मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र


शुक्रवार, दिनांक 26 फरवरी, 2021


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



परासिया में कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति

[उच्च शिक्षा]

1. ( *क्र. 1157 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परासिया में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय, उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/48, दिनांक 14.01.2021 को प्रेषित पत्र पर कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) नगर परासिया में कन्या महाविद्यालय          (गर्ल्‍स कॉलेज) को प्रारंभ किये जाने के संबंध में कब तक विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए, स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रकरण पर की गई कार्यालयीन कार्यवाही के परीक्षणोपरांत पाया गया कि परासिया में एक शासकीय महाविद्यालय एवं दो अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, जहाँ पर छात्रायें अध्ययन कर सकती हैं। वर्तमान में सीमित संसाधनों की कमी के कारण परासिया में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नवीन पदों का सृजन

[उच्च शिक्षा]

2. ( *क्र. 624 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 753, दिनांक 19.11.2019 को माननीय उच्च शिक्षा मंत्री मध्य प्रदेश शासन को प्रेषित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नाधीन पत्र के जवाब में माननीय मंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता को पत्र क्रमांक 757, दिनांक 12.11.2020 के माध्यम से सूचित किया गया था कि प्रश्नाधीन पत्र के संबंध में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को शीघ्र कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थी हित में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? सम्पूर्ण ब्यौरा दें 

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। माननीय मंत्री जी, उच्‍च शिक्षा द्वारा प्रश्‍नकर्ता के प्रेषित पत्र क्रमांक 757, दिनांक 12.11.2020 के परिप्रेक्ष्‍य में माननीय मंत्री जी, उच्‍च शिक्षा द्वारा विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 756, दिनांक 12.11.2020 के साथ प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्रमांक 410, दिनांक 08.10.2020 प्राप्‍त हुआ है। (ख) जी हाँ। (ग) नवीन पद सृजन के संबंध में विभागीय मापदण्‍डों के आधार पर परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव              नहीं है।

रायसेन जिलांतर्गत अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( *क्र. 92 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में किस-किस योजना में स्‍वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्‍यों? कार्यवार कारण बतायें उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में उक्‍त निकायों के पास किस-किस मद एवं योजना की कितनी-कितनी राशि किन-किन खातों में जमा है? उक्‍त राशि व्‍यय करने की क्‍या योजना है? उक्‍त राशि कब तक व्‍यय होगी? (ग) उक्‍त निकायों में किन-किन स्‍थानों पर कौन-कौन से नोईयत की भूमि पर कौन-कौन व्‍यक्ति कब से कच्‍चे मकान बनाकर रह रहे हैं? उनके नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची दें। उनको भूमि का पट्टा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) उक्‍त व्‍यक्तियों को कब तक भूमि का पट्टा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता के प्रावधान अनुसार वन पुरातत्‍व की भूमि अन्‍य विभागों की शासकीय नजूल भूमि पर निर्मित कच्‍चे भवन पर पट्टा प्रदान नहीं किया जा सकता है, केवल राजस्‍व विभाग की आबादी मद की भूमि पर पट्टा प्रदाय किया जा सकता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ राजस्‍व विभाग की आबादी मद की भूमि पर वर्ष 2014 से निवासरत होने वाले हितग्राहियों को दिया जा सकता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नगर परिषद उन्हेल में स्वीकृत कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( *क्र. 1035 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषेद उन्हेल में विगत 5 वर्षों में कितने कार्य स्वीकृत एवं संधारण हुए, कितने टेण्डर पोर्टल के माध्यम से जारी हुए? टेण्डरकर्ता, फर्म, बोली का मूल्य, भुगतान का तरीका एवं कार्य प्रारम्भ एवं पूर्णता दिनांक की जानकारी व टेण्डर के दस्तावेजों की प्रति सहित मय सूची उपलब्ध करवायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने कार्य (नवीन, रिपेयरिंग, सामान्य, स्टेशनरी, वाहन खरीदी, आदि) बगैर टेण्डर के अध्यक्ष एवं परिषद की अनुमति से हुए उनकी जानकारी मय प्रकरण भुगतान की प्रक्रिया तथा दस्तावेजों के साथ सूची उपलब्ध करवायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य तात्कालिक अध्यक्ष के कार्यकाल एवं परिषद व अध्यक्ष के पावर एवं सी.एम.ओ. के पावर से जिन फर्मों एजेन्सियों को एक बार से अधिक टेण्डर या कार्य के लिए अधिकृत किया गया, उन फर्मों एजेन्सियों की सूची के साथ भुगतान की गई राशि के साथ मय दिनांक, गोश्वारा सहित उपलब्ध करवायें। (घ) तत्कालीन अध्यक्ष के कार्यकाल में किस-किस योजना में कितना पैसा                  कौन-कौन सी फर्म को भुगतान किया गया? (ड.) क्या निर्माण से संबंधित सामग्रियां सीमेंट, सरिया, रेत, गिट्टी एवं टाईल्स आदि किस-किस फर्म से कब-कब खरीदी गई? फर्मों की सूची उपलब्ध करवायें। फर्मों के द्वारा प्रस्तुत दरों एवं बिलों का विवरण तथा भुगतान के प्रकार की सूची सहित उपलब्ध करवायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क), (ख), (ग) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

बिजली बिलों का विसंगतिपूर्ण वितरण

[ऊर्जा]

5. ( *क्र. 701 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वि.वि.कं.लि. होशंगाबाद के अन्‍तर्गत बाबई, सोहागपुर, केसला, होशंगाबाद (ग्रामीण) वितरण केन्‍द्रों में वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषि पंप हेतु कितने किसानों को कितने-कितने एच.पी. के स्‍थायी कनेक्‍शन प्रदान किये गये? वितरण केन्‍द्रवार, संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें (ख) क्‍या प्रश्‍नांश अवधि में जो किसान 2 एच.पी. कनेक्‍शनधारी हैं, उन्‍हें 5 एच.पी., 5 एच.पी. कनेक्‍शनधारी वालों को 8 एच.पी. तथा 8 एच.पी. कनेक्‍शनधारी को 13 एच.पी. कनेक्‍शन का विसंगतिपूर्ण बिल दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार हैं? कनेक्‍शन नियमों की प्रति देते हुए बतायें। जिम्‍मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?                         (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये विसंगतिपूर्ण बिलों को कब तक दुरूस्‍त कर सही बिल प्रदान किये जायेंगे एवं जिन किसानों द्वारा विसंगतिपूर्ण बिलों का भुगतान कर दिया गया है, उनकी राशि को कब तक समायोजित कर दिया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) होशंगाबाद जिला क्षेत्रान्‍तर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र बाबई, सोहागपुर (शहर), सोहागपुर (ग्रामीण), केसला एवं होशंगाबाद (ग्रामीण) में प्रश्‍नाधीन अवधि में कृषि पंप हेतु प्रदाय किये विद्युत कनेक्‍शनों की वितरण केन्‍द्रवार चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रश्‍नांश अवधि में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्‍शनों के संबद्ध भार के अनुरूप नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं, तथापि म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.26 के अनुसार उपभोक्‍ता को स्‍वीकृत तथा संयोजित भार से अधिक विद्युत की खपत करते पाए जाने पर ऐसे उपभोक्‍ता से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्‍तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग कर वसूली करने का प्रावधान है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्‍न नहीं उठता। सिंचाई पंप कनेक्‍शन दिये जाने संबंधी नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्‍शनों के संबद्ध भार के अनुरूप ही नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

परिशिष्ट - "एक"

नगर पालिका परिषद पचोर में आवंटित राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( *क्र. 600 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत नगरपालिका परिषद् सारंगपुर एवं नगर पंचायत परिषद् पचोर में वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना एवं स्‍थानीय निकाय निधि के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं? प्रगतिरत कार्यों का नाम, ठेकेदार का नाम, निविदा राशि, अनुबंधित राशि, कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित दिनांक, कार्य पूर्ण करने की वास्‍तविक दिनांक, कार्य की भौतिक एवं वित्‍तीय प्रगति की जानकारी से अवगत करावें (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित निर्माण कार्यों में हो रहे विलंब के लिए दोषी एजेन्‍सी/विभागीय अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) निकायवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

आवासहीनों को भूमि का आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( *क्र. 337 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किन-किन नगरीय निकाय द्वारा किन-किन कार्यों एवं योजनाओं हेतु शासन तथा कलेक्‍टर से 01 जनवरी, 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब भूमि आवंटन की मांग की किन-किन नगरीय निकायों को कब-कब भूमि आवंटित की तथा किन-किन के प्रकरण किस स्‍तर पर कब से लंबित हैं, उनका कब तक निराकरण होगा। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में किन-किन नगरीय निकायों को किन-किन कार्यों, योजनाओं हेतु भूमि की आवश्‍यकता है, उक्‍त कार्यों के लिए भूमि आवंटित हो इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत ऐसे हितग्राही जिनके कच्‍चे मकान, झुग्‍गी अथवा अतिक्रमणकारी हैं, ऐसी भूमि पर रहते हैं, जहां पर आवासी इकाई का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है, उनको नगरीय निकाय द्वारा अन्‍य शासकीय भूमि प्राप्‍त कर उसमें भूखण्‍ड विकसित कर उन्‍हें प्‍लाट आवंटित कर र‍ाशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो रायसेन जिले में                     क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के हितग्राहियों को रायसेन जिले के नगरीय निकायों में कब तक भूमि आवंटित कर उनको आवास उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। भूमि आवंटन हेतु जिले के 05 निकायों नगर पालिका परिषद, मण्डीदीप से 02, नगर परिषद, औबेदुल्लागंज से 01, गैरतगंज से 04, सांची से 01, सुल्तानपुर से 01 कुल 09 प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय जिला रायसेन में कार्यवाही हेतु प्रचलित है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित प्रस्तावों पर भूमि आवंटित होने पर लाभ दिया जा सकता है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "दो"

कृषि विहार कॉलोनी इन्दौर में स्‍थापित मोबाईल टॉवर

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( *क्र. 173 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर की कृषि विहार कॉलोनी में कैंसर के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है? (ख) यदि हाँ, तो किन कारणों से बढ़ रही है? क्या उस कॉलोनी में अत्यधिक रेडिएशन है? वहां पर लगे अत्यधिक मात्रा में मोबाईल टॉवर में से कितनों के पास अनुमति है? पर्यावरण विभाग द्वारा रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? मोबाईल टॉवर वहां से कब हटाए जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) इस प्रकार का कोई अध्‍ययन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नहीं कराया गया है। नगर निगम द्वारा कराये गये स्‍थल निरीक्षण में इंदौर शहर की कृषि विहार कॉलोनी में कोई मोबाईल टॉवर स्‍थापित न होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बुरहानुपर जिले के ग्रामों में मीटर रीडिंग से विद्युत बिल लिया जाना

[ऊर्जा]

9. ( *क्र. 157 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले के ग्राम हमीदपुरा एवं बाडाबुजुर्ग में कृषकों को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण प्रा.लि. कंपनी बुरहानपुर (ग्रामीण) द्वारा सिंचाई विद्युत कनेक्‍शन उपभोक्‍ताओं से फ्लैट रेट हॉर्स पावर पद्धति से विद्युत बिल लिये जाते थे, परंतु विगत लगभग एक वर्ष से मीटर रीडिंग से विद्युत बिल लिये जा रहे हैं? इसके कारणों से अवगत करावें। (ख) उक्‍त ग्राम के कृषकों का क्‍या दोष है, जिन्‍हें फ्लैट रेट न देकर रीडिंग बिल दिये जा रहे हैं? उक्‍त डीपियों से कॉलोनी वासियों को लाभ पहुँचाने के लिये विद्युत कनेक्‍शन दिये गये, जिस कारण इन कृषकों का नुकसान हो रहा है, इस संबंध में फीडर सेप्रेशन की कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) उक्‍त ग्राम के कृषकों को कब तक फ्लैट रेट के विद्युत बिल मिल जायेंगे? (घ) उक्‍त ग्राम हमीदपुरा एवं बाडाबुजुर्ग के कृषकों को पूर्ण वोल्‍टेज नहीं मिल रहा है? वोल्‍टेज समस्‍या का कब तक निराकरण किया जायेगा? वोल्‍टेज की समस्‍या किन कारणों से आ रही है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन ग्रामों का क्षेत्र बुरहानपुर शहर से लगा हुआ है तथा इन ग्रामों को 11 के.व्‍ही. शहरी फीडरों के माध्‍यम से 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस प्रकार प्रश्‍नाधीन ग्रामों के 17 कृषि पम्‍प कनेक्‍शन (ग्राम बाडाबुजुर्ग के 10 एवं ग्राम हमीदपुरा के 7) 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने वाले फीडर से संयोजित होने के कारण इन्हें मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टेरिफ आदेश की श्रेणी एल.वी. 5.4 जिसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है, के अनुरूप इन कनेक्‍शनों पर नियमानुसार माह फरवरी-2020 से विद्युत मीटर स्थापित कर उन्हें वास्तविक विद्युत खपत के अनुसार मीटर रीडिंग के बिल दिये जा रहे हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन ग्रामों के कृषि उपभोक्‍ताओं को नियमानुसार ही विद्युत बिल दिये जा रहे हैं। प्रश्‍नाधीन दोनों ग्रामों के कृषकों के सिंचाई विद्युत कनेक्शन 11 के.व्ही. शहरी फीडरों पर संयोजित हैं एवं इन्हीं फीडरों से शहर की रहवासी बस्तियों/कॉलोनियों में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र होने के कारण वृहद विद्युत अधोसंरचना विद्यमान होने से तकनीकी रुप से पृथक से सिंचाई हेतु विद्युत लाईन डाला जाना साध्य नहीं है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन कृषि पम्‍प कनेक्‍शन फ्लैट रेट की श्रेणी में नहीं आते अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) ग्राम बाडाबुजुर्ग के कृषि उपभोक्‍ताओं को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्‍ही. हमीदपुरा-2 फीडर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 2.33 प्रतिशत एवं ग्राम हमीदपुरा के कृषि उपभोक्‍ताओं को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्‍ही. सिंधी बस्‍ती फीडर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 6.94 प्रतिशत है जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "तीन"

जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने हेतु फिजिबिलिटी सर्वे

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( *क्र. 211 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर शहर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिए फिजिबिलिटी सर्वे कराये जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्‍तुत किया जाये। (ख) जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिए फिजिबिलिटी सर्वे के लिए कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है? अभी तक सर्वे का धरातल पर प्रारंभ नहीं होने का क्‍या कारण है? (ग) बजट में प्रावधान होने के बावजूद सर्वे नहीं कराये जाने के लिए क्‍या राज्‍य शासन कोई उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी ''मेट्रो रेल पॉलिसी-2017'' एवं "Appraisal Guidelines for Metro Rail Project Proposal" के प्रावधानों के तहत फिजिबिलिटी सर्वे की आवश्‍यकता नहीं है, अत: प्रशासनिक आदेशानुसार जबलपुर शहर के फिजिबिलिटी सर्वे के कार्य को निरस्‍त कर दिया गया है। (ख) मास रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्‍टम के विभिन्‍न सर्वे कार्यों के लिए बजट मद 6022 के लिए वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में प्रावधानित राशि संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उपरोक्‍त (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित करने का प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "चार"

नगर पालिका बड़नगर द्वारा लीज़ पर दिये भवन को रिक्‍त कराया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( *क्र. 1106 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका बड़नगर द्वारा लीज़ पर दिये गये भवन की अवधि 17.04.2015 को समाप्त हो गई थी, उसमें संचालित विद्यालय भवन को खाली कराने के संबंध में नगर पालिका बड़नगर द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, दिनांकवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त भवन को कब तक खाली करा लिया जायेगा? (ग) भवन खाली नहीं कराने से राजस्व की हानि के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं, दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, बड़नगर द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर को लीज़ पर दिए गए भवन की लीज़ अवधि दिनांक 17.04.2015 को समाप्त हो गई है। लीज़ अवधि समाप्त होने पर नगर पालिका परिषद् बड़नगर द्वारा संबंधित संस्थान को विद्यालय भवन रिक्त करने हेतु सूचना पत्र क्रमांक 397, दिनांक 29.02.2020 एवं सूचना पत्र क्रमांक 2433, दिनांक 16.12.2020 जारी किए गए हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।                                  (ख) उत्तरांश (क) अनुसार, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर पालिका परिषद् बड़नगर द्वारा लीज़ नवीनीकरण की कार्यवाही प्रचलित है, संस्था किराया जमा करने को सहमत है, इसलिए कोई राजस्व हानि संभावित नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

सांची में दर्ज अपराध पर कार्यवाही

[गृह]

12. ( *क्र. 31 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के थाना सांची में दर्ज अपराध क्रमांक 191/2020 में किस-किस नाम एवं पते के अ‍ारोपियों की जाँच प्रश्‍नतिथ‍ि तक किस स्थिति में है? प्राथमिक सूचना रिपोर्ट की एक प्रति देते हुए बतायें कि किस-किस नाम के आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका पुलिस संदिग्‍ध मान रही है?                            (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरण में प्रश्‍नतिथ‍ि तक किस-किस नाम के आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है? सूची दें, कौन-कौन से आरोपी फरार चल रहे हैं? सूची दें फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने पुलिस द्वारा उनके ऊपर प्रश्‍नतिथि तक कितने रूपयों का इनाम घोषित किया है? सूची उपलब्‍ध करायें (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अपराध क्रमांक में क्‍या आबकारी विभाग के लायसेंसियों के नाम भी सम्मिलित हैं? अगर हाँ तो किस स्‍थान/पते के उक्‍त आबकारी लायसेंसी हैं? उक्‍त लायसेंसियों को प्रश्‍नतिथि तक गिरफ्तार क्‍यों नहीं किया गया है? कारण दें कब तक गिरफ्तार किया जायेगा? समय-सीमा दें (घ) क्‍या अपराध क्रमांक 191/2020 में शामिल आबकारी लायसेंसियों के लायसेंस निरस्‍त करने जिला पुलिस बल रायसेन के द्वारा आबकारी आयुक्‍त ग्‍वालियर/प्रमुख सचिव वाणिज्‍य कर को पत्र लिखा? अगर हाँ तो एक प्रति दें? अगर नहीं तो क्‍यों? कारण एवं नियमों का हवाला दें? एक प्रति दें

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रायसेन जिले के थाना सांची में दर्ज अपराध क्रमांक 191/2020 धारा 34 (2), 36, 46 आबकारी एक्ट में 04 आरोपीगण क्रमशः (1) अहमद अली पिता रहमत अली निवासी गांधीनगर भोपाल (2) अकील खान पिता बहीउद्धीन नि. गांधीनगर भोपाल (3) मनीष जाट पिता चेतराम नि. महाजीवार्ड नरसिंहपुर (4) योगेन्द्र सिंह सावनेर पिता रमेश सिंह सावनेर निवासी हरिपुरा विदिशा है, जिसमें उक्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रकरण में विवेचना पूर्ण कर, चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                   (ख) प्रश्नांश का उत्तर (क) में समाहित हैं। प्रकरण में अन्य कोई आरोपी फरार नहीं होने से ईनाम की उद्घोषणा नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के आरोपियों में आबकारी विभाग के लायसेंसी (1) मनीष जाट पिता चेतराम नि. महाजी वार्ड नरसिंहपुर (2) पूर्व लायसेंसी योगेन्द्र सिंह सावनेर पिता रमेश सिंह सावनेर निवासी हरिपुरा विदिशा के नाम सम्मिलित है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। (घ) विभाग में उक्त अनुसार पत्र पाया जाना नहीं पाया गया। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, जिसमें निर्णय होने पर तद्नुसार कार्यवाही की             जा सकेगी।

मनावर नगरपालिका के स्‍वामित्‍व की भूमि

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( *क्र. 397 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरपालिका मनावर के स्‍वामित्‍व की वार्ड क्रमांक 05 की भूमि वर्ष            1967-68 को 30 वर्ष की लीज़ पर निजी उपयोग हेतु दी गई थी, जिसकी अवधि वर्ष 1996-1997 में समाप्‍त हो गई? नवीनीकरण नहीं होने के बाद भी उक्‍त भूमि खाली नहीं कराए जाने का क्‍या कारण है? तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें। (ख) लीज़ वाली भूमि किन मापदण्‍डों/नियमों के तहत नगरपालिका परिषद् मनावर द्वारा अन्‍य लोगों को नामांतरण की गयी? (ग) लीज़ वाली भूमि को लोगों/लीज धारकों द्वारा विक्रय किए जाने के उपरांत नगर पा‍लिका परिषद् मनावर के विक्रय करने वालों के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की अथवा क्‍या कार्यवाही की? विधिसम्‍मत कारण बताएं।                                              (घ) नगरपालिका परिषद् मनावर के विशेष सम्‍मेलन दिनांक 28.07.2020 को प्रस्‍ताव क्रमांक 149 अनुसार लीज़ समाप्ति वाली नगर पालिका परिषद् मनावर को संपत्ति को अतिक्रमण मुक्‍त करने के संबंध में बहुमत से प्रस्‍ताव पारित होने के उपरांत भी नगर पालिका परिषद् मनावर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने का क्‍या कारण है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। लीज़ अवधि समाप्त होने के पश्चात तत्समय निकाय परिषद द्वारा उक्त भूमि को खाली कराने की कार्यवाही नहीं की गई।                      (ख) लीज़ ग्राहिता/धारकों के द्वारा बिक्री रजिस्ट्री एवं पारिवारिक वंश परंपरा के आधार पर लीज़ भूमि का बंटवारा किए जाने के कारण तत्समय निकाय द्वारा उक्त भूमि का नामांतरण किया गया है। (ग) लीज़ पर आवंटित भूमि को लीज़ ग्राहिताओं/लीज धारकों द्वारा विक्रय किए जाने के संबंध में निकाय द्वारा वर्ष 2020 तक संबंधितों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, अपितु परिषद प्रस्ताव क्रमांक 149, दिनांक 28.07.2020 में लिए गए निर्णय अनुसार संबंधित व्यक्तियों को सूचना पत्र जारी किए गए हैं। कार्यवाही प्रचलित है। (घ) परिषद प्रस्ताव क्रमांक 149, दिनांक 28.07.2020 द्वारा संपूर्ण भूमि भवन का सर्वे कराया गया और पाया गया कि उक्त 77 प्लाट पर कुल 106 धारक काबिज हैं। 106 धारकों में से 96 धारकों को भूमि रिक्त करने हेतु एक माह का सूचना पत्र दिया गया है, साथ ही 10 प्लाट जिन पर कोई दखलदार नहीं था, उनका निकाय द्वारा पंचनामा बनाकर भूखण्ड अधिपत्य में ले लिया गया है।

ग्‍वालियर नगर में प्रस्‍तावित पत्रकार कॉलोनी

[नगरीय विकास एवं आवास]

14. ( *क्र. 165 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर में पत्रकार कॉलोनी किस क्षेत्र में निश्चित की गई है व इस हेतु कितना क्षेत्र रकवा निश्चित किया गया है? जनवरी 2021 में आवासीय कॉलोनी किस स्थिति में है? पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावे। (ख) उक्त कॉलोनी में कितने आवासीय भूखण्ड, पार्क व अन्य निश्चित किये हैं? उनकी संख्या आवासीय भूखण्डों का क्षेत्रफल क्या है? सभी का नाम सहित जानकारी दी जावे। (ग) अभी तक उक्त आवासीय कॉलोनी में भूखण्डों के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनकी प्रथम किस्त की कितनी राशि जमा करनी थी? आवंटन की प्रक्रिया क्या निर्धारित की गई? पत्रकारों के नाम, निर्धारित आवासीय भूखण्ड की संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर नगर में न्यू सिटीसेंटर योजना में मामा माणिकचंद वाजपेयी पत्रकार कॉलोनी हेतु ग्राम सिरोल की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 50/2 एवं 65/1 कुल 2.561 आवंटित की गई। तथ्यों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) उक्त योजनांतर्गत 158 आवासीय भूखण्ड, 02 पार्क तथा 01 आवासीय सह वाणिज्यक का भूखण्ड निश्चित किये गये हैं। (जिसमें 9X15 वर्ग मीटर के 52, 9X12 वर्ग मीटर के 54, 4x10 वर्ग मीटर के 52 एवं आवास सह वाणिज्यक 01) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) योजनांतर्गत विभिन्न आकार के आवंटन हेतु 121 आवेदन प्राप्त हुए प्रथम चरण में पंजीयन हेतु प्रथम किश्त हेत 9X15 वर्ग मीटर के आकार के भूखण्ड के लिए 1,36,688/-, 9X12 वर्ग मीटर के आकार के भूखण्ड के लिए 1,09,350/- तथा 4X10 वर्ग मीटर आकार के भूखण्ड के लिए 49,500/- द्वितीय चरण के लिए 9X15 वर्ग मीटर हेतु 45,56,25/-, 9X12 वर्ग मीटर हेतु 405000/- तथा 4x10 वर्ग मीटर हेतु 1,50,000/- राशि निर्धारित की गई थी। आवंटन की प्रकिया लॉटरी पद्वति द्वारा की गई, पत्रकारों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

प्रदेश में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी के दर्ज प्रकरण

[गृह]

15. ( *क्र. 659 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2018 के पश्चात प्रदेश में कुल कितने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी के कुल कितने प्रकरण सामने आये? वर्षवार प्रदेश एवं जिलों के प्रकरणों की कुल संख्या बतायें। (ख) क्या ऑनलाइन धोखाधड़ी के पश्चात बैंकिग प्रावधान (आनलाइन खरीदी) अनुसार 24 घंटे में रूपये पीड़ित व्यक्ति के खाते से कटते हैं तो ऐसे में शुरू के 24 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं और इन्हीं 24 घंटो में थानों में त्वरित रिपोर्ट दर्ज करने में आना-कानी कर कार्यवाही नहीं की जाती और न ही थानों द्वारा पीड़ित की शिकायत को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाता है? क्या सभी थानों में पीड़ित के आवेदन पर त्वरित कार्यवाही हेतु उच्च अधिकारियों द्वारा समस्त थानों को निर्देशित किया जाएगा? (ग) ऑनलाइन धोखाधड़ी उपरांत पीड़ित की शिकायत पर विभाग किस प्रकार कार्य करता है? क्या इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार से कोई निर्देश विभाग को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी को लेकर बैंक के अधिकारियों एवं पुलिस विभाग के बीच कोई सामंजस्य रहता है? यदि है तो विभाग ने कब-कब इस सबंध में बैंक के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की? दिनांक सहित बैठक के निर्णय की जानकारी देवें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) सामान्यतः जिलों में ऑनलाईन फ्रॉड ट्रांजेक्शन की शिकायतों पर प्रथमतः जिलों द्वारा कार्यवाही की जाती है। विचार उपरांत शिकायतें सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल को भेजी जाती हैं। इन मामलों में शिकायत प्राप्ति के उपरांत ही 24 घंटे में उचित वैधानिक कार्यवाही करने का प्रयास किया जाता है, किन्तु जो शिकायतें सीधे सायबर पुलिस मुख्यालय एवं सायबर जोनल कार्यालय को प्राप्त होती हैं। उन शिकायतों को रजिस्टर्ड किया जाकर त्वरित कार्यवाही कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाकर संबंधित नोडल एजेन्सी से जानकारी प्राप्त करने हेतु मेल किये जाने संबंधी कार्यवाही की जाती है। (ग) ऑनलाईन धोखाधड़ी उपरांत पीड़ि‍त की शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित इन्टरमीडियरी, बैंक/ऑलाईन प्लेटफार्म/ई-वॉलिट तथा इंटरनेट सर्विस प्रोवाईडर को जानकारी प्राप्त करने हेतु ई-मेल किया जाता है। साथ ही फ्रॉड की राशि डेबिट फ्रीज भी कराई जाती है। ऑनलाईन धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत के निराकरण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा National Cyber Crime Reporting Portal www.cybercrime.gov.in पोर्टल बनाया गया है, जिस पर प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। केन्द्र सरकार के पत्र दिनांक 23 अगस्त, 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी हाँ। ऑनलाईन फ्रॉड के मामलों में बैंक अधिकारियों से सायबर पुलिस मुख्यालय का लगातार सामंजस्‍य रहता है। साथ ही समय-समय पर मुख्यालय में बैठक आयोजित की जाती है। दिनांक 20.08.2019 को राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल में समस्त बैंकों के नोडल अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

न.पा. सबलगढ़ में स्‍ट्रीट लाईट की व्‍यवस्‍था

[नगरीय विकास एवं आवास]

16. ( *क्र. 244 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरी समुदाय सबलगढ़/झुण्‍डपुरा के निवासियों द्वारा स्‍ट्रीट लाईट हेतु जनवरी 2019 से दिसम्‍बर 2020 तक कितने आवेदन शासन/प्रशासन को दिये गये एवं उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया एवं कितने आवेदनों को शासन स्‍तर पर भेजा गया?                                           (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आवेदनों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) क्‍या प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक नगर पालिका सबलगढ़/नगर पंचायत झुण्‍डपुरा में स्‍ट्रीट लाईट की व्‍यवस्‍था नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्‍यों व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? नाम व पद सहित बतावें एवं स्‍ट्रीट लाईट की व्‍यवस्‍था कब तक कर दी जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्‍ट्रीट लाईट के संबंध में नगर पालिका परिषद सबलगढ़ में 186 आवेदन एवं नगर परिषद झुण्‍डपुरा में 3 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। प्राप्‍त आवेदनों का निराकरण निकायों द्वारा किया गया है। शासन स्‍तर पर कोई आवेदन नहीं भेजा गया है। (ख) स्‍ट्रीट लाईट हेतु प्राप्‍त आवेदनों के निराकरण हेतु, नगर पालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर परिषद झुण्‍डपुरा द्वारा सामग्री क्रय कर स्‍ट्रीट लाईटें चालू कराई गयीं हैं। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्रामीण अंचलों में विद्युतीकरण का कार्य

[ऊर्जा]

17. ( *क्र. 124 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विकासखण्‍ड सीहोर अन्‍तर्गत ग्रामीण अंचलों के अन्‍तर्गत कौन-कौन से ग्राम, मोहल्‍ले, मजरा, टोले विद्युत विहीन हैं? स्‍थान सहित विस्‍तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि विद्युत विहीन हैं, तो विद्युतीकरण हेतु विभाग की क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला सीहोर के विकासखण्‍ड सीहोर में सौभाग्‍य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत चिन्हित समस्‍त ग्रामों/मजरों/टोलों/बसाहटों के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

रामपुरनैकिन महाविद्यालय में स्‍नातकोत्‍तर की कक्षाएं प्रारंभ किया जाना

[उच्च शिक्षा]

18. ( *क्र. 1246 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के रामपुर नैकिन महाविद्यालय में स्‍नातक में किन-किन विषयों की पढ़ाई हो रही है? स्‍नातक स्‍तर पर कॉमर्स की कक्षाएं कब तक शुरू कर दी जायेगी? साथ ही स्‍नातकोत्‍तर की कक्षाएं शुरू करने की सरकार की क्‍या योजना है? यदि नहीं, तो कब तक स्‍नातकोत्‍तर कक्षाएं रामपुर नैकिन महाविद्यालय में प्रारंभ कर दी जायेंगी? (ख) लगभग 40 ग्रामों के केन्‍द्र खड़ी (विधानसभा चुरहट, जिला सीधी) में महाविद्यालय खोलने की सरकार की क्‍या योजना है? यदि नहीं, तो कब तक इस हेतु कार्यवाही प्रारंभ हो जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सीधी जिले के शासकीय महाविद्यालय रामपुर नैकिन में हिन्दी, अंग्रेजी, राजनीति-शास्त्र, समाज-शास्त्र, इतिहास, वनस्पति-शास्त्र, प्राणी-शास्त्र, भौतिक-शास्त्र, रसायन-शास्त्र एवं गणित विषयों की पढ़ाई हो रही है। निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के कारण स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय की कक्षाएं प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है एवं वर्तमान में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ किये जाने की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में खड़ी, जिला-सीधी में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

सिंगाजी थर्मल पावर प्‍लांट के निर्माण एवं मेंटेनेन्‍स में व्‍यय राशि

[ऊर्जा]

19. ( *क्र. 1308 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                            (क) श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्‍लांट में 660 मेगावाट की यूनिट क्रमांक 3 एवं चार विस्‍तार इकाई का दोनों यूनिटों के निर्माण आरंभ होने की तिथि एवं लाईट अप होने की तिथि क्‍या है? इसके निर्माण में कितना समय और कितनी कुल राशि खर्च हुई? इन दोनों इकाइयों से विद्युत का व्‍यावसायिक उत्‍पादन किस दिनांक से आरंभ हुआ? उस तिथि से प्रत्‍येक माहवार कितना PLF नवम्‍बर 2020 तक रहा? हर माह की पृथक-पृथक जानकारी बताई जाये। दोनों यूनिटों का परफॉर्मेंस गारंटी टेस्‍ट कब तक कराया जाना था? क्‍या इन दोनों यूनिटों का PG टेस्‍ट हो गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों और जो यूनिट में खराबी हुई, उसकी भरपाई प्‍लांट लगाने वाली कंपनी से की गई या की जाएगी? य‍ह राशि कितनी है? (ख) क्या अगस्‍त 2020 में 660 मेगावाट की तीन नम्‍बर यूनिट के टरबाइन जेनरेटर की HP टरबाइन ब्‍लेड टूटकर क्षतिग्रस्‍त हो गयी है? यदि हाँ, तो इसका सुधार किससे कराया जा रहा है? इस पर कुल कितनी राशि खर्च की जा रही है और यूनिट कब तक सुधर कर विद्युत उत्‍पादन करने लगेगी? साथ ही 650 मेगावाट की 4 नम्‍बर यूनिट भी क्‍या बंद है? यदि हाँ, तो बंद होने का क्‍या कारण है और इस यूनिट में क्‍या फॉल्‍ट पाया गया और सुधरने में कितना समय लगेगा और कितनी राशि खर्च होगी? सिंगाजी की 3 एवं चार नम्‍बर यूनिट निर्माण में आये फॉल्‍ट के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार हैं और इनके विरूद्ध अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? इसमें कितनी रूपयों की हानि हुई, इस हानि की भरपाई किस-किस से कितनी की जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्रमांक 03 एवं 04 के निर्माण कार्य के आरंभ होने की तिथि 31 दिसम्बर, 2014 है। इकाई क्रमांक 03 एवं 04 के लाईट अप होने की तिथि क्रमश: 24 जनवरी, 2018 एवं 24 अक्टू्बर, 2018 है। इकाई क्रमांक 03 एवं 04 के निर्माण कार्य में क्रमश: 47 माह एवं 51 माह का समय लगा, माह जनवरी 2021 की स्थिति में दोनों इकाइयों (परियोजना) के निर्माण कार्य पर लगभग कुल राशि रूपये 6600 करोड़ व्यय किये गये हैं। इकाई क्रमांक 03 एवं 04 से व्यावसायिक उत्पादन क्रमश: दिनांक 18 नवम्बर, 2018 एवं दिनांक 28 मार्च, 2019 से प्रारंभ हुआ। व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने की तिथि से नवंबर 2020 तक माहवार पी.एल.एफ. का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। दोनों इकाइयों का परफारमेंस गारंटी टेस्ट क्रमश: 31 अक्टूबर, 2018 एवं 28 फरवरी, 2019 अथवा परस्पर सहमति अनुसार कराया जाना निर्धारित था। कुछ कार्य शेष रहने के कारण समय पर पी.जी. टेस्ट नहीं हो सके, तत्पश्चात् कोरोनाकाल में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विद्युत मांग में कमी होने से दोनों यूनिटों को रिजर्व शटडाउन में रखा गया। जुलाई 2020 में इकाइयों से पुन: उत्‍पादन प्रारंभ होने पर इकाई क्र. 3 में पी.जी. टेस्ट की तैयारी के दौरान आयी खराबी के कारण पी.जी. टेस्ट नहीं हो सका। इकाई क्र. 4 को भी संचालन की सुरक्षा के दृष्टिगत बंद किया गया, जिससे इस इकाई का भी पी.जी. टेस्ट नहीं हो सका। इस प्रकार दोनों इकाइयों के पी.जी. टेस्ट अभी तक नहीं हो सके हैं। मेसर्स एल एण्‍ड टी द्वारा दिनांक 09 दिसंबर, 2020 को दिये गये प्रस्ताव के अनुसार इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के सुधार कार्य पर लगने वाली राशि लगभग 112 करोड़ (एक सौ बारह करोड़) रुपये अनुमानित है। सुधार कार्य के व्यय का वहन ई.पी.सी. कान्ट्रेक्टर, मेसर्स एल.एण्‍ड.टी. द्वारा किया जाना है। (ख) जी हाँ। क्षतिग्रस्‍त टरबाइन ब्‍लेड्स का सुधार कार्य ई.पी.सी. कान्ट्रेक्टर, मेसर्स एल.एण्‍ड.टी. के द्वारा मूल निर्माता कंपनी (OEM) से करवाया जा रहा है। इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के सुधार कार्य पर लगने वाली राशि का विवरण उत्‍तरांश (क) अनुसार है। इकाई क्र. 3 से अप्रैल 2021 तक विद्युत उत्‍पादन संभावित है। जी हाँ। 660 मेगावाट क्षमता की इकाई क्रमांक 4 भी बंद है। इकाई क्रमांक 3 की एच.पी. टरबाइन ब्लेड्स में हुई क्षति के दृष्टिगत मूल निर्माता कंपनी की सलाहनुसार सुरक्षा की दृष्टि से दिनांक 22 सितम्‍बर, 2020 से इकाई क्रमांक 4 भी आवश्यक निरीक्षण एवं सुधार कार्य हेतु बंद कर दी गई है। इकाई क्रमांक 4 की एच.पी. एवं एल.पी. टरबाइन की ब्‍लेड्स में स्केल पाया गया है और इसका सुधार कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण होना संभावित है। इस इकाई के सुधार में खर्च होने वाली राशि का वहन ई.पी.सी. कान्‍ट्रेक्‍टर मेसर्स एल.एण्‍ड.टी. द्वारा किया जाना है, अत: म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा दोनों इकाइयों के सुधार कार्य में कोई राशि व्यय नहीं की जा रही है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्रमांक 3 एवं 4 में आये फॉल्ट की विवेचना हेतु मूल निर्माता कंपनी (मेसर्स एल.एम.टी.जी.) द्वारा रूट कॉज़ एनालिसिस की गई है। साथ ही म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा भी एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर फॉल्ट की विवेचना की गई है। रूट कॉज़ एनालिसिस रिपोर्ट एवं समिति के प्रतिवेदन के आधार पर यह पाया गया है कि रेजिन की खराब परफारमेंस एवं कुछ उपसंयंत्रों एवं उपकरणों के अभाव के कारण इकाइयों की वाटर केमिस्‍ट्री निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार मेंटेन नहीं हो सकी। साथ ही साथ दीर्घावधि के रिजर्व शटडाउन के दौरान इकाइयों के टरबाइन प्रिसर्वेशन सिस्टम की अनुपलब्धता रही, जिसके कारण टरबाइन्स की ब्लेडों में साल्ट जमा हुआ, जो कि इन ब्‍लेड्स के क्षतिग्रस्त होने का मुख्‍य कारण बना। कंपनी के आदेश दिनांक 03.02.2021 के द्वारा इकाइयों के क्षतिग्रस्‍त होने के लिए यदि कोई कार्मिक जिम्‍मेदार हो तो, उनको चिन्‍हांकित करने हेतु जाँच समिति का गठन किया गया है। जाँच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर टरबाइन में फॉल्‍ट हेतु कार्मिकों के दायित्व निर्धारण किये जायेंगे। इस इकाई के सुधार में खर्च होने वाली राशि का वहन ई.पी.सी. कान्‍ट्रेक्‍टर मेसर्स एल.एण्‍ड.टी. द्वारा किया जाना है। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा दोनों इकाइयों के सुधार कार्य में कोई भी राशि व्यय नहीं की जा रही है। अत: शेष प्रश्‍न लागू नहीं होता।

परिशिष्ट - "छ:"

शासकीय महाविद्यालय कुसमी में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[उच्च शिक्षा]

20. ( *क्र. 1178 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय कुसमी जिला सीधी जो आदिवासी विकासखण्‍ड मुख्‍यालय में संचालित है, में सहायक प्राध्‍यापक, प्राध्‍यापक एवं प्राचार्य की पदस्‍थापना की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) शासकीय महाविद्यालय कुसमी में नियमित पदस्‍थापना के कितने पद स्‍वीकृत हैं? पदवार जानकारी पृथक-पृथक देवें। स्‍वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे एवं रिक्‍त हैं? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ग) क्‍या वर्तमान में जिले के भीतर स्थित महाविद्यालयों में रिक्‍त पदों पर प्राध्‍यापकों के डिप्‍लॉयमेंट का अधिकार जिले के अग्रणी महाविद्यालय को है? यदि हाँ, तो क्‍या डिप्‍लॉयमेंट के बाद उनकी मॉनीटरिंग का कार्य भी अग्रणी महाविद्यालय द्वारा नियमित रूप से किया जाना चाहिये, किन्‍तु शासकीय महाविद्यालय कुसमी के संबंध में ऐसा बिल्‍कुल नहीं किये जाने से अतिथि विद्वान/स्‍टाफ बिल्‍कुल नहीं रहते, जिससे शैक्षणिक कार्य/कार्यालयीन कार्य पूरी तरह से प्रभावित रहता है, इस संबंध में शासन क्‍या कार्यवाही/व्‍यवस्‍था करने जा रहा है? समय-सीमा के साथ पूर्ण जानकारी देवें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शैक्षणिक पदस्‍थापना संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहींजानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सात"

सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में संचालित महाविद्यालय

[उच्च शिक्षा]

21. ( *क्र. 779 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन ग्राम अथवा शहरों में शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? (ख) क्‍या इन सभी महाविद्यालयों के अपने भवन हैं? नहीं तो कब तक भवन बनाये जावेंगे? (ग) किन-किन महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं प्राध्‍यापकों के पद रिक्‍त हैं? विषयवार बतायें। (घ) रिक्‍त पदों पर नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में शासकीय कुसुम स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिवनी मालवा एवं शासकीय कन्‍या महाविद्यालय, सिवनी मालवा शहरी क्षेत्र में तथा शासकीय महाविद्यालय डोलरिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में संचालित हैं। (ख) जी नहीं। शासकीय कुसुम स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिवनी मालवा स्वयं के भवन में संचालित है। शेष महाविद्यालय के भवन के संबंध में वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "आठ"

बिलहरी पुलिस चौकी के स्थान पर नवीन थाने की स्‍थापना

[गृह]

22. ( *क्र. 1030 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्या रीठी थाने एवं पुलिस चौकी बिलहरी अंतर्गत आपराधिक प्रवृत्ति नरगढ़िया एवं पारधी समाज के लोग निवासरत हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित समुदाय के लोगों के विरूद्ध विगत 3 वर्षों में कब-कब किस प्रकार के कौन-कौन से आपराधिक प्रकरण कहां-कहां पर दर्ज हुये? वर्षवार सूची देवें। (ग) क्या शासन नरगढ़िया एवं पारधी समाज की आपराधिक गतिविधियों को प्रभावी ढंग से रोकथाम लगाने हेतु पुलिस चौकी बिलहरी एवं रीठी थाना क्षेत्र के कुछ ग्रामों को मिलाकर नवीन थाना क्षेत्र का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रीठी थाने एवं पुलिस चौकी बिलहरी अंतर्गत नरगढ़ि‍या एवं पारधी समाज के लोग निवास करते हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुलिस चौकी बिलहरी एवं रीठी थाने क्षेत्र के ग्रामों को मिलाकर नवीन थाना क्षेत्र का निर्माण का कोई वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

खनन पर कार्यवाही

[पर्यावरण]

23. ( *क्र. 1196 ) श्री सुनील सराफ : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रीय अधिकारी म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला शहडोल को खनिज विभाग जिला अनूपपुर द्वारा विगत 3 वर्षों में अधिक खनन करने वालों पर कार्यवाही हेतु कितने पत्र प्रेषित किए गए? सभी पत्रों की प्रमाणित प्रति देवें (ख) पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार जानकारी देवें। इस संबंध में हुये समस्‍त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) क्‍या कारण है कि लंबे समय बाद भी अधिक उत्‍खनन करने वालों पर कार्यवाही नहीं की गई? कब तक इन पर कार्यवाही की जाएगी? (घ) कार्यवाही को लंबे समय तक लंबित रखने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक                                          कार्यवाही करेगा?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) खनिज विभाग जिला अनूपपुर से अधिक खनन करने वालों के संबंध में दिनांक 05.11.2020 को कुल 06 पत्र प्राप्त हुये हैं, जिनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उपरोक्त समस्त खदानों को खनिज विभाग से माइनिंग लीज़ आवंटित है तथा पर्यावरणीय स्वीकृति एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति प्राप्त हैं। पत्रों पर बोर्ड द्वारा की गई प्रकरणवार कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। खनिज विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के आधार पर उत्पादन की गणना की गई है, जबकि मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदत्त सम्मति में वर्ष की गणना वित्तीय वर्ष से भिन्न हो सकती है जिस कारण पत्र दिनांक 31.12.2020 द्वारा सम्मति अवधि में खदानों द्वारा किए गये उत्पादन की जानकारी हेतु खनिज विभाग को पत्र भेजा गया है,जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में त्वरित कार्यवाही की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश () के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

मादक पदार्थों की ब्रिकी पर रोक

[गृह]

24. ( *क्र. 1078 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) प्रदेश सरकार के द्वारा ड्रग्‍स, शराब एवं अन्‍य मादक पदार्थों के विरूद्ध क्‍या कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) प्रनांश (क) अंतर्गत वर्ष 2021 में जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में उक्‍त मादक पदार्थों की बिक्री कहां-कहां की जा रही है एवं इसकी रोकथाम के लिए क्‍या-क्‍या कार्य किए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत उक्‍त मादक पदार्थों में व्‍याप्‍त लोगों की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें एवं इनके विरूद्ध क्‍या अभियान/कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विशेष अभियान चलाये जाकर नियमित रूप से लक्षित समूह को जागृत करने के लिए प्रयास किये गये हैं। (ख) मादक पदार्थो की बिक्री के कोई निश्चित स्‍थान बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍नांश (क) अनुसार है। (ग) मादक पदार्थो की रोकथाम हेतु प्रदेश में चलाये जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत कुल 316 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की गई है।

विदिशा जिला जेल के नवीन भवन की स्‍वीकृति

[जेल]

25. ( *क्र. 901 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विदिशा में जिला जेल के लिये भवन की स्वीकृति शासन द्वारा की गई? (ख) क्या जिला जेल की स्वीकृति के अभाव में वर्तमान में जेल का संचालन उपजेल में होने से कैदियों को विषम परिस्थितियों में रहने की स्थिति निर्मित है? साथ ही, अधिक कैदी होने से अन्य जिलों की जेल में स्थानांतरित किया जा रहा है? (ग) क्या शासन शीघ्र ही विदिशा में जिला जेल हेतु नये भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। विदिशा में जिला जेल है, कैदियों के लिए आंशिक स्‍थानाभाव है, किन्‍तु उन्‍हें नियमानुसार अन्‍य सभी सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। जेल की नई दीवार बनने के उपरांत मार्च, 2020 से कैदियों को किसी भी अन्‍य जेल में स्‍थानांतरित नहीं किया गया। (ग) वर्तमान में नये जिला जेल भवन की स्‍वीकृति विचाराधीन नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित                               नहीं होता।

 

 






भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही

[गृह]

1. ( क्र. 32 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक एम.एल.ए./329 दिनांक 05/01/2021, पत्र क्रमांक एम.एल.ए./330 दिनांक 05/01/2021, पत्र क्रमांक एम.एल.ए./331 दिनांक 05/01/2021 एवं पत्र क्रमांक एम.एल.ए./332 जो क्रमश: पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक (शिकायत), पुलिस अधीक्षक सतना एवं नगर पुलिस अधीक्षक सतना को प्रेषित हैं पर प्रश्‍नतिथि तक की गई कार्यवाही का विवरण पत्र क्रमांकवार/दिनांकवार उपलब्‍ध करायें? जारी सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या उक्‍त प्रकरण में यह जाँच की गई कि उमरिया जिले के जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ने 09/03/2017 को तात्‍कालीन इलाहाबाद बैंक वर्तमान में इण्डियन बैंक सेमरिया चौक सतना को पत्र लिखकर बताया कि हिमालया इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को किसी भी प्रकार का वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया हैं? (ग) क्‍या उक्‍त प्रकरण में पुलिस द्वारा यह जाँच की गई कि मेसर्स सोनभद्र कन्‍सट्रक्‍शन कं. रीवा को जारी वर्क आर्डरों की कूट रचना कर, जाली शासकीय दस्‍तावेज तैयार कर हिमालया इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के नाम के वर्क आर्डर बना कर प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित बैंक में जमा कर सी सी लिमिट व बैंक गारण्‍टी बनवाई? क्‍या जाँच टीम ने बैंक से उक्‍त दस्‍तावेज जब्‍त किये? अगर नहीं तो क्‍यों? क‍ब किये जायेंगे? (घ) सतना पुलिस हिमालया इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर में मुख्‍य अभिषेक तिवारी, बैंक के अधिकारी श्री पांडे व रवि कुमार जायसवाल के विरूद्ध कब तक अमानत में ख्‍यानत तथा शासकीय दस्‍तावेजों की कूट रचना करने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'A', 'B', 'C', 'D' एवं 'E' में समाहित है। (ख) जी हाँ। इस प्रकरण की जाँच में कथित पत्र दिनाँक 09.03.2017 की जाँच की गई, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग उमरिया द्वारा ई-मेल से जानकारी पत्र क्रमांक/192/(अपठनीय)/2021 दिनाँक 23.1.2021 के माध्यम से प्रेषित की गई है जिसमें उक्त प्रेषित पत्र की ई-मेल कॉपी संलग्न है जिसके अनुसार मेसर्स हिमालया इंफ्रास्ट्रक्चर को भानपुरा टैक प्रोजेक्ट के संबंध में कोई वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। जाँच की जा रही है। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा इंडियन बैंक (पूर्व इलाहाबाद बैंक) को पत्र क्रमांक 13ए/2021 दिनाँक 20.1.2021 के माध्यम से हिमालया इंफ्रास्ट्रक्चर के सी सी लिमिट खाता में प्रयोग किये गये दस्तावेज व वर्क आर्डर की जानकारी चाही गई थी। बैंक द्वारा कुछ जानकारी एवं दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियाँ उपलब्ध कराई गई है, किंतु बैंक द्वारा उक्त कथित जाली दस्तावेज अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस संबंध में बैंक को पुनः नोटिस दिया गया है। (घ) इस संबंध जाँच कर साक्ष्य का संकलन किया जा रहा है। जाँच पूर्ण होने पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधि संगत कार्यवाही जिला अभियोजन अधिकारी से राय प्राप्त कर की जायेगी।

नगर निगम बुरहानपुर द्वारा कॉलोनियों के संधारण/रख-रखाव

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 156 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. नगर पालिका के नियम अनुसार कॉलोनाइजर को कॉलोनी का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक को ही संबंधित कॉलोनी का रख-रखाव हेतु नगर पालिका को अंतरित होना मान्‍य किया जाता है? हाँ या नहीं यह भी बतायें कि नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा कितनी कॉलोनियों को कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र जारी किया गया है, कॉलोनी के नामवार सूची प्रदान करें। (ख) उक्‍त नियम अनुसार नगर निगम बुरहानपुर द्वारा कितनी कॉलोनियों में रख-रखाव जैसे स्‍ट्रीट लाइट, पानी, रोड, नाली आदि मूलभूत सुविधा का कार्य किया गया है, कितनी राशि का, क्‍या कार्य, कौन-कौन से वार्ड में किया गया है कि संपूर्ण सूची प्रदान करने करें। साथ ही भविष्‍य में किन-किन कॉलोनियों में क्‍या-क्‍या कार्य किया जाना है की भी सूची प्रदान करें। (ग) नगर निगम बुरहानुपर में कुल कितनी कॉलोनियों द्वारा आज तक रजिस्‍ट्रेशन प्राप्‍त किया गया है कि सूची प्रदान करें एवं कितनी कॉलोनियों को 100 प्रतिशत भू‍-खण्‍ड क्रय करने की अनुमति प्रदान की गई की भी सूची प्रदान करने का कष्‍ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बन्‍धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम-12 (आठ) में राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 06.11.2019 को किए गए संशोधन के अनुसार कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक को ही संबंधित कालोनी उसके संधारण के लिए रहवासी कल्‍याण समिति को अंतरित की गई मान्‍य की जायेगी। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।           (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। भविष्‍य में किए जाने वाले कार्यों की वर्तमान में कोई कार्य योजना नगर निगम द्वारा प्रस्‍तावित नहीं है। (ग) म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बन्‍धन तथा शर्तें) नियम 1998 में कॉलोनियों के रजिस्‍ट्रेशन का कोई प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कालोनियों को भूखण्‍ड क्रय करने की अनुमति प्रदान करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "नौ"

अतिक्रमण बताकर की गई अवैध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( क्र. 181 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में नगर निगम द्वारा न्याय नगर एक्सटेंशन, सेक्टर बी के मकान नं. 378 को अवैध बताकर तोड़ने का नोटिस दिया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या नोटिस मकान नं. 378 को दिया गया एवं नगर निगम द्वारा मकान नं. 331/332 को विस्फोट से तोड दिया गया। (ग) क्या मकान नं. 331/332 को तत्काल तोड दिया गया और मकान मालिक को अपना सामान निकालने का भी समय नहीं दिया गया। यदि हाँ, तो किसी दूसरे मकान को नोटिस देकर किसी अन्य मकान को तोड़ने का क्या औचित्य है। किए गए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है। नुकसान की वसूली जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के वेतन से किए जाने के आदेश कब तक दिए जावेगें।


नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

निकायों को अनुदान योजनाओं में प्राप्त राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( क्र. 199 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना एवं राज्य सरकार के बजट आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जातियों के लिये किये गये प्रावधानों का योजनावार (सब स्कीम) के अंतर्गत अटल मिशन फ़ार रिजर्वेशन एंड अर्बन ट्रान्सफॉरमेशन, हाउसिंग फार आल, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, एम. पी. अर्बन सर्विसेस इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (ए.डी.बी.) 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार स्थानीय निकायो को अनुदान योजनाओ में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ तो वित्तिय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई कितनी-कितनी राशि किन-किन निकायों को दी गई जानकारी उपलब्ध करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा

[नगरीय विकास एवं आवास]

5. ( क्र. 228 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत कर्रापुर को संभागीय पिछड़ा एवं अनु.जाति वर्ग के कार्यक्रम दिनांक 07.07.2018 को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा देने संबंधी मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी। यदि हाँ तो विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) यदि घोषणा की गई थी तो विभाग ने मुख्‍यमंत्री की घोषणा जो इस कार्यक्रम के उपरांत की गई उन्‍हें नगर पंचायत/नगर पालिका का दर्जा प्रदान कर दिया गया परंतु कर्रापुर ग्राम पंचायत को दर्जा प्रदान नहीं किया गया तो क्‍यों कारण सहित जानकारी देवें। (ग) कार्यालय नायब तहसीलदार वृत्‍त परसोरिया एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) सागर द्वारा इस संबंध में समस्‍त आवश्‍यक जानकारी निर्धारित प्रारूप में शासन को उपलब्‍ध करा दी गई है तो विभाग ने जानकारी उपरांत क्‍या कार्यवाही की है? (घ) यदि हाँ तो ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने के समस्‍त मापदंड रखती है तो ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा कब तक प्रदान किया जायेगा एवं कर्रापुर के समीपस्‍थ ग्राम गोरा एवं सिमरिया को भी नगर पंचायत कर्रापुर में जोड़ा जायेगा यदि नहीं तो क्‍यों एवं कर्रापुर नगर पंचायत का दर्जा के संबंध में कब तक अधिसूचना जारी की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 21.07.2020 को ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर परिषद् बनाए जाने की घोषणा की गई। उक्त घोषणा के अनुक्रम में कलेक्टर जिला सागर से म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 एवं विभागीय अधिसूचना क्रं.64-एफ-1-19-2009 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 के अनुसार प्रस्ताव चाहा गया जिसके परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर सागर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सागर से प्राप्त जानकारी/प्रस्ताव अनुसार ग्राम पंचायत कर्रापुर की कुल जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 17,687 है जो म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा-5 एवं विभागीय अधिसूचना क्रं.64-एफ-1-19-2009 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या 20,000 का मापदण्ड पूर्ण नहीं करने से ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर परिषद् के रूप में उन्नयन नहीं किया गया है। (ख) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई अन्य घोषणाओं में नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शेष जानकारी उत्तरांश () अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश () अनुसार है।                 (घ) उत्तरांश () के परिप्रेक्ष्य में नगर परिषद् कर्रापुर के गठन के प्रस्ताव में ग्राम पंचायत सेमरिया तथा उसके तहत आने वाला ग्राम गौरा भी सम्मिलित है। सम्मिलित ग्राम पंचायत एवं सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

मकरोनि‍‍या पेयजल योजनांतर्गत स्‍वीकृत कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 229 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा 24x7 ए.डी. प्रोजेक्‍ट पेयजल परियोजना स्‍वीकृ‍त कार्य बी.पी. टैंक से उच्‍च स्‍तरीय तक पाईप लाईन बिछाने का कार्य, जल वितरण प्रणाली अंतर्गत पाईप लाईन बिछाने का कार्य, अर्थ वर्क, वाल्‍व, रोड रेस्‍टोरेशन, जल टं‍की की बाउंड्रीवाल का कार्यों का अनुबंध कार्य एजेंसी द्वारा कब किया गया था एवं निर्माण कार्य में क्‍या-क्‍या प्रावधान है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यों में कौन-कौन से कार्य की प्रश्‍न दिनांक तक कितना कार्य किया गया एवं कार्य एजेंसी को कितना भुगतान किया गया? कितना कार्य शेष है?            (ग) कार्य एजेंसी द्वारा जल वितरण पाईप लाईन बिछाने के कार्य में वार्डों में स्थित समस्‍त रास्‍तों/गलियों में खुदाई कार्य मशीनों द्वारा किया गया है, मेनुअल वर्क नहीं किया गया है जिससे सड़क मार्ग ध्‍वस्‍त हो गये हैं? इसके लिए कौन उत्‍तरदायी है? (घ) वार्डों में निर्मित सी.सी. रोड एवं डामरीकरण रोड जो पूर्णत: ध्‍वस्‍त हो गये हैं क्‍या उन्‍हें कार्य एजेंसी द्वारा पुन: निर्मित कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया पेयजल योजना के कार्यों का अनुबंध दिनांक 23.08.2018 को किया गया था एवं निर्माण कार्य में प्रावधान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) निर्माण एजेंसी द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। कार्य एजेंसी को 25.60 करोड़ का भुगतान किया गया है। शेष कार्यों की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र अनुसार है।              (ग) जी हाँ। जल वितरण पाईप लाईन बिछाने के लिये रास्‍ते में खुदाई की गई है जिससे सड़क मार्ग प्रभावित हुआ है। अनुबंध अनुसार एजेंसी को रिस्‍टोरेशन का कार्य किया जाना है। जो कराया जा रहा है। (घ) वार्डों में निर्मित सी.सी. रोड एवं डामरीकृत रोड पूर्णतः ध्वस्त नहीं हुये है, पाईप लाईन/नल कनेक्शन का कार्य चरणबद्ध तरीके से आवश्यकतानुसार रोड काटकर किया जाता है। इसके उपरांत कार्य से प्रभावित हिस्से के पुनर्निमाण का कार्य अनुबंध के अनुसार निर्माण एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। कार्य प्रगति पर हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "दस"

प्रधानमंत्री स्‍ट्रीट वेन्‍डर्स आत्‍मनिर्भर निधि योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( क्र. 245 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री स्‍ट्रीट वेन्‍डर्स आत्‍मर्नि‍भर निधि योजना के क्‍या-क्‍या उद्देश्‍य पात्रता हेतु योग्‍यता/प्रदाय राशि आदि हेतु क्‍या-क्‍या नियम/प्रक्रिया प्रचलन में है? इनकी फोटो प्रतियाँ उपलब्‍ध करावें। (ख) आत्‍मनिर्भर निधि योजना कब से संचालित है व संचालित दिनांक से जनवरी 2021 तक नगर पालिका परिषद् सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्‍डपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया एवं कितने हितग्राही शेष है? दोनों की अलग-अलग सूची उपलब्‍ध करावें एवं शेष लोगों को योजना का लाभ कब तक दिया जावेगा?            (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में योजना का नाम/मांग संख्‍या/लेखाशीर्ष/राशि/केश अथवा चैक द्वारा प्रदाय की गई आदि की जानकारी उपलब्‍ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भारत सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री स्‍ट्रीट वेंडर्स आत्‍मनिर्भर निधि योजना हेतु जारी मार्गदर्शिका  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पात्रता हेतु योग्‍यताएं कंडिका (4) में उल्‍लेखित है। (ख) आत्मनिर्भर निधि योजना 2 जुलाई 2020 से संचालित है। जनवरी 2021 तक नगर पालिका संबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्‍डपुरा में लक्ष्‍य एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' में तथा इसकी सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। शेष हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' में है, जिनमें से पात्र हितग्राहियों जिन्‍हें लाभ दिया जाना है, की सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। कंडिका (8.2) में योजना का लाभ दिनांक 31 मार्च 2022 तक उपलब्‍ध है। योजना में नवीन पंजीयन किये जा रहे है। (ग) योजना अंतर्गत ऋण राशि पथ विक्रेताओं के बैंक खाते में उधमी मित्र पोर्टल के माध्‍यम से बैंकों द्वारा सीधे भेजने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विश्वविद्यालय छतरपुर के भवन का निर्माण

[उच्च शिक्षा]

8. ( क्र. 331 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रदेश में वर्तमान में कितने विश्वविद्यालय हैं? इनकी स्थापना कब की गई?                                       (ख) विश्वविद्यालय की स्थापना किस उद्देश्य से की जाती है एवं कौन-कौन सी प्रशासनिक एवं शैक्षणिक गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। उक्त गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु न्यूनतम कितने शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं कार्यालयीन कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।   (ग) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर की स्थापना किस उद्देश्य से की गई थी। प्रश्न दिनांक तक विश्वविद्यालय के निर्माण हेतु राशि प्रदाय नहीं होने एवं पदपूर्ति न हो पाने के कारण क्या विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में सफल रहा है। यदि हाँ, तो पदपूर्ति हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर को प्रश्न दिनांक तक बजट आंवटित नहीं कर पाने के क्या-क्या कारण रहे हैं। बजट प्रदाय करने हेतु शासन से कब-कब मांग की गई? प्रत्येक बार शासन ने बजट प्रदाय नहीं कर पाने के क्या कारण बताएं? (ड.) क्या अपनी स्थापना के 6 वर्ष के बाद भी भवन निर्माण हेतु कोई भी राशि प्राप्त नहीं करने वाला महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय है।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत वर्तमान में 16 राज्‍य विश्‍वविद्यालय हैं। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना छात्रों को उच्‍च गुणवत्‍तायुक्‍त शिक्षा उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से की जाती है। विश्‍वविद्यालय में शैक्षणिक, शोधकार्य एवं व्‍यक्तित्‍व विकास की गतिविधियां संचालित की जाती हैं। विश्‍वविद्यालय में संचालित पाठयक्रमों हेतु यूजीसी मापदण्‍ड अनुसार शैक्षणिक एवं आवश्‍यकतानुसार प्रशासनिक/कार्यालयीन कर्मचारियों की आवश्‍यकता होती है। (ग) डॉ. हरिसिंह गौर विश्‍वविद्यालय, सागर के केंद्रीय विश्‍वविद्यालय बनने के फलस्‍वरूप महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्‍ड वि.वि. छतरपुर की स्‍थापना राज्‍य विश्‍वविद्यालय के रूप में सागर संभाग अंतर्गत छात्रों के शैक्षणिक, शोध एवं व्‍यक्तित्‍व विकास हेतु की गई। जी हाँ। विश्‍वविद्यालय स्‍तर पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) वित्‍त विभाग द्वारा भवन निर्माण हेतु बजट आवंटन के संबंध में कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण इस वित्‍तीय वर्ष में लंबित रखने का परामर्श दिया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।             (ड.) उपरोक्‍त (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

कारण बताओ सूचना पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 332 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल ने पत्र क्रमांक एफ 4-50/2019/18-3 भोपाल दिनांक 19/3/2020 के द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 35-क व अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष छतरपुर को दिया था। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पत्र में उल्लेखित तिथि 15 दिवस में क्या स्पष्टीकरण दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में विभाग द्वारा प्रकरण में दिनांक 28.09.2020 को नियमानुसार समक्ष में सुनवाई नियत कर अपचारी को स्पष्टीकरण/पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया था। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम क्या अपचारी ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावे एवं उक्त स्पष्टीकरण पर विभाग ने क्या कार्यवाही की। यदि नहीं तो क्यों अब विभाग क्या कार्यवाही करेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ।            (घ) जी हाँ। अपचारी द्वारा दिये गये पक्ष/स्‍पष्‍टीकरण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण परीक्षणाधीन है।

परिशिष्ट - "बारह"

सड़क का डामरीकरण हेतु निविदा

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( क्र. 405 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम के ट्रांसपोर्ट नगर के सड़क के डामरीकरण की निविदा कब निकाली गई थी और कितने लोगों ने निविदाएं भरी थी। तुलनात्‍मक विवरण दें। क्‍या उक्‍त निविदा पर किसी व्‍यक्ति द्वारा शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायत की प्रति देते हुए बताएं, उसका क्‍या निराकरण किया गया। उक्‍त डामरीकरण का कार्य कब पूर्ण हुआ, पूर्णता प्रमाण पत्र कब जारी किया गया, उक्‍त कार्य का अंतिम मेजरमेंट माप पुस्तिका में कब दर्ज किया जाकर अंतिम देयक कब बनाया गया, क्‍या संबंधित ठेकेदार को अंतिम भुगतान कर दिया गया? यदि नहीं तो क्‍यों, कारण बताएं और कब करेंगे यह भी बताएं। (ख) कटनी शहर के विभिन्‍न मार्गों के पेंचकार्यो हेतु वर्ष 2020 में कब-कब निविदाएं बुलाई गई, प्राप्‍त निविदा का तुलनात्‍मक विवरण दें तथा किस निविदाकार की निविदा स्‍वीकृत की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत की जाँच कार्यपालन यंत्री लोक‍निर्माण विभाग कटनी से कराई गई थी, उक्‍त जाँच प्रतिवेदन अनुसार दोषी उपयंत्री, सहायक यंत्री के विरूद्ध अंतिम कार्यवाही क्‍या की गई बताएं, यदि नहीं तो कब करेंगे। (घ) नगर निगम कटनी द्वारा दिसम्‍बर 2020 में डामरीकरण हेतु जो निविदाएं बुलाई गई थी, कितनी आई, उसमें कितनी निरस्‍त की गई। निरस्‍त करने के क्‍या कारण है, जबकि एस.ओ.आर. से 3.86 अधिक दरे प्राप्‍त हुई, उससे अधिक दर पर वर्ष 2019 में वार्ड न. 43 में पुलिस लाईन से हैलीपेड तक एवं इसी वर्ष में आदिवासी बस्‍ती से फूड पार्क तक डामरीकरण निविदा 4.49 एस.ओ.आर. दर पर स्‍वीकृत कर कार्य अवधि 120 दिन निर्धारित की गई थी। किन्‍तु एक वर्ष से अधिक होने के बाद भी कार्य प्रारम्‍भ नहीं हुआ। तब भी ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रश्‍न दिनांक तक क्‍यों नहीं की गई? कारण बताएं और कब करेंगे। कार्यवाही न करने के लिए कौन दोषी है यह भी बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी नगर के ट्रांसपोर्ट नगर के डामरीकरण के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्‍त कार्य अपूर्ण है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कटनी शहर में विभिन्‍न मार्गों के पेंच कार्यों हेतु वर्ष 2020 में निविदायें आमंत्रित की गई, निविदाओं का तुलनात्‍मक विवरण एवं स्‍वीकृत निविदाकार का विवरण  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नकर्ता (ख) में उल्‍लेखित मार्गों के पेंच रिपेयर कार्यों को नहीं कराया गया है। जिसकी शिकायत की जाँच कलेक्‍टर कार्यालय (शिकायत शाखा) कटनी द्वारा की जा रही है। यह एक अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है,              समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगरपालिक निगम कटनी द्वारा दिसम्‍बर 2020 में विभिन्‍न 08- डामरीकरण कार्यों हेतु निविदायें बुलाई गई थी, जिसमें उक्‍त 08 कार्यों हेतु कुल 16 निविदायें प्राप्‍त हुई। जिसके संबंध में ठेकेदारों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्‍तुत कर लेख किया गया कि दिनांक 21.12.2020 को पोर्टल नहीं चलने के कारण टेण्‍डर की अवधि बढ़ाये जाने एवं पुन: टेण्‍डर बुलाये जाने का अनुरोध किया गया, जिससे निविदा में प्रतिस्‍पर्धा बढ़ने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए प्राप्‍त निविदाओं को निरस्‍त किया गया है एवं पुन: निविदायें आमंत्रित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वार्ड नं. 43 में पुलिस लाईन से हैली तक डामरीकरण कार्य हेतु निविदायें आमंत्रित की गई थी, परन्‍तु उक्‍त कार्य लोक निर्माण विभाग (भ/स) कटनी द्वारा स्‍थल पर कराया जा चुका है, इसलिए उक्‍त कार्य की प्राप्‍त निविदा निरस्‍त की गई है। वार्ड नं. 43 में आदिवासी बस्‍ती (नये फिल्‍टर हाउस) से फूड पार्क पहुंच मार्ग अमकुही तक सड़क चौड़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य हेतु माह जून 2020 में निविदायें आमंत्रित की गई थी, जिसका अनुबंध दिनांक 29.10.2020 को निष्‍पादित हुआ है, जिसके अनुसार 120 दिवस अर्थात 24.02.2021 तक कार्य पूर्ण करने की समयावधि नियत है। उक्‍त कार्य प्रगति पर है एवं कार्य समय-सीमा के अन्‍तर्गत है तथा निर्माण एजेंसी को समयावधि में कार्य पूर्ण किए जाने हेतु निर्देश दिये गये है। इसलिए ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है और कार्यवाही न करने के लिए कोई दोषी नहीं है।

मैरिज गार्डनों का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( क्र. 406 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम क्षेत्रान्‍तर्गत प्रश्‍न दिनांक तक संचालित कितने मैरिज गार्डन, बरात घरों को अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है? पृथक-पृथक विवरण दे तथा जारी की गई, अनुज्ञप्ति की प्रतियां उपलब्‍ध करावे। (ख) क्‍या मैरिज गार्डनों में कचरा, गन्‍दा पानी साफ करने हेतु टी.पी. प्‍लांट लगाया जाना अनिवार्य है। यदि हाँ, तो जिन मैरिज गार्डनों द्वारा टी.पी. प्‍लांट नहीं लगाया गया। उन बारात घर, मैरिज गार्डनों पर जुर्माना/संचालन अनिवार्य रूप से प्रतिबंधित करने के निर्देश शासन/नगर निगम द्वारा दिये जायेगें। यदि हाँ, तो कब तक। (ग) मैरिज गार्डनों के द्वारा जिन-जिन सुविधाओं का उल्‍लेख आवेदन पत्र में किया गया है या नवीन अनुज्ञप्ति या नवीनीकरण हेतु जो आवेदन दिनांक 01.01.2021 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुये है उनमें उल्‍लेखित सुविधाओं का निरीक्षण/भौतिक सत्‍यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया है। मैरिज गार्डनवार पृथक-पृथक विवरण दे। साथ ही भौतिक सत्‍यापनकर्ता द्वारा किये सत्‍यापन की प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा पत्र क्र. 851, 852, 853 दिनांक 23.01.2021 से कलेक्‍टर कटनी, प्रशासक नगर निगम एवं आयुक्‍त नगर निगम को लिखकर अवगत कराया है कि मैरिज गार्डनों द्वारा निर्धारित शर्तों का किस तरह उल्‍लंघन किया जा रहा है। उनकी अनुज्ञप्ति निरस्‍त करने की मांग की गई है, उस पर क्‍या कार्यवाही की गई बताएं। यदि नहीं तो क्‍यों? कब तक की जावेगी?  (ड.) मैरिज गार्डनों द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्‍त करने हेतु जो असत्‍य/भ्रामक जानकारी दी गई है उसकी जाँच कराकर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही कब तक की जावेगी बताएं? वर्ष 2021 में शासन ने मैरिज गार्डन हेतु जो भी निर्देश दिए है उसकी पूर्ति किस-किस द्वारा की गई है। निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें मैरिज गार्डनों हेतु जो मॉडल उपविधि है, उसकी एक प्रति दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम कटनी क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक संचालित कुल 13 मैरिज गार्डनों को नगर निगम उज्‍जैन (विवाह स्‍थल का पंजीयन) उपविधियाँ 2013 के अधीन उपयोग एवं उपभोग अनुज्ञा जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। जारी अनुज्ञप्ति की प्रति संलग्‍नक 01 से 13 संलग्‍न है। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 01.01.2021 से प्रश्‍न दिनांक तक नवीन आवेदन अथवा नवीनीकरण हेतु आवेदन कार्यालय में प्राप्‍त नहीं किए गए है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नकर्ता माननीय सदस्‍य के पत्र क्रमांक 851, 853 क्रमश: दिनांक 30.01.2021 एवं 27.01.2021 को प्राप्‍त हुए है, जिसमें उल्‍लेखित बिन्‍दुओं का भौतिक सत्‍यापन करने हेतु क्षेत्रीय उपयंत्रियों को निर्देशित किया गया है। (ड.) उत्‍तरांश () अनुसार है। वर्ष 2021 में शासन आदेश अनुसार मैरिज गार्डन संचालन हेतु म.प्र. नगरपालिका (विवाह स्‍थल का पंजीयन एवं उपभोग) आदर्श उपविधि 2020 के नियम लागू है जिसमें 31 मार्च 2021 के पूर्व उक्‍त नियमों के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्‍त करना आवश्‍यक है। वर्तमान में अनुज्ञप्ति हेतु आवेदन कार्यालय में प्राप्‍त नहीं हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

जलकर राशि वृद्धि में संशोधन

[नगरीय विकास एवं आवास]

12. ( क्र. 440 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय, माननीय विभागीय मंत्री महोदय एवं आयुक्‍त संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल को क्रमश: अपने पत्र क्रमांक 1160, 1167 एवं 1166 दिनांक 28.12.2020 से राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा नियम विरूद्ध एवं विसंगतिपूर्ण जलकर राशि में की गई लगभग ढाई गुना वृद्धि को संशोधित कर पूर्वानुसार जलकर राशि निर्धारण करने हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन वर्तमान कोरोना संक्रमण काल में पूर्व से ही आर्थिक मार झेल रहे नगरवासियों के हितार्थ उक्‍त एक पक्षीय जलकर में की गई ढाई गुना राशि वृद्धि के प्रस्‍ताव को निरस्‍त कर पूर्वानुसार निर्धारित राशि एवं जिले के अन्‍य निकायों अनुसार जलकर वसूली के आदेश प्रदान करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ जिला-राजगढ़ द्वारा पूर्व में अधिरोपित जलकर, मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 129 (2) एवं (3) के अन्तर्गत प्रशासक, नगर पालिका परिषद्, के द्वारा पारित संकल्प दिनांक 01.02.2020 के अनुसार वृद्धि की गई है, जिसे वित्तीय वर्ष 2020-21 में लागू किया गया है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 129 (2) एवं (3) के अन्तर्गत परिषद् को करों/फीसों में वृद्धि के अधिकार हैं, जिसके तहत प्रशासक द्वारा निर्णय लिया जाकर जलदर लागत को दृष्टिगत रखते हुये वर्तमान दर राशि रूपये 200/- प्रति उपभोक्ता निर्धारित की गई। नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ द्वारा जलप्रदाय व्यवस्था पर कुल वार्षिक व्यय के आधार पर प्रति उपभोक्ता व्यय राशि रूपये 885/- की गणना की गई है। इसके पश्चात् वृद्धि की हुई दर लागू की गई है। इस प्रकार वास्तविक व्यय राशि रूपये 885/- प्रतिमाह प्रति उपभोक्ता के स्थान पर नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ द्वारा राशि रूपये 200/- प्रतिमाह किया गया है। नवीन दर पर लगभग 85 प्रतिशत उपभोक्ता, जलकर राशि जमा कर रहे हैं। जल उपभोक्‍ता प्रभार में की गई वृद्धि नियमानुसार होने से विभाग स्‍तर से कोई कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

उत्‍कृष्‍ट मार्ग की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( क्र. 441 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के नगर नरसिंहगढ़ अंतर्गत चंपी चौराहा से बैरसिया नाके तक आंतरिक शहरी मार्ग जीर्ण-शीर्ण होने से नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा उत्‍कृष्‍ट मार्ग निर्माण अंतर्गत सीसी रोड/नाली/फुटपाथ एवं विद्युतीकरण कार्य लागत राशि रूपये 671.00 लाख डी.पी.आर. तैयार कर स्‍वीकृति हेतु माननीय विभागीय मंत्री एवं वरिष्‍ठालय को प्रेषित की गई है एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी दिनांक 10 जनवरी 2020 को अपने पत्र के माध्‍यम से उक्‍त मार्ग निर्माण की स्‍वीकृति हेतु माननीय विभागीय मंत्री जी से अनुरोध किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त सड़क निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नही? यदि नहीं तो उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही किन कारणों से किस स्‍तर पर कब से लंबित है, बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन उक्‍त उत्‍कृष्‍ट मार्ग निर्माण की डी.पी.आर. अनुसार प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कार्य योजना संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकासमध्‍य प्रदेशभोपाल को प्राप्‍त नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उपभोक्ताओं को खपत से अधिक बिल दिया जाना

[ऊर्जा]

14. ( क्र. 462 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण केन्द्र ढेरा (मऊगंज) रीवा के कनेक्शन क्रमांक आई.बी.आर.एस. क्रमांक 5347111868585 पर अगस्त 2019 के बिल खपत यूनिट 4394 दर्ज कर राशि 40311 रूपये का बिल दिया गया? यदि हाँ, तो अप्रैल 2019 से जून 2019 तक तथा सितम्बर 2019 से दिसम्बर 2020 तक बिजली बिल की खपत यूनिट क्या है? विवरण बताएं तथा उक्त सभी माह की बिजली बिल की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित मीटर को मई 2017 से मार्च 2019 तक मीटर को Defective बताया गया? यदि हाँ, तो मीटर को क्यों नहीं बदला गया? (ग) क्या 2017 से मार्च 2019 तक आंकलित खपत 100 यूनिट का बिल दिया जाता रहा है और अप्रैल 2019 में मीटर रीडिंग के आधार पर बिल लिये गये तो क्या 23 माह के 2300 यूनिट को किसी माह में कटौती की गयी? यदि नहीं तो क्यों? क्या मीटर को बदल कर विद्युत कनेक्शन चालू किया जायेगा? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 104 दिनांक 06.03.20 अधीक्षण यंत्री बिजली विभाग को पत्र देकर सभी तथ्यों से अवगत कराकर कार्यवाही हेतु लिखा गया। प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही हुई बताये तथा प्रश्नांश (क) में वर्णित विद्युत उपभोक्ता का वर्तमान में बिल क्या है? बिल की प्रति उपलब्ध कराये।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विद्युत वितरण केन्द्र ढेरा (मऊगंज) जिला रीवा के अंतर्गत कनेक्शन क्रमांक आई व्ही.आर.एस. 534711-71-8-1868585 (5347111868585 नहीं) पर अगस्त 2019 में 4394 यूनिट विद्युत खपत हेतु राशि रूपये 40311/- का बिल जारी किया गया। उक्‍त विद्युत कनेक्‍शन हेतु माह अप्रैल 2019 से जून 2019 तथा सितम्बर 2019 से दिसम्बर 2020 तक जारी किये गये बिजली बिल की खपत यूनिट  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार  तथा उक्‍त प्रश्‍नाधीन माहों के बिल की छायाप्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार  है। (ख) मई 2017 से मार्च 2019 तक मीटर रीडिंग के दौरान परिसर बंद पाये जाने के कारण आंकलित बिल जारी किया गया। कनिष्‍ठ अभियंता वितरण केन्‍द्र ढेरा द्वारा उपभोक्‍ता के मीटर की जाँच करने पर मीटर सही पाया गया, इस कारण मीटर को नहीं बदला गया बल्कि मीटर को परिसर के कॉलबेल लोकेशन पर दिनांक 22.08.2019 को स्‍थापित किया गया, तत्समय मीटर रीडिंग 5143 थी। (ग) यह सही है कि जून 2017 में 73 यूनिट, जुलाई 2017 से नवम्बर 2017 तक 100 यूनिट, दिसम्बर 2017 में 120 यूनिट तथा जनवरी 2018 से मार्च 2019 तक 100 यूनिट की औसत आंकलित खपत के आधार पर बिलिंग की गई। जून 2017 से मार्च 2019 तक कुल 2193 यूनिट की औसत खपत की बिलिंग की गयी है एवं अप्रैल 2019 से मीटर की वास्तविक खपत के आधार पर बिलिंग की गयी है। तदानुसार प्रश्‍नाधीन उपभोक्‍ता के बिल में आंकलित खपत 2193 यूनिट के विरूद्ध रुपये 16228/- सीसीबी के माध्यम से माह अक्टूबर 2019 में छूट देकर देयक में समायोजन किया गया है। चूंकि उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर (क्रमांक 9901230) सही है, अतः बदलने का औचित्य नहीं है एवं बिल में आवश्यक सुधार कर पुनरीक्षित बिल जमा करने हेतु जारी किया गया है। वर्तमान में कनेक्शन चालू है। (घ) जी हाँ। उत्‍तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार जांचोपरांत माह अक्‍टूबर 2019 के विद्युत देयक में प्रश्‍नाधीन उपभोक्‍ता को आंकलित खपत 2193 यूनिट के विरूद्ध राशि रूपये 16228/- की छूट प्रदान की गई। अधीक्षण अभियंता, संचा/संधा, रीवा ने पत्र क्रमांक 7779 दिनांक 06.02.2021 द्वारा कृत कार्यवाही से माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को अवगत करा दिया है। प्रश्नांश (क) में वर्णित विद्युत उपभोक्ता द्वारा माह सितम्बर 2019 से विद्युत देयक की कोई भी राशि का भुगतान नहीं किये जाने एवं चेकिंग के दौरान परिसर का व्‍यवसायिक उपयोग पाए जाने के कारण माह जुलाई, 2018 से विद्युत के व्यवसायिक उपयोग की टैरिफ दर पर बिलिंग करने से माह दिसम्बर 2020 की स्थिति में बिल की राशि रूपये 55307/- थी, जो भुगतान योग्य है। उक्त बकाया राशि में से उपभोक्ता द्वारा माह जनवरी 2021 में रूपये 20000/- का भुगतान कर दिया गया है एवं शेष बची राशि रूपये 35307/- को किश्तों में जमा करने के लिये सहमति व्यक्त की गई है। माह दिसम्बर 2020 के विद्युत देयक की छायाप्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

मुलताई के ग्राम चिखलीखुर्द में स्‍वीकृति अनुसार नया ट्रांसफार्मर लगाया जाना

[ऊर्जा]

15. ( क्र. 507 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत ग्राम चिखलीखुर्द के पास 132 के.व्‍ही. का नया सब स्‍टेशन वर्ष 2019 में बनाया गया था? (ख) क्‍या उक्‍त स्‍थान में दिनांक 24.10.2019 को 3.15 MVA का नया ट्रांसफार्मर लगना था? यदि हाँ, तो उक्‍त स्‍थान पर नया ट्रांसफार्मर लगाया गया या पुराना स्थिति स्‍पष्‍ट करें। (ग) जो ट्रांसफार्मर लगाया गया वह सही गुणवत्‍ता का था या नहीं तथा क्‍या दिनांक 04.10.2020 से 29.10.2020 लगभग एक माह सब स्‍टेशन बंद रहा, यदि हाँ, तो क्‍यों तथा इसके क्‍या कारण है? इस स्थिति के लिये कौन उत्‍तरदायी है। (घ) सब स्‍टेशन बंद की अवधि में विद्युत सप्‍लाई कहां से की गई तथा उससे पर्याप्‍त वोल्‍टेज से सप्‍लाई किस तरह संभव हुई? यदि कम वोल्‍टेज से सप्‍लाई हुई तो किसान किस तरह से रवि फसल बो कर सिंचाई कर पाए? कम वोल्‍टेज से सप्‍लाई के संबंध में कितनी शिकायतें आई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु विधानसभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत ग्राम चिखलीखुर्द के पास 33/11 के.व्ही. का नवीन विद्युत उपकेन्‍द्र वर्ष 2019 में स्‍थापित किया गया था। (ख) उक्‍त 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र में क्षेत्रीय भण्‍डार में उपलब्‍धता अनुसार 3.15 एम.व्‍ही.ए. क्षमता का उचित गुणवत्‍ता का नया अथवा पुराना ट्रांसफार्मर लगना था, जिसके तारतम्‍य में क्षेत्रीय भंडार भोपाल में उपलब्‍ध 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का पुराना पावर ट्रांसफार्मर आहरित कर दिनांक 29.10.2019 को स्थापित किया गया। (ग) उत्‍तरांश () में वर्णित 3.15 एम.व्‍ही.ए. क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर सही गुणवत्‍ता का था। किन्‍तु यह ट्रांसफार्मर दिनांक 04.10.2020 को फेल हो गया। उक्‍त ट्रांसफार्मर से जिन क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय किया जा रहा था, वहां वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर विद्युत प्रदाय किया गया तथा उपलब्‍धता अनुसार उक्‍त ट्रांसफार्मर दिनांक 29.10.2020 को बदल दिया गया है। अत: विद्युत प्रदाय प्रभावित नहीं होने के परिप्रेक्ष्‍य में कोई उत्‍तरदायी नहीं है। (घ) उक्‍त 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र बंद रहने की अवधि में उक्‍त क्षेत्र के 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्द्र मुलताई शहर, 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्द्र सर्रा एवं 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्द्र डहुआ से वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया गया। कम वोल्टेज से सप्लाई के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

विद्युत सब स्‍टेशन की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

16. ( क्र. 515 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र मुलताई के ग्राम येनखेडा, माथनी एवं उसमे लगे हुये 20-25 गाँवों में कम विद्युत वोल्‍टेज से सप्‍लाई होने के कारण रवि सीजन की फसले किसान नहीं बो सके। (ख) क्‍या उक्‍त स्थिति को देखते हुये विद्युत विभाग ग्राम येनखेडा एवं माथनी में नया विद्युत सब स्‍टेशन स्‍थापित करेगा, जिससे लो वोल्‍टेज की समस्‍या का निदान हो सके एवं किसानों को पर्याप्‍त बिजली मिल सके जिससे इस समस्‍या का हल हो सकें। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्‍यों।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, यह सही नहीं है कि विधानसभा क्षेत्र मुलताई के ग्राम येनखेडा, माथनी एवं उसमे लगे हुये 20-25 ग्रामों में कम विद्युत वोल्टेज से सप्लाई होने के कारण रबी सीजन की फसले किसान नहीं बो सके। (ख) ग्राम येनखेड़ा में 11 के.व्‍ही. कृषि फीडर खेडीकोर्ट से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिस पर वोल्‍टेज रेग्‍युलेशन 5.45 प्रतिशत है जो कि निर्धारित मानकों के अनुसार है। ग्राम माथनी को 11 के.व्‍ही. कृषि फीडर सेन्‍द्रया तथा 11 के.व्‍ही. कृषि फीडर खडकवार से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा उक्‍त फीडरों पर वोल्‍टेज रेग्‍युलेशन क्रमश: 6.37 प्रतिशत एवं 2.39 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में ग्राम येनखेड़ा एवं ग्राम माथनी में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित करना तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं है।

जिला राजगढ़ अन्‍तर्गत नवीन सब स्‍टेशन की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

17. ( क्र. 601 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युत भार अधिक होने के कारण किन-किन ग्रामों में नवीन सब स्‍टेशन निर्माण की मांग जनप्रतिनिधि द्वारा की गयी है? उन ग्रामों के नाम तथा निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान कब तक कर दी जावेगी? (ख) क्‍या नगर पचोर के ग्राम बीलापुरा सब स्‍टेशन एवं पानिया सब स्‍टेशन में अतिरिक्‍त 5 MVA का पावर ट्रांसमिशन प्रस्‍ताव मुख्‍य महाप्रबंधक, म.प्र. म.क्षे.वि.वि.क.लि. को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ तो, उक्‍त कार्यों की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा ग्राम मगराना एवं ग्राम खजुरिया घाटा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों के निर्माण की मांग की गई है। उल्‍लेखनीय है कि ग्राम मगराना एवं ग्राम खजुरिया घाटा तथा इन ग्रामों के आसपास के क्षेत्र को क्रमश: पूर्व से विद्यमान 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र मऊ एवं पाडल्‍यामाता से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। पूर्व से विद्यमान उक्‍त 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों से संबंद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप है तथा इन विद्युत उपकेन्‍द्रों से भार प्रबंधन की कोई समस्‍या नहीं है। अत: प्रश्‍नाधीन ग्रामों में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।  (ख) जी हाँ, प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विद्युत उपकेन्‍द्रों पर अतिरिक्‍त पावर ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है जिसका परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

मंदसौर जिले अन्‍तर्गत 5 वर्षों में निर्मित अवैध कालोनियाँ

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 662 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मंदसौर अन्‍तर्गत  दिनांक 1 जनवरी 2015 के पश्चात कितनी नगर निगम, नगर पालिकाओ, नगर परिषद् में अवैध कालोनियों को किस-किस नियम के तहत वैध किया गया? (ख) उक्त जिले की नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर परिषद् में उक्त अवधि के पश्चात कुल कितनी अवैध कालोनियाँ किस-किस व्यक्ति,फर्म ने कहाँ-कहाँ बनाई, न.पा अधिकारियों की जाँच के दौरान इनकी विभिन्न आवश्यक अनुमतिया किस-किस कार्यालय ने किस-किस नियमों के अंतर्गत दी? उक्त अवधि में उक्त जिले में कितनी नगरपालिकाओं, नगर निगमों में कितने आवेदन किस-किस कालोनियों के वैधता हेतु लंबित है लंबित प्रकरणों की कारण सहित जानकारी देवें? (ग) क्या उक्त अवधि में अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए शासन स्तर पर कोई नवीन नीति तैयार की गयी है? यदि हाँ, तो अवगत करायें। (घ) उक्त जिले में अवैध कालोनियों के निर्माण करने वाले कितने कॉलोनाईजर के खिलाफ कब-कब,किस-किस सक्षम अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की, कितनो की सम्पत्ति जब्त या नीलाम कर कालोनी में निवासरत नागरिको को सुविधाएं प्रदान की गयी? क्या सक्षम अधिकारियों द्वारा कॉलोनाईजर के खिलाफ कार्यवाही सिर्फ दिखावे के लिए की गयी कार्यवाही उपरांत भी किसी भी कॉलोनाईजर ने रहवासियों को कोई सुवधाए नहीं दी? नहीं तो कार्यवाही उपरांत कालोनियों में नागरिकों को कौन-कौन सी सुविधाएं दी गयी? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 01 जनवरी 2015 के पश्‍चात मंदसौर जिले में किसी भी नगरीय निकाय में अवैध कालोनियों को वैध नहीं किए जाने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। जी नहीं, अवैध कालोनी बनाने वाले व्‍यक्तियों के खिलाफ दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करने के प्रावधान है, सक्षम प्राधिकारी द्वारा अवैध कालोनी के कालोनाईजर के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तेरह"

सामान्‍य निर्वाचन शाखा सतना का ऑडिट

[विधि और विधायी कार्य]

19. ( क्र. 685 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 एवं 2018 में सम्‍पन्‍न हुए विधान सभा निर्वाचन एवं 2014 तथा 2019 में सम्‍पन्‍न हुये लोक सभा निर्वाचन में सतना जिले में किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई एवं कितनी राशि खर्च की गई? मदवार आय-व्‍यय का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या            आय-व्‍यय लेखे की ऑडिट कराई गई? यदि हाँ, तो किस विभाग द्वारा करायी गई? साथ ही यदि ऑडिट टीम द्वारा कोई आपत्‍ति‍ की गई हो तो उसकी जानकारी भी बतायें एवं उन आपत्तियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या ऑडिट टीम द्वारा किसी कर्मचारी को दोषी बनाया गया है? यदि हाँ, तो उस कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2013 एवं 2018 में संपन्‍न हुए विधानसभा निर्वाचन एवं 2014 तथा 2019 में संपन्‍न हुए लोकसभा निर्वाचन में सतना जिले में किन-किन मदों में            कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई एवं कितनी राशि खर्च की गई, की जानकारी मदवार  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हां, महालेखाकार, ग्‍वालियर द्वारा अवधि सितम्‍बर, 2019 तक के जिला निर्वाचन कार्यालय, सतना के लेखाओं का‍ निरीक्षण किया गया है। ऑडिट टीम द्वारा की गई आपत्ति एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) ऑडिट टीम द्वारा किसी भी कर्मचारी को व्‍यक्तिश: दोषी नहीं पाया गया है। अत: कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

डकैतों द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता

[गृह]

20. ( क्र. 690 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2004 से प्रश्‍न दिनांक तक डकैतों द्वारा किन-किन नागरिकों की हत्‍या की गई, विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में डकैतों द्वारा मारे गए नागरिकों के परिजनों में शासन द्वारा क्‍या-क्‍या सहायत दी गई, क्‍या कोई मुआवजा भी दिया गया, यदि हां, तो विवरण दें, यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या यह सही है कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गए डकैतों के परिजनों को शासन की तरफ से मुआवजा राशि दी गई? यदि हां, तो विवरण दें। (घ) यदि पुलिस मुठभेड़ में मारे गए डकैतों के परिजन शासन द्वारा मुआवजा राशि पाने के हकदार हो सकते है तो डकैतों द्वारा मारे गए निर्दोष नागरिकों के परिजनों को मुआवजा न मिलना क्‍या शासन की घोर लापरवाही व असं‍वेदनशीलता नहीं है? क्‍या शासन अपनी इस भूल को सुधारने का प्रयास करेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

पाईप लाईन की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( क्र. 714 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर की सीमा से लगे हुए व नगर निगम सीमा में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र में बन रही नई बस्तियों के लिए पेयजल की क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है? यदि हैण्‍डपंप, पाईप-लाईन की व्‍यवस्‍था है तो दिनांक 01.04.2019 से कितने हैण्‍डपंप किन-किन स्‍थानों पर लगाये गये हैं एवं कितनी पाईप-लाईन किन-किन स्‍थानों पर बिछाई गई है? नाम सहित बतायें। (ख) भोपाल शहर की सीमा से लगे हुए व नगर निगम सीमा में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र में बन रही नई बस्तियों के लिए पेयजल हेतु नये श्रोत खोजने या निर्माण करने की कोई योजना है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) भोपाल शहर के कोलार रोड स्थित गरीब नगर के समीप पटेल कॉलोनी में पेयजल की क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है और यदि नहीं तो क्‍यों? सूरज नगर, सेवनिया गौड, बरखेड़ी कला, बरखेड़ी खुर्द, गोरागांव जिनकी जनसंख्‍या भी लगभग 50 हजार है क्‍यों? इन ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की शासन द्वारा क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है और यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) भविष्‍य में राज्‍य तथा क्रेन्‍द्र शासन द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली योजनओं के माध्‍यम से इन क्षेत्रों की जलप्रदाय व्‍यवस्‍था को ओर भी सुदढ़ तथा विस्‍तारित किया जा सकेगा। नगर निगम भोपाल द्वारा वर्तमान में नर्मदा नदी, कोलार बांध, बड़ा तालाब तथा केरवा बांध के माध्‍यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। इन चारों स्‍त्रातों में आगामी 10 वर्षों तक भोपाल शहर की पेयजल की मांग की पूर्ति हेतु पर्याप्‍त मात्रा में जल उपलब्‍ध है। (ग) भोपाल शहर के कोलार रोड स्थित गरीब नगर के समीप पटेल कॉलोनी नवीन कॉलोनी है। यह नगर निगम भोपाल को हस्‍तांतरित नहीं है। सूरज नगर, सेवनिया गौड, बरेखडीकला एवं गोरागांव में पाईप लाईन के माध्‍यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त भी टैंकरों एवं नलकूपों से जलप्रदाय किया जा रहा है।

परिशिष्ट - "चौदह"

नवीन पुलिस चौकी/थाने की स्‍थापना

[गृह]

22. ( क्र. 719 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक ने राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकी चाटुखेड़ा व होड़ा की माता जी तथा नवीन थाना सेमलापुरा जोड़ खाजला पर प्रारंभ करने बाबत् पत्र मा.गृह मंत्री को प्रेषित किया था? हाँ, तो उक्‍त पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या पत्राचार हुआ? (ख) क्‍या शासन नवीन पुलिस चौकी एवं थाना प्रारंभ करने बाबत् विचार करेगा? नवीन पुलिस चौकी एवं थाना कब तक प्रारंभ हो जावेगा? नहीं तो क्‍यों नहीं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नवीन पुलिस चौकी चाटुखेड़ा प्रारम्भ करने का प्रस्ताव परीक्षणोपरान्त निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप पाए जाने पर आगामी चरण में शामिल किया गया। होड़ा की माता जी में नवीन पुलिस चौकी स्थापित करने एवं नवीन थाना सेमलापुरा जोड़ खाजला पर प्रारम्भ करने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किया गया। (ख) नवीन पुलिस चौकी चाटुखेड़ा प्रारंभ करने की प्रक्रिया विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विधायक निधि के लंबित कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( क्र. 810 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कुक्षी नगर परिषद् में दी गई विधायक निधि की राशि का उपयोग नहीं करने का क्‍या कारण है? (ख) किस नियम के तहत विधायक निधि के दिये कार्य को लंबित किया जा रहा है? इसे लंबित रखने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। (ग) कब तक इस कार्य को प्रारंभ कर पूर्ण करवाया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार उत्‍तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद् कुक्षी को 02 कार्यों हेतु विधायक निधि की राशि प्रदान की गई थी जिसमें से बोहरा कब्रिस्‍तान में भूमि समतलीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं बोहरा कब्रिस्‍तान में टीन शेड निर्माण के स्‍थल का चयन न होने के कारण राशि का उपयोग नहीं किया गया है। (ख) विधायक निधि के कार्यों को लंबित रखे जाने के कोई नियम प्रचलित नहीं है। उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दाउदी बोहरा जमात कुक्षी के द्वारा भूमि के चयन उपरांत टीन शेड निर्माण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राज्‍य पात्रता परीक्षा 2016 में आरक्षण का पालन

[उच्च शिक्षा]

24. ( क्र. 813 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्‍य पात्रता परीक्षा 2016 (सहायक प्राध्‍यापक के भर्ती हेतु पात्रता परीक्षा) म.प्र. सेट-2016 के विज्ञापन क्रमांक 08/परीक्षा/2016 दिनांक 13/12/2016 के परिणाम घोषित करते समय अनुसूचित जनजाति के लिये 20 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान का पालन किया है? (ख) उक्‍त परीक्षा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्‍यर्थी 20 प्रतिशत आरक्षण के स्‍थान पर 7.5 प्रतिशत अभ्‍यर्थी ही पात्र किये गये? ऐसा किस नियम एवं कानून के प्रावधान के तहत किया गया है? उक्‍त नियम एवं कानून के प्रावधानों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा उक्‍त राज्‍य पात्रता परीक्षा 2016 में म.प्र. आरक्षण नीति 1994 के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग के 15 प्रतिशत एवं अन्‍य पिछड़ा वर्ग के 14 प्रतिशत अभ्‍यर्थियों को पात्र किया गया, लेकिन अनुसूचित जनजाति के 20 प्रतिशत स्‍थान पर 7.5 प्रतिशत अभ्‍यर्थी को ही पात्र किया गया है जिसके कारण सहायक प्राध्‍यापक परीक्षा-2017 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये रिक्‍त 991 पदों में से 436 पदों पर भर्ती की गई तथा 555 पद रिक्‍त रखे गये है? इसके लिए कौन सक्षम अधिकारी उत्‍तरदायी है तथा उसके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की जाएगी? (घ) क्‍या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्‍य पात्रता परीक्षा 2016 में म.प्र. आरक्षण नीति 1994 के अनुसार अजजा के लिये आरक्षण 20 प्रतिशत प्रावधान अनुसार (20-7.5=12.5%) पुन: परिणाम घोषित किया जाएगा? यदि हाँ, तो अजजा के सहायक प्राध्‍यापक परीक्षा-2017 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 555 रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु संशोधित परिणाम कब तक घोषित किया जाएगा? उक्‍त पात्रता परीक्षा 2016 में भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 15 (4), 15 (5), 16 (4) एवं 16 (4क) में प्रदत्‍त प्रावधानों का स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन है? इसके लिए कौन सक्षम अधिकारी एवं कर्मचारी उत्‍तरदायी है तथा उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की जाएगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

संचालित विधि महाविद्यालयों की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

25. ( क्र. 814 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में वर्तमान में किन-किन जिलों में शासकीय/निजी विधि महाविद्यालय संचालित है? (ख) मध्‍यप्रदेश में 2010-11 के बाद किन-किन जिलो में पूर्व में संचालित शासकीय विधि महाविद्यालय बंद किए गये है। इसके पीछे क्‍या कारण रहे है? (ग) क्‍या मध्‍यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्‍य जिलों धार, बड़वानी, झाबुआ एवं अलीराजपुर, शहडोल, डिण्‍डोरी, अनुपपुर, बुरहानुपर, हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, उमरिया एवं सीधी में शासकीय विधि महाविद्यालय पूर्व में संचालित थे? यदि हाँ तो उक्‍त शासकीय विधि महाविद्यालयों का संचालन क्‍यों बंद किया गया? इसके पीछे क्या कारण है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) जिलों में सत्र 2021-22 में पुन: विधि महाविद्यालय भविष्‍य में खुलने की संभावना है? यदि नहीं तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश के 13 जिलों में 13 शासकीय विधि महाविद्यालय एवं 10 जिलों में 12 अशासकीय विधि महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में 20 शासकीय विधि महाविद्यालय बार कांउसिल ऑफ इंण्डिया की अनिवार्य अर्हता पूर्ण न करने के कारण बन्द हैं। जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिन शासकीय महाविद्यालयों में विधि विषय संकाय के रूप में संचालित थे, बार काउंसिल ऑफ इंण्डिया की अर्हता पूर्ण न होने के कारण उनमें विधि विषय बन्द किया गया है। (घ) प्रश्नांश () के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

विधानसभा क्षेत्र पनागर बरेला नगर में प्रदूषित जल प्रदाय

[नगरीय विकास एवं आवास]

26. ( क्र. 837 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नगर परिषद् बरेला के 15 वार्डों में किन-किन स्थानों से किन-किन विधियों से जल प्रदाय किया जाता है और किस विधि से शुद्ध किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) जल प्रदाय योजना कितने किलोमीटर दूर के किस स्थान से की जाती है और किस स्थान पर फिल्ट्रेशन प्लांट लगाया गया है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) के जिस जलस्त्रोत से जल प्रदाय किया जा रहा है, वह अविरल प्रवाह स्त्रोत नहीं है सामयिक है तथा अनेक स्थानों में खंडित व अवरूद्ध है, जिससे उसमे घनी चोई और भीषण घने जलीय खरपतवार होने से जलीय जीव-जन्तु व कीड़े मकोड़े उत्पन्न होने एवं पशु पक्षी भी मृत्य पायें जाते हैं, जिससे उसका जल कदाचित भी सीधे पेय योग्‍य नहीं हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) जल उपभोक्ताओं में दांत, हड्डी, कमजोरी, घेंघा रोग, विकलांगता तथा अनेक वायरस अन्य गंभीर रोग पाये जाते हैं और वह किन जल स्त्रोतों के कारण है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। नगर परिषद् बरेला के 15 वार्डों में गौर नदी का जल, एलम एवं चूना से उपचार करने के पश्‍चात रैपिड सेंड फिल्‍टर से शुद्धीकरण किया जाता है तथा ट्यूबवेल बोर का जल क्‍लोरीनेशन के द्वारा शुद्ध किया जाता है। (ख) जल प्रदाय लगभग 5 किलो मीटर दूर स्थित कोसमघाट (गौर नदी) से की जाती है एवं फिल्ट्रेशन प्लांट वार्ड क्रमांक 15 में कैनाल के समीप लगाया गया है। (ग) जी नहीं, ग्रीष्‍मकाल सहित लगभग 6 माह को छोड़कर शेष 6 माह गौर नदी प्राकृतिक अविरल जल स्‍त्रोत है तथा तत्‍समय ही निकाय द्वारा उक्‍त जल स्‍त्रोत का पानी उपयोग में‍ लिया जाता है। शेष समय फिल्‍टर प्‍लांट के निकट स्थित जल संसाधन विभाग की नहर से जल लिया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सोलह"

बरेला नगर परिषद् के समस्त वार्डों के प्रदूषित जल

[नगरीय विकास एवं आवास]

27. ( क्र. 838 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत बरेला नगर परिषद् के समस्त वार्डों में उपलब्ध जल स्त्रोतों के उपयोग के कारण उपभोक्ताओं में अनेक रोग एवं वायरस जन्य गंभीर रोग व्याप्त हैं? (ख) यदि हाँ तो किन जल स्त्रोतों के उपयोग के कारण हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आयुर्विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के चिकित्सा विशेषयज्ञों से प्रश्नांश (क) के अंतर्गत उपभोक्ताओं का स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण कराया गया है? (घ) यदि हाँ तो परीक्षण में क्या पाया गया है. यदि परीक्षण नहीं कराया है तो प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कब कराया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) शिविर की सहमति प्राप्‍त होने के उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी।

आर.ओ. वाटर सप्लाई कम्पनी संचालक व निर्माण एजेंसी का कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

28. ( क्र. 857 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में भिण्ड शहर में आर.ओ. वाटर सप्लाई पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य किस कम्पनी को आवंटित किया गया है? कम्पनी का नाम, कम्पनी संचालक का नाम एवं कार्यादेश कब जारी किया गया? तथा कार्य की लागत क्या है? बताएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्य हेतु कोई कंसलटेंसी नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो कंसलटेंसी का नाम, संचालक का नाम बताएं एवं क्या निर्माण एजेंसी एवं कंसलटेंसी एक ही कम्पनी के अंग हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स्थानीय नगरपालिका को उक्त कार्य की निगरानी भुगतान आदि के अधिकार हैं? यदि नहीं तो क्यों? स्पष्ट विवरण देवें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु पेयजल योजना अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये, जलप्रदाय योजना, भिण्ड का कार्य मेसर्स टाटा प्रोजेक्‍टस लिमिटेड, गियोना टावर्स -1. 1 7 80 से 87, प्रेण्डरधारट रोड, सिकंदराबाद (तेलंगाना) 500003 को आवंटित किया गया है। जिसके संचालक श्री विनायक देशपाण्डेय है, उक्‍त कार्य के लिये कार्यादेश दिनांक 01.09.2018 को जारी किया गया है एवं कार्य की लागत राशि रू. 197,17,86,000/- है।             (ख) जी हाँ। उक्त कार्य हेतु मेसर्स टाटा कंसलटिंग इंजीनियर्स लिमिटेड, नियुक्त की है, जिसके संचालक श्री जी.एन. भीरूपक्ष है। निर्माण एजेंसी एवं कंसलटेंसी एक ही कंपनी के अंग नहीं है।  (ग) राज्य शासन, एम.पी.यू.डी.सी. एवं नगर पालिका के मध्य निष्पादित त्रिपक्षीय अनुबंध के अनुसार नगर पालिका को योजना के अंतर्गत विभिन्‍न अव्‍यवों के निर्माण हेतु निर्माण स्थल उपलब्ध कराने, विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर अनुमतियां प्राप्त करने एवं योजना के संचालन एवं संधारण हेतु निर्धारित दायित्वों के अनुसार कार्यवाही करने के साथ-साथ अन्य दायित्व भी सौंपे गये है। त्रिपक्षीय अनुबंध के अनुसार योजना की समय-समय पर समीक्षा, निगरानी आदि करने के अधिकार योजना क्रियान्वयन दल (पी.आई.टी) के सदस्य के रूप में नगर परिषद् को प्राप्त है। शासन द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार योजना के क्रियान्वयन एवं भुगतान के अधिकार म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट को प्रत्यायोजित किये गये हैं।

भूमिगत नाला एवं सी.सी. रोड निर्माण की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 862 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम मुरैना में नाला नंबर 1 पर गणेशपुरा-ईदगाह से लेकर अम्‍बाह बायपास रोड तक घटिया निर्माण कार्य की जाँच करके दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु आयुक्‍त, नगर निगम मुरैना को पत्र क्रमांक 39, दिनांक 17.12.2020 कलेक्‍टर मुरैना को पत्र क्रमांक 38, दिनांक 17.12.2020 तथा प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 126 दिनांक 21.01.2021 दिया गया, तथा की गई कार्यवाही से अवगत कराने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक भूमिगत नाला घटिया निर्माण एवं गुणवत्‍ता विहीन सी.सी. रोड निर्माण कार्य की जाँच करके अवगत क्‍यों नहीं कराया गया? बतायें। (ख) क्‍या पाईप लाईन डालने के बाद नाले की खोदाईयां निकाली गई मिट्टी एवं कचरे से ही नाले का भराव कराया गया तथा स्‍लेक्टिव सोईल से भराव नहीं किया गया तथा ठेकेदार द्वारा चेम्‍बरों की चिनाई में पत्‍थर की डस्‍ट, रेत, चूरा की बनी हुई कच्‍ची ईटों का प्रयोग कर सही मसाला भी नहीं लगाया गया? यदि हाँ या नहीं तो क्‍या इसकी जाँच कराई जायेगी? (ग) क्‍या नाला नंबर 01 पर गणेशपुरा-ईदगाह से एन.एस. रोड तक बनायी गयी सी.सी. रोड़ कई स्‍थानों पर अभी से उखड़ने लगी है, नोडल एजेंसी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण नहीं किया गया, जिसके कारण भूमिगत नाला निर्माण एवं सी.सी. रोड़ निर्माण बहुत ही गुणवत्‍ताविहीन एवं स्‍टीमेंट अनुसार नहीं किया गया? यदि हाँ या नहीं तो क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्‍त कार्यवाही की जावेगी? बतायें। (घ) क्‍या नाला नं. 01 पर ही माधोपुरा की पुलिया से लेकर थोक सब्‍जी मण्‍डी के आगे तक मेन रोड पर नाले की खुदाई की मिट्टी पसरी पड़ी है एवं रोड में गहरे गड्ढे हो रहे है जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है तथा सड़क निर्माण कार्य बंद है? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण कार्य कब तक चालू करके पूर्ण कराया जायेगा? भूमिगत नाला एवं सी.सी. रोड़ निर्माण की तकनीकी व प्रशासकीय स्‍वीकृति कितनी-कितनी राशि की है एवं स्‍टीमेंट की कॉपी उपलब्‍ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। भूमिगत नाला निर्माण एवं सी. सी. रोड़ निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता की जाँच हेतु समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही कर अवगत कराया जा सकेगा।            (घ) जी नहीं, मेन रोड़ पर नाले की खुदाई की मिट्टी नहीं पड़ी है, रोड़ में गहरे गड्ढे भी नहीं हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हो, सड़क निर्माण कार्य प्रगतिरत है, कार्य दिनांक 30.04.2021 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। भूमिगत नाला एवं सी.सी. रोड़ निर्माण कार्य की तकनीकी व प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि रू. 21.12 करोड़ की है, स्‍टीमेट की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

विद्युत प्रवाह चालू कराने हेतु दिए गए पत्र पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

30. ( क्र. 867 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1607 दिनाँक 23/10/2019 पत्र क्रमांक 1971 दिनाँक 6/3/2020, पत्र क्रमांक 2002 दिनाँक 26/05/2020, पत्र क्रमांक 3006 दिनाँक 23/07/2020, पत्र क्रमांक 3092 दिनाँक 6/10/2020 एवं पत्र क्रमांक 3093 दिनाँक 6/10/2020 एवं पत्र क्रमांक 4005 दिनाँक 13/10/2020 के माध्‍यम से बैहर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य, उच्‍च दाब के ट्रान्‍सफार्मर लगाने, 11 वी के.वी. तार को अन्‍यत्र हटाने एवं दूरस्‍थ ग्रामीण अंचलों में बंद विद्युत प्रवाह को चालू करवाने हेतु पत्र व्‍यवहार किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्‍येक पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई, पत्रवार अवगत करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो किन कारणों से नहीं की गई? (ग) उक्‍त समस्‍त पत्रों पर, जिन पर कार्य अपूर्ण है विभाग कब तक कार्य पूर्ण करायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन प्राप्‍त पत्रों पर की गई कार्यवाही की पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार  है। प्रश्‍नाधीन समस्‍त पत्रों पर कार्यवाही कर माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। (ग) प्रश्‍नांश () में उल्‍लेखित पत्र क्रमांक 1607 दिनांक 23.10.2019 एवं पत्र क्रमांक 1971 दिनांक 06.03.2020 में उल्‍लेखित ग्राम सिंघनपुरी के गोंडीटोला बस्‍ती में लाईन विस्‍थापन का कार्य नियमानुसार जमा योजना में राज्‍य शासन के विकास कार्य वाले विभाग/सांसद नि‍धि/विधायक निधि/ग्राम पंचायत अथवा उपभोक्‍ताओं द्वारा लाईन विस्‍थापन कार्य हेतु आवश्‍यक राशि जमा कराने के उपरांत किया जा सकेगा। पत्र क्रमांक 3006 दिनांक 23.07.2020 एवं पत्र क्रमांक 4005 दिनांक 13.10.2020 में उल्‍लेखित ग्राम पंचायत जानपुर के अन्‍तर्गत पंडियाटोला में वोल्‍टेज समस्‍या के निराकरण हेतु विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य आगामी वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में किये जाने के लिये कार्य योजना में प्रस्‍तावित किया गया है जिसे वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता के अनुसार पूर्ण किये जाने का निर्णय लिया जाना है। प्रश्‍नाधीन शेष पत्रों में उल्‍लेखित कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन शेष कार्य पूर्ण किये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है।

विधान परिषद् का गठन

[संसदीय कार्य]

31. ( क्र. 882 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश राज्य में विधान परिषद् के भवन का निर्माण हो चुका है? विधान परिषद् का गठन कब तक होगा? (ख) क्या प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने विधान परिषद् गठन की प्रक्रिया शुरू की थी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्‍यप्रदेश विधान सभा भवन में विधान परिषद् के लिए सभावेश्‍म उपलब्‍ध है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) विधान परिषद् के गठन संबंधी प्रक्रिया का परीक्षण किया गया था। गठन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई थी।

बी.एल.सी. योजना का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

32. ( क्र. 891 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में जब से बी.एल.सी. योजना लागू हुई है, तब से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों के आवेदन प्राप्त हुये तथा कितनों की डी.पी.आर. स्वीकृत कर इस योजना का लाभ दिया गया है? (ख) कितने हितग्राहियों की सभी किस्तों का भुगतान कर दिया गया है? तथा कितने हितग्राहियों की किस्ते कौन-कौन सी लंबित है? लंबित किस्तों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्न दिनांक तक योजनांतर्गत कितने आवेदन लंबित है? लंबित आवेदनों पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? इन्हें कब तक स्वीकृति प्रदान कर भुगतान कराया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सागर में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 17883 आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें 11883 हितग्राहियों की 06 डी.पी.आर. में स्‍वीकृति दी गई। 11224 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। (ख) योजना में 5175 हितग्राहियों के सभी किश्तों का भुगतान किया जा चुका है। शेष किश्तों की जानकारी निम्नानुसार है-

किश्‍त विवरण

भुगतान किये गये              हितग्राहियों की संख्या

भुगतान हेतु शेष                 हितग्राहियों की संख्या

प्रथम किश्त

7100

4124

द्वितीय किश्त

5447

5777

तृतीय किश्त

5175

6049

लंबित किश्तों का भुगतान भारत सरकार से प्राप्त होने पर भवनों की भौतिक प्रगति के आधार पर किया जा सकता है। (ग) प्रश्न दिनांक तक योजनान्तर्गत बीएलसी घटक लाभ हेतु निकाय के पास 6000 हितग्राहियों के आवेदन लंबित है जिनका परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन की कार्यवाही प्रचलित है। स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

33. ( क्र. 892 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ एवं कितने आवास निर्माण कार्य चल रहे है तथा इनका निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित आवासों की समय-सीमा बीत जाने के बाद कार्य पूर्ण नहीं हो पाये है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा कब तक पूर्ण करा दिये जायेगे? (ग) योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों के आवास हेतु आवेदन प्राप्त हुये है, इनमें से कितनें हितग्राहियों को आवास सौंप दिये गये है तथा कितने शेष है? शेष को कब तक आवास सौंप दिये जायेगे? (घ) इस योजनांतर्गत अगले चरण में कितने आवासों का निर्माण कराया जाना है? इस हेतु वर्तमान में क्या प्रक्रिया प्रचलन में है तथा कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक अन्तर्गत ग्राम कनेरादेव में 1260 एवं ग्राम मेनपानी में 504 आवासों का निर्माण कार्य किया जा रहा है इन आवासों के निर्माण कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा ग्राम कनेरादेव साईट पर एल.ओ.ए. दिनांक 24-10-2016 तथा मेनपानी साईट पर एल.ओ.ए. दिनांक 15-12-2016 से 18 माह थी। (ख) जी हाँ। योजना में हितग्राहियों का अंशदान प्राप्त नहीं होने, बैंकों से हितग्राहियों को ऋण नहीं मिल पाने एवं क्रास-सब्सिडी की राशि उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण कठिनाई आ रही है। माह दिसम्बर 2021 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। (ग) कुल 2004 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये है इनमें से 12 हितग्राहियों को आवास सौंप दिये गये है। 1992 हितग्राही शेष है। शेष हितग्राहियों से अशंदान की राशि प्राप्त होने पर उन्हें आवास आवंटित कर दिये जायेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) इस योजना अन्तर्गत अगले चरण में आवासों का निर्माण कराया जाना अभी प्रस्तावित नहीं हे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

मन्दसौर गोलीकाण्ड का आयोग की रिर्पोट पटल पर रखी जाना

[गृह]

34. ( क्र. 908 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 226 दिनांक 21.09.2020 के खण्ड (क) के उत्तर में पूछी गई अन्तिम जाँच प्रतिवेदन कि दिनांक क्यों नहीं बताई गई उस के लि‍ए कौन जिम्मेदार है। दिनांक बतावें। प्रकियाधीन कार्यवाही की बिन्दुवार दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 226 दिनांक 21.09.2020 के खण्ड  (ख) तथा  (घ) का उत्तर नहीं दिया गया स्पष्ट उत्तर दिलाए तथा खण्ड (ग) की संकलि‍त जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 33 दिनांक 21.09.2020 में पूछे गये और मांगी गई जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई जबकि आयोग की जाँच प्रक्रिया 2.5 वर्ष पहले पूर्ण होकर शासन को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है। किस नियम के तहत जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रश्न नहीं दिया गया उसका उल्लेख करे एवं प्रश्न का उत्तर नहीं दिया गया उसका उल्लेख करें एवं प्रश्न का उत्तर दिलाए। (घ) जून 2017 किसान आन्दोलन के दौरान 08 जून 2017 को दलोदा, मन्दसौर में धनश्याम धाकड को पुलिस द्वारा पीट-पीट कर मार दिये जाने की जिला प्रशासन द्वारा जाँच प्रक्रिया किस दिनांक को पूर्ण कि गई अन्तिम प्रतिवेदन कि प्रति देवें तथा बतावें की जाँच में क्या पाया गया।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) न्‍यायिक जैन जाँच आयोग का प्रतिवेदन दिनांक 14.06.2018 को विभाग में प्राप्‍त हुआ, जिस पर वर्तमान में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ, एसटीएफ म.प्र. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित 197 आवेदन पत्रों की जाँच की जा रही है। एसटीएफ द्वारा की जा रही 197 लंबित शिकायतों की जाँच में 13 आपराधिक प्रकरण तथा 03 अपराध अन्य जानकारियों पर से, कुल 16 अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में है एवं 70 शिकायतें नस्तीबद्ध की जा चुकी है। शेष 127 शिकायतों की जाँच प्रचलन में है। जिलों में भेजे गए 530 आवेदन पत्रों में से 219 शिकायत पत्र नस्तीबद्ध किए गए तथा 02 शिकायतों में जाँच उपरांत अपराध दर्ज किए गए है। इस प्रकार कुल 221 शिकायत पत्र निराकृत किए जा चुके है। शेष 309 शिकायतों में जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक-33 का उत्‍तर  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(घ) स्‍व. घनश्याम धाकड नि. बड़वन की मृत्यु के संबंध में मजिस्ट्रियील जाँच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखण्ड मंदसौर द्वारा की जा रही है।

पुलिस थाना सैलाना द्वारा दबाव में कार्यवाही की जाना

[गृह]

35. ( क्र. 909 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) पुलिस थाना सैलाना में लगे सी.सी.टी.वी. के 14.11.2020 की रात्री 11.00 बजे से सुबह 11.00 बजे तक की फुटेज उपलब्ध कराई जाए इसी अवधि के रोजनामचे की प्रति तथा थाने की जीप की लॉकबुक की प्रति देवें। (ख) क्या यह सही है कि विपुल प्रजापति तथा सोनु प्रजापति के साथ महेन्द्र गुर्जर तथा साथियों ने मारपीट की तथा रात्रि 14.11.2020 की रात्रि 10.40 मि‍नट को घटना पर प्रकरण दर्ज करने की स्थान पर रात्रि 01.00 बजे धारा 155 के तहत एन.सी.आर. रिर्पोट बना दी गई. दोनों का मेडिकल तत्काल नहीं करवाया यदि हाँ, तो कारण बतावें तथा बतावें की इनके खिलाफ विभिन्न धारा में प्रकरण क्यों दर्ज किया गया। (ग) क्या अपराध क्रमांक 284/2020 दिनांक 14.11.2020 धारा 30,324 तथा 34 में प्रकरण दर्ज किया गया था तथा 15.11.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों में इन्हीं धाराओं  उल्लेख यदि हाँ, तो बतावें की 20.11.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों में धारा 307 किस आधार पर बढ़ाई गई. इस सम्बन्ध में नोटशीट एवं रोजनामचे की प्रति देवें। (घ) प्रकरण क्रमांक 284/2020 की एफ.आई.आर तथा मेडिकल की रिर्पोट की प्रति देवें तथा बतावें की क्या दाई हथेली के ऊपर लगी मामूली से चोट पर 307 की धारा किस नियम से बढ़ाई गई तथा किस दिनांक को किस की अनुमति से बढ़ाई गई।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। अतः अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सकते है। (ख) दिनांक 14-15.11.2020 की रात्रि करीब 01:00 बजे थाना सैलाना पर विपुल प्रजापति उसके भाई सोनू प्रजापति के साथ उपस्थित हुआ और उसके द्वारा महेन्द्र, सागर, सिध्दार्थ व उसके साथियों के विरुद्ध गाली गुफ्तार व हाथ मुक्को से मारपीट करने की रिपोर्ट करने पर थाना सैलाना पर असंज्ञेय अपराध क्र. 422020 धारा 323,504 भादवि का पंजीबद्ध कर रात्रि में ही सोनू प्रजापति विपुल प्रजापति का तत्काल प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र सैलाना पर मेडिकल परिक्षण कराया गया था। विपुल व सोनू प्रजापति रात्री 10:40 बजे थाना सैलाना पर रिपोर्ट कराने नहीं आये थे। इसके पूर्व फरियादी विशाल द्वारा आरोपी विपुल प्रजापति, सोनू प्रजापति के विरूद्ध दिनांक 14.11.2020 के रात्रि करीब 23:10 बजे थाने में रिपोर्ट करने पर अप. क्र. 284/2020, धारा 308, 34 भादवि. का दर्ज कराया गया था। (ग) जी नहीं। दिनांक 14.11.2020 को अपराध क्रमांक 284/2020 धारा 308,34, भादवि पंजीबद्ध किया गया था, जो विवेचना पर धारा 307,34 भादवि में परिवर्तित किया गया। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, अतः अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं।

जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक में दिये गये निर्देशों का क्रियान्वयन

[ऊर्जा]

36. ( क्र. 948 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 03.12.19 को जिला स्तरीय वि़द्युत सलाहकार समिति रीवा की बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा (प्रतिनिधि कलेक्टर रीवा) द्वारा निर्देश दिया गया कि मऊगंज विद्युत वितरण केन्द्र अन्तर्गत ग्राम चौरा पहाड़ में ठेकेदार द्वारा सौभाग्य योजना अन्तर्गत कनेक्शन के नाम पर पैसा लिया गया? कनेक्शन नहीं किये जाने के बावजूद बिल दिया जाना जारी किया गया तथा गाँव के एक हिस्से में विद्युतीकरण भी नहीं किया गया, की जाँच कार्यपालन अभियंता मऊगंज जाँच करें जिसका विवरण भी कार्यवाही रजिस्टर के क्रमांक 2 पर दर्ज किया गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही रजिस्टर की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्देश के परिपालन में कोई जाँच की गयी? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें तथा शिकायत पर क्या ग्रामीणों के भी बयान लिये गये? प्रति उपलब्ध करायें तथा ठेकेदार के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गयी तथा चौरा पहाड़ के विद्युत विहीन ग्रामीणजनों को कब-तक विद्युतीकरण कर विद्युत सुविधा प्रदान कर दी जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला स्‍तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक दिनांक 03.12.2019 का कार्यवाही विवरण  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है, जिसके बिन्‍दु क्रमांक 2 पर प्रश्‍नाधीन अनियमितता की जाँच कराए जाने संबंधी आदेश का भी उल्‍लेख किया गया है। (ख) जी हाँ, उक्‍त के परिपालन में कार्यपालन अभियंता (सं/सं) मऊगंज द्वारा जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन एवं शिकायत पर ग्रामीणों के बयान की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। ग्राम चैरा पहाड़ पूर्व से ही विद्युतीकृत है एवं ग्राम में कोई भी घर विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। उक्‍त ग्राम में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत कोई भी कार्य नहीं किया गया है। ग्राम में पूर्व से विद्यमान विद्युत कनेक्‍शनों को नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।

गुमशुदा/लापता/अपहृत व्‍यक्तियों की जानकारी

[गृह]

37. ( क्र. 961 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या रैगाँव विधानसभा के ग्राम महतैन थाना सिंहपुर से 6 नवम्‍बर 2011 को रमेश देवनाथ आत्‍मज रवि देवनाथ के लापता होने की सूचना थाना सिंहपुर में दर्ज कराई गई थी, जिस पर कोई ठोस कार्यवाही न होने एवं लापता/अपहृत व्‍यक्ति की तलाश न हो पाने पर प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा अपनें पत्र क्रमांक 653 दिनांक 18/12/2020 से माननीय गृह मंत्री म.प्र. शासन को एवं पुलिस महानिदेशक भोपाल को कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया था, कार्यवाही की पूर्ण जानकारी देवें?             (ख) इसी प्रकार पूर्व में भी श्री प्रकाश बागरी आत्‍मज श्री छेदीलाल बागरी ग्राम खडौरा थाना सिंहपुर एवं रामजी बागरी/भगवानदास बागरी के लापता होने पर भी थाने में सूचना दी गई थी जिनको कि लापता हुये लगभग 20 वर्ष से अधिक का समय हो गया है किन्‍तु पुलिस द्वारा न तो कोई कार्यवाही की गई और न ही एफ.आई.आर. ही दर्ज की गई जिसके कारण लापता व्‍यक्तियों के वारिसों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हॉ/नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में पुलिस द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई पूर्ण जानकारी देवें, यह बतावें कि लापता/अपहृत हुये उक्‍त लोगों को खोजने के लिये क्‍या-क्‍या किया गया? प्रश्नांश (ख) के प्रकरणों में तत्‍समय एफ.आई.आर. दर्ज क्‍यों नहीं की गई? पूर्ण जानकारी देवें?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 07.11.2020 को फरियादी रवि देवनाथ द्वारा थाना सिंहपुर में उसके पुत्र रमेश देवनाथ के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट पर बताया गया था कि दिनांक 06.11.2020 को रात्रि करीब 10.00 बजे रमेश देवनाथ घर से मोटर सायकल लेकर निकला था। दिनांक 07.11.2020 को आवेदक के छोटे लड़के रुपेश देवनाथ ने फोन लगाया तो उसका फोन रिसीव नहीं हो रहा है, आसपास तलाश करने पर रमेश नहीं मिला। ऐसी सूचना पर थाना सिंहपुर में गुमशुदगी क्रमांक 45/2020 दर्ज की जाकर जाँच प्रारंभ की गई जाँच में की गई कार्यवाही  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं गुमशुदा की तलाश न होने पर प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 653 दिनांक 18.12.2020 पत्र का कार्यालय में आना नहीं पाया गया है। (ख) जी नहीं थाना सिंहपुर में प्रकाश बागरी आत्मज श्री छेदीलाल बागरी निवासी खडौरा एवं रामजी बागरी तनय भगवानदास बागरी के लापता होने की सूचना दर्ज होना नहीं पाई गई। (ग) प्रश्नांश (क) गुमशुदा देवनाथ के दस्तयाबी के प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  में समाहित है। गुम इंसान की जाँच की वर्तमान स्थिति में गुम इंसान रमेश देवनाथ के साथ किसी भी प्रकार के संज्ञेय अपराध घटित होने के कोई साक्ष्य अभिलेख पर नहीं आये है। गुमशुदा की दस्तयाबी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे है। बिंदु () में दिये गये गुमशुदा व्यक्तियों के गुमने की सूचनाएं थाने में दर्ज होना नहीं पाई गई।

विद्युत समस्‍या निदान हेतु 132 केव्‍ही पावर स्‍टेशन एवं उपकेन्‍द्रों का निर्माण

[ऊर्जा]

38. ( क्र. 964 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या रैगाँव विधानसभा में विद्युत आपूर्ति की समस्‍या, जले ट्रांसफार्मरों को समय पर न बदलने आदि के कारण क्षेत्र की आम जनता को भारी संकट का सामना करना पड़ा है, क्‍या विद्युत की समस्‍या को देखते हुये प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा माह जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रबंध संचालक पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि.जबलपुर एवं मुख्‍य महाप्रबंधक (कार्य) पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि.जबलपुर की प्राप्‍त पत्रों पर कार्यवाही का अनुरोध किया है? यदि हाँ, तो यह बतावें कि माह जनवरी 2019 से किये गये उक्‍त पत्राचारों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाहियाँ कब-कब की गई है जानकारी देवें यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें? (ख) क्‍या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में 132 केव्‍ही के पावर स्‍टेशन स्‍थापित करने एवं ओढकी, शिवराजपुर, मुढहा में सब स्‍टेशन बनाने से विद्युत की समस्‍या से छुटकारा मिल सकता है? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्य कब तक कराये जावेंगे? यदि नहीं तो विद्युत समस्‍या के निदान के कोई स्‍थाई समाधान न कर वैकल्पिक माध्‍यमों का प्रयोग कर कब तक क्षेत्र की आम जनता को विद्युत आपूर्ति की समस्‍या से निजाद दिलाई जावेगी, विवरण सहित पूर्ण जानकारी दें? प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार रैगाँव विधानसभा में विद्युत समस्‍या के निदान हेतु उच्‍चस्‍तरीय टीम बनाकर सर्वे कार्य कराकर कब तक 132 केव्‍ही पावर स्‍टेशन निर्माण एवं उपकेन्‍द्रों का निर्माण कराया जावेगा, यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय से प्रश्‍नाधीन क्षेत्र की विद्युत समस्‍या, 33/11 के.व्‍ही. नवीन विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना आदि विषयों पर प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रबंध संचालक एवं मुख्‍य महाप्रबंधक (कार्य), म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को पत्र प्राप्‍त हुए है, जिन पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तत्‍समय की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विद्युत की गंभीर समस्‍या नहीं है। तथापि विद्युत प्रणाली पर भार एवं भविष्‍य में होने वाली भार वृद्धि के दृष्टिगत मूल्‍यांकन कर तकनीकी एवं वित्‍तीय साध्‍यता अनुसार विद्युत अधोसंरचना विकास में कार्य किये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। इसी तारतम्‍य में रैगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 132/33 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र बनाने का प्रस्‍ताव क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्‍त किया जा रहा है। उक्‍त प्रस्‍ताव के तकनीकी परीक्षण उपरांत साध्‍य पाये जाने पर वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता अनुसार निर्माण कार्य करने हेतु निर्णय लिया जा सकेगा। वर्तमान में ग्राम ओढकी, शिवराजपुर एवं मुढहा में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों का निर्माण कार्य किया जाना तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाया गया है। तथापि भविष्‍य में भार वृद्धि की संभावना को देखते हुए रैगांव विधानसभा क्षेत्र में गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्‍य से तकनीकी रूप से साध्‍य पाये गये कार्यों यथा-11 के.व्‍ही. फीडर विभक्तिकरण, 11 के.व्‍ही. फीडर इंटरकनेक्‍शन, पॉवर ट्रांसमिशन क्षमता वृद्धि आदि को आगामी वर्ष की कार्य योजना में वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धतानुसार शामिल किये जाने हेतु निर्णय लिया जायेगा, जिसकी संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उपरोक्‍तानुसार की जा रही कार्यवाही/प्रस्‍तावित कार्यों के परिप्रेक्ष्‍य में रैगांव विधानसभा क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्‍ता में सुधार हेतु उच्‍चस्‍तरीय टीम बनाकर सर्वे कार्य कराये जाने की आवश्‍यकता नहीं है।

विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के परिनियम 28 की धारा 22 (1) के उल्‍लंघन पर कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

39. ( क्र. 983 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या निजी महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति म.प्र. विश्व विद्यालय अधिनियम 1973 के अंतर्गत परिनियम क्रमांक 28 (कॉलेज कोड) के तहत की जाती है तथा उक्त परिनियम की धारा 22 (1) में उल्लेख है कि विभिन्न वर्ग के शिक्षकों, प्राचार्य सहित का वेतन वही होगा, जो कि             समय-समय पर राज्य शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय के उस वर्ग के शिक्षकों हेतु निर्धारित किया जायेगा? (ख) क्या म.प्र. के किसी भी निजी महाविद्यालय में, संशोधित अधिनियम 2000 का 26, जिसे म.प्र. अशासकीय शिक्षण संस्था (अध्यापकों तथा अन्य कर्मचारियों के वेतन का संदाय) अधिनियम 2000 कहा गया है, जो कि 22/08/2000 से लागू है के पश्चात, शिक्षकों को शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के समकक्ष वेतन नहीं दिया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नकर्ता की जानकारी में किसी भी अशासकीय महाविद्यालय में औसतन 10000/- रूपये प्रतिमाह से अधिक वेतन नहीं दिया जाता एवं इन महाविद्यालयों की वित्‍तीय स्थिति को देखते हुए दिया भी नहीं जा सकता, तो क्या यह परिनियम 28 की धारा 22 (1) का उल्‍लंघन नहीं है? यदि है तो शासन क्या कार्यवाही करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रेरा अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध अध्यक्ष का हटाया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

40. ( क्र. 984 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रेरा म.प्र. में अध्यक्ष एवं सदस्य के निकाले जाने के पश्चात प्रोजेक्ट पंजीयन का कार्य बंद होने से प्रमोटर द्वारा प्रचार प्रसार नहीं किया जा पा रहा है ना ही बुकिंग की जा पा रही है, यदि हाँ, तो क्‍या इस स्थिति में क्या शासन रेरा एक्ट में छूट प्रदान करेगा?               (ख) 4 माह से रेरा अध्यक्ष का पद रिक्त है, रेरा एक्ट में अध्यक्ष, सदस्य की कार्य अवधि कम करने, निकाले जाने अथवा पद भरे जाने का क्या प्रावधान है? क्या शासन द्वारा अध्यक्ष, सदस्य को निकाले जाने अथवा पद भरने में अधिनियम के प्रावधानों अनुरूप कार्यवाही की गयी है?                          (ग) वर्तमान में रेरा म.प्र. में प्रोजेक्ट पंजीयन हो रहा है अथवा नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रेरा म.प्र. में अध्यक्ष एवं सदस्य के निकाले जाने के पश्चात केवल नवीन प्रोजेक्ट पंजीयन का कार्य बंद है। शासन द्वारा नये अध्यक्ष तथा सदस्य की नियुक्ति शीघ्र की जा रही हैं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रेरा अधिनियम की धारा-21, 23 एवं 26 में प्रावधान है जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार। जी हाँ।  (ग) जी नहीं।

परिशिष्ट - "सत्रह"

स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 990 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के अंतर्गत कितनी नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् हैं? सभी के नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले की किन-किन नगर पालिकाओं, नगर परिषदों में आर्थिक अनियमितताओं के कितनें प्रकरणों की जाँच चल रही हैं? जाँच दलों में कौन-कौन सदस्य हैं? जाँच कब से लंबित है? जाँच के निष्कर्ष क्या हैं? कितने लोगों पर कार्यवाही की गई है? कितनी आर्थिक वसूली की गई है? निकायानुसार जानकारी दें तथा कौन-कौन सी जांचों में निर्णय लंबित हैं तथा उक्त जांचे कब तक पूर्ण हो जावेगी? नगर पालिका/नगर परिषद् एवं नगर निगम बार जानकारी देंवे। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या नगर परिषद् लटेरी, जिला विदिशा में हुई भारी अनियमितताओं, भारी भ्रष्टाचार, अवांछित नियुक्तियों जैसी अन्य गंभीर शिकायतों की जाँच लोकायुक्त/कलेक्टर विदिशा एवं विभागीय स्तर पर की गई है? यदि हां, तो इसमें कौन-कौन दोषी पाया गया है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? दोषी पाये जाने के उपरांत भी कार्यवाही न किये जाने के पीछे कौन दोषी है? नाम बतावें। यदि कुछ जाँच अभी भी अधूरी हैं तो जाँच पूरी कर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी? (घ) क्या नगर पंचायत लटेरी के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा लोकायुक्त की जाँच की कार्यवाही के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर से स्थगन लिया है? यदि हां, तो स्थगन की छायाप्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं, तो विभाग द्वारा अभी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? तथा विभाग द्वारा स्थगन आदेश के विरूद्ध क्या पक्ष रखा गया? कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।  (ग) जी हाँ। दोषियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। स्‍थगन एवं मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी, लटेरी द्वारा प्रस्‍तुत जवाब दावा (पक्ष) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

हत्‍या, अपहरण, बलात्‍कार, लूट, डकैती एवं चोरी के प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

42. ( क्र. 993 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) गवालियर जिले में किन-किन व्‍यक्तियों की हत्‍याओं, अपहरण, बलात्‍कार, लूट, डकैती एवं चोरी 1 जुलाई से 31 जनवरी 2021 तक हुई है उनका नाम, पिता/पति का नाम, जाति, थाना, पता सहित बतावें क्‍या इन घटनाओं में संलिप्‍त अपराधी पकड़े गये है यदि हाँ तो उनके नाम घटना वाईज स्‍पष्‍ट करें। यदि फरार है तो कब तक पकड लिये जावेगें तथा अज्ञात व्‍यक्तियों की कब तक खोज कर ली जावेगी एक निश्‍चित समय-सीमा स्‍पष्‍ट करें। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में थाना गिरवाई, मांधोगंज, जनकगंज, पुरानी छावनी, इन्‍दरगंज, भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत आने वाले थानों में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्‍त है उनका नाम, पद, वैज नं. पदस्‍थापना दिनांक स्‍पष्‍ट करें? उक्‍त थानों में 3 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्‍थान पर कौन-कौन पुलिस कर्मचारी पदस्‍थ है क्‍या उनकों अन्‍यत्र थानों में स्‍थानान्‍तरण किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तों? क्‍यों कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार उक्‍त थानों में कितने-कितने पद 1 फरवरी 2021 की स्थिति में किस-किस स्‍तर के पुलिस कर्मचारियों के रिक्‍त है उनकी कब तक पूर्ति कर ली जावेगी? एक निश्चित समय-सीमा स्‍पष्‍ट करें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 03 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है जिनका स्थानांतरण प्रशासनिक आधार पर किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति अधिकारी/कर्मचारियों की उपलब्धता पर निर्भर है, अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

विभाग द्वारा विश्व बैंक से प्राप्त ऋण राशि का प्रयोजन

[उच्च शिक्षा]

43. ( क्र. 996 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) 1 जनवरी 2017 से प्रश्नांकित अवधि‍ तक मध्यप्रदेश में विभाग द्वारा विश्व बैंक से ऋण लेने हेतु प्रस्ताव बनाकर कब भेजा गया एवं प्रस्ताव में किन-किन कार्यों हेतु राशि चाही गई एवं कितनी राशि का ऋण लिया गया? तथा ऋण कब प्राप्त किया गया? कितनी राशि ऋण में प्राप्त हुई? बतलावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्राप्त ऋण राशि में से भोपाल संभाग के किन-किन विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को किन-किन कार्यों हेतु वर्षवार कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर आवंटित की गई है? विश्वविद्यालयवार व महाविद्यालयवार जानकारी देंवे। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को जो राशि आवंटित की गई थी उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? किन-किन कार्यों में अभी तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है व कितने-कितने कार्य पूर्ण हो गए हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण करवा दिये जावेंगे? विलम्ब के लिए दोषी कौन है?           (घ) विदिशा जिले के विकासखण्ड लटेरी के शासकीय महाविद्यालय के छात्रावास भवन का निर्माण कब हुआ? तथा कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? यदि पद स्वीकृत नहीं हैं, तो कब तक पद स्वीकृत कर दिये जावेगें? तथा छात्रावास को कब से संचालित किया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्व बैंक से ऋण लेने हेतु काई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।          (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय महाविद्यालय लटेरी, जिला विदिशा के छात्रावास का निर्माण नवम्बर 2014 में हुआ है। छात्रावास हेतु कोई पद स्वीकृत नहीं है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत थानों में पदों की पूर्ति

[गृह]

44. ( क्र. 1004 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा अन्तर्गत स्थित पुलिस चौकी एवं थानो में कुल कितने पुलिस कर्मचारि‍यों एवं अधिकारि‍यों के पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों की जानकारी थाना वार, पुलिस चौकी वार प्रदाय करें। (ख) वर्तमान में स्वीकृत पद के तुलना में कितने पदों पर कर्मचारि‍यों/अधिकारि‍यों की पदस्थापना है? तथा कितने पद रिक्त है? थानेवार/पुलिस चोकीवार बतावें। (ग) पहाडी अंचल होने, राज्य की सीमा क्षेत्र पर स्थित होने से एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हाने से उक्त रिक्त पदों की पदपूर्ति शासन द्वारा प्राथमिकता से की जायेगी? हाँ तो कब तक नहीं तो क्या कारण है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भीकनगांव विधान सभा अन्तर्गत स्थित पुलिस चौकी एवं थानों में कुल 107 पुलिस कर्मचारीयों एवं अधिकारियों के पद स्वीकृत हैं। जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) वर्तमान में स्वीकृत पद की तुलना में 60 पदों पर कर्मचारी/अधिकारियों की पदस्थापना है, तथा 47 पद रिक्त हैं। जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जी हाँ।  समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "अठारह"

हेलापडावा पुलिस चौकी को पुलिस थाना में उन्नयन

[गृह]

45. ( क्र. 1005 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विभाग अन्तर्गत पुलिस चौकी का पुलिस थाने में उन्नयन करने हेतु क्या नियम है? नियमावली प्रदाय करें। क्‍या क्षेत्र की आवश्‍यकता को देखते हुए जैसे पहाड़ी क्षेत्र सतपुडा घना जंगल, राज्य की सीमा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र एवं थाने से दूरी अधिक होने से भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पुलिस चौकी हेलापडावा को पुलिस थाने में उन्नयन कर सकते है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक उन्नयन किया जायेगा नहीं तो क्या कारण है? क्या राष्ट्रीय राज मार्ग पर स्थित पुलिस थाने से लगभग 60 कि.मी दूरी होने से क्षेत्र की मांग को देखते हुए ग्राम दोडवा में नवीन पुलिस चौकी की स्वीकृति प्रदाय की जा सकती है? हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? नहीं तो क्या कारण है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। जी नहीं। निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से पुलिस थाने में उन्नयन नहीं किया जा सकता। (ख) जी नहीं। ग्राम दौड़वा में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने के कारण नवीन पुलिस चौकी खोलना उचित नही। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

राजेन्द्रसुरी सहकारिता साख समिति में 100 करोड़ से ऊपर की आर्थिक अनियमितता

[गृह]

46. ( क्र. 1011 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ जिला धार में राजेन्द्रसुरी सहकारिता साख समिति में 100 करोड़ से ऊपर की आर्थिक अनियमितता एवं घोटाले पर 28 आरोपी पर प्रकरण दर्ज किया गया था यदि हाँ तो एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखि‍त आरोपी में से किस-किस आरोपी को किस-किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया तथा किस-किस आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका तथा उन्हें गिरफ्तार करने के लिए किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? किसी फरार आरोपी पर ईनाम की राशि की घोषणा की गई हो तो बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखि‍त आरोपियों से घोटाले की राशि जप्त करने हेतु किस-किस दिनांक को किस-किस आरोपि‍यों पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितनी राशि जप्त की गई। अभी तक कुल कितनी राशि जप्त हो चुकी है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घोटाले की राशि वसूल करने हेतु किस-किस आरोपी को सूचीबद्ध किया गया है तथा उनकी कौन-कौनसी सम्पति विभाग ने अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया है तथा राशि जप्त करने तथा वसुलने हेतु विभाग द्वारा किये गये प्रयासों की सम्पूर्ण जानकारी देवें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। एफ.आई.आर. की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।             (ग) उल्लेखित आरोपियों से राशि जब्त नहीं की गई है। (घ) वर्तमान में एस.डी.एम. सरदारपुर, राजेंद्र सूरी सहकारिता संस्था राजगढ़ के प्रशासक है व उपायुक्त सहकारिता विभाग धार के द्वारा दोषियों से विधिवत राशि वसूल करने हेतु कार्यवाही की जा रही है।

अतिथि‍ विद्वानों का नियमितीकरण

[उच्च शिक्षा]

47. ( क्र. 1018 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे कितने अतिथि‍ विद्वान हैं जो म.प्र. पी.एस.सी से क्‍वालिफाई है? किन्‍तु कट ऑफ मार्क में न आने के कारण चयनित नहीं हुए? (ख) क्‍या शासन अतिथि‍ विद्वानों के अनुभव तथा उनकी बढ़ती उम्र को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नांश (क) में वर्णित अतिथि‍ विद्वानों को नियमित करने पर विचार करेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा क्‍या अतिथि‍ विद्वानों को नियमितीकरण का आश्‍वासन दिया गया था?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सहायक प्राध्यापक भर्ती हेतु विज्ञापन/परीक्षा-2017, ग्रंथपाल परीक्षा एवं क्रीड़ाधिकारी परीक्षा के संदर्भ में म.प्र. पी.एस.सी. द्वारा क्वालिफाई अतिथि विद्वानों, अतिथि ग्रंथपाल एवं अतिथि क्रीड़ाधिकारी की संख्या-4368 है, किन्तु कट ऑफ मार्कस में नहीं आने के कारण कुल-3093 अतिथि विद्वान चयनित नहीं हुए। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई संख्या में वे सभी उम्मीद्वार शामिल हैं जिन्होंने अतिथि विद्वान अध्यापन अनुभव के अंकों का लाभ/अधिभार प्राप्त किया है। (ग) प्रश्नांश () के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विद्युत वितरण केन्‍द्र को दो भागों में बांटा जाना

[ऊर्जा]

48. ( क्र. 1023 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालसमुद विद्युत वितरण केन्‍द्र को दो भागों में विभक्‍त (बालसमुद एवं निमरानी) करने एवं मुलठान विद्युत वितरण केन्‍द्र को दो भागों में विभक्‍त (मुलठान एवं पिपलगोन एवं निमरानी) करने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 2137 एवं 2138 दिनांक 17/9/19 के तारतम्‍य में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई कार्यवाही विवरण सहित जानकारी दें।            (ख) उपरोक्‍तानुसार कार्यवाही में विलंब के क्‍या कारण हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब तक आदेश जारी कर दिए जायेंगे।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित सन्‍दर्भ के माध्‍यम से प्राप्‍त बालसमुद वितरण केन्‍द्र एवं मुलठान वितरण केन्‍द्र को दो भागों में विभक्‍त करने के अनुरोध पर की गई कार्यवाही का विवरण  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार  है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की वर्तमान स्‍वीकृत संगठनात्‍मक संरचना के अनुपात में पदस्‍थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी की वजह से नवीन वितरण केन्‍द्र एवं नवीन झोन के निर्माण के प्रस्‍ताव कंपनी स्‍तर पर लंबित रखे गए हैं। (ग) नवीन संगठनात्‍मक संरचना की स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव विचाराधीन है जिसकी स्‍वीकृति के पश्‍चात् नवीन वितरण केन्‍द्र एवं नवीन झोन के निर्माण के लंबित प्रस्‍ताव पर निर्णय लिया जाना संभव है।

परिशिष्ट - "बीस"

अनाधिकृत भुगतान की जाँच

[उच्च शिक्षा]

49. ( क्र. 1028 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हिन्‍दी ग्रंथ अकादमी भोपाल में मई 2020 से जुलाई, 2020 तक की अवधि में कौन-कौन संचालक के पद पर पदस्‍थ रहे अथवा किसे-किसे प्रभार दिया गया? शासन आदेश की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) अकादमी में मई 2020 से जुलाई, 2020 तक किस-किस पद से किसे-किसे       कितना-कितना भुगतान, किस प्रयोजन से किया गया है एवं किसके आदेश से राशि एवं संस्‍था सहित भुगतान का पूर्ण विवरण दें। (ग) क्‍या मई 2020 में संचालक के पद पर पदस्‍थ श्री रामराजेश मिश्रा की सेवाएं उनके मूल विभाग को वापस किए जाने के पश्‍चात् 13 मई, 2020 से 17 जुलाई, 2020 तक श्री राम विश्‍वास कुशवाहा, अधीक्षक को संचालक का प्रभार शासन द्वारा दिया गया था? यदि हाँ तो आदेश प्रति संलग्‍न करें। यदि नहीं तो श्री कुशवाहा द्वारा किस हैसियत से वर्णित अवधि में उक्‍त पद का कार्य किया गया है तथा उनके द्वारा किस-किस मद से क्रय-विक्रय के भुगतान किए है? राशि सहित विवरण दें। (घ) क्‍या शासन आदेश जारी न होने के बाद भी                  श्री कुशवाहा द्वारा संचालक पद का कार्य किये जाने, उनके द्वारा अनाधिकृत भुगतान आदि की जाँच करायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) हिन्‍दी ग्रंथ अकादमी, भोपाल में उक्‍तावधि के दौरान डॉ. रामराजेश मिश्र, श्री रामविश्‍वास कुशवाहा एवं श्री चन्‍द्रशेखर बालिम्‍बे प्रभार में रहे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। समस्‍त भुगतान पदस्‍थ प्रभारी संचालकों के आदेश से निष्‍पादित किए गए। (ग) जी नहीं। अकादमी के आंतरिक व्‍यवस्‍था तहत प्रभार सौंपा गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रिक्‍त नोटरी पदों पर नियुक्ति

[विधि और विधायी कार्य]

50. ( क्र. 1032 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) मंडला जिले की तहसील मुख्‍यालय निवास में नोटरी के कितने पद रिक्‍त हैं? (ख) पदों की नियुक्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये है या नहीं? यदि नहीं तो क्‍यों? कब तक आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे और कब तक रिक्‍त पदों पर नियुक्तियां की जायेगी? (ग) नोटरी के पद के लिए क्‍या योग्‍यातायें रखी गई है? क्‍या योग्‍यताओं के अनुरूप भर्ती की जा रही है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) तहसील निवास जिला मण्‍डला में वर्तमान में नोटरी के 4 पद रिक्‍त हैं। (ख) जी हाँ। तहसील निवास में रिक्‍त नोटरी पदों पर नियुक्ति के संबंध में आवेदन जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश, मण्‍डला के माध्‍यम से प्राप्‍त हो चुके हैं। रिक्‍त नोटरी पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) नोटरी के पद के लिए आवेदक का विधि स्‍नातक होना एवं विधि व्‍यवसाय अनुभव सामान्‍य वर्ग के लिये 10 वर्ष, अ.जा., अ.ज.जा., पि. वर्ग, महिला वर्ग के लिए 7 वर्ष का होना आवश्‍यक है। रिक्‍त नोटरी पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही नोटरी अधिनियम, 1952 तथा नोटरी नियम, 1956 के अनुसार जिला न्‍यायाधीश, सक्षम प्राधिकारी से प्राप्‍त अनुशंसित पैनल पर राज्‍य शासन द्वारा पात्रता अनुसार की जाती है।

किराये पर की ली गई पोकलेन मशीन की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

51. ( क्र. 1038 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल द्वारा दिनाक 01/12/2019 से 30/12/2020 तक आदमपुरखंती समतलीकरण एवं कचरा शिफ्टिंग तथा शहर के 19 जोनों के विभिन्‍न नालों की सफाई हेतु निविदा जारी कर किन-किन कम्‍पनी/संस्‍थानों से पोकलेन मशीन किराए पर ली गई उनकी संख्‍या मय राजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर सहित समयावधि की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उपरोक्‍त किराए पर ली गई पोकलेन मशीनों से किस फर्म द्वारा कहाँ-कहाँ कितने घंटे मशीन का संचालन कराया गया, उसकी जानकारी उपलब्‍ध कराएं।                                (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त फर्म द्वारा पोकलेन मशीनों के संचालन हेतु डीजल निगम द्वारा प्रदाय किया गया? यदि हाँ तो किस फर्म को कितना-कितना डीजल प्रदाय किया गया? डीजल की मात्रा एवं फर्म की कुल राशि से कितने रूपयों की कटौती की गई? जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (घ) क्‍या उक्‍त फर्मों द्वारा पोकलेन मशीनों के संचालन के कुल घंटों (मायलेज/एवरेज) के अनुपात में निगम द्वारा प्रदाय किये गए? डीजल की राशि बहुत कम है, यदि हाँ तो क्‍या इस मामले में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। पोकलेन मशीने आफरोड होती है इसलिए उक्‍त मशीनों का रजिस्‍ट्रेशन नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।             (ग) जी हाँ, डीजल प्रदाय, डीजल की मात्रा एवं फर्मों से कटौत्री की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्‍नति

[गृह]

52. ( क्र. 1039 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला भोपाल द्वारा दिनांक 04/06/2013 को कुछ आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्‍नति जी.ओ.पी. 77/97 के अन्‍तर्गत योग्‍यता सूची आदेश क्रमांक/उमनि./भो/रेंज/स्‍था./1392/2010 दिनांक 10/06/2010 के तारतम्‍य में दी गई है तथा पदोन्‍नति उपरांत इण्‍डेक्‍शन कोर्स कराया गया है? (ख) जी.ओ.पी. क्रमांक 77/97 में प्रावधान है कि पी.पी. कोर्स उत्तीर्ण करने एवं योग्‍यता सूची जारी होने के उपरांत ही पदोन्‍नति दी जावेगी तथा योग्‍यता सूची की वैद्यता 18 माह की होती है, तब प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बताएं कि बिना पी.पी. कोर्स किए तथा दिनांक 10/06/2010 की जारी योग्‍यता सूची, जो 18 माह बाद वैद्य नहीं थी तो उन आरक्षकों को किस आधार पर पदोन्‍नति दी गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में स्‍पष्‍ट है कि प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आरक्षकों को जी.ओ.पी. 77/97 के अन्‍तर्गत मात्र परीक्षा उत्तीर्ण करने के आधार पर ही पदोन्‍नति दिया जाना स्‍पष्‍ट होता है तो भोपाल जिले में जी.ओ.पी. 77/97 के अन्‍तर्गत परीक्षा उत्तीर्ण शेष 28 आरक्षकगणों को पदोन्‍नति कब तक दी जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या दिनांक 04/06/2013 को जारी पदोन्‍नति आदेश नियम विरूद्ध किया गया है तो इस संबंध में दोषी कौन है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जिला भोपाल द्वारा दिनांक 04.06.2013 को कुछ आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्‍नति जी.ओ.पी. 77/97 के अंतर्गत योग्‍यता सूची आदेश क्रमांक/उमनि/भो./रेंज/स्‍था./1392/2010 दिनांक 10.06.2010 के तारतम्‍य में नहीं दी गई है। उक्‍त योग्‍यता सूची को दिनांक 22.05.2013 को संशोधित कर प्रश्‍न में उल्‍लेखित पदोन्‍नति आदेश दिनांक 04.06.2013 जारी किये गये हैं। उक्‍त आरक्षकों को तत्‍समय प्रभावशील जी.ओ.पी. 138/12 दिनांक 14.08.2012 की कंडिका 07 में दिये गये निर्देशानुसार कर्मचारियों को पदोन्‍नति उपरांत इण्‍डेक्‍शन कोर्स कराया गया है। (ख) जी.ओ.पी. क्रमांक 77/97 में प्रावधान है कि पी.पी. कोर्स उत्‍तीर्ण करने एवं योग्‍यता सूची जारी होने के उपरांत ही पदोन्‍नति दी जावेगी तथा योग्‍यता सूची की वैधता 18 माह ही होती है। उक्‍त योग्‍यता सूची 2010 में आये कर्मचारी जिनके द्वारा पी.पी. कोर्स उत्‍तीर्ण किया गया था, सभी को तत्‍समय पदोन्‍नति दी जा चुकी है। दिनांक 04.06.2013 को जिन कर्मचारियों के पदोन्‍नति आदेश जारी किये गये हैं वे सभी पुलिस मुख्‍यालय की विभिन्‍न शाखाओं में कार्यरत थे। जिनको जी.ओ.पी. 138/12 दिनांक 14.08.2012 के प्रभावशील होने के कारण जी.ओ.पी. 138/12 की कंडिका 07 के अनुसार पी.प. कोर्स नहीं कराया जाकर इण्‍डेक्‍शन कोर्स कराया गया है। (ग) जी.ओ.पी. 77/97 जो निरस्‍त होकर जी.ओ.पी. 138/12 दिनांक 14.08.2012 से प्रभावशील होने के कारण जी.ओ.पी. 77/97 के अनुसार किसी भी आरक्षक को पदोन्‍नति प्रदान नहीं की जा सकती है। (घ) दिनांक 04.06.2013 को नियमानुसार पदोन्‍नति आदेश जारी किये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

निवाड़ी जिले में पुलिस बल की उपलब्धता

[गृह]

53. ( क्र. 1044 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले में स्वीकृत पदों की तुलना में पुलिस बल की उपलब्धता पर्याप्‍त नहीं है? यदि हाँ तो जिले में स्वीकृत कार्यालयवार, स्वीकृत पदों के नाम, स्वीकृत पद संख्या तथा भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी दी जावें। (ख) क्या निवाड़ी जिले में रिक्त पदों का कार्य प्रभारी अधिकारियों की मदद से किया जा रहा है। यदि हाँ तो कार्यालयवार विवरण देते हुये बताया जाये कि रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जा सकेगी? (ग) क्या उत्तर प्रदेश की सीमा से तीन तरफ से घिरा होने के कारण निवाड़ी एक अतिसंवेदनशील जिला है एवं नगरीय निकाय/पंचायत निर्वाचन के दौरान संवेदनशीलता और भी बढ़ जाती है? यदि हाँ तो बताया जाये कि निर्वाचन घोषणा के पूर्व तक कितने पदों पर पदस्थापना कर दी जावेगी? पदवार जानकारी दी जावे।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नवीन जिले में स्‍वीकृत पदों की तुलना में उपलब्‍ध एवं रिक्‍त पुलिस बल की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। दिनांक 29.09.2018 को जिला निवाड़ी के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद जिले में पुलिस लाइन का बल स्‍वीकृत न होने के कारण अतिरिक्‍त प्रबंध किया गया है। नवीन जिला निवाड़ी हेतु विभिन्‍न सवंर्ग के 371 नवीन पदों का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ था, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। जिला निवाड़ी में एस.डी..पी. पृथ्‍वीपुर का कार्य एस.डी..पी. निवाड़ी एवं थाना निवाड़ी, जरोन एवं सेन्‍दरी में थाना प्रभारी निरीक्षक का कार्य उप निरीक्षक स्‍तर के अधिकारियों द्वारा संपादित किया जा रहा है। आकस्‍मात किसी प्रभारी अधिकारी का पद रिक्‍त होने की दशा में कानून व्‍यवस्‍था बनाये रखने हेतु पुलिस रेग्‍युलेशन के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुये थाना का प्रभार निरीक्षक से कनिष्‍ठ अधिकारी जो भी उस थाना में पदस्‍थ हो को दिया जा सकता है। इस संबंध में शासन द्वारा म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 62 भोपाल दिनांक 09.02.2021 के द्वारा पुलिस रेग्‍युलेशन के पैरा-72 में संशोधन किया है। तद्नुसार कार्यवाही प्रचलन में है। शीघ्र ही उच्‍च पद का प्रभार दिये जाने की कार्यवाही के बाद यथा संभव पूर्ति का प्रयास किया जावेगा। (ग) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि, जिला निवाड़ी एक अतिसंवेदनशील जिला है। जिले में निर्वाचन कार्य निर्वाचन आयोग के मानकों के अनुसार शांतिपूर्वक संपन्‍न कराये जाने हेतु समय-समय पर आवश्‍यकता अनुसार जोन/पुलिस मुख्‍यालय स्‍तर से अतिरिक्‍त बल की व्‍यवस्‍था की जाती है।

परिशिष्‍ट - "इक्कीस"

अनियमितताओं की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

54. ( क्र. 1052 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर परिषद् पिपलोदा द्वारा वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक किये गये विभिन्न शासन/विभाग के विभागीय बजट व निकाय की स्थानीय निधि के माध्यम से अनेक विकास कार्य पूर्ण किये गये हैं? (ख) यदि हाँ तो उपरोक्त वर्षों में किन-किन मदों के माध्यम से किस-किस प्रकार के कार्य कितनी-कितनी लागत राशि स्वीकृत कर पूर्ण किये? उन पर कितना व्यय हुआ? अंतिम भौतिक सत्यापन एवं भुगतान किन-किन सक्षम व्यवस्थाओं के माध्यम से किया गया? (ग) क्‍या उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में विभिन्न विकास कार्यों में हुई अनियमितताओं, गबन, अवैध भुगतान एवं गुणवत्ता विहीन कार्य होने की आमजन, पार्षदों व विभिन्न जनप्रतिनिधियों के साथ ही प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी ध्यान आकृष्ट किया जाता रहा? (घ) तत्कालीन विगत वर्षों से लेकर वर्तमान विगत माह तक अनेक बार शिकायतें, जानकारिया विधानसभा सदन में प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍नों के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कर लाने के उपरांत उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत किये गये समस्त कार्यों की जाँच किस दल अथवा सक्षम अधिकारी द्वारा किस की उपस्थिति में कब-कब की गयी? क्या कार्यवाही हुई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। 25 कार्य कराये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्राप्‍त शिकायत अनुसार सी.सी. रोड, नाली निर्माण, कार्यालय भवन में फर्नीचर कार्य एवं पाईप लाईन बिछाने से सड़कों के क्षतिग्रस्‍त होने संबंधी शिकायत की जांच, संभागीय कार्यालय उज्‍जैन से कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है।

रतलाम जिलान्‍तर्गत चिन्हित दुर्घटना स्थल

[गृह]

55. ( क्र. 1053 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत फोरलेन सड़क मार्ग, टू लेन सड़क मार्ग एवं अन्य आवागमन हेतु अत्यधिक आवाजाही वाले मार्ग पर लगातार दुर्घटना बढ़ती जा रही है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2015 -16 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत उपरोक्त वर्षों में किन-किन स्थानों पर अत्यधिक दुर्घटना हुई? वर्षवार जानकारी दें l (ग) अवगत कराएं कि जिला प्रशासन द्वारा एवं जिला अंतर्गत जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा स्वयं भी जिला प्रशासन की विभिन्न बैठकों में अधिक दुर्घटना होने वाले स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक उपाय करने हेतु आग्रह किया? (घ) साथ ही विगत वर्षों में माननीय विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदन की एक समिति बनाकर तथा जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान एस.पी. महोदय के नेतृत्व में भी पैदल घूम कर दुर्घटना स्थलों को चिन्हित किया तो बताएं कि चिन्हित स्थलों पर सुरक्षात्मक व्यवस्थाएं तथा जावरा चोपाटी स्थित पिपलोदा सर्कल पर ट्रेफिक सिग्नल लाईट इत्यादि स्थलों के कार्य कब तक किये जा सकेंगे?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) सड़क सुरक्षा की बैठक का आयोजन दिनांक 16.10.2020 को किया गया जिसमें सांसद प्रतिनिधि, विधायक गण एवं सड़क सुरक्षा के समिति के सदस्य उपस्थित हुए बैठक में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु रोड के दोनों ओर साईट के सोल्डर भरवाये जाना, रोड के किनारे की झाड़ियों को छटवाना, रोड के दोनों ओर मिडिल एवं साईट लाईन मार्किंग, जेब्रा क्रासिंग, स्पीड ब्रेकर, रोड पर लगी रेंलिंग रिपेयर करवाना, पेट्रोल पम्प एवं ढाबों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाना, वाहनों की स्पीड़ कम करने के लिए सातरूण्डा, प्रकाश नगर, साला खेडी़ नामली, पंचेड़, फण्टा में ड्रम रखवाना, रोड किनारे रेडियम लगवाना, सांकेतिक, सूचनात्मक बोर्ड लगवाने एवं अस्थाई अतिक्रमण को हटवाने आदि विषयों पर, सड़क दुर्घटनाओं पर कमी लाने हेतु स्थानों को चिन्हित कर कार्य योजना तय की गई थी। (घ) रतलाम जिले में 11 ब्लैक स्पॉटों को चिन्हित किया गया है। दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु सड़क निर्माण एंजेसियों द्वारा कार्य प्रांरभ किया गया है, ट्रेफिक सिग्नल लाईट लगवाने हेतु नगर पालिका जावरा द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

ताप विद्युत गृह में मटेरियल खरीदी की जानकारी

[ऊर्जा]

56. ( क्र. 1058 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या माह अगस्‍त 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के सिविल संभाग द्वारा कार्य एवं क्रय हेतु प्रेषित मांग पत्र का अवलोकन कर विद्युत गृह की क्रय एवं कार्य शाखा द्वारा टीप लिखी गई? यदि हाँ तो सिविल संभाग को भेजी टीप का जावक क्रमांक, निविदा आमंत्रण की तिथि सहित संपूर्ण विवरण देवें। (ख) क्‍या सिविल संभाग सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के प्रस्‍तावों की कार्य मात्रा/मद मात्रा/क्रय मात्रा का मुख्‍य अभियंता (उत्‍पादन) द्वारा अनुमोदन कर मुख्‍य अभियंता (सिविल इंजीनियरिंग) को अग्रेषित किया जाता है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या पुरानी प्रचलित संवैधानिक प्रक्रिया नियमों से हटकर क्रय एवं कार्य शाखा के प्रभारी श्री राजीव श्रीवास्‍तव अतिरिक्‍त मुख्‍य अभियंता (उत्‍पादन) जो कि 32 वर्षों से सारनी में पदस्‍थ है, द्वारा सिविल संकाय के सभी प्रकरणों की कार्य मात्रा एवं क्रय मात्रा का अवलोकन कर टिप्‍पणियां अपने स्‍वयं के हित में लिखी जा रही है? (घ) यदि हाँ तो सभी प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) खण्‍ड की कमेटी बनाकर श्री राजीव श्रीवास्‍तव के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन अवधि में सिविल संभाग को भेजी गई टीप का जावक क्रमांक/निविदा आमंत्रण तिथि सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं होता है।

कुएं, बावड़ी एवं ट्यूबवेलों के रख-रखाव की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

57. ( क्र. 1059 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुराने भोपाल शहर में कुएं, बावड़ी एवं ट्यूबवेलों से पानी सप्‍लाई किया जाता है? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन कुएं, बावड़ी एवं ट्यूबवेलों से पानी सप्‍लाई किया जा रहा है तथा कौन-कौन से कुएं, बावड़ी एवं ट्यूबवेल रख-रखाव के आभाव में बंद पड़े हुये हैं?       (ख) क्‍या पुराने भोपाल शहर में ग्रीष्‍म ऋतु में पाईप लाईन लीकेज की समस्‍या निरंतर बनी रहती है, जिस कारण पूरे शहर में पानी की किल्‍लत बनी रहती है? यदि हाँ तो पानी सप्‍लाई की समस्‍या के निराकरण के लिये क्‍या व्‍यवस्‍था की जाती है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में कुएं, बावड़ी एवं ट्यूबवेलों के रख-रखाव एवं बदहाली के कौन-कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या कुएं, बावड़ी एवं ट्यूबवेलों को पुन: चालू कर ग्राष्‍म ऋतु पानी सप्‍लाई की व्‍यवस्‍था प्रारंभ की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्तमान में रख-रखाव के अभाव में एक भी टयूबवेल, बावड़ी एवं कुआं बन्‍द नहीं है। (ख) जी नहीं। अपितु कोलार की फीडर पाइप लाइन जिसकी आयु 30 वर्ष हो गयी है, यह Prestressed Concrete Pipe (पी.एस.सी.) लाइन है जिसमें लीकेज की समस्‍या रहती है जो शटडाउन लेकर सुधारा जाता है लीकेज/आकस्मिक स्थिति में टैंकरों एवं टयूबवेलों द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्‍ध कराया जाता है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।


महापुरूषों की प्रतिमा स्‍थापित करने हेतु किए गए प्रस्‍ताव

[नगरीय विकास एवं आवास]

58. ( क्र. 1066 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका प्रशासक व मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नागदा को नगर पालिका नागदा द्वारा नगर में महापुरूषों की प्रतिमा स्थापित करने के संबंध में परिषद् तथा प्रशासक द्वारा समय-समय पर किए गए विभिन्‍न सभी ठहराव प्रस्‍ताव, परिषद्, पी.आई.सी. प्रस्‍ताव की कॉपी उपलब्‍ध कराने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र.3607/नागदा दिनांक 28.01.2021 के द्वारा 3 दिवस में उपलब्‍ध कराने की मांग की गई थी? यदि हाँ तो क्‍या सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करा दी गयी है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) पत्र में उल्‍लेखित दिनांक 27.01.2021 को डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर की प्रतिमा स्‍थापित करने तथा स्‍थान चयन के संबंध में सर्किट हाउस में आयोजित मीटिंग की प्रोसीडिंग कॉपी, उपस्थित अधिकारियों एवं अन्‍य लोगों के नाम व न.पा. प्रशासक के निर्णय के आदेश की कॉपी उपलब्‍ध करा दी गयी है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) दिनांक 27.01.2021 को नगर पालिका प्रशासक/अनुविभागीय अधिकारी, मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी द्वारा डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर की प्रतिमा स्‍थापित करने के स्‍थान चयन के संबंध में सर्किट हाउस में आयोजित मीटिंग में किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? नाम सहित विवरण दें। यदि नहीं किया गया तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राप्ति की अभिस्‍वीकृति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर की प्रतिमा स्‍थापित करने के संबंध में निकाय द्वारा दिनांक 27.01.2021 को सर्किट हाउस में कोई बैठक आयोजित नहीं की गई। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '''' अनुसार शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्‍ट - "बाईस"

नगर पालिका द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

59. ( क्र. 1067 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 6 जनवरी 2020 से 1 फरवरी 2021 तक नगर पालिका परिषद् नागदा खाचरोद द्वारा कितनी राशि के किन-किन निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गयी है? स्‍वीकृत राशि सहित पृथक-पृथक विवरण दें। स्‍वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके है तथा कितने अपूर्ण हैं? (ख) उपरोक्‍त समयावधि में नगर पालिका परिषद् नागदा, खाचरोद द्वारा कितनी राशि की क्‍या-क्‍या सामग्री तथा अन्‍य आवश्‍यक वस्‍तुएं क्रय की गयी है? क्रय करते समय खरीदी एवं भण्‍डार नियम का पालन किया गया है? सामग्रीवार स्‍वीकृत राशि सहि‍त पृथक-पृथक विवरण दें।                 (ग) 6 जनवरी 2014 से 6 जनवरी 2020 तक के मध्‍य लंबित बिलों का किन-किन निर्माण कार्यों, सामग्री क्रय तथा आवश्‍यक वस्‍तुएं क्रय व अन्‍य बिलों का भुगतान 6 जनवरी 2020 से 1 फरवरी, 2021 के मध्‍य किया गया है? (घ) दिनांक 6 जनवरी 2020 से 1 फरवरी 2021 तक मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नागदा, खाचरोद के शासन द्वारा प्रदत्‍त वित्‍तीय अधिकार के तहत किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान व आहरण किया गया है? दिनांकवार विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।     (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

होमगार्ड सैनिकों को वेतन वृद्धि के अंतर राशि का भुगतान

[गृह]

60. ( क्र. 1074 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) होमगार्ड नियम दिनांक 13.04.2016 में उपनियम 27ग जिसमें काल आउट, काल ऑफ, मेडिकल, रूटेशन प्रक्रिया समाहित है को समाप्‍त किया गया है अथवा नहीं? (ख) होमगार्ड सैनिकों को आज दिनांक तक वार्षिक वेतन वृद्धि में अंतर राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया है? (ग) स्‍वयं सेवी सैनिकों को आरक्षक के समान प्रति वर्ष माह जुलाई में 3 प्रतिशत की वेतन वृद्धि प्रदाय क्‍यों नहीं की जाती है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) स्‍वयं सेवी होमगार्ड सैनिक नियमित/वेतन संरचना में कार्यरत नहीं है। अत: स्‍वयं सेवी होमगार्ड सैनिक को नियमित वार्षिक वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं है। (ग) जानकारी प्रश्‍नांश '''' में समाहित है।

पुलिस महानिदेशक (अग्निशमन) द्वारा पद का दुरूपयोग

[गृह]

61. ( क्र. 1075 ) श्री पी.सी. शर्मा, श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस अग्निशमन सेवा तथा पुलिस विभाग की अन्‍य शाखाओं से पुलिस कर्मचारियों को विशेष पुलिस महानिदेशक अग्निशमन सेवा शैलेष सिंह के बिलकिसगंज, झागरिया, सीहोर स्थित निज खेत पर भेजा जा रहा है, यदि हाँ तो क्‍यों? क्‍या सोशल मीडिया में दिखाई दे रहे शासकीय वाहन ट्रक एमपी-03-0372, बोलेरो एमपी-03-3416, कैम्‍पर एमपी-03-6562, बोलेरो                    एमपी-03-3417, मोटर साईकिल-एमपी-03-3795, मोटर साईकिल एमपी-03-1856 इसके अतिरिक्‍त भी अन्‍य शासकीय वाहनों को विशेष पुलिस महानिदेशक अग्निशमन सेवा शैलेष सिंह के बिलकिसगंज आगरिया सीहोर स्थित निज खेत पर भेजा जा रहा है, ऐसा क्‍यों? (ख) क्‍या सोशल मीडिया में दिख रहे अति-आवश्‍यक सेवा अग्निशमन हेतु रिजर्व वाहन क्रमांक एमपी-03-2762 के माध्‍यम से शैलेष सिंह के निवास में बगीचे में पानी दिया जा रहा है तथा किस नियम के तहत दिया जा रहा है? (ग) शैलेष सिंह के निवास सी 2/8, चार इमली, भोपाल में शासकीय वाहन -सियाज क्रमांक एमपी-03-ए-8945, अर्टिगा एमपी-03-ए-5262, एम्‍बेसडर एमपी-03-8207, बोलेरो एमपी-03-ए-3417, कैम्‍पर एमपी-03-6562 तथा मोटर साईकिल एमपी-03-1876, स्‍कूटी एमपी-03-6916 एक बुलेट इस प्रकार कुल 08 वाहन पात्रता से अत्‍यधिक वाहन किस कार्य हेतु आवंटित अथवा रखे गये है? (घ) वर्तमान में लगभग से 20 कर्मचारी शैलेष सिंह के निवास में अर्दली आदि संबंधी कार्य कर रहे है। क्‍या इनको इतने अर्दली/घरेलू कार्य कराने हेतु शासकीय कर्मचारी रखने की पात्रता है? (ड.) इस प्रकार शासकीय वाहन/ईंधन/कर्मचारियों के उपयोग किये जाने पर कितना शासकीय धन व्‍यय हो रहा है? क्‍या इनको इस तरह की पात्रता है? (च) शासन स्‍तर पर शैलेष सिंह के विरूद्ध कितनी तथा कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा उनमें क्‍या कार्यवाही की गई अथवा क्‍या कार्यवाही की जा रही है तथा शासन स्‍तर पर शैलेष सिंह के विरूद्ध कौन-कौन सी जांचें लंबित हैं? इस प्रकार के अकर्मण्‍य तथा भ्रष्‍ट शासकीय सेवकों को शासन के नियमों अनुसार सेवा से पृथक करने वसूली करने के नियम लागू किये जावेंगे अथवा नहीं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्री शैलेष सिंह, विशेष पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन के द्वारा बिलकिसगंज, झागरिया, सीहोर, निज खेत में पुलिस कर्मचारियों व शासकीय वाहन भेजे जाने के संबंध में जाँच कराई जा रही है। (ख) प्रश्‍नांश की जाँच कराई जा रही है। (ग) श्री शैलेष सिंह, विशेष पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन को सियाज-एमपी-03-ए-8945, अग्निशमन सेवा में पदस्थापना फलस्वरूप आवंटित है। जिसका प्रतिमाह पी.ओ.एल. कोटा-60 लीटर है। कार्यालयीन कार्य हेतु पुलिस मुख्यालय, एम.टी. पूल से आवंटित वाहनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार। (घ) श्री शैलेष सिंह, विशेष पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन सेवा को प्रदत्त अर्दली, विसबल द्वारा प्रदान किये गये हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार। मध्यप्रदेश पुलिस मेन्‍युअल एवं पुलिस रेग्यूलेशन की कंडिका-61 के अनुसार निरीक्षक स्तर के एवं उसके ऊपर के स्तर के सभी पदाधिकारी, आरक्षक/अर्दली पाने के लिए अधिकृत हैं। नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार। शेष प्रश्‍नांश की जाँच की जा रही है। (च) शासन स्तर पर प्राप्‍त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'ड़' अनुसार तथा पुलिस मुख्यालय से प्राप्‍त विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार। प्राप्‍त शिकायतों पर जाँच पूर्ण होने के उपरांत विधिवत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।

महिला सुरक्षा एवं साईबर सुरक्षा हेतु जन जागरण अभियान

[गृह]

62. ( क्र. 1079 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) महिला अपराधों के विरूद्ध सामाजिक जन-चेतना तथा महिला सुरक्षा एवं साईबर सुरक्षा हेतु जन-जागरण अभियान क्‍या है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में जो अभियान चलाया जा रहा है? उक्‍त जिलों में महिला अपराधों की क्‍या रैंकिंग है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत अपराधों को रोकने के लिए कया-क्‍या कदम उठाये जा रहे हैं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में महिला अपराधों के लिए सम्मान जनक सुरक्षित वातावरण सुदृढ़ करने, समाज की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने एवं समाज में महिलाओं के प्रति सकातरात्मक दृष्टिकोण निर्मित करने तथा प्रत्येक वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित करने की दृष्टि से विभिन्न विभागों के सम्मलित प्रयास से प्रदेश स्तरीय अभियान दिनांक 11.01.2021 को मान. मुंख्यमत्री मध्यप्रदेश द्वारा सम्मान अभियान का शुभारंभ किया गया। सायबर सुरक्षा को बढावा देने के लिए एफ.एम.,आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जिंगल तैयार कर 1 करोड़ से अधिक उपभोक्ता की कॉलर ट्यून बनायी गयी। राज्य सायबर सेल ने सायबर सेफ्टी फॉर वुमेन एण्ड चिल्ड्रन विषय पर वेबीनार द्वारा संयुक्त कार्य शिक्षा विभाग के साथ किया एवं लोगो को सायबर से संबधित अपराधों के प्रति जागरूक किया गया। (ख) जनवरी 2021 के पंजीबद्ध महिला अपराध के आकड़ों के अनुसार प्रदेश में महिला अपराधो की रैंकिंग में जिला नरसिंहपुर-26, जिला सागर-09 एवं जिला दमोह-27 है। (ग) महिलाओं के विरूद्ध अपराधों को रोकने के लिए लगातार जागरूक के प्रयास/अभियान तथा आरोपियों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जाना सतत् मॉनिटंरिग की जा रही है। जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह में महिला अपराध रोकथाम हेतु जो अभियान चलाया जा रहा है। विस्तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार।

परिशिष्‍ट - "तेईस"

विश्‍वविद्यालय में A.T.K.T. परिक्षा नियम

[उच्च शिक्षा]

63. ( क्र. 1080 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सभी विश्‍वविद्यालय में A.T.K.T. में क्‍या नियम है? (ख) रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर अन्‍तर्गत कितने छात्रों को वर्ष 2013-14 से 2021 तक A.T.K.T. आई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) वर्णित कितने छात्र 5 वर्ष में A.T.K.T. परीक्षाओं में उत्‍तीर्ण नहीं हो पाये है? (घ) विभाग द्वारा क्‍या पुन: 5 वर्ष की अवधि से उपर वाले छात्रों को स्‍वर्णिम अंतिम अवसर प्रदान करने की कोई योजना है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. के विश्‍वविद्यालय में ए.टी.के.टी. से संबंधित नियम संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'एवं 'अनुसार है। (ख) रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर अंतर्गत वर्ष 2013-14 से 2021 तक लगभग 1,68,347 परीक्षार्थियों की A.T.K.T. आई है। (ग) लगभग 1540 परीक्षार्थी उत्‍तीर्ण नहीं हुए हैं। (घ) जी नहीं।

पुलिस चौकी की स्थापना

[गृह]

64. ( क्र. 1098 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के लिए गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन के नियत मापदंड क्या हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मापदंड अनुसार पुलिस थाना चाकघाट क्षेत्र अंतर्गत स्थित ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना लोकहित में उचित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में प्रश्‍नांकित ग्राम कोरांव में क्‍या नवीन पुलिस चौकी की स्थापना से बरहौ पार के समीप जनमानस की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी? क्योंकि समूचा क्षेत्र उत्तरप्रदेश की सीमा से लगा होने के कारण सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ऐसी स्थिति में क्या यहां नवीन पुलिस चौकी की स्थापना जनहित में आवश्यक है? (घ) यदि हाँ तो ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना कब तक सुनिश्चित की जायेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने से कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना उचित नहीं है। (ग) जी नहीं।               (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्‍ट - "चौबीस"

श्रमिकों का विनियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

65. ( क्र. 1134 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के नगरीय निकायों में दैनिक वेतन पर कार्यरत श्रमिकों के नियमितीकरण हेतु शासन द्वारा आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में विनियमितीकरण किया गया है? यदि हाँ तो जिलों के नगरीय निकायों में की गई विनियमितीकरण का विवरण एवं विनियमित किये गये सेवकों की कार्य अवधि सहित सूची दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जिलों की पृथ्वीपुर, जैरोन खालसा एवं जतारा नगरीय निकायों में 2007 के पश्‍चात रखे गये श्रमिकों का विनियमितीकरण किया गया है? यदि हाँ तो, अन्य निकायों द्वारा इसी प्रकार विनियमितीकरण क्यों नहीं किया गया? कारण बतायें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार टीकमगढ़ नगर पालिका में 2007 के पश्‍चात रखे गये श्रमिकों का विनियमितीकरण कब तक किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07 अक्‍टूबर 2016 की प्रति संलग्‍न है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) 16 मई 2007 के पश्‍चात नगर परिषद् जतारा में रखे गये 04 दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों एवं नगर परिषद् तरीचरकला में 01 दैनिक वेतन भोगी श्रमिक को म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07 अक्‍टूबर 2016 की कंडिका 1.8 के प्रावधान अंतर्गत विनियमितिकरण किया गया है तथा टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों की अन्‍य निकायों द्वारा कंडिका 1.8 के प्रावधान अंतर्गत पात्रता न होने के कारण 16 मई 2007 के पश्‍चात रखे गये दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का विनियमितीकरण नहीं किया गया है। (घ) उत्‍तांश '''' अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दतिया पुलिस इंस्‍पेक्‍टर द्वारा गिरफ्तारी की जांच

[गृह]

66. ( क्र. 1138 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या दिनांक 15 जनवरी 2021 को दतिया पुलिस इंस्‍पेक्‍टर द्वारा शुभम ऊर्फ सोम भार्गव निवासी हेमसिंह की परेड, ग्‍वालियर को ग्‍वालियर से पकड़कर कम्‍पू थाने ले गये, जहां कम्‍पू थाने के रोजनामचा के प्रविष्‍टी क्रमांक 065 पर हिरासत अंकित की गई। समय प्रातः 5 बजकर         2 मिनिट, दिनांक 16-01-2021 पर प्रविष्टि अंकित की गई। (ख) क्‍या उक्‍त पुलिस इंस्‍पेक्‍टर ने सोम भार्गव को कम्‍पू पुलिस थाने से स्‍वयं के वाहन से दतिया ले जाकर आर्म्‍स एक्‍ट की धारा में बंद कर दिया देशी कट्टा, चार कारतूस भी पुलिस द्वारा अपनी ओर से रखे गये? यदि सोम भार्गव के पास हथियार थे तो कम्‍पू पुलिस ने ही उसे क्‍यों नहीं बंद किया? तथ्‍यों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या जब सोम भार्गव को पुलिस ने रोजनामचे में प्रवि‍ष्टि कर दतिया पुलिस इंस्‍पेक्‍टर को दिया, तो क्‍या कम्‍पू पुलिस को ग्‍वालियर की घटना स्‍थल होने के कारण दतिया पुलिस को नहीं देना चाहिये था? क्‍या उक्‍त कार्य दोनों पुलिस स्‍टेशन के अधिकारियों के अनैतिक कृत्य की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ कब तक कठोर कार्यवाही की जावेगी। (घ) जब सोम भार्गव को दतिया पुलिस अपनी कस्‍टडी में ग्‍वालियर से दतिया ले गई तो कट्टा, चार कारतूस कहाँ से आये? क्‍या उक्‍त प्रकिया के लिये दतिया पुलिस पर अपराध कायम किया जावेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) शुभम उर्फ सोम भार्गव को थाना कम्पू ग्वालियर से दतिया साथ ले जाकर आर्म्‍स एक्ट का प्रकरण कायम करने की अवैधानिक कार्यवाही किये जाने पर तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली दतिया रत्‍नेश यादव को निलंबित किया गया तथा प्रकरण की जाँच अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक, दतिया द्वारा जाँच की जा रही है।               (ग) थाना कम्पू की तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक अनीता मिश्रा को विधिसम्मत कार्यवाही नहीं करने पर एवं पदेन कर्तव्‍य के प्रति घोर लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया। इस कृत्य के संबंध में निरीक्षक अनीता मिश्रा की प्राथमिक जाँच प्रचलन में है। (घ) शुभम उर्फ सोम भार्गव को थाना कोतवाली दतिया के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक रत्नेश यादव द्वारा ग्वालियर से दतिया ले जाकर अवैधानिक कार्यवाही करने पर, सोम भार्गव से 01 देशी पिस्टल एवं 04 कारतूस जप्‍ती की जाकर अपराध क्रमांक 20/2021 धारा 25 (1) (ए) आर्म्‍स एक्ट कायम करने की अवैधानिक कार्यवाही किये जाने पर निलंबित कर, प्राथमिक जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। अपराध क्रमांक 20/2021 धारा 25 (1) (ए) आर्म्‍स एक्ट की विवेचना एस.डी.ओ.पी. बडौंनी जिला दतिया द्वारा की जा रही है, जिसमें एकत्रित साक्ष्य अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।

दर्ज अपराध क्र. 388/06 पर कार्यवाही

[गृह]

67. ( क्र. 1139 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या यह सही है कि सिविल लाइन पुलिस स्‍टेशन मुरैना में दिनांक 04/01/2006 को अपराध क्र 388/06 पर धारा 307, 307, 294, 341, 323, 147, 148, 149 पर अपराध पंजीबद्ध हुआ था? उस पर तत्‍कालीन विवेचना अधिकारी ने कार्यवाही की, पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्‍त अपराध में            किन-किन लोगों के नाम थे? उनके नाम, पता सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या उक्‍त प्रकरण में ई.आर. (खात्‍मा रिपोर्ट) तत्‍कालीन टी.आई. एवं पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा माननीय न्‍यायालय सी.जे.एम. पेश की गई थी, जिसे दिनांक 11/12/2010 को माननीय न्‍यायालय द्वारा अस्‍वीकार कर एवं अनुसंधान कर अतिरिक्‍त साक्ष्‍य के आधार पर पुनः कार्यवाही करने हेतु पुलिस सिविल लाइन को निर्देशित किया था न्‍यायालय के निर्देश परिपालन में पुलिस द्वारा कब-कब क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) वर्ष 11/12/2010 से जनवरी 2021 तक कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ किन व्‍यक्तियों द्वारा उक्‍त प्रकरण के संबंध में की गई? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या उक्‍त प्रकरण में पुलिस की भूमिका संदिग्‍ध प्रतीत नहीं हो रही है? क्‍या उक्‍त अपराध के मुख्‍य आरोपी पर ग्‍यारह संगीन अपराध पूर्व से ही कायम हैं? क्‍या शिकायकर्ताओं की यह आशंका सही है कि अपराध की डायरी गुम कर दी गई है? तथ्‍यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण सिविल लाइन पुलिस स्टेशन मुरैना में दिनांक 04/01/2006 को नहीं अपितु दिनांक 04/09/2006 को पंजीबद्ध हुआ था। प्रकरण पुनः अनुसंधान में होने के कारण विवेचना की जानकारी दी जाना विधि सम्मत नहीं है। (ख) प्रकरण क्रमांक 388/2006 में प्रथम सूचना पत्र के अनुसार दर्ज आरोपियों के नाम संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार।            (ग) जी हाँ। प्रकरण पुनः अनुसंधान में होने के कारण विवेचना की जानकारी दी जाना विधि सम्मत नहीं है। (घ) मुकेश सिंह पुत्र केशव सिंह गुर्जर निवासी खासखेड़ा द्वारा एक आवेदन जो पुलिस अधीक्षक, जिला मुरैना को संबोधित है, थाना सिविल लाईन मुरैना में दिया गया, दो आवेदन अपराध अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय, भोपाल में दिये गये, एक आवेदन पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को दिया गया तथा एक आवेदन फैक्स के माध्यम से पुलिस मु्ख्यालय म.प्र. भोपाल को भेजा गया। प्रकरण में माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार पुनः अन्वेषण किया जा रहा है, प्रकरण में पुलिस की भूमिका संदिग्ध नहीं है। प्रकरण के आरोपी बच्चू सिह पुत्र महेन्द्र सिह गुर्जर नि. खासखेड़ा के विरूद्ध प्रश्‍नगत अपराध के पूर्व जिला मुरैना में 05 अपराध पंजीबद्ध है जिसमें से 01 अपराध गंभीर प्रकृति का है। अपराध की डायरी गुम नहीं हुई है।

परिशिष्‍ट - "पच्चीस"

उपजेल की स्वीकृति

[जेल]

68. ( क्र. 1159 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम खिरसाडोह में उपजेल खोले जाने हेतु शासन द्वारा शासकीय भूमि आवंटित की जा चुकी है? भूमि आवंटन से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में उपजेल प्रारंभ किए जाने की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में शासन/विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? दस्तावेजों के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उपजेल प्रारंभ किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? शासन/विभाग द्वारा उपजेल खोले जाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में उप जेल भवन का निर्माण विचाराधीन नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तर '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्‍ट - "छब्बीस"

पुलिस विभाग द्वारा की गई एफ.आई.आर. की जानकारी

[गृह]

69. ( क्र. 1161 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) दिनांक 31 मई 2020 को कोतवाली बैतूल में बैतूल व्यापारी संघ (रूपनारायण पिता स्व. बाबूलाल पाठक) द्वारा मनोज देशमुख एवं अन्य के विरूद्ध क्या कोई एफ.आई.आर. नं. 0480 लिखी गई है? यदि हाँ तो एफ.आई.आर. किस आधार पर तथा कौन से साक्ष्यों को आधार बनाकर दर्ज की गई? (ख) क्या इस एफ.आई.आर. में किसी जनप्रतिनिधि का नाम उसके पद सहित एवं उसे संबोधित आवेदन का विवरण लिखा गया है? यदि हाँ तो जनप्रतिनिधि का नाम पद बतावें तथा एफ.आई.आर. में उसे सम्मिलित किए जाने का आधार/कारण बतावें। साथ ही उसको संबोधित आवेदन की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ग) जनप्रतिनिधि द्वारा उचित कार्यवाही किए जाने हेतु विभाग को लिखे गये पत्र/आवेदन पर कार्यवाही करते समय क्या एफ.आई.आर. में किसी जनप्रतिनिधि का नाम लिखे जाने तथा उसे संबोधित पत्र को सम्मिलित करने का कोई नियम हैं? यदि हाँ तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो एफ.आई.आर. में नाम लिखे जाने एवं जनप्रतिनिधि के विषेशाधिकार का हनन किए जाने के लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी? क्या जनप्रतिनिधि के नाम, पद एवं उसे संबोधित आवेदन को एफ.आई.आर. से विलोपित किया जावेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अपराध क्रमांक 480/2020 धारा 327, 294, 323, 506, 34 भा.द.वि. की एफ.आई.आर. आवेदक रूपनारायण पिता स्व. बाबूलाल पाठक द्वारा व्यापारी संघ बैतूल की ओर से दिये गये आवेदन पत्र की जाँच उपरांत दर्ज की गई। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश में उल्लेखित एफ.आई.आर. बैतूल विधानसभा के माननीय विधायक श्री निलय डागा जी को संबोधित आवेदन पत्र पर से दर्ज की गई है। घटनाक्रम में जनप्रतिनिधि को संबोधित आवेदन पत्र की जाँच में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई, अतः जनप्रतिनिधि का नाम एफ.आई.आर. के विवरण में सम्मिलित है। आवेदन की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। (ग) थाना कोतवाली बैतूल में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 480/2020 धारा 327, 294, 323, 506, 34 भा.द.वि. की कायमी माननीय विधायक श्री निलय डागा जी के द्वारा अग्रेषित आवेदन पत्र की जाँच पर से कायम किया गया था। आवेदन जाँच पर से प्रथम सूचना पत्र लेख किये जाते समय, जिस आवेदन पत्र की जाँच पर से प्रकरण कायम किया जाता है, उसका संपूर्ण विवरण अक्षरशः प्रथम सूचना पत्र में धारा 154 द.प्र.सं. के प्रावधानों के अंतर्गत उल्लेखित किया जाता है। एफ.आई.आर. नियमानुसार दर्ज की गई है। विशेषाधिकार का हनन नहीं होने से कोई दोषी नहीं हैं, अतः कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। प्रथम सूचना पत्र के विवरण में उल्लेखित माननीय विधायक जी का नाम विलोपित करना संभव नहीं है।

परिशिष्‍ट - "सत्ताईस"

दीनदयाल रसोई योजना का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

70. ( क्र. 1162 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में दीनदयाल रसोई योजना के नाम से क्या कोई रसोई संचालित की जा रही है? यदि हाँ तो वर्ष 2020 में किस माह/दिनांक से संचालित है? (ख) रसोई संचालन हेतु क्या दानदाताओं से खाद्यान्‍न सामग्री एवं नगद/डी.डी. चेक से राशि प्राप्‍त की जाती है? यदि हाँ तो वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किसके द्वारा कितना खाद्यान्न सामग्री एवं नगद/डी.डी. चेक से राशि दी गई खाद्य पदार्थों के नाम मात्रा सहित दी गई दान राशि का विवरण दानदाताओं के नाम सहित उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन से भी रसोई को प्रतिमाह खाद्यान्न एवं राशि दी जाती है? यदि हाँ तो (क) अवधि में कितना खाद्यान्न एवं राशि दी गई नाम-मात्रा सहित आवंटित राशि का विवरण देवें। (घ) कलेक्टर बैतूल द्वारा दीनदयाल रसोई को रेडक्रास सोसायटी से कितनी राशि किसे प्रदान की गई? क्या रेडक्रास से रसोई योजना में राशि दी जा सकती है? यदि हाँ तो नियमावली उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो इस अपव्यय के लिए कौन दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) प्राप्‍त नगद राशि एवं खाद्यान्न का कितना व्यय व किस कार्य हेतु किया गया ब्यौरा देवें। रसोई के संचालन में आय-व्यय संबंधित क्या कोई केशबुक संधारित की जाती है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 27.03.2020 से संचालित है। (ख) जी हाँ, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी हाँ प्रतिमाह खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जाता है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी हाँ, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। नियमावली भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ड.) लॉकडाउन अवधि में दिनांक 27 मार्च 2020 से संस्‍था को पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार माहवार खाद्यान्‍न तथा पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार राशि प्रदान की गई। रसोई व्‍यवस्‍था में संस्‍था के द्वारा सदस्‍यों तथा आम नागरिकों से शेष संसाधन प्राप्‍त किये गए, जिसका विस्‍तृत व्‍यौरा ततसमय आपातकालीन परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्‍य में संस्‍था द्वारा नहीं रखा जाने के बारे में अवगत कराया गया है। संस्‍था के द्वारा 27 मार्च 2020 से 15 मई 2020 तक 2,57,801 बेसहारा एवं गरीबों को नगर पालिका परिषद् के माध्‍यम से भोजन पैकेट उपलब्‍ध कराया गया है।

सौभाग्‍य योजना के अंतर्गत किये गये कार्यों में भ्रष्‍टाचार

[ऊर्जा]

71. ( क्र. 1167 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तीनों विद्युत वितरण कम्‍पनियों के अंतर्गत सौभाग्‍य योजना में किये गये कार्यों में भ्रष्‍टाचार किये जाने संबंधी जाँच की गई है अथवा की जा रही है? यदि हाँ तो उक्‍त जाँच किन जिलों में की जा रही है? जाँच प्रारम्‍भ किये जाने के दिनांक एवं यदि जाँच पूर्ण हो गई हो तो समाप्‍त होने के दिनांक अवगत करायें। (ख) उपरोक्‍त जाँच में कितने अधिकारी एवं ठेकेदार दोषी पाये गये हैं एवं अधिकारियों तथा ठेकेदारों के नाम तथा उनके विरूद्ध की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। क्‍या दोषी पाये गये अधिकारियों में से किसी अधिकारी को वरिष्‍ठ पद का प्रभार दिया गया है? (ग) जाँच के दौरान अधूरे पाये गये कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत गुना, अशोकनगर, भिण्‍ड एवं मुरैना जिलों में विभिन्‍न माध्‍यमों से उक्‍त योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में कथित रूप से अनियमितता की जानकारी संज्ञान में आने पर इसकी जाँच की जा रही है। गुना एवं अशोकनगर जिलों के कार्यों की जाँच दिनांक 14.02.2020 से तथा भिण्‍ड एवं मुरैना जिलों की जाँच दिनांक 01.02.2020 से आरंभ हुई है। जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्‍तर्गत संज्ञान में आने पर धार जिले के गंधवानी ब्‍लॉक के सौभाग्‍य योजना में किये गये कार्यों में से कुल 11 ग्रामों की जाँच, जाँच समिति गठित कर, जाँच दिनांक 19.02.2020 से प्रारंभ कर दिनांक 16.03.2020 को पूर्ण की गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार उक्‍त योजनांतर्गत किये गये कार्यों में कार्य कुशलता में कमी पाई गई जिसे आवश्‍यक सुधार कार्य कराकर ठीक कराया गया। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत किये गए कार्यों में कथित रूप से अनियमितता की विभिन्‍न माध्‍यमों से प्राप्‍त शिकायतों हेतु जाँच कार्यवाही की गई है/की जा रही है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के अन्‍तर्गत मंडला, डिंडौरी, सीधी, सिंगरौली, सतना, छिंदवाड़ा, सागर (देवरी तहसील) एवं दमोह (हटा तहसील) जिलों में योजनांतर्गत किये गए कार्यों की जांच, जाँच दल गठित कर कराई गई है, विभागीय जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं रीवा, अनूपपुर, उमरिया एवं शहडोल जिले में जाँच दल गठित कर जाँच कराई जा रही है जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत की जा रही जाँचों की प्रारंभ दिनांक एवं जाँच पूर्णता दिनांक से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत जाँच दलों से प्राप्‍त जाँच प्रतिवेदन अनुसार योजनान्‍तर्गत कार्यों में पाई गई अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी पाए गए श्री टी.के. मिश्रा, तत्‍कालीन अधीक्षण अभियंता मंडला, श्री एल.के. नामदेव तत्‍कालीन कार्यपालन अभियंता मंडला, श्री अशोक निकोसे, तत्‍कालीन अधीक्षण अभियंता डिंडोरी एवं श्री अमित कुमार विश्‍वकर्मा, तत्‍कालीन कार्यपालन अभियंता, डिंडोरी को निलंबित किया गया था। उक्‍त अधिकारियों एवं प्रथम दृष्‍ट्या दोषी पाए गए शेष कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है, विभागीय जाँच कार्यवाही के निष्‍कर्षों अनुसार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। जाँच कार्यवाही की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त जिलों में योजना अंतर्गत संविदाकारों द्वारा किये गए कार्यों में अनियमितता की जाँच हेतु विभागीय जाँच कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। जाँच प्रतिवेदनों एवं विभागीय कार्यवाही के निष्‍कर्षों के अनुसार संविदाकारों/ठेकेदार एजेंसियों के विरूद्ध नियमानुसार विधिसम्‍मत कार्यवाही जी जावेगी। प्रथम दृष्‍ट्या दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है तथा विभागीय जाँच के अंतिम निष्‍कर्ष प्राप्‍त होना शेष हैं। दोष सिद्धि के अभाव में अधिकारियों को वरिष्‍ठ पद का प्रभार दिए जाने के संबंध में प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में उक्‍त जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जाँच कार्यवाही पूर्ण होने पर जाँच निष्‍कर्ष के आधार पर प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी दी जा सकेगी।

भोपाल में फिश मार्केट की शिफ्टिंग

[नगरीय विकास एवं आवास]

72. ( क्र. 1171 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के स्‍वामित्‍व में इतवारा बाजार में स्थित फिश मार्केट में कुल कितनी दुकाने हैं? दुकानों का आकार, आवंटी का नाम एवं पता तथा इससे मिलने वाले वार्षिक राजस्‍व की जानकारी दुकानवार दी जाये। (ख) क्‍या नगर निगम द्वारा प्रश्‍नांश (क) में वर्णित फिश मार्केट की बिल्डिंग का निरीक्षण/परीक्षण किया गया था? यदि हाँ तो तिथि बताते हुये बिल्डिंग की स्थिति बताई जाये। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍ले‍खित फिश मार्केट एवं उसके आस-पास का वातावरण स्‍वास्‍थ्‍य के दृष्टि से अनुपयुक्‍त नहीं है? यदि हाँ तो इसे अन्‍यत्र शिफ्ट किये जाने की क्‍या योजना है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल के स्वामित्व के इतवारा बाजार में स्थित फिश मार्केट में कुल 48 दुकानें है, शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, दिनांक 18.07.2018 को फिश मार्केट भवन का निरीक्षण कर आवश्यक मरम्मत कार्य करवाये जा चुके हैं। वर्तमान में भवन की स्थिति संतोषजनक है एवं भवन में फिश/मटन आदि का व्यवसाय संचालित किया जा रहा है। (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल के स्वास्थ्य विभाग द्वारा फिश मार्केट के अंदर एवं बाहर की नियमित रूप से प्रातः एवं रात्रि में सफाई की जाती है व नियमित रूप से कचरा उठवाया जाता है एवं समय-समय पर नाला नालियों की सफाई कराई जाती है। इतवारा बाजार में स्थित फिश मार्केट अन्यत्र शिफ्ट करने की वर्ममान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।

परिशिष्‍ट - "अट्ठाईस"

भोपाल के गृह निर्माण सहकारी समितियों की शिकायत

[गृह]

73. ( क्र. 1172 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) दिनांक 01 जनवरी 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल जिले में किन-किन गृह निर्माण सहकारी समितियों एवं उनके पदाधिकारियों के विरूद्ध किन-किन पुलिस थानों में किन-किन अपराधिक धाराओं में एफ.आई.आर. दर्ज कराये गये हैं? शिकायतकर्ताओं का नाम बताते हुये पूर्ण विवरण दिया जाये। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्ज अपराधिक प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्‍या है? प्रकरणवार जानकारी दी जाये। यदि किसी प्रकरण में थाने स्‍तर पर खात्‍मा लगाया गया है तो उसका कारण बताया जाये? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आरोपी संस्‍थाओं एवं पदाधिकारियों से संबंधित दस्‍तावेज जाँच एजेन्‍सी द्वारा कब-कब, किस-किस जगह से जब्‍त किये गये हैं? विवरण दिया जाये। यदि दस्‍तावेज जब्‍ती की कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बताया जावे।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल जिले में गृह निर्माण सहकारी समितियों के विरुद्ध वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में पंजीबद्ध अपराधों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। वर्ष 2017 एवं 2018 में गृह निर्माण सहकारी समितियों के विरुद्ध कोई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हुआ है। (ख) वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में 22 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हुए है। 15 आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं तथा शेष 07 प्रकरण पुलिस विभाग में विवेचनाधीन है पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में समाहित है। इसी प्रकार थाना कोलार में अपराध क्रमांक 1282/2019 धारा 420, 409, 34 भा.द.वि. के प्रकरण में अभियोजन हेतु साक्ष्य अभाव में खात्मा क्रमांक 02/2020 दिनांक 14.05.2020 कता कर न्यायालय में पेश किया गया है। (ग) दस्तावेज जब्ती की कार्यवाही पुलिस विभाग द्वारा की गई है विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

आदिवासी महिलाओं एवं बच्‍चों पर हमला

[गृह]

74. ( क्र. 1189 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) क्‍या 31 दिसम्‍बर 2020 को ग्राम पंचायत देवड़ा तहसील ठीकरी जिला बड़वानी में कुछ तत्‍वों द्वारा आदिवासी महिलाओं-बच्‍चों पर हमला करने एवं लीलाबाई पति राकेश अलावा के पेट पर लात मारकर 8 माह के अजन्‍मे बच्‍चे की हत्‍या करने की सूचना एवं एफ.आई.आर. दर्ज करने बाबत् आवेदन थानाध्‍यक्ष, थाना ठीकरी, जिला बड़वानी को प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्‍नांश (क) मामले में प्रश्‍न दिनांक तक भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किए जाने का विधिसम्‍मत कारण बताएं। कब तक एफ.आई.आर. दर्ज किया जाएगा? (ग) क्‍या पीड़‍िता का बयान पुलिस द्वारा दर्ज किया गया? यदि हाँ, तो बयान की प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं तो विधिसम्‍मत कारण बताएं। मामले में पुलिस द्वारा किस दिनांक को किन-किन का बयान लिया गया? बयान की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (घ) क्‍या पुलिस थाना ठीकरी द्वारा पीड़‍ितों को धमकाया गया? यदि नहीं तो क्‍या पुलिस द्वारा पीड़ि‍तों को धमकाते हुए वायरल वीडियो की जाँच की गई? (ड.) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के हमलावरों से डरे-सहमें पीड़‍ितों को सुरक्षा मुहैया करायी गयी? यदि नहीं तो विधिसम्‍मत कारण बताएं।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह कहना सही है कि आवेदक सरदार वास्कले निवासी देवाड़ा द्वारा दिनांक 01/01/2021 को एवं आवेदिका लीलाबाई निवासी नायदड द्वारा दिनांक 6/01/21 को स्वंय थाना ठीकरी जिला बड़वानी पर उपस्थित होकर आवेदन पत्र दिया। (ख) यह सही है, कि आवेदिका लीलाबाई का आवेदन पत्र दिनांक 06/1/2021 को प्राप्‍त होने पर आवेदिका लीलाबाई द्वारा जन्में बच्चे की मृत्यु की घटना पर मर्ग क्रमांक 03/21 धारा 174 जा.फौ. दर्ज किया जाकर अ.अ.पु. बड़वानी रूपरेखा यादव द्वारा जाँच की गई। दिनांक 31/12/20 को लीलाबाई को 108 एम्बूलेंस से ठीकरी अस्पताल ले जाते समय रास्ते में लीलाबाई ने एक बच्चें को जन्म दिया था। उक्त नवजात बच्चें को चैकअप के दौरान मृत होना पाया गया। चिकित्सक द्वारा लीलाबाई की प्री. एम.एल.सी. रिपोर्ट में NO ANY EXTERNAL INJURY SEEN AND REALTIVE HAS NOT GIVIN ANY HISTORY OF ASSAULT लेख किया गया। चिकित्सक द्वारा सामान्य स्थिति में शिशु का जन्म होने तथा मृत्यु होने के कारण शिशु का शव लीलाबाई के पति राकेश को सौंप दिया गया था। पुलिस को सूचना दिये बिना मृत शिशु के शव को नायदड जिला खरगोन जाकर दफना दिया गया। आवेदिका लीलाबाई और आवेदक सरदार वास्कले के आवेदन पत्रों की जाँच पर संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। (ग) यह सही है, कि पीड़िता लीलाबाई पति राकेश अलावा निवासी नायदड के कथन पुलिस द्वारा दर्ज किये गये कथन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जाँच के दौरान पुलिस के द्वारा 24 अन्‍य साक्षियों के कथन भी दर्ज किये गये दिनांकवार सा‍क्षीगणों के कथन की सूची एवं साक्षीगणों के कथन की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) यह कहना सही नहीं है कि पुलिस थाना ठीकरी द्वारा पीड़ितों को धमकाया गया है। पुलिस द्वारा पीड़ितों को धमकाने का कोई वीडियो वायरल नहीं हुआ है, इसलिए कोई जाँच नहीं की गई। (ड.) यह कहना सही नहीं है, कि हमलावरों से पीड़ित डरे-सहमें हैं। आवेदिका या अन्य के द्वारा सुरक्षा की मांग नहीं की गई इसलिए पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया नहीं करायी गयी, गाँव में शांति है, तथा पुलिस द्वारा सतत् भ्रमण किया जाकर नजर रखी जा रही है।

लिपिक वर्ग को मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी पद पर पदोन्‍नति

[नगरीय विकास एवं आवास]

75. ( क्र. 1195 ) कुँवर प्रद्युम्‍न सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या (ग) वर्ग के मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदोन्‍नति में लिपिक वर्गीय पद सम्मिलित थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधी वर्तमान में कौन-कौन से पद पदोन्‍नति केडर में सम्मिलित हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) से संबंधित लिपिक वर्गीय पदों को वंचित करने का क्‍या आधार है? स्‍पष्‍ट करें। (घ) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित लिपिक वर्गीय पदों को पुन: पदोन्‍नति नियमों में क्‍या सम्मिलित किया जाना प्रस्‍तावित है तो कब तक पदोन्‍नति नियमों में संशोधन होगा अथवा यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी '''' वर्ग के पद पर पदोन्‍नति हेतु अधीक्षक, राजस्‍व निरीक्षक तथा राजस्‍व उप निरीक्षक के पद पदोन्‍नति कैडर में सम्मिलित है। (ग) लिपिक वर्गीय पदों को वंचित नहीं किया गया है, वरन नियमों के अनुक्रम में कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्‍तांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रोटोकाल का उल्‍लंघन

[नगरीय विकास एवं आवास]

76. ( क्र. 1197 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 20-12-2020 को न.पा.प. कोतमा जिला अनूपपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में न तो प्रश्‍नकर्ता को बुलाया गया और न ही आमंत्रण पत्र पर नाम अंकित किया गया? प्रोटोकाल का उल्‍लंघन करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ख) इस कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र की प्रमाणित प्रति भी देवें। (ग) उपरोक्‍तानुसार प्राटोकाल उल्‍लंघन करने वाले ऐसे अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा, जिससे भविष्‍य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद् कोतमा में आयोजित कार्यक्रम में माननीय विधायक जी का नाम आंमत्रण पत्र में अंकित न होने के संबंध में कलेक्‍टर जिला अनूपपुर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कोतमा को जाँच अधिकारी नियुक्‍त किया गया है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) कलेक्‍टर जिला अनूपपुर से जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने के उपरांत आवश्‍यक कार्यवाही की जायेगी।

परिशिष्‍ट - "उनतीस"

रेरा चेयरमेन की नियुक्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

77. ( क्र. 1211 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितंबर 2020 में रेरा चेयरमेन को किस नियम के तहत हटाया गया? इस नियम की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्‍या कारण है कि तकनीकी व आई.टी. सलाहकारों को हटाया गया? प्रत्‍येक प्रकरण के संदर्भ में पृथक-पृथक बतावें। क्‍या इनके स्‍थान पर नवीन नियुक्तियां कर दी गई है्? यदि नहीं तो कब तक की जाएगी? (ग) क्‍या कारण है कि विगत कई माह से रेरा में प्रोजेक्‍ट रजिस्‍टर नहीं हो रहे है? अंत‍ि‍म प्रोजेक्‍ट किस दिनांक को रजिस्‍टर हुआ था व किस स्‍थान का था?                          (घ) शासन कब तक नये चेयरमेन की नियुक्ति करेगा? य‍ह भी बतावें कि विगत 4 माह से चेयरमेन न होने से इस स्‍तर पर कितनी फाइलें लंबित हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रेरा के अध्यक्ष को हटाया नहीं गया है, अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) तकनीकी सलाहकार एवं आई.टी. सलाहकार को हटाया नहीं गया है। तकनीकी सलाहकार द्वारा त्याग-पत्र दिया गया है एवं आई.टी. सलाहकार की सेवा उनके मूल विभाग मैप आई.टी. को वापस सौंपी गई। उनके स्थान पर किसी अन्य कंसल्टेंट की सेवाऐं प्रदाय किये जाने का निवेदन मैप आई.टी. से किया है। प्राधिकरण में अध्यक्ष एवं दो सदस्य की सम्मति से नियुक्ति की जाती है। वर्तमान में अध्यक्ष एवं एक सदस्य का पद रिक्त है, अतः रेरा प्राधिकरण का कोरम पूरा होते ही तकनीकी सलाहकार की नियुक्ति कर दी जायेगी। (ग) रेरा अधिनियम की धारा-2 (i) एवं धारा-20 के प्रावधान के अंतर्गत प्राधिकरण में एक अध्यक्ष एवं दो सदस्य से मिलकर प्राधिकरण बनता है। रेरा प्राधिकरण के कोरम के अभाव में प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। अंतिम प्रोजेक्ट दिनांक 28/11/2020 को रजिस्टर किया गया, वह धरमपुरी, जिला धार का है। (घ) नये अध्यक्ष की नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। विगत 4 माह में 320 पंजीयन के प्रकरण लंबित है।

नगरीय निकायों से स्‍वीकृत राशि की वापसी

[नगरीय विकास एवं आवास]

78. ( क्र. 1212 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले की गोहद, मुरैना जिले की मुरैना, शिवपुरी जिले की करैरा, ग्‍वालियर पूर्व नगर निगम क्षेत्र में वर्ष 2020 में विकास कार्यों के लिए कितनी राशि स्‍वीकृत कर प्रदान कर दी गई थी? नगर पालिका/नगर निगमवार, कार्यवार राशि की जानकारी देवें। (ख) क्‍या कारण है कि उपरोक्‍त स्‍वीकृत राशि विभाग ने वापस मांग ली है? प्रत्‍येक न.पा./निगम के संदर्भ में पृथक-पृथक बतायें। इन संस्‍थाओं ने जो राशि वापस की है उसकी जानकारी भी निकायवार देवें। (ग) राशि वापस होने पर अधूरे कार्य कैसे पूर्ण होंगे? इसकी जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इन निकायों को छोड़कर प्रदेश में जिन निकायों से राशि वापस ली गई उनकी जानकारी कारण सहित देवें। राशि भी बतायें। दिनांक 01/04/2020 से 25/01/2021 के संदर्भ में बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) निकायों में स्‍वीकृत कार्य निरस्‍त किये जाने से राशि वापस मांग ली गई थी। इन निकायों द्वारा वापस की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

अनुमति याचिका दायर करने के बाद विभागीय कार्यवाही

[गृह]

79. ( क्र. 1218 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला उज्‍जैन के पत्र क्रमांक/पुअ/उज्‍जैन/ओएम/उज्‍जैन/विससेल/ 11-ए/20 दिनांक 16/12/2020 के () में बताया गया कि SLP क्र. 7740/2017 विशेष अनुमति याचिका दायर किए जाने के बाद से गृह विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल की ओर से कोई निर्देश प्राप्‍त नहीं हुए हैं। क्‍या विशेष अनुमति याचिका दायर करने के बाद विभाग की भूमिका समाप्‍त हो गई है? (ख) यदि नहीं तो इसके जिम्‍मेदार अधिकारी ने प्रकरण में तीन वर्ष से तारीख नहीं लगने पर अब तक क्‍या कार्यवाही की? (ग) इस संबंध में इनके द्वारा स्‍थाई अधिवक्‍ता को लिखे समस्‍त पत्रों की प्रमाणित प्रति देवें। इस विलम्‍ब के लिए शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) इस प्रकरण में शीघ्र तारीख लगवाने के लिए विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 19.03.2018 तक 07 बार सुनवाई की तारीख नियत की गई थी। इसके पश्‍चात कोई तारीख नियत नहीं की गई है। (ग) स्थाई अधिवक्ता को लिखे गये प्रपत्रों की प्रमाणित प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्‍ट - "तीस "

विभाग में प्रकरण की कार्यवाही

[गृह]

80. ( क्र. 1219 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) प्रश्‍न क्रमांक 426 दिनांक 28.12.2020 के (क) व (ख) उत्‍तर अनुसार SLP क्रमांक 7740/2017 में दिनांक 19.03.2018 के बाद प्रश्‍न दिनांक तक कोई तारीख नहीं लगी है तो विभाग ने तारीख शीघ्र लगवाने के लिये अभी तक क्‍या प्रयास किये हैं? (ख) लगभग 3 वर्ष तक तारीखें न लगने पर इसके निगरानीकर्ता अधिकारी ने अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? समस्‍त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। इनका नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि कोई प्रयास नहीं किए गए तो इसके निगरानीकर्ता अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) तारीखें शीघ्र लगना प्रारंभ हो इसके लिये कब तक कदम उठाए जाएंगे? समय-सीमा देवें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 19.03.2018 तक 07 बार सुनवाई की तारीख नियत की गई थी, इसके पश्‍चात कोई तारीख नियत नहीं की गई है। (ख) प्रयास जारी है। स्थाई अधिवक्ता को लिखे गये प्रपत्रों की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में तथा निगरानीकर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण में तारीख नियत की जाना है।              (घ) प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्‍ट - "इकतीस"

नगरीय निकायों में रिक्‍त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया

[नगरीय विकास एवं आवास]

81. ( क्र. 1226 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अन्‍तर्गत नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद्) में कर्मचारियों/अधिकारियों के कुल स्‍वीकृत पदों की संख्‍या कितनी है तथा वर्तमान में कितने पद रिक्‍त पड़े है? वर्गवार, संस्‍थावार विस्‍तृत विवरण दें। (ख) क्‍या वर्तमान में नगरीय निकायों में भारी संख्‍या में पद रिक्‍त है जिन पर नियुक्ति करना अत्‍यंत आवश्‍यक हो गया है?               (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में नगरीय निकायों में रिक्‍त पड़े पदों पर कब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की योजना है? स्‍पष्‍ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रस्‍तुत जानकारी अनुसार नगरीय निकायों में पद रिक्‍त है। कर्मचारियों की नियुक्ति की शक्तियां नगरीय निकायों में वैष्ठित है। नगरीय निकायों द्वारा निकाय का आय-व्‍यय, स्‍थापना व्‍यय तथा आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नियक्ति के संबंध में निर्णय लेते हैं।                  (ग) कर्मचारियों की नियुक्ति/भर्ती की शक्तियां नगरीय निकायों में वैष्टित है। नगरीय निकायों द्वारा निकाय का आय-व्‍यय, स्‍थापना व्‍यय तथा आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नियुक्ति/भर्ती के संबंध में निर्णय लेते हैं। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

नवीन विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना

[ऊर्जा]

82. ( क्र. 1232 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड मुख्‍य महाप्रबंधक (मा.संसा.एवं प्रशा.) जबलपुर के आदेश दिनांक 20/01/2021 के आधार पर क्‍या सागर क्षेत्रान्‍तर्गत (सं./सं) वृत्‍त छतरपुर में नवीन (सं./स.) संभाग बिजावर का सृजन किया गया है? अगर हाँ तो ऐसे आदेश की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताये कि उपरोक्‍त लिमिटेड कंपनी के संचालक मंडल में कौन-कौन है और इसकी अंतिम बैठक कब हुई थी? इसमें क्‍या-क्‍या निर्णय लिये गये थे? ऐसे लिये गये निर्णयों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। क्‍या जिला टीकमगढ़ के जतारा को भी जतारा संभाग (सं./सं) बनाये जाना भी विभाग के पास प्रस्‍तावित है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जतारा संभाग (सं./स.) जो प्रस्‍तावित है उसके आदेश जारी हो जावेंगे तो कब तक और नहीं तो क्‍यों जतारा विधानसभा क्षेत्र के किसानों को पर्याप्‍त वोल्‍टेज एवं विद्युत प्रदाय हेतु किसानों के हित में कहाँ-कहाँ 33/11 के.व्‍ही. के विद्युत उपकेन्‍द्र बनाये जाना अति आवश्‍यक है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि कब तक टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत उपकेन्‍द्र नवीन कहाँ-कहाँ के स्‍वीकृत किये जावेंगे? निश्चित समय-सीमा सहित बताये कि प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र में किसानों के हित में जेवर, खरो, में कब तक उपकेन्‍द्र बना दिया जावेंगे? विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही इससे संबंधित की जा चुकी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के संचालक मंडल की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। संचालक मंडल की अंतिम बैठक दिनांक 29.12.2020 को संपन्‍न हुई थी, जिसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जी हाँ, संचालन एवं संधारण संभाग जतारा के सृजन का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ था। (ग) संचालन एवं संधारण संभाग जतारा के सृजन के प्रस्‍ताव का परीक्षण कराया गया। परीक्षण में प्रस्‍ताव आर्थिक एवं व्‍यवहारिक दृष्टि से साध्‍य नहीं पाया गया। वर्तमान में जतारा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत किसानों को पर्याप्‍त वोल्‍टेज एवं यथासंभव निर्धारित अवधि हेतु नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में नए 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र बनाये जाने की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रत्‍येक वर्ष विद्युत अधोसंरचना से संबद्ध भार एवं संभावित भार की गणना कर विद्यमान विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण की आवश्‍यकता का परीक्षण किया जाता है तथा वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता एवं तकनीकी साध्‍यता अनुसार नये 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों का निर्माण कार्य किया जाता है। जेवर एवं खरो में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों के निर्माण हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त किया जा रहा है। प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर तकनीकी दृष्टि से साध्‍य पाये जाने एवं वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धतानुसार कार्य किया जाना संभव हो सकेगा।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु लंबित पात्र सूची

[नगरीय विकास एवं आवास]

83. ( क्र. 1233 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की प्रत्‍येक नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक, कब-कब, किस-किस के आवेदन पत्र निकायों द्वारा आवासहीनों के प्रधानमंत्री आवास स्‍वीकृत करने हेतु बुलाये गये थे? उनकी सूची प्रदाय कर यह भी बतायें कि उसे कब-कब, किस-किस के आवेदन पत्र पात्र न होने के कारण निरस्‍त कर दिये गये थे? उसकी भी सूची प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि जो पात्र माने गये थे उसमें किस-किस को, कितनी-कितनी राशि प्रश्‍न दिनांक तक उनके स्‍वयं के आवास बनाने हेतु उनके खातों में कब-कब भेजी जा चुकी है और उनके खातों में कितनी-कितनी राशि भेजी जाना शेष है? वर्तमान की स्थिति क्‍या है? अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के आधार पर बतायें कि जो प्रधानमंत्री आवास योजना के अधूरे भवन बने हैं उनको कब तक पूर्ण कराया जावेगा? जिनके खातों में राशि नहीं भेजी गई है उक्‍त राशि कब तक भेजी जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि परिवार के सदस्‍य संख्‍या के एवं कच्‍चे घर गरीब परिवार के आधार पर प्रधानमंत्री आवास दिये जाने हेतु लंबित सूची को कब तक स्‍वीकृत किया जावेगा और कब तक इनके खातों में भवन बनाने हेतु राशि भेजी जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले की निकायों में योजना लागू दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त आवेदन, स्‍वीकृत आवेदन व निरस्‍त (अपात्र) आवेदनों की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्‍तर्गत प्रश्‍नांश (क) के अनुसार पात्र हितग्राहियों के खाते में डाली गई राशि एवं शेष राशि तथा अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) योजना के बी.एल.सी. घटक के प्रावधान अनुसार आवासों का निर्माण हितग्राहियों द्वारा स्‍वयं किया जाता है, जिसमें अर्पूण आवास पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। हितग्राहियों को राशि प्रदाय नियत स्‍तर तक भौतिक प्रगति की जिओ-टैगिंग के आधार पर भारत सरकार से प्राप्‍त राशि प्राप्‍त होने पर हितग्राहियों के खाते में अंतरित की जाती है।                 (घ) जिला कार्यालय में अनुमोदन हेतु किसी भी निकाय की कोई भी सूची लंबित नहीं है। जिला कलेक्‍टर से अनुमोदित सूची के पात्र हितग्राही परियोजना अवधि 31.03.2022 तक योजना के पात्रता मापदण्‍ड आधार पर भारत सरकार से राशि प्राप्‍त होने पर प्रदाय की जा सकेगी।

आवासीय घरेलू विद्युत कनेक्‍शनों का प्रदाय

[ऊर्जा]

84. ( क्र. 1244 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आवासीय घरेलू योजना के अन्‍तर्गत विधानसभा क्षेत्र दिमनी में कितने हितग्राहियों को कनेक्‍शन दिए गये तथा कितने अभी शेष हैं? (ख) जिन हितग्राहियों को कनेक्‍शन दिया गया हैं उनमें कनेक्‍शन मीटर नाममात्र को लगा कर छोड़ दिया गया हैं। विद्युत की सप्‍लाई नहीं की गई हैं तथा विद्युत बिल देकर वसूली की जा रही है। ग्रामीण इधर-उधर से बिजली की पूर्ति कर रहे हैं? विभाग द्वारा ट्रान्‍सफार्मर रखवाकर, कब तक विद्युत सप्‍लाई की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्‍तर्गत दिमनी विधानसभा क्षेत्र में आवासीय घरेलू योजना नाम से कोई योजना संचालित नहीं है। तथापि दिमनी विधानसभा क्षेत्र में आवेदकों द्वारा नियमानुसार आवेदन करने एवं औप‍चारिकतायें पूर्ण कि‍ये जाने पर कनेक्‍शन दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है। वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में दिमनी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत 302 नंबर आवेदकों को घरेलू कनेक्‍शन दिये गये हैं एवं वर्तमान में कोई भी आवेदन विद्युत कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु शेष नहीं है। (ख) जी नहीं, उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में मीटर स्‍थापित कर विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से विद्युत कनेक्‍शन दिये गये हैं तथा नियमानुसार विद्युत प्रदाय कर, बिल वसूली की कार्यवाही की जा रही है। अत: अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।

ओ.वाई.टी. योजनांतर्गत शिवपुरी जिला में किये गये कार्य

[ऊर्जा]

85. ( क्र. 1253 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) शिवपुरी जिले में ओ.वाय.टी. योजना अन्‍तर्गत अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन उपभोक्‍ताओं का कार्य किया गया है? अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त योजना में कितनी राशि के कार्य स्‍वीकृत होकर कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) जिले में उक्‍त योजना के अन्‍तर्गत कराये गये कार्य तकनीकी स्‍वीकृति में निश्चित मापदण्‍ड के विपरीत घटिया स्‍तर के कराये गये, जिस कारण खम्‍बे उखड़ गये एवं तार टूट गये, जिस कारण आये दिन दुर्घटनायें होती रहती हैं एवं विद्युत सप्‍लाई अवरूद्ध रहती है? क्‍या उक्‍त घटिया कार्य उसी ठेकेदार से मापदण्‍डों के अनुरूप पुन: से कराये जाने के निर्देश दिये जायेंगे? (ग) प्रश्‍नांश (क) के योजना एवं कार्य में किन-किन स्‍थानों पर किस कम्‍पनी के कितने पॉवर के ट्रांसफार्मर एवं किस कम्‍पनी के कितने एम.एम. के वायर लगाये जाने थे? (घ) यदि प्रश्‍नांश (क) के जिले एवं योजना में प्रश्‍नांश (ख), (ग) के अनुरूप कार्य नहीं हुआ तो क्‍या संबंधित सब इंजीनियर ए.सी. तथा ठेकेदार आपस में मिलीभगत कर कार्य की गुणवत्‍ता को अधिक लाभ प्राप्‍त करने के लिये घटिया सामग्री का उपयोग करते हुये कार्य की गुणवत्‍ता को प्रभावित किया है? यदि हाँ तो दोषियों पर कब तक क्‍या कार्यवाही करेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले में ओ.वाय.टी. योजना के अंतर्गत अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार कुल 2820 कृषकों के राशि               रू. 50.78 करोड़ के कार्य स्‍वीकृत कर लाभान्वित किया गया है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में ओ.वाय.टी. योजनांतर्गत निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार गुणवत्‍तापूर्ण कार्य कराये जा रहे हैं। कार्यों के गुणवत्‍ताविहीन होने के कारण खम्‍बे उखड़ने एवं तार टूटने से दुर्घटना संबंधी कोई भी घटना संज्ञान में नहीं आई है, तथापि कतिपय अवसरों पर आंधी/तूफान के कारण पोल एवं तार टूटने से विद्युत सप्‍लाई अवरूद्ध होने पर तत्‍काल सुधार कार्य कर सप्‍लाई चालू कर दी जाती है। ओ.वाय.टी. योजना के प्रावधान अनुसार स्‍वीकृत कार्यों को कृषक द्वारा चयनित '' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के माध्‍यम से कृषक के स्‍वयं के व्‍यय पर कराया जाता है। इस योजनांतर्गत क्रियान्वित कार्यों की गुणवत्‍ता निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाये जाने पर कार्यों के सुधार हेतु संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी कर वांछित सुधार कराये जाते हैं। ठेकेदार द्वारा यदि कार्यों में सुधार नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध वितरण कंपनी के क्रय मेन्‍युअल में निहित प्रावधान के तहत दण्‍डात्‍मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है, जिसमें पृथक से निर्देश जारी करने की आवश्‍यकता नहीं हैं। (ग) शिवपुरी जिले में ओ.वाय.टी. योजनांतर्गत स्‍वीकृत समस्‍त कार्यों में समस्‍त लोकेशनों पर प्रावधानित 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर एवं 11 के.व्‍ही. लाईन में ए.ए.ए.सी. 55 स्‍क्‍वायर एम.एम. के तार वितरण कंपनी के अनुमोदित वेण्‍डरों से क्रय कर लगाये गये हैं। (घ) शिवपुरी जिले में ओ.वाय.टी. योजनांतर्गत स्‍वीकृत कार्यों को कृषक द्वारा चयनित '' श्रेणी विद्युत ठेकेदार द्वारा पूर्ण किये जाने पर मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारी द्वारा कार्य का निरीक्षण कर कृषक के कनेक्‍शन को चालू किया गया है। निरीक्षण में कार्य अमानक स्‍तर का पाये जाने पर अथवा उपयोग की गई सामग्री गुणवत्‍ताहीन पाए जाने पर संबंधित ठेकेदार को कार्य में पाई गई कमी/गुणवत्‍तापूर्ण सामग्री स्‍थापित नहीं किये जाने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं तथा कार्यों में वांछित सुधार नहीं किये जाने पर ठेकेदारों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की गई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

शिवपुरी जिले में मुख्‍यमंत्री कृषि विद्युतीकरण योजना की जानकारी

[ऊर्जा]

86. ( क्र. 1254 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) शिवपुरी जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना के अन्‍तर्गत अप्रैल 2016 के प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के कार्य किस-किस ठेकेदार द्वारा करवाये गये है? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा महाप्रबंधक विद्युत शिवपुरी को दो पत्र जानकारी प्राप्‍त करने के लिये दिये गये थे? यदि हाँ तो क्‍या उक्‍त जानकारी उपलब्‍ध करायी गयी? यदि नहीं तो क्‍यों? क्‍या संबंधित अधिकारी का यह कृत्‍य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ तो दोषी पर कब क्‍या कार्यवाही करेंगे और कब तक चाही गई जानकारी उपलब्‍ध करा दी जायेगी? (ग) शिवपुरी जिले में योजना द्वारा किये गये कार्यों में व्‍यापक स्‍तर पर भ्रष्‍टाचार किया गया है? जिसमें प्राक्‍कलन के अनुसार कार्य नहीं किये गये हैं, न ही उसमें स्‍टीमेंट में अंकित उपकरण/ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं बल्कि लगाये गये ट्रांसफार्मर एवं उपकरण अमानक एवं लोकल कंपनी के है, क्‍या इसकी गुणवत्‍ता की जाँच करायी जाकर दोषी को दंडित किया जायेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) योजना अंतर्गत क्‍या कार्य स्‍थल में कम सामग्री एवं उपकरण का उपयोग किया गया है किन्‍तु बिल भुगतान में ज्‍यादा सामग्री उपकरण एवं कार्य अधिक दिखाकर प्राप्‍त किया गया है? यदि हाँ तो क्‍या इसकी जाँच लोकायुक्‍त संगठन से करायी जाकर दोषियों पर प्रकरण दर्ज कराया जाकर स्‍टीमेंट के अनुसार कार्य में सुधार किया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍थायी कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना अंतर्गत अप्रैल 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक '' श्रेणी के 38 विद्युत ठेकेदारों से कुल 3632 हितग्राहियों के कार्य कराये गये जिसकी ठेकेदारवार संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                 (ख) प्रश्‍नांकित विषय पर शिवपुरी वृत्‍त के अभिलेख के अनुसार माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय का केवल एक पत्र क्र. 07 दिनांक 23.11.2020 वृत्‍त कार्यालय शिवपुरी में दिनांक 18.12.2020 को प्राप्‍त हुआ था, जिसकी जानकारी उप महाप्रबंधक (सं.सं.) संभाग शिवपुरी-द्वितीय द्वारा उनके पत्र क्र.                4300-4301 दिनांक 02.01.2021 के माध्‍यम से माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को प्रेषित की जा चुकी है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) शिवपुरी जिले में प्रश्‍नाधीन योजनान्‍तर्गत किये गये कार्यों में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। शिवपुरी जिले में प्रश्‍नाधीन योजनांतर्गत क्रियान्वित किये गये समस्‍त कार्य स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार किये गये हैं तथा स्‍वीकृत प्राक्‍कलन में प्रावधानित उपकरण/ट्रांसफार्मर म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पंजीकृत कंपनियों से ही क्रय कर लगाए गए हैं, जो कि मानक स्‍तर के हैं। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन योजनान्‍तर्गत कार्यस्‍थल में कम सामग्री एवं उपकरण का उपयोग किये जाने एवं बिल भुगतान ज्‍यादा सामग्री तथा अधिक कार्य दिखाकर किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्‍ट - "बत्तीस"

नवीन खोले गए कॉलेजों के संबंध में

[उच्च शिक्षा]

87. ( क्र. 1266 ) श्री राकेश मावई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) विगत 4 वर्षों में प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर नवीन कॉलेज खोले गये तथा उनमें कौन-कौन सी संकाय खोली गयी एवं उनमें कौन-कौन प्राचार्य व कितने-कितने प्राध्‍यापक पदस्‍थ हैं? विषयवार समयचक्र के हिसाब से जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खोले गये कॉलेजों में भवन निर्माण, फर्नीचर, पुस्‍तकालय, प्रयोगिक सामग्री (लैब) की क्‍या स्थिति है? यह भी बतायें कि इन कॉलेजों में विषयवार, कक्षावार छात्र संख्‍या कितनी-कितनी है तथा अध्‍ययनरत् छात्र-छात्राओं को कौन-कौन सी छात्र हितग्राही योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? (ग) प्रदेश में कॉलेज खोलने के लिये क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किये गये हैं? नियम एवं निर्देश की प्रतियों सहित जानकारी देवें। क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार खोले गये कॉलेज मापदण्‍डों की पूर्ति करते हैं? यदि नहीं तो कौन-कौन से कॉलेज मापदण्‍डों की पूर्ति नहीं करते हैं? (घ) क्‍या शासन तथा विभाग द्वारा तीन हजार से कम छात्र संख्‍या वाले कॉलेजों को बंद करने की योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ तो फिर प्रश्‍नांश (क) अवधि में नये कॉलेज खोलने का क्‍या औचित्‍य है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रदेश में शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय खोलने के लिए निर्धारित मापदण्ड हेतु बनाए गए निर्देश एवं नियम/मार्गदर्शिका की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। प्रश्‍नांश '''' अनुसार खोले गए कॉलेज निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति करते हैं। (घ) जी नहीं।

कॉलोनाईजरों द्वारा शासन नियमों की अवेहलना

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 1273 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धामनोद नगर में किन-किन कॉलोनाईजरों को कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने क्षेत्रफल में कॉलोनी काटकर प्‍लाट/भवन/दुकान विक्रय की जा रही है? कॉलोनाईजरों का नाम, प्रोजेक्‍ट की अनुमानित लागत, प्रोजेक्‍ट से संबंधित सभी अनिवार्य अनुमतियों की प्रति उपलब्‍ध कराये। (ख) क्‍या ग्राम तथा नगर निवेश में प्रावधानिक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले तथा ई.डब्‍ल्‍यू.एस. केटेगरी के अंतर्गत अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की जाती है कि प्रोजेक्‍ट में निर्धारित क्षेत्रफल के भूखण्‍ड इन लोगों के लिये आरक्षित रखे गये हैं कि जब तक सामान्‍य वर्ग के निर्धारित भूखण्‍ड प्रतिशत के हिसाब से विक्रय होने के साथ आरक्षित वर्ग के विक्रय होने पर शेष भूखण्‍ड विक्रय किये जा सकेंगे? यदि हाँ तो धामनोद नगर में कितने भूखण्‍ड आरक्षित कर नगरीय निकाय के पास रखे गये हैं? प्रोजेक्‍टवार, संख्‍यावार, आरक्षणवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्‍तानुसार किन-किन कॉलोनाईजरों के विरूद्ध विगत दो वर्षों में कितनी-कितनी क्‍या शिकायतें किस-किस स्‍तर पर प्राप्‍त हुई हैं, उन शिकायतों में क्‍या कार्यवाही की गई? शिकायतवार ब्‍यौरा दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा दी गई अनुमति में ऐसी कोई शर्त नहीं है। आवासीय कालोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग एवं निम्‍न आय वर्ग के लिए आरक्षित भूखण्‍ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।              (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

त्रिकुट चूर्ण एवं कसायम काढ़ा की खरीदी में अनियमितता

[आयुष]

89. ( क्र. 1274 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या कोविड-19 महामारी के उपचार के लिये आयुष विभाग द्वारा आरोग्‍य कसायम और त्रिकुट चूर्ण खरीदी के लिये लघु वनोपज संघ एवं आयुष एवं एंटीबायोटिक फर्म को कितनी-कितनी राशि के आदेश दिये गये थे? (ख) उपरोक्‍त खरीदी हेतु क्‍या ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया अपनाई गई थी? यदि हाँ तो टेण्‍डर विज्ञप्ति की प्रति दें। यदि नहीं तो किस प्रक्रिया के अन्‍तर्गत उक्‍त सामग्री खरीदी गई? (ग) क्‍या तत्‍कालीन आयुक्‍त एवं विभाग के सचिव के मनमानी के चलते उच्‍च स्‍तरीय बैठक में सरकार ने लघु वनोपज संघ से 27 करोड़ के पांच करोड़ त्रिकुट पैकेट तैयार कर आयुष विभाग को प्रदाय करने का आदेश दिया था? यदि हाँ तो लघु वनोपज संघ से कितनी राशि के कितने पैकेट त्रिकुट चूर्ण के क्रय किये गये थे? यदि उच्‍च स्‍तरीय बैठकों के निर्णय के विपरीत लघु वनोपज संघ से कम राशि के त्रिकुट चूर्ण के पैकेट खरीदे गये हैं तो किसके आदेश से किस नियम के तहत?  (घ) क्‍या उपरोक्‍त खरीदी नियमों को दर-किनार करते हुये आर्थिक अनियमितता करते हुये लघु वनोपज संघ से कम राशि के चिकुट चूर्ण खरीदी जाकर कर्नाटक आयुष एवं एन्‍टीबायोटिक फर्म से लगभग 07 करोड़ के चूर्ण के पैकेट खरीदे गये हैं, जो कि मानक स्‍तर के नहीं थे? इसके अलावा त्रिकुट और कसायम काढ़ा का हिसाब किताब नहीं रखा गया है और कागजों पर ही इसका उपयोग दर्शाया गया है? इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जी नहीं। राज्य शासन तथा भारत सरकार के प्रसारित दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''', '''' एवं '''' अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। (घ) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। नियमानुसार होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

तालाब गहरीकरण कार्य में निर्माण एजेंसी एवं मजदूरों के भुगतान की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

90. ( क्र. 1276 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर परिषद् माण्‍डव द्वारा तालाब गहरीकरण कार्य की राशि मजदूरों एवं निर्माण एजेंसी को न देते हुये फर्जी भुगतान बताकर किये गये आर्थिक भ्रष्‍टाचार के लिये जाँच समिति का गठन किया गया था? (ख) यदि हाँ तो जाँच समिति ने अपना जाँच प्रतिवेदन कलेक्‍टर (शहरी विकास) जिला धार को दिनांक 21/12/2018 को प्रस्‍तुत किया था? (ग) यदि हाँ तो जाँच प्रतिवेदन के निष्‍कर्षों के आधार पर किन-किन दोषियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा मजदूरों एवं निर्माण एजेंसियों को किये गये कार्य का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, जाँच समिति द्वारा प्रतिवेदन दिनांक 21.12.2018 को नहीं अपितु दिनांक 21.06.2018 को प्रस्‍तुत किया गया था। (ग) जाँच प्रतिवेदन के निष्‍कर्ष के आधार पर श्री संजय कानूनगों तत्‍का. मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद् माण्‍डव जिला-धार की विभागीय जाँच संस्थित की गई है जो कि प्रचलित है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है तथा उक्‍त तालाब गहरीकरण में लगाये गये मजदूरों एवं निर्माण एजेंसियों को नियमानुसार भुगतान कर दिया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मध्‍यप्रदेश शासन गृह विभाग में लंबित शस्‍त्र लायसेंसों का निराकरण

[गृह]

91. ( क्र. 1282 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन गृह विभाग में भिण्‍ड जिले के नवीन शस्‍त्र लायसेंस, नवीनीकरण, क्षेत्र सीमा वृद्धि एवं फौती लायसेंस के प्रकरण 1 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुए? (ख) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रे‍क्ष्‍य में कितने प्रकरण में आदेश जारी किए तथा कितने प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित हैं एवं कितने प्रकरण किन-किन कारणों से अमान्‍य किए गए? लंबित प्ररकणों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा एवं लंबित प्रकरणों में से महिलाओं के कितने हैं? (ग) क्‍या प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा महिलाओं को सुरक्षा हेतु शस्‍त्र लायसेंस देने की घोषणा की है तो शासन द्वारा शस्‍त्र लायसेंस के वर्षों से लंबित प्रकरणों का निराकरण करने में हीलाहवाली क्‍यों की जा रही हैं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) 02 प्रकरण में स्वीकृत आदेश जारी किये गये हैं, शेष 152 प्रकरण परीक्षणाधीन है। वर्तमान में कोई भी आवेदन अमान्य नहीं किया गया है, लंबित प्रकरणों का निराकरण गुण दोष के आधार पर किया जायेगा। उक्त लंबित प्रकरणों में एक प्रकरण महिला का है। (ग) शस्त्र लायसेंस प्रदाय करने के संबंध में आयुध अधिनियम अनुसार आवश्यक विभागीय कार्यवाही की जाती है।

प्रदेश में मध्‍यप्रदेश धार्मिक स्‍वतंत्रता अध्‍यादेश 2020 लागू किया जाना

[गृह]

92. ( क्र. 1292 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) पुलिस मुख्‍यालय में उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि में एक धर्म से अन्‍य धर्म में अपना धर्म छिपाकर युवक/युवती द्वारा विवाह करने पर, युवक/युवती को जानकारी ज्ञात होने पर, उनके द्वारा प्रदेश के किन जिलों के किन थानों में           किन-किन के विरूद्ध किस अपराध क्रमांक से किन धाराओं में प्रकरण कब-कब पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त किन-किन प्रकरणों में विवेचना पूर्ण कर चालान माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत कर दिये गये हैं? यदि विवेचना समय-सीमा पूर्ण नहीं की गई तो क्‍यों?               (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में यदि प्रकरण नगण्‍य पंजीबद्ध हुये अथवा नहीं हुये है, तो ऐसी स्थिति में मध्‍यप्रदेश धार्मिक स्‍वतंत्रता अध्‍यादेश 2020 (क्र. 01 सन् 2021) की धारा 01 की उप-धारा (03) दिनांक 09 जनवरी 2021 को अध्‍यादेश के रूप में लागू करने की राज्‍य सरकार को आवश्‍यकता क्‍यों हुई? स्‍पष्‍ट करें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में मध्‍यप्रदेश धार्मिक स्‍वतंत्रता अध्‍यादेश 2020 प्रदेश में लागू होने की दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक इस कानून के तहत भोपाल, इंदौर एवं बड़वानी जिले के अतिरिक्‍त किन-किन थानों में प्रकरण किन धाराओं में किन-‍किन के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये हैं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 04 प्रकरण पंजीबद्ध है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ख) तीन प्रकरणों में चालान माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये गये है। एक प्रकरण विवेचनाधीन है, जो संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' के स.क्र. 4 अनुसार। (ग) मध्‍यप्रदेश धर्म स्‍वातन्‍त्रय अधिनियम 1968 पारित किया गया एवं 1969 में इसके नियम बनाये गये। वर्तमान परिवेश में उक्‍त अधिनियम के प्रावधान पर्याप्‍त नहीं होने से मध्‍यप्रदेश धार्मिक स्‍वतंत्रता अध्‍यादेश 2021 लागू किये जाने की नितांत आवश्‍यकता थी। (घ) कुल 09 अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार।

परिशिष्‍ट - "तैंतीस"

एक्‍ट के विपरीत चार्टर्ड बस सेवा के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

93. ( क्र. 1302 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्‍जैन में ऑर्गनाईज सिटी बस सेवा हेतु कम्‍पनियों का गठन किया था? यदि हां, तो बतावें की सिटी बस सेवा के लिए लिए गठित कंपनी अन्‍य शहर तथा राज्‍य के लिए किस नियम से बस सेवा प्रारंभ कर सकती है? इससे संबंधित समस्‍त दस्‍तावेज देवें। (ख) इंदौर में A.I.C.T.S.L. इंदौर से किस अन्‍य शहर के लिए कितनी-कितनी बसें चला रही हैं तथा उनका किराया क्‍या हैं? किराया तय करने के नियम क्‍या है तथा किराया कौन तय करता है? प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1513 दिनांक 12.07.2019 के खण्‍ड (क) के उत्‍तर के अनुसार चार्टर्ड बस कम्‍पनी एक्‍ट के विपरीत नहीं है? क्‍योंकि इनका गठन ऑर्गनाईज सिटी बस सेवा हेतु किया गया था? (ग) क्‍या शहर के बाहर चलने वाली बसें लोक परिवहन सेवा में आती है तो बतावें कि कम्‍पनी के गठन को लेकर (ख) में उल्‍लेखित प्रश्‍न तथा प्रश्‍न क्रमांक 3213 दिनांक 26.07.2019 के खण्‍ड (क) के उत्तर में विरोधी भाषा क्‍यों हैं? (घ) A.I.C.T.S.L. को गठन से जनवरी 2020 तक प्रीमियम से प्राप्‍त आय की राशि बताएं तथा बतावे कि C.S.R. के तहत चार वर्षों में कितना-कितना व्‍यय किस कार्य में किया गया? यदि नहीं तो क्‍यों? (ड.) क्‍या शासन प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कम्‍पनियों द्वारा कम्‍पनी के गठन के एक्‍ट के विपरीत शहर से बाहर बस चलाने पर रोक लगाई जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर एस.पी.वी. (ए.आई.सी.टी.एस.एल.) का गठन कंपनी अधिनियम 1956 के तहत यात्रियों को लोक परिवहन सेवा प्रदान करने के लिये किया गया है। पी.पी.पी. मॉडल के अंतर्गत यात्रियों को परिवहन सुविधा हेतु अन्‍य शहर के लिए बस सेवा प्रारंभ की गई है। इससे संबंधित दस्‍तावेज Memorandum of Association (MoA) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा इंदौर शहर से अन्‍य शहरों के लिए यात्रियों की सुविधा हेतु संचालित बस मार्गों, बसों की संख्‍या, बसों एवं बस संचालक नाम का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। बसों में यात्रियों से किराया परिवहन विभाग द्वारा नोटिफिकेशन के अनुसार सामान्‍य बस, ए.सी. बस एवं डिलक्‍स बस की स्‍वीकृत दर के अनुसार लिया जाता है। नोटिफिकेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। बस संचालक चार्टर्ड स्‍पीड प्रा.लि. की बसें एस.पी.वी. द्वारा पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल के अंतर्गत पारदर्शी प्रक्रिया से निविदानुसार संपादित अनुबंध के आधार पर परिवहन विभाग द्वारा जारी परमिट पर बस संचालन किया जा रहा है। अनुबंध अवधि समाप्‍त होने पर मार्ग पर पुन: निविदा आमंत्रित की जाती है। प्रश्‍न क्रमांक 3213 दिनांक 26/07/2019 के खंड (क) के उत्‍तर में विरोधी भाषा नहीं है। (ग) जी हाँ प्रश्‍नांश (ख) तथा प्रश्‍न क्रमांक 3213 दिनांक 26/07/2019 खण्‍ड (क) के अनुसार शहर एवं शहर के बाहर बसों का संचालन मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएश्‍न (MoA) के उद्देश्‍य के अनुरूप किया जा रहा है। अत: विरोधाभास का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) ए.आई.सी.टी.एस.एल. को निविदा के माध्‍यम से संचालक द्वारा कोट कि गई प्रीमियम राशि से आय प्राप्‍त होती है। वर्ष 2006 से 2020 तक की प्रीमियम से प्राप्‍त आय शीट पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। ए.आई.सी.टी.एस.एल. का सी.एस.आर. मद में कोई राशि प्राप्‍त नहीं होती है। इसलिए कोई व्‍यय नहीं किया गया है। (ड.) ए.आई.सी.टी.एस.एल. कंपनी द्वारा गठन के एक्‍ट के तहत बसों का संचालन किया जा रहा है। अत: बस चलाने पर रोक की कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

व्‍यापम घोटाले की जांच

[गृह]

94. ( क्र. 1303 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) एस.टी.एफ. फिलहाल व्‍यापम घोटाले के जिन बिंदुओं पर जाँच विवेचना तथा अनुसंधान कर रही है, उनकी सूची देवें एवं बतावें कि क्‍या यह बिन्‍दु उस समय 2013-14 के दौरान भी थे? यदि हाँ तो उस दौरान सी.बी.आई. के नाम पर जाँच को किसके आदेश पर रोका गया? (ख) क्‍या विभाग के यह संज्ञान में नहीं था कि 09 जून 2015 को माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय ने अपने आदेश में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया था कि सी.बी.आई. अभी तक व्‍यापम घोटाले के दर्ज प्रकरणों की जाँच करें। आदेश में किस उल्‍लेख के आधार पर एस.टी.एफ. ने जून 2015 से सारी जाँच रोक दी? आदेश से उस हिस्‍से की रेखांकित कर आदेश की प्रति देवें। (ग) क्‍या एस.टी.एफ. ने जून 2015 से व्‍यापम घोटाले की शेष सारी जाँच को रोक दिया? क्‍या उसे पुन: प्रारंभ किया? यदि हाँ तो बतावें कि वर्तमान में सी.बी.आई. जाँच के चलते शेष बिंदु पर जाँच हो सकती है, तो पहले किसके आदेश पर उसे रोका गया? आदेश लिखित था या मौखिक जानकारी अवश्‍य देवें। (घ) क्‍या एस.टी.एफ. द्वारा जून 2015 में व्‍यापम घोटाले की जाँच विवेचना रोकना भी वर्तमान एस.टी.एफ. की जाँच का हिस्‍सा है या नहीं? यदि नहीं तो कारण बतावें। यह दस्‍तावेजों के गायब होने, दस्‍तावेजों में हेर-फेर होने, गवाह के मुकरने आदि के लिए कौन जवाबदेह होगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) STF व्यापम संबंधी शिकायतों में आरोपित बिन्दुओं की जांच/विवेचना की जा रही है। आरोपित बिंदुओं पर शिकायत जाँच प्राप्ति दिनांक से अनवरत जारी थी। विवेचनाधीन 16 अपराधिक प्रकरणों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। जी हाँ। जी नहीं, कोई जाँच रोकी नहीं गई है। (ख) जी नहीं, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 09 जून 2015 को व्यापमं जाँच संबंधी किसी निर्देश की जानकारी एस.टी.एफ. में उपलब्ध नहीं हैं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, कोई जाँच रोकी नहीं गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, कोई जाँच नहीं रोकी गई। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्‍ट - "चौंतीस"

प्रदेश में अपराधों की जानकारी

[गृह]

95. ( क्र. 1309 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक महिलाओं पर हुए अत्‍याचार (अपराध) की विभिन्‍न आई.पी.सी. की धाराओं के अनुसार सूची देवें तथा बतावें कि इसी अवधि में 2019 से अपराधों की संख्‍या में कितनी वृद्धि तथा कमी हुई? (ख) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक कितने व्‍यक्तियों ने बेरोजगारी, व्‍यापार में कमी होने से, कर्ज से घबराकर आदि कारणों से आत्‍महत्‍या की? (ग) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक प्रदेश में हत्‍याओं के कितने प्रकरण दर्ज हुए तथा उसमें कुल कितने लोगों की हत्‍याएं हुई तथा इसी अवधि में चोरी, लूट के कुल कितने प्रकरण हुए? (घ) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक मिलावट के कुल कितने प्रकरण दर्ज किए गए तथा इसी अवधि में वर्ष 2019 से कितने ज्‍यादा अथवा कम है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

नगर दबोह जिला भिण्‍ड में अवैध निर्माण कार्यों को हटाए जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

96. ( क्र. 1319 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय नगर परिषद् दबोह जिला भिण्‍ड (म.प्र.) ने सूचना पत्र क्रमांक 44, 45, 46, 47, 48, 49, 50, 51, 52 दबोह दिनांक 12/02/2019 के माध्‍यम से वार्ड क्रमांक 8 दबोह के किन-किन व्‍यक्तियों को रोड के नजदीक अवैध निर्माण करने पर 3 दिवस के अंदर निर्माण हटाने का नोटिस दिया था? (ख) उपरोक्‍त अवैध निर्माणकर्ताओं को दिए गए नोटिस के बाद प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन व्‍यक्तियों ने निर्माण हटा लिया है तथा किन-किन व्‍यक्तियों ने नहीं हटाया है? सभी के नाम, पता सहित विवरण दें। (ग) क्‍या उपरोक्‍त निर्माणकर्ताओं ने भूमि का डायवर्सन, नजूल एवं नगर एवं ग्राम निवेश की अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्‍त कर लिये हैं? यदि नहीं तो नगर परिषद् के मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी तथा कब तक बिना स्‍वीकृत तथा बिना नजूल की अनापत्ति के किया गया निर्माण हटा दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) किसी भी अतिक्रमणकर्ता द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माणकर्ताओं द्वारा डायवर्सन एवं नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र निकाय में प्रस्‍तुत किये गये हैं, किंतु निर्माणकर्ताओं द्वारा नगर एवं ग्राम निवेश से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्‍त नहीं किया गया है। निकाय द्वारा निर्माणकर्ताओं को भवन निर्माण अनुमति, स्‍वीकृत नक्‍शे के अनुसार निर्माण न किये जाने एवं नगर पालिका व नजूल विभाग की भूमि पर अतिक्रमण किये जाने कि स्थिति में स्‍वत: ही निरस्‍त मानी जायेगी की शर्त के साथ दी गई थी। निर्माणकर्ताओं द्वारा भवन निर्माण अनुमति की शर्तों का पालन न किये जाने से, निकाय द्वारा भवन निर्माण अनुमति निरस्‍त कर, निर्माणकर्ताओं को सूचना पत्र जारी किये गये हैं। सीमांकन हेतु नायब तहसीलदार, उप तहसील दबोह को पत्र लिखा गया है। सीमांकन उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

परिशिष्‍ट - "पैंतीस"

शासकीय महाविद्यालय में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[उच्च शिक्षा]

97. ( क्र. 1321 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) भिण्‍ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार, आलमपुर एवं बालाजी मिहोना में कितने-कितने पद प्राध्‍यापक/सहायक प्राध्‍यापक/प्राचार्य एवं अन्‍य स्‍टाफ के स्‍वीकृत हैं? पदवार बताएं।             (ख) उपरोक्‍त स्‍वीकृत पदों में से कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्‍त हैं एवं रिक्‍त स्‍थानों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (ग) क्‍या तत्‍कालीन उच्‍च शिक्षा मंत्री जी ने लहार प्रवास के दौरान वर्ष 2020 में शासकीय महाविद्यालय लहार में स्‍नातकोत्‍तर कक्षाएं प्रारंभ करने एवं नवीन भवन बनाने की घोषणा की थी? यदि हाँ तो उपरोक्‍त घोषणाओं की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) महाविद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। तत्कालीन माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी द्वारा लहार प्रवास के दौरान 5 विषयों में स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करने की घोषणा की थी। नये विषयों के प्रारंभ करने के मापदंडों की पूर्ति नहीं हो पाने के कारण स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। महाविद्यालय के नवीन भवन बनाने की घोषणा नहीं की गई है।

अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

98. ( क्र. 1333 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28/12/2020 के प्रश्‍न क्रमांक 240 के (ख) उत्‍तर में बताया गया था कि तात्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के विरूद्ध आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं? अध्‍यक्ष के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तो उक्‍त वर्णित अधिकारियों के विरूद्ध जाँच किस स्‍तर के अधिकारी/संस्‍था द्वारा की जा रही है? सम्‍पूर्ण दस्‍तावेज सहित बतावें। शासन को वित्‍तीय हानि पहुंचाने वाले तात्‍कालीन नगर पालिका अध्‍यक्ष एवं अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिये कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई है तो उस की छायाप्रति प्रदान करें।             (ख) संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक/शि./06/सीहोर/2020/ 11168, दिनांक 31/07/2020 में तात्‍कालीन अध्‍यक्ष नगर पालिका परिषद् सीहोर एवं अन्‍य पदाधिकारियों की जिम्‍मेदारी स्‍पष्‍ट उल्‍लेखित होने के बाद भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा उनके विरूद्ध कोई प्रभावी कार्यवाही अब तक क्‍यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित पत्र में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया गया है कि नगर पालिका निधि की राशि का दुरूपयोग किया गया है? क्‍या सक्षम पदाधिकारी (कलेक्‍टर) उक्‍त दुरूपयोग को आर्थिक अनियमितता नहीं मानते हैं, जिस कारण उक्‍त गंभीर प्रकरण में आज दिनांक तक प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई हैं? क्‍या इस हेतु सक्षम प्राधिकारी की जिम्‍मेदारी का भी निर्धारण किया जावेगा यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्‍न में वर्णित अधिकारियों के विरूद्ध कलेक्‍टर जिला सीहोर द्वारा कराई गई, जाँच की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। विभागीय जाँच प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) तत्‍कालीन अध्‍यक्ष नगर पालिका सीहोर के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र पर कार्यवाही प्रचलित है।               श्री सुधीर सिंह मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, श्री सईउद्दीन सहायक यंत्री, श्रीमती प्राची गुप्‍ता उपयंत्री के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई है श्री दीपक शर्मा, सहायक यंत्री के विरूद्ध आरोप पत्र 03-02-2021 को जारी किये गये हैं। कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन उपकेन्‍द्रों के निर्माण को होल्‍ड पर रखा जाना

[ऊर्जा]

99. ( क्र. 1337 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत कंपनी लिमिटेड वृत्‍त गुना के महाप्रबंधक पत्र दिनांक 02/05/2020 के द्वारा प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2020-21 के लिये स्‍वीकृत 33/11 के.व्‍ही. के नवीन उपकेन्‍द्रों के निर्माण को तत्‍काल होल्‍ड पर रखने का पत्र उप महाप्रबंधक (सं.स./एस.टी.सी.) राघौगढ़/गुना को लिखा था? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन से एस.एस.टी.डी. मद में राशि प्राप्‍त नहीं होने के कारण गुना वृत्‍त के सभी कार्यों की तकनीकी मान्‍यता का पुन: परीक्षण करने के उपरांत साध्‍य पाये जाने वाले कार्यों को नये सिरे से स्‍वीकृत किये जायेंगे? यदि हाँ तो किन-किन कार्यों के तकनीकी साधता का पुन: परीक्षण किया गया तथा कौन-कौन से कार्य साध्‍य पाये गये तथा उनमें से कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं तथा स्‍वीकृत कार्य कब से प्रारंभ किये जायेंगे? बतायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हॉ, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड गुना वृत्‍त के महाप्रबंधक द्वारा प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2020-21 के लिये गुना वृत के क्षेत्रांतर्गत स्‍वीकृत नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों के निर्माण कार्यों को सीमित वित्‍तीय उपलब्‍धता के परिप्रेक्ष्‍य में कंपनी मुख्‍यालय के निर्देशों के अनुक्रम में होल्‍ड पर रखे जाने के निर्देश पत्र दिनांक 02-05-2020 से संचालन-संधारण संभाग राघौगढ़ एवं एस.टी.सी. संभाग गुना को जारी किये गये थे। (ख) जी हॉं, एस.एस.टी.डी. मद में राज्‍य शासन से राशि प्राप्‍त होने पर 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की साध्‍यता का पुन: परीक्षण कर स्‍वीकृति की कार्यवाही किये जाने संबंधी निर्देश दिये गये थे। उक्‍त निर्देशों के अनुक्रम में एस.एस.टी.डी. मद में राशि प्राप्‍त होने एवं होल्‍ड पर रखे गये 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों के कार्य की साध्‍यता के पुन: परीक्षण उपरांत तकनीकी साध्‍यता एवं प्राथमिकता के आधार पर गुना जिले के लिए 33/11 के.व्‍ही. के 4 विद्युत उपकेन्‍द्रों यथा-बीनागंज, सिमरोद, डोबरा एवं लोंडेरा के कार्य स्‍वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें से 2 नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों यथा-सिमरोद एवं डोबरा के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं तथा बीनागंज एवं लोंडेरा 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों के कार्य प्रगति पर हैं।

 

 

 

 





भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


व्यापम घोटाले की जांच

[गृह]

1. ( क्र. 2 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 168 दिनांक 21 सितंबर 2020 के प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बताएं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पीटीसन क्र.114/15 तथा 115/15 तथा पूर्व विधायक पारस सकलेचा की ट्रांसफर पिटिशन (सिविल) क्र. 327/2015 में क्या डीमेट से संबंधित शिकायतों की जाँच राज्य शासन से करने पर स्टे की मांग की गई है तथा क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे प्रदान किया गया यदि नहीं तो फिर डीमेट की जाँच क्यों रोकी गई है? (ख) उपरोक्त उल्लेखित प्रश्न क्र.168 के प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में बताएं कि सी.बी.आई. का पत्र एस.टी.एफ. की जाँच में शामिल क्यों नहीं है जबकि वह पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत का हिस्सा है तथा उनके द्वारा दर्ज किए गए बयान में भी उसका उल्लेख है? (ग) एस.टी.एफ. की जाँच में 197 लंबित शिकायतों में कितनी शिकायतों पर जाँच कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है कितनी विवेचना में है तथा कितनी पर अभी कार्यवाही प्रारंभ नहीं हुई है? पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा की गई शिकायत पर कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं। (घ) व्यापम घोटाले संबंधित जिलों में भेजी गई 530 शिकायतों की जिलेवार सूची उपलब्ध कराएं तथा बताएं कि उन्हें किस दिनांक को भेजा गया तथा उन पर क्या-क्या कार्रवाई हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एस.टी.एफ. से संबंधित नहीं है। जी नहीं। डीमेट द्वारा निजी कालेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी। चूंकि विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी। (ख) माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा सी.बी.आई. को पत्र प्रेषित किया गया था जो इस कार्यालय को प्राप्त नहीं होने से जाँच में सम्मिलित नहीं किया गया है। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही 197 लंबित शिकायतों की जाँच में 13 आपराधिक प्रकरण तथा 03 अपराध अन्य जानकारियों पर से, कुल 16 अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में है एवं 70 शिकायतें नस्तीबद्ध की जा चुकी है। शेष 127 शिकायतों की जाँच प्रचलन में है। माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा एस.टी.एफ. में की गई शिकायत की जाँच प्रचलन में है। प्राप्त जानकारी का विश्लेषण किया जा रहा है।                       (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिलों में भेजे गए 530 आवेदन पत्रों में से 219 शिकायत पत्र नस्तीबद्ध किए गए तथा 02 शिकायतों में जाँच उपरांत अपराध दर्ज किए गए है। इस प्रकार कुल 221 शिकायत पत्र निराकृत किए जा चुके है। शेष 309 शिकायतों में जाँच कार्यवाही प्रचलन में है।

 

दस्‍तावेजी सिद्ध आरोपियों पर प्रकरण कायम किया जाना

[गृह]

2. ( क्र. 41 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्‍नतिथि के मध्‍य अवैध शस्‍त्र लायसेंस जारी करने प्रकरणों पर क्‍या स्‍पेशल टास्‍क फोर्स (एस.टी.एफ.) द्वारा विवेचना की जा रही है? किस-किस नाम/पते के लायसेंस निरस्‍त/निलंबित हुये उसकी सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार क्‍या एक पते पर दूसरे जिलों के निवासियों के नाम शस्‍त्र लायसेंस जारी किये जाने के कई प्रकरण उजागर हुये हैं? अगर हाँ तो उक्‍त पतों की जानकारी एवं किन-किन के नाम पर शस्‍त्र लायसेंस कब-कब जारी हुये उनकी सूची उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार क्‍या थाना कोलगवां सहित अन्‍य थानों से आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शस्‍त्र लायसेंस के आवेदकों को यह लिखकर दिया गया कि उनके विरूद्ध कोई भी आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया है? यदि हाँ तो क्‍या एस.टी.एफ. ने ऐसे कई प्रकरण पकड़े हैं? सूची दें। (घ) थाना कोलगवां जिला सतना के किन-किन नाम के थाना प्रभारियों ने प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित दस्‍तावेजों में कूट रचना की? राज्‍य शासन उन थाना प्रभारियों के विरूद्ध कब तक धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 एवं अन्‍य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध करवायेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सतना जिले में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्‍न तिथि के मध्‍य अवैध शस्‍त्र लायसेंस जारी करने के प्रकरणों पर स्‍पेशल टॉस्‍क फोर्स (एस.टी.एफ.) द्वारा कोई विवेचना नहीं की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उपरोक्‍तानुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दर्ज अपराध पर कार्यवाही

[गृह]

3. ( क्र. 42 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले के थाना विजय नगर में अपराध क्रमांक 306/2018 किस दिनांक को दर्ज हुआ है? इस प्रकरण का जाँच अधिकारी तथा तात्‍कालीन टी.आई. कौन था? इस प्रकरण में कितने दिनों बाद (दिन की संख्‍या बतायें) चालान न्‍यायालय में प्रस्‍तुत हुआ? प्रकरण के आरोपी का नाम व उसका विभागीय पदनाम दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित दर्ज अपराध क्रमांक को तयशुदा समय-सीमा में न्‍यायालय में प्रस्‍तुत नहीं करने वाले जाँच अधिकारी एवं तात्‍कालीन टी.आई. के विरूद्ध राज्‍य शासन ने विभागीय जाँच प्रश्‍नतिथि तक क्‍यों आदेशित नहीं की है? अगर की है तो प्रश्‍नतिथि तक जाँच की क्‍या स्थिति है? बिन्‍दुवार विवरण दें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अपराध क्रमांक में तयशुदा समय-सीमा में चालान न्‍यायालय में प्रस्‍तुत न करने के कारण आरोपी को फायदा मिला? क्‍या आरोपी और जाँच अधिकारी एवं तात्‍कालीन टी.आई. की इस प्रकरण से सांठ गांठ/मिलीभगत उच्‍चाधिकारियों के सामने उजागर हुई? अगर हाँ तो क्‍या कार्यवाही की गई? बिन्‍दुवार विवरण दें। (घ) कब तक इस प्रकरण की पुनर्विवेचना कर पुन: नये सिरे से प्रकरण का चालान न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया जायेगा एवं उक्‍त प्रकरण के जाँच अधिकारी एवं टी.आई. को बरखास्‍त करने की कार्यवाही की जायेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रकरण दिनांक 28.04.2018 को पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण के जांचकर्ता अधिकारी उप निरीक्षक राजू सिंह डाबर एवं तत्कालीन निरीक्षक सुधीर अरजरिया, रत्नेश मिश्रा थे। प्रकरण में 555 दिन में चालान न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण के आरोपी का नाम पराक्रम चन्द्रावत पिता नरेन्द्र सिंह चन्द्रावत एवं विभागीय पदनाम ''जिला आबकारी अधिकारी'' है। (ख) उल्लेखित अपराध में तयशुदा समय-सीमा में चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने वाले जाँच अधिकारी एवं तत्कालीन थाना प्रभारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच की जा रही है। वर्तमान में विभागीय जाँच गतिशील है। (ग) उल्लेखित अपराध में तयशुदा समय-सीमा में चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने के कारण न्यायालय द्वारा आरोपी को उन्मुक्त किया गया। प्रकरण में जाँच अधिकारी एवं तत्कालीन थाना प्रभारियों की विभागीय जाँच की जा रही है। विभागीय जाँच में प्रकट हुए तथ्यों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण में जाँच अधिकारी एवं तत्कालीन थाना प्रभारियों की विभागीय जाँच जारी है, विभागीय जाँच में आये तथ्यों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

अविद्युतीकृत मजरा टोला

[ऊर्जा]

4. ( क्र. 109 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 जनवरी 2021 की स्थिति में बरेली एवं रायसेन संभाग में कौन-कौन से ग्राम अविद्युतीकृत हैं तथा क्‍यों? सौभाग्‍य योजना में उनका विद्युतीकरण क्‍यों नहीं किया गया तथा कब तक उनका विद्युतीकरण किया जायेगा? (ख) 31 जनवरी 2021 की स्थिति में बरेली एवं रायसेन संभाग में विद्युतीकृत ग्रामों, में कितने घरों में विद्युत कनेक्‍शन दिया जाना शेष है तथा कब तक विद्युत कनेक्‍शन दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में 1 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक माननीय मंत्री जी तथा अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रश्‍नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए? उक्‍त पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ? (घ) किन-किन पत्रों का जवाब कब-कब दिया तथा किन-किन पत्रों का जवाब क्‍यों नहीं दिय तथा कब तक जवाब देंगे।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) 31 जनवरी 2021 की स्थिति में म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत संचालन/संधारण संभाग बरेली एवं रायसेन में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) 31 जनवरी 2021 की स्थिति में संचालन/संधारण संभाग बरेली एवं रायसेन के अंतर्गत विद्युतीकृत ग्रामों के समस्‍त घरों को सौभाग्‍य योजना के प्रावधानों के अनुसार घरेलू विद्युत कनेक्‍शन प्रदान किये जा चुके हैं।                          (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में 01 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक ऊर्जा मंत्री को प्रेषित/प्राप्‍त पत्रों के संबंध में प्रश्‍नाधीन चाही गई ग्रामों के विद्युतीकरण संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उक्‍त संबंध में रायसेन वृत्‍त के अधीक्षण यंत्री एवं अधीनस्‍थ कार्यपालन यंत्री म.प्र मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, को माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय का कोई भी पत्र सीधे तौर पर प्राप्‍त नहीं हुआ है। (घ) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के प्राप्‍त पत्रों पर म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यवाही करते हुये उपमहाप्रबंधक संचालन/ संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली द्वारा मौखिक तौर पर माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को पत्रों की विषयवस्‍तु पर की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत करा दिया गया है एवं पत्र प्रेषित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

महाविद्यालयों में स्‍नात्‍कोत्‍तर कक्षायें

[उच्च शिक्षा]

5. ( क्र. 110 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) रायसेन जिले के किन-किन महाविद्यालयों में कौन-कौन सी कक्षायें संचालित हैं तथा उनमें विगत 3 वर्षों में दर्ज छात्र/छात्राओं की संख्‍या बतायें। (ख) रायसेन जिले के किन-किन महाविद्यालयों में स्‍नात्‍कोत्‍तर कक्षायें तथा स्‍नातक स्‍तर पर विज्ञान संकाय की कक्षायें प्रारंभ करवाने हेतु माननीय मंत्री जी को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्‍त हुए? (ग) उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के महाविद्यालयों में स्‍नात्‍कोत्‍तर कक्षायें तथा स्‍नातक स्‍तर पर विज्ञान संकाय की कक्षायें कब तक प्रारंभ होगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी  संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) पत्र क्रमांक 557 दिनांक 22.09.2020 एवं पत्र क्रमांक 3703/सीएमएस/एमएलए/143/20 दिनांक 19.10.2020 द्वारा शासकीय महाविद्यालय सिलवानी में स्नातकोत्तर कक्षायें एवं विज्ञान संकाय प्रारम्भ करने हेतु पत्र प्राप्त हुए हैं। (ग) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 705/आउशि/योजना/20 दिनांक 07.12.2020 द्वारा अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा से जानकारी मंगायी गई है। (घ) प्रकरण में की गई कार्यालयीन कार्यवाही के परीक्षणोपरान्त पाया गया कि सिलवानी में 02 अशासकीय महाविद्यालय संचालित है इन महाविद्यालय में विज्ञान संकाय में 135 विद्यार्थी अध्ययनरत है। निर्धारित मापदंड की पूर्ति न होने के कारण शासकीय महाविद्यालय सिलवानी में विज्ञान संकाय एवं स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारभ किये जाने में कठिनाई है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

निर्मित निर्माण के वैधानिक/अवैधानिक की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 160 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा भवन निर्माण की अनुमति जितने वर्गफीट की दी है उससे अधिक वर्गफीट का निर्माण कार्य करने वाले भवन स्‍वामी से नगर निगम के संपत्ति कर शाखा के द्वारा संपत्ति कर, समेकित कर, उपकर व अन्‍य कर कई वर्षों से लिये जा रहे है? (ख) क्‍या ऐसे निर्माण कार्य को वैधानिक माना जायेगा क्‍योंकि नगर निगम द्वारा पूर्ण निर्माण कार्य का कर लिया जा रहा है? इस संबंध में नियम और प्रक्रिया से भी अवगत कराने का कष्‍ट करें। (ग) क्‍या नगर निगम बुरहानपुर के लो‍क निर्माण शाखा द्वारा सम्‍पत्ति कर शाखा को भवन निर्माण की अनुमति कितने वर्ग फीट की जारी की गई है, तत्‍संबंधी जानकारी नहीं दी जाती है? (घ) नगर निगम बुरहानपुर द्वारा निजी कॉलोनियों से भी संपूर्ण कर लिये जाते है, क्‍या उन्‍हें भी मूलभूत सुविधा जैसे स्‍ट्रीट लाइट, पानी, साफ-सफाई, नाली आदि प्रदान की जाती है? यदि हाँ तो किन-किन कॉलोनी को प्रदान की जाती है? (ड.) नगर निगम बुरहानपुर द्वारा भवन स्‍वामियों से शिक्षा उपकर की राशि ली जाती है? यदि हाँ तो क्‍या वह राशि से स्‍कूल भवनों के मेंटनेंस पर कितनी राशि विगत 5 वर्षों में व्‍यय की गई की सूची वर्षवार प्रदान करने करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, भवन अनुज्ञा के विपरीत किये गये निर्माण को वैधानिक नहीं माना जायेगा। भवन अनुज्ञा के विपरीत किये गये निर्माण के संबंध में म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 एवं म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के सुसंगत उपबन्‍धों के तहत कार्यवाही के प्रावधान है। (ग) जानकारी दी जाती है। (घ) जी हॉ, निजी कॉलोनियों में निर्मित भवनों से सम्‍पत्तिकर एवं भूखण्‍ड पर समेकितकर लिया जाता है तथा जिन निजी कॉलोनियों में नगर निगम द्वारा जलप्रदाय किया जाता है उनसे जलकर की राशि भी ली जाती है। जी नहीं सभी निजी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधा जैसे स्‍ट्रीट लाईटपानीसाफ-सफाईनाली आदि नगर निगम द्वारा प्रदान नहीं की जाती है। पूर्व से जिन निजी कॉलोनियों में नगर निगम द्वारा मूलभूत सुविधा प्रदान की जा रही हैजानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। स्‍कूल भवनों के मेंटनेंस पर विगत 05 वर्षों में व्‍यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

प्रतिबंधात्मक धारा 144 लागू करना

[गृह]

7. ( क्र. 169 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कानून व्यवस्था बनाए हेतु सरकार/जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंधात्मक धारा 144 का प्रयोग किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो इन्दौर जिले में दिनांक 1 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2021 तक कितनी बार, कितने समय तक और किन-किन कारणों से धारा 144 लागू की गई? (ग) क्‍या इस धारा के बार-बार प्रयोग करने से इसके दुरूप्रयोग की संभावना बढ़ गई है एवं नागरिकों में इसका भय समाप्त हो गया है? इन्दौर में कानून की ऐसी कौन सी परिस्थितियां निर्मित हो गई है जिससे बार-बार धारा 144 लगाई जा रही है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) इंदौर जिले में दिनांक 01 जनवरी 2019 से 31 जनवरी, 2021 तक 54 बार, अधिकतम दो माह की अवधि के लिए जिले में कानून व्‍यवस्‍था, प्रशान्ति व्‍यवस्‍था बनाए रखने हेतु धारा 144 लागू की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिले में कानून व्‍यवस्‍था, शांति एवं सौहार्द्र कायम करने हेतु धारा 144 लगाई गई है।

 

अल्पसंख्यक कॉलेजों में प्रवेश की छूट

[उच्च शिक्षा]

8. ( क्र. 172 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) इन्दौर शहर में कितने कॉलेज अल्पसंख्यक वर्ग में आते है? क्या अल्पसंख्यक कॉलेजों को आनलाईन एडमिशन से छूट प्राप्त है? क्या यह छूट सिर्फ मध्यप्रदेश में ही दी जा रही है? (ख) क्या वहॉं पर अन्य महाविद्यालयों की तरह ही पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे है और कोई विशेष धार्मिक पाठ्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है? यदि हॉं तो सामान्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु आनलाईन से छूट दिए जाने का क्या औचित्य है? (ग) सामान्य पाठ्यक्रम जैसे बीए, बीकॉम, बीएससी में प्रवेश हेतु अल्पसंख्यक कॉलेजों को मिल रही आनलाईन प्रवेश प्रक्रिया छूट को कब समाप्त किया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इंदौर शहर में 42 महाविद्यालय अल्पसंख्यक वर्ग में आते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत रिट पीटिशन (सिविल) 317/1993 निर्णय के पृष्ठ क्रमांक 51 एवं 52 प्रश्न क्रमांक 4 एवं 5 अनुसार है। यह छूट मध्यप्रदेश के महाविद्यालयों में दी जा रही है। शेष राज्‍यों के संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विशेष धार्मिक पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाती है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत प्रत्येक चरण में ऑफ लाईन प्रवेशित विद्यार्थियों का ऑनलाइन पोर्टल पर अद्यतन किये जाने का प्रावधान है, जिसका पालन किया जाता है। शेष जानकारी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा प्रदत्त निर्णय के अध्याधीन। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा प्रदत्त निर्णय के अनुपालन में छूट दी जा रही है। अत: समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

आयुध संशोधन विधेयक-2019 के प्रावधान

[गृह]

9. ( क्र. 177 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा आयुध संशोधन विधेयक-2019 के अंतर्गत हथियार लायसेंस के नवीनीकरण की अवधि 3 साल से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है? यदि हाँ तो मध्यप्रदेश में इस पर कब तक अमल किया जावेगा? (ख) क्या आयुध संशोधन विधेयक-2019 के अंतर्गत एक व्यक्ति के एक लायसेंस पर हथियारों की अधिकतम सीमा 3 से घटाकर 2 कर दी गई है? यदि हाँ तो इसकी प्रति उपलब्ध करावें? (ग) मध्यप्रदेश में इस बावत् जारी किए गए आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अमल किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार

 

 

शिकायत की जाँच

[उच्च शिक्षा]

10. ( क्र. 198 ) श्री संजय उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्या प्रश्नकर्त्ता के पत्र क्रमांक/1733/2019-20 दिनांक 03/12/2019 में उल्लेखित शिकायत की जाँच हेतु विशेष कर्तव्यरत अधिकारी उच्च शिक्षा,म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/983/36/भोपाल दिनांक  03/07/2020 के अनुसार जाँच हेतु आदेशित किया गया था? (ख) यदि हाँ तो जाँचकर्त्ता अधिकारी का नाम, पदनाम, जाँच प्रतिवेदन की प्रति, उपलब्ध करावें? (ग) क्या जाँच कर्त्ता अधिकारी के द्वारा वित्तीय अनियमितता/गबन पाया गया है? हाँ तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई बतावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) डॉ. (श्रीमती) लीला भलावी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर संभाग, जबलपुर म.प्र.। जाँच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दोषी द्वारा किये गये वित्तीय अनियमितता के कृत्य हेतु अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

शासकीय महाविद्यालय भवन स्‍वीकृति/निर्माण

[उच्च शिक्षा]

11. ( क्र. 236 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय नरयावली भवन की उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा क्‍या स्‍वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो कब, यदि नहीं तो कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) यदि हाँ तो क्‍या राजस्‍व विभाग द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आरक्षित कर दी गई है? स्‍थान, रकबा सहित जानकारी देवें। यदि नहीं तो भूमि आवंटन की प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) क्‍या विभाग द्वारा महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु आरक्षित भूमि का अधिग्रहण/अधिपत्‍य प्राप्‍त कर लिया गया है एवं आरक्षित भूमि जन भावनाओं एवं छात्र-छात्राओं के अनुरूप भूमि आरक्षित की गई है? (घ) क्‍या महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।                         (ख) जी हाँ। न्‍यायालय कलेक्‍टर सागर, जिला सागर म.प्र. के आदेश क्रमांक 1685 दिनांक 23/02/2019 द्वारा आरक्षित भूमि आवंटित कर दी गई है। भूमि का विवरण ग्राम नगना, पटवारी हल्‍का नं. 9 ख.नं. 224 कुल आवंटित रकबा 8 हेक्‍टयर। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।                        (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। प्रस्‍ताव स्‍थायी वित्‍तीय समिति की बैठक दिनांक 05/12/2020 में प्रस्‍तुत किया गया, परन्‍तु सीमित बजट के कारण विचार नहीं किया जा सका।

कर्रापुर पुलिस चौकी को थाने का दर्जा

[गृह]

12. ( क्र. 237 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कर्रापुर पुलिस चौकी की स्‍थापना कब की गई थी तथा इसमें कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित है? जनसंख्‍या सहित विस्‍तृत जानकारी देंवें? (ख) वर्तमान में पुलिस चौकी कर्रापुर में कितना पुलिस बल स्‍वीकृत है, कितना कार्यरत है? पद सहित जानकारी देवें। (ग) पुलिस चौकी कर्रापुर में वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने अपराध पंजीकृत हुये? (घ) क्‍या सम्मिलित ग्रामों की संख्‍या एवं उनकी जनसंख्‍या तथा अपराधों को देखते हुये पुलिस चौकी का थाना में उन्‍नयन हेतु कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित है? यदि हाँ तो पुलिस चौकी को पुलिस थाना का दर्जा कब तक दिया जायेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कर्रापुर पुलिस चौकी की स्थापना दिनांक 01.04.1962 में की गयी थी। सम्मिलित ग्रामों एवं जनसंख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) पुलिस चौकी कर्रापुर का थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने से चौकी का थाने में उन्नयन किया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चालीस"

राजशाही तालाबों के सौंदर्यीकरण की योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( क्र. 247 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा राजशाही तालाबों के सौंदर्यीकरण हेतु क्‍या-क्‍या नीति नियम आदि प्रचलन में है? उनकी फोटो प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) तहसील सबलगढ़ व कैलारस (विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना) के अंतर्गत कितने राजशाही तालाब स्थित है? उनके नाम व तालाब का स्‍थान तहसील आदि सहित विस्‍तार पूर्वक बतावें। (ग) विगत तीन वर्ष में (ख) में उल्‍लेखित तालाबों के सौंदर्यीकरण हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई की जानकारी वर्ष/दिनांक/ मांग संख्‍या/लेखाशीर्ष/प्रदाय राशि आदि सहित बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित प्राप्‍त राशि से कहाँ-कहाँ, किस-किस तालाब का सौंदर्यीकरण किस क्रियान्‍वयन एजेंसी से कराया गया व कार्य की अद्यतन स्थिति क्‍या है बतावें। (ड.) क्‍या यह भी सच है कि सौंदर्यीकरण हेतु कुछ प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर पर लंबित है? यदि हाँ तो इसकी भी जानकारी दी जावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विभाग द्वारा राजशाही तालाबों के सौन्‍दर्यीकरण हेतु नीति नियम आदि प्रचलन में नहीं है। विभाग की 'झीलों एवं तालाबों के संरक्षण एवं विकास' योजना के प्रावधान की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) तहसील सबलगढ़ (विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना) के अंतर्गत 01 राजशाही तालाब स्थित है, जिसका नाम रानी तालाब वार्ड क्रमांक 06 सबलगढ़ में स्थित है खसरा क्रमांक 1480 से 1539 एवं क्षेत्रफल 34.67 हेक्‍टेयर जिसका कैचमेंट एरिया 4 वर्गमील है नगर परिषद् कैलारस में कोई राजशाही तालाब नहीं है।                                   (ग) नगरपालिका सबलगढ़ एवं नगर परिषद् कैलारस को तालाब के सौन्‍दर्यीकरण हेतु कोई राशि शासन द्वारा विगत 03 वर्षों में प्रदान नहीं की गई है।  (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) शासन स्‍तर पर कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

शासकीय परामर्श दात्री समिति की बैठकों का आयोजन

[संसदीय कार्य]

14. ( क्र. 252 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) विभाग द्वारा शासकीय परामर्श दात्री समिति की बैठकें बुलाने की क्‍या निर्देशिका है। प्रति उपलब्‍ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार 15 वीं विधानसभा कार्यकाल में प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक कितनी बैठकों का आयोजन किया गया। समितियों के नाम/दिनांक व स्‍थान सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या यह भी सच है कि (ख) में उल्‍लेखित नियमानुसार बैठकें नहीं बुलाई गई है। यदि हाँ तो क्‍यों व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 'परामर्शदात्री समितियों के गठन तथा कार्यकरण को विनियमित करने वाले मार्गदर्शक सिद्धांत' की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नेहरू डिग्री कालेज सबलगढ़ का स्‍टाफ

[उच्च शिक्षा]

15. ( क्र. 253 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेहरू डिग्री कॉलेज सबलगढ़ जिला मुरैना में शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक व अन्‍य स्‍टाफ के पद स्‍वीकृत हैं। अलग-अलग जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या वर्तमान से प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सभी पद पूर्ण हैं या रिक्‍त हैं व रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कॉलेज द्वारा 2021 तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? कार्यवाही से अवगत करावें। क्‍या रिक्‍त पदो की पूर्ति हो चुकी है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शैक्षणिक वर्ग के 04 पद भरे हैं तथा शेष रिक्त 11 पदों विरूद्ध अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। ग्रंथपाल पद के विरूद्ध भी अतिथि विद्वान कार्यरत है। शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पदों की पूर्ति हेतु महाविद्यालय द्वारा समय-समय पर शासन को जानकारी भेजी गई है। जी नहीं।

परिशिष्ट - "बयालीस"

आजनार नदी के सौंदर्यीकरण के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

16. ( क्र. 293 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा में स्थित अजनार नदी के सौंदर्यीकरण हेतु वर्ष 2019 में कार्य योजना तैयार की गई थी जिसका बजट क्या था? (ख) वर्तमान में उक्त कार्य योजना पर क्या-क्या कार्य हुआ वह किस स्थिति में है? (ग) नगर वासियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उक्त कार्य योजना पर कार्य प्रारंभ होगा यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्‍या शहर के बीचों बीच स्थित उक्त नदी से गंदगी व संक्रमण का खतरा है? सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निकाय द्वारा अजनार नदी के सौंदर्यीकरण हेतु कोई कार्य योजना तैयार नहीं की गईशेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। ब्‍यावरा नगर के बीच से अजनार नदी निकलती है। निकाय द्वारा अजनार नदी के जल को पेयजल हेतु उपयोग में नहीं लिया जाता है न ही गंदगी एवं संक्रमण से संबंधित कोई शिकायत निकाय को प्राप्‍त हुई है। अजनार नदी के सौंदर्यीकरण हेतु कोई कार्य योजना तैयार नहीं किये जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खेल स्टेडियम का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

17. ( क्र. 307 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बड़नगर जिला उज्जैन में सांसद निधि से 45 लाख रूपये की राशि शा.उ.मा.वि. बड़नगर में स्टेडियम बनाने हेतु बड़नगर नगर पालिका को राशि स्वीकृत की गई थी? (ख) उक्त स्टेडियम पर कितनी राशि किस किस कार्य के लिए उपयोग की गई है एवं कितनी राशि शेष बची है? सम्पूर्ण जानकारी मदवार राशिवार उपलब्ध करावें। (ग) उक्त स्टेडियम निर्माण के संबंध में ड्राईंग डिजाईन व स्टीमेट की प्रति भी उपलब्ध करावें। (घ) यदि उक्त स्टेडियम को गुणवत्‍ताहीन बनाया गया है तो दोषी अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दर्शक दीर्घा, स्‍टेज एवं कक्ष निर्माण तथा मैदान समतलीकरण एवं सुदृणीकरण कार्य पर रू. 29,28,213/- के व्‍यय उपरांत राशि रू. 15,71,787/- शेष है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्‍टेडियम निर्माण कार्य के संबंध में प्राप्‍त शिकायत की जाँच कलेक्‍टर, उज्‍जैन द्वारा कराई जा रही है। जाँच प्रचलित है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।

राशि का उपयोग

[ऊर्जा]

18. ( क्र. 364 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) रायसेन जिले में वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक मेन्‍टेनेस (रख-रखाव) की कितनी राशि कब-कब प्राप्‍त हुई उक्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य कहाँ-कहाँ करवाये गये? (ख) किस-किस ठेकेदार को कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया तथा किस-किस ठेकेदार की कितनी- कितनी राशि का भुगतान बकाया है? तथा क्‍यों? (ग) उक्‍त कराये गये कार्यों का मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन तथा निरीक्षण किस-किस अधिकारी ने कब-कब किया तथा क्‍या-क्‍या अनियमिततायें पाई, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (घ) उक्‍त कार्यों में अनियमितताओं एवं गड़बड़ी की किन-किन माध्‍यमों से उक्‍त अवधि में शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) संचालन एवं संधारण वृत्‍त रायसेन को प्रश्‍नाधीन अवधि में विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के रख रखाव हेतु प्राप्‍त राशि एवं किये गये कार्यों की प्रश्‍नाधीन चाही गई स्‍थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों हेतु संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों एवं उनको किये गये भुगतान तथा लंबित भुगतान की प्रश्‍नाधीन चाही गई ठेकेदार एजेन्सीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों का मूल्यांकन, सत्यापन एवं निरीक्षण, कार्यों की क्रियान्‍वयन अवधि के दौरान विभिन्‍न तिथियों में किया गया। उक्‍त कार्यों का मूल्यांकन, सत्यापन एवं निरीक्षण करने वाले अधिकारियों एवं निरीक्षणों के दौरान पाई गई अनियमितताओं तथा की गई कार्यवाही से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                  (घ) रायसेन जिले के अंतर्गत उक्‍त कार्यों में अनियमितताओं एवं गड़बड़ी से संबंधित शिकायत किसी भी माध्यम से उक्‍त अवधि में प्राप्त नहीं हुई है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

मेट्रों ट्रेन का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( क्र. 365 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल एवं उसके आस-पास के क्षेत्र में यातायात की समस्‍या के समाधान के रूप में मेट्रों ट्रेन का संचालन प्रस्‍तावित है? यदि हां, तो इस हेतु कितनी राशि का प्रावधान है इसमें किन-किन का कितना-कितना अंशदान है? (ख) उक्‍त प्रस्‍तावित मेट्रों ट्रेन का प्रस्‍तावित रूट व कार्य योजना की लागत का पूर्ण विवरण दे उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होगा। (ग) क्‍या उक्‍त मेट्रों ट्रेन के रूट में रायसेन शहर को जोड़ने की मांग विभिन्‍न संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है यदि हां, तो रायसेन शहर को जोड़ने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) उक्‍त योजना में रायसेन शहर को जोड़ने के संबंध में विभाग का क्‍या मत है यदि हां, तो कब तक जोड़ा जायेगा तथा यदि नहीं तो क्‍यों कारण बताये।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मेट्रों रेल परियोजना, भोपाल शहर के अंदर के लिये प्रस्‍तावित है। प्रावधानित राशि एवं अंशदान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रस्‍तावित रूट एवं कार्ययोजना क्रमश: जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 2 एवं 3 के अनुसार है। (ग) रायसेन शहर को जोड़ने की कोई मांग प्राप्‍त नहीं है। कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (घ) मेट्रों रेल परियोजना एक शहर के अंदर के लिये ही प्राव‍धानित है न कि दो शहर के बीच। अत: रायसेन से जोड़ने का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

पेट्रोल पम्‍प का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

20. ( क्र. 415 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम क्षेत्र में कितने पेट्रोल पम्‍प निर्मित है नाम, मालिक का नाम, कब से स्‍थापित है किस खसरे पर स्थित है? नगर पालिक निगम कटनी से भवन अनुज्ञा कब स्‍वीकृत कराई, स्‍वीकृत भवन अनुज्ञा का विवरण दें? यदि स्‍वीकृत नहीं है तो अवैधानिक निर्माण कब तोड़ा जायेगा बताएं? अंतिम अनुज्ञप्ति स्‍वीकृत के समय चैक लिस्‍ट को नजर अन्‍दाज करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे तथा अंतिम निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया, निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति दें। (ख) सम्राट होटल की भूमि का स्‍वामित्‍व किसका है, भूमि स्‍वामित्‍व संबंधी खसरे की प्रति उपलब्‍ध करावें। क्‍या निगम द्वारा किसी दूसरे की भूमि पर निर्माण राशि व्‍यय करने अधिकारिता है, तो किस नियम में है। यदि हाँ तो नियम की प्रति दें। उक्‍त होटल निर्माण पर कुल कितनी राशि व्‍यय की गई बताए। किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्‍वीकृत किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) का होटल कितने वर्षों के लिए लीज़ पर किसको दिया गया। क्‍या लीज़ अवधि पूर्ण हो गई, यदि हाँ तो लीज़ का नवीनीकरण कब किया गया यदि नहीं किया गाय तो बिना लीज़ नवीनीकरण के होटल कैसे संचालित है। संचालन कब तक बन्‍द कर दिया जायेगा। (घ) पेटिक डन कालोनी की भवन अनुज्ञा कब निरस्‍त की गई थी उसकी प्रति उपलब्‍ध करावे तथा अनुज्ञा निरस्‍त करने के पश्‍चात निगम द्वारा कॉलोनाईजर के विरूद्ध कब और क्‍या कार्यवाही की है विवरण दें? यदि नहीं की गई तो कब करेंगे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, कटनी क्षेत्र में कुल 21 पेट्रोल पम्‍प निर्मित है। जानकारी  संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। संबंधित पेट्रोल पम्‍प संचालकों को जानकारी प्रस्‍तुत करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये है। शेषांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) होटल सम्राट की भूमि खसरा में शासकीय दर्ज है। खसरे की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र -'''' अनुसार है। निगम द्वारा किसी दूसरी की भूमि पर निर्माण राशि व्‍यय करने की अधिकारिता नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। इंदिरा गांधी शॉपिंग कॉम्‍पलेक्‍स होटल सम्राट के निर्माण पर लगभग 7,41,283/- रूपये व्‍यय किये गये है। उक्‍त कॉम्‍पलेक्‍स की स्‍वीकृति तत्‍कालीन प्रशासक श्री व्‍ही.के. बैनर्जी द्वारा प्रदान की गई थी। (ग) होटल का आवंटन श्री मुकेश अग्रवाल आत्‍मज श्री रामेश्‍वर प्रसाद अग्रवाल, श्री राजकिशोर अग्रवाल वल्‍द श्री नन्‍द किशोर अग्रवाल, श्री राकेश अग्रवाल वल्‍द श्री नन्‍द किशोर अग्रवाल, निवासी- मालवीय गंज वार्ड, कटनी को 30 वर्ष की लीज़ पर आवंटित किया गया था। जी हाँ। लीज़ की अवधि दिनांक 08.08.2015 को पूर्ण हो चुकी है। लीज़ का नवीनीकरण नहीं किया गया है। नवीनीकरण के संबंध में कार्यवाही विचाराधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पैट्रिक डन कॉलोनी की भवन अनुज्ञा (विकास अनुज्ञा) कार्यालयीन पत्र क्र. 5173 दिनांक 14.03.2011 द्वारा निरस्‍त की गई है, आदेश की प्रति  संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र -'''' अनुसार है। प्रकरण पर कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

पत्रों पर कार्यवाही

[गृह]

21. ( क्र. 423 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्र. 23 दिनांक 18.07.2019 के माध्‍यम से बिन्‍दु की जाँच करने के निर्देश दिये थे तथा उक्‍त पत्र के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक के पत्र क्र. 2094 दिनांक 04.09.2017 के तहत थाना प्रभारी कोलगवां एवं बाबूपुर चौकी प्रभारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे? कलेक्‍टर सतना ने भी पत्र क्र. 3265 दिनांक 08.11.2017 को 6 सदस्‍यीय कमेटी का गठन किया था? जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक को उक्‍त कमेटी में रखा था। 17 माह के बाद पुन: कलेक्‍टर सतना द्वारा स्‍मरण पत्र जारी किया पत्र क्र. 60 दिनांक 04.01.2019 के तहत शिकायतकर्ता ने उक्‍त शिकायत 09.10.2017 को कलेक्‍टर सतना खनिज शाखा को की थी? क्‍या कमिश्‍नर रीवा में उक्‍त जाँच के संबंध में 6 सदस्‍यीय टीम का गठन पत्र क्र. 415 दिनांक 02.02.2019 के तहत किया है? सभी पत्रों की एक प्रति उपलब्‍ध करायें तथा बताएं क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) कलेक्‍टर सतना द्वारा एस.डी.एम. रघुराजनगर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 07.02.2019 के आधार पर पत्र क्र. 678 दिनांक 02.03.2019 को प्रमुख सचिव खनिज को पत्र जारी किया था तथा क्र. 205 दिनांक 15.02.2019 के तहत रामस्‍थान के दो पटवारियों को शासकीय जमीन को खुर्दबुर्द करने के कारण निलंबित किया है एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर ने नगर पुलिस अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी कोलगवां को पत्र क्र. 2076 दिनांक 14.06.2019 पत्र जारी कर 70 पृष्‍ठ संलग्‍न कर कार्यवाही कर 7 दिवस के अंदर प्रतिवेदन मांगा है? सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (ग) शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत के समस्‍त बिन्‍दुओं के रिकार्ड लगाये है उक्‍त पत्र शासन के अधिकारियों द्वारा ही जारी किये गये है तथा विधानसभा के जबाब में भेजे गये है। लेकिन एक वर्ष से ज्‍यादा होने के बाबजूद बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा संबंधित विभाग से रिकार्ड प्राप्‍त नहीं कर पाये। जिसमें सीधे प्रतीत होता है कि पुलिस प्रशासन इतने गंभीर मामले में पंजीबद्ध नहीं करना चाहता है? बार-बार प्रमाणित मामले में भी विधानसभा में एक ही उत्‍तर जानकारी एकत्रित की जा रही है, दिया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित पत्रों का अवलोकन पुलिस अधीक्षक/अति. पुलिस महानिदेशक अपराध विभाग भोपाल में स्‍वयं किया है उक्‍त दोनों अधिकारी पत्रों एवं जाँच प्रतिवेदनों के अध्‍ययन पश्‍चात् लीजधारी एवं ए.आर.टी. कंपनी प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित खनिज एवं एवं भू‍माफियों के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराने के निर्देश कब तक देगें? बताएं। (ड.) श्री रामबहादुर साकेत निवासी महुआपार सभापुर थाना जिला सतना ने दिनांक 12.03.2020 को शिकायत की थी तथा पुलिस अधीक्षक को दिनांक 04.05.2020 को शिकायत की थी। जिसमें विधानसभा 118 दिनांक 21.09.2020 था। उसकी जाँच में जिन गवाहों के बयान, फरियादी के बयान एवं जिनके कथन दिए गए, उनकी प्रतियां उपलब्‍ध कराते हुये जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करावे। शमशान भूमि के रास्‍ते का कोई विवाद नहीं था असत्‍य जाँच की गई है? कब सही जाँच कर प्राथमिकी दर्ज की जावेगी बताएं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।

सौभाग्‍य योजना के कार्यों में अनियमितताएं

[ऊर्जा]

22. ( क्र. 442 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) म.प्र. वि.वि. कंपनी लिमिटेड वृत्‍त राजगढ़ द्वारा सौभाग्‍य योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक किस दर पर कितनी अवधि में विद्युत मीटर लगाये जाने हेतु कितनी एजेंसियों से अनुबंध किये गये तथा कितना-कितना लक्ष्‍य एजेंसियों को दिया गया? कंपनी के संचा/संधा संभागवार बतावें तथा कार्य का भौतिक सत्‍यापन/मूल्‍यांकन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त अनुबंध व लक्ष्‍य अनुसार एजेंसियों ने प्रश्‍न दिनांक तक अपना शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर दिया गया हैं। अथवा नहीं? यदि नहीं तो इस हेतु विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई बतावें? (ग) क्‍या अनुबंधित एजेंसियों द्वारा लक्ष्‍य/अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण न करने के बावजूद सक्षम अधिकारियों द्वारा जिन ग्रामों के कार्य पूर्ण नहीं हुए उनका भी पूर्ण मूल्‍याकांन कर संबंधित एजेंसियों को भुगतान कर शासन को वित्‍तीय हानि पहुंचाई गई है? क्‍या शासन उक्‍त योजनांतर्गत कराये गये समस्‍त कार्यों की सूक्ष्‍मत: से जाँच करवाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नांकित चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां, प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त अनुबंध व लक्ष्‍य अनुसार एजेंसियों ने निर्धारित अवधि में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।                       (ग) अनुबंधित एजेंसियों द्वारा लक्ष्‍य/अनुबंध के अनुसार निर्धारित अवधि में प्रश्‍नाधीन कार्य पूर्ण कर लिया गया है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सौभाग्‍य योजनान्‍तर्गत किये गये कार्य की जाँच कराया जाना प्रस्‍तावित नहीं है।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

विद्युत वितरण हेतु व्यवस्था

[ऊर्जा]

23. ( क्र. 593 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर विद्युत वितरण केन्द्र स्थापित हैं तथा उन केन्द्रों द्वारा किन-किन ग्रामों में विद्युत वितरण का कार्य किया जा रहा है, केन्द्रवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युत वितरण केन्द्रों अंतर्गत वित्त वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ-कहाँ पर, ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना किस दिनांक को प्राप्त हुई एवं उन्हें किस दिनांक को बदला गया बतलावें, केन्द्रवार ग्राम के नाम सहित घरेलू अथवा कृषि फीडर ट्रांसफार्मर की भार क्षमता सहित बिन्दुवार सूची देवें। (ग) प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से ट्रांसफार्मर किन कारणों से नहीं बदले गये बतलावें एवं यह भी बतलावें कि ट्रांसफार्मरों को बदलने में हो रहे विलम्ब के क्या कारण हैं? शेष ट्रांसफार्मरों को कब तक बदल दिया जावेगा, वितरण केन्द्रवार सूची देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्युत वितरण केन्‍द्रों के नाम तथा उनसे संबद्ध ग्रामों की वितरण केन्‍द्रवार/ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2020-21 के दौरान प्रश्‍न दिनांक तक फेल हुए वितरण ट्रांसफार्मरों की फेल होने की दिनांक एवं बदले जाने की दिनांक ट्रांसफार्मर की क्षमता एवं संबद्ध फीडर के विवरण (कृषि अथवा घरेलू सहित) स्‍थानवार/ ग्रामवार/वितरण केन्‍द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है।                            (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 13 फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिनका स्‍थान/वितरण केन्‍द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। उक्‍त फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

स्‍वीकृत कार्यों में अनियमितता की जांच

[ऊर्जा]

24. ( क्र. 602 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 में निर्बाध विद्युत प्रदाय करने हेतु 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों में विद्युत लाईन तथा विद्युत उपकरणों के रखरखाव हेतु कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया गया है? विद्युत वितरण केन्‍द्रवार व्‍यय की गयी राशि की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या कम्‍पनी द्वारा रखरखाव, मैंटनेंस का कार्य एक ही ठेकेदार को देकर खानापूर्ति की गई है? जिसकी जाँच कराई जाकर अनियमितता होने पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?                          (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्‍या 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र विद्युत लाईन, विद्युत उपकरण का मेन्‍टनेंस समय पर नहीं होने के कारण क्षेत्र में आये दिन विद्युत दुर्घटना होती रहती है? यदि हाँ तो विद्युत दुर्घटनाएं रोकने हेतु विभाग की क्‍या कार्य योजना है? जानकारी देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला राजगढ में निर्बाध विद्युत प्रदाय के लिये 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों, विद्युत लाईनों तथा विद्युत उपकरणों के रख रखाव हेतु वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में आवंटित एवं व्यय की गई राशि का संचालन एवं संधारण/ एस.टी.एम. संभागवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि रखरखाव कार्य हेतु राशि वितरण केन्‍द्रवार नहीं अपितु संचालन एवं संधारण/एस.टी.एम. संभागवार आवंटित की जाती है। (ख) जी नहीं, प्रश्‍नांश '' के अनुसार म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में रखरखाव का कार्य एक ही ठेकेदार को नहीं, अपितु राजगढ़ वृत्त के पाँच संभागों में अलग-अलग ठेकेदारों को दिया गया है, जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अत: किसी प्रकार की जाँच कराए जाने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन रखरखाव का कार्य नियमानुसार निर्धारित समय पर कराया गया है। उल्‍लेखनीय है कि समय-समय पर विद्युत कार्य में संलग्‍न कर्मियों को विभिन्न कार्यशाला एवं प्रशिक्षण के माध्यम से विद्युत दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु सुरक्षा उपकरणों के साथ कार्य करने हेतु निर्देशित किया जाता है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

गावों को एक ही अनुविभाग में किया जाना

[गृह]

25. ( क्र. 603 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) राजगढ़ जिले में लगने वाले पुलिस स्‍टेशन (थानों) के अंतर्गत किस-किस थानें में सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित है? थाने का नाम तथा उसमें लगने वाले ग्रामों के नाम की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित थानों में क्‍या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के बाहर के थानें भी है? यदि हाँ तो उन थानों में सम्मिलित सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों को पृथक कर विधानसभा सारंगपुर क्षेत्रान्‍तर्गत आनेवाले थानों में सम्मिलित किया जा सकता है? यदि हां, तो कब तक अवगत करावे? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं विस्‍तृत कारणों से अवगत करावें?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। थानों की सीमाओं का निर्धारण अपराधों पर नियंत्रण स्थापित करने की सुगमता, आवागमन के साधनों की उपलब्ध एवं अन्य प्रशासकीय कारणों के आधार पर किया जाता है। विधान सभावार थानों की सीमाओं को निर्धारण करना उचित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

राशि की उपलब्धता

[नगरीय विकास एवं आवास]

26. ( क्र. 660 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने दिनांक 25.12.2020 पत्र क्र.69 के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को मंदसौर मिड इण्डिया रेलवे अंडरब्रिज में म.प्र. शासन का शेष अनुदान रेलवे को नगर पालिका मंदसौर की संचित निधि से अस्थाई रूप से उपयोग करने हेतु प्रेषित किया था, यदि हाँ तो विभाग द्वारा इस पत्र के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संदर्भित विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचनालय भोपाल को अपने पत्र क्रमांक 66 दिनांक 7 जनवरी 21 को उक्त अंडरब्रिज के लिए नगर पालिका की संचित निधि का उपयोग करने हेतु प्रेषित किया था? यदि हाँ तो की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) उक्त ब्रिज हेतु वरिष्ठ मंडल इंजीनियर रतलाम को शेष राशि कब तक भेज दी जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। संचालनालय के पत्र क्र.-176 दिनांक 07.01.2021 एवं पत्र क्र. 1161 दिनांक 19.01.2021 से नगर पालिका मंदसौर को विधिवत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु लिखा गया है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिका मंदसौर से पत्र क्र. 603 दिनांक 11.02.2021 से प्रस्ताव ई-मेल से प्राप्‍त हुआ है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) इस प्रकरण के प्रकरणों से परीक्षण उपरांत वित्‍तीय स्थिति अनुसार कार्यवाही की जाती है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

लम्‍बे समय से पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी

[गृह]

27. ( क्र. 661 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या म.प्र पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा दिनांक 15.01.21 को अपने पत्र 210 से पुलिस अधीक्षक भोपाल/इंदौर को थानों में कर्मचारियों की पदस्थापना को लेकर नियमावली 2015 के संबंध में नवीन निर्देश जारी किये है? यदि हां तो नवीन निर्देशों से अवगत करायें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित नियमों के अनुसार मंदसौर रतलाम नीमच जिलो में ऐसे कितने आरक्षक/सब इंस्पेक्टर/थाना प्रभारी हैं जो शासन के उक्‍त नियमों के विपरीत उक्त जिलो में कार्य कर रहे हैं? (ग) उक्त नियमों के विपरीत उक्त जिलों में कार्य कर रहे आरक्षक/सब इंस्पेक्टर/थाना प्रभारियों को कब तक हटा दिया जाएगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस मुख्‍यालय म.प्र. द्वारा दिनांक 15.01.2021 को थानों में कर्मचारियों की पदस्‍थापना के संबंध में नवीन निर्देश जारी किये गये है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला मंदसौर, रतलाम एवं नीमच जिलों में कोई भी कर्मचारी उक्‍त नियमों के विपरीत कार्य नहीं कर रहे हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

ऑडिटोरियम निर्माण की स्‍वीकृति

[उच्च शिक्षा]

28. ( क्र. 682 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1712 दिनांक 20.03.2020 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि विभाग द्वारा ऑडिटोरियम निर्माण हेतु महाविद्यालय को प्रस्ताव भेजने हेतु लिखा गया है? महाविद्यालय से पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर ऐसे स्थाई वित्त समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा? यदि हाँ तो महाविद्यालय को प्रस्ताव प्रेषित करने संबंधी पत्र की छायाप्रति सहित बतावें कि क्या प्रश्न दिनांक तक महाविद्यालय से पूर्ण प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हो चुका है? (ख) यदि हाँ तो प्राप्त प्रस्ताव अनुसार क्‍या ऑडिटोरियम निर्माण की स्वीकृति जारी कर दी गई है? अथवा नहीं? यदि नहीं तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने की दशा में क्या विभाग पुनः स्मरण पत्र जारी कर प्रस्ताव करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हांजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (ग) जी नहीं।

मझगवां में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोला जाना

[गृह]

29. ( क्र. 694 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले के मझगवां में शासन द्वारा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोला जाना प्रस्‍तावित था? इसके लिए आज दिनांक तक कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? बतायें। (ख) इसको शुरू करने में हुई देरी के क्‍या कारण है? क्‍या इसको प्रारंभ करने की योजना पर विचार कर रहा है? यदि हां, तो इसको कब तक पूरा किया जायेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। रीवा जोन में पूर्व से पुलिस प्रशिक्षण शाला रीवा में होने से नया प्रशिक्षण शाला प्रारंभ करने का औचित्य नहीं है। (ख) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 

 

पेंशन योजना लागू की जाना

[उच्च शिक्षा]

30. ( क्र. 695 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या महात्‍मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्‍‍वविद्यालय के कर्मचारियों एवं शिक्षकों को पेंशन देने के संबंध में वर्ष 2005 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब आवेदन प्राप्‍त हुए, किन-किन लोगों द्वारा इस हेतु आवेदन/ज्ञापन दिया गया तथा इन आवेदनों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन इस मामले पर संजीदगी से विचार कर रहा है? यदि हाँ तो पेंशन योजना यहॉं कब तक लागू की जायेगी? यदि न‍हीं तो क्‍यों? पर्याप्‍त कारणों के साथ बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) महात्‍मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्‍वविद्यालय में पेंशन योजना लागू किए जाने के संबंध में विश्‍वविद्यालय की ओर से अगस्‍त 2018 में एक प्रस्‍ताव तथा माननीय विधायक महोदय से पत्र दिनांक 06.12.2019 प्राप्‍त हुआ है। विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए पत्र दिनांक 25.02.2020 जारी किया गया है। (ख) विभाग द्वारा इस मामले पर नियमानुसार विभागीय पत्र क्र. 379/1164/2018/38-3 दिनांक 25.02.2020 द्वारा विश्‍वविद्यालय को निर्देशित किया गया है कि ''विश्‍वविद्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों के हित में अंशदायी पेंशन योजना लागू किये जाने के निर्देश हैं।'' विभागीय निर्देश के अनुक्रम में कोई कार्यवाही शेष न होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ट्रांसफार्मर प्रतिष्‍ठापित किया जाना

[ऊर्जा]

31. ( क्र. 733 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) रीवा जिले के ग्राम-सगरा, तहसील-हुजूर, वार्ड-16 में शासकीय स्‍कूल के समीप स्‍वीकृत ट्रांसफार्मर क्‍या प्रतिष्‍ठापित हो गया है? यदि नहीं तो कब तक स्‍थापित किया जाएगा? (ख) क्‍या प्रश्‍नांकित क्षेत्र में ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जाने के समय ठेका कंपनी के कार्य में बाधा पहुंचाई गई थी? यदि हाँ तो कब-कब किसके द्वारा बाधा पहुंचाई गई? तथा संबंधितों पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने पर क्‍या कार्यवाहियां की गई? (ग) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं होने से स्‍थानीय निवासियों एवं कृषकों को हो रही समस्‍याओं के लिए कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या शासन इसकी जाँच कराएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, स्‍थानीय निवासियों की आपत्ति/आर.ओ.डब्‍ल्‍यू. की समस्‍या के कारण प्रश्‍नाधीन वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं हो पाया है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, प्रश्‍नाधीन वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जाने के दौरान ठेका कंपनी के कार्य में 03 बार क्रमश: दिनांक 12.09.2019, दिनांक 14.09.2019 की सुबह एवं दिनांक 14.09.2019 की सायं के समय सभी स्‍थानीय ग्रामीणों, जिनकी भूमि पर ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने का प्रयास किया गया, द्वारा बाधा पहुंचाई गई। निजी भूमि पर विद्युत अद्योसंरचना की स्‍थापना के कार्य की भूमि स्‍वामी द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने पर उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) वर्तमान में ग्राम सगरा के वार्ड क्रमांक-16 में शासकीय स्‍कूल के पास पूर्व से विद्यमान 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर से गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा प्रश्‍नाधीन 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर की स्‍थापना का कार्य भविष्‍य में भार वृद्धि के दृष्टिगत स्‍वीकृत किया गया था। उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं होने के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार नहीं है अत: किसी प्रकार की जाँच कराया जाना अपेक्षित नहीं है।

शहीदों के आश्रितों को विशेष नियुक्ति

[गृह]

32. ( क्र. 782 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा शहीदों के कितनों आश्रितों को विशेष नियुक्ति प्रदान की गई है, साथ ही कितने प्रकरण किस-किस स्‍तर पर लंबित हैं? कार्यालयवार/विभागवार विवरण बताया जाये। (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन के सामान्‍य प्रशासन विभाग ने अपने पत्र क्रमांक 2125/1203/2019 दो- ए(3) भोपाल दिनांक 15/10/2020 द्वारा कलेक्‍टर जिला भोपाल को प्रेषित कर यह पुष्टि की है कि केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल के शहीद कार्मिक की पत्नि श्रीमती लक्ष्‍मी पाल को सेवा में विशेष नियुक्ति की पात्रता है? यदि हाँ तो उक्‍त प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्‍या है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 04 शहीदों के आश्रितों को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति प्रदान की गयी है। 02 प्रकरण विभागीय स्‍तर एवं 01 प्रकरण जिला कलेक्‍टर, जबलपुर तथा 01 प्रकरण संचालनालय सैनिक कल्‍याण, मध्‍यप्रदेश पर प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रकरण संपदा संचालनालय स्‍तर पर प्रकियाधीन है।

थाना प्रभारी को दिये आवेदन पर कार्यवाही

[गृह]

33. ( क्र. 816 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) अमन नारंग द्वारा थाना प्रभारी पलासिया इंदौर को दिनांक 20-10-2020 को दिये आवेदन पर अब तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या कारण है कि फरियादी को अभी भी दूसरे पक्ष द्वारा धमकाया जा रहा है? (ग) कब तक इन पर कार्यवाही की जाएगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 20.10.2020 को थाना पलासिया पर आवेदक अमन नारंग के द्वारा दिये गये शिकायत पत्र पर, जाँच करते आवेदक एवं अनावेदक का आपसी समझौता हो गया है। अनावेदक द्वारा आवेदक को उसके घर की बाउण्ड्रीवाल के नुकसान की भरपाई कर दी गई है। जो आवेदक के दिये गये कथनों में उल्लेख है। आवेदक द्वारा अपने कथन में बताया कि मैं अपने शिकायत आवेदन पत्र में कोई कार्यवाही नहीं चाहता हूँ। (ख) शिकायत आवेदन पत्र की जाँच में आवेदक अमन नारंग के कथन में अनावेदक के धमकाने संबंधी कोई शिकायत का उल्लेख नहीं है। (ग) अनावेदक रुपेश जैन के विरुद्ध शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु सिलसिला क्रमांक 44/21 धारा 107,116 (3) जा.फौ. की कार्यवाही की जाकर इस्तगासा संबंधित एस.डी.एम. के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।

 

न्‍यायालयीन प्रकरणों में वकील की उपस्थिति

[नगरीय विकास एवं आवास]

34. ( क्र. 817 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम के माननीय उच्‍च न्‍यायालय इंदौर खण्‍डपीठ में चल रहे प्रकरण क्रमांक WP9016/2010 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) यह भी बतावें की इसमें इंदौर नगर निगम की तरफ कौन-कौन वकील हैं? नामवार जानकारी देवें। (ग) इसकी तारीखें कब-कब लगी और इसमें वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे तारीखवार बतावें। (घ) इस प्रकरण में इंदौर नगर निगम की ओर से क्‍या-क्‍या दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किये गए उनकी प्रमाणित प्रति देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर के समक्ष अंतिम तर्क हेतु नियत है। (ख) नगर पालिक निगम इंदौर की तरफ से श्री आनंद अग्रवाल, श्री विवेक पटवा, श्री शेखर भार्गव एवं श्री अनिकेत अभय नाईक वकील है।                         (ग) प्रकरण में सुनवाई हेतु नियत तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। इसमें दोनों पक्षों की ओर से नियत तिथि पर वकील उपस्थित रहे। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सिहोरा में पार्क व नाला निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

35. ( क्र. 822 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 926 दिनांक 12 जुलाई 2019 में अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत नाला निर्माण एवं सिहोरा में पार्क निर्माण का कार्य कराये जाने हेतु संबंधित ठेकेदार द्वारा 12 माह में कार्य पूर्ण किया जाना बताया गया था किन्तु आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नगर पालिका सिहोरा द्वारा उक्त कार्य नगर पालिका की संचित निधि से कार्य कराये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त कार्य नगरपालिका की संचित निधि से कराये जाने की अनुमति शासन से प्रदान करने हेतु लेख किया गया है, कब तक विभाग द्वारा नगर पालिका को संचित निधि से कार्य कराये जाने की अनुमति प्रदान कर दी जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। संचालनालय के पत्र क्र 784 दिनांक 15.02.2021 से संचित निधि से रू. 145.77 लाख आहरण एवं व्‍यय की स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है।

तालाब को स्वच्छ बनाये जाने की कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

36. ( क्र. 823 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका के आधीन आबादी के बीच में स्थित मठा तालाब की गंदगी एवं दुर्गन्ध से आम जनता वर्षों से परेशान है इसे स्‍वच्‍छ बनाये जाने की दशा में अभी तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाये गये। (ख) प्रश्नांश (क) तालाब को स्वच्छ बनाये जाने तथा सौंदर्यीकरण किये जाने एवं निर्मल जल रहे इसके लिये विभाग ठोस प्‍लान अभी तक क्यों नहीं बना पाया, कब तक बनाया जावेगा। तालाब निजी संस्था/व्यक्ति का है तो इनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही क्यो‍ नहीं की जा रही है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मठा तालाब सिहोरा नगरपालिका के अधीन नहीं है। उक्‍त तालाब राजस्‍व अभिलेख अनुसार अंजूमन इस्‍लामिया प्रेसीडेन्‍ट अब्‍दुल सत्‍तार खसरा नं. 368 रकवा 4,1890 के नाम पर दर्ज है। जो बक्‍फ बोर्ड सम्‍पत्ति अहस्‍तांतरणीय है। तथापि नगरपालिका द्वारा मठा तालाब की गंदगी की सफाई नियमित की जाती है, साथ ही तालाब में गंदा पानी न जाए जिसको डाइवर्ट करने के लिए तालाब के किनारे कच्‍ची नाली का निर्माण किया जाकर सफाई की व्‍यवस्‍था रखी गई है एवं समय-समय पर कीट-नाशक दवाईयों का छिड़काव किया जाता है। पानी के शुद्धिकरण तालाब के 02 नग फब्‍बारे अस्‍थाई तौर पर लगाये गये है। (ख) यह तालाब का स्‍वामित्‍व अंजूमन इस्‍लामियों बक्‍फ बोर्ड के अधीन होने के कारण वर्तमान में नगरपालिका सामान्‍य सफाई व्‍यवस्‍था कर रही है। संबंधित संस्‍था के विरूद्ध नगरपालिका एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व, सिहोरा द्वारा सफाई व्‍यवस्‍था नियंत्रित रखने हेतु नोटिस जारी किये गये है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिहोरा मास्टर प्लान का मसौदा

[नगरीय विकास एवं आवास]

37. ( क्र. 824 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका सिहोरा की दिनों-दिन बढ़ती आबादी की मूलभूत सुविधाओं एवं नगर के विकास को दृष्टिगत रखते हुए मास्टर प्लान का क्या स्वरूप तैयार किया गया है, इसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) प्रस्तावित मास्टर प्लान को चरणबद्ध तरीके से कब तक लागू कर दिया जावेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सिहोरा विकास योजना, 2011 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिहोरा विकास योजना 2011 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 28/01/2005 से प्रवृतशील है।

बस स्टाप पर यात्री प्रतिक्षालयों को लीज़ पर दिया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

38. ( क्र. 825 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के अंतर्गत सिहोरा पुराने बस स्टेंड में निर्मित यात्री प्रतिक्षालय को लीज/किराये पर लेने के लिये दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन लोगों ने आवेदन प्रस्तुत किये है सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) सिहोरा में नये बस स्टेंड का निर्माण हो जाने से पुराने बस स्टेंड एवं यात्री प्रतिक्षालय की उपयोगिता पहले जैसे नहीं रही। लीज/ किराये पर दिये जाने से जहां शासन को आय होगी वही रखरखाव भी बना रहेगा। इस संबंध में कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) यात्री प्रतिक्षालय को लीज/किराये पर दिये जाने के सबंध में प्रश्नकर्ता के द्वारा भी पत्र लिखे गये है, कंडिका (क) आवेदक को कब तक लीज/किराये पर दे दिया जावेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिहोरा पुराने बस स्‍टेण्‍ड में निर्मित यात्री प्रतिक्षालय को लीज/किराये पर लेने के लिए दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कोई भी आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ख) प्रश्‍नाधीन बस स्‍टेण्‍ड/यात्री प्रतिक्षालय की भूमि म.प्र. शासन से लीज़ पर मध्‍यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को प्राप्‍त हुई थी, उक्‍त भूमि को म.प्र. शासन परिवहन विभाग के नाम पर हस्‍तांतरित किये जाने हेतु दिनांक 16/12/2020 को प्रबंध निदेशक म.प्र. सड़क परिवहन निगम द्वारा पत्र जारी किया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है।               (ग) प्रश्‍नकर्ता से यात्री प्रतीक्षालय को लीज/किराये पर दिए जाने के संबंध में कोई पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। माननीया के पत्र दिनांक 15/07/2019 के द्वारा सिहोरा बस स्‍टैंड की कैंटीन श्री संजीव धर दुबे को किराये पर दिये जाने हेतु प्राप्‍त हुआ है प्रश्‍नाधीन सम्‍पत्ति का निराकरण राज्‍य शासन एवं म.प्र. सड़क परिवहन निगम के दिशा-निर्देश अनुसार किया जायेगा।

शासन द्वारा महाविद्यालय को आवंटित भूमि

[आयुष]

39. ( क्र. 839 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय ग्वारीघाट जिला जबलपुर को शासन द्वारा 36 एकड़ जमीन आवंटित की गई है? (ख) क्या उक्त शासकीय भूमि के ठीक बाजू में प्रायवेट कोलोनाईजर द्वारा आवास निर्मित किये जा रहे हैं? (ग) क्या आवंटित जमीन में से लगभग आधा किलोमीटर लम्बी एवं 100 फीट चौड़ी जमीन प्राइवेट जमीन के साथ छोडी गई है? यदि हाँ तो कारण बतावें? (घ) क्या आवंटित जमीन का उपयोग शैक्षणिक प्रयोजन हेतु किया जावेगा?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ (36.9 एकड़) (ख) जी नहीं।                            (ग) लगभग 40 फीट चौड़ी जमीन। परीक्षणाधीन है। (घ) शैक्षणिक प्रयोजन हेतु जमीन का उपयोग किया जा रहा है।

फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के अधार पर आयुष प्राध्यापकों की नियुक्ति

[आयुष]

40. ( क्र. 840 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2008 में आयुष विभाग द्वारा प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई थी? (ख) क्या प्राध्यापकों से अनुभव प्रमाण पत्र मांगा गया था? (ग) क्या प्राध्यापकों द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये हैं जिसकी जाँच संचालनालय आयुष म.प्र. के द्वारा की गई है? (घ) यदि हाँ तो जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुये फर्जी प्रमाण पत्रों के लिये दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई बतावें?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जाँच प्रचलित है।                            (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

 

अनुबंधित कार्य की गुणवत्ता की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 847 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्‍जैन नगर निगम के द्वारा टाटा सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्यों में विलंब होने के कारण और अनुबंधित शर्तों के समयावधि उल्‍लंघन के कारण जुर्माना किया गया है? यदि हाँ, तो कब कब, कितना, किसके द्वारा और किस बैठक में किया गया? अनुबंध की शर्तों के साथ कार्यवाही विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) टाटा सीवरेज प्रोजेक्ट के अंतर्गत सीवरेज लाइन को बिछाने में कौन- कौन सी सड़कें खोदी गयी? कहाँ-कहाँ का आवागमन बाधित हुआ? खुदाई के दौरान उड़ने वाली धूल मिट्टी इत्यादि से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? आम जनता के सुविधा के लिए जो सड़कें बनी हुई थी, उन्हें दोबारा खोदकर उस शासन के धन के अपव्यय के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) उज्जैन शहर की जनता को सुरक्षित रखने के लिए अनुबंध में कौन- कौन सी शर्तें थी? खुदाई के दौरान किसी भी प्रकार की दुखद घटना होने और क्षतिपूर्ति के लिए क्या-क्या प्रावधान थे? इस संबंध में सीवरेज कंपनी के प्रोजेक्ट में क्या-क्या शर्तें नगर निगम ने रखी थी? उस शर्तों का पालन करने के लिए किन-किन अधिकारियों ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाहियाँ की?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। अनुबंध की शर्तों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। किसी भी क्षेत्र में कार्य प्रारंभ एवं कार्य समाप्त करने संबंधी सूचना दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञप्ति द्वारा दी जाती है। रोड रेस्टोरेशन कार्य पूर्ण होने के पश्चात् मैकेनिकल ब्रूमर से धूल की सफाई करने का कार्य किया जा रहा है। किसी भी अधिकारी के उत्तरदायी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उज्जैन शहर के नागरिकों को सीवेज सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराने के लिये सड़कों को तोड़ा गया है, जिनका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार पूर्व की तरह गुणवत्ता पूर्वक पुनर्निर्माण किया जा रहा है। शासन के धन के अपव्यय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।                    (ग) अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार स्थल पर कार्य करने के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है, जिससे परियोजना के कार्य में अब तक कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है। अनुबंध की शर्तों एवं प्रावधानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। अनुबंध की शर्तों का पालन कराने हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय आयोजित बैठकों एवं जारी किये गये सूचना-पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

रखरखाव और मरम्मत के नाम से किए गए खर्च की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 848 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्‍जैन नगर निगम में अमृत मिशन की बसें चोरी होने के बाद वर्कशॉप के महाप्रबंधक के कार्यकाल की जाँच की गयी है? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट देवें। यदि नहीं तो कारण बताएं। (ख) नगर निगम उज्जैन में कितने वाहन किस वर्कशॉप के किस-किस अधिकारी के कार्यकाल में गायब हुए है? गायब वाहनों की एफ़.आई.आर. और विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। क्या प्रशासन महाप्रबंधक के वाहन प्रभारी नियुक्त होने से आज दिनांक तक की जाँच करेगा? क्या परिवहन अधिकारी से नगर निगम की पंजीकृत परिवहन संपदा की जानकारी लेकर परिवहनों की चोरी खोके बने वाहन के रजिस्ट्रेशन से चेंचीसइंजन, पार्ट की जाँचकर विभागीय जाँच की जाएगी? (ग) नगर निगम उज्जैन के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से निगम की वर्कशॉप में प्रतिदिन की आवागमन की लॉगबुक और वाहनों के रख-रखाव सुधार मरम्मत के कार्यों का मिलान कर किन-किन अधिकारियों की मिलीभगत और गुणदोष के आधार पर नगर निगम को पहुंचाए गए इस नुकसान और भ्रष्टाचार का गंभीरता से खुलासा किया जाएगा? (घ) क्या परिवहन संपदा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शासन इन प्रश्नावलियों पर जवाबदेही से कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत मिशन की बसें चोरी नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ख) वर्कशॉप विभाग नगर निगम, उज्‍जैन एवं उज्‍जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, उज्‍जैन में किसी प्रकार का वाहन गायब नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ग) वर्कशॉप विभाग में नियमित रूप से वाहनों की लॉगबुक इंद्राज की जाती है एवं इस प्रकार के नुकसान व भ्रष्‍टाचार का प्रकरण वर्तमान में प्रकाश में नहीं है। (घ) वर्कशॉप विभाग नगर निगम, उज्‍जैन एवं उज्‍जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, उज्‍जैन में किसी प्रकार का वाहन गायब नहीं हुआ है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

राष्‍ट्रीय कृषक अनुदान योजना

[ऊर्जा]

43. ( क्र. 854 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन योजना पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत संचालित है? यदि नहीं तो इसे कब से बंद किया गया है? (ख) जबलपुर संभाग में जिले अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित योजना के अन्‍तर्गत योजना प्रारंभ से 31.03.2019 तक ऐसे कितने किसान हैं, जिहोंने डिमाण्‍ड की राशि जमा कर दी हैं, उसके बाद भी उन्‍हें योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है? जमा की गई राशि के दिनांक सहित जानकारी दें? (ग) क्‍या फण्‍ड की कमी के कारण इस योजना का काम रूका हुआ है? कृपया बतायें। (घ) कृषि के स्‍थायी कनेक्‍शन हेतु वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें चल रही है? कृपया जानकारी दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। कृषकों को सिंचाई प्रयोजन हेतु स्‍थायी पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु ''मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि के पूर्ण होने पर उक्‍त योजना बंद हुई है। (ख) मुख्‍यमंत्री स्‍थायी कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ होने की दिनांक से दिनांक 31.03.2019 तक जबलपुर संभाग में जिला जबलपुर में 2430, कटनी में 1779, मंडला में 665, सिवनी में 2470, नरसिंहपुर में 3550, छिन्‍दवाड़ा में 2942, डिण्‍डौरी में 154 एवं जिला बालाघाट में 1965 कृषकों द्वारा स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन हेतु राशि जमा की गई थी। उपरोक्‍त कृषकों में से केवल जिला मंडला के 16 कृषकों का कार्य पूर्ण नहीं हुआ जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्‍त 16 कृषकों द्वारा योजना के प्रावधान अनुसार अन्‍य कृषकों के साथ समूह बनाकर सामूहिक आवेदन किये गये थे। समूह के अन्‍य सदस्‍यों द्वारा राशि जमा नहीं कराने के कारण इन कृषकों के कार्य भी नहीं कराये जा सके। उक्‍त 16 कृषकों की जमा राशि वापिस की जा चुकी है। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में कृषकों द्वारा शतप्रतिशत राशि जमाकर अथवा सहमति पत्र देकर 3 प्रतिशत सुपरविजन राशि जमा कर '''' क्‍लास ठेकेदार द्वारा लाईन विस्‍तार का कार्य कराने के बाद कनेक्‍शन प्राप्‍त किया जा सकता है। उक्‍त के अतिरिक्‍त राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना'' आरम्‍भ की गई है, जिसका क्रियान्‍वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

अवैध रेत भण्डारण एवं अनियमितता

[गृह]

44. ( क्र. 856 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कार्यरत पॉवरमेक कम्पनी के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक भिण्ड को रेत भण्डारण में हुई अनियमितताएं/धोखाधड़ी के खिलाफ कोई शिकायत की गई? (ख) यदि हाँ तो उक्त शिकायत के पालन में पुलिस के द्वारा ठेका निरस्ती या अन्य कोई कार्यवाही की गई? (ग) यदि हाँ तो कम्पनी एवं किन-किन लोगों पर किस-किस दिनांक, कौन कौन सी धारा के तहत कार्यवाही की गई? बताएं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

जानकारी उपलब्‍ध करायी जाना

[ऊर्जा]

45. ( क्र. 868 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 4108 दिनॉंक 21/12/2020 के माध्‍यम से शासन की सौभाग्‍य योजनान्‍तर्गत जानकारी मांगी गई थी? (ख) यदि हाँ तो किन कारणों से प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई गई एवं जानकारी कब तक उपलब्‍ध कराई जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हॉं, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत कार्यरत संचालन एवं संधारण संभाग बैहर के कार्यपालन अभियंता को संबोधित प्रश्‍नाधीन पत्र से सौभाग्‍य योजनान्‍तर्गत जानकारी चाही गई थी। (ख) प्रश्‍नाधीन पत्र में चाही गई जानकारी कार्यपालन अभियंता संचालन/संधारण बैहर के पत्र क्रमांक 1214 दिनांक 21/01/2021 के द्वारा माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को प्रेषित कर दी गई है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

 

शासकीय आयुर्वेद कालेज में नियुक्ति की जांच

[आयुष]

46. ( क्र. 883 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्या डॉ रविकांत श्रीवास्तव प्रोफेसर क्रिया शारीर शासकीय आयुर्वेद कालेज जबलपुर द्वारा नियुक्ति हेतु (विज्ञापन अनुसार) क्रिया शारीर विषय का 10 वर्ष का अनुभव प्रणाम पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या इस विषय के प्रोफेसर हेतु किसी अन्य विषय का अनुभव भी (विज्ञापन अनुसार) मान्य था? हाँ या नही? (ग) क्या पूर्व में एस. बी. एम. एन. कालेज स्थल बोहर जिला रोहतक हरियाणा द्वारा वर्ष 2005, 2007, 2008 में सी.सी.आई.एम. में प्रेषित जानकारी में डॉ.रविकांत श्रीवास्तव (वर्तमान में प्रोफेसर क्रियाशरीर जबलपुर) को स्वस्थ वृत विषय में शिक्षक दर्शाया गया था? (घ) यदि हाँ तो क्या स्वस्थ वृत विषय का अनुभव भी प्रोफेसर भी विज्ञापन अनुसार प्रोफेसर क्रिया शरीर के लिया मान्य था? यदि नहीं तो इनके द्वारा गलत अनुभव प्रमाण पत्र म.प्र.शासन में प्रोफेसर की नियुक्ति प्राप्त की गई है। (ड.) यदि हाँ तो इनको सम्बंधित विज्ञापन अनुसार विषय का अनुभव नहीं होने पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं की गई तो कब तक की जाएगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जाँच प्रतिवेदन अनुसार जाँच में प्राप्त दस्तावेज अनुसार ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एस.बी.एम.एन. कॉलेज स्थल बोहर जिला रोहतक हरियाणा द्वारा वर्ष 2005, 2007, 2008 में सी.सी.आई.एम. में प्रेषित जानकारी में डॉ. रविकांत श्रीवास्तव (वर्तमान में प्रोफेसर क्रियाशरीर जबलपुर) को स्वस्थ वृत्त विषय में शिक्षक दर्शाया गया था। (घ) उत्तरांश '''' अनुसार। (ड.) उत्तरांश '''' के संदर्भ में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नगरीय निकायों में लीज़ दरों में वृद्धि

[नगरीय विकास एवं आवास]

47. ( क्र. 884 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. नगरीय निकाय अचल संपत्ति अंतरण नियम 2016 के लागू होने से नगरीय निकाय क्षेत्रों की लीज़ भूमि का भू-भाटक पुरानी दरों से 27 से 193 गुणा ज्यादा बढ़ गया है? (ख) क्या राज्य सरकार ने नजूल निवर्तन नियम 2020 लागू कर नजूल भूमि के लीज़धारियों के भू-भाटक की दरें एवं फ्री होल्ड की राशि घटा दी हैं? (ग) क्या इन बढ़ी लीज़ दरों को कम करने के लिए छिंदवाड़ा के नागरिकों ने नगर निगम एवं जिला कलेक्टर को विगत वर्षों में कई बार अभ्यावेदन प्रस्तुत किये है? (घ) क्या एक शहर में लीज़ भूमियों की लीज़ दरों में दो दरें नागरिकों के साथ भेदभाव एवं अन्याय नहीं है? क्या शासन नगरीय क्षेत्र में वर्षों से निवासरत नागरिकों के हित में लीज़ की दरें एवं फ़्री होल्ड का शुल्क कम करवाने की कार्यवाही करेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश नगरपालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम, 2016 प्रभावशील है जिसमें विहित प्रावधानों के तहत लीज़ भूमि का भू-भाटक निर्धारित किया जाता है। (ख) म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 अंतर्गत पट्टे पर भूमि आंवटित करने के मामले में भू- भाटक की दर पूर्व की तुलना में सामान्‍यत: कम हो गई है। म.प्र. भू- राजस्‍व संहिता में 1959 में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता (संशोधन- अधिनियम) 2018 के पश्‍चात फ्री-होल्‍ड का प्रावधान समाप्‍त हो गया है। अब केवल 02 प्रकार से भूमि धारण की जा सकती है। भूमि-स्‍वामी अथवा शासकीय पट्टेदार के रूप में। (ग) जी हाँ। (घ) मध्यप्रदेश नगरपालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम-2016 में विहित प्रावधनों के तहत लीज़ पर आवंटित भूमियों की दरों का निर्धारण किया जाता है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

अविद्युतिकृत बस्तियों की संख्‍या

[ऊर्जा]

48. ( क्र. 902 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विदिशा नगर की कितनी बस्तियों, कॉलोनियों में एवं ग्रामीण क्षेत्र विदिशा के ग्रामों, मजरे, टोलों, आवास योजनाओं में विद्युत की सुविधा उपलब्ध नहीं है? नगर में वार्डवार एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामवार, बस्तीवार जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में अविद्युतिकरण रहने के कारण सहित जानकारी दें एवं कब तक उक्त बस्तियों में विद्युतिकरण कार्य किया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिन बसाहटों में विद्युत सुविधा उपलब्‍ध नहीं है उनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '' में वर्णित बसाहटें, अक्‍टूबर 2017 में प्रारंभ हुई सौभाग्‍य योजना के पश्‍चात बसी हैं जिस कारण वह सौभाग्‍य योजना के सर्वे में सम्मिलित नहीं हुई थी। वर्तमान में कोई योजना क्रियाशील नहीं है। उक्‍त बसाहटों के विघुतीकरण का कार्य भविष्‍य में योजना उपलब्‍ध होने पर/वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पचास"

अस्‍थाई विद्युत कनेक्शनों का प्रदाय

[ऊर्जा]

49. ( क्र. 903 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा शहर में कितनी घरेलू विद्युत उपयोग हेतु अस्थाई विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं को दिये गये है? संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या उपभोक्ताओं को घरेलू विद्युत उपयोग हेतु अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये जाने से अतिरिक्त वित्‍तीय भार का सामना करना पड़ रहा है? (ग) यदि हां, तो उपभोक्ताओं पर अकारण अतिरिक्त वित्‍तीय भार को कम किये जाने अथवा स्थाई विद्युत कनेक्शन दिये जाने के संबंध में विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा शहर में दिसम्‍बर, 2020 की स्थिति में 513 अस्‍थाई घरेलू विद्युत कनेक्‍शन संयोजित हैं। (ख) जी हाँ। (ग) विभिन्‍न श्रेणी के विद्युत उपभोक्‍ताओं हेतु टैरिफ का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के कार्यक्षेत्र में आता है तथा आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ के अनुसार ही अस्‍थाई घरेलू विद्युत कनेक्‍शन उपभोक्‍ताओं को बिल जारी किये जाते हैं। विद्युत अद्योसंरचना उपलब्‍ध होने पर आवेदक द्वारा आवश्‍यक राशि जमा करने सहित नियमानुसार समस्‍त औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर स्‍थाई घरेलू विद्युत कनेक्‍शन दिया जा सकता है। अत: तत्संबंध में अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।

किसान अनुदान योजना एवं सौभाग्‍य योजना पुन: प्रारंभ करना

[ऊर्जा]

50. ( क्र. 958 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत क्‍या मार्च 2019 से किसानों को स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन की मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना को बंद कर दिया गया है इसी प्रकार ग्रामों में विद्युत सुविधा उपलब्‍ध करानें की योजना सौभाग्‍य योजना भी बंद कर दी गई है? अगर हाँ तो यह बतावें कि वर्तमान में किसानों के पंपों के ऊर्जीकरण एवं विद्युत आपूर्ति विहीन ग्रामों/ बस्तियों में विद्युत आपूर्ति व्‍यवस्‍था के लिये कौन-कौन सी योजनायें प्रारंभ हैं पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित क्षेत्रांतर्गत क्‍या अभी तक किसानों के पंपों के विद्युत प्रदाय हेतु शासन किसी न किसी योजना के तहत पंपों के ऊर्जीकरण/विद्युतीकरण के कार्य कराती थी अगर हाँ तो इस योजना को चालू कराने हेतु क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित क्षेत्रांतर्गत किसानों के समृद्धि एवं विकास हेतु पूर्व की भॉंति मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना को पुन: कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा यदि नहीं तो क्‍यों कारण सहित पूर्ण जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, योजना अवधि पूर्ण होने पर राज्‍य शासन की मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना दिनांक 31.03.2019 से तथा योजना के प्रावधानों के अनुसार कार्य पूर्ण होने पर केन्‍द्र शासन की सौभाग्‍य योजना दिनांक 18.03.2019 को बन्‍द हो गई है। वर्तमान में विद्युत अधोसंरचना का विस्‍तार कर विद्युत पम्‍पों के ऊर्जीकरण/ग्रामीण विद्युतीकरण की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पम्‍पों के ऊर्जीकरण हेतु पूर्व में लागू मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना पुन: चालू करने हेतु कोई कार्यवाही/प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। तथापि कृषकों के हितार्थ राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार सिंचाई प्रयोजन के लिये ''मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना'' आरम्‍भ की गई है जिसका क्रियान्‍वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किया जा रहा है।

यूनिवर्सिटी द्वारा नियमों का पालन

[उच्च शिक्षा]

51. ( क्र. 965 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गाम शेरगंज में संचालित ए.के.एस. यूनिवर्सिटी द्वारा क्‍या शासन के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है? क्‍या फायर सेफ्टी का प्रावधान है, यदि नहीं तो कब तक कराया जावेगा? (ख) क्‍या इस संस्‍था में सेक्‍सुअल हेराशमेंट एवं आंतरिक परिवाद समिति गठित की गई है, अगर हाँ तो गठित समिति की जानकारी के साथ बाहरी महिला सदस्‍यों की सूची देवें? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित पाठयक्रम एमटेक एवं बी.एस.सी. (एजी) की मान्‍यता भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से नहीं होने पर भी पाठ्यक्रम संचालित कर छात्रों के भविष्‍य से खिलवाड़ किया जा रहा है हां/नही? यदि नहीं तो मान्‍यता की प्रति देवें? (घ) क्‍या यूनिवर्सिटी की वर्तमान जमीन में शेरगंज की नहर एवं शमशान भूमि की आराजी जिनके अभिलेखों में म.प्र. शासन दर्ज था को कूटरचित दस्‍तावेज के माध्‍यम से शामिल कर उनमें निर्माण कराया गया है? हॉं/नहीं? संस्‍थान की भूमि की पूर्ण जानकारी खसरे की प्रति सहित देवें?                       (ड.) उक्‍त संस्‍था के वार्षिक आय-व्‍यय की पूर्ण जानकारी वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक की वर्षवार देवें एवं बतावें कि नियमों का पूर्ण रूपेण पालन न करनें पर संस्‍थान के खिलाफ क्‍या और कब तक में कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

 उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। फायर सेफ्टी हेतु विश्‍वविद्यालय में पर्याप्‍त सुविधा उपलब्‍ध है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -एक अनुसार है। (ग) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विश्‍वविद्यालय को कृषि संकाय के पाठयक्रमों के संचालन हेतु मान्‍यता नहीं दी जाती है, जिसके संबंध में I.C.A.R. कृषि भवन नई दिल्‍ली द्वारा जारी पब्लिक नोटिस पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो अनुसार है। विश्‍वविद्यालय द्वारा कृषि संकाय के अंतर्गत संबंधित पाठयक्रमों के एक्रेडिटेशन हेतु I.C.A.R. नई दिल्‍ली से पत्राचार किया गया, जिसके परिप्रेक्ष्‍य में I.C.A.R. द्वारा पत्र दिनांक 18.03.2020 द्वारा विश्‍वविद्यालय को कार्यवाही हेतु सूचित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जी नहीं। कूटरचित दस्‍तावेज का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। खसरे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ड.) संस्‍था द्वारा प्रतिवर्ष अंकेक्षण, आय-व्‍यय का वार्षिक लेखा विनियामक आयोग को प्रतिवर्ष भेजा जाता है। नियमों का पालन किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है।

क्राईम थानों की स्थापना का उद्देश्य तथा कार्य

[गृह]

52. ( क्र. 985 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में किन उद्देश्यों से क्राइम थानों की स्थापना की गयी है तथा उनके क्या-क्या कर्तव्य शासन द्वारा निधारित किये गये है? आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या क्राईम थानों को अपराध पंजीबद्ध करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो नियम बतावें तथा विगत एक वर्ष में प्रदेश के क्राईम थानों में दर्ज अपराधों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त क्राईम थानों में कौन-कौन, किस-किस पद पर कब-कब से पदस्थ हैं? सूची देवें। (घ) क्या क्राईम थानों के अमले को वर्दी के स्थान पर सिविल कपड़ों में कर्तव्य निर्वहन की अनुमति है? यदि हाँ तो संबंधित आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संगठन अपराध, व्यावसायिक अपराधियों द्वारा किये गये अपराध गंभीर एवं अन्य अपराधों के अनुसंधान के लिये पुलिस थाना अपराध शाखा की स्थापना जिला भोपाल, जबलपुर, इन्दौर एवं ग्वालियर में की गई। आदेश/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ख) जी हाँ। नियम पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं विगत वर्ष में दर्ज अपराधों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं।

म.प्र. रेरा अंतर्गत प्रोजेक्ट के निलंबन तथा बहाली

[नगरीय विकास एवं आवास]

53. ( क्र. 986 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. रेरा के अंतर्गत प्रमोटर द्वारा रेरा के निर्देशों का पालन न करने के फलस्वरूप नवम्बर माह अंत तक कितने प्रोजेक्ट निलंबित थे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रोजेक्ट निलंबन के अधिकार नियमानुसार किनको है? किन-किन के हस्ताक्षर से प्रोजेक्ट निलंबित किये गये हैं? (ग) प्रोजेक्ट निलंबन पश्चात उन्हें बहाल करने के अधिकार किनको हैं? (घ) दिसम्बर 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से प्रोजेक्ट, किनके आदेश व हस्ताक्षर से बहाल किये गये है? सभी के बहाली आदेशों का विवरण उपलब्ध करायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नवम्बर माह अंत तक 281 प्रोजेक्ट निलंबित थे। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रोजेक्ट के निलंबन का अधिकार रेरा प्राधिकरण को है। रेरा अध्यक्ष, न्यायिक सदस्य एवं तकनीकी सदस्य में से समस्त 3 अथवा कोई 2 के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रोजेक्ट निलंबित किये गए है। (ग) प्रोजेक्ट निलंबन पश्चात उन्हें बहाल करने का अधिकार रेरा को है। (घ) दिसम्बर 2020 से प्राधिकरण दिनांक 04/02/2021 तक 30 प्रोजेक्ट माननीय सदस्य (न्यायिक) रेरा के आदेशानुसार मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/प्रभारी सचिव के हस्ताक्षर से प्रोजेक्ट बहाल किए गये है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत किये गये कार्य

[ऊर्जा]

54. ( क्र. 995 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) ग्‍वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना कब प्रारंभ हुई तब से वर्तमान तक कितने व कौन-कौन से ग्रामों को योजना में शामिल किया गया, इन ग्रामें में से कौन-कौन से ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुआ? गांवों के नाम स्‍पष्‍ट करें? किन-किन ग्रामों में नहीं हुआ नाम बतावे। अब कब तक पूर्ण कराये जावेंगे स्‍पष्‍ट करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या उक्‍त में से जिन ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है, उनमें घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया था अब भी कई ग्रामों में खम्‍भें नहीं गड़ें, कई जगह तार नहीं खिचें, जहां दोनों कार्य हो गये वहॉ ट्रांसफार्मर नहीं लगे, जहां लगे वहा खराब पडें है, इन्‍हें नहीं बदला जा रहा है, इसका कारण बतावें? (ग) क्‍या शासन पूर्ण हो चुके ग्रामों में विद्युतीकरण कार्यों की गुणवत्‍ता व कार्यों के अपूर्ण रहने के कारणों की जाँच करायेगा तथा शेष अविद्युतीकरण ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य एक निश्चित समय-सीमा में पूर्ण करवायेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (घ) विद्युत विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पदस्‍थ है उनका नाम, पद मुख्‍यालय तथा पदस्‍थापना दिनांक बताएं।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) ग्‍वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना के कार्य दिनांक 20-08-2011 से प्रारंभ हुए, जिसके अंतर्गत सम्मिलित समस्‍त 169 ग्रामों, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है, में फीडर सेपरेशन योजना का कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, प्रश्‍नांश '' अनुसार समस्‍त ग्रामों में योजना के तहत संपूर्ण कार्य किया गया है जिसमें उच्‍च गुणवत्‍ता की निर्माण सामग्री का उपयोग सुनिश्चित किये जाने हेतु वितरण कंपनी स्‍तर से सामग्री प्रदायकर्ता फर्म की कार्यशाला में थर्ड पार्टी इंस्‍पेक्‍शन एजेंसी के माध्‍यम से सामग्री का इंस्‍पेक्‍शन कराए जाने के उपरांत निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही सामग्री का उपयोग किया गया है। भितरवार विधान सभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना में प्रावधानित समस्‍त कार्य पूर्ण कर प्रोजेक्‍ट क्‍लोज किया जा चुका है। फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत भितरवार विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों में स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों में से यदि कोई ट्रांसफार्मर खराब होता है तो संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत फेल ट्रांसफार्मरों को नियत समय-सीमा में बदला जाना सुनिश्चित किया जाता है। (ग) प्रश्‍नाधीन योजना में पूर्ण हो चुके कार्यों में निर्माण सामग्री की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने हेतु उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रक्रिया का पालन किया गया है जिसके पुनर्परीक्षण की आवश्‍यकता नहीं है। योजना अंतर्गत प्रावधानित समस्‍त कार्य पूर्ण हो चुके हैं, अत: तत्संबंध में अन्‍य कोई जाँच कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) भितरवार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पदस्‍थ अधिकारियों/ कर्मचारियों की पदस्‍थापना दिनांक सहित नामवार, पदवार एवं पदस्‍थापना स्‍थल (मुख्‍यालय) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

शासकीय आयुर्वेदिक औषधालयों का संचालन

[आयुष]

55. ( क्र. 997 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) प्रदेश में शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं? कितने औषधालय शासकीय भवन में तथा कितने औषधालय निजी भवनों में संचालित हो रहें हैं तथा कितने शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के रूप में उन्नयन किये गये हैं? जिलेवार एवं विकासखण्ड जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आयुर्वेदिक औषधालय में कितने चिकित्सक एवं स्टॉफ पदस्थ है तथा कितने पद रिक्त हैं तथा रिक्त पदों की कब पूर्ति कर दी जावेगी? बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी के शासकीय औषद्यालयों के रिक्त पद की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी तथा भवन विहि‍न औषधालय कब तक स्वीकृत कर दिये जावेगें? बतलावें।

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) प्रदेश में कुल 1773 आयुष औषधालय, जिसकी जानकरी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। शासकीय भवन 913 एवं निजी 219 में औषधालय संचालित हैं। 362 को हेल्‍थ एवं वैलनेस में उन्‍नयन किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार(ख) पदस्‍थापना एवं रिक्‍त पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार(ग) 362 हेल्‍थ एण्‍ड वेलनेस सेंटर हेतु राशि रूपये 50.22 करोड़ स्‍वीकृत है। सुविधाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। (घ) पदपूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। भवन विहीन औषधालयों के भवनों का निर्माण बजट उपलब्‍धता के आधार पर किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

प्रदेश में लगाये गए नवकरणीय प्रोजेक्ट

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

56. ( क्र. 998 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिनांक 01 जनवरी, 2017 से प्रश्नांकित अवधि तक नवकरणीय ऊर्जा के अन्तर्गत कितने प्रोजेक्ट लगाये गए है? उनके स्थापना दिनांक, लागत राशि व कम्पनी का नाम सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रोजेक्ट हेतु सरकार/विभाग द्वारा कितनी सब्सिडी किस-किस प्रोजेक्ट को दी गई है एवं स्थापना दिनांक से अभी तक प्रोजेक्ट के रख-रखाव/मरम्मत आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? प्रोजेक्टवार जानकारी दें? नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में मध्यप्रदेश का देश में कौन सा स्थान है? इन प्रोजेक्ट से प्रदेश का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ऊर्जा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों से कितनी-कितनी यूनिट बिजली क्रय की जा रही है एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया है? बतलावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक मुख्यमंत्री सोलर पंप योजनांतर्गत कितने कृषकों का पंजीयन किया गया एवं कितने कृषकों के सोलर पंप किस कम्पनी के लगाये गये हैं? क्‍या आवेदन क्र. 202041155 आवेदक कमरलाल कुशवाह एवं आवेदन क्र. 202044636 आवेदक शंभुदयाल शर्मा का सोलरपंप लगवा दिया गया, यदि नहीं तो विलंब का क्‍या कारण है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्‍यप्रदेश में 01 जनवरी, 2017 से प्रश्‍नांकित अवधि तक, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत आयुक्‍त कार्यालय द्वारा सौर, हाइडेल एवं पवन ऊर्जा के स्‍थापित प्रोजेक्‍ट की स्‍थापना दिनांक, लागत राशि व कम्‍पनी का नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्‍यप्रदेश में 01 जनवरी, 2017 से प्रश्‍नांकित अवधि तक, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत मध्‍यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा लगाये गये प्रोजेक्‍ट, स्‍थापना दिनांक, लागत राशि व कम्‍पनी का नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत आयुक्‍त कार्यालय द्वारा स्‍थापित पवन ऊर्जा प्रोजेक्‍ट पर विभाग/शासन द्वारा कोई सब्सिडी प्रदान नहीं की गई है। रीवा एवं मंदसौर सोलर पार्क प्रोजेक्‍ट स्‍थापना के लिए केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रोजेक्‍ट के रख-रखाव पर शासन द्वारा कोई राशि व्‍यय नहीं की गई है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत मध्‍यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा स्‍थापित प्रोजेक्‍ट हेतु सरकार/ विभाग द्वारा दी गई सब्सिडी की जानकारी प्रोजेक्‍टवार उत्‍तरांश (क) के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब में सम्मिलित है। स्‍थापना दिनांक से अभी तक प्रोजेक्‍ट के रख-रखाव/मरम्‍मत आदि पर कोई राशि व्‍यय नहीं की गई है। नवकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन में देश में मध्‍यप्रदेश सातवें स्‍थान पर है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, केन्‍द्र सरकार के अनुसार वर्ष 2022 तक प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन का लक्ष्‍य- सौर ऊर्जा-5675 मेगावाट, पवन ऊर्जा-6200 मेगावाट, बायोमास ऊर्जा-118 मेगावाट, लघु जल विदयुत ऊर्जा-25 मेगावाटकुल-12018 मेगावाट है।                      (ग) उत्‍तरांश (ख) के संदर्भ में ऊर्जा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों से क्रय की जा रही बिजली एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) विदिशा जिले में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजनांतर्गत कुल 78 कृषकों का पंजीयन किया गया है। स्‍थापित सौर पंपो की ईकाईवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। आवेदन क्रमांक 202041155 आवेदक कमरलाल कुशवाह एवं आवेदन क्रमांक-202044636 आवेदक शंभुदयाल शर्मा के सोलर पंप स्‍थापना की कार्यवाही कर दी गई है।

प्राप्त शासकीय अनुदान एवं व्यय की गई राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

57. ( क्र. 1006 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद भीकनगॉव अन्तर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी राशि शासकीय अनुदान एवं नगर में वसूली की गई राशि एवं समस्त अन्य मदों में प्राप्त हुई है? वर्षवार मदवार राशि की जानकरी उपलब्ध करावें। (ख) 1 अप्रैल, 2018 को नगर परिषद में कौन-कौन से मद की कितनी राशि शेष थी? उक्त समस्त राशि को किन-किन कार्यों पर व्यय किया जा सकता है? इस संबंध में शासन की नियमावली क्या है? नियमावली की प्रति प्रदाय करें। (ग) 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक समस्त प्राप्त राशि को कौन-कौन से कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई है? कार्यवार, योजनावार वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावे। (घ) क्‍या वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पंचायत का ऑडिट कार्य हुआ है? हाँ तो समस्त ऑडिट रिपोर्ट का विवरण भी उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) 01 अप्रैल, 2018 को नगर परिषद भीकनगॉव में शेष राशि का मदवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। शासन की नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। ऑडिट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

नगर परिषद भीकनगॉव द्वारा किये गये कार्यों की तकनीकी स्वीकृति‍

[नगरीय विकास एवं आवास]

58. ( क्र. 1007 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद भीकनगॉव द्वारा 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने निर्माण कार्य प्रारंभ किये गये है तथा वर्तमान भौति‍क स्थिति‍ क्या है? कार्यवार भौतिक स्थिति‍ की जानकारी उपलब्ध करावें तथा प्रारंभ समस्त कार्यों की तकनीकी स्वीकृति‍ प्राप्त प्राक्‍कलन की सत्य प्रतिलि‍पि‍ भी प्रदाय करें। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने कार्य प्रगति‍रत है एवं कितने पूर्ण हो गये है तथा कार्यों पर किये गये मूल्यांकन की राशि क्या है? कार्यवार जानकारी देवें। (ग) 1 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ एवं प्रगति‍रत कार्य के मूल्यांकन की माप पुस्तिका की प्रतिलिपि‍ भी उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) मूल्‍यांकन की माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

प्रश्न क्र. 198 दिनांक 21 सितम्बर 2020 की जानकारी

[गृह]

59. ( क्र. 1012 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 198 दिनांक 21 सितम्बर, 2020 के खण्ड (क) में जो पूछा गया है उस अनुसार उत्तर दिलाया जाय। पूछा यह गया था कि जो 212 प्रकरण सी.बी.आई. को दिए गए थे उनके अलावा दूसरे प्रकरण जो एस.टी.एफ. के पास लंबित थे उनकी जाँच क्यो रोकी गई, किसके आदेश पर रोकी गई? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 198 दिनांक 21 सितम्बर, 20 के खण्ड (ख) के सन्दर्भ में जाँच की प्रगति से अवगत करावे तथा खण्ड (ग) का स्पष्ट उत्तर अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है दिलाया जाये। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 19 दिनांक 21 सितम्बर, 2021 के खण्ड (घ) तथा (ड.) के संबंध में स्पष्ट बतावें कि‍ क्या माननीय उच्च न्यायालय ने डीमेट की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा किये जाने पर रोक लगाई है? क्या संबंधित पिटीशन में स्टे की मांग की गई है? यदि ऐसा नहीं है तो सर्वोच्च न्यायालय का आदेश प्राप्त होने तक किस नियम से रोकी गई जबकि इस तरह के पी.एम.टी. के जाँच के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय में पिटीशन के चलते हुए आदेश होने के पहले तक एस.टी.एफ. द्वारा जाँच की जा रही थी? (घ) क्या सर्वोच्च न्यायालय में किसी भी प्रकरण में सी.बी.आई. की जाँच की मांग की पिटीशन दाखिल करते ही राज्य शासन अपनी एजेन्सी द्वारा की जा रही जाँच को रोक देता है? यदि नहीं तो डीमेट की जाँच क्यों रोकी गई?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय सर्वोच्‍च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 में व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े से संबंधित पंजीबद्ध समस्त अपराधिक प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने का आदेश पारित किये जाने से एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों की जाँच स्थगित की गई थी। (ख) माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा, डॉ. आनन्द राय तथा आशीष चतुर्वेदी के बयान एस.टी.एफ. द्वारा लेखबद्ध किये गये है। शिकायत जाँच प्रचलन में है, जाँच निष्कर्ष के आधार पर साक्ष्यानुरूप वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले की लंबित शिकायतों के संबंध में समुचित जाँच बिना किसी भेदभाव तथा निष्पक्षता पूर्वक की जा रही है। (ग) प्रश्न क्र. 198 दि. 21.09.2020 के खण्ड (घ) के अनुसार लेख है कि डी-मेट द्वारा निजी कॉलेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी। इस संबंध में विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी। एस.टी.एफ. म.प्र. द्वारा व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों में पी.एम.टी. तथा एन.आर.आई. कोटे में भर्ती की जाँच भी की जा रही है। एस.टी.एफ. द्वारा अपूर्ण उत्तर नहीं दिए जा रहे हैं। जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय ने डीमेट की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा किये जाने पर रोक नहीं लगाई है। डीमेट द्वारा निजी कालेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी। चूँकि विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी। (घ) डीमेट द्वारा निजी कालेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी। चूँकि विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी।

सिविल न्‍यायालय लांजी जिला बालाघाट के भवन का निर्माण

[विधि और विधायी कार्य]

60. ( क्र. 1019 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल न्‍यायालय लांजी जिला बालाघाट के भवन निर्माण तथा जज के निवास हेतु राशि कब तक उपलब्‍ध करा दी जायेंगी? (ख) भवन निर्माण हेतु जमीन का चयन क्‍या कर लिया गया है? यदि नहीं तो कब तक जमीन का चयन कर लिया जायेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) लांजी जिला बालाघाट में नवीन न्‍यायालय भवन एवं न्‍यायाधीश आवास गृह निर्माण हेतु प्रस्‍ताव विधि और विधायी कार्य विभाग में प्राप्‍त नहीं हुआ है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

नगर निगम रतलाम में भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

61. ( क्र. 1021 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से जनवरी 2021 तक रतलाम नगर निगम के किस-किस वार्ड में कौन-कौन सा कार्य किस लागत से कराया गया? प्रारंभ तथा समाप्ति की दिनांक ठेकेदार का नाम, भुगतान की राशि और दिनांक सहित सूची देवें। (ख) नगर निगम रतलाम में मुख्यमंत्री शहरी, पेयजल योजना के तहत किस क्षेत्र में कितने मीटर/किलोमीटर पाईप लाईन डाली गई तथा जल वितरण किस-किस दिनांक से प्रारंभ हुआ? कार्य प्रारंभ तथा पूर्ण की दिनांक तथा ठेकेदार का नाम, कार्य की लागत, डाली गई पाईप लाईन की लंबाई किलोमीटर में, भुगतान की दिनांक बतावे तथा DPR की प्रारंभिक तथा संशोधित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3031 दिनांक 19 जुलाई, 2019 के उत्तर खण्ड (ख) में बतावें कि बिना किसी पत्राचार के यह कैसे तय हुआ कि मोटरे नहीं है। क्या बिल की प्रति दी गई थी या मौखिक बताया गया तथा बिना किसी लिखा-पढी पत्राचार के किस नियम से दोनो मोटरे प्राप्त की गई? क्या इस दानकांड की उच्च स्तरीय जाँच की जावेगी? (घ) नगर निगम अधिनियम की धारा की प्रति देवें जिसमें वार्ड के आरक्षण हेतु सर्वाधिक सकेन्द्रण के प्रतिशत के अवरोही क्रम का उल्लेख है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।                   (ग) मोटरे प्राप्‍त होने के संबंध में निगम द्वारा किसी तरह का पत्राचार नहीं किया और न ही निगम को कोई बिल या उसकी प्रति प्राप्‍त हुई थी। इस संबंध में मौखिक चर्चा नहीं की गई थी। नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 87 (ओ) में प्रावधान है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

इन्दौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति

[नगरीय विकास एवं आवास]

62. ( क्र. 1022 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार इन्दौर तथा भोपाल सेस्मीक (भुकम्प) झोन 02 में आता है लेकिन मेट्रो प्रोजेक्ट में इन्दौर को झोन 4 तथा भोपाल को झोन 2 अनुसार प्राक्कलन बनाया गया है? यदि‍ हाँ तो इसके कारण बताए तथा सम्बन्धित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ख) इन्दौर भोपाल मेट्रो ट्रेन कि प्राक्कलन राशि कितनी है तथा लम्बाई कितनी है क्या इन्दौर के झोन-4 में रखने से लागत में लगभग 2 हजार करोड़ का इजाफा हुआ है(ग) क्या इन्दौर को झोन-4 में रखने के लिये भूकम्प वैज्ञानिको से राय ली गई है तथा केन्द्र शासन के पर्यावरण विभाग से अनुमति‍ प्राप्त की गई है? यदि हाँ तो उनकी प्रति देवें तथा बतावें कि इन्दौर को झोन-4 में रखने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया? (घ) भोपाल की मेट्रो ट्रेन के लिये उसे झोन-4 में क्यों नहीं रखा गया क्या उसे झोन-4 में रखने सम्बन्धित विषय पर अधिकारी स्तर पर चर्चा हुई यदि हाँ तो उस बैठक, चर्चा के मिनीटस उपलब्ध कराए जाएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) (i) निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद, आवास एवं शहरी मंत्रालय, भारत सरकार, (ii) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार, (iii) मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और (iv) पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार की नियमावली (Manual) के अनुसार, भोपाल सेस्मीक (भूकम्प) झोन 2 में एवं इंदौर सेस्मीक (भूकम्प) झोन 3 में आते हैं, संबंधित दस्तावेज़ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार हैं। इंदौर की भूगर्भीय स्थिति चुनौतीपूर्ण है जिसमें इसके पास से दो एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट गुजरती हैं तथा इंदौर में मेट्रो के लोड को सपोर्ट देने लायक रॉक का स्तर सतह से काफी नीचे है अत: संरक्षा एवं स्थाईत्व को ध्यान में रखते हुए इंदौर मेट्रो के डिजाइन हेतु स्पेसिफिकेशन एवं निविदा (कांट्रैक्ट) में प्रचलित स्तर से एक स्तर ज्यादा का डिजाइन करने की शर्त रखी गई थी। परियोजनाओं का प्राक्कलन देश में प्रचलित मेट्रो के कार्यों की लागत के आधार पर बनाया गया, चूंकि उक्त निविदा डिज़ाइन एवं बिल्ड (Lump-sum Contract) के आधार पर आमंत्रित की गयी थी अत: निविदा दस्तावेजों में सेस्मीक (भूकम्प) झोन के संबंध में स्पष्‍ट उल्लेख था, संबंधित दस्तावेज़ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार हैं। (ख) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं की भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत कमशः रू. 6941.40 करोड़ एवं रू. 7500.80 करोड़ मात्र है और लंबाई क्रमशः 27.87 किलोमीटर एवं 31.55 किलोमीटर है। इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को प्रस्तावित सेस्मीक (भूकम्प) झोन में क्रियान्वयन करने में वर्तमान में लागत में इजाफा परि‍लक्षित नहीं होता है। (ग) इंदौर को सेस्मीक (भूकम्प) झोन 3 में ही रखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय जनरल कंसल्टेंट (जिसमें भूगर्भीय यंत्री शामिल हैं) के परामर्श पर इंदौर की भूगर्भीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति अनुसार प्रचलित स्तर से एक स्तर ज्यादा के लिए डिजाइन किया गया है। पर्यावरण विभाग से अनुमति का सवाल नहीं उठता है। (घ) भोपाल को सेस्मीक (भूकम्प) झोन 4 में रखने का प्रश्न ही नहीं उठता है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में बैठक का कोई प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आवंटित भूखण्‍डों (प्‍लाटों) में मकान का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

63. ( क्र. 1033 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण मंडल महाराजपुर/सुभाष नगर, जबलपुर में हितग्राहियों को आश्रयहीन भूखण्‍ड अस्‍थाई रूप से खाली भूखण्‍ड आवंटित किया गया है? जिन पर अभी तक कुछ भूखण्‍डों पर मकान निर्माण नहीं करा पाये है। ऐसे कितने हितग्राही है? जो कई वर्षों से मकान निर्माण नहीं कर पाये हैं? (ख) हितग्राहियों को भूखण्‍ड अधिपत्‍य दिये कितनी अवधि हो चुकी है? क्‍या मकान निर्माण कराने हेतु नोटिस जारी किया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? विलंब का क्‍या कारण है? कब तक खाली भूखण्‍डों में मकान निर्माण किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल महाराजपुर सुभाषनगर जबलपुर में हितग्राहियों को 798 आश्रयहीन भूखण्ड अस्थाई रूप से खाली भूखण्ड सन् 1995 से सन् 2007 की समयावधि में आवंटित किए गए हैं। जिन भूखण्डों पर मकान निर्माण नहीं करा पाये हैं, ऐसे हितग्राहियों की संख्या 245 है।                      (ख) हितग्राहियों को भूखण्ड आधिपत्य दिए हुए लगभग 13 से 26 वर्ष की अवधि हो चुकी है। जी हाँ। मकान निर्माण कराने हेतु नोटिस जारी किए गए हैं। एक वर्ष की अवधि में मकान निर्माण हेतु अंतिम नोटिस जारी किया गया है।

न.नि. भोपाल में कचरे में दबी पोकलेन मशीन

[नगरीय विकास एवं आवास]

64. ( क्र. 1040 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम भोपाल में पिछले दिनों एक बेशकीमती पोकलेन मशीन कचरे में दबी मिली थी जिस मामले को दैनिक समाचार पत्रों प्रमुखता से प्रकाशित किया था यदि हाँ तो उस संबंध में किस अधिकारी/कर्मचारी पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) वर्तमान में नगर निगम भोपाल के पास कितनी पोकलेन मशीने हैं तथा उनमें से कितनी चालू स्थिति में है खराब एवं चालू मशीनों के रजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) दिनांक 01/09/2019 से दिनांक 10/09/2020 तक नगर निगम भोपाल द्वारा विभिन्‍न कार्यों हेतु किराए पर ली गई पोकलेन मशीनों के संचालन समय को नगर पालिक निगम के नियमानुसार किस पद के अधिकारी/ कर्मचारी द्वारा सत्‍यापन मान्‍य किया जाता है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या किराए से ली गई पोकलेन मशीनों के संचालन समय (कुल घंटे) में कई जगह नियम विरूद्ध दरोगाओं से सत्‍यापन करा कर फर्म को भुगतान कर दिया गया जिससे निगम को भारी आर्थिक हानि हुई है मामले की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, दैनिक समाचार पत्र में उक्‍त आशय का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था, तथापि उक्‍त मशीन कार्य करते समय खराबी आने के कारण लंबे समय से बंद खड़ी हुई थी। मशीन के आस-पास कचरा होने के कारण शिफिंटग नहीं की जा सकी। तत्‍कालीन समय में संबंधित चालक एवं सुपरवाईजर को नोटिस जारी किया गया व स्‍थानांतरण कर कार्य से पृथक कर दिया गया था। (ख) वर्तमान में नगर निगम भोपाल के पास 04 पोकलेन मशीन उपलब्‍ध है। जिसमें से 03 पोकलेन मशीनें कार्यशील तथा 01 मशीन संधारण में है। पोकलेन मशीन ऑफरोड होती है जिस कारण उक्‍त मशीनों का रजिस्‍ट्रेशन नहीं होता है। (ग) दिनांक 01.09.2019 से दिनांक 10.09.2020 तक नगर निगम भोपाल द्वारा विभिन्‍न कार्यों के निर्वहन हेतु नगर यंत्री, स्‍वच्‍छता प्रभारी, खंती प्रभारी, सहायक यंत्रियों एवं उपयंत्रियों द्वारा सत्‍यापन मान्‍य किया जाता है। (घ) जी नही। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

न.नि. भोपाल में निर्माण एजेन्‍सी/ठेकेदारों का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

65. ( क्र. 1041 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल अंतर्गत किये गए विकास कार्यों के एवज में वित्‍तीय वर्ष 2019-2020 एवं वित्‍तीय वर्ष 2020-2021 में प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन एजेंसियों को                   कितना-कितना भुगतान किया गया एवं कितना भुगतान शेष है? एजेंसीवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में नगर निगम भोपाल द्वारा निर्माण कार्य के एवज में कार्य पूर्ण कर चुकी एजेंसियों/ठेकेदारों के शेष भुगतान को कब तक किया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल अंतर्गत किये गए विकास कार्यों के एवज में वित्‍तीय वर्ष 2019-2020 एवं वित्‍तीय वर्ष 2020-2021 में प्रश्‍न दिनांक तक किये गये भुगतान की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं शेष भुगतान हेतु एजेन्सियों/ठेकेदारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विधानसभावार जानकारी संधारित नहीं होने से प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर निगम भोपाल द्वारा निर्माण कार्यों में संलग्‍न एजेन्सियों/ठेकेदारों के शेष भुगतान फण्‍ड की उपलब्‍धतानुसार किया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

स्‍ट्रीट लाईटे, बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर बस स्‍टॉप की कुर्सिया, रेलिंग की दुर्दशा

[नगरीय विकास एवं आवास]

66. ( क्र. 1060 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम भोपाल द्वारा पिछले वित्‍तीय वर्ष की अपेक्षा चालू वित्‍तीय वर्ष में दोगुनी वसूली हुई हैं? (ख) यदि हाँ तो भोपाल शहर के मेन रोड और कॉलोनियों की स्‍ट्रीट लाईटे, बिजली विभाग द्वारा क्‍यों काटी जा रही हैं? क्‍या वार्ड कार्यालयों की भी लाईटें काटी जा रही है? क्‍या यह सब बिजली विभाग को बिल जमा नहीं करने के कारण हो रहा हैं? (ग) बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर में बने हुये बस स्‍टॉप की कुर्सिया, रेलिंग उखड़ चुकी है? कोरिडोर बनाने का अनुबंध एवं उसकी गारंटी कितने वर्षों के लिये की गई थी? गारंटी पीरियड में कोरिडोर की उक्‍त दुर्दशा के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है? उपरोक्‍त सभी समस्‍याओं पर क्‍या संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, भोपाल द्वारा वर्ष              2019-20 में (दिनांक 01/04/2019 से 04/02/2020) तक की अवधि में 1,84,07,49,543/- रू. की वसूली की गई है। इसी तरह वर्ष 2020-21 में दिनांक 01/04/2020 से 04/02/2021 तक की अवधि में 2,49,82,26,975/- रू. की वसूली की गई है जो गत वर्ष की तुलना में 65,74,77,432/- रू. अधिक की वसूली हुई है। (ख) वर्तमान में भोपाल शहर के मेन रोड की स्ट्रीट लाईट एवं वार्ड कार्यालयों की लाईटें सुचारू रूप से चालू है एवं विद्युत विभाग द्वारा उपरोक्‍त संबंधित विद्युत कनेक्‍शन नहीं काटे गये है। (ग) बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर में बने हुये बस स्‍टॉप निर्माण एवं संचालन/संधारण कार्य हेतु दिनांक 24.01.2013 को निष्‍पादित अनुबंधानुसार एजेंसी मेसर्स एस.सी.सी जेवी राजदीप 15 वर्षों तक अनु‍बंधित है। एजेंसी द्वारा समय-समय पर आवश्‍यकता अनुसार नियमित रूप से संधारण/ मेन्‍टेनेन्स कार्य किया जाता है। बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर मिसरोद से बैरागढ़ तक निर्माण कार्य हेतु 16.05 कि.मी. मिसरोद से बोर्ड ऑफिस चौराहा एवं इन्दिरा गॉधी चौराहे से बैरागढ़ तक के कॉरीडोर निर्माण हेतु ठेकेदार मेसर्स अशोका बिल्‍डकान प्रा.लि. नासि‍क से दिनांक 27.02.2009 को अनुबंध किया गया है। निर्माण कार्य दिनांक 30.09.2013 पूर्ण किया गया। जिसकी गारण्‍टी पीरियड दिसम्‍बर 2016 को समाप्‍त हो चुकी है। इसी प्रकार बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर (बोर्ड ऑफिस से इंदिरा गांधी चौराहा तक) 7.30 कि.मी. निर्माण कार्य हेतु मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन से दिनांक 24/12/2010 को अनुबंध किया गया। निर्माण कार्य दिनांक 31.08.2013 को पूर्ण किया गया। जिसकी गारण्‍टी पीरियड अगस्‍त, 2016 को समाप्‍त हो चुकी है। अत: कॉरीडोर की उक्‍त दुर्दशा का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। वर्तमान में नगर निगम भोपाल/भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के माध्‍यम से समय-समय पर कॉरीडोर के संधारण/मेन्‍टेनेंस का कार्य किया जाता है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है

भोपाल स्थित बड़े तालाब में लगे म्‍यूजिकल फाउंटेन का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

67. ( क्र. 1061 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के बड़े तालाब स्थित म्‍यूजिकल फाउंटेन को लगाने के लिए भोपाल नगर निगम द्वारा कितनी राशि व्‍यय की गई है? (ख) म्‍यूजिकल फाउंटेन किस तिथि को चालू किया गया और 31 जनवरी, 2021 तक कितने दिनों तक चलाया गया? (ग) क्‍या वर्तमान में म्‍यूजिकल फाउंटेन बंद है? यदि हाँ तो फाउंटेन के बंद होने का क्‍या कारण हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल के बड़े तालाब स्थित म्‍यूजिकल फाउंटेन को लगाने के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा राशि 6.02 करोड़ रूपये व्‍यय किये गये हैं। (ख) म्‍यूजिकल फाउंटेन को दिनांक 09-12-2019 को चालू किया गया और 31 जनवरी, 2021 तक कुल 41 दिनों तक चलाया गया। (ग) जी हाँ। वर्तमान में म्‍यूजिकल फाउंटेन बंद है। दिनांक                09-12-2019 से 31-01-2020 तक म्‍यूजिकल फाउंटेन एवं वाटर स्‍क्रीन शो के प्रतिदिन 03 शो प्रदर्शित किये गये एवं लॉग बुक में दर्शकों का रिकार्ड संधारित किया गया। शो देखने के बाद दर्शकों की प्रतिक्रिया/सुझाव दर्ज कराने हेतु विजिटर्स बुक को भी संधारित किया गया। 31-01-2020 के बाद दर्शकों के द्वारा दिये गये सुझावों को देखते हुए स्क्रिप्‍टम्‍यूजिकल फाउंटेन शो एवं लघु फिल्‍मों में संशोधन तथा दिनांक 23-03-2020 से कोविड-19 के कारण देशव्‍यापी लॉक डाउन लगाने के कारण म्‍यूजिकल फाउंटेन बंद रहा।

महाविद्यालयों का संचालन

[उच्च शिक्षा]

68. ( क्र. 1062 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय भगतसिंह महाविद्यालय जावरा, शासकीय महाविद्यालय कालूखेडा एवं शासकीय महाविद्यालय पिपलोदा उच्च शिक्षा अध्ययन अध्यापन हेतु निरंतर संचालित होकर कार्यरत है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उल्लेखित महाविद्यालयो में किन-किन संकायों में कुल कितने-कितने छात्र-छात्राएं प्रवेश प्राप्त कर अध्ययनरत हैं? (ग) छात्र संख्या एवं विषयवार शैक्षणिक व्यवस्थाओं हेतु प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अतिथि विद्वान हेतु कुल कितने पद स्वीकृत होकर कुल कितने भरे हैं, कितने रिक्त हैं, रिक्त पद कब तक भरे जा सकेगें? (घ) उपरोक्त महाविद्यालय में कुल कितने समस्त प्रकार के पद स्वीकृत होकर कितने कार्यरत हैं, रिक्त पद कब तक भरे जा सकेंगें तथा कालूखेडा पहुँच मार्ग, पिपलोदा महाविद्यालय भवन की स्वीकृति कब तक हो सकेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। शासकीय महाविद्यालय कालूखेड़ा में भवन से मुख्य मार्ग निर्माण का कार्य सी.ई.ओ. जनपद पंचायत पिपलौदा/कलेक्टर रतलाम कार्यालय स्तर पर प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शासकीय महाविद्यालय पिपलौदा के भवन निर्माण हेतु अभी भूमि आवंटित नहीं हुई है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बावन"

जावरा में नवीन स्‍टेशन की स्‍थापना

[ऊर्जा]

69. ( क्र. 1063 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विद्युतीकरण के अनेक कार्य जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किये है एवं प्रगतिरत है? (ख) यदि हाँ तो जावरा नगर स्थित 132 के.वी. उपकेंद्र से संलग्न नवीन सब स्टेशन केंद्र एवं ग्राम बडायला माताजी में नवीन सब स्टेशन केंद्र प्रगतिरत है तो उक्त कार्य कब पूर्ण होगें, कार्य कितना शेष रहा है, दोनों केन्द्रों पर कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना-कितना व्यय किन-किन कार्यों पर हुआ? (ग) क्‍या हसनपालिया एवं आस-पास के ग्रामों में मांडवी ग्रिड, रिंगनोद, ढोढर ग्रिड, कालूखेडा ग्रिड व सुखेडा ग्रिड से संलग्न ग्रामों में विद्युत वोल्‍टेज की समस्‍या होकर सिंचाई एवं देनन्दिनी कार्यों में कठिनाई हो रही है? (घ) यदि हाँ तो प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों से निकलने वाले 11 के.व्‍ही. सिंचाई फीडरों पर लो-वोल्‍टेज की समस्‍या व पॉवर ट्रांसफार्मरो पर अधिक लोड की समस्‍या के निराकरण हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों में से 4 विद्युत उपकेन्‍द्रों यथा 33/11 के.व्‍ही. बडायला चोरासी, माण्‍डवी, रिंगनोद एवं ढ़ोढर से संबंद्ध 7 नंबर 11 के.व्‍ही. कृषि फीडरों पर लो वोल्‍टेज की समस्‍या है जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है एवं प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विद्युत उपकेन्‍द्रों में से किसी भी विद्युत उपकेन्‍द्र से निर्गमित गैर कृषि फीडरों पर लो वोल्‍टेज की समस्‍या नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) में वर्णित विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित कुल 7 नग 11 के.व्ही. फीडरों, जिन पर वित्तीय वर्ष 2020-21 के रबी सीजन के दौरान लो-वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हुई थी, के निराकरण हेतु आवश्‍यक कार्यों के प्रस्ताव जो कि तकनीकी रुप से साध्य हैं, को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। उक्‍त प्रस्‍तावित कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

उज्‍जैन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु किए गए उपाय

[गृह]

70. ( क्र. 1068 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) सिंहस्‍थ वर्ष 2016 से 29 जनवरी, 2021 तक उज्‍जैन में क्षिप्रा नदी पर स्थित रामघाट व अन्‍य घाटों पर डूबने से कितने श्रद्धालुओं की मृत्‍यु हुई? नाम, निवास सहित विवरण दें। (ख) शासन एवं स्‍थानीय प्रशासन द्वारा क्षिप्रा नदी उज्‍जैन में निर्मित घाटों पर श्रद्धालुओं की डूबने से होने वाली मृत्‍यु को रोकने के लिए कितने तैराक दल नियुक्‍त किये गये हैं? (ग) शासन एवं स्‍थानीय प्रशासन द्वारा प्रतिमाह क्षिप्रा नदी में निर्मित घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु कितनी राशि खर्च की जाती है? (घ) शासन द्वारा क्षिप्रा नदी की घाटों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्‍या-क्‍या उपाये किये गये हैं? हरी की पौड़ी हरिद्वार पर लगाई गई जंजीरों की तरह कोई स्‍थायी व्‍यवस्‍था क्‍यों नहीं की जा रही है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिंहस्थ वर्ष 2016 से 29 जनवरी, 2021 तक की अवधि में क्षिप्रा नदी उज्जैन में निर्मित घाटों पर डूबने से श्रद्धालुओं की मृत्यु होने के संबंध में जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) वर्ष में आयोजित होने वाले स्नान एवं पर्वों में होमगार्ड के तैराक दल डयूटी में तैनात किये जाते है। (ग) नगर निगम द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु 9.21 लाख की रेसक्यु फ्लोटर वोट होमगार्ड को आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराई जाती है। (घ) नगर निगम द्वारा क्षिप्रा नदी घाटों पर सूचना बोर्ड एवं बेरिकेटिंग की गई है।

परिशिष्ट - "चउवन"

खाचरौद में पेयजल की उपलब्‍धता

[नगरीय विकास एवं आवास]

71. ( क्र. 1069 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद नपा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री जल आर्वधन योजना की क्‍या स्थिति है? क्‍या नगर में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किया जाता है? (ख) खाचरौद शहर के लिए मुख्‍यमंत्री जल आर्वधन योजना की स्‍वीकृति कब प्रदान की गई है और कितनी राशि की स्‍वीकृति दी गई है?                (ग) क्‍या खाचरौद शहर में 22 करोड़ रूपये की मुख्‍यमंत्री जल आर्वधन योजना का 10 जनवरी, 2016 को मुख्‍यमंत्री जी द्वारा लोकार्पण किया गया था? यदि हाँ तो क्‍या यह योजना पूर्ण हो गई थी? अधूरी योजना का लाभ पांच वर्ष बाद भी जनता को क्‍यों नहीं मिल रहा है? कारण सहित विवरण दें। (घ) क्‍या इस जल आर्वधन योजना को पूर्ण करने के लिए पांच करोड़ का प्रस्‍ताव शासन के पास लंबित है? यदि हाँ तो कब तक इस की स्‍वीकृति प्रदान कर योजना को पूर्ण कर दिया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका खाचरौद की मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत जलप्रदाय योजना में निविदा स्‍वीकृति उपरांत राशि रू. 2175.00 लाख की वित्‍तीय स्‍वीकृति प्रदान की जाकर योजनान्‍तर्गत इंटेकवेल, फिल्‍टर प्‍लांट, पंप हाउस, औव्‍हर हैड टेंक का कार्य किया गया। जी हाँ। (ख) मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्‍तर्गत जलप्रदाय योजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 20.05.2013 को प्रदान की गई। निविदा उपरांत राशि रू. 2175.00 लाख की वित्‍तीय स्‍वीकृति संचालनालय के पत्र क्रमांक/यां.प्र./151-1/2014/1502 भोपाल दिनांक 04.03.2014 से प्रदान की गई। (ग) जी हाँ। जी हाँ। योजना के माध्‍यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। निकाय द्वारा गेप्‍स का आंकलन कर हेडर पाईप लाईन, डिस्‍ट्रीब्‍यूशन लाईन, क्‍लीयर वाटर सम्‍प, जी.एस.आर, 500 कि.ली. ट्रांसफार्मर 500 के.वी.ए (स्‍टेण्‍ड बाय यूनिट) की कार्य योजना बनाई गई है। योजना के क्रियान्‍वयन के उपरांत नई पाईप लाईन से जलप्रदाय किया जाना संभव हो सकेगा। (घ) जी हाँ। निकाय द्वारा राशि रू. 498.77 लाख की कार्ययोजना तैयार कर प्रस्‍तुत की गई है। शासन की नवीन योजना प्रारंभ होने पर इस कार्ययोजना पर‍ विचार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

फ्लेक्‍सी प्‍लान योजना का विवरण

[ऊर्जा]

72. ( क्र. 1084 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) फ्लेक्‍सी प्‍लान योजना क्‍या है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत योजना से क्‍या जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह के नागरिक लाभान्वित है, यदि हाँ तो कितने?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) फ्लेक्‍सी प्‍लान योजना, कृषि उपभोक्‍ताओं को गुणवत्‍ता पूर्ण विद्युत प्रदाय किये जाने के उद्देश्‍य से समस्‍त 11 के.व्‍ही. कृषि फीडरों को तीन ग्रुप ए, बी एवं सी में बांटकर 4 घण्‍टे एवं 6 घण्‍टे के दो अंतरालों में प्रतिदिन कुल 10 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किये जाने की योजना है। इस योजना में ग्रुप '' एवं 'बी' की दिन की समय सारणी में कोई परिवर्तन नहीं होता है परंतु ग्रुप '' एवं 'बी' की रात्रि कालीन समय सारणी प्रत्‍येक माह की 1 एवं 16 तारीख को आपस में परिवर्तित हो जाती है तथा ग्रुप सी की समय सारणी अपरिवर्तित रखी गई है।                         (ख) जी हाँ। फ्लेक्‍सी प्‍लान योजना से वर्तमान में नरसिंहपुर जिले के 89669, सागर जिले के 102005 तथा दमोह जिले के 63773 कृषि उपभोक्‍ता लाभान्वित हो रहे हैं।

पुलिस चौकी की नवीन स्थापना

[गृह]

73. ( क्र. 1099 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के लिए गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन के नियत मापदण्ड क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए मापदण्ड अनुसार रीवा जिले के पुलिस थाना गढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कटरा जो, कि राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित प्रमुख बाज़ार है, में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना किया जाना उचित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित ग्राम कटरा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना से इस क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित प्रमुख बाज़ार के रूप में विकसित है तथा क्षेत्रीय सम्मिलित ग्रामों की आबादी की दृष्टि से जनहित में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना आवश्यक है। (घ) यदि हाँ तो क्या ग्राम कटरा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना कब तक की जा सकेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने से पुलिस थाना गढ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कटरा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना उचित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पचपन"

प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 1104 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में कितने आवास स्वीकृत किये गये? नामवार, स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न (क) के संबंध में आवास योजना में कितने मकान पूर्ण हो गए हैं? राशि स्वीकृत करने के बाद भी कितने अपूर्ण है? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत आवास के मकान प्रथम किस्त नवम्बर 2019 में 1 लाख की राशि हितग्राही को दी गई थी उसके पश्चात शासन द्वारा बकाया किस्तों का भुगतान क्यों नहीं किया गया? गरीब परिवार 1 वर्ष से अधिक समय से किराये के मकान में रह रहे हैं। शेष राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में क्रमशः 269 एवं 256 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई है। नामवार, स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्ष 2018-19 में स्‍वीकृत आवासों में से 14 आवास पूर्ण है तथा 176 आवास प्रगतिरत है तथा 79 आवास अप्रारंभ है। वर्ष 2019-20 में स्‍वीकृत 256 आवासों की राशि भारत सरकार से प्राप्‍त न होने से सभी आवास अप्रारंभ है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत 256 आवासों के मकान की प्रथम किश्त भारत सरकार से प्राप्त न होने से इस परियोजना हेतु कोई राशि निकाय को प्रदाय नहीं की गई, न ही प्रथम किश्त की राशि रू. 1.00 लाख प्रति हितग्राही का वितरण किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। परियोजना अन्तर्गत आवासों की 70 प्रतिशत से अधिक संख्या की भौतिक प्रगति लिंटल स्तर तक होने के उपरांत द्वितीय किश्त की राशि भारत सरकार से प्राप्त होने पर प्रदाय की जाती है योजना के बी.एल.सी घटक में आवासों का निर्माण स्वयं हितग्राही द्वारा किया जाता है जिससे निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नगर पालिका बड़नगर का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

75. ( क्र. 1105 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका बड़नगर को कोविड-19 के अन्तर्गत शासन से कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में प्राप्त हुई? सम्पूर्ण जानकारी मदवार उपलब्ध करावें। (ख) दिनांक 25 सितम्बर, 2020 के बाद नगर पालिका द्वारा किन-किन कार्य पर कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक भुगतान की गई? मदवार, फर्मवार, संस्थावार, व्यक्तिवार, दिनांकवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) नगर पालिका बड़नगर द्वारा कोविड-19 अन्तर्गत बड़नगर में कितने व्यक्तियों का चालन बनाकर राशि वसूल की गई थी? उन राशि का उपयोग किस मद में किया गया? सम्पूर्ण विवरण बिलवार, वाउचरवार, दिनांकवार उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद बडनगर को कोविड-19 के अंतर्गत एसडीआरएफ मद में 30.50 लाख रूपये की राशि प्राप्‍त हुई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद बडनगर के द्वारा 25 सितम्‍बर, 2020 के बाद नगर पालिका द्वारा भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) नगर पालिका बडनगर द्वारा कोविड-19 अंतर्गत बडनगर में 1930 व्‍यक्तियों का चालान बनाकर 314661/- राशि वसूल की गई है। उक्‍त राशि जो आज दिनांक तक अव्‍यक्ति निकाय खाते में जमा है।

ताल नगर परिषद में भ्रष्टाचार

[नगरीय विकास एवं आवास]

76. ( क्र. 1110 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4156 दिनांक 26 जुलाई, 2019 में यह बताया गया था कि ताल नगर परिषद में खरीदी नियमानुसार की गई है यदि हाँ तो बतावें कि प्रश्न क्रमांक 2043 दिनांक 23/12/2019 में कैसे कहा गया? कि अनियमितताएं हुई है दोनों उत्तर में भिन्‍नता का कारण बतावें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2043 दिनांक 23/12/2019 के जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें तथा बतावें कि कितनी राशि का घोटाला हुआ है तथा अभी तक पुलिस में प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया है? कब तक किया जावेगा? (ग) रतलाम नगर निगम द्वारा जनवरी 2019 से जनवरी 2020 तक अतिक्रमण, स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण, विभिन्न धाराओं में स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण को तोड़ने के नोटिस, नजूल की जमीन पर निर्माण, शासन की माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान नोटिस किस-किस को दिए गए? उसकी सूची तथा समस्त नोटिस की प्रति देवें। (घ) प्रश्न (ग) में उल्लेखित सूची में से किस पर कार्रवाई की गई तथा शेष पर क्यों नहीं की गई अगर की जावेगी तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍न क्रमांक 4156 का उत्‍तर देने के बाद प्राप्‍त शिकायत की जाँच करायी गई, जिसका प्रतिवेदन नवम्‍बर, 2019 में प्राप्‍त हुआ। जाँच में प्रथम दृष्‍टया क्रय प्रक्रिया का उल्‍लंघन करने संबंधी अनियमिततायें पाये जाने के कारण प्रश्‍न क्रमांक 2043 में अनियमितता पाये जाने का उत्‍तर दिया गया है। (ख) जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। जाँच में प्रक्रियात्‍मक त्रुटि के लिए संबंधित अधिकारियों पर दण्‍ड अधिरोपित किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) नगर निगम, रतलाम द्वारा स्‍वीकृत नक्‍शे के नोटिस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। नगर पालिक निगम द्वारा जनवरी, 2019 से जनवरी 2020 तक 20 प्रकरणों में नोटिस जारी कर कार्यवाही की गई, जिनमें 16 प्रकरणों में अनुमति विपरीत निर्माण/अवैध कब्‍जे हटाये गये तथा शेष 04 प्रकरण माननीय न्‍यायालय में विचारधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले प्रदूषण

[पर्यावरण]

77. ( क्र. 1111 ) श्री मनोज चावला : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में प्रदूषण के उद्योगों की सूची देवें तथा बतावें कि इन उद्योगों की पिछले 5 वर्षों में कब-कब जलवायु तथा ठोस अपशिष्ट की जाँच की गई तथा निष्कर्ष से लिखित में अवगत करावे जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) प्रश्न (क) की जाँच पर किस-किस उद्योग पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा बतावें कि‍ किस-किस उद्योग ने जल, वायु तथा ठोस अपशिष्ट के लिए कौन-कौन सी मशीन किस वर्ष की बनी हुई लगा रखी है? (ग) क्या रतलाम में औद्योगिक क्षेत्र में लाल पानी निकल रहा है? यदि हाँ तो बतावें कि वहां नए उद्योग कैसे स्थापित होंगे? लाल पानी का कारण क्या है तथा उसे दूर क्यों नहीं किया जाता? (घ) क्या रतलाम का जुलवानिया में नया ट्रेचिंग ग्राउंड धोलावाड के कैचमेंट एरिया में है इस ट्रेचिंग ग्राउंड हेतु दिए गए पर्यावरण के लाइसेंस की प्रति देंवे तथा बतावें की क्या बरसात में इससे निकल रहा पानी नालों से धोलावाड़ में मिल रहा है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' के कॉलम-2, 3, 4 एवं 5 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' के कॉलम-6 एवं 7 के अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में रतलाम औद्योगिक क्षेत्र में लाल पानी निकल रहा है, नवीन उद्योगों की स्थापना पर कोई प्रतिबंध नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र में लाल पानी का कारण पूर्व में बन्द उद्योगों का अनाधिकृत रूप से परिसंकटमय अपशिष्ट भण्डारित है। उक्त क्षेत्र के रिमेडिएशन एवं परिसंकटमय अपशिष्ट डिस्पोजल हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डी.पी.आर. बनाने का कार्य दिया गया है। (घ) जी हाँ। जुलवानिया स्थित नया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड धोलावाड जलाशय के केचमेंट एरिया में आता है। नगर निगम, रतलाम द्वारा वर्तमान तक पर्यावरण लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है। बोर्ड द्वारा दिनांक 28/01/2021 को किये गये निरीक्षण में टेंचिंग ग्राउण्ड से किसी प्रकार का पानी बहते हुए नहीं पाया गया।

अमृत जल परियोजना का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

78. ( क्र. 1117 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय क्षेत्र छतरपुर में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु अमृत जल परियोजना 2016 में स्वीकृत की गई थी? योजना पूर्ण होने की तिथि क्या थी? (ख) क्या परियोजना अपनी तय तिथि को पूर्ण हो सकी? यदि नहीं तो कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? उक्त कार्य किन कारणों से अपूर्ण है? कब तक पूर्ण होगें? प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने की तिथि 02.10.2019 थी। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना तय तिथि को पूर्ण नहीं हो सकी क्योंकि परियोजना अंतर्गत बढ़ाई गई अतिरिक्त पाइप लाइन का कार्य प्रगतिरत है। परियोजना का कार्य 31 मार्च, 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। प्रश्न दिनांक तक परियोजना का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

परिशिष्ट - "छप्पन"

छतरपुर उप संभाग नगर का संभाग में परिवर्तन

[ऊर्जा]

79. ( क्र. 1118 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) कितने उपभोक्ता होने पर विद्युत के सुचारू संचारण, संधारण एवं प्रशासकीय सुविधा हेतु नगर संभाग खोले जाने का प्रावधान है? (ख) वर्तमान में छतरपुर नगर उप संभाग एवं छतरपुर नगर में कितने विद्युत उपभोक्ता हैं? (ग) क्या छतरपुर शहर में विद्युत उपभोक्तओं की संख्या को देखते हुए? नगर उप संभाग को नगर संभाग में परिवर्तित करने पर सरकार विचार कर सकती है

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वितरण कंपनी में तत्‍संबंध में कोई विशिष्‍ट मापदण्‍ड (नार्म्‍स) प्रचलन में नहीं हैं, तथापि शहरी क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना, उपभोक्‍ताओं की संख्‍या, राजस्‍व मांग एवं संग्रहण को ध्‍यान में रखते हुए क्षेत्रीय कार्यालयों से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर उसकी वित्‍तीय एवं तकनीकी साध्‍यता का परीक्षण कराया जाता है तथा प्रस्‍ताव वित्‍तीय एवं तकनीकी दृष्टि से साध्‍य पाये जाने पर नवीन शहर संभाग का सृजन वितरण कंपनी के संचालक मंडल के अनुमोदन उपरांत किया जाता है। (ख) वर्तमान में छतरपुर नगर उप संभाग (छतरपुर नगर) में 40390 विद्युत उपभोक्‍ता हैं। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नवीन नगर संभाग छतरपुर के सृजन का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ था जिसका परीक्षण कराया गया। परीक्षण में प्रस्‍ताव तकनीकी व व्‍यवहारिक दृष्टि से साध्‍य नहीं पाया गया। अत: नगर उप संभाग छतरपुर को शहर संभाग छतरपुर में परिवर्तित करना विचाराधीन नहीं है।

अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण

[उच्च शिक्षा]

80. ( क्र. 1136 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, चम्बल संभाग में 2018 से जनवरी 2021 तक अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है? महाविद्यालयवार संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) उक्‍त आवेदनों में कितने सहायक प्रोफेसर तथा कितने महाविद्यालय लिपिकीय वर्ग एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी है? उनकी संख्या, नाम, पद, विषय एवं कार्यालयीन कर्मचारियों की नाम, पद सहित जानकारी दी जावें।                 (ग) अनुकम्पा नियुक्ति में विलम्ब के क्या कारण है? अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का कब तक निराकरण किया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्वालियर संभाग के महाविद्यालयों के कुल 03 अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित हैं। (1) शा. आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, ग्वालियर-01 (2) शा. पी.जी. महाविद्यालय, गुना-01 (3) शा. महाविद्यालय, बालाजी मिहोना, जिला-भिण्ड-01. (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रकरण प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

सुमावली विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

81. ( क्र. 1137 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा मुरैना में वर्ष 2020 में कितनी राशि नगरीय वार्डों निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत हुई? (ख) उक्‍त राशि में से नगर निगम के सुमावली विधानसभा के वार्डों में कितने कार्य स्वीकृत किये? उनकी राशि कार्यों के निर्माण स्‍थलों के नाम, नाप सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) उक्‍त स्वीकृत कार्यों के किस-किस ठेकेदारों को कितनी राशि के कार्य आदेश जारी किये है? ठेकेदारों के नाम, पता, राशि, सहित जानकारी दी जावे दिनांक 30-01-2021 तक कितने कार्य पूर्ण व अपूर्ण है? पूर्ण जानकारी कार्य स्‍थलों सहित दी जावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम मुरैना अंतर्गत, वर्ष 2020 में सुमावली विधानसभा के नगरीय वार्डों में निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 1514.67 लाख स्‍वीकृत हुई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।                 (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

नव आरक्षकों का बुनियादी प्रशिक्षण

[गृह]

82. ( क्र. 1141 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पुलिस विभाग अंतर्गत एस.ए.एफ के नव आरक्षकों कों बुनियादी प्रशिक्षण में ''आल राउण्ड वेस्ट'' स्थान प्राप्त करने पर म.प्र. विसबल नियम 1973 के पैरा 58 के तहत, प्रधान आरक्षक पद पर पदोन्नति‍‍ दी गई? यदि हाँ तो उक्त नियम के तहत दी जा रहीं पदोन्नति‍ का अंतिम पदोन्नति‍ आदेश किस दिनांक को जारी हुआ? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त प्रशिक्षणों में ऑल राउण्ड वेस्ट स्थान प्राप्त नव आरक्षकों को पदोन्नति‍ न देकर नकद राशि दिए जाने का आदेश किस दिनांक को जारी हुआ? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार ऑल राउण्ड वेस्ट नव आरक्षकों को आखिरी बार पदोन्नति‍ देने के आदेश दिनांक से, नकद राशि दिए जाने के आदेश के बीच की अवधि में क्या ऑल राउण्ड वेस्ट स्थान प्राप्त नव आरक्षकों को भी प्रधान आर. पद पर पदोन्नति‍ दी गई? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या एडीजीपी एस.ए.एफ. के द्वारा डीआईजी एस.ए.एफ. ग्वालियर को पत्र क्र./पुमु/ विसबल/7 (9)/प्रशि./ओटीपीनवआर./371/04 दिनांक 10.11.04 द्वारा ऑल राउण्ड वेस्ट नव आरक्षक को प्रधान आर. पद पर पदोन्नति‍ देने की अनुमति दी गई थी? यदि हाँ तो क्या उसके बाद के नव आरक्षकों को भी (नकद राशि देने के आदेश जारी करने के पूर्व) ऑल राउण्ड बेस्ट स्थान प्राप्त करने पर समान रूप से पदोन्न्त किया गया? यदि नहीं तो क्यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अंतिम पदोन्‍नति आदेश दिनांक 09.06.2005 को जारी हुआ है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार(ख) आदेश दिनांक 06.01.1998 को जारी हुआ है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार(ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) जी हाँ।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

आईपीसी के अंतर्गत दर्ज आपराधिक प्रकरण

[गृह]

83. ( क्र. 1142 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) ग्वालियर संभाग के जिलों (ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर) में वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2020 तक भारतीय दण्ड संहिता एवं विशेष अधिनियमों के अंतर्गत दर्ज आपराधिक प्रकरणों की संख्या की पृथक-पृथक वर्षवार एवं जिलावार जानकारी उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित जिलों में अपराधों के अन्वेषण हेतु उपलब्ध अन्वेषण अधिकारियों/पुलिस अधिकारियों की संख्या का विवरण वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2020 तक वर्षवार, जिलावार इनकी स्ट्रेंथ (संख्या) की जानकारी उपलब्ध कराएं।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशष्टि के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशष्टि के प्रपत्र-ब अनुसार

परिशिष्ट - "उनसठ"

पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे 1900 रू. से 2400 रू. किया जाना

[गृह]

84. ( क्र. 1156 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के कितने माननीय विधायकों के द्वारा पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे 1900 रू. से 2400 रू. किए जाने के संबंध में अपने समर्थन पत्र माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को प्रेषित किए गये हैं? प्राप्त समर्थन पत्रों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) माननीय विधायकों के द्वारा प्रेषित इन समर्थन पत्रों पर माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) क्या म.प्र. शासन/विभाग द्वारा पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे 1900 रू. से 2400 रू. करने के संबंध में कोई विचार किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब तक पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे 1900 रू. से 2400 रू. कर दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें और यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 23 माननीय विधायकों के द्वारा पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे 1900 से 2400 रूपये किए जाने के संबंध में अपने समर्थन पत्र माननीय मुख्‍यमंत्री म.प्र. शासन को प्रेषित किए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय विधायकों द्वारा प्रेषित इन समर्थन पत्रों पर माननीय मुख्‍यमंत्री, मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा गृह विभाग को प्रेषित किये गये हैं। जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भविष्‍य में ग्रेड-पे कब तथा कितनी बढ़ाई जावेगी बताया जाना संभव नहीं है।

धार जिले के सभी नगर पालिका अंतर्गत अवैध निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

85. ( क्र. 1190 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्‍न‍ दिनांक तक धार जिले के सभी नगर पालिका अंतर्गत अवैध निर्माण की कितनी शिकायतें किसके द्वारा प्राप्‍त हुई? उक्‍त शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई? तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें। (ख) जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक धार जिला अंतर्गत किस नगर पालिका में अवैध निर्माण चिन्हित करने हेतु कब-कब उच्‍च स्‍तरीय जाँच समिति गठित की गई? समिति ने क्‍या रिपोर्ट प्रस्‍तुत की? (ग) धार जिले के किस नगर पालिका द्वारा जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, कितने अवैध निर्माण चिन्हित किए गए? उक्‍त चिन्हित अवैध निर्माण पर क्‍या कार्यवाही की गई? तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें। (घ) धार जिला अंतर्गत किस नगर पालिका में वर्तमान में कितने अवैध निर्माण/कब्‍जा चिन्हित हैं? उक्‍त अवैध निर्माण/कब्‍जा को कब तक कब्‍जा मुक्‍त करा लिया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "साठ"

अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों हेतु विशेष न्‍यायालय

[विधि और विधायी कार्य]

86. ( क्र. 1191 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) अनुसूचित जाति‍ तथा अनुसूचित जनजातियों (अत्‍याचार निवारण) संशोधन अधिनियम 2015 के प्रावधानों के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई हेतु कितने विशेष न्‍यायालय स्‍थापित हैं? जिलेवार ब्‍यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक दर्ज कितने मामले 60 दिनों के अवधि में निपटाए गए, कितने मामले प्रश्‍न दिनांक तक लंबित होने के क्‍या कारण हैं? जिलेवार ब्‍यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के लंबित मामलों का कब तक निपटारा कर दिया जाएगा?                (घ) अनुसूचित जनजाति‍यों तथा अनुसूचित जातियों के सदस्‍यों पर होने वाले अत्‍याचारों की रोकथाम तथा त्‍वरित न्‍याय प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा क्‍या कदम उठाए जा रहे हैं? किन मामलों में कितना मुआवजा देने का प्रावधान है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अनूपपुर जिले में अवैध कार्यों पर कार्यवाही

[गृह]

87. ( क्र. 1201 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) अनूपपुर जिले में दि. 01-06-2019 से 25-01-21 तक पशु तस्‍करी, अवैध शराब विक्रय, मादक पदार्थ विक्रय के कितने प्रकरण दर्ज किए? माहवार, विधानसभावार, थानावार बतावें। (ख) ये प्रकरण कहाँ-कहाँ चल रहे हैं? प्रकरण क्रमांक, स्‍थान नाम सहित बतावें। (ग) उपरोक्‍त प्रकरणों में कितने आरोपी गिरफ्तार हुए? कितने फरार हैं, कितने जमानत पर हैं, कितने प्रकरणों में डायरी प्रस्‍तुत करना शेष है की जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में समय पर चालान न प्रस्‍तुत होने से कितने प्रकरणों में आरोपियों को जमानत का लाभ मिला की जानकारी प्रकरणवार, थानावार देवें। इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन ने क्‍या कार्यवाही की? यदि नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार(घ) प्रश्नांश (क) अवधि में समय पर चालान न प्रस्तुत होने से किसी भी आरोपी को जमानत का लाभ नहीं मिला है। अतः कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍कूल की अनुमति में अनियमितता पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 1202 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साकेत इंटरनेशन स्‍कूल अंजड़ जिला-बड़वानी की तत्‍कालीन न.प.अंजड़ द्वारा जारी समस्‍त अनुमतियों एवं इससे संबंधित समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ख) क्‍या कारण है कि न.प. अंजड़. जिला-बड़वानी के तत्‍कालीन अधिकारियों द्वारा नगर परिषद के सीमा क्षेत्र से बाहर जाकर ग्राम पंचायत क्षेत्र में इस स्‍कूल के लिए अनुमतियां जारी की? (ग) ऐसे अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसी अवैध अनुमतियों को शासन कबतक निरस्‍त करेगा? यदि नहीं तो इसे संरक्षण देने का कारण बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

राजपुर वि.स. क्षेत्र जिला बड़वानी में स्‍थापित ट्रांसफार्मर

[ऊर्जा]

89. ( क्र. 1213 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) राजपुर वि.स. क्षेत्र में 100 केवीए, 63 केवीए, 25 केवीए, 16 केवीए के कितने ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं? प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी देवें। इन्‍हें कब तक अंडरलोड किया जाएगा?                        (ख) दिनांक 01.04.2020 से 25.01.2021 तक कितने स्‍थानों पर कितने ट्रांसफार्मर कितनी बार फेल हुए? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) इनमें से कितने ट्रांसफार्मर अब तक सुधारे जा चुके है? कितने शेष है? (घ) शेष ट्रांसफार्मर कब तक सुधारे जाएंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) बड़वानी जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक 100 के.वी.ए. के 45 नग, 63 के.वी.ए. के 35 नग, 25 के.वी.ए. के 25 नग एवं 16 के.वी.ए. के निरंक, इस प्रकार कुल 105 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। उल्‍लेखनीय है कि वित्‍तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 34 नग अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य पूर्ण कर दिया गया है जिसके अन्‍तर्गत 25 के.वी.ए. के 16 नग अतिरिक्‍त वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये हैं एवं 25 के.वी.ए. से 63 के.वी.ए. के क्षमता वृद्धि के 05 नग एवं 63 के.वी.ए. से 100 के.वी.ए. के क्षमता वृद्धि के 13 नग वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्य किये गये हैं। शेष 105 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के क्षमतावृद्धि के कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के आधार पर किये जा सकेंगे। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (ख) बड़वानी जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2020 से 25.01.2021 की अवधि में कुल 335 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं जिनमें से 256 स्थानों पर 01 बार, 35 स्थानों पर 02 बार तथा 03 स्थानों पर 03 बार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं। उक्‍त फेल हुए वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' (एक बार फेल हुए) एवं '' (एक से अधिक बार फेल हुए) अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित समस्त 335 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला अथवा सुधारा जा चुका है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न नहीं उठता।

मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना की प्रथम व द्वितीय किश्‍त

[नगरीय विकास एवं आवास]

90. ( क्र. 1223 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर न.पा. जिला उज्‍जैन में मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना की प्रथम व द्वितीय किश्‍त की कितनी राशि कब-कब स्‍वीकृत हुई? पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्‍या कारण है कि यह राशि व्‍यय नहीं हुई एवं रिफंड हो गई? (ग) क्षेत्र का विकास न होते हुए राशि रिफंड होने के जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना प्रथम चरण के कार्य कराये गये हैं, कोई भी राशि रिफंड नहीं हुई है। योजना के द्वितीय चरण में 02 परियोजनाएं स्‍वीकृ‍त हुई है। एक परियोजना का कार्य कराया गया है, कोई राशि रिफंड नहीं हुई है। द्वितीय चरण की दूसरी परियोजना लागत रू. 250.00 लाख से पार्क एवं स्‍टेडियम निर्माण की स्‍वीकृति दी गई थी। कलेक्‍टर उज्‍जैन से भूमि आवंटन नहीं हो पाने से, कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण की कुल 91 परियोजनाएं, कार्य प्रारंभ नहीं होने से निरस्‍त की गई है, जिसमे यह परियोजना भी निरस्‍त हुई है। परियोजना के विरूद्ध जारी 20 प्रतिशत अनुदान की राशि रू. 50.00 लाख, इस कारण संचालनालय को वापस की गई है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में कोई जिम्‍मेदार नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इकसठ"

विद्युत वितरण फेल ट्रांसफार्मर को सुधारना

[ऊर्जा]

91. ( क्र. 1224 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्र.क्र. 680 दिनांक 30/12/2020 के (ख) उत्‍तर अनुसार 215 स्‍थानों पर 246 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए है इनका सुधार कब तक कर दिया जाएगा? (ख) क्‍या इसके लिए शासन ने कोई समय-सीमा तय की है? यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधान सभा सत्र दिसम्‍बर 2020 में अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 680 दिनांक 30.12.2020 के उत्‍तरांश (ख) में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.10.2020 से 04.12.2020 तक 215 स्‍थानों पर 246 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल होने की जानकारी दी गई थी। उक्‍त फेल हुये समस्‍त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 25.11.2020 तक बदल दिए गए हैं। (ख) मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 23.11.2012 को अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्‍यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्‍यालयों को छोड़कर अन्‍य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्‍क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्‍बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना करना आवश्‍यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्‍त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना किये जाने का प्रावधान है।

नवीन शस्‍त्र लायसेंस बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण

[गृह]

92. ( क्र. 1235 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आत्‍मरक्षार्थ शस्‍त्र लायसेंस बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल हैं? जिसको बनवाने के लिए युवाओं को थाना, तहसील, शासकीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के चक्‍कर लगाना पड़ता हैं। क्‍या जिन पर कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, उन लोगों के तत्‍काल शस्‍त्र लायसेंस देने हेतु प्रक्रिया में सरलीकरण किया जाना चाहिये? युवाओं को सरकार रोजगार नहीं दे पा रही हैं जिससे शस्‍त्र लायसेंस प्राप्‍त होने के बाद युवा सुरक्षागार्ड की नौकरी प्राप्‍त कर सकते हैं? (ख) शस्‍त्र लायसेंस बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण करने हेतु क्‍या शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही हैं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। इस संबंध में विभाग में कोई प्रक्रिया विचाराधीन नहीं है। (ख) शस्त्र लायसेंस बनाने की प्रक्रिया का निर्धारण केन्द्रीय अधिनियम से होता है। शस्त्र लायसेंस बनाने की प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा तैयार पोर्टल पर ऑन लाईन किए जाने का कार्य प्रगति पर है।

सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

93. ( क्र. 1256 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी लागत से की गई है? उक्‍त संयंत्र किस भूमि पर स्‍थापित है? वह भूमि राजस्‍व की है या वन की है? यदि वन भूमि में संयंत्र स्‍थापित किये गये हैं तो किसकी अनुमति/आदेश से स्‍थापित किये गये हैं? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के ऊर्जा संयंत्रों से वर्ष जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक जिले के किन-किन किसानों को कितने-कितने हार्सपॉवर के मोटर पम्‍प कितने रूपये के अनुदान पर उपलब्‍ध कराये गये हैं? सूची उपलब्‍ध करायें। उक्‍त योजना से लाभ प्राप्‍त करने के लिये कुल कितने आवेदन प्राप्‍त हुए है? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के जिला कार्यालय में किस-किस श्रेणी के कितने कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत हैं? उनका मूल पद एवं वेतनमान क्‍या है तथा वि‍भाग द्वारा उन्‍हें क्‍या दायित्‍व सौंपा गया है? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के जिले एवं योजना का लक्ष्‍य क्‍या था? लक्ष्‍य की पूर्ति संबंधित जिले के अधिकारी द्वारा की गई है कि नहीं? निर्धारित लक्ष्‍य बताते हुए जानकारी देवें। यदि लक्ष्‍य की पूर्ति नहीं हुई तो क्‍या यह माना जायेगा कि संबंधित अधिकारी के उदासीनता के कारण शासन, विभाग की योजना का क्रियान्‍वयन प्रभावित हुआ है? यदि हाँ तो इसमें कौन दोषी है? दोषी पर कब क्‍या कार्यवाही करेंगे?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जिला शिवपुरी में स्‍थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। यह परियोजनाएं पूर्णत: निजी भूमि पर स्‍थापित की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक शिवपुरी जिले में मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना अन्‍तर्गत कुल 830 सोलर पंप अनुदान पर स्‍थापित कराये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना अन्‍तर्गत जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 1235 आवेदन प्राप्‍त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के शिवपुरी कार्यालय में जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी श्री घनश्‍याम शर्मा, अतिरिक्‍त सहायक यंत्री पदस्‍थ है। उनका वर्तमान वेतनमान 67300-206900 है। इनके अतिरिक्‍त आऊट सोर्सिंग कर्मी सुश्री ज्‍योति भार्गव, कम्‍प्‍यूटर आपरेटर कार्यरत है। इनका मासिक वेतन 11935.00 (रूपये ग्‍यारह हजार नो सौ पैतीस मात्र) प्रतिमाह है। जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी का दायित्‍व शिवपुरी जिले में निगम की समस्‍त गतिविधियों के क्रियान्‍वयन एवं प्रचार-प्रसार का है। श्री घनश्‍याम शर्मा की पदस्‍थापना के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में सौर ऊर्जा संयंत्र योजना हेतु जिलेवार पृथक से कोई लक्ष्‍य/स्‍वीकृति नहीं होने से शिवपुरी जिले हेतु कोई पूर्व लक्ष्‍य निर्धारित नहीं होकर प्रश्‍नांश (घ) के शेष भाग की जानकारी निरंक है।

थाना अमोला के प्रभारी द्वारा अनियमितता

[गृह]

94. ( क्र. 1258 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) जिला शिवपुरी के थाना अमोला में थाना प्रभारी के पद प्रभार में रवीन्‍द्र सिकरवार कब से पदस्‍थ हैं? इसकी प्रथ‍म नियुक्ति कब किस पद पर की गई थी तथा इसका मूल निवास सेवा अभिलेखों में क्‍या लिखा है? जानकारी देवें। साथ ही यह बतायें कि प्रथम नियुक्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक इसकी पदस्‍थापना किस-किस थानों में किस-किस पद में की गई है? आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के थाना प्रभारी की प्रथम नियुक्ति ति‍थि से प्रश्‍न दिनांक तक शासन विभाग को कुल कितनी शिकायतें मिली, उन पर कब क्‍या कार्यवाही की गई? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारी को विभाग द्वारा क्‍या कभी दंडित किया गया है? यदि हाँ तो आदेश प्रति के साथ संबंधीजन की सेवा पुस्तिका की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुये जानकारी देवें तथा पुलिस जी.पी.ओ. एक्‍ट में क्‍या इसे गृह जिले व थाने में पदस्‍थ किया जा सकता है? यदि हाँ तो नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के विपरीत यदि रवीन्‍द्र सिकरवार की पदस्‍थापना थाना अमोला में थाना प्रभारी के पद में रहते हुये शासन विभाग को कई शिकायतें प्राप्‍त हुई है तो ऐसे विवादित थाना प्रभारी की पदस्‍थापना करने का क्‍या औचित्‍य है? ऐसे विवादित अधिकारी को कब तक हटा देंगे?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला शिवपुरी के थाना अमोला में थाना प्रभारी के पद प्रभार में उप निरीक्षक रविन्‍द्र सिकरवार दिनांक 13.12.2020 से पदस्‍थ है। इनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक 13.06.1991 को आरक्षक के पद पर हुई थी, तत्‍समय इनका मूल निवास सेवा अभिलेखों में ग्राम बिलौनी थाना दिनारा जिला शिवपुरी अंकित किया गया था। ''मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 28 जून, 2002 द्वारा जिला करैरा तहसील की सीमाओं में अपवर्जित कर जिला दतिया में सम्मिलित किया गया हैं। अत: उपरोक्‍त परिवर्तन के फलस्‍वरूप पुलिस मुख्‍यालय के आदेश क्रमांक पुमु/3/कार्मिक/3/5478/09 दिनांक 17.11.2009 द्वारा सहायक उप निरीक्षक रविन्‍द्र सिंह सिकरवार का गृह जिला शिवपुरी के स्‍थान पर जिला दतिया म.प्र. घोषित किया गया है। पदस्‍थापना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) थाना प्रभारी की प्रथम नियुक्ति तिथि से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग को कुल 04 शिकायतें प्राप्‍त हुई है। उक्‍त सभी शिकायती आवेदन पत्रों में उल्‍लेखित तथ्‍य अप्रमाणित पाये जाने से नस्‍तीबद्ध की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार(ग) जी हाँ। थाना प्रभारी अमोला रवीन्‍द्र सिकरवार को अब तक के सेवाकाल में विभाग द्वारा कुल 26 बार ( 25 बार छोटी सजा एवं 01 बार बडी सजा) से दण्डित किया गया है। म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 की कंडिका 11.14 '' किन्‍ही भी कार्यपालिक कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके गृह जिले में स्‍थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्‍नति की स्थिति में सामान्‍यत: पदस्‍थ न किया जाए'' संबंधी निर्देश दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार(घ) थाना प्रभारी अमोला रवीन्‍द्र सिंह सिकरवार की प्रथम नियुक्ति तिथि से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 04 शिकायत प्राप्‍त हुई है। उक्‍त शिकायती आवेदन पत्रों में उल्‍लेखित तथ्‍य अप्रमाणित पाये जाने से नस्‍तीबद्ध की गई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार

गृह मंत्रालय में पिस्‍टल/रिवाल्‍वर लाइसेन्‍स के स्‍वीकृत प्रकरण

[गृह]

95. ( क्र. 1267 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने पिस्‍टल/रिवाल्‍वर लायसेंस आवेदन कलेक्‍टर मुरैना एवं अशोकनगर, कमिश्‍नर एवं जनप्रतिनिधियों वाले आवेदन निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करते हुये प्रमुख सचिव गृह मंत्रालय भोपाल कार्यालय को प्राप्‍त हुए हैं? उनके नाम सहित सूची उपलब्‍ध करायें।       (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने पिस्‍टल/रिवाल्‍वर लायसेंस प्रकरण किस आधार पर मान्‍य किये गये, कितने लंबित हैं तथा कितने आवेदन किस कारण से अमान्‍य किये गये हैं? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ग) क्‍या कलेक्‍टर एवं कमिश्‍नर द्वारा प्रेषित लायसेंस आवेदन प्रकरण पूर्ण प्रक्रिया एवं नियमों का पालन करते हुये ही गृह विभाग मंत्रालय भोपाल भेजे जाते हैं? तब मंत्रालय द्वारा क्‍यों अमान्‍य किये जाते हैं? बिना कारण के आवेदनों को लम्‍बे समय तक लंबित रखने से क्‍या यह नहीं माना जायेगा कि दुर्भावना अथवा आर्थिक लाभ प्राप्‍त करने के लिये उक्‍त आवेदनों को स्‍वीकृत नहीं किया गया है? (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) हाँ तो कलेक्‍टर/कमिश्‍नर से अनुशंसित आवेदन पत्रों को कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतायें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

मुरैना जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत कटौती

[ऊर्जा]

96. ( क्र. 1268 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला मुरैना में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत कटौती हेतु विद्युत नियामक आयोग द्वारा कोई नियम तथा शैड्यूल तय किये हैं? यदि हाँ तो उस नियम/शैड्यूल अनुसार संभाग, जिला व तहसील मुख्‍यालय सहित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितने-कितने घण्‍टे विद्युत सप्‍लाई दी जाती है?                      (ख) जिला मुरैना के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विगत 4 माह से माहवार औसतन कितने घण्‍टे विद्युत सप्‍लाई दी गई? फीडरवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या मुरैना जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 4 माह से निर्धारित सीमा से अधिक अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है? यदि हाँ तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (घ) क्‍या मुरैना जिले में विद्युत तारों की पुरानी लाईनों को बदलने की योजना शासन के द्वारा बनाई गई है? यदि हाँ तो कब तक उक्‍त खराब तारों को बदल दिया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) जिला मुरैना के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विगत 4 माहों की औसतन विद्युत सप्‍लाई की फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। (ग) जी नहीं, मुरैना जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विगत 4 माह में किसी भी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है तथापि कतिपय अवसरों पर लाईन फाल्‍ट होने पर आवश्‍यक सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र चालू कर दिया जाता है। (घ) जी नहीं। तथापि आवश्‍यकता अनुसार समय-समय पर खराब विद्युत के तारों को संचालन एवं संधारण मद के तहत बदला जाता है। वर्तमान में मुरैना जिले में विद्युत तारों की पुरानी लाईनों को बदलने का कोई कार्य शेष नहीं है।

धामनोद में सीवेज लाईन निर्माण में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

97. ( क्र. 1275 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में क्‍या धार जिले के धामनोद नगर में सीवेज लाईन डाले जाने का कार्य चल रहा है? यदि हाँ तो यह कार्य कि‍तनी लागत का है? किस एजेन्‍सी के द्वारा किन शर्तों एवं नियमों के अंतर्गत कराया जा रहा है एवं कब तक कार्य पूर्ण किया जाना है? (ख) क्या सीवेज लाईन का कार्य ड्राइंग के अनुसार नहीं किया जा रहा है और न ही जो पाईप डाले जा रहे है वह मानक स्‍तर के है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? यदि नहीं तो क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्‍यों? यदि हाँ तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

पुलिस हिरासत में मौतें

[गृह]

98. ( क्र. 1277 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्‍यालय में उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार 01 अप्रैल, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में प्रदेश में किन-किन जिलों में किन-किन थानों एवं पुलिस चौकियों में पुलिस हिरासत के दौरान एवं पुलिस प्रताड़ना से किन-किन की मृत्‍यु कब-कब हुई है? (ख) पुलिस हिरासत में हुई मौतों के लिये किन-किन प्रकरणों में पुलिस अधिकारियों को दण्डित किया गया है एवं किन-किन प्रकरणों में जाँच प्रचलन में है? प्रकरणवार ब्‍यौरा दें। (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में सतना जिले के सिंहपुर थाने में पुलिस लॉकअप में नारायणपुर निवासी ग्रामीण युवक श्री राजपति कुशवाह की थाने के अंदर आरोपी ने पुलिस की सर्विस रिवाल्‍वर से माह सितम्‍बर 2020 को हत्‍या कर दी गई थी? क्‍या इस प्रकरण की जाँच कराई गई थी? यदि हाँ तो जाँच निष्‍कर्ष के आधार पर कौन-कौन दोषी पाये गये और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार 01 अप्रैल, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में प्रदेश में जिलों के थानों एवं पुलिस चौकियों में पुलिस हिरासत के दौरान एवं पुलिस अभिरक्षा में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के विभिन्न थानो में 10 मृत्यु की घटनायें हुई हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार(ख) प्रकरणवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार(ग) मृतक राजपति पिता बद्री प्रसाद कुशवाह निवासी नारायणपुर थाना सिंहपुर जिला सतना की पुलिस हिरासत में मृत्यु होने पर उपनिरीक्षक विक्रम पाठक तत्कालीन थाना प्रभारी सिंहपुर एवं आरक्षक आशीष सिंह थाना को दोषी पाये जाने पर अपराध क्रमांक 291/2020 धारा 304, 348, 43 ता.हि. का कायम कर अनुसंधान में लिया गया। जो वर्तमान में विवेचनाधीन है। साथ ही दोषी पाये गये पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को पत्र क्रमांक पु. अ/सतना/स्टेनो/निल./26/2020 दिनांक 28.09.2020 के आदेश से निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच आदेशित की गई है। वर्तमान में विभागीय जाँच प्रचलन में है।

राहुल नगर रिवेरा टाउन के समीप निर्माणाधीन प्रोजेक्‍ट में व्‍याप्‍त अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

99. ( क्र. 1285 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजनान्‍तर्गत नगर निगम भोपाल द्वारा राहुल नगर, रिवेरा टाऊन के समीप निर्माणाधीन फ्लेट के भारत सरकार से योजना स्‍वीकृत करने से लेकर अंतिम चरण तक जब कि आवासीय परिसर का आवंटन आवंटियों को हो जायेगा तक किस-किस स्‍तर पर किस प्रकार प्रक्रिया, औपचारिकताओं की पूर्ति की गई है या की जावेगी उसकी जानकारी का गौसवारा बनाकर दे कि प्रथम क्‍या हुआ द्वितीय क्‍या अथवा अंतिम क्‍या? (ख) उपरोक्‍तानुसार हितग्राहियों से प्राप्‍त राशि किस खाते में जमा हो रही है? यह खाता किस बैंक में कब खुलवाया गया है, खाते का प्रकार क्‍या है? खाते में आने वाली राशि एवं कार्यालय में आवेदकों की जानकारी अनुसार प्रथम आओ प्रथम पाओं में 50 आवेदकों का विवरण निम्‍न गौसवारा अनुसार प्रदाय करें :- नाम, पिता का नाम, पता, हितग्राही का खाता क्रमांक (किस खाते से अथवा माध्‍यम से राशि भेजी गई है) बैंक का नाम, आई.एफ.सी. कोड, पंजीयन किश्‍त/दिनांक, प्रथम किश्‍त/दिनांक, द्वितीय किश्‍त/दिनांक, तृतीय किश्‍त/दिनांक, चतुर्थ किश्‍त/दिनांक अथवा अंतिम किश्‍त/दिनांक, आधिपत्‍य के पूर्व दी गई राशि जिसके अनुक्रम में 50 लोगों को मनपसंद आवास क्रमांक आवंटित किया है की जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत नगर निगम भोपाल द्वारा राहुल नगर, रिवेरा टाऊन के समीप निर्माणाधीन फ्लेट आवंटन के संबंध में अपनाई गई प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) नगर निगम भोपाल को हितग्राहियों से प्राप्त राशि कोटक महिन्द्रा बैंक के खाता क्रमांक 9813720686 में जमा कराई जा रही है। यह एक बचत खाता है, जो नगर निगम भोपाल द्वारा कोटक महिन्द्रा बैंक में दिनांक 22.01.2018 को खुलवाया गया है। खाते का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। नगर निगम भोपाल के खाते में आने वाली राशि, आवेदकों की जानकारी एवं अन्य विवरण तथा चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

प्रदेश में घटित अपराधों की जानकारी

[गृह]

100. ( क्र. 1298 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) पुलिस मुख्‍यालय में उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार 01 अप्रैल, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में प्रदेश में घटित अपराधों की अपराधवार संख्‍या जिलेवार बतायें। (ख) उक्‍त अवधि में किस-किस जिले में वयस्‍क/अवयस्‍क महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म किये जाने एवं हत्‍या किये जाने के मामले पंजीबद्ध किये गये? किन-किन मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है? (ग) क्‍या उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में रीवा जिले के मनगवां थाने में दिनांक 09 से 21 मई 2020 हत्‍या की आरोपी युवती को लॉकअप में रखा गया था? इसी दौरान एस.डी.ओ.पी. एवं थाना प्रभारी द्वारा युवती के साथ दुष्‍कर्म किया गया था? इसकी शिकायत 24 अक्‍टूबर, 2020 को लिखित रूप से पुलिस अधीक्षक रीवा को की गई थी? यदि हाँ तो इस प्रकरण में संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में राष्‍ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो (एन.सी.आर.बी.) अंतर्गत वर्ष 2016, 2017, 2018, 2019, 2020 में महिला अपराधों के नवीनतम आंकड़े क्‍या-क्‍या रहे हैं, जिसमें प्रदेश का स्‍थान कौन सा रहा है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार(ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार(ग) जिला रीवा से प्राप्त जानकारी अनुसार हत्या की आरोपी युवती को थाना मनगवांके अप0 क्र 266/2020 धारा 302,201,34 भादवि में दिनांक 20.05.2020 को आरोपी युवती एवं सह आरोपी को थाना मनगवां में लाकर अपराध के सबंध में अभिरक्षा में लेकर पूछताछ के उपरान्त हत्या का आरोप सिद्ध होने पर रात्री में महिला अधि0/कर्म0 की देख-रेख में रखा गया, दिनांक 21.05.2020 को माननीय न्यायालय में पेश किया गया। जहा से केन्द्रीय जेल रीवा दाखिल किया गया। कार्यालयीन अभिलेख के अनुसार पुलिस अधीक्षक रीवा को दिनाक 24.10.2020 को कोई शिकायत आना नहीं पाया गया। आरोपी युवती द्वारा एक शिकायत पत्र जेल अधीक्षक केन्द्रीय जेल रीवा को दिया गया था। सत्यता के संबध में शिकायत की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मउगंज श्री विजय डावर द्वारा की गयी जाँच में पुलिस अधि0/कर्म0 पर लगाये गये मारपीट एवं बलात्कार सबंधी आरोप निराधार एवं असत्य पाये जाने से पुलिस अधि0/कर्म0 के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। उक्त संबध में माननीय न्यायालय द्वारा पृथक से अपने स्तर पर जे0एम0एफ0सी रीवा श्री अनुपम जैन के नेतृत्व में जाँच की जा रही है। (घ) एन0सी0आर0बी0 के अन्तर्गत वर्ष 2016, 2017, 2018, 2019 के आकड़े पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। वर्ष 2020 के नवीनतम आकड़े एन0सी0आर0बी0 की साईट पर उपलब्ध नहीं है।

किसानों के आत्‍महत्‍या का प्रकरण

[गृह]

101. ( क्र. 1299 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) पुलिस मुख्‍यालय में उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार 01 अप्रैल, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में उज्‍जैन संभाग में किस-किस जिले में किस-किस थाना क्षेत्रांतर्गत कितने किसानों द्वारा किन कारणों से आत्‍महत्‍यायें की गई है? प्रकरणवार ब्‍यौरा दें। (ख) क्‍या उक्‍त अवधि में आत्‍महत्‍या करने वाले कृषकों, कृषक मजदूरों द्वारा कर्ज, बेरोजगारी, फसल नुकसान होने, बिजली के अत्‍यधिक बिलों आदि कारणों से आत्‍महत्‍यायें की हैं? यदि हाँ तो इसकी रोकथाम के लिये सरकार ने क्‍या प्रयास किये? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में राष्‍ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो (एन.सी.आर.बी.) अंतर्गत वर्ष 2016, 2017, 2018, 2019, 2020 में आत्‍महत्‍याओं के नवीनतम आंकड़े क्‍या-क्‍या रहे हैं एवं प्रदेश के किसानों का आत्‍महत्‍या के मामले में कौन सा स्‍थान रहा है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। किसी वर्ष की जानकारी वर्ष समाप्ति पर आगामी वर्ष में संकलित की जाती है। वर्ष 2020 की जानकारी के संकलन का कार्य वर्ष 2021 में किया जाना है अतः वर्ष 2020 की जानकारी उपलब्ध नहीं है।              (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

परिशिष्ट - "बासठ"

विद्युत कंपनियों का पुनर्गठन

[ऊर्जा]

102. ( क्र. 1306 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1823 दिनांक 20 दिसम्‍बर, 2019 के खण्‍ड (क) के संदर्भ में वर्ष 2009 से 2015 तक प्रतिवर्ष 200-250 करोड़ बकाया बढ़े लेकिन 2016 से 2020 तक प्रतिवर्ष 1000 करोड़ की वृद्धि क्‍यों हुई? क्‍या अधिकारियों की मिलीभगत से बकाया में अनाप-शनाप वृद्धि हो रही है? क्‍या उच्‍च अधिकारियों की कोई जिम्‍मेदारी नहीं है? (ख) तीनों विद्युत कम्‍पनी का प्रतिवर्ष घाटा क्‍यों बढ़ रहा है? तीनों ने वर्ष 2014-15 से 2020-21 में जो विद्युत खरीदी उसकी प्रति यूनिट औसत मूल्‍य क्‍या है तथा जो बेची उसका प्रति यूनिट औसत मूल्‍य क्‍या है? (ग) बतावें कि 2014-15 से 2020-21 तक तीनों विद्युत कम्‍पनियों ने कितने-कितने करोड़ की विद्युत विक्रय की तथा एम.पी. पॉवर मेनेजमेन्‍ट कम्‍पनियों ने तीनों वितरण कंपनियों को आलोच्‍य वर्ष में कितने-कितने करोड़ की विद्युत विक्रय की? (घ) विद्युत के मूल्‍य में वृद्धि, मांग में वृद्धि, उपभोक्‍ताओं की संख्‍याओं में वृद्धि के बाद भी निरंतर घाटा बढ़ना, शासन का कर्ज समय पर न चुकाना, लेनदारी में अनाप-शनाप वृद्धि होना क्‍या यह नहीं बताता कि यह कम्‍पनियों का गठन सफल नहीं है तथा नए सिरे से नए स्‍वरूप की रचना की आवश्‍यकता है? क्‍या शासन ऐसा करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों यथा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 तक प्रतिवर्ष बकाया राशि में वृद्धि होने के मुख्य कारण उपभोक्ताओं की वृहद् संख्या, सीमित संसाधन, शासकीय कनेक्शनों से संबंधित देयकों की राशि के आवंटन में विलंब होने से निर्धारित समय में भुगतान नहीं होने पर भी आवश्यक जन सुविधा से संबंधित विद्युत संयोजन यथा-जल-प्रदाय, सड़क बत्ती आदि को विच्‍छेदित नहीं किये जाने की बाध्यता, निजी उपभोक्ताओं पर बकाया राशि से संबंधित न्यायालयीन प्रकरण विचाराधीन होना, कोविड महामारी के कारण उपभोक्‍ताओं के विद्युत बिलों की वसूली आस्‍थगित किया जाना आदि कारणों से बकाया राशि में वृद्धि परिलक्षित हुई है। इसके अतिरिक्‍त यह भी देखने में आया है कि समय-समय पर बकाया राशि में छूट की योजनाओं की अपेक्षा में उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत देयक माफ होने की प्रत्‍याशा में बिलों का भुगतान लंबित रखा जाता है। जी हाँ, बकाया राशि की वसूली हेतु विभिन्न अधिकारियों की जवाबदेही तय है। राजस्व संग्रहण में अपेक्षानुरूप कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों पर समय-समय पर वितरण कंपनी प्रबंधन द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। (ख) तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के वित्तीय घाटे का प्रमुख कारण विद्युत क्रय एवं विद्युत प्रदाय की लागत के अनुरूप खुदरा विक्रय दरों से आय नहीं होना एवं वाणिज्यिक-तकनीकी हानियों का निर्धारित मानदंड के अनुरूप कम नहीं होना है। वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 (माह दिसम्‍बर 2020 तक) तक तीनों विद्युत वितरण कंपनियों अन्‍तर्गत क्रय की गई विद्युत की मात्रा, राशि एवं प्रतिवर्ष प्रतियूनिट औसत मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'', '' एवं '' अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 (माह दिसम्‍बर 2020 तक) तक तीनों विद्युत वितरण कंपनियों अन्‍तर्गत विक्रित विद्युत की मात्रा, कुल मांग एवं प्रतिवर्ष प्रतियूनिट औसत मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 (माह दिसम्‍बर, 2020 तक) तक तीनों विद्युत् वितरण कंपनियों द्वारा विक्रित विद्युत की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है तथा एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को प्रश्‍नाधीन अवधि में विक्रित विद्युत की मात्रा एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। (घ) पृथक-पृथक विद्युत कंपनियों का गठन म.प्र. विद्युत सुधार अधिनियम, 2000 एवं विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुरूप किया गया था तथा विद्युत के उत्‍पादन, पारेषण एवं वितरण हेतु वर्तमान में प्रचलित व्‍यवस्‍था के स्‍वरूप में परिवर्तन किये जाने का कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।

सोलर तथा वायु ऊर्जा के प्‍लांट द्वारा प्रदेश को बिजली का प्रदाय

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

103. ( क्र. 1307 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस जिले में सोलर तथा वायु ऊर्जा के कितने-कितने मेगावाट के प्‍लांट कार्यरत हैं तथा जनवरी 2020 के अनुसार सोलर ऊर्जा तथा वायु ऊर्जा के प्‍लाट की कुल क्षमता कितने-कितने मेगावाट है तथा इनके कुल उत्‍पादन में से प्रदेश को कितने-कितने मेगावाट ऊर्जा दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्‍लांट से प्राप्‍त ऊर्जा के लिए किए गए पॉवर खरीदी अनुबंध की दिनांक, दर, ऊर्जा की मात्रा की जानकारी देवें तथा बतावें कि प्रदेश में स्‍थापित सोलर तथा वायु ऊर्जा के प्‍लांट मध्‍यप्रदेश शासन को ऊर्जा देने के स्‍थान पर अन्‍य राज्‍य को विद्युत विक्रय कर सकते है? यदि हाँ तो शासन क्‍या नियमों में परिवर्तन कर राज्‍य को उत्‍पादन की 50 प्रतिशत विद्युत देना आवश्‍यक करेंगा? (ग) क्‍या रीवा तथा नीमच में स्‍थापित सोलर प्‍लांट को जमीन तथा अन्‍य सुविधा प्रदान की गई है? क्‍या इनके उत्‍पादन से राज्‍य को बिजली मिल रही है? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के उत्‍पादन का क्‍या लक्ष्‍य है तथा कुल विद्युत उत्‍पादन में इसका हिस्‍सा कितने प्रतिशत है? केन्‍द्र शासन के निर्देशानुसार हमें किस वर्ष तक कितना प्रतिशत उत्‍पादन नवकरणीय ऊर्जा का करना है? क्‍या हम उस लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर रहे हैं?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्तमान में सौर ऊर्जा के कुल उत्‍पादन 2208.48 मेगावाट में से 1536.80 मेगावाट तथा पवन ऊर्जा के कुल उत्‍पादन 2444.15 मेगावाट में से 2392 मेगावाट ऊर्जा म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्‍पनी लिमिटेड द्वारा क्रय करके प्रदेश को प्रदाय की जा रही है। (ख) मध्‍य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कम्‍पनी लिमिटेड से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मंदसौर एन.टी.पी.सी. सौर परियोजना हेतु विद्युत क्रय अनुबंध, दिनांक 30.03.2016, रूपये 5.00 की दर पर किया गया है, जिसके अनुसार सम्‍पूर्ण उत्‍पादित 250 मेगावाट बिजली राज्‍य को प्रदाय की जा रही है। रीवा अल्‍ट्रा मेगा सोलर पार्क का विद्युत क्रय अनुबंध 17.04.2017 को रूपये 2.970, रूपये 2.979 एवं रूपये 2.974 पर क्रमश: एक्‍मे सोलर, महिन्‍द्रा सस्‍टेन तथा एरिन्‍सन क्‍लीन एनर्जी के साथ किया गया है, जिसके अनुसार तीनों यूनिट से 651 मेगावाट बिजली राज्‍य को प्रदाय की जा रही है। प्रदेश में स्‍थानीय सोलर तथा पवन ऊर्जा के प्‍लांट से म.प्र. शासन के अलावा अन्‍य राज्‍यों को विद्युत विक्रित की जा सकती है। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा आबंधन की सीमा में म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्‍पनी लिमिटेड द्वारा विद्युत क्रय की जाती है, अत: 50 प्रतिशत विद्युत क्रय का बंधन वर्तमान में लागू नहीं है। (ग) जी हाँ। नवकरणीय ऊर्जा नीतियों के प्रावधान के अनुसार रीवा सौर परियोजना एवं नीमच सौर परियोजना को क्रमश: 1329.60 हेक्‍टेयर राजस्‍व भूमि एवं 307.02 हेक्‍टेयर राजस्‍व भूमि उपयोग हेतु दी गयी है। जी हाँ। 750 मेगावाट क्षमता की रीवा सौर परियोजना की 651 मेगावाट क्षमता से उत्‍पादित विद्युत एवं 130 मेगावाट क्षमता की नीमच सौर परियोजना की समस्‍त क्षमता से उत्‍पादित विद्युत राज्‍य को मिल रही है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं होता। (घ) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, केन्‍द्र सरकार के अनुसार प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन का लक्ष्‍य- सौर ऊर्जा-5675 मेगावाट, पवन ऊर्जा-6200 मेगावाट, बायोमास ऊर्जा-118 मेगावाट, लघु जल विद्युत ऊर्जा-25 मेगावाट कुल-12018 मेगावाट है, जिसे वर्ष 2022 तक प्राप्‍त करना है। प्रदेश के कुल विद्युत उत्‍पादन में से नवकरणीय ऊर्जा अंश का लक्ष्‍य लगभग 20 प्रतिशत है। उक्‍त नवकरणीय ऊर्जा लक्ष्‍य प्राप्ति हेतु कार्यवाही की जा रही है।

संजय गांधी ताप बिजली घर में कोयले की खपत

[ऊर्जा]

104. ( क्र. 1312 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जेनको के संजय गांधी ताप बिजली घर बिरसिंहपुर 01 जनवरी, 2010 से 31 जनवरी, 2021 तक की बिन्‍दुवार जानकारी प्रोफार्मा में बतायी जाय। प्रतिवर्ष कोयला खपत की मात्रा मेट्रिक टन में, कोयले से उत्‍पादित एवं यूटिलाइज फ्लाई ऐश/राख MT एवम् प्रतिशत कितनी ऐश डेम से डाली गई की मात्रा MT एवम् प्रतिशत में/कितनी फ्लाई ऐश सीमेंट प्‍लांटों/उद्योगों को विक्रय किया जिसे लोड कर ले जाई गयी प्रति मेट्रिक टन दर और प्राप्‍त राशि तथा यदि जिन उद्योगों को नि:शुल्‍क दिया गया उसकी मात्रा तथा कुल योग मेट्रिक टन एवम प्रतिशत प्रोफार्मा में बताया जाय। (ख) यह बतांए कि फ्लाई ऐश के विक्रय किये जाने से प्राप्‍त राशि किस-किस मद में खर्च किया जाना चाहिए? उसकी प्रमाणित सूची दी जाय। सूची के अतिरिक्‍त अन्‍य मदों में यदि राशि खर्च की गई है यदि हाँ तो संपूर्ण विवरण दिया जाय। 01 अप्रैल, 2010 से 31 जनवरी, 2021 तक किये गए प्रत्‍येक खर्च की कुल राशि का मदवार, दिनांक सहित बताएं। कुल कितनी राशि फ्लाई ऐश विक्रय से मिली और खर्च के बाद अब बची है, किस एकाउंट बैंक में जमा है? पूरा विवरण बताएं।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर में फ्लाई ऐश से संबंधित प्रश्‍नाधीन अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 03 नवम्बर, 2009 में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार फ्लाई ऐश और फ्लाई ऐश आधारित उत्पादों के विक्रय से संग्रहित रकम को एक पृथक खाते के शीर्ष में रखा जाना है और उसका केवल अवसंरचना और सुविधाओं के विकास के लिये तथा सौ प्रतिशत फ्लाई ऐश उपयोग स्तर के प्राप्त होने तक फ्लाई ऐश के उपयोग के लिये संवर्धन और सुविधा क्रियाकलापों के लिये उपयोग किया जा सकता है। उसके पश्चात जहां तक सौ प्रतिशत फ्लाई ऐश का उपयोग स्तर बनाए रखा जाता है, तापीय विद्युत केन्द्र अन्य विकास कार्यक्रमों के लिए भी संग्रहीत रकम का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होगा। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। पर्यावरण और वन मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 03.11.2009 के         दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये ही फ्लाई ऐश बिक्री से प्राप्त राशि खर्च की गई है। 01 अप्रैल, 2010 से 31 जनवरी, 2021 तक किये गए खर्च की कुल राशि का मदवार, दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 01 अप्रैल, 2010 से 31 जनवरी, 2021 तक फ्लाई ऐश के विक्रय से कुल रू. 124.206 करोड़ (सिनोस्‍फियर के विक्रय से प्राप्त राशि सम्मिलित है) की राशि प्राप्त हुई है। खर्च के बाद शेष राशि रू. 74.637 करोड़ मियादी जमा के रूप में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, नेपियर टाउन, जबलपुर में जमा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

105. ( क्र. 1313 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम में विधान सभा क्षेत्रवार बतावें की प्रधानमंत्री आवास योजना में कितनी यूनिट पूर्ण हैं? कितनी निर्माणाधीन है तथा कितनी प्रारम्‍भ होना शेष है कितनी यूनिट समयावधि में बनी है तथा समयावधि में न बनने के क्‍या कारण है? (ख) इंदौर नगर निगम में विधान सभा क्षेत्रवार बतावें कि विभिन्‍न आवास योजनाओं में कुल प्रोजेक्‍ट यूनिट कितनी है? कुल कितने प्रोजेक्‍ट यूनिट पर कार्य चल रहा है और वह कब तक सम्‍पन्‍न होगा? (ग) इंदौर नगर निगम में इंदौर मेट्रो एवं स्‍मार्ट सिटी परियोजना पर कार्य किस दिनांक से प्रारम्‍भ हुआ तथा अनुबंध अनुसार कार्य समाप्‍त होने की दिनांक क्‍या है तथा नवम्‍बर 2020 तक दोनों परियोजना में कितने प्रतिशत कार्य हो चुका है? क्‍या अनुबंध अनुसार कार्य समयावधि में पूरा हो जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित दोनों परियोजनाओं की लागत क्‍या-क्‍या है तथा उस लागत राशि की व्‍यवस्‍था               किस-किस प्रकार होगी? मेट्रो ट्रेन में किराया किस अनुसार कितना रहेगा तथा स्‍मार्ट सिटी में जमीन भवन कार्यालयों तथा दुकानों का मूल्‍य किस अनुसार कितना होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा निर्मित किये जा रहे आवासीय यूनिट की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, इंदौर में विभिन्न आवास योजनाओं अंतर्गत कुल प्रोजेक्ट यूनिट एवं चल रहे कार्य के संबंध में विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) इंदौर मेट्रों रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2018-19 से प्रचलन में है तथा परियोजना का कार्य वर्ष 2024-25 तक पूर्ण होना संभावित है। वर्तमान में केवल प्रथम सिविल पैकेज (Viaduct) का कार्य आवंटित किया गया है जो लगभग 7 फीसदी हो चुका है। इन्दौर स्मार्ट सिटी परियोजनाओं पर कार्य दिनांक 11.03.2016 से प्रारंभ हुआ है। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की कार्यावधि 05 वर्ष निर्धारित है। इंदौर स्मार्ट सिटी परियोजना के नवंबर 2020 तक लगभग 59 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके है। स्मार्ट सिटी परियोजना हेतु कोई अनुबंध निर्धारित नहीं है, अपितु स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत कार्यवार अनुबंध स्मार्ट सिटी कंपनी निविदाकार के मध्य है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) इंदौर मेट्रो रेल परियोजना से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। इंदौर स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत राशि रू. 5099.62 करोड़ है। इस लागत राशि की व्यवस्था, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि, एबीडी क्षेत्र से प्राप्त होने वाली रिवेन्यू राशि, पुर्नविकास योजनांतर्गत बेचे जाने वाले रियलस्टेट क्षेत्रों से प्राप्त राशि, एफ.ए.आर. पर प्रिमियम राशि, प्रायवेट लैंड पुर्नविकास से प्राप्त राशि एवं कंर्वजन्स आदि के कार्यों की राशि से होगी। इंदौर स्मार्ट सिटी में जमीन भवन कार्यालयों तथा दुकानों का मूल्य कलेक्टर गाईड लाईन, अन्य निकाय व्यय एवं शासकीय शुल्क पर आधारित न्यूनतम मूल्य निर्धारित होता है।

परिशिष्ट - "तिरेसठ"

आवासीय भवन के निर्माण हेतु भूमि उपलब्‍ध कराया जाना

[विधि और विधायी कार्य]

106. ( क्र. 1329 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के माननीय अतिरिक्‍त जिला न्‍यायालय तथा अन्‍य माननीय न्‍यायाधीशों के न्‍यायालय भवन एवं आवास हेतु लहार नगर में कितनी भूमि आरक्षित की गई है? र‍कबा/सर्वे क्रमांक का विवरण दें। (ख) वर्तमान में तहसील लहार की भूमि में कितने न्‍यायालय, कौन-कौन से कार्यालय एवं आवासीय भवन/क्‍वार्टर स्‍थापित हैं। (ग) भिण्‍ड जिले की लहार तहसील के कस्‍बा आलमपुर तहसील प्रांगण की भूमि का रकबा तथा सर्वे क्रमांक बतायें। उक्‍त सर्वे क्रमांक में किस-किस को कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई है? (घ) माननीय अतिरिक्‍त सत्र न्‍यायालय एवं अन्‍य न्‍यायालयों के भवन व न्‍यायिक आवास निर्माण की स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) न्‍यायालय कलेक्‍टर भिण्‍ड के प्रकरण क्रमांक 0036/2019-20 में पारित आदेश दिनांक 25-09-2019 के द्वारा न्‍यायिक अधिकारीगण के आवास गृह निर्माण हेतु भूमि सर्वे क्रमांक 5658/2 मिन-1, रकवा 1.515 हेक्‍टेयर में से 0.497 हेक्‍टेयर भूमि तथा प्रकरण क्रमांक-0005/2020-21 में पारित आदेश दिनांक 03.09.2020 के द्वारा सर्वे नं 5658/मिन-1 रकवा 0.830 हेक्‍टेयर भूमि आवास गृह के निर्माण हेतु आवंटित की गई है। इस प्रकार कुल 1.327 है। भूमि आवंटित की गई है, जिसका आधिपत्‍य प्राप्‍त किया जा चुका है। न्‍यायालय कलेक्‍टर जिला भिण्‍ड के आदेश दिनांक 05.10.1996 के द्वारा तहसील लहार में आराजी क्रमांक 5710/1, मिन रकवा 2.00 है, भूमि आठ न्‍यायालय के कक्षों के निर्माण हेतु आवंटित की गई है, जिसका आधिपत्‍य प्राप्‍त किया जा चुका है। (ख) वर्तमान में तहसील लहार में सिविल न्‍यायालय भवन राजस्‍व भवन में संचालित है, जिसमें दो अपर सत्र न्‍यायालय दो व्‍यवहार न्‍यायाधीश वर्ग-एक एवं एक व्‍यवहार न्‍यायाधीश वर्ग-दो के न्‍यायालय संचालित है। तहसील लहार में दो आवास अतिरिक्‍त सत्र न्‍यायाधीश तथा एक आवास व्‍यवहार न्‍यायाधीश वर्ग-एक व एक आवास व्‍यवहार न्‍यायाधीश वर्ग-दो को लोक निर्माण विभाग द्वारा आवंटित किया गया है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

लहार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत रिक्‍त पदों की पूर्ति

[आयुष]

107. ( क्र. 1330 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ शासकीय आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथिक औषधालय स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत औषधालयों में कौन-कौन से औषधालय भवन विहीन है तथा भवन विहीन औषधालयों के नवीन भवन वर्ष 2021-22 में बना दिये जायेंगे? (ख) उपरोक्‍त किस-किस औषधालय में कितने-कितने कौन-कौन से पद स्‍वीकृत हैं, उनमें कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्‍त हैं? सभी औषधालयों में पदस्‍थ चिकित्‍सकों सहित सभी कर्मचारियों के नाम पद सहित बताये? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) शासकीय होम्‍योपैथिक औषधालय ग्राम पचौखरा, लहार तथा आलमपुर में कौन-कौन होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक पदस्‍थ हैं? क्‍या लहार एवं पचोखरा में पदस्‍थ चिकित्‍सक माह में केवल 4-5 दिन ही आते हैं? यदि हाँ तो क्‍या इसकी जाँच कराकर अनुपस्थित चिकित्‍सकों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार(ग) डॉ. उमेश सेंगर, डॉ. माधवी कौल एवं डॉ. विशाल सडैया पदस्थ है। जी नहीं। उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।