मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2017
सत्र
मंगलवार, दिनांक 25 जुलाई, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
फीडर
सेपरेशन का
कार्य
[ऊर्जा]
1. ( *क्र. 2749 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई वि.स. क्षेत्र के विकासखण्ड प्रभात पट्टन में फीडर सेपरेशन का कार्य किस ठेकेदार द्वारा एवं किस अधिकारी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो ग्राम काजली के कार्य की गुणवत्ता की शिकायतें ग्रामीणों एवं जन-प्रतिनिधियों द्वारा करने के उपरांत भी कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार दोषी अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध विभाग कब तक और क्या कार्यवाही करेगा? दिनांक सहित स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड प्रभात पट्टन में फीडर विभक्तिकरण का कार्य निविदा द्वारा चयनित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स अग्रवाल पॉवर प्रा.लि. भोपाल द्वारा किया जा रहा है। उप महाप्रबंधक (संचा./संधा.) मुलताई एवं स्वतंत्र निरीक्षण इकाई के रूप में नियुक्त प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट एजेन्सी मेसर्स एस.जी.एस. (इंडिया) प्रा.लि. भोपाल द्वारा कार्य का निरीक्षण किया जा रहा है। (ख) जी, हाँ। तथापि निरीक्षण में कार्य की गुणवत्ता में कमी/त्रुटि पाये जाने पर ठेकेदार एजेन्सी से आवश्यक सुधार कार्य करवाया जाता है। (ग) ग्राम काजली के कार्य की गुणवत्ता के संबंध में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कार्य के दौरान ग्राम काजली के ग्रामीणों एवं जन-प्रतिनिधियों द्वारा निम्नदाब लाईन के 3 पोल तिरछे होने की मौखिक शिकायत की गई थी, जिसके तारतम्य में पोल सीधे करने सहित आवश्यक सुधार कार्य करवा दिया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/ठेकेदार एजेन्सी के दोषी नहीं होने से उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
आनंद उत्सव के आयोजन में व्यय राशि
[आनन्द]
2. ( *क्र. 2254 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आनंद विभाग बनने के बाद प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का व्यय किया गया? (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 हेतु छतरपुर जिले में कौन-कौन से कार्यों हेतु व्यय किया गया? कार्यों का विवरण दें। (ग) विभाग के जिला स्तर पर नोडल अधिकारी कौन हैं? कार्य योजना कौन-कौन सी बनाई गई, जिसमें कौन से परिणाम प्राप्त हुए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में आनंद विभाग बनने के बाद विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 1,40,90,848/- का व्यय किया गया। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 में छतरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 14 से 21 जनवरी, 2017 में आनंद उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें खेल गतिविधियां एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिन पर कुल व्यय राशि रूपये 18,11,366/- हुआ। यह व्यय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा उपलब्ध आवंटित राशि के विरूद्ध किया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में छतरपुर जिले में कोई भी व्यय नहीं किया गया है। (ग) श्री जे.एन. चतुर्वेदी, सहायक संचालक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, छतरपुर जिले हेतु नामांकित नोडल अधिकारी हैं। प्रदेश स्तर पर (1) आनंद उत्सव (2) आनंदम (3) अल्पविराम (4) आनंद सभा (5) आनंद क्लब कार्यक्रम संचालित हैं। परिणाम उत्साह जनक हैं।
लेखापाल संवर्ग को द्वितीय समयमान का लाभ
[वित्त]
3. ( *क्र. 1050 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय कोष एवं लेखा भोपाल का पत्र क्रमांक 560/09.11.2012, स्मरण पत्र क्रमांक 393/02.12.2013, 249/26.06.2014 एवं अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 347/01.09.2014, 498/02.12.2014 के उत्तर में अपर संचालक, कोष एवं लेखा संचालनालय भोपाल को उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग, मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी पत्र दिनांक 28.07.2015 प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो संचालनालय एवं मंत्रालय के पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त पत्रों के क्रम में प्रश्नकर्ता द्वारा अपर संचालक, कोष एवं लेखा पेंशन भोपाल, अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग, भोपाल को प्रेषित किये गये पत्र क्रमश: 6921/28.05.2017, 6820/28.04.2014 में कौन-कौन सी जानकारी चाही गई वह उपलब्ध करवाई जा चुकी है, नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त, कोष एवं लेखा/संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा संभाग भोपाल को प्रेषित किये गये पत्र क्रमांक 6890, दिनांक 19.05.2017 का उत्तर/जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई? इसके लिए भी कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के क्रम में यह बतावें कि लेखापाल संवर्ग को द्वितीय समयमान की पात्रता है या नहीं? यदि नहीं, तो आर्थिक हानि के लिये कौन जिम्मेदार है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 अनुसार है। (ख) कार्यालय अभिलेख के अनुसार वर्णित पत्र क्रमांक 6921, दिनांक 28.5.2017 एवं पत्र क्रमांक 6820, दिनांक 28.4.2014 प्राप्त होना ज्ञात नहीं हो रहा है। (ग) पत्र दिनांक 19.5.2017 का परीक्षण किया जा रहा है। (घ) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 16.5.2017 के द्वारा लेखापाल के ग्रेड वेतन का उन्नयन किये जाने से उन्नयित वेतन की पात्रता हो गई है। समयमान वेतनमान की अवधारणा सिविल सेवा पर आधारित होने से शासकीय सेवक जिस सेवा के सदस्य रहते हैं, उस सेवा के अनुसार समयमान की पात्रता रहती है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( *क्र. 1116 ) श्री मोती कश्यप : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य में कुल आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या कितनी है तथा जिला कटनी के किन-किन विकासखण्डों में केन्द्रों की संख्या कितनी है और उनमें कितने बालक-बालिकायें प्रविष्ट हैं? (ख) प्रश्नांश (क) केन्द्रों में कितनी आयु के बालक-बालिकाओं को किस उद्देश्य से प्रवेश प्रदान किया जाता है और वर्ष के कितने दिन उनके पोषण की देख-रेख की जाती है तथा क्या ग्रीष्मकाल के माह अप्रैल से जून की भीषण गर्मी में उन्हें छुट्टियां प्रदान कर दी जाती है? (ग) क्या राज्य के आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालक-बालिकाओं को भीषण गर्मी से राहत प्रदान करने हेतु भवनों में विद्युत कनेक्शन एवं पंखों की व्यवस्था की गई है? (घ) क्या दिनांक 17.5.2017 को विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम दशरमन की आदिवासी मोहल्ला के आंगनवाड़ी केन्द्र की सहायिका श्रीमती मीराबाई पति श्री रामजी कुशवाह, उम्र 50 वर्ष को भीषण गर्मी से ब्लडप्रेशर बढ़ने से पैरालाइसिस अटैक आने पर उसे सामुदायिक स्वा.केन्द्र उमरियापान में भर्ती कराया गया है? (ड.) क्या विभाग राज्य के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत एवं पंखे की व्यवस्था कराकर नौनिहाल बच्चों के जीवन की रक्षा हेतु विभागीय बजट में प्रावधान कर क्रियान्वित करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राज्य में कुल 84465 आंगनवाड़ी केन्द्र व 12670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं। कटनी जिले में 1531 आंगनवाड़ी केन्द्र व 179 मिनी आंगनवाड़ी संचालित हैं। जिला कटनी के 06 विकासखण्डों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या एवं उनमें प्रविष्ट बालक-बालिकाओं का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) केन्द्रों में 06 वर्ष तक आयु के बालक बालिकाओं को दर्ज कर आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से निम्नानुसार सेवायें प्रदान करने के उद्देश्य से दर्ज (प्रवेश) किया जाता है :- (1) पूरक पोषण आहर, (2) स्वास्थ्य जाँच, (3) संदर्भ सेवा, (4) टीकाकरण, (5) पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा (6) स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा। आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों को 300 दिवस पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जाता है। ग्रीष्मकाल के अप्रैल से जून माह में छुट्टियां दिये जाने का प्रावधान नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। (ड.) सौर ऊर्जा के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर विद्युत प्रदाय किये जाने की योजना विचाराधीन है।
सांझा चूल्हा योजना में खाद्यान्न सप्लाई
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( *क्र. 1935 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांझा चूल्हा योजनांतर्गत छतरपुर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किस संस्था द्वारा खाद्यान्न सप्लाई किया जा रहा है एवं सप्लाई का रेट क्या है? (ख) क्या सप्लाईकर्ता संस्था द्वारा खण्ड स्तरीय कार्यालय तक ही खाद्यान्न भेजा जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या खण्ड स्तरीय कार्यालय से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं खाद्यान्न प्राप्त कर केन्द्र तक परिवहन कर ले जाती हैं? क्या उन्हें परिवहन व्यय दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) जिलान्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र को कितना-कितना परिवहन व्यय दिया गया? (ड.) खण्ड स्तरीय कार्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक खाद्यान्न परिवहन का कार्य किसके द्वारा किया जाता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले में सांझा चूल्हा योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर खाद्यान्न सप्लाईकर्ता संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इन संस्थाओं द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्ता 2/- रू. प्रति हितग्राही एवं भोजन 4/- रू. प्रति हितग्राही के मान से दिया जाता है। (ख) सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों के लिये मध्यान्ह भोजन प्रदायकर्ता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार नाश्ता/भोजन आंगनवाड़ी केन्द्र मुख्यालय पर उपलब्ध कराया जाता है। 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती धात्री माताओं के लिए एम.पी. एग्रो के माध्यम से पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) खण्ड स्तरीय परियोजना मुख्यालय तक उपलब्ध कराया जाता है। (ग) खण्ड स्तरीय कार्यालय से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं केन्द्र पर परिवहन कर खाद्यान्न नहीं ले जाती हैं और न ही उन्हें किसी प्रकार का परिवहन व्यय दिया जाता है। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं के लिये एम.पी. एग्रो से प्राप्त पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का परिवहन परियोजना गोदाम से आंगनवाड़ी केन्द्र मुख्यालय तक परिवहनकर्ताओं के माध्यम से कराया जाता हैं। (घ) सांझा चूल्हा योजनान्तर्गत संस्थाओं को किसी भी प्रकार का परिवहन व्यय नहीं दिया जाता है। प्रश्नांश वर्षों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोई भी परिवहन व्यय नहीं दिया गया है। (ड.) खण्ड स्तरीय कार्यालय तक एम.पी. एग्रो के माध्यम से प्राप्त पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का परिवहन आंगनवाड़ी केन्द्रों तक कराया जाता है। वर्तमान में परिवहनकर्ता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विद्युत तारों की सुरक्षा
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 2581 ) डॉ. मोहन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युतीकरण के कार्य के दौरान खुले तारों के नीचे सुरक्षा की दृष्टि से गार्डिंग लगाये जाने का प्रावधान अनिवार्य होता है? यदि हाँ, तो उज्जैन जिले में सभी जगह विद्युत लाइनों के नीचे गार्डिंग का कार्य करवाया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विद्युत लाइनों को डालते समय सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य गार्डिंग का कार्य जिन विद्युत लाइनों में नहीं हुआ है। उसके लिए जिम्मेदारों के विरूद्ध कोई कार्यवाही का प्रावधान है अथवा नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, विद्युतीकरण के कार्य के दौरान खुले तारों के नीचे सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक विद्युत लाईन के नीचे गार्डिंग लगाये जाने का प्रावधान अनिवार्य नहीं है, किन्तु विद्युत लाईन के रोड से क्रासिंग स्थल, नदी से क्रासिंग स्थल एवं रेलवे लाईन से क्रासिंग लोकेशन पर गार्डिंग लगाये जाने का प्रावधान होता है। उज्जैन जिले में ऐसे सभी क्रासिंग स्थलों पर विद्युत लाईनों के नीचे गार्डिंग का कार्य करवाया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
132 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन का निर्माण
[ऊर्जा]
7. ( *क्र. 2235 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलखेड़ा में 132 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन के निर्माण/स्थापना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त 132 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा, ताकि इस क्षेत्र के किसानों की विद्युत आपूर्ति बेहतर ढंग से हो सके।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलखेड़ा में निर्माणाधीन 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य ठेकेदार मेसर्स बी.एस. लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा धीमी गति से किये जाने के कारण ठेका दिनांक 22.02.2017 को निरस्त किया जा चुका है। ठेका निरस्त किये जाने तक 15 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका था। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा 132 के.व्ही. उपकेन्द्र बेलखेड़ा का निर्माण कार्य स्वीकृत कर कार्य निविदा आधार पर चयनित न्यूनतम निविदाकार मेसर्स बी.एस. लिमिटेड, हैदराबाद को दिया गया था। ठेकेदार मेसर्स बी.एस. लिमिटेड हैदराबाद द्वारा उक्त उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, परन्तु धीमी गति से कार्य किये जाने के कारण मेसर्स बी.एस. लिमिटेड का ठेका निरस्त कर दिया गया है। 132 के.व्ही. उपकेन्द्र बेलखेड़ा के शेष कार्यों को निविदा की शर्तों के अनुसार मेसर्स बी.एस. लिमिटेड की रिस्क एवं कास्ट के अंतर्गत पूर्ण करवाने हेतु निविदा दिनांक 28.06.2017 को जारी की जा चुकी है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर आदेश जारी किए जाने की कार्यवाही की जाएगी। तत्पश्चात् उपकेन्द्र का शेष निर्माण कार्य प्रारंभ किया जायेगा। अत: वर्तमान में निर्माण कार्य प्रारंभ होने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
पहुंच मार्ग की मरम्मत
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 2671 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला स्थित टोन्स हायडल प्रोजेक्ट विद्युत गृह क्र. 1 तक के लिये ग्राम-इटमा (जीरो) से बनाया गया पहुंच मार्ग मरम्मत योग्य है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पहुंच मार्ग की मरम्मत क्यों नहीं की गई तथा मेड़ी नाला के पास क्षतिग्रस्त हो चुकी स्टेवॉल का पुन: निर्माण क्यों नहीं कराया गया? (ग) प्रश्नाधीन पहुंच मार्ग की विद्युत गृह के लिये आवश्यकता है अथवा नहीं? (घ) यदि हाँ, तो मरम्मत कार्य कब तक कराया जायेगा और यदि नहीं, तो नष्ट हो रहे पहुंच मार्ग को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित नहीं करने का औचित्य बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला रीवा स्थित ग्राम-इटमा (जीरो) से टोंस हायडल प्रोजेक्ट विद्युत गृह क्रमांक-एक तक के लिये पहुंच मार्ग वर्ष 2016 में अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसका आवश्यकतानुसार संधारण कार्य किया जा चुका है। अत: वर्तमान में सुधार कार्य की आवश्यकता नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार संधारण कार्य किये जा चुके हैं, जिसमें मेड़ी नाला के पास क्षतिग्रस्त हो चुकी स्टेवॉल भी शामिल है। अत: आवश्यक संधारण के पश्चात् स्टेवॉल का पुनर्निर्माण आवश्यक नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन पहुंच मार्ग की आवश्यकता विषम परिस्थितियां उत्पन्न होने पर भारी सामान लाने ले जाने हेतु एवं लिफ्ट में सुधार कार्य के दौरान होती है। अत: पहुंच मार्ग विद्युत गृह के लिये आवश्यक है। (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाये अनुसार प्रश्नाधीन मार्ग में संधारण कार्य किये जा चुके हैं एवं आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य किया जाता है। विद्युत गृह की आवश्यकता को देखते हुये इस मार्ग का लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण विचारणीय नहीं है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना का क्रियान्वयन
[आदिम जाति कल्याण]
9. ( *क्र. 2481 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत छतरपुर जिले को वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई। (ग) छतरपुर जिले में ऐसे कितने गाँव हैं, जहाँ अनुसूचित जनजाति की कुल जनसँख्या 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तथा कम से कम अनुसूचित जनजाति के 20 परिवार निवास करते हों? विधानसभा क्षेत्र अनुसार नाम सहित जानकारी प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्रवार प्रदाय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सुमावली विधानसभा क्षेत्र के मजरे, टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 1880 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के 636 मजरे, टोलों को 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ठेकेदार मेसर्स बजाज इलेक्ट्रीकल्स मुम्बई को कार्य दिया गया था? कार्यादेश कब जारी किया एवं कितनी राशि बजाज कंपनी को देनी थी? (ख) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के कितने मजरे टोलों का कार्य जून 2017 तक पूर्ण किया जा चुका है? कार्य करने की समय-सीमा क्या थी? विद्युतीकरण हेतु क्या जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग को कंपनी द्वारा धीमी गति के कार्यों के बारे में पत्र लिखा गया था? (ग) क्या नियत समय में कार्य नहीं हो पाने के कारण विभाग द्वारा ठेकेदार बजाज कंपनी पर पेनल्टी लगाई जा रही है? क्या कंपनी द्वारा कार्य बंद किया जा रहा है? बचे हुए मजरे टोलों का कार्य किस कंपनी से कराया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक किस-किस कंपनी से कार्य कराया जा चुका है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत मुरैना जिले के 3101 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड मुम्बई को दिनांक 10.09.2014 को राशि रू. 106.09 करोड़ के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड जारी किया गया था। उक्त कार्य में डी.पी.आर. अनुसार सुमावली विधानसभा क्षेत्र के 636 मजरे/टोले सम्मिलित थे, किन्तु उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय उपलब्धता के आधार पर सुमावली विधानसभा क्षेत्र के 215 मजरों/टोलों को विद्युतीकरण कार्य हेतु सम्मिलित किया जा सका। (ख) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में जून 2017 तक 213 मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य संपादित कराया जा चुका है। ठेकेदार एजेन्सी को दिये गये अवार्ड की शर्तों के अनुसार उक्त योजना के कार्य पूर्णता की समय-सीमा 10.09.2016 निर्धारित थी, जिसे म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. भोपाल के पत्र क्र. एम.डी./एम.के./प्रोजेक्ट/आर.जी.जी.व्ही.व्हाय./1236, दिनांक 10.11.2016 द्वारा दिनांक 30.06.2017 तक बढ़ा दिया गया था। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार प्रश्नाधीन किये जा रहे कार्यों की धीमी गति के संबंध जिले के माननीय जनप्रतिनिधियों से कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) जी हाँ, नियत समय-सीमा में कार्य नहीं किये जाने का कारण ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड मुम्बई के देयकों में से अवार्ड की शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप रू. 3.11 करोड़ की राशि काटी जा चुकी है। उक्त कंपनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कार्य बन्द नहीं किया तथा सुमावली विधानसभा क्षेत्र के उक्त शेष 2 मजरों/टोलों का कार्य प्रगति पर है। प्रश्नाधीन उक्त योजनांतर्गत शेष मजरों/टोलों में विद्युतीकरण कार्य वित्तीय उपलब्धता के आधार पर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में कराया जावेगा। उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अवार्ड जारी हो जाने के पश्चात् टर्न-की ठेकेदार के नाम से अवगत कराया जाना संभव हो सकेगा। प्रश्नाधीन ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स केईसी इंटरनेशनल गुड़गाँव से कार्य कराया गया था, किन्तु समय-सीमा में कार्य नहीं किये जाने के कारण उक्त ठेकेदार एजेंसी का अनुबंध दिनांक 23.11.2013 को निरस्त कर बैंक ग्यारंटी की राशि राजसात कर ली गई थी।
शासकीय सेवकों के स्वत्वों के भुगतान की प्रक्रिया
[वित्त]
11. ( *क्र. 1955 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत दिनांक 01.01.2005 के पश्चात् नियुक्त शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति/आकस्मिक मृत्यु होने पर किन-किन स्वत्वों का कितना-कितना भुगतान किया जाता है? स्वत्ववार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) दिनांक 01.01.2005 के पश्चात् नियुक्त शासकीय सेवकों को पेंशन अंशदान खाते में जमा राशि के अंतिम भुगतान की क्या प्रक्रिया है? सेवा अवधि में आवश्यकता होने पर पेंशन अंशदान खाते से राशि आहरण करने की क्या प्रक्रिया है? पेंशन अंशदान खाते में जमा राशि पर किस दर से कितना-कितना ब्याज दिया जाता है? (ग) दिनांक 01.01.2005 के पश्चात् नियुक्त शासकीय सेवक की आकस्मिक मृत्यु होने पर उस पर आश्रित पत्नि को प्रतिमाह पेंशन पाने की पात्रता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कितनी राशि की पात्रता है? पेंशन अंशदान खाते में जमा राशि के अभिलेखों का संधारण कैसे-कैसे तथा किनके द्वारा किया जाता है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत दिनांक 01.1.2005 के पश्चात् नियुक्त शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति/आकस्मिक मृत्यु होने पर मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 06.8.2014 की कंडिका-1 (अ) अनुसार कुल जमा अंशदान राशि का 60 प्रतिशत एक मुश्त भुगतान तथा 40 प्रतिशत राशि से एन्युटी खरीदनी होगी, जिससे सेवानिवृत्ति होने पर मासिक पेंशन प्राप्त होगी तथा कंडिका 1 (स) अनुसार मृत्यु होने पर कुल जमा अंशदान राशि का 100 प्रतिशत नामिनी को भुगतान किया जाता है। समूह बीमा योजना 2003 के प्रावधान अनुसार भुगतान किया जाता है। (ख) दिनांक 01.1.2005 के पश्चात् नियुक्त शासकीय सेवकों को पेंशन अंशदान खाते में जमा राशि का अंतिम भुगतान मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 06.8.2014 में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। सेवा अवधि में आवश्यकता होने पर पेंशन खाते से राशि आहरण हेतु कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई है। पेंशन अंशदान खाते में जमा राशि राज्य शासन द्वारा निर्धारित फण्ड मैनेजरों को आवंटित प्रतिशत के आधार पर स्टॉक मार्केट में निवेश से प्राप्त प्रतिफल पर लाभांश देय होता है। (ग) जी नहीं। पेंशन अंशदान खाते में जमा राशि संबंधी रिकार्ड्स का संधारण राज्य शासन द्वारा अधिकृत एन.एस.डी.एल. (रिकार्ड किपिंग एजेन्सी) द्वारा किया जाता है। एन.पी.एस. ट्रस्ट द्वारा अभिदाताओं की राशि पी.एम.एफ. द्वारा स्टॉक मार्केटिंग में निवेश किया जाता है।
खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 1011 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में विद्युतीकरण नहीं हुआ है तथा इसके क्या मुख्य कारण रहे? (ख) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत फीडर सेपरेशन तथा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य अप्रांरभ एवं अपूर्ण हैं तथा कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई किन-किन कारणों से बंद है एवं किन-किन ग्रामों में ट्रांसफार्मर जले एवं खराब हैं? उनको कब तक बदल दिया जाएगा? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2016-17 के पूर्व ही खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सभी 352 राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत कार्य दिनांक 30.06.2016 को पूर्ण हो चुका है। खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित 11 के.व्ही. के 54 फीडरों एवं उनसे संबद्ध 352 ग्रामों में से 53 फीडरों एवं उनसे संबद्ध 337 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य दिनांक 30.06.2017 तक पूर्ण हो चुका है तथा शेष एक 11 के.व्ही. फीडर एवं उससे संबद्ध 15 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसे कार्य पूर्णता की निर्धारित दिनांक 22.9.2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्तानुसार फीडर विभक्तिकरण के शेष कार्य का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में सभी ग्रामों का विद्युत प्रदाय चालू है। खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 77 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 40 प्रतिशत अथवा कुल उपभोक्ताओं में से 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा राशि जमा किये जाने पर उक्त जले एवं खराब ट्रांसफार्मर प्राथमिकता के आधार पर बदल दिये जावेंगे।
लहार विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 1166 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्रों में किस-किस योजना में कौन-कौन से ग्रामों, मजरों, टोलों में पूर्ण रूप से विद्युतीकरण किया जा चुका है। (ख) वर्तमान में लहार क्षेत्र के किन-किन ग्रामों, मजरों, टोलों में विद्युतीकरण किस-किस योजना अन्तर्गत कब तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या विभिन्न योजनाओं में प्रश्न दिनांक तक लहार विधान सभा क्षेत्र में विद्युतीकृत ग्रामों के अधूरे कार्यों को विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं एजेंसियों ने सांठ-गांठ कर पूर्ण विद्युतीकरण का कार्य किये जाने की जानकारी दी है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त विद्युतीकृत ग्रामों का भौतिक सत्यापन कराया जाकर, सत्यापन के आधार पर अपूर्ण कार्य को पूर्ण कार्य की जानकारी देने वाले संबंधित दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए शेष कार्यों को निश्चित समय-सीमा में पूर्ण कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये गये हैं, जिनका ग्राम/मजरा/टोलावार एवं योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगरीय क्षेत्रों में ए.डी.बी. (स्माल टाउन) योजनांतर्गत आलमपुर एवं दबोह में प्रणाली सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है। (ख) लहार विधानसभा में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं 100 तथा 100 से अधिक जनसंख्या वाले मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसका ग्रामों/मजरों/टोलों के नाम सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त कार्य सहित भिण्ड जिले हेतु स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: कार्य पूर्णता की समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, अपितु लहार विधानसभा क्षेत्र में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा उपलब्ध कराई गई 90 ग्रामों की सूची में से सभी ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (11वां एवं 12वां प्लान) के प्रावधानों अनुसार कार्य पूर्ण पाए जाने तथा उक्त में से 54 ग्रामों के आबादी क्षेत्र में केबलीकरण का कार्य, जो कि उक्त योजना में सम्मिलित नहीं था, शेष होने की जानकारी दी गई थी। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। तथापि उल्लेखनीय है कि लहार विधानसभा क्षेत्र सहित भिण्ड जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य कर रही टर्न-की ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य में विलंब किये जाने के कारण उसे जारी अवार्ड दिनांक 16.3.2017 को निरस्त कर दिया गया है तथा उत्तरांश (ग) में उल्लेखित 54 ग्रामों के केबलीकरण के कार्य सहित योजनांतर्गत शेष कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्रोटोकॉल का पालन
[सामान्य प्रशासन]
14. ( *क्र. 2107 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय महाविद्यालय, भीकनगांव में जनभागीदारी समिति में बैठक सूचना पत्र क्रमांक/480/17, दिनांक 10.06.2017 अनुसार अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) को समिति का उपाध्यक्ष पद का वर्णन कर उनका नाम प्रथम स्थान पर तथा विधायक को समिति का सदस्य का वर्णन कर द्वितीय स्थान पर लिख कर पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या वारंट ऑफ प्रेसीडेंस के आधार पर विधायक का प्रोटोकॉल अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के नीचे लिखना पद की गरिमा के अनुकूल है? नहीं तो क्या संबंधित प्राचार्य के खिलाफ कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी, जिससे भविष्य में किसी भी जनप्रतिनिधि पद की गरिमा को क्षति न हो तथा शासन द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन हो।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) ऑर्डर ऑफ प्रेसीडेंस की सारणी के क्रमांक 24 पर विधायक का नाम अंकित है। प्राचार्य द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का नाम जनभागीदारी समिति के उपाध्यक्ष होने के कारण ऊपर रखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहगढ़ उपकोषालय में कार्यरत अमला
[वित्त]
15. ( *क्र. 2496 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2208, दिनांक 03 मार्च, 2017 के परिप्रेक्ष्य में बताएं कि दिनांक 03 मार्च, 2017 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहगढ़ उप कोषालय में कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं तथा ड्राईंग पॉवर किसको है? (ख) नरसिंहगढ़ उपकोषालय में दिनांक 03 मार्च, 2017 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विभाग को कितनी-कितनी राशि का लेन-देन हुआ?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उप कोषालय नरसिंहगढ़ में 02 (दो) अधिकारी/कर्मचारी हैं। 1- उपकोषालय का प्रभारी अधिकारी तहसीलदार नरसिंहगढ़ है। 2-लिपिक वर्ग में एक कर्मचारी उपकोषालय में पदस्थ है। ड्राइंग पावर जिला कोषालय अधिकारी को है। (ख) नरसिंहगढ़ उपकोषालय में दिनांक 03 मार्च, 2017 से प्रश्न दिनांक तक माननीय विधायक, नरसिंहगढ़ को राशि रूपये 11,83,984/- मात्र एवं न्यायालय रिफण्ड एवं सिविल कोर्ट डिपॉजिट की राशि रू. 1,94,000/- का भुगतान हुआ है।
वोल्टेज समस्या ग्रस्त ग्रामों को निकटतम ग्रिड से जोड़ा जाना
[ऊर्जा]
16. ( *क्र. 1787 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के विद्युत वितरण केन्द्र मलावर के अंतर्गत जामी स्थित ग्रिड से ग्राम पाड़ली महाराजा (दूरी 3 कि.मी.) को विद्युत आपूर्ति फीडर से जोड़ दिया गया है? क्या वर्तमान में ग्राम पाड़ली महाराजा को विद्युत आपूर्ति पगारी बंगला ग्रिड से की जा रही है, जिसकी लाईन अनेकों ग्रामों से होते हुये, दूरी लगभग 15 कि.मी. होकर आती है तथा इसी प्रकार सुठालिया विद्युत वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम पीपल्या पेड़ात को भी विद्युत आपूर्ति वर्तमान में सुठालिया केन्द्र से की जा रही है, जो कि लगभग 20 कि.मी. घूमती हुई लाईन आती है, जबकि एक अन्य केन्द्र कानेड़ ग्रिड की दूरी पीपल्या पेड़ात ग्राम से एक-डेढ़ कि.मी. है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अधिक दूरी से विद्युत आपूर्ति होने से सिंचाई सीजन एवं बारहों माह आपूर्ति में बाधा एवं अल्प वोल्टेज की समस्या बनी रहती है? यदि हाँ, तो उपभोक्ताओं की मांग अनुसार समस्या निराकरण के लिये विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपरोक्त प्रश्नांश वर्णित ग्रामों के उपभोक्ताओं की मांग अनुसार विद्युत आपूर्ति की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के विद्युत वितरण केन्द्र मलावर के अंतर्गत ग्राम जामी में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य किया गया है, जिससे ग्राम पाड़ली महाराजा को विद्युत आपूर्ति हेतु जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में ग्राम पाड़ली महाराजा को विद्युत आपूर्ति 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र पगारी बंगला से निर्गमित 11 के.व्ही. भगवतीपुर फीडर से की जा रही है, जिसकी लंबाई लगभग 15 कि.मी. है। ग्राम पीपल्या पेड़ात को वर्तमान में विद्युत आपूर्ति 33/11 के.व्ही. सुठालिया उपकेन्द्र से नहीं अपितु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र कानेड़ से निर्गमित 11 के.व्ही. रायपुरिया फीडर से की जा रही है। उपरोक्त 11 के.व्ही. रायपुरिया फीडर की लंबाई लगभग 20 कि.मी. है। उपरोक्त ग्राम की कानेड़ 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र से दूरी 1.5 कि.मी. है, जिसे 11 के.व्ही. फीडर के माध्यम से कानेड़ उपकेन्द्र से जोड़ने का कार्य स्वीकृत है। (ख) प्रश्नाधीन दोनों ग्रामों में कतिपय अवसरों पर कम वोल्टेज एवं विद्युत आपूर्ति में बाधा संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है। प्राप्त शिकायत के तकनीकी परीक्षण उपरांत तकनीकी साध्यता अनुसार उत्तरांश (क) एवं उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ग्राम पाड़ली महाराजा का विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र जामी से जोड़ने तथा ग्राम पीपल्या पेड़ात का विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र कानेड़ से जोड़ने का कार्य फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत शामिल कर प्रारंभ कर दिया गया है तथा उक्त कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्याम इंडस पावर सोल्युशन नई दिल्ली, द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन समस्या के निराकरण हेतु उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कार्य दिसम्बर, 2017 तक पूर्ण होने संभावित हैं।
सम्मान निधि का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
17. ( *क्र. 2551 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में लोक नायक जय प्रकाश नारायण मीसा/डी.आई.आर. राजनैतिक एवं सामाजिक सम्मान निधि किन व्यक्तियों को दी जा रही है? उक्त व्यक्तियों के नाम की सूची प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त व्यक्तियों को किन प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार पर कब से किसको कितनी सम्मान निधि दी जा रही है? उल्लेख करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 25 व्यक्तियों को। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) मीसा/डी.आई.आर. के अधीन राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरूद्ध होने संबंधी पुलिस अधीक्षक एवं जेल से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार, जिलास्तरीय समिति की अनुशंसा पर जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार।
ट्रांसफार्मरों/डी.पी. एवं विद्युत पोलों की अर्थिंग
[ऊर्जा]
18. ( *क्र. 2785 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधान सभा के अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मरों/डी.पी. और विद्युत पोलों की अर्थिंग एवं स्थायीकरण का कार्य हुआ है? कितने ट्रांसफार्मर/डी.पी. और विद्युत पोल अर्थिंग के लिये शेष हैं? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों में विद्युत पोलों को ठीक ढंग से (अधिक गहराई में) न लगाये जाने के कारण विद्युत पोल अधिक मात्रा में गिर गये? यदि हाँ, तो कितने? (ग) क्या ट्रांसफार्मर/डी.पी. और विद्युत पोलों पर अर्थिंग न डाले जाने से लाईन लॉस होता है? यदि हाँ, तो क्या लाईन लॉस की भरपाई उपभोक्ता से की जा रही है? क्या विभाग द्वारा लापरवाहीपूर्वक कार्य कर शासन को करोड़ों की क्षति पहुंचाई जा रही है? कितनी यूनिट का प्रश्नांश (क) लाईन लॉस प्रतिदिन हो रहा है? इसका जिम्मेदार कौन है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 1954 वितरण ट्रांसफार्मरों एवं 1059 डी.पी. तथा विद्युत पोलों की अर्थिंग एवं ग्राउटिंग का कार्य किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्यमान कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर/डी.पी. और विद्युत पोल अर्थिंग के लिये शेष नहीं है। (ख) जी नहीं, केवलारी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में विद्युत पोलों को निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही खड़ा किया गया है। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में तेज आंधी-तूफान के कारण वृक्षों के गिरने से पोल झुक/गिर गये हैं। दिनांक 01.4.2017 से प्रश्न दिनांक तक उक्त कारण से 90 पोल टूटे हैं, जिनमें से 47 पोल दिनांक 06.07.2017 तक बदले जा चुके हैं तथा शेष 43 पोल बदलने का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। (ग) जी नहीं, ट्रांसफार्मर/डी.पी. और विद्युत पोलों में अर्थिंग नहीं करने से लाईन लॉस नहीं होता। अत: प्रश्न नहीं उठता।
तिलहन संघ के सेवायुक्तों को पाँचवें वेतनमान का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
19. ( *क्र. 1225 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 7175, दिनांक 08.04.2011 में सदन को प्राप्त जानकारी से उद्भूत होता है कि तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर शासन में पदस्थ कर्मचारियों को पाँचवा वेतनमान दिये जाने के संबंध में दोहरी नीति अपनाई जा रही है? क्या यह सही है? अगर हाँ, तो क्यों? कारण दें। (ख) क्या शासन तिलहन संघ के संविलियन सेवायुक्तों को पाँचवा वेतनमान का लाभ देगा तथा उक्त प्रश्न के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कर्मचारियों को पृथक-पृथक दिये जा रहे वेतनमान में भेदभाव पूर्ण नीति को समाप्त करने का क्या प्रयास करेगा? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1944, दिनांक 18.03.2016, प्रश्न क्रमांक 2535, जुलाई 2015, ध्यानाकर्षण क्रमांक 366 बजट सत्र 2016 में बताया गया है कि वेतन निर्धारण प्रक्रियाधीन/प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होगी? कब से नियमित वेतन भुगतान दिया जावेगा। (घ) क्या तिलहन संघ के शासन में संविलियत सेवायुक्तों को संविलियन पूर्व प्राप्त हो रहे वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या संविलियन पूर्व प्राप्त हो रहे वेतन को ही वेतन निर्धारण प्रक्रिया आदेश तक (वेतन) दिये जाने का आदेश देंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय अमले को मुख्यालय पर रहने के निर्देश
[सामान्य प्रशासन]
20. ( *क्र. 2058 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना में कितने अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय पर ही रहते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) विधानसभा क्षेत्र में क्या विगत एक वर्ष में किसी अधिकारी/कर्मचारी को मुख्यालय पर नहीं पाये जाने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही की गयी है या कोई कारण बताओ नोटिस दिया गया है? (ग) यदि नोटिस नहीं दिया गया है तो इसका उत्तरदायी जिले में कौन अधिकारी होगा? (घ) क्या जिले के उत्तरदायी अधिकारी की इस कार्य में लापरवाही मानी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र पंधाना में 10 विभागों के समस्त अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय पर ही रहते हैं। तहसील कार्यालय के अधिकांश कर्मचारी मुख्यालय पर शासकीय आवास की अनुपलब्धता के कारण, मुख्यालय पर नहीं रहते। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग खण्डवा, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा खण्डवा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खण्डवा, कार्यालय पुलिस अधीक्षक खण्डवा व जिला आयुष कार्यालय खण्डवा द्वारा विगत एक वर्ष में मुख्यालय पर नहीं पाये जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। पंधाना तहसील में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी समय पर अपने कार्य पर उपस्थित हो जाते हैं, इसलिये मुख्यालय पर नहीं पाये जाने संबंधी कोई शिकायत नहीं है। इसलिये इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही या कारण बताओ सूचना पत्र जारी नहीं किया गया। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की भर्ती के नियम
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 1158 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति के क्या नियम व योग्यता है? क्या आवेदक को उसी ग्राम का होना आवश्यक है, जिस ग्राम में आंगनवाड़ी केन्द्र खोला गया है? (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले एवं जिले की लवकुशनगर, गौरिहार जनपदों में किन-किन की भर्ती की गई? (ग) जाति प्रमाण-पत्र, बी.पी.एल. एवं निवास प्रमाण-पत्र की जांच के इन नियुक्तियों में क्या नियम व प्रक्रिया है? (घ) अंकसूची, जाति प्रमाण-पत्र, बी.पी.एल., निवास प्रमाण-पत्र की जांच किन-किन अधिकारियों ने कब-कब की? अधिकारी का नाम, पद सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्ति के नियम व योग्यता संबंधी विभागीय आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। आवेदिका को उसी ग्राम का निवासी होना आवश्यक है, जिस ग्राम में आंगनवाड़ी केन्द्र खोला गया है। (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 से वर्तमान तक छतरपुर जिले एवं जिले की लवकुशनगर, गौरिहार जनपदों में भर्ती की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की जानकारी वर्षवार एवं परियोजनावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) अंकसूची, जाति प्रमाण-पत्र, बी.पी.एल., निवास प्रमाण-पत्र की जांच करने वाले अधिकारियों एवं जांच के दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ग्राम जमालपुर में खम्बे एवं डी.पी. की स्वीकृति
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 2577 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा सिरोंज के जनपद पंचायत सिरोंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत खेजड़ागोपाल के ग्राम जमालपुर में लाईट के खम्बे एवं डी.पी. लगवाये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता की दिनांक 08.03.2017 को लगाई गई ध्यानाकर्षण सूचना के तारतम्य में उक्त कार्यों हेतु शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त ग्राम जमालपुर में लाईट के खम्बे एवं डी.पी. लगवाये जाने हेतु शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो कब तक स्वीकृत किये जाने की संभावना है? स्वीकृत न किये जाने का क्या कारण है? स्वीकृति हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत सिरोंज की ग्राम पंचायत खेजड़ा, गोपाल का ग्राम जमालपुर पूर्व से ही विद्युतीकृत है तथा वर्तमान में उक्त ग्राम का विद्युत प्रदाय चालू है, किन्तु उक्त ग्राम के 3 मजरे/टोले अविद्युतीकृत हैं, जिनके विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त योजनान्तर्गत, कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एलटेक एप्लाइंसेस प्रा.लि. चेन्नई को दिनांक 18.01.2017 को अवार्ड जारी किया जा चुका है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबन्ध अनुसार योजना का कार्य अवार्ड दिनांक 18.01.2017 से 24 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना है। वर्तमान में ठेकेदार एजेन्सी द्वारा सर्वे कार्य प्रगति पर है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा वांछित विद्युतीकरण के कार्य को दिनांक 13.05.2016 को स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित कर कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु दिनांक 18.01.2017 को अवार्ड जारी कर दिया गया है।
वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे का वितरण
[आदिम जाति कल्याण]
23. ( *क्र. 100 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2005 क्या है? क्या इस अधिनियम में वन क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जन जातियों को वन भूमि के पट्टे स्वीकृत किये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न (क) अनुसार बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में कितने वन भूमि के पट्टे वितरित किये गए हैं? उसकी सूची दी जावे। (ग) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने आवेदन लंबित हैं, जिन्हें वन भूमि के पट्टे वितरित करना शेष हैं? उसकी सूची तिथिवार अथवा कार्यालय में पंजीबद्ध अनुसार दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार ये आवेदन कब से लंबित हैं तथा लंबित रहने के क्या कारण रहे हैं तथा लंबित आवेदन का निराकरण कब तक किया जावेगा, कब तक हितग्राहियों को पट्टे वितरित कर दिए जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। वन अधिकार अधिनियम 2005 न होकर वन अधिकार अधिनियम 2006 है। जी हाँ (ख) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में 345 अनुसूचित जनजातियों को वनभूमि के हक प्रमाण पत्र का वितरण किया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में 70 आवेदन लंबित हैं, लंबित आवेदनों की सूची तिथिवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वन अधिकार प्रदाय करने की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 681 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नयागांव-ढोढपुर में व इसके आसपास बसे दर्जन भर से अधिक ग्रामों में प्रतिवर्ष कृषि सीजन में विद्युत की मांग व भार अधिक रहने के कारण सुचारू विद्युत सप्लाई व लो वोल्टेज की समस्या आती है, इसी कारण से ग्राम नयागांव-ढोढपुर में नवीन 33/11 सबस्टेशन स्वीकृत कर इसका निर्माण कराने की आवश्यकता है, ये कार्य एस.एस.टी.डी प्लान में शामिल भी है। (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय अनुपलब्धता की आड़ लेकर ग्राम नयागांव ढोढपुर में उक्त सबस्टेशन की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान करने में विलंब क्यों किया जा रहा है? वित्तीय व्यवस्था हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कृषि सीजन में प्रतिवर्ष विद्युत व वोल्टेज की कमी के कारण कृषकों संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं? कृषि उत्पादन भी प्रभावित होता है? यदि हाँ, तो कृषक की समस्याओं के समाधान हेतु वचनबद्ध शासन क्या अविलंब विद्युत कंपनी को वित्तीय संसाधन जुटाकर ग्राम नयागांव ढोढपुर में नवीन 33/11 सबस्टेशन स्वीकृत करने हेतु निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नयागांव-ढोढपुर व इसके आसपास के ग्रामों में कृषि सीजन में विद्युत भार/मांग अधिक होने के कारण कतिपय अवसरों पर सुचारू विद्युत प्रदाय/कम वोल्टेज की समस्या आती है। तकनीकी परीक्षण उपरांत ग्राम ढोढपुर में 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्त उपकेन्द्र का कार्य वित्तीय अनुपलब्धता के कारण प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना में सम्मिलित नहीं किया जा सका है। (ख) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार आगामी योजनाओं में सम्मिलित/स्वीकृत कर प्रश्नाधीन विद्युत उपकेन्द्र का कार्य कराया जायेगा। प्रश्नाधीन कार्य हेतु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, अत: तत्संबंध में पृथक से अन्य कोई निर्देश दिये जाने की आवश्यकता नहीं है।
बिजली की खरीदी/भुगतान
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 1899 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से 30 अप्रैल, 2017 तक एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा बिजली खरीदी (गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों के अलावा) के कितने एग्रीमेंट किये व किन-किन कंपनियों के नाम किये गये तथा इस अवधि में अन्य विद्यमान अनुबंधों से स्त्रोतवार, वर्षवार कितनी मात्रा में बिजली खरीदी गई? क्या खरीदी गई बिजली में यूनिट के हिसाब से उक्त अनुबंधित कंपनियों से राशि का भुगतान किया गया? किसी भी एक एग्रीमेंट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार वर्ष 2013-14 से 30 अप्रैल, 2017 तक अनुबंधित ऐसी कितनी कंपनियाँ हैं, जिनसे बिजली नहीं खरीदी गई? उसके बाद भी उन कंपनियों को बगैर बिजली खरीदे भुगतान किया? कंपनी के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) बिजली नहीं खरीदी गई, फिर भी भुगतान किये जाने के क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2013-14 से 30 अप्रैल, 2017 तक एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा बिजली खरीदी (गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों के अलावा) के किये गये अनुबंधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' तथा इस अवधि में अन्य विद्यमान अनुबंधों से स्त्रोतवार, वर्षवार बिजली खरीदी की मात्रा एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ, यूनिट के हिसाब से राशि का भुगतान किया गया। एक अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि अंतर्गत अनुबंधित किसी भी कंपनी से बिजली नहीं खरीदी गई एवं भुगतान भी नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पम्प
अनुदान योजना
अंतर्गत
अनियमितता
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 12 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी सीहोर संभाग के अहमदपुर वितरण केन्द्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 16-17 में किसान पम्प अनुदान योजना में संयुक्त रूप से कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राही का नाम एवं ग्राम का नाम सहित बताया जाए। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में स्वीकृत प्रकरणों में अनियमितता की शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो वितरण कम्पनी द्वारा शिकायत की जांच किसी अधिकारी द्वारा कर्रवाई गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनियमितता का दोषी पाया गया एवं कम्पनी द्वारा इन कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन एवं संधारण संभाग, सीहोर के अहमदपुर वितरण केन्द्र में प्रश्नाधीन अवधि में कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत संयुक्त रूप से कुल 9 प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। उक्त स्वीकृत प्रकरणों की हितग्राहीवार एवं ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' में दर्शाए गए स्वीकृत प्रकरणों में किसी भी प्रकार की अनियमितता से संबंधित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
बिना रीडिंग औसतन बिजली बिल दिए जाना
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 152 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उपभोक्ताओं को मीटर की रीडिंग उपरांत बिल दिए जा रहे हैं या बिना रीडिंग के दिए जा रहे हैं? (ख) क्या क्षेत्र में ऐसे भी उपभोक्ता हैं जिनके मीटर बंद होने के बाद भी उन्हें औसतन बिजली बिल प्रदाय किए जा रहे हैं? (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई किन कारणों से बंद है एवं किन-किन ग्रामों में ट्रांसफार्मर जले एवं खराब हैं। उनको कब तक बदल दिया जाएगा? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मीटरयुक्त उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के उपरान्त ही बिल दिए जा रहे हैं। (ख) मीटर बंद होने की स्थिति में विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के अनुरूप उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के आधार पर औसत बिल जारी किये जा रहे हैं। (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में समस्त ग्रामों का विद्युत प्रदाय चालू है तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में 62 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं जा सके हैं, जिनका ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को प्राथमिकता के आधार पर बदला जा सकेगा, जिसकी वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन-संभाग के विभिन्न न्यायालयों में अवमानना के प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 183 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के विभिन्न न्यायालयों में कोर्ट की अवमानना के कितने प्रकरण कितने शासकीय अधिकारी/विभाग के खिलाफ दर्ज हैं, 01 जनवरी 2012 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? (ख) उक्त प्रकरण में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमे माननीय न्यायालय ने कोर्ट की अवमानना के लिए अधिकारी/कर्मचारी को दण्डित किया है, दण्डित अधिकारी का नाम मा. न्यायालय में प्रकरण की जानकारी देवें? (ग) प्रदेश में बढ़ते न्यायालय अवमानना प्रकरण की रोकथाम हेतु विधि विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में कब-कब, क्या-क्या निर्देश जारी किये गये, उन निर्देशों पर अमल हेतु क्या कोई कमेटी का गठन विधि विभागीय स्तर पर किया है? यदि हाँ, तो उक्त कमेटी ने कब-कब बैठक आयोजित कर क्या निर्णय लिए? (घ) उक्त प्रकरण में सबसे अधिक किस विभाग के अवमानना के प्रकरण मा.न्यायालय में दर्ज हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत की स्पॉट बिलिंग व्यवस्था
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 214 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विद्युत की स्पॉट बिलिंग की जा सकती है? (ख) क्या स्पॉट बिलिंग से बिल भेजने की समस्या नहीं रहेगी? (ग) यदि हाँ, तो प्रदेश में यह व्यवस्था कब से लागू की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) स्पॉट बिलिंग से पृथक से बिल भेजने की समस्या नहीं रहेगी। (ग) प्रदेश के भोपाल (शहर) वृत्त में निम्नदाब उपभोक्ताओं की बिलिंग, स्पॉट बिलिंग के माध्यम से की जा रही है। इसके अतिरिक्त भोपाल (संचा.-संधा.), ग्वालियर (शहर), शाजापुर, बुरहानपुर, जबलपुर (शहर) एवं दमोह वृत्तों में बाह्य एजेन्सी के माध्यम से स्पॉट बिलिंग हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसके अन्तर्गत बाह्य एजेन्सी द्वारा स्पॉट बिलिंग हेतु सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिसके सफल परीक्षण उपरान्त उपरोक्त वृत्तों में भी स्पॉट बिलिंग प्रारम्भ की जा सकेगी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की चयन परीक्षा में विसंगति
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( क्र. 215 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एकीकृत बाल विकास सेवा के महिला पर्यवेक्षक एवं महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के चयन हेतु मार्च 2017 में मात्र 48 घंटे पहले प्रवेश पत्र जारी किये गये थे? (ख) क्या कई उम्मीदवारों का 400 कि.मी. दूर परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत कई उम्मीदवारों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा? (घ) क्या ऐसे परीक्षा से वंचित उम्मीदवारों के लिये कोई राहत दी जा सकती है? यदि हाँ, तो क्या राहत दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में सामान्यतः आवेदक द्वारा भरे गये परीक्षा शहर में ही परीक्षा केन्द्र आवंटित किये जाते है, परन्तु परीक्षा केन्द्रों की बैठक क्षमता से अधिक अभ्यर्थियों की संख्या होने पर उन्हें अन्य शहरों में परीक्षा केन्द्र आवंटित करना पडता है। (ग) किसी भी अभ्यर्थी के परीक्षा से वंचित रहने की जानकारी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश ''ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसान पंचायतों के ट्रांसफामरों में ठेकेदारों द्वारा लापरवाही
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 423 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 में कृषक अनुदान योजना/मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत कितने किसानों को स्थायी पम्प कनेक्शन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई? संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य किन-किन ठेकेदारों को प्रदाय किये गये, ठेकेदारवार जानकारी उपलब्ध करायें एवं निर्धारित समय-सीमा बतावें? (ग) क्या क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत शिकायतें प्राप्त हो रही है कि 2-3 वर्ष पुराने प्रकरण भी वर्तमान में लंबित चल रहे हैं। ठेकेदार समय सीमा में काम नहीं करा रहे है, यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व क्या समय सीमा में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश जारी किये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दमोह जिले में कृषक अनुदान योजना/मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में 246 वर्ष 2016-17 में 318 तथा वर्ष 2017-18 में दिनांक 30.06.2017 तक 264 स्थायी कृषि पंप कनेक्शनों हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषक अनुदान योजना, मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में समाहित हो गई है, जिसके अंतर्गत स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों के ठेकेदारों को दिये गये कार्यों का ठेकेदारवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजनान्तर्गत आवेदक द्वारा आवश्यक राशि जमा करने सहित समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर अधिकतम नौ माह की अवधि में कार्य पूर्ण किये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य वरीयता क्रम से कराये जा रहे है तथापि कुछ प्रकरणों में आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण भी विलम्ब हुआ है। जो ठेकेदार समय-सीमा में कार्य नहीं कर रहे है उनके विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
जनसंपर्क निधि से राशि स्वीकृति में विलम्ब
[सामान्य प्रशासन]
7. ( क्र. 482 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कलेक्टर भिण्ड को इस कार्यालय का पत्र दिनांक 18.2.2017 को जनसंपर्क निधि 2016-17 राशि 80000.00 स्वीकृत हेतु दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) वर्ष 2015-16 जनसम्पर्क निधि भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्रश्नांश दिनांक तक कितनी स्वीकृति हेतु अपेक्षित है? क्या राशि सुरक्षित है? कब तक स्वीकृत होकर हितग्राही को राशि प्राप्त हो जायेगी? (ग) वित्तीय वर्ष समाप्त होने के उपरांत राशि स्वीकृत होने में विलम्ब के क्या कारण हैं? क्या दोषी व्यक्ति निलम्बित किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) जनसम्पर्क निधि स्वीकृति के लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? क्या वित्तीय वर्ष में स्वीकृत करना आवश्यक है? क्या राशि सुरक्षित रखने के लिए प्रावधान निर्धारित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्रकरण प्रभारी मंत्री जिला भिण्ड को अनुमोदन हेतु भेजा गया। (ख) वर्ष 2015-16 से जनसंपर्क निधि भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राशि 1,20,000/- प्रभारी मंत्री जिला भिण्ड का अनुमोदन प्राप्त न होने से स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रभारी मंत्री जिला भिण्ड का अनुमोदन प्राप्त न होने से स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जनसंपर्क निधि स्वीकृति के लिये मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। जी हाँ। जी नहीं।
E.O.W. में दर्ज प्रमाण की जांच
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 486 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1246 दिनांक 23 फरवरी 2017 में कार्यालय आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ सचिव ई.ओ.डब्लू. ग्वालियर का पत्र क्रमांक 3509 दिनांक 12.10.2016 जारी किया गया है, इसमें प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जिला योजना अधिकारी भिण्ड के ओदश क्रमांक 71 दिनांक 29.01.2000 में कम्प्यूटर स्टडीज एण्ड सर्विसेज रीवा को 484675 प्रति विद्यालय के मान से 6 विद्यालय के आदेश जारी किया गया, जिसकी जांच कार्यालय आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ सचिव ई.ओ.डब्लू. ग्वालियर द्वारा की जा रही है, प्रश्नांश दिनांक तक क्या जांच हुई जांचप्रतिवेदन की छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ग) जिला योजना अधिकारी भिण्ड के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रं. 794 दिनांक 04.11.1999 वर्णित क्रं. 5 प्रोजेक्ट क्रियान्वयन के मूल्यांकन के संबंध में स्वतंत्र एजेंसी से प्रत्येक तीन माह में मूल्यांकन प्रतिवेदन करने का प्रावधान था, यदि हाँ, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है, क्या कार्यवाही की जायेंगी? जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के संदर्भ में प्रश्नांश दिनांक कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं कब तक कार्यवाही पूर्ण कर दोषी लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेंगी? जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जांच प्रचलित है। (ख) जी हाँ। जांच प्रचलित है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किये गये आदेश के परिपालन में कलेक्टर भिण्ड के पत्र दिनांक 04/06/2011 द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी को निर्देश जारी किये गये थे। क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा निर्देशों का पालन न करने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर को प्रकरण जांच हेतु सौंपा गया है। (घ) जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास में गंभीर अनियमितता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( क्र. 487 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत अनुसूचित जाति विभाग द्वारा 01 अप्रैल, 2016 से 30 जून, 2017 तक अनुसूचित जाति विकास के अंतर्गत किन ग्राम पंचायतों में किसकी अनुशंसा पर कितनी राशि किस कार्य के लिये स्वीकृत की गई है वहां पर अनुसूचित जाति के कितने लोग निवासरत हैं, राशि स्वीकृत करने के लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड के आदेश क्र. 25/निर्माण/न क ए 3/2016.17/663, दिनांक 20.03.2017 को ग्राम पंचायत मोरखी में रू. चार लाख जनपद पंचायत रोन खाता क्र. 2351286847 में राशि भेजी गई है? यदि हाँ, तो तकनीकी प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित जानकारी दें? क्या छात्रावास की बाउण्ड्रीवॉल और सड़क निर्माण के लिये 1219000.00 राशि स्वीकृत कर जनपद पंचायत भिण्ड के खाता क्र. 1467267853 में राशि डाली गई? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई, छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ग) क्या अनुसूचित जाति के ग्रामों में घटते क्रम में अनुसूचित बस्ती विकास की राशि स्वीकृत करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो घटते क्रम में राशि स्वीकृत क्यों नहीं की जा रही है? प्रावधान का पालन पूर्णत: क्यों नहीं हो रहा है? इसके लिये कौन दोषी है? क्या दोषियों को निलंबित किया जावेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में विभाग द्वारा गंभीर अनियमितता की गई है? भिण्ड विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में अनुसूचित बस्ती विकास के अंतर्गत राशि स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? विगत 5 वर्षों में भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? छायाप्रति सहित जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निर्धारित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायत मोरखी को राशि रू. 4.00 लाख ग्राम पंचायत के बैंक खाते में भेजी गई है। तकनीकी स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी नहीं। उक्त राशि जिला पंचायत भिण्ड के खाते में डाली गई है। कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा निर्माण किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रावधान का पूर्णत: पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। भिण्ड विधानसभा के ग्राम पंचायतों में कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 682 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम आवनी-जवासा के मध्य व इसके आस-पास विद्यमान डेढ़ दर्जन ग्रामों में अधिकांश कृषक विद्युत चलित पम्पों से खेतों की सिंचाई करते हैं? (ख) क्या उक्त कारण से हर वर्ष कृषि सीजन में उक्त ग्रामों के कृषकों को विद्युत भार व मांग की अधिकता के कारण पर्याप्त वोल्टेज के साथ नियमित विद्युत सप्लाई नहीं मिल पाती है, नतीजतन उन्हें कृषि कार्य में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समस्या के हल हेतु प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों के मध्य उपयुक्त स्थान पर नवीन 33/11 विद्युत सबस्टेशन स्वीकृत कर इसे स्थापित कराए जाने की आवश्यकता है? इस हेतु कृषक मांग भी कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) हाँ, तो क्या कृषकों की विद्युत/वोल्टेज की समस्या के समाधान हेतु क्या विद्युत कम्पनी उक्त सबस्टेशन के निर्माण कार्य को योजना में शामिल करके शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगी अथवा शासन इस हेतु विद्युत कंपनी को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी, हाँ। (ख) वर्तमान में श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन उल्लेखित क्षेत्र में ग्राम आवनी, जवासा, टोंगनी, काचरमूली,जावदेश्वर सहित अन्य आस-पास के ग्रामों को नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र सामरसा से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त फीडर पर उच्चतम माँग की अवधि में अधिकतम भार 200 एम्पीयर दर्ज हुआ है जो कि फीडर की क्षमता के अनुरूप है तथा उक्त फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 7 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। इस प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्र में वोल्टेज संबंधी कोई समस्या नहीं है तथा क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: वर्तमान में ग्राम आवनी एवं जवासा के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
दहायत जाति के प्रमाण पत्र जारी किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 710 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत कोटवार जाति दहायत के प्रमाण-पत्र हेतु विगत तीन वर्षों में कितने आवेदन सतना जिले की तहसीलों में प्राप्त हुये, पृथक-पृथक तहसीलवार संख्यात्मक विवरण दें? (ख) क्या दहायत जाति संविधान के अनुछेद 341 के अधीन मध्यप्रदेश राज्य के लिये अधिसूचित, अनुसूचित जाति की सूची में अनुक्रमांक 18 पर विनिर्दिष्ट की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो दहायत जाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के लिये कलेक्टर सतना द्वारा शासन से मार्ग दर्शन क्यों मांगा गया जबकि शासन के विनिर्दिष्ट सूची में दहायत जाति दर्ज है? क्या शासन से मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ? यदि नहीं, तो कब मार्ग दर्शन दिया जायेगा? (घ) क्या सतना जिले के अतिरिक्त अन्य जिलों में दहायत जाति जो अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है, के प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे है, उसी भांति सतना जिले में कब तक व्यवस्था की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सतना जिले के अंतर्गत कोटवार जाति दहायत के प्रमाण-पत्र हेतु विगत तीन वर्षों में निम्नानुसार आवेदन प्राप्त हुये है :-
तहसील |
आवेदन पत्रों की संख्या |
रघुराजनगर |
668 |
अमरपाटन |
07 |
मैहर |
213 |
उचेहरा |
38 |
रामनगर |
723 |
नागौद |
356 |
रामपुर बाघेलान |
07 |
मझगवां |
00 |
(ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कलेक्टर, सतना द्वारा मांगे गये मार्गदर्शन के संदर्भ में म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय, भोपाल के ज्ञापन क्र. 717/816/2013/सात-एक, दिनांक 27.06.2017 द्वारा तत्कालीन उप सचिव द्वारा जारी संदर्भित पत्र क्र. 643/816/सात-एक, दिनांक 01.06.2016 निरस्त किया गया है। (घ) भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के लिए घोषित अनुसूचित जाति की सूची में दहायत जाति अनुक्रमांक 18 पर अंकित है। उक्त जाति के वास्तविक सदस्यों को सतना जिले सहित पूरे मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि योग्य भूमि की धोखाधड़ी कर रजिस्ट्री कराई जाना
[वाणिज्यिक कर]
12. ( क्र. 761 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील मैहर के मौजा हरनामपुर निवासी मिठाईलाल तनय वंशधारी साकेत की पट्टे की आराजी न. 94 रकबा 0.752 हेक्टेयर में से 0.600 हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन की रजिस्ट्री सुरेश कुमार तिवारी तनय इन्द्रमणि तिवारी निवासी ग्राम तिघरा कला तहसील मैहर द्वारा धोखाधड़ी पूर्वक हस्ताक्षर करा ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या धोखाधड़ी करने वाले क्रेता के विरुद्ध विक्रेता द्वारा थाना मैहर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मैहर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दिनांक 02/05/2017 को शिकायत करने के बावजूद भी आज दिनांक तक क्रेता के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या दिनांक 11/10/2012 को क्रेता द्वारा आराजी नं. 93 का 30x60 का प्लाट क्रय करने के नाम पर आराजी न. 94 रकबा 0.600 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि जमीन पर धोखाधड़ी कर के विक्रेता से हस्ताक्षर कराकर उपपंजीयक मैहर के यहाँ प्रस्तुत किया गया था लेकिन विगत पाँच वर्ष बीत जाने के बाद दिनांक 22/04/2017 को वरिष्ठ उपपंजीयक सतना के यहाँ से अंतिम रजिस्ट्री कैसे कराई गई? (घ) क्या उपरोक्त प्रकरण की विस्तृत जांच कराकर धोखाधड़ी कर रजिस्ट्री कराने वाले क्रेता एवं उनके अन्य सहयोगियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराते हुए रजिस्ट्री निरस्त कराकर विक्रेता की कृषि योग्य भूमि वापस दिलाई जाएगी? यदि हाँ, तो समय सीमा बताएं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन कृषिभूमि का विक्रय पत्र पंजीयन हेतु दिनांक 11/10/2012 को तत्कालीन उप पंजीयक मैहर के समक्ष प्रस्तुत हुआ था जिसके साथ प्रस्तुत भू-अधिकार ऋण पुस्तिका तथा खसरे में अंकित अनुसार उक्त विक्रित कृषि भूमि सर्वे नम्बर 94 की भूमि पट्टे की भूमि नहीं है। विक्रेता द्वारा तत्कालीन उप पंजीयक के समक्ष दस्तावेज का निष्पादन करना तथा प्रतिफल प्राप्त होना स्वीकार किया था तत्पश्चात ही तत्कालीन उप पंजीयक द्वारा विक्रय पत्र का पंजीयन किया है। (ख) विक्रेता द्वारा पुलिस थाना मैहर एवं अनुविभागीय अधिकारी मैहर/तहसीलदार मैहर के यहां शिकायत की थी जिस पर तहसीलदार मैहर के न्यायालय में नामांतरण पर रोक लगाकर जांच कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) दिनांक 11/10/2012 को कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 94 का कुल रकबा 0.600 हे. का विक्रय पत्र उप पंजीयक मैहर के कार्यालय में पंजीयन हेतु प्रस्तुत किया गया था। गाइडलाइन अनुसार बाजार मूल्य व स्टाम्प कम लगे होने से जिला पंजीयक सतना को कार्यवाही हेतु प्रकरण भेजा गया था, जिस पर बाजार मूल्य निर्धारण की कार्यवाही की गई। आदेश उपरांत कमी स्टाम्प शुल्क आदि मार्च 2017 में वसूली होने के पश्चात मुख्यालय उप पंजीयक सतना द्वारा उक्त विक्रय पत्र का पंजीयन दिनांक 22/04/2017 को क्रमांक 04 पर किया गया है जो नियमानुसार एवं विधि अनुकूल है। (घ) रजिस्ट्री निरस्त करने की अधिकारिता सिविल न्यायालय को है। सिविल वाद के द्वारा ही संबंधित पक्षकार अनुतोष प्राप्त कर सकता है। अत: शासन द्वारा कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
कृषकों के मोटरपम्प बिल
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 766 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन विद्युत नियामक आयोग व मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी को ऐसा कोई आदेश दिया गया है की जिन क्षेत्रो में कृषक अपने सिंचाई पम्पों से केवल अपनी फसल की सिंचाई करता है वहां क्षेत्र में २४ घंटे विद्युत सप्लाई रहती है। उस क्षेत्र में किसानो से फ्लेट रेट जो शासन के द्वारा निर्धारित है वह न लेकर मीटर से खपत के अनुसार विद्युत खपत की राशि ली जावेगी तत्संबंधी जानकारी लिखित में देवें? (ख) अगर ऐसा कोई आदेश नहीं है। तो ग्वालियर शहर के किसानों से किस आधार पर ऊर्जा विभाग द्वारा जिन कृषकों का पहले फ्लेट रेट से बिल आते थे, परन्तु एक वर्ष पूर्व फ्लेट रेट बंद कर मीटर लगा कर खपत के आधार पर राशि क्यों ली जा रही है? (ग) म.प्र. में जो कृषक अपने खेतों में ट्यूबबेलों से सिंचाई करते हैं, उन कृषकों से यह दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है स्पष्ट करे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में कृषि पंप कनेक्शन हेतु मीटर आधारित बिलिंग एवं फ्लेट रेट आधारित बिलिंग दोनों शामिल है। विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा कृषि फीडर से कृषि कार्य हेतु 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदायित की जा रही है। 10 घंटे विद्युत प्रदाय के एवज् में टैरिफ आदेश में बिना मीटर के कनेक्शन हेतु अनुमानित मासिक खपत, बिलिंग की गणना हेतु शामिल की गई है तथा जिसके आधार पर बिना मीटर/फ्लेट रेट कनेक्शन हेतु बिलिंग की जाती है। इन्ही आधारों पर वितरण कंपनियों द्वारा भी कृषि पंपों हेतु बिलिंग की जाती है। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में पृथक से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। (ख) ग्वालियर शहर में ऐसे कृषि पंप कनेक्शन जो कि घरेलू फीडर से संबद्ध है तथा जिनको 24 घंटे विद्युत प्रदाय की सुविधा उपलब्ध हैं वहाँ वितरण कंपनियों द्वारा टैरिफ आदेश में मीटर्ड कृषि उपभोक्ताओं के लिए लागू दर अनुसार बिलिंग की जा रही है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के अधिकारियों के प्रभार
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 767 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल २०१४ से दिनांक ३१ मई २०१७ के दौरान मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमि. में सेवारत किन-किन सहायक प्रबंधक, प्रबंधक, उपमहाप्रबंधक, महाप्रबंधक, अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक को किस स्थान से किस स्थान पर पदस्थ कर किस पद का चालू प्रभार (करंट चार्ज) दिया गया? कृपया सूची देवें, यह करंट चार्ज (चालू प्रभार) किस नियम/प्रावधान प्रक्रिया के तहत क्यों दिए गए? इस संबंध में नियम/प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावे। (ख) किन परिस्थितियों में एवं अधिकतम कितनी समयावधि हेतु करंट चार्ज (चालू प्रभार) दिए जा सकता है और यदि करंट चार्ज लम्बी दीर्घ समयावधि हेतु दिए गए तो क्यों? क्या करंट चार्ज देते समय वरिष्ठता को वरीयता को, मद्देनज़र रखा गया, यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल 2014 से 31 मई 2017 के दौरान म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. में सेवारत अधिकारी जिन्हें उच्च पद का चालू प्रभार दिया गया, की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब, स एवं द अनुसार है। म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के संचालक मण्डल द्वारा अनुमोदित परिपत्र क्रमांक 7368-69, दिनांक 24.08.2013 के द्वारा अधिकारियों को उच्च पदों पर चालू प्रभार देने के संबंध में मापदण्ड एवं नियम निर्धारित किये गये है। उक्त परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ख) विभिन्न योजनाओं के सुचारू रूप से क्रियान्वयन और सतत् निगरानी तथा वितरण कंपनी के मुख्यालय स्तर के नीतिगत विषयों पर निर्णय लेने हेतु अधिकारियों की आवश्यकता को देखते हुए अधिकारियों को उच्च पद का चालू प्रभार उपयुक्तता-सह वरिष्ठता के आधार पर बिना किसी वित्तीय लाभ के प्रदान किया जाता है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मण्डल की 36वीं बैठक दिनांक 30.09.2009 जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है, में लिये गये निर्णय अनुसार प्रबंध संचालक को चालू प्रभार देने के संबंध में अधिकृत किया गया है। उक्त बैठक में निदेशक मण्डल द्वारा चालू प्रभार दिये जाने संबंधी निर्णय में किसी भी समय-सीमा (न्यूनतम/अधिकतम) का निर्धारण नहीं किया है। अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में चालू प्रभार दिये जाने की समयावधि एवं चालू प्रभार दिये जाने हेतु उपयुक्तता के निर्धारण संबंधी अन्य कोई जानकारी दिया जाना अपेक्षित नहीं है।
मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लि.मुम्बई को 6.08 करोड़ रूपये का अनुचित लाभ
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 795 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-12 में आर.ए.पी.डी.आर.पी.योजना के अन्तर्गत छिन्दवाड़ा-पांढुर्णा, परासिया क्षेत्र में विद्यमान विद्युत प्रणाली के सृदृढीकरण का कार्य विषयांकित कम्पनी को 33.65 करोड़ रूपये में दिया गया था, किन्तु बिजली कम्पनी द्वारा कम्पनी से अनुबंध नहीं किया गया? (ख) क्या विद्युत वितरण कम्पनी की खरीदी नीति को ताक पर रखकर केवल विषयांकित कम्पनी की धरोहर राशि 33 लाख रूपये जप्त की गयी, किन्तु उसे पंजीकृत सूची से हटाकर तीन वर्षों के लिये ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया तथा इसी कार्य की दोबारा निविदा निकालकर उसमे भाग लेने का अवसर दिया गया? (ग) क्या विषयांकित कम्पनी को यही कार्य 6.41 करोड़ कम में देकर शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया? (घ) शासन को 6.08 करोड़ रूपये का नुकसान पहुंचाने के लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा इस राशि की प्रतिपूर्ति कैसे की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत न्यूनतम निविदाकार मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुंबई को आशय पत्र जारी किया गया था किन्तु उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा अनुबंध के निष्पादन में रूचि नहीं दिखाई गई एवं उनके द्वारा आशय पत्र को स्वीकार करने से मना कर दिया गया। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरण में निविदा की शर्तों के अनुसार ई.एम.डी. की राशि रू. 33 लाख जप्त की गई। निविदा की शर्तों के अनुसार किसी कंपनी द्वारा चयन के उपरांत अनुबंध नहीं करने पर उसे ब्लेकलिस्ट करने का कोई प्रावधान नहीं था। (ग) निविदा की शर्तों के अनुरूप कार्यवाही करने के पश्चात री-बिडिंग की गई, जिसमें मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स मुंबई से प्राप्त दरें न्यूनतम होने के कारण उक्त ठेकेदार एजेंसी को अवार्ड जारी किया गया। अत: शासन/वितरण कंपनी को नुकसान पहुंचाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
आनंद विभाग की स्थापना
[आनन्द]
16. ( क्र. 863 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में आम नागरिकों के जीवन में आनंद का संचार करने के उद्देश्य से आनंद विभाग की स्थापना की गयी है? यदि हाँ, तो क्या सागर विधान सभा क्षेत्र में इस विभाग का कार्यालय संचालित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक संचालित कर दिया जायेगा? (ख) क्या आनंद विभाग द्वारा सागर विधान सभा क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किये गये? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किये गये? आनंद विभाग प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक सागर विधान सभा क्षेत्र में इस विभाग को कितनी राशि आवंटित की गई है? (ग) क्या आनंद विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सागर विधान सभा क्षेत्र के बुन्देली हास्य एवं लोक कलाकारों को प्रस्तुति हेतु शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो भविष्य में आयोजित कार्यक्रमों में उन्हें शामिल किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जी हाँ। सागर विधानसभा क्षेत्र में (1) आनंदम कार्यक्रम – पंडित मोतीलाल नेहरू, नगर पालिका निगम, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सागर में एवं (2) अल्पविराम कार्यक्रम – कलेक्ट्रेट सभाकक्ष, खाद्य कार्यालय एवं जिला कोषालय कार्यालय में आयोजित किये गये। प्रश्नाधीन अवधि में आनंद विभाग द्वारा सागर विधानसभा क्षेत्र हेतु पृथक से कोई राशि आवंटित नहीं की गई। (ग) जी नहीं। आनंद उत्सव कार्यक्रमों के अंतर्गत लोकसंगीत, नृत्य, गायन, भजन कीर्तन, नाटक आदि सांस्कृतिक गतिविधियों को स्थानीय स्तर पर शामिल किये जाने का प्रावधान है।
ग्राम गोंदहाई तहसील मनगवां के फर्जी रजिस्ट्री की निरस्ती
[वाणिज्यिक कर]
17. ( क्र. 1073 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील मनगवां जिला रीवा के मौजा गोंदहाई पटवारी हल्का आंवी-28 आराजी नं-98/2/ठ/3 रकबा 0.02 हेक्टेयर में से दानसुदा रकबा 13x16=858 वर्ग फिट के दान पत्र की रजिस्ट्री दिनांक 15-12-2016 को हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या दानदाता श्री बीरभान कुम्हार अनुसूचित जाति का है जिसका उल्लेख रजिस्ट्री विवरण में पिछड़ा दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त भूमि की दानग्रहिता श्रीमती गीता तिवारी तत्कालीन पटवारी श्री तिवारी की पत्नी हैं जिसकी शिकायत 27/28 अप्रैल 2017 को उच्च स्तर पर की गई है तथा शिकायत में इसका भी उल्लेख किया गया है कि तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार द्वारा नियम विरूद्ध आराजी का नामांतरण भी कर दिया गया है। (घ) प्रश्नांन ''ख'' एवं ''ग'' यदि हाँ, तो इस कृत्य के लिए कौन अधिकारी व कर्मचारी दोषी है उसके विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, उप पंजीयक कार्यालय रीवा में ई-पंजीकरण संख्या-MP328492016A165453 दिनांक 15/12/2016 से दानपत्र का पंजीयन हुआ है। दानशुदा रकबा- 13X66=858 वर्गफीट है। (ख) दानदाता श्री वीरभान कुम्हार द्वारा दानपत्र में अपनी जाति पिछड़ा दर्ज की गई है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) दानपत्र का पंजीयन, विधि अनुसार हुआ है अत: अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध शराब बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
18. ( क्र. 1121 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र में आबकारी विभाग की कितनी देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें संचालित हैं? सभी दुकानों का नाम, संचालक फर्म का नाम, पता, रजिस्ट्रेशन नम्बर, ठेके की वैधता संबंधित सभी जानकारी सूची में दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दी गई दुकानों से ही बेचने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो निरंतर क्षेत्र के गांवों एवं शहरों से अवैध शराब (कच्ची एवं पक्की) बिक्री की आ रही शिकायतों में वृद्धि क्यों हो रही है? जबेरा विधान सभा में अधिकारियो द्वारा क्षेत्र में किये गये दौरों की वर्ष जनवरी 2014 से आज दिनांक तक की लाग बुक की छायाप्रति दें। (ग) जबेरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष जनवरी 2014 से आज दिनांक तक विभाग द्वारा कितने प्रकरण (अवैध शराब बिक्री की सभी मान्य धाराएं) दर्ज किये गये? प्रकरण दर्ज करने वाले अधिकारी के नाम सहित जानकारी दें। साथ ही साथ यह भी दर्शायें की प्रकरण पर कार्यवाही की गई है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई। (घ) जबेरा विधान सभा क्षेत्र में संबंधित उपरोक्त विषय के मामले जो मा. न्यायालयों में चल रहे हैं में विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति की विगत दो वर्षों की संपूर्ण जानकारी, संबंधित अधिकारी के नाम सहित दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में 09 देशी मदिरा दुकानें एवं 05 विदेशी मदिरा दुकानें संचालित की जा रही है। दुकानों का नाम, संचालक फर्म का नाम, पता, रजिस्ट्रेशन नम्बर, ठेके की वैधता संबंधी जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ अनुज्ञप्तिधारी को मदिरा दुकानों से मदिरा बेचना प्रावधानित है। जबेरा विधानसभा क्षेत्र के गांव एवं शहरों में अवैध रूप से शराब की बिक्री की प्राप्त शिकायतों पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के प्रतिबंधात्मक प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाकर प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते है। माह जनवरी 2014 से माह मई 2017 तक जबेरा विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों द्वारा किये गये दौरों की लाग बुक की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जबेरा विधानसभा में वर्ष 2014 से मई 2017 तक मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत 272 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, उक्त अवधि में जबेरा विधानसभा क्षेत्र में उपलंबन कार्य हेतु अधिकृत/पदस्थ सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री राजेश चौधरी, आबकारी उपनिरीक्षक श्री मनोहर लाल खरे, श्री अनुरोध सेन एवं श्री मधुसूदन दीवान आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर नियत समयावधि में सक्षम न्यायालय में अभियोजित कर आरोपियों को दण्डित कराया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–तीन अनुसार है। (घ) न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा आहूत किये जाने पर संबंधित अधिकारी नियत दिनांक को साक्ष्य हेतु न्यायालय में उपस्थित रहें है।
विद्युतीकरण कराए जाना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 1135 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन अभियंता मऊगंज के अन्तर्गत हनुमना तहसील में पहाड़ के नीचे ग्राम वीरादेई में विद्युत वितरण का कार्य विद्युत उपकेन्द्र घोघम से किये जाने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी? जिसके बीच में जंगल क्षेत्र होने के कारण खंभे तो गाड़ दिये गये किन्तु जंगल विभाग की आपत्ति के बाद तार नहीं खींचा जा सका? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या ऊर्जा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक अनापत्ति प्रमाण-पत्र वन विभाग द्वारा प्राप्त करने हेतु प्रयास किया गया, यदि हाँ, तो किये गये प्रयास की प्रमाणित प्रतिलिपियां उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु प्रयास किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कार्यपालन अभियंता मऊगंज के अन्तर्गत ग्राम पंचायत देवरा बड़ा टोला में विद्युत वितरण का कार्य विद्युत उपकेन्द्र पिपराही अथवा घोघम द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विद्युत उपकेन्द्र खटखरी देवरा से 1 किलोमीटर दूर पर स्थित है यदि हाँ, तो उपकेन्द्र खटखरी द्वारा विद्युत वितरण का कार्य देवरा में क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में विद्युत उपकेन्द्र खटखरी से विद्युत वितरण का कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत हनुमना तहसील में ग्राम वीरादेई के सघन विद्युतीकरण के कार्य हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र घोघम से उक्त ग्राम को 11 के.व्ही. लाईन से जोड़े जाने के कार्य हेतु कार्य आरंभ किया गया था किन्तु वन विभाग की अनुमति प्राप्त नहीं होने से उक्त कार्य पूर्ण नहीं किया गया। (ख) उक्त ग्राम के सघन विद्युतीकरण का कार्य 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र खटखरी से निर्गमित 11 के.व्ही. पिपराही फीडर से 11 के.व्ही. लाईन का विस्तार कर पूर्ण कर दिया गया है तथा उक्त कार्य में वन व्यवधान नहीं होने से वन विभाग की अनुमति हेतु कोई कार्यवाही किया जाना आवश्यक नहीं था। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत के भार एवं तकनीकी/वित्तीय साध्यता के आधार पर दो अलग-अलग 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों से निकलने वाले 11 के.व्ही. फीडरों से करने हतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरा बड़ा टोला में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र खटखरी से निर्गमित 11 के.व्ही. पिपराही फीडर का विस्तार कर एक वितरण ट्रांसफार्मर एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र घोघम से निर्गमित 11 के.व्ही. मझियारी फीडर का विस्तार कर 4 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है, जिसे माह सितंबर-17 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
पोषण आहर के स्टाक की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 1136 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों के पोषण आहर का स्टाक हनुमना में पकड़े जाने के उपरांत कलेक्टर रीवा द्वारा जांच दल गठित कर प्राप्त रिपोर्ट आयुक्त एकीकृत सेवा बाल विकास भोपाल को भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो जांच दल के गठित सदस्यों का नाम, पद सहित जांच प्रतिवेदन भेजे गए अनुशंसा पत्र सभी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने हेतु दिनांक 14.06.2017 को प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर रीवा को पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध करायी गयी? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बतावें? नहीं की जावेगी तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं ''ग'' के प्रकाश में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) दिनांक 14.06.17 को कलेक्टर महोदय को सम्बोधित पत्र जिला कार्यालय में दिनांक 19.06.17 को प्राप्त हुआ था। माननीय विधायक जी द्वारा चाही गई जानकारी दिनांक 22.06.17 को डाक से भेज दी गई थी तथा माननीय विधायक प्रतिनिधि श्री जितेन्द्र सिंह को भी उपलब्ध कर दी गई थी। पत्र पावती की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' के प्रकाश में सम्पूर्ण जानकारी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हाई स्कूल से उ.मा.वि. में उन्नयन
[आदिम जाति कल्याण]
21. ( क्र. 1152 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ मुख्यालय पर स्थित हाई स्कूल बुनियादी एवं हाई स्कूल हुडा (झाबुआ) का माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा अनुरूप उ.मा.वि. में उन्नयन कब तक हो जावेगा? (ख) आयुक्त, आदिवासी विकास म.प्र. भोपाल के ज्ञाप क्रमांक/शिक्षा शाला/2/2017 दिनांक 21.03.2017 द्वारा क्या 41 हाई स्कूल का उ.मा.वि. में उन्नयन के प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गये है? (ग) यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा अनुरूप क्या झाबुआ मुख्यालय की 02 हाई स्कूल का उन्नयन उ.मा.वि. में इस सत्र में हो जावेगा? जिससे अनुसूचित जाति/जनजाति एवं मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चों को कक्षा 11वीं एवं 12वीं में प्रवेश में कठिनाई न हो।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 2 वर्षीय कार्ययोजना स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश 'क' अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
फर्जी प्रमाण पत्रों वालों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
22. ( क्र. 1186 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय ने सभी जिलाधीश व पुलिस अधीक्षकों को लिखा है कि दिनांक 05.09.10 को नागेश्वर प्रेमलाल सोन केसरी के नाम पारित निर्णय दिनांक 11.06.2010 को जिसमें उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर उनका निवास ए. 114 कमला नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, भोपाल गलत पाया व वहां उनका रहना गलत पाया? (ख) क्या इस आदेश के विरूद्ध न्यायालय में जाने पर यह आदेश सिर्फ इसलिए जारी नहीं हुआ कि न्यायालय ने डी.ई. नहीं करने को गलती बताया? (ग) किस तारीख को न्यायालय ने डी.ई. नहीं करने वाला आदेश पारिता किया व अभी तक यह डी.ई. क्यों नहीं की गई व नागेश्वर प्रेमलाल सोन केसरी को मुख्यालय अटेच करने के बाद फील्ड पोस्टिंग अलीराजपुर क्यों कर दी गई है? कब तक डी.ई. प्रारंभ कर निराकृत कर ली जायेगी व फील्ड पोस्टिंग से हटाया जायेगा? (घ) क्या केन्द्र शासन द्वारा गलत जाति प्रमाण पत्रों वाले प्रकरणों में तत्काल बर्खास्त करने के निर्देश दिये हैं, जो नई दुनिया में दिनांक 16 जून 2017 को प्रकाशित हुआ है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पुलिस अधीक्षक भोपाल से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के अनुसार प्रश्नांकित पते पर रहना नहीं पाया गया। (ख) मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति संदेहास्पद जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा श्री नागेश्वर सोनकेसरी के नाम पारित निर्णय दिनांक 21-6-2010 के विरूद्ध श्री नागेश्वर सोनकेसरी द्वारा रिट याचिका क्रमांक 57/2011 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 12-5-2015 में किसी भी विपरीत कार्यवाही पर रोक लगाई गई है, छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के निर्णय दिनांक 20-3-2014 द्वारा उक्त आदेश पारित किया गया, जिसमें श्री नागेश्वर सोनकेसरी को बहाली का भी आदेश पारित किया गया है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के उक्त निर्णय उपरांत शासन द्वारा रिट अपील की गई व रिट अपील उपरांत माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. दायर की गई। न्यायालय विनिश्चय विद्यमान होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई। श्री नागेश्वर सोनकेसरी को बहाली उपरांत राज्य शासन के आदेश दिनांक 3-9-2014 द्वारा पुन: उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता उज्जैन में पदस्थ किया गया था तथा आदेश दिनांक 16-04-2015 से सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर जिला अलीराजपुर पदस्थ किया गया है। श्री सोनकेसरी को बहाली उपरांत मुख्यालय में कभी भी पदस्थ नहीं किया गया था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार आगामी आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (घ) शासन को आदेश प्राप्त नहीं है।
फर्जी प्रमाण पत्रों वालों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
23. ( क्र. 1187 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा, श्रीमती इमरती देवी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागेश्वर प्रेमलाल सोन केसरी आबकारी विभाग के अधिकारी है? क्या मध्यप्रदेश आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय द्वारा सभी जिलाधीश व पुलिस अधीक्षकों को लिखा गया पत्र दिनांक 15.09.10 को नागेश्वर प्रेमलाल सोन केसरी के नाम पारित निर्णय दिनांक 11.06.2010 में उनका जाति प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिया गया है? (ख) किस तारीख को न्यायालय ने डी.ई. नहीं करने वाली त्रुटि सम्बन्धी आदेश पारित किया व अभी तक यह डी.ई. क्यों नहीं की गई? कब तक डी.ई. प्रारंभ कर निराकृत कर ली जायेगी व फील्ड में पोस्टिंग से हटाया जायेगा? (ग) क्या केन्द्र शासन द्वारा गलत जाति प्रमाण पत्रों वाले प्रकरणों में तत्काल बर्खास्त करने के निर्देश दिये है जो नई दुनिया में दिनांक 16 जून 2017 को प्रकाशित हुआ है? आबकारी विभाग कब तक उक्त प्रकरण की जांच करायेगा? यदि प्रमाण पत्र गलत है तो क्या शीघ्र कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, आयुक्त, आदिवासी विकास कार्यालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 21.06.2010 से जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के निर्णय दिनांक 20.03.2014 द्वारा उक्त आदेश पारित किया गया, जिसमें श्री नागेश्वर सोनकेसरी को बहाली का भी आदेश पारित किया गया है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतिरिक्त महाधिवक्ता इन्दौर द्वारा प्रेषित अभिमत अनुसार माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के उक्त निर्णय उपरांत शासन द्वारा रिट अपील की गई व रिट अपील उपरांत माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. दायर की गई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर एस.एल.पी. क्रमांक 14510/2017 में प्राथमिक सुनवाई के बाद नोटिस भी जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में एस.एल.पी. दायर होने व न्यायालय विनिश्चय विद्यमान होने के कारण कार्यवाही नहीं की गयी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। श्री नागेश्वर सोनकेसरी को बहाली उपरांत राज्य शासन के आदेश दिनांक 03.09.2014 द्वारा उन्हें उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता उज्जैन में पदस्थ किया गया थातथा आदेश दिनांक 16.04.2015 से सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर जिला अलीराजपुर पदस्थ किया गया है। (ग) प्रश्नांश केन्द्र शासन से संबंधित है। प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र से प्राप्त अंशदान एवं अनुदान की जानकारी
[वित्त]
24. ( क्र. 1206 ) श्री अजय सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 के दौरान म.प्र. के किन-किन विभागों को केन्द्र सरकार के किन-किन विभागों से किन-किन योजनाओं के लिए कितनी-कितनी राशि किस स्वरूप में प्राप्त हुई? राशिवार, विभागवार वर्षवार, योजनावार, राशि के स्वरूपवार (आवंटन एवं अनुदान) दें? (ख) 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 के दौरान म.प्र. के किन-किन विभागों के किन-किन योजनाओं के लिये, कितनी-कितनी राशि किस स्वरूप में प्राप्त हुई? राशिवार राशि के स्वरूपवार (आवंटन एवं अनुदान), विभागवार वर्षवार, योजनावार दें? (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान प्रश्न तिथि तक प्रदेश को केन्द्र सरकार के द्वारा किस-किस विभाग को कितनी-कितनी राशि अनुदान एवं आवंटन के जरिये मिली?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 01 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2016 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 16-17 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से प्राप्त नहीं होने के कारण इस अवधि की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश "क" में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) वर्ष 2017-18 के वित्त लेखे अभी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से प्राप्त नहीं हुए है इसलिये इस अवधि की जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
विद्युत लाईन विस्तार
[आदिम जाति कल्याण]
25. ( क्र. 1216 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 6199 दिनांक 22.3.2017 की चर्चा में माननीय मंत्री जी (आदिम जाति कल्याण) द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के कुआं पंपों तक विद्युत लाईन के विस्तार हेतु (चल रहे वित्तीय सत्र में ही) राशि स्वीकृत कर देने की बात सदन में कही थी, परन्तु क्या अनु.जा./अनु.जन. के उक्त किसानों के कुओं तक लाईन विस्तार हेतु आज दिनांक तक भी राशि स्वीकृत नहीं की गई जबकि प्रतिवर्ष करोड़ों रूपये की राशि लेप्स हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सागर के द्वारा आयुक्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विभाग को लगभग 50 से भी ज्यादा किसानों के प्राक्कलन सहित राशि स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजे गये थे, जो आज दिनांक तक भी स्वीकृत नहीं किये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रकरण में पहल करते हुये पत्र क्रमांक 421 सागर दिनांक 27.5.2017 द्वारा प्रमुख सचिव अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल को एक लंबित प्रकरण में दर्शित प्राक्कलन राशि स्वीकृत कराने हेतु अनुरोध किया गया था? जिसकी प्रतिलिपि आयुक्त अनु.जाति/अनु.जनजाति मध्यप्रदेश अधीक्षण यंत्री विद्युत विभाग सागर एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को भी दी गयी थी? (घ) यदि प्रश्नांश (क),(ख) एवं (ग) में वर्णित सभी तथ्य सही है तो बतावें कि अनु.जाति के किसानों के कुआं पम्पों तक विद्युत लाइन विस्तार मद से कब तक आवंटन उपलब्ध करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्यालय, आयुक्त, आदिवासी विकास के पत्र क्रमांक/बजट/उपयोजना/4230, दिनांक 22.02.2017 द्वारा सागर जिले को विद्युतीकरण कार्य के लिए राशि रूपये 10.60 लाख का आवंटन मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर के माध्यम से प्रदाय किया गया था, परन्तु राशि का आहरण उक्त वित्तीय वर्ष में नहीं हो पाया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में कार्यालय, आयुक्त, आदिवासी विकास के पत्र क्रमांक/बजट/2312, दिनांक 29.05.2017 द्वारा कलेक्टर सागर को विद्युतीकरण कार्यों के लिए राशि रूपये 117.37 लाख का आवंटन दिया गया है। (ख) सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जिला सागर द्वारा प्रश्नांश ''क'' में प्राप्त राशि की सीमा में कार्य किये जाने हेतु प्रस्तावों को पत्र क्रमांक/508, दि. 28.06.2017 द्वारा समिति के अनुमोदन उपरान्त अधीक्षण यंत्री म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.क.लि. सागर मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2017 के अनुसार कार्य करने हेतु प्रेषित किया जा चुका है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 421 दिनांक 27.05.2017 की प्रतिलिपि आयुक्त, आदिवासी विकास, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जिला सागर एवं कार्यपालन अभियंता (नोडल अधिकारी ) कार्यालय अधिक्षण अभियंता (संचा./संधा.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लि. सागर वृत को प्राप्त होना नहीं पाया गया। (घ) अनुसूचित जाति विकास द्वारा पम्पों के ऊजीकरण हेतु दिनांक 18.05.2017 को सागर जिले को रूपये 221.15 लाख की राशि को आवंटित किया जा चुका है।
झूठे प्रकरण पर अधिकारियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 1219 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा विभाग द्वारा बिना मीटर लगाये, मनमर्जी से मनगढ़त बिजली बिल देकर उपभोक्ताओं को जबरन परेशान किया जा रहा है? क्या सरकारी भवनों में जिनमें बिजली सप्लाई नहीं है उन्हें भी बिजली बिल जारी किये गये है? (ख) क्या जिले के अनेक गांवों में जहां किन्हीं कारणों से बिजली बंद रही है या रहती है उन गांवों में भी बिजली सप्लाई न होते हुए बिजली बिल जारी कर दिये जाते है और बिजली चोरी के झूठे प्रकरण भी बना दिये जाते है जैसे कि सुरखी विधानसभा क्षेत्र में ग्राम चतुर्भटा में दिनांक 05.07.2016 से 30.10.2016 तक ट्रांसफार्मर खराब होने से विद्युत सप्लाई बंद रहने के बावजूद विद्वेष भावना से बिजली चोरी के झूठे प्रकरण दर्ज किये गये तथा बिजली की आंकलिक खपत के आधार पर बिजली बिल जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित तथ्यों के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध जिन्हें जिला स्तर के अधिकारियों से सरंक्षण प्राप्त रहता है विभागीय जांच करायी जाकर दंडित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नाधीन क्षेत्र में बिना मीटरवाले कनेक्शनों में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के आधार पर नियमानुसार बिल जारी किये जा रहे हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसे किसी भी सरकारी भवन जिसमें विद्युत कनेक्शन नहीं दिया गया है, को बिजली का बिल जारी नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों अथवा मेन्टेनेंस कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति में विद्युत प्रदाय बंद होने पर यथाशीघ्र सुधार/मेन्टेनेंस कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय बहाल करने की कार्यवाही की जाती है एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश के अनुसार ही नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। विद्युत का अवैधानिक उपयोग पाए जाने की स्थिति में ही विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रकरण बनाए जाते हैं। तद्नुसार ही सुरखी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चतुर्भटा में विद्युत का अनाधिकृत उपयोग पाए जाने पर दिनांक 21.09.2016 को सतर्कता दल द्वारा प्रकरण बनाया गया था तथा विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार नियमानुसार बिल जारी किया गया। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की जाँच अथवा अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन राशि का प्रावधान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
27. ( क्र. 1273 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा अंतर्जातीय विवाह में कोई एक पक्ष अ.जा. अथवा अ.ज.जा. का होने पर शासन द्वारा राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या दंपतियों द्वारा विवाह उपरांत जारी विवाह प्रमाण पत्र के आधार पर कुछ प्रकरण अभी तक लंबित हैं, विवाह प्रमाण पत्र कौन-कौन अधिकारियों द्वारा जारी किये जाते हैं एवं क्या उपरोक्त किसी भी एक अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर उपरोक्त योजना का लाभ दंपतियों को प्राप्त होता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्या केवल कोई एक अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही योजना का लाभ दिया जाता है अन्य अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं मिलता है। क्या कारण है कि विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र किसी भी अधिकारी द्वारा जारी हो उसके आधार पर उपरोक्त योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। (ग) भोपाल जिला अंतर्गत दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 15.06.2017 के मध्य कितने दंपतियों में से कौन-कौन को शासन की उपरोक्त योजना का लाभ प्राप्त हो गया है एवं कौन-कौन का प्रकरण किन कारण से लंबित है अथवा निरस्त किया गया है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश अस्पृश्यता निवारणार्थ अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना नियम, 2007 अनुसार एक पक्ष अनुसूचित जाति तथा दूसरा पक्ष संवर्ण हिन्दू जाति का होना अनिवार्य है। योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवाह पंजीयन हेतु प्रदेश में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के अंतर्गत गठित म.प्र. विवाह रजिस्ट्रीकरण नियम 1984 के अंतर्गत केवल जिला कलेक्टर द्वारा विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं एवं जिला कलेक्टर अपने अधीन किसी अन्य अधिकारी जो जिले के कार्यपालक प्रशासन के लिए अस्थाई रूप से उत्तरवर्ती होता है, को भी नामांकित कर सकते हैं। जी हाँ। इनके द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर दम्पत्ति योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के अंतर्गत गठित म.प्र. विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण नियम, 2008 के अंतर्गत स्थानीय निकाय के अधिकारियों द्वारा भी विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। यह इस योजना की पात्रता के लिए अधिकृत नहीं है। अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के विभागीय नियम 9 जुलाई 2015 के अनुसार हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के अंतर्गत पंजीकृत विवाहों के लिए जारी किये गये प्रमाण पत्र के आधार पर अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ दिया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कनिष्ठ अधिकारियों को उच्च पदों पर अनियमित प्रभार
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 1319 ) श्रीमती ममता मीना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा कनिष्ठ अधिकारियों को उच्च पदों का प्रभारी बनाकर पदस्थ किया गया है, इस प्रकार के पदस्थ अधिकारियों की सूची उपलब्ध करावे? (ख) क्या श्रीमती अमिता तिवारी को गुना जिले में विभिन्न पदों पर लगातार 20 वर्षों से रखा गया है। क्या इतनी लंबी अवधि में एक ही स्थान पर अधिकारी को रखे जाने की नीति है? यदि नीति है तो बतायें। (ग) यदि नहीं, तो श्रीमती अमिता तिवारी को लगातार 20 वर्षों से गुना में ही क्यों पदस्थ रखा गया है। इन्हें कब तक हटा दिया जावेगा। समय अवधि बतावे। (घ) क्या प्रश्नांश 'क' की स्थिति शासन नीति के विरूद्ध है तथा इस प्रक्रिया से वरिष्ठ अमला हतोत्साहित होता है यदि हाँ, तो इस स्थिति को म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. कब तक दूर करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत अधिकारियों को उच्च पद का चालू प्रभार उपयुक्तता सह-वरिष्ठता के आधार पर बिना किसी वित्तीय लाभ के प्रदान किया गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत चालू प्रभार दिये गये अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में लागू स्थानान्तरण नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (ग) जी नहीं। तथापि गुना से उनके अन्यत्र स्थानान्तरण के संबंध में स्थानान्तरण नीति के अनुसार निर्णय लिया जायेगा। (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में अधिकारियों को उच्च पद का चालू प्रभार सौंपने की प्रक्रिया कंपनी द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप की जा रही है।
132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य की स्वीकृति
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 1334 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में वारासिवनी के ग्राम डोगरगांव (मेण्डकी) में स्वीकृत 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई थी। हाँ या नहीं? (ख) क्या मुख्य अभियंता (योजना एवं रूपांकन) जबलपुर द्वारा दूरभाष पर चर्चा के दौरान उक्त कार्य को शीघ्र कराये जाने की बात कही गयी थी? (ग) उक्त 132 के.व्ही.उपकेन्द्र को कब तक स्वीकृति दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। वारासिवनी के ग्राम डोगरगांव (मेंडकी) में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत नहीं किया गया था। (ख) मुख्य अभियंता (योजना एवं रूपांकन) से दूरभाष पर हुई चर्चा की तिथि अवधि/समय एवं नाम का उल्लेख न होने के कारण तथ्य की पुष्टि की जाना संभव नहीं है एवं न ही मुख्य अभियंता (योजना एवं रूपांकन) कार्यालय में इस संबंध में कोई अभिलेख उपलब्ध है। (ग) वारासिवनी के समीप ग्राम चंदोरी में 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति दी जा चुकी है एवं निर्माण कार्य प्रगति पर है। अत: वारासिवनी के समीप ग्राम डोगरगांव (मेंडकी) में पृथक स्वीकृति दी जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है।
प्रश्नकर्ता द्वारा पत्रों पर कार्यवाही न करना
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 1336 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर कार्यालय बालाघाट एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट को कब-कब किस-किस दिनांक को किस-किय विषय पर पत्र लिखा गया? (ख) उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यो? (ग) उक्त पत्रों पर अगर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? विभाग उक्त अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) की गई नियमानुसार कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के किसानों के खेतों पर सिंचाई के लिये अनुदान प्राप्त डी.पी. लगाना
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 1352 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद में अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के किसानो के खेतों पर सिंचाई के लिये अनुदान प्राप्त डी.पी. (ट्रांसफार्मर) लगाने की वर्तमान में क्या योजना है? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि योजना नहीं बनी है तो कब तक बना ली जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद सहित संपूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये जाने के लिए वर्तमान में ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' लागू है, जिसके तहत् 2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को वर्ष 2017-18 में मात्र रू. 5500/- प्रति हार्स पावर का अंशदान देय है तथा अधोसंरचना कार्य के लिए शेष राशि का वहन वितरण कंपनी/राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना सहित अधोसंरचना विकास के कार्य किये जाने का प्रावधान उक्त योजना में है। उक्त योजना/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन योजना तैयार की जा चुकी है तथा वर्तमान में प्रदेश में उक्त योजना लागू है।
विद्युत दुर्घटनाओं की संख्या
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 1409 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत लाइन पर काम करते समय करंट से कर्मचारी की मौत के मामले सामने आए है यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 के दौरान भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग में मृत कर्मचारियों का पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दुर्घटनाओं के मामलों में विभाग द्वारा घटनाओं के कारणों की जांच विभागीय टीम से कराई है? यदि हाँ, तो घटनाओं के कारणों का प्रकरणवार ब्यौरा दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (घ) क्या मृत कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा दिया गया है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? नहीं तो क्यों? (1) क्या बीमा क्लेम दिया गया है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। भोपाल क्षेत्रान्तर्गत भोपाल एवं होशंगाबाद संभागों में विद्युत लाईन पर काम करते समय प्रश्नाधीन अवधि में वित्तीय वर्षवार हुई विद्युत दुर्घनाओं में मृत कर्मचारियों की प्रश्नाधीन चाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में उल्लेखित दुर्घटनाओं के कारणों की जांच विभागीय अधिकारियों से कराई गई है, जिसका प्रकरणवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय जांच निष्कर्ष अनुसार दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के तहत दण्डादेश जारी किये गये, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नियमानुसार पात्र होने पर मृतक कर्मचारियों के परिजनों को दिये गये मुआवजे की राशि एवं भुगतान की गई बीमा दावा राशि/बीमा दावा राशि के भुगतान हेतु की जा रही कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवारजनों को बेघर किए जाने का प्रयास
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 1433 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्व. श्री हीरालाल शर्मा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रीवा शहर के आराजी खसरा नं. 3785/2 धोबिया टंकी रीवा स्थित मकान में सपरिवार निवास करते थे? यदि हाँ, तो उक्त मकान कब और किसके द्वारा बनवाया गया था? (ख) उक्त स्वतंत्रता सेनानी का परिवार वर्तमान में कहाँ रह रहा है? रीवा शहर के आराजी खसरा नं. 3785/2 धोबिया टंकी रीवा के कितने वैध उत्तराधिकारी हैं? (ग) क्या जिला प्रशासन द्वारा उक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आवास में निवासरत परिवार जनों को बेघर कर उक्त आवास को गिराये जाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो उस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवारजनों के निवास की जिला प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो क्या उक्त आवास नहीं गिराया जायेगा? (घ) उक्त आवास को बचाने के लिए किन-किन न्यायालयों ने कब-कब, क्या-क्या निर्णय देकर रोक लगाई है तथा जिला प्रशासन द्वारा उसका किस प्रकार पालन किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। कोई अभिलेखीय साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार। उनके परिवार द्वारा दायर दस्तावेजों न्यायालयीन प्रकरणों में अंकित दस्तावेज अनुसार श्रीमती सत्यवती शर्मा पत्नी स्व. श्री हीरालाल शर्मा, श्रीमती प्रभा शर्मा पत्नी स्व. श्री सत्यप्रकाश शर्मा, श्री शिवचन्द्र, श्री अविनाश, श्री विकास पुत्र स्व. श्री सत्यप्रकाश शर्मा। (ग) जी नहीं। उक्त आवास वर्तमान में यथावत है। ९९० वर्गफिट की लीज प्रदाय की गई थी परन्तु शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर १५८१ वर्ग फिट में आवास बनाया गया। अतिक्रमित रकबा ५९१ वर्गफिट स्वत: अतिक्रमण मुक्त करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा समय प्रदान किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) न्यायालय अपर जिला न्यायाधीश रीवा के सिविल अपील क्रमांक ४७ए/२००६ निर्णय दिनांक ११/०८/२००६ में दिये गये निर्देशों के परिपालन में तहसीलदार हुजूर द्वारा धारा २४८ म.प्र.भू.रा. संहिता के प्रावधानों अंतर्गत राजस्व प्रकरण ०५/अ-६८/१५-१६ आदेश दिनांक १८/०२/२०१६ द्वारा शासकीय अधिक्रमित भूमि से बेदखल किये जाने का आदेश दिया था। दिनांक १८/०३/२०१७ को अतिक्रमित भाग रिक्त कराया गया है। आवेदकों का आवासीय मकान आज भी यथावत् है एवं वे निवासरत है। न्यायालय तृतीय अपर जिला न्यायाधीश रीवा के व्यवहारवाद क्रमांक ४०ए/२०१३ आदेश दिनांक २७/०७/२०१६ में वादीगणों द्वारा दायर प्रकरण स्थिति स्पष्ट करते हुए निषेधाज्ञा जारी किये जाने का आवेदन निरस्त कर दिया गया है। मा. उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर डब्ल्यू.पी. १८५३५/२०१३ में भी वारिसों का स्वत्व मात्र ९९० वर्गफिट में माना है।
बेरोजगारों के लिए विज्ञप्ति
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 1442 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिये म.प्र. के बेरोजगारों के अलावा अन्य प्रदेशों के बेरोजगार युवाओं के लिये भी विज्ञप्ति निकाली जाती हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? क्या म.प्र. के बेरोजगार युवकों को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार मिल सके इस हेतु अन्य प्रदेशों को छोड़कर केवल म.प्र. के बेरोजगार युवकों को ही सम्मिलित किया जायेगा? यदि हाँ, तो इस संबंध में कब तक निर्णय लेते हुए राजपत्र में प्रकाशित किया जायेगा? (ग) क्या म.प्र. के अलावा अन्य प्रदेशों में केवल उसी प्रदेश के बेरोजगारों को प्रतियोगी परीक्षा में बैठने हेतु अवसर दिया जाता है? यदि हाँ, तो उन प्रदेशों के नाम बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) सामान्य विज्ञप्ति जारी की जाती है। प्रदेश के बेरोजगार युवकों को अधिक अवसर उपलब्ध कराने हेतु सीधी भर्ती के पदों पर आयु सीमा निर्धारित कर मध्यप्रदेश के मूल निवासियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है। (ग) जानकारी अन्य प्रदेशों से संबंधित होने के कारण दिया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण अंचलों में विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1452 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर अंतर्गत ग्रामीण अंचलों के विद्युत विहीन किन-किन ग्राम, मजरा, टोले में वर्ष 2013 से किस योजना के अंतर्गत विद्यतीकरण के कार्य कराये गये हैं? योजनावार व्यय राशि का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्य पूर्ण हो चुके तथा कितने शेष हैं तथा जो शेष हैं वह कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? स्थान सहित पूर्ण एवं अपूर्ण कार्य की जानकारी देवें। (ग) आगामी वर्षों में विद्युत विहीन किन-किन ग्रामों को प्रस्ताव में शामिल कर प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर के अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण क्षेत्रों में 15 अविद्युतीकृत मोहल्लों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत किया गया है। उक्त दोनों योजनाओं में मोहल्ले/मजरे/टोले वार व्यय राशि के देयक ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत नहीं किये जाते हैं अत: मोहल्ला/मजरा/टोला वार व्यय की राशि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। तथापि सीहोर जिले में प्रश्नाधीन अवधि में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत किये गये कार्यों में रूपये 11.65 करोड़ तथा फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत किये गये कार्यों में रूपये 130 करोड़ की राशि व्यय हुई। प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया है। उक्तानुसार विद्युतीकृत मोहल्लों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण की योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर के अंतर्गत 15 अविद्युतीकृत मोहल्लों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 30 अविद्युतीकृत मोहल्लों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य शेष है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। इन अविद्युतीकृत मोहल्लों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स अग्रवाल पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल को दिनांक 18.05.2017 को अवार्ड जारी किया गया है तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य पूर्ण करने की समय सीमा अवार्ड दिनांक से 24 माह है। (ग) सीहोर जिले के विकासखण्ड सीहोर के अंतर्गत कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है तथा उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार 30 अविद्युतीकृत मोहल्लों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु ग्रामों/मोहल्लों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कोई भी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है।
सब स्टेशन की जानकारी
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 1459 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के सोनौरा में सब स्टेशन कब स्वीकृत हुआ था? इसकी लागत कितनी थी? राजस्व विभाग द्वारा कितनी जमीन सब स्टेशन के लिये आवंटित की गई थी? खसरा नम्बर एवं रकबा बतायें? क्या ऊर्जा विभाग को अतिक्रमण मुक्त भूमि आवंटित की गई थी? (ख) क्या सब स्टेशन के लिये आवंटित भूमि में पूर्व से ही अतिक्रमण था? पावर कट और लो वोल्टेज से सतना को निजात दिलाने के लिये 132/33 के.व्ही. का सब स्टेशन बनाया जा रहा था? क्या इस आवंटित भूमि में 14 परिवार काबिज हैं तथा उनके द्वारा अवैध बोरिंग भी करा ली गई है? (ग) इस सब स्टेशन को कब तक पूर्ण होना था? आवंटित भूमि पर कब्जा न मिलने से प्रोजेक्ट की लागत कितनी बढ़ गई है? अब यह सब स्टेशन कब तक पूर्ण होगा तथा पूर्णता के समय इसकी लागत क्या होगी? (घ) भूमि आवंटन समय पर न करने, अतिक्रमण मुक्त भूमि उपलब्ध न कराने के लिये कौन-कौन राजस्व अधिकारी दोषी हैं? इन पर कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सतना जिले के ग्राम सोनौरा में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सतना-II दिनांक 16.05.2016 को स्वीकृत किया गया था। इस कार्य हेतु प्राक्कलित राशि रू. 2145.56 लाख स्वीकृत है। उपकेन्द्र के निर्माण हेतु राजस्व विभाग द्वारा मौजा-सोनौरा, तहसील-रघुराजनगर, की शासकीय आराजी नं. 40/1 एवं 40/2 का अंश, रकबा 3.500 हेक्टेयर तथा आराजी नं. 81 के अंश रकबा 0.560 हेक्टेयर इस प्रकार कुल रकबा 4.060 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। जी हाँ, राजस्व विभाग द्वारा ऊर्जा विभाग को अतिक्रमण मुक्त भूमि ही आवंटित की गई थी। परन्तु कलेक्टर सतना द्वारा जारी भूमि आवंटन आदेश पर एक कृषक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के संदर्भ में स्वामित्व संबंधी वाद प्रस्तुत किया गया, जिससे भूमि आवंटन आदेश को स्थगित रखा गया था। (ख) उपकेन्द्र के लिये आवंटित भूमि में पूर्व से कोई अतिक्रमण मौजूद नहीं था। सतना जिले में बेहतर विद्युत अधोसंरचना हेतु प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सतना-II का निर्माण प्रस्तावित है। उपकेन्द्र निर्माण हेतु आवंटित भूमि में कोई परिवार काबिज नहीं है तथा भूमि में कोई बोरिंग नहीं कराई गई है। (ग) कार्यादेश की शर्तों के अनुसार 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सतना-II का निर्माण कार्य जनवरी 2018 में पूर्ण किया जाना था। आवंटित भूमि पर समय से कब्जा न मिलने से वर्तमान स्थिति में प्रोजेक्ट की लागत में परिवर्तन नहीं हुआ है तथापि कार्यादेश की शर्तों के अनुसार कुछ सामग्री पर प्राइज वेरीयेशन की शर्त संपूर्ण संविदा अवधि में प्रभावी है। माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन हटाने के निर्णय दिनांक 23.03.2017 के पश्चात् दिनांक 06.07.2017 को उपकेन्द्र निर्माण के लिए भूमि को संबंधित निर्माण एजेन्सी को सौंपा गया है। एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है तथा कार्यपूर्णता अवधि अप्रैल 2019 अनुमानित है। कुछ सामग्री पर प्राइस वेरियेशन क्लाज की शर्त लागू होने से कार्य पूर्णंता के समय परियोजना लागत का आंकलन वर्तमान में संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
बिजली की अघोषित कटौती तथा मनमानी
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1463 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना शहर में दिन हो या रात हर 30 मिनट में बिजली कटौती की जा रही, प्री मानसून मेन्टेनेंस हेतु दिनांक 01.4.2017 से 30.06.2017 की अवधि में कब-कब किस-किस क्षेत्र में बिजली कटौती कितने-कितने समय तक की गई? जानकारी देवें? (ख) अब जबकि मेंटेनेंस हो चुका है इसके बाद भी सतना शहर में 72000 हजार उपभोक्ताओं को बिजली कटौती के लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी जवाबदेह है? (ग) दिनांक 15/6/2017 को 33 के.व्ही.ए. सब स्टेशन प्रेमनगर में 8 हजार एम्पियर तीव्रता के फाल्ट के लिये कौन-कौन तकनीकी अमला दोषी है? पतेरी स्थित 132/33 के.व्ही.ए. सब स्टेशन में विद्युत आपूर्ति कब बंद की गई? (घ) सतना शहर की विद्युत आपूर्ति को कब तक नियमित कटौती रहित कर दिया जावेगा, समय सीमा बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं तथापि वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत लाईनों एवं उपकेन्द्रों के संधारण का कार्य वर्ष में 2 बार-यथा वर्षा पूर्व एवं वर्षा के पश्चात कराया जाता है, जिस हेतु विद्युत प्रदाय बन्द किया जाना अपरिहार्य हो जाता है। दिनांक 01.04.17 से 30.06.17 तक की अवधि में सतना शहर में मेन्टेनेंस कार्य हेतु बन्द किये गये विद्युत प्रदाय की फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विद्युत लाईनों/उपकेन्द्रों के रख-रखाव के उपरांत भी कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक व्यवधानों से विद्युत प्रदाय बाधित हो जाता है। ऐसी स्थिति में विद्युत लाईनों/उपकरणों को शीघ्रातिशीघ्र सुधार कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही। उक्त के परिप्रेक्ष्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) 33 के.वी. प्रेमनगर फीडर, 132 के.वी. अति उच्चदाब उपकेन्द्र से निर्गमित है, जो कि प्रेमनगर 33/11 के.वी. उपकेन्द्र को विद्युत प्रदाय करता है। आंधी-तूफान के कारण उक्त 33 के.वी. फीडर दिनांक 15.06.17 को 18.51 बजे फाल्टी हुआ था। संबंधित स्टाफ द्वारा पेट्रोलिंग की गई तथा पतेरी के पास फोर पोल स्ट्रक्चर पर एक पिन इन्सुलेटर एवं जम्पर निकला पाया गया। आवश्यक सुधार कार्य पूर्ण कर 21.49 बजे उक्त लाईन चालू कर दी गई। तकनीकी कर्मचारियों द्वारा उक्तानुसार विद्युत प्रदाय बहाल करते हुए की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में कोई भी तकनीकी कर्मचारी दोषी नहीं है। उल्लेखनीय है कि 33 के.वी. लाईन में स्वचालित सुरक्षा प्रणाली उपकरण स्थापित होने से फीडर फाल्टी होने की स्थिति में प्रणाली स्वत: ट्रिप हो जाती है। तद्नुसार उक्त 33 के.वी. फीडर फाल्टी होने पर 18.51 बजे से पतेरी 132 के.वी. उपकेन्द्र से उक्त फीडर का विद्युत प्रदाय बन्द हो गया था। (घ) सतना शहर में कोई विद्युत कटौती नहीं की जा रही है तथा उत्तरांश (ग) में उल्लेखित कारणों से आए आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर सतत् रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: समय-सीमा बताए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
पंडित दीनदयाल विद्युतिकरण योजना
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 1474 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली अंतर्गत पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में कौन-कौन से गाँव, विद्युत विहीन है जिनकों योजनान्तर्गत स्वीकृत प्रदान की गई है। (ख) क्या विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत विद्युत विहीन ग्रामों का सर्वेक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से गाँव विद्युत विहीन हैं तथा इनके विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण किये जाने हेतु शेष नहीं है। अत: दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किसी भी अविद्युतीकृत ग्राम को विद्युतीकृत किये जाने का कार्य सम्मिलित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
म.प्र. मध्य क्षेत्र वि.वि.कम्पनी वृत्त गुना में पक्षपात की जांच
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 1518 ) श्रीमती ममता मीना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वृत्त गुना में योजनावार कितना बजट आवंटित हुआ तथा कितने बजट का कार्य पूर्ण किया गया। समय-सीमा में कार्य पूर्ण ना होने पर कौन दोषी है तथा विभाग दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक करेगा? (ख) गुना वृत्त में वर्ष 2013-14 से वर्तमान वर्ष 2016-17 तक वितरण केन्द्रवार कितनी राजस्व वसूली वर्षवार की गयी वसूली कम आने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवही की गई तथा शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई कितने घंटे औसतन प्रत्येक दिवस प्रदाय की जा रही है एवं कितनी कटौती की जाती है नियमों का विवरण देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गुना वृत्त के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत क्षेत्र की योजनाओं में केन्द्र एवं राज्य शासन से आवंटित एवं व्यय राशि का विवरण प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। समय-सीमा में कार्यपूर्ण नहीं होने पर दोषी अनुबंधित ठेकेदार एजेंसी के देयकों से निविदा की शर्तों के अनुसार लिक्विडिटी डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप रू. 1.15 करोड़ की राशि वसूल की गई है, जिसका ठेकेदार एजेन्सीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में दर्शाया गया है। (ख) गुना वृत्त में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक वितरण केन्द्रवार राजस्व वसूली की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वसूली कम आने पर संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करना, वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने तथा वेतन कटौती की कार्यवाही की गई है, जिसका वर्षवार संख्यात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। वर्तमान में गुना वृत्त के शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.40 घन्टे प्रतिदिन एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि फीडरों पर औसतन 9.41 घंटे प्रतिदिन, घरेलू फीडरों पर औसतन 22.30 घंटे प्रतिदिन एवं मिश्रित भार वाले फीडरों पर सिंगल फेज पर औसतन 13.15 घंटे प्रतिदिन एवं तीन फेज पर औसतन 9.40 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में निर्धारित विनियमनों के तहत शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू फीडरों पर 24 घंटे प्रतिदिन, कृषि फीडरों पर 10 घंटे प्रतिदिन एवं मिश्रित भार वाले फीडरों पर सिंगल फेज पर 14 घण्टे एवं तीन फेज पर 10 घण्टे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक व्यवधानों एवं संधारण कार्य हेतु विद्युत प्रदाय बंद किया जाना अपरिहार्य होने जैसी स्थिति को छोड़कर सामान्यत: निर्धारित विनियमनों के अनुरूप ही प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
शासकीय सेवकों की गोपनीय चरित्रावली में मतांकन किये जाने के नियम
[महिला एवं बाल विकास]
40. ( क्र. 1586 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय सेवकों की गोपनीय चरित्रावली में मतांकन किये जाने के क्या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) किसी भी शासकीय सेवक की गोपनीय चरित्रावली में प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा किये मतांकन को सक्षम अधिकारी व स्वीकृतकर्ता अधिकारी द्वारा किस श्रेणी तक अवमूल्यांकित (अंडर रेटेड) किया जा सकता है, इस संबंध में शासन के क्या नियम/निर्देश हैं, बतायें? नियमों की प्रति उपलब्ध करावे? (ग) श्रीमती जगमीत जैन, पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग जिला इन्दौर के वर्षान्त 2011 एवं 2012 के गोपनीय प्रतिवेदनों में प्रतिवेदक अधिकारी एवं सक्षम अधिकारी द्वारा किये गये मतांकन ''क'' श्रेणी को दोनों वर्षों में अवमूल्यांकित (अंडर रेटेड) करते हुए वर्ष 2011 में प्रतिकूल टीका ''घ'' श्रेणी तथा वर्ष 2012 में प्रतिकूल टीका ''ग'' श्रेणी अंकित करते हुए मतांकन किया गया है, स्वीकारकर्ता अधिकारी द्वारा शासन के किस नियम के अन्तर्गत अवमूल्यांकन किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित इन्दौर जिले में नियम विरूद्ध अवमूल्यांकित (अंडर रेटेड) किये गये प्रकरण में दोषी अधिकारी के विरूध्द क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) श्रीमती जगमीत जैन, पर्यवेक्षक के वर्षान्त 3/2011 एवं 3/2012 के गोपनीय प्रतिवेदन में प्रतिवेदक अधिकारी एवं समीक्षक अधिकारी द्वारा किये गये मतांकन ''क'' श्रेणी को दोनों वर्षों में अवमूल्यांकित (अंडर रेटेड) करते हुये वर्ष 2011 में प्रतिकूल टीका ''घ'' तथा वर्ष 2012 में ''ग'' श्रेणी अंकित करते हुये कारण सहित मतांकन किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (घ) प्रश्नांश ''ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर शहर में म.प्र.वि.वि. कम्पनी द्वारा रख-रखाव में अनियमितता
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 1614 ) श्री राजेश सोनकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में दिनांक 05/06/2017 को भारी वर्षा होने के कारण सम्पूर्ण शहर में ब्लैक आउट हो गया था? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण थे? (ख) इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वर्षा पूर्व मेंटेन्स का कार्य कब प्रारंभ किया गया था व कितने कि.मी. एच.टी./एल.टी.लाईनों एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का मेंटेनेंस कार्य कराया गया? मेंटेनेंस कार्य करने के लिये नगर निगम इन्दौर को कब सूचित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या निगम सीमा में शामिल किये गये गांवों में म.प्र.वि.म. कंपनी 24 घण्टे विद्युत प्रदाय हेतु फिडर सेप्रेसन का कार्य कर रही है? क्या निगम सीमा में शामिल गांवों में तारो के जाल/ट्रांसफार्मरों को व्यवस्थित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक कार्य को पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र.प.क्षे.वि.वि. कं.लि. के इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वर्षा पूर्व रख-रखाव के अन्तर्गत एवं दीवाली पूर्व (मानसून पश्चात) कितने-कितने विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मरों का रख-रखाव किया गया? जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करायें? विगत 2 वर्षों में उक्तानुसार किये गये रख-रखाव में सम्मिलित ट्रान्सफार्मरों की संख्या वर्षवार बतावें वर्ष 2017-18 में वर्षा पूर्व रख-रखाव किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या भी बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। अपितु इन्दौर शहर में दिनांक 05.06.2017 को शाम 6 बजे के आस-पास, तेज आंधी एवं तूफान के कारण विद्युत लाईनों पर पेड़, पेड़ों की शाखायें एवं बेनर आदि गिरने से विद्युत लाईनें एवं पोल क्षतिग्रस्त होने से विद्युत प्रदाय बाधित हुआ था। (ख) इन्दौर शहर वृत्त में मानसून पूर्व विद्युत लाईनों/उपकेन्द्रों के रख-रखाव का कार्य माह अप्रैल, 2017 में प्रारंभ किया गया था, जिसके अन्तर्गत 553 कि.मी. 33 के.व्ही. लाईन, 1126 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 2382 कि.मी. एल.टी. लाईन एवं 5130 वितरण ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव का कार्य किया गया था। रख-रखाव कार्य कराने के पूर्व सर्व संबंधितों को सूचित करने हेतु समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जाती है, नगर निगम को पृथक से कोई सूचना नहीं दी जाती। (ग) नगर निगम सीमा इन्दौर में शामिल किये गये ग्रामों में विद्युत कंपनी द्वारा फीडर सेपरेशन योजना के अन्तर्गत कोई कार्य संपादित नहीं कराया जा रहा है अपितु इन ग्रामों में विद्युत कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों एवं स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव का कार्य विभागीय तौर पर किया जा रहा है। नगर निगम सीमा इन्दौर में शामिल किये गये ग्रामों को 24 घन्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। नगर निगम सीमा इन्दौर में शामिल किये गये ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत कंपनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना अन्तर्गत कार्य शुरू किया जायेगा, जिसके तहत स्थापित अधोसंरचना को व्यवस्थित करने हेतु विद्युत लाईनों एवं स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों के नवीनीकरण एवं उन्नयन का कार्य संपादित किया जायेगा। उक्त योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: कार्य पूर्णता की समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (घ) इन्दौर शहर वृत्त में वित्तीय वर्ष 2017-18 में वर्षा पूर्व किये गये कार्य में कुल 5130 वितरण ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव का कार्य किया गया। वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में मानसून पूर्व एवं मानसून पश्चात किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव के कार्य में सम्मिलित ट्रांसफार्मरों की संख्या निम्नानुसार है :- वित्तीय वर्ष 2015-16 मानसून पूर्व-4192, मानसून पश्चात-4593, वित्तीय वर्ष 2016-17 मानसून पूर्व-4351, मानसून पश्चात-4751
बैकलॉग पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 1649 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों में बैकलॉग के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? विभागवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या कुछ पदों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पदों में अनुसूचित जाति के अभ्यार्थियों से पद पूर्ति की गई है? यदि हाँ, तो किन परिस्थियों में? उल्लेख करें तथा विभागवार संख्या पद सहित जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या म.प्र. शासन बैकलॉग के पदों की पूर्ति करने जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बैकलॉग के पद स्वीकृत नहीं होते बल्कि बैकलॉग (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग) के पद वे पद होते हैं, जो पिछले वर्ष/वर्षों में रिक्त रह गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 की धारा-4 (1) में स्पष्ट प्रावधान है कि ''इस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन जब तक कि अन्यथा उपबंधित न किया जाए, अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों या अन्य पिछड़े वर्गों के सदस्यों के लिए आरक्षित पद ऐसे सदस्यों से नहीं भरे जाएंगे जो यथा स्थिति, ऐसी जातियों या जनजातियों या वर्गों के नहीं है। '' शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा बैकलॉग पदों की पूर्ति हेतु विशेष भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दायीं तट नहर से हिरन और कटनी नदी में पानी छोड़ना
[नर्मदा घाटी विकास]
43. ( क्र. 1725 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा दायीं तट नहर से जबलपुर जिले की किन्हीं नदियों में किन्हीं निमित्त से किन्हीं मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है? (ख) क्या जबलपुर जिले के किसी ग्राम से उद्गमित हिरन नदी जिला जबलपुर एवं कटनी के किन्हीं स्थानों में किन्हीं कारणों से विगत 3 वर्ष से सूख जाती है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) नहर से प्रश्नांश (ख) नदी में किन कारणों से, किन दिनांकों में एवं कितनी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) नहर के समीपवर्ती किसी ग्रामीण क्षेत्र से कटनी नदी भी उद्गमित होकर कटनी नगर से होकर गई है और उसके किन्हीं स्थान पर सूखे रहने से कटनी को पेयजल की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (घ) नदी में जलप्रवाह प्रदान कर कटनी नगर की पेयजल समस्या का निदान करावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) हिरन नदी में सिहोरा नगर की जल आपूर्ति हेतु वर्ष 2017-18 में 3.57 एम.सी.एम. पानी छोड़ा गया है। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार नगर पालिका सिहोरा क्षेत्रान्तर्गत हिरन नदी विगत 2 वर्षों से सूख जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। कटनी नदी बैराज के अप स्ट्रीम में नदी के उद्गम स्थल (स्लीमनाबाद/बंधी) तक अल्पवर्षा एवं सिंचाई पम्पों से पानी का दोहन होने के कारण नदी में पानी घट जाता है जिससे कटनी नगर में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। (ड.) स्लीमनाबाद टनल का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर कि.मी. 135.30 ग्राम घिनौची से दांयी तट नहर से पेयजल हेतु कटनी नदी में पानी छोड़ा जाना प्रस्तावित है।
ब्रम्हस्वरूप कमेटी की अनुशंसा अनुसार वेतन भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 1730 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसा पर सामान्य प्रशासन विभाग ( वेतन आयोग प्रकोष्ठ ) मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक/एफ 2-6/1/वेआप्र/96, भोपाल दिनांक 5 अक्टूबर 2006 के संलग्न परिशिष्ट 1 एवं 2 के कालम 4 में दर्शाए विभागों के अधीनस्थ पदों को उच्च वेतनमान स्वीकृत किया है? यदि हाँ, तो किस-किस विभागों के परिशिष्टों की उपलब्ध करावे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्कूल शिक्षा विभाग (लोक शिक्षण) के परिशिष्ट 1 (पृष्ठ 42) में वरिष्ठ अंकेक्षक एवं लेखापाल पद का वर्तमान वेतनमान 4500-7000 के स्थान पर दिनांक-01.01.2006 से 5000-8000 उच्च वेतनमान दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो स्कूल शिक्षा विभाग (लोक शिक्षण) के परिशिष्ट 1 (पृष्ठ 42) में लेखापाल को दिनांक 01.01.2006 से 5000-8000 उच्च वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, तो स्कूल शिक्षा विभाग (लोक शिक्षण) के अंतर्गत लेखापाल पद का वेतनमान ब्रम्हस्वरूप समिति द्वारा कौनसा वेतनमान देने की अनुशंसा की थी एवं अनुशंसा उपरांत सामान्य प्रशासन विभाग ( वेतन आयोग प्रकोष्ठ ) मंत्रालय भोपाल द्वारा क्या आदेश जारी किये हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत कनेक्शन में विलंब होने पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 1734 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को खेती के कार्य के लिए सिंचाई हेतु कुआं तक पाइप लाइन हेतु विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। हितग्राही को विद्युत कनेक्शन कितने समय में प्रदाय किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना तहत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में दमोह जबेरा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया? नाम एवं ग्राम पंचायत सूची सहित उपलब्ध करायी जावे। (ग) क्या आदिम जाति विभाग के पत्र क्र अजाक/निर्माण/2016/2482 दमोह दिनांक 08/11/2016 के द्वारा एवं सहायक अभियंता तेजगढ़ को 21/11/2016 को पत्र के माध्यम से तेंदूखेडा विकासखण्ड के तेजगढ़ ग्राम बैरागढ के श्री सूरत सींग बल्द वक्त सींग, श्री रामदास बल्द पूरन सींग एवं श्री देशराज सिंह बल्द श्री दलू सींग के आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से विद्युत कनेक्शन हेतु प्रकरण प्राप्त हुये थे? यदि हाँ, तो उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त योजना के तहत हितग्राही को विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने में सहायक अभियंता सेलेश सिंह, तेजगढ़ के द्वारा जानबूझ कर देरी की जा रही है? नहीं तो उक्त विलंब के लिए विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायी जावे नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 23.12.2016 को जारी अधिसूचना अनुसार अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाईन का विस्तार कर विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदाय किये जाने की राज्य शासन की योजना है। उक्त अधिसूचित योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कलेक्टर द्वारा अनुमोदित हितग्राहियों की सूची वितरण कंपनी को प्राप्त होने के उपरांत हितग्राही को वरीयता के आधार पर विद्युत कनेक्शन प्रदाय किया जाता है। अत: तत्संबंध में निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजना में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हितग्राहियों की हितग्राहीवार एवं ग्राम पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त होने के बाद कनिष्ठ यंत्री, तेजगढ़ द्वारा आवेदकों से औपचारिकतायें पूर्ण कराई गई तथा दिनांक 11.7.17 को प्राक्कलन स्वीकृत कर निर्माण संभाग, दमोह को कार्यादेश जारी कर दिया गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु आवेदक हितग्राहियों के आवश्यक दस्तावेजों के अभाव में सत्यापन कार्य में विलम्ब होने के कारण कनिष्ठ अभियंता, तेजगढ़ द्वारा औपचारिकताएं पूर्ण कराने के पश्चात् ही प्रकरण स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जा सका है। प्रकरण में विलम्ब हेतु अधीक्षण यंत्री (संचा/संधा), दमोह द्वारा दिनांक 10.7.2017 को श्री शैलेश सिंह, कनिष्ठ यंत्री, तेजगढ़ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
अनुसूचित जाति बस्तियों का विकास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
46. ( क्र. 1788 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में अनूसूचित जाति वर्ग का कितना प्रतिशत है? ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग द्वारा अनुसूचित जाति विकास योजनांतर्गत अनूसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में मूलभूत विकास कार्य कराये जाते है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन अनूसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में क्या कार्य कराये गये? विभाग द्वारा जिला स्तर पर विभिन्न मदों में प्रदत्त आवंटन को विधानसभा क्षेत्र वार प्राथमिकता के आधार पर व्यय करने के क्या निर्देश हैं, निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत अनुसूचित जाति बस्तियों में विगत दो वर्षों में कोई कार्य नहीं कराया गया हैं, जिससें अनूसूचित जाति बाहुल्य ग्राम मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है, दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा कब तक उक्त बस्तियों में मूलभूत सुविधा का विकास करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन विधानसभा क्षेत्रवार करने के निर्देश नहीं हैं। (ग) जी हाँ। नियमानुसार कार्य कराये गये हैं। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नवीन 132 के.व्ही एवं 33 के.व्ही. ग्रिड स्थापना
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 1806 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में नवीन 132 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. क्षमता के ग्रिड कितनी जगह लगाया जाना प्रस्तावित है? ये कब तक स्वीकृत हो जावेंगे? सूची उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में 132के.व्ही. का एक उपकेन्द्र भैसोला (क्षमता 50 एम.वी.ए.) में तथा 33 के.व्ही. के दो उपकेन्द्र (क्षमता 5 एम.वी.ए. प्रत्येक) ग्राम भीकमपुर एवं सुरेलसांदला में स्थापित किये जाना प्रस्तावित है तथा इन कार्यों को ट्रांसमिशन एवं वितरण कंपनियों द्वारा स्वीकृत भी किया गया है।
छात्रवृत्ति/शिष्यवृत्ति का भुगतान
[आदिम जाति कल्याण]
48. ( क्र. 1819 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में संचालित किन-किन आवासीय विद्यालयों/छात्रावासों/आश्रम में कितने-कितने छात्र/छात्राएं अध्ययनरत हैं इनकी क्षमता क्या हैं वर्ष 2014-15 से 2017-18 में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की छात्रावासवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में अध्ययनरत कितने-कितने छात्र/छात्राओं को माहवार किस मान से छात्रवृत्ति/शिष्यवृत्ति की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया। कितने छात्र/छात्राओं को कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? इसकी जांच कब किसने की है? इसके लिये दोषी किन अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांकित किन-किन विद्यालयों/छात्रावासों/आश्रमों/में अध्ययनरत/निवासरत छात्र/छात्राओं को डाइट चार्ट के मुताबिक भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता हैं एवं क्यों? इसकी जांच कब किसने की है तथा इसमें पायी गई अनियमितताओं के लिये दोषी किस-किस पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांकित अवधि में किन-किन विद्यालयों/छात्रावासों/आश्रमों में अध्ययन/निवासरत कितने-कितने छात्र/छात्राओं से माहवार भोजन (मेस) की वर्षवार कितनी राशि ली गई एवं कितनी राशि व्यय हुई? इसकी जांच किसने की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) छात्रावास एवं आश्रमों में प्रवेशरत छात्र एवं छात्राओं के मेस संचालन हेतु शिष्यवृत्ति राशि का भुगतान अधीक्षक एवं मेस नायक के संयुक्त खाते में की जाती है। वर्ष 2014-15 में रूपए 940/- प्रति छात्र प्रतिमाह एवं रूपए 970/- प्रति छात्रा प्रतिमाह वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में रूपए 1055/- प्रति छात्र प्रतिमाह एवं रूपए 1100/- प्रति छात्रा प्रतिमाह के मान से शिष्यवृत्ति का भुगतान किया गया है। 10% की राशि छात्र एवं छात्राओं के खाते में जमा किया जाता है। छात्र एवं छात्राओं को नियमित भुगतान किया गया है। अतः जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छात्रावासों/आश्रमों में अध्ययनरत/निवासरत छात्र/छात्राओं को डाइट चार्ट के मुताबिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। नियमित निरीक्षण के तहत दोषी पाए गए अधीक्षकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) छात्रावास एवं आश्रमों में निवासरत छात्र/छात्राओं से मेस संचालन/भोजन हेतु राशि नहीं ली जाती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के कुए/नलकूपों के ऊर्जीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
49. ( क्र. 1840 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में अनुसचित जाति के किसानों के कुएं/नलकूपों के ऊर्जीकरण हेतु वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के कितने किसानों के कुओं/नलकूपों के प्रस्ताव है? प्रस्ताव अनुसार ऊर्जीकरण का कार्य कब तक करा लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में कार्य विभाग द्वारा कराया जावेगा अथवा ऊर्जा विभाग द्वारा कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2016-17 में रू. 140.00 लाख एवं वर्ष 2017-18 में रू. 93.43 लाख प्रदाय की गई। (ख) 1307 कृषकों के प्रस्ताव हैं। 07 जून, 2017 को जारी राजपत्र अनुसार अनुसूचित जाति के कृषकों के पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु नवीन दिशा निर्देश जारी कर पूर्व के विद्युतीकरण संबंधी समस्त नियमों को निरस्त कर दिया गया है। नवीन दिशा निर्देशानुसार अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषक से तात्पर्य अनुसूचित जाति/जनजाति के ऐसे व्यक्ति से है जिसके पास अधिकतम 10 हेक्टेयर भूमि हो। कृषकों का चयन छोटे से भूमि धारक के बढ़ते क्रम में तैयार कर प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुमोदन प्राप्त कर किया जाना है। समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) कार्य विभाग द्वारा कराया जावेगा।
गैर शिक्षकीय अमले की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
50. ( क्र. 1842 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन के नियम निर्देश हैं कि शिक्षकीय अमले से गैर शिक्षकीय कार्य न कराया जाये? यदि हाँ, तो उस आदेश की प्रमाणित छाया प्रति प्रदाय करें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) आदेश के पालन में संलग्नीकरण/प्रति नियुक्ति पर भेजे गए म.प्र. आ.ज.क. विभाग के शिक्षकीय अमले (प्राचार्य, व्याख्याता, प्र. अध्या., शिक्षक, सहा. शिक्षक) को मूल कार्य स्थान में वापस किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रमाणित छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तिलहन संघ के सेवायुक्तों को वेतनमानों का लाभ
[सामान्य प्रशासन]
51. ( क्र. 1857 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 7175 उत्तर दिनांक 08/04/2011 में अवगत कराया गया है शासन के द्वारा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग, लोक सेवा प्रबंधन विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, राजस्व विभाग एवं नर्मदा घाटी विकास प्रधिकरण में तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर गत लगभग 15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को पाँचवा वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। शेष विभाग के कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया जा रहा है? नियम बतायें। (ख) क्या तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर शासन के विभिन्न विभागों में 10-15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को पाँचवां व छठवां वेतनमान का लाभ स्वीकृत करेंगे? करेंगे तो कब से यदि नहीं, तो क्यों? शासन के विभागों में लाभ दिया जा रहा है जबकि तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति/संविलियत कर्मचारियों को वेतनमान का लाभ अन्य विभागों में नहीं दिया गया? यह भेदभाव क्यों? क्या शासन समान रूप से सभी विभागों/कर्मचारियों के लिए आदेश प्रसारित करेगा? (ग) तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर शासन के विभिन्न विभागों में 15-16 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को पाँचवां/छठवां वेतनमान का ऐरियर कब तक दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण दें? (घ) क्या तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छात्रावासों में अधीक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति
[आदिम जाति कल्याण]
52. ( क्र. 1865 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने छात्रावासों में अधीक्षक पदस्थ है? कितने छात्रावासों में प्रभार अथवा अन्य विभागीय कर्मचारियों के पास इसका दायित्व है? (ख) क्या लंबे समय से विभाग में छात्रावास अधीक्षक के पद रिक्त होने से इसमें निवासरत छात्र-छात्राओं को असुविधा हो रही है? विभाग द्वारा इनकी पदपूर्ति के क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) क्या इन रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती अथवा विभागीय पदोन्नति के माध्यम से की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) खंडवा जिले में कितने छात्रावासों में अधीक्षकों के पद रिक्त हैं? इन्हें भरे जाने की क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या जिले में छात्रावास अधीक्षक के स्थानांतरण एवं पदस्थापना परिवर्तन में शासन के नियमों के विरूद्ध आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इन्दौर संभाग में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में 346 अधीक्षक पदस्थ हैं। 371 छात्रावासों में प्रभार अथवा अन्य विभागीय कर्मचारियों के पास इसका दायित्व है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा पद पूर्ति होने तक वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, पद पूर्ति प्रक्रियाधीन है। (ग) पदों की पूर्ति विभागीय नियमों के तहत की जावेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) खण्डवा जिले में 78 छात्रावास अधीक्षकों के पद रिक्त हैं। पद पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में विसंगति
[वित्त]
53. ( क्र. 1883 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा ग्वालियर एवं चम्बल सम्भाग, ग्वालियर द्वारा मध्यप्रदेश शासन एवं वित्त विभाग के निर्देशों के अनुसार कर्मचारी, अधिकारियों के वेतन निर्धारण का परीक्षण नहीं किया जा रहा है? क्या ऐसी विसंगतियों के लिये जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या संयुक्त संचालक ग्वालियर द्वारा दिनांक 26.05.2015 को स्टेनो टाइपिस्ट, कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सबलगढ़ (मुरैना) के प्रकरण में वेतन निर्धारण दिनांक 01.04.2006 की स्थिति में रू. 10930 ग्रेड पे-3600 रूपये एवं 05.09.2013 की स्थिति में 15700 रूपये ग्रेड पे 4200 रूपये अनुमोदित किया गया था? पुन: उक्त वेतन निर्धारण को दिनांक 15.03.2015 को संशोधित कर दिनांक 01.07.2014 को 15630 रूपये ग्रेड पे-3200 रूपये अनुमोदित किया गया है? उक्त त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के लिये कौन दोषी है? क्या विभाग उनके खिलाफ कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। वित्त विभाग के निर्देशों के अनुसार ही वेतन निर्धारण का परीक्षण किया जाता है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिला पेंशन कार्यालय मुरैना द्वारा पेंशन प्रकरण परीक्षण के समय प्रकाश में लाने पर पुन: वेतन निर्धारण संशोधित कर 15630 रूपये ग्रेड पे-3200 रूपये पुनरीक्षित किया जाकर निराकरण किया गया है। अत: किसी के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत बिलों की राशि में अनियमितता
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 1936 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की तहसील नौगांव, महाराजपुर, लवकुशनगर, गौरिहार, चंदला में वर्ष 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने बिलों की राशि में अनियमितता को लेकर शिकायत संबंधित विद्युत वितरण केन्द्र में की गई? इनमें कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? कितनी राशि का संशोधन कितने बिलों में किया गया? (ख) क्या उक्त जिलों में विद्युत कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को जानबूझकर मीटर खपत एवं आंकलित खपत की रीडिंग समान देकर दुगनी राशि वसूली जा रही है, जिनकी संख्या हजारों में है? इस तरह की कितनी शिकायतें उक्त अवधि में विभाग को मिली तथा कितने बिलों में मीटर खपत एवं आंकलित खपत के बिलों में संशोधन कर बिलों को आधा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित जिन उपभोक्ताओं की मीटर खपत एवं आंकलित खपत दोनों समान बताकर बिलों को दुगना दिया गया है तथा इन उपभोक्ताओं ने दुगनी राशि भी भर दी है, क्या इनकी राशि अगले बिल में समायोजित कर ली जायेगी? (घ) क्या उक्त अनियमितता की जांच के लिए कोई कमेटी बनाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छतरपुर जिले की प्रश्नांतर्गत तहसीलों में दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक बिलों की राशि में त्रुटि संबधी 4147 शिकायतें संबंधित विद्युत वितरण केन्द्रों में प्राप्त हुई तथा उक्त सभी 4147 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। उक्तानुसार प्राप्त शिकायतों में 3832 बिलों में रू. 53.58 लाख की राशि का संशोधन किया गया। (ख) जी नहीं। ऐसे उपभोक्ता जिनके संयोजनों में स्थापित मीटर सही स्थिति में कार्यरत हैं, उन्हें मीटर रीडिंग के आधार पर एवं जिन उपभोक्ताओं के संयोजनों में स्थापित मीटर बंद/खराब हैं उनमें विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधान के अनुसार औसत खपत का आंकलन कर बिल जारी किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उक्तानुसार प्राप्त कुल 4147 शिकायतों में से 1665 शिकायतें आंकलित खपत के संबंध में थीं, जिनमें संशोधन कर बिलों को आधा नहीं अपितु यथोचित राशि हेतु संशोधित किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दुगनी राशि का बिल दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता तथापि यदि उपभोक्ता द्वारा बिल संशोधित होने के पूर्व ही बिल की राशि का भुगतान कर दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में उनके द्वारा भुगतान की गई अतिरिक्त राशि का समायोजन उनके आगामी बिलों में किया जाता है। (घ) बिलों में खपत के आंकलन संबंधी कार्यवाही नियमानुसार की गई है, अत: इस संबंध में किसी प्रकार की जांच कराया जाना आवश्यक नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र. 1965 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 10 मार्च 2017 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न क्रमांक 3344 के उत्तर (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है दिया है तो प्रश्नांश अनुसार चाही गई जानकारी की प्रति देते हुए बतावें कि नियम विरूद्ध तरीके से व्यय की गई राशि के दोषियों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति भी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 10 मार्च 2017 के बाद माननीय मुख्यमंत्री महोदय के कार्यक्रम रीवा एवं संतना जिलों में किन-किन स्थानों पर आयोजित हुए, उन पर प्रश्नांश (क) के अनुसार चाही गई जानकारी के अनुसार कितनी-कितनी राशि किन-किन मदों पर शासन के किस हेड से खर्च की गई, का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) की राशि नियम विरूद्ध एवं दूसरे हेडों से दूसरे मदों पर खर्च की गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऊर्जा विकास उपकर की वसूली
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 1966 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. उपकर अधिनियम की धारा 3 (2) अनुसार ऊर्जा विकास उपकर राज्य के समाकेतिक निधि में जमा होना चाहिये, जिसे राज्य शासन प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में पिछले वर्ष की प्राप्त उपकर की राशि अलग निधि में जमा हो, जिसे विकास निधि से जाना जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उपकर अधिनियम की धारा 3 (3) प्रावधानित करती है कि निधि में जमा राशि का उपयोग ऊर्जा क्षेत्र में विकास तथा अनुसंधान उत्पादन के दक्षता में सुधार, प्रेषण, वितरण तथा परेषण में घाटे की कमी, डिजाइन, निर्माण, संधारण, संचालन में अनुसंधान ऊर्जा स्रोत्रों के सर्वेक्षण अन्य कार्यों में किये जाने का है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विकास कर रीवा जिले में वर्ष 2010 से प्रश्नांश तक में कितना वसूली कर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में विद्युत विकास निधि में जमा किया गया का विवरण उपरोक्त अवधि का देंवे? इस जानकारी के बावत् दिनांक 16.06.2017 को पत्र क्र. 927 से अधीक्षण अभियंता म.प्र. विद्युत मण्डल रीवा से भी जानकारी चाही गई थी, जो अप्राप्त है। (घ) प्रश्नांश (क) के पालन में प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राप्त विकास उपकर जो विकास निधि कहलाती है का उपयोग प्रश्नांश (ख) के किन-किन कार्यों में रीवा जिला अंतर्गत खर्च किया गया का विवरण वर्ष 2010 से प्रश्नांश तक का देंवे? (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राप्त उपकर को जो विकास निधि कहलाती है नहीं वसूली गई तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? अगर वसूली गई, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार शासन के नियमों के परिपालन में खर्च न कर उसका दुरूपयोग किया गया तो दोषियों से राशि की वसूली के साथ राशि के गबन का अपराध पंजीबद्ध करायेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ तथापि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रयोजनों के अतिरिक्त निधि का उपयोग मध्यप्रदेश उपकर अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (3) में उल्लेखित प्रयोजनों (क) से (ट) हेतु किया जा सकता है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रीवा जिले में जनवरी 2010 से मार्च 2012 तक की अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ऊर्जा विकास उपकर की राशि रू. 5.14 करोड़ वसूल की गई। वितरण कंपनियों की वित्तीय साध्यता के लिए राज्य शासन द्वारा स्वीकृत वित्तीय पुनर्संरचना योजना अंतर्गत वितरण कंपनियों को वितरण हानियों में कमी लाने के लक्ष्य दिये थे। अत: वित्तीय पुनर्संरचना योजना अंतर्गत राज्य शासन ने वितरण कंपनियों द्वारा उक्त राशि सहित सम्पूर्ण प्रदेश में एकत्रित उपकर की राशि को उपयोग हेतु मंत्रि-परिषद् निर्णय के अनुसार विद्युत कंपनियों के सतत् ऋण में परिवर्तित कर दिया, जिसका वित्तीय वर्षवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
ऊर्जा विकास उपकर की राशि (राशि रूपये में) |
टीप |
1 |
2009-10 |
72,98,805.30 |
जनवरी-2010 से मार्च-2010 |
2 |
2010-11 |
3,08,47,451.90 |
अप्रैल-2010 से मार्च-2011 |
3 |
2011-12 |
1,32,76,157.30 |
अप्रैल-2011 से मार्च-2012 (10.08.2011 से ऊर्जा विकास उपकर की बिलिंग वितरण हेतु बंद हो गई) |
कुल राशि |
5,14,22,414.50 |
|
(घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 927, दिनांक 16.6.2017 द्वारा चाही गई जानकारी अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) रीवा के पत्र क्रमांक 3167, दिनांक 06.07.2017 द्वारा प्रदान की गई है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्षेत्र विशेष से वसूल किये गये ऊर्जा विकास उपकर की राशि का मात्र क्षेत्र विशेष के लिए ही उपयोग नहीं किया जाता। (ड.) प्राप्त उपकर ''ऊर्जा विकास उपकर'' कहलाता है, जिसे मध्य प्रदेश उपकर अधिनियम 1981 (यथा संशोधित) के प्रावधान अनुसार वसूल किया जा रहा है। उक्तानुसार की जा रही कार्यवाही तथा उत्तरांश 'ग' एवं 'घ' अनुसार वसूली गई राशि के उपयोग के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही किए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 1975 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने विद्युत ग्रिड स्थापित किये जाने हेतु विभाग/शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? उन स्थानों के नाम बतावें। (ख) क्या शासन द्वारा ग्राम अगरदा से खातेगांव में विद्युत ग्रिड स्थापित किये जाने हेतु स्वीकृति की गई है? यदि हाँ, तो उक्त ग्राम में अभी तक ग्रिड स्थापित किये जाने संबंधी कार्य शुरू क्यों नहीं किया गया? कारण बतावें। (ग) उक्त ग्राम अगरदा में विद्युत ग्रिड स्थापित किये जाने का कार्य शासन/विभाग द्वारा कब शुरू किया जावेगा? निश्चित अवधि बतावें। (घ) ग्राम अगरदा के विद्युत ग्रिड से कितने ग्राम लाभांवित होंगे? ग्राम के नाम बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में निरंक एवं 2016-17 में ग्राम अगरदा में एक 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र स्थापित किये जाने हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी हाँ, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचारण एवं संधारण संभाग, कन्नौद के खातेगांव (टाउन) वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम अगरदा में विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में ग्राम अगरदा में नवीन विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु आवश्यक भूमि के आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: उक्त कार्य अभी आरंभ नहीं हुआ है। (ग) ग्राम अगरदा में विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत कार्य शुरू किया जा सकेगा, अत: वर्तमान में निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) ग्राम अगरदा में विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने के उपरांत 10 ग्राम यथा-1. छोटीबरखा, 2. भीलखेड़ी, 3. अगरदा, 4. साक्टया 5. खुड़गांव 6. निमोरा 7. बिलोदा 8. राजौर 9. तितली एवं 10. अजनास लाभान्वित होंगे।
वित्त विभाग की लापरवाही से पदों की संख्या में बिना केबिनेट की मंजूरी वृद्धि की जाना
[वित्त]
58. ( क्र. 2004 ) श्री मुकेश नायक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपाक्स का पत्र क्रमांक 528/2015 दिनांक 07.10.2015/13.01.2016 जो कि वित्त विभाग तथा मंत्री परिषद् की अनुमति के बिना पदों की संख्या में की गई वृद्धि की जांच कराये जाने विषयक था, तत्कालीन प्रमुख सचिव को संबोधित वित्त विभाग में प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो इसे किस क्रमांक एवं दिनांक पर पंजी किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) यदि पत्र प्राप्त हुआ था तो उस पर क्या-क्या कार्यवाही किस-किस प्राधिकारी ने किस-किस दिनांक को की? उनके नाम एवं पद तथा की गई कार्यवाही बतायें? (ग) क्या उपरोक्त पत्र सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 11-18/2009/9/एक दिनांक 30.05.2009 में दिए गए दायित्वों के निर्वहन के लिये समय सीमा के अनुसार पालन किया गया? यदि हाँ, तो इसका प्रमाण क्या है? यदि नहीं, तो जिम्मेदारी निर्धारित कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या पदों की संख्या में वृद्धि बिना केबिनेट की मंजूरी और बिना वित्त विभाग की अनुमति/सहमति के की जा सकती है तथा पदों की समाप्ति भी वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक 2672/3199/2000/सी/आर दिनांक 27 दिसम्बर 2000 सहमति के बिना नहीं की जा सकती हैं। (ड.) क्या नवीन पदों की स्वीकृति तथा पदों की प्रशासकीय विभाग द्वारा दी गई निरंतरता में अंतर है? यदि नहीं, तो सही क्या है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अपाक्स का पत्र क्रमांक 528/2015 दिनांक 07-10-2015/13-01-2016 विभाग में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) से (ड.) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रमोन्नति वेतनमान में त्रुटि सुधार
[वित्त]
59. ( क्र. 2006 ) श्री मुकेश नायक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्रों में दिये गये निर्देशानुसार विधायक के पत्रों की पावती एक सप्ताह के अंदर एवं उन पत्र की गई कार्यवाही की जानकारी से एक माह के अंदर अवगत कराया जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्न क्र. 6671 दिनांक 18 मार्च 2016 में उल्लेखित पत्रों की पावती तथा की गयी कार्यवाही संबंधी भेजे गये पत्रों की प्रति बतायें। क्या प्रश्नकर्ता का भी इस विषयांन्तर्गत पत्र प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो वह किस दिनांक को पंजी हुआ था और इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या विभाग में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-18/2009/9/एक, दिनांक 30.05.2009 में दिये गये निर्णय अनुसार कार्य किया जाता है और क्या संचालनालय कोष एवं लेखा के पत्र क्रमांक/दिनांक- 407/08.012016, 482/17.02.2016, 497/29.02.2016, 80/20.05.2016, 370/10.11.2016, 148/06.06.2017, शासन को प्राप्त हुये थे? यदि हाँ, तो उनका पंजी क्रमांक और दिनांक बताते हुये यह भी बताये कि क्या शासन के परिपत्र दिनांक 30.05.2009 के पालन में उसमें दी गई अवधि के अनुसार प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कौन जिम्मेदार है और उपरोक्त पत्रों पर कब तक शासन संशोधित आदेश जारी करेगा। (ग) क्या क्रमोन्नति योजना वेतनमान के आधार पर लागू की गई थी न कि पद नाम के आधार पर? यदि हाँ, तो वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21.05.2015 द्वारा जो त्रुटि ठीक की गई है वह पद विशेष के लिये क्यों वेतनमान के आधार पर क्यों नहीं की गई? क्या शासन संचालक के पत्र दिनांक 08.01.2016 के प्रस्ताव अनुसार संशोधित आदेश जारी करेगा। (घ) वित्त विभाग में विलंब से की जा रही उपरोक्त कार्यवाही और विधायक के पत्रों की उपेक्षा करने के जुर्म में दोषी के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 6671 का उत्तर विधान सभा में यथा समय प्रस्तुत किया गया जिसमें वांछित जानकारी उपलब्ध कराई जा चुकी है। (ख) प्रश्नकर्ता मा.विधायक द्वारा मुख्य सचिव को प्रेषित पत्र दिनांक 20-12-2016 प्राप्त हुआ जो कि दिनांक 24-12-2016 को वित्त विभाग में पंजीकृत किया गया है। सहायक मानचित्रकार एवं सहायक वर्ग-2 की स्थितियां भिन्न थी क्योंकि सिहंदेव समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक वर्ग-2 के वेतनमान का उन्नयन होने से क्रमोन्नत वेतनमान के प्रक्रमों में संशोधन करना आवश्यक था। इसलिये पृथक से कार्यवाही की आवश्यकता नहीं रही है। संचालनालय कोष एवं लेखा से पत्र प्राप्त है। सभी की विषय वस्तु एक ही है एवं वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21 मई 2015 में उपर्युक्त ''क'' अनुसार संशोधन की आवश्यकता नहीं रहने से कार्यवाही अपेक्षित नहीं रही है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी क्रमोन्नति योजना वेतनमान के आधार पर थी। वित्त विभाग का परिपत्र दिनांक 21 मई 2015 से संबंधित तथ्य प्रश्नांश ''क'' में वर्णित है। अतः संशोधित आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं रही है। (घ) प्रश्न में सभी पत्रों को संज्ञान में लिया गया है। अतः विलंब जैसी कोई स्थिति नहीं रही है।
जांच दल द्वारा न्यायालय को गुमराह किए जाना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
60. ( क्र. 2022 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को सौर ऊर्जा परियोजना हेतु आंवटित भूमियां पतलासीकलां व सीतामऊ के संबंध में प्रकरणों की जांच हेतु न्यायालयीन आदेश क्रं.2234-35/आरटीसी/2016दि.17/07/2016को संयुक्त जांच दल में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित थे नाम व पद की जानकारी देवें। (ख) दिनांक 15.07.2016 को संयुक्त दल द्वारा जांच के दौरान मौके पर कंपनी के लिए अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत रामसिंह व किशोर चंद्रवंशी के अलावा किन-किन व्यक्तियों के पंचनामे पर हस्ताक्षर करवाएं गए थे उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) नाटाराम भूमि आवंटन क्रं.58/अ-20 (1)/14-15 दिनांक 14.01.2015 में ग्लोबल्स स्टील एण्ड पॉवर प्रा.लि.नई दिल्ली 20 मेगावाट हेतु भूमि हेक्टयर 30.198 पर कंपनी की सामग्री लाने ले जाने हेतु बड़े-बड़े वाहन तथा कर्मचारियों/अधिकारियों के आवागमन हेतु कौन से रास्ते का उपयोग किया जा रहा हैं? सर्वे क्रं.व नक्शे उपलब्ध करावें एवं वनविभाग की भूमि पर रास्ते का उपयोग कंपनी द्वारा किया जा रहा हैं? (घ) जांचदल द्वारा छोटीपतलासी में निस्तार की खुली भूमि व वाटरशेड योजना से बने सात तालाब, चरनोई की दो प्रतिशत भूमि एवं भविष्य में शासकीय भवनों हेतु पर्याप्त शासकीय भूमि (प्लांट की बाउण्ड्रीवॉल में तालाब का नहीं होना) बताया गया हैं, उक्त समस्त के सर्वे नं. एवं नक्शे की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा समस्त भूमि को चिंहित कर पंचायत का प्रमाणपत्र भी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन आदेश क्रमांक 2234-35/आरटीसी/2016 दिनांक 12.07.2016 के द्वारा संयुक्त जाँच दल में श्री साधुलाल प्रजापति संयुक्त कलेक्टर मंदसौर, श्री एस.के. भंडारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सीतामऊ, श्री एस.एल. बजाज जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी मंदसौर, श्री अशोक अवस्थी वन परिक्षेत्राधिकारी गरोठ, श्री के.सी. ठाकुर तहसीलदार सीतामऊ, श्री निर्भयराम मकवाना राजस्व निरीक्षक सीतामऊ, सुश्री पिंकी अहीर पटवारी पतलासीछोटी, श्री राजाराम पाण्डे राजस्व निरीक्षक कयामपुर व श्री मुकेश पवार पटवारी नाटाराम थे। (ख) दिनांक 15.07.2016 को संयुक्त दल द्वारा जो पंचनामा तैयार किया गया था, उस पर संयुक्त जांच दल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अतिरिक्त, ग्राम पतलासीकला व ग्राम नाटाराम निवासियों के हस्ताक्षर है। उक्त पंचनामे की सत्य प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) संबंधित कम्पनी की सामग्री लाने ले जाने हेतु व कम्पनी के वाहन तथा अधिकारी/कर्मचारियों के आवागमन हेतु सीतामऊ में कयामपुर जाने वाली मुख्य पक्की सड़क सर्वे नम्बर 700 से चलकर सर्वें नम्बर 1636/2 मद गैर मुमकीन, 1667/1/1 मद गैर मुमकीन, 1667/1 मद बर्डी, 1550 मद बर्डी, 1548 मद बर्डी, जो कि रिकार्डेड शासकीय भूमियाँ है, का प्रयोग किया जाता है। वन विभाग की भूमि का रास्ते के रूप में उपयोग नहीं किया जा रहा है। नक्शे की प्रति, जिसमें रास्ते को लालस्याही से दर्शाया गया है की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) ग्राम छोटी पतलासी में निस्तार की खुली भूमि व वाटरशेड योजना से बने सात तालाब, चरनोई की 2 प्रतिशत भूमि एवं भविष्य में शासकीय भवनों हेतु शासकीय भूमि के सर्वें नम्बर 28, 38, 53, 54, 55, 201, 211, 232, 234, 235, 326, 345/1, 345/3 व 359 की भूमियाँ है, जो नक्शे में लालस्याही से अंकित की गई है। उक्त नक्शे की प्रति क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है। इस संबंध में ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं है।
अनुसूचित जाति एवं जनजातियों की बस्तियों के विकास हेतु राशि का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
61. ( क्र. 2047 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजातियों की बस्तियों के विकास हेतु शासन द्वारा जो राशि जारी की जाती है उस राशि को किन वस्तियों के विकास हेतु पहले दिया जायें, इसके निर्धारण के लिए कोई समिति बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो समिति के सदस्य कौन-कौन है तथा वर्ष में समिति की कितनी बैठके हुई? यदि नहीं, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) अनुसूचित जाति एवं जनजातियों की वस्तियों के विकास हेतु पन्ना जिले को वर्ष २०१४ से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ तथा किसकी अनुशंसा से किस बस्ती को कितनी राशि कब दी गई एवं कितनी राशि का उपयोग न कर पाने के कारण किस वित्तीय वर्ष की समाप्ति में किस अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही से समर्पण करना पड़ा? (ग) अनुसूचित जाति एवं जनजातीयों की बस्तियों के विकास हेतु क्या ऐसे प्रावधान हैं कि जो अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य बस्तियाँ हों, उनमें ही इस योजना की राशि दी जावे या फिर अधिकारियों की स्वेच्छाचारिता से किसी भी बस्ती के विकास के लिए यह राशि दी जा सकती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतिकरण नियम, 2017 में समिति का प्रावधान है। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पन्ना जिले में नवीन नियम जारी होने के पश्चात बैठक नहीं हुई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। ग्राम पंचायतों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार स्वीकृति प्रदान की गई है। किसी अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही नहीं थी। (ग) जी हाँ। स्वेच्छाचारिता से किसी भी बस्ती के विकास के लिए राशि नहीं दी गई है।
पम्पों के उर्जीकरण योजना का क्रियान्वन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
62. ( क्र. 2050 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पम्पों के उर्जीकरण योजनान्तर्गत विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने कृषको को लाभान्वित किया है? ग्रामवार कृषकों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग आगर को योजनान्तर्गत किन-किन कृषकों को लाभान्वित किए जाने हेतु अनुशंसायें भेजी हैं? सूची उपलब्ध करावें। प्राप्त अनुशंसाओं पर जिला संयोजक द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं किन-किन पत्रों के प्रति उत्तर भेजे गये? प्रति उत्तर पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के लिये किन-किन ठेकेदारों/ऐजेन्सियों को अधिकृत किया गया था एवं इनको कार्यों के लिए कितना-कितना भुगतान किया? निकाली गई निविदा, तकनीकि स्वीकृति, तुलनात्मक पत्रक, भुगतान पत्रक की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित भुगतान से पूर्व कार्यों का भौतिक सत्यापन क्या म.प्र.वि.वि. कम्पनी के जवाबदार अधिकारियों द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो सत्यापन रिपोर्ट की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो भौतिक सत्यापन के बिना ठेकेदारों को भुगतान किस आधार पर किया गया? क्या जाँच कर उचित कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति के 42 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 22 अनुशंसाएं प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। परिशिष्ट 'ब' में क्रमांक 01 पर दर्ज कृषक की मा. प्रभारी मंत्री से अनुमोदन लिया गया है। शेष आवेदन पत्र मा. प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के पश्चात प्राप्त हुए फलस्वरूप शेष अनुशंसाओं पर कार्यवाही नहीं की गई। प्रति उत्तर नहीं भेजे गये। (ग) श्री जितेन्द्र सकलेचा, नलखेडा, कासलीवाल इलेक्ट्रिकल्स, इंदौर, मे. सूर्या कंसट्रक्शन, इंदौर एवं मे. राकेश पाटीदार, सुसनेर, ठेकेदारों/एजेन्सियों को अधिकृत किया गया। भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। निविदा तकनीकी स्वीकृति तुलनात्मक पत्रक, भुगतान पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) जी हाँ। सत्यापन रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मादक पदार्थों की अवैध बिक्री की रोकथाम
[वाणिज्यिक कर]
63. ( क्र. 2051 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में तय आबकारी नीति अनुसार विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित लायसेन्सी देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान एवं भांग घोटा दुकानों पर कितनी अधिकतम मात्रा रखा जाना नियत हैं? दुकानवार विवरण देवें? लायसेन्सी दुकानों पर तय मात्रा के अनुरूप स्टॉक का मिलान/परीक्षण कब-कब किया गया? विगत 02 वर्ष की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) विगत 03 वर्षों में अवैध शराब बिक्री के कितने प्रकरण क्षेत्रान्तर्गत शिकायत के माध्यम से या जवाबदार अधिकारियों के निरीक्षण से प्रकाश में आए हैं? प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) क्षेत्रान्तर्गत स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्र या पंचायत भवन के पास देशी/विदेशी शराब दुकान अवैध रूप से संचालित करने या अवैध रूप से शराब बिक्री संबंधी कितनी शिकायतें विगत 02 वर्षों में प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार पुलिस प्रशासन के सहयोग से किन-किन अवैध शराब विक्रेताओं पर कार्यवाही की जाकर शराब बिक्री बंद कराई गई हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में तय आबकारी नीति अनुसार सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में 13 देशी मदिरा दुकान, 05 विदेशी मदिरा दुकान एवं 1 भांग दुकान संचालित है। सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में भांग घोटा का लायसेंस नहीं है। उपर्युक्त देशी/विदेशी मदिरा दुकानों एवं भांग दुकान पर संग्रह की कोई अधिकतम मात्रा तय नहीं है। चूंकि लायसेंसी दुकानों पर स्टॉक रखने की कोई अधिकतम मात्रा तय नहीं है इसलिए विगत 02 वर्षों में तय मात्रा के अनुरूप स्टॉक का मिलान/परीक्षण नहीं किया गया। (ख) विगत 03 वर्षों में क्षेत्रान्तर्गत अवैध शराब बिक्री की कुल 25 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनके आधार पर कुल 08 प्रकरण कायम किये गये व शेष 17 शिकायतें निराधार पायी गयी। इसके अतिरिक्त स्वत: संज्ञान से जवाबदार अधिकारियों के निरीक्षण में कुल 184 प्रकरण कायम किए गये, इस प्रकार कुल 191 प्रकरण कायम किये गये है। उक्त 191 मामलों में से 185 प्रकरणों में न्यायालय में चालान पेश किए जा चुके है, जिनमें से 184 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा आरोपियों को दंडित किया जा चुका है व न्यायालय में 01 प्रकरण विचाराधीन है। शेष 06 प्रकरण आबकारी विभाग में विवेचनाधीन है। (ग) क्षेत्रान्तर्गत स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्र या पंचायत भवन के पास देशी/विदेशी शराब दुकान अवैध रूप से संचालित करने या अवैध शराब बिक्री संबंधी 03 स्थानों की शिकायतें विगत 02 वर्षों में प्राप्त हुई है। प्राप्त शिकायतों में वर्णित स्थान पर पहुंचकर आकस्मिक रूप से जांच करने पर 02 शिकायतें निराधार पाई गई। 01 शिकायत लायसेंसी मदिरा दुकान से संबंधित होने पर मदिरा दुकान को नवीन आपत्तिरहित स्थान पर स्थानांतरित किया गया। (घ) विगत 02 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में आबकारी विभाग द्वारा पुलिस प्रशासन के सहयोग से कोई कार्यवाही नहीं की गई है, सभी प्रकरणों में समस्त कार्यवाही आबकारी विभाग द्वारा स्वयं ही की गई है।
MPPSC के प्रश्न पत्र में त्रुटियों पर बोनस अंक
[सामान्य प्रशासन]
64. ( क्र. 2076 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2012 के पश्चात MPPSC के किन-किन विषय के किन-किन प्रश्न पत्रों में त्रुटिया पायी गई? उसके एवज में प्रतियोगियों को कितने-कितने अंक बोनस के रूप में दिए गये? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित इन प्रश्नों के निर्माणकर्ता (सेटर) को कुल कितना भुगतान किया गया? क्या प्रश्न-पत्र त्रुटियों के बाद भी इन्हें भुगतान किया गया, यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? क्या म.प्र लोकसेवा आयोग मानता है कि प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते लगातार 5 वर्षों से प्रश्न पत्रों में त्रुटिया विद्यार्थियों के मनोबल को कम करती हैं? क्या प्रश्न पत्र निर्माता (सेटर) को 10 वर्षों के लिए बहिष्कृत (डिबार) किया जायेगा? यदि हाँ, तो किन-किन प्रश्न-पत्र सेटर को प्रश्न दिनांक तक बहिष्कृत किया गया? सूची देवें। (ग) MPPSC ने गत 1 जनवरी 2010 के पश्चात कितनी परीक्षाओं के विज्ञापन जारी किये? कितनों में प्रतियोगियों ने कितने आवेदन किये, कितनी परिक्षाए विद्यार्थियों के आवेदन करने के बाद निरस्त की गयी, इन परीक्षाओं से विद्यार्थियों से कुल कितना शुल्क वसूला गया, क्या परीक्षा नहीं होने की स्थिति में शुल्क विद्यार्थियों को लौटा दिया गया,यदि नहीं, तो शुल्क किस के पास किस खाते में दर्ज है? उन्हें विद्यार्थियों को कब लौटाया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न निर्माणकताओं को कुल राशि रूपये 1,41,925/- का भुगतान किया गया। जी हाँ, गलत प्रश्न पर मानदेय में कटौती के नियम नहीं हैं। प्रत्येक परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों से आपत्ति आमंत्रित की जाती है तथा आपत्तियों का निराकरण विषय विशेषज्ञों से कराया जाता है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट अनुसार बोनस अंक या प्रश्न निरस्त किया जाता है। इस कारण परीक्षार्थियों का मनोबल कम होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बहिष्कृत (डिबार) करने संबंधी प्रावधान आयोग में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो, तीन, चार एवं पाँच अनुसार। कुल 10 परीक्षाओं की परीक्षा निरस्त होने के कारण आवेदन शुल्क वापसी के लिए विज्ञप्ति जारी कर आवेदनकर्ताओं के बैंक अकाउंट मांगे गये। जिन्होंने पूर्ण जानकारी दी उन्हें ही शुल्क लौटाया गया। एक हाउस मैनेजर परीक्षा हेतु जारी विज्ञापन निरस्त होने से अभ्यार्थियों से प्राप्त परीक्षा शुल्क की वापसी की कार्यवाही की जा रही है। अन्य परीक्षाओं के शुल्क के साथ निरस्त परीक्षाओं की शेष राशि भी मध्यप्रदेश शासन के मद 0052-लोक सेवा आयोग-102-राज्य लोक सेवा आयोग-अन्य प्राप्तियों में जमा है।
परीक्षण सहायकों को विज्ञापन के आधार पर नियमित नियुक्ति
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 2095 ) डॉ. रामकिशोर दोगने, श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग में परीक्षण सहायकों के नियमित पदों में भर्ती के लिये विज्ञापन दिनांक 01/02/2013 को प्रसारित किया जाकर विज्ञापन में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दिनांक 17/03/2013 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो, क्या इस लिखित परीक्षा के परिणामों के बाद 13/04/2013 को मौखिक साक्षात्कार लेकर परीक्षण सहायकों के पदों पर नियुक्तियाँ की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कितने परीक्षण सहायकों को नियमित भर्ती एवं कितने को संविदा नियुक्ति के आदेश किन-किन दिनांकों में दिये गये हैं? क्या विभाग द्वारा प्रसारित आदेशों के विज्ञापन में नियमित भर्ती किये जाने का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो पक्षपात पूर्ण नियुक्ति आदेश क्यों दिये जा रहे हैं? एक ही प्रकार की परीक्षा एवं साक्षात्कार में चयनित अभ्यार्थियों को एक ही प्रकार के विज्ञापन के आधार पर नियमित/संविदा अलग-अलग नियुक्ति दिये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उपरोक्त बिन्दु (क) और (ख) के अनुसार विभागीय परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर चयनित सभी अभ्यार्थियों को नियमित नियुक्ति आदेश प्रदान किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों के लिये संयुक्त रूप से परीक्षण सहायक के नियमित पदों की भर्ती के लिए दिनांक 01.02.2013 को विज्ञापन जारी किया जाकर, दिनांक 17.03.2013 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी तथा लिखित परीक्षा के परिणाम के बाद दिनांक 13.04.2013 से मौखिक साक्षात्कार लेकर प्रावीण्य सूची अनुसार परीक्षण सहायकों के पदों पर नियुक्तियाँ की गई। (ख) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा परीक्षण सहायकों के नियमित पदों पर प्रारम्भिक तौर पर की गई भर्ती (मुख्य सूची) का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
कंपनी का नाम |
परीक्षण सहायक के नियमित पद पर नियुक्त किये गये अभ्यार्थियों की संख्या |
दिनांक |
1 |
म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर |
627 |
17.05.2013 |
2 |
म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर |
188 |
22.05.2013 |
205 |
24.05.2013 |
||
3 |
म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल |
237 |
30.04.2013 |
उल्लेखनीय है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अंतर्गत संगठनात्मक संरचना में परीक्षण सहायक (संविदा) के कोई पद स्वीकृत नहीं थे, केवल परीक्षण सहायक (नियमित) के पद स्वीकृत थे, किन्तु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत परीक्षण सहायक (नियमित) के अतिरिक्त परीक्षण सहायक (संविदा) के भी 1775 पद स्वीकृत थे। अत: इन पदों की पूर्ति हेतु प्रतीक्षा सूची के 1535 अभ्यार्थियों को परीक्षण सहायक (संविदा) के पद पर नियुक्ति हेतु दिनांक 30.05.2013 को ऑफर लेटर दिये गये। मुख्य सूची में अभ्यार्थियों के अनुपस्थित रहने के कारण उत्पन्न हुई रिक्तियों की पूर्ति के लिए प्रतीक्षा सूची (जिसमें परीक्षण सहायक (संविदा) के अभ्यर्थी भी शामिल थे) के उम्मीदवारों को परीक्षण सहायक (नियमित) के लिये नियुक्ति पत्र जारी किए गए, जिनका विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
कंपनी का नाम |
परीक्षण सहायक नियमित पद पर नियुक्त किये गये अभ्यार्थियों की संख्या |
दिनांक |
1 |
म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर |
49 |
31.08.2013 |
2 |
म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर |
38 |
16.09.2013 |
21 |
02.09.2013 |
||
3 |
म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल |
12 |
12.08.2013 |
ऐसे उम्मीदवार जिनका परीक्षण सहायक (नियमित) की परीक्षा में चयन नहीं हो पाया एवं प्रतीक्षा सूची में थे, को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा उनके संगठनात्मक संरचना में उपलब्ध परीक्षण सहायक (संविदा) के पदों के विरूद्ध नियुक्ति पाने का अवसर प्रदान किया गया। उक्त नियुक्ति संचालक मण्डल के संज्ञान में लाने के बाद की गई। अभ्यार्थी को दिये गये ऑफर लेटर में इस आशय का स्पष्ट उल्लेख किया गया था एवं उनके द्वारा सहमति उपरांत ही परीक्षण सहायक (संविदा) के पद पर नियुक्ति दी गयी। अत: यह कहना सही नहीं है कि पक्षपात पूर्ण नियुक्ति आदेश जारी किये गये है। (ग) जी नहीं। उक्त परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्रावीण्य सूची अनुसार विज्ञापित पदों पर योग्य उम्मीदवारों को परीक्षण सहायक के नियमित पद पर नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। नियमित नियुक्ति पाने से वंचित प्रतीक्षा सूची में से ही शेष उम्मीदवारों को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में परीक्षण सहायक (संविदा) के रिक्त पदों पर कार्यभार ग्रहण करने हेतु प्रस्ताव दिया गया था, जिसे अभ्यार्थियों द्वारा स्वीकार कर कार्यभार ग्रहण किया गया है। अत: सभी अभ्यार्थियों को नियमित नियुक्ति आदेश प्रदान करने का प्रश्न नहीं उठता।
प्रदेश में केन्द्र सरकार का जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 2097 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा केन्द्र के जाति प्रमाण पत्रों के फॉर्मेट अलग-अलग होने के कारण होने वाली परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुये क्या राज्य शासन केन्द्र से विषयांकित का एक ही फॉर्मेट बनाने हेतु अनुरोध करेगा जिससे राज्य के जाति प्रमाण पत्र के साथ सेन्ट्रल का जाति प्रमाण पत्र भी जारी कर होने वाली परेशानियों से बचा जा सके? (ख) क्या राज्य शासन केन्द्र के जाति प्रमाण पत्रों में मांगी जाने वाली जानकारियों, जैसे केन्द्र की आरक्षण सूची में जाति का क्रमांक तथा आरक्षण आदि को समाहित करते हुये राज्य का जाति प्रमाण पत्र वाले फॉर्मेट में ही इन्हे समाहित कर नया फॉर्मेट तैयार करने पर विचार करेगा जिससे अलग से केन्द्र का जाति प्रमाण पत्र देने की जरूरत ही न पड़े? (ग) क्या शासन क्रमांक (ख) में वर्णित फॉर्मेट तैयार कर केन्द्र सरकार से अनुरोध करेगा कि सभी राज्यों में ऐसे ही फॉर्मेट पर जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जायें ताकि अलग से केन्द्र के जाति प्रमाण पत्र की जरूरत न पड़े?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य सरकार द्वारा पूर्व से ही राज्य और केन्द्र सरकार के अधीन आरक्षण/सुविधाओं के लिये अलग-अलग प्रारूप में जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने के निर्देश जारी किये जा चुके हैं। जाति प्रमाण पत्रों के प्रारूप निम्नानुसार संलग्न है :-
|
राज्य शासन के अधीन आरक्षण/सुविधाओं के लिए |
केन्द्रीय शासन के अधीन आरक्षण सुविधाओं के लिए |
अनु.जाति/अनु.जनजाति |
पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। |
पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। |
अन्य पिछड़ा वर्ग |
पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। |
पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। |
(ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अपरवेदा डेम की नहरों का लाईनिंग कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
67. ( क्र. 2110 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अपरवेदा डेम के अन्तर्गत निर्मित नहरों का लाईनिंग कार्य कब प्रांरभ किया गया था? इसकी लागत क्या थी तथा नहरों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या नहर का लाईनिंग कार्य पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा उसमें उपयोग की गई सामग्री टाईल्स अत्यंत घटिया स्तर की थी जिसमें लाईनिंग कार्य पूर्णतः उखड़ चुका है? (ग) यदि हाँ, तो इसके लिये किसकी जिम्मेदारी तय की गई है? क्या सम्बंधित दोषी ठेकेदार/अधिकारियों पर प्रदेश स्तर से जांच हेतु टीम का गठन कर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) चयनित स्थानों पर दिनांक 29/02/2008 से। लागत रूपये 908.49 लाख। लाईनिंग लगभग 81 प्रतिशत पूर्ण। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों के ऊपर गुजर रही विद्युत लाइन को हटाना
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 2139 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर उज्जैन संभाग में वर्ष 2016-17 में कितने विद्यालय भवनों के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाईनों को हटाने के लिये संबंधित विद्यालय अथवा ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन दिये गये? उन आवेदनों पर म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क.लि. इन्दौर द्वारा मई, 2017 तक कितने विद्यालय भवनों के ऊपर से लाईनें हटाई गई एवं कितनी शेष है? शेष लाईनों को नहीं हटाने के कारण बतावें? (ख) इन्दौर उज्जैन संभागों के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में कितने विद्यालयों के परिसर से विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मर को हटाने के लिए आवेदन प्राप्त हुये एवं इनमें से कितने हटा दिये गये हैं? (ग) म.प्र.शासन के निर्देशानुसार इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में मई, 2017 तक की स्थिति में कुल कितने विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन कर दिये गये हैं एवं कितने कनेक्शन देना शेष है? कनेक्शन शेष रहने के क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में रियायती दर पर विद्युत प्रदाय करने की कोई योजाना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो योजना की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) इंदौर एवं उज्जैन राजस्व संभागों में वर्ष 2016-17 में विद्यालय भवनों के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाईनों को हटाने के लिये संबंधित विद्यालयों अथवा ग्राम पंचायतों से कुल 8 आवेदन पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्राप्त हुए हैं। इन प्राप्त कुल 8 आवेदनों में से माह मई-2017 तक 3 आवेदनों में विद्यालय भवनों के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाईनों को हटा दिया गया है एवं शेष 5 आवेदनों में संबंधित विद्यालयों एवं ग्राम पंचायतों द्वारा नियमानुसार उक्त कार्य हेतु प्राक्कलन की संपूर्ण राशि वितरण कंपनी में उपलब्ध कराए जाने अथवा कार्य की लागत का 5 प्रतिशत सुपरवीजन चार्ज एवं उस पर लागू टैक्स की राशि विद्युत कंपनी में जमा करवाकर स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से उक्त लाईन हटाने का कार्य कराया जा सकता है। आवेदकों द्वारा उक्तानुसार कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण 5 प्रकरणों में विद्युत लाईन स्थानांतरित किया जाना शेष है। (ख) इन्दौर एवं उज्जैन राजस्व संभागों में वर्ष 2016-17 में विद्यालयों के परिसरों से वितरण ट्रांसफार्मर को हटाने का कोई भी आवेदन पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) राज्य शासन के निर्देशानुसार इन्दौर एवं उज्जैन राजस्व संभागों में माह मई-2017 तक की स्थिति में कुल 3107 (इंदौर राजस्व संभाग में 1172 एवं उज्जैन राजस्व संभाग में 1935) विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं। राज्य शिक्षा केन्द्र एवं सर्वे के आधार पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार इन दोनों राजस्व संभागों में कुल 16141 (इंदौर राजस्व संभाग में 9763 एवं उज्जैन राजस्व संभाग में 6378) विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन और दिये जा सकते है। वर्तमान में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत उज्जैन राजस्व संभाग में कुल 91 एवं इंदौर राजस्व संभाग में कुल 23 विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन के आवेदन लंबित है तथा उक्त सभी प्रकरणों में विद्युत कनेक्शन दिये जाने हेतु विद्युत लाईन विस्तार का कार्य प्रगति पर है। (घ) जी नहीं।
विद्युत वितरण, विद्युत वसूली तथा विद्युत बिलों की जांच
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 2186 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वृत्त गुना की विद्युत कंपनी द्वारा नवीन विद्युत वितरण हेतु केन्द्र एवं राज्य द्वारा कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुये? उनमें से कितने कार्य अपूर्ण हैं कितने कार्यों के प्रस्ताव पेंडिंग हैं एवं वे कब तक पूर्ण होगें? (ख) क्या विद्युत कंपनी वृत्त गुना द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विद्युत वितरण एक समान किया जाता है? यदि हाँ, तो विद्युत बिलों की वसूली क्या टैरिफ दर से की जाती है या मीटर रीडिंग से? क्या विद्युत प्रदाय बंद होने के बाद भी विद्युत वसूली के बिल दिये जाते हैं? यदि नहीं, तो क्या शहरों की तरह ग्रामीण अंचल में भी घरेलू या पंपों की विद्युत वितरण एक समान कराकर एक समान विद्युत वसूली करेंगे? (ग) क्या विद्युत वितरण एवं वि़द्युत वसूली के नियम ग्रामीण और शहरों में एक समान हैं? यदि एक समान विद्युत प्रदाय नहीं होता तो क्या गुना वृत्त के अधिकारियों के पक्षपात की तथा प्रत्येक उपकेन्द्रों में अंतर की जांच और समीक्षा करेंगे? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों के अनुसार विभाग गुना वृत्त में पदस्थ अधिकारियों के द्वारा नवीन परियोजनाओं के निर्माण मरम्मत पक्षपात की जांच कैग की रिपोर्ट वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बनवाकर रिपोर्ट पटल पर रख कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गुना वृत्त में प्रश्नाधीन अवधि में केन्द्र एवं राज्य शासन से प्राप्त राशि से स्वीकृत किये गये 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्यों की स्वीकृत राशि, कार्य पूर्णता संबंधी जानकारी एवं शेष कार्य पूर्ण होने की संभावित समयावधि सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्धारित विनियमनों के अनुसार शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू (गैर-कृषि) फीडरों पर 24 घण्टे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि फीडरों पर 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कृषि पम्प के ऐसे उपभोक्ता, जिनकी बिलिंग फ्लेट रेट पर की जा रही है, को छोड़कर अन्य उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के अनुसार उनके द्वारा की गई विद्युत खपत के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार बिल जारी किये जाते हैं। अपरिहार्य कारणों से लाइन/उपकरणों में खराबी अथवा शटडाउन हेतु कुछ अवधि हेतु विद्युत प्रदाय बन्द रहने की स्थिति में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 एवं टैरिफ आदेश के अनुसार ही उपभोक्ताओं को बिल जारी किये जाते है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पम्प उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कृषि कार्य हेतु 10 घन्टे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा नियमानुसार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार विद्युत बिल जारी कर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिलों की वसूली हेतु एक समान कार्यवाही की जा रही है। अत: उपरोक्त व्यवस्था में किसी प्रकार का परिवर्तन आवश्यक नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में दी गई जानकारी अनुसार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सभी उपभोक्ताओं से म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार बिल जारी कर विद्युत बिलों की वसूली हेतु विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 एवं ड्यूज रिकव्हरी एक्ट के अंतर्गत एकसमान कार्यवाही की जाती है। गुना वृत्त में विद्युत प्रदाय, लागू विद्युत विनियमनों के अनुसार ही किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भार प्रेषण केन्द्र द्वारा विद्युत प्रदाय तंत्र की निरंतर निगरानी की जाती है। अत: उक्त संबंध में अन्य किसी प्रकार की जाँच/समीक्षा कराए जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की जाँच/कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
विद्युत ट्रांसफार्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 2189 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले की बमोरी विधान सभा क्षेत्र में सभी योजनाओं के अंतर्गत कितने नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर लगे हैं? योजनावार वर्षवार संख्या बतावें? कितने 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बने है, कहाँ बने हैं? कितने शेष हैं बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सभी ट्रांसफार्मरों की वैधानिक स्वीकृति दी है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में सभी ट्रांसफार्मर चालू होकर विद्युत सप्लाई जारी हैं कि नहीं कितने चालू हैं? कितने बंद या खराब पड़े हैं? (ग) बमोरी विधानसभा के अन्तर्गत 11 के.व्ही.फीडरवार औसत विद्युत प्रदाय की अवधि बतायें? नियमानुसार अवधि से कम विद्युत प्रदाय का कारण बतावें? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित 11 के.व्ही.फीडरों पर पर्याप्त वोल्टेज और घोषित विद्युत सप्लाई की है? यदि हाँ, तो बतायें कि कौन-कौन से 11 के.व्ही.फीडरों पर कम वोल्टेज से विद्युत प्रदाय किया गया है? गत तीन वर्षों में वर्षवार 11 के.व्ही.फीडरवार विद्युत सप्लाई के वोल्टेज एवं सप्लाई की जानकारी से अवगत करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों की योजनावार एवं वर्षवार संख्या निम्नानुसार है:-
क्रं. |
वर्ष |
बमोरी विधानसभा में योजनावार लगाए गए वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या |
योग |
|||||
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण |
फीडर सेपरेशन |
ए.डी.बी.टाउन |
स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना |
कृषक अनुदान योजना |
सुपरवीजन जमा योजना |
|||
1 |
2013 |
0 |
0 |
0 |
429 |
95 |
5 |
529 |
2 |
2014 |
0 |
45 |
0 |
205 |
32 |
12 |
294 |
3 |
2015 |
0 |
1 |
18 |
157 |
122 |
19 |
317 |
4 |
2016 |
119 |
201 |
0 |
728 |
75 |
19 |
1142 |
5 |
2017 |
0 |
26 |
0 |
32 |
0 |
0 |
58 |
प्रश्नाधीन अवधि में बमोरी विधानसभा क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. के 14 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने के कार्य स्वीकृत किये गये जिनमें से 10 उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष 4 उपकेन्द्रों का कार्य प्रगति पर है, जिसका स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों में से बकाया राशि के कारण बंद 343 ट्रांसफार्मरों को छोड़कर सभी ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय चालू है। वर्तमान में संबंद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण 343 ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय बंद किया गया है तथा ग्राम सिलावटी में एक जला/खराब ट्रांसफार्मर संबंद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण बदला नहीं जा सका है। (ग) बमोरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 3 वित्तीय वर्षों में 11 के.व्ही. फीडरों से किये औसत विद्युत प्रदाय की फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। बमोरी विधान सभा क्षेत्र के कुछ स्थानों पर उच्चतम मांग की अवधि में 33 के.व्ही. फीडरों, 33/11 के.व्ही. पावर ट्रांसफार्मरों एवं 11 के.व्ही. फीडरों के अति भारित होने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ है। उक्त समस्या के निराकरण के लिये नियमानुसार प्रस्ताव तैयार कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन सभी 11 के.व्ही. फीडरों पर कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक व्यवधानों एवं संधारण कार्य हेतु विद्युत प्रदाय बंद किया जाना आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर लागू विनियमनों के अनुसार पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में गत तीन वित्तीय वर्षों में वर्षवार 11 के.व्ही. फीडरों पर किये गये विद्युत प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त फीडरों पर निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय किया गया है, उल्लेखनीय है कि किसी भी फीडर पर विद्युत प्रदाय की वोल्टेज तकनीकी कारणों से परिवर्तित होती रहती है तथा फीडर के आरंभ पाइन्ट से अंतिम छोर तथा मध्य में भी वोल्टेज स्तर प्राय: अलग-अलग रहता है।
विद्युत मीटर कनेक्शन की जानकारी
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 2207 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिला अंतर्गत शासन/विभाग एवं कंपनी द्वारा विद्युत के स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतायें कि सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शन दिये गये? (ग) क्या उपरोक्त अनुसार दिये गये विद्युत आपूर्ति कनेक्शनों पर सभी स्थानों पर मीटर भी लगाये गये हैं, जिनकी रीडिंग समय-समय पर की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो स्पष्ट करें कि विगत एक वर्ष में मीटरों की जाँच कब-कब की गई? जहाँ पर मीटर नहीं हैं वहाँ पर बिल किस प्रकार दिये जा रहे हैं? बिलों की राशि में भारी अंतर आ रहा है, तो इस हेतु क्या किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) सिवनी जिले के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से दिनांक 30 जून, 2017 तक 57510 स्थाई एवं 90533 अस्थाई कनेक्शन जारी किये गये हैं। (ग) सिंचाई पंप तथा घरेलू श्रेणी के कुछ कनेक्शनों को छोड़कर शेष सभी कनेक्शनों में मीटर लगाये गये हैं जिनकी मासिक रीडिंग ली जाती है। (घ) सिवनी जिला अन्तर्गत जहां मीटर लगाये गये हैं वहां विगत एक वर्ष के दौरान समय-समय पर 13939 मीटरों की जाँच की गई। जहां मीटर नहीं लगे हैं वहां म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार बिल दिए जा रहे हैं तथा जिन श्रेणी हेतु राज्य शासन द्वारा सब्सिडी देय है, उनमें राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी का लाभ देते हुए बिल दिये जा रहे हैं। बिलों की राशि में किसी प्रकार की त्रुटि संज्ञान में आने पर उन्हें नियमानुसार सुधार कर पुनरीक्षित बिल जारी किया जाता है।
आँगनवाड़ी केन्द्र की योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 2210 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में आँगनवाड़ी केन्द्र की जिला स्तर पर एवं जनपद पर क्या-क्या योजनाएं किस-किस स्तर पर संचालित की जाती हैं एवं कुपोषण दूर करने के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं तथा कुपोषण के मामले में प्रदेश की तुलना में सिवनी जिले की क्या स्थिति है? (ख) जिस उद्देश्य से विभाग की योजना संचालित होती हैं, समाज का और भी विश्वास बढ़े, इसके लिये विभाग क्या प्रयास कर रहा है? (ग) योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग आँगनवाड़ी स्तर से लेकर जिला स्तर तक क्या प्रयास करता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिवनी जिले अंतर्गत 8 जनपद पंचायतों अंतर्गत 11 एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं में 1907 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 227 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से वार्ड/ग्राम/मंजरा/टोला में विभागीय सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। विभाग द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा, अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, मंगल दिवस कार्यक्रम, सुपोषण अभियान, लालिमा योजना, उदिता योजना तथा स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कुपोषण को दूर करने हेतु अतिकम वजन के बच्चों के लिए सुपोषण अभियान, स्नेह सरोकार कार्यक्रम, थर्डमील का प्रदाय तथा चिन्ह्ति बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में पोषण प्रबंधन हेतु संदर्भित किया जाता है। वर्ष 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 (एन.एफ.एच.एस.-4) अनुसार प्रदेश में कुल कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 42.8 तथा गंभीर कुपोषित (SAM) बच्चों का प्रतिशत 9.2 है, जबकि सिवनी जिले में कुल कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 43.8 तथा गंभीर कुपोषित (SAM) बच्चों का प्रतिशत 12.9 है। (ख) आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृहभेंट, पर्यवेक्षकों द्वारा सेक्टर स्तरीय बैठकों में, आँगनवाड़ी केन्द्र के भ्रमण के दौरान एवं गृहभेंट के दौरान नियमित रूप से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाती है। इसके अतिरिक्त मंगल दिवस कार्यक्रम, स्नेह सरोकार कार्यक्रम, सुपोषण अभियान, आँगनवाड़ी चलो अभियान जैसे कार्यक्रमों से समुदाय की सहभागिता से आँगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से दी जा रही सेवाओं से समाज का जुड़ाव हो रहा है। (ग) विभाग विशेष दिवस, सप्ताह, अवसर पर अभियान के रूप में प्रचार-प्रसार करता है, जैसे आँगनवाड़ी चलो अभियान, विश्व स्तनपान सप्ताह, राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, बालिका दिवस, महिला दिवस आदि। रैली, दीवार लेखन, स्कूल-कॉलेज में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन, समुदाय की सहभागिता वाले कार्यक्रमों, गृहभेंट आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाता है।
सलाहकार मण्डल का गठन
[आदिम जाति कल्याण]
73. ( क्र. 2213 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर, जिला बालाघाट के परियोजना सलाहकार मण्डल का गठन किया गया है? (ख) यदि नहीं, तो परियोजना सलाहकार मण्डल एकीकृत आदिवासी परियोजना बैहर की बैठकों में पूर्व विधायक, जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं राजनीतिक दल के पदाधिकारी को किस नियम/आदेश के तहत आमंत्रित किया गया? (ग) परियोजना सलाहकार मण्डल बैहर की बैठक वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब बुलाई गई? बैठक में उपस्थित सदस्य के उपस्थिति पंजी एवं कार्यवृत्त की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या परियोजना सलाहकार मण्डल में अध्यक्ष एवं दो अशासकीय सदस्यों का मनोनयन शासन किया जाता है? सलाहकार मण्डल में अध्यक्ष के मनोनयन न होने पर भी सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद अध्यक्ष स्वत: परियोजना सलाहकार मण्डल के सदस्य माने जावेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर, जिला बालाघाट अंतर्गत परियोजना सलाहकार मंडल पूर्व से गठित है, किंतु वर्तमान स्थिति में शासन स्तर से इसके अध्यक्ष एवं सदस्यों का नामांकन नहीं हुआ है। म.प्र. शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ 23-1/2009/3-25, दिनांक 26/12/2014 में निहित प्रावधान अनुसार जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में परियोजना सलाहकार मंडल बैहर क्रियाशील है। (ख) परियोजना सलाहकार मंडल की बैठकों में पूर्व विधायक, जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को बुलाने के शासन निर्देश नहीं हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते जिला पंचायत उपाध्यक्ष को आमंत्रित किया गया था, राजनैतिक दल के पदाधिकारी होने के नाते नहीं। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में आयोजित परियोजना सलाहकार मंडल की बैठकों का विवरण निम्नानुसार है:-
वित्तीय वर्ष |
बैठक तिथि |
2013-14 |
05-07-2013 |
2014-15 |
10-06-2014 |
2015-16 |
29-06-2015 |
2015-16 |
09-09-2015 |
2015-16 |
27-02-2016 |
2016-17 |
08-10-2016 |
2016-17 |
25-03-2017 |
उपस्थिति पंजी एवं कार्यवृत्त की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। परियोजना सलाहकार मंडल में अध्यक्ष का मनोनयन न होने की स्थिति में मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ 23-1-2009-3-25, दिनांक 26-12-2014 में प्रावधान अनुसार जिला कलेक्टर परियोजना सलाहकार मंडल के पदेन अध्यक्ष होते हैं, जबकि शासन के पत्र क्रमांक एफ 23/42/96/3-25, दिनांक 12-08-1996 में उल्लेखित जनप्रतिनिधि एवं अन्य व्यक्ति पदेन सदस्य होते हैं।
विद्युतीकरण एवं पम्प ऊर्जीकरण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
74. ( क्र.
2214 ) श्री
संजय उइके :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विभाग द्वारा
अनु.जन.जाति
बस्तियों/टोले/पारे
में
विद्युतीकरण
एवं
अनु.जन.जाति
के कृषकों की
सिंचाई
सुविधा हेतु
पम्प ऊर्जीकरण
का कार्य किया
जा रहा है? (ख) यदि
हाँ,
तो वित्तीय
वर्ष 2013-14 से
प्रश्न दिनांक
तक बालाघाट
जिले में
कितनी राशि
आवंटित की गयी? कब-कब, किन-किन
कार्यों में
कितना-कितना
व्यय किया
गया? (ग)
क्या
वित्तीय वर्ष 2013-14
से प्रश्न दिनांक
तक
विद्युतीकरण
का कार्य
माननीय न्यायालय
में
ठेकेदारों
द्वारा स्थगन
आदेश प्राप्त
करने के कारण
रूका है? विभाग
द्वारा स्थगन
समाप्त करने
हेतु माननीय
न्यायालय से
निवेदन किया
गया है या
नहीं?
(घ) क्या
विभाग
विद्युत
वितरण कम्पनी
के द्वारा
कार्य कराने
पर विचार
करेगा?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हाँ। (ख) प्रश्नाधीन
अवधि में
अनुसूचित
जनजाति विद्युतीकरण
योजना मद
अन्तर्गत
बालाघाट जिले
को आवंटित
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रख
परिशिष्ट के
प्रपत्र -''एक'' अनुसार
है। वर्षवार
कराये गये कार्यों
की स्वीकृत
राशि तथा व्ययित राशि
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'दो' अनुसार
है। (ग) जी
नहीं। वित्तीय
वर्ष 2015-16
से बालाघाट
जिले में
विद्युतीकरण
के कार्यों
हेतु
आमंत्रित की
गई निविदा में
ठेकेदारों द्वारा
माननीय न्यायालय
से स्थगन
प्राप्त करने
के कारण विद्युतीकरण
का कार्य रुका
हुआ है। जी हाँ।
(घ) मध्यप्रदेश
शासन,
आदिम जाति
कल्याण विभाग
के ज्ञापन
क्रमांक एफ.23-15/2015/3-25
दिनांक 07 जून 2017 (मध्यप्रदेश
राजपत्र (असाधारण)
से प्रकाशित) द्वारा
''मध्यप्रदेश
अनुसूचित
जाति/जनजाति
बस्ती विकास
एवं
विद्युतीकरण
योजना नियम 2017'' द्वारा
अनुसूचित
जाति/जनजाति
बस्ती विकास एवं
विद्युतीकरण
योजना के लिये
प्रावधानित राशि
का उपयोग इन
नियमों के
अनुसार किया
जायेगा।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
75. ( क्र. 2217 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून २०१७ तक सरकार के पास उज्जैन संभाग अन्तर्गत अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण, किस-किस विभाग के, कितने-कितने समय से लंबित हैं? पदवार, विभागवार ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त प्रकरणों का लंबे समय तक लंबित रहने का क्या कारण है? (ग) उपरोक्त (क) अनुसार एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विभिन्न घटनाओं में मृत परिजनों को नौकरी देने की घोषणा के कितने प्रकरण अब तक लंबित हैं? किस कारण? घोषणा पर अमल न होने के लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासी छात्रावासों का भवन का निर्माण
[आदिम जाति कल्याण]
76. ( क्र. 2225 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास खैरलांजी, पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास कटंगी एवं पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास तिरोड़ी भवन विहीन हैं। (ख) यदि हाँ, तो कब तक छात्रावास भवन स्वीकृत कर दिये जावेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग अंतर्गत संचालित भवन विहीन छात्रावासों का निर्माण उपलब्ध बजट सीमा में कराया जाता है। वित्तीय वर्ष में समस्त भवन विहीन छात्रावासों के निर्माण की स्वीकृति दी जाना संभव न होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
77. ( क्र. 2236 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की महत्वपूर्ण बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना के संबंध में ता.प्र.क्र. 602 दि. 23/2/2017 के उत्तर में बताया था कि निर्माण कार्य में ड्राइंग, डिजाइन के कारण विलंब हुआ? कार्य पूर्ण हेतु निर्देश जारी किये जा रहे हैं तो क्या उपरोक्त बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो अब तक कितना कार्य हुआ है? (ख) निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण दिनांक 30/06/2017 को अनुबंध विच्छेदित कर दिया गया है। (ख) नई एजेंसी निर्धारित होने के पश्चात 18 माह में पूर्ण किया जाना लक्षित है।
शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यपूर्णता
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 2255 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में किन-किन कंपनियों द्वारा दिनांक 1-1-13 से प्रश्न दिनांक तक 11वीं एवं 12वीं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजनान्तर्गत शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य संपादित किये गये जिनके पूर्णता प्रमाण.पत्र जारी कर दिये गये? (ख) ऐसे कितने ठेकेदार हैं जिन्होंने कार्य पूर्ण नहीं किया और उनको भुगतान कर दिया गया? कितनों की रिकवरी की गई? उस संस्था/कंपनी का नाम बतायें? (ग) क्या शहरों/ग्रामीणों क्षेत्रों में तार निकालकर केबिल डाली गई तो तार भंडार कक्ष में विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितना जमा है? स्टॉक पंजी में कितना दर्ज है? (घ) क्या कनिष्ठ यंत्री विद्युत विभाग छतरपुर लम्बे समय से पदस्थ हैं? जो पावर कनेक्शन के नाम पर शुकराना राशि वसूल करते हैं? जाँच कर कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छत्तरपुर जिले में प्रश्नाधीन अवधि में ग्रामीण क्षेत्र में, 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) के अंतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स जी.व्ही.पी.आर. इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद द्वारा संपादित किये गये कार्यों का कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र, अधीक्षण अभियंता छतरपुर के पत्र क्रमांक 5447 दिनांक 06.02.2016 से जारी किया गया है एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) के अंतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड मुम्बई द्वारा कार्य संपादित किया जा रहा है, जिसका कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र दिया जाना शेष है। छतरपुर जिले में शहरी क्षेत्र में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एन.सी.सी.लि., हैदराबाद द्वारा कार्य संपादित किया गया था तथा उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा कार्य पूर्ण करने पर अधीक्षण अभियंता, छतरपुर द्वारा पत्र क्रमांक 3232, दिनांक 08.09.16 द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया गया। (ख) छतरपुर जिले में उत्तरांश (क) में वर्णित योजनाओं के अंतर्गत ऐसा कोई भी ठेकेदार नहीं हैं जिसने कार्यपूर्ण नहीं किया है लेकिन उसे भुगतान कर दिया गया हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत तार निकाल कर केबिल डालने का कार्य नहीं किया गया है। आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में तार निकालकर केबिल डाली गई। विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के अंतर्गत निकले कुल 9365 किलोग्राम तार को संबंधित भंडार गृह में जमा कराया गया है जिसकी प्रविष्टि दर्ज है। (घ) छतरपुर जिले में वर्तमान में विद्युत वितरण केन्द्रों में पदस्थ कनिष्ठ यंत्रियों की पदस्थापना दिनांक सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन उल्लेखित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि उक्त संबंध में विशिष्ट शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार जाँच कर कार्यवाही की जायेगी।
शहरिया भाषाई शिक्षकों का समायोजन
[आदिम जाति कल्याण]
79. ( क्र. 2283 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला संयोजक/सचिव विकास प्रकाधिकरण अभिकरण जिला शिवपुरी का पत्र क्रं./सह.वि.आमि./ 2015-16/3609 दिनांक 14.12.2015 को प्रस्तुत करें? उक्त पत्र के द्वारा सेवा से हटाये गये सहरिया जनजाति भाषाई शिक्षकों को रिक्त पदों पर समायोजन किया गया है? यदि हाँ, तो ठीक इसी प्रकार ग्वालियर जिले से हटाये गये भाषाई शिक्षकों को जिला शिवपुरी के रिक्त पदों पर ग्वालियर जिले में कब तक समायोजन कर लिया जावेगा? अभी तक समायोजन न करने का क्या कारण था? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा उक्त (क) के अनुसार अनु. जनजाति के भाषाई शिक्षकों या आवेदकों का शासन के भर्ती नियमों में शिथिलता दी है? यदि हाँ, तो दी गई शिथिलताओं की प्रति स्पष्ट करें? अब इन भाषाई शिक्षकों को कब तक समायोजन कर सेवा में लिया जावेगा एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें? (ग) ग्वालियर जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक अनु.जाति, अनु. जनजाति के व्यक्तियों के कल्याण हेतु किस-किस योजना में क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस पंचायत में कितनी-कितनी लागत से किस-किस जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर किस-किस एजेन्सी/ठेकेदार से किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री के सुपरविजन में निर्माण कराया गया है तथा कराया जा रहा है? वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या हैं? क्या इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बहुत ही खराब है? क्या इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच भोपाल से किसी वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष एक या दो कार्यों की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रश्नांश (क) अनुसार वांछित पत्र क्रमांक 3609 दिनांक 14.12.2015 से सेवा से पृथक सहरिया जनजाति भाषाई शिक्षकों का समायोजन नहीं किया गया है। शासन दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में सेवा पृथक सहरिया जनजाति वर्ग के भाषाई शिक्षकों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियोजित की कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायतों को निर्देशित किया गया है। ग्वालियर जिले से हटाये गये भाषाई शिक्षकों को रिक्त पदों पर समायोजन किये जाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी ग्वालियर को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1351 दिनांक 03.05.2016, पत्र क्रमांक 1916 दिनांक 07.11.2016, पत्र क्रमांक 2176 दिनांक 03.12.2016 एवं पत्र क्रमांक 2707 दिनांक 31.12.2016 द्वारा लिखा गया। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक अनु.जाति अनु.जनजातियों में कल्याण हेतु अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत जनप्रतिनिधि सरपंच ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर कार्य कराये गये हैं। कराये गये कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निर्माण एजेंसी जनपद पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत को बनाया गया है। कार्य NREGS के उपयंत्री/सहायक यंत्री की देखरेख में हुये है। गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आई है।
अनुसूचित जनजाति वर्ग को शासन की योजनाओं का लाभ
[आदिम जाति कल्याण]
80. ( क्र. 2284 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 259 भोपाल दिनांक 7 जून 2017 द्वारा मध्यप्रदेश अनुजाति/ जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2017 नियम 2017 के पैरा 3.3 में अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य बस्ती से तात्पर्य ऐसे ग्रामों/बस्ती/वार्डों/मजरे/टोलों/पारों (नगरीय एवं ग्रामीण) से है, जिनमें अंतिम जनगणना अनुसार अनुसूचित जाति/जनजातियों की जनसंख्या उसी ग्राम ग्रामों/बस्ती/वार्डों/मजरों/टोलों/पारों (नगरीय एवं ग्रामीण) की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत (अनुसूचित जाति के लिये) और 50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लिये) या उससे अधिक हो के आधार पर वर्ष 2011 की जनगणना का आधार माना गया है (ख) यदि हाँ, तो क्या ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र के गाँव जनसंख्या (अनुसूचित जनजाति) (1) घटवासिनी-88 (2) जीवाजीपुर-71 (3) रेंहटी-220 (4) नयागाँव टांका-347 (5) निवी-280 की अनुसूचित जनजाति की संख्या है, तो इन ग्रामों की कुल आबादी के मान से इनका प्रतिशत 50 से अधिक है। यदि हाँ, तो क्या इसी सूची में दर्ज गाँव जनसंख्या (अनुसूचित जनजाति) (1) मोहना-2928 (2) बरई-1519 (3) आरौन-1477 (4) जखौदा-1215 (5) पनिहार-1185 (6) हरसी-1112 इन गाँवों में अनुसूचित जनजाति की संख्या उन ग्रामों की तुलना में बहुत ज्यादा है? क्या यह सत्य है यदि हाँ, तो इन ग्रामों के अनुसूचित जनजाति के नागरिकों की इतनी बड़ी आबादी होने के बाद भी इनको शासन की योजनाओं से वंचित क्यों रखा जा रहा है जबकि उसकी तुलना में उपरोक्त गाँवों में न के बराबर की अनुसूचित जनजाति की संख्या को लाभ दिया जा रहा है? (ग) क्या इन ग्रामों की जनसंख्या का उसी वार्ड/मजरा/टोला की जनसंख्या के मान के प्रतिशत से मानकर शासन की योजनाओं का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 259 भोपाल दिनांक 7 जून 1917 अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2017 की कण्डिका क्रमांक 3 (3.3) में उल्लेख अनुसार अन्तिम जनगणना अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या उसी ग्राम/ग्रामों/बस्ती/वार्डों/मजरे/टोलों/पारे की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत (अनुसूचित जाति के लिये) 50 प्रतिशत (अनुसूचित जनजाति के लिये) या उससे अधिक हो, में किया जाना है। विधानसभा क्षेत्र भीतरवार के ग्राम मोहना, बरई, आरौन, जखौदा, पनिहार की अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या की जनसंख्या की तुलना में 50 प्रतिशत से कम है। योजना नियम में प्रावधानानुसार 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति ग्राम/मजरा/टोला/पारा/वार्ड/बस्ती की अनुसूचित जनजाति की घटती जनसंख्या अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कार्य योजना तैयार की जा रही है। (ग) योजना में नियमानुसार लाभ दिया जाता है।
संचालित आंगनवाडि़यों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 2292 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले में कितनी आंगनवाडि़यों का संचालन किया जा रहा है? इन आंगनवाडि़यों में कितने बच्चे दर्ज हैं? क्या यह आंगनवाडि़यां स्वयं के भवन में संचालित हो रही हैं या किराये के भवन में संचालित हो रही हैं? किराये के भवन में संचालित आंगनवाडि़यों के लिये कब तक स्वयं का भवन निर्मित कर दिया जायेगा। सूची उपलब्ध करायें। (ख) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने आँगनवाड़ी केन्द्र विगत तीन वर्षों में स्वीकृत किये गये हैं? उनमें से कितनों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितनों का अधूरा है? अधूरे आँगनवाड़ी केन्द्रों का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? (ग) अनूपपुर जिला अंतर्गत विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ में महिला एवं बाल विकास का कार्यालय क्षतिग्रस्त है। यदि हाँ, तो नवीन भवन बनाने हेतु क्या शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) अनुपपूर जिले में कुल 1149 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है, जिनमें 67907 बच्चे दर्ज हैं। इन आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 834 विभागीय भवनों में, 118 किराये के भवनों में तथा 197 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। किराये के भवनों में संचालित 128 आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 19 आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन स्वीकृत किये गये हैं तथा इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आँगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना पुष्पराजगढ़ एवं जैतहरी में कुल 506 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से विगत 03 वर्षों में 133 आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 22 आँगनवाड़ी भवन पूर्ण, 108 आँगनवाड़ी भवनों का कार्य निर्माणाधीन तथा 03 आँगनवाड़ी भवनों का कार्य अप्रारंभ है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अनूपपुर जिले के विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ में महिला एवं बाल विकास का कार्यालय (परियोजना कार्यालय) में बारिश के पानी का रिसाव इत्यादि लघु मरम्मत कार्य की आवश्यकता थी, जिनका सुधार कार्य परियोजना स्तर से कराया जा चुका है। भारत सरकार द्वारा परियोजना कार्यालय के लिये नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति का प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शालाओं का उन्नयन
[आदिम जाति कल्याण]
82. ( क्र. 2293 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में संचालित किन-किन प्राथमिक शालाओं को माध्यमिक शाला से हाई स्कूल और हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किये जाने हेतु विभाग द्वारा प्रस्तावित किये गये हैं? विगत तीन वर्षों की जानकारी उपलब्ध कराई जाये तथा प्रस्तावित किये गये प्रस्ताव की प्रति विद्यालयों के नाम एवं स्थान सहित उपलब्ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले में कितने छात्रावास आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? नाम एवं स्थान सहित जानकारी उपलब्ध करायें। संचालित छात्रावासों में भोजन एवं अन्य सुविधायें किस प्रकार प्रदान की जाती हैं? इन संचालित छात्रावासों/आश्रमों में कितनों में पूर्णकालिक अधीक्षक है एवं कितनों में शिक्षकों को प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है? कब तक पूर्णकालिक अधीक्षक नियुक्त कर दिये जायेंगे। (ग) उक्त जिले के संचालित छात्रावासों/आश्रमों में ऐसे भी अधीक्षक पदस्थ हैं, जिनको 15 वर्ष से अधिक का समय एक ही स्थान पर हो चुका है? क्या विभाग ऐसे छात्रावास/आश्रम के अधीक्षकों का स्थानांतरण अन्यत्र करेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला का उन्न्यन का प्रस्ताव नहीं है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत विगत तीन वर्षों में माध्यमिक से हाई स्कूल का उन्नयन हेतु शा. माध्यमिक शाला गुटईपारा, देवरी, जरही एवं मोहरी के प्रस्ताव विभाग द्वारा भेजे गये एवं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये। विगत तीन वर्षों में प्रेषित प्रस्ताव का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। छात्रावासों में भोजन एवं अन्य सुविधायें नियमानुसार प्रदाय की जाती हैं। 18 छात्रावास अधीक्षक पूर्णकालिक हैं एवं 68 शिक्षकों को प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। कुल 6 अधीक्षकों को 15 वर्ष से अधिक समय से होने के कारण छात्रावास अधीक्षक के प्रभार से हटाकर अन्यत्र पदस्थ कर दिया गया है। शेष प्रश्न ही नहीं उठता है।
ग्रामों में विद्युत सुविधा की जानकारी
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 2308 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड सांईखेड़ा में बिजली की मांग को देखते हुये एवं वोल्टेज की समस्या को दृष्टिगत रखते हुये 132 के.वी.ए. का विद्युत सब-स्टेशन स्थापित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्षेत्र में बगैर विद्युत ग्रामों को विद्युत की सुविधा कब तक दी जायेगी? ऐसे कितने मजरे टोले हैं जहां पर बिजली प्रदाय नहीं है? इन मजरे टोलों में बिजली मिल सके इसकी क्या व्यवस्था है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड सांईखेड़ा में 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पलोहाबड़ा (भटेरा) स्वीकृत है। उपकेन्द्र का निर्माण कार्य वर्ष 2019-20 में पूर्ण किये जाने की संभावना है। (ख) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में 3 ग्राम एवं इन ग्रामों के 8 मजरे/टोले अविद्युतीकृत है तथा उक्त सभी ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त सभी वन बाधित ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वन विभाग की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत किया जा सकेगा जिस हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वन विभाग की स्वीकृति उपरांत इन ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाएगा, अत: वर्तमान में समय सीमा बताना संभव नहीं है।
संचालित छात्रावास/आश्रमों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
84. ( क्र. 2309 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग के कितने छात्रावास/आश्रम संचालित हैं? इन छात्रावास/आश्रमों में कितने छात्र निवास कर रहे हैं? छात्रावास/आश्रमों की उपलब्धता बताएं। (ख) क्षेत्र में संचालित छात्रावासों/आश्रमों में छात्रों को छात्रावासों में क्या-क्या सुविधाएं दी जाती है? (ग) क्या विकासखण्ड चिचली के अंतर्गत ग्राम गोटीटौरिया, चारगाँव खुर्द के प्रेमपुर, बड़ागाँव के लिलमाढाना में छात्रावास संचालित किये जाने की विभाग की कोई योजना शासन स्तर पर प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक? क्या प्रस्तावित योजना को स्वीकृति प्रदान कर छात्रावासों का निर्माण कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग के 05 प्री-मैट्रिक आदिवासी छात्रावास संचालित हैं। प्रति छात्रावास में 50-50 छात्र/छात्रायें निवास करते हैं। 05 आदिवासी छात्रावास उपलब्ध हैं। (ख) क्षेत्र में संचालित छात्रावासों में छात्रों को नि:शुल्क भोजन, आवास हेतु भवन, बिस्तर सामग्री, टी.व्ही., खेलकूद सामग्री, समाचार पत्र पत्रिकायें की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.पी.डी.एस. योजना
[ऊर्जा]
85. ( क्र. 2315 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा संचालित आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य कराये जाना स्वीकृत हैं तथा इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया है? (ख) सागर नगर में आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत जो कार्य शामिल नहीं हैं? क्या शासन उन कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु अलग से बजट आवंटित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या सागर नगर में मध्यप्रदेश विद्युत वितरण नगर संभाग सागर के कार्यालय में कर्मचारियों का अभाव होने से कार्य प्रभावित हो रहे हैं? शासन से नगर संभाग में कितने पद स्वीकृत हैं तथा उनमें से कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भर लिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) आई.पी.डी.एस. योजना में सागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्तानुसार स्वीकृत कार्यों की लागत राशि रू. 989.79 लाख है। (ख) सागर नगर में आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत जो कार्य शामिल नहीं हैं। उन कार्यों के लिए अलग से राशि रू. 16.25 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार कर पावर फाइनेंस कार्पोरेशन, नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है, जिसकी स्वीकृति हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, उपलब्ध कार्मिकों का युक्तियुक्तकरण कर सुचारू रूप से कार्य संचालित किया जा रहा है। नगर संभाग, सागर में स्वीकृत, भरे हुए तथा रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत विभिन्न पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: रिक्त पद भरे जाने की निश्चित समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामों में विद्युतीकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 2319 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिला में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण एवं दीन दयाल ग्रामीण विद्युतीकरण में कौन-कौन से ग्राम में विद्युतीकरण किया गया? कार्य कब प्रारंभ हुआ? कितने बी.पी.एल. परिवार उस ग्राम में निवासरत हैं, कितने बी.पी.एल. व्यक्तियों को कनेक्शन दिया गया? उस ग्राम की विद्युत कब प्रारंभ हुआ (चालू हुई), कितने व्यक्ति को नि:शुल्क बल्ब दिया गया? ग्रामवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या सभी ग्रामों के विद्युतीकरण कार्य सही हुआ है? अगर हाँ तो बतावें। ग्राम पोंडी, धारा पड़रिया, खिरसारी, नारायणकीट आदि ग्रामों के खम्भे क्यों झुके हैं? अगर नहीं तो बतावें? खराब कार्य के लिए कौन जिम्मेदार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) डिण्डौरी जिले में वर्तमान में संचालित 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण वि़द्युतीकरण योजना के अंतर्गत 39 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उक्त ग्रामों के विद्युतीकरण के संबंध में प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डिण्डौरी जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित नहीं है अपितु उक्त योजना में मीटरीकरण, फीडर विभक्तिकरण आदि कार्य किये जाने हैं। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन सभी ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया गया है। मैदानी अधिकारियों द्वारा जाँच कर सत्यापित किया गया है कि वर्तमान में प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में कोई भी खम्भा झुका हुआ नहीं पाया गया है।
बांध एवं नहर की प्रशासकीय स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
87. ( क्र. 2320 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के हालोन नदी में बांध बनाया जा रहा है? अगर हाँ तो बांध की प्रशासकीय स्वीकृति राशि, नहर की प्रशासकीय स्वीकृति राशि, बांध एवं नहर के ड्राइंग प्राक्कलन वर्तमान में व्यय राशि बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बांध से कितनी सिंचाई होगी? रकबा बतावें तथा बांध में कितनी जमीन डूब में आयेगी? रकबा बतावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 411.21 करोड़ है, जिसमें बांध एवं नहर के निर्माण का प्रावधान है। 30 जून 2017 तक परियोजना पर रूपये 263.60 करोड़ व्यय हुआ है। (ख) हालोन सिंचाई परियोजना 13040 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। बांध निर्माण से लगभग 1749.623 हेक्टेयर जमीन डूब में आने की संभावना है।
मानकहीन कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 2328 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स बजाज कम्पनी द्वारा मुरैना जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किये गये कार्यों के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) मेसर्स बजाज कम्पनी द्वारा मुरैना जिले में उक्त अवधि में किये गये मानकहीन कार्यों के संबंध में विभाग द्वारा कम्पनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई। (ग) क्या मै. बजाज इलेक्ट्रीकल्स लि. द्वारा मुरैना जिले के किये जा रहे रू. 106 करोड़ के कार्य कंपनी द्वारा निर्धारित समयावधि में न करने पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) मेसर्स बजाज इलेक्ट्रीकल्स कम्पनी के कार्यों में उप-महाप्रबंधकों द्वारा महाप्रबंधक को अवगत करायी गई कमियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? अवगत कराया जाये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ठेकेदार कंपनी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड, मुम्बई द्वारा मुरैना जिले में किये गये कार्यों के संबंध में मुरैना वृत कार्यालय में ग्रामीणों से एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जो कि जाँचोपरांत गलत पाई गई। (ख) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंधक एवं उप-महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों तथा कार्य की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त थर्ड-पार्टी निरीक्षण एजेन्सी मेसर्स मेकॉन लिमिटेड द्वारा समय-समय पर ठेकेदार कंपनी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड, मुम्बई के कार्य में पाई गई कमियों/त्रुटियों के लिये उक्त ठेकेदार एजेन्सी को पत्र लिखे गये हैं तथा ठेकेदार एजेंसी से कार्य में कमियों/त्रुटियों का निराकरण कराया गया है। साथ ही कार्य में पाई गई कमियों, जिनका निराकरण उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा नहीं किया गया है, उसके विरूद्ध अवार्ड की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार कंपनी के देयकों में से रिटेंशन राशि रू. 4.58 करोड़ की कटौती की गई है। (ग) ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुम्बई द्वारा मुरैना जिले में किये जा रहे विद्युतीकरण के कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं करने के कारण अवार्ड की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी के देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में रू. 3.11 करोड़ की राशि पेनल्टी स्वरूप काटी गई है। (घ) प्रश्नाधीन महाप्रबंधक कार्यालय ने मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुम्बई द्वारा किये गये कार्यों में पाई गई कमियों के संबंध में समय-समय पर पत्राचार किया है तथा ऐसे कार्यों को उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा पूर्ण रूप से नहीं सुधारे जाने के परिप्रेक्ष्य में उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ठेकेदार कंपनी के बिलों से रिटेंशन राशि रोकी गई है।
अवैध प्रभार की जाँच
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 2329 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से 2017 तक विद्युत कंपनी (म.क्षे.) द्वारा कितने अधिकारियों को चालू प्रभार दिये गये हैं? जिसमें से श्री व्ही.एस. दांगी एवं एस.पी. दुबे महाप्रबंधक से चालू प्रभार वापस लिया गया है, क्या यह सही है? यदि हाँ, तो और कितने अधिकारियों को जो वरिष्ठता सूची में नीचे हैं नियम विरूद्ध चालू प्रभार दिया गया है? (ख) क्या मुरैना महाप्रबधंक श्री विनोद कटारे का नाम वरिष्ठता सूची में क्र. 45 पर है जबकि इनके ऊपर वरिष्ठ अधिकारियों को चालू प्रभार नहीं दिया गया है, क्यों? क्या इनका चालू प्रभार वापस लिया जावेगा? इनके विरूद्ध कई शिकायतें लम्बित हैं? जाँच कब तक करवाई जावेगी? (ग) क्या महाप्रबंधक श्री विनोद कटारे मुरैना मुख्यालय पर नहीं रहते हैं? साथ ही अपने अधीनस्थ उप-महाप्रबंधकों एवं प्रबंधकों भी मुरैना से कंपनी के बहानों से ग्वालियर आते जाते हैं, क्या इनकी जाँच करवायी जावेगी? अगर मुख्यालय पर रहते हैं तो इनके द्वारा कंपनी नियमानुसार लिये विद्युत कनेक्शनों के विद्युत बिल अवगत करवाए जावे। (घ) क्या श्री विनोद कटारे महाप्रबंधक मुरैना की सेवा-पुस्तिका में इस प्रकार की टीप अंकित है कि इनको कभी भी क्षेत्र में (संचा./संधा.) कार्यालय में पदस्थ न किया जावे? अगर हाँ तो फिर किसकी अनुशंसा पर क्षेत्र में पदस्थ क्यों किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2015 से 2017 तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सहायक प्रबंधक, प्रबंधक, उप-महाप्रबंधक एवं महाप्रबंधक स्तर के 85 अधिकारियों को चालू प्रभार दिये गये हैं। श्री व्ही.एस. दांगी एवं श्री एस.पी. दुबे से महाप्रबंधक का चालू प्रभार आदेश क्रमांक 3486 दिनांक 14.06.2017 से वापिस लिया गया है। चालू प्रभार नियम विरूद्ध नहीं दिया गया। अधिकारियों को उच्च पद का चालू प्रभार उपयुक्तता सह-वरिष्ठता के आधार पर बिना किसी वित्तीय लाभ के दिया जाता है। (ख) जी हाँ, श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक (चालू प्रभार) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 01.01.2017 की स्थिति में जारी अस्थाई वरिष्ठता सूची में, उप-महाप्रबंधक (पारे. एवं वित.) संवर्ग के अधिकारियों में, 45वें स्थान पर है। अधिकारियों को उच्च पद का चालू प्रभार उपयुक्तता सह-वरिष्ठता के आधार पर दिया जाता है। श्री कटारे के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच प्रारंभ कर दी गई है। जाँचोपरांत आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। (ग) श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक (चालू प्रभार) मुरैना में ही निवास करते हैं। श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक (चालू प्रभार) एवं उप-महाप्रबंधक तथा प्रबंधक आवश्यकता पड़ने पर कंपनी के कार्य से ग्वालियर स्थित कार्यालयों में कंपनी के वाहनों से आते-जाते रहे हैं। तथापि इस संबंध में यदि कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त होती है, तो नियमानुसार जाँच कराई जायेगी। श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक (चालू प्रभार) द्वारा अपने फ्लेट मालिक श्री कपिल मित्तल द्वारा उपलब्ध कराए गए विद्युत कनेक्शन का उपयोग किया जाता है, जिसका विद्युत कनेक्शन क्रमांक 2504409-31-29-3631867906 है। (घ) श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक (चालू प्रभार) मुरैना की सेवा-पुस्तिका में पत्र क्रमांक 803 दिनांक 05.05.2005 के माध्यम से फील्ड (संचा./संधा.), में पदस्थ न किये जाने के निर्देशों को कालांतर में पत्र क्रमांक 01-05/III/127-28 दिनांक 29.01.2008 के माध्यम से समाप्त कर दिये जाने संबंधी प्रविष्टि अंकित है।
पुनर्वास और मुआवजे की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
90. ( क्र.
2358 ) श्री
सचिन यादव :
क्या राज्यमंत्री, नर्मदा
घाटी विकास
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) महेश्वर
एवं सरदार
सरोवर बांध के
डूब क्षेत्र
में कसरावद
विधानसभा
क्षेत्र के
कितने ग्राम
प्रभावित हुए
हैं? क्या
इन सभी डूब
प्रभावित ग्रामों
का पुनर्वास
और मुआवजा, पुनर्वास
नीति तथा
समय-समय पर
प्राप्त
दिशा-निर्देशों
के अनुसार
किया गया? नहीं
तो क्यों? कितने
ग्राम शेष हैं
और क्यों? कारण
सहित जानकारी
दें। (ख) क्या
उक्त डूब
प्रभावितों को दी
जाने वाली सभी
निर्धारित
मूलभूत
सुविधाएं
मुहैया करा दी
गई हैं? यदि नहीं, तो
विलंब के क्या
कारण हैं तथा
इस लापरवाही
में कौन-कौन
दोषी है? इस पर किस
प्रकार का
संज्ञान लिया
जायेगा? हाँ तो
बतायें, नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) में
दर्शित
ग्रामों के
परिवारों का पुनर्वास
और मुआवजा एवं
दी जाने वाली
मूलभूत
सुविधाओं में
की गई
लापरवाही एवं
घोर अनियमितताओं
की जाँच कर जाँच
प्रतिवेदन से
अवगत कराये?
राज्यमंत्री, नर्मदा
घाटी विकास (
श्री लालसिंह
आर्य ) : (क) (i) महेश्वर
जल विद्युत
परियोजना
ऊर्जा विभाग
को हस्तांतरित
परियोजना है। ऊर्जा
विभाग से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार
प्रभावित
ग्रामों की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार
है। जी हाँ। पुनर्वास
एवं मुआवजा की
कार्यवाही
जारी है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार
है। मेसर्स
एस.एम.एच.पी.सी.
एल. द्वारा
कार्य हेतु धन
उपलब्ध
कराये जाने
में विलंब के
कारण। (ii) सरदार
सरोवर बांध से
कसरावद विधान
सभा क्षेत्र
के 5
ग्राम
प्रभावित
हुये हैं। जी
हाँ। कोई
ग्राम शेष
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) (i) महेश्वर
जल विद्युत
परियोजना से
संबंधित
ग्रामों की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार
है। मेसर्स
एस.एम.एच.पी.सी.एल.
द्वारा कार्य
हेतु धन उपलब्ध
कराये जाने
में विलंब के
कारण। (ii) सरदार
सरोवर बांध से
संबंधित
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'द' अनुसार
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) (i) किसी
प्रकार की
लापरवाही
अथवा
अनियमितता संबंधी
कोई विशेष
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ii) सरदार
सरोवर
परियोजना में
झा आयोग
द्वारा जाँच
की गई लेकिन
नर्मदा घाटी
विकास
प्राधिकरण के किसी
अधिकारी के
विरूद्ध कोई
आरोप
प्रमाणित
नहीं पाया। तत्पश्चात
सर्वोच्च न्यायालय
ने अपने आदेश
दिनांक 08/02/2017 द्वारा
झा आयोग से
संबंधित सभी
मामलों को समाप्त
कर दिया है। अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
उद्वहन सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
91. ( क्र. 2359 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले की बलकवाड़ा, चौण्डी जामन्या एवं रोडिया आम्बा उद्वहन सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? हाँ तो बतायें। नहीं तो विलंब के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी और उक्त योजनाओं से खरगोन जिले के सैकड़ों ग्रामों को सिंचाई सुविधाओं से लाभान्वित किया जायेगा? (ग) उक्त योजनाओं के कार्यों के प्रारंभ और निर्धारित लक्ष्य की समय-सीमा क्या है और इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। खरगोन जिले के 71 ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना लक्षित है। (ग) दिनांक 06/06/2017 को निविदा आमंत्रित की गई है। निविदा स्वीकृति के पश्चात पूर्ण करने की अवधि अनुबंधित तिथि से 24 माह (वर्षाकाल सहित) निर्धारित की गई है।
नियमित कार्यपालन यंत्रियों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
92. ( क्र. 2365 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना अंतर्गत कितने कार्यपालन यंत्री नियमित रूप से कार्यरत हैं? संभागवार नियमित कार्यपालन यंत्री के नाम पदस्थी दिनांक सहित संभागवार सूची देवें। (ख) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना अंतर्गत ऐसे कितने, कौन-कौन से अनुविभागीय अधिकारी हैं, जो नियमित कार्यपालन यंत्रियों के होते हुये भी प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ हैं? प्रभारी पद पर पदस्थी दिनांक से नामवार सूची देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार एक अनुविभागीय अधिकारी को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमित कार्यपालन यंत्रियों के होते हुये शासन द्वारा उपकृत कर अनेक वर्षों से एक से अधिक डिवीजनों का प्रभारी कार्यपालन यंत्री बनाया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? शासन कब तक अनुविभागीय अधिकारियों को जो कार्यपालन यंत्री बनाये गये हैं, अलग कर नियमित कार्यपालन यंत्रियों को प्रभार सौंपेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निम्नलिखित अनुविभागीय अधिकारी/सहायक यंत्री प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ हैं:- (1) श्री एस.के. मालवीय अनुविभागीय अधिकारी दिनांक 01/10/2015 से प्रभारी कार्यपालन यंत्री, रानी अवंती बाई लोधी सागर नहर संभाग क्रमांक-1, करेली के पद पर पदस्थ हैं। (2) श्री व्ही.के. पाण्डेय, सहायक यंत्री दिनांक 14/07/2009 से प्रभारी कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-2 मण्डला के पद पर पदस्थ हैं। (ग) जी नहीं। नियमित कार्यपालन यंत्री का पद संभाग में रिक्त होने के कारण स्थानीय व्यवस्था के तहत सहायक यंत्री/अनुविभागीय अधिकारी को प्रभारी कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया गया है। (घ) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का स्वयं का कोई कैडर न होने के कारण इंजीनियरों की सेवायें शासन के विभिन्न विभागों से प्रतिनियुक्ति पर ली जाती हैं। संबंधित विभाग से सेवायें प्राप्त होने पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री के स्थान पर नियमित कार्यपालन यंत्री को पदस्थ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संविदा कर्मियों का संविलियन
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 2393 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1232 दिनांक 23.02.2017 की जानकारी एकत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो एकत्रित जानकारी क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (ख) क्या कार्यालय नगर पालिक निगम कटनी के आदेश दिनांक 30.09.2004 द्वारा 08 संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी और 05 शिक्षकों का संविलियन भी किया गया है? यदि हाँ, तो नियुक्ति एवं संविलियन के नियम तथा आदेश बतायें और शेष रहे संविदा शाला शिक्षकों के अब तक संविलियन न करने के कारण बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) संबंधितों का संविलियन उपरांत क्या वेतन निर्धारण किया गया था? वर्तमान में क्या वेतन, किन आदेशों से दिया जा रहा है और एक ही नियम, एक ही प्रक्रिया एवं एक ही आदेश से नियुक्त संविदा शाला शिक्षकों के संविलियन की कार्यवाही एवं वेतन का निर्धारण भिन्न क्यों है? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में संविदा शाला शिक्षकों का संविलियन लंबित रखने, असमान वेतन प्रदान कराने की कार्यवाही किस प्रकार सही है और इस विसंगति को किस प्रकार एवं कब तक ठीक किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। आयुक्त, नगर निगम, कटनी से जानकारी अपेक्षित है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
94. ( क्र. 2462 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लघु जल विद्युत, बायोमास ऊर्जा के तहत वर्ष 2013 से अब तक के विद्युत उत्पादन का ब्यौरा क्या है? (ख) उज्जैन संभाग में स्थापित एवं कार्यरत उक्त ऊर्जा स्त्रोतों की स्थापना दिनांक से अब तक की उत्पादन क्षमता क्या है? जिलेवार, इकाइवार ब्यौरा दें। (ग) कितनी ऊर्जा परियोजनाएं संभाग में स्वीकृत होकर स्थापनाधीन हैं? उनकी लागत सहित प्रारंभ होने की स्थिति का ब्यौरा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान
[वित्त]
95. ( क्र. 2476 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेश हैं कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रथम समयमान वेतनमान एवं 20 वर्ष पूर्ण होने पर द्वितीय समयमान वेतनमान तथा 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तीसरा समयमान वेतनमान दिया जावेगा? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ख) क्या किसी लिपिक संवर्ग की प्रथम क्रमोन्नति 19.12.2005 के बाद 16 वर्ष पश्चात हुई हो एवं 25 वर्ष से अधिक सेवा हो जाने पर सहायक ग्रेड तीन से सहायक ग्रेड-दो पर पदोन्नति हुई हो तो क्या ऐसे कर्मचारी को 10 वर्ष या 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर समयमान वेतनमान की पात्रता है? (ग) क्या वर्तमान में वेतनमान 3050-4590 प्राप्त कर रहे लिपिक की प्रथम क्रमोन्नति, वेतनमान 3500-5200 में होना चाहिए या 4000-6000 के वेतनमान पर होना चाहिए? बताएं। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) अनुसार निचले वेतनमान पर क्रमोन्नति दी गई है तो क्या ऐसे लिपिक को रूपये 4000-6000 का वेतनमान प्राप्त करने की पात्रता है या नहीं? विवरण सहित बताएं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। राज्य के समस्त शासकीय सेवकों के लिये जारी वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30 सितम्बर 2014 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24-1-2008 के अनुसार ऐसे शासकीय सेवक, जिनके द्वारा इस संशोधित योजना अंतर्गत उच्चतर वेतनमान के लिये निर्धारित आवश्यक सेवा अवधि पूरी की जा चुकी है, उनको उक्त निर्धारित सेवा अवधि के पश्चात इस योजना के अंतर्गत उच्चतर वेतनमान जैसा लागू हो, का लाभ 1-4-2006 से प्राप्त होगा। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-1-1/1/वेआप्र/99 दिनांक 17 मार्च 1999/19.4.99 तथा समसंख्यक परिपत्र दिनांक 17-5-2000 के अनुसार क्रमोन्नत वेतनमानों के अंतर्गत प्राप्त लाभ संबंधी प्रकरणों को पुनः नहीं खोला जायेगा। (ग) जी हाँ। वर्तमान में क्रमोन्नति योजना के स्थान पर दिनांक 1-4-2006 से समयमान वेतनमान योजना लागू है। समयमान वेतनमान योजना में वेतनमान 3050-4590 प्राप्त कर रहे शासकीय सेवकों को प्रथम समयमान वेतनमान 4000-6000 देय है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
असत्य एवं भ्रामक जानकारी दी जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
96. ( क्र. 2482 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 6510 दिनांक 22-03-17 के उत्तर में प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2013 दि. 09-12-16 के उत्तर में भ्रामक जानकारी दिए जाने पर प्रश्न क्र. 6510 के उत्तर में विषयवस्तु से हटकर त्रुटिवश भारत सरकार को भेजी गयी के स्थान पर भारत सरकार द्वारा राज्य शासन को प्रेषित पत्र इत्यादि को परिशिष्ट (ब) के रूप में भेज दिया गया था, स्वीकार किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त त्रुटि के लिए क्या सम्बंधित दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 6510 दिनांक 22-03-17 की कंडिका (ख) के उत्तर में दिनांक 06-08-2010 को भारत सरकार को जानकारी दी गयी थी? यदि हाँ, तो क्या जानकारी भेजी गई? जानकारी की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न क्र. 6510 की कंडिका (ग) में चाही गई जानकारी दी गई थी? यदि नहीं, तो असत्य एवं भ्रामक जानकारी देने के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या उनके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी एवं प्रश्नकर्ता के प्रश्न की कंडिका (ग) में प्रश्न की विषयवस्तु अनुसार क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी नहीं। बिंदुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कुपोषण मिटाने हेतु संचालित योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
97. ( क्र. 2483 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में कुपोषण को मिटाने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? इनमें वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य एवं सामग्री क्रय पर व्यय की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने डे-केयर सेंटर कहाँ-कहाँ खोले गए? इन सेंटरों में कितनी-कितनी राशि की क्या-क्या सामग्री प्रदाय की गयी? उक्त सामग्री किस दर पर किस-किस एजेन्सी/व्यक्ति से क्रय की गयी? (ग) क्या वर्ष 2017 में कुपोषण मिटाने के लिए जिले में स्वच्छता किट वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितनी किट खरीदी गयी? प्रति किट की कीमत क्या है? उक्त किट हेतु क्या-क्या सामग्री किस-किस दर पर किस-किस एजेंसी/व्यक्ति से क्रय की गयी? किटों का वितरण किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कितनी-कितनी संख्या में किन-किन ग्रामों में किया गया है? उक्त सामग्री क्रय हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गयी? सामग्री का भौतिक सत्यपान किस-किस के द्वारा किया गया? (घ) जून 2017 की स्थिति में जिला श्योपुर में कितने बच्चे कुपोषित एवं कितने अतिकुपोषित हैं? तहसीलवार जानकारी दें। करोड़ों रु. व्यय करने के बाद भी श्योपुर में कुपोषण की स्थिति में सुधार नहीं होने के क्या कारण हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) श्योपुर जिले में कुपोषण मिटाने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा एवं अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन योजना संचालित हैं। वर्षवार आवंटन निम्नानुसार हैं:-
वर्ष |
एकीकृत बाल विकास सेवा |
अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन |
||
प्राप्त आवंटन |
व्यय |
प्राप्त आवंटन |
व्यय |
|
2015-16 |
37544511 |
37544511 |
2474500 |
1475000 |
2016-17 |
53649966 |
53649966 |
13053200 |
10205705 |
2017-18 |
17638120 |
13552241 |
0 |
0 |
वर्षवार व्यय की गयी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) श्योपुर जिले में वर्ष 2015-16 में 02, 2016-17 में 59 एवं 2017-18 में 136 डे-केयर सेन्टर खोले गए है। डे-केयर सेटरों का स्थान, व्यय की गई राशि, प्रदाय की गई सामग्री एवं एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ वर्ष 2017 में श्योपुर जिले में 27919 स्वच्छता किट क्रय की गई। प्रति किट कीमत राशि रू. 239 रूपये है। स्वच्छता किट का क्रय एक यूनिट के रुप में किया गया है। अतः सामग्री की पृथक-पृथक दर बताना संभव नहीं है। स्वच्छता किट रमा इन्फ्रा डवलपमेंट शिवपुरी से क्रय की गई है। किट का वितरण ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अन्तर्गत 31.05.2017 से 09.06.2017 की अवधि में नोडल ऑफिसर, परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षकों, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों के समक्ष किया गया। स्वच्छता किट म.प्र. भण्डार क्रय नियम अनुसार ऑन-लाईन पोर्टल mpeproc के माध्यम से क्रय की गई। सामग्री का भौतिक सत्यापन एस.डी.एम., परियोजना अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के द्वारा किया गया है। स्वच्छता किट की संख्या, वितरण करने वाले अधिकारी का विवरण एवं ग्राम के नाम का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जून 2017 की स्थिति में जिला श्योपुर में कम वजन के 20246 बच्चे एवं अति कम वजन 3424 बच्चे हैं। कम वजन एवं अति कम वजन के बच्चों की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार हैं :-
क्र |
तहसील का नाम |
कम वजन के बच्चे |
अतिकम वजन के बच्चे |
1 |
कराहल |
3637 |
427 |
2 |
श्योपुरकलां |
5244 |
1042 |
3 |
बडौदा |
2346 |
534 |
4 |
विजयपुर |
4267 |
792 |
5 |
वीरपुर |
4752 |
629 |
योग |
20246 |
3424 |
श्योपुर जिले में लगातार कुपोषण को कम करने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं जिसमें जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रति सप्ताह भ्रमण कर सतत् निगरानी की जा रही है। कुपोषण हेतु कई कारक जिम्मेदार होते हैं यथा अपर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता/कम उपयोग करना, आर्थिक संरचना, संसाधन की कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार में सदस्यों की संख्या, रोजगार की कमी, सामाजिक कुरीतियां, शिक्षा का अभाव आदि। गंभीर कुपोषित बच्चों की रोग निरोधक क्षमता कम होने से अन्य बीमारियों का उन पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जनसामान्य द्वारा पोषण विविधता का उपयोग न करना, स्वच्छता एवं व्यवहार परिवर्तन में कम रूचि जैसे अन्य कारक भी कुपोषण की समस्या बने रहने के प्रमुख कारण हैं।
खेत तक विद्युत लाईन का विस्तार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
98. ( क्र. 2497 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग राजगढ़ में वर्ष 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों के खेत तक विद्युत लाईन विस्तार हेतु कितने प्रकरण प्राप्त हुए हैं? विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक ब्यौरा देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण स्वीकृत कर पूर्ण करा दिये गये हैं एवं कितने शेष हैं? शेष का कारण सहित विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक ब्यौरा दें। (ग) क्या विभाग में संचालित उक्त योजना वर्ष 2016-17 में ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित की गई है? यदि हाँ, तो आदिम जाति कल्याण विभाग जिला राजगढ़ द्वारा लंबित प्रकरणों की नस्ती म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी जिला राजगढ़ को प्रेषित कर दी गई है या नहीं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रकरण निरंक है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
50 सीटर छात्रावास का निर्माण
[आदिम जाति कल्याण]
99. ( क्र. 2511 ) श्री कैलाश चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25 सितम्बर 2016 को आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग प्रमुख सचिव, माननीय मंत्री जी आदिम जाति कल्याण विभाग एवं कलेक्टर जिला नीमच को पत्र लिखकर कुकडेश्वर जिला नीमच में स्वीकृत 50 सीटर छात्रावास का निर्माण खेल मैदान में न किया जाकर आदिम जाति कल्याण विभाग के आधिपत्य की भूमि जिसमें संस्कार भवन का एक कमरा बनाया गया है, उसमें बनाए जाने का सुझाव दिया गया था? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या पूर्व में भी खेल मैदान जहां पर दशहरा भी मनाया जाता है, छात्रावास निर्माण प्रारंभ किए जाने पर नागरिकों के विरोध स्वरुप तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा रोक दिया गया था? यदि हाँ, तो पुन: उसी स्थान पर छात्रावास बनाए जाने का निर्णय करने के क्या कारण है? निर्णय किए जाने से पूर्व इस हेतु विभाग के अधिकारी द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा की थी? यदि नहीं, तो उसके क्या कारण हैं। (ग) क्या विभाग नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों की असहमति को देखते हुए उक्त छात्रावास को संस्कार भवन वाली भूमि या अन्यत्र कहीं परिवर्तित करने हेतु विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) तत्कालीन मुख्यमंत्री कार्यालय से उक्त भवन को रोकने संबंधी कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। कलेक्टर नीमच के आदेश दिनांक 14.01.2013 के द्वारा छात्रावास हेतु आवंटित भूमि पर ही निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया। (ग) कलेक्टर के प्रस्ताव पर विचार किया जावेगा।
पोषण आहार वितरण व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
100. ( क्र. 2535 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में संचालित आंगनवाडि़यों में पोषण आहार वितरण की क्या व्यवस्था है? पोषण आहार किन एजेंसियों के द्वारा बच्चों को प्रदाय किया जाता है तथा एजेंसी को कहाँ से पोषण आहार प्रदाय किया जाता है? (ख) बड़वानी जिले के पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में सांझा चूल्हा योजना के अंतर्गत किसके माध्यम से पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? पानसेमल विकासखंड में जनवरी 2017 से वर्तमान तक कितना पोषण आहार प्रदाय किया गया है? आँगनवाड़ीवार वितरित राशि व खाद्यान्न की जानकारी प्रदाय करें। (ग) क्या विगत 08 माहों से समूहों को पोषण आहार की राशि व खाद्यान्न प्रदाय नहीं किया गया है? किस अधिकारी के आदेश से पोषण आहार राशि रोकी गई है? यदि पोषण आहार सम्बंधित केन्द्रों पर नहीं पहुँच रहा है तो मध्यप्रदेश शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण बाल पोषण की सांझा चूल्हा योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन न करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? कब तक राशि व खाद्यान्न वितरण कर दिया जावेगा? जिम्मेदारों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला बड़वानी अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को एम.पी.एग्रो के माध्यम से टेकहोम राशन तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों हेतु सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत संचालित स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार वितरण किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह को संबंधित ग्राम में स्थित/निकटस्थ शासकीय उचित मूल्य की दुकान से गेहूँ एवं चावल उपलब्ध कराया जाता है। (ख) बड़वानी जिले के पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में परियोजना निवाली एवं राजपुर (दानोद, उपला एवं पलसुद) में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्व-सहायता समूह के माध्यम से एवं परियोजना पानसेमल अंतर्गत स्व-सहायता समूह एवं ग्राम स्वास्थ्य तदर्थ समितियों के माध्यम से पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा हैं। परियोजना पानसेमल में जनवरी 2017 से वर्तमान तक आँगनवाड़ीवार वितरित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) बड़वानी जिले में समूहों को पोषण आहार की राशि माह मार्च 2017 तक प्रदाय की गई हैं, शासन के नियमानुसार समूहों को पूर्व में प्रदाय खाद्यान्न शेष होने से समायोजन उपरान्त ही आगामी माह का खाद्यान्न प्रदाय किया जाने का प्रावधान होने से माह जनवरी 2017 से मार्च 2017 तक का खाद्यान्न प्रदाय नहीं किया गया है। सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत पोषण आहार वितरण का सही ढंग से क्रियान्वयन किया जाकर पर्यवेक्षकों से प्राप्त वास्तविक उपस्थिति के आधार पर स्व-सहायता समूहों को माह मार्च 2017 तक की पोषण आहार राशि का भुगतान ई-पेमेंट से किया गया हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण आहार वितरण व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
101. ( क्र. 2536 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण आहार वितरण व्यवस्था में भ्रष्टाचार के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा बजट सत्र दिनांक 10.03.2017 प्रश्न क्रमांक 5642 को पूछे गए प्रश्न के सन्दर्भ में विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही विवरण की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत के आधार पर सदन में मौखिक चर्चा के दौरान माननीया मंत्री महोदया द्वारा जाँच दल गठित करने का विधानसभा में आश्वासन दिया था? यदि हाँ, तो जाँच के लिए गठित दल एवं उनके द्वारा क्या जाँच की गई? इसकी जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, की गई तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है? जिम्मेदारों के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा इतने गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता से लिया गया? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (घ) क्या जिन जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कर्मचारियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा शिकायत की गई थी, उन पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? वर्तमान में वह अधिकारी कहाँ पदस्थ हैं? इतने बड़े गंभीर मुद्दे के बाद केवल अस्थाई स्थानान्तरण किया जाना क्या पर्याप्त है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा बजट सत्र दिनांक 10/03/2017 प्रश्न क्र. 5642 को पूछे गए प्रश्न के सदंर्भ में विभाग द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक इन्दौर संभाग इन्दौर को शिकायत की जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। संभागीय संयुक्त संचालक इन्दौर संभाग इन्दौर को जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया। संभागीय संयुक्त संचालक, इन्दौर ने मान. विधायक महोदय से समक्ष में जाँच हेतु समय माँगा गया है, मान.विधायक महोदय ने दिनांक 22.07.17 से 23.07.17 तक का समय दिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा श्री हेमन्त आर्य,परियोजना अधिकारी पानसेमल जिला बड़वानी का स्थानांतरण बाल विकास परियोजना विजयपुर-1, जिला-श्योपुर किया गया था, लेकिन मान. उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त होने के कारण श्री हेमन्त आर्य, परियोजना अधिकारी वर्तमान में बाल विकास परियोजना पानसेमल में ही कार्यरत हैं। श्रीमती चन्द्रकांता जैन पर्यवेक्षक, सुश्री सुमन सूर्यवंशी, पर्यवेक्षक का स्थानान्तरण बाल विकास परियोजना निवाली जिला-बड़वानी किया गया, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा जाँच की जा रही है, जाँच उपरान्त दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी।
सूचना का अधिकार
[सामान्य प्रशासन]
102. ( क्र. 2539 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सालय सूचना का अधिकार कानून के दायरे में आते हैं? (ख) क्या निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम भी सूचना का अधिकार कानून के दायरे में आते हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ है, तो इस अधिकार के तहत अस्पताल में कार्यरत किसी भी कर्मचारी या मरीज की जानकारी प्राप्त की जा सकती है अथवा नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा तट से शराब की दुकानें हटाने की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
103. ( क्र. 2545 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के दौरान शराब दुकानें हटाने हेतु नर्मदा तट से कितनी दूरी की शराब दुकानें हटाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई थी? (ख) नरसिंहपुर तहसील के ग्राम झामर की शराब दुकान नर्मदा नदी के ढाना घाट एवं महका घाट से कितनी दूरी पर स्थित है? मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार उक्त शराब दुकान हटना चाहिए या नहीं? बताएं। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को तत्संबंध में शिकायत की गई थी या नहीं? यदि की गई तो उस पर क्या कार्यवाही की गई एवं दुकान न हटाए जाने को लेकर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी या की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा तट की शराब दुकानें हटाने के संबंध में की गई घोषणा के अनुक्रम में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 18 जनवरी 2017 की कंडिका क्रमांक 6 एवं 9 में प्रावधानित किया गया है कि वर्ष 2016-17 में नर्मदा किनारे के शहरों में पाँच किलोमीटर तक की दूरी में स्थित देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों को दिनांक 01.04.2017 से बंद किया जायेगा। नर्मदा किनारे के निर्दिष्ट सभी गाँवों में मदिरा दुकानों को बंद किया जायेगा। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा यह दूरी 2.60 कि.मी. बताई गई है जो कि प्रचलित कच्चा मार्ग है। प्रश्नांश (क) में वर्णित राजपत्र में प्रकाशित निर्देश के तहत शहरों में 5 कि.मी. दूरी का प्रावधान है जो कि झामर में लागू नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को तत्संबध में शिकायत की गई है। शिकायत पर जाँच कराई गई तथा शासन निर्देश की दृष्टिगत, कोई दोषी नहीं पाया गया।
रानी अवंती बाई नहर परियोजना अंतर्गत कार्य की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
104. ( क्र. 2546 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर जिले की रानी अवंती बाई नहर परियोजना अंतर्गत हरेरी नहर के 31 किमी. से 36 किमी. के कार्य की धीमी गति के संदर्भ में पत्र द्वारा मुख्य अभियंता रानी अवंती बाई नहर परियोजना को अवगत कराया था? (ख) यदि हाँ, तो धीमी गति के कार्य हेतु दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्य की धीमी गति माईल स्टोन के अनुसार लक्ष्य प्राप्त नहीं करने के कारण कार्यपालन यंत्री के द्वारा अनुबंध की कंडिका 15 के अंतर्गत कार्यवाही की गई है।
कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन
[आदिम जाति कल्याण]
105. ( क्र. 2549 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में स्थित सहरिया विकास अभिकरण में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन किस-किस कार्य हेतु प्राप्त हुआ व उक्त आवंटन के विरूद्ध किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? जानकारी वर्षवार, मदवार, कार्यवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सहरिया विकास अभिकरण शिवपुरी द्वारा सहरिया आदिवासियों को कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने थे? यदि हाँ, तो क्या उक्त अवधि में किस-किस संस्था द्वारा कब-कब कौशल उन्नयन कार्यक्रम संचालित किए गये? उक्त संस्थाओं को प्रदाय कार्य आदेश, उनके द्वारा प्रशिक्षित हितग्राहियों के नाम, ट्रेड व उनको भुगतान की गयी राशि का समस्त विवरण उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या शिवपुरी जिले में उक्त अवधि में कौशल उन्नयन हेतु प्राप्त आवंटित राशि का उपयोग नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व इसके लिए कौन-कौन दोषी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में सहरिया विकास अभिकरण शिवपुरी को कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालन हेतु आवंटन प्राप्त नहीं होने से कौशल उन्नयन कार्यक्रम का संचालन नहीं कराया गया है, शेष प्रश्न उत्पन्न ही नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अवधि में सहरिया विकास अभिकरण शिवपुरी को कौशल विकास उन्नयन प्रशिक्षण मद अंतर्गत आवंटन प्राप्त नहीं होने से राशि का उपयोग न किये जाने तथा कोई दोषी होने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
स्थापित ट्रान्सफार्मर को चालू करना
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 2550 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत देवतालाब विधान सभा क्षेत्र में ग्राम खुम्मवा-सुअरहा में 63 के.व्ही.ए के अतिरिक्त ट्रान्सफार्मर लगाये जाने हेतु विधायक की अनुशंसा पर कलेक्टर (संभागीय योजना एवं सांख्यिकी) रीवा द्वारा 23.12.16 प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृत आदेश रू. 5.689 लाख रूपये का आदेश जारी किया गया जिसमें क्रियान्वयन एजेंसी अधीक्षण यंत्री (सदस्य/सचिव) क्रय समिति (संचा/संधा) म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि. कंपनी लिमिटेड रीवा को बनाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश के अनुसार क्या अतिरिक्त ट्रान्सर्फामर स्थापित किये जाकर चार्ज कर हितग्राहियों/उपभोक्ताओं को उक्त ट्रान्सफार्मर से बिजली प्रदान की गयी? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा ट्रान्सफार्मर को कब तक चार्ज कर उपभोक्ताओं को उक्त ट्रान्सफार्मर से विद्युत प्रदान किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्राक्कलन स्वीकृति में संबंधित कनिष्ठ यंत्री, देवतालाब द्वारा विलम्ब किया गया, जिसके लिये अधीक्षण यंत्री (संचा/संधा) रीवा द्वारा उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 13.7.17 को जारी किया गया है। दिनांक 18.7.17 तक उक्त कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय आरंभ किया जाना अनुमानित है।
अवमानना प्रकरणों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
107. ( क्र. 2560 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी-3-4/2017/3/एक दिनांक 26.04.2017 अनुसार सेवायुक्तों को माननीय उच्च न्यायालय के शरण में न जाने की विवशता को दृष्टिगत रखते हुए समरूप प्रकरणों को विभागीय स्तर पर निराकरण के निर्देश दिये हैं। यदि हाँ, तो तिलहन संघ के सेवायुक्तों से संबंधित दर्जनों अवमानना प्रकरणों में विभागों द्वारा लंबित रखने के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्न (क) अतंर्गत कितने अभ्यावेदन सामान्य प्रशासन विभाग को प्राप्त हुये? विभाग द्वारा अभ्यावेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति एवं संविलियन सेवायुक्तों को महिला बाल विकास, स्वास्थ्य पंचायत आदि विभागों में कुछ सेवायुक्तों को पाँचवे वेतनमान की गणना आधारित छठवां वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है। यदि हाँ, तो अन्य को क्यों नहीं? भेदभाव पूर्ण नीति समाप्त कर क्या सभी को 5वां व 6वां वेतनमान स्वीकृत करेंगे? कब तक बतायें? (घ) क्या तिलहन संघ सेवायुक्तों को पाँचवा-छठवां वेतनमान का लाभ देने का निर्णय कुछ विभाग/प्रमुख सचिवों ने लिया है? अन्य विभाग/प्रमुख सचिवों ने प्रकरण को लंबित रखा है, ऐसा क्यों? कारण स्पष्ट करें क्या इसके निराकरण हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को दिशा-निर्देश जारी करेंगे? स्पष्ट करें। क्या उच्च न्यायालयों के अवमानना प्रकरणों को वर्षों से लंबित रखने वाले सक्षम अधिकारी के विरूद्ध नियमोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवंटित शराब दुकानों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
108. ( क्र. 2563 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेवढ़ा में कुल कितनी देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानें आवंटित की गई हैं? उक्त दुकानें शासन के नियम अनुसार किन-किन स्थानों पर खोली गई हैं? ठेकेदार के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या नगर पंचायत सेवढ़ा में अंग्रेजी शराब की दुकान बस स्टेण्ड, मंदिर, गर्ल्स इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज गांधी पुस्तकालय में मात्र 100 मीटर में दायरे में खोली गई है? इसी इन्दरगढ़ में पब्लिक स्कूल से 50 मीटर की दूरी पर खोली गई है? इस बाबत् क्षेत्रीय विधायक द्वारा लिखे पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रतियां पत्र सहित उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो उक्त बिंदुओं पर उच्च स्तरीय जाँच करायेंगे? (ग) क्या ठेकेदारों एवं आबकारी अधिकारी की मिलीभगत से समस्त ग्रामों में नं. 2 में शराब का अवैध करोबार हो रहा है, जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों का दबाव पड़ने पर ठेकेदार की सहमति से विभाग के अधिकारियों द्वारा 1-2 फर्जी केस बना दिये जाते हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) यदि नहीं, तो वर्ष 2016-17 में जो देशी/अंग्रेजी शराब पकड़ी गई वह किस बैच नंबर की होकर किस ठेकेदार को आवंटित की गई थी? इसके आधार पर किन-किन ठेकेदारों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त कार्यवाही में कौन-कौन दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखण्ड में वर्ष 2017-18 में देशी मदिरा की 16 दुकानें, विदेशी मदिरा की 03 दुकानें शासन द्वारा स्वीकृत हैं। मदिरा दुकानें एवं ठेकेदारों के नाम, स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विदेशी मदिरा दुकान सेवढ़ा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से 75 मीटर की दूरी पर होना पाया गया, अत: उक्त दुकान आपत्तिरहित स्थल पर होना पाई गई। विदेशी मदिरा दुकान इंदरगढ़ चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल से 25 मीटर की दूरी पर स्थित होने से आपत्तिपूर्ण स्थल पर होना पाई गई। इस बाबत् लायसेंसी को विदेशी मदिरा दुकान इंदरगढ़ तत्काल हटाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त कार्यवाही बाबत् जिला आबकारी अधिकारी जिला दतिया के पत्र दिनांक 22.06.2017 हस्ते श्री विनीत शर्मा आबकारी उप निरीक्षक द्वारा माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र सेवढ़ा को प्रेषित की गई है। जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) लायसेंसशुदा दुकानों से ही मदिरा का विक्रय किया जाता है इसके अतिरिक्त नगर एवं ग्रामों में कहीं भी मदिरा विक्रय की अनुमति नहीं दी गई। अवैध मदिरा विक्रय की सूचना प्राप्त होने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जाती है। प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। अधिकारियों द्वारा कोई फर्जी प्रकरण कायम नहीं किये गये है। (घ) दतिया जिले में देशी मदिरा का प्रदाय शासकीय मद्य भाण्डागार दतिया से विदेशी मदिरा का प्रदाय शासकीय विदेशी मद्य भाण्डागार ग्वालियर से किया जाता है। एक ही बैच की मदिरा कई लायसेंसियों को प्रदाय की जाती है। अत: किस बैच नम्बर की मदिरा किस ठेकेदार को प्रदाय की गई है, यह सुनिश्चित करना संभव नहीं होने से लायसेंसियों के विरूद्ध प्रकरण कायम नहीं किया गया।
अधिग्रहित की गई भूमि की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
109. ( क्र. 2575 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से आज दिनांक तक आगर जिले के अंतर्गत पी.ए.सी.एल. कंपनी द्वारा कितनी निजी व शासकीय भूमि क्रय की गई? विक्रेता व क्रेता का नाम, पता भूमि का रकबा विक्रित समिति का पंजीयन, किस पंजीयन कार्यालय में किस उप पंजीयक द्वारा किया गया? क्या पंजीयन पूर्व समस्त कार्यवाही नियमानुसार की गई? इस सम्पत्ति के पंजीयन के गवाहों का पूर्ण विवरण देवें? (ख) क्या विक्रेता की बिना सहमति के फर्जी तरीके से किसानों की भूमि अपने नाम से पंजीबद्ध करवायी गई? इनके विरूद्ध शासन द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन ऐसी कार्यवाही करेगा ताकि प्रभावित किसानों को उनकी भूमि पर उनका ही आधिपत्य रहे तथा फर्जी कार्यवाही करने वाले के विरूद्ध वाद दायर कर कठोर दण्ड दिलवाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या इस संबंध में प्रभावित किसानों द्वारा शासन के जानकारी में लाया गया तब से आज दिनांक तक शासन ने क्या कार्यवाही की?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक आगर जिले में पी.ए.सी.एल. कंपनी द्वारा भूमि क्रय के किसी दस्तावेज का पंजीयन नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
योजनाओं को पुन: चालू किया जाना
[ऊर्जा]
110. ( क्र. 2578 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को पुन: चालू करने हेतु पी.एच.ई. विभाग सिरोंज द्वारा प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. बगरोदा, सिरोंज एवं लटेरी के खराब ट्रांसफार्मर, थ्री-फेस न मिलने, डी.पी. दूसरे स्थान पर शिफ्ट किये जाने एवं नवीन कनेक्शन हेतु डिमान्ड नोट समय-समय पर कितने बार पत्र जारी किये गये हैं? उक्त संबंध में विद्युत विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. बगरोदा, सिरोंज एवं लटेरी द्वारा विद्युत की कमी के कारण बंद पड़ी नल-जल योजनाओं के किन-किन ग्रामों में खराब ट्रांसफार्मर, थ्री-फेस एवं नवीन कनेक्शन जोड़ कर क्या योजनाओं को चालू करवाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज में बंद नल-जल योजनाओं को पुन: चालू करने हेतु पी.एच.ई विभाग सिरोंज द्वारा प्रबंधक, बगरोदा वितरण केन्द्र एवं प्रबंधक लटेरी वितरण केन्द्र को प्रेषित पत्रों एवं मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सिरोंज वितरण केन्द्र में प्रश्नाधीन आशय का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार संलग्न परिशिष्ट में विभिन्न नल-जल योजनाओं को चालू किये जाने सहित अद्यतन स्थिति दर्शाई गई है। प्रबंधक, बगरोदा वितरण केन्द्र एवं प्रबंधक लटेरी वितरण केन्द्र द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन किया गया है। संबंधित विभाग द्वारा समय-सीमा में औपचारिकताएं पूर्ण नहीं करने के कारण नवीन कनेक्शनों से संबंधित प्रकरण लंबित हैं। आवेदक विभाग द्वारा औपचारिकताएं पूर्ण करते ही विधिवत् कनेक्शन प्रदाय कर दिए जाएंगे, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आँगनवाड़ी भवन की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
111. ( क्र. 2582 ) डॉ. मोहन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में कितने आँगनवाड़ी भवन विहिन या किराये के भवन में संचालित हैं? (ख) जनवरी 2015 से 2017 तक कितने आँगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं? कितने के प्रस्ताव लंबित हैं? (ग) सन् 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने भवनों के कार्य प्रगति पर हैं तथा कितने भवन लंबित हैं? कारण सहित स्पष्ट करें तथा लंबित भवन कब तक पूर्ण होंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले में विधानसभा क्षेत्र उज्जैन दक्षिण अंतर्गत संचालित 04 एकीकृत बाल विकास परियोजना क्रमशः उज्जैन ग्रामीण, उज्जैन शहर 1, उज्जैन शहर 2, उज्जैन शहर 4 में कुल 245 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 71 आगंनवाडी केन्द्र विभागीय भवनों में, 24 आँगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 150 किराये के भवनों में (भवन विहीन) संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन दक्षिण विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2015 से 2017 तक भवनविहीन 150 आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 27 आँगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये जा चुके हैं। जिले से प्राप्त अन्य 16 आँगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण के प्रस्ताव को मनरेगा योजना के अभिसरण से आँगनवाड़ी भवन निर्माण की आगामी दी जाने वाली स्वीकृतियों में समाहित करने हेतु प्रक्रियाधीन है। (ग) उज्जैन दक्षिण विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल 31 आँगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं। जिनमें से 05 आँगनवाड़ी भवन पूर्ण होकर उनमें आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। 23 आँगनवाड़ी भवनों का कार्य प्रगति पर तथा 03 आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य निर्माण ऐजेंसी ग्राम पंचायत की उदासीनता के कारण अप्रारंभ है, जिन्हें प्रारंभ करने हेतु नोटिस जारी किये गये है। आँगनवाड़ी भवनों का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
छानबीन समिति द्वारा जाति प्रमाण-पत्र की जाँच
[आदिम जाति कल्याण]
112. ( क्र. 2635 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राजपत्रित एवं अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों के फर्जी जाति प्रमाणों की जाँच हेतु दिये निर्देश के पालन में विभाग द्वारा छानबीन समिति गठित कर जाँच करायी गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो जाँच में छानबीन समिति ने किन-किन अधिकारियों के जाति प्रमाण-पत्र फर्जी पाये? अधिकारी का नाम, पदनाम व वर्तमान पदस्थापना स्थल सहित जानकारी दें। (ग) छानबीन समिति द्वारा जिन पुलिस अधिकारियों के जाति प्रमाण-पत्र फर्जी पाये उनके विरूद्ध आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई तथा कब तक ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? समय-सीमा बतायी जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) 12 प्रकरण निराकृत किये जा चुके हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्यवाही करने का दायित्व संबंधित विभागों के नियोक्ता अधिकारियों का है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आरोपों पर कार्यवाही की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
113. ( क्र. 2648 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि 03 मार्च 2017 के प्रश्न संख्या 2 क्रमांक 31 के संदर्भ में बताएं कि जावरा नगर पालिका के पार्षद अनिल मोदी द्वारा क्या-क्या आरोप लगाये गये हैं? विवरण दें तथा आरोपों को जो प्रमाणित हो गये थे, के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जावरा नगर पालिका के पार्षद श्री अनिल मोदी द्वारा की गई शिकायत पर लोकायुक्त संगठन में जा.प्र. क्रमांक 83/2007 पंजीबद्ध किया गया है एवं तत्कालीन उप-लोकायुक्त महोदय के आदेशानुसार उक्त जाँच प्रकरण दिनांक 07/11/2008 को समाप्त किया जा चुका है। प्रकरण की संरक्षण अवधि समाप्त होने पर संगठन द्वारा प्रकरण दिनांक 30/01/2015 को विनिष्ट किया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हवाई पट्टी का विकास
[विमानन]
114. ( क्र. 2652 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम हवाई पट्टी के विकास और उन्नयन की क्या योजना है? (ख) हवाई पट्टी परिसर में प्रतिक्षालय नहीं होने से व्ही.आई.पी. अतिथियों के आगमन और प्रस्थान के समय असुविधा होती है। प्रतिक्षालय कब तक बना दिया जायेगा? रख-रखाव और सुरक्षा की क्या व्यवस्था है? (ग) बाउण्ड्रीवॉल नहीं होने से सुरक्षा को हमेशा खतरा बना रहता है। लोगों और पशुओं का आवागमन बना रहता है, जिससे हवाई पट्टी को क्षति पहुँचती है। असामाजिक तत्व भी दुरूपयोग करते हैं। अत: बाउण्ड्रीवॉल कब तक बना दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष-2014 में हवाई पट्टी का नवीनीकरण कराया गया है। (ख) जी नहीं। समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं हैं। रख-रखाव किया जाता हैं तथा व्ही.आई.पी. के आगमन एवं प्रस्थान के समय सुरक्षा व्यवस्था की जाती हैं। (ग) जी नहीं। नियमित हवाई सेवा नहीं होने से बाउण्ड्रीवॉल की आवश्यकता नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मर का अन्यंत्र स्थानांतरण
[ऊर्जा]
115. ( क्र. 2654 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र के तहसील उचेहरा नगर परिषद् क्षेत्र अन्तर्गत संकट मोचन मंदिर चौराहे के पास एक बड़ा ट्रांसफार्मर स्थापित है। उक्त ट्रांसफार्मर से चारों तरफ विद्युत सप्लाई की जाती है, जिसमें लोड अधिक होने के कारण आये दिन तार जलने एवं आग लगने से आये दिन बिजली बंद होती रहती है तथा किसी दिन भी विस्फोट होने से बहुत बड़ा हादसा इस भीड़-भाड़ वाले इलाके में भीषण दुर्घटना घटित होने की सम्भावना है तथा इसमें कई लोगों की जान-माल का नुकसान होने की सम्भावना है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त ट्रांसफार्मर को कब तक स्थानान्तरित कर दिया जायेगा, ताकि भीषण हादसे को टाला जा सके? बताएं और यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र में उचेहरा नगर परिषद् क्षेत्र अंतर्गत संकट मोचन मंदिर चौराहे के पास 315 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर सुरक्षा मापदण्डों के अनुसार सुरक्षित स्थान पर स्थापित हैं। उक्त वितरण ट्रांसफार्मर से 406 उपभोक्ता संबद्ध हैं एवं वर्तमान में उक्त वितरण ट्रांसफार्मर पर अधिकतम भार 225 किलोवाट है जो कि ट्रांसफार्मर की क्षमता के अनुरूप है तथा उक्त ट्रांसफार्मर से संबद्ध तारों के जलने/विद्युत व्यवधान होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। तथापि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र दिनांक 11.4.17 के तारतम्य में उक्त ट्रांसफार्मर को अन्यत्र स्थानांतरित करने हेतु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्राक्कलन स्वीकृत कर आवश्यक राशि उपलब्ध कराने हेतु पत्र दिनांक 20.6.17 से जिला योजना अधिकारी सतना को लेख किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन कार्य हेतु जिला योजना अधिकारी द्वारा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को आवश्यक राशि उपलब्ध कराए जाने के उपरांत उक्त ट्रांसफार्मर अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 2656 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न क्र. 6565 दिनांक 24.03.2017 के उत्तर भाग (ग) में बताया गया कि माननीय प्रश्नकर्ता एवं ग्राम पंचायत गूँज के ग्रामवासियों द्वारा मजरा गढ़ों में विद्युत समस्या को लेकर मांग की गई है। उक्त कार्य वर्तमान में अपूर्ण है। उक्त मजरे का विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत सम्मिलित किया गया है। इस हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा भाग (घ) के उत्तर में क्षेत्रान्तर्गत सौ से अधिक जनसंख्या वाले मजरे टोले बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति में किया जाना प्रस्तावित है। जिस हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तो उपरोक्त उत्तर के पालन में क्या-क्या कार्यवाही हुई? बतावें व निविदा की सूची भी उपलब्ध करावें। (ख) यदि उपरोक्त कार्य प्रारंभ नहीं किये गये तो किस स्तर पर कार्य नहीं हो सका है, की जानकारी भी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, अता. प्रश्न क्रमांक 6565 दिनांक 24.03.2017 के उत्तर में दिमनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मजरा गढ़ी तथा 100 एवं 100 से अधिक जनसंख्या वाले मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने की जानकारी दी गई थी। विधानसभा क्षेत्र दिमनी सहित मुरैना जिले हेतु स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु दिनांक 10.08.2016 को निविदा जारी की गई थी जिसकी जमा करने की अंतिम तिथि, पाँच बार बढ़ाये जाने के बाद भी मात्र एक निविदा प्राप्त हुई तथा प्राइज बिड दिनांक 20.12.2016 को खोली गई। निविदा मूल्य 29.92 प्रतिशत अधिक होने के कारण बिजनेस कमेटी द्वारा उक्त निविदा निरस्त कर दी गई। पुन: निविदा 04.01.2017 को जारी की गई, जिसकी जमा करने की अंतिम तिथि, पाँच बार बढ़ाये जाने के बाद भी मात्र एक निविदा प्राप्त हुई तथा प्राइज बिड दिनांक 27.03.2017 को खोली गई। निविदा मूल्य 19.79 प्रतिशत अधिक होने के कारण बिजनेस कमेटी द्वारा उक्त निविदा निरस्त कर दी गई। तदुपरांत मुरैना जिले के अन्तर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत कार्यों को तीन भागों में विभक्त करते हुए पुन: निविदा दिनांक 01.06.2017 को जारी की गई है जिसकी अंतिम तिथि 30.06.2017 निर्धारित थी। निर्धारित तिथि तक कोई निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण निविदा जमा करने की तिथि 15.07.2017 तक बढ़ाई गई है। उक्तानुसार जारी की गई निविदाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाये अनुसार प्रश्नाधीन कार्य हेतु अवार्ड जारी नहीं किया जा सका है, अत: कार्य आरंभ नहीं हुआ है।
लंबित आवेदनों का निराकरण
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 2657 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न क्र. 1095 दिनांक 23.02.2017 के उत्तर भाग (क) में प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विद्युत समस्याओं के संबंध में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 17 आवेदनों में से चार आवेदन लंबित होने की जानकारी दी थी, तो 4 लंबित आवेदनों में से कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा शेष हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, परि.अता. प्रश्न क्र. 1095 दिनांक 23.02.2017 के उत्तर में प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी दी गई थी। तद्नुसार शेष 4 लंबित आवेदनों के कार्यों की अद्यतन स्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाई गई 4 लंबित शिकायतों में से 3 शिकायत मूलत: ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध कराये जाने से सम्बंधित है, जिनका कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त कार्यों का क्रियान्वयन टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही पूर्ण होने पर चयनित ठेकेदार एजेन्सी से अवार्ड जारी करने की दिनांक से 24 माह में कार्य पूर्ण कराया जायेगा। लंबित शिकायतों में से शेष एक शिकायत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने से संबंधित है। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने पर उक्त ट्रांसफार्मर प्राथमिकता के आधार पर बदल दिया जायेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में इन शेष कार्यों को पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
उपलब्ध राशि की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
118. ( क्र. 2678 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला के अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित स्कूल, छात्रावास, आश्रम व अन्य संस्थाओं के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य हेतु वर्ष 2014 से वर्तमान तक जिले को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? (ख) उपलब्ध राशि से कार्य कराये जाने हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित किया गया? दिनांक सहित जानकारी देवें। निविदा पश्चात किन-किन ठेकेदारों द्वारा कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने राशि से कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्यवार कार्य प्रारंभ करने की तिथि व कार्य पूर्ण होने की तिथि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या यह सही है कि ऐसे कार्य कराये हैं जो कागजी हैं? क्या इन कार्यों की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार उपलब्ध आवंटन में से निविदा द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कागजी कार्य कराये जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी।
विद्युत
बिल के भुगतान
की जानकारी
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 2682 ) श्री आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की विभिन्न विद्युत वितरण कम्पनियों की लापरवाही के कारण 50-50 लाख या उससे अधिक विद्युत बिल का भुगतान उद्योगपतियों से भुगतान की वसूली नहीं की जा रही है। वहीं दूसरी ओर विद्युत बिल का भुगतान नहीं करने पर किसानों को जेल भेजने की कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में ऐसे कौन-कौन उद्योगपति हैं, जिनके उद्योगों पर 50-50 लाख रूपये से अधिक विद्युत बिल का भुगतान कब-कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिलेवार उद्योग एवं उद्योगपतियों के नाम सहित यह भी अवगत करावें कि किन-किन उद्योगों पर कितनी-कितनी राशि माफ या राईट ऑफ की गई? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश के किस-किस जिले से कितनी-कितनी विद्युत बकाया राशि के आरोप में किन-किन किसानों को जेल भेजा गया? सूची सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत वितरण कम्पनियों के अन्तर्गत 50 लाख या उससे अधिक बकाया राशि वाले औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं से नियमानुसार विद्युत बिल की राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। विद्युत बिल का भुगतान नहीं करने पर जेल भेजने की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के अंतर्गत रू. 50 लाख या उससे अधिक बकाया राशि वाले औद्योगिक कनेक्शनों का उपभोक्तावार प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2 एवं अ-3 अनुसार है तथा जनवरी-14 से दिनांक 30 जून-17 तक की स्थिति में औद्योगिक कनेक्शनों में माफ या राइट ऑफ की गई राशि का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1, ब-2 एवं ब-3 अनुसार है। (ग) वर्ष 2010 से दिनांक 30.06.2017 की स्थिति में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि., जबलपुर, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. इंदौर एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि., भोपाल क्षेत्रांतर्गत विद्युत देयक की बकाया राशि के आरोप में किसी भी किसान को जेल नहीं भेजा गया। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विद्युत बिल की राशि बकाया होने पर जेल भेजे जाने का प्रावधान नहीं है।
स्वीकृत अवकाश से अधिक अवकाश लेने की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
120. ( क्र. 2683 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनचाही पदस्थापना न होने के कारण कुछ अधिकारी पदीय दायित्व से बचने हेतु स्वीकृत अवकाश से अधिक लगातार कई-कई दिनों तक कार्यालय में अनुपस्थित रहने वाले आई.ए.एस., आई.पी.एस. व प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल जिले के ऐसे कौन-कौन अधिकारी हैं, जिनके द्वारा स्वीकृत अवकाश से अधिक अवकाश पर रहे? उनका नाम पद व पदस्थी स्थान सहित जिलेवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्वीकृत अवकाश से अधिक समय तक अवकाश पर रहने वाले ऐसे कौन-कौन अधिकारी हैं, जिनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? उनका नाम एवं पदस्थी सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि स्वेच्छा से अनुपस्थित अधिकारी का अवकाश मंजूर करना, उसे पदीय दायित्व से बचाना तथा राजकीय कोष पर अनावश्यक बोझ डालना अनियमितता की श्रेणी में नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन स्वेच्छा से अनुपस्थित अधिकारी के विरूद्ध अनुपस्थिति दिनांक से अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ हो जावेगी, ऐसा आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मृत किसानों को मुआवजा राशि
[सामान्य प्रशासन]
121. ( क्र. 2687 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 6 जून को मंदसौर गोलीकांड को लेकर मंदसौर कलेक्टर, एस.पी. तथा अन्य पुलिस अधिकारियों को तबादला करने अथवा निलंबित करने की कार्यवाही की गई है (ख) मंदसौर गोलीकांड में मृत किसानों को मुख्यमंत्री ने क्रमंश: 5 लाख, 10 लाख, 15 लाख, 25 लाख तथा 1 करोड़ मुआवजा देने की घोषणा की थी। यदि हाँ, तो राशि में परिवर्तन का कारण बतावें? (ग) प्रश्नांकित प्रकरण में मुख्यमंत्री की रतलाम जिले की यात्रा के उपरांत कितने प्रकरण दर्ज हुए एवं उनमें कितने आरोपी बनाये गये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर, मंदसौर को स्थानांतरण उपरांत निलंबित किया गया है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शराब उत्पादन से आय एवं व्यय की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
122. ( क्र. 2688 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले पाँच वर्षों में शराब के उत्पादन में कितने प्रतिशत वृद्धि/कमी हुई? वर्ष अनुसार बतावें तथा बतावें कि वर्ष 2003 से प्रदेश में शराब का कितनी (लीटर) मात्रा में उत्पादन हुआ था तथा वर्ष 2017 में कितना उत्पादन हुआ तथा इन दोनों वर्षों में शराब की दुकानें कितनी-कितनी थीं? (ख) प्रदेश में अप्रैल, 2003 से मार्च, 2017 तक आबकारी से प्राप्त शुद्ध आय (कुल आय-कुल व्यय) कितनी-कितनी रही? वर्षवार जानकारी देवें एवं शुद्ध आय, कुल आय (राज्य के स्त्रोत से प्राप्त तथा केन्द्र से प्राप्त राशि सहित) का कितना प्रतिशत है? वर्ष अनुसार बतायें। (ग) प्रदेश में संपूर्ण शराब बंदी लागू क्यों नहीं की जा रही है? कारण बतावें तथा बतावें कि मध्यप्रदेश शासन संपूर्ण शराब बंदी के पक्ष में है या नहीं? (घ) उज्जैन इंदौर संभाग में 2017-18 में कितनी लायसेंस शुद्ध दुकानों को आहते खोलने की अनुमति दी गई? आहते खोलने संबंधी आवेदन तथा अनुमति पत्र की प्रतियां देवें तथा बतावें कि पिछले पाँच वर्षों में आहतों की संख्या में कितने प्रतिशत वृद्धि/कमी हुई? वर्ष अनुसार बतावें। (ड.) वर्ष 2014-15 तथा 2016 की केग की रिपोर्ट में आबकारी विभाग में वित्तीय अनियमितता पर की गई? टिप्पणियों तथा उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्रस्तुत करें तथा सारे दस्तावेजों की प्रति भी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में पिछले पाँच वर्षों में शराब के उत्पादन में वृद्धि/कमी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रदेश में वर्ष 2003 से वर्ष 2017 तक की अवधि में उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्ष 2003 में 2211 देशी एवं 581 विदेशी एवं वर्ष 2016-17 में 2594 देशी एवं 1089 विदेशी मदिरा शराब की दुकानें संचालित हैं। (ख) प्रदेश में आबकारी विभाग में अप्रैल 2003 से मार्च 2017 तक आबकारी से प्राप्त शुद्ध आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शुद्ध कुल आय 100 प्रतिशत राज्य के स्त्रोत से प्राप्त है। (ग) गुणवत्तापूर्ण वैध मदिरा की अनुपलब्धता में, अवैध मदिरा व्यवसाय के पनपने की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए विभाग शराब बंदी के पक्ष में नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–चार एवं 'पाँच' अनुसार है। (ड.) वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 की केग की रिपोर्ट तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है।
खेत तक विद्युत आपूर्ति
[आदिम जाति कल्याण]
123. ( क्र. 2700 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग जिला छिंदवाड़ा में वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों के खेत तक विद्युत लाईन विस्तार हेतु कितने प्रकरण प्राप्त हुए? विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मकवार ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरण स्वीकृत कर पूर्ण करा दिया गया है? कितने शेष हैं? शेष का कारण सहित विधान सभा संख्यात्मकवार बतायें। (ग) क्या विभाग में संचालित उक्त योजना 2016-17 में ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित की गई? यदि हाँ, तो आदिम जाति कल्याण विभाग जिला छिंदवाड़ा द्वारा लंबित प्रकरणों की निरस्ती म.प्र.वि.स. क्षेत्र वितरण कंपनी जिला छिंदवाड़ा को किस दिनांक को प्रेषित किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) उक्त योजना की सफलता के बाधक आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं जनजाति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार एवं जनजाति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त योजना में सफलता में कोई बाधक न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र का विकास
[आदिम जाति कल्याण]
124. ( क्र. 2710 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र से विभाग को विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनु.-275 (1) में विकास कार्य हेतु आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के लिए राशि प्राप्त होनी है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि से छिन्दवाड़ा जिले को कितनी-कितनी राशि दी गई? (ग) प्रत्येक आई.टी.डी.पी. लघु एवं क्लस्टर परियोजना की जनसंख्या एवं क्षेत्रफल कितना-कितना है? क्षेत्रफल एवं जनसंख्या के आधार पर कितनी-कितनी राशि का पात्रता परियोजनाओं को है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रत्येक आई.टी.डी.पी., लघु एवं क्लस्टर परियोजना की जनसंख्या एवं क्षेत्रफल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। परियोजना, माडा एवं लघु अंचलों की अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के अनुपात में संसूचित राशि की सीमा अनुसार प्रस्ताव/प्रोजेक्ट प्राप्त किये जाते हैं तथा भारत सरकार से अनुमोदित/स्वीकृत प्रोजेक्ट की राशि परियोजनाओं एवं विभागों को आवंटित की जाती है।
विभिन्न मदों में प्राप्त राशि
[महिला एवं बाल विकास]
125. ( क्र. 2738 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक महिला एवं बाल विकास विभाग को किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है और विभिन्न मदों में प्राप्त हुई? राशि को जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा किन-किन परियोजना हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? प्रत्येक परियोजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले की संबंधित परियोजना में वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों से प्राप्त आवंटन राशि को संबंधित अधिकारी के द्वारा किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है और क्या-क्या सामग्री कितनी लागत की क्रय की गई है? परियोजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) छिन्दवाड़ा जिले की संबंधित परियोजना को वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों में जो राशि प्रदान की गई थी? क्या उस राशि का उपयोग शासन के दिशा-निर्देशानुसार संबंधित अधिकारी द्वारा व्यय किया गया है? अगर दिशा निर्देशानुसार राशि व्यय नहीं की गई है तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराते हुए, संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों के ऊपर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक छिंदवाडा जिले एवं परियोजनाओं को आवंटित राशि एवं डी.पी.ओ. द्वारा परियोजनाओं को - पुर्न-आवंटित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर है। दिनांक 16/08/2016 से वित्त विभाग के युक्तियुक्तकरण के तहत समस्त परियोजना अधिकारियों के आहरण संवितरण के अधिकार वित्त विभाग द्वारा समाप्त किये जाने के फलस्वरूप जिले से परियोजनाओं को राशि का आवंटन नहीं किया गया। (ख) प्रश्न दिनांक से दिनांक 16/08/2016 तक जिले की परियोजनाओं को क्रमशः पोषण आहार (टी.एच.आर.) के परिवहन, मंगल दिवस के आयोजन, सुपोषण अभियान के 6वें चरण एवं आदर्श आँगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना हेतु राशि योजना संचालन हेतु दी गई थी, जिसके विरूद्ध किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। इसमें से आदर्श आँगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना हेतु परियोजना अधिकारियों द्वारा राशि ग्राम तदर्थ समितियों के खातों में रूपये 27.00 लाख जमा की गई जिससे क्रय की गई सामग्री एवं उसकी लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्न नहीं है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
126. ( क्र. 2739 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में ऐसे कितने अधिकारी व कर्मचारी हैं, जिन्हें प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है? इन सभी अधिकारी व कर्मचारी के नाम, पदनाम व विभाग का नाम तथा प्रतिनियुक्ति की दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले में ऐसे कितने अधिकारी व कर्मचारी हैं जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण हो चुकी है परंतु फिर भी वे अधिकारी व कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर ही कार्यरत हैं? शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये जाने के शासन के क्या दिशा-निर्देश एवं नियम हैं? नियमावली उपलब्ध करायें। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण हो चुकी है परंतु उन्हें अपने मूल विभाग वापिस नहीं भेजा गया है और आज भी वे अधिकारी व कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर ही कार्य कर रहे हैं, जिसका क्या कारण है? क्या यह शासन के नियमों का उल्लंघन नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं और ऐसे अधिकारियों के ऊपर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी। (घ) छिन्दवाड़ा जिले में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण हो चुकी है। उन्हें कब तक अपने मूल विभाग में वापस भेज दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) एवं (घ) दोनों विभागों की आपसी सहमति से प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाई जा सकती है। अतः शेषांश कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच प्रकरणों में चालान पेश न करना
[सामान्य प्रशासन]
127. ( क्र. 2745 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अखिल भारतीय सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने अधिकारियों पर प्रश्न दिनांक तक ई.ओ.डब्ल्यू. एवं लोकायुक्त के प्रकरण चल रहे हैं? इनके नाम, पदनाम सहित बतावें। आई.पी.एस. के संबंध में भी बतावें। (ख) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें चालान पेश नहीं किए गए हैं? सभी प्रकरणों में अद्यतन स्थिति बतावें। जाँच प्रारंभ दिनांक भी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इनकी वर्तमान पदस्थापना बतावें। प्रकरणवार चालान पेश नहीं किए जाने के कारण भी देवें। कितने प्रकरणों में आय से अधिक संपत्ति जब्त की गई है? प्ररकणवार बतावें। (घ) चालान पेश नहीं करने के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा एवं यह चालान कब तक पेश कर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डूब प्रभावित क्षेत्र की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
128. ( क्र. 2746 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदार सरोवर की 138.68 मी. बांध की ऊंचाई के प्रभावित डूब क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक बड़वानी जिले के कितने परिवार बसें हैं, जिनके मकान एवं खेत या केवल भुगतान (केवल खेत) हों? ग्रामवार संख्या देवें। (ख) सरदार सरोवर के गेप्स (122 मी. के ऊपर 17 मी. के) बंद करने का निर्णय हुआ है? क्या और कौन सी निर्णय प्रक्रिया इस संबंध में बाकी है? (ग) सरदार सरोवर के कुल 192 गाँव और धरमपुरी नगर से जिन 15946 परिवार बैंक वाटर प्रभावित मकान डूब क्षेत्र से बाहर घोषित किये गये हैं? उन्हें क्या लिखित सूचना दी गई? (घ) क्या इनकी संपत्ति भू-अर्जित होकर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के नाम नामांतरित हुई है? डूब से बाहर हो जाने पर क्या इनकी संपत्ति उन्हीं के नाम वापस करने की प्रक्रिया की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सरदार सरोवर बांध के गेट बंद करने का निर्णय नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा दिनांक 16/06/2017 को लिया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। जी नहीं। सरदार सरोवर बांध में पूर्ण जलाशय स्तर तक भराव होने के पश्चात विचार किया जावेगा।
विशेष योजना की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
129. ( क्र. 2751 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले एवं अलीराजपुर जिले में सरदार सरोवर बांध की डूब से प्रभावित होने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग खुदरा एवं थोक व्यापारी व दुकानदारों के पुनर्वास के लिए क्या कोई विशेष योजना तैयार की गयी है, जिससे की व्यापार-व्यवसाय की गतिविधियां पुनर्वास के बाद भी सुचारू रूप से संचालित हों? यदि हाँ, तो योजना की जानकारी प्रदान करें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा डूब प्रभावितों के लिए कोई व्यापार प्रोत्साहन योजना व्यपवर्तन, भूमि के व्यपवर्तन के लिए व भूमि की रजिस्ट्री कराने के संबंध में विशेष उपबंध किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या? जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) धार एवं अलीराजपुर जिले में सरदार सरदार सरोवर परियोजना के अंतर्गत किसी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के नाम से किसी व्यवसायिक इकाई का अर्जन नहीं किया गया है। अलीराजपुर जिले में निवास गृह में संचालित खुदरा व्यापारियों की आवासीय इकाइयों का अर्जन डूब क्षेत्र में स्थित होने से किया गया है। इसलिये उन्हें पृथक से किसी वाणिज्यिक प्रक्षेत्र में भूखण्ड आवंटन किया जाना प्रस्तावित नहीं है। जबकि धार जिले की कुक्षी तहसील के ग्राम निसरपुर में संचालित वाणिज्यिक संरचना के भवनों का अर्जन किया गया है जिनके पुनर्निर्माण के लिये पुनर्वास स्थल निसरपुर पर समुचित भूमि आरक्षित की गई है। इसमें व्यवसायिक पुनर्वास के लिये ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के अनुसार कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ख) निसरपुर के स्वीकृत प्लान अनुसार भूमि पूर्व से ही कामर्शियल घोषित है। व्यवसायिक प्रोत्साहन के लिये ही व्यवसायिक कांप्लेक्स का निर्माण इस भूखण्ड पर सभी प्रभावित पक्षों की सहमति से कलेक्टर धार के अंतर्गत प्रस्तावित है। ग्राम पंचायत एवं प्रभावित पक्षों की सहमति अनुसार तथा ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के अंतर्गत योजना का क्रियान्वयन किये जाने के प्रावधान किये गये हैं।
निवेशकों से अनुबंध
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 2755 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1137, दिनांक 19.07.2016 के (ख) उत्तर में बताया कि परियोजनाओं के निवेशकों से अनुबंध किये जाने हैं? क्या ये अनुबंध हो चुके हैं? (विद्युत खरीदी के संबंध में) (ख) यदि हाँ, तो इन अनुबंधों का विवरण दें तथा उन में से किसी एक अनुबंध की छायाप्रति देवें। यह भी बतावें कि यदि नहीं, हुआ है तो क्यों? (ग) इन निवेशकों द्वारा किसानों की जबरन भूमि अधिग्रहण मुआवज़ा न देने की शिकायतों एवं उस पर की गई, कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) निष्पादित अनुबंधों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। मेसर्स रूचि रिन्युएबल एनर्जी प्रायेवट लिमिटेड से निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला अंतर्गत निवेशकों द्वारा किसानों की जबरन भूमि अधिग्रहण कर मुआवजा न देने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
बड़वानी जिले में पुनर्वास स्थल
[नर्मदा घाटी विकास]
131. ( क्र. 2762 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के पुनर्वास स्थलों में विगत तीन वर्षों में कितनी राशि, कितने कार्यों के लिए स्वीकृत की गयी? कार्य नाम, स्थान नाम, लागत स्वीकृति दिनांक सहित बतावें? (ख) उपरोक्त में से कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं? सूची देवें। अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? समय-सीमा देवें। (ग) बड़वानी जिले के राजघाट स्थित गांधी स्मारक के विस्थापन के लिए किस स्थान पर कितना भू-खण्ड एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई है? गांधी स्मारक के विस्थापन हेतु क्या कदम उठाये गये हैं? (घ) यदि यह कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है तो कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) पुनर्वास स्थल कुकरा में गांधी स्मारक के विस्थापन हेतु मंदिरों के निर्माण के लिये चयनित भूखण्डों के सामने लगभग 4000 वर्गफुट भूमि का चयन किया गया है। राशि रूपये 1,25,022/- कलेक्टर बड़वानी के खाते में जमा करार्इ गई है। माह जुलाई 2017 में प्रारंभ किया जायेगा।
विद्युत सब-स्टेशन निर्माण के शेष कार्य
[ऊर्जा]
132. ( क्र. 2768 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक 132 एवं 33 के.व्ही. के कितने विद्युत सब-स्टेशन कहाँ-कहाँ स्वीकृत हुये एवं कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये जाने की योजना है? स्वीकृत विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये गये कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ के लिये स्वीकृत की गयी है? कब तक विद्युत सब-स्टेशन का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? नवीन विद्युत सब-स्टेशन स्थापित करने हेतु कहाँ-कहाँ की भूमि चयन कर राजस्व विभाग या अन्य से ली गई? चयनित स्थलों पर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ/पूर्ण करा दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर कहाँ-कहाँ कितने के.व्ही. के विद्युत सब-स्टेशन स्थापित करने की आवश्यकता है? प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा इसके लिये क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? क्या-क्या होना शेष है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सागर जिले के देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 132/33 के.व्ही. का एक सब-स्टेशन देवरी में तथा 33/11 के.व्ही. का एक सब-स्टेशन दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत ग्राम जमुनिया-चिखली में स्वीकृत है। वर्तमान में इसके अतिरिक्त देवरी विधानसभा क्षेत्र के किसी भी अन्य स्थान पर 132/33 के.व्ही. एवं 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन निर्माण का कार्य प्रस्तावित नहीं है। जी नहीं। उक्त सब-स्टेशनों का कार्य अभी आरंभ नहीं हुआ है। देवरी में 132/33 के.व्ही. सब-स्टेशन के निर्माण हेतु वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्ति के लिये कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता उपरांत उपकेन्द्र निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी। उक्त 33/11 के.व्ही. उपेकन्द्र के निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर दिनांक 02.05.2017 को चयनित ठेकेदार एजेन्सी से अनुबंध किया गया है। उक्त कंपनी द्वारा सर्वे का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 132/33 के.व्ही. देवरी सब-स्टेशन एवं संबंधित लाईन की अनुमानित लागत राशि रूपये 33.43 करोड़ है। ग्राम जमुनिया-चिखली में नवीन 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन हेतु रूपये 1.3 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। देवरी में 132/33 के.व्ही. सब-स्टेशन हेतु ग्राम डोंगर सरैया में 2.61 हेक्टेयर भूमि का चयन कर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जिला कलेक्टर को आवंटन हेतु लेख किया गया है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सब-स्टेशन का निर्माण कार्य प्रारंभ/पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना वर्तमान में संभव नहीं है। 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र हेतु भूमि का आवंटन हो गया है तथा ग्राम जमुनिया-चिखली में वर्तमान में सर्वे का कार्य प्रगति पर है। सर्वे कार्य पूर्ण होने के पश्चात् उक्त सब-स्टेशन के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जावेगा। (ग) वर्तमान में उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार देवरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उक्त दोनों सब-स्टेशनों के अतिरिक्त अन्य कोई विद्युत सब-स्टेशन स्थापित किये जाने की तकनीकी दृष्टि से आवश्यकता नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
133. ( क्र. 2769 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में मंगल दिवस, बाल चौपाल, किशोरी बालिका सप्ताह, पोषण आहार तथा विश्व स्तनपान सप्ताह कब-कब व कहाँ-कहाँ मनाया गया है एवं कितने हितग्राही लाभांवित हुए? (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी आँगनवाड़ी किन स्थानों में संचालित होकर कितने बच्चे दर्ज हैं? इन आंगनवाडि़यों में कार्यरत आँगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित सूची देवें? क्षेत्र के कुल कितने केन्द्रों में से कितने केन्द्र शासकीय भवनों एवं कितने केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं? कौन सी आँगनवाड़ी में कार्यकर्ता के पद रिक्त है? (ग) देवरी विधान सभा क्षेत्र में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की पूर्ण भर्ती हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देवें। जनपद देवरी एवं केसली की इससे संबंधित समिति की कब-कब बैठक हुई? वर्ष 2014 से 2016 तक की बैठकवार सूची देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में मंगल दिवस, बाल चौपाल, किशोरी बालिका सप्ताह, पोषण आहार तथा विश्व स्तनपान सप्ताह के आयोजन की परियोजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर एवं विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में बाल विकास परियोजना देवरी में 246 एवं बाल विकास परियोजना केसली में 192 इस प्रकार कुल 438 आ.बा. केन्द्र संचालित हैं। इन केन्द्रों में कुल 36524 बच्चे दर्ज हैं। कार्यरत आँगनवाड़ी कार्यकताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। क्षेत्र में कुल 438 आँगनवाड़ी केन्द्रों में से 120 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। शेष 318 आँगनवाड़ी केन्द्र विभागीय शासकीय/अन्य शासकीय/भवनों में संचालित हैं। विधानसभा क्षेत्र देवरी अंतर्गत रिक्त 06 पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आँगनवाड़ी कार्यकर्ता की पूर्ति हेतु संचालनालय स्तर से विज्ञापन जारी कर परियोजना स्तर पर आवेदन जमा कर नियमित रूप से अनंतिम सूची जारी कर एवं दावा/आपत्तियों का निराकरण कर नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। विधानसभा क्षेत्र देवरी की बाल विकास परियोजना देवरी एवं केसली में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति से संबंधित बैठकों के आयोजन दर्शाये गये पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार करते हुये वर्ष 2014 से 2016 तक अनंतिम सूची जारी की गई।
विद्युत सेपरेशन कार्य में अनियमितता
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 2772 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत सेपरेशन का कितना कार्य हो चुका है एवं कितना शेष है? (ख) विद्युत सेपरेशनर में कितने एम.एम. की केबिल लगाने का निर्धारण किया गया है? क्या घरेलू एवं कृषि उपयोग हेतु अलग-अलग एम.एम. के केबिल का निर्धारण है? (ग) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत सेपरेशन के कार्य में लापरवाही, घटिया निर्माण की वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें कंपनी/विभाग को प्राप्त हुई हैं? इन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) विद्युत सेपरेशन के कार्य में गुणवत्ता के क्या मापदंड सुनिश्चित किये गये हैं? इन मापदण्डों का पालन कराने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र के फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत सम्मिलित कुल 19 फीडरों के कार्यों में से 5 फीडरों का कार्य पूर्ण हो गया है तथा शेष 14 फीडरों का कार्य प्रगति पर है। (ख) फीडर विभक्तिकरण योजना में गैर कृषि फीडरों की निम्नदाब लाईन में विद्युत भार तकनीकी साध्यता के आधार पर 16 स्क्वायर एम.एम., 25 स्क्वायर एम.एम. अथवा 50 स्क्वायर एम.एम. की केबिल लगाने का प्रावधान है। कृषि फीडरों में केबिल लगाए जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्न दिनांक तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) फीडर विभक्तिकरण के कार्य में उपयोग की जाने वाली सामग्री टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी द्वारा भारतीय मानक (आई.एस.) के अनुरूप क्रय की जाती है तथा क्रय करने के पूर्व, सामग्री का परीक्षण तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी के द्वारा किया जाता है। ठेकेदार एजेन्सी के स्टोर में सामग्री प्राप्त होने के पश्चात् भी सामग्री की रेण्डम सेम्पलिंग कर सामग्री का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में किया जाता है तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही सामग्री का उपयोग किया जाता है। योजनान्तर्गत कार्य, निविदा की शर्तों, विद्युत अधिनियम, 2003 तथा आर.ई.सी. कंस्ट्रक्शन मैनुअल के प्रावधानों के अनुसार किया जाना तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी एवं वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जाता है।
गुणवत्ताहीन विद्युत सामग्री लगाये जाने पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 2773 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक टेण्डर कार्यों (सेमी टर्न-की) में विभाग द्वारा अनुमोदित वेण्डरों से सामग्री क्रय की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) ऐसे कार्यों जिनमें अनुमोदित वेण्डर सूची से अनुमोदित सामग्री क्रय कर नहीं लगायी गई है? ऐसे कितने-कितने कार्य हुये हैं और उसके लिये कौन-कौन जवाबदेह है? संबंधित जवाबदेह के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई है? (ग) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक टेण्डर कार्यों का नाम एवं ठेकेदार का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें और उक्त कार्यों को सत्यापन करने वाले अधिकारियों की जानकारी देवें। (घ) अनुमोदित वेण्डर से सामग्री क्रय नहीं किये जाने की स्थिति में गुणवत्ताहीन सामग्री लगाये जाने पर कितने किये गये कार्यों का भुगतान रोका गया है एवं संबंधितों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? अद्यतन जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सेमी टर्न-की कार्यों के लिए वर्ष 2015-16 में नहीं अपितु वर्ष 2016-17 में दिनांक 7.11.16 को अनुमोदित वेण्डर सूची जारी की गई थी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनुमोदित वेण्डर सूची जारी करने के पश्चात ठेकेदारों द्वारा अनुमोदित वेण्डरों से सामग्री क्रय नहीं की गई है। निविदा के माध्यम से कराये गये सेमी टर्न-की कार्यों के लिये मुख्य सामग्री वितरण कंपनी द्वारा मुख्यालय स्तर पर क्रय करके उपलब्ध कराई जाती है तथा अन्य सामग्री ठेकेदार द्वारा क्रय करके लगाई जाती है। अधिकांश सेमी टर्न-की कार्य किसानों से संबंधित योजनाओं यथा-मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना एवं कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत होने के कारण कार्य की प्राथमिकता के दृष्टिगत एवं समय पर कार्य पूर्ण करने के लिए ठेकेदार द्वारा खरीदी जाने वाली सामग्री स्थानीय स्तर पर विक्रताओं से क्रय की गई है, जिसकी गुणवत्ता मानक स्तर की है। (ख) मुरैना जिले के अन्तर्गत 60 निविदाओं के माध्यम से 227 ऐसे कार्य हुये हैं, जिसमें कंपनी द्वारा मुख्य सामग्री उपलब्ध कराने उपरांत ठेकेदारों द्वारा अनुमोदित वेण्डरों से शेष अन्य सामग्री क्रय कर नहीं लगायी गई है। इसके लिये संबंधित सहायक प्रबंधक (एस.टी.सी.) निम्नदाब लाईनों के लिये, प्रबंधक (एसटीसी) 11 के.व्ही. लाईनों के लिये एवं उपमहाप्रबंधक (एस.टी.सी.) 33 के.व्ही. लाइनों एवं उपकेन्द्र संबंधी कार्यों के लिये जवाबदेह है। महाप्रबंधक (संचा/संधा) मुरैना के पत्र क्रमांक 3278 दिनांक 07.07.17 से संबंधितों के विरूद्ध जाँच करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। महाप्रबंधक (संचा/संधा) मुरैना को सुपरविजन की कमी मानते हुए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जाँच उपरान्त नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। (ग) वर्ष 2015-16 से वेण्डर सूची जारी होने से पूर्व दिनांक 06.11.2016 तक कुल 26 निविदाओं के माध्यम से 111 कार्य हुए हैं तथा वेण्डर सूची जारी होने के पश्चात् दिनांक 07.11.2016 से प्रश्न दिनांक कुल 60 निविदाओं के माध्यम से 227 कार्य हुए हैं, जिनकी कार्यवार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (घ) अनुमोदित वेण्डर से सामग्री क्रय नहीं की गई, परन्तु क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता मानक स्तर की होने के कारण एवं किसानों के कार्य शीघ्र पूर्ण कराने हेतु किये गये कार्यों का भुगतान नहीं रोका गया है। उक्त कार्यों को संपादित करने वाले 17 ठेकेदारों को उप महाप्रबंधक (एस.टी.सी.) मुरैना के द्वारा नोटिस दिया गया है। नोटिस का उत्तर प्राप्त होने पर ठेकेदारों के विरूद्ध तदानुसार कार्यवाही की जायेगी। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार अनुमोदित वेण्डरों से सामग्री क्रय नहीं किये जाने के प्रकरण में जाँचोपरांत दोषी पाए जाने पर वितरण कंपनी के अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 2774 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. श्योपुर ग्रामीण में पदस्थ कनिष्ठ यंत्री श्री लोकेन्द्र सिंह श्योपुर जिला में कब से पदस्थ हैं और विभाग को प्रश्न दिनांक तक इनके विरूद्ध भ्रष्टाचार, अनियमितताएं पद के विरूद्ध आचरण करना एवं अमानक स्तर की सामग्री कार्यों में लगवाने से संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और दिनांक 29.06.2017 को कोई शिकायत प्राप्त हुई है? की गई कार्यवाहियों का विवरण दिया जा सकेगा? (ख) श्री लोकेन्द्र सिंह कनिष्ठ यंत्री के कार्यकाल में जिला श्योपुर में ओ.वाय.टी. योजनान्तर्गत कितने कार्यों में निगरानी करते थे और कितने कार्य इनके द्वारा हैण्ड-ओवर लिये गये? क्या वह कार्य प्राक्कलन अनुरूप थे और उसमें प्रयुक्त सामग्री मानक स्तर की थी? (ग) क्या श्री लोकेन्द्र सिंह, कनिष्ठ यंत्री द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर प्रक्कलन के विरूद्ध ओ.वाय.टी. कार्यों में O3 कन्डक्टर लगवाया है एवं नॉन स्टार रेटिंग के ट्रांसफार्मर एवं अमानक स्तर की अन्य सामग्री का उपयोग ठेकेदारों से मिलकर करवाया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो इनके द्वारा लिये गये हैण्ड-ओवर कार्यों का विवरण दिया जाकर उनकी जाँच करायी जा सकेगी और उक्त कनिष्ठ यंत्री द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अमानक स्तर के किये कार्यों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री लोकेन्द्र सिंह, कनिष्ठ यंत्री, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, श्योपुर की आज दिनांक तक श्योपुर जिले में विभिन्न स्थानों पर पदस्थापना की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
पदस्थापना स्थल |
अवधि |
|
कब से |
कब तक |
||
1 |
एस.टी.सी. संभाग श्योपुर |
01.10.12 |
16.07.15 |
2 |
ढोढर वितरण केन्द्र, उत्तर संभाग श्योपुर |
17.07.15 |
03.08.15 |
3 |
भोगीका वितरण केन्द्र, उत्तर संभाग श्योपुर |
04.08.15 |
09.02.16 |
4 |
पाण्डोला वितरण केन्द्र, दक्षिण संभाग श्योपुर |
10.02.16 |
05.04.17 |
5 |
श्योपुर ग्रामीण वितरण केन्द्र, दक्षिण संभाग श्योपुर |
06.04.17 |
30.06.17 |
6 |
बडौदा वितरण केन्द्र, दक्षिण संभाग श्योपुर |
01.07.17 |
वर्तमान तक |
प्रश्न दिनांक तक उक्त कनिष्ठ यंत्री के विरूद्ध प्रश्नाधीन उल्लेखित कोई शिकायत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। श्री लोकेन्द्र सिंह, कनिष्ठ यंत्री के विरूद्ध व्यक्तिगत झगड़ा होने संबंधी शिकायत श्री कोमल सिंह चौधरी, 06/09 बिरला नगर, ग्वालियर हाल निवासी आनंद नगर श्योपुर द्वारा थाना प्रभारी, पुलिस थाना, श्योपुर को संबोधित पत्र दिनांक 29.06.2017 से की गई है, जिसकी प्रतिलिपि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वृत कार्यालय श्योपुर में प्राप्त हुई है। उक्त शिकायत पर जाँच कार्यवाही पुलिस द्वारा की जानी है। (ख) श्री लोकेन्द्र सिंह, कनिष्ठ यंत्री के कार्यकाल में श्योपुर जिले में स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनान्तर्गत 40 कार्यों में उनके द्वारा पर्यवेक्षण का कार्य किया गया तथा उनके द्वारा 17 कार्य अधिग्रहित किये गये। उक्त अधिग्रहित किये गये सभी कार्य प्राक्कलन के अनुरूप थे और उसमें प्रयुक्त सामग्री मानक स्तर की थी। (ग) जी नहीं। श्री लोकेन्द्र सिंह, कनिष्ठ यंत्री द्वारा अधिग्रहित किये गये 17 कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्यों में प्राक्कलन के अनुसार 05 कंडक्टर, 3 स्टार रेटिंग के ट्रांसफार्मर एवं मानक स्तर की अन्य सामग्री का उपयोग किया गया है। अत: उपरोक्त कार्यों के लिए किसी प्रकार की कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
आनन्द मंत्रालय की गतिविधियां एवं संचालित कार्यक्रम
[आनन्द]
137. ( क्र. 2776 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद मंत्रालय के गठन के बाद से अब तक क्या-क्या गतिविधियां आयोजित की गई हैं? गुना जिले में आयोजित गतिविधियां एवं उन पर किये गये व्यय की जानकारी बताएं? (ख) आनंद विभाग की गतिविधियों पर किन-किन विभागों से किन योजनाओं से कितनी राशि व्यय की है? गतिविधि एवं व्यय राशि बतायें। जिन विभागों से राशि व्यय की है क्या उनके बजट में इस राशि का प्रावधान था? यदि नहीं, तो बिना बजट राशि व्यय कर वित्तीय अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) वर्ष 2017-18 में आनंद विभाग क्या कार्यक्रम करने जा रहा हैं? बतावें। प्रदेश के सवा सात करोड़ लोगों को आनंदित करने के लिये कौन-कौन सी योजनायें लागू की जा रही हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद मंत्रालय द्वारा आनंद उत्सव, आनंदम, अल्पविराम, आनंद सभा, आनंद क्लब गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। गुना जिले में आनंदम, अल्पविराम एवं आनंद उत्सव गतिविधियां आयोजित की गई। आनंद उत्सव के अंतर्गत खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधयों का आयोजन किया गया। व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। आनंदम एवं अल्पविराम गतिविधियों पर कोई राशि खर्च नहीं हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) वर्ष 2017-18 में आनंद विभाग द्वारा 1. आनंद उत्सव 2. आनंदम 3. अल्पविराम 4. आनंद सभा 5. आनंद क्लब कार्यक्रम/योजनाएं आयोजित की जा रही है।
विद्युतीकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
138. ( क्र. 2777 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के आरोन और राघौगढ़ विकासगढ़ में कितने सब-स्टेशन, किस क्षमता के हैं। वर्ष 2017-2018 में कितने सब-स्टेशन किस लागत से कहाँ लगना प्रस्तावित है। उनसे कितने कौन-कौन से गाँव एवं कितने हितग्राही लाभान्वित होंगे। (ख) प्रश्न दिनांक तक आरोन और राघौगढ़ विकासखण्ड में कितने और कौन-कौन से गाँव एवं टोले-मजरे हैं, जहां विद्युत लाईन नहीं पहुँची है। अत: सरकारी कौन-कौन सी योजनाओं के द्वारा उपरोक्त कार्य करवाया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पिछले 5 वर्षों में उपरोक्त विकासखण्डों में बिजली लाईन, खंभे एवं ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य किन ठेकेदारों से कराया गया है। निर्माणधीन कार्य कब तक पूरे होना थे। समय-सीमा में कार्य पूरा नहीं करने वाले ठेकेदार एवं कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गुना जिले के आरोन एवं राघौगढ़ विकासखण्डों में 132/33 के.व्ही. के 120 एम.व्ही.ए. क्षमता के 2 उपकेन्द्र तथा 33/11 के.व्ही. के 213 एम.व्ही.ए. क्षमता के 24 उपकेन्द्र स्थापित हैं। वर्ष 2017-18 में आरोन एवं राघौगढ़ विकासखण्डों में 132/33 के.व्ही. के किसी भी उपकेन्द्र का कार्य प्रस्तावित/प्रगति पर नहीं है। आरोन विकासखण्ड के ग्राम अमोदा में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के एक उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत है, जिसकी लागत राशि रूपये 178.19 लाख है। उक्त उपकेन्द्र सहित गुना जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर दिये जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त उपकेन्द्र के निर्माण से 7 ग्रामों यथा-अमोदा, खजूरी, बमुरिया, बनवीर खेडी, गुरैया, बुढेना एवं पिपरोदा के लगभग 1400 हितग्राही लाभान्वित होंगे। (ख) प्रश्न दिनांक तक आरोन एवं राघौगढ़ विकासखण्डों में 2 ग्राम यथा-भैंसायला एवं पाटन एवं 29 ऐसे मजरे/टोले हैं, जहाँ विद्युत लाईन नहीं पहुँची है। उक्त मजरों/टोलों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त मजरों/टोलों में से 11 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किये जाने हेतु सम्मिलित है। शेष 18 मजरे/टोले जिनकी जनसंख्या 100 से कम है वर्तमान में सीमित वित्तीय उपलब्धता के परिप्रेक्ष्य में किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। ग्राम भैंसायला एवं ग्राम पाटन के सघन वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इन ग्रामों को गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकृत किया गया है। (ग) विगत 5 वर्षों में विकासखण्ड राघौगढ़ में 132/33 के.व्ही. के 20 एम.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर के स्थान पर 40 एम.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाने के सिविल कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स के.के. इंजीनियर्स एवं कॉन्ट्रेक्टर गुना द्वारा दिनांक 21.04.2016 एवं इरेक्शन कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एम.आर. इलेक्ट्रिकल एंड कंसल्टेंट इन्दौर द्वारा दिनांक 24.06.2016 को समय-सीमा में पूर्ण किये गये। साथ ही प्रश्नाधीन अवधि में उक्त क्षेत्र में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्याम इण्डस पावर सॉल्यूशन, नई दिल्ली से ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है, जिसकी कार्य पूर्ण करने की समयावधि दिनांक 12.03.2017 थी, जिसे दिनांक 12.06.2017 तक बढ़ाया गया था। समय सीमा में कार्य नहीं कराये जाने के कारण अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी के बिलों से रू. 34.64 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप काटी गई है। साथ ही गुना जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 33/11 के.व्ही. के नवीन उपकेन्द्र का कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स सावन एसोसिएट्स, नागपुर से कराया गया। उक्त ठेकेदार एजेन्सी को दिनांक 18.11.2016 तक कार्य पूर्ण करना था किन्तु समय सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी के बिलों से रू. 20.49 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप काटी गई है। उक्तानुसार कार्य में हुए विलंब के लिये ठेकेदार एजेन्सियां उत्तरदायी हैं, जिसके लिये उक्तानुसार उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई है।
विकास योजना अंतर्गत किये गये कार्यों की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
139. ( क्र. 2790 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले को बस्ती विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट आवंटन हुआ है? जिले को आवंटित बजट से किस आधार पर किस मापदण्ड एवं नियम के तहत विधान सभा क्षेत्रवार कार्य स्वीकृत किये? उक्त अवधि में स्वीकृत कार्यों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? निर्माण एजेन्सी किसको बनाया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ बस्ती निवास योजनान्तर्गत शासन एवं विभाग के क्या नियम-निर्देश हैं? किस आधार एवं मापदण्ड के तहत कार्य स्वीकृत किये जाते हैं? उक्त योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों हेतु टीकमगढ़ जिले के किस विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से जनप्रतिनिधियों के द्वारा कार्य कराये जाने हेतु अनुशंसा पत्र लिखे गये? (ग) क्या जिले में बस्ती विकास योजनान्तर्गत जिले की समस्त विधान सभा क्षेत्रों में बराबर-बराबर कार्य आदिवासी एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों के लिये स्वीकृत किये गये? अगर ऐसा नहीं किया गया है तो इसके लिये कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार हैं? ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई और नहीं की गई तो क्यों और की जायेगी तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिले को आवंटित बजट से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों/बस्तियों/मजरे/टोलों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु योजना नियम के अनुरूप कार्य स्वीकृत किये गये हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नियमावली में दिये गये निर्देशों के अनुरूप कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार जन-प्रतिनिधियों द्वारा कार्य कराये जाने हेतु अनुशंसा पत्र लिखे गये हैं। (ग) जनसंख्या के प्रतिशत के आधार पर कार्य स्वीकृति का प्रावधान है। विधानसभा क्षेत्रवार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षक/अधीक्षिका
[आदिम जाति कल्याण]
140. ( क्र. 2791 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में आदिम जाति एवं अनु.जाति कल्याण विभाग द्वारा आज दिनांक तक कितने-कितने अनुसूचित जाति वर्ग तथा आदिम जाति वर्ग के छात्रावास संचालित हैं? वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने छात्रावास हैं जहां पर शिक्षा विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षक/शिक्षिका, नियमित शिक्षक-शिक्षिकाओं की सेवायें विभाग द्वारा अंशकालीन अधीक्षक/अधीक्षिका के रूप में ली जा रही हैं? नाम एवं पदनाम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा दूसरे विभाग के कर्मचारियों की अंशकालीन सेवाएं लिये जाने के क्या नियम-निर्देश हैं? किस आधार पर इनका चयन किया जाता है? जिलों में ऐसे शिक्षा विभाग के कितने कर्मचारियों की अंशकालीन अधीक्षक/अधीक्षिका कार्यों का चयन आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों हेतु किया गया। चयन प्रक्रिया किस आधार पर की गई। क्या स्थानीय/प्रादेशिक समाचार पत्रों में विभाग द्वारा विज्ञापन जारी किया गया? क्या जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से आवेदन पत्र बुलाये गये? क्या चयन हेतु कोई समिति गठित की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति छात्रावासों में शिक्षा विभाग समस्त नियुक्त किये गये अंशकालीन अधीक्षक/अधीक्षिका का कलेक्टर से स्वीकृति/अनुमोदन लिया गया है समस्त नोटशीटों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में अगर आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा नियम विरूद्ध शिक्षा विभाग के शिक्षकों की सेवाएं अंशकालीन अधीक्षक/अधीक्षका के लिये ली गई हैं, तो इस कार्यवाही के लिये कौन-कौन से अधि./कर्म. जिम्मेदार है? ऐसे अधि./कर्म. के विरूद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) टीकमगढ़ जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के 64 तथा आदिवासी वर्ग के 05 छात्रावास संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावासों में अंशकालीन अधीक्षकों हेतु इच्छुक शिक्षकों स्थानीय निकटतम शाला के प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी/प्राचार्य से मंगाये गये हैं। प्राचार्य वी.आर.सी. की अनुशंसा के आधार पर छात्रावास का अतिरिक्त कार्य करने हेतु आदेश दिये गये हैं। आवेदन पत्र स्थानीय अथवा निकटतम दूरी की शालाओं में पदस्थ शिक्षकों के मंगाये जाने के कारण जिले/प्रदेश स्तर पर विज्ञापन देने का कोई औचित्य नहीं है और न ही विज्ञापन दिया गया। जी हाँ। जिन स्थानों पर ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए वहां समिति द्वारा चयन किया गया है। (ग) अंशकालीन अधीक्षकों की कोई नियुक्ति नहीं की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों को अपने मूल कार्य (शैक्षणिक कार्य) के साथ-साथ छात्रावास का अतिरिक्त कार्य सौंपा गया है। नोटशीट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब' अनुसार है। (घ) नियम विरूद्ध सेवायें नहीं ली गई हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रजिस्ट्रियों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
141. ( क्र. 2953 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आगर मालवा, शाजापुर एवं राजगढ़ में किसानों की भूमि की फर्जी रजिस्ट्रियां हुईं हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से कितने किसानों की एवं कितने एकड़ भूमि की फर्जी रजिस्ट्रियां हुई हैं? (ख) यह फर्जी रजिस्ट्रियां किन-किन किसानों की किन-किन लोगों/किन-किन कंपनियों के नाम हुई हैं? (ग) जिन किसानों की भूमि की फर्जी रजिस्ट्रियां हुई हैं, क्या सरकार उन्हें निरस्त कर दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार की कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्न दिनांक तक आगर मालवा तथा राजगढ़ जिले में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शाजापुर जिले में महानिरीक्षक पंजीयन के पत्र क्रमांक 2032/शिका.जाँच/2017, दिनांक 11/05/2017 से पी.ए.सी.एल. एवं पी.जी.एफ.लि. से संबंधित दस्तावेजों की जो सूची प्राप्त हुई हैं, के सत्यापन हेतु शाजापुर जिले में अनुभाग शाजापुर में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जाँच दल गठित कर तहसीलदार/नायब तहसीलदार/उप पंजीयक को सदस्य बनाया गया है। इसी प्रकार अनुभाग कालापीपल में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जाँच दल गठित कर तहसीलदार/नायब तहसीलदार/उप पंजीयक को सदस्य बनाया गया है। जाँच दल द्वारा रजिस्ट्रियों के संबंध में जाँच की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) यदि फर्जी रजिस्ट्री का कोई प्रकरण प्रकाश में आता है तो दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। पंजीयन निरस्त करना व्यवहार न्यायालय के क्षेत्राधिकार में है।
पी.ए.सी.एल. द्वारा जमीनों का क्रय
[वाणिज्यिक कर]
142. ( क्र. 2970 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग के अंतर्गत पी.ए.सी.एल. कंपनी द्वारा कितनी निजी व शासकीय भूमि क्रय की गई? विक्रेता व क्रेता का नाम, पता, भूमि का रकबा, विक्रित समिति का पंजीयन, किस पंजीयन कार्यालय में किस उप पंजीयक द्वारा किया गया? क्या पंजीयन पूर्व समस्त कार्यवाही नियमानुसार की गई? इस संपत्ति के पंजीयन के गवाहों का पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या विक्रेता की बिना सहमति के फर्जी तरीके से किसानों की भूमि अपने नाम से पंजीबद्ध करवाई गई? इनके विरूद्ध शासन द्वारा आज दिनांक तक जिलेवार क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन ऐसी कार्यवाही करेगा, ताकि प्रभावित किसानों को उनकी भूमि पर उनका ही आधिपत्य रहे तथा फर्जी कार्यवाही करने वाले के विरूद्ध वाद दायर कर कठोर दण्ड दिलवाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या इस संबंध में प्रभावित किसानों द्वारा शासन की जानकारी में लाया गया तब से आज दिनांक तक शासन ने क्या कार्यवाही की?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग के अंतर्गत पी.ए.सी.एल. कंपनी द्वारा भूमि क्रय के किसी दस्तावेज का पंजीयन नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
143. ( क्र. 2985 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र छिंदवाड़ा अंतर्गत फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी पाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नामजद शिकायत (लोवेल संजीव पंवार) द्वारा जिलाध्यक्ष, जिला दण्डाधिकारी को दिनांक 30.10.2014 को लिखित में तथा कोरियर द्वारा की गई थी, जिसका आवक क्रमांक 04, जिला कार्यालय छिंदवाड़ा है? (ख) यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों ने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी पाई हैं? नाम, पता, पद सहित जानकारी दें? आवेदक द्वारा दी गई सत्यापित प्रति पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में फोरजरी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनके खिलाफ कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा के अंतर्गत फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी पाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नामजद शिकायत (लोवेज संजीव पवार) का पत्र दिनांक 30.10.2014 जिलाध्यक्ष छिन्दवाड़ा को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तिरंगा यात्रा निकालने पर SDM द्वारा की गई कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
144. ( क्र. 2987 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 26 जनवरी 2017 को कुक्षी नगर में तिरंगा झंडा लेकर निकलने पर छात्रों को SDM कुक्षी, जिला धार द्वारा जा.क्रं. 462 दिनांक 04.06.2017 एवं अन्य जा. क्रमांक से नोटिस जारी किए गए? (ख) क्या इन छात्रों द्वारा SDM से तिरंगा झंडा लेकर निकलने की अनुमति मांगी गई थी? इस दिन SDM कुक्षी ने कितने लोगों, संगठनों, स्कूलों एवं अन्य को तिरंगा झंडा लेकर चलने की अनुमति दी? (ग) क्या राष्ट्रीय पर्व के दिन बिना अनुमति तिरंगा लेकर बाइक पर नारे लगाना तथा राष्ट्र प्रेम के नारे लगाना अपराध हैं? यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति देवें? (घ) यदि नहीं, तो देश के भविष्य छात्रों को राष्ट्र प्रेम से हतोत्साहित करने वाले संबंधित अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इन छात्रों को इस समस्या से मुक्ति मिलेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवास भत्ते का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
145. ( क्र. 3115 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को आवास भत्ता प्रदाय किये जाने के क्या प्रावधान हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या बड़वानी जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को आवास भत्ता प्रदाय नहीं किया गया है? कितने छात्र/छात्राओं के द्वारा आवास भत्ते हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गए थे? प्राप्त आवेदनों में से कितने छात्र/छात्राओं को आवास भत्ते का लाभ दिया गया है एवं कितने शेष हैं? शेष रहने का क्या कारण हैं? (ग) शासन के स्पष्ट निर्देश होने के उपरांत भी किन अधिकारियों के निर्देश से आवास भत्ता प्रदाय नहीं किया गया है? क्या उनके विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बड़वानी जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति वर्ग के 349 छात्र-छात्राओं के आवेदन आवास सहायता हेतु प्राप्त हुए थे। कुल 84 विद्यार्थियों को लाभ दिया गया। योजना नियम 7.1 के अनुसार छात्रों द्वारा महाविद्यालयीन छात्रावासों में स्वीकृत सीट पर प्रवेश न लेने के कारण बड़वानी जिला मुख्यालय पर संचालित छात्रावासों में सीट रिक्त होने से शेष 265 विद्यार्थियों को आवास सहायता योजना का लाभ नहीं दिया गया है। (ग) जिला अंतर्गत शासन निर्देशानुसार पात्र विद्यार्थियों को आवास भत्ता की राशि का भुगतान किया गया है। अत: किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि भूमि पर पंजीयन शुल्क
[वाणिज्यिक कर]
146. ( क्र. 3118 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कृषि भूमि क्रय-विक्रय के पंजीयन शुल्क की गाईड-लाईन प्रति वर्ग मीटर क्या है? (ख) क्या अलीराजपुर जिले में उक्त पंजीयन की गाईड-लाईन अन्य जिलों की तुलना में अधिक है? यदि हाँ, तो क्यों। (ग) क्या कृषि भूमि क्रय करने पर तीन ओर भूमि को प्लाट के रुप में एवं शेष भूमि को कृषि भूमि के रुप में दर्ज कर पंजीयन शुल्क लिया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों? शुद्ध रुप से कृषि भूमि क्रय करने पर प्लॉट का पंजीयन शुल्क लेने के क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम, 2000 के अंतर्गत प्रावधानित नियमों को अधीन ग्रामों, नगर पालिकाओं, निगमों एवं अन्य स्थानीय क्षेत्रों के स्थित संपत्ति के लिए उक्त नियमों के नियम 4 में दिए गए निर्देशानुसार संबंधित कार्यालयों एवं अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर बाजार मूल्य मार्गदर्शक मूल्यों की सूची जिला कलेक्टर द्वारा जारी की जाती है। जिसके अन्य जिलों से तुलना में अधिक का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) 03 आरे तक की भूमि का भूखण्ड के मान से मूल्यांकन मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम, 2000 में निर्धारित प्रारूप अनुसार किया जाता है, जिसके अनुसार मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क लिया जाता है।
लंबित जाँचों पर कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
147. ( क्र. 3208 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान डही जनपद सी.ई.ओ. पर प्रश्न दिनांक तक कितनी जाँचें लंबित हैं? कब से व कहाँ पर लंबित हैं? (ख) कितनी जाँचें पूर्ण हो गई हैं, कितनी अपूर्ण हैं? पूर्ण जाँचों के जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति उस पर की गई कार्यवाही सहित बतावें। (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें? (घ) जो जाँचें एक वर्ष से अधिक लंबित हैं, उनके जाँचकर्ताओं के नाम, पदनाम सहित देवें? इस विलंब का कारण बतावें तथा जाँच कब तक पूरी होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कोई जाँच लंबित नहीं है। (ख) एक जाँच पूर्ण हो चुकी है, कोई अपूर्ण नहीं है। पूर्ण जाँच का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं जाँच प्रतिवेदन पर कृत कार्यवाही (पारित दण्डादेश) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षकों
द्वारा
किराया
भुगतान की
जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
148. ( क्र. 3209 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने भवनहीन विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनका किराया शिक्षकों द्वारा भरा जा रहा है? संस्था का नाम एवं कब से भरा जा रहा है? (ख) क्या कारण हैं कि शिक्षकों को स्वयं किराया भरना पड़ रहा है? (ग) इन शिक्षकों द्वारा अब तक कितनी राशि किराये के रूप में भरी जा चुकी है? राशि कब तक इन्हें वापिस दिलवाई जावेगी? (घ) इस और ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी अंतर्गत कोई भी शासकीय हाई स्कूल/उ.मा.वि. भवन विहीन विद्यालय किराये के भवनों में संचालित नहीं हो रहे हैं और न ही शिक्षकों द्वारा किराये का भुगतान किया जा रहा है। शेष जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बस्ती
विकास
योजनांतर्गत
आवंटित बजट
[अनुसूचित जाति कल्याण]
1. ( क्र. 73 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मुरैना जिले को बजट सत्र 2017-18 हेतु हरिजन बस्ती विकास एवं आदिवासी बस्ती विकास योजनांतर्गत कितना बजट आवंटित हुआ है एवं शासन के पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत हरिजन बस्ती विकास योजनांतर्गत बावड़ीपुरा, खेड़ातोर एवं आदिवासी विकास योजनांतर्गत गोल्हारी पंचायत को दिये गये प्रस्ताव अनुसार कितनी राशि आवंटित की गई है? स्वीकृति दिनांक एवं स्वीकृत राशि की जानकारी बतावें? (ग) क्या कलेक्टर आदिम जाति कल्याण विभाग मुरैना द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के बाद जिला कोषालय मुरैना द्वारा पंचायतों के खातों में राशि शीघ्र न डालकार गुमराह किया जाता है एवं निश्चित दिनांक तक बिल न डालकर राशि लैप्स कर दी जाती है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिला कोषालय मुरैना द्वारा राशि समय पर पंचायत के खाते में न डालने वाले अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति कल्याण योजनाओं हेतु आवंटन.
[आदिम जाति कल्याण]
2. ( क्र. 217 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अ.जा./अ.ज.जा. बाहुल्य क्षेत्रों के लिये सड़क बनाने एवं अन्य कार्यों के लिये राशि दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 में जबलपुर जिले में कौन-कौन से मद में कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या वर्ष 2017-18 में राशि का आवंटन किया जावेगा? (घ) क्या जबलपुर जिले के लिये योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना 23-15 /2015/3-25 दिनांक 7.6.2017 के तहत अनु.जा./अनु.ज.जा बस्ती विकास/विद्युतीकरण नियम बनाये गये हैं। विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) हेतु जबलपुर जिले की एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, माडा पाकेट एवं लघु अंचलों की कार्य योजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी उपयंत्रियों की नियमित नियुक्ति
[आदिम जाति कल्याण]
3. ( क्र. 366 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपयंत्री पद पर नियुक्ति के अधिकार आयुक्त आदिवासी विकास को होने के पश्चात् भी क्या जिला बालाघाट अंतर्गत जिला संयोजकों/सहायक आयुक्तों द्वारा दैनिक वेतन भोगी उपयंत्री के पद पर नियुक्ति प्रदान की गयी थी उन उपयंत्रियों को नियमित नियुक्ति नियमानुसार प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उपयंत्री का नाम, दैनिक वेतन भोगी उपयंत्री पदस्थी आदेश की प्रति, कब-कब कहाँ-कहाँ पदस्थ रहे, नियमित आदेश की प्रति, उपयंत्री द्वारा उपयंत्री की डिप्लोमा की छायाप्रति, सहित किन-किन अधिकारी द्वारा दैनिक वेतन भोगी के पद पर नियुक्ति आदेश जारी किया गया पद नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या उपयंत्री (सिविल) के पद के विरूद्ध पद पर इलेक्ट्रॉनिक ब्रांच में डिप्लोमाधारी व्यक्ति को नियुक्त कर नियमित किया गया है? उनका प्रथम नियुक्ति पत्र एवं नियमित नियुक्ति के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जिलाध्यक्ष द्वारा निर्धारित दैनिक वेतन पर अस्थाई तौर पर उपयंत्री के रिक्त पद के विरूद्ध नियुक्ति प्रदान की गई है, इन्हें नियमित नहीं किया गया है। (ख) श्री कुलदीप सिन्हा, दैनिक वेतन भोगी उपयंत्री के पदस्थी आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नियुक्ति तिथि से बालाघाट जिले में ही पदस्थ रहे हैं। इन्हें नियमित नहीं किया गया है। डिप्लोमा की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। तत्कालीन सहायक आयुक्त बालाघाट द्वारा दैनिक वेतन भोगी उपयंत्री पद पर नियुक्ति आदेश जारी किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश भवन दिल्ली में नियुक्त सेवानिवृत्त कर्मचारी
[सामान्य प्रशासन]
4. ( क्र. 503 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन दिल्ली में मध्यप्रदेश के पूर्व और वर्तमान मा. सांसद, मा. विधायक को ठहरने के लिए व्यवस्था के संबंध में क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में व्यवस्था के लिए कौन अधिकारी और कर्मचारी को नियुक्त किया गया हैं? कौन सा पद स्वीकृत हैं? कौन कार्यरत है? क्या सेवानिवृत्त कर्मचारी कार्यरत हैं यदि हाँ, तो क्यों? क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में कर्मचारियों द्वारा रिक्त सीट होने के उपरान्त भी आवास अनुपलब्ध दर्शाया जाकर निजी लोगों को किराया पर दिया जाता हैं, जनप्रतिनिधियों से अशालीनता का व्यवहार किया जाता हैं? क्या कार्यवाही की जायेगी जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) सेवानिवृत्ति के उपरान्त श्री हरजस सिंह, उप आवासीय आयुक्त बाहय स्त्रोत एवं श्री सुनील कुमार पसरीचा शिष्टाचार अधिकारी संविदा पर कार्यरत है। उक्त दोनों पद पदोन्नति के पद है। मा.सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से वर्तमान में पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित है। शिष्टाचार अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु कोई पात्र शासकीय सेवक विचारण क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। भवन प्रबंधन की व्यवस्था बनाये रखने के दृष्टिगत कारण दोनों अधिकारियों को रिक्त पदों पर बाहय स्त्रोत/संविदा पर रखा गया है। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं मध्यांचल अधिवास नियम - 2015 के नियम 4 (6) के प्रावधान अनुसार कुछ कक्ष अतिविशिष्ट व्यक्तियों के आगमन की संभावना पर आरक्षित रखे जाते है। शेष रिक्त कक्षों को माननीय मंत्रीगण, माननीय विधायकगण, उच्च न्यायालय के मा. न्यायमूर्तियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अतिथियों के लिए आरक्षित कर दिया जाता है। जनप्रतिनिधियों से शालीनता का व्यवहार किया जाता है। ऐसा नहीं किये जाने पर प्राप्त शिकायत के आधार पर संबंधित के विरूद्ध तत्काल नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों/आश्रम शालाओं में मरम्मत/रख रखाव कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
5. ( क्र. 695 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला श्योपुर को वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक छात्रावासों व आश्रम शालाओं के भवनों के मरम्मत, रखरखाव नये कक्षों के निर्माण व अन्य कार्य हेतु वर्षवार कितनी राशि प्रदाय की गई? (ख) उक्त में से सहायक आयुक्त श्योपुर द्वारा उक्त छात्रावास एवं आश्रम शालाओं की मरम्मत नये कक्षों के निर्माण, पुताई, बिजली फिटिंग, खिड़कियों में मच्छरदानी लगाने, पेयजल हेतु मोटर क्रय कर डालने सहित अन्य कार्यों हेतु संबंधित अधीक्षकों को वर्षवार कितनी राशि प्रदाय की गई? (ग) उक्त राशि से संबंधित अधीक्षकों ने क्या-क्या कार्य कराये? इनमें कितनी राशि व्यय की वर्षवार बतावें। (घ) क्या संबंधित अधीक्षकों द्वारा उक्त राशि से कई छात्रावास व आश्रम शालाओं में उक्त कार्य कराये ही नहीं गये तथा कई में नाम मात्र के कार्य कराये। इसके बावजूद अधीक्षकों द्वारा उक्त कार्यों के मनमानी रा शि के बिल बनवाकर नियम विरूद्ध तरीके से कार्यों का मूल्यांकन सक्षम अधिकारी से कराये बिना ही लाखों रूपये का भुगतान करके शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया। (ड.) क्या शासन उक्त तथ्यों की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रदाय आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में उल्लेखानुसार है। (घ) जी नहीं। अधीक्षकों द्वारा कराये गये कार्यों का निरीक्षण/मूल्यांकन समिति एवं विभागीय उपयंत्री द्वारा किया जाकर कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र/उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किये गये है। इस प्रकार शासकीय राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है। (ड.) जी नहीं। राशि का दुरूपयोग नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भेड़ाघाट क्षेत्र में पर्यटन विकास
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( क्र. 749 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भेड़ाघाट (जिला जबलपुर) के धुंआधार के बरगीबांध के निर्माण और प्रवाहित विशाल जलप्रवाह के पूर्व की मौलिक चौड़ाई, जलप्रपात की गहराई एवं धाराओं की स्थिति भिन्न रही है और अब धुंआधार विकृत हो टूट-फूटकर अत्यधिक चौड़ा हो चुका है? (ख) क्या बाढ़काल और बरगीबांध से छोड़े गये विशाल वेगमय पानी से भेड़ाघाट नगर किन्हीं दिशाओं के बाढ़ प्रवाह से टापू बन जाता है और वेगमय बाढ़ से शनै:-शनै: संगमरमरीय शिलायें टूट रही हैं? (ग) क्या नर्मदा के उत्तर-पश्चिम दिशा के कथित बूढ़ी नर्मदा व बेनगंगा में नियमित प्रवाह बनाये जाने से धुंआधार व बंदरकूदनी में जलप्रवाह कम होकर संगमरमरीय शिलाओं की क्षति रूकेगी और बूढ़ी नर्मदा के दो जलप्रपात और प्राचीन बंदरकूदनी संगमरमरीय शैलपर्ण उद्यान विकसित होगा, रूद्रकुण्ड व जलविहीन बैनगंगा प्रवाहमान बनेगी, जिससे वहां घाट, मेला स्थल और वाटरस्पोर्ट स्थल विकसित किया जा सकेगा? (घ) क्या किन्हीं तकनीकी विशेषज्ञों से परीक्षण कराकर प्रश्नांश- (क), (ख) को सुरक्षित करते हुये पर्यटन क्षेत्र का विकास किया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में शेषांश प्रस्ताव पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 778 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कितनी राशि व्यय करने की योजना बनायी गई है? क्या उक्त राशि का व्यय प्रदेश के 51 जिलों में किया जावेगा अथवा कुछ चयन किये गये जिलों में ही उपयोग किया जावेगा? (ख) स्वीकृत राशि का उपयोग किये जाने हेतु योजना के क्या प्रावधान हैं? क्या अविद्युतिकृत ग्रामों/मजरों/टोलों को विद्युतिकृत किये जाने एवं बी.पी.एल. हितग्राहियों को निःशुल्क कनेक्शन प्रदाय किया जावेगा? (ग) क्या प्रदेश के जिलों में प्रारंभ फीडर विभाजन का कार्य पूर्ण हो चुका है, यदि नहीं, तो अभी तक कितने 11 के.व्ही. फीडरों का कार्य अवशेष है, यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत सम्पूर्ण प्रदेश हेतु रू. 2865.27 करोड़ की योजनाओं की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से प्राप्त हुई है। जी हाँ, उक्त राशि का व्यय प्रदेश के सभी 51 जिलों में किया जावेगा। विद्युत कंपनीवार योजनांतर्गत स्वीकृत जिलों की संख्या एवं स्वीकृत राशि की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
कंपनी का नाम |
योजना कितने जिले में लागू की गई है (नं.) |
योजनांतर्गत व्यय की जाने वाली राशि (करोड़ रूपये में) |
1 |
म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर |
20 |
968.82 |
2 |
म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल |
16 |
961.80 |
3 |
म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर |
15 |
934.65 |
योग |
51 |
2865.27 |
(ख) स्वीकृत राशि का उपयोग दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के प्रावधानों के अनुसार अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, विद्युतीकृत ग्रामों के 100 अथवा 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्यतीकरण एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदाय किये जाने के कार्यों के अलावा प्रणाली सुदृढ़ीकरण, फीडर विभक्तिकरण एवं मीटरीकरण के कार्य भी उक्त योजना में सम्मिलित है। (ग) जी नहीं। फीडर विभक्तिकरण योजना में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत क्रमश: 242 एवं 227 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य शेष है, जिसे क्रमश: जून 2018 एवं फरवरी 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित सभी फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
दमोह जिले में आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 789 ) श्री प्रताप सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दमोह जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? क्या संचालित सभी केन्द्रों के भवननिर्मित हैं, यदि नहीं, तो कितने केन्द्र भवनविहीन हैं, केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) भवनविहीन केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु क्या प्रस्ताव राज्य शासन/केन्द्र शासन को कब-कब प्रेषित किये गये हैं? किस स्तर पर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लंबित हैं तथा लंबित रहने का क्या कारण है? (ग) दमोह जिले में संचालित भवनविहीन केन्द्र क्या किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो कुल कितना किराया प्रतिवर्ष भुगतान किया जाता है? किराये के भवनों में संचालित केन्द्रों की जानकारी मय मकान मालिक के नाम/पता सहित उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) दमोह जिले में 1488 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 254 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 1742 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जी नहीं। 1037 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के/अन्य शासकीय भवनों में (भवनविहीन) है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र '01' अनुसार है। (ख) दमोह जिले से भवनविहीन केन्द्रों के लिए आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव समय-समय पर संचालनालय को प्राप्त हुये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। भवनविहीन केन्द्रों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से चरणबद्ध रूप से वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुरूप भवन निर्माण स्वीकृत किये जा रहे है। (ग) दमोह जिले में संचालित भवनविहीन 1037 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 646 केन्द्र अन्य शासकीय शालाओं/ग्राम पंचायत भवनों में संचालित है। 391 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है, जिन्हें प्रतिवर्ष राशि रू. 16,67,400/- किराया भुगतान किया जाता है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'तीन' अनुसार है।
कृषक अनुदान योजना के तहत स्थायी पम्प कनेक्शन
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 790 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कृषक अनुदान योजना के तहत स्थायी पम्प कनेक्शन हेतु दिनांक 1.1.2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदाय किये गये? ग्रामवार संख्या बतलावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र जबेरा के अन्तर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के दौरान कितने व्यवसायिक एवं कितने घरेलू कनेक्शन दिये गये हैं? इनमें से किस-किस में मीटर स्थापित किये गये हैं? कितने बिना मीटर के चालू हैं, ग्रामवार संख्या बतलावें? (ग) क्या जिन विद्युत उपभोक्ताओं के यहां मीटर कनेक्शन नहीं लगाये गये हैं, उन्हें अनुमानित बिल दिये जा रहे हैं वह किस आधार एवं नियमों के तहत् दिये जा रहे हैं? मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के क्या नियम एवं निर्देश हैं, जिन उपभोक्ताओं के यहां विद्युत मीटर स्थापित किये जाना अवशेष हैं, उनके यहां मीटर स्थापित कब तक कर दिये जावेंगे? क्या मीटर स्थापित करने उपरांत वास्तविक विद्युत खपत आंकलन का पुनरीक्षण कर जारी देयकों में सुधार कार्य किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में दी गई अवधि के दौरान विद्युत लाईन के तार कहाँ कहाँ से कितनी कितनी मात्रा में चोरी हुए हैं? क्या उनकी एफ.आई.आर. दर्ज की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2013 से दिनांक 30.06.2017 तक पूर्व में कृषक अनुदान योजना एवं वर्तमान में संचालित मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजनान्तर्गत कुल 206 कृषकों के स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 173 कृषकों द्वारा आवश्यक अंश राशि जमा करने सहित औपचारिकताएं पूर्ण की गई हैं। उक्त औपचारिकता पूर्ण 173 प्रकरणों में से 78 कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये हैं तथा शेष कार्य वरियता क्रम से पूर्ण किए जा रहे हैं। ग्रामवार कृषकों के प्राप्त आवेदनों तथा प्रदाय किये गये स्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 01.01.2013 से प्रश्न दिनांक तक 8818 घरेलू कनेक्शन एवं 397 व्यवसायिक नहीं अपितु गैर घरेलू कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, जिनमें से 5429 घरेलू एवं सभी 397 गैर घरेलू कनेक्शनों पर मीटर स्थापित कर दिये गये हैं। 3389 घरेलू कनेक्शन बिना मीटर के चालू है। घरेलू एवं गैर-घरेलू कनेक्शनों की ग्रामवार संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'ब' एवं प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में गैर घरेलू श्रेणी के सभी उपभोक्ताओं के कनेक्शन मीटरयुक्त हैं। बिना मीटर वाले घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शनों पर मीटरों की उपलब्धता अनुसार क्रमश: मीटर लगाए जा रहे हैं। घरेलू श्रेणी के जिन उपभोक्ताओं के यहां मीटर नहीं लगे हैं वहां पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार आंकलित खपत के आधार पर राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी का लाभ देते हुए बिल जारी किये जा रहे हैं। बिना मीटर वाले घरेलू श्रेणी के कनेक्शनों हेतु खपत के आंकलन संबंधी म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। मीटर स्थापित करने के उपरान्त मीटर में दर्ज खपत के अनुसार पुराने बिलों के पुनरीक्षण संबंधी प्रावधान दर आदेश में नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र एवं अवधि में ग्राम खैरागढ़ से करौंदीकला तक 25 पोलों के तीनों तारों (783 कि.ग्रा.) की चोरी तथा ग्राम व्यारमा नदी से खमरिया हाट तक 13 पोलों की सिंगल तार (166 कि.ग्रा.) की चोरी हुई है तथा उक्त प्रकरणों में संबंधित थानों में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है।
प्रदेश की
बंद विद्युत
ईकाइयों की
जानकारी
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 796 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जल विद्युत तथा ताप विद्युत संयंत्रों की कितनी ईकाइयां कब से बंद है तथा बंद होने का क्या कारण है? इनकी विद्युत क्षमता तथा इन्हें चालू करने के लिए क्या किया गया है विस्तृत जानकारी दें? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक को प्रबंध संचालक, म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड जबलपुर के पत्र द्वारा सारणी पावर प्लांट की युनिट 6,7,8,9 को बंद करने संबंधी कम्पनी द्वारा लिये गये प्रस्ताव आज दिनांक तक क्यों उपलब्ध नहीं कराये गये? अपेक्षित प्रस्ताव उपलब्ध करावे? (ग) क्या जल विद्युत परियोजना बरगी की बंद यूनिट को चालू न करने, निजी बिजली बनाने वाली कम्पनियों से महंगी बिजली खरीदकर इन्हें फायदा पहुंचाया जा रहा है यदि नहीं, तो बरगी की बंद यूनिट कब तक चालू हो जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में दिनांक 7 जुलाई, 2017 की स्थिति में ताप एवं जल विद्युत संयंत्रों की ईकाइयों की, बंद होने की तिथि, बंद होने का कारण, विद्युत क्षमता एवं चालू करने हेतु प्रयास से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के पत्र दिनांक 08.06.2017 द्वारा माननीय विधायक को सारनी पॉवर प्लांट की यूनिट क्रमांक 6, 7, 8 एवं 9 बंद करने संबंधी, कंपनी के प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध कराई गई है। पत्र दिनांक 08.06.2017 की छायाप्रति संलग्नकों सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में बरगी स्थिति म.प्र.पा.ज.कं.लि. के स्वामित्व की 2x45 मेगावाट रानी अवंती बाई सागर जल विद्युत गृह की इकाई क्रमांक-2 विद्युत उत्पादन हेतु उपलब्ध है एवं इकाई क्रमांक-1 वार्षिक रखरखाव हेतु बंद है। रखरखाव कार्य पूर्ण होने के उपरांत इकाई क्रमांक-1 की दिनांक 20.07.2017 से विद्युत उत्पादन हेतु उपलब्धता संभावित है। बरगी स्थित एन.व्ही.डी.ए. के स्वामित्व के 2x5 मेगावाट जल विद्युत गृह, जिसका संचालन/संधारण कार्य म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, की ईकाइयां वृहद संधारण कार्य के अंतर्गत बंद है, उक्त संधारण कार्य पूर्ण होने के उपरांत ईकाइयां उत्पादन के लिये उपलब्ध हो सकेंगी।
सी.ई.ओ. के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
11. ( क्र. 1022 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत कार्यालय खरगोन को प्रश्नकर्ता के पत्र/ मेल किसी भी माध्यम से प्राप्त हुए? इन पत्र/मेल के जवाब की प्रति देवें या पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति देवे। यदि जवाब नहीं दिये गये हैं तो पत्रवार कारण सहित बतायें। (ख) क्या अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक जनपद पंचायत भगवानपुरा के सी.ई.ओ. द्वारा कार्यालय परिसर में स्थित निवास स्थान पर ही रात्रि विश्राम किया गया? माहवार संख्या बतायें। इस कार्यकाल की सी.ई.ओ. की वाहन संबंधी लॉगबुक की प्रति देवें। (ग) बिंदु (ख) के समयकाल हेतु सी.ई.ओ. भगवानपुरा द्वारा कब-कब कितनी राशि के डीजल/वाहन ईधन/वाहन किराया/यात्रा भत्ता आदि के बिल लगाये गये तथा इन बिलों में कितने बिलों का भुगतान कर दिया गया है, समस्त बिलों का विवरण देवें। (घ) अपने पूरे कार्यकाल में पूर्व जनपद पंचायत भगवानपुरा सी.ई.ओ. श्री कुशवाह की कितनी शिकायतें विभाग को किसी भी स्तर पर प्राप्त हुई तथा कितनी शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई। शिकायतवार विषय सहित सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जिला पंचायत खरगोन में जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक माननीय विधायक के 02 ईमेल एवं 03 पत्र प्राप्त हुये हैं। जिन पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत भगवानपुरा के परिसर में स्थित शासकीय आवास में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा रात्रि विश्राम किया गया। कभी-कभी, भोपाल/क्षेत्र के दूरस्थ अंचल में भ्रमण पर जाने से रात्रि विश्राम शासकीय निवास में नहीं किया गया। अलग-अलग महीनों के भ्रमण की दौरा डायरी, लॉग बुक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) क्षेत्र के भ्रमण व जिले की बैठक व संभाग व प्रदेश की राजधानी भोपाल भ्रमण हेतु वाहन अनुबंधित किया गया था, जिसके ईंधन व वाहन किराया भुगतान विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जनपद पंचायत भगवानपुरा के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुशवाह की 03 शिकायतें जिला स्तर पर प्राप्त हुई है। शिकायत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
म.प्र. विद्युत मंडल में चेक बाउंस
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 1122 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जून २०१६ से ३१ मई २०१७ के दौरान म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लिमि. शहर वृत्त ग्वालियर अंतर्गत नगर संभाग दक्षिण के अधिनस्थ किस-किस जोन में किस-किस उपभोक्ता के किस तारीख को किस बैंक द्वारा चेक बाउन्स (चेक डिस ओनर) किये गए? चेक डिस ओनर उपभोक्ता का नाम, सर्विस कनेक्शन नंबर व फीडर, चेक राशि, चेक क्रमांक व दिनांक, चेक डिस ओनर होने का कारण, चेक डिस ओनर उपरान्त किस लेखा कार्यालय को कब प्राप्त हुआ? चेक डिस ओनर उपरांत किस तारीख को उपभोक्ता का विद्युत विच्छेदन किया गया? चेक बाउन्स उपरांत सम्बन्धी उपभोक्ता से सम्पूर्ण बिजली बिल राशि, सर्विस चार्ज आर.सी.डी.सी. जुर्माना सहित राशि किस तारीख को किस रसीद द्वारा जमा करवाई गई? (ख) चेक डिस ऑनर होने पर यदि एक माह में जिस उपभोक्ता ने सम्पूर्ण बिजली बिल राशि जुर्माना राशि सहित जमा नहीं की उन उपभोक्ताओं के विरुद्ध संबंधित प्रबंधक, उपमहाप्रबंधक के विरुद्ध किस पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कर आई.पी.सी. की धारा ४२० एवं ४०६ तथा निगोशिऐबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत परिवाद किस न्यायालय में किस तारीख को पेश किया गया? यदि नहीं, तो उसके लिए कौन इंजीनियर व अधिकारी दोषी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहर वृत्त ग्वालियर में नगर संभाग दक्षिण के अंतर्गत दिनांक 01 जून, 2016 से 31 मई, 2017 के दौरान कुल 581 उपभोक्ताओं के 226.01 लाख रूपये के चेक डिसऑनर हुए हैं, जिसमें कम्पू जोन पर 322 उपभोक्ताओं के 115.92 लाख रूपये, सिकंदर कम्पू जोन पर 135 उपभोक्ताओं के राशि 64.67 लाख एवं गोलपहाडिया जोन के 124 उपभोक्ताओं के राशि 45.42 लाख रूपये के चेक डिसऑनर हुए है। शहर वृत्त ग्वालियर के अंतर्गत नगर संभाग दक्षिण में 01 जून, 2016 से 31 मई, 2017 के बीच चेक डिसऑनर संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चेक बाउन्स होने वाले प्रकरणों में नोटिस देकर राशि वसूलने एवं कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही की गई। अत: ऐसे प्रकरणों में एफ.आई.आर. नहीं की गई।
म.प्र. विद्युत मंडल में समाधान योजना
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 1123 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क. लिमि. नगर संभाग दक्षिण ग्वालियर अंतर्गत जोनवार व फीडरवार जानकारी देवे की दिनांक 1 अक्टूबर २०१६ से लेकर दिनाक ३१ मई २०१७ के दौरान कम्पनी की समाधान योजना अंतर्गत किन-किन उपभोक्ताओं को बिजली बिल राशि में कितनी राशि की छूट दी गई? उपभोक्ता का नाम, सर्विस कनेक्शन नंबर, गरीबी रेखा का राशन कार्ड नंबर बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित जिन उपभोक्ताओं को समाधान योजना में बिजली राशि में छूट दी गई उनके नाम नगर निगम ग्वालियर द्वारा जारी अधिसूचित मलिन बस्तियों की सूची में शामिल थे? यदि हाँ, तो नगर निगम द्वारा जारी सूची की प्रति देवें। यदि नाम सूची में नहीं थे तो उन्हें लाभ कैसे व किस आधार पर दिया गया? सूची से मिलान किस अधिकारी ने किया? क्या आवेदक मध्य क्षेत्र कम्पनी के नियम अनुसार पात्र था या नहीं? यदि अपात्र द्वारा अनुचित लाभ लिया गया तो उनसे वसूली कर किस अभियंता के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई। अपात्रों की भी सूची उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत नगर संभाग दक्षिण, ग्वालियर में दिनांक 1 अक्टूबर 2016 से 31 मई 2017 की अवधि में समाधान योजना के अंतर्गत लाभान्वित अधिसूचित क्षेत्र के 1343, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 80 एवं सामान्य श्रेणी के 35 उपभोक्ताओं की प्रश्नाधीन चाही गई उपभोक्तावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, प्रपत्र-ब एवं प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन उपभोक्ताओं के नाम नगर निगम ग्वालियर द्वारा अधिसूचित मलिन बस्ती की सूची में शामिल थे उन्हीं को समाधान योजना में बिजली के बिल में छूट का लाभ दिया गया है नगर निगम, ग्वालियर द्वारा जारी मलिन बस्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। सूची में नामों का मिलान जोन प्रभारी प्रबंधक द्वारा किया गया है एवं योजनांतर्गत पात्र उपभोक्ताओं को ही समाधान योजना का लाभ दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
जानकारी एवं जांच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( क्र. 1137 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग एवं परियोजना अधिकारी एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना पिपराही जिला रीवा द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि से वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले में विद्युतीकरण एवं हैण्डपंप का खनन, तालाब निर्माण, रपटा कम स्टाप डैम, नाला मेंढ़ बंधान भूमि समतलीकरण आदि के कार्य कराये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किस-किस विभाग को निर्माण कार्य एजेन्सी बनाया गया था वर्षवार स्वीकृत राशि वितरण की राशि, कुल लागत, तकनीक स्वीकृति का क्र. दिनांक, तकनीकी स्वीकृति की राशि, विधानसभा क्षेत्र का नाम, विकासखण्ड का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, ग्राम का नाम, निर्माण एजेन्सी का नाम, पूर्णता का दिनांक, अपूर्ण रहने का कारण विद्युतीकरण का स्थान का स्पष्ट उल्लेख सहित वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में पम्प ऊर्जीकरण एवं एकबत्ती कनेक्शन करने वाले निर्माण एजेन्सी का नाम, ऊर्जीकरण एवं एकबत्ती कनेक्शन, धारी हितग्राहियों की कि संख्या कुल लागत, तकनीकी स्वीकृति का क्र. दिनांक, तकनीकी स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेन्सी पूर्णता, अपूर्ण रहने का कारण। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में सम्पूर्ण जारी किये गये कार्यों का तकनीकी निरीक्षण टीप का विवरण उपलब्ध करावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। । (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कार्यों का स्थल निरीक्षण निर्माण एजेन्सी द्वारा कराया जाकर भुगतान किया जाता है।
विद्युत आपूर्ति करने बाबत्
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 1138 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लिमि. रीवा को प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखकर नगरीय क्षेत्र हनुमना एवं मऊगंज में जनसंख्या एवं विद्युत कनेक्शन बढ़ने के कारण नगर पंचायत क्षेत्र मऊगंज के वार्ड क्रमांक 01 वार्ड क्र. 03 मगुरहई टोला वार्ड क्र. 05 वार्ड क्र. 12 में तथा नगर पंचायत क्षेत्र हनुमना के वार्ड क्रमांक 12 वार्ड क्र. 08 में प्रत्येक में एक-एक नग अतिरिक्त ट्रांसफार्मर बढ़ाने हेतु पत्र दिया गया है? (ख) रीवा जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज 71 अन्तर्गत ग्राम ढावा गौतमान दुवगंवा अतरिया बरौही आदि ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2015-16 में कराया गया था? जिसके सम्बन्ध में वरिष्ठ कार्यालयों को पत्राचार किया गया किन्तु आज दिनांक तक केबिल नहीं बदली गयी जिसके कारण उपरोक्त ग्रामों में निवासरत आम जनमानस को विद्युत घरों में उपयोग हेतु प्राप्त नहीं हो रही है, किन्तु बिल बराबर दिये जा रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में ट्रांसफार्मरों की संख्या बढ़ाने एवं केबिल बदलने का काम किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद हनुमना द्वारा कनिष्ठ यंत्री, वितरण केन्द्र हनुमना को प्रेषित पत्र क्रमांक 247, दिनांक 31.5.17 में, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रमुख सचिव, नगरीय विकास विभाग, म.प्र. शासन, भोपाल को प्रेषित पत्र का उल्लेख करते हुए प्रश्नाधीन उल्लेखित स्थानों में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए जाने हेतु लेख किया गया है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन उल्लेखित ग्रामों में कुछ स्थानों पर केबिल जल गई थी, जिसका सुधार कार्य पूर्ण कर एवं केबिल जोड़कर दिनांक 17.10.16 को विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया है तथा म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के द्वारा निर्धारित टैरिफ आदेश के अनुसार ही प्रश्नाधीन क्षेत्र में उपभोक्ताओं को बिल प्रदाय किये जा रहे हैं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों में परीक्षण कर तकनीकी साध्यता पाये जाने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने की कार्यवाही की जावेगी, अत: वर्तमान में समय सीमा बता पाना सम्भव नहीं है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य पूर्ण कर दिया गया है।
छात्रावास आश्रम में सामग्री पूर्ति
[आदिम जाति कल्याण]
16. ( क्र.
1156 ) श्री
शान्तिलाल
बिलवाल :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अप्रैल
2016
से मई 2017
तक में
छात्रावास/आश्रमों
में झाबुआ
जिले को कितना-कितना
आवंटन प्रदाय
किया गया? (ख) प्राप्त
आवंटन से
छात्रावास/आश्रमों
में कौन-कौन
सी एवं
कितनी-कितनी
सामग्री
किन-किन संस्थाओं
से क्रय की गई? (ग) क्रय
की गई सामग्री
का भौतिक सत्यापन
समिति द्वारा
किया गया है
तो विवरण देवें? यदि
समिति का सत्यापन
नहीं हुआ तो
क्या कारण है? क्या
सत्यापन में
कोई सामग्री
गुणवत्ताहीन
पाई गई? यदि हाँ, तो
कौन सी
एवं
कितनी-कितनी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) वित्तीय
वर्ष 2016-17
एवं 2017-18
में वर्तमान
तक प्राप्त
आवंटन में से
छात्रावास/आश्रमों
हेतु सामग्री
क्रय नहीं की गई।
अपितु राशि
पालक समिति के
खाते में जमा
की गई। (ग) सामग्री
क्रय न करने
से शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विधायकों के पत्रों पर की गयी कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
17. ( क्र. 1157 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76-2017/1/4 भोपाल दिनांक 27/11/2015 के अनुसार शासन के समस्त विभागों को आदेशित किया गया है कि मान. सांसद/विधायकों के पत्रों की पावती देने उनके पत्रों पर कार्यवाही कर उत्तर देने, सौहार्दपूर्ण व्यवहार तथा सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में निर्देश जारी किये है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विगत दो वर्ष में कलेक्टर कार्यालय छतरपुर, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री विद्युत विभाग, जिला शिक्षाधिकारी, लोक स्वास्थ यांत्रिकी, निर्माण विभाग, खनिज विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वा. अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग, खनिज विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वा.अधिकारी को दिये गये पत्रों की पावती की सूचना प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं दी गई है? (ग) समय-सीमा में शासन के आदेशों का पालन ना करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिए गए पत्रों की पावती एवं की गई कार्यवाही की सूचना दी जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा द्वारा चयनित अभ्यर्थी हेतु भर्ती नियम
[सामान्य प्रशासन]
18. ( क्र. 1161 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थी के विरूद्ध यदि कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज है परन्तु दोष सिद्ध नहीं है तो क्या उसे शासन नियुक्ति हेतु अपात्र मानेगा। यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ख) म.प्र.सिविल सेवा नियुक्ति की शर्तें 1961 के नियम 6 के अन्तर्गत कौन-कौन अभ्यर्थी नियुक्ति हेतु अपात्र माने गये हैं? (ग) उक्त नियमों में महिला से संबंधित अपराधों के बारे में कौन-कौन भारतीय दण्ड विधान की धारायें आती हैं? (घ) क्या न्यायालय में चालान पेश होने मात्र से नयी नियुक्ति दिये जाने पर प्रतिबंध हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम-6 का उपनियम (4) के अनुसार जहाँ किसी उम्मीदवार के विरूद्ध न्यायालय में ऐसे मामले, लंबित हो तो उसकी नियुक्ति का मामला आपराधिक मामले का अंतिम विनिश्चय होने तक लंबित रखा जायेगा। नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम-6 जिसमें नियुक्ति हेतु अनर्हता उल्लेखित है। नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत संयत्रों की जानकारी
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 1209 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 अक्टूबर 2003 तक ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश के किन-किन स्थानों पर कितने-कितने मेगावाट के कितनी-कितनी लागत वाले बिजली संयंत्र स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संयंत्र कब-कब शुरू हुये? (ग) 01 अप्रैल 2004 के पश्चात प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत के कितने मेगावट के बिजली संयंत्र स्वीकृत हुये? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित संयंत्रों में प्रश्नतिथि तक क्या स्थिति है? संयंत्रवार विवरण दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 15 अक्टूबर, 2003 तक ऊर्जा विभाग अन्तर्गत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (पूर्ववर्ती म.प्र.रा.वि.मं. की उत्तरवर्ती कंपनी) के बिजली संयंत्रों के स्थान, क्षमता (मेगावाट में) एवं लागत से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित संयंत्रों के प्रारंभ होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) विद्युत अधिनियम, 2003 के लागू होने के उपरांत अधिनियम की धारा 7 के अनुसार विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापना हेतु उत्पादक को लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। तथापि 1 अप्रैल, 2004 के पश्चात् ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड हेतु स्वीकृत बिजली संयंत्रों के स्थान, लागत एवं क्षमता (मेगावाट में) से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' में वर्णित संयंत्रों की वर्तमान स्थिति से संबंधित संयंत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
आदिवासी महिला अधीक्षिका से छेड़छाड़ एवं उत्पीड़न
[आदिम जाति कल्याण]
20. ( क्र. 1320 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग, गुना श्री परिहार के विरूद्ध आदिवासी महिला अधीक्षिका से छेड़छाड़ एवं उत्पीड़न करने पर पुलिस में आपराधिक प्रकरण 1 अप्रैल 2017 को गुना केन्ट थाने में दर्ज हुआ है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या इसी प्रकरण में रिट पिटीशन क्रमांक 3229/2017 में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा प्रमुख सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग, आयुक्त आदिवासी विभाग से प्राथमिकी दर्ज होने के दिनांक से आज दिनांक की अवधि में क्या कार्यवाही हुई तथा शासन/विभागाध्यक्ष द्वारा प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रकरण में शासन/विभाग माननीय उच्च न्यायालय को नोटिस का जवाब समय-सीमा में प्रस्तुत करेगा, यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा माननीय न्यायालय में जबाब कब तक प्रस्तुत होगा। (घ) प्रकरण में कार्यवाही किस स्तर पर लंबित रखी गई, उस अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी? बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विवेचना पुलिस द्वारा की जा रही है एवं कलेक्टर जिला गुना को जांच हेतु लिखा गया है। (ख) याचिका में वादोत्तर दायर करने हेतु संभागीय उपायुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास ग्वालियर संभाग ग्वालियर प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पुलिस विवेचना प्रक्रियाधीन है। जांच हेतु कलेक्टर को लिखा गया है। (घ) जवाबदावा प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण लंबित नहीं रखा गया है।
चांदौन एवं सांडिया डी.सी. अन्तर्गत किये गये निर्माण कार्य
[ऊर्जा]
21. ( क्र.
1331 ) श्री
ठाकुरदास
नागवंशी :
क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
म.प्र.म.प्र.क्षे.वि.वि.
कंपनी
लिमिटेड भोपाल
द्वारा
होशंगाबाद
जिला
अन्तर्गत
चांदौन एवं
साडिया डी.सी.
में होने वाले
फीडर सेपरेशन
कार्य में
एल.टी.ई. लाईन
को उतारकर 11
के.व्ही. लाईन
में
परिवर्तित कर
कहाँ-कहाँ
ट्रांसफार्मर
स्थापित किये
गये हैं सूची
प्रदान करे। (ख)
क्या विभाग
द्वारा किये
गये उक्त
कार्य में एल.टी.ई.
लाईन को उताकर
11
के.व्ही. में
परिवर्तित
करने के
उपरांत भी ट्रांसफार्मर
स्थापित नहीं
किये गये है
जवकि ट्रांसफार्मर
स्थापित करने
का प्रावधान
था। कितने
कृषकों के
यहां ट्रासफार्मर
स्थापित
किये गये तथा
कितनों के शेष
हैं? (ग)
कंडिका (ख) के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में क्या इसके
उत्तरदायित्व
का निर्धारण
किया जावेगा।
कंडिका (क) में
वर्णित डी.सी.
अन्तर्गत
वर्तमान में
संचालित कार्य, शेष
कार्य तथा
अपूर्ण
कार्यों की
स्पष्ट जानकारी
प्रदान करे।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड द्वारा
होशंगाबाद
जिले के अन्तर्गत
चांदोन एवं
सांडिया
वितरण केन्द्रों
में एच.व्ही.डी.एस.
के कार्यों के
अंतर्गत, जिसमें
फीडर
विभक्तिकरण
भी शामिल है, एल.टी.लाईन
को उतार कर 11 के.व्ही.
लाईन में
परिवर्तित
करने का कार्य
किया गया है।
उक्त
कार्यों के
अंतर्गत
चांदोन वितरण
केन्द्र में 968 एवं
सांडिया
वितरण केन्द्र
में 859
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किये गये हैं, जिसकी
ग्रामवार
संख्या की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) वर्तमान
में प्रश्नाधीन
कार्य प्रगति
पर है जिसके
अंतर्गत 3561 कृषकों
हेतु 2082
ट्रांसफार्मर
लगाने के
प्रावधान के
विरूद्ध 3101
कृषकों हेतु 1827
ट्रांसफार्मर
स्थापित कर
दिये गये हैं
एवं 460
कृषकों हेतु 255
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किया जाना शेष
है। (ग) वर्तमान
में प्रश्नाधीन
कार्य प्रगति
पर है तथा
ठेकेदार कम्पनी
से उक्त
कार्य शीघ्र
पूर्ण कराया
जा रहा है।
कार्य में
विलंब हेतु
ठेकेदार उत्तरदायी
है तथा इस
हेतु ठेकेदार
कंपनी के बिलों
से टेण्डर की
शर्तों के
अनुसार रू. 2.29
करोड़ की राशि
पेनल्टी स्वरूप
काटी जा चुकी
है। उत्तरांश
(क) के तारतम्य
में सांडिया
वितरण केन्द्र
में 1679
कृषकों हेतु 877
ट्रांसफार्मर
लगाने का
प्रावधान है, जिसमें
से 1658
कृषकों हेतु 859
ट्रांसफार्मर
स्थापित कर
दिये गये हैं
एवं 21
कृषकों हेतु 18
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किया जाना शेष
हैं। इसी
प्रकार
चांदोन वितरण
केन्द्र में 1882
कृषकों हेतु 1205
ट्रांसफार्मर
लगाने का
प्रावधान है, जिसमें
से 1443
कृषकों हेतु 968
ट्रांसफार्मर
स्थापित कर
दिये गये हैं
एवं 439
कृषकों हेतु 237
ट्रांसफार्मर
स्थापित
किया जाना शेष
हैं। शेष रहे 460
कृषकों की
निम्नदाब
लाईनों को उच्चदाब
लाईनों में
परिवर्तित कर 255
ट्रांसफार्मरों
के स्थापित
करने का कार्य
प्रगति पर है।
वर्तमान में
उक्त कृषकों
के सिंचाई पम्पों
को पूर्व से
विद्यमान
निम्नदाब
लाईन से
सुचारू रूप से
विद्युत
प्रदाय किया जा
रहा है।
ग्रामीण विद्युतीकरण के संबंध में
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1419 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विद्युत विहीन मजरे, टोलों एवं ग्रामों में विद्युतीकरण के लिए क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) भोपाल संभाग में प्रश्न दिनांक तक कितने और कौन से मजरे, टोले एवं ग्राम विद्युत विहीन हैं? जिलावार, ब्लॉकवार, पंचायतवार ब्यौरा दें। (ग) दीनदयाल विद्युतीकरण योजना के तहत भोपाल संभाग में कितने ग्रामों मजरे व टोलों को विद्युतीकरण किया गया है? जिलावार, ब्लॉकवार, पंचायतवार ब्यौरा दें। (घ) सीहोर जिले में दीनदयाल विद्युतीकरण योजना के तहत विगत 3 वर्ष में कितनी राशि व्यय की गई? ब्लॉकवार, पंचायतवार, ग्रामवार ब्यौरा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा विद्युतीकृत ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्यतीकरण हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना संचालित की जा रही है। (ख) भोपाल संभाग में प्रश्न दिनांक की स्थिति में 1629 मजरे/टोले, 1 अविद्युतीकृत ग्राम एवं 5 डी-इलेकट्रीफाईड ग्राम विद्युत विहीन है, जिनका जिलेवार, विकासखण्डवार एवं ग्रामपंचायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) भोपाल संभाग में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु भोपाल एवं रायसेन जिलों के लिए ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स डी.बी. प्रोजेक्टस लिमिटेड कोरबा एवं सीहोर जिले के लिए ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स अग्रवाल पॉवर प्रा.लि. भोपाल को क्रमश: दिनांक 28.12.16 एवं दिनांक 18.05.2017 को अवार्ड जारी कर दिया गया है। उक्त ठेकेदार एजेन्सियों द्वारा सर्वे संबंधी कार्य शुरू कर दिया गया है जो कि वर्तमान में प्रगति पर है। सर्वे उपरांत विद्युतीकरण का कार्य आरंभ किया जायेगा। (घ) सीहोर जिले हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना दिनांक 13.05.2016 को स्वीकृत हुई है। उक्त योजना में विगत 3 वषों में कोई राशि व्यय नहीं हुई है।
आदिम जाति कल्याण योजनाओं में आवंटित राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
23. ( क्र. 1420 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल संभाग में विगत 3 वर्ष के दौरान आदिम जाति कल्याण योजनाओं के तहत विद्युत कार्य के लिए राशि खर्च की गई है? यदि हाँ, तो वर्षवार, जिलावार, ब्लॉकवार, पंचायतवार आवंटित राशि एवं खर्च का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित राशि का मदवार खर्च का ब्यौरा जिलावार, ब्लॉकवार, पंचायतवार एवं ग्रामवार ब्यौरा दें। (ग) अजाक कल्याण योजना के तहत भोपाल संभाग में किन-किन कार्यों के लिए राशि आवंटित की गई है? विगत 3 वर्ष का ब्यौरा जिलावार, ब्लॉकवार, पंचायतवार ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आवंटित राशि का मदवार खर्च का ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
मान्यता के संबंध में दिए गए पत्र पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 1428 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 677 दिनांक 23/2/17 को अवगत कराया गया था कि पंचायत सेवा शासकीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ को माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण मान्यता संबंधी आदेश जारी नहीं किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) न्यायालय द्वारा याचिका क्र. 17898/11 दिनांक 28/03/17 को निराकरण किये जाने के बाद कब आदेश जारी किये गये? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब जारी कर दिये जावेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावासों के दोहरे-तिहरे प्रभार पृथक कराये जाने विषयक
[आदिम जाति कल्याण]
25. ( क्र. 1523 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में एक-एक अधीक्षक एवं एक-एक अधीक्षिका को दोहरे-तिहरे प्रभार सौंपे गये हैं? पृथक-पृथक संस्थावार सूची दें। (ख) क्या इन दोहरे-तिहरे प्रभारों के कारण छात्रावासों में अधीक्षकों/अधीक्षिकाओं द्वारा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम रखी जाकर शिष्यवृत्ति का अधिक आहरण कर लगातार भ्रष्टाचार कर बच्चों को आवासीय सुविधा से वंचित किया जा रहा है इस विसंगति को दूर किया जाकर सर्वहारा वर्ग के बच्चों को शासन सुविधा का लाभ सही रूप से कब तक दिलाया जावेगा? अवधि बतायें। (ग) क्या शासन/विभाग द्वारा कन्या छात्रावासों/परिसरों में छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से पृथक-पृथक अधीक्षिका रखने की अनिवार्यता है? यदि हाँ, तो शासन/विभाग के निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावे तथा गुना जिले में कन्या छात्रावासों में एक-एक अधीक्षिका के पास दोहरे - तिहरे प्रभार क्यों रखे जाकर छात्राओं की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है, कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की विसंगति को शासन/विभाग निर्देर्शों के तहत गुना जिले में कब तक दूर कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। आदिम जाति कल्याण विभाग गुना अंतर्गत संचालित छात्रावासों में अधीक्षक/अधीक्षिकाओं द्वारा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के आधार पर शिष्यवृत्ति का नियमानुसार आहरण कर बच्चों को आवासीय सुविधा मुहैया कराई जाकर सर्वहारा वर्ग के बच्चों को शासन सुविधा का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। आदिम जाति कल्याण विभाग गुना अंतर्गत महिला शिक्षकों की मृत्यु होने, सेवानिवृत्त होने एवं नवीन कन्या छात्रावास विगत वर्षों में स्वीकृत होने के कारण महिला अधीक्षकों की भर्ती नहीं होने के कारण महिला शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों की कमी होने के कारण तथा स्थानीय शिक्षिका की सहमति पत्र के साथ समय-समय पर प्रस्ताव शिक्षा विभाग से चाहे गये थे। शिक्षा विभाग से स्थानीय स्तर की महिलाओं की सहमति सहित पेनल अनुसार प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण एक-एक महिला कर्मचारियों के पास दोहरे प्रभार की स्थिति निर्मित हुई है। जिसके कारण प्रभार दिया गया था, उक्त कार्यवाही छात्रावासों के सुव्यवस्थित संचालन की दृष्टि से की गई। छात्राओं की सुरक्षा से खिलवाड़ का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) पदों की पूर्ति विभागीय नियमों के तहत् की जावेगी। निश्चित समय सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रदेश में हुई महापंचायत में व्यय राशि
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 1534 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 10 मार्च 2017 के अता. प्रश्न क्रमांक 2937 के संदर्भ में बताएं कि किस-किस वर्ष में कितनी महापंचायत हुई? उसका नाम क्या था व प्रत्येक पर कितनी धनराशि खर्च हुई व किस विभाग में यह धनराशि खर्च की तथा प्रत्येक महापंचायत में हुए निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए बताए कि निर्णयों के पालन में क्या कार्यवाही हुई? (ख) यदि कार्यवाही नहीं हुई तो कारण बताते हुए बताएं कब तक कार्यवाही हो जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जावरा नगर पालिका के अध्यक्ष के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 1535 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगरपालिका के पार्षद अनिल मोदी ने अध्यक्ष के विरूद्ध जो शिकायत की थी तथा जिसमें लोकायुक्त उज्जैन कार्यालय द्वारा पाँच आरोप प्रमाणित पाये थे उस प्रकरण को बंद कर दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या शिकायत पर पुनः प्रकरण दर्ज किया हैं? यदि हाँ, तो उसकी जाँच की प्रगति का विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शिकायतकर्ता की शिकायत पर लोकायुक्त संगठन में जा.प्र. क्रमांक 83/2007 पंजीबद्ध किया गया है एवं तत्कालीन उपलोकायुक्त महोदय के आदेशानुसार उक्त जांच प्रकरण दिनांक 07/11/2008 को समाप्त किया जा चुका है। प्रकरण की संरक्षण अवधि समाप्त होने पर प्रकरण दिनांक 30/01/2015 को विनिष्ट किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता की अन्य नवीन शिकायत पर जांच प्रकरण 824/2016 पंजीबद्ध होकर विचाराधीन है।
आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
28. ( क्र. 1550 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी विकासखण्ड में आई.पी.पी.ई. या अन्य किसी योजनांतर्गत किस-किस आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए नवीन भवन स्वीकृत हुए हैं? केन्द्रवार सूची उपलब्ध करावें। किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र को भवन निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है एवं किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण हेतु आज दिनांक तक भी राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है? उनको भवन निर्माण हेतु कब तक राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? (ख) पोहरी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कौन-कौन से आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है? ऐसे आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र को कब तक नवीन भवन स्वीकृत कराये जा कर निर्माण करा दिया जावेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शिवपुरी जिले के विकासखंड पोहरी में संचालित कुल 326 आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 44 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मनरेगा योजना के अभिसरण से राशि रूपये 7.80 लाख प्रति भवन (6.00 लाख महिला बाल विकास तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा राशि रूपये 1.80 लाख महात्मा गांधी नरेगा से) की राशि संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) पोहरी विधानसभा क्षेत्र में 230 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 96 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 326 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 105 विभागीय भवनों में, 100 किराये के भवनों (भवनविहीन) में एवं 25 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। किराये के भवनों में संचालित (भवनविहीन) 100 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से मनरेगा योजनान्तर्गत 44 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।
स्टॉफ नर्स एवं डिप्लोमाधारी नर्सेस को स्वीकृत वेतन वृद्धियां
[वित्त]
29. ( क्र. 1590 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश का पत्र क्रमांक-9/नर्सिंग/सेल-1/2017/96, भोपाल दिनांक 06.2.2017 के द्वारा स्टॉफ नर्स के पद पर नव नियुक्त होने वाले डिप्लोमाधारी नर्सेस को 3 (तीन) एवं डिग्रीधारी नर्सेस को 4 (चार) अग्रिम वेतन वृद्धियां प्रदाय करने सम्बंधी आदेश प्रसारित किये गये है के संबंध में वित्त विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जारी आदेश के तहत इन्दौर संभाग इन्दौर में कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया व कितने कर्मचारियों की सेवापुस्तिका में वेतन निर्धारण पारित करवाया गया, संख्या स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि कर्मचारियों की सेवापुस्तिका में वेतन का निर्धारण कोष एवं लेखा विभाग द्वारा पारित नहीं करवाया गया है तो कब तक सभी कर्मचारियों की सेवापुस्तिका में कोष एवं लेखा विभाग द्वारा वेतन पारित करने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी/कर्मचारियों विषयक
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 1613 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले अन्तर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा तहसील कार्यालय एवं नर्मदा घाटी विकास संभाग इन्दौर में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी पिछले 05 वर्षों से अधिक एक ही स्थान पर पदस्थ है? नाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने समय से उक्त विभागों में अधिकारी/कर्मचारी एक ही स्थान पर पदस्थ हैं? इन विभागों की स्थानान्तरण नीति क्या है, इन विभागों में अधिकारियों/कर्मचारियों को क्यों स्थानांतरित नहीं किया गया? (ग) क्या इन विभागों में भी स्थानांतरण नीति अनुसार वर्षों से एक स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण किये जायेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्कूलों के संचालन के संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
31. ( क्र. 1623 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन से स्कूल कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? इसमें से कौन-कौन से स्कूल भवनविहीन हैं इनके भवन कब तक बनाये जायेंगे? भवनविहीन शालायें वर्तमान में कहाँ-कहाँ पर संचालित है? (ख) उक्त में से किन-किन स्कूलों में हैण्डपंप उपलब्ध नहीं हैं? जिन शालाओं में हैण्डपंप उपलब्ध नहीं है, उनमें हैण्डपंप कब तक खनन कराये जायेंगे? (ग) क्या यह भी सत्य है कि प्रश्नांश (क) में वर्णित स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है? यदि हाँ, तो किन-किन स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है? जिन स्कूलों में शौचालय नहीं है उनमें कब तक शौचालय बना दिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति अनुसंधान केन्द्र भोपाल का संचालन.
[आदिम जाति कल्याण]
32. ( क्र. 1653 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति अनुसंधान केन्द्र भोपाल का संचालन विभाग द्वारा कब से किया जा रहा है तथा किस माध्यम से विभाग को अधिकृत किया गया है? (ख) संस्कृति विभाग द्वारा अब तक जनजातियों के हित रक्षण में क्या कार्यवाही की है, उल्लेख करें? (ग) जनजातियों की रीति रिवाज, परम्परा, कला संस्कृति पर कोई ठोस कदम उठाया हो तो वर्णन करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था भोपाल वर्ष 1954 से संचालित हैं। संस्था आदिम जाति कल्याण विभाग के अधीनस्थ कार्य करती है। (ख) संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में निवासरत जनजातियों की सांस्कृतिक परम्परा, कला और सौन्दर्य बोध केन्द्रित 'मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय' की भोपाल में स्थापना, जनजातीय और लोक कला केन्द्रित संग्रहालय 'आदिवर्त' की खजुराहो में स्थापना, जनजातियों की देशज ज्ञान परम्परा और वाचिक साहित्य केन्द्रित अनेक पुस्तकों के प्रकाशन, जनजातीय नृत्य, गायन, वादन, चित्रांकन और शिल्पांकन केन्द्रित और उत्सव प्रदर्शनी और शिविरों आदि के आयोजन। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
प्रदेश में चुनिन्दा शहरों को सोलर सिटी घोषित करने विषयक
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
33. ( क्र. 1722 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक) क्या प्रदेश में ऊर्जा विभाग द्वारा कुछ चुनिन्दा शहरों को सोलर सिटी बनाने का प्लान प्रचलन में है यदि हाँ, तो प्रदेश में कौन-कौन से शहरों को सोलर सिटी बनाया जा रहा है? (ख) क्या इस सम्बन्ध में ऊर्जा विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव केंद्र शासन को प्रेषित किया गया है यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि का यदि नहीं, तो क्यों? (ग) केंद्र को भिजवाये गये प्रस्ताव उपरान्त अब तक कुल कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हो चुका है प्राप्त आवंटन में से कुल कितनी राशी के कार्य कहाँ-कहाँ करवाए गये? (घ) प्रदेश में निजी भवनों पर सोलर उपकरण लगवाने हेतु उपकरणों की वर्तमान दर क्या है मंदसौर में अक्षय ऊर्जा के कौन-कौन सदस्य है। मंदसौर, रतलाम जिले में गत 1 जनवरी 2015 को कितने घरों में सोलर उपकरण किस दर पर लगाए गये? सूची उपलब्ध कराये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश के निम्नलिखित शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित किये जाने की योजना बनाई गई है :- (1) भोपाल, (2) रीवा, (3) ग्वालियर, (4) इन्दौर। (ख) विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा चयनित शहरों को केन्द्र प्रायोजित ''सोलर सिटी योजना'' के अन्तर्गत सोलर सिटी के रूप में विकसित किये जाने के संबंध में मास्टर प्लान नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। मास्टर प्लान में शहरों के विभिन्न क्षेत्रों, यथा आवासीय, व्यावसायिक, संस्थागत, सामाजिक व जनसेवायें, में चरणबद्ध रूप से 10 वर्ष की अवधि में ऊर्जा के नवीन एवं नवकरणीय स्त्रोतों के माध्यम से शहर की कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत भाग पूरे किये जाने का प्रस्ताव लाया गया है। राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) केन्द्र शासन को प्रेषित प्रस्ताव पर चयनित शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित किये जाने हेतु आवश्यक प्रारंभिक गतिविधियों के संचालन के लिए प्राप्त राशि का आवंटन एवं राशि के संबंधित शहर के नगर निगम को विमुक्तिकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। सोलर सिटी कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों अनुसार यह राशि संबंधित शहर के नगर निगम को सोलर सिटी से संबंधित प्रारंभिक कार्यवाहियों के संपादन हेतु विमुक्त की गई है। (घ) निजी भवनों पर सौर पावर प्लांट लगवाने हेतु संयंत्रों की दर, लागू अनुदान राशि व देय हितग्राही अंशदान का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मंदसौर व कही भी अक्षय ऊर्जा के सदस्य की कोई अवधारणा नहीं है। मंदसौर व रतलाम जिलों में गत 01 जनवरी 2015 की स्थिति में घरों में सोलर पावर प्लांट स्थापित नहीं किये गये, अत: दर एवं सूची का सवाल नहीं उठता है।
अध्यापक संवर्ग की अनुकम्पा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 1750 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विषयांकित नियुक्ति में बी.एड. अथवा डी.एड. होने की अनिवार्यता को शिथिल कर नियुक्ति पश्चात् एक निश्चित समय सीमा में बी.एड./डी.एड. करने संबंधी छूट दी जाने संबंधी कोई प्रस्ताव विभाग के पास भेजा गया हैं? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) अनुसूचित जाति तथा जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को देखते हुये अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के अभ्यार्थियों की अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति हेतु बी.एड./डी.एड. करने अथवा व्यापम के संविदा संवर्ग की परीक्षा उत्तीर्ण करने संबंधी नियमों को शिथिल करने की वैधानिक सलाह हेतु क्या कोई प्रस्ताव आया है तथा उस पर क्या सलाह दी गयी हैं? शासन के प्रस्ताव तथा दी गयी वैधानिक सलाह की प्रति उपलब्ध कराएँ? (ग) यदि अनुसूचित जाति-जनजाति के अभ्यार्थियों की नियुक्ति में शिथलीकरण किया जा सकता है तो विषयांकित में क्यों नहीं किया जा सकता?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 1776 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा सेगांव, जिला खरगोन से प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी लगभग 20 माह के अंतराल के बाद दी गई? कार्यालयीन पत्र क्रमांक/174/ए.डी./एबाविसे/15 खरगोन दिनांक 02.02.2015 का जवाब 30.11.2016 को प्राप्त हुआ? देरी से जवाब देने वाले अधिकारी पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतायें। (ख) कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला खरगोन को प्रश्नकर्ता से विगत 2 वर्ष में कितने पत्र/मेल/शिकायत किसी भी माध्यम से प्राप्त हुए। इन पत्र/मेल के जवाब की प्रति देवें। शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) वर्तमान में भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग के कितने पद कब से रिक्त हैं, पद नाम, रिक्तता दिनांक सहित सूची देवें। इन पदों की पुर्ति हेतु कब-कब क्या प्रयास किये गयें? (घ) वर्ष 2016-17 में भगवानपुरा विकासखण्ड के ब्लाक स्तरीय अधिकारी/प्रभारी अधिकारी की दौरा डायरी की प्रति देवें। प्रभारी अधिकारी द्वारा कब-कब भगवानपुरा क्षेत्र में दौरा किया गया? दिनांकवार स्थान सहित सूची देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। परियोजन अधिकारी, सेगांव द्वारा जानकारी विलंब से पत्र क्रमांक 1897/सेगांव, दिनांक 08.11.2016 एवं पुनः पत्र क्रमांक 567/सेगांव दिनांक 30.11.2016 से प्रेषित की गई है। परियोजना अधिकारी को विलंब से जानकारी प्रस्तुत करने के संबंध में भविष्य में पुनरावृत्ति न करने हेतु सचेत किया गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''- (ब-1 से ब-6 तक) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। समय-समय पर स्थानांतरण द्वारा पदपूर्ति करने की कार्यवाही की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
तदर्थ समिति
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 1780 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में कार्यरत तदर्थ समितियों की सूची, उनके सदस्यों के नाम व पते सहित देवें? इन समितियों के गठन एवं कार्य संबंधी नीति/निर्देश की प्रति देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में इन समितियों को प्रदत्त समस्त मदों में राशि की सूची समितिवार देवें। इन समितियों द्वारा व्यय राशि की मदवार सूची देवें। (ग) विगत 2 वर्षों में भगवानपुरा विधानसभा में कार्यरत तदर्थ समिति द्वारा व्यय राशि किन-किन कार्यों हेतु किस-किस आंगनवाड़ी हेतु व्यय की गई? आंगनवाड़ीवार सूची देवें। (घ) उक्त समितियों के व्यय का मूल्यांकन/सत्यापन कार्य किस विभागीय अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिले में कार्यरत तदर्थ समितियों से संबंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है एवं इन समितियों के गठन एवं नीति-निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) विगत 03 वर्षों में जिले में तदर्थ समितियों को प्रदत्त समस्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) विगत 02 वर्षों में भगवानपुरा विधानसभा अंतर्गत कार्यरत तदर्थ समितियों द्वारा विभिन्न कार्यों में व्यय की गई राशि की आंगनवाड़ीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) उक्त समितियों के व्यय का मूल्यांकन/सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है।
आनंद विभाग की गतिविधियों का क्रियान्वयन
[आनन्द]
37. ( क्र. 1789 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में विभाग गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या गतिविधियां कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग द्वारा अपनी गतिविधियों के संचालन हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी की नियुक्ति की गई हैं? यदि हाँ, किन-किन स्तर पर नियुक्तियां की गई है? पद रचनाक्रम की जानकारी देवें? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विभाग द्वारा पंचायत स्तर पर कार्यक्रम संचालन हेतु कोई राशि गत वर्ष ग्राम पंचायतों को प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो विवरण देवें एवं क्या उक्त राशि का शत-प्रतिशत उपयोग उसके निर्धारित प्रयोजन हेतु करा लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त विभाग की गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये विधानसभा क्षेत्र के कुछ निश्चित स्थानों पर रंगमंच एवं नाट्यगृहों का निर्माण किये जाने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा में प्रश्नाधीन अवधि में दिनांक 14 जनवरी, 2017 से 21 जनवरी, 2017 में आनंद उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 3-3 ग्राम पंचायतों के समूह पर क्लस्टर बनाकर खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। (ख) जी नहीं। अपितु जिला स्तर पर विभाग के कार्य के लिए एक नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) जी नहीं। अपितु ग्रामीण तथा पंचायत विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा ग्राम पंचायतों के समूहों को राशि रूपये 15000/- प्रति समूह के मान से प्रदान की गई थी। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
अनुदान योजना के लंबित आवेदन का निराकरण
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 1790 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में मुख्यमंत्री विद्युत पंप अनुदान योजनांतर्गत माह अक्टूबर 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के आवेदन पंजीबद्ध किये गये? हितग्राहियों के नाम सहित माहवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रकरणों में राशि जमा होने के बाद कितनी अवधि में किसानों को विद्युत लाईन खड़ी कर कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान हैं? क्या विभाग द्वारा अनेक स्थानों पर पोल खड़े करने के बाद भी पोल पर तार नहीं खींचे गये हैं, जिससें किसानों को आगामी रबी सीजन में सिंचाई सुविधा से वंचित रहना पड़ेगा? यदि हाँ, तो क्या उक्त स्थिति के कारण किसानों का उग्र आंदोलन होने की प्रबल संभावनाएं हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या कृषक अशोक कुमार पिता शिवप्रसाद अग्रवाल निवासी सुठालिया एवं मानसिंह पिता प्रेमसिंह राजपूत निवासी ग्राम टोंका, अमरलाल पिता गंगाधर धनगर ग्राम टोंका द्वारा माह अक्टूबर 2016 में उक्त योजना में पंजीयन कराने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक न तो पूरे पोल खड़े किये गये, न ही तार खींचे गये और न ही ट्रांसफॉर्मर स्थापित किया गया हैं तथा इसी प्रकार के सैकड़ों प्रकरण वर्तमान में लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त सभी कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत माह अक्टूबर 2016 से प्रश्न दिनांक तक 698 हितग्राहियों के आवेदन पंजीबद्ध किये गये हैं, जिनकी हितग्राहियों के नाम सहित माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आवेदक द्वारा राशि जमा करने के पश्चात स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदाय करने का कार्य पूर्ण करने हेतु 9 माह की समय-सीमा निर्धारित है। बरसात आरंभ हो जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण खम्बों का परिवहन कर खम्बे खड़े किये जाना सम्भव नहीं होता है। अत: प्रश्नाधीन प्राप्त आवेदनों में कृषकों द्वारा औपचारिकता पूर्ण करने के पश्चात बरसात के मौसम के पूर्व खम्बे खड़े किये गये है। उक्त कार्य वरीयता क्रमानुसार निर्धारित समयावधि में ही पूर्ण किये जावेंगे। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) (1) कृषक श्री अशोक अग्रवाल पिता शिवप्रसाद अग्रवाल, ग्राम सुठालिया के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन के कार्य में श्री विष्णु प्रसाद लोधी के द्वारा अपने खेत के सामने से विद्युत लाईन के तार खींचने के कार्य में अवरोध उत्पन्न किया जा रहा था। पुलिस बल की मदद से उक्त कार्य दिनांक 09.07.2017 को संपादित कराया गया है। (2) श्री मानसिंह पिता श्री प्रेमसिंह राजपूत, ग्राम टोंका का आवेदन श्रीमती मानकुंवर पत्नि श्री मानसिंह के नाम से माह नवंबर 2016 में पंजीकृत किया गया था तथा उन्हें स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु कार्य दिनांक 30.06.2017 को पूर्ण कर दिया गया है। (3) श्री अमरलाल पिता गंगाधर धनगर ग्राम टोंका का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। उक्त नाम का व्यक्ति टोंका ग्राम में नहीं होने की पुष्टि सरंपच ग्राम पंचायत टोंका द्वारा की गई है। माह अक्टूबर 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्राप्त 698 आवेदनों के विरूद्ध 177 आवेदकों के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष प्रकरणों का कार्य उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर दिया जायेगा।
प्रतिनियुक्ति की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
39. ( क्र. 1843 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में परियोजना प्रशासक, सहायक आयुक्त तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पदों को किन-किन परियोजना एवं जिला, जनपदों को प्रतिनियुक्ति से भरा गया है? परियोजना का नाम, जिला, जनपद, पदस्थ अधिकारी का नाम तथा पदस्थ अधिकारी का मूल पद एवं पदस्थापना की जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या म.प्र. शासन ने शैक्षणिक कार्यों में लगे अधिकारी/कर्मचारियों को किसी अन्य कार्य में नियमित लगाने पर प्रतिबंधित किया है? यदि हाँ, तो नियम क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुपालन में शासन क्या कदम उठा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 1. आदेश क्रमांक 4-4/15/1-25 दिनांक 02.03.2015 द्वारा डॉ के.के.पाण्डे पशु चिकित्सक सहायक शल्यज्ञ की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर ली जाकर प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सीधी के पद पर पदस्थ किया गया, आदेश क्रमांक/2600/1063/ 2016/1-25 दिनांक 02.12.2016 द्वारा श्री पाण्डे की सेवाऍ उनके मूल विभाग को सौंपी गयी। श्री पाण्डे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक 1192/17 प्रस्तुत कर स्थगन लिया गया है। 2. आदेश क्रमांक/2604/4009/2014/1-25 भोपाल दिनांक 18.12.2014 द्वारा श्री राजेन्द्र सिंह पशु चिकित्सक की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर ली जाकर प्रभारी परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना जयसिंहनगर शहडोल के पद पर पदस्थ किया गया था। आदेश क्रमांक 2601/1063/2016/1-25 दिनांक 2.12.2016 द्वारा श्री राजेन्द्र सिंह की सेवायें उनके मूल विभाग को सौंपी गयी हैं। (ख) जी हाँ। नियम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मान. न्यायालय के निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी।
हवाई पट्टी का निर्माण
[विमानन]
40. ( क्र.
1850 ) श्री
रामलाल रौतेल
: क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) क्या
म.प्र. शासन ने
जिला अनूपपुर
अंतर्गत हवाई पट्टी
बनाने की योजना
बनाई है? यदि हाँ, तो स्थल
का चयन कहाँ
किया गया है? पटवारी
हल्का, रकबा, आराजी नं. का
उल्लेख करें? (ख) क्या
माननीय मुख्यमंत्री
महोदय ने जिला
अनूपपुर में
हवाई पट्टी
बनाने की
घोषणा की थी? यदि
हाँ, तो
क्या प्रगति
हुई है? (ग) क्या
म.प्र. शासन
हवाई पट्टी
बनाने के पक्ष
में नहीं है? यदि
हाँ, तो
कारण बतायें।
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश
के जिन जिलों
में हवाई
पट्टी नहीं
हैं, उनमें
विभागीय बजट
के अनुसार
चरणबद्ध रूप
से हवाई पट्टी
बनाये जाने का
सैद्धान्तिक
निर्णय लिया
गया हैं। वित्तीय
स्थिति के
परिप्रेक्ष्य
में वर्तमान
में जिला
अनूपपुर में
हवाई पट्टी
बनाये जाने का
कोई प्रस्ताव
नहीं हैं।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
41. ( क्र. 1873 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खंडवा जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? संचालित इन भवनों में कितने विभागीय, कितने अन्य शासकीय भवनों एवं कितने केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ख) वर्षाकाल के पूर्व क्षतिग्रस्त एवं मरम्मत योग्य आंगनवाड़ी भवनों के मरम्मत की जिम्मेदारी किसकी है? क्या विभाग द्वारा इस हेतु कोई आवंटन दिया जाता है? (ग) क्या विभाग द्वारा जिले में भवनविहीन केन्द्रों के लिए आंगनवाड़ी भवन निर्माण की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक केन्द्र स्वयं के भवनों में संचालित होने लगेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खंडवा जिले में कुल 1682 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 772 विभागीय भवनों में, 640 अन्य शासकीय भवनों में एवं 270 किराये के भवनों में (भवनविहीन) संचालित है। (ख) वर्षाकाल के पूर्व क्षतिग्रस्त एवं मरम्मत योग्य आंगनवाड़ी भवनों के मरम्मत की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। आंगनवाड़ी भवनों के मरम्मत एवं उन्नयन कार्य हेतु जिले से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुरूप विभाग द्वारा समय-समय पर आंगनवाड़ी भवनों के मरम्मत/उन्नयन हेतु आवंटन उपलब्ध कराया जाता है, तद्नुसार जिला स्तर पर कलेक्टर की सक्षम स्वीकृति से निर्माण एजेंसी का निर्धारण कर मरम्मत/उन्नयन योग्य आंगनवाड़ी भवनों में कार्य कराया जाता है। (ग) प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 1875 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार के कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके वैध आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने के नवीन प्रावधान क्या हैं? (ख) अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त नहीं करने वाले परिवार को एकमुश्त सहायता राशि प्रदान करने के क्या नियम हैं? क्या इसमें वृद्धि की गई है वर्तमान में यह राशि कितनी है? (ग) क्या अनुकम्पा नियुक्ति में वेतनमान/स्थाई नियुक्ति के स्थान पर संविदा नियुक्ति दी जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या नियमों में बदलाव कर स्थाई अनुकम्पा/वेतनमान वाले पदों पर नियुक्ति देने के प्रावधान किये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) निर्देश दिनांक 29.09.2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। अनुकंपा अनुदान राशि रूपये 2.00 लाख है, इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक कल्याण शिविरों का आयोजन
[सामान्य प्रशासन]
43. ( क्र. 1890 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा मुरैना के विकासखण्ड, जौरा एवं मुरैना में वर्ष 2016 एवं जून 2017 तक कितने लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया है? (ख) क्या शासन के निर्देशों के पालन में माह में एक बार हर विकासखण्ड पर लोक कल्याण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो जौरा, मुरैना में कब-कब कहाँ किए गए? तिथि, माह स्थान का नाम सहित जानकारी दीजिए। (ग) उक्त शिविरों में कितने आवेदन प्राप्त हुए एवं कितनों का निराकरण किया? (घ) क्या उक्त आवेदनों को कम्प्यूटराइज्ड किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सुमावली विधानसभा मुरैना के विकासखण्ड, जौरा एवं मुरैना में वर्ष 2016 एवं जून, 2017 तक 36 लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उक्त शिविरों में कुल 629 आवेदन प्राप्त हुए एवं 628 आवेदनों का निराकरण किया गया। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायकों के निज सहायकों के वेतन/भत्तों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 1918 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायकों को मिले निज सहायकों को वेतन एवं मिलने वाले भत्तों के संबंध में शासन के क्या नियम है? नियम की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या उक्त निज सहायकों को उनके मूल विभाग से कार्य करने हेतु कोई लक्ष्य आवंटित किये जा सकते हैं? यदि नहीं, तो क्या इन लक्ष्यों के विरूद्ध इनका वेतन रोका जा सकता हैं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के निज सहायक का विगत 14 माह से विभाग में पैसा होने के बावजूद वेतन रोका गया है? (घ) क्या शासन ऐसे प्रकरणों में वेतन एवं भत्तों के भुगतान के संबंध में कोई पृथक से आदेश जारी करेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) संबंधित निज सहायक जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण बैंक का कर्मचारी है। प्रदेश के समस्त जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण बैंकों के लिए एक मुश्त वसूली समझौता योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत कृषकों से प्राप्त मूलधन राशि शासन के नियमानुसार प्रथमत: राज्य विकास बैंक को प्रेषित की जाती है, राज्य विकास बैंक द्वारा वसूली राशि का 1/3 भाग जिला बैंकों को वेतन एवं प्रबंधकीय व्यय हेतु प्रेषित किया जाता है। राशि कार्यरत कर्मचारियों के वेतन हेतु पर्याप्त न होने से जिले में पदस्थ सेवायुक्तों सहित माननीय विधायक के निज सचिव श्री प्रभात श्रीवास्तव वरि.पर्य. का वेतन 14 माह से लंबित है। (घ) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. दतिया परिसमापन में है। बैंक के परिसमापक द्वारा वसूली उपरांत अन्य देनदारियों के साथ साथ कर्मचारियों के वेतन भत्तों के भुगतान का निराकरण किया जा सकेगा।
आंगनवाड़ी भवन मरम्मत
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 1926 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी आंगनवाडि़यां जर्जर, क्षतिग्रस्त एवं अनुपयोगी हैं, जिनके उपयोग करने से कोई जनहानि हो सकती हैं? ग्राम के नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) इस संदर्भ में बड़नगर कार्यालय से क्या पत्र व्यवहार किये गये एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई जानकारी प्रदान करें। (ग) उपरोक्त भवन की मरम्मत एवं पुन: निर्माण के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक जर्जर, क्षतिग्रस्त एवं अनुपयोगी 05 आंगनवाड़ी केन्द्रों को पंचायत भवन/प्राथमिक शाला तथा किराए के भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) एकीकृत बाल विकास परियोजना द्वारा उक्त जर्जर, क्षतिग्रस्त एवं अनुपयोगी आंगनवाड़ी भवनों को ग्राम के स्कूल/पंचायत भवन/किराये के भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिले की सभी परियोजनाओं के अंतर्गत जीर्ण-क्षीर्ण तथा गिराने की आशंका वाली स्थिति के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का उपयोग तत्काल बंद कर आंगनवाड़ी केन्द्र अन्यत्र स्थान पर संचालित किये जाने के संबंध में आदेश क्रं/3152, दिनांक 30/06/2017 द्वारा निर्देश दिये गये है। (ग) उपरोक्त आंगनवाड़ी भवन वास्तविक रूप से मरम्मत योग्य है या पुनः निर्माण योग्य है इसका तकनीकी परीक्षण कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में है।
जाति प्रमाण पत्र बनाये जाना
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 1937 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 अंतर्गत सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचित लेखा क्रमांक 6.4 जाति प्रमाण पत्र प्रदाय को वर्ष 2014 से लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश भर के स्कूलों के छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण-पत्र प्रदान करने संबंधी अभियान का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त अभियान के अंतर्गत जिला छतरपुर के तहसील नौगांव, महाराजपुर, लवकुशनगर, गौरिहार, चंदला में लोक सेवा केन्द्रों पर वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक स्कूलों के माध्यम से कितने छात्र-छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र किस तिथि को प्राप्त हुये, कितने जाति प्रमाण पत्र बनाकर प्रदाय किये गये एवं कितने शेष रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लोक सेवा केन्द्र में किस-किस स्कूल के कितने छात्रों के जाति प्रमाण पत्र कब से लंबित पड़े है? जानकारी स्कूलवार उपलब्ध करावें। लंबित रहने का कारण, इसके लिए कौन दोषी है। लंबित आवेदन पत्रों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा। (घ) शासन द्वारा स्कूली छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु अंतिम तिथि क्या निर्धारित की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। स्कूलों के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी विशेष अभियान की समय सीमा दिनांक 31 दिसम्बर 2017 तक बढ़ाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनांक 31.12.2017
नवीन विद्युत ट्रांसफॉर्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 1950 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की महाराजपुर, चंदला विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कितने-कितने विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर किस-किस स्थान पर एवं किस-किस योजना से लगाये गये हैं? कितने स्थानों पर लगाना शेष हैं? ग्राम का नाम व स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) छतरपुर जिले की महाराजपुर, चंदला विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा कितने कृषक हितग्राहियों को विद्युत ट्रांसफार्मर लगाकर किस योजना में लाभांवित किया गया तथा आवेदन अनुसार कितनों को किया जाना शेष है? (ग) क्या हितग्राहियों को लाभांवित करने की सूचना समय-समय पर स्थानीय विधायक को दी जाना उचित था? यदि हाँ, तो क्यों नहीं दी गई? इसमें कौन दोषी है? क्या उस पर कोई कार्यवाही की जावेगी? हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छतरपुर जिले के प्रश्नाधीन क्षेत्र में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में दिनांक 30.06.2017 तक विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत कर लगाये गये एवं लगाये जाने हेतु शेष ट्रांसफार्मरों का ग्रामवार, स्थानवार वर्षवार एवं योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में छतरपुर जिले की महाराजपुर एवं चंदला विधानसभा क्षेत्रों में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभिन्न योजनाओं में ट्रांसफार्मर लगाकर लाभान्वित किये गये कृषक हितग्राहियों एवं शेष रहे कृषक हितग्राहियों की योजनावार संख्या निम्नानुसार है :-
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र |
वित्तीय वर्ष |
योजना का नाम |
ट्रांसफार्मर लगाने से लाभान्वित कृषकों की संख्या |
आवेदन अनुसार शेष कृषकों की संख्या |
1 |
महाराजपुर एवं चंदला |
2015-16 |
कृषक अनुदान योजना |
177 |
0 |
2 |
महाराजपुर एवं चंदला |
2016-17 |
कृषक अनुदान योजना |
82 |
0 |
3 |
महाराजपुर एवं चंदला |
2017-18 में 30.06.2017 तक |
कृषक अनुदान योजना |
0 |
0 |
4 |
महाराजपुर एवं चंदला |
2015-16 |
मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना |
0 |
0 |
5 |
महाराजपुर एवं चंदला |
2016-17 |
मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना |
60 |
58 |
6 |
महाराजपुर एवं चंदला |
2017-18 में 30.06.2017 तक |
मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना |
90 |
175 |
(ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में हितग्राहियों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन दिया जाना वितरण कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में सम्मिलित है, अत: इस संबंध में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
स्थानांतरण के आधार के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
48. ( क्र. 2016 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रभारी मंत्री, मन्दसौर जिले द्वारा अपने पत्र क्रमांक 352 दिनांक 09/09/2016 के माध्यम से कितने कर्मचारियों के स्थानान्तरण का आदेश जारी किया गया था? कर्मचारियों के नाम, विभाग तथा स्थान की जानकारी देवें। (ख) प्रभारी मंत्री द्वारा किस व्यक्ति के पत्रों के आधार पर स्थानान्तरण करने की कलेक्टर को कार्यवाही के आदेश दिये गये? (ग) उपरोक्त सूची में किये गये और नहीं किये गये स्थानान्तरण की जानकारी एवं स्थानान्तरण कर निरस्त किये गये स्थानान्तरण की जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा एवं मापदण्डों से विकास कार्य की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
49. ( क्र. 2021 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01.03.2017 को पूछे प्रश्न परि.अता.प्र.सं. 102 (क्रं.2482) के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में लिखा है कि अनुशंसा पत्रों पर राशि स्वीकृत नहीं की जाती है एवं इसी प्रश्न के प्रश्नांश (ग) में अनुशंसा पर राशि स्वीकृत किया जाना बताया गया है। दोनों भागों की वास्तविक स्थिति क्या है? स्पष्ट करें। (ख) इसी प्रकार प्रश्नांश (ख) के उत्तर में विभाग द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि अनुशंसा के आधार पर कार्य स्वीकृत नहीं किये जाते हैं। नियमों में निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर एवं कार्य योजना में आने पर कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। जबकि अजा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सरपंचों के माध्यम से जिले के अन्य जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा पत्र मंगवाने का कारण बतावे। (ग) क्या ऐसे कईं 40 प्रति. से अधिक अजा बाहुल्य ग्राम हैं जिनमें विकास हेतु आज दिनांक तक राशि जारी नहीं हुई? राशि जारी न होने का कारण बतावे। (घ) अजा बस्तियों में विकास हेतु क्या-क्या मापदण्ड तैयार किए गए हैं? विभाग को प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर राशि वितरण में जनप्रतिनिधि द्वारा दिए गए कार्य की ही राशि स्वीकृत की गई है या कुछ फेरबदल किया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नियमों में निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर एवं कार्य योजना में आने पर जो अनुशंसाएं माननीय जनप्रतिनिधियों की प्राप्त थी उन पर स्वीकृति की कार्यवाही की गई। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के नियम के अनुरूप कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। सरपंचों से कार्य स्वीकृत किये जाने संबंधी कोई पत्राचार नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। जिले को प्राप्त आवंटन सीमा में कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। (घ) अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम, 2014 एवं 2016 में दर्शित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जनप्रतिनिधियों के द्वारा अनुमानित राशि के प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं। कार्यों की स्वीकृति प्राक्कलन मय स्वीकृति के आधार पर प्रदान की जाती है। तदनुसार जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित राशि में परिवर्तन किया गया है।
एक ही स्थान वर्षों से जमे अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानान्तरण
[नर्मदा घाटी विकास]
50. ( क्र. 2033 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग अन्तर्गत नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी पिछले 05 वर्षों से अधिक समय से एक ही पद व एक ही स्थान पर एवं एक ही जिले में पदस्थ हैं? नाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की स्थानान्तरण नीति क्या है? प्राधिकरण में वर्षों से जमे अधिकारियों/कर्मचारियों को क्यों स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्राधिकरण में स्थानांतरण नीति अनुसार वर्षों से एक स्थान पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण किये जायेंगे? यदि हाँ, तो समय सीमा बतायें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की स्वयं की पृथक से कोई स्थानांतरण नीति नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का पालन किया जाता है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का स्वयं का स्थाई संवर्ग न होने के कारण कार्य संचालन हेतु अधिकारी/कर्मचारियों की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभागों से प्राप्त की जाती हैं। संबंधित विभागों से रिक्त पदों की पूर्ति होने पर। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आनन्द विभाग द्वारा राशि आवंटन
[आनन्द]
51. ( क्र.
2046 ) श्री
महेन्द्र
सिंह : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
आनन्द विभाग
की ऐसी कोई
योजना है, जिसमें
कीर्तन मंडलियों
को
वाद्ययंत्र
क्रय करने एवं
छात्रों के
खेलकूद आदि
के लिए
सामग्री क्रय
की जा सके? (ख) क्या
आनन्द विभाग
द्वारा पन्ना
जिले को कोई
राशि आवंटित
की गई है? यदि हाँ, तो
किस प्रयोजन
के लिए कितनी
राशि आवंटित
की गई हैं?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
नहीं। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्नांश
लागू नहीं।
जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 2049 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत वर्ष २०१४ से प्रश्न दिनांक तक जन सुनवाई में कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए वर्षवार, विभागवार जानकारी उपलब्ध करावे। कितने आवेदन पत्रों की जाँच में आवेदक दोषी पाए गए? (ख) पन्ना जिला अंतर्गत वर्ष २०१४ से प्रश्न दिनांक तक जन सुनवाई के आवेदन पत्रों में जाँच उपरांत दोषी पाए गए कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गईं? यदि दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई तो इसका क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जिस विभाग के सबसे अधिक आवेदन पत्र जनसुनवाई में प्राप्त होते हैं उस विभाग की समस्यों को निपटाने की जिला प्रशासन की क्या व्यवस्था हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 23352 आवेदन प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। कोई आवेदक दोषी नहीं पाया गया। (ख) कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आवेदन पत्रों की कलेक्टर द्वारा विभागवार प्रत्येक सप्ताह सोमवार को टी.एल. बैठक में समीक्षा की जाती है।
क्षेत्रान्तर्गत नवीन ग्रिड/उपकेन्द्र स्थापना
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 2052 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में अटल ज्योति अभियान के सुचारू क्रियान्वन हेतु या अन्य तकनीकी आवश्यकताओं को देखते हुए किन-किन नवीन ग्रिड या उपकेन्द्र की स्थापना की गई है? (ख) दीनदयाल योजना अंतर्गत नवीन ग्रिड या उपकेन्द्र स्थापना हेतु कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के अनुरोध पर माननीय मंत्री महोदय द्वारा पत्र क्र. 204, दिनांक 24.04.2017 द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र. पश्चिम क्षेत्र वि.वि.कं. इन्दौर को दावतपुर में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापना हेतु निर्देशित किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से नवीन ग्रिड या उपकेन्द्र प्रस्तावित हैं? प्रस्तावित ग्रिड, उपकेन्द्र की स्वीकृति कब तक होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि (वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक) में आगर जिले में 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र नलखेड़ा को दिनांक 17.08.2015 को एवं शाजापुर जिले में 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र कालापीपल को दिनांक 22.12.2015 को स्थापित कर ऊर्जीकृत किया गया तथा इस अवधि में आगर एवं शाजापुर जिलों में 33/11 के.व्ही. के 5 उपकेन्द्रों की स्थापना की गयी, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत आगर जिले में 33/11 के.व्ही. के 2 एवं शाजापुर जिले में 33/11 के.व्ही. के 7 उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य स्वीकृत है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रबंध संचालक, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर को ग्राम दावतपुर में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु तकनीकी परीक्षण कर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कार्य कराने हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त तारतम्य में आगर जिले के अंतर्गत ग्राम दावतपुर में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु तकनीकी परीक्षण करवाया गया एवं यह पाया गया कि ग्राम दावतपुर एवं आस-पास के ग्रामों को विद्युत प्रदाय कर रहे 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बडागांव से निर्गमित 11 के.व्ही. कृषि फीडर के अंतिम छोर पर उच्चतम माँग की अवधि में कतिपय अवसरों पर कम वोल्टेज की समस्या आती है। उक्त समस्या के निराकरण हेतु ग्राम दावतपुर को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. कृषि फीडर का कुछ भार 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र गोंदलमऊ से निर्गमित 11 के.व्ही. कृषि सिंचाई फीडर पर स्थानान्तरित किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिये 0.6 किलोमीटर 11 के.व्ही. इन्टर कनेक्टर लाईन के निर्माण की आवश्यकता होगी। संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए भविष्य में उक्त कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान की जावेगी। उक्त कार्य पूर्ण होने के बाद उक्त कृषि फीडर पर कम वोल्टेज की समस्या का निराकरण होगा तथा ग्राम दावतपुर में पृथक से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण की आवश्यकता नहीं रहेगी। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत ग्राम ताखला एवं ग्राम खेरिया (सोयत) में प्रस्तावित नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना के कार्यों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत कर दिया गया है।
ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मानदेय वृद्धि
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 2053 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में कितनी ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत हैं? जिलेवार विवरण देवें? (ख) कार्यरत ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्या इनकी सेवा शर्तें निर्धारित हैं? (ग) क्या ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा अपने मानदेय वृद्धि हेतु निरन्तर मांग की जाती रही है? यदि हाँ, तो विगत 10 वर्षों में इनके मानदेय में वृद्धि कब-कब कितनी कितनी की गई? (घ) क्या ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की सेवा शर्त बनाकर या सेवा शर्तों में सुधार कर मानदेय वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित हैं? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से इस ओर विचार कर निर्णय लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) म.प्र. में कार्यरत ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यरत ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता को राशि रुपये 3000/-प्रतिमाह एवं ऑगनवाड़ी सहायिका को राशि रुपये 1500/-प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिका का पद मानसेवी होने से सेवा शर्ते नहीं है। (ग) जी हाँ। विगत 10 वर्षों में इनके मानदेय में हुई वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिका का पद मानसेवी होने से सेवा शर्तें नहीं है। अतः शेष का प्रश्न नहीं है। भारत सरकार द्वारा ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है। मानदेय बढ़ाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है।
ग्राम, मजरे टोलों में बिजली उपलब्धता
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 2083 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील के क्षेत्रान्तर्गत 11वीं एवं 12वीं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत बिजली विहीन ग्रामों में बिजली उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्य कराये गये है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो विगत जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से ग्रामों में बिजली उपलब्ध कराये जाने का कार्य किया गया है? उक्त कार्य से कितने हितग्राहियों को लाभांवति किया गया हैं? वर्षवार लाभांवित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसीलों के क्षेत्रान्तर्गत 11वीं नहीं अपितु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। (ख) जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत शहडोल जिले की जयसिंहनगर तहसील के 2 अविद्युतीकृत ग्रामों यथा-कुठली एवं खरगड़ी के विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उक्त कार्य से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के 210 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। उक्त हितग्राहियों सहित 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसीलों के क्षेत्रान्तर्गत वर्षवार लाभान्वित सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
तहसील |
वर्षवार लाभान्वित बी.पी.एल. हितग्राहियों की संख्या |
||||
11वीं पंचवर्षीय योजना |
12वीं पंचवर्षीय योजना |
|
||||
वर्ष 2014 |
वर्ष 2015 |
वर्ष 2016 |
वर्ष 2017 |
|
||
1 |
जयसिंहनगर |
2618 |
1493 |
3987 |
882 |
|
2 |
ब्यौहारी ब्लॉक |
493 |
0 |
2704 |
2892 |
|
हरिजन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
56. ( क्र. 2084 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा हरिजन तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के विकास कार्य हेतु तथा उक्त समुदाय के व्यक्तियों को व्यक्तिगत लाभ प्रदान किये जाने हेतु शासन द्वारा राशि प्रदाय की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विगत जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक उक्त आवंटित राशि से विकास हेतु कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं। ग्रामवार, व्ययवार कार्य की भौतिक स्थिति सहित एवं व्यक्तिगत लाभांवित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्रों में विकास कार्य हेतु राशि प्राप्त हुई है। व्यक्तिगत लाभ की जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अन्तर्जातीय विवाह में जन्म प्रमाण पत्र में पिता की जाति की अनिवार्यता समाप्त करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
57. ( क्र. 2099 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग समाज में महिलाओं को पुरूषों के समकक्ष खडा करने हेतु एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए अन्तर्जातीय विवाह की स्थिति में पिता की जाति की अनिवार्यता को समाप्त करते हुये पिता अथवा माता किसी की भी जाति का जाति प्रमाण बनाए जाने संबंधी कानून बनाने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्ताव भेजेगा? (ख) क्या शासन द्वारा अन्तर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति की महिलाओं से अन्तर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने की दिशा में उक्त कानून मददगार होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये वर-वधू पक्ष से किसी एक पक्ष का अनुसूचित जाति का होना आवश्यक है जिसका जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना आवश्यक है। पिता के जाति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला बाल विकास के अन्तर्गत संचालित योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 2101 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला बाल विकास के अन्तर्गत लाड़ली लक्ष्मी, उषा किरण, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण, लाड़ो, स्वागतम लक्ष्मी एवं शौर्या दल योजना संचालित है। यदि हाँ, तो उक्त योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार की क्या योजना रही है? (ख) विदिशा जिले में प्रश्नांकित (क) में उल्लेखित योजना के प्रचार-प्रसार हेतु किस-किस मद में आवंटन वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदाय किया गया, किस-किस मद में व्यय किया गया? परियोजनावार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत आने वाली परियोजना अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 में प्रचार-प्रसार पर हुये व्यय व्हाउचरों की छायाप्रति उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ, जिले में योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु कार्यशालाओं का आयोजन, वॉल पेन्टिग, होर्डिग्स, फ्लैक्स, पम्पलेट, पोस्टर, स्टीकर, रेडियों प्रसारण, समाचार पत्र में प्रकाशन, योजनाओं के प्रचार हेतु जिले की डायरी, महिला सम्मेलन, भोपाल, लाड़ली लक्ष्मी योजनान्तर्गत छात्रवृत्ति वितरण शुभारंभ कार्यक्रम, महिला दिवस कार्यक्रम, मैराथन बालिका दिवस, गणतंत्र दिवस पर झांकी, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस, वीरांगना झलकारी बाई दिवस, अन्तयोंदय मेला, स्वास्थ्य मेला, जागरूकता शिविर आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया है। (ख) विदिशा जिले में प्रश्नांकित (क) में उल्लेखित योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विज्ञापन एवं प्रचार मद में आंवटन प्राप्त हुआ है। एवं प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित कार्यक्रम/मदों में व्यय की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) बासौदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित परियोजना बासौदा-1, बासौदा-2 एवं ग्यारसपुर में वर्ष 2014-15, 2015-16 में प्रचार-प्रसार पर हुये व्यय के व्हाउचर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आरक्षित वर्ग के भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 2103 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के अधीन विभिन्न विभागों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी हेतु कुल स्वीकृत पदों के विरुद्ध अनु.जा., अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कितने अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं? क्या ये सभी अधिकारी/कर्मचारी सीधी भर्ती के तहत नियमित पदों पर पदस्थ हैं? (ख) क्या प्रदेश के सभी विभागों को मिलाकर लगभग 650000 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो अ.जा. हेतु (16%), अ.ज.जा. हेतु (20%) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु (14%) निर्धारित आरक्षण प्रतिशत के हिसाब से कुल कितने पदों पर अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? (ग) क्या अभी तक सीधी भर्ती के रिक्त पदों को नहीं भरा गया है? न भर पाने के क्या कारण हैं? क्या लम्बे समय से इन पदों को न भरने के कारण इन वर्गों को आर्थिक दृष्टि से काफी नुकसान हो रहा है? (घ) क्या वर्तमान में सीधी भर्ती के लगभग 104000 रिक्त पदों पर संविदा तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के रूप में इन वर्गों की नियुक्तियां की जा रही हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश के विभिन्न विभागों में इन पदों पर कितनी भर्तियाँ की गई हैं? संख्यात्मक जानकारी बताएं। क्या शासन इन वर्गों को नियमित पदों के विरुद्ध संविदा/दैनिक वेतन पर रख कर आर्थिक शोषण नहीं कर रही है? क्या म.प्र. शासन द्वारा वर्तमान में विभिन्न विभागों में आरक्षित वर्ग के लगभग 104000 रिक्त पदों को सीधी भर्ती के द्वारा नियमित वेतनमान पर भर्तियाँ कर ली जाएंगी? यदि हाँ, तो कितने दिनों में?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आनन्द विभाग अन्तर्गत प्राप्त आवेदन एवं व्यय
[आनन्द]
60. ( क्र. 2108 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में आनन्द विभाग गठन पश्चात कितना आवंटन प्राप्त हुआ है तथा यह आवंटन कौन से विभाग को प्रदाय किया गया है? (ख) प्राप्त राशि का व्यय कौन-कौन से कार्यों हेतु किया जा सकता है? इस सम्बंध में क्या नियमावली है? खरगोन जिलो के अन्तर्गत वर्तमान तक कौन-कौन से कार्यक्रमों में राशि व्यय की गई है? कार्यक्रमवार खर्च का विवरण प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगोन जिले को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा आनंद उत्सव कार्यक्रम हेतु राशि रूपये 29,55,000/- का आवंटन प्राप्त हुआ। यह राशि जनपद पंचायतों को प्रदाय की गई। (ख) प्राप्त राशि का व्यय आनंद उत्सव कार्यक्रम हेतु किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा इस संबंध में जारी किये गये दिशा-निर्देश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार है। गतिविधि/कार्यक्रमवार खर्च का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है।
विशेष केन्द्रीय सहायता मद एवं 275 (1) अन्तर्गत राशि का आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
61. ( क्र. 2109 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिला क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) में कितनी राशि का आवंटन शासन द्वारा प्रदाय किया गया है तथा प्राप्त आवंटन राशि से कौन-कौन से कार्य होते हैं? (ख) क्या वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 का खरगोन जिले हेतु आवंटन शासन से आपेक्षित है? यदि हाँ, तो वह कितनी राशि है तथा वह जिले में कब प्राप्त होगी? क्या उपरोक्त मदों की राशि का उपयोग अनु.ज.जाति के विकास के अतिरिक्त अन्य कहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ पर तथा क्या यह संविधान के अनुरूप है? यदि नहीं, तो इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो उसके लिये शासन द्वारा दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगोन जिला को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विशेष केन्द्रीय सहायता, संविधान के अनुच्छेद 275 (1) में निम्नानुसार बजट आवंटन जारी किया गया :-
मद |
प्रदत्त आवंटन (राशि लाखों में) |
|
वर्ष 2015-16 |
वर्ष 2016-17 |
|
विशेष केन्द्रीय सहायता |
0.00 |
0.00 |
अनुच्छेद 275 (1) |
176.98 |
0.00 |
उपरोक्त आवंटन से राशि रू. 161.98 लाख से कम्पाउण्ड वाल निर्माण एवं राशि रू. 15.00 लाख से किचिन गार्डन का निर्माण कराया गया। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में प्रदत्त राशि का उपयोग अनुसूचित जनजाति के विकास के अतिरिक्त अन्य कहीं नहीं किया गया है। अत: प्रश्नांश का शेष भाग लागू नहीं होता।
फर्जी तरीके से वेतन का आहरण कर भुगतान किया जाना
[आदिम जाति कल्याण]
62. ( क्र. 2178 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा के आदेश दिनांक 24/01/2017 के द्वारा श्री सत्यनारायण परतेती शिक्षक को आदिवासी छात्रावास सांख से विकासखण्ड विछुआ के शा.मा. शाला खमरियामाल संकुल केन्द्र मोया में और श्री बलराम सोनी शिक्षक मझियापार को सांख में पदस्थ किये जाने का आदेश प्रसारित किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या श्री सत्यानारायण परतेती द्वारा नवीन पदस्थापना स्थान पर उपस्थिति होकर शैक्षणिक कार्य किया गया? यदि हाँ, तो उपस्थित पंजी की छायाप्रति सहित उनके द्वारा किये गये शिक्षण कार्य की दैनंदिनी डायरी संलग्न करें और यदि उपस्थित नहीं हुए तो उनके द्वारा आदेश दिनांक से वर्तमान तक किस कार्यालय में किस आदेश के तहत कौन से शासकीय कार्य का संपादन किया गया है? पूर्ण विवरण सहित जानकारी दें। (ग) क्या श्री सत्यनारायण परतेती के द्वारा बिना किसी कार्य के आदिवासी आयुक्त कार्यालय छिन्दवाड़ा के कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर संकुल केन्द्र खमरा से 5 माह का वेतन आहरण कर भुगतान कराया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम निर्देश के तहत किस कार्यालय में श्री परतेती का कार्य संपादन बताकर वेतन आहरण किया गया है? (घ) क्या शासन उक्त पूरे मामले की जांच कर बिना काम का वेतन आहरण कर भुगतान करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही एवं बिना कार्य का वेतन प्राप्त करने वाले शिक्षक के विरूद्ध कार्यवाही कर इस अवधि का (नो वर्क नो पे) के आधार पर भुगतान किये गये वेतन की वसूली कर खजाने में जमा किये जाने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ''जी हाँ''। (ख) श्री सत्यनारायण परतेती द्वारा नवीन पदस्थापना स्थान मा.शा.खमरियामाल में अपनी उपस्थित नहीं दी है। अत: उपस्थित पंजी दैनदिनी डायरी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। श्री सत्यनारायण परतेती शिक्षक द्वारा कार्यालयीन आदेश क्रं/305/सा.स्था./आवि/2017 छिन्दवाड़ा दिनांक 24.01.2017 के द्वारा की गई आदेशित संस्था शा.मा.शाला खमरियामाल में उपस्थित न होते हुए उनके द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 2309/2017 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 14.02.2017 को पारित निर्णय के आधार पर श्री परतेती द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण दिनांक 01.06.2017 कर उन्हें आदिवासी बालक छात्रावास सांख में अधीक्षक के पद पर यथावत कार्य करने हेतु आदेशित किया गया। आदेश के परिपालन में श्री परतेती द्वारा दिनांक 02.06.2017 को आदिवासी बालक छात्रावास सांख में उपस्थित हुए। (ग) जी नहीं। श्री सत्यनारायण परतेती का माह जनवरी 17 का वेतन आदेश दिनांक 24.01.2017 को होने तथा माह फरवरी का वेतन चार्ज देने की कार्यवाही प्रचलित रहने के कारण उपस्थित पत्रक के आधार पर किया गया। माह मार्च एवं अप्रैल की उपस्थिति प्रमाणित नहीं होने से उनका वेतन आहरित नहीं किया गया। श्री सत्यनारायाण परतेती के माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय के परिपालन में प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण दिनांक 01.06.2017 को किये जाने तथा परतेती आदिवासी बालक छात्रावास सांख में उपस्थित होने के फलस्वरूप माह मई 2017 एवं जून 2017 का वेतन आहरित किया गया है। (घ) माह मई के वेतन आहरण की जाँच कराई जाकर गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 2190 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बमोरी जिला गुना के सम्पूर्ण गांवों में या कुछ गांवों में विगत 05 वर्षों में राजीव गांधी ग्रामीण योजनांतर्गत विद्युत लाईनें, ट्रांसफार्मर या अन्य कार्य स्वीकृत हुये थे? उन स्वीकृत कार्यों में से कितने गांवों में कार्य पूर्ण हुये? क्या कार्य पूर्ण होने के बाद विद्युत यंत्र चोरी हुए क्या उनकी एफ.आई.आर.कराई गई और क्या चोरी गए स्थान पर पुन: विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में जो कार्य स्वीकृत हुये उनके प्राक्कलन अनुसार क्या उन गांवों में संपूर्ण कार्यों को पूर्ण होने का भौतिक सत्यापन करके विद्युत कंपनी द्वारा अधिग्रहण कर लिया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित तथ्यों पर विद्युत कंपनी द्वारा अधिग्रहण करने के बाद प्रश्न दिनांक, स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार सभी गांवों में विद्युत यंत्र यथावत सुचारू रूप से चालू हैं या बंद पड़े हैं या चोरी हो गये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधान सभा क्षेत्र बमोरी के 64 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित थे। उक्त योजनांतर्गत बमोरी विधानसभा क्षेत्र के इन 64 ग्रामों के मजरो/टोलों/बस्तियों में 11 के.व्ही. लाईन, एल.टी. लाईन एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना कर सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन प्रदाय किये जाने थे। बमोरी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत उक्त सभी 64 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण हो गए है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कराए गए उक्त कार्यों में चोरी की कोई घटना संज्ञान में नहीं आई है, अत: तत्संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) बमोरी विधानसभा क्षेत्र में 3 ग्रामों के 11 मजरों/टोलों में विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण विद्युत प्रदाय बन्द है तथा शेष सब जगह नियमानुसार विद्युत लाइनें एवं संयंत्र सुचारू रूप से चालू है।
आदिम जाति, अनु. जाति एवं जनजाति के लोगों को दी जाने वाली जनसुविधा
[आदिम जाति कल्याण]
64. ( क्र. 2191 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के बमोरी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति, अनु. जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग की सभी योजनाओं में प्राप्त बजट का उपयोग एवं भौतिक सत्यापन किया है? यदि नहीं, तो कब तक करायेंगे? (ख) क्या आदिम जाति के लोगों के लिये आदिम जाति बाहुल्य क्षेत्र बमोरी के लिये कोई स्पेशल पैकेज, उन्हें शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक तथा रोजगार हेतु दिया गया है? यदि नहीं, तो वर्तमान में कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ग) क्या गुना जिले में आदिम जाति, जनजाति तथा अनु.जाति के लोगों के भूमि बंटन के प्रस्ताव वनभूमि एवं राजस्व भूमि के पेंडिग है? उन्हें कब तक पूर्ण करायेंगे और आदिम जाति के लोगों को दी जाने वाली योजनाओं के लिये मांग अनुसार बजट कब तक दिलायेगे? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की समीक्षा कर जांच एवं सत्यापन कराकर दी जा चुकी योजनाओं और दी जाने वाली योजनाओं की कार्यवाही के लिये कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग उनकी आपूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अन्तर्गत यदि कोई पात्र आवेदक अधिनियम के तहत आवेदन पत्र प्रस्तुत करता है, तो उसे अधिनियम के प्रावधान अन्तर्गत अधिकार पत्र दिया जायेगा। यह एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में कोई भी अधिकार पत्र वितरण हेतु पेंडिंग नहीं है। राजस्व भूमि का विभाग अन्तर्गत कोई प्रकरण पेंडिंग नहीं है। बजट मांग अनुसार दिलाने का प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रोटोकाल का पालन
[सामान्य प्रशासन]
65. ( क्र. 2208 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सांसदों, विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के संबंध में प्रोटोकाल का पालन करने के नियम/दिशा-निर्देश एवं मापदण्ड क्या हैं? (ख) उक्त जनप्रतिनिधियों को निर्वाचित क्षेत्र व जिलों में शासकीय एवं विभागीय व अन्य कार्यक्रमों में प्रोटोकाल के तहत बुलाये जाने के नियम व मापदण्ड क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिपालन में कोई अनियमितता एवं लापरवाही की जाती है तो संबंधितों के विरूद्ध शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जाने के प्रावधान हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) मध्यप्रदेश के सांसदों, विधायकों के संबंध में प्रोटोकॉल का पालन करने हेतु जारी किये गये मापदंड और निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। उक्त निर्देशों की अवहेलना पर लागू आचरण या सेवा नियमों के अधीन अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।
जनसुनवाई के दौरान लंबित शिकायतें
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 2209 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जनसुनवाई के दौरान कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कितनी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है व कितनी शिकायतें लंबित हैं? (ख) लंबित शिकायतों के निराकरण न होने के क्या कारण हैं? क्या लंबित शिकायतों का निराकरण किया जा सकेगा? (ग) क्या संबंधित विभागों द्वारा लंबित शिकायतों के समाधान कारक निराकरण प्राप्त होने के पश्चात भी जिला स्तर पर अनेक प्रकरण पोर्टल पर लंबित होना पाया जा रहा है? यदि हाँ,तो कारण बतावें? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक तथा समाधान कारक लंबित प्रकरणों को पोर्टल से कब तक हटा लिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल प्राप्त शिकायतें 16993, कुल निराकृत 14606, कुल लंबित 2387 (ख) नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी विकास क्षेत्रों में स्कूलों का संचालन एवं पदस्थापना
[आदिम जाति कल्याण]
67. ( क्र. 2211 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की जनपद पंचायत बिरसा, बैहर एवं परसवाडा में स्कूलों का संचालन आदिवासी विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन स्कूलों में कौन-कौन शिक्षक एवं अध्यापक कब से पदस्थ हैं और उनकी मूल पदस्थापना कहाँ है? किन-किन शिक्षकों एवं अध्यापकों की मूल पदस्थापना अन्यत्र स्कूलों में किस अधिकारी के आदेश से स्थानांतरित या संलग्न अथवा पदस्थापना की गई एवं इसके नियम क्या है? (ग) क्या इन स्कूलों में वर्ष 2014-15 से 2015-16 एवं 2016-17 में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो उक्त वर्षों में इन स्कूलों में कहाँ-कहाँ किस अतिथि शिक्षक की नियुक्ति की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) अध्यापकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शिक्षकों एवं अध्यापकों को इनकी मूल पदस्थापना से अन्यत्र कार्य करने हेतु आदेशित किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। संलग्नीकरण के शासन नियम नहीं हैं। विभागांतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में नियमित अधीक्षक/अधीक्षिकाओं की पदस्थापना नहीं होने से तथा छात्रावास/आश्रम का संचालन कार्य अत्यंत आवश्यक अपरिहार्य एवं अनिवार्य होने के कारण तत्कालिक व्यवस्था के अंतर्गत विभागीय शालाओं में कार्यरत शिक्षक/अध्यापक संवर्ग से अधीक्षक के पद का कार्य लिया जा रहा है। साथ ही दिनांक 22.06.2017 के द्वारा मूल पदस्थ शाला से अन्यत्र शाला/कार्यालय में कार्य कर रहे शिक्षक/अध्यापकों के कार्य (आसंजन) आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किये गये हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
समाज सेवा एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को पुरस्कार
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 2221 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सरकार ने समाज सेवा, वीरता, साहसी कार्यों को करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित करने हेतु कौन-कौन से पुरस्कारों को संचालित किया है? तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्ष २०१३ से अब तक किस-किस क्षेत्र में किन-किन संस्था अथवा महिलाओं को सम्मानित किया? जिलेवार वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) क्या दी जाने वाली सम्मान राशि को शासन पर्याप्त मानता है? अथवा इसे बढ़ाने का विचार शासन रखता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सरकार ने समाज सेवा, वीरता, साहसी कार्यों को करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित करने हेतु निम्न पुरस्कारों को संचालित किया है:- 1. रानी अवंतीबाई वीरता पुरस्कार 2- राजमाता विजयाराजे सिन्धिया समाज सेवा पुरस्कार 3. श्री विष्णुकुमार समाजसेवा पुरस्कार 4. मुख्यमंत्री नारी सम्मान रक्षा पुरस्कार 5. अरुणा शानबाग वीरता पुरस्कार (ख) संलग्न परिशिष्ट पर है (ग) जी हाँ, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बेलखेड़ी एवं पिपरिया माइनर का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
69. ( क्र. 2250 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली रा.अ.सा.परि. बांयी तट नहर की बेलखेड़ी एवं पिपरिया माइनर के निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त नहरों के निर्माण का कार्य किन-किन ठेकेदारों ने प्रारंभ कर दिया है एवं कितना कार्य अब तक हुआ है? (ग) उक्त निर्माण से किसानों को पानी कब तक मिलेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) बेलखेड़ी माइनर की आर.डी. 0.00 कि.मी. से आर.डी. 15.00 कि.मी. एवं 11 सब माइनरों में 16 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। आर.डी. 1.575 कि.मी. से आर.डी. 1.730 कि.मी. के मध्य ग्राम कुसली के पास ओपन ट्रफ एक्वाडक्ट के निर्माण की निविदा हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पिपरिया माइनर की आर.डी.0.00 कि.मी. से आर.डी. 12.00 कि.मी. एवं 22 माइनरों तथा 9 सब माइनरों में 38 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) बेलखेड़ी माइनर नहर के निर्माण के 2 कार्य श्री सुमित सिंह, ग्राम सगड़ा जिला जबलपुर से अनुबंधित हैं एवं 16 प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं। पिपरिया माइनर नहर के निर्माण के 2 कार्य मेसर्स साक्षी ट्रेडर्स, बड़ी ओमती, जबलपुर से अनुबंधित हैं एवं 38 प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 2270 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के मण्डला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत गांवों में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा हैं? (ख) यदि हाँ, तो, कब से किया जा रहा हैं और विगत तीन वर्षों में कौन-कौन योजना में किस-किस गांव का विद्युतीकरण कार्य किया गया हैं? कौन-कौन से गांव शेष हैं और क्यों? ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार तथा वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में विद्युतीकरण हेतु किन-किन ठेकेदारों के बिलो का कितना-कितना भुगतान किया गया हैं और क्या इन ठेकेदारों के द्वारा निश्चित समयावधि में अपना कार्य पूर्ण किया गया? यदि नहीं, तो, इन्हें भुगतान करने का औचित्य एवं इन पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला मंडला में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य माह फरवरी-15 तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का कार्य माह मार्च-17 से किया जा रहा है। मण्डला विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कार्य किये गये है, जिनमें ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य की ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं सघन विद्युतीकरण हेतु शेष ग्रामों की ग्रामवार, पंचायतवार एवं विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त कार्यों का शेष होने का मुख्य कारण पहुंच मार्ग उपलब्ध नहीं होना एवं ग्रामीण क्षेत्र में ठेकेदार एजेन्सी को उक्त कार्य हेतु आवश्यकतानुसार कुशल श्रमिकों का उपलब्ध नहीं होना है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में मण्डला जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीरण योजना के अंतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टास, मुंबई को किये गये भुगतान की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त योजनान्तर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टास, मुंबई द्वारा निश्चित समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। योजना के प्रावधानों तथा ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबन्ध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी द्वारा प्रस्तुत बिलों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप रू. 11.45 लाख की राशि की वसूली गई है। ठेके की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी को भुगतान किया गया है।
हितग्राही मूलक योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 2272 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले में वर्ष 2014-15 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित हितग्राही मूलक एवं निर्माण कार्यों से संबंधित योजनाओं का भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का विकास खण्डवार, मदवार एवं कार्यवार ब्यौरा देवें? (ख) उपर्युक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिला अंतर्गत किस मद से क्या-क्या सामग्री किन नियमों के अंतर्गत क्रय की गई है? विकास खण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या उपरोक्त सामग्री क्रय एवं भुगतान के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण कर इन योजनाओं का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो, वैधानिक निरीक्षण प्रतिवेदन वर्षवार, मदवार एवं कार्यवार उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मंडला जिले में वर्ष 2014-15 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '01' एवं '02' पर तथा निर्माण कार्यों से सबंधित योजनाओं का भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विकासखंडवार/मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '03' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मंडला जिला अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये जिला स्तर से भंडार क्रय नियमों के अनुरूप क्रय की गई सामग्री, भौतिक सत्यापन उपरांत आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '04' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण से संबंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '05' अनुसार है।
विभागीय आदेशों का पालन
[सामान्य प्रशासन]
72. ( क्र. 2273 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार शासकीय कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण तथा अन्य प्रशासकीय बैठकों में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित करना तथा निर्माण कार्यों/शिलान्यासों में क्षेत्रीय विधायक का नाम अंकित करने के वैधानिक निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-2017 में विधानसभा क्षेत्र मण्डला अंतर्गत नगरीय विकास नगर पालिका मण्डला एवं नैनपुर तथा नगर परिषद बहनीबंजर एवं ग्रामीण क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत नैनपुर एवं मण्डला में सम्मिलित ग्राम पंचायतों में उक्त अवधि में स्वीकृत तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत शासकीय कार्यों के भूमिपूजन अथवा लोकापर्ण में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया तथा पट्टिका में नाम अंकित किया गया? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन के आदेश की अवहेलना की गई है? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी ओर कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शासन के किसी भी विभाग/कार्यालय/संस्थाओं द्वारा आयोजित शासकीय/सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में संबंधित क्षेत्र के माननीय सांसद/विधायक को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किये जाने तथा कार्यक्रमों में शिलालेख लगाये जाने पर ऐसी शिलाओं में उनके नाम अनिवार्य रूप से अंकित किये जाने के सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में उल्लेखित स्थानों में स्वीकृत कार्यों के भूमि पूजन एवं लोकार्पण हेतु स्थानीय निकाय स्तर पर माननीय क्षेत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाकर पट्टिका में नाम अंकित किये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युत प्रदाय कराने बावत्
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 2287 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधान सभा क्षेत्र में 1 जुलाई 2017 की स्थिति में ऐसी कौन-कौन से गांव, मजरा, टोला है जिनमें विद्युतीकरण नहीं हुआ है? यदि पूर्व में हुआ भी है तो उक्त दिनांक की स्थिति में विद्युत विहीन है उन ग्रामों, मजरों, टोलों की सूची दें? प्रत्येक गांव, मजरा, टोलावार यह भी बतायें कि उक्त ग्रामों कब से किस कारण से विद्युत विहीन हैं? अब इन विद्युत विहीन ग्रामों में कब तक विद्यत प्रदान करा दी जावेगी? अभी तक विद्युत विहीन रखने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) 01 जुलाई 2017 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय स्पष्ट करें? क्या मुख्यालय पर पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी रात्रि में मुख्यालय पर ही निवास करते है या ग्वालियर शहर से ही आना-जाना करते है? ऐसे कर्मचारियों/अधिकारियों के नाम स्पष्ट करें, जो मुख्यालय पर निवास नहीं करते हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जुलाई-2017 की स्थिति में अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ऐसे ग्रामों/मजरों/टोलो जिनका विद्युतीकरण पूर्व में हुआ था लेकिन दिनांक 1 जुलाई-2017 की स्थिति में विभिन्न कारणों से विद्युत विहीन है, की विद्युत विहीन होने के कारण, विद्युत प्रदाय बंद होने की अवधि एवं इन ग्रामों में विद्युत उपलब्ध कराये जाने की संभावित तिथि सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। विद्युत विहीन ग्रामों/मजरों/टोलों का विद्युतीकरण विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय उपलब्धता के आधार पर निर्धारित नियमों/प्रावधानों के अनुसार किया जाता है, अत: इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ख) 01 जुलाई 2017 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों का नाम, पद पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त सभी अधिकारी/कर्मचारी रात्रि में मुख्यालय पर ही निवास करते है।
किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली मिलने के संबंध में
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 2291 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अधिकांश ग्रामों में किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही है जबकि शासन की ओर से भरपूर राशि बिजली कंपनी को प्रदाय की जा रही है। परंतु बिजली कंपनी के ठेकेदारों की हटधर्मिता व लचर कार्य प्रणाली के चलते ग्रामीण/किसान परेशान है। (ख) क्या शासन इस पर लगाम लगाने की कोशिश करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) नगरीय क्षेत्र में दुरस्ती, मरम्मत के बहाने दिन रात में कभी बिजली कटौती किए जाने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गुना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामों में किसानों को कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक व्यवधानों एवं मेन्टेनेंस कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति में हुए विद्युत व्यवधान को छोड़कर, कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को माहवार किये गये औसत विद्युत प्रदाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विद्युत प्रदाय व्यवस्था में ठेकेदारों की कोई भूमिका नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन नगरीय क्षेत्र में उत्तरांश (क) में उल्लेखित कारणों से हुए आकस्मिक व्यवधान को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। प्रश्नाधीन नगरीय क्षेत्र में वर्तमान वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को माहवार किये गये औसत विद्युत प्रदाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 2296 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत किये जा रहे विद्युतीकरण कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या मापदंड निर्धारित किये हैं? मापदंडों की प्रति उपलब्ध करायें। योजनांतर्गत किये जाने वाले कार्यों का सर्वे कब किया गया? किये गये सर्वे की जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत किस विधानसभा के कितने ग्राम एवं मजरे टोलों में विद्युतीकरण कार्य किये जाने की कार्य योजना तैयार की गई हैं? जिलेवार कार्ययोजना की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) अनूपपुर जिले की अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में किन-किन गांव एवं मजरे टोलों को उक्त दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत विद्युतीकरण के लिये कार्य स्वीकृत किया गया है तथा कितने कार्य किये जा रहे हैं? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अनुपपुर जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत विद्युतीकरण, मीटरीकरण, फीडर विभक्तिकरण एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/मापदण्डों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त योजनांतर्गत सर्वे का कार्य माह जून-2017 में प्रारंभ किया गया है तथा वर्तमान में सर्वे का कार्य प्रगति पर है। अत: तत्संबंधी जानकारी वर्तमान में दिया जाना अपेक्षित नहीं है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत अनूपपुर जिले में ग्रामों/मजरो/टोलो में विद्युतीकरण/प्रणाली सुदृढ़ीकरण के स्वीकृत कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले के अनूपपुर कोतमा एवं पुष्पराजगढ विधानसभा क्षेत्रों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु स्वीकृत 6 अविद्युतीकृत ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' में दर्शाये अनुसार है। उक्त में से 4 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 2 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है जिसे माह अक्टूबर 2017 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत जिला अनूपपुर में अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य प्रस्तावित नहीं है अपितु पूर्व से विद्युतीकृत मजरों/टोलों की विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिस हेतु वर्तमान में सर्वे का कार्य प्रगति पर है, अत: उक्त कार्य पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। उल्लेखनीय है कि ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध के अनुसार उक्त योजनांतर्गत सभी कार्य मार्च 2019 तक पूर्ण किये जाने है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 2297 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत 12 वीं पंचवर्षीय दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य प्रस्तावित हैं तथा कितने गांव में कार्य पूर्ण हो चुका है ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त योजना के अतंर्गत किये गये पूर्ण अपूर्ण एवं प्रस्तावित ग्रामवार कार्य की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त योजना के अतंर्गत किये जाने वाले कार्यों का सर्वे कार्य कब किया गया किये गये सर्वे की जानकारी भी उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना का कार्य किस एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है तथा अनुबंध के अनुसार संबंधित एजेंसी को कार्य कब पूर्ण किया जाना था? क्या विभाग के पास ऐसी शिकायत प्राप्त हुई है कि कार्य अपूर्ण होने की स्थिति में संबंधित एजेंसी को पूर्ण भुगतान किया जा चुका है यदि हाँ, तो शासन ऐसा करने वालों के विरूद्ध जांच उपरांत दंडात्मक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 3 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य प्रस्तावित था तथा उक्त सभी 3 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है, जिसका ग्रामवार विवरण निम्नानुसार है :-
|
|
प्रावधान |
|
|||
11 के.व्ही.
लाईन |
25 के.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर |
निम्नदाब लाईन |
बी.पी.एल. कनेक्शन |
|||
1 |
दोना |
9.29 |
5 |
4.47 |
54 |
20.09.16 |
2 |
थुनगुनी |
1.91 |
3 |
1.57 |
10 |
18.05.16 |
3 |
सरफा |
13.21 |
3 |
2.2 |
7 |
17.03.16 |
(ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत प्रस्तावित समस्त अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: अपूर्ण एवं प्रस्तावित ग्रामों की जानकारी निरंक है। (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में जिला अनूपपुर के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों का सर्वे कार्य माह नवंबर, 2015 तक पूर्ण कर लिया गया था तथा सर्वे उपरांत उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रावधानों के अनुरूप कार्य पूर्ण किया गया है। (घ) प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुम्बई द्वारा टर्न-की आधार पर किया गया है एवं उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा प्रस्तावित कार्य दिनांक 11.01.2017 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित था, जिसे ठेकेदार एजेन्सी द्वारा दिनांक 31.12.2016 को पूर्ण कर दिया गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
पदों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
77. ( क्र. 2314 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं/परियोजना संचालित हैं? इन परियोजनाओं में कितने परियोजना अधिकारी के पद स्वीकृत हैं? क्या सभी स्वीकृत पदों पर व्यक्ति पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो परियोजना अधिकारी की नाम, स्थानवार जानकारी दें? (ख) वर्तमान में संचालित परियोजनाओं में कितने सुपरवाईजर तथा अन्य स्टॉफ पदस्थ हैं? सभी के नाम पद, स्थान सहित जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दो परियोजनाऐं क्रमश: सांईखेड़ा (गाडरवाड़ा) एवं चीचली संचालित है। इन परियोजनाओं में परियोजना अधिकारी का एक-एक पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में परियोजना अधिकारी के पद रिक्त है। अत: नाम, स्थानवार जानकारी निरंक है। (ख) वर्तमान में परियोजना सांईखेड़ा (गाडरवाड़ा) एवं चीचली में पदस्थ सुपरवाईजर एवं अन्य स्टॉफ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
आदिवासी एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के कार्यों के संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
78. ( क्र. 2362 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों की बस्तियों, टोले एवं मजरों में सी.सी. रोड, नाली निर्माण, सामुदायिक भवनों के निर्माण एवं विद्युतीकरण आदि विकास कार्यों के लिए शासन के प्रावधान क्या है? (ख) क्या उक्त विकास कार्यों के बजट में कटौती की गई है, हां तो क्यों? नहीं तो वर्ष 2013-14 से 2017-18 में विभाग को इन्दौर संभाग अन्तर्गत आवंटित जिलेवार वार्षिक राशि क्या है? (ग) जिला खरगोन, खण्डवा, बुहरानपुर एवं बड़वानी में बस्ती विकास में सत्र 2014-15 से 2017-18 में कितना आवंटन दिया गया? प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटन की राशि में से पश्चिम निमाड़ (खरगोन) जिले की कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को राशि जारी की गई तथा इन ग्राम पंचायतों में आदिवासी एवं अनुसूचित जाति का कितना प्रतिशत है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये कार्यों एवं वर्तमान में किये जा रहे विकास कार्यों की स्थिति क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शासन निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ''जी नहीं''। इन्दौर संभाग अन्तर्गत अनु जाति/जनजाति की आवंटित जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में जिला खरगोन, खण्डवा, बुरहानपुर एवं बड़वानी जिले में अनसूचित जाति एवं जनजाति बस्ती विकास योजना में प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। पश्चिम निमाड़ जिला खरगोन ग्राम पंचायतों को प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' के कॉलम 8 अनुसार है।
अनुविभागीय कार्यालय सिहोरा द्वारा किये गये व्यय
[नर्मदा घाटी विकास]
79. ( क्र. 2374 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा अनुविभागीय कार्यालय सिहोरा जिला जबलपुर अंतर्गत कौन-कौन सी जल उपभोक्ता संस्था कार्यरत है, इन जल उपभोक्ता संस्थाओं का पिछला निर्वाचन कब सम्पन्न हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल उपभोक्ता संस्थाओं के निर्वाचन में कुल कितना व्यय किस-किस मद अंतर्गत किन-किन कार्यों में किया गया? निर्वाचन में हुये समस्त खर्चे की मदवार सूची देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुविभाग द्वारा वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक नहरों की मरम्मत का कार्य कराया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो कब-कब कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन सी नहरों में मरम्मत कार्य किये गये वर्षवार मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि किस मद से किस कार्य हेतु खर्च की गई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निर्वाचन दिनांक 16/10/2015 को संपन्न हुआ। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
एस.डी.एम. के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
80. ( क्र. 2384 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बजट सत्र 2017 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 3417 दिनांक 3 मार्च 2017 को पूछे गये प्रश्न पर चर्चा के दौरान माननीय सामान्य प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री ने सदन में एस.डी.एम. को हटाकर जांच कराये जाने की बात का आश्वासन दिया था तो बतावें कि संबंधित एस.डी.एम. को कब और किसके आदेश से कहाँ हटाया गया? कृपया आश्वासन अनुसार एस.डी.एम. को हटाये जाने हेतु विधान सभा सचिवालय और शासन स्तर से जारी पत्र एवं हटाये जाने की आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रकरण में जांच करा ली गयी है? यदि हाँ, तो जांच किसके द्वारा और कब की गयी तथा जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। संबंधित एस.डी.एम. को कलेक्टर सागर के आदेश दिनांक 14 मार्च, 2017 से हटाया गया। एस.डी.एम. को हटाये जाने से संबधित आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों एवं उद्योगों से विद्युत देयक की बकाया राशि वसूल किये जाने
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 2432 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की किन-किन विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत किसानों पर बकाया विद्युत देयकों की कितनी-कितनी राशि लेना शेष है? (ख) क्या 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश उद्योग के संचालकों एवं किसानों द्वारा विद्युत देयक की बकाया की राशि जमा नहीं कराये जाने पर विद्युत अधिनियम के अंतर्गत जेल भेजने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कितने उद्योग संचालकों एवं कितने किसानों को जेल भेजने की कार्यवाही की गई बतायें? (ग) क्या प्रदेश के उद्योगों पर करोड़ों रूपये की विद्युत देयक की राशि बकाया होने के बावजूद सरकार बकाया राशि वसूल नहीं कर पा रही है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के किसानों पर विद्युत देयक की बकाया राशि समय पर जमा नहीं कराये जाने पर उन्हें जेल भेजने की कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो दोहरी नीति क्यों अपनाई जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत माह मई-2017 की स्थिति में कृषकों पर विद्युत देयकों की बकाया राशि क्रमश: रू.143.14 करोड़, रू. 664.68 करोड़ एवं रू. 136.94 करोड़ है। (ख) जी नहीं, विद्युत देयकों की बकाया राशि जमा नहीं करने पर जेल भेजने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत उद्योगों पर विद्युत देयकों की बकाया राशि वसूल करने हेतु सतत् कार्यवाही की जाती है तथापि कतिपय प्रकरणों में न्यायालयों में प्रकरण लंबित होने, बी.आई.एफ.आर. में प्रकरण लंबित होने, बकायादार उद्योगों की सम्पत्तियों को अन्य शासकीय विभागों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिग्रहित किये जाने इत्यादि के कारण वसूली नहीं हो पाती है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कृषकों सहित किसी भी उपभोक्ता द्वारा विद्युत देयकों की बकाया राशि जमा नहीं कराए जाने पर जेल भेजने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
शराब उद्योग सहित अन्य उद्योगों पर विद्युत देयक की वसूली
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 2433 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत शराब उद्योग सहित अन्य उद्योगों पर 31 मई,2017 की स्थिति में 10 लाख रूपये से ज्यादा विद्युत देयक राशि बकाया है? (ख) उक्त बकाया राशि की वसूली हेतु विद्युत अधिनियम के अंतर्गत क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रायसेन जिले के सेहतगंज में स्थित सोम डिस्टलरी पर बकाया विद्युत की राशि वसूली करने के दिये गये आदेशानुसार कितनी राशि वसूल की गई है एवं कितनी राशि किन कारणों से शेष है और कब तक बकाया राशि वसूल की जायेगी? (ग) किन-किन उद्योगों पर बकाया विद्युत देयक की कितनी-कितनी राशि राज्य सरकार द्वारा किन-किन कारणों से वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक माफ की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि., जबलपुर, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि., इंदौर एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि., भोपाल के अन्तर्गत 31 मई 2017 की स्थिति में रू.10 लाख या उससे अधिक बकाया राशि वाले शराब उद्योग सहित अन्य औद्योगिक कनेक्शनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-अ-1, प्रपत्र-अ-2 एवं प्रपत्र-अ-3 अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार जिन प्रकरणों में न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किये गये हैं अथवा प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, को छोड़कर विद्युत कनेक्शनों पर बकाया राशि की वसूली हेतु कनेक्शन विच्छेदित करने सहित डी.आर.ए. के तहत कार्यवाही की गई है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1, प्रपत्र-अ-2 एवं प्रपत्र-अ-3 अनुसार है। सोम डिस्टलरी का कोई भी प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है और न ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ऐसे किसी प्रकरण में वसूली हेतु कोई आदेश दिया गया है। तथापि उक्त उपभोक्ता से बकाया राशि की वसूली हेतु नियमानुसार कार्यवाही की गई है तथा रूपये 162 लाख की बकाया राशि में से रूपये 112 लाख की राशि वसूल कर ली गई है, शेष विवादित राशि रू. 50 लाख की वसूली का प्रकरण क्रमांक 1633/2003 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित होने के कारण मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वसूली की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है, जो कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के अंतिम निर्णय उपरांत की जा सकेगी। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. जबलपुर, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. इन्दौर एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. भोपाल द्वारा जनवरी-14 से दिनांक 30 जून-17 तक की अवधि में औद्योगिक कनेक्शनों में माफ या राइट ऑफ की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-ब-1, प्रपत्र-ब-2 एवं प्रपत्र-ब-3 अनुसार है।
जांच में पक्षपात तथा अनियमितताएं
[सामान्य प्रशासन]
83. ( क्र. 2438 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग में जिन-जिन लोक सेवकों के विरूद्ध 01.01.2012 से 15 जून 2017 की अवधि में जो शिकायतें प्राप्त हुई थी अथवा पूर्व से प्रचलित थी उनमें से कौन-कौन सी नस्तीबद्ध की गई? उनके नाम, पद, कारण तिथि बतायें एवं किस प्राधिकारी के अनुमोदन से की गई? क्या नस्तीबद्ध पूर्णत: परीक्षण उपरांत किया गया था? (ख) उपरोक्त अवधि में कौन-कौन लोक सेवक को किस आदेश से दंडित किया गया नाम, पद आदेश क्रमांक, दिनांक दंड का प्रकार बतायें? (ग) वर्तमान में कौन-कौन से लोक सेवकों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही लंबित है? उनके नाम, पद और कारण बतायें? (घ) उपरोक्त में से कौन-कौन से लोक सेवकों के विरूद्ध अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट अथवा सम्मन जारी होने की सूचना अथवा जानकारी विभाग के संज्ञान में आई थी? उसका नाम, पद बतायें और क्या उसे इस संबंध में कोई अनुशासनिक कार्यवाही बाबत नोटिस जारी किया गया अथवा स्पष्टीकरण मांगा गया? यदि हाँ, तो उनका नाम, पदनाम बतायें यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाएं
[आदिम जाति कल्याण]
84. ( क्र. 2442 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पवई के अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी राज्य योजनाएं तथा केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं से संबंधित कितने हितग्राहियों को किस प्रकार लाभांवित किया गया? वर्तमान वित्तीय वर्ष को मिलाकर पिछले तीन वित्तीय वर्षों का ब्यौरा दें। (ख) विभाग के द्वारा जिला पन्ना को किस मुख्य शीर्ष में कितनी राशि उक्त योजनाओं से संबंध में उक्त अवधि में दी गई और शीर्ष सहित प्राप्त राशि तथा व्यय की गई राशि बतायें? (ग) क्या विभाग को उपरोक्त योजनाओं के क्रियान्वयन में जिला पन्ना से संबंधित हितग्राहियों को उनके पालकों द्वारा अथवा अन्य द्वारा शिकायतें/प्रस्ताव/सुझाव प्राप्त हुये थे? यदि हाँ, तो तिथिवार विषय सहित बतायें।
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र पवई
अन्तर्गत
संचालित
विभागीय
योजनाएं एवं
विगत तीन
वर्षों से से
अभी तक
लाभान्वित
हितग्राहियों
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ख) आदिवासी
विकास विभाग
द्वारा जिला
पन्ना को
विगत तीन
वर्षों में
प्रदत्त
आवंटन एवं व्यय
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
(ग) हितग्राहियों/पालकों
अथवा अन्य
द्वारा
शिकायत व
सुझाव प्राप्त
नहीं हुए हैं, जानकारी
निरंक है।
परिशिष्ट
- ''अठारह''
मिनी आंगनवाड़ी का उन्नयन
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 2446 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्तमान में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर और कब से उनके नाम, दिनांक व स्थान सहित बतावें? (ग) क्या ऐसी मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र जो कि आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की शर्ते पूरी करती है? उनका आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है। (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृति हेतु जनसंख्या के मापदण्ड निर्धारित है। इन मापदण्डों के अनुसार मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र को आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन का प्रावधान नहीं है।
वेतनमान में उन्नयन हेतु
[वित्त]
86. ( क्र. 2453 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा प्रकरण क्रमांक 11334/2003 एवं 9897/2013 के पालन में वित्त विभाग के ज्ञाप क्र. एफ 8-6/2015/नियम/चार दिनांक 16.05.2017 द्वारा लेखापाल के वेतनमान में उन्नयन करते हुए ग्रेड-पे 2400/- के स्थान पर 2800/- किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो लेखापाल के पद पर विसंगति कब से थी? क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा क्र. 11334/2003 में निराकरण के आदेश पारित किये गये थे, ऐसी स्थिति में वित्त विभाग का आदेश जब 01.01.2016 से प्रभावशील है तो क्या पूर्व के याचिकाकर्ताओं को लाभ प्राप्त होगा? यदि नहीं, तो क्या शासन जानबूझकर अवमानना प्रकरण निर्मित कर रही है? (ग) जब विसंगति 01.01.2016 के पूर्व से है तो परिपत्र दिनांक 16.05.2017 को दिनांक 01.01.2016 से प्रभावशील का क्या औचित्य है? क्या 01.01.2016 से पूर्व के प्रभावितों को इसका लाभ प्राप्त होगा? यदि नहीं, तो क्यों? आदेश का क्या औचित्य है? (घ) क्या लेखापाल के वेतनमान में जब से विसंगत है तब से ही उन्नयन किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ (ख) सिंहदेव समिति की अनुशंसा पर म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेश दिनांक 04.03.1997 द्वारा सहायक ग्रेड-2 के वेतनमान का पुनरीक्षण कर उन्नयन किए जाने से सहायक ग्रेड-2 एवं लेखापाल के पदों का वेतनमान एक समान रूपये 4000-6000 हो गया था। जी हाँ। राज्य शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार दिनांक 1-1-2016 से लागू किया गया है। जी नहीं। माननीय न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की गई है, अतः अवमानना की स्थिति नहीं है। (ग) एवं (घ) वेतनमान में विसंगतियों का निराकरण सतत् प्रक्रिया है एवं समग्र परीक्षण एवं पड़ने वाले प्रभावों के आधार पर प्रभावी तिथि का मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया है। दिनांक 01.01.2016 से पूर्व सेवानिवृत्तों को लाभ प्राप्त नहीं होगा।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण के शेष कार्य
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 2454 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत मैहर विधान सभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत वर्तमान में कितने गांव छूटे गये हैं? (ख) इन्हें परियोजना में कब तक शामिल किया जाकर विद्युतीकरण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सतना जिले के अंतर्गत मैहर विधानसभा क्षेत्र में 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित 2 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा 236 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 तथा 100 से अधिक आबादी वाले सभी मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम एवं 100 तथा 100 से अधिक आबादी वाला मजरा/टोला विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 2461 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन राजस्व संभाग के अन्तर्गत म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. के संदर्भ में विद्युतीकरण से संबंधित कौन-कौन सी योजनाऍं क्रियाशील है? प्रत्येक योजना में किस प्रकार के कार्य प्रावधानित हैं? ब्यौरा देवें? (ख) रतलाम जिले में विगत तीन वर्षों में कितने सिंचाई पम्प उपभोक्ता कृषि फ्लेट रेट टैरिफ से लाभावित हुये है? (ग) रतलाम जिले में कितने जले हुये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 30 जून, 2017 की स्थिति में बदलने हेतु शेष हैं नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाने के कितने प्रकरण दिनांक 30.6.2017 की स्थिति में अपूर्ण है? अपूर्ण रहने के कारण बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन राजस्व संभाग में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत विद्युतीकरण से संबंधित 8 योजनाएं क्रियाशील है, जिनकी योजनावार प्रावधानित कार्यों सहित संक्षिप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 में 79643 वर्ष 2015-16 में 92871 एवं वर्ष 2016-17 में 101915 कृषि पम्प उपभोक्ता फ्लेट रेट टैरिफ से लाभान्वित हुए है। (ग) रतलाम जिले में दिनांक 30.06.2017 की स्थिति में 6 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष थे। वर्तमान में उक्त सभी 6 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये है। रतलाम जिले में दिनांक 30.06.2017 की स्थिति में विभिन्न योजनाओं में कुल 625 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य अपूर्ण है। कार्य पूर्णता हेतु निर्धारित समयावधि के भीतर के होने, राईट ऑफ वे की समस्या, ठेकेदार एजेन्सी द्वारा आवश्यकतानुसार श्रमिक/संसाधन उपलब्ध नहीं करा सकने आदि कारणों से उक्त कार्य पूर्ण किये जाने शेष हैं।
विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 2469 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रा.गां.ग्रा.वि. योजना के अंतर्गत EASUN REYROLLE LTD. ने अपनी किसी सर्वे रिपोर्ट में कटनी के विकासखण्डों में 32 विद्युतविहीन ग्राम होना और दिनांक 28-10-2009 में 15 ग्राम विद्युत विहीन होना दर्शित किये हैं, जिसके कारण क्या हैं? (ख) प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 23-1-2014, 3-2-2014 (3), 4-3-2014, 19-10-2014, 11-4-2015, 19-4-2015 द्वारा वि.स.क्षे. बड़वारा के किन विकासखण्डों के किन विद्युतविहीन ग्रामों को विद्युतीकरण करने हेतु क्रमश: कलेक्टर कटनी, जिला प्रभारी मंत्री कटनी, प्रबंध निदेशक म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं., मा. विभागीय मंत्री, विभागीय अवर सचिव, अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. कटनी को कोई लेख किये है और मा. विभागीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 11-5-2012 में जबलपुर में आयोजित संभागीय बैठक में प्रश्नकर्ता द्वारा कोई चर्चा उठायी गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के वि.खं. बड़वारा के ग्राम धीरपुर, अमराडांड, वि.खं. कटनी के करहीबाह तथा ढीमरखेड़ा के ग्राम नवलिया, गौरी, कोकोडबरा, खैरानी, मूडीखेडा, कारोपानी, शिवराजपुर, भदनपुर, शाहडार, खरहटा को किन-किन तिथियों में विद्युतीकरण कर दिया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के शेष ग्रामों में किस निर्धारित तिथि तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण करा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 11 वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना हेतु तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट में कटनी के विकासखण्डों में कुल 47 अविद्युतीकृत ग्राम सम्मिलित थे, जिसमें से 32 अविद्युतीकृत ग्राम डूब क्षेत्र एवं वन बाधित होने के कारण योजनांतर्गत स्वीकृत नहीं हुए एवं 15 अविद्युतीकृत ग्राम, 11 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्वीकृत हुए थे। उक्त स्वीकृत 15 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण सहित योजना के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स इसुन रिरोल लिमिटेड बैंगलोर को दिनांक 21.04.2009 को अवार्ड जारी किया गया था। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्रों में से प्राप्त पत्रों में विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के अंतर्गत ग्राम गौरी, शिवराजपुर, कारोपानी, नवलिया, खैरानी, भदनपुर, शाहडार, खरहटा एवं विकासखण्ड बडवारा के अंतर्गत ग्राम धीरपुर का विद्युतीकरण कराये जाने का लेख किया गया है। जी हाँ, दिनांक 11.05.2012 को जबलपुर में आयोजित बैठक में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विधानसभा क्षेत्र बडवारा के अविद्युतीकृत ग्रामों यथा गौरी, शिवराजपुर, कारोपानी, नवलिया, खैरानी, भदनपुर, शाहडार, खरहटा एवं धीरपुर के विद्युतीकरण की मांग उठाई गई थी। (ग) विकासखण्ड बडवारा के ग्राम धीरपुर एवं अमराडांड, विकासखंड कटनी के ग्राम सुनहरा के करहीबाह टोला तथा विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम नवलिया, गौरी, कोकोडबरा, खैरानी, मूडीखेड, कारोपानी एवं शिवराजपुर के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिनके विद्युतीकरण की तिथि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम भदनपुर, शाहडार एवं खरहटा के विद्युतीकरण का कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से किया जाना प्रस्तावित है। (घ) विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम भदनपुर, शाहडार एवं खरहटा के विद्युतीकरण का कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से किया जाना प्रस्तावित है। जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सतना के अंतर्गत संचालित आश्रम/छात्रावासों
[अनुसूचित जाति कल्याण]
90. ( क्र. 2477 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित आश्रम/छात्रावासों में कार्य कर रहे रसोइया, वाटरमैन, चौकीदार को कलेक्टर दर पर कितना-कितना मानदेय वर्तमान में दिया जा रहा है? पदवार मानदेय की जानकारी देवें। (ख) प्रश्न (क) अनुसार कार्य कर रहे श्रमिकों को कौन सी श्रेणी में रखा गया है? विवरण सहित बताएं। (ग) क्या इस भीषण मंहगाई में उक्त श्रमिकों को दिया जा रहा मानदेय पर्याप्त नहीं है, क्या इस दिए जा रहे मानदेय से पूरे परिवार का भरण-पोषण किया जाना संभव है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि नहीं, तो क्या इन श्रमिकों के मानदेय में बढ़ोत्तरी करते हुए आदेश प्रसारित किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? क्या श्रम विभाग के नियम इन पर लागू नहीं होते? यदि होते हैं तो क्या समय-समय पर श्रमायुक्त इंदौर द्वारा जारी आदेशों के अनुसार मानदेय दिए जाने के आदेश विभाग को दिए जाएँगे? साथ ही यह भी बताएं कि क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आश्रम/छात्रावासों में रिक्त पदों पर कार्यरत श्रमिकों के अनुभव के आधार पर नियमित करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि की जावेगी तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सतना जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित आश्रम/छात्रावासों में कार्य कर रहे दैनिक वेतनभोगी रसोईया, वाटरमैन, चौकीदार को कलेक्टर दर पर राशि रू. 7125/- मानदेय प्रति माह दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार दैनिक वेतनभोगी (कलेक्टर दर) कर्मचारी जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो, को रू. 1500/- विशेष भत्ता जोडकर रू. 8625/- तथा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को रू. 2500/- विशेष भत्ता जोडकर रू. 9625/- श्रम विभाग के नियमानुसार राशि का भुगतान किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। (ग) श्रम विभाग के नियमानुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कलेक्टर दर का मानदेय दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। श्रम विभाग के नियमानुसार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मानदेय दिया जा रहा है। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत सब स्टेशन/पॉवर हाउस का रख-रखाव
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 2478 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में विद्युत सब स्टेशन अथवा पॉवर हाउस के मेंटीनेंस, रखरखाव अथवा अन्य कार्यों का ठेका निजी फर्म, ठेकेदारों को दिया जाता है? यदि हाँ, तो किन नियमों के अधीन किस प्रकार की शर्तों को पूरा करने पर यह ठेका दिया जाता है? नियमों एवं शर्तों की प्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक को किन–किन स्थानों पर कौन सी फर्म, ठेकेदार रखरखाव, देखभाल अथवा अन्य कार्यों को देख रहे हैं? कब से उपरोक्त कार्य कर रहे हैं? कौन-कौन कर्मचारी कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं? उनकी योग्यता क्या-क्या है? (ग) मेंटीनेंस, देखभाल अथवा अन्य कार्यों की निविदा कब प्रकाशित होती है? निविदा प्रकाशन से ठेका प्रदाय करने की पूरी प्रक्रिया किस प्रकार की जाती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छतरपुर जिले में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के संचालन का कार्य बाहरी एजेन्सी/ठेकेदार फर्म को दिया गया है। उक्त कार्य हेतु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित नियम/शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के संचालन का कार्य ठेकेदार फर्मों को दिया गया है उनके नाम, स्थान, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक तथा इन उपकेन्द्रों पर नियुक्त ठेकेदार फर्मों के कर्मचारियों के नाम एवं योग्यता की विद्युत उपकेन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य हेतु आवश्यकतानुसार निविदा आमंत्रित की जाती है एवं निविदा प्रकाशन उपरांत प्राप्त निविदाओं में से न्यूनतम निविदाकार फर्म/ठेकेदार को निर्धारित शर्तों के आधार पर कार्य आदेश प्रदान किया जाता है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों को अर्जित अवकाश का नगदीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
92. ( क्र. 2480 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधीक्षक के रूप में पदस्थ शिक्षकों से ग्रीष्मकालीन/विश्राम अवकाश में छात्रावास कार्यालयीन कार्य कराया जाता है? क्या दतिया जिले में सेवानिवृत्त शिक्षकों को उक्त अवधि के अर्जित अवकाश की प्रविष्टियॉ सेवा अभिलेख में कर अर्जित अवकाश नगदीकरण का लाभ दिया गया? (ख) दतिया जिले में सत्र 2006-07 से 2009-10 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक ग्रीष्मकालीन अवकाश में छात्रावास में कार्यालयीन कार्य किनके द्वारा किए गये? उपस्थिति आदेश की प्रति एवं नाम सहित सूची प्रदाय करे. (ग) सत्र 2006-07 से 2009-10 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले में ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश को अधीक्षक, शिक्षक को कब प्रसारित किया गया? इसी अवधि में संभागीय उपायुक्त द्वारा बैठक ली गई? (घ) दतिया जिले में सत्र 2006-07 से 2009-10 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक माह मई-जून में किन अधीक्षकों के अर्जित अवकाश स्वीकृत किए गए? दिनांक 22.06.2009 को संभागीय उपायुक्त ग्वालियर द्वारा जिला स्तर पर ली गई बैठक में किन अधीक्षकों का वेतन काटा गया था एवं क्यों? (ङ) छात्रावास में अधीक्षक का कार्य करने वाले शिक्षक पूर्णकालिक कर्तव्य पर रहते हैं या अंशकालीन? आदेश की प्रति प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्रीष्मकालीन अवकाश में छात्रावास के शिक्षक/अधीक्षकों से कोई कार्यालयीन कार्य नहीं कराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शैक्षणिक कैलेण्डर शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जाता है। तद्नुसार विभाग में पालन किया जाता है। पृथक से आदेश जारी नहीं किये जाते हैं। तत्समय जारी शैक्षणिक कैलेण्डर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। संभागीय उपायुक्त ग्वालियर द्वारा दिनांक 21.06.2009 को बैठक ली गई थी। (घ) प्रश्नांश अवधि में कोई अर्जित अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया। संभागीय उपायुक्त ग्वालियर की बैठक दिनांक 21.06.2009 में अनुपस्थित रहने के कारण शिक्षकों का एक दिवस का वेतन काटा गया। जिनके नाम क्रमश: श्रीमती मनोरमा सक्सेना, श्रीमती शशिकारण गोस्वामी, श्रीमती रेखा वर्मा, श्री रामसिया दोहरे, श्री मेघनाथ सिंह खेंगर, श्री डी.आर. राहुल एवं श्री डी.आर. शर्मा। (ड.) छात्रावास में अधीक्षक का कार्य करने वाले शिक्षक पूर्णकालिक कर्तव्य पर रहते हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
निःशक्तजनों को आरक्षण का लाभ देना
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 2484 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के पत्र क्र. एफ-8-5/2004/आ.प्र./एक दिनांक 31 मार्च 2005 से, पूर्व में आरक्षित किये गए रोस्टर के बिन्दुओं को निरस्त करते हुए तीन खंड बनाए गए है? जिसके अनुसार निःशक्तजनों के जो भी पद विज्ञापित किये जाएँ वह वर्गवार न होकर निःशक्तजनों की श्रेणीवार (अस्थिबाधित/दृष्टिबाधित/श्रवणबाधित ) हों? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. लोक सेवा आयोग के विज्ञापन क्र.01/चयन/2013 दिनांक 06-05-13 में सहायक संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास के पदों की भर्ती हेतु जारी विज्ञापन में प्रश्नांश (क) के निर्देशों के विपरीत निःशक्तजनों हेतु पदों का आरक्षण श्रेणीवार (अस्थिबाधित/दृष्टिबाधित/श्रवणबाधित) न करते हुए वर्गवार (अनु. जाति, अनु. जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के आधार पर विज्ञापित किये गए? यदि हाँ, तो क्या इस कारण अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए एवं वर्तमान में प्रतीक्षा सूची में हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त पदों की भर्ती हेतु निःशक्त श्रेणी में दृष्टिबाधित एवं श्रवण बाधित श्रेणी के रिक्त तीन-तीन पदों को अनारक्षित श्रेणी के निःशक्त उम्मीदवारों, जिनके नाम प्रतीक्षा सूची में हैं, को नियुक्ति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। परिपत्र दिनांक 30 जून 2014 द्वारा नि:शक्तजन के पद वर्गवार न होकर श्रेणीवार किये गये है। (ख) विज्ञापन वर्ष 2013 में जारी किया गया है जबकि नवीन निर्देश 2014 को जारी हुये है। अत: कोई दोषी नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
'सहरिया' के कल्याण हेतु सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक योजनाएं
[आदिम जाति कल्याण]
94. ( क्र. 2485 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अ.ज.जा. एवं विशेष पिछड़ी जनजाति 'सहरिया' के कल्याण हेतु कौन-कौन सी सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित हैं? उक्त योजनाओं में जिला श्योपुर को वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन में से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर एवं कितनी राशि कौन-कौन सी सामग्री क्रय पर व्यय की है? ऐसे कितने 'सहरिया' हितग्राही जिन्हें कृषि कार्य हेतु निजी नलकूप खनन करा दिए हैं, किन्तु उनका विद्युतीकरण नहीं कराया गया है एवं क्यों? हितग्राही का नाम पता सहित बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृति हेतु सहरिया विकास अभिकरण एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मंडल की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब-कब बैठक आयोजित कर किन-किन कार्यों की स्वीकृति हेतु अनुमोदन लिया गया? बैठकों का कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। (ग) जिला श्योपुर में सहरिया विकास अभिकरण एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मंडल में कौन-कौन सदस्य है? क्या जिन जिलों में अ.जा./अ.ज.जा. के विधायक नहीं है वहां पर क्षेत्रीय विधायक सदस्य होगा? यदि हाँ, तो मीटिंगों में स्थानीय विधायक को नहीं बुलाने के लिए कौन दोषी है व आगामी बैठक कब आयोजित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। श्योपुर जिले में अनु.जनजाति एवं विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के कल्याण हेतु सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक योजनाऐं संचालित हैं। इन योजनाओं में श्योपुर जिले को वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं प्राप्त आवंटन व्यय का कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार सहरिया हितग्राही जिनके कृषि कार्य हेतु निजी नलकूप खनन करा दिये गये हैं, संबंधी जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृति हेतु सहरिया विकास अभिकरण एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मंडल की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया जाता है। वर्तमान में अभिकरण की गवर्निंग बॉडी के अशासकीय सदस्यों का मनोनयन न होने से कलेक्टर महोदय श्योपुर इसके पदेन अध्यक्ष हैं। कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में गवर्निंग बॉडी की बैठक दिनांक 02.11.2015, 26.11.2015, 02.08.2016, 08.10.2016, 18.01.2017 एवं 01.03.2017 को आयोजित की गई है। कार्यवाही विवरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है तथा जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 03.01.2016 की बैठक का कार्यवाही विवरण के उप बिन्दु 14 (1) अनुसार अनुमोदन दिया जाकर आगामी कार्यावाही किये जाने के निर्देश दिये गये। बैठक का कार्यवाही विवरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जिला श्योपुर में सहरिया विकास अभिकरण एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मंडल में म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के ज्ञाप क्रमांक 23/6/96/25/3 भोपाल दिनांक 12.08.1996 के द्वारा अभिकरण को निम्नानुसार पुनर्गठित करने का निर्णय लिया गया।
(क) अध्यक्ष |
शासन द्वारा मनोनीत संबंधित विशेष पिछड़ी जनजाति के सदस्य। |
(ख) सदस्य |
1. अभिकरण
क्षेत्र के
संबंधित
आदिवासी
विधायक। |
(ग) सदस्य/सचिव |
अभिकरण के परियोजना अधिकारी। |
(ग) वर्तमान में सहरिया विकास अभिकरण जिला-श्योपुर एवं एकीकृत आदिवासी परियोजना मण्डल गठित नहीं है। बैठक कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में हो रही है। श्योपुर जिले में आदिवासी वर्ग के कोई भी विधायक नहीं है। आगामी बैठक शीघ्र ही आयोजित की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम, मंदसौर में फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 2486 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर उक्त जिलों में 1 जनवरी 2015 के पश्चात फीडर सेपरेशन के कौन-कौन से घटिया कार्यों के लिए किस-किस व्यक्ति ने कब-कब शिकायत की? उस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त जिलों में उक्त अवधि में फीडर सेपरेशन के इन घटिया कार्यों की पूर्णता एवं क्वालिटी की जांच किन-किन अधिकारी, इंजीनियर ने कब-कब की? घटिया कार्यों के लिए ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की देवें? (ग) उक्त जिलो में 1 जनवरी 2011 के पश्चात फीडर सेपरेशन के तहत कौन-कौन से कार्य किस-किस ठेकेदार ने किये? ठेकेदार के नाम सहित कार्यों की सूची, लागत राशि कार्य सहित उपलब्ध करायें। (घ) उक्त संभाग में फीडर सेपरेशन के कार्यों में अनियमितता के लिए किस-किस अधिकारी की शिकायत ठेकेदार को लाभ एवं अनियमितता में ठेकेदार को बचाने के लिए प्राप्त हुई? उसकी जांच किस सक्षम अधिकारी ने की? जांच की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रतलाम एवं मंदसौर जिलों में 1 जनवरी 2015 के पश्चात से फीडर विभक्तिकरण के किसी भी कार्य की गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) रतलाम एवं मंदसौर जिलों में फीडर विभक्तिकरण के कार्य प्रश्नांकित अवधि के पूर्व ही क्रमश: सितंबर-2014 में तथा नवंबर-2014 में पूर्ण हो चुके थे, अत: प्रश्न नहीं उठता। उक्त कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) रतलाम एवं मंदसौर जिलों में 01 जनवरी-2011 के पश्चात् फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत् करवाये गये कार्यों की ठेकेदारों के नाम, कार्य का विवरण एवं कार्य की लागत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रतलाम एवं मंदसौर जिलों में फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्यों में अधिकारियों द्वारा अनियमितता करने एवं ठेकेदार को लाभ पहुंचाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: जाँच कराए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
सहायिका एवं कार्यकर्ता की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 2498 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक महिला एवं बाल विकास द्वारा कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में सहायिका एवं कार्यकर्ता की भर्ती की गई? आंगनवाड़ी/केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक 54 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नियुक्त कार्यकर्ता एवं सहायिका की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संयुक्त कलेक्टर/डिप्टी कलेक्टर के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 2512 ) श्री कैलाश चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नीमच जिले के संयुक्त कलेक्टर/डिप्टी कलेक्टर के कितने पद स्वीकृत है? उनके विरूद्ध कितने अधिकारी कार्यरत हैं? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : नीमच जिले में संयुक्त कलेक्टर/डिप्टी कलेक्टर के कुल 07 पद स्वीकृत है। उनके विरूद्ध 06 अधिकारी कार्यरत है। रिक्त पद की पूर्ति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषकों के खेत पर ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 2520 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले अंतर्गत कृषकों को कृषक अनुदान योजनांतर्गत स्वयं का ट्रांसफार्मर स्थापित करने संबंधी कितने प्रकरण वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये है? वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त प्रकरणों में से कितने प्रकरणो में ट्रांसफार्मर किस दिनांक को स्थापित कर दिये गये व कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) हरदा जिले अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति के कृषकों के खेत पर ट्रांसफार्मर स्थापित करने संबंधी कितने प्रकरण आदिम जाति कल्याण विभाग से एवं सीधे कृषकों के माध्यम से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये है, उक्त प्राप्त प्रकरणों में से कितनों का निराकरण कर दिया गया है व कितने प्रकरण शेष है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रकरणों का निराकरण वरीयता क्रम में किये जाने के क्या निर्देश है? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कृषकों को स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु कृषक अनुदान योजना में कृषकों को स्वयं के उपयोग के लिये ही ट्रांसफार्मर लगाए जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु कृषक अनुदान योजना में आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर आवेदकों को स्थायी कृषि कनेक्शन दिये जाते हैं। योजना में हरदा जिले में वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15, वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में क्रमश: 404, 642, 219 तथा 457 आवेदन प्राप्त हुए। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुदान योजना के अंतर्गत पूर्ण किये गये कार्यों का दिनांकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) हरदा जिले के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदाय करने हेतु ट्रांसफार्मर स्थापित करने संबंधित, आदिम जाति कल्याण विभाग से एवं सीधे कृषकों के माध्यम से प्राप्त एवं निराकृत आवेदनों का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
प्राप्त आवेदन |
कार्य पूर्ण |
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आदिम जा. कल्याण विभाग से प्राप्त |
कृषकों से सीधे प्राप्त |
आदिम जा. कल्याण विभाग से प्राप्त |
कृषकों से सीधे प्राप्त |
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अनु. |
अनु. |
अनु. |
अनु. |
अनु. |
अनु. |
अनु. |
अनु. |
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|||||||||
1 |
2013-14 |
11 |
64 |
8 |
47 |
11 |
64 |
8 |
47 |
|
|||||||
2 |
2014-15 |
0 |
0 |
3 |
4 |
0 |
0 |
3 |
4 |
|
|||||||
3 |
2015-16 |
71 |
14 |
4 |
5 |
71 |
14 |
4 |
5 |
|
|||||||
4 |
2016-17 |
0 |
0 |
5 |
15 |
0 |
0 |
5 |
15 |
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|||||||
5 |
2017-18 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
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(घ) कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत कृषकों को स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये जाने का कार्य वरीयताक्रम में कराए जाने के शासन के निर्देश हैं। प्रश्नाधीन हरदा जिले हेतु वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कृषक अनुदान योजना में प्राप्त 1722 आवेदनों में से 1720 के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा कृषकों के आपसी विवाद के कारण 2 प्रकरण निरस्त किये गये हैं।
खेलकूद सामग्री का क्रय
[आदिम जाति कल्याण]
99. ( क्र. 2527 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा खेल परिसरों के लिये खेल सामग्री क्रय करने की योजना है (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16, 2016-17 में विभाग द्वारा उज्जैन जिले में खेल सामग्री खरीदनें हेतु राशि का आवंटन किया था? यदि हाँ, तो कितना तथा किस संस्था को किया था? (ग) इस योजना में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी संस्था लाभांवित हुई तथा उनको राशि का आवंटन किया गया था या सामग्री प्रदान की गई थी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला उज्जैन में कोई क्रीड़ा परिसर संचालित न होने से कोई आवंटन नहीं दिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में विभाग के कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
100. ( क्र. 2528 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बड़नगर विधानसभा में पिछले 3 वर्षों में कौन-कौन सी योजना का संचालन किया गया? (ख) विभाग की योजना से कितने ग्राम तथा कितने लोग लाभान्वित हुए? योजना अनुसार जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्तमान सत्र में विभाग द्वारा बड़नगर विधानसभा में क्या-क्या कार्य किये जाना प्रस्तावित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
एकीकृत आदिवासी परियोजना का पुनर्गठन
[आदिम जाति कल्याण]
101. ( क्र. 2531 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कुण्डम, मुख्यालय जबलपुर सलाहकार मण्डल का वर्ष 2008 से 2017 की अवधि में कब-कब किसके आदेश से पुनर्गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में कब किसके आदेश से किन-किन को अध्यक्ष एवं सदस्य के रूप में नामांकित किया गया है और सलाहकार मण्डल की बैठक कब-कब आयोजित की गई है और उसमें कौन-कौन सदस्य उपस्थित रहे हैं? (ग) क्या विभागीय किसी आदेश के अनुसार नामांकित अध्यक्ष का कार्यकाल 2 वर्ष 6 माह का निर्धारित है, जिसके अधीन अनुसूचित जनजाति आरक्षित विधानसभा क्षेत्र के किन-किन विधायकों का कब और कितनी बार कितनी-कितनी अवधि तक अध्यक्ष नामांकित किया गया है और कब किन कारणों से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कब पुनर्गठन किया जावेगा और परियोजना की गतिविधियों को क्रियाशील बनाया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 23/1/2009/3-25, दिनांक 25.02.2008 से एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, कुण्डम के सलाहकार मण्डल में सदस्यों का मनोनयन किया गया था, जिनका कार्यकाल दिनांक 24.02.2010 तक था। तदोपरान्त उक्त परियोजना सलाहकार मण्डल के अध्यक्ष/सदस्यों का मनोनयन राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ 23/1/2009/3-25, दिनांक 13.08.2009, समसंख्यक आदेश दिनांक 05.09.2012, समसंख्यक आदेश दिनांक 07.06.2012 एवं समसंख्यक आदेश दिनांक 14.01.2015 द्वारा किया गया। (ख) सलाहकार मण्डल के अध्यक्ष एवं सदस्यों के नामांकन संबंधी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' में अनुसार है तथा इस अवधि में सलाहकार मण्डल की आयोजित बैठकों एवं इन बैठकों में उपस्थित सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जी नहीं। नामांकित अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि का उल्लेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' में शासनादेशों में उल्लेखित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कुण्डम के सलाहकार मण्डल के पुनर्गठन का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। राज्य शासन के पत्र क्रमांक एफ 23-1/2009/3-25, दिनांक 26.02.2014 के तहत कलेक्टर की अध्यक्षता में परियोजना सलाहकार मण्डल वर्तमान में क्रियाशील है।
आदिवासी छात्रावास की स्वीकृति
[आदिम जाति कल्याण]
102. ( क्र. 2533 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए कितने प्री-मैट्रिक एवं कितने पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास जिला मुख्यालय एवं कितने तहसील मुख्यालय में निर्मित एवं संचालित हैं, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालय में कब तक एवं कितने छात्रावास निर्मित व संचालित कर दिये जायेंगे? समय-सीमा बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रीवा जिले में अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए 06 प्री-मैट्रिक छात्रावास तहसील मुख्यालय में संचालित हैं जिसमें से 03 निर्मित हैं एवं 03 निर्माणाधीन हैं। 02 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास जिला मुख्यालय में संचालित एवं निर्मित हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदर्श आंगनवाड़ियों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 2537 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आंगनवाड़ी बनाए जाने के कोई प्रावधान है तथा वर्तमान तक पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में कितनी आंगनवाड़ियों को आदर्श आंगनवाड़ी बनाया गया? (ख) आदर्श आंगनवाड़ी बनाए जाने में कितना व्यय विभाग के द्वारा कर संबंधित आंगनवाड़ी को प्रदाय की गई? बड़वानी जिले में समस्त आदर्श आंगनवाड़ी को प्रदाय की गई राशि का विवरण देवे? (ग) क्या उक्त राशि विभाग द्वारा महिला बाल विकास ग्राम तदर्थ समिति के खातों में जमा की गई? पानसेमल विकासखण्ड क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से परियोजना अधिकारी के द्वारा अपने पद के प्रभाव से राशि वापस लेकर स्वयं कार्य करवाने का कहा गया? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी का कृत्य सही है? यदि नहीं, तो शिकायत के बाद भी संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या जिला कार्यालय द्वारा 01-01 लाख रूपये आदर्श आंगनवाड़ियों के विकास हेतु दिए गए लेकिन बाल विकास तदर्थ समितियों के खातों में 50-50 हजार रूपये ही जमा होना उनके बैंक खातो की पासबुक में दर्शाता है? यदि नहीं, तो उक्त राशि आधी ही क्यो जमा हुई? जिम्मेदारी किसकी? जिम्मेदारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में 10 आंगनवाड़ियों को आदर्श आंगनवाड़ी बनाया गया है। (ख) बड़वानी जिले में कुल 34 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी बनाये जाने हेतु राज्य स्तर से प्रति केन्द्र पचास हजार रूपये के मान से दो किश्तों में प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी को एक लाख की राशि प्रदाय की गई है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) शिकायत प्राप्त न होने से कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। संबंधित तदर्थ समितियों के खातों में दिनांक 29/09/2015 एवं 10/12/2015 को 50-50 हजार रूपये दो किश्तों में (कुल एक लाख रूपये) जमा किये गये है जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' पर है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पात्र अभ्यार्थियों की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
104. ( क्र. 2543 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले की विकासखण्ड गंगेव अंतर्गत ग्राम बहिवार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति में स्थानीय निवासी संगीता साकेत की नियुक्ति न कर नगर पालिक निगम रीवा वार्ड क्र. 03 पुष्पराजनगर निवासी रेणुका राल्ही पत्नी तरुण राल्ही एवं सतना जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना नागौद क्र. 01 के आंगनवाड़ी केंद्र क्र. 05 सिंहपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर स्थानीय निवासी राजकली चौधरी की नियुक्ति न करने के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा तारांकित प्रश्न क्र. 595, दिनांक 23.02.2017 एवं तारांकित प्रश्न क्र. 3737, दिनांक 10.03.2017 को सदन में मामला उठाया गया था? (ख) क्या उपरोक्त दोनों प्रकरणों के उत्तर में स्वीकार किया गया था कि स्थानीय निवासी की नियुक्ति नहीं की गई? यदि हाँ, तो अभी तक उक्त दोनों प्रकरणों में क्या पात्र अभ्यार्थी क्रमशः संगीता साकेत एवं राजकली चौधरी पति शिवराम चौधरी की नियुक्ति आदेश जारी किये गए या नहीं विवरण सहित बताएं? (ग) यदि नहीं, तो आदेश न जारी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। रीवा जिले के विकासखण्ड गंगेव की बाल विकास परियोजना गंगेव क्रमांक 01 में आंगनवाड़ी केन्द्र बहिरवार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर श्रीमती रेणुका राल्ही द्वारा आवेदन पत्र के साथ ग्राम बहिरवार की मतदाता सूची वर्ष 2004 संलग्न की गई थी। उक्त मतदाता सूची के सरल क्रमांक 1070 में रेणुका राल्ही पति तरूण ताल्ही का नाम दर्ज है। उक्त मतदाता सूची के आधार पर खंड/जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरान्त श्रीमती रेणुका राल्ही का चयन किया गया है तथा सतना जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना नागौद क्र. 01 के आंगनवाड़ी केन्द्र क्र. 05 सिंहपुर आवेदिका नम्रता गौतम द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में स्वयं का अविवाहित बताया गया था तथा आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेज निवास प्रमाण, बी.पी.एल. राशनकार्ड, मतदाता सूची में ग्राम सिंहपुर की निवासी प्रमाणित होती थी जिसके आधार पर खण्ड स्तरीय चयन समिति एवं जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति द्वारा नम्रता गौतम के स्थानीय निवासी की जांच तहसीलदार नागौद से कराये जाने के उपरान्त प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर स्थानीय निवासी पाये जाने के कारण नियुक्ति प्रदान की गई थी जिसके विरूद्ध राजकली चौधरी द्वारा अपर कलेक्टर न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। अपर कलेक्टर न्यायालय जिला रीवा द्वारा पारित अंतिम आदेश दिनांक 21-02-2017 में अपीलार्थी राजकली चौधरी पत्नि सुखराम चौधरी की अपील निरस्त की जाकर श्रीमती नम्रता गौतम की नियुक्ति आंगनवाड़ी केन्द्र सिंहपुर क्रमांक 05 में यथावत रखी गई है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार जानकारी होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
समय-सीमा में कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
105. ( क्र. 2556 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के विधान सभा क्षेत्र बड़ामलहरा के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य ग्रामों में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या काम किन-किन एजेंसियों द्वारा किये गये थे? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार सभी पंचायतों में समान रूप से राशि का आवंटन दिया गया था? हाँ, या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त एजेंसियों द्वारा क्या सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से काम अपूर्ण हैं? उक्त एजेंसी द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने पर क्या संबंधित विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियम 2005 यथासंशोधित 2014 अनुसार पंचायत समान रूप से आवंटन दिये जाने का प्रावधान नहीं है। 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या वाले ग्रामों में स्वीकृत कार्यों के प्राक्कलन/मूल्यांकन अनुसार राशि दी गई है। (ग) अनुसूचित जनजाति मद अंतर्गत स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनुसूचित जाति के अपूर्ण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सरपंचों को स्मरण पत्र जारी किये गये हैं। समय पर पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं होने की दशा में प्रदाय की गई राशि की एक मुश्त वसूली की जाती है।
डीजल पर कर कम किए जाने हेतु प्रावधान
[वाणिज्यिक कर]
106. ( क्र. 2570 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा प्रति लीटर डीजल एवं पेट्रोल के विक्रय के पूर्व कर लगाये जाते हैं? भारत सरकार पेट्रोलियम विभाग द्वारा प्राप्त दर को बताते हुए यह बतावें कि प्रदेश सरकार द्वारा लगाये कर के बाद इनकी कीमत सरकार द्वारा क्या तय की जाती है? यदि हाँ, तो कितनी कीमत निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या राज्य सरकार द्वारा उद्योगों हेतु उपयोग किये जाने वाले प्रति लीटर डीजलों में टैक्स (वाणिज्य कर) कम लिये जाने के प्रावधान निहित किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? विवरण देते हुए बतावें कि इनको किस दर पर डीजल प्रदाय किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या किसानों एवं मोटर वाहनों में उपयोग किये जाने वाले डीजल में भी क्या कर में कमी करते हुए उद्योगपतियों को दिये जाने वाले दर पर डीजल उपलब्ध कराने हेतु नीति तैयार कराने बावत निर्देश जारी करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में डीजल कीमत की भिन्नता को समाप्त कर एकरूपता बावत नीति तैयार कर किसानों एवं उद्योगपतियों को एक दर पर डीजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा डीजल एवं पेट्रोल के विक्रय के पूर्व कर नहीं लगाये जाते हैं, बल्कि इनके विक्रय पर कर लगाया जाता है। डीजल पर प्रति लीटर एक रूपये पचास पैसे तथा पेट्रोल पर प्रति लीटर चार रूपये अतिरिक्त कर उनके विक्रय की मात्रा पर लिया जाता है। डीजल के विक्रय मूल्य पर 27 प्रतिशत तथा पेट्रोल के विक्रय मूल्य पर 31 प्रतिशत की दर से कर वसूल किया जाता है। डीजल एवं पेट्रोल का विक्रय मूल्य शासन के द्वारा तय नहीं किया जाता है। (ख) राज्य सरकार द्वारा उद्योगों हेतु उपयोग किये जाने वाले प्रति लीटर डीजल में टैक्स (वाणिज्यिक कर) कम किये जाने के कोई प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किसानों एवं मोटर वाहनों में उपयोग किए जाने वाले डीजल पेट्रोल में कर की दर में कमी करने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। (घ) कर की दरें सभी के लिए समान हैं।
विद्युत मंडल में कार्यरत निजी कर्मचारियों का पी.एफ. कटौत्रा
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 2591 ) डॉ. मोहन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत उज्जैन (संचा. सधा) वृत्त में किन-किन सेवाओं के लिए कितनी निजी एजेन्सियों को अनुबंधित किया गया है? (ख) उज्जैन (संचा. संधा) वृत्त में ऐसी निजी एजेन्सियों से कुल कितने श्रमिकों की सेवायें ली जा रही है तथा एजेन्सी द्वारा ऐसे समस्त श्रमिकों का नियमित ई.पी.एफ कटौत्रा किया जा रहा है अथवा नहीं? (ग) यदि किया जा रहा तो कौन-कौन सी एजेंसियों द्वारा किया जा रहा तथा कौन सी एजेंसी द्वारा नहीं किया जा रहा है? पी.एफ. कटौत्रा नहीं करने वाली एजेंसियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इंदौर के अन्तर्गत उज्जैन संचालन-संधारण वृत्त में विभिन्न सेवाओं के लिए 3 निजी एजेन्सियों को अनुबंधित किया गया है, जिनका विवरण निम्नानुसार है:- (1) ऑउटसोर्सिंग द्वारा अकुशल श्रमिक उपलब्ध कराना जिनके माध्यम से विभिन्न प्रकार के कार्य जैसेः- फ्यूज ऑफ कॉल अटैण्ड करने में कंपनी कर्मचारी की मदद करना, मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण इत्यादि कार्य संपादित करना। (मेसर्स रतन एम्पोरियम धार), (2) ऑउटसोर्सिंग द्वारा कुशल श्रमिक उपलब्ध कराना जिनके माध्यम से 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर 24 घंटे (तीन शिफ्टों में) उपकेन्द्र संचालन संबंधित कार्य तथा लघु रख-रखाव के कार्य संपादित कराए जाते हैं। (मेसर्स प्राईमवन वर्कफोर्स प्रा.लि. भोपाल), (3) ऑउटसोर्सिंग द्वारा अर्द्धकुशल श्रमिक उपलब्ध कराना जिनके माध्यम से डाटा पंचिग एवं डाटा एन्ट्री के कार्य संपादित कराए जाते हैं। (मेसर्स रतन एम्पोरियम धार), (4) ऑउटसोर्सिंग द्वारा कुशल श्रमिक उपलब्ध कराना जिनके माध्यम से कार्यालयीन कार्य एवं लिपिकीय कार्य संपादित कराए जाते हैं। (मेसर्स बालाजी डिटेक्टिव एण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस (आई) प्रा.लि. इंदौर)। (ख) उज्जैन संचालन-संधारण वृत्त में उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित 3 निजी एजेन्सियों के माध्यम से कुल 1062 श्रमिकों की विभिन्न कार्यों हेतु सेवाएं ली जा रही है तथा उक्त तीनों निजी एजेन्सियों के द्वारा समस्त श्रमिकों की नियमित रूप से ई.पी.एफ. की राशि काटी जा रही है। (ग) उज्जैन संचालन-संधारण वृत्त में उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित 3 निजी एजेन्सियों में से 2 एजेन्सियों यथा-मेसर्स प्राईमवन वर्कफोर्स प्रा.लि. भोपाल एवं मेसर्स बालाजी डिटेक्टिव एण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस (आई) प्रा.लि. इंदौर के द्वारा समस्त श्रमिकों की नियमित रूप से ई.पी.एफ. की राशि काटी जा रही है एवं काटी गई राशि को संबंधित ई.पी.एफ. कार्यालय में समय पर जमा किया जा रहा है। किन्तु मेसर्स रतन एम्पोरियम धार द्वारा श्रमिकों की ई.पी.एफ. की राशि तो काटी गई है किन्तु काटी गई राशि को संबंधित ई.पी.एफ. कार्यालय में जमा नहीं करवाया गया है। इस हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के समस्त संचा.-संधा. संभागों द्वारा उक्त ठेकेदार कंपनी के बिलों से, ई.पी.एफ. की काटी गई राशि के विरुद्ध लगभग रु. एक करोड़ की राशि का भुगतान रोका गया है एवं उक्त फर्म को मुख्य अभियंता (उ.क्षे.) उज्जैन द्वारा आदेश क्रमांक मु.अ./उ.क्षे./क्रय/17-18/7556 दिनांक 20/06/2017 से उक्त देनदारियों के विरुद्ध म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इंदौर के कार्यों हेतु भविष्य के लिए ब्लैक लिस्टेड घोषित किया गया है।
कार्यों की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
108. ( क्र. 2601 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परियोजना सहायक आदिवासी विकास बैहर जिला बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चेक/डाफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान कि गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य है जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला एवं राज्य स्तर पर प्राप्त हुईं शिकायतों का विवरण देते हुये बतायें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जांच किसके द्वारा की गई एवं जांच पश्चात क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित किसी भी कार्य को पूर्ण किये बिना अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''क'' अनुसार स्वीकृत कार्यों की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में पधारे राज्य अतिथि एवं उन पर हुये व्यय के
[सामान्य प्रशासन]
109. ( क्र. 2636 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01.01.2017 से 15.06.2017 तक किन-किन अतिथियों को राज्य अतिथि बनाया गया? नाम पद पता सहित सूची दी जाये। (ख) प्रदेश में पधारने वाले यह राज्य अतिथि किस कार्यक्रम भाग लेने हेतु पधारे, नामवार बतायें? (ग) आलोच्य अवधि में पधारे अतिथियों को राज्य शासन की ओर से क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी। जैसे चार्टड/शासकीय वायुयान/ हैलीकॉप्टर सुविधा (कहाँ से कहाँ तक) पर्यटन स्थलों का भ्रमण (स्थान का नाम) महंगे होटल में ठहराना आदि की विस्तृत विवरण। (घ) आलोच्य अवधि में पधारे राज्य अतिथियों पर कुल कितनी राशि व्यय हुई।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अटेर जिला भिण्ड में ट्रांसफार्मर की व्यवस्था
[ऊर्जा]
110. ( क्र. 2637 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर जिला भिण्ड अंतर्गत में ज्योति कंपनी के माध्यम से फीडर सेपरेशन कार्य में कुछ गांवों में एच.टी. एवं एल.टी. लाईन कार्य एवं ट्रांसफार्मर स्ट्रैक्चर बना दिये गए थे? यदि हाँ, तो इन गांवों में कब तक ट्रांसफार्मर रख दिये जाएगे? गांववार कराये कार्य की जानकारी दी जायें? (ख) क्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर जिला भिण्ड के अंतर्गत 11 के.व्ही. की सभी लाईन लगभग 30-40 वर्ष पुरानी होने व लूज होने से जमीन के नजदीक आ गई, जिससे करंट से जनहानि होने कई किसानों के पालतू जानवर व पकी हुई फसले जल जाने की घटनाएं हुई है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन उत्तरदायी है तथा क्या इसका मुआवजा विभाग द्वारा दिया जाएगा। (ग) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड के अंतर्गत सभी 11 के.व्ही. की लूज लाईनों को कब तक दुरूस्त कर दिया जावेगा? समय-सीमा बताई जायें। (घ) क्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड अंतर्गत ग्रामों में 132 के.व्ही. का उपकेन्द्र स्थापित करने की स्वीकृति हुई थी? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? (ड.) ग्राम महेना में 132 के.व्ही. का उपकेन्द्र स्थापित करने की स्वीकृति उपरांत आज दि. तक निर्माण नहीं कराये जाने का क्या कारण है? (च) महेना में 132 के.व्ही. का उपकेन्द्र का निर्माण विभाग द्वारा कब प्रारंभ किया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अटेर विधान सभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड मुम्बई द्वारा ग्रामों में एच.टी एवं एल.टी लाईन एवं ट्रान्सफार्मर स्थापना के कार्य किये गये थे। कार्य की गति धीमी होने एवं समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण उक्त ठेकेदार एजेन्सी को जारी अवार्ड दिनांक 08.06.2015 को निरस्त कर दिया गया था। उक्त योजनान्तर्गत अधूरे कार्यों को करने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत नवीन ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एम.डी.पी. ग्वालियर को दिनांक 17.08.2016 को अवार्ड जारी किया गया, जिसके द्वारा 11 के.व्ही. के 24 फीडरों को विभक्त करते हुए 173 ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा निविदा के प्रावधानों के अनुसार फरवरी 2018 तक उक्त कार्य पूर्ण किया जाना है, जिसकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं तथापि आवश्यकतानुसार पुरानी विद्युत लाईनों के तार बदलने एवं उन्हें व्यवस्थित कर आवश्यक सुधार/संधारण कार्य समय-समय पर किया जाता है। वर्ष 2016-17 से आज दिनांक तक अटेर विधानसभा क्षेत्र में 11 के.व्ही. लाईन के तार ढ़ीले होने के कारण प्रश्नाधीन उल्लेखित कोई भी दुर्घटना संज्ञान में नहीं आयी है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार अटेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित संधारण का कार्य आवश्यकतानुसार समय-समय पर किया जाता है। भिण्ड जिले के लिए स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में अटेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 11 के.व्ही. के 9 फीडरों में 47 कि.मी. लाईनों के तार बदले जाने का प्रावधान है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) विधान सभा क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड के अंतर्गत प्रतापपुरा क्षेत्र में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु दिनांक 13.03.2014 को प्राक्कलन स्वीकृत किया गया था, जिसके तहत निर्माण कार्य दिनांक 12.04.2016 को पूर्ण कर उपकेन्द्र को ऊर्जीकृत किया जा चुका है। (ड.) ग्राम महेना में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य स्वीकृत नहीं है। (च) उत्तरांश ''ड'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अशोक नगर जिले में उद्घाटन/शिलान्यास
[सामान्य प्रशासन]
111. ( क्र. 2650 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24.06.2017 को अशोक नगर के पास मोहरी राय गांव में किन दो मंत्रियों ने लगभग 100 शिलान्यास व उद्घाटन किन-किन निर्माण कार्यों के किये? विवरण देते हुये बतायें कि क्या स्थानीय सांसद व विधायक मुंगावली व चंदेरी को इसकी सूचना दी गई थी व क्या बुलाया गया था? (ख) केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास विभाग का परिपत्र है कि प्रधानमंत्री सड़क के शिलान्यास व उद्घाटन में अनिवार्य रूप से सांसद की उपस्थिति में होगा तो कितने प्रधानमंत्री सड़क के उद्घाटन शिलान्यास दिनांक 24.06.2017 को किये व क्यों? (ग) मुंगावली व चंदेरी विधानसभा क्षेत्र के कितने व कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य सड़कों के उद्घाटन व शिलान्यास दिनांक 24.06.2017 को किये व उक्त क्षेत्र के विधायकों को शामिल क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 24/06/2017 को अशोक नगर के पास मोहरीराय गांव में माननीय श्री जयभान सिंह पवैया, मंत्री, उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन एवं जन शिकायत निवारण विभाग एवं श्री रामपाल सिंह मंत्री, लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, मध्यप्रदेश शासन के द्वारा सयुक्त जिला कार्यालय भवन का लोकार्पण एवं कृषि उपज मण्डी अशोक नगर के प्रांगण के शिलान्यास समारोह कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार शिलान्यास एवं उदघाटन किये गये। उक्त कार्यक्रम में माननीय सांसद एवं विधायकगण मुंगावली व चन्देरी को बुलाया गया था। (ख) भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय के परिपत्र दिनांक 20 अप्रैल, 2017 के बिन्दु क्रमांक 05 में दिये गये निर्देशों के पालन में दिनांक 24/06/2017 को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार निर्माण कार्यों के उदघाटन एवं शिलान्यास किए गए। (ग) मुंगावली व चन्देरी विधानसभा क्षेत्र के 59 प्रधानमंत्री सड़क कार्यों के उदघाटन व शिलान्यास एवं 0.60 किमी मुंगावली बायपास मार्ग का शिलान्यास तथा 22 अन्य निर्माण कार्यों के उदघाटन व शिलान्यास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है।
पूर्व प्रश्नों के संदर्भ में
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 2651 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि दिनांक 10 मार्च, 2017 के ता. प्रश्न क्र. 4830 में ग्राम पिपरई की शा. भूमि पर अतिक्रमण कर भवन निर्माण एवं अशोक नगर शहर के पास के ग्रामों में आदिवासियों की भूमि बेनामी कराए जाने के संबंध में प्रचलित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मीटर रीडिंग के प्रावधान
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 2663 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्र. 1104 दिनांक 23.02.2017 के उत्तर भाग (ग) में बताया गया है कि जी नहीं, मीटर रीडर के द्वारा उपभोक्ता के परिसर में मीटर रीडिंग कर खपत मीटर रीडर डायरी में दर्ज की जाती हैं। उपभोक्ता को लिखित में जानकारी देने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है तथापि मीटर रीडिंग के दौरान उपभोक्ता अथवा उसका प्रतिनिधि उपस्थित रह सकता है तो क्या शासन इस हेतु उपभोक्ता को मीटर खपत यूनिट देने हेतु कोई योजना बनाएगा यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रावधान होने तक क्या उपभोक्ता को एक सादे कागज पर संबंधित को खपत की यूनिट संख्या मय रीडिंगकर्ता द्वारा दी जावेगी, जिससे उपभोक्ता को प्राप्त विद्युत देयक बिल से उसका मिलान कर समय पर विद्युत बिल की अदायगी करने में कोई अड़चन नहीं आयेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1104 दिनांक 23.2.2017 में प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी दी गई थी। वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों/प्रकिया के दृष्टिगत उपभोक्ता को मीटर खपत यूनिट की जानकारी पृथक से दिये जाने संबंधी कोई योजना बनाया जाना विचाराधीन नहीं है। (ख) मीटर वाचन के समय स्वयं उपभोक्ता अथवा उसका प्रतिनिधि उपस्थित रह सकता है तथा उसके द्वारा मीटर वाचक द्वारा ली गई रीडिंग की जानकारी ली जा सकती है तथा उसे रिकार्ड किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत ऐसे स्थान जहाँ पर स्पॉट बिलिंग की जा रही है वहाँ मौके पर ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक प्रदाय किये जा रहे हैं।
ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 2664 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्र. 1103 दिनांक 23.02.2017 के उत्तर भाग (क) के भाग (क) में फीडर विभक्तिकरण के कार्यों सहित योजना में सम्मिलित ग्रामीण विद्युतीकरण एवं प्रणाली सुधारीकरण कार्य टर्न के आधार पर कराये जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तर दिया है। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के उत्तर के पालन में प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश 'क' के परिपालन में जिला मुरैना के लिए प्रस्तावित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु दिनांक 10.08.2016 को निविदा जारी की गई थी जिसकी जमा करने की अंतिम तिथि पाँच बार बढ़ाये जाने पर एक निविदा प्राप्त हुई तथा प्राइज बिड दिनांक 20.12.2016 को खोली गई। निविदा मूल्य 29.92 प्रतिशत अधिक होने के कारण वितरण कंपनी की बिजनेस कमेटी द्वारा निविदा निरस्त कर दी गई। पुन: निविदा दिनांक 04.01.2017 को जारी की गई, जिसकी जमा करने की अंतिम तिथि पाँच बार बढ़ाये जाने के बाद भी एक निविदा प्राप्त हुई तथा प्राइज बिड दिनांक 27.03.2017 को खोली गई। निविदा मूल्य 19.79 प्रतिशत अधिक होने के कारण वितरण कंपनी की बिजनेस कमेटी द्वारा निविदा निरस्त कर दी गई। तदुपरांत मुरैना जिले के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों को तीन भागों में विभक्त करते हुए पुन: निविदा दिनांक 01.06.2017 को जारी की गई है जिसकी अंतिम तिथि 30.06.2017 निर्धारित थी। निर्धारित तिथि तक कोई निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण निविदा जमा करने की तिथि 15.07.2017 तक बढ़ाई गई है।
अविद्युतीकृत ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
115. ( क्र. 2672 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र जैतपुर में अविद्युतीकृत ग्राम का नाम ज.पं. का नाम बतायें? (ख) क्या प्रश्नांकित ग्रामों को विद्युतीकृत करने के लिये प्रदेश शासन स्तर से कार्यवाही चल रही है? यदिं हां तो पूर्ण विवरण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित ग्रामों में विद्युतीकरण कब तक कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जैतपुर विधानसभा क्षेत्र सहित शहडोल जिले के अंतर्गत वर्तमान में कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नहर निर्माण के संबंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
116. ( क्र. 2679 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले के विकासखण्ड बिछिया अन्तर्गत हालोन परियोजना से सिंचाई हेतु कितनी लम्बाई की नहर का निर्माण किया जावेगा? नहर का किन-किन क्षेत्रों में निर्माण किया जावेगा? कितने ग्राम लाभांवित होंगे ग्राम के नामों की जानकारी दें? (ख) क्या हालोन डेम के किनारे से बसे लगभग 10-15 ग्राम जैसे करंजिया, राजों, मुहाड़, चौरंगा, बरखेड़ा, धरमपुरी, भीमपुरी, नेवसा, खटोला, खलोडी, जोगीसोढ़ा, माझीपुर किसली, भीलवानी आदि ग्रामों में सिंचाई की सुविधा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो अब तक नहर या उद्वहन सिंचाई हेतु क्या कार्यवाही किया गया अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत ग्रामों में कृषकों को सिंचाई हेतु किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। यदि हाँ, तो कब तक सिंचाई की सुविधा दिया जावेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) 81.73 कि.मी. लंबाई की मुख्य नहर एवं लगभग 118.24 कि.मी. लंबाई की वितरण प्रणाली की नहरों का निर्माण प्रस्तावित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) ग्राम करंजिया माल में 203.857 हेक्टेयर एवं करंजिया रैयत में 50.21 हेक्टेयर क्षेत्र में नहर द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना प्रस्तावित है। शेष ग्राम डूब क्षेत्र में होने एवं कमाण्ड क्षेत्र से ऊँचे में होने के कारण सिंचाई प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासनादेश के विरूद्ध सीधे तौर पर भर्ती किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
117. ( क्र. 2684 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश कनिष्ठ सेवा (संयुक्त अर्हता) नियम 2013 के तहत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदो पर भर्ती हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को आदेश क्रमांक सी-3-9/2016/1-3 भोपाल दिनांक 10.10.2016 के द्वारा अधिकृत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शासन के विभिन्न विभागों/कार्यालयों में संविदा/ नियमित नियुक्तियों के लिए कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा ''सीपीसीटी'' के स्कोर कार्ड की अनिवार्यता के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो कब-कब, क्या-क्या आदेश प्रसारित किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त शासनदेशों को पृष्ठांकित किए गए विभागों में से ही सचिवालय द्वारा पालन न करते हुए जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में अपने स्तर से सीधे तौर पर भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इन्हें कोई विशेष छूट प्रदान की गई है यदि नहीं, तो शासनादेश के विरूद्ध की गई भर्ती को निरस्त करते हुए नियम विरूद्ध कार्यवाही करने वालों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण में लापरवाही
[महिला एवं बाल विकास]
118. ( क्र. 2685 ) श्री आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल जिले में आंगनवाड़ी केन्द्र निर्मित किए जाने हेतु राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल की किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्र निर्मित किए जाने हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार विधानसभावार सूची सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि से कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कितनी-कितनी अवधि में निर्मित किए जाना निर्धारित थे और कितने-कितने केन्द्र समय-सीमा में निर्मित किए गए और कितने व कौन-कौन से किन-किन कारणों से समय सीमा में निर्मित नहीं किए गए इस लापरवाही के लिए ठेकेदार व संबंधित के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग के कारण भोपाल के अधिकांश आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बारिश का पानी टपकता हैं? यदि हाँ, तो ठेकेदार का भुगतान रोकने जैसी कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध तथा यह भी अवगत करावें कि कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र कितनी-कितनी राशि के किराये पर संचालित है विधानसभावार बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। भोपाल जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्रवार आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिये आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जी नहीं। घटिया निर्माण के सामग्री के उपयोग के कारण अधिकाश आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बारिश के पानी टपकने संबंधी शिकायत निरंक है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भोपाल में किराये के भवनों में संचालित 982 आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु किराये भुगतान की विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
तिलहन संघ के संविलियन सेवायुक्तों का वेतन निर्धारण लंबित रखने
[सामान्य प्रशासन]
119. ( क्र. 2686 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के संविलयिन सेवायुक्तों को छठवां वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? वेतन निर्धारण का प्रावधान संविलियन योजना की कण्डिका 2.6 दिनांक 12.08.2013 एवं पुन: प्रसारित वेतन निर्धारण स्पष्टीकरण आदेश सामान्य प्रशासन विभाग सी-3-14/2013/1/3 दिनांक 28 जनवरी, 2016 दोनों में क्या अंतर है? यदि हाँ, तो क्या? यदि अंतर नहीं तो नये आदेश की क्या जरूरत थी? स्पष्ट करें। (ख) क्या तिलहन संघ के सहकारिता एवं वित्त विभाग में संविलियन सेवायुक्तों को गत लगभग 1 वर्ष से वेतन निर्धारण नहीं किया है, यदि हाँ, तो क्यों? इतना अधिक समय वेतन निर्धारण प्रक्रिया को रोके रखने का क्या कारण है? वेतन निर्धारण हेतु क्या फिर कोई प्रक्रिया पुन: चल रही है अथवा नहीं? (ग) क्या तिलहन संघ के संविलियन सेवायुक्तों के वेतन संरक्षण का लाभ देंगे? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्नांश (क) के आदेशों में इसका प्रावधान है अथवा नहीं? (घ) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कुछ सेवायुक्तों को 15-17 वर्षों से पाँचवे वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। (जैसे कि विधान सभा प्रश्न क्र. 7175 दिनांक 08.04.2011 में बताया गया है) अन्य को नहीं, ऐसा क्यों? क्या सभी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों को पाँचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत करेंगे? यदि नहीं, तो जिन्हें मिल रहा है क्या उनसे वसूली की कार्यवाही करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रति व्यक्ति ऋण व ब्याज भुगतान
[वित्त]
120. ( क्र. 2689 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष अप्रैल 2013 से अप्रैल 2017 तक प्रति व्यक्ति ऋण, प्रति व्यक्ति ऋण पर ब्याज का भुगतान प्रति शहरी व्यक्ति आय प्रति ग्रामीण व्यक्ति की आय (दोनों प्रकार के मूल्यों पर) उपलब्ध करावें। (ख) पिछले पाँच वर्षों में किस-किस संस्थान द्वारा कितना-कितना ऋण किस दर से लिया गया तथा पाँच वर्ष में कुल ऋण पर भुगतान किया गया ब्याज कितना प्रतिशत होता है। (ग) केग की 2012 से 2016 तक की रिपोर्ट में लोक ऋण संस्थागत ऋण तथा अन्य ऋण तथा ब्याज भुगतान ब्याज की दर ऋण की उपयोगिता आदि पर की गई टिप्पणियों पर शासन द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) स्मार्ट सिटी, मेट्रो ट्रेन पर कितना-कितना ऋण किस देशी अथवा विदेशी संस्थान से लिया जा रहा है क्या मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जापान शून्य प्रतिशत पर ऋण दे रहा है यदि हाँ, तो बतावें कि क्या वह ऋण स्वीकृत हो गया है।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष अप्रैल 2013 से वर्ष मार्च 2016 तक प्रति व्यक्ति ऋण, प्रति व्यक्ति ऋण पर ब्याज का भुगतान का विवरण संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के आधार पर निम्नानुसार है : -
तालिका – अ
वित्तीय वर्ष |
कुल
ऋण |
कुल
ब्याज
भुगतान |
जनसंख्या (करोड़ में) |
प्रति व्यक्ति ऋण भार (राशि रूपये में |
प्रति व्यक्ति ऋण पर ब्याज भुगतान (राशि रूपये में |
2013-14 |
83897.90 |
6391.32 |
7.70 |
10896 |
830 |
2014-15 |
94979.16 |
7071.25 |
7.86 |
12084 |
900 |
2015-16 |
111101.10 |
8090.88 |
8.02 |
13853 |
1009 |
वित्तीय वर्ष 2016-17 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से अप्राप्त हैं, अतः जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। जनगणना के आंकड़े एक दशक में जारी होते हैं। अतः जनगणना की दशकीय वृद्धि दर के आधार पर जनसंख्या प्रक्षेपित की गई है।
वर्ष अप्रैल 2013 से वर्ष मार्च 2017 तक के लिये प्रति व्यक्ति शुद्ध आय मध्य प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर स्थिर भावों (वर्ष 2011-12) तथा प्रचलित भावों पर निम्नानुसार है : -
तालिका – ब
(राशि रूपये में)
वित्तीय वर्ष |
प्रति व्यक्ति शुद्ध आय स्थिर भावों पर |
प्रति व्यक्ति शुद्ध आय प्रचलित भावों पर |
2013-14 |
26853 |
51798 |
2014-15 |
29218 |
59770 |
2015-16 |
46783 |
62334 |
2016-17 |
51852 |
72599 |
आर्थिक
सर्वेक्षण
में शहरी तथा
ग्रामीण की प्रति
व्यक्ति आय
पृथक-पृथक
नहीं बताई
जाती है। अतः
जानकारी दी
जाना संभव
नहीं है। (ख) पिछले
पाँच वर्षों
में राज्य
सरकार द्वारा
लिये गये ऋण
का विवरण
पत्रक वित्त
लेखे वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 व 2015-16 के खण्ड 1 विवरण
पत्रक संख्या 7 पर दी गई
है जो पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के रूप में
है। (ग) केग
की रिपोर्ट
प्रतिवर्ष
प्राप्त होती
है जिसे
संविधान के
अनुच्छेद 151 के तहत
विधानसभा में
रखा जाता है।
विधानसभा की
लोक लेखा
समिति के
विचार उपरांत
एवं समिति
द्वारा की गई अनुशंसा
विधानसभा में
प्रस्तुत की
जाती है। यह
एक सतत्
प्रक्रिया है
जिस पर
तद्नुसार
कार्यवाही की
जाती है। (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शराब की संचालित दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
121. ( क्र. 2690 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों से अलीराजपुर एवं झाबुआ जिले में कुल कितनी देशी एवं अंग्रेजी शराब की दुकाने संचालित हो रही हैं टेबल में जानकारी जिलेवार व मदिरावार (देशी व विदेशी) जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बताएं कि दोनों जिलों में विगत दो वर्षों में किस-किस आबकारी ठेकेदार द्वारा कितनी-कितनी बियर देशी मदिरा व विदेशी मदिरा परमिट के माध्यम से उठाई गई एवं किसके माध्यम से कितनी-कितनी मात्रा (लीटर) में इन दोनों जिलों में भेजी गई टेबल में जिलेवार वर्षवार व मदिरावार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दोनों जिले में बियर, देशी व विदेशी शराब की मिनिमम सेलिंग प्राईस (MSP) वर्षवार, मदिरावार क्या-क्या थी उसको तय करने के नियम व मापदण्ड बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) में संदर्भ में दोनों जिलों में बियर देशी शराब व विदेशी शराब कितनी मात्रा (लीटर) में बिक्री शासन को उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ टेबल में वर्षवार मदिरावार जानकारी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विगत दो वर्षों अर्थात वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में देशी/विदेशी मदिरा दुकानें संचालित की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में आबकारी ठेकेदारों द्वारा परमिट के माध्यम से उठाई गई देशी मदिरा व विदेशी मदिरा स्प्रिट एवं माल्ट की जानकारी क्रमश: विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–दो एवं तीन अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर में बीयर, देशी व विदेशी शराब की न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) के संबंध में आबकारी आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी निर्देशों की छायाप्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। उक्त मापदण्ड अनुसार मदिरा का लायसेंसी द्वारा विक्रय किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर में बीयर, देशी व विदेशी शराब की वर्षवार मात्रा एवं प्राप्त राजस्व की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।
सामान्य प्रशासन विभाग के निरसन आदेशों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
122. ( क्र. 2691 ) श्री के.पी. सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 5-3/2004/एक/3, दिनांक 12.4.2005 के निर्देशानुसार कितने आदेश तत्काल प्रभाव से निरसन किये गये? (ख) क्या उक्त निरसन आदेश में सामान्य प्रशासन विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) मंत्रालय भोपाल के जारी आदेश क्रमांक 477/ एक 5-4/1/वेआप्र/92 दिनांक 15.12.1992 भी निरसन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या उक्त आदेश अभी भी प्रचलन में है/प्रभावशील है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) परिपत्र दिनांक 09 जनवरी, 1990 के साथ समय-समय पर जारी अन्य 19 निर्देश निरस्त किये गये। (ख) जी नहीं। परिपत्र क्रमांक 477/एफ 5-4/1/वेआप्र./92, दिनांक 15.12.1992 प्रचलन में है।
संवर्ग के वेतनमान के संबंध में
[वित्त]
123. ( क्र. 2694 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बजट सत्र फरवरी-मार्च 2016 के प्रश्न क्र. 6561 दिनांक 18/3/16 में यह स्वीकार किया गया है कि 01.01.72 में जो पद SAS के संवर्ग के वेतनमान में समतुल्य थे उन पदों पर 01.04.81 एवं उसके तत्पश्चात के वेतनमानों में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है जबकि SAS संवर्ग के वेतनमान में कमी आई है? (ख) क्या यह सही है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा SAS सवंर्ग को वेतनमान 6500-10500 (9300-34800+4200) देने के आदेश के पश्चात् भी ग्रेड पे 3600/- स्वीकृत किया गया है जबकि इसी आधार पर आयुक्त कोष एवं लेख द्वारा 4200/- ग्रेड पे देने का प्रस्ताव शासन/वित्त विभाग को भेजा गया? क्यों? (ग) क्या यह सही है कि बजट सत्र 2016 के ही प्रश्न क्र. 4281 के (ग) भाग में उत्तर दिया गया है कि कोई विसंगति नहीं है जबकि (घ) भाग में यह स्वीकार किया गया है कि समय-समय पर वेतन आयोग की अनुशंसा पर अन्य वेतनमान उन्नत किए गए हैं जो 01.01.72 को SAS के समान थे। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार एक ओर विभाग/शासन स्वीकार कर रहा है कि अन्य पदों के वेतनमान में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है जबकि प्रश्नांश (ग) अनुसार कोई विसंगति नहीं बताई गई है। क्या विभाग द्वारा भ्रामक जानकारी देकर SAS संवर्ग के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुक्रम में राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा को विचार में लेते हुए मंत्रि-परिषद् से अनुमोदन उपरांत वेतनमान 5500-9000 स्वीकृत किया गया है। (ग) बजट सत्र 2016 के प्रश्न क्रमांक 4281 के (ग) भाग में यह उत्तर दिया गया है कि विचार उपरांत शासन द्वारा निर्णय लिया गया कि एस.ए.एस. संवर्ग के अधिकारियों को आदेश दिनांक 27.07.2013 अनुसार 3600 ग्रेड-पे दिया जायेगा। कोई विसंगति नहीं है। जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं।
उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत दस्तावेज
[वाणिज्यिक कर]
124. ( क्र. 2708 ) श्री जतन उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के समस्त उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत होने वाले दस्तावेजों की एक प्रति तहसील कार्यालयों में नियमानुसार प्राप्त हो रही है अथवा नहीं? इस संबंध में शासन एवं विभाग के क्या नियम है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार प्राप्त प्रति की तहसील कार्यालय के पटवारी रिकार्ड एवं कम्प्यूटर रिकार्ड में अद्यतन प्रविष्टि की जा रही है अथवा नहीं 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने दस्तावेजों की प्रति तहसील कार्यालय में प्राप्त हुई? उनमें से कितने दस्तावेजों की अद्यतन प्रविष्टि की गई? तहसीलवार, माहवार, ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। यदि अद्यतन प्रविष्टि नहीं की गई तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के समस्त उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत होने वाले कृषि भूमि के दस्तावेजों की जानकारी सॉफ्टकॉपी में तहसील कार्यालयों को प्रदाय की जा रही है। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 112 के अंतर्गत कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग में लाई जाने वाली भूमि के अंतरण के पंजीकृत दस्तावेजों के संबंध में तहसीलदार को प्रज्ञापना भेजने का प्रावधान है। संगत प्रावधान की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
बालिका समृद्धि योजना
[महिला एवं बाल विकास]
125. ( क्र. 2724 ) श्री जतन उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा बालिका समृद्धि योजना म.प्र. में कब से लागू की गई और कब तक लागू रही? (ख) छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के बालिका समृद्धि योजना के तहत कितने-कितने बालिकाओं को योजना दिनांक तक का लाभांवित कर कितनी-कितनी बालिकाओं को योजना दिनांक तक का लाभांवित कर उनके नाम से कितनी-कितनी राशि जमा करवाई गई तथा बालिकाओं के नाम पर की गई N.S.C. अथवा एफ.डी. राशि की परिपक्वता दि. के बाद रिन्यूवल कब-कब करवाई गई? यदि नहीं, तो क्यों और किस दि. से नहीं करवाया गया बतायें? (ग) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कितनी बालिकाएं है जिनकी N.S.C. अथवा एफ.डी. राशि परिपक्वता तिथि अथवा बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है? उन्हें उक्त राशि भुगतान की पात्रता है या नहीं? यदि हाँ, तो राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण देवें। परियोजनावार जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बालिका समृद्धि योजना वर्ष 1997-98 से म.प्र. में लागू की गई एवं वर्ष 2004-05 तक लागू रही। (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 पर है l (ग) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 92 बालिकाओं की 18 वर्ष उम्र पूर्ण हो चुकी है। उक्त राशि भुगतान की इन्हें पात्रता है। इन 92 बालिकाओं को भुगतान हेतु NSC वितरित की जा चुकी है। पोस्ट ऑफिस द्वारा भुगतान किया गया है। परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 पर है l
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत किये गये कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 2740 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कितने ग्रामों को चयनित किया गया था और चयनित ग्रामों से कितनी लागत से विद्युतीकरण कार्य किया जाना था तथा किन-किन ग्रामों में कितनी लागत से विद्युतीकरण कार्य किया जाना अभी प्रस्तावित हैं? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य प्रारंभ कर पूर्ण कर लिया गया हैं? इसमें कितनी राशि व्यय की गई और कार्य की क्रियान्वयन एजेंसी कौन-कौन हैं? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कई चयनित ग्रामों में आज भी राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा हैं और अभी भी अनेकों कार्य अपूर्ण हैं? जिसका क्या कारण हैं? ऐसे कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? जिन क्रियान्वयन एजेन्सियों द्वारा विद्युतीकरण के कार्य को धीमी गति से किया जा रहा हैं और कार्यों को भी अपूर्ण छोड़ दिया गया हैं। ऐसी एजेन्सियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य किये जा चुके हैं और किन-किन ग्रामों में कार्य किया जाना प्रस्तावित हैं? योजनान्तर्गत जिन ग्रामों में 24 घंटे विद्युत सुविधा प्रदान नहीं की जा रही हैं, ऐसे ग्रामों में कब तक 24 घंटे विद्युत सुविधा प्रदान कर दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में संचालित 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 114 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य रू. 503.27 लाख की लागत से किया जाने हेतु सम्मिलित किया गया था। परासिया विधान सभा क्षेत्र में उक्त सभी चयनित 114 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा वर्तमान में उक्त योजनांतर्गत परासिया विधानसभा क्षेत्र में कोई कार्य किया जाना प्रस्तावित/शेष नहीं है। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 114 ग्रामों में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उक्त कार्य में रू. 503.27 लाख की राशि व्यय हुई तथा उक्त कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स विन्ध्य टेली लिंक्स लिमि. रीवा से टर्न-की आधार पर कराया गया। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में चयनित सभी ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अत: अपूर्ण कार्य को पूर्ण किये जाने एवं ठेकेदार एजेन्सी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत ग्राम विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित नहीं है। तथापि उक्त योजनांतर्गत प्रस्तावित प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों के अंतर्गत परासिया विधानसभा क्षेत्र के 69 ग्रामों में भी कार्य किया जाना है, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार है। परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सभी ग्रामों में गैर कृषि फीडरों के माध्यम से तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा एवं आवश्यक मेन्टेनेंस कार्य हेतु आए व्यवधानों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
छात्रावासों में प्रदान किये जा रहे नाश्तें व भोजन की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
127. ( क्र. 2741 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छात्रावासों में समूहों द्वारा नाश्ता व भोजन प्रदान किये जाने हेतु शासन की क्या योजना व दिशा-निर्देश हैं? जानकारी सहित नियमावली उपलब्ध करायें? क्या तथा छात्रावासों में समूहों द्वारा नाश्ता एवं भोजन प्रदान किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या छिन्दवाड़ा जिले के छात्रावासों में समूहों द्वारा नाश्ता एवं भोजन प्रदान किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है तो इसका क्या कारण हैं? छिन्दवाड़ा जिले के सभी छात्रावासों में समूहों द्वारा नाश्ता एवं भोजन कब से प्रदान किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छात्रावासों में समूहों द्वारा नाश्ता एवं भोजन प्रदान किये जाने की राज्य शासन की कोई योजना नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग के हॉस्टलों के संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
128. ( क्र. 2744 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत छात्र/छात्राओं के लिये बैतूल जिले में किस-किस विकासखण्ड में कहाँ-कहाँ हॉस्टल संचालित हैं तथा प्रश्न दिनांक तक हॉस्टलों में बच्चों की संख्या, कक्षा वर्गवार कितनी-कितनी है? (ख) विभाग के छात्रावासों में अधीक्षकों को रखे जाने के क्या नियम हैं? क्या जिस वर्ग का छात्रावास है, उसी वर्ग का हॉस्टल अधीक्षक रखे जाने का नियम है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत इन नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? हॉस्टल अधीक्षक के पद पर एक शिक्षक की अधिकतम कितने वर्षों के लिये पदस्थिति की जाती है? अवगत करायें साथ ही इस संबंध में यदि कोई नियम है, तो उसकी प्रति भी उपलब्ध करावें? (घ) बैतूल जिले की किस-किस हॉस्टल में कौन-कौन अधीक्षक कब से पदस्थ है तथा उनकी मूल पदस्थापना किस शाला की है? सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग के अन्तर्गत छात्र/छात्राओं के लिये बैतूल जिले में संचालित हॉस्टल की जानकारी तथा सम्बन्धित हॉस्टलों में बच्चों की प्रवेशित संख्या, कक्षा वर्गवार जानकारी अनुसूचित जनजाति की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा अनुसूचित जाति की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग छात्रावास/आश्रम संविदा अधीक्षक की संविदा आधार पर भर्ती नियम, 2008 के तहत संविदा अधीक्षकों की नियुक्ति विभागीय छात्रावासों में की गई है। इस नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर अनुसार आरक्षित प्रवर्ग में अ.जा., अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग के तथा अनारक्षित प्रवर्ग में सामान्य वर्ग आदि के व्यक्तियों को चयन प्रक्रिया अनुसार अधीक्षक के पद पर नियुक्त किये गये हैं। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जिन छात्रावास/आश्रमों में अधीक्षक का पद रिक्त है वहां व्यवस्था बतौर सहायक शिक्षक/अध्यापक संवर्ग को अधीक्षक का प्रभार सौंपा गया है। छात्रावास/आश्रमों में प्राथमिकता से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के अधीक्षक पदस्थ किये जाने के दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक/एफ-12-11/2006/25-2/507 दिनांक 16.03.2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र-''द'' अनुसार हॉस्टल अधीक्षकों का कार्यकाल अधिकतम 03 वर्ष रखे जाने के निर्देश हैं। यदि सम्बन्धित अधीक्षक का कार्य संतोषप्रद है तो कार्यकाल 05 वर्ष तक बढ़ाये जाने के भी निर्देश हैं। (घ) बैतूल जिले में संचालित हॉस्टल में पदस्थ अधीक्षकों की पदस्थापना दिनांक की जानकारी एवं जो शिक्षक/अध्यापक अधीक्षक के प्रभार में हैं, उनकी मूल पदस्थ संस्था से सम्बन्धित अनुसूचित जनजाति की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''इ'' तथा अनुसूचित जाति की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''इ-1'' अनुसार है।
विभिन्न अनुदान योजनाएं
[ऊर्जा]
129. ( क्र. 2750 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में मुलताई विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न अनुदान योजनाओं के अंतर्गत योजनावार कितने कृषकों के क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) ये कार्य किन-किन फर्मों द्वारा किये गये उनके नाम भी साथ में देवें? कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति सहित बतावें? कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र भी संलग्न करें। (ग) जो कार्य अपूर्ण हैं उनके लिये दोषी अधिकारियों एवं संबंधित फर्मों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विगत दो वर्षों में मुलताई विधानसभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना में 130 कृषि पम्पों एवं मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प योजना में 30 कृषि पम्पों, इस प्रकार कुल 160 पम्पों के ऊर्जीकरण के कार्य पूर्ण किये गये है। उक्त योजनाओं में मुलताई विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों यथा-2015-16 एवं 2016-17 में किये गये कार्यों का योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन कार्य करने वाली फर्मों के नाम एवं कार्य पूर्ण/अपूर्ण होने की स्थिति की जानकारी सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन पूर्ण किये गये कुल 160 कृषि पम्प कार्यों के कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शाए अनुसार हैं। (ग) प्रश्नाधीन शेष सभी कार्य, योजना के प्रावधानों के अनुसार कार्य पूर्ण किये जाने हेतु निर्धारित समय-सीमा के भीतर के हैं, अत: किसी अधिकारी/ठेकेदार फर्म के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में कृषक द्वारा राशि जमा की तिथि से नौ माह में कार्य पूर्ण किये जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार निर्धारित समयावधि में शेष कार्य पूर्ण किये जायेंगे।
प्रोटोकाल उल्लघंन के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
130. ( क्र. 2753 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24.06.2017 को कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में आगमन एवं दौरा कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष म.प्र. विधानसभा के साथ किन अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई? नाम, पदनाम, सहित बतावें? (ख) इनमें से कितने अधिकारी, कर्मचारी इस ड्यूटी पर उपस्थित/अनुपस्थित थे, सूची देवें? अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों ने इसका क्या कारण बताया? (ग) क्या इनसे इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण/कारण बताओं पत्र जारी किया गया हैं, यदि नहीं, तो क्यों? इस पर निगरानी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेंगा? (घ) प्रोटोकाल का उल्लंघन कर नेता प्रतिपक्ष म.प्र. विधान सभा के कार्यक्रम में जाने की इस घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए शासन क्या कदम उठाएगां?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रांसफार्मर स्थापना विलंब पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 2756 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्र.क्र. 1138 दिनांक 19.07.2016 के (ग) उत्तर में बताया गया कि S.S.T.D. योजना में ठेकेदार ने देयक जमा नहीं किया है क्या ये देयक प्राप्त हो गये हैं? (ख) उत्तर में वर्णित विलंब के लिए कार्यवाही की गई है या नहीं प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? (ग) यदि नहीं, की गई है तो बतावें कि कार्यवाही कब तक की जावेगी? यह भी बतावें कि A.D.B. योजना S.S.T.D. योजना के कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक शेष हैं ये कब तक पूर्ण होंगे? समय-सीमा देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, एस.एस.टी.डी.-792 योजना में ठेकेदार एजेन्सी द्वारा सम्पादित किये गये कार्यों के देयक प्रस्तुत कर दिये गये हैं। (ख) जी हाँ। श्रीराम स्विच गियर प्राइवेट लि. रतलाम द्वारा एस.एस.टी.डी.-792 योजना में 100 के.व्ही.ए. क्षमता के कुल 249 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने थे, जिनके विरूद्ध कुल 217 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये है एवं 32 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करना शेष है। कार्य में विलंब किये जाने के कारण निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी के देयकों से रूपये 1.59 करोड़ की राशि पेनल्टी स्वरूप काटी जा चुकी है। उसी प्रकार श्रीराम स्विच गियर प्राइवेट लि. रतलाम द्वारा एडीबी-।।। पी.पी.आर.-42 योजना में 100 के.व्ही.ए. क्षमता के कुल 305 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने थे, जिनके विरूद्ध कुल 259 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये है एवं 46 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करना शेष है। कार्य में विलंब किये जाने के कारण निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी के देयकों से रू. 1.04 करोड़ की राशि पेनल्टी स्वरूप काटी जा चुकी है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य में विलंब करने पर उनके विरूद्ध निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है। एडीबी-।।। पी.पी.आर.-42 योजना में 46 तथा एस.एस.टी.डी.-792 योजना में 32 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करना शेष है एवं उपरोक्त दोनों योजनाओं के शेष कार्यों को माह दिसम्बर-2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उज्जैन जिले में विभागीय कार्यक्रमों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
132. ( क्र. 2757 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में शौर्य दलों का गठन कब, किस प्रक्रिया के तहत किया गया? दल के सदस्यों के नाम, पते एवं इनके प्रशिक्षण स्थान तथा प्रशिक्षण पर व्यय राशि देवें। (ख) उज्जैन जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विषयों पर सेमीनार, कार्यशाला व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए स्थान, नाम, दिनांक सहित बतावें। (ग) इन पर कितनी राशि किन कार्यों में, किन संस्थाओं को दी गई पूरी जानकारी देवें। (घ) इन कार्यक्रमों में आमंत्रित अतिथियों, प्रशिक्षकों के नाम, प्रतिभागी संख्या भी साथ में देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले में, 777 शौर्या दलों का गठन वर्ष 2015-16 में संचालनालय महिला सशक्तिकरण के निर्देश क्रमांक 3317 दिनांक 17-07-2015 के निर्देशों के तहत एवं 2127 दलों का गठन वर्ष 2016-17 में विभागीय पत्र क्रमांक/ 2966/3214/2016/50-2 भोपाल दिनांक 28-11-2016 के निर्देशों के तहत किया गया। दल के सदस्यों के नाम, पते एवं इनके प्रशिक्षण स्थान तथा प्रशिक्षण पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सेमीनार, कार्यशाला एवं प्रशिक्षण में हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित है। (घ) कार्यक्रमों में आमंत्रित अतिथियों, प्रशिक्षकों के नाम प्रतिभागी की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित है।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
133. ( क्र. 2765 ) श्री रमेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में बड़वानी एवं खरगोन जिले में अनुकंपा नियुक्ति के लिये कितने आवेदन प्राप्त हुए वर्षवार जिलावार सूची देवें। (ख) उपरोक्त आवेदनों में से कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक जिला स्तर पर एवं कितने प्रकरण राज्य स्तर पर लंबित हैं? पृथक-पृथक सूची देवें। (ग) कितने प्रकरणों का निराकरण होकर नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है? राज्य स्तर पर एवं जिला स्तर पर अस्वीकृत प्रकरणों की सूची भी देवें? (घ) लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होकर नियुक्ति प्रदान की जावेगी, समय-सीमा देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब, स एवं द अनुसार। (घ) रिक्त पद उपलब्ध होने तथा निर्धारित मापदंड की पूर्ति होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
इंदिरा सागर परियोजना कार्यों के संबंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
134. ( क्र. 2766 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना के बड़वानी जिले के हिस्से में आने वाली नहरों के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ख) यह कार्य कब तक पूरा होगा समय-सीमा देवें? नहर निर्माण की गाइड-लाइन की छायाप्रति देवें? क्या इसके अनुसार कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्न दिनांक तक इस परियोजना की नहरों के लिए कितनी राशि आवंटित की जा चुकी है एवं कितनी शेष हैं?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) मुख्य नहर का कार्य लगभग 97 प्रतिशत एवं वितरण प्रणाली का कार्य लगभग 62 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। (ख) जून 2018 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राशि रूपये 4604.52 करोड़ की स्वीकृति के विरूद्ध रूपये 3598.42 करोड़ व्यय की जा चुकी है तथा रूपये 1006.10 करोड़ शेष है।
विद्युत सेपरेशन के संबंध में
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 2770 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत सेपरेशन का कितना कार्य हो चुका है एवं कितना शेष है? (ख) विद्युत सेपरेशन में कितने एम.एम. की केबिल लगाने का निर्धारण किया गया है? क्या घरेलु एवं कृषि उपयोग हेतु अलग-अलग एम.एम. के केबिल का निर्धारण है? (ग) विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत सेपरेशन के कार्य में लापरवाही की प्रश्नकर्ता की वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें कार्यालय अधीक्षण अभियंता (संचा-संधा) सागर एवं कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) रहली में प्राप्त हुई है एवं इन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) इस विद्युत सेपरेशन के कार्य में गुणवत्ता के क्या मापदण्ड सुनिश्चित किये गये है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र के फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत सम्मिलित कुल 25 फीडरों के कार्यों में से 19 फीडरों का कार्य पूर्ण हो गया है तथा शेष 6 फीडरों का कार्य प्रगति पर है। (ख) फीडर विभक्तिकरण योजना में गैर कृषि फीडरों की निम्नदाब लाईन में विद्युत भार तकनीकी साध्यता के आधार पर 16 स्क्वायर एम.एम., 25 स्क्वायर एम.एम. अथवा 50 स्क्वायर एम.एम. की केबिल लगाने का प्रावधान है। कृषि फीडरों में केबिल लगाए जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 तथा इस वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) सागर कार्यालय एवं कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा) रहली कार्यालय में प्रश्नाधीन उल्लेखित कुल 6 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) फीडर विभक्तिकरण के कार्य में उपयोग की जाने वाली सामग्री टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी द्वारा भारतीय मानक (आई.एस.) के अनुरूप क्रय की जाती है तथा क्रय करने के पूर्व, सामग्री का परीक्षण तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी के द्वारा किया जाता है। ठेकेदार एजेन्सी के स्टोर में सामग्री प्राप्त होने के पश्चात् भी सामग्री की रेण्डम सेम्पलिंग कर सामग्री का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में किया जाता है तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही सामग्री का उपयोग किया जाता है। योजनान्तर्गत कार्य, निविदा की शर्तों, विद्युत अधिनियम, 2003 तथा आर.ई.सी. कस्ट्रक्शन मैनुअल के प्रावधानों के अनुसार किया जाना तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी एवं वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जाता है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
[आनन्द]
136. ( क्र. 2775 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा आनंद विभाग गठन करने के उद्देश्य एवं उससे लाभांवित होने के लिये, क्या-क्या योजनाएं संचालित हैं, या प्रस्तावित हैं? (ख) विभाग द्वारा जिला मुरैना में जन कल्याण हेतु क्या-क्या योजनाएं प्रस्तावित हैं और उनसे जनमानस को लाभांवित होने के लिये क्या अपेक्षाएं हैं? (ग) जिला मुरैना में विभाग द्वारा कौन-कौन अधिकारियों को विभाग की योजनाएं संचालित करने का दायित्व दिया गया है और उनके द्वारा विभाग की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने का क्या साधन है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग गठन करने के उद्देश्य संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं 1) आनंद उत्सव 2) आनंदम 3) अल्पविराम 4) आनंद सभा तथा 5) आनंद क्लब गतिविधियां/कार्यक्रम संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी योजनाएं जिला मुरैना सहित प्रदेश स्तर से सभी जिलों के लिए समान रूप से संचालित की जा रही है। आनंद विभाग की योजनाओं से जन सामान्य के जीवन में खुशहाली एवं आनंद के संचार की संभावना है। (ग) जिला मुरैना में जिला नोडल अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा तथा आनंदम सहयोगियों श्री रवि गुप्ता एवं श्री राजवीर सिंह राजपूत के सहयोग से विभाग की योजनाएं संचालित की जा रही है। योजनाओं के प्रचार प्रसार का कार्य जिला प्रशासन एवं स्थानीय निकायों द्वारा किया जाता है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में केन्द्र पोषित और राज्य पोषित योजनाओं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
137. ( क्र. 2778 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति और जनजाति बाहुल्य ग्राम/ग्राम पंचायतों में आधारभूत संरचना विकास के लिये केन्द्र पोषित और राज्य पोषित कौन-कौन सी योजनाएं है। इन योजनाओं में वर्ष 2004-2005 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त अवधि में पिछले 3 वर्षों में राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से निर्माण कार्य एवं हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किये गये। नाम एवं ग्राम सहित सभी देवें। कौन-कौन से निर्माण कार्य अभी अधूरे हैं और कब तक पूरे होंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत देयकों के संबंध में
[ऊर्जा]
138. ( क्र. 2782 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत श्योपुर नगर की सीमा व इसके आस-पास विद्यमान कृषि भूमि के मालिक कृषकों को विद्युत कम्पनी द्वारा वर्ष में दो बार माह अप्रैल व अक्टूबर में फ्लेट रेट से विद्युत देयक जारी न करके कृषकों को प्रतिमाह घरेलु एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं की भांति कृषि पम्पों के देयक मनमानी राशि को भेजे जा रहे हैं? (ख) क्या उक्त कारण से उक्त कृषक प्रतिमाह देयक राशि जमा नहीं कर पा रहे है और वे भारी भरकम देयक राशि के बोझ से लदकर अत्यंत परेशान व दुखी हैं, नतीजन वे प्रतिमाह भेजे जा रहे देयकों को तत्काल निरस्त करके फ्लेट रेट से वर्ष में दो बार देयक भेजे जाने की मांग कर रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो कृषकों के हित कल्याण के लिये वचनबद्ध शासन क्या कृषकों की मांग अनुसार प्रतिमाह भेजे गए उक्त देयकों को तत्काल निरस्त करेगा व वर्ष में दो बार अप्रैल व अक्टूबर में फ्लेट रेट से देयक भेजे जाने के निर्देश जारी कर कृषकों को राहत प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार कृषि पम्प उपभोक्ताओं को फ्लेट रेट पर अथवा मीटर लगाकर वास्तविक विद्युत उपयोग के आधार पर बिल दिये जाने का प्रावधान है। कृषि उपभोक्ताओं की आवश्यकता के अनुरूप पृथक कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घन्टे विद्युत प्रदाय किये जाने की स्थिति में उन्हें वर्ष में दो बार माह अप्रैल व अक्टूबर में फ्लेट रेट पर बिल दिये जा रहे हैं तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसे स्थान जो कि 24 घन्टे विद्युत प्रदाय वाले फीडरों से संबद्ध है तथा जहाँ कृषि पम्प कनेक्शनों को तकनीकी कारणों से पृथक से 10 घन्टे विद्युत प्रदाय किया जाना संभव नहीं है, उन्हें मीटर लगाकर वास्तविक खपत के आधार पर विद्युत बिल दिया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के आधार पर 70 कृषि पम्प उपभोक्ताओं को राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी घटाकर बिल दिये जा रहे हैं जिनमें से लगभग 50 कृषि पम्प उपभोक्ताओं द्वारा प्रतिमाह विद्युत देयक की राशि जमा की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रतिमाह भेजे जा रहे देयकों को निरस्त करके फ्लेट रेट से वर्ष में दो बार देयक दिये जाने के संबंध में कोई मांग मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
अनुसूचित जाति के कृषकों को सिंचाई सुविधावक्त
[आदिम जाति कल्याण]
139. ( क्र. 2786 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा के उद्देश्य से खेतों में विद्युतीकरण की योजना हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाक तक जिला सिवनी के कितना बजट आवंटित किया गया? उक्त योजना से कितने हितग्राही लाभान्वित हुयें? नामवार जानकारी देवें। (ख) केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वि.ख. छपारा, धमौटा एवं वि.ख. केवलारी में कितने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा अंतर्गत कितने कृषकों को लाभ हुआ? नाम बतायें? (ग) क्या समय-सीमा में कार्य न करने पर बजट लैप्स हो जाता/जाने से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राही योजना के लाभ से वंचित रहे गये हैं? यदि हाँ, तो कितने हितग्राही वंचित रह गये हैं, वंचित रहने के क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना मद अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जिला सिवनी को आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं लाभान्वित हितग्राहियों की नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिला सिवनी में अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना मद अन्तर्गत बजट लेप्स न किया जाकर समर्पित किया गया है। वर्षवार प्राप्त आवंटन से लाभान्वित हितग्राही एवं योजना के लाभ से वंचित हितग्राहियों की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
तीन वर्ष से पदस्थ अधिकारियों को हटाये जाने
[सामान्य प्रशासन]
140. ( क्र. 2792 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में तीन वर्ष से एवं 3 वर्ष से अधिक समय से ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जो एक ही जगह पदस्थ हैं, अधिकारीवार, विभागवार, पदस्थापना स्थानवार, पदस्थ दिनांक वार बतावें? (ख) जिले में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है, जिनकी शिकायतें जनप्रतिनिधियों एवं आमजन (जनता) के द्वारा की गई है उनके नाम, पद एवं पद स्थापना स्थान बतावें एवं उन पर प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विभागों के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई, कार्यवाही सहित बतावें? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थापना के संबंध में क्या नियम हैं? (घ) टीकमगढ़ जिले में जो अधिकारी/कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं, उन अधिकारी/कर्मचारियों को उस स्थान से हटाया जायेगा, अगर हाँ तो कब तक, समय-सीमा बतावें और नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में लाईट के संबंध में
[ऊर्जा]
141. ( क्र. 2793 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने गाँव हैं जो प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकृत नहीं किए गए हैं? ग्रामों की सूची देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में ऐसे कितने गांव है जहां पर जले हुये ट्रान्सफार्मर लगे हुये, गाँववार बतावें एवं ऐसे कितने गाँव है जहां पर ट्रान्सफार्मर जले हुये उठा लिये गये लेकिन प्रश्न दिनांक तक वहाँ पर ठीक ट्रान्सफार्मर नहीं लगाये गये है ऐसा क्यों किया गया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में ऐसे कितने गाँव हैं जहां किसानों के ट्रान्सफार्मर उठा लिये गये और उन्हें दोबारा नहीं लगाया गया हैं क्या सरकार ऐसे किसानों को ट्रांसफार्मर लगवायेगी। अगर हां तो कब तक विगत एक वर्ष में किसानों के द्वारा अधीक्षण यंत्री कार्यालय को कितने मैदानी अधिकारियों की शिकायत की गई जिनके द्वारा आमजनता से अभद्रता करने के बाद भी वह उसी जगह पदस्थ हैं ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों को विभाग कब तक हटायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) टीकमगढ़ जिले में पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (ख) पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक 24 ग्रामों के 38 स्थानों पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं जिनका ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में 74 ग्रामों के 110 स्थानों पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर उठा लिये गये हैं। उक्तानुसार कुल 98 ग्रामों के 148 स्थानों पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण इन ट्रांसफार्मरों को नहीं बदला/लगाया गया है। उक्त ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान करने पर उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला/लगाया जा सकेगा। (ग) पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार बकाया राशि के कारण उठाए गए ट्रांसफार्मरों में से 39 ग्रामों के 63 स्थानों के ट्रांसफार्मरों से कृषि उपभोक्ता संबद्ध हैं तथा बदलने हेतु शेष जले/खराब ट्रांसफार्मरों में से 19 ग्रामों के 29 स्थानों पर कृषि उपभोक्ता संबद्ध हैं। इस तरह कुल 58 ग्रामों के 92 स्थानों पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध कृषकों के वितरण ट्रांसफार्मर बकाया राशि होने के कारण नहीं बदले/लगाये गये हैं। वर्तमान में लागू नियमानुसार वितरण ट्रांसफार्मरों से जुडे 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरांत ट्रांसफार्मर स्थापित/बदल कर पुन: विद्युत प्रदाय किया जाना संभव हो सकेगा। विगत एक वर्ष में अधीक्षण अभियंता (सं./सं.), टीकमगढ़ के कार्यालय में मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किसानों/उपभोक्ताओं से अभद्रता करने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
अवैध शराब बिक्री/जुआ/सटटा पर रोक लगाने
[वाणिज्यिक कर]
142. ( क्र. 2825 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षैत्रान्तर्गत वर्ष 2016 के पश्चात कितने ग्रामों में अवैध शराब की बिक्री बंद करने हेतु महिलाओं द्वारा आवेदन किया गया है तथा वर्तमान तक पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या विगत दिनों ग्राम छिल्टीया की महिलाओ द्वारा अवैध शराब की गाडी को शराब सहित पकड़ी गई थी? हाँ तो यह गाड़ी किसकी थी तथा थाना प्रभारी द्वारा किसके विरूद्ध प्रकरण पंजिबद्ध किया गया है? नहीं तो क्या कारण है तथा इस अवैध शराब कि बिक्री हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है। (ग) भीकनगांव में खुले रूप से अवेध शराब एवं जुआ/सटटा धड़ल्ले से चलने पर रोक हेतु पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या इस प्रकार चल रहे अवैध कारोबार से पुलिस की कार्यशैली संदिग्ध है,? क्या भविष्य में इस प्रकार के अवैध करोबार को रोकने हेतु कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2016 के पश्चात् आबकारी विभाग में तीन ग्रामों क्रमश: ग्राम बाईखेडा, पाडल्या बाबाजीतथा भीकनगांव के वार्ड क्रमांक 1,2,3,4,5,6 से कुल 3 शिकायते प्राप्त हुई है, जिसमें महिलाओं द्वारा अवैध शराब की बिक्री बंद करने के संबंध में शिकायते की गई थी जिसमें मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के तहत ग्राम बाईखेडा में कुल 03 प्रकरण, ग्राम पाडल्या बाबाजी में 01 तथा भीकनगांव में 02 प्रकरण अवैध मदिरा बिक्री के पंजीबद्ध किये गये है। पंजीबद्ध प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की गई है। पुलिस विभाग में किसी भी ग्राम में अवैध शराब की बिक्री बंद करने हेतु महिलाओं द्वारा आवेदन नहीं किया गया है। (ख) आबकारी विभाग द्वारा ग्राम छिल्टीया में कोई अवैध शराब की गाड़ी जप्त नहीं की गई है। पुलिस विभाग द्वारा दिनांक 24.06.2017 को थाना चैनपुर में अवैध शराब के परिवहन के संबंध में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर पुलिस अवैध शराब के परिवहन पर रोकने जा रही थी, तब तक ग्राम छिल्टीया की महिलाओं द्वारा अवैध शराब की गाड़ी को शराब सहित पकड़ लिया था। थाना चैनपुर पुलिस द्वारा ग्राम छिल्टीया मेन रोड पर सफेद महिन्द्रा बोलेरो क्रमांक सी.जी.-04-के.आर. 6395 (जिसका वाहन मालिक जग्गुराम देवांगन पिता रामप्रसाद देवांगन निवासी बाया कसडोल, रायपुर, जिला रायपुर छत्तीसगढ़ है) को पकडा गया व जांच करने पर वाहन के अंदर टाट के बोरे में 28 अंग्रेजी शराब की बोतल (प्रेसिडेण्ट 5000 प्रत्येक 65 एम.एल.) 74 क्वाटर देशी प्लेन के (प्रत्येक 180 एम.एल.) एवं बाम्बे स्पेशल व्हिस्की के 65 क्वाटर (प्रत्येक 180 एम.एल.) कुल 43.22 लीटर शराब कुल रूपये 11,300/- की जप्त की गई। जिस पर थाना चैनपुर में वाहन चालक सोनू पिता रमेश सुनेने जाति सेन उम्र 25 साल निवासी झिरन्या के विरूद्ध अपराध क्रमांक 150/2017 धारा 34 आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में है। (ग) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2017 से दिनांक 05.07.2017 तक अवैध शराब के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के तहत कुल 460 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। विभाग द्वारा निरंतर अवैध शराब के विरूद्ध विशेष अभियान चलाये जाकर प्रकरण कायम कर कार्यवाही की जा रही है। साथ ही भविष्य में भी अवैध शराब के विरूद्ध कार्यवाही जारी रहेगी। पुलिस विभाग द्वारा अवैध शराब एवं जुआ/सट्टा पर रोक हेतु पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर वैधानिक कार्यवाही की जाकर दिनांक 01.01.2017 से 06.07.2017 तक की अवधि में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत थाना भीकनगांव में आबकारी एक्ट के 26, जुआ एक्ट के 12 तथा सट्टा एक्ट के 15 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। थाना चैनपुर में आबकारी एक्ट के 32, जुआ एक्ट के 02 तथा सट्टा एक्ट के 05 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। थाना गोगांव में आबकारी एक्ट के 22, जुआ एक्ट के 08 तथा सट्टा एक्ट के 12 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। अवैध करोबार को रोकने हेतु भविष्य में भी समय-समय पर अभियान चलाकर कार्यवाही की जावेगी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
143. ( क्र. 2830 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के मूल कार्य क्या है? क्या स्वास्थ्य विभाग के सर्वे, शिक्षा विभाग के सर्वे जैसे अन्य कार्य भी उसके कार्य क्षेत्र में आते हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से विभागों के अन्य कार्य है? जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को करना आवश्यक है? (ग) यदि नहीं, तो फिर हरेक अन्य विभाग के कार्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को क्यो लगाया जाता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभागीय परिपत्र क्र./2050/2186/2016/50-2 भोपाल दिनांक 29/08/2016 के द्वारा मिनी/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के उत्तरदायित्वों का निर्धारण एवं केन्द्र में उपस्थित होने के समय निर्धारण के संबंध में निर्देश जारी किये गये। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के स्थानीय होने के कारण समय-समय पर स्वास्थय विभाग/शिक्षा विभाग के सर्वे, निर्वाचन आयोग के कार्य आदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सम्पादित किए जाते है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से सामान्यतः आई.सी.डी.एस. के अतिरिक्त अन्य कार्य न लिये जाने के निर्देश दिए गए है किन्तु परिस्थिति वश स्थानीय स्तर पर अन्य आवश्यक/महत्वपूर्ण कार्य संपादित कराए जाते है।
ऋण माफी ऋण राहत योजना में हुये भ्रष्टाचार की जांच
[सामान्य प्रशासन]
144. ( क्र. 2913 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले के ऋण माफी ऋण राहत योजना में राशि 96267084 रूपये का गंभीर अनियमितता उजागर होने पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर में शिकायत क्रमांक 308/2010 के आधार पर प्रांरभ जांच क्रमांक 3021/2011 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था? (ख) क्या शिकायतकर्ता द्वारा राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों की जांच प्रक्रिया की धीमी गति के कारण माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका क्रमांक WP 10664/2016 (P.I.L) प्रस्तुत कर शिकायत पर कार्यवाही समय-सीमा में कराये जाने की मांग की थी और माननीय न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में समय सीमा 31.12.2016 को निर्धारित की थी निर्धारित समय-सीमा में जांच पूर्ण न हो पाने पर दिनांक 13.01.2017 को पुन: दिये गये निर्णय में माननीय न्यायालय द्वारा चार माह का समय और बढ़ाया गया था? (ग) क्या निर्धारित समयावधि के भीतर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों जबलपुर द्वारा माननीय न्यायालय के पारित निर्णय के अनुरूप अपना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दोषियों के विरूद्ध FIR कर दी गयी है? यदि हाँ, तो FIR की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? यदि माननीय न्यायालय के पारित निर्णय के विरूद्ध अभी तक जांच कार्यवाही पूरी नहीं हुई उसके लिये कौन दोषी है बतायें? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही और कब तक होगी? (घ) क्या इस प्रक्रिया के विलंब में सरकार तत्कालीन पूर्व बैंक अध्यक्ष एवं इस भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी, कर्मचारी, पदाधिकारी को बचाने का प्रयास तो नहीं कर रही है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही होगी? समय-सीमा बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। उल्लेखित शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच क्रमांक 02/11 दिनांक 17/02/2011 को पंजीबद्ध की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रारंभिक जांच क्रमांक 02/11 के जांच प्रतिवेदन के परीक्षणोपरांत आरोपी श्री आर.के. पचौरी, महाप्रबधंक, केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित पन्ना जिला पन्ना एवं अन्य के विरूद्ध 09 एफ.आई.आर. दिनांक 06.07.2017 पंजीबद्ध कर विवेचना में ली गई है। एफ.आई.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। आरोपियों के विरूद्ध 09 एफ.आई.आर. दिनांक 06.07.2017 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिये गये है। प्रकरण विवेचना में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं।
बैकलाग पदों की प्रकिया
[आदिम जाति कल्याण]
145. ( क्र. 2986 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत आ.जा.क. विभाग में बैकलाग के कुल कितने पद है? कब तक भर दिये जायेंगे? (ख) पदों को भरने की क्या प्रक्रिया हैं? यदि प्रक्रिया में कोई बदलाव किया गया है तो नियम की प्रति देवें। कब तक रिक्त पदों को भर लिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत आ.जा.क. विभाग में बैकलाग के केवल पदोन्नति में कुल 26 पद हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में विशेष अनुमति याचिका विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पदों को पदोन्नति एवं सीधी भर्ती द्वारा भरा जाता है। प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में विशेष अनुमति याचिका विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसुचित जाति/जनजाती के छात्रों के लिये विदेश अध्ययन छात्रव़त्ति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
146. ( क्र. 3101 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुसुचित जाति/जनजाति के छात्रों के लिये विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया हैं यदि हाँ तो छात्रवृत्ति के रूप में कितनी राशि वार्षिक प्रदान की जाती हैं? (ख) छात्रवृत्ति के लिये परिवार की वार्षिक आय सीमा एवं क्या-क्या मापदण्ड हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा निर्धारित वार्षिक छात्रवृत्ति एवं उच्य शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रयोजन हेतु दी जाने वाली राशि समान है? यदि नहीं, तो शासन स्तर पर विदेश अध्ययन हेतु प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि की समानता के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) छात्रवृत्ति के लिए आवेदक स्वयं एवं उनके अभिभावकों की सम्मिलित वार्षिक आय रू. 6.00 लाख से अधिक न हो। अन्य मापदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युतीकरण एवं कृषकों के कुएं तक विद्युत लाईन का विस्तार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
147. ( क्र. 3102 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसुचित जाति/जनजाति की बस्तियों में विद्युतीकरण एवं कृषकों के कुएं तक विद्युत लाईन का विस्तार किये जाने हेतु विभाग द्वारा कोई प्रावधान किया गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु पात्रता की शर्ते क्या हैं? विभाग द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार तथा हितग्राहियों से आवेदन प्राप्त करने की क्या व्यवस्था की गई हैं? क्या प्राप्त आवेदन के निराकरण की विभाग द्वारा कोई समय-सीमा तय की गई है? (ग) शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत इस योजना में वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 में कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तु्त किये गये तथा आवेदित हितग्राहियों में कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया तथा जिन्हे लाभ नहीं दिया गया, उसके क्या कारण रहे थे। (घ) विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर के कितने आवेदकों के आवेदन वर्तमान में अभी विभाग के पास लंबित हैं और कब तक उन्हें योजना का लाभ प्रदान किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 205 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 9 कृषकों को योजना का लाभ दिया गया। समय पर तकनीकी स्वीकृति प्राप्त न होने एवं सीमित आवंटन होने के कारण। (घ) 196 कृषकों के आवेदन लंबित हैं। समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
देवली के हाई स्कूल का हायर सेकेण्ड्री स्कूल में उन्नयन किये जाने
[आदिम जाति कल्याण]
148. ( क्र. 3117 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बच्चों की शैक्षणिक सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए हाईस्कूल देवली विकासखण्ड चन्द्रशेखर आजाद नगर (भाबरा) जिला अलीराजपुर का उन्नयन कर हायर सेकेण्डरी स्कूल 10 प्लस 2 करनें का निवेदन माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं विभाग को किया गया था। (ख) यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? क्या निकट समय में हाईस्कूल देवली का उन्नयन कर हायर सेकेण्डरी स्कूल 10 प्लस 2 (10+2) कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड ग्राम की जनसंख्या 3000 एवं पोषक शालाओं में 100 विद्यार्थी की उपलब्धता न होने से उन्नयन प्रस्तावित नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाईस्कूल एवं हाई सेकेण्ड्री भवन के निर्माण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
149. ( क्र. 3123 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र घोडाडोंगरी में कौन-कौन से हाईस्कूल एवं हाई सेकेण्ड्री स्कूल है तथा कब से संचालित है? (ख) क्या उक्त हाई स्कूल/हाई सेकेण्ड्री स्कूल के लिए भवन उपलब्ध हैं? (ग) यदि नहीं, तो शालाएं कहाँ लगाई जा रही हैं? क्या भवन विहीन उक्त शालाओं के लिए निर्माण किए जाएगे? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 21 हाईस्कूल एवं 15 हायर सेकेण्ड्ररी स्कूल के लिये भवन उपलब्ध हैं। (ग) भवन विहीन 16 हाईस्कूल का संचालन माध्यमिक शाला भवन में एवं भवन विहीन 06 हायर सेकेण्ड्ररी स्कूल का संचालन हाईस्कूल भवन में संचालित है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सीमित वित्तीय संसाधनों अंतर्गत भवन निर्माण की कार्यवाही की जाती है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।