मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 26 फरवरी, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
परासिया
में कन्या
महाविद्यालय की
स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
1. ( *क्र. 1157 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परासिया में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय, उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/48, दिनांक 14.01.2021 को प्रेषित पत्र पर कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) नगर परासिया में कन्या महाविद्यालय (गर्ल्स कॉलेज) को प्रारंभ किये जाने के संबंध में कब तक विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए, स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रकरण पर की गई कार्यालयीन कार्यवाही के परीक्षणोपरांत पाया गया कि परासिया में एक शासकीय महाविद्यालय एवं दो अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, जहाँ पर छात्रायें अध्ययन कर सकती हैं। वर्तमान में सीमित संसाधनों की कमी के कारण परासिया में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन पदों का सृजन
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 624 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 753, दिनांक 19.11.2019 को माननीय उच्च शिक्षा मंत्री मध्य प्रदेश शासन को प्रेषित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नाधीन पत्र के जवाब में माननीय मंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता को पत्र क्रमांक 757, दिनांक 12.11.2020 के माध्यम से सूचित किया गया था कि प्रश्नाधीन पत्र के संबंध में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को शीघ्र कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थी हित में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? सम्पूर्ण ब्यौरा दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। माननीय मंत्री जी, उच्च शिक्षा द्वारा प्रश्नकर्ता के प्रेषित पत्र क्रमांक 757, दिनांक 12.11.2020 के परिप्रेक्ष्य में माननीय मंत्री जी, उच्च शिक्षा द्वारा विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 756, दिनांक 12.11.2020 के साथ प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 410, दिनांक 08.10.2020 प्राप्त हुआ है। (ख) जी हाँ। (ग) नवीन पद सृजन के संबंध में विभागीय मापदण्डों के आधार पर परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रायसेन जिलांतर्गत अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 92 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में किस-किस योजना में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में उक्त निकायों के पास किस-किस मद एवं योजना की कितनी-कितनी राशि किन-किन खातों में जमा है? उक्त राशि व्यय करने की क्या योजना है? उक्त राशि कब तक व्यय होगी? (ग) उक्त निकायों में किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से नोईयत की भूमि पर कौन-कौन व्यक्ति कब से कच्चे मकान बनाकर रह रहे हैं? उनके नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची दें। उनको भूमि का पट्टा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) उक्त व्यक्तियों को कब तक भूमि का पट्टा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आवास दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के प्रावधान अनुसार वन पुरातत्व की भूमि अन्य विभागों की शासकीय नजूल भूमि पर निर्मित कच्चे भवन पर पट्टा प्रदान नहीं किया जा सकता है, केवल राजस्व विभाग की आबादी मद की भूमि पर पट्टा प्रदाय किया जा सकता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ राजस्व विभाग की आबादी मद की भूमि पर वर्ष 2014 से निवासरत होने वाले हितग्राहियों को दिया जा सकता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर परिषद उन्हेल में स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1035 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषेद उन्हेल में विगत 5 वर्षों में कितने कार्य स्वीकृत एवं संधारण हुए, कितने टेण्डर पोर्टल के माध्यम से जारी हुए? टेण्डरकर्ता, फर्म, बोली का मूल्य, भुगतान का तरीका एवं कार्य प्रारम्भ एवं पूर्णता दिनांक की जानकारी व टेण्डर के दस्तावेजों की प्रति सहित मय सूची उपलब्ध करवायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने कार्य (नवीन, रिपेयरिंग, सामान्य, स्टेशनरी, वाहन खरीदी, आदि) बगैर टेण्डर के अध्यक्ष एवं परिषद की अनुमति से हुए उनकी जानकारी मय प्रकरण भुगतान की प्रक्रिया तथा दस्तावेजों के साथ सूची उपलब्ध करवायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य तात्कालिक अध्यक्ष के कार्यकाल एवं परिषद व अध्यक्ष के पावर एवं सी.एम.ओ. के पावर से जिन फर्मों एजेन्सियों को एक बार से अधिक टेण्डर या कार्य के लिए अधिकृत किया गया, उन फर्मों एजेन्सियों की सूची के साथ भुगतान की गई राशि के साथ मय दिनांक, गोश्वारा सहित उपलब्ध करवायें। (घ) तत्कालीन अध्यक्ष के कार्यकाल में किस-किस योजना में कितना पैसा कौन-कौन सी फर्म को भुगतान किया गया? (ड.) क्या निर्माण से संबंधित सामग्रियां सीमेंट, सरिया, रेत, गिट्टी एवं टाईल्स आदि किस-किस फर्म से कब-कब खरीदी गई? फर्मों की सूची उपलब्ध करवायें। फर्मों के द्वारा प्रस्तुत दरों एवं बिलों का विवरण तथा भुगतान के प्रकार की सूची सहित उपलब्ध करवायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क), (ख), (ग) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बिजली बिलों का विसंगतिपूर्ण वितरण
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 701 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वि.वि.कं.लि. होशंगाबाद के अन्तर्गत बाबई, सोहागपुर, केसला, होशंगाबाद (ग्रामीण) वितरण केन्द्रों में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कृषि पंप हेतु कितने किसानों को कितने-कितने एच.पी. के स्थायी कनेक्शन प्रदान किये गये? वितरण केन्द्रवार, संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश अवधि में जो किसान 2 एच.पी. कनेक्शनधारी हैं, उन्हें 5 एच.पी., 5 एच.पी. कनेक्शनधारी वालों को 8 एच.पी. तथा 8 एच.पी. कनेक्शनधारी को 13 एच.पी. कनेक्शन का विसंगतिपूर्ण बिल दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? कनेक्शन नियमों की प्रति देते हुए बतायें। जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये विसंगतिपूर्ण बिलों को कब तक दुरूस्त कर सही बिल प्रदान किये जायेंगे एवं जिन किसानों द्वारा विसंगतिपूर्ण बिलों का भुगतान कर दिया गया है, उनकी राशि को कब तक समायोजित कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) होशंगाबाद जिला क्षेत्रान्तर्गत विद्युत वितरण केन्द्र बाबई, सोहागपुर (शहर), सोहागपुर (ग्रामीण), केसला एवं होशंगाबाद (ग्रामीण) में प्रश्नाधीन अवधि में कृषि पंप हेतु प्रदाय किये विद्युत कनेक्शनों की वितरण केन्द्रवार चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नांश अवधि में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्शनों के संबद्ध भार के अनुरूप नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं, तथापि म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.26 के अनुसार उपभोक्ता को स्वीकृत तथा संयोजित भार से अधिक विद्युत की खपत करते पाए जाने पर ऐसे उपभोक्ता से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग कर वसूली करने का प्रावधान है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने संबंधी नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्शनों के संबद्ध भार के अनुरूप ही नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
नगर पालिका परिषद पचोर में आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 600 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरपालिका परिषद् सारंगपुर एवं नगर पंचायत परिषद् पचोर में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के मुख्यमंत्री अधोसंरचना एवं स्थानीय निकाय निधि के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं? प्रगतिरत कार्यों का नाम, ठेकेदार का नाम, निविदा राशि, अनुबंधित राशि, कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित दिनांक, कार्य पूर्ण करने की वास्तविक दिनांक, कार्य की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित निर्माण कार्यों में हो रहे विलंब के लिए दोषी एजेन्सी/विभागीय अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आवासहीनों को भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 337 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किन-किन नगरीय निकाय द्वारा किन-किन कार्यों एवं योजनाओं हेतु शासन तथा कलेक्टर से 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब भूमि आवंटन की मांग की किन-किन नगरीय निकायों को कब-कब भूमि आवंटित की तथा किन-किन के प्रकरण किस स्तर पर कब से लंबित हैं, उनका कब तक निराकरण होगा। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में किन-किन नगरीय निकायों को किन-किन कार्यों, योजनाओं हेतु भूमि की आवश्यकता है, उक्त कार्यों के लिए भूमि आवंटित हो इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत ऐसे हितग्राही जिनके कच्चे मकान, झुग्गी अथवा अतिक्रमणकारी हैं, ऐसी भूमि पर रहते हैं, जहां पर आवासी इकाई का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है, उनको नगरीय निकाय द्वारा अन्य शासकीय भूमि प्राप्त कर उसमें भूखण्ड विकसित कर उन्हें प्लाट आवंटित कर राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो रायसेन जिले में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के हितग्राहियों को रायसेन जिले के नगरीय निकायों में कब तक भूमि आवंटित कर उनको आवास उपलब्ध करा दिये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। भूमि आवंटन हेतु जिले के 05 निकायों नगर पालिका परिषद, मण्डीदीप से 02, नगर परिषद, औबेदुल्लागंज से 01, गैरतगंज से 04, सांची से 01, सुल्तानपुर से 01 कुल 09 प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय जिला रायसेन में कार्यवाही हेतु प्रचलित है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित प्रस्तावों पर भूमि आवंटित होने पर लाभ दिया जा सकता है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि विहार कॉलोनी इन्दौर में स्थापित मोबाईल टॉवर
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 173 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर की कृषि विहार कॉलोनी में कैंसर के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है? (ख) यदि हाँ, तो किन कारणों से बढ़ रही है? क्या उस कॉलोनी में अत्यधिक रेडिएशन है? वहां पर लगे अत्यधिक मात्रा में मोबाईल टॉवर में से कितनों के पास अनुमति है? पर्यावरण विभाग द्वारा रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? मोबाईल टॉवर वहां से कब हटाए जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) इस प्रकार का कोई अध्ययन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नहीं कराया गया है। नगर निगम द्वारा कराये गये स्थल निरीक्षण में इंदौर शहर की कृषि विहार कॉलोनी में कोई मोबाईल टॉवर स्थापित न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बुरहानुपर जिले के ग्रामों में मीटर रीडिंग से विद्युत बिल लिया जाना
[ऊर्जा]
9. ( *क्र. 157 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले के ग्राम हमीदपुरा एवं बाडाबुजुर्ग में कृषकों को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण प्रा.लि. कंपनी बुरहानपुर (ग्रामीण) द्वारा सिंचाई विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं से फ्लैट रेट हॉर्स पावर पद्धति से विद्युत बिल लिये जाते थे, परंतु विगत लगभग एक वर्ष से मीटर रीडिंग से विद्युत बिल लिये जा रहे हैं? इसके कारणों से अवगत करावें। (ख) उक्त ग्राम के कृषकों का क्या दोष है, जिन्हें फ्लैट रेट न देकर रीडिंग बिल दिये जा रहे हैं? उक्त डीपियों से कॉलोनी वासियों को लाभ पहुँचाने के लिये विद्युत कनेक्शन दिये गये, जिस कारण इन कृषकों का नुकसान हो रहा है, इस संबंध में फीडर सेप्रेशन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) उक्त ग्राम के कृषकों को कब तक फ्लैट रेट के विद्युत बिल मिल जायेंगे? (घ) उक्त ग्राम हमीदपुरा एवं बाडाबुजुर्ग के कृषकों को पूर्ण वोल्टेज नहीं मिल रहा है? वोल्टेज समस्या का कब तक निराकरण किया जायेगा? वोल्टेज की समस्या किन कारणों से आ रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन ग्रामों का क्षेत्र बुरहानपुर शहर से लगा हुआ है तथा इन ग्रामों को 11 के.व्ही. शहरी फीडरों के माध्यम से 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस प्रकार प्रश्नाधीन ग्रामों के 17 कृषि पम्प कनेक्शन (ग्राम बाडाबुजुर्ग के 10 एवं ग्राम हमीदपुरा के 7) 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने वाले फीडर से संयोजित होने के कारण इन्हें मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टेरिफ आदेश की श्रेणी एल.वी. 5.4 जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, के अनुरूप इन कनेक्शनों पर नियमानुसार माह फरवरी-2020 से विद्युत मीटर स्थापित कर उन्हें वास्तविक विद्युत खपत के अनुसार मीटर रीडिंग के बिल दिये जा रहे हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन ग्रामों के कृषि उपभोक्ताओं को नियमानुसार ही विद्युत बिल दिये जा रहे हैं। प्रश्नाधीन दोनों ग्रामों के कृषकों के सिंचाई विद्युत कनेक्शन 11 के.व्ही. शहरी फीडरों पर संयोजित हैं एवं इन्हीं फीडरों से शहर की रहवासी बस्तियों/कॉलोनियों में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र होने के कारण वृहद विद्युत अधोसंरचना विद्यमान होने से तकनीकी रुप से पृथक से सिंचाई हेतु विद्युत लाईन डाला जाना साध्य नहीं है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कृषि पम्प कनेक्शन फ्लैट रेट की श्रेणी में नहीं आते अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) ग्राम बाडाबुजुर्ग के कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. हमीदपुरा-2 फीडर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 2.33 प्रतिशत एवं ग्राम हमीदपुरा के कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. सिंधी बस्ती फीडर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 6.94 प्रतिशत है जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने हेतु फिजिबिलिटी सर्वे
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 211 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिए फिजिबिलिटी सर्वे कराये जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ख) जबलपुर में मेट्रो प्रारंभ करने के लिए फिजिबिलिटी सर्वे के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है? अभी तक सर्वे का धरातल पर प्रारंभ नहीं होने का क्या कारण है? (ग) बजट में प्रावधान होने के बावजूद सर्वे नहीं कराये जाने के लिए क्या राज्य शासन कोई उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी ''मेट्रो रेल पॉलिसी-2017'' एवं "Appraisal Guidelines for Metro Rail Project Proposal" के प्रावधानों के तहत फिजिबिलिटी सर्वे की आवश्यकता नहीं है, अत: प्रशासनिक आदेशानुसार जबलपुर शहर के फिजिबिलिटी सर्वे के कार्य को निरस्त कर दिया गया है। (ख) मास रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विभिन्न सर्वे कार्यों के लिए बजट मद 6022 के लिए वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में प्रावधानित राशि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपरोक्त (क) के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व निर्धारित करने का प्रश्न नहीं उठता है।
नगर पालिका बड़नगर द्वारा लीज़ पर दिये भवन को रिक्त कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( *क्र. 1106 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका बड़नगर द्वारा लीज़ पर दिये गये भवन की अवधि 17.04.2015 को समाप्त हो गई थी, उसमें संचालित विद्यालय भवन को खाली कराने के संबंध में नगर पालिका बड़नगर द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, दिनांकवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त भवन को कब तक खाली करा लिया जायेगा? (ग) भवन खाली नहीं कराने से राजस्व की हानि के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं, दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, बड़नगर द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर को लीज़ पर दिए गए भवन की लीज़ अवधि दिनांक 17.04.2015 को समाप्त हो गई है। लीज़ अवधि समाप्त होने पर नगर पालिका परिषद् बड़नगर द्वारा संबंधित संस्थान को विद्यालय भवन रिक्त करने हेतु सूचना पत्र क्रमांक 397, दिनांक 29.02.2020 एवं सूचना पत्र क्रमांक 2433, दिनांक 16.12.2020 जारी किए गए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर पालिका परिषद् बड़नगर द्वारा लीज़ नवीनीकरण की कार्यवाही प्रचलित है, संस्था किराया जमा करने को सहमत है, इसलिए कोई राजस्व हानि संभावित नहीं है।
सांची में दर्ज अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
12. ( *क्र. 31 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के थाना सांची में दर्ज अपराध क्रमांक 191/2020 में किस-किस नाम एवं पते के अारोपियों की जाँच प्रश्नतिथि तक किस स्थिति में है? प्राथमिक सूचना रिपोर्ट की एक प्रति देते हुए बतायें कि किस-किस नाम के आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका पुलिस संदिग्ध मान रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरण में प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम के आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है? सूची दें, कौन-कौन से आरोपी फरार चल रहे हैं? सूची दें। फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने पुलिस द्वारा उनके ऊपर प्रश्नतिथि तक कितने रूपयों का इनाम घोषित किया है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराध क्रमांक में क्या आबकारी विभाग के लायसेंसियों के नाम भी सम्मिलित हैं? अगर हाँ तो किस स्थान/पते के उक्त आबकारी लायसेंसी हैं? उक्त लायसेंसियों को प्रश्नतिथि तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? कारण दें। कब तक गिरफ्तार किया जायेगा? समय-सीमा दें। (घ) क्या अपराध क्रमांक 191/2020 में शामिल आबकारी लायसेंसियों के लायसेंस निरस्त करने जिला पुलिस बल रायसेन के द्वारा आबकारी आयुक्त ग्वालियर/प्रमुख सचिव वाणिज्य कर को पत्र लिखा? अगर हाँ तो एक प्रति दें? अगर नहीं तो क्यों? कारण एवं नियमों का हवाला दें? एक प्रति दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रायसेन जिले के थाना सांची में दर्ज अपराध क्रमांक 191/2020 धारा 34 (2), 36, 46 आबकारी एक्ट में 04 आरोपीगण क्रमशः (1) अहमद अली पिता रहमत अली निवासी गांधीनगर भोपाल (2) अकील खान पिता बहीउद्धीन नि. गांधीनगर भोपाल (3) मनीष जाट पिता चेतराम नि. महाजीवार्ड नरसिंहपुर (4) योगेन्द्र सिंह सावनेर पिता रमेश सिंह सावनेर निवासी हरिपुरा विदिशा है, जिसमें उक्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रकरण में विवेचना पूर्ण कर, चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश का उत्तर (क) में समाहित हैं। प्रकरण में अन्य कोई आरोपी फरार नहीं होने से ईनाम की उद्घोषणा नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के आरोपियों में आबकारी विभाग के लायसेंसी (1) मनीष जाट पिता चेतराम नि. महाजी वार्ड नरसिंहपुर (2) पूर्व लायसेंसी योगेन्द्र सिंह सावनेर पिता रमेश सिंह सावनेर निवासी हरिपुरा विदिशा के नाम सम्मिलित है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। (घ) विभाग में उक्त अनुसार पत्र पाया जाना नहीं पाया गया। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, जिसमें निर्णय होने पर तद्नुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
मनावर नगरपालिका के स्वामित्व की भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 397 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका मनावर के स्वामित्व की वार्ड क्रमांक 05 की भूमि वर्ष 1967-68 को 30 वर्ष की लीज़ पर निजी उपयोग हेतु दी गई थी, जिसकी अवधि वर्ष 1996-1997 में समाप्त हो गई? नवीनीकरण नहीं होने के बाद भी उक्त भूमि खाली नहीं कराए जाने का क्या कारण है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) लीज़ वाली भूमि किन मापदण्डों/नियमों के तहत नगरपालिका परिषद् मनावर द्वारा अन्य लोगों को नामांतरण की गयी? (ग) लीज़ वाली भूमि को लोगों/लीज धारकों द्वारा विक्रय किए जाने के उपरांत नगर पालिका परिषद् मनावर के विक्रय करने वालों के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की अथवा क्या कार्यवाही की? विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) नगरपालिका परिषद् मनावर के विशेष सम्मेलन दिनांक 28.07.2020 को प्रस्ताव क्रमांक 149 अनुसार लीज़ समाप्ति वाली नगर पालिका परिषद् मनावर को संपत्ति को अतिक्रमण मुक्त करने के संबंध में बहुमत से प्रस्ताव पारित होने के उपरांत भी नगर पालिका परिषद् मनावर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। लीज़ अवधि समाप्त होने के पश्चात तत्समय निकाय परिषद द्वारा उक्त भूमि को खाली कराने की कार्यवाही नहीं की गई। (ख) लीज़ ग्राहिता/धारकों के द्वारा बिक्री रजिस्ट्री एवं पारिवारिक वंश परंपरा के आधार पर लीज़ भूमि का बंटवारा किए जाने के कारण तत्समय निकाय द्वारा उक्त भूमि का नामांतरण किया गया है। (ग) लीज़ पर आवंटित भूमि को लीज़ ग्राहिताओं/लीज धारकों द्वारा विक्रय किए जाने के संबंध में निकाय द्वारा वर्ष 2020 तक संबंधितों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, अपितु परिषद प्रस्ताव क्रमांक 149, दिनांक 28.07.2020 में लिए गए निर्णय अनुसार संबंधित व्यक्तियों को सूचना पत्र जारी किए गए हैं। कार्यवाही प्रचलित है। (घ) परिषद प्रस्ताव क्रमांक 149, दिनांक 28.07.2020 द्वारा संपूर्ण भूमि भवन का सर्वे कराया गया और पाया गया कि उक्त 77 प्लाट पर कुल 106 धारक काबिज हैं। 106 धारकों में से 96 धारकों को भूमि रिक्त करने हेतु एक माह का सूचना पत्र दिया गया है, साथ ही 10 प्लाट जिन पर कोई दखलदार नहीं था, उनका निकाय द्वारा पंचनामा बनाकर भूखण्ड अधिपत्य में ले लिया गया है।
ग्वालियर नगर में प्रस्तावित पत्रकार कॉलोनी
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 165 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर में पत्रकार कॉलोनी किस क्षेत्र में निश्चित की गई है व इस हेतु कितना क्षेत्र रकवा निश्चित किया गया है? जनवरी 2021 में आवासीय कॉलोनी किस स्थिति में है? पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावे। (ख) उक्त कॉलोनी में कितने आवासीय भूखण्ड, पार्क व अन्य निश्चित किये हैं? उनकी संख्या आवासीय भूखण्डों का क्षेत्रफल क्या है? सभी का नाम सहित जानकारी दी जावे। (ग) अभी तक उक्त आवासीय कॉलोनी में भूखण्डों के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनकी प्रथम किस्त की कितनी राशि जमा करनी थी? आवंटन की प्रक्रिया क्या निर्धारित की गई? पत्रकारों के नाम, निर्धारित आवासीय भूखण्ड की संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर नगर में न्यू सिटीसेंटर योजना में मामा माणिकचंद वाजपेयी पत्रकार कॉलोनी हेतु ग्राम सिरोल की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 50/2 एवं 65/1 कुल 2.561 आवंटित की गई। तथ्यों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उक्त योजनांतर्गत 158 आवासीय भूखण्ड, 02 पार्क तथा 01 आवासीय सह वाणिज्यक का भूखण्ड निश्चित किये गये हैं। (जिसमें 9X15 वर्ग मीटर के 52, 9X12 वर्ग मीटर के 54, 4x10 वर्ग मीटर के 52 एवं आवास सह वाणिज्यक 01) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) योजनांतर्गत विभिन्न आकार के आवंटन हेतु 121 आवेदन प्राप्त हुए प्रथम चरण में पंजीयन हेतु प्रथम किश्त हेत 9X15 वर्ग मीटर के आकार के भूखण्ड के लिए 1,36,688/-, 9X12 वर्ग मीटर के आकार के भूखण्ड के लिए 1,09,350/- तथा 4X10 वर्ग मीटर आकार के भूखण्ड के लिए 49,500/- द्वितीय चरण के लिए 9X15 वर्ग मीटर हेतु 45,56,25/-, 9X12 वर्ग मीटर हेतु 405000/- तथा 4x10 वर्ग मीटर हेतु 1,50,000/- राशि निर्धारित की गई थी। आवंटन की प्रकिया लॉटरी पद्वति द्वारा की गई, पत्रकारों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रदेश में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी के दर्ज प्रकरण
[गृह]
15. ( *क्र. 659 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2018 के पश्चात प्रदेश में कुल कितने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी के कुल कितने प्रकरण सामने आये? वर्षवार प्रदेश एवं जिलों के प्रकरणों की कुल संख्या बतायें। (ख) क्या ऑनलाइन धोखाधड़ी के पश्चात बैंकिग प्रावधान (आनलाइन खरीदी) अनुसार 24 घंटे में रूपये पीड़ित व्यक्ति के खाते से कटते हैं तो ऐसे में शुरू के 24 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं और इन्हीं 24 घंटो में थानों में त्वरित रिपोर्ट दर्ज करने में आना-कानी कर कार्यवाही नहीं की जाती और न ही थानों द्वारा पीड़ित की शिकायत को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाता है? क्या सभी थानों में पीड़ित के आवेदन पर त्वरित कार्यवाही हेतु उच्च अधिकारियों द्वारा समस्त थानों को निर्देशित किया जाएगा? (ग) ऑनलाइन धोखाधड़ी उपरांत पीड़ित की शिकायत पर विभाग किस प्रकार कार्य करता है? क्या इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार से कोई निर्देश विभाग को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी को लेकर बैंक के अधिकारियों एवं पुलिस विभाग के बीच कोई सामंजस्य रहता है? यदि है तो विभाग ने कब-कब इस सबंध में बैंक के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की? दिनांक सहित बैठक के निर्णय की जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सामान्यतः जिलों में ऑनलाईन फ्रॉड ट्रांजेक्शन की शिकायतों पर प्रथमतः जिलों द्वारा कार्यवाही की जाती है। विचार उपरांत शिकायतें सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल को भेजी जाती हैं। इन मामलों में शिकायत प्राप्ति के उपरांत ही 24 घंटे में उचित वैधानिक कार्यवाही करने का प्रयास किया जाता है, किन्तु जो शिकायतें सीधे सायबर पुलिस मुख्यालय एवं सायबर जोनल कार्यालय को प्राप्त होती हैं। उन शिकायतों को रजिस्टर्ड किया जाकर त्वरित कार्यवाही कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाकर संबंधित नोडल एजेन्सी से जानकारी प्राप्त करने हेतु मेल किये जाने संबंधी कार्यवाही की जाती है। (ग) ऑनलाईन धोखाधड़ी उपरांत पीड़ित की शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित इन्टरमीडियरी, बैंक/ऑलाईन प्लेटफार्म/ई-वॉलिट तथा इंटरनेट सर्विस प्रोवाईडर को जानकारी प्राप्त करने हेतु ई-मेल किया जाता है। साथ ही फ्रॉड की राशि डेबिट फ्रीज भी कराई जाती है। ऑनलाईन धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत के निराकरण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा National Cyber Crime Reporting Portal www.cybercrime.gov.in पोर्टल बनाया गया है, जिस पर प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। केन्द्र सरकार के पत्र दिनांक 23 अगस्त, 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। ऑनलाईन फ्रॉड के मामलों में बैंक अधिकारियों से सायबर पुलिस मुख्यालय का लगातार सामंजस्य रहता है। साथ ही समय-समय पर मुख्यालय में बैठक आयोजित की जाती है। दिनांक 20.08.2019 को राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल में समस्त बैंकों के नोडल अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
न.पा. सबलगढ़ में स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 244 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरी समुदाय सबलगढ़/झुण्डपुरा के निवासियों द्वारा स्ट्रीट लाईट हेतु जनवरी 2019 से दिसम्बर 2020 तक कितने आवेदन शासन/प्रशासन को दिये गये एवं उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया एवं कितने आवेदनों को शासन स्तर पर भेजा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आवेदनों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक नगर पालिका सबलगढ़/नगर पंचायत झुण्डपुरा में स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? नाम व पद सहित बतावें एवं स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्ट्रीट लाईट के संबंध में नगर पालिका परिषद सबलगढ़ में 186 आवेदन एवं नगर परिषद झुण्डपुरा में 3 आवेदन प्राप्त हुए हैं। प्राप्त आवेदनों का निराकरण निकायों द्वारा किया गया है। शासन स्तर पर कोई आवेदन नहीं भेजा गया है। (ख) स्ट्रीट लाईट हेतु प्राप्त आवेदनों के निराकरण हेतु, नगर पालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर परिषद झुण्डपुरा द्वारा सामग्री क्रय कर स्ट्रीट लाईटें चालू कराई गयीं हैं। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण अंचलों में विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
17. ( *क्र. 124 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर अन्तर्गत ग्रामीण अंचलों के अन्तर्गत कौन-कौन से ग्राम, मोहल्ले, मजरा, टोले विद्युत विहीन हैं? स्थान सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि विद्युत विहीन हैं, तो विद्युतीकरण हेतु विभाग की क्या कार्यवाही प्रस्तावित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर में सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत चिन्हित समस्त ग्रामों/मजरों/टोलों/बसाहटों के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
रामपुरनैकिन महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षाएं प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
18. ( *क्र. 1246 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के रामपुर नैकिन महाविद्यालय में स्नातक में किन-किन विषयों की पढ़ाई हो रही है? स्नातक स्तर पर कॉमर्स की कक्षाएं कब तक शुरू कर दी जायेगी? साथ ही स्नातकोत्तर की कक्षाएं शुरू करने की सरकार की क्या योजना है? यदि नहीं, तो कब तक स्नातकोत्तर कक्षाएं रामपुर नैकिन महाविद्यालय में प्रारंभ कर दी जायेंगी? (ख) लगभग 40 ग्रामों के केन्द्र खड़ी (विधानसभा चुरहट, जिला सीधी) में महाविद्यालय खोलने की सरकार की क्या योजना है? यदि नहीं, तो कब तक इस हेतु कार्यवाही प्रारंभ हो जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सीधी जिले के शासकीय महाविद्यालय रामपुर नैकिन में हिन्दी, अंग्रेजी, राजनीति-शास्त्र, समाज-शास्त्र, इतिहास, वनस्पति-शास्त्र, प्राणी-शास्त्र, भौतिक-शास्त्र, रसायन-शास्त्र एवं गणित विषयों की पढ़ाई हो रही है। निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के कारण स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय की कक्षाएं प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है एवं वर्तमान में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ किये जाने की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में खड़ी, जिला-सीधी में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट के निर्माण एवं मेंटेनेन्स में व्यय राशि
[ऊर्जा]
19. ( *क्र. 1308 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में 660 मेगावाट की यूनिट क्रमांक 3 एवं चार विस्तार इकाई का दोनों यूनिटों के निर्माण आरंभ होने की तिथि एवं लाईट अप होने की तिथि क्या है? इसके निर्माण में कितना समय और कितनी कुल राशि खर्च हुई? इन दोनों इकाइयों से विद्युत का व्यावसायिक उत्पादन किस दिनांक से आरंभ हुआ? उस तिथि से प्रत्येक माहवार कितना PLF नवम्बर 2020 तक रहा? हर माह की पृथक-पृथक जानकारी बताई जाये। दोनों यूनिटों का परफॉर्मेंस गारंटी टेस्ट कब तक कराया जाना था? क्या इन दोनों यूनिटों का PG टेस्ट हो गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों और जो यूनिट में खराबी हुई, उसकी भरपाई प्लांट लगाने वाली कंपनी से की गई या की जाएगी? यह राशि कितनी है? (ख) क्या अगस्त 2020 में 660 मेगावाट की तीन नम्बर यूनिट के टरबाइन जेनरेटर की HP टरबाइन ब्लेड टूटकर क्षतिग्रस्त हो गयी है? यदि हाँ, तो इसका सुधार किससे कराया जा रहा है? इस पर कुल कितनी राशि खर्च की जा रही है और यूनिट कब तक सुधर कर विद्युत उत्पादन करने लगेगी? साथ ही 650 मेगावाट की 4 नम्बर यूनिट भी क्या बंद है? यदि हाँ, तो बंद होने का क्या कारण है और इस यूनिट में क्या फॉल्ट पाया गया और सुधरने में कितना समय लगेगा और कितनी राशि खर्च होगी? सिंगाजी की 3 एवं चार नम्बर यूनिट निर्माण में आये फॉल्ट के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं और इनके विरूद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? इसमें कितनी रूपयों की हानि हुई, इस हानि की भरपाई किस-किस से कितनी की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्रमांक 03 एवं 04 के निर्माण कार्य के आरंभ होने की तिथि 31 दिसम्बर, 2014 है। इकाई क्रमांक 03 एवं 04 के लाईट अप होने की तिथि क्रमश: 24 जनवरी, 2018 एवं 24 अक्टू्बर, 2018 है। इकाई क्रमांक 03 एवं 04 के निर्माण कार्य में क्रमश: 47 माह एवं 51 माह का समय लगा, माह जनवरी 2021 की स्थिति में दोनों इकाइयों (परियोजना) के निर्माण कार्य पर लगभग कुल राशि रूपये 6600 करोड़ व्यय किये गये हैं। इकाई क्रमांक 03 एवं 04 से व्यावसायिक उत्पादन क्रमश: दिनांक 18 नवम्बर, 2018 एवं दिनांक 28 मार्च, 2019 से प्रारंभ हुआ। व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने की तिथि से नवंबर 2020 तक माहवार पी.एल.एफ. का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दोनों इकाइयों का परफारमेंस गारंटी टेस्ट क्रमश: 31 अक्टूबर, 2018 एवं 28 फरवरी, 2019 अथवा परस्पर सहमति अनुसार कराया जाना निर्धारित था। कुछ कार्य शेष रहने के कारण समय पर पी.जी. टेस्ट नहीं हो सके, तत्पश्चात् कोरोनाकाल में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विद्युत मांग में कमी होने से दोनों यूनिटों को रिजर्व शटडाउन में रखा गया। जुलाई 2020 में इकाइयों से पुन: उत्पादन प्रारंभ होने पर इकाई क्र. 3 में पी.जी. टेस्ट की तैयारी के दौरान आयी खराबी के कारण पी.जी. टेस्ट नहीं हो सका। इकाई क्र. 4 को भी संचालन की सुरक्षा के दृष्टिगत बंद किया गया, जिससे इस इकाई का भी पी.जी. टेस्ट नहीं हो सका। इस प्रकार दोनों इकाइयों के पी.जी. टेस्ट अभी तक नहीं हो सके हैं। मेसर्स एल एण्ड टी द्वारा दिनांक 09 दिसंबर, 2020 को दिये गये प्रस्ताव के अनुसार इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के सुधार कार्य पर लगने वाली राशि लगभग 112 करोड़ (एक सौ बारह करोड़) रुपये अनुमानित है। सुधार कार्य के व्यय का वहन ई.पी.सी. कान्ट्रेक्टर, मेसर्स एल.एण्ड.टी. द्वारा किया जाना है। (ख) जी हाँ। क्षतिग्रस्त टरबाइन ब्लेड्स का सुधार कार्य ई.पी.सी. कान्ट्रेक्टर, मेसर्स एल.एण्ड.टी. के द्वारा मूल निर्माता कंपनी (OEM) से करवाया जा रहा है। इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के सुधार कार्य पर लगने वाली राशि का विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। इकाई क्र. 3 से अप्रैल 2021 तक विद्युत उत्पादन संभावित है। जी हाँ। 660 मेगावाट क्षमता की इकाई क्रमांक 4 भी बंद है। इकाई क्रमांक 3 की एच.पी. टरबाइन ब्लेड्स में हुई क्षति के दृष्टिगत मूल निर्माता कंपनी की सलाहनुसार सुरक्षा की दृष्टि से दिनांक 22 सितम्बर, 2020 से इकाई क्रमांक 4 भी आवश्यक निरीक्षण एवं सुधार कार्य हेतु बंद कर दी गई है। इकाई क्रमांक 4 की एच.पी. एवं एल.पी. टरबाइन की ब्लेड्स में स्केल पाया गया है और इसका सुधार कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण होना संभावित है। इस इकाई के सुधार में खर्च होने वाली राशि का वहन ई.पी.सी. कान्ट्रेक्टर मेसर्स एल.एण्ड.टी. द्वारा किया जाना है, अत: म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा दोनों इकाइयों के सुधार कार्य में कोई राशि व्यय नहीं की जा रही है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्रमांक 3 एवं 4 में आये फॉल्ट की विवेचना हेतु मूल निर्माता कंपनी (मेसर्स एल.एम.टी.जी.) द्वारा रूट कॉज़ एनालिसिस की गई है। साथ ही म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा भी एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर फॉल्ट की विवेचना की गई है। रूट कॉज़ एनालिसिस रिपोर्ट एवं समिति के प्रतिवेदन के आधार पर यह पाया गया है कि रेजिन की खराब परफारमेंस एवं कुछ उपसंयंत्रों एवं उपकरणों के अभाव के कारण इकाइयों की वाटर केमिस्ट्री निर्धारित मापदण्डों के अनुसार मेंटेन नहीं हो सकी। साथ ही साथ दीर्घावधि के रिजर्व शटडाउन के दौरान इकाइयों के टरबाइन प्रिसर्वेशन सिस्टम की अनुपलब्धता रही, जिसके कारण टरबाइन्स की ब्लेडों में साल्ट जमा हुआ, जो कि इन ब्लेड्स के क्षतिग्रस्त होने का मुख्य कारण बना। कंपनी के आदेश दिनांक 03.02.2021 के द्वारा इकाइयों के क्षतिग्रस्त होने के लिए यदि कोई कार्मिक जिम्मेदार हो तो, उनको चिन्हांकित करने हेतु जाँच समिति का गठन किया गया है। जाँच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर टरबाइन में फॉल्ट हेतु कार्मिकों के दायित्व निर्धारण किये जायेंगे। इस इकाई के सुधार में खर्च होने वाली राशि का वहन ई.पी.सी. कान्ट्रेक्टर मेसर्स एल.एण्ड.टी. द्वारा किया जाना है। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा दोनों इकाइयों के सुधार कार्य में कोई भी राशि व्यय नहीं की जा रही है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय कुसमी में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
20. ( *क्र. 1178 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय कुसमी जिला सीधी जो आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय में संचालित है, में सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक एवं प्राचार्य की पदस्थापना की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) शासकीय महाविद्यालय कुसमी में नियमित पदस्थापना के कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी पृथक-पृथक देवें। स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे एवं रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ग) क्या वर्तमान में जिले के भीतर स्थित महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर प्राध्यापकों के डिप्लॉयमेंट का अधिकार जिले के अग्रणी महाविद्यालय को है? यदि हाँ, तो क्या डिप्लॉयमेंट के बाद उनकी मॉनीटरिंग का कार्य भी अग्रणी महाविद्यालय द्वारा नियमित रूप से किया जाना चाहिये, किन्तु शासकीय महाविद्यालय कुसमी के संबंध में ऐसा बिल्कुल नहीं किये जाने से अतिथि विद्वान/स्टाफ बिल्कुल नहीं रहते, जिससे शैक्षणिक कार्य/कार्यालयीन कार्य पूरी तरह से प्रभावित रहता है, इस संबंध में शासन क्या कार्यवाही/व्यवस्था करने जा रहा है? समय-सीमा के साथ पूर्ण जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शैक्षणिक पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में संचालित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 779 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन ग्राम अथवा शहरों में शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? (ख) क्या इन सभी महाविद्यालयों के अपने भवन हैं? नहीं तो कब तक भवन बनाये जावेंगे? (ग) किन-किन महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं? विषयवार बतायें। (घ) रिक्त पदों पर नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में शासकीय कुसुम स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिवनी मालवा एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिवनी मालवा शहरी क्षेत्र में तथा शासकीय महाविद्यालय डोलरिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में संचालित हैं। (ख) जी नहीं। शासकीय कुसुम स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिवनी मालवा स्वयं के भवन में संचालित है। शेष महाविद्यालय के भवन के संबंध में वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिलहरी पुलिस चौकी के स्थान पर नवीन थाने की स्थापना
[गृह]
22. ( *क्र. 1030 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीठी थाने एवं पुलिस चौकी बिलहरी अंतर्गत आपराधिक प्रवृत्ति नरगढ़िया एवं पारधी समाज के लोग निवासरत हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित समुदाय के लोगों के विरूद्ध विगत 3 वर्षों में कब-कब किस प्रकार के कौन-कौन से आपराधिक प्रकरण कहां-कहां पर दर्ज हुये? वर्षवार सूची देवें। (ग) क्या शासन नरगढ़िया एवं पारधी समाज की आपराधिक गतिविधियों को प्रभावी ढंग से रोकथाम लगाने हेतु पुलिस चौकी बिलहरी एवं रीठी थाना क्षेत्र के कुछ ग्रामों को मिलाकर नवीन थाना क्षेत्र का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रीठी थाने एवं पुलिस चौकी बिलहरी अंतर्गत नरगढ़िया एवं पारधी समाज के लोग निवास करते हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुलिस चौकी बिलहरी एवं रीठी थाने क्षेत्र के ग्रामों को मिलाकर नवीन थाना क्षेत्र का निर्माण का कोई वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
खनन पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
23. ( *क्र. 1196 ) श्री सुनील सराफ : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रीय अधिकारी म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला शहडोल को खनिज विभाग जिला अनूपपुर द्वारा विगत 3 वर्षों में अधिक खनन करने वालों पर कार्यवाही हेतु कितने पत्र प्रेषित किए गए? सभी पत्रों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार जानकारी देवें। इस संबंध में हुये समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) क्या कारण है कि लंबे समय बाद भी अधिक उत्खनन करने वालों पर कार्यवाही नहीं की गई? कब तक इन पर कार्यवाही की जाएगी? (घ) कार्यवाही को लंबे समय तक लंबित रखने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) खनिज विभाग जिला अनूपपुर से अधिक खनन करने वालों के संबंध में दिनांक 05.11.2020 को कुल 06 पत्र प्राप्त हुये हैं, जिनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उपरोक्त समस्त खदानों को खनिज विभाग से माइनिंग लीज़ आवंटित है तथा पर्यावरणीय स्वीकृति एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति प्राप्त हैं। पत्रों पर बोर्ड द्वारा की गई प्रकरणवार कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। खनिज विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के आधार पर उत्पादन की गणना की गई है, जबकि मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदत्त सम्मति में वर्ष की गणना वित्तीय वर्ष से भिन्न हो सकती है जिस कारण पत्र दिनांक 31.12.2020 द्वारा सम्मति अवधि में खदानों द्वारा किए गये उत्पादन की जानकारी हेतु खनिज विभाग को पत्र भेजा गया है,जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में त्वरित कार्यवाही की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मादक पदार्थों की ब्रिकी पर रोक
[गृह]
24. ( *क्र. 1078 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार के द्वारा ड्रग्स, शराब एवं अन्य मादक पदार्थों के विरूद्ध क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) प्रनांश (क) अंतर्गत वर्ष 2021 में जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में उक्त मादक पदार्थों की बिक्री कहां-कहां की जा रही है एवं इसकी रोकथाम के लिए क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत उक्त मादक पदार्थों में व्याप्त लोगों की संख्यात्मक जानकारी देवें एवं इनके विरूद्ध क्या अभियान/कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विशेष अभियान चलाये जाकर नियमित रूप से लक्षित समूह को जागृत करने के लिए प्रयास किये गये हैं। (ख) मादक पदार्थो की बिक्री के कोई निश्चित स्थान बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश (क) अनुसार है। (ग) मादक पदार्थो की रोकथाम हेतु प्रदेश में चलाये जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत कुल 316 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की गई है।
विदिशा जिला जेल के नवीन भवन की स्वीकृति
[जेल]
25. ( *क्र. 901 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा में जिला जेल के लिये भवन की स्वीकृति शासन द्वारा की गई? (ख) क्या जिला जेल की स्वीकृति के अभाव में वर्तमान में जेल का संचालन उपजेल में होने से कैदियों को विषम परिस्थितियों में रहने की स्थिति निर्मित है? साथ ही, अधिक कैदी होने से अन्य जिलों की जेल में स्थानांतरित किया जा रहा है? (ग) क्या शासन शीघ्र ही विदिशा में जिला जेल हेतु नये भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। विदिशा में जिला जेल है, कैदियों के लिए आंशिक स्थानाभाव है, किन्तु उन्हें नियमानुसार अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जेल की नई दीवार बनने के उपरांत मार्च, 2020 से कैदियों को किसी भी अन्य जेल में स्थानांतरित नहीं किया गया। (ग) वर्तमान में नये जिला जेल भवन की स्वीकृति विचाराधीन नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रश्नकर्ता
के पत्रों पर
कार्यवाही
[गृह]
1. ( क्र. 32 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक एम.एल.ए./329 दिनांक 05/01/2021, पत्र क्रमांक एम.एल.ए./330 दिनांक 05/01/2021, पत्र क्रमांक एम.एल.ए./331 दिनांक 05/01/2021 एवं पत्र क्रमांक एम.एल.ए./332 जो क्रमश: पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत), पुलिस अधीक्षक सतना एवं नगर पुलिस अधीक्षक सतना को प्रेषित हैं पर प्रश्नतिथि तक की गई कार्यवाही का विवरण पत्र क्रमांकवार/दिनांकवार उपलब्ध करायें? जारी सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त प्रकरण में यह जाँच की गई कि उमरिया जिले के जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ने 09/03/2017 को तात्कालीन इलाहाबाद बैंक वर्तमान में इण्डियन बैंक सेमरिया चौक सतना को पत्र लिखकर बताया कि हिमालया इन्फ्रास्ट्रक्चर को किसी भी प्रकार का वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया हैं? (ग) क्या उक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा यह जाँच की गई कि मेसर्स सोनभद्र कन्सट्रक्शन कं. रीवा को जारी वर्क आर्डरों की कूट रचना कर, जाली शासकीय दस्तावेज तैयार कर हिमालया इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम के वर्क आर्डर बना कर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बैंक में जमा कर सी सी लिमिट व बैंक गारण्टी बनवाई? क्या जाँच टीम ने बैंक से उक्त दस्तावेज जब्त किये? अगर नहीं तो क्यों? कब किये जायेंगे? (घ) सतना पुलिस हिमालया इन्फ्रास्ट्रक्चर में मुख्य अभिषेक तिवारी, बैंक के अधिकारी श्री पांडे व रवि कुमार जायसवाल के विरूद्ध कब तक अमानत में ख्यानत तथा शासकीय दस्तावेजों की कूट रचना करने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'A', 'B', 'C', 'D' एवं 'E' में समाहित है। (ख) जी हाँ। इस प्रकरण की जाँच में कथित पत्र दिनाँक 09.03.2017 की जाँच की गई, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग उमरिया द्वारा ई-मेल से जानकारी पत्र क्रमांक/192/(अपठनीय)/2021 दिनाँक 23.1.2021 के माध्यम से प्रेषित की गई है जिसमें उक्त प्रेषित पत्र की ई-मेल कॉपी संलग्न है जिसके अनुसार मेसर्स हिमालया इंफ्रास्ट्रक्चर को भानपुरा टैक प्रोजेक्ट के संबंध में कोई वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। जाँच की जा रही है। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा इंडियन बैंक (पूर्व इलाहाबाद बैंक) को पत्र क्रमांक 13ए/2021 दिनाँक 20.1.2021 के माध्यम से हिमालया इंफ्रास्ट्रक्चर के सी सी लिमिट खाता में प्रयोग किये गये दस्तावेज व वर्क आर्डर की जानकारी चाही गई थी। बैंक द्वारा कुछ जानकारी एवं दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियाँ उपलब्ध कराई गई है, किंतु बैंक द्वारा उक्त कथित जाली दस्तावेज अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस संबंध में बैंक को पुनः नोटिस दिया गया है। (घ) इस संबंध जाँच कर साक्ष्य का संकलन किया जा रहा है। जाँच पूर्ण होने पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधि संगत कार्यवाही जिला अभियोजन अधिकारी से राय प्राप्त कर की जायेगी।
नगर निगम बुरहानपुर द्वारा कॉलोनियों के संधारण/रख-रखाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 156 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. नगर पालिका के नियम अनुसार कॉलोनाइजर को कॉलोनी का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक को ही संबंधित कॉलोनी का रख-रखाव हेतु नगर पालिका को अंतरित होना मान्य किया जाता है? हाँ या नहीं यह भी बतायें कि नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा कितनी कॉलोनियों को कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र जारी किया गया है, कॉलोनी के नामवार सूची प्रदान करें। (ख) उक्त नियम अनुसार नगर निगम बुरहानपुर द्वारा कितनी कॉलोनियों में रख-रखाव जैसे स्ट्रीट लाइट, पानी, रोड, नाली आदि मूलभूत सुविधा का कार्य किया गया है, कितनी राशि का, क्या कार्य, कौन-कौन से वार्ड में किया गया है कि संपूर्ण सूची प्रदान करने करें। साथ ही भविष्य में किन-किन कॉलोनियों में क्या-क्या कार्य किया जाना है की भी सूची प्रदान करें। (ग) नगर निगम बुरहानुपर में कुल कितनी कॉलोनियों द्वारा आज तक रजिस्ट्रेशन प्राप्त किया गया है कि सूची प्रदान करें एवं कितनी कॉलोनियों को 100 प्रतिशत भू-खण्ड क्रय करने की अनुमति प्रदान की गई की भी सूची प्रदान करने का कष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम-12 (आठ) में राज्य शासन द्वारा दिनांक 06.11.2019 को किए गए संशोधन के अनुसार कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक को ही संबंधित कालोनी उसके संधारण के लिए रहवासी कल्याण समिति को अंतरित की गई मान्य की जायेगी। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भविष्य में किए जाने वाले कार्यों की वर्तमान में कोई कार्य योजना नगर निगम द्वारा प्रस्तावित नहीं है। (ग) म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 में कॉलोनियों के रजिस्ट्रेशन का कोई प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कालोनियों को भूखण्ड क्रय करने की अनुमति प्रदान करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण बताकर की गई अवैध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 181 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में नगर निगम द्वारा न्याय नगर एक्सटेंशन, सेक्टर बी के मकान नं. 378 को अवैध बताकर तोड़ने का नोटिस दिया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या नोटिस मकान नं. 378 को दिया गया एवं नगर निगम द्वारा मकान नं. 331/332 को विस्फोट से तोड दिया गया। (ग) क्या मकान नं. 331/332 को तत्काल तोड दिया गया और मकान मालिक को अपना सामान निकालने का भी समय नहीं दिया गया। यदि हाँ, तो किसी दूसरे मकान को नोटिस देकर किसी अन्य मकान को तोड़ने का क्या औचित्य है। किए गए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है। नुकसान की वसूली जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के वेतन से किए जाने के आदेश कब तक दिए जावेगें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
नहीं। (ग) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निकायों को अनुदान योजनाओं में प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 199 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना एवं राज्य सरकार के बजट आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जातियों के लिये किये गये प्रावधानों का योजनावार (सब स्कीम) के अंतर्गत अटल मिशन फ़ार रिजर्वेशन एंड अर्बन ट्रान्सफॉरमेशन, हाउसिंग फार आल, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, एम. पी. अर्बन सर्विसेस इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (ए.डी.बी.) 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार स्थानीय निकायो को अनुदान योजनाओ में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ तो वित्तिय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई कितनी-कितनी राशि किन-किन निकायों को दी गई जानकारी उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 228 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत कर्रापुर को संभागीय पिछड़ा एवं अनु.जाति वर्ग के कार्यक्रम दिनांक 07.07.2018 को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा देने संबंधी मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी। यदि हाँ तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि घोषणा की गई थी तो विभाग ने मुख्यमंत्री की घोषणा जो इस कार्यक्रम के उपरांत की गई उन्हें नगर पंचायत/नगर पालिका का दर्जा प्रदान कर दिया गया परंतु कर्रापुर ग्राम पंचायत को दर्जा प्रदान नहीं किया गया तो क्यों कारण सहित जानकारी देवें। (ग) कार्यालय नायब तहसीलदार वृत्त परसोरिया एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सागर द्वारा इस संबंध में समस्त आवश्यक जानकारी निर्धारित प्रारूप में शासन को उपलब्ध करा दी गई है तो विभाग ने जानकारी उपरांत क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि हाँ तो ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने के समस्त मापदंड रखती है तो ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा कब तक प्रदान किया जायेगा एवं कर्रापुर के समीपस्थ ग्राम गोरा एवं सिमरिया को भी नगर पंचायत कर्रापुर में जोड़ा जायेगा यदि नहीं तो क्यों एवं कर्रापुर नगर पंचायत का दर्जा के संबंध में कब तक अधिसूचना जारी की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 21.07.2020 को ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर परिषद् बनाए जाने की घोषणा की गई। उक्त घोषणा के अनुक्रम में कलेक्टर जिला सागर से म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 एवं विभागीय अधिसूचना क्रं.64-एफ-1-19-2009 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 के अनुसार प्रस्ताव चाहा गया जिसके परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर सागर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सागर से प्राप्त जानकारी/प्रस्ताव अनुसार ग्राम पंचायत कर्रापुर की कुल जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 17,687 है जो म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा-5 एवं विभागीय अधिसूचना क्रं.64-एफ-1-19-2009 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 के अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या 20,000 का मापदण्ड पूर्ण नहीं करने से ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर परिषद् के रूप में उन्नयन नहीं किया गया है। (ख) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई अन्य घोषणाओं में नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर परिषद् कर्रापुर के गठन के प्रस्ताव में ग्राम पंचायत सेमरिया तथा उसके तहत आने वाला ग्राम गौरा भी सम्मिलित है। सम्मिलित ग्राम पंचायत एवं सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मकरोनिया पेयजल योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 229 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा 24x7 ए.डी. प्रोजेक्ट पेयजल परियोजना स्वीकृत कार्य बी.पी. टैंक से उच्च स्तरीय तक पाईप लाईन बिछाने का कार्य, जल वितरण प्रणाली अंतर्गत पाईप लाईन बिछाने का कार्य, अर्थ वर्क, वाल्व, रोड रेस्टोरेशन, जल टंकी की बाउंड्रीवाल का कार्यों का अनुबंध कार्य एजेंसी द्वारा कब किया गया था एवं निर्माण कार्य में क्या-क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में कौन-कौन से कार्य की प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य किया गया एवं कार्य एजेंसी को कितना भुगतान किया गया? कितना कार्य शेष है? (ग) कार्य एजेंसी द्वारा जल वितरण पाईप लाईन बिछाने के कार्य में वार्डों में स्थित समस्त रास्तों/गलियों में खुदाई कार्य मशीनों द्वारा किया गया है, मेनुअल वर्क नहीं किया गया है जिससे सड़क मार्ग ध्वस्त हो गये हैं? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) वार्डों में निर्मित सी.सी. रोड एवं डामरीकरण रोड जो पूर्णत: ध्वस्त हो गये हैं क्या उन्हें कार्य एजेंसी द्वारा पुन: निर्मित कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया पेयजल योजना के कार्यों का अनुबंध दिनांक 23.08.2018 को किया गया था एवं निर्माण कार्य में प्रावधान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) निर्माण एजेंसी द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। कार्य एजेंसी को 25.60 करोड़ का भुगतान किया गया है। शेष कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) जी हाँ। जल वितरण पाईप लाईन बिछाने के लिये रास्ते में खुदाई की गई है जिससे सड़क मार्ग प्रभावित हुआ है। अनुबंध अनुसार एजेंसी को रिस्टोरेशन का कार्य किया जाना है। जो कराया जा रहा है। (घ) वार्डों में निर्मित सी.सी. रोड एवं डामरीकृत रोड पूर्णतः ध्वस्त नहीं हुये है, पाईप लाईन/नल कनेक्शन का कार्य चरणबद्ध तरीके से आवश्यकतानुसार रोड काटकर किया जाता है। इसके उपरांत कार्य से प्रभावित हिस्से के पुनर्निमाण का कार्य अनुबंध के अनुसार निर्माण एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। कार्य प्रगति पर हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 245 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मर्निभर निधि योजना के क्या-क्या उद्देश्य पात्रता हेतु योग्यता/प्रदाय राशि आदि हेतु क्या-क्या नियम/प्रक्रिया प्रचलन में है? इनकी फोटो प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ख) आत्मनिर्भर निधि योजना कब से संचालित है व संचालित दिनांक से जनवरी 2021 तक नगर पालिका परिषद् सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया एवं कितने हितग्राही शेष है? दोनों की अलग-अलग सूची उपलब्ध करावें एवं शेष लोगों को योजना का लाभ कब तक दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में योजना का नाम/मांग संख्या/लेखाशीर्ष/राशि/केश अथवा चैक द्वारा प्रदाय की गई आदि की जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भारत सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना हेतु जारी मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। पात्रता हेतु योग्यताएं कंडिका (4) में उल्लेखित है। (ख) आत्मनिर्भर निधि योजना 2 जुलाई 2020 से संचालित है। जनवरी 2021 तक नगर पालिका संबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा में लक्ष्य एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में तथा इसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है। शेष हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में है, जिनमें से पात्र हितग्राहियों जिन्हें लाभ दिया जाना है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर है। कंडिका (8.2) में योजना का लाभ दिनांक 31 मार्च 2022 तक उपलब्ध है। योजना में नवीन पंजीयन किये जा रहे है। (ग) योजना अंतर्गत ऋण राशि पथ विक्रेताओं के बैंक खाते में उधमी मित्र पोर्टल के माध्यम से बैंकों द्वारा सीधे भेजने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विश्वविद्यालय छतरपुर के भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 331 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कितने विश्वविद्यालय हैं? इनकी स्थापना कब की गई? (ख) विश्वविद्यालय की स्थापना किस उद्देश्य से की जाती है एवं कौन-कौन सी प्रशासनिक एवं शैक्षणिक गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। उक्त गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु न्यूनतम कितने शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं कार्यालयीन कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। (ग) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर की स्थापना किस उद्देश्य से की गई थी। प्रश्न दिनांक तक विश्वविद्यालय के निर्माण हेतु राशि प्रदाय नहीं होने एवं पदपूर्ति न हो पाने के कारण क्या विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में सफल रहा है। यदि हाँ, तो पदपूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर को प्रश्न दिनांक तक बजट आंवटित नहीं कर पाने के क्या-क्या कारण रहे हैं। बजट प्रदाय करने हेतु शासन से कब-कब मांग की गई? प्रत्येक बार शासन ने बजट प्रदाय नहीं कर पाने के क्या कारण बताएं? (ड.) क्या अपनी स्थापना के 6 वर्ष के बाद भी भवन निर्माण हेतु कोई भी राशि प्राप्त नहीं करने वाला महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय है।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत वर्तमान में 16 राज्य विश्वविद्यालय हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विश्वविद्यालय की स्थापना छात्रों को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जाती है। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक, शोधकार्य एवं व्यक्तित्व विकास की गतिविधियां संचालित की जाती हैं। विश्वविद्यालय में संचालित पाठयक्रमों हेतु यूजीसी मापदण्ड अनुसार शैक्षणिक एवं आवश्यकतानुसार प्रशासनिक/कार्यालयीन कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। (ग) डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के फलस्वरूप महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड वि.वि. छतरपुर की स्थापना राज्य विश्वविद्यालय के रूप में सागर संभाग अंतर्गत छात्रों के शैक्षणिक, शोध एवं व्यक्तित्व विकास हेतु की गई। जी हाँ। विश्वविद्यालय स्तर पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) वित्त विभाग द्वारा भवन निर्माण हेतु बजट आवंटन के संबंध में कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण इस वित्तीय वर्ष में लंबित रखने का परामर्श दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उपरोक्त (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कारण बताओ सूचना पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 332 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल ने पत्र क्रमांक एफ 4-50/2019/18-3 भोपाल दिनांक 19/3/2020 के द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 35-क व अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष छतरपुर को दिया था। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पत्र में उल्लेखित तिथि 15 दिवस में क्या स्पष्टीकरण दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में विभाग द्वारा प्रकरण में दिनांक 28.09.2020 को नियमानुसार समक्ष में सुनवाई नियत कर अपचारी को स्पष्टीकरण/पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया था। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम क्या अपचारी ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावे एवं उक्त स्पष्टीकरण पर विभाग ने क्या कार्यवाही की। यदि नहीं तो क्यों अब विभाग क्या कार्यवाही करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। अपचारी द्वारा दिये गये पक्ष/स्पष्टीकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण परीक्षणाधीन है।
सड़क का डामरीकरण हेतु निविदा
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 405 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम के ट्रांसपोर्ट नगर के सड़क के डामरीकरण की निविदा कब निकाली गई थी और कितने लोगों ने निविदाएं भरी थी। तुलनात्मक विवरण दें। क्या उक्त निविदा पर किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत की प्रति देते हुए बताएं, उसका क्या निराकरण किया गया। उक्त डामरीकरण का कार्य कब पूर्ण हुआ, पूर्णता प्रमाण पत्र कब जारी किया गया, उक्त कार्य का अंतिम मेजरमेंट माप पुस्तिका में कब दर्ज किया जाकर अंतिम देयक कब बनाया गया, क्या संबंधित ठेकेदार को अंतिम भुगतान कर दिया गया? यदि नहीं तो क्यों, कारण बताएं और कब करेंगे यह भी बताएं। (ख) कटनी शहर के विभिन्न मार्गों के पेंचकार्यो हेतु वर्ष 2020 में कब-कब निविदाएं बुलाई गई, प्राप्त निविदा का तुलनात्मक विवरण दें तथा किस निविदाकार की निविदा स्वीकृत की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत की जाँच कार्यपालन यंत्री लोकनिर्माण विभाग कटनी से कराई गई थी, उक्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार दोषी उपयंत्री, सहायक यंत्री के विरूद्ध अंतिम कार्यवाही क्या की गई बताएं, यदि नहीं तो कब करेंगे। (घ) नगर निगम कटनी द्वारा दिसम्बर 2020 में डामरीकरण हेतु जो निविदाएं बुलाई गई थी, कितनी आई, उसमें कितनी निरस्त की गई। निरस्त करने के क्या कारण है, जबकि एस.ओ.आर. से 3.86 अधिक दरे प्राप्त हुई, उससे अधिक दर पर वर्ष 2019 में वार्ड न. 43 में पुलिस लाईन से हैलीपेड तक एवं इसी वर्ष में आदिवासी बस्ती से फूड पार्क तक डामरीकरण निविदा 4.49 एस.ओ.आर. दर पर स्वीकृत कर कार्य अवधि 120 दिन निर्धारित की गई थी। किन्तु एक वर्ष से अधिक होने के बाद भी कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ। तब भी ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गई? कारण बताएं और कब करेंगे। कार्यवाही न करने के लिए कौन दोषी है यह भी बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी नगर के ट्रांसपोर्ट नगर के डामरीकरण के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त कार्य अपूर्ण है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कटनी शहर में विभिन्न मार्गों के पेंच कार्यों हेतु वर्ष 2020 में निविदायें आमंत्रित की गई, निविदाओं का तुलनात्मक विवरण एवं स्वीकृत निविदाकार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता (ख) में उल्लेखित मार्गों के पेंच रिपेयर कार्यों को नहीं कराया गया है। जिसकी शिकायत की जाँच कलेक्टर कार्यालय (शिकायत शाखा) कटनी द्वारा की जा रही है। यह एक अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगरपालिक निगम कटनी द्वारा दिसम्बर 2020 में विभिन्न 08- डामरीकरण कार्यों हेतु निविदायें बुलाई गई थी, जिसमें उक्त 08 कार्यों हेतु कुल 16 निविदायें प्राप्त हुई। जिसके संबंध में ठेकेदारों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत कर लेख किया गया कि दिनांक 21.12.2020 को पोर्टल नहीं चलने के कारण टेण्डर की अवधि बढ़ाये जाने एवं पुन: टेण्डर बुलाये जाने का अनुरोध किया गया, जिससे निविदा में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए प्राप्त निविदाओं को निरस्त किया गया है एवं पुन: निविदायें आमंत्रित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वार्ड नं. 43 में पुलिस लाईन से हैली तक डामरीकरण कार्य हेतु निविदायें आमंत्रित की गई थी, परन्तु उक्त कार्य लोक निर्माण विभाग (भ/स) कटनी द्वारा स्थल पर कराया जा चुका है, इसलिए उक्त कार्य की प्राप्त निविदा निरस्त की गई है। वार्ड नं. 43 में आदिवासी बस्ती (नये फिल्टर हाउस) से फूड पार्क पहुंच मार्ग अमकुही तक सड़क चौड़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य हेतु माह जून 2020 में निविदायें आमंत्रित की गई थी, जिसका अनुबंध दिनांक 29.10.2020 को निष्पादित हुआ है, जिसके अनुसार 120 दिवस अर्थात 24.02.2021 तक कार्य पूर्ण करने की समयावधि नियत है। उक्त कार्य प्रगति पर है एवं कार्य समय-सीमा के अन्तर्गत है तथा निर्माण एजेंसी को समयावधि में कार्य पूर्ण किए जाने हेतु निर्देश दिये गये है। इसलिए ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है और कार्यवाही न करने के लिए कोई दोषी नहीं है।
मैरिज गार्डनों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 406 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक संचालित कितने मैरिज गार्डन, बरात घरों को अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है? पृथक-पृथक विवरण दे तथा जारी की गई, अनुज्ञप्ति की प्रतियां उपलब्ध करावे। (ख) क्या मैरिज गार्डनों में कचरा, गन्दा पानी साफ करने हेतु टी.पी. प्लांट लगाया जाना अनिवार्य है। यदि हाँ, तो जिन मैरिज गार्डनों द्वारा टी.पी. प्लांट नहीं लगाया गया। उन बारात घर, मैरिज गार्डनों पर जुर्माना/संचालन अनिवार्य रूप से प्रतिबंधित करने के निर्देश शासन/नगर निगम द्वारा दिये जायेगें। यदि हाँ, तो कब तक। (ग) मैरिज गार्डनों के द्वारा जिन-जिन सुविधाओं का उल्लेख आवेदन पत्र में किया गया है या नवीन अनुज्ञप्ति या नवीनीकरण हेतु जो आवेदन दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये है उनमें उल्लेखित सुविधाओं का निरीक्षण/भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया है। मैरिज गार्डनवार पृथक-पृथक विवरण दे। साथ ही भौतिक सत्यापनकर्ता द्वारा किये सत्यापन की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्र. 851, 852, 853 दिनांक 23.01.2021 से कलेक्टर कटनी, प्रशासक नगर निगम एवं आयुक्त नगर निगम को लिखकर अवगत कराया है कि मैरिज गार्डनों द्वारा निर्धारित शर्तों का किस तरह उल्लंघन किया जा रहा है। उनकी अनुज्ञप्ति निरस्त करने की मांग की गई है, उस पर क्या कार्यवाही की गई बताएं। यदि नहीं तो क्यों? कब तक की जावेगी? (ड.) मैरिज गार्डनों द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्त करने हेतु जो असत्य/भ्रामक जानकारी दी गई है उसकी जाँच कराकर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही कब तक की जावेगी बताएं? वर्ष 2021 में शासन ने मैरिज गार्डन हेतु जो भी निर्देश दिए है उसकी पूर्ति किस-किस द्वारा की गई है। निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें मैरिज गार्डनों हेतु जो मॉडल उपविधि है, उसकी एक प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम कटनी क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक संचालित कुल 13 मैरिज गार्डनों को नगर निगम उज्जैन (विवाह स्थल का पंजीयन) उपविधियाँ 2013 के अधीन उपयोग एवं उपभोग अनुज्ञा जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जारी अनुज्ञप्ति की प्रति संलग्नक 01 से 13 संलग्न है। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक नवीन आवेदन अथवा नवीनीकरण हेतु आवेदन कार्यालय में प्राप्त नहीं किए गए है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 851, 853 क्रमश: दिनांक 30.01.2021 एवं 27.01.2021 को प्राप्त हुए है, जिसमें उल्लेखित बिन्दुओं का भौतिक सत्यापन करने हेतु क्षेत्रीय उपयंत्रियों को निर्देशित किया गया है। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार है। वर्ष 2021 में शासन आदेश अनुसार मैरिज गार्डन संचालन हेतु म.प्र. नगरपालिका (विवाह स्थल का पंजीयन एवं उपभोग) आदर्श उपविधि 2020 के नियम लागू है जिसमें 31 मार्च 2021 के पूर्व उक्त नियमों के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्त करना आवश्यक है। वर्तमान में अनुज्ञप्ति हेतु आवेदन कार्यालय में प्राप्त नहीं हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
जलकर राशि वृद्धि में संशोधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 440 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय, माननीय विभागीय मंत्री महोदय एवं आयुक्त संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल को क्रमश: अपने पत्र क्रमांक 1160, 1167 एवं 1166 दिनांक 28.12.2020 से राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा नियम विरूद्ध एवं विसंगतिपूर्ण जलकर राशि में की गई लगभग ढाई गुना वृद्धि को संशोधित कर पूर्वानुसार जलकर राशि निर्धारण करने हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन वर्तमान कोरोना संक्रमण काल में पूर्व से ही आर्थिक मार झेल रहे नगरवासियों के हितार्थ उक्त एक पक्षीय जलकर में की गई ढाई गुना राशि वृद्धि के प्रस्ताव को निरस्त कर पूर्वानुसार निर्धारित राशि एवं जिले के अन्य निकायों अनुसार जलकर वसूली के आदेश प्रदान करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ जिला-राजगढ़ द्वारा पूर्व में अधिरोपित जलकर, मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 129 (2) एवं (3) के अन्तर्गत प्रशासक, नगर पालिका परिषद्, के द्वारा पारित संकल्प दिनांक 01.02.2020 के अनुसार वृद्धि की गई है, जिसे वित्तीय वर्ष 2020-21 में लागू किया गया है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 129 (2) एवं (3) के अन्तर्गत परिषद् को करों/फीसों में वृद्धि के अधिकार हैं, जिसके तहत प्रशासक द्वारा निर्णय लिया जाकर जलदर लागत को दृष्टिगत रखते हुये वर्तमान दर राशि रूपये 200/- प्रति उपभोक्ता निर्धारित की गई। नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ द्वारा जलप्रदाय व्यवस्था पर कुल वार्षिक व्यय के आधार पर प्रति उपभोक्ता व्यय राशि रूपये 885/- की गणना की गई है। इसके पश्चात् वृद्धि की हुई दर लागू की गई है। इस प्रकार वास्तविक व्यय राशि रूपये 885/- प्रतिमाह प्रति उपभोक्ता के स्थान पर नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ द्वारा राशि रूपये 200/- प्रतिमाह किया गया है। नवीन दर पर लगभग 85 प्रतिशत उपभोक्ता, जलकर राशि जमा कर रहे हैं। जल उपभोक्ता प्रभार में की गई वृद्धि नियमानुसार होने से विभाग स्तर से कोई कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उत्कृष्ट मार्ग की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 441 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर नरसिंहगढ़ अंतर्गत चंपी चौराहा से बैरसिया नाके तक आंतरिक शहरी मार्ग जीर्ण-शीर्ण होने से नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा उत्कृष्ट मार्ग निर्माण अंतर्गत सीसी रोड/नाली/फुटपाथ एवं विद्युतीकरण कार्य लागत राशि रूपये 671.00 लाख डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु माननीय विभागीय मंत्री एवं वरिष्ठालय को प्रेषित की गई है एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी दिनांक 10 जनवरी 2020 को अपने पत्र के माध्यम से उक्त मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु माननीय विभागीय मंत्री जी से अनुरोध किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नही? यदि नहीं तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है, बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त उत्कृष्ट मार्ग निर्माण की डी.पी.आर. अनुसार प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्य योजना संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्य प्रदेश, भोपाल को प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपभोक्ताओं को खपत से अधिक बिल दिया जाना
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 462 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण केन्द्र ढेरा (मऊगंज) रीवा के कनेक्शन क्रमांक आई.बी.आर.एस. क्रमांक 5347111868585 पर अगस्त 2019 के बिल खपत यूनिट 4394 दर्ज कर राशि 40311 रूपये का बिल दिया गया? यदि हाँ, तो अप्रैल 2019 से जून 2019 तक तथा सितम्बर 2019 से दिसम्बर 2020 तक बिजली बिल की खपत यूनिट क्या है? विवरण बताएं तथा उक्त सभी माह की बिजली बिल की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित मीटर को मई 2017 से मार्च 2019 तक मीटर को Defective बताया गया? यदि हाँ, तो मीटर को क्यों नहीं बदला गया? (ग) क्या 2017 से मार्च 2019 तक आंकलित खपत 100 यूनिट का बिल दिया जाता रहा है और अप्रैल 2019 में मीटर रीडिंग के आधार पर बिल लिये गये तो क्या 23 माह के 2300 यूनिट को किसी माह में कटौती की गयी? यदि नहीं तो क्यों? क्या मीटर को बदल कर विद्युत कनेक्शन चालू किया जायेगा? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 104 दिनांक 06.03.20 अधीक्षण यंत्री बिजली विभाग को पत्र देकर सभी तथ्यों से अवगत कराकर कार्यवाही हेतु लिखा गया। प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही हुई बताये तथा प्रश्नांश (क) में वर्णित विद्युत उपभोक्ता का वर्तमान में बिल क्या है? बिल की प्रति उपलब्ध कराये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विद्युत वितरण केन्द्र ढेरा (मऊगंज) जिला रीवा के अंतर्गत कनेक्शन क्रमांक आई व्ही.आर.एस. 534711-71-8-1868585 (5347111868585 नहीं) पर अगस्त 2019 में 4394 यूनिट विद्युत खपत हेतु राशि रूपये 40311/- का बिल जारी किया गया। उक्त विद्युत कनेक्शन हेतु माह अप्रैल 2019 से जून 2019 तथा सितम्बर 2019 से दिसम्बर 2020 तक जारी किये गये बिजली बिल की खपत यूनिट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार तथा उक्त प्रश्नाधीन माहों के बिल की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) मई 2017 से मार्च 2019 तक मीटर रीडिंग के दौरान परिसर बंद पाये जाने के कारण आंकलित बिल जारी किया गया। कनिष्ठ अभियंता वितरण केन्द्र ढेरा द्वारा उपभोक्ता के मीटर की जाँच करने पर मीटर सही पाया गया, इस कारण मीटर को नहीं बदला गया बल्कि मीटर को परिसर के कॉलबेल लोकेशन पर दिनांक 22.08.2019 को स्थापित किया गया, तत्समय मीटर रीडिंग 5143 थी। (ग) यह सही है कि जून 2017 में 73 यूनिट, जुलाई 2017 से नवम्बर 2017 तक 100 यूनिट, दिसम्बर 2017 में 120 यूनिट तथा जनवरी 2018 से मार्च 2019 तक 100 यूनिट की औसत आंकलित खपत के आधार पर बिलिंग की गई। जून 2017 से मार्च 2019 तक कुल 2193 यूनिट की औसत खपत की बिलिंग की गयी है एवं अप्रैल 2019 से मीटर की वास्तविक खपत के आधार पर बिलिंग की गयी है। तदानुसार प्रश्नाधीन उपभोक्ता के बिल में आंकलित खपत 2193 यूनिट के विरूद्ध रुपये 16228/- सीसीबी के माध्यम से माह अक्टूबर 2019 में छूट देकर देयक में समायोजन किया गया है। चूंकि उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर (क्रमांक 9901230) सही है, अतः बदलने का औचित्य नहीं है एवं बिल में आवश्यक सुधार कर पुनरीक्षित बिल जमा करने हेतु जारी किया गया है। वर्तमान में कनेक्शन चालू है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार जांचोपरांत माह अक्टूबर 2019 के विद्युत देयक में प्रश्नाधीन उपभोक्ता को आंकलित खपत 2193 यूनिट के विरूद्ध राशि रूपये 16228/- की छूट प्रदान की गई। अधीक्षण अभियंता, संचा/संधा, रीवा ने पत्र क्रमांक 7779 दिनांक 06.02.2021 द्वारा कृत कार्यवाही से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत करा दिया है। प्रश्नांश (क) में वर्णित विद्युत उपभोक्ता द्वारा माह सितम्बर 2019 से विद्युत देयक की कोई भी राशि का भुगतान नहीं किये जाने एवं चेकिंग के दौरान परिसर का व्यवसायिक उपयोग पाए जाने के कारण माह जुलाई, 2018 से विद्युत के व्यवसायिक उपयोग की टैरिफ दर पर बिलिंग करने से माह दिसम्बर 2020 की स्थिति में बिल की राशि रूपये 55307/- थी, जो भुगतान योग्य है। उक्त बकाया राशि में से उपभोक्ता द्वारा माह जनवरी 2021 में रूपये 20000/- का भुगतान कर दिया गया है एवं शेष बची राशि रूपये 35307/- को किश्तों में जमा करने के लिये सहमति व्यक्त की गई है। माह दिसम्बर 2020 के विद्युत देयक की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
मुलताई के ग्राम चिखलीखुर्द में स्वीकृति अनुसार नया ट्रांसफार्मर लगाया जाना
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 507 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत ग्राम चिखलीखुर्द के पास 132 के.व्ही. का नया सब स्टेशन वर्ष 2019 में बनाया गया था? (ख) क्या उक्त स्थान में दिनांक 24.10.2019 को 3.15 MVA का नया ट्रांसफार्मर लगना था? यदि हाँ, तो उक्त स्थान पर नया ट्रांसफार्मर लगाया गया या पुराना स्थिति स्पष्ट करें। (ग) जो ट्रांसफार्मर लगाया गया वह सही गुणवत्ता का था या नहीं तथा क्या दिनांक 04.10.2020 से 29.10.2020 लगभग एक माह सब स्टेशन बंद रहा, यदि हाँ, तो क्यों तथा इसके क्या कारण है? इस स्थिति के लिये कौन उत्तरदायी है। (घ) सब स्टेशन बंद की अवधि में विद्युत सप्लाई कहां से की गई तथा उससे पर्याप्त वोल्टेज से सप्लाई किस तरह संभव हुई? यदि कम वोल्टेज से सप्लाई हुई तो किसान किस तरह से रवि फसल बो कर सिंचाई कर पाए? कम वोल्टेज से सप्लाई के संबंध में कितनी शिकायतें आई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु विधानसभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत ग्राम चिखलीखुर्द के पास 33/11 के.व्ही. का नवीन विद्युत उपकेन्द्र वर्ष 2019 में स्थापित किया गया था। (ख) उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र में क्षेत्रीय भण्डार में उपलब्धता अनुसार 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का उचित गुणवत्ता का नया अथवा पुराना ट्रांसफार्मर लगना था, जिसके तारतम्य में क्षेत्रीय भंडार भोपाल में उपलब्ध 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का पुराना पावर ट्रांसफार्मर आहरित कर दिनांक 29.10.2019 को स्थापित किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) में वर्णित 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर सही गुणवत्ता का था। किन्तु यह ट्रांसफार्मर दिनांक 04.10.2020 को फेल हो गया। उक्त ट्रांसफार्मर से जिन क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय किया जा रहा था, वहां वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय किया गया तथा उपलब्धता अनुसार उक्त ट्रांसफार्मर दिनांक 29.10.2020 को बदल दिया गया है। अत: विद्युत प्रदाय प्रभावित नहीं होने के परिप्रेक्ष्य में कोई उत्तरदायी नहीं है। (घ) उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बंद रहने की अवधि में उक्त क्षेत्र के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मुलताई शहर, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सर्रा एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र डहुआ से वैकल्पिक व्यवस्था कर गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया गया। कम वोल्टेज से सप्लाई के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 515 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई के ग्राम येनखेडा, माथनी एवं उसमे लगे हुये 20-25 गाँवों में कम विद्युत वोल्टेज से सप्लाई होने के कारण रवि सीजन की फसले किसान नहीं बो सके। (ख) क्या उक्त स्थिति को देखते हुये विद्युत विभाग ग्राम येनखेडा एवं माथनी में नया विद्युत सब स्टेशन स्थापित करेगा, जिससे लो वोल्टेज की समस्या का निदान हो सके एवं किसानों को पर्याप्त बिजली मिल सके जिससे इस समस्या का हल हो सकें। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, यह सही नहीं है कि विधानसभा क्षेत्र मुलताई के ग्राम येनखेडा, माथनी एवं उसमे लगे हुये 20-25 ग्रामों में कम विद्युत वोल्टेज से सप्लाई होने के कारण रबी सीजन की फसले किसान नहीं बो सके। (ख) ग्राम येनखेड़ा में 11 के.व्ही. कृषि फीडर खेडीकोर्ट से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिस पर वोल्टेज रेग्युलेशन 5.45 प्रतिशत है जो कि निर्धारित मानकों के अनुसार है। ग्राम माथनी को 11 के.व्ही. कृषि फीडर सेन्द्रया तथा 11 के.व्ही. कृषि फीडर खडकवार से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा उक्त फीडरों पर वोल्टेज रेग्युलेशन क्रमश: 6.37 प्रतिशत एवं 2.39 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में ग्राम येनखेड़ा एवं ग्राम माथनी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है।
जिला राजगढ़ अन्तर्गत नवीन सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 601 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युत भार अधिक होने के कारण किन-किन ग्रामों में नवीन सब स्टेशन निर्माण की मांग जनप्रतिनिधि द्वारा की गयी है? उन ग्रामों के नाम तथा निर्माण की स्वीकृति प्रदान कब तक कर दी जावेगी? (ख) क्या नगर पचोर के ग्राम बीलापुरा सब स्टेशन एवं पानिया सब स्टेशन में अतिरिक्त 5 MVA का पावर ट्रांसमिशन प्रस्ताव मुख्य महाप्रबंधक, म.प्र. म.क्षे.वि.वि.क.लि. को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ तो, उक्त कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा ग्राम मगराना एवं ग्राम खजुरिया घाटा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि ग्राम मगराना एवं ग्राम खजुरिया घाटा तथा इन ग्रामों के आसपास के क्षेत्र को क्रमश: पूर्व से विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मऊ एवं पाडल्यामाता से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। पूर्व से विद्यमान उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से संबंद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप है तथा इन विद्युत उपकेन्द्रों से भार प्रबंधन की कोई समस्या नहीं है। अत: प्रश्नाधीन ग्रामों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित विद्युत उपकेन्द्रों पर अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जिसका परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
मंदसौर जिले अन्तर्गत 5 वर्षों में निर्मित अवैध कालोनियाँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 662 ) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) जिला
मंदसौर अन्तर्गत दिनांक 1 जनवरी 2015 के
पश्चात कितनी
नगर निगम, नगर
पालिकाओ, नगर
परिषद् में
अवैध
कालोनियों को
किस-किस नियम
के तहत वैध
किया गया? (ख) उक्त
जिले की नगर
निगम, नगर
पालिकाओं, नगर
परिषद् में उक्त
अवधि के
पश्चात कुल
कितनी अवैध
कालोनियाँ
किस-किस
व्यक्ति,फर्म
ने कहाँ-कहाँ
बनाई, न.पा
अधिकारियों
की जाँच के
दौरान इनकी
विभिन्न
आवश्यक
अनुमतिया
किस-किस
कार्यालय ने
किस-किस
नियमों के
अंतर्गत दी? उक्त
अवधि में उक्त
जिले में
कितनी
नगरपालिकाओं, नगर
निगमों में
कितने आवेदन
किस-किस
कालोनियों के
वैधता हेतु
लंबित है
लंबित
प्रकरणों की
कारण सहित जानकारी
देवें? (ग) क्या
उक्त अवधि में
अवैध
कालोनियों को
वैध करने के
लिए शासन स्तर
पर कोई नवीन
नीति तैयार की
गयी है? यदि
हाँ, तो
अवगत करायें। (घ) उक्त
जिले में
अवैध
कालोनियों के
निर्माण करने
वाले कितने
कॉलोनाईजर के
खिलाफ कब-कब,किस-किस
सक्षम
अधिकारी ने
क्या-क्या
कार्यवाही की, कितनो
की सम्पत्ति
जब्त या नीलाम
कर कालोनी में
निवासरत
नागरिको को
सुविधाएं
प्रदान की गयी? क्या
सक्षम
अधिकारियों
द्वारा
कॉलोनाईजर के
खिलाफ
कार्यवाही
सिर्फ दिखावे
के लिए की गयी
कार्यवाही
उपरांत भी किसी
भी कॉलोनाईजर
ने रहवासियों
को कोई सुवधाए
नहीं दी?
नहीं
तो कार्यवाही
उपरांत
कालोनियों
में नागरिकों
को कौन-कौन सी
सुविधाएं दी
गयी? जानकारी
देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) 01 जनवरी 2015 के पश्चात
मंदसौर जिले
में किसी भी
नगरीय निकाय
में अवैध
कालोनियों को
वैध नहीं किए
जाने के कारण प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
(ग) जी
नहीं। (घ) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जी नहीं,
अवैध
कालोनी बनाने
वाले व्यक्तियों
के खिलाफ दण्डात्मक
कार्यवाही
करने के
प्रावधान है, सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा अवैध
कालोनी के कालोनाईजर
के खिलाफ
नियमानुसार
कार्यवाही की जा
रही है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सामान्य निर्वाचन शाखा सतना का ऑडिट
[विधि और विधायी कार्य]
19. ( क्र. 685 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 एवं 2018 में सम्पन्न हुए विधान सभा निर्वाचन एवं 2014 तथा 2019 में सम्पन्न हुये लोक सभा निर्वाचन में सतना जिले में किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि खर्च की गई? मदवार आय-व्यय का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आय-व्यय लेखे की ऑडिट कराई गई? यदि हाँ, तो किस विभाग द्वारा करायी गई? साथ ही यदि ऑडिट टीम द्वारा कोई आपत्ति की गई हो तो उसकी जानकारी भी बतायें एवं उन आपत्तियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या ऑडिट टीम द्वारा किसी कर्मचारी को दोषी बनाया गया है? यदि हाँ, तो उस कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2013 एवं 2018 में संपन्न हुए विधानसभा निर्वाचन एवं 2014 तथा 2019 में संपन्न हुए लोकसभा निर्वाचन में सतना जिले में किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि खर्च की गई, की जानकारी मदवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हां, महालेखाकार, ग्वालियर द्वारा अवधि सितम्बर, 2019 तक के जिला निर्वाचन कार्यालय, सतना के लेखाओं का निरीक्षण किया गया है। ऑडिट टीम द्वारा की गई आपत्ति एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) ऑडिट टीम द्वारा किसी भी कर्मचारी को व्यक्तिश: दोषी नहीं पाया गया है। अत: कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
डकैतों द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता
[गृह]
20. ( क्र. 690 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2004 से प्रश्न दिनांक तक डकैतों द्वारा किन-किन नागरिकों की हत्या की गई, विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में डकैतों द्वारा मारे गए नागरिकों के परिजनों में शासन द्वारा क्या-क्या सहायत दी गई, क्या कोई मुआवजा भी दिया गया, यदि हां, तो विवरण दें, यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गए डकैतों के परिजनों को शासन की तरफ से मुआवजा राशि दी गई? यदि हां, तो विवरण दें। (घ) यदि पुलिस मुठभेड़ में मारे गए डकैतों के परिजन शासन द्वारा मुआवजा राशि पाने के हकदार हो सकते है तो डकैतों द्वारा मारे गए निर्दोष नागरिकों के परिजनों को मुआवजा न मिलना क्या शासन की घोर लापरवाही व असंवेदनशीलता नहीं है? क्या शासन अपनी इस भूल को सुधारने का प्रयास करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पाईप लाईन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 714 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर की सीमा से लगे हुए व नगर निगम सीमा में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र में बन रही नई बस्तियों के लिए पेयजल की क्या व्यवस्था की गई है? यदि हैण्डपंप, पाईप-लाईन की व्यवस्था है तो दिनांक 01.04.2019 से कितने हैण्डपंप किन-किन स्थानों पर लगाये गये हैं एवं कितनी पाईप-लाईन किन-किन स्थानों पर बिछाई गई है? नाम सहित बतायें। (ख) भोपाल शहर की सीमा से लगे हुए व नगर निगम सीमा में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र में बन रही नई बस्तियों के लिए पेयजल हेतु नये श्रोत खोजने या निर्माण करने की कोई योजना है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) भोपाल शहर के कोलार रोड स्थित गरीब नगर के समीप पटेल कॉलोनी में पेयजल की क्या व्यवस्था की गई है और यदि नहीं तो क्यों? सूरज नगर, सेवनिया गौड, बरखेड़ी कला, बरखेड़ी खुर्द, गोरागांव जिनकी जनसंख्या भी लगभग 50 हजार है क्यों? इन ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की शासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है और यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भविष्य में राज्य तथा क्रेन्द्र शासन द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली योजनओं के माध्यम से इन क्षेत्रों की जलप्रदाय व्यवस्था को ओर भी सुदढ़ तथा विस्तारित किया जा सकेगा। नगर निगम भोपाल द्वारा वर्तमान में नर्मदा नदी, कोलार बांध, बड़ा तालाब तथा केरवा बांध के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। इन चारों स्त्रातों में आगामी 10 वर्षों तक भोपाल शहर की पेयजल की मांग की पूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है। (ग) भोपाल शहर के कोलार रोड स्थित गरीब नगर के समीप पटेल कॉलोनी नवीन कॉलोनी है। यह नगर निगम भोपाल को हस्तांतरित नहीं है। सूरज नगर, सेवनिया गौड, बरेखडीकला एवं गोरागांव में पाईप लाईन के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त भी टैंकरों एवं नलकूपों से जलप्रदाय किया जा रहा है।
नवीन पुलिस चौकी/थाने की स्थापना
[गृह]
22. ( क्र. 719 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकी चाटुखेड़ा व होड़ा की माता जी तथा नवीन थाना सेमलापुरा जोड़ खाजला पर प्रारंभ करने बाबत् पत्र मा.गृह मंत्री को प्रेषित किया था? हाँ, तो उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या पत्राचार हुआ? (ख) क्या शासन नवीन पुलिस चौकी एवं थाना प्रारंभ करने बाबत् विचार करेगा? नवीन पुलिस चौकी एवं थाना कब तक प्रारंभ हो जावेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नवीन पुलिस चौकी चाटुखेड़ा प्रारम्भ करने का प्रस्ताव परीक्षणोपरान्त निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप पाए जाने पर आगामी चरण में शामिल किया गया। होड़ा की माता जी में नवीन पुलिस चौकी स्थापित करने एवं नवीन थाना सेमलापुरा जोड़ खाजला पर प्रारम्भ करने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किया गया। (ख) नवीन पुलिस चौकी चाटुखेड़ा प्रारंभ करने की प्रक्रिया विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि के लंबित कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 810 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में प्रश्नकर्ता द्वारा कुक्षी नगर परिषद् में दी गई विधायक निधि की राशि का उपयोग नहीं करने का क्या कारण है? (ख) किस नियम के तहत विधायक निधि के दिये कार्य को लंबित किया जा रहा है? इसे लंबित रखने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। (ग) कब तक इस कार्य को प्रारंभ कर पूर्ण करवाया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद् कुक्षी को 02 कार्यों हेतु विधायक निधि की राशि प्रदान की गई थी जिसमें से बोहरा कब्रिस्तान में भूमि समतलीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं बोहरा कब्रिस्तान में टीन शेड निर्माण के स्थल का चयन न होने के कारण राशि का उपयोग नहीं किया गया है। (ख) विधायक निधि के कार्यों को लंबित रखे जाने के कोई नियम प्रचलित नहीं है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दाउदी बोहरा जमात कुक्षी के द्वारा भूमि के चयन उपरांत टीन शेड निर्माण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राज्य पात्रता परीक्षा 2016 में आरक्षण का पालन
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 813 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य पात्रता परीक्षा 2016 (सहायक प्राध्यापक के भर्ती हेतु पात्रता परीक्षा) म.प्र. सेट-2016 के विज्ञापन क्रमांक 08/परीक्षा/2016 दिनांक 13/12/2016 के परिणाम घोषित करते समय अनुसूचित जनजाति के लिये 20 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान का पालन किया है? (ख) उक्त परीक्षा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थी 20 प्रतिशत आरक्षण के स्थान पर 7.5 प्रतिशत अभ्यर्थी ही पात्र किये गये? ऐसा किस नियम एवं कानून के प्रावधान के तहत किया गया है? उक्त नियम एवं कानून के प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा उक्त राज्य पात्रता परीक्षा 2016 में म.प्र. आरक्षण नीति 1994 के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग के 15 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 14 प्रतिशत अभ्यर्थियों को पात्र किया गया, लेकिन अनुसूचित जनजाति के 20 प्रतिशत स्थान पर 7.5 प्रतिशत अभ्यर्थी को ही पात्र किया गया है जिसके कारण सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2017 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये रिक्त 991 पदों में से 436 पदों पर भर्ती की गई तथा 555 पद रिक्त रखे गये है? इसके लिए कौन सक्षम अधिकारी उत्तरदायी है तथा उसके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी? (घ) क्या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य पात्रता परीक्षा 2016 में म.प्र. आरक्षण नीति 1994 के अनुसार अजजा के लिये आरक्षण 20 प्रतिशत प्रावधान अनुसार (20-7.5=12.5%) पुन: परिणाम घोषित किया जाएगा? यदि हाँ, तो अजजा के सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2017 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 555 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु संशोधित परिणाम कब तक घोषित किया जाएगा? उक्त पात्रता परीक्षा 2016 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 (4), 15 (5), 16 (4) एवं 16 (4क) में प्रदत्त प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है? इसके लिए कौन सक्षम अधिकारी एवं कर्मचारी उत्तरदायी है तथा उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित विधि महाविद्यालयों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
25. ( क्र. 814 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में किन-किन जिलों में शासकीय/निजी विधि महाविद्यालय संचालित है? (ख) मध्यप्रदेश में 2010-11 के बाद किन-किन जिलो में पूर्व में संचालित शासकीय विधि महाविद्यालय बंद किए गये है। इसके पीछे क्या कारण रहे है? (ग) क्या मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों धार, बड़वानी, झाबुआ एवं अलीराजपुर, शहडोल, डिण्डोरी, अनुपपुर, बुरहानुपर, हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, उमरिया एवं सीधी में शासकीय विधि महाविद्यालय पूर्व में संचालित थे? यदि हाँ तो उक्त शासकीय विधि महाविद्यालयों का संचालन क्यों बंद किया गया? इसके पीछे क्या कारण है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) जिलों में सत्र 2021-22 में पुन: विधि महाविद्यालय भविष्य में खुलने की संभावना है? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश के 13 जिलों में 13 शासकीय विधि महाविद्यालय एवं 10 जिलों में 12 अशासकीय विधि महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में 20 शासकीय विधि महाविद्यालय बार कांउसिल ऑफ इंण्डिया की अनिवार्य अर्हता पूर्ण न करने के कारण बन्द हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिन शासकीय महाविद्यालयों में विधि विषय संकाय के रूप में संचालित थे, बार काउंसिल ऑफ इंण्डिया की अर्हता पूर्ण न होने के कारण उनमें विधि विषय बन्द किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर बरेला नगर में प्रदूषित जल प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 837 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नगर परिषद् बरेला के 15 वार्डों में किन-किन स्थानों से किन-किन विधियों से जल प्रदाय किया जाता है और किस विधि से शुद्ध किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) जल प्रदाय योजना कितने किलोमीटर दूर के किस स्थान से की जाती है और किस स्थान पर फिल्ट्रेशन प्लांट लगाया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के जिस जलस्त्रोत से जल प्रदाय किया जा रहा है, वह अविरल प्रवाह स्त्रोत नहीं है सामयिक है तथा अनेक स्थानों में खंडित व अवरूद्ध है, जिससे उसमे घनी चोई और भीषण घने जलीय खरपतवार होने से जलीय जीव-जन्तु व कीड़े मकोड़े उत्पन्न होने एवं पशु पक्षी भी मृत्य पायें जाते हैं, जिससे उसका जल कदाचित भी सीधे पेय योग्य नहीं हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) जल उपभोक्ताओं में दांत, हड्डी, कमजोरी, घेंघा रोग, विकलांगता तथा अनेक वायरस अन्य गंभीर रोग पाये जाते हैं और वह किन जल स्त्रोतों के कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर परिषद् बरेला के 15 वार्डों में गौर नदी का जल, एलम एवं चूना से उपचार करने के पश्चात रैपिड सेंड फिल्टर से शुद्धीकरण किया जाता है तथा ट्यूबवेल बोर का जल क्लोरीनेशन के द्वारा शुद्ध किया जाता है। (ख) जल प्रदाय लगभग 5 किलो मीटर दूर स्थित कोसमघाट (गौर नदी) से की जाती है एवं फिल्ट्रेशन प्लांट वार्ड क्रमांक 15 में कैनाल के समीप लगाया गया है। (ग) जी नहीं, ग्रीष्मकाल सहित लगभग 6 माह को छोड़कर शेष 6 माह गौर नदी प्राकृतिक अविरल जल स्त्रोत है तथा तत्समय ही निकाय द्वारा उक्त जल स्त्रोत का पानी उपयोग में लिया जाता है। शेष समय फिल्टर प्लांट के निकट स्थित जल संसाधन विभाग की नहर से जल लिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बरेला नगर परिषद् के समस्त वार्डों के प्रदूषित जल
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 838 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत बरेला नगर परिषद् के समस्त वार्डों में उपलब्ध जल स्त्रोतों के उपयोग के कारण उपभोक्ताओं में अनेक रोग एवं वायरस जन्य गंभीर रोग व्याप्त हैं? (ख) यदि हाँ तो किन जल स्त्रोतों के उपयोग के कारण हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आयुर्विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के चिकित्सा विशेषयज्ञों से प्रश्नांश (क) के अंतर्गत उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है? (घ) यदि हाँ तो परीक्षण में क्या पाया गया है. यदि परीक्षण नहीं कराया है तो प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कब कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) शिविर की सहमति प्राप्त होने के उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी।
आर.ओ. वाटर सप्लाई कम्पनी संचालक व निर्माण एजेंसी का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 857 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में भिण्ड शहर में आर.ओ. वाटर सप्लाई पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य किस कम्पनी को आवंटित किया गया है? कम्पनी का नाम, कम्पनी संचालक का नाम एवं कार्यादेश कब जारी किया गया? तथा कार्य की लागत क्या है? बताएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्य हेतु कोई कंसलटेंसी नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो कंसलटेंसी का नाम, संचालक का नाम बताएं एवं क्या निर्माण एजेंसी एवं कंसलटेंसी एक ही कम्पनी के अंग हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स्थानीय नगरपालिका को उक्त कार्य की निगरानी भुगतान आदि के अधिकार हैं? यदि नहीं तो क्यों? स्पष्ट विवरण देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु पेयजल योजना अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये, जलप्रदाय योजना, भिण्ड का कार्य मेसर्स टाटा प्रोजेक्टस लिमिटेड, गियोना टावर्स -1. 1 7 80 से 87, प्रेण्डरधारट रोड, सिकंदराबाद (तेलंगाना) 500003 को आवंटित किया गया है। जिसके संचालक श्री विनायक देशपाण्डेय है, उक्त कार्य के लिये कार्यादेश दिनांक 01.09.2018 को जारी किया गया है एवं कार्य की लागत राशि रू. 197,17,86,000/- है। (ख) जी हाँ। उक्त कार्य हेतु मेसर्स टाटा कंसलटिंग इंजीनियर्स लिमिटेड, नियुक्त की है, जिसके संचालक श्री जी.एन. भीरूपक्ष है। निर्माण एजेंसी एवं कंसलटेंसी एक ही कंपनी के अंग नहीं है। (ग) राज्य शासन, एम.पी.यू.डी.सी. एवं नगर पालिका के मध्य निष्पादित त्रिपक्षीय अनुबंध के अनुसार नगर पालिका को योजना के अंतर्गत विभिन्न अव्यवों के निर्माण हेतु निर्माण स्थल उपलब्ध कराने, विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर अनुमतियां प्राप्त करने एवं योजना के संचालन एवं संधारण हेतु निर्धारित दायित्वों के अनुसार कार्यवाही करने के साथ-साथ अन्य दायित्व भी सौंपे गये है। त्रिपक्षीय अनुबंध के अनुसार योजना की समय-समय पर समीक्षा, निगरानी आदि करने के अधिकार योजना क्रियान्वयन दल (पी.आई.टी) के सदस्य के रूप में नगर परिषद् को प्राप्त है। शासन द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार योजना के क्रियान्वयन एवं भुगतान के अधिकार म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट को प्रत्यायोजित किये गये हैं।
भूमिगत नाला एवं सी.सी. रोड निर्माण की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 862 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम मुरैना में नाला नंबर 1 पर गणेशपुरा-ईदगाह से लेकर अम्बाह बायपास रोड तक घटिया निर्माण कार्य की जाँच करके दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु आयुक्त, नगर निगम मुरैना को पत्र क्रमांक 39, दिनांक 17.12.2020 कलेक्टर मुरैना को पत्र क्रमांक 38, दिनांक 17.12.2020 तथा प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 126 दिनांक 21.01.2021 दिया गया, तथा की गई कार्यवाही से अवगत कराने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक भूमिगत नाला घटिया निर्माण एवं गुणवत्ता विहीन सी.सी. रोड निर्माण कार्य की जाँच करके अवगत क्यों नहीं कराया गया? बतायें। (ख) क्या पाईप लाईन डालने के बाद नाले की खोदाईयां निकाली गई मिट्टी एवं कचरे से ही नाले का भराव कराया गया तथा स्लेक्टिव सोईल से भराव नहीं किया गया तथा ठेकेदार द्वारा चेम्बरों की चिनाई में पत्थर की डस्ट, रेत, चूरा की बनी हुई कच्ची ईटों का प्रयोग कर सही मसाला भी नहीं लगाया गया? यदि हाँ या नहीं तो क्या इसकी जाँच कराई जायेगी? (ग) क्या नाला नंबर 01 पर गणेशपुरा-ईदगाह से एन.एस. रोड तक बनायी गयी सी.सी. रोड़ कई स्थानों पर अभी से उखड़ने लगी है, नोडल एजेंसी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण नहीं किया गया, जिसके कारण भूमिगत नाला निर्माण एवं सी.सी. रोड़ निर्माण बहुत ही गुणवत्ताविहीन एवं स्टीमेंट अनुसार नहीं किया गया? यदि हाँ या नहीं तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावेगी? बतायें। (घ) क्या नाला नं. 01 पर ही माधोपुरा की पुलिया से लेकर थोक सब्जी मण्डी के आगे तक मेन रोड पर नाले की खुदाई की मिट्टी पसरी पड़ी है एवं रोड में गहरे गड्ढे हो रहे है जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है तथा सड़क निर्माण कार्य बंद है? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण कार्य कब तक चालू करके पूर्ण कराया जायेगा? भूमिगत नाला एवं सी.सी. रोड़ निर्माण की तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की है एवं स्टीमेंट की कॉपी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। भूमिगत नाला निर्माण एवं सी. सी. रोड़ निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच हेतु समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही कर अवगत कराया जा सकेगा। (घ) जी नहीं, मेन रोड़ पर नाले की खुदाई की मिट्टी नहीं पड़ी है, रोड़ में गहरे गड्ढे भी नहीं हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हो, सड़क निर्माण कार्य प्रगतिरत है, कार्य दिनांक 30.04.2021 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। भूमिगत नाला एवं सी.सी. रोड़ निर्माण कार्य की तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 21.12 करोड़ की है, स्टीमेट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत प्रवाह चालू कराने हेतु दिए गए पत्र पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 867 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1607 दिनाँक 23/10/2019 पत्र क्रमांक 1971 दिनाँक 6/3/2020, पत्र क्रमांक 2002 दिनाँक 26/05/2020, पत्र क्रमांक 3006 दिनाँक 23/07/2020, पत्र क्रमांक 3092 दिनाँक 6/10/2020 एवं पत्र क्रमांक 3093 दिनाँक 6/10/2020 एवं पत्र क्रमांक 4005 दिनाँक 13/10/2020 के माध्यम से बैहर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य, उच्च दाब के ट्रान्सफार्मर लगाने, 11 वी के.वी. तार को अन्यत्र हटाने एवं दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बंद विद्युत प्रवाह को चालू करवाने हेतु पत्र व्यवहार किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्येक पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई, पत्रवार अवगत करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो किन कारणों से नहीं की गई? (ग) उक्त समस्त पत्रों पर, जिन पर कार्य अपूर्ण है विभाग कब तक कार्य पूर्ण करायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन समस्त पत्रों पर कार्यवाही कर माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र क्रमांक 1607 दिनांक 23.10.2019 एवं पत्र क्रमांक 1971 दिनांक 06.03.2020 में उल्लेखित ग्राम सिंघनपुरी के गोंडीटोला बस्ती में लाईन विस्थापन का कार्य नियमानुसार जमा योजना में राज्य शासन के विकास कार्य वाले विभाग/सांसद निधि/विधायक निधि/ग्राम पंचायत अथवा उपभोक्ताओं द्वारा लाईन विस्थापन कार्य हेतु आवश्यक राशि जमा कराने के उपरांत किया जा सकेगा। पत्र क्रमांक 3006 दिनांक 23.07.2020 एवं पत्र क्रमांक 4005 दिनांक 13.10.2020 में उल्लेखित ग्राम पंचायत जानपुर के अन्तर्गत पंडियाटोला में वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में किये जाने के लिये कार्य योजना में प्रस्तावित किया गया है जिसे वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार पूर्ण किये जाने का निर्णय लिया जाना है। प्रश्नाधीन शेष पत्रों में उल्लेखित कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन शेष कार्य पूर्ण किये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है।
विधान परिषद् का गठन
[संसदीय कार्य]
31. ( क्र. 882 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य में विधान परिषद् के भवन का निर्माण हो चुका है? विधान परिषद् का गठन कब तक होगा? (ख) क्या प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने विधान परिषद् गठन की प्रक्रिया शुरू की थी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश विधान सभा भवन में विधान परिषद् के लिए सभावेश्म उपलब्ध है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) विधान परिषद् के गठन संबंधी प्रक्रिया का परीक्षण किया गया था। गठन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई थी।
बी.एल.सी. योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 891 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में जब से बी.एल.सी. योजना लागू हुई है, तब से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों के आवेदन प्राप्त हुये तथा कितनों की डी.पी.आर. स्वीकृत कर इस योजना का लाभ दिया गया है? (ख) कितने हितग्राहियों की सभी किस्तों का भुगतान कर दिया गया है? तथा कितने हितग्राहियों की किस्ते कौन-कौन सी लंबित है? लंबित किस्तों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्न दिनांक तक योजनांतर्गत कितने आवेदन लंबित है? लंबित आवेदनों पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? इन्हें कब तक स्वीकृति प्रदान कर भुगतान कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सागर में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 17883 आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें 11883 हितग्राहियों की 06 डी.पी.आर. में स्वीकृति दी गई। 11224 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। (ख) योजना में 5175 हितग्राहियों के सभी किश्तों का भुगतान किया जा चुका है। शेष किश्तों की जानकारी निम्नानुसार है-
किश्त विवरण |
भुगतान किये गये हितग्राहियों की संख्या |
भुगतान हेतु शेष हितग्राहियों की संख्या |
प्रथम किश्त |
7100 |
4124 |
द्वितीय किश्त |
5447 |
5777 |
तृतीय किश्त |
5175 |
6049 |
लंबित किश्तों का भुगतान भारत सरकार से प्राप्त होने पर भवनों की भौतिक प्रगति के आधार पर किया जा सकता है। (ग) प्रश्न दिनांक तक योजनान्तर्गत बीएलसी घटक लाभ हेतु निकाय के पास 6000 हितग्राहियों के आवेदन लंबित है जिनका परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन की कार्यवाही प्रचलित है। स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 892 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ एवं कितने आवास निर्माण कार्य चल रहे है तथा इनका निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित आवासों की समय-सीमा बीत जाने के बाद कार्य पूर्ण नहीं हो पाये है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा कब तक पूर्ण करा दिये जायेगे? (ग) योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों के आवास हेतु आवेदन प्राप्त हुये है, इनमें से कितनें हितग्राहियों को आवास सौंप दिये गये है तथा कितने शेष है? शेष को कब तक आवास सौंप दिये जायेगे? (घ) इस योजनांतर्गत अगले चरण में कितने आवासों का निर्माण कराया जाना है? इस हेतु वर्तमान में क्या प्रक्रिया प्रचलन में है तथा कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक अन्तर्गत ग्राम कनेरादेव में 1260 एवं ग्राम मेनपानी में 504 आवासों का निर्माण कार्य किया जा रहा है इन आवासों के निर्माण कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा ग्राम कनेरादेव साईट पर एल.ओ.ए. दिनांक 24-10-2016 तथा मेनपानी साईट पर एल.ओ.ए. दिनांक 15-12-2016 से 18 माह थी। (ख) जी हाँ। योजना में हितग्राहियों का अंशदान प्राप्त नहीं होने, बैंकों से हितग्राहियों को ऋण नहीं मिल पाने एवं क्रास-सब्सिडी की राशि उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण कठिनाई आ रही है। माह दिसम्बर 2021 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। (ग) कुल 2004 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये है इनमें से 12 हितग्राहियों को आवास सौंप दिये गये है। 1992 हितग्राही शेष है। शेष हितग्राहियों से अशंदान की राशि प्राप्त होने पर उन्हें आवास आवंटित कर दिये जायेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) इस योजना अन्तर्गत अगले चरण में आवासों का निर्माण कराया जाना अभी प्रस्तावित नहीं हे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मन्दसौर गोलीकाण्ड का आयोग की रिर्पोट पटल पर रखी जाना
[गृह]
34. ( क्र. 908 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 226 दिनांक 21.09.2020 के खण्ड (क) के उत्तर में पूछी गई अन्तिम जाँच प्रतिवेदन कि दिनांक क्यों नहीं बताई गई उस के लिए कौन जिम्मेदार है। दिनांक बतावें। प्रकियाधीन कार्यवाही की बिन्दुवार दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 226 दिनांक 21.09.2020 के खण्ड (ख) तथा (घ) का उत्तर नहीं दिया गया स्पष्ट उत्तर दिलाए तथा खण्ड (ग) की संकलित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 33 दिनांक 21.09.2020 में पूछे गये और मांगी गई जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई जबकि आयोग की जाँच प्रक्रिया 2.5 वर्ष पहले पूर्ण होकर शासन को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है। किस नियम के तहत जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रश्न नहीं दिया गया उसका उल्लेख करे एवं प्रश्न का उत्तर नहीं दिया गया उसका उल्लेख करें एवं प्रश्न का उत्तर दिलाए। (घ) जून 2017 किसान आन्दोलन के दौरान 08 जून 2017 को दलोदा, मन्दसौर में धनश्याम धाकड को पुलिस द्वारा पीट-पीट कर मार दिये जाने की जिला प्रशासन द्वारा जाँच प्रक्रिया किस दिनांक को पूर्ण कि गई अन्तिम प्रतिवेदन कि प्रति देवें तथा बतावें की जाँच में क्या पाया गया।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) न्यायिक जैन जाँच आयोग का प्रतिवेदन दिनांक 14.06.2018 को विभाग में प्राप्त हुआ, जिस पर वर्तमान में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ, एसटीएफ म.प्र. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित 197 आवेदन पत्रों की जाँच की जा रही है। एसटीएफ द्वारा की जा रही 197 लंबित शिकायतों की जाँच में 13 आपराधिक प्रकरण तथा 03 अपराध अन्य जानकारियों पर से, कुल 16 अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में है एवं 70 शिकायतें नस्तीबद्ध की जा चुकी है। शेष 127 शिकायतों की जाँच प्रचलन में है। जिलों में भेजे गए 530 आवेदन पत्रों में से 219 शिकायत पत्र नस्तीबद्ध किए गए तथा 02 शिकायतों में जाँच उपरांत अपराध दर्ज किए गए है। इस प्रकार कुल 221 शिकायत पत्र निराकृत किए जा चुके है। शेष 309 शिकायतों में जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक-33 का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) स्व. घनश्याम धाकड नि. बड़वन की मृत्यु के संबंध में मजिस्ट्रियील जाँच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखण्ड मंदसौर द्वारा की जा रही है।
पुलिस थाना सैलाना द्वारा दबाव में कार्यवाही की जाना
[गृह]
35. ( क्र. 909 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना सैलाना में लगे सी.सी.टी.वी. के 14.11.2020 की रात्री 11.00 बजे से सुबह 11.00 बजे तक की फुटेज उपलब्ध कराई जाए इसी अवधि के रोजनामचे की प्रति तथा थाने की जीप की लॉकबुक की प्रति देवें। (ख) क्या यह सही है कि विपुल प्रजापति तथा सोनु प्रजापति के साथ महेन्द्र गुर्जर तथा साथियों ने मारपीट की तथा रात्रि 14.11.2020 की रात्रि 10.40 मिनट को घटना पर प्रकरण दर्ज करने की स्थान पर रात्रि 01.00 बजे धारा 155 के तहत एन.सी.आर. रिर्पोट बना दी गई. दोनों का मेडिकल तत्काल नहीं करवाया यदि हाँ, तो कारण बतावें तथा बतावें की इनके खिलाफ विभिन्न धारा में प्रकरण क्यों दर्ज किया गया। (ग) क्या अपराध क्रमांक 284/2020 दिनांक 14.11.2020 धारा 30,324 तथा 34 में प्रकरण दर्ज किया गया था तथा 15.11.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों में इन्हीं धाराओं उल्लेख यदि हाँ, तो बतावें की 20.11.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत दस्तावेजों में धारा 307 किस आधार पर बढ़ाई गई. इस सम्बन्ध में नोटशीट एवं रोजनामचे की प्रति देवें। (घ) प्रकरण क्रमांक 284/2020 की एफ.आई.आर तथा मेडिकल की रिर्पोट की प्रति देवें तथा बतावें की क्या दाई हथेली के ऊपर लगी मामूली से चोट पर 307 की धारा किस नियम से बढ़ाई गई तथा किस दिनांक को किस की अनुमति से बढ़ाई गई।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। अतः अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सकते है। (ख) दिनांक 14-15.11.2020 की रात्रि करीब 01:00 बजे थाना सैलाना पर विपुल प्रजापति उसके भाई सोनू प्रजापति के साथ उपस्थित हुआ और उसके द्वारा महेन्द्र, सागर, सिध्दार्थ व उसके साथियों के विरुद्ध गाली गुफ्तार व हाथ मुक्को से मारपीट करने की रिपोर्ट करने पर थाना सैलाना पर असंज्ञेय अपराध क्र. 422020 धारा 323,504 भादवि का पंजीबद्ध कर रात्रि में ही सोनू प्रजापति विपुल प्रजापति का तत्काल प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र सैलाना पर मेडिकल परिक्षण कराया गया था। विपुल व सोनू प्रजापति रात्री 10:40 बजे थाना सैलाना पर रिपोर्ट कराने नहीं आये थे। इसके पूर्व फरियादी विशाल द्वारा आरोपी विपुल प्रजापति, सोनू प्रजापति के विरूद्ध दिनांक 14.11.2020 के रात्रि करीब 23:10 बजे थाने में रिपोर्ट करने पर अप. क्र. 284/2020, धारा 308, 34 भादवि. का दर्ज कराया गया था। (ग) जी नहीं। दिनांक 14.11.2020 को अपराध क्रमांक 284/2020 धारा 308,34, भादवि पंजीबद्ध किया गया था, जो विवेचना पर धारा 307,34 भादवि में परिवर्तित किया गया। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, अतः अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं।
जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक में दिये गये निर्देशों का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 948 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 03.12.19 को जिला स्तरीय वि़द्युत सलाहकार समिति रीवा की बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा (प्रतिनिधि कलेक्टर रीवा) द्वारा निर्देश दिया गया कि मऊगंज विद्युत वितरण केन्द्र अन्तर्गत ग्राम चौरा पहाड़ में ठेकेदार द्वारा सौभाग्य योजना अन्तर्गत कनेक्शन के नाम पर पैसा लिया गया? कनेक्शन नहीं किये जाने के बावजूद बिल दिया जाना जारी किया गया तथा गाँव के एक हिस्से में विद्युतीकरण भी नहीं किया गया, की जाँच कार्यपालन अभियंता मऊगंज जाँच करें जिसका विवरण भी कार्यवाही रजिस्टर के क्रमांक 2 पर दर्ज किया गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही रजिस्टर की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्देश के परिपालन में कोई जाँच की गयी? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें तथा शिकायत पर क्या ग्रामीणों के भी बयान लिये गये? प्रति उपलब्ध करायें तथा ठेकेदार के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गयी तथा चौरा पहाड़ के विद्युत विहीन ग्रामीणजनों को कब-तक विद्युतीकरण कर विद्युत सुविधा प्रदान कर दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक दिनांक 03.12.2019 का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, जिसके बिन्दु क्रमांक 2 पर प्रश्नाधीन अनियमितता की जाँच कराए जाने संबंधी आदेश का भी उल्लेख किया गया है। (ख) जी हाँ, उक्त के परिपालन में कार्यपालन अभियंता (सं/सं) मऊगंज द्वारा जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन एवं शिकायत पर ग्रामीणों के बयान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। ग्राम चैरा पहाड़ पूर्व से ही विद्युतीकृत है एवं ग्राम में कोई भी घर विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। उक्त ग्राम में सौभाग्य योजना अंतर्गत कोई भी कार्य नहीं किया गया है। ग्राम में पूर्व से विद्यमान विद्युत कनेक्शनों को नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
गुमशुदा/लापता/अपहृत व्यक्तियों की जानकारी
[गृह]
37. ( क्र. 961 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगाँव विधानसभा के ग्राम महतैन थाना सिंहपुर से 6 नवम्बर 2011 को रमेश देवनाथ आत्मज रवि देवनाथ के लापता होने की सूचना थाना सिंहपुर में दर्ज कराई गई थी, जिस पर कोई ठोस कार्यवाही न होने एवं लापता/अपहृत व्यक्ति की तलाश न हो पाने पर प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपनें पत्र क्रमांक 653 दिनांक 18/12/2020 से माननीय गृह मंत्री म.प्र. शासन को एवं पुलिस महानिदेशक भोपाल को कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया था, कार्यवाही की पूर्ण जानकारी देवें? (ख) इसी प्रकार पूर्व में भी श्री प्रकाश बागरी आत्मज श्री छेदीलाल बागरी ग्राम खडौरा थाना सिंहपुर एवं रामजी बागरी/भगवानदास बागरी के लापता होने पर भी थाने में सूचना दी गई थी जिनको कि लापता हुये लगभग 20 वर्ष से अधिक का समय हो गया है किन्तु पुलिस द्वारा न तो कोई कार्यवाही की गई और न ही एफ.आई.आर. ही दर्ज की गई जिसके कारण लापता व्यक्तियों के वारिसों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हॉ/नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण जानकारी देवें, यह बतावें कि लापता/अपहृत हुये उक्त लोगों को खोजने के लिये क्या-क्या किया गया? प्रश्नांश (ख) के प्रकरणों में तत्समय एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई? पूर्ण जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 07.11.2020 को फरियादी रवि देवनाथ द्वारा थाना सिंहपुर में उसके पुत्र रमेश देवनाथ के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट पर बताया गया था कि दिनांक 06.11.2020 को रात्रि करीब 10.00 बजे रमेश देवनाथ घर से मोटर सायकल लेकर निकला था। दिनांक 07.11.2020 को आवेदक के छोटे लड़के रुपेश देवनाथ ने फोन लगाया तो उसका फोन रिसीव नहीं हो रहा है, आसपास तलाश करने पर रमेश नहीं मिला। ऐसी सूचना पर थाना सिंहपुर में गुमशुदगी क्रमांक 45/2020 दर्ज की जाकर जाँच प्रारंभ की गई जाँच में की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं गुमशुदा की तलाश न होने पर प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 653 दिनांक 18.12.2020 पत्र का कार्यालय में आना नहीं पाया गया है। (ख) जी नहीं थाना सिंहपुर में प्रकाश बागरी आत्मज श्री छेदीलाल बागरी निवासी खडौरा एवं रामजी बागरी तनय भगवानदास बागरी के लापता होने की सूचना दर्ज होना नहीं पाई गई। (ग) प्रश्नांश (क) गुमशुदा देवनाथ के दस्तयाबी के प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। गुम इंसान की जाँच की वर्तमान स्थिति में गुम इंसान रमेश देवनाथ के साथ किसी भी प्रकार के संज्ञेय अपराध घटित होने के कोई साक्ष्य अभिलेख पर नहीं आये है। गुमशुदा की दस्तयाबी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे है। बिंदु (ख) में दिये गये गुमशुदा व्यक्तियों के गुमने की सूचनाएं थाने में दर्ज होना नहीं पाई गई।
विद्युत समस्या निदान हेतु 132 केव्ही पावर स्टेशन एवं उपकेन्द्रों का निर्माण
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 964 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगाँव विधानसभा में विद्युत आपूर्ति की समस्या, जले ट्रांसफार्मरों को समय पर न बदलने आदि के कारण क्षेत्र की आम जनता को भारी संकट का सामना करना पड़ा है, क्या विद्युत की समस्या को देखते हुये प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रबंध संचालक पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि.जबलपुर एवं मुख्य महाप्रबंधक (कार्य) पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि.जबलपुर की प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही का अनुरोध किया है? यदि हाँ, तो यह बतावें कि माह जनवरी 2019 से किये गये उक्त पत्राचारों पर क्या-क्या कार्यवाहियाँ कब-कब की गई है जानकारी देवें यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें? (ख) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में 132 केव्ही के पावर स्टेशन स्थापित करने एवं ओढकी, शिवराजपुर, मुढहा में सब स्टेशन बनाने से विद्युत की समस्या से छुटकारा मिल सकता है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक कराये जावेंगे? यदि नहीं तो विद्युत समस्या के निदान के कोई स्थाई समाधान न कर वैकल्पिक माध्यमों का प्रयोग कर कब तक क्षेत्र की आम जनता को विद्युत आपूर्ति की समस्या से निजाद दिलाई जावेगी, विवरण सहित पूर्ण जानकारी दें? प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार रैगाँव विधानसभा में विद्युत समस्या के निदान हेतु उच्चस्तरीय टीम बनाकर सर्वे कार्य कराकर कब तक 132 केव्ही पावर स्टेशन निर्माण एवं उपकेन्द्रों का निर्माण कराया जावेगा, यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्रश्नाधीन क्षेत्र की विद्युत समस्या, 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना आदि विषयों पर प्रश्नाधीन अवधि में प्रबंध संचालक एवं मुख्य महाप्रबंधक (कार्य), म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को पत्र प्राप्त हुए है, जिन पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तत्समय की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत की गंभीर समस्या नहीं है। तथापि विद्युत प्रणाली पर भार एवं भविष्य में होने वाली भार वृद्धि के दृष्टिगत मूल्यांकन कर तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता अनुसार विद्युत अधोसंरचना विकास में कार्य किये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। इसी तारतम्य में रैगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बनाने का प्रस्ताव क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त किया जा रहा है। उक्त प्रस्ताव के तकनीकी परीक्षण उपरांत साध्य पाये जाने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्य करने हेतु निर्णय लिया जा सकेगा। वर्तमान में ग्राम ओढकी, शिवराजपुर एवं मुढहा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। तथापि भविष्य में भार वृद्धि की संभावना को देखते हुए रैगांव विधानसभा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से तकनीकी रूप से साध्य पाये गये कार्यों यथा-11 के.व्ही. फीडर विभक्तिकरण, 11 के.व्ही. फीडर इंटरकनेक्शन, पॉवर ट्रांसमिशन क्षमता वृद्धि आदि को आगामी वर्ष की कार्य योजना में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार शामिल किये जाने हेतु निर्णय लिया जायेगा, जिसकी संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपरोक्तानुसार की जा रही कार्यवाही/प्रस्तावित कार्यों के परिप्रेक्ष्य में रैगांव विधानसभा क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु उच्चस्तरीय टीम बनाकर सर्वे कार्य कराये जाने की आवश्यकता नहीं है।
विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के परिनियम 28 की धारा 22 (1) के उल्लंघन पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
39. ( क्र. 983 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निजी महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति म.प्र. विश्व विद्यालय अधिनियम 1973 के अंतर्गत परिनियम क्रमांक 28 (कॉलेज कोड) के तहत की जाती है तथा उक्त परिनियम की धारा 22 (1) में उल्लेख है कि विभिन्न वर्ग के शिक्षकों, प्राचार्य सहित का वेतन वही होगा, जो कि समय-समय पर राज्य शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय के उस वर्ग के शिक्षकों हेतु निर्धारित किया जायेगा? (ख) क्या म.प्र. के किसी भी निजी महाविद्यालय में, संशोधित अधिनियम 2000 का 26, जिसे म.प्र. अशासकीय शिक्षण संस्था (अध्यापकों तथा अन्य कर्मचारियों के वेतन का संदाय) अधिनियम 2000 कहा गया है, जो कि 22/08/2000 से लागू है के पश्चात, शिक्षकों को शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के समकक्ष वेतन नहीं दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता की जानकारी में किसी भी अशासकीय महाविद्यालय में औसतन 10000/- रूपये प्रतिमाह से अधिक वेतन नहीं दिया जाता एवं इन महाविद्यालयों की वित्तीय स्थिति को देखते हुए दिया भी नहीं जा सकता, तो क्या यह परिनियम 28 की धारा 22 (1) का उल्लंघन नहीं है? यदि है तो शासन क्या कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेरा अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध अध्यक्ष का हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 984 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रेरा म.प्र. में अध्यक्ष एवं सदस्य के निकाले जाने के पश्चात प्रोजेक्ट पंजीयन का कार्य बंद होने से प्रमोटर द्वारा प्रचार प्रसार नहीं किया जा पा रहा है ना ही बुकिंग की जा पा रही है, यदि हाँ, तो क्या इस स्थिति में क्या शासन रेरा एक्ट में छूट प्रदान करेगा? (ख) 4 माह से रेरा अध्यक्ष का पद रिक्त है, रेरा एक्ट में अध्यक्ष, सदस्य की कार्य अवधि कम करने, निकाले जाने अथवा पद भरे जाने का क्या प्रावधान है? क्या शासन द्वारा अध्यक्ष, सदस्य को निकाले जाने अथवा पद भरने में अधिनियम के प्रावधानों अनुरूप कार्यवाही की गयी है? (ग) वर्तमान में रेरा म.प्र. में प्रोजेक्ट पंजीयन हो रहा है अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रेरा म.प्र. में अध्यक्ष एवं सदस्य के निकाले जाने के पश्चात केवल नवीन प्रोजेक्ट पंजीयन का कार्य बंद है। शासन द्वारा नये अध्यक्ष तथा सदस्य की नियुक्ति शीघ्र की जा रही हैं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रेरा अधिनियम की धारा-21, 23 एवं 26 में प्रावधान है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ग) जी नहीं।
स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 990 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के अंतर्गत कितनी नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् हैं? सभी के नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले की किन-किन नगर पालिकाओं, नगर परिषदों में आर्थिक अनियमितताओं के कितनें प्रकरणों की जाँच चल रही हैं? जाँच दलों में कौन-कौन सदस्य हैं? जाँच कब से लंबित है? जाँच के निष्कर्ष क्या हैं? कितने लोगों पर कार्यवाही की गई है? कितनी आर्थिक वसूली की गई है? निकायानुसार जानकारी दें तथा कौन-कौन सी जांचों में निर्णय लंबित हैं तथा उक्त जांचे कब तक पूर्ण हो जावेगी? नगर पालिका/नगर परिषद् एवं नगर निगम बार जानकारी देंवे। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या नगर परिषद् लटेरी, जिला विदिशा में हुई भारी अनियमितताओं, भारी भ्रष्टाचार, अवांछित नियुक्तियों जैसी अन्य गंभीर शिकायतों की जाँच लोकायुक्त/कलेक्टर विदिशा एवं विभागीय स्तर पर की गई है? यदि हां, तो इसमें कौन-कौन दोषी पाया गया है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? दोषी पाये जाने के उपरांत भी कार्यवाही न किये जाने के पीछे कौन दोषी है? नाम बतावें। यदि कुछ जाँच अभी भी अधूरी हैं तो जाँच पूरी कर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी? (घ) क्या नगर पंचायत लटेरी के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा लोकायुक्त की जाँच की कार्यवाही के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर से स्थगन लिया है? यदि हां, तो स्थगन की छायाप्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं, तो विभाग द्वारा अभी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? तथा विभाग द्वारा स्थगन आदेश के विरूद्ध क्या पक्ष रखा गया? कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। दोषियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। स्थगन एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी, लटेरी द्वारा प्रस्तुत जवाब दावा (पक्ष) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
हत्या, अपहरण, बलात्कार, लूट, डकैती एवं चोरी के प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
42. ( क्र. 993 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गवालियर जिले में किन-किन व्यक्तियों की हत्याओं, अपहरण, बलात्कार, लूट, डकैती एवं चोरी 1 जुलाई से 31 जनवरी 2021 तक हुई है उनका नाम, पिता/पति का नाम, जाति, थाना, पता सहित बतावें क्या इन घटनाओं में संलिप्त अपराधी पकड़े गये है यदि हाँ तो उनके नाम घटना वाईज स्पष्ट करें। यदि फरार है तो कब तक पकड लिये जावेगें तथा अज्ञात व्यक्तियों की कब तक खोज कर ली जावेगी एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में थाना गिरवाई, मांधोगंज, जनकगंज, पुरानी छावनी, इन्दरगंज, भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले थानों में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्त है उनका नाम, पद, वैज नं. पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें? उक्त थानों में 3 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर कौन-कौन पुलिस कर्मचारी पदस्थ है क्या उनकों अन्यत्र थानों में स्थानान्तरण किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तों? क्यों कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त थानों में कितने-कितने पद 1 फरवरी 2021 की स्थिति में किस-किस स्तर के पुलिस कर्मचारियों के रिक्त है उनकी कब तक पूर्ति कर ली जावेगी? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 03 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है जिनका स्थानांतरण प्रशासनिक आधार पर किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति अधिकारी/कर्मचारियों की उपलब्धता पर निर्भर है, अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा विश्व बैंक से प्राप्त ऋण राशि का प्रयोजन
[उच्च शिक्षा]
43. ( क्र. 996 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 से प्रश्नांकित अवधि तक मध्यप्रदेश में विभाग द्वारा विश्व बैंक से ऋण लेने हेतु प्रस्ताव बनाकर कब भेजा गया एवं प्रस्ताव में किन-किन कार्यों हेतु राशि चाही गई एवं कितनी राशि का ऋण लिया गया? तथा ऋण कब प्राप्त किया गया? कितनी राशि ऋण में प्राप्त हुई? बतलावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्राप्त ऋण राशि में से भोपाल संभाग के किन-किन विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को किन-किन कार्यों हेतु वर्षवार कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर आवं