मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016 सत्र
सोमवार, दिनांक 25 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग 1 : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, संसदीय कार्य, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, श्रम, पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण )
सर्व
शिक्षा
अभियान के
अंतर्गत स्वीकृत
निर्माण
कार्य
1. ( *क्र. 2585 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत रतलाम जिले में प्राथमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालयों के स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय एवं अन्यान्य अनेक निर्माण कार्य वर्ष 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 तक स्वीकृत हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो विकासखण्डवार एवं ग्राम पंचायतवार किन-किन स्थानों पर, किस-किस प्रकार के कितने कार्य स्वीकृत हुए एवं इस हेतु कार्यवार कितना बजट स्वीकृत किया गया? (ग) साथ ही क्या उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत निर्माण कार्य अनेक स्थानों पर पूर्ण नहीं हुए हैं, जबकि निर्माण कार्यों हेतु संबंधित एजेंसियों ने पूर्ण राशि की किश्त आहरित कर प्राप्त कर ली है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों के पूर्ण एवं अपूर्ण निर्माण कार्यों की भौतिक सत्यापन सहित जानकारी से अवगत कराते हुए स्पष्ट करें कि कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितनी राशि आहरित की गयी, कितनी राशि का उपयोग हुआ, कितनी शेष रही एवं अब तक तत्संबंधी क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सर्वशिक्षा अभियान अन्तर्गत रतलाम जिले में प्राथमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालयों के स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय एवं अन्यान्य अनेक निर्माण कार्य वर्ष 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 तक स्वीकृत कार्य एवं स्वीकृत बजट के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने से संकलित की जा रही है।
सामु. स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर का उन्नयन
2. ( *क्र. 1041 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 26.04.2016 को ब्यावरा तहसील में आयोजित जिला योजना समिति जिला राजगढ़ की बैठक में माननीय प्रभारी मंत्री महोदया द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ को खिलचीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल में उन्नयन हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त संबंध में प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर को सिविल अस्पताल में उन्नयन करने हेतु प्रेषित प्रस्ताव की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो कब तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर को सिविल अस्पताल में उन्नयन कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव का परीक्षण किया गया उपयुक्त न होने के कारण शासन को प्रेषित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर से जिला चिकित्सालय राजगढ़ 17 किमी की दूरी पर संचालित है। प्रदेश में चिकित्सकों की निरन्तर कमी भी है। अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर का 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन किया जाना संभव नहीं है।
आयुष अस्पतालों का संचालन
3. ( *क्र. 2669 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सीहोर जिले में आयुष अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जिले में कहाँ-कहाँ, कब अस्पताल प्रारंभ किए गए हैं? (1) अस्पतालों में पदस्थ स्टॉफ एवं स्वीकृत स्टॉफ का ब्यौरा दें। (ख) क्या जिले के अस्पतालों में नि:शुल्क दवाओं का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने प्रकार की दवाएं प्रदाय की जा रही हैं? दवाओं के नाम सहित ब्यौरा दें। (ग) प्रश्न दिनांक से 2 वर्ष के दौरान सीहोर जिले के किन-किन आयुष अस्पतालों में किस-किस रोग की कितनी-कितनी दवाओं का वितरण किया गया? अस्पतालवार ब्यौरा दें। (घ) क्या आयुष अस्पतालों की संख्या में वृद्धि अपेक्षित है? यदि हाँ, तो जिले में कहाँ-कहाँ नए अस्पताल खोले जाना प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जी नहीं वरन् जिले में 22 आयुर्वेद, 10 यूनानी, 1 आयुष विंग एवं 1 होम्योपैथी औषधालय एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिविल अस्पताल में 17 आयुष केन्द्र संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) कुछ दवाइयां कई रोगों में दी जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' व ''द'' अनुसार। (घ) जी नहीं।
राज्य विमुक्त घुमक्कड़ जाति के विकास हेतु स्वीकृत राशि
4. ( *क्र. 2835 ) श्रीमती इमरती देवी ( श्री ठाकुरदास नागवंशी ) : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में राज्य विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति विकास अभिकरण के द्वारा 01 जनवरी 2014 से आज दिनांक तक कुल किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत की गई राशि के जिलेवार कार्य किन-किन एजेंसियों के माध्यम से कराये गये एवं मौके पर हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (ग) राज्य में जिलेवार उपलब्ध कराई गई राशि के उपयोग का सत्यापन नहीं होने से राशि के दुरूपयोग के कितने प्रकरण बनाये गये एवं संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या इन सबके लिए राशि स्वीकृत करने वाले राज्यस्तरीय अधिकारी उत्तरदायी नहीं हैं? यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) दिनांक 1 जनवरी 2014 से आज दिनांक तक किसी भी कार्य के लिये कोई भी राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्ड चिकित्सा कार्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति
5. ( *क्र. 2893 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी के खण्ड चिकित्सा कार्यालय में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद में से कौन-कौन से पद भरे गए हैं और कौन-कौन से पद अभी तक रिक्त हैं? रिक्त रहने का क्या कारण है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं? प्रत्येक उप स्वास्थ्य केन्द्र में किस-किस श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे गये और कितने पद अभी तक रिक्त हैं? रिक्त पद रहने के क्या कारण हैं, पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी के खण्ड चिकित्सा कार्यालय में स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विभाग के अधीन नियमानुसार सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर क्रमशः महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता का एक-एक पद स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सालय के बायोवेस्ट का विनिष्टीकरण
6. ( क्र. 2396 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय से प्रतिदिन निकलने वाले बायोवेस्ट मटेरियल के विनिष्टीकरण का कार्य वर्ष 2015-16 में व वर्ष 2016-17 के लिये किस फर्म को दिया गया है? (ख) इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी में बायोवेस्ट मटेरियल का उठाव समय पर नहीं हो रहा है, जिससे संक्रमण बीमारियों का खतरा बना हुआ है? विभाग द्वारा समय पर कार्य ना करने वाली इस फर्म के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई है और विभागीय तौर पर इस लापरवाही के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिवनी जिले में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय से प्रतिदिन निकलने वाले बायोवेस्ट मटेरियल के विनिष्टीकरण का कार्य वर्ष 2015-16 में मेसर्स कृपा वेस्टेज सिवनी एवं वर्ष 2016-17 में मेसर्स एलाईट ऐजेन्सी जबलपुर को दिया गया है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण ऐजेन्सी मध्यप्रदेश प्रदूषण निवारण मण्डल के द्वारा प्राधिकृत की जाती है। मेसर्स कृपा वेस्टेज, सिवनी को दिनांक 07/11/2015 के माध्यम से निष्पादन प्रक्रिया बन्द करने के निर्देश जारी किये गये हैं। विभागीय स्तर पर जाँच उपरान्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर लापरवाह अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
आयुष चिकित्सकों की रिक्त पदों पर पदस्थापना
7. ( *क्र. 470 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में किन-किन स्थानों पर आयुष अंतर्गत आयुष प्राथ.स्वा. केन्द्र संचालित हैं तथा उनमें कितने-कितने अधिकारी एवं कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने-कितने पद भरे हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित केन्द्रों पर कब से पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग/शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? रिक्त पदों पर कब तक आयुष चिकित्सकों की पदस्थापना की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्षेत्र में रिक्त पद होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में इलाज नहीं होने के कारण जनता को भारी असुविधा हो रही है, ऐसी स्थिति में आयुष चिकित्सकों के रिक्त पदों पर कब तक पदस्थापना की जावेगी? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) आयुष अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना के नियत मापदण्ड
8. ( *क्र. 2619 ) श्री दिनेश राय : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले में शासकीय कॉलेज स्थापना के क्या मापदण्ड हैं? (ख) मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिये क्या जनसंख्या की प्रतिबद्धता है? (ग) मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिये क्या कोई दूसरे मेडिकल कॉलेज से दूरी की अनिवार्यता है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) सिवनी में शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिये क्या किसी मापदण्ड की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो सिवनी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कब और कैसे होगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जिले में 100 एम.बी.बी.एस. सीट्स के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हेतु 500 बिस्तर, 150 एम.बी.बी.एस. सीट्स के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 750 बिस्तर तथा 250 एम.बी.बी.एस. के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हेतु 1100 बिस्तर का अस्पताल होना आवश्यक है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र बेहट का उन्नयन
9. ( *क्र. 1502 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 27.06.13 को ग्वालियर प्रवास के दौरान उपस्वास्थ्य केन्द्र बेहट को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने हेतु घोषणा की गई थी। इस संबंध में कलेक्टर द्वारा शासन को अवगत कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उपस्वास्थ्य केन्द्र बेहट को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला ग्वालियर द्वारा मूलभूत जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु अनुशंसा सहित शासन को भेजी गई है? (ग) यदि हाँ, तो घोषणा एवं अनुशंसा के उपरांत भी विलम्ब का क्या कारण है? (घ) उपस्वास्थ्य केन्द्र बेहट को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन कब तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) घोषणा के पालन में उप स्वास्थ्य केन्द्र बेहट का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु प्रस्ताव परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध कार्यवाही
10. ( *क्र. 2070 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या-6 (क्रमांक 780), दिनांक 18.07.2014 के बिन्दु (घ) की जाँच संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा से कराने का उत्तर दिया गया था, जिसके परिपालन में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा द्वारा अपने पत्र क्रमांक/वि.स./पवास/2014/1316 रीवा दिनांक 09.10.2014 से जाँच दल गठित कर जाँच कराई है तथा जाँच में उमाकान्त द्विवेदी प्रभारी प्राचार्य शा.उ.मा.वि. पुरौना को छात्रवृत्ति भुगतान में दोषी मानते हुए निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थापित की गई है, की जानकारी जाँच प्रतिवेदन के साथ देवें। (ख) क्या उक्त विभागीय जाँच संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा को मिली है तथा प्रस्तुतकर्ता अधिकारी डी.ई.ओ. रीवा है तथा सेवा निवृत्त दोषी प्रभारी प्राचार्य द्विवेदी को गलत लाभ देने के उद्देश्य से जारी आरोप पत्र से गलत छात्रवृत्ति भुगतान का मुख्य आरोप अंकित नहीं किया गया है? क्या उक्त नियम विरूद्ध छात्रवृत्ति भुगतान का आरोप मुख्य आरोप पत्र में सम्मिलित कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त सेवा निवृत्त प्रभारी प्राचार्य श्री उमाकान्त द्विवेदी तारांकित प्रश्न क्र. 3554, दिनांक 25.07.2014 के अपात्र गुरूजियों के एरियर्स भुगतान में कलेक्टर रीवा द्वारा की गई जाँच में 12 लाख रू. गलत भुगतान में दोषी है तथा उक्त राशि की वसूली के लिए आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा दिनांक 03.06.2016 को आदेश जारी किया गया है? (घ) यदि प्रश्नांक (क) से (ग) हाँ तो क्या उक्त दोनों प्रकरणों में प्रभारी प्राचार्य द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान की गई कुल राशि वसूली योग्य है? यदि हाँ, तो सेवा निवृत्त प्रभारी प्राचार्य श्री द्विवेदी को मिलने वाले स्वत्वों से पूरी वसूली योग्य राशि वसूल कर भुगतान करायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री उमाकांत द्विवेदी व्याख्याता एवं तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य, शासकीय उ.मा.वि. पुरौना जिला रीवा को एक अन्य आरोप में संचालनालय के आदेश क्र-स्था-2/सर्त./सी/ रीवा/22/2015/257 दिनांक 27/03/2015 द्वारा निलंबित कर उनके विरूद्ध संचालनालय के पत्र क्र-स्था-2/सर्त./सी/रीवा/22/2015/414 दिनांक 07/05/2015 द्वारा जारी किए गए पत्र में वर्णित आरोप के आधार पर विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जाँच जारी है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, गलत छात्रवृत्ति भुगतान करने के आरोप को भी विभागीय जाँच में सम्मिलित किए जाने हेतु आरोप पत्र जारी किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। संचालनालय के पत्र दिनांक 03.06.2016 द्वारा श्री द्विवेदी को अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली के संबंध में कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया। (घ) विभागीय जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने एवं कारण बताओ सूचना-पत्र का प्रतिवाद उत्तर प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत गुण दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामु. स्वा. केन्द्र के नवनिर्मित भवन में विद्युत कनेक्शन
11. ( *क्र. 2935 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुठालिया का भवन निर्माण का कार्य पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग राजगढ़ द्वारा पूर्ण किया जाकर दिनांक 16.01.16 को विभाग के अधिपत्य में सौंप दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या बाहरी विद्युत कनेक्शन के अभाव में उक्त स्वास्थ्य केन्द्र नवीन भवन में स्थानांतरित नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त नवीन भवन में बाहरी विद्युत कनेक्शन का प्राक्कलन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिनांक 27.11.2015 से पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग राजगढ़ को प्रेषित डी.पी.आर. के संबंध में आवश्यक राशि स्वीकृति हेतु पुन: पी.आई.यू. लोक निर्माण राजगढ़ द्वारा स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव प्रेषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक बाहरी विद्युत कनेक्शन कार्य करवा दिया जावेगा? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया के नवनिर्मित भवन से नगर सुठालिया पहुंच मार्ग के मध्य स्थित नाले पर पुलिया नहीं होने से वर्षाकाल में रोगियों व गंभीर पीड़ित व्यक्तियों का आवागमन अवरूद्ध हो जाएगा? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त पहुंच मार्ग पर स्थित नाले पर पुलिया निर्माण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी, सुठालिया द्वारा दिनांक 27.11.2015 को बाह्य विद्युत कनेक्शन हेतु प्राक्कलन संभागीय परियोजना यंत्री पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग, राजगढ़ को प्रेषित किया गया एवं संभागीय परियोजना यंत्री पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग, राजगढ़ द्वारा उनके पत्र दिनांक 30.11.2015 द्वारा अतिरिक्त परियोजना संचालक पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किया गया, किन्तु उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग को कोई प्राक्कलन प्रेषित नहीं किया गया, बल्कि मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ ने दिनांक 30.04.2016 को इसकी स्वीकृति हेतु प्राक्कलन संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें को प्रेषित किया गया, जिसकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। यथाशीघ्र। (ग) जी नहीं, बल्कि स्वास्थ्य केन्द्र की बाउण्ड्रीवाल के बाहर एक अतिरिक्त रास्ते के नाले पर पुलिया निर्माण किये जाने हेतु रोगी कल्याण समिति की बैठक दिनांक 15.06.2016 में मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुठालिया को पुलिया निर्माण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। कार्य नगरपालिका सुठालिया द्वारा किया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अम्बेडकर मंगल भवन का निर्माण
12. ( *क्र. 138 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के नगर पलेरा सहित बल्देवगढ़ एवं निवाड़ी के लिये वर्ष 2013-14 में अम्बेडकर मंगल भवन स्वीकृत हो गये थे और बल्देवगढ़ तथा निवाड़ी में बनाये जा चुके हैं, परन्तु पलेरा में शासन स्तर पर अस्वीकृत कर दिया गया था? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या भवन निर्माण भूमि के अभाव में निरस्त किया गया जबकि भवन हेतु भूमि पर्याप्त है? क्या अनु. जाति के व्यक्तियों की विशेष मांग और आम जनता की विशेष आवश्यकता को देखते हुए उसे पुन: स्वीकृत कर राशि जारी कर अम्बेडकर मंगल भवन निर्माण करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त अम्बेडकर भवन को जनहित में निर्माण करने हेतु स्वीकृति प्रदान करेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। डॉ. अम्बेडकर मंगल भवन, बल्देवगढ़ का कार्य प्रगति पर तथा निवाड़ी में ले-आउट दिया गया है। आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास, मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 4735 दिनांक 12 सितम्बर, 2013 द्वारा सभी जिला अधिकारियों को इस आशय के निर्देश दिये गये थे कि एक ही स्थान पर दो बार अम्बेडकर भवन का निर्माण नहीं हो। चूंकि पलेरा में पूर्व से डॉ. अम्बेडकर मंगल भवन का निर्माण किया जा चुका है, इसलिये पुन: अम्बेडकर मंगल भवन का निर्माण नहीं कराया गया। (ख) जी नहीं। पलेरा में विभाग द्वारा डॉ. अम्बेडकर मंगल भवन का निर्माण पूर्व से किया जा चुका है अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नीमच जिला चिकित्सालय द्वारा रेफर किये गये मरीज
13. ( *क्र. 2253 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिला चिकित्सालय द्वारा 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को इलाज के अभाव में रेफर किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने मरीज हैं, जिनको रेफर किया गया और उनकी रास्ते में इलाज के अभाव से या समय पर इलाज न मिलने के कारण मृत्यु हो गई? नाम सहित बतायें। (ग) उक्त अवधि के कितने ऐसे मामले हैं, जिसमें इलाज के अभाव में मरीज की मृत्यु होने के कारण चिकित्सकों की शिकायतें प्रशासन को की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में प्राप्त शिकायत पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) नीमच जिला चिकित्सालय द्वारा 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक रेफर किये गये मरीजों की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
रेफर किये गये मरीजों की संख्या |
2013-14 |
420 |
2014-15 |
315 |
2015-16 |
565 |
|
कुल योग : 1300 |
(ख) रेफर किये गये मरीजों की रास्ते में ईलाज के अभाव में अथवा समय पर ईलाज न मिलने के कारण हुई मृत्यु की जानकारी 01.04.2014 से आज दिनांक तक की निम्नानुसार है :- (1) काली बाई (2) गजेन्द्र (3) शान्तिबाई जुना बधाना रामपुरा जिला नीमच (4) बाली बाई पति लक्ष्मीनारायण मनासा (5) चेनराम सुवाखेडी जिला नीमच (ग) इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संतान पालन अवकाश नीति
14. ( *क्र. 1099 ) श्री जतन उईके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग में महिलाओं को अपने सेवाकाल में संतान पालन हेतु (जिसके बच्चे 18 वर्ष से कम) 730 दिनों का अवकाश देने की नीति है? यदि हाँ, तो इसका पालन विभाग में न होने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत एक वर्षों से प्रश्न दिनांक तक छिंदवाड़ा जिले के शासकीय स्कूलों में कार्यरत कितनी महिलाओं ने संतान पालन हेतु आवेदन दिए? कितने आवेदन को विभाग ने स्वीकृत किया? दिनांकवार, नामवार सूची उपलब्ध करायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत नियमित शासकीय शिक्षक संवर्ग में कार्यरत महिलाओं को संतान देखभाल अवकाश दिया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत शासकीय विद्यालयों में कार्यरत 09 महिलाओं को संतान पालन अवकाश स्वीकृत किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जन स्वास्थ्य रक्षकों की पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में पदस्थापना
15. ( *क्र. 2687 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश के प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षकों को ग्राम आरोग्य केन्द्र या राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ करने हेतु शासन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब तक जन स्वास्थ्य रक्षकों को ग्राम आरोग्य केन्द्र या राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जननी वाहनों के संचालन के नियम/निर्देश
16. ( *क्र. 872 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के समस्त विकासखण्डों में महिलाओं को प्रसूति हेतु लाने एवं छोड़े जाने हेतु लगाई जाने वाली जननी वाहनों के संबंध में क्या नियम-निर्देश हैं? विगत 3 वर्षों में कितने वाहन कब से किस अवधि तक, किस दर पर, किस फर्म के लगाये गये हैं? उक्त अवधि में उक्त फर्म को किये गये भुगतान एवं कार्य की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) शहडोल जिला चिकित्सालय क्षेत्रांतर्गत समस्त विकासखण्ड में कुल कितने वाहन चालू हालत में हैं तथा कितने वाहन खराब स्थिति में हैं तथा कितने किस-किस कार्य में किसके द्वारा उपयोग में लिये जा रहे हैं? नाम, नंबर एवं वाहन चालक सहित व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विगत 03 वर्षों में सभी वाहनों की मरम्मत एवं ईंधन पर व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या वर्तमान में किसी विकासखण्ड में शासकीय कार्य हेतु प्रायवेट वाहन भी अनुबंधित किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त वाहनों हेतु जारी निविदा एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) शहडोल जिले में महिलाओं को प्रसूति हेतु लाने एवं छोड़े जाने हेतु लगाई जाने वाली जननी वाहनों के संबंध में नियम-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) शहडोल जिला चिकित्सालय क्षेत्रान्तर्गत समस्त विकासखण्ड में कुल 22 वाहन हैं, जिसमें से 17 वाहन चालू हालत में हैं तथा 05 वाहन खराब स्थिति में हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) विगत 03 वर्ष में सभी वाहनों की मरम्मत एवं ईंधन पर व्यय की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
पी.ओ.एल. (राशि रू. में) |
मरम्मत (राशि रू. में) |
2013-14 |
1068094.00 |
2874607.00 |
2014-15 |
776081.00 |
1914512.00 |
2015-16 |
464701.00 |
1971175.00 |
(घ) जी हाँ। वर्तमान में खण्ड चिकित्सा अधिकारियों के लिये मोबिलिटी सपोर्ट हेतु 5 वाहन तथा आर.बी.एस.के. हेतु 02 वाहन प्रति विकासखण्ड के मान से कुल 10 वाहन अनुबंधित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है।
विभागीय आदेश की अवहेलना
17. ( *क्र. 1316 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 796/728/2016/1/25 दिनांक 01-03-2016 के तहत डॉ. प्रयास कुमार प्रकाश व्याख्याता को परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना सोहागपुर से मूल पद पर पदस्थ किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी के स्थान पर किस अधिकारी को पदस्थ किया गया है? नाम, पद, सहित विवरण प्रदान करें। (ख) क्या उक्त अधिकारी के वापस होने के बाद भी श्री प्रकाश से ही परियोजना प्रशासक का कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन के आदेश की अवहेलना पर विभाग किसी प्रकार की दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। डॉ. प्रयास कुमार प्रकाश का मूल पद प्राचार्य है तथा त्रुटिवश आदेश में व्याख्याता अंकित हुआ है। उक्त आदेश के विरूद्ध संबंधित द्वारा मान. उच्च न्यायालय से दिनांक 22/03/2016 को स्थगन प्राप्त किया गया है। त्रुटि सुधार का संशोधन आदेश जारी किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय हाई स्कूल का निर्माण
18. ( *क्र. 1032 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत ग्राम बेलवा सुरसरी सिंह में बारहवें वित्त से शासकीय हाई स्कूल का निर्माण कराने हेतु राशि सांसद निधि से प्रदाय की गई थी, किन्तु आज तक निर्माण कार्य अधूरा रहने का क्या कारण है? (ख) उक्त भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य हेतु पूर्ण राशि प्राप्त न होने के कारण कार्य अधूरा है। (ख) राशि प्राप्त होने के पश्चात। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जीर्ण-शीर्ण स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों का निर्माण
19. ( *क्र. 3126 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया विधानसभा की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिये ग्राम दिल्लौद के पूर्व निर्मित जीर्ण-शीर्ण भवनों के स्थान पर नवीन भवन एवं ईटखेड़ी सड़क स्थित स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उन्नयित करते हुए पूर्व निर्मित जीर्ण-शीर्ण भवन के स्थान पर नये भवन का निर्माण किये जाने की आवश्यकता प्रतीत होती है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इन स्थानों पर नवीन भवनों के लिये कब तक बजट उपलब्ध कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, ग्राम दिल्लौद में नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन की स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। उप स्वास्थ्य केन्द्र ईटखेड़ी सड़क का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल से विस्तृत जानकारी मंगाकर परीक्षण उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
शिवपुरी जिले में विद्यालयों का उन्नयन
20. ( *क्र. 1566 ) श्री रामसिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा शिवपुरी जिले में वर्ष 2016 में कुछ विद्यालयों का उन्नयन किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्राथमिक से माध्यमिक, माध्यमिक से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी (10+2) विद्यालयों का उन्नयन किया गया है? उन्नयन आदेश की प्रति संलग्न कर विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) क्या उक्त उन्नयन किए गए सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2016-17 में कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी? यदि नहीं, तो उक्त विद्यालयों में नवीन कक्षाएं कब से प्रारंभ होंगी? (ग) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के कुछ प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल उन्नयन हेतु पात्रता में आए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से स्कूल उन्नयन हेतु पात्रता की श्रेणी में आए हैं? इनके उन्नयन के आदेश कब तक जारी होंगे एवं नवीन कक्षाएं कब से प्रारंभ होंगी? (घ) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड बदरवास के ग्राम खतौरा के हाईस्कूल को हायर सेकेण्डरी (10+2) में उन्नयन करने के आदेश जारी कर दिए हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। यदि नहीं, तो उन्नयन आदेश कब तक जारी कर दिए जाएंगे एवं कक्षाएं कब से प्रारंभ होंगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) किसी प्राथमिक विद्यालय का माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन नहीं किया गया है। माध्यमिक/हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी में उन्नयन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2016-17 के लिए जिलों से प्रस्ताव प्राप्त किए जा रहे है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उन्नयन बजट प्रावधान एवं स्वीकृति पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिलांतर्गत संचालित नर्सिंग कॉलेज
21. ( *क्र. 57 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितने नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं? शासकीय एवं प्रायवेट नर्सिंग कॉलेज की जानकारी दें। (ख) क्या नर्सिंग कॉलेजों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्डों का पालन किया जा रहा है? सी.एम.एच.ओ. का जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ग) यदि नर्सिंग कॉलेज निर्धारित मापदण्डों को पूरा नहीं करते हैं तो इनकी मान्यता कब तक समाप्त कर दी जायेगी। (घ) नर्सिंग कॉलेज के फर्जी पाये जाने पर मान्यता देने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, जिला सतना में शासकीय नर्सिंग कॉलेज संचालित नहीं है। प्रायवेट नर्सिंग कॉलेजों का संचालन एवं नियंत्रण संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा किया जाता है। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय कटनी में ट्रामा यूनिट का निर्माण
22. ( *क्र. 1814 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय कटनी में ट्रामा यूनिट का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ है और कब तक पूर्ण हो जाना चाहिए था? क्या निर्धारित अवधि बीत जाने के उपरांत भी आज दिनांक तक ट्रामा यूनिट का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो ट्रामा यूनिट का निर्माण कब तक पूर्ण होगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तहत भवन निर्माण के अभिन्यास में परिवर्तन कर प्रसूति कक्ष एवं प्राइवेट कक्षों से संलग्न शौचालयों इत्यादि को अलग करते हुए उन शौचालयों को भ्ावन के बाहर सामूहिक शौचालय के तौर पर प्रस्तावित किया गया था? यदि हाँ, तो किस सक्षम प्राधिकारी के आदेश से उपरोक्त परिवर्तन किये गये. (ग) क्या ट्रामा यूनिट भवन के निर्माण का कार्य वर्तमान में बंद है एवं इसके पूर्व के अव्यवहारिक परिवर्तनों को अलग करते हुए पुन: परिवर्तित अभिन्यास की स्वीकृति लंबित है? यदि हाँ, तो बतायें कि अभिन्यास स्वीकृति की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है और कब तक स्वीकृति प्राप्त हो जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत ट्रामा यूनिट भवन निर्माण में विलंब के लिए दोषी कौन हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी.
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) ट्रामा यूनिट निर्माण कार्य का कार्य आदेश दिनांक 28.06.2013 को दिया गया, किन्तु ठेकेदार द्वारा दिनांक 20.09.2013 से कार्य प्रारंभ किया गया, अनुबंधानुसार समय अवधि 18 माह अर्थात दिनांक 27.12.2013 तक कार्य पूर्ण किया जाना था। जी हाँ, 31 दिसम्बर 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ख) जी हाँ, तत्कालीन कलेक्टर, जिला कटनी द्वारा। (ग) जी नहीं, जी हाँ, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है अतिशीघ्र। (घ) कोई नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक अधिकार पत्र प्राप्त होने के उपरांत निर्माण कार्य की स्वीकृति
23. ( *क्र. 1989 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2008 से लागू वनाधिकार कानून 2006 के तहत सामुदायिक अधिकार पत्र प्राप्त होने के बाद किन-किन कार्यों की अनुमति के प्रावधान हैं? (ख) पंचायती राज संस्थाओं, सहकारी संस्थाओं, शासकीय, अशासकीय विभागों, सार्वजनिक उपक्रम एवं सरकारी कंपनियां एवं निजी क्षेत्र को अनुमति देने की क्या प्रक्रिया होती है? (ग) क्या मंडला जिले की विकासखण्ड बीजाडोडी अंतर्गत ग्राम पंचायत जयठार में निर्माणाधीन हाट बाजार के लिए सामुदायिक अधिकार पत्र प्राप्त होने के बाद भी वन विभाग द्वारा निर्माण कार्य की सामग्री एवं अन्य सामान की जप्ती कर कार्य रोक दिया गया है? क्या कारण हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत अधिनियम 2006 की धारा 3 (2) में निहित प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (2) में प्रावधानित प्रयोजनों के लिये एक हेक्टेयर तक वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग के लिये व्यपवर्तन हेतु भारत सरकार, जनजाति कार्य मंत्रालय के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 (2) में हाट बाजार के निर्माण का उल्लेख न होने तथा वन क्षेत्र में पक्का निर्माण कार्य की अनुमति प्राप्त किये बिना निर्माण कार्य कराये जाने के कारण वन विभाग द्वारा रोक लगाई गई है।
पंप ऊर्जीकरण मद में स्वीकृत कार्य
24. ( *क्र. 2990 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में पंप ऊर्जीकरण मद में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के कार्य स्वीकृत किए गए? (ख) क्या लंबे समय से स्वीकृत कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं तथा विभाग द्वारा कार्य पूर्ण कराने के क्या प्रयास किए गए हैं? (ग) कार्य पूर्ण न होने से हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा क्या कार्यवाही की जा रही है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) प्रश्नांश अन्तर्गत समस्त कार्य पूर्ण कर जनजाति के 22 हितग्राहियों के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
25. ( *क्र. 1934 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमला में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) यह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कितने बिस्तरों वाला है? (ग) इस केन्द्र में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्सक कार्यरत हैं? (घ) चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमला में मेडिकल विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ के एक-एक पद तथा चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत हैं। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमला 30 बिस्तरीय संस्था है। (ग) चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत 02 पदों के विरूद्ध 02 चिकित्सक कार्यरत हैं। (घ) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है। विशेषज्ञों के पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान है, पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति की निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अध्यापक
संवर्ग को
वेतनमान
1. ( क्र. 6 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग को नया वेतनमान देने से वरिष्ठ अध्यापक, संविदा शिक्षक व सहायक अध्यापक का वेतन कम हो रहा है। इस संबंध में इसी वर्ष में शिक्षक संगठन ने जो शिकायतें जिला व भोपाल स्तर पर की हैं उनका विवरण देते हुए बताएं कि गणना पत्रक में सुधार कर वेतन बढ़ोत्री पर क्या शासन विचार करेगा? (ख) शिक्षा विभाग समान कार्य, समान वेतन होने का निर्णय लिया जायेगा, ताकि उन्हें पेंशन व अन्य सुविधा मिल सके व नहीं तो क्यों? (ग) क्या संविदा शिक्षक व अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलयन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। छठवाँ वेतनमान दिये जाने से अध्यापक संवर्ग के अध्यापकों का वेतन कम नहीं हो रहा है। संविदा शाला शिक्षकों को वर्ष 2011 से दिया जा रहा संविदा मासिक पारिश्रमिक आज दिनांक तक यथावत लागू है एवं संविदा शाला शिक्षकों को छठवां वेतनमान देय नहीं है। अध्यापक संगठनों के छठवें वेतनमान में नियमित शासकीय शिक्षकों के समान वेतन निर्धारण की मांग पर वेतन निर्धारण संबंधी आदेश विचार हेतु आगामी आदेश तक स्थगित किया गया है। (ख) अध्यापक संवर्ग को छठवाँ वेतनमान दिनांक 1.1.2016 से दिये जाने का निर्णय लिया गया है। अंशदायी पेंशन योजना अध्यापक संवर्ग के लिये पूर्व से लागू है। अन्य सुविधाओं के संबंध में वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संविदा शाला शिक्षक/अध्यापक संवर्ग का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग की स्थानांतरण नीति
2. ( क्र. 9 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग के लिये महिला एवं पारस्परिक स्थानांतरण के अतिरिक्त सभी महिला पुरूष अध्यापकों के लिये स्थानांतरण नीति बनाई जा रही है? यदि हाँ तो उक्त नीति कब तक जारी हो जाएगी? (ख) क्या शासन ने निर्देश दिये हैं कि शिक्षकों से शिक्षा देने के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं लिये जावे फिर भी विभिन्न विभागों द्वारा शासकीय योजनाओं के सर्वेक्षण व अन्य कार्य लिये जा रहे है? क्या इन्हें रोकने हेतु शासन कोई आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग में स्थानांतरण नीति नहीं है, अपितु महिला, निःशक्त तथा पारस्परिक अन्तर्निकाय संविलियन नीति है। इस संवर्ग में कार्यरत महिला एवं पुरुषों के लिए उपर्युक्त नीति के अतिरिक्त कोई शासन नीति वर्तमान में नहीं है। (ख) जी हाँ। शासन के आदेश दिनांक 07 फरवरी 2007 एवं 06.02.2016 के अनुसार विभाग के विशिष्ट आदेश प्राप्त किये बिना शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्यों के लिए अभिनियोजन नहीं करने का प्रावधान है। जारी आदेशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''तीन''
अध्यापक संवर्ग को शिक्षक संवर्ग की भांति लाभ
3. ( क्र. 49 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग के लिए स्थानान्तरण की नीति है क्या? (ख) हाँ, तो विगत एक वर्ष में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में कितने अध्यापक लाभान्वित हुए हैं? (ग) निकाय से दूसरे निकाय में पुरुष अध्यापकों के लिए अन्तर निकाय संविलियन की नीति कब लागू होगी? (घ) अध्यापक संवर्ग को बीमा, गृह भाड़ा चिकित्सा सुविधा एवं प्रमोशन का लाभ सभी अध्यापकों को कब तक मिलेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग में स्थानांतरण नीति नहीं, अपितु महिला, निःशक्त तथा पारस्परिक अन्तर्निकाय संविलियन नीति है। (ख) अन्तर्निकाय संविलियन से सुसनेर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 23 अध्यापक लाभान्वित हुए है। (ग) वर्तमान में पुरुष अध्यापक संवर्ग के लिए अन्तर्निकाय संविलियन की कोई नीति नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में अध्यापक संवर्ग के लिए समूह बीमा, गृह भाड़ा, चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान नहीं है तथा सहायक अध्यापक से अध्यापक एवं अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति हेतु पदोन्नत पद की उपलब्धता वरिष्ठता, पात्रता तथा विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति कन्या आश्रम शालाओं का संचालन
4. ( क्र. 102 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के अंतर्गत अनुसूचित जाति के कन्याओं की शिक्षा हेतु अनुसूचित जाति कल्याण आश्रम के माध्यम से पढ़ाई हेतु आश्रम शाला संचालित किये गये थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश में अनुसूचित जाति कन्या आश्रम शालाओं को बंद करने हेतु आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या अनुसूचित जाति कन्या आश्रम शालाओं को बन्द करने से अनुसूचित जाति की कन्याओं की पढ़ाई में असर पड़ेगा। इसके लिये शासन स्तर पर आगामी क्या योजना हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या अनुसूचित जाति कन्या आश्रम शालाओं को यथावत संचालित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि आश्रम शालाओं को पूर्ववत संचालित किये जाने की योजना है, तो पूर्ण जानकारी देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। आश्रम शालाओं का जूनियर छात्रावासों में परिवर्तन किया गया है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मलेरिया की रोकथाम
5. ( क्र. 103 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड कुसमी, मझौली, देवसर, चितरंगी एवं बैढ़न के अंतर्गत मलेरिया बीमारी के रोकथाम के लिए क्या उपाय किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राष्ट्रीय जनित रोक नियंत्रण के द्वारा मलेरिया विभाग में कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद भरे हुए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मलेरिया की रोकथाम के लिए मलेरिया टेक्निकल सुपरवाईजरों की नियुक्ति पिछले 3 वर्षों में की गई थी? यदि हाँ, तो कितने पदों पर नियुक्ति की गई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जो मलेरिया टेक्निकल सुपरवाईजर अप्रेजल परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हैं उन्हें क्या पुन: अप्रेजल परीक्षा हेतु अवसर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? मलेरिया जैसे संक्रामित बीमारी के रोकथाम के लिए अनुत्तीर्ण मलेरिया टेक्निकल सुपरवाईजरों की सेवा आगे बढाई जायेगी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्रमिकों के बच्चों हेतु आवासीय शिक्षा योजना
6. ( क्र. 184 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में अच्छी शिक्षा बहुत महंगी हो चुकी है, जिससे उद्योगों में कार्यरत श्रमिक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दिला पाते हैं? यदि हाँ, तो क्या श्रमिकों के बच्चों हेतु आवासीय शिक्षा योजना बनी है? यदि हाँ, तो नागदा शहर जो संभाग का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है? यहां यह योजना कब तक लागू की जावेगी? (ख) यदि आवासीय सह शिक्षा योजना नहीं बनी है, तो इस पर कब विचार किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा श्रमिकों के बच्चों हेतु आवासीय शिक्षा योजना के अंतर्गत भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर तथा जबलपुर में श्रमोदय विद्यालय (आवासीय) प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा नागदा शहर में श्रमोदय विद्यालय (आवासीय) प्रारंभ किया जाना विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
ठेका श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक वेतन आय
7. ( क्र. 185 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपूर्ण म.प्र. में करीब 10 लाख श्रमिक कार्यरत हैं जिनका मासिक वेतन 6700/- रू. प्रति माह जो लगभग 257/- रू. प्रतिदिन होता है? (ख) क्या शासन श्रमिकों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने पर विचार कर रहा है? (ग) यदि नहीं, कर रहा है तो कब तक विचार किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) संपूर्ण म.प्र. में कार्यरत श्रमिकों की संख्या 10 लाख से अधिक है। विभिन्न नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों को दिनांक 01.04.2016 से निम्नानुसार मासिक एवं दैनिक वेतन देय है :-
श्रमिकों की वर्ग/श्रेणी मासिक वेतन दैनिक वेतन
(1) अकुशल रू. 6850.00 रू. 263.00
(2) अर्द्धकुशल रू. 7707.00 रू. 286.00
(3) कुशल रू. 9085.00 रू. 339.00
(4) उच्च कुशल रू. 10385.00 रू. 389.00
(ख) शासन द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत दिनांक 10 अक्टूबर, 2014 व 22 मई, 2015 द्वारा विभिन्न अधिसूचित नियोजनों में न्यूनतम वेतन दरें पुनरीक्षित कर प्रभावशील की गई है। इस संबंध में मूल्य सूचकांक में वृद्धि के आधार पर श्रमायुक्त द्वारा 1 अप्रैल तथा 1 अक्टूबर से परिवर्तनशील महंगाई भत्ता सम्मिलित कर नई दरें घोषित की जाती है। न्यूनतम वेतन अधिनियम में 5 वर्ष में न्यूनतम वेतन दरों का पुनरीक्षण प्रावधानित होने से प्रभावशील न्यूनतम वेतन दरों के पुनरीक्षण की कार्यवाही वर्तमान में अपेक्षित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
8. ( क्र. 200 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में आदिम जाति अनु. जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में सामग्री वितरण में अनियमितता के दोषियों पर परि.अता. प्रश्न संख्या-19 (क्रमांक 496) दिनांक 01.03.2016 के उत्तर में बताया गया था कि दोषियों पर कार्यवाही प्रचलन में है? तो यह कार्यवाही कब से प्रचलन में है एवं कब तक पूर्ण कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही कर दी जावेगी? (ख) क्या संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास सागर द्वारा अपने पत्र क्र. 244/सागर, दिनांक 08.03.2016 में सहायक आयुक्त सागर द्वारा प्रश्नांश (क) की विधानसभा में गलत जानकारी दी जाना बताया है? जानकारी किसके द्वारा गलत दी गई बतायें? (ग) यदि हाँ तो विधानसभा में गलत जानकारी देकर दोषी को बचाने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग इनके विरूद्ध भी कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। सागर जिले में आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में सामग्री वितरण में अनियमितता के लिए तत्कालीन सहायक आयुक्त, श्री आर. एस. शर्मा (सेवानिवृत्त) को दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित है। जिला स्तरीय कर्मचारी श्री श्याम सुंदर शर्मा, लेखापाल पर कलेक्टर, सागर द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार पट्टे वितरण में विलंब होना
9. ( क्र. 310 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत झिरन्या विकासखण्ड में योजना प्रारंभ से कुल कितने वन अधिकार पट्टे प्राप्त करने हेतु आवेदन ग्राम वन समिति को प्राप्त हुए हैं? (ख) वन अधिकार समिति को प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन का पंजीयन ऑनलाईन किया गया है तथा कितनों का ऑनलाईन पंजीयन शेष है? अगर शेष है तो क्या कारण है? (ग) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के झिरन्या विकासखण्ड के कितने ऑनलाईन आवेदनकर्ताओं की जाँच जनपद स्तरीय समिति द्वारा की जाकर स्वीकृति प्रदाय की गई है तथा कितने आवेदकों के प्रकरण अपात्र किए गये हैं? स्वीकृत आवेदनकर्ताओं एवं अपात्र आवेदनकर्ताओं की सूची मय कारण ग्रामवार उपलब्ध करावें? (घ) क्या झिरन्या विकासखण्ड अंतर्गत नियमानुसार अंतर्गत समस्त जनपद स्तर पर शत्-प्रतिशत पट्टेधारियों का पी.डी.ए. सर्वे किया गया है? नहीं तो कितने आवेदनकर्ता का पी.डी.ए. सर्वे शेष है तथा क्या कारण है? यह सर्वे कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत पात्र आवेदनकर्ताओं को शत्-प्रतिशत पट्टे प्रदाय किये गये हैं? नहीं तो क्या कारण है तथा इन्हें कब तक पट्टे वितरण किये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत 12055 दावा आवेदन प्राप्त हुये। (ख) प्राप्त सभी 12055 दावा आवेदनों का ऑनलाईन पंजीयन किया जा चुका हैं। पंजीयन हेतु कोई दावा आवेदन शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दर्ज 12055 आवेदनों में से 11040 स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये गये हैं। समिति द्वारा 6290 दावा आवेदनों को मान्य एवं 4750 दावा आवेदनों को अमान्य किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार हैं। (घ) 11040 दावों का वन विभाग द्वारा पीडीए सर्वे किया गया हैं एवं 1015 पीडीए सर्वे शेष हैं। मजदूरी हेतु अन्यत्र जाने से उक्त हितग्राहियों का पीडीए सर्वे कार्य शेष हैं, उक्त दावों का पीडीए सर्वे शीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। सभी पात्र 6290 आवेदनकर्ताओं को वन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके हैं।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बस्ती में विकास कार्यों की स्वीकृति
10. ( क्र. 311 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 02 वर्षों में घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ बस्ती विकास कार्यों के स्वीकृति हेतु भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 1.78 करोड़ के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए हैं परन्तु प्रस्ताव भेजने में मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही में कमी के चलते स्वीकृति प्रदाय नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों से विधानसभा क्षेत्र भीकनगांव से घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति बस्ती विकास कार्य किसी अधिकारी की वजह से लंबित है तो क्या उन पर यह कार्य समयावधि में न करने एवं विगत 02 वर्षों से वरिष्ठ कार्यालय से प्रेषित पत्रों पर विचार न करने के संबंध में कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (ग) नहीं, तो क्या वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी किसी भी प्रकार से विकास कार्यों की स्वीकृति प्राप्त नहीं होगी? अगर होगी तो कैसे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। विगत 02 वर्षों में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ बस्ती विकास कार्यों की राशि रूपये 1.58 करोड़ के प्रस्ताव संचालनालय में प्राप्त हुए थे। प्राप्त प्रस्ताव में कमी की पूर्ति करने हेतु संचालनालय के पत्र क्र. 890 दिनांक 20.01.2016 अनुसार वापस किए गए थे। इस संबंध में संचालनालय के पत्र क्र. 2062 दिनांक 31.03.2016 अनुसार स्मरण पत्र भी भेजा गया है। उपरोक्त प्रस्ताव पूर्ति उपरांत संचालनालय में प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) विलंब के लिए दोषी अधिकारियों की पहचान हेतु कलेक्टर को निर्देशित किया गया हैं। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) विकास कार्यों के योजनानुसार पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
अस्पताल का उन्नयन
11. ( क्र. 449 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर स्थित चमेली चौक छोटी अस्पताल में तीस बिस्तरों वाला अस्पताल शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक शुरू किया जायेगा? (ख) वर्तमान में इस अस्पताल में कितने डॉक्टर, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ पदस्थ है एवं यहां प्रतिदिन कितनी ओ.पी.डी. हो रही है? क्या इसके मान से वर्तमान में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा और कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में चमेली चौक अस्पताल में 02 डॉक्टर, 02 पैरामेडिकल एवं 07 स्टॉफ नर्स पदस्थ है। ओपीडी 60-80 प्रतिदिन है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज का भवन निर्माण
12. ( क्र. 450 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज का भवन निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होना था, इसके अपूर्ण होने का क्या कारण है एवं वर्तमान में इसकी क्या स्थिति है तथा इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) सागर बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में पी.जी. की कक्षाएं कब तक प्रारंभ कर ली जायेगी? (ग) क्या सागर बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज को 50 एकड़ जमीन शासन द्वारा प्रदाय की गई थी, यह किस उद्देश्य से दी गई थी? इस हेतु शासन की क्या योजनाएं हैं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर के भवन निर्माण का कार्य मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल, सागर द्वारा दिनांक 09.02.2009 को पूर्ण किया जाना प्रस्तावित था। कार्य की लागत बढ़ने एवं बजट के अभाव में मंडल द्वारा निर्माण कार्य रोक दिया गया था। वर्ष 2016-17 में दिनांक 12.05.2016 को राशि रूपये 5.00 करोड़ आवंटित की गई थी। मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल, सागर द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। शासन से रूपये 3.683 करोड़ उपलब्ध होने पर शेष निर्माण कार्य दिनांक 31.10.2016 तक मंडल द्वारा पूर्ण किया जाना प्रस्तावित हैं। (ख) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु MCI नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त होने पर प्रवेश की कार्यवाही संभव हो सकेगी। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं। (ग) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर को कार्यालय कलेक्टर नजूल जिला सागर के प्रकरण क्रमांक 16अ/20 (1) वर्ष 2008-2009 में पारित आदेश दिनांक 28.02.2009 के द्वारा पटवारी हल्का नंबर 63 तहसील सागर के सर्वे क्रमांक 233/1 से 25 एकड़ एवं दिनांक 15.02.2011 द्वारा अतिरिक्त 25 एकड़ कुल 50 एकड़ भूमि मेनपानी क्षेत्र तिली में सुपर स्पेशलिटी पैरामेडिकल संस्थान, आवासीय परिसर हेतु आवंटित की गई। आवंटित भूमि पर वायरोलॉजिकल लैब स्थापित करने हेतु प्रस्तावित किया गया हैं।
मध्यप्रदेश में संचालित शैक्षणिक कोचिंग संस्थाएं
13. ( क्र. 453 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा शैक्षणिक कोचिंग संस्थाओं के पंजीकरण हेतु कोई मापदण्ड निर्धारित हैं, यदि नहीं, तो इन संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुये शासन प्रदेश में संचालित अनगिनत शैक्षणिक कोचिंग संस्थाओं के पंजीकरण हेतु कोई नीति बनाये जाने पर विचार करेगा? क्या इनको समय तालिका एवं शुल्क निर्धारण के कोई निर्देश विभागीय स्तर पर लागू किये जाने पर विचार करेगा? (ख) क्या म.प्र. में अनेकों ऐसी शैक्षणिक कोचिंग संस्थायें संचालित हैं, जिनके द्वारा माहवार शुल्क की बजाय वार्षिक या विषयवार इकट्ठा शुल्क वसूला जाता हैं? क्या इन पर नियंत्रण हेतु शासन कोई नियम बनाये जाने पर विचार करेगा? (ग) क्या इन संस्थाओं में छात्रों को बैठने हेतु उचित व्यवस्था वाहन पार्किंग, प्रसाधन, स्वच्छ पेयजल, प्रकाश आदि की उचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है? यदि हाँ, तो इसका परीक्षण किसके द्वारा किया जाता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में इस संबंध में कोई नीति बनाए जाने का प्रस्ताव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा विभाग में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण
14. ( क्र. 557 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत चतुर्थ श्रेणी/सहायक ग्रेड-3 के अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण कब से लंबित हैं, सूची दें और उन्हें भर्ती करने का अधिकार किस अधिकारी को है? (ख) चतुर्थ श्रेणी/सहायक ग्रेड-3 के अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों की नियुक्ति सक्षम अधिकारी द्वारा किस दिनांक तक कर दी जाएगी? (ग) अनुकम्पा के लंबित प्रकरणों को क्या प्राधिकृत अधिकारी द्वारा एक बार से अधिक आपत्ति लगाकर प्रकरण को विलंब किया गया है? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा संभागान्तर्गत जिलों में चतुर्थ श्रेणी/सहायक ग्रेड-3 के अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परीशिष्ट अनुसार है। सहायक ग्रेड-3 के पदों पर भर्ती का अधिकार संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण को है तथा भृत्य पदों पर भर्ती का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारियों को है। (ख) चतुर्थ श्रेणी/सहायक ग्रेड-3 के पदों पर पद की रिक्तता/अभिलेखीय पूर्ति एवं पद रिक्त होने पर वरीयता अनुसार नियुक्ति सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैगा जनजातियों की राशि का अपव्यय
15. ( क्र. 565 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर आदिवासी विकास शहडोल के द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 में विधान सभा जयसिंहनगर अंतर्गत बैगा जनजातियों के स्वरोजगार हेतु राशि स्वीकृत की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक वितरण न करने के क्या कारण हैं? इसके लिए दोषी कौन है और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) बैगा विकास अभिकरण शहडोल के शासकीय धनराशि का आवास, स्वरोजगार, चिकित्सा के नाम पर दुरूपयोग तथा धनराशि का विधिवत उपयोग न करने के संबंध में कोई जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) विगत 03 वर्षों में जिला शहडोल में बैगा जनजाति के कल्याण के लिए व्यय किये गये राशि की मदवार जानकारी दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जी नहीं। (घ) आवंटन के अभाव में कोई राशि व्यय नहीं की गई।
आदिवासी बस्ती विकास में स्वीकृत कार्य
16. ( क्र. 566 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी बस्ती विकास मद में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला शहडोल को कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि व्यय की गई व कितनी राशि समर्पित/लेप्स हुई? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा आदिवासी बस्तियों के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 में कितने प्रस्ताव कलेक्टर (आदिवासी विकास) को प्रेषित किये गये? कितने स्वीकृत किये गये? विवरण देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्तावों को स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? क्या प्रेषित प्रस्ताव स्वीकृत किये जावेंगे? (घ) यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जानकारी निम्नानुसार है :-
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
व्यय राशि |
समर्पित/लेप्स राशि |
2014-15 |
137.07 लाख |
112.09 लाख |
24.98 लाख |
2015-16 |
165.37 लाख |
141.39 लाख |
23.98 लाख |
(ख) तथा (ग) माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्रस्तुत 09 प्रस्तावों में से 07 कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जबकि वर्ष 2015-16 में 120 प्रस्तावों में से दो कार्य स्वीकृत किये गये हैं। उल्लेखनीय है कि सीमित संसाधन अंतर्गत समस्त प्रस्तावों को स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावास भवनों का सुदृढ़ीकरण
17. ( क्र. 579 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले को वित्तीय वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रावास भवनों के सुदृढ़ीकरण हेतु कितना आवंटन दिया गया है? (ख) आवंटन के उपयोग हेतु क्या उपयंत्री द्वारा कार्य चिन्हित कर प्राक्कलन बनाये हैं? (ग) यदि नहीं, तो विभागीय उपयंत्री ने आज दिनांक तक अपने पदीय कर्तव्यों का पालन क्यों नहीं किया? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) बिना प्राक्कलन/टी.एस. के क्या कार्यों का मूल्यांकन/सत्यापन कराया जाना संभव है? क्या कार्यों के सत्यापन की कोई रूपरेखा तय की गई है? क्या विभागाध्यक्ष स्तर से प्रदाय आवंटन के कार्यों का सत्यापन कराया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में सुदृढ़ीकरण मद अन्तर्गत राशि रूपये 9.90 लाख का आवटंन प्राप्त हुआ है। (ख) जी नहीं। (ग) जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी नहीं। विभागीय उपयंत्री द्वारा कार्यों का सत्यापन किया जायेगा। आवश्यकता होने पर संचालनालय स्तर से कार्यों का सत्यापन कराया जा सकता है।
कृषकों के पंपों का ऊर्जीकरण
18. ( क्र. 580 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के लिए पम्प ऊर्जीकरण हेतु क्या नीति है? (ख) गुना जिले में वर्ष 2015-16 में इस वर्ग के एक भी कृषक को लाभान्वित नहीं किया गया, क्या सत्र 2016-17 में भी यही होगा या शासन/विभाग ने कोई लक्ष्य निर्धारित कर कृषकों को लाभान्वित करने हेतु समय-सीमा तय की है? यदि हाँ, तो गुना जिले का लक्ष्य क्या है तथा उसे पूर्ण करने हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? (ग) गुना जिले के कृषकों के पम्प ऊर्जीकरण हेतु शासन योजना के लाभ से वंचित करने हेतु कौन उत्तरदायी है? (घ) कब तक उत्तरदायित्व निर्धारण किया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा विशेष केन्दीय सहायता मद से गरीबी रेखा के नीचे के कृषकों के सफल कूप निर्माण पश्चात् कुंओं तक विद्युत लाईन का कार्य कराया जाता है, जनजाति अंतर्गत जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में निविदा दरें स्वीकृत नहीं होने से कृषकों को लाभान्वित नहीं किया जा सका साथ ही दिनांक 07.11.2015 में शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु राशि ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तथा (घ) दिनांक 07.11.2015 के पश्चात् से राशि ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित की जा रही है। अत: कोई उत्तरदायी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला चिकित्सालय श्योपुर में सुविधाएं एवं पदपूर्ति
19. ( क्र. 609 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय श्योपुर में डायलेसिस यूनिट का निर्माण कार्य पूर्ण होने तथा डायलेसिस व आर.ओ. प्लांट की उपलब्धता के बावजूद यूनिट को प्रारंभ करने में अब तक क्या कठिनाई है? इसे दूर कर कब तक यूनिट चालू की जावेगी? (ख) क्या चिकित्सालय में आई.सी.यू. से संबंधित सभी उपकरण शासन ने उपलब्ध करा दिये हैं केवल वेंटीलेटर खरीदने की कार्यवाही प्रचलन में है, के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण/शेष रही है इसे कब तक पूर्ण करके आई.सी.यू. की सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) क्या यह सच है कि चिकित्सालय में वर्तमान में मेडीसिन व सर्जीकल विशेषज्ञ, स्त्री/शिशु रोग विशेषज्ञ सहित सभी बीमारियों के विशेषज्ञों के स्वीकृत 15 पद अप्रैल 2011 से रिक्त हैं इस कारण समस्त मरीजों विशेषकर गंभीर मरीजों को उपचार में कठिनाई हो रही है व उन्हें अन्यत्र रेफर कर दिया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी की पूर्ति हेतु 1896 विशेषज्ञों की भर्ती हेतु प्रचलित प्रक्रिया को अविलम्ब पूर्ण कराने हेतु एमपी पीएससी से पत्राचार करके रिक्त पदों को शीघ्र भरवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला स्तर पर डायलिसिस योजना का समुचित प्रचार प्रसार नहीं करने एवं डायलिसिस के लिये मरीजों की पहचान नहीं करने के कारण डायलिसिस नहीं हो सके किन्तु डायलिसिस यूनिट चालू स्थिति में है। (ख) जी हाँ। सिविल सर्जन श्योपुर को नॉन-इनवेसिव वेन्टीलेटर क्रय करने हेतु पत्र क्रमांकअ.प्रशा./सेल-3/2016/276 दिनांक 16/02/2016 के द्वारा निर्देश दिये गये थे, क्रय आदेश जारी नहीं किये गये है, इसलिए वेन्टीलेटर उपलब्ध नहीं हो पाया है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (ग) जी नहीं। विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों की पदस्थापना संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी मरीजों को समुचित उपचार किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार गंभीर मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा संस्था में रेफर किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध होने पर पदों को भरने की कार्यवाही की जायेगी।
परिशिष्ट - ''पाँच''
जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
20. ( क्र. 685 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2016 में खरगोन जिले के जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा करायें गये निर्माणों की सूची देवें, इनमें से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारम्भ है, कार्य के नाम, स्थान, राशि सहित सूची देवें (ख) उक्त अप्रारम्भ कार्यों के कारण एवं स्वीकृति दिनांक सहित सूची देवें, अप्रारम्भ कार्यों के लिए विभाग की क्या योजना है? (ग) विभाग द्वारा कितने कार्य विलोपन हेतु वरिष्ठ कार्यालय को कब भेजे गये, पत्र की प्रति देवें? (घ) विभाग द्वारा कितने अधिकारी, कर्मचारी, सरपंच, शिक्षक, सचिव पर राशि गबन के मामले दर्ज कराये गये, कितने प्रचलन में है, कितने लंबित है, नाम, स्थान सहित सूची देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जनवरी 2016 में खरगोन जिले के जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा कोई भी निर्माण कार्य की स्वीकृति नहीं दी गई है। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उक्तानुसार प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में जानकारी निरंक है।
इलाज के अभाव में बच्चों की मृत्यु
21. ( क्र. 758 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत चिकित्सालय में 0 लेकर 1 वर्ष तक के बच्चों को कहाँ-कहाँ पर जनवरी 2016 से जून 2016 तक भर्ती किया गया? कितनों की मृत्यु हुई? मृत्यु का क्या कारण रहा? नाम सहित जानकारी दें? (ख) जिला चिकित्सालय भिण्ड में एस.एन.सी.यू (सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट) जनवरी 2016 से जून 2016 तक कौन-कौन बच्चों को इलाज के लिए भर्ती किया गया? कौन की मृत्यु हुई? मृत्यु का क्या कारण रहा है क्या चिकित्सक की लापरवाही के कारण मृत्यु हुई यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश के संदर्भ में एस.एन.सी.यू में जनवरी 2016 से जून 2016 तक कौन पदस्थ रहा उनके क्या कर्तव्य दायित्व है? किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण किया गया निरीक्षण प्रतिवेदन की छाया-प्रति सहित जानकारी दें? (घ) जिला चिकित्सालय भिण्ड एस.एन.सी.यू में वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध है यदि हाँ, तो बच्चों की मृत्यु दर में इजाफा क्यों हो रहा है? यदि वेंटीलेटर नहीं है तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत चिकित्सालय में 0 से लेकर 1 वर्ष तक के बच्चों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जिला चिकित्सालय भिण्ड में एस.एन.सी.यू. (सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट) जनवरी 2016 से जून 2016 तक भर्ती बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। एस.एन.सी.यू. में बच्चों की मृत्यु की जानकारी व कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। एस.एन.सी.यू. में चिकित्सक की लापरवाही से कोई मृत्यु प्रमाणित नहीं हुई है। (ग) एस.एन.सी.यू. में जनवरी 2016 से जून 2016 तक पदस्थ चिकित्सकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। भारत शासन द्वारा दिये गये फैसिलिटी बेस्ड नियोनेटल केयर के दिशा-निर्देशों के अनुरूप एस.एन.सी.यू. के चिकित्सकों के कार्यदायित्व हैं। एस.एन.सी.यू. का निरीक्षण कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ व जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा दिनांक 13 जून 2016 को किया गया जिसका प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘प’’ अनुसार है। (घ) जिला चिकित्सालय भिण्ड एस.एन.सी.यू. में वेन्टीलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। भारत सरकार द्वारा प्रदत्त राशि से चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के एस.एन.सी.यू. में वेन्टीलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
कन्या हाईस्कूल राहतगढ़ का उन्नयन
22. ( क्र. 775 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्य विभाग ने नगरीय क्षेत्र में हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल उन्नयन करने के लिये पृथक से कोई नियम नहीं बनाये हैं, केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लिये मापदण्ड संबंधी नियम बनाये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो जब नगरीय क्षेत्र में उन्नयन के लिये कोई नियम ही नहीं है तब प्रश्नकर्ता को डी.पी.आई. कार्यालय के द्वारा कन्या शाला हेतु शासन द्वारा मापदण्ड न होने से कठिनाई है तथा दूरी के मान से पूर्ति नहीं करती किस आधार पर लिखा गया है? किन मापदण्डों के तहत प्रश्नकर्ता को भ्रमित कर तारांकित प्रश्न 1872 दिनांक 18.12.2015 को उत्तर दिया गया है? (ग) क्या यह सही है कि सागर जिले में 1 जुलाई 2013 से 31.12.2014 तक ग्रामीण क्षेत्र में कन्या मीडिल कर्रापुर का उन्नयन हाईस्कूल में (उ.मा.वि.कर्रापुर की दूरी एक फर्लांग ही है) एवं नगरीय क्षेत्र में कन्या मीडिल स्कूल चमेली चौक सागर का उन्नयन (पं.रवि.शु.क.उ.मा.वि. चमेली चौक 1 फर्लांग की दूरी पर है) हाईस्कूल में उन्नयन किन नियमों/निर्देशों के तहत किया गया है? नीति के प्रति उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि क्या शिक्षा विभाग द्वारा कन्या हाईस्कूल राहतगढ़ का हायर सेकण्डरी में उन्नयन इसी सत्र में किस दिनांक से किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्धारित मापदण्ड के आधार पर लिखा गया है। मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार। यह है कि कन्या शाला की स्वीकृति हेतु कोई प्रावधान न होने तथा सहशिक्षा की निकटस्थ दूरी पर उपलब्धता के आधार पर उत्तर दिया गया था। (ग) जी हाँ। क्षेत्र की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये प्राथमिकतानुसार सक्षम स्वीकृति के आधार पर उन्नयन किया गया है संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
परिशिष्ट - ''छ:''
अध्यापक संवर्ग में कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति
23. ( क्र. 804 ) श्री रामनिवास रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की शासकीय सेवा में रहते हुए मृत्यु उपरांत परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने के कितने प्रकरण किस स्तर पर किस-किस कारण से लंबित है? प्रकरणवार जानकारी दें? (ख) क्या शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की शासकीय सेवा के दौरान मृत्यु उपरांत परिजनों को संविदा शिक्षक वर्ग 2 एवं 3 पद पर अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में डी.एड./बी.एड. की योग्यता के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) की अनिवार्यता की गई है? जबकि प्रदेश में आज भी हजारों अध्यापक बिना डी.एड./बी.एड. की योग्यता के नौकरी कर रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो अनुकम्पा नियुक्ति हेतु टी.ई.टी. परीक्षा उत्तीर्ण की अनिवार्यता संबंधी आदेश के पश्चात् कब-कब टी.ई.टी. परीक्षा आयोजित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या टी.ई.टी योग्यता की अनिवार्य शर्त के कारण अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिल पा रही है? क्या शासन उक्त शर्त को शिथिल करेगा जिससे लंबित प्रकरणों में पात्र आवेदकों को अनुकम्पा नियुक्ति मिल सके? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (क) अनुसार लंबित प्रकरणों में आवेदकों की योग्यता अनुसार शिक्षकों की भांति अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की मृत्यु उपरांत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों में सहायक ग्रेड-3, भृत्य आदि पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्योपुर जिले में अनुकंपा नियुक्ति के शिक्षक संवर्ग के 05 प्रकरण प्राप्त हुये थे, जिसमें से 01 को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। 01 प्रकरण पात्रता न होने के कारण निरस्त किया गया है तथा 03 प्रकरणों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अन्य विभागों में अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने हेतु अनापत्ति जारी की जा चुकी है। अध्यापक संवर्ग के प्राप्त 05 प्रकरण निर्धारित अर्हता पूर्ण न करने के कारण निरस्त किए गये है। अतः जिले में कोई अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) अधिनियम 2009 के प्रभावशील होने के उपरांत वर्ष 2011-12 में पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) आयोजित की गई। नवीन पात्रता परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। भारत सरकार का निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्रभावशील है, जिसका अनुपालन संवैधानिक बाध्यता है। उक्त प्रावधान के कारण शर्तों को शिथिलता करना राज्य शासन के अधिकार में नहीं है। परन्तु शर्तों को शिथिलता प्रदान करने हेतु शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पत्र क्रमांक /PS/RTE/2013/191/CPI/2013, Bhopal, dated 27 Jan 2015 के द्वारा मानव संसाधन मंत्रालय, शालेय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार को लिखा गया है। जानकारी संलग्न परीशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। अध्यापक संवर्ग के सेवक स्थानीय निकाय के कर्मचारी है। इन्हें अन्य शासकीय विभागों में अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''सात''
आदिम जाति कल्याण विभाग श्योपुर में नियम विरूद्ध कार्य स्वीकृत
24. ( क्र. 805 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या-137 (क्र. 2590) दिनांक 18/12/2015 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में अनुसूचित जाति बस्ती विकास के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में प्राप्त राशि में से आहरित राशि रू. 16.57 लाख व 2015-16 में प्राप्त राशि रू. 31.35 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन होना बताया है? तो कार्य स्वीकृत करने की प्रक्रिया की प्रोसिडिंग की प्रति व जारी की गई प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्ष 2015-16 की राशि में समर्पित राशि के पश्चात् शेष राशि में व अन्य-अन्य मदों में से विद्युतीकरण योजनान्तर्गत व अन्य मदों से प्राप्त राशि में से क्या-क्या कार्य किन नियमों व निर्देशों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत कराये गए? प्रक्रिया व नियम निर्देशों की प्रति, मीटिंग की प्रोसिडिंग की प्रति, मीटिंग की सूचना पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? साथ ही यह भी बतावें की क्या समितियों को कार्य एजेंसी बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो कार्यों के मूल्यांकन की प्रति व स्थिति बतावें? (ग) क्या उक्त प्रश्नांशों के अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 में प्राप्त राशि में से नियम विपरीत राशि व्यय कर प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताएं की गई है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? यदि नहीं, तो कार्य स्वीकृत करने की प्रक्रिया के नियमों की प्रति व एजेंसी की प्रति उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2014-15 की आहरित राशि के विरूद्ध कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ। वर्ष 2015-16 में से प्राप्त राशि रू. 31.35 लाख में से 13.38 लाख समर्पित हुई। शेष राशि 17.97 लाख में से छात्रावास में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, ग्राम पंचायत हलगांववडा खुर्द में सामुदायिक भवन तथा छात्रावासों में लघु मूल निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये। प्रशासकीय स्वीकृति के आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 तथा प्रोसीडिंग की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ में उल्लेखित राशि के अतिरिक्त अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना में वर्ष 2015-16 में समर्पित राशि के पश्चात् चतुर्थ त्रैमास में 17.20 लाख प्राप्त आवंटन के विरूद्ध 9.00 लाख से पेयजल व्यवस्था हेतु ट्यूबवेल खनन कराये गये। शेष राशि समर्पित की गयी। विद्युतिकरण योजना में प्राप्त राशि रू.10.00 लाख समर्पित की गयी। बस्ती विकास योजना के नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बस्ती विकास योजना में मीटिंग बुलाने का प्रावधान नहीं है। सामुदायिक भवन निर्माण अतिरिक्त कक्ष के कार्य ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा को, छात्रावासों में लघु मूल निर्माण कार्य कराने हेतु अधीक्षकों को तथा पेयजल व्यवस्था के कार्य ग्राम पंचायत को दिये गये हैं। समितियों को कार्य एजेन्सी नहीं बनाया गया है। (ग) जी नहीं। कोई दोषी नहीं है। बस्ती विकास योजना के नियम उत्तरांश ‘ख’ अनुसार है।
जबलपुर जिले अंतर्गत संचालित नर्सिंग होम एवं रिसर्च सेंटर
25. ( क्र. 825 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत कुल कितने नर्सिंग होम कितने रिसर्च सेंटर तथा कितने पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट एवं सेंटर संचालित हैं? संस्था का नाम, पता एवं संचालक के नाम सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि इनमें से कौन-कौन से रिसर्च सेंटरों को कहाँ-कहाँ पर शासन द्वारा कितनी-कितनी जमीन किन शर्तों पर लीज पर दी गई है? (ख) रिसर्च सेंटर संचालन के नाम पर शासन से टैक्स में किस-किस को कितनी-कितनी छूट प्रदान की गई? रिसर्च सेंटरवार राशि सहित सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) रिसर्च सेंटरों द्वारा वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विषयों पर क्या-क्या रिसर्च की गई एवं की गई रिसर्च का परीक्षण-निरीक्षण एवं सत्यापन शासन स्तर पर कब-कब किसके द्वारा किया गया? (घ) ऐसे रिसर्च सेंटर जिनने टैक्स में तो छूट ले ली परन्तु कोई रिसर्च कार्य नहीं किया? उनकी सूची देवें एवं ऐसे रिसर्च सेंटरों पर शासन द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबलपुर जिले के अन्तर्गत कुल 81 नर्सिंग होम तथा 10 हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (कुल 91) एवं 20 पैरामेडिकल इस्टीट्यूट संचालित है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिसर्च सेन्टर के रूप में कोई संस्था संचालित नहीं है। किसी रिसर्च सेन्टर को शासन द्वारा लीज पर जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ख) रिसर्च सेन्टर संचालन के नाम पर किसी भी रिसर्च सेन्टर को कोई छूट प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक रिसर्च सेन्टर द्वारा जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं का संचालन
26. ( क्र. 873 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान के लिये आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा योजना संचालित की जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त वर्ग के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है तथा प्रत्येक योजनाओं के लिये 2014-15 एवं 15-16 में कितनी राशि मुहैया करायी गई है और कितनी राशि खर्च की गयी है? (ग) क्या उक्त विभाग द्वारा उक्त जिले में विभिन्न आवासीय छात्रावास सह विद्यालय तथा विद्यालयों का संचालन कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त संस्थाओं के संचालन हेतु 2014-15 एवं 15-16 में कितनी राशि मुहैया करायी गई है और कितनी राशि खर्च की गयी है तथा राशि के व्यय का सत्यापन किस आधार पर कराया जाता है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश अन्तर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क’’ एवं कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख’’ अनुसार है। (ग) उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग’’ अनुसार है। इसका विभागीय और महालेखाकार ग्वालियर के द्वारा निरन्तर ऑडिट किया जाता है।
विद्यालय में खेल शिक्षक एवं योग विषय
27. ( क्र. 912 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. के विद्यालयों में क्रीड़ा (खेल) शिक्षक की पदस्थापना किस स्तर के स्कूलों में स्वीकृत है? इसमें कितने पद स्वीकृत हैं, उनमें कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? (ख) क्या प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में खेल शिक्षक रखे जाने की कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा? (ग) क्या शालेय समय विभाग चक्र में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ योग को शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो योग के लिए कितना समय निर्धारित है और इसे समय विभाग चक्र में कौन से समय पर शामिल किया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में म.प्र. के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में क्रीड़ा (खेल) शिक्षक का पद स्वीकृत है। इनमें भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में खेल शिक्षक रखे जाने का कोई प्रावधान अथवा योजना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शासकीय विद्यालयों में कक्षा 5वीं से 8वीं हेतु 10:30 - 11:30 का समय प्रार्थना के साथ दिया गया है तथा 9वीं से 12वीं तक प्रत्येक गुरूवार, शुक्रवार एवं शनिवार को एक कालखण्ड योग एवं खेल हेतु निर्धारित है।
टोंकखुर्द स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त पदों की पूर्ति
28. ( क्र. 918 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टोंकखुर्द में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं व कौन-कौन से पद रिक्त हैं तथा कितने पदों पर कौन-कौन पदस्थ हैं? (ख) विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कदम उठाए जा रहे हैं? क्या पदों की पूर्ति नहीं होने से स्वास्थ्य केन्द्र पर कोई प्रभाव पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) विभाग द्वारा रिक्त पदों की कब तक पूर्ति की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी हैं, विशेषज्ञ के स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों के पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान है, पदोन्नति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। जी नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टोंकखुर्द में चिकित्सा अधिकारी के 02 पदों के विरूद्ध 08 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है। वर्ष 2015-16 में व्यापम के माध्यम से पैरामेडिकल संवर्ग के 900 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित कर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थापना की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या हायर सेकण्डरी भवन का निर्माण
29. ( क्र. 919 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनकच्छ का भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति पत्र संलग्न करें। (ख) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनकच्छ का भवन निर्माण कहाँ पर कराया जा रहा है तथा निर्माण कार्य किस दिनांक से शुरू हुआ है? क्या आज दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भवन निर्माण का कार्य आज दिनांक तक अपूर्ण होने के क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शास.कन्या हायर सेकण्डरी स्कूल सोनकच्छ जिला देवास का भवन निर्माण बायपास रोड रिलायंस पेट्रोल पंप के सामने कराया जा रहा है। उक्त निर्माण कार्य मई 2010 से प्रारंभ हुआ है। जी नहीं। लागत वृद्धि होने के कारण निर्माण एजेन्सी द्वारा एजेन्सी को सौंपे गये निर्माण कार्य में से अपूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण कराने हेतु राशि की मांग की जा रही है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
ट्रामा सेंटर में एक्स्पर्ट डॉक्टर और मूलभूत सुविधाओं का अभाव
30. ( क्र. 941 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला हरदा में ट्रामा सेंटर में मूलभूत सुविधाओं एवं एक्सपर्ट डॉक्टर, एक्सपर्ट स्टॉफ की कमी के कारण संचालित नहीं हो पा रहा हैं? इन सब आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (ख) जिले के सभी हॉस्पिटल में डॉक्टर और स्टॉफ की पूर्ति कब तक हो जाएगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, वर्तमान में ट्रामा सेन्टर भवन निर्माण तथा इसके जिला चिकित्सालय से कनेक्टिविटी का कार्य प्रचलन में है जो संभवतः 03 माह में पूर्ण कर लिया जावेगा तथा ट्रामा सेन्टर के संचालन हेतु एक्सपर्ट स्टॉफ उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से 02 चिकित्सा अधिकारियों एवं 04 नर्सिंग स्टॉफ को ट्रामा केयर प्रशिक्षण ए.टी.सी.एन/एन.टी.एल.एस., एम्स नई दिल्ली में कराया जा चुका है एवं आवश्यक उपकरणों के क्रय आदेश जारी किए जा चुके हैं। पी.डब्लू.डी. द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत भवन स्थानांतरण पश्चात् ट्रामा सेन्टर की सुविधा सुचारू रूप से प्रदान कर दी जावेगी। (ख) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है। चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पद की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया निरंतर जारी है, संभाग/जिला स्तर पर शेष तृतीय/चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के कर्मचारियों की पदपूर्ति पदोन्नति/भर्ती के माध्यम से जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
1974 दि. 15.10.2007 आदेश क्षेत्राधिकार से बाहर
31. ( क्र. 1011 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय कलेक्टर जिला भिण्ड के पारित आदेश दिनांक 28.10.2015 सुधीर त्रिपाठी प्रकरण में आदेश सिद्धान्तों के प्रतिकूल दिया गया? माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की याचिका क्र. 6071/2010 के विपरीत क्षेत्राधिकार के बाहर आदेश जारी किया गया? यदि हाँ तो क्या कारण है? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) श्री सुधीर संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 द्वारा स्वेच्छा से 6.7.2009 को त्याग पत्र दिया गया यदि हाँ तो पुन: पदस्थ करने के लिए क्या प्रावधान है? किस स्तर पर सुनवाई का अधिकार है? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ग) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा याचिका क्र. 6070/2010 वापस करने के उपरांत किस क्षेत्राधिकार के अंतर्गत किस स्तर पर कार्यवाही का प्रावधान है? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश ''ख'' में लापरवाही के कारण आदेश क्र. 1974 दिनांक 15.10.2007 में सुधीर की सेवा समाप्त की गई? नियुक्ति दिनांक से सेवा समाप्त तक चरित्रावलियां उत्कृष्ठ न होने के उपरांत न्यायालय कलेक्टर जिला भिण्ड द्वारा यथा स्थिति का आदेश 28.10.2015 किन कारणों से जारी किया गया? निष्पक्ष जाँच कब तक होगी? क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। न्यायालयीन निर्णय के प्रकाश में अध्यापक संवर्ग के अपीलीय प्राधिकारी जिला-कलेक्टर द्वारा आदेश जारी किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) जी हाँ। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अटेर, जिला-भिण्ड़ के द्वारा संबंधित के त्याग-पत्र दिनांक 06.07.09 पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। आदेश दिनांक 07.08.15 के द्वारा संबंधित का त्याग-पत्र स्वीकृत कर संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 से अनुबन्ध समाप्त किया गया है। प्रकरण में सुनवाई के अधिकार जिला-कलेक्टर भिण्ड़ को है। मध्यप्रदेश पंचायत (अपील तथा पुनरीक्षण) नियम, 1995 के नियम-3 (क) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (ग) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर डब्ल्यू.पी. क्र. 6070/2010 में पारित निर्णय दिनांक 13.01.15 के अनुसार वादी द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर अपीलीय अधिकारी कलेक्टर, जिला-भिण्ड़ के द्वारा श्री सुधीर त्रिपाठी को संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 के पद पर संबंधित संस्था में उनकी उपस्थिति दिनांक से अपने कर्तव्य पर उपस्थिति के आदेश जारी किये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (घ) तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अटेर जिला-भिण्ड़ के आदेश दिनांक 15.10.07 के द्वारा श्री सुधीर त्रिपाठी द्वारा शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने के कारण सेवा समाप्त की गई थी। प्रश्नांश ''ग'' उत्तर के अनुसार। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मॉडल स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था
32. ( क्र. 1042 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विकासखण्ड खिलचीपुर एवं जीरापुर में नवीन संचालित मॉडल स्कूलों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद किन कारणों से रिक्त है? (ख) क्या उक्त मॉडल स्कूलों में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ कर दिया गया है? लेकिन स्कूलों में महज एक-दो शिक्षक ही पदस्थ हैं? जिससे शैक्षिणक सत्र के प्रारंभ में ही विषयवार शिक्षकों के पद रिक्त होने से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त मॉडल स्कूलों में विषयवार स्वीकृत शिक्षकों के पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : क) पदस्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शिक्षकों की व्यवस्था हेतु शासन के आदेश क्रमांक/1449/ 1846/ 2015/20-1 दिनांक 22.08.2015 के अनुक्रम में जिले में कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी हाँ। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों से अध्यापन सुनिश्चित कराने की व्यवस्था है। उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्राइवेट क्लीनिक संचालकों पर कार्यवाही
33. ( क्र. 1176 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिना डिग्रीधारी बंगाली आदि प्राइवेट क्लीनिक संचालकों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही बाबत् शासन निर्देशों के अनुपालन में विगत पाँच वर्षों में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा कितने बिना डिग्रीधारी बंगाली आदि प्राइवेट क्लीनिक संचालकों के विरूद्ध छापामार कार्यवाही की गई है तथा प्राइवेट क्लीनिक संचालकों के विरूद्ध क्या-क्या प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है? (ख) कितने व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज करवाये गये वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है।
फिजियोथैरपी के शिक्षकों का नियमितीकरण
34. ( क्र. 1256 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर एवं इंदौर में चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, आयुर्वेद, होम्योपैथिक एवं यूनानी महाविद्यालयों में वर्ष 2007 के पूर्व संविदा पर शिक्षक नियुक्त थे? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्र. एफ. 02-80/05/01/पचपन भोपाल दिनांक 08 मार्च, 2007 के द्वारा इन संविदा शिक्षकों को नियमित किया गया? (ग) क्या फिजियोथेरपी पाठ्यक्रम में पदस्थ संविदा शिक्षकों को नियमित नहीं किया गया है तो क्यों? (घ) क्या फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम के शिक्षक चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन है? यदि हाँ, तो इन्हें नियमितीकरण से क्यों वंचित रखा गया?
राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। चिकित्सा शिक्षा विभाग के ज्ञाप दिनांक 26 जुलाई, 1997 के अनुसार चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर तथा चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम पूर्णतः स्ववित्त योजनांतर्गत संचालित करने के निर्देश है। ज्ञाप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 25 अक्टूबर, 2001 द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार फिजियोथैरेपी विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति स्वशासी संस्था द्वारा अपने ही साधनों से स्वयं के स्तर पर की जाती है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर की स्वशासी कार्यकारिणी के अनुमोदन पश्चात् कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये स्थानीय व्यवस्था के तहत उक्त पदों पर संविदा नियुक्ति कर 11 माह एवं वर्तमान में 03 माह के लिये कार्य लिया जा रहा है। स्ववित्तीय फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम के शिक्षकों को स्वशासी चिकित्सकों के समान नियमितीकरण किया जाना संभव नहीं है। अतः स्ववित्तीय पैरामेडिकल संचालित कोर्स पर पदस्थ चिकित्सकों को स्वशासी चिकित्सकों के समान नियमितीकरण नहीं किया जा सकता। (घ) स्ववित्त पोषित संस्था के अधीन शिक्षकों के पद राज्य शासन द्वारा स्वीकृत नहीं है। अतः नियमितीकरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एलोपैथी के डॉक्टर द्वारा अन्य विधाओं की दवाएं प्रिसक्राईब करना
35. ( क्र. 1257 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी विधाओं के कितने-कितने चिकित्सक पदस्थ हैं? क्या एलोपैथी पाठ्यक्रम में आयुष का वैज्ञानिक व वैधानिक समावेश है? (ख) क्या प्रदेश में एलोपैथी के डॉक्टर मरीजों को आयुष विधा के विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास रेफर न करते हुये स्वयं आयुष विधा की दवाइयां प्रिसक्राईब करते है? (ग) क्या एलोपैथी के डॉक्टर यदि आयुष विधा की दवाइयां प्रिसक्राईव करते हैं तो उन्हें ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो कितने एलोपैथी के डॉक्टरों ने ब्रिज कोर्स किया है? (घ) शासन द्वारा नियमों के विपरीत प्रिसक्रिपशन लिखने पर रोक लगाने के क्या प्रयास किये जा रहे है तथा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) लोक स्वास्थ्य एवं परिवा कल्याण विभाग अंतर्गत 4130 विशेषज्ञ/ चिकित्सक (एलोपैथी) कार्यरत हैं। आयुष विभाग (1) -आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी-1072 (2) होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी-210 (3) यूनानी चिकित्सा अधिकारी-44 आयुष विभाग (एन.आर.एच.एम.) (1) आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी-199 (2) होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी-208 (3) यूनानी चिकित्सा अधिकारी-35 (ख) एलोपैथी चिकित्सक द्वारा आयुष विधा में दवाई प्रिसक्राइब करने संबंधी शिकायत प्राप्त होना नहीं पाई गई। (ग) एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा आयुष विधा की दवाइयां प्रिसक्राइब हेतु कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है एवं इस हेतु ब्रिज कोर्स संबंधी कोई प्रक्रिया प्रचलन में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आयुर्वेद बोर्ड अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत न किये गये व्यक्तियों द्वारा चिकित्सा व्यवसाय आदि किये जाने का बोर्ड अधिनियम की धारा 34 में प्रतिषेध है एवं धारा 35 में दण्ड का प्रावधान निहित है। इस संदर्भ में आज दिनांक तक बोर्ड को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। होम्योपैथी परिषद् अधिनियम के अधीन पंजीकृत न किए गए व्यक्तियों द्वारा होम्योपैथी चिकित्सा व्यवसाय आदि किए जाने का परिषद् अधिनियम, 1976 की धारा-28 (1) में प्रतिषेध है एवं धारा 50 में दण्ड का प्रावधान है। इस सन्दर्भ में आज दिनांक तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छठवें वेतनमान के विसंगति रहित आदेश प्रसारण
36. ( क्र. 1276 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ प्रदाय करने हेतु मंत्री मंडल की बैठक में निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक में। (ख) क्या अध्यापक संवर्ग को माह जनवरी, 2016 में केबिनेट के निर्णय उपरांत भी 7 माह बीत जाने के बाद विसंगति रहित आदेश आज दिनांक तक प्रसारित नहीं किया गया है, क्यों? (ग) सरकार कब तक अध्यापक संवर्ग के विसंगति रहित आदेश प्रसारित करेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग को दिनांक 01.01.2016 से छठवां वेतनमान दिये जाने का निर्णय मंत्रि परिषद् की बैठक दिनांक 05.01.2016 में लिया गया। (ख) जी नहीं, मंत्रि-परिषद् निर्णय के उपरांत दिनांक 31.05.2016 को विसंगति रहित वेतन निर्धारण के आदेश जारी किये गये, जारी आदेश पर अध्यापक संगठनों द्वारा आपत्ति लिये जाने के कारण इस आदेश को दिनांक 07.06.2016 के द्वारा आगामी आदेश तक स्थगित किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शीघ्रताशीघ्र। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
चिन्हित ग्रामों का प्रतिबंध हटाया जाना
37. ( क्र. 1279 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला दमोह में आदिम जाति कल्याण विभाग म.प्र. द्वारा अ.ज.विकास मद से कार्य कराने हेतु ग्राम चिन्हित किए गए हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या ग्राम चिन्हित होने के कारण बार-बार उन्हीं ग्रामों में कार्य कराये जा रहे है? प्रति तिमाही अ.जा. कल्याण द्वारा 35-40 लाख की राशि प्रदाय की जाती है एवं बार-बार उन्हीं चिन्हित ग्रामों में कार्य कराये जाते हैं, जिससे परेशानी हो रही है? (ग) प्रतिबंध हटाए जाने के निर्देश कब तक जारी कर दिये जावेंगे, जिससे किसी भी पंचायत के अनु.जाति मुहल्ले में उक्त राशि से विकास कराया जा सके?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। योजना के मापदण्डों के अनुरूप पात्र ग्रामों में ही कराये जा रहे हैं। (ग) किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्थानान्तरण
38. ( क्र. 1294 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग लोग शिक्षण संचालनालय म.प्र. के पत्र क्रमांक/स्थापना 4/बी/2016/1039 दिनांक 14.06.2016 व स्थापना 4/बी/2014/2291 दिनांक 09.12.2014 एवं पत्र क्रमांक 2015 दिनांक 27.11.2015 की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 49 (क्रमांक 1295) दिनांक 01.03.2016 के जवाब में पुस्तकालय परिशिष्ट में 143 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्य करने के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुये विभागीय स्थानांतरण नीति की कंडिका 8.5 के अनुसार स्थानांतरण नहीं किया बताया था तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों द्वारा दिये गये निर्देशों की जानकारी उक्त अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1295 में छुपायें जाने के पीछे क्या कारण है? कारणों का उल्लेख करें तथा प्रश्नकर्ता के प्रश्न का गलत जवाब देने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों के निर्देशों का पालन उज्जैन संभागान्तर्गत किन-किन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नहीं किया गया? जानकारी प्रदान करते हुये उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? कारण बतावें? यदि कार्यवाही की गई है तो जानकारी प्रदान करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। अतारांकित प्रश्न संख्या 49 (क्रमांक 1295) दिनांक 01.03.16 में एक ही स्थान पर पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी, अकादमिक अधिकारी व विभागों में पदस्थ लिपिकीय कार्य करने वाले कर्मचारियों के स्थानांतरण करने के संबंध में विभाग की क्या नीति है पूछा गया था। तद्नुसार स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति 2015-16 के अनुसार जानकारी उपलब्ध करायी गई थी। प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित संचालनालय के निर्देश केवल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालयों में कार्यरत लिपिक संवर्गीय कर्मचारियों के संबंध में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ में वर्णित पत्रों के निर्देशों का पालन उज्जैन संभागांतर्गत किन-किन जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया है, इसकी जाँच हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, उज्जैन संभाग उज्जैन को निर्देशित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित परीक्षाओं में गोपनीयता भंग
39. ( क्र. 1295 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 1989 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र.माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित होने वाली 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग करने के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों की प्रति उपलब्ध कराते हुए उक्त संबंध में संलिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें? यदि उक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही एवं फौजदारी कार्यवाही की गई हो तो, की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार दोषी पाये जाने पर कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को न्यायालय एवं विभाग द्वारा दण्डित किया गया है तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से मिली भगत कर उक्त जानकारी छुपाते हुये शासन से पुरस्कार भी प्राप्त कर लिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो इस प्रकार पुरस्कार प्राप्त करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी का नाम बतावें? शासन से उक्त जानकारी छिपा कर दोषी व्यक्ति को पुरस्कृत करवाने के लिए दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मण्डल में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार वर्ष 1993, 2007, 2014 एवं 2016 में कुल 04 शिकायतें प्राप्त हुई। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। वर्ष 1993 में संलिप्त अधिकारी/कर्मचारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। वर्ष 2007, 2014 एवं 2016 में मण्डल का कोई अधि./कर्म. संलिप्त नहीं है। वर्ष 1993 में संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय/फौजदारी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (ख) जानकारी निंरक है। (ग) माध्यमिक शिक्षा मण्डल परीक्षा में गोपनीयता भंग करने के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति, जनजाति विकास कार्यों की स्वीकृति
40. ( क्र. 1311 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति योजना क्या है, इस योजना में विधान सभावार आवंटन के क्या नियम है, इसकी जानकारी दी जावें? उक्त योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-2015 एवं 2015-16 में बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि स्वीकृति हुई है? जानकारी अनुसूचित जाति एवं जनजाति मद अनुसार दी जावे? (ख) क्या वित्त वर्ष 2015-2016 में प्राप्त आवंटन राशि लेप्स हो गई है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कौन दोषी है, राशि लेप्स होन के क्या कारण रहे है? प्रश्नकर्ता द्वारा निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु कब-कब प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये है एवं प्राप्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही गई है? राशि लेप्स होने की तथ्यात्मक रिपोर्ट दी जावें। जिसमें यह साबित हो सके कि वास्तवित दोषीकर्त्ता कौन है? (ग) क्या विभाग राशि लेप्स होने के कारणों को ज्ञात कर जिम्मेंदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा बताई जावें, यदि नहीं, तो क्या कारण है वित्त वर्ष 2016-2017 में उक्त योजना में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है। प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्तावों पर विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि राशि स्वीकृत हुई है तो कितनी एवं कहाँ हुई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिए संचालित योजनाओं को अनुसूचित जाति योजनाएं तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विकास के लिए संचालित योजनाओं को अनुसूचित जनजाति विकास योजनाएं कहा जाता है। विधान सभावार आवंटन नहीं किया जाता है। बडवाह विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में अनुसूचित जाति बस्ती विकास हेतु वर्ष 2014-15 के लिए 11.00 लाख एवं वर्ष 2015-16 के लिए 48.38 लाख की राशि स्वीकृत हुई। (ख) आहरण पर प्रतिबंध होने के कारण आहरण नहीं किया जा सका। निर्माण कार्य से संबंधित प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास हेतु रू. 41.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर ग्राम पंचायत भोगावा सिपानी के ग्राम मेहगांव में सी.सी.रोड निर्माण हेतु राशि 5.00 लाख स्वीकृत की गयी। प्राप्त प्रस्तावों पर की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नरसिंहपुर जिले में अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति
41. ( क्र. 1338 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में जून 2015 में अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति की गई थी जिसमें अंग्रेजी, संस्कृत एवं जीव विज्ञान विषय की पदोन्नति को क्यों रोक दिया गया था? रोके जाने का कारण एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान में दिनांक 06.05.2016 को उक्त पदोन्नति प्रक्रिया पुन: सम्पन्न कराई गई चूंकि दिनांक 23.01.2016 को डी.पी.सी. कराई गई एवं पदोन्नति 5 माह बाद क्यों कराई गई? (ग) इस विलंब के कारण जो पात्र अध्यापक थे उनका जो एक वर्ष का आर्थिक एवं वरीयता का नुकसान हुआ है क्या शासन की ओर से उनके लिए कोई विशेष प्रावधान है यदि हाँ, तो बतायें यदि नहीं, तो क्या जवाबदेह अधिकारियों पर विलंब से पदोन्नति पूर्ण करवाये जाने पर कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) डिप्टी कलेक्टर नरसिंहपुर के प्रतिवेदन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नरसिंहपुर के आदेश क्रमांक/2205/स्था.-2/2015/पदो./स्थगन /नरसिंहपुर, दिनांक 02.06.2015 एवं मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी.नं. 8024/2015 के द्वारा उक्त विषयों की पदोन्नति स्थागित की गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक दिनांक 23.01.16 को हुई थी, परन्तु अंतिम सूची का प्रकाशन एवं दावे आपत्तियों की कार्यवाही नहीं हुई थी, इसलिये पत्र क्रमशः दिनांक 04.02.16 एवं 11.02.16 के द्वारा की गई थी। तत्पश्चात् विधान सभा बजट सत्र दिनांक 23.02.16 से 01.04.16 तक रहा है। इसी दौरान विभागीय पदोन्नति समिति एक सदस्य का स्थानांतरण होने से उनके स्थान पर एक अन्य सदस्य को नियुक्त किया गया। तद्परान्त 04.04.16 को दावे-आपत्तियों का निराकरण कर दिनांक 02.05.16 को अंतिम सूची का प्रकाशन कर दिनांक 06.05.16 को उक्त विषयों की काउंसलिंग की गई। इसी बीच माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा विभिन्न दायर याचिकाओं में एकजाई पारित निर्णय दिनांक 30.04.16 के द्वारा म.प्र. पदोन्नति नियम 2002 को रद्द किये जाने के कारण पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ग) प्रश्नांश ''ख'' उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोटेगांव स्वास्थ्य केन्द्र में स्टॉफ की पूर्ति
42. ( क्र. 1341 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव स्वास्थ्य केन्द्र अंतर्गत वर्तमान में डॉक्टर एवं अन्य सहायक स्टॉफ के कितने पद स्वीकृत हैं, कार्य विभाजन सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वास्थ्य केन्द्र गोटेगांव के जितने पद स्वीकृत हैं, क्या उनमें उतने ही डॉक्टर एवं अन्य सहायक स्टॉफ कार्यरत है यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें, यदि नहीं, तो रिक्त पदों की पद पूर्ति करने की शासन की कोई मंशा है यदि हाँ, तो कब तक? (ग) स्वास्थ्य केन्द्र गोटेगांव में क्या प्रसूति सहायता का लाभ प्रदान किया जा रहा है यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? (घ) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जननी सहायता योजना अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? जो हितग्राही शेष है उन्हें कब तक इस योजना का लाभ प्रदान किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं है। पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। विशेषज्ञों के रिक्त पद पदोन्नति की माध्यम से भरे जाने का प्रावधान है वर्तमान में विशेषज्ञों के स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत 02 पद भरे हैं, शेष पदों की पूर्ति हेतु प्रक्रिया निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2014-2015 एवं वर्ष 2015-2016 में 1044 हितग्राहियों को प्रसूति सहायता का लाभ प्रदान किया गया है। (घ) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गोटेगांव में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 3184 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। प्रश्न दिनांक तक शेष 226 हितग्राहियों को बैंक खाता उपलब्ध होने पर लाभ प्रदान किया जावेगा।
प्राप्त आवंटन से निर्माण कार्यों की स्वीकृति
43. ( क्र. 1386 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में आदिम जाति कल्याण मद में आदिम जाति कल्याण विभाग को वर्ष 2016-17 अन्तर्गत सी.सी. रोड निर्माण किये जाने हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ है वर्ष 2016-17 के आवंटन की प्रति दें? (ख) राजनगर विधानसभा क्षेत्र के ऐसी कौन-कौन से अनुसूचित जाति बस्ती में सी.सी रोड एवं नाली निर्माण तथा भवन बनाने की कार्ययोजना आदिम जाति कल्याण विभाग में बनाई गई उन ग्रामों के नाम बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बस्तियों की कार्य योजना तैयार नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रशिक्षण में नगद भुगतान के संबंध में कार्यवाही
44. ( क्र. 1387 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्र 1760 दिनांक 17.03.2015 में जो उत्तर दिया गया उसमें राशि नगद वितरित की गई? (ख) यदि हाँ, तो शासन के क्या कोई निर्देश हैं कि नगद भुगतान किया जावे यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रशिक्षण कमेटी में उन अधिकारियों ने नगद भुगतान किये जाने हेतु लिखित सहमति प्रदान की थी? (घ) शासन प्रावधानों का पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 1760 दिनांक 17.03.2015 के विभाग द्वारा भेजे गये उत्तर में प्रश्न में उल्लेखित अवधि में प्रशिक्षणों पर किये गये भुगतान का विवरण संलग्न किया गया था। जिसमें अधिकतर भुगतान संबंधित फर्म को चैकों द्वारा किये गये हैं। मानदेय एवं अल्प व्यय वाले कुछ भुगतान संबंधित को (जिनके पास बैंक खाता नहीं था अथवा उपलब्ध नहीं कराया गया था) प्रशिक्षण सत्र की समय-सीमा को दृष्टिगत रखते हुए जिला/विकासखण्ड स्तर से (जहां प्रशिक्षण आयोजित किया गया) नगद किये गये हैं। विधानसभा प्रश्न क्र. 1760 दिनांक 17.03.2015 के प्रति उत्तर एवं भुगतान विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा प्रश्न क्र. 1760 दिनांक 17.03.2015 में उल्लेखित अवधि के प्रशिक्षण आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. कार्यक्रम के तहत आयोजित किये गये है। आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. के तहत उक्त अवधि वर्ष 2010-11 से 2013-2014 में नगद भुगतान करने के संबंध में अथवा ना करने के कोई निर्देश जारी नहीं किये गये थे। (ग) आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. के तहत प्रशिक्षणों को आयोजित करने हेतु प्रशिक्षण कमेटी के गठन का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) उपरोक्त के संदर्भ में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शालेय खेल प्रतियोगिताएं
45. ( क्र. 1424 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जिला जलबपुर को शालेय खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करने हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? प्रतियोगिता के आयोजन,खिलाडियों की आवास व्यवस्था परिवहन नाश्ता भोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कब से कब तक किस स्तरीय कौन-कौन सी शालेय खेलकूद प्रतियोगितायें आयोजित की गई है? किन-किन प्रतियोगिताओं में कहाँ-कहाँ के कितने-कितने खिलाडि़यों ने भाग लिया है? इनके आवास की कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई है? खिलाडि़यों की सुरक्षा व परिवहन की क्या व्यवस्था की गई है इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसका सत्यापन कब, किसने किया? (ग) प्रश्नांकित शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाडि़यों को निर्धारित मीनू के तहत नाश्ता व भोजन में कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी सामग्री प्रदाय की गई है, इसका ठेका किसे दिया गया है और इस पर कितनी राशि व्यय हुई? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (क) में खिलाडि़यों के आवास परिवहन व भोजन व्यवस्था में की गई वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार व प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) क्रीड़ा मद/स्थानीय निधि में वर्ष 2013-14 में बंटन राशि रू. 1.20 लाख, राशि रू. 1,19998/- व्यय की गई है। वर्ष 2014-15 में बंटन निरंक, स्थानीय निधि से राशि व्यय की गई। वर्ष 2015-16 में बंटन राशि रू.2.40 लाख, राशि रू.2,39,964/- व्यय की गई। वर्ष 2016-17 में खेलकूद गतिविधियाँ प्रारंभ होना है। बंटन की मांग की गई है। व्यय का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ अनुसार है। (ख) राज्य स्तरीय प्रतियोगिता वर्ष 2013-14 में एथलेटिक्स, हैण्डबॉल, वेटलिफ्टिंग, फुटबॉल एवं डाजबॉल। वर्ष 2014-15 में वुशू, ताइक्वांडो एवं कैरम तथा वर्ष 2015-16 में कराते, फील्ड आर्चरी, रोलबॉल, रोड साइक्लिंग एवं फुटबॉल का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘-1, 2, 3 एवं राशि व्यय विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ अनुसार है। (ग) राज्य स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाडि़यों को शासन द्वारा निर्धारित मीनू (दर) 100/- रू. प्रति खिलाड़ी प्रतिदिन के अनुसार संबंधित संभाग के दल प्रबंधक द्वारा भोजन व्यवस्था की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग‘‘ एवं व्यय विवरण की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ अनुसार है। (घ) खिलाडि़यों के आवास, परिवहन व भोजन व्यवस्था में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
नियम विरूद्ध विभागीय पदोन्नति
46. ( क्र. 1446 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग बालाघाट द्वारा वर्ष 2007,2008 एवं 2009 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विभागीय पदोन्नति की गई थी तथा उक्त विभागीय पदोन्नति नियम विरूद्ध होकर अयोग्य कर्मचारियों को पदोन्नति किया गया था तथा जिसकों विभागीय जाँच में सच पाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो पदोन्नति प्राप्त अयोग्य कर्मचारियों पर व पदोन्नति समिति पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई अथवा दोषी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) स्वास्थ्य विभाग बालाघाट द्वारा वर्ष 2007 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विभागीय पदोन्नति नहीं की गई वर्ष 2008 एवं 2009 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है। जी हाँ। (ख) अयोग्य कर्मचारियों की पदोन्नति निरस्त किये जाने संबंधी कार्यवाही संभागीय संयुक्त संचालक जबलपुर संभाग जबलपुर के अधीन प्रचलित है। कलेक्टर बालाघाट द्वारा जाँच में प्रथम दृष्टया पदोन्नति की प्रक्रिया में अनियमितता पाए जाने के कारण उनके कार्यालयीन आदेश क्र.4232/वि.लि.1/स्था./2013 बालाघाट दिनांक 07 मई 2013 द्वारा पदोन्नति की प्रक्रिया संपादित करने वाले प्रभारी लिपिक श्री एस.एल. डोहरे, सहायक ग्रेड-2 को निलंबित किया गया है एवं विभागीय पदोन्नति समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
47. ( क्र. 1567 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जून-2016 की स्थिति में चिकित्सकों महिला/पुरूष तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ पर कब से रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे? (ख) रिक्त पद काफी लंबे समय से रिक्त हैं? इन्हें अभी तक क्यों नहीं भरा गया? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यह कार्यवाही कब तक पूर्ण हो जाएगी? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदरवास के चिकित्सक एवं बी.एम.ओ. डॉ. श्री आर.एल. पिप्पल ने रोगी कल्याण समिति बदरवास की बैठक में प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान अभद्रता की थी तथा रोगी कल्याण समिति बदरवास द्वारा बी.एम.ओ. के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है? यदि हाँ, तो डॉ. श्री पिप्पल के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? (घ) क्या बी.एम.ओ. डॉ. श्री पिप्पल ओ.पी.डी. में नहीं बैठते हैं? रोगियों, उनके अटेण्डरों एवं जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध अभद्र व्यवहार करते हैं तथा ओ.पी.डी. टाइम में अपने निवास पर रोगियों को बुलाकर फीस लेकर उनका उपचार करते हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये डॉ. श्री पिप्पल के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पद की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। तृतीय वर्ग सहायक स्टॉफ हेतु संभाग/जिला स्तर पर भर्ती की कार्यवाही निरंतर जारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। विशेषज्ञों के पद स्वीकृति दिनांक से रिक्त है, शेष उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रकरण में दण्ड स्वरूप समिति द्वारा निंदा प्रस्ताव पारित किया एवं आगामी बैठकों में एस.डी.एम. एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति में ही बैठक का आयोजन किए जाने का निर्णय लिया। (घ) जी हाँ, इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, शिकायत की जाँच जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन शिवपुरी से कराई गई, शिकायत आधार हीन तथा असत्य पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अहिर शब्द को सुधार कर गुरेड़ा अहिर लिखा जाना
48. ( क्र. 1581 ) पं. रमेश दुबे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले में गोड़ की उप जाति गोड़ गोवारी जिन्हें स्थानीय स्तर पर गुड़ेरा अहिर कहा जाता है वर्ग के आवेदकों के द्वारा अनुसूचित जन जाति का प्रमाण पत्र हेतु आवेदन करने पर जाँच के समय राजस्व अभिलेखों में गुड़ेरा अहिर के स्थान पर अभिलेखों के रोस्टर के समय त्रुटि से सिर्फ अहिर का उल्लेख पाये जाने से उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने भी गुड़ेरा अहिर को राजस्व अभिलेखों में त्रुटि से सिर्फ अहिर लिखे जाने की जाँच कर गुड़ेरा अहिर दर्ज किये जाने के संबंध में वर्ष 2014 से अप्रैल 2016 के मध्य माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन, राजस्व मंत्री म.प्र. शासन एवं कलेक्टर छिंदवाड़ा को समय-समय पर पत्र प्रेषित किया है? (ग) क्या छिंदवाड़ा जिले के राजस्व अधिकारी जो जाति प्रमाण पत्र जारी करते समय उक्त प्रकार की समस्या से जूझ रहे हैं? आवेदकगण जो वास्तव में गोड़ गोवारी है, किन्तु राजस्व अभिलेखों में गुड़ेरा अहिर के स्थान पर अहिर दर्ज होने से जाति प्रमाण पत्र देने में कठिनाई हो रही है? यदि हाँ तो क्या आवेदकों के हित में जिला प्रशासन उक्त तथ्य को शासन के ध्यान में लाकर राजस्व अभिलेख सुधारने की पहल करेगा? (घ) क्या शासन राजस्व अभिलेखों में रोस्टर के समय पटवारियों से हुई त्रुटि की जाँच कर अहिर के स्थान पर गुड़ेरा अहिर दर्ज किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वित्तीय अनियमितता करने वाले चिकित्सक के विरूद्ध कार्यवाही
49. ( क्र. 1586 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने डॉ. प्रमोद वाचक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई में विकासखण्ड चिकित्साधिकारी के पद पर पदस्थ रहने के दौरान उनके द्वारा विभिन्न योजनाओं की राशि, सामग्री खरीदी, रोगी कल्याण समिति की राशि का दुरूपयोग करने, वित्तीय अनियमितता करने, शासकीय राशि का गबन करने, बिल व्हाउचर्स और कैशबुक का संधारण नहीं करने व स्वास्थ्य केन्द्र में बिल व्हाउचर्स और कैशबुक उपलब्ध नहीं होने के संबंध में वर्ष 2014 से मा. मुख्यमंत्री मा. लोक स्वास्थ्य मंत्री, कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, छिंदवाड़ा एवं एस.डी.एम. चौरई को समय-समय पर पत्र प्रेषित कर जाँच करने व कार्यवाही करने का अनुरोध किया है? यदि हाँ, तो प्रेषित पत्रों में किन-किन स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के उक्ताशय से संबंधित किए गए विधान सभा प्रश्न के उत्तर में भी यह बताया गया है कि जाँच उप संचालक जबलपुर के द्वारा की जा रही है? तो क्या जाँच पूर्ण हो गयी? (ग) क्या शासन डॉ. वाचक को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनियमितताओं का दोषी मानता है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, चौरई में विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉ. प्रमोद वाचक द्वारा विभिन्न योजनाओं की राशि, सामग्री खरीदी, रोगी कल्याण समिति की राशि का दुरूपयोग करने, वित्तीय अनियमितता करने, शासकीय राशि का गबन करने, बिल व्हाउचर्स और कैशबुक का संधारण नहीं करने व स्वास्थ्य केन्द्र में बिल व्हाउचर्स और कैशबुक उपलब्ध नहीं होने के संबंध में उनके विरूद्ध प्रेषित शिकायती पत्र संचालनालय में प्राप्त नहीं हुआ किंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, चौरई एवं अमरवाड़ा में रोगी कल्याण समिति की राशि में अनियमितता किये जाने के संबंध में तत्कालीन ब्लॉक मेडिकल आफिसर डॉ. प्रमोद वाचक के विरूद्ध फरवरी-मार्च 2016 में माननीय विधायक महोदय द्वारा पूछे गये प्रश्न क्रमांक.1331 एवं प्रश्न क्रमांक. 7236 के संबंध में शिकायती प्रकरण की जाँच, संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, जबलपुर से करवाई गई जिसमें प्रकरण की जाँच उपरान्त, डॉ. वाचक को वित्तीय अनियमितता किये जाने का दोषी पाये जाने के परिणामस्वरूप, डॉ. प्रमोद वाचक, तत्कालीन खण्ड चिकित्सा अधिकारी चौरई वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मोरडोंगरी जिला-छिन्दवाड़ा को संचालनालय के पत्र क्रमांक.1553 दिनांक 28.06.2016 द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी ’’क’’ अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन
50. ( क्र. 1587 ) पं. रमेश दुबे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के आदिवासी विकासखण्डों में किन-किन माध्यमिक शालाओं को हाईस्कूल में और किन-किन हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव जिले से शासन को प्राप्त हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उन्नयन का प्रकरण किस स्तर पर कब से विचाराधीन है? कब तक उन्नयन कर दिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्ड बिछुआ के शासकीय माध्यमिक शाला मोहपानीमाल एवं पनियारी को हाईस्कूल में उन्नयन किये जाने हेतु पत्र क्रमांक 657, दिनांक 17.05.2016 आदिम जाति कल्याण मंत्री मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित किया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त माध्यमिक शालाओं को क्या इसी सत्र में हाईस्कूल में उन्नयन कर कक्षायें प्रारंभ कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन प्रस्ताव संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' तथा हाईस्कूल से उ.मा.वि. में उन्नयन के प्रस्ताव संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रदेश में 40 हाईस्कूलों को उन्नयन का वार्षिक प्रावधान है। सीमित वित्तीय संसाधनों अंतर्गत हाईस्कूल से उ.मा.वि. में उन्नयन शासन आदेश क्रमांक 12-06/2016/25-2/717 दिनांक 28.05.2016 द्वारा जारी हो चुके हैं। माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। (घ) सीमित वित्तीय संसाधनों अंतर्गत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में फलों में केमिकल के मिलावट की जाँच
51. ( क्र. 1612 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में फलों में केमिकल मिलावट की जांच हेतु वर्तमान में कहाँ-कहाँ प्रयोगशाला स्थापित है? जनवरी 2015 में किन-किन सेम्पल में कितनों में कौन-कौन सा रसायन पाया गया? क्या प्रतिबंधित केमिकल युक्त दवाइयों के फलों एव सब्जियों के ज्यादा उपयोग से केंसर एव लीवर की बीमारियां बढ़ रही हैं? (ख) फलों में केमिकल के प्रयोग से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर हो रहे दुष्प्रभाव के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा कोई सर्वे/जांच की गई है? क्या इस संबंध में कोई योजना प्रचलन में है? (ग) क्या इंदौर उज्जैन संभाग में सेबफल जैसे कई फल देशी/विदेशी ऐसे बिक रहे जिन पर भारी मात्रा में केमिकल एवं मोम लगाकर कई दिनों तक तरोताजा रखा जाता है तथा उन्हें गर्म पानी से धोकर ही उपयोग में लाया जा सकता है क्या यह विदेशी सस्ते फल जानकारी के अभाव में मरीजों को खिलाये जा रहे है जिससे मरीज के स्वास्थ पर और दुष्प्रभाव पड़ रहा है (घ) इसका आंकलन विभाग ने कब-कब किया तथा एसे कितने फल विक्रेताओं के फल जप्त कर प्रयोग शाला में जांच हेतु भेजे गये? 1 जनवरी 2015 के पश्चात् की उक्त संभाग की जानकारी देवे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टाफ नर्सों की फर्जी नियुक्ति
52. ( क्र. 1640 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त महोदय रीवा को जिला चिकित्सालय रीवा/संजय गांधी अस्पताल में स्टॉफ नर्सों की फर्जी नियुक्तियों के संबंध में 24.10.15 को भर्ती में रोक लगाने तथा जाँच कराने के लिये पत्र लिखा था, जिसके आधार पर जाँच करायी गई है? पत्र एवं जाँच रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या जाँचकर्ता मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा को ही बनाया गया जो स्वयं 16 एवं 17 अक्टूबर, 2015 की आयोजित संविदा स्टॉफ नर्स चयन प्रक्रिया/पात्रता परीक्षा की गठित समिति के सदस्य थे और क्या प्रतिवेदन में यह भी स्वीकार किया गया है कि एक सदस्य की भाभी उम्मीदवार थी? जाँच प्रतिवेदन एवं चयनित अभ्यार्थियों की सूची उपलब्ध करायें तथा आयुक्त द्वारा की गयी कार्यवाहियों से संबंधित सभी पत्राचार का विवरण उपलब्ध करायें क्या वरिष्ठ अधिकारियों से जाँच कराकर फर्जीवाड़े में सम्मिलित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतायें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन द्वारा व्ही.ई.आर. सर्वे
53. ( क्र. 1658 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के शिक्षा विभाग द्वार व्ही.ई.आर. सर्वे विगत तीन वर्षों में भोपाल एवं इंदौर संभाग में विभाग/एन.जी.ओ. द्वारा कराया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन विभाग/एन.जी.ओ. के द्वारा कब-कब करवाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक, व्याख्याता, अध्यापक वर्ग 1, 2 एवं 3 से भी व्ही.ई.आर. सर्वे का कार्य करवाया गया था? यदि हाँ, तो क्या शासन ने इस गैर शिक्षकीय कार्य को करवाने हेतु आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो सम्बद्ध आदेश की छायाप्रति संलग्न करें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) दर्शित व्ही.ई.आर. सर्वे किसी एजेंसी/एन.जी.ओ. द्वारा किये जाने पर शासन द्वारा उन्हें त्रुटिपूर्ण कार्य/सर्वे करने के बावजूद राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस को और कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा इस त्रुटिपूर्ण भुगतान के लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार हैं? यदि नहीं, तो क्या इस सर्वे का कार्य शिक्षकों से न कराते हुए उन्हीं एजेंसी/एन.जी.ओ. से भविष्य में करवाया जायेगा? (घ) क्या व्ही.ई.आर. सर्वे (ग्रीष्म अवकाश के दौरान) हेतु जिन-जिन सहायक शिक्षकों, उच्च श्रेणी शिक्षकों को कर्तव्यस्थ किया गया था? उन्हें इस कार्य के बदले उतने कार्य दिवसों के अर्जित अवकाश की पात्रता हेतु कोई आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो सम्बद्ध आदेश की छायाप्रति संलग्न करें? यदि नहीं, तो क्या शासन इस अर्जित अवकाश हेतु आदेश जारी करेगा? (ड.) क्या इस प्रकार के कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होता है? क्या शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये व्ही.ई.आर. सर्वे के कार्य के साथ ही जिन अन्य कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है वह उनसे न कराते हुए शिक्षित नवयुवक बेरोजगारी से पारिश्रमिक के आधार पर करवाये जाने हेतु शासन आदेश जारी करेगा या इस पर विचार करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। विगत तीन वर्षों में प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ भोपाल एवं इंदौर संभाग के जिलों में ग्राम/वार्ड शिक्षा पंजी को अद्यतन कराने का कार्य कराया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अमले के सहयोग से माह अप्रैल-मई में कार्य कराया गया। (ख) जी हाँ। यह कार्य गैर-शिक्षकीय नहीं है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (ड.) ग्राम/वार्ड शिक्षा पंजी को अद्यतन कराने की कार्यवाही ग्रीष्मावकाश में कराई जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों की जाँच एवं कार्यवाही
54. ( क्र. 1661 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 29.03.2016 के संबंध में माननीय मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण म.प्र. शासन को एक माह में डॉ. राकेश शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भिण्ड द्वारा किए जा रहे विभिन्न आर्थिक अपराध/अनियमितताओं एवं विभाग में विभिन्न पदों पर की गई अवैध नियुक्तियों की जाँच का आदेश दिया था? (ख) यदि हाँ, तो जाँच कब कराई गई एवं जाँच के क्या निष्कर्ष रहे तथा जाँच निष्कर्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) डॉ. राकेश शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड के विरूद्ध वर्तमान में कौन-कौन सी जाँच किस-किस स्तर पर कब-कब से प्रचलित है तथा किस-किस जाँच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर नियमानुसार श्री शर्मा के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) डॉ. राकेश शर्मा से कौन-कौन वरिष्ठ चिकित्सक जिला भिण्ड में पदस्थ हैं एवं डॉ. शर्मा के विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद भी सी.एम.ओ. के पद पदस्थ करने के क्या कारण हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्त शिकायती पत्र पर संचालनालय द्वारा प्रकरण की बिन्दुवार जाँच पूर्ण कर, जाँच प्रतिवेदन अभिमत सहित भेजने हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर को पत्र क्रमांक.1000/दिनांक 27.04.2016 द्वारा निर्देशित किया गया जो विवेचनाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संचालनालय स्तर पर डॉ. राकेश शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड के विरूद्ध प्रचलित जाँच का विवरण निम्नानुसार है- (अ) डॉ. राकेश शर्मा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भिण्ड के द्वारा वित्तीय वर्ष 2010-2011 में उक्त पद पर पदस्थी के दौरान वित्तीय अनियमितता करते हुये स्वयं को आर्थिक लाभ पहुँचाते हुये शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाये जाने के संबंध में उनके विरूद्ध लोकायुक्त संगठन में जाँच प्रकरण क्रमांक.40/13 वर्ष 2013 से पंजीबद्ध है जिसमें संचालनालय द्वारा विषयान्तर्गत प्रकरण की जाँच संचालक, एन.एच.एम. से पूर्ण करवाते हुये जाँच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें संचालनालय के पत्र दिनांक 27.10.2014 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये प्रतिवाद उत्तर चाहा गया किंतु प्रतिवाद उत्तर डॉ. शर्मा द्वारा समयावधि में प्रस्तुत नहीं किये जाने के परिणामस्वरूप संचालनालय के पत्र दिनांक 10.04.2015 द्वारा उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित किये जाने हेतु आरोप पत्र जारी किये गये तथा संचालनालय के आदेश दिनांक 14.09.2015 द्वारा उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करते हुये संस्थित विभागीय जाँच प्रकरण में संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर को जाँचकर्ता तथा उप संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया जाकर विषयान्तर्गत प्रकरण प्रचलन में है। (ब) डॉ. राकेश शर्मा के विरूद्ध जिला भिण्ड में तानाशाह के रूप में कार्य करने संबंधी शिकायत की जाँच, संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर में फरवरी 2016 से तथा प्रश्नांश ’’क’’ में माननीय विधायक महोदय द्वारा डॉ. शर्मा के विरूद्ध दिनांक 29.03.2016 द्वारा प्रेषित शिकायती प्रकरण की जाँच, संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर में अप्रैल 2016 से प्रचलित है। उपरोक्त सभी प्रकरणों में डॉ. शर्मा के विरूद्ध जाँच संबंधी कार्यवाही प्रचलन में होने के परिणामस्वरूप संबंधित के विरूद्ध जाँच उपरान्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही करने के साथ ही हाल ही में माननीय विधायक महोदय द्वारा डॉ. शर्मा के संबंध में पूछे गये ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक.23 जिसमें कम्प्यूटर आपरेटर का वेतन निर्धारण एवं दतिया जिले से स्थानांतरित कर्मचारियों के आदेशों की पुष्टि डॉ. राकेश शर्मा द्वारा विभाग से नहीं कराये जाने संबंधी प्रकरण में भी उनके विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (घ) जिला भिण्ड में डॉ. राकेश शर्मा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड से वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जे.पी.गुप्ता दिनांक 16.11.1980 से तथा डॉ. पदमा द्विवेदी, स्त्रीरोग विशेषज्ञ दिनांक 30.12.1994 से पदस्थ होने के साथ ही डॉ. के.एन.शर्मा, एम.डी.पीडियाट्रिक्स दिनांक 03.01.1995 से पदस्थ है। वर्ष 2012 में डॉ. शर्मा को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ करने के दौरान इनके विरूद्ध शिकायतें अप्राप्त थी।
अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्ती में विद्युतीकरण
55. ( क्र. 1662 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले को अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विकास एवं विद्युतीकरण हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? आवंटित राशि किस-किस अधिकारी की स्वीकृति से किस-किस कार्य हेतु कहाँ-कहाँ व्यय की गई वर्षवार विवरण दें? (ख) उपरोक्त अवधि में स्वीकृत की गई राशि के ग्रामों की जनसंख्या का प्रतिशत क्या है? राशि वितरण के नियमों की प्रति दें? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 174 दिनांक 31.08.2015 एवं पत्र क्रमांक 175 दिनांक 31.08.2015 को पत्र भेजकर ग्राम पंचायत वैशपुरा की अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्ती ग्राम छिवावली नं. 2 एवं लालपुरा ग्राम पंचायत के ग्राम श्यामपुरा में विद्युतीकरण का प्रस्ताव दिया था? यदि हाँ तो अभी तक विद्युतीकरण नहीं करने के क्या कारण हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ एवं ‘द’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नकर्ता के उक्त कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 के द्वितीय त्रैमास एवं उसके पश्चात् विद्युतिकरण मद में कोई आवंटन जिले को प्राप्त न होने से कार्यवाही नहीं की जा सकी।
होशंगाबाद संभाग में संचालित नर्सिंग होम्स
56. ( क्र. 1681 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद संभाग में कितने नर्सिंग होम संचालित हैं और इनके मापदण्ड क्या हैं क्या इन मापदण्डों का पालन हो रहा है? संचालित नर्सिंग होम के भवन निर्माण के क्या मापदण्ड हैं? क्या आवासीय क्षेत्रों में नर्सिंग होम निर्माण कि अनुमति ली गई हैं? यदि हाँ तो किस विभाग द्वारा अनुमति लेना आवश्यक है? नर्सिंग होम हेतु कितने डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ होना आवश्यक है? क्या संचालित नर्सिंग होम इसका पालन कर रहे हैं। (ख) क्या प्राइवेट नर्सिंग होम का प्रदेश स्तर के अधिकारियों द्वारा जाँच की जाती हैं कितने-कितने समय पर जाँच का प्रावधान हैं पिछले 3 साल से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार किन-किन अधिकारियों द्वारा जाँच की गई? कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिले में शासकीय अस्पताल एवं प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा बायो मेडिकल एवं मानव अंग,रक्त किस प्रकार नष्ट किए जाते हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि के दावे
57. ( क्र. 1710 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी,2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में वर्ष 2015-16 तक कितनी वन भूमि के कितने दावे मान्य और कितने दावे अमान्य किये गये, कितने दावे लंबित थे, कितनी अपील उपखण्ड स्तरीय समिति एवं कितनी अपील जिला स्तरीय समिति के समक्ष मार्च, 2016 को लंबित थी? (ख) अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस जिले में कितनी भूमि के कितने नवीन दावे प्राप्त हुये, कितनी अपील उपखण्ड स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति को प्राप्त हुई? (ग) अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जिले में जिला स्तरीय समिति की किस दिनांक को आयोजित बैठक में कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किये गये, कितने दावे अमान्य किये गये. कितनी अपीलों पर निर्णय लिया गया तथा कितने वन अधिकारी पत्र इस अवधि में वितरित किये गये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है।
वन अधिकार समितियां
58. ( क्र. 1714 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले के कितने राजस्व ग्रामों में वन अधिकार समितियां बनाई गई, कितने ग्रामों में, किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी वन अधिकार समितियां नहीं बनाई जा सकी? (ख) उक्त में से किस जिले में मार्च 2016 तक गैर आदिवासियों के कितनी भूमि के कितने दावे प्राप्त हुये एवं कितने दावे मान्य व कितने दावे शासन द्वारा अमान्य किये गये, अमान्य करने का कारण बतायें? क्या कुछ ऐसे भी दावेदार थे, जिनकी अपील लंबित थी और उनके दावे को अमान्य कर दिया गया? (ग) उपरोक्त वर्णित जिलों में अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने गैर आदिवासियों के नये दावे प्राप्त हुये, कितनी अपील हुई, कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किये गये एवं कितने दावे अमान्य किये गये? (घ) गैर आदिवासियों के दावे मार्च, 2016 तक अमान्य किये जाने और अप्रैल, 2016 के बाद मान्य किये जाने का क्या कारण रहा है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''दो'' तथा ''तीन'' अनुसार है। (घ) जिला शहडोल एवं उमरिया में मार्च 2016 तक गैर आदिवासियों के अमान्य दावों में से किसी भी दावे को अप्रेल 2016 के बाद मान्य नहीं किया गया है। जिला अनूपपुर में 0.605 हेक्टेयर भूमि के 02 अमान्य दावों को अप्रैल 2016 के बाद 75 वर्ष (तीन पीढ़ी) का दावा प्रमाणित पाये जाने से मान्य किया गया है।
अपराधिक प्रवृत्ति के प्रेरक की नियुक्ति
59. ( क्र. 1737 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना की मृगपुरा पंचायत के वर्ष 2013-2014 एवं 2014-2015 में प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र पर प्रेरक पद पर किन-किन लोगों की नियुक्ति की गई एवं उनकी क्या योग्यता रखी गई थी नाम, योग्यता वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) उक्त चयन में कितने लोगों के आवेदन प्राप्त हुये थे व चयन प्रक्रिया कहाँ संपादित की गई? (ग) क्या मृगपुरा पंचायत में जिस प्रेरक की नियुक्ति की गई थी, उस पर कई संगीन आपराधिक प्रकरण दर्ज है एवं न्यायालय में विचाराधीन है। जैसे पुलिस स्टेशन सरायछौला, प्रकरण क्र. 133/06 धारा 307 तथा जी.आर.पी. थाना ग्वालियर के अपराध क्र. 136/07 धारा 307, 324, 294, 147, 148, 149 व कई अन्य प्रकरण दर्ज होने के बावजूद भी कैसे नियुक्ति प्रदान की गई? (घ) क्या शासन ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के प्रेरकों को शिक्षा कार्य जैसे पवित्र कार्य से पृथक करेगा, यदि हाँ तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र जिला मुरैना की ग्राम पंचायत मृगपुरा में वर्ष 2013-14 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मुरैना के द्वारा श्री बनवारीलाल पुत्र श्री अमरसिंह की प्रेरक पद पर नियुक्ति की गई है। ग्राम पंचायत मृगपुरा में वर्ष 2014-15 में प्रेरक पद पर कोई नियुक्ति नहीं की गई। योग्यता संबंधी विज्ञापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) ग्राम पंचायत मृगपुरा में प्रेरक पद पर नियुक्ति हेतु कुल 07 आवेदन जनपद पंचायत मुरैना को प्राप्त हुये। प्रेरकों की चयन प्रक्रिया विकासखण्ड लोक शिक्षा समिति कार्यालय मुरैना द्वारा संपादित की गई। (ग) ग्राम पंचायत मृगपुरा में प्रेरक पद पर चयनित प्रेरक श्री बनवारीलाल पुत्र श्री अमर सिंह के संबंध में थाना प्रभारी सराय छौला से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री बनवारी पुत्र श्री अमरसिंह पर प्रकरण अप.क्र. 133/06, धारा 307, 147, 148, 149 दर्ज होकर प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। श्री बनवारीलाल के संबंध में थाना जी.आर.पी. ग्वालियर से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री बनवारी लाल पुत्र श्री अमरसिंह निवासी थाना सरायार छौला जिला मुरैना के विरूद्ध अपराध क्र. 136/07 धारा 307, 324, 294, 147, 148, 149 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान धारा 307 भादवि हटाई जाकर धारा 325 भदवि एवं 145 रेलवे एक्ट बढाई जाकर प्रकरण में चालान क्रमांक 33/07 दिनांक 7.12.2007 तैयार किया जाकर माननीय एसआरएम न्यायालय ग्वालियर में पेश किया गया। ग्राम पंचायत मृगपुरा में प्रेरक पद पर नियुक्ति हेतु श्री बनवारीलाल द्वारा प्रस्तुत आवेदन में अपराधी प्रकरण के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। आवेदन पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। ऐसी स्थिति में प्रेरक की नियुक्ति मैरिट सूची में वरीयता के अनुसार की गई। (घ) विकासखण्ड लोक शिक्षा समिति मुरैना द्वारा श्री बनवारीलाल पुत्र श्री अमर सिंह की संविदा नियुक्ति दिनांक 15.07.2016 से निरस्त की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है।
हाई स्कूल से हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन
60. ( क्र. 1771 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षेत्र बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, कटनी और ढीमरखेड़ा के किन ग्रामों में शासकीय हाईस्कूल संचालित हैं और विकासखण्डवार प्रवीण्यता क्रम में किन विद्यालयों की छात्र संख्या कितनी-कितनी है? (ख) वर्ष 2015 व 2016 में जिला कटनी के किन विकासखण्डों की कितनी छात्र संख्या और प्रवीण्यता क्रम के हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन किया गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 24.12.2015 द्वारा किन्हीं विकासखण्डों के किन्हीं हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी में उन्नयन करने हेतु आग्रह किया है? (घ) क्या चालू वर्ष में प्रश्नांश (ग) विद्यालयों का उन्नन किया जाना सुनिश्चित किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो‘‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करेगा।
धीमर, केवट, कीर आदि को माझी का पर्याय मानना
61. ( क्र. 1772 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा की बैठक दिनांक 16.03.2016 में प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 46 (क्र. 3795) के किसी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में विभागीय मंत्री ने राज्य की माझी जनजाति के संबंध में किसी संदर्भ साहित्य का कोई उल्लेख दर्शित किया है तथा (क) के के उत्तर में माझी सहित किन्हीं जातियों को केवट तथा धीमर में समाहित कर जनगणना किये जाने से संबंधित किसी प्राचीन जनगणना का कोई उल्लेख दर्शित किया है? (ख) यदि हाँ, तो (क) संदर्भित प्रश्नांश के संदर्भ साहित्य और भारत की जनगणना का संबंध किस रूप में भारत सरकार से है और क्या उनमें दर्शित तथ्यों को विभाग द्वारा अभिमान्य किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) से (ख) तथ्यों के आधार पर विभाग भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय को तदाशय का लेख करेगी कि धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद, कीर आदि जातियां माझी जनजाति की पर्याय हैं और प्रकरण का पटाक्षेप करेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अंतर्गत संदर्भित संदर्भ साहित्य भारत की जनगणना आदि जो कि अकादमिक संदर्भ हैं, जिसका संबंध केवल अकादमिक रूप से है। विभाग द्वारा भी अकादमिक रूप से अधिमान्य किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश के संबंध में उल्लेख है कि केवट, ढीमर, भोई, कहार, आदि जातियां माझी जनजाति की पर्याय है या नहीं, के संबंध में विभागीय पत्र क्रमांक 978/548/2014/25-2 दिनांक 27-6-2015 द्वारा प्रकरण में निर्णय लिये जाने हेतु भारत सरकार को भेजा जा चुका है। किसी भी जाति को आरक्षित वर्ग की सूची में शामिल करने अथवा सूची से विलोपन कराने का क्षेत्राधिकार भारत सरकार को है।
रजिस्ट्रार नर्सिंग के विरूद्ध कार्यवाही
62. ( क्र. 1779 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक रजिस्ट्रार नर्सिंग कौंसिल द्वारा प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर किन-किन स्थानों की यात्रा किन साधनों से किस श्रेणी में की गई? छात्राओं के लिये उनके द्वारा कितनी-कितनी राशि के यात्रा देयक प्रस्तुत किये गये? (ख) क्या शासकीय वाहन आवंटित होने के बाद भी उनके द्वारा मुख्यालय पर शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर दैनिक भत्ते की राशि प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ग) रजिस्ट्रार के विरूद्ध प्राप्त पर जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में सभी तथ्य प्रमाणित पाये जाने के बाद भी आज दिनांक तक विभाग स्तर पर जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही न किये जाने हेतु कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) रजिस्ट्रार नर्सिंग द्वारा भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होने के बाद भी बिना शासन अनुमति के शासकीय आवास गृह अनाधिकृत आधिपत्य में रखने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक बाजार दर से दुगुनी दर पर किराये की राशि वसूल न करने तथा बेदखली कर शासकीय आवास गृह खाली कराने की कार्यवाही न करने के लिये दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में रजिस्ट्रार, मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल, भोपाल द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर की गई स्थानों की यात्रा, साधन एवं श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) प्रश्नांश के संबंध में रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल भोपाल द्वारा मुख्यालय पर शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक दैनिक भत्ते का भुगतान नहीं किया गया। रजिस्ट्रार, नर्सिंग काउंसिल को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) यह सही नहीं है कि बिना शासन की अनुमति के रजिस्ट्रार नर्सिंग काउंसिल द्वारा अनाधिकृत आधिपत्य में शासकीय आवास रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार एवं पाँच अनुसार है। (अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर का आदेश दिनांक 09 अगस्त, 2013) (अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर का आदेश दिनांक 14 नवम्बर, 2014)। यह सही हैं अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर द्वारा पूर्व आदेश दिनांक 14 नवम्बर, 2014 को निरस्त करते हुये आदेश दिनांक 16 मई, 2016 द्वारा बाजार दर से दोगुनी राशि वसूल करने के आदेश जारी किये गये है। रजिस्ट्रार, नर्सिंग काउंसिल द्वारा उक्त आदेश के परिपालन में निर्धारित राशि चालान से जमा की गई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छः एवं सात अनुसार है।
अंशदायी पेंशन योजना में कटौती
63. ( क्र. 1785 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड केवलारी में संकुल केन्द्र ढुटेरा (पां.) के अध्यापक संवर्गीय अंशदायी पेंशन योजना के तहत कटौती की जा रही है? यदि हाँ, तो कितने अध्यापकों के खाते (प्रान) में कटौती की जाकर जमा की जा रही है? कृपया जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में हुई कटौती उनके प्रान खाते में क्यों दर्शाई नहीं जा रही है? (ग) यदि कटौती कर अध्यापकों के खाते में जमा की जा रही है तो संकुल केन्द्र ढुटेरा के किन-किन अध्यापकों के खाते में कटौती की जा रही है एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी कटौती की गई? सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विकासखंड केवलारी शासकीय उ.मा.वि. ढुटेरा केन्द्र में अध्यापक संवर्गीय 31 कर्मचारियों का अंशदायी पेंशन योजना के तहत कटौती की जा रही है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माह फरवरी 2015 से बजट उपलब्ध नहीं होने एवं आदिवासी विभाग से डी.डी.ओ. कोड शिक्षा विभाग में अंतरित नहीं हो पाने से आहरण नहीं हो सका है। अतः कटौती प्रान खाते में नहीं दर्शाई जा रही है। (ग) संकुल केन्द्र ढुटेरा के अंतर्गत कार्यरत अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की एज्यूकेशन पोर्टल पर वेतन जनरेट करने पर अंशदान पेंशन की कटौती की राशि जून 2016 तक काटी गई है उसकी प्रविष्टि संबंधित अध्यापकों के एन.पी.एस. पासबुक में की गई है। जिन अध्यापकों के वेतन से एन.पी.एस. की कटौती की गई है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भवनों का निर्माण/विद्युतीकरण
64. ( क्र. 1804 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा, गोंगावा एवं सेगांव विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने मीटर सीसी खरंजा नाली सहित तथा नाली रहित निर्माण किया गया, पंचायतवार मीटर संख्या में सूची देवें। क्या इन खरंजों का मूल्यांकन उपयंत्रियों द्वारा किया गया? इन नालियों की वर्तमान स्थिति क्या हैं। (ख) उक्त विकासखण्डों में विगत 3 वर्षों में ग्राम पंचायतों द्वारा कितने भवनों को विद्युतीकृत किया गया तथा कितने विद्युतीकृत नहीं है। क्या इनके विद्युतीकरण का मूल्यांकन अधिकारी द्वारा किया गया? (ग) उक्त विकासखण्डों में विगत 3 वर्षों में ग्राम पंचायतों द्वारा कितने भवनों का निर्माण शौचालय सहित है तथा कितने शौचालय रहित है। इनमें से कितने भवनों में पानी की टंकी है कितनों में टंकी नहीं है। इस शौचालय सहित भवन का मूल्यांकन किन अधिकारी द्वारा किया गया? (घ) विगत 2 वर्षों में उक्त सामुदायिक भवनों का उपयोग कब-कब किन आयोजनों हेतु ग्राम पंचायत द्वारा किया गया।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांकित अवधि में विभागीय मद से ग्राम पंचायतों द्वारा कार्य नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला मुरैना के बालिका छात्रावासों की सुरक्षा व्यवस्था
65. ( क्र. 1808 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत एवं अन्य कुल कितने बालिका छात्रावास संचालित हैं बालिकाओं की संख्या सहित तहसील वार विवरण दें? (ख) क्या कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैलारस में संचालित 9 से 12 तक की कक्षाओं हेतु बालिका छात्रावास बाउण्ड्रीवॉल विहीन है? यदि हाँ, तो इस छात्रावास की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कराया जावेगा? (ग) क्या बालिका छात्रावास बाउण्ड्रीवॉल विहीन होने से आम राहगीरों का छात्रावास के नजदीक से गुजरने के कारण बालिकाओं की मर्यादा का उल्लंघन होकर असुरक्षा का भाव पैदा होता है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तारतम्य में क्या ऐसे बालिका छात्रावासों की बाउण्ड्रीवॉल बनवाई जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं बालिका छात्रावासों की सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा कोई सकारात्मक पहल की जावेगी? यदि हाँ, तो कार्ययोजना से अवगत कराया जावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। (ग) जिला मुरैना में कैलारस में बालिका छात्रावास आम रास्ते से लगभग 60 मीटर की दूरी पर होने से आम राहगीरों का छात्रावास के नजदीक से गुजरने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। असुरक्षा संबंधी किसी प्रकार की शिकायत नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति के मजरे/टोलों का ऊर्जीकरण
66. ( क्र. 1809 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में वर्ष २०१३-२०१४ से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने मजरा/टोला एवं कृषि पम्पों के उर्जीकरण हेतु जारी की गई निविदाओं से एवं भाग लेने वाली फर्मों से अवगत कराया जावेगा और निविदा योग्य पाये गए ठेकेदारों एवं अयोग्य घोषित किए गए ठेकेदारों व उनके द्वारा डाली गई दरों से अवगत कराया जा सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय-सीमा में दिये गए कार्यादेशों के पालन में विधानसभा क्षेत्र जौरा के कितने मजरा/टोला व कृषि पंपों के लिए कितने कार्य संपादित कराए गए हैं? (ग) वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्य आदेशों के निर्धारित मानक के अनुरूप विद्युत कार्य कराए गए है? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन अधिकारी का अभिमत सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (घ) क्या अनुसूचित जाति के मजरा/टोलों एवं कृषि पंपों के कार्यादेशों के निर्धारित मानक के अनुसार कार्य नहीं कराये जा रहे हैं यदि हाँ तो ऐसा क्यों यदि नहीं, तो वर्तमान में भौतिक सत्यापन कर अभिमत प्रस्तुत किया जा सकेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले के विधानसभा क्षेत्र जौरा में मजरा/टोला विद्युतीकरण के 04 तथा कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के 15 कार्य संपादित कराये गये। (ग) जी हाँ। विद्युतीकरण संबंधी कार्य मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी मुरैना के अधिकारियों की देख-रेख में सुपरविजन चार्ज देकर कराये गये हैं। कार्यों का कनिष्ठ यंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड द्वारा मूल्यांकन कर देयक सत्यापित किये जाते हैं, पृथक से अभिमत नहीं दिया जाता है। (घ) जी नहीं। जिले में कार्य निर्धारित मानक के अनुसार ही कराये गये हैं, इसलिए शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्कूल चलें हम अभियान का क्रियान्वन
67. ( क्र. 1819 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय पत्र क्रमांक-2812 दिनांक 13-04-2016 के द्वारा स्कूल चलें हम अभियान 2016 (प्रथम चरण) के क्रियान्वन के संबंध में निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उपरोक्त निर्देश क्या हैं एवं इसके पालन में कटनी जिले में क्या-क्या कार्य अब तक किये गये जनपद केन्द्रवार बतायें? (ख) कटनी जिले में अभियान हेतु शासन द्वारा क्या-क्या संसाधन एवं राशि उपलब्ध कराई गई, राशि का किस-किस कार्य/मद में व्यय किया गया और द्वितीय चरण के लिये जिला स्तर पर क्या कार्ययोजना है? (ग) क्या कटनी में संचालित अशासकीय विद्यालयों द्वारा छात्रों के कम अंक आने के चलते उन्हें आगामी सत्र में प्रवेश नहीं दिया जा रहा अथवा अन्य विषय लेने को विवश कर आवेदन फार्म तथा शिक्षण शुल्क मनमाने तौर पर वसूल रहे है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो किस नियम एवं आदेश के तहत? इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कटनी नगर के हायर सेकण्डरी स्तर के समस्त अशासकीय विद्यालयों के आवेदन फार्म, शुल्क एवं शिक्षण शुल्क का ब्यौरा प्रदान करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। स्कूल चलें हम अभियान 2016 प्रथम चरण में मुख्यतः ग्राम/वार्ड शिक्षा पंजी, समग्र शिक्षा पोर्टल, समग्र डाटाबेस एवं डायस डाटाबेसेस को एकीकृत किया जाने के निर्देश है। इसके तहत ग्राम/वार्ड शिक्षा पंजी को अद्यतन किया जाकर समग्र शिक्षा पोर्टल पर एन्ट्री करने का कार्य किया जाना है। कटनी जिले में अब तक किये गए कार्य जनपद शिक्षा केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) समग्र शिक्षा पोर्टल से परिवारवार प्रपत्र प्रिंटर निकालने, जानकारी अद्यतन कर उसे पोर्टल पर एन्ट्री करने तथा इस कार्य से संबंधित अनुसंगिक गतिविधियों को समय-सीमा में करने हेतु अधिकतम रुपये 1.50/- (एक रुपये पचास पैसे मात्र) प्रति परिवार के दर से रुपये 4,33,451/- (रुपये चार लाख तैतीस हजार चार सौ पन्द्रह मात्र) राशि कटनी जिले को उपलब्ध कराई है। कटनी जिले में स्कूल चलें हम अभियान 2016 द्वितीय चरण के अन्तर्गत बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ना, सभी बच्चों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण तथा उन्हें गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान किए जाने की कार्ययोजना जिला स्तर पर बनाई गई है। (ग) जी, नहीं। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न अनुपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
हाई स्कूल तथा हायर सेकण्डरी स्कूल खोलने बावत्
68. ( क्र. 1849 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत आंतरी में बालकों के लिये शासकीय हाई स्कूल या हायर सेकण्डरी स्कूल हैं? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि आंतरी नगर पंचायत की जनसंख्या लगभग 15000/- है फिर अभी तक शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी विद्यालय बालकों के लिये क्यों नहीं खुलवाया गया? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? अब बालकों के अध्यापन हेतु कब तक हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल खोल दिया जावेगा? क्या इसी सत्र से विद्यालय शुरू कर दिया जावेगा? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में बालक तथा बालिकाओं के अध्यापन हेतु किस-किस स्थान पर हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल हैं? उन स्कूलों में किस-किस कक्षा में कितने-कितने बालक/बालिकायें अध्ययनरत हैं? कौन-कौन शिक्षक पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें? किस हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूल में शिक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं वर्तमान में किस-किस विद्यालय में कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। नगर पंचायत आंतरी के बालकों हेतु 08 किमी. के दायरे में हाईस्कूल कछैया एवं हाईस्कूल कल्याणी संचालित हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आंतरी स्थित माध्यमिक शाला की दूरी एवं छात्र संख्या के मापदण्ड की पूर्ति नहीं करने से उन्नयन की पात्रता नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में अनु. जाति, अनु. जनजाति विकास योजनाएं
69. ( क्र. 1850 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 तक ग्वालियर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग अनुसूचित जाति विभाग एवं विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ विभाग को अनु. जाति, अनु. जनजाति तथा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों के कल्याण हेतु कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन का भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस-किस रूप में उक्त जातियों के कल्याण हेतु उपयोग किया? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में अनु. जाति, अनु. जनजाति तथा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों के बच्चों के लिये किस स्थान पर कितने-कितने सीटर बालक/कन्या, छात्रावास/आश्रम संचालित हैं वर्तमान मं 1 जुलाई 2016 की स्थिति में उन छात्रावासों/आश्रमों में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत तथा निवासरत हैं? इन छात्रावासों/आश्रमों में कौन-कौन अधीक्षक, स्टाफ पदस्थ हैं उसका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक भी स्पष्ट करें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' तथा ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' तथा ''द'' अनुसार है।
छात्रावासों की व्यवस्थाएं
70. ( क्र. 1863 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर में वर्तमान में कितने छात्रावास संचालित है? संचालित छात्रावासों में छात्र/छात्राओं की कुल संख्या कितनी है? प्रत्येक छात्रावास में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं की कितनी संख्या स्वीकृत है एवं स्वीकृत संख्या के विरूद्ध कितने छात्र/छात्राएं रहकर अध्ययन कर रहे हैं? छात्रावासवार नामवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित छात्रावासों में छात्रों को कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है? क्या छात्रावासों में दर्ज संख्या के विरूद्ध रहवासी छात्रों की संख्या नहीं पाई जाती है? क्या उक्त छात्रावासों में प्रवेश देते समय संबंधित शालाओं के प्रधानाध्यापक से अनुमति ली जाती है? यदि हाँ, तो बतावें? (ग) क्या जिन जरूरतमंद छात्रों को प्रवेश की आवश्यकता होती है, उन्हें प्रवेश न देकर फर्जी छात्रों की संख्या दिखाई जाती है? (घ) रहवासी छात्रों का पता लगाने के उद्देश्य से छात्रावासों में शासन द्वारा सी.सी.टी.व्ही. कैमरे क्यों नहीं लगाये जा रहे हैं? क्या कई छात्रों की उपस्थिति का सही ध्यान न रखने के कारण घटनाएं होने से सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब तक सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाए जाएंगे? बतावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आदिवासी विभाग द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित छात्रावासों में विद्यार्थियों को निःशुल्क आवास एवं निःशुल्क भोजन आदि शासन के नियमानुसार सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं। छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों की शत्-प्रतिशत उपस्थिति नहीं पाई जाती है। छात्रावासों में प्रवेश देते समय संबंधित शालाओं के प्रधानाध्यापक से अनुमति ली जाती है। अनुसूचित जाति विभाग अन्तर्गत छात्रावासों में बुनियादी सुविधाओं से युक्त निःशुल्क आवासीय सुविधा, छात्रावासों में मैस संचालन हेतु शिष्यवृत्ति इसके अलावा बिस्तर सामग्री, खानपान व्यवस्था हेतु सामग्री, खेल-कूद सामग्री, लाईब्रेरी, समाचार पत्र उत्कृष्ट छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों को स्टेशनरी एवं कोचिंग आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। यह सही है कि छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों की प्रतिदिन शत्-प्रतिशत उपस्थिति नहीं होती है। विद्यार्थियों को छात्रावासों में प्रवेश देते समय संबंधित शाला के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक से प्रवेश के संबंध में सत्यापन लिया जाता है। (ग) जिन विद्यार्थियों द्वारा छात्रावासों में प्रवेश के लिये आवेदन किया जाता है उन्हें जिला स्तरीय छात्रावास प्रवेश समिति के अनुमोदन अनुसार प्रवेश दिया जाता है। अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों से संबंधित जानकारी जी नहीं। (घ) शासन द्वारा छात्रावासों में सी.सी.टी.व्हीं. कैमरे लगाने के कोई निर्देश नहीं हैं। अनुसूचित जाति विभाग अंतर्गत छात्रावासों में आवश्यकता न होने से कैमरे नहीं लगाये जा रहे हैं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उत्कृष्ट उच्चतर मा. विद्यालय गुनौर में छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता
71. ( क्र. 1864 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुनौर में हाल ही में छात्रवृत्ति घोटाला उजागर हुआ है? यदि हाँ, तो कब से और कितनी राशि का घोटाला हुआ है वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक छात्रवृत्ति की स्वीकृत राशि एवं वितरित राशि का ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित छात्रवृत्ति घोटाले में विद्यालय एवं बैंक के कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुनौर में छात्रवृत्ति के आहरण संवितरण के अधिकार प्राचार्य को है? यदि हाँ, तो क्या छात्रवृत्ति की जारी की गई चेकों में प्राचार्य के ही हस्ताक्षर हैं? यदि हाँ, तो प्राचार्य के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) संचालनालय के पत्र क्रमांक/समग्र/वि.स./ 49 दिनांक 06.07.2016 द्वारा प्रकरण की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किए जाने हेतु कलेक्टर पन्ना को लिखा गया है। छात्रवृत्ति स्वीकृत एवं वितरित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। । प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत गुण दोष के आधार पर परीक्षण कर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
खेल चेतना मेले का आयोजन
72. ( क्र. 1891 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में खेल चेतना मेले का आयोजन किन-किन जिलों एवं विधानसभा क्षेत्र में किया जाता है नाम बतावें एवं कितने वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया है? (ख) खेल चेतना मेले का आयोजन किन-किन संस्थाओं के द्वारा किया जाता है? इन संस्थाओं को केन्द्र या राज्य सरकार से क्या-क्या सुविधाएं एवं राशि अथवा मदद दी जाती है? (ग) उपरोक्त आयोजन करने के लिए आयोजक को किस अधिकारी के द्वारा अनुमति दी गई है प्रत्येक वर्ष दी गई अनुमति की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) यह आयोजन किसी विशेष दल द्वारा किया जाता है या शासकीय आयोजन है? शासकीय पी.टी.आई. ही खेल रेफरी रहता है या अन्य कोई रहता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जी नहीं, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा खेल चेतना मेले का आयोजन नहीं किया जाता है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं।
कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी
73. ( क्र. 1919 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा श्रमिकों के हित में कौन-कौन सी कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के माध्यम से किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पंजीकृत कितने श्रमिकों का कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ 2014 से 2015-16 तक दिया गया? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा वर्तमान में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) तेन्दुखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 2201 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत किया गया है। (ग) प्रश्नांश-ख के परिप्रेक्ष्य में तेन्दुखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 1720 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को वर्ष 2014 से वर्ष 2015-16 तक निम्न योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया है -
क्र. योजना का नाम श्रमिक संख्या
1. प्रसूति सहायता 23
2. विवाह सहायता 33
3. शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना 1229
4. मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार योजना 413
5. मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह भुगतान योजना 13
6. चिकित्सा/दुर्घटना की स्थिति में 09
ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नवीन माध्यमिक शाला की स्थापना
74. ( क्र. 1921 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रत्येक तीन कि.मी. की दूरी पर मा. शाला खोले जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के जनपद चावरपाठा के अंतर्गत ग्राम पंचायत छवारा में अभी तक नवीन मा. शाला क्यों नहीं खोली गई? (ग) क्या अगले शैक्षणिक सत्र में ग्राम छवारा में नवीन मा.शा. भवन खोला जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस की परिभाषा अनुसार-‘‘ (1) क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगी, परंतु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन कि.मी. की परिधि में कोई मीडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मीडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी। ‘‘ (ख) तेंदूखेडा विधानसभा क्षेत्र के जनपद चावरपाठा के अंतर्गत ग्राम पंचायत छवारा के निकटतम संचालित माध्यमिक शालाओं की दूरी 3 कि.मी. से कम होने के कारण माध्यमिक शाला नहीं खोली गई थी। (ग) उत्तर के अंश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावास/आश्रमों में सामग्री की पूर्ति
75. ( क्र. 1938 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विभाग के कितने छात्रावास/आश्रम संचालित है? सूची देवें? (ख) संचालित छात्रावासों /आश्रमों में पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कौन-कौन सी सामग्री की पूर्ति की गई? उस पर कितना व्यय किया गया? (ग) क्या बोरदेही छात्रावास में छात्रों के रहने के लिये नया भवन नहीं है? यदि हाँ, तो कब तक नवीन भवन बना दिया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैतूल जिले में संचालित छात्रावास/आश्रमों में पिछले तीन वित्तीय वर्षों में क्रय की गई सामग्री पर निम्नानुसार व्यय किया गया है :- वर्ष 2013-14 में अनुसूचित जनजाति छात्रावास/आश्रमों के लिये कम्बल, कम्बल कवर, ताकिया, चादर, लोहा पलंग, गद्दा, फोम, मच्छरदानी एवं बर्तन सामग्री पूर्ति की गई जिस पर राशि रूपये 88.67 लाख व्यय की गई। वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जनजाति छात्रावास/आश्रमों के लिए कम्बल, कम्बल कवर, ताकिया, चादर, लोहा पलंग, गद्दा, फोम, मच्छरदानी एवं बर्तन सामग्री पूर्ति पालक समिति एवं निवासरत विद्यार्थियों के माध्यम से की गई। जिस पर क्रमश: 188.87 लाख एवं 102.70 लाख व्यय किया गया। (ग) जी हाँ। बोरदेही छात्रावास के भवन में कुल चार कक्ष हैं। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण भवन निर्माण के संबंध में निर्धारित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा के क्रम में नवीन स्कूल भवन की स्वीकृति
76. ( क्र. 1945 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शैक्षणिक सत्र 2009-10 में धार जिले के धार वि.ख. के ग्राम तोरनोद तथा तिरला विकासखण्ड के ग्राम धामन्दा में आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित माध्यमिक शालाओं का उन्नयन कर इन्हें हाईस्कूल बनाया गया था तथा क्या तभी से उपरोक्त दोनों हाईस्कूल भवन विहीन होकर माध्यमिक शालाओं के कक्षाओं में लग रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त स्कूलों में नवीन भवन निर्माण हेतु मा. मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 12.12.2013 को धार दौरे पर जनसभा में घोषणा की गई थी? (ग) क्या शासन की नीति अनुसार हाईस्कूल स्तर की शिक्षण संस्थाओं हेतु भवन निर्माण कार्य रा.मा.शि. (रमसा) द्वारा किये जाने का निर्णय लिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो धार विधानसभा क्षेत्र के हाईस्कूल तोरनोद व हाईस्कूल धामन्दा में नवीन स्कूल भवन निर्माण, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन (रमसा) के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है तथा इस हेतु जिला शिक्षा अधिकारी, जिला धार से प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है? (ड.) क्या माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के अनुरूप इन हाईस्कूलों में नवीन भवन निर्माण हेतु कार्यवाही की जाकर भवन निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) धार जिले के विकासखंड ग्राम तारनोद एवं तिरला विकासखंड के ग्राम धामन्दा में आदिवासी विकास विभाग द्वारा माध्यमिक शाला का हाईस्कूल में उन्नयन सत्र 2010-11 में किया गया है। जी हाँ। ये स्कूल माध्यमिक शाला के भवन में लग रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृति भारत शासन स्तर से प्रदान की जाती है। अभी तक भारत शासन द्वारा इन स्कूलों के लिए कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ड.) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा।
शासकीय सहायक शल्य चिकत्सकों की प्राइवेट प्रेक्टिस
77. ( क्र. 1947 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय सहायक शल्य चिकित्सकों को प्राइवेट प्रेक्टिस करने के संबंध में दिनांक 07.08.2013 को विभाग द्वारा आदेश जारी कर नियम व शर्तें लागू किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस आदेश के विरूद्ध माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय में एक परिवाद क्रमांक 15509/2013 दायर हुआ था तथा इसमें क्या प्रश्नांश (क) आदेश पर स्थगन दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या स्थगन की दशा में इस संदर्भ में जारी पूर्व आदेश 15.09.2000 शासकीय सहायक शल्य चिकित्सकों की प्राइवेट प्रेक्टिस पर लागू होगा? यदि नहीं, तो शासकीय चिकित्सकों की प्राइवेट प्रेक्टिस पर कौन-कौन से नियम व शर्तें आरोपित है? (घ) शासकीय सर्जन व एनेस्थेटीस्थ चिकित्सकों के लिये प्राइवेट प्रेक्टिस करने हेतु क्या नियम शर्तें शासन द्वारा लागू की गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेशानुसार आगामी आदेश तक शासन आदेश दिनांक 07/08/2013 पर किसी भी चिकित्सक के विरूद्ध बलपूर्वक कार्यवाही न किये जाने के निर्देश है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांकित आदेश दिनांक 15/09/2000 स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है। आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय के अन्तिम निर्णय होने तक प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित आदेश लागू है। (घ) जी नहीं। इस सम्बंध में पृथक से कोई आदेश नहीं है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारी
78. ( क्र. 1961 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर में जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय के अंतर्गत प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करायें एवं जिला शिक्षा केन्द्र में संविदा के आधार पर कितने कर्मचारी पदस्थ हैं उनके नाम, पद एवं नियुक्ति दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या जिला शिक्षा केन्द्र में प्रतिनियुक्ति/संविदा के अतिरिक्त अन्य किसी कर्मचारी की सेवाएं भी ली जा रही हैं? उनके नाम, पद व कार्यरत संस्था की जानकारी देवें तथा इन पर किए गए व्यय तथा बजट की जानकारी देवें? (ग) ऐसे कितने कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर हैं जिन्हे ग्रामीण क्षेत्र से नगर में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया उनके नाम व पद की जानकारी देवें एवं कब से पदस्थ हैं? (घ) ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी प्रतिनियुक्ति की समय-सीमा समाप्त होने के पश्चात् भी कार्य कर रहे हैं? जिन ग्रामीण क्षेत्र से प्रतिनियुक्ति पर नगर में पदस्थ किया गया उन संस्थाओं में क्या शैक्षणिक व्यवस्था की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) इंदौर में जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय में प्रतिनियुक्ति एवं संविदा आधार पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। जिले में सहायक परियोजना समन्वयक कम्यूनिटी मोबीलाईजेश्न का पद रिक्त होने के कारण सहमति के आधार पर कार्यव्यवस्था की दृष्टि से शासकीय मा.वि. मालवीय नगर विकासखंड महू में अतिशेष प्रधानाध्यापक (मा.वि.) श्रीमती संगीता फ्रांसिस को कार्य हेतु आदेशित किया गया है। उक्त कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं है और न ही इनके उपर किसी भी प्रकार का बजट व्यय किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। आवश्यकता अनुरूप पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। अतिथि शिक्षा के माध्यम से शैक्षणिक व्यवस्था की गई है।
युक्तियुक्तकरण के तहत स्थानांतरण
79. ( क्र. 1962 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में सत्र 2015-16 में सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं प्रधान अध्यापक मा.वि. के युक्तियुक्तकरण के तहत कितने स्थानांतरण किये गये थे, कारण सहित बतावें? (ख) उक्त स्थानांतरण में से कितने स्थानांतरण संशोधन/निरस्त किये गये, सूची उपलब्ध कराये तथा निरस्त करने का कारण भी दर्शाये? निरस्त करने पर शिक्षकों का आधिक्य नहीं हुआ क्या? (ग) क्या उक्त स्थानांतरण में जितने संशोधन/निरस्त किये गये, उनकी सूची माननीय प्रभारी मंत्री का अनुमोदन लिया गया था? अनुमोदन सूची उपलब्ध करावें? (घ) जिन कर्मचारियों का युक्तियुक्तकरण करके स्थानांतरण किया गया था क्या उनका युक्तियुक्तकरण नियम विरूद्ध किया गया था? यदि हाँ तो उसके लिए कौन उत्तरदायी है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। अतिशेष शिक्षकों वाली शालाओं से छात्र संख्या के मान से रिक्तता वाली शालाओं में किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार। जी हाँ, निरस्त करने पर शिक्षक अतिशेष है। (ग) युक्तियुक्तिकरण अन्तर्गत संशोधन/निरस्त किये गये स्थानांतरण पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं कलेक्टर जिला इंदौर से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (घ) जी नहीं, म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत दिनांक 08.09.2014 के निर्देशों के अनुक्रम में नियमों के अन्तर्गत किया गया है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की लापरवाही
80. ( क्र. 1979 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में वर्ष 2013 से 2015 तक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा किन-किन, होटल संचालकों एवं मिलावटखोरों के विरूद्ध प्रकरण बनाकर कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग के अधिकारियों द्वारा होटल संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही करने में कोताही बरती जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नधीन अवधि में आरोपियों से कितनी राशि आर्थिक दण्ड/जुर्माने के रूप में वसूल की गई वर्षवार जानकारी दें? (घ) क्या विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं करने से इन व्यवसायियों के हौसले बुलंद है? क्या इन होटल संचालकों से वार्षिक अवैध वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो इन अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। इस संबंध में इस प्रशासन में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सद्भावना शिविरों का आयोजन
81. ( क्र. 1981 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विकास विभाग द्वारा अस्पृश्यता निवारण सद्भावना शिविर आयोजित किए जाने के क्या प्रावधान हैं? उक्त शिविर प्रत्येक जनपद पंचायत में प्रतिवर्ष में कितनी बार करने के निर्देश हैं? (ख) खंडवा जिले में विगत तीन वर्षों में इन शिविरों का आयोजन कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किया गया? (ग) उक्त शिविरों के आयोजन पर विभाग द्वारा कितनी राशि वर्षवार व्यय की गई? क्या विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण खंडवा विधानसभा क्षेत्र में उक्त शिविरों का आयोजन नहीं किये गये? (घ) क्या शिविरों के आयोजन के अभाव में शासन से प्राप्त आवंटन राशि को समर्पित करना पड़ा है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी अधिकारियों पर विभाग कब एवं क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अस्पृश्ता निवारणार्थ प्रत्येक जिले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर को एक दिवसीय सद्भावना शिविर का आयोजन किया जाता है। विकासखण्ड मुख्यालय पर शिविर आयोजित होता है जिसका चयन जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। शिविर का आयोजन विकासखण्ड स्तर अथवा उससे नीचे के ग्राम स्तर पर भी आयोजित किया जा सकता है जहां आयोजन की समस्त सुविधाएं हों। प्रत्येक जनपद पंचायत में सद्भावना शिविर आयोजन का प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2015-16 में शिविर आयोजित न करने के संबंध में कलेक्टर से जाँच कराई जाकर दायित्व का निर्धारण किया जायेगा।
अ.जा./अ.ज.जा. किसानों के लिए विद्युत व्यवस्था
82. ( क्र. 1982 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले में वर्ष 2013 से 2015-16 तक आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कितने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति किसानों को विद्युत लाईन विस्तार, डी.पी. स्थापना आदि का लाभ दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में कुल कितनी राशि का व्यय उक्त कार्यों पर किया गया वर्षवार, जनपद पंचायतवार जानकारी दी जाए? (ग) उक्त कार्यों का निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? क्या इन कार्यों में गंभीर अनियमितता की गई है? (घ) गत वर्ष के कितने कार्य पूर्ण तथा अपूर्ण है? निरीक्षण के अभाव में हुए अपूर्ण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण न कराने हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है? ऐसी कार्य एजेंसियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिले में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक अनुसूचित जनजाति के 869 तथा अनुसूचित जाति के 131 किसानों को विद्युत लाईन विस्तार, डी.पी. स्थापना का लाभ दिया गया है। (ख) तथा (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। (घ) अनुसूचित जाति के 47 कार्य पूर्ण हो चुके है कोई कार्य अपूर्ण नहीं है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोई कार्य स्वीकृत नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. में बैकलॉग के रिक्त पदों की नियुक्तियां
83. ( क्र. 1990 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में म.प्र. चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्रालय आदेश क्र. एफ 2-3/07/02/55 दिनांक 13 अगस्त 1997 एवं 11/09/1997 के तहत क्या बैकलॉग के रिक्त नियमित पदों पर संविदा नियुक्ति हेतु आदेश जारी किये गये थे? (ख) यदि किये गये थे तो तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आरक्षित एवं गैर आरक्षित वर्ग के कितने अभ्यार्थियों को संविदा/नियमित नियुक्तियां दी गई हैं? जबलपुर संभाग की जिलेवार जानकारी स्पष्ट करें? (ग) उक्त नियुक्तियों में म.प्र. लोक सेवा आरक्षण अधि. 1994 के प्रावधानों का पालन किया गया है क्या? (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्र. 6052/10 दिनांक 12.11.11 के तहत पारित निर्णय के पालन में क्या बैकलॉग के पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं या नहीं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा उत्तरांश ‘‘क’’ में उल्लेखित विभागीय आदेशों के परिपालन में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आरक्षित एवं अनारक्षित वर्ग के संविदा/नियमित पदों पर कोई नियुक्ति नहीं की गई है। जबलपुर संभाग के अन्य जिलों में चिकित्सा शिक्षा विभाग की कोई इकाई संचालित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए बैकलॉग के पदों पर भर्तियां की गई है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा न्यायालयीन प्रकरण में पारित निर्णय दिनांक 12 नवम्बर, 2011 के परिपालन में बैकलॉग के पदों पर कोई नियुक्ति नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों का पंजीयन
84. ( क्र. 1991 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले के प्रत्येक विकासखण्डवार अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने श्रमिकों ने पंजीयन हेतु आवेदन किया है। (ख) कितनों का आवेदन पश्चात् पंजीयन किया गया है तथा परिचय पत्र जारी किया गया है। (ग) पंजीकृत श्रमिकों को विकासखण्डवार विभाग की अलग-अलग योजनाओं से पात्र हितग्राहियों को कितना जोड़ा गया है।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत मण्डला जिले के विकासखण्डवार अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक निम्नानुसार श्रमिकों से पंजीयन हेतु आवेदन प्राप्त हुएः-
क्र. विकासखण्ड का नाम पंजीयन हेतु प्राप्त आवेदन
1. मण्डला 2207
2. नैनपुर 112
3. निवास 114
4. बिछिया 167
5. मवई 188
6. मोहगांव 190
7. नारायणगंज 180
8. बीजाडांडी 21
9. घुघरी 16
योग 3195
(ख) प्रश्नांश-के के परिप्रेक्ष्य में मण्डला जिले में विकासखण्डवार प्राप्त आवेदन पश्चात् श्रमिकों को जारी किये गये परिचय-पत्र की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. विकासखण्ड का नाम पंजीयन हेतु प्राप्त आवेदन
1. मण्डला 1570
2. नैनपुर 64
3. निवास 97
4. बिछिया 142
5. मवई 188
6. मोहगांव 190
7. नारायणगंज 142
8. बीजाडांडी 21
9. घुघरी 16
योग 2450
(ग) पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्डल की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रदाय किये गये हित लाभ की विकासखण्डवार एवं योजनावार जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
योजनाओं का नाम |
||||
|
|
विवाह सहायता |
मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता |
शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि/मेधावी छात्र-छात्रा |
नगर पुरस्कार योजना |
चिकित्सा सहायता प्रसूति सहायता
|
1 |
मण्डला |
473 |
22 |
2666 |
23 |
173 |
2 |
नैनपुर |
33 |
03 |
834 |
- |
30
|
3 |
निवास |
03 |
- |
79 |
- |
- |
4 |
बिछिया |
97 |
5 |
349 |
- |
- |
5 |
मवई |
- |
- |
69 |
- |
- |
6 |
मोहगांव |
18 |
10 |
1204 |
- |
- |
7 |
नारायणगंज |
02 |
01 |
1066 |
- |
- |
8 |
बीजाडांडी |
01 |
- |
1666 |
- |
- |
9 |
घुघरी |
01 |
- |
163 |
- |
- |
योग |
628 |
41 |
8096 |
23 |
203 |
30 बिस्तरीय चिकित्सालय को स्वास्थ्य विकास के अधीन किया जाना
85. ( क्र. 2020 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नर्मदा घाटी विकास विभाग के पत्र क्र. एफ 31-27/2008/27-1 दिनांक 31/12/2008 के द्वारा नर्मदा घाटी विकास विभाग के बरगीनगर (जबलपुर) स्थित 30 बिस्तरीय चिकित्सालय की स्वास्थ्य विभाग को सौंपने हेतु प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है? (ख) यदि हाँ, तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी, ताकि बरगी नगर क्षेत्र की आदिवासी आबादी को सरलता से स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हो सके।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
शिक्षा का अधि. अधिनियम (RTE)
86. ( क्र. 2021 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा का अधिकार अधि. (RTE) के अंतर्गत जबलपुर जिले के निजी विद्यालयों में कितने एवं किन-किन छात्रों को विगत दो वर्षों में प्रवेश दिया गया है? (ख) उपरोक्त निजी विद्यालयों में उक्त अवधि में प्रवेशित 25 प्रतिशत छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति हेतु कितना-कितना भुगतान निजी शालाओं को विगत दो वर्षों में किया गया? विकासखण्डवार शालावार पूर्ण जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अंतर्गत जबलपुर जिले के अशासकीय विद्यालयों में सत्र 2014-15 में 6370 एवं सत्र 2015-16 में 6057 छात्रों को प्रवेश दिया गया। छात्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
उपस्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या
87. ( क्र. 2041 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं कितने केन्द्रों में कौन-कौन से गांव सम्मिलित हैं विकास खण्डवार जानकारी देवें? (ख) क्या इन सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रों में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता या पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियुक्त हैं कितनों में नियुक्त नहीं हैं केन्द्रवार जानकारी देवें? खाली उपस्वास्थ्य केन्द्र में कब तक महिला एवं पुरूष कार्यकर्ता की नियुक्ति कर दी जायेगी? (ग) क्या उपस्वास्थ्य केन्द्रों की मांग एवं कमी की पूर्ति हेतु नये उपस्वास्थ्य केन्द्र खोलने की विभाग की योजना है, यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ उपस्वास्थ्य केन्द्र खोले जायेंगे? (घ) क्या उपस्वास्थ्य केन्द्रों में महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता का अन्य गांव में भ्रमण का दिन निश्चित रहता है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 36 उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। इनके अंतर्गत आने वाले ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रों में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पदस्थ है, जबकि 19 उपस्वास्थ्य केन्द्रों में पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद रिक्त है। केन्द्रवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। विभाग के पत्र दिनांक 09 अप्रैल 2002 द्वारा पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रिक्त पदों की भर्ती प्रतिबंधित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। विकासखण्ड सांईखेड़ा के ग्राम मुआर, देवरी एवं बासखेड़ा एवं विकासखण्ड बाबई चीचली (सालीचैका) के ग्राम तेंदूखेड़ा, खमरिया, मानेगांव एवं चादनखेड़ा में नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने की योजना है। (घ) जी हाँ।
गाडरवारा में छात्रावास संचालित
88. ( क्र. 2042 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कितने छात्रावास संचालित हैं नाम सहित सूची देवें? किस छात्रावास में कितने विद्यार्थी निवास करते हैं? (ख) निवासरत् छात्रावास में विद्यार्थियों को कौन-कौन सी सुविधायें हैं, क्या भोजन कपड़ा आदि भी उपलब्ध कराये जाते हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र में गाडरवारा विभाग द्वारा क्या कोई अन्य नये जगह भी छात्रावास खोलने की योजना है? (घ) किस-किस छात्रावास में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी नियुक्त है। क्या कुछ छात्रावासों में अधीक्षक एवं अन्य पद खाली हैं उक्त पदों को कब तक भर दिया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास के नाम एवं छात्रावास में निवासरत् विद्यार्थियों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) निवासरत छात्रावास में विद्यार्थियों को बिस्तर सामग्री, नाश्ता, भोजन व्यवस्था एवं विशेष कोचिंग की सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं। (ग) विधान सभा क्षेत्र गाडरवारा अन्तर्गत ग्राम तेन्दूखेड़ा (गोटिटोरिया) में प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास खोलने का प्रस्ताव शासन अन्तर्गत प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है।
अशोकनगर के सी.एम.ओ. के विरूद्ध शिकायतों की जाँच
89. ( क्र. 2061 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर के सी.एम.ओ. डॉ. रामवीर सिंह जो समीप के ग्राम धुर्रा के स्थानीय निवासी है, पर ब्लड बैंक चालू नहीं करने, डायलिसिस मशीन कभी-कभी चालू करने, प्राइवेट डॉक्टरों से सांठ-गांठ व लाभ पहुंचाने से कई एक्स-रे मशीनें चालू नहीं रखने व बहादुरपुर के अस्पताल में तनखा निकालकर मुंगावली में पदस्थ रखने आदि की कई शिकायतें हैं? क्या शासन उन्हें वहां से हटाकर शिकायतों की जाँच पर विचार करेगा? (ख) जिलाधीश व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को अभी तक क्या-क्या शिकायतें डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी सी.एम.ओ. के विरूद्ध मिली तथा क्या शासन उन्हें स्थानांतरित कर शिकायतों का विवरण देते हुए जाँच करेगा? (ग) रामवीर सिंह निवासी धुर्रा के पास तरावली ग्राम में गत सप्ताह हुये झगड़े, युवराज होटल में गोली चली उस प्रकरण में कलावत को गत माह पेट्रोल से जलाया उसको व अथाईखेड़ा के पूर्व भू-माफिया के हुये एक्सीडेंट के प्रकरणों में गलत मेडिकल प्रमाण पत्र देकर भू-माफिया खनन माफिया के गुंडों को मदद देने की शिकायतों की जाँच कब तक हो जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) संचालनालय स्तर पर अशोक नगर के सी.एम.ओ. डॉ. रामवीर सिंह के विरूद्ध ब्लड़ बैंक चालू नहीं करने, डायलिसिस मशीन कभी-कभी चालू करने, प्राइवेट डाक्टरों से सांठ-गांठ व लाभ पहुँचाने से कई एक्स-रे मशीनें चालू नहीं रखने व बहादुरपुर के अस्पताल में तनखा निकालकर मुगावली में पदस्थ रखने आदि के संबंध में कोई भी शिकायती प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संचालनालय स्तर पर डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के विरूद्ध कोई भी शिकायती पत्र प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गलत मेडिकल प्रमाण पत्र देकर भू-माफिया खनन माफिया के गुंडों को मदद देने संबंधी शिकायती पत्र संचालनालय में प्राप्त नहीं हुआ किंतु प्रश्नांश में उल्लेखित बिन्दुओं के संबंध में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, अशोकनगर के माध्यम से अद्यतन जानकारी प्राप्त हुई का विवरण निम्नानुसार है :- अ. तरावली ग्राम में हुये झगड़ें में आहत व्यक्ति श्री अमित पुत्र श्री दशरथ सिंह रघुवंशी निवासी तरावली दिनांक 23.06.2016 को दोपहर 2.35 बजे जिला चिकित्सालय, अशोकनगर में स्वयं उपस्थित हुये जिनका एम.एल.सी. परीक्षण किया जाकर उन्हें उपचार हेतु दोपहर 3.00 बजे पुरूष शल्यक्रिया वार्ड में भर्ती करते हुये उन्हें दिनांक 25.06.2016 को डिस्चार्ज किया गया किंतु उक्त दिनांक को ही सायंकाल 07.40 बजे पुनः उन्हें उपचार हेतु शल्यक्रिया वार्ड में भर्ती किया गया जहाँ से उक्त मरीज के पिता श्री दशरथ सिंह रघुवंशी स्वयं के उत्तरदायित्व पर उनके पुत्र को धर ले गये। ब. युवराज होटल अशोकनगर में घटित घटना के संबंध में कलेक्टर, अशोकनगर से प्राप्त निर्देशों के पालन में डॉ. गजेन्द्र सिंह धाकड़ चिकित्सा अधिकारी को सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, अशोकनगर द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया के अतिरिक्त गत माह जून में एक व्यक्ति कलावत को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने के संबंध में उक्त व्यक्ति श्री राजन पुत्र श्री सुकुआ कलावत, उम्र 45 वर्ष निवासी परासरी के जिला चिकित्सालय अशोकनगर में आने की सूचना दिनांक 31.05.2016 को प्रातः10:50 बजे ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सक डॉ. अंकुर तारई, चिकित्सा अधिकारी द्वारा दी जाकर मरीज का नियमानुसार एम.एल.सी. परीक्षण किया जाकर उसे 11:20 बजे जिला चिकित्सालय अशोकनगर में उपचार हेतु भर्ती किया गया जहाँ उसकी गंभीर स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये उसे आगामी उपचार हेतु दोपहर 12:12 बजे वरिष्ठ चिकित्सा संस्था के लिये रैफर करते हुये तत्समय ही एम.एल.सी.रिपोर्ट उपस्थित पुलिसकर्मी को दी गई व अथाईखेड़ के पूर्व भू-माफिया के हुये एक्सीडेंट के प्रकरण में उक्त भू-माफिया, जिला चिकित्सालय, अशोकनगर में एम.एल.सी. हेतु उपस्थित नहीं होने के परिणामस्वरूप, शासकीय अस्पताल में दोषियों की पहचान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पताल हेतु क्रय सामग्री में अनियमितता
90. ( क्र. 2074 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नरसिंहपुर द्वारा दिनांक 04.04.2014 को आहरित बिल क्र. (1) में राशि 40,78,233.00 में पलंग, स्टूल एवं अन्य सामग्री जो अस्पताल के उपयोग में आती है, क्रय कर व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है? क्या इसकी जाँच करवाई जावेगी? (ख) क्या वर्णित (क) के अधिकारी ने दिनांक 31.12.2013, 27.03.2014 को डिलक्स सोफा फुलकुशन सहित अधिक राशि में बाजार मूल्य से अधिक राशि में क्रय कर भ्रष्टाचार किया था? क्या इसकी भी जाँच करवाई जावेगी? (ग) क्या वर्णित (क) के अधिकारी द्वारा वर्णित (क), (ख) की सामग्री म.प्र. राज्य उपभोक्ता एवं मर्यादित जबलपुर जो कि राज्य शासन द्वारा अधिकृत नहीं है से नियम विरूद्ध क्रय किया है? (घ) क्या शासन द्वारा समस्त की जाँच करवाते हुये दोषी अधिकारी पर दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, जाँच करायी जायेंगी। (ख) जी हाँ, इसकी भी जाँच करायी जायेंगी। (ग) जाँच के उपरांत ही निर्धारण होगा कि क्रय नियम विरूद्ध है या नहीं। (घ) जी हाँ, दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जावेंगी।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण में अनियमितता
91. ( क्र. 2080 ) श्री तरूण भनोत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी विकास जबलपुर के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने हेतु राज्य स्तरीय छानबीन समिति की बैठक दिनांक 07.05.2009 को हुई थी? कितने कर्मचारी नियमित और कितनों को 10 वर्ष सेवा पूर्ण न होने के कारण अपात्र घोषित किया? सूची देवें। (ख) वर्णित (क) के संदर्भ में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जबलपुर ने आयुक्त आदिवासी विकास को पत्र क्र. 3843/स्था./आ.वि./16 दिनांक 15.2.16 को अपात्र की सूची के संदर्भ में पत्र लिखा है? उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या कलेक्टर जबलपुर के आदेश क्रमांक 4080 दिनांक 2.2.98 में जाँच उपरांत कुछ कर्मचारियों को वर्ष 1993 एवं 1994 में नवीन संस्थाओं में स्वीकृत पद पर कार्यरत होने के कारण यथास्थिति नियुक्त किया जबकि इसी आदेश के सरल क्र. (1) एवं (3) को नियमित कर दिया? शेष के साथ अन्याय और भेदभाव क्यों किया जा रहा है? ऐसे कितने कर्मचारी है जिनकी सेवा उस वर्ष होने के बाद भी नियमित नहीं किया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। पूर्व निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाने के लिए सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जबलपुर को दिनांक 08/07/2016 को पत्र भेजा गया है। (ग) जी हाँ। आदेश दिनांक 02/02/1998 के द्वारा 03 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था, जिसमें सरल क्रमांक 01 को नियमितीकरण की पात्र सूची में होने के कारण नियमित किया गया तथा क्रमांक 03 को नियमित पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। सरल क्रमांक 02 को राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा अपात्र में अनुमोदित किये जाने के कारण, नियमित नहीं किया गया। 17 ऐसे कर्मचारी चिन्हित हैं, जिनकी सेवाएं 10 वर्ष पूर्ण न होने से छानबीन समिति द्वारा अपात्र में अनुमोदित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में रिक्त उर्दू शिक्षकों की जानकारी
92. ( क्र. 2089 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई/हायर, स्कूलों में कौन-कौन से स्कूलों/विद्यालयों में उर्दू भाषा का शिक्षण कार्य संचालित किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के उल्लेखत उर्दू भाषा के कितने-कितने शिक्षक, किस-किस स्कूलों/विद्यालयों में पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध करावें? इसके अतिरिक्त उर्दू शिक्षण में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की भी जानकारी देवें? (ग) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कान्हीवाड़ा, वि.खं. सिवनी एवं ग्राम अलौनी खापा (बहना टोला) वि.खं. केवलारी की प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में उर्दू शिक्षकों की कमी है? जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है? (घ) क्या प्राथमिक शाला अलौनी खापा (बहना टोला) में उर्दू भाषा का एक भी शिक्षक नहीं है? यदि हाँ तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? उक्त शालाओं में उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) ग्राम कान्हीवाड़ा में 1 उर्दू शिक्षक का पद पूर्व से स्वीकृत है। वर्तमान में प्रचलित नियम/प्रावधान अनुसार प्राथमिक शालाओं में विषय मान से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, उत्तरांश ''ग'' अनुसार, रिक्त पदों की पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्राईमरी छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति
93. ( क्र. 2107 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक शालाओं में मिलने वाली छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं स्कूल ड्रेस खरीदने हेतु राशि छात्र-छात्राओं को किस रूप में प्रदान की जाती है? (ख) यदि उक्त राशि एवं छात्रवृत्ति छात्र-छात्राओं के स्वयं खाता के बैंक अकाउंट में प्रदान करने का नियम है तो क्या यह व्यवाहारिक रूप से कक्षा पहली से पाँचवी तक के आयु सामान्यत: पाँच से दस वर्ष की होती है? संभव है। (ग) सामान्यत: 5-10 वर्ष की आयु के बच्चों के खाते बैंक द्वारा नहीं खोले जाते हैं इस कारण से प्रदाय की जाने वाली राशि में क्या शिथिलता/परिवर्तन किया जाना संभव है? यदि हाँ तो कब तक।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छात्रवृत्ति की राशि कोषालय के माध्यम से विद्यार्थी के बैंक खाते में एवं विद्यार्थी का बैंक खाता उपलब्ध न होने पर माता/पिता के बैंक खाते में तथा माता/पिता के जीवित न होने पर वैधानिक पालक के बैंक खाते में भुगतान के निर्देश है। गणवेश की राशि शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से बच्चों एवं उनके माता/पिता/पालक के संयुक्त खाते में अकाउंट पेयी चेक द्वारा प्रदान की जाती है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक विद्यालयों के भवन/बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
94. ( क्र. 2111 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से माध्यमिक विद्यालय हैं, जिसमें भवन, बाउण्ड्रीवॉल, पेयजल व्यवस्था व शौचालय का अभाव है? (ख) इन व्यवस्थाओं के लिए अब तक विभाग द्वारा या शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) आगामी वित्तीय वर्ष में उक्त क्षेत्र में कितने माध्यमिक विद्यालय भवन, शौचालय, बाउण्ड्रीवॉल आदि बनाये जाने की योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। समस्त माध्यमिक शालाओं के परिसर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। (ख) शासकीय नवीन उन्नयति 38 माध्यमिक शालाओं में भवन निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जिन 03 शासकीय माध्यमिक शालाओं में स्थाई पेयजल स्त्रोत की व्यवस्था का अभाव है उनके लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सूची उपलब्ध कराई गई है। समस्त शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण के प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना 2016-17 में भारत शासन को भेजे गये थे, जिनकी स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। स्थाई पेयजल स्त्रोत की व्यवस्था एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करेगा, विवरण दिया जाना संभव नहीं है।
जिला समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्ति
95. ( क्र. 2112 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्ति में पदस्थ जिला समन्वयक कब से पदस्थ है? राज्य शिक्षा केन्द्र अरेरा हिल्स भोपाल के आदेश क्र. 2492 दिनांक 01.04.2016 को राज्य शासन के नियमानुसार कितने जिला समन्वयक को मूल विभाग में वापस किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं? (ख) राज्य शिक्षा केन्द्र स्थापना 2016 आदेश क्र. 4241 भोपाल दिनांक 09.06.16 इस आदेश में सिरियल क्र. 04 यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि सेवाएं संतोषजनक न होने, अनियमितता शिकायतें प्राप्त होने आदि की स्थिति में सेवाएं तत्काल प्रभाव से वापस किये जाने संबंधित आदेश आदेशित किये गये हैं? (ग) क्या जिला समन्वयक जब से प्रतिनियुक्ति में पदस्थ हैं, तब से लगातार डी.पी.सी. के पद पर रहकर कई शिकायतें तथा विभागीय जाँच चल रही हैं इसके बावजूद मूल विभाग में वापस नहीं किये गये हैं? वापस नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) उक्त आदेशों के पालन में इनकी प्रतिनियुक्तियां कब समाप्त की जायेगी तथा कब इनकी सेवाएं स्कूल शिक्षा विभाग को वापस की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 09.03.2010 से। एक। (ख) जी हाँ। (ग) श्री रोहिणी प्रसाद पाण्डेय के विरूद्व विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक /राशिके./स्था./2016/2492 दिनांक 01.04.2016 द्वारा श्री रोहिणी प्रसाद पाण्डेय, जिला परियोजना समन्वयक, सिगंरौली की सेवाए इनके मूल विभाग स्कूल शिक्षा को वापिस की गई है। राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक/राशिके./स्था./2016/2494 दिनांक 01.04.2016 द्वारा सिंगरौली जिले में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर श्री सुनील कुमार गुप्ता की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने संबंधी आदेश जारी किये गये, किन्तु संबंधित द्वारा उक्त पद पर कार्यभार ग्रहण न करने से राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक /राशिके./स्था./2016/2441 दिनांक 09.06.2016 द्वारा श्री बसंतलाल प्रजापति की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर जिला परियोजना समन्वयक, सिंगरौली के पद पर लिये जाने संबंधी आदेश जारी किये गये किन्तु इनके द्वारा भी सिंगरौली जिले में उपस्थिति नहीं दी गई। अतः कलेक्टर, सिंगरौली द्वारा कार्य की अधिकता के दृष्टिगत नवीन नियुक्ति होने तक श्री रोहिणी प्रसाद पाण्डेय को कार्यमुक्त न करते हुए जिला परियोजना समन्वयक के पद पर अग्रिम आदेश तक के लिए कार्य करने के निर्देश दिये गये। (घ) राज्य शिक्षा केन्द्र आदेश क्रमांक /राशिके./स्था./2016/2492 दिनांक 01.04.2016 द्वारा श्री रोहिणी प्रसाद पाण्डेय, की सेवायें मूल विभाग को वापस की जा चुकी है। श्री रोहिणी प्रसाद को कार्यमुक्त करने हेतु कलेक्टर सिंगरौली को निर्देश दिये गए है।
केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना
96. ( क्र. 2144 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन द्वारा केन्द्रीय विद्यालय खोलने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक इसकी स्वीकृति प्रदान की जायेगीतथा इस केन्द्रीय विद्यालय का प्रथम शैक्षणिक सत्र कब से प्रारंभ हो सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में विचाराधीन केन्द्रीय विद्यालय हेतु जमीन अधिग्रहण की जानकारी पृथक से दी जावे? (ग) विद्यालय के भवन निर्माण हेतु कितनी राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई है तथा यदि स्वीकृति अप्राप्त है, तो कब तक हो सकेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। अतः स्वीकृति एवं समय-सीमा के बारे में बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या शाला हेतु कक्षों का निर्माण
97. ( क्र. 2145 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत निवाड़ी नगर में स्थित कन्या हायर सेकण्डरी विद्यालय में विगत् 5 वर्षों में कितनी-कितनी छात्रायें अध्ययनरत रही हैं? कक्षावार संख्या बतायी जावें? (ख) विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने हेतु आदर्श परिस्थितियों में प्रति छात्रा कितनी जगह कवर्ड एरिया की आवश्यकता होती है? (ग) प्रश्नागत कन्या हायर सेकण्डरी विद्यालय में कमरों की संख्या बताते हुये प्रति छात्रा उपलब्ध कवर्ड एरिया बताया जाये तथा यह भी बताया जाये कि निवाड़ी नगर की इस संस्था में छात्राओं की संख्या के अनुसार कितनी अतिरिक्त कमरों की आवश्यकता है? इन कमरों का निर्माण कब तक पूरा किया जा सकेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने हेतु आदर्श परिस्थित में प्रति छात्रा कवर्ड एरिया 1.26 वर्ग मीटर की आवश्यकता होती है। (ग) प्रश्नाधीन विद्यालय में कमरों की संख्या 10 है जो वर्तमान में शासकीय माध्यमिक कन्या शाला के भवन में संचालित है। कवर्ड एरिया 1.26 वर्ग मीटर के हिसाव से 12 अतिरिक्त कमरों की आवश्यकता है जो कि बजट उपलब्धता एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना सभवं नहीं है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी रीवा द्वारा कर्मचारियों का निलंबन एवं बहाली
98. ( क्र. 2181 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्साधिकारी, रीवा द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को जनवरी, 2015 से मई, 2016 तक कितने कर्मचारियों को निलंबित किया गया और उन्हें कब बहाल किया गया है। कर्मचारी का नाम, पद, निलंबन की तिथि एवं बहाली की तिथि की जानकारी उपलब्ध करायेंगे? (ख) क्या आदेश विभाग के मीडिया विभाग द्वारा प्रसारित किये गये है। जबकि आदेश स्थापना विभाग से निकाले जाने चाहिए? (ग) क्या कर्मचारियों के निलंबन के आदेश कर्मचारियों के सेवा पुस्तिका में दर्ज किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों, कारण बताएं? (घ) क्या रीवा जिले के उक्त निलंबन एवं बहाली में हुई आर्थिक अनियमितता की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, कर्मचारियों के आदेश, मीडिया विभाग द्वारा प्रसारित किये गये जो स्थापना शाखा से संबंधित न होकर परिवार कल्याण शाखा से संबंधित थे। (ग) जिन कर्मचारियों के निलंबन आदेश, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा की स्थापना शाखा से जारी किये गये उनकी प्रविष्टि संबंधित कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में दर्ज है किंतु जिन कर्मचारियों के आदेश मीडिया शाखा से प्रसारित होकर स्थापना शाखा को प्राप्त नहीं हुये उन कर्मचारियों की प्रविष्टि उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज नहीं की जा सकी। (घ) जी हाँ, रीवा जिले के उक्त निलंबन एवं बहाली में हुई आर्थिक अनियमितता से संबंधित बिन्दुओं पर शिकायत, कमिश्नर, रीवा संभाग, रीवा को प्राप्त होने के उपरान्त, प्रकरण की जाँच, संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा रीवा संभाग, रीवा से पूर्ण करवाते हुये जाँच प्रतिवेदन प्राप्त किया जिसमें जिला रीवा में पदस्थ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर जैसानी को कमिश्नर, रीवा द्वारा जाँच उपरान्त दोषी पाये जाने के परिणामस्वरूप, कमिश्नर, रीवा संभाग, रीवा ने उनके आदेश क्रमांक.179/6-विकास/वि.जां./2016/दिनांक 24 जून 2016 द्वारा निलंबित किया गया।
राजगढ़ विधान सभा के स्कूलों का उन्नयन
99. ( क्र. 2215 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन प्राथमिक विद्यालय का माध्यमिक विद्यालय में तथा माध्यमिक विद्यालय का हाईस्कूल में और हाईस्कूल का हायर सेकण्डरी में उन्नयन किया गया है? विकासखण्डवार एवं वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में संचालित शासकीय प्राथमिक विद्यालय ढण्ड, लालगढ़ आदि का माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक उन्नयन किया जावेगा। (ग) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में संचालित शासकीय माध्यमिक विद्यालय जलालपुरा, खजूरी, लिम्बोदा, सरेड़ी, कलीखेड़ा, सिन्दूरिया, झंझाड़पुर, धनवासकलां, देहरा, बारोल, बघेला, सेमली, डोरियाखेड़ी आदि का हाईस्कूल में उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक उन्नयन किया जावेगा। (घ) राजगढ़ जिले के विधान सभा राजगढ़ में संचालित शासकीय हाईस्कूल देहरीनाथ, बगा, काचरी, कीलखेड़ा, किला अमरगढ़, बांसखेड़ी, पाड़ल्याखेड़ी, देहरीबामन, ओढ़पुर, नाईहेड़ा, कोडिया जरगर, भोजपुर आदि का हायर सेकण्डरी विद्यालय में उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक उन्नयन किया जावेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) वर्ष 2015‘16 में प्रावधानित 100 माध्यमिक से हाईस्कूल एवं 100 हाईस्कूल से एवं उ.मा.वि. में उन्नयन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी हैं। प्रतिवर्ष शालाओं की स्थिति मापदण्ड अनुसार परिवर्तनशील होती हैं। वर्ष 2016-17 हेतु जिलों से प्रस्ताव मंगाए जा रहे है। शालाओं का उन्नयन सक्षम स्वीकृति पर निर्भर है।
विभाग द्वारा राजगढ़ जिले के स्वीकृत निर्माण कार्य
100. ( क्र. 2216 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक जाति के उत्थान के लिये क्या-क्या योजनायें संचालित हैं? (ख) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक जाति बाहुल्य क्षेत्रों में कोई निर्माण कार्य भी स्वीकृत किये जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? उनकी निर्माण एजेंसी क्या थी, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? लाभांवित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में एक 50 सीटर कन्या तथा एक 100 सीटर बालक छात्रावास का निर्माण कराया गया है तथा अल्पसंख्यक जाति बाहुल्य क्षेत्र में भारत सरकार के सहयोग से निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। प्रश्नांश अवधि में इन्दौर संभागीय मुख्यालय पर एक 500 सीटर कन्या छात्रावास भवन निर्माण लागत रूपये 15 करोड़ एवं शाजापुर जिला मुख्यालय पर एक 50 सीटर कन्या छात्रावास भवन निर्माण की लागत रूपये 1.5 करोड़ केन्द्र प्रवर्तित योजना अन्तर्गत वर्ष 2015-16 स्वीकृत किये गये हैं। जिनकी निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) है। (घ) प्रश्नांश (ग) भाग में उल्लेखित कार्य अभी निर्माणाधीन है। जी नहीं। उक्त छात्रावास अभी संचालित नहीं हैं। अत: लाभांवित हितग्राहियों की सूची दिया जाना संभव नहीं है।
जाँच समिति के प्रतिवेदन पर कार्यवाही
101. ( क्र. 2225 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. राज्यमंत्री महो. सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास एवं विमानन विभाग म.प्र. शासन के पत्र क्र./4/45, दिनांक 28/12/2015, मानव अधिकार आयोग का पत्र क्र./32348/माअआ/9361/राज./एस.एन./15, भोपाल दिनांक 30/11/2015 एवं कमिश्नर भोपाल संभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/9182/43/वि.शि./15 भोपाल, दिनांक 16 नवंबर, 2015 द्वारा शासकीय उ.मा.वि. करनवास जिला-राजगढ़ की प्राचार्य द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं की जाँच हेतु प्राप्त पत्रों के पालन में गठित जाँच समिति द्वारा दिनांक 18/02/2016 को प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन में पाँच बिन्दुओं में आरोप स्पष्ट सिद्ध होना बताया गया है? यदि हाँ तो उक्त प्राचार्या को तत्काल निलंबित न कर कारण बताओ सूचना पत्र दिये जाने का क्या औचित्य है? (ख) क्या उक्त प्राचार्या को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र देकर जानबूझकर कार्यवाही होने से बचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त प्राचार्या को तत्काल निलंबित कर दोषी जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन के अनुक्रम में श्रीमती सुमनलता शुक्ला, प्रभारी प्राचार्य, शा.उ.मा.वि. करनवास जिला राजगढ़ को आयुक्त, लोक शिक्षण के आदेश दिनांक 16.07.2016 द्वारा निलंबित किया गया है। (ख) जी नहीं। संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा दिनांक 15.07.2016 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी प्रतिवाद चाहा गया है। प्रतिवाद प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। अत: शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मॉडल स्कूलों की परिकल्पना एवं उद्देश्य की पूर्ति
102. ( क्र. 2236 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में मॉडल स्कूलों की स्थापना किस उद्देश्य और परिकल्पना से की गई थी? (ख) प्रश्नांश ''क'' के अनुक्रम में उपरोक्त मॉडल स्कूल में क्या-क्या सुविधाएं प्रदाय करने का लक्ष्य रखा गया था, किस प्रकार शैक्षणिक वातावरण प्रदाय करने की परिकल्पना थी? (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुक्रम में क्या उपरोक्त मॉडल स्कूलों की परिकल्पना एवं उद्देश्य छतरपुर जिले में खोले गए सभी मॉडल स्कूलों में शत्-प्रतिशत लागू होती है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन ने जिस पवित्र उद्देश्य के साथ मॉडल स्कूलों की स्थापना की थी क्या यह परिकल्पना सफल रही है? यदि नहीं, तो क्यों? उनकी पूर्ति हेतु शासन क्या-क्या कदम उठाएगा? उद्देश्यों की पूर्ति में आ रही बाधाओं को कब तक दूर कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मॉडल स्कूलों की स्थापना शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों में निवासरत विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है। (ख) इन मॉडल स्कूलों में उपयुक्त अधोसंरचनात्मक विकास के साथ-साथ इनमें अच्छा शैक्षणिक वातावरण निर्माण कर इन स्कूलों को आदर्श रूप में विकसित किये जाने की परिकल्पना है। (ग) जी हाँ, प्रश्नाधीन जिले के 08 शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों में मॉडल स्कूलों का अधोसंरचनात्मक विकास हो चुका है। शिक्षकों के रिक्त पदों पर पद पूर्ति हेतु शासनादेश है। पदों के रिक्त रहने की दशा में अतिथि शिक्षकों द्वारा अध्यापक कार्य कराने की व्यवस्था की जाती है। शेषांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हाँ, उत्तरांश (ग) के प्रकाश में शेषांश उद्भूत नहीं होता है।
स्कूल में बैठक व्यवस्था
103. ( क्र. 2237 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक विद्यालय में छात्रों को पढ़ाने के लिए कितने कक्ष है? प्रत्येक कक्ष में किस कक्षा के कितने विद्यार्थी पढ़ने हेतु बैठते हैं? उपरोक्त कक्षों का क्षेत्रफल कितना है? प्रत्येक विद्यालयों की छात्र संख्या क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या विद्यालय में छात्रों को सुविधाजनक रूप से बैठ कर पढ़ने हेतु पर्याप्त कमरे हैं? यदि नहीं, तो किस विद्यालय में कितने अतिरिक्त कक्ष अथवा नए भवन की आवश्यकता है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितनी शालाएं ए.एल.एम शालाएं के अंतर्गत आती है? शेष बची शालाओं को ए.एल.एम. शालाओं में कब तक परिवर्तित कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) वर्तमान में 27 शालाओं में ए.एल.एम पद्धति से पढ़ाई कराई जाती है। वर्तमान में शेषा बची हुई शालाओं में ए.एल.एम पद्धति से पढ़ाई कराने की कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।
ट्रामा सेंटर भवनों का निर्माण
104. ( क्र. 2254 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा नागरिकों को समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने के उद्देश्य से कहाँ-कहाँ पर ट्रामा सेंटर भवनों का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) नीमच जिले में निर्माणाधीन ट्रामा सेंटर भवन के निर्माण की अनुबंध अनुसार तय समय-सीमा क्या थी? (ग) तय समय-सीमा में भवन निर्माण पूर्ण नहीं होने के कारण नागरिकों को चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं हो पाने के लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) विलंब से निर्माण करने के लिये क्रियान्वयन एजेंसी पर कार्यवाही करते हुए ट्रामा सेंटर कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 18 माह दिनांक 20.07.2014 तक। (ग) संविदाकार द्वारा निर्माण कार्य धीमी गति से करने के कारण एवं कार्य की लागत बढ़ने के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने तथा आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त कार्य बढ़ने से विलम्ब हुआ। (घ) निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत जितने समय के लिए संविदाकार जबाबदार होगा, अनुबंधानुसार विलम्ब के लिये दण्ड अधिरोपित किया जावेगा, ट्रामा सेंटर अतिशीघ्र प्रारंभ कर दिया जावेगा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पद पर गुरूजियों का नियोजन
105. ( क्र. 2257 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. तारांकित प्रश्न संख्या 3 (क्रमांक 616) दिनांक 30.3.16 के संदर्भ में दिये गये जवाब में कहा गया है कि संविदा शिक्षक वर्ग 3 के पद पर नियोजित किये जाने वाले गुरूजियों में से सिर्फ 05 गुरूजी ही नियोजन हेतु शेष बचे हैं, क्या यह संख्या सत्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 05 गुरूजियों में से जिला छानबीन समिति द्वारा 03 गुरूजियों को अपात्र किन कारणों से पाया गया है तथा 02 गुरूजियों के प्रकरणों को किन वांछित अभिलेखों के अभाव में लंबित रखे गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अपात्र 03 गुरूजियों की पात्रता पुन: दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या उन्हें पुन: अपनी पात्रता सिद्ध करने के लिये अवसर दिया गया है या दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वांछित अभिलेखों के अभाव में लंबित रखे गये 02 गुरूजियों के प्रकरण में वांछित अभिलेख क्या-क्या थे? वांछित अभिलेखों की सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी, हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) संबधित गुरूजियों द्वारा वांछित अभिलेख प्राप्त होने के पश्चात् ही जिला छानबीन समिति द्वारा नियमानुसार विचार किया जा सकेगा। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
व्यायाम शिक्षकों के रिक्त पद
106. ( क्र. 2260 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यायाम शिक्षकों के मध्यप्रदेश में कुल कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या उक्त पदों पर कार्य करने हेतु विभागीय तौर पर एक एवं दो वर्षीय पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय शिवपुरी से करवाया जाता है? हाँ या नहीं? (ग) प्रश्नांश ‘’ख’’ के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रशिक्षण में इन्दौर जिले से शिक्षाकर्मी/सहायक अध्यापक/अध्यापकों को विभागीय तौर पर भेजा गया है? (घ) प्रश्नांश ‘’ग’’ के संदर्भ में यदि हाँ, तो शिक्षाकर्मी/सहायक अध्यापक/अध्यापक प्रशिक्षण उपरांत भी व्यायाम शिक्षक के पद पर कार्य/पदस्थ करने के लिए प्रावधान नहीं है तो उक्त के प्रशिक्षण पर व्यय हुई धनराशि के अपव्यय के लिए जिम्मेदार कौन है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) व्यायाम निर्देशक (निम्न वेतनमान), सहायक अध्यापक (व्यायाम शिक्षक) एवं अध्यापक (व्यायाम शिक्षक) के मध्यप्रदेश में कुल 1119 पद रिक्त है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) सहायक अध्यापक/अध्यापक जिनके द्वारा शारीरिक शिक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त किया है उन्हें सहायक अध्यापक (व्यायाम शिक्षक)/अध्यापक (व्यायाम शिक्षक) के पद पर पदस्थ करने का प्रावधान/निर्देश नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत शिक्षाकर्मी
107. ( क्र. 2269 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में 1996 से वर्ष 2000 के मध्य शासकीय अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत सभी वर्गों के कितने अनुदान में शिक्षाकर्मी कार्यरत हैं? अनुदान में मान्य वर्ष 2000 से मार्च 2016 तक प्रत्येक वर्ग के शिक्षाकर्मियों को प्रतिमाह वेतन के रूप में क्या भुगतान किया जा रहा है? (ख) शासकीय अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत शैक्षणिक एवं अन्य कर्मचारियों को शासकीय शिक्षकों की भॉति (शिक्षाकर्मियों को छोड़कर) छठवें वेतनमान का लाभ व अन्य भत्ते दिये जा रहे हैं, जबकि शिक्षाकर्मियों को वर्ष 1999 के मूल वेतन का ही भुगतान किया जा रहा है, जबकि वह भी शिक्षण कार्य के अंग हैं? (ग) लोक शिक्षण संचनालय के पत्र क्रमांक अनु/स/जब/29/2014/803, दिनांक 24/08/2015 के द्वारा इन कार्यरत शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन व शासकीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षाकर्मियों के समान वेतन भुगतान की गणना एवं संविलियन की चाही गई जानकारी प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बताएं? (घ) उक्त शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन व शासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों के समान वेतन भुगतान कब तक कर दिया जाएगा, समय-सीमा बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भिण्ड जिले में वर्ष 1996-2000 के मध्य कुल 11 शिक्षाकर्मी कार्यरत हैं। शेषांश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश के ए.एन.एम. की नियुक्तियाँ
108. ( क्र. 2280 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में जून 2016 की स्थिति में ए.एन.एम. (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितनी ए.एन.एम. कार्यरत हैं, जिलेवार स्वीकृत पद एवं पदस्थों की एवं रिक्तियों की संख्या सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या संभाग के कुछ जिले में स्वीकृत पदों से अधिक संख्या में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पदस्थ हैं, जबकि कुछ जिलों में स्वीकृत संख्या से पद रिक्त पड़े हैं, क्यों? (ग) क्या शासन जिलों के रिक्त पदों पर अतिशेष जिलों से ए.एन.एम. का समायोजन, स्थानान्तरण, संलग्नीकरण कर पदों को भरने का आदेश देगा, यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताई जावे? (घ) क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं के पत्र क्रं.3/प.क्र./सेल-1/2014/1044, दिनांक 01.12.2016 में निर्देश के बावजूद कुछ अधिकारियों द्वारा संख्या घटती बढ़ती बताकर नवीन नियुक्तियां की गई, जबकि संचालनालय के निर्देश में नवीन नियुक्तियों पर रोक लगाई गई है? उक्त निर्देशों के उल्लंघन कहाँ-कहाँ किये, नियुक्तिकर्ताओं के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) चम्बल संभाग के जिला श्योपुर, भिण्ड एवं मुरैना में जून 2016 की स्थिति में ए.एन.एम. (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रमांक |
जिले का नाम |
स्वीकृत पद संख्या |
कार्यरत पद संख्या |
रिक्त पद संख्या |
1 |
श्योपुर |
107 |
81 |
26 |
2 |
भिण्ड़ |
218 |
218 |
0 |
3 |
मुरैना |
248 |
245 |
3 |
(ख) जी नहीं। श्योपुर में 26 तथा मुरैना में 03 पद रिक्त हैं। रिक्तियाँ, सेवानिवृत्ति, पदोन्नति तथा अन्य जिले में स्थानांतरित किये जाने के कारण हुई हैं। (ग) चम्बल संभाग में अतिशेष नहीं है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं के पत्र क्रं 3/प.क./सेल-1/2014/1044, दिनांक 01.12.2014 के निर्देशानुसार ए.एन.एम. (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता) की नियमित नियुक्ति पर रोक लगाई गई है, जिसका उल्लंघन संभाग के किसी भी जिले में नहीं किया गया।
शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर एम्बुलेंस का आवंटन
109. ( क्र. 2294 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने स्वास्थ्य केन्द्र है उन स्वास्थ्य केन्द्रों में 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी एम्बुलेंस शासन द्वारा आवंटित की गई है। वर्तमान में कितनी संचालित हो रही है? प्रश्न दिनांक तक एम्बुलेंस संचालन हेतु कितने ड्राइवर पदस्थ हैं? एम्बुलेंस नम्बर व ड्रायवर के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) जिले में एम्बुलेंस को चलाने हेतु प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किस मद की राशि का उपयोग किया जाता है? इस व्यवस्था को स्वास्थ्य विभाग के किस अधिकारी द्वारा संचालित किया जाता है? वर्ष 2014-2015 सें प्रश्न दिनांक तक उस पर माहवार डीजल पर कितना व्यय हुआ? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड में कुल कितनी एम्बुलेंस स्वास्थ्य केन्द्रों पर वर्तमान में उपलब्ध हैं वह किस स्थिति में है और यदि चालू स्थिति में है तो उसकी देख-रेख किसके द्वारा की जा रही है। (घ) जिले के तहसील स्तर के सिविल अस्पताल और सामूहिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हैं तो उन केन्द्रों पर कब तक एम्बुलेंस उपलब्ध करायेंगे और क्या प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पृथक से एम्बुलेंस संचालन हेतु राशि की व्यवस्था शासन के द्वारा की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में 216 स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जिनकी जानकारी निम्नानुसार है :-
1 |
जिला चिकित्सालय |
01 |
2 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र |
05 |
3 |
सिविल अस्पताल |
06 |
4 |
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
23 |
5 |
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
09 |
6 |
उप स्वास्थ्य केन्द्र |
172 |
|
कुल |
216 |
वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक शासन द्वारा कोई एम्बुलेंस आवंटित नहीं की गयी है। वर्तमान में 08 एम्बुलेंस संचालित की जा रही है, जिनमें से 02 एम्बुलेंस अभी बंद है। ड्रायवर एवं एम्बुलेंस पंजीयन नम्बर की सूची संलग्न परिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जिले में उपलब्ध एम्बुलेंस को संचालित करने हेतु नियमित बजट वर्ष 19-2210-03-103-9999 एवं रोगी कल्याण समिति में उपलब्ध राशि का उपयोग किया जाता है। इस व्यवस्था को सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधिक्षक एवं संस्था प्रभारी मेडिकल ऑफिसर द्वारा संचालित किया जाता है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध एम्बुलेंसो पर हुये माहवार डीजल का व्यय की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र विकासखण्ड में सिविल अस्पताल बड़नगर में-01 एम्बुलेंस उपलब्ध है, जो चालू स्थिति में है। उसकी देख-रेख प्रभारी मेडिकल ऑफिसर सिविल अस्पताल बड़नगर द्वारा संचालित की जा रही है। (घ) नागदा एवं खाचरोद तहसील स्तर के सिविल अस्पताल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है। वहाँ पर स्वयं सेवी संस्था/सांसद निधि से प्रदत्त की गयी एम्बुलेंस कार्यरत हैं। शासन द्वारा दिये गये निर्णयानुसार संजीवनी 108 के तहत् एम्बुलेंस सेवा का संचालन जी.व्ही.के. ई.एम.आर.आई द्वारा एन.एच.एम. के माध्यम से किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर संचालित एम्बुलेंस
110. ( क्र. 2295 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने स्वास्थ्य केन्द्र हैं उन स्वास्थ्य केन्द्रों में 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी एम्बुलेंस शासन द्वारा आवंटित की गई है। वर्तमान में कितनी संचालित हो रही है? प्रश्न दिनांक तक एम्बुलेंस संचालन हेतु कितने ड्राइवर पदस्थ हैं एम्बुलेंस नम्बर व ड्रायवर के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) जिले में एम्बुलेंस को चलाने हेतु प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किस मद की राशि का उपयोग किया जाता है इस व्यवस्था को स्वास्थ्य विभाग के किस अधिकारी द्वारा संचालित किया जाता है। वर्ष 2014-2015 सें प्रश्न दिनांक तक उस पर माहवार डीजल पर कितना व्यय? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड में कुल कितनी एम्बुलेंस स्वास्थ्य केन्द्रों पर वर्तमान में उपलब्ध है वह किस स्थिति में है और यदि चालु स्थिति में है तो उसकी देख-रेख किसके द्वारा की जा रही है। (घ) जिले के तहसील स्तर के सिविल अस्पताल और सामुहिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है तो उन केन्द्रों पर कब तक एम्बुलेंस उपलब्ध करायेंगे और क्या प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पृथक से एम्बुलेंस संचालन हेतु राशि की व्यवस्था शासन के द्वारा की जायेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में 216 स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जिनकी जानकारी निम्नानुसार है-
1 |
जिला चिकित्सालय |
01 |
2 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र |
05 |
3 |
सिविल अस्पताल |
06 |
4 |
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
23 |
5 |
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
09 |
6 |
उप स्वास्थ्य केन्द्र |
172 |
कुल |
216 |
वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक शासन द्वारा कोई एम्बुलेंस आवंटित नहीं की गयी है। वर्तमान में 08 एम्बुलेंस संचालित की जा रही है, जिनमें से 02 एम्बुलेंस अभी बंद है। ड्रायवर एवं एम्बुलेंस पंजीयन नम्बर की सूची संलग्न परिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जिले में उपलब्ध एम्बुलेंस को संचालित करने हेतु नियमित बजट वर्ष 19-2210-03-103-9999 एवं रोगी कल्याण समिति में उपलब्ध राशि का उपयोग किया जाता है। इस व्यवस्था को सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक एवं संस्था प्रभारी मेडिकल ऑफिसर द्वारा संचालित किया जाता है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध एम्बुलेंसो पर हुये माहवार डीजल का व्यय की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र विकासखण्ड में सिविल अस्पताल बड़नगर में-01 एम्बुलेंस उपलब्ध है। जो चालू स्थिति में है। उसकी देख-रेख प्रभारी मेडिकल ऑफिसर सिविल अस्पताल बड़नगर द्वारा संचालित की जा रही है। (घ) नागदा एवं खाचरोद तहसील स्तर के सिविल अस्पताल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है। वहाँ पर स्वयं सेवी संस्था/सांसद निधि से प्रदत्त की गयी एम्बुलेंस कार्यरत है। शासन द्वारा दिये गये निर्णयानुसार संजीवनी 108 के तहत् एम्बुलेंस सेवा का संचालन जी.व्ही.के. ई.एम.आर.आई. द्वारा एन.एच.एम. के माध्यम से किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोस्टमार्टम में लापरवाही
111. ( क्र. 2313 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर में 16 अप्रैल 2016 को पड़ाव पुलिस स्टेशन के पास एक 3 माह कि बच्ची लावारिस स्थति में मिली थी, जिसे गंभीर बिमारी के कारण K.R.H. अस्पताल में भर्ती कराया था, जहा इलाज के दोरान उसने दम तोड़ दिया। यदि हाँ, तो उक्त बालिका का पोस्टमार्टम किस दिनांक को किया गया था? (ख) लावारिस लाशों का पोस्टमार्टम कितने दिन में करने का प्रावधान है? क्या यह सही है उक्त बालिका का पोस्ट मार्टम विभाग की लापरवाही के चलते 1 माह में हुवा इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कारवाही की गई? (ग) क्या पुलिस विभाग एवं स्वास्थ विभाग की आपसी खीचतान के चलते उक्त बालिका के पोस्ट मार्टम में देरी हुई? इसका कब-कब दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने आंकलन किया? (घ) क्या उक्त पोस्टमार्टम को लेकर स्वास्थ विभाग ने पुलिस विभाग को चिठ्ठी लिखी थी? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि पुलिस विभाग की और से इस प्रकरण को लेकर कोई चिट्ठी मिली हो, तो उसका विवरण देवें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। लावारिस गंभीर रूप से बीमार बच्ची को दिनांक 29 फरवरी, 2016 को कमलाराजा चिकित्सालय बाल रोग विभाग में रात्रि 9:15 पर भर्ती कराया गया था, जिसका डेढ़ माह तक ईलाज चला एवं दिनांक 19 अप्रैल, 2016 को रात्रि 2:25 पर बच्ची की मृत्यु हुई। शव का पोस्टमार्टम दिनांक 27 मई, 2016 को किया गया है। (ख) पुलिस की तहरीर प्राप्त होने पर बिना किसी विलम्ब के दिन के प्रकाश में मृत्यु पश्चात् शव विच्छेदन तुरन्त कर शव पुलिस को सौंप दिया जाता है। हाँ, उक्त बालिका के पोस्टमार्टम में विलंब हुआ है। पुलिस विभाग को फोन पर सूचना करने के पश्चात् उनके द्वारा कार्यवाही न करने पर लिखित सूचना की कार्यवाही में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग एवं मेडिकल रिकार्ड शाखा द्वारा विलंब किया गया है। उक्त संबंध में जाँच के आदेश दे दिये गये हैं, जाँच के निष्कर्ष के पश्चात् संबंधित दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) इस प्रकार के प्रकरणों में शीघ्र निराकरण हेतु पूर्व में ही 02 जून, 2015 को संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा नामित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला ग्वालियर, समस्त विभागाध्यक्ष एवं सम्बंधित थानों के थाना प्रभारी की बैठक अधिष्ठाता कार्यालय के सभागार कक्ष में हुई थी। इसी प्रकार 01 अक्टूबर, 2015 को सम्भागीय आयुक्त कार्यालय में महानिरीक्षक ग्वालियर जोन, जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रशासन एवं सम्बंधित पुलिस अधिकारियों को पोस्टमार्टम प्रकरणों में त्वरित निराकरण हेतु बैठक में आदेशित किया गया था। साथ ही पुलिस अधीक्षक/कलेक्टर जिला ग्वालियर को जे.ए.एच. में पुलिस चौकी स्थापना हेतु पत्राचार किये गये। (घ) जी हाँ, उक्त पोस्टमार्टम को लेकर विभाग द्वारा पुलिस विभाग को दिनांक 19 अप्रैल, 2016 को मृत्यु पश्चात् दूरभाष क्रमांक 0751-2445232 पर सूचना दी गई थी। पूर्व में पुलिस द्वारा दूरभाष पर सूचना पर ही कार्यवाही की जाती है, प्रकरण में कार्यवाही न किये जाने के पश्चात् दिनांक 17 मई, 2016 को थाना पड़ाव को लिखित सूचना दी गई। जिसे पुलिस विभाग द्वारा वर्तमान स्थिति की जानकारी हेतु लेख कर मूलतः पत्र वापस कर दिया, पुनः दिनांक 26 मई, 2016 यथास्थिती की जानकारी देते हुये पोस्टमार्टम कराने हेतु पत्र लिखा।
जिला छतरपुर में दवाइयों का क्रय
112. ( क्र. 2345 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दिनांक 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक दवाइयां खरीदी हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उपरोक्त खरीदी के लिये किन-किन अखबारों में विज्ञप्ति निकाली गई, इस प्रक्रिया में किन-किन फर्मों ने भाग लिया और सफल फर्म कौन-कौन सी थी? (ग) जिन फर्मों ने निविदा नहीं डाली थी, उन्हें किस आधार पर खरीदी ऑर्डर दिये गये? कारण स्पष्ट करें, ऐसी कितनी फर्में हैं, जिन्होंने प्रश्नांश (ख) अनुसार निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लिया और उन्हें सप्लाई ऑर्डर दिये गये? इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कब तक, क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) ऐसे कितने वर्क ऑर्डर थे, जिसमें दवा सप्लायर ने 60 दिन या उससे अधिक समय-समय में दवाई सप्लाई नहीं की, उस पर कितनी पेनाल्टी लगाई गई? नाम, दण्ड राशि सहित बतायें? सी.ए.जी. की 31 मार्च, 2014 की रिपोर्ट के अनुसार जिन फर्मों पर कार्यवाही के लिये किया गया था? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला छतरपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दिनांक 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक दवाइयां खरीदी पर व्यय हुई राशि की जानकारी निम्नानुसार हैं :-
क्रमांक |
वर्ष |
मेडिसिन पर व्यय |
1 |
01.01.12 से 31.03.12 तक |
1891785.00 |
2 |
2012-2013 |
15651367.00 |
3 |
2013-2014 |
10342125.00 |
4 |
2014-2015 |
5945619.00 |
5 |
2015-2016 |
9374488.00 |
6 |
2016-2017 |
4157248.00 |
(ख) उपरोक्त खरीदी के लिये जिन-जिन अखबारों में विज्ञप्ति निकाली गई एवं जिन फर्मों ने भाग लिया उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी निरंक है। अन्य जिलों के जिन दवा सप्लायर ने 60 दिन या उससे अधिक समय-समय में दवाई सप्लाई नहीं की थी, सी.ए.जी. की रिपोर्ट के अनुसार उन फर्मों से राशि रू. 2.36 करोड़ की वसूली की जाना थी। जिसमें से रू. 1.18 करोड़ की वसूली की चुकी है। शेष राशि की वसूली की कार्यवाही सतत् प्रचलन में हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
जिला शिक्षा केन्द्र में पदस्थ जिला परियोजना समन्वयक
113. ( क्र. 2358 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में जिला शिक्षा केन्द्र में पदस्थ जिला परियोजना समन्वयक का मूल पद प्राचार्य हायर सेकण्डरी है तथा बिना सहायक संचालक पद पर पदोन्नति हुए ही इसे सहायक संचालक ई.ई. बना दिया गया है? यदि नहीं, तो किस दिनांक को हुई डी.पी.सी. (विभागीय पदोन्नति समिति) बैठक में इस अधिकारी की पदोन्नति हुई है? बैठक कार्यवाही एवं पदोन्नति आदेश दें? (ख) क्या जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक 5368 दिनांक 21.09.2015 द्वारा परियोजना अधिकारी ने इस भ्रष्ट अधिकारी के विरूद्ध थाना कोलगवां सतना में अपराध क्रमांक 887/15 दिनांक 24.09.2015 को भा.द.वि. की धारा 420, 467, 468, 34 एवं 120वीं के तहत प्रकरण दर्ज कराया गया था तथा उक्त अधिकारी अभी माननीय न्यायालय से जमानत पर हैं? (ग) क्या आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश क्रमांक 882 दिनांक 04.10.2013 द्वारा अनुदान घोटाले में निलम्बित इस अधिकारी को बहाल करते हुए जाँच प्रस्तावित की गयी थी जो अभी विचाराधीन है? क्या मुख्य कार्यालन अधिकारी जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक 6633 दिनांक 16.12.2014 को इस अधिकारी के विरूद्ध आयुक्त रीवा को अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव भेजा गया था। आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 6 विकास/वि.जा.2016/1657 रीवा दिनांक 22.03.2016 द्वारा आरोप पत्र आदि जारी किये गये हैं तथा विभागीय जाँच प्रचलन में है? (घ) क्या स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश दिनांक 08.05.2014 को इस अधिकारी को भविष्य के लिए सचेत किया गया था तथा आदेश क्रमांक 2309 दिनांक 26.11.2015 द्वारा परिनिंदा की शास्ति अधिरोपित की गई है। (ड.) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) सही है, तो इस अधिकारी को सतना जिले से हटाते हुए इसके मूल पद पर कब तक पदस्थ कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सहायक संचालक पद पर विभागीय पदोन्नति से नहीं, बल्कि प्रशासकीय व्यवस्था के तहत मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्र./एफ1-56/2015/20-1 दिनांक 30.9.2015 द्वारा श्री एस.के. त्रिपाठी, प्राचार्य उ.मा.वि. संवर्ग को सहायक संचालक, ई.ई. जिला सतना में समान सामर्थ्य एवं वेतनमान में अस्थाई एवं स्थानापन्न रूप से पदस्थ किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) श्री एस.के. त्रिपाठी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 887/15 धारा 420 भा.द.वि. के तहत थाना कोलगवां जिला सतना में अशासकीय विद्यालय की मान्यता के संबंध में प्रकरण विवेचनाधीन है। श्री त्रिपाठी द्वारा माननीय न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त की गई है। (ग) जी हाँ। जाँच शासन स्तर पर विचाराधीन है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रीवा के प्रस्ताव पर आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा विभागीय जाँच के संबंध में आरोप पत्र जारी किये गये हैं। (घ) जी हाँ। (ड.) संबंधित के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 420 के तहत आपराधिक प्रकरण क्रमांक887/2015 दर्ज होने से उन्हें शासन आदेश दिनांक 18.07.2016 द्वारा निलंबित किया गया है।
शिक्षा विभाग सिवनी अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों की मान्यता
114. ( क्र. 2395 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगें कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2015-16 में व वर्ष 2016-17 के लिए शिक्षा विभाग ने कितने प्रायवेट स्कूलों को मान्यता प्रदान की है इसकी स्कूलवार जानकारी देवें? (ख) सिवनी जिले में शिक्षा विभाग अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कमियों के चलते किन-किन प्रायवेट शालाओं के मान्यता संबंधी प्रकरण लंबित हैं ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सिवनी जिले में वर्ष 2015-16 में तथा 2016-17 में कक्षा 1 से 8, कक्षा 9 तथा कक्षा 11 तक के क्रमश: 24, 05, 01 तथा 11, 04 व 03 विद्यालयों को मान्यता प्रदान की गई है। शालावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार (ख) सिवनी जिले में शिक्षा विभागांतर्गत वर्ष 2016-17 में आर.टी.ई के मापदण्डों की पूर्ति न करने के कारण 8 प्राइवेट शालाओं की मान्यता अमान्य की गई है, वर्तमान में मान्यता प्रकरण लंबित नहीं है।
परिशिष्ट - ''पैंतीस''
अनुसूचित जाति, जन जाति योजनाओं का क्रियान्वयन
115. ( क्र. 2403 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के व्यक्तियों के लिए कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं के तहत वर्ष 2014 से अभी तक किन-किन व्यक्तियों को क्या-क्या लाभ दिया गया? (ग) दतिया जिले में किस-किस शैक्षणिक संस्था के कितने छात्रों ने डबल छात्रवृत्ति भुगतान की है? उसमें क्या कार्यवाही हुई? (घ) दतिया जिले के समस्त छात्रावासों पर वर्ष 2014 से किस-किस मद में क्या-क्या खर्च किए गए हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) दतिया जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है। 33 छात्रों से दोहरी छात्रवृत्ति की राशि रू. 5,66,784/- वसूल की गयी है। (घ) अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 और अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यों की जानकारी
116. ( क्र. 2404 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र भाण्डेर जिला दतिया के अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान के तहत वर्तमान में कितने कार्य स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत कार्यों में कौन से कार्य पूर्ण हैं? कौन से अपूर्ण हैं, कितने कार्यों को कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं? (ख) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 वित्तीय वर्ष में कितने कार्य अपूर्ण हैं? इनमें से कितने कार्यों की राशि ऐजेंसी द्वारा आहरित की गई तथा आहरित राशि के विरूद्ध कितना कार्य हुआ व कितने कार्य ऐसे है, जिनकी राशि आहरित कर ली गई है, लेकिन कार्य हुआ नहीं? (ग) जिन एजेन्सियों द्वारा कार्य नहीं किये गये हैं, उन एजेंसियों की जानकारी देते हुए बतायें कि उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) विधान सभा क्षेत्र भाण्डेर जिला दतिया के कितने ग्राम मजरा टोला प्राथमिक स्कूल विहीन है? कितने माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय बाउण्ड्री विहीन है? इनके लिये आगामी क्या कार्ययोजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र भाण्डेर, जिला दतिया अन्तर्गत 924 निर्माण कार्य स्वीकृत हैं, इनमें से 851 कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा 73 कार्य अपूर्ण हैं। 825 कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में संचयी रूप से क्रमशः 70, 73, 73 कार्य अपूर्ण है। 68 कार्यों की राशि एजेंसी व्दारा आहरित की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 05 कार्य ऐसे हैं, जिनकी राशि को आहरित कर ली गई है लेकिन कार्य प्रगतिरत होने से उन एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (ग) जिन 68 एजेंसियों के व्दारा राशि आहरित कर कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। उनके विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 की कार्यवाही के प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय भाण्डेर एवं दतिया में विचाराधीन है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) विधान सभा क्षेत्र भाण्डेर, जिला दतिया में एक भी ग्राम, मजरा टोला प्राथमिक शाला विहीन नहीं है। 97 माध्यमिक एवं 162 प्राथमिक विद्यालय बाउण्ड्रीवॉल विहीन है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। इन विद्यालयों में से 20 माध्यमिक विद्यालय एवं 15 प्राथमिक विद्यालय में बाउण्ड्रीवॉल स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत शासन को भेजा गया था, स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार।
चिकित्सों एवं अन्य स्टॉफ के रिक्त पदों की पूर्ति
117. ( क्र. 2431 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला सिंगरौली के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफों के पद रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति शासन द्वारा कब तक में कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : विभाग अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में चिकित्सा अधिकारियों के पद स्वीकृत नहीं हैं। सिंगरौली जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्रों में महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 41 तथा पुरूष बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 92 पद रिक्त हैं। पुरूष बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता की भर्ती पर प्रतिबंध है एवं संचालनालय के पत्र क्रमांक-3/प0क0/सेल-1/ 20141045 दिनांक 1.12.2014 के द्वारा अन्य जिलों में अतिशेष की स्थिति होने के कारण, महिला बहुउद्देशीय कार्यकर्ता की भर्ती पर अस्थाई रूप से रोक लगाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि अंतर्गत भुगतान
118. ( क्र. 2449 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीबी रेखा के मरीजों को मान्यता प्राप्त निर्धारित अस्पतालों में इलाज कराने पर सहायता राशि का भुगतान संबंधित अस्पतालों को किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 में विधान सभा क्षेत्रांतर्गत बण्डा में कितने ऐसे मरीजों को सहायता राशि भुगतान की गई है? (ग) क्या सहायता राशि के प्रकरण प्राप्त होने पर स्वीकृत करने तक की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (घ) क्या कैंसर पीडि़त हितग्राही को एक बार सहायता राशि देने के बाद पुन: इलाज या कीमोथैरेपी के लिए अस्पताल के प्राक्कलन के आधार पर सहायता राशि देने का प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) बण्डा विधान सभा क्षेत्र के 63 मरीजों को सहायता राशि स्वीकृत की गई। (ग) जी हाँ। 10 दिन की समय-सीमा निर्धारित है। (घ) जी नहीं। पैकेज अनुसार सकल सीमा 2 लाख के अन्दर तक दूसरी बार दोनों चिन्हित बीमारियों को मिलाकर सहायता राशि देने का प्रावधान है। कीमोथैरपी हेतु प्रत्येक जिले में एन.सी.डी. कार्यक्रम में उपचार की सुविधा का प्रावधान है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति
119. ( क्र. 2468 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक संचालक लोक शिक्षण एवं सहायक संचालक लो.शि. (शारीरिक शिक्षा) भर्ती पदोन्नति नियमानुसार उप संचालक लोक शिक्षण के पद पर पदोन्नति हेतु समान रूप से पात्र है? यदि हाँ, तो शारीरिक शिक्षा संवर्ग के सहा. संचालकों को छोड़कर 8.8.2011 में सहायक संचालक संवर्ग से कनिष्ठ संवर्ग प्राचार्य उ.मा.वि. के 26 लोक सेवकों को सीधे उप संचालक के पद पर पदोन्नति क्यों तथा किस नियम से दी गई है? नियम उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र. में ऐसे कितने सहायक संचालक (शारीरिक शिक्षा के हैं जिन्हें उप संचालक के पद पर पदोन्नति से वंचित रखा है? उनके नाम, कार्यालय जहाँ पदस्थ है की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या शासन सहायक संचालक (शारीरिक शिक्षा) के लोक सेवक जिन्हें उप संचालक के पद पर पदोन्नति नहीं दी गई है उन्हें 8.8.11 से ही पदोन्नति उप संचालक के पद पर मानते हुये लाभान्वित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सहायक संचालक (शारीरिक शिक्षा) से उप संचालक लोक शिक्षण के पदों पर पदोन्नति हेतु 5 वर्ष का अनुभव निर्धारित है। दिनांक 08.08.2011 को सहायक संचालक शारीरिक शिक्षा संवर्ग का कोई भी लोक सेवक 5 वर्ष का अनुभव नहीं होने से उप संचालक पद पर पदोन्नत नहीं किया गया। सहायक संचालक (शा.शि.) एवं प्राचार्य उ.मा.वि. का संवर्ग पृथक-पृथक होने से पदोन्नत प्राचार्य कनिष्ठ नहीं है। भर्ती तथा पदोन्नति नियम, 1982 में संशोधन 1990 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश में किसी को पदोन्नति से वंचित नहीं रखा गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हरदा जिले में उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाएं
120. ( क्र. 2496 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के हण्डिया व जिला चिकित्सालय में नया ट्रामा सेंटर प्रारंभ होने के बाद कौन-कौन सी सुविधाएं उपचार हेतु उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) शासन द्वारा सुविधाओं का विस्तार कर जिला चिकित्सालय हरदा में डायलिसिस मशीन की स्थापना की गई है, के बाद भी बार-बार मशीन खराब अथवा बंद होने का क्या कारण है व डायलिसिस मशीन स्थापना के बाद कितने बार खराब व बंद हुई है? (ग) डायलिसिस मशीन की स्थापना कर शुभारंभ किये जाने से प्रश्न दिनांक तक उक्त मशीन से कितने व कौन-कौन से रोगियों को कितने कार्य दिवस में उक्त सुविधा उपलब्ध करायी गई है? तिथिवार सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में डायलिसिस मशीन की सुविधा प्राप्त करने वाले कितने व कौन-कौन से रोगियों को अन्य शासकीय व निजी चिकित्सालयों के लिये डिस्चार्ज किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) हरदा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हण्डिया में ट्रामा सेन्टर संचालित नहीं है एवं जिला चिकित्सालय हरदा में ट्रामा सेन्टर भवन निर्माणाधीन होने के कारण अभी प्रारंभ नहीं हुआ है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। आर.ओ सिस्टम से ट्रीटेड पानी के कल्चर में बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने के कारण। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। (घ) डायलिसिस की सुविधा प्राप्त करने वाले किसी भी रोगी को अन्य शासकीय व निजी चिकित्सालय के लिए डिस्चार्ज नहीं किया गया है।
छात्रवृत्ति गणवेश के लिए आवंटित राशि
121. ( क्र. 2505 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी/जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर को किन-किन योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति/गणवेश व साईकिल क्रय करने हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि वितरित की गई तथा कितनी राशि वितरित नहीं की गई एवं क्यों वर्ष 2014-15 से 2016-17 (जून, 2016) तक की जानकारी दें? (ख) जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर को किन-किन कक्षाओं से संबंधित कौन-कौन सी कितनी-कितनी मात्रा में पाठ्य-पुस्तकें एवं अन्य शिक्षण सामग्री आवंटित की गई। इनमें से कितनी पाठ्य-पुस्तकों/शिक्षण एवं सामग्री का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों इसकी जाँच कब किसने की है एवं दोषी अधिकारियों पर कब-क्या कार्यवाही की गई बतलावें। वर्ष 2014-15 से 2016-17 (जून, 2016) तक की वर्षवार जानकारी दें। (ग) विधान सभा क्षेत्र केंट जबलपुर के तहत संचालित किन-किन स्कूलों के कितने-कितने छात्र-छात्राओं को कौन-कौन सी छात्रवृत्ति की कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया है एवं क्यों? किन-किन स्कूलों के छात्र-छात्राओं को समय पर छात्रवृत्ति/गणवेश/साईकिल क्रय की राशि व पाठ्य-पुस्तकों का वितरण न करने की शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) समेकित छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति की राशि छात्रवृत्ति के ग्लोबल फंड में उपलब्ध होने से जिलों को आवंटित नहीं की जाती है। वर्ष 2015-16 में साईकिल योजना की राशि भी ग्लोबल फंड में उपलब्ध होने से जिलों को आवंटित नहीं की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2016-17 (जून 2016 तक) की गणवेश व सायकिल क्रय करने हेतु आवंटित राशि एवं वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) सत्र 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘ख'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। छात्रवृत्ति संबंधी प्राप्त शिकायत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। गणवेश एवं प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में साईकिल एवं पुस्तक वितरण एवं हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूलों में साईकिल एवं पुस्तक वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
तंवर जाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र
122. ( क्र. 2508 ) श्री राजकुमार मेव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन भोपाल के परिपत्र (सामान्य प्रशासन विभाग) आरक्षण प्रकोष्ठ के पत्र क्र. 49-1907-1 ह.आ. से दिनांक 31.01.1978 द्वारा जारी सूची में क्रमांक 20 पर तंवर जाति को अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले के लिए? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या खरगोन जिले में तंवर जाति को अ.ज.जा. घोषित किया जाकर जाति प्रमाण-पत्र दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो शासन स्तर पर इस संबंध में कब-कब, कहाँ-कहाँ, क्या कार्यवाही की गई? पत्रों की छायाप्रति के साथ उपलब्ध कराया जावे? (घ) क्या शासन खरगोन जिले में निवास करने वाली अत्यन्त ही पिछड़ी तंवर जाति के परिवारों को अ.ज.जा. जाति की श्रेणी का प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगा एवं कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश अंतर्गत सूची में क्रमांक 20 पर कंवर के साथ अधिसूचित है। नियमानुसार जनजाति के प्रमाण-पत्र देय है। इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राज्य के लिये घोषित जनजाति की श्रेणी में मान्य जनजातियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में दिशा-निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व से ही जारी है। अतः पृथक से निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
BAMS परीक्षाओं का आयोजन
123. ( क्र. 2509 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेन्ट्रल कौशल ऑफ इंडिया मेडिकल आयुष विभाग भारत सरकार की BAMS डिग्री कोर्स करने हेतु क्या नियम है? नियमावली उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या शासकीय (स्वशासी) आयुर्वेद कॉलेज रीवा अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा CCIM भारत सरकार के नियमानुसार BAMS को डिग्री कोर्स करने की परीक्षाएं वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष समय पर पूर्ण नहीं करा पाई, न ही परीक्षा परिणाम समय से जारी कर पा रही? यदि हाँ, तो कारण बतावें व इस संबंध में शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विश्वविद्यालय द्वारा BAMS की परीक्षा आवेदन पत्र, परीक्षा परिणाम भी ऑन-लाईन के माध्यम से नहीं कराये जा रहे हैं तथा/अन्य विश्वविद्यालय में BAMS की परीक्षा में छात्रों को 5 अंकों की ग्रेस दी जाती है? जबकि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में 3 अंकों की ग्रेस दी जा रही है, यह दोहरे मापदण्ड/नियम क्यों हैं? यदि हाँ, तो शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई एवं ऑन-लाईन प्रक्रिया कब से प्रारंभ की जावेगी? (घ) क्या CCIM भारत सरकार की नियमावली के अनुसार शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रीवा अवधेश प्रतापसिंह विश्विद्यालय रीवा द्वारा BAMS के छात्रों की प्रतिवर्ष समय पर परीक्षा नहीं कराने, परीक्षाओं के विलंब होने से 5 1/2 वर्ष का डिग्री कोर्स में 6-7 वर्ष लगते हैं? क्या यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है? इस संबंध में शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विश्वविद्यालय द्वारा विलंब करने से। आयुष संचालनालय द्वारा समय पर परीक्षायें संपन्न कराने हेतु कुल सचिव को पत्र लिखा गया। (ग) जी हाँ। यह क्षेत्राधिकार विश्वविद्यालय का है। समय बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, विलंब अवश्य हुआ है। आयुष संचालनालय द्वारा समय पर परीक्षायें संपन्न कराने हेतु कुल सचिव को पत्र लिखा गया।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कृषकों को सिंचाई की सुविधा
124. ( क्र. 2535 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायतों के किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत प्रदाय करने हेतु विद्युत पोल एवं ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की योजना ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है? यदि हाँ, तो जारी आदेश एवं दिशा-निर्देश की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित उक्त योजना से सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत योजना आरंभ से आज दिनांक तक किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने किसानों को इसका लाभ प्रदान किया गया? (ग) योजनांतर्गत अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शासन निर्णय अनुसार अस्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों में परिवर्तित करने के लिये इस योजना की राशि आगामी दो वर्षों तक ऊर्जा विभाग को प्रदाय किये जाने का निर्णय लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं 'दो' अनुसार है। (ग) कोई कार्य अपूर्ण नहीं है।
स्वीकृत, रिक्त एवं भरे पद की जानकारी
125. ( क्र. 2536 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं कितने रिक्त तथा कितने भरे हुए है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पद रिक्त होने से ग्रामीणों को हो रही असुविधा को समाप्त करने हेतु रिक्त पद पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पद की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया निरंतर जारी है, संभाग/जिला स्तर पर शेष तृतीय/चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के कर्मचारियों की पदपूर्ति पदोन्नति/भर्ती के माध्यम से जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
नगर परिषद कटंगी अंतर्गत संचालित स्कूल
126. ( क्र. 2543 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटंगी नगर परिषद जिला जबलपुर अंतर्गत कौन-कौन सी शालाएं संचालित हैं तथा इन संचालित शालाओं में कौन-कौन से सहायक अध्यापक, अध्यापक कब से कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (ख) में कार्यरत सहायक अध्यापकों को अध्यापक पद पर एवं अध्यापकों को वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति न दिये जाने क्या कारण है? इन्हें कब तक पदोन्नति प्रदान कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कटंगी नगर परिषद अन्तर्गत शालाओं एवं कार्यरत सहायक अध्यापक एवं अध्यापकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पदोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है। पदोन्नति हेतु पदोन्नति पद की उपलब्धता वरिष्ठता, योग्यता, पात्रता विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान है। अत शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी पर प्रकरण दर्ज कराया जाना
127. ( क्र. 2563 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा अधिकारी रीवा डॉ. सुधीर जैसानी को कमिश्नर रीवा के आदेश क्र. 179/6-विकास/वि.जां./2016 के द्वारा निलंबित किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में डॉ. सुधीर जैसानी को किन-किन आरोपों के आधार पर निलंबित किया गया है, आरोप पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं? उनके ऊपर किन-किन आरोपों की जाँच किन-किन जिलों में किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई है की जानकारी आरोपवार जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुए देवें? (ग) डॉ. सुधीर जैसानी के विरूद्ध अन्य कितने शिकायतें लंबित है एवं डॉ. जैसानी अपने सेवाकाल में कितने बार निलंबित हुए एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही से दण्डित हुए है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में डॉ. जैसानी को सेवा से पृथक करते हुए पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? समय-सीमा बताएं।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) डॉ. सुधीर जैसानी को निलंबित कर्मचारियों को निलंबन अवधि का पूरा वेतन भुगतान किये जाने, कई कर्मचारियों को एक ही दिन के अंतर पर एक ही प्रकरण में दो-दो बार वेतन वृद्धियाँ रोकने संबंधी आदेश पारित करना, विभागीय जाँच के लंबित रहने पर वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी करते हुये एक ही जावक नंबर पर कई कर्मचारियों के निलंबन आदेश जारी करना, कर्मचारियों को निलंबित करने के उपरान्त अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रक्रिया का पालन न करने आदि गंभीर अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया गया है। संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा रीवा संभाग, रीवा द्वारा कमिश्नर रीवा को प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है, के अतिरिक्त जिला विदिशा में वर्ष 2013-2014 की अवधि में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थी के दौरान साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु आंमत्रित की गई निविदा में उनके द्वारा अनियमितता की जाँच एन.एच.एम. के ऑडिट जाँच दल द्वारा की गई। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (ग) डॉ. जैसानी के विरूद्ध संचालनालय स्तर पर जिला विदिशा में वर्ष 2013-2014 की अवधि में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थी के दौरान, साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु आंमत्रित की गई निविदा से संबंधित शिकायती प्रकरण में उनके विरूद्ध संचालनालय के आदेश दिनांक 18.02.2016 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई। डॉ. जैसानी सेवाकाल में दो बार निलंबित हुये तथा जिला विदिशा में पदस्थी के दौरान स्वास्थ्य संस्थाओं के परफार्मेंस की जानकारी समय पर दर्ज नहीं कराये जाने तथा प्रकरण की अद्यतन स्थिति से संचालनालय को अवगत नहीं कराये जाने पर डॉ. सुधीर जैसानी के विरूद्ध संचालनालय के आदेश क्रमांक.298/दिनांक 30.01.2015 द्वारा उनकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने संबंधी अनुशासनात्मक कार्यवाही से उन्हें दण्डित किया गया। (घ) प्रश्नांश ’’ख’’ एवं ’’ग’’ में डॉ. जैसानी के विरूद्ध निलंबन पश्चात् आरोप पत्रादि जारी किये जाने संबंधी कार्यवाही तथा विभागीय जाँच संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। डॉ. जैसानी के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच प्रकरण में जाँच उपरान्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति व स्थानान्तरण
128. ( क्र. 2568 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग गठन के बाद से अब तक अध्यापक संवर्ग हेतु कब कब स्थानान्तरण/संविलियन नीति जारी की गई एवं इससे कितने कर्मचारियों को मनवांछित कार्यक्षेत्र प्राप्त हुआ हैं, निकायवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार किए गए स्थानान्तरण की अपर्याप्तता के चलते अध्यापक संवर्ग द्वारा नवीन स्थानान्तरण नीति जिसमें पुरूष स्थानान्तरण भी शामिल हो लागू किये जाने की मांग की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या नवीन स्थानान्तरण/संविलियन नीति बनाई जा रही है एवं कब तक लागू होगी? (ग) विगत 03 वर्षों में प्रदेश के किन-किन नगरीय निकायों में अध्यापक संवर्ग को पदोन्नति दी गई? प्रदेश के नगरीय निकायों में पदोन्नति हेतु कितने पद रिक्त हैं एवं इनमें कब तक पदोन्नति की जावेगी? जिला जबलपुर के नगरीय निकायों में पदोन्नति की क्या स्थिति हैं, निकायवार विवरण देवें? (घ) वरिष्ठ अध्यापक को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति दिए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही हैं एवं कब तक पदोन्नति होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग का गठन दिनांक 01.04.2007 को हुआ है। विभाग के आदेश दिनांक 26.04.08 एवं आदेश दिनांक 22.09.14, 28.05.15 एवं 25.06.15 के द्वारा अध्यापक संवर्ग में कार्यरत महिला, निःशक्त तथा पारस्परिक अन्तर्निकाय संविलियन की नीति जारी की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 28.06.2008 के द्वारा 25 जुलाई 2008 तक स्वैच्छिक स्थानांतरण के निर्देश जारी किये गये थे। अन्तर्निकाय स्वैच्छिक आवेदकों के संविलियन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) अध्यापक संवर्ग द्वारा पुरुषों अन्तर्निकाय संविलियन की नीति बनाई जाने की मांग की जा रही है। विचाराधीन नवीन संविलियन नीति के लागू होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विगत 03 वर्षों में प्रदेश की नगरीय निकायों में अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति एवं रिक्त पदों की जानकारी व्यापक स्वरूप की है। पदोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है। पदोन्नत पद की उपलब्धता, धारित पद पर न्यूनतम 07 वर्ष का अनुभव वरिष्ठता, निर्धारित अर्हता तथा विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा योग्य पाये जाने पर पदोन्नति का प्रावधान है। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा म.प्र. पदोन्नति नियम 2002 को रद्द किया गया है। पदोन्नति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जबलपुर जिले की नगरीय निकायों में विगत 03 वर्षों में पदोन्नति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (घ) वरिष्ठ अध्यापक से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है, अपितु राज्य शिक्षा सेवा गठन के अन्तर्गत 25 प्रतिशत वरिष्ठ अध्यापक के पदों को सीमित परीक्षा से चयन करने का प्रावधान किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाना
129. ( क्र. 2569 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में प्रदेश में कितने पदों पर अतिथि शिक्षकों द्वारा पठन पाठन का कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या अतिथि शिक्षक व्यवस्था हेतु अतिथि शिक्षकों की अनिवार्य योग्यता आर.टी.ई. एक्ट के मापदण्डों के अनुसार तय की गई है? इसके अलावा शिक्षक प्रशिक्षण उपाधि प्राप्त अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाती है? (ग) आर.टी.ई. एक्ट लागू होने के बाद प्रदेश के संविदा शाला शिक्षक/अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी जिनके पास शिक्षण प्रशिक्षण उपाधि नहीं है को शिक्षण प्रशिक्षण उपाधि प्राप्त करने हेतु/प्रदान करने हेतु क्या कोई कार्यवाही की गई? (घ) क्या नाममात्र के मानदेय पर कार्यरत अतिथि शिक्षकों के मानदेय वृद्धि/संविदा शाला शिक्षक बनाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं, यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से अतिथि शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए हेतु कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था कार्यरत शिक्षक के 7 दिनों से अधिक अवधि के लिए अवकाश या प्रशिक्षण पर जाने पर अथवा रिक्त पदों के विरूद्ध की जाती है। जो एक सतत् प्रक्रिया है। अतः निश्चित संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। वरीयता दी जाती है। उत्तरांश क के अनुसार निश्चित संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रशिक्षण उपाधि अप्राप्त संविदा शाला शिक्षक/अध्यापक संवर्ग को शिक्षण प्रशिक्षण उपाधि प्रदान करने हेतु डी.एड./बी.एड. का प्रशिक्षण सतत् रूप से एवं डी.एल.एड. प्रशिक्षित कराने की कार्यवाही की जा रही है। जिलेवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। अतिथि शिक्षकों को संविदा शाला शिक्षक नियोजन में बोनस अंक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। अत शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा उपकरण का प्रदाय
130. ( क्र. 2577 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में विगत दो वर्षों में कौन-कौन सी नयी मशीनें एवं यंत्र क्रय किये गये एवं क्या उनका उपयोग प्रारंभ किया गया हैं? मेडिकल कालेजवार जानकारी दी जावे? (ख) क्या विगत् 5 वर्षों में गाँधी मेडिकल कालेज भोपाल में कई मशीन एवं यंत्र ऐसे हैं जिन्हें क्रय कर लिया गया हैं लेकिन मात्र उनका उपयोग आज तक नहीं किया गया? यदि ऐसा हैं तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या इस क्रय की गई सामग्री पर हुयी व्यय राशि के दुरूपयोग के लिये संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा एवं सागर में संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा विगत 2 वर्षों में क्रय किये गये मशीन एवं यंत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ के प्रपत्र 1,2,3,4,5 एवं 6 अनुसार है। प्रश्न दिनांक की स्थिति में सभी मशीनें एवं यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध सामग्री का क्रय
131. ( क्र. 2579 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग द्वारा म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा विगत 01 अप्रैल 2014 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री का मुद्रण (प्रिंटिंग) का कार्य किन-किन संस्थाओं से कितनी लागत का कराया गया? (ख) क्या राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार 25 हजार रूपये से अधिक राशि के मुद्रण संबंधी कार्य शासकीय मुद्रणालय से कराये जाने के निर्देश हैं इसके बाद भी प्रायवेट मुद्रणालयों से अधिक दर पर कार्य कराये जाने में अशासकीय मुद्रणालयों से अनापत्त्िा प्राप्त नहीं करके वित्तीय अनियमिततायें की गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या सबंधितों के विरूद्ध जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) 01 अप्रैल 2014 से आज दिनांक तक जो-जो सामग्री, जिन-जिन संस्थानों से जितनी लागत में मुद्रित कराई गई है, उसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-6 15/2012/अ-ग्यारह, भोपाल दिनांक 14.01.2015 द्वारा भण्डार क्रय नियम के अंतर्गत वित्तीय सीमाओं का निर्धारण किया गया है जो निम्नानुसार हैः-
क्र. विवरण निर्धारित सीमा (रूपये में)
1. बिना कोटेशन के सामग्री का क्रय रू. 15,000/- तक
2. विभागीय क्रय समिति द्वारा क्रय रू. 15,000/- से अधिक पर रू. 1,00,000/- तक
3. सीमित निविदा रू. 1.00 लाख से अधिक पर रू. 5.00 लाख तक
4. खुली निविदा रू. 5.00 लाख से अधिक
उपरोक्त नियमों के तहत सामग्री क्रय/मुद्रण का कार्य कराया गया। (ग) अनियमितता का प्रश्न न होने से उत्तरदायित्व निर्धारण एवं जाँच कराने का प्रश्न नहीं है।
सिविल हॉस्पिटल एवं महिला चिकित्सालय जावरा का संचालन
132. ( क्र. 2587 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लगभग 2 से 3 लाख की आबादी पर मात्र एक ही सिविल हॉस्पिटल जावरा एवं मात्र एक ही महिला चिकित्सालय जावरा में कार्यरत होकर शासन/विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं हेतु संचालित किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त अस्पतालों में बड़ी तादाद में एवं आकस्मिक दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में मरीजों को विभिन्न प्रकार के उपचार की आवश्यकता होती है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त दोनों चिकित्सालयों हेतु शासन/विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पद किस-किस प्रकार के स्वीकृत किये जाकर कुल कितने पद भरे हैं, कुल कितने पद रिक्त हैं? (घ) विभिन्न रिक्त पदों की लगातार पदपूर्ति की आवश्यकता के विरुद्ध कितने पद भरे? कितने रिक्त हैं तथा कितनी अधिक जनसंख्या की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं हेतु वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक कितना बजट स्वीकृत होकर किन-किन कार्यों पर व्यय हुआ?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जावरा में 100 शैय्या का सिविल अस्पताल संचालित है जिसमें से 30 शैय्या का मेटरनिटी विंग है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वास्थ्य संस्थावार पृथक से बजट आवंटित नहीं किया जाता है। जिले में प्राप्त बजट से उपकरण, दवाईयाँ वेतन पर व्यय किया गया।
प्रदेश में बायो-मेडिकल वेस्ट का निस्तारण
133. ( क्र. 2597 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बायो-मेडिकल वेस्ट (हेंडलिंग एंड मेनेजमेंट) के निस्तारिकरण की क्या नीति नियम हैं? जानकारी देवें? (ख) क्या प्रदेश में बायो-मेडिकल वेस्ट का निस्तारण म.प्र. प्रदूषण बोर्ड के अनुरूप किसी कम्पनी दवारा कराया जाता है? यदि हाँ, तो इंदौर-उज्जैन संभाग में किस-किस कम्पनी को, कहाँ-कहाँ का ठेका, किस-किस दर पर किस समिति द्वारा दिया गया? 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? (ग) क्या विभाग के अधिकारियों एव कम्पनी की मिली-भगत से उक्त कार्य में भारी अनियमितता की जा रही है यदि हाँ, तो इसकी कितनी शिकायतें विभाग के पास लंबित हैं उसका क्या निराकरण किया गया? (घ) उक्त कार्य की मॉनीटरिंग हेतु कौन-कौन नोडल अधिकारी कहाँ-कहाँ नियुक्त हैं? क्या इसके लिए कोई कमेटी बनी हुई है? यदि हाँ, तो उक्त संभाग की उक्त अवधि की जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) बायो-मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल हेतु बायो-मेडिकल वेस्ट (मेनेजमेन्ट एण्ड हैण्डलिंग) नियम 1998 दिनांक 20 जुलाई 1998 से प्रभावशील थे, जो कि पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय दिल्ली द्वारा दिनांक 28/03/2016 को संशोधन कर बायो-मेडिकल वेस्ट मेनेजमेन्ट नियम 2016 नोटिफाईड किये गये है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा तथा जिले की अन्य चिकित्सा संस्थाओं में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा ठेका दिया गया है। दर के निर्धारण हेतु कोई समिति गठित नहीं है। (ग) जी नहीं। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नोडल अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रूप से संचालित मेडिकल स्टोर
134. ( क्र. 2598 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिरमौर परिसर में शेखर मेडिकल स्टोर संचालित है। यदि हाँ, तो शासन के किस आदेश से उक्त मेडिकल स्टोर संचालित किया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांक "क" में उल्लेखित शेखर मेडिकल स्टोर शासकीय भूमि पर अवैध रूप से संचालित है, तो कब तक शासकीय भूमि से उक्त अतिक्रमण को हटाया जावेगा तथा दोषी मेडिकल स्टोर संचालक एवं संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की बसाहट
135. ( क्र. 2604 ) श्री मुकेश नायक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की बसाहट में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण हेतु कितनी-कितनी राशि कब तक प्राप्त हुई? वर्षवार विवरण सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्रवार ग्राम एवं ग्राम पंचायतवार प्रतिवर्ष स्वीकृत कार्यों की जानकारी एवं उनकी वर्तमान स्थिति पृथक-पृथक बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विद्युतीकरण हेतु किसे एजेंसी बनाया गया था? कार्यवार नाम एवं आज की स्थिति में कार्य की भौतिक स्थिति की जानकारी प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध करावें? (घ) क्या कराये गये कार्यों का सत्यापन प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। मान. प्रश्नकर्ता विधायक जब भी चाहेंगे।
निजी चिकित्सालय द्वारा जाँच के मनमाफिक रेट
136. ( क्र. 2620 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने निजी चिकित्सालय संचालित हैं? उनमें से कितनों का अब तक चिकित्सा विभाग में पंजीयन हो चुका है और कितनों का नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) जिले में कितने नर्सिंग होम के पास स्वयं के परिसर में सोनोग्राफी सेन्टर, लेबोरेटरी संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) जिलान्तर्गत गत 01 जनवरी 2014 के पश्चात् निजी लेबोरेटरी, सोनोग्राफी सेन्टर के खिलाफ कितनी शिकायत दर्ज कराई गई? क्या विभाग द्वारा निजी नर्सिंग होम एवं निजी सोनोग्राफी एवं ब्लड टेस्ट एवं अन्य टेस्ट हेतु निश्चित शुल्क हेतु कोई नीति बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित शिकायत उपरांत किस किस नर्सिंग होम के खिलाफ क्या क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिवनी जिले में कुल 08 निजी चिकित्सालय संचालित हैं। इन सभी 08 निजी चिकित्सालयों का पंजीयन मध्यप्रदेश उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 एवं नियम 1997 के तहत किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले के 04 नर्सिंग होम आर्शीवाद क्लीनिक, साईंराम अस्पताल, जठार हॉस्पिटल एवं जिन्दल हॉस्पिटल के पास स्वंय के परिसर में सोनोग्राफी सेन्टर एवं लेबोरेटरी संचालित है। (ग) जिलान्तर्गत 01 जनवरी 2014 के पश्चात् निजी लेबोरेटरी एवं सोनोग्राफी सेन्टर के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुयी है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु राशि आवंटन
137. ( क्र. 2632 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजनांतर्गत वर्ष 2014-15 में प्रदेश में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण किये जाने हेतु स्वीकृत किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये कितनी राशि आवंटित की गई है? यदि आवंटित की गई है, तो बमोरी विधान सभा में स्वीकृत उप स्वास्थ्य केंद्रों के लिये कितनी-कितनी राशि दी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन स्तर से स्वीकृति पश्चात् उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण कार्य प्रारंभ कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक एक वर्ष व्यतीत होने के बाद भी जिले को राशि आवंटित क्यों नहीं कराई गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कार्य कब प्रारंभ कराया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की वर्ष 2014-15 की राज्य कार्ययोजना में प्रदेश में 1000 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करने हेतु भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हुई थी, जिसकी राज्य शासन की स्वीकृति उपरांत निर्माण की स्वीकृति दी जानी थी। (ख) उक्त नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः कोई भी राशि निर्माण मद में आवंटित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। स्वीकृति उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। (घ) यथाशीघ्र, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिकायती पत्र पर कार्यवाही
138. ( क्र. 2657 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव कार्यालय से विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र (मांग संख्या 42) की राशि गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा व्यय किये जाने संबंधी प्रश्नकर्ता का शिकायत पत्र जाँच हेतु प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शिकायत मूलत: प्रमुख अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग से संबंधित होने के कारण मूलत: पत्र आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है।
जिला अस्पताल सीहोर में अव्यवस्था
139. ( क्र. 2670 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अस्पताल सीहोर में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक उपचार के दौरान एवं उपचार के अभाव में कितनी मौतें किन-किन कारणों से हुई है? मृतकों के नाम, पता सहित मृत्यु के कारणों का विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जिला अस्पताल में हुई मौतों के संबंध में चिकित्सालय एवं स्टॉफ पर लापरवाही बरतने की शिकायतें प्रशासन को प्राप्त हुई हैं? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन डॉक्टरों व स्टॉफ के खिलाफ शिकायतें मिली व शिकायतों पर किस स्तर पर जाँच हुई जाँच के निष्कर्ष सहित ब्यौंरा दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला अस्पताल सीहोर में जनवरी 2015 से 30/06/2016 तक उपचार के अभाव में किसी की मृत्यु नहीं हुई है किन्तु उपचार के दौरान 682 मौतें हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ”अ” अनुसार है। (ख) जी हाँ। तीन शिकायतें प्राप्त हुई थीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-”ब” अनुसार है।
मदरसों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा व्यवस्था
140. ( क्र. 2697 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिलान्तर्गत मदरसा बोर्ड द्वारा पंजीकृत किन-किन मदरसों में आधुनिकीकरण किया गया? (ख) विगत दो वर्षों में आधुनिकीकरण अंतर्गत मदरसों में क्या-कार्य किये गए एवं कितनी राशि व्यय हुई? (ग) कितने मदरसों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा व्यवस्था की गई है अथवा करने की योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रतलाम जिलान्तर्गत मदरसा बोर्ड द्वारा पंजीकृत एवं मान्यता प्राप्त मदरसों में से 04 मदरसों का मदरसों की गुणवत्ता परक शिक्षा योजनान्तर्गत आधुनिकीकरण का कार्य किया गया है। (ख) विगत दो वर्षों वर्ष 2014-15 एवं 2015 -16 में आधुनिकीकरण योजनान्तर्गत इन 04 मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ पुस्तकालय भी स्थापित किये गये हैं तथा प्रतिवर्ष इसके रख-रखाव हेतु रू 5000/- की सहायता प्रदान की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मदरसों में गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने की योजनान्तर्गत रोजगारोन्मुखी शिक्षा का प्रावधान नहीं है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
खादिमुल हुज्जाज चयन की प्रक्रिया
141. ( क्र. 2698 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हज यात्रा में खादिमुल हुज्जाज (हाजियों के सेवक) के चयन की प्रक्रिया क्या है? वर्ष 2012 से 2015 तक भेजे गए खादिमुल हुज्जाज की संख्या, नाम पते का ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त (क) में चयन किये गए खादिमुल हुज्जाज को हज यात्रा में किराया खाना, निवास व्यय सुविधा की क्या प्रक्रिया है? व्यय ब्यौरा क्या है? इनके चयन में किन-किन लोगों की अनुशंसा प्राप्त की अथवा हज कमेटी के किन पदाधिकारियों ने इनका चयन किया? (ग) खादिमुल हुज्जाज के रूप में 2012 से अब तक भेजे गए सदस्यों की आयु का ब्यौरा क्या है? क्या सभी हुज्जाज सेवा करने योग्य थे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) हज यात्रा में खादिमुल हुज्जाज (हाजियों के सेवक) की चयन प्रक्रिया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्ष 2012 से 2015 तक मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी के माध्यम से भेजे गये खादिमुल हुज्जाज की संख्या, नाम पते एवं आयु का ब्यौरा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उपरोक्त (क) में चयन किये गये खादिमुल हुज्जाज की हज यात्रा का व्यय हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा हज यात्रियों हेतु निर्धारित व्यय के समान ही होता है। वर्ष 2012 से 2014 तक भेजे गये खादिमुल हुज्जाज पर 100 प्रतिशत व्यय मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी द्वारा वहन किया गया तथा वर्ष 2015 से खादिमुल हुज्जाज को हज पर भेजे जाने का 50 प्रतिशत व्यय हज कमेटी आफ इंडिया द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया तथा शेष 50 प्रतिशत व्यय राज्य हज कमेटी द्वारा वहन किया गया। व्यय की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। खादिमुल हुज्जाज के चयन हेतु किसी की अनुशंसा प्राप्त नहीं की जाती। हज कमेटी ऑफ इंडिया विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देश के अनुसार म.प्र. राज्य हज कमेटी द्वारा बैठक आयोजित कर चयन किया जाता है। (ग) खादिमुल हुज्जाज के रूप में 2012 से अब तक भेजे गये सदस्यों की आयु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। सभी खादिमुल हुज्जाज सेवा करने योग्य थे।
कुपोषण की रोकथाम
142. ( क्र. 2701 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुपोषण खत्म करने एवं महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार द्वारा किये गए प्रयासों का ब्यौरा क्या है? इस कार्य में यूनीसेफ की भूमिका क्या है? (ख) क्या यूनीसेफ ने मध्यप्रदेश से बेहतर कार्य के लिए किसी अन्य राज्य के प्रयासों का ब्यौरा दिया है? क्या प्रदेश की योजनाओं से अन्य राज्यों को अवगत कराया है? यदि हाँ, तो किस संबंध में? (ग) कुपोषण समाप्त करने के लिए विभिन्न योजनाओं में विगत तीन वर्षों में केन्द्र सरकार एवं विदेशी सहायता का ब्यौरा क्या है? (घ) प्रदेश में कितने एवं किन-किन जिलों में कितने ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर स्थापित करने का निर्णय सरकार ने लिया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) कुपोषण की रोकथाम हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, एकीकृत बाल विकास सेवायें तथा महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों का ब्यौरा क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। इस कार्य में यूनिसेफ की भूमिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) जी हाँ। यूनिसेफ ने अन्य राज्यों जैसे- राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात में प्रचलित समुदाय आधारित गंभीर कुपोषण के प्रबंधन संबंधी प्रयासों का ब्यौरा दिया है। जी हाँ। यूनिसेफ द्वारा अन्य राज्यों जैसे-उड़ीसा, राजस्थान, दिल्ली द्वारा मध्यप्रदेश में पोषण पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से संचालित संस्थागत गंभीर कुपोषण के प्रबंधन के अवलोकन हेतु अन्य राज्यों के अधिकारियों का शिक्षण भ्रमण आयोजित किया गया है। पोषण पुनर्वास केन्द्र, मध्यप्रदेश को सर्वोत्तम व्यवहार के रूप में भारत सरकार द्वारा चुने जाने पर वर्ष 2015 के शिमला समीट में अन्य राज्यों से सांझा करने हेतु पोस्टर तैयार करने में सहयोग किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वृद्धि मानकों पर मध्यप्रदेश में निर्मित प्रशिक्षण फिल्म को 13 यूनिसेफ सहायित राज्यों में सांझा किया गया है। मध्यप्रदेश में गंभीर कुपोषण पर राज्य द्वारा निर्मित मानक प्रशिक्षण पैकेज (वीडियो तथा ट्रेनिंग माड्यूल) को अन्य प्रदेश जैसे झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम, महाराष्ट्र एवं भारत सरकार के साथ सांझा किया गया है। समुदाय आधारित गंभीर कुपोषण के प्रबंधन हेतु मध्यप्रदेश में निर्मित मानक ट्रेनिंग पैकेज को भारत सरकार, गुजरात, झारखण्ड, बिहार, केरल के साथ सांझा किया गया है। (ग) कुपोषण समाप्त करने के लिये स्वास्थ्य विभाग अधीन विभिन्न योजनाओं में विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। महिला बाल विकास विभाग के अधीन विभिन्न योजनाओं में विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। कुपोषण समाप्त करने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अथवा एकीकृत बाल विकास सेवायें को विदेशी सहायता प्राप्त नहीं हुई है। (घ) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर स्थापित करने हेतु जिलेवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। अभी तक जिलेवार स्थापित ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
वेतन वृद्धि का लाभ देना
143. ( क्र. 2735 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में 01.03.1999 के बाद जिन सहायक शिक्षकों/शिक्षकों को विभागीय अनुमति से बी.एड./बी.टी.आई./डी.एड. की ट्रेनिंग कराई गई? ट्रेनिंग (परीक्षा) पास करने पर दो वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जाता जबकि 01.03.1999 के पहले वाले शिक्षकों को लाभ दिया जाता था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इस तरह का भेदभाव क्यों किया जा रहा है? क्या शासन 01.03.99 के बाद वाले परीक्षा पास शिक्षकों को भी दो वेतन वृद्धि दिये जाने हेतु शासन द्वारा नीतिगत आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-07-44/1996/बीस-4 दिनांक 14 सितम्बर, 2011 के अनुसार दिनांक 16-6-93 के पूर्व नियुक्त ऐसे समस्त शिक्षकों को जिसने सेवा में रहते हुये स्वयं के व्यय पर दिनांक 01-03-99 के पूर्व बी.एड/बी.टी.आई./डी.एड. योग्यता अर्जित की हो उनको परीक्षा उत्तीर्ण करने के दिनांक से दो अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के प्रकाश में दिनांक 1-3-99 के बाद बी.एड/बी.टी.आई/डी.एड. परीक्षा पास शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी विभाग द्वारा किए गए कार्य
144. ( क्र. 2761 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिलान्तर्गत वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 तक समस्त योजनाओं एवं मद अंतर्गत वर्षवार कितनी राशि/आवंटन प्राप्त हुआ है? (ख) वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 तक जिले के समस्त विकासखण्ड को योजना एवं मदवार प्रदाय आवंटन एवं सामुदायिक व हितग्राही मूलक कार्यों की स्थिति बताएं? (ग) वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 तक जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित कार्यों को क्या वरीयता के क्रम में स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो अनुशंसित कार्यों में से कितने कार्यों को स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों की जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 तक आदिवासी विकास, धार को प्राप्त आवंटन में से कितनी राशि लेप्स हुई? कारण स्पष्ट करें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ एवं ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘, ''ख-1'', ''ख-2'' एवं ''ख-3'' अनुसार है। (ग) धार जिला अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित प्रस्तावों का अनुमोदन परियोजना सलाहकार मण्डल से प्राप्त किया जाकर तथा आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में वर्णित अनुसार तथा शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग-1'', ''ग-2'' एवं ''ग-3'' अनुसार है। (घ) कोई राशि लैप्स नहीं हुई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार है।
आदिवासी विभाग को प्राप्त आवंटन एवं किए गए कार्य
145. ( क्र. 2762 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 तक बस्ती विकास मद में कितनी राशि प्राप्त हुई? बदनावर विधान सभा क्षेत्र में प्रदाय आवंटन एवं किए गए कार्यों का ब्यौरा देवें? (ख) वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 तक विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की साज-सज्जा में कुल कितनी राशि खर्च की गई? क्या-क्या कार्य किए गए छात्रावासवार जानकारी देवें? (ग) वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 तक कितने कर्मचारी अटैच किए गए, किस अधिकारी के आदेश से अटैच किए गए? उनकी जानकारी देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत राशि का विवरण निम्नानुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
वर्ष |
जिला धार को प्राप्त आवंटन |
बदनावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कार्यों को प्रदाय राशि |
2012-13 |
190.45 |
12.00 |
2013-14 |
303.61 |
66.50 |
2014-15 |
352.04 |
20.00 |
2015-16 |
424.80 |
24.88 |
2016-17 |
37.50 |
0.00 |
(ख) व्यय राशि का विवरण निम्नानुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
वर्ष |
व्यय राशि (लाखों में) |
2012-13 |
104.37 |
2013-14 |
150.00 |
2014-15 |
423.46 |
2015-16 |
241.79 |
2016-17 |
0.00 |
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
146. ( क्र. 2774 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने स्वास्थ्य केंद्र एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? क्या इनमें ब्लड बैंक (यूनिटों) की भी स्थापना करायी गई है? अगर हाँ, तो कब से अगर नहीं की गई तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ब्लड बैंक (यूनिटों) के स्थापना रख-रखाव एवं ब्लड की सुरक्षा बाबत् रीवा जिले में वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में कितनी-कितनी एवं कब-कब राशि राज्य शासन द्वारा प्रदान (यूनिटों) की गयी? क्या प्राप्त आवंटन का समुचित उपयोग ब्लड बैंकों (यूनिटों) की स्थापना में किया गया, तो उसका विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अगर ब्लड बैंकों (यूनिटों) की स्थापना प्रश्नांश (क) के स्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं की गई, तो भर्ती मरीजों के तत्काल उपचार हेतु क्या व्यवस्था है? अगर ब्लड की कमी से मरीजों की मृत्यु हो रही हैं, तो इसके लिए कौन जवाबदार है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के स्वास्थ्य केन्द्रों में ब्लड बैंक/यूनिटों की स्थापना नहीं की गई, शासन का बजट लैप्स हो गया, जिले में भी राशि का उपयोग समुचित ढंग से नहीं किया गया तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है तथा उनके विरूद्ध कौन-कौन सी एवं किस-किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? की जावेगी तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) रीवा जिले में जिला चिकित्सालय-01, सिविल अस्पताल-01, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-12, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र-30, उप-स्वास्थ्य केन्द्र 283 संचालित है। जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक एवं ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जो कि सीमांक संस्थाओं के रूप में चिन्हित मान्य किये गये है, वहाँ रक्त स्टोरेज यूनिट की सुविधा का प्रावधान है जिसके तहत जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिरमौर एवं मऊगंज में स्टोरज यूनिट की स्थापना की जा रही है। (ख) राज्य शासन द्वारा वर्ष 2014-15 में जिला चिकित्सालय रीवा के पुराने भवन के कक्ष में ब्लड बैंक को स्थापना किये जाने हेतु आवश्यक मरम्मत कार्य के लिए राशि रू. 6.10 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। शासन द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत सीमांक संस्थाओं में वर्ष 2014-15 में ब्लड स्टोरेज यूनिट हेतु 7 लाख रूपये एवं जिला अस्पताल में ब्लड बैंक के उपकरणों हेतु राशि रू. 12.57 लाख वर्ष 2015-16 में जारी की गई। बजट के समुचित उपयोग कर लिया गया है एवं उपकरणों की व्यवस्था कर ली गई है। (ग) गंभीर भर्ती मरीजों को ब्लड देने हेतु जिला स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संजय गाँधी अस्पताल रीवा के ब्लड बैंक से व्यवस्था की जाती है। चिकित्सकों द्वारा प्रत्येक मरीज की जान बचाने के पूरे प्रयास किये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिरमौर एवं मऊगंज में ब्लड स्टोरेज यूनिट की अधोसंरचना एवं उपकरणों की व्यवस्था कर दी गई है, लायसेंस की कार्यवाही प्रक्रिया में है। शासन के द्वारा प्रदाय किये गये बजट का उपयोग कर लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टॉफ नर्स में मेल के पद में भर्ती किया जाना
147. ( क्र. 2775 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 28.03.2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 65 (क्रमांक 7013) के प्रश्नांश (क) से (घ) का दिया गया। उत्तर यदि सही है, तो म.प्र. सरकार द्वारा कितने जर्नल प्रशिक्षण केन्द्र एवं बी.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालय संचालित कर प्रशिक्षण पुरूष एवं महिला प्रशिक्षणार्थियों को दिये जा रहे हैं? इनमें से कितने प्रायवेट एवं कितने शासकीय है? प्रायवेट नर्सिंग एवं बी.एस.सी. महाविद्यालय प्रायवेट कितने संचालित हैं, जिनमें पुरूष (मेल) को नर्सिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय में पुरूष वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने की अनुमति शासन द्वारा प्रदान की गई है, तो क्या प्रशिक्षण उपरान्त शासकीय नौकरी के लिये पात्र नहीं है? अगर हैं तो मेल नर्स के भर्ती हेतु कार्ययोजना शासन द्वारा विस्तृत रूप से तैयार की है? अगर की है तो विवरण देवें? अगर कार्ययोजना तैयार नहीं की गई तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, म.प्र. शासन एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्रों एवं बी.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालयों में केवल महिलाओं को ही प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में प्रचलित विभागीय भर्ती नियम के अंतर्गत केवल महिलाओं को ही स्टॉफ नर्स के पद पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं, म.प्र. शासन एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित जर्नल नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्रों एवं बी.एस.सी नर्सिंग महाविद्यालयों में पुरूष वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने की अनुमति शासन द्वारा प्रदान नहीं की गई है। संचालनालय स्तर पर प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में स्टॉफ नर्सों के कुल स्वीकृत पद संख्या में से 10 प्रतिशत पदों पर पुरूष स्टॉफ नर्स को नियुक्त किये जाने संबंधी प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रचलित है। शासन से नस्ति प्राप्त होने के उपरांत ही आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
वनाधिकार हक प्रमाण-पत्र की जानकारी
148. ( क्र. 2791 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 72 (क्रमांक 1823) उत्तर दिनांक 18.12.2015 के संदर्भ में 301 में से शेष 53 के पी.डी.ए. के सर्वे की कार्य प्रगति पर थी कि प्रश्न दिनांक तक प्रगति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पी.डी.ए. सर्वे में शासन से लंबित हक प्रमाण-पत्र के वितरण की समय-सीमा 15.11.2015 नियत की गई थी क्या इसे बढ़ाया गया है? यदि हाँ, तो कितने हक प्रमाण-पत्र नियत दिनांक के बाद निपटाये जा चुके हैं? (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में नियत समय-सीमा आगे नहीं बढ़ाई गई है तो कैसे बढ़ाई जायेगी? नियम बतावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत शेष 53 दावे में से 31 का पी.डी.ए. सर्वे किया जाकर हक प्रमाण-पत्रों का वितरण किया जा चुका है। शेष 22 प्रकरणों में से 1 व्यक्ति की मृत्यु होने से पी.डी.ए. सर्वे नहीं किया गया है। 21 प्रकरणों में आवेदक द्वारा काबिज वन भूमि रिकार्ड में म.प्र. शासन दर्ज होने के कारण वन और राजस्व विभाग के अभिलेखों से भूमि वन भूमि है या राजस्व भूमि बाबत् छानबीन की जा रही है। छानबीन उपरांत पी.डी.ए. सर्वे किया जाकर हक प्रमाण-पत्र वितरित किये जावेंगे। (ख) जी हाँ। 31 हक प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया है। (ग) मान्य दावों के हक प्रमाण-पत्रों के वितरण यथाशीघ्र कराने हेतु समय-समय पर जिलों को निर्देश दिये गये हैं, इस हेतु कोई अंतिम समय-सीमा निर्धारित नहीं है।
मान्यता की जाँच
149. ( क्र. 2797 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.बी.एस.ई. स्कूल तथा मा.शि.म. भोपाल से संबद्ध विद्यालयों के 10 फीसदी स्कूल के मान्यता की रेण्डम जाँच विद्यालय मापदण्ड के अनुसार संचालित हैं या नहीं की जाँच कराने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो रीवा जिले में मापदण्ड के पालन में जाँच का प्रस्ताव कलेक्टर रीवा के समक्ष पेश किया गया? यदि हाँ, तो कलेक्टर रीवा किससे जाँच करा रहे हैं? बतावें। यदि नहीं, तो कब तक पेश कर किससे जाँच करवाई जावेगी? (ख) क्या सी.बी.एस.ई. स्कूलों को आर.टी.ई. एक्ट के तहत संचालित पाठ्यक्रम के सिलेबस एवं पुस्तकों से संबंधी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो लोड है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? क्या लोड कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या ज्योति हायर सेकण्डरी स्कूल रीवा के प्रबंधन द्वारा वर्ष 2016-17 में प्रवेश के लिये अपनाई गई ऑन-लाईन प्रक्रिया के एडमीशन में डी.ई.ओ के दो प्रतिनिधि की उपस्थिति में लॉटरी सिस्टम से प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण किया जाना था? यदि हाँ, तो क्या पालन किया गया? यदि नहीं, तो उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, की जावेगी तो क्या, कब तक? (घ) क्या रीवा जिले के स्थानीय बोदाबाग में संचालित नर्सरी से प्रायमरी ज्योति स्कूल के ब्रांच की मान्यता नहीं है? यदि हाँ, तो इसके जाँच के लिये डी.ई.ओ. रीवा द्वारा तीन प्राचार्यों की कमेटी बनाकर जाँच कराई गई थी? जाँच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? पत्र सहित अवगत करावें? नहीं की गई तो क्यों? की जावेगी तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर, रीवा व्दारा मान्यता संबंधी मापदण्ड जाँच हेतु कोर्ट निर्देश पत्र आदि प्राप्त नहीं हुये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शिक्षा का अधिकार अधिनियम में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) ज्योति हायर सेकण्डरी स्कूल रीवा व्दारा वर्ष 2016-17 में प्रवेश संबंधी ऑन-लाईन प्रक्रिया की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी रीवा को नहीं दी गई थी, जिससे शेष बिन्दु का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संस्था अल्पसंख्यक होने से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान प्रभावशील नहीं है। (घ) बोदाबाग में संचालित अशासकीय ज्योति स्कूल की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करना
150. ( क्र. 2798 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-105 (क्रमांक 2789) दिनांक 1 मार्च 2016 के प्रश्नांश (क) में जिला शिक्षा केन्द्र रीवा के आदेश क्रमांक 1709 एवं 1710 दिनांक 10.12.2015 के कस्तूरबा गाँधी छात्रावास बेलवा पैकान में वार्डन परिवर्तन का आदेश जारी हुआ था? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में क्या बेलवा पैकान के वार्डन परिवर्तन के नस्ती में कलेक्टर रीवा द्वारा श्रीमती आशा चतुर्वेदी का अनुमोदन दिनांक 10.12.2015 को किया जबकि डी.पी.सी. द्वारा आदेश क्रमांक 1709 (ए) रीवा दिनांक 10.12.2015 के द्वारा श्रीमती साधना मिश्रा का आदेश जारी किया? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के पूर्व प्रश्न क्रमांक 2789 उत्तर दिनांक 01 मार्च 2016 के ''घ'' में श्रीमती आशा चतुर्वेदी का अनुमोदन कलेक्टर द्वारा दिनांक 10.12.2015 को दिया गया श्रीमती साधना मिश्रा को कलेक्टर रीवा के आदेश दिनांक 19.07.2010 के द्वारा जिसके विरूद्ध स्थगन आदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी था माननीय उच्च न्यायालय का अंतिम आदेश 09.10.2015 को समाप्त हो गया? (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में कलेक्टर रीवा का आदेश 19.07.2010 तथा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 09.10.2015 को अंतिम आदेश के उपरांत कलेक्टर द्वारा 10.12.2015 के अनुमोदन से आशा चतुर्वेदी का आदेश जारी किया गया था तो साधना मिश्रा का आदेश क्रमांक 1709 (ए) दिनांक 10.12.2015 क्यों जारी किया गया? (ड.) प्रश्नांश ''घ'' के संदर्भ में आदेश क्रमांक 1709 (ए) दिनांक 10.12.2015 का अनुमोदन कलेक्टर द्वारा लिया गया है? यदि हाँ, तो कॉपी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कलेक्टर का आदेश बदलने का अधिकार डी.पी.सी. को है? यदि हाँ, तो नियम उपलब्ध करावें? (च) प्रश्नांश ''घ'' के संदर्भ में कौन दोषी है? क्या दोषी को चिन्हित कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी/10632/10 में दिनांक 09.10.2015 को अंतिम आदेश होने के कारण स्थगन आदेश समाप्त हो गया है। (घ) कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय बेलवा पैकान में कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक रीवा के आदेश क्रमांक/जिशिके/एनपीईजीएल/2010/1084 रीवा दिनांक 19.7.2010 द्वारा श्रीमती साधना मिश्रा अध्यापिका माध्यमिक शाला कन्या बैलवा पैकान को वार्डन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रकरण क्रमांक/डब्ल्यूपी/10632/10 अन्य आवेदिका श्रीमती कलावती मिश्रा द्वारा दिनांक 9.8.2010 को उक्त आदेश क्रमांक-1084 पर स्थगन प्राप्त किया गया है। माननीय न्यायालय के निर्देशों के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के आदेश क्रमांक जिशिके/जेण्डर/2011/2578 रीवा दिनांक 24.10.2011 को श्रीमती कलावती मिश्रा को वार्डन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। जिसमें उल्लेखित था कि यह प्रभार माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी/10632/2010 के निर्णय पर निर्भर रहेगा। श्रीमती कलावती मिश्रा माननीय न्यायालय के स्थगन के कारण वार्डन के अतिरिक्त प्रभार पर कार्यरत रही। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी/10632/ 2010 में दिनांक 9.10.2015 को अंतिम आदेश होने के कारण स्थगन समाप्त हो गया है। जिसमें श्रीमती कलावती मिश्रा की अपील को माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त किया गया। श्रीमती कलावती मिश्रा कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय बेलवा पैकान में दिनांक - 24.10.11 से 25.1.2016 तक वार्डन के अतिरिक्त प्रभार पर रही। माननीय न्यायालय से श्रीमती कलावती मिश्रा का स्थगन डिसमिस कर दिये जाने के कारण कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक का श्रीमती साधना मिश्रा को वार्डन नियुक्त किये जाने संबंधी पूर्व आदेश स्वतः प्रभावशील हो जाने के कारण श्रीमती आशा चतुर्वेदी के संबंध में पूर्व में लिये गये अनुमोदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ङ) प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर अनुसार। इसी क्रम में जिला कार्यालय के आदेश क्र./जि.शि.के./बा.शि./2016/2328 दिनांक 27.02.2016 द्वारा कलेक्टर से अनुमोदन प्राप्त कर श्रीमती साधना मिश्रा अध्यापिका, माध्यमिक शाला कन्या बैलवा पैकान को कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय बैलवा पैकान का अतिरिक्त प्रभार सौपने का आदेश जारी किया गया है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं है। (च) प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में कार्यवाही की गई है। अतः प्रश्नांश के शेष अंश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तंवर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करना
151. ( क्र. 2813 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर तंवर जाति के लोग पाये जाते हैं, उसकी सूची दी जावे? उक्त तंवर जाति को खरगोन जिले में किस जाति में शामिल किया गया है? माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के रिट पिटीशन क्रमांक 309/09 (39581/15-06-2009 एवं मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति आयोग, भोपाल के पत्र क्रमांक अन्वोक/4/26/140 भोपाल, दिनांक 23/06/1988 द्वारा तंवर को संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिये अनुसूचित जनजाति में घोषित है तो मध्यप्रदेश का निमाड़ क्षेत्र इस लाभ से वंचित क्यों है? (ख) क्या शासन इस समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने पर कोई विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक किया जावेगा? क्या राज्य शासन तंवर जाति को अनुसूचित जन जाति में शामिल करने के लिये कोई नोटिफिकेशन जारी करने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा तंवर जाति को अनुसूचित जन जाति में शामिल करने के लिये एवं नोटिफिकेशन जारी करने के लिये क्या पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो तद्संबंध में क्या कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) तंवर जाति म.प्र. राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमांक 20 पर कंवर के साथ अधिसूचित है। जो संपूर्ण म.प्र. राज्य के लिए अनुसूचित जनजाति मान्य है। जिसे अनुसूचित जनजाति का लाभ देय है। तंवर जाति कंवर जनजाति के साथ अधिसूचित है इसलिए तंवर के पृथक से जनसंख्या संबंधी आंकड़े संधारित नहीं है। (ख) एवं (ग) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुद्रण हेतु व्यय राशि
152. ( क्र. 2836 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग के अंतर्गत म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा विगत 01 अप्रैल, 2014 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री का मुद्रण (प्रिटिंग) का कार्य किन-किन संस्थानों से कितनी लागत का कराया गया? (ख) क्या राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार 25 हजार रूपये से अधिक राशि के मुद्रण संबंधी कार्य शासकीय मुद्रणालय से कराये जाने के निर्देश हैं इसके बाद भी प्रायवेट मुद्रणालयों से अधिक दर पर कार्य कराये जाने में शासकीय मुद्रणालय से अनापत्ति प्राप्त नहीं करके वित्तीय अनियमिताएं की गई हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए उत्तरदायी कौन है? क्या संबंधितों के विरूद्ध जाँचकर कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) 01 अप्रैल 2014 से आज दिनांक तक जो-जो सामग्री, जिन-जिन संस्थानों से जितनी लागत में मुद्रित कराई गई है, उसकी सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) म.प्र. शासन वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-6 15/2012/अ-ग्यारह, भोपाल दिनांक 14.01.2015 द्वारा भण्डार क्रय नियम के अंतर्गत वित्तीय सीमाओं का निर्धारण किया गया है जो निम्नानुसार हैः-
क्र. विवरण निर्धारित सीमा (रूपये में)
1. बिना कोटेशन के सामग्री का क्रय रू. 15,000/- तक
2. विभागीय क्रय समिति द्वारा क्रय रू. 15,000/- से अधिक पर रू. 1,00,000/- तक
3. सीमित निविदा रू. 1.00 लाख से अधिक पर रू. 5.00 लाख तक
4. खुली निविदा रू. 5.00 लाख से अधिक
उपरोक्त नियमों के तहत सामग्री क्रय/मुद्रण का कार्य कराया गया। अनियमितता का प्रश्न न होने से उत्तदायित्व निर्धारण एवं जाँच कराने का प्रश्न नहीं है।
स्वीकृत आदिवासी विकास परियोजना के आवंटन की जानकारी
153. ( क्र. 2840 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना डिण्डौरी को वर्षवार विभिन्न मदों से कितनी राशि प्राप्त होना थी तथा कितनी राशि प्रदाय की गयी? (ख) क्या 2014-15 एवं 2015-16 में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना डिण्डौरी को प्रस्तावित प्रावधान के अनुसार राशि नहीं मिली। अगर हाँ तो बतावें इसके लिए कौन जिम्मेदार है, क्या शेष राशि इस वित्तीय वर्ष में दी जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना डिण्डौरी को वर्षवार विभिन्न मदों से प्राप्त होने वाली प्रस्तावित राशि तथा प्राप्त हुई राशि की जानकारी निम्नानुसार है -
(राशि रू. लाख में)
वर्ष |
मद |
संचालनालय द्वारा कार्य-योजना हेतु प्रस्तावित राशि |
भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव |
प्राप्त आवंटन |
2014-15 |
विशेष
केन्द्रीय
सहायता |
311.18 |
311.10 |
114.91 |
विशेष
केन्द्रीय
सहायता |
166.74 |
166.71 |
41.68 |
|
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
360.90 |
360.80 |
73.38 |
|
योग - |
838.82 |
838.61 |
229.43 |
|
2015-16 |
विशेष
केन्द्रीय
सहायता |
132.74 |
132.74 |
50.00 |
विशेष
केन्द्रीय
सहायता |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
|
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
60.72 |
60.72 |
60.72 |
|
योग - |
193.46 |
193.46 |
110.72 |
(ख) परियोजनाओं को राशि का आवंटन, भारत सरकार द्वारा परियोजनाओं द्वारा प्रस्तावित कार्य योजनाओं की स्वीकृति पर निर्भर करता है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय स्तर पर गठित प्रोजेक्ट एप्रेजल कमेटी द्वारा आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतर्गत राज्य शासन द्वारा प्रेषित प्रस्तावों में से कुछ योजनाओं को अमान्य किया गया है तथा कुछ योजनाओं हेतु प्रस्तावित राशि से कम राशि अनुमोदित की गई है। इस कारण परियोजना डिण्डौरी को प्रस्तावित राशि से कम राशि आवंटित हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय हाई स्कूल उ.मा.वि. एवं उत्कृष्ट विद्यालयों में खरीदी
154. ( क्र. 2841 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में डिण्डौरी जिले के सभी हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल, उत्कृष्ट विद्यालय में विभिन्न मदों से कितनी-कितनी राशि दी गयी? वर्षवार, विद्यालयवार जानकारी बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से क्या-क्या कार्य किया गया? व्यय की जानकारी विद्यालयवार, राशिवार, वर्षवार बतावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) डिण्डौरी जिले की प्रश्नांकित संस्थाएं की वित्तीय वर्ष 2014-15 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' तथा 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए आवंटन निरंक है। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''स-1'' तथा 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' एवं ''द-1'' अनुसार है।
प्रायवेट स्कूलों की मान्यता
155. ( क्र. 2846 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रायवेट स्कूलों की मान्यता के नियम/मापदण्ड हैं? (ख) यदि किसी शर्त की पूर्ति नहीं होती या शर्त भंग होती है तो क्या मान्यता निरस्त करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो यह मान्यता किसके द्वारा निरस्त की जायेगी? (ग) क्या स्कूलों की मान्यता की जाँच के लिए जिला स्तर पर कोई कमेटी बनाई गयी है? यदि हाँ, तो उसमें किस-किस अधिकारी को रखा गया है? (घ) छतरपुर जिले में कुल प्रायवेट कितने स्कूल हैं तथा उसमें से विगत एक वर्ष में कितने की मान्यता निरस्त की है एवं किन कारणों से की गई है? कारण बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। हाई स्कूल एवं उ.मा.वि. शालाओं हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। मान्यता शर्त की पूर्ति न किये जाने की स्थिति में मान्यता निरस्त करने के अधिकार जिला कलेक्टर को है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) छतरपुर जिले में कुल 715 अशासकीय विद्यालय मान्यता प्राप्त है। उनमें से विगत वर्ष एक विद्यालय सरदार भगत सिंह उ.मा.वि. की मान्यता, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति भुगतान में की गई अनियमितताओं के कारण जाँच उपरांत निलंबित की गई है।
छतरपुर जिले में संचालित छात्रावासों में सुविधाएं
156. ( क्र. 2847 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के कितने छात्रावास छतरपुर जिले में संचालित है? (ख) दोनों ही जातियों के छात्रावासों में क्या-क्या सुविधायें छात्रों को दी जाती है? (ग) क्या दोनों ही छात्रावासों के छात्रों में दी जाने वाली सुविधाओं में कोई अंतर है यदि हाँ, तो क्या? (घ) चंदला विधान सभा क्षेत्र में संचालित होने वाले छात्रावासों के नाम सहित स्थान बतलायें एवं उनमें नियमित अधीक्षक के पद भरे हुए हैं या नहीं यदि नहीं, तो यह कब तक भरे जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में अनुसूचित जनजाति के 13 एवं अनुसूचित जाति के 72 छात्रावास/आश्रम संचालित हैं। (ख) अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में निवास, भोजन, खेलकूद, पॉकेट मनी, मनोरंजन तथा अनुसूचित जाति छात्रावासों में नि:शुल्क आवासीय सुविधा, छात्रावासों में मैस संचालन हेतु शिष्यवृत्ति, इसके अलावा बिस्तर सामग्री, खानपान व्यवस्था हेतु सामग्री, खेलकूद सामग्री, लाइब्रेरी, समाचार पत्र, उत्कृष्ट छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों को स्टेशनरी एवं कोचिंग आदि की सुविधायें प्रदान की जाती हैं। (ग) जी नहीं। (घ) अनुसूचित जनजाति अन्तर्गत चंदला विधान सभा क्षेत्र में 14 छात्रावासों में से 09 छात्रावासों में नियमित अधीक्षक पदस्थ हैं एवं 03 छात्रावासों में संविदा शिक्षक वर्ग-3 के अधीक्षक पदस्थ हैं तथा 02 छात्रावास अतिरिक्त प्रभार में हैं। अनुसूचित जाति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दो छात्रावासों अतिरिक्त प्रभार में हैं, जिनकी पूर्ति व्यापम परीक्षा से संविदा शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 का चयन होने के उपरान्त पद पूर्ति की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कन्या हाई स्कूल की स्वीकृति
157. ( क्र. 2859 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम लोहारी, जामला एवं गुजारी के छात्राओं को अध्ययन करने के लिये पाँच से सात किलो मीटर के अंतर्गत कोई भी कन्या हाई स्कूल नहीं है तो क्या इस संबंध में ग्राम लोहारी में नवीन कन्या हाई स्कूल प्रारंभ करने की कार्यवाही की गई है? हाँ तो बतायें नहीं तो क्यों, कारण बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों की छात्राओं के भविष्य को देखते हुए उक्त हाई स्कूल प्रारंभ करने की स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त हाई स्कूलों खोलने के लिये पत्र प्राप्त हुआ है, हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या कार्यवाही की गई तथा अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) क्या कन्याओं के अध्ययन हेतु प्राथमिकता के आधार पर शासन उक्त कन्या हाई स्कूल ग्राम लोहारी में प्रारंभ करने हेतु संबंधित विभाग को निर्देशित करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ग्राम लोहरी से तीन कि.मी. की दूरी पर शा.उ.मा.वि. बरसलाय ( सहशिक्षा ) संचालित है। जिसमें छात्राएं भी अध्ययनरत हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांक ’’क’’ अनुसार। जी हाँ। निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र न होने से कार्यवाही नहीं की गई। (ग) कन्या शाला हेतु पृथक से शासन नीति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहिन स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति
158. ( क्र. 2860 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बलखडिया, अंदड, भीकनगांव में हाई स्कूल एवं ग्राम भोईदा एवं रेगवां में हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है जो भवन विहिन है तो क्या उक्त हाई स्कूलों के भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये है? हाँ तो कब और उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? नहीं तो जवाबदेही सुनिश्चित कर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? हाँ तो बतायें। नहीं तो क्यों? (ख) उक्त सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के अध्ययन हेतु भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति जारी कर कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड भीकनगांव की शासकीय हाई स्कूल अदंड में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 4 कक्ष एवं 1 शौचालय निर्मित किए गए हैं, जिसमें वर्तमान में शाला का संचालन किया जा रहा है। ग्राम बलखडि़या (भीकनगांव) व ग्राम भोइंदा में हाई स्कूल एवं रेगवां में हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है। जिले से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर भारत शासन को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। भारत शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। वर्तमान में ये विद्यालय माध्यमिक शाला भवन में संचालित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भवन निर्माण सक्षम स्वीकृति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मण्डला जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं
159. ( क्र. 2865 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के जिला चिकित्सालय में मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु आधुनिक मशीनें जैसे सी.टी. स्कैन, एम.आर.आई., डायलसिस आदि कौन-कौन सी मशीन कब-कब, कितनी-कितनी राशि से क्रय की गयी? क्या ये विधिवत् काम कर रही है तथा रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो विशेषज्ञ चिकित्सक एवं टेक्नीशियन का नाम बतावें कि कौन-कौन सी मशीन कौन-कौन ऑपरेट कर रहा है? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बम्हनी बंजर जिले का सबसे बड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिसमें लगभग 176 ग्रामों के लोग चिकित्सा संबंधी सेवाएं लेते हैं? यहाँ स्वीकृत डॉक्टरों के 5 में से 1 ही कार्यरत हैं जो बी.एम.ओ. के चार्ज में है ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प है और 30 बिस्तर का अस्पताल स्वीकृत हैं जिसका भवन बनकर तैयार है। डॉ. की कमी से सेवाएं कैसे होगी? यहाँ कब तक डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की स्थापना हो जायेगी? समय-सीमा बतायें। (घ) चाही गयी डॉक्टरों की पदस्थापना उपरांत प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित क्षेत्र की जनमांग के आधार पर 100 बिस्तर के अस्पताल को कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बम्हरी बंजर के अधीन विशेषज्ञों एवं चिकित्सा अधिकारियों के कुल 07 पद स्वीकृत है सी.बी.एम.ओ. 01, चिकित्सा अधिकारी 02 तथा आयुष चिकित्सा अधिकारी 01 पदस्थ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बम्हनी बंजर के माध्यम से समुचित स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। वर्ष 2015-16 के दौरान सेवा प्रदायगी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’स’’ अनुसार है। विशेषज्ञों एवं चिकित्सा अधिकारी तथा पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों को भरने के प्रयास निरंतर जारी है। यथासंभव शीघ्र। (घ) प्रस्ताव विचाराधीन है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
एकलव्य आवासीय विद्यालय
160. ( क्र. 2866 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्राचार्य शासकीय कन्या हाई स्कूल सिझौरा जिला मण्डला के पत्र क्र. 22 दिनांक 18.10.2014 में यह बताया गया कि श्री वीरेन्द्र अग्निहोत्री विगत् 4 वर्षों से अतिथि शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय सिझौरा मण्डला का केशबुक के व्हाउचर क्र. 22 दिनांक 19.05.2010 में श्री वीरेन्द्र अग्निहोत्री अतिथि शिक्षक वर्ग-2 को वेतन 4/2010 को 7280 रूपये का भुगतान किया गया है और केश बुक के अनेक स्थानों में वीरेन्द्र अग्निहोत्री अतिथि शिक्षक को वेतन भुगतान किया गया है? क्या एक व्यक्ति एक साथ दो संस्थाओं में एक साथ कार्य कर सकता है? दोषी अधिकारी का नाम पद नाम बतायें? (ख) सत्र 2013-14 में ई.एम.आर.एस. सिझौरा के स्टाक पंजी में क्रय सामग्री का वितरण व्यवसायिक शिक्षा के अतिथि शिक्षक श्री संतोष पटेल को कम्बल, चादर, तकिया, गद्दे, पलंग एक्वा वाटर फिल्टर आर.ओ.यू.व्ही. एवं अन्य क्रय सामग्री प्रदाय की गयी है? किस नियम के तहत? क्या कारण है? जबकि प्राचार्य व्यवसायिक शिक्षा अलग यूनिट है जिसका आहरण संवितरण अधिकारी अलग एवं बजट आवंटन भी अलग है तथा सभी व्यवस्थायें स्वतंत्र रूप से है। अनियमितता के दोषी अधिकारी का नाम पद नाम बतायें? (ग) सामग्री क्रय नहीं की जाने और सामग्री प्राप्त कर वितरण दिखाए जाने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मण्डला तत्कालीन आहरण संवितरण अधिकारी एवं प्राचार्य व्यवसायिक शिक्षा सिझौरा की मिलीभगत से शासन को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाने एवं आदिवासी छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर प्राथमिकी दर्ज कर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) श्री वीरेन्द्र अग्निहोत्री को अतिरिक्त्ा समय अर्थात विद्यालयीन समय के पश्चात् कोचिंग कक्षाओं में अध्यापन कराने हेतु रूपये 7280.00 तथा इसके पश्चात् समय-समय पर भुगतान किया गया, परन्तु एक व्यक्ति को दो संस्थाओं में एक साथ भुगतान नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्राचार्य व्यवसायिक शिक्षा केन्द्र एवं प्राचार्य एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का प्रभार एक ही प्राचार्य को प्रदत्त होने से श्री संतोष पटेल अतिथि शिक्षक को सामग्री वितरण हेतु प्रदाय की गई। सामग्री वितरण में कोई अनियमितता नहीं की गई। अत: दोषी होने का प्रश्न ही नहीं है। (ग) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा में सामग्री नियमानुसार क्रय की गई है, जिसे स्टॉक पंजी में दर्ज किया गया है एवं उसके अनुरूप ही भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनाधिकृत रूप से किए जा रहे पत्र व्यवहार पर शासन द्वारा रोक
161. ( क्र. 2880 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा सीधे तौर पर जिला कलेक्टरों, एस.डी.एम. सहित अन्य शासकीय अधिकारियों को पत्र लिखे हैं? यदि हाँ, तो जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन कलेक्टर एवं शासकीय अधिकारियों को किस-किस बाबत् पत्र व्यवहार किया गया तथा वक्फ एक्ट अथवा वक्फ नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत अध्यक्ष वक्फ बोर्ड को शासकीय कार्यालयों, जिला कलेक्टरों तथा अन्य शासकीय अधिकारियों से पत्र व्यवहार किये जाने की अधिकारिता है? (ख) यदि नहीं, तो क्या अध्यक्ष वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध एवं अनाधिकृत रूप से किए जा रहे पत्र व्यवहार पर अंकुश लगाने हेतु तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड द्वारा दिनांक 17 मार्च, 2016 को शासन को पत्र भेजा था? (ग) यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा अध्यक्ष वक्फ बोर्ड के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित यह अवगत करावें कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पत्र को लंबित रखने एवं अध्यक्ष द्वारा नियम विरूद्ध किए जा रहे कृत्यों को बढ़ावा देने वाले शासन स्तर के कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं, उनके एवं अध्यक्ष वक्फ बोर्ड के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में अध्यक्ष वक्फ बोर्ड द्वारा विभिन्न कलेक्टर, एस.डी.एम. एवं अन्य शासकीय अधिकारियों को अध्यक्ष वक्फ बोर्ड (केबिनेट मंत्री दर्जा) की हैसियत से वक्फ संपत्ति की सुरक्षा व्यवस्था तथा उन पर हो रहे अतिक्रमणों एवं अन्य कार्यवाही के संबंध में पत्र जारी किये गये जिनकी छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वक्फ अधिनियम एवं नियमों में अध्यक्ष वक्फ बोर्ड द्वारा पत्राचार किये जाने को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। (ख) वक्फ बोर्ड अध्यक्ष द्वारा पत्र लिखना प्रतिबंधित नहीं है। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी का संदर्भित पत्र शासन को प्राप्त हुआ है। (ग) अध्यक्ष वक्फ बोर्ड के पत्रों पर परीक्षण किया जा रहा है। नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाणिज्य संकाय को प्रारंभ कराना
162. ( क्र. 2887 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्र के कस्बा ढोढर में संचालित हायर सेकण्डरी स्कूल में किन-किन संकाय के विषयों की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध है? (ख) क्या उक्त स्कूल में वर्तमान तक मात्र कृषि संकाय की ही सुविधा उपलब्ध है? कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के विषयों की सुविधा, उपलब्ध नहीं हैं? कब तक ये सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) क्या उक्त स्कूल के विद्यार्थी हाई स्कूल पास-आउट होने के बाद या तो जिला मुख्यालय अथवा अन्यत्र जिले में एडमीशन लेने को विवश होते हैं? (घ) क्या उक्त स्कूल में भवन फर्नीचर व अन्य सुविधाएं पूर्व से उपलब्ध हैं इस कारण उक्त तीनों संकायों को प्रारंभ करने में संकायवार एक-एक व्याख्याता को पदस्थ करने की आवश्यकता है? (ड.) यदि हाँ, तो उक्त विद्यार्थियों के हित के मद्देनजर उक्त संकाय प्रारंभ करने पर शासन विचार करेगा व इसी शिक्षा सत्र से प्रांरभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्र में कस्बा में ढोढर में संचालित हायर सेकण्डरी स्कूल में कृषि तथा कलॉ संकाय संचालित है। (ख) जी नहीं उतरांश ''क'' अनुसार। बजट प्रावधान एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। (ग) जी नहीं। छात्र अपनी इच्छानुसार एडमीशन लेते है। (घ) एवं (ड.) शा.उ.मा.वि. ढोढर में भवन तथा अन्य सुविधा उपलबध है, केबल फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। अतिरिक्त संकाय हेतु पदों की स्वीकृति बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा।
सिंहस्थ, 2016 में खर्च राशि एवं मरीजों को प्राप्त सुविधाएं
163. ( क्र. 2908 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ, 2016 के मद में कुल कितना पैसा विभाग को प्राप्त हुआ एवं किस-किस मद में कितना-कितना पैसा खर्च किया गया? (ख) सिंहस्थ, 2016 के दौरान कितनी राशि की दवा एवं सर्जीकल सामग्री खरीदी गई? खरीदी गई दवा एवं सर्जीकल सामग्री किस सप्लायर द्वारा प्रदाय की गई खरीदी गई सामग्री के निर्माता कंपनी का नाम, दर, मात्रा अन्य दवा/सामग्री का नाम सहित सूची देवें? (ग) सिंहस्थ 2016 के दौरान बनाये गये स्वास्थ केन्द्र/अस्पताल इत्यादि पर कुल कितने मरीज इलाज हेतु दर्ज किये गये तथा सिंहस्थ 2016 के दौरान कितने धार्मिक दर्शनार्थी की मौत हुई उनके नाम पते सहित सूची देवें तथा बतावें कि मृत्यु का कारण क्या था तथा उन्हें कितना मुआवजा दिया गया? (घ) सिंहस्थ 2016 के दौरान कितने चिकित्सक तथा पैरामेडिकल स्टॉफ को नियुक्त किया गया था तथा उनको भत्ते इत्यादि के रूप में कितना भुगतान किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
164. ( क्र. 2909 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कर्मचारी राज्य बीमा क्षय चिकित्सालय इंदौर में वित्त विभाग के अनुसार नाक, कान, गला विशेषज्ञ के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी देते हुये इन पदों पर एवं चिकित्सालय में कार्यरत नाक, कान, गला विशेषज्ञ चिकित्सकों की जानकारी श्रेणीवार, नाम, पद एवं कार्यरत अवधि सहित प्रदान करें? (ख) क्या कर्मचारी राज्य बीमा क्षय चिकित्सालय इन्दौर द्वारा किसी नाक, कान, गला विशेषज्ञ प्रथम श्रेणी चिकित्सक का वेतन आहरण वित्त विभाग की स्वीकृति के बिना किया जा रहा है? जिस पर कोषालय द्वारा आपत्ति दर्ज की गई है? (ग) प्रश्नांक (ख) का उत्तर हाँ है, तो किसके आदेश से एवं नहीं तो विगत विधान सभा सत्र के दौरान परि. अता. प्रश्न संख्या 94 (क्रमांक 7322) दिनांक 30 मार्च 2016 (ग) के प्रति उत्तर में कोषालय द्वारा कोई आपत्ति नहीं ली गई थी किस आधार पर दी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में इतने लम्बे समय से वित्त विभाग के स्वीकृति बिना वेतन आहरित करने वाले अधिकारी एवं वेतन आहरण आदेश प्रदान करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कर्मचारी राज्य बीमा क्षय चिकित्सालय, इन्दौर में वित्त विभाग के अनुसार नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञ का कोई पद स्वीकृत नहीं है तथा शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ, कोषालय द्वारा आपत्ति ली गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) म.प्र. शासन श्रम विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक 1224/1094/बी-16, दिनांक 13/08/2010 द्वारा डॉ. प्रकाश तारे, नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार तथा संचालनालय, कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय सेवायें के पत्र क्रमांक/स्था/वि./2010/9827, दिनांक 01/10/2010 द्वारा डॉ. पंकाश तारे का वेतन आहरण की कार्यवाही क्षय चिकित्सालय से करना सुनिश्चित करने हेतु आदेश दिये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। (घ) इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध जिम्मेदारी तय कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
प्रश्न क्र. 6162 के उत्तर से संबंधित
165. ( क्र. 2912 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 6162 तारांकित दिनांक 16.03.16 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ग) के उत्तर परिशिष्ट क्र.-01 के अनुसार विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी को माध्यमिक शिक्षा अभियान से रू. 22.02 लाख एवं राज्य बजट से प्रदाय राशि रू. 19.71 लाख योग रू. 41.73 लाख वर्ष 2014-15 में प्राप्त हुए का उत्तर दिया है? (ख) यदि (क) का उत्तर हाँ में है तो कुल प्राप्त राशि में से कहाँ-कहाँ क्या कराये गये, कार्यों की जानकारी, शाला का नाम, राशि विवरण क्रियान्वयन एजेंसी का नाम, टेंडर की प्रति, कार्य आदेश दिनांक कार्य पूर्ण अवधि दिनांक, प्राक्कलन प्रति आदि सहित दी जावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखानुसार कार्य समय पर पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं? तो क्यों कारण बतावें व इस हेतु कौन जवाबदार है व शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है, कार्य शाला विकास प्रबंधन समिति द्वारा कराए गए हैं। अत: टेंडर जारी नहीं किए गए। प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन स्थापित करना
166. ( क्र. 2936 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या-1 (क्रमांक 7310) दिनांक 28 मार्च 2016 के उत्तर की कंडिका (ग) में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ को माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा जारी किये गये निर्देशों के अनुक्रम में उनके द्वारा सिविल अस्पताल ब्यावरा हेतु सोनोग्राफी मशीन क्रय करने के लिये मेसर्स सुभाष फार्मा इन्दौर को सप्लाई आदेश क्रमांक 6104 दिनांक 01.05.2016 दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या सिविल अस्पताल ब्यावरा में प्रश्न दिनांक तक सोनोग्राफी मशीन प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो ऐसे क्या कारण हैं जिनमें माननीय मंत्री जी के निर्देशों के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक सोनोग्राफी मशीन प्रदान नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है तथा कब तक सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन सहित उसके संचालन हेतु तकनीशियन सोनोग्राफी मशीन की व्यवस्था कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। स्त्रीरोग/रेडियोलॉजी विषय के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट के मापदण्ड सुनिश्चित नहीं होने के कारण। (ख) पंजीयन की कार्यवाही होते ही सोनोग्राफी मशीन प्राप्त कर सुविधा प्रारंभ कर दी जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
समग्र एवं शिक्षा पोर्टल से छात्रवृत्ति की जानकारी
167. ( क्र. 2947 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 में समग्र शिक्षा वेबसाइट प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में समग्र शिक्षा वेबसाइट में हरदा जिले के कुल कितने विद्यार्थियों को पंजीकृत किया गया था वर्षवार एवं वर्गवार संख्या बताएँ? (ख) हरदा जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने शासकीय/अशासकीय विद्यार्थियों को विद्यालयों में चिन्हित करते हुए समग्र शिक्षा वेबसाइट में प्रविष्टि किया गया? (ग) जिला हरदा में समग्र पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में कौन से विभाग के कितने हितग्राहियों को विभिन्न छात्रवृत्तियों का लाभ दिया गया था? विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत छात्रवृत्ति एवं बालक, बालिकाओं एवं वर्गवार संख्या बताएं? (घ) जिला हरदा में समग्र शिक्षा पोर्टल में विगत वर्षों में छात्रवृत्ति नहीं मिलने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जिला हरदा अंतर्गत विगत वर्षों में विभिन्न माध्यमों से छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं होने संबंधित 108 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 93 शिकायतों का निराकरण किया गया है।
अध्यापक संवर्ग की मांगों का निराकरण
168. ( क्र. 2966 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक अक्टूबर 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के अध्यापक संवर्ग संघ/संगठनों ने अपनी किन-किन मांगों को लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी एवं स्कूल शिक्षा मंत्री जी को मांग पत्र/ज्ञापन सौंपे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में अध्यापक संवर्ग की किन-किन मांगों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई, कौन सी मांगे लंबित हैं तथा लंबित मांगों का निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) क्या शासन अध्यापक संवर्ग की महत्वपूर्ण मांगों संविलियन, छठवें वेतनमान, स्वतंत्र स्थानांतरण नीति आदि के संबंध में अध्यापक संवर्ग को लाभ प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) शासन को अध्यापक संवर्ग की मांगों के निराकण में क्या कठिनाई उत्पन्न हो रही है, स्पष्ट मांगवार बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग संघ/संगठनों ने शिक्षा विभाग में संविलियन, छठवें वेतनमान की विसंगति रहित गणना पत्र जारी करने एवं स्थानान्तरण नीति के संबध में जो मांग पत्र/ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री जी/स्कूल शिक्षा मंत्रीजी को संबोधित है का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन, छठवें वेतनमान की विसंगति रहित गणना पत्र जारी करने एवं स्थानान्तरण नीति के संबध में की गई मांगों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ’’ख’’ के उत्तर अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सभी मांगों का निराकरण एक सतत् प्रशासनिक प्रक्रिया है।
कांग्रेसनीत यूपीए-2 द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित मॉडल स्कूलों की योजना
169. ( क्र. 2967 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कांग्रेसनीत यूपीए-2 सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मॉडल स्कूलों को संचालित किये जाने की योजना प्रारंभ की गई थी, उक्त योजना आज म.प्र. सरकार में किस प्रगति पर है? (ख) यूपीए-2 सरकार द्वारा इस योजना के लिए राशि रूपये 600 करोड़ आवंटित की गई थी, उक्त राशि से 201 विकासखण्डों में 36-36 कमरों के भवन बनाये जाने थे, उक्त भवन बनाये गये अथवा नहीं? (ग) यदि 201 विकासखण्डों में भवन तैयार है तो उनमें शैक्षणिक गतिविधियां चालू हैं अथवा नहीं, यदि चालू की गई है तो कितने विकासखण्डों में?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन 201 स्थानों पर मॉडल स्कूल संचालित है। इन मॉडल स्कूलों के भवन निर्माण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन 201 मॉडल स्कूलों में से 197 स्थानों पर भवन निर्माण कार्य पी.आई.यू. द्वारा स्थानीय स्वीकृत निविदा दरों अनुसार कराये गये है/कराये जा रहे हैं। प्रगति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
बंद स्कूलों के विद्यार्थियों की शिक्षा व्यवस्था
170. ( क्र. 2969 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी भी कारण से किसी भी निजी स्कूल के बंद होने पर उसमें शिक्षा के अधिकार के तहत अध्ययनरत् विद्यार्थियों की शिक्षा जारी रखने के क्या प्रावधान हैं? (ख) बंद स्कूलों के समीपस्थ ही विद्यमान निजी स्कूलों में दाखिला करने से विद्यार्थियों को सुविधा रहेगी? क्या इसके लिये नियम बनाया गया है? (ग) रतलाम के बंद हुये जिनमणि स्कूल में शिक्षा के अधिकार के तहत कितने विद्यार्थी अध्ययनरत थे? उनका समायोजन कहाँ किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) किसी भी निजी स्कूल के बंद होने पर बच्चों को निकटतम विदयालयों में प्रवेश दिलाये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
ऑपरेशन किट खरीदी में अनियमितता
171. ( क्र. 2974 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्र. 5166 दिनांक 30.03.2016 का उत्तर सत्य दिया गया था? यदि हाँ, तो बतायें कि (1) उक्त सामग्री क्रय हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस फर्म की किस माध्यम से कब-कब किया गया? फर्म का नाम, पता बतायें? (2) क्या प्रदायकर्ता फर्म/दुकानदार/कंपनी को प्रदाय आदेश रजिस्टर्ड डाक से भेजे गये थे? यदि हाँ, तो क्रमांक, तिथि, पता बतायें? (3) क्या क्रय भंडार क्रय नियम 2015 से दिया गया या उसके पूर्व के लागू नियमों से दिया गया? (ख) उत्तर दिया गया है कि प्रदायकर्ता कंपनी विदेशी है तो क्या ओपन टेण्डर दिये गये? यदि हाँ, तो प्रमाण बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सत्र में क्रय की जाँच का आश्वासन विधान सभा में मंत्री जी द्वारा दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या जाँच रिपोर्ट प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो प्रति बतायें? यदि नहीं, तो विलंब का कारण बतायें? (घ) क्या जाँच समकक्ष अधिकारी से कराई जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो जाँच आदेश की प्रति बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, (1) क्रय की गई सामग्री हेतु भुगतान की गई राशि एवं संबंधित फर्मों का नाम, पता पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (2) म.प्र. लघु उद्योग निगम को प्रदाय आदेश ऑन-लाईन एवं व्यक्तिगत हस्ते भेजे गये थे। लघु उद्योग निगम द्वारा प्रदाय आदेश प्राप्त किये जाने की पावती पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (3) क्रय की कार्यवाही भंडार क्रय नियम 2015 के पूर्व प्रारंभ हो चुकी थी, अत: तत्समय प्रभावशील भंडार क्रय नियम के नियम 14 (बी) एवं भण्डार क्रय नियम 2015 के नियम 35 के अधीन क्रय प्रक्रिया सम्पन्न की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन एवं चार अनुसार है। (ख) पूर्व में भी यह स्पष्ट किया गया था कि प्रदायकर्ता कम्पनी विदेशी नहीं है वरन यह उपकरण विश्व स्तरीय जर्मनी कंपनी द्वारा निर्मित हैं। विभाग ने लघु उद्योग निगम को आदेश दिया था। लघु उद्योग निगम ने उनकी अनुबंधित फर्मों को प्रदाय आदेश अंतरित किया, जिन्होंने उत्पाद को आयात कर प्रदाय किया व उनकी गुणवत्ता लघु उद्योग निगम के अधिकारियों द्वारा प्रमाणित की गई है। (ग) जी हाँ, प्राप्त जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। (घ) विधान सभा में तत्कालीन माननीय श्रम मंत्री जी के द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव से जाँच कराने का आश्वासन दिया था। उसके परिपालन में जाँच तत्कालीन प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, श्रम विभाग द्वारा की गई।
मुलताई विधान सभा क्षेत्र के संचालित होटल एवं रेस्टोरेंट
172. ( क्र. 2984 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभांतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाद्यान्न सामग्री की जाँच हेतु कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ किए गए तथा इनका मुख्यालय मुलताई रखा गया है? यदि हाँ, तो मकान मालिक या शासकीय आवास का उल्लेख किया जाए? उनके द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 में दैनंदिनी के अनुसार किन-किन ग्रामों का भ्रमण किया गया? सूची वर्षवार, ग्रामवार देवें? (ख) विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा मुलताई में वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितनी होटलें/रेस्टोरेंट के दुकानों के सेंपल लिये गये? कितने नमूने मानक/अमानक पाये गये? सूची एवं संख्या से अवगत करावें? (ग) अमानक पाये जाने वाले संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या इन अधिकारियों द्वारा किया भ्रमण एवं लिए गये नमूनों की संख्या आनुपातिक है? आनुपातिक न होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी/कर्मचारी पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उपसंचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, जिला-बैतूल में खाद्य सामग्री की जाँच करने हेतु 4 खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदस्थ हैं, जिनका मुख्यालय जिला-बैतूल है, जो बेतूल में निवास करते हुये समय-समय पर आवंटित तहसीलों में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियिम के अंतर्गत कार्य करते हैं। मुलताई क्षेत्र में श्रीमती शशि भारतीय, खाद्य सुरक्षा अधिकारी अप्रैल, 2014 से जून, 2015 तक तथा श्री जगदीश प्रसाद विश्वकर्मा को जून, 2015 से वर्तमान समय तक मुलताई तहसील में कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा किये गये भ्रमण की वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की दैनंदिनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अधिकारियों द्वारा आनुपातिक कार्यवाही किये जाने से प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हार्ट एवं कैंसर की बीमारी के निजी हॉस्पिटल को मान्यता
173. ( क्र. 2985 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हार्ट एवं कैंसर की बीमारी के लिए कौन-कौन से निजी हॉस्पिटल को इलाज के लिए मान्यता प्रदान की है? मुख्यमंत्री अनुदान एवं अन्य अनुदान के संदर्भ में बतावें, इनकी सूची देवें? (ख) इनकी मान्यता कितने समय के लिए दी जाती है एवं मान्यता का समय निर्धारण कैसे होता है? मरीजों को मान्यता की जानकारी किस प्रकार लगती है? (ग) क्या महाराष्ट्र के नागपुर की सेंट्रल हॉस्पिटल हेतु मान्यता प्राप्त है? यदि हाँ, तो फिर वहाँ भेजे मरीजों की कीमोथेरेपी अन्यत्र क्यों कराई जाती है कारण बतावें? किस कारण से ऐसे हॉस्पिटल को शासन ने मान्यता दी? (घ) उपरोक्त हॉस्पिटल की मान्यता कब तक समाप्त कर दी जावेगी एवं ऐसे अन्य हॉस्पिटल से मरीजों को बचाया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार है। (ग) महाराष्ट्र के नागपुर की सेन्ट्रल हॉस्पिटल के नाम से शासन द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश “ग” के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों के स्वीकृत पद
174. ( क्र. 2987 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों को छोड़कर चिकित्सालय हेतु प्रथमत: द्वितीय श्रेणी के चिकित्सकों के कुल कितने पद स्वीकृत है? इन पदों के विरूद्ध किस-किस श्रेणी के कितने चिकित्सकों के पद रिक्त हैं? प्रतिशत सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्न ''क'' अनुसार जानकारी बैतूल जिले के संदर्भ में चिकित्सालयवार देवें? (ग) प्रदेश एवं जिले में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार प्रदेश स्तर पर कोई कदम उठा रही है यदि हाँ, तो क्या?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के 3266 एवं चिकित्सा अधिकारियों के 4838 पद स्वीकृत हैं। प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के 2021 तथा चिकित्सा अधिकारियों के 1953 पद रिक्त हैं। विशेषज्ञों की रिक्तता का प्रतिशत 61.8 एवं चिकित्सा अधिकारियों का रिक्तता का प्रतिशत 40.36 है। (ख) बैतूल जिले अंतर्गत कार्यरत विशेषज्ञ/चिकित्सकों की चिकित्सालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बैतूल जिले अंतर्गत विशेषज्ञों के स्वीकृत 67 पदों के विरूद्ध 15 विशेषज्ञ कार्यरत हैं, रिक्तता का प्रतिशत 77.6 है तथा चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत 86 पदों के विरूद्ध 60 चिकित्सक कार्यरत हैं, पद की रिक्तता का प्रतिशत 30 है। (ग) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत चिकित्सकों की संविदा नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है।
ट्रामा सेंटर की स्थापना
175. ( क्र. 2988 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिला मुख्यालय में ट्रामा सेंटर भवन तैयार हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इस ट्रामा सेंटर हेतु आवश्यक फर्नीचर एवं अन्य सुविधाओं आदि की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी? (ग) इस हेतु आवश्यक चिकित्सकों की एवं अन्य स्टॉफ की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) ट्रामा सेंटर कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय के पत्र क्रं./अस्प.प्रशा./सेल-3/2015/1523, दिनांक 14/10/2015 के द्वारा ट्रामा सेंटर बैतूल को रूपये 85.22 लाख की राशि ट्रामा सेंटर के लिए निर्धारित उपकरणों एवं फर्नीचर के क्रय के लिए प्रदान की गई है। फर्नीचर एवं उपकरणों के दर निर्धारण एवं सी.टी. स्केन की सुविधा आउट-सोर्सिंग के माध्यम से लिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। यथा संभव शीघ्र। (ग) प्राथमिकता के आधार पर पदों की पूर्ति की जायेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रिक्त पदों की पूर्ति
176. ( क्र. 2992 ) श्री बाला बच्चन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में साक्षरता का प्रतिशत बेहद कम है? सबसे कम व सबसे अधिक साक्षरता प्रतिशत वाले जिलों के नाम प्रतिशत सहित बतावें? (ख) क्या विभाग के विकासखण्डों में अधिकारी/कर्मचारी एवं शिक्षकों के पद वर्षों से रिक्त हैं? इन पदों की पूर्ति कब तक कर ली जायेगी? (ग) बड़वानी जिले के सभी विकासखण्डों के अधिकारी/कर्मचारी के पदों की रिक्तता की जानकारी विकासखण्डवार देवें? बड़वानी जिले के स्कूलों छात्रावासों में कितने पद स्वीकृत हैं, उनके समक्ष कितने पद रिक्त हैं, की जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार देवें? आश्रमों की जानकारी भी देवें? (घ) इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर शासन इस व्यवस्था को सुधारेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
नवीन कन्या परिसर की स्थापना
177. ( क्र. 2996 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के निसरपुर मुख्यालय में नवीन कन्या परिसर की स्थापना कब की गई? कितने पद स्वीकृत किये गये? (ख) क्या नवीन कन्या परिसर निसरपुर की स्थापना के पश्चात् चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नवीन नियुक्तियां की गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो विज्ञप्ति की कॉपी, नियमावली की कॉपी, प्राप्त आवेदन की संख्या वरीयता सूची सहित उपलब्ध करावें? (घ) नियुक्तिकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम, संबंधित अधिकारी को नियुक्ति के अधिकार संबंधी पत्र की छायाप्रति देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वर्ष 2014 में, संस्था में नियमित वेतनमान के 35 एवं चतुर्थ श्रेणी (कलेक्टर दर) के 11 पद स्वीकृत किये गये। (ख) जी हाँ। (ग) चतुर्थ श्रेणी (कलेक्टर दर) के पदों पर नियुक्ति हेतु संस्था प्राचार्य द्वारा विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। (घ) श्री अमरसिंह चौहान, प्राचार्य, कन्या शिक्षा परिसर निसरपुर। कन्या शिक्षा परिसरों में व्यवस्था संबंधी अधिकारों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कुक्षी में 100 बिस्तर अस्पताल का निर्माण
178. ( क्र. 2997 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के लिए 100 बिस्तरों के अस्पताल की घोषणा कब की गई थी? (ख) इस संबंध में अब तक की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रति देवें? (ग) यदि इस संबंध में कार्यवाही नहीं की गई तो इसका कारण बतावें? कब तक इस संबंध में कार्यवाही कर अस्पताल निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुक्षी का 100 बिस्तरों में उन्नयन हेतु घोषणा दिनांक 18.04.2013 को की गई थी। (ख) दिनांक 17.07.2013 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुक्षी का 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन किया गया है। प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिनांक 14.09.2015 को 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
टीकमगढ़ स्वास्थ्य विभाग में की गई खरीदारी
179. ( क्र. 3015 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग को विगत 2 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ? मदवार, योजनावार जानकारी से अवगत करायें। (ख) उक्त बजट कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? जिला स्तर पर की गई खरीददारी किस प्रक्रिया से की गई? खरीद की गई सामग्री, मात्रा तथा प्रदाय करने वाली एजेंसी के नाम सहित अवगत करायें। (ग) उक्त क्रय की गई सामग्री कहाँ-कहाँ आवंटित की गई? संस्था का नाम, उसका मांग पत्र एवं सामग्री प्राप्ति की पावती हस्ताक्षर सहित प्रति उपलब्ध करायें। (घ) सामग्री क्रय पश्चात् शेष बचे हुये बजट को कैसे और कहाँ व्यय किया गया? उसका मदवार ब्यौरा उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) बजट निर्धारित मदों के अंतर्गत व्यय किया गया विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। खरीददारी राज्य स्तर से निर्धारित दरों एवं जिला स्तर पर ऑन-लाईन टेण्डर के माध्यम से निर्धारित दरों पर एवं भण्डार क्रय नियमों के तहत की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) क्रय की गई सामग्री जिले में स्थित समस्त शासकीय चिकित्सालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को वितरित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। (घ) सामग्री क्रय पश्चात् शेष बचे हुये बजट को अन्य मद में व्यय नहीं किया जाता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों/आश्रमों में नियम विरूद्ध खरीद प्रक्रिया
180. ( क्र. 3017 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विभाग के कितने छात्रावास/आश्रम कहाँ-कहाँ संचालित हैं? उनमें दर्ज छात्र/छात्राओं की संख्या संस्थावार अलग-अलग बतायें? (ख) विगत् 2 वर्षों में उक्त छात्रावासों/आश्रमों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) क्या खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता हेतु नीति एवं नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो कैसे? प्रक्रिया बतायें? नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) छात्रावासों/आश्रमों में पदस्थ किये जाने वाले अधीक्षकों की पदस्थापना संबंधी नियम प्रक्रिया क्या है? एक ही संस्था में पदस्थी की अधिकतम समयावधि क्या है? जिले की सभी संस्थाओं में पदस्थ अधीक्षकों के नाम, पता, मूल संस्था एवं छात्रावास से उसकी दूरी सहित अवगत करायें? (ड.) ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो शासन के मान्य नियमों के विपरीत पदस्थ हैं तथा इन्हें कब तक मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भारत शासन के वित्तीय मेन्यूअल में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार एस.एम.डी.सी. के द्वारा सामग्री क्रय की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। एक ही संस्था में पदस्थी की अधिकतम समय-सीमा निश्चित नहीं है। संस्थावार अधीक्षिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) बालिका छात्रावास बल्देवगढ़ हेतु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बल्देवगढ़ में 1 ही महिला श्रीमती अनवरी बेगम इकलौती शिक्षिका होने से एवं संबंधित द्वारा निजी कारणों से छात्रावास अधीक्षिका कार्य करने हेतु असहमति व्यक्त करने से अन्य व्यवस्था होने तक श्रीमती किरण वर्मा, सहायक अध्यापक प्रा.शा. बसेरूखेरा विकासखण्ड बल्देवगढ़ को छात्रावास वार्डन का अस्थायी प्रभार दिया गया है। शाला में अन्य शिक्षिका की पदस्थापना अथवा उपयुक्त अधीक्षिका मिलने तक।
एन्टी स्नेक वेनम एवं चिकित्सकों की पदपूर्ति
181. ( क्र. 3049 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में एन्टी वेनम रखने के निर्देश शासन द्वारा दिए गए है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। जिले अंतर्गत दिनांक 06.06.2016 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रीठी में कितनी एन्टी वेनम उपलब्ध थी बताएं। यदि नहीं, तो एन्टी वेनम उपलब्धता के लिए उस दिनांक को क्या कार्यवाही की गई? स्टॉक रजिस्टर की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या दिनांक 06.06.2016 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रीठी में सांप के काटने से उसी दिनांक को इलाज हेतु राजा बाई उपस्थित हुई थी? क्या उसका क्या इलाज किया गया या नहीं? क्या उसे रिफर किया गया। क्या उक्त मरीज की मृत्यु हो गई? यदि हाँ, तो उसका क्या कारण था? (ग) क्या राजा बाई की मृत्यु एन्टी वेनम न मिलने के कारण हुई? यदि हाँ, तो समय पर एन्टी वेनम उपलब्ध न कराने के लिए जवाबदार बी.एम.ओ. एवं सी.एम.एच.ओ. पर क्या कार्यवाही की कब तक की जावेगी। (घ) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी को पत्र क्रमांक 3011 दिनांक 01.02.16 के माध्यम से चिकित्सक विहिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता कराये जाने हेतु प्रेषित पत्र में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एन्टी स्नेक वेनम रखने के आदेश शासन द्वारा दिये गये है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। दिनांक 06.06.2016 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रीठी में 14 वॉयल इंजेक्शन एन्टी स्नेक वेनम उपलब्ध थे। स्टॉक रजिस्टर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। दिनांक 07.06.2016 को राजा बाई नाम की महिला स्वास्थ्य संस्था में उपस्थित हुई थी मरीज को संस्था में गंभीर अवस्था में लाया गया था। मरीज को एन्टी स्नेक वेनम देकर जिला अस्पताल कटनी रिफर किया गया था एवं 108 एम्बुलेंस से उसे कटनी भेजा गया। जिला चिकित्सालय कटनी में आने पर उसे मृत घोषित किया गया। जिसका पोस्टमार्टम दिनांक 08.06.2016 को किया गया था। जिसमें पुलिस आवेदन में मृत्यु का कारण सर्प काटने से प्रतीत होना उल्लेखित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। माननीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्राप्त पत्रों के आधार पर काउंसलिंग हेतु रिक्तियां तैयार की जाती है। हाल ही में बंध-पत्र के अनुक्रम में चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना काउंसलिंग के माध्यम से की गई है, काउंसलिंग में प्रदर्शित रिक्तियों में जिला कटनी हेतु कुल 12 रिक्तियां प्रदर्शित की गई थी जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहोरीबंद हेतु 01 रिक्ति सम्मिलित थी। चिकित्सक द्वारा उक्त रिक्ति का चयन न करने के कारण रिक्त रही। उक्त काउंसलिंग उपरांत कटनी जिले में आदेश दिनांक 17.06.2016 के द्वारा, 06 चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर विभिन्न संस्थाओं में पदपूर्ति की कार्यवाही चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार की जावेगी।
कटनी जिले की शालाएं
182. ( क्र. 3050 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय तथा अशासकीय प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना, मान्यता एवं संचालन के संबंध में शासन के क्या मापदण्ड एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम के एवं रा.मा.शि.अभि. के क्या दिशा-निर्देश है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 3 वर्षों में कटनी जिला अंतर्गत कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी विद्यालयों ने मान्यता के लिये आवेदन किया? कितनों को मान्यता दी गई? कितनों को नहीं दी? जिन्हें मान्यता नहीं दी गई उनके क्या कारण थे? सूची उपलब्ध करावें? क्या मान्यता देने के पूर्व इन विद्यालयों को निरीक्षण ''प्रश्नांश (क) एवं (ख)'' के परिप्रेक्ष्य में किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम बताएं। (ग) प्रश्नांश (ग) अनुसार मान्यता किन अधिकारियों द्वारा जारी की गई? कई वर्षों से मान्यता हेतु मापदण्ड पूर्ण न करने वाले वर्तमान में संचालित विद्यालयों के संबंध में क्या कार्यवाहियां की गई? (घ) क्या ''प्रश्नांश (क) एवं (ख)'' के प्रावधान शासकीय विद्यालयों के लिये नहीं हैं? ऐसे कितने शासकीय विद्यालय हैं जो कि ''प्रश्नांश (क) एवं (ख) '' अनुसार मापदण्ड पूर्ण नहीं करते हैं? सूची देवें। उनके संबंध में अब तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय शिक्षा मंत्री को संबोधित पत्र क्रमांक 71, 73, 76 दिनांक 12.04.16 के माध्यम से प्रेषित पत्र में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) हाई स्कूल/हा.से. विद्यालयों के मान्यता संबंधी प्राप्त आवेदन जिन्हें मान्यता दी गई एवं जिन्हें मान्यता नहीं दी गई है, संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-2 अनुसार। जिन्हें मान्यता नहीं दी गई है, नहीं देने का कारण विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जी हाँ। निरीक्षणकर्ताओं के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कक्षा 9वीं से 10वीं एवं कक्षा 11वीं/12वीं हेतु मान्यता का नवीनीकरण संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग तथा नवीन मान्यता आयुक्त लोक शिक्षण के द्वारा दी गई है। सत्र 2015-16 में उक्त स्तर की शालाओं में नवीनीकरण जिला शिक्षा अधिकारी तथा नवीन मान्यता जिला कलेक्टर के द्वारा प्रदान की गई है। मान्यता प्राप्त न करने वाले हाई स्कूल/हा.से. विद्यालय कटनी जिले में संचालित नहीं है। (घ) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) पत्रों के बिन्दुओं का परीक्षण किया जा रहा है।
जिला संयोजक द्वारा अनियमितता की जाना
183. ( क्र. 3057 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला संयोजक, नरसिंहपुर, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनियमितता किए जाने संबंधी पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर बिन्दुवार क्या कार्यवाही की गई है।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नरसिंहपुर की अध्यक्षता में जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन में छात्रावास एवं आश्रम व्यवस्था में सुधार किये जाने का निष्कर्ष दिये जाने के फलस्वरूप जिला संयोजक आदिमजाति कल्याण विभाग नरसिंहपुर द्वारा वर्णित कमियों के संबंध में पत्र दिनांक 25/02/2016 के माध्यम से कृत कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हाई स्कूल से हायर सेकण्डरी में उन्नयन
184. ( क्र. 3058 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शा. हाई स्कूल तलापार, चंदनदेवी आदि को हायर सेकण्डरी स्कूल में परिवर्तित किए जाने संबंधी पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शा. हाई स्कूल तलापार एवं चंदनदेवी वर्ष 2015-16 में शाला उन्नयन के मापदण्ड की पूर्ति नहीं करते थे। शाला उन्नयन बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है।
सरकारी स्कूलों में शौचालय की सुविधा
185. ( क्र. 3070 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने प्राथमिक, हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी शालाएं हैं? इनमें से कितनी शालाओं में शौचालय की सुविधा है? (ख) सीधी एवं सिंगरौली जिले के कितने सरकारी स्कूलों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है? विकासखण्डवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के स्कूलों में शौचालय की सुविधा के साथ क्या अलग से पानी एवं सफाई कर्मचारी की व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कराई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में 3853 शासकीय हाई स्कूल एवं 3656 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। इन सभी विद्यालयों में शौचालय की सुविधा है। प्रदेश में कुल 83890 शासकीय प्राथमिक शालाएं है। समस्त शासकीय प्राथमिक शालाओं हेतु शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सभी स्कूलों में शौचालय उपलब्ध है। सीधी एवं सिंगरौली जिले की क्रमशः 2300 एवं 2025 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शौचालयों की सुविधा उपलब्ध करा दी है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ग) शौचालय में पानी की व्यवस्था करने हेतु सभी जिलों को निर्देश है। कार्यालयीन पत्र क्रमांक-आरएमएसए/2015/एमएमईआर/2013/823-824, दि. 1.9.2015 से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत स्कूल को प्रतिवर्ष प्राप्त वार्षिक अनुदान की राशि रूपये 50,000/- में से अंशकालिक स्वीपर को सफाई के लिए प्रतिमाह अधिकतम रूपये 700/-के मान से भुगतान करने के निर्देश हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में शौचालय की सुविधा के साथ अलग से पानी की स्थाई/अस्थाई सुविधा उपलब्ध है। स्कूलों में पृथक से सफाई कर्मचारी की व्यवस्था नहीं है। शौचालयों की नियमित साफ-सफाई हेतु ग्रामीण एवं शहरी निकायों व्दारा सहयोग किये जाने के निर्देश है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
वन अधिकार पत्रों का निराकरण
186. ( क्र. 3071 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 को बैतूल जिले में किस दिनांक को किस उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति की बैठक का आयोजन किया जाकर किस ग्राम के किस खसरा नम्बर कि कितने रकबे पर कितने आदिवासी एवं कितने गैर आदिवासी के वन अधिकार दावे पर विचार किया जाकर दावे को मान्य या अमान्य किए जाने का निर्णय लिया। (ख) समिति द्वारा मान्य किए गए दावे में से कितने दावे को किस दिनांक की बैठक में अमान्य किया गया था उस अमान्य दावे की कितने दावेदारों ने किस दिनांक को किसके समक्ष अपील प्रस्तुत की थी। अमान्य दावे पर किस प्रावधान के अनुसार समिति ने पुनर्विचार किया? (ग) वर्ष 2016 में उपखण्ड स्तरीय समिति द्वारा मान्य दावे कितने को जिला स्तरीय समिति की किस बैठक में किस-किस की उपस्थिति में मान्य किया गया उसमें से किस दावे को जिला स्तरीय समिति ने किस दिनांक को अमान्य किया था जिला स्तरीय समिति ने किस प्रावधान के अनुसार अमान्य दावे पर पुनर्विचार कर दावे को मान्य किया है? (घ) वर्ष 2016 में मान्य किए गए किस ग्राम के कितने वन अधिकार पत्र किस दिनांक को वितरित किए गए सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिहावल जिला सीधी एवं देवसर जिला सिंगरौली ब्लॉक में कितने वन अधिकार पत्र वितरण किये गये, कितनों का वितरण शेष है यह वितरण कब तक कर दिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जानकारी निम्नानुसार है :-
उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समिति का नाम |
बैठक का दिनांक |
मान्य/अमान्य दावों का विवरण |
|||
आदिवासी |
गैर आदिवासी |
||||
मान्य |
अमान्य |
मान्य |
अमान्य |
||
बैतूल |
22, 23 अप्रैल 2016 |
633 |
0 |
15 |
0 |
शाहपुर |
23, 26 अप्रैल 2016 |
260 |
0 |
0 |
0 |
भैंसदेही |
16 अप्रैल 2016 |
792 |
0 |
4 |
0 |
मुलताई |
25 अप्रैल 2016 |
15 |
19 |
0 |
0 |
|
योग |
1700 |
19 |
19 |
0 |
शेष विचारित एवं अनुशंसित दावों की ग्रामवार, खसरावार, रकबा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) मान्य किये गये दावों में से 84 दावों को समितियों की बैठकें दिनांक 03 फरवरी 2009, दिनांक 26 फरवरी 2009, 24 जून 2009 एवं 10 जुलाई 2009 में अमान्य किया गया था। इन अमान्य दावों के विरूद्ध किसी भी दावेदार के द्वारा अपील प्रस्तुत नहीं की गई। अमान्य दावों पर मुख्य सचिव के ज्ञापन दिनांक 18.02.2016 के निर्देशानुसार पुनर्विचार किया गया है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो तथा तीन अनुसार है। विकासखण्ड देवसर जिला सिंगरौली के 42 हक प्रमाण-पत्र वितरित किया जाना शेष है। प्रक्रिया अर्द्धन्यायायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का सुदृढ़ीकरण
187. ( क्र. 3074 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रीवा एवं सम्बद्ध चिकित्सालय में वर्तमान में कौन-कौन से विभाग संचालित हैं? यहाँ पर वर्तमान में रोगियों के लिए क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध हैं? किस-किस बीमारियों का इलाज व ऑपरेशन की सुविधा यहाँ उपलब्ध हैं? (ख) उक्त महाविद्यालय में किन-किन पैथालॉजिकल, रेडियोलॉजिकल व हिप्स्टोपैथी लॉजिकल जाँचों व निदान की सुविधा उपलब्ध हैं? कौन-कौन से जाँच उपकरण विगत 5 वर्षों में क्रय किये गये? कौन-कौन वर्तमान में चालू व कौन-कौन से बंद है? क्यों? कारण बतावें। लंबे समय से बड़ी जाँचों की सुविधा उपलब्ध न होने के क्या कारण हैं? (ग) ह्दय, हड्डी, न्यूरोसर्जरी, रेडियोलॉजी आदि विभागों में व्यवस्थाओं में सुधार हेतु विगत 01 वर्ष में क्या-क्या प्रयास किये गये? ह्दय रोगियों के कितने ऑपरेशन, एंजियोप्लास्टी आदि की गई है? नहीं तो इस हेतु सुविधा विस्तार के क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? कब तक व्यवस्थाओं को ठीक कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा एवं संबद्ध चिकित्सालय में एनेस्थेसिया, एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री, डेन्टल, डर्मेटोलॉजी ई.एन.टी, फोरेन्सिक मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, माईक्रोबायोलॉजी, आब्स्ट एण्ड गायनी, आप्थलमोलॉजी, आर्थोपेडिक, फार्मेकोलॉजी, पिडियाट्रिक, फिजियोलॉजी, पी.एस.एम. प्लोमनरी मेडिसन, पैथोलॉजी, सायकेट्री, रेडियोडायग्नोसिस, रेडियोथेरेपी, सर्जरी विभाग संचालित हैं। वर्तमान में रोगियों के लिये ओ.पी.डी एवं आई.पी.डी. में नि:शुल्क जाँच, उपचार दवाइयों की सुविधा उपलब्ध हैं। जनरल मेडिसिन, मानसिक रोग, प्लमोनरी मेडिसिन पीडियाट्रिक, आर्थोपेडिक, ई.एन.टी., नेत्र, गायनी, रेडियोथैरेपी, डेन्टल एवं जनरल सर्जरी से संबंधित सभी रोगों का इलाज एवं ऑपरेशन किया जाता है। (ख) श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा में पैथोलॉजी एवं हिप्स्टोलॉजी की सभी जांचे उपलब्ध हैं। रेडियोलॉजिकल जांचो में एक्स-रे, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रा सोनोग्राफी एवं आउट-सोर्स के माध्यम सी.टी. स्केन तथा एम.आर.आई की जाँच सुविधा उपलब्ध हैं। इकोकार्डियोग्राफी तथा टी.एम.टी.जाँच की सुविधायें उपलब्ध हैं। विगत 05 वर्षों में चिकित्सा महाविद्यालय में क्रय की गई मशीनों एवं उपकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी उपकरण चालू हालत में हैं तथा उपयोग में लाये जा रहे हैं। सभी बड़ी जांचों की सुविधा उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ह्दय रोग, हड्डी एवं न्यूरो सर्जरी आदि विभागो में अधिक सुधार लाने के लिये सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल स्थापित किये जाने का कार्य प्रगति पर है। रेडियोलॉजी विभाग में ओर अधिक सुविधाओं के लिये आउट-सोर्स के माध्यम से सी.टी. एवं एम.आर.आई. के साथ-साथ रेडियोथैरेपी विभाग को आउट-सोर्स के माध्यम संचालित किया जा रहा हैं जिसमें कैंसर रोगियों का इलाज किया जा रहा है। ह्दय रोग के ऑपरेशन एवं एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिहंस्थ, 2016 में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु किये गये कार्य
188. ( क्र. 3076 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ, 2016 के आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या व्यवस्थायें, निर्माण कार्य किये थे? इन कार्यों पर वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में वर्षवार व्यय की गई राशि व उक्त राशि से किये गये कार्यों का विवरण दें? (ख) वर्ष 2016 में विभाग द्वारा उज्जैन में किस-किस सामग्री, उपकरण, दवाईयों व स्वास्थ्य सामग्री का क्रय किस-किस एजेंसी से किस दर में कितनी मात्रा में किया गया? निविदा दरों का विवरण व सामग्रीवार किये गये भुगतान की जानकारी दें? (ग) क्रय की गई सामग्री का सत्यापन किन-किन के द्वारा कब-कब किया गया? क्या सामग्री क्रय अत्यंत अधिक दरों पर किया गया? अन्य जिलों की तुलना में अधिक दरों पर सामग्री क्रय किये जाने के क्या-क्या कारण है? इस हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग द्वारा उज्जैन हेतु क्रय की गई उक्त सामग्री के मामले में जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान विभाग द्वारा श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के परिप्रेक्ष्य में निम्नांकित व्यवस्थायें की गई थी। मेला क्षेत्र में अस्थाई प्रकृति अनुसार 04 जोन (Zone) क्रमशः कालभैरव, मंगलनाथ, दत्त अखाड़ा, महाकाल में 20 बिस्तरीय अस्थाई चिकित्सालय एवं कुल 16 सेक्टर एवं 07 सेटेलाइट टाउन में 06 बिस्तरीय अस्थाई डिस्पेन्सरी का निर्माण सिंहस्थ मेला प्रशासन द्वारा कराया गया जिसका सम्पूर्ण व्यय भी सिहस्थ मेला प्रशासन द्वारा ही किया गया। इस प्रकार अस्थाई प्रकृति के कार्य निम्न प्रकार है :-
20 बिस्तरीय अस्थाई चिकित्सालय |
कुल 04 |
06 बिस्तरीय अस्थाई डिस्पेंसरी |
कुल 23 |
उक्त संस्थाओं में आवश्यकता अनुसार चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की व्यवस्था की गई थी। नदी के प्रत्येक घाट पर एक महिला एवं 1 पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एक टीम) कुल 10-10 टीमें तैनात की गई थी। इस प्रकार 05 जोनों (Zone) में कुल 150 पुरूष एवं 150 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किये गये थे, इसके साथ ही उज्जैन शहर एवं सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में कुल 62 (108 एम्बुलेंस) रोगी वाहन तैनात की गई थी इसमें 05 ए.एल.एस. मोबाइल मेडिकल यूनिट भी सम्मिलित थी। इसके साथ ही शासकीय स्थाई चिकित्सालयों में स्वीकृति 840 बिस्तरों के अतिरिक्त अस्थाई रूप से 327 बिस्तरों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। मेला क्षेत्र में कुल 218 अस्थाई बेड उपलब्ध कराये गये थे। उज्जैन शहर में संचालित 10 निजी नर्सिंग होम चिकित्सालयों को बेस हॉस्पिटल के रूप में चिन्हित किया गया था। जिसमें की इस विभाग हेतु 332 बिस्तर बेस चिकित्सालयों द्वारा आरक्षित रखे गये थे, स्थाई चिकित्सालयों के आई.सी.यू. में 10 बिस्तर एवं बेस चिकित्सालयों में 28 बिस्तर उपलब्ध रखे गये थे, इस प्रकार सम्पूर्ण मेला अवधि में 1755 बिस्तर आपातकालीन स्थितियों से निपटने हेतु उपलब्ध थे। मेला क्षेत्र में मेला प्रशासन द्वारा सेक्टर/सेटेलाइट टाउन एवं जोन कार्यालयों में क्रमशः 08 बेड अस्थाई डिस्पेंसरी एवं 20 बेड अस्थाई अस्पताल का निर्माण करवाया गया था। जिसका भुगतान मेला प्रशासन द्वारा किया गया था। इस विभाग द्वारा औषधि/उपकरण/औजार/सामग्रियों पर किये गये व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। स्थाई प्रकृति के निर्माण कार्य में 450 बिस्तरीय मातृ एवं शिशु चिकित्सालय भवन का निर्माण म.प्र. गृह निर्माण मंडल एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा करवाया गया था। उक्त कार्य पर वर्षवार हुए व्यय प्रचलित देयक का विवरण निम्नवत् है :-
क्रमांक |
वर्ष |
प्राप्त राशि (करोड़ में) |
व्यय की गई राशि (करोड़ में) |
1 |
2013-14 |
5.00 |
0.202 |
2 |
2014-15 |
35.00 |
17.53 |
3 |
2015-16 |
29.43 |
57.746 |
4 |
2016-17 |
20.00 |
9.46 |
कुल |
89.43 |
84.938 |
(ख) वर्ष 2015-16 में विभाग द्वारा क्रय की गई दवाईयों, सामग्री व उपकरण एवं स्वास्थ्य सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ एवं “ब“ अनुसार है। सामग्रीवार किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार है। (ग) सामग्री के प्राप्ति के समय क्रय समिति के सदस्य/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/उपस्थित अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया सामग्री म.प्र.प.स.का.लि./म.प्र.ल.उ.नि./ई-टेण्डर आदि की न्यूनतम दरों पर क्रय किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों के मामलों में कार्यवाही
189. ( क्र. 3077 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने मार्च 2016 में कुछ शासकीय सेवकों के अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गये थे? यदि हाँ, तो उनके नाम व पद बतायें? अब तक इन पर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गई? इन की फील्ड में पदस्थापना जारी रखी जाने के क्या कारण है? नियम सहित बतायें? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय में इनके संबंध में केविएट दायर की गई थी? इस हेतु किस अधिकारी को अधिकृत किया गया था? क्या समय पर न्यायालय में केविएट न लगाये जाने से माननीय न्यायालय द्वारा इन लोगों को स्थगन दिया गया था? केविएट लगाने में देरी के लिए किसका उत्तरदायित्व तय किया गया? दोषी अफसर को दण्डित न किये जाने के क्या कारण है? (ग) उच्च न्यायालय से स्टे समाप्त करने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के मामलों में कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति उच्च स्तरीय छानबीन समिति की बैठक दिनांक 19-02-2016 का कार्यवाही विवरण कार्यालयीन पत्र क्रमांक/200/2014/6511ए दिनांक 04-3-2016 द्वारा जारी किया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। फर्जी जाति प्रमाण-पत्र प्रमाणित होने पर उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा पारित निर्णय पर संबंधित शासकीय सेवक के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही हेतु संबंधित कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक एवं विभाग को लिखा जाता है। पदस्थापना संबंधित विभाग का उत्तरदायित्व है। (ख) जी हाँ। संभागीय उपायुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर को अधिकृत किया गया था। जी नहीं। संभागीय उपायुक्त जबलपुर द्वारा दिनांक 17-03-2016 एवं दिनांक 21-03-2016 को माननीय उच्च न्यायालय में केविएट आवेदन प्रस्तुत किया गया है। जिन प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय ने स्थगन दिया है, वह पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। केविएट लगाने में किसी भी अधिकारी ने विलम्ब नहीं किया है। इसलिये दंडित किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा दिनांक 05-07-2016 को महाधिवक्ता कार्यालय जबलपुर में जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
भूमि मकान, दुकान का अर्जन मूल्यांकन एवं भुगतान
190. ( क्र. 3092 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार पत्र पर वितरित भूमि, उस पर निर्मित मकान एवं दुकान के राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु अर्जन, मूल्यांकन एवं भुगतान के संबंध में जिला वनाधिकार समिति को वन अधिकार कानून 2006 की किस-किस धारा में क्या-क्या अधिकार दिया गया है? (ख) वर्ष 2015 में जिला वनाधिकार समिति बैतूल/विदिशा ने किस धारक की कितनी भूमि, मकान, दुकान का कितना मूल्यांकन, कितना तोषण की राशि एवं कितनी रहवास/स्थापना की राशि के संबंध में किस दिनांक को क्या निर्णय लिया उसके आधार पर दिसम्बर 2015 तक कितनी राशि का भुगतान किया? पूरी राशि का भुगतान दिसम्बर 2015 तक क्यों नहीं किया? (ग) जून, जुलाई 2015 में सहायक आयुक्त कार्यालय बैतूल एवं उपखण्ड स्तरीय समिति शाहपुर के अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष ग्राम बरेठा एवं ग्राम धार के किस-किस आवेदक की ओर से किसके द्वारा क्या-क्या आपत्ति लिखित रूप में प्रस्तुत की गई थी, उन पर किस दिनांक को क्या आदेश दिए गए? प्रस्तुत आपत्ति एवं आदेश की प्रति सहित बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 अंतर्गत जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को भू-अर्जन, मूल्यांकन एवं भुगतान के संबंध में अधिकार प्रदत्त नहीं है। जिला स्तरीय वनाधिकार समिति बैतूल द्वारा अधियिम की धारा 4 (5) के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि पर वन अधिकारों की मान्यता की कार्यवाही की पूर्णता सुनिश्चित की गई है। (ख) बैतूल एवं विदिशा जिले में जिला स्तरीय वनाधिकार समितियों द्वारा भूमि, मकान एवं दुकान का मूल्यांकन, तोषण राशि, रहवास/स्थापना के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। बैतूल जिले में दिनांक 09.04.2015 को जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा हितग्राहियों की मुआवजा राशि की सहमति एवं ड्राफ्ट प्राप्त होने के आधार पर भूमि के अधिग्रहण के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। भूमि, मकान एवं दुकान का मूल्यांकन संबंधित विभागों द्वारा किया जाकर प्रथम किश्त का भुगतान किया गया है। शेष कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में सहायक आयुक्त कार्यालय बैतूल में ग्राम बरेठा एवं धार के किसी भी आवेदक की ओर से वन अधिकार के संबंध में आपत्ति प्राप्त नहीं हुई हैं। अध्यक्ष उपखण्ड स्तरीय समिति, सह अध्यक्ष, अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) शाहपुर के समक्ष 01 आवेदक श्री मुन्नालाल/ किशनलाल, गोंड निवासी धार के द्वारा मौखिक रूप से महुआ, आम तथा जामुन के पेड़ों का सर्वे कराने हेतु निवेदन किया गया था। जिसकी जाँच तहसीदार, शाहपुर से कराई गई। जाँच में पाया गया कि उक्त तीनों पेड़ लोक निर्माण विभाग की भूमि पर स्थित है। प्रश्नांकित अवधि में दिनांक 14.07.2015 को कार्यालय कलेक्टर, बैतूल की जन-सुनवाई में 07 आवेदन पत्र ग्राम धार के आवेदकों के प्राप्त हुये है। इन आवेदन पत्रों में उल्लेखित आपत्ति एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण, आवेदन पत्रों की प्रति तथा कायवाही से संबंधित पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
माध्यमिक शाला का हाई स्कूल में उन्नयन
191. ( क्र. 3116 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के कटंगी विकासखण्ड के कटंगी शहर में शा.मा. शाला अर्जुन नाला (कटंगी) को शा. हाई स्कूल में उन्नयन करने की मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक शा.मा. शाला अर्जुन नाला (कटंगी) का शा. हाई स्कूल में उन्नयन कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2015-16 में शा.मा.शाला अर्जुननाला कटंगी बालाघाट निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल की स्वीकृति
192. ( क्र. 3117 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में शा. उत्कृष्ट उ.मा.शाला कटंगी, शा.उ.मा. शाला महकेपार, शा.उ.मा.शाला वकड़, शा.उ.मा. शाला जराहमोहगावं शा.उ.मा.शाला जाम बाउण्ड्री विहीन हैं? (ख) यदि हाँ, तो स्कूल शिक्षा विभाग बाउण्ड्री विहीन शा.उ.मा. शालाओं के बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है एवं कब तक बाउण्ड्रीवॉल हेतु शासन से स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति द्वारा स्वीकृति पर निर्भर होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जाति प्रमाण-पत्र न बनाया जाना
193. ( क्र. 3287 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में प्रदेश में अरख, आरख, अरखि, आरखि जाति के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र अनुसूचित जनजाति के बनाये जाते थे? अब किस कारण उक्त जाति के लोगों का आदिवासी नहीं माना जा रहा है? कारण बतावें? (ख) विगत 50 वर्षों में कब-कब राजपत्रों में जातियों की सूची प्रकाशित की गई? उक्त राजपत्रों की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतावें कि क्या लिपिकीय त्रुटि के कारण या अपभ्रंश होने के कारण आरख जाति को, अरख,अरखि, आरखि आदि लिखा गया है? क्या इस मामले में अथवा त्रुटि सुधार हेतु शीघ्र ही कोई जाँच दल अथवा समिति बनाकर आवश्यक संशोधन सुधार कर आदिवासी जाति आरख को अ.ज.जा. के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाना सुनिश्चित किया जावेगा? (ग) आरख जाति के लोगों को अ.ज.जा. के प्रमाण-पत्र बनाये जाने एवं प्रदेश में व्याप्त इस मामले के भ्रम को दूर करने व त्रुटि सुधार करने हेतु विभाग द्वारा कब तक क्या प्रयास किया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची में अरख (Arakh) जनजाति मान्य है। इन्हें नियमानुसार जाति प्रमाण-पत्र की पात्रता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सन् 1950 में प्रथम बार भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की सूची राज्यों के लिये जारी की गई थी, तत्पश्चात् इन सूचियों में 1956, 1976, 2000 एवं संशोधित अधिनियम 2003 के तहत् जारी सूचियों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के तारतम्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय सेवकों पर कार्यवाही
194. ( क्र. 3289 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अ.ज. व अ.ज.जा. के संदेहास्पद जाति प्रमाण-पत्रों की जाँच हेतु उच्च स्तरीय छानबीन समिति को गठन किया गया है? यदि हाँ, तो समिति द्वारा 2012 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन शासकीय सेवकों के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र को शून्य घोषित किया? नाम, पदनाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में शून्य घोषित जाति प्रमाण-पत्र धारकों के क्या सेवा से पृथक किया गया है? नाम पदनाम बतावें? किन-किन के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है? (ग) कूटरचित व फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर शासकीय सेवा कर रहे लोगों के मामले में जाँच एवं एफ.आई.आर. कराये जाने में अत्यधिक समय लगने के क्या कारण हैं? क्या एक निश्चित समय-सीमा में कठोर कार्यवाही किये जाने व उन्हें दण्डित करने हेतु प्रयास किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शून्य घोषित जाति प्रमाण-पत्र धारकों के विरूद्ध कार्यवाही संबंधित नियुक्तिकर्ता विभाग द्वारा की जाती है। शेष प्रश्नांश विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) फर्जी जाति प्रमाण-पत्र प्रमाणित होने पर उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा पारित निर्णय पर संबंधित शासकीय सेवक के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही हेतु संबंधित कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक एवं विभाग को लिखा जाता है।
ग्रामों को भारिया विकास प्राधिकरण में जोड़ना
195. ( क्र. 3692 ) श्री कमलेश शाह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा विगत वर्ष अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र के दौरे के समय (हर्रई से पलानी गेलडुब्बा रोड शो) जनपद पंचायत हर्रई के अंतर्गत अतरिया, भैंसकोह, कामठी, भोईपार, मढ़ी, चिलक को भारिया विकास प्राधिकरण में शामिल किये जाने की घोषणा की गई थी जो आज तक अपूर्ण हैं, क्यों? (ख) इसके विलंब के कारण बतावें। (ग) इन्हें कब तक भारिया विकास प्राधिकरण में शामिल कर लिया जाएगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
डॉक्टरों
के रिक्त पदों
की पूर्ति
1. ( क्र. 7 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर, रतलाम, मंदसौर व नीमच जिले में स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर, स्पेशलिस्ट, कम्पाउण्डर, नर्स व अन्य स्टाफ के कितने पद किस-किस स्वास्थ्य व उप स्वास्थ्य केन्द्र में स्वीकृत हैं उनके कितने पद भरे हैं व रिक्त पद कब तक भर जायेंगे? (ख) वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में जननी सुरक्षा योजना, ब्लड बैंक, स्टोरेज सेंटर आदि विभिन्न शासकीय योजनाओं के लिए कितना बजट था व कितना खर्च हुआ, विवरण दें? (ग) मुंगावली के अस्पताल का निर्माण कितने बेड का कब पूरा हुआ व उसमें कितना स्टाफ स्वीकृत है व कितना खाली हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला अशोकनगर, रतलाम, मंदसौर, नीमच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’, ’’ब’’, ’’स’’, ’’द’’ अनुसार है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है। चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पद की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया निरंतर जारी है, संभाग/जिला स्तर पर शेष तृतीय/चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के कर्मचारियों की पदपूर्ति पदोन्नति/भर्ती के माध्यम से जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जननी सुरक्षा एवं ब्लड बैंक स्टोरेज सेंटर के मद में प्राप्त बजट एवं व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’क’’ अनुसार है। (ग) मुंगावली में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण दिनांक 30.11.2006 को पूर्ण हुआ है। स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ख’’ अनुसार है।
स्कूलों में भवन एवं स्टॉफ की व्यवस्था
2. ( क्र. 186 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में विगत 5 वर्षों में कितने प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाईस्कूलों को उन्नयन किया गया है या नवीन स्वीकृति दी गई है? (ख) क्या शासन ने यह सुनिश्चित किया था कि नवीन विद्यालय या उन्नयन विद्यालय को भवन एवं पर्याप्त स्टॉफ होने पर ही स्वीकृति दी जावेगी? यदि हाँ तो फिर कई स्कूलों में भवनों की कमी या स्टॉफ की कमी क्यों है? (ग) क्या भविष्य में नवीन विद्यालय या उन्नयन विद्यालय स्वीकृत करते समय इस बात का पूर्ण ध्यान रखा जावेगा कि पर्याप्त भवन एवं स्टॉफ हो? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में भवन एवं स्टॉफ की कमी कहाँ-कहाँ है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 04 प्राथमिक शालाओं का माध्यमिक शालाओं में, 06 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में एवं 06 हाईस्कूलों का हायर सेकण्डरी में उन्नयन किया गया है। (ख) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस के तहत-‘‘ (1) क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगी, परंतु यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा में एक कि.मी. की परिधि के भीतर प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6 से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी, परंतु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन कि.मी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी। ‘‘ विद्यालय भवन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाकर भारत सरकार को प्रेषित किया जाता है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर स्वीकृति जारी की जाती है। हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल के उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है (ग) प्राथमिक/माध्यमिक विदयालय हेतु उत्तरांश ''ख'' अनुसार। हाई एवं हायर सेकण्डरी उन्नत शाला में पदों की स्वीकृति दी जाती है। पदपूर्ति सतत् प्रक्रिया के तहत होती है। भवन व्यवस्था उपलब्ध वित्तीय संसाधनों एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करती है। (घ) विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरौद में 06 प्राथमिक विदयालय स्थानान्तरण होने के कारण भवन विहीन हैं। भवन के साथ-साथ नवीन स्थान पर स्टॉफ (शिक्षक) का भी स्थानान्तरण भी हुआ है। पर्याप्त स्टॉफ के अभाव में अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कार्य किया जा रहा है। भवन विहीन शालाओं के नाम हैं प्राथमिक विदयालय नई बस्ती खामरिया, प्राथमिक विदयालय हरिजन बस्ती सुरेल, प्राथमिक विदयालय अयोध्या बस्ती, प्राथमिक विदयालय अंजनी नगर, प्राथमिक विदयालय जूना नागदा, प्राथमिक विदयालय नई बस्ती भडला। हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूल के स्वभवनहीन एवं स्टॉफ की कमी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
खाचरौद में प्री-मैट्रिक छात्रावास एवं नागदा में छात्रावास उन्नयन
3. ( क्र. 187 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 10.01.16 को खाचरौद प्रवास पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी कि खाचरौद शहर में प्री-मैट्रिक छात्रावास खोला जावेगा एवं साथ ही नागदा में शा. बालक छात्रावास जो वर्तमान में 20 सीटर है उसे 50 सीटर उत्कृष्ट छात्रावास बनाया जावेगा तो उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई है? योजना अभी किस स्तर पर है? (ख) उक्त दोनों घोषणाएं कब तक पूर्ण हो जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। खाचरौद शहर मुख्यालय पर पूर्व से ही प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास 50 सीटर का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही विकास खण्ड स्तरीय कन्या उत्कृष्ट छात्रावास भी संचालित है। (ख) नागदा में 20 सीटर बालक छात्रावास संचालित है। इसे 50 सीटर किये जाने के लिये कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सर्पदंश से मृत्यु पर रोक
4. ( क्र. 192 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् सर्पदंश से कितने व्यक्तियों की मृत्यु किस-किस जिले में कहां-कहां हुई? म.प्र. में सर्पदंश के कितने इंजेक्शन उक्त अवधि में प्रतिवर्ष खरीदे, कितने उपयोग में आये, मरीज के अस्पताल पहुंचने के बाद मृत्यु दर क्या रही मंदसौर जिले की वर्षवार जानकारी दें? (ख) क्या वर्षा ऋतु में किसानों को कृषि कार्य करने के दौरान सर्पदंश की संभावना अधिक रहती है यदि हाँ, तो सर्पदंश प्रतिरोधक इंजेक्शन "एंटी स्नेक वेनम" जिला स्तर पर ही क्यों वर्तमान में कितने इंजेक्शन सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर रखे है? रतलाम मंदसौर जिले की जानकारी देवें। क्या सर्पदंश के पश्चात् जिला स्तर पर मरीज को लगने वाले समय में ही मरीज की मृत्यु हो जाती है जिसकी मृत्यु दर ९०% है इसके लिए विभाग क्या प्रयास कर रहा है? (ग) क्या सर्पदंश के लिए प्रयुक्त इंजेक्शन की स्थानीय स्तर पर वर्षा ऋतु के दौरान खरीदी विभाग दवारा सुनिश्चित की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् से आज दिनांक तक सर्पदंश से निम्नलिखित व्यक्तियों की जिलेवार, ग्रामवार मृत्यु हुई है-
क्र. |
जिला |
मृतकों की संख्या |
जिला चिकित्सालय/ग्राम का नाम |
1. |
उज्जैन |
21 |
जिला चिकित्सालय उज्जैन/ शा.चि.माघवनगर-8, ताजपुर-4, बड़नगर-9 |
2. |
मंदसौर |
63 |
जिला चिकित्सालय में 49, सिविल अस्पताल-13, सामु. स्वा. केन्द्र. सीतामऊ-01 |
3. |
रतलाम |
26 |
जिला चिकित्सालय में -24, सिविल अस्पताल जावरा-02 |
4. |
शाजापुर |
13 |
जिला चिकित्सालय में -07, सिविल अस्पताल सारंगपुर-01, सा.स्वा.केन्द्र-मोमन बडोदिया-02, पोलाएकला-01, गुलाना-01, उज्जैन-01 |
5. |
नीमच |
31 |
जिला चिकित्सालय में -29, सा.स्वा.केन्द्र सिंगोली-02 |
6. |
आगर |
19 |
आगर में 3, नलखेड़ा में 3, सुसनेर में 7 तथा बड़ौद में 6 |
7. |
देवास |
निरंक |
निरंक |
मध्यप्रदेश में विभाग द्वारा क्रय किये गये सर्पदंश (Anti snake Venom Polyvalent Inj. 10 ml “Lyophilized”) के इंजेक्शन की वर्षवार जानकारी-
वर्ष 2012-13 |
51920 |
वर्ष 2013-14 |
78778 |
वर्ष 2014-15 |
42051 |
वर्ष 2015-16 |
43376 |
वर्ष 2016-17 |
13050 (अप्रैल 2016 से 13 जुलाई 2016 तक) |
मंदसौर जिले में वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक सर्पदंश प्रतिरोधक इंजेक्शन ”एंटी स्नेक वेनम“ के प्रतिवर्ष क्रय का विवरण निम्नानुसार है-
क्र. |
वर्ष |
एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन की संख्या |
|
|
|
जिला चिकित्सालय |
विकासखण्ड भानपुरा |
1 |
2013 |
400 |
110 |
2 |
2014 |
250 |
0 |
3 |
2015 |
300 |
65 |
4 |
2016 |
200 |
100 |
जिला अस्पताल में 820, सीतामऊ में 24, भानपुरा में 215, गरोठ में 36, शामगढ़ में 24 एवं मल्हारगढ़ में 06 इंजेक्शन उपयोग में लाए गए। मंदसौर जिले के अस्पतालों में पहुँचने के बाद मृत्यु दर वर्ष 2013 में 27.8 वर्ष 2014 में 28.1 वर्ष 2015 में 31.6 एवं वर्ष 2016 में 27.2 प्रतिशत् है। (ख) हां। यह सत्य है कि वर्षा ऋतु में किसानों को कृषि कार्य करने के दौरान सर्पदंश की संभावना अधिक रहती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को क्रय करने के अधिकार होने के कारण जिला स्तर पर औषधियों का क्रय किया जाकर अधिनस्थ संस्थाओं को वितरीत किया जाता है। सर्पदंश प्रतिरोधक इंजेक्शन ”एंटी स्नेक वेनम“ जिला स्तर पर ही नहीं, बल्कि ब्लाक स्तर पर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वर्तमान में मंदसौर एवं रतलाम जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ”एंटी स्नेक वेनम“ इंजेक्शन की स्थिति निम्नानुसार हैः-
मंदसौर |
रतलाम |
सीतामऊ - 10 |
सेलाना -08 |
मल्हारगढ़ - 20 |
पिपलौदा - 11 |
श्यामगढ़ - 30 |
ताल - 10 |
धुधंडका - 08 |
बिलपाक नामली - 10 |
गरोठ - 20 |
बाजना - 30 |
भानपुरा - 60 |
रावटी - 10 |
|
आलोट - 31 |
|
खारवारकला - 10 |
|
बर्डियागोयल - 05 |
|
ठोडर - 05 |
|
जावरा - 70 |
मांग एवं आवश्यकता होने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा Anti snake Venom अधिनस्थ संस्थाओं को तत्काल उपलब्ध कराया जाता है। सर्पदंश के पश्चात् काफी विलम्ब से मरीज को चिकित्सा संस्था में लायें जाने की स्थिति में मरीज की मृत्यु दर अधिक रहने की संभावना रहती है। विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक ”एंटी स्नेक वेनम“ इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। (ग) वर्तमान में Anti snake Venom की दरें मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्धारित की गई है इन दरों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा क्रय किया जा सकता है। Anti snake Venom उपलब्ध न होने की स्थिति में आवश्यकता होने पर स्थानीय क्रय किया जा सकता है।
अनुसूचित जाति बस्ती में विकास कार्यों की स्वीकृति
5. ( क्र. 312 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में अनुसूचित जाति बस्ती विकास हेतु राशि का आवंटन जिले में प्राप्त होता है? हाँ तो वर्ष 2013 से वर्तमान तक वर्षवार कितना प्राप्त हुआ है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि का उपयोग चिन्हित ग्रामों में ही विकास कार्यों हेतु किया जाता है? हाँ तो भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जिसमें राशि दी जा सकती है? (ग) क्या जिन ग्रामों में अनुसूचित जाति के परिवार निवासरत हैं तथा उन ग्रामों के चिन्हित ग्रामों के नाम नहीं है उनमें विकास कार्य की स्वीकृति प्रदाय नहीं की जा सकती है? नहीं तो क्या कारण हैं? (घ) अनुसूचित जाति विकास बस्ती मद की राशि केवल चिन्हित ग्रामों में ही जारी की जा सकती है? इस संबंध में शासन द्वारा जारी सर्कुलर की प्रतियां भी उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जारी आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। 40 प्रतिशत् से अधिक अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों की सूची में भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र में एक ग्राम ‘साला’ है। (ग) अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्ती से तात्पर्य ऐसे ग्रामों/बस्ती/ वार्डों/मजरे/टोलो/पारों से है जिनमें वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जातियों की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत् या उससे अधिक हो अथवा जहां कम से कम अनुसूचित जातियों के 20 परिवार निवास करते हो। ऐसी बस्तियों में विकास कार्यों की स्वीकृति देने का प्रावधान है। उपलब्ध राशि से कार्य स्वीकृत करते समय सबसे अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाली बस्तियों में प्राथमिकता से कार्य स्वीकृत किये जायेंगे। (घ) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत प्रकरणों का निराकण
6. ( क्र. 313 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी बेरोजगारों को ऋण उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वर्ष 2013-14 हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? इन आवेदन हेतु कितने शिविरों का आयोजन किया गया है? (ख) कुल प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों की स्वीकृति पश्चात् बैंकों को प्रस्तुत किये गये हैं? कृपया बैंक के प्रकरण भेजने के दिनांक सहित विवरण उपलब्ध करावें? (ग) 2014 के पश्चात् कुल कितने प्रकरणों की बैंक द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है तथा उसके उद्देश्य क्या थे? स्वीकृत/लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध करावें? मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत कितने प्रकरण बैंक के पास लंबित हैं तथा क्या कारण है? (घ) बैंक के पास लंबित प्रकरणों के निराकण हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वर्ष 2013-14 में कुल 41 आवेदन प्राप्त हुए थे। क्षेत्र के आवेदनों हेतु जिला स्तर पर तीन शिविर लगाये गये थे (ख) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र के कुल 41 आवेदन योजना की प्रक्रिया पूरी कर स्वीकृति हेतु हितग्राही द्वारा चयनित बैंक शाखाओं को समय पर प्रेषित किये गये। इस संबंध में विवरण और दिनांक सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 41 आवेदनों में से 21 आवेदन स्वीकृत व 20 आवेदन लंबित रहे हैं। (ग) वर्ष 2015-16 में भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र के 71 आवेदन प्राप्त हुए जिनकी प्रक्रिया पूर्ण कर स्वीकृति हेतु हितग्राही द्वारा चयनित बैंक शाखाओं को प्रेषित किये गये 71 आवेदनों में 38 बैंक से स्वीकृत एवं 33 लंबित रहे। लंबित रहने के मुख्य कारणों में बैंक आवंटित लक्ष्यों की पूर्ति करता है तथा बैंक में स्टाफ की कमी आदि प्रमुख कारण है। (घ) बैंकों में लंबित प्रकरणों को शासन के दिशा-निर्देश अनुसार नवीन वित्तीय वर्ष में पुन: प्रस्तुत किया जाता है। इस संबंध में राज्य स्तर पर बैंकर्स समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में आयोजित की जाती है एवं जिला स्तर पर जिला स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठकें आयोजित की जाती है। जिसमें योजना क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं के समाधान हेतु निर्देश जारी किये जाते है।
विशेष केन्द्रीय सहायता
7. ( क्र. 504 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग भारत सरकार से प्रदेश को अनुच्छेद 275 (1) एवं विशेष केन्द्रीय सहायता, आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु राशि दी जाती है? (ख) यदि हाँ तो भारत सरकार से प्रदेश सरकार को वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार/मदवार मूल वर्षवार कितनी-कितनी राशि दी गई? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाएं, मध्य परियोजनाएं एवं कलस्टर को कितनी-कितनी राशि योजनावार/मदवार दी गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र ''ब'' तथा ''स''अनुसार है।
आदिवासी आयोजना क्षेत्र विकास
8. ( क्र. 505 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष बजट में आदिवासी आयोजना क्षेत्र के विकास हेतु अलग से मांग-संख्या 41, 42, 52, 68 में राशि का प्रावधान रखा जाता है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) में दिये गए मांग संख्या की राशि कहाँ-कहाँ व्यय किये जाने संबंधी वित्त आयोग म.प्र. बजट मैन्युअल एवं केन्द्र सरकार के आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त संबंध में वित्त आयोग के कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। आदिवासी उपयोजना के क्रियान्वयन के संबंध में भारत सरकार नीति आयोग के दिशा-निर्देश हैं। इसके अतिरिक्त म.प्र. बजट मैन्युअल में भी दिशा-निर्देश दिये गये हैं, जिनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
श्योपुर सिटी डिस्पेंसरी में चिकित्सक एवं स्टाफ की पूर्ति
9. ( क्र. 625 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर नगर में संचालित सिटी डिस्पेंसरी में प्रश्न दिनांक की स्थिति में शासन निर्देशानुसार चिकित्सकों/अन्य अधीनस्थ स्टॉफ के कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं, में से कौन-कौन से भरे/खाली पड़े हैं व क्यों इन्हें कब तक भरा जावेगा? कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध/अनुपलब्ध हैं? कब तक उपलब्ध कराई जावेंगी? (ख) क्या उक्त स्थिति में उक्त डिस्पेंसरी में एक मात्र पदस्थ महिला चिकित्सक द्वारा सेवा से रिजाईन दे दिये जाने के कारण डिस्पेंसरी चिकित्सक विहीन हो गई है? ये एक स्टॉफ नर्स व एक सफाईकर्मी के भरोसे संचालित हो रही है तथा उपचार हेतु आने वाले मरीजों को जिला चिकित्सालय अथवा अन्यत्र जाना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ तो क्या शासन उक्त मरीजों के हित के मद्देनजर एक निश्चित समय-सीमा में सभी रिक्त पदों को भरेगा तथा अन्य आवश्यक अनुपलब्ध सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्योपुर में जनरल ओ.पी.डी. निःशुल्क जाँच एवं औषधि प्रदाय की सुविधा उपलब्ध है। लैब सुविधा अनुपलब्ध है। यथाशीघ्र। (ख) जी हाँ। जी नहीं। डॉ. के.एल. पचैरिया, चि. अ. की ड्युटी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लगाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार। यथाशीघ्र। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
प्राथमिक शालाओं का उन्नयन
10. ( क्र. 626 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कितनी प्राथमिक शालाएं कहाँ-कहाँ संचालित हैं में से कौन-कौन सी शालाएं उन्नयन की पात्रता रखती हैं? कहाँ-कहाँ नवीन शालाएं स्वीकृत किये जाने की आवश्यकता है? इस संबंध में शासन के निर्देश क्या हैं? (ख) वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक उक्त में से कौन-कौन सी प्राथमिक शालाओं के उन्नयन के, कौन-कौन सी नवीन प्राथमिक शालाओं की स्वीकृति की कार्ययोजना/प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गये की सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त कार्ययोजना/प्रस्तावों में प्राथमिक शाला बीजरपुर व बालापुरा के उन्नयन के तथा ज्वाड़ सरदारों के टपरों पर नवीन प्राथमिक शाला खोले जाने का प्रस्ताव भी शामिल है? यदि नहीं, तो क्या इन शालाओं के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु शीघ्र भेजे जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन निर्देशानुसार प्राथमिक शाला बीजरपुर व बालापुरा उन्नयन की सभी शर्तें पूरी करती है? ज्वाड़ सरदारों के टपरों पर नवीन प्राथमिक शाला को स्वीकृत करने में कोई कठिनाई नहीं है? यदि हाँ तो क्या शासन इस हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्राथमिकता क्रम में जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 326 प्राथमिक शालाएं संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राथमिक शाला के उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक किसी भी प्राथमिक शाला के उन्नयन का प्रस्ताव एवं नवीन प्राथमिक विद्यालय की स्वीकृति की कार्ययोजना/प्रस्ताव शासन को प्रेषित नहीं किये गए है। (ग) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 अन्तर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च, 2011 की धारा-4 में पड़ोस की परिभाषा अनुसार-‘‘ 1. क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है, नियम-2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगा परन्तु यदि क्षेत्र के भीरत किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा में एक किमी. की परिधि के भीतर प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6 से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी परन्तु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन कि.मी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध हैं, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेंगी। ’’ शासकीय प्राथमिक शाला बीजरपुर एवं बालापुरा के 3 कि.मी. की परिधि में पूर्व से माध्यमिक विद्यालय संचालित है तथा ज्वाड़ सरदारों के टपरों बसाहट में मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण प्राथमिक शाला संचालित नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। ज्वाड़ सरदारों के टपरों बसाहट के संबंध में प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर अनुसार।
स्कूल चलें अभियान का आयोजन
11. ( क्र. 774 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में स्कूल चलें अभियान के तहत भोपाल संभाग में क्या-क्या आयोजन किस स्तर पर आयोजित किए गए? आयोजनों में कितनी जन-सहभागिता रही? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या आयोजनों के लिए किसी प्रकार का बजट आवंटित किया गया था? यदि हाँ तो जिलावार, ब्लाकवार बजट आवंटन और खर्च का मदवार ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अभियान के तहत शासकीय स्कूलों में नव प्रवेशी विद्यार्थियों की संख्या में कितने प्रतिशत् की वृद्धि दर्ज की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार गत शिक्षण सत्र के दौरान नव प्रवेशी विद्यार्थी में से कितने प्रतिशत् विद्यार्थी सत्रांत तक निरंतर रहे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्कूल चलें हम अभियान विभिन्न चरणों में संचालित किया जाता है। वर्ष 2015-16 में स्कूल चलें हम अभियान के द्वितीय चरण के तहत भोपाल संभाग की शालाओं/अन्य स्तरों पर शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों/पालकों/जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में मुख्यतः शाला में बच्चों का आत्मीय स्वागत, पाठ्यपुस्तकों का वितरण, बच्चों का शाला में नामांकन हेतु कार्यवाही इत्यादि सम्मिलित हैं। इन आयोजनों में लगभग एक लाख लोगों की सहभागिता रही। वर्ष 2016-17 में भी उपरोक्तानुसार कार्यक्रम आयोजित किए गए/जा रहें हैं। इन आयोजनों में अभी तक लगभग एक लाख बाईस हजार लोगों की सहभागिता रही। इस वर्ष दिनांक 15.06.2016 को रायसेन जिले के सिलवानी में राज्य स्तरीय स्कूल चलें हम कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 10,000 लोगों की सहभागिता रही है। (ख) भोपाल संभाग के जिलों में इस अभियान के संचालन हेतु स्वीकृत/अनुमोदित राशि एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ग) शैक्षणिक सत्र 2016-17 में नामांकन की कार्यवाही प्रचलित है, इसलिए वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के नामांकन के आंकड़ों में अंतर की जानकारी वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। (घ) विगत शैक्षणिक सत्र 2015-16 में नव-प्रवेशित बच्चों की सत्रांत में निरंतरता की स्थिति का जिलेवार विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
अध्यापक की मृत्यु होने पर नवीन पेंशन योजना की राशि का भुगतान
12. ( क्र. 808 ) श्री रामनिवास रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नियुक्त अध्यापक संवर्ग के लिए नवीन पेंशन योजना लागू है? यदि हाँ तो कब से? उक्त योजना लागू होने के दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी राशि अध्यापकों के वेतन में से एवं कितनी राशि राज्य सरकार द्वारा नोडल एजेंसी को दी जाना थी? अभी तक कितनी राशि नोडल एजेंसी को प्रदाय की गई है? कितना प्रदाय की जाना शेष है? पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) इन कर्मचारियों की शासकीय सेवा में मृत्यु उपरांत इन कर्मचारियों को नवीन पेंशन योजनांतर्गत जमा राशि वापिस किए जाने के संबंध में क्या नियम एवं निर्देश हैं? प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में श्योपुर जिले में अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की शासकीय सेवा के दौरान मृत्यु उपरांत कितने अध्यापकों के आश्रितों को पेंशन राशि का भुगतान कर दिया है? कितने प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं? (घ) क्या श्योपुर जिले में शासकीय प्राथमिक विद्यालय सहसराम में पदस्थ सहायक अध्यापक श्री जितेन्द्र कौशिक की दिनांक 17.12.14 को शासकीय सेवा में रहते हुए मृत्यु हुई थी? यदि हाँ तो नवीन पेंशन योजना के तहत जमा राशि के क्लेम हेतु प्रकरण समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर विभाग को प्रस्तुत किए जाने के पश्चात् अभी तक क्लेम राशि का भुगतान न होने के क्या कारण हैं? कब तक श्री कौशिक सहित श्योपुर जिले के अन्य सभी मृत अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की नवीन पेंशन योजना की राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। 1 अप्रैल, 2011 से। फरवरी 2016 तक राशि रु. 8900359171 अध्यापक अंशदान एवं राशि रु. 8900359171 राज्य सरकार द्वारा नोडल एजेंसी को दी जानी थी। राशि रु 11120498254 एन.एस.डी.एल को प्रदाय की जा चुकी हैं। राशि रु. 6680220088 प्रदाय की जाना शेष हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) श्योपुर जिले में अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की शासकीय सेवा के दौरान कुल 8 यथा 01 वरिष्ठ अध्यापक तथा 7 सहायक अध्यापक की मृत्यु हुई हैं। जिनमें से 3 अध्यापकों के प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्राप्त कर एन.एस.डी.एल. मुम्बई को भेजे जा चुके हैं। शेष 5 में कार्यवाही की जा रही हैं। (घ) श्री जितेन्द्र कौशिक सहायक अध्यापक की दिनाँक 17.12.2014 को मृत्यु हुई हैं। श्री जितेन्द्र कौशिक के आश्रितो द्वारा दिनाँक 06.07.2016 आहरण संवितरण अधिकारी के समक्ष समस्त अभिलेखों सहित आवेदन प्रस्तुत किया गया। परीक्षण उपरांत आवेदक को बुलाकर ऑनलाईन आवेदन एन.एस.डी.एल. को प्रेषित होने पर राशि की भुगतान की कार्यवाही एन.एस.डी.एल. द्वारा की जाती हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं।
घोषणाओं की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही
13. ( क्र. 819 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिविल अस्पताल मैहर के उन्नयन, नवीन प्राथमिक व उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना, नवीन पदों का सृजन एवं पदस्थापना व भवनों के निर्माण आदि के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय व स्वास्थ्य मंत्री महोदय की घोषणाओं की प्रतिपूर्ति हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही व अद्यतन स्थिति का विस्तृत विवरण दें? (ख) मैहर सिविल अस्पताल में ट्रामा सेंटर की स्थापना की क्या योजना है? इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सिविल अस्पताल मैहर में पोस्टमार्टम कक्ष को व्यवस्थित करने, उपकरणों से युक्त करने व डैड बॉडी सुरक्षित रखे जाने हेतु केबिनेट बॉडी स्थापित किये जाने के संबंध में क्या योजना है? विस्तृत विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 38 बिस्तरीय सिविल अस्पताल मैहर का 160 बिस्तर में उन्नयन कर दिया है, उन्नयन के पश्चात् 01 चिकित्सा विशेषज्ञ, 02 चिकित्सा अधिकारी, 01 लैब टेक्निशियन, 01 नेत्र सहायक, 01 रेडियोग्राफर एवं 06 स्टाफ नर्सो की पदस्थाना की गई है। भवन निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। विधान सभा क्षेत्र मैहर के 18 ग्रामों में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों की प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। अद्तन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत शासन एवं राज्य शासन द्वारा केवल जिला चिकित्सालय व चिकित्सा महाविद्यालय स्तर की चिन्हित संस्थाओं में ट्रामा सेंटर की स्थापना की योजना है। इसके साथ राष्ट्रीय राज्यमार्ग की संस्थाओं में ट्रामा सेंटर की स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है (ग) शासन द्वारा जिला चिकित्सालयों में 02 बॉडी मॉर्चूरी केबीनेट के 02 नग उपलब्ध कराये गये है। जिला चिकित्सालयों के अतिरिक्त अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में मॉर्चूरी केबीनेट देने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
झाबुआ जिले में छात्रावास आश्रमों में सिलोकोशि के शिविर
14. ( क्र. 868 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15 से अब तक छात्रावास-आश्रमों में सिलोकोशि की बीमारी के संबंध में प्रत्येक छात्रावास-आश्रम हेतु कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में झाबुआ जिले के सिलोकोशि की बीमारी हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा शासन के नियमानुसार कहाँ-कहाँ और कौन-कौन से छात्रवास-आश्रमों में शिविर लगा कर छात्र-छात्राओं की जाँच की गई? (ग) विभाग द्वारा छात्रावास-आश्रमों में शिविर नहीं लगाये गये तो? क्यों? (घ) झाबुआ जिले में अगर शिविर लगाये गये तो प्रत्येक छात्रावास-आश्रमों में कितना-कितना व्यय किया गया वर्षवार बतावें? अगर नहीं किया गया तो क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15 से अब तक छात्रावास-आश्रमों में सिलोकोशि की बीमारी के सम्बन्ध में कोई आवंटन प्रदाय नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में झाबुआ जिले के सिलोकोशि की बीमारी हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा किसी भी छात्रावास-आश्रमों में कोई शिविर नहीं लगाये गये हैं। (ग) विभाग द्वारा छात्रावास-आश्रमों में शिविर लगाने सम्बन्धी शासन द्वारा कोई निर्देश प्रदान नहीं किये गये हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
शिक्षकों का समयमान वेतनमान
15. ( क्र. 890 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) नहीं, तो समयमान वेतनमान का लाभ शिक्षकों को क्यों नहीं दिया जा रहा है? क्या इस संबंध में शासन के द्वारा कोई प्रस्ताव लाया गया है यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कब तक लागू किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों को समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बैगा जन जातियों के इलाज हेतु अनुदान
16. ( क्र. 891 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैगा जनजातियों के लोगों के इलाज के लिये शासन द्वारा विशेष अनुदान चिकित्सालयों में उपलब्ध कराया जाता है एवं इस विशेष वर्ग के इलाज के लिए शासन का कोई विशेष प्रावधान है? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में शहडोल जिला चिकित्सालय को उक्त प्रावधान के तहत वर्षवार कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि का वर्षवार व्यय किस-किस प्रयोजन में किया गया है तथा कितने बैगा जनजाति के लोग ने उक्त योजना का लाभ उक्त अवधि में प्राप्त किया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ एवं विमुक्त जाति हेतु संचालित योजनाएं
17. ( क्र. 920 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जाति क्षेत्र के विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? (ख) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में इन जाति के लोगों के विकास हेतु किसी योजना अंतर्गत कोई कार्य कराए गए है? यदि हाँ, तो कहाँ और क्या? (ग) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में इन जातियों के लोग कहाँ-कहाँ पर रहते हैं? उन सभी बस्तियों में विकास हेतु कोई प्रस्ताव स्वीकृत है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) योजनाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में आवास योजनांतर्गत ग्राम पान्दा के 03 एवं देवमुण्डला के 02, कुल 5 हितगाहियों के लिए रूपये 2.25 लाख के आवास निर्माण के कार्य कराए गए हैं। (ग) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम ओढ़, पीपलरांवा, दोन्ताजागीर, भैरवा खेड़ी, चिडावद, सीखेडी आदि ग्रामों में घुमक्कड़ जनजाति के लोग निवासरत है। उपरोक्त ग्रामों में से ग्राम ओढ़, दोन्ताजागीर, भैरवाखेडी एवं चिडावद के प्राप्त अपूर्ण प्रस्तावों को पूर्ण कर स्वीकृति हेतु भेजे जाने के लिए जिला कलेक्टर को निर्देशित किया गया है।
शालाओं में भृत्यों के पदों की पूर्ति
18. ( क्र. 922 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शिक्षा विभाग में कितने भृत्य के पद रिक्त है? (ख) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शा.प्रा.वि./ शा.मा.वि./शा.हाई स्कूल तथा शा. हायर सेकण्डरी स्कूलों में स्वीकृत पद अनुसार भृत्य है या नहीं? यदि नहीं, तो उक्त पदों को कब तक भरा जावेगा? क्या सभी भृत्य अपनी मूल संस्था में कार्यरत है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (ग) भृत्यों के अभाव में स्कूलों की साफ सफाई व अन्य कार्य किस प्रकार किये जा रहे है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 30 भृत्य के पद रिक्त है। (ख) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत शालाओं में 60 भृत्य के पद स्वीकृत होकर 30 कार्यरत है तथा 30 रिक्त है। भृत्य के रिक्त पदों की पूर्ति अनुकंपा नियुक्ति/ व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से की जाती है। यह सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) भृत्यों के अभाव में स्कूलों की साफ-सफाई व अन्य कार्य शाला प्रबंधन समिति एवं जन सहयोग से किये जाते है।
विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक की जानकारी
19. ( क्र. 990 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय आयुष अधिकारी सागर द्वारा वर्ष 1998 से प्रश्न दिनांक तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक का आयोजन नहीं किया गया है, तो क्या कारण है? यदि हाँ तो कब-कब? (ख) किस अधिकारी की लापरवाही या उदासीनता की वजह से विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक नहीं हुई है, क्या संबंधित दोषी अधिकारी पर जांचोपरांत कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक का आयोजन किया जावेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जी नहीं। दिनांक 02/07/1998 एवं 08/08/2014 को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक का आयोजन किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अन्वेषकों का वेतनमान एवं पदोन्नति
20. ( क्र. 1033 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग में प्रदेश स्तर पर प्रत्येक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय में अन्वेषक का पद स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्त पदों के विरूद्ध सन् 2003 में लेखापालों को पदोन्नत कर अन्वेषक बनाया गया था तथा 6 वर्षों के उपरांत उन्हे पदावनत कर 14 मई, 2009 को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा द्वारा पूर्व पद पर रहने हेतु आदेशित किया जिसके विरूद्ध उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त है? (ख) यदि अन्वेषक लगातार 13 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत है तो उनकी अगली पदोन्नति/क्रमोन्नति का लाभ कब तक मिल सकेगा? (ग) प्रश्नांश 1 एवं 2 के परिप्रेक्ष्य में कब तक कर्मचारी हित में आदेश प्रसारित किये जावेंगे? समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। रीवा संभागान्तर्गत जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश क्र./स्था.3/लेखा/पदो./03/508 दिनांक 14.08.2003 लिपिक संवर्गीय 05 कर्मचारियों को अन्वेषक पद पर पदोन्नति आदेश जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. के पत्र क्र. 949 दिनांक 17.04.2009 के प्रकाश में तत्कालीन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा सभाग रीवा के आदेश क्र. 305 दिनांक 14.05.2009 द्वारा नियम विरूद्ध हुई पदोन्नति को निरस्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार। उक्त पदोन्नति निरस्ती आदेश के विरूद्ध पदोन्नति अन्वेषकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्र. डब्ल्यू.पी. 5399/2009 दायर की गई थी जिसमें माननीय न्यायालय के पारित निर्णय दिनांक 24.06.2009 के द्वारा पूर्व में दिये गये स्थगन को जारी रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (ख) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचारधीन होने के कारण पदोन्नति/क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावित नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र भवनों की स्वीकृति
21. ( क्र. 1045 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत ग्राम पीपल्याकलां, जामोनिया, नाटाराम, सोनखेड़ाकलां, बाढगांव, झाड़मऊ, खारपा, ब्राहम्णगावं एवं मैनाखेड़ी में प्रस्तावित नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति गत वर्ष शासन द्वारा प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त प्रस्तावित नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण कार्य हेतु निविदाएं आमंत्रित कर निर्माण एजेंसी तय कर दी गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ न होने के क्या कारण है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्रस्तावित नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण कार्य पूर्ण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नही, निविदाएं आमंत्रित कर एजेंसी के निर्धारण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के उपरांत भवन निर्माण हेतु कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नही है।
स्थायी सेवकों की समयबद्ध पदोन्नति
22. ( क्र. 1047 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी/3-10/1993 एक भोपाल दिनांक 16 मार्च, 1993 के बिन्दु क्रमांक 7 के (ब) के अनुसार 10 मई, 1993 तक दिनांक 1.5.93 की स्थिति में पात्रता प्राप्त सभी शासकीय सेवकों को स्थायीकरण करने का प्रमाण पत्र आदिवासी विभाग सहित सभी विभागों से मंगाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या समयबद्ध पदोन्नति कर दी गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पदोन्नति की प्रक्रिया में आदिवासी विभाग द्वारा उक्त स्थायीकरण की सूची के अनुसार पहले स्थायी सेवकों को पदोन्नत किया गया यदि नहीं, तो इन पदोन्नति से वंचित स्थायी सेवकों के लिए विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय भर्ती नियमों के प्रावधानों एवं पदों की रिक्तता एवं पात्रता अनुसार पदोन्नति की कार्यवाही समय-समय पर की गई है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शैक्षणिक संस्थाओं में भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी
23. ( क्र. 1055 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग में विधान सभा क्षेत्र लखनादौन अंर्तगत शैक्षणिक संस्थाओं में भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताएं।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
रोगी कल्याण समिति में प्राप्त राशि
24. ( क्र. 1122 ) श्री जतन उईके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के चिकित्सालयों में विगत 03 वर्षों में वर्षवार रोगी कल्याण समिति में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? रोगी कल्याण समिति से प्राप्त राशि के व्यय के शासन के क्या निर्देश हैं? विधान सभावार, चिकित्सालयवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सालय में पिछले 03 वर्षों में किस-किस मद में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी राशि के स्वीकृत हुए हैं? क्या निर्माण कार्यों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सलाह लिये जाने का प्रावधान है? स्वीकृत कार्यों में भंडार क्रय नियमों का पालन किया गया है या नहीं? विधान सभावार व्यय की जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। जी नहीं, रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की बैठक में मनोनीत (जन प्रतिनिधि) सदस्य अध्यक्ष होते है। साधारण सभा में लिये गये निर्णय उपरान्त निर्माण कार्य कराये जाते है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है।
माध्यमिक विद्यालय का भवन निर्माण कार्य
25. ( क्र. 1157 ) श्री उमंग सिंघार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की जनपद पंचायत गंधवानी की ग्राम पंचायत रायपुरीया में सरपंच एवं सचिव द्वारा तीन वर्ष पूर्व मा.वि. भवन निर्माण कार्य की राशि का आहरण कर लिया गया है? अगर राशि का आहरण किया जा चुका है तो भवन निर्माण कार्य क्यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांकित कार्य में राशि के आहरण के उपरांत तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा सरपंच/सचिव पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? अधिकारियों की लापरवाही का क्या कारण रहा? (ग) प्रश्नांकित कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा तथा सरपंच/सचिव एवं संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी
हाँ। धार जिले
की जनपद पंचायत
गंधवानी की
ग्राम पंचायत
रायपुरीया
में
वर्ष 2010-11 में
माध्यमिक
विद्यालय भवन
की स्वीकृति
राशि रूपये 8.14 लाख
की प्रदान की
गई थी।
निर्माण
एजेंसी को राशि
रूपये 6 लाख 91 हजार 900 प्रदाय की
गई थी,
जिसे
एजेंसी
द्वारा आहरित
कर लिया गया था।
दिनांक 25.4.2012 को सरपंच
की मृत्यु
होने से
निर्माण
कार्य बंद कर
दिया गया था।
वर्तमान में
संबंधित सचिव
के द्वारा निर्माण
कार्य पुनः
प्रारंभ कर
दिया गया है।
(ख) जनपद
शिक्षा
केन्द्र
गंधवानी के
पत्र क्रमांक-470
गंधवानी
दिनांक 30.12.2015 तथा
विभाग के
द्वारा
संबंधित
सरपंच/सचिव के
विरूद्ध
पंचायत राज अधिनियम
की धारा 40 एवं 92 के तहत
कार्यवाही की
गई। वर्तमान
में प्रकरण अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व
(मनावर) के
न्यायालय में
विचाराधीन
है। (ग)
माध्यमिक
विद्यालय
रायपुरीया के
भवन का निर्माण
कार्य प्रगति
पर है,
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
एजेंसी के
विरूद्ध
कार्यवाही
अनुविभागीय अधिकारी
राजस्व
(मनावर) के
न्यायालय में
विचाराधीन
है।
सफाई कर्मियों को मजदूरी का भुगतान
26. ( क्र. 1182 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय अस्पतालों में पूर्व में संस्था द्वारा सफाई आदि कार्य हेतु नेमौत्तिक सफाई कर्मियों की नियुक्तियां कर उन्हें अंशकालीन कलेक्टर दर पर वेतन/मानदेय का भुगतान कर उनसे सफाई आदि कार्य करवाया जाता था? लेकिन क्या विगत कुछ वर्षों से उक्त कार्य शासन निर्देशों के तहत विभाग द्वारा समाज सेवी संस्थाओं (एन.जी.ओ.) को टेण्डर पर नियत अवधि के लिये सौंपा जा रहा है? विभाग स्तर से टेन्डर पर कार्यरत अधिकांश संस्थाओं द्वारा सफाई कर्मियों को अत्यंत न्यून दर पर मजदूरी का भुगतान किया जाकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है तथा संस्था का कोई नियंत्रण नहीं होने से सफाई कार्य भी व्यवस्थित नहीं किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग इस अव्यवस्था एवं सफाई कर्मियों के साथ किये जा रहे आर्थिक/सामाजिक शोषण की ओर ध्यान देकर एवं वस्तुस्थिति ज्ञात करने हेतु विस्तृत जाँच करवाकर व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। निजी संस्थाओं को खुली निविदा पर नियत अवधि के लिये अनुबंध कर सौंपा गया है। सफाई कर्मियों के मजदूरी का भुगतान न्यूनतम कलेक्टर दर पर ई-पेमेन्ट के माध्यम से करने का प्रावधान टेंडर की शर्त में है। संस्था टेडर की सेवा शर्तों का पालन करने के लिए बाध्य है एवं संबंधित सिविल सर्जन/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित करने के निर्देश है। (ख) इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर जाँच कराई जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शैक्षणिक संस्थाओं का उन्नयन
27. ( क्र. 1185 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं यथा प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल आदि संस्थाओं का संस्था अथवा पोषक संस्थाओं में दर्ज छात्र/छात्राओं की संख्या के आधार पर उन्हे उच्च कक्षा के लिये उन्नयन किये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. के धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शैक्षणिक संस्थाओं यथा कन्या हाई स्कूल नालछा, हाई स्कूल कछवानिया, कुसुमला व तलवाडा तथा क.मा.वि. बिगडी, मा. वि. मेघापुरा, लोभानपुरा, ईमलीपुरा आदि संस्थाओं का उन्नयन उच्च कक्षा में करने तथा हा.से. स्कूल माण्डव व खलघाट में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने हेतु प्रस्ताव मय आवश्यक जानकारी एवं अनुशंसा सहित विगत दो तीन वर्षों से प्रेषित करने के बावजूद उन्नयन नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) विभाग को प्रेषित प्रस्ताव अनुसार उपरोक्त संस्थाओं का उन्नयन एवं वांछित संस्थाओं में विज्ञान संकाय शिक्षा सत्र 2016-17 से प्रारंभ कर दिया जावेगा अथवा नहीं? प्रस्तावित शालाओं का उन्नयन कब तक किया जावेगा स्पष्ट अवधि बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। दर्ज संख्या के अतिरिक्त दूरी के आधार पर भी प्रावधान में है। (ख) सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण कार्यवाही नहीं हो सकी है। उ.मा.वि. की प्रथम स्वीकृति में कला एवं विज्ञान संकाय के लिये पद सहित स्वीकृति दी जाती है। विज्ञान संकाय की पृथक से स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। (ग) उपरोक्तानुसार। सीमित वित्तीय संसाधनों अंतर्गत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रगति शुद्ध घी फैक्ट्री पर कार्यवाही
28. ( क्र. 1212 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धरमपुरी विकासखण्ड के ग्राम गुजरी में वर्षों से संचालित प्रगति शुद्ध घी की फैक्ट्री को विगत वर्ष अचानक से किन-किन कारणों से एवं किसके आदेश से सील कर सील्ड कर दिया गया था? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या बिना पर्याप्त कारणों के ही अधिकारियों के मिलीभगत से प्रगति शुद्ध घी फैक्ट्री गुजरी को सील्ड कर दिया गया था? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी हैं, दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में ग्राम गुजरी में प्रगति शुद्ध नाम से कोई भी खाद्य पदार्थ निमार्ण की फैक्ट्री संचालित नहीं है और न ही इस कार्यालय द्वारा (प्रगति शुद्ध) नाम के किसी प्रतिष्ठान को खाद्य अनुज्ञप्ति जारी की गई है। विगत वर्ष 2014 में दिनांक 11/10/2014 के ग्राम गुजरी स्थित मेसर्स कृति फूड्स पर कार्यालय में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीमती प्रेमलता भंवर के द्वारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार खाद्य पदार्थो के नमूने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार लेकर, खाद्य विष्लेषक, राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल को जाँच हेतु भेजे गये थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारा मौके पर मौजूद खाद्य सामग्री संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं. 07 में दिये गये विवरण अनुसार जप्त की गई थी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा फैक्ट्री को सील्ड नहीं किया गया था केवल वे खाद्य पदार्थ जिनके नमूने लिये गये उनको खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 38 (1) के तहत प्रदत्त अधिकारों को उपयोग करते हुए जप्त किये गये थे। (ख) खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 38 (1) के तहत प्रदत्त अधिकारों के तहत मात्र खाद्य सामग्री जप्त की गई थी। फैक्टी को सील्ड नहीं किया गया था। चूंकि फैक्ट्री को सील्ड नहीं किया गया था। अतः फैक्ट्री को सील्ड नहीं किये जाने के कारण शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पनागर में रक्त संग्रह इकाई (Blood Storage Unit) की स्थापना
29. ( क्र. 1258 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल हॉस्पिटल पनागर में रक्त संग्रह इकाई नहीं है जबकि यह हॉस्पिटल जबलपुर शहर से 15 कि.मी. दूर नेशनल हाईवे रोड पर स्थित है एवं इस रोड पर आये दिन एक्सीडेन्ट होते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आकस्मिक परिस्थितियों में रक्त की आवश्यकता हो सकती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या रक्त संग्रह इकाई की स्थापना जरूरी है? (घ) यदि जरूरी है तो रक्त संग्रह इकाई की स्थापना अब तक क्यों नहीं की गई? क्या अब की जावेगी तो कब तक, समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं वर्तमान प्रावधान अनुसार ब्लड स्टोरेज यूनिट/रक्त संग्रह इकाई की स्थापना सीमॉक स्वास्थ्य संस्थाओं में की जाती है। (घ) प्रश्न (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता।
इंग्लिश मीडियम एवं मॉडल स्कूलों का संचालन
30. ( क्र. 1282 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने मॉडल स्कूल व इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित हैं? (ख) प्रत्येक इंग्लिश तथा मॉडल स्कूल में कितने पद सृजित किए तथा प्रतिवर्ष प्रत्येक स्कूल को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जाती है? पदों की पूर्ति हेतु शासन ने क्या योजना बनाई है, जिससे शासन की मंशा पूर्ण हो? उक्त शालाओं में इंग्लिश के टीचर नहीं होने से इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने का क्या औचित्य है। पद पूर्ति हेतु समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में 201 शास. मॉडल स्कूल, अंग्रेजी माध्यम के 219 उत्कृष्ट विद्यालय कक्षा 6 से 8 तथा 235 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कक्षा 1 से संचालित है। (ख) अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के लिए पद सृजित नहीं किये गये है। उत्कृष्ट विद्यालय हेतु आवर्ती मद 0.7 लाख तथा अनावर्ती मद में 3.75 लाख तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय हेतु अनावर्ती मद में 1.96 लाख प्रति विद्यालय का प्रावधान है। किसी भी विद्यालय को अभी राशि प्रदाय नहीं की गई है। पदपूर्ति के संबंध में जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। मॉडल स्कूलों में सृजित पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। मॉडल स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या के मान से रू. 4750.00 प्रति विद्यार्थी के मान से स्कूल ग्रांट राज्य योजना मद से एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत रू. 50,000 प्रतिवर्ष स्कूल ग्रांट दी जाती है। मॉडल स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किये जाने हेतु विभागीय आदेश दिनांक 22.8.15 द्वारा जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल अस्पताल हटा में लगाये गये सौर सिस्टम
31. ( क्र. 1283 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल हटा में 5-6 वर्षों पूर्व लगभग 50 लाख का सोलर प्लांट किस मद से किस एजेंसी द्वारा प्रदाय किया गया था? (ख) क्या सिविल अस्पताल हटा में यह सोलर प्लांट लग गया है, यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? (ग) शासन की राशि का दुरूपयोग करने वालों पर क्या एवं कब कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिविल अस्पताल हटा जिला दमोह में सोलर प्लांट की स्थापना हेतु वर्ष 2013 में भारत शासन के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना अनुसार 30 प्रतिशत् भारत शासन अंश एवं 20 प्रतिशत् राज्य शासन अंश तथा शेष 50 प्रतिशत् राशि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के राज्य बजट मद से उपलब्धतानुसार म.प्र. शासन की नोडल एजेन्सी म.प्र. ऊर्जा विकास निगम को एजेन्सी नियुक्त किया गया था। ऊर्जा विकास निगम द्वारा दिनांक 22/10/2013 को मैसर्स अक्षय ऊर्जा को 15 कि.वा. का संयंत्र सिविल अस्पताल हटा में लगाने हेतु कुल राशि रू. 2700300.00 की लागत का कार्यादेश दिया गया था परन्तु एजेन्सी द्वारा उक्त संयंत्र की स्थापना नहीं की गई। (ख) जी नहीं। ऊर्जा विकास निगम द्वारा नियुक्त एजेन्सी में अक्षय ऊर्जा द्वारा उक्त संयंत्र की स्थापना हेतु आंशिक सामग्री प्रदाय किये जाने से उनका कार्यादेश निरस्त कर दिया गया। (ग) कार्यादेश निरस्त होने के कारण संबंधित एजेन्सी को ऊर्जा विकास निगम द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया एवं उनकी धरोहर राशि भी वापस नहीं की गई। अतः शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिग्री निरस्त करने
32. ( क्र. 1290 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवेन्द्र कुमार पाठक पिता श्री मदनमोहन पाठक ने विज्ञान महाविद्यालय रीवा से वर्ष 1987 में नियमित छात्र के रूप में एम.एस.सी. पूर्वाद्ध भौतिकी विषय में नामांकन नम्बर B-83-1234 एवं एम.एस.सी. उत्तरार्द्ध परीक्षा वर्ष 1988 में रोल नं. 914 नामांकन नं. B-83-1234 से परीक्षा में सम्मिलत होकर परीक्षा उत्तीर्ण की है? (ख) यदि हाँ, तो क्या श्री पाठक की नियुक्ति संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के आदेश क्र./स्था.3/अ/86/79 रीवा दिनांक 19/01/87 से शा.उ.मा.वि. कन्या धनपुरी जिला शहडोल में की गई थी जो वर्तमान में शा.उ.मा.वि. गहिलवार जिला रीवा में प्राचार्य पद पर पदस्थ है? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) हाँ तो प्रश्नांश (क) के व्यक्ति द्वारा नियमित अध्यापन एवं नौकरी एक साथ किस नियम एवं किसके अनुमति से किया है की जानकारी नियम/आदेश/अनुमति की प्रति देते हुए देवें तथा उक्त तथ्य की कुल कितनी शिकायतें विभाग/शासन को प्राप्त हुई है तथा उन पर कब, क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के व्यक्ति को नौकरी के साथ अध्यापन करने की अनुमति देने का अधिकार किस अधिकारी को किस नियम के तहत था? यदि बिना अधिकार अथवा नियम के अनुमति दी गई है तो क्या उक्त अनुमति निरस्त करते हुए आपराधिक कार्यवाही दर्ज करा कर एम.एस.सी. की डिग्री निरस्त करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. शिक्षा संहिता के नियम 29 के उप नियम 4 के खण्ड 2 के प्रावधान अनुसार अनुमति दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। इस प्रकरण में अभी तक कुल 03 शिकायतें प्राप्त हुई थी। जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष अनुसार अध्ययन के साथ-साथ नौकरी करने पर समय-समय पर ली गई अनुमति एवं विशेष अवकाश के कारण दोषी नहीं पाया गया। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' पर है। मार्च 2016 में की गई शिकायत के संबंध में जाँच समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश ‘ग‘ में निहित है।
म.प्र. के शासकीय आयुष महाविद्यालय को स्वशासी घोषित किया जाना
33. ( क्र. 1301 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त शासकीय आयुष महाविद्यालयों (आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी) को किस वर्ष में स्वशासी संस्था घोषित किया गया? इन्हें स्वशासी घोषित करने हेतु शासन द्वारा जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रदेश के समस्त शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय पृथक-पृथक पंजीकृत है? यदि हाँ, तो इनके पृथक-पृथक पंजीयन क्रमांक उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रदेश के समस्त शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों की पृथक-पृथक कार्यकारिणी समितियां है? यदि हाँ, तो इसका अध्यक्ष कौन होता है? (घ) क्या प्रदेश के समस्त शासकीय आयुष महाविद्यालयों (आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी) में चिकित्सा शिक्षकों को प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों जैसे कला, वाणिज्य, विज्ञान कला निकेतन आदि के शिक्षकों के समान यू.जी.सी. वेतनमान दिया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसका कारण उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) वर्ष 1997 एवं 1998 में। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। महाविद्यालय का नाम एवं पंजीयन क्रमांक हैं :- (1) शास. स्व. आयु. महा. भोपाल 4245/97 (2) शास. स्व. आयु. महा. ग्वालियर 4223/97 (3) शास. स्व. आयु. महा. रीवा 1793/97 (4) शास. स्व. आयु. महा. जबलपुर 3338/97 (5) शास. स्व. आयु. महा. बुरहानपुर 2931/97 (6) शास. स्व. आयु. महा. उज्जैन 1484/97 (7) शास. स्व. आयु. महा. इंदौर 2986/97 (8) शास. स्व. होम्यो. महा. भोपाल 4276/97 (9) शास. स्व. यूनानी महा. भोपाल 5994/98 (ग) जी हाँ। वर्तमान में इनके अध्यक्ष, संबंधित संभागीय आयुक्त, राजस्व हैं। (घ) जी नहीं। यू.जी.सी. से अनुदान प्राप्त न होने से।
शासकीय शालाओं की जानकारी
34. ( क्र. 1352 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हाईस्कूल एवं हायरसेकण्डरी स्कूल भवनों की स्थिति, शाला स्टॉफ की संख्या की जानकारी प्रदान करें? (ख) वर्तमान में शासन द्वारा प्राथमिक से माध्यमिक शाला, माध्यमिक से हाईस्कूल, हाईस्कूल से हायर सेकण्डरी उन्नयन हेतु किन विद्यालयों को प्रस्तावित किया गया है सूची उपलब्ध करावें? (ग) शालाओं में पदस्थ शिक्षकों की जानकारी, शिक्षक संवर्ग, अध्यापक संवर्ग, संविदा शाला शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक की पदवार, शालावार उपलब्ध करावें? (घ) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करकबेल में मॉडल स्कूल शासन द्वारा स्वीकृत किया गया है जो वर्तमान में चालू नहीं हुआ है उसको प्रारंभ करवाये जाने की कार्ययोजना की जानकारी प्रदान करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अन्तर्गत कुल 379 प्राथमिक एवं 145 माध्यमिक शासकीय स्कूल है। इनके भवन उपयोगी स्थिति में है। हाई/हायर सेकण्डरी भवनों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। शाला स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख''अनुसार है। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु प्रस्ताव निरंक है। हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग'' एवं ''घ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (घ) ग्राम करकबेल में मॉडल स्कूल शासन द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया है।
राज्य शिक्षा सेवा का गठन
35. ( क्र. 1354 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 में राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया गया था जिसमें नवीन पद स्वीकृत किये गये थे एवं उक्त पदों पर पदस्थापना हेतु चयन परीक्षा का आयोजन किया गया था एवं पात्र अभ्यार्थियों का सत्यापन किया गया किन्तु प्रश्न दिनांक तक उक्त पदस्थापना नहीं की गई क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ए.ई.ओ. की पदस्थापना कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नत हो चुके अध्यापकों को इसमें शामिल होने की पात्रता होगी अथवा नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत एरिया एज्यूकेशन ऑफिसर एवं अन्य स्तर के पद स्वीकृत किये गये। जी हाँ, एरिया एज्यूकेशन ऑफिसर के चयन के लिए चयन परीक्षा का आयोजन किया गया एवं अभ्यार्थियों का सत्यापन भी किया गया। मान. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 11.5.2016 के अनुसार पूर्व की चयन प्रक्रिया निरस्त करते हुये चयन प्रक्रिया के लिए नवीन परीक्षा आयोजित करने के आदेश है। अतः पदस्थापना की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
संविदा प्रेरक/शिक्षक के लंबित वेतन का भुगतान
36. ( क्र. 1368 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संविदा प्रेरकों को कुल कितना मानदेय प्रतिमाह दिया जाता है? क्या विगत लगभग एक वर्ष से प्रेरकों को मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या प्रेरकों के मानदेय भुगतान का कारण बजट की कमी है? यदि हाँ तो इतने संवेदनशील मुद्दे पर शासन ने अब तक बजट क्यों उपलब्ध नहीं कराया तथा इन्हें कब तक मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) संविदा प्रेरकों को रूपये 2000.00 (दो हजार) प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। यह राशि भारत सरकार द्वारा निर्धारित है। बजट उपलब्धता के आधार पर मई 2015 से जुलाई 2015 तक का मानदेय समस्त जिलों को दिया जा चुका है। अगस्त 2015 से नवम्बर 2015 तक का मानदेय 32 जिलों को दिया जा चुका है। (ख) जी हाँ। बजट प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। केन्द्रांश की राशि की स्वीकृति प्राप्त होते ही निर्धारित अनुपात में राज्यांश के आहरण के साथ उपलब्ध बजट राशि से मानदेय का भुगतान किये जाने की व्यवस्था की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संविदा पदों को यथावत रखा जाना
37. ( क्र. 1388 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.एच.एम. भोपाल के पत्र क्र. 3108/2016 द्वारा संविदा पदों को यथावत नहीं रखने संबंधी आदेश जारी किया गया था? यदि हाँ, तो पत्र तथा उक्त पत्र जारी करने संबंधी समस्त दस्तावेज/नोटशीट आदि की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त पत्र बेकडेट में डिस्पेज करते हुए डाक रजिस्टर/पोस्ट द्वारा जिलों में नहीं भेजा जाकर 10 दिवस उपरान्त ई-मेल के माध्यम से जिलों को भेजा गया है? उनकी प्रतियां दें? (ग) क्या वर्ष 2016-17 की कार्य योजना में निरंतर नहीं किये गये पदों के संबंध में संबंधित कर्मचारी से सहमति पत्र प्राप्त करने हेतु एन.एच.एम. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से प्राप्त न कर सीधे कर्मचारी से प्राप्त करने का क्या औचित्य है? (घ) क्या सरकार को राज्य से भेजी गई कार्य योजना 2016-17 में यथावत नहीं रखे जाने वाले पदों का प्रपोजल नहीं भेजा गया तथा इनको समायोजित कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शीघ्र जानकारी प्राप्त की जा सके। (घ) जी नहीं। अधिकाधिक कर्मचारियों को योग्यतानुसार एवं पूर्व पदों पर किए गए कार्यों के मूल्यांकन अनुसार समायोजित किये जाने का प्रयास किया गया है।
प्राप्त आवंटन एवं दवाओं का क्रय
38. ( क्र. 1395 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन मदों में कितना-कितना आवंटन दिया गया उनकी प्रतियां दें? (ख) वर्ष 2015-16 में दवाओं की खरीदी एवं सामग्री उपकरण पर जिले में कितना व्यय किया गया? (ग) क्या क्रय समिति का गठन किया गया था यदि हाँ, तो कितने सदस्यों को रखा गया स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’स’’ अनुसार है।
निजी व शासकीय चिकित्सालयो में मरीजों का रिकार्ड सुरक्षित रखन
39. ( क्र. 1456 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा निजी व शासकीय चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना अनिवार्य किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो निजी व शासकीय चिकित्सालयों को कितने-कितने वर्ष तक रिकॉर्ड अपने पास सुरक्षित रखा जाना प्रावधानित है? इस संबंध में क्या कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये? (ग) क्या एम.एल.सी. प्रकरणों में भी इसी प्रकार कितने वर्षों तक रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का प्रावधान है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार निर्धारित समय तक रिकार्ड सुरक्षित नहीं रखने की स्थिति में क्या कार्यवाही या दण्ड आरोपित किये जाने का प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निजी चिकित्सालयों के लिये नर्सिंग होम एक्ट की धारा-4 की उप धारा-5 में (घ) एवं (ड.) एवं नियम 1997 के अन्तर्गत नियम 14, 15 के अन्तर्गत रिकार्ड का संधारण प्रावधानित है। परन्तु रिकार्ड संधारण की अवधि प्रावधानित नहीं है। शासकीय चिकित्सालयों में विभिन्न रिकार्ड संधारित करने की अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मेडिकल मेन्युअल में इस संबंध में निर्देश दिये गये है। (ग) एम.एल.सी. प्रकरणों में 12 वर्ष तक रिकार्ड रखने का प्रावधान मेडिकल मेन्युअल में दिया गया है। (घ) जी हाँ, रिकार्ड सुरक्षित नहीं रखने की स्थिति में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत विद्यालय खोले जाना
40. ( क्र. 1460 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा केन्द्र सर्व शिक्षा अभियान दतिया द्वारा उनाब रोड बालाजी नगर दतिया पर प्राथमिक विद्यालय खोले जाने बाबत विकास गृह निर्माण समिति उनाब रोड दतिया से 0.250 एकड़ भूमि दान पर ली? यदि हाँ, तो कब एवं स्कूल खोले जाने बाबत् क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) स्कूल हेतु दानपत्र के माध्यम से प्राप्त भूमि पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोई विकास कार्य कराया गया क्या वर्तमान में उक्त भूमि का किसके द्वारा क्या उपयोग किया जा रहा है? (ग) क्या भविष्य में यहां प्राथमिक विद्यालय बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2010 में जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश क्रमांक 3408 दिनांक 12.10.2010 के अनुसार प्राथमिक विद्यालय मुडियन के कुंआ दतिया को बालाजी नगर दतिया में स्थानान्तरित किया गया। दान की गई भूमि पर अवैध कब्जा होने के कारण अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) दतिया के न्यायालय में प्रचलित होने के कारण विद्यालय, मुडियन के कुंआ दतिया पर ही संचालित हो रहा है। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक राशिके/ईएण्डआर/2012/8039 दिनांक 22.8.2012 एवं पत्र क्रमांक राशिके/ईएण्डआर/2013/5704 दिनांक 5.7.2013 में उल्लेखित निर्देशानुसार दतिया जिले में एक ही प्रांगण/ग्राम में संचालित एक से अधिक प्राथमिक शालाओं का युक्तियुक्त करण करते हुये जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा कलेक्टर दतिया के आदेश क्रमांक/स्था/शाला युक्तियुक्त करण/2015/3410 दिनांक 9.9.2015 के द्वारा प्राथमिक विद्यालय नवाचार बालाजी नगर को शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 1 मुडियन कुंआ दतिया में एक ही परिसर में लगने के कारण एकीकृत किया गया है। (ख) जी नहीं। उक्त भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण है। (ग) ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में भविष्य में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
विभाग की संचालित योजनाएं
41. ( क्र. 1531 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जौरा विधान सभा क्षेत्र सहित जिला मुरैना में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं तथा वर्ष 2015-16 में कितनी राशि विकास कार्यों के लिये आवंटित की गई? कार्यवार राशि बतावें। (ख) जौरा विधान सभा क्षेत्र में 2014 से अब तक कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है? (ग) विभाग द्वारा योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं? विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है वर्तमान में जिले में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, पदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) वक्फ बोर्ड समितियों को जिला मुरैना में कितनी राशि वर्ष 2015-16 में प्रदाय की गई है? जिले में कितने धार्मिक स्थान वक्फ बोर्ड एवं विभाग के आधिपत्य में हैं एवं उन्हें संरक्षित रखने की क्या-क्या योजनायें संचालित है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विधान सभा के मान से पृथक से योजनाओं का संचालन नहीं किया जाता है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। जिला स्तर पर 50 सीटर कन्या तथा 100 सीटर बालक छात्रावास निर्मित होकर पूर्व से संचालित है। वर्ष 2015-16 में विभाग द्वारा मुरैना जिले को विकास कार्य हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जौरा विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं में लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) अन्त्योदय मेला के माध्यम से योजनाओं का प्रचार-प्रसार विभाग द्वारा प्रकाशि-आगाज उत्थान एवं प्रगति-पथ आदि पुस्तिकाओं के वितरण द्वारा किया जाता है एवं जिला स्तर पर समय-समय पर चलाये जाने वाले विशेष कार्यक्रमों में भागीदारी द्वारा भी विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है। वर्तमान में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (घ) वक्फ बोर्ड समिति मुरैना को वर्ष 2015-16 में कोई राशि प्रदान नहीं की गई है। मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अंतर्गत जिला मुरैना में स्थित एवं पंजीकृत धार्मिक स्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र चार अनुसार है। इन वक्फ सम्पत्तियों के संरक्षण हेतु प्रबंध कमेटियों का गठन किया जाता है। जो वक्फ के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु वक्फ अधिनियम के अंतर्गत कार्य करती है।
अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु बजट आवंटन
42. ( क्र. 1574 ) श्री रामसिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में बजट आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो कितना-कितना बजट किस-किस उद्देश्य/कार्यों के लिये शिवपुरी जिले को प्राप्त हुआ था? प्राप्त बजट वर्षवार कितना-कितना, कब-कब, किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया तथा 31 मार्च, 2015 एवं 31 मार्च, 2016 में कितना बजट शेष रहा? (ख) क्या अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं उनकी बस्तियों में निर्माण आदि के लिये जो बजट आवंटित किया गया था वह बजट उस वर्ष व्यय नहीं किया गया, जबकि बजट प्रावधान अंतर्गत प्रस्ताव प्राप्त होकर लंबित थे? फिर भी बजट से कार्य शुरू नहीं किए गए? यदि हाँ, तो क्यों एवं प्राप्त बजट से कार्य स्वीकृत न करने के लिये कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ग) क्या 01 अप्रैल, 2016 से 30 जून, 2016 तक अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं निर्माण कार्यों हेतु बजट शेष था? यदि हाँ, तो किस-किस उद्देश्य का कितना-कितना बजट शेष था? 01 अप्रैल, 2016 को शेष बजट 31 मार्च, 2016 तक व्यय क्यों नहीं किया गया? शेष बजट व्यय न होने के लिये कौन दोषी है? (घ) प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण हेतु वर्ष 2016 में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) आवंटन सीमा में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। 01 अप्रैल, 2016 को बजट शेष न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है।
कोलारस विधान सभा क्षेत्र के विद्यालयों पदस्थ शिक्षक
43. ( क्र. 1575 ) श्री रामसिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल कहाँ-कहाँ पर हैं? इनमें कौन-कौन शिक्षक, अध्यापक, सहायक अध्यापक, संविदा शिक्षक वर्ग 1, 2, 3 एवं चपरासी आदि पदस्थ हैं? (ख) क्या यह डी.पी.सी. कार्यालय शिवपुरी से विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों आदि की उपस्थिति की मॉनिटरिंग की जाती है? (ग) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्यालयों में पदस्थ ऐसे कौन-कौन से शिक्षक, अध्यापक आदि हैं? जो अन्य स्थान पर अटैच हैं अथवा उन्हें अतिरिक्त प्रभार सौंपे गए हैं? अटैच एवं अतिरिक्त प्रभार वाली संस्थाओं के नाम सहित जानकारी दें? (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत एक शिक्षक (सिंगल टीचर) वाली शालाएं कौन-कौन सी है? इनमें कौन-कौन शिक्षक पदस्थ है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार।
वन अधिकार पट्टों का वितरण
44. ( क्र. 1593 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने वन अधिकार पट्टे वितरण किये जा चुके है, कितने प्रचलन में हैं, कितने दावे निरस्त किये गये तथा कितने लंबित हैं। (ख) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र के जनवरी 2016 से कितने वन अधिकार पट्टे वितरण हेतु संबंधित विभाग को प्रदान किये गये हैं, नाम, ग्राम, पंचायत सहित सूची देवें। (ग) वन अधिकार कानून, 2006 की धारा 3 (1) ख के अनुसार प्रश्न दिनांक तक कितने सामुदायिक अधिकार पत्र खरगोन जिले में प्रदान किये गये। सूची देवें। (घ) 25 जनवरी, 2001 को मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा ग्राम सभाओं को अधिकार संबंधी आदेश जारी किया गया था, पत्र की प्रति देवें। इस पत्र के पालन में की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत 7205 वन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके है। 3960 दावे निरस्त किये गये हैं, कोई दावा लंबित नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (घ) आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। आदेश का पालन किया जा रहा हैं।
स्टेटीशियन पद पर पदोन्नति/नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हताएं
45. ( क्र. 1608 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साप्ताहिक समाचार पत्र समय की रफतार द्वारा दिनांक 28/10/15 को चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में पदस्थ स्टेटीशियन की भर्ती, पदोन्निति आदि में अनियमितताओं के बावजूद लिखे गये पत्र पर संचालनालय/विभाग द्वार कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? विस्तृत ब्यौरा दें? (ख) मध्यप्रदेश राजपत्र एवं विभाग में प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार स्टेटीशियन पद हेतु न्यूनतम अर्हताएं क्या हैं तथा चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में वर्तमान में पदस्थ स्टेटीशियन के पास क्या अर्हताएं है? (ग) उपरोक्तानुसार स्टेटीशियन पद पर पदोन्नति/नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हताएं नहीं होने पर भी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में स्टेटीशियन के पद पर पदस्थ किसे, किन नियमो के तहत् कब से स्टेटीशियन बनाया गया है? (घ) क्या शासन/विभाग उक्त अनियमित नियुक्ति/पदोन्नति को निरस्त करेगा? यदि नहीं, तो किन-किन नियम युक्त, विधियुक्त कारणों से स्पष्ट बताएं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी नहीं। साप्ताहिक समाचार पत्र समय की रफ्तार द्वारा दिनांक 15 जनवरी, 2015 द्वारा की गई शिकायत संचालनालय के पत्र दिनांक 18 फरवरी, 2015 के माध्यम से अधिष्ठाता, भोपाल के कार्यालय में प्राप्त हुई थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। संचालनालय के पत्र के संदर्भ में अधिष्ठाता, भोपाल द्वारा डॉ. करण पीपरे, प्रभारी अधिकारी स्थापना शाखा 5 पदैन प्राध्यापक, रेडियोथेरेपी विभाग, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल को जाँच हेतु दिनांक 20 फरवरी, 2015 को पत्र जारी कर जाँच प्रतिवेदन अभिमत सहित उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। डॉ. पीपरे द्वारा दिनांक 30 मार्च, 2015 को बिन्दुवार प्रतिवेदन अधिष्ठाता, भोपाल को प्रस्तुत किया गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। अधिष्ठाता, भोपाल के पत्र दिनांक 31 मार्च, 2015 द्वारा जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन पर सहमति व्यक्त करते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा की गई थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ख) स्टेटिस्टीशियन के पद का उल्लेख मध्यप्रदेश तृतीय श्रेणी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मचारी भर्ती नियम 1975 की अनुसूची 1 एवं 2 में नहीं है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। उक्त अनुसूची में सांख्यिकी सहायक के पद हेतु दर्शाई गई शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तत्कालीन अधिष्ठाता, भोपाल द्वारा दिनांक 20 जुलाई, 1988 को विभिन्न संवर्गों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं संबंद्ध चिकित्सालयों में कार्यरत कर्मचारियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छः अनुसार है। जारी विज्ञापन में प्रकाशित की गई शैक्षणिक योग्यता के आधार पर स्टेटिस्टीशियन के पद पर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान की गई है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है। (ग) जी नहीं। वांछित योग्यता होने के आधार पर अधिष्ठाता कार्यालय, भोपाल के आदेश दिनांक 25 नवम्बर, 1988 द्वारा स्टेटिस्टीशियन के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी उत्तरांश ”ख“ में सम्मिलित है। (घ) उत्तरांश ”ख“ एवं ”ग“ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति लिये बी.फार्मा डिग्री प्राप्त करना
46. ( क्र. 1609 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय मासिक पत्रिका अदभुत आवाज द्वारा दिनांक 24-03-2016 को जय प्रकाश चिकित्सालय भोपाल में पदस्थ एक फार्मासिस्ट के द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के शासकीय सेवा में रहते हुये नियमति छात्र के रूप में बी.फार्मा डिग्री करने बाबद् शिकायत विभागीय प्रमुख सचिव को की गई? (ख) उपरोक्त शिकायत के पत्र पर शासन/विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? किसे जाँच अधिकारी बनाया गया? जाँच का स्तर क्या हैं? जाँच में किन-किन बिंदुओं को सम्मलित किया गया? (ग) क्या संबंधित फार्मासिस्ट द्वारा अपने पद तथा राजनितिक प्रभाव का उपयोग करते हुये जाँच अधिकारी पर दबाव बनाकर जाँच अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक जाँच क्यों नहीं पुरी की गई? (घ) क्या शासन/विभाग उक्त्त फार्मासिस्ट श्री अम्बाराम चौहान को तत्काल निलंबित करते हुये शासकीय सेवा में रहते हुये बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के नियमित छात्र के रूप में बी.फार्मा डिग्री करने की जाँच करने के साथ-साथ इनके द्वारा उक्त अवधि में दिये गये वेतन भुगतान की वसूली करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्त शिकायत पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, भोपाल द्वारा शिकायती पत्र में वर्णित बिन्दुओं की बिन्दुवार जाँच पूर्ण किये जाने हेतु डॉ. ए.के. द्विवेदी वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर को जाँचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त। शिकायती पत्र में प्राप्त समस्त बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है। (ग) जी नहीं। श्री अम्बाराम चौहान, फार्मासिस्ट के विरूद्ध सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा जाँच प्रक्रिया प्रचलन में होने के परिणामस्वरूप निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं। (घ) जाँचकर्ता अधिकारी से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर संबंधित फार्मासिस्ट के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा कर्मचारियों का संविलियन
47. ( क्र. 1655 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एन.टी.सी.पी.) व म.प्र. राज्य क्षय नियंत्रण समिति (1993 आर.एन.टी.सी.पी.) उपरोक्त दोनों की गाईड लाईन, सेवा शर्तें क्या-क्या हैं? इसके तहत इस विभाग में लंबे समय से विभिन्न पदों में कार्यरत 809 संविदा कर्मियों को विभाग द्वारा अभी तक मानदेय पर ही रखा गया है? संविलियन व वेतनमान निर्धारण का लाभ व अन्य एलाउन्स का लाभ कब तक दिया जावेगा? (ख) म.प्र. राज्य क्षय नियंत्रण समिति ने 2013 आर.एन.टी.सी.पी. की गाईड लाईन सेवा शर्तों में परिवर्तन किस आधार पर किया गया है? यदि इनकी चयन प्रक्रिया सक्षम प्राधिकारी द्वारा सम्पन्न की गई थी तो लंबे सेवाकाल के बाद भी वर्ष 2016 अप्रैल में इनकी अप्रेजल परीक्षा किस गाइड लाईन के तहत ली गई है? (ग) भारत सरकार ई.पी.एफ. के दिशा-निर्देशानुसार सभी प्रा.लि. संस्थान अपने-अपने कर्मियों का पी.एफ. कटौती अनिवार्य रूप से करते हैं परंतु 17 वर्षों की सेवाकाल के बाद भी इन्हें पी.एफ. कटौती का लाभ नहीं दिया गया है? इन्हें पी.एफ. कटौती के लाभ का प्रावधान कब तक किया जावेगा? (घ) म.प्र. राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत इन संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को विभाग द्वारा आज तक क्या-क्या सुविधाएं प्रदाय की गई है? संविदा लैब टेक्नीशियन का नियमित लैब टेक्नीशियन के वेतनमान से इनके मानदेय में कितना अंतर रखा गया है? वेतनमान व अनुकंपा, स्थानांतरण नीति इत्यादि सुविधाओं का क्या प्रावधान किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एन.टी.पी.सी.) में संविदा कर्मचारियों का प्रावधान नहीं था, म.प्र. राज्य क्षय नियंत्रण समिति का गठन 29.12.1998 में हुआ है, भारत शासन द्वारा वर्ष 1993 में आर.एन.टी.सी.पी. पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में संचालित किया गया था। प्रदेश में वर्ष 1998 से आर.एन.टी.सी.पी. चरणबद्ध रूप से प्रारंभ किया गया है। जी हाँ आर.एन.टी.सी.पी. कार्यक्रम के अंतर्गत नियुक्त संविदा कर्मचारियों को मानदेय पर ही रखा गया है, संविलियन एवं वेतनमान निर्धारण का प्रावधान नहीं है। संविदा कर्मचारियों को आकस्मिक, चिकित्सा, प्रसूति एवं पितृत्व अवकाश का प्रावधान है तथा आकस्मिक मृत्यु होने पर अधिकतम अनुग्रह राशि रू.1.50 लाख निकटस्थ परिजन को दिए जाने का प्रावधान है, इसके अतिरिक्त शासकीय यात्रा करने पर यात्रा, दैनिक भत्ते की पात्रता है। (ख) जी नहीं। म.प्र. राज्य क्षय नियंत्रण समिति ने आर.एन.टी.सी.पी. गाईड लाईन सेवा शर्तों में परिवर्तन नहीं किया है। वर्ष 2016 अप्रैल में अप्रेजल परीक्षा मानव संसाधन मैनुअल की कंडिका 09 के अंतर्गत ली गई है। (ग) केन्द्र सरकार से प्राप्त पत्र क्रमांक G-25020/5/2009-NRHM (Finance) दिनांक 17 जुलाई, 2015 एवं राजपत्र द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि प्रकीर्ण उपबन्ध अधिनियम 1952 (1952 का 19) की धारा 16 की उपधारा (2) द्वारा सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 (1860 का 21) के अन्तर्गत राज्य स्वास्थ्य समिति को 31 मार्च, 2015 तक की अवधि तक उक्त अधिनियम के प्रचालन से छूट प्रदाय की गयी थी। वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु ई.पी.एफ. की कटौती के संबंध में भारत शासन से प्राप्त पत्र क्रमांक G-27034-8/20015-NHM (F) दिनांक 10 मार्च, 2016 में राशि रू.15,000/- तक के वेतन वाले कर्मचारियों पर ई.पी.एफ. काट कर जमा करने हेतु निर्देश दिये गये है एवं वर्ष 2016-17 के पी.आई.पी. में भी अनुमोदित किया गया है अतः ई.पी.एफ. लागू किये जाने हेतु रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) संविदा कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी उत्तरांश “क“ में दर्शायी गई है, संविदा लैब टेक्नीशियन का मासिक मानदेय रू. 15,000/- है तथा नियमित लैब टेक्नीशियन का वेतनमान रू.5200-20200+2800 ग्रेड पे है। संविदा कर्मचारियों को वेतनमान व अनुकंपा का कोई प्रावधान नहीं है, स्थानांतरण का प्रावधान है।
डायलसिस मशीन का संचालन
48. ( क्र. 1682 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय हरदा में डायलसिस मशीन किस दिनाँक से प्रारभ कि गई? प्रारभं से प्रश्न दिनाँक तक कितने मरीजों का ईलाज हुआ है? (ख) डायलसिस मशीन प्रारम्भ दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक कितने दिन बंद रही व बंद होने के क्या कारण हैं? (ग) डायलासिस मशीन संचालन एजेंसी को कितने दिनों का किस मापदण्ड अनुसार भुगतान किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला चिकित्सालय हरदा में डायलिसिस मशीन दिनांक 09/03/2016 को प्रारंभ की गई। मशीन प्रारंभ करने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल 04 मरीजों का डायलिसिस किया गया। (ख) डायलिसिस मशीन प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक 96 दिवस डायलिसिस सेवा बंद रही। डायलिसिस यूनिट के आर.ओं प्लान्ट के वाटर सप्लाई रिपोर्ट में बैक्टिरिया कल्चर रिर्पोट पॉजीटिव आने के कारण ईकाई का संचालन नहीं किया गया। (ग) डायलिसिस मशीन हेतु संचालन एजेन्सी को प्रश्न दिनांक तक कोई भुगतान नहीं किया गया।
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड योजना अंतर्गत सहायक शिक्षकों को भुगतान
49. ( क्र. 1694 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में आपरेशन ब्लेकबोर्ड योजना अंतर्गत नियुक्त सहायक शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर या उच्च न्यायालय की किसी खण्डपीठ द्वारा नियुक्ति दिनांक से वेतन दिये जाने हेतु आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ तो उन आदेशों का पालन करते हुए पिछले दो वर्षों में भोपाल जिले में जिन सहायक शिक्षकों को भुगतान किया गया है, उनकी सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में बतायें कि जिन सहायक शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 1993 में की गई थी तथा बाद में जिन्हें सेवा से पदच्युत करने के उपरांत वर्ष 1995 में पुन: नियुक्ति दी गई थी क्या उन सहायक शिक्षकों की वरिष्ठता वर्ष 1993 से दी गई है या 1995 से तथा कार्य न किये जाने की अवधि का उन्हें वेतन दिया गया है अथवा नहीं? यदि वेतन दिया गया है तो ऐसे सहायक शिक्षकों की सूची तथा ब्रेक इन सर्विस की अवधि की वरिष्ठता तथा वेतन दिये जाने का आधार क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश अवधि में 37 सहायक शिक्षकों को भुगतान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्ष 1993 में भोपाल जिला अंतर्गत सहायक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावास एवं आश्रम का संचालन
50. ( क्र. 1724 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में किस वर्ग के लिये कितने छात्रावास एवं कितने आश्रम का वर्तमान में विभाग संचालन कर रहा है? इन छात्रावास/आश्रम की कितने छात्र-छात्राओं के रहने की क्षमता है तथा वर्तमान में कितने छात्र-छात्रा निवास कर रहे हैं? (ख) आश्रम/छात्रावास में कितने स्थाई कर्मचारी, कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं कितने पार्ट टाईम कर्मचारी हैं तथा ये वर्तमान में कौन सा कार्य निष्पादित कर रहे हैं? इनको प्रतिमाह किस दर से भुगतान किया जा रहा है? कितने संविदाकर्मी अधीक्षक/अधीक्षिका उपरोक्त जिलों में कार्यरत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ग) किन-किन कार्यों के लिये नियुक्त पार्ट टाईम कर्मचारियों से प्रतिदिन कितने घंटे कार्य लिया जा रहा है? इन्हें किये जाने वाले भुगतान का निर्धारण किसके द्वारा किया गया है तथा क्या वह नियमानुकूल है? (घ) पार्ट टाईम कार्य के भुगतान की पुष्टि या अनुमोदन श्रम विभाग से किस दिनांक को प्राप्त किया गया? यदि श्रम विभाग से अनुमोदन नहीं लिया गया तो स्पष्ट कारण बतायें तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) शहडोल संभाग के जिला शहडोल में 43 आदिवासी छात्रावासों में 2405 छात्रों के रहने की क्षमता है तथा वर्तमान में 2288 छात्र निवास कर रहे हैं एवं 33 आदिवासी आश्रम में 1700 छात्रों के रहने की क्षमता है तथा वर्तमान में 1668 छात्र निवास कर रहे हैं। जिला उमरिया में 27 प्री मैट्रिक छात्रावासों में 1475 छात्रों के रहने की क्षमता है, 02 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में 100 छात्रों तथा 22 आश्रमों में 1220 छात्रों के रहने की क्षमता है। जिला अनूपपुर में 30 आश्रम में 1500 छात्रों के रहने की क्षमता है, 44 प्री मैट्रिक छात्रावासों में 2200 छात्रों के रहने की क्षमता है, 05 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में 350 छात्रों के रहने की क्षमता है, के अनुरूप पूर्ण रूप से छात्र निवास कर रहे हैं। (ख) जिला शहडोल अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में संविदा अधीक्षक के 19 पद भरे हुए हैं एवं 13 पद रिक्त हैं, नियमित कर्मचारी के 122 पद भरे हुए हैं एवं रिक्त पद नहीं है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के 66 पद भरे हुए हैं एवं 36 पद रिक्त हैं तथा पार्ट टाईम कर्मचारी (स्वीपर) के 94 पद भरे हुए एवं रिक्त पद कोई नहीं है। पार्ट टाईम स्वीपर से अंशकालिक कार्य लिया जाता है जिसके लिए शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी रूपये 2000/- मासिक भुगतान किया जाता है। जिला उमरिया अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में 05 संविदा कर्मी अधीक्षक/ अधीक्षिका कार्यरत हैं तथा 17 पद रिक्त हैं, स्थाई कर्मचारी 72, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के 75 तथा पार्ट टाईम कर्मचारी 53 हैं। स्थाई कर्मचारियों को नियमित वेतन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 6850/- प्रतिमाह पार्ट टाईम कर्मचारियों को रूपये 4000/- मासिक भुगतान किया जा रहा है। जिला अनूपपुर अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में 49 स्थाई कर्मचारी, 32 दैनिक वेतन भौगी कर्मचारी तथा 60 पार्ट टाईम कर्मचारी हैं। तथा 29 संविदा अधीक्षक के पद पर एवं शेष 71 शिक्षकों से कार्य का निष्पादन कराया जा रहा है। इन्हें पद अनुसार पृथक-पृथक दर से वेतन/मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। (ग) जिला शहडोल अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत पार्ट टाईम (स्वीपर) अंशकालिक कार्य लिया जाता है जिसके लिए शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी रूपये 2000/- मासिक भुगतान किया जाता है। जिला उमरिया अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत पार्ट टाईम कर्मचारियों को म.प्र. शासन, वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-8-3/2015/नियम/चार दिनांक 27 मार्च, 2015 के अनुसार अंशकालीन भृत्यों के लिए परिश्रमिक रूपये 4000/- प्रतिमाह निर्धारित है। जिला अनूपपुर अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत पार्ट टाईम कर्मचारियों से 08 घण्टे कार्य लिया जाता हैं। इन्हें किये जाने वाले भुगतान का निर्धारण श्रम विभाग द्वारा किया गया है। (घ) जिला शहडोल अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत पार्ट टाईम कार्य के भुगतान का अनुमोदन पृथक से श्रम विभाग से लेने के कोई निर्देश नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला उमरिया अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत पार्ट टाईम कर्मचारियों के भुगतान के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला अनूपपुर अंतर्गत संचालित छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत पार्ट टाईम कर्मचारियों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित निश्चित मजदूरी से भुगतान किया जाता है। अतः रिक्त पदों के विरूद्ध पार्ट टाईम पर रखे गये श्रमिकों के भुगतान की पुष्टि या अनुमोदन श्रम विभाग से लिये जाने का औचित्य नहीं है।
आश्रम एवं छात्रावास
51. ( क्र. 1725 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में विभाग द्वारा कितने आश्रम एवं छात्रावास वर्तमान में संचालित हैं? इसमें कितने स्थाई चौकीदार, रसोईया, सफाईकर्मी कार्यरत हैं? कितने दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत हैं एवं कितने अस्थाई कर्मी के रूप में कार्यरत हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) अस्थाई चौकीदार, सफाईकर्मी एवं रसोईये को किस दर से कितनी राशि का भुगतान वर्तमान में किया जा रहा है, दर का निर्धारण किस प्रक्रिया के अनुसार किसके द्वारा किया गया है? (ग) अस्थाई या पार्ट टाईम चौकीदार, रसोईये एवं सफाईकर्मी को कलेक्टर के द्वारा निर्धारित दैनिक मजदूरी की दर से भुगतान न किये जाने का क्या कारण रहा है? इन्हें कलेक्टर के द्वारा निर्धारित दर से मजदूरी का भुगतान कब तक सुनिश्चित किया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला शहडोल में विभाग द्वारा 33 आश्रम व 62 छात्रावास संचालित हैं जिसमें 61 स्थाई चौकीदार, 61 स्थाई रसोईया एवं 33 अस्थाई चौकीदार, 33 अस्थाई रसोईया एवं 94 अस्थाई स्वीपर कार्यरत हैं। जिला उमरिया आदिवासी वर्ग के 27 प्री मैट्रिक छात्रावास, 02 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास तथा 22 आश्रम संचालित हैं। जिसमें 72 स्थाई चौकीदार, रसोईया, जलवाहक एवं 75 दैनिक वेतन भोगी (कलेक्टर दर) तथा 55 अस्थाई कर्मी कार्यरत हैं। जिला अनूपपुर अंतर्गत 30 आश्रम 44 प्री मैट्रिक छात्रावास 05 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, 02 एकलव्य आवासीय विद्यालय, 12 क्रीड़ा परिसर संचालित हैं, जिसमें 12 स्थाई चौकीदार, 35 रसोईया 32 दैनिक वेतन भोगी एवं 60 अस्थाई कर्मी कार्यरत हैं। (ख) जिला शहडोल में कलेक्टर दर पर नियुक्त अस्थाई चौकीदार एवं रसोईया को कलेक्टर द्वारा निर्धारित राशि रूपये 6850/- प्रतिमाह एवं सफाई कर्मी स्वीपर की नियुक्ति नहीं की गई है उनको अंशकालीन मजदूरी दर राशि रूपये 2000/- प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है, जो शासन स्तर से निर्धारित है। जिला उमरिया में अस्थाई चौकीदार एवं रसोईया को राशि रूपये 4000/- प्रतिमाह एवं सफाई कर्मी को राशि रूपये 2000/- प्रतिमाह दर से भुगतान किया जा रहा है, जो शासन स्तर से निर्धारित है। जिला अनूपपुर में अस्थाई (पार्ट टाईम) श्रमिकों को श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर निर्धारित की गई मजदूरी संबंधितों की उपस्थिति अनुसार भुगतान की जा रही है। (ग) जिला शहडोल में कलेक्टर दर पर नियुक्त अस्थाई चौकीदार एवं रसोईया को कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर राशि रूपये 6850/- प्रतिमाह एवं सफाई कर्मी (स्वीपर) की नियुक्ति नहीं की गई है उनको अंशकालीन मजदूरी दर राशि रूपये 2000/- प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है, जो शासन स्तर से निर्धारित है। जिला उमरिया और जिला अनूपपुर में अस्थाई या पार्ट टाईम चौकीदार, रसोईया एवं सफाई कर्मी को कलेक्टर के द्वारा निर्धारित दैनिक मजदूरी की दर से ही भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माझी जनजाति का अपूर्ण अध्ययन
52. ( क्र. 1773 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद, कीर आदि जातियों की माझी व मझवार जनजाति से साम्यता संबंधी आ.जा.अ. संस्था ने मार्च 1994, नवम्बर 1994 एवं वर्ष 1999 में किन्हीं जिलों का अध्ययन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किये हैं? (ख) क्या संविधान आदेश 1950 (1976) में माझी व मझवार जनजाति को राज्य (अविभाजित) के प्रत्येक जिलों हेतु अधिसूचित किया है तथा वर्ष 1971 से 2011 में इनकी कोई जनसंख्या प्रत्येक जिलों में होना पायी गई है, लेकिन आ.जा.अ. संस्था ने केवल बिलासपुर, सीधी, रीवा, सतना जिलों की माझी जनजाति का अध्ययन दर्शित किया है और मझवार जनजाति का किसी भी जिले का नहीं? (ग) क्या विधान सभा की बैठक दिनांक 16.03.2016 के परिवर्तित अता. प्रश्न संख्या 46 (क्र. 3795) में प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में मा. विभागीय मंत्री जी ने सीधी जिले की माझी जनजाति का सांस्कृतिक प्रलेख के संबंध में कोई लेख किया है? जिस कारण रीवा, सतना सहित सीधी जिला का अध्ययन फर्जी बन गया है? (घ) क्या राज्य के जिन जिलों की माझी मझवार जनजाति का अध्ययन दर्शित नहीं किये जाने से उन जिलों की धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद, कीर आदि जातियों से तुलनात्मक अध्ययन किया जाना किन आधार पर औचित्यपूर्ण और विधि सम्मत माने जावेंगे और क्या प्रश्नांश (क) अध्ययन निष्प्रभावी बन गये हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) संविधान आदेश 1950 में विंध्यप्रदेश राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 07 पर केवल माझी अधिसूचित है। संविधान आदेश 1976 में माझी को मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 29 पर एवं मझवार को क्रमांक 30 पर (अविभाजित मध्यप्रदेश के सन्दर्भ में) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश राज्य के लिये अनुसूचित जनजाति अधिसूचित किया गया है। शेष प्रश्नांश के संबंध में उल्लेख है कि क्षेत्रीय बंधन समाप्त होने के पश्चात् जारी जनगणनाओं में माझी जनजाति की जनसंख्या प्रत्येक जिलों में होना दर्शित है। संस्था द्वारा माझी मझवार के समान अन्य जातियों यथा ढीमर, केवट, कहार, मल्लाह, निषाद, कीर आदि को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी प्रकरण के सन्दर्भ में शासन निर्देशानुसार संस्था द्वारा बिलासपुर, सीधी, रीवा, सतना आदि जिलों के सन्दर्भ में माझी के संबंध में अध्ययन किया गया है। मझवार जनजाति का अध्ययन नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश जी नहीं। (घ) वर्ष 1950 की स्थिति में माझी केवल विन्ध्यप्रदेश के जिलों में ही अनुसूचित जनजाति मान्य थी इसलिए प्रश्नांश ''क'' अन्तर्गत उल्लेखित वर्षों में माझी जनजाति के सन्दर्भ में विंध्यप्रदेश के जिलों में ही अध्ययन किया गया है। पुन: शासन निर्देशानुसार सम्पूर्ण प्रदेश में माझी जनजाति का अध्ययन सेम्पल के आधार पर पूरे प्रदेश में अध्ययन किया गया है जिसमें माझी तथा केवट, ढीमर, भोई आदि के संबंध में तुलनात्मक रूप से यथा स्थिति संबंधी तथ्य प्रतिपादित किये गये हैं, जो औचित्य पूर्ण एवं सही है। अत: किये गये अध्ययन निष्प्रभावी नहीं हैं।
मिडिल से हाईस्कूल में उन्नयन
53. ( क्र. 1774 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक कटनी के पत्र दिनांक 04.01.2016 द्वारा प्रश्नकर्ता से किसी संबंध में कोई प्रस्ताव मांगा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 09.01.2016 द्वारा विकासखण्डवार किन्हीं विद्यालयों का हाईस्कूल में उन्नयन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है? (ग) मिडिल स्कूल विलायतकला सहित प्रश्नांश (ख) की कक्षा आठवीं की छात्र संख्या कितनी है और उनका प्रवीण्यता क्रम क्या है? (घ) क्या चालू वित्तीय वर्ष में प्रश्नांश (ग) विद्यालयों का उन्नयन स्वीकृत किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी कटनी के पत्र क्रं/आर.एम.एस.ए./8984 दिनांक 04.01.2016 द्वारा माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन के लिये वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित करने हेतु प्रस्ताव मांगा गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रवीणता क्रम निर्धारण के कोई निर्देश नहीं है, अतः बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्ष 2016-17 में शालाओं के उन्नयन हेतु प्रस्ताव मंगावाए जा रहे है। शालाओं का उन्नयन बजट प्रावधान अनुसार सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है।
भगवानपुरा एवं झिरनिया में बी.पी.एम. की नियुक्ति
54. ( क्र. 1805 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत् 2010 से 2014 में खरगोन जिले में बी.ए.एम., आई.ई.सी. कंसलटेंट एवं बी.पी.एम. पदों हेतु प्राप्त आवेदनों की मेरिट सूची देवें। क्या इन पदों पर नियुक्तियां मेरिट सूची अनुसार की गई हैं? यदि नहीं, तो कारण बतायें। बी.ए.एम. की नियुक्ति किसे दी गई? क्या इनसे अधिक योग्य कोई उम्मीदवार नहीं था? क्या नियुक्त कर्मचारी ही सबसे योग्य उम्मीदवार है? नियुक्ति का आधार क्या-क्या रहा। (ख) वर्तमान में बी.पी.एम. के कितने पद किस दिनांक से रिक्त हैं। कितने पद भरे हैं। नियुक्त कर्मचारी के नाम, दिनांक सहित सूची देवें। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु किये गये प्रयासों की प्रतियां देवें। (ग) भगवानपुरा एवं झिरनिया में बी.पी.एम. पद कब, किस अधिकारी के जाने से रिक्त हुआ, नाम, दिनांक सहित बतायें। वर्ष 2013-14 और 2015-15 में नियुक्तियों हेतु कितने पद रिक्त बताये गये? भगवानपुरा एवं झिरनिया में बी.पी.एम. की नियुक्ति नहीं होने के कारण बतायें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) खरगोन जिले में वर्ष 2010, 2011, 2014 में बी.ए.एम. आई.ई.सी. कन्सलटेन्ट की नियुक्ति नहीं की गई। वर्ष 2012 में आई.ई.सी. कन्सलटेन्ट एवं वर्ष 2013 में बी.ए.एम. की नियुक्ति हेतु प्राप्त आवेदनों की मेरिट सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। जी नहीं। जी हाँ। बी.ए.एम. नियुक्ति का आधारः- अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता एवं अर्हता-किसी मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालय से बी. कॉम न्यूनतम 50 प्रतिशत् अंको के साथ न्यूनतम 2 वर्ष का कार्य अनुभव तथा कम्प्युटर का ज्ञान (एम.एस.ऑफिस) अनिवार्य है। टेली सॉफ्टवेयर के ज्ञान वालों को प्राथमिकता दी जावेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) श्री योगेन्द्र वास्कले के जाने से झिरन्या में दिनांक 01.11.2012 तथा श्री सौरभ ठाकुर के जाने से भगवानपुरा में दिनांक 01.01.13 से बी.पी.एम. का पद रिक्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया पर प्रतिबंध होने के कारण कार्यवाही पूर्ण नहीं की जा सकी हैं।
शासकीय चिकित्सालयों में मरम्मत एवं सुधार कार्य
55. ( क्र. 1820 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में संचालित शासकीय जिला चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक भवन उपकरण एवं अन्य सामग्रियों के सुधार/मरम्मत के कौन-कौन से कार्य कब-कब किये गये वर्षवार, संस्थावार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किये गये कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, कार्यवार बतायें एवं उपरोक्त कार्य किन व्यक्ति/संस्था द्वारा किस पद्धति से कराये गये? (ग) शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में विगत दो वर्षों में दानदाताओं द्वारा, जनप्रतिनिधियों द्वारा कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु दी गयी, प्राप्त राशि का खर्च की पद्धिति सहित सम्पूर्ण ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ख) के तहत क्या मरीजों की आवश्यकता के अनेक उपकरण एवं सामग्री लापरवाही के चलते खराब होकर बंद पडी है, जिनमें समय रहते सुधार नहीं किया जाता? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्या यह सत्यापित किया जायेगा कि सभी उपकरण एवं सामग्री सुचारू तौर पर कार्यशील है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में वर्ष 2014-15 में दानदाताओं द्वारा एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा कोई भी राशि नहीं दी गयी एवं वर्ष 2015-16 में श्री लक्ष्मण अहूजा दानदाता द्वारा रु. 511000 (”शब्दों में पाँच लाख ग्यारह हजार रुपये) जिला चिकित्सालय कटनी के रसोई घर रेन्युवेशन बाबत् रोगी कल्याण समिति चिकित्सालय कटनी को प्रदान किये गये है एवं जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय कलेक्टर जिला कटनी के पत्र क्रमाक 2006/जि.यो.सा/जन भागीदारी/2015 कटनी दिनांक 11.12.2015 की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत जनभागीदारी अंश की राशि रु. 680000.00 एवं दानदाता श्री लक्षमण अहूजा द्वारा प्राप्त राशि रु. 511000 कुल राशि रु. 1191000.00 एवं शेष शासन का अंशदान राशि रु. 169000.00 से जिला चिकित्सालय कटनी के भोजनालय में बाउण्ड्रीवॉल बनाने एवं किचिन रेन्युवेशन कार्य स्वीकृत निविदा वर्ष 2015-16 मेसर्स ओम साईं कन्सट्रक्शन कटनी द्वारा मटेरियल एवं मजदूरी कलेक्टर महोदय द्वारा स्वीकृत कलेक्टर दर पर मजदूरों के भुगतान पर व्यय किया गया है। (घ) जी नहीं। जिला चिकित्सालय कटनी में सी.आर्म के अलावा सभी उपकरण वर्तमान में क्रियाशील है। सी.आर्म को क्रियाशील कराने की कार्यवाही चल रही है। जिले के सामु. स्वा. केन्द्रों में समस्त उपकरण क्रियाशील है, बन्द स्थिति में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फरियादी हेतु शासन द्वारा यात्रा भत्ता एवं भोजन की व्यवस्था
56. ( क्र. 1838 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के फरियादी जो हरिजन कल्याण थाने में रिपोर्ट लिखवाने आते है तो क्या इन वर्गों के फरियादियों को शासन द्वारा यात्रा भत्ता एवं भोजन की व्यवस्था का कोई प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि नियम में है तो विगत् 3 वर्षों में होशंगाबाद एवं भोपाल संभाग में कितने फरियादियों को लाभ प्राप्त हुआ हैं उनकी सूची उपलब्ध करायें यदि नहीं, हुआ तो क्यों? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 3 वर्षों में कितने फरियादियों को संबंधित केस में राहत मिली है, कितने केस सही पाए गए हैं और कितने गलत प्राप्त हुए है, उनकी नामवार सूची उपलब्ध करायें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। रिपोर्ट लिखवाने आने हेतु किसी को यात्रा भत्ता एवं भोजन व्यवस्था का प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों पर पदोन्नति
57. ( क्र. 1843 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-36 दिनांक 01.03.2016 के उत्तरांश में 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग में क्षेत्र संयोजक के 38 पद पदोन्नति हेतु बताये गये थे तो रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही कब से प्रचलन में है? जबकि विभाग पदोन्नति नियम 2002 के अनुसार कार्यवाही करता है? (ख) विभाग अंतर्गत दिनांक 01.01.2012 से कार्य संचालन की दृष्टि से पदोन्नति होने तक प्रशासन संवर्ग में कितने अधिकारियों से प्रभारी का कार्य लिया जा रहा है? जिलावार मूल पद सहित सूची देवें। (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 26 वर्षों से पदोन्नति के लाभ से वंचित वरिष्ठ मंडल संयोजकों को क्षेत्र संयोजक के पद पर पदोन्नति देने पर विचार करेगा या इनको भी प्रश्नांश (ग) के अनुसार प्रभारी क्षेत्र संयोजक बनायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) क्षेत्र संयोजक के रिक्त पदों पर पदोन्नति नियम 2002 के अनुसार दिनांक 22/06/2015 से कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है।
विभिन्न योजनाओं में संलग्न वाहनों की जानकारी
58. ( क्र. 1874 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में पन्ना जिला अंतर्गत शासन द्वारा चिकित्सीय सुविधा व मरीजों को लाने एवं ले जाने हेतु जननी एक्सप्रेस एवं 108 योजना अंतर्गत वाहन लगाए गए है? यदि हाँ, तो योजनावार, वाहनवार बतावें? (ख) जननी एक्सप्रेस एवं 108 योजना अंतर्गत लगाए गए वाहन जिला चिकित्सालय के शासकीय वाहन है या ठेके पर लगाए गए है? यदि ठेके पर लगाए गए हे तो ठेके पर वाहन लगाए जाने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित उक्त योजनाओं में लगे वाहनों का भुगतान किनके द्वारा और कब किया जाता है? क्या संबंधित ठेकेदार व अधिकारियों की मिली भगत से वाहनों को देय किराया राशि आहरित कर ली जाती है और कमीशन खोरी के कारण कुछ वाहन मालिकों को पैसा समय पर नहीं दिया जाता है? (घ) क्या जननी एक्सप्रेस एवं 108 योजना अंतर्गत लगे ऐसे वाहन मालिक जिनके किराये का भुगतान नहीं किया गया है उनका भुगतान किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक बतावें और यदि नहीं, तो क्या बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। पन्ना जिले में जननी एक्सप्रेस योजना अंतर्गत 29 वाहने तथा संजीवनी 108-एम्बुलेंस की 10 वाहनें है। (ख) जननी एक्सप्रेस वाहन ठेके पर लगाये गये हैं एवं संजीवनी 108 एम्बुलेंस शासकीय वाहन हैं। जननी एक्सप्रेस वाहनों हेतु निविदा प्रक्रिया अपनाई गई हैं। (ग) जननी एक्सप्रेस वाहनों का भुगतान जिला एवं विकासखण्ड स्तर से वाहन संचालनकर्ता एजेंसी द्वारा प्रस्तुत देयकों के सत्यापन उपरांत ई-पेमेंट के माध्यम से उनके खाते में किया जाता है। 108 वाहनों का भुगतान राज्य स्तर पर संचालनकर्ता एजेंसी द्वारा प्रस्तुत देयकों के सत्यापन उपरांत किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जननी एक्सप्रेस संचालनकर्ता संस्था द्वारा भुगतान हेतु शेष देयक प्रस्तुत करने पर सत्यापन उपरांत अतिशीघ्र भुगतान कर दिया जावेगा।
आउट सोर्सिंग व सफाई कर्मचारी
59. ( क्र. 1904 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आउट सोर्सिंग में सफाई कर्मचारी, स्वीपर तथा सिक्यूरिटी गार्ड की नियुक्ति के क्या नियम हैं? (ख) मंदसौर जिले में आउट सोर्सिंग में नियुक्त कर्मचारियों को विभाग द्वारा नियुक्त किया गया था या एन.जी.ओ. द्वारा नियुक्ति दी गई थी? यदि एन.जी.ओ. द्वारा नियुक्ति दी गई थी तो स्वास्थ्य विभाग का इस नियुक्ति में क्या दायित्व था? (ग) मंदसौर जिले में विगत 2 वर्षों में आउट सोर्सिंग में सफाई कर्मचारी, स्वीपर तथा सिक्यूरिटी गार्ड की भर्तियां किस नियम के अंतर्गत की गई थी? जिन व्यक्तियों को इस नियम के अंतर्गत नियुक्ति दी गई थी? उनके नियुक्ति स्थान तथा पद के नाम की जानकारी देवें। (घ) कुछ माह पश्चात् उन्हें सेवानिवृत्त भी कर दिया गया? तो इसका क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) आउट सोर्सिंग एजेंसी में सफाई कर्मचारी, स्वीपर तथा सिक्यूरिटी गार्ड की नियुक्ति विभाग द्वारा नहीं की जाती है। अतः इस संबंध में कोई नियम नहीं है। (ख) आउट सोर्सिंग एजेंसी के तहत कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधित एजेंसी द्वारा की जाती है। विभाग का इस संबंध में कोई दायित्व नहीं है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक विद्यालय का उन्नयन
60. ( क्र. 1905 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में जितने भी शासकीय माध्यमिक विद्यालय तथा हाई स्कूल हैं उन्हें किस वर्ष में उन्नयन किया गया था वर्षवार जानकारी देवें। (ख) शासन द्वारा मान्यता प्राप्त शासकीय हाई स्कूल तथा हायर सेकण्डरी स्कूल के कितने भवन पूर्णत: निर्मित तथा कितने विद्यालय भवनविहीन हैं नाम सहित जानकारी देवें (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम चंदवासा में वर्ष 1986 में शा. हाई स्कूल को तथा वर्ष 2002 में हायर सेकेण्डरी स्कूल को मान्यता प्राप्त हो चुकी थी, किन्तु उक्त दोनों विद्यालयों के भवन निर्माण कार्य आज दिनों तक प्रारम्भ क्यों नहीं हुआ इसका कारण स्पष्ट करें। (घ) सुवारसा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम चंदवासा के शा. हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल के भवन निर्माण का कार्य कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। (ग) ग्राम चंदवासा में हायर सेकेण्ड्री स्कूल का संचालन माध्यमिक शाला भवन में किया जा रहा है। शाला भवन का निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। (घ) शाला भवन निर्माण का कार्य बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की भर्ती
61. ( क्र. 1906 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में आयुष विभाग में नवीन पदस्थापना (कर्मचारियों) की भर्ती किस नियम के तहत की जाती है शासकीय नियमों के तहत या निजी एजेंसी के द्वारा की जाती है? अगर निजी एजेन्सी के द्वारा भर्ती प्रक्रिया की जाती है तो उसका नाम बतावें? (ख) आयुष विभाग में नवीन पदस्थापना (कर्मचारियों) की भर्ती हेतु कार्यालय से विज्ञप्ति जारी की जाती है या अन्य माध्यमों से सूचना दी जाती है? (ग) मंदसौर जिले में आयुष विभाग में विगत 5 वर्षों में कितने व्यक्तियों को नियुक्त किया गया है? (घ) आयुष विभाग में जिन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है उन कर्मचारियों के संबंधित जिले में पद रिक्त होने के उपरांत भी उन्हें अन्य जिलों में नियुक्ति देने का क्या कारण है? साथ ही कुछ दिनों या माह के बाद मिली भगत से पुन: स्वयं के जिले में स्थानान्तरण करने का कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) आयुष संचालनालय व जिलाधिकारी द्वारा विभागीय अराजपत्रित सेवा भर्ती नियम 2013 के तहत। जिलाध्यक्ष दर पर मात्र चतुर्थ श्रेणी हेतु आउटसोर्स हेतु निजी एजेंसी मेसर्स एस.एस.एस. सर्विस भोपाल है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के नियमित पदों की पूर्ति हेतु व्यापम द्वारा। (ग) नियमित नवीन नियुक्तियां कुल 47 अधिकारी/कर्मचारी। (घ) प्रशासकीय व्यवस्था के अंतर्गत।
प्रायवेट स्कूलों की मान्यता
62. ( क्र. 1914 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रायवेट स्कूल खोलने के शासन के क्या नियम व निर्देश है जिनके तहत् स्कूल खोलने की अनुमति दी जाती है? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले के जीरापुर नगर में श्री पी.डी.चौबे को प्रायवेट स्कूल संचालित करने की अनुमति किस नियम के तहत् दी गई है? नियम व आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त स्कूल में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिकाएं बी.एड. या बी.टी.आई. प्रशिक्षित है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। क्या स्कूल में पर्याप्त मात्रा में भवन है और क्या शौचालय उपयुक्त है? (घ) क्या उक्त स्कूल में पर्याप्त मात्रा में खेल का मैदान है? यदि है तो कितने क्षेत्रफल का मैदान है। क्या उक्त स्कूल की पूर्व में शिकायत हुई थी? यदि हाँ, तो उसकी जाँच कब-कब की गई है व उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेंगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) श्री पी.डी. चैबे, स्कालर एकेडमी, जीरापुर को स्कूल संचालन की अनुमति शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के नियम-11 में किये गये प्रावधान अनुसार दी गई है। नियम-11 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विद्यालय को प्रदत्त मान्यता की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी हाँ। विद्यालय में कार्यरत 13 शिक्षक/शिक्षिकाओं में से 8 शिक्षक/शिक्षिकायें बी.एड./बी.टी.आई. प्रशिक्षित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। शाला में पर्याप्त मात्रा में भवन है, विद्यालय के पास एक बालक एवं एक बालिका शौचालय है। (घ) स्कूल के पास लगभग 1200 वर्ग फिट क्षेत्रफल का खेल मैदान है। जी हाँ। विद्यालय की प्रारंभिक जाँच 18.5.2016 को की गई। शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के नियम-11 में दिये गये प्रावधान अनुसार मान्यता के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विज्ञान एवं कामर्स संकाय पुन: प्रारम्भ करने
63. ( क्र. 1922 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत हायर सेकण्डरी स्कूल डोभी में पूर्व में विज्ञान एवं कामर्स संकाय की कक्षायें संचालित थी? (ख) यदि हाँ, तो इन संकायों को बंद क्यों कर दिया गया? (ग) क्या छात्रों की उपलब्धता एवं क्षेत्रीयजनों की मांग पर यहां पुन: विज्ञान एवं कामर्स संकाय प्रारम्भ किये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शा.उ.मा.वि. डोभी में व्याख्याता के 04 पद कला संकाय के स्वीकृत है। तथा तत्समय विज्ञान संकाय की शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई थी, 03 उ.श्रे.शि. विज्ञान संकाय के कार्यरत होने के कारण विज्ञान संकाय वर्ष 1993-94 में संचालित किया गया था। कार्मस संकाय संचालित नहीं था। (ख) विज्ञान संकाय के पद स्वीकृत न होने के कारण विज्ञान संकाय बंद किया गया। (ग) बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करेगा।
शासकीय हाई स्कूल रैगवां के भवन का निर्माण
64. ( क्र. 1952 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शास. हाई स्कूल रैगवां के भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत हो चुकी है? (ख) क्या शिक्षा विभाग भूमि आवंटन की कार्यवाही में रूचि नहीं ले रहा है? (ग) क्या शिक्षा विभाग की लापरवाही से छात्रों को मा. शाला के भवन में ही बैठना पड़ेगा? (घ) इसके लिये कौन अधिकारी जवाबदार है? क्या जवाबदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शाला भवन का निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जीर्णोद्धार का कार्य
65. ( क्र. 1970 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय के जीर्णोद्धार का कार्य कब से प्रारंभ किया गया है? इसके लिए शासन द्वारा किन-किन कार्यों के लिए कितना-कितना बजट आवंटित किया गया? (ख) उक्त जीर्णोद्धार कार्य की समय-सीमा क्या थी? क्या अब भी जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है या शेष रहा है कार्यों की सूची उपलब्ध करावे? (ग) उक्त जीर्णोद्धार कार्य में समय-सीमा में पूर्ण न होने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? क्या उनका उत्तरदायित्व निर्धारित कर उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) कार्य में विलंब के कारण कार्य का अनुमानित बजट प्रभावित हुआ है तो कितना? उक्त जीर्णोद्धार कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) इंदौर स्थित महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के जीर्णोद्धार का कार्य गांधी जयंती 02 अक्टूबर, 2014 से प्रारंभ किया गया। इसके लिये राज्य शासन द्वारा पृथक से कोई बजट आवंटित नहीं किया गया था। (ख) जीर्णोद्धार कार्य की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं थी एवं वर्तमान में भी जीर्णोद्धार कार्य जारी है। एम.वाय. चिकित्सालय का सभा हॉल एवं अधीक्षक कक्ष का रिनोवेशन का कार्य शेष है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश ‘ख’’ में सम्मिलित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य के विलंब से कोई भी बजट प्रभावित नहीं हुआ हैं। समय-सीमा निर्धारित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों का उन्नयन
66. ( क्र. 1971 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देपालपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में कितने स्कूलों का उन्नयन प्रा.वि. से मा.वि., मा.वि. से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से उ.मा.वि. में किया गया है सूची उपलब्ध करावें। क्या छात्राओं के लिए अलग से कन्या विद्यालय प्रस्तावित किये गये है? (ख) कितने शासकीय विद्यालय में बाउण्ड्रीवॉल एवं शौचालय बनाये जाने की आवश्यकता है? जिनमें कितने कन्या विद्यालय है? (ग) वर्तमान में बाउण्ड्रीवॉल एवं शौचालय निर्माण की क्या कार्यवाही प्रचलित है? (घ) कब तक संपूर्ण विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल एवं शौचालय का निर्माण कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) किसी भी प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं किया गया है। हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार। छात्राओं के लिए पृथक से कन्या विद्यालय प्रस्तावित नहीं किया गया है। (ख) समस्त शालाओं में शौचालय सुविधा उपलब्ध है। बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की आवश्यकता वाले शालाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर में उल्लेखित शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु राशि वार्षिक कार्य योजना 2016-17 में भारत शासन को प्रस्तावित की गई थी। प्रस्ताव पर स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। हाई/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित नहीं है। (घ) सम्पूर्ण विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शौचालय हेतु कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों में सहायक अध्यापक से अध्यापक पद पर पदोन्नति
67. ( क्र. 1976 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग में नगरीय निकायों में कार्यरत सहायक अध्यापकों को सात वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने के पश्चात् अध्यापक पद पर पदोन्नत किये जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ तो नियम बतायें? (ख) क्या मुरैना जिलांतर्गत नगरीय निकाय में कार्यरत सहायक अध्यापकों को जिन्हें सात वर्ष पूर्ण हो चुके हैं तथा जिनकी सेवा अवधि लगभग 15 वर्ष पूर्ण हो चुकी है उन्हें अध्यापक नहीं बनाया गया हैं? यदि हाँ तो विभाग इस संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्या विभाग द्वारा नगरीय निकायों में अधिकांशत: पद स्थानांतरणों के कारण भर दिये गये हैं एवं रिक्त पद न होने के कारण इनका प्रमोशन नहीं किया गया है? इसके लिए विभाग द्वारा कोई विशेष नीति बनाई जाएगी और कब तक? (घ) सबलगढ़ नगर पालिका अंतर्गत कार्यरत सहायक अध्यापकों की पदोन्नति कब तक कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सहायक अध्यापक से अध्यापक के पद पर पदोन्नति के लिए धारित पद पर न्यूनतम 07 वर्ष का अनुभव के साथ पदोन्नत पद की उपलब्धता वरिष्ठता, योग्यता, पात्रता तथा विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश ''क'' उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुरैना जिले की नगरीय निकायों में पदोन्नति के रिक्त पद स्थानांतरण/संविलियन से नहीं भरे गये है। पदोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नांश ''क'' उत्तर के अनुसार पदोन्नति का प्रावधान नियत है। (घ) प्रश्नांश ''क'' उत्तर के अनुसार पदोन्नति की कार्रवाई का प्रावधान है। तद्नुसार पूर्ति होने पर पदोन्नति की जाती है।
साक्षर भारत योजना के अंतर्गत राशि का आवंटन
68. ( क्र. 1977 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के अंतर्गत कितने प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र संचालित हैं? इनका संचालन किनके द्वारा किया जाता है वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में एवं 2015-16 हेतु कितनी राशि का आवंटन मुरैना जिले को किस-किस मद में प्राप्त हुआ एवं किस मद में खर्च हुआ? (ख) मुरैना जिले के अंतर्गत प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र में ब्लॉकवार कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत है? जानकारी नाम सहित दें? इनका भुगतान आउट सोर्सिंग के माध्यम से कब तक कर दिया गया है? (ग) क्या प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में ब्लॉकवार कम्प्यूटरों एवं नेट सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है यदि हाँ, तो यह कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) साक्षर भारत योजनान्तर्गत जिला मुरैना में कुल 418 प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित हैं। प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों का संचालन प्रेरकों द्वारा किया जाता है। जिला एवं विकासखण्डों को वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 हेतु प्राप्त आवंटन एवं व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) साक्षर भारत योजनान्तर्गत 07 विकासखण्डों में 07 कम्प्यूटर आपरेटर कार्यरत हैं। कम्प्यूटर ऑपरेटर की जानकारी एवं उनके मानदेय भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) साक्षर भारत योजनान्तर्गत जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर कम्प्यूटर क्रय करने हेतु बजट भारत सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है। जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर कार्यालयीन व्यय मद से आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर एवं नेट सुविधा अस्थाई रूप से किराये पर ली जाती है।
प्रतिनियुक्ति पर जन शिक्षक की नियुक्ति
69. ( क्र. 1987 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर जनशिक्षक/BAC/BRC/BGC नियुक्त किये जाने के क्या नियम हैं? (ख) क्या नियम अन्तर्गत पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर रहे शिक्षकों को पुन: नियुक्ति नहीं दी जा सकती है? यदि हाँ, तो मंदसौर, रतलाम जिले में एसे कितने शिक्षक हैं जो पूर्व में भी जन शिक्षक BRC/BAC/BGC पर रहने के बावजूद नियम विरुद्ध वर्तमान में उक्त पदों पर पुन: प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे है सूची नाम सहित जिलेवार उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत नियम विरुद्ध प्रतिनियुक्तियों के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? जिस अधिकारी के आदेश से नियुक्तियां हुई हैं? क्या उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या अध्यापक संवर्ग के वेतनमान जाँच हेतु कोई अधिकृत जाँच एजेंसी है? यदि हाँ, तो कौन सी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या सभी DDo को वेतन निर्धारण की जाच हेतु शासन स्तर पर निर्देश दिए गए है? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि देवें? यदि नहीं, तो इनकी सेवानिवृत्ति या दिवंगत कर्मचारियों को कम/ ज्यादा वेतन भुगतान के लिए कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मंदसौर एवं रतलाम जिले में ऐसे शिक्षक जो पूर्व में जनशिक्षक/बीएसी/बी.आर.सी./बी.सी.जी. पद पर पदस्थ थे, को पुन: प्रतिनियुक्ति जनशिक्षक/बीएसी/बी.आर.सी./बी.सी.जी. पद पर नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अध्यापक संवर्ग में प्रचलित वेतनमान की जाँच हेतु पृथक से कोई जाँच एजेन्सी नहीं है। अध्यापक संवर्ग को दिये गये वेतनमान में ही वेतन नियमन की तालिका जारी की जाती है। आहरण वितरण अधिकारियों को वेतन निर्धारण की जाँच हेतु पृथक से कोई निर्देश नहीं दिये गये है। वेतन नियमन की तालिका के अनुसार ही सेवानिवृत्ति या दिवंगत कर्मचारी को नियमानुसार देय राशि का भुगतान किया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों के विवाह हेतु सहायता राशि
70. ( क्र. 1992 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. श्रम कल्याण निधि अधिनियम की परिधि में आने वाले संस्थाओं में कार्यरत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल श्रमिकों की 18 वर्ष से अधिक आयु के विवाह हेतु कितनी सहायता राशि प्रदाय की जाती है? (ख) क्या श्रमिक के बेटा-बेटी दोनों के विवाह में सहायता राशि दी जाती है? (ग) मंडला जिले में अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना के लिए कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं तथा कितने लोगों को लाभ दिया गया है विकासखण्डवार जानकारी देते हुए यह भी बतावें कि आवेदन दिनांक से कितने दिनों में प्रकरण स्वीकृत कर दिया जाता है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. श्रम कल्याण निधि अधिनियम की परिधि में आने वाले संस्थान/स्थापनाओं में कार्यरत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल श्रमिकों की 18 वर्ष से अधिक आयु की बेटी के विवाह हेतु रू. 6250/- सहायता राशि प्रदाय की जाती है। (ख) श्रमिकों के बेट-बेटी दोनों के विवाह में से केवल बेटी के विवाह हेतु ही उक्त सहायता प्रदाय की जाती है एवं श्रमिक महिला के स्वंय के विवाह हेतु भी सहायता प्रदाय की जाती है। श्रमिक के लड़के अथवा पुरूष श्रमिक हेतु सहायता राशि की पात्रता नहीं है। (ग) मंडला जिले में अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना के लिये एक (01) आवेदन प्राप्त हुआ है तथा (01) आवेदक को ही योजना का लाभ देते हुये राशि आवेदक के खाते में हस्तांतरित की गई है। विकासखण्ड बीजाडोडी (उदयपुर) से प्राप्त हुआ है। आवेदन पत्र प्राप्त होने के उपरांत प्रकरण का भौतिक सत्यापन करावाने के बाद प्रकरण स्वीकृत किय जाते है।
हेडस्टार्ट केन्द्र प्रारंभ किया जाना
71. ( क्र. 2000 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कम्प्यूटर की शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा हेडस्टार्ट केन्द्र खोले गये थे? (ख) इसके अंतर्गत अशोकनगर जिले के चन्देरी एवं ईसागढ़ विकासखण्ड में कितने केन्द्र खोले गये थे एवं इन हेडस्टार्ट केन्द्रों को क्या-क्या उपकरण उपलब्ध कराये गये थे। (ग) क्या अधिकांश हेडस्टार्ट केन्द्र बंद हैं? यदि हाँ तो बतायें कि इनको प्रदाय किये गये उपकरणों का उपयोग कहाँ पर किया जा रहा है तथा बंद पड़े हेडस्टार्ट केन्द्र कब तक प्रारम्भ हो पायेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कम्प्यूटर समर्थित शिक्षा कार्यक्रम हेतु हेडस्टार्ट प्रारंभ किया गया था। इस कार्यक्रम में चुनी हुई माध्यमिक शालाओं में हेडस्टार्ट केंद्र खोले गए थे। (ख) अशोकनगर जिले के चंदेरी विकासखण्ड में 15 एवं ईसागढ विकासखण्ड में 18 केंद्र खोले गए थे एवं इन हेडस्टार्ट केन्द्रों को कम्प्यूटर, यू.पी.एस. एवं शैक्षिक सी.डीज. उपलब्ध कराई गयी थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हेडस्टार्ट केन्द्रों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संचालित केन्द्रों में कम्प्यूटर समर्थित शिक्षा बच्चों को दी जा रही है, किन्तु जहां सामग्री चोरी हो चुकी है तथा विद्युत उपलब्ध नहीं हैं वहां केन्द्र बंद हो गए है। विद्युत अनुपलब्धता के कारण बंद केन्द्र अन्य उचित जगह शिफ्ट करने अथवा हेडस्टार्ट केन्द्रों पर विद्युत उपलब्धता हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
स्मार्ट क्लास योजना
72. ( क्र. 2001 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कम्प्यूटर के माध्यम से शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2014 में स्मार्ट क्लास योजना आरम्भ की गई थी। यदि हाँ तो जिले की चन्देरी-ईसागढ़ विधान सभा क्षेत्र में किन-किन माध्यमिक स्कूलों में इस योजना को शामिल किया गया था? (ख) क्या स्मार्ट क्लास योजना के लिए आवश्यक प्रशिक्षण के अभाव में योजना का लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। (ग) यदि हाँ तो शिक्षकों को कब तक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। स्मार्ट क्लासों का लाभ छात्र-छात्राओं को कब तक मिल पायेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, स्मार्ट क्लास योजना अंतर्गत शालाओं के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। (ग) उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा क्षेत्र में शिक्षा के संबंध में
73. ( क्र. 2002 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के चन्देरी ईसागढ़ विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कितने प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों को भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। (ख) उनमें से कितने भवन का निर्माण हो चुका है विद्यालयों के नाम सहित सूची उपलब्ध कराये एवं जिन विद्यालयों का निर्माण कार्य अधूरा है उनकी भी सूची उपलब्ध करायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अशोक नगर जिले के चंदेरी एवं ईसागढ़ विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के तहत 170 प्राथमिक एवं 148 माध्यमिक विद्यालयों में भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। (ख) 304 भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। 14 भवनों का निर्माण अधूरा है जो प्रगतिरत है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
अध्यापक संवर्ग की बीमा पॉलिसी
74. ( क्र. 2003 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को शासन द्वारा कौन-कौन सी बीमा पॉलिसी का लाभ दिया जा रहा है? (ख) यदि नहीं, दिया जा रहा है तो क्या शासन स्तर पर इसके संबंध में कोई प्रस्ताव है? यदि है तो कब तक बीमा पॉलिसी का लाभ अध्यापक संवर्ग को दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग को किसी भी बीमा पॉलिसी का लाभ नहीं दिया जा रहा है। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डाइट प्रशिक्षण केन्द्र
75. ( क्र. 2005 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिले में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने वाला डाइट प्रशिक्षण केन्द्र नहीं है? (ख) चन्देरी जो कि एक प्राकृतिक सौन्दर्य पूर्ण पर्यटन नगरी है, उसमें डाइट की स्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो इसे चन्देरी में कब तक स्थापित कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में अशोकनगर जिले में डाइट प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित नहीं है, परंतु केन्द्र प्रवर्तित शिक्षक शिक्षा योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में अशोकनगर जिले के लिए डाइट स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) भारत सरकार द्वारा जिले में एक डाइट प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाने का प्रावधान है। अतः चंदेरी में पृथक से डाइट प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार पट्टों का वितरण
76. ( क्र. 2025 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरगी एवं शहपुरा रेंज के आदिवासियों ने विगत 2 वर्षों में वनाधिकार पट्टों हेतु कितने आवेदन किये? (ख) उक्त प्राप्त आवेदनों में से कितने आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे प्रदान किये गये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत विकासखण्ड जबलपुर के कुल 528 एवं शहपुरा विकासखण्ड के कुल 640 अनुसूचित जनजाति आवेदकों के आवेदन वनाधिकार पत्र हेतु प्राप्त हुये हैं। (ख) जबलपुर विकासखण्ड के 452 एवं शहपुरा क्षेत्र के 312 अनुसूचित जनजाति आवेदकों के आवेदन जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा मान्य किये गये हैं जिनको वन अधिकार पत्र प्रदाय किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
शालाओं में शिक्षकों की कमी
77. ( क्र. 2026 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की किन-किन शालाओं में स्वीकृत संख्या से कम शिक्षक कार्यरत् हैं? शिक्षाकों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) जबलपुर जिले में अन्य जिलों से कितने अध्यापकों का संविलियन/स्थानांतरण किया गया है? नाम, पद, शालावार जानकारी दें? क्या नियमानुसार अन्य जिले से जबलपुर जिले में संविलियन किये गये अध्यापकों की वरिष्ठता समाप्त हो जानी थी? यदि हाँ तो संविलियन हुए अध्यापकों की जबलपुर जिले में वर्तमान वरिष्ठता क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। यह एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) अन्य जिलों से 198 सहायक अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों का संविलियन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार है। संविलियन किये गये अध्यापकों की वरिष्ठता नियमानुसार प्रभार ग्रहण करने के दिनांक से दी गई है।
हाई स्कूल हेतु भवन की स्वीकृति
78. ( क्र. 2027 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कन्या हाई स्कूल गंगई वि.ख. शहपुरा भवन विहीन है? यदि हाँ तो उक्त कन्या हाई स्कूल गंगई हेतु भवन की स्वीकृति कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : कन्या हाई स्कूल गंगई विकासखण्ड शाहपुरा शा.प्रा.वि. के भवन में संचालित है। भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अल्पसंख्यक कल्याण हेतु संचालित योजनायें
79. ( क्र. 2043 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जाती है इन वर्गों के उत्थान हेतु व्यक्ति मूलक एवं समूह मूलक कौन-कौन से कार्य विभाग द्वारा किये जाते हैं? (ख) म.प्र. पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण में कौन-कौन सी जाति आती है। (ग) क्या यही जातियां केन्द्र की भी पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक की श्रेणी में आती हैं। अगर नहीं तो इसके क्या मापदण्ड हैं जो जाति केन्द्र की सूची में नहीं है उसके लिये विभाग क्या प्रयास कर रहा है।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र के मान से योजनाओं का संचालन नहीं किया जाता है। पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण से संबंधित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग की घोषित जातियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग में क्रमश: मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन एवं पारसी धर्मावलम्बी समुदाय सम्मिलित हैं। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश में घोषित पिछड़ा वर्ग की सभी जातियां केन्द्र की सूची में सम्मिलित नहीं हैं। मध्यप्रदेश में घोषित 6 अल्पसंख्यक समुदाय केन्द्र की सूची में भी सम्मिलित हैं। मध्यप्रदेश में घोषित पिछड़े वर्ग की जो जातियां केन्द्र की सूची में सम्मिलित नहीं हैं उनके संबंध में प्रकरण राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के विचाराधीन है।
संचालित शालायें
80. ( क्र. 2044 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालायें है जो एक शिक्षकीय होने के कारण कुछ शालायें बंद रहती है बंद शालायें सुचारू रूप में संचालित करने हेतु विभाग की क्या योजना है? (ख) क्या भविष्य में एक शिक्षकीय शाला न रहे इसके लिये विभाग किस प्रकार की योजना पर विचार एवं प्रयास कर रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 44 प्राथमिक एवं 24 माध्यमिक शालाएं एक शिक्षकीय है। सभी एक शिक्षकीय शालाएं संचालित है। एक शिक्षकीय शालाओं में रिक्त पद के विरूद्ध अतिथि शिक्षक रखने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पं.वि.द. उत्कृष्ट विद्यालय सिहोरा में कृषि एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ करने
81. ( क्र. 2058 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 348, दिनांक 07.07.2015 के द्वारा सिहोरा के एक मात्र मॉडल स्कूल में कृषि एवं वाणिज्य संकाय आरंभ किये जाने के परिप्रेक्ष्य में प्राचार्य द्वारा अपने पत्र दिनांक 16.11.2015 के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर को वांछित जानकारी प्रेषित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) शिक्षा सत्र आरंभ हो चुका है? प्रश्नांश (क) अनुसार विषय आरंभ नहीं किये गये? इन विषयों की कक्षायें कब आरंभ की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बी.ई.ओ. एवं बी.आर.सी.सी. की पदस्थापना
82. ( क्र. 2060 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर अंतर्गत बी.ई.ओ. एवं बी.आर.सी.सी के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने भरे हुए हैं? कितने रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने की क्या प्रक्रिया है? इन पदों पर नियुक्ति करने के लिये नियुक्तकर्ता अधिकारी कौन है? अभी तक इन रिक्त पदों की पूर्ति क्यों नहीं की गई कारण बतायें? कब तक इन पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला जबलपुर अंतर्गत 09 पद बी.आर.सी.सी. के स्वीकृत हैं, जिसमें से 05 पद भरे एवं 04 पद रिक्त हैं। बी.ई.ओ. के स्वीकृत पद 07 हैं जिनमें से 01 पद भरा हुआ एवं 06 पद रिक्त हैं। (ख) राज्य शासन द्वारा म.प्र. राजपत्र असाधारण स्कूल शिक्षा विभाग 25 जुलाई, 2013 प्रकाशित किया जाकर राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 27-56/2012/20-2 दिनांक 14 अगस्त, 2013 अनुसार विकासखण्ड कार्यालय में सहायक संचालक का पद नवीन संरचना अनुसार सृजित कर दायित्वों का उल्लेख करते हुए निर्देश जारी किए गए है। तदानुसार आयुक्त, लोक शिक्षण द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नव र्निमित मॉडल स्कूल की योजना एवं लागत
83. ( क्र. 2064 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि तहसील बदनावर जिला धार की ग्राम पंचायत खेड़ा में नागेश्वर मुक्ति धाम के समीप नव निर्मित मॉडल स्कूल प्रोजेक्ट कौन सी योजना के अंतर्गत कितनी लागत से किस तारीख को स्वीकृत किया गया और इसका क्या प्रयोजन है तथा क्या यह प्रारंभ हो चुका है? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ हो जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : मॉडल स्कूल भवन निर्माण कार्य के लिए रूपये 2.97 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय एवं पदेन आयुक्त मॉडल स्कूल म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/लो.शि.सं./आर.एम.एस.ए./मॉडल स्कूल/2/2012/504 दिनांक द्वारा 31/3/12 को स्वीकृत किया गया, शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों के विद्यार्थियों को उपयुक्त अधोसंरचना के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना प्रयोजन है। नवीन भवन में कक्षाएं आरंभ हो चुकी है, अत: शेषांश उद्भूत नहीं होता।
असमाजिक तत्वों की सिफारिश पर मेडीकल प्रमाण पत्र
84. ( क्र. 2066 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिला अस्पताल की क्या-क्या व किस-किस की शिकायतें पिछले 2 माह में सफाई, असामाजिक तत्वों की सिफारिश पर मेडीकल प्रमाण-पत्र में दोषियों के बचाव आदि की क्या-क्या शिकायतें जिलाधीश व प्रमुख सचिव, उप सचिव स्वास्थ्य को मिली है व उन पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? (ख) युवराज होटल अशोकनगर में गोली चालन की घटना में असमाजिक तत्वों के दबाव पर गलत मेडीकल बनाने पर क्या कार्यवाही की गई तथा जून माह में ही एक व्यक्ति कलावत को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की वीडियो लेने के बाद भी त्वरित कार्यवाही नहीं करने तथा अथाईखेड़ा रोड पर कार एक्सीडेंट में भी ललितपुर के विश्वकर्मा के पुलिस में बयान के बावजूद मेडीकल रिपोर्ट नहीं देने पर शासकीय अस्पताल में दोषियों की पहचान कर कब तक कार्यवाही होगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित बिन्दु से संबंधित कोई भी शिकायत, पिछले 02 माह में प्राप्त नहीं होने के परिणामस्वरूप शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) युवराज होटल अशोकनगर में गोली चलाने की घटना में असामाजिक तत्वों के दबाव पर दिनांक 02.11.2015 को रात्रि 12.30 बजे श्री मंजुल पुत्र श्री मुन्नालाल विश्वकर्मा, निवासी अशोकनगर का गलत मेडिकल बनाने के संबंध में कलेक्टर, जिला अशोकनगर से सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला अशोकनगर को प्राप्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में डॉ.गजेन्द्र सिंह धाकड़ चिकित्सा अधिकारी को सिविल सर्जन अशोकनगर द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया। जून माह में एक व्यक्ति कलावत को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की वीडियों लेने के बाद श्री राजन पुत्र श्री सुकुआ कलावत, उम्र 45 वर्ष निवासी परासरी के आने की सूचना दिनांक 31.05.2016 को प्रातः10:50 बजे ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सक डॉ. अंकुर तारई चिकित्सा अधिकारी द्वारा दी जाकर मरीज का नियमानुसार एम.एल.सी. परीक्षण किया गया तथा उपचार दौरान प्रातः 11.20 बजे जिला चिकित्सालय, अशोकनगर में भर्ती किया गया जहाँ उसकी गंभीर स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये उसे आगामी उपचार हेतु दोपहर 12:12 बजे वरिष्ठ चिकित्सा संस्था के लिये रैफर किया गया तथा एम.एल.सी. रिपोर्ट तत्समय उपस्थित पुलिसकर्मी को दी गई तथा अथाईखेड़ा रोड पर कार एक्सीडेंट में ललितपुर (लहतपुर) से विश्वकर्मा नाम के व्यक्ति के पुलिस में बयान होने के बावजूद उक्त व्यक्ति सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, कार्यालय अशोकनगर में मेडिकल कराने हेतु उपस्थित नहीं होने के परिणामस्वरूप, शासकीय अस्पताल में दोषियों की पहचान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवा समाप्त किए जाने
85. ( क्र. 2073 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवेन्द्र पाठक प्राचार्य शा.उ.मा.वि. गाहिलवार जिला रीवा की प्रथम नियुक्ति संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के आदेश क्र./स्था.3/अ/86/79 रीवा दिनांक 19.01.1987 से शा.उ.मा.वि. कन्या धनपुर जिला शहडोल में शिक्षक पद पर की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या श्री पाठक शा.वि. महाविद्यालय रीवा से नियमित छात्र के रूप में एम.एस.सी. पूर्वार्द्ध वर्ष 1987 में तथा एम.एस.सी. उत्तरार्ध 1988 में उत्तीर्ण किया जो उनके सेवा पुस्तिका में लगे शैक्षिणक रिकार्डों में लगा है? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) हाँ, तो क्या उक्त नियम विरूद्ध नौकरी एवं नियमित अध्यापन एवं अध्ययन करने की जाँच जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र क्रमांक/शर्त/जाँच 2004/324 दिनांक 23.04.2005 एवं आदेश क्रमांक /सर्त/2015-16/ 1325 रीवा दिनांक 10/03/2016 से करायी गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन अनुसार दोषी पर कब, क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों कारण बताए? कार्यवाही न करने में कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) यदि हाँ, तो यह बताएं कि नियमित पढ़ाई एवं नौकरी एक साथ किस नियम एवं किसके आदेश से किया है? यदि दो कार्य एक साथ नियमित नहीं किए जा सकते तो क्या उक्त प्राचार्य की सेवा समाप्त करेंगे कि एम.एस.सी. की डिग्री निरस्त करेंगे? उक्त कार्यवाही दोषी पर कब तक कर देगें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष अनुसार अध्ययन के साथ-साथ नौकरी करने पर समय-समय पर ली गई अनुमति एवं विशेष अवकाश के कारण दोषी नहीं पाया गया। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मार्च 2016 में की गई शिकायत के संबंध में जाँच समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश ‘ग‘ में निहित है।
स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को प्रदाय सुविधाओं में भिन्नता
86. ( क्र. 2082 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों को चार स्तरीय वेतनमान दिया जाता है एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को तीन स्तरीय वेतनमान दिया जाता है? यदि हाँ, तो यह भेदभाव क्यों? (ख) क्या चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 वर्ष एवं 62 से 65 वर्ष की गई है? जबकि लेब टेक्निशयन, रेडियोग्राफर, कम्पाउन्डर के भी उतने ही पद रिक्त है जितने चिकित्सकों के फिर भी उक्त कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से 65 वर्ष क्यों नहीं की जा रही है? यह विसंगतियां क्यों? (ग) क्या वर्णित (क) विभाग में चिकित्सकों को चिकित्सा सेवा भत्ता 3000 से 5000 रूपये प्रतिमाह एवं रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता प्रति रात्रि मिलता है? जबकि अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ को उपरोक्त भत्ते नहीं दिये जाते? यह भेदभाव क्यों? कब तक उक्त भत्ते दिये जावेगें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा चिकित्सकों को चार स्तरीय वेतनमान स्वीकृत किये गये है किन्तु पैरामेडिकल स्टॉफ को समस्त तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भांति तीन स्तरीय वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। प्रदेश में चिकित्सकों की कमी होने के कारण समय-समय पर सेवानिवृत्ति आयु सीमा में वृद्धि की गई है जिसके तहत् वर्तमान में उनकी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित है। जबकि प्रदेश में लेब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर एवं फार्मासिस्ट ग्रेड-2 (कम्पाउण्डर) के पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थी उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। रात्रिकालीन ड्यूटी के बाद चिकित्सको को डे-आफ नहीं दिया जाता है। जबकि पैरामेडिकल स्टॉफ को डे-ऑफ दिया जाता है। राज्य शासन द्वारा पैरामेडिकल स्टॉफ को रात्रिकालीन भत्ते स्वीकृत नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी का प्रदाय
87. ( क्र. 2083 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय कैंसर कार्डियो वसकुलर नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जबलपुर जिले में कितने मरीज पंजीकृत किये गये? मरीजों की संख्यावार जानकारी 01 अप्रैल, 2014 से 31 मार्च, 2016 तक बताई जावे? (ख) वर्णित (क) की योजना अंतर्गत शासन द्वारा जबलपुर जिले को कितनी राशि का आवंटन उपलब्ध करवाया गया एवं कितना व्यय किया गया? जानकारी राशिवार एवं उक्त राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई है? पृथक-पृथक रूप से 01 अप्रैल, 2014 से 31 मार्च, 2016 तक बताई जावे? (ग) वर्णित (क) की योजना अंतर्गत जबलपुर जिले में कितने कैंसर मरीजों की किमोथेरेपी की गई है? जानकारी वर्णित (क) (ख) की समयावधि बताई जावे? यदि किमोथेरेपी नहीं की जा रही है तो क्या कारण है? कब से प्रारंभ की जावेगी? (घ) राज्य कैंसर संस्था जबलपुर का कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) राष्ट्रीय कैंसर कार्डियो वसकुलर नियंत्रण कार्यक्रम चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर एवं संबद्ध चिकित्सालय द्वारा संचालित नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।
आदिवासी एवं अनुसूचित जाति ग्रामों में निर्माण कार्य
88. ( क्र. 2092 ) श्री रजनीश सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग को आदिवासी एवं अनुसूचित जाति बस्तियों में सी.सी. रोड निर्माण एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के लिये राशि प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो इसके लिये क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु जिला सिवनी में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक कितनी राशि दी गई तथा किसकी अनुशंसा पर कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र में उक्त वर्षों में किन-किन ग्रामों/मंजरों में सी.सी. रोड निर्माण एवं विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत हुये हैं? कार्यवार, लागत एवं कार्य एजेंसी जानकारी देवें? (घ) उक्त स्वीकृत कार्यों में बस्ती विकास योजना में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं एवं कितने कार्य लंबित हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना क्रियान्वित नहीं की जाती है। विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजनांतर्गत, जिले की अनुसूचित जनजाति संख्या के अनुपात में तथा जिले की मांग एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर जिलों को राशि आवंटित की जाती है, जबकि आदिवासी बस्तियों में सी.सी. रोड निर्माण हेतु राशि जारी की जाती है। अनुसूचित जाति तथा जनजाति बस्ती विकास योजना के मापदण्ड निर्धारित हैं। (ख) प्रश्नांश अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ‘‘एक‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' तथा ‘‘दो‘‘ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो‘‘ में वर्णित अनुसार है, स्वीकृत समस्त कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
स्वा. केन्द्रों में डॉक्टर के रिक्त पदों की पूर्ति
89. ( क्र. 2093 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत वर्षों से जिला सिवनी के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी के प्रा. स्वास्थ्य/उपस्वास्थ्य केन्द्रों में डॉ. एवं अन्य स्टॉफ के रिक्त पदों की पूर्ति के लिये मांग की जा रही है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक इस पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ख) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत उगली एवं इस क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा उगली में डॉ. के रिक्त पदों के भरने हेतु 5000 व्यक्तियों का स्वहस्ताक्षर युक्त ज्ञापन क्या शासन को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो स्वास्थ्य केन्द्र उगली में डॉ. के रिक्त पद की पूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के प्रा. स्वास्थ्य/उप स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉ. के रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। विभाग पद पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् है। विभाग द्वारा केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 28 नियमित एवं 14 संविदा आर.सी.एच. चिकित्सक/सहायक स्टॉफ की पदस्थापना की गई है। (ख) जी हाँ, विभाग द्वारा एक संविदा आर.सी.एच. चिकित्सक की नियुक्ति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उगली में की गई थी परंतु उक्त चिकित्सक द्वारा कर्तव्य पर उपस्थिति नहीं दी गई तथा लोक सेवा आयोग से चयनित नव नियुक्त 05 चिकित्सकों की पदस्थापना हाल ही में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के अधीन की गई है परंतु इनमें से मात्र 02 चिकित्सकों द्वारा उपस्थिति प्रस्तुत की गई है जिनमें से 01 चिकित्सक की पदस्थापना केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सा.स्वा.के. छपारा की गई है। शेष 03 चिकित्सकों की उपस्थिति उपरांत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उगली में पदस्थ करने की कार्यवाही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की जावेगी। (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में विगत एक वर्ष में 05 नियमित एवं 04 आर.सी.एच. संविदा चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं होता। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
प्राइमरी स्कूल में प्रवेश
90. ( क्र. 2108 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय प्राथमिक शालाओं में प्रवेश के समय अभिभावकों से कौन-कौन से प्रमाण-पत्र/पत्र मांगे जाते हैं? (ख) क्या समग्र आई.डी. एवं आधार कार्ड ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावकों के पास मुख्यत: नहीं होते हैं जिस कारण से शास. प्राथ. शालाओं में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्या मुख्यत: तीन से आठ वर्ष की आयु के बच्चों को आधार कार्ड बनाने में प्रयोग किये जाने वाले अंगूठे के निशान न आने के कारण कई बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन पाते हैं। (घ) यदि हाँ तो क्या विभाग द्वारा आधार कार्ड एवं समग्र आई.डी. का प्रमाण-पत्र न होने पर प्रवेश में शिथिलता दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय प्राथमिक शालाओं में प्रथम कक्षा में प्रवेश के समय जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध न होने की स्थिति में निम्नानुसार दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज बालक आयु के सबूत के रूप में चाहे जाते हैं। (1) अस्पताल/सहायक नर्स तथा प्रसाविका मिडवाइफ (ए.एन.एम) का रजिस्टर रिकार्ड, (2) आंगनवाड़ी का रिकार्ड (3) पालक या अभिभावक द्वारा बालक की आयु का स्व घोषणा पत्र। (ख) जी नहीं। प्रवेश न दिए जाने संबंधी स्थिति नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ’क’ एवं ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन
91. ( क्र. 2113 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौली के जिला समन्वयक माननीय उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता, श्रीमती अनीता सोनी, श्री रामनरेश शर्मा, नरेन्द्र कुमार वर्मा के आदेश क्र. 1265/2015 दिनांक 28.01.2015 एवं याचिका क्र. 3769/2015 दिनांक 18.3.15 एवं याचिका क्र.3769/2015 दिनांक 08.10.2015 के आदेशों में इनका पालन कराया गया है? यदि हाँ तो विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नांक (क) के संदर्भ में याचिकाकर्ताओं को भृत्य पद पर पुन: आदेश का पालन करवायेगें? यदि हाँ, तो कब तक में समय-सीमा बताएं। (ग) क्या समय-समय पर विभागीय समीक्षा की जाती है? यदि हाँ तो संबंधति अधिकारियों के प्रति क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौली में वर्ष 2008-09 से आउट सोंर्सिग आधार पर कार्यरत कर्मचारी श्रीमती अनिता सोनी, श्री रामनरेश शर्मा एवं श्री नरेन्द्र कुमार वर्मा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 1265/2015, याचिका क्रमांक 3760/2015 एवं याचिका क्रमांक 3769/2015 दायर की गई। दायर याचिका में माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 28.01.2015, दिनांक 18.03.2015 एवं 06.10.2015 में पारित आदेश के परिपालन में कलेक्टर, सिंगरौली द्वारा पत्र क्रमांक /जिशिके/विधि/2015/2006 दिनांक 23.10.2015 के माध्यम से माननीय महाधिवक्ता, माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रदत्त विधिक परामर्श चाहा गया। माननीय महाधिवक्ता, माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में आवेदन प्रस्तुत किया चुका है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। प्रकरण माननीय न्ययायालय में विचाराधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति बाहुल्य ग्रामों में विद्युतीकरण
92. ( क्र. 2116 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन ग्रामों के आदिम जाति बाहुल्य इलाकों में विगत् वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण पूर्ण करा लिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जहां विद्युत खम्भे लगे हैं, मगर उसमें विद्युत तार नहीं लगाये जाने के कारण कार्य अपूर्ण हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र चितरंगी के शेष ग्रामों में कब तक विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो जायेगा? (घ) विधान सभा क्षेत्र चितरंगी के किन-किन ग्रामों में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण के लिए कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) चितरंगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कोई ऐसे ग्राम नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर कार्य कराये जा सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
अनुसूचित जाति, जनजाति बस्तियों का विकास
93. ( क्र. 2136 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में अप्रैल 2014 से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों में शासन द्वारा सी.सी. रोड, ऊर्जीकरण, विद्युतिकरण एवं हैण्डपम्प खनन से संबंधित कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? क्या राशि में मध्यप्रदेश शासन व केन्द्र शासन की राशि भी सम्मिलित है? (ख) उपरोक्त ''क'' में आवंटित राशि से ''क'' में उल्लेखित कार्य किन-किन ग्राम पंचायतों में कराये गये की जानकारी भी देयक राशि, वर्ष, क्रियान्वयन एजेंसी सहित बतावें? (ग) क्या उपरोक्त सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं तो क्यों व कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्रवार आवंटन जारी नहीं किया जाता है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अ.जा., अ.ज.जा. कल्याण विभाग के कार्यों से संबंधित
94. ( क्र. 2137 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2262 दिनांक 11.07.2014 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' के अनुसार प्रस्तुत जानकारी बिन्दु क्रमांक 10 में अनु. जाति-जनजाति कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन का विस्तार एवं बिन्दु क्रमांक 11 में अनुसूचित जाति बस्तियों का विकास में वर्ष 2011-12 से अप्रैल 2014 तक जो जानकारी संख्यावार दी गई है, उसमें बिन्दु क्रमांक 10 एवं 11 में उल्लेखित हितग्राहियों के जो कार्य किये गये हैं, उसकी जानकारी नाम, पता, कार्य विवरण लागत राशि से अवगत करावें? (ख) क्या ''क'' में स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ तो कौन-कौन से कार्य किस-किस क्रियान्वित एजेंसी से कराये गये? यदि नहीं, तो कितने कार्य शेष हैं व कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2262 के परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार बिन्दु क्रमांक 10 अनुसूचित जाति के कृषकों के कुंओं तक विद्युत लाईन विस्तार एवं बिन्दु क्रमांक 11 में अनुसूचित जाति बस्तियों के विकास में वर्ष 2011-12 से अप्रैल 2014 तक दी गयी संख्यावार जानकारी में हितग्राहियों के नाम, पते व कार्य विवरण लागत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक’ एवं ‘दो’ पर है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। क्रियान्वयन एजेन्सी संबंधी जानकारी प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.जा./अ.ज.जा. विभाग में अ.जा. वर्ग के विधायक की भूमिका
95. ( क्र. 2138 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में संचालित/क्रियान्वित कार्यक्रमों में जिले में निर्वाचित अनुसूचित जाति वर्ग के माननीय विधायकों की किन-किन कार्यों में विशेष महत्व है? उसके दिशा-निर्देश व नियमों से अवगत करावें? (ख) क्या प्रस्तुतकर्ता विधायक जो जिला शिवपुरी के विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 23 करैरा से अ.जा. वर्ग की निर्वाचित विधायिका है, को उपरोक्त ''क'' में वर्णित नीति के तहत् कार्यक्रमों में कब-कब आंमत्रित किया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति के माननीय विधायकों की जिला स्तरीय अनुसूचित जाति जनजाति सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति में सदस्य, विभागीय छात्रावासों में सामग्री क्रय पश्चात् गुणवत्ता के सत्यापन हेतु सदस्य एवं जिला स्तरीय अनुसूचित जाति सलाहकार समितियों में सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाने का प्रावधान है। नियम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
अ.जा./अ.ज.जा. विभाग द्वारा सामग्री खरीदी
96. ( क्र. 2139 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा अ.जा., अ.ज.जा. विभाग में उपयोगार्थ सामग्री क्रय हेतु क्या नीति निर्धारित है? की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) विगत दो वर्षों में (क) में वर्णित नीति के विरूद्ध सामग्री खरीदी में कितनी शिकायतें अभी तक माननीय विधायकों द्वारा की गई है? उनमें कौन-कौन से बिन्दु शामिल हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सामग्री क्रय हेतु मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 का पालन किया जा रहा है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भण्डार क्रय नियमों के विरूद्ध सामग्री खरीदी की विगत दो वर्षों में माननीय विधायकों के स्तर से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
97. ( क्र. 2153 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में कितनी शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल सहित अतिक्रमण मुक्त परिसर उपलब्ध है। उनकी संख्या बतायी जावें? साथ ही ऐसी शालाओं के नाम बताये जावें जिनमें अतिक्रमण विभाग द्वारा प्रतिवेदन किया गया है और ऐसी भी शालायें बतायी जावें जिनके अतिक्रमण के प्रतिवेदित आज दिनांक तक नहीं किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रतिवेदित अतिक्रमणों को हटाने के लिय क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? कितनी शालाओं के अतिक्रमण हटाये जा चुके हैं? कितने शेष हैं? (ग) अतिक्रमण से संवेदनशील शालाओं की बाउण्ड्रीवॉल कब तक बनायी जा सकेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में शास./प्राथ./मा. शाला में 206 एवं शासकीय हाई स्कूल में 04 तथा शासकीय उ.मा.वि. में 10 शालाएं अतिक्रमण से मुक्त है। शेष प्राथमिक शाला छिरियाखिरक, कन्या प्रा. शाला धमना, शासकीय मॉडल उ.मा.वि. निवाडी शालाओं में अतिक्रमण है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में प्रतिवेदित दोनों प्राथमिक शालाओं से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) निवाड़ी द्वारा प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) हाई/हायर सेकण्डरी बाउण्ड्रीवॉल का निमार्ण कार्य बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के लिये वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2016-17 में बाउण्ड्रीवॉल की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। समय-सीमा बताना संभवन नहीं है।
औद्योगिक क्षेत्र में ट्रामा सेंटर की स्थापना
98. ( क्र. 2154 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग एन.एच. 76 पर आये दिन दुर्घटनायें होकर पीड़ितों का उपचार निवाड़ी नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में न हो पाने के कारण उन्हें झांसी, टीकमगढ़ मेडीकल रिफर किया जाता है? यदि हाँ तो विगत 3 वर्षों में कितने पीड़ितों को झांसी एवं ग्वालियर मेडीकल कॉलेज रिफर किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के रिफर किये गये पीड़ितों की संख्या को देखते हुये क्या निवाड़ी भाटा एवं देवेन्द्रपुरा औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रामा सेंटर स्वीकृत करने पर शासन विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) निवाड़ी विधान सभा क्षेत्र में ट्रामा सेंटर की स्वीकृति होकर इसका निर्माण कब तक करा लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। विगत 03 वर्षों में झांसी, टीकमगढ़ एवं ग्वालियर रेफर किये गये मरीज़ों की संख्या निम्नानुसार है- (1) वर्ष 2013 में 198 (2) वर्ष 2014 में 204 (3) वर्ष 2015 में 187 (ख) जी नहीं। भारत सरकार की गाईड लाईन के अनुसार जिला चिकित्सालय (जिला स्तर) पर एवं सिविल अस्पताल स्तर पर ट्रामा सेन्टर स्वीकृत करने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश ”ख” के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिलिकोसिस के प्रकरणों
99. ( क्र. 2198 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में सिलिकोसिस के कितने प्रकरण पाए गए? प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति ग्रामवार बतावें? (ख) इनके लिए शासन ने अब तक क्या-क्या कार्यवाही की है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में सिलिकोसिस के 147 प्रकरण पाए गए, ग्रामवार अद्यतन स्थिति निम्नानुसार है-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
ग्राम का नाम |
सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या |
1 |
डही |
अराडा |
1 |
2 |
डही |
पन्हाल |
11 |
3 |
डही |
बलवानी |
10 |
4 |
डही |
कलमी |
9 |
5 |
डही |
उमराली |
26 |
6 |
डही |
खयडी |
17 |
7 |
डही |
नलवान्या |
1 |
8 |
कुक्षी |
बडग्यार |
22 |
9 |
कुक्षी |
ढोल्या |
4 |
10 |
कुक्षी |
उण्डली |
39 |
11 |
कुक्षी |
कापसी |
2 |
12 |
कुक्षी |
उमरी |
2 |
13 |
कुक्षी |
आसपुर |
3 |
कुल |
147 |
(ख) स्वास्थ्य एवं श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर चिन्हीत क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया हैं। ग्रामवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक उपचार निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियमित रूप से सिलिकोसिस बीमारी के मरीजों को निःशुल्क जाँच एवं उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
विभाग द्वारा राजगढ़ जिले के स्वीकृत निर्माण कार्य
100. ( क्र. 2217 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति के उत्थान के लिये क्या-क्या योजनायें संचालित हैं? (ख) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में कोई निर्माण कार्य भी स्वीकृत किये जाते हैं? (ग) यदि हाँ तो राजगढ़ जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? उनकी निर्माण एजेंसी क्या थी वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''एक'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''दो'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
राजगढ़ जिले में स्वीकृत निर्माण कार्य
101. ( क्र. 2218 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ विभाग द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के उत्थान के लिये क्या-क्या योजनायें संचालित है? (ख) क्या विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ विभाग द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति बाहुल्य क्षेत्रों में कोई निर्माण कार्य भी स्वीकृत किये जाते हैं? (ग) यदि हाँ तो राजगढ़ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? उनकी निर्माण एजेंसी क्या थी वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? लाभांवित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है।
सहायक संचालक के स्वीकृत पद
102. ( क्र. 2223 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक संचालक (सेकण्डरी एजूकेशन) के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों में से कितने पदों पर सहायक संचालक (सेकण्डरी एजूकेशन) तथा कितने पदों पर प्राचार्य उ.मा. विद्यालय प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं? (ग) ऐसे कितने जिले हैं, जहां वरिष्ठ प्राचार्य उ.मा. विद्यालय के पूर्व से ही पदस्थ होने के बावजूद भी कनिष्ठ प्राचार्य उ.मा. विद्यालय को प्रभारी सहायक संचालक शिक्षा के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में (आगर को छोड़कर) सहायक संचालक (सेकण्डरी एजूकेशन) के 50 पद स्वीकृत है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में 15 पदों पर सहायक संचालक (सेकण्डरी एजूकेशन) तथा 06 पदों पर प्रभारी सहायक संचालक के रूप में प्राचार्य कार्यरत है। (ग) ऐसे 05 जिले है।
जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही
103. ( क्र. 2228 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा शासकीय उ.मा.वि. करनवास में पदस्थ वरिष्ठ अध्यापक के संबंध में पत्र क्र./शिकायत/2014/1104 राजगढ़ दिनांक 05/05/2015 से बहाली आदेश एवं पत्र क्र./शिकायत/2014/2019-20 राजगढ दिनांक 19/05/2015 संशोधित आदेश एवं पत्र क्र./शिकायत/ 2014/1544-45 राजगढ़ दिनांक 18/06/2015 से पदांकन आदेश जारी किये गये है तथा क्या उक्त आदेशों में विभागीय जाँच प्रचलित होने का वर्णन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किये गये आदेश शासन के किन-किन नियम व निर्देशों के अंतर्गत जारी किये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित आदेश शासन के नियमों का स्पष्ट उल्लघंन कर द्वेषतापूर्ण जारी किये गये तथा संबंधित वरिष्ठ अध्यापक की विभागीय जाँच पूर्ण होकर उसके बहाल होने के बावजूद विभागीय जाँच की आड़ लेकर उसके निलंबन अवधि का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या नियम विरूद्ध कार्यवाही करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल निलंबित कर संबंधित वरिष्ठ अध्यापक के वेतन भुगतान की कार्यवाही करेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के पत्र दिनांक 5.5.2015 के द्वारा शास.उ.मा.वि. करनवास में पदस्थ वरिष्ठ अध्यापक के बहाली के आदेश जारी किये गये है तथा आदेश दिनांक 19.05.2015 एवं दिनांक 18.06.2015 के द्वारा पदस्थापना के संशोधित आदेश जारी किये गये। उक्त उल्लेखित आदेश में विभागीय जाँच प्रचलित होने का उल्लेख नहीं किया गया है। (ख) म.प्र. पंचायत अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम, 2008 के नियम-8 (क) के अनुसार अध्यापक संवर्ग को जिला/जनपद पंचायत के प्रशासकीय तथा अनुशासनिक नियंत्रण के अधीन रखा गया है। वरिष्ठ अध्यापक के प्रकरण में अनुशासनात्मक प्राधिकारी नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी/अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्कूल शिक्षा घोषित है। जिला शिक्षा अधिकारी को अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी घोषित किया गया है। जारी किये गये आदेश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत/ कलेक्टर के अनुमोदन से नियमानुसार जारी किये गये है। (ग) जी नहीं, जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के आदेश दिनांक 6.5.2015 के द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है। जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर निलंबन अवधि के भुगतान का निर्णय लिया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जाँच समिति का नियम विरूद्ध गठन किया जाना
104. ( क्र. 2231 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 133 (क्र. 5043) दिनांक 9 मार्च, 2016 के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट छियासी प्रपत्र-2 में दी गई जानकारी में शा.उ.मा.वि. करनवास जिला राजगढ़ में पदस्थ रहे 5 प्रभारी प्राचार्यों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित/प्रचलित/विभागीय जाँच संस्थित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में होने का विवरण हैं? यदि हाँ तो क्या जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा पत्र क्र./शिकायत/ वि.जाँच/2016/693-94 राजगढ़ दिनांक 25-02-16 से उक्त प्रभारी प्राचार्यों के विरूद्ध जाँच करने हेतु जाँच समिति का गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त जाँच समिति में प्राचार्य शा.उ.मा.वि. करनवास को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया है? जबकि उक्त विधान सभा प्रश्न में दी गई जानकारी अनुसार उक्त प्राचार्य पर भी विभागीय जाँच संस्थित करने की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ तो किस नियम के तहत् उनको प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया? (ग) क्या स्वयं दोषी प्राचार्य को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाये जाने से उसके द्वारा जाँच समिति को गुमराह कर विभागीय जाँच को प्रभावित नहीं किया जावेगा? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुये भोपाल स्तर पर जाँच कमेटी गठित कर जाँच करवाऐगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के पत्र दिनांक 25.02.2016 से 02 प्रभारी प्राचार्यो के विरूद्ध जाँच समिति का गठन किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा दिनांक 25.02.2016 को जारी आदेश में संशोधन कर इस बाबत् संशोधित आदेश दिनांक 04.03.2016 को जारी किया गया है। (ख) जी हाँ, श्रीमती सुमनलता शुक्ला प्राचार्य शास.उ.मा.वि. करनवास को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था। यह त्रुटि जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के संज्ञान में आने पर उनके द्वारा दिनांक 04.03.2016 को संशोधित आदेश जारी किया गया है। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा अल्पअवधि में ही संशोधित आदेश जारी कर दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग की मांगों का निराकरण
105. ( क्र. 2232 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अक्टूबर, 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के अध्यापक संवर्ग संघ/संगठनों ने शिक्षा विभाग में संविलियन छठवें वेतनमान के विसंगति रहित गणना पत्रक जारी कर उसका लाभ देना स्वतंत्र स्थानांतण नीति के संबंध में अपनी मांगों को लेकर माननीय मुख्यमंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्री जी को मांग-पत्र/ज्ञापन सौंपे गये? विवरण उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि के अध्यापक संवर्ग की किन-किन मांगों पर क्या कार्यवाही की गई तथा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी मांगे किस-किस स्तर पर लंबित है तथा लंबित मांगों का निराकरण हेतु अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) क्या शासन अध्यापक संवर्ग की महत्वपूर्ण प्रमुख मांग शिक्षा विभाग में संविलियन छठवें वेतनमान के विसंगति रहित गणना पत्रक जारी कर उसका लाभ देना, स्वतंत्र स्थानांतरण नीति के संबंध में निराकरण कर अध्यापक संवर्ग को लाभ प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो शासन को अध्यापक संवर्ग की मांगों के निराकरण में क्या कठिनाईयां उत्पन्न हो रही हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग संघ/संगठनों ने शिक्षा विभाग में संविलियन, छठवें वेतनमान की विसंगति रहित गणना पत्र जारी करने एवं स्थानान्तरण नीति के संबध में जो मांग पत्र/ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री जी/स्कूल शिक्षा मंत्रीजी को संबोधित है का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन, छठवें वेतनमान की विसंगति रहित गणना पत्र जारी करने एवं स्थानान्तरण नीति के संबध में की गई मांगो पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ’’ख’’ के उत्तर अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों की मा.शि. मंडल से संबद्धता
106. ( क्र. 2241 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शैक्षणिक सत्र 2015-16 में जिन विद्यालयों को कक्षा 9 एवं 11वीं में जिला कलेक्टर के माध्यम से मान्यता प्रदाय की गई थी क्या उन विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड म.प्र. भोपाल से संबद्धता प्राप्त हो गई है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो क्या इस सत्र में उस विद्यालय के छात्र कक्षा 10वीं एवं 12वीं में नियमित छात्र के रूप में प्रवेश लेकर बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, है तो इसके क्या कारण है? शासन छात्र हितों को ध्यान में रखकर उपरोक्त विद्यालयों के छात्रों के पक्ष में क्या निर्णय लेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शैक्षणिक सत्र 2015-16 में दिनांक 12.08.2015 के पूर्व जिन विदयालयों को कक्षा 9 एवं 11वीं जिला कलेक्टर के माध्यम से मान्यता प्रदान की गई थी, उन विदयालयों में से जिन विदयालयों द्वारा मा.शि.म. में ऑनलाइन संबद्धता शुल्क जमा किये थे, उन विदयालयों को माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. भोपाल से संबद्धता प्राप्त हो गई है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार मान्यता एवं संबद्धता प्राप्त संस्थाओं के छात्र नियमानुसार प्रवेश लेकर बोर्ड द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं की आयोजित होने वाली परीक्षा में सम्मलित होगे। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रामा सेन्टरों पर उपकरण व्यवस्था
107. ( क्र. 2255 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा म.प्र. में नागरिकों को समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु ट्रामा सेन्टरों की स्थापना की गई है? (ख) यदि हाँ, तो नीमच जिले में स्थापित ट्रामा सेन्टर के लिये मरीजों के उपचार हेतु क्या-क्या चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है तथा इन सुविधाओं के लियेक्या-क्या उपकरण उपलब्ध कराये जा चुके हैं और कौन-कौन से उपकरण आना शेष हैं? (ग) क्या ट्रामा सेन्टर के संचालन हेतु समुचित विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? (घ) ट्राम सेन्टर कब तक आज नागरिकों के उपचार हेतु प्रारंभ किया जायेगा, समय-सीमा बताएं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) शासन द्वारा मध्यप्रदेश में नागरिकों को समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिये जिला चिकित्सालयों में ट्रामा सेन्टर स्थापित किये जा रहे है। 20 जिलों में ट्रामा सेन्टर क्रियाशील है। शेष जिलों में भवन निर्माण प्रगति पर है। निर्माण पूर्ण होने पर उपकरणों हेतु बजट उपलब्ध कराया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में नीमच जिले में ट्रामा सेन्टर निर्माणाधीन है। ट्रामा सेन्टर का भवन निर्माणाधीन होने पर क्रियाशील किया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ट्रामा सेन्टर का भवन निर्माणाधीन होने के कारण वर्तमान में प्रारंभ नहीं है जिसके परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) यथा संभव शीघ्र।
जिला अस्पताल को नये सिरे से बनाने हेतु
108. ( क्र. 2262 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अस्पताल इन्दौर को कितने वर्ष पूर्व निर्मित किया गया था व कितने बेड संख्या के मान से बनाया गया था? (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के संदर्भ में जिला अस्पताल इन्दौर में प्रतिदिन कितने मरीजों को भर्ती किया जा सकता है? क्या जिला अस्पताल को नये सिरे से बनाने हेतु पिछले कई वर्षों से कागजों पर ही कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या जिला अस्पताल को नये सिरे से कितने बेडों के मान से भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये निर्मित किया जायेगा वक्या-क्या सुविधायें मरीजों को प्रदान की जायेगी? (ग) प्रश्नांश ‘’क’’ के संदर्भ में जिला अस्पताल का निर्माण अथवा कायाकल्प कब तक प्रारंभ किया जायेगा? समय-सीमा बतावें? (घ) प्रश्नांश ‘’क’’ के संदर्भ में क्या संभागायुक्त या कलेक्टर महोदय द्वारा पिछले दिनों जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रबंधन पर अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की गई थी? यदि हाँ, तो बार-बार दौरा/निरीक्षण के बाद भी हो रही लापरवाही के लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला चिकित्सालय इन्दौर को वर्ष 1988 के पूर्व दुध डेयरी की बिल्डिंग का जीर्णाद्वार कर 100 बिस्तर का निर्माण किया गया था। (ख) 100 बिस्तर के मान से प्रतिदिन 100 मरीजों को भरती किया जा सकता है। भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये 200 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय के उन्नयन हेतु प्रस्ताव परियोजना परिक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। 200 बिस्तर के मान से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समयावधी बताना संभंव नहीं। (घ) जी हाँ। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला इन्दौर के द्वारा संबंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उत्तर प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत पद
109. ( क्र. 2266 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इंदौर में कितने प्रथम श्रेणी चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं व कितने वर्षों से कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रथम श्रेणी चिकित्सा अधिकारी के कितने पद स्वीकृत है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इनका वेतन भुगतान किस विभाग द्वारा किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यरत प्रथम श्रेणी चिकित्सा अधिकारी पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कार्यरत रहे हैं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में 05 प्रथम श्रेणी अधिकारी कार्यरत है, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में प्रथम श्रेणी अधिकारी का 01 पद स्वीकृत है। (ग) प्रश्नांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ में उल्लेखित एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों का वेतन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ के संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित प्रथम श्रेणी चिकित्सा अधिकारी परिशिष्ट में दर्शाई गई तिथि से एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में ही कार्यरत है।
अनु.जाति बाहुल्य मजरों में विद्युतीकरण
110. ( क्र. 2278 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम हथरिया, डोंगरपुर, मुंद्रावजा, पहावली, इमलिया, छैरा, तुस्सीपुरा, पलपुरा, चौखटटा का पुरा के मजरे टोलों में अनुसूचित जाति मोहल्लों में वर्ष 2015-16 के प्रस्तावित विद्युत कार्यों की क्या स्थिति है? (ख) क्या उक्त मजरे टोलों पर विद्युत कार्यों हेतु प्रभारी मंत्री मुरैना ने अनुशंसा की थी, फिर भी कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया? (ग) क्या कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण विभाग) द्वारा पत्र क्रमांक 24/अ.जा.क./निर्माण 2015/2016/4549/दिनांक 07.12.2015 के माध्यम से कार्य प्रारंभ करने हेतु कहा गया था? वर्तमान कार्य की प्रगति क्या है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) उल्लेखित ग्रामों में से केवल ग्राम पंचायत उरहेडी के मजरा/टोला- चैखटटा का पुरा में विद्युतिकरण का कार्य विभागीय मद से स्वीकृति हेतु प्रस्तावित हुआ था। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, मुरैना द्वारा प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति उपलब्ध न कराने के कारण कार्य स्वीकृत नहीं किया गया। (ख) उक्त मजरे/टोलों में विद्युतिकरण हेतुमा. मंत्री, मध्यप्रदेश शासन एवं प्रभारी मंत्री, जिला मुरैना द्वारा प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित कार्य ग्राम पंचायत उरहेडी के मजरा/टोला-चैखटटा का पुरा में कराये जाने का अनुमोदन दिया गया था किंतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, मुरैना द्वारा प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति उपलब्ध न कराये जाने से यह कार्य स्वीकृत न होने से प्रारंभ नहीं कराया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना भिण्ड जिले में घुमक्कड़ जाति को आवासीय पट्टे
111. ( क्र. 2279 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना व भिण्ड जिलों में विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कितने परिवार कहाँ-कहाँ स्थाई, अस्थाई रूप से निवासरत हैं, उनकी संख्या, स्थान सहित जून 2016 की स्थिति में तहसील, जिलावार जानकारी दी जावे? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त परिवारों के स्थाई निवास हेतु आवासीय भूखण्ड उपलबध कराये गये हैं, यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कब कराये गये, स्थान सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्या जिन स्थानों पर उन्हें आवासीय, गैर आवासीय, भूमि के पट्टे दिये गये हैं, उनका उन्हें अभी तक कब्जा नहीं दिया गया है। जिससे उन परिवारजनों का स्थाई निवास बन पाना सम्भव नहीं हो सका है, क्या शासन उक्त जमीन पर कब्जा दिलवायेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) भारत सरकार की जनगणना 2011 में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों की पृथक से स्थिति स्पष्ट न होने से इन जातियों की स्थानवार वास्तविक संख्या की जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। मुरैना जिले में स्थानीय स्तर पर विभागीय अमले के माध्यम से प्रांरभिक सर्वे कराया गया है। जिसके अनुसार माह जून 2016 की स्थिति में निवासरत परिवारों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। जिला भिण्ड में निवासरत परिवारों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जिला मुरैना अंतर्गत निवासरत इन जातियों के 881 परिवारों को माह जून 2016 तक आवासीय भूखण्ड उपलब्ध कराए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। जिला भिण्ड के विकासखण्ड अटेर के ग्राम जवासा में वर्ष 2005 में 08 परिवारों को आवासीय भूखण्ड उपलब्ध कराए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। (ग) मुरैना जिले में जिन स्थानों पर घुमक्कड़ जाति के लोगों को आवासीय भुखण्ड के पट्टे दिए गए है। उन्हें उस भूमि पर आवास निर्माण हेतु कब्जा दिया जा चुका है। इसी प्रकार जिला भिण्ड के विकासखण्ड अटेर के ग्राम जवासा में आवासीय भूखण्ड के पट्टे दिए जाकर मौके पर कब्जा दिया जा चुका है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वन स्टेप योजना की जानकारी
112. ( क्र. 2296 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की वन स्टेप योजना क्या है और इसके चयन का क्या मापदण्ड है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में वन स्टेप योजना के अंतर्गत कितने शिक्षकों का चयन हुआ है? (ग) क्या विभाग द्वारा इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण लाभांवितों की संख्या में कमी रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभाग की वन स्टेप योजना के निर्देश मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-27/2015/20-2 दिनांक 18.06.15 में उल्लेख अनुसार है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में वन स्टेप योजना अन्तर्गत 03 शिक्षकों का चयन हुआ है। जिनके नाम निम्नानुसार है- 1-श्री आत्माराम चौहान, स.अ.प्रा.वि. भीडावद-2-बी.एस.सी. गणित हेतु 2-श्री देवकरण मालवीय स.अ.प्रा.वि. बरगाडी-बी.एस.सी. विज्ञान हेतु 3-श्री संजय सोलंकी, अध्यापक मा.वि. कंजड- एम.एस.सी. गणित हेतु। (ग) जी नहीं।
सर्व शिक्षा अभियान तहत समितियों का गठन
113. ( क्र. 2311 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के तारांकित विधान सभा प्रश्न सं.-21 (क्रमांक-6378) दिनांक 16-03-2016 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर ''अशासकीय सदस्यों के मनोनयन की प्रक्रिया प्रचलन में है'' प्रश्नांश ''ग'' का उत्तर ''जी हाँ'' दिया गया है, तो क्या प्रश्न दिनांक तक मनोनयन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है एवं समितियों की कब-कब बैठकें आयोजित की गई, बैठकों में कौन-कौन शामिल रहे और क्या-क्या निर्णय लिये गये साथ ही बैठकवार सम्पूर्ण ब्यौरा प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या अशासकीय सदस्यों के मनोनयन की कार्यवाही पूर्ण हो गई या किसी स्तर पर लंबित है, यदि लंबित है तो मनोनयन कब तक पूर्ण हो जायेगा? (ग) क्या अशासकीय सदस्यों के मनोनयन में विभागीय स्तर पर जानबूझकर देरी की जा रही है एवं समितियों की नियमानुसार बैठकें भी आयोजित नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो इसका कौन-कौन जिम्मेदार है, इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सर्व शिक्षा अभियान मिशन अंतर्गत जिला इकाई की सरंचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में कंडिका 8,10,11,12,14 एवं 15 में उल्लेखित प्रावधानानुसार अशासकीय सदस्यों के मनोनयन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। कंडिका8, 10, 11, 12,14 एवं 15 के अंतर्गत मनोनीत सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कंडिका 9 एवं 13 में उल्लेखितअशासकीय सदस्यों के मनोनयन के प्रक्रिया प्रचलन में है। अशासकीय सदस्यों के मनोनयन की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी। बैठकों का आयोजन, इनमें सम्मिलित सदस्यों एवं बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र में ऐम्बुलेंस की सुविधा
114. ( क्र. 2326 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा/तेन्दुखेड़ा विकासखंड में संचालित किन-किन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों की सुविधा हेतु ऐम्बुलेंस 108 वाहन किस वर्ष में उपलब्ध कराये गये हैं, उनके मॉडल नंबर, वाहन का प्रकार बतलावें एवं वर्तमान में ये वाहन किस स्थिति में हैं? यदि नहीं, तो अभी तक उल्लेखित विकासखण्ड के स्वास्थ्य केन्द्रों में ऐम्बुलेंस उपलब्ध न कराये जाने का क्या कारण हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 579 दिनांक 25.11.2015 के माध्यम से माननीय मंत्री जी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से ऐम्बुलेंस वाहन स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध कराये जाने हेतु मांग की गई थी? यदि हाँ, तो प्रेषित पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) कब तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वास्थ्य केन्द्रों में एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध करा दिये जावेंगे? क्या उपरोक्त विकासखंड आदिवासी बाहुल्य एवं दूरस्थ अंचलों में बसाहट होने के कारण लोगों को समय पर एवं शीघ्र स्वास्थ्य लाभ न मिल पाने के कारण कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है? क्या शासन इसे गंभीरता से लेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबेरा एवं तेंदूखेड़ा विकासखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक-एक संजीवनी 108 एम्बुलेंस क्रमश: वर्ष 2011 एवं वर्ष 2013 में उपलब्ध कराये गये हैं। जबेरा विकासखण्ड की संजीवनी 108 एम्बुलेंस मॉडल 2009 का है तथा यह फोर्स एम्बुलेंस वाहन है। तेंदूखेड़ा विकासखण्ड की संजीवनी 108 एम्बुलेंस मॉडल 2012 का है तथा यह मारुती ओमनी एम्बुलेंस वाहन है। वर्तमान में दोनों वाहन चालू स्थिति में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें मध्यप्रदेश के पत्र क्र. 1205 दिनांक 31/12/2015 द्वारा माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार दोनों विकासखण्डों में एक-एक एम्बुलेंस 108 संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रम विद्यालयों को आवंटित राशि
115. ( क्र. 2350 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा बाल श्रम को रोकने के लिये श्रम स्कूलों का संचालन किया है? अगर हाँ, तो सागर संभाग अंतर्गत कितने श्रम विद्यालय संचालित हैं? उनके नाम एवं संचालन की जगह के साथ छात्रों की संख्या वर्गवार देवें? कार्यरत शिक्षकों की जानकारी भी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित श्रम विद्यालयों के छात्रों के लिये शासन द्वारा दिनांक 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सुविधायें मुहैया कराई जा रही हैं? उन पर शासन द्वारा प्रश्नांश दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन विद्यालयों को कब-कब प्रदान की गई? (ग) क्या जिला कलेक्टर छतरपुर, सागर व दमोह द्वारा इस परियोजना में हुये फर्जीवाड़े के कारण श्रम स्कूलों को बन्द करने का आदेश जारी किया तथा जाँच उपरांत अपराधिक गबन का मामला दर्ज करने की कार्यवाही प्रचलन में है? क्या इस तरह संभाग के अन्य जिलों में भी कार्यवाही की जावेंगी? (घ) प्रश्नांश (क) के विद्यालय मौके पर संचालित नहीं किये गये बल्कि फर्जी तरीके से कागजों में संचालित रहे तथा छात्रों का नाम दर्ज कर राशि फर्जी तरीके से आहरित कर गबन की गई तो इसके लिये किन-किन को दोषी मानते हुए कार्यवाही करेंगे? क्या वसूली के साथ अपराधिक प्रकरण भी दर्ज करयेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बाल श्रम को रोकने के उद्देश्य से प्रदेश के 17 जिलों में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना संचालित है। सागर संभाग के अंतर्गत दमोह जिले में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत 30 जून, 2016 की स्थिति में 29 विशेष प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है, जबकि सागर जिले में वर्तमान में बजट अभाव के कारण विशेष श्रम विद्यालय संचालित नहीं किये जा रहे हैं तथा संभाग के अन्य जिले पन्ना, छतरपुर तथा टीकमगढ़ में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्वीकृत नहीं है। दमोह जिले में संचालित 29 विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में 9-14 आयु वर्ग के 1243 छात्रों का अध्ययन कराया जा रहा है। विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों के नाम एवं स्थान अध्ययनरत छात्रों की वर्षवार संख्या एवं कार्यरत शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क्रमशः अ, ब तथा स अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत संचालित विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में अध्ययनरत बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के अंतर्गत शैक्षणिक सामग्री तथा रू. 150.00 प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। साथ ही जिला पंचायत द्वारा इन अध्ययनरत बच्चों को निःशुल्क मध्यान्ह भोजन प्रदान किया जाता है। इसके अलावा केन्द्रों में अध्ययनरत उपरांत बच्चों को उनकी आयु/योग्यता अनुसार औपचारिक विद्यालयों में शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाता है। दमोह जिले में दिनांक 01.01.2012 से वर्ष 2015-16 तक वर्षवार विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों को मानदेय/भवन किराया/छात्रवृत्ति/शैक्षणिक सामग्री कान्टीजेंसी हेतु जारी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है, जबकि सागर जिले में माह अगस्त, 2013 से अप्रैल, 2014 तक 19 विशेष बाल श्रम विद्यालय संचालित थे जिसमें शासन द्वारा निर्धारित शिष्यवृत्ति रू. 150.00 प्रतिमाह छात्रों को दी जाती थी। साथ ही मध्यान्ह भोजन, पाठ्य सामग्री तथा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती थी। (ग) सागर तथा दमोह जिले में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत संचालित विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में फर्जीवाड़े से संबंधित कोई शिकायत/प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ जबकि संभाग के छतरपुर तथा अन्य जिलों में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना संचालित नहीं होने से फर्जीवाड़ा होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दमोह जिले में संचालित 29 विशेष प्रशिक्षण केन्द्र वास्तविक रूप में संचालित होने से तथा फर्जी संचालन एवं गबन की कोई शिकायत नहीं होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत नि:शुल्क प्रवेश
116. ( क्र. 2351 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 क्या है? अधिनियम की छायाप्रति देवें। इस अधिनियम के तहत गरीब/निर्धन छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया के तहत अशासकीय शालाओं में प्रवेश के क्या नियम हैं? (ख) जिला छतरपुर के अंतर्गत तहसील नौगांव, लवकुशनगर, राजनगर व छतरपुर के अंतर्गत कितनी अशासकीय शालाएं संचालित हैं एवं इन संचालित शालाओं द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिनियम के तहत वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक कितने गरीब, निर्धन छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रवेश दिया गया? (ग) यदि स्कूल संचालकों द्वारा अधिनियम में उल्लेखित शर्तों का उल्लंघन किया है तो स्कूल संचालक व अधिकारियों पर शासन द्वारा कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित अधिनियम है। इसके अंतर्गत 6 से 14 आयु समूह के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विदयालयों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया संबंधी अद्यतन निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।(ख) जिला छतरपुर में स्कूल शिक्षा विभागान्तर्गत वर्तमान में तहसील नौगांव अंतर्गत 193, तहसील लवकुशनगर अंतर्गत 46, तहसील राजनगर अंतर्गत 99 एवं तहसील छतरपुर अंतर्गत 220 अशासकीय मान्यता प्राप्त विदयालय संचालित है। अधिनियम के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विदयालयों में नि:शुल्क प्रवेशित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जिले में अशासकीय विदयालयों द्वारा अधिनियम के उल्लंघन की शिकायत प्राप्त न होने के कारण शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिला अस्पताल सतना में ट्रामा केयर सेंटर का कार्य
117. ( क्र. 2360 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अस्पताल सतना में ट्रामा केयर सेंटर का कार्य धीमी गति से चल रहा है और कार्य अभी तक अपूर्ण है? (ख) क्या शासन द्वारा पर्याप्त राशि उपलब्ध न कराये जाने के कारण जिले के नागरिकों को दुर्घटना पश्चात् आकस्मिक चिकित्सा नहीं मिल पा रही है तथा लोग ट्रामा सेंटर के अभाव में दम तोड़ रहे हैं? (ग) जिला अस्पताल सतना में ट्रामा केयर सेंटर न बन पाने के लिए शासन एवं जिला अस्पताल के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा शासन उन पर क्या कार्यवाही करेगा? (घ) जिला अस्पताल सतना में ट्रामा केयर यूनिट कब तक पूर्ण करा ली जायेगी? कब तक आकस्मिक चिकित्सा उपकरण जिला अस्पताल सतना को उपलब्ध करा दिये जायेंगे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, जिला चिकित्सालय में उपलब्ध संसाधनों की सीमा में आकस्मिक चिकित्सीय सेवायें प्रदान की जा रही है तथा ट्रामा सेन्टर के अभाव में किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है, किन्तु यह सही है कि, विगत वित्तीय वर्ष में कुछ अवधि में आवंटन की कमी रही है। (ग) कार्य स्थल भूमि आवंटन में विलंब, कुछ अवधि में आवंटन की कमी एवं आवश्यकतानुसार ड्राईंग में परिवर्तन आदि के कारणों से निर्माण की गति धीमी रही, अतः विलंब के लिये कोई जिम्मेदार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ) यथाशीघ्र। भवन पूर्ण होने पर आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. में माझी जनजाति की उपजातियों माझी मल्लाह, केवट को जोड़ा जाना
118. ( क्र. 2368 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविधान आदेश 1950 में विंध्यप्रदेश के लिए घोषित की गई जनजातियों में माझी जाति को भी अ.ज.जा. की सूची के क्रमांक 09 में शामिल किया गया था लेकिन इनकी उपजातियों मल्लाह, केवट, नाविक को छोड़ दिया गया था, जिस कारण इन उपजातियों का विकास एवं सामाजिक स्तर जस का तस है? (ख) क्या सन् 1950 में विभिन्न प्रदेशों के लिए घोषित जनजातियों की अनेकों उपजातियों को समय-समय पर मूल जाति के साथ जोड़ कर उनके साथ न्याय किया गया है लेकिन माझी जनजाति की उपजातियों मल्लाह, केवट, नाविक के साथ म.प्र. सरकार द्वारा न्याय नहीं किया गया? क्यों कारण सहित बताऍ। (ग) क्या वर्तमान में इन उपजातियों को पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक 12 पर जोड़ा गया है? यदि हाँ, तो क्या? यह भी सही है कि विंध्य क्षेत्र से बाहर के लोग भारी संख्या में फर्जी माझी जाति प्रमाण पत्रों से सरकारी पदों, विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों एवं विभिन्न प्रकार के चुनावों में भाग लेकर लाभान्वित हुए हैं? (घ) क्या भारत सरकार द्वारा अ.ज.जा. के पियुपल ऑफ इंडिया नेशनल सिरीज बैल्यूम थर्ड एनथ्रोंपोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पेज क्र. 710 में मल्लाह, केवट और नाविक को शहडोल, रीवा, सतना, पन्ना, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिलों में शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो प्रदेश सरकार माझी जनजाति की उपजातियों को कब तक अ.ज.जा. की सूची के क्र. 29 में जोड़ा जाएगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत उपजातियां मल्लाह, केवट, नाविक नहीं हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। इन्हें यथा सामाजिक परिस्थिति अनुसार राज्य शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया गया है। (ग) जी हाँ। शेष आदिम जाति कल्याण विभाग से संबंधित नहीं। (घ) जी हाँ। किसी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का अधिकार राज्य शासन अन्तर्गत नहीं है।
वेतन विसंगति का निराकरण
119. ( क्र. 2371 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के अतारांकित प्रश्न संख्या 103 (क्र. 7393) दिनांक 30.03.2016 में तीन पदोन्नति प्राप्त करने वाले लिपिक का वेतन तीन समयमान वेतन प्राप्त करने वाले लिपिकों की तुलना में कम होने संबंधी प्रश्न के (घ) भाग में वेतन विसंगति का निराकरण करने का उत्तर दिया गया था? तो प्रश्न दिनांक से अब तक शासन द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) म.प्र. शासन वित विभाग के ज्ञाप क्र. एफ. 11-17/2014/नियम/4 भोपाल दिनांक 30 सितम्बर 2014 एवं ज्ञाप दिनांक 12 फरवरी 2015 की इस विसंगति के कारण सतना जिले में कितने ऐसे लिपिक हैं जिन्हें तीन पदोन्नति प्राप्त हो जाने के कारण तीसरा समयमान का लाभ नियमों में त्रुटि के कारण प्राप्त नहीं हो रहा है? (ग) शासन कब तक इस विसंगतिपूर्ण आदेश को सुधार करने हेतु सुधार कार्यवाही करेगा ताकि लिपिकों को हो रहे नुकसान की भरपाई हो सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा जा रहा है। (ख) सतना जिले में निम्नांकित लिपिक है जिन्हें 03 पदोन्नति प्राप्त होने के कारण तीसरा समयमान प्राप्त नहीं हो रहा हैः- 1. श्री अरूण कुमार सिंह, मुख्यलिपिक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सतना। 2. श्री राममिलन शर्मा, मुख्यलिपिक कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रामपुर (सेवानिवृत्त)। 3. श्री श्रीनिवास द्विवेदी, मुख्यलिपिक, कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सोहावल। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
120. ( क्र. 2398 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा अपने आदेश दिनांक 31.08.2015 द्वारा हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में पदस्थ 5 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण निरस्त करते हुये पूर्वत: दैनिक वेतन भोगी बनाये गये? उक्त आदेश किन नियमों, निर्देशों, जाँच रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया? स्पष्ट बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा अपने आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा मेडिकल कॉलेज भोपाल में पदस्थ 5 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण किया गया? उक्त आदेश किन नियमों, निर्देशों, जाँच रिपोर्ट के आधार पर जारी किये गये? स्पष्ट बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) और (ख) प्रकरण एक समान होने पर भी पृथक-पृथक निर्णय लेने के क्या-क्या नियमयुक्त विधियुक्त कारण है? दोनों प्रकरणों में शासन के किन-किन निर्देशों का पालन किया गया है? दोनों प्रकरणों के निष्कर्षों में भिन्नता क्यों है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। श्री रघुवीर श्रीवास्तव, तत्कालीन उप सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन की अनुशंसा, आरक्षण नियम 2002 का पालन नहीं करने तथा स्वीकृत रिक्त पद नहीं होने के आधार पर हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल में पदस्थ 05 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण निरस्त किया गया था। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिन 05 कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया है, वे पूर्व से ही नियमित वेतनमान में कार्यरत थे। आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा, भोपाल के पत्र क्रमांक 175/स्था/अराज/2016 दिनांक 18 अप्रैल, 2016 द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 3942/2016 में दिनांक 04 मार्च, 2016 को पारित निर्णय के सन्दर्भ में प्रकरण में जवाबदावा प्रस्तुत करने तथा 05 याचिकाकर्ताओं को नियमितीकरण की कार्यवाही करने हेतु जारी निर्देशों के परिपालन में विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 21 अगस्त, 2000 जो अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के लिये था, उसे इस प्रकरण से अलग किया जाकर पूर्व में की गई नियमितीकरण की कार्यवाही को सही माना जाकर नियमितीकरण की कार्यवाही की गई है। इन सभी 05 कर्मचारियों का नियमितीकरण पूर्ववत् सहायक वर्ग-3 के पद पर किया गया है। उल्लेखित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, तीन, चार एव पाँच अनुसार हैं। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ में उल्लेखित दोनों प्रकरण एक समान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
अंशकालीन फार्मेसी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति
121. ( क्र. 2401 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. तकनीकी शिक्षा मण्डल/राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय म.प्र. भोपाल द्वारा किसी भी संस्था को अंशकालीन फार्मेसी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है?(ख) क्या स्वास्थ्य विभाग जिला विदिशा में पदस्थ एक ड्रेसर द्वारा सिविल सर्जन सह अधीक्षक जिला चिकित्सालय विदिशा द्वारा अंशकालीन पाठ्यक्रम की अनुमति लेकर पूर्णकालिक फार्मेसी डिप्लोमा किया गया है, जिसकी शिकायत श्री बदन सिंह निवासी जिला विदिशा द्वारा संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को की गई है? (ग) क्या फर्जी तरीके से डिप्लोमा प्राप्त कर उक्त ड्रेसर द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी विदिशा को उपकृत कर अपना प्रमोशन फार्मासिस्ट के पद पर करवा लिया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या विभाग उक्त ड्रेसर द्वारा गलत तरीके से प्राप्त फार्मेसी डिप्लोमा की प्राप्त शिकायत की जाँच करवाकर कर्मचारी को पदावनत कर कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुष औषधालयों में स्वीकृत पद
122. ( क्र. 2405 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ आयुष औषधालय खुले हैं और उनमें कौन-कौन से कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं और स्वीकृत पदों के विरूद्धकौन-कौन पदस्थ हैं? रिक्त पदों को भरने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) वर्ष जनवरी 2013 से आयुष औषधालयों में अभी तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) उपरोक्त औषधालयों में पदस्थ अमले का मुख्यालय में निवास है अथवा नहीं? यदि औषधालय स्थल पर मुख्यालय है तो उनकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए? (घ) जनवरी 2013 से अभी तक ऐसे बीमार व्यक्तियों की सूची उपलब्ध कराई जाए जिनके उपचार में कीमती आयुर्वेदिक औषधियां दी गई है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। (ख) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में व्यय की गई राशि :- (1) वेतन भत्ते राशि रू. 99,95,849/- (2) मजदूरी राशि रू. 05,53,970/- (3) स्टेशनरी राशि रू. 22,355/- (4) कंटनजेंसी राशि रू. 23,285/- (5) भवन किराया राशि रू.15,680/- (6) विविध राशि रू. 01,28,935/- (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी निरंक है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण योजना
123. ( क्र. 2406 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण हेतु किन-किन योजना में कितनी राशि स्वीकृत हुई और कितनी व्यय हुई? जनवरी 2014 से अभी तक की जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) वर्ष 2016-17 में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजना में कितनी राशि स्वीकृत हुई और अभी तक कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ग) क्या उपरोक्त वर्ग के कुछ छात्रों को डबल छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई? यदि हुई तो उनकी सूची मय विद्यालय सहित उपलब्ध कराई जाए? (घ) दतिया जिले में पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कितने छात्रावास कहाँ-कहाँ संचालित हैं और उन छात्रावासों में छात्रों को क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण हेतु स्वीकृत योजनाओं में स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दतिया जिले में उपरोक्त वर्ग के किसी भी छात्र को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में डबल छात्रवृत्ति स्वीकृत नहीं हुई है। (घ) दतिया जिले में जिला मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग के 02 छात्रावास (एक कन्या एवं एक बालक छात्रावास) संचालित हैं। इन छात्रावासों में छात्रों को नि:शुल्क आवासीय सुविधा जिसके तहत् नि:शुल्क बिजली, पानी, पलंग, गद्दे, कम्बल, दरी, चादर, तकिया आदि सुविधायें दी जाती हैं।
उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना
124. ( क्र. 2450 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा सागर जिले में 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्रवार कितने नए, उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने एवं कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र बण्डा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सेसईसात्री एवं कंदवा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव पर शासन, आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि हाँ, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रस्तावों को शामिल किए जाएंगे? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विभाग द्वारा सागर जिले में 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्रवार 42 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही एवं 02 उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सागर से विस्तृत जानकारी मंगाई गई है। जानकारी प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहा.शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से पूर्ण वेतनमान दिया जाना
125. ( क्र. 2470 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैनान्तर्गत, अम्बाह विधान सभान्तर्गत ऐसे कितने सहा.शिक्षक हैं जिन्हें प्रथम नियुक्ति दिनांक से पूर्ण वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है, अभी तक लाभ नहीं मिलने का कारण क्या है? (ख) क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित विषय से संबंधित ऐसे सभी सहा. शिक्षकों को चिन्हित कर उन्हें प्रथम नियुक्ति दिनांक से ही पूर्ण वेतनमान दिलाने के आदेश जारी करेगा, यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभागीय आदेश क्र/एफ-1-12/2005/20-1 भोपाल दिनांक 06.07.2005 के द्वारा वर्ष 1982-83 से वर्ष 1994-95 तक निश्चित वेतनमान पर नियुक्त उप शिक्षक/सहायक शिक्षक/शिक्षकों को उनकी नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान दिये जाने की स्वीकृति जारी की गई। उक्त के क्रम में समस्त सहायक शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है। (ख) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य अपमिश्रण के प्रकरणों में कार्यवाही
126. ( क्र. 2506 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा एवं मानक निर्धारण अधिनियम 2006 की धारा 49 के तहत खाद्य पदार्थों/मिलावट के प्रकरणों में अभियोजन की कार्यवाही करने और न्यायालयों में निर्णित ऐसे प्रकरणों को समझौते हेतु लोक अदालतों में प्रस्तुत करने बाबत् क्या प्रावधान है तथा इस संबंध में शासन ने क्या निर्देश जारी किये हैं और इसके लिए गाईड लाईन क्या बनाई गई है? (ख) जिला जबलपुर में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 49 के तहत खाद्य अपमिश्रण के पंजीकृत न्यायालयों से निर्णित किन-किन प्रकरणों को किसके आदेश से समझौते हेतु लोक अदालतों में प्रस्तुत किये गये हैं एवं क्यों वर्ष 2013-14 से जून 2016 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में अधिनियम की धारा 52 के तहत गैर समझौता योग्य कितने प्रकरणों को समझौता हेतु लोक अदालत में प्रस्तुत किया गया है एवं क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में खाद्य अपमिश्रण के किन-किन प्रकरणों में न्यायालय द्वारा अर्थदण्ड की कितनी-कितनी राशि अधिरोपित की गई तथा क्या सजा सुनाई गई? किन-किन प्रकरणों में अर्थदण्ड की अधिरोपित कितनी-कितनी राशि की वसूली कब की गई एवं किनप्रकरणों में कितनी राशि की वसूली नहीं की गई एवं क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 49 में शास्ति के निर्धारण हेतु साधारण उपबंध प्रावधानित हैं। उक्त धारा में सक्षम न्यायालयों से निर्णित प्रकरणों को समझौते हेतु लोक अदालतों में प्रस्तुत करने बाबत् कोई प्रावधान नहीं है। इस संबंध में शासन के पत्र क्र./1224/1550/2014/17 मेडि-2 भोपाल दिनांक 14.10.14 के संदर्भ में पालन हेतु समस्त उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मध्यप्रदेश को पत्र भेजा गया है। इस संबंध में शासन स्तर से उपरोक्त पत्र के साथ कोई गाईड लाईन प्राप्त नहीं हुई है। (ख), (ग) एवं (घ) जिला जबलपुर में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 49 के तहत खाद्य अपमिश्रण के पंजीकृत न्यायालयों से निर्णित किसी भी प्रकरण को किसी के भी आदेश से लोक अदालतों में प्रस्तुत नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूलों की स्वच्छता पर ग्रेडिंग
127. ( क्र. 2507 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों की स्वच्छता का परीक्षण कराने कब, क्या निर्देश जारी किये हैं? (ख) जबलपुर जिले के कितने शासकीय, हाई, हायर सेकेण्ड्री स्कूलों की स्वच्छता परीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत जाँच कब कराई गई है? जाँच में कितने-कितने स्कूल, किस-किस ग्रेड में पाये गये हैं? कितने स्कूल उत्कृष्ट पाये गये? सूची दें। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 की जानकारी दें। (ग) जबलपुर जिले के कितने-कितने स्कूलों को स्वच्छता परीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत जाँच हेतु निर्धारित बिन्दुओं के तहत अधोसंरचना स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण जागरूकता में कितने-कितने अंक मिले हैं? (घ) विधान सभा क्षेत्र केंट (जबलपुर) के कौन-कौन से स्कूल उत्कृष्ट पाये गये हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत संचालनालय से जारी निर्देश क्रमांक आर.एम.एस./181/स्वा.एवं/स्व.प्रशि/2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2016-17 में स्वच्छता परीक्षण कार्यक्रम के निर्देश जारी नहीं किए गये है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
बालक आश्रम शिवपुरी का संचालन
128. ( क्र. 2528 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग, शिवपुरी द्वारा सचिव, म.प्र. हरिजन सेवक संघ इंदौर को शिवपुरी जिले में किराये के भवन में संचालित अस्वच्छ धंधा बालक आश्रम को खाली कराये जाने हेतु पत्र क्र.आ.जा.क./2016-17/498 शिवपुरी दिनांक 13.04.2016 द्वारा निर्देशित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सचिव, हरिजन सेवक संघ इंदौर द्वारा अधीक्षक, अस्वच्छ धंधा बालक आश्रम शिवपुरी को किराये का भवन खाली किए जाने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त किराये के भवन को खाली कर दिया गया है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वर्तमान किराये के भवन में संचालित आश्रम को कब तक खाली कराकर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संस्था को किराये का उपयुक्त भवन नहीं मिलने से खाली नहीं किया है। (ग) वैकल्पिक व्यवस्था होने तक रिक्त कराया जाना संभव नहीं है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वा.केन्द्र बैराढ़ एवं प्राथमिक स्वा.केन्द्र छर्च में रिक्त पद
129. ( क्र. 2529 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोरही विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैराढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र छर्च का उन्नयन होने के पश्चात् नवीन सेटअप अनुसार कौन-कौन से पद स्वीकृत किए गये हैं? क्या उक्त स्वीकृत पदों पर किसी अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना उन्नयन होने के पश्चात् की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण दें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैराढ़ व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र छर्च में सेटअप अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है व उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
शिक्षकों के मुख्यालय पर रहने के नियम
130. ( क्र. 2537 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने उत्कृष्ट विद्यालय संचालित है तथा इन विद्यालयों के प्राचार्य/शिक्षकों के मुख्यालय पर निवास करने के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उत्कृष्ट विद्यालय में कार्यरत प्राचार्य/शिक्षक मुख्यालय पर ही निवास कर रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्राचार्य/शिक्षकों के मुख्यालय पर निवास नहीं करने के संबंध में विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा दोषी पाए जाने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) 02 उत्कृष्ट उ.मा.वि. संचालित है। इनमें पदस्थ सभी शासकीय सेवकों को मुख्यालय पर निवास करने के निर्देश है।(ख) जी हाँ। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा संचालित स्कूलों/आश्रमों की जानकारी
131. ( क्र. 2538 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा कितने स्कूल/आश्रमों का संचालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित स्कूल/आश्रम में बच्चों की संख्या के आधार पर कितने शिक्षक पदस्थ करने का प्रावधान है? क्या नियमानुसार सभी संस्थाओं में शिक्षक पदस्थ हैं? (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित स्कूल/आश्रम में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने शिक्षक पदस्थ हैं तथा कितने पद रिक्त हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सैलाना में कुल 14 उ.मा.वि., 21 हाईस्कूल, 162 माध्यमिक विद्यालय तथा 621 प्राथमिक विद्यालय एवं 12 आश्रमों का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ख) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के लिये शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 25 अनुसार प्रावधान है तथा आश्रमों, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में बच्चों की संख्या का आधार नहीं है। स्वीकृत पद संरचना अनुसार शिक्षक पदस्थ करने का प्रावधान है। जी नहीं। (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्र की शैक्षणिक संस्थाओं में पदों की स्थिति निम्नानुसार है :-
संस्था का नाम |
स्वीकृत पद |
भरे पद |
रिक्त पद |
उ.मा.वि. |
216 |
166 |
50 |
हाईस्कूल |
168 |
77 |
91 |
मा.वि. |
683 |
533 |
150 |
प्रा.वि. |
1863 |
1484 |
379 |
आश्रम |
38 |
22 |
16 |
कर्मकार मण्डल योजना का क्रियान्वयन
132. ( क्र. 2553 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत किस-किस प्रकार के कौन-कौन से कार्यों हेतु कितनी-कितनी सहायता राशि का प्रावधान है? पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल के कितने श्रमिक पंजीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत श्रमिकों द्वारा अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु सहायता राशि प्रदान करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किये इन प्रस्तुत आवेदनों में से कितने प्रकरणों में कितनी सहायता राशि स्वीकृत की गई कितने आवेदन किन कारणों से निरस्त किये गये एवं कितने आवेदन किन कारणों से लंबित है बतलावें? ग्रामवर, नामवार सूची देवें? (ग) समयावधि में निराकरण नहीं करने के लिये कौन जिम्मेदार है क्या शासन इसकी जिम्मेदारी नियत कर जिम्मेदार कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों जो प्रकरण निराकरण हेतु आज दिनांक तक लंबित है उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा वर्तमान में संचालित 23 योजनाओं एवं प्रावधान की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जबलपुर जिले के पाटन विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल 13774 (तेरह हजार सात सौ चैहत्तर) निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। (ख) जबलपुर जिले की पाटन विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों द्वारा अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रसूति सहायता योजना, विवाह सहायता योजना, शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरूस्कार राशि योजना, मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह भुगतान योजना, चिकित्सा सहायता योजना एवं दो पहिया वाहन क्रय हेतु अनुदान योजना के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किये गये है। उक्त योजना के अंतर्गत कुल 3759 प्रकरण स्वीकृत कर 2,20,30,625=00 (दो करोड़ बीस लाख तीस हजार छः सौ पच्चसी रूपये मात्र) की सहायता राशि वितरित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पाटन विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विवाह सहायता योजना के 39, प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत 15 एवं मृत्यु पर अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना के अंतर्गत 02, इस प्रकार कुल 56 आवेदन निरस्त किये गये हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। पाटन विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विवाह सहायता योजना के अंतर्गत 58 एवं सायकल अनुदान योजना के अंतर्गत 16 आवेदन इस प्रकार 74 आवेदन लंबित हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) लंबित प्रकरणों के निराकरण के संबंध में संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जा रही हैं सभी लंबित प्रकरण समय-सीमा के बाह्य नहीं है।
पाटन विधान सभा क्षेत्र में संचालित स्कूल
133. ( क्र. 2554 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल एवं मिडिल स्कूल संचालित हैं, संचालित स्कूलों में से कितनों के पास स्वयं के भवन है, कितनों के नहीं? कितने भवन निर्माणाधीन है, स्कूल भवन से गांव की दूरी सहित सूची उपलब्ध करावें विगत तीन वर्षों में किन-किन स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण स्वीकृत किये गये? कितने पूर्ण हुये कितने प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण है? (ख) इन कक्षों के निर्माण राशि का भुगतान किस दिनांक को किया गया? यदि नहीं, किया गया तो इसके क्या कारण है? अभी तक भुगतान न की गई राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? शालावार सूची सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्कूलों में से कितने स्कूलों में विद्युतीकरण की व्यवस्था एवं शाला पहुँच मार्ग है और किन में नहीं है? क्या शासकीय हाईस्कूल दिनारीखम्हरिया विकासखण्ड मझौली में भवन निर्माण के साथ ट्रांसफार्मर लगाकर विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का अनुबंध निर्माणकर्ता ठेकेदार से किया गया था परंतु प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया? यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? (घ) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सुविधाविहीन स्कूलों में विद्युतीकरण एवं पहुँच मार्ग निर्माण की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। माध्यमिक शालाओं में विगत तीन वर्षों में कोई भी अतिरिक्त कक्षों का की स्वीकृति नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जी नहीं, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बजट की उपलब्धता एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्रधारी व्यक्तियों की सेवा समाप्त करना
134. ( क्र. 2567 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवाओं एवं अन्य लाभ के लिए प्रयोग किए गये फर्जी प्रमाण पत्रों के जांच के लिए उच्च स्तरीय छानबीन समिति का गठन कब किया गया है? समिति के सदस्यों का चयन एवं गठन के संपूर्ण नियमावली की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराएं? (ख) छानबीन समिति के पास समिति गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रकरण जाँच हेतु प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में छानबीन समिति के पास कितने प्रकरण लंबित हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों में अंतिम निर्णय पारित कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर सेवा से पृथक करके पुलिस में मुकदमा पंजीबद्ध किये जाने हेतु आदेश दिये गये हैं की सूची उपलब्ध करायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ-7-1-96-आ.प्र.-एक दिनांक 8 सितम्बर 1997 द्वारा छानबीन समिति का गठन किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति उच्च स्तरीय छानबीन समिति में 1047 प्रकरण पंजीबद्ध है। (ग) 669 प्रकरण जाँच हेतु प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में छानबीन समिति द्वारा 378 निर्णय पारित कर संबंधित विभागों को विधि अनुरूप कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। प्रश्न का शेष भाग आ.जा.क. विभाग से संबंधित नहीं।
आयुर्वेद चिकित्सकों की पदपूर्ति व चिकित्सालयों का संचालन
135. ( क्र. 2570 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल कितने आयुर्वेद चिकित्सालय वर्तमान में संचालित हैं तथा इनमें रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (ख) आयुर्वेद चिकित्सालयों को बढ़ावा देने हेतु शासन की कोई कार्ययोजना हैं? यदि हाँ, तो क्या विवरण देवें? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित आयुर्वेद चिकित्सालयों में से कितनों के भवन निर्मित हैं एवं कितने भवन विहीन हैं? भवन विहीन चिकित्सालयों के भवन निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या क्षेत्र में नए आयुर्वेद चिकित्सालय प्रारम्भ किये जाना प्रस्तावित हैं, यदि हाँ, तो कब तक प्रारम्भ किये जावेंगे एवं कहाँ-कहाँ पर विवरण देवें?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) कोई नहीं। 08 आयुर्वेद एवं 01 यूनानी औषधालय संचालित। रिक्त पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रदेश में 21 जिला आयुर्वेद चिकित्सालय एवं 31 आयुष (आयुर्वेद) विंग संचालित हैं। (ग) चिकित्सालय संचालित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग छात्रावासों की स्वीकृति एवं संचालन
136. ( क्र. 2571 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुल कितने पिछड़ा वर्ग छात्रावास वर्तमान में संचालित हैं एवं इनमें कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं, जिलेवार विवरण देवें? (ख) नवीन पिछड़ा वर्ग छात्रावास प्रारम्भ किये जाने संबंधी क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगर सुसनेर एवं नलखेड़ा में नवीन पिछड़ा वर्ग छात्रावास प्रारम्भ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है या कोई मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ अनुसार छात्रावास प्रारम्भ करने संबंधी प्रश्नकर्ता ने कोई पत्र लिखा था या मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रदेश में कुल 100 छात्रावास भवन निर्मित है उनमें से 91 पिछड़ा वर्ग छात्रावास संचालित है, इनमें प्रत्येक छात्रावास में एक पद वार्डन एवं 04 पद (पानीवाला, रसोईया, फर्राश एवं चौकीदार कलेक्टर दर पर) स्वीकृत हैं। स्वीकृत पदों में से भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन के सीमित वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में प्रत्येक जिले में एक बालक एवं एक कन्या छात्रावास प्रारंभ किये गये हैं। (ग) जी नहीं। जी हाँ। प्रस्ताव पर कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है, माननीय विधायक को उत्तरांश (ख) अनुसार पत्र क्रमांक/छात्रा/2016'17/2640, दिनांक 16/06/2016 द्वारा अवगत कराया गया है। (घ) उपरोक्तानुसार।
नियम विरूद्ध राशि की स्वीकृति
137. ( क्र. 2578 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के द्वारा विगत दो वर्षों में अनुसूचित जाति बस्ती विकास के लिये होशंगाबाद जिले में किन-किन कार्यों के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई? क्या यह सभी बस्तियां वास्तविक रूप से अनुसूचित जाति बाहुल्य थी? यदि नहीं, तो कारण बताया जावें? (ख) प्रश्नांश (क) जिले में अनुसूचित जाति कल्याण के संचालित होस्टल एवं आश्रमों में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी साम्रगी के क्रय आदेश किन-किन संस्थाओं को दिये गये? (ग) क्या उक्त आश्रमों में संस्था विशेष के माध्यम से महंगी दरों पर सामग्री क्रय की गई? यदि हाँ, तो इसके लिये उत्तरदायी व्यक्तियों के विरूद्ध जाँचकर कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विगत दो वर्षों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। नियमों में 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाली बस्तियों के साथ जिन वार्ड/बस्तियों में 20 से अधिक परिवार निवासरत हों, में कार्य करने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शासन की अधिकृत संस्थाओं से ही निर्धारित मूल्य परा सामग्री क्रय की गई है।
मॉडल स्कूल जावरा का संचालन
138. ( क्र. 2586 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु जावरा जिला रतलाम सहित म.प्र. में कुल तीन आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (मॉडल स्कूल) कार्यरत होकर विभाग/ शासन द्वारा संचालित किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शिक्षा की गुणवत्ता वृद्धि हेतु इन स्कूलों को पूर्ण स्टाफ, समस्त संसाधन, आधुनिक लेब, खेल स्टेडियम, स्टाफ क्वार्टर सहित अन्य कार्यों हेतु पर्याप्त बजट प्रावधानित किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, लेब असिस्टेंट, क्रीड़ा अधिकारी, कार्यालयीन स्टाफ इत्यादि सहित अन्य कितने पद स्वीकृत होकर कितने भरे हैं? कितने खाली हैं तथा उपरोक्त वर्षों में स्कूल कार्यों हेतु कितना बजट स्वीकृत किया गया है? (घ) कौन-कौन से पद कितने वर्षों से रिक्त है तथा उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत प्राप्त बजट से क्या कार्य किये जाकर कितना व्यय हुआ, साथ ही स्टाफ हेतु क्वार्टर्स की क्या स्थिति है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश की ''ग'' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। उपरोक्त वर्षों में अधिकारी/कर्मचारियों के वेतनभत्ते एवं शाला व्यय मद में स्वीकृत बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) पद रिक्त होना एवं पदपूर्ति की जाना एक सतत् प्रक्रिया है प्रश्न के भाग (ग) में उल्लेखित वर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में सम्मलित है तथा उपरोक्त वर्षों में मण्डल के प्रशासनिक भवन/समस्त संभागीय कार्यालयों/ समस्त आदर्श विद्धालयों के लिये भवन निर्माण मद में आवंटित बजट एवं व्यय की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
योजनाओं के क्रियान्वयन एवं निर्माण कार्य
139. ( क्र. 2588 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही अनेक आमजन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु निर्माण कार्यों के साथ ही जनहितार्थ कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन कहाँ-कहाँ पर किस-किस प्रकार से किया गया तथा किन-किन स्थानों पर मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्य किये गए? (ग) उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक योजनाओं के क्रियान्वयन एवं आमजन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विभिन्न कार्यों के लिए दोनों आशयों के पृथकतः कुल कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? (घ) योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विभिन्न कार्यों का स्वीकृत बजट से कितने कार्य पूर्ण होकर कितने अपूर्ण रहे? कितनी राशि आहरित होकर कितना व्यय हुआ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुसूचित जाति विकास से संबंधित योजनाओं की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति विकास से संशोधित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ एवं ‘द‘ अनुसार है।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कितने छात्रावासों का संचालन
140. ( क्र. 2595 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कितने छात्रावास आज वर्तमान में संचालित हो रहे है व कब से संचालित हो रहे है? (ख) 100 छात्राओं का छात्रावास वर्तमान में शासकीय भवन में अथवा निजि भवन में संचालित हो रहा है उसमें कुल कितनी छात्राओं का प्रवेश है क्या वर्तमान स्थान छात्राओं के मान से पर्याप्त है तथा उनको शासन से प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं? (ग) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा उनके संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई है? विगत एक वर्ष में किस अधिकारी द्वारा कब-कब छात्रावास का निरिक्षण किया गया तथा किस अधिकारी द्वारा क्या क्या टीप प्रदान की गई? (घ) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में शासकीय भवन बनाने का इस वित्तिय वर्ष में क्या प्रावधान है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्तमान में 01 बालिका छात्रावास संचालित हो रहा है। बालिका छात्रावास वर्ष 2006 से संचालित है। (ख) 100 छात्राओं का बालिका छात्रावास वर्तमान में निजी भवन में संचालित हो रहा है। सत्र 2016-17 में छात्रावास में 100 में से 95 छात्राओं ने प्रवेश लिया है तथा प्रवेश जारी है। वर्तमान में छात्रावास में छात्राओं के मान से पर्याप्त स्थान नहीं है। उनको शासन से प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाएं प्राप्त हो रही है। (ग) वर्तमान में उपयुक्त शासकीय भवन उपलब्ध न होने की स्थिति में छात्रावास निजी भवन में संचालित है। छात्रावास में छात्राओं के मान से पर्याप्त स्थान नहीं है। शासकीय भवन उपलब्ध होने की स्थिति में छात्रावास स्थानांतरित किया जा सकेगा। विगत 01 वर्ष में छात्रावास का निरीक्षण करने वाले अधिकारी की टीप सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में बालिका छात्रावास का शासकीय भवन बनाने का इस वित्तीय वर्ष में शासन द्वारा कोई प्रावधान नहीं है।
वेतन का नियमित भुगतान
141. ( क्र. 2600 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घटिया जिला उज्जैन के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से कर्मचारी हैं, जिन्हें माह जनवरी, 2016 से माह जून, 2016 तक मासिक वेतन भुगतान नहीं किया गया? कृपया नामवार, पदवार जानकारी दें। (ख) क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घटिया, जिला उज्जैन के कर्मचारियों का उपस्थिति पत्रक दिये जाने के बाद भी वेतन भुगतान न होने का क्या कारण है? वेतन भुगतान कब तक हो जायेगा? (ग) क्या विलंब से वेतन भुगतान के संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित कर कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घटिया के अंतर्गत किसी भी कर्मचारी का माह जनवरी 16 से माह जून 16 तक का मासिक वेतन नहीं रोका गया। (ख) मूल प्रश्न ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित
142. ( क्र. 2606 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, आरोग्य केन्द्र आदि में कितने-कितने पद महिला एवं पुरूष वर्ग के स्वीकृत हैं? (ख) क्या सभी स्वास्थ्य सेवाओं में पुरूष और महिला वर्ग के अधिकारी/कर्मचारी स्वीकृति अनुसार पदस्थ है? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पवई एवं शाहनगर मोहन्द्रा हरदुआ सिमरिया में स्वीकृत महिला विशेषज्ञ एवं महिला सहायक शल्य चिकित्सक के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कब से रिक्त है व उनकी पूर्ति (पदस्थापना) कब तक कर दी जायेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित स्वास्थ्य सेवाओं में कई स्थानों पर स्टाप के अतिरिक्त उपकरण जैसे- एक्स-रे मशीन, ब्लड बैंक, बी.पी. मशीन आदि का भी अभाव है? यदि हाँ, तो जनहित में इनकी पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत पदों की स्वीकृति महिला/पुरूष वर्ग अनुसार नहीं होती है। जी नहीं, शतप्रतिशत पदपूर्ति नहीं है। (ग) सामुदयिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्था पवई एवं शाहनगर में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद स्वीकृत है जो प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पद स्वीकृति दिनांक से रिक्त है। महिला चिकित्सक के नाम से पृथक से कोई पद स्वीकृत नहीं है, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पद स्वीकृत नहीं होते। पदोन्नति की प्रक्रिया निरंतर जारी है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पवई, शाहनगर में एक्स-रे एवं बी.पी. मशीन तथा प्रा.स्वा.के. मोहेन्द्रा, हरदुआ, सिमरिया में बी.पी. मशीन उपलब्ध है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में एक्स-रे मशीन का प्रावधान नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पवई में ब्लड बैंक स्वीकृत नहीं है, ब्लड स्टोरेज यूनिट स्वीकृत है एवं पंजीयन संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हज हाउस निर्माण
143. ( क्र. 2617 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर जिले में हज यात्रियों की सुविधा के लिए हज हाउस का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इन्दौर जिले में हज हाउस के निर्माण हेतु स्थान व भूमि का चयन करके भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो कहाँ? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में हज हाउस के लिए कितनी भूमि आवंटित हुई है? उसका खसरा नं. व रकबा कितना है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हज हाउस का निर्माण कब तक प्रारंभ हो जावेगा? हज हाउस निर्माण में केन्द्र सरकार, केन्द्रीय हज कमेटी व राज्य सरकार की हिस्सेदारी कितनी-कितनी है? हिस्सेदारी की राशि पृथक-पृथक बतायें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) भाग के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में पंजीकृत नर्सिंग होम
144. ( क्र. 2621 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में शासन द्वारा कितने नर्सिंग होम एवं क्लीनिक पंजीकृत किये गये है? अलग अलग नर्सिंग होम संचालक का नाम, पता, स्थान सहित विवरण दें, तथा पंजीयन कितने वर्ष के लिये दिया गया है? कितने नर्सिंग होम/क्लीनिक बिना पंजीयन के चल रहे है? कितने नर्सिंग होम में मरीजों के ठहरने, पीने के स्वच्छ पानी, केन्टीन एवं पार्किंग की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है? (ख) कितने नर्सिंग होम/क्लीनिक प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा रजिस्टर्ड है? उक्त नर्सिंग होम/क्लीनिक का बायोमेडिकल वेस्ट (कचरा) कहाँ भेजा जा रहा है? उक्त बायोमेडिकल वेस्ट (कचरा) का क्या किया जा रहा है? नर्सिंग होम /क्लीनिकवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) नर्सिंग होम एक्ट अनुसार कितने डॉक्टर/पैरामेडिकल स्टॉफ कार्य कर रहे हैं? क्या सिवनी जिले में नियम विरूद्ध रहवासी इलाकों में नर्सिंग होम संचालित किये जा रहे हैं? क्या ऐसे नर्सिंग होमों पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिवनी जिले में 08 नर्सिंग होम एवं 56 क्लीनिक मध्य प्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 के तहत पंजीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है। पंजीयन 3 वर्षों के लिये किया जाता है। सभी नर्सिंग होम/क्लीनिक पंजीकृत है। सभी 08 नर्सिंग होम में मरीजों के ठहरने, पीने के स्वच्छ पानी एवं पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। किसी भी नर्सिंग होम में केन्टीन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। (ख) सभी 8 नर्सिंग होम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति प्राप्त है। कोई भी क्लीनिक मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पंजीकृत नहीं है। वर्तमान में सभी नर्सिंग होम अपने स्तर से शहर के बाहर बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन कर रहे हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। जी नहीं। नगर पालिका से अनुमति प्राप्त होने पर ही नर्सिंग होम संचालित होते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में अनियमितता
145. ( क्र. 2622 ) श्री दिनेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी श्रम विभाग द्वारा सिवनी विधान सभा क्षेत्र में किस किस शासकीय व अर्द्धशासकीय विदयालय एवं महाविदयालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक में छात्रवृत्ति दी गई? स्कूल का नाम, छात्र-छात्रों की संख्या, कौन सी कक्षा में अध्ययन के दौरान कितनी-कितनी छात्रवत्ति की राशि दी गई, विदयालय, महाविदयालय की अलग-अलग जानकारी प्रदान करें? (ख) छात्र-छात्राओं को शासन द्वारा प्रदान की गई राशि नगद या चैक द्वारा दी गई? (ग) छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवत्ति में गड़बड़ी कहाँ-कहाँ की गई? उन विदयालय व महाविदयालयों के नाम सहित बतायें व इसमें कौन-कौन दोषी पाये गये उन संस्थाओं के नाम, संचालक का नाम, गबन की राशि सहित बतायें? (घ) छात्रव़त्ति देने के क्या नियम है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत सिवनी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चाही गई वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छात्र-छात्राओं को आ.टी.जी.एस. के माध्यम से हितलाभ राशि वितरित की गई है। (ग) छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के संबंध में प्रश्न दिनांक तक गड़बड़ी के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री अथवा पत्नी इस योजना के लिए पात्र होंगे। छात्र अथवा छात्रा शिक्षण संस्था में अध्ययनरत् विद्यार्थी हो। हिताधिकारी की पत्नी को प्रोत्साहन राशि की पात्रता के लिए यह आवश्यक शर्त है कि उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा शिक्षण संस्थान में नियमित अध्ययनरत् छात्रा हो। किसी पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक की अधिकतम 02 संतान एवं पत्नी को एक समय में प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की पात्रता होगी, परंतु यदि पती/पत्नी दोनों निर्माण श्रमिक हिताधिकारी हो, इस परिस्थिति में पति/पत्नी के 02 ही शिक्षारत बच्चों को इस योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि की पात्रता होगी। किसी वर्ष के लिये प्रोत्साहन सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने के पश्चात् ही देय होगी। ग्रीष्म अवकाश के बाद शिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा 03 तीन माह में प्रवेश प्राप्त कर यदि उपस्थित होता है तब ही उसे प्रोत्साहन राशि की पात्रता होगी।
शिकारी, खैरूआ एवं मीना समाज जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करना
146. ( क्र. 2638 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जिला विदिशा में शिकारी एवं खैरूआ जाति को किस वर्ग में शामिल किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या गुना जिले में शिकारी, खैरूआ एवं मीना जाति को भी अनुसूचित जाति में सम्मिलित किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अनुसार यदि विदिशा जिले में उक्त जातियों को अनु.जाति में रखा गया है, तो गुना जिले के शिकारी एवं खैरूआ जाति को भी शामिल कर शासन की योजनाओं का लाभ दिया जायेगा? (घ) क्या मीना समाज को भी शासकीय योजनाओं का लाभ दिये जाने हेतु अनु.जाति में शामिल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विदिशा जिले में शिकारी जाति को किसी वर्ग में शामिल नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डॉक्टर, नर्स एवं लेब टेक्नीशियन, एक्स-रे ऑपरेटर की नियुक्ति
147. ( क्र. 2643 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टर, नर्स एवं लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे ऑपरेटर के कितने-कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या रिक्त पदों को पूर्ति हेतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही प्रारंभ की गई है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बमोरी के स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में लैब एवं एक्स-रे मशीन पर कर्मचारी पदस्थ है या रिक्त हैं? यदि रिक्त हैं तो कब तक पदस्थ किये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, स्वीकृत प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है, विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में 1896 चिकित्सकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग की पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर प्रचलन में है। शेष स्टॉफ हेतु संभाग/जिला स्तर पर पदोन्नति/नियुक्ति के माध्यम से जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) बमोरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सा.स्वा.के. बमोरी में एक्सरे मशीन उपलब्ध है एवं एक्सरे ऑपरेटर पदस्थ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बमोरी तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फतेहगढ़ एवं मारकीमऊ में लेब टेक्नीशियन पदस्थ हैं। बमौरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही जारी है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
चिकित्सा अधिकारियों का नियमितीकरण
148. ( क्र. 2673 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2008 की स्थिति में कितने आपात नियुक्त तदर्थ नियुक्त एवं अन्य चिकित्सा अधिकारियों के नियमितीकरण के प्रकरण शेष हैं। सूची दें। उक्त शेष चिकित्सा अधिकारियों के नियमितीकरण के लिए अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं इनके नियमितीकरण कब तक किए जायेंगे। (ख) अब तक आपात नियुक्त, तदर्थ नियुक्त एवं अन्य कितने चिकित्सा अधिकारियों के नियमितीकरण किए गए। उनकी सूची उपलब्ध कराएं। (ग) दिनांक 01.04.2008 की स्थिति में कितने चिकित्सा अधिकारी ऐसे हैं, जो कि सेवानिवृत्त हो गये हैं एवं उनके नियमितीकरण के अभाव में इनके पेंशन प्रकरण का निराकरण किया गया अथवा नहीं किया गया? (घ) 1987 के नियमितीकरण नियम के तहत कितने चिकित्सा अधिकारी नियमितीकरण हेतु शेष हैं।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। तदर्थ/आपात नियुक्तियों का नियमितीकरण नियम 2000 जो पाँच वर्ष तक वैद्य था कि वैद्यता तिथी बढ़ाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। यथाशीघ्र, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) दिनांक 01.04.2008 की स्थिति में तदर्थ/आपात रूप से नियुक्त, सेवानिवृत्त चिकित्सकों के संबंध में जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’अनुसार है।
वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार समितियों का गठन
149. ( क्र. 2674 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार भोपाल संभाग के किस-किस जिले में कितने राजस्व ग्रामों, वनग्रामों एवं राजस्व वनग्रामों में से कितने ग्रामों में प्रश्न दिनांक तक वन अधिकार समितियां बनाई गई है? कितने ग्रामों में किन-किन कारणों से समितियां नहीं बनाई गई। ब्यौरा दें? (ख) मार्च 2016 तक कितने राजस्व ग्रामों के राजस्व अभिलेखों में दर्ज जंगल मद की कितनी भूमि के कितने दावे मान्य एवं कितने दावे अमान्य किए गए, कितने वनग्रामों की कितनी भूमि के कितने दावे मान्य एवं कितने दावे अमान्य किए गए? (ग) म.प्र. शासन की पुनर्विचार याचिका आई.ए. क्रमांक 791-792 में सर्वोच्च अदालत ने 01 अगस्त 2003 को क्या आदेश दिया है। इस याचिका में भोपाल संभाग के किस जिले की बड़े झाड़ के जंगल मद की कितनी जमीन एवं छोड़े झाड़ के जंगल मद की कितनी जमीन को वन संरक्षण कानून 1980 के दायरे में आने वाली वनभूमि माना है? (घ) राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि के वन अधिकार दावों को मान्य और अमान्य किए जाने का क्या कारण है, ऐसा किस प्रावधान के तहत् शासन के किस पत्रानुसार किया गया है। प्रति सहित ब्यौरा दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 01.08.2003 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में निहित प्रावधान अनुसार वन अधिकार के दावों पर विचार किया गया। अधिनियम की धारा 2 (घ) एवं म.प्र. शासन, राजस्व विभाग के पत्र दिनांक 5.8.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है।
संविदा शिक्षक की नियुक्ति
150. ( क्र. 2689 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुरूजी पात्रता परीक्षा छिन्दवाड़ा जिले में 2008 में उत्तीर्ण अनुदेशक एवं पर्यवेक्षकों को उत्तीर्णता के आधार पर संविदा शिक्षक की नियुक्ति क्यों नहीं दी गई हैं यदि दी जावेगी तो कब तक? (ख) गुरूजी परीक्षा 2005 के नियम आधार पर ली गई लेकिन परीक्षा उपरांत 2007 का नियम एवं 2007 (अ) का नियम अलग से क्यों बनाया गया है? (ग) अनुदेशक भगवानदास वर्मा पिता डोरीलाल वर्मा उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका डब्ल्यू.पी 1452/2011 एस के आधार पर नियुक्ति दी गई लेकिन उच्च समकक्ष अनुदेशकों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-56/20-2 दिनांक 05.10.2009 द्वारा शिक्षा गारंटी शालाओं के कार्यरत गुरूजी, पर्यवेक्षक एवं म.प्र. शासन के तात्कालीन औपचारिकेत्तर शिक्षा केन्द्र के पर्यवेक्षक व अनुदेशक जिन्होंने व्यावसायिक परीक्षा मण्डल मध्यप्रदेश द्वारा संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियुक्ति हेतु पृथक से आयोजित चयन परीक्षा में अर्हता प्राप्त की है, को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियुक्ति की कार्यवाही संविदा भर्ती नियम 2005 के संशोधित नियम -7 (क) अनुसार की गई है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अवमानना याचिका क्रमांक 1696/2010 में शासन के संविदा शिक्षक भर्ती नियम 2005 के सशोधित नियम-7 (क) को मान्य किया गया है। गुरूजी पात्रता परीक्षा में अर्हता पाये गये अभ्यर्थियों को संशोधित नियम-7 (क) के अनुसार कार्यवाही की गई है। (ग) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-56/7/20-2 भोपाल दिनांक 09.02.2010 की कण्डिका-3 अनुसार कार्यवाही की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रमिकों के न्यूनतम वेतन
151. ( क्र. 2707 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार ने विगत दस वर्षों में अकुशल, अर्द्ध कुशल, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में कब-कब वृद्धि की? (ख) वर्ष 2016 में 63 अनुसूचति नियोजनों में अकुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में की गई वृद्धि का अलग-अलग क्षेत्रवार ब्यौरा क्या है? (ग) उक्त वेतन वृद्धि किस दिनांक से लागू की गई एवं प्रदेश में किन-किन नियोजनों में अब तक यह वृद्धि लागू नहीं हो सकी? जिलेवार सकारण ब्यौरा दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अनुसूचित नियोजनों में विगत दस वर्षों में अकुशल, अर्द्धकुशल, श्रमिकों के न्यूनतम वेतन दरों में वृद्धि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2016 में 63 अनुसूचित नियोजनों में अकुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि अलग-अलग क्षेत्रवार नहीं की जाकर संपूर्ण प्रदेश के लिए प्रभावशील है। वर्तमान में अकुशल श्रमिक के लिये न्यूनतम वेतन मासिक रू. 6850/- एवं दैनिक वेतन रू. 263/- है। (ग) श्रमायुक्त मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना दिनांक 1/4/2016 द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत सभी 63 अधिसूचित नियाजनों में दिनांक 1/04/2016 से 30/9/2016 तक के लिये मासिक एवं दैनिक दरों में वृद्धि की गई है जो जिलेवार न होकर संपूर्ण प्रदेश के लिए लागू है।
अनुसूचित जाति सलाहकार समिति की बैठकों का आयोजन
152. ( क्र. 2708 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य अनुसूचित जाति सलाहकार मण्डल की वर्ष में कितनी बैठकें आयोजित करने का प्रावधान है? (ख) क्या नवंबर 2014 से अब तक सलाहकार मण्डल की बैठकें आयोजित हुई है? यदि हाँ, तो कब-कब? आयोजित बैठक में पारित प्रस्तावों का ब्यौरा क्या है? (ग) यदि अब तक राज्य अनुसूचित जाति सलाहकार मण्डल की बैठक नहीं हुई, तो किस कारण? प्रदेश की जिला अनुसूचित जाति सलाहकार समितियों से अब तक प्राप्त 2014 से अभी तक के कितने एवं कौन-कौन से प्रस्ताव विचार हेतु लंबित है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एक वर्ष में 2 बैठकें आयोजित किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2013 में राज्य अनुसूचित जाति सलाहकार मण्डल की बैठक हुई। अनुसूचित जाति समितियों से वर्ष 2014 के बाद कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
तृतीय समयमान वेतन का लाभ देना
153. ( क्र. 2745 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ जुलाई, 2014 से दिया जा रहा है किन्तु स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों को यह लाभ आज तक नहीं दिया गया क्यों? (ख) यदि हाँ, तो क्या इनकों भी तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जायेगा? यदि दिया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? क्या ये म.प्र. शासन के कर्मचारी नहीं है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक को समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के अंतिम भाग के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। ये म.प्र. शासन के कर्मचारी है।
शा.मा. शाला का उन्नयन
154. ( क्र. 2746 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन में माध्यमिक शाला से हाई स्कूल और हाई स्कूल से हायर सेकेण्ड्री स्कूल के उन्नयन किये जाने हेतु शासन ने क्या मापदण्ड निर्धारित किये है? आदेश निर्देश की प्रति देवें? (ख) क्या निर्धारित मापदण्डों को नजर अंदाज करते हुये कम आबादी वाले गांवों में/कस्बे में माध्यमिक स्कूलों का उन्नयन कर हाई स्कूल बना दिया गया है और बड़े गांव/कस्बे की माध्यमिक शाला की उन्नयनों को छोड़ दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा एवं ग्रामीणवासियों द्वारा की गई अनुशंसा पर विधान सभा क्षेत्र विकासखण्ड नागौद क्षेत्र अंतर्गत झिंगोदर एवं विकासखण्ड उचेहरा के अंतर्गत पिथौराबाद जिला सतना के माध्यमिक स्कूलों के उन्नयन का प्रस्ताव कलेक्टर सतना के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 130 दिनांक 30.05.2016 एवं जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र क्रमांक 123 दिनांक 26.05.2016 द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. शासन भोपाल को भेजा गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो उक्त में उल्लेखित माध्यमिक स्कूलों का हाई स्कूल में उन्नयन कब तक कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) शालाओं के उन्नयन में आबादी के अतिरिक्त दूरी एवं छात्र संख्या के मापदण्ड अनुसार प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए शालाओं का उन्नयन किया जाता है। (ग) जी हाँ। (घ) सक्षम स्वीकृति व बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
155. ( क्र. 2782 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 18.12.2015 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 70 (क्रमांक 1796) का दिया गया उत्तर के तारतम्य में भिन्न-भिन्न विद्यालयों द्वारा आय एवं व्यय का वितरण भिन्न-भिन्न दिया गया। क्या इससे प्रदर्शित होता है कि शासन के जारी आदेशों एवं निर्देशों अनुसार राशि खर्च नहीं की गई? राशि का समुचित उपयोग नहीं किया गया। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के क्रियान्यवन हेतु क्या वर्ष 2010-11 से 2014-15 के दौरान अ.जा. वर्ग के लिए 1129.33 करोड़ आवंटन के विरूद्ध 1035.46 करोड़ व्यय हुआ। इसी तरह अ.ज.जा. वर्ग के लिए 571.92 करोड़ के विरूद्ध 550.97 करोड़ व्यय हुए? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो प्राप्त आवंटन के मान से राशि का व्यय न किये जाने, संबंधितों को लाभ से वंचित रखने के लिए कौन-कौन दोषी है तथा दोषियों की पहचान करते हुए उनके विरूद्ध कौन-कौन सी कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? स्पष्ट बतावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये 571.92 करोड़ के विरूद्ध 550.97 करोड़ की अधिकतम राशि का उपयोग किया गया है। प्रदाय किये गये आवंटन से नियमानुसार पात्र पाये जाने पर स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ख) अनुसूचित जनजाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अन्तर्गत राशि का आवंटन गत वर्ष के उपयोग के आधार पर किया जाता है। प्रश्नांश ''क'' में योजना अन्तर्गत अधिकतम राशि का उपयोग किया गया है। पात्रता होने पर ही छात्रवृत्ति स्वीकृति/भुगतान की कार्यवाही की जाती है। इसलिए दोषी होने का प्रश्न ही नहीं उठता।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों पर कार्यवाही
156. ( क्र. 2783 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्ष 2002 से वर्ष 2004 तक में कार्यरत (कार्यावधि) कितने शिक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई? ब्लॉकवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सेवाकाल के दौरान हुई मृत्यु के उपरांत शासन द्वारा कब-कब, कितने-कितने शिक्षाकर्मियों के परिवारों को अनुकम्पा नियुक्ति एवं अनुग्रह राशि प्रदान की, का वर्षवार, तिथिवार विवरण देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) के शिक्षाकर्मियों की सेवाकाल के दौरान हुई मृत्यु पर उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति एवं अनुग्रह राशि प्रश्नांश दिनांक तक नहीं प्रदान की गई, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो किस स्वरूप की? अगर नहीं तो क्यों? क्या आज तक प्रदान न की गई अनुग्रह राशि को ब्याज सहित संबंधितों को परिजनों/आश्रितों को उपलब्ध करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिले के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में 07 शिक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा को जाँच के निर्देश दिये गये है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्रवाई की जायेगी।
निर्माण कार्यों हेतु पर्याप्त राशि
157. ( क्र. 2799 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के डी.पी.सी. विभाग को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 तथा प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों एवं मदों हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार पृथक-पृथक मद में प्राप्त राशि का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्राप्त राशि का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? क्या निर्माण कार्य हेतु भी राशि प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कितनी? इसका उपयोग विभिन्न निर्माण कार्यों में किया गया है, जिसकी सूची विधान सभावार, ब्लॉकवार, ग्रामवार, स्कूलवार, पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ग) रीवा जिले को निर्माण कार्य हेतु प्राप्त विगत 5 वर्षों में राशि का वितरण उपरांत अधूरे निर्माण कार्यों की सूची विधान सभावार, ब्लॉकवार, स्कूलवार, पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? क्या इन कार्यों को पूर्ण कराने हेतु प्रयास किये गए हैं? यदि हाँ, तो प्रयास की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? अगर कार्य पूर्ण कराये जायेंगे तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कार्यों की क्या स्थिति है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिले में सर्व शिक्षा अभियान योजना में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यों एवं अन्य मदों हेतु वर्षवार प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार प्राप्त राशि का उपयोग जिस मद में प्राप्त हुआ है उसी मद में व्यय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निर्माण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) रीवा जिले में सर्व शिक्षा अभियान योजना से विगत 5 वर्षों में राशि वितरण के उपरांत भी अधूरे निर्माण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है। इन कार्यों को पूर्ण कराने हेतु निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए गए, समीक्षा बैठकों में भी निर्देश दिये गये। वर्ष 2016 में बैठकों की कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘द’ अनुसार है। निर्माण कार्यों की पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है।
स्वीकृत निर्माण कार्य
158. ( क्र. 2800 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग रीवा द्वारा वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध वितरण विधान सभा क्षेत्रवार, ब्लाकवार, ग्रामवार, विभागवार, निर्माण एजेंसी, स्वीकृत वर्ष दिनांक, पूर्णता दिनांक, निर्माण का नाम का विस्तृत विवरण पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कार्यों का स्थल निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? निरीक्षण का प्रतिवेदन देवें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। किया जावेगा तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक कार्य की स्थिति से अवगत करावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यों का स्थल निरीक्षण उपयंत्री द्वारा किया जाता है। निरीक्षण प्रतिवेदन पृथक से नहीं मंगाया जाता है। कार्यों के स्थल निरीक्षण के आधार पर ही माप पुस्तिका तैयार की जाती है। अत: शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखानुसार।
प्रदेश में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा क्रय की गई सामग्री
159. ( क्र. 2837 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के द्वारा विगत दो वर्षों में अनुसूचित जाति बस्ती विकास के लिए किन-किन जिलों में किन-किन कार्यों के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? क्या यह सभी बस्तियां वास्तविक रूप से अनुसूचित जाति बाहुल्य थी? यदि नहीं, तो कारण बताया जावें। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण के संचालित होस्टल एवं आश्रमों में 01 जनवरी 2015 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री के क्रय आदेश किन-किन संस्थाओं को दिये गये? क्या उक्त आश्रमों में संस्था विशेष के माध्यम से मंहगी दरों पर सामग्री क्रय की गई? यदि हाँ, तो इसके लिए उत्तरदायी व्यक्तियों के विरूद्ध जाँचकर कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम 2014 के तहत पात्र बस्तियां हैं। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश के मेडीकल कॉलेजों में लगाये जाने हेतु यंत्र एवं मशीनें का क्रय
160. ( क्र. 2838 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सभी मेडीकल कॉलेजों में विगत् दो वर्षों में कौन-कौन सी नयी मशीन एवं यंत्र क्रय किये गये एवं क्या उनका उपयोग प्रारंभ किया गया है? मेडीकल कॉलेजवार जानकारी दी जावें? (ख) क्या विगत 5 वर्ष में गांधी मेडीकल कॉलेज भोपाल में कई मशीन एवं यंत्र ऐसे हैं जिन्हें क्रय कर लिया गया है लेकिन उनका उपयोग आज तक नहीं किया गया? यदि ऐसा है तो इसके लिए उत्तरदायी कौन हैं? क्या इस क्रय की गई सामग्री पर हुई व्यय राशि के दुरूपयोग के लिए संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा एवं सागर में संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा विगत दो वर्षों में क्रय किये गये मशीन एवं यंत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ के प्रपत्र 1, 2, 3, 4, 5 एवं 6 अनुसार है। सभी मशीनें एवं यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों का नियमितीकरण
161. ( क्र. 2848 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में विभिन्न पदों पर जो संविदा नियुक्तियां की गई है उन्हें कब तक नियमित किया जावेगा। यदि कोई नियम हो तो बतावें? (ख) क्या संविदा पर चिकित्सकों की नियुक्ति भी की गई है? यदि हाँ, तो उन्हें नियमित करने के क्या नियम हैं? (ग) क्या संविदा कर्मचारियों को शासकीय सेवा में प्रवेश हेतु उम्र में छूट का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी भी दी जावे? (घ) क्या संविदा नियुक्त कर्मचारी को बिना नियमित जाँच के या बिना स्पष्टीकरण लिए सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। मानव संसाधन मैनुअल में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों का नियमित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़ जाति को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं
162. ( क्र. 2849 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में किन-किन जातियों को घुमक्कड़ जातियों के रूप में मान्यता दी गई है? (ख) उक्त जाति के व्यक्तियों को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? (ग) घुमक्कड़ जाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए क्या नियम है? (घ) उक्त जातियों के लिए किसी विभाग से लाभ प्राप्त करने के लिए क्या प्रक्रिया है एवं आवेदन के साथ कौन-कौन से दस्तावेज लगाया जाना आवश्यक होगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) किसी विभाग अतंर्गत संचालित योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया एवं आवश्यक दस्तावेज की जानकारी संबंधित योजना में ही निहित होती हैं। आवेदक आवेदन लगाकर संबंधित विभाग से प्रक्रिया एवं दस्तावेज की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
3 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
163. ( क्र. 2856 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26 फरवरी 2016 की प्रश्नोत्तरी में प्रश्न संख्या 84 (क्र.1649) के प्रश्नांश (ख) के उत्तरानुसार एक शाखा में तीन वर्षों से अधिक कोई भी अधिकारी/कर्मचारी निरंतर कार्यरत नहीं है, दर्शाया गया है तो वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन अधिकारियों/कर्मचारियों को आहरण संवितरण अधिकारी, चिकित्सक प्रभारी केन्द्रीय औषधि भण्डार, स्टोर कीपर, लेखापाल, कैशियर का प्रभार दिया/सौंपा गया? उनके आदेश, नाम, मूल पद, उन्हें सौंपे गये प्रभार अनुसार किये गये कार्यों की जानकारी देवें? (ख) उक्त प्रश्नोत्तरी के प्रश्नांश (ग) का उत्तर जी हाँ, देते हुये दिनांक 02.01.2016 से क्रय का प्रभार श्री बी.के.शर्मा, कम्पाउण्डर एवं भण्डार का प्रभार गणेश भलावी फर्मासिस्ट के पास हैं, जो कि नियमानुसार ही कार्यरत है, दर्शाया गया है? हाँ, तो उपरोक्त दिनांक के पूर्व क्रय एवं भण्डार का प्रभार किस-किस के पास कब से था? क्या उक्त दोनों प्रभार श्री बी.के.शर्मा के पास ही थे? फिर प्रश्नांश के असत्य उत्तर देने के क्या कारण है? (ग) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) से (ग) की बिन्दुओं की गंभीरता देखते हुए (1) उपरोक्त प्रश्नोत्तरी के प्रश्नांश (घ) अनुसार कार्यवाही करेगा? (2) क्या अवैधनिक रूप से क्रय एवं भण्डार का प्रभार एक ही को सौंपे जाने की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच एवं किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन कर कार्यवाही करेगा एवं (3) उपरोक्त प्रश्नोत्तरी का उत्तर असत्य देने वालों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) इस संबंध में विधान सभा में संशोधन दिनांक 16.07.2016 को प्रश्न क्रमांक 1649 के प्रश्नांश (ख) के संबंध में दिया गया है जो दैनिक कार्यसूची 18.07.2016 में उल्लेख किया गया है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’1’’ अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) में स्थिति स्पष्ट की गई है। (ग) उत्तरांश (क) में स्थिति स्पष्ट की गई है। शेष बिन्दु से संबंधित समिति का गठन आदेश दिनांक 15.07.2016 किया गया है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’2’’ अनुसार।
उप स्वास्थ्य केन्द्र का भवन निर्माण
164. ( क्र. 2861 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा तारांकित प्रश्न संख्या 19 दिनांक 26 फरवरी, 2016 के विभागीय उत्तर (क) में दर्शित दिनांक 27.11.2015 को भवन निर्माण हेतु निविदा जारी की गई थी एवं निविदा अनुमोदन की प्रक्रिया प्रचलन में होने के उपरांत भी नवीन भवन निर्माण में विलंब के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र बोरावा का नवीन भवन निर्माण का कार्य क्या प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ करा दिया जायेगा? हाँ, तो बतायें तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर सभी संसाधनों की सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ एवं निविदा अनुमोदन पश्चात् कार्यादेश भी जारी किया गया है परन्तु उप स्वास्थ्य केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में संस्था उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पदों की स्वीकृति एवं पूर्ति
165. ( क्र. 2862 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम रेगवा में हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है तथा क्या उक्त स्कूल के मान से पद स्वीकृत हैं? हाँ तो बतायें नहीं तो उक्त पद स्वीकृत कर कब तक पदों की पूर्ति कर दी जायेगी? (ख) वर्तमान में उक्त हायर सेकेण्डरी स्कूल में कितने-कितने कर्मचारी/अधिकारी किस-किस कार्य हेतु पदस्थ हैं? (ग) उक्त स्कूल के संचालन, कार्य संपादन हेतु पदों की स्वीकृत एवं पदों के मान से स्टाफ की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में शा.उ.मा.वि. रेगवां में हाईस्कूल स्टॉफ कार्यरत है, जिसमें एक प्राचार्य पाँच अध्यापक पदस्थ है जो हायर सेकेण्डरी स्तर का शैक्षणिक कार्य भी संपादित कर रहे हैं। (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
बस्ती विकास योजना का क्रियान्वयन
166. ( क्र. 2870 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में वर्ष 2015-16 में आदिम जाति कल्याण विभाग को अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं परियोजना मद 275 (1) से कौन-कौन से कार्य, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत किये गये? विकासखण्डवार बतायें। (ख) उक्त कार्यों की तकनीकी स्वीकृति किस विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गयी? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति का क्रमांक दिनांक बतायें। (ग) उक्त कार्यों का मापन, मूल्यांकन एवं सत्यापन किस-किस अधिकारी/ कर्मचारी द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित बतायें। (घ) वर्ष 2016-17 के प्रथम त्रैमास में बस्ती विकास योजना में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? उसमें से कौन-कौन से कार्य किस-किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा से स्वीकृत किये गये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) तथा (ख) प्रश्नांश अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद तथा बस्ती विकास अंतर्गत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अनुसूचित जाति विकास विभाग अंतर्गत कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) अनुसूचित जाति बस्ती विकास अंतर्गत राशि रूपये 9.00 लाख का आवंटन जारी हुआ है। जबकि जनजाति अंतर्गत प्रथम त्रैमास में बस्ती विकास मद अंतर्गत आवंटन प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, रिसर्च सेन्टर को प्राप्त छूट एवं सुविधाएं
167. ( क्र. 2871 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जबलपुर जिले में कितने निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर वर्तमान में संचालित हैं उनका नाम, संचालक का नाम व पता, बतायें? शासन स्तर से रिसर्च सेन्टर के नाम पर कितनी छूट एवं सुविधाओं का प्रावधान है? (ख) जबलपुर जिले के निजी हॉस्पिटल, निर्सिंग होम, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर को म.प्र. शासन द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनायें जैसे- राज्य बीमारी सहायता, दीनदयाल योजना, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना व अन्य सभी योजनाओं में विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्षवार, हॉस्पिटलवार बतायें? (ग) विगत पाँच वर्षों में उक्त हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर में क्या-क्या रिसर्च किया गया और इन्होंने किस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की? इससे आमजन को क्या फायदा मिला तथा विभाग द्वारा इन हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर की समीक्षा की जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब? (घ) क्या यह सही है कि हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर का नाम सिर्फ शासन के द्वारा दी जाने वाली छूट का फायदा लेना है? यहाँ रिसर्च होता ही नहीं और न ही संसाधन है यदि हाँ, तो शासन इन पर कार्यवाही करके वास्तविक राजस्व की वसूली करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में 81 निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम एवं 10 हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (कुल 91) संचालित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। रिसर्च सेन्टर की स्थापना पर शासन से छूट एवं सुविधाओं का प्रावधान नहीं है। (ख) जबलपुर जिले के निजी हॉस्पिटल, नर्सिंगहोम एवं हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर को राज्य बीमारी सहायता निधी के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। दीनदयाल योजना की जानकारी निरंक है। मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान योजना की जानकारी मुख्यमंत्री सचिवालय से संबंधित है। (ग) हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर में किये गये रिसर्च की जानकारी निरंक है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा रिसर्च सेन्टर की समीक्षा का प्रावधान नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शासन द्वारा किसी भी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेटर को किसी भी प्रकार की छूट एवं सुविधायें उपलब्ध नहीं कराई गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुतावल्ली कमेटी भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही
168. ( क्र. 2881 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा दिनांक 3.11.15 को मुतवल्ली कमेटी को वक्फ अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन और नियमों के विपरीत कृत्य करने के संबंध में स्पष्टीकरण चाहा गया था? जिसकी प्रति उनके द्वारा अपर मुख्य सचिव पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को आगामी कार्यवाही किए जाने हेतु प्रेषित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कारण बताओ सूचना में किन-किन अनियमितताओं और कृत्यों का उल्लेख था? इस संबंध में शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और लंबित रखने के क्या कारण हैं? (ग) क्या मुतवल्ली कमेटी औकाफे आम्मा भोपाल के ऑडिट वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 14-15 में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं गबन आर्थिक दुर्विनियोग तथा अमानत में खयानत के गंभीर मामले उजागर हुए थे? (घ) क्या वक्फ अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार एक लाख से अधिक के वक्फ का वार्षिक ऑडिट ऑडिटर्स लोकल फण्ड से कराये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा वर्तमान मुतवल्ली कमेटी औकाफे आम्मा भोपाल के गत 3 वर्ष के कार्यकाल का विशेष ऑडिट कराये जाने के आदेश कब तक जारी किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न 'क' भाग में वर्णित पत्र में उल्लेखित अनियमितताओं का उल्लेख संलग्न जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड द्वारा उक्त पत्र की पृष्ठांकित प्रति विभाग के अपर मुख्य सचिव को दी गई है जिस पर शासन स्तर से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित ऑडिट रिपोर्ट की प्रति तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) केन्द्रीय वक्फ अधिनियम 2013 (संशोधित) की धारा 47 (B) एवं (C) में 50,000 से अधिक के वक्फ का ऑडिट लोकल फण्ड से कराये जाने का प्रावधान है। प्रकरण में परीक्षण किया जा रहा है।
केवलश्री इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साईंसेस इंदौर को मान्यता दी जाना
169. ( क्र. 2882 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलश्री इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस इंदौर को मान्यता प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किस वर्ष में किन दस्तावेजों के आधार पर और मान्यता प्रदान करने हेतु किन-किन नियमों का पालन/पूर्ति की जाती है? नियम की प्रति उपलब्ध कराते हुए केवलश्री इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस इंदौर द्वारा पैरामेडिकल कौन्सिल की 5 सदस्यी समिति को अस्पताल के स्वामित्व के जो भवन, जमीन बताई है वह किसके स्वामित्व की है? यदि केवलश्री इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस इंदौर के स्वामित्व की भूमि व भवन नहीं है तो मान्यता को निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों और जिन संबंधितों के द्वारा नियम विरूद्ध प्रक्रिया का पालन किया उनके विरूद्ध शासन क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ख) क्या उक्त संस्था ने नजदीक में स्थित बड़ौदा अर्जुन शिप्रा के पास स्थित देवी अहिल्या कॉलेज एवं अस्पताल को केवलश्री इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस का बताकर वर्ष 2011-12, 2012-13 की छात्रों को छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली गई है? यदि हाँ, तो इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिये कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या केवलश्री इंस्टीट्यूट ऑफ इंदौर को 33/2 होटल वैभव छोटी ग्वाल टोली मधुमिलन टॉकिज के सामने इंदौर को अस्पताल बताकर महाकौशल नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिलिंग हेतु वर्ष 2012 से 2015 तक मान्यता प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित संस्था वर्ष 2011-12 में प्रस्तुत प्रोजेक्ट/प्रतिवेदन के आधार पर उक्त संस्था के निरीक्षण दल का गठन परिषद कार्यालय के पत्र दिनांक 01 अगस्त, 2011 द्वारा किया गया था। परिषद द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित चेक लिस्ट/निर्देश निरीक्षण दल को उपलब्ध कराये जाने के आधार पर निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण दल द्वारा संस्था को अनुमति दिये जाने की अनुशंसा के आधार पर संस्था को अनुमति प्रदान की गई है। संस्था द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जिला चिकित्सालय की संबद्धता के आधार पर छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण की अनुमति प्रतिवेदित किया गया है तथा भूमि हरे रामा हरे कृष्णा के नाम से है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश की जानकारी कलेक्टर आदिवासी विकास जिला इन्दौर से प्राप्त की जा रही है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित संस्था को वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में आई.एन.सी. नई दिल्ली द्वारा दी गई मान्यता के उपरांत रजिस्ट्रार, महाकौशल नर्सिंग काउंसिल, भोपाल द्वारा नर्सिंग स्कूल/कॉलेज की मान्यता प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंगदान के प्रकरणों की संख्या
170. ( क्र. 2910 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऑर्गन डोनेशन सोसाइटी इंदौर के पदाधिकारी कौन-कौन है, उनके संबंधित विभाग द्वारा इस हेतु जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं? (ख) विगत् 6 महीने में कुल कितने परिजनों ने अंगदान किये, ये ऑर्गन किन-किन अस्पतालों को प्रदेश से बाहर भेजे गए। प्राथमिकता किस आधार पर तय की गई? (ग) SOTA के लिए शासन ने किस संस्था को अधिकृत किया है, क्या राज्य सरकार के पास मध्यप्रदेश में किस मरीजों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत है, इसकी कोई सूची है? (घ) शासकीय क्षेत्र में ऑर्गन रेट्रीवल सेंटर खोले जाने के क्या प्रयास किये गए? (ड.) इंदौर ऑर्गन डोनेशन सोसाइटी जिसके प्रदेश अध्यक्ष संभागायुक्त है, के अकाउंट में किस दानदाता ने कितना पैसा दान दिया तथा उस पैसे से किस-किस अंगदाता के परिवार को कितनी आर्थिक सहायता दी गयी उसका ब्यौरा उपलब्ध करायें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) आर्गन डोनेशन सोसायटी इंदौर के पदाधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। संस्था की समिति का पंजीयन प्रमाण पत्र रजिस्टार, फर्म्स एवं संस्थायें इदौर संभाग इंदौर द्वारा जारी किया गया है। समिति का पंजीयन प्रमाण पत्र क्रमांक 03/27/03/16685/14 दिनांक 10 फरवरी, 2014 की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। संस्था के अधिकांश पदाधिकारी पदेन सदस्य हैं। अतः संबंधित विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत 6 माह में कुल 9 व्यक्तियों द्वारा अंग दान किये गये हैं जिन्हे प्रदेश से बाहर स्थित चिकित्सालयों में भेजा गया है। जो अंग दान किये गये हैं उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। वर्तमान में प्रदेश में राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (सोटो) क्रियाशील नहीं है अतः नियमानुसार नोटो, रोटो एवं जेड.टी.सी.सी. को ई-मेल एवं अन्य माध्यम से सूचना दी जाती है। तत्पश्चात् प्राप्त निर्देशों के अनुसार मानव अंगों का विभिन्न पंजीकृत अस्पतालों में प्रत्यारोपण हेतु नियमानुसार नोटो, रोटो एवं जेड.टी.सी.सी. के सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जाती है। इस हेतु सक्षम प्राधिकारी एवं अधिष्ठाता इंदौर द्वारा संभागायुक्त इंदौर संभाग इंदौर को ग्रीन कोरीडोर तथा अन्य आवश्यक प्रशासकीय कार्यवाही हेतु सूचित किया जाता है। इंदौर में हृदय, लीवर, पेनक्रियास, फेफड़े के प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अतः इन अंगों को प्रदेश के बाहर राज्य/केन्द्र सरकार से पंजीकृत अंग प्रत्यारोपण केन्द्र को भेजा जाता हैं। दिल्ली एवं मुम्बई इंदौर से समीप होने के कारण अंगों को समय-सीमा में पहुंचाया जा सकता है। अतः इन अंगों को राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन नोटो भारत सरकार नई दिल्ली तथा रोटो, जेड.टी.सी.सी. मुम्बई के निर्देशानुसार भेजा जाता है। (ग) प्रदेश में राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (सोटो) के रूप में किसी भी संस्था को राज्य शासन द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। राज्य शासन के पास मध्यप्रदेश में किस मरीज को मानव अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता है ऐसी कोई सूची संधारित नहीं है। (घ) शासकीय क्षेत्र में आर्गन रेट्रीवल सेंटर खोने जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) संभागायुक्त इंदौर संभाग इंदौर सोसायटी के अध्यक्ष न होकर पदेन अध्यक्ष हैं। संस्था को किसी भी शासकीय एवं अर्द्धशासकीय संस्था से वित्तीय अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है। संस्था द्वारा किसी भी अंगदाता से परिजनों को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं दी गई हैं संस्था द्वारा केवल अंगदाता के किन्ही 2 परिजनों जिसमें माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन एवं पुत्र-पुत्री आते हैं, उनका स्वास्थ्य बीमा किया गया है। संस्था के खाते में प्राप्त दान राशि की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान
171. ( क्र. 2913 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 113 (क्र. 6162) तारांकित दिनांक 16.03.2016 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ग) के उत्तर परिशिष्ट क्र. 02 के अनुसार विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी को परिशिष्ट में उल्लेखित शालाओं को नवीन निर्माण कार्य एवं शौचालय निर्माण कार्य हेतु परिशिष्ट 02 में जो राशि अंकित है, के कार्य कराये गये उत्तर दिया है? तो विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी मुरैना में कराये गये निर्माण कार्य, मरम्मत एवं शौचालय निर्माण कार्य की जानकारी शाला का नाम, राशि विवरण, क्रियान्वयन एजेंसी का नाम टेंडर की प्रति, कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्ण अवधि दिनांक, प्राक्कलन की प्रति आदि सहित दी जावे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखानुसार कार्य समय पर पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं, यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें व इस हेतु कौन-कौन जवाबदार है व शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित समस्त कार्य समय पर पूर्ण हो चुके है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रम नीति वर्ष 2015-16
172. ( क्र. 2920 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. श्रम विभाग की श्रम नीति वर्ष 2015-16 के अंतर्गत श्रमिकों को क्या-क्या राहत, सुविधायें देने के प्रावधान हैं व इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या नियम निर्देश प्रचलन में है? (ख) नवीन श्रम नीति प्रभावशील होने से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक विभाग द्वारा जिला मुरैना को कितनी राशि आवंटित की गई का विवरण वर्षवार, योजनावार, मुख्य शीर्ष आदि सहित दिया जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से श्रम नीति के प्रवाभशील होने की दिनांक से 30.6.16 तक विधान सभा क्षेत्र-07 दिमनी मुरैना में कितनी राशि दी जाकर कितने-कितने श्रमिकों को किन-किन योजना में राहत प्रदान की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. श्रम विभाग में वर्ष 2015-2016 में कोई श्रम नीति नहीं बनाई गई, अत: नियम, निर्देश प्रचलन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक प्राध्यापक को सीधी भर्ती में प्राथमिकता
173. ( क्र. 2926 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी अधिष्ठाता को पत्र जारी किया गया है, जिसमें विभाग में पदस्थ वो डिमान्स्ट्रेटर जिन्होंने नान-क्लीनिक विषय में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स किया है, को सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन बुलाये गये हैं एवं क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी को पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स हेतु नॉन क्लीनिकल विषय में एडमिशन दिया जाता है? (ख) क्या प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक एवं अन्य रिक्त पदों को लेकर विगत वर्षों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अप्रसन्नता जाहिर की गई है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हाँ है तो डिमान्स्ट्रेटर की तरह स्वास्थ्य विभाग में वह चिकित्सा अधिकारी जिन्होनें नान-क्लीनिक विषय में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स किया है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सेवायें दी हैं, को सीधी भर्ती में प्राथमिकता देते हुए सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति दी जाने हेतु आवेदन आमंत्रित क्यों नहीं किये गये? क्या वह शासकीय चिकित्सक नहीं है? (घ) यदि वह शासकीय चिकित्सक हैं तो उन्हें इसी प्रक्रिया में सीधी भर्ती में शामिल करते हुए आवेदन प्राप्त कर नियुक्ति की कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि मेडिकल काउंसिल में पदस्थ डिमान्स्ट्रेटर को सहायक प्राध्यापक के पद पर सीधी भर्ती के लिये आवेदन बुलाये हैं तो वो शासकीय चिकित्सा अधिकारी जो नान-क्लीनिकल विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन किए हुए हैं एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में पाँच वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं को इसी प्रकिया में शामिल करते हुए सीधी भर्ती में नियुक्ति दी जाकर मेडिकल काउंसिल को कब तक अवगत कराया जायेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। एम.सी.आई. द्वारा निरीक्षण के दौरान दर्शायी गई फैकल्टी सदस्यों की कमियों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती द्वारा तथा अन्य रिक्त पदों की पूर्ति विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर समय-समय पर की गई है। (ग) विभागीय सेवा भर्ती नियमों में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों को सहायक प्राध्यापक के पद पर सीधी भर्ती में प्राथमिकता दी जाकर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन निर्माण की स्वीकृति
174. ( क्र. 2937 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 119 (क्रमांक 5017) दिनांक 9 मार्च 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि शासकीय उ.मा.वि. सुठालिया का भवन निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में राज्य मद में सुदृढ़ीकरण योजनांतर्गत बजट में प्रस्तावित नहीं किया गया? सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में अतिरिक्त कक्ष की मांग प्रस्तावित है? उक्त विद्यालय स्वभवन विहीन है वर्ष 2015-16 में हायर सेकण्डरी स्कूलों का भवन निर्माण मद (राज्य मद) से उक्त हायर सेकण्डरी स्कूल का केवल भवन निर्माण प्रस्तावित किया गया है? तो उक्त हायर सेकण्डरी स्कूल के प्रस्तावित भवन निर्माण की स्वीकृति के संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त हायर सेकण्डरी स्कूल के प्रस्तावित भवन निर्माण की स्वीकृत हेतु प्रथम अनुपूरक बजट में प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन उक्त हायर सेकण्डरी स्कूल के प्रस्तावित भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में बालक माध्यमिक विद्यालय सुठालिया हेतु अतिरिक्त कक्ष की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त नहीं हुई। भवन निर्माण के राज्य मद में भी वर्ष 2015-16 में सीमित वित्तीय प्रावधान होने से शाला भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं हो सकी। (ख) जी नहीं। राज्य बजट में सीमित बजट प्रावधान उपलब्ध होने से अनुपूरक में प्रावधान नहीं किया गया। शाला के नाम से बजट प्रावधान विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ग) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विमुक्त जाति संजय ग्राम (दूधी) के विकास हेतु कार्ययोजना
175. ( क्र. 2938 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत शासन नियमानुसार ग्राम पंचायत शाहपुर के मजरे दूधी को कलेक्टर राजगढ़ द्वारा संजय ग्राम के नाम से राजस्व ग्राम घोषित किया गया है एवं उक्त ग्राम में शत-प्रतिशत कंजर समुदाय के लोग निवास करते हैं जो कि विमुक्त जाति के अंतर्गत है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त समुदाय पीढ़ियों से उपेक्षित होकर अपनी रोजी-रोटी के लिये गैर-कानूनी व्यवसायों में संलग्न है? तो क्या मध्यप्रदेश शासन में ऐसी जातियां जो विमुक्त, घुमक्कड़, अर्धघुमक्कड़ वर्ग में सम्मिलित है? उनके सामाजिक उत्थान एवं शैक्षणिक व्यवस्था हेतु विकास कार्य की योजना बनाई है? (ग) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के उक्त संजय ग्राम (दूधी) जो कि शासन की उपरोक्त श्रेणी में सम्मिलत है, के लिये कोई विशेष योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त विमुक्त जाति की छात्राओं के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने व सुधार करने हेतु संजय ग्राम (दूधी) में विमुक्त जाति छात्रावास की स्वीकृति सहित अन्य सभी नागरिक सुविधाओं का विस्तार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। विभाग अंतर्गत इन जातियों के सामाजिक उत्थान, शैक्षणिक व्यवस्था एवं विकास कार्य की योजनाएं संचालित है। जो कि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) इस संबंध में विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
विभाग की योजनाएं कार्यक्रम
176. ( क्र. 2978 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में राज्य योजनाएं, केन्द्र प्रवर्तित योजनाएं कार्यक्रम, मिशन क्या-क्या है तथा बालाघाट जिले के अंतर्गत वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में क्या कार्य, गतिविधियां की गई, कितनी राशि व्यय हुई, प्रत्येक योजना कार्यक्रम का अलग-अलग बतायें? (ख) विभाग की उक्त योजनाओं राज्य तथा केन्द्र प्रवर्तित तथा विभाग द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों से लामता विधान सभा क्षेत्र के कितने हितग्राही को लाभ पहुंचा वर्ष 2014-2015 का बतायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विभाग में राज्य योजनायें केन्द्र प्रचलित योजनायें कार्यक्रम, मिश्न तथा वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में की गई गतिविधियाँ, योजना कार्यक्रमवार किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 में विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
बड़वानी वि.स. क्षेत्र में स्वीकृत रिक्त पद
177. ( क्र. 2983 ) श्री रमेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी वि.स. क्षेत्र एवं बड़वानी जिला चिकित्सालय में विभाग में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने रिक्त हैं, की जानकारी पृथक-पृथक देवें? विषय विशेषज्ञों की जानकारी भी देवें। इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) बड़वानी जिला मुख्यालय पर सर्वसुविधायुक्त ट्रामा सेंटर प्रारम्भ करने के लिए क्या कार्यवाही की गई है? पूरी जानकारी प्रमाणित प्रति सहित देवें? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें? (ग) बड़वानी जिला चिकित्सालय में साफ-सफाई एवं सुरक्षा का ठेका किस कंपनी को दिया गया है। इनके द्वारा सेवा में लिए कर्मचारियों की सूची, उनके पी.एफ. नम्बर सहित देवें? इनके पी.एफ. खाते में कंपनी द्वारा जमा राशि भी प्रश्न दिनांक तक देवें? (घ) यदि इस कंपनी द्वारा कर्मचारियों का पी.एफ. कटौत्रा एवं अन्य सुविधायें नहीं दी जा रही है तो शासन इस पर कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) बड़वानी वि.स. क्षेत्र एवं बड़वानी जिला चिकित्सालय में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। विशेषज्ञों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी हैं, विशेषज्ञ के स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों के पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान है, पदोन्नति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। (ख) बड़वानी जिला चिकित्सालय में ट्रामा युनिट/मेटरनिटी विंग/नीयोनेटल एवं माइक्रोबायोलॉजी लोबोरेटरी निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 4,41,86,421/- म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ-16-6/2011/सत्रह/मेडि-3 भोपाल दिनांक 01.12.2011 द्वारा प्रदान की गई थी। ट्रामा सेन्टर का भवन बन कर पूर्ण हो चुका है एवं दिनांक 05.05.2016 को पी.आई.यू., लोक निर्माण द्वारा स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। ट्रामा सेन्टर क्रियाशील करने की कार्यवाही प्रचलन में है। यथासंभव शीघ्र, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) बड़वानी जिला चिकित्सालय में वर्ष 2015-16 में साफ-सफाई हेतु कामथेन सिक्युरिटी सर्विस इन्दौर को ठेका दिया गया तथा सुरक्षा व्यवस्था हेतु रतन एम्पोरियम धार को ठेका दिया गया। वर्ष 2015-16 में सफाईकर्मियों की संख्या 54 व 03 सुपरवाईजर की सूची व सुरक्षाकर्मी व्यवस्था हेतु 18 कर्मचारियों के पी.एफ. नम्बर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। वर्ष 2016-17 में दिनांक 21 मई 2016 से साफ-सफाई व्यवस्था का ठेका कामथेन सिक्युरिटी सर्विस इन्दौर को दिया गया है जिसके तहत् 33 सफाईकर्मी एवं 03 सुपरवाईज कुल 36 कर्मचारी कार्यरत है। सुरक्षा व्यवस्था हेतु नवीन निविदा आमंत्रित कि गई थी, निविदा ई-टेन्डरिंग न हो पाने से निरस्त की गई एवं सिविल सर्जन बड़वानी के कार्यालयीन पत्र दिनांक 18.04.2016 द्वारा मेसर्स रतन ऐमपोरियम धार को सुरक्षा व्यवस्था हेतु 06 माह के लिये अनुबंध अवधि बढाई गई है जिसके तहत् 14 कर्मचारी कार्य कर रहे है। उपरोक्तानुसार 36 एवं 14 कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। वर्ष 2016-17 में साफ-सफाई व सुरक्षा व्यवस्था फर्म द्वारा देयक कार्यालय को भुगतान हेतु अप्राप्त है, साथ ही फर्म द्वारा पी.एफ. कटौत्रा बिल वाउचर फर्म से देयक प्राप्त नहीं हुए जिससे कर्मचारियों के पी.एफ. कटौत्रा एवं राशि संबंधित विवरण अप्राप्त है। (घ) कंपनी द्वारा कर्मचारियों का पी.एफ.कटौत्रा एवं अन्य सुविधायें नहीं दिये जाने की स्थिति में कान्ट्रेक्ट एग्रीमेंट के तहत् नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
मुलताई में चिकित्सकों के स्वीकृत पद
178. ( क्र. 2986 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) कितने रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञों के 06 तथा चिकित्सा अधिकारियों के 11 पद स्वीकृत हैं। (ख) विशेषज्ञों के 06 तथा चिकित्सा अधिकारी के 05 पद रिक्त हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी हैं, स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है। विशेषज्ञों के पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान है, पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। पदपूर्ति निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा सामग्री खरीदी
179. ( क्र. 2989 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा 01.04.14 से 31.05.16 तक म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से बैतूल जिले में कौन-कौन सी सामग्री कितने-कितने मूल्य की कब-कब क्रय की गई? निविदा आमंत्रित कर कौन-कौन सी सामग्री कब-कब, कितने-कितने मूल्य की क्रय की गई? (ख) उक्त अवधि में किस-किस कंपनी की कौन-कौन सी सामग्री किस-किस दर पर किस-किस फर्म से क्रय की गई? सामग्री का सत्यापन विभाग के किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? (ग) राज्य शासन के द्वारा प्राचार्य अधीक्षक पालक संघ एवं बालक-बालिकाओं के खाते में किन-किन सामग्रियों की राशि जमा किए जाने के संबंध में आदेश किस दिनांक को जारी किए गए इस आदेश के तहत 01.04.14 से 31.05.16 तक की अवधि में बैतूल जिले में किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि जमा की गई? (घ) यदि राशि जमा नहीं की गई है तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निविदा के माध्यम से कोई सामग्री क्रय नहीं गई। (ख) लघु उद्योग निगम म.प्र. को विभाग द्वारा सीधे जारी क्रयादेश जारी किये गये है। निगम में पंजीकृत फर्मों को निगम द्वारा सामग्री प्रदाय करने का आदेश जारी किया जाता है। क्रय सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) दिनांक 17/06/2014 के द्वारा आदेश जारी किये गये। शेष निम्नानुसार राशि जमा की गई :-
क्र. |
वर्ष |
खाते में जमा राशि का विवरण |
||
1 |
2 |
3 |
||
|
|
पालक समिति |
विद्यार्थी |
योग |
1 |
2014-15 |
राशि रू. 9704200.00 |
राशि रू. 9183150.00 |
राशि रू. 18887350.00 |
2 |
2015-16 |
राशि रू. 3633240.00 |
राशि रू. 6636950.00 |
राशि रू. 10270190.00 |
(घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दतिया में फर्जी नियुक्तियां
180. ( क्र. 2991 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश में फर्जी नियुक्तियां एवं इनका स्थानांतरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा किन नियम प्रक्रियाओं के अंतर्गत किया जा रहा है? (ख) यदि नहीं, तो जिला दतिया इत्यादि स्थानों पर नियुक्तियों में नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया? (ग) दतिया में ऐसी कितनी नियुक्तियां एवं उनका स्थानांतरण किया गया वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के संदर्भ में बतावें। (घ) इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, विभाग में फर्जी नियुक्तियां एवं इनका स्थानांतरण नहीं किया जा रहा है, बल्कि प्रदेश के कुछ जिलो में फर्जी/कूटरचित स्थानांतरण आदेशों के आधार पर संदिग्ध कर्मचारियों द्वारा कार्यभार ग्रहण किये जाने के प्रयास किये गये है। उक्त फर्जी/कूटरचित स्थानांतरण आदेशों के आधार पर कार्य ग्रहण करने वाले संदिग्ध कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार संदिग्ध कर्मचारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने की कार्यवाही की गई है। (घ) इस संबंध में कलेक्टर जिला भिण्ड द्वारा समिति गठित कर जाँच की कार्यवाही की गई है। साथ ही संचालनालय स्तर से भी प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
बड़वानी की आईनाक्स कंपनी में श्रम नियमों का उल्लंघन
181. ( क्र. 2994 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की आईनॉक्स कंपनी में कर्मचारी, अधिकारी, श्रमिक एवं अन्य पदों पर कितने व्यक्ति कार्यरत हैं, की सूची नाम, पदनाम सहित देवें? (ख) इसमें कार्यरत व्यक्तियों के पी.एफ. नंबर एवं उनमें कितनी राशि कंपनी द्वारा जमा की गई? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? कंपनी अंश, कर्मचारी अंश की जानकारी पृथक-पृथक देवें? ग्रेच्युटी एवं अन्य सुविधाओं की भी जानकारी देवें? (ग) यदि कंपनी द्वारा (ख) अनुसार सुविधायें कर्मचारियों, अधिकारियों, श्रमिकों को नहीं दी जा रही है तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बड़वानी जिले की आईनॉक्स कंपनी में निम्नानुसार व्यक्ति कार्यरत हैः-
1. प्रंबधक - 21
2. स्टॉफ - 59
3. श्रमिक - 719
योग - 799
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) पी.एफ. संबंधी जानकारी केन्द्र सरकार के अधीन केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन के क्षेत्राधिकार का विषय है। अतः राज्य के श्रम विभाग द्वारा जानकारी संधारित नहीं की जाती है। ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के अनुसार ग्रेच्युटी प्रदान की जाती है। इसके अलावा निःशुल्क परिवहन, यूनिफॉर्म, मेडिकल इंश्योरेंस, दुर्घटना बीमा, रियायती दरों पर भोजन व चाय-नाश्ता आदि सुविधाएं प्रदान की जाती है। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख’’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिक्योरिटी एजेंसी को कौशल विकास ट्रेनिंग
182. ( क्र. 2995 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी सिक्योरिटी एजेंसी को कौशल विकास या अन्य ट्रेनिंग प्रोग्राम का कार्य दिया गया? (ख) सिक्योरिटी एजेंसी का नाम, दिए गये ट्रेनिंग प्रोग्राम का नाम, एजेंसी का लायसेंस नंबर, एजेंसी ने कितने हितग्राहियों को ट्रेनिंग दी की जानकारी प्रत्येक एजेंसी के नाम हितग्राही संख्या, एजेंसी को प्रति हितग्राही भुगतान राशि के हिसाब से वर्षवार बतावें? (ग) इन एजेंसियों ने शर्त अनुसार कितने हितग्राहियों को ट्रेनिंग के पश्चात् फैक्ट्रियों, कंपनियों में प्लेसमेंट दिलवाया की जानकारी एजेंसी नाम, कंपनी नाम सहित देवें? (घ) क्या बिना प्लेसमेंट दिलवाए इन सिक्योरिटी एजेंसीज को विभाग ने भुगतान कर दिया? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध विभाग ने क्या कदम उठाए हैं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में विभाग द्वारा सिक्योरिटी एजेंसियों को नहीं अपितु विभागीय कौशल विकास प्रशिक्षण योजना अंतर्गत म.प्र. गृह (पुलिस) विभाग अंतर्गत संचालित प्राईवेट सिक्योरिटी एजेंसी (रेग्युलेशन एक्ट 2005 पसारा एक्ट) से सम्बद्ध प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु पंजीकृत संस्थाओं को प्रशिक्षण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2015-16 में ऐसी 03 पंजीकृत संस्थाओं को एवं वर्ष 2016-17 में 05 पंजीकृत संस्थाओं को प्रशिक्षण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्राओं की सुरक्षा से खिलवाड़ा
183. ( क्र. 2998 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विभागीय कन्या छात्रावासों में निवासरत् कन्या छात्रावासों की छात्राओं की सुरक्षा हेतु विभाग/शासन के दिशा-निर्देश है यदि हाँ, तो बतायें? (ख) क्या गुना जिले में शासन तथा विभागाध्यक्षों के छात्राओं की सुरक्षा हेतु दिशा-निर्देश होने के उपरांत विकासखण्ड आरोन, बमोरी, राघौगढ़ मुख्यालय स्थित संस्थाओं तथा मधुसूदनगढ़ एवं जामनेर स्थित कन्या छात्रावासों की संस्थाओं की छात्राओं की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए एक-एक अधीक्षिका को दो-दो तीन-तीन छात्रावास परिसरों का प्रभार दिया गया है? मधुसूदनगढ़ एवं जामनेर के कन्या छात्रावासों हेतु 25 से 35 कि.मी. दूर से शिक्षा विभाग की महिला शिक्षिकाओं को प्रभार है? क्या स्थानीय स्तर पर महिला शिक्षिकाएं नहीं है तथा क्या 35 कि.मी. दूर पदस्थ महिला शिक्षिका को प्रभार दिये जाने का प्रावधान है? (ग) गुना जिले के कन्या छात्रावासों में पदस्थ संस्थावार महिला अधीक्षिकाओं का विवरण देवें तथा इनकी मूल पदस्थापना स्थल/विभाग तथा मूल पदस्थापना स्थल से छात्रावास की दूरी संस्थावार बतायें? (घ) शासन/विभाग से छात्राओं की सुरक्षा हेतु दिशा-निर्देशों के उपरांत उनका पालन न करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा छात्राओं की सुरक्षा हेतु प्रभावी कार्यवाही कब तक की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हेतु जारी दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ एवं ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हेतु जारी दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ एवं ‘‘द’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई’’ अनुसार है। (घ) शासन/विभाग से छात्राओं की सुरक्षा हेतु दिशा-निर्देश के पालन में कन्या छात्रावासों में महिला शिक्षिकाओं की कमी होने एवं महिला शिक्षिकाओं के अधीक्षकीय कार्य हेतु स्थानीय शिक्षिका की सहमति पत्र के साथ समय समय पर प्रस्ताव शिक्षा विभाग से चाहे गये थे, जो प्राप्त न होने के कारण उक्त स्थिति निर्मित हुई है, इसमें किसी अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। छात्रायें आवासीय परिसरों में सुरक्षित हैं।
निर्देशों के विपरीत प्रभार
184. ( क्र. 3004 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग में शिक्षक को प्रभारी मण्डल संयोजक बनाये जाने का प्रावधान/नियम है? (ख) क्या आयुक्त आदिवासी विकास/शासन से यह निर्देश हैं कि किसी भी कार्यपालिक पद का प्रभार शैक्षणिक अमले को न दिया जावे? (ग) यदि हाँ, तो गुना जिले श्री मुकेश शर्मा, सहायक शिक्षक को शासन नियमों के विपरीत प्रभारी मण्डल संयोजक क्यों बनाया गया है? जबकि गुना जिले में दो विभागीय क्षेत्र संयोजक पदस्थ है? (घ) शासन नियमों के विपरीत प्रभारी मंडल संयोजक को अपने मूल पद का कब तक पदस्थ किया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) श्री मुकेश शर्मा सहायक शिक्षक को जिला स्तर पर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं जन सुनवाई के आवेदनों के निराकरण हेतु मंडल संयोजक की पदस्थापना/पदपूर्ति होने तक, मंडल संयोजक का प्रभार सौंपा गया था। मंडल संयोजक का पद तृतीय श्रेणी कार्यपालिक एवं क्षेत्र संयोजक का पद द्वितीय श्रेणी राजपत्रित होकर उनके पदीय दायित्व अलग-अलग हैं। (घ) श्री मुकेश शर्मा को कलेक्टर के आदेश दिनांक 06/07/2016 द्वारा उनके मूल पद पर पदस्थ कर दिया गया है।
क्रय-प्रक्रिया की जाँच
185. ( क्र. 3016 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में आदिम जाति कल्याण विभाग में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग को कितना बजट प्राप्त हुआ? मदवार योजना के नाम सहित जानकारी दें। (ख) अनु.जाति, जनजाति बस्ती विकास योजना में टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितना कार्य, किन-किन ग्राम पंचायतों में किसकी अनुशंसा से किया गया है? कार्य का नाम, लागत सहित वर्षवार अवगत करायें? (ग) जिला स्तर पर कौन-कौन सी वस्तुओं की खरीददारी किस नियम प्रक्रिया के तहत कब-कब की गई वर्षवार सामग्री का नाम, मात्रा राशि मय प्रदाय करने वाली एजेंसी का नाम सहित बतायें? (घ) उक्त क्रय की गई सामग्री कहाँ-कहाँ आवंटित की गई? संस्था का नाम, उसका मांग पत्र एवं सामग्री प्राप्ति की पावती रसीद की प्रति उपलब्ध करायें? बिना डिमाण्ड सामग्री की खरीद का क्या औचित्य है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? नाम बतायें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' तथा ‘'अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिला स्तर पर वित्तीय वर्ष 2013-14 में भण्डार क्रय नियम के तहत क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’’ अनुसार है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में चार आदिवासी छात्रावासों में सामग्री क्रय की कार्यवाही छात्रावास स्तर पर पालक समिति द्वारा क्रय की गई है। (घ) सामग्री के आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’’ अनुसार है। बिना डिमाण्ड के कोई सामग्री क्रय नहीं की गई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
समयमान वेतनमान
186. ( क्र. 3025 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर दिनांक 1.4.2006 से समयमान वेतनमान प्रदाय करने बावत् आदेश कब प्रदाय किये गये थे तथा इस संबंध में शासन ने कब, क्या निर्देश जारी किये हैं? आदेश एवं निर्देश कि छायाप्रति दें? (ख) खाद्य एवं औषधीय प्रशासन मध्यप्रदेश भोपाल के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को समयमान वेतनमान स्वीकृत करने का अधिकार किस-किस स्तर के किन-किन अधिकारियों को है तथा कितने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है एवं कितने अधिकारियों को नहीं एवं क्यों वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की जिलेवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में ऐसे कितने खाद्य सुरक्षा अधिकारी हैं, जो वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन के आदेशों के अनुसार पदोन्नति के लिए निर्धारित वांछित अर्हताएं धारित करते हैं? सूची दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति
187. ( क्र. 3026 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु शासन/विभाग द्वारा कोई नीति बनाई गई है अथवा बनाई जा रही है? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्र एवं नगरीय निकाय में कार्यरत् अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति नीति पृथक-पृथक है? अगर हाँ तो कारण बतावें। (ग) प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या नीति बनाई गई है? अगर नहीं तो क्यों नहीं, कारण बतावें? (घ) क्या वरिष्ठ अध्यापकों को संपूर्ण सेवा अवधि तक इसी पद पर कार्य करना पड़ेगा? यदि हाँ, तो कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत/नगरीय निकाय अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्तें) नियम, 2008 में अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति का स्पष्ट प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के उत्तर अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा उनके नियंत्रणाधीन अध्यापक संवर्ग के लिए पृथक-पृथक नियम है। पदोन्नति के प्रावधान में भिन्नता नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अध्यापक संवर्ग के नियम, 2008 में वरिष्ठ अध्यापक के पदोन्नति का प्रावधान नहीं है, अपितु राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत वरिष्ठ अध्यापक की सीमित परीक्षा से प्राचार्य हाईस्कूल के 25 प्रतिशत पदों की पूर्ति का प्रावधान किया गया है। (घ) प्रश्नांश ’’ग’’ के उत्तर के अनुसार प्रावधान किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मिलावटी खाद्यान्न के दर्ज प्रकरण
188. ( क्र. 3032 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन खाद्यान्न कारखानों में निरीक्षण के दौरान मसाले संबंधी सामग्री में मिलावट किये जाने के प्रकरण दर्ज किये गये तथा मसाले से संबंधित सामग्री में मिलावट पाये जाने पर संबंधित कारखानों पर क्या कार्यवाही की गई बतावें? (ख) संबंधित कारखानों से मिलावटी खाद्यान मसाले जब्त किये गये या नहीं अगर संबंधित कारखानों से उक्त खाद्यान्न मसाले छोटे दुकानदारों को विक्रय कर दिया गया तो क्या उसे भी जब्त किया गया? (ग) प्रदेश में खाद्यान्न मसालों में मिलावट को रोकने के लिए शासन अथवा विभाग द्वारा क्या ठोस कदम उठाये जा रहे है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासी उपयोजना के कार्य
189. ( क्र. 3036 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगाँव के किन-किन ग्रामों का चयन आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत किया गया है एवं उपयोजना के कौन-कौन से कार्य संबंधित (चयनित) ग्रामों में किये गये है कार्य का नाम बतावें? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगाँव के कई ग्राम ऐसे हैं जहां पर अधिकांश आदिवासी जाति के लोग निवासरत हैं किन्तु ये लोग आदिवासी उपयोजना के लाभ से वंचित क्यों हैं कारण बतावें? (ग) आदिवासी उपयोजना में ग्रामों को सम्मिलित किये जाने का आधार क्या है? (घ) विधान सभा क्षेत्र खातेगाँव के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों को विभाग आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य से लाभान्वित करेगा कार्य का नाम बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' तथा ''दो'' अनुसार है। (ख) विशेष केन्द्रीय सहायता योजनांतर्गत आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के बाहर रहने वाले आदिवासियों को हितग्राही मूलक योजना का लाभ दिया जा रहा है। अधोसंरचना विकास के कार्य उपयोजना क्षेत्र के बाहर कराये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र खातेगाँव के 4 ग्रामों गढ़वाय, कालापाठा, कंकडदी एवं रतनपुर में आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये हैं, स्वीकृति अपेक्षित है।
भवन निर्माण कर्मकार मंडल योजना
190. ( क्र. 3055 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन निर्माण कर्मकार मंडल योजनांतर्गत कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित हैं? (ख) कटनी जिले में विगत तीन वर्ष में प्रश्नांकित योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि की सहायता प्रदान की गई है? इस योजनांतर्गत जिले/जनपदों को कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई हैं वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार, वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में योजनांतर्गत विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के कितने आवेदन प्राप्त हुए, प्राप्त आवेदनों में कितने आवेदन पात्र तथा कितने अपात्र पाये गये? अपात्रता का कारण सहित विवरण दें? क्या इस योजनांतर्गत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों द्वारा कोई पत्राचार किया गया है यदि हाँ, तो किस स्तर के जनप्रतिनिधियों एवं किस ग्राम के नागरिकों द्वारा कब-कब पत्र प्रेषित किये गये है? उन पत्रों पर विभाग/कार्यालय द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाहीवार विवरण दें? (घ) उक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य प्रेषित पत्र एस.डी.एम. बहोरीबंद को पत्र क्र; 96 दिनांक 13.04.2016 और सी.ई.ओ. जनपद पंचायत बहोरीबंद को पत्र क्र. 34 दिनांक 11.04.2016 एवं पत्र क्र. 11 दिनांक 06.04.2016 पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त योजनाओं में हुई अनियमितता संबंधी कोई शिकायत हुई हो तो शिकायतवार, कार्यवाही विवरण दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 पर है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में कटनी जिले में कुल 45,795 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को रूपये 6,87,55,923/- (छः करोड़ सत्सासी लाख पचपन हजार नौ सौ तेर्हस रूपये) की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितलाभ राशि वितरित की गई। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिले/जनपदों को विकासखण्ड वर्षवार आवंटित की गई राशि एवं वितरित हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 पर है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में योजनांतर्गत विधान सभा क्षेत्र बहोरबंदी के अंतर्गत 29,000 आवेदन प्राप्त हुए, इन प्राप्त आवेदनों में से 28,299 आवेदन पात्र एवं 701 अपात्र पाए गए। 701 अपात्र आवेदनों में से 461 जनपद पंचायत बहोरीबंद एवं 270 जनपद पंचायत रीठी से संबंधित है। अपात्र आवेदनों की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। यह सही है कि योजनांतर्गत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पत्राचार किया गया है। किये गये पत्राचार के संबंध में विस्तृत जानकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बहोरीबंद एवं रीठी द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा एस.डी.एम. बहोरीबंद को प्रेषित पत्र क्रमांक 96 दिनांक 13.04.2016 और सी.ई.ओ. जनपद पंचायत बहोरीबंद को पत्र क्रमांक 34 दिनांक 11.04.2016 एवं क्रमांक 11 दिनांक 06.04.2016 में की गई शिकायत मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की योजनओं से संबंधित नहीं होने के कार्यवाही की प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
आश्रम शाला एवं छात्रावासों की स्वीकृति
191. ( क्र. 3056 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कुल कितने छात्रावास/आश्रम संचालित हैं। आश्रम शालाएं/प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बालक एवं बालिकाओं के छात्रावासों में प्रवेशरत् छात्रों को पर्याप्त सुविधा मिल रही है वर्गवार पृथक-पृथक दर्ज छात्र संख्या सहित बताएं? (ख) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्रावास/आश्रम स्वीकृत किये गये हैं? क्या इन छात्रावासों के लिये भवन, फर्नीचर, पेयजल, शौचालय, रसोइया, छात्रावास अधीक्षक उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कब तक व्यवस्था कराई जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में छात्रावासों की स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 74 दिनांक 12.04.2016 को माननीय आदिम जाति कल्याण मंत्री जी को लिखा है जिसमें अंकित 03 छात्रावासों की स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जन जाति छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक व्यवस्था को देखते हुए नवीन छात्रावासों की स्वीकृति दिलाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग कटनी अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति के कुल 21 प्री-मैट्रिक छात्रावास, 09 आश्रम शालाएं एवं 01 आदिवासी कन्या शिक्षा परिसर संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुसूचित जाति के 26 छात्रावास संचालित हैं। जी हाँ। पर्याप्त सुविधा मिल रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2012-13 से प्रश्नांश दिनांक तक अनुसूचित जनजाति का 01 पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास स्वीकृत है, जिसका संचालन किया जाना शेष है। छात्रावासों में संविदा अधीक्षक, रसोइया, जल वाहक, चौकीदार का एक-एक पद स्वीकृत है। वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। पद पूर्ति की कार्यवाही शासन नियमानुसार की जावेगी। छात्रावासों में मैस संचालन, पेयजल, बिजली, शौचालय, बिस्तर, पलंग एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध हैं। अनुसूचित जाति अन्तर्गत 07 छात्रावास स्वीकृत हैं, जिनमें से 02 छात्रावास अन्य शासकीय भवन में, 05 छात्रावास अशासकीय किराये के भवन में संचालित हैं। संविदा अधीक्षक, रसोइया की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। छात्रावासों में फर्नीचर, पेयजल, शौचालय एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध हैं। (ग) अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक व्यवस्था को देखते हुए नवीन छात्रावासों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण
192. ( क्र. 3059 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिलान्तर्गत नरसिंह एक्सट्रेशन एंड एलाइट प्रा.लि. खमतरा, जिला नरसिंहपुर द्वारा श्रमिकों की मांगो के निराकरण के संबंध में कार्यवाही किए जाने संबंधी पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? बिन्दुवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) वांछित बिन्दुवार जानकारी निम्नानुसार हैः- 1. कार्यालय सहायक श्रमायुक्त जबलपुर द्वारा दि. 31.05.16 को प्रबंधन व श्रमिक पक्ष के मध्य बैठक आयोजित की गई, बैठक में सात बिन्दुओं के संबंध में प्रस्तुत मांगपत्र पर उभय पक्षों के मध्य चर्चा की जाकर बैठक में निम्न बिन्दुओं पर प्रबंधन पक्ष द्वारा सहमति प्रदान की गईः- क. प्रत्येक श्रमिक को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दर से प्रतिमाह नियमित रूप से भुगतान किया जावेगा। ख. प्रबंधन पक्ष द्वारा प्रत्येक श्रमिक का नियमानुसार ई.पी.एफ. की कटौती प्रतिमाह नियमित रूप से की जावेगी। ग. प्रबंधन पक्ष द्वारा प्रत्येक कर्मचारी का वेतन भुगतान बैंक के माध्यम से किया जावेगा। श्रमिकों के द्वारा अवगत कराया गया है कि दि. 25.06.16 तक बैंक खाता संबंधित पासबुक की प्रतिलिपि प्रबंधन पक्ष के पास जमा कर दी जावेगी। घ. प्रबंधन पक्ष श्रमिकों से ओवर टाईम काम लिया जाता है तो नियमानुसार दुगना भुगतान किया जावे। 2. श्रम कार्यालय नरसिंहपुर द्वारा श्रमिकों के हित में न्यूनतम वेतन से कम भुगतान संबंधी माह मई 2016 तक का रू. 1,50,19,752/- (एक करोड़ पचास लाख उन्नीस हजार सात सौ बावन रू.) का दावा प्रकरण माननीय श्रम न्यायालय नरसिंहपुर में 03.06.16 को दायर किया जा चुका है। 3. प्रबंधन द्वारा 30.05.16 को स्थाई कर्मचारियों को बैंक द्वारा न्यूनतम वेतन दर से भुगतान किया गया। 4. नरसिंह एक्सट्रेशन एंड एलाइड प्रोडक्ट प्रायवेट लिमिटेड सोयाबीन के हड़ताली/निष्कासित श्रमिकों को माह मई 2016 एवं माह जून 2016 में किये गये कार्य दिवसों का वेतन भुगतान न्यूनतम वेतन दर से 01.07.2016 को बैंक के मार्फत किया गया है। 5. हड़ताली श्रमिकों को पत्र क्र. 388 दि. 02.07.16 द्वारा सूचित किया गया है कि वे पुनः बहाली हेतु आवेदन पत्र श्रम पदाधिकारी, कार्यालय नरसिंहपुर को प्रस्तुत करें ताकि औद्योगिक विवाद अधिनियम अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही कर विवाद का निराकरण किया जा सके।
श्रमिकों के लिये संचालित योजनाएं
193. ( क्र. 3063 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में श्रम विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों के लिये बनायी योजना के तहत कितने स्त्री-पुरूष कर्मकार मंडल के अंतर्गत पंजीयत हैं? स्त्री एवं पुरूषों की जानकारी जिलेवार अलग-अलग दी जाये? (ख) प्रश्नांश कंडिका (क) में दर्शित पंजीकृत श्रमिकों के हित में श्रम विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना का लाभ दिया जाता है? क्या पंजीकृत श्रमिक इसी प्रकार की अन्य योजनाएं जो दूसरे विभागों द्वारा चलायी जा रही हैं? एक साथ दोनों विभागों की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं अथवा नहीं? (ग) सागर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी और किस-किस ग्राम की कितनी महिला पंजीकृत श्रमिकों को स्वयं की शादी हेतु तथा किस-किस ग्राम एवं नगर के कितने पंजीकृत श्रमिकों को अपनी एक एवं दो पुत्री की शादी हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि आर्थिक सहायता के रूप में उपलब्ध करायी गयी? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार दी जाये?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण के अंतर्गत कुल 24,68,824 (चौबीस लाख अड़सठ हजार आठ सौ चौबीस) निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु मण्डल द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब पर है। पंजीकृत निर्माण श्रमिक द्वारा मण्डल की योजनाओं के हितलाभ के अतिरिक्त इसी प्रकार शासन की अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं ले सकते है, अपितु मण्डल द्वारा संचालित शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना में यह प्रावधान है कि अन्य समकक्ष योजनाओं में लाभ प्राप्त होने पर भी इस योजना में अतिरिक्त लाभ हिताधिकारी को प्रदान किया जा सकेगा। (ग) सागर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विवाह सहायता योजना के अंतर्गत लाभान्वित पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या एवं वितरित हितलाभ की राशि निम्नानुसार हैः-
वर्ष लाभन्वित श्रमिक संख्या वितरित राशि
2015-16 348 84,90,000/-
2016-17 189 47,25,000/-
जनपद पंचायतवार तथा नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
छात्रवृत्ति कटौती
194. ( क्र. 3072 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व में निर्धारित अनु.जाति, अनु. जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के प्रवेशित छात्रों की छात्रवृत्ति में अचानक कटौती क्यों की गई है? क्या सरकार इस संबंध में पुनर्विचार कर छात्रवृत्ति को पूर्ववत् करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश ‘’क’’ के निर्धन छात्रों से शासकीय विद्यालय एवं विश्वविद्यालयों द्वारा पूर्व निर्धारित शिक्षण शुल्क वसूला जा रही है जबकि अब उक्त छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ पूर्ण रूप से नहीं मिल रहा है? (ग) छात्रवृत्ति के आधार पर पढ़ने वाले गरीब छात्र अपनी बची हुई पढ़ाई का खर्च कैसे उठा पायेंगे? क्या इसका कोई समाधान शासन के पास है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के ज्ञापन क्रमांक एफ-12-15/2013/25-2/1761 दिनांक 02/12/2014 के अनुसार, शासकीय संस्थाओं के स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में, अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को पूर्ण अनिवार्य शुल्क के स्थान पर बुनियादी पाठ्यक्रम के समतुल्य शुल्क प्रतिपूर्ति, छात्रवृत्ति के रूप में दी जाती है अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को शासकीय शिक्षण संस्थाओं में निशुल्क शिक्षा का प्रस्ताव प्रक्रिया में है। पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग के छात्रों को नियमों के अंतर्गत छात्रवृत्ति दी जाती है जिसमें कोई कटौती नहीं की गई है। (ख) अनुसूचित जाति/जनजाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के नियमानुसार, अध्ययनरत विद्यार्थियों को पाठयक्रम के लिए छात्रवृत्ति अंतर्गत निर्धारित निर्वाह भत्ता समान रूप से सभी विद्यार्थियों को देय है। अनिवार्य शुल्क की प्रतिपूर्ति शासकीय संस्था/अशासकीय संस्थाओं/स्ववित्तीय पाठयक्रमों के लिए पृथक-पृथक है। जी हाँ। पिछड़ा वर्ग विभाग के विद्यार्थियों को नियमों में प्रावधान अनुसार पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जा ही है। (ग) शासकीय संस्थाओं में बुनियादी पाठयक्रमों की संपूर्ण शुल्क छात्रवृत्ति के रूप में भुगतान की जाती है शासकीय संस्था में अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा का प्रस्ताव प्रक्रिया में है। पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता और छात्रवृत्ति नियमों के अंतर्गत पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति स्वीकृत कर भुगतान की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण
195. ( क्र. 3073 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं को निजी क्षेत्र में सौपनें की नीति बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय नियमों-निर्देशों की अवहेलना
196. ( क्र. 3075 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा अपने आदेश दिनांक 31.08.2015 द्वारा हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में पदस्थ 5 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण निरस्त किया गया? उक्त आदेश किन नियमों, निर्देशों, जाँच रिपोर्ट के आधार किया गया? (ख) क्या चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा अपने आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा मेडिकल कॉलेज, भोपाल में पदस्थ 5 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया? उक्त आदेश किन नियमों, निर्देशों, जाँच रिपोर्ट के आधार पर जारी किये? स्पष्ट बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकरण एक समान होने पर भी पृथक-पृथक निर्णय लिए जाने के मामले में क्या-क्या नियमयुक्त, विधियुक्त कारण है? दोनों प्रकरणों में शासन/विभाग के किन-किन निर्देशों का पालन किया गया? दोनों प्रकरणों के निष्कर्षों में भिन्नता क्यों है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश दिनांक 31 अगस्त, 2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। श्री रघुवीर श्रीवास्तव, तत्कालीन उप सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन की अनुशंसा, आरक्षण नियम 2002 का पालन नहीं करने तथा स्वीकृत रिक्त पद नहीं होने के आधार पर हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल में पदस्थ 05 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण निरस्त किया गया था। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिन 05 कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया है, वे पूर्व से ही नियमित वेतनमान में कार्यरत थे। आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा, भोपाल के पत्र क्रमांक 175/स्था/अराज/2016 दिनांक 18 अप्रैल, 2016 द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 3942/2016 में दिनांक 04 मार्च, 2016 को पारित निर्णय के सन्दर्भ में प्रकरण में जवाबदावा प्रस्तुत करने तथा 05 याचिकाकर्ताओं को नियमितीकरण की कार्यवाही करने हेतु जारी निर्देशों के परिपालन में विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 21 अगस्त, 2000 जो अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के लिये था, उसे इस प्रकरण से अलग किया जाकर पूर्व में की गई नियमितीकरण की कार्यवाही को सही माना जाकर नियमितीकरण की कार्यवाही की गई है। इन सभी 05 कर्मचारियों का नियमितीकरण पूर्ववत् सहायक वर्ग-3 के पद पर किया गया है। उल्लेखित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन, चार, पाँच एवं छः अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ में उल्लेखित दोनों प्रकरण एक समान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
आदिम जाति, अनुसूचित जाति मद के निर्माण कार्य
197. ( क्र. 3078 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग को कुल कितनी राशि किन-किन कार्यों एवं किन-किन मदों में प्राप्त हुई है? कौन-कौन से निर्माण कार्य उक्त राशि से विभाग ने कराये हैं? स्थल सहित जानकारी दें? (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के लिए विभाग ने कौन-कौन से गांव व बस्तियां चयनित की? देवरी नगर में कौन-कौन से वार्ड उक्त अवधि में कार्यों हेतु चयनित किये गये वर्षवार बतावें? क्या चयनित स्थलों/ग्रामों में ही कार्य कराये गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) स्थल चयन का आधार क्या होता है? क्या माननीय सांसद विधायक के प्रस्ताव पर भी कार्य स्वीकृत किये जाते हैं यदि हाँ, तो प्रश्न (क) वर्णित अवधि में किस-किस के प्रस्ताव पर क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये? क्या विधायक की अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत करने का प्रावधान नहीं है? (घ) कौन-कौन से कार्यों की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा की गई और क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त अवधि में विभाग की कितनी राशि लेप्स हुई है? किन-किन कार्यों की राशि लेप्स हुई और क्यों? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? उक्त अवधि में निर्मित कार्यों का भौतिक सत्यापन किसने किया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''तीन'' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास अनुशंसा के आधार पर कार्यों की स्वीकृति के प्रावधान नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में वर्णित अनुसार है। जी हाँ। (घ) प्रश्नांकित अवधि के निर्माण कार्यों की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक से नहीं की गई है। उक्त अवधि में समर्पित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में वर्णित अनुसार है। कोषालय से अग्रिम आहरण पर प्रतिबंध होने एवं आवंटन त्रैमासिक होने से समर्पित/लेप्स हुई है।
फर्जी नियुक्ति आदेश व दस्तावेजों की जाँच
198. ( क्र. 3079 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त, आदिवासी विकास के आदेश क्रमांक स्था./5/ 2/रा.प./87/8826 और 8827, दिनांक 01 अप्रैल 1987 द्वारा श्री सुरेश सिंह भण्डारी की नियुक्ति सहायक अनुसंधान अधिकारी के पद पर की गई थी? (ख) क्या विभाग में श्री सुरेश सिंह भण्डारी की जगह श्री सुरेन्द्र सिंह भण्डारी ने आमद दी? यदि हाँ, तो इस बाबत् जारी संशोधन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नानुसार किसने वास्तविक आमद दी? उसने विभाग में प्रथम उपस्थिति देने के समय जन्मतिथि और शैक्षणिक योग्यता पुष्टि हेतु जो भी मार्कशीट, प्रमाण पत्र आदि पेश किये गये थे, उनकी प्रति उपलब्ध करावें? यदि अनुपलब्ध है तो कब से? (घ) नियुक्ति मामले एवं अभिलेख अनुपलब्धता के इस मामले में क्या-क्या गड़बडि़या, अनियमिततायें पाई गई वस्तुस्थिति से अवगत करावें? यदि मामले में धोखाधड़ी हुई है तो अब तक वैधानिक कार्यवाही न कराये जाने के क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ 1 (क) 362/84/1/पच्चीस दिनांक 17/03/87 के द्वारा श्री सुरेन्द्र सिंह भण्डारी की नियुक्ति सहायक अनुसंधान अधिकारी के पद पर की गयी थी। (ख) राज्य शासन के आदेश दिनांक 17/03/87 के पालन में श्री सुरेन्द्र सिंह भण्डारी द्वारा आमद दी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री सुरेन्द्र सिंह भण्डारी द्वारा वास्तविक आमद दी गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) कोई अनियमितता नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुमति के बिना कार्य कराया जाना
199. ( क्र. 3085 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल लहार जिला भिण्ड में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या एवं भोजन पर प्रतिमाह कितनी राशि व्यय की गई? भोजन व्यवस्था की निविदाएं कब आमंत्रित की गई? यदि नहीं, तो भोजन दर तय करने वाले अधिकारी का नाम बताएं? (ख) क्या रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की बिना स्वीकृति के ट्यूबवेल बोरिंग, पुताई तथा कलेक्टर भिण्ड द्वारा दिनांक 25 जनवरी 2016 को दिए गए निर्देश का उल्लंघन कर एन.आर.सी. में दैनिक वेतन पर कर्मचारी नियुक्त करने वाले बी.एम.ओ. के कार्यों की जाँच कराई जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? जननी एक्सप्रेस एवं अन्य वाहनों को कितने-कितने किराए पर किस-किस अधिकारी की स्वीकृति से रखे गए? प्रतिमाह वाहनों पर डीजल की खपत पर व्यय राशि का विवरण दें? (ग) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक रोगी कल्याण समिति लहार की साधारण सभा की बैठक कब आयोजित की गई एवं उसमें क्या-क्या निर्णय पारित किए गए? पारित निर्णयों में से किन-किन निर्णयों का पालन किया गया एवं किन-किन का पालन नहीं किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिविल अस्पताल लहार में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक भर्ती मरीजों की संख्या एवं भोजन पर व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदा आमंत्रित नहीं की गई, भोजन व्यवस्था अस्पताल के किचिन में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से की जा रही है। आवश्यक खाद्य सामग्री का क्रय तहसील कार्यालय द्वारा निर्धारित दरों पर किया जाता है। भोजन हेतु कोई दर तय नहीं है। (ख) ट्यूबवेल बोरिंग एवं पुताई का कार्य हेतु दिनांक 05/04/2016 की साधारण सभा की बैठक में अनुमोदन दिया गया था। एन.आर.सी. में दैनिक वेतन पर कर्मचारी की नियुक्ति जिला कलेक्टर के निर्देशों के पालन में की गई। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जननी एक्सप्रेस एवं अन्य वाहन खुली निविदा के माध्यम से अनुबंधित किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वाहनों में डीजल व्यय की राशि निरंक है। (ग) रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की बैठक दिनांक 5.4.2016 को आयोजित की गई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि अस्पताल परिसर में बोरिंग कराने, दीवाल पुताई एवं बाउन्ड्रीवॉल निर्माण का निर्णय पारित किया गया। बोरिंग एवं दीवाल पुताई का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं बाउन्ड्रीवॉल निर्माण के निर्णय का पालन अभी नहीं हुआ है।
मरीजों का मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि से इलाज
200. ( क्र. 3087 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अप्रैल 2014 से अप्रैल 2016 तक की अवधि में भोपाल संभाग के किस-किस जिले के कितने-कितने मरीजों का इलाज निजी चिकित्सालयों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान अथवा अन्य माध्यमों से कराया गया? (ख) उक्त इलाज हेतु निजी चिकित्सालयों को कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितना किया जाना शेष है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो जाने इलाज हेतु स्वीकृत राशि में से शेष कितनी राशि चिकित्सालयों से लेना शेष है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है।
शासकीय मॉडल स्कूल में प्रतिनियुक्ति समाप्त करना
201. ( क्र. 3099 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिले में संचालित शासकीय मॉडल स्कूलों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों/अध्यापकों/वरिष्ठ अध्यापकों व अन्य की प्रतिनियुक्ति समाप्ति के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के लिए शासन की मंशा क्या है, स्पष्ट टीप देवें तथा इस आदेश का पालन किस-किस जिलों में हुआ है एवं किस-किस जिलों में नहीं? जिलावार जानकारी देवें? (ख) क्या शासन द्वारा शासकीय मॉडल स्कूलों में 60 प्रतिशत या इससे अधिक अंक वाले विद्यार्थियों को प्रवेश की पात्रता दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त (योग्य) छात्रों को पढ़ाने के लिए शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति समाप्ति के साथ पदों की पूर्ति/विषय विशेषज्ञ शिक्षक/अध्यापकों की व्यवस्था के आदेश जारी किये गये हैं या नहीं? हाँ तो बतावें, यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) क्या शासन प्रतिनियुक्ति समाप्त कर इन मॉडल स्कूल में अतिथि शिक्षक नियुक्ति कर रहा है? क्या प्रश्नांश (ख) में प्रवेशित छात्रों के अध्यापन हेतु नव-नियुक्त अतिथि शिक्षक नियुक्त करना कहाँ तक उचित है? हाँ तो बतावें? नहीं तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के संबंध में पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत विगत कई वर्षों का शैक्षणिक अनुभव प्राप्त शिक्षकों/अध्यापकों को पदपूर्ति होने तक के लिए पुन: नियुक्ति करने पर विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण देवें? (घ) विदिशा जिले के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षा सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में कक्षा 9वीं एवं 11वीं में ऐसे कितने छात्रों को प्रवेश दिये हैं, जिन्होंने कक्षा 8वीं में C ग्रेड प्राप्त किया तथा 10वीं में तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुये हैं? क्या शाला प्रबंधन उक्त ग्रेड एवं उक्त श्रेणी के छात्रों को प्रवेश देने से इंकार कर सकता है? विद्यालयवार जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा मॉडल स्कूल योजना वर्ष 2015-16 से वित्तीय सहायता समाप्त कर देने के कारण प्रतिनियुक्ति समाप्ती के आदेश जारी किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मॉंडल स्कूलों में कक्षा 9वीं प्रवेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा प्रवेश हेतु चयन परीक्षा पश्चात् मेरिट आधार पर किया जाता है। मॉडल स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन आदेश क्रमांक /1449/1846/2015/20-1 दिनांक 22.8.2015 जारी किया गया हैं। शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। रिक्त पदों पर आकास्मिक व्यवस्था के रूप में अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था हेतु शासन के आदेश हैं। नियमित शिक्षक नियुक्त होने तक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अध्यापकों को रोकने हेतु विभागीय वीडियो कान्फ्रेंसिंग दिनांक 09.06.2016 में आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
परिशिष्ट - ''सतासी''
छात्र सुरक्षा बीमा योजना का क्रियान्वयन
202. ( क्र. 3111 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छात्र सुरक्षा बीमा योजना जो पूर्व में संचालित की जा रही थी वह वर्तमान में जारी है या नहीं? (ख) शैक्षणिक सत्र 2013-14, 2014-15, 2015-16 में वर्षवार कक्षा 01 से 12 तक इन्दौर जिले में कितने विद्यार्थी का बीमा किया गया? (ग) उपरोक्त सत्रों में कितने विद्यार्थियों का असामयिक निधन हुआ व कितने पूर्व/आंशिक विकलांग हुए (इन्दौर जिले की सूची देवें) बीमा कंपनी द्वारा किस प्रकार से विद्यार्थियों के परिजनों को कितनी बीमा राशि प्रदान की गई, सूची देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्ष 2011-12 से छात्र सुरक्षा बीमा योजना असंचालित होने से निरंक। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष के संबंध में योजना असंचालित होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर जिले में आर.टी.ई. के प्रवेश जानकारी
203. ( क्र. 3112 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में आर.टी.ई. के तहत शैक्षणिक वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कितने प्रवेश हुए है? (ख) इंदौर के किस स्कूल में कितनी सीटों पर आर.टी.ई. के तहत प्रवेश दिया जाता है? सूची उपलब्ध करावें? उपरोक्त लिखित सत्रों में किस स्कूल में कितनी सीटें रिक्त रही, यह भी सूचीबद्ध रूप से देवें। क्या किसी स्कूल ने न्यायालयीन केस होने के चलते प्रवेश नहीं दिया है? यदि हाँ, तो स्कूलों की सूची देवें। (ग) क्या इंदौर जिले के सेंट रेफियल, सेंट पॉल, सेंट अरनॉल्ड, सेंट नार्बर, मार्थोम हा.से.स्कूल, सेंट जोसफ में शैक्षणिक वर्ष 2014-15, 2015-16 में आर.टी.ई. के तहत प्रवेश नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रवेश (आर.टी.ई.) तहत नहीं देने पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) इंदौर जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में सत्र 2013-14 में 13688, सत्र 2014-15 में 12547 तथा सत्र 2015-16 में 12457 नि:शुल्क प्रवेश हुए है। (ख) इंदौर जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विधालयों में नि:शुल्क प्रवेशित एवं रिक्त सीटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त विद्यालय अल्पसंख्यक होने से इनमें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पर्यटन स्थलों पर जनसुरक्षा हेतु प्राथमिक चिकित्सा
204. ( क्र. 3115 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर प्राथमिक उपचार केन्द्र कितने है, संख्या बतावें? (ख) इंदौर संभाग में पर्यटन स्थलों के आस-पास के प्राथमिक उपचार केन्द्र अथवा शासकीय अस्पतालों की सूची उपलब्ध करावें? सूची में संबंधित अधीक्षक एवं स्टॉफ की संख्या व नाम देवें? (ग) यदि पर्यटन स्थलों पर प्राथमिक उपचार केन्द्र नहीं हैं तो क्या नये प्राथमिक केन्द्र प्रारंभ करने के लिए विभाग किसी प्रकार की कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पोस्ट मैट्रिक अ.जाति बालक छात्रावास की स्थापना
205. ( क्र.
3118 ) श्री
के.डी. देशमुख :
क्या आदिम
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या बालाघाट
जिले में
तहसील मुख्यालय
खैरलांजी एवं
तहसील मुख्यालय
कटंगी में
पोस्ट
मैट्रिक
अ.जाति बालक
छात्रावास की
प्रश्नकर्ता
द्वारा मांग
की जा रही है? (ख)
यदि हाँ, तो कब तक
अ.जाति कल्याण
विभाग
खैरलांजी एवं
तिरोड़ी में
पोस्ट
मैट्रिक
अ.जाति बालक
छात्रावास स्वीकृत
करेंगे? निश्चित
तिथि बताई
जावें।
आदिम जाति
कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क)
जी हाँ। (ख) जी
हाँ। पोस्ट
मैट्रिक
छात्रावास
जिला मुख्यालयों/बड़े
शहरों में
खोले जाने के
कारण प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
मिलावटी खाद्यान्न सामग्री का विक्रय
206. ( क्र. 3307 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाजार में कई प्रकार की खाद्य वस्तुएं, सामग्री चोरी छुपे ढंग से एवं मिलावट कर के बढ़ी मात्रा में विक्रय की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या दूध, दही, मसाले, तेल, खाद्यान्न तेल इत्यादि सहित अन्य अन्यान्य अनेक खाद्यान्न सामग्रियां बाजार में खुले रूप से बेची जा रही है? (ग) प्रदेश में मिलावटी खाद्यान्न सामग्रियों के विक्रय को रोके जाने हेतु क्या-क्या उपाय किये जाते है तथा वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक म.प्र. में किन-किन स्थानों पर बड़ी कार्यवाही की जाकर क्या किया गया है? (घ) साथ ही उपभोक्ता संरक्षण हेतु प्रदेश भर में उक्त अवधि में किन-किन केन्द्रों पर कितनी, किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त होकर उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांकित दूध एवं दही खाद्य पदार्थ खुले में बेचे जाने से रोक नहीं है। पिसे मसाले के खुले में विक्रय करना प्रतिबंधित है, जिस पर इस प्रशासन द्वारा उल्लंघन पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। खाद्यान्न तेल के खुले में विक्रय करने हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर छूट दी जाती है। (ग) खाद्य अपमिश्रण को प्रभावी ढंग से रोकने हेतु प्रत्येक जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यरत हैं। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत कार्यवाही के संबंध में वर्ष 2013-14 में 836 वर्ष 2014-15 में 843 तथा 2015-16 में 961 प्रकरण सक्षम न्यायालयों में पंजीबद्ध कराये गये हैं। (घ) उपभोक्ता संरक्षण के संबंध में इस विभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
वार्षिक वेतन वृद्धि
207. ( क्र. 3440 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अंतर्गत जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 14-15 की वार्षिक वेतन वृद्धि दिनांक 29.06.2016 को मई माह के वेतन के साथ प्रदान की गई परन्तु वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 के एरियर की राशि नहीं दिये जाने का क्या कारण है एवं यह राशि कब तक दी जायेगी? (ख) वर्ष 2015-16 की वार्षिक वेतन वृद्धि जो कि अप्रैल, माह के वेतन के साथ दिया जाना चाहिए थी वह भी नहीं दी गई? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या पिछले कई वर्षों से जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मासिक वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा है, यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) क्या ई.पी.एफ. की राशि का वेतन में से समय पर कटौती नहीं की जाती? कटौती में देरी का क्या कारण है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) तक के विलम्ब एवं त्रुटिपूर्ण कार्य के लिए कौन जिम्मेदार है, संबंधितों पर क्या कार्यवाही कब तक की जाकर उक्त वेतन विसंगतियों को दूर किया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति शतप्रतिशत राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, भारत सरकार से वित्त पोषित संस्था है। अतः कार्यक्रम संचालन हेतु समस्त बजट राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। एरियर की राशि संबंधित वित्तीय वर्षों में पर्याप्त फण्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका। फण्ड की उपलब्धता के आधार पर एरियर राशि का भुगतान आगामी 03 माह में किया जा सकेगा। (ख) जी नहीं। फण्ड प्राप्त होने पर वार्षिक वृद्धि का भुगतान कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 की वार्षिक वृद्धि पर्याप्त फण्ड उपलब्ध न होने के कारण पूर्व में प्रदान नहीं की जा सकी। (ग) जी नहीं। साधारणतः जिस माह में वेतन देय होता है उसी माह में उसका भुगतान किया जाता है। जिले में कार्यरत संस्थाओं में संविदा पर पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उपस्थिति-पत्रक (1 तारीख से माह के अंतिम दिवस तक का) राज्य कार्यालय को प्रेषित होता है। उपस्थिति-पत्रक प्राप्त होने के पश्चात् ही वेतन आहरण की प्रक्रिया की जाती है। प्रायः कुछ संस्थाओं का उपस्थिति-पत्रक विलम्ब से अथवा त्रुटिपूर्ण प्राप्त होने के कारण कभी-कभी वेतन आहरण में विलम्ब होता है। उपस्थिति-पत्रक समय-सीमा में भेजने हेतु निर्देश दिये गये हैं। (घ) समिति कार्यालय में ई.पी.एफ. कटोत्रा पूर्व में लागू नहीं था। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ई.पी.एफ. के संबंध में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली का पत्र मई, 2016 में प्राप्त हुआ है। अतः कटोत्रा के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ङ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।