface का कार्य पूरा हो गया है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) इस कार्य का टेण्डर कब हुआ था? संबंधित फर्म को जारी वर्क आर्डर की दिनांक बतावें तथा इसकी छायाप्रति देवें। कार्य की निगरानी कर रही मध्यप्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति में देरी के लिए अब तक कितने नोटिस जारी किए हैं? नोटिस व जवाब की छायाप्रतियां देवें। (घ) यह सुविधा कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषक द्वारा की गई आत्महत्या की जानकारी
[गृह]
126. ( क्र. 2988 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण बैंक की कर्ज अदायगी न कर पाने के कारण कृषक को धारा 151 में निरूद्ध कर जेल भेजा जा सकता है? नियम की प्रति देवें। किस आधार पर कुक्षी एस.डी.एम. ने जितेन्द्र पिता जगदीश सिर्वी निवासी ग्राम डेहरी तह. कुक्षी को नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक के 1 लाख न भरने पर धारा 151 में जेल भेज दिया, जिस कारण उसने आत्महत्या कर ली? (ख) क्या संबंधित अधिकारी पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासकीय प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले इस कृषक के परिवार को 1 करोड़ रू. मुआवजा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कब इसके दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेंगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक डेहरी जिला धार के शाखा प्रबंधक श्री छगनलाल खोड़े की शिकायत पर जितेन्द्र पिता जगदीश सिर्वी निवासी ग्राम डेहरी को चौकी प्रभारी डेहरी थाना बाग द्वारा संज्ञेय अपराध घटित होने की आशंका पर धारा 151, 107, 116 (3) जा.फौ. के तहत गिरफ्तार कर इस्तगासा एस.डी.एम. न्यायालय कुक्षी में पेश किया गया था। न्यायालय से आरोपी के विरूद्ध जेल वारन्ट आदेश पालन में दिनांक 21.04.2017 को बड़वानी जेल दाखिल किया गया। दिनांक 22.04.2017 को आरोपी जितेन्द्र सिर्वी जमानत पर रिहा हो गया था। (ख) जी नहीं। दिनांक 22.06.2017 को थाना बड़वानी में मर्ग क्रमांक 42/17 धारा 174 जा.फौ. की कायमी अज्ञात शव नदी में मिलने के बाद हुई थी। मर्ग जाँच में दिनांक 23.06.2017 को मृतक के भाई धर्मेन्द्र ने मृतक की शिनाख्त उसके भाई जितेन्द्र सिर्वी के रूप में की थी। मृतक के भाई व माँ द्वारा मर्ग जाँच में मृतक के नाम कोई भूमि नहीं होना बताया गया है। अभी तक की मर्ग जाँच से किसी प्रकार के संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया। मृत्यु का स्पष्ट कारण जानने हेतु जप्तशुदा आर्टिकल एफ.एस.एल. परीक्षण हेतु भेजे गये हैं। परिस्थिति जन्य साक्ष्य एकत्रित किया जा रहा है। जाँच जारी है, जाँच में आये साक्ष्य के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंप खनन एवं मरम्मत की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
127. ( क्र. 2991 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र जौरा, ग्राम परसोटा एवं ग्राम डमेजर में नल-जल योजनांतर्गत पानी की टंकिया निर्मित होने के बावजूद भी उन्हें चालू नहीं किया गया हैं, जिससे वहाँ के रहवासियों के लिए पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा में नल-जल योजनांतर्गत कितनी टंकिया निर्मित की गई थीं और उनमें कितनी सुचारू रूप से चालू हैं? बन्द पड़ी नल-जल योजना चालू करने में क्या कठिनाइयाँ आ रही हैं एवं उन्हें कब तक जनहित में पेयजल समस्या के निदान हेतु चालू कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों में पेयजल की गंभीर समस्या हैं। ग्राम परसोटा के हैण्डपम्पों का पानी क्षारीय होने से पीने योग्य नहीं है एवं ग्राम उमेजर के हैण्डपम्प खराब एवं जलस्तर नीचे चले जाने से अनुपयोगी हो गये हैं? (घ) शासन द्वारा लाखों रूपये व्यय करने के बाद भी उपरोक्त नल-जल योजना चालू नहीं हैं। क्या उन्हें चालू कराया जा सकेगा? हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्राम परसोटा नल योजना की पानी की टंकी से जलप्रदाय किया जा रहा है, ग्राम डमेजर की नवीन नल योजना के स्त्रोत पर विद्युत कनेक्शन किया जाना शेष है, जिस कारण नवनिर्मित टंकी से जल प्रदाय प्रारंभ नहीं हो सका है, विद्युत कनेक्शन के लिए कार्यवाही प्रचलित हैl (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा के अंतर्गत 15 ग्रामीण नल-जल योजनाओं के अंतर्गत 6 टंकियां निर्मित है जिनमें से वर्तमान में 5 से जलप्रदाय किया जा रहा है, एक नवनिर्मित टंकी से जलप्रदाय प्रारंभ किया जाना शेष हैl उपरोक्त 15 नल-जल योजनाओं में से 12 योजनाएं चालू है तथा एक योजना समस्त अवयव क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद है, जिसके सुधार कार्य हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, दो योजनाएं विद्युत कनेक्शन का कार्य शेष होने के कारण बंद हैं, जिनके लिए नवीन विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इन्हें चालू किए जाने के लिए निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं हैl (ग) ग्राम परसोटा में 11 हैंडपंप स्थापित हैं, जिनमें से 9 चालू एवं 2 जलस्तर की कमी से बंद है। चालू हैंडपंपों में 5 का पानी क्षारीय होने से केवल निस्तार हेतु उपयोग किया जा रहा है। ग्राम डमेजर में स्थापित कुल 13 हैंडपंपों में से 5 चालू तथा 8 जलस्तर गिरने के कारण बंद हैl (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl
पेयजल संकट के निदान हेतु कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
128. ( क्र. 2992 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा में वित्तीय वर्ष २०१६-१७ से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन हैण्डपंप उत्खनन हुये हैं? जानकारी ग्राम, स्थान सहित दी जा सकेगी? ग्राम पिपरोनियाँ में पिछले वर्ष लगाये गए हैण्डपंपों के प्लेटफार्म क्यों नहीं बनाए गए एवं उन्हें चालू क्यों नहीं किया गया है? कब तक चालू कर दिए जावेंगे? विलंब में लापरवाहों के प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) विभाग द्वारा हैण्डपंपों की ग्रामवार सूची संधारित की जाती है? यदि हाँ, तो किस ग्राम में कितने हैण्डपंप प्रश्न दिनांक तक स्थापित हैं और कितने पेयजल आपूर्ति कर रहे हैं और कितने बंद हैं और कितने अनुपयोगी घोषित कर दिये गये हैं? (ग) हैण्डपंप सुधारने हेतु वित्तीय वर्ष २०१६-१७ से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र जौरा में हैण्डपंप सुधार हेतु राईजर पाइप प्रदाय की गई है और उसका उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया है? स्थानवार जानकारी दी जावे। भौतिक सत्यापन कौन-कौन अधिकारी द्वारा किया गया है? (घ) क्या सामग्री के अभाव में हैण्डपंपों की मरम्मत नहीं हो पा रही है? संबंधित ठेकेदार द्वारा टूटे-फूटे पाइपों पर रबर-बैण्ड लगाकर जुगाड़ करके हैण्डपंप चालू कर दिये जाते हैं जो अल्प समय में खराब हो जाते हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो अब तक खराब पड़े हैण्डपंपों का सुधार क्यों नहीं किया गया हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 68 हैण्डपंप, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सभी हैण्डपंपों में प्लेटफार्म निर्माण करा दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कुल 3063 हैंडपंप स्थापित हैं, 2888 चालु हैं, 175 बंद हैं, जिनमें 169 असुधार योग्य (अनुपयोगी) हैं। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। सहायक यंत्री एवं उपयंत्री द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया। (घ) जी नहीं, हैंडपंप मरम्मत हेतु पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है। जी नहीं। खराब हैण्डपंपों का सुधार कार्य सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत किया जाता है।
मर्जर एग्रीमेंट में कस्टोडियन संपत्ति का विलय
[राजस्व]
129. ( क्र. 2995 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मर्जर एग्रीमेंट भारत संघ एवं रियासत भोपाल के मध्य दिनांक 30.04.1949 को निष्पादित हुआ था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त मर्जर एग्रीमेंट अतंर्गत तत्समय रियासत भोपाल के नवाब परिवार एवं रिश्तेदारों की संपत्तियां भी भारत संघ में मर्ज की गई थीं? (ग) यदि नहीं, तो वर्तमान में मर्जर एग्रीमेंट के नाम पर रियासत भोपाल के नवाब के परिवार एवं रिश्तेदारों की निजी संपत्तियों पर लगाई गई रोक किन कारणों से लगाई गई है? (घ) क्या तत्समय रियासत भोपाल द्वारा जागीरदारों को प्रदान की गई संपत्तियां भी मर्जर एग्रीमेंट के अनुसार भारत संघ में मर्ज हो गई थी? (ड.) भारत-पाक बंटवारे के बाद विस्थापितों के पुनर्वास हेतु मुआवजे के तहत कस्टोडियन विभाग द्वारा प्रदान की गई संपत्तियों पर भी क्या मर्जर एग्रीमेंट लागू है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित पूर्ण ब्यौरा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कस्टोडियन संपत्ति को मर्जर एग्रीमेंट में सम्मिलित किया जाना
[राजस्व]
130. ( क्र. 2996 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 मार्च 2017 के ता. प्रश्न संख्या 5996 पर सदन में चर्चा के दौरान माननीय मंत्री जी द्वारा कस्टोडियन संपत्ति को मर्जर एग्रीमेंट में सम्मिलित किए जाने की जाँच कराए जाने संबंधी कथन किया गया था, तो उक्त जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई एवं जाँच में क्या तथ्य पाए गए एवं उन तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है? पूर्ण ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक की जावेगी? (ख) उपर्युक्त संदर्भित प्रश्न पर सदन में हुई चर्चा के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का भी पूर्ण ब्यौरा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनाओं की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
131. ( क्र. 2997 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला अनूपपुर अतंर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अतंर्गत दमेहड़ी समूह पेयजल योजना तथा ग्राम देवहरा में संजय कोयला नगर फिल्टर प्लांट से ओव्हर हैड टैंक तक नल-जल योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो उक्त योजना में उक्त विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से गाँव शामिल किये गये हैं? सूची प्रदान करें। प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति भी उपलब्ध करायें। यह योजना कब क्रियान्वित की जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों में उक्त योजनायें स्वीकृत की गई हैं, उनमें से कितना निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है एवं कितना निर्माण कार्य शेष है? अभी तक निर्माण कार्य प्रांरभ न होने की दशा में विभाग दोषी व्यक्तियों पर क्या कोई कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। ग्राम देवहरा योजना अंतर्गत संजय कोयला नगर फिल्टर प्लांट से उच्च स्तरीय टंकी तक पाईप-लाईन बिछाने के कार्य की स्वीकृति दी जाकर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा दमेहड़ी ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना की पुनरीक्षित डी.पी.आर. का कार्य पूर्ण कर तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समूह योजना में सम्मिलित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ग्राम देवहरा की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति एवं वित्तीय संयोजन होने पर समूह योजना क्रियान्वित की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
132. ( क्र. 2998 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी सोसायटियां कार्यरत हैं? इन सोसायटियों के अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं? शासन के निर्देशानुसार कितनी आबादी पर एक दुकान संचालित किये जाने के निर्देश हैं? (ख) जिला अनुपपूर के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानों के निर्माण को पूर्ण कराया जा चुका है? ग्राम पंचायतवार पूर्णता दिनांक के साथ में विवरण उपलब्ध करायें। (ग) किन-किन ग्राम पंचायतों में स्वयं की उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है तथा किन-किन ग्राम पंचायतों में दुकान का निर्माण पूर्ण होने के बाद भी दुकानें बंद पड़ी हैं? (घ) किन-किन ग्राम पंचायतों में शासनादेश के बाद भी उचित मूल्य की दुकान ग्राम पंचायत मुख्यालय में नहीं खोली गई हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 10 संस्थाएं कार्यरत हैं, जिनके अंतर्गत 145 उचित मूल्य की दुकानें हैं। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रत्येक पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान संचालित करने का प्रावधान है। किसी ग्राम पंचायत में 800 से अधिक पात्र परिवारों के होने पर उस पंचायत में अतिरिक्त दुकान खोलने का भी प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायत गोंदा को छोड़कर संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित सभी ग्राम पंचायतों में स्वयं की उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत गोंदा में दुकान का निर्माण पूर्ण होने के बाद भी वर्षा के कारण परिवहन मार्ग अवरूद्ध होने से उक्त भवन का उपयोग नहीं हो रहा है। (घ) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रत्येक पंचायत में एक दुकान खोलने का प्रावधान है। वह दुकान पंचायत के किस ग्राम में खोली जाएगी, यह जिला पंचायत द्वारा तय किये जाने का प्रावधान है।
पुलिस कार्यवाही
[गृह]
133. ( क्र. 3006 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2017 में मंदसौर जिले में हुए किसान आंदोलन में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग से कुल कितने किसानों की मृत्यु हुई? उनके नाम, पते सहित जानकारी दें। (ख) पुलिस फायरिंग की कार्यवाही किसके निर्देश पर की गई और क्यों? कारण दें। (ग) क्या उक्त प्रकरण के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जाँच के आदेश दिये गये हैं? हाँ, तो किस प्रकार के जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें? (घ) उक्त आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही में शासन एवं प्रशासन स्तर पर क्या लापरवाही हुई है? क्या मृतक किसानों के परिवारों को राज्य सरकार द्वारा सहायता राशि प्रदान की गई? हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को प्रदाय की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) माह जून 2017 में मंदसौर जिले में घटित घटना में पुलिस फायरिंग से कुल 05 आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (ग) घटना के संबंध में न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया है। रिपोर्ट अभी अप्राप्त है। (घ) इस संबंध में जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मजरों-टालों को राजस्व ग्राम घोषित करने के नियम
[राजस्व]
134. ( क्र. 3007 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने मजरे टोले हैं, जो राजस्व ग्राम नहीं हैं? क्या इन्हें राजस्व ग्राम घोषित किए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक इन मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जायेगा? इसके नियम क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या उक्त क्षेत्र के मजरों टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा एवं जिला स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? बतायें। नहीं तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्त मजरों-टोलों के संबंध में समय पर राजस्व ग्राम घोषित नहीं होने से यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में की गई कार्यवाही एवं मजरे-टोलों को दी जा रही मूलभूत सुविधाओं की वर्तमान स्थिति प्रश्नांकित दिनांक तक क्या है? सूचीवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल 83 मजरें टोलें चिन्हित किये गये हैं, जो राजस्व ग्राम नहीं हैं। 80 मजरे टोलों को पात्रता की श्रेणी में न आने पर राजस्व ग्राम घोषित नहीं किये गये हैं। शेष 3 मजरे टोलों को पात्र पाये जाने पर राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है। (राघोदड, नांदला, बिलीतोड) नियम संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों के अनुसार तहसील कसरावद के सभी 55 ग्राम पूर्व से ही पृथक राजस्व ग्राम घोषित हैं तथा तहसील भीकनगाँव के 21 मजरे पात्रता की श्रेणी में नहीं आने से राजस्व ग्राम घोषित नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त वर्णित कसरावद के 55 ग्राम वीरान ग्राम होने से मूलभूत सुविधायें दिये जाने का प्रश्न ही नहीं है तथा तहसील भीकनगाँव के 21 मजरे-टोले जो कि जिस राजस्व ग्राम में सम्मिलित हैं, उन्हीं से मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। (घ) मजरे टोले जिस राजस्व ग्राम में सम्मिलित हैं वहां के निवासियों के उसी राजस्व ग्राम के निवासियों के समान सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्ड लेखकों हेतु नवीन वेतन का निर्धारण
[राजस्व]
135. ( क्र. 3014 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले की किन-किन तहसीलों में कितने खण्ड लेखक कितने वर्षों से कार्यरत हैं? क्या इन खण्ड लेखकों को शासन द्वारा दैनिक वेतन कुशल श्रमिक माना जा चुका है? अगर हाँ, तो इन खण्ड लेखकों को कुशल श्रमिक का वेतन नियमित रूप से क्यों प्रदान नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा कुशल श्रमिक दैनिक वेतन कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का पदनाम देकर स्थायी कर्मियों को नवीन वेतनमान 5000-100-8000 तथा 125 प्रतिशत महंगाई भत्ता का निर्धारण किया गया है? अगर हाँ, तो छिंदवाड़ा जिले की विभिन्न तहसीलों में पदस्थ खण्ड लेखकों को स्थाई कर्मी का पदनाम देकर जिला कलेक्टर द्वारा आदेश जारी करते हुए, इन्हें कब तक नवीन वेतन का निर्धारण कर वेतन प्रदान कर दिया जायेगा? (ग) क्या लगभग विगत एक वर्ष से शासन का आवंटन प्राप्त न होने के कारण छिंदवाड़ा जिले की विभिन्न तहसीलों में कार्यरत खण्ड लेखकों को उनका मासिक वेतन प्रदान नहीं किया गया है? वेतन भुगतान हेतु शासन द्वारा कब तक आवंटन प्रदान करते हुए, तहसीलों में कार्यरत खण्ड लेखकों को उनके मासिक वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) क्या जिला गुना एवं जिला नीमच के कलेक्टरों द्वारा खण्ड लेखकों को शासन के नियमों के तहत स्थाई कर्मी का आदेश जारी कर नवीन वेतन का निर्धारण कर दिया गया है? अगर हाँ, तो छिंदवाड़ा जिले की विभिन्न तहसीलों में कार्यरत खण्ड लेखकों को जिला कलेक्टर के द्वारा आदेश जारी कर कब तक स्थायी कर्मी का दर्जा प्रदान करते हुए नवीन वेतन का निर्धारण कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
136. ( क्र. 3015 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के गोडीवाढोना के किसानों की लगभग 111 हेक्टेयर जमीन सेज के नाम पर छिंदवाड़ा प्लस कंपनी ने 2 वर्ष पहले खरीदी थी, जिसके बाद प्रशासन की ओर से भूअर्जन प्रकरण में 15 जुलाई 2016 को ग्राम गोडीवाढोना के भूअर्जन हेतु आवार्ड पारित किया गया? अगर हाँ, तो किन-किन किसानों से कितनी-कितनी जमीनें किस मूल्य पर खरीदी गई थी? (ख) भूअर्जन किये जाने के बाद भी आज दिनांक तक किसानों को मुआवजा की राशि क्यों नहीं प्रदान नहीं की गई है? जबकि मुआवजा राशि प्रदान किये जाने के संबंध में मान. मुख्यमंत्री जी के द्वारा आदेश भी जारी किया जा चुका है? (ग) ऐसे संबंधित प्रभावित किसानों को जिनकी भूमि का भूअर्जन किया गया, उन किसानों को मुआवजा राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (घ) जिन किसानों की भूमि का भूअर्जन किया गया है, अगर उन किसानों को नियमानुसार मुआवजा राशि प्रदान नहीं की जा रही है तो क्या ऐसे प्रभावित किसानों को उनकी जमीन व पिछले वर्षों की नुकसानी सहित वापस कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में स्थापित खुली जेल
[जेल]
137. ( क्र. 3021 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुल कितनी खुली जेल स्थापित हैं? (ख) भविष्य में कहाँ-कहाँ खुली जेल खोले जाना प्रस्तावित हैं? (ग) उज्जैन सेंट्रल जैल में कितने सजायाफ्ता एवं विचाराधीन कैदी बंद हैं? (घ) जेल के अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु क्वार्टरों की क्या व्यवस्था है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्तमान में होशंगाबाद में एक खुली जेल स्थापित है। (ख) सतना में खुली जेल का निर्माण कार्य प्रगति पर है, भविष्य में केन्द्रीय जेल उज्जैन परिसर में वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने की दशा में खुली जेल के निर्माण बाबत् कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) केन्द्रीय जेल उज्जैन में 1777 सजायाफ्ता एवं 601 विचाराधीन कैदी दिनांक 07/07/2017 की स्थिति में बंद है। (घ) केन्द्रीय जेल उज्जैन में अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु 02-ई, 2-जी, 7-एच एवं 56-आई टाईप आवासगृह उपलब्ध हैं तथा 3-एफ, 13-जी एवं 117-एच टाईप आवासगृहों की अतिरिक्त आवश्यकता है।
मछली पालन के संबंध में
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
138. ( क्र. 3022 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं उज्जैन संभाग अंतर्गत वर्ष 2014 से 31 मार्च 2017 तक कितने तालाब/जलाशयों की मछलियों में लाल घाव तथा पानी में विभिन्न खराबियों की जानकारी जिला कलेक्टर/ तहसीलदार/संबंधित जिला पंचायतों को प्राप्त हुई? (ख) क्या इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा मछली पालन विभाग के संभागीय/जिला अधिकारियों को कोई निर्देश प्रदान किये गये? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी को क्या-क्या निर्देश दिये गये एवं तत्संबंध में संबंधित अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी निरंक। (ख) प्रश्नांश (क) निरंक होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासन की मंशा के विपरीत गाइड-लाइन
[राजस्व]
139. ( क्र. 3025 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र मैहर स्थित भूमियों की गाइड-लाइन वर्ष 2017-18 को युक्ति संगत बनाने और पोड़ी, सोनवारी, गणेशपुर, जीतनगर को विशिष्ट ग्राम से अलग किये जाने बाबत् शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यह ग्राम विशिष्ट ग्राम की श्रेणी में होने के उपरांत भी विकसित क्यों नहीं हो पाए? इसके दोषी कौन है? (ख) क्या जिला पंजीयक एवं संयोजक जिला मूल्यांकन समिति सतना द्वारा मैहर नगर के वार्ड पुराना 16 एवं नया 15 का मूल्य वर्ष 2013-14 तक 10 फीसदी तक बढ़ाया जाता रहा है को अब 5000 रू. वर्ग मीटर कर दिया गया? क्या यह शासन की मंशा के विपरीत है? इसके लिये कौन दोषी है? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2014 से 2017 तक किये गये पत्राचारों पर कार्यवाही न करने का दोषी कौन है? (ग) मात्र कृषि भूमि वाले ग्राम, जैसे कोलहाई, अमिलिया, परसोखा, मानपुर, उमरीपैला का मध्य से अंतिम भाग हेतु 5000 रूपये वर्ग मीटर का मूल्यांकन कब तक समाप्त किया जायेगा? नहीं तो क्यों? मैहर नगर पालिका क्षेत्र में कितने ग्राम जोड़े गये हैं? जिनका विकास आज तक नहीं हुआ है? कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम पौडी तथा तथा गणेशपुर एन.एच.-07 से लगे ग्राम है एवं ग्राम जीतनगर तथा सोनवारी एस.एच. (राजमार्ग) पर स्थित हैं। साथ ही ये चारों ग्राम नगर पालिका मैहर की सीमा से भी पास है, इन कारणों से इन ग्रामों की भूमियों का क्रय विक्रय मूल्य ज्यादा है इसलिए यह ग्राम विशिष्ट ग्राम की श्रेणी में रखे गये है। उक्त कार्यवाही जिला मूल्यांकन समिति जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि सदस्य होते हैं उनके द्वारा सर्वसम्मति से की गई है। इन ग्रामों को विशिष्ट ग्राम की श्रेणी से अलग करने की कार्यवाही शासन द्वारा नहीं की जा रही है। (ख) उप जिला मूल्यांकन समिति एवं जिला मूल्यांकन समिति जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि सदस्य होते हैं, उनके द्वारा जनसामान्य से प्राप्त सुझाव/आपत्तियों पर विचारोपरांत सर्वसम्मति से उक्त दर प्रस्तावित की गई थी। जो कि केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा अनुमोदित की गई है। (ग) उक्त ग्राम नगर पालिका मैहर की सीमा क्षेत्र के अंदर होकर आवासीय भूखण्ड क्रय विक्रय हो रहे हैं इसी कारण इन ग्रामों को नगर पालिका सीमा में जोड़ा गया है जो कि अन्य सामान्य ग्रामों की तुलना में कुछ ज्यादा विकसित ग्राम हैं। अत: इन ग्रामों में निर्धारित गाइड-लाइन दर भी उचित है।
निर्दोष नागरिकों पर पंजीबद्ध प्रकरण
[गृह]
140. ( क्र. 3036 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पुलिस बल भिण्ड द्वारा बिना जाँच व परीक्षण के निर्दोष नागरिकों पर परेशान करने की नियत से झूठे प्रकरण पंजीबद्ध करने की शिकायतें जनप्रतिनिधि द्वारा की गई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्रकरणों के संबंध में कब शिकायतें मिली? (ख) जनप्रतिनिधि द्वारा की गई शिकायतों की जाँच किस अधिकारी से करायी गयी व जाँच की स्थिति क्या है? विवरण दिया जाये। (ग) शहर कोतवाली भिण्ड में पंजीबद्ध अपराध क्र. 177/17 किस दिनांक घटित घटना की शिकायत पर पंजीबद्ध हुआ? शिकायत का विवरण सहित अपराध के आरोपियों की जानकारी दी जाये? (घ) क्या शहर कोतवाली भिण्ड में पंजीबद्ध अपराध क्र. 177/17 का एक आरोपी वीरू पुत्र श्री दुर्गासिंह भदौरिया निवासी वीरेन्द्र नगर भिण्ड पंजीबद्ध घटना दिनांक के पूर्व से उप जेल भिण्ड में निरूद्ध था? यदि हाँ, तो उप जेल में कब से निरूद्ध है? (ड.) यदि आरोपी पूर्व से उप जेल भिण्ड में निरूद्ध था तो उसका घटना में शामिल होना व उसे आरोपी बनाना किन तथ्यों व जाँच पर आधारित है? क्या यह बिना जाँच व परीक्षण के निर्दोष नागरिकों पर कार्यवाही नहीं है? यदि है तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनप्रतिनिधियों द्वारा की गयी शिकायतों की जाँच राजपत्रित अधिकारी स्तर से कराई गई है। जाँच की स्थिति संलग्न परिशिष्ट में उल्लेख है। (ग) दिनांक 26.03.2017 को फरियादी दिनेश पिता सोबरन सिंह यादव निवासी उमरी की रिपोर्ट पर थाना शहर कोतवाली भिण्ड में अपराध क्रमांक 177/17 धारा 307, 294, 506, 34 भादवि आरोपी वीरु भदौरिया, अनिल भदौरिया व अन्य 02 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज हुआ। फरियादी द्वारा आरोपियों के नाम के साथ पिता का नाम का उल्लेख नहीं किया गया था। (घ) यह सही है कि शहर कोतवाली भिण्ड में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 177/17 का एक आरोपी वीरू पुत्र दुर्गा सिंह भदौरिया निवासी वीरेन्द्र नगर भिण्ड का घटना दिनांक का पूर्व से उपजेल भिण्ड में निरूद्ध था। वीरू पुत्र दुर्गा सिंह भदौरिया निवासी वीरेन्द्र नगर भिण्ड दिनांक 18.11.2016 से 06.07.2017 तक (वर्तमान में) जिला जेल भिण्ड में निरूद्ध है। (ड.) यह सही है, कि वीरु पुत्र दुर्गा सिंह भदौरिया निवासी वीरेन्द नगर भिण्ड का जेल में निरुद्ध था दिनांक 26.03.17 को फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट की गयी थी जिसमें आरोपी वीरु भदौरिया अनिल भदौरिया नाम का उल्लेख किया गया था किन्तु विवेचना के दौरान यह स्पष्ट हुआ है कि, उक्त अपराध में वीरु पुत्र दुर्गा सिंह भदौरिया निवासी वीरेन्द्र नगर भिण्ड शामिल नहीं होना पाया गया है। अतः उक्त प्रकरण में वीरु पुत्र दुर्गा सिंह भदौरिया निवासी वीरेन्द्र नगर भिण्ड को पृथक किया गया।
अधिग्रहीत की गयी भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
141. ( क्र. 3046 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में एन.टी.पी.सी. के स्थापना हेतु कब भू-अर्जन किया गया था एवं अभी तक कितने हेक्टेयर भूमि अधिकृत कर ली गयी है और कितनी मुआवजा राशि प्रदाय की गयी? सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि पर्यावरणीय अनुमति के अभाव में संस्था चालू नहीं होती है तो पूर्व से अनुमति नहीं लेने का उत्तरदायित्व किसका है एवं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) स्थल पर निर्मित भवन और भूमि किसके स्वामित्व में रहेगी एवं इसका क्या उपयोग है? (घ) शासन को होने वाली वित्तीय हानि के लिये कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य पालन की योजनाएं
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
142. ( क्र. 3051 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछुआ कल्याण तथा मत्स्य तथा विकास के अंतर्गत कौन-कौन सी कल्याणकारी योजना सिवनी जिले में संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजना में कितना बजट योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्यन हेतु प्रस्तावित किया गया? वर्ष 2016-17 में कितनी राशि दी गई? (ग) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत भीमगढ़ जलाशय (डेम) में मत्स्य बीज प्रक्षेत्र केन्द्र खोले जाने हेतु कोई योजना विभाग के पास प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक इस पर कार्य किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत भीमगढ़ जलाशय में नहर के किनारे 54 नर्सरी पोण्ड 4.0 हेक्टेयर के निर्मित है, इसलिये मत्स्य बीज प्रक्षेत्र खोले जाने की योजना प्रस्तावित नहीं है।
फरार कैदी की जानकारी
[गृह]
143. ( क्र. 3162 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्ष के अंदर आरक्षक भारत सिंह जाटव की ड्यूटी के दौरान जे.ए.एच. चिकित्सालय ग्वालियर से कैदी वार्ड से कौन सा कैदी फरार हो गया था? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? क्या भारत सिंह जाटव आरक्षक के विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध था? (ग) आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने के उपरांत पुलिस विभाग में चयन कैसे हो गया तथा चयन के समय चरित्र सत्यापन किस आधार पर किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब किया गया? (घ) श्री भारत सिंह जाटव वर्तमान उप निरीक्षक के पद पर भोपाल में पदस्थ हैं। अपराध में कब से कब तक फरार रहा? किस न्यायालय द्वारा कब जमानत दी गई तथा इसकी कब किस पद पर नियुक्ति की गई? क्या नियुक्ति के समय गंभीर अनियमितता हुई? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराकर कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में आरक्षक 318 भारत सिंह की दिनांक 12.11.2012 को पहरा ड्यूटी के दौरान आरोपी अमरीश कंसाना उम्र 30 साल नि. सी.पी. कालोनी मुरार जे.ए.एच. चिकित्सालय ग्वालियर में भर्ती था, जो पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। उस पर जिला ग्वालियर के थाना कम्पू में अपराध क्रमांक- 533/12 धारा 224,225 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान आरोपी आरक्षक 318 भारत सिंह जिला भिण्ड का नाम बढ़ाया गया। दिनांक 20.05.2013 को आरक्षक भारत सिंह को गिरफ्तार किया जाकर प्रकरण में चालान क्रमांक 177/13 दिनांक 30.06.2013 को कता कर सक्षम न्यायालय ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक 8220/13 पर दिनांक 04.09.13 को पेश किया गया, जो न्यायालय में लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में आरक्षक 318 भारत सिंह जिला भिण्ड के विरूद्ध विभागीय जाँच उपरांत एक वेतन वृद्धि 01 वर्ष के लिये असंचयी प्रभाव रोकने के दण्ड से पुलिस अधीक्षक भिण्ड के द्वारा दंडित किया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी बिन्दु ''क'' में समाहित है। (ग) आरक्षक 318 भारत सिंह जिला पुलिस बल भिण्ड में पदस्थ था, जो सेवा में रहते हुए विभागीय अनुमति प्राप्त कर उप निरीक्षक परीक्षा में सम्मिलित हुआ व उप निरीक्षक के पद पर चयनित किया गया। थाना प्रभारी देहात भिण्ड ने दिनांक 08.02.13 को चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में अभ्यार्थी भारत सिंह के विरूद्ध थाना देहात भिण्ड में कोई अपराधिक रिकार्ड न होना लेख किया था। (घ) भारत सिंह जिला भिण्ड के विरूद्ध थाना कम्पू जिला ग्वालियर में अपराध क्रमांक- 533/12 धारा 224,225 भा.द.वि. पंजीबद्ध था। जो दिनांक 12.11.12 से दिनांक 20.05.13 तक प्रकरण में फरार रहा। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में प्रस्तुत याचिका के आदेश दिनांक 14.05.13 के पालन में जमानत मुचलके पर उन्हें रिहा किया गया। भारत सिंह दिनांक 01.06.2013 को उप निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुये हैं। इनकी नियुक्ति से संबंधित जाँच कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भिण्ड
जिले में
गौशालाओं का
संचालन
[पशुपालन]
1. ( क्र. 51 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितनी गौशालाएं कहाँ-कहाँ पर कब-कब से संचालित हैं? यह गौशालाएं किन-किन के द्वारा संचालित की जा रही हैं? संचालककर्ताओं के नाम/पिता का नाम पता सहित/ संस्था का नाम एवं संस्था का जीवित पंजीयक क्रमांक बतावें। (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उक्त गौशालाओं के संचालन हेतु राज्य सरकार व गौसंवर्द्धन बोर्ड के द्वारा कितनी-कितनी राशि का अनुदान स्वीकृत किया गया? प्रत्येक संस्था का वर्षवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में उक्त संचालित गौशालाओं में की जा रही अनियमितताओं के संबंध में किस-किस स्तर पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) भिण्ड जिले में 13 गौशालाएं संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) गौशालाओं के संचालन की जिम्मेदारी गौशाला की संचालन समिति द्वारा की जाती है। गौशालाओं के संचालन हेतु राशि प्रदाय नहीं की जाती है। गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु प्रदाय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) उक्त अवधि में संचालित गौशालाओं में की जा रही अनियमितताओं के संबंध में इस विभाग को कोई शिकायती आवेदन आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुये है।
श्रम पोर्टल में श्रमिकों का पंजीयन
[श्रम]
2. ( क्र. 224 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रम विभाग द्वारा श्रम सेवा पोर्टल के माध्यम से निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु ऑनलाईन व्यवस्था की गई है? (ख) यदि हाँ तो क्या गत 02 माह से जबलपुर में श्रम सेवा पोर्टल के बंद रहने, अत्यधिक धीमी गति से चलने एवं चलते-चलते सर्वर बंद हो जाने के कारण अनेक श्रमिकों के निर्माण श्रमिक कार्ड नहीं बन पाये हैं? (ग) क्या शासन द्वारा ऐसी व्यवस्था की जावेगी जिससे कि पोर्टल के बार-बार बंद होने एवं धीमी गति से चलने की समस्या दूर हो ताकि श्रमिकों के पंजीयन समय पर हो सके? (घ) यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत श्रम सेवा पोर्टल के माध्यम से निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु ऑनलाईन व्यवस्था की गई है। (ख) जी नहीं। इस प्रकार की कोई स्थिति परिलक्षित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रम पोर्टल में संस्थाओं के नाम गलत अंकित होना
[श्रम]
3. ( क्र. 225 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्माण श्रमिकों के पंजीयन में नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत पंजीयन कार्यालय का नाम सी.एम.ओ. नगर निगम अंकित किया जा रहा है? (ख) क्या नगर निगम जोन क्र. 15 सुहागी (जिला जबलपुर) के पंजीकृत प्रमाण पत्रों में वार्ड के नाम के स्थान पर केन्ट वार्ड अंकित होकर दिखाई दे रहा है? (ग) यदि हाँ तो क्या यह त्रुटिपूर्ण दस्तावेज नहीं है? (घ) ये त्रुटियां कब तक दूर की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। निर्माण श्रमिकों के पंजीयन में नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत पंजीयन कार्यालय का नाम सी.एम.ओ. नगर निगम अंकित नहीं किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निजी महाविद्यालयों में फीस निर्धारण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
4. ( क्र. 321 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा निजी महाविदयालयों द्वारा छात्रों से वसूले जाने वाली फीस के निर्धारण के संबंध में कमेटी गठित की गई है? यदि हाँ तो समिति सदस्यों के नाम व योग्यता का विवरण दें। (ख) क्या समिति द्वारा महाविद्यालयों की फीस निर्धारण दी गयी है? यदि हाँ तो क्या मापदंड तय किये गये है। (ग) क्या अधिक फीस वसूल किए जाने की शिकायतें मिली है? यदि हाँ तो विगत 2 वर्ष के दौरान प्राप्त शिकायतों पर जाँच और कार्रवाई का ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
5. ( क्र. 446 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 मार्च 2017 में मुद्रित अता. प्रश्न क्रमांक 158 (6276) में (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है, उत्तर दिया गया था। (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर संकलित हो चुका हो तो बतावें कि समय पर लंबित आवेदनों पर कार्यवाही न करने के लिए कौन-कौन दोषी है? न्यायालय के पक्षकारों की फाइलों को गुमा देने एवं परेशान करने के लिए संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे? बंटवारा, नामांतरण एवं खसरा सुधार बाबत् कितने आवेदनों का निराकरण प्रश्न दिनांक तक करने की कार्यवाही की गई? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) की जानकारी के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 881 दिनांक 22.05.2017 को आयुक्त (राजस्व), रीवा को पत्र लिखा था तथा पत्र में सहपत्र भी अवलोकन हेतु संलग्न थे, परन्तु की गई कार्यवाही आज भी अपेक्षित है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? फाइलों के गुमाने पर आपराधिक दर्ज कराने के साथ प्रश्नांश (क) अनुसार चाही गई जानकारी/कार्यवाहियां कब तक पूर्ण करा देवेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 449 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2012-13 में मिली अनुबंध के अनुच्छेद 3 के अनुसार मिलर्स को 50 प्रतिशत पारस परिख मिल का चावल भारतीय खाद्य निगम को तथा 50 प्रतिशत कम्पनी को भेजने का अनुबंध किया गया? यदि मिलर्स ऐसा करने में असफल रहता है तो 18100 प्रति ढेर की दर से मिलर्स से शास्ति का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या भारतीय खाद्य निगम द्वारा केन्द्रीय पूल प्रचालन के अंतर्गत भेजे गए पारस्परिक मिल चावल को गुणवत्ता में कमी के कारण अस्वीकार कर दिया था, लेकिन कम्पनी ने गुणवत्ता की जाँच किये बगैर चावल को स्वीकार कर लिया एवं न्यूनतम गुणवत्ता के चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जारी कर दुकानों में आम जनता के लिए भेजा गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुबंध की शर्त अनुच्छेद 3 का अनुपालन नहीं करने के कारण मिलर्सों के उनकी सुरक्षा निधि से क्या कटौती की गई? की गई तो किन-किन से विवरण दें? अगर नहीं ली गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में किन-किन मिलर्स को रीवा संभाग में मिलिंग अनुबंध किया गया। विवरण देते हुए बतावें की उनके द्वारा प्रश्नांश (ग) के शर्तों का पालन कर उनसे कितनी राशि की वसूली वर्षवार की? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के शर्तों के पालन में मिलर्स द्वारा गुणवत्तापूर्ण चावल न देने, गुणवत्ता में कमी से पूर्ण चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण कराने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन हैण्डपंप न खनन करने के दोषियों के ऊपर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 450 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कितने हैण्डपंप स्थापित है? उनमें से कितने चालू एवं कितने बंद पड़े हैं? बंद हैण्डपंप किन कारणों से एवं कब से बंद हैं, इनमें से कितने ऐसे हैण्डपंप हैं जो वाटर लेबिल की कमी, धंसने के कारण एवं कितने ऐसे हैण्डपंप ऐसे हैं जिनके पानी पीने योग्य नहीं है, का विवरण जनपदवार व विधानसभावार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के हैण्डपंप वाटर लेबिल नीचे जाने एवं धंसने के कारण बंद पड़े है, उनमें से कितने ऐसे है जिनका खनन विभाग द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से कराया गया, कितने ऐसे हैं जो मैकेनीकल खण्ड (विभाग) द्वारा कराये गए का विवरण पृथक-पृथक देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिनका खनन मैकेनीकल खण्ड द्वारा कराया गया उन नलकूपों की गहराई खुदाई के समय क्या थी उनमें कितने फिट क्रेशिंग एवं कितने राइजर पाईप लगाये गए थे का विवरण देवें? विभाग द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से कराये गये हैण्डपंपों की भी जानकारी उपरोक्तानुसार ही देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के सूखे, धंसे एवं पीने योग्य पानी न होने के कारण बंद पड़े हैण्डपंपों के स्थान पर नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित करने बाबत् क्या कार्यवाही की गई? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? इस हेतु राज्य शासन एवं प्रशासन स्तर से कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई अगर कार्यवाही नहीं की गई तो कौन दोषी है, दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 28557 हैण्डपंप। 27945 चालू तथा 612 हैण्डपंप बंद हैं। साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों का सुधार कार्य सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत् किया जाता है। साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को कम से कम 3 एवं अधिकतम 7 दिवस के अंदर सुधार दिया जाता है। धंसने के कारण असुधार योग्य हैण्डपंप विगत 1 से 2 वर्ष से बंद है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश-'ख' के संदर्भ में धंसने के कारण बंद हैण्डपंपों में मैकेनिकल खण्ड एवं सिविल खण्ड द्वारा खनित नलकूपों की गहराई औसतन 75 मीटर थी। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र - 3 के अनुसार है। (घ) आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में निर्धारित मापदण्ड (55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन) के मान से पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापित किये जाते हैं। सूखे, धंसे एवं पीने योग्य पानी नहीं होने वाले हैण्डपंपों के स्थान पर नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमांकन/नामांकन/बंटवारा/इन्द्राज
[राजस्व]
8. ( क्र. 502 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र में विगत पाँच वर्षों में कितने प्रकरण बंटवारा नामांतरण एवं सीमांकन व विवादित आवेदन पत्र प्राप्त हुए, कितने प्रकरणों का निराकरण हो चुका है? प्रश्न दिनांक तक कितने लंबित है, लंबित होने के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरणों का निराकरण ग्राम सभाओं के माध्यम से हुआ कितने प्रकरण तहसील/अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालयों से हुए? पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या शासन की मंशानुरूप प्रश्नांश (क) के प्रकरण ग्राम पंचायत से निराकरण हेतु आदेश हुए है? यदि हाँ, तो आदेश के परिपालन में ग्राम पंचायत के माध्यम से कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? यदि नहीं, तो आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) क्या शासन स्तर से दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्डपम्पों में पाइपों को बढ़ाए जाने एवं जल आवर्धन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( क्र. 543 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र जतारा के खराब पड़े हैण्डपम्पों में पाइपों को बढ़ाया जाएगा जिससे पेयजल की समस्या से जनता को राहत मिल सके? (ख) पेयजल की समस्या से जूझ रहे ग्रामों में खराब पड़े हैण्डपम्प में पाइप बढ़ाये विभाग द्वारा असमर्थता व्यक्त कर यह कहा जाता है कि पाइपों की कमी है। यदि हाँ, तो क्या पाइपों की कमी को पूरा कर ग्राम-रतनगुवां, पूनौलहार, बम्हौरीखास, उपरारानीगंज, तिगैला, मैदवारा, खरो, महेवा चक्र 1, महेवा चक्र 2, नुना, फिटकौरा, टीलानरैनी, रतवास, इरायली, मबई, बराना (थर), कुड़याला अजोखर, परा आदि ग्रामों के हैण्डपम्पों को ठीक कराया जाएगा? (ग) क्या मुख्यमंत्री जल आवर्धन (पेयजल) योजना में पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामों-चंदेरा, मैदवारा, खरो, लिधौराताल, बम्हौरीखास, परा, बम्होरी कला, टोरिया, कदवां, जरूवा, सिमराखुर्द, सतगुवां, वैरवार आदि ग्रामों को जोड़ा जाएगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। हैण्डपंपों में आवश्यकतानुसार हैंडपंप संधारण की सतत् प्रक्रिया के तहत राईजर पाईप बढ़ाये एवं बदले जाते हैं। (ख) विभाग में पाईपों की कमी नहीं है। प्रश्नांश में वर्णित ग्रामों के हैण्डपंपों में समय-समय पर खराब हुये हैण्डपंपों में आवश्यकतानुसार संधारण एवं पाईपों को बदला गया था। संधारण एवं आवश्यक सुधार कार्य विभाग द्वारा हैंडपंप संधारण की सतत प्रक्रिया के अंतर्गत निरंतर कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं। ये कार्य मुख्यमंत्री पेयजल योजना में न लिए जाकर मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजना में पात्रतानुसार विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजना के अंतर्गत प्रश्नांश में वर्णित ग्रामों में से प्रथम चरण में ग्राम मैदवारा, खरो, टौरिया, जरूवा, सिमरा खुर्द एवं सतगुंवा को स्त्रोत विकसित करने हेतु चिन्हांकित किया गया है।
केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
10. ( क्र. 894 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) शाजापुर जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस योजना में स्वीकृत की गई? कितना व्यय किया गया? योजना एवं मांग संख्यावार विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) जिले एवं अवधि में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में कितने एवं कहाँ-कहाँ के आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्गों के हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का क्या-क्या लाभ दिया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो के अ, ब, स एवं द अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन के अ, ब, स एवं द अनुसार है।
मत्स्य विक्रय हेतु हाट बाजारों में मत्स्य शेडो का निर्माण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
11. ( क्र. 895 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3902 दिनांक 20/3/2017 के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार क्या शाजापुर विधान क्षेत्र की बड़ी पंचायतों में साप्ताहिक बाजारों में क्रय किया जाल मत्स्य व्यापार के लिये वित्तीय वर्ष 2017-18 में मत्स्य शेडो का निर्माण प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जनपद पंचायत शाजापुर द्वारा प्रस्तावित ग्राम पंचायतों में मछुआ समाज के व्यापार के लिए स्थाई शेड बनाने हेतु राशि स्वीकृत है? (ग) यदि हाँ, तो कब मत्स्य शेडो का निर्माण शाजापुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जनपद पंचायत शाजापुर द्वारा ग्राम पंचायत 1 कालीसिन्ध 2 सुन्दरसी 3 पनवाडी, में मत्स्य बाजार शेड निर्माण प्रस्तावित है, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से राशि स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से राशि प्राप्त होने के उपरांत ही मत्स्य बाजार शेड निर्माण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
व्यापम/प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की परीक्षाएं
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
12. ( क्र. 1016 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2016 तक व्यापम/प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा कब-कब कौन-कौन परीक्षाओं के लिए कितने-कितने आनलाईन आवेदन लिये गये एवं इन आवेदनों संबंधी परीक्षा कब-कब ली गई तथा इनके परिणाम कब-कब घोषित किये गये। परीक्षा का नाम, विभाग, आवेदन संख्या, परीक्षा दिनांक, परिणाम दिनांक सहित सूची देवें। (ख) उक्त परीक्षाओं हेतु प्राप्त आवेदन पर कुल कितनी फीस बोर्ड को प्राप्त हुई एवं परीक्षा कराने में कुल कितना किस-किस मद में खर्च हुआ? परीक्षावार, आवेदन की संख्यावार, मदवार सूची देवें। (ग) वर्तमान में प्रोफेशनल एग्जामीनेशन बोर्ड भोपाल के पास बैंकों में कुल कितनी राशि किन-किन खातों/एफ.डी. आदि में जमा है? खातावार, एफ.डी.वार, बैंकवार, सूची देवें। यदि बोर्ड के पास अधिक मात्रा में धनराशि जमा है तो क्या बोर्ड बेरोजगारों से कमाई का साधन न बनकर परीक्षा आवेदनों की फीस कम कर सकता है? (घ) विगत 5 वर्षों में कितनी बार ऐसा हुआ है कि आवेदन पत्र लेने के बाद परीक्षाएं निरस्त/ स्थगित हुई, या परीक्षा लेने के बाद रिजल्ट की दिनांक निरस्त/आगे बढाई गई? परीक्षावार कारण सहित सूची देवें। यदि ऐसा हुआ है तो आवेदनकर्ताओं के लिए क्या योजना बनाई गई।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। अपरिहार्य स्थिति में परीक्षा निरस्त होने पर संबंधित को अवगत कराया जा रहा है।
कॉलोनी विकास हेतु अनुज्ञा
[राजस्व]
13. ( क्र. 1024 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभागीय कार्यालय खरगोन द्वारा विगत 5 वर्षों में ट्यूबवेल खनन हेतु अनुमति पत्र कितने आवेदकों को प्रदान किये गये है। सूची देवें। (ख) राजस्व विभाग कार्यालय खरगोन द्वारा विगत 5 वर्षों में प्रारूप-5, कॉलोनी विकास हेतु अनुज्ञा पत्र कितने व्यक्ति/समूह/संस्था को जारी किया गया। सूची देवें। (ग) उपरोक्त कालोनी विकास हेतु अनुज्ञा में शर्त बिंदु-आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्न आय समूहों के लिए भूखण्ड/भवन को प्राथमिकता संबंधी निरीक्षण कब-कब किस अधिकारी द्वारा किया गया? यदि निरीक्षण नहीं किया गया है तो इस शर्त की पूर्ति हो रही है या नहीं इसकी जवाबदारी किस विभाग/किस अधिकारी की है? वर्तमान में सभी कॉलोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्न आय समूहों के लिए भुखण्ड/भवन की स्थिति क्या है, कालोनी वार बतायें। (घ) विगत 5 वर्षों में किन-किन कॉलोनी विकास हेतु अनुज्ञा आदेश को कब-कब किन कारणों से रद्द किया गया। सूची देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभागीय कार्यालय खरगोन द्वारा विगत 05 वर्षों में कुल 315 ट्यूबवेल खनन की अनुमति जारी की गई है। अनुविभागवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) राजस्व विभागीय कार्यालय खरगोन द्वारा विगत 05 वर्षों में कुल 64 आवासीय कॉलोनियों हेतु विकास अनुमति जारी की गई है। अनुभागवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश के ज्ञाप क्रमांक/प.रा./पंचा.320/2014/60, भोपाल दिनांक 03.01.2015 की कंडिका 5 अनुसार जो कोई कॉलोनाईजर इस नियमों में उपबंधित अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय समूहों के लिए भू-खण्ड या निर्मित आवास नहीं उपलब्ध कराना चाहता है, तो उसे निर्धारित मापदण्ड अनुसार आश्रय शुल्क संबंधित जिला पंचायत में जमा करवाने की सुविधा प्रदान की गई है। आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्न आय समूहों के लिए भू-खण्ड/भवन को प्राथमिकता संबंधी कार्यवाही सक्षम प्राधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। कॉलोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्न आय समूहों के लिए भूखण्ड/भवन की स्थिति नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास अनुसार दर्शाये अनुपात में पात्र व्यक्तियों को प्रदाय किये जाते है। प्रश्नांश (ख) अनुसार कालोनी के संबंध में स्थानीय निकायों से प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से कमजोर तथा निम्न आय समूहों के लिए आरक्षित भूखण्डों के अन्तरण के संबंध में अनुमति जारी नहीं की गई है। (घ) राजस्व विभाग कार्यालय खरगोन द्वारा कॉलोनी विकास हेतु जारी अनुज्ञा में से विगत 05 वर्षों में कोई अनुज्ञा निरस्त नहीं की गई है।
अनूपपुर जिला अन्तर्गत बालकों के प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
14. ( क्र. 1149 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अन्तर्गत कुल कितने तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास की संस्थाएं संचालित हैं? प्रत्येक संस्था में कितने प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाते हैं? (ख) संचालित संस्था में अनूपपुर जिले के कुल कितने बालकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा कितने लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं? नाम, पिता का नाम, जाति सहित जानकारी प्रदान करें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जिला अनूपपुर के अन्तर्गत कुल 05 शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, बेनीवारी एवं बदरा संचालित है। इन संस्थाओं में राष्ट्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद्/राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद् की मान्यता के एक एवं दो वर्षीय ट्रेड में प्रशिक्षण निम्नानुसार संचालित किये जा रहे है:-
क्रं. |
संस्था का नाम |
स्थापना का वर्ष |
संचालित ट्रेड का नाम |
1. |
अनूपपुर |
1991 |
वेल्डर, स्टेनोग्राफी हिन्दी, कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, विद्युतकार, फिटर, मोटर मैकेनिक मशीनिष्ट, टर्नर |
2. |
जैतहरी |
2000 |
विद्युतकार, फिटर, वेल्डर, कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट |
3. |
कोतमा |
2000 |
विद्युतकार, फिटर, वेल्डर, कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट |
4. |
बेनीवारी |
2000 |
विद्युतकार, फिटर, वेल्डर, कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट |
5. |
बदरा |
2017 |
प्लंबर |
(ख) अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, बेनीवारी
में
प्रशिक्षणरत्
प्रशिक्षणार्थियों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। आई.टी.आई., बदरा
सत्र अगस्त, 2017
में प्रारंभ
की गई है।
जिसमें
प्रवेश की
कार्यवाही
जारी है।
कार्यालय अनुविभागीय (राजस्व) पिपरिया जिला होशंगाबाद की अधिसूचना
[राजस्व]
15. ( क्र. 1330 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन 1981 में अनुविभाग (राजस्व) पिपरिया जिला होशंगाबाद में संचालित किया गया था? (ख) क्या ये अनुविभाग शासन द्वारा अधिसूचित (नोटिफाईड) नहीं किया गया है न ही कार्यालय के संचालन हेतु निर्धारित अमला स्वीकृत किया गया है? (ग) क्या यह सही हैं कि कार्यालय का कार्य संचालित करने हेतु विभिन्न विभाग के लिपकीय संवर्ग एवं अन्य तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रीडिप्लायमेंट/संलग्नीकरण कर रखे गये हैं यदि हाँ तो जानकारी दें? (घ) क्या यह सभी कर्मचारी जो रीडिप्लायमेंट के अन्तर्गत रखे गये हैं सभी शर्तें पूर्ण करते हैं क्या यह सभी कर्मचारी उस केडर के हैं जो कार्य इनसे सम्पादित कराया जा रहा है क्या यह उसकी वांछित योग्यता रखते हैं? (ङ) कंडिका (क), (ख) एवं (ग) यदि सही है तो अनुविभाग कार्यालय को कब तक अधिसूचित कर दिया जावेगा एवं वांछित अमले की प्रतिपूर्ति की जावेगी एवं जो रीडिप्लायमेंट एवं शासन के अन्य आदेश पर संलग्न है इनका रीडीप्लांयमेंट कब तक समाप्त कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। निम्नानुसार रीडीप्लायमेंट/संलग्नीकरण प्रक्रिया के तहत कार्यादेश जारी है। (1) श्री जी.डी.सोनी, सहायक ग्रेड-2, जनपद कार्यालय, (2) श्री प्रीतमसिंह, सहायक ग्रेड-3, नगर पालिका पिपरिया, (3) श्री नरेन्द्र र्श्मा, भृत्य, नलकूप विभाग (घ) सभी कर्मचारी पदीय सव्यवहार हेतु वांछित योग्यता रखते है। (ड.) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि भिन्न आशय की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
16. ( क्र. 1417 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 व 2016-17 के दौरान प्रश्न दिनांक तक कृषि भिन्न आशय की भूमि आदिवासी से गैर आदिवासी को विक्रय करने में कलेक्टर सीहोर द्वारा धारा 165 के अंतर्गत कितने लोगों को अनुमति प्रदान की है? वर्षवार, तहसीलवार, प्रकरणवार ब्यौरा दें। (ख) क्या कलेक्टर से निम्न श्रेणी के अधिकारी को विक्रय की अनुमति का अधिकार है? यदि हाँ तो तहसीलदार व एस.डी.एम. द्वारा दी गई अनुमति का प्रश्नांश (क) अनुसार ब्यौरा दें। (ग) क्या सीहोर तहसील अंतर्गत शासकीय भूमि का अन्य प्रयोजन के लिए आरक्षित किया गया है? यदि हाँ तो वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आरक्षित/आवंटित भूमि का ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कोई प्रकरण लंबित है? यदि हाँ तो ब्यौरा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में किसी को विक्रय अनुमति नहीं दी गई है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
चलित प्रदूषण जाँच केन्द्रों की अनुमति
[परिवहन]
17. ( क्र. 1418 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वाहनों में प्रदूषण स्तर जाँचने के लिए चलित जाँच केन्द्रों को अनुमति प्रदान की है? यदि हाँ तो किन नियम के तहत? (ख) भोपाल संभाग में कुल कितने चलित जाँच वाहन संचालित है? जिलावार ब्यौरा दें। (1) किन वाहनों में जाँच केन्द्र संचालित हैं? वाहनों के नाम, मालिक, पंजीयन दिनांक व प्रदूषण मानक स्तर प्रमाण पत्र का ब्यौरा दें। (ग) क्या विभिन्न वाहनों के प्रदूषण मानक स्तर जाँचने की फीस विभाग द्वारा नियत की है? यदि हाँ तो वाहनवार ब्यारा दें। यदि नहीं, तो वसूल की जा रही राशि का क्या मापदण्ड है? (घ) प्रश्न दिनांक से 3 वर्ष के दौरान अतिप्रदूषण फैलाने वाले कितने वाहनों का पंजीयन निरस्त किया गया? जिलावार ब्यारा दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-15-2015-आठ दिनांक 26.09.2015 में दिये गये निहित प्रावधानों के अन्तर्गत वाहनों में प्रदूषण स्तर जाँचने के लिये चलित जाँच केन्द्रों की अनुमति प्रदान की गई है। (ख) भोपाल संभाग अंतर्गत निम्नानुसार 29 चलित जाँच केन्द्र वाहनों पर संचालित है:-
स.क्र. |
कार्यालय का नाम |
संख्या |
1 |
भोपाल |
25 |
2 |
विदिशा |
01 |
3 |
रायसेन |
01 |
4 |
राजगढ |
निरंक |
5 |
सीहोर |
02 |
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-15-2015-आठ दिनांक 26.09.2015 के द्वारा प्रदूषण मानक स्तर जाँचने की फीस निर्धारित की गई है जो निम्नानुसार है :-
1. दो पहिया यान हेतु - रूपये 100/- 2. तीन पहिया यान हेतु – रूपये 150/- 3. चार पहिया हल्के मोटरयान हेतु – रूपये 250/- 4. मध्यम मोटयान हेतु – रूपये 300/- 5. भारी मोटरयान हेतु – रूपये 500/- (घ) जानकारी निरंक है।
AICTE एवं PCI के मापदण्डों के अनुसार कार्यवाही
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
18. ( क्र. 1436 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल, फार्माकेमिस्ट्री एवं क्वालिटी इंश्योरेंस आदि विभागों में AICTE एवं फार्मेसी काउन्सिल ऑफ इण्डिया द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किस-किस स्तर के कितने-कितने फैकल्टीज (शिक्षक) होना अनिवार्य हैं? (ख) क्या उक्त विभागों में उपरोक्त मापदण्ड अनुसार फैकल्टीज कार्यरत हैं? यदि हाँ तो संबंधित फैकल्टीज का नाम, पदस्थापना दिनांक एवं योग्यता बतावें? (ग) क्या AICTE एवं PCI के निरीक्षण दल को गुमराह करने हेतु विज्ञापन जारी कर कागजी खानापूर्ति की जा रही है? दिनांक 15.05.2017 को आयोजित वाक इन इंटरव्यू में किन-किन फैकल्टीज का चयन किया जाकर नियुक्ति प्रदान कर दी गई हैं? (घ) उपरोक्त इन्टरव्यू अनुसार चयनित उम्मीदवारों की प्रश्न दिनांक तक नियुक्ति क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? नियुक्ति कब तक कर ली जाएगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
19. ( क्र. 1440 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के विधान सभा क्षेत्र चितरंगी के अन्तर्गत ग्राम झोखो, रेही, कर्थुआ, भर्रा, कसर, नौडिया, गोरबी व अन्य जो फोरलेन सड़क से किसान प्रभावित हुए हैं, उन सभी कृषकों के भू-अर्जन करा दिये गये हैं? यदि हाँ तो विवरण दें। (ख) क्या उन सभी प्रभावित कृषकों की मुआवजा राशि वितरण कर दी गयी? यदि हाँ तो कृषकवार संख्यात्मक विवरण दें? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कई बार भर्रा, कसर के किसानों की मुआवजा राशि वितरण कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ तो क्या मुआवजा राशि वितरण करा दी गई? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? कब तक में मुआवजा राशि वितरण करा दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र 79-चितरंगी के क्षेत्रान्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग (एन.एच.-75) फोरलेन हेतु वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2015-16 कुल 14 ग्राम झोखों, रेही, कर्थुआ, भर्रा, बस्ताली आबाद, बस्ताली बीरान, उसका, रामगढ कसर, महदेइया, नौढिया, गोरबी, कठास, चुरकी के 885 कृषक प्रभावित हुए है। उन सभी कृषकों की भूमि का भू-अर्जन किया गया है। (ख) सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र 79-चितरंगी के क्षेत्रान्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग (एन. एच.-७५) फोरलेन हेतु प्रभावित कृषक 886 में 744 कृषकों को मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है। मुआवजा राशि वितरण हेतु शेष 141 कृषकों में से 46 कृषकों मध्यप्रदेश संभागीय सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा मार्ग परिवर्तन किए जाने के कारण मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया गया है। 46 कृषकों के द्वारा कमिश्नर न्यायालय में अपील दायर की गई है। 49 कृषकों में पारिवारिक आपसी विवाद होने से मुआवजा राशि वितरण कराने में कठिनाई आ रही है। (ग) सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र 79- चितरंगी के क्षेत्रान्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग (एन.एच-.75) फोरलेन के मुआवजा वितरण हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा निर्देश दिए गए थे। जिसमें से ग्राम भर्रा में कुल प्रभावित 64 कृषकों में 57 कृषकों को मुआवजा राशि का वितरण करा दिया गया है। शेष 07 कृषकों में से पारिवारिक विवाद होने से मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया गया। ग्राम कसर में कुल 146 कृषक प्रभावित हुए हैं जिसमें 130 कृषकों को मुआवजा राशि वितरण कर दिया गया है। शेष 16 प्रभावित कृषकों में 07 प्रकरणों में मध्यप्रदेश संभागीय सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा मार्ग परिवर्तन होने के कारण मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया जा रहा है एवं 09 कृषकों में पारिवारिक विवाद होने से मुआवजा राशि वितरण करने में कठिनाई है। प्रभावित कृषकों को समझाकर शीघ्र वितरण की कार्यवाही प्रचलित है विवादित होने के कारण मुआवजा राशि वितरण न होने का मुख्य कारण है। इस संबंध में कोई जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रभावित कृषकों को सतत रूप से वितरण की कार्यवाही की जा रही है।
अशोकनगर जिले में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
20. ( क्र. 1540 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2016 के अता. प्रश्न क्रमांक 6598 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में बताए कि अशोकनगर जिले में बाबूलाल यादव के शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत पर जन प्रकरणों में न्यायालय द्वारा स्थगन है या राजस्व विभाग में प्रकरण लम्बित हैं? (ख) प्रत्येक प्रकरण की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए बताए कि न्यायालय के स्थगन को वैकेंट करने या न्यायालय में शासन का पक्ष रखने हेतु क्या कार्यवाही की गई है व कौन-कौन वकील इस हेतु शासन की पैरवी कर रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चौराहों पर ट्राफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों के ई-चालान बनाए जाना
[गृह]
21. ( क्र. 1587 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहरी क्षेत्र में सी.सी. टी.वी. कैमरों के माध्यम से चैराहों पर ट्राफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों के ई-चालान बनाए जाते हैं? यदि हाँ तो किस मोटर व्हीकल एक्ट के तहत यह कार्यवाही की जाती है, स्पष्ट करे व गजट नोटीफिकेशन की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार की जाने वाली कार्यवाही यदि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नहीं की जाती तो किस आधार पर ई-चालान की कार्यवाही की जा रही है, स्पष्ट करें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। आर.एल.वी.डी.-ए.एन.पी.आर. सिस्टम के माध्यम से ई-नोटिस बनाये जा रहे हैं एवं ई-नोटिस की कार्यवाही मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 119/177, 129/177, 128/177, 15/177 के तहत की जा रही है। यह कार्यवाही राजपत्र क्रमांक 100 दिनांक 30.03.2016 के आधार पर ''मध्यप्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2015'' के तहत बिन्दु क्रमांक 6.2.3.3 के परिपालन में की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई जलाशयों में मछली पालन का कार्य
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
22. ( क्र. 1602 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से लागू भूमि अर्जन अधिनियम 2013 में सिंचाई जलाशयों में मछली पालन का कार्य दिए जाने के संबंध में क्या प्रावधान किए गए है? जलाशयों की डूब से प्रभावितों की मछली पालन समिति बनाकर उन्हे कार्य दिये जाने के संबंध में अधिनियम में क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? (ख) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक सिंचाई जलाशयों के लिए कितनी डूब प्रभावितों की समिति बनाई जाकर उन्हे मछली पालन का कार्य दिया गया? कितने प्रकरण लंबित हैं, जिलेवार बतावें? (ग) मछली पालन का कार्य डूब प्रभावितों को दिए जाने के लिए जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत द्वारा सहमत नहीं होने पर डूब प्रभावितों के पक्ष में निर्णय लिए जाने का अधिकार किसे दिया गया है। (घ) जनवरी 2014 से पहले विभाग की क्या नीति रही है? उस नीति से जनवरी 2014 के बाद अधिनियम 2013 के अनुसार क्या-क्या परिवर्तन किया गया है।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) भूमि अर्जन पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 की दूसरी अनुसूची के बिन्दु क्रमांक 9 में उल्लेख है कि मछली पकड़ने का अधिकार "सिंचाई या जल विद्युत परियोजना के मामलों में प्रभावित कुटुम्बों को जलाशय में मछली पकड़ने के अधिकारी की अनुज्ञा ऐसी रीति में दी जा सकेगी जो समुचित सरकार द्वारा विहित की जाए" जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अवधि में सिंचाई जलाशयों के लिये डूब प्रभावितों की जानकारी जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायतों/जनपद पंचायतों के संबंध में कलेक्टर/अतिरिक्त कलेक्टर को तथा जिला पंचायतों के संबंध में आयुक्त/अपर आयुक्त को अधिकार दिए गए है। (घ) जनवरी 2014 के पूर्व मध्यप्रदेश मत्स्य पालन नीति 2008 के भाग-दो नीति एवं निर्देश मछुआ सहकारी समितियों के संबंध में बिन्दु क्रमांक २ की कंडिका 2.3 सिंचाई परियोजना पर विस्थापित/प्रभावित मछुआरों की समितियों का गठन-सिंचाई परियोजना के निर्माण के साथ ही उससे विस्थापित एवं प्रभावित होने वाले वंशानुगत मछुआ जाति को मत्स्य पालन/ मत्स्य विकास में सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है। अधिनियम अनुसार परिवर्तन किया जावेगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
अपराधियों की कॉल डिटेल एवं रिकार्ड
[गृह]
23. ( क्र. 1751 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साईबर सेल से अपराधियों की कॉल डिटेल रिकार्ड के लेपटॉप व एनालाईजर मोबाईल कैसे व क्यों चोरी हुआ। इस संबंध में थाना केंट में दर्ज अपराध क्रमांक 632/15 में आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उससे लेपटॉप की हार्ड डिस्क एवं कॉल डिटेल रिकार्ड गायब करने के संबंध में पूछताछ क्यों नहीं की गई? (ख) क्या सायबर एक्सपर्ट की मदद से हार्ड डिस्क और कॉल डिटेल रिकार्ड का बेकअप लेकर सी.डी.आर. में दर्ज विवरण के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? की जावेगी तो कब तक, यदि नहीं, की जाएगी तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध का पता लगाने के लिये आरोपियों के मोबाईल की सी.डी.आर. में आरोपियों की जिन पुलिस अधिकारियों से बात हुई, उनके नाम बताऐं।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 30.11.15 की रात्रि जिला गुना के पुलिस साईबर सेल के कक्ष के पीछे की खिड़की की ग्रिल तोड़कर चोरी हुई थी, जिस पर थाना केन्ट जिला गुना में अप.क्र. 632/15 धारा 457, 380 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना में आरोपी गुलसन पुत्र पांचेलाल पारदी को गिरफ्तार कर आरोपी से पूछताछ कर लैपटॉप, लैपटॉप चार्जर एवं मोबाईल जप्त किये गये हैं। (ख) लैपटॉप की हार्ड डिस्क गायब होना नहीं पाया गया। लैपटॉप के डाटा का बैकअप सायबर सेल के मुख्य कम्प्यूटर पर उपलब्ध था। (ग) आरोपी के पास से उसका कोई मोबाईल जप्त न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.आई.टी. गठन के संबंध में
[गृह]
24. ( क्र. 1752 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तर पर क्राइम स्कवार्ड या एस.आई.टी. के गठन के संबंध में मंत्रालय या पुलिस महानिदेशक के क्या नियम-निर्देश हैं? (ख) गुना जिले में पुलिस अधीक्षक द्वारा एस.आई.टी. का गठन शासन के किस आदेश से किया है, क्या जिले में स्थित थानों की पुलिस, बिना एस.आई.टी. के कार्य करने में असमर्थ हैं? (ग) गुना जिले में एस.आई.टी. द्वारा अब तक क्या विशेष कार्यवाही की गई, क्या एस.आई.टी. जैसी व्यवस्था पुलिस के थाना स्तर के अधिकारियों पर दबाब बनाने का उपक्रम नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार शासन के कोई नियम ना होते हुए प्रश्नांश (ख) में वर्णित एस.आई.टी. कब भंग की जाएगी, यदि नहीं, तो क्यों? एस.आई.टी. के नाम पर पदस्थ पुलिसकर्मियों की अलग-अलग पदस्थापना कब की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस मुख्यालय के परिपत्र क्रमांक-अअवि/अनु/विधि-1/ विविध/184/2014/827/14 दिनांक 25.10.2014 द्वारा समस्त जिलों में संचालित क्राईम स्क्वाड को समाप्त करने हेतु तथा किसी प्रकरण विशेष में आवश्यकता अनुसार एस.आई.टी. गठित करने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। (ख) गुना जिले में पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक/अअवि/अनु/ग्वा.रेंज/एस.आर.सेल/2808 ई/16 दिनांक 27.05.16 के पालन में जिले में लंबित अनसुलझे हत्या के जघन्य अपराधों की पतासाजी हेतु एस.आई.टी. का गठन किया गया था। यह सही नहीं है कि जिले में स्थित थानों की पुलिस बिना एस.आई.टी. के कार्य करने में असमर्थ है। (ग) गुना जिले में एस.आई.टी. द्वारा थाना केंट के अपराध क्र. 345/14 धारा 302, 201 भा.द.वि. एवं थाना कोतवाली गुना के अपराध क्रं 518/14 धारा 302, 436 भा.द.वि. के हत्या के अनसुलझे प्रकरणों में पतासाजी की गई है। यह सही नहीं है कि एस.आई.टी. जैसी व्यवस्था पुलिस के थाना स्तर के अधिकारियों पर दबाव बनाने का उपक्रम है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पुलिस मुख्यालय के आदेश पालन में एक माह की अवधि के लिये पुलिस अधीक्षक गुना द्वारा एस.आई.टी. का गठन किया गया था। एक माह की अवधि पूर्ण होने पर गठित एस.आई.टी. समाप्त हो गई थी।
ट्रस्ट की भूमि के संदर्भ में
[राजस्व]
25. ( क्र. 1764 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पूर्व प्रश्न क्रमांक 340 दिनांक 28.02.17, प्रश्न क्रमांक 1118 दिनांक 25.02.16 के संबंध में प्रीमियर आइल मिल जावरा की भूमि के प्रकरण में जिलाधीश रतलाम ने क्या कार्यवाही की है तथा न्यायालय में जो प्रकरण चल रहा है उसकी क्या प्रगति हुई तथा कब तक यहाँ बस स्टैण्ड के विस्तार एवं बगीचे व माल की योजना बन जाएगी। (ख) मेरे पूर्व प्रश्न संख्या 30 ( क्रमांक 708) दिनांक 23.11.13, ध्यानाकर्षण दिनांक 14.03.11 एवं विधानसभा की कार्यवाही दिनांक 06.12.12 के संबंध में सीताराम बाग जावरा में ट्रस्ट की भूमि के बारे में आयुक्त उज्जैन संभाग व आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को प्रश्नकर्ता ने पिछले वर्षां में जो पत्र लिखे उनका विवरण देते हुए बताएं कि एस.डी.ओ. व राजस्व विभाग के लोगों पर कार्यवाही की जो सिफारिश की थी, उसको किन बिन्दुओं पर कार्यवाही हो गई व किन पर क्यों नहीं हुई व कब तक हो जाएगी। विधायक, सांसद फण्ड से सीताराम बाग जावरा में बने भवन के दोषी कर्मचारी कौन हैं व उन पर क्या कार्यवाही हुई तथा उक्त भवन कब शासन अपने कब्जे में लेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरगोन
[राजस्व]
26. ( क्र. 1772 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से 2012 तक अधीक्षक, भू-अभिलेख परिवर्तित भूमि, खरगोन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरगोन को कृषि भूमि व्यपवर्तन हेतु प्रेषित विभागीय अभिमत/प्रतिवेदन की प्रति देवे। (ख) वर्ष 2011 से 2012 तक उपपंजीयक स्टाम्प खरगोन एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरगोन के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें। (ग) वरिष्ठ उप-पंजीयक खरगोन का पत्र क्रमांक 173/खरगोन दिनांक 31/12/2014 की प्रति देवें। (घ) अध्यक्ष, प्रो.पी.सी.महाजन फाउण्डेशन खरगोन द्वारा देय दिनांक 30/4/2013 के आवेदन की प्रति संलग्न समस्त दस्तावेजों सहित देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2011 से 2012 तक अधीक्षक भू-अभिलेख परिवर्तित भूमि खरगोन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खरगोन को कृषि भूमि व्यपवर्तन हेतु प्रेषित विभागीय अभिमत/प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) वर्ष 2011-2012 तक उप पंजीयक स्टाम्प खरगोन एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खरगोन के मध्य हुए पत्राचार की कोई प्रति कार्यालयीन अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार।
कृषि भूमि के व्यपवर्तन हेतु आवेदन
[राजस्व]
27. ( क्र. 1773 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरगोन को प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/मेल जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए? इन पत्र/मेल पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पत्रवार कारण सहित बतायें। (ख) भगवानपुरा विधानसभा सीमा क्षेत्र में आवासीय प्रयोजन हेतु कृषि भूमि के व्यपवर्तन हेतु कितने आवेदन विगत वर्ष 2010 से 2013 तक में प्राप्त हुए तथा किन-किन प्रकरण में कृषि भूमि का व्यपवर्तन किया गया? आवेदनकर्ता के नाम, भूमि का पता सहित सूची देवें। (ग) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरगोन के पत्र क्रमांक/1214 री.-1/11,,खरगोन दिनांक 21/04/2011 में उल्लेखित आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र में लिखित बिंदुओं की जाँच किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कब की गई? क्या इन बिंदुओं में से प्रथम बिंदु में असत्य लिखा गया है की इस भूमि के आसपास कोई शासकीय भूमि या सार्वजनिक भूमि नहीं हैं, जबकि इस भूमि से लगी हुई शासकीय भूमि खसरे क्रमांक 62 एवं 57 मुख्य है तथा 60, 61, 39, 61, 59, 63, 65, 68, 73, 75 पास के खसरे हैं? क्या आवेदन के बिंदुओं की जाँच आवश्यक नहीं होती है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खरगोन को मान. विधायक के कुल 03 पत्र/मेल जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ) खरगोन द्वारा पत्र दिनांक 21.04.2011 के माध्यम से म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 (1) के प्रावधानों के अनुरूप जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु तहसीलदार गोगवां, अधीक्षक परिवर्तित भूमि खरगोन, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग खरगोन, उप संचालक नगर एवं ग्राम निवेश खरगोन ग्राम पंचायत राजपुरा को जाँच हेतु निर्देशित किया गया। आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन के प्रथम बिन्दु की जाँच की आवश्यकता व्यपवर्तन नियमों में नहीं है। व्यपवर्तन नियमों के अनुसार आवेदन के समस्त बिन्दुओं की जाँच आवश्यक नहीं होती है।
अनुज्ञप्ति प्राप्तकर्ता संस्थान
[श्रम]
28. ( क्र. 1778 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में संविदा श्रम (विनियमन एवं समाप्ति) अधिनियम 1970 के प्रावधानानुसार अनुज्ञप्ति प्राप्तकर्ता संस्थानों की सूची देवें। जिन संस्थानों/एजेंसी द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्त नहीं कि गई है, उन पर की गई कार्यवाही/नोटिस की सूची संस्थानवार नोटिस दिनांक सहित देवें। (ख) श्रम कानुनों के अंतर्गत प्रावधानित सुविधाएं प्राप्त हों, इस हेतु श्रम विभाग खरगोन द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब किन-किन स्थानों पर निरीक्षण किये गये, स्थानवार सूची देवें। इन निरिक्षणों में किस-किस स्थान पर श्रम कानून का उल्लंघन पाया जाकर नियोजकों के विरूद्ध की गई? कार्यवाही की जानकारी नियोजकवार देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में संविदा श्रम (विनियमन एवं समाप्ति) अधिनियम 1970 के प्रावधानानुसार अनुज्ञप्ति प्राप्त संस्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिन संस्थानों/एजेंसी द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्त नहीं की गई है, उन पर की गई कार्यवाही/नोटिस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) श्रम पदाधिकारी कार्यालय खरगोन द्वारा जिले में 3 वर्षों में किये गए निरीक्षणों एवं उल्लंघनकर्ता नियोजकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है तथा औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संचालनालय द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
थाना परिसरों में एकत्र वाहनों का निष्पादन
[गृह]
29. ( क्र. 1793 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न घटनाओं/दुर्घटनाओं एवं वारदातों में जब्त एवं न्यायालयों द्वारा राजसात किये गये वाहनों के निष्पादन की समय-सीमा निश्चित है? यदि हाँ तो नियम की प्रति देवें? (ख) क्या प्रदेश भर के थाना परिसरों में प्रश्नांश (क) वर्णित वाहनों का अंबार लगा हुआ है तथा थाना परिसरों में इनकी सुरक्षा व रख-रखाव का भी अतिरिक्त भार विभाग को झेलना पड़ रहा है? यदि हाँ तो क्या इन वाहनों के कारण थाना परिसर कबाड़ खानें में परिवर्तित होते जा रहे है? अनेक थाना परिसरों में स्थान अभाव एवं बाउण्ड्रीवाल नहीं होने से वाहनों से अनेक उपकरण चोरी होने के समाचार भी आते रहते है, जिसके अकारण पुलिस अधिकारियों को न्यायालय एवं वाहन मालिकों से प्रताड़ना मिलती रहती है? (ग) यदि हाँ तो क्या शासन ऐसे सभी वाहनों के एक निर्धारित अवधि के पश्चात् निष्पादन की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जप्तशुदा वाहनों का निराकरण दण्ड प्रक्रिया संहिता में निहित प्रावधानों के तहत किया जाता है। नियमों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रदेश के कुछ थाना भवनों में स्थान अभाव होने तथा अधिक संख्या में वाहन जप्त होने पर रख-रखाव की समस्या रहती है। पुलिस थानों की अधोसंरचना के अनुक्रम में थानों की बाउण्ड्रीवाल हेतु राज्य शासन द्वारा स्वीकृत परियोजना में प्राथमिकता वाले थानों को चरणबद्ध तरीके से सम्मिलित किया जा रहा है। (ग) समय-समय पर थानों में जप्त वाहनों के विधि अनुसार यथोचित निष्पादन हेतु अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है। थानों में जप्तशुदा वाहनों का निष्पादन विधि अनुरुप किया जा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पशुधन हानि पर बीमा क्लेम का भुगतान
[पशुपालन]
30. ( क्र. 1794 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के पशुपालकों के लिये पशुधन हानि होने पर रिस्क मेनेजमेंट एण्ड इंश्योरेंस बीमा योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ तो योजना के नियम प्रक्रिया की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने पशुपालकों द्वारा किस-किस कंपनी से पशुधन बीमा कराया गया तथा प्रश्न दिनांक तक कितने पशुपालकों द्वारा बीमा क्लेम किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार क्या प्रश्न दिनांक तक पशुपालकों द्वारा किये गये बीमा क्लेम की राशि का भुगतान कर दिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो बीमा क्लेम की राशि का भुगतान न किये जाने के क्या कारण हैं तथा इसमें कौन दोषी हैं? शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा और कब तक? (घ) क्या उपरोक्त पशुपालकों द्वारा क्लेम की गई दावा राशि का भुगतान किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) भारत सरकार के द्वारा पशुधन बीमा (रिस्क मैनेजमेंट एंड इंश्योरेंस) योजना के क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा निर्देष पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले में वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक पशुपालकों के द्वारा ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से 295 पशुओं का बीमा कराया गया तथा 39 पशुपालकों से पशु बीमा दावों के प्रस्ताव प्राप्त हुए। (ग) उपरोक्त 39 बीमा दावों में से 32 बीमा दावे निराकृत कर भुगतान किया गया है तथा 05 बीमा दावा प्रकरण निराकरण की प्रक्रिया में है एवं 02 बीमा दावा प्रकरण पूर्ण अभिलेख प्राप्त न होने के कारण लंबित है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पशु बीमा दावा के निराकरण हेतु आवश्यक अभिलेख प्राप्त होने पर यथाशीघ्र भुगतान किया जावेगा, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में नवीन जिले बनाने के संबंध में
[राजस्व]
31. ( क्र. 1808 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में क्या राज्य में नवीन जिले बनाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या नवीन प्रस्तावित जिलों की सूची में नागदा का नाम सम्मिलित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर राशन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र.
1809 ) श्री
दिलीप सिंह
शेखावत :
क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्रामीण
क्षेत्रों
में राशन की
दुकानें सभी
ग्राम पंचायत
मुख्यालयों
पर नहीं होने
के कारण
ग्रामीण जनों
को अन्यत्र
जाना पढ़ता है
तथा इससे इन्हें
काफी परेशानी
का सामना करना
पड़ता है। यदि
हाँ तो क्या
प्रत्येक
ग्राम पंचायत
मुख्यालय
स्तर पर
शासकीय उचित
मूल्य की राशन
की दुकानें
खोलना
प्रस्तावित
है। यदि हाँ
तो कब तक? (ख) यदि
नहीं,
तो कब तक
योजना बना ली
जावेगी?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) जिन
ग्राम
पंचायतों में
पृथक उचित
मूल्य की
दुकान नहीं है
वहां के
हितग्राहियों
को समीप के
पंचायत में
स्थित दुकान
में जाना होता
है। इस कठिनाई
को दूर करने
के लिए मध्यप्रदेश
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
(नियंत्रण)
आदेश 2015
के
प्रावधानानुसार
प्रत्येक पंचायत
में एक उचित
मूल्य दुकान
खोलने का
प्रावधान
किया गया है।
माननीय उच्च
न्यायालय
में
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
(नियंत्रण)
आदेश,
2015 की विभिन्न
कंडिकाओं को
चुनौती देने
वाली
याचिकाओं की सुनवाई
में माननीय
उच्च न्यायालय
द्वारा
याचिकाकर्ता
(उचित मूल्य
दुकानों) को
अंतरिम आदेश
देने के कारण
प्रत्येक
पंचायत में
उक्त
प्रावधानानुसार
उचित मूल्य
दुकान आवंटन
की कार्यवाही
नहीं हो सकी
है। शासन
द्वारा
वर्तमान में
केवल
दुकानविहीन
पंचायतों में
शीघ्र उचित
मूल्य दुकान
खोलने हेतु
उक्त
नियंत्रण
आदेश में
संशोधन
दिनांक 23 जून, 2017 को किया
गया है।
संशोधन
अनुसार
कार्यवाही की जा
रही है। (ख) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
I.T.I. परीक्षा में वेल्डर ट्रेड परीक्षा के त्रुटि
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
33. ( क्र. 1834 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रोफेशनल एक्जाम बोर्ड द्वारा वर्ष 2016 में आयोजित कौशल विकास आई.टी.आई. परीक्षा में वेल्डर ट्रेड की परीक्षा में गलत प्रश्नों पर कितने उम्मीदवारों द्वारा समय-सीमा में आपत्ति दर्ज की गई थी? आपत्तियों पर कुंजी समिति द्वारा किस आधार पर परीक्षण किया गया पंजी समिति के सदस्यों के चयन का क्या मापदण्ड है वर्तमान में इस समिति में कौन-कौन से सदस्य है? कब से पदस्थ हैं इनके चयन का क्या आधार है इन्हें कितना मानदेय (भत्ता) दिया जाता है? (ख) क्या इस कुंजी समिति के द्वारा प्रश्नों के उत्तर पर दिये गये निर्णय को अंतिम किस आधार से माना जाता है? यदि समिति द्वारा गलत उत्तर को ही सही माना जाता है तो बोर्ड इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश के अंतर्गत प्रश्न क्रमांक 38 एवं 40 पर दर्ज आपत्ति पर गलत उत्तर को ही कुंजी समिति द्वारा किस आधार पर आवेदकों की आपत्ति को अमान्य किया गया है? उसका आधार बताया जावे? (घ) क्या भारत सरकार, रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा एवं Trade theory and assignment/Test by G.D.Sethi द्वारा जारी पुस्तक में अंकित उत्तर को अमान्य करने का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। कुल 06 उम्मीदवारों ने समय-सीमा में वेल्डर ट्रेड के प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज की थी। कुंजी समिति सदस्यों ने उम्मीदवारों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्य का परीक्षण पाठ्यक्रम पुस्तकों का अवलोकन एवं विचार विर्मश कर परीक्षण किया। कुंजी समिति के सदस्यों के चयन हेतु महाविद्यालय स्तर पर कार्यरत् योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों का चयन किया जाता है। प्रत्येक परीक्षा हेतु विषयवार अलग-अलग विषय विशेषज्ञों का चयन किया जाता है। कुंजी समिति के सदस्यों हेतु शासकीय संस्था में कार्यरत् शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है। वेल्डर ट्रेड हेतु निम्न विशेषज्ञ सदस्य थे:- श्री आशीष तिवारी, श्री संतोष कुमार पटेल, व्याख्यात मैकेनिकल, स.व.पोली.महाविद्यालय, भोपाल, श्री जितेन्द्र हेमवानी, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, शासकीय पोलीटेनिक महाविद्यालय, बैतूल, डॉ. अजय कुमार जैन, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, ग्वालियर, डॉ. राजीव जैन, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जबलपुर। इस परीक्षा में वेल्डर ट्रेड से संबंधित कुंजी समिति के सदस्यों को 5000/- रूपये मानदेय का भुगतान किया गया है। (ख) कुंजी समिति के सदस्य संबंधित विषय के विशेषज्ञ होते है, इस आधार पर उनके निर्णय को अंतिम मानकर कार्यवाही की जाती है। संबंधित विषय के विशेषज्ञों के निर्णय पर किसी प्रकार की कार्यवाही करने का प्रावधान नियमों में नहीं है। (ग) कुंजी समिति के विषय विशेषज्ञों ने उम्मीदवारों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्य, पाठ्यक्रम, पुस्तकों का अवलोकन एवं गहन विचार-विर्मश कर आवेदकों की आपत्तियों को अमान्य किया गया। (घ) कुंजी समिति के विषय-विशेषज्ञों द्वारा लिया गया निर्णय उल्लेखित पुस्तक में अंकित उत्तर को अमान्य करता है।
मत्स्य पालन की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
34. ( क्र. 1848 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में मत्स्य आखेट करने हेतु कुल कितने जलाशय हैं? विकासखण्डवार, पंचायतवार जानकारी प्रदान करें। वित्तीय वर्ष 2014 से अब तक किन-किन जलाशयों में व्यक्तिगत एवं समूह के माध्यम से मत्स्य पालन किया जा रहा है? (ख) अनूपपुर जिलांतर्गत स्थित कालरी के ओपन कास्ट माइंस (जो बंद है) जिसमें पानी भरा है? विभाग मत्स्य पालन की योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक क्रियान्वयन किया जा सकता है? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) अनुपपुर जिले में मत्स्य आखेट करने हेतु कुल 41 जलाशय है। विकासखण्डवार जानकारी एवं वित्तीय वर्ष 2014 जलाशयों में किये जा रहे मत्स्यपालन व्यक्तिगत/समूह की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। नील क्रांति योजना अन्तर्गत प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया है। आवंटन प्राप्त होते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा।
अधिग्रहित भूमि का उपयोग
[राजस्व]
35. ( क्र. 1849 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के तहसील अनूपपुर राजस्व मण्डल फुनगा के ग्राम रक्सा में कुल कितने कृषकों की भूमि अधिग्रहित की गयी है? कृषक का नाम, पिता, अराजी खसरा नं. रकबा का उल्लेख करें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि का अधिग्रहण किस वित्तीय वर्ष में किया गया है तथा अधिग्रहण का प्रायोजन क्या है? जिस प्रायोजन हेतु भूमि अधिग्रहित की गयी है क्या उस प्रायोजन के लिए भूमि का उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या उपरोक्त भूमि कृषकों को वापस की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) अधिग्रहण किस नीति एवं नियम के तहत किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल 143 कृषकों की भूमि अधिग्रहित की गई है। कृषकों का नाम पिता आराजी खसरा नंबर और रकबा की जानकारी हेतु पारित अवार्ड पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भूमि का अधिग्रहण वित्तीय वर्ष 2010-11 के गाईड लाईन के आधार पर किया गया है। भूमि ताप विद्युत संयन्त्र स्थापना हेतु अधिग्रहित की गई है। उसका उपयोग वर्तमान में नहीं किया जा रहा है। अर्जित भूमि का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। अत: भूमि वापस करने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) भू-अर्जन अधिनियम 1894 के अधीन बने भू-अर्जन (कंपनी अधिनियम 1963 के नियम 3) के अधीन गठित भू-अर्जन समिति की स्वीकृति प्रस्ताव के आधार पर किया गया है।
निजी बसों में अमानक स्तर की सीटों से यात्रियों को परेशानी
[परिवहन]
36. ( क्र. 1862 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निजी यात्री परिवहन हेतु एक तरफ कितने मि.मी. चलने वाली यात्री बसों पर कितनी-कितनी यात्रा क्षमता/सीटों वाली बसों को परमिट जारी किये जाते हैं? (ख) क्या प्रदेश के यात्रियों की सुरक्षा एवं सुगम यात्रा हेतु 0 से अधिकतम 100 कि.मी. तक छोटी बसें एवं 100 कि.मी. से अधिक एकतरफा यात्रा में बड़ी 52 सीटर बसों का संचालन नियम बनाया जाएगा? यदि हाँ तो कब? (ग) क्या राज्य परिवहन निगम के बंद होने के बाद निजी बस ऑपरेटर्स द्वारा यात्रियों की सुविधा की अनदेखी कर बसों में क्षमता/नियम से अधिक सीटें पास-पास लगाकर यातनादायक सफर करवाया जा रहा है? (घ) यदि हाँ तो क्या परिवहन विभाग देश में सघन अभियान चलाकर ऐसी नियम विरूद्ध चल रही अमानक बसों का संचालन व्यवस्थित होने तक प्रतिबंध लगायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) (i) परमिट स्वीकृति हेतु मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 77 में मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-13/ 2015/ आठ दिनांक 28-12-2015 के अनुसार निजी यात्री परिवहन हेतु एक तरफ से (एकल फेरे में) 75 कि.मी. या से अधिक के मार्गों पर नियमानुसार संचालन हेतु अधिकृत किया गया है :-
1 |
डीलक्स/वातानुकूलित बस |
बैठक क्षमता 35+2 से कम सीटे न हो |
2 |
एक्सप्रेस बस |
बैठक क्षमता 45+2 से कम सीटे न हो |
3 |
साधारण बस |
बैठक क्षमता 50+2 से कम सीटे न हो |
(ii) उक्त अधिसूचना में यह भी प्रावधान है कि उक्त नियम 28-12-2015 के पूर्व से पंजीकृत मंजिली गाडियों पर लागू नहीं होगें। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई संशोधन विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा नियमित रूप से जाँच कार्य किया जाकर नियम विरूद्ध संचालित पाई जाने वाली बसों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की जाती है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 1863 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में कुल कितनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें संचालित हैं? यहां पर किसी पद्धति से खाद्य सामग्री दी जा रही है? (ख) क्या नई वितरण प्रणाली से प्रति पात्रता पर्ची पर शासन पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ रहा है? यदि हाँ तो क्या इसमें सुधार किया जाएगा? (ग) क्या पी.ओ.एस. मशीनों के क्रय एवं इन पर होने वाले वार्षिक संधारण व्यय के कारण शासन पर कितनी राशि का बोझ बढ़ा है? (घ) क्या उक्त पद्धति के कारण गरीब आदमी को एक वर्ष से पात्रता पर्ची का वितरण नहीं होने से परेशान है? क्या इसमें प्रतिमाह सामग्री बिक्री के समय सर्वर बंद होने/मशीन खराब होने इत्यादि तकनीकी परेशानी होने पर पूर्ववत् कार्ड पद्धति लागू करने पर विचार किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशु चिकित्सालय भवन का निर्माण
[पशुपालन]
38. ( क्र. 1885 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील जौरा (मुरैना) में जौरा, खरिका, देवगढ़ एवं ग्राम अरहेला में पशु चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु राशि का आवंटन प्राप्त होने के बावजूद जून 2017 तक पशु चिकित्सालय भवन का निर्माण नहीं हो सका है? क्यों? (ख) उक्त पशु चिकित्सालय भवनों के निर्माण हेतु कितनी राशि का आवंटन किस वर्ष प्राप्त हुआ? भवन निर्माण की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति कब प्राप्त हुई? वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या दिनांक 28-01-2014 को सब इंजीनियर लोक निर्माण विभाग, जौरा द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी जौरा को जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण निर्माण कार्य हेतु जारी राशि को विभाग को वापस किया जायेगा एवं दिनांक 13.12.2013 एवं 23.12.2013 को इसी आशय के पत्र लिखे थे, उन पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) तहसील जौरा (मुरैना) में, पशु औषधालय खरिका तथा पशु चिकित्सालय देवगढ़ में भवन निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है किन्तु पशु चिकित्सालय जौरा एवं पशु औषधालय अरहेला में भूमि आवंटन न होने से भवन निर्माण नहीं हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) दिनांक 28.1.2014 को सबइंजीनियर लोक निर्माण विभाग, जौरा द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी जौरा को जमीन उपलब्ध नहीं होने बाबत् लिखा गया। उप संचालक जिला मुरैना के अनुसार दिनांक 13.12.2013 एवं 23.12.2013 संबंधित पत्र अप्राप्त है। पशु चिकित्सालय जौरा एवं पशु औषधालय अरहेला की जमीन आवंटित करने के लिये संचालक पशुपालन, मध्यप्रदेश भोपाल तथा उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, मुरैना के द्वारा कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार जौरा को पत्राचार किया गया, किन्तु संस्थाओं के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन नहीं हुआ है। निर्माण ऐजेंसी को उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं मुरैना के पत्र क्रमांक 206-7 दिनांक 20.1.2017 द्वारा राशि वापस करने हेतु लेख किया गया है।
थाना सबलगढ़ के प्रकरण क्र. 45/16-17 पर कार्यवाही
[गृह]
39. ( क्र. 1888 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसीलदार सबलगढ़ (मुरैना) द्वारा थाना प्रभारी सबलगढ़ को प्रकरण क्रमांक 45/16-17 की पत्र क्रमांक शि.4/2017 दिनांक 01/05/2017 को व्यक्ति के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने हेतु लिख गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) दिनांक 1 मई 2017 के पत्र प्राप्त होने के दो माह बाद भी कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण रहे हैं? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या राजस्व रिकार्ड संबंधी सभी जानकारी देने हेतु नायब तहसीलदार, तहसीलदार ही सक्षम अधिकारी होने के बावजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा कार्यवाही में लापरवाही क्यों की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में थाना सबलगढ़ जिला मुरैना में अपराध क्रमांक 272/17 धारा 420, 467, 468 भा.द.वि. आरोपी लीलाकृष्ण मिश्र के विरुद्ध पंजीबद्ध होकर विवेचना में है। (ख) प्रश्नांश में वर्णित पत्र दिनांक 14.05.17 को थाना सबलगढ़ में प्राप्त हुआ था। उक्त पत्र के साथ मूल जाँच प्रतिवेदन न होने एवं दस्तावेज अपठित छायाप्रतियाँ होने से प्रमाणित प्रतिलिपियाँ प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही की गई है। (ग) सुसंगत दस्तावेज न प्राप्त होने के कारण कार्यवाही में विलंब हुआ।
आदिवासी की जमीन का नामांतरण एवं डायवर्सन
[राजस्व]
40. ( क्र.
1897 ) श्री
उमंग सिंघार :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पटवारी हलका
नंबर 25,
खसरा नंबर 326, कुल
रकबा 3.2
हेक्टेयर (8 एकड़)
ग्राम बर्रई
तहसील हुजूर
कलेक्टर
भोपाल का आदेश
क्रमांक 23/34-21/2010-11
दिनांक 21.03.2011 के
अनुसार रजिस्ट्री
जमना प्रसाद
पिता केशरी
प्रसाद के नाम
से की गई? (ख) क्या
म.प्र.भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 165 (6
ई.ई.) के अनुसार
डायवर्सन
किया गया? यदि
नहीं,
तो इसके लिये
जवाबदार कौन
अधिकारी है और
उसके लिये क्या
कार्यवाही की
गई? प्रश्नांश
(क) अनुसार
उक्त भूमि
में से कितनी
भूमि का किसके
नाम से डायवर्सन
एवं नामांतरण
किया गया? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता 1965 के अंतर्गत 165 (3) के
अंतर्गत जमीन
मालिक द्वारा
दिया गया भूमि
विक्रय का
आवेदन वैध है? यदि
नहीं,
तो कलेक्टर
द्वारा आवेदन
निरस्त क्यों
नहीं किया गया?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
किसान आंदोलन में पुलिस गोली चलाने से किसानों की मृत्यु होना
[गृह]
41. ( क्र. 1898 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले की पिपल्या मंडी में किसान आंदोलन में पुलिस की गोली से कितने किसानों की मृत्यु हुई व कितने घायल हुए? किसानों के नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या से कुछ घायल किसानों को एम.वाय. चिकित्सालय इंदौर रेफर किया गया? चिकित्सालय में भर्ती किये गये किसानों में से कितने किसानों की मृत्यु हुई? नाम पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या कुछ किसानों के साथ पुलिस द्वारा थाने में ले जाकर मारपीट की गई? ऐसे कौन-कौन से किसान थे जिन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में रखा गया? उनके नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (घ) क्या कारण है कि मंदसौर जिले के पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, अन्य पुलिस अधिकारी एवं जवानों पर धारा 302 दर्ज क्यों नहीं की गई? कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मंदसौर जिले की घटना में मृत एवं घायल आंदोलनकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' पर उल्लेखित घायलों को एमवाय अस्पताल रेफर किया गया था तथा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' के सरल क्रमांक 02 व 05 को भी एमवाय अस्पताल रेफर किया गया था परन्तु उनकी रास्ते में ही मृत्यु हो गई थी। (ग) पुलिस द्वारा किसी भी किसान को थाने में लाकर मारपीट नहीं की गई है। गिरफ्तार आन्दोलनकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' के अनुसार है। (घ) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है।
दतिया जिले के शासकीय आवासों का आवंटन
[गृह]
42. ( क्र. 1916 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के शहर दतिया में कुल कितने और कौन से टाइप के शासकीय आवास कर्मचारी एवं अधिकारियों के लिये बने हैं? उक्त क्वार्टरों में कौन-कौन तथा किस ग्रेड के अधिकारी कर्मचारी रहने के लिये अधिकृत हैं? आवासवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) उक्त आवासों में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी किस ग्रेड के होकर कब से निवासरत हैं उनकी सेवानिवृत्ति की क्या दिनांक है? क्या कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जो सेवानिवृत्ति के उपरांत भी शासकीय आवासों में रह रहे हैं? यदि हाँ तो उनके विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त क्वार्टरों का किराया संबंधित कर्मचारी नकद जमा करते हैं या उनके वेतन से कटौत्रा होता है उनके द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि वेतन कटौत्रा से तथा कितनी-कितनी राशि नकद जमा की? क्वार्टवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या कुछ ऐसे क्वार्टर भी हैं जिनमें रहने वाले अधिकारी कर्मचारियों ने वर्षों से हाउस रेन्ट जमा नहीं किया है? यदि हाँ तो उनके खिलाफ विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बन्दोबस्त पश्चात नक्शे का दर्शाना
[राजस्व]
43. ( क्र. 1927 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बंदोबस्त पश्चात नक्शे में रास्ता पगडंडी को विशेष रूप ये दर्शाये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो उस नियम के आधार पर नक्शे में रास्ता और पगडंडी दर्शाने के क्या नियम हैं? (ख) क्या बड़नगर तहसील में बंदोबस्त के नक्शों में रास्ता या पगडंडी को अलग से नहीं दर्शाये गये हैं, जिसके कारण कई बार विवाद को निपटाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या शासन बंदोबस्त के नक्शों के संदर्भ में कोई नई योजना लाया है? यदि हाँ, तो वह क्या हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूखा राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
44. ( क्र. 1940 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर, चंदला विधान सभा क्षेत्र में पिछले वर्ष कितने कृषकों को सूखा राहत की राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सभी कृषकों को स्वीकृत राशि का भुगतान कर दिया गया है? अगर हां, तो क्या ग्राम चिरवारी, रानीपुरा, सरसेड़, काकुनपुरा, अमा, इमिलिया, रगौली, बड़ागांव, टटम, खिरवा, सिंहपुर, बरौंही, मनकारी, झींझन, लुगासी, सरदारपुर, मऊसहानियां, मानपुरा, उर्दमऊ, महतौल, धरमपुरा, दौनी आदि ग्रामों में सभी कृषकों को स्वीकृत राशि का भुगतान कर दिया गया है? अगर नहीं तो उल्लेखित ग्रामों के कृषकों को राशि क्यों नहीं मिली है? कृषकों को कब तक राशि दी जावेगी? (ग) प्रश्नकर्ता की ध्यानाकर्षण सूचना क्रं. 489 में जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? मुआवजा वितरण में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? नामवार, पदवार जानकारी देवें। तहसील गौरीहार, चंदला, लवकुश नगर में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला प्रशासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) क्या शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपने दायित्वों का निर्वाह न करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ तो समय-सीमा सुनिश्चित करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) महाराजपुर चंदला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पिछले वर्ष सूखा से फसल क्षति हेतु 77908 प्रभावित कृषकों को सूखा राहत राशि रूपये 59,67,16,168/- (राशि रूपये उनसट करोड़ सड़सट लाख सौलह हजार एक सौ अड़सट) स्वीकृत की गई है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश "क" अनुसार सभी पात्र कृषकों को स्वीकृत राशि का भुगतान कर दिया गया है। जी हाँ, प्रश्नाधीन ग्रामों में भी समस्त पात्र प्रभावित कृषकों को राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता की ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 489 में उठाये गये मुद्दे अनुसार जिला छतरपुर के तहसील गौरिहार एवं जिले के सभी तहसीलों में वर्ष 2015-16 में अवर्षा/ सूखा के कारण प्रभावित कृषकों का सर्वे कराया जाकर सभी पात्र प्रभावित किसानों को राहत राशि का भुगतान ई-पेमेंट द्वारा तत्परता से कराया गया। जिला प्रशासन द्वारा सर्वे में पात्र पाये सभी पात्र प्रभावितों को राहत राशि का वितरण कर दिया गया है, अत: अधिकारियों/कर्मचारियों के दोषी होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। तहसील गोरिहर में राशि रूपये 18,16,94,183/-, तहसील चंदला में राशि रूपये 9,45,17,541/- एवं तहसील लवकुशनगर में राशि रूपये 9,04,93,815/- की राहत राशि स्वीकृत की गई। (घ) प्रश्नांक (क), (ख) एवं (ग) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्देशों के अनुरूप राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
आपराधिक प्रकरण में गिरफ्तारी
[गृह]
45. ( क्र. 1941 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के पुलिस थाना नौगांव में दिनांक 27.10.2016 के अपराध क्र. 381 एवं दिनांक 17.02.2017 के अपराध क्रं. 0047 में दर्ज प्रकरण में किन-किन लोगों के खिलाफ, किन-किन भा.द.वि. संहिता के आधार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुये? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त घटना में दर्ज प्रकरण अनुसार कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है एवं कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की जाना शेष है तथा शेष आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक की जावेगी? क्या शेष अरोपियों को उच्च पुलिस अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है? यदि हाँ तो स्पष्ट करें। (ग) क्या गंभीर अपराधों में संलिप्त मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना नौगांव जिला छतरपुर के अप.क्र. 381/16 व 47/17 की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अप.क्र. 381/16 में 07 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है एवं 06 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है जबकि अप.क्र. 47/17 में 02 आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर 01 आरोपी की गिरफ्तारी शेष है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के विधि अनुसार प्रयास जारी है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है।
जबलपुर में टेक्निकल यूनिवर्सिटी की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
46. ( क्र. 1990 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में टेक्निकल यूनिवर्सिटी प्रारंभ करवाने हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? क्या में भी उक्त यूनिवर्सिटी प्रारंभ करवाने का प्रस्ताव बना था, जिसे बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया? (ख) क्या शासन ने प्रस्ताव के अधोसंरचना क्वॉलिटी ऑफ एजुकेशन एक्ट में संशोधन सहित अन्य टिप्पणी लगा कर प्रस्ताव विभाग के पास वापिस किया था? अब क्या उक्त कमियां दूर कर विभाग द्वारा पुन: प्रस्ताव बनाकर शासन को भिजवा दिया है? (ग) यदि वर्णित (क) एवं (ख) हाँ तो कब तक जबलपुर में टेक्निकल यूनिवर्सिटी प्रारंभ करवाने का रास्ता साफ हो जायेगा व जबलपुर को आर.जी.पी.वी. के बाद एक यूनिवर्सिटी की सौगात प्राप्त हो जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश स्पष्ट नहीं होने के कारण उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
योजनान्तर्गत हितग्राहियों को राशि का आवंटन
[पशुपालन]
47. ( क्र. 2009 ) श्री मुकेश नायक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2010 से 2015 तक जिला पन्ना के अन्तर्गत पवई, शाहनगर, रैपुरा, सिमरिया तहसील के कितने हितग्राहियों को बुंदेलखण्ड पैकेज या राज्य शासन या केन्द्रीय शासन के सहयोग से प्राप्त राशि का वितरण मुर्गीपालन, बकरीपालन तथा अन्य जिन-जिन कार्यों हेतु किया गया हो बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि आवंटित और वितरित की गई? वित्तीय वर्ष 2010 से वित्तीय वर्ष 2016 तक की अवधि में दी गई ग्रामवार योजना/कार्य सहित बतायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वित्तीय वर्ष 2010-11 से वित्तीय वर्ष 2015-16 तक कुल 1617 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। वर्षवार एवं योजनावार लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
किसानों पर गोली चलाना
[गृह]
48. ( क्र. 2010 ) श्री मुकेश नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि प्रदेश में किसानों का आंदोलन हो सकता है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले से संबंधित क्या-क्या जानकारी प्राप्त हुई? (ख) स्थिति नियंत्रण में न रखने की परिभाषा क्या है? क्या इस आरोप में मंदसौर जिले के एस.पी. को निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो स्थिति नियंत्रण से क्या आशय है? उसे गृह विभाग में प्रचलित लागू नियम अधिनियम निर्देशों नीति में क्या परिभाषित किया गया है? (ग) क्या जिला पुलिस अधीक्षक ने गोली चालन से पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों से भी तथ्यों को संज्ञान में लाते हुये अनौपचारिक रूप से अनुमति ली थी? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो जब हालात नियंत्रण से बाहर हो गये तो एस.पी. से वरिष्ठ अधिकारियों से उत्तरदायित्व क्या थे और वे अब किस प्रकार निर्वहन कर रहे थे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01.06.2017 से 10.06.2017 तक होने वाले प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन के संबंध में पुलिस मुख्यालय को जानकारी थी। इस हेतु सभी जिलों को एलर्ट जारी कर सजग किया गया था। जिलों द्वारा आवश्यक पुलिस व्यवस्था लगाई गई थी। कानून व्यवस्था व सुरक्षा के मद्देनजर सजग व सतर्क रहते हुए आवश्यक विधिक उपाय सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया था। (ख) स्थिति नियंत्रण में न रखने के संबंध में कोई ठोस परिभाषा देना संभव नहीं है, यह परिस्थितिनुसार निर्भर करता है। पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश द्वारा गृह विभाग को प्रेषित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की जाँच रिपोर्ट अनुसार आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण करने संबंधित कई कमियाँ परिलक्षित होने से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मंदसौर को निलंबित किया गया था। वर्तमान में घटना की न्यायिक जाँच प्रचलित है। अतः इस संबंध में टिप्पणी करना न्यायसंगत नहीं होगा। (ग) मौके पर उपस्थित कार्यपालिक दण्डाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा मानक प्रक्रिया का पालन करते हुये गोली चालन के आदेश दिये जाते है। पुलिस के सभी अधिकारी/कर्मचारी पुलिस रेग्युलेशन के अनुसार कार्य करते हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को वित्तीय आवंटन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 2011 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार से विगत तीन वर्षों में कितनी धनराशि प्राप्त हुई और वर्षवार विभाग ने कितनी धनराशि खर्च करके क्या-क्या कार्य किये? (ख) क्या विगत वर्षों में केन्द्र सरकार ने इस कार्यक्रम के अन्तर्गत दी जाने वाली राशि में कमी की है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण हैं? इसके अलावा अन्य पेयजल कार्यक्रमों के लिये केन्द्र द्वारा दी जाने वाली सहायता में कमी करके, उनमें राज्यांश में वृद्धि करने के क्या कारण है? (ग) क्या मध्यप्रदेश जैसे गरीब और घाटे की स्थिति वाले राज्य के पेयजल कार्यक्रम में केन्द्र द्वारा सहायता में कटौती करने पर राज्य सरकार ने केन्द्र के समक्ष आपत्ति दर्ज करते हुये अधिक सहायता की मांग की है? यदि हाँ तो इस बारे में जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजनान्तर्गत आवंटन में कमी/बढ़ोतरी भारत शासन से संबंधित है। वित्त वर्ष 2017-18 से पेयजल कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो इस हेतु मध्यप्रदेश में राज्य मद से वित्तपोषित एक नवीन कार्यक्रम (मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम) प्रारंभ किया गया है। (ग) पेयजल कार्यों हेतु अधिक राशि उपलब्ध कराए जाने हेतु समय-समय पर भारत शासन से निवेदन किया गया है।
भूमि पर कब्जा करने के संबंध में
[राजस्व]
50. ( क्र. 2017 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सेमली कांकड़ के श्रीमती कमला बाई पति कचरूलाल जी, श्री बगदीराम पिता पन्नाजी, श्री सालगराम पिता भेरू जी, श्री पूरा पिता किशन जी, श्री किशनलाल पिता भेरू जी, श्री रतनलाल पिता मांगीलाल जी, श्री मांगीलाल पिता कालू जी, श्री चंदरलाल पिता मांगीलाल जी, श्री मांगीलाल पिता कालू जी, श्री कालूराम पिता मांगीलाल जी की रजिस्ट्री एवं पुराने पट्टे तथा नये सर्वे क्रं. की जानकारी देवे। (ख) उपरोक्त व्यक्ति कितने वर्षों से किस सर्वे नंबर पर खेती करते आ रहे है वह पुराने एवं नये सर्वे क्रं. बतावें। तथा उक्त सर्वे क्रं. की भूमि के पुराने एवं नये नक्शे की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सेमली कांकड में हकीम उद्दीन पिता हुसेन उद्दीन के नाम पर कुल कितनी भूमि थी/है उसमे से किन-किन व्यक्तियों को कितनी-कितनी भूमि विक्रय की गई थी विक्रेता के नाम व सर्वे नं. सहित जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हमेरिया बांध निर्माण में विस्थापित व्यक्तियों को मुआवजा
[राजस्व]
51. ( क्र. 2019 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हमेरिया बांध निर्माण हेतु सर्वे में चयनित डूब में गई भूमि के अतिरिक्त भी कोई भूमि डूब में गई है? यदि हाँ तो कितने किसान उससे प्रभावित हुए हैं? किसानों के नाम, डूब भूमि का रकबा एवं सर्वे की जानकारी देवें। (ख) जिन किसानों की भूमि डूब में गई है उन सभी किसानों को मुआवजा दिया गया है या कोई किसान वंचित है? क्या जल संसाधन विभाग द्वारा प्रकरण क्रमांक 3241 दिनांक 14-12-2016 को भुगतान हेतु भू-अर्जन, राजस्व विभाग को कोई फाईल भेजी गई है? यदि हाँ तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) हमेरिया डेम प्रभावित ग्राम कालीकोटडी तहसील एवं जिला नीमच के 154 परिवार के विस्थापितों को जो प्लाट दिए गए हैं क्या उसमें भू अर्जन अधिनियम 2013 का पालन नहीं किया गया और न ही भूमि के लागत मूल्य की 4 गुना राशि वितरित की गई है? पालन नहीं करने का कारण बतावें। (घ) विस्थापितों को मूलभूत सुविधाएं जैसे नलजल, पाईप लाईन, टंकी, कुआ, ट्यूबवेल, रोड, नाली, शौचालय, स्कूल, खेल मैदान, शमशान की सुविधाएं कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) हमेरिया बांध निर्माण हेतु सर्वे में चयनित डूब भूमि के अतिरिक्त 10.390 हे. भूमि डूब में गई है जिसमें 64 कृषक प्रभावित हुए है। किसानों के नाम डूब भूमि का रकबा एवं सर्वे नंबर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार 63 कृषक एवं 01 सेवा खातेदार में से 56 कृषकों को प्रतिफल राशि का भुगतान किया जा चुका है। एक सेवा खातेदार को छोड़कर शेष 07 कृषक को भू-अर्जन अधिकारी उपखण्ड नीमच द्वारा सूचना पत्र दिनांक 2.6.2017 एवं दिनांक 21.6.2017 जारी किया गया है। कृषकों के द्वारा सूचना पत्र तामिली उपरांत भी आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति के अंतर्गत जल संसाधन विभाग के पक्ष में भूमि का विक्रय पंजीयन नहीं करवाए जाने से प्रतिफल भुगतान की कार्यवाही शेष है। (ग) हमेरिया डेम प्रभावित ग्राम काली कोठडी तहसील जीरन जिला नीमच के 154 प्रभावित परिवार न होकर कुल 95 प्रभावित परिवार है। उक्त 95 प्रभावित परिवारों को भू-अर्जन अधिनियम 2013 के अनुसार प्लाट एवं प्रतिफल दिया गया है। (घ) मूलभूत सुविधाओं के संदर्भ में म.प्र.पुनर्वास नीति वर्ष 2002 के अंतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार 100 घरों को सामान्य बसाहट आदिवासी क्षेत्रों के मामलों में 50 घरों की बसाहट के लिये मूलभूत सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान किया गया है। हमेरिया तालाब के अंतर्गत पुनर्वास हेतु सामान्य वर्ग के 95 मकान प्रभावित होने से पुनर्वास नीति वर्ष 2002 लागू नहीं की गई और न ही डी.पी.आर. में कोई प्रावधान रखा गया है।
सी.एम. हेल्प लाईन
[गृह]
52. ( क्र. 2036 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत सी.एम.हेल्प लाईन में इन्दौर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कितनी शिकायतें विभिन्न थाना अन्तर्गत पिछले 02 वर्षों में प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? कितनी शिकायतें शेष हैं? शेष रहने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिला अन्तर्गत शहरी क्षेत्र/ग्रामीण थाना क्षेत्र अन्तर्गत शिकायतों का कब तक निराकरण किया जायेगा? क्या कही पर जबरिया पुलिस प्रभाव दिखाकर शिकायतें बन्द करने का दबाव बनाकर शिकायतें बन्द की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर जिला अंतर्गत सी.एम. हेल्पलाईन में वर्ष 2015 में इंदौर ग्रामीण क्षेत्र से 668 एवं शहरी क्षेत्र से 2237 कुल 2905 शिकायतें प्राप्त हुई थी। वर्ष 2016 में ग्रामीण क्षेत्र से 1004 एवं शहरी क्षेत्र से 3708 कुल 4712 शिकायतें विभिन्न थाना अंतर्गत प्राप्त हुई है। (ख) वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 की सभी शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में किया गया है। (ग) इंदौर जिला अंतर्गत शहरी क्षेत्र/ग्रामीण थाना क्षेत्र अंतर्गत शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया गया है। जी नहीं।
विभागीय की योजनाओं का क्रियान्वन
[पशुपालन]
53. ( क्र. 2056 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा संचालित ऋण सह अनुदान एवं अनुदान योजनाओं में हितग्राहियों के चयन हेतु क्या मापदण्ड हैं व चयन हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? योजनावार विवरण देवें? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत वर्ष 2016-17 में उक्तानुसार योजनाओं के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित था? लक्ष्य की पूर्ति कितने प्रतिशत हो पाई है? योजनावार विवरण देवें? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 2 वर्षों में कितने हितग्राहियों को अनुदान पर पशु प्रदान किए हैं एवं कितने हितग्राहियों को पशुपालन हेतु ऋण प्रदान किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार लाभांवित हितग्राहियों की सूची नाम, पते सहित उपलब्ध करावें? वर्ष 2017-18 के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है? लक्ष्य पूर्ति हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) विधान सभा सुसनेर अंतर्गत विगत दो वर्षों में 471 हितग्राहियों को अनुदान पर पशु प्रदाय किये गये एवं 52 हितग्राहियों को पशुपालन हेतु ऋण प्रदान किये गये। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। वर्ष 2017-18 के लिये सुसनेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत योजनावार निर्धारित लक्ष्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
सुसनेर अनुभाग का स्थायीकरण एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
54. ( क्र. 2057 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2746 दिनांक 6 मार्च 2017 पर चर्चा के दौरान माननीय राजस्व मंत्रीजी ने सुसनेर अनुभाग के स्थायीकरण हेतु घोषणा की थी? इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई विवरण देवे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किए गए पत्राचारों या जारी दिशा निर्देशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत पटवारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने भरे हैं एवं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों पर पदपूर्ति हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना हैं? विवरण देवे। (घ) क्या पटवारियों के हलका मुख्यालयों पर उपलब्ध रहने के संबंध में कोई स्पष्ट दिशा निर्देश हैं? यदि हाँ तो इसका पालन हो रहा है? कृपया जारी निर्देश की प्रति कृपया उपलब्ध करावें? मॉनीटरिंग की क्या व्यवस्था हैं? जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (घ) जी हाँ। म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 9 नियम 12 अनुसार पटवारियों को हल्का मुख्यालय पर निवास करने संबंधी निर्देश है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। जी हाँ। जिला आगर मालवा में अधिकांश पटवारी मुख्यालय पर ही निवास करते है। जिसकी मॉनिटरिंग वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों द्वारा की जाती है।
वाहनों को रजिस्ट्रेशन
[परिवहन]
55. ( क्र. 2071 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में दो पहिया व चार पहियां वाहनों का रजिस्ट्रेशन कम्प्यूटर के माध्यम से होता है? (ख) यदि हाँ तो पिछले तीन वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में जिलेवार कुल कितने नवीन दो पहियां वाहन कुल कितनी लागत से नगरीय क्षेत्र में तथा ग्रामीण क्षेत्र में पृथक-पृथक रजिस्टर्ड हुए? (ग) पिछले तीन वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में जिलेवार कुल कितने नवीन चार पहियां वाहन कुल कितनी लागत से नगरीय क्षेत्र में तथा ग्रामीण क्षेत्र में पृथक-पृथक रजिस्टर्ड हुए?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत तीन वित्तीय वर्षों में 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में कुल क्रमश: 11, 05, 015, 8, 01, 758 तथा 8,66,265 दो पहिया वाहन म.प्र. राज्य में पंजीकृत की गई है। पंजीकृत दो पहिया वाहनों का अभिलेख जिलेवार संधारित किया जाता है न कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रवार पृथक-पृथक। अतएव नगरीय क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्र की पृथक-पृथक जानकारी प्रदाय करना संभव नहीं है। कुल लागत (क्रय मूल्य) एवं उनसे प्राप्त कर की राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) विगत तीन वित्तीय वर्षों में 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में क्रमश: 1,07,191, 88,589 एवं 93,587 चार पहिया वाहन म.प्र. राज्य में पंजीकृत की गई है। पंजीकृत चार पहिया वाहनों का अभिलेख जिलेवार संधारित किया जाता है न कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रवार पृथक-पृथक। अतएव नगरीय क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्र की पृथक-पृथक जानकारी प्रदाय करना संभव नहीं है। कुल लागत (क्रय मूल्य) एवं उनसे प्राप्त राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
संभाग में सायबर अपराध
[गृह]
56. ( क्र. 2072 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन इंदौर संभाग में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विद्यार्थियों में बढ़ते सायबर अपराध को रोकने के लिए क्या-क्या प्रयास किये गये? जिलेवार जानकारी देवे। (ख) प्रदेश में कितने सायबर एक्सपर्ट अधिकारी कर्मचारी हैं? बढ़ते सायबर अपराध को देखते हुए नई नियुक्तियों में आई.टी. एवं कम्प्यूटर साइंस से शिक्षित व्यक्तियों के लिए अलग से पद रखे जाएंगे? यदि हाँ तो कब तक इन अधिकारियों की पर्याप्त मात्रा में नियुक्तियाँ की जाएगी? समय-सीमा बताये। (ग) क्या अधिक संख्या में सायबर अपराध से जुड़े मामलों के कारण प्रदेश में सायबर अपराधों का निराकरण समय-सीमा में नहीं हो पा रहा है? इसकी समीक्षा बैठक विभाग द्वारा उक्त अवधि के पश्चात कब-कब की गई? उसमें क्या निष्कर्ष निकला? (घ) विद्यार्थियों में सायबर अपराध के प्रति जागरूकता लाने हेतु क्या विभाग द्वारा किसी एन.जी.ओ. की मदद उक्त अवधि के पश्चात ली जा रही है? यदि हाँ तो उज्जैन संभाग में कौन सा एन.जी.ओ. इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सायबर जोनल कार्यालय इन्दौर एवं उज्जैन द्वारा जिला उज्जैन में विद्यार्थियों के लिए सायबर अपराध रोकने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाये गए हैं। इंदौर एवं उज्जैन संभाग के शेष जिलों में सायबर नोडल थानों की मदद से जागरुकता कार्यक्रम चलाये जाएंगे। (ख) सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल में वर्तमान में कुल 138 अधि./कर्मचारी पदस्थ है जो कि सायबर प्रशिक्षित है एवं जिलों के कुल 224 अधि./कर्मचारियों को सायबर प्रशिक्षित किया गया है। जिलों के सायबर नोडल थानों की क्षमता बढ़ाने हेतु अधि./कर्मचारियों की पदस्थापना का प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) सायबर के अधिकांश मामले विभिन्न जिले एवं राज्य के बाहर से संबंधित भी होते है। सायबर के प्रकरण तकनीकी से जुड़े होने के कारण जानकारी एकत्रित करने पर समय लगता है। तकनीकी जानकारी देश एवं देश के बाहर सर्विस प्रोवाईडर द्वारा समय पर न दिये जाने के कारण प्रकरणों के निराकरण में कई बार ज्यादा समय लगता है। पूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर ही प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। सायबर अपराधों के लंबित मामलों के समय से निराकरण हेतु समीक्षा बैठक उप पुलिस महानिरीक्षक, सायबर के द्वारा जोनल कार्यालय इन्दौर एवं उज्जैन में दिनांक 12 जून 2017 को ली गई है। समीक्षा बैठक में सायबर अपराधों के निराकरण हेतु सायबर के रिक्त पदों एवं जिलों में घोषित सायबर नोडल थानों में पदस्थापना हेतु प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भोपाल को भेजा गया है। (घ) सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा किसी भी एन.जी.ओ. की मदद नहीं ली जा रही है।
विभाग अन्तर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 2112 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक भीकनगांव उपसंभाग को कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन कौन-कौन से मद का था तथा यह किन कार्यों पर खर्च किया जाना था? वर्षवार प्राप्त आवंटन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक उपसंभाग भीकनगांव में प्राप्त आवंटन में से कहाँ-कहाँ पर किन-किन कार्यों पर खर्च किया गया तथा वह भुगतान किसे किया गया? कार्यवार जानकारी प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आवंटन जिलेवार दिया जाता है, उपसंभागवार नहीं। (ख) प्रश्नांकित अवधि में उपंसभाग में किये गये कार्यों पर व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
58. ( क्र. 2150 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 27 फरवरी 2017 के अता. प्रश्न क्रमांक 43 के संदर्भ में बताएं कि ग्राम छोवलाई जिला अशोकनगर की शासकीय भूमि में बड़े किसानों ने अतिक्रमण कर कुएं खोद लिये हैं उसमें वर्तमान स्थिति क्या है व नाममात्र के जुर्माने के बजाय अतिक्रमण कब तक हटायेंगे? (ख) अशोक नगर जिले में कितने गांवों में इस प्रकार शासकीय भूमि पर निजी लोगों का अतिक्रमण है? खासतौर से मंदसौर मिल वालों की भूमि आदि के बारे में प्राप्त शिकायतें कितनी प्रश्नकर्ता द्वारा व अन्य लोगों द्वारा की हैं व उन पर क्या कार्यवाही हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला अशोकनगर के ग्राम छैवलाई तहसील पिपरई की शासकीय भूमि पर केवल दो अतिक्रामक थे। शासकीय भूमि पर स्थित कुओं से उनकी मोटरे पाईप आदि जब्त कर एवं अर्थदण्ड आरोपित कर अतिक्रमण हटा दिया गया है। (ख) अशोकनगर जिले में इस प्रकार की शासकीय भूमि पर उक्त प्रकार से कुएं खोदकर अतिक्रमण नहीं है। मंदसौर मिल की भूमि स्वामी स्वत्व की भूमि ग्राम देहरदा, पीपलखेडा, अखाईदान एवं खिरियामहू में स्थित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। कस्बा अशोकनगर में स्थित मंदसौर मिल की भूमि जो वर्तमान में शासकीय दर्ज है का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी 2260/2009 विचाराधीन है। उक्त सर्वे नम्बर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
अनैतिक लाभ पहुँचाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
59. ( क्र. 2179 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 06/03/2017 को प्रश्न क्रमांक 4604 के संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है? उत्तर दिया है तो क्या जानकारी एकत्र कर ली गयी है? इस विलंब के लिए कौन दोषी है? (ख) प्रश्न में उल्लेखित बिन्दुओं पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? औचित्य बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 2247 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? कितनी योजनाएं रख-रखाव, सुधार कार्य एवं विद्युत आपूर्ति नहीं होने के कारण बंद है? कार्यरत एवं बंद नल-जल योजनाओं के कारणों सहित पूर्ण जानकारी दें? बंद नल-जल योजनाओं को कब तक कार्यरत किया जावेगा? (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में नल-जल योजनाओं एवं मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं सहित अन्य पेय-जल योजनाओं की मांग की गयी? उनमें से कितनी योजनाएं स्वीकृत हुयी? स्वीकृत पेय-जल योजनाओं की पूर्ण जानकारी एवं वर्तमान स्थिति बताएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 78 योजनाएं। 17 योजनाऐं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। स्त्रोत के अभाव एवं वृहद सुधार वाली बन्द योजनाओं को विभाग द्वारा एवं लघु सुधार वाली बन्द योजनाओं को पंचायत के माध्यम से चालू करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
61. ( क्र. 2248 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र की शास. उचित मूल्य की राशन दुकानों के राशन कार्डधारियों में से कितने पुराने कार्डधारियों, कितने नये कार्डधारियों (BPL) को खाद्यान्न पात्रता पर्ची प्रदान नहीं की गयी? (ख) विगत एक वर्ष की जानकारी राशन दुकानवार सहित दें। (ग) बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों को उपरोक्त खाद्यान्न पात्रता पर्ची प्रदान करने या रोकने की जिम्मेवारी किन-किन कर्मचारियों की है? खाद्यान्न पात्रता पर्ची के अभाव में गरीब राशन के लिए न भटकें, इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन कब तक करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बरगी विधासभा क्षेत्र में 3,919 नए एवं 533 पुराने बी.पी.एल. राशन कार्ड धारी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। (ख) उचित मूल्य दुकानवार पात्रता पर्ची प्राप्त न करने वाले परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में हितग्राहियों की संख्या के विरूद्ध जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिलों में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जिले के भीतर स्थानांतरण प्रक्रिया में अनियमितताएं
[राजस्व]
62. ( क्र. 2271 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिलांतर्गत जिला स्थानांतरण बोर्ड से माननीय प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात कितने स्थानांतरण हुए है? वर्षवार एवं विभागवार अनुमोदित सूची के आधार पर जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी प्रश्नकर्ता द्वारा आपने पत्र क्र./विधा./मण्डला/508 दिनांक 02.11.16 के माध्यम से चाही गई थी और निश्चित समयावधि में जानकारी विभागवार वर्षवार उपलब्ध न होने की स्थिति में स्मरण पत्र क्र./विधा./मण्डला/655 दिनांक 29.12.16 के द्वारा पुन: जानकारी हेतु आग्रह किया था? यदि हाँ, तो जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष एवं विभागों में जिले के भीतर स्थानांतरण प्रक्रिया में क्या नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध स्थानांतरण करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी और कब तक? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित वांछित जानकारी निर्धारित विधिमान्य अवधि में नहीं दिये जाने वाले अधिकारियों एवं विधान सभा का समय एवं व्यय कराने वाले तथा संवैधानिक नियमों का पालन न करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डिण्डोरी जिले के केरोसिन व्यापारियों के लायसेंस निरस्त करने के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 2274 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले में म.प्र. केरोसिन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश के तहत किन-किन अनुज्ञप्तिधारी फर्मों के लायसेंस निरस्त कर दिये गये, फर्म का नाम एवं कारण बताये? क्या म.प्र. केरोसिन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश 1979 की कंडिका 4 (2) में अनुज्ञप्ति की अवधि समाप्त होने के 30 दिन पूर्व तथा अनुज्ञप्ति समाप्ति तिथि के 15 दिन पश्चात् तक अनुज्ञप्ति नवीनीकरण आवेदन स्वीकार किये जाने का लेख है? (ख) यदि हाँ तो मेसर्स सीताराम सरजू प्रसाद एण्ड संस मण्डला की अनुज्ञप्ति क्र.-46/डी/2008 की वैधता दिनांक 31/12/2016 तक थी, का अनुज्ञप्ति नवीनीकरण आवेदन दिनांक 23/12/16 को अनुज्ञापन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया था, फिर क्यों लायसेंस निरस्त किया गया? (ग) डिण्डोरी जिले में चार अनुज्ञप्तिधारी केरोसिन व्यापारियों में से तीन केरोसिन व्यापारियों का लायसेंस निरस्त कर दिया गया, आम जनता को केरोसिन आपूर्ति की क्या व्यवस्था की गई, पूरा रूटचार्ट एवं प्लान बताये? फरवरी 2017 माह का कोटा कितने किलो लीटर का और कितने किलो लीटर उठाव हुआ कितना लेप्स हुआ और क्यों? क्या म.प्र. केरोसिन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश 1979 में संग्रहण स्थल परिवर्तन करने पर अनुज्ञा की कोई आवश्यकता है? यदि हाँ तो कारोबार स्थल परिवर्तन करने पर अनुज्ञापन आदेश 1979 का उल्लंघन कैसे हो सकता है? नियम विरूद्ध लायसेंस निरस्त करने के क्या कारण है? (घ) क्या शासन म.प्र. केरोसिन अनुज्ञापन आदेश 1979 की शर्तों एवं अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अधीन रहकर निष्कलंक व्यवसाय करने वाली फर्म का लायसेंस रद्द करने वाले आदेश को निरस्त कर लायसेंस नवीनीकरण हेतु निर्देशित करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित आदेश के तहत डिण्डोरी जिले में मेसर्स मण्डला पेट्रोलियम, मेसर्स एनआर ट्रेडर्स एवं मेसर्स सीताराम सरजू प्रसाद अग्रवाल एण्ड सन्स की अनुज्ञप्तियां निरस्त की गई हैं। निरस्ती के कारणों का उल्लेख कलेक्टर द्वारा जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में उल्लेख अनुसार है। मध्यप्रदेश केरोसिन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश 1979 की कण्डिका 4 (2) में उल्लेख है कि 'अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र इस प्रकार दिया जायेगा कि वह अनुज्ञप्ति की अवधि समाप्त होने के तीस दिन पूर्व अनुज्ञापन प्राधिकारी के पास पहुंच जाये तथा किसी भी दशा में उस दिनांक के 15 दिन के बाद न पहुंचे। (ख) प्रश्नांकित फर्म को 15.12.2016 तक आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए था। कंडिका 4 (2) के अनुसार अनुज्ञप्तिधारी को नवीनीकरण का आवेदन अनुज्ञप्ति की वैधता अवधि समाप्त होने के 30 दिन पूर्व अर्थात यदि वैधता अवधि 31.12.2016 तक है, तो उसे 01.12.2016 तक आवेदन करना चाहिए था अथवा किसी भी स्थिति में उस दिनांक के 15 दिन बाद अर्थात 15.12.2016 तक आवेदन करना था। प्रश्नांकित फर्म द्वारा मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कण्डिका 4 (2) के साथ-साथ अनुज्ञप्ति की शर्तों 2, 3, 4, 5, 7 एवं 10 का उल्लंघन करने के कारण सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त आदेश की कंडिका 8 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण से इन्कार किया गया है। (ग) जी हां, तीन अनुज्ञप्तिधारियों की अनुज्ञप्ति निरस्त करते हुए 1 अनुज्ञप्तिधारी से जिले में केरोसीन का वितरण कराया जा रहा है। माह फरवरी, 2017 में डिण्डोरी जिले को आवंटित 708 के.एल. केरोसीन के विरूद्ध 660 के.एल. केरोसीन का उठाव हुआ है। 48 के.एल. केरोसीन का उठाव मांग न होने के कारण नहीं किया गया है। मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कण्डिका 4 (1) के अंतर्गत अनुज्ञप्ति अथवा नवीनीकरण के लिए विहित प्रारूप में आवेदन करना अपरिहार्य है। आवेदन के बिन्दु क्रमांक 6 एवं 7 में कारोबार स्थल एवं संग्रहण स्थल का पूरा पता देने का उल्लेख है। जाँच में उक्त पते को मिथ्या पाये जाने पर मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कंडिका 4 का उल्लंघन होता है। संग्रहण स्थल के परिवर्तन की सूचना भी 48 घंटे के भीतर अनुज्ञापन अधिकारी को देना और अपनी अनुज्ञप्ति में तदनुसार परिवर्तन करने हेतु अनुज्ञप्ति प्रस्तुत करना नियमानुसार आवश्यक है। सक्षम अधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की विभिन्न कंडिकाओं (कंडिका 4 की उप कंडिका 2 एवं अनुज्ञप्ति की शर्त क्रमांक 2, 3, 4, 5, 7 एवं 10) के उल्लंघन के कारण ही अनुज्ञप्ति निरस्त की गई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अनुज्ञापन प्राधिकारी के आदेश से व्यथित व्यक्ति मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कंडिका 16 के अंतर्गत संभाग के आयुक्त या अपर आयुक्त को अपील कर सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न का भण्डारण एवं परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
64. ( क्र. 2275 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में शासन द्वारा सब्सिड़ी उपलब्ध करा कर या स्वयं के द्वारा निर्मित किये गये वेयरहाउस (खाद्यान्न गोदाम) नगरीय एवं ग्रामीण की कुल संख्या क्या है? विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त सब्सिड़ी की राशि निर्माण की राशि निर्माणकर्ता का नाम एवं पूर्ण पता, निर्मित किये गये स्थान, ग्राम पंचायत, विकासखण्ड का नाम, वार्ड क्रमांक, नगरीय क्षेत्र के पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या शासन द्वारा कोई दिशा-निर्देश हैं कि एक तहसील में क्रय किये गये खाद्यान्न को उसी तहसील के वेयर हाउस में न रखकर दूसरे तहसील में स्थित वेयर हाउस में रखा जाए? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें तथा जिले में निर्मित सभी वेयर हाउस खाद्यान्न रखने की क्षमता का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक वेयर हाउस में रखे हुए खाद्यान्न की कुल मात्रा एवं निर्मित कितने वेयर हाउस खाली पड़े हुए हैं, की जानकारी देवें? (घ) खाद्यान्न ढुलाई में कितनी राशि खर्च की गई तथा क्या नजदीक में निर्मित वेयर हाउस में खाद्यान्न रखने से ढुलाई की राशि कम खर्च होती? यदि हाँ तो क्या शासकीय राशि का ढुलाई में अपव्यय निर्मित वेयर हाउस के मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेयजल संबंधी विसंगतियां एवं अपूर्ण नलजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
65. ( क्र. 2276 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले में स्वीकृत नलजल योजनाओं की कितनी संख्या है? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक उक्त नल जल योजना के लिए कितनी धनराशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई है? स्वीकृति पश्चात विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का ब्यौरा देवें? (ख) मण्डला विधानसभा क्षेत्र में उक्त नल जल योजनाओं में कितनी चालू, कितनी बंद एवं कितनी कब से प्रगतिरत है? क्या ग्राम पंचायत बंड़ीखैरी अंतर्गत वृहद नल जल योजना अपने निश्चित अवधि में पूर्ण हो गई है? यदि हाँ तो कब समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो लापरवाही और ठेकेदार को लाभ देने वाले विभागीय अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) विभाग के स्टोर में कितनी खराब विद्युत मोटरें उपलब्ध हैं तथा कौन-कौन सी कंपनी की है? कब क्रय की गई? कितने समय पश्चात खराब हो गई, क्या इनका परीक्षण कराया जावेगा? ऐसी क्या मजबूरी है कि इन्हीं कंपनी की मोटरें क्रय की जा रही हैं। (घ) जो नलजल योजनाऐं लम्बी समयावधि के बीत जाने के पश्चात् भी प्रगतिरत दर्शाई जा रही हैं, उन्हें निरस्त कर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 476 योजनाएं। प्रश्नांकित अवधि में रूपये 3136.92 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई है। 273 योजनाएं पूर्ण कराई गयी हैं, 50 योजनाएं प्रगतिरत एवं 25 योजनाओं के कार्य स्त्रोत के अभाव एवं वित्तीय सीमा के दृष्टिगत अप्रारंभ रही। (ख) 130 योजनाएं चालू, 16 योजनाएं बन्द एवं 05 प्रगतिरत 2-3 वर्ष से प्रगतिरत हैं। जी नहीं। ग्राम पंचायत बडी खैरी (वृहद) समूह नलजल योजनांतर्गत सम्मिलित 55 ग्रामों में से 28 ग्रामों में कार्य पूर्ण कर पेयजल प्रदाय किया जा रहा है, शेष 27 ग्रामों में पाईप लाईन टेस्टिंग का कार्य प्रगति पर है, उक्त योजना में सम्मिलित ग्राम वन क्षेत्र में होने के कारण वन विभाग से कार्य करने की अनुमति समय पर नहीं मिलने से कार्य पूर्ण करवाने में विलम्ब हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 11 खराब विद्युत मोटरें। परीक्षण किया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। शासन के नियमानुसार म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय किये जाने का प्रावधान है। (घ) उत्तरांश-'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कौशल विकास प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
66. ( क्र. 2277 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कौशल विकास विभाग जबलपुर द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रारंभ की गई नवीन आई.टी.आई. में प्राचार्य पदस्थ नहीं किये गये तथा वे बिना संस्था प्रमुख के संचालित हैं? विभिन्न शासकीय आई.टी.आई. में संस्था प्रमुख के कितने पद रिक्त हैं तथा कब तक भरे जावेंगे? (ख) क्या संचालनालय कौशल विकास का मुख्यालय जबलपुर में होने के बाद भी संचालनालय के कार्य से कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारियों ने शासकीय यात्राएं की हैं? उनका अप्रैल, 2013 से दिसम्बर 2016 तक कितना यात्रा व्यय भुगतान किया गया है? प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद एवं कितना यात्रा देयक की राशि का भुगतान शेष है? (ग) संचालनालय कौशल विकास जबलपुर के अधीनस्थ कौन-कौन से संयुक्त संचालक एक ही संभाग में विगत 5 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ हैं? उनका नाम, पद एवं पदस्थापना वर्ष का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या शासकीय आई.टी.आई. में तृतीय पारी का संचालन दोपहर 02.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक किया जाता है? अधिकांश आई.टी.आई. में नियमित प्रशिक्षण नहीं है तथा अधिकांश रात्रि 08.00 बजे के पूर्व बंद हो जाती है? ऐसा क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) संचालित 222 आई.टी.आई. में संस्था प्रमुख के कार्यों को संपादित करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) किसी भी पाली में प्रशिक्षण की अवधि 7.30 घण्टे प्रति दिवस निर्धारित है। तृतीय पाली में निर्धारित अवधि अनुसार संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
67. ( क्र. 2288 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 2017 की स्थिति में म.प्र. में कितने-कितने नायब तहसीलदार, तहसीलदार के पद स्वीकृत हैं? उनमें से उक्त दिवस की स्थिति में कितने नायब तहसीलदार- तहसीलदार उपलब्ध हैं? शेष जो पद रिक्त हैं उनमें कितने पद नायब तहसीलदार - तहसीलदार के 01 जुलाई 2017 की स्थिति में रिक्त हैं? इन रिक्त पदों पर वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी (उनका मूल पद क्या है? ) प्रभारी के रूप में किस-किस स्थान पर पदस्थ हैं? सूची दें। (ख) क्या अभी माह जून 2017 के राजस्व मंत्री महोदय द्वारा नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति के लिये माननीय मुख्यमंत्री महोदय से पद पूर्ति हेतु स्वीकृति अनुमोदन प्राप्त किया हैं? यदि हाँ तो किस-किस पद हेतु कितनी-कितनी रिक्तियों की पूर्ति हेतु अनुमोदन लिया हैं? पद व संख्यावार स्पष्ट करें। (ग) क्या नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु माह जून 2017 में लिये गये अनुमोदन अनुसार 3 जून से 8 जून 2017 तक म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई मुख्य परीक्षा में माह जून 2017 में लिये गये नये नायब तहसीलदार के पदों के स्वीकृत अनुमोदन को सम्मलित कर नायब तहसीलदार के पदों की पूर्ति की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 1 जुलाई 2017 की स्थिति में मध्यप्रदेश में तहसीलदार/नायब तहसीलदारों के स्वीकृत रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
01 |
तहसीलदार |
519 |
291 |
228 |
स.क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
01 |
नायब तहसीलदार |
620 |
352 |
268 |
जिलों में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के रिक्त पदों पर राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के रूप में कार्य करने हेतु तहसीलदार की शक्तियां प्रदान की गई है। उनके क्षेत्राधिकार प्रदान करने के लिये कलेक्टरों को अधिकार दिये गये है। मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। सैद्धांतिक सहमति प्राप्त की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही
[गृह]
68. ( क्र. 2290 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के धरनावदा थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 64/17 कब दर्ज किया गया? दलित फरियादी को हाइकोर्ट क्यों जाना पड़ा? एस.सी.एस.टी. एक्ट में अपराधों के निराकरण की समयावधि क्या हैं? इस मामले में पुलिस समय-सीमा में विवेचना कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत क्यों नहीं कर सकी? फरियादी को राहत राशि कब प्रदान की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध के आरोपी पुलिस कर्मी पूर्व में गुना जिले में कब-कब एवं कितनी अवधि तक पदस्थ रहे, बार-बार गुना में पदस्थापना के क्या कारण हैं? नियमानुसार कोई पुलिस कर्मी सेवाकाल के दौरान एक साथ अथवा अलग-अलग कितने समय तक एक ही जिले में पदस्थ रह सकता हैं? (ग) क्या पुलिस प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध की विवेचना करने में असमर्थ हैं? यदि हाँ तो इस अपराध की विवेचना सी.बी.आई. से कराने के आदेश प्रदान किये जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गुना जिले के थाना धरनावदा के जिस अपराध के संबंध में प्रश्न की विषयवस्तु वर्णित की गई है उसका अपराध क्र0 64/17 नहीं है, अपितु अपराध क्र. 65/17 धारा 365 भादवि एवं 3 (2) 5 अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का है जो दिनांक 07.04.17 को पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की फरियादिया अप्पि बाई ने उसके पुत्र को प्रस्तुत करने (हेबियस कार्पस) एवं स्वयं की सुरक्षा संबंधी रिट याचिका माननीय उच्च न्यायालय में दायर की थी जिसमें दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है। अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध प्रकरण के निराकरण की अवधि सामान्यतः 60 दिवस निर्धारित है किन्तु अनुसंधान में विलंब संबंधी उचित कारणों को स्पष्ट किये जाने पर और अधिक समय तक विवेचना की जा सकती है। प्रकरण में गुमशुदा आत्माराम पारदी अभी तक की विवेचना एवं तलाश पर दस्तयाब नहीं हो सका है इस कारण प्रकरण विवेचनाधीन है। दस्तायाब होने पर साक्ष्य अनुरुप वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। राहत राशि दिये जाने हेतु प्रकरण का घटना दिनांक समय 29.06.15 होने से तत्समय प्रभावशील राहत नियमों के अनुसार राहत राशि प्रदान करने हेतु राहत प्रकरण बनाकर स्वीकृति हेतु जिला संयोजक कार्या. गुना को भेजा गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उक्त अपराध में संदिग्ध पुलिसकर्मी 1-उप निरी. रामवीर सिंह-दिनांक 01.07.97 को गुना जिला में आरक्षक के पद पर भर्ती होकर 2008 तक एवं दिनांक 15.06.2010 से 08.06.2011 तक सहा.उप निरी. के पद पर एवं दिनांक 24.08.2013 से 05.01.2016 तक उप निरी. के पद पर जिला गुना में पदस्थ रहा। 2-आरक्षक योगेन्द्र सिंह क्र. 613 दिनांक 04.02.2011 से अभी तक जिला गुना में पदस्थ है। उक्त कर्मचारी प्रशासनिक आदेशों से गुना जिले में पदस्थ रहे हैं। नियमानुसार किसी भी पुलिस कर्मचारी की पदस्थापना एक अनुविभाग में विभिन्न पदों पर 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध की विवेचना करने में पुलिस सक्षम है तथा प्रकरण की प्रभावी विवेचना की जा रही है। प्रकरण में साक्ष्य अनुरुप वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण की जाँच सी.बी.आई. को सौंपे जाने की कोई आवश्कयता नहीं है।
शासकीय एवं गैर शासकीय आई.टी.आई.
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
69. ( क्र. 2312 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी शासकीय आई.टी.आई. एवं गैर शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में संचालित उद्योगों को देखते हुए क्या शासन वहां पर और नई आई.टी.आई. खोलने पर विचार करेगा? (ग) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड सांईखेड़ा एवं चीचली में ऐसे कितने कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं जो ब्लाक हेडक्वार्टर पर लगते हैं, क्या ये केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित है। यदि नहीं, तो इन केन्द्रों के नये भवन के निर्माण की अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में निम्नानुसार शासकीय एवं प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित है:-
क्र. |
शासकीय एवं प्राईवेट आई.टी.आई. के नाम एवं स्थान |
1. |
शासकीय आई.टी.आई., गाडरवारा |
2. |
ब्रिज प्राईवेट आई.टी.आई., गाडरवारा |
3. |
महाराणा प्रताप प्राईवेट आई.टी.आई., नरसिंहपुर |
4. |
मारूति नंदन प्राईवेट आई.टी.आई., गाडरवारा |
5. |
एस.एन.एम. प्राईवेट आई.टी.आई., गाडरवारा |
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं। (ग) कौशल विकास केन्द्र सांईखेड़ा अम्बेड़कर भवन में तथा कौशल विकास केन्द्र बाबई चिचली बी.आर.सी. भवन में संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस चौकियों की संख्या
[गृह]
70. ( क्र. 2313 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने थाने एवं पुलिस चौकियां संचालित हैं? ग्राम एवं स्थान सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त क्षेत्र में जहां पुलिस चौकियां संचालित हैं उन्हें थाने में उन्नयन करने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सालीचौका थाने के अंतर्गत क्या बारहावडा एवं पिपलियाकला गांव में पुलिस चौकी खोले जाने के संबंध में शासन विचार कर रहा है? यदि हाँ तो कब तक चौकियां स्थापित हो जायेंगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत चार थानें एवं तीन पुलिस चौकियां संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार। (ख) पुलिस चौकी सालीचौका, सिहोरा तथा गोटीटोरिया का थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किये गये। (ग) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत पुलिस चौकी सालीचौका व पुलिस चौकी सीहोरा को थाने में उन्नयन करने तथा ग्राम पिपलियाकलॉ व ग्राम बारहाबड़ा में नवीन पुलिस चौकियों की स्थापना के प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किये गये।
संनिर्माण कर्मकार की राशि की जानकारी
[श्रम]
71. ( क्र. 2352 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं सतना जिलों में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किस-किस से राशि एक लाख से अधिक और 10 लाख के अन्दर निर्धारण कर कब-कब भवन मालिकों से राशि जमा कराई गई है? पृथक-पृथक विवरण भवन मालिक/संस्थावार बताएं। (ख) कटनी जिले में वर्ष 2012 में जिन भवन स्वामियों को भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार की राशि जमा करने हेतु नोटिस जारी किया गया था? उनमें से कितनों के द्वारा राशि जमा की गई तथा कितनों ने नहीं की? जिनके द्वारा राशि जमा नहीं की गई उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के जिलों में अवैध कालोनियों में 10 लाख से ऊपर के भवन निर्माण पर संनिर्माण कर्मकार की किस-किस से कितनी राशि वसूल की गई? कितनी शेष है? भवन स्वामीवार बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) में नियुक्त कर्मचारियों को रखने में आरक्षण नियम एवं भर्ती नियम का पालन किया गया अथवा नहीं? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय किसी अन्य विभाग के प्रमुख सचिव से जाँच करवाई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो कारण बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत कटनी जिले में प्रश्नांकित अवधि में चाही गई जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
संस्था/भवन मालिक का नाम |
दिनांक |
जमा राशि
|
1 |
श्री राकेश मेहानी, पिता श्री भोजराज मेहानी, सुख सागर फुड प्राइवेट लिमिटेड, ग्राम- पडुआ, तहसील-पिपरोध,कटनी |
10.01.2013 |
1,10,160/- |
2 |
महाप्रबंधक जे.के.वाईट, ग्राम-रूपोद, तहसील-बड़वाडा, कटनी |
08.03.2016 |
7,17,124/- |
सतना जिले की चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत कटनी जिलें में वर्ष 2012 में जिन भवन स्वामियों को उपकर राशि जमा करने हेतु कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था, उनमें से किसी के भी द्वारा उपकर राशि जमा नहीं की गई है। उपरोक्त राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। (ग) भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के तहत प्रदेश में संचालित निर्माण कार्यों की कुल निर्माण लागत का 1 प्रतिशत उपकर मंडल में जमा कराये जाने का प्रावधान है। उपकर अधिनियम के अंतर्गत स्थनीय निकायों नगर निगम, नगर पालिका, जनपद पंचायतों को निर्माण लागत की 1 प्रतिशत राशि उपकर के रूप में वसूल किये जाने के पश्चात् ही भवन अनुज्ञा जारी किये जाने के निर्देश मंडल द्वारा दिये गये है। तद्नुसार स्थानीय निकायों द्वारा कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन हेतु शासकीय लीज
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
72. ( क्र. 2376 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मत्स्य पालन नीति 2008 क्या है? छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा, उत्पादन हेतु शासकीय जल स्थल लीज पर देने के क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया है? लीज आवंटन में पहली प्राथमिकता किसे प्राप्त है? (ख) क्या ग्राम पंचायत अभाना विकासखण्ड मझौली जिला जबलपुर के सरपंच एवं जनपद सदस्य एवं अन्य ग्रामीणजनों द्वारा दिनांक 21.07.15 को सहायक संचालक मत्स्य उद्योग जबलपुर को पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा यहाँ स्थित तीन शासकीय जल स्थल फर्जी तरीके से गलत लोगों को लीज पर देने की शिकायत की थी तथा इस शिकायत पर मत्स्य निरीक्षक पनागर, मझौली को जाँच हेतु आदेशित किया गया तथा उन्होंने जाँच कर अपनी जाँच रिपोर्ट दिनांक 14.12.2015 को प्रेषित कर दी थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो मत्स्य निरीक्षक पनागर मझौली का जाँच प्रतिवेदन क्या था? जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि जाँच प्रतिवेदन में ग्राम पंचायत अभाना द्वारा मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन हेतु लीज पर 10 वर्षों हेतु आवंटन की प्रक्रिया को क्या सही दर्शाया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जाँच प्रतिवेदन पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। एवं बतलावें कि ग्राम पंचायत द्वारा गलत तरीके से मत्स पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन हेतु लीज पर देने की प्रक्रिया को क्या शासन निरस्त कर पुन: उचित तरीके से इसे लीज पर दिया जावेगा? यदि हाँ तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। प्रक्रिया अनुसार सही नहीं पाया गया है। (घ) प्रकरण न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर में विचाराधीन है। निर्णय उपरांत प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रदेश में संचालित डायल 100
[गृह]
73. ( क्र. 2377 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में डायल 100 योजना कब से संचालित है? इसके संचालन हेतु कब, किन शर्तों के अधीन, किससे, अनुबंध कर कब तक के लिये परिवहन संचालन का दायित्व सौंपा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत प्रदेश में कुल कितने वाहन संचालित हो रहे हैं? इस सेवा हेतु किस प्रकार के किन-किन उपकरणों से लेस वाहन किस दर पर किराये पर लगाये गयें हैं तथा इन किरायें के वाहनों के संचालन हेतु राज्य सरकार प्रतिवर्ष कितना व्यय कर रही है? (ग) क्या प्रदेश में डायल 100 सेवा निंरतर जारी रहने की संभावना है? यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार इस योजना के संचालन हेतु स्वयं का वाहन क्रय करेंगी, ताकि कम खर्चे पर इस योजना का संचालन किया जा सकें? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं बतलावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 01 नवम्बर 2015 से। योजना के संचालन हेतु खुली निविदा के तहत न्यूनतम मूल्य (एल-1) आधार पर चयनित सफल निविदादाता मेसर्स व्ही.बी.जी. इंडिया लिमिटेड, व्ही.बी.जी. हाउस, प्रीमियर प्लाजा, पुणे-मुम्बई रोड़, चिंचवाड, को दिनांक 30.04.2015 को अनुबंध कर मार्च 2020 तक के लिये संपूर्ण योजना के संचालन का दायित्व सौंपा गया। शर्तों का संक्षिप्त विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) वर्तमान में प्रदेश में कुल 1000 वाहन संचालित हो रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। उपकरणों का कोई किराया देय नहीं है। वाहन किराया, मेन्टेनेन्स एवं संचालन पर राशि रू. 60,837 (टेक्स अतिरिक्त) प्रतिमाह प्रति वाहन देय है। वाहनों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रू. 64,70,66,978/- (ईधन छोड़कर) व्यय किया गया है। (ग) वर्तमान में यह योजना मार्च 2020 तक स्वीकृत है, जो पूर्ण रूप से शासन द्वारा वित्त एवं पोषित है। इस सेवा को निरंतर रहने के संबंध में यथासमय निर्णय लिया जायेगा। जी नहीं। स्वंय के वाहन क्रय कर, मेन्टेन करने और संचालन करने पर कुल वास्तविक व्यय वर्तमान से ज्यादा ही आना स्वाभाविक है। साथ ही वाहन क्रय पर एक साथ बड़ी राशि व्यय करनी होगी। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राहतगढ़ क्षेत्र में आई.टी.आई. प्रारंभ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
74. ( क्र. 2385 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 19 अप्रैल 2017 को बिलहरा प्रवास पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सुरखी विधान सभा क्षेत्र के राहतगढ़ में आई.टी.आई. प्रारंभ किये जाने बाबत् घोषणा की थी? यदि हाँ तो प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या आई.टी.आई. के भवन निर्माण हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा भूमि उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ तो कब तक टेन्डर जारी कर दिये जावेंगे? डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। आई.टी.आई. स्थापना की स्वीकृति जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.डी.ओ.पी. के कार्य एवं उत्तरदायित्व
[गृह]
75. ( क्र. 2387 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के पुलिस विभाग में पदस्थ एस.डी.ओ. (पी) के कार्य एवं उत्तरदायित्व क्या हैं? (ख) क्या एस.डी.ओ. (पी) को अपने क्षेत्र अंतर्गत लंबित अपराधों की समीक्षा करने एवं पुलिस थानों का नियमित निरीक्षण करना भी होता है? क्या अकादमिक/आकस्मिक निरीक्षण हेतु कोई लक्ष्य भी निर्धारित होता है? (ग) यदि हाँ तो बतावें कि एस.डी.ओ. (पी) राहतगढ़ द्वारा अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुये विगत 6 माह में अब तक अपने अधीनस्थ थानों का कब-कब अकादमिक/आकस्मिक निरीक्षण किया और कब-कब लंबित अपराधों की समीक्षा कर प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को भेजे? निरीक्षण प्रतिवेदन एवं वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये अपराधों से संबंधित समीक्षा प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायी जावे। (घ) क्या एस.डी.ओ. (पी) राहतगढ़ द्वारा अपने दायित्वों का निर्वाहन सही तरीके से पुलिस मेन्युअल अनुसार किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एस.डी.ओ.पी. के कार्य एवं उत्तरदायित्वों में अपराधों की समीक्षा, गंभीर अपराधों का पर्यवेक्षण, नव विवाहिता से संबंधित मर्ग व अपराधों की विवेचना, अनुसूचित जाति, जन जाति (अत्याचार) निवारण अधिनियम से संबंधित अपराधों की विवेचना, थानों का निरीक्षण, अनुभाग अंतर्गत कानून व्यवस्था संबंधित ड्यूटी, सी.एम. हेल्पलाईन शिकायत वरिष्ठ कार्योलयों से प्राप्त शिकायतों की जाँच, विभागीय जाँच व माननीय उच्च न्यायालय में याचिकाओं के संबंध में जबावदावा पेश करने संबंधी कार्य सम्मिलित हैं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) विगत छः माह की अवधि जनवरी 2017 से 25.04.2017 तक तत्कालीन एस.डी.ओ.पी. राहतगढ़ द्वारा दिनांक 06.01.2017 को थाना नरयावली, दिनांक 14.01.2017 को थाना राहतगढ़, दिनांक 22.02.2017 को थाना जैसीनगर व दिनांक 17.03.2017 को थाना जैसीनगर का आकस्मिक निरीक्षण कर तामीली प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये थे एवं दिनांक 25.04.2017 से वर्तमान एस.डी.ओ.पी. राहतगढ़ द्वारा दिनांक 29.04.2017 को थाना नरयावली, दिनांक 24.05.2017 को थाना राहतगढ़ एवं दिनांक 11.06.2017 को थाना जैसीनगर का आकस्मिक निरीक्षण कर तामीली प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये हैं। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वरिष्ठता दिये जाने के संबंध में
[गृह]
76. ( क्र. 2394 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदेश क्रमांक/पुमु/2/चयन (क्यू-पदो) स-6 (एफ1581)/3258/11 दिनांक 18.10.11 एवं आदेश क्रमांक/पु.मु./2/चयन/क्यूपदो/स-6 (एफ-1569) 396/A/11 दिनांक 22/11/11 द्वारा पुलिस मुख्यालय, भोपाल ने नगद इनाम दिनांक से 6 अधिकारी/कर्मचारी को लगभग 3 वर्ष 7 माह से 4 वर्ष 2 माह पूर्व तक की अवधि की अलग-अलग वरिष्ठता दी गई है? यदि हाँ तो बतायें किस वैधानिक आधार पर नगद इनाम दिनांक से वरिष्ठता प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित प्रकरणों के आधार पर ही दस हजार इनाम दिनांक 13.11.2007 से वरिष्ठता का कटनी जिले के किस उप निरीक्षक का अभ्यावेदन आदेश क्रमांक मु./3/का/कृ.पु. पदो/स-6/(एफ 1600) 315/15 दिनांक 14.01.2015 के तहत पदोन्नति दिनांक से लगभग 4 वर्ष पूर्व से अर्थात् नगद इनाम दिनांक 13.11.2007 से वरिष्ठता दिए जाने को नियमानुसार कोई वैधानिक आधार न मानते हुए अमान्य किया गया? क्या पुलिस अधीक्षक कटनी के पत्र क्रमांक/पु.अ./कटनी/स्थापना/266 दिनांक 20.04.2017 एवं पु.अ. कटनी/स्थापना/342/17 दिनांक 22.05.17 से पुलिस महानिदेशक भोपाल को इसी उपनिरीक्षक को वरिष्ठता प्रदान किये जाने की पुन: अनुशंसा की जाकर प्रस्ताव भेजा गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में जिन आधार या प्रक्रिया पर नगद इनाम दिनांक से वरिष्ठता दी गई है उसी अनुक्रम में प्रश्नांश (ख) में उल्लिखित प्रकरण में भी उपनिरीक्षक को नगद इनाम दिनांक से वरिष्ठता प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। क्रम से पूर्व पदोन्नति नियम 70 (क) में वरिष्ठता दिये जाने बाबत् कोई उल्लेख नहीं है। प्रत्येक पदोन्नति प्रकरण की परिस्थितियों के आधार पर वरिष्ठता का निर्णय लिया जाता है। तदनुसार ही पुलिस मुख्यालय के आदेश क्र. पुमु/2/चयन/क्यू-पदो/स-6/एफ-1581/325-बी/11 दिनांक 18.10.2011 एवं आदेश क्र/पुमु/2/चयन (क्रपूपदो) स-6 (एफ-1569)/396-ए/2011 दिनांक 22.11.2011 के अनुसार वरिष्ठता प्रदान की गई है। (ख) कटनी जिले के उप निरीक्षक अजय बहादुर सिंह का अभ्यावेदन अमान्य किया गया। जी हां, पुलिस अधीक्षक, कटनी से उप निरीक्षक को वरिष्ठता दिये जाने संबंधी पत्र क्र. पु.अ./कटनी/स्थापना/266 दिनांक 20.04.2017 अति.पु.म.नि. जबलपुर जोन जबलपुर के पत्र क्र./अमनि/जबल/स्था/1876-ए/2017 दिनांक 22.04.2017 के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही हेतु प्राप्त हुआ एवं पु.अ. कटनी/स्थापना/342/17 दिनांक 22.05.2017 प्राप्त हुआ था जिनमें पुलिस अधीक्षक कटनी ने उक्त उप निरीक्षक का वरिष्ठता दिये जाने संबंधी आवेदन पत्र मूलतः संलग्न कर अग्रेषित किया है। पुलिस अधीक्षक, कटनी के उक्त पत्र के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्र अमान्य करते हुये पुलिस मुख्यालय के पत्र क्र./पुमु/3/का/स-6/क्रपूपदो/एफ-1600/3327/17 दिनांक 26.05.2017 के द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी के माध्यम से उप निरीक्षक अजय बहादुर सिंह को अवगत कराया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
77. ( क्र. 2397 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सीमांकन, नामांतरण हेतु वर्ष 2015-16, 2016-17 में कितने आवेदन कब-कब, किस-किस व्यक्ति के प्राप्त हुए, पृथक-पृथक आवेदकवार, तिथिवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही कब-कब की गई, कितने आवेदनों का निराकरण किया गया, कितने आवेदकों का आवेदन किस कारण से निरस्त किया गया एवं कितने आवेदकों के आवेदन क्यों लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत जिन आवेदनों पर कार्यवाही लंबित है उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा
[राजस्व]
78. ( क्र. 2398 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुडवारा विधानसभा अंतर्गत ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, अग्नि एवं अन्य प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसल के मुआवजा हेतु वर्ष 2015-16, 2016-17 में कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? कितने आवेदनों का निराकरण किया जाकर संबंधित आवेदक को मुआवजा प्रदान किया गया? कितने आवेदकों का आवेदन किस कारण से निरस्त किया गया एवं कितने आवेदकों को अभी तक मुआवजा प्रदान क्यों नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत जिन आवेदकों को मुआवजा नहीं मिला, उन्हें कब तक मिल जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील कटनी में ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, अग्नि एवं अन्य प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसल के मुआवजा हेतु वर्ष 2015-2016 में 643 आवेदन पत्रों में से 407 आवेदन स्वीकृत कर राशि रूपये 18,68,310/- वितरित की गई एवं 236 आवेदन पत्र पात्र न पाये जाने के कारण निरस्त किये गये। वर्ष 2016-17 में 04 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिसमें से 01 आवेदन स्वीकृत कर राशि रूपये 23,850/- वितरित की गई तथा 03 आवेदन पत्र पात्र न पाये जाने के कारण निरस्त किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त कुल 647 आवेदकों के आवेदन पत्रों का निराकरण किया जाकर पात्र 408 प्रभावित आवेदकों/हितग्राहियों को सहायता राशि रूपये 18,92,160/- की राहत राशि प्रदान की गई। शेष 239 आवेदकों के आवेदन पत्र आर.बी.सी. 6-4 के मापदण्डों के अनुसार पात्र न होने के कारण खारिज किए गए। उक्त पात्र हितग्राहियों में से कोई भी हितग्राही राहत राशि हेतु शेष नहीं है। (ग) वर्ष 2015-2016 वर्ष 2016-2017 में कोई भी पात्र हितग्राही राहत राशि हेतु शेष नहीं है।
राजस्व विभाग द्वारा आवंटित पट्टे
[राजस्व]
79. ( क्र. 2408 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शासन द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले में कितने पट्टे आवंटित किए गए? ग्रामवार, पट्टाधारियों की संख्यात्मक जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के सभी पट्टाधारियों को सही खसरा नम्बर पर कब्जा दिलाया गया है? यदि नहीं, तो कब तक दिलाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. में विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
80. ( क्र. 2409 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक सागर संभाग में पीने वाले पानी की सुविधा हेतु कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी के माध्यम से कराए गयें, अवगत करावें? (ख) क्या निर्माण कार्यों में उपयोग में लाई गई सामग्री की गुणवत्ता हेतु परीक्षण कराया गया क्या? कराए गये परीक्षण परिणामों की सूची से अवगत करायें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि एवं स्थान में मरम्मत कार्य हेतु वर्षवार कितनी-कितनी राशि आवंटित हुई हैं। मरम्मत कार्य हेतु क्रय की सामग्री जानकारी से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्षतिग्रस्त हुए निर्माण कार्यों की शिकायत की जानकारी एवं जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं प्रपत्र-4 के अनुसार है। (घ) उत्तरांश-'क' के अनुसार। कोई शिकायत प्राप्त नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कार्यरत ठेका श्रमिकों को स्थाई किया जाना
[श्रम]
81. ( क्र. 2431 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई प्रबंधन द्वारा संयंत्र में कार्यरत ठेका श्रमिकों को स्थाई हेतु कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो शासन द्वारा श्रमिक हितों के लिये बनाये गये म.प्र. औद्योगिक अधिनियम (स्थाई आदेश) 1961 की धारा 21 व संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 की धारा 10 के उल्लंघन पर संयंत्र प्रबंधन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर में ठेका प्रथा के तहत ठेका श्रमिकों से स्थाई श्रमिकों के समान कार्य करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो ठेका श्रमिकों को समान कार्य का समान वेतन मिल रहा है? यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। प्रश्न में उल्लेखित श्रम अधिनियमों की संबंधित धाराओं में ठेका श्रमिक को स्थाई किये जाने संबंधी प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती
[राजस्व]
82. ( क्र. 2447 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के राजस्व विभाग के कार्यालय में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या उक्त रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ तो किस प्रक्रिया द्वारा की जावेगी? (ग) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी रजिस्ट्री के संबंध में
[राजस्व]
83. ( क्र. 2457 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) २७ फरवरी २०१७ के परि.अता. प्रश्न क्रमांक ४६ के संदर्भ में बतायें कि बिना जिलाधीश की इजाजत के आत्म समर्पित डाकू छोटेसिंह भदौरिया की सर्वे क्रमांक ६९६/२ अथाईखेडा की राजेन्द्र शर्मा व अजय के नाम की गई रजिस्ट्री व नामांतरण कब तक निरस्त होगी व इस नम्बर को हेराफरी कर मेनरोड पर बताकर भवन अवैध रूप से बनाया है उसे कब तक शासकीय घोषित किया जायेगा? (ख) रिकार्ड में हेराफेरी करने वाले राजस्व विभाग के लोगों की पहचान कर कब तक उन्हें दंडित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम अथाईखेडा की भूमि सर्वे क्रमांक 696/2 जो पूर्व में आत्मसमर्पित डाकू छोटे सिंह भदौरिया के नाम पर थी यह भूमि बिना अनुमति के विक्रय किये जाने से न्यायालय कलेक्टर अशोकनगर के प्रकरण क्रमांक 02/स्वमेव निगरानी/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 20.02.2017 से शासकीय घोषित की गई है। जिसका अमल वर्तमान राजस्व अभिलेख में किया जा चुका है। सर्वे क्रमांक 696/1 जो पूर्व से ही शासकीय दर्ज थी, उक्त भूमि पर भवन बनाकर अवैध अतिक्रमण किया गया था अतिक्रमण हटाने हेतु न्यायालय नायब तहसीलदार वृत-1 अथाईखेडा के प्र.क्र.227/अ-68/11-12 एवं प्र.क्र. 27/बी-121/14-15 था। उक्त दोनों प्रकरण मांग पत्र के पालन में माननीय न्यायालय राजस्व मण्डल ग्वालियर भेजे गये हैं जो पुनर्विलोकन में विचाराधीन है। (ख) बिना कलेक्टर की अनुज्ञा के पट्टे की भूमि विक्रय की गई थी जो कि वर्तमान में भूमि शासकीय घोषित की जा चुकी है। राजस्व विभाग के लोगों द्वारा रिकार्ड में कोई हेरा-फेरी नहीं की गई थी इसलिये किसी पर कार्यवाही नहीं की गई।
ग्रामीण उद्योग स्थापना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
84. ( क्र. 2464 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१३ से अब तक रतलाम जिले में ग्रामोद्योग के माध्यम से कितने लोगों को स्वरोजगार अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था तथा प्रति वर्ष के लक्ष्य के विरूद्ध कितने लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए? (ख) रतलाम व उज्जैन में कृषि उपज आधारित ग्रामीण उद्योगों की स्थापना का वर्ष २०१३ से अब तक का पूर्ण ब्यौरा क्या है एवं उक्त कृषि आधारित ग्रामीण उद्योग स्थापना के कितने आवेदन/प्रकरण आज दिनांक तक किस कारण से लंबित है? (ग) क्या ग्रामीण उद्योग विकास के संदर्भ में महिलाओं की भागीदारी का कोई रिकार्ड संधारित किया गया जाता है? यदि हाँ तो रतलाम व उज्जैन जिले में ग्रामीण उद्योग - विकास में महिलाओं की भागीदारी की स्थिति का जिलेवार तीन वर्षों का ब्यौरा क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पशुपालन द्वारा प्राप्त उत्पादन
[पशुपालन]
85. ( क्र. 2465 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष २०१३ से जून २०१७ तक दुग्ध उत्पादन, अण्डा उत्पादन एवं मांस उत्पादन का जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) रतलाम व उज्जैन जिले में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने व दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने हेतु शासन ने किस-किस योजनांतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने उत्पादक कृषकों को क्या-क्या सहायता प्रदान की? पूर्ण ब्यौरा जिलेवार प्रदान करें। (ग) उपरोक्त अवधि में पशु उपचार, औषधि वितरण, टीकाकरण एवं नमूनों की जाँच पर कितनी कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, तहसीलवार विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
खाद्यान्न कूपनों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
86. ( क्र. 2470 ) श्री मोती कश्यप : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र दिनांक 9-9-2013 की बैठक में महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण में अभिव्यिक्त किया गया है कि समाज के किन्हीं कमजोर वर्ग के परिवारों को 1 रू. किलो गेहूं व चावल उपलब्ध कराया जावेगा और इस योजना का लाभ किन्हीं कमजोर वर्गों को दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वि.स.क्षे. बडवारा के वि.खं. बडवारा, कटनी और ढीमरखेडा के किन ग्राम के किन वर्गों के कितने लोगों को चयनित किया गया है और उनमें से अभी तक कितने लोगों को खाद्यान्न पर्चियां प्रदान की गई हैं एवं शेष लोगों को कब तक वितरित कर योजना से लाभान्वित कर दिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) योजना में पंजीयत मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों को भी लाभान्वित किया गया है, लेकिन उन वंशानुगत अपंजीकृत मछुआरें जो नदियों में मत्स्य विहीनता एवं प्रदूषण से मत्स्य खेटन से वंचित हैं और यत्र-तत्र से मत्स्य क्रय कर आजीविकोपार्जन कर रहे हैं, उन्हें किन कारणों से वंचित किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के परिवारों को सम्मिलित कर प्रश्नांश (क), (ख) सहित सबको कब तक खाद्यान्न कूपन प्रदान कर योजना से लाभान्वित कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) महामहिम राज्यपाल के विधानसभा अभिभाषण दिनांक 09 जनवरी, 2014 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को 1 रू. किलो गेहूं व चावल उपलब्ध कराए जाने हेतु अभिव्यक्त किया गया है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बडवारा के विकासखण्ड बडवारा, कटनी और ढीमरखेडा के ग्रामों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानवार लाभांवित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि संशोधित जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में हितग्राहियों की संख्या के विरूद्ध जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिलों में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश में मत्स्य पालन करने वाले (मछुआ) सहकारी समितियों के अंतर्गत पंजीकृत परिवार/सदस्यों को ही प्राथमिकता परिवार के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। वंशानुगत अपंजीकृत मछुआरे एवं मत्स्य क्रय कर आजीविकोपार्जन करने वाले परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित अन्य पात्र श्रेणी में पात्रता रखने पर उन्हें भी लाभांवित किया जा रहा है। अपंजीकृत मछुआरे एवं मत्स्य क्रय कर जीवन यापन करने वाले प्रदेश के पंजीकृत मत्स्य सहकारी समिति से जुड़कर योजनांतर्गत लाभान्वित हो सकते है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की निर्धारित जनसंख्या को ही लाभांवित किए जाने के कारण अपंजीकृत परिवारों को प्राथमिकता परिवार के रूप में सम्मिलित नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) और (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गंगा गृह निर्माण समिति धवारी सतना एवं अन्य के विरुद्ध कार्यवाही
[गृह]
87. ( क्र. 2474 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न क्र. 1507 दिनांक 07.12.2016 के संदर्भ में बताएं कि क्या दिनांक 30.03.2017 को शिकायतकर्ता रामनरेश पाण्डेय निवासी धवारी को आरोपीगण क्रमशः अनिल कुमार द्विवेदी, विंध्यांचल चौरसिया, सुजीतसिंह उर्फ़ मनोज सिंह, अजय सिंह एवं अन्य सात व्यक्तियों के द्वारा धवारी गली न. 05 में जान से मारने की धमकी दी गई, जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 31.03.2017 को पुलिस अधीक्षक सतना से की गई, जिस पर कार्यवाही हेतु सी.एस.पी. सतना को पत्र प्रेषित कर 39/17 दिनांक 31.03.2017 सौंपा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त अपराधियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित बताएं। यदि नहीं, की गई तो कारण सहित बताएं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त आवेदन पत्र की जाँच थाना प्रभारी, सतना द्वारा की गई। आवेदक राम नरेश पाण्डेय के अतिरिक्त अन्य स्वतंत्र साक्षी ने लड़ाई-झगड़े होने की पुष्टि नहीं की है। आवेदक ने अपराध क्रमांक-782/16 धारा 420, 467, 468, 471,34 भा.द.वि. का संदर्भ देते हुए दिनांक 30.03.2017 को घटना बताते हुए उक्त अपराध के आरोपियों के विरुद्ध आवेदन दिया था। आवेदक वस्तुतः उक्त अपराध में आरोपियों की गिरफ्तारी चाहता है, जबकि प्रकरण विवेचनाधीन है एवं दस्तावेजी साक्ष्य संकलित किया जा रहा है। दोनों पक्षों में रंजिश देखते हुए उभय पक्षों के विरुद्ध धारा 107, 116 (3) जा.फौ. के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।
भृत्यों की नियुक्ति में अनियमितता
[राजस्व]
88. ( क्र. 2487 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर जिले के कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी सीतामऊ द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2122 दिनांक 18/01/1990 को कलेक्टर महोदय मंदसौर के आदेश क्रमांक 62-63/विज्ञ-1/स्थापना/90 दिनांक 06/01/90 से 2 भृत्य की नियुक्ति की गयी थी? क्या यह अस्थायी नियुक्ति थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संदर्भित इन भृत्य ने 1990 से 30/06/2015 तक लगातार अस्थायी नौकरी की? क्या 2015 के पश्चात इन भृत्यों को नियमितिकरण हेतु उच्च अधिकारियों द्वारा कोई पत्र भोपाल से जारी किया गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि देवें। (ग) भोपाल से उच्च अधिकारियों द्वारा आदेश जारी करने के बाद भी मंदसौर जिले के इन 8 भृत्यों को नियमित नहीं किए जाने के क्या कारण रहे? प्रदेश में उच्च अधिकारियों द्वारा भेजे गये आदेश के पश्चात कौन-कौन से जिलो में भृत्यों को नियमित किया गया? जिलावार सूची देवें। (घ) मंदसौर में इन 8 भृत्य को सेवा से पृथक करने के बाद विभाग में इनके कार्यों को कौन संपादित कर रहा है, इनकी नियुक्तियां किस नियम के तहत की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिजल्ट की हार्डकॉपी उपलब्ध कराने बाबत
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
89. ( क्र. 2502 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा आयोजित करने के बाद इन्टरनेट पर रिजल्ट घोषित करने तथा परीक्षार्थी को हार्डकॉपी उपलब्ध कराने का नियम है? (ख) यदि हाँ, तो दिसम्बर 2016 में आयोजित बी.ई. 8 वे सेमेस्टर के परीक्षार्थी रोल नम्बर 0109EI081008 के रिजल्ट की हार्डकॉपी परीक्षार्थी को उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? (ग) कंडिका (ख) अनुसार यदि हार्डकॉपी उपलब्ध नहीं कराई? तो कब तक करा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) अंक सूची संस्था के माध्यम से छात्र को दिनांक 07.07.2017 को भेजी गयी है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
90. ( क्र. 2503 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? इन दुकानों से ए.पी.एल, बी.पी.एल एवं अन्त्योदय श्रेणी के कितने परिवार जुड़े हैं? दुकान का नाम/ग्राम पंचायतों का नाम/शहर का नाम/वार्ड का नाम सहित जानकारी दें। (ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार किन ग्राम पंचायतों/शहरों में कितने परिवारों की खाद्यान्य पर्ची निरस्त की गई? पूर्ण जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्तमान में ए.पी.एल. नामक कोई श्रेणी नहीं है। शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
91. ( क्र. 2514 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी कितने समय से कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नीमच जिले में तहसीलदार के 09 पद नायब तहसीलदार के 08 पद राजस्व निरीक्षक के 43 पद एवं पटवारी के 151 पद स्वीकृत है। (ख) जिला नीमच में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के स्वीकृत कार्यरत रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत |
कार्यरत |
रिक्त |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
1. |
तहसीलदार |
09 |
02 |
07 |
2. |
नायब तहसीलदार |
08 |
05 |
03 |
3. |
राजस्व निरीक्षक |
43 |
20 |
23 |
4. |
पटवारी |
151 |
138 |
13 |
जिले में उपस्थिति/पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" "ब" एवं "स" अनुसार। दिनांक 10/07/2017 द्वारा एक तहसीलदार की पदस्थापना स्थानान्तरण द्वारा की गई है। शेष पदों की पूर्ति की जाना कठिन है क्योंकि संपूर्ण प्रदेश में तहसीलदारों की अत्याधिक कमी है। नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांग पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा गया है।
हरदा जिले में शासकीय एवं अशासकीय तलाब
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
92. ( क्र. 2519 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में मत्स्य विभाग को शासन द्वारा वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक कुल कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? मदवार व वर्षवार बतावें। (ख) हरदा जिले में कुल कितने व कहाँ-कहाँ शासकीय एवं अशासकीय तलाब निर्मित हैं एवं उनका क्षेत्रफल व उपयोग क्या है? क्या शासकीय तालाबों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में किस-किस योजनांतर्गत किन-किन हितग्राहियों को कितना-कितना वर्षवार अनुदान दिया गया? (घ) हरदा जिले में निर्मित तलाबों से प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) शासकीय तालाब 136 जलक्षेत्र 362.51 हेक्टयर तथा अशासकीय तालाब 29 जलक्षेत्र 33.00 हेक्टयर उनका उपयोग मत्स्य पालन अंतर्गत किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। तालाबों पर अतिक्रमण के संबंध में विभाग के पास जानकारी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार हितग्राहियो को वर्षवार दिया गया अनुदान जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) निर्मित तालाबों के प्रश्नांक (क) अनुसार वर्षवार आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
खाद्य वितरण एवं कालाबाजारी की रोकथाम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 2521 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हरदा जिले की सहकारी संस्थाओं द्वारा हितग्राहियों को समय पर पूर्ण खाद्यान्न वितरित नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) खाद्यान्न की कालाबाजारी की रोकथाम हेतु कब-कब किस अधिकारी के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कारण है कि किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पाता है, जिसके कारण किसानों को बाजार से खाद ऊँचे दामों पर खरीदना पड़ता है। किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाने एवं खाद की कालाबाजारी रोकने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) हरदा जिले में विगत एक वर्ष में कितने किसानों को कितनी मात्रा में खाद का वितरण किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) हरदा जिले में सहकारी संस्थाओं द्वारा संचालित दुकानों से हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण का कार्य किया जा रहा है। पी.ओ.एस. मशीन में कभी-कभी तकनीकी खराबी के कारण खाद्यान्न का वितरण अवरूद्ध हो जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हरदा जिले में उर्वरक किसानों को समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में उर्वरकों की कालाबाजारी संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना संचालित है। उर्वरकों की गुणवत्ता नियंत्रण एवं कालाबाजारी पर नियंत्रण करने हेतु जिले में निरीक्षण दल का गठन कर दिनांक 25.05.2017 से दिनांक 15.07.2017 तक सघन अभियान संचालित किया जा रहा है। उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने हेतु उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 भी प्रभावशील है। (घ) हरदा जिले में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा विगत एक वर्ष में 15213 कृषक सदस्यों को कुल 22590 मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया एवं विपणन संघ द्वारा रिटेल काउंटर से 184 कृषकों को 133.3 मेट्रिक टन उर्वरक वितरण किया गया है। इस प्रकार हरदा जिले में विगत एक वर्ष में कुल 15397 कृषकों को 22723.3 मेट्रिक टन उर्वरक वितरण किया गया।
प्राकृतिक आपदा/दुर्घटना में मृतकों को आर्थिक सहायता
[राजस्व]
94. ( क्र. 2526 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासन विभाग द्वारा प्राकृतिक आपदा/दुर्घटना में कौन-कौन सी घटनाओं को शामिल किया गया है तथा किस-किस श्रेणी के घायलों को एवं मृतको को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है? (ख) विभाग द्वारा घायलों एवं मृतकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का मापदण्ड क्या है और किस-किस श्रेणी के घायलों एवं मृतकों को कितनी-कितनी राशि प्रदान करने का नियम है? मृतको को कितनी राशि प्रदान की जाती है (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में कितने लोगों को प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत कुल कितनी राशि का लाभ प्रदान किया गया है तथा वर्तमान में कितने प्रकरण लम्बित हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा में निम्न प्रकार की आपदाओं से घायल एवं मृत होने पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है:- आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि, ओला, असमयवृष्टि (बेमौसम वर्षा), पाला, शीतलहर, बाढ, आंधी, तूफान, भूकम्प, सूखा, अग्नि दुर्घटना, पानी में डूबने से अथवा नाव दुर्घटना, सर्पदंष, गुहेरा या जहरीले जंतू के काटने से, बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के, नदी या जलाश्य में गिरने या पहाडी आदि, से खड्डे में गिरने के कारण मृत या घायल होने पर उनके परिवार के निकटतम वारिस को आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत मृत होने पर मृतक के वारिसों को प्रति मृतक के मान से राशि रूपये 4.00 लाख (रूपये चार लाख) एवं घायलों को 40 से 60 प्रतिशत तक विकलांगता के लिये राशि रूपये 59,100 (रूपये उनसठ हजार एक सौ) रूपये प्रति व्यक्ति एवं 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता होने पर राशि रूपये 2.00 (रूपये दो लाख) प्रति मान से आर्थिक सहायता दी जाती है। (ग) बडनगर विधानसभा क्षेत्र में 3 वर्षों में 26 लोगों को प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत कुल राशि रूपये 31,00,000/- (रूपये इक्कतीस लाख) की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। वर्तमान में बडनगर तहसील में आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु कोई भी प्रकरण शेष नहीं है।
पर्यावरण सुधार की दिशा में प्रभावी योजना
[पर्यावरण]
95. ( क्र. 2529 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य में किन्हीं कारणों से विभिन्न प्रकार से पर्यावरण प्रभावित हुआ है और उसका राज्य के किन-किन जिलों में किस प्रकार से प्रभाव पड़ा है? (ख) क्या मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा संपादित नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान की गई घोषणानुसार राज्य में किन्हीं संख्या में वृक्षारोपण कराये जा रहे है और किन जिलों में कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अभियान से राज्य के पर्यावरण में कितने प्रतिशत सुधार की संभावना है और आगामी वर्षों में किस प्रकार की योजनायें संचालित की जाना आवश्यक होंगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा राज्य के पर्यावरण को पूर्णतया संतुलित बनाये जाने हेतु वर्षवार कोई दीर्घकालिक योजना बनाई गई है और उसमें किन विभागों एवं संस्थाओं का सहयोग लिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय परिवेशीय वायु मॉनीटरिंग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 14 प्रमुख जिलों के 15 नगरों में परिवेशीय वायु मॉनीटरिंग का कार्य उन नगरों के 39 बिन्दुओं पर किया जाता है। इसी तरह राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन के अंतर्गत प्राकृतिक जल स्रोतों की गुणवत्ता मॉनीटरिंग कार्य प्रदेश के 40 जिलों के 188 बिन्दुओं पर किया जाता है। अधिकांश बिन्दुओं के जल की गुणवत्ता सामान्यतः संतोषजनक पायी जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वृक्षारोपण के फलस्वरूप पर्यावरण सुधार होने की संभावना है। वन विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा नियमित रूप से वृक्षारोपण समय-समय पर किया जाता है। (घ) राज्य शासन द्वारा दृष्टिपत्र-2018 के अध्याय-13 में पर्यावरण प्रबंधन हेतु वर्षवार विस्तृत योजना बनाई गई है, जिसके तहत मूल्यांकन व परिवेक्षण हेतु मुख्य निष्पादन संकेतक बनाये गये है।
शासकीय आराजी नं. 65/1 को शासकीय घोषित किया जाना
[राजस्व]
96. ( क्र. 2544 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत नगर परिषद कोठी के मौजा रोयनी की शासकीय आराजी खसरा नं. 65/1 रकवा 2.571 हेक्टेयर भूमि सीलिंग से शासकीय हुई थी? (ख) क्या उक्त आराजी के अंश रकबा 1.953 हेक्टेयर भूमि को फर्जी तरीके से श्रीराम दयाल लखेरा निवासी कोठी को तत्कालीन नायब तहसीलदार आर.एल.शुक्ला एवं तत्कालीन पटवारी ताजुद्दीन द्वारा षडयंत्र पूर्वक आवंटन आदेश जारी किया गया था? (ग) यदि हाँ तो क्या उक्त अंश रकबा 0.953 हेक्टेयर भूमि को श्री लखेरा द्वारा भू-माफिया अनूप गर्ग तनय श्री युगुल किशोर निवासी धवारी सतना को 24 लाख रूपये में बिक्री कर दी गई, जिसकी शिकायत आम जनता कोठी व नगरपरिषद् कोठी द्वारा कलेक्टर सतना के समक्ष शिकायती आवेदन पत्र क्र. 6990 दिनांक 11.06.2013 द्वारा उक्त आराजी को म.प्र. शासन घोषित करने हेतु प्रस्तुत किया गया था? (ग) क्या वर्ष 1991-92 में आराजी न. 65/1 के अंश रकबा 0.418 हेक्टेयर भूमि खसरे के कालम नं. 12 में शमशान, बगीचा कब्जेदार के अन्य व्यक्तियों के नाम पर दर्ज था लेकिन आवंटन आदेश जारी करने के पूर्व कब्जेदारों को कोई सूचना दिए जाने का उल्लेख नहीं है? क्या उक्त आवंटन निरस्त कर शासकीय घोषित करने की कार्यवाही कलेक्टर सतना द्वारा की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताया जावे? (घ) क्या तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत वृत कोठी मौजा नयागाँव के अ.जा. के परिवारों द्वारा दिनांक 18.06.2013 एवं 05.09.2013 को कलेक्टर सतना की जन सुनवाई में आराजी खसरा नं. 97, 33 एवं 27 की वंटित आराजियों का सीमांकन कराकर कब्जा दिलाये जाने का अनुरोध किया गया था, यदि हाँ तो क्या सीमांकन कराया गया? यदि नहीं, तो कब-तक कराया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत पटवारी हल्का कोठी के मौजा रोयनी के आराजी क्र. 65/1 का अंश रकवा 1.953 हे. का आवंटन अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के राजस्व प्र.क्र. 13 अ-19/91-92 में पारित आदेश दिनांक 30.3.1992 द्वारा श्री रामदयाल पिता लक्ष्मण प्रसाद लखेर के नाम किया गया है एवं नायब तहसीलदार वृत्त कोठी के आदेश दिनांक 13.6.1994 के द्वारा राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने का आदेश पाया गया। प्रकरण न्यायालय में सुनवाई में प्रचलित है। (ग) उत्तरांश "क" में अंकित भूमि क्र. 65/1 का अंश रकवा 1.953 हे. श्री रामदयाल लखेरा साकिन कोठी द्वारा अंश भाग 1.953 हे. भूमि श्री अनूप गर्ग तनय श्री युगुल किशोर साकिन धवारी सतना को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर विक्रय किया जाना पाया गया है जिसका नामांतरण, पंजी क्रमांक 10 दिनांक 20.11.12 में किया गया है। आम जनता कोठी/नगर परिषद कोठी के द्वारा प्रस्तुत शिकायत की जाँच की जाकर निराकरण हेतु कार्यालयीन अभिलेख पासबुक क्रमांक 336 दिनांक 01.10.2016 द्वारा न्यायालय कलेक्टर सतना की ओर भेजा गया। वर्तमान में सुनवाई की जा रही है। (घ) वर्ष 1991-92 से आराजी नं. 65/1 का अंश रकवा 618 हे. भूमि खसरे के कॉलम नं. 03 में म.प्र.शासन दर्ज अभिलेख है। जिसका आराजी क्रमांक 65/1/1 रकबा 0.618 है। कॉलम नं. 10 में रकवा 0.418 हे. एवं रास्ता 0.200 हे. दर्ज है। (ड.) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत वृत्त कोठी मौजा नयागांव के आराजी क्रमांक 97,33,27 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य भूमिहीनों को आवंटन किया गया था। आराजी नं. 97 में बंटित हितग्राहियों के विरूद्ध विभिन्न न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन होने से कब्जा प्रदाय नहीं किया जा सका है। आराजी क्रमांक 33 एवं 27 में सभी हितग्राहियों को बंटित भूमि पर कब्जा प्रदाय किया जा चुका था। वर्ष 2013 में अनुसूचित जाति के परिवारों द्वारा जनसुनवाई के दौरान सीमांकन कराये जाने एवं कब्जा दिलाए जाने के संबंध में अनुरोध किया गया है। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर सीमांकन नियमानुसार किया जावेगा।
खण्ड लेखकों के वेतन भत्ते
[राजस्व]
97. ( क्र. 2559 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में राजस्व विभाग में कब से खण्ड लेखक कार्यरत हैं? तहसीलवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित खण्ड लेखकों के वेतन भत्ते शासन द्वारा क्या निर्धारित है? उन्हें प्रशासन द्वारा कितने माह से वेतन प्रदाय नहीं किया गया है? (ग) राजस्व विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 16 जनवरी 2013 को जम्बूरी मैदान भोपाल में खण्ड लेखक सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति की घोषणा का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) मंत्रालय राजस्व विभाग में लंबित नोटशीट क्रमांक एफ-6-17/2010/सात/4-ए में खण्ड लेखक से सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति हेतु समस्त जिला कलेक्टरों को आदेश कब तक जारी किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दतिया जिले की इंदरगढ़ तहसील में आई.टी.आई. कॉलेज.
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
98. ( क्र. 2566 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दतिया भ्रमण के दौरान दतिया जिले की इंदरगढ़ तहसील में आई.टी.आई. कॉलेज खोले जाने की घोषणा मंच से की गई थी? (ख) यदि हाँ तो विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को अमल में लाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? कार्यवाही विवरण दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या मुख्यमंत्री जी की घोषणा को अमल में लाने हेतु विभाग को शीघ्र कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेंगे? यदि हाँ तो यह कार्य कब तक स्वीकृत होकर, कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) क्या सेवढ़ा इंदरगढ़ में कौशल विकास के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं। इन संभावनों को दृष्टिगत रखते हुये क्या आगामी योजना में सेवढ़ा एवं इंदरगढ़ में कौशल विकास केन्द्र खोले जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में 01 आई.टी.आई. (शासकीय अथवा प्राईवेट) खोलने की है। जिला दतिया में कुल तीन विकासखण्ड क्रमश: दतिया, सेवाड़ा, भाण्डेर है। विकासखण्ड दतिया में 01 शासकीय एवं 16 प्राईवेट आई.टी.आई. विकासखण्ड सेवड़ा में 01 प्राईवेट आई.टी.आई. तथा विकासखण्ड भांडेर 01 शासकीय आई.टी.आई. एवं 01 प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित की जा रही है। वर्तमान में दतिया जिले के किसी भी विकासखण्ड में नवीन शासकीय आई.टी.आई. खोलने की कोई योजना नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में कौशल विकास केन्द्र खोलने की विभाग की कोई योजना नहीं है।
परिवहन विभाग द्वारा जारी परमिट
[परिवहन]
99. ( क्र. 2574 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा यात्री बसों एवं माल वाहकों हेतु क्या-क्या शर्तें नियत की गई हैं? आदेश/निर्देश की प्रति बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कटनी जिले में पंजीकृत बसों एवं माल वाहकों द्वारा निर्धारित सीट संख्या से अधिक यात्रियों एवं निर्धारित क्षमता से अधिक वजन लेकर चलने वाले कितने वाहनों के प्रकरण तैयार किये? किन-किन वाहन से कितनी-कितनी राशि का जुर्माना/चालान कब-कब काटे गये? कितने अवैध परिवहन के प्रकरण पंजीबद्ध हुये? वर्ष 2014-15 से वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या कटनी जिले में कटनी नदी पुल जर्जर होने के कारण शहर के बाहर से बसों के संचालन हेतु मार्गों पर चलने वाली बसों में यात्री किराया सूची, मेडीसिन किट, बसों के परमिट में फेर-बदल किया गया है? यदि नहीं, तो क्या बिना परमिट के बाहर से यात्री बसें निकाली जा रही हैं? क्या इन बसों में फिटनेस, स्पीड गवर्नर एवं इमरजेन्सी गेट की उपलब्धता है? यदि नहीं, तो कितनी बसों में किस-किस कमी के कारण कितने वाहन मालिकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? वाहनों के क्रमांक, वाहन मालिक के नाम सहित वर्षवार विवरण दें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार बसों में किराया सूची चस्पा न होने के कारण बस परिचालकों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूल किया जाता है? यदि हाँ तो विगत 3 वर्ष में ऐसी कितनी बसों के परिचालकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार ओव्हरलोड एवं अवैध परिवहन करने वाले वाहनों एवं वाहन मालिकों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के द्वारा यात्री बसों के संचालन हेतु नियम 77 में तथा माल वाहको हेतु नियम 79 में शर्तों का प्रावधान किया गया है। अद्यतन जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार हैं। (ख) कटनी जिले में पंजीकृत यात्री वाहनों एवं माल वाहकों से वर्ष 2014-15 में यात्री वाहनों के 2 प्रकरण तैयार किये गए एवं शमन शुल्क रूपया 1000 वसूला गया एवं माल वाहक के 73 प्रकरण तैयार किये गए एवं शमन शुल्क रूपया 2,78,800/- वसूला गया। वर्ष 2015-16 में यात्री वाहनों के 39 प्रकरण तैयार किये गए है एवं शमन शुल्क रूपया 40,000/- वसूला गया है। माल वाहकों के 35 प्रकरण तैयार किये गए है शमन शुल्क रूपया 3,12,200/- वसूला गया है। वर्ष 2016-17 में यात्री वाहनों के 36 प्रकरण बनाए गए एवं शमन शुल्क रूपया 84,500/- वसूला गया है माल वाहकों के 169 प्रकरण तैयार किये गए शमन शुल्क रूपया 10,70,000/- वसूला गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कटनी जिले में कटनी नदी पुल जर्जर होने के कारण जिला दण्डाधिकारी कटनी के आदेश क्रमांक 4676 दिनांक 05.05.2017 के द्वारा भारी माल वाहक एवं यात्री वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। कटनी परिवहन कार्यालय द्वारा कटनी नदी पुल जर्जर होने के कारण शहर के बाहर से बसों के संचालन हेतु कोई भी अस्थाई परमिट जारी नहीं किया गया है, न ही यात्री किराया सूची मेडीसिन किट बसों के परमिट में फेर बदल किये गए है। शासन द्वारा जारी राजपत्र दिनांक 22.04.2015 के अनुसार दिये गए दर से वाहन स्वामियों को जारी अस्थाई परमिटों के साथ किलोमीटर अनुसार किराया सूची जारी की जाती है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। बिना परमिट के बाहर से यात्री बसों को निकाले जाने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। कटनी जिले में पंजीकृत समस्त यात्री वाहनों में इमरजेंसी गेट एवं स्पीड गर्वनर लगवा दिये गये है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार बसों में यात्री किराया सूची चस्पा न होने के कारण बस परिचालकों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूल किये जाने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार हैं।
शासकीय नजूल की भूमि में अवैध कब्जा
[राजस्व]
100. ( क्र. 2580 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 6214 दिनांक 17.3.16 में शासन ने मौखिक चर्चा में यह स्वीकार किया था कि तहसील पवई के नजूल भूमि पर शैलेष नगायच पिता जगदीश नगायच निवासी पवई जिला पन्ना का 2000 वर्ग फुट पर अनाधिकृत कब्जा है एवं मा. राजस्व मंत्री जी द्वारा दो माह में अतिक्रमण हटा देने का कथन किया था तो क्या उक्त अतिक्रमण हटा कर शासकीय नजूल भूमि अतिक्रमण मुक्त करा ली गई है? (ख) यदि नहीं, तो सदन में आश्वासन देने के एक वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भूमि अतिक्रमण मुक्त न होने के लिये कौन दोषी है? शासन उक्त भूमि को कब तक अतिक्रमण से मुक्त करायेगा और विलम्ब के लिये दोषियों के विरूद्ध कब तक में क्या कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील पवई जिला पन्ना में नजूल भूखण्ड क्रमांक 2754, 2755 एवं 2412/6 पर किये गये अवैध निर्माण को हटाने के लिये न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 42/अ-68/15-16 दर्ज कर दिनांक 23.04.2016 को बेदखली आदेश पारित किया गया था। जिसके विरूद्ध अनावेदक द्वारा माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर में दिनांक 25.04.2016 को निगरानी प्रकरण प्रस्तुत किया गया जिसमें माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा प्रकरण क्रमांक निगरानी 1316- दो/2016 दर्ज कर दिनांक 25.04.2016 को अंतरिम आदेश पारित कर तहसीलदार के आदेश का क्रियान्वयन तीन माह के लिये स्थगित कर दिया गया। माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर ने दिनांक 16.01.2017 को अंतिम आदेश पारित कर अनावेदक का अवैध अतिक्रमण मान्य न करते हुये तहसीलदार पवई के प्रकरण क्र. 42/अ'68/15-16 में पारित आदेश दिनांक 23.04.16 को त्रुटिपूर्ण मानते हुये निरस्त किया गया है। ऐसी स्थिति में अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
मत्स्य पालन कार्यों की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
101. ( क्र. 2603 ) श्री मधु भगत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विभाग द्वारा कौन-कौन से तालाब/जलाशय किस-किस समिति को किस आधार पर दिये गये हैं तथा उक्त तालाबों से होने वाली आय की राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) विभाग बालाघाट द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से क्या-क्या खरीदी की गई तथा इस खरीदी का आधार क्या था तथा किये गये समस्त भुगतानों का संपूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में मत्स्य व्यापार को बढ़ाने तथा उक्त योजना के क्रियान्वयन में कौन-कौन से तथा कब-कब प्रयास किये या प्रस्तावित हैं? पूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) बालाघाट जिले में झींगा प्रजाति की मछली को संरक्षित करने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे तथा इस संबंध में कौन-कौन सी योजनाएं क्रियान्वित हैं? पूर्ण ब्यौरा देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) परसवाडा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत सिंचाई जलाशयों को जलाशय क्षेत्र अन्तर्गत पंजीकृत/कार्यरत मछुआ सहकारी समितियों को शासन द्वारा निर्धारित प्राथमिकता के आधार पर आवंटित किया गया है एवं जलाशयों से प्राप्त वार्षिक पट्टा धारकों द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों से जमा की जाती है। समितियों को आवंटित सिंचाई जलाशयों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक विभाग द्वारा क्रय की गई सामग्री का विवरण परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र परसवाडा अंतर्गत आई.ए.पी. योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 में गांगुलपारा जलाशय में शत-प्रतिशत अनुदान पर रूपये 4.54 लाख की लागत से केज स्थापना कर मत्स्य बीज एवं मत्स्य आहार समिति को प्रदान किया गया। इसी प्रकार नील क्रांति योजना के तहत वर्ष 2016-17 में अहमदपुर जलाशय में 50 प्रतिशत अनुदान पर 9.00 लाख की लागत से केज स्थापित किया गया। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा संचालित समस्त योजनाओं से समय-समय पर पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया जाता है। (घ) जिले में झींगा प्रजाति के संरक्षण हेतु शासन द्वारा मत्स्य पालकों में जागरूकता का कार्य किया जा रहा है। पृथक से कोई योजना क्रियान्वित नहीं है।
मुआवजा वितरण की प्रगति
[राजस्व]
102. ( क्र. 2624 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 545 की प्राप्त विभागीय टीप में बताया गया था कि रीवा जिले के हनुमना विकासखण्ड अंतर्गत भमरहा बांध परियोजना के शीर्ष कार्य एवं उनसे जुड़ी नहरों के निर्माण कार्य में 18 ग्रामों का मुआवजा प्रकरण तैयार कर अवार्ड पारित किया जा चुका है। भुगतान की कार्यवाही अप्रैल 2017 तक कर दी जायेगी जिसके पालन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 14.06.2017 कलेक्टर रीवा को पत्र लिखकर कृषकों के पारित अवार्ड की उपरोक्त सूची उपलब्ध कराने एवं शीघ्र राशि वितरण कराने पर क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या फोरलेन निर्माण रीवा-हनुमना के रघुनाथगंज से लेकर हनुमना तक अधिग्रहित की भूमि भवन, दुकान का मुआवजा पूर्ण रूप से वितरित कर दिया गया एवं हटाये गये हैण्डपंपों का पुनर्स्थापना किया गया? शेष की सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त दावा आपत्ति पर कितने लोगों को पात्र व अपात्र किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समयमान वेतनमान
[राजस्व]
103. ( क्र. 2627 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेश क्र./एफ-11/1/2008/नियम/चार भोपाल दिनांक 24 जनवरी 2008 को म.प्र. राज्य के सिविल सेवा के सदस्यों को सेवा में आगे बढ़ने के निश्चित अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु समयमान वेतन (Time Scale Pay) स्वीकृत करने के प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर के अधीनस्थ पदस्थ अनुरेखकों को समयमान वेतन स्वीकृत करने की अधिकारिता किसको है? (ग) वर्ष 2015, 2016, 2017 में अनुरेखकों को समयमान वेतन स्वीकृत करने हेतु किन-किन दिनांक को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गई है एवं किन-किन अनुरेखकों को समयमान वेतन स्वीकृत किया गया है? वर्षवार सूची उपलब्ध करायी जावे। (घ) विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक समय-सीमा में आयोजित न किये जाने के कारण म.प्र. शासन के प्रावधानानुसार अनुरेखकों को लगातार 22 वर्ष से भी अधिक सेवारत होने पर भी प्रथम/द्वितीय समयमान वेतन स्वीकृत न होने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ (ख) आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त ग्वालियर द्वारा स्वीकृत किया जाता है। (ग) वर्ष 2015 में दिनांक 23.01.2015 को व दिनांक 08.09.2015 को समिति की बैठक आयोजित की गई है। आदेश क्रमांक 52/09.03.2015 के अनुसार क्रमशः दो मानचित्रकार व दो अनुरेखकों को प्रथम द्वितीय/तृतीय समयमान स्वीकृत किया गया है। आदेश क्रमांक 65 दिनांक 28.09.2015 द्वारा पाँच मानचित्रकारों को समयमान स्वीकृत किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (घ) मानचित्रकार अनुरेखकों को समयमान वेतनमान स्वीकृत करने हेतु विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मंदसौर में किसानों पर गोली चलाने की घटना की जानकारी
[गृह]
104. ( क्र. 2645 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर में हाल ही में पुलिस की गोली से किसानों की मृत्यु के संबंध में घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा मृत्यु पुलिस की गोली से न होने वाले बयान किस सूचना के आधार पर दिया गया था? क्या विभाग द्वारा मुख्यमंत्री जी को किसानों की मृत्यु पुलिस की गोली से न होने की सूचना दी गयी थी? (ख) मन्दसौर जैसे गंभीर घटनाक्रम की असत्य जानकारी मुख्यमंत्री जी को देने के दोषी अधिकारियों पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की तो क्यों नहीं की? (ग) क्या विभाग द्वारा मंदसौर घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री जी को किसानों की पुलिस की गोलियों से मौत की सूचना देने के बावजूद भी मुख्यमंत्री जी द्वारा किसानों की मौत पुलिस की गोली से नहीं होने वाला बयान जारी किया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व अनुविभाग कार्यालय लांजी जिला बालाघाट का प्रकाशन राजपत्र में करने
[राजस्व]
105. ( क्र. 2646 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर बालाघाट द्वारा विषयांकन के संबंध में कोई प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा क्या प्रमुख सचिव राजस्व को विषयांकित के संबंध में कोई पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) बजट नोटिफिकेशन के बगैर विषयांकित कार्यालय संचालित होने से न तो विगत कई वर्षों से वहां स्टाफ है, न ही भवन है इन कमियों के कारण आम जन को होने वाली परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इस पर कब तक कार्यवाही कर दी जाएगी? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा ध्यानाकर्षण के माध्यम से विषयांकित कार्यालय का गजट नोटिफिकेशन न होने की बात माननीय मंत्री जी द्वारा स्वीकार करने के बावजूद अब तक गजट नोटिफिकेशन क्यों नहीं किया गया तथा कब तक कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्डपंपों का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 2665 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र - 07 दिमनी जिला मुरैना में गत वर्ष 2016-17 में विभागीय स्तर से पी.एच.ई.डी. खण्ड मुरैना द्वारा कितने नल कूपों का खनन किया गया, नाम पता सहित जानकारी दी जावे व कितनी हैण्डपंप संख्या मुरैना जिले को प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हैण्डपंप किन-किन जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं के आधार पर स्वीकृत हुए, की जानकारी विस्तार से दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में खनन किये गये हैण्डपंपों में से कितने कहाँ-कहाँ सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, कितने बंद है? बंद होने के कारण बताते हुए उन्हें ठीक कर प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (घ) वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल कितने हैण्डपंप संख्या लगाने हेतु जिला मुरैना को लक्ष्य प्राप्त हुआ है? उनमें से कहाँ-कहाँ किस-किस विधानसभा क्षेत्र में लगाने हेतु क्या माननीय विधायकों से प्रस्ताव मांगे जा चुके हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें व दिमनी क्षेत्र को कितने हैण्डपंप दिये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 36 नलकूप। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2016-17 में मुरैना जिले के लिए 150 बसाहटों, 12 ग्रामीण शालाओं तथा 18 आंगनवाड़ियों में हैंडपंप द्वारा पेयजल व्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित था। (ख) आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में निर्धारित मापदंड के अनुसार पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापना का कार्य किया जाता है, जिसमें जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा को यथासंभव प्राथमिकता दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में उत्तरांश- (क) अनुसार खनित नलकूपों पर स्थापित सभी हैंडपंप सुचारु रुप से चालू हैl शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl (घ) प्रश्नांकित अवधि में लक्षित 200 बसाहटों में 325 नलकूप खनन कर हैंड पंप स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। जानकारी उत्तरांश- (ख) अनुसार। जिले की कार्य-योजना अनुसार दिमनी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में 29 आंशिक पूर्ण बसाहटों में 36 नवीन हैंडपंप प्रस्तावित है।
शासकीय महाविद्यालयों में वोकेशनल कोर्स का संचालन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
107. ( क्र. 2666 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2017-18 में स्कूल शिक्षा विभाग की तरह सभी शासकीय स्नातकोत्तर बालक एवं बालिका महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने व उनके भविष्य को उज्जवल बनाने हेतु वोकेशनल कोर्स (जॉब ऑरिएटेड कोर्स) को प्रारंभ करने हेतु शासन स्तर पर योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक योजना प्रारंभ कर दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त कोर्स से संबंधित वोकेशनल ट्रेनरों की नियुक्ति/व्यवस्था, योग्यता व उनके मानदेय हेतु क्या मापदण्ड/नियम प्रक्रिया निर्धारित हैं, की जानकारी छायाप्रति सहित दी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मुरैना जिले में कौन-कौन से वोकेशनल कोर्स किन-किन शासकीय स्नातकोत्तर बालिका एवं बालक महाविद्यालयों में प्रारंभ हेतु प्रस्तावित हैं, की जानकारी शासकीय महाविद्यालय का नाम, पता, व्यवसायिक ट्रेड का नाम व ट्रेड अवधि सहित दी जावे? यदि उपरोक्त कोर्स वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2017-18 जिला मुरैना में प्रस्तावित अथवा स्वीकृत नहीं हैं तो उन्हें कब तक प्रारंभ करने हेतु स्वीकृति दी जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कम्प्यूटर डिप्लोमा की मान्यता
[राजस्व]
108. ( क्र. 2681 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा, अशोकनगर, दतिया, उज्जैन, देवास, मंदसौर, खरगोन, खण्डवा, रायसेन, विदिशा, सागर, छतरपुर, रीवा आदि जिलों में मान्य किये गये हैं जबकि भिण्ड जिले में नहीं मान्य किये गये हैं, ऐसा क्यों तथा इसका कारण स्पष्ट करेंगे? (ख) क्या सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा के संबंध में संपूर्ण मध्यप्रदेश में एक समान स्पष्ट नीति लागू करेंगे? (ग) इस प्रक्रिया को जिन अधिकारियों ने भ्रमित किया है तथा असमानता कर उम्मीदवार अभ्याथियों का नुकसान आज तक किया हैं? क्या उन अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे? (घ) इस प्रक्रिया सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा मान्य के संबंध में पूरे प्रदेश में समानता लाने में कितना समय लगेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पटवारी चयन परीक्षा 2008 के अन्तर्गत आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 07.07.2008 तक होने से दिनांक 07.07.2008 के बाद के कम्प्यूटर प्रमाण पत्र मान्य नहीं किये गये है। (ख) से (घ) असमानता का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गेस्ट फैकेल्टी नियुक्ति में आरक्षण का पालन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
109. ( क्र. 2705 ) श्री जतन उईके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 में जबलपुर संभाग के समस्त स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय शासकीय एवं स्वशासी पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत गेस्ट फैकेल्टी की संख्या अ.जा., अ.ज.जा., अ.पि. वर्ग/अनारक्षित श्रेणीवार महाविद्यालय की सूची देवें। इस वर्ष में कार्यरत कुल गेस्ट फैकेल्टी तथा रिक्त पदों की संख्या भी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गेस्ट फैकेल्टी नियुक्ति में विभागीय पत्र क्रमांक एफ-1-2/2005/42 भोपाल दिनांक 1 जून 2004 में लिखित सातों शर्तों का पालन हुआ है? महाविद्यालयवार बतायें। यदि पालन नहीं हुआ तो कारण बतायें? (ग) संबंधित महाविद्यालयों द्वारा गेस्ट फैकेल्टी नियुक्ति प्रक्रिया क्या वर्ष 2015 में की गई है? चरणवार बतायें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। चरणवार प्रक्रिया निम्नानुसार है:- 1. गेस्ट फैकल्टी की आवश्यकता का आंकलन किया जाना। 2. आरक्षण रोस्ट का पालन करते हुये निर्धारित तिथि में साक्षात्कार हेतु विज्ञापन जारी किया जाना। 3. संबंधित विषय में ए.आई.सी.टी.ई. द्वारा निर्धारित अर्हताएं पूर्ण करने वाले उम्मीदवारों को आमंत्रित किया जाना। 4. निर्धारित तिथि में उपस्थित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार किया जाना। 5. साक्षात्कार में उत्तीर्ण/पात्र अभ्यर्थियों का चयन। 6. चयनित अभ्यर्थियों से पठन-पाठन कार्य कराया जाना।
बदनावर तहसील जिला धार संबंधी
[गृह]
110. ( क्र. 2747 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर जिला धार में माह जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस व्यक्ति को कहाँ-कहाँ किस आधार पर शासकीय आवास आवंटित किए गए? (ख) उक्त आवंटित आवासों में वर्तमान में कौन-कौन व्यक्ति निवास कर रहे है? क्या इन आवासों का उपयोग राजनैतिक, व्यवसाय अथवा अन्य किसी कार्य हेतु किया जा रहा हैं? (ग) प्रदेश में तहसील एवं जिला मुख्यालय पर किन्हें, किस आधार पर शासकीय आवास आवंटन की पात्रता है? नियमों की छायाप्रति देवें? (घ) जिन अधिकारियों कर्मचारियों में बदनावर जिला धार में प्रश्न (क) अनुसार समय अवधि तक अपात्र व्यक्तियों को शासकीय आवास आवंटित कर दिए उन पर कब तक किस प्रकार की कार्यवाही की जावेगी? नाम, पदनाम सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बदनावर, जिला धार में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पात्र शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को शासकीय आवास गृह आवंटित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ मे, बदनावर जिला धार रिक्त एक ''एच'' टाईप आवास का उपयोग मान. विधायक श्री भंवरसिंह शेखावत विधानसभा क्षेत्र बदनावर द्वारा विधानसभा क्षेत्र के प्रवास के समय किया जाता है। मान. विधायक को उक्त आवास आवंटित नहीं है। श्री शेखावत इन्दौर के निवासी हैं। (ग) शासकीय कर्मचारी के वेतनमान अनुसार शासकीय निवास स्थान के आवंटन की पात्रता आती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाओं के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 2781 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी नल-जल/मुख्यमंत्री नल-जल/स्थल जल योजनायें कहाँ-कहाँ संचालित है में से कौन-कौन सी चालू और कौन-कौन सी कब से व क्यों बंद पड़ी हैं? इन्हें चालू कराने हेतु विभाग/जिला/ग्राम पंचायतों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यह कब तक चालू होगी? (ख) क्षेत्र ग्राम मेवाड़ा में नल-जल योजना का निर्माण दो वर्ष पूर्ण हुआ? इसे वर्तमान तक ग्राम पंचायत को हस्तांतरित न करने के क्या कारण हैं? कब तक हस्तांतरित होगी? ग्राम भिलवाडिया में नल-जल योजना पूर्ण होने के उपरांत वर्तमान तक मीणा बस्ती में लाइन न बिछाने के क्या कारण हैं? कब तक बिछाई जावेगी? (ग) क्या क्षेत्र में भू-जल स्तर नीचे जाने के कारण गंभीर पेयजल संकट व्याप्त है? इसके बावजूद विभाग/जिला/ग्राम पंचायतों द्वारा उदासीनता बरतने के कारण नागरिकों उक्त योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ तो क्या शासन बंद/अप्रारंभ उक्त सभी नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु विभाग को तत्काल निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा योजना में प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण कर योजना 3 माह तक चलाई जाकर चालू स्थिति में पंचायत को हस्तांतरण की कार्यवाही की गई, परंतु पंचायत द्वारा हस्तगत नहीं ली गई। जनपद पंचायत के समन्वय से हस्तांतरण की कार्यवाही की जायेगी, निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। ग्राम भिलवाड़िया की नलजल योजना में मीणा बस्ती में पाईप लाईन बिछाई जाना प्रस्तावित नहीं होने के कारण पाईप लाईन नहीं बिछाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, जी नहीं, नागरिकों को विद्यमान पेयजल व्यवस्था का लाभ मिल रहा है। बंद नलजल योजना को चालू कराने के लिए विभाग द्वारा समुचित कार्यवाही एवं ग्राम पंचायतों को तकनीकी सहायता दी जा रही है।
प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्र. 6144 दिनांक 20/3/17 के संबंध में
[गृह]
112. ( क्र. 2784 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के तारांकित प्रश्न क्रमांक 6144 दिनांक 20.03.17 के प्रश्नांश (ग) में होमगार्ड एक स्वयं सेवी बल है, जिन्हें वेतन की पात्रता नहीं है होमगार्ड राज्य सरकार के कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं उत्तर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या माननीय उच्च न्यायालय के याचिका (सी) 133/2016 सिविल अपील क्रमांक 2768/2015 में पारित निर्णयानुसार होमगार्ड के जवानों को भुगतान की जा रही राशि रूपये 12040 को बढ़ाकर म.प्र. पुलिस आरक्षक के न्यूनतम वेतन राशि रूपये 17055 का भुगतान किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उक्त निर्देश का पालन न करने के लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख) में पारित निर्णयानुसार होमगार्ड के जवानों को वेतनमान की गणना मासिक न होकर प्रति कार्य दिवस के मान से किस आधार पर की जावेगी? माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशानुसार 01 मार्च 2017 के पूर्व की अवधि के एरियर्स का भुगतान कब तक किया जावेगा? समयावधि बताएं।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिपालन में संशोधन आदेश दिनांक 5.7.2017 को जारी किए गए है। अतः निर्देश का पालन न करने के लिए कोई दोषी नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) में पारित निर्णय अनुसार होमगार्ड के जवानों के वेतनमान की गणना आरक्षक को देय न्यूनतम वेतन+ग्रेड पे+मंहगाई भत्ता को आधार माना गया है। होमगार्ड स्वयं सेवकों को प्रति कार्य दिवस के मान से रैंक वाईस वेतन भुगतान किये जाने के निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है।
विधायक प्रोटोकॉल का उल्लंघन
[राजस्व]
113. ( क्र. 2804 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्राप्त पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किए जाने एवं पत्र का उत्तर दिए जाने और चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में राज्य शासन के किस-किस दिनांक को जारी पत्र का राजस्व भी पालन करता है। (ख) प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर विदिशा/ को प्रेषित किये पत्र क्रमांक/1388/06.04.15, 2960/18.01.16, 4510/31.08.16, 5144/07.02.17, 6016/11.03.17, 6857/10.05.17, 6860/10.05.17, 6965/07.06.17 एवं आयुक्त, राजस्व, भोपाल संभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 6860/10.05.17 किस विषय पर लिखा पत्र कलेक्टर, विदिशा एवं आयुक्त, राजस्व भोपाल संभाग में संधारित पंजी में किस क्रमांक पर किस दिनांक को अंकित किया गया। इसमें से किस का प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता को उत्तर प्रेषित नहीं किया, किस पत्र में चाही गई जानकारी प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई गई। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र कलेक्टर विदिशा की ई-मेल पर दि. 08.04.15, 19.01.16, 09.09.16, 09.02.17, 18.05.17, 07.06.17, 10.07.17 आयुक्त राजस्व भोपाल संभाग की ई-मेल पर 10.05.17 भी प्राप्ति हुये है। हाँ तो पत्र ई-मेल पंजी पर किस क्रमांक दिनांक पर अंकित है बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता के द्वारा किस दिनांक को लिखे गए पत्र में चाही गई कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई वह जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी समय-सीमा सहित बतावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
114. ( क्र. 2811 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ऐसे मजरे-टोले जिनकी आबादी 200 से अधिक, मूल आबादी से 2 कि.मी. दूरी व 200 एकड़ का क्षेत्रफल हो उन्हें राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ तो उक्त मापदंडों को पूर्ण करने वाले कितने मजरे-टोले श्योपुर जिले में हैं? तहसीलवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अभी तक जिला श्योपुर में कौन-कौन से मजरा/टोला/ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? किन-किन को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? इन्हें कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित एवं बसाहट वाली भूमि को राजस्व अभिलेख में आबादी भूमि दर्ज करने के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर श्योपुर को भेजे गए पत्र क्रमशः क्र. 3037.क्र, क्र. 3312. दि. 05-08-15, क्र. 3037. दि. 29-07-14,क्र. 3314. दि. 05-08-15, क्र. 3360 दि. 23-10-15, क्र. 3460. दि. 29-12-15, क्र. 4053. दि. 17-01-16, क्र. 1137. दि. 02-06-17, क्र. 1138. दि. 02-06-17 पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार मेरे पत्रों का परीक्षण कराया गया? यदि हाँ तो क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
थाना प्रभारियों के विरुद्ध प्राप्त शिकायते एवं उन पर कार्यवाही
[गृह]
115. ( क्र. 2812 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्ष में श्योपुर में पदस्थ किन-किन थाना प्रभारियों के विरुद्ध कितनी-कितनी शिकायतें पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस महानिदेशक स्तर पर तथा लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण आदि में प्राप्त हुई? थाना प्रभारी के नाम एवं पदस्थापना सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) की शिकायतों में से कितनों की जाँच किस-किस अधिकारी द्वारा की गयी? कितने प्रकरणों में जाँच पूर्ण होकर जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुके हैं? प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें। प्रतिवेदनों में किस-किस अधिकारी के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गयी? अभी तक किस-किस के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में प्राप्त शिकायतों की जाँच अधिकांशता अति. पुलिस अधीक्षक द्वारा की गयी? यदि हाँ तो अभी तक कितनी जाँच पूर्ण कर प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत किये हैं? यदि हाँ तो उन पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला श्योपुर में पदस्थ थाना प्रभारियों के विरूद्ध विगत 03 वर्षों में कुल 45 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें पुलिस महानिदेशक स्तर पर 07, पुलिस महानिरीक्षक स्तर पर 18, पुलिस अधीक्षक स्तर पर 20, लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। थाना प्रभारियों के नाम/पदस्थापना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) उक्त प्राप्त शिकायतों में से 07 शिकायतों की जाँच अति. पुलिस अधीक्षक श्योपुर, 13 शिकायतें एस.डी.ओ.पी. श्योपुर, 07 शिकायतें एस.डी.ओ.पी. बडोदा, 11 शिकायतें एस.डी.ओ.पी. विजयपुर और 07 शिकायतें उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय द्वारा की गयी है। जिसमें से अति. पुलिस अधीक्षक श्योपुर द्वारा 04 शिकायतों की जाँच पूर्ण की गयी तथा एस.डी.ओ.पी. श्योपुर द्वारा 11 शिकायतों की जाँच, एस.डी.ओ.पी. बडोदा द्वारा 06, एस.डी.ओ.पी. विजयपुर द्वारा 10 तथा उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्योपुर द्वारा 04 शिकायतों की जाँच पूर्ण की गयी। कुल 35 शिकायतों की जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 32 शिकायतें असत्य पायी गयी, 03 शिकायतें सत्य पायी गयी थी जो उप निरीक्षक आशुतोष शर्मा के विरूद्ध तीनों विभागीय जाँच में आरोप अप्रमाणित पाये जाने से नस्तीबद्ध की गयी शेष 10 शिकायतें जाँच में है। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि अधिकांश शिकायतों की जाँच अति. पुलिस अधीक्षक स्तर पर की गयी है। बल्कि कुल प्राप्त शिकायतों में से 07 शिकायतों में अति. पुलिस अधीक्षक स्तर पर की गयी जिसमें से 04 शिकायत के प्रतिवेदन प्राप्त हो चुके हैं जो सभी अप्रमाणित पाये गये हैं।
शासन की रोक होने के बावजूद भूमि का बंटन किया जाना
[राजस्व]
116. ( क्र. 2813 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग भोपाल के ज्ञाप क्र. एफ-30-18/2002/सात-ए दिनांक 21-1-03 से भूमि बंटन/व्यवस्थापन पर रोक लगाई गयी है? यदि हाँ तो क्या नायब तहसीलदार कैलारस ने प्रकरण क्र. 45/2003/अ-19 में पारित आदेश दिनांक 24-09-2004 से श्री हरिपाल उर्फ़ बनवारी पुत्र खूबचंद शर्मा नि. सेमई तह. कैलारस जिला मुरैना के पक्ष में ग्राम सेमई स्थित भूमि सर्वे क्र. 1395 रकवा 2.05 हेक्टर में से 2 बीघा 10 विस्वा भूमि का बंटन किया गया है? यदि हाँ तो किस आधार पर? बंटन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रोक होने के कारण क्या शासन निर्देशों के विपरीत तहसीलदार द्वारा प्रश्नांश (ख) अनुसार किया गया बंटन निरस्त किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त भूमि पर पूर्व से काबिज श्री लालगिरी पुत्र चाँद गिरी, हाकिम पुत्र जीवन लाल रावत, वीरेंद्र पुत्र पंचम सिंह आदि का अतिक्रण मानते हुए वर्ष 2010 से वर्ष 2016 में नोटिस देकर अर्थदंड आरोपित करते किया गया है? (ड.) श्री बनवारी पुत्र खूबचंद शर्मा के पास भूमि स्वामित्व की भूमि होने के बावजूद उन्हें शासकीय भूमि के पट्टे किस आधार पर कब-कब एवं कहाँ-कहाँ दिए गए है? सर्वे क्रमांक एवं रकबा बतावें? क्या शासन जाँच कराकर पट्टे निरस्त करने की कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि की जानकारी
[राजस्व]
117. ( क्र. 2816 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मण्डल सोहागपुर नंबर ०१, के पटवारी हल्का नंबर ७८, शहडोल नगर में आराजी खसरा क्रमांक २१५/५४७, रकवा ०.१२ एकड़ भूमि स्थित है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्नांकित भूमि मध्यप्रदेश शासन की भूमि है अथवा किसी व्यक्ति के भूमि स्वामित्व की भूमि है। यदि किसी व्यक्ति के स्वामित्व की भूमि है तो उसका नाम पिता का नाम और पता सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजना एवं व्यय राशि की जानकारी.
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
118. ( क्र. 2817 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में खादय, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का कार्यालय संचालित हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य किये जाते हैं। तथा वर्ष २०१४-१५ से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त कार्य संचालन हेतु किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि व्यय की गई? व्यय संबधी प्रक्रिया सहित वर्षवार व्यय की जानकारी उपलब्ध करायी जावे साथ ही उक्त कार्य संचालन के शासन के नियम निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायी जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से पात्र परिवारों को राशन वितरण कराना पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. की आपूर्ति बनाए रखना, उपभोक्ताओं को जागरूक करना तथा विभाग को आवंटित कार्य किए जाते हैं। नियम निर्देश एवं व्यय प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग को प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
119. ( क्र. 2820 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बालाघाट को विभिन्न योजनाओं में आवंटन दिया जाता है? (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले को किन-किन योजनाओं में कब-कब, कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं में वर्षवार कितना-कितना, कहाँ-कहाँ व्यय किया गया वर्षवार बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनावार वर्षवार, आवंटन, व्यय, स्थान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गुमशुदा इंसानों के संबंध में
[गृह]
120. ( क्र. 2828 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गुम इंसानों की प्राथमिकी थानों में दर्ज कराने का प्रावधान निश्चित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रक्रिया का ब्यौरा दें? गुम इंसानों की तलाश के लिये क्या प्रयास किये जाते हैं? (ख) महिला एवं बच्चों के गुम होने के आंकडों के तुलनात्मक अध्ययन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का कौन सा स्थान है? (ग) विगत 03 वर्षों के दौरान जबलपुर संभाग में कुल कितने इंसानों की गुमशुदगी थानों में दर्ज की गई हैं? जिलेवार, वर्षवार, थानावार ब्यौरा दें? क्या कुछ लोग वापस मिले, यदि हाँ, तो जिलेवार वर्षवार, थानेवार ब्यौरा दें? (घ) विगत 03 वर्ष के दौरान प्रश्नांश (ख) स्थानों में थानों में दर्ज गुम इंसानों में महिला व बच्चों की संख्या का ब्यौरा जिलेवार वर्षवार, थानावार दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। गुम इंसानों की प्राथमिकी थानों में दर्ज करने के संबंध में म.प्र. पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 419 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। यदि गुम इंसान अवयस्क है तो गुम इंसान कायमी के पश्चात् माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार तुरन्त संज्ञेय अपराध दर्ज कर विवेचना की जाती है। अवयस्क गुम इंसानों की तलाश हेतु समय-समय पर विशेष अभियान जैसे ऑपरेशन मुस्कान, ऑपरेशन स्माईल चलाया जाकर दस्तयाबी के हर संभव प्रयास किये जाते हैं। गुम इंसान यदि वयस्क है तो दूरदर्शन प्रसारण, गजट प्रकाशन कराया जाकर अनुसंधान/जाँच की जाती है। (ख) राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो में राष्ट्रीय स्तर के आंकड़े संकलित नहीं किये जाते हैं। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिवनी जिले में तालाबों की जानकारी
[राजस्व]
121. ( क्र. 2829 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के सिवनी बंदोबस्त अनुसार कितने शासकीय तालाब दर्ज हैं? तहसीलवार, ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने शासकीय तालाबों में अतिक्रमण है तथा उक्त तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिये अब तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक अतिक्रमण मुक्त करावा दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितने शासकीय तालाबों का निजी पट्टा बना दिया गया है तथा जिन तालाबों के निजी पट्टे हुये है उन्हे कब तक निरस्त किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला सिवनी अंतर्गत शासकीय तालाबों की तहसीलवार ग्राम पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय तालाबों पर अतिक्रमण नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी नहीं शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
न्याय दिलाये जाने
[गृह]
122. ( क्र. 2854 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री अमर सिंह सहायक उपनिरीक्षक अपराध अनुसंधान विभाग पी.एच.क्यू. भोपाल के पत्र के निराकरण हेतु राष्ट्रपति सचिवालय का पत्र क्रमांक/17/08/पी-11/13 दिनांक अगस्त 2013 तथा प्रधानमंत्री कार्यालय का पत्र क्र. पी.एम.ओ.पी.जी./डी./2016/293158 दिनांक 06/10/2016 प्राप्त हुआ बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त प्रकरण निराकरण हेतु किस स्तर पर लंबित है? (ग) श्री अमर सिंह उप निरीक्षक क्या अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारी हैं जिन्हें जी.ए.डी. के आदेशानुसार अनजानी गलतियों के लिए साधारण समझाइस पत्र के साथ माफ करने का प्रावधान है। शासनादेश के साथ दिये गये आरोप पत्र की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में अमर सिंह को न्याय न प्रदान करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) संबंधित पत्र आवश्यक कार्यवाही हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/उमनि (शहर) जिला भोपाल को मूलतः भेजे गये हैं। (ग) सेवा अभिलेख अनुसार उप निरीक्षक अमर सिंह अनुसूचित जाति वर्ग के है। प्रश्नांश में उल्लेखित जी.ए.डी. के परिपत्र क्र. एफ-7-35/97/आ.प्र./1 भोपाल दिनांक 12.01.1997 एवं पुलिस उप महानिरीक्षक भोपाल क्षेत्र भोपाल के पृष्ठांकन क्रमांक पुमनि/पी.ए./वि.जॉ./14-सी/2007, दिनांक 02.04.2007 द्वारा जारी आरोप पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब पर है। (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में उक्त प्रकरण निराकरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भोपाल/उप महानिरीक्षक (शहर) भोपाल को मूलतः भेजे गये हैं। उप निरीक्षक श्री अमर सिंह को उनके कृत्य के लिए विभागीय कार्यवाही में दण्डित किया गया था। उसके लिए अन्य कोई दोषी नहीं है।
मजरे-टोले और राजस्व ग्राम की जानकारी
[राजस्व]
123. ( क्र. 2861 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने मजरे-टोले और राजस्व ग्राम के प्रस्ताव आज दिनांक तक प्राप्त हुए है? (ख) राजस्व ग्राम बनाने हेतु क्या नियम हैं बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भिण्डावद जिसकी जनसंख्या 1000 तथा मतदाता 450 हैं क्या उसको राजस्व ग्राम बनाने के लिये प्रस्ताव लम्बित है यदि हाँ तो इसको कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जायेगा? (ग) वही बड़नगर के ग्राम सावंतपुरा को राजस्व ग्राम एवं मंजरे या टोले किसमें शामिल किया जाना प्रस्तावित है? जानकारी प्रदान करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 02 मजरे-टोले अर्जुनाखेडी सावंतपुरा को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जो राजस्व ग्राम घोषित किये जा चुके है। (ख) मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन के लिये मापदण्ड एवं निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मापदण्ड निम्नानुसार है बड़नगर विधान सभा क्षेत्र का ग्राम भिडावद पूर्व से राजस्व ग्राम घोषित है (ग) तहसील बड़नगर के मूल ग्राम भाट पचलाना के मजरा टोला सावंतपुरा को राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है।
राशन वितरण की मशीनों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 2862 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासन की दुकानों में हितग्राहियों को राशन वितरण के लिए मशीनें लगाई गई है? (ख) यदि हाँ तो म.प्र. के उज्जैन जिले में कुल कितनी मशीनें लगाई गईं? उक्त मशीनें शासन द्वारा क्रय की गई हैं या आउटसोर्स से क्रय की गई हैं यदि उक्त मशीनें आउटसोर्स से क्रय की गई है तो प्रतिवर्ष एक मशीन पर कितना खर्च हो रहा है? (ग) उज्जैन जिले में आउटसोर्स से ली गई मशीनों में कितनी मशीनें कार्य कर रही हैं कितनी खराब चल रही है क्या खराब मशीनों का भुगतान रोका गया है तो कितनी मशीनों का भुगतान रोका गया है तथा खराब मशीन सप्लाई करने पर क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) उज्जैन जिले में सेवाप्रदाता मे. लिंकवेल टेली सिस्टम प्रा.लि. द्वारा 597 पी.ओ.एस. मशीनें लगाई गईं हैं। पी.ओ.एस. मशीन विभाग द्वारा क्रय नहीं की गई हैं बी.ओ.ओ. (बिल्ट ऑन ऑपरेट) मॉडल के तहत लगाई गई है। नेट कनेक्टिविटी, पी.ओ.एस. मशीन का सॉफ्टवेयर अपडेशन एवं संधारण व्यय सहित पी.ओ.एस. मशीन का किराया रू. 15,113.52 प्रतिवर्ष प्रति मशीन बनता है। (ग) उज्जैन जिले में, लगाई गई समस्त पी.ओ.एस. मशीनें वर्तमान में कार्यरत हैं तथापि मशीन खराब होने पर निर्धारित समय में सेवाप्रदाता द्वारा सुधार कार्य न करने की स्थिति में किराया भुगतान न करने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंदोबस्त पश्चात नक्शे में त्रुटी
[राजस्व]
125. ( क्र. 2865 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बंदोबस्त पश्चात नक्शे में रास्ता या पगडंड़ी को विशेष रूप से दर्शाये जाने के नियम है यदि हाँ तो उस नियम के आधार पर नक्शे में रास्ता और पगडंड़ी दर्शाने के क्या नियम हैं? (ख) क्या बड़नगर तहसील में बंदोबस्त के नक्शों में रास्ता या पगडंड़ी को अलग से नहीं दर्शाये गये हैं जिसके कारण कई बार विवाद को निपटाने के संदर्भ में परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या शासन बंदोबस्त के नक्शों में रास्ता एवं पगडंड़ी को विशेष रूप से दर्शानें के संदर्भ में कोई निर्देश प्रदान करेंगा यदि हाँ तो वह क्या है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण व सीमांकन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
126. ( क्र. 2884 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खंडवा में तहसील पुनासा अंतर्गत 1 मार्च, 2015 से 29 जून, 2017 तक सीमांकन के व नामांतरण के कितने किसानों के आवेदन प्राप्त हुए? नाम सहित व आवेदन प्राप्ति दिनांक सहित सूची दें? (ख) किन-किन किसानों के नामांतरण के आवेदनों पर तथा सीमांकन के आवेदनो पर सीमांकन व नामांतरण कर दिया है? उन किसानों के नाम बताएं तथा किन-किन किसानों के सीमांकन तथा नामांतरण प्रकरण शेष रहे हैं? (ग) पुनासा तहसील में किन-किन किसानों के बंटवारे व नामांतरण के आवेदन कब कब प्राप्त हुए हैं? (घ) पुनासा तहसील के नामान्तरण व बंटवारा के कितने प्रकरण शेष हैं? कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऑनलाइन एफ.आई.आर.
[गृह]
127. ( क्र. 2885 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन सीधे एवं कितने आवेदन वरिष्ठ कार्यालयों से थाना/कोतवालियों को प्राप्त हुए? कितने प्राप्त आवेदन की जाँच कर उन पर कार्यवाही की गई? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) जिलान्तर्गत जब कोई आवेदक चोरी, धोखाधड़ी आदि प्रकार की घटनाओं की एफ.आई.आर. करवाने जाता है तो उसकी एफ.आई.आर. न कर उससे सादा आवेदन दिए जाने की बात कही जाती है? क्या यह प्रक्रिया एफ.आई.आर ऑनलाइन न दिखे इस लिए नहीं अपनाई जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन आवेदनों की जाँच प्रचलित है ऐसी जाँच कब तक पूर्ण की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पन्ना जिला अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक 1114 आवेदन सीधे एवं 7976 आवेदन वरिष्ठ कार्यालयों से थाना/कोतवालियों को प्राप्त हुये तथा 8819 आवेदनों की जाँच कर उन पर कार्यवाही की गई। (ख) जी नहीं। आवेदक द्वारा संज्ञेय अपराध की रिपोर्ट पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। कुछ प्रकरणों में मामला संदिग्ध या झूठा प्रतीत होने पर जाँच उपरांत कार्यवाही की जाती है। इस प्रक्रिया का एफ.आई.आर. ऑन लाइन दिखने या न दिखने से कोई संबंध नहीं है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पशुओं का टीकाकरण
[पशुपालन]
128. ( क्र. 2886 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुओं के टीकाकरण की क्या व्यवस्था है? पन्ना जिले में ग्रामीण स्तर पर कितने कर्मचारी किस-किस स्थान में तैनात किए गए हैं? वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस ग्राम में कितने पशुओं का किस बीमारी का टीकाकरण किया गया बतावें? (ख) क्या पन्ना जिले के अधिकांश गाँवों में पशु विभाग के मैदानी कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण नहीं किया जाता तथा पशु के बीमार होने पर पैसों की माँग की जाती है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ख) जी नहीं। जी नहीं, किन्तु पशु चिकित्सा संस्थान पर लाए गए पशुओं के उपचार हेतु पशु कल्याण समिति द्वारा निर्धारित शुल्क लिया जाता है।
जबलपुर थाना ओमती में दर्ज प्रकरण
[गृह]
129. ( क्र. 2887 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर थाना ओमती में 2017 एफ.आई.आर. न (प्र.सू.रि.स.) 0226 दिनांक 19-05-17 को मारपीट दंड नियम की धारा 120बी 420, 467, 468, 471,294,506,34, दर्ज की गई है यदि हाँ तो एफ.आई.आर. में कितने व्यक्तियों के नाम पर एफ.आई.आर. दर्ज है नामवार जानकारी दे? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने लिप्त अपराधियों को पकड़ने हेतु क्या-क्या, कार्यवाही की गई है कब तक संपूर्ण अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जावेगा? (ग) क्या उक्त जमीन की रजिस्ट्री छल कपट, धोखाधड़ी, षड्यंत्र रचकर असली भूमि स्वामी के स्थान पर फर्जी भूमि स्वामी बनाकर रजिस्टार ऑफिस जबलपुर में रजिस्ट्री कराई है क्या प्रश्न दिनांक तक गिरफ्तारी की गई है? (घ) भूमि की रजिस्ट्री कराने में क्रेता एवं विक्रेता को क्या-क्या दस्तावेज देना पड़ते हैं, क्या विक्रेता दस्तावेज की जाँच हुई है तो क्या परिणाम आये इसकी जानकारी दें, क्या उक्त रहन भूमि का नोड्यूज लिया गया था अगर नहीं लिया गया और रजिस्ट्री की गई, इसके लिए दोषी कौन हैं क्या दोषी पर कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। एफ.आई.आर. में पाँच आरोपियों-01. देवी सिंह, 02. रिषीराज सिंह, 03. अंकित उर्फ निक्की, 04 आकाश उर्फ बंटी तथा 05. अंकित के नाम दर्ज हैं। (ख) प्रकरण में सात आरोपियों 1. देवी सिंह राजपूत 2. अंकित उर्फ निक्की राजपूत 3. भारत दुबे 4. नोखेलाल पटेल 5. रामेश्वर 6. चेतराम बैगा 7. आकाश उर्फ बंटी की गिरफ्तारी की जा चुकी है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये टीम गठित कर प्रयास किये जा रहे हैं, गिरफ्तारी की समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रकरण में अभी तक सात आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। (घ) भूमि की रजिस्ट्री कराने में क्रेता एवं विक्रेता को जो दस्तावेज देने पड़ते हैं इस संबंध में विवेचना की जा रही है। जप्त शुदा दस्तावेजों की जाँच शेष है। रहन भूमि के सम्बंध में जाँच की जा रही है, विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के अनुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
उद्योगिक क्षेत्र की मजदूरी के संबंध में
[श्रम]
130. ( क्र. 2888 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक क्षेत्र गोविन्दपुरा भोपाल बुधनी, जिला सिहोर, मनेरी-जबलपुर, प्रीतमपुर-इन्दौर एवं नरसिंहपुर जिले की समस्त शुगर मिलों में न्यूनतम मजदूरी क्या है? क्या यह राज्य एवं केन्द्र के मापदण्ड अनुसार दी जा रही है जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त मजदूरों का ई.एस.आई. एवं पी.एफ. फंड जमा किया जाता है? (ग) क्या उक्त मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा द्वारा पहुंचाया जाता है? तो क्या मजदूरों को ठेकेदारों को कमीशन देना पड़ता है, मजदूरों का शोषण किया जाता है? (घ) क्या मजदूरों का दुर्घटना सुरक्षा हेतु कोई नियम बनाया गया है, अगर नियम बनाये गये है तो नियम कानून क्या हैं? (ड.) कितने मजदूरों को अभी तक दुर्घटना का लाभ दिया गया? (च) उक्त संस्थानों में कितने मजदूर, कुशल, अर्ध्द कुशल दैनिक वेतन भोगी मजदूर काम करते हैं संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राज्य में राज्य शासन द्वारा निर्धारित वर्तमान न्यूनतम वेतन दरें निम्नानुसार है –
श्रेणी वेतन प्रतिमाह वेतन प्रतिदिन
अकुशल श्रमिक 7125/-प्रतिमाह 274/-प्रतिदिन
अर्द्ध कुशल श्रमिक 7982- प्रतिमाह 307/-प्रतिदिन
कुशल श्रमिक 9360/-प्रतिमाह 360/-प्रतिदिन
उच्च कुशल श्रमिक 10660/-प्रतिमाह 410/-प्रतिदिन
उक्त दरें सभी उद्योगों पर लागू है। (ख) जानकारी केन्द्र सरकार से संबंधित है। (ग) जी नहीं। सीजनल रूप से जबलपुर जिले में संचालित एक शुगर मिल तथा नरसिहपुर जिले की सात शुगर मिलों में ठेका श्रमिक नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतु कारखाना अधिनियम, 1948 तथा म.प्र. कारखाना नियमावली 1962 में आवश्यक प्रावधान है। (ड.) वंशिका शुगर मिल बिलगुआ जिला नरसिंहपुर में दिनांक 14.11.2016 को एक श्रमिक के साथ प्राणांतक दुर्घटना घटित होने की जानकारी प्राप्त हुई थी। यह श्रमिक कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम के अंतर्गत बीमित था व क्षतिपूर्ति हेतु प्रकरण माननीय श्रम न्यायालय, नरसिंहपुर में विचाराधीन है। कारखाना प्रबंधन द्वारा रूपये 55000/- (रू. पचपन हजार मात्र) मृतक के आश्रितों को दिये गये है एवं मृतक के भाई को नौकरी प्रदान की गई। (च) नरसिंहपुर जिले की वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है एवं जबलपुर जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
131. ( क्र. 2919 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं एवं इनके कार्य क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्राम प्रत्येक सोसायटी के अंतर्गत आते हैं? (ख) शासन के नियमानुसार ग्रामीण लोगों में कितनी आबादी पर दुकान संचालित किये जाने के शासन के निर्देश हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या वर्तमान में भितरवार विधान सभा क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या दुकानों की संख्या को बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन हैं? यदि हाँ तो स्पष्ट करें और नहीं तो कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। किसी पंचायत में 800 पात्र परिवारों की संख्या से अधिक परिवार होने की स्थिति में उक्त पंचायत में अतिरिक्त दुकान खोलने का भी प्रावधान है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रिक्त नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
132. ( क्र. 2921 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई, 2017 की स्थिति में म.प्र. में कितने-कितने नायब तहसीलदार, तहसीलदार के पद रिक्त है उनमें से उक्त दिवस की स्थिति में म.प्र. में नायब तहसीलदार, तहसीलदार उपलब्ध हैं? शेष जो पद रिक्त हैं उसमें कितने पद नायब तहसीलदार, तहसीलदार-तहसीलदार के 01 जुलाई, 2017 की स्थिति में रिक्त हैं? इन रिक्त पदों पर वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी (उनका मूल पद क्या हैं?) प्रभारी के रूप में किस-किस स्थान पर कब से पदस्थ हैं? सूची दें। (ख) क्या अभी माह जून 2017 को राजस्व मंत्री महोदय द्वारा नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति के लिये माननीय मुख्यमंत्री महोदय से पद पूर्ति हेतु स्वीकृति अनुमोदन प्राप्त की गई है? यदि हाँ तो किस-किस पद हेतु कितनी-कितनी रिक्तियों की पूर्ति हेतु अनुमोदन लिया है? पद व संख्यावार स्पष्ट करें। (ग) क्या नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु माह जून 2017 में लिये गये अनुमोदन अनुसार 3 जून से 8 जून 2017 तक म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई मुख्य परीक्षा में माह जून 2017 में लिये गये नये नायब तहसीलदार के पदों के स्वीकृत अनुमोदन को सम्मिलित कर नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ तो कुल कितने नायब तहसीलदार के पदों की उक्त परीक्षा द्वारा पूर्ति की जावेंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 1 जुलाई, 2017 की स्थिति में मध्यप्रदेश में तहसीलदार/नायब तहसीलदारों के स्वीकृत रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
01 |
तहसीलदार |
519 |
291 |
228 |
स.क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
01 |
नायब तहसीलदार |
620 |
352 |
268 |
जिलों में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के रिक्त पदों पर राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के रूप में कार्य करने हेतु तहसीलदार की शक्तियां प्रदान की गई है। उनके क्षेत्राधिकार प्रदान करने के लिये कलेक्टरों को अधिकार दिये गये है। मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। सैद्धांतिक सहमति प्राप्त की गई। प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति
[श्रम]
133. ( क्र. 2933 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक श्रम न्यायालय इन्दौर में जून 2017 की स्थिति में पदस्थ रजिस्ट्रार की श्रम न्यायालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना की कितनी अवधि हो चुकी है? (ख) शासकीय सेवक को प्रतिनियुक्ति पर अधिकतम कितने वर्ष रखने के शासन आदेश हैं? आदेश की प्रति दें। श्रम न्यायालय के रजिस्ट्रार को अधिक अवधि तक नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति पर श्रम विभाग में रखने का दोषी कौन है? संबंधित के विरूद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) सेवानिवृत्ति के पूर्व वर्तमान रजिस्ट्रार को श्रम न्यायालय से कब तक कार्यमुक्त कर दिया जायेगा? नहीं तो क्यों? (घ) लोक सूचना अधिकारी के रूप में वर्तमान रजिस्ट्रार द्वारा धारा -6 (1) के तहत वर्ष 2016-17 में प्राप्त किन-किन आवेदनों पर विधि संगत कार्यवाही नहीं की? सूची दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रजिस्ट्रार, औद्योगिक न्यायालय, म.प्र. इंदौर के पद पर श्री राजेश पण्डया, की प्रतिनियुक्ति अवधि 13 वर्ष की पूर्ण हो चुकी है। (ख) शासकीय सेवक की प्रतिनियुक्ति की अवधि अधिकतम 4 वर्ष है। तिलहन संघ के कर्मचारियों को शासन के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के राज्य शासन के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में रजिस्ट्रार, औद्योगिक न्यायालय के पद की निर्धारित अर्हता रखने के कारण श्री राजेश पण्डया को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया था। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों द्वारा तिलहन संघ के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि में समय-समय पर वृद्धि की गई है। (ग) श्री राजेश पण्डया की सेवायें श्रम विभाग द्वारा रजिस्ट्रार, औद्योगिक न्यायालय के पद पर संविलियन कर ली गई हैं। वे दिनांक 31.08.2017 को सेवानिवृत्त होंगे। (घ) लोक सूचना अधिकारी, औद्योगिक न्यायालय के पास धारा-6 (1) के तहत् वर्ष 2016-17 में प्राप्त सभी आवेदनों पर विधि संगत कार्यवाही की गई है। अत: सूची देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुद्रण संबंधी जानकारी
[राजस्व]
134. ( क्र. 2934 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग क्या-क्या कार्य करता है? क्या जनसंपर्क संचालनालय, मध्यप्रदेश माध्यम एवं वन्या प्रकाशन भी मुद्रण कार्य करते अथवा करवाते हैं? (ख) कार्य प्रवृत्ति को दृष्टिगत रखते हुए मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग को राजस्व विभाग से जनसंपर्क विभाग में समाहित करने में क्या-क्या कठिनाईयां है? नियम-निर्देश सहित बतावें? (ग) सिंहस्थ 2016 हेतु शासकीय मुद्रणालय के माध्यम से क्या-क्या कार्य किये गये? (घ) मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा सिंहस्थ 2016 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01 दिसंबर 2016 से दिनांक 31 दिसंबर 2017 तक देवहर्ष इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई को दिये गये कार्यादेश, स्वीकृति आदेश भुगतान राशि, कार्य न होने पर वापस राशि को ब्यौरा एवं सुसंगत अभिलेख उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वेयर हाउस को निविदा में आमंत्रित नहीं किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
135. ( क्र. 2937 ) श्री आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बकानिया इंदौर भोपाल हाईवे रोड स्थित करतार वेयर हाउस को समस्त जाँच/निरीक्षण के पश्चात् दिनांक 17/03/2016 को गेहूँ के भण्डारण हेतु अनुबंध के आधार पर किराए पर मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन को दिया गया था? यदि हाँ, तो वेयर हाउस में मिट्टीयुक्त गेहूँ पाए जाने पर दिनांक 14/10/2016 को ब्लैक लिस्टेड किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या करतार वेयर हाउस के प्रोपरायटर श्री राजेन्द्र सिंह बग्गा की ओर से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 4124/17 प्रस्तुत किए जाने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने दिनांक 03/04/2014 को स्थगन आदेश के पश्चात् दिनांक 15 मई, 2017 को ब्लैक लिस्ट पर स्थगन आदेश जारी किया गया जिसकी प्रति विभागीय प्रमुख सचिव एवं प्रबंध संचालक आदि के समक्ष प्रस्तुत कर अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से अवगत होने के पश्चात् भी करतार वेयर हाउस को निविदा में आमंत्रित नहीं किए जाने के क्या कारण है? क्या यह विभागीय अधिकारियों की मनमानी व माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो इस लापरवाही एवं नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है उनके विरूद्ध माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, श्री राजेन्द्र सिंह बग्गा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ जबलपुर में दायर याचिका क्र. डब्ल्यू.पी. 4124/2017 के आदेश के परिप्रेक्ष्य में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 03.04.2017 में स्थगन आदेश नहीं दिया गया है, अपितु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 15.05.2017 को ब्लैक लिस्ट किये जाने के संबंध में स्थगन आदेश पारित किया है। निविदा के संबंध में दिनांक 10.03.2017 तक ऑनलाइन ऑफर प्राप्त किये गये, जिसमें जिला स्तरीय समिति, भोपाल द्वारा दिनांक 20.03.2017 तक संयुक्त निरीक्षण किया जाकर ऑनलाईन अपडेट किया गया एवं उपार्जित गेहूं का संपूर्ण भंडारण जिले के गोदामों में स्थगन आदेश पारित दिनांक 15.05.2017 से पूर्व किया जा चुका था। अतः उक्तानुसार निविदा में श्री राजेन्द्र सिंह बग्गा द्वारा भाग लिया जाना संभव नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, जिसमें आगामी आदेशानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रकरण में म.प्र. वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
षड़यंत्रपूर्वक गौशालाओं में गायों की हत्या किया जाना
[पशुपालन]
136. ( क्र. 2938 ) श्री आरिफ अकील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौशालाओं के संचालन हेतु गाय की देख-रेख, चिकित्सीय परीक्षण आदि हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड प्रत्येक मवेशियों के मान से चारा-भूसा एवं राशि आवंटित किए जाने तथा समय-समय पर शासन के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ तो भोपाल जिले में किस-किसके द्वारा गौशालाओं का कब-कब से संचालन किया जा रहा है माह अप्रैल 2014-15 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस गौशालाओं में कितने-कितने मवेशियों हेतु कितना-कितना चारा-भूसा एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई और उनका निरीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया तथा क्या-क्या कमियां पायी गई वर्षवार गौशालावार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में माह अप्रैल 2014-15 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस गौशालाओं में कुल कितनी-कितनी गाय-बछड़ों का देहान्त हुआ और उनका चिकित्सीय परीक्षण कब-कब कराया गया था वर्षवार गाय-बछड़ों के देहान्त होने के कारण शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेंगी, यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) गौशालाओं को वितरित आर्थिक सहायता तथा गौशाला के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। गौशालाओं में अशक्त, असहाय, वृद्ध, दुर्घटनाग्रस्त गौवंश का संरक्षण किया जाता है तथा विभागीय नज़दीकी संस्था के पशु चिकित्सक द्वारा चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
लंबित शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
137. ( क्र. 2940 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस अधीक्षक नया भोपाल, थाना प्रभारी जहांगीराबाद, थाना प्रभारी एम.पी. नगर और सुरक्षा अधिकारी, सतपुड़ा भवन, भोपाल को प्राप्त संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, भोपाल के पत्र क्रमांक 11126 और 11127 दिनांक 14 फरवरी, 2017 पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? कब तक की जावेगी? (ख) पत्रानुसार व्यक्तिवार आरोप का पूर्ण ब्यौरा दें? शिकायती तथ्यों के आधार पर शासकीय कार्य में व्यवधान का मामला नहीं बनाने का कारण बतावें। आरोपों के पक्ष, समर्थन में क्या दस्तावेज प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांकित तथ्यों पर विभागीय कर्मचारी के खिलाफ माह जनवरी 2017 में लोक सूचना अधिकारी, आदिम जाति अनुसंधान संस्थान और कार्यालय नागरिक अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ में आवेदन प्राप्त होने पर भी आपराधिक प्रकरण/विभागीय कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) डॉ. सुरेन्द्र सिंह भण्डारी, संचालनालय प्रभारी आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं (म.प्र.) का पत्र क्र./पीएलबी/2017/11126 दिनांक 14.02.2017 पुलिस अधीक्षक दक्षिण भोपाल को प्राप्त हुआ था एवं उसकी प्रतिलिपि क्र./पीए/असब/2017/11127 थाना प्रभारी एम.पी. नगर, थाना जहांगीराबाद एवं सुरक्षा अधिकारी सतपुड़ा भवन को भेजी गयी थी। उपरोक्त पत्र की जाँच थाना जहांगीराबाद से करवाई गई जिसमें आवेदक ने अपने कथन में कोई पुलिस कार्यवाही नहीं चाहने का लेख किये जाने से आगामी कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों में आर.टी.आई. कार्यकर्ता श्री देवेन्द्र मिश्रा के अनावश्यक संचालनालय में बैठे रहने के संबंध में लेख किया था तथा पत्र मात्र सूचनार्थ भेजे गये थे। शेष उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू-अभिलेख के सॉफ्टवेयर के संबंध में
[राजस्व]
138. ( क्र. 2956 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के 342 तहसीलों के भू-अभिलेख के ऑनलाइन मॉडिफिकेशन हेतु WEBGIS सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए आयुक्त भू-अभिलेख ने 19 फरवरी 2013 को भोपाल ई-गवर्नेस लि. (BHOPALE E-GOVERNANCElTD) नामक कंपनी से अनुबंध किया था? (ख) क्या इस भोपाल ई-गवर्नेश लि. कंपनी का पंजीयन 15 फरवरी, 2013 को कंपनी रजिस्ट्रार नई दिल्ली से हुआ था और इस कंपनी को व्यापार की अनुमति अनुबंध के बाद 8 मार्च, 2013 को मिली थी? (ग) क्या टेंडर की शर्तों के अनुसार अनुबंधित कंपनी के पास CMM/PCMM/CMMI लेवल 3 या इससे ऊपर का सर्टिफिकेट होना चाहिए था जो भोपाल ई-गवर्नेश लि. के पास नहीं थे? (घ) क्या ISO 9001-2008 सर्टिफिकेट भी आवश्यक था जो इस कंपनी के पास नहीं था? (ड.) क्या यह भी सही है कि टेंडर की शर्तों के अनुसार पात्र कंपनी का 3 वर्षों में रू. 100 करोड़ से अधिक टर्नओवर होना था और आई.टी. संबंधित कार्यों से नेटवर्थ कम से कम 50 करोड़ होनी थी साथ ही अनुबंध से 2 वर्ष पूर्व से कंपनी को लाभ की स्थिति में होना था जोकि इस कंपनी के पास नहीं था?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) टेण्डर में चयनित कम्पनी M/s IL&FS Technologiesltd. उक्त सभी पूर्तियां करती थी। M/s Bhopal E-Govrnanceltd. उक्त चयनित कंपनी की 100% सहायक कम्पनी है। (घ) एवं (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार।
टेंडर प्रक्रिया के संबंध में
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
139. ( क्र. 2957 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत आने वाली कंपनी MPSEDC द्वारा जारी किये गये टेंडर क्रमांक MPSEDC/ smart phone/320 recall Dt. 20-04-2016 में टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली सभी कंपनियों द्वारा भरे गये टेंडर, टेंडर प्रक्रिया संबंधी सभी कार्यवाही एवं ऑर्डर शीट की कॉपी उपलब्ध करायें? (ख) उपरोक्त टेंडर के संबंध में टेंडर प्राप्त वाली कंपनी और MPSEDC के बीच हुए सभी पत्राचार, टेंडर बिड, लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस, एग्रीमेंट (करार) और आदेश आदि से संबंधित समस्त दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध कराएं? (ग) उपरोक्त टेंडर के संबंध में MPSEDC और सरकार के अन्य विभागों के बीच हुए सभी पत्राचार, आदेश आदि से संबंधित समस्त दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध कराएं? (घ) उपरोक्त टेंडर के संबंध में MPSEDC और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच हुए सभी पत्राचार, आदेश आदि से संबंधित समस्त दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध कराएं? (ड.) उपरोक्त टेंडर की वित्तीय स्वीकृति से संबंधित दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध कराएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) टेंडर क्रमांक MPSEDC/smart phone 320 recall Dt. 20/04/2016 में निम्न 5 कंपनियों द्वारा भाग लिया गया था:- 1. मेसर्स लावा इंटरनेशनल लिमिटेड 2. मेसर्स कार्वी डाटा मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड 3. मेसर्स ममथा इंटरप्राइजेज 4. मेसर्स इंटेक्स टेक्नोलॉजी 5. मेसर्स वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज। सभी कंपनियों द्वारा भरे गये टेंडर, टेंडर प्रक्रिया संबंधी सभी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम और मेसर्स वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के बीच हुए सभी पत्राचार, आदेश आदि से संबंधित कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन टेण्डर से संबंधित पत्राचार, टेंडर बिड, लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस, एग्रीमेंट (करार) और आदेश आदि से संबंधित कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच इस टेंडर से संबंधित कोई भी पत्राचार नहीं हुआ है। (ड.) प्रश्नाधीन टेंडर हेतु मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम को वित्तीय स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। स्मार्ट फोन परियोजना हेतु निगम को प्राप्त वित्तीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
नामांतरण एवं लीज़ नवीनीकरण
[राजस्व]
140. ( क्र. 2971 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिलान्तर्गत विगत 5 वर्षों में नामांतरण/लीज़ नवीनीकरण के कितने प्रकरण प्राप्त हुए हैं? (ख) उनमें से किस-किस प्रकरण का निराकरण कब-कब कर दिया गया है एवं कौन-कौन सा प्रकरण किस-किस कारण से लंबित है, विधान सभा क्षेत्रवार, नामवार, प्रकरणवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भ्रष्टाचारी दुकानदार को दुकानें आवंटन करने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
141. ( क्र. 2974 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण संचनालय के पत्र क्रमांक 6067/ शिका./2010 दिनांक 03.07.2010 द्वारा प्रबंधक प्रकाश तिवारी के विरूद्ध कार्यवाही न किये जाने पर आपत्ति की गई थी, क्योंकि शासन को 79800 रू. प्रति माह की हानि 24 माह तक हुई थी? यदि हाँ तो क्या राशि वसूल की गई, यदि नहीं, तो क्यों? कौन जिम्मेदार हैं? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक तथा कलेक्टर ने प्रबंधक प्रकाश तिवारी हर्ष शिक्षित बेरोजगार स्वायत्त साख समिति की वार्ड नम्बर 4, 10, की दुकानें निरस्त न करने की बजाय आदेश क्रमांक 2327/खाद्य/2013 दिनांक 20 नवम्बर 2013 द्वारा वार्ड क्रमांक 01, 02, 03 को दुकानें और अतिरिक्त रूप से संचालित करने के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ तो शासन को हानि पहुंचाने वाले को अतिरिक्त दुकानें संचालित करने के आदेश क्यों किये गये? (ग) क्या इस मामले की शिकायत लोकायुक्त में की गई थी और लोकायुक्त से जिला कार्यालय से पत्राचार भी हुआ था? यदि हाँ तो क्या वह नस्ती गायब हैं, यदि हाँ तो कौन जिम्मेदार हैं? यदि नहीं, तो नस्ती में प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या हैं? दुकान प्रबंधक के विरूद्ध तथा नस्ती के जिम्मेदार लेखापाल/उच्च श्रेणी लिपिक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित प्रकरण वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से वसूली की कार्यवाही नहीं की गई है, न्यायालयीन निर्णय अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ, जिला होशंगाबाद में उचित मूल्य दुकान -वार्ड क्रमांक 1, 2, 3 को हर्ष शिक्षित बेरोजगार स्वायत्त साख समिति-वार्ड क्र 4, 10, 11 से उपभोक्ताओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए संलग्नीकरण किया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, जिसमें अन्तिम निर्णय प्राप्त होने के उपरान्त कार्यवाही की जावेगी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लोकायुक्त से प्राप्त शिकायत के संबंध में समय-समय पर चाही गई जानकारी कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला होशंगाबाद द्वारा भेजी गई है। कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला होशंगाबाद में प्रकरण से संबंधित नस्ती उपलब्ध है, जिसमें प्रकरण संबंधी अद्यतन स्थिति भी उल्लेखित है। वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला होशंगाबाद में लेखापाल/उच्च श्रेणी लिपिक के द्वारा कोई नस्ती गायब नहीं किये जाने से संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि स्वामित्व के संबंध में
[राजस्व]
142. ( क्र. 2975 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खसरा नं. 223 राजस्व निरीक्षक मण्डल (राऊ-1) तहसील इंदौर पटवारी हल्का-अहीरखेड़ी ग्राम अहीरखेड़ी का मालिकाना हक किस नाम पर है तथा इसका भूमि उपयोग क्या है? (ख) उपरोक्त खसरा भूमि किसके स्वामित्व की थी तथा किस आदेश तथा प्रक्रिया से विदुर नगर सहकारी संस्था को स्थानांतरित हुई? क्या ये प्रक्रिया विधि सम्मत थी? (ग) क्या उपरोक्त भूमि पर सहकारी संस्था द्वारा सदस्यों के प्लाट आवंटित किये गये हैं? कृपया संस्था के सदस्यों व प्लाट धारकों की पृथक-पृथक सूची देवें। क्या इस पर आवासीय व व्यवसायिक निर्माण किया गया है? (घ) इस खसरा भूमि का कॉलोनी नक्शा व अन्य सभी स्वीकृतियों की छायाप्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मध्यप्रदेश कर्मकार एवं सन्निर्माण मण्डल की योजनाओं का क्रियान्वयन
[श्रम]
143. ( क्र. 2978 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश कर्मकार एवं सन्निर्माण मण्डल द्वारा चिकित्सा योजना में लाभ दिए जाने के लिए प्रदेश में कौन-कौन से निजी चिकित्सालयों को मान्यता प्रदान की गई है? जिलेवार सूची देवें। (ख) भोपाल, कटनी व जबलपुर जिले में मध्यप्रदेश कर्मकार व सन्निर्माण मण्डल द्वारा विगत तीन वर्ष में योजनावार लाभार्थियों की संख्या बताएं? (ग) जिन जिलों में मध्यप्रदेश कर्मकार एवं सन्निर्माण मण्डल की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ है उसके क्या कारण हैं तथा इस संबंध में किन अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित है तथा योजनाओं का क्रियान्वयन न होने के लिए क्या उनके विरूद्ध प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की चिकित्सा सहायता योजना के अंतर्गत वर्तमान में प्रदेश के अधिमान्य निजी चिकित्सालयों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत भोपाल, कटनी व जबलपुर जिले में विगत तीन वर्षों में योजनावार लाभार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन प्रदेश के समस्त जिलों में सुचारू रूप से किया जाता है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रमिकों के P.F. में धांधली
[श्रम]
144. ( क्र. 2979 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बड़वानी जिले की आरनाक्स कंपनी में दि. 01.07.2016 को कितने कर्मचारी/श्रमिक कार्यरत थे? प्रश्न दिनांक को कितने कार्यरत हैं? सूची देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : बड़वानी जिले में आरनाक्स नाम की कंपनी नहीं है तथापि आईनॉक्स विण्ड लिमिटेड कंपनी है जिसमें दिनांक 01.07.2016 को कुल 799 स्थायी कर्मचारी/ श्रमिक कार्यरत थे एवं 214 व्यक्ति प्रशिक्षणार्थी थे। प्रश्न दिनांक (07.07.2017) को 881 स्थाई कर्मचारी/श्रमिक कार्यरत थे। जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लंबित प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
145. ( क्र. 2981 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में नामांतरण, फौती नामांतरण, सीमांकन, बंटवारे के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) यह प्रकरण किस दिनांक से लंबित हैं? (ग) इनका निराकरण कब तक होगा? समय-सीमा देवें। विलंब के लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन जिले में गेहूं का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
146. ( क्र. 2982 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दि. 01.01.17 से 30.06.17 तक कितने केन्द्रों पर कितना गेहूं उपार्जित किया गया? केन्द्रवार बतावें। (ख) तुलावटी, हम्माल को भुगतान की शासन की निर्धारित दर क्या है? उपरोक्तानुसार केन्द्रों ने किस दर से भुगतान किया है? केन्द्रवार जानकारी देवें। इस संबंध में शासन के आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) निर्धारित दर से अधिक कितने केन्द्रों ने भुगतान किया और कितना किया? केन्द्रवार बतावें। अधिक भुगतान करने पर इन केन्द्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) समय पर परिवहन न करने वालों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामूहिक नलजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
147. ( क्र. 2983 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में पारसडोह डेम से सामूहिक नलजल योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ तो किस-किस विकासखण्ड के कौन-कौन से ग्राम लिए गए हैं तथा योजना की लागत क्या है? (ग) क्या योजना की D.P.R. बनायी जा चुकी है? (घ) यदि हाँ तो कब तक राशि स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा योजना की अनुमानित लागत रूपये 355.52 करोड़ है। (ग) जी हाँ। (घ) योजना स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, स्वीकृति एवं वित्तीय संयोजन सुनिश्चित होने के उपरांत क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रारंभ की जा सकेगी, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
आवास पट्टे का वितरण
[राजस्व]
148. ( क्र. 2984 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने यह घोषणा की है, जिस आवासहीन ने जिस भी स्थान पर अपना आवास बनाया है कि उसे उसी स्थान का पट्टा दिया जायेगा? (ख) यदि हाँ तो जिस ग्राम में दो प्रतिशत से कम चरनोई भूमि है तो वहां आबादी हेतु भूमि किस प्रकार उपलब्ध होगी? (ग) इसी प्रकार अनु. जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को छोड़कर किसी भी अन्य जाति वर्ग के व्यक्तियों का छोटे एवं बड़े झाड़ के जंगल की भूमि पर आवास बनाकर कब्जा है तो उन्हें किस प्रकार पट्टा दिया जा सकेगा? (घ) दो प्रतिशत से कम चरनाई भूमि वाले ग्राम तथा छोटे-बड़े झाड़ के जंगल की भूमि पर समस्त आवासहीनों को आवास का पट्टा दिया जा सके, क्या राज्य शासन इस संबंध में कोई नियम बनाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 243 की उप धारा (1) (2) एवं (3) में वर्णित प्रक्रिया अनुसार आबादी हेतु भूमि उपलब्ध करायी जा सकती है। (ग) बड़े झाड़ व छोटे झाड़ के जंगल की भूमि पर आवास बनाकर जो व्यक्ति रह रहें है उन्हें ग्राम में उपलब्ध आबादी भूमि पर विस्थापित कर आवासीय पट्टे दिये जा सकते है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मत्स्य समितियों का पंजीयन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
149. ( क्र. 2989 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित मछुआरों की मत्स्य समितियों का पंजीकरण किया गया है? यदि हाँ तो ग्रामवार सूची प्रदान करें। यदि नहीं, तो स्पष्टीकरण प्रदान करें। (ख) सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित मछुआरों की आजीविका संरक्षण के लिए मत्स्य आखेट पर विशेषाधिकार या अन्य कोई विशेष उपबंध किए गए हैं? यदि हाँ तो प्रावधानों की विस्तृत जानकारी प्रदान करें, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित मछुआरो कि अजीविका संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश नर्मदा घाटी विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 31-6/2017/सत्ताईस-1 भोपाल दिनांक 05-06-2017 के बिन्दु क्रमांक 6 अनुसार विस्थापित मछुआरों कि सहकारी समिति बनाकर उन्हे मत्स्याखेट के अधिकार लिए जाएगी कार्यवाही जिला कलेक्टर के अंतर्गत की जाएगी के पालन में समिति का गठन की कार्यवाही की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
150. ( क्र. 2993 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चंबल संभाग में एल.पी.जी. गैस से होने वाली दुर्घटनाओं में कितने लोग वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक हताहत हुये हैं? (ख) एल.पी.जी. गैस से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को जन जागृति हेतु कोई विशेष शिविरों का आयोजन किया गया है? यदि हाँ तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) एल.पी.जी. गैस से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु फायर सेफ्टी यंत्र संबंधित प्रतिष्ठानों एवं घरों में लगवाया जाना उचित होगा? यदि हाँ तो इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (घ) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा विद्यालयों एवं सबंधित प्रतिष्ठानों में समुचित फायर सेफ्टी यंत्र लगाने के निर्देश दिये हैं? यदि हाँ तो निर्देशों के पालन में विभाग की क्या-क्या योजनाएं हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में ग्वालियर संभाग में 20 एवं चंबल संभाग में 16 व्यक्ति हताहत हुए जिनमें क्रमश: 15 एवं 6 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एल.पी.जी. गैस के प्रतिष्ठानों/गोदामों पर गैस सिलेण्डर नियम, 2004 के प्रावधानों के तहत फायर सेफ्टी यंत्र संधारित किये जाते हैं। घरों में फायर सेफ्टी की जानकारी समय-समय पर उपभोक्ताओं को शिविरों के माध्यम से अथवा गैस एजेन्सी के तकनीकी व्यक्तियों के माध्यम से दी जाती है। विभाग द्वारा प्रतिवर्ष 15 मार्च एवं 24 दिसम्बर को प्रत्यके जिले में प्रदर्शनी आयोजित कर तेल विपणन कंपनियों के अधिकारियों/गैस एजेन्सी संचालकों के माध्यम से उपभोक्ताओं को फायर सेफ्टी की जानकारी दी जाती है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कोतवाली थाना श्योपुर में दर्ज प्रकरण
[गृह]
151. ( क्र. 2994 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति लोकेन्द्र सिंह के विरूद्ध थाना शहर कोतवाली श्योपुर को दिनांक 29.06.2017 की घटना का पीड़ित द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ हैं? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई है? (ख) क्या उक्त अपराधी के अन्य गंभीर अपराधों पर पूर्व में भी कोतवाली श्योपुर में प्रकरण दर्ज हुये हैं? यदि हाँ तो प्रकरण में की गई एफ.आई.आर. एवं अन्य जानकारी से अवगत करावें और वर्तमान में प्रकरण की स्थिति स्पष्ट करें। (ग) क्या लोकेन्द्र सिंह एक शासकीय सेवक है? यदि हाँ, तो क्या पुलिस द्वारा उसके मूल विभाग को उसके अपराधिक आचरण से अवगत कराकर कार्यवाही हेतु सूचित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित घटना पर से क्या उसके विरूद्ध एफ.आई.आर. पंजीबद्ध कर ली गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुये एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 29.06.2017 को आवेदक कोमल सिंह चौधरी के द्वारा थाना कोतवाली श्योपुर में अनावेदक लोकेन्द्र सिंह के विरुद्ध आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था, जिसकी जाँच पर अप.क्र. 259/17 धारा 294, 506, भादवि अनावेदक लोकेन्द्र सिंह के विरुद्ध पंजीबद्ध किया जा चुका हैं। (ख) जी हाँ। लोकेन्द्र सिंह के विरुद्ध पूर्व के थाना कोतवाली श्योपुर में अप.क्र. 136/15 धारा 354 (घ) 506, 34 भादवि एवं अप.क्र. 189/16 धारा 498 (ए) भादवि के पंजीबद्ध हैं। दोनों ही प्रकरणों में आरोपी की गिरफ्तारी की जाकर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। (ग) जी हाँ। आरोपी लोकेन्द्र सिंह शासकीय सेवक है एवं उसके आपराधिक आचरण की सूचना थाना कोतवाली श्योपुर द्वारा उसके मूल विभाग (प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.श्योपुर) को पत्र क्र. 849/17 दिनाँक 08.07.17 द्वारा दी गई है। (घ) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। एफ.आई.आर. की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है।
नलजल योजना हेतु राशि की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
152. ( क्र. 2999 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितनी नलजल योजना किस मद से कब, कितनी राशि की स्वीकृत हुई? नलजल योजना का कार्य विभागीय या ठेकेदार के द्वारा हुआ? अगर ठेकेदार के द्वारा हुआ है तो ठेकेदार का नाम व कार्य प्रारंभ होने तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) वर्तमान में उक्त क्षेत्र में कौन-कौन सी नलजल योजनायें संचालित हैं? इनका संचालन कौन कर रहा है? क्या कुछ योजनायें बंद हो गई हैं? यदि हाँ तो कब से बंद हैं तथा उन्हें चालू करने के लिये विभाग क्या प्रयास कर रहा है? कब तक बंद पड़ी योजनाएं चालू हो जायेगी? (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने हैण्डपम्प हैं? उसमें से कितने चालू हैं एवं कितने बंद हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 2 नलजल योजनाएं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (ग) कुल 2759 हैण्डपंप स्थापित हैं, जिसमें से 2690 चालू एवं 69 हैण्डपंप बंद हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
153. ( क्र. 3000 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत किस पंचायत के कितने परिवारों को वर्तमान में राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करावें? (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं? (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है? वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) क्या उक्त क्षेत्र में खाद्यान्न सुरक्षा मिशन पर्व अथवा अन्य कारणों के अंतर्गत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों व अन्य व्यक्तियों की खाद्यान्न कूपन पर्ची बंद करा दी गई है? यदि हाँ तो कारण बतायें तथा कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक लाभान्वित किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 69,369 पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ प्राप्त हो रहा है। पंचायतवार लाभांवित परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 69,369 पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। पात्रता पर्चीधारी परिवारों को पर्ची के आधार पर ही सामग्री प्राप्त होती है अत: लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ प्राप्त करने हेतु पृथक से राशनकार्ड की आवश्यकता नहीं है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सत्यापित पात्र परिवारों की संख्या 69,767 है जिसमें से 398 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिलों में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जिन पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है, उनको लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है। प्रश्न के शेष भाग का उत्तर प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार है।
नलजल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
154. ( क्र. 3004 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में सिवनी जिले की लखनादौन विधान सभा क्षेत्र में कितनी नलजल योजना किस मद से कब, कितनी राशि की स्वीकृत हुई? नलजल योजना का कार्य विभागीय या ठेकेदार के द्वारा हुआ? अगर ठेकेदार के द्वारा हुआ है तो ठेकेदार का नाम व कार्य प्रारंभ होने तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) वर्तमान में उक्त क्षेत्र में कौन-कौन सी नलजल योजनायें संचालित हैं इनका संचालन कौन कर रहा है? क्या कुछ योजनायें बंद हो गई हैं? यदि हाँ तो कब से बंद हैं तथा उन्हें चालू करने के लिये विभाग क्या प्रयास कर रहा है? कब तक बंद पड़ी योजनायें चालू हो जायेंगी? (ग) लखनादौन विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने हैण्डपम्प हैं? उसमें से कितने चालू हैं एवं कितने बंद हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) 274 नलजल योजनाएं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ग) 3117 हैण्डपंप स्थापित हैं इनमें से 2916 हैण्डपंप चालू एवं 201 हैण्डपंप बंद हैं।
राशन दुकान के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
155. ( क्र. 3005 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लखनादौन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किस पंचायत के कितने परिवारों को वर्तमान में राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करावें? (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं? (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है? वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) क्या उक्त क्षेत्र में खाद्यान्न सुरक्षा मिशन पर्व अथवा अन्य कारणों के अंतर्गत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों व अन्य व्यक्तियों की खाद्यान्न कूपन पर्ची बंद करा दी गई है? यदि हाँ तो कारण बतायें तथा कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष है? शेष परिवारों को कब तक लाभान्वित किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) लखनादौन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत वर्तमान में 78,083 परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ प्राप्त हो रहा है। ग्राम पंचायतवार लाभान्वित परिवारों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लखनादौन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 78,083 परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत पात्रता पर्ची जारी कर राशन वितरण किया गया है। पात्रता पर्चीधारी परिवारों को पर्ची के आधार पर ही सामग्री प्राप्त होती है अत: लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ प्राप्त करने हेतु पृथक से राशनकार्ड की आवश्यकता नहीं है। (ग) लखनादौन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 1,24,260 परिवारों का सर्वेक्षण कर समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर दर्ज किए गए हैं, इनमें से स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवार के रूप में 79,028 को सत्यापित किया गया है तथा इनमें से 945 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिलों में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जिन पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है, उनको लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है। प्रश्न के शेष भाग का उत्तर प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार है।
पशु चिकित्सालय एवं पशुपालन विभाग की योजनाएं
[पशुपालन]
156. ( क्र. 3012 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में पशुपालन विभाग के कितने-कितने पद किस-किस दिनांक से रिक्त हैं और क्यों? स्थानवार जानकारी दें। इन पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी? नहीं तो कारण सहित जानकारी दें। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों/नगरों में पशु चिकित्सालय तथा पशु औषधालय भवन पर्याप्त सुविधाओं से पूर्ण हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कितने जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? इन भवनों के निर्माण कार्य हेतु क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि हाँ तो बतायें, नहीं तो क्यों कारण दें, कितने भवन निर्माणाधीन हैं? भवनवार भौतिक सत्यापन कर प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में जानकारी दें। (ग) क्या उक्त क्षेत्र में पशु चिकित्सालयों और औषधालयों के पास जानवरों के इलाज हेतु एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई गई है? यदि हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों? (घ) क्या उक्त (क) क्षेत्र में पशुपालन से संबंधित हितग्राहियों को लाभांवित एवं प्रोत्साहित किये जाने की कार्यवाही संचालित की जा रही है? हां, तो बतायें कि किस-किस योजनाओं के अंतर्गत कितने-कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई तथा विगत पाँच वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? खर्चवार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। वर्ष 2016-17 में स्वीकृत नवीन पशु औषधालय बिटनेरा के भवन निर्माण हेतु निर्माण ऐजेंसी म.प्र. हाऊसिंग बोर्ड द्वारा टेंडर की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। खरगोन जिले में जिला स्तर पर चल पशु चिकित्सा इकाई संचालित है जिसके माध्यम से आवश्यकता अनुसार जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएँ दी जाती है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
नलजल योजनाओं के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
157. ( क्र. 3013 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी नलजल योजनाएं स्वीकृत हैं? कितनी प्रस्तावित हैं? कितनी लंबित है और क्यों? (ख) वर्तमान में कितनी चालू अवस्था में है? कितनी बंद है और क्यों? कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बंद पड़ी नलजल योजनाओं को पुन: चालू करने हेतु शासन की क्या योजनाएं है? (घ) उक्त क्षेतांतर्गत कितनी-कितनी नलजल योजनाएं निर्माणाधीन है तथा इनका कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 147 नलजल योजना स्वीकृत हैं। 2 ग्रामों में नलजल योजनाएं बनाई जाना प्रस्तावित हैं। कोई भी नलजल योजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (ख) वर्तमान में 145 नलजल योजना चालू अवस्था में हैं एवं 2 ग्रामों की योजनाएं स्त्रोत सूखने के कारण बंद हैं। (ग) ''नल से जल, आज और कल'' कार्यक्रम के अंतर्गत बन्द नलजल योजनाओं को चालू करने हेतु जिला समिति से प्रस्ताव की स्वीकृति प्राप्त कर राशि ग्राम पंचायतों के खाते में जमा करवा दी गई है। ग्राम पंचायतों द्वारा योजना को चालू करने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) 1 नलजल योजना। माह अगस्त 2017 तक पूर्ण होना संभावित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभिन्न फसलों के वर्तमान लागत मूल्य पर अनावरी की गणना
[राजस्व]
158. ( क्र. 3016 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनावरी की गणना करने का जो तरीका है वह बहुत पुराना है? विभिन्न फसलों के पुराने लागत मूल्य के आधार पर आज भी अनावरी की गणना की जा रही है? जिसके कारण किसानों को नुकसान हुई विभिन्न फसलों का पर्याप्त मुआवजा प्राप्त नहीं हो पा रहा है? (ख) क्या अनावरी गणना में फसल उत्पादन का आंकलन वर्तमान में फसलों का जो लागत मूल्य (बीज, खाद, दवा एवं मजदूरी व अन्य खर्च) को जोड़कर आता है। उस लागत मूल्य के आधार पर अनावरी की गणना की जाना चाहिये? जिससे किसानों को उनकी फसलों से हुई नुकसानी का उचित मुआवजा प्राप्त हो सकेगा? (ग) विभाग द्वारा किस आधार पर अनावरी की गणना की जाती है? अनावरी की गणना करने की क्या नियम है? नियमावली उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिमूवल यूनिट के मेंटेनेंस कार्य किये जाने
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
159. ( क्र. 3017 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संपूर्ण छिंदवाड़ा जिले में पी.एच.ई. विभाग द्वारा फ्लोराईड रिमूवल यूनिट की स्थापना किस वर्ष में किन-किन स्थानों में कितनी लागत पर कौन-कौन सी एजेंसी द्वारा की गई है? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या छिंदवाड़ा जिले में जिन एजेंसियों के द्वारा फ्लोराईड रिमूवल यूनिट की स्थापना की गई, उन एजेंसियों के द्वारा लगाई गई फ्लोराईड रिमूवल यूनिट का मेंटेनेंस का कार्य समय पर नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण अनेकों स्थानों पर फ्लोराईड रिमूवल यूनिट बंद पड़ी है? इस लापरवाही के लिये विभाग द्वारा संबंधित एजेंसियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) सम्पूर्ण छिंदवाड़ा जिले में बंद पड़ी फ्लोराईड रिमूवल युनिट को विभाग द्वारा कब तक पुन: चालू कर दिया जायेगा? फ्लोराईड रिमूवल यूनिट की स्थापना एवं मेंटेनेंस के संबंध में क्या नियम है? नियमावली उपलब्ध करायें। (घ) अगर फ्लोराईड रिमूवल यूनिट का मेंटेनेंस कार्य समय अनुसार नहीं किया जा रहा है तो इसके लिए कौन-कौन से विभागीय अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? विभाग द्वारा ऐसे लापरवाह अधिकारियों के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जी हाँ, एक एजेंसी का अनुबंध निरस्त कर दिया गया है, अन्य एजेन्सियों के विरूद्ध अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। फ्लोराइड प्रभावित स्त्रोत पर तथा यूनिट स्थापना के पश्चात् 5 वर्ष तक एजेन्सी द्वारा मेंटेनेन्स का प्रावधान है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रोफेशलन एक्जाम बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
160. ( क्र. 3023 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रोफेशनल एक्जामीनेशन बोर्ड द्वारा वर्ष 2016 में आयोजित कौशल विकास आई.टी.आई. परीक्षा में वेल्डर ट्रेड की परीक्षा में गलत प्रश्नों पर कितने उम्मीदवारों द्वारा समय-सीमा में आपत्ति दर्ज की गई थी? आपत्तियों पर कुंजी समिति द्वारा किस आधार पर परीक्षण किया गया? पंजी समिति के सदस्यों के चयन का क्या मापदण्ड है? वर्तमान में इस समिति में कौन-कौन से सदस्य हैं? कब से पदस्थ हैं? इनके चयन का क्या आधार है? इन्हें कितना मानदेय (भत्ता) दिया जाता हैं? (ख) क्या इस कुंजी समिति के द्वारा प्रश्नों के उत्तर पर दिये गये निर्णय को अंतिम किस आधार से माना जाता है? यदि समिति द्वारा गलत उत्तर को ही सही माना जाता है तो बोर्ड द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? इस निर्णय से प्रभावित उम्मीदवारों के पक्ष में शासन क्या निर्णय लेगा? उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों को आधार मानकर इसका लाभ शासन देगा? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अतंर्गत प्रश्न क्रमांक 38 एवं 40 पर दर्ज आपत्ति पर गलत उत्तर को ही कुंजी समिति द्वारा किस आधार पर आवेदकों की आपत्ति को अमान्य किया गया है? (घ) भारत सरकार रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा Trade Theory and assignment/Test by G.S. Sethi द्वारा जारी पुस्तक में अंकित उत्तर को अमान्य करने का क्या कारण हैं? (ड.) क्या बोर्ड द्वारा जिस प्रकार गेट, केट या अन्य ऑनलाईन परीक्षाओं के समान समाधान न करते हुए परीक्षा परिणाम घोषित करना और सही आपत्तियों का निराकरण न करते हुए यह तथ्य देना की परीक्षा परिणाम घोषित किया जा चुका है? यह कार्यवाही क्या न्यायपूर्ण है? ऐसे अयोग्य कुंजी समिति के सदस्यों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा योग्य कुंजी समिति के सदस्यों की नियुक्ति करने पर शासन विचार करेगा ताकि प्रभावित उम्मीदवारो के पक्ष में न्याय मिल सकें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। कुल 06 उम्मीदवारों ने समय-सीमा में वेल्डर ट्रेड के प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज की थी। कुंजी समिति सदस्यों ने उम्मीदवारों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्य का परीक्षण पाठ्यक्रम पुस्तकों का अवलोकन एवं विचार विर्मश कर परीक्षण किया। कुंजी समिति के सदस्यों के चयन हेतु महाविद्यालय स्तर पर कार्यरत् योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों का चयन किया जाता है। प्रत्येक परीक्षा हेतु विषयवार अलग-अलग विषय विशेषज्ञों का चयन किया जाता है। कुजी समिति के सदस्यों हेतु शासकीय संस्था में कार्यरत् शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है। वेल्डर ट्रेड हेतु निम्न विशेषज्ञ सदस्य थे:- श्री आशीष तिवारी, श्री संतोष कुमार पटेल, व्याख्यात मैकेनिकल, स.व.पोली.महाविद्यालय, भोपाल, श्री जितेन्द्र हेमवानी, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, शासकीय पोलीटेनिक महाविद्यालय, बैतूल, डॉ. अजय कुमार जैन, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, पोलीटेनिक महाविद्यालय, ग्वालियर, डॉ. राजीव जैन, विभागाध्यक्ष मैकेनिकल, शासकीय पोलीटेनिक महाविद्यालय, जबलपुर। इस परीक्षा में वेल्डर ट्रेड से संबंधित कुंजी समिति के सदस्यों को 5000/- रूपये मानदेय का भुगतान किया गया है। (ख) कुंजी समिति के सदस्य संबंधित विषय के विशेषज्ञ होते है, इस आधार पर उनके निर्णय को अंतिम मानकर कार्यवाही की जाती है। संबंधित विषय के विशेषज्ञों के निर्णय पर किसी प्रकार की कार्यवाही करने का प्रावधान नियमों में नहीं है। (ग) कुंजी समिति के विषय विशेषज्ञों ने उम्मीदवारों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्य, पाठ्यक्रम, पुस्तकों का अवलोकन एवं गहन विचार-विर्मश कर आवेदकों की आपत्तियों को अमान्य किया गया। (घ) कुंजी समिति के विषय-विशेषज्ञों द्वारा लिया गया निर्णय उल्लेखित पुस्तक में अंकित उत्तर को अमान्य करता है। (ड.) बोर्ड द्वारा संबंधित विषय के विशेषज्ञों के लिये गये निर्णय को ही अंतिम मानकर निमानुयार कार्यवाही करते हुये परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है। परीक्षा परिणाम की घोषणा उपरांत किसी भी प्रकार का संशोधन/विचार किया जाना नियमानुसार संभव नहीं है।
सहायक संचालक कार्यालय को प्राप्त आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
161. ( क्र. 3024 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद एवं उज्जैन जिले में वर्ष 2011 से 2015 तक सहायक संचालक मत्स्योद्योग के पद पर कौन-कौन, कितनी-कितनी अवधि तक कार्यरत रहे। (ख) उक्त अवधि में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत किन-किन कार्यों तथा विकास कार्यों के लिए कितनी-कितनी धनराशि सहायक संचालक कार्यालय को प्राप्त हुई। (ग) क्या उक्त योजनांतर्गत प्राप्त राशि का सही उपयोग न किये जाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुईं? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई एवं उसमें कौन-कौन दोषी पाया गया एवं उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत निम्नानुसार मदों में जिला उज्जैन एवं होशंगाबाद को प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) योजना अंतर्गत उज्जैन एवं होशंगाबाद जिले में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
खाद्यान का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
162. ( क्र. 3029 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र के उचेहरा विकासखण्ड के अंतर्गत सेवा सहकारी समिति गुढ़ा के अंतर्गत ग्राम महाराजपुर सखौंहा टिघरा, तुषगवां, पटिहट, गढ़ौत, रामपुरपाठा के इन ग्राम पंचायतों के पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न सामग्री वितरण हेतु किस-किस माह की कब-कब उठाई गई एवं कब-कब वितरित की गई। (ख) उचेहरा विकासखण्ड जिला सतना के अंतर्गत ही ग्राम पंचायत अटरा, नंदहा वीरपुर, पतौरा की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न उठाव एवं वितरण की माहवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त सोसायटी एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकान दो माह की सामग्री एक माह में वितरित की जाती है और एक माह की सामग्री बाजार में विक्रय कर कालाबाजारी की जाती है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या एक माह पूर्व माननीय खाद्य मंत्री एवं प्रभारी मंत्री सतना के परसमनिया कैम्प आयोजन के दौरान आदिवासी हितग्राहियों द्वारा लिखित आवेदन देकर खाद्यान्न सामग्री दो माह की मात्र एक माह की ही दिए जाने के संबंध में शिकायत समक्ष में की गई थी? शासन द्वारा कालाबाजारी करने वाले सोसायटी एवं राशन की दुकानों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्डपंप एवं नलजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
163. ( क्र. 3039 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डिविजन भिण्ड में हैण्डपम्प एवं नलजल योजना संधारण में वित्तीय वर्ष 2015-16-17 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ और कितना खर्च हुआ विवरण उपलब्ध करायें। (ख) भिण्ड डिविजन भण्डार गृह में संचालित नलजल योजना के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र अटेर में 01.10.2014 से आज दि. तक नए 1.5 HP, 7.5HP, 10HP, 15 HP, 20HP मोटर पम्प सेट कहाँ-कहाँ डाले गए और इश्यु किये गए जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।
परकुलेशन टेंको का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
164. ( क्र. 3041 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम विजयगढ़, तहसील भिण्ड, जिला भिण्ड में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा दो परकुलेशन टेंकों का निर्माण वर्ष 2007-08 में कराया गया था? दोनों की अलग-अलग लागत राशि क्या थी व निर्माण कब पूर्ण हुआ? (ख) दोनों टैंक निर्माण का मूल्यांकन विभाग के किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को कर मूल्यांकन पुस्तिका पर इन्द्राज किया गया? (ग) दोनों निर्माण कार्यों का मूल्यांकन हो जाने के उपरांत संबंधित निर्माण एजेंसी को विभाग की ओर से कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? स्पष्ट करें। यदि लंबित है तो किस कारण से? क्या संबंधित दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की दुकानों में गंभीर अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
165. ( क्र. 3047 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत शासकीय उचित मूल की दुकान संचालकों द्वारा गंभीर अनियमितता करने पर आवश्यक वस्तु (ई.सी.एक्ट/3/7) या चोर बाजार अधिनियम 1980 के तहत कार्यवाही करने का प्रावधान है या नहीं? (ख) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक/652/शिकायत/2/2016, दिनांक 4/10/2016 को जिला आपूर्ति अधिकारी के द्वारा नागरिक स्वा. एवं गुरूदेव प्रा.उ.भण्डार सटई को गेहूँ खाद्यान्न के काला बाजारी के संबंध में पत्र भेजा गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो जाँच अधिकारी द्वारा उक्त दुकानों में क्या गंभीर अनियमितता पायी गयी थी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दुकानों में वितरण रजिस्टर में वितरण की तारीख दर्ज नहीं होना, किरोसीन बिक्री की राशि दर्ज नहीं होना, वितरण रजिस्टर के पृष्ठ क्रमांक 13, 14, 15, 16, 17 एवं 18 पर किसी भी उपभोक्ता के हस्ताक्षर/ अंगूठा निशानी न पाया जाने संबंधी अनियमितता पायी गयी थी। इसके अतिरिक्त उक्त दुकानों के समिति प्रबंधक व विक्रेता द्वारा 41.28 क्विंटल गेहूं, 11.6 क्विंटल चावल, 3.80 क्विंटल शक्कर, 1.49 क्विंटल नमक एवं 1755 लीटर केरोसीन की कालाबाजारी करने की गंभीर अनियमितताएं प्रतिवेदित की गई थी।
ऐशबाग भोपाल में हुई आगजनी घटना की रिपोर्ट
[गृह]
166. ( क्र. 3048 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 06.11.2015 को थाना ऐशबाग क्षेत्र भोपाल में अधिवक्ता एवं पत्रकार मधुर मिश्रा के खिलाफ जो आगजनी की आपराधिक घटना घटी थी, उसकी अद्यतन स्थिति स्पष्ट करें? (ख) क्या अधिवक्ता द्वारा जो आवेदन इस संबंध में दिनांक 09.11.2015 व 18.02.2016 को भेजे गये थे, उन पर कार्यवाही करके आरोपीगणों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुयी है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) उक्त प्रकार की आगजानी की कितनी घटनायें ऐशबाग थाना क्षेत्र में जनवरी, 2015 से जनवरी, 2016 के मध्य घटी थी और उनमें कितनी घटनाओं में जाँच परिणाम शून्य या अज्ञात रहा हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 06.11.2015 को थाना ऐशबाग क्षेत्रांतर्गत अधिवक्ता एवं पत्रकार मधुर मिश्रा के खिलाफ कोई आगजनी की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी। दिनांक 06.11.2015 को थाना ऐशबाग में आवेदक मधुर मिश्रा द्वारा आगजनी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिस पर आगजनी क्रमांक 4/15 कायम कर जाँच में लिया गया था। जाँच पर कोई संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया जाने से दिनांक 18.03.2016 को जाँच नस्तीबद्ध की गई है। (ख) प्रश्नांश में वर्णित आवेदन पत्रों में बताये आरोपों के सभी बिन्दुओं पर बारीकी से जाँच की गई। जाँच पर आवेदक मधुर मिश्रा का अनावेदक हेमेन्द्र प्रताप सिंह के परिवार से पूर्व विवाद होने के कारण दुर्भावनावश आवेदन पत्र देना पाया गया। (ग) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। (घ) कुल 06 आगजनी की घटनाएं हुई हैं। जाँच के दौरान घटनाओं के कारणों के संबंधों में बारीकी से जाँच की गई। सभी घटनाएं दुर्घटनावश घटित होने से सभी आगजनी की रिपोर्ट नस्तीबद्ध की गई हैं।
पेयजल समस्या
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
167. ( क्र. 3052 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा पेयजल समस्या के निवारण हेतु क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) क्या विकासखण्ड धनौरा एवं छपरा मुख्यालय में विगत 16-17 से पेयजल संकट को दूर करने के क्या उपाय किये गये? (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल से संबंधित कितने कार्य कितने दिनों से प्रगतिरत हैं? विकासखण्डवार लंबित/अपूर्ण कार्यों की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार पेयजल व्यवस्था हेतु नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, आवर्धन एवं नवीन नलजल योजना के क्रियान्वयन का कार्य, हैण्डपंप संधारण, जल स्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों के स्थान पर सिंगलफेस मोटर पंप स्थापना कार्य, नलजल योजनाओं में असफल स्त्रोत के स्थान पर सफल स्त्रोत विकसित करना, 'नल से जल आज और कल' कार्यक्रम अंतर्गत लघु सुधार वाली (रू. 2.00 लाख से कम लागत) बंद नलजल योजनाओं को पंचायत के माध्यम से एवं दीर्घ सुधार वाली (रू. 2.00 लाख से अधिक लागत) बंद नलजल योजनाओं को विभागीय निविदा आमंत्रण के माध्यम से सुधार कर चालू करने का कार्य किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार।
खाद्यान्न पर्ची के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
168. ( क्र. 3057 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत विगत एक वर्ष में खाद्यान्न पर्ची से कितने लोगों को लाभांवित किया गया है? विकासखण्डवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने परिवार खाद्यान्न पर्ची से वंचित हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) क्या खाद्यान्न पर्ची से वंचति लोगों (परिवारों) को खाद्यान्न पर्ची का विवरण होता है? यदि हाँ, तो कब तक बतायें। (घ) खाद्यान्न पर्ची के वितरण के क्या मापदण्ड हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत हितग्राहियों की संख्या परिवर्तित होती रहती है। केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में 59,074 परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन सत्यापित 1,704 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में हितग्राहियों की संख्या के विरूद्ध जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिले में पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्राप्त करने हेतु अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित 25 पात्रता श्रेणियों में होना अनिवार्य है। पात्रता पर्ची जारी करने हेतु स्थानीय निकाय द्वारा संबंधित परिवार की संपूर्ण जानकारी समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर प्रविष्टि उपरांत समग्र परिवार आई.डी. निर्मित कराना, संबंधित पात्रता श्रेणी में सत्यापन एवं खाद्य विभाग के अमले द्वारा उचित मूल्य दुकान से मेपिंग उपरांत खाद्यान्न आवंटन सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची एन.आई.सी. के माध्यम से जनरेट कर स्थानीय निकाय व खाद्य विभाग के स्थानीय अमले के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी किये जाते हैं।
धार जिले में संचालित उद्योग
[श्रम]
169. ( क्र. 3212 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कितने उद्योग वर्तमान में चल रहे हैं? दस से अधिक कर्मचारियों/श्रमिकों वाले उद्योगों की सूची उनमें कार्यरत श्रमिक संख्या सहित देवें? (ख) इन उद्योगों में आगजनी एवं दुर्घटनाओं से सुरक्षा में क्या-क्या मानक हैं? जिन उद्योगों में इसका पालन नहीं हो रहा है, उस पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एम.पी. ऑनलाईन मॉड्यूल पर संधारित वर्तमान में कार्यरत 435 कारखानों की सूची श्रमिक संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कारखानों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा के लिए मानक/उपबंध कारखाना अधिनियम 1948 एवं म.प्र. कारखाना नियमावली 1962 में उल्लेखित हैं। इन विधिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराये जाने के लिए विभागीय कारखाना निरीक्षकों द्वारा, रिस्क आंकलन आधारित कम्प्यूटर जनित रेण्डम कारखाना निरीक्षण प्रणाली द्वारा जनरेट कारखानों का निरीक्षण, विभाग द्वारा प्रदत्त मानक चेकलिस्ट के आधार पर निरीक्षण किये जाते हैं। उक्त निरीक्षणों में पाये गए विधि के उल्लंघन बाबद् संबंधित कारखानों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण सी.जे.एम. कोर्ट धार के समक्ष विभाग द्वारा दायर किये जाते हैं। विभाग द्वारा वर्ष 2014,2015 व 2016 में क्रमशः 41, 40 एवं 20 उल्लंघनकर्ता कारखानों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण माननीय सी.जे.एम. कोर्ट धार के समक्ष दायर किये गए हैं।