मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
गुरुवार, दिनांक 25 फरवरी, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
श्रमायुक्त
द्वारा
निर्धारित दर
से मजदूरी भुगतान
[श्रम]
1. ( *क्र. 869 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रमिकों को प्रदेश में निर्धारित दैनिक दरों से कम भुगतान ठेकेदारों एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है? (ख) क्या मजदूरों की मजदूरी वित्त विभाग के वर्ष 2014 के आदेश से सभी मजदूरों के खातों में जमा की जाना थी, वह खातों में जमा नहीं की जा रही है तथा ठेकेदार श्रमिकों की मजदूरी नगद भुगतान कर रहे हैं? (ग) कब तक सभी श्रमिकों की मजदूरी ठेकेदार एवं विभाग द्वारा खातों में जमा की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रमिकों को निर्धारित दैनिक वेतन दरों से कम भुगतान अनुज्ञेय नहीं है। यदि उक्त संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो उस पर जाँच उपरांत संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। श्रम विभाग में ऐसी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
2. ( *क्र. 991 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोहारी से रेत माफियाओं द्वारा किये जा रहे अवैध रेत उत्खनन के संबंध में कलेक्टर ग्वालियर को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा (1) पत्र क्र. 180, दिनांक 05.01.2021 (2) पत्र क्र. 193, दिनांक 11.01.2021 (3) पत्र क्र. 202, दिनांक 18.01.2021 द्वारा व्यक्तिगत उपस्थित होकर उक्त पत्रों के माध्यम से शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों की छायाप्रति प्रस्तुत करें? उक्त पत्रों पर कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक न करने का क्या कारण है? क्या रेत माफियाओं को अवैध उत्खनन की खुली छूट दे दी गई है? यदि नहीं, तो फिर कैसे अवैध उत्खनन किया जा रहा है? (ख) ग्वालियर जिले में खनिज विभाग द्वारा 30 जनवरी, 2021 की स्थिति में किन-किन प्रकार के खनिज को किस-किस ग्राम पंचायतों से किस-किस खसरा नं. से कितने रकवा में कितनी राशि में किस दिनांक वर्ष से किस दिनांक वर्ष तक उत्खनन की स्वीकृति (ठेका) दिया है? (ग) दिनांक 1 अप्रैल, 2021 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में अवैध उत्खनन की किस-किस व्यक्तियों द्वारा शिकायतें की गई है? उनका नाम, पता दें। उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न अनुसार पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। पत्रों पर कार्यवाही की गई, कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। जिले में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आने पर कार्यवाही की जाती है। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांकित तिथि से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र चंदला में संचालित पत्थर खदानें/क्रेशर
[खनिज साधन]
3. ( *क्र. 1128 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियम-निर्देश के अनुसार पहाड़ों से गिट्टी पत्थर निकालने की अनुमति के पूर्व पर्यावरण एवं वन विभाग से अनुमति लेने का निर्देश है? क्या शासन के नियम-निर्देश के अनुसार 500 मीटर से कम दूरी पर गिट्टी पत्थर खदाने संचालित की जाने की अनुमति प्रदेश शासन या प्रशासन द्वारा नहीं दी जा सकती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार छतरपुर जिले में कितनी खदानें 500 मीटर या कम की दूरी पर संचालित हैं तथा अनुमति जारी किये जाने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित सत्यापित जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ग) जिला छतरपुर की विधानसभा क्षेत्र चंदला अंतर्गत वर्ष 2018 से किन-किन व्यक्तियों को पहाड़ों से गिट्टी बनाने हेतु पत्थर निकालने की स्वीकृति आदेश जारी किए गए थे? (घ) जिला छतरपुर की विधानसभा क्षेत्र चंदला अंतर्गत पत्थर से गिट्टी बनाने के लिए कितनी क्रेशरें संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। क्या उक्त क्रेशरों का संचालन शासन के नियम-निर्देश अनुसार सक्षम अधिकारी के आदेश से संचालित है? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। पहाड़ों के संबंध में पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में 500 मीटर से कम दूरी पर गिट्टी पत्थर खदानों की अनुमति दिये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) विभाग द्वारा इस प्रकार की जानकारी पृथक से संधारित करके नहीं रखी जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है तथा उक्त क्रेशरों का संचालन शासन के नियम निर्देश अनुसार सक्षम अधिकारी के आदेश से संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शास. तुलाई केन्द्रों के माध्यम से गेहूँ एवं चने का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( *क्र. 271 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत विगत वर्ष रबी की फसल हेतु शासकीय तुलाई केन्द्रों के माध्यम से कितने टन गेहूँ एवं चने का उपार्जन किया गया? उपार्जन केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) क्रम में उपार्जन किय गये गेहूँ एवं चने की खरीदी उपरांत कितना गेहूँ और चना गोदामों में परिवहन किया गया एवं कितना गेहूँ एवं चना परिवहन नहीं होने से खुले में पड़े होने के कारण वर्षा के पानी से खराब हुआ? खराब हुए अनाज की मात्रा सहित जानकारी दें एवं अनाज खराब होने के लिए कौन दोषी है एवं दोषी व्यक्ति अथवा अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, के संबंध में जानकारी दें? (ग) क्या शासन ने किसानों से खरीदी गई फसल को तुलाई केन्द्रों पर सुरक्षित रखे जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु दिशा-निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? कृषि उपज मण्डी विदिशा के नवनिर्मित परिसर में प्लाटों की दर तय कर कब तक नवीन मण्डी परिसर में कृषि उपज तुलाई कार्य प्रारंभ किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विदिशा जिले में रबी उपार्जन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ-723709.9 एवं चना-57865.4 मे.टन का उपार्जन किया गया है। उपार्जन केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपार्जित मात्रा में से गेहूँ-723596.1 एवं चना-57860.8 मे.टन का परिवहन किया गया है। उपार्जन केन्द्र पर परिवहन हेतु कोई मात्रा शेष नहीं है। गेहूँ-113.89 एवं चना-4.60 मे.टन उपार्जन केन्द्र स्तर की कमी है। जिले में खरीदी के दौरान असामयिक वर्षा होने के कारण 4987.80 मे.टन गेहूँ पानी से प्रभावित/अमानक हुआ है। उपार्जन के दौरान असामयिक वर्षा से गेहूँ प्रभावित/अमानक होने के कारण कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु जारी नीति, उपार्जन एजेंसी तथा उपार्जन समिति के मध्य हुए अनुबंध तथा समय-समय पर जारी निर्देशों में उपार्जन केन्द्र पर खरीदी गई फसल को सुरक्षित रखने हेतु उपार्जन केन्द्र पर तिरपाल, कवर, अग्निशमन यंत्र एवं रेत की बाल्टियां रखे जाने का प्रावधान किया गया है। कृषि उपज मण्डी, विदिशा के नवीन मण्डी प्रांगण मिर्जापुर में अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों हेतु भू-खण्ड आवंटन नियम, 2009 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत 4 बार नीलामी का आयोजन किया गया, किन्तु व्यापारियों द्वारा नीलामी में भाग नहीं लेने से भू-खण्ड आवंटित नहीं हो सके हैं। वर्तमान में नवीन मण्डी प्रांगण में सम्पूर्ण कृषि उपज का नीलामी कार्य एवं उपज का आंशिक तौल कार्य किया जा रहा है।
खाद घोटाले में ट्रांसपोर्टर पर FIR दर्ज की जाना
[सहकारिता]
5. ( *क्र. 24 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 02 दिसंबर, 2020 को मंदसौर नीमच जिलों में ट्रांसपोर्टर व्यवसाई द्वारा गेहूँ उपार्जन तथा खाद को सोसाइटी तक पहुंचाने में हेराफेरी का प्रकरण विभाग के प्रकाश में आया है? इसमें क्या अनियमितता हुई है? (ख) क्या सोसाइटियों को ठेकेदार द्वारा खाद परिवहन जो की RO के माध्यम से जिला विपणन विभाग से जारी हुआ बताकर स्टेट वेयर हाऊसिंग मंदसौर से खाद सोसाइटियों तक पहुँचाना था, वह पहुंचा ही नहीं, जिससे ट्रांसपोर्टर द्वारा 3 करोड़ 50 लाख का घोटाला प्रकाश में आया? क्या ठेकेदार के पिता वेयर हॉउस में चौकीदार पद पर कार्यरत हैं, जिससे दोनों की मिलीभगत से खाद की चोरी हुई? यदि हाँ, तो इतने बड़े घोटाले में पुलिस F.I.R. क्यों दर्ज नहीं कराई गयी और कार्यवाही के नाम पर मात्र कुछ सोसाइटियों के प्रबंधकों को निलंबित कर खानापूर्ति की गयी? (ग) क्या घोटाला मीडिया में उजागर होने के पश्चात परिवहन ठेकेदार ने शपथ पत्र दिनांक 07 दिसंबर, 2020 को देते हुए लिखा कि घोटाले की 3 करोड़ 50 लाख की राशि मेरे परिवहन के बिलों के भुगतान में समायोजित कर ली जाये? क्या यह शपथ पत्र विधि सम्मत है? यदि नहीं, तो ठेकेदार के खिलाफ FIR कब तक दर्ज करा दी जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) मंदसौर एवं नीमच जिले में परिवहनकर्ता द्वारा खाद को सोसायटी तक पहुंचाने में हेराफेरी का प्रकरण प्रकाश में आया है एवं गेहूँ उपार्जन की कोई हेरा-फेरी प्रकाश में नहीं आई है। विपणन संघ द्वारा म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग एण्ड लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन पिपल्या मण्डी में भंडारित किये गये उर्वरक की अफरा-तफरी वेयर हाउस के कर्मचारी श्री ठाकुर प्रसाद तिवारी एवं परिवहनकर्ता श्री कमल तिवारी द्वारा समितियों में उर्वरक के आर.ओ. का दुरूपयोग कर की गई है। (ख) जी हाँ, सोसायटियों के लिये बैंक द्वारा जारी आर.ओ. एवं चेक की प्रति विपणन संघ के द्वारा म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन पिपल्या मण्डी के गोदाम में भण्डारित स्कंध सोसायटियों को प्रदाय नहीं करते हुए ट्रांसपोर्टर द्वारा गोदाम के चौकीदार से मिलकर अनुमानित राशि रू. 4,63,79,443/- (अनुदान सहित) की हेरा-फेरी किया जाना पाया गया है। जी हाँ, विपणन संघ द्वारा प्रकरण में विधिक अभिमत प्राप्त किया जा रहा है, प्राप्त विधिक अभिमत अनुसार विपणन संघ के स्तर से कार्रवाई की जावेगी। प्रकरण में उप आयुक्त सहकारिता द्वारा कराई गई जाँच प्रतिवेदन के अनुक्रम में दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी एवं अन्य कार्रवाई हेतु विपणन संघ को पत्र दिनांक 15.02.2021 प्रेषित किया गया है। (ग) जी हाँ, परिवहनकर्ता द्वारा खाद की गबन की राशि का समायोजन उपार्जन के परिवहन देयकों से करने हेतु शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। शपथ पत्र नोटरी के समक्ष शपथ लेकर प्रस्तुत किया गया है, शपथ पत्र के परिप्रेक्ष्य में विपणन संघ द्वारा राशि रू. 3,32,52,285.17 का समायोजन आज दिनांक तक कर लिया गया है, विपणन संघ द्वारा शेष वसूली योग्य राशि प्राप्ति हेतु विधिक अभिमत उपरांत विधिक कार्रवाई की जावेगी। प्रकरण में उप आयुक्त सहकारिता द्वारा कराई गई जाँच प्रतिवेदन के अनुक्रम में दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी एवं अन्य कार्रवाई हेतु विपणन संघ को लिखा गया है।
हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-2 का कार्य प्रारंभ किया जाना
[जल संसाधन]
6. ( *क्र. 1230 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-2 का बंद कार्य पुन: चालू कराने एवं पराई नदी पर परेवा बांध बनाये जाने बाबत् विधानसभा में तारांकित/अतारांकित प्रश्न किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जामिनी नदी पर हरपुरा सिंचाई परियोजना बनाने के पूर्व क्या उत्तर प्रदेश की सीमा पर भैराट बांध बनाया जा रहा था? अगर हाँ तो उस समय पानी की साध्यता फिर क्यों दी गई थी और बाद में फेस-2 के कार्य हेतु क्यों साध्यता निरस्त कर दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जब फेस-1 का काम पूरा कराया गया तो विभाग को बम्हौरी बराना तालाब में भी फेस-2 का नहर द्वारा पानी भरने का कार्य भी पूरा किया जाना चाहिये था? ऐसा क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि फेस-2 हेतु जो साध्यता निरस्त कर दी गई है, उसकी पुन: गणना करवाकर साध्यता दी जावेगी तो कब तक? विभाग ऐसा आदेश जारी करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? प्रश्न दिनांक तक पराई नदी पर परेवा बांध बनाये जाने एवं उसकी वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति शासन से प्राप्त कराने हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली है? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि कब तक परेवा बांध के टेण्डर हो जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, तत्समय उत्तर प्रदेश द्वारा बांध बनाने संबंधी प्रक्रिया प्रचलन में नहीं थी। वर्तमान में जामनी नदी पर भैराट बांध निर्माणाधीन होना प्रतिवेदित है। (ग) फेस-1 में हरपुरा नहर की अधिकतम क्षमता 7 क्यूमेक पानी चलाने की रूपांकित होकर नहर का निर्माण कराया गया है। जामनी नदी पर उत्तरप्रदेश द्वारा भैराट बांध के निर्माण किए जाने सेहरपुरा नहर में पानी की उपलब्धता केवल 10 तालाबों को ही भरने की रह गई है। अत: अतिरिक्त तालाबों को भरने हेतु पानी की उपलब्धता न होने से हरपुरा विस्तार नहर फेस-2 तकनीकी रूप से असाध्य हो गई। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-2 तकनीकी रूप से असाध्य होने से वर्तमान में पुनः गणना करके योजना बनाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। पराई नदी पर परेवा बांध का डी.पी.आर. तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. मैदानी स्तर पर परीक्षणाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
बाणसागर एवं गुलाबसागर की नहरों के कार्यों की जांच
[जल संसाधन]
7. ( *क्र. 1247 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में चुरहट विधान सभा के अंतर्गत गुलाब सागर बांध की मुख्य नहर एवं माइनर के काम में भारी अनियमितता हुई है, जिस कारण जगह-जगह सीपेज एवं नहरों के फूट जाने की समस्या बनी रहती है? अब तक इस हेतु क्या कार्यवाही की गयी है? यदि जाँच हुई है तो उसकी रिपोर्ट देवें? यदि नहीं, तो कब तक गुलाब सागर के घटिया कार्यों की जाँच हो जायेगी? (ख) अब तक गुलाब सागर परियोजना में नहरों हेतु कितनी धनराशि खर्च की गयी है? किन-किन संविदाकारों ने नहरों के काम किए हैं? इनकी ऑडिट रिपोर्ट क्या है? पृथक-पृथक संविदाकार, नहरों पर खर्च हुयी धनराशि की वर्षवार जानकारी देवें। (ग) बाणसागर बांध से चुरहट क्षेत्र के वंचित गांवों में सिंचाई हेतु लिफ्ट एरीगेशन की क्या योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सीधी जिले में चुरहट विधानसभा के अंतर्गत गुलाब सागर बांध की मुख्य एवं माइनर नहरों के काम में कोई अनियमितता नहीं हुई है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण निर्धारित मापदण्डों के अनुसार संपादित कराया गया है। मुख्य नहर एवं माइनर नहरों में सीपेज एवं नहर फूटने की समस्या नहीं है। अत: किसी कार्यवाही एवं जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) गुलाब सागर परियोजना के नहरों के निर्माण में रू. 214.88 करोड़ व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। संविदाकार एवं कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्यों का विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया है। किसी भी अधिकारी द्वारा कोई प्रतिकूल टीप नहीं दिया जाना प्रतिवेदित है। (ग) लिफ्ट इरीगेशन की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत रेत खदानें
[खनिज साधन]
8. ( *क्र. 1272 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नर्मदा नदी की रेत खदानें किस-किस को कब-कब, कितने-कितने क्षेत्रफल की स्वीकृत की गई हैं? (ख) क्या नर्मदा नदी की स्वीकृत रेत खदान क्षेत्र से बाहर जाकर रेत माफिया द्वारा अवैध उत्खनन किया जाकर सैकड़ों डंपर रेत निकाली जा रही है, जिसमें पुलिस एवं खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत रहती है? इतना नहीं नर्मदा तट के खेतों में से भी अवैध रूप से रेत मशीनों के माध्यम से निकाली जा रही है तथा बड़े गड्ढे किये जाने से किसान खेती करने से वंचित हो गये हैं? यदि नहीं, तो क्या इन तथ्यों की प्रश्नकर्ता के समक्ष उच्च कमेटी बनाकर जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा एवं स्थानीय नागरिकों द्वारा जिला कलेक्टर धार तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं खनिज अधिकारी को माह नवम्बर-दिसम्बर 2020 में शिकायतें की थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या स्वीकृत खदानों का सीमांकन कराकर उन्हें चिन्हित करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नर्मदा नदी में स्वीकृत रेत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। ये खदानें श्री वीरेन्द्र सिँह जादौन ई-7/एम 708, अरेरा कॉलोनी, भोपाल म.प्र. को दिनाँक 30.06.2023 तक आवंटित की गई हैं। (ख) यह कहना सही नहीं है कि नर्मदा नदी की स्वीकृत रेत खदान क्षेत्र से बाहर जाकर रेत माफिया द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है, जिले में रेत माफिया जैसी कोई स्थिति नहीं है। यह कहना भी निराधार है कि पुलिस एवं खनिज विभाग के अधिकारी की मिली भगत रहती है, जिले में ऐसी स्थिति भी नहीं है। यह कहना भी गलत तथा निराधार है कि नर्मदा तट के खेतों में से अवैध रूप से रेत मशीनों के माध्यम से निकाली जा रही तथा यह कहना निराधार है कि बड़े-बड़े गड्ढे किये जाने से किसान खेती करने से वंचित हो गये हैं, अतः ऊपर वर्णित स्थिति नहीं होने से प्रश्नकर्ता के समक्ष उच्च कमेटी बनाकर जाँच कराने का कोई औचित्य नहीं है। (ग) उपरोक्त संबंध में प्रश्नकर्ता एवं अन्य स्थानीय नागरिकों द्वारा जिला कलेक्टर धार, तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं खनि अधिकारी को माह नवम्बर-दिसम्बर 2020 में शिकायत नहीं की गई थी। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) खदान की खनन योजना बनाने के पूर्व खदानों का सीमांकन तथा चिन्हांकन करके ही खदान नियमानुसार स्वीकृत की जाती है।
धरमपुरा जलाशय का निर्माण
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 480 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व रीठी तहसील अंतर्गत धरमपुरा जलाशय के निर्माण हेतु डूब क्षेत्र की भूमि अधिग्रहीत कर निविदा आमंत्रित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस जलाशय का निर्माण प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं एवं इस जलाशय के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? (ग) क्या उल्लेखित धरमपुरा जलाशय का आकार छोटा कर कम लागत से एक लघु जलाशय का निर्माण किया जा सकता है? यदि हाँ, तो इसके निर्माण में कुल कितनी लागत अधिग्रहीत डूब क्षेत्र की भूमि की लागत छोड़कर आयेगी? नवीन प्राक्कलन की छायाप्रति देवें। (घ) क्या शासन नवीन प्राक्कलन अनुसार धरमपुरा जलाशय का निर्माण करायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जलग्रहण क्षेत्र में कमी होने के कारण जलाशय का निर्माण प्रारंभ नहीं होना प्रतिवेदित है। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.02.2013 को रू. 646.80 लाख की 301 हेक्टर हेतु प्रदान की गई। (ग) जलग्रहण क्षेत्र में कमी होने के कारण विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत जलाशय के निर्माण के संबंध में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। प्रस्ताव मैदानी कार्यालय में परीक्षणाधीन होने के कारण परियोजना की जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत शासकीय तालाबों का निजीकरण
[राजस्व]
10. ( *क्र. 833 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के शासकीय तालाबों का निजीकरण किया जा रहा है? (ख) क्या बिझुआ, जैतना, कालाडूमर, अमखेरा, झिरमिली, पुरैना तालाब पूर्व में शासकीय मद में थे? (ग) यदि हाँ, तो वर्तमान स्थिति में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित तालाब निजी व्यक्तियों के नाम पर कैसे दर्ज हो गये? (घ) क्या इन तालाबों का रिकॉर्ड दुरूस्त कर कब्जा मुक्त कराया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं।
नगर निगम सतना अंतर्गत शास. जमीनों को निजी भूमि में दर्ज किया जाना
[राजस्व]
11. ( *क्र. 963 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 1958-59 के अभिलेखों में सतना वर्तमान नगर पालिक निगम एवं रैगांव विधानसभा क्षेत्र के किन-किन पटवारी हल्कों में कितनी-कितनी जमीनें/भूखण्ड/रकबा म.प्र. शासन दर्ज था और प्रश्न दिनांक तक किन-किन पटवारी हल्कों में कितनी-कितनी जमीनें/भूखण्ड/रकबा म.प्र. शासन के नाम दर्ज है, जिन पर अतिक्रमण/अनाधिकृत कब्जा आदि है? पटवारी हल्कावार, तहसीलवार ऐसी आराजियों की पूर्ण जानकारी देवें, शासकीय/म.प्र. शासन के नाम दर्ज जमीनें/भूखण्ड/रकबा को निजी करने के नियम/आदेश की प्रति देवें। (ख) सन् 1958-59 में शासकीय/म.प्र. शासन के नाम दर्ज भूमि किस आधार पर निजी भूमि में परिवर्तित की गई, किसके आदेश से की गई, वैधानिक/अवैधानिक परिवर्तन की जानकारी देवें। (ग) क्या नगर निगम सीमा सतना में म.प्र. शासन/शासकीय नाम से दर्ज भूखण्डों को निजी भूमि में दर्ज कर छोटे-छोटे भूखण्ड कर उनकी बिक्री आदि की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के लिये उत्तरदायी कौन है? उनके खिलाफ क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? क्या एफ.आई.आर. कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण बतावें। वर्तमान में जो जमीनें/भूखण्ड/रकबा म.प्र. शासन/शासकीय दर्ज है एवं उन पर अनाधिकृत कब्जा है, उनके कब्जे कब तक हटाये जावेंगे तथा जो निजी की गई हैं, उन्हें पुन: कब तक म.प्र. शासन/शासकीय दर्ज किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सन् 1958-59 में शासकीय/म.प्र. शासन के नाम दर्ज भूमि विभिन्न आधार पर निजी भूमि में परिवर्तित की गई है, जैसे कि पट्टा पर वितरण, कृषि कार्य हेतु बंटन, माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के आदेश, व्यवहार न्यायालय द्वारा सिविल वाद में आदेश, नजूल भूमि का बंटन, औद्योगिक लीज़, नगरीय क्षेत्र में पट्टाधृति अधिनियम अंतर्गत एवं मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, आर.बी.सी. के विभिन्न प्रावधान अंतर्गत, वर्तमान में भी नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि के धारकों के धारणाधिकार के संबंध में जारी परिपत्र अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। (ग) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता में छोटे-छोटे भूखण्ड की परिभाषा स्पष्ट नहीं होने के कारण जानकारी देना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की कार्यवाही शासकीय नियम, उपनियम एवं अधिनियमों के अंतर्गत एवं न्यायालयीन आदेशों अनुसार किये जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनियमितता पायी जाने पर प्रकरण का परीक्षण कर कार्यवाही की जाती है। अनाधिकृत कब्जे के विरुद्ध धारा 248 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर गुण-दोष के आधार पर निरंतर कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मत्स्य पालन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
12. ( *क्र. 1000 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अपरवेदा डेम, नवलपुरा तालाब एवं उटखेड़ा तालाब अन्तर्गत मछली पालन कौन कर रहा है? क्या इनकी मत्स्य विभाग में समिति बनाकर पट्टे प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो यह पट्टे कब जारी किये गये हैं तथा इसकी क्या समयावधि है? मत्स्य पालन हेतु पट्टे किसे प्रदाय किया जाना है? इसके क्या नियम हैं? (ख) शासन द्वारा निर्धारित नियमावली की प्रतिलिपि प्रदाय करें। क्या मत्स्य पालन हेतु निर्मित समीतियों में डूब प्रभावित परिवार के अधिकतम सदस्य होना अनिवार्य है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नवलपुरा उटखेड़ा एवं अपरवेदा डेम की वर्तमान पट्टे प्राप्त समितियों में सभी सदस्य डूब प्रभावित हैं? यदि हाँ, तो कितने सदस्य हैं? तीनों तालाबों की समितियों में डूब प्रभावित सदस्यों के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें, नहीं तो उन्हें पट्टा किस आधार पर जारी किया गया है? (घ) क्या उपरोक्त वर्णित तीनों तालाबों में अवैध समितियां बनाकर मछली पालन करने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) क्या डूब प्रभावित व्यक्तियों की अन्य समितियों ने मछली पालन पट्टे हेतु मांग की है? यदि हाँ, तो वह समितियां कौन-कौन सी हैं तथा कौन से तालाब के लिये हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित तालाब को पट्टे पर दिये जाने, इनकी समयावधि तथा नियम संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मध्य प्रदेश मत्स्य पालन की नीति एवं त्रि-स्तरीय पंचायतों को मत्स्योद्योग के अधिकार/कार्यक्रम 2008 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नीति में पंजीकृत समितियों में डूब प्रभावित सदस्यों को प्राथमिकता दी गई है। (ग) तीनों तालाबों के पट्टे धारक समितियों में सभी सदस्य डूब प्रभावित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) एवं (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोहद विधानसभा क्षेत्र में संचालित अवैध क्रेशर
[खनिज साधन]
13. ( *क्र. 1283 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के गोहद विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां पर कौन-कौन सी खदानें, किस-किस के नाम पर स्वीकृत हैं, खदान क्रेशर संचालक के नाम सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या क्रेशर संचालन हेतु विधिवत खनिज विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति/सम्मति प्राप्त की है? यदि हाँ, तो कब-कब, अनुमति/सम्मति की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या गोहद क्षेत्र में अवैध रूप से क्रेशर संचालित किए जा रहे हैं, जिससे शासन को रॉयल्टी की क्षति एवं प्रदूषण फैलाए जाने की जाँच विगत 05 (पांच) वर्षों में कब-कब किस अधिकारी से कराई गई एवं अवैध रूप से संचालित क्रेशर के संचालकों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन द्वारा अवैध रूप से संचालित क्रेशरों को बंद किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में पत्थर से गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनन पट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। उक्त के अलावा प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य गौण खनिज साधारण मिट्टी के स्वीकृत उत्खनन पट्टा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में क्रेशर संचालन की अनुमति नहीं दी जाती है। अपितु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में उल्लेखित पत्थर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के उत्खनन पट्टे मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के तहत स्वीकृत किए गए हैं। जहाँ तक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में उल्लेखित क्रेशर संचालकों का प्रश्न है, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में अवैध रूप से क्रेशर संचालित नहीं हैं। क्रेशर संचालकों द्वारा सम्मति प्राप्त की गई है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड द्वारा जारी सम्मति की प्रमाणित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड ग्वालियर से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में अवैध रूप से क्रेशर संचालित नहीं है। कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा में उपलब्ध अभिलेख अनुसार शासन को रॉयल्टी की क्षति नहीं हो रही है। विभाग द्वारा लगातार खदानों एवं क्रशरों की जाँच हेतु अभियान चलाया जाता है। ग्राम पिपरसाना में अवैध रूप से बिना किसी अनुमति के क्रेशर स्थापित कर कार्य प्रारंभ करने के कारण मेसर्स श्रीजी इन्फ्राटेक पार्टनर श्री प्रतीक खण्डेलवाल के विरूद्ध पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार कार्यवाही भी की गई है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड द्वारा करायी गई प्रदूषण जाँच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। इस रिपोर्ट में इन क्षेत्रों में परिवेक्षीय वायु गुणवत्ता मानक सीमा में होना मिली है। शेष के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.एन.जी. से संचालित ऑटो एवं मैजिक वाहन से प्रदूषण
[परिवहन]
14. ( *क्र. 1036 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एन.जी. से संचालित ऑटो एवं मैजिक वाहन प्रदूषण मुक्त होते हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित ऑटो एवं मैजिक वाहन प्रदूषित धुआं छोड़ते हैं, जिससे प्रदूषण अधिक मात्रा में होता है? सी.एन.जी. संचालित ऑटो एवं मैजिक वाहन जहरीला धुआं क्यों और कैसे छोड़ते हैं? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत एजेन्सी द्वारा सी.एन.जी. से संचालित ऑटो एवं मैजिक वाहन की नियमित जाँच की जाती है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है तथा नियमित जाँच नहीं करने पर इन पर क्या कार्यवाही की जाती है या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पूर्णतः प्रदूषण मुक्त नहीं होते हैं। सी.एन.जी. से संचालित ऑटो एवं मैजिक वाहनों को केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 115-ख के अनुसार उत्सर्जन मानकों का पालन करना होता है। वाहनों में किसी तकनीकी खराबी के कारण वाहन उक्त मानकों का पालन नहीं कर पाने की दशा में अधिक मात्रा में प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं। उत्सर्जन मानक नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सी.एन.जी. से संचालित ऑटो एवं मैजिक वाहनों को नियमानुसार समयावधि में परिवहन विभाग द्वारा प्राधिकृत प्रदूषण जाँच केन्द्रों से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है। परिवहन विभाग तथा पुलिस विभाग की यातायात शाखा द्वारा समय-समय पर वाहनों में उक्त प्रदूषण प्रमाण पत्रों की जाँच की जाती है तथा नियम विरूद्ध पाये जाने पर उनके विरूद्ध चालानी कार्यवाही की जाती है।
शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण हेतु पट्टा वितरण
[राजस्व]
15. ( *क्र. 1176 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिला अंतर्गत तहसील मझौली के पटवारी हल्का नं. 25, टिकरी के हाल खसरा क्र. 1142, 1243, 1142, 1143, 1144, 814, 1814, 1815, 1816 एवं 1817 कुल रकबा 4.477 हेक्टेयर भूमि को वृक्षारोपण हेतु वर्ष 1997-98 में शासकीय पट्टेदार के रूप में श्री आनंद बहादुर सिंह, पिता श्री रन्नूसिंह चौहान ग्राम चौहानन टोला को आवंटित किया गया था? क्या उक्त भूमि पर वृक्षारोपण का कार्य किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त भूमि वर्ष 1958-59 एवं 1959-60 में म.प्र. शासन की थी? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। यदि उक्त आराजी की भूमि को वृक्षारोपण हेतु शासकीय पट्टा दिया गया था तो भू-स्वामी कैसे और कब घोषित किया गया? क्या शासकीय भूमि को भूमि स्वामी घोषित किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या म.प्र. शासन की भूमि को वृक्षारोपण हेतु आरक्षित एवं आवंटित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आराजी की भूमि पर होटल, ढाबा, बारात घर, पेट्रोल पम्प एवं ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कैसे कराया गया है? क्या यह अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाने के संबंध में अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 15.12.2020 को कलेक्टर सीधी को पत्र लेख कर उच्च स्तरीय जाँच कराकर निर्माण कार्य रोके जाने एवं अतिक्रमण मुक्त कराये जाने हेतु लेख किया गया था? तत्संबंध में आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की पूर्ण जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताएं, कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 1997-98 के अधिकार अभिलेख अनुसार आराजी खसरा 1813, 1814, 1815 के भूमि स्वामी केमला पिता त्रिभुवन लोहार एवं 1243 में रामजियावन पिता महाबीर लोहार भूमिस्वामी एवं 814 में केमल सिंह पिता ललई सिंह गोड एवं 181 में मु. मन्तोरिया बेबा किनका वगैरह के नाम भूमिस्वामी स्वत्व दर्ज है तथा आराजी नम्बर 1142, 1143, 1816, 1817 वर्ष 1997-98 में आनंदबहादुर पिता रन्नू सिंह चौहान शासकीय पट्टेदार वृक्षारोपण हेतु दर्ज अभिलेख है। आराजी नम्बर 1144, वर्ष 1997-98 के अधिकार अभिलेख में मु. छोहरिया पति परमसुख बानी सा. देह शासकीय पटृटेदार के रूप में दर्ज है, आवंटन संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ख) वर्ष 1956-57 से 60-61 के खसरा अनुसार उक्त भूमि म.प्र. शासन की भूमि नहीं थीं, शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता है। (ग) वर्ष 1997-98 के खसरा के नकल के अनुसार आराजी क्रमांक 507, 508, 511/532/2, 534/2 में आनन्द बहादुर सिंह तनय रन्नू सिंह चौहान साकिम देह वृक्षारोपण हेतु बिना लगानी दर्ज है एवं अधिकार अभिलेख वर्ष 1997-98 में खाता क्रमांक 6 पर आराजी क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 पर आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चौहान साकिन देह शासकीय पट्टेदार (वृक्षारोपण हेतु) दर्ज है, आरक्षित एवं आवंटन संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं है। वर्ष 2008 में न्यायालय नायब तहसीलदार उप तहसील मडवास के राजस्व प्रकरण क्रमांक 24/अ-6/2007-08, दिनांक 13.08.2008 द्वारा उक्त शासकीय पट्टेदार प्रविष्टि को विलोपित किया जाकर भूमि स्वामी के रूप में दर्ज किया गया। इसके पश्चात भूमि का व्यपवर्तन प्रकरण क्रमांक 32/अ-2/2011-12, दिनांक 24.10.2011 एवं प्रकरण क्रमांक 73/अ-2/2012-13, दिनांक 13.01.2013 द्वारा किया गया। वर्तमान अभिलेख अनुसार कॉलम नम्बर 3 में भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज है। इस कारण अतिक्रमण की श्रेणी में प्रथम दृष्ट्या नहीं माना जा सकता है। इसी के बाद ढाबा, पेट्रोल पम्प का निर्माण कार्य कराया गया। पेट्रोल पम्प स्थापित करने की अनुमति न्यायालय कलेक्टर द्वारा जारी की गई है। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 15.12.2020 को प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में शिकायत की गयी थी, जिस पर उपखण्ड अधिकारी से जाँच प्रतिवेदन मंगाया गया है। जाँच प्रतिवेदन में मुख्यतया अभिलेखों में फर्जी प्रविष्टि कराकर भूमिस्वामी स्वत्व दर्ज कराये जाने का उल्लेख किया गया है। जिसकी वृहद जाँच एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रकरण न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। जाँच उपरांत विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला सिंगरौली में उपभोक्ता फोरम न्यायालय की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( *क्र. 671 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली में उपभोक्ता फोरम खोले जाने की क्या योजना है? कई वर्ष पूर्व अर्थात 2008 से सिंगरौली को जिला बनाया गया है? (ख) सिंगरौली के उपभोक्ताओं को सुलभ न्याय मिले इसके लिये क्या शासन व विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में उपरोक्त फोरम खोला जायेगा? यदि नहीं, तो कब तक खोला जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला सिंगरौली में उपभोक्ता फोरम खोले जाने की कार्यवाही विचाराधीन है। (ख) कार्यवाही विचाराधीन है।
जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी अनुभाग में राजस्व अधिकारी की पदस्थापना
[राजस्व]
17. ( *क्र. 1287 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाली जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की पदस्थापना स्थानीय जिला प्रशासन के द्वारा प्रशासनिक कार्यों के अनुसार की जाती है, किंतु शहपुरा भिटौनी अनुभाग के लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का पद स्वीकृत नहीं है, तो बताया जावे कि शासन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शहपुरा भिटौनी के पद की स्वीकृति क्यों नहीं कर रहा है? (ख) क्या उक्त प्रस्ताव शासन के पास लंबित है? यदि हाँ, तो वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए किये गये पत्राचार/नस्ती की प्रति उपलब्ध करायें एवं यह भी बतायें कि इसकी स्वीकृति कब तक दी जावेगी? (ग) क्या उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति दी जायेगी? यदि नहीं, तो पद स्वीकृत नहीं करने के कारणों सहित संपूर्ण जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शहपुरा भिटौनी अनुभाग सृजित व अधिसूचित नहीं होने से शहपुरा भिटौनी अनुभाग के लिये अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का पद स्वीकृत नहीं है। (ख) कलेक्टर जिला जबलपुर से प्राप्त नये अनुविभाग के गठन के प्रस्ताव दिनांक 19.09.2019 में वर्तमान तहसीलों की सीमाओं में भी परिवर्तन प्रस्तावित किया जाने से प्रस्ताव त्रुटिपूर्ण होने से प्रस्ताव चाहा गया था, जो अभी तक अपेक्षित है। पत्राचार/नस्ती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कलेक्टर जिला जबलपुर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर यथोचित निणर्य लिया जा सकेगा। पद स्वीकृत न होने की जानकारी उपरोक्त प्रश्नांश (क) अनुसार है।
जिला राजगढ़ अन्तर्गत अवैध रेत खदानों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
18. ( *क्र. 598 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की रेत खदान आवंटित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो, उक्त आवंटित रेत खदान में किस-किस विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी नदी की सर्वे नं. में कितनी-कितनी मात्रा का आंकलन कर नीलाम की गयी है? (ख) राजगढ़ जिले की रेत खदान किस एजेन्सी को प्रदान की गयी है एवं उसके अनुबंध अनुसार रेत खनन किस दिनांक से प्रारम्भ किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित खनन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस नदी के सर्वे नं. में से कितनी-कितनी मात्रा का खनन किया जा कर कितनी मात्रा की रॉयल्टी काटी गयी है? काटी गयी रॉयल्टी राशि के विवरण से अवगत करावें? (घ) एजेन्सी के द्वारा विभाग को अनुबंध के अनुसार कब-कब कितनी-कितनी राशि जमा करायी जाना थी, उसके विरूद्ध विभाग को वास्तविक रूप से कितनी-कितनी राशि जमा करायी गयी है? यदि निर्धारित लक्ष्य से कम राशि जमा करायी गयी है तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन जिले की रेत खदान का समूह मेसर्स गिरजा ट्रेडिंग कंपनी को ई-निविदा के माध्यम से प्रदान किया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) राशि के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। अनुबंध अनुसार बकाया किश्त राशि के संबंध में ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है तथा ई.टी.पी. को बंद किया गया है।
तहसील बाबई अंतर्गत प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सम्मान निधि का भुगतान
[राजस्व]
19. ( *क्र. 702 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत तहसील बाबई के ग्राम गूजरवाड़ा, जावली व ग्राम गोरा से एन.आई.सी. से ऑफलाईन सॉफ्टवेयर पर मजरे टोले से निर्मित नवीन राजस्व ग्राम क्रमश: सकतपुर, डूंडियाघाट, कीरपुरा बना दिये गये थे, किंतु ग्राम गूजरवाड़ा, जावली व गोरा के नक्शे वेबसाईट पर पूर्व के होने से गिरदावरी तथा अन्य राजस्व कार्यों का रिकॉर्ड अभी पोर्टल पर दर्ज क्यों नहीं हो पाया है? रिकॉर्ड कब तक संशोधित हो जायेगा? (ख) क्या उपरोक्त ग्रामों में पोर्टल पर रिकॉर्ड संशोधित न होने के कारण किसानों को प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सम्मान निधि का भुगतान नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो इन किसानों को भुगतान कब तक हो जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में जब तक रिकॉर्ड संशोधन नहीं हो जाता, तब तक किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि के लिये वैकल्पिक व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी, ताकि किसानों को नियमित लाभ मिल सके?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। उक्त ग्रामों के राजस्व अभिलेख पोर्टल पर उपलब्ध हैं जिन पर गिरदावरी एवं राजस्व रिकॉर्ड अद्यतन किया गया है। शेष ग्राम गुजरवाडा का रिकॉर्ड अद्यतन कार्य जारी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। किसानों का नाम पोर्टल पर होने से PM KISAN/CM KISAN योजना का लाभ पात्रता अनुसार दिया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधी योजना अन्तर्गत लाभ से वंचित कृषकों को लाभ दिलाने हेतु रिकॉर्ड का सुधार पोर्टल पर किया जा रहा है। पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसमें हितग्राही के दस्तावेजों के पूर्ण परीक्षण उपरांत ही नियमानुसार लाभ देने हेतु प्रावधान नियत किये गये हैं, जिसके पश्चात किसानों को नियमित लाभ मिल सकेगा।
जावरा नगर चौपाटी स्थित लीज़ भूमि
[राजस्व]
20. ( *क्र. 1048 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में जावरा नगर चौपाटी स्थित सर्वे नंबर 225 एवं 226 पर औद्योगिक कार्य किए जाने हेतु तत्कालीन जावरा स्टेट नवाब द्वारा अनुबंध कर अनुबंधित औद्योगिक कार्यों हेतु भूमि प्रदान की थी? (ख) साथ ही तत्कालीन समय में उक्त सर्वे नंबर की अनुबंधित लीज़ भूमियों पर अनुबंधकर्ता तथा फर्म इकाइयों द्वारा निजी रूप से स्वयं की धनराशि व विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेकर औद्योगिक मशीनरी विभागीय कार्यों हेतु कार्यालय, कर्मचारी हेतु आवास व गोडाउन इत्यादि का निर्माण कर संपूर्ण भूमि के परिसर को बाउंड्रीवॉल से कवर्ड करते हुए बताया गया था? (ग) यदि हाँ, तो किस नियम प्रक्रिया के साथ ही किस प्रकार की संवैधानिक नियमों को कानूनी रूप से तत्कालीन अनुबंधकर्ता/फर्म इकाई के बकायादार होने पर अनुबंधित लीज़ भूमि का विक्रय किस प्रकार, किस वर्ष में, किन नियम प्रक्रिया के माध्यम से किया गया? क्या यह नियमानुसार किया जा सकता है? (घ) उक्त आजादी के पूर्व की सर्वे नं. की भूमि का विक्रय पूर्णतः अवैध व नियम विरुद्ध हुआ तथा उक्त सर्वे नंबरों को न्यायालय द्वारा भी स्वामित्व विहीन पाकर किसी का भी स्वामित्व घोषित नहीं किया गया तो जनहित की मांग व आवश्यक जन कार्यों हेतु शासन/विभाग एक पक्षीय अधिग्रहण कर जन सुविधा प्रदान करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधानसभा
क्षेत्र
दिमनी में
पट्टे पर दी
गई भूमि
[राजस्व]
21. ( *क्र. 1234 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 20 वर्षों में कितनी भूमि के पट्टे स्वीकृत किये गये? पट्टे धारी का नाम, पट्टा स्वीकृत करने का वर्ष, कितनी भूमि का पट्टा दिया गया, भूमि सिंचित हैं अथवा असिंचित बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अन्तर्गत कितनी शहरी भूमि किस-किस प्रयोजन हेतु लीज़ पर दी गई। व्यवसाय हेतु लीज़ पर भूमि किस-किस व्यक्ति को, कितनी भूमि किस वर्ष में स्वीकृत की गई। (ग) मुरैना जिले में राजस्व अधिकारी/पटवारी आदि द्वारा नामांतरण बंटवारा, सीमांकन आदि प्रकरणों के निराकरण में संबंधित को परेशान किया जाता है, अवैध वसूली कर राजस्व कार्य किये जा रहे हैं। इस संबंध में सुधार हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला मुरैना में विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 20 वर्षों में 630.399 हेक्टेयर भूमि के पट्टे स्वीकृत किये गये। ग्रामवार एवं व्यक्तिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। आवेदक के द्वारा स्वयं या लोकसेवा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जाता है, जिसका निराकरण शासन निर्देशानुसार समय-सीमा में किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 1291 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव, सहकारिता ने माह नवम्बर 2020 के अंतिम सप्ताह में विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलायी थी, जिसमें अक्टूबर 2019 से 24 मार्च, 2020 तक अवधि में गृह निर्माण सहकारी समितियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का निराकरण करने हेतु निर्देशित किया था? (ख) यदि हाँ, तो इंदौर और भोपाल शहर में किस-किस गृह निर्माण सहकारी समितियों के विरूद्ध प्राप्त किन-किन शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) इंदौर और भोपाल में कितने-कितने पीड़ितों को भू-खण्ड प्लाट उलब्ध कराये गये हैं? (घ) क्या भोपाल शहर में सहकारिता विभाग के अधिकारियों की सहकारिता माफियाओं से मिलीभगत होने के कारण प्राप्त शिकायतों में प्रभावशाली कार्यवाही नहीं की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जाँच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित विशिष्ट अवधि की शिकायतों के संबंध में बैठक नहीं बुलाई गई। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) इन्दौर जिले में 767 पीड़ितों को भूखण्ड/प्लाट उपलब्ध कराये गये हैं, भोपाल जिले में कोई भी प्लाट उपलब्ध नहीं कराया गया है। (घ) भोपाल शहर में सहकारिता विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायतों की जाँच की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शा.मा. विद्यालय सीतापुर की भूमि में अतिक्रमण
[राजस्व]
23. ( *क्र. 457 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय माध्यमिक विद्यालय सीतापुर वि.ख. मऊगंज जिला रीवा का भवन किस भूमि में बना है? खसरा नम्बर पटवारी हल्का रकवा सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांक (क) में वर्णित स्कूल की भूमि में अवैध अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पत्र दिये गये? उस पर क्या कार्यवाही की गयी? पत्रों की प्रति एवं कार्यवाही विवरण देवें। (ग) प्रश्नांक (क) में वर्णित शासकीय स्कूल की भूमि का सीमांकन कराकर उसकी सीमा में किये गये अवैध अतिक्रमण को हटाये जाने के संबंध में कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक सीमांकन कराकर अवैध अतिक्रमण हटा दिया जायेगा? अवैध अतिक्रमण के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के तहसील मऊगंज अन्तर्गत ग्राम सीतापुर पटवारी हल्का सीतापुर की शासकीय भूमि खसरा नं. 238 रकवा 0.073 हे. के अंश भाग 0.050 हे. एवं खसरा नं. 245 रकवा 0.040 हे. के अंश भाग 0.008 हे. में शासकीय माध्यमिक विद्यालय सीतापुर विकासखण्ड मऊगंज जिला रीवा का भवन स्थित है। (ख) जी हाँ। प्रधानाध्यपक शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सीतापुर जिला रीवा म.प्र. द्वारा भूमि का सीमांकन एवं अवैध अतिक्रमण हटाने के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है प्राप्त पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट-क अनुसार है। उक्त पत्र पर कार्यवाही करते हुये दिनांक 06.02.2021 को सीमांकन किया गया। सीमांकन के दौरान पाया गया कि विद्यालय म.प्र. शासन के स्वत्व की भूमि 238 के अंश भाग 0.050 हे. एवं भूमि खसरा नं. 245 के अंश भाग 0.008 हे. पर कई वर्षों से स्थापित है। आराजी क्रमांक 238 के अंश भाग 0.008 हे. नूर मोहम्मद पिता गफारवक्श व 0.015 हे. में कमलेश पिता रामविलाश गुप्ता एवं भूमि खसरा नं. 245 के अंश रकवा 0.016 हे. में सावरे अयूब पिता मोहयद्दीन व 0.016 हे. में ताहिर मोहम्मद पिता नूर मोहम्मद द्वारा मकान निर्मित किये गये हैं। अतिक्रामकों को नोटिस जारी कर म.प्र. भू.राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। प्रकरण क्रमांक निम्न हैं :- रू. 0041/अ.68/2020.2021, 0042/अ.68/2020.2021, 0043/अ.68/ 2020.2021, 0044/अ68/2020.2021। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय भूमि नं. 238, 245 का सीमांकन किया गया। सीमांकन के दौरान पाये गये अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प्र. भू.राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अन्तर्गत प्रकरण न्यायालय नायब तहसीलदार वृत सीतापुर में विचाराधीन है। विधि अनुसार कार्यवाही पूर्ण कर अतिक्रमण हटाया जा सकेगा।
रीवा जिलांतर्गत पटवारी द्वारा जमीन नपती में की जा रही अनियमितता
[राजस्व]
24. ( *क्र. 732 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के ग्राम सगरा, तहसील-हुजूर, वार्ड-16 में शासकीय स्कूल के समीप स्थित शासकीय भूमि एवं उस पर स्थित शासकीय हैण्डपंप के आसपास की भूमि पर अतिक्रमण करके खेत एवं पत्थर की मेड़े बनायी जाकर वर्षों से बने पुराने पहुँच मार्ग और किसानों का रास्ता अवरूद्ध किया गया है तथा बुजुर्ग महिला किसान के पेड़-पौधों को नुकसान पहुँचाकर अतिक्रमित किया जा रहा है? क्या इस प्रकार पहुँच मार्ग एवं किसानों का रास्ता अवरूद्ध किया जाना नियमानुकूल है? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण हटाकर पुन: रास्ता कब तक बहाल किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्नांकित क्षेत्र के प्रारूप-24 अतिक्रमणों के रजिस्टर की स्वच्छ प्रति दी जाए एवं अतिक्रामकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 640 की नपती पटवारी द्वारा विवादित रूप से करते हुए अतिक्रमणकारियों से मिलीभगत कर की जा रही है? क्या संबंधित पटवारी के द्वारा किये गये उक्त अवैधानिक कृत्य की जाँच की जाकर कार्रवाई की जायेगी? यदि नहीं, तो अतिक्रमणकारियों पर पटवारी द्वारा क्या कार्रवाई की गई? (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण किये जाने की सूचना प्रशासन को प्राप्त होने के उपरांत भी अतिक्रमण न हटाया जाना अथवा अतिक्रमण करने से न रोकने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या संबंधित की जिम्मेदारी सुनिश्चित कर उस पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या प्रश्नांकित क्षेत्र की शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 640 की नपती अधीक्षक, भू-अभिलेख या प्राधिकृत अधिकारी से कराई जाकर मुनारे गड़वाई जायेंगी तथा अवैध अतिक्रमण हटाया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर अन्तर्गत ग्राम सगरा के वार्ड क्रमांक 16 में प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सगरा के नाम शासकीय आराजी क्रमांक 640/1/2 रकवा 3.200 हे. आवंटित एवं अभिलेख में अंकित है। स्कूल को आवंटित शासकीय भूमि में स्थित हैण्डपम्प के आसपास अंश भाग 0.253 हे. भूमि में रामजी तिवारी पिता श्रीनिवास तिवारी द्वारा फसल बोकर एवं मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रामक के विरूद्ध भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अन्तर्गत प्रकरण न्यायालय तहसीलदार तहसील हुजूर में प्रचलित है। प्रश्नांकित मार्ग (रास्ता) भूमिस्वामी रामजी पिता श्रीनिवास तिवारी वगैरह की भूमि आराजी क्रमांक 664/8 के अंश भाग से व स्कूल की भूमि से होकर स्कूल भूमि पर स्थित पी.सी.सी. रोड तक पहुंचने हेतु अस्थाई रूप प्रचलित था। भूमिस्वामी द्वारा अपने भूमिस्वामी स्वत्व की भूमि पर फसल बो लिए जाने के कारण मार्ग (रास्ता) संकीर्ण हो गया है, किन्तु अवरूद्ध नहीं हुआ है। उक्त मार्ग (रास्ता) का उपयोग केवल दिलराज कुमारी पति सुरेश प्रसाद मिश्रा द्वारा किया जाता था। प्रश्नांकित पेड़ पौधें भूमिस्वामी रामजी तिवारी के भूमि आराजी क्रमांक 664/8 में स्थित है, बुजुर्ग महिला के पेड़ पौधें नुकसान किये जाने का प्रश्न ही नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्कूल के नाम आवंटित शासकीय भूमि से अतिक्रामक के विरूद्ध अतिक्रमण की न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर विधि अनुसार अतिक्रमण हटाया जावेगा। प्रश्नांकित शासकीय भूमि के बेजा कब्जा करने का (इन्क्रोचमेन्ट) रजिस्टर (च्.23) के संबंधित पृष्ठ की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सगरा के नाम आवंटित भूमि खसरा क्रमांक 640/1/2 रकवा 3.200 हे. की नपती (सीमा का निर्धारण) न्यायालय तहसीलदार तहसील हुजूर द्वारा गठित राजस्व निरीक्षक सहित राजस्व टीम द्वारा किया गया है। इसलिये पटवारी द्वारा अतिक्रमणकारियों से मिलीभगत किये जाने का प्रश्न ही नहीं है। गठित टीम द्वारा अभिलेख के आधार पर सही जाँच की गई है। अतिक्रामक रामजी पिता श्रीनिवास तिवारी के विरूद्ध हल्का पटवारी द्वारा अतिक्रमण की रिर्पोट न्यायालय तहसीलदार तहसील हुजूर को प्रस्तुत किया गया है, जो न्यायालयीन प्रक्रिया अन्तर्गत विचाराधीन है। (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र में अतिक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर तहसीलदार हुजूर द्वारा राजस्व निरीक्षक सहित टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा अतिक्रमण का चिन्हांकन किया गया। चिन्हांकन अनुसार पटवारी हल्का द्वारा अतिक्रामक के विरूद्ध अतिक्रमण रिपोर्ट तहसील न्यायालय में प्रस्तुत करने पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया, जो प्रचलित है। प्रकरण में न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर, अतिक्रामक के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) प्रश्नांकित क्षेत्र शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 640/1/2 रकवा 3.200 हे. शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सगरा की नपती (सीमा का निर्धारण) राजस्व निरीक्षक एवं गठित टीम द्वारा की जाकर देशी पत्थर स्थापित करा दिये गये हैं। अत: अधीक्षक भू-अभिलेख या प्राधिकृत अधिकारी से नपती कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। विधि अनुसार अतिक्रमण के संबंध में न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर अतिक्रमण हटाने के संबंध में विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
धार जिलांतर्गत खाद्यान्न पर्ची धारी हितग्राहियों को खाद्यान्न की पूर्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( *क्र. 811 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में धार जिले में खाद्यान्न पर्चीधारी कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न के अभाव में खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा है? विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बतावें। (ख) खाद्यान्न की कम मात्रा में आपूर्ति होने पर विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) पात्रता पर्ची अनुसार समस्त हितग्राहियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए शासन क्या कदम उठा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले में खाद्यान्न पर्चीधारी पात्र परिवारों में से उचित मूल्य दुकानों पर राशन हेतु पहुंचने वाले सभी पात्र परिवारों को उनकी पात्रतानुसार राशन सामग्री आवंटित की जा रही है। खाद्यान्न के अभाव में पर्चीधारी हितग्राहियों को खाद्यान्न नहीं मिलने की विधानसभावार जानकारी निरंक है। (ख) उचित मूल्य दुकानों का आवंटन पूर्व माहों में अवितरित मात्रा का समायोजन करके जारी किया जाता है। फिर भी जिलों से मांग प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत अतिरिक्त आवंटन जारी किया जाता है। (ग) जिन नवीन परिवारों की उचित मूल्य दुकानों से मैपिंग की जाती है, उन्हें आवंटन भी जारी किया जाता है। आवंटन जारी करने हेतु मैपिंग का डाटा एन.आई.सी. को भेजा जाता है, तदुपरांत आगामी माह हेतु जारी होने वाले अग्रिम आवंटन में आवंटन उपलब्ध कराया जाता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
गृह
निर्माण
सोसाटियों की
भूमियों को
नियम विरूद्ध
बेचा जाना
[सहकारिता]
1. ( क्र. 29 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के उपायुक्त सहकारिता कार्यालय अंतर्गत रजिस्टर्ड लक्ष्मण नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित एवं श्री राम गृह निर्माण सहकारी संस्थ मर्यादित, जय हिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था एवं राजस्व ग्राम कर्मचारी सहकारी संस्था मर्यादित की भूमियों का विक्रय एवं बड़े-बड़े भूखण्डों को प्रायवेट कंपनियों/व्यक्तियों को विक्रय करने उस पर निर्माण करने के जो प्रस्ताव इन सहकारी संस्थाओं की मीटिंग में पास (पारित) हुये उनकी एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? क्या विभाग इन प्रस्तावों को वैध मानता है या अवैध? (ख) इन सहकारी संस्थाओं की खजराना, छोटी खजरानी, निरंजनपुर, देव गुराडिया क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रों में स्थित भूमि पर बनाये जा रहे आवासीय प्रोजेक्टों (कालोनी) को खुले बाजार में विक्रय करने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्नतिथि तक की गई हैं? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें? (ग) इंदौर के उपायुक्त सहकारिता विभाग के द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित इन सहकारी संस्थाओं को 01/04/2018 से प्रश्नतिथि की कब-कब व क्या-क्या पत्र जारी किये? सभी की एक-एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? उक्त संस्थाओं ने उक्त समयानुसार क्या-क्या जवाब विभाग को दिये उन सभी की प्रकरणवार एक-एक प्रतिलिपि दें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) इन्दौर के उपायुक्त सहकारिता के कार्यालय में पंजीकृत लक्ष्मण नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर, श्री राम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इन्दौर, जयहिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था इन्दौर एवं राजस्व ग्राम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर की भूमियों का विक्रय एवं बड़े-बड़े भूखण्ड को प्रायवेट कंपनियों/व्यक्तियों को विक्रय करने की जांच/सत्यापन करने हेतु विभागीय अधिकारियो/कर्मचारियों को उपायुक्त सहकारिता जिला इन्दौर के आदेश क्रमांक/वि.स./2021/472 दिनांक 11.02.2021 से आदेशित किया गया है, प्रतिवेदन प्राप्त होने पर वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार जाँच आदेश का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी। (ग) उपायुक्त सहकारिता जिला इन्दौर से प्रश्नांश (क) में वर्णित सहकारी संस्थाओं को दिनांक 01-04-2018 से दिनांक 31-01-2021 तक जारी पत्रों की सूची एवं प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। उक्त संस्थाओं द्वारा दिये गये जवाबी पत्रों संबधी जानकारी उत्तरांश (क) में नियुक्त जाँच अधिकारियों के प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी।
कमेटी के गठन के चार वर्ष बाद भी जाँच पूर्ण न होने पर कार्यवाही
[राजस्व]
2. ( क्र. 30 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्रमांक 87 दिनांक 22/03/2016 को पत्र जारी कर वर्णित प्रकरणों की पतासाजी पूर्व बन्दोबस्ती एवं वर्ष 1959 की भूस्वामी शासकीय स्थिति के आधार पर कार्यवाही करते हुए जाँच हेतु जिले के समस्त अनुविभागों के संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष जाँच समिति गठित की गयी थी कमेटी गठित हुए चार वर्ष से अधिक हो गये उक्त चार वर्षों में पूरे जिले के तहसीलों में कितने एकड़ जमीन शासकीय घोषित की गई कितने प्रकरणों में संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराई गई है। प्रकरणवार, तहसीलवार बताये? अगर एफ.आई.आर. नहीं करायी गयी तो कब तक करा दी जायेगी तथा राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों जो शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने में शामिल रहे उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई उसे भी तहसीलवार बताये? (ख) तहसील रघुनाजनगर ने पत्र क्रमांक 112 दिनांक 04/04/2016 के जरिये नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों को उपरोक्त जाँच की जानकारी निर्धारित प्रपत्र पर प्रदाय करने के आदेश दिये थे? क्या मौजा मझबोगवा की आराजी नं. 11 रकबा 8.55 उक्त मौजा मझगवां की आराजी क्रमांक 39/2क, रकबा 0.0970, 40/2, रकबा 0.0360, 42/2 रकबा 0.2390 उक्त आराजी वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज थी वर्तमान में निजी स्वत्व में दर्ज है। क्या ग्राम बम्हनगवां पटवारी हल्का बरदाडीह की आराजी नं. 32 रकबा 3.22 एकड़ ग्राम सतना की आराजी नं. 138 रकबा 1.92 एकड़ पटवारी हल्का अमौधा की आराजी नं. 751 व वर्ष 1958-59 की खतौनी में चार बटांकों में था 751/1 मध्यप्रदेश शासन 39 एकड 91 डि. सन् 1992, 1993 के बीच 751/1 अ और 751/5/1 को शामिल नंबर बनाया गया उसी साल लाल स्याही से गोला लगाकर 35.72 एकड और 35.66 कर दिया गया है? क्या ग्राम लिलौरी/पतौड़ा की शासकीय आराजी 307 के 18 बटांक हो चुके है इसी तरह मौजा डिलोरा की आराजी नं. 775/1 रकबा 14-1 एकड़ उक्त आराजी सन् 1966-67 में कालम नं. 12 में महंत बद्रीदास फौत 30 धि. प्रबंधक चेला जगन्नाथ दास काबिज दर्ज दर्शित है उक्त आराजी के 94 बटांक हो गये है चेला महत मंदिर की आराजी है उसका क्रय विक्रय नहीं हो सकता हैं? हॉ/नहीं में जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, जिला सतना में 234.057 हेक्टेयर भूमि शासकीय दर्ज करायी गयी है. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। एफ.आई.आर. की जानकारी निरंक है, तत्कालीन पटवारियों की मृत्यु के कारण एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करायी गयी. (ख) जी हाँ. प्रश्नांश के तीनों उप-प्रश्नांशों की जानकारी हाँ/नहीं में से हाँ है।
राशन दुकानों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 50 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितनी राशन दुकानों का वितरण मशीनों के द्वारा किया जाता है। क्या कुछ राशन दुकानों का वितरण बिना मशीन के किया जाता है यदि हाँ, तो क्यों? हटा एवं पटेरा विकासखण्ड में किस-किस राशन दुकान पर कौन-कौन विक्रेता एवं सहायक विक्रेता पदस्थ हैं जानकारी नाम व पतावार दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) जिलान्तर्गत विगत वर्ष 2015 से आज दिनांक तक कितने विक्रेताओं एवं सहायक विक्रेताओं पर शिकायती आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई नाम व दुकानवार जानकारी सहित यह बताया जावे कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कितने प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है एवं प्रशासन द्वारा उन प्रकरणें के निराकरण हेतु क्या उपाय किये एवं शेष विक्रेताओं एवं सहायक विक्रेताओं जिन पर प्राथमिकी दर्ज है। क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला दमोह में संचालित समस्त 491 शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर लगाई गई पीओएस मशीन के माध्यम से पात्र परिवारों को राशन वितरण किया जाता है। वर्तमान में जिले की किसी भी उचित मूल्य दुकान से बगैर पीओएस मशीन के राशन का वितरण नहीं किया जा रहा है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विकासखण्ड हटा एवं पटेरा की शासकीय उचित मूल्य दुकानों में कार्यरत विक्रेता एवं सहायक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2015 से आज दिनांक तक शिकायत के आधार पर जाँच उपरांत अनियमितता पाए जाने पर अध्यक्ष/प्रबंधक/विक्रेता/सहायक पर दर्ज एफ.आई.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्राथमिकी दर्ज होने के उपरांत माननीय उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों की दुकानवार एवं विक्रेतावार जानकारी एवं की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष प्रकरण जिनमें प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
स्टापडेम निर्माण व नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
4. ( क्र. 53 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला दमोह में किसानों की सिंचाई के उद्देश्य से विकासखण्ड हटा में सुनार नदी पर अदनवारा स्टापडेम लागत-816 लाख, गैसावाद स्टापडेम लागत 1025 लाख एवं दादपुर स्टापडेम लागत-578 लाख की साध्यता प्राप्त स्टापडेमों की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित है। यदि हाँ, तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय कर दी जावेगी। (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र हटा के जलाशयों की नहरें खराब होने के कारण कई बार निवेदन उपरांत भी आज दिनांक तक सुधार कार्य क्यों नहीं हुआ? साथ ही पिपरिया जलाशय, खोवा जलाशय, विनती जलाशय, पवैया जलाशय आदि जलाशयों की नहरें क्षतिग्रस्त का सुधार कार्य कब तक कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाओं की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जलाशयों की नहरें क्षतिग्रस्त होने पर जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से वार्षिक मरम्मत कराने की व्यवस्था है। प्रश्नांश में उल्लेखित जलाशयों की नहरों का वार्षिक मरम्मत कार्य जल उपभोक्ता संथाओं को प्राप्त राशि से कराया जाकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
बीना संयुक्त सिंचाई परियोजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 89 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की बीना संयुक्त सिंचाई परियोजना में किन-किन कार्यों की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है? उक्त कार्यों की फरवरी 2021 की स्थिति में क्या स्थिति है? (ख) उक्त परियोजना का किसानों द्वारा विरोध क्यों किया जा रहा है कारण बतायें। किसानों की क्या-क्या मांग है? किसानों की मांगें शासन द्वारा क्यों नहीं मानी जा रही है इसमें क्या-क्या कठिनाईयाँ है? किसानों की प्रतिनिधियों से किन-किन अधिकारियों ने कब-कब बैठक कर चर्चा की? (ग) उक्त परियोजना में रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों तथा बेगमगंज शहर की कितनी-कितनी भूमि डूब में आयेगी किसानों को किस दर से मुआवजा राशि दी जायेगी? (घ) उक्त परियोजना से रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों की कितनी भूमि सिंचित होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कृषि भूमि एवं अन्य परिसम्पत्तियों के परियोजना में डूब से प्रभावित होने के कारण किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है। किसानों की मांग नियमानुसार नहीं होने के कारण उनकी मांग माना जाना संभव नहीं है। मांगों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं बैठक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) डूब प्रभावित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 एवं विशेष पुनर्वास पैकेज के अनुसार। (घ) प्रश्नाधीन परियोजना से रायसेन जिले के किसी भी ग्राम की भूमि सिंचित नहीं होगी।
संबल योजना के लंबित प्रकरण
[श्रम]
6. ( क्र. 90 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह एवं अन्तेष्टि सहायता तथा प्रसूति सहायता की राशि भुगतान के रायसेन जिले में किन-किन के प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित है? कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में पात्र हितग्राहियों का नवीन पंजीयन क्यों नहीं हो रहा है? इसं संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? पूर्ण विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रायसेन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के कुल 451 प्रकरण, अन्त्येष्टि सहायता के निरंक तथा प्रसूति सहायता के 39 प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पर्याप्त बजट प्राप्ति पर प्रकरणों में भुगतान संबधी कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत शासन द्वारा 01 अप्रैल 2018 से 15 मई 2018 तक अभियान के रूप में पंजीयन की कार्यवाही निर्देश क्रमांक 3068/एस.ओ.बी./बी-16/2018 दिनांक 17.03.2018 के अनुक्रम में की गई थी। तत्पश्चात सतत् पंजीयन हेतु कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृहद पार्वती परियोजना प्रोजेक्ट के कार्य
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 125 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सीहोर अन्तर्गत विभाग द्वारा जो वृहद पार्वती परियोजना प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है उसका कमाड एरिया कितना होगा तथा योजना में कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं? (ख) उक्त योजना हेतु शासन द्वारा कितने बजट का प्रावधान किया गया है तथा कितने चरणों में कार्य पूर्ण होगा? समय-सीमा बतावे। (ग) कार्य पूर्ण होने के उपरान्त कितनी जमीन सिंचित होगी और इसका लाभ किन-किन गांव को मिलेगा और विकासखण्ड सीहोर का कितना एरिया कवर होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पार्वती परियोजना का रूपांकित सैच्य क्षेत्र 48,000 हेक्टर है। परियोजना के अंतर्गत बांध एवं सूक्ष्मदाब नहर प्रणाली का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। (ख) पार्वती परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रू.1815.54 करोड़ की एवं वर्ष 2020-21 में रू. 365.35 करोड़ का आवंटन प्राप्त है। पार्वती परियोजना निर्माण कार्य 2 चरणों में किया जा रहा है। अनुबंध अनुसार बांध का निर्माण कार्य सितम्बर 2021 एवं नहर कार्य जुलाई 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) परियोजना से 48,000 हेक्टर कृषि योग्य भूमि सिंचित करना प्रस्तावित है। डी.पी.आर. अनुसार ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सीहोर विकासखण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
8. ( क्र. 126 ) श्री सुदेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें है एवं इनके कार्यक्षेत्र अन्तर्गत कितने ग्राम प्रत्येक सोसायटी अंतर्गत आते हैं? (ख) शासन के नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी आबादी पर दुकान संचालित किये जाने के शासन के निर्देश हैं, आदेश की प्रति उपलब्ध कराये? (ग) क्या वर्तमान में सीहोर विधानसभा क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या पर्याप्त है यदि नहीं, तो क्या दुकानों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है यदि, हाँ तो स्पष्ट करे और नहीं तो कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 45 उचित मूल्य दुकानें हैं। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के द्वारा 42 तथा स्व-सहायता समूहों के द्वारा 03 उचित मूल्य दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में तथा 20 उचित मूल्य दुकानें नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत संचालित हो रही हैं। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण उचित मूल्य दुकानों के कार्यक्षेत्र एवं नगरीय उचित मूल्य दुकानों के कार्यक्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कण्डिका क्रमांक 7 (2) के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान खोले जाने का प्रावधान है, किन्तु किसी ग्राम पंचायत में 800 से अधिक पात्र परिवार होने की स्थिति में वहां अतिरिक्त दुकान खोली जा सकती है, किन्तु उक्त नवीन दुकान खोली जाने पर दोनों दुकानों में 400 से कम हितग्राही नहीं होना चाहिए। नियंत्रण आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) वर्तमान में सीहोर विधानसभा क्षेत्र में 80 ग्राम पंचायतों में 45 उचित मूल्य दुकानें संचालित है। शेष 35 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकान आवंटन हेतु ऑनलाईन आवेदन पत्र मंगाए गए थे जिनमें से 20 ग्राम पंचायतों में पात्र आवेदन प्राप्त होने के फलस्वरूप अनुविभागीय अधिकारी सीहोर के कार्यालय में उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष 15 ग्राम पंचायतों में पोर्टल के माध्यम से पुन: ऑनलाईन आवेदन पत्र मंगाये जा रहे है।
बुरहानपुर जिले की सातोड सिंचाई योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 159 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिला के सातोड सिंचाई योजना का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में पूर्ण हुआ, प्रथम वर्षाकाल में बांध क्षतिग्रस्त हो गया एवं शासन का परियोजना पर 425.80 लाख व्यय हुआ? उक्त योजना से क्षेत्र के कितने किसानों को एवं कितने हेक्टेयर जमीन को लाभ मिल रहा है? अवगत करावें। (ख) उक्त परियोजना का मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य कब तक और किस योजना से किया जायेगा? (ग) उक्त घटिया निर्माण के लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों एवं कब तक कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रथम वर्षाकाल में बांध की स्पिल चैनल क्षतिग्रस्त होने के कारण 158 हेक्टर में सिंचाई की गई। वर्ष 2019-20 में मात्र 10 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई हुई, जिससे 07 कृषकों को सिंचाई लाभ प्राप्त होना प्रतिवेदित है। (ख) परियोजना का मरम्मत कार्य योजना मद में ही किया जाएगा। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर के ग्राम खजराना की अतिशेष भूमि का न्यायालयीन प्रकरण
[राजस्व]
10. ( क्र. 176 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर की ग्राम खजराना की सर्वे क्रमांक 543/2 की भूमि शासन की अतिशेष भूमि है? क्या यह सही है कि उस पर भू-माफिया द्वारा जी प्लस 4 बहुमंजिला इमारत बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो करोड़ों की शासकीय भूमि के केस में माननीय उच्च न्यायालय एवं राजस्व न्यायालय ग्वालियर में शासन का पक्ष कमजोर क्यों रखा गया? शासन को जो आर्थिक क्षति हुई है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भू-माफिया को करोड़ों का लाभ क्यो पहुँचाया गया? (ग) शासन की इस भूमि को बचाने के लिए सही एवं वास्तविक तथ्यों के साथ माननीय उच्च न्यायालय में पुनः अपील कब की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इन्दौर शहर की ग्राम खजराना की सर्वे क्रमांक 543/2 की भूमि शासन की अतिशेष भूमि है। सर्वे क्रमांक 543 के बटांकन नंबर 01 एवं 02 को लेकर विवाद है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के सिंगल बैंच के आदेशानुसार उक्त भूमि को निजी माना गया है तथा शासन के अनुसार उक्त भूमि शासकीय भूमि है। उक्त भूमि पर बहुमंजिला ईमारत बनी है। (ख) प्रश्नांकित भूमि के संबंध में माननीय अतिरिक्त महाधिवक्ता के मार्गदर्शन में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के सिंगल बैंच में अपील प्रस्तुत की गई थी तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता के मार्गदर्शन में ही माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर की डबल बैंच में मजबूती से शासन हित रक्षण की कार्यवाही की जा रही है। चुंकि शासन के हितरक्षण में डबल बैंच में अपील की कार्यवाही की जा रही है अत: भूमाफिया को करोड़ों का लाभ पहुँचाए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) अतिरिक्त महाधिवक्ता के मार्गदर्शन में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के डबल बैंच में अपील प्रस्तुत किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
सीहोर स्थित शुगर मिल की अधिग्रहित भूमि
[राजस्व]
11. ( क्र. 179 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर स्थित शुगर मिल की कृषि भूमि अधिग्रहित की गई है। यदि हाँ, तो किस कानून के कौन से प्रावधान के अंतर्गत की गई, पूर्ण विवरण दें? (ख) क्या उक्त शुगर मिल की ही एक उपयोगी कम्पनी द्वारा सीहोर रेल्वे स्टेशन के समीप विकसित नरेंद्र नगर कॉलोनी की डायवर्टेड भूमि भी शासन द्वारा अधिगृहित की गई है? यदि हाँ, तो ऐसा किस कानून के कौन से प्रावधान के अंतर्गत किया गया है। स्पष्ट करें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नरेंद्र नगर कॉलोनी की भूमि का शासन द्वारा अधिग्रहण नहीं किया गया है तो उक्त कॉलोनी के प्लॉट एवं भवनों के नामांतरण पर क्यों प्रतिबंध लगाया गया है, स्पष्ट करें एवं संबंधित आदेश की प्रति भी प्रस्तुत करें? (घ) यदि बिना किसी प्रतिबंध आदेश के उक्त कॉलोनी में नामांतरण रोका गया है तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है, उसके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गयी है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शुगर मिल की कृषि भूमि म.प्र. कृषि खातों की अधिकतम सीमा अधिनियम, 1960 के तहत अतिशेष घोषित की गई है (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) नामान्तरण पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) नामांतरण पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। अत: दण्डात्मक कार्यावाही का कोई प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
वेयर हाउसिंग द्वारा नवीन कैंप का निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 226 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग द्वारा नवीन कैप निर्माण कराये जाने हेतु वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो सागर जिले में म.प्र. वेयर हाउसिंग द्वारा कहां-कहां कितने कैप निर्माण किये जाना प्रस्तावित किया गया है? कैप का वर्ग, कैप की क्षमता, लागत सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कैप का निर्माण कार्य कब तक निर्मित किये जायेंगे? किस कार्य एजेंसी द्वारा कैप निर्माण किये जाने हैं? कार्य पूर्णत: की समय अवधि, लागत सहित जानकारी देवें। (ग) क्या वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में सागर जिले में कितने कैप विभाग द्वारा निर्मित किये गये थे? क्या सभी कैपों में भंडारण का कार्य किया गया था? कैप निर्माण की परफारमेंस गारंटी कितनी निर्धारित की गई थी, कैप की क्षमता तथा वर्तमान में कितने उपयोगी एवं अनउपयोगी है? (घ) यदि पूर्व में निर्मित कैप उपयोगी है तथा सम्पूर्ण कैपों का भंडारण में उपयोग नहीं किया गया था तो नवीन कैप निर्माण की आवश्यक्ता क्यों है? जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2020-21 में नवीन कैप निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है। वर्ष 2019-20 में सागर जिले में 06 स्थानों पर 1.98 लाख मै.टन क्षमता के कैप का निर्माण किया गया है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्ष 2020-21 में 03 स्थानों पर 55 हजार मै.टन क्षमता का निर्माण किया गया है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) कैप का वर्ग अस्थायी है। कैप की कुल निर्मित क्षमता 2.53 लाख मै.टन एवं कैप की कुल लागत 15.35 करोड़ रुपये है। कैप निर्मित किये जा चुके हैं। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' में समाहित है। (ग) वर्ष 2018-19 में सागर जिले में म.प्र. वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा कोई कैप का निर्माण नहीं कराया गया था। वर्ष 2019-20 में 06 स्थानों पर 1.98 लाख मै.टन क्षमता के कैप का निर्माण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार किया गया है। सागर जिले में साईखेड़ा, मझगंवा, बंडा, देवरी, खुरई एवं रहली में निर्मित कैप पर भंडारण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार किया गया। परफार्मेंस राशि, निविदा की दर 15 प्रतिशत तक या इससे कम होने पर 5 प्रतिशत जमा करायी जाती है। इससे अधिक कम होने पर अतिरिक्त परफार्मेंस राशि जमा करायी जाती है। यह लोकनिर्माण विभाग के टेण्डर दस्तावेज अनुसार है। कैप की क्षमता संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। वर्तमान में सभी कैप उपयोगी हैं। (घ) वर्ष 2018-19 में कैप का निर्माण नहीं किया गया था। इसलिए उपार्जित गेहूं अनुमानित मात्रा के आधार पर सुरक्षित भंडारण हेतु वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कैप का निर्माण किया गया था।
स्वीकृत सिंचाई योजनाओं की जारी की गई निविदा
[जल संसाधन]
13. ( क्र. 227 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में विभाग की वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कितनी सिंचाई योजनाओं को विभाग से स्वीकृति प्राप्त हुई थी? हाँ तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत योजनाओं में किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा विभाग द्वारा जारी की गई/आमंत्रित की गई? आमंत्रित उपरांत किन-किन योजनाओं में कार्य एजेंसी द्वारा अनुबंध किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत जसराज जलाशय, टिपरिया जलाशय करियापाठा भी वर्ष 2019-20 में स्वीकृत हुई थी विभाग को केवल निविदा जारी करना था/आमंत्रित करना था तो विभाग द्वारा इन सिंचाई योजनाओं के निविदा जारी/आमंत्रित क्यों नहीं की गई? (घ) जसराज जलाशय एवं टिपरिया जलाशय एवं करियापाठा सिंचाई योजनाओं की निविदा जारी करने/आमंत्रित न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? निविदा कब तक जारी होगी/आमंत्रित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग द्वारा सागर जिले में वर्ष 2019-20 में निवोदिया वियर एवं वर्ष 2020-21 में जैरा मध्यम सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किसी भी सिंचाई परियोजना की निविदा आमंत्रित नहीं होना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। जसराज जलाशय एवं टिपरिया जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमश: वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में प्रदान की गई। वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता एवं निविदा सूचकांक की सीमा अधिक्रमित होने के कारण जसराज जलाशय एवं टिपरिया जलाशय सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई। करियापाठा जलाशय का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। निविदा आमंत्रित नहीं करने के लिए किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना देने के नियम
[राजस्व]
14. ( क्र. 242 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि दिये जाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या नियम निर्देश प्रचलन में है? नियमों की प्रति उपलब्ध कराते हुए इसके क्रियान्वयन हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही है? पद नाम सहित बतावें एवं इस योजना हेतु क्या-क्या दस्तावेज आवश्यक है बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ (मुरैना) में योजना प्रारंभ से जनवरी 2021 तक क्या सभी पटवारी हल्को में किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कितने लोग शेष है? दोनों की अलग-अलग संख्या बताते हुए शेष लोगों को किसान सम्मान निधि क्यों नहीं दी गई है? इसके लिये कौन-कौन किस स्तर पर दोषी है? उनके नाम एवं पद सहित बतायें। (ग) क्या तत्कालीन व वर्तमान कलेक्टर द्वारा योजना का लाभ दिये जाने हेतु कितनी बार निर्देश दिये गये व निर्देश उपरांत भी शेष लोगों को किसान सम्मान निधि नहीं दिया गया? इस हेतु कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी है? नाम, पद सहित बतावें एवं इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना के क्रियान्यन हेतु संबंधित राजस्व विभाग के शासकीय सेवक जिम्मेदार हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला मुरैना में तत्कालीन एवं वर्तमान कलेक्टर व्दारा साप्ताहिक टीएल बैठक एवं मासिक राजस्व अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए गए। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरीदी केन्द्रों पर की गई अवैध वसूली
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 243 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कृषकों द्वारा उत्पादित की गई सभी प्रकार की फसलों के शासकीय खरीदी हेतु क्या-क्या नियम/मार्गदर्शिका प्रचलन में है? इसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विगत माहों में जिला मुरैना के समस्त खरीदी केन्द्रों पर अवैध वसूली की गई थी जिसकी जानकारी जिले के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को है व इनके द्वारा खरीदी केन्द्रों पर भी गड़बड़ी पायी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) हाँ तो इनके विरूद्ध क्या-क्या आपराधिक प्रकरण पंजीकृत किये गये, कार्यवाही से अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्यों एवं जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की? कब तक की जावेगी? (घ) क्या शासन द्वारा भविष्य में जनप्रतिनिधियों की एक समिति बनाकर उनकी उपस्थिति में खरीदी केन्द्रों पर उनकी निगरानी में खरीदी की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रबी एवं खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, मोटा अनाज, चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन हेतु जारी नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में मुरैना जिले में धान एवं मोटा अनाज उपार्जन हेतु स्थापित केन्द्रों पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अवैध वसूली करने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उपार्जन केन्द्रों की जाँच में 3 केन्द्रों पर कम मात्रा में स्कन्ध पाए जाने के कारण संबंधित केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने एवं उपार्जन के प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण हेतु राज्य, जिला एवं उप-खण्ड स्तरीय उपार्जन समिति का गठन किया जाता है। किसानों की समस्याओं के निराकरण हेतु राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष एवं सीएम हेल्पलाईन में शिकायत दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, इस कारण उपार्जन केन्द्रों की निगरानी हेतु पृथक से समिति गठन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
फसलों की क्षति के लिए स्वीकृत राहत राशि वितरण में विलंब
[राजस्व]
16. ( क्र. 302 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राहत आयुक्त मध्यप्रदेश के द्वारा मानसून वर्ष 2020 में बाढ़ और अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए राशि 43 लाख 86 हजार रुपए एवं खरीफ 2020-21 की फसलों की क्षति के लिए 1915.04 लाख रुपए की राहत राशि की स्वीकृति हुई है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र तराना में दिसंबर 2020 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किसी भी हितग्राही तक वन क्लिक की शुरुआत उज्जैन से होने के बाद भी नहीं पहुंची है। इस लापरवाही और विलंब का कारण क्या है? स्पष्ट करें। (ख) क्या आरबीसी 6-4 के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार राशि कलेक्टर के माध्यम से आपके विभाग को प्राप्त नहीं हुई है? यदि हुई है तो कोषालय के माध्यम से प्राप्ति दिनांक से आज तक ऑनलाइन राहत राशि के भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो उन समस्याओं से अवगत कराये जिनके कारण प्रभावित किसानों को अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। (ग) अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के द्वारा राहत आयुक्त से अनुमोदित होकर आवंटन आदेश क्रमांक 1803 एवं 1801 भोपाल दिनांक 15/12/2020 माध्यम से जारी राहत राशि विधानसभा क्षेत्र तराना में प्रश्न दिनांक तक नहीं पहुँचने के लिए उत्तरदायी प्रशासनिक अधिकारी एवं उनके अमले पर क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। राहत आयुक्त द्वारा राशि का आवंटन/आहरण की अनुमति दी जाती है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जिले में मानसून वर्ष 2020 में बाढ़ और अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए आर.बी.सी 6-4 के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार जिले की तहसील उज्जैन, कोठीमहल, खाचरौद व नागदा के कुल 1397 प्रभावित कृषकों को राहत राशि 1,65,49,626/- (एक करोड़ पैसठ लाख उन्नचास हजार छ: सौ छब्बीस मात्र) रूपये का भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पार्वती सिंचाई योजना में डूब भूमि का मुआवजा
[जल संसाधन]
17. ( क्र. 334 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले की पार्वती सिंचाई योजना में किन-किन कार्यों की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है उक्त कार्यों की फरवरी, 2021 की स्थिति में क्या स्थिति है उक्त योजना का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ख) उक्त योजना से किन-किन जिलों के किन-किन ग्रामों की कितनी भूमि सिंचित होगी। (ग) उक्त योजना में किन-किन ग्रामों की कितनी भूमि डूब में आ रही है तथा उनको किस दर से मुआवजा राशि दी जायेगी? (घ) मुआवजा राशि का वितरण कब से प्रारंभ होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नाधीन पार्वती परियोजना में शीर्ष कार्य एवं प्रेसराइज्ड सूक्ष्म दाब नहर प्रणाली तथा पर्यावरण प्रभाव के आंकलन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर अनुबंध किया जाकर कार्य प्रगतिरत है। कुरावर क्षेत्र अंतर्गत विद्युत लाइन हटाने के कार्य एवं सांका श्यामजी स्मारक के संरक्षण हेतु प्रोटेक्शनवाल के कार्य की निविदा आमंत्रित की गई है। (ख) परियोजना से राजगढ़, भोपाल, सीहोर एवं शाजापुर जिले की 48,000 हेक्टर भूमि सिंचित किया जाना प्रस्तावित है। जिलेवार ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) दर एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है।
संबल योजना में किये गये संशोधन
[श्रम]
18. ( क्र. 335 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या संशोधन किये गये उनकी प्रति दें। (ख) संबल योजना में नाम जोड़ने तथा पात्र हितग्राही को हितलाभ न मिलने के संबंध में जिले के कलेक्टर को क्या-क्या अधिकार दिये गये उनकी प्रति दें। किन-किन मामलों में कलेक्टर के यहां हितग्राही अपील कर सकता है। (ग) संबल योजना में पंजीकृत परिवार को क्या-क्या सुविधायें मिलती है तथा इस हेतु उसको क्या-क्या करना पड़ता है? (घ) मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक की अवधि में रायसेन जिले में किन-किन के आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये कारण बताये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में मार्च 2020 से वर्तमान तक अपील के प्रावधान जोड़े गये हैं। जारी आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हितलाभ आवेदन में त्रुटि सुधार/विसंगति निराकरण तथा पंजीयन में अपात्र किये जाने के निर्णय से असंतुष्ट होने पर हितग्राही द्वारा जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर के समक्ष अपील की जा सकती है। (ग) संबल योजना में विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर उसके विधिक उत्तराधिकारी को अन्त्येष्टि सहायता व अनुग्रह सहायता प्रदान की जाती है। विवरण निम्नानुसार है।
क्र. |
योजना का नाम |
हितलाभ राशि |
1 |
अन्त्येष्टि सहायता |
5000 |
2 |
अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) |
200000 |
3 |
अनुग्रह सहायता (दुघर्टना मृत्यु) |
400000 |
4 |
अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता) |
200000 |
5 |
अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता) |
100000 |
(घ) मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक की अवधि में निरस्त में किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
राजगढ़ जिले के अंतर्गत पटवारी हल्का खिलचीपुर के सर्वे क्रमांक 1127 में पट्टा वितरण
[राजस्व]
19. ( क्र. 377 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विकासखण्ड के अंतर्गत पटवारी हल्का खिलचीपुर में स्थित सर्वे क्रमांक 1127 में वर्ष 1959 में अधिकार अभिलेख में कुल कितना रकबा दर्ज था व वर्ष 1959 के पश्चात से आज दिनांक तक, कब और किन व्यक्तियों को उक्त खसरा क्रमांक में से भूमि आवंटित/पट्टे दिए गए हैं? तत्समय अधिकार अभिलेख का उक्त भूमि का नक्शा, यदि पट्टे वितरित हुए हैं तो पट्टेदारों को दी गई भूमि का तत्समय का नक्शा एवं वर्तमान नक्शे की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त भूमि पर दिए गए पट्टों के आदेश मय खसरा एवं नक्शा बटान की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) पट्टा वितरण के समय बने नक्शे एवं वर्तमान नक्शे में अंतर की स्थिति में जिन आदेशों से नक्शे में परिवर्तन किए गए हैं, उन आदेशों की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि बिना किसी आदेश के नक्शे के बटान डाले गये हैं तो कौन उत्तरदायी है? (घ) भूमि की वर्तमान स्थिति क्या है? यदि पट्टा वितरण के बाद उक्त भूमि के नक्शे में कोई परिवर्तन हुआ है, तो उससे संबंधित आदेश एवं नक्शा सहित खसरे उपलब्ध करायें। (ड.) यदि उक्त भूमि में पट्टे वितरण किये गये है तो वितरित भूमि में से फोती के अलावा किन व्यक्तियों को पट्टे की भूमि अंतरित की गई है? यदि भूमि अंतरित की गई है तो अनुमति की प्रति एवं नामांतरण देने वाले अधिकारी का नाम एवं अनुमति आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। उक्त भूमि में क्या कोई क्रय-विक्रय हुआ है और क्या उसमें भू-राजस्व संहिता 1959 पालन किया गया है? यदि नहीं, तो कौन दोषी है एवं दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गयी है तो उसका कारण क्या है? (च) उक्त भूमि में से किन व्यक्तियों के पट्टे कब निरस्त किये गये हैं? निरस्ती का कारण भी बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले के विकासखण्ड खिलचीपुर के अन्तर्गत पटवारी हल्का खिलचीपुर में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1127 का वर्ष 1959 के अधिकार अभिलेख में 1047 बीघा 12 बिस्बा रकबा दर्ज था व वर्ष 1959 के पश्चात से आज दिनांक तक वर्ष 1968-69 में 38 व्यक्तियों को उक्त खसरा क्रमांक में से भूमि आबंटित/पट्टे खसरे में दर्ज पाये गये है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 1958-59 में 15 लोगों को उक्त भूमि सर्वे क्रमांक में से पट्टे खसरे में दर्ज है, जो कि पत्र के संलग्न है। इस प्रकार कुल 53 पट्टे वितरण किये गये, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) तहसील खिलचीपुर में तत्समय का दायरा एवं प्रकरण उपलब्ध नहीं होने से आदेश एवं नक्शा बंटान दिया जाना संभव नहीं है। (ग) पट्टा वितरण के समय बने नक्शे की प्रति उपलब्ध नहीं है। वर्तमान नक्शे की फोटो प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। पटवारी नक्शे में पट्टों की पुरानी तरमीम नहीं है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे के परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। बिना आदेश की तरमीम वर्तमान में 01 है। जिनका नक्शा सर्वे नम्बर 1127/30 का पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है । सर्वे क्रमांक 1127/30 के संबंध में न्यायालय कलेक्टर महोदय के राजस्व प्रकरण क्रमांक 13/स्वप्रेरित/19-20 आदेश दिनांक 06.12.2019 व न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 57/बी-121/19-20 आदेश दिनांक 16.12.2019 प्रकरण दाखिल रिकार्ड किये गये है व प्रकरण माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर में विचाराधीन है। (घ) उक्त भूमि में वर्तमान में कुछ में खेती हो रही है तथा कुछ पड़त पडी हुई है। पट्टा वितरण का अभिलेख उपलब्ध न हो पाने से यह बता पाना संभव नहीं है। कि नक्शे में क्या परिवर्तन हुआ है। जो परिवर्तन हुये है उनकी सत्यापित प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (ड.) फोती के अलावा जिन व्यक्तियों को पट्टे की भूमि अतंरित की गई है, उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। क्रय विक्रय हुआ है एवं प्रकरणों में भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार 36 प्रकरणों में अनुमति प्राप्त की गई है, शेष पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार सूची में से 2 प्रकरण क्रमांक 1 व 2 में अनुमति प्राप्त नहीं की गई उक्त बिना अनुमति प्राप्त किये गये प्रकरणों में नामांतरण करने वाले अधिकारी तत्कालीन तहसीलदार खिलचीपुर श्री रमाकान्त श्रीवास्तव थे। (च) उक्त भूमि में से जिन व्यक्तियों के पट्टे निरस्त किये है उनकी सूची कारण एवं दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। शेष प्रकरण न्यायालय कलेक्टर जिला राजगढ़ में प्रचलित है। जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-10 अनुसार है।
माफी की भूमि का अवैध बिक्री एवं अतिक्रमण
[राजस्व]
20. ( क्र. 404 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के जौरा तहसील के ग्राम भूपतपुर एवं कस्बा जौरा में माफी की कुल कितनी भूमि है और कितनी भूमि को अवैध तरीके से बिक्री कर दिया गया है एवं कितनी भूमि पर अवैध अतिक्रमण है? सर्वे नंबर अनुसार कुल रकबा सहित पृथक-पृथक जानकारी दी जावे? ख) क्या वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक भूमाफियाओं द्वारा पदस्थ राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से माफी की जमीन को खुर्दबुर्द कर विक्रय कर दिया गया है? उक्त अवधि में माफी की भूमि का क्रय-विक्रय चरम पर पहुँच गया था? संलिप्त भू-माफियाओं एवं अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जा जावेगी? (ग) वर्तमान की स्थिति में उक्त ग्रामों में कितनी भूमि पर अतिक्रमण प्रशासन के संज्ञान में आया है और अतिक्रमण हटाने के लिये क्या-क्या कार्यवाहियाँ की गई है? कितने अतिक्रमण हटा दिये गये हैं? अद्यतन जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में कस्बा जौरा एवं भूपतपुर की माफी की जमीन को खुदबुर्द करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी एवं भूमि को सुरक्षित रखने हेतु उच्च स्तरीय जाँच कमेटी गठित कर जाँच करवाई जा सकेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जौरा तहसील के ग्राम भूपतपुर में माफी की कोई भूमि नहीं है। कस्बा जौरा में शासकीय अभिलेख मुताबिक माफी/औकाफ भूमि के कुल सर्वे नम्बर 110 हैं जिनका कुल रकवा 25.769 हे. है, जिसकी सर्वे नम्बरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त भूमि अभिलेख मुताबिक खुर्द-बुर्द नहीं की गई है एवं माफी औकाफ की भूमि में से जिन नम्बरों एवं रकबा पर अतिक्रमण है उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक माफी की जमीन को खुर्द-बुर्द एवं विक्रय नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ग) वर्तमान स्थिति में कस्बा जौरा की माफी औकाफ की भूमि पर जो अतिक्रमण है उसकी सर्वे नम्बरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कुल किता 29 सर्वे नम्बर अनुसार कुल रकवा 6.665 हे. में से अतिक्रमित कुल रकवा 4.834 हे. है। समय-समय पर पटवारी द्वारा अतिक्रमण की जानकारी दिये जाने के उपरान्त अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध धारा 248 की कार्यवाही की गई है। न्यायालय तहसीलदार जौरा अंतर्गत अतिक्रमण हटाने के कुल 18 प्रकरणों में विधिवत बेदखली की कार्यवाही की जा चुकी है। (घ) कस्बा जौरा एवं भूपतपुर में माफी की जमीन का किसी भी प्रकार से खुर्द-बुर्द नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
शिकायतों की जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 413 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के नागरिक आपूर्ति निगम में वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्न दिनांक तक गेहूँ धान, परिवहन, अमानक धान खरीद, 10 राईस मिलों का अमानक चावल सप्लाई, 10 हजार कुन्टल एवं 2010-18 में जबलपुर से भोलाराम वेयर हाउस स्लीमनाबाद में मिट्टी युक्त गेहूँ परिवहन वितरण एवं ग्रेडिंग में आर्थिक क्षति पहुंचाने बाबत् तत्कालीन जिला प्रबंधक की शिकायत तथा अन्य गंभीर कई शिकायतें श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) रचना नगर कटनी द्वारा की गई है। क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनाक 19.09.2020 को अमानक गेहूँ खरीदी परिवहन की शिकायत लोकायुक्त महोदय को दिनांक 01.09.2020 को की जाकर कलेक्टर कटनी को भी कार्यवाही हेतु दिया गया है। दिनांक 14.12.2020 को प्रश्नकर्ता द्वारा जो शिकायत मुख्यमंत्री मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव खाद्य को पी.डी.एस. में वितरित अमानक चावल की है, उस पर कब कार्यवाकी की गई बताए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं कलेक्टर कटनी को की गई है। उक्त शिकायतों की जाँच प्रश्न दिनांक तक शिकायतकर्ता को सुनाकर क्यों नहीं की गई क्या शिकायतों की जाँच न करने के लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध शासन कब क्या कार्यवाही करेगा बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों में से यदि किसी शिकायत की जाँच की गई तो उसका जाँच प्रतिवेदन की प्रति तथा जाँच प्रतिवेदन अनुसार की गई है, तो कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) द्वारा कलेक्टर कटनी को शिकायतें की गई है, उन पर कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। पृथक-पृथक विवरण दें यदि नहीं, की गई तो क्या कारण है बताएं तथा कब की जायेगी यह भी बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन की भूमियों का स्थानान्तरण
[राजस्व]
22. ( क्र. 414 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में शासन और सार्वजनिक निस्तार के लिए वर्ष 1958-59 की खतौनी के आधार पर जो भूमि सुरक्षित थी, उसका खसरा नम्बर रकबा स्पष्ट बताएँ तथा इसके बाद से अभी तक यदि किसी व्यक्ति, संस्था को स्थानांतरित किया गया है, तो कैसे और किन प्रावधानों और नियमों के तहत यह जमीन आवंटित की गई है। (ख) क्या अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगों को भी इसमें से भूमि आंवटित की गई यदि हाँ, तो खसरा नम्बर एवं हितग्राही के नाम सहित बताए। यदि उनका विक्रय या अंतरण हुआ है तो किस कानूनी प्रावधानों के तहत ऐसा किया विवरण दें। (ग) क्या अधिकारियों से मिलीभगत कर नक्शा तरमीम में हेराफेरी की गई जिससे दूरदराज बहुत कीमती जमीनों को शहरी मुख्य मार्गों से लगी जमीन बताकर जमीन की अदला बदली के कितने आदेशों को निरस्त किया गया था, उनकी प्रतियां उपलब्ध करावे एवं वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है यह भी बताएं। (घ) यदि शासकीय भूमि को इस तरह खुर्दबुर्द किया गया है तो क्या सरकार सचिव स्तर के अधिकारी से इसकी जाँच कराकर उक्त भूमि को वापस लाने का कार्य करेगी एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं भूमाफिया के खिलाफ कार्यवाही करेगी यदि हाँ तो समय-सीमा बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कटनी जिला अंतर्गत शासन और सार्वजनिक निस्तार के लिए वर्ष 1958-59 की खतौनी से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी वृहद स्वरूप की है। उक्त जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जी हाँ, जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) प्रकरण संज्ञान में आने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि कोई प्रकरण संज्ञान में आता है तो विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
सिचांई योजनाओं की स्वीकृति के संबंध में
[जल संसाधन]
23. ( क्र. 436 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को प्राप्त कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक/1297/कार्य/स्टापडेम/2019 नरसिंहगढ़ दिनांक 20.06.19 में उल्लेखित स्टापडेम जलसंसाधन विभाग मध्यप्रदेश शासन के मापदण्ड़ अनुसार नहीं होने से ऑनलाईन साध्यता दर्ज नहीं की जा सकती है, संबंधी उल्लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा बड़ी-बड़ी सिंचाई परियोजनाओं के स्थान पर छोटी-छोटी सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करने संबंधी निर्णय लिया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग द्वारा शासन निर्णय के परिपालन में उक्त वर्णित योजनाओं का पुन: सर्वेक्षण करवाकर स्वीकृति प्रदान करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जल संसाधन विभाग द्वारा बनाई जाने वाली लघु परियोजनाएं सिंचाई कार्य हेतु आबद्ध है। लघु सिंचाई परियोजनाओं की साध्यता उपलब्ध जल ग्रहण क्षेत्र, जीवित जल भराव क्षमता, डूब क्षेत्र, प्रति हेक्टर लागत पर निर्भर होती है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
भू-राजस्व संहिता अनुसार भूमि बंदोबस्त की कार्यवाही
[राजस्व]
24. ( क्र. 437 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता अनुसार कितनी समयावधि में भूमि बंदोबस्त किये जाने का प्रावधान है? नियमों की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के किन-किन जिलों में भूमि बंदोबस्त कब-कब किया गया था तथा भू-राजस्व संहिता में प्रावधानित समयावधि में भूमि बंदोबस्त नहीं किये जाने के क्या-क्या कारण हैं? उक्त संबंध में विभाग द्वारा वर्तमान में क्या कार्यवाही की जा रही है? जिलेवार जानकारी देवें। (ग) क्या भू-राजस्व संहिता अनुसार प्रति 10 वर्ष में भूमि बंदोबस्त किये जाने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के जिलों में नियमानुसार निर्धारित अवधि में तथा राजगढ़ जिले में वर्ष 1957 के बाद से भूमि बंदोबस्त नहीं किया गया है? यदि हाँ तो प्रावधान अनुसार भूमि बंदोबस्त कार्यवाही की जिम्मेदारी किन अधिकारियों की होती है? (घ) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्रदेश के समस्त जिलों में नियमानुसार भूमि बंदोबस्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 यथा संशोधित मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, (संशोधन) अधिनियम, 2018 (क्रमांक 23 सन 2018) में बन्दोबस्त किये जाने के प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता है। (ख) पूर्व में मध्यप्रदेश में सन् 1975-76 में बंदोबस्त की संक्रियाए प्रारंभ की गई थी। तत्समय 17 जिलों में बंदोबस्त पूर्ण किया गया। संलग्न परिशिष्ट के प्रप्रत्र-1 अनुसार तथा 11 जिलों में बंदोबस्त की समाप्ति के कारण बंदोबस्त अपूर्ण रहा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार एवं 24 जिले ऐसे थे जिनमें बंदोबस्त शुरू ही नहीं हो पाया था। मघ्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा 9 जून वर्ष 2000 में प्रकाशित अधिसूचना द्वारा बंदोबस्त की संक्रियाए विखंडित की गई है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 यथा संशोधित मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, (संशोधन) अधिनियम, 2018 (क्रमांक 23 सन् 2018) में भू-सर्वेक्षण के प्रावधान संहिता की धारा 64 से 77 तक में किये गये है, जिसके अन्तर्गत ग्वालियर जिले की तहसील चीनोर के 02 ग्राम (1) चीनोर (2) अमरोल को पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत चिन्हाकिंत कर भू-सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया गया है उक्त दोनो ही ग्रामों में भू-सर्वेक्षण का कार्य प्रगति पर है पायलेट प्रोजेक्ट पूर्ण होने पर अन्य जिलों में भी भू-सर्वेक्षण की कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी। (ग) जी नही। शेष प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता है l (घ) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 यथा संशोधित मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, (संशोधन) अधिनियम, 2018 (क्रमांक 23 सन 2018) में बन्दोबस्त किये जाने के प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता है।
खनिज प्रतिष्ठान मद से निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
25. ( क्र. 450 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/02 दिनांक 01.01.2021 एवं अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/ 127/2021/03 दिनांक 01.01.2021 को प्रेषित किए जा चुके है। जिन पत्रों पर स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रेषित किए गये दोनों पत्रों में उल्लेखित विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति खनिज प्रतिष्ठान मद से अभी तक प्रदान नहीं की गई है? जिसका क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रेषित किए गये दोनों पत्रों में उल्लेखित विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृती खनिज प्रतिष्ठान मद से कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र अनुरूप कार्यवाही जिला खनिज प्रतिष्ठान जिला छिन्दवाड़ा के न्यास मंडल की बैठक आयोजित न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार। (ग) न्यास मंडल की बैठक आयोजित होने पर ही कार्यों के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जहरीले जन्तुओं के काटने से मृत्यु होने पर आश्रित को दी जाने वाली आर्थिक सहायता
[राजस्व]
26. ( क्र. 458 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजस्व पुस्तक परिपत्र क्रमांक छः क्रमांक 4 के अन्तर्गत वर्णित प्रावधान के अनुसार सर्पदंश/जहरीले कीड़े आदि जन्तुओं के काटने से मृत्यु होने पर डाक्टर द्वारा सर्पदंश से मृत्यु का कारण न दर्शित किये जाने एवं विसरा जाँच हेतु भेजने की शव विच्छेदन रिपोर्ट दर्ज किये जाने के बावजूद राजस्व अधिकारी को पंचनामा के आधार पर एवं स्वयं के जाँच के आधार पर मृतक के बारिश को सहायता अनुदान राशि स्वीकृत करने की अधिकारिता का प्रावधान है? प्रावधान एवं नियम बतायें। (ख) जनवरी 2018 से दिसम्बर 2020 तक तहसील नईगढ़ी एवं मऊगंज में सर्पदंश/जहरीले कीड़े के काटने से हुई मृत्यु जिनके पंचनामा में उक्त कारण दर्शित किया गया परन्तु डॉक्टर द्वारा मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रावधान के अनुसार अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने हेतु कितने आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये? प्राधिकृत अधिकारी द्वारा ऐसे प्रकरणों में क्या निर्णय लिया गया? विसरा जाँच रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए प्राधिकृत अधिकारी द्वारा क्या प्रयास किये गये तथा ऐसे प्रकरणों में मानवीय आधार पर कब तक अनुदान राशि का भुगतान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रकरणों में जानकारी प्राप्त होने पर विसरा जाँच रिपोर्ट प्राप्त करने हेतु राजस्व अधिकारी द्वारा तत्काल संबंधित थाना प्रभारी से संपर्क स्थापित किया जाता है। विसरा जाँच रिपोर्ट प्राप्त न होने पर ऐसे प्रकरणों में पटवारी प्रतिवेदन तथा पुलिस थाने में कायम मर्ग रिपोर्ट अनुसार निष्कर्ष निकालकर परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर अनुदान राशि स्वीकृत की जा कर प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। दिसम्बर 2020 तक स्वीकृत ऐसे प्रकरणों में भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
कार्यपालन यंत्री द्वारा प्रोटोकाल का उल्लंघन
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 482 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (ख) क्या कार्यपालन यंत्री श्री पी.एन.नाग जल संसाधन संभाग क्रमांक-1 सिवनी के विरूद्ध प्रोटोकाल के उल्लघंन किये जाने की शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा प्रोटोकाल के संबंध कोई दिशा निर्देश विभागों को भेजे गये हैं? क्या प्रोटोकाल के तहत दिये गये निर्देशों का अधिकारियों के द्वारा पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या ऐसे अधिकारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ,तो कब तक? (ग) क्या शासन द्वारा प्रोटोकाल के दिशा निर्देशों के पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। श्री पी.एन.नाग को प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के पत्र दिनांक 28.01.2021 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है तथा आदेश दिनांक 15.02.2021 द्वारा श्री नाग को वर्तमान पदस्थापना स्थल से हटाकर कार्यालय मुख्य अभियंता, बेनगंगा कछार, जल संसाधन विभाग, सिवनी में पदस्थ किया गया है। (ख) जी हाँ। निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है। शिकायत प्राप्त होने पर त्रुटिकर्ता के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र मुलताई के जूनापानी नाले पर डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
28. ( क्र. 509 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र मुलताई के विकासखण्ड प्रभातपट्टन के वर्धा जलाशय को नहर से ग्राम आष्टा, रायआमला, मंगोनाखुर्द, चरूड़, अमरावती घाट के किसानों हेतु सिंचाई सुविधा के लिये शासकीय डैम, नहर या अन्य कोई शासकीय सिंचाई सुविधा का साधन उपलब्ध है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम के कृषकों के लिये रायआमला एवं बघौड़ा के बीच जूनापानी नाले पर डैम बनाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो प्रगति की स्थिति बताएं, यदि नहीं, तो क्या उक्त ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जूनापानी नाले पर डैम बनाकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो उक्त ग्रामों में सिंचाई हेतु शासन द्वारा क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी? (ग) क्या वर्धा फेज-2 का सर्वे करवाकर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों के लिये सिंचाई व्यवस्था की जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। रायआमला एवं बघोड़ा के बीच जूनावानी नाले पर बांध निर्माण हेतु स्थल उपयुक्त नहीं होना प्रतिवेदित होने से कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन जिले की सिंचाई योजनाएँ
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 533 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में विगत 05 वर्ष में विभाग द्वारा कितनी सिंचाई योजनाएं कहां-कहां स्वीकृत की गई हैं? स्थान, नाम, लागत सहित जानकारी देवें। (ख) नागदा जंक्शन स्थित ग्रेसीम उद्योग समूह को किस दर पर, कितनी मात्रा में एवं किस नियम के तहत जल उपलब्ध कराया जा रहा है? नियम की प्रमाणित प्रति देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग द्वारा उज्जैन जिले में विगत 5 वर्ष में स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा ग्रेसिम उद्योग समूह को रू.1.55 प्रति क्यूबिक मीटर की दर से अनुबंध अनुसार 15 मि.घ.मी. जल उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। म.प्र. सिंचाई अधिनियम 1931 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
भण्डारण व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
30. ( क्र. 552 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितने मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी की गई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। दिसम्बर 2020 तक कुल भण्डारण क्षमता कितनी है और कितने लाख मीट्रिक टन गेहूँ भण्डारित है जानकारी देवें। (ख) म.प्र. शासन द्वारा जून, 2020 तक कितने लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया एवं उसके भण्डारण की क्या व्यवस्था की गई? क्या लाखों टन गेहूँ सुरक्षित भण्डारण नहीं होने के कारण वर्षा में भीगकर खराब हो गया था? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितना कितना गेहूँ प्रदेश के किस-किस जिले में खराब हुआ? (घ) प्रदेश में भण्डारण क्षमता से अधिक गेहूँ खरीदी एवं उसका सुरक्षित भण्डारण नहीं करने का दोषी कौन है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में वितरित किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
31. ( क्र. 563 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसान सम्मान निधि के लिए वर्ष 2019-20 में कितने किसान पात्र पाए उनकी संख्या बताएं तथा वर्ष 2019-20 में कितने-कितने किसानों को किसान सम्मान राशि वितरित की गई? क्या प्रदेश में लाखों पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि नहीं दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिलेवार वर्ष 2019-20 के किसान सम्मान निधि के पात्र किसानों की संख्या व जिनके खाते में राशि जमा हुई उनकी संख्या बताएं। (ग) किसान सम्मान निधि के तहत पात्र किसानों के चयन का फार्मूला बताएं। क्या एक परिवार में एक से अधिक खाते हैं तो पूरे परिवार में एक को ही सम्मान निधि दी जाएगी? (घ) योजना के अन्तर्गत पंजीकृत कुल कृषक संख्या के अनुसार वर्ष 2019 तथा वर्ष 2020 में सम्मान निधि प्राप्त करने वाले कृषकों की संख्या का प्रतिशत कितना है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत वर्ष 2019-20 में 6543912 किसान पात्र पाए गए जिन्हें योजना का लाभ दिया गया है। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। (घ) दिनांक 15.02.2021 की स्थिति में कुल पंजीकृत कृषकों की संख्या के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2019 में लगभग 79 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2020 में लगभग 100 प्रतिशत है।
सम्मान निधि की वापसी
[राजस्व]
32. ( क्र. 564 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि मिली? उनकी संख्या बताएं। कितने किसान पात्र होने के बावजूद भी किसान सम्मान निधि से छूट गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो किसान पात्र होने के बावजूद किसान सम्मान निधि से छूट गए हैं उसके लिये जिम्मेदार कौन है तथा छूटे पात्र किसानों के नाम कब तक जोड़े जाएंगे तथा उन्हें कब से किसान सम्मान निधि प्राप्त होगी? (ग) क्या किसानों को सम्मान निधि देने के बाद उनको अपात्र बताकर किसान सम्मान निधि वापस मांगी जाने के लिये उन्हें कोई पत्र जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो क्यों तथा कितने किसानों को किस आधार पर अपात्र बताकर यह पत्र जारी किये हैं तथा कौन किसान पात्र हैं इस योजना के लिये? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि अपात्र लोगों को पैसा डाला गया तो बिना जाँच किये सरकारी पैसा अपात्र लोगों को देने का मतलब योजना सुचारू रूप से नहीं चल रही तथा सरकारी धन का दुरूपयोग हुआ है एवं इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है? इसके लिये जिम्मेदार कौन है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 15 फरवरी, 2021 की स्थिति में जिला शाजापुर में 142248 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है। किसानों की संख्या परिवर्तनशील होने के कारण संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के संबंध में अपात्रता हेतु नियम शर्तों के तहत अपात्र पाये जाने पर दिनांक 15 फरवरी,2021 की स्थिति में जिला शाजापुर में कुल 6309 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अपात्र किया गया है। पात्रता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कबूलपुर वृहद सिंचाई परियोजना से लाभान्वित किसानों की जानकारी
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 599 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की कबूलपुर सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की कितने-कितने हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित की गयी है? (ख) क्या कबूलपुर सिंचाई परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सिंचाई का लाभ प्रदान करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय की नोटशीट/निर्देश विभाग को प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो उनके निर्देश के परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या कबूलपुर परियोजना निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की गयी है? यदि हाँ, तो उक्त निविदा में परियोजना के कौन-कौन से निर्माण कार्य सम्मिलित किये गये है एवं कितनी-कितनी राशि के उपशीर्षवार जानकारी से अवगत करावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में दर्शित निविदा में क्या नहर निर्माण कार्य भी सम्मिलित है? यदि हाँ, तो किस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? ग्रामों के नाम व उनके विरूद्ध लाभांवित सिंचाई रकबे की जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कबूलपुर मध्यम सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.03.2020 को रू.129.53 करोड़ की 4090 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। (ख) से (घ) जी हाँ। मुख्यमंत्री कार्यालय से नोटशीट प्राप्त है जिसमें शाजापुर जिले अंतर्गत प्रस्तावित परियोजना से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित किए जाने हेतु माननीय प्रश्नकर्ता का पत्र संलग्न कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश हैं जो परीक्षणाधीन है। निविदा आमंत्रित की गई थी, जो अपरिहार्य कारणों से निरस्त की जा चुकी है। प्रकरण परीक्षणाधीन होने से शेषांश की जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
मां रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 616 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर के जल संसाधन विभाग (राजघाट परियोजना) में 4800 करोड़ की परियोजना का काम मुख्य अभियंता के अभाव प्रभावित हो रहा हैं? (ख) क्या अक्टूबर 2020 से पचास से अधिक अधिकारी, कर्मचारियो का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है जिन-जिन अधिकारी, कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है उनके नाम, पद सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या मुख्य अभियंता का प्रभार एक कार्यपालन यंत्री को दिय गया है, उन्हें ड्राइंग, डिसवर्सिंग के अधिकार नहीं होते है, इससे अधिकारी, कर्मचारियो को वेतन नहीं मिल रहा हैं? (घ) शासन द्वारा विभाग की यह तकनीकी त्रुटि कब तक ठीक कर दी जावेगी? दतिया जिले को 2200 करोड़ की मां रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना जिसे 2018 में प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, कब तक सुचारू रूप से चालू की जा सकेगी। पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तत्कालीन कार्यरत मुख्य अभियंता के सेवा निवृत्त के कारण कार्यालयीन पत्राचार आदि के निर्वहन के लिए प्रभारी अतिरिक्त परियोजना संचालक, ओ.आर.पी.एम.यू. बॉमोरकलां को कार्य करने हेतु अधिकृत किया गया था। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के तारतम्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) शासन आदेश क्रमांक-एफ-3बी-6/2021/पी-1/31 दिनांक 03.02.2021 द्वारा मुख्य अभियंता, राजघाट नहर परियोजना, जल संसाधन विभाग, दतिया का प्रभार सौंपा जाकर पदस्थापना की गई है। माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
नवीन जिला निवाड़ी में संयुक्त कलेक्टर कार्यालय का संचालन
[राजस्व]
35. ( क्र. 619 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन जिला निवाड़ी का संयुक्त कलेक्टर कार्यालय वर्तमान में अस्थाई रूप से शिक्षा विभाग के भवन में संचालित है और इस भवन को खाली करने हेतु शिक्षा विभाग के द्वारा कोई नोटिस भी जारी किया गया था? यदि हाँ, तो संयुक्त कलेक्टर कार्यालय का स्थाई भवन निर्माण कब तक किया जायेगा? (ख) दिनांक 01 अक्टूबर 2018 से प्रश्न दिनांक तक नव सृजित जिला निवाड़ी के संयुक्त कार्यालय हेतु किन-किन पदों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? इनमें से किन-किन पदों की स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं किन-किन पदों की स्वीकृति जारी होना शेष है? (ग) स्वीकृत पदों में से कितने पद कब से रिक्त हैं? इन्हें कब तक भरा जा सकेगा? शेष पदों की स्वीकृति कब तक की जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला निवाड़ी में विभागों के संचालन हेतु समस्त विभागों के पद पूर्ति हेतु प्रस्ताव भेजे गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बाणसागर डूब प्रभावित किसानों के मुआवजा का भुगतान
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 621 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाणसागर परियोजना के यूनिट क्रमांक 5 और 6 के डूब प्रभावित हितग्राहियों के मुआवजा प्रकरण बाणसागर परियोजना द्वारा स्वीकृत कर कटनी जिले में भेजे जा चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त प्रकरण कटनी जिले में किन-किन के कब से लंबित हैं सूची सहित समयावधि बतावें। क्या मुआवजे की राशि संबंधितों को प्रदाय की जा चुकी है? नहीं तो क्यों? इस हेतु कौन-कौन दोषी हैं? नाम एवं पदनाम का उल्लेख करें। (ग) क्या कलेक्टर महोदय कटनी द्वारा मुआवजा प्रकरण को तत्काल संज्ञान में लेकर मुआवजे की राशि संबंधित हितग्राहियों को त्वरित प्रदाय की जावेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ । अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं भू-अर्जन अधिकारी, तहसील विजयराघवगढ़ जिला कटनी के भू-अर्जन प्रकरण क्रं. 001 अ 82/17-18 द्वारा ग्राम-लूली, मड़वा, तिमुआ, इटहरा, डीघी एवं गैरतलाई का प्राप्त अवार्ड प्रस्ताव दिनांक 18.01.2019 को प्रशासक बाणसागर परियोजना द्वारा अनुमोदित कर कटनी जिले के विजयराघवगढ़, अनुभाग की ओर भुगतान हेतु प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) उक्त प्रकरणों के हितग्राहियों का भुगतान दिनांक 04.12.2019 से लंबित होना प्रतिवेदित है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है । अनुविभागीय अधिकारी विजयराघवगढ़ द्वारा अवगत कराया गया है कि कलेक्टर एवं भू-अर्जन अधिकारी कटनी के निर्देशानुसार अर्जित की गई भूमियों की राशि का दुबारा भुगतान न हो इस हेतु बाणसागर रीवा से पुराने अवार्ड की प्रतियां मंगाकर मिलान किया गया है। भुगतान की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है । किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है । (ग) भुगतान की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं भू-अर्जन अधिकारी, तहसील विजयराघवगढ़, जिला कटनी द्वारा नियमानुसार की जा रही है । शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है ।
बाणसागर परियोजना लंबित धारा 11 के प्रकरणों का निराकरण
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 623 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाणसागर परियोजना जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री पक्का बांध संभाग क्रमांक 3 बाणसागर देवलोंद जिला शहडोल के अधिकारियों द्वारा बाणसागर डूब क्षेत्र यूनिट क्रमांक 5 और 6 जो कि विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आता है के हितग्राहियों के मुआवजों प्रकरणों पर धारा 11 की कार्यवाही विगत 25 से 30 वर्ष उपरांत भी नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कितने ग्रामों के कितने हितग्राहियों को कितनी राशि मिलेगी? (ग) प्रश्नाधीन लंबित मुआवजे की राशि भुगतान न करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या 25 वर्ष बाद पीड़ितों को वर्तमान दर पर मुआवजें की राशि प्रदान की जावेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं । कार्यपालन यंत्री, बाणसागर पक्का बांध संभाग क्रं. 03 देवलोंद, जिला शहडोल के द्वारा ग्राम उबरा, कुटेश्वर पोंड़ी, घघरोटाएवं जारारोड़ा तहसील विजयराघवगढ़, जिला कटनी की छूटी हुई शेष भूमियों के अर्जन हेतु प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी, विजयराघवगढ़ की ओर प्रेषित किया गया । अनुविभागीय अधिकारी द्वारा ग्राम पोंड़ी, घघरोटा, जारारोड़ा के पृथक-पृथक प्रकरण तैयार कर धारा-11 के प्रकाशन हेतु प्रस्ताव कलेक्टर कटनी के माध्यम से उपनियंत्रक शासकीय केन्द्रीय मुद्रणालय भोपाल की ओर दिनांक 29.10.2020 को प्रेषित करना प्रतिवेदित है । उबरा एवं कुटेश्वर ग्रामों के भू-अर्जन प्रकरणों में धारा-11 की कार्यवाही हेतु कलेक्टर एवं भू-अर्जन अधिकारी कटनी के कार्यालय में प्रचलित होना प्रतिवेदित है । (ख) भू-अर्जन से प्रभावित 03 ग्रामों पोंड़ी घघरोटा एवं जारारोड़ा के हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। अवार्ड पारित नहीं होने से हितग्राहीवार राशि की जानकारी दी जाना संभव नहीं है । (ग) भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अवार्ड पारित होते ही भुगतान किया जाना संभव होगा। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है । मुआवजे के दर का निर्धारण शासन द्वारा गठित आयुक्त स्तरीय समिति से निर्धारित दरों पर भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी। अवार्ड पारित नहीं होने से दर आदि के संबंध में जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधी से स्वीकृत नव निर्मित यात्री प्रतिक्षालय
[राजस्व]
38. ( क्र. 630 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 11.01.2021 को नगर विदिशा के विवेकानंद चौराहे पर यात्रियों की सुविधा हेतु बनाये गये 306327 की विधायक निधी की राशि से स्वीकृत नव निर्मित यात्री प्रतिक्षालय को तहसीलदार विदिशा एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद विदिशा की उपस्थिति में प्रशासन द्वारा तोड़ा गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शासकीय सम्पत्ति को क्षति पहुँचाये जाने के संबंध में दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन, कलेक्टर विदिशा एवं प्रबंधक एम.पी.स्टेट एग्रो विदिशा, पत्र क्रमांक 5213 दिनांक 11.01.2021 के माध्यम से उक्त संबंध में दोषी अधिकारियों को निलंबित कर उनके द्वारा शासकीय सम्पत्ति को पहुँचाई क्षति की वसूली कर पुनः यात्री प्रतिक्षालय निर्माण कराये जाने की मांग की? यदि हाँ, तो पत्र पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगरपालिका की बिना अनुमति के अनुचित स्थान पर यात्री प्रतिक्षालय लगा दिया गया था। अत: हटाया गया। (ख) विधायक निधि की राशि से स्वीकृत एम पी एग्रो विदिशा द्वारा अनुचित स्थान पर बिना अनुमति के यात्री प्रतिक्षालय निर्माण करने के कारण उसे हटाया जाने पर संबंधित अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार वस्तुस्थिति के दृष्टिगत कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
प्रवासी मजदूरी को सहायता राशि
[राजस्व]
39. ( क्र. 652 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस-किस क्रम के लॉकडाउन के दौरान म.प्र. के कितने कितने प्रवासी मजदूर वापस प्रदेश में आये तथा कितने मजदूरों को एक हजार की नगद सहायता दी गई. उनका चयन किस प्रकार किया गया? (ख) लॉकडाउन के प्रथम सप्ताह में कितने मजदूर वापस आये तथा उनमें से कितने मजदूरों को शासन द्वारा वाहन मुहैया कराया गया। वाहन का प्रकार तथा संख्या सहित जानकारी देवें? (ग) ट्रेन के द्वारा कुल कितने मजदूर आये तथा उन्हे गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कुल कितनी बस लगाई गई तथा बस से कितने मजदूरों को लाया गया? (घ) प्रवासी मजदूरों को लाने में ट्रांसपोर्टेशन में कुल कितना खर्च हुआ तथा किस-किस अवधि में कितनी बसें किस किस स्थान पर लगाई गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लॉकडाउन के दौरान लगभग 14 लाख प्रवासी मजदूर प्रदेश में वापस आये। लगभग 1.53 लाख मजदूरों को रू. 1000/- राशि की सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना-2020 के निर्देशों के तहत पात्रता अनुसार सहायता दी गई। (ख) लॉकडाउन के प्रथम सप्ताह में लगभग 2,00,000 मजदूर वापस आये जिनके लिए वाहन की व्यवस्था की गई। (ग) लगभग 2,00,000 मजदूर ट्रेन से आये एवं पूरे प्रदेश में लगभग 29,000 बस की व्यवस्था की गई। ट्रेन एवं बस से लगभग 10,00,000 मजदूरों को गन्तव्य तक पहुंचाया गया। (घ) प्रवासी मजदूरों के ट्रांसपोर्टेशन पर करीब 80 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है तथा करीब 29,000 बसें जिलों में लगाई गईं।
जिला कलेक्टर बैतूल द्वारा शासन को लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही
[राजस्व]
40. ( क्र. 669 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन अवधि में बैतूल जिले के आटो चालक, मंदिर के पुजारी, बस ड्रायवर/कंडक्टर, बैंड संचालकों, कंस्ट्रक्शन कार्यों से जुड़े श्रमिक वर्ग, हाटल, रेस्टोरेंट, ढाबा एवं केटरिंग मजदूर, प्रिटिंग प्रेस व्यवसाय के मजदूर सेलून, प्रेस, भेल चाट आदि अनेकों फुटकर व्यवसाय से जुड़े मजदूरों को 5000/- रूपए की आर्थिक सहायता दिये जाने हेतु बैतूल कलेक्टर ने शासन को क्या किसी प्रकार का कोई पत्र लिखा है? यदि हाँ तो शासन द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें। क्या कलेक्टर द्वारा लिखे पत्रों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंधितों को किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता दी गई? यदि हाँ तो कब-कब कितनी-कितनी राशि उन्हें दी गई? लाभार्थी के नाम सहित दी गई राशि की सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। क्या उन्हें आर्थिक सहायता दी जावेगी? यदि हाँ तो कितनी आर्थिक सहायता दी जावेगी एवं कब तक दी जावेगी? राशि के विवरण सहित समय बतावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। राजस्व विभाग द्वारा इस प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं दी जाती है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
श्रम न्यायालय की स्थापना
[श्रम]
41. ( क्र. 672 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली में कई औद्योगिक परियोजनाएं है, यदि हाँ, तो क्या श्रमिकों के न्याय के लिये जिला सिंगरौली में न्यायालय खोला जाना उचित होगा? (ख) क्या सिंगरौली में भारत सरकार के उपक्रम के साथ कई औद्योगिक प्रोजेक्ट है जहाँ श्रमिकों के बात हेतु सीधी, रीवा, शहडोल जाना पड़ता है तथा सिंगरौली में न्यायालय खुल जाने से श्रमिकों को न्याय मिल सकेगा? यदि हाँ, तो क्या 2021-22 में श्रम न्यायालय खोला जायेगा।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ, नवीन औद्योगिक संबंध संहिता 2020 में श्रम न्यायालय का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल के हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ
[श्रम]
42. ( क्र. 681 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत तेंदूखेड़ा एवं जबेरा में भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल म.प्र. के पात्र हितग्राहियों को भौतिक सत्यापन में अपात्र कर दिया गया है। जिससे हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है? (ख) यदि हाँ, तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या शासन द्वारा इसके लिए कोई योजना तैयार की गई है यदि हाँ, तो क्या तथा अपात्र किए गए हितग्राहियों को पुनः सत्यापन कराकर कब तक शासकीय योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत सत्यापन अभियान में निरस्त पंजीयन वाले कर्मकारों की समस्याओं को दृष्टिगत अपील का अवसर प्रदान करने हेतु विभागीय ज्ञापन क्रमांक 07/1652/2020/ए-16 दिनाँक 02/01/2021 जारी कर निर्देश दिये गये है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
गौण खनिज मद में जमा राशि
[खनिज साधन]
43. ( क्र. 687 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में संचालित खदानों से गौण खनिज मद में 2010 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि जमा हुई? (ख) गौण खनिज मद से चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के तहत कौन-कौन से विकास/निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गए विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए एवं कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? पृथक-पृथक विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) गौण खनिज की रॉयल्टी विधानसभावार एकत्रित किये जाने का प्रावधान नहीं है। जिला स्तर पर जमा रॉयल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गौण खनिज मद से जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के तहत विकास/निर्माण कार्य हेतु कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदाकिनी, सरयू एवं पयस्वनी नदियों का सीमांकन
[राजस्व]
44. ( क्र. 688 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट प्रागैतिहासिक काल से आध्यात्मिक साधना का केन्द्र रहा है, जहां मंदाकिनी, सरयू व पयस्वनी जैसी पवित्र नदियों का संगम रहा है, जो धीरे-धीरे आधुनिक विकास की रफ्तार के आगे छोटा होता जा रहा है। नदियों की छाती पर आक्रमणकारियों ने अवैध तरीके से अपना अवैध निर्माण कर लिया है। ऐसे में नदियों के सीमांकन एवं उसे अतिक्रमण मुक्त करने के व्यापक अभियान की जरूरत है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में चित्रकूट की मंदाकिनी, सरयू एवं पयस्वनी नदी के सीमांकन हेतु कब-कब पहल की गई एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) नदियों के संरक्षण संवर्धन के लिए शासन की नीति की स्पष्ट करते हुए बतावें कि चित्रकूट के धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व की नदियों की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए शासन स्तर पर कब-कब,क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चित्रकूट में मंदाकिनी, सरयू व पयस्वनी नदियों में अतिक्रमण 18 लोगों द्वारा अवैध निर्माण कर लिया गया था और उन्हें कार्यालय नगर परिषद चित्रकूट जिला-सतना (म.प्र. ) के पत्र क्र/न.प/तक./2020 चित्रकूट दिनांक 14/12/2020 द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त किया गया है। (ख) विगत 10 वर्षों में चित्रकूट की मंदाकिनी, सरयू व पयस्वनी नदी के किनारे एन.जी.टी. के प्रकरण क्रमांक/2/2013 के अंतर्गत 18 अतिक्रमण चिन्हित किये गये थे, जिन्हें पूर्व में ही हटाया जा चुका है। अब वर्तमान में मंदाकिनी नदी के किनारे निर्माण कार्यों को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित किया गया है। (ग) नदियों के आसपास शासकीय भूमि पर अतिक्रमण अथवा अनाधिकृत निर्माण के मामले में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 तथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 के प्रावधानों अंतर्गत कार्यवाही के निर्देश हैं। कार्यालय नायब तहसीलदार चित्रकूट के पत्र क्रमांक 411/प्रव.ना.तह.चि./2020 चित्रकूट दिनांक 08.12.2020 के अनुसार एन.जी.टी. प्रकरण क्रमांक 673/2018 में पारित आदेश दिनांक 20/09/2018 के अनुसार मौजा नयागांव की आराजी नंबर 190 रकबा 1.494 हे. का अंश रकबा 0.418 हे. पर मंदाकिनी नदी के किनारें वृक्षारोपण हेतु प्रस्तावित की गई है।
विधानसभा क्षेत्र मुलताई अंतर्गत स्वीकृत बांधों का निर्माण
[जल संसाधन]
45. ( क्र. 754 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के अंतर्गत गांगई स्टोरेज जलाशय विकासखण्ड मुलताई, लघु सिंचाई योजना विकासखण्ड मुलताई, घाटपिपरिया स्टोरेज योजना (शेष कार्य) विकासखण्ड मुलताई, चकोरा लघु सिंचाई योजना विकासखण्ड प्रभातपट्टन, खैरी स्टोरेज योजना विकासखण्ड प्रभातपट्टन के बांधों के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो दिनांक बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बांधों के निर्माण हेतु निविदा कब-कब आमंत्रित की गई? यदि नहीं, तो प्रश्नाधीन बांधों के निर्माण हेतु निविदा कब तक आमंत्रित की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में होने से निर्माण कार्य आरंभ कराने हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
डिफाल्टर सहकारी समिति एवं सदस्यों की जानकारी
[सहकारिता]
46. ( क्र. 777 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद-हरदा जिलों में होशंगाबाद जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत कुल सहकारी समितियों की संख्या बतायें। कितनी समितियां डिफाल्टर हैं? (ख) इन समितियों में कुल सदस्य कृषक की संख्या क्या है? कितने सदस्य डिफाल्टर हैं? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें। (ग) कितने कृषक सदस्यों को 0% ब्याज दर ऋण उपलब्ध कराया और कितने कृषक इससे वंचित रहे? (घ) क्या समितियों में नये सदस्य बनाने की योजना है जिससे की सभी कृषकों को 0% ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो सके?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) होशंगाबाद जिले में 99 पैक्स तथा 81 अन्य समितियां कुल 180 एवं हरदा जिले में 52 पैक्स तथा 12 अन्य समितियां कुल 64, इस प्रकार कुल 244 सहकारी समितियां कार्यरत है। इनमें से होशंगाबाद जिला अंतर्गत 64 पैक्स एवं 27 अन्य समितियां तथा हरदा जिला अंतर्गत 52 पैक्स एवं 10 अन्य समितियां, इस प्रकार कुल 153 सहकारी समितियां डिफाल्टर हैं। (ख) दिनांक 31.01.2021 पर पैक्स में 1,15,820 सदस्य कृषक संख्या है। 23,493 सदस्य डिफाल्टर है। विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2020-21 में दिनांक 31.01.2021 तक पैक्स के 47,613 कृषक सदस्यों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया गया है तथा 23,493 कृषक सदस्य डिफाल्टर होने के कारण अपात्र हैं। (घ) जी हाँ, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) में पात्र कृषक के आवेदन करने पर सदस्य बनाये जाने का प्रावधान है।
होशंगाबाद जिले में रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
47. ( क्र. 778 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में किन-किन खदानों को रेत खनन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? विधान सभा क्षेत्रवार खदानों के नाम एवं एरिया (रकबा) एवं खसरा नं., रेत ठेकेदार का नाम बतायें। क्या उनके द्वारा रेत खनन स्वीकृत खदानों से शुरू किया जा चुका है? (ख) क्या रेत खनन हेतु मशीन जैसे जे.सी.बी. (J.C.B.) पोखलैण्ड आदि की अनुमति प्रदान की गई है? मजदूरों के हितों का ध्यान रखा गया है? (ग) ठेकेदार को विभाग से रायल्टी किस दर से दी गई एवं रेत ठेकेदार द्वारा किस दर से रेत रायल्टी बेची जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के स्वतः स्पष्ट प्रावधान नियम 3 (6) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार मजदूरों के हितों का समुचित ध्यान रखा गया है। (ग) वर्तमान में शासन द्वारा रेत की निर्धारित रायल्टी दर रूपये 125/- प्रति घनमीटर है। परंतु रेत ठेका ई-निविदा के माध्यम से किया गया है जिसकी अनुबंधित दर रूपये 327.50 प्रति घन मीटर है।
संबल योजना में अपात्र किए गये हितग्राहियों को लाभ प्रदाय करना
[श्रम]
48. ( क्र. 812 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि संबल योजना में 1 हेक्टेयर तक भूमि के कई हितग्राहियों को अपात्र घोषित कर दिया गया है। (ख) धार, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर जिलों में ऐसे कितने हितग्राही अपात्र घोषित किए गए है? उनकी सूची देवें। (ग) इस प्रावधान को कब तक समाप्त कर हितग्राही को पुन: पात्र घोषित कर दिए जाएंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) राज्य शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक 756/595/2019/ए-16 दिनांक 20.06.2019 के परिपालन में पोर्टल पर अपात्रता के निम्न कारणों से हितग्राही को अपात्र चिन्हांकित किया गया है। 1. कृषि भूमि 01 हेक्टेयर से अधिक 2. आयकर दाता हैं 3 श्रमिक नहीं हैं 4. आयु 60 वर्ष से अधिक है। 5. अन्य योजना में पंजीकृत हैं। 6. विस्थापित हैं। 7. गैर मौजूदा। 8. शासकीय/निजी सेवा में हैं। 9. स्वयं का कारोबार/बिजनेस हैं। 10. एक से अधिक आई.डी. 11. मृत्यु हो जाने के कारण। 12. आयु 18 वर्ष से कम है। 13. स्वयं के द्वारा निरस्ती की मांग होने पर। 14. शिकायत जाँच में अपात्र पाये जाने पर। 15. अध्ययनरत छात्र है। 16. अस्तित्व में नहीं है। 17. मूल आवेदन उपलब्ध नहीं है। (ख) धार, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर जिलों में अपात्र चिन्हांकित किये गये हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अपात्र चिन्हांकित किये गये श्रमिक अथवा उनके उत्तराधिकारी यदि अपात्र किये जाने के निर्णय से असंतुष्ट हैं तो उक्त निर्णय के विरूध अपीलीय अधिकारी जिला कलेक्टर/उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर को अपील कर सकते हैं।
शासकीय भूमियों को कब्जाधारियों से मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
49. ( क्र. 834 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय मद में दर्ज शमशान, सड़क, आबादी, गौवठान एवं शासकीय स्कूलों की भूमि अन्य व्यक्तियों के कब्जें में होने के कारण विकास में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं? (ख) यदि नहीं, तो जबलपुर जिले के पनागर क्षेत्र के पटवारी हल्का नं. 4 खसरा नं. 115 शमशान भूमि, खसरा नं. 60, 94, 131 की कच्ची सड़कें 117/1 की आबादी भूमि आदि किसके कब्जे में हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के लिये कौन जवाबदार है? (घ) क्या शासकीय मद की भूमि से कब्जा हटाया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, शासकीय मद में दर्ज शमशान, सड़क, आबादी, गौठान आदि की भूमि पर अतिक्रमण पाये जाने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधान के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती हैं। (ख) पटवारी हल्का नं. 4 ग्राम विजुआ के खसरा न. 115, 117/1, 131 में अतिक्रमण नहीं है। ख.नं.94 मद रास्ता 0.096 हे. पर दो व्यक्तियों एवं ख.नं.60 मद रास्ता के रकबा 0.21 हे. पर पांच व्यक्तियों द्वारा कब्जा किया गया था जो संज्ञान में आने पर रा.प्र.क्र.0006/अ-68/2020-21 दर्ज किया गया है, जिसमे सुनवाई कर बेदखली आदेश पारित कर अतिक्रमणकारियों का अतिक्रमण हटाकर भूमि कब्जामुक्त करा दी गई है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
कोरोनाकाल में उचित मूल्य की दुकानों से हॉस्टलों में भेजे गए अनाज
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र. 842 ) श्री
महेश परमार : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) उज्जैन
जिले में
कोरोना काल
में मार्च 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
उचित मूल्य की
दुकानों से
किन-किन
हॉस्टलों में
कब-कब,
कहाँ-कहाँ और
कौन-कौन सा
अनाज भेजा गया? उनके
नाम, स्थान, तादाद, निर्धारित
मूल्य का
पूर्ण विवरण
दें। (ख) किन-किन
उचित मूल्य की
दुकानों ने
कौन-कौन से
अनाजों के
बदले कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
की गई? कितना
अनाज खरीदा गया
अनाज के विवरण
सहित पूर्ण
जानकारी देवें।
(ग) उचित
मूल्य की
दुकानों से
किन-किन
विभागों के
कौन-कौन से
हॉस्टलों ने
अनाज लिया कौन-कौन
से अनाज
संस्था की सुपुर्दगी
दिनांक बताएं।
(घ) कोरोना
काल के
अतिरिक्त
विगत 02
वर्षों में
उचित मूल्य की
किन-किन
दुकानों से
कौन-कौन सा
अनाज किस
विभाग के कौन
से हॉस्टलों
को भेजा गया
और अनाज के
बदले कितनी
राशि कब-कब
प्राप्त की गई?
खाद्य
मंत्री ( श्री
बिसाहूलाल
सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ'
अनुसार
है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- 'ब' में
प्रदाय
दिनांक को
राशि प्राप्त
की गई।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के सरकारी गेहूँ बेचने की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 863 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर में मार्च से अगस्त 2020 तक कोरोना काल में ही गरीबों के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के 3 करोड़ 7 लाख रूपये के सरकारी गेहूँ के बेचने के दोषियों के विरूद्ध जाँच कर दण्डात्मक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव, नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति विभाग भोपाल को प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 67 दिनांक 26-12-2020 दिया गया तथा की गई कार्यवाही से अवगत कराने हेतु भी लिखा गया? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत क्यों नहीं कराया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार योजनांतर्गत सरकारी गोदामों से गेहूँ निकाल कर मुन्नालाल अग्रवाल एवं राहुल अग्रवाल के ट्रांसपोर्ट द्वारा उचित मूल्य की 120 दुकानों तक नहीं पहुँचा और रास्ते में ही पूरा गेहूं गायब हो गया, जिसकी शिकायत कई दुकानदारों ने विभाग में की थी तथा मामले के तूल पकड़ने पर ट्रांसपोर्टरों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि हाँ, तो इस योजना का कितना गेहूँ, किसने, कहाँ-कहाँ और कैसे-कैसे बेचा? (ग) क्या गरीबों को सरकारी खाद्यान्न के आवंटन के लिये एम.पी. स्टेट सिविल कार्पोरेशन एवं जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी की जिम्मेदारी रहती है और सरकारी उचित मूल्य की 120 दुकानों पर इन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में ही गेहूँ पहुँचना था? यदि हाँ, तो इन दोनों विभागों के जिम्मेदार अधिकारी एवं अधीनस्थ कर्मचारी क्या कर रहे थे? इनकी जानकारी में यह पूरा मामला क्यों नहीं आया तथा दुकानदारों की शिकायतों पर इन्होंने तत्काल कार्यवाही क्यों नहीं की? क्या इसके लिये दोनों विभागों के अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदारी नहीं है तथा इन पर क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जलाशयों से सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 865 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गायमुख जलाशय एवं लूद जलाशय के नहरों का काम पूर्ण नहीं किया जा सका है? (ख) यदि हाँ, तो नहरों का निर्माण कार्य कितनी दूरी तक किया गया है और कितनी दूरी का कार्य शेष बचा है? (ग) क्या उक्त दोनों जलाशयों से कृषकों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध हो रहा या नहीं? यदि सिंचाई हो रही है तो कितने कृषकों की खेती में सिंचाई हो पा रही है उसकी जानकारी उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) गायमुख जलाशय की नहरों का कार्य पूर्ण एवं लूद जलाशय की नहरों का कार्य अपूर्ण होना प्रतिवेदित है। (ख) लूद जलाशय की मुख्य नहर निर्माण का कार्य 2.25 कि.मी. तक पूर्ण तथा 1.95 कि.मी. नहर कार्य शेष है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लंबित नामांतरण के प्रकरणों पर कार्यवाही
[राजस्व]
53. ( क्र. 866 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में भूमि नामांतरण के ऐसे कितने प्रकरण हैं जो एक वर्ष या उससे अधिक अवधि से लंबित है? (ख) उपरोक्त प्रकरणों में नामांतरण लंबित होने का क्या कारण है? (ग) क्या सरकार नामांतरण में विलम्ब होने के लिए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में भूमि नामांतरण के एक वर्ष या उससे अधिक अवधि के लंबित प्रकरण शेष नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उद्भूत नहीं होता।
छिंदवाड़ा जिले का संभाग बनाने की घोषणा का क्रियान्वयन
[राजस्व]
54. ( क्र. 874 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2008 में छिंदवाड़ा प्रवास पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाने तथा जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के दमुआ नगर पालिका को तहसील बनाने की घोषणा की गई थी। (ख) क्या जुन्नारदेव, तामिया, परासिया, उमरेठ, तहसील को मिलाकर कोयलांचल का नया जिला बनाने पर शासन विचार करेंगा? (ग) संभाग व तहसील बनाने की घोषणाएं जो विगत 13 वर्षों से लंबित है जनहित में कब तक पूरी की जाएंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा छिंदवाड़ा संभाग बनाने की घोषणा की गई थी। जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के दमुआ नगर पालिका को तहसील बनाने की घोषणा नहीं की गई थी। (ख) कोयलांचल जिला बनाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) नवीन संभाग व तहसील के सृजन के संबंध में भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 13 तथा उसके अनुसरण में निर्मित नियम मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, (संभागों, जिलो, उपखण्डों तथा तहसीलों के परिवर्तन, सृजन तथा समाप्ति) नियम, 2018 के अनुसरण में कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
व्यक्तियों का डायवर्सन के प्रकरण
[राजस्व]
55. ( क्र. 890 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग में व्यक्तियों को डायवर्सन हेतु आवेदन ऑनलाईन करने की व्यवस्था लागू है? यदि हाँ, तो इस व्यवस्था के तहत आवेदन शुल्क राशि आवेदन के साथ लेने की है? यदि हाँ, तो ऐसे प्रकरण जो स्वीकृत नहीं होते उनका डायवर्सन शुल्क वापिस किये जाने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस प्रक्रिया में संशोधन करेगा, ताकि गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को राहत प्रदान की जा सकें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग में डायर्वसन शुल्क सहित आवेदन के उपरान्त डायवर्सन अधिकारी द्वारा समय-सीमा में डायवर्सन न किये जाने पर स्वतः डायवर्सन हुआ माने जाने का प्रावधान है? (ग) सागर जिले में विगत तीन वर्षों में डायवर्सन के कितने आवेदन उक्त व्यवस्था के अंतर्गत प्राप्त हुये तथा कितनें डायवर्सन किये गये एवं कितने लंबित है? लंबित होने का कारण बताएँ।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक एफ-2 12/2015/सात/शा अनुसार आवेदक, ऑनलाईन व्यपवर्तन सूचना प्रस्तुत कर सकता है। आवेदक आवेदन शुल्क ऑनलाईन भुगतान कर सकता है। डायवर्सन प्रकरण को निरस्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) म.प्र. शासन द्वारा प्रसारित निर्देश दिनांक 13.01.2021 के अनुसार सूचना दिनांक से 30 दिवस उपरांत भू-अभिलेख अद्यतन कर डायवर्सन सूचना की प्रवृष्टि भू-अभिलेख में दर्ज किये जाने के निर्देश प्रसारित किये गये है। (ग) सागर जिले में विगत 03 वर्षों में प्राप्त 3008 आवेदन प्राप्त हुये थे जिनमें से 2797 निराकृत हो चुके तथा शेष 210 आवेदनों के अनुक्रम में पुष्टि की कार्यवाही की जाना शेष है। वर्तमान में पुष्टि हेतु शेष 210 प्रकरण 30 दिवस की समय-सीमा के अंदर है।
म.प्र. में किसानों की उपज हरियाणा एवं पंजाब राज्य सरकार की भांति खरीदी जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
56. ( क्र. 896 ) श्री
शशांक
श्रीकृष्ण
भार्गव : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
में कृषकों की
उपज गेहूँ, चना, मसूर
धान, खरीदी
सहकारी
समितियों के
माध्यम से
खरीदे जाने
में
प्रतिवर्ष
आने वाली
परेशानियां/समस्याओं
के साथ ही तौल
केन्द्रों पर
वारदाने की
कमी एवं आकस्मिक
वर्षा होने पर
उपज खराब होने
के चलते खरीदी
व्यवस्था में
संशोधन हेतु
शासन स्तर पर
नई योजना पर
कार्यवाही
प्रस्तावित
है? (ख) यदि
प्रश्नांश (क) के
क्रम नहीं तो
क्या दिनांक 19.12.2020 को
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र क्रमांक
5119 के
माध्यम से मा.
मुख्यमंत्री
जी, मा.
कृषि मंत्री म.प्र.
शासन प्रमुख
सचिव कृषि, खाद्य, सहकारिता
को पत्र लिखकर
उपज पंजाब
हरियाणा
राज्य सरकार
की भांति
किसानों से
खरीदे जाने की
व्यवस्था
हेतु मांग की
थी? (ग) यदि
प्रश्नांश (ख) के
क्रम में हाँ, तो म.प्र. सरकार
किसानो के हित
एवं क्रय की
गई उपज को सुरक्षित
रखे जाने के
महत्व को
ध्यान में
रखते हुये म.प्र.
में भी पंजाब
एवं हरियाणा
राज्य सरकार
की भांति
कृषि उपज
किसानों से
खरीदे जाने की
व्यवस्था किये
जाने पर
कार्यवाही
करेगी? यदि
हाँ, तो
कब तक नहीं तो
क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
बिसाहूलाल
सिंह ) : (क) प्रदेश
में ई-उपार्जन
पोर्टल पर
पंजीकृत किसानों
से समर्थन
मूल्य पर
गेहूं, चना, मसूर
धान की खरीदी
का कार्य
सहकारी
समितियों के
अतिरिक्त
कृषि उत्पाद
संगठनों, एनआरएलएम
के अंतर्गत
पंजीकृत
महिला स्व-सहायता
समूहों एवं
संयुक्त
भागीदारी
योजनांतर्गत
पंजीकृत 3,000 मे.टन से
अधिक रिक्त
क्षमता वाले
निजी गोदाम
संचालकों को
उपार्जन का
कार्य देने का
प्रावधान रबी
विपणन वर्ष 2021-22 की नीति
में किया जाना
प्रस्तावित
है। (ख) जी
हां। (ग) समर्थन
मूल्य पर उपज
विक्रय करने
वाले किसानों
के हितों के
संरक्षण एवं
सहकारिता को
बढ़ावा देने
को दृष्टिगत
रखते हुए
पंजाब एवं
हरियाणा राज्य
की उपार्जन व्यवस्था
अनुसार
प्रदेश में
बड़े व्यापारियों
(आढ़तियों) के
माध्यम से
उपार्जन का
कार्य कराने
का कोई प्रस्ताव
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मकोडिया बांध की स्वीकृति
[जल संसाधन]
57. ( क्र. 899 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा एवं रायसेन जिले के कृषकों के हित में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि हेतु बेतवा एवं केन नदी लिंक परियोजनांतर्गत प्रस्तावित मकोडिया बांध की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मकोडिया बांध की स्वीकृति के संबंध में सिंचाई क्षेत्र के रकबा सहित जानकारी दें कि उक्त योजना पर कार्य कब से प्रारंभ होगा? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में नहीं तो क्या शासन विदिशा एवं रायसेन जिले के कृषकों के हित में बहुप्रतिक्षित मकोडिया बांध सिंचाई परियोजना (बेतवा नदी) जिला रायसेन की स्वीकृति के संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश शासन के सुझाव अनुसार मकोड़िया बांध के स्थान पर विदिशा एवं रायसेन जिले के कृषकों के हितों के लिए अन्य वैकल्पिक बांधों के निर्माण का प्रस्ताव केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना में शामिल किया गया है।
आदिवासियों की भूमि को गैर आदिवासियों को विक्रय की अनुमति
[राजस्व]
58. ( क्र. 907 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 613 दिनांक 23.09.2020 के खण्ड (ख) में उल्लेखित प्रकरणों के अनुमति दिये जाने तथा निरस्त किये जाने के आदेश की प्रति देवे तथा म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165/6 और 165/7 की प्रति देवें तथा बतावें की इसमें निरस्त आवेदन पर अपर आयुक्त संभाग में अपील करने का उल्लेख कहा है। (ख) जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक धारा 165/6 एवं 165/7 में कितने आवेदनों पर निर्णय हुआ उनके आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि 2014 से दिसम्बर 2020 तक कितने आदिवासियों ने अपनी जमीन के डायवर्जन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया उनकी सूची देवे। (ग) रतलाम जिले में 2007 से 2013 तक आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को विक्रय की अनुमति धारा 165/6 में कितने प्रकरणों में दी गई तथा उक्त अवधि में कितने आवेदन निरस्त किये गये दोनो की सूची देवें। (घ) क्या 165/6 में विक्रय की अनुमति देते वक्त इस बात का अध्यन किया जाता है कि एक ही परिवार ने आदिवासियों कि कितनी जमीन खरीदी है यदि नहीं, तो क्यो और यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्नांश (ख) तथा (ग) में जितने प्रकरणों में अनुमती दी गई उनमें एक ही परिवार के लोगों ने कितनी-कितनी जमीन खरीदी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न क्र. 613 दिनांक 23-09-2020 के खण्ड (ख) में उल्लेखित प्रकरणों में अनुमति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं निरस्त किये गये आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) और 165 (7) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 44 में संहिता के तहत जारी किसी आदेश के विरूद्ध अपील का प्रावधान है। (ख) जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक धारा 165 (6) और 165 (7) में पारित आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। डायवर्सन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में, जिन प्रकरणों में 2007 से 2013 तक आदिवासियों की जमींन गैर आदिवासियों को विक्रय की अनुमति धारा 165 (6) में दी गई है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ढ'' अनुसार है तथा उक्त अवधि में कुल निरस्त किये गये आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''श'' अनुसार है। (घ) रतलाम जिले में वर्तमान में ऐसा प्रमाणित प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
नहर का संधारण
[जल संसाधन]
59. ( क्र. 967 ) श्री संजीव सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड मुख्य नहर से रूर की पुलिया तक नहर संधारण का कार्य किया गया? नहर संधारण में सी.सी. निर्माण से पूर्व नहर में खण्डों की पिचिंग थी? क्या उक्त खण्डों को ठेकेदार द्वारा विभाग को सुपुर्द किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी क्वांटिटी खण्ड विभाग में जमा किए गए? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा उक्त ठेकेदार के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराया या अन्य कोई कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। नहर संधारण कार्य के अनुबंध में पिचिंग तोड़ने के कार्य का न तो प्रावधान था और न ही कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
रीवा जिले के किसानों को समय पर खाद एवं बीज की उपलब्धता
[सहकारिता]
60. ( क्र. 970 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में किसानों को समय पर खाद एवं बीज उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 272 दिनांक 30.09.2020 पत्र क्र. 302 दिनांक 24.11.2020, पत्र क्र. 319 दिनांक 06.11.2020 एवं पत्र क्र. 382 दिनांक 18.12.2020 द्वारा उपायुक्त सहकारिता/प्रशासक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा को रीवा जिले की समस्त समितियों के समिति प्रबंधकों, उप समिति प्रबंधकों, सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधकों एवं विक्रेताओं के ऊपर कितनी राशि की बकाया है, की जानकारी चाही गई थी, उक्त जानकारी विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को आज दिनांक तक क्यों प्रदाय नहीं की गई है? (ख) क्या सरकार विभाग के मनमानी/विधि विरूद्ध कार्य कर रहे उपायुक्त सहकारिता/प्रशासक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराते हुये उपरोक्त जानकारी प्रदाय कराना सुनिश्चित करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के पत्र क्रमांक/2251 दिनांक 04-01-2021 एवं बैंक के पत्र क्रमांक/2537 दिनांक 06-02-2021 से जानकारी माननीय सदस्य को प्रेषित की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
किसानों को समय पर खाद एवं बीज की उपलब्धता
[सहकारिता]
61. ( क्र. 971 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में किसानों को समय पर खाद एवं बीज उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 272 दिनांक 30.09.2020 पत्र क्र. 302 दिनांक 24.11.2020, पत्र क्र. 318 दिनांक 06.11.2020 एवं पत्र क्र. 381 दिनांक 18.12.2020 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा को रीवा जिले की समस्त समितियों के प्रबंधकों, उप समिति प्रबंधकों, सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधकों एवं विक्रेताओं के ऊपर कितनी राशि की बकाया है की जानकारी चाही गई थी, उक्त जानकारी विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को आज दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई है? (ख) क्या सरकार विभाग के मनमानी/विधि विरूद्ध कार्य कर रहे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत कराते हुये उपरोक्त जानकारी प्रदाय करना सुनिश्चित करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के पत्र क्रमांक/2251 दिनांक 04-01-2021 एवं बैंक के पत्र क्रमांक/2537 दिनांक 06-02-2021 से जानकारी माननीय सदस्य को प्रेषित की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
नजूल आबादी भूमि को भूमि स्वामी अधिकारों का प्रदाय
[राजस्व]
62. ( क्र. 979 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा नजूल आबादी भूमि में रह रहे लोगों की भूमि का सर्वे कराने तथा भूमि स्वामी अधिकार प्रदाय करने हेतु कब-कब आदेश जारी किये गये? आदेशों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ख) जबलपुर नगर की विभिन्न तहसीलों के कौन-कौन से खसरे क्रमांक नजूल आबादी भूमि के अंतर्गत आते हैं? विस्तृत विवरण तहसीलवार देवें। (ग) जबलपुर जिलें में नजूल आबादी भूमि के सर्वेक्षण हेतु जिला प्रशासन द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? अभिलेख उपलब्ध करावें। (घ) जबलपुर जिले की कितनी नजूल आबादी भूमि का सर्वेक्षण हो चुका है, कितना शेष है, कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ङ) नजूल आबादी भूमि में निवासरत नागरिकों को भू-स्वामी अधिकार प्रदान करने हेतु शासन के क्या नियम एवं निर्देश हैं? प्रतियां उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उपलब्ध अभिलेख अनुसार दिनांक 17/01/1981, 28/12/2010, 08/08/2014, 03/01/2018 एवं 24/09/2020 को निर्देश जारी किए गए हैं जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जबलपुर नगर अंतर्गत रांझी, गोरखपुर, आधारताल तहसीले हैं। तहसीलवार आबादी नजूल भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' (पृष्ठ क्रमांक 1 से 8 तक) अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में नजूल आबादी भूमि के सर्वेक्षण हेतु दल गठित किया जाकर सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया गया। सर्वेक्षण के दौरान उसमें आबादी भूमि को नजूल घोषित होने के पश्चात भूमि व्यवस्थापन एवं निर्धारण से संबंधित आई समस्या के संबंध में कलेक्टर जिला जबलपुर द्वारा मार्गदर्शन चाहा जाने पर परिपत्र दिनांक 24/09/2020 में उक्त समस्या का समाधान किया गया है। (घ) परिपत्र दिनांक 24/09/2020 में व्यवस्था है कि परिपत्र की शर्तों अनुसार शासकीय भूमि पर निवासरत पात्र अधिभोगी ऑनलाइन RCMS पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे तथा प्रस्तुत आवेदनों का जाँच उपरान्त निराकरण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। (ड.) वर्तमान परिपत्र दिनांक 24/09/2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
कर्मकार मंडल विवाह सहायता योजना अंतर्गत शासकीय राशि का दुरूपयोग
[श्रम]
63. ( क्र. 987 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 01 अप्रैल 2019 तथा 01 अप्रैल 2020 में संबल (नया सबेरा) मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना, म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल योजना में कितने-कितने श्रमिक पोर्टल पर पंजीकृत हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक संबल (नया सबेरा) मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना, म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल योजनान्तर्गत श्रमिकों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं से प्रदेश में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में संबल एवं कर्मकार मण्डल योजना में पंजीकृत श्रमिकों को कौन-कौन सी योजनाओं से लाभांवित किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजना से श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह हेतु 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले में विवाह सहायता के कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? क्या जनपद पंचायत सिरोंज में विवाह सहायता योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच किसके द्वारा की जा रही है? यदि नहीं,तो कब तक की जावेगी? (ङ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विदिशा जिले में उपरोक्त योजना में पंजीकृत श्रमिकों को अनुग्रह सहायता के कितने प्रकरण स्वीकृत होने के बाद उनका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है? भुगतान कब तक किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- 01 अप्रैल 2019 की स्थिति में 8,00,010 तथा 1 अप्रैल 2020 की स्थिति में 8,88,976 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल - 01 अप्रैल 2019 तथा 01 अप्रैल 2020 में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिकों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक संबल (नया सबेरा) मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना, म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल योजनान्तर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- योजना में प्रदेश में लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल- योजना में प्रदेश में लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ग) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- विदिशा जिले में योजनाओं के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिकों को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शाई योजनाओं में लाभान्वित किया गया है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल- विदिशा जिले में संबल की श्रम विभागीय योजनाओं के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिकों को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शाई योजनाओं में लाभान्वित किया गया है। (घ) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- विवाह सहायता योजना अंतर्गत 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले में 4886 प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। जी हाँ। जनपद पंचायत सिरोंज में विवाह सहायता योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, विदिशा द्वारा दल गठित किया गया है। जाँच प्रचलित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल- मंडल द्वारा विवाह सहायता योजना संचालित नहीं है। (ड.) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल - जानकारी निरंक है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल - विदिशा जिले में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के पंजीकृत श्रमिकों को अनुग्रह सहायता के 25 प्रकरण स्वीकृत पश्चात भुगतान हेतु लंबित है। पर्याप्त बजट प्राप्ति पर भुगतान किया जायेगा।
ग्वालियर जिले के टेकनपुर-हर्सी रोड का निर्माण
[जल संसाधन]
64. ( क्र. 992 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टेकनपुर से हर्सी तक मुख्य नहर की सर्विस रोड को जल संसाधन विभाग से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण करने बाबत् विभाग द्वारा दिनांक 12/02/2016 को पत्र लिखा है, जैसा प्रश्नकर्ता के 25 फरवरी 2016 के तारांकित प्रश्न क्र. 58 (क्र. 1073) के अनुसार बताया है तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त दिवस से प्रश्न दिनांक तक उक्त पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के रोड का 1 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2020 तक कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, मुख्य अभियंता या भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कब-कब भौतिक निरीक्षण किया है? दिनांकवार स्पष्ट करें। क्या उन्होंने अपने निरीक्षण में इस रोड की हालत (निर्माण) के लिये वरिष्ठालय को पत्र लिखे हैं? यदि हाँ तो कब-कब? पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) 1 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा भितरवार विधानसभा में किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस यंत्री, सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री के सुपरविजन में किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? प्रत्येक कार्यवाईज अलग-अलग उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग को लिखे गए पत्र की प्रति पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। टेकनपुर से हर्सी बांध तक विभागीय सर्विस रोड निर्मित है जिसका उपयोग अधिकारियों द्वारा समय-समय पर बांध एवं नहर का निरीक्षण करने तथा रबी सिंचाई के दौरान पेट्रोलिंग करते समय उपयोग किया जाता है। पृथक से सर्विस रोड के निरीक्षण करने की आवश्यकता नहीं होने से तिथिवार जानकारी दी जाना संभव नहीं है। रोड निर्माण के संबंध में लिखे गए पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2/3/4/5/6/7/8/9/10/11 अनुसार है। (ग) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
विदिशा जिले में विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्य
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 999 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 जनवरी 2010 से प्रश्नांकित अवधि तक गंजबासौदा एवं विदिशा संभागों के कार्यालयों के अंतर्गत कौन-कौन सी वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म जल परियोजनायें परिसंचालित हैं? इनमें कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? परियोजनावार, स्थानवार सूची उपलब्ध कराते हुए संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत तीन वित्तीय वर्षों में प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी लघु, मध्यम, वृहद योजनायें (तालाब, स्टाप डेम, बांध, बैराज आदि) स्वीकृत की गई हैं एवं किन-किन के द्वारा तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृती एवं कार्यादेश जारी किये गये हैं? योजना के स्वीकृत राशि, कार्यादेश की दिनांक, योजना का स्वरूप, कार्य पूर्ण होने के समयावधि सहित कार्यों की अद्यतन स्थिति सहित समग्र जानकारी योजनानुसार दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितना निर्माण कार्य पूर्ण होकर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य के कितना कार्य पूर्ण होने पर किया गया है? निर्माण एजेंसियों के भुगतान राशि व तिथि भी बतलावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बरखेड़ा हरगन लघु सिंचाई परियोजना, सेमलखेड़ी तीर्थ लघु सिंचाई परियोजना, सेमरखेड़ी बांध परियोजना लटेरी कब स्वीकृत हुई है? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें तथा इन परियोजनाओं में कितनी-कितनी वन भूमि एवं निजी भूमि डूब क्षेत्र में आ रही हैं एवं वर्तमान में इन परियोजनाओं की क्या स्थिति है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विदिशा जिले में 01 जनवरी 2010 से प्रश्नांकित अवधि तक गंजबासौदा, विदिशा एवं बेतवा परियोजना प्रबंधन इकाई गंजबासौदा संभागों के अंतर्गत परिसंचालित वृहद, मध्यम, लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) बरखेड़ा हरगन, सेमलखेड़ी तीर्थ तथा सेमरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमश: दिनांक 02.11.2017, 01.10.2016 एवं 17.01.2003 द्वारा प्रदान की गई। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1/2/3 अनुसार है। वनभूमि एवं डूब भूमि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं में बीमा राशि भुगतान के निर्धारित मापदण्ड
[सहकारिता]
66. ( क्र. 1001 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी सहकारी संस्थाओं में वर्ष 2018-19 की बीमा राशि प्राप्त हुई है तथा बीमा कम्पनी द्वारा राशि प्रदाय करने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? सोसायटी का नाम, कृषकों की संख्या और प्राप्त बीमा राशि का विवरण उपलब्ध करावें तथा यह भी बतावें कि भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी संस्थाओं में वर्ष 2018-19 का बीमा राशि प्राप्त नहीं हुई है तथा क्या कारण है? क्या बीमे से वंचित किसानों की बीमा प्रीमियम, बीमा कम्पनी में जमा की गई है? हाँ तो जमा की गई राशि का विवरण सोसायटीवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या बीमा राशि प्राप्त न होने के लिए इस प्रक्रिया में कोई दोषी है? यदि है तो कौन है तथा उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2018.19 में स्वीकृत फसल क्षतिपूर्ति राशि की 25 प्रतिशत राशि का वर्तमान तक किसानों को भुगतान न होने से संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 18 संस्थाओं में, फसलवार एवं बीमा इकाईवार उपज के आंकड़े के आधार पर क्षतिपूर्ति की राशि का आंकलन किया जाता है। संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। 03 संस्थाओं की फसल बीमा योजना के अनुसार उपज में कमी नहीं पाये जाने से क्षतिपूर्ति देय नहीं है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राजस्व विभाग खरगोन से प्राप्त जानकारी अनुसार भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018-19 में फसल क्षतिपूर्ति राशि स्वीकृत नहीं की गई थी।
ग्राम दसई को टप्पा तहसील घोषित किया जाना
[राजस्व]
67. ( क्र. 1015 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के तहसील सरदारपुर के ग्राम दसई को टप्पा तहसील द्योषित किया गया थ? यदि हाँ तो कब और किस वर्ष में? (ख) ग्राम दसई में टप्पा तहसील कार्यालय कब और किस वर्ष में किसके आदेश से बंद किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिनांक 28.05.2002 को ग्राम दसई में टप्पा कार्यालय प्रारंभ किया गया है। (ख) ग्राम दसई में टप्पा कार्यालय वर्तमान तक बंद नहीं किया गया है किन्तु कालांतर में विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों के अभाव टप्पे में बैठकर कार्य संपादित नहीं किया जा सका। प्रति सप्ताह टप्पा क्षेत्र में भ्रमण कर कार्य संपादित किया जा रहा है। वर्तमान में पुन: राजस्व निरीक्षक कार्यालय दसई में टप्पा कार्यालय की व्यवस्थायें की जाकर नियमित रूप से बैठकर टप्पा कार्यालय दसई पर कार्य संपादित किया जाना प्रारंभ किया गया है।
वेदा एवं कुन्दा नदी पर स्टाप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
68. ( क्र. 1024 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के वेदा नदी एवं कुन्दा नदी पर स्टॉप डेम/पुलिया रिपेयरिंग एवं निर्माण कार्य शीघ्र किए जाने जल संसाधन विभाग की ओर प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र/नोटशीट क्रमांक 2330 से 2335 दिनांक 23/10/19 के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक क्या स्वीकृति आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ तो कब? नहीं तो कारण बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के विभागीय स्तर पर कितने पत्र प्राप्त हुए और उन पर विभाग द्वारा समय समय पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाहीवार विवरण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्राप्त पत्रों के उपरांत कितने वर्ष व्यतीत हुए एवं विलंब के क्या कारण हैं? तत्संबंध में क्या जवाबदेही सुनिश्चत कर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्तानुसार स्वीकृति आदेश जारी किये जाएंगे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मैदानी कार्यालयों से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभाग/प्रमुख अभियंता को कुल 06 पत्र/नोटशीट प्राप्त हुए थे। जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार है। (ग) परियोजनाओं का परीक्षण एवं तद्नुसार निराकरण विभिन्न स्तरों पर किया जाता है, जिसमें समय लगना स्वाभाविक है। विभागीय प्रक्रिया के तहत उक्त कार्यवाही को विलंब की श्रेणी में नहीं माना जा सकता। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं होने से विलंब की स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
खरीफ उपार्जन 2020-21 में सर्वेयरों का नियोजन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
69. ( क्र. 1029 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरीफ उपार्जन 2020-21 में कटनी जिले के खरीदी केन्द्रों में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा सर्वेयरों को नियोजित किया गया था? यदि हाँ, तो निगम द्वारा नियोजित सर्वेयरों की क्या सेवा-शर्तें थीं एवं कितने केन्द्रों में ये सर्वेयर पदस्थ थे तथा धान उपार्जन में इनकी क्या भूमिका थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सर्वेयरों द्वारा पास की गई धान खरीदी उपरान्त किन-किन केन्द्रों से कितनी-कितनी मात्रा में अमानक पाई गई? बिन्दुवार पदस्थ सर्वेयरों के नाम सहित सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अमानक धान को अपग्रेड करने में हुये व्यय तथा स्कंद में कमी की क्या प्रतिपूर्ति नियोजित सर्वेयरों से कर उनके विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या खरीफ उपार्जन 2020-21 में कटनी जिले में बारदानों के अभाव में समय-समय पर खरीदी केन्द्रों में धान उपार्जन की तौल बंद होने से कृषक परेशान रहे तथा उन्हें आर्थिक क्षति उठानी पड़ी? यदि हाँ, तो किन-किन केन्द्रों में कब से कब तक बारदानों के अभाव में तौल बंद रही? इसका दोषी कौन है? क्या शासन सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कटनी जिले में चयनित सर्वेयर सेवाप्रदाता के माध्यम से गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्रों एवं संग्रहण केन्द्रों पर धान की गुणवत्ता परीक्षण हेतु सर्वेयरों का नियोजन किया गया था। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्रों पर पदस्थ सर्वेयर एवं गुणवत्ता परीक्षण में अमानक पाई गई धान की मात्रा, उपार्जन केन्द्र का नाम/भंडारण केन्द्र एवं सर्वेयर के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा निर्धारित यूनिफार्म स्पेसिफिकेशन अनुसार समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का दायित्व संबंधित उपार्जन केन्द्र संचालन करने वाली संस्था का होने के कारण अमानक धान को अपग्रेड करने पर हुए व्यय एवं स्कंध में कमी की प्रतिपूर्ति उपार्जन करने वाली संस्था द्वारा की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जिले में बारदाने की उपलब्धता रही है। जिले के कुछ उपार्जन केन्द्रों पर बारदानों की आपूर्ति में विलंब होने के कारण अल्प समय के लिए धान की तुलाई प्रभावित हुई, जिसका त्वरित निदान किया गया। बारदानों के कारण किसानों को आर्थिक क्षति नहीं हुई है। जिन उपार्जन केन्द्रों पर बारदानों की आपूर्ति में विलंब हुआ है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–स अनुसार है। बारदानों की आपूर्ति तत्समय ही करने एवं किसानों से समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य पूर्ण हो जाने के कारण जाँच एवं कार्यवाही करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
वाटर टैंक एवं केनाल निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 1031 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले के विकासखण्ड निवास के अंतर्गत ग्राम करौंदी में निर्माणाधीन वाटर टैंक (स्टाप डेम) एवं केनाल निर्माण की लागत कितनी है? निर्माण कार्य के एवज में संबंधित ठेकेदारों को कितनी राशि भुगतान की जा चुकी है? (ख) क्या विगत एक (1) वर्ष से अधिक समय से वाटर टैंक (स्टाप डेम) विथ केनाल अधूरा निर्माण है? यदि हाँ तो अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नाधीन ग्राम में वाटर टैंक (स्टाप डेम) न होकर गौर लघु सिंचाई जलाशय निर्माणाधीन है। जलाशय की लागत रू. 3435.77 लाख है तथा ठेकेदार को रू. 1098.91 लाख भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी हाँ। जलाशय के डूब क्षेत्र में प्रभावित वन भूमि हस्तांतरित नहीं होने के कारण। वन भूमि के हस्तांतरण की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात निर्माण कार्य कराया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला कार्यालय की स्वीकृत पदों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 1042 ) श्री अनिल जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में विभाग का जिला कार्यालय तथा किन-किन पदों की स्वीकृति हेतु किन-किन स्तर से कब-कब तथा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्र क्रमांक, दिनांक तथा की गई कार्यवाही सहित बताया जाये कि जिला कार्यालय तथा पद स्वीकृति हेतु अद्यतन स्थिति एवं स्वीकृति न मिलने का कारण बताया जावे। (ख) क्या निवाड़ी जिले में विभाग से केवल एक पद स्वीकृत है? यदि हाँ तो बताया जाये कि प्रदेश के कौन-कौन से जिले ऐसे हैं जिनमें केवल एक पद के द्वारा विभाग संचालित किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय तथा प्रस्तावित पदों की स्वीकृति कब तक मिल सकेगी? (घ) क्या जिले में संचालित राशन दुकानों को पात्र परिवारों के मापदण्ड अनुसार खाद्य सामग्री का आवंटन अप्राप्त रहने से कई परिवार वंचित हो रहे हैं? यदि हाँ तो 01 अप्रैल 2020 से मापदण्ड अनुसार जिले में खाद्य सामग्री आवंटन की मांग एवं प्रदाय आवंटन की मात्रा बतायी जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) निवाड़ी जिले में खाद्य विभाग अंतर्गत नवीन पदों के सजृन का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को जावक क्रमांक 6272, दिनांक 20.11.2020 तथा वित्त विभाग को जावक क्रमांक 6273, दिनांक 20.11.2020 से प्रेषित किया गया था। वित्त विभाग द्वारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार प्रदत्त सहमति के परिप्रेक्ष्य में पुन: प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को जावक क्रमांक 69, दिनांक 18.01.2021 को प्रेषित किया गया, जो प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) निवाड़ी जिले हेतु खाद्य विभाग अंतर्गत कोई पद स्वीकृत नहीं है। प्रदेश में ऐसा कोई भी जिला नहीं है, जहां एक पद द्वारा विभाग का कार्य संचालित किया जा रहा हो। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) माह जनवरी 2021 तक कोई भी परिवार खाद्यान्न से वंचित नहीं हुआ है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षतिग्रस्त हुए डेम-नहर का मरम्मतीकरण
[जल संसाधन]
72. ( क्र. 1049 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लगातार आमजन हेतु पेयजल व औद्योगिक तथा विभिन्न कार्य किये जाने हेतु जल की आवश्यकता निरंतर बढ़ती जा रही है, साथ ही जावरा व पिपलौदा तहसील अतिदोहित होकर डार्क जोन एरिया भी घोषित किया है? (ख) अवगत कराएं कि विगत वर्षों से प्रस्तावित पिपलौदा तहसील अंतर्गत इन्द्रपुरी बेराज व मचून डेम को बजट में सम्मिलित कर उक्त कार्ययोजनाओं को कब तक प्रारम्भ किया जा सकेगा? (ग) साथ ही अवगत कराएं कि विगत वर्षों में आई बाढ़, अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुए बेराज, डेम नहरे व अन्य जल संरचनाएं, उनके मरम्मतीकरण, सुदृढ़ीकरण हेतु क्या-क्या कार्य किये गये कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, केन्द्रीय भूजल, बोर्ड की रिपोर्ट वर्ष 2017 (प्रकाशन वर्ष 2019) के आधार पर पिपलौदा एवं जावरा तहसील अतिदोहित (डार्क जोन) क्षेत्र घोषित है। (ख) इन्द्रपुरी बैराज के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रमुख अभियंता कार्यालय में प्रचलन में है। माचून तालाब क्रमांक 2 की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हितग्राहियों को खाद्य सामग्री का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 1054 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में गरीबी रेखा राशनकार्ड धारी हितग्राहियों को पात्रता पर्ची के माध्यम से खाद्य सामग्री का वितरण किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो क्या जिन हितग्राहियों की पात्रता पर्ची विगत वर्षों से लंबित है, उन हितग्राहियों की खाद्य सामग्री का आवंटन शासन द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ तो हितग्राहियों को आवंटित की गई सामग्री कहाँ जा रही है? (ग) जिन हितग्राहियों की पात्रता पर्चियां लंबित होने के कारण उन्हें खाद्य सामग्री वितरित नहीं किये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? वर्षों से लंबित पात्रता पर्चियां कब तक जारी की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ, (ख) NFSA, 2013 अंतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को खाद्यान्न सामग्री आवंटन किए जाने का प्रावधान है, तद्नुसार ही ऑनलाइन आवंटन जारी किया जाता है। हितग्राहियों के लिए आवंटित सामग्री पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से आधार आधारित बॉयोमैट्रिक सत्यापन (अंगूठे की छाप) से वितरण कराया जाता है। (ग) भारत सरकार द्वारा राज्य हेतु निर्धारित जनसंख्या सीमा (5.46 करोड़ हितग्राही) तक ही वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची एवं राशन आवंटन जारी किया जाता है। माह मई, 2017 की स्थिति में राज्य हेतु निर्धारित जनसंख्या सीमा पूर्ण हो जाने के कारण नवीन परिवारों को सम्मिलित किया जाना संभव नहीं हो पा रहा था। NFSA अंतर्गत सम्मिलित परिवारों के सत्यापन उपरांत विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने आदि कारण से स्थानीय निकाय के द्वारा चिन्हांकित अपात्र परिवारों को माह अगस्त-सितम्बर, 2020 में पोर्टल से पृथक कर इनके स्थान पर नवीन वैध पात्र हितग्राहियों को जोड़े जाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई। अत: इसमें किसी अधिकारी के दोषी न होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही करने संबंधी प्रश्न उपस्थित नहीं होता। माह जनवरी, 2021 की स्थिति में विभाग के राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन करने वाले सभी वैध पात्रताधारी 9, 05, 122 परिवारों के 31, 52, 933 हितग्राहियों हेतु पात्रता पर्ची एवं आवंटन जारी किया जा चुका है। नवीन परिवार द्वारा स्थानीय निकाय कार्यालय के माध्यम से पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करना, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है।
श्री स्वामी विवेकानन्द मल्टी स्टेट को एन.ओ.सी. जारी कर निरस्त की जाना
[सहकारिता]
74. ( क्र. 1055 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या श्री स्वामी विवेकानन्द मल्टी स्टेट को- आपरेटिव्ह क्रेडिट सोसायटी को काम करने के लिये आयुक्त सहकारिता द्वारा एन.ओ.सी. जारी की गई थी जिसे सोसायटी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद निरस्त कर दिया गया? एन.ओ.सी. जारी करने और निरस्त करने की तिथि बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : श्री स्वामी विवेकानंद को-आपरेटिव्ह क्रेडिट सोसायटी को मध्यप्रदेश में काम करने के लिए आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 29.04.2016 को एन.ओ.सी. जारी की गयी थी। एन.ओ.सी. में उल्लेखित प्रमुख शर्तों का पालन नहीं किए जाने के कारण इसे दिनांक 05.12.2019 को निरस्त किया गया। दिनांक 29.04.2016 की एन.ओ.सी. में उल्लेखित शर्तों के साथ ही कतिपय अतिरिक्त शर्तों के साथ उक्त एन.ओ.सी. दिनांक 05.02.2020 को बहाल की गयी। मूल एन.ओ.सी. दिनांक 29.04.2016 की शर्तों तथा दिनांक 05.02.2020 को बहाल की गयी एन.ओ.सी. की अतिरिक्त शर्तों का पालन नहीं किये जाने से सोसायटी को दिनांक 12.11.2020 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के उपरांत उक्त दोनों एन.ओ.सी. दिनांक 10.12.2020 को निरस्त की गयी।
अमानक रासायनिक व जैविक खाद की सप्लाई
[सहकारिता]
75. ( क्र. 1064 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2019 से 29 जनवरी 2021 के मध्य यूरिया, डी.ए.पी., सुपर फास्फेट को छोड़कर अन्य रासायनिक व जैविक खाद निर्माता कौन-कौन सी कम्पनियों द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा खाचरौद, शाखा घिनौदा, शाखा नागदा की सेवा सहकारी संस्थाओं को कौन-कौन सा रासायनिक व जैविक खाद कितनी-कितनी मात्रा में किस रेट के तहत उपलब्ध कराया है? (ख) किसानों द्वारा सोसायटियों द्वारा जो रासायनिक व जैविक खाद उपलब्ध कराया गया है, वह घटिया किस्म का अमानक है की शिकायत करने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या सप्लाई किये गये खाद को लैब में टेस्ट हेतु पहुंचाया जायेगा? (ग) उपरोक्त समयावधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा खाचरौद, शाखा घिनौदा, शाखा नागदा की सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को ऋण के साथ दी जाने वाली यूरिया, डी.ए.पी., सुपर फास्फेट को छोड़कर रासायनिक व जैविक खाद कितने किसानों को कितनी मात्रा में दी गई? रासायनिक व जैविक खाद का नाम, निर्माता कम्पनी का नाम बतायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) यूरिया, डी.ए.पी., सुपर फास्फेट को छोड़कर अन्य रासायनिक, जैविक खाद एवं दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) कोई शिकायत प्राप्त नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, कृषि विभाग द्वारा लिये गये नमूनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
पटवारी द्वारा मूल नक्शा शीट में छेड़छाड़ किया जाना
[राजस्व]
76. ( क्र. 1065 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम डाबरी तहसील नागदा में स्थित भूमि सर्वे नं. 291/2/मिन-3, 292, 293 से संबंधित जिला व तहसील के रिकार्ड में मूल अक्स शीट एक समान होने के बाद मौजा पटवारी के पास तीसरी शीट किस अधिकारी आदेश से निर्मित की गई है? (ख) वर्ष 2009-10 में ग्राम डाबरी तह. नागदा के सर्वे नं. 291/2/मिन-3, 292, 293 में तत्कालीन मौजा पटवारी के द्वारा मूल अक्स शीट उपलब्ध होने के बावजूद नक्शा शीट में नंबरों में हेराफेरी किस अधिकारी के आदेश से किया गया? संबंधित पटवारी के विरूद्ध नक्शा शीट में छेड़छाड़ करने के संबंध में अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाया गयाद्य (ग) क्या प्रकरण क्रं. 0050/बी-121/20-21 तहसील नागदा जिला उज्जैन के प्रकरण में राजस्व निरीक्षक के द्वारा तहसीलदार को स्पष्ट अभिमत दिया है कि वर्ष 2009-10 के मौजा पटवारी के द्वारा त्रुटिकारित की गई है और मूल सर्वे नंबर अपने स्थान से हट गये हैं? संदर्भित नक्शा अक्स अनुसार संशोधन किया जाना उचित है? तहसीलदार के द्वारा अभी तक निराकरण क्यों नहीं किया है? (घ) जन शिकायत क्रं. 13074523 उज्जैन दिनांक 12.01.2021 व दिनांक 05.01.2021 को कलेक्टर उज्जैन को अ.जा. वर्ग की विधवा निर्मला चौधरी, पुत्र अनुराध चौधरी द्वारा ग्राम डाबरी की भूमि के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? शिकायत का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तत्समय लागू भू-अभिलेख नियमावली भाग-1 के अनुसार किसी भी राजस्व ग्राम की नक्शा शीटों में जीर्ण-शीर्ण हो जाने से वर्षाकाल के दौरान राजस्व निरीक्षक द्वारा हल्का पटवारी से प्रस्ताव लिए जाते हैं व जीर्ण-शीर्ण नक्शों के नवीनीकरण की सूची व बटांकन दुरूस्ती हेतु मूल शीट भू-अभिलेख शाखा को तहसीलदार के माध्यम से भेजी जाती है। जहां मानचित्रकार के साथ नवीन शीट, बन्दोबस्त शीट आधार पर निर्मित की जाती है, भू-अभिलेख नियमावली के अनुसार ग्राम डाबरी की शीट का नवीनीकरण वर्ष 2009-10 में किया गया था। (ख) वर्ष 2009-10 में ग्राम डाबरी तहसील नागदा के नक्शा त्रुटि की जाँच प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) त्रुटि सुधार न्यायालयीन प्रकरण की विषय वस्तु है, नक्शा नवीनीकरण में हुई त्रुटि सुधार भू-राजस्व संहिता की धारा 115 के अन्तर्गत अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध करके किया जा सकता है। (घ) जी हाँ। शिकायत सीमांकन से संबंधित है। नक्शा त्रुटिपूर्ण होने से सीमांकन नहीं किया गया। प्रकरण न्यायालय अपर तहसीलदार उन्हैल में प्रचलित है। जिसका प्रकरण क्रमांक 50/ब-121/2020-21 है। बटांकन में 292/2 लिये फर्द आहूत की गयी है। फर्द प्राप्त होते ही सीमांकन किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रदेश में खाद्यान्न भंडारण की व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1072 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद्यान्न भंडारण की क्या व्यवस्था है एवं कितने सरकारी वेयर हाउस हैं? संख्या व स्थान सहित बतायें। (ख) कितने सरकारी वेयर हाउस निर्माणाधीन हैं, जिसमें किसानों के अनाज को संधारण किया जाना है? (ग) उपभोक्ता सहकारी दुकानों (कंट्रो की दुकान) पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्न पर्ची क्यों नहीं मिल रही है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) उपभोक्ता सहकारी दुकानों (कंट्रोल की दुकान) पर वितरण प्रणाली में विलम्ब होने पर जिम्मेदारों पर कार्यवाही का क्या प्रावधान है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) भंडारण व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं शासकीय वेयर हाउस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) वर्तमान में म.प्र. वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के गोदाम निर्माणाधीन नहीं है। 13 स्थानों पर वेयर हाउस निर्माण हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) भारत सरकार द्वारा राज्य हेतु निर्धारित जनसंख्या सीमा (5.46 करोड़ हितग्राही) तक ही वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची एवं राशन आवंटन जारी किया जाता है। माह अगस्त-सितंबर, 2020 से नवीन आवेदन करने वाले परिवारों में से वैध पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी कर वितरित कराई जा रही है। नवीन आवेदक परिवार द्वारा स्थानीय निकाय कार्यालय के माध्यम से पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करना, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन, स्वीकृति तथा पात्रता पर्ची प्रदान करना एक सतत् प्रक्रिया है। इसमें किसी अधिकारी के दोषी न होने से उनके विरुद्ध कार्यवाही करने संबंधी प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पात्र परिवारों को राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु वर्तमान में संबंधित माह की 01 तारीख से प्रारंभ करके कुल 40 दिवस में अपनी हकदारी प्राप्त करने की समय-सीमा है। उक्त अवधि में सामग्री प्राप्त नहीं होने पर आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के अंतर्गत सी.एम. हेल्पलाईन आदि पर शिकायतें प्राप्त होती हैं जिनका समय-सीमा में निराकरण कराया जाता है। इसके अतिरिक्त जिला शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा जाँच कर कार्यवाही करने का प्रावधान म.प्र. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रावधानित है। उक्त समयावधि में खाद्यान्न दुकान पर लेने नहीं आने पर किसी अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। खाद्यान्न उपलब्ध रहते हुए सामग्री नहीं देने पर म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रकरण निर्मित कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है। परिवहन में विलंब होने पर म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा परिवहनकर्ता पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है।
अनियमितताओं के कारण निलंबन के बाद बहाली
[जल संसाधन]
78. ( क्र. 1073 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग छतरपुर में सिंहपुर बैरिच में की गई अनियमितताओं के कारण तत्कालीन एस.डी.ओ. श्री एस.के. जाटव अनुविभागीय अधिकारी का निलंबन किया गया था एवं पांच वर्षों तक निलंबित रहने पर तत्कालीन प्रमुख अभियंता श्री एम.जी. चौबे एवं तत्कालीन प्रमुख सचिव द्वारा बर्खास्तगी की अनुशंसा की गई थी लेकिन आज दिनांक तक क्यों बर्खास्त नहीं किया गया? (ख) जल संसाधन विभाग छतरपुर में सिंहपुर बैरिच में की गई अनियमितताओं के कारण तत्कालीन एस.डी.ओ. श्री एस.के.जाटव अनुविभागीय अधिकारी का निलंबन किया गया था किन्तु वर्तमान में इन्हें बहाल क्यों कर दिया गया है? (ग) श्री जाटव को पुरूस्कृत कर प्रभारी कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग दमोह क्यों बना दिया गया एवं एक हजार करोड़ के निर्माण कार्य उनके डिवीजन में हस्तांतरित कर भ्रष्टाचार करने का मौका क्यों प्रदान किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। विस्तृत विभागीय जाँच में परीक्षणोपरांत श्री जाटव का दोष नहीं पाए जाने पर प्रकरण बिना दण्ड के समाप्त किया गया। दोषी नहीं पाए जाने पर निलंबन से बहाल कर प्रशासकीय आधार पर पदस्थापना की गई है।
त्योंथर में सिंचाई सुविधा का विस्तारिकरण
[जल संसाधन]
79. ( क्र. 1095 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में त्योंथर फ्लो सिंचाई परियोजना के ग्राम खाम्हा से आगे वंचित 52 ग्रामों के 7 हजार हेक्टेयर रकवे की सिचाई सुविधा से जोड़े जाने की विभाग की क्या कार्य योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रत्युत्तर में विषय लोक महत्व का होने से क्या विभाग द्वारा ग्राम खाम्हा से आगे ककरहा तक की सिंचाई सुविधा के विस्तार हेतु त्योंथर सूक्ष्म दबाव परियोजना में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो विभागीय कार्य की वर्तमान प्रगति एवं आगामी लक्ष्य क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रत्युत्तर से यदि प्रस्तावित सूक्ष्म दबाव परियोजना की स्वीकृत विचाराधीन है तो अंतिम कार्यादेश की स्थिति स्पष्ट करते हुये योजना के क्रियान्वयन में अनुमानित समय-सीमा स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) ग्राम खाम्हा सहित 52 ग्रामों की 7000 हेक्टर कृषि योग्य भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु त्योंथर सूक्ष्म दबाव परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने एवं तकनीकी परीक्षण की प्रक्रिया मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में है। प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त होने पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बड़नगर तहसील में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
80. ( क्र. 1100 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर जिला उज्जैन में ग्राम रूनिजा में मुरम की खदानों की सीमांकन कर जाँच करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिलाधीश महोदय जिला उज्जैन/अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर को शिकायत पत्र क्र. 1143/06.07.2020 को की गई थी, उक्त शिकायत में मौके पर 4 ट्रेक्टर, 2 डम्पर व 1 जे.सी.बी. मशीन पकड़े गए थे। इन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी पत्रवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या ठेकेदार/खदान मालिक को 10 बीघा जमीन आंवटन की गई थी परन्तु मौके पर 100 बीघा से अधिक जमीन की मुरम खुदाई की गई है तथा कितनी शासकीय मुरम का उत्खनन किया गया? इन खदान मालिकों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? इसमे कौन-कौन अधिकारी दोषी है? तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कब-कब आवंटित खदानों का सीमांकन किया गया है तथा खनिज अधिकारी द्वारा कब-कब जाँच की गई? (ग) अवैध उत्खनन में केवल जे.सी.बी. ट्रेक्टर व डम्पर वालों पर ही कार्यवाही की गई जबकि खदान मालिकों को शासन के अधिकारी बचा रहे हैं इससे शासन को कितने राजस्व की हानि हुई? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? शासन द्वारा दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक जी बड़नगर के पत्र क्रमाँक 1143 दिनाँक 06/07/2020 से ग्राम रूनिजा में मुरम की खदानों का सीमांकन कर जाँच करवाने संबंधी शिकायत की गई है। शिकायत पत्र में उल्लेखित ग्राम रूनिजा में दिनाँक 28/06/2020 को शासकीय भूमि सर्वे नंबर 60 रकवा 15.14 हेक्टेयर पर अवैध उत्खनन की जाँच में 01 जे.सी.बी., 02 डम्फर एवं 02 ट्रेक्टर पकड़े गए हैं। उक्त कार्यवाही उपरांत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बड़नगर के माध्यम से सुनवाई हेतु प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर उज्जैन में प्राप्त हुआ है। न्यायालय अपर कलेक्टर उज्जैन में सुनवाई प्रचलित होकर प्रकरण शासन साक्ष्य हेतु निर्धारित है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवैध उत्खनन स्थल किसी भी ठेकेदार/खदान मालिक को आवंटित नहीं है तथा प्रकरण अनुसार उक्त क्षेत्र से कुल 4615.15 घनमीटर शासकीय मुरम का उत्खनन किया गया है। उक्त उत्खनित क्षेत्र किसी खदान मालिक से संबंधित नहीं होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) अवैध उत्खनन के प्रकरण में अवैध उत्खननकर्ता/वाहन चालकों/मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रक्रियाधीन है एवं उक्त उत्खनित क्षेत्र किसी खदान मालिक से संबंधित नहीं होने एवं त्रुटिकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर लेने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बैराज का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 1101 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सुकलाना बैराज लागत 260.52 लाख स्वीकृत होकर निविदा सूचना क्र. 664 दिनांक 25.02.2019 को निविदा आमंत्रित की गई थी। उक्त बैराज का निर्माण कार्य कब प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) ग्राम धुरेरी में चम्बल नदी पर बनने वाले धुरेरी बैराज की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? इस बैराज का निर्माण किस स्तर पर लंबित है? प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर शासन का ध्यान इस और स्वीकृति हेतु आकर्षित कराया था परन्तु धुरेरी बैराज की स्वीकृति में विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) बड़नगर विधानसभा अन्तर्गत बलेदाहसन बैराज, चिचोडिया बैराज, चामलेश्वर बैराज की ऊँचाई 2 से 3 फिट बढ़ाने का प्रस्ताव शासन के किस स्तर पर विचाराधीन है? इनकी स्वीकृति कब प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। सुकलाना बैराज की निविदा दिनांक 25.02.2019 एवं दिनांक 18.03.2020 को आमंत्रित की गई। वर्तमान में पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रमुख अभियंता कार्यालय में प्रचलन में होना प्रतिवेदित होने से निर्माण हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) धुरेरी बैराज की डी.पी.आर. मैदानी कार्यालय द्वारा तैयार कर प्रमुख अभियंता कार्यालय में दिनांक 08.02.2021 को प्रस्तुत किया जाना प्रतिवेदित है। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। तकनीकी परीक्षण में समय लगना स्वभाविक है। अत: विलंब के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बलेदाहसन बैराज पूर्व में निर्मित न होकर इसकी साध्यता स्वीकृति दिनांक 16.01.2020 द्वारा प्रदान की गई है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। मैदानी अधिकारियों द्वारा चिचोडिया बैराज एवं चामलेश्वर बैराज की ऊंचाई बढ़ाने के संबंध में स्थल निरीक्षण किया गया। दोनों बैराजों के दोनों तट बाढ़ से क्षतिग्रस्त होने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऊंचाई बढ़ाना तकनीकी दृष्टि से उचित नहीं पाया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
विक्रय पत्र के आधार पर पेश नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
82. ( क्र. 1114 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विक्रय पत्र के आधार पर पेश नामांतरण के प्रकरण में छतरपुर जिले की प्रत्येक तहसील में किस वर्ष की खसरा नकल का अवलोकन सक्षम अधिकारी के द्वारा किया जाता है? यह किस आदेश के द्वारा निर्धारित है? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में छतरपुर जिला अंतर्गत छतरपुर तहसील में विक्रय पत्र के आधार पर पेश नामांतरण के प्रकरण में छतरपुर एवं बगौता मौजा के प्रकरणों में किस वर्ष की खसरा नकल सक्षम अधिकारी के द्वारा मांगी जाती है? यह वर्ष कब से एवं किसके आदेश तथा किस नियम एवं आधार पर निर्धारित किया गया? प्रति उपलब्ध करावें। इसके पूर्व सक्षम अधिकारी के द्वारा किस वर्ष की खसरा नकल मांगी थी? (ग) प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले की छतरपुर तहसील में नामातंरण के कितने प्रकरण लंबित है? इनके लंबित होने के क्या कारण है? (घ) वर्तमान में छतरपुर तहसील में तहसीलदार के द्वारा विक्रय पत्र के आधार पर पेश नामांतरण के प्रकरण में छतरपुर एवं बगौता मौजा की जिस वर्ष की खसरा नकल मांगी जाती है? क्या वह म.प्र. भू-राजस्व संहिता अनुसार निर्धारित वर्ष के अनुरूप है? यदि हाँ तो कैसे? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो ऐसा किस नियम से किया जा रहा है? क्या यह नियमानुसार है? यदि हाँ तो कैसे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले में तहसील न्यायालयों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के तहत विक्रय पत्र के आधार पर प्रस्तुत नामांतरण के प्रकरणों में वर्तमान वर्ष के खसरे तथा प्रकरण की आवश्यकतानुसार पुराने अभिलेखों का अवलोकन पीठासीन अधिकारियों द्वारा शासकीय भूमियों को खुर्द-बुर्द होने से रोकने हेतु स्वविवेक के आधार पर किया जाता है। यह एक न्यायालयीन कार्यवाही है इसलिए किसी आदेश/निर्देश का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ख) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर के ग्राम छतरपुर एवं बगौता के नामांतरण प्रकरणों में पीठासीन अधिकारी द्वारा वर्तमान वर्ष के खसरे की प्रति संलग्न करायी जाती है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 (4) के अनुसार जाँच आवश्यक होने की दशा में पीठासीन अधिकारियों द्वारा स्वविवेक से न्याय निर्णयन में सहायक पूर्व के वर्षों के अभिलेखों का भी अवलोकन किया जाता है। इसकी कोई निश्चित प्रक्रिया म.प्र. भू-राजस्व संहिता में निर्धारित नहीं है। (ग) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर में कुल 4293 प्रकरण लंबित है। जिसमें पक्षकारों की तलबी हेतु 1492, पटवारी रिपोर्ट हेतु 726, साक्ष्य हेतु 419, दस्तावेज प्रस्तुति हेतु 406, प्रति परीक्षण हेतु 105, तर्क हेतु 146, आदेशार्थ हेतु 622 एवं तकनीकी कारणों से ऑनलाईन अपलोड किए जाने हेतु 377 प्रकरण लंबित है। (घ) तहसील छतरपुर में विक्रय पत्र के आधार पर प्रस्तुत नामांतरण के प्रकरणों में वर्तमान वर्ष के खसरे तथा प्रकरण की आवश्यकतानुसार पुराने अभिलेखों का अवलोकन पीठासीन अधिकारियों द्वारा शासकीय भूमियों को खुर्द-बुर्द होने से रोकने हेतु स्वविवेक के आधार पर किया जाता है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता है।
DMF राशि से स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
83. ( क्र. 1116 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 में वर्णित नियमों के अनुक्रम में छतरपुर जिले के पास प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि है? (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 लागू होने की तिथि से छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के करवाए जा चुके हैं? (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 लागू होने की तिथि से छतरपुर जिले की DMF राशि में से कार्य करवाने हेतु कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या छतरपुर जिले को प्राप्त DMF राशि में से कोई भी कार्य नहीं करवाया गया है? यदि हाँ तो क्यों? प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रदाय किये गए प्रस्तावों पर कब विचार किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 में वर्णित नियमों के अनुक्रम में छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक मुख्य खनिज से 4954544.00 रूपये एवं खनिज रेत से 104983252.40 रूपये कुल राशि 109937796.40 रूपये प्राप्त हुये हैं। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 लागू होने की तिथि से छतरपुर जिले की डी.एम.एफ. राशि में से कार्य करवाने हेतु 43 प्रस्ताव प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में छतरपुर जिले में डी.एम.एफ. राशि से कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियम 5 अनुसार मण्डल के अध्यक्ष नियुक्त न होने के कारण न्यास मण्डल की बैठक नहीं हुई। बैठक न होने से प्राप्त प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा सका। मण्डल अध्यक्ष की नियुक्त होने पर प्राप्त प्रस्ताव पर नियमानुसार विचार किया जावेगा।
विधानसभा चंदला अन्तर्गत संचालित रेत खदानें
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 1129 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियम-निर्देशों के अनुसार रेत खदानों एवं भंडारण की स्वीकृति के पूर्व राजस्व एवं वन विभाग की अनुमति लेने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ तो जिला छतरपुर में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र चंदला अंतर्गत किन-किन व्यक्तियों को रेत खदानों एवं भंडारण की स्वीकृति आदेश जारी किए गए हैं? सूची तथा उक्त आदेशों की संपूर्ण नस्ती की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त खदानों एवं भंडारण की स्वीकृति के उपरांत कितनी मात्रा में रॉयल्टी भरी गई है? स्वीकृत खदानों से कितनी मात्रा में रेत निकाली निकाली गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या भंडारण के बाद भौतिक सत्यापन के नियम-निर्देश हैं? यदि हाँ तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब-कब, कहाँ-कहाँ पर भंडारण किया गया था? क्या उक्त भंडारण के उपरांत सक्षम अधिकारी के द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ तो भौतिक सत्यापन, भंडारण के स्थान, खसरा, नक्शा की प्रति तथा पंचनामा की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शासन के नियम-निर्देशों के अनुसार रेत खदानों की स्वीकृति के पूर्व राजस्व एवं वन विभाग से अनुमति लेने के निर्देश हैं। किन्तु भंडारण की स्वीकृति के पूर्व इस तरह की बाध्यताएं नहीं है। स्वीकृतकर्ता अधिकारी आवश्यक जाँच उपरांत भंडारण स्वीकृत कर सकता है। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र चंदला अंतर्गत स्वीकृत रेत खदानों एवं भंडारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत रेत खदानों/भंडारणों से निकाली गई मात्रा एवं जमा रॉयल्टी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। भंडारण उपरांत सक्षम अधिकारी के द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है। भौतिक सत्यापन, भंडारण के स्थल के खसरा, नक्शा तथा पंचनामा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है।
आरक्षित भूमियों पर गौ-शालाओं का निर्माण
[राजस्व]
85. ( क्र. 1132 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश में गौ-धन के लिये गौचर भूमियां आरक्षित की गई हैं? यदि हाँ तो टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ एवं बड़ागाँव धसान तहसीलों में गौचर हेतु आरक्षित भूमियों की ग्रामवार खसरा नम्बर एवं रकवा सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आरक्षित भूमियों में से कितने ग्रामों में गोचर भूमियों पर अवैध कब्जा किया गया है? ग्रामवार अवैध कब्जाधारियों की सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आरक्षित भूमियों पर शासन द्वारा गौ-शालाओं का निर्माण प्रस्तावित है, अतः प्रश्नांश (ख) अनुसार अवैध कब्जा कब तक हटा दिये जायेंगे? समय-सीमा बतायें। अवैध कब्जा के कारण पशुओं का दुर्घटनाओं में मृत होने पर अथवा चोरी होने पर क्या निकटस्थ गौचर भूमि के अतिचारी को दुष्कृत्य/अपकृत्य के लिये और विलंब के कारण निर्माण लागत बढ़ती है तो दायित्व निर्धारित किया जायेगा? यदि हाँ तो मापदण्ड बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आरक्षित भूमियों पर से अवैध कब्जा हटाने के लिये अधिकारियों की पदवार समय-सीमा निर्धारित की जायेगी? यदि हाँ तो आरोही क्रम में अधिकारियों के पदनाम तथा समय-सीमा निर्धारण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ एवं बड़ागाँव धसान तहसीलों में गौचर हेतु आरक्षित भूमियों की ग्रामवार खसरा नम्बर एवं रकवा सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ एवं बड़ागाँव धसान तहसीलों में गोचर भूमियों पर अतिक्रमणकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, गौचर भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विधिवत बेदखली की कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। (घ) म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है।
पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
86. ( क्र. 1133 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कुल कितनी मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत हैं? सक्रिय (जीवित) एवं निष्क्रिय समितियों की सूची मय सदस्यों के नाम सहित उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या पंजीकृत एवं सक्रिय मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यों द्वारा मत्स्याखेट किया जाता है? यदि नहीं, तो जिले के तालाबों/बाधों में मत्स्याखेट किसके द्वारा किया जाता है? (ग) क्या मत्स्याखेट से होने वाली आय समितियों द्वारा सदस्यों के बैंक खातो में जमा कर वितरित की जाती है? यदि हाँ तो विगत तीन वित्त वर्षों में समितिवार सदस्यों को प्रदाय राशि का ब्यौरा उनके बैंक खाता नम्बर एवं बैंक के नाम सहित उपलब्ध कराये। (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं है तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिले में कुल 96 मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत हैं जिसमें से 88 क्रियाशील तथा 08 परिसमापन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में अवैध उत्खनन
[राजस्व]
87. ( क्र. 1149 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोहका, राघादेही, बंडोल, बींसावाडी, कलारबांकी में विभागीय लापरवाही से लगभग दो वर्षों से हैवी मशीनों के द्वारा अत्यधिक मात्रा में मुरूम, बोल्डर एवं पत्थर का अवैध रूप से उत्खनन लगातार जारी है? क्या उक्त अवैध उत्खनन के कारण करीब 20-22 हेक्टेयर में फैला पहाड़ी क्षेत्र मैदान में परिवर्तित हो चुका है? (ख) क्या सिवनी जिले अंतर्गत सिवनी तहसील के ग्राम कोहका, राधादेही एवं आस-पास के 8-10 किली मीटर क्षे्त्र में हैवी मशीनरी एवं ब्लास्टिंग के माध्यम से अवैध रूप से मुरूम, बोल्डर एवं पत्थर का कार्य भी अत्यधिक मात्रा में करीब 02 वर्षों से लगातार जारी है? जिसके कारण सिवनी एवं उसके आस-पास के लगभग 7-8 किलो मीटर क्षेत्र में पिछले 6 माहों से लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा अब तक की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोहका, राघादेही, बंडोल, बींसाबाडी एवं कलारबांकी में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के तहत खनिज पत्थर क्रेशर हेतु उत्खनिपट्टे स्वीकृत है। इन स्वीकृत खदानों में आवश्यक समस्त अनापत्तियां प्राप्त किये जाने एवं निर्धारित रायल्टी की राशि जमा किये जाने के पश्चात उत्खनन का कार्य शासन के नियमानुसार किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार में उक्त क्षेत्रों में अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। सिवनी जिले में लगभग 7-8 किलो मीटर क्षेत्र में पिछले 6 माहों से लगातार भूकंप के झटके आने का कारण भू- वैज्ञानिकों के द्वारा अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक भू-गर्भीय हलचल के कारण होना बताया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) उद्भूत नहीं होता।
सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
88. ( क्र. 1152 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र खरगोन में कितने प्रकरण नामांतरण बंटवारा एवं सीमांकन हेतु प्राप्त हुए? कितने निराकृत हुए तथा कितने प्रकरण लंबित है? समस्त प्रकरणों की पृथक-पृथक सूची ग्राम पंचायतवार, नामवार, पटवारी हल्का एवं प्रकरणों के लंबित रहने के कारण सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हितग्राही के नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन करने हेतु कोई कागजी कमी होती है तो हितग्राही को अवगत कराया जाता है? यदि हाँ तो किस माध्यम से कराया जाता है, उसकी छाया प्रति देवें और नहीं तो हितग्राही को इस बारे में कैसे जानकारी मिलेगी? (ग) क्या सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण की प्रक्रिया में आवश्यक रूप से लंबित रखे जाने की शिकायतें किसी भी माध्यम से प्रश्नांश (क) की अवधि में प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) म. प्र. शासन के नियमानुसार सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत कितनी समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) . विधानसभा क्षेत्र खरगोन में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक तहसील खरगोन, खरगोन नगर व गोगावां में कुल दर्ज नामांतरण 5693, निराकृत प्रकरण-4725 कुल शेष प्रकरण 968 व बंटवारा के कुल दर्ज प्रकरण-1046, कुल निराकृत प्रकरण- 860 शेष प्रकरण-186 एवं सीमांकन के कुल दर्ज प्रकरण-642 कुल निराकृत प्रकरण-557 शेष प्रकरण 85 है। प्रकरणवार जानकारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) . प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि कोई पक्षकार/आवेदक के नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन करने हेतु कोई दस्तावेज की कमी होती है तो आवेदक/पक्षकार को सूचना पत्र के माध्यम से आहूत किया जाकर समक्ष में आदेश पत्रिका में अंकित कर अवगत कराया जाता है। जिन प्रकरणों में अधिवक्ता उपस्थित होते है, उनमें अधिवक्ता को आदेश पत्रिकाओ से अवगत कराया जाता है। इसी माध्यम से पक्षकारों को प्रकरण में होने वाली कार्यवाही से अवगत कराया जाता है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) की समयावधि में सीमांकन, बंटवारा व नामांतरण की शिकायतें सी.एम. हेल्पलाईन व अन्य के माध्यम से प्राप्त हुई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 (संशोधन 2018) के अनुसार अविवादित नामान्तरण की स्थिति में 30 कार्य दिवस व विवादित नामान्तरण की स्थिति में 5 माह में तथा म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2020 के अनुसार अविवादित बंटवारा की स्थिति में 30 कार्य दिवस, सीमांकन के मामले में 30 कार्य दिवस में निराकरण किये जाने के प्रावधान है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है।
फसल क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
[राजस्व]
89. ( क्र. 1153 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में फसलों के नुकसान होने से फसल क्षतिपूर्ति राशि की स्वीकृति शासन द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ तो खरगोन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने किसानों को कुल कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई थी? किसानों की संख्या, ग्रामों की संख्या की जानकरी प्रदान करें। (ख) क्या स्वीकृत राशि की 25% राशि का भुगतान शासन द्वारा किया गया था? यदि हाँ तो उक्त राशि में से कितने किसानों को 25% राशि का भुगतान हो गया है तथा कितने किसानों को भुगतान करना शेष है तथा शेष रहने का क्या कारण है? 25% राशि वर्तमान तक भुगतान न होने से शेष किसानों की संख्या, ग्रामों की संख्या स्वीकृत राशि, की जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या 2 वर्ष व्यतीत होने के उपरांत भी किसानों को स्वीकृत राशि का 25% प्रदाय न करने के दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो क्या कार्रवाई की जाएगी? शेष लंबित स्वीकृति राशि का 75% भुगतान शासन द्वारा कब तक किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। खरगोन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 में कुल 229 ग्राम के कुल 38847 कृषकों को कुल राशि 89, 37, 07, 032/- रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं वर्ष 2020-21 में कुल 217 ग्रामों के कुल 9968 कृषकों को कुल राहत राशि 9, 31, 86, 261/- रूपये स्वीकृत की गई। (ख) जी हाँ। वर्ष 2019 खरगोन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त प्रभावित 38847 किसानों को 25 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समस्त प्रभावित कृषकों को शासन द्वारा स्वीकृत 25 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीनीकरण से वंचित कर्मकार कार्डधारी
[श्रम]
90. ( क्र. 1160 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीनीकरण से वंचित किसी कर्मकार कार्डधारी/संबल हितग्राही की मृत्यु लॉकडाउन अवधि में हुई है? यदि हाँ तो विवरण देवें। क्या मृत्यु उपरांत उनके परिवार को अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की गई? यदि हाँ तो लाभान्वित परिवारों की जानकारी देवें। यदि सहायता राशि नहीं दी गई तो कारण बतावें। (ख) क्या लॉकडाउन अवधि में नवीनीकरण से वंचित मृतक कार्डधारी के परिवार को अनुग्रह सहायता राशि दी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) बैतूल जिलांतर्गत लॉकडाउन अवधि में मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता दिये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? इन आवेदनों में कितने स्वीकृत एवं कितने निरस्त किए गए? यदि निरस्त किए गए तो कारण बताकर स्वीकृत एवं निरस्त आवेदनों की सूची उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल – जी हाँ। जिला छिंदवाडा में एक निर्माण श्रमिक स्व. श्री गप्पू डेहरिया पिता टेकचंद डेहरिया, अमरवाड़ा की मृत्यु लॉकडाउन अवधि में होने से विशेष प्रकरण मानकर स्वीकृत किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल के हितग्राहियों का नवीनीकरण आवश्यक नहीं होता, इसलिये उनके संबंध में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल – योजना में विशेष प्रकरण मानकर एक प्रकरण स्वीकृत किया गया। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल- मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजनांतर्गत पंजीयन का नवीनीकरण आवश्यक नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल – बैतूल जिलांतर्गत लॉकडाउन अवधि में मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता दिए जाने हेतु कुल 07 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें 06 आवेदन स्वीकृत किये गये एवं 01 आवेदन अस्वीकृत किया गया है। स्वीकृत/अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल-बैतूल जिले में लॉकडाउन अवधि में अनुग्रह सहायत के कुल 36 आवेदन प्राप्त हुये तथा समस्त 36 आवेदन स्वीकृत किये गये। स्वीकृत आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ग्राम बावड़ीखेड़ा जागीर में स्वीकृत गोदाम निर्माण
[सहकारिता]
91. ( क्र. 1168 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर में म.प्र. शासन सहकारिता विभाग द्वारा आर.के.व्ही.वाय. योजना के अंतर्गत 1000 मेट्रिक टन के कितने गोदाम स्वीकृत हुए, उनमें से कितने गोदाम पूर्ण हुए व कितने गोदाम निर्माण होना शेष हैं? ग्रामों के नाम सहित अवगत कराएं। (ख) क्या खिलचीपुर तहसील के ग्राम बावड़ीखेड़ा जागीर में सहकारिता विभाग को आवंटित भूमि पर स्वीकृत गोदाम के निर्माण के लिए एजेंसी विपणन संघ नियत की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विपणन संघ द्वारा गोदाम निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो गई है, तो निर्माण एजेंसी (ठेकेदार) का नाम बताएं। ठेकेदार द्वारा कार्य आरंभ नहीं करने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? ग्राम बावड़ीखेड़ा में स्वीकृत गोदाम का निर्माण कब तक पूर्ण हो जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर में आर.के.व्ही.वाय. योजना के अंतर्गत 1000 मे.टन के 03 गोदाम स्वीकृत हुए, उनमें से 02 गोदाम क्रमशः पिपल्याकलां एवं खिलचीपुर पूर्ण हो चुके हैं। ग्राम बावड़ीखेड़ा जागीर में गोदाम निर्माण का कार्य प्रगतिशील है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, निर्माण एजेन्सी का ठेकेदार श्री बालाजी इन्फोटेक, भोपाल, प्रोप. अजय कुमार गोविन्द अग्रवाल है। गोदाम निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाने से कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। टेण्डर शर्त के अनुसार गोदाम निर्माण पूर्ण किऐ जाने की तिथि 07.09.2021 नियत है।
बालाघाट जिले में खराब गेहूं की आपूर्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
92. ( क्र. 1170 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जनवरी 2021 में बालाघाट जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बटने वाले गेहूं की गुणवत्ताहीन होने की शिकायत मिली है? यदि हाँ तो खराब गेहूं होने की समुचित जानकारी मात्रा एवं बाजार मूल्य सहित दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अनाज का परिवहन किन-किन भण्डारण गृहों से कब-कब बालाघाट पहुंचाया जाने की पूर्ण जानकारी, जैसे भण्डारण का दिन, भण्डारण गृह का पता, भण्डारण गृह के स्वामी का नाम एवं पता अनाज निकासी का दिन एवं मात्रा एवं उत्तरदायी शासकीय सेवक का नाम बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अनाज को बालाघाट में कब-कब प्राप्त किया गया है? जानकारी देते हुये प्राप्तकर्ता अधिकारी/कर्मचारी का नाम बताया जाये। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित अनाज को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बटने से पूर्व परीक्षण क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उसका नाम एवं पद बताते हुये संबंधित के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण दिया जाये।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नि:शुल्क खाद्यान्न का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 1177 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिला की तहसील कुसमी अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकान ठाड़ीपाथर के विक्रेता श्री विपिनचन्द साहू एवं राकेश साहू के द्वारा जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक खाद्यान्न वितरण तथा कोरोना काल में नि:शुल्क खाद्यान्न आवंटन एवं वितरण कितना किया गया? माहवार मात्रा सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खाद्यान्न वितरण कितने हितग्राहियों को कितनी मात्रा में किया गया? नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण एवं ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण पंजी के माध्यम से कितना खाद्यान्न वितरण किया गया है? यदि हाँ तो वितरण पंजी की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासकीय उचित मूल्य की दुकान ठाड़ीपाथर के विक्रेता द्वारा खाद्यान्न वितरण में की गई अनियमितता की शिकायत ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर सीधी एवं एस.डी.एम. कुसमी को किया गया था? शिकायत की जाँच तहसीलदार कुसमी के द्वारा कराया गया है? जाँच उपरांत विक्रेता को निलंबित किया गया है? यदि हाँ तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश्ा (ग) के संदर्भ में जिन हितग्राहियों को खाद्यान्न नहीं दिया गया बल्कि फर्जी अंगूठा निशान एवं हस्ताक्षर दर्शाकर खाद्यान्न वितरण करना दर्शाया गया है? जिन लोगों को खाद्यान्न नहीं मिला है क्या उन्हें खाद्यान्न दिलाया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? विक्रेता के द्वारा खाद्यान्न वितरण में की गई अनियमितताओं के लिये दोषी पाये गये विक्रेता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के साथ विक्रेता पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। माह अप्रैल, 2020 से नि:शुल्क खाद्यान्न (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का गेहूं 310.13 क्विंटल, चावल 251.95 क्विंटल, चना/दाल 24.34 क्विंटल का ऑनलाईन वितरण किया गया। वितरण पंजी के माध्यम से ऑफलाईन खाद्यान्न वितरण की जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। शिकायत की जाँच नायब तहसीलदार कुसमी द्वारा दिनांक 10.01.2021 को की गई थी। विक्रेता द्वारा प्रश्नांकित अवधि में 69.74 क्विंटल गेहूं, 6.60 क्विंटल चावल, शक्कर 90 किग्रा., PMGKAY का गेहूं 29.51 क्विंटल, चावल 78.08 क्विंटल, चना/दाल 12.83 क्विंटल कम वितरण किया गया है। वितरण में की गई अनियमितता के कारण विक्रेता को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा निलंबित किया गया है तथा प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के यहां प्रचलित है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, कुसमी को विस्तृत जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु 29.01.2021 को निर्देशित किया गया है। (घ) कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा जाँच की जा रही है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी का जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अनियमितता की स्थिति में दुकानदार के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। जाँच प्रतिवेदन अनुसार जिन उपभोक्ताओं को राशन सामग्री वितरित नहीं पाई जाएगी उन्हें खाद्यान्न वितरण व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
मनावर में उप-परिवहन कार्यालय की स्थापना
[परिवहन]
94. ( क्र. 1187 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गणपुर, मांडवी, देवलरा समेत अनेक गांवों से जिला मुख्यालय धार स्थित परिवहन कार्यालय की दूरी लगभग 90 कि.मी. से अधिक है और कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गांगपुर, कवड़ा, कातरखेड़ा आदि की दूरी 140 कि.मी. से अधिक है? (ख) यदि हाँ तो क्या नवयुवक-युवतियों को ड्राईविंग लाइसेंस बनवाने हेतु परिवहन कार्यालय धार जाना अनिवार्य है? क्या मनावर और कुक्षी में इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है? (ग) क्या व्यवसायिक वाहन के स्वामियों को भी फिटनेस प्रमाण पत्र, पंजीकरण के नवीनीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि कार्यों के लिए धार परिवहन कार्यालय जाना पड़ता है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन नवयुवक-युवतियों व व्यवसायिक वाहन मालिकों की सुविधा के लिए कुक्षी या मनावर तहसील में उप-परिवहन कार्यालय स्थापित करने की कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ तो योजना की विस्तृत ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) विगत 5 वर्षों में मनावर में उप-परिवहन कार्यालय स्थापित करने बाबत् किस दिनांक को किन के द्वारा कितने आवेदन जिला स्तर और राज्य स्तर पर प्राप्त हुए? उक्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) हाँ, लायसेंस प्राप्त करने हेतु जिला परिवहन कार्यालय, धार में आवेदकों को उपस्थित होना अनिवार्य है। क्योंकि चालक लायसेंस बनाने संबंधी कार्य पूर्णतया बायोमैट्रिक प्रणाली से होता है। जिसमें कम्प्यूटर के माध्यम से आवेदक के फोटो, फिंगर प्रिन्ट अंगूठा निशानी एवं डिजिटल हस्ताक्षर लिये जाते हैं, यह कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम स्थाई प्रकार का होता है। अतः उक्त प्रक्रिया पूर्ण करने के लिये आवेदक को परिवहन कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य होता है। कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम वहनीय प्रकृति (Portable nature) का न होने के कारण वर्तमान में उक्त प्रक्रिया मनावर एवं कुक्षी में पूर्ण नहीं की जा सकती है। (ग) जी हाँ। (घ) अभी ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) विभाग में उपलब्ध अभिलेख के आधार पर जिला परिवहन कार्यालय, धार एवं मुख्यालय परिवहन आयुक्त, कार्यालय ग्वालियर में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुये हैं।
अनुसूचित क्षेत्रों में संचालित खनिज खदानें
[खनिज साधन]
95. ( क्र. 1188 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांचवी अनुसूची से अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों में वर्तमान में किन-किन खनिज की कौन-कौन खदानें, गिट्टी क्रेशर किसके द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों द्वारा जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक रायल्टी स्परूप कितनी राशि प्राप्त हुई? जिलेवार ब्यौरा दें। (ग) अनुसूचित क्षेत्रों में कौन-कौन सी खदानें जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किसको किन नियमों के तहत आवंटित की गई? (घ) अनुसूचित क्षेत्रों में वर्तमान में संचालित कौन-कौन खदानें अनुसूचित जनजाति वर्ग के किस व्यक्ति को आवंटित है? (ड.) पांचवीं अनुसूची द्वारा अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों में संविधान के किस अनुच्छेद अथवा प्रचलित कानून के तहत खनिजों का आवंटन करने का प्रावधान है? (च) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक शासन को ऐसी कितनी शिकायतें किससे प्राप्त हुई जिसमें कहा गया था कि खदानों एवं गिट्टी क्रेशरों का आवंटन/स्वीकृति ग्राम सभा की अनुमति के विरूद्ध हुआ है? उक्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई? तत्संबंधी ब्यौरा दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ड.) भारत सरकार द्वारा संविधान की अनुसूची-एक प्रविष्टी 54 के तहत खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 बनाये गये हैं। इसमें प्रदत्त अधिकारों के तहत भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा निर्मित नियमों में खदान के निर्धारण, आवंटन, नीलामी के प्रावधान समान रूप से सभी विकासखण्डों पर लागू होते हैं। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
कोरोना में श्रमिकों के परिवहन का भुगतान
[राजस्व]
96. ( क्र. 1198 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 713 दिनांक 29/12/2020 के (क) व (ख) उत्तर अनुसार कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकों के परिवहन हेतु 29 हजार बसों पर लगभग 75 करोड़ रू. का भुगतान किया गया है तो जिलेवार भुगतान राशि बतावें। (ख) लंबित भुगतान की जानकारी जिलेवार देवें। (ग) क्या टी.डी.एस. काटा गया है? यदि हां तो कितनी राशि का? यदि टी.डी.एस नहीं काटा है तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। टेक्स के संबंध में सक्षम स्तर से निर्णय लिया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनूपपूर जिले में अधिक खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
97. ( क्र. 1199 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 714 दिनांक 30.12.2020 के (घ) उत्तर अनुसार अधिक उत्खनन किये जाने के संबंध में पट्टेदार के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही किए जाने हेतु प्रस्ताव क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला-शहडोल को किन-किन दिनांक को पत्र भेजे गए हैं? तिथिवार, फर्मवार जानकारी देवें। इन सभी पत्रों की प्रमाणित प्रति भी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार ही (घ) उत्तर में वर्णित जिन फर्मों को म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (26) को प्रावधानों के तहत कार्यालय द्वारा सूचना पत्र दिये गये उन सूचना पत्रों की छायाप्रति देवें। इनके प्रति उत्तर में फर्मों द्वारा दिये पत्रों की छायाप्रति भी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इस संबंध में अभी तक की गई कार्यवाही की फर्मवार जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? (घ) उपरोक्तानुसार कार्यवाही न करके अधिक खनन करने वालों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न क्रमांक 714 दिनाँक 30/12/2020 के (घ) उत्तर अनुसार अधिक उत्खनन किए जाने के संबंध में क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड जिला शहडोल को कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा अनूपपुर द्वारा विगत 03 वर्षों में अधिक खनन करने वालों पर कार्यवाही करने हेतु 06 पत्र प्रेषित किए गए हैं। इन प्रेषित पत्रों की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) सूचना पत्र की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। 01 पट्टाधारी श्री नीरज कुमार सोनी द्वारा सूचना पत्र का उत्तर नहीं दिया गया है। शेष पट्टाधारियों द्वारा प्रस्तुत उत्तर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिए उत्तर अनुसार इस संबंध में अभी तक की गई कार्यवाही की फर्मवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। जिससे स्पष्ट है कि 01 उत्खनिपट्टा निरस्त कर दिया गया है एवं 01 में निरस्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा शेष 04 में कार्यवाही प्रचलन में है जिसमें शीघ्र निर्णय लिया जाना है। समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि अधिक खनन करने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यम भाम परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
98. ( क्र. 1204 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यम भाम परियोजना के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री मापदण्डों के अनुरूप हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या रात्रि के समय निर्माण कार्य में खराब गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री का उपयोग होता हैं? (ग) क्या तय स्टीमेंट के अलावा अलग से राशि जारी की गई है? यदि हाँ तो किस आधार पर? (घ) क्या नदी से रेत या गिट्टी के उत्खन्न की संबंधित एजेंसी के पास अनुमति है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा पर गुणवत्ता परीक्षण कराया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एजेंसी द्वारा उत्खनन की अनुमति लिया जाना प्रतिवेदित है।
खण्डवा जिले में अनाज की कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
99. ( क्र. 1205 ) श्री राम दांगोरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में गत 2 वर्षों में अनाज की कालाबाजारी करने के कुल कितने सामान्य व असामान्य मामले दर्ज हुये? (ख) संबंधित मामलों में क्या कार्यवाही हुई है? क्या किसी पर जुर्माना लगा है? (ग) क्या किसी का जुर्माना कम हुआ है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कुल कितनी संस्थायें पंजीकृत हैं व कितनी निरस्त की गई हैं और क्यों है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले में गत 02 वर्षों (माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक) में अनाज के व्यपवर्तन के अंतर्गत अवैध परिवहन का 01, अवैध भंडारण का 01 एवं उचित मूल्य दुकानों की जाँच उपरांत कुल 16 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) निर्मित प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रकरण की गंभीरता के आधार पर आदेश जारी किए जाते हैं। अत: इसके कम या अधिक होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में जिले में कुल 249 पंजीकृत समितियों/संस्थाओं द्वारा उचित मूल्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। जिले में 01 आदर्श महिला बहुद्देशीय सहकारी समिति, सतवाड़ा द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान सतवाड़ा को मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण दिनांक 19.11.2019 को निरस्त किया गया है।
लॉकडाउन एवं अनलाक 1-2 में खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 1209 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन और अनलाक 1-2 अवधि में बड़वानी जिले में कितने गैर राशन कार्ड उपभोक्ताओं को खाद्यान्न दिया गया? तहसीलवार उपभोक्ता संख्या, खाद्यान्न मात्रा सहित माहवार बतावें। (ख) उपरोक्त अवधि में प्रश्नांश (क) वर्णित कितने स्थानों पर तुअर दाल या अन्य दाल तथा गेहूं का आटा कितने उपभोक्ताओं को दिया गया? उपभोक्ता संख्या, खाद्यान्न मात्रा सहित माहवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार खाद्यान्न प्रदाय करने पर परिवहन व अन्य व्यवस्थाओं पर कितनी राशि व्यय हुई? परिवहनकर्ता का नाम, राशि पृथक-पृथक बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिले में आत्म-निर्भर भारत योजनांतर्गत माह मई एवं जून, 2020 में 643 परिवारों को 2 किलो प्रति परिवार के मान से 11.26 क्विंटल साबुत चना का वितरण उचित मूल्य दुकानों से किया गया है। गेहूं के आटे का वितरण नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नर्मदा सेवा यात्रा की बसों का भुगतान
[परिवहन]
101. ( क्र. 1210 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि नर्मदा सेवा यात्रा की बसों के नंबर, बस मालिकों के नाम तीन वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी विभाग आज तक नहीं बता पा रहा है? (ख) क्या इसमें हुए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ये नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं? यदि हाँ तो ऐसा करने वाले अधिकारी के नाम, पदनाम सहित बतावें। (ग) प्र.क्र. 1093 दिनांक 29.11.2017 में वर्णित बसों के नंबर, बस मालिक नाम सहित देवें। क्या इन्हें पूर्ण/आंशिक भुगतान किया जा चुका है? भुगतान की जानकारी दें। (घ) जिन्हें भुगतान किया जा चुका है उनके अकाउंट नंबर, टी.डी.एस. कटौत्रा के साथ बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नर्मदा सेवा यात्रा हेतु लगायी गयी बसों के किराये का भुगतान किये जाने का उत्तरदायित्व संबंधित जिला कलेक्टर को दिया गया था। प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों से जानकारी मंगाई जाकर संकलित किये जाने में समयावधि व्यतीत हुई है और अभी भी प्रश्नानुसार संपूर्ण जिलो से वांछित जानकारी अपेक्षित है। (ख) यह कहना सही नहीं है कि इसमें कोई भ्रष्टाचार हुआ है जिसे छिपाने के लिये युक्ति का सहारा लिया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश में अपेक्षित जानकारी संकलित करने हेतु संयुक्त परिवहन आयुक्त, वित्त कार्यालय परिवहन आयुक्त ग्वालियर की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। जिसके द्वारा संबंधित जिलों से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रकरण के निराकरण की जानकारी
[खनिज साधन]
102. ( क्र. 1217 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 677 दि. 30-12-2020 के (ख) उत्तर अनुसार 15-12-2020 के पश्चात कितनी तारीखें लगी? (ख) इन तारीखों में क्या-क्या कार्यवाही हुई? इनमें शासन की ओर से नियुक्त अधिकारी उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी तारीखवार देवें। (ग) इस प्रकरण का निराकरण कब तक होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 677 दिनाँक 30/12/2020 के (ख) उत्तर दिनाँक 15/12/2020 के पश्चात् निम्नानुसार तारीखें लगी हैं, जो इस प्रकार हैं:- 18/12/2020, 23/12/2020, 28/12/2020, 02/01/2021, 08/01/2021, 15/01/2021 18/01/2021, 19/01/2021, 22/01/2021, 27/01/2021, 30/01/2021, 08/02/2021, 11/02/2021 आगामी पेशी दिनाँक 16/02/2021 को नियत की गई थी। (ख) न्यायालयीन प्रकरणों में न्यायालय द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। खनिज अधिकारी, उज्जैन प्रकरण के संबंध में दिनांक 08/01/2021 एवं 30/01/2021 को न्यायालय में उपस्थित रहे हैं। (ग) न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रकरण गुण दोष के आधार पर निराकरण किया जाएगा।
हटाये गए कर्मचारियों की बहाली
[सहकारिता]
103. ( क्र. 1220 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 में उज्जैन जिले में विभाग में 272 लोगों को नौकरी दी गई थी, जिन्हें सेवा से पृथक कर दिया गया है, ऐसा क्यों? (ख) पूरे प्रदेश में इन पदों पर वर्ष 2014 में नियुक्ति दी गई थी जो कि आज भी सेवारत हैं तो उज्जैन जिले में ही इन्हें क्यों हटाया गया? कारण स्पष्ट करें। (ग) इनकी बहाली कब तक की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, सहकारिता विभाग में नौकरी नहीं दी गई है, अपितु प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में नियुक्तियों के संबंध में विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1566 दिनांक 16.07.2019 के परिप्रेक्ष्य में जाँच उपरांत कर्मचारी सेवानियम के प्रावधान के विपरीत पाई गई नियुक्तियां निरस्त की गई है। (ख) प्रदेश में विभिन्न वर्षों में कई जिलों यथा- खरगोन, दतिया, पन्ना में विधानसभा प्रश्नों के माध्यम से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों के विपरीत की गई नियुक्ति के तथ्य प्रकाश में आने पर जाँच उपरांत अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया गया है। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार नियुक्तियां कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों के विपरीत होने से बहाल किया जाना संभव नहीं है।
गौचर भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
104. ( क्र. 1231 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कौन-कौन सी तहसीलों में कौन-कौन से हल्का में कितनी-कितनी भूमि गौचर हेतु मद में दर्ज है? इसमें कितना-कितना रकवा अतिक्रमण में है और कितना-कितना रकवा अतिक्रमण मुक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि ऐसे कौन-कौन से अतिक्रमणकर्ता हैं जो प्रश्न दिनांक तक गौचर भूमि पर कितने-कितने रकवा पर अतिक्रमण किये हुये हैं? कृपया उनके नाम बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि गौचर भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं का अवैध कब्जा कब तक हटा दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि गौ-शालाओं का निर्माण कराये जाने हेतु रिक्त भूमि विभाग द्वारा आवंटित की जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले में आरक्षित गौचर भूमि की तहसीलवार/हल्कावर जानकारी एवं गोचर भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला टीकमगढ़ अन्तर्गत गौचर भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं की हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। प्रकरणों में बेदखली आदेश पारित कर मौके पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) गौशाला हेतु भूमि लाइसेंस पर दी जाने का प्रावधान म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 में हैं जिसमें ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया जाने पर निर्धारित शर्तों पर भूमि लाइसेंस पर दी जाने की व्यवस्था है। गौशाला हेतु भूमि लीज पर आवंटित किए जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
चम्बल संभाग में यात्रियों की सुविधा हेतु शासकीय परिवहन व्यवस्था
[परिवहन]
105. ( क्र. 1237 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में शासकीय बसों का संचालन क्यों बंद किया गया एवं इनके कर्मचारियों को उनकी नौकरी के स्वत्वों का भुगतान किया गया तो कितना-कितना? अगर नहीं किया गया तो क्यों? क्या कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान के संबंध में शासन कोई कदम उठाएगा (ख) चम्बल संभाग में शासकीय परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं हैं जिससे श्योपुर, पोरसा, ग्वालियर, भिण्ड़ एवं राजस्थान शहरों आदि शहरों में यात्रा करने वाले यात्रियों से प्रायवेट परिवहन वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं। शासन द्वारा चम्बल संभाग में शासकीय परिवहन सेवा प्रारंभ करने हेतु क्या कदम उठाए गये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चम्बल संभाग में शासकीय वाहनों का संचालन मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के परिसमापन के अनुक्रम में सितम्बर 2010 से पूर्णतः बंद कर दिया गया था। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत सेवानिवृत्ति के पश्चात् ग्वालियर चम्बल संभाग के कर्मचारियों को पात्रतानुसार भुगतान किया गया है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 321/2013 में पारित आदेश दिनांक 01.12.16 के पालन में 3218 कर्मचारियों को रूपये 17 करोड़ 83 लाख 10 हजार 35 का भुगतान किया गया है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के पास कोई वित्तीय आय के साधन न होने से फरवरी 2019 के पश्चात सेवानिवृत्त 20 कर्मचारियों को अन्तिम भुगतान किया जाना शेष है। इन कर्मचारियों के भुगतान हेतु वित्त विभाग से ऋण प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 28 मई 2018 द्वारा प्रक्रम वाहनों के किराए का निर्धारण किया गया है, परिपत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश में संचालित वाहनें उक्त राजपत्र में निर्धारित दर से किराया प्रभारित करती है, किराया अधिक लिए जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुनः शासकीय परिवहन सेवा प्रारंभ किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
करैरा विधान सभा क्षेत्र में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
106. ( क्र. 1251 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र करैरा में किस-किस खनिज की कौन-कौन सी खदानें विभाग द्वारा चिन्हित की गई हैं तथा उन खदानों का ठेका किस दिनांक से किसे दिया गया है तथा कुल कितनी ऐसी खदाने हैं जो बिना ठेके व टेण्डर के चलायी जा रही हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) की कौन-कौन सी खनिज खदानें कितनी राशि में किसे दी गई है? उनकी ठेका देने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वसूली की क्या स्थिति है? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। यदि समय पर राशि की वसूली नहीं हो पा रही है तो क्या उनका ठेका निरस्त करते हुये उक्त राशि की वसूली ठेकेदारों के चल अचल की सम्पत्ति से कराते हुये गबन ख्यानत का प्रकरण दर्ज करा दिया जायेगा? यदि हाँ तो किस-किस पर? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में क्षेत्र में संचालित अवैध खनिज खदानों से खनिज का दोहन सरकारी अमले की मिलीभगत से चालू है, क्या ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करते हुये कब तक अवैध खदानों का संचालन बंद कर दिया जायेगा तथा हुई राजस्व हानि की वसूली संबंधित दोषी अधिकारियों से करायी जायेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताते हुये जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के जिला अधिकारी द्वारा वर्ष 2015 से अब तक खनिज चोरी एवं खनिज ठेके राशि की वसूली के कितने प्रकरणों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी देंवे। यदि लक्ष्य से कम वसूली व प्रकरण दर्ज किये गये हैं तो क्या यह माना जायेगा कि उक्त अधिकारी लापरवाह व उदासीन हैं? यदि हाँ तो उस पर कब क्या कार्यवाही करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। जिले में कोई भी खदान बिना ठेके/टेण्डर के संचालित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानें पृथक-पृथक नहीं दी गई है। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा आदेश दिनांक 01.02.2020 से शिवपुरी जिला समूह के रूप में 15 खदानों का आवंटन मेसर्स वीनस माईनिंग एण्ड मिनरल के पक्ष में रूपये 21, 21, 21, 211/- वार्षिक ठेकाधन पर दी गई है। ठेका दिनांक 01.02.2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रूपये 21, 21, 21, 211/- निर्धारित ठेकाधन वसूल किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जिले में खदान का नियमानुसार संचालन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से अवैध उत्खनन के दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। वसूल की गई ठेके की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
सिकन्दरा चैक पोस्ट पर अवैध वसूली
[परिवहन]
107. ( क्र. 1252 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के सिकन्दरा चेकपोस्ट में किस वाहन से कितनी राशि वसूल करने के लिये शासन द्वारा क्या दरें निर्धारित की गई हैं? क्या दर से अधिक राशि अवैध वसूली करने के कारण वहां जाम की स्थिति बनी रहती है एवं आये दिन दुर्घटनायें घटित होती रहती हैं? वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक उक्त चेक पोस्ट से शासन एवं विभाग को कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ख) क्या उक्त चेक पोस्ट में थाना दिनारा के पुलिसकर्मी भी अवैध वसूली में संलिप्त रहते हुये आने जाने वाले वाहनों व यात्रियों को परेशान व अपमानित करते हैं, जिस कारण आये दिन विवाद की स्थिति बनी रहती है? क्या उक्त नियम विरूद्ध वसूली व कार्य में हस्तक्षेप कर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) के चेक पोस्ट एवं अवधि में वहां के क्रियाकलापों की कुल कितनी शिकायतें शासन विभाग को प्राप्त हुई है? उन शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही शासन/विभाग द्वारा की गई है? जाँच प्रतिवेदन, शिकायती आवेदन पत्रों की प्रति के साथ जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य के नेतृत्व में जाँच दल गठित कर जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक जाँच दल गठित कर जाँच करायी जाकर उक्त नियम विरूद्ध कृत्य पर रोक लगा दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उसके अधीन निर्मित नियमों के तहत अपने कार्य का निष्पादन करता है। जिसमें विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन किये जाने पर समझौता शुल्क के रूप में राशि वसूल किये जाने के प्रावधान विहित किये गये हैं। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 200 की उपधारा (1) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों, जिसमें राज्य सरकार को ऐसे अधिकारियों को समझौता शुल्क वसूली हेतु प्राधिकृत करने के अधिकार दिये गये है जिन्हे वह उचित समझे, को प्रयोग में लाते हुये शासन द्वारा अधिसूचना दिनांक 21 जनवरी 2013 से विहित अधिकारियों को उनकी अपनी-अपनी अधिकारिताओं के भीतर वर्णित धाराओं के अधीन दण्डनीय अपराधों का प्रशमन करने हेतु प्राधिकृत किया गया है। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। परिवहन चेकपोस्ट सिकन्दरा पर भी उपरोक्त प्रावधानों के अनुसार समझौता शुल्क एवं मोटरयान कर की वसूली की जाकर रसीद प्रदान की जाती है। किसी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की जाती है। इसलिये शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्ष 2016-17 से दिनांक 31.01.2021 तक उक्त चेकपोस्ट पर प्राप्त शासकीय राजस्व की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) परिवहन जाँच चौकी सिकन्दरा में शासन के आदेश से पदस्थ परिवहन अमले द्वारा ही कार्य निष्पादित किया जाता है। कोई पुलिस कर्मी तैनात नहीं किये गये है, न ही चेक पोस्ट पर थाना दिनारा में पुलिस कर्मी द्वारा अवैध वसूली की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के चैकपोस्ट एवं अवधि में विभाग/शासन को सीएम हेल्पलाइन 181 पर विविध शिकायतें प्राप्त हुई है। जो जांच के अधीन है। प्राप्त शिकायतों में जांच के निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मत्स्य पालन हेतु तालाबों को लीज पर देने का प्रावधान
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
108. ( क्र. 1259 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार जलाशयों/तालाबों की संख्यात्मक जानकारी से अवगत करावें। उक्त जलाशयों/तालाबों में से कितनों में मत्स्य पालन कराया जाता है? (ख) मत्स्य पालन हेतु तालाबों को लीज पर देने का क्या प्रावधान हैं? कितने तालाब लीज पर दिये गये हैं? कितनी बोली लगाई गई है? (ग) वार्षिक उत्पादन, भौतिक, वित्तीय प्रगति से अवगत करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांश जिले के जलाशयों तालाबों की संख्या तथा मत्स्य पालन अंतर्गत तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) तालाबों की लीज का प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) भौतिक वितीय प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रापत्र "स" अनुसार है
नहर योजनाओं से जलाशयों में पानी भराव की योजना
[जल संसाधन]
109. ( क्र. 1260 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार जलाशयों/तालाबों की संख्यात्मक जानकारी से अवगत करावें। उक्त जलाशयों/तालाबों में से कितने तालाब गर्मी के दिनों में सूखने की स्थिति में होते हैं अथवा सूख ही जाते हैं, उनका विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बाणसागर/अन्य नहर योजनाओं से जलाशयों/तालाबों में पानी भराव की योजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक इसका सर्वे कार्य कराया जाकर कार्य स्वीकृत किया जावेगा? (ग) तालाबों/जलाशयों में जल भराव से कितने हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हो सकेगा? कितने में मत्स्य पालन कराया जा सकेगा? कितने में अन्य लाभ लिये जा सकते हैं? क्या इनका सर्वे कार्य किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक इस तरह का सर्वे कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग अंतर्गत सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी में 05 जलाशय, सीधी में 06 जलाशय, मझौली में 07 जलाशय, सिंहावल में 04 जलाशय एवं रामपुर नेकिन में 02 जलाशय सहित कुल 24 सिंचाई जलाशय निर्मित है। सिंचाई जलाशयों में गर्मी में पानी रहता है। निस्तारी तालाबों की जानकारी जल संसाधन विभाग में संधारित नहीं होने से तत्संबंधी जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) वर्ष 2020-21 में बरचर मध्यम परियोजना में उपलब्ध जल से 1745 हेक्टर लक्ष्य के विरूद्ध 1745 हेक्टर एवं शेष लघु सिंचाई परियोजनाओं में 7659 हेक्टर क्षेत्र के विरूद्ध 7648 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। जलाशयों में मत्स्य पालन समितियों के माध्यम से जनपदों द्वारा किया जाता है। विभाग द्वारा जलाशय सिंचाई कार्य हेतु निर्मित किए गए हैं, अत: अन्य लाभ के संबंध में सर्वे कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नामांतरण, सीमा विवाद, बंटवारा एवं वारिसान के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
110. ( क्र. 1284 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के गोहद एवं लहार विधानसभा क्षेत्र के 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण भूमि नामान्तरण, सीमा विवाद, बंटवारा एवं फौती वारिसान के प्रकरण प्राप्त हुए? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने प्रकरण किन-किन कारणों से निराकृत नहीं किये जा सके हैं? विचाराधीन प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला भिण्ड अंतर्गत गोहद एवं लहार विधानसभा क्षेत्र में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक निम्नानुसार प्रकरण प्राप्त हुये :-
विधानसभा क्षेत्र |
नामांतरण फौती वारिसान सहित |
सीमा विवाद (सीमांकन) |
बंटवारा |
तहसील गोहद |
2429 |
17 |
190 |
तहसील मौ |
1172 |
4 |
101 |
तहसील लहार |
2825 |
78 |
176 |
तहसील मिहोना |
630 |
92 |
48 |
योग |
7056 |
191 |
515 |
(ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रकरणों का निराकरण निम्नानुसार किया गया है।
विधानसभा क्षेत्र |
नामांतरण फौती वारिसान सहित |
सीमा विवाद (सीमांकन) |
बंटवारा |
तहसील गोहद |
1141 |
4 |
37 |
तहसील मौ |
458 |
0 |
30 |
तहसील लहार |
1652 |
71 |
108 |
तहसील मिहोना |
362 |
88 |
25 |
योग |
3613 |
163 |
200 |
नामांतरण (फौती वारिसान सहित), सीमा विवाद (सीमांकन), बंटवारा प्रकरणों का निराकरण निम्नानुसार शेष है :-
विधानसभा क्षेत्र |
नामांतरण फौती वारिसान सहित |
सीमा विवाद (सीमांकन) |
बंटवारा |
तहसील गोहद |
1288 |
13 |
153 |
तहसील मौ |
714 |
4 |
71 |
तहसील लहार |
1173 |
7 |
68 |
तहसील मिहोना |
268 |
4 |
23 |
योग |
3443 |
28 |
315 |
उक्त शेष प्रकरण मुख्यत: पक्षकारों के उपस्थित न होने, अभिभाषकों के तर्क तथा बहस/आपत्ति के जबाव और वारिसानों की जानकारी न होने, साक्षियों के उपस्थित न होने, अनावेदक तामीली आदि कारणों से न्यायालयीन प्रक्रिया में विचाराधीन है। विचाराधीन प्रकरणों का निराकरण न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बरगी को पूर्णकालीन तहसील घोषित किया जाना
[राजस्व]
111. ( क्र. 1288 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्रार्न्तगत बरगी को पूर्ण कालीन तहसील की (स्वीकृति) हेतु प्रस्ताव शासन के पास लंबित है? यदि हाँ तो वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए किये गये पत्राचार/नस्ती की प्रति उपलब्ध करायें एवं यह भी बतायें कि इसकी स्वीकृति कब तक दी जावेगी? (ख) क्या उक्त प्रस्ताव ए.पी.सी. (कृषि उत्पादन आयुक्त) की बैठक में भेजा गया था एवं क्या प्रस्ताव स्वीकृत होकर प्रदेश की कैबिनेट की बैठक में भी भेजा जाकर प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है? स्वीकृत प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) बरगी को पूर्णकालीन तहसील घोषित होने में विलंब का कारण क्या हैं? इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, प्रस्ताव विचाराधीन है। पत्राचार/नस्ती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान खराब होने की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
112. ( क्र. 1294 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरीफ वर्ष 2019-20 में शासन द्वारा प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा गया था? यदि हाँ तो कितनी मीट्रिक टन तथा इसमें से कितने मीट्रिक टन धान प्रदेश के किस-किस जिले में ओपन कैप में रखा गया था? (ख) क्या ओपन कैप में रखे गये धान के स्टोरेज एवं अच्छे रख-रखाव के लिये वेयर हाउस एवं विपणन संघ के संभाग एवं राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किये जाने के प्रावधान हैं? यदि हाँ तो किस-किस जिले के धान स्टोरेज का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों के द्वारा कब-कब किया गया? (ग) क्या उपरोक्तानुसार ओपन कैप में रखे गये धान के रख-रखाव में लापरवाही बरते जाने एवं समय-समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किये जाने से कितने मीट्रिक धान सड़ गया है एवं ओपन कैप के प्रबंधक सड़ी धान की मिलिंग हेतु मिलर्स को देते रहे एवं सड़े धान से निकले चावल को राशनों की दुकानों पर पहुंचाया गया तथा मिलर्स द्वारा सड़े धान की मिलिंग करने से इंकार करने पर उन पर जिला कलेक्टर द्वारा दबाव बनाया गया, इसके कारण राज्य की मिलिंग उद्योग बंद होने की कगार पर है तथा इस संबंध में मिलर्स के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा माननीय मुख्यमंत्री के गोंदिया प्रवास के दौरान जानकारी दिये जाने के बावजूद किसी भी दोषी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) क्या शराब माफियाओं से विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत होने के कारण गेहूं खरीदी वर्ष 2020-21 में लगभग 3-4 लाख टन गेहूं सड़ाकर शराब माफियाओं को बेचा गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन संभाग की राशन दुकानों में फर्जी हितग्राही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
113. ( क्र. 1300 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1113 दिनांक 10 जुलाई 2019 के संदर्भ में बतावें कि 10 शहरों में किस-किस प्रकार का घोटाला किस मात्रा में पाया गया? शहर अनुसार संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के खण्ड (ग) का स्पष्ट उत्तर दें कि क्या वर्ष 2014 से 2017 में हितग्राहियों की संख्या में काल्पनिक सदस्य होने की रतलाम के तर्ज पर जाँच क्यों नहीं की गई? जाँच की जावेगी या नहीं? (ग) रतलाम में 08 दुकानों की जाँच के बाद किस माह में कितने-कितने हितग्राही की संख्या कम हुई? संदर्भित प्रश्न में संलग्न परिशिष्ट में रतलाम जिले के हितग्राहियों की संख्या में 2017 भिन्न-भिन्न क्यों है? वास्तविक क्या है? (घ) रतलाम जिले में 2017 से 2018 में 1.09 लाख तथा 2016 से 2017 में उज्जैन में 1.18 लाख हितग्राही कम क्यों हुए? अगर कम होने भिन्न-भिन्न कारण हैं तो बतावें कि किस-किस कारण से कितने-कितने कम हुए?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खदान नीलाम कर शासन के करोड़ों की आय बढ़ाना
[खनिज साधन]
114. ( क्र. 1301 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग पूर्व शासन द्वारा पत्थर, गिट्टी को लेकर खनिज नियमावली-1996 की अनुसूची 01 तथा 02 में विरोधाभास को खत्म करने का प्रयास करेगा तथा पत्थर गिट्टी रोड मेटल के लिए खदान आवंटित करने की जगह खदान नीलाम करने का न्यायालय के आदेश का पालन करेगा? (ख) वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 तक प्रतिवर्ष अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण दर्ज किए गये तथा उन पर कितनी शास्ती आरोपित की गई? आरोपित जुर्माने में कितनी राशि वसूल हुई तथा कितनी राशि से संबंधित कुल कितने प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं? (ग) 2015-16 से 2020-21 तक अवैध उत्खनन के प्रकरण पर कितने प्रकरण पर न्यायालय में फैसले हुए तथा कितने में शासन जीता तथा कितने में हारा तथा जनवरी 2021 के अनुसार विभाग के कितने अधिकारियों और कर्मचारियों पर विभिन्न एजेंसी में भ्रष्टाचार के प्रकरण दर्ज हुए हैं? (घ) पिछले 05 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग तथा बी.ओ.टी. के तहत सड़क बनाने वाले किस-किस ठेकेदार के खिलाफ अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाकर कितनी-कितनी शास्ती आरोपित की गई? इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग तथा मुम्बई-दिल्ली 08 लेन के निर्माण में ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन किया गया या नहीं? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 की अनुसूची-एक एवं दो में कोई विरोधाभास नहीं है। प्रश्न में उल्लेखित खनिजों को नीलामी में रखे जाने का वर्तमान में कोई न्यायालयीन आदेश नहीं है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अमानक स्तर के खाद्यान्न वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
115. ( क्र. 1311 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन अवधि में किस-किस जिले में भण्डार गृह में कितने-कितने अमानक स्तर का चावल पाया गया? कुल कितने मैट्रिक टन चावल इस अवधि में अमानक स्तर का पाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चावल सप्लायर फर्म का नाम मालिक/भागीदार का नाम पता सप्लाई की गई चावल की कुल मात्रा, दिनांक कुल राशि, भुगतान की गई राशि तथा दिनांक सहित सूची देवें। (ग) क्या प्रदेश के सारे भण्डार गृह में रखे गये चावल का परीक्षण प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किया गया था? यदि हाँ तो किस-किस भण्डार गृह में गुणवत्ता का चावल पाया गया मात्रा तथा सप्लायर का नाम बताएं। (घ) क्या एक भी निम्न गुणवत्ता का चावल प्रदान करने वाले पर पुलिस में प्रकरण दर्ज नहीं कराया है 10 माह बीत जाने के बाद भी प्रकरण दर्ज नहीं कराये जाने का कारण बताएं। (ड.) क्या प्रश्नांश (क) में जितनी मात्रा भण्डार गृह में पाई गई उससे 2 से 3 गुना मात्रा गरीबों में वितरीत कर दी गई जिससे कई गरीबों के स्वास्थ्य में गम्भीर रोग उत्पन्न हो गए? क्या शासन प्रति प्रभावित परिवार को 25 हजार रूपये का मुआवजा देगा तथा यह राशि सप्लायर से वसूल करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेवा सहकारी संस्था में नियम विरूद्ध चौकीदार की नियुक्ति
[सहकारिता]
116. ( क्र. 1317 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विकासखण्ड की सेवा सहकारी संस्था जाखौली के सहायक सचिव श्री महेन्द्र सिंह गुर्जर के नियमों के विपरीत फर्जी तरीके से अपने पुत्र दीपराज गुर्जर की चौकीदार के पद पर नियुक्ति कब और किस नियम के अंतर्गत की गई? (ख) क्या नियुक्त करने के लिए संस्था के नियमों के तहत आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता म.प्र. द्वारा बनाई गई जिला चयन समिति से नियुक्ति के लिए स्वीकृति प्राप्त की थी? यदि हाँ तो जिला चयन समिति के स्वीकृति आदेश की प्रति दें। (ग) यदि हाँ तो क्या नियम विपरीत चौकीदार के पद पर नियुक्ति करने की जाँच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सेवा सहकारी संस्था जाखौली के सदस्यों की संख्या कितनी है एवं वर्ष 2021-21 में कितना ऋण वितरण हुआ एवं प्रश्न दिनांक तक उक्त संस्था कितने लाभ अथवा हानि में है? (ड.) क्या सहायक समिति सेवक श्री महेन्द्र सिंह गुर्जर की सेवा सहकारी संस्था जाखौली में सहायक सचिव के पद पर नियुक्ति नियमानुसार हुई थी? यदि हाँ तो नियुक्ति आदेश के संपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) संस्था के संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 03.08.2017 में लिये गये निर्णय के आधार पर अवैधानिक नियुक्ति की गई। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियम विपरीत श्री दीपराज गुर्जर को चौकीदार के पद पर नियुक्त करने के संबंध में उपायुक्त सहकारिता जिला भिण्ड द्वारा कार्यवाही की जाकर संस्था के आदेश दिनांक 05.02.2021 से नियुक्ति निरस्त की गई, आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दोषी तत्कालीन संचालक मण्डल वर्तमान में कार्यरत नहीं है तथा दोषी सहायक समिति प्रबंधक श्री महेन्द्र सिंह गुर्जर को निलंबित किया गया है। (घ) 605 सदस्य, वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रू. 44.57 लाख का ऋण वितरण किया गया है तथा दिनांक 31.03.2020 की स्थिति पर संस्था राशि रू. 31, 16, 240.34 की हानि में है। (ड.) सहायक समिति प्रबंधक श्री महेन्द्र सिंह गुर्जर को संस्था के संचालक मण्डल द्वारा दिनांक 25.06.1997 को विक्रेता के पद पर नियुक्ति दी गई तथा दिनांक 27.02.1999 को सहायक समिति प्रबंधक के पद पर पदोन्नति की गई, तत्समय पैक्स समितियों में कर्मचारी सेवानियम लागू नहीं थे। नियुक्ति एवं पदोन्नति के संबंध में संचालक मण्डल के प्रस्ताव ठहराव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं प्रपत्र-3 अनुसार है।
अधिग्रहित भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना
[राजस्व]
117. ( क्र. 1318 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की कृषि उपज मंडी दबोह के सर्वे क्र. 2606 (वर्तमान में 438) की भूमि का दिनांक 04/12/1973 को शासन द्वारा अधिग्रहण किया गया था? (ख) यदि हाँ तो अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार की अनुशंसा के तहत कलेक्टर भिण्ड ने उक्त सर्वे क्रमांक की भूमि को शासकीय होने से रिकार्ड में दुरस्त कर अभिलेख में दर्ज करने हेतु तहसीलदार लहार को दिनांक 26/03/2020 ओदश दिया गया था? (ग) यदि हाँ तो क्या तहसीलदार लहार द्वारा भू-माफिया/अतिक्रमणकारियों से सांठ-गांठ कर लहार को उक्त अधिग्रहित भूमि का रिकार्ड दुरस्त कर शासकीय अभिलेख में दर्ज नहीं किया गया है? यदि हाँ तो क्या तहसीलदार लहार के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कलेक्टर न्यायालय भिण्ड के आदेश दिनांक 26/03/2020 को आयुक्त चम्बल संभाग मुरैना द्वारा सेवानिवृत्त से पूर्व एक पक्षीय स्थगन आदेश जारी करने की जाँच कराकर शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। भिण्ड जिले के दबोह के सर्वे नम्बर 2606 के स्थान पर 2609 से वर्तमान सर्वे नम्बर 438 बना है। दिनांक 04-12-1973 को म.प्र. शासन द्वारा तत्कालीन सर्वे नम्बर 2609 के संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी। (ख) जी हाँ। (ग) न्यायालय कलेक्टर भिण्ड के प्रकरण क्र.0044/19-20/अ-74 में पारित आदेश दिनांक 26.03.2020 में वर्णित सर्वे नंबरान के संबंध में प्रविष्टि दुरूस्ती बाबत् प्रकरण दर्ज करने व गलत अशुद्धि की जाँच कर अमल किये जाने हेतु कार्यवाही की अनुमति दी गयी थी। जिसके उपरांत तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पारित आदेश पत्रिका दिनांक 15.06.2020 से उल्लेखित किया कि म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 यथा संशोधित अगस्त 2018 की धारा 115 (1) के तहत कार्यवाही की अधिकारिता तहसीलदार को नहीं है। कार्यवाही हेतु प्रकरण मूलत: अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लहार की ओर अग्रेषित किया गया। तत्समय न्यायालय आयुक्त चंबल संभाग मुरैना द्वारा प्र.क्र. 0004/अपील/2020-21 में पारित स्थगन आदेश दिनांक 09.07.2020 से न्यायालय कलेक्टर भिण्ड का प्र.क्र. 0044/अ-74/ 2019-20 में पारित आदेश दिनांक 26.03.2020 स्थगित किया जाकर अभिलेख तलब किया गया। इसलिए कार्यवाही स्थगित है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) आयुक्त चंबल संभाग मुरैना के समक्ष न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने से प्रकरण में अंतिम आदेश अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गन्ना उत्पादक कृषकों को बकाया भुगतान
[सहकारिता]
118. ( क्र. 1334 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषक सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, नारायणपुरा (राघौगढ़), जिला के भविष्य निर्धारण के संबंध में उपसचिव, मध्यप्रदेश शासन, सहकारिता विभाग ने अपने पत्र क्र. एफ 15-1/ 2019/5-1 भोपाल दिनांक 10/3/2019 आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं को लिखा था एवं प्रतिलिपि कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव वित्त एवं प्रमुख सचिव (समन्वय) मुख्य सचिव को प्रेषित की थी? (ख) यदि हाँ, तो मंत्री परिषद आदेश आयटम क्रमांक 5 दिनांक 05 मार्च 2019 के पालन में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है एवं कब तक उक्त शक्कर कारखाने के भविष्य का निर्धारण कर दिया जायेगा? (ग) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सहकारिता विभाग का पत्र क्रमांक एफ 15-1/ 2019/15-1 दिनांक 17.12.2019 जो कि प्रमुख सचिव, सहकारिता ने आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक को लिखा था, जिसमें कृषि सहकारी शक्कर कारखाना नारायणपुर, राघौगढ़ जिला गुना के कृषकों को गन्ना मूल्य की बकाया राशि रूपये 13.81 करोड़ का भुगतान किये जाने तथा अंतर की शेष राशि 5.59 करोड़ राज्य शासन द्वारा ऋण के रूप में अतिरिक्त उपलब्ध कराई जाने का उल्लेख किया? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उपरोक्त प्रकरण गन्ना उत्पादक कृषकों के हित में पुन: मंत्री परिषद के समक्ष रखा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. भोपाल के कार्यालयीन आदेश क्रमांक/विप./श.मिल/2019/3171 दिनांक 24.12.2019 द्वारा कृषक सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नारायणपुरा (राघौगढ़) जिला गुना को परिसमापन में लाया जाकर परिसमापक की नियुक्ति की गई है। परिसमापक द्वारा सहकारी अधिनियम के प्रावधानों अंतर्गत आस्तियों एवं दायित्वों के निराकरण हेतु कार्रवाई की जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, कृषक सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नारायणपुरा (राघौगढ़) जिला गुना को गन्ना उत्पादक कृषकों के लंबित भुगतान हेतु राशि रूपये 8, 21, 99, 000.00 ऋण अग्रिम के रूप में प्रदान किये गये हैं, शेष राशि रू. 5.59 करोड़ पुनर्विनियोजन के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सके। परिसमापक से प्रस्ताव प्राप्त होने पर आगामी वित्तीय वर्ष में प्रावधान हेतु प्रस्ताव भेजा जा सकेगा, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, कारखाने के परिसमापनाधीन होने के कारण।
सिंचाई परियोजना एवं अन्य निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति
[जल संसाधन]
119. ( क्र. 1335 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016, 2017, 2018, 2019, 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई परियोजना के अन्य निर्माण कार्य तथा मरम्मत की कौन-कौन से कार्य चल रहे हैं? उक्त कार्य कितनी-कितनी लागत के किस-किस स्थान पर, किस-किस ठेकेदार को कब-कब से दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने हेतु क्या निर्धारित लक्ष्य रखे गये? लक्ष्य के अनुरूप कितने-कितने कार्य पूर्ण हो गये है एवं कितने-कितने कार्य शेष हैं? कार्यवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के तारतम्य में लक्ष्य पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? लक्ष्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में संबंधित उत्तरदायियों जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
सम्मान निधि
के खातों में
त्रुटि
सुधार
लापरवाही
[राजस्व]
1. ( क्र. 14 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2018 के पश्चात कितने किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि उनके खातों में डाली गयी, कितने किसानों ने राशि अप्राप्त होने की सूचना विभाग को दी? (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों के खाते बंद होने या अन्य कारण से राशि जमा नहीं हो पाई? ऐसे कितने बैंक चालान उक्त अवधि में विभाग को प्राप्त हुए? क्या विभाग द्वारा किसानों के खातों को पुन: चालू करवाकर राशि किसानों के खातों में डाल दी गयी है? (ग) क्या मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा डाली गयी किसान सम्मान निधि में खाता नंबर, IFSC कोड में त्रुटि या लिपिकीय त्रुटि के कारण सैकड़ों किसानों की निधि बैंक खातों में नहीं जा पाई तथा ना ही बैंकों द्वारा इस राशि को पुन: चालान द्वारा ट्रेजरी को भेजा गया? (ज्यादातर प्राइवेट बैंक) इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) 1 जनवरी 2019 से 1 मार्च 2020 तक प्रदेश में कितने किसानों के खातों में प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि डाली गयी? सिर्फ संख्या बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2018 के पश्चात दिनांक 15/02/2021 की स्थिति में 55781 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं 17351 किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिन हितग्राहियों का सफल भुगतान किसी भी कारण से इलेक्ट्रानिकली नहीं हो पाता है उनकी सही जानकारी इंद्राज कर भुगतान की कार्यवाही पुन: की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नही। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 1 जनवरी 2019 से 1 मार्च 2020 तक प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6174730 किसानों के खाते में राशि अंतरित की गई। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना माह सितम्बर,2020 से प्रारंभ हुई है अत: जानकारी निरंक है।
सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों का दुर्घटना बीमा
[सहकारिता]
2. ( क्र. 22 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों को म.प्र व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना व जीवन सुरक्षा बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो 1 अप्रैल 2019 से 1 जनवरी 2021 तक कुल कितने किसानों को उक्त योजना का लाभ मिला? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त योजनाओं में किसानों के आवेदन पत्र लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने? (ग) क्या उक्त योजनाओं का बीमा करने वाली बीमा कंपनी का चयन अपेक्स बैंक द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो बीमा कंपनी का चयन कब किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रदेश में कार्यरत 38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में से दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से 01 जनवरी, 2021 तक की अवधि में 16 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों से ऋण लेने वाले 15,73,588 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दुर्घटना बीमा योजना का लाभ प्रदान किया गया है। प्रदेश के किसी भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा ऋणी किसानों के लिये जीवन सुरक्षा बीमा पॉलिसी नहीं ली गयी है। प्रदेश के 22 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों द्वारा ऋण लेने वाले किसानों के लिये किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत दुर्घटना बीमा कराने का निर्णय नहीं लिये जाने तथा किसी भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा ऋण लेने वाले किसानों के लिये जीवन सुरक्षा बीमा योजना लिये जाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिये जाने से वहां उक्त बीमा योजना के अंतर्गत बीमा नहीं कराया गया है। (ख) जी हाँ। किसान क्रेडिट कार्ड दुर्घटना बीमा योजना के 238 क्लेम आवेदन लंबित हैं। (ग) जी नहीं। बीमा करने वाली कंपनियों का चयन जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में अवैध उत्खनन के प्रकरण
[खनिज साधन]
3. ( क्र. 23 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया, श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 से इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के अन्तर्गत जिलों में रेत, गिट्टी पहाड़ी/खदान व अन्य अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण बनाये गये? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित किस-किस व्यक्ति/संस्था पर कुल कितना अर्थदंड लगाया गया तथा कितना बकाया है? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित किस व्यक्ति कम्पनी का लाइसेंस/ पंजीयन, अनुमति निरस्त की गयी और उन्हें ब्लेक लिस्टेड/प्रतिबंधित किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर दर्शित है। (ग) जिलों में किसी भी व्यक्ति, कंपनी का लाइसेंस/पंजीयन, अनुमति, निरस्त नहीं की गई है, ना ही ब्लेकलिस्टेड/प्रतिबंधित किया गया है।
खसरे में सुधार
[राजस्व]
4. ( क्र. 39 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 31 दिनांक 06.12.2012 को विधानसभा में चर्चा के दोरान विभागीय मंत्री जी द्वारा किए गये कथन के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राजस्व विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ 11-39/2012 भोपाल दिनांक 22.01.2013 द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्र. 323 दिनांक 19.02.2013 के तहत 5 पटवारियों को हटाते हुए राजस्व निरीक्षकों को प्रभार दिया गया था उक्त आदेश के नगर निगम क्षेत्र में पदस्थापना की कुल अवधि को अवलोकन करें दूसरा आदेश पत्र क्र. 377 दिनांक 26.02.2014 को कलेक्टर सतना द्वारा जारी किया गया था तीसरा आदेश अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर सतना द्वारा पत्र क्र. 2120 दिनांक 04.03.2014 को किया गया है। (ख) रघुराज नगर तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का कोलगवां के आराजी नं. 502, 506, 507, 508, 532, 533, किता 6 कुल रकवा 13.127 हे. शासकीय है क्या उक्त आराजी को निजी स्वत्व में करने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है मौजा बदखर की आराजी क्र. 343, 352, 355, 381 का जाँच प्रतिवेदन नायब तहसीलदार हाटी द्वारा पत्र क्र. 414 दिनांक 22.07.2020 को तहसील रघुराजनगर को सौंपा गया था तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्रमांक 1441/1 दिनांक 07.08.2020 को एस.डी.एम. रघुराजनगर को जमा करा दिया लेकिन आज दिनांक तक खसरा सुधार नहीं किया गया है इसी तरह उक्त मौजा की आराजी नं. 39 रकवा 2.28 एकड़ की आराजी के संबंध में तहसील रघुराजनगर ने 18.12.2019 को एस.डी.एम. रघुराजनगर कार्यालय में जमा किया है लेकिन 90 वर्षीय बृजलाल नाई पिता बहोरिया नाई को आज दिनांक तक न्याय नहीं मिला है? कब तक मिलेगा? विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नही। जी हॉ, मौजा बदखर की मौजा बदखर की आ.नं. 343, 352, 355, 381 के संबंध में जाँच प्रतिवेदन पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर में प्रकरण विचारण में है, जिस पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। मौजा बदखर की आ0 आ.नं. 39 रकवा 2.28 एकड़ के संबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध होकर प्रक्रियाधीन है, विधि प्रक्रिया अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जानी है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमिततायें करने वाली गृह निर्माण संस्थाओं पर कार्यवाही
[सहकारिता]
5. ( क्र. 40 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के अंतर्गत आने वाली किस-किस नाम एवं पते वाली गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में किस प्रकार की अनियमितताओं के कारण 01.04.2017 से प्रश्नतिथि के दौरान विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार विभाग द्वारा इन संस्थाओं को पत्र (नोटिस/आदेश/अन्य) जारी किये उनकी एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सस्थाओं के विरूद्ध जारी किये गये नोटिसों के पश्चात् विभाग द्वारा प्रश्नतिथि तक क्या-क्या कानूनी कार्यवाही की है? प्रकरणवार/संस्थावार दें? (घ) किन-किन संस्थाओं पर कानूनी कार्यवाही प्रश्नतिथि तक लंबित है? सूची दें? उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) भोपाल जिले के अंतर्गत आने वाली गृह निर्माण सहकारी संस्था में दिनांक 01.04.2017 से दिनांक 22.12.2020 तक सहकारी अधिनियम की धारा 19 सी, 53 (बी) 2, 56 (3) तथा 76 (2) के अंतर्गत तथा विभिन्न अपराधों के लिये भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराध दर्ज किये गये हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के अनुसार उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा संस्थाओं को जारी नोटिस/आदेश/अन्य तथा एफ.आई.आर. की सूची एवं प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' की गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में दिनांक 15.02.2021 पर संबंधित कानूनी कार्यवाही की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में से दिनांक 15.02.2021 पर लंबित कानूनी कार्यवाही (सहकारी विभाग स्तर पर लंबित कानूनी कार्यवाही) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
6. ( क्र. 107 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु पात्र किसानों की संख्या तहसीलवार बतायें। उनमें से कितने किसानों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि मिल रही है? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र किसानों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि क्यों नहीं मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें। (ग) रायसेन जिले में सभी पात्र किसानों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि में पात्रता की क्या-क्या शर्तें है तथा संबंधित किसानों को क्या-क्या दस्तावेज उपलब्ध कराना पड़ते है तथा किसान यदि ऑनलाईन आवेदन करना चाहे तो उसको क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। दिनांक 15 फरवरी, 2021 की स्थिति में 67571 किसानों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है। (ख) पात्र हितग्राहियों को राशि का भुगतान निरंतर प्रक्रिया है जो सतत रूप से जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) सभी पात्र किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ प्राप्त हो सके इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार एवं ग्रामों में मुनादी कराई जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु ऑनलाईन आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 108 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण क्यों नहीं किया गया तथा उनको कब तक पर्ची दी जायेगी? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र परिवारों को राशन वितरण बंद कर दिया है तथा क्यों? (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में पात्र परिवार जिनका राशन बंद कर दिया गया है उनके पुन: नाम जोड़ने के आवेदन किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? आवेदन पत्रों का कब तक निराकरण होगा? (घ) रायसेन जिले में पात्र परिवारों का राशन क्यों बंद किया गया? इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है तथा उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले में माह फरवरी 2021 तक 21508 वैध पात्र परिवारों हेतु पात्रता पर्चियां जारी कर सभी का वितरण स्थानीय निकायों के माध्यम से कराया जा चुका है। नवीन परिवार द्वारा आवेदन प्रस्तुत करना, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति एक सतत प्रक्रिया है। स्वीकृति उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या सीमा तक वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी कर उनका वितरण किया जाता है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत पूर्व से लाभ ले रहे परिवारों की पात्रता के सत्यापन उपरांत विभिन्न कारणों यथा विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने/पात्रता संबंधी वैध दस्तावेज उपलब्ध न होने आदि के फलस्वरूप चिन्हांकित 10928 परिवारों की पात्रता पोर्टल से अस्थायी रूप से रोकी गयी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार वे परिवार जिनकी पात्रता अस्थायी रूप से स्थगित की गयी है, उनमें से 1532 परिवारों द्वारा पुन: आवेदन प्रस्तुत किए गए, इनमें से 607 परिवारों के आवेदन पात्र पाए जाने के फलस्वरूप इनकी पात्रता पर्ची एवं खाद्यान्न प्रदाय किया जा चुका है। शेष 925 परिवारों के आवेदनों के परीक्षणोपरांत, पात्र पाये जाने पर मासिक आवंटन के साथ पात्रता पर्ची जारी करने की व्यवस्था की गयी है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोसायटियों द्वारा खाद्य बीज वितरण
[सहकारिता]
8. ( क्र. 234 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन सोसायटियों को वर्ष 2019-20, 2020-21 में रबी फसल हेतु कितना बीज एवं खाद्य उपलब्ध कराया गया था? (ख) क्या सोसायटियों को उनके मांग अनुसार खाद्य एवं बीज उपलब्ध कराया गया है एवं विधानसभा क्षेत्र की सम्पूर्ण सोसायटियों द्वारा खाद्य एवं बीज क्रय की गई थी? (ग) यदि सम्पूर्ण सोसायटियों द्वारा खाद्य, बीज का क्रय नहीं किया गया तो विभाग द्वारा ऐसी सोसायटियों पर जिन्होंने खाद्य, बीज क्रय नहीं किया उन पर कार्यवाही की जावेगी? (घ) किन-किन सोसायटियों द्वारा खाद्य, बीज का क्रय किये जाने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक किसानों को खाद्य, बीज का विक्रय नहीं किया गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? विभाग उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सोसायटियों को मांग अनुसार खाद बीज उपलब्ध कराया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समितियों द्वारा कृषकों की मांग एवं वित्तीय सक्षमता अनुसार खाद बीज का भंडारण कराया गया, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खाद बीज को भंडारित करने वाली सभी संस्थाओं के द्वारा खाद बीज का कृषकों को विक्रय किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना में अधिग्रहण भूमि
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 235 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना में किसानों की कितनी भूमि विभाग द्वारा अधिग्रहण की गई है? (ख) अधिग्रहण भूमि में कितनी सिंचित भूमि तथा कितनी असिंचित भूमि अधिग्रहण की गई? कितनी राशि सिंचित भूमि हेतु तथा कितनी असिंचित भूमि हेतु प्रदान की गई? (ग) अधिग्रहण भूमि में कितने किसानों को प्रश्न दिनांक राशि प्रदान नहीं की गई है? (घ) अधिग्रहण भूमि किसानों से अधिग्रहण कर विभाग ने अपने अधीन एवं राजस्व रिकार्ड में भी सुधार के बाद भी किसानों को मुआवजा प्रदान नहीं किया है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा किसानों को मुआवजा राशि कब तक प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हां, 394.235 हेक्टेयर। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 141 किसानों को भू-अर्जन राशि का भुगतान होना शेष है। (घ) 09 ग्रामों में से 06 ग्रामों की भूमि का विभाग द्वारा अपने अधीन एवं राजस्व रिकार्ड में सुधार कराया गया है जिसमें 28 किसानों के बटांकन एवं न्यायालयीन प्रकरण होने के कारण मुआवजा प्रदान नहीं किया जा सका है। मुआवजा भुगतान शेष होने के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। विवादित बटांकन एवं न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण उपरांत मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषकों को के.सी.सी. योजना का लाभ
[सहकारिता]
10. ( क्र. 246 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषक समुदाय को आय में वृद्धि करने हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ शासन द्वारा दिया जा रहा है? यदि हाँ तो इस योजना के क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या उद्देश्य स्वीकृत प्रक्रिया आवश्यक दस्तावेज एवं पात्रता की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना का लाभ क्या प्रदेश के सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा दिया जा रहा है? यदि हाँ तो बैंकों के नाम बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा कृषकों को कृषि संबंधी जरूरतों और कृषि कार्य हेतु वस्तुओं की खरीदी के लिये बैंकिंग प्रणाली से आसानी से और किफायती दर से तथा समय पर पर्याप्त सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड योजना लागू की गई है। स्वीकृति प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज एवं पात्रता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हां। प्रदेश के सभी 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा योजना का लाभ दिया जा रहा है। बैंकों के नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विभिन्न प्रदेशों से लाए गए चावल तथा भेजा गया धान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( क्र. 256 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रथम लॉकडाउन के छ: माह पूर्व से प्रश्न दिनांक तक जो चावल बालाघाट जिले की सीमा में आया उसकी जानकारी, चावल कहां से आया, कहां भेजा गया तथा ट्रक के नम्बर सहित देवें। (ख) प्रदेश से अन्य प्रदेशों में भेजे जा रहे माल तथा विभिन्न प्रदेशों से प्रदेश में आ रहे माल की जानकारी राज्य शासन को कैसे होती है? इसकी संपूर्ण प्रक्रिया बताएं? (ग) विगत एक वर्ष बालाघाट जिले में GST चोरी के कुल कितने प्रकरण बनाएं गए हैं? प्रकरण अनुसार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.एम.हेल्पलाईन में की गई शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
12. ( क्र. 261 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 181 सी.एम. हेल्पलाईन में सिवनी जिले के विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिये जनता द्वारा शिकायत की गई है? यदि हां, तो सिवनी जिले में वर्ष 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) शिकायतों में प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतों का निराकरण एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 निराकरण में कितनी शिकायतों में शिकायतकर्ताओं से संपर्क किया गया? (घ) क्या संबंधित विभागों द्वारा शिकायतकर्ताओं से बिना संपर्क किये एल-1, एल-2, एल-3 में निराकरण बता दिया जाता है, जिसके कारण शिकायतें एल-4 में पहुंच जाती है? ऐसे दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नही, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां, सी.एम. हेल्पलाईन में सिवनी जिले के विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिये जनता द्वारा वर्ष 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक 37490 शिकायतें प्राप्त हुई। विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के खण्ड 7 में समाहित है। (ग) एल-1, एल-2, एल-3 में दिये गये निराकरण से शिकायतकर्ता से संपर्क करने पर शिकायतकर्ता द्वारा असंतुष्टि दर्ज कराये जाने पर ही शिकायत एल-4 पर पहुंचती हैं। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता है। सी.एम.हेल्पलाईन 181 के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टि दर्ज करना
[राजस्व]
13. ( क्र. 316 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट एवं बैतूल जिले में 1980 तक भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड संरक्षित वन भूमियों के डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी प्रश्नांकित दिनाँक तक भी दर्ज नहीं की गई? (ख) यदि हाँ तो इन जिलों के कितने ग्रामों के पटवारी, मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज कितनी जमीनों को संरक्षित वन सर्वे में शामिल कर कितनी जमीन धारा 34अ के अनुसार किस-किस दिनाँक को डीनोटीफाईड की गई, कितनी जमीन वनखण्डों में अधिसूचित की गई? (ग) डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनाँक तक भी दर्ज नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है, प्रविष्टि कब तक दर्ज की जावेगी समय-सीमा सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत वर्ष 1980 तक भा.व.अ.1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड संरक्षित वन भूमियों के डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गयी है। बैतूल जिले में डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि दर्ज नहीं की गयी है। (ख) बालाघाट जिले के 495 ग्रामों के पटवारी मानचित्र निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज 127269.989 हेक्टेयर जमीन को संरक्षित वन सर्वे में 118.153 हेक्टेयर भूमि शामिल किया गया। दिनांक 23.07.1969 एवं 10.07.1972 को 22329.993 हेक्टेयर जमीन धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाई की गई। 104821.838 हेक्टे. जमीन वन खण्डों में अधिसूचित की गई है। (ग) बैतूल जिले में 829 ग्रामों की संरक्षित वन भूमि के संबंध में वन विभाग द्वारा 10 जुलाई, 1972 को डीनोटिफाई किए जाने की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया, किन्तु इसमें भूमियों का विवरण अंकित नहीं किया गया, जिसके कारण संशोधन की कार्यवाही नहीं की जा सकी है।
बसों एवं टैक्सी का संचालन
[परिवहन]
14. ( क्र. 362 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में विभाग द्वारा किन-किन मार्गों पर बसों एवं टैक्सी संचालन के परमिट किन-किन को जारी किये है समय-सारणी अनुसार सूची उपलब्ध करायें। (ख) उक्त यात्री बसों एवं टैक्सी संचालकों द्वारा किस दर से किराया वसूल किया जा रहा है तथा शासन के निर्देशों से अनुरूप बस स्टैण्ड पर एवं यात्री बस/टैक्सी में किराया सूची रायसेन जिले में क्यों नहीं लगवाई जा रही है कारण बतायें तथा कब तक लगवायेंगे। (ग) शिक्षित बेरोजगारों के टैक्सी संचालन हेतु परमिट प्रदान करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है तथा उनको क्या-क्या सुविधायें दी जा रही है पूर्ण विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय रायसेन द्वारा जिले के अंतर्गत संचालित होने वाली यात्री बसों को अस्थाई परमिट जारी किये जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। टैक्सी कैब के परमिट जारी नहीं किये जाते है। (ख) प्रक्रम वाहनों द्वारा परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 295 दिनांक 28.05.2018 के द्वारा निर्धारित दर के अनुसार किराया लेने एवं यात्री बसों में किराया सूची चस्पा करने के निर्देश वाहन स्वामियों को जारी किये गये हैं। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। रायसेन जिले के समस्त बस स्टेण्डों के व्यवस्थापक सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को किराया सूची एवं समय सारणी बस स्टेण्ड पर लगाने हेतु निर्देश दिये गये है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) शिक्षित बेरोजगार को टैक्सी संचालन हेतु परमिट प्रदान करने के संबंध में पृथक से कोई नियम नहीं है। नियमानुसार आवेदन प्राप्त होने पर उनका विधिसम्मत निराकरण किया जाता है।
आधार कार्ड बनाने के निर्देश
[राजस्व]
15. ( क्र. 363 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आधार कार्ड बनाने के संबंध में भारत सरकार तथा राज्य सरकार के क्या-क्या निर्देश हैं? कौन-कौन सी एजेंसियां इनको बनाने के लिए पात्र हैं? (ख) रायसेन जिले में आधार कार्ड बनाने तथा बने हुए आधार कार्डों में संशोधन हेतु कौन-कौन व्यक्ति/संस्था कहाँ-कहाँ कार्य कर रहे हैं तथा इस हेतु कितना शुल्क निर्धारित है? (ग) रायसेन जिले में आधार कार्ड बनाने वाले व्यक्ति/संस्था द्वारा एक दिन में कितने आधार कार्ड बनाये जा रहे हैं? किन-किन माध्यमों से आधार कार्ड बनाने के केन्द्र बढ़ाने की मांग की गई। (घ) उक्त संबंध में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आधार कार्ड बनाने के संबंध में निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। आधार कार्ड बनाये जाने हेतु भारत सरकार द्वारा 05 एजेन्सी को नियुक्त किया गया है। मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, महिला एवं बाल विकास विभाग, राज्य शिक्षा केन्द्र, बैंक एवं पोस्ट ऑफिस। (ख) एमपीएसईडीसी/डीईजीएस एवं अन्य संस्थाओं के माध्यम से वर्तमान में जिला/ब्लॉक/तहसील स्तर पर विभिन्न कार्यालयों में 38 केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। शुल्क से संबंधी एमपीएसईडीसी भोपाल का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (ग) एक आधार पंजीयन केन्द्र पर ऑपरेटर द्वारा औसतन 40 से 50 पंजीयन किए जाते है। जिला ई-गवर्नेंस कार्यालय रायसेन द्वारा आधार केन्द्र स्थापना हेतु इच्छुक ऑपरेटर के फार्म यूआईडीएआई में रजिस्ट्रेशन हेतु प्रेषित किए गये हैं। (घ) स्थानीय नागरिकों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न शासकीय कार्यालयों से केन्द्र स्थापना की अनुमति प्राप्त इच्छुक ऑपरेटर्स के फार्म एमपीएसईडीसी को उपलब्ध कराए जाकर ऑपरेटर के यूआइडीएआई में रजिस्ट्रेशन उपरांत आई.डी. प्राप्त होने पर केन्द्रों की स्थापना शासकीय कार्यालयों में आधार पंजीयन एवं अपडेशन केन्द्रों का संचालन ऑपरेटरर्स के माध्यम से किया जा रहा है।
कर्मचारियों को मुख्यालय में पदस्थ करना
[राजस्व]
16. ( क्र. 420 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के कलेक्टर कार्यालय के आधीन कार्यालयों में कौन-कौन से कर्मचारी अधिकारी कब से पदस्थ हैं? नाम, पदनाम, पदस्थापना दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कौन-कौन से कार्यालय हैं और उन कार्यालयों में कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी कब से कार्यरत हैं? नाम, पदनाम सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के कर्मचारियों/अधिकारियों में से कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय में निवास न कर कटनी, जबलपुर, सतना एवं अन्य स्थान से अपडाउन करते हैं। जिससे कार्यालय का कार्य प्रभावित होता है और आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है? क्या कर्मचारियों/अधिकारियों को मुख्यालय में अनिवार्य रूप से रहने के निर्देश शासन देगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) बड़वारा तहसील में एस.डी.एम. के पद पर पूर्णकालिन पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी, जिससे कार्य सुचारू रूप से चल सके?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश (क) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समस्त कर्मचारी अपने मुख्यालय में निवास करते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कर्मचारियो/अधिकारियों के मुख्यालय में रहने के निर्देश है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बडवारा तहसील कटनी अनुविभाग के तहत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उत्खनिपट्टों की जानकारी
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 421 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले विजयराघोगढ़ तहसील के ग्राम अमेहटा, बड़ारी, रजरवारा, नन्हवारा, सैलया पहरहाई, कछगवां में लाईमस्टोन डोलोमाईट खनिज के उत्खनिपट्टा वर्ष 1960 से 1975 के बीच कौन-कौन फर्म को स्वीकृत थे? उनकी सूची उपलब्ध कराए तथा उपरोक्त ग्रामों में स्वीकृत उत्खनिपट्टा में लीज कौन-कौन फर्मों को किस वर्ष में परिवर्तित हुई उन खदानों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) उत्खनिपट्टा से खनिपट्टा लीजों में भारत सरकार खान मंत्रालय के अध्यादेश 12 जनवरी 2015 के अनुसार लीज की मूल अवधि उत्खनिपट्टा की अवधि 1960-1975 से मान्य न कर परिवर्तित खनिपट्टा के वर्ष 1965 से 2004 से खनिपट्टा की 50 वर्ष की अवधि बढ़ने से लीज का पीरियड़ बढ़ गया जिससे लीज की अवधि 50 वर्ष पूर्ण होने (खत्म) होने से बच गई जिससे शासन पुरानी लीजों को नीलाम नहीं कर सकेगी। जिस कारण शासन को राजस्व का नुकसान होगा। खान मंत्रालय के अध्यादेश 12 जनवरी 2015 की गलत व्याख्या कर उत्खनीपट्टा से खनिपट्टा में परिवर्तित लीज को 50 वर्ष का समयवृद्धि पूरक अनुबंध करने की जाँच शासन करायेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं? (ग) कटनी जिले की फर्मों पर कलेक्टर न्यायालय कटनी द्वारा करोड़ों रूपये रायल्टी अपवचन के प्रकरण में वसूली आदेश जारी है उन फर्मों से कितनी-कितनी राशि वसूल की कितनी शेष है प्रकरणवार फर्मवार बताएं। (घ) सतना जिले में मुरूम के खनिपट्टा किस-किस को कब-कब स्वीकृत किए गए है? क्या यह सही है कि जिन मुरूम के खनिपट्टा की आड़ में लेटेराईट का उत्खनन कर सीमेन्ट प्लाटों को सप्लाई किया जा रहा है यदि नहीं, तो मुरूम खदानों की जाँच में कराई जावेगी कि मुरूम का उत्खनन हुआ है या लेटेराईट का। यदि हाँ तो कब तक।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कटनी जिले के तहसील विजयराघोगढ़ के गाम अमेहटा, बड़ारी, रजरवारा, नन्हवारा, सलैया पहरहाई, कछगवां में खनिज लाइमस्टोन, डोलोमाइट के वर्ष 1960 से 1975 के बीच स्वीकृत उत्खनिपट्टाधारियों की जानकारी चाही गई है। कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा में उपलब्ध अभिलेख अनुसार प्रश्नाधीन ग्रामों में वर्ष 1960 से 1975 के मध्य खनिज लाइमस्टोन के बिना नवकरण कंडिका के स्वीकृत उत्खनिपट्टों की खदानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। उपरोक्त स्वीकृत उत्खनिपट्टा बिना नवकरण कंडिका के स्वीकृत होने के फलस्वरूप उत्खनिपट्टा में स्वीकृत अवधि के दौरान किसी अन्य को उत्खनिपट्टा परिवर्तित होने की प्रविष्टी अभिलेखों में इन्द्राज होना नहीं पायी जाती है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लेख है कि खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 में दिनाँक 27/03/2015 से संशोधन किए गए हैं। ये संशोधन दिनाँक 12/01/2015 से प्रभावी किए गए हैं। इन संशोधन के फलस्वरूप धारा 8 (क) की उप धारा (3) के अनुसार खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2015 के प्रारंभ की तारीख से पूर्व सभी खनिपट्टे 50 वर्ष की अवधि के लिए अनुदत्त किए समझे जाएंगे। इसी अनुक्रम में उप धारा (5) व (6) में खनिपट्टा की अवधि विस्तारण हेतु स्पष्ट किया गया है। कलेक्टर खनिज शाखा कटनी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार उपरोक्त प्रावधानों के तहत कटनी जिले में स्वीकृत खनिपट्टा खदानों का समयवृद्धि हेतु पूरक अनुबंध निष्पादित किया गया है। यदि भविष्य में कोई अनियमितता शासन के संज्ञान में आती है तो शासन नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित अनुसार है। (घ) सतना जिले में मुरूम खनिज का कोई खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है। शेष जानकारी निरंक है।
मत्स्य आखेट किए जाने वाले तालाबों का आंवटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
18. ( क्र. 422 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में मत्स्य आखेट करने हेतु कुल कितने जलाशय हैं? विकासखण्डवार, पंचायतवार जानकारी प्रदान करें। वित्तीय वर्ष 2015 से अब तक किन-किन जलाशयों में व्यक्तिगत एवं समूह के माध्यम से मत्स्य पालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के जलाशयों को कितने वर्षों के लिए आवंटित किए गए हैं? आवंटन में प्रश्नांकित अवधि से वर्तमान तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (ग) कटनी के उक्त विभाग के कौन-कौन कर्मचारी तथा अधिकारी कब से कार्यरत हैं। पृथक-पृथक पदवार विवरण दे तथा उनकी यदि कोई शिकायतें प्राप्त हैं, तो शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) कटनी जिले में मत्स्य विभाग को शासन द्वारा वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? मदवार व वर्षवार बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) की अवधि में किस-किस योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों को कितना-कितना वर्षवार अनुदान दिया गया? उक्त जिले में निर्मित तालाबों में प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांश अवधि में कटनी में मत्स्याखेट हेतु 80 जलाशय है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जलाशय 10 वर्ष के लिये आवंटित किये गये है, प्रश्नावधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों के संबंध में शासन स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (ड.) प्रश्नांश अवधि में हितग्राहियों को योजनावार अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार।
औद्योगिक नीति एवं उनमें कार्यरत श्रमिक हित
[श्रम]
19. ( क्र. 430 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितनी निजी औ़द्योगिक इकाइयां, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाएं संचालित है, इनमें कुल कितने कर्मचारी/अधिकारी/श्रमिक/कार्यकर्ता कार्यरत है? संस्थावार पृथक-पृथक विवरण दें तथा यह भी बताये कि इनमें से कितनों को शासन द्वारा अनुदान/सहायता दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों में कितने कर्मचारी सतना जिले के स्थानीय निवासी हैं? (ग) इन संस्थानों के संचालन में गड़बड़ी एवं श्रमिकों की समस्या से संबंधित कितने मामले वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक शासन को प्राप्त हुए एवं कितने मामलों में कार्यवाही हुई? शिकायतवार कार्यवाही का विवरण भी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सतना जिले में कुल 141 निजी औद्योगिक इकाइयां, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाएं संचालित हैं। संचालित संस्थानों में कार्यरत नियोजित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इन संस्थाओं को श्रम विभाग द्वारा कोई सहायता/अनुदान नहीं दिया जाता है। (ख) संस्थाओं में कार्यरत सतना जिले के कर्मचारियों की संस्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उक्त संस्थाओं में श्रमिकों की समस्याओं से संबंधित प्राप्त शिकायतों की वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
लंबित खाद्यान्न पर्ची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 438 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्रहियों को प्रदान की जाने वाली खाद्यान्न पर्ची न मिलने के कितने प्रकरण किन कारणों से कब से लंबित है? योजनावार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा पात्र हितग्राही को खाद्यान्न पर्ची प्रदान करने हेतु क्या तय सीमा है एवं कब तक लंबित प्रकरणों का निराकरण करा दिया जावेगा? (ग) उपरोक्तानुसार ऐसे पात्र हितग्राही जिनके फिंगर प्रिंट मशीन नहीं ले पा रही? उनको खाद्यान्न समय पर मुहैया कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत अधिसूचित पात्रता श्रेणियों में 28 जनवरी 2021 के उपरांत प्राप्त 61 आवेदन जिले द्वारा NIC की तकनीकी टीम को अग्रेषित किए गए हैं। नवीन परिवार द्वारा पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करना, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या सीमा तक, वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी कर उनका वितरण एक सतत प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) ऐसे पात्र परिवार जिनमें अधिकतम 3 हितग्राही सदस्य हैं तथा पी.ओ.एस. मशीन पर परिवार के सभी सदस्यों का आधार सत्यापन असफल होता है तो उन्हें नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) के माध्यम से खाद्यान्न मुहैया कराया जाता है।
संबल योजना में पात्र हितग्राहियों को अपात्र करना
[श्रम]
21. ( क्र. 439 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल एवं संबल योजना में पात्र हितग्राहियों को तत्कालीन सरकार द्वारा करायें गये भौतिक सत्यापन उपरांत किस आधार पर अपात्र कर दिया गया हैं? विधानसभा क्षेत्र नरसिहंगढ़ के परिप्रेक्ष्य में अपात्रता का कारण दर्शाते हुये सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या भौतिक सत्यापन के नाम पर आनन-फानन में कई पात्र हितग्राहियों को भी उक्त योजनाओं में अपात्र कर दिया गया है, जिससें उनको शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में किस-किस स्तर पर किन-किन के द्वारा क्या-क्या शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई एवं प्राप्त शिकायतों में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन ऐसे समस्त अपात्र किये गये हितग्राहियों को योजना का लाभ मिल सकें, इस हेतु पुन: सर्वे कर पात्रता का निर्धारण करने की कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की योजना एवं 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल की मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजनांतर्गत अपात्र चिन्हांकन के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के परिप्रेक्ष्य में अपात्र चिन्हांकित श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विहित प्राधिकारी को प्राप्त शिकायतों की सूची एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) अपात्र चिन्हांकित किये गये श्रमिक अथवा उनके उत्तराधिकारी यदि अपात्र किये जाने के निर्णय से असंतुष्ट है तो उक्त निर्णय के विरूद्ध अपील जिला कलेक्टर/उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर को कर सकते है।
छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने की कार्यवाही
[राजस्व]
22. ( क्र. 443 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा पूर्व में छिन्दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने के संबंध में घोषणा की गई थी? अगर हां तो छिन्दवाड़ा जिले को संभाग का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? अवगत कराते हुए, कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) जिला छिन्दवाड़ा को संभाग का दर्जा प्रदान किए जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है जिसका क्या कारण है? (ग) जिला छिन्दवाड़ा को संभाग का दर्जा शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। छिंदवाड़ा, सिवनी एवं बालाघाट जिलों को सम्मिलित करते हुए, नया संभाग-छिंदवाड़ा गठित करने हेतु प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन दिनांक 06.06.2008 को किया गया जिसके अनुक्रम में प्राप्त आपत्तियों के निपटारे हेतु आयुक्त जबलपुर संभाग की एकल सदस्यीय समिति का गठन विभाग द्वारा प्रस्तावित की गई। संबंधित टीप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परीप्रेक्ष्य में विलंब की स्थिति नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परीप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
23. ( क्र. 447 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये है? पृथक-पृथक सिंचाई योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक कौन-कौन सी प्रस्तावित सिंचाई योजना के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? कौन-कौन सी सिंचाई योजना के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया जाना अभी बाकी है? ऐसे सभी सिंचाई योजना की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभाग द्वारा प्रस्तावित जिन सिंचाई योजना के प्रस्तावों की स्वीकृति अभी तक शासन/ विभाग द्वारा प्रदान नहीं की गई है, वह सिंचाई योजनायें कौन-कौन सी है और ऐसी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है। कारण सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 06 सिंचाई योजनाओं के प्रतिवेदन स्वीकृति हेतु शासन को प्राप्त हुए। शासन द्वारा इन समस्त 06 सिंचाई योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन स्तर पर किसी सिंचाई योजना की स्वीकृति प्रस्ताव डी.पी.आर. सहित शेष नहीं है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 448 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुछ गरीबी रेखा व अतिगरीबी रेखा के कार्डधारी एवं अन्य विभिन्न श्रेणियों के पात्र हितग्राहियों की समग्र आई.डी. विभाग द्वारा अचानक बन्द कर दी गई है। जिसके कारण पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है और अनेक पात्र हितग्राहियों व उनके परिवार को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसका क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ऐसे कितने गरीबी रेखा व अतिगरीबी रेखा के कार्डधारी एवं अन्य विभिन्न श्रेणियों के पात्र हितग्राहियों की समग्र आई.डी. बन्द कर दी गई है और उन्हें राशन प्रदान नहीं किया जा रहा है? ऐसे हितग्राहियों की सूची ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के पात्र हितग्राहियों को कब तक उनकी समग्र आई.डी. सुधार कर, उन्हें पूर्व की तरह राशन उपलब्ध कराना प्रारंभ कर दिया जायेगा और जिस माह का समग्र आई.डी. बन्द होने के कारण राशन प्रदान नहीं किया गया है, वह राशन भी हितग्राहियों को कब तक प्रदान करा दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत पूर्व से लाभ ले रहे परिवारों की पात्रता के सत्यापन उपरांत विभिन्न कारणों यथा विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने/पात्रता संबंधी वैध दस्तावेज उपलब्ध न होने आदि के फलस्वरूप परिवारों की पात्रता पोर्टल से अस्थायी रूप से रोकी गयी तथा पोर्टल पर पात्रता स्थगित किए गए परिवारों की सूची संबंधित उचित मूल्य दुकानों पर प्रदर्शित किए जाने के निर्देश जारी किए गए। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार परासिया विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत पूर्व से लाभ ले रहे 4173 परिवारों की पात्रता अस्थाई रूप से स्थगित की गई है। ऐसे हितग्राहियों की ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार स्थगित किए गए परिवारों में से 154 परिवारों द्वारा वैध दस्तावेजों सहित पुन: आवेदन किए जाने से उनका राशन सामग्री का आवंटन जारी किया गया है। आवेदक परिवार द्वारा आवश्यक वैध दस्तावेजों सहित पुन: आवेदन प्रस्तुत करने पर उसकी पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन उपरांत हितग्राही हेतु सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा दी गई है, यह एक सतत प्रक्रिया है। वैध पात्रताधारी होने की स्थिति में ही परिवारों को खाद्यान्न प्रदान किए जाने का प्रावधान है।
राजस्व ग्रामों के नक्शे
[राजस्व]
25. ( क्र. 467 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कौन-कौन से राजस्व गांव हैं। किन-किन गांवों, मजरा, टोले को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। ऐसे कौन-कौन से गांव, मजरा एवं टोलें हैं, जिनका राजस्व अभिलेख में नक्शा उपलब्ध नहीं है। विकासखण्डवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त गांव कब से नक्शाविहीन हैं। नक्शा बनाने हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किये गए? कब तक नक्शा बनाया जा सकता है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले में राजस्व ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में जिले के किसी भी मजरा टोले को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया प्रचलन में नहीं है। जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के क्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खदानों का आवंटन
[खनिज साधन]
26. ( क्र. 481 ) श्री
प्रणय प्रभात
पाण्डेय : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कौन-कौन से
खनिज के
उत्खनन हेतु
किन-किन को
कहां-कहां के
कितने-कितने
क्षेत्र में
खनिज पट्टिका
किन नियम
शर्तों के
अधीन कितनी
समयावधि के
लिये कब-कब
आवंटित की गई
है? बिन्दुवार
सम्पूर्ण
सूची देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
खदानों में से
वर्तमान समय
में कौन-कौन
सी क्रियाशील
एवं कौन सी
खदानें किन कारणों
से
अक्रियाशील
हैं? सूची
देवें एवं यह
भी बतलावें कि
इन क्रियाशील
खदानों
द्वारा विगत 5 वर्षों
में
कितना-कितना
राजस्व खनिज
विभाग को
प्राप्त हुआ, बतलावें, खदानवार
सूची देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
क्रियाशील
खदानों
द्वारा अपना
ओव्हर वर्डन
किन-किन खसरा
नम्बरों में
डम्प किया
जाता है एवं
यह भी बतलावें
कि इनके विरूद्ध
5
वर्षों में
किस-किस के
द्वारा
कौन-कौन सी
शिकायतें
कब-कब दर्ज
करायी गई तथा
उन पर कब क्या
कार्यवाही की
गई? गलत
स्थान पर
वेस्टेज डम्प
करने तथा
स्वीकृत क्षेत्र
के अन्यत्र
खनन करने पर
कब क्या कार्यवाही
किस पर की गई?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ पर
दर्शित है। ये
खनि रियायतें
खान और खनिज (विकास
एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं
इसके अधीन
बनाये गये
नियमों के
अंतर्गत विहित
शर्तों के
अधीन आवंटित
की गई हैं। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ के
कॉलम क्रमांक 10, 11 एवं 12 पर है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ के
कॉलम क्रमांक 13 में है। पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ में दर्शित
क्रियाशील
खदानों के
संबंध में
विगत पाँच
वर्षों में
प्राप्त
शिकायतों से
संबंधित
जानकारी एवं
उन पर की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब में है।
जीर्णशीर्ण स्टाप डेमों का दुरूस्तीकरण
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 499 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने स्टाप डेम है संख्या एवं किस ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं? नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें हैं जहां के स्टाप डेम जीर्णशीर्ण अवस्था में है ऐसी ग्राम पंचायतों के नाम बतावें तथा जीर्णशीर्ण अवस्था वाले स्टाप डेमों को शासन/विभाग द्वारा कब तक दुरूस्त करवाया जावेगा? (ग) क्या शासन/विभाग द्वारा जीर्णशीर्ण स्टाप डेमों के दुरूस्तीकरण हेतु वर्ष 2018-19 एवं 2020 में कोई राशि जारी की गई थी अगर हाँ तो किस वर्ष में कितनी राशि जारी की गई थी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जल संसाधन विभाग के अधीन 14 स्टॉप डैम/बैराज हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण स्टॉप डैम के दुरूस्तीकरण के कार्य की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जारी किये गये खनिपट्टा
[खनिज साधन]
28. ( क्र. 517 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के अंतर्गत ग्राम गुंदरई पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील रायसेन पर गिट्टी क्रेशर की लीज स्वीकृत की गई है? यदि हाँ तो लीज धारक का नाम, फर्म का एवं सहभागी का नाम एवं पता बताएं। (ख) उक्त लीज निजी भूमि पर स्वीकृत है अथवा शासकीय भूमि पर? यदि निजी पर स्वीकृत है तो भूमि स्वामी का नाम बताएं? यदि शासकीय भूमि पर स्थित है तो लीज स्वीकृत करने की दिनांक प्रति सहित उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त भूमि पर लीज स्वीकृत होने पर किसी अन्य व्यक्ति का कब्जा था? यदि हाँ तो कब से एवं उसे कब हटाया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त लीज नीलेश चौहान आत्मज श्री गणेश सिंह, निवासी पटेल चौक वक्तरा पोस्ट वक्तरा जिला सीहोर के पक्ष में स्वीकृत की गई है। (ख) उक्त लीज शासकीय भूमि पर स्वीकृत है। स्वीकृति आदेश दिनांक 15.11.2017 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण को हटाना
[राजस्व]
29. ( क्र. 530 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड़ का अतिक्रमण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं हटाया जा सका है? क्या इसके लिए संबंधित अधिकारियों पर कोई दबाव है? (ख) यदि नहीं, तो इसके अतिक्रामकों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इसे संरक्षण देकर भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले ऐसे अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) कब तक इस अतिक्रमण को हटाया जाएगा? यदि नहीं, तो इसे संरक्षण देने का कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिला अंतर्गत अंजड़ स्थित साकेत इंटरनेशनल स्कू्ल अंजड़ का अतिक्रमण हटाया जाने सम्बन्धी राजस्व प्रकरण क्रमांक 0097/अ-68/2020-21 न्यायालय तहसीलदार अंजड़ के समक्ष प्रचलित है। प्रकरण के अंतिम निराकरण पर प्रकरण में पारित आदेश अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रचलित न्यायालयीन प्रकरण में अंतिम आदेश पारित होने पर तदनुसार कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
खनिज प्रकरणों का निराकरण
[खनिज साधन]
30. ( क्र. 531 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर अनूपपुर द्वारा दि. 01-04-2020 से 25-01-21 तक खनिज विभाग द्वारा भेजे अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन के कितने प्रकरण शून्य, माफ, नस्तीबद्ध या जुर्माना लगाकर निराकृत किए गए? (ख) ऐसे प्रत्येक प्रकरण की मूल नस्ती की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक प्रकरण में कारण भी प्रकरणवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कलेक्टर, जिला अनूपपुर द्वारा दिनांक 01/04/2020 से 25/01/2021 तक जिला कार्यालय, खनिज शाखा, अनूपपुर द्वारा भेजे गए अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन के प्रकरणों में से अवैध उत्खनन के कुल 12 प्रकरण तथा अवैध परिवहन के कुल 95 प्रकरणों का निराकरण किया है। अवैध उत्खनन के प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं अवैध परिवहन के प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। शेष जानकारी भी उक्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्टों में दर्शित है। (ख) अवैध उत्खनन के 12 प्रकरणों की मूल नस्ती की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर तथा अवैध परिवहन के 95 प्रकरणों की मूल नस्ती की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'द' पर दर्शित है।
निजी यात्री स्लीपर बसों का संचालन
[परिवहन]
31. ( क्र. 554 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. परिवहन विभाग द्वारा निजी यात्री बसों में स्लीपर को लेकर क्या मापदण्ड तय किये गये हैं? क्या म.प्र. में पंजीकृत अथवा चलने वाली बसों में स्लीपर निर्धारित मापदण्ड अनुसार है अथवा नहीं? (ख) क्या स्लीपर यात्री बसों में कर (टेक्स) के रूप में अतिरिक्त राशि का प्रावधान है? अथवा अन्य यात्री बसों की तर्ज पर कर वसूल किया जाता है। जानकारी देवें। (ग) म.प्र. में स्लीपर कोच यात्री बसों के संचालन के लिये शासन की क्या नीति है? क्या यात्री बसों में सुरक्षा का पालन पूर्ण रूप से किया जाता है तथा समय-समय पर सुरक्षा की जाँच की जाती है। यदि हाँ तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार जाँच की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 155-क में यात्री बसों में स्लीपर के मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। जिसका अनुपालन किया जाता है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) स्लीपर यात्री बसों में मोटरयान कर के रूप में कोई अतिरिक्त कर की राशि देय नहीं होती अपितु उनका मोटरयान कर मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 की प्रथम अनुसूची के अनुसार अन्य यात्री बसों के समान देय होता है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) म.प्र. में स्लीपर कोच यात्री बसों के संचालन के लिये कोई पृथक से नीति निर्धारित नहीं है। यात्री बसों की जाँच फिटनेस जारी करने के पूर्व नियमानुसार की जाती है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर वाहन चैकिंग के दौरान यात्री बसों जिनमें स्लीपर बसें भी सम्मिलित है, की जांच की जाती है।
गौण खनिज की राशि का वितरण
[खनिज साधन]
32. ( क्र. 555 ) श्री राकेश मावई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में गौण खनिज के विरूद्ध राशि वसूलने के बाद खनिज विभाग द्वारा उक्त राशि ग्राम पंचायतों को आवंटित करने का प्रावधान है? (ख) जिला पंचायत मुरैना द्वारा अप्रैल, 2017 से प्रश्न दिनांक तक गौण खनिज मद से कुल कितनी राशि की मांग खनिज विभाग से की गई और मांग अनुसार जिला पंचायत को कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार गौण खनिज मद से प्राप्त राशि में से जिला पंचायत मुरैना द्वारा जनपद पंचायतों को कितनी कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? जनपद पंचायतवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) जनपद पंचायत मुरैना को दी गई राशि में से ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? उसकी वर्षवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 56 एवं मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 21 में प्रावधान किए गए हैं। उक्त नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जिला पंचायत मुरैना द्वारा अप्रैल 2017 से खनिज विभाग से राशि की माँग नहीं की गई है। राशि का आवंटन संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित प्रावधान अनुसार किया जाता है। (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।
बाढ़ से प्रभावित हितग्राहियों के आवास हेतु भूमि का आरक्षण
[राजस्व]
33. ( क्र. 604 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह अगस्त 2020 में राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में कालीसिंध नदी में आयी बाढ़ के कारण कई ग्राम प्रभावित हुए थे? यदि हाँ तो उन ग्रामों के नाम तथा डूब प्रभावित मकानों की संख्या से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित डूब क्षेत्र के ग्रामों के परिवारों को अन्य ऊंचे स्थल पर बसाने हेतु शासकीय भूमि का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ तो ग्रामवार सर्वे नं., रकबा सहित जानकारी से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शित चिन्हित शासकीय भूमि पर डूब प्रभावित परिवार को मकान बनाने के लिए उपलब्ध करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित अवगत करावें एवं भविष्य में पुन: बाढ़ से प्रभावित होते है या जन-धन की हानि होती है तो उसके लिए कौन जवाबदार होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में कालीसिंध नदी के जल स्तर बढ़ने से ग्राम बिरजीपुरा के 64 मकान, ग्राम व्यावरामांडू के 17 मकान एवं ग्राम जयनगर के 47 मकान आंशिक रूप से प्रभावित हुए थे। (ख) उक्त ग्राम अतिवृष्टि की दशा में ही आंशिक रूप से प्रभावित हुये हैं। प्रभावित होने वाले परिवार अन्य स्थान पर जाने को तैयार नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 605 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2003 के अंतर्गत 25 श्रेणी के पात्र परिवारों को सम्मिलित किया जाकर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है? राजगढ़ जिलान्तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में दुकानवार वर्ष 2019-20, 20-21 से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय खाद्यान्न की जानकारी देवें? तथा स्थानीय निकायवार पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन करने के पश्चात् कितने परिवार/सदस्यों के नाम पोर्टल से पृथक किये गये है? जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में पात्रता परिवार के सत्यापन हेतु किन-किन शासकीय सेवक/अशासकीय लोगों की समिति बनाने के नियम थे? जिला राजगढ़ अंतर्गत नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में गठित समिति की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत सत्यापन के पश्चात कितना-कितना खाद्यान्न आवंटन किया गया? नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में दुकानवार जानकारी से अवगत करावें? (घ) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत बायोमैट्रिक सत्यापन के पश्चात् खाद्यान्न प्रदाय करने के नियम है? यदि हाँ, ऐसे कितने परिवार/सदस्य है जिन्हें बगैर बायोमेट्रिक सत्यापन के खाद्यान्न वितरण किया गया है स्थानीय निकायवार की जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सत्यापन अभियान उपरांत विभिन्न कारणों यथा विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने/पात्रता संबंधी वैध दस्तावेज उपलब्ध न होने आदि के फलस्वरूप राजगढ़ जिले में 19,663 परिवारों की पात्रता पोर्टल से अस्थायी रूप से रोकी गयी तथा पोर्टल पर पात्रता स्थगित किए गए परिवारों की सूची संबंधित उचित मूल्य दुकानों पर प्रदर्शित किए जाने के निर्देश जारी किए गए। स्थगित परिवारों की स्थानीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में कलेक्टर द्वारा शासन के विभिन्न विभागों यथा, खाद्य, सहकारिता, कृषि, महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, उद्यानिकी, श्रम, मंडी, नगरीय प्रशासन, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण आदि के मैदानी अमले को सम्मिलित करते हुए सत्यापन दलों के गठन के निर्देश थे। जिला राजगढ़ अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में 454 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 2166 सत्यापन दलों का गठन किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत सत्यापन के पश्चात माह अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में दुकानवार आवंटित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ, वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण से बचाव को दृष्टिगत रखते हुए 21 मार्च 2020 से 30 मई 2020 की अवधि में राजगढ़ जिले में 2,80,703 परिवारों के 11,52,000 सदस्यों हेतु बगैर बायोमैट्रिक सत्यापन के खाद्यान्न वितरण करवाया गया, स्थानीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
मछुआरों के लिए संचालित योजनाएं
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
35. ( क्र. 613 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के विभिन्न तालाबों, नदियों में मत्स्य पालने हेतु मछुआरों की कौन सी योजनायें संचालित हैं, जनवरी 2021 की स्थिति योजनाओं की जानकारी दी जावे। (ख) मत्स्य पालकों को उन्नत तकनीक के आधार पर हितग्राहियों को ग्राम-पंचायतों के कितने तालाबों को पट्टे पर दिये गये है, उनके आवेदन कब-कब आमंत्रित किये गये ग्राम-पंचायतों के नाम हितग्राहियों के नाम, वर्ष, पते सहित जानकारी दी जावे। (ग) उक्त हितग्राहियों के लिये तालाब मरम्मत हेतु किन-किन पंचायतों में अनुदान दिया गया है, वर्ष 2019, 2020 जनवरी 2021 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (घ) क्या मत्स्य पालन की इन योजनाओं में शासकीय स्तर पर अधिकारियों, कर्मचारियों की उदासीनता के कारण गरीबी रेखा से जीवन यापन करने वाले मछुआरे की योजना की प्रगति नहीं हो रही है क्यों? तथ्यों सहित जानकारी दी जावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) विभाग में ऐसी कोई योजना नहीं है। अत: जानकारी निरंक है। (घ) जी नही। मध्य प्रदेश मत्स्य पालन की नीति एवं त्रिस्तरीय पंचायतों को मत्स्योद्योग के अधिकार/कार्यक्रम 2008 अनुसार योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
कम्पू (ग्वालियर) स्थित परिवहन कार्यालय का स्थान परिवर्तन
[परिवहन]
36. ( क्र. 614 ) डॉ.
सतीश सिकरवार
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कम्पू (ग्वालियर)
स्थित परिवहन
कार्यालय दो
वर्ष में ही
सिरोल में
बनकर तैयार हो
गया है, वहां
कार्यालय क्यों
नहीं प्रारंभ
किया गया हैं? (ख) क्या
लाइसेन्स व
फिटनेस शाखा
कम्पू स्थित
परिवहन
कार्यालय में
चालू रहने से
सड़क पर ट्रक, बसों व
अन्य वाहनों
का जाम लगा
रहता है,
जिससे
आम जनता को
भारी परेशानी
उठानी पड़ रही
हैं? (ग) उक्त
स्थान पर जहां
लाइसेन्स, फिटनेस
सेन्टर चल रहा
है वहां जनवरी
2021 के
समय इतनी जगह
नहीं है कि
वहां ट्रायल
हेतु ट्रक, बसों को
चलाया जा सके, शासन
उक्त स्थान को
कब तक
परिवर्तित
करेगा पूर्ण
जानकारी दी
जावे।
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) पूर्व
में
क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय, ग्वालियर
दो स्थानों
पड़ाव तथा
कम्पू स्थित भवन
में संचालित
था। कम्पू
कार्यालय पर
फिटनेस तथा
चालक लायसेंस
का कार्य किया
जाता था शेष
कार्य पड़ाव कार्यालय
से संपादित
होता था।
पड़ाव
कार्यालय का
सम्पूर्ण
कार्य नवीन
भवन में
स्थानांतरित
किया जा चुका
है। सिरोल
स्थित परिवहन
कार्यालय में
फिटनेस ट्रेक
का कार्य
पूर्ण होना
शेष है साथ ही
पी.आई.यू. से
पजेशन
प्राप्त न होने
के कारण कम्पू
स्थित परिवहन
कार्यालय से
लायसेंस एवं
फिटनेस का
कार्य सिरोल
कार्यालय में
स्थानांतरित
नहीं किया जा
सका है। (ख)
कम्पू
स्थित परिवहन
कार्यालय
वर्ष 2006 से
संचालित है, जाम
लगने व आम
जनता को
परेशानी होने
के संबंध में
कोई शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। (ग)
उत्तरांश
'क'
अनुसार
फिटनेस ट्रेक
तैयार होने
तथा पी.आई.यू.
से पजेशन
प्राप्त होने
पर कम्पू
स्थित कार्यालय
में संचालित
लायसेंस/फिटनेस
शाखाओं को नये
भवन में
स्थानांतरित
किया जा सकेगा।
लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को सहायता राशि
[राजस्व]
37. ( क्र. 653 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन के बाद प्रदेश में कितने प्रवासी मजदूर आये? क्या सभी को एक हजार की नगद सहायता दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? कितनों को नगद सहायता दी गई तथा उनका चयन किस तरह से किया गया? (ख) माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार क्या सभी प्रवासी मजदूरों की सूची बन गई है? यदि हाँ तो पंचायत तहसील जिले अनुसार संख्या बतावें तथा कुल संख्या बतावें। इनमें से कितने मजदूरों को प्रदेश में काम मिला है तथा कितने पुनः अन्य राज्य में कार्य हेतु गये? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित एक हजार की नगद सहायता प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मजदूरों में से शेष मजदूरों को दी जायेगी या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? जिन्हें दी गई उन्हें देने का आधार क्या था? (घ) लॉकडाउन के प्रथम सप्ताह में सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कितने श्रमिक अन्य राज्यों से आये? उनके लिए शासन ने कितनी बसों की व्यवस्था की? बस के क्रमांक, यात्रा की दिनांक, स्थान कुल देय भाड़ा श्रमिक यात्रियों की संख्या तथा कहाँ से कहाँ तक बस लगाई गई? सूची देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लॉकडाउन के दौरान लगभग 14 लाख प्रवासी मजदूर आये। जी नही। मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना-2020 के निर्देशों के तहत पात्रता अनुसार सहायता दी गई। लगभग 1.53 लाख प्रवासी मजदूरों को सहायता दी गई। चयन का मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी श्रम विभाग के पोर्टल http://sambal.mp.gov.in/RojgarSetu/ में उपलब्ध है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) लॉकडाउन के प्रथम सप्ताह में सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 319 श्रमिक एवं लगभग 100 बच्चे आये। जिला प्रशासन द्वारा प्रथम सप्ताह में 14 वाहन अधिगृहित कर मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सीमेंट फेक्ट्रियों द्वारा किए जा रहे खनन
[खनिज साधन]
38. ( क्र. 693 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितने सीमेंट कारखानें स्थापित है? इन कारखानों को माइनिंग कार्य हेतु कितनी शासकीय आराजी आवंटित की गई है तथा इनके द्वारा कितनी निजी भूमि क्रय की गई है? आवंटित शासकीय भू-भाग एवं क्रय किए गए निजी भू-भाग की कितनी भूमि पर ये फैक्ट्रियां माइनिंग कार्य कर रही है? फैक्ट्रीवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीमेण्ट कारखाना के पास उपलब्ध शासकीय आवंटित आराजी एवं निजी क्रय की गई भूमि के कितने भाग में म.प्र. रा.स. 1956 की धारा 247 (5) के तहत भू-प्रवेश की अनुमति माइनिंग कार्य हेतु ली गई है एवं कितने भाग में भू-प्रवेश की अनुमति के बगैर माइनिंग कार्य किया गया है। फैक्ट्रीवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बिना भू-प्रवेश की अनुमति के माइनिंग कार्य करने वाले संस्थानों के विरूद्ध कितने मामले वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक लंबित है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
डूब क्षेत्र में आने वाली सड़क/पुलिया
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 728 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बांध का निर्माण किया जाता है तो डूब क्षेत्र में यदि किसी अन्य शासकीय विभाग की सड़क/पुलिया आती है तो उसके मुआवजे के क्या नियम हैं? क्या शासकीय विभाग को भी मुआवजे का दिये जाने का नियम है? जानकारी दें। (ख) यदि हाँ तो क्या लोक निर्माण द्वारा निर्मित चाटुखेड़ा से बामलाबे मार्ग की पुलिया एण्ड सड़क मोहनपुरा सिंचाई परियोजना में डूब गई है? यदि हाँ तो उक्त पुलिया सड़क का मुआवजा लो.नि.वि. को भुगतान कर दिया गया है? हाँ तो कब? नहीं तो क्यों नहीं? कारण बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) विभाग द्वारा बांध निर्माण किए जाने पर डूब क्षेत्र में किसी अन्य शासकीय विभाग की सड़क/पुलिया आने पर उस शासकीय विभाग को मुआवजा दिए जाने का कोई नियम नहीं है अत: मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के डूब से प्रभावित होने वाले लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित चाटूखेड़ा-बामलावे सड़क के 04 कि.मी. हिस्से तथा 01 पुल के मुआवजे का भुगतान लोक निर्माण विभाग को नहीं किया गया है। अपितु प्रभावित सड़क/ पुल के स्थान पर विभाग द्वारा बांध के डाउन स्ट्रीम में काज़वे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है जिसके लिए निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
हरदौली डेम हेतु अर्जित भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
40. ( क्र. 750 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई जिला बैतूल की पेयजल समस्या निवारण हेतु हरदौली डेम स्वीकृत है? (ख) क्या उक्त बांध की पूर्व में स्वीकृत ड्राइंग संशोधित होने एवं बांध की ऊंचाई बढ़ने से अतिरिक्त निजी भूमि का अर्जन किया गया है? यदि हाँ तो उक्त भू-अर्जन के मुआवजे के लिए कलेक्टर बैतूल द्वारा कितनी राशि की आवश्यकता दर्शाई गई है? (ग) नगर पालिका परिषद मुलताई की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कारण उक्तानुसार भू-अर्जन हेतु कलेक्टर द्वारा चाही गई आवश्यक राशि क्या विशेष निधि से स्वीकृत की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कलेक्टर द्वारा प्रस्तावित राशि की पूर्ति किस प्रकार की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) जी हाँ। भू-अर्जन के मुआवजे हेतु कुल राशि 3,04,35,696/- की आवश्यकता दर्शाई गई। (ग) हरदौली जलाशय के भू- अर्जन प्रकरण में राशि 2.00 करोड रूपये भू-अर्जन अधिकारी बैतूल के पीडी खाते में जमा की गई है। शेष राशि की पूर्ति वर्तमान में निकाय स्तर से की जानी है।
बांध निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 770 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान क्षेत्र जिला बैतूल के अंतर्गत किन-किन बांधों के निर्माण हेतु साध्यता प्रदान की गई है? (ख) इन बांधों की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जाएगी और नहीं तो प्रस्तावित बांधों से लाभान्वित होने वाले क्षेत्र के लिए सिंचाई की क्या वैकल्पिक व्यवस्था कब तक की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
किसानों द्वारा लिये गये शुल्क की राशि का उपयोग
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 819 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा निर्मित तालाबों से सिंचाई हेतु जल लेने पर किसानों से शुल्क लेने के क्या कोई प्रावधान है? (ख) धार जिले में विगत 3 वर्षों से इस मद से कितने किसानों से कितना शुल्क लिया गया? विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) इस शुल्क का उपयोग किन कार्यों हेतु किया जाता है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। निर्धारित दरों के अनुसार शुल्क लेने का प्रावधान है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) इस शुल्क को राजकोष में जमा कराया जाता है।
शासकीय भूमि में निवासरत परिवारों को पट्टा प्रदाय
[राजस्व]
43. ( क्र. 835 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला जबलपुर
की ग्राम
पंचायत मलारा
के ग्राम
तिलहरी की
शासकीय भूमि
में 25-30 वर्षों
से निवासरत
पट्टाविहीन 80
हितग्राहियों
को
प्रधानमंत्री
आवास स्वीकृत
किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) के
अंतर्गत क्या 36
हितग्राहियों
ने पूर्ण एवं 11
हितग्राहियों
ने नींव स्तर
तक का निर्माण
कर लिया है? (ग) क्या
प्रश्नांश (क) के
अंतर्गत 80
हितग्राहियों
के पास काबिज
पट्टा न होने
से किश्तों का
भुगतान नहीं
किया गया है? (घ) यदि
हाँ तो क्या
इन
हितग्राहियों
को पट्टे दिये
जायेंगे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जिले
के तहसील
जबलपुर की
ग्राम पंचायत
मलारा अंतर्गत
ग्राम तिलहरी
में
प्रधानमंत्री
आवास योजनान्तर्गत
104
हितग्राहियों
को प्रधानमंत्री
आवास योजना
अंतर्गत आवास
स्वीकृत हुए
हैं। (ख) प्रधानमंत्री
आवास योजना
अंतर्गत
ग्राम तिलहरी
में 72
आवास पूर्ण कर
लिये गये हैं।
09
आवासों में छत
स्तर पर एवं 06 आवासों
में नींव स्तर
तक निर्माण
कार्य कर लिया
गया है। (ग)
जी
नहीं
प्रधानमंत्री
आवास योजना
में पात्र हितग्राहियों
को शासन के
दिशानिर्देशानुसार
भुगतान किया
गया है। जी
नहीं। वर्तमान
में 03
हितग्राहियों
को पट्टा न
होने के कारण
आवास स्वीकृत
नहीं किया गया।
(घ) उत्तरांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सार्वजनिक निस्तार की जमीनों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
44. ( क्र. 836 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजस्व अभिलेखों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी सार्वजनिक निस्तार की जमीनें यथा ताल, तलैया, तालाब एवं सड़के दर्ज हैं? सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितनी जमीनों पर अतिक्रमण है? (ग) क्या इन जमीनों का क्रय विक्रय हो रहा है? (घ) यदि हाँ तो इसे रोकने हेतु क्या प्रयास किये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजस्व अभिलेखों में कुल सार्वजनिक निस्तार की जमीनें यथा ताल, तलैया, तालाब 246 एवं सडकें 1618 दर्ज हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में अतिक्रमण नहीं है। (ग) क्रय विक्रय की शिकायत प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ग्रामीण जबलपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 137/बी-121/2020-21 आदेश दिनांक 29-01-2021 से सम्बंधित खसरा नंबर के कॉलम नंबर 12 में अहस्तांतरणीय दर्ज कर दिया गया है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार कार्यवाही की गई है।
कलेक्टरेट उज्जैन में कार्यरत सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख
[राजस्व]
45. ( क्र. 841 ) श्री
महेश परमार : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सहायक
अधीक्षक भू-अभिलेख
उज्जैन के पद
पर विगत 08
वर्षों से कौन
पदस्थ है? क्या
नियमानुसार
पदस्थ रहने की
अवधि सही है? यदि हाँ, तो शासन
के किन आदेशों
के आधार पर? (ख) क्या
सहायक
अधीक्षक
भू-अभिलेख
वर्तमान में अधीक्षक
भू-अभिलेख का
प्रभार भी
अतिरिक्त रूप से
संभाल रहे है? यदि हाँ, तो कब से
और किस
प्राधिकारी
द्वारा
उन्हें यह प्रभाव
दिया गया? क्या
शासन के
नियमानुसार
यह सही है? यदि हाँ
तो प्रमाण
प्रस्तुत
करें। (ग) उक्त
पद पर एक ही
स्थान और एक
ही पद पर
कितने वर्ष तक
कार्य किए
जाने का
प्रावधान है? यदि ऐसा
कोई प्रावधान
नहीं है तो
प्रावधान उल्लंघन
के लिए कौन-कौन
उत्तरदाई है
और अनुशासनहीनता
तथा प्रावधान
विपरीत कृत्य
के लिए
उत्तरदायी
मानकर
कार्यवाही
शासन द्वारा
कब तक की
जाएगी? (घ) उज्जैन
कलेक्टोरेट
में इस प्रकार
किन-किन शाखाओं
में किन-किन
पदों पर कितने
अधिकारी-कर्मचारी
कितने वर्षों
से कार्यरत है
और अतिरिक्त
कितने पदों का
प्रभार भी ले
रखा है और किस
प्रावधान के
अंतर्गत ले
रखा है? बिन्दुवार
समुचित पूर्ण
विवरण प्रमुख
अधिकारी के
प्रतिवेदन
सहित उपलब्ध
कराएं।
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। स्थानांतरण
नीति के
अनुसार वर्क्स
एवं
रेगुलेटरी
विभागों को
छोड़कर अन्य
विभागों में
मात्र 03
वर्ष की अवधि
को ही स्थानांतरण
का आधार न
बनाया जावे। ऐसे
निर्देश है। (ख) जी
हाँ। कलेक्टर
जिला उज्जैन
के आदेश
क्रमांक 2783,दिनांक 19/2/2018 से
सहायक
अधीक्षक भू-अभिलेख
को प्रभार सौंपा
गया है। निर्देशों
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ग) उत्तर
''क''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (घ) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब''
अनुसार
है।
अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्यवाही
[राजस्व]
46. ( क्र. 843 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित मामले में कॉलोनी काटने विकास करने का कोई भी प्रावधान नहीं होने के बाद भी किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए राजस्व विभाग ने क्या कार्यवाही की व समस्या निदान के लिए क्या प्रशासनिक निर्णय लिए और कब लिए? क्रमवार विस्तृत दें। (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समस्त मेला क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो उक्त आदेशों की प्रतियाँ उपलब्ध कराते हुए आदेश के पारित होने के पश्चात मेला क्षेत्र में कौन-कौन से अवैध निर्माण हुए उक्त निर्माणों के लिए न्यायालय के आदेश की अवहेलना के कौन-कौन विभाग के कौन-कौन से अधिकारी उत्तरदायी है? (ग) क्या शासन स्तर से भी सिंहस्थ मेला क्षेत्र एवं पुरातत्व आरक्षित भूमियाँ पर निर्माण एवं विकास प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो शासनादेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए? राजस्व विभाग द्वारा उक्त आदेश का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (घ) क्या राजस्व विभाग के रिकार्ड अनुसार अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं UMC द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है? क्या अंकपात सिंहस्थ मेला क्षेत्र एवं पुरातत्व क्षेत्र में 03 दर्जन से अधिक अवैध मैरिज गार्डन का संचालन हो रहा है? यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रकार के सभी अतिक्रमणों के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है और जिम्मेदार विभाग द्वारा कब तक ज़िम्मेदारी पूरी की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील उज्जैन नगर क्षेत्रांतर्गत तकायमी भूमि सर्वे क्रमांक 3668/मीन-1 रकबा 0.418 हे. 3667/मीन-2 रकबा 1.223 हे. कुल रकबा 1.664 हे. भूमि पर मन्नत गार्डन निर्मित होकर व गुमटिया रख कर अतिक्रमण किया गया था जिसको हटाकर शासनहित में कब्जा प्राप्त किया गया है। तहसील खाचरौद में स्थित भूमि सर्वे नं. 232 के अंशभाग पर अतिक्रमण पाया गया जिस पर कार्यवाही की जा रही है। नगर निगम उज्जैन के द्वारा सिंहस्थ मेला क्षेत्र आरक्षित भूमि पर अवैध कालोनी काटने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए 15 अवैध कालोनाईजर के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) पक्के निर्माण कार्य के संबंध में उप सचिव म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रं. एफ 10-14/2011/18-2, भोपाल दिनांक 03.06.2013 के क्रम में कार्यवाही की जाती है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र अनुसार कार्यवाही की जाती है। प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) नगर निगम अभिलेखों के अनुसार जन प्रतिनिधियों की मांग के अनुसार समय-समय पर मूलभूत सुबिधा उपलब्ध कराई जाती है। अतिक्रमण के मामले में म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के अनुसरण में सतत कार्यवाही की जाती है।
अस्वीकृत रेत घाट
[खनिज साधन]
47. ( क्र. 851 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में रेत खदानों के नये ठेके होने के बाद ऐसे कितने अस्वीकृत रेत घाट हैं जहां अवैध रेत डंप विभाग द्वारा जप्त किए गए तथा इस रेत को बेचने हेतु ठेकेदारों को रायल्टी जारी की गयी? (ख) क्या यह सही है कि रेत ठेकेदार तथा विभाग की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा ही उक्त घाटों से रेत का अवैध उत्खनन कराया जाता है तथा डंप अपने नाम पर लेकर डंप की आड़ में घाटों की रेत बेच दी जाती है यदि नहीं, तो उक्त घाटों से जब रेत का अवैध उत्खनन होकर रेत को डंप किया जाता है तब विभाग तथा प्रशासन संज्ञान क्यों नहीं लेता?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिले में नये ठेके होने के उपरांत अस्वीकृत स्थलों से उत्खनन किये जाने पर खनिज रेत के अवैध भंडारण के कुल 50 प्रकरण कायम किये गये। अवैध भंडारण के प्रकरणों को निवर्तन किये जाने हेतु म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक 1950/865/2020/12/1 दिनांक 26/05/2020 (जिले में रेत खनिज के भंडारणों के निवर्तन बावत) के बिन्दु क्रमांक - III अनुसार जिले में विद्यमान नवीन ई-निविदाकार को अवैध जब्त खनिज रेत को अग्रिम रॉयल्टी रूपये 1,03,62,986/- जमा कराकर शासन के निर्देशों के तहत दिया गया है। (ख) जी नहीं। जिला बालाघाट की भौगोलिक स्थिति अनुसार प्रत्येक क्षेत्र से नदी, नाले जुड़े हुये हैं। जिससे प्रत्येक नदी, नाले में खनिज रेत की उपलब्धता होने से ग्रामीणों द्वारा रात्रि के समय खनिज रेत का भंडारण कर लिया जाता है। मौके पर प्रकरण कायम करते समय पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने से नामजद प्रकरण कायम नहीं किया जा सका। जिससे उक्त अवैध भंडारित खनिज रेत शासन के निर्देशों के तहत जिले के ई-निविदाकार को अग्रिम रॉयल्टी जमा कराकर निवर्तन हेतु दिया गया।
PDS में घटिया चावल का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 852 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा जाँच करने पर बालाघाट तथा मण्डला जिले में पाए गए अमानक स्तर के चावल मिलने पर राईस मिलर्स तथा म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों के विरूध्द की गयी कार्यवाही की विस्तृत जानकारी दें? (ख) PMO भारत सरकार द्वारा उक्त के संबंध में राज्य शासन को क्या निर्देश दिये गये थे तथा उस पर राज्य सरकार ने क्या कार्यवाही की उसकी भी जानकारी दे? (ग) क्या विभाग ने राईस मिलर्स को गोदामों से घटिया चावल वापिस ले जाकर उसके बदले में मानक स्तर का चावल वापिस देने हेतु क्या कोई आदेश जारी किया था यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें यदि नहीं, तो घटिया चावल अभी कहां है? (घ) राईस मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु दिये गये धान की मिलिंग न करते हुए उस धान को बेचने तथा म.प्र. तथा अन्य प्रदेश से PDS से रिसाईकल किया हुआ चावल वापस गोडाउन में जमा करने की प्रक्रिया में जो संगठित अपराध किया जा रहा है उससे निपटने हेतु सरकार ने क्या कदम उठाऐ है मिलिंग नहीं करने से बिजली के बिलो में जो कमी आयी है क्या उसकी जाँच करायी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पॉवरमेक कम्पनी द्वारा रेत भण्डारण
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 859 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कार्यरत पॉवरमेक कम्पनी के द्वारा कहाँ-कहाँ रेत भण्डारण हेतु, कितने घनफुट की परमिशन ली गई? (ख) उक्त भण्डारण का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? (ग) किन-किन गाड़ियों से किन-किन रेत खदानों से भण्डारण किया गया? गाड़ियों के नम्बर सहित सम्पूर्ण विवरण देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में कार्यरत पॉवरमेक प्रोजेक्ट लिमिटेड को 05 स्थलों पर रेत भण्डारण की अनुज्ञप्ति खदान से खनिज निकासी क्षमता के आधार पर दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) उक्त भण्डारण स्थल का भौतिक सत्यापन दिनाँक 17/07/2020, 19/07/2020 एवं 20/07/2020 को प्रभारी संभागीय उड़नदस्ता संभाग ग्वालियर एवं चंबल, राजस्व निरीक्षण, खनि निरीक्षक एवं हलका पटवारी के द्वारा किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरकारी समितियों का पंजीकरण
[सहकारिता]
50. ( क्र. 860 ) श्री संजय उइके : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कुल कितनी सहकारी समितियां पंजीकृत की गई हैं? (ख) बैहर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी समिति कब– कब पंजीकृत की गई है? पंजीयन क्रमांक दिनांक पता एवं अध्यक्ष के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) बालाघाट जिले में कुल 877 सहकारी समितियां पंजीकृत की गई है। (ख) बैहर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक पंजीकृत 146 सहकारी समितियों के नाम, पंजीयन क्रमांक, दिनांक, पता एवं वर्तमान में अध्यक्ष/प्रशासक/परिसमापक के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत/लंबित एवं स्वीकृति हेतु प्रस्तावित योजनाएं
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 875 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा स्वीकृत योजनाओं के काम बंद पड़े हैं जिन्हें कब तक शुरू कराया जाएगा। (ख) छिंदवाड़ा जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा बहुत से कार्य स्वीकृति के लिए प्रस्तावित थे उन्हें कब तक स्वीकृत किया जाएगा। (ग) क्या जल संसाधन विभाग जुन्नारदेव विधानसभा में दिसंबर जनवरी तक बहने वाले नालों एवं नदियों में सर्वे कराकर स्टॉपडेम, तालाब बनाने हेतु योजना पर कार्य करेगा? (घ) विगत 05 वर्षों में छिंदवाड़ा जिले में स्वीकृत संरचनाओं के कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा जिले की 02 सिंचाई योजनाओं डागावानी (नहर रहित) जलाशय तथा पांजरा (स्टॉप डैम) के परियोजना प्रतिवेदन प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर प्राप्त हैं। प्रस्ताव के परीक्षणोंपरांत गुणदोष के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाता है। अत: स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांकित योजनाओं के प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त नहीं है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
प्रस्तावित स्टाप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 897 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 2 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में कृषको की सिंचाई सुविधा हेतु कितने स्टाप डेम प्रस्तावित किये गये? स्थानवार, ग्रामवार जानकारी दे? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रस्तावित स्टाप डेमों में से कितने स्वीकृत किये गये एवं कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत किये जाने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या शासन कृषकों की सिंचाई सुविधा एवं जल संवर्धन के महत्व को ध्यान में रखते हुय प्रस्तावित सभी स्टाप डेम निर्माण कार्यों को राशि उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) विदिशा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत 02 वर्षों में विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कृषकों की सिंचाई सुविधा हेतु एक भी स्टॉप डैम का निर्माण प्रस्तावित नहीं किया गया। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हलाली डेम की एक मीटर ऊंचाई बढ़ाना
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 898 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन विदिशा एवं रायसेन जिले के लिये सिंचाई सुविधा एवं विदिशा एवं रायसेन नगरवासियों की पेयजल समस्या के निराकरण हेतु सम्राट अशोक सागर सिंचाई परियोजना हलाली डेम की ऊंचाई एक मीटर बढ़ाने के साथ ही हलाली डेम के पूर्ण जल भराव हेतु पार्वती नदी का पानी हलाली डेम में लाने की योजना पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ख) शासन हलाली डेम की जल भराव क्षमता 1 मीटर ऊंचाई बढ़ाकर विदिशा विधानसभा क्षेत्र की तहसील गुलाबगंज के कई ग्रामों के सिंचाई सुविधाविहीन क्षेत्र में किसानों को उक्त सिंचाई परियोजना से सिंचाई की सुविधा का लाभ उपलब्ध कराये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ? तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) शासन स्तर पर ऐसी किसी योजना का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरीफ फसल राहत नहीं देना
[राजस्व]
54. ( क्र. 904 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन एवं इन्दौर संभाग में वर्ष 2020 में खरीफ फसलों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान हेतु कितनी-कितनी राशि कितने कृषकों को प्रदान की गई? जिलेवार बताएं। (ख) क्या रतलाम जिले में प्रश्नांश (क) अनुसार राहत राशि नहीं दी गई। यदि हाँ तो कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में जिला कलेक्टर कार्यालय में किस-किस विधायक तथा संस्था द्वारा ज्ञापन/पत्र प्राप्त हुए सूची देवें तथा ज्ञापन पर की गई कार्यवाही से अवगत कराए तथा बतावें कि विधायकों द्वारा प्राप्त पत्र पर उत्तर किस दिनांक को दिया गया। (घ) रबी तथा खरीफ की फसल को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आंकलन शासन के किस परिपत्र अनुसार किया जाता है उसकी प्रति देवे तथा बतावें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार समस्त निर्देशों का पालन किया गया या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिला रतलाम में वर्ष 2020 में अतिवृष्टि से खरीफ फसल नष्ट नहीं होने के कारण राहत राशि का वितरण नहीं किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये निर्देशों का पालन किया गया है।
08 लेन निर्माण में खनिज पदार्थों की अनुमति
[खनिज साधन]
55. ( क्र. 905 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 454 दिनांक 22.09.2020 के खण्ड ''क'' तथा ''ख'' के सन्दर्भ में बतावें की अर्थ वर्क में कौन-कौन सी सामग्री कितनी मात्रा में उपयोग होगी तथा उस सामग्री हेतु निवेशकर्ता ने किस-किस क्षेत्र की कौन-कौन से सर्वे न. की खदाने आवंटित करवाई है। (ख) प्रदेश से निकलने वाली 08 लेन में जी.एस.बी. के लिए कितनी अनुमति कहां-कहां ली गई। (ग) क्या 08 लेन निवेशकर्ता को सैलाना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत खरमौर अभ्यावरण में खदानों की अनुमति दी गई है। यदि हाँ तो बतावें की यह अनुमति किन नियमों के तहत दी गई है। (घ) 08 लेन निवेशकर्ता ने निवेशकर्ता द्वारा पर्यावरण के प्राप्त दस्तावेजों की प्रति देवे तथा बतावें कि किस-किस खदान पर उन्होंने पर्यावरण की अनुमति प्राप्त नहीं की है तथा खदान पर कार्य शुरू कर दिया है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न अनुसार अर्थ वर्क में रतलाम जिले में कुल 10299500 घनमीटर तथा मंदसौर जिले में 18440028 घनमीटर मिट्टी/अर्थ तथा अर्थवर्क झाबुआ जिले में मिट्टी 2180000 घनमीटर का उपयोग होना है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ के 1, 2 एवं 3 पर है। (ख) 08 लेन निर्माण हेतु रतलाम/मंदसौर/झाबुआ जिले में जी.एस.बी. के लिये कोई भी अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन निवेशकर्ता को रतलाम जिले में 05 एवं मंदसौर जिले में 05 पत्थर गिट्टी की अस्थायी अनुज्ञा प्रदान की गई है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब के 1 एवं 2 पर है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के भारतमाला परियोजना को पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 4000/सिया/2020 दिनांक 16/01/2020 से दिल्ली बडोदरा मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु मिट्टी/अर्थ की पर्यावरणीय स्वीकृति से छूट प्रदान की है।
पटिहट बांध एवं चकदही बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
56. ( क्र. 959 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र रैगॉंव में किसानों एवं आम जनता की सुविधा हेतु पटिहट बांध (सोहावल), चकदही बांध (नागौद) का निर्माण आवश्यक है, जिनके निर्माण से आस-पास से लगभग 40-50 ग्रामों के किसानों की जमीनें सिंचित हो जायेंगी एवं उसका लाभ किसानों एवं आम जनता को मिल सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पटिहट बांध एवं चकदही बांध के निर्माण कराये जाने से कौन-कौन से ग्रामों की कितनी भूमि सिंचित हो सकेगी? (ग) पटिहट बांध एवं चकदही बांध का निर्माण आम जनता एवं किसानों के हित में कब तक कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित पूर्ण जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) विधानसभा क्षेत्र रैगॉंव के पटिहर (सोहावल) बांध एवं चकदही (नागौद) बांध के प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त नहीं हैं अत: प्रश्नाधीन बांधों के निर्माण की स्थिति नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लीज एवं अवैध उत्खनन के प्रकरण
[खनिज साधन]
57. ( क्र. 960 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्ष्ोत्र रैगॉंव में किन-किन खनिजों के उत्खनन की लीज किन-किन फर्मों को कितनी-कितनी अवधि के लिये कब-कब प्रदान की गई है? लीज प्रदान करनें के नियम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या लीज प्रदान करते समय या करने के पूर्व शासन के सभी नियमों का पालन किया गया है? (ग) विधानसभा रैगॉंव में प्रदान की गई लीजों से शासन को वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि रायल्टी के रूप में या अन्य माध्यमों से प्राप्त हुई है? जानकारी देवें। (घ) रैगॉंव विधानसभा अंतर्गत अवैध रूप से खनिज उत्खनन के कितने प्रकरण प्रकाश में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक आये हैं? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। लीज प्रदान करनें हेतु लागू नियम अधिसूचित नियम है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
जप्तशुदा पनडुब्बी/मशीन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 968 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में विगत दो वर्षों में खनिज विभाग द्वारा अवैध उत्खनन रोकने हेतु किन-किन खदानों पर पनडुब्बी/मशीन पकड़ी गई? (ख) किन-किन लोगों पर अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाए गए एवं कितना-कितना राजस्व वसूला गया एवं किन-किन लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में विगत 02 वर्षों (2019-20 एवं 2020-21) में पकड़ी गई पनडुब्बी/मशीनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। शेष जानकारी भी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) विगत 02 वर्षों में जो पनडुब्बी/मशीनें पकड़ी गई हैं, उनसे संबंधित प्रश्न अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
जानकारी का प्रदाय
[सहकारिता]
59. ( क्र. 973 ) श्री
के.पी.
त्रिपाठी : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रीवा
जिले के जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक रीवा में
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी के पद
पर पदस्थ
श्री आर.एस.
भदौरिया की
सेवा की
शुरूआत से आज
दिनांक तक कहां-कहां
पदस्थ रहे? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में इनके
विरूद्ध गत
तीन वर्षों में
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
एवं उनमें अभी
तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? शिकायतवार
की गई कार्यवाही
की संक्षिप्त
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
प्रकाश में क्या
प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 11 दिनांक 09.11.2021 द्वारा
प्रमुख सचिव म.प्र.
शासन
सहकारिता
विभाग
मंत्रालय, भोपाल
को उपरोक्त
जानकारी
प्रदाय करने
हेतु लेख किया
गया था। यदि
हाँ तो उक्त
जानकारी कब तक
प्रदाय कर दी
जावेगी?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार
है। (ग) दिनांक
09.01.2021 का
पत्र प्राप्त
हुआ। विभाग के
पत्र दिनांक 12.02.2021 द्वारा
माननीय सदस्य
को वांछित
जानकारी प्रेषित
की गई है।
जलकर वसूली में उदासीनता
[जल संसाधन]
60. ( क्र. 981 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने उद्योगों, नगरीय निकायों अन्य शासकीय विभागों, पॉवर प्लांटों पर जलकर की कितनी-कितनी राशि बकाया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त राशि की वसूली हेतु कब-कब क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? (ग) लंबित वसूली हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है? (घ) क्या कुछ बड़े उद्योगपतियों से जानबूझकर उक्त राशि वसूल नहीं की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) 68 उद्योगों, 57 नगरीय निकायों, 27 अन्य शासकीय विभागों एवं 21 पावर प्लांटों पर जलकर की बकाया राशि क्रमशः रू.13127.931 लाख, रू.36183.317 लाख, रू.308.841 लाख एवं रू.18767.143 लाख कुल राशि रू.68387.232 लाख बकाया है। (ख) विभागीय स्तर पर समस्त अधीनस्थ अधिकारियों को बकाया राशि की वसूली हेतु समय-समय पर पत्राचार, व्यक्तिगत संपर्क कर प्रशासकीय कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है एवं निरंतर मानीटरिंग की जा रही है। (ग) उद्योगों एवं पावर प्लांटो से लंबित बकाया राशि वसूली हेतु सरल समाधान योजना अंतर्गत कार्यवाही प्रचलन में है। नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायत पर लंबित बकाया राशि का उनको प्राप्त होने वाले अनुदान से समायोजन हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है। (घ) जी नहीं। बकायादार सभी उद्योगों से बकाया राशि वसूली की कार्यवाही जारी है।
अनुसूचित जाति जनजाति के व्यक्तियों की भूमियों का विक्रय/अंतरण
[राजस्व]
61. ( क्र. 982 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति व जनजाति के नागरिकों की भूमियों के विक्रय एवं अंतरण हेतु क्या नियम है? (ख) क्या अनुसूचित जाति व जनजाति के नागरिकों की भूमियों के विक्रय एवं अंतरण हेतु जिला कलेक्टर की अनुमति आवश्यक है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कलेक्टर जबलपुर द्वारा कितने व्यक्तियों को उक्ताशय की अनुमति जारी की गयी? खसरावार, नामवार सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 यथा संशोधित अगस्त 2018 की धारा 165 के तहत अनुसूचित जनजाति के नागरिकों की भूमियों के विक्रय एवं अंतरण की कार्यवाही की जाती है। (ख) अनुसूचित जनजाति के नागरिकों की भूमियों के विक्रय एवं अंतरण हेतु जिला कलेक्टर की अनुमति आवश्यक है। अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की स्वामित्व की भूमियों के विक्रय एवं अंतरण हेतु अनुमति आवश्यक नहीं है। विगत 5 वर्षों (वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21) में न्यायालय कलेक्टर जबलपुर से अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को दी गयी भूमि विक्रय अनुमतियों की जानकारी खसरावार, नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
किसान सम्मान निधि योजना में पंजीयन
[राजस्व]
62. ( क्र. 988 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा संचालित किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत एवं मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत कितने-कितने कृषकों को लाभ दिया जा रहा है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजना में कितने कृषकों का पंजीयन किया जा चुका है, कितने कृषक शेष है? जिलावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले की तहसील लटेरी एवं सिरोंज में कितने कृषकों का उक्त योजनाओं में पंजीयन किया जा चुका है? तथा कितने कृषकों का पंजीयन शेष है? तहसीलवार संख्या बतायें साथ ही बतावें कि शेष रह गये कृषकों का पंजीयन कब तक पोर्टल पर कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को पत्र प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) केन्द्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत 8247915 कृषकों को एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजनांतर्गत 3755278 कृषकों को लाभ दिया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 15/02/2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत जिला विदिशा की तहसील सिरोंज में 36411 एवं तहसील लटेरी में 21917 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। हितग्राहियों की संख्या परिवर्तनशील होने के कारण संख्या बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। इस तारतम्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कस्बा सिरोंज के 417 व कस्बा लटेरी के 704 कृषकों का पोर्टल पर पंजीयन किया जा चुका है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मत्स्य पालन करने वाली समितियां
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
63. ( क्र. 989 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले 1 जनवरी 2015 से प्रश्नांकित अवधि तक के किन-किन जलाशयों, बांधों एवं तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है एवं किन-किन समितियों एवं संस्थाओं द्वारा कितने समयावधि से एक ही जलाशयों, बांधों, तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य/पट्टा/ठेका दिया जा रहा है? कब-कब नीलामी की गई? जलाशयों, बांधों, तालाबों अनुसार एवं समितियों के नाम, सदस्यों सहित जलाशयवार जानकारी की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सभी समितियाँ रजिस्टर्ड हैं? यदि 'हां' तो समितियों के रजिस्ट्रेशन नम्बर व दिनांक सहित जानकारी देते हुए बतलावें कि दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्नांकित अवधि तक इन समितियों को मत्स्य पालन से कितनी-कितनी आमदनी हुई है एवं विभाग को समितियों द्वारा कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई है? वर्षवार एवं समितिवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में एक ही जलाशय, बांध, तालाब में मत्स्य पालन का कार्य एक ही समिति लम्बे समय से कर रही है। क्या राजस्व में वृद्धि हो रही है? यदि 'हां' तो बतलावें। यदि 'नहीं' तो राजस्व वृद्धि हेतु अन्य समितियों को अवसर क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) विदिशा जिले के किन-किन जलाशयों का ठेका/पट्टा/कार्य जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायतों एवं विभाग द्वारा दिये जा रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें एवं कितने जलाशयों में मत्स्य पालन नहीं किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांश अवधि में विदिशा जिले में कुल 59 जलाशयों/बांधों एवं तालाबों में मत्स्य पालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) मध्यप्रदेश मत्स्य पालन की नीति एवं त्रि-स्तरीय पंचायतों को मत्स्योद्योग के अधिकार/ कार्यक्रम 2008 के तहत पात्रता अनुसार समिति/समूह को 10 वर्षीय पट्टे पर निर्धारित लीज राशि पर बिना वृद्धि किये दिये गये है। ऐसे में अन्य समितियों को अवसर दिये जाने एवं राजस्व वृद्धि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पटटे पर दिये गये जलाशयों/बांधो एवं तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जिन जलाशयों/बांधों एवं तालाबों में मत्स्य पालन नहीं किया जा रहा है की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है।
राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
64. ( क्र. 994 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 31 जनवरी 2021 की स्थिति में ऐसे कौन-कौन से गांव/मजरें/ टोलें/पुरा है जिनकी जनसंख्या 200 या उससे अधिक है तथा वह मूल आबादी से 2 कि.मी. की दूरी पर है तथा वहां 200 एकड़ भूमि का क्षेत्रफल है? उन ग्रामों के नाम, ग्राम पंचायत सहित स्पष्ट करें। क्या उनको राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे गये है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं, तो क्यों, क्या अब ऐसे ग्रामों/मजरों/टोलों के प्रस्ताव राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन को भेजे जावेगें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने गांव/मजरे/टोले हैं जो राजस्व ग्राम हैं किन्तु 31 जनवरी 2021 की स्थिति में वह वेचिराग या 200 की जनसंख्या से कम हैं? उन ग्रामों/मजरों/के नाम ग्राम पंचायत सहित स्पष्ट करें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने पटवारियों/राजस्व निरीक्षकों के पद स्वीकृत हैं? उन पर कौन-कौन पटवारी/राजस्व निरीक्षक पदस्थ है? उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक, स्पष्ट करें। ऐसे कितने पद हैं जो रिक्त हैं उन रिक्त पदों पर किस-किस पटवारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है? उनका नाम स्पष्ट करें। इन रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वांछित जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
ग्राम/मजरेटोले/पुरा |
ग्राम पंचायत का नाम |
1. |
ब्लांकचक |
दुबहा |
2. |
नेनागिरी |
करहिया |
3. |
महेरीचक |
करहिया |
4. |
गोलीचक |
ईटमा |
5. |
शर्माचक |
ईटमा |
6. |
आदिवासीकालोनी |
किशोरगढ़ |
उक्त ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताब पूर्व में कलेक्टर जिला ग्वालियर द्वारा शासन को नहीं भेजा गया है क्योंकि तत्समय उक्त ग्रामों की जनसंख्या 200 से कम होने से राजस्व ग्राम घोषित करने के मापदण्ड में नहीं आ रहे थे। आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोवस्त के पत्र दिनांक 17.08.2020 के अनुसार जनगणना अवधि 01 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2021 के दौरान प्रशासनिक इकाइयों जिले, अनुभाग, तहसील, राजस्व ग्राम, वन ग्राम नगरीय निकाय आदि की सीमाओं में कोई परिवर्तन न किये जाने के निर्देश दिये गये है। कलेक्टर द्वारा 31 मार्च 2021 के पश्चात उक्त ग्रामों के प्रस्ताव राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन को भेजे जावेंगे। (ख) निम्नानुसार ग्राम राजस्व ग्राम हैं जो 31 जनवरी 2021की स्थिति में वह वेचिराग है या उनकी जनसंख्या 200 से कम हैं-
स.क्र. |
ग्राम/मजरेटोले/पुरा |
ग्रामपंचायत |
1. |
सरईपुरा |
घिरोली |
2. |
मानिकपुर |
घिरोली |
3. |
भीमबाडा |
ककरधा |
4. |
श्यामपुर |
दुबहा |
5. |
गिर्जोरा |
मेना |
6. |
ओवरा |
उम्मेदगढ |
7. |
सनकुआ |
उम्मेदगढ |
8. |
ताधई |
बडकागांव |
9. |
दामतोरमाफी |
पाटई |
10. |
भकर्रा |
पाटई |
11. |
मानपुरा |
पाटई |
12. |
सम्भूपुर |
महरामपुरा |
13. |
छपरा |
महरामपुरा |
14. |
सीडनी |
दौरार |
15. |
डांगकंधार |
दौरार |
(ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पटवारियों कुल 101 पद एवं राजस्व निरीक्षकों के कुल 06 पद स्वीकृत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है पदस्थापना अनुसार केवल पटवारियों के 19 पद रिक्त है। प्रशासकीय सुविधा तथा पटवारियों की उपलब्धता के आधार पर पदस्थापना की जाती है। रिक्त पदों को भरने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
फसलों की राहत राशि का प्रदाय
[राजस्व]
65. ( क्र. 1002 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018-19 में भीकनगॉंव विधानसभा अन्तर्गत कपास एवं अन्य फसलों के अतिवृष्टी एवं जलभराव से प्रभावित होने से (आर.बी.सी. 64) राहत राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ तो कितने किसानों को कितनी राशि की स्वीकृति प्रदाय की गई है तथा स्वीकृति के कुल कितने प्रतिशत राशि प्रदाय की गई है? (ख) क्या स्वीकृत राशि की 75 प्रतिशत राशि प्रदाय करना शेष है? यदि हाँ तो शेष 75 प्रतिशत राशि कब तक किसानों को प्रदाय की जायेगी? नहीं तो क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल क्षतिपूर्ति राशि की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान
[राजस्व]
66. ( क्र. 1003 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2018-19 में फसलों के नुकसान होने से फसल क्षतिपूर्ति राशि स्वीकृति शासन द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ तो भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने किसानों की कुल कितनी राशि की स्वीकृति प्रदाय की गई थी? क्या स्वीकृत राशि की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान शासन द्वारा किया गया था? (ख) यदि हाँ तो उक्त राशि में से कितने किसानों को 25 प्रतिशत राशि का भुगतान हो गया है? तथा कितने किसानों को भुगतान करना वर्तमान में शेष है तथा शेष रहने का क्या कारण है? (ग) क्या 1 वर्ष व्यतीत होने के उपरान्त भी किसानों को स्वीकृत राशि का 25 प्रतिशत प्रदाय न करने से दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित कि जायेगी? नहीं तो क्यों नहीं? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेची जाना
[राजस्व]
67. ( क्र. 1008 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2005 से 2013 तक कुल कितने प्रकरण में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को धारा 165 (6) के तहत बेची गई? क्रेता विक्रेता का नाम, खाता, खसरा तथा रकबा, आवेदन की दिनांक, आदेश की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (क) 1635 दिनांक 19 दिसम्बर 2019 के खण्ड में जिन 55 प्रकरणों का उल्लेख किया गया है, उनकी सूची देवें तथा बतावें कि किस प्रकरण में किस प्रकार की अनियमितता जाँच के दायरे में है? (ग) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित 2005 से 2013 के आदेश में अनियमितताओं 165 (6) हुई थी? यदि हाँ तो उसकी जांच किस स्तर पर, किस आदेश पर की गई? जांच रिपोर्ट की प्रति भी देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न 1635 दिनांक 19 दिसम्बर 2019 के खण्ड (घ) का उत्तर क्या विधायक एवं विधानसभा की गरिमा के अनुकूल है, किस नियम के तहत यह उत्तर दिया गया उस नियम की प्रति उपलब्ध करावें तथा प्रश्नकर्ता को खण्ड ”घ“ का स्पष्ट उत्तर दिलाया जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश अवधि में 203 प्रकरणों में भूमि का विक्रय हुआ है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में वर्णित प्रश्न क्रमांक 1635 के प्रश्नांश '' क'' में 55 प्रकरणों का उल्लेख नहीं है। उक्त प्रश्नांश ''ख'' में 55 प्रकरणों का उल्लेख है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इन प्रकरणों में नियम विरूद्ध तरीके से अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर, आदिवासियों के हितों का संरक्षण न करते हुए, विक्रय की अनुमति की दी जाने संबंधी अनियमितता जाँच के दायरे में है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्न क्रमांक 1635, दिनांक 19.12.2019 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में तत्समय की वस्तुस्थिति उल्लेखित की थी। अत: गरिमा की प्रतिकूलता का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। प्रश्न में वांछित अनुसार भू-व्यपवर्तन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
नवीन खाद्य गोदाम की स्वीकृति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
68. ( क्र. 1025 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम रेहगावं एवं सिरलाय में नवीन खाद्य गोदाम की स्वीकृति के लिए प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 2084 दिनांक 28/8/19 के तारतम्य में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही पूर्ण कर क्या स्वीकृति आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ तो कब? नहीं तो उक्त प्राप्त पत्र में विलंब के क्या कारण हैं? कार्यवाही विवरण सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब तक स्वीकृति आदेश जारी किए जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारिता
विभाग में
संचालित
योजनाओं की
जानकारी
[सहकारिता]
69. ( क्र. 1037 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं के संचालन के क्या-क्या नियम निर्देश हैं? उज्जैन जिले में 1 जनवरी, 2016 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी योजना के लिए किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) उज्जैन जिले में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों की प्रगति क्या है? स्वीकृत कार्यों में किन-किन कार्यों की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत किसके द्वारा की गई है? शिकायत का क्या निष्कर्ष निकला है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के नाम एवं संचालन के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्यों के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
जिला कार्यालय में स्वीकृति पदों की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
70. ( क्र. 1043 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में विभाग का जिला कार्यालय तथा किन-किन पदों की स्वीकृति हेतु किन-किन स्तर से कब-कब तथा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? पत्र क्रमांक, दिनांक तथा की गई कार्यवाही सहित अद्यतन स्थिति बतायी जाये एवं स्वीकृति न मिलने का कारण सहित बताया जावें कि जिला कार्यालय तथा पदों की स्वीकृति कब तक जारी हो सकेगी? (ख) निवाड़ी जिले में मत्स्य पालन हेतु पट्टे पर दिये गये तालाबों की संख्या, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतवार बतायी जावे। साथ ही तालाब का नाम, रकबा, पट्टा जारी करने का दिनांक, आश्रित मछुआ परिवारों की संख्या सहित बताया जाये कि जिले के विभिन्न ग्रामों में उक्त के अलावा कितने मछुआ परिवार बिना पट्टे के जलाशयों/नदियों आदि से मत्स्याखेट के द्वारा जीवन यापन करते है? (ग) प्रश्नांश (ख) में आश्रित मछुआ परिवारों के कल्याण सम्बंधी योजनाओं के संचालन के लिये विभाग द्वारा कितने पद स्वीकृत एवं भरे हुये हैं की जानकारी देते हुये बतायें कि क्या वर्तमान में पदस्थ कर्मचारियों की संख्या जिले के लिये पर्याप्त है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनायी जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग के जिला कार्यालय हेतु 03 नवीन पद एवं 09 टीकमगढ़ जिले से डिप्लाय के संबंध में वित्त विभाग से सहमति प्रदान नहीं की गई है। प्रस्तावित डिप्लाय पदों के विरूद्ध पदस्थी के आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। उक्त के अलावा क्षेत्र के मछुवा परिवार नदियों में क्लोज सीजन को छोडकर मत्स्याखेट जीवनयापन करते है। (ग) विभागीय योजनाओं को संचालित करने के लिये 6 कर्मचारियों को पदस्थ किया गया है।
सिवनी जिले में पंजीकृत मछुआ समितियां
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
71. ( क्र. 1046 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग सिवनी के अन्तर्गत कितनी पंजीकृत मछुआ समितियां संचालित हैं? वर्ष 2015 से आज दिनांक तक पंजीकृत समितियों के अध्यक्ष, सचिवों की जानकारी उपलब्ध करावें। कितने जलाशयों में पंजीकृत अथवा गैर पंजीकृत समितियां संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित वर्ष 2015 से आज दिनांक तक विभाग/शासन द्वारा प्रदत्त बजट एवं उस बजट के विरूद्ध व्यय की गई राशि का कार्यवार विवरण देवें। मछुआ जाल, छाता, टार्च, नाव, दो पहिया वाहन, चार पहिया वाहन एवं मछलियों के आहार, मछुआ आवास इत्यादि के लिये विभाग के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सिवनी जिले के आठो विकासखण्डों में मत्स्य विभाग के द्वारा कितने कृषकों का पंजीकृत अपंजीकृत समितियों के लिये मछली पालन हेतु तालाब का निर्माण कराया गया एवं कितने हितग्राहियों को राशि का अनुदान स्वीकृत किया गया? क्या ऐसे तालाबों में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो कितने तालाबों में विवरण देवें। क्या समितियों का अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है? जानकारी उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) प्रश्नांश अवधि में उपलब्ध बजट एवं व्यय तथा की गई सहायता सामग्री राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जिले के प्रश्नांश विकासखण्डों में पंजीकृत समितियों के लिये तालाब निर्माण नहीं कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 1050 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो रतलाम जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन योजनाओं में किस-किस प्रकार के पात्र हितग्राहियों को पंजीकृत किया जाता है? (ग) साथ ही जिला अंतर्गत केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं में योजनानुसार पात्र हितग्राहियों की जानकारी पृथकतः शहरी व ग्रामीण विकासखण्डवार बताएं? (घ) जानकारी दें कि वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के माध्यम से कितने पात्र हितग्राहियों को परिवार सहायता अथवा अन्य सहायता प्रदान की गई? जावरा व पिपलोदा तहसील की स्थिति से अवगत कराएंl
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न सामग्री गुणवत्ता एवं अनियमितता की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 1051 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक राशन दुकानों को प्राप्त होने वाले गुणवत्ता विहीन खाद्यान्न तथा हितग्राहियों का राशन अवैध रूप से बेचे जाने और फर्जी बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाए जाने की अनेकों शिकायतें प्राप्त होती रही है? (ख) यदि हाँ तो बताएं कि उपरोक्त वर्षों से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त उल्लेखित प्रश्नांश (क) उक्ताशय व इसके अतिरिक्त भी किन-किन वर्षों में किस-किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई? किन-किन स्थानों से कुल कितनी शिकायतें आई? वर्षवार जानकारी दें। (ग) बताएं कि उपरोक्त वर्षों में जिले भर के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में प्राप्त शिकायतें किन-किन आशय की होकर उन्हें जांच/परीक्षण में कब-कब लिया गया तथा किस-किस सक्षम अधिकारी के माध्यम से जाँच/परीक्षण किए गए? वर्षवार जानकारी दें। (घ) अवगत कराएं की जाँच/परीक्षण में अंतिम निराकरण व शिकायतों का निवारण वर्षवार किस तरह से किया गया, किन-किन स्थानों की जाँच कब से चल रही है, लंबित है तथा कितना अवैध खाद्यान्न जप्त किया जाकर तत्सम्बन्धी क्या क्या कार्यवाही हुई? वर्षवार जानकारी बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर निगम सीमांतर्गत कोटवारों को आवंटित भूमि
[राजस्व]
74. ( क्र. 1056 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ऐसे आदेश दिए गए हैं कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत पूर्व में आवंटित कोटवारों (चौकीदारों) से भूमि वापस ले ली गई है? यदि हाँ तो भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत कितने कोटवारों को भूमि आवंटित की गई थी और वर्तमान में अभी कितने कोटवारों के पास भूमि आधिपत्य में है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) कोलार रोड स्थित राजहर्ष कॉलोनी/विक्टोरिया कॉलेज के पास स्थित खसरा क्र. 348 रकबा 1.200 हेक्टेयर पर क्या चौकीदार द्वारा आज दिनांक तक उपयोग किया जा रहा है? (ग) उक्त भूमि को क्या शासन अपने आधिपत्य में लेते हुए अन्य शासकीय भवन/अन्य कार्य के लिए उपयोग करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा ऐसे आदेश दिए गए है कि नगर सीमा के अंतर्गत पूर्व में आवंटित कोटवारों (चौकीदारों) से भूमि वापस ले ली गई है। भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत 49 कोटवारों को भूमि आवंटित की गई थी। वर्तमान में 04 कोटवार के अधिपत्य में शेष भूमि है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सेवा भूमि को राजस्व अभिलेखो में नजूल भूमि घोषित कर दिया गया है। (ख) जी नहीं। उक्त भूमि वर्तमान में रिक्त पड़ी हुई है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चरनोई एवं निस्तारी की भूमि को कृषि उपयोग के लिये आवंटन
[राजस्व]
75. ( क्र. 1057 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले में चरनोई की भूमि एवं निस्तारी के प्रायोजन की भूमि को कृषि उपयोग के लिए आवंटित किए जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो रायसेन जिले में आरक्षित चरोखर प्रयोजनों के लिए दर्ज आरक्षित जमीनों को निजी उद्योगों और निजी परियोजनाओं के लिए आवंटित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो किस-किस उद्योग के लिए कितनी-कितनी भूमि का आवंटन किया गया है? नाम एवं आवंटित भूमि का खसरा नम्बर सहित बतावें। (घ) जिन लघु उद्योगों के लिए भूमि आवंटित की गई है क्या उन पर उद्योग स्थापित हो गए हैं? यदि हाँ, तो उन उद्योगों में कितने स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? उद्योगों का नाम एवं रोजगार पाए हुए व्यक्तियों के नाम,पता सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के ज्ञाप क्र./एफ 30-18/2020/सात/2ए दिनांक 21.01.2003 से शासकीय चरनोई की भूमि एवं निस्तारी के प्रयोजन की भूमि को कृषि उपयोग हेतु आवंटित किये जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
पाडसुत्या, बागेड़ी बैराज की निविदा आमंत्रित
[जल संसाधन]
76. ( क्र. 1070 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18.03.2020 के पश्चात जल संसाधन विभाग द्वारा उज्जैन जिले में कहाँ-कहाँ स्टॉप डेम, बैराज, तालाब के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान कर टेण्डर आमंत्रित कर कार्यादेश जारी किए गए हैं? नाम, राशि, स्थान सहित विवरण दें। (ख) दिनांक 18.03.2020 के बाद पाडसुत्या और बागेडी बैराज की निविदा बजट उपलब्ध नहीं होने का कारण बताया गया है, तो बजट कब तक उपलब्ध होगा? यदि बजट नहीं है तो अन्य स्थानों पर स्वीकृतियाँ किस बजट से की जा रही हैं? क्या आगामी 2021-22 के बजट में राशि उपलब्ध कराकर योजना के टेण्डर आमंत्रित किए जायेंगे? (ग) नागदा चंबल नदी चामुण्डा माता बैराज का भूमिपूजन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किए जाने के बावजूद भी अभी तक निर्माण कार्य क्यों नहीं पूर्ण हुआ है? क्या इस योजना की पुन: स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कराया जायेगा? (घ) बोरदिया बैराज, चंदवासला बैराज, बागेडी बैराज, ब्राह्मणखेडी बैराज, पाडसुत्या-2 बैराज की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? कब तक स्वीकृत कर दिए जायेगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दिनांक 18.03.2020 के पश्चात उज्जैन जिले के ग्राम रमजानखेड़ी की रमजानखेड़ी सिंचाई योजना की राशि रू. 510.59 लाख तथा महिदपुर विकासखण्ड की बनी (हरबाखेड़ी) मध्यम सिंचाई परियोजना की राशि रू. 9375 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इन योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है अत: कार्यादेश जारी किए जाने की स्थिति नहीं है। (ख) जी हाँ। बजट में सम्मिलित लघु सिंचाई योजनाओं के निर्माण हेतु बजट योजनावार प्राप्त न होकर प्रतिवर्ष एकमुश्त प्राप्त होता है। वित्त विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु नियत निविदा सूचकांक की सीमा अतिक्रमित हो जाने के कारण पाड़सुत्या एवं बागेड़ी बैराज की निविदा आमंत्रित नहीं की जा सकी। वित्त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक की सीमा अतिक्रमित हो जाने के कारण पाड़सुत्या एवं बागेड़ी बैराज हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में राशि उपलब्ध कराने एवं निविदा आमंत्रण के विषय में बजट 2021-22 के पूर्व जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नागदा खाचरोद विधानसभा क्षेत्र में चामुण्ड़ा माता बैराज योजना का विभाग द्वारा भूमि पूजन नहीं कराया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। में दर्शित बोरदिया बैराज का परियोजना प्रतिवेदन शासन स्तर पर प्राप्त नहीं हैं अत: प्रशासकीय स्वीकृति की स्थिति नहीं है।
नागदा-खाचरोद क्षेत्र में नवीन गेहूँ पंजीयन केन्द्रों की स्वीकृति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1071 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर (खाद्य) उज्जैन द्वारा रबी उपार्जन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन कार्य हेतु जिले में नवीन गेहूँ पंजीयन केन्द्रों के निर्धारण एवं अनुमति हेतु खाचरोद-नागदा तहसील के सेवा सहकारी संस्था कनवास, बेडावन्या, कमठाना, रोहलखुर्द, बनबना, आक्यानजीक व बेडावन के प्रेषित प्रस्ताव को संचालक, खाद्य नागरिक आपूर्ति भोपाल द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? क्या कनवास में प्रस्ताव को यथावत रखा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित विवरण दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा किसानों की मांग अनुसार ग्राम बरखेडा जावरा, उमरनी या भगतपुरी, बुरानाबाद, नंदियासी में नये केन्द्र खोलने व आक्याजागीर में केन्द्र यथावत रखने हेतु कलेक्टर उज्जैन व संचालक खाद्य को प्रस्ताव प्रेषित किए गए थे? यदि हाँ तो क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रबी उपार्जन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर किसान पंजीयन केन्द्र स्थापित करने हेतु खाचरोद-नागदा तहसील के सेवा सहकारी संस्था कनवास, बेडावन्या, कमठाना, रोहलखुर्द, बनबना, आक्यानजीक व बेडावन के प्रेषित प्रस्ताव को संचालक, खाद्य नागरिक आपूर्ति भोपाल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। रोहलखुर्द केन्द्र संचालन हेतु सेवा सहकारी संस्था, रोहलखुर्द पंजीयन केन्द्र संचालन में असमर्थता का प्रस्ताव दिए जाने के कारण रोहलखुर्द केन्द्र नहीं बनाया गया है। पंजीयन केन्द्र कनवास का प्रस्ताव यथावत् रखा गया है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर, जिला उज्जैन को प्रस्ताव प्रेषित किए गए थे। जिला उपार्जन समिति, उज्जैन द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण उपरांत उमरना (संस्था नायन), नंदियासी में नवीन केन्द्र बनाए जाने हेतु प्रस्ताव संचालनालय खाद्य को प्रेषित किया गया। नंदियासी नवीन केन्द्र एवं आक्याजागीर को यथावत् पंजीयन केन्द्र खोलने की स्वीकृति जारी की गई एवं केन्द्र बनाया गया है। सेवा सहकारी संस्था नायन के मुख्यालय उमरना में पंजीयन केन्द्र बनाया गया है एवं उमरनी ग्राम संस्था नायन का ही ग्राम होने, ग्राम बरखेड़ा जावरा पूर्व से संचालित केन्द्र घिनौदा के निकटतम (4 कि.मी.) होने से इन दोनों ग्रामों पंजीयन केन्द्र बनाने का प्रस्ताव नहीं भेजा गया। ग्राम बुरानाबाद में स्व–सहायता समूह को उपार्जन केन्द्र बनाना प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
78. ( क्र. 1081 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत वर्ष 2021 में कितने ग्राम लाभान्वित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह के ग्राम लाभान्वित हैं? अगर हाँ, तो कितने? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कब तक उक्त योजना का लाभ जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह को प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जल संसाधन विभाग से संबंधित घटक ''त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP) '' तथा ''हर खेत को पानी'' के अंतर्गत संचालित सिंचाई योजनाओं से वर्ष 2021 में 1957 ग्राम तथा योजना के नोडल विभाग किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के पत्र क्रमांक-379/2021/14 (AGR) दिनांक 17.02.2021 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार ''पर डॉप मोर क्रॉप'' माइक्रो इरिगेशन अंतर्गत 1643 ग्राम लाभांवित है। (ख) जल संसाधन विभाग से संबंधित घटकों से नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह जिलों के कोई ग्राम लाभांवित नहीं हैं। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के घटक से जिला नरसिंहपुर के 163, सागर के 81 एवं दमोह के 39 ग्राम लाभांवित हैं। (ग) नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह जिलों के ग्रामों को जल संसाधन विभाग से संबंधित घटकों से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ प्रदान किए जाने के संबंध में जल संसाधन विभाग स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के घटक से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह जिलों को प्रदान किया जा चुका है।
भू-अभिलेख में ऑन लाईन प्रक्रिया
[राजस्व]
79. ( क्र. 1082 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-अभिलेख ऑन लाईन की प्रक्रिया कब से प्रारंभ की गई है? उक्त ऑन लाईन प्रक्रिया में कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं एवं क्या समय-सीमा निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में वर्ष 2021 में कितने नागरिकों को उक्त प्रक्रिया का लाभ दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भू-अभिलेख ऑन लाईन प्रक्रिया मई 2015 से प्रारम्भ की गई है। ऑन लाईन प्रक्रिया में नागरिकों को राजस्व न्यायालय के आदेश (RCMS), खसरा, खतौनी, नक्शा, खातावार खसरा, रिकार्ड रूम से पुराने अभिलेख की डिजिटली हस्ताक्षरित प्रतिलिपि एवं ऑन लाइन भू-राजस्व के भुगतान की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त भू-अभिलेखों का अद्यतन, नामान्तरण, बटवारा, भूमि बंधक एवं व्यपवर्तन की सुविधा को ऑनलाइन किया गया है। लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-13/2012/61/लो.सेप्र/ पी.एस.जी.-04, दिनांक 10 अप्रैल, 2013 से म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम, 2010 की धारा 3 के तहत राजस्व विभाग की सेवाओं के प्रदान करने के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला नरसिंहपुर में 24578, सागर में 73496 एवं दमोह में 6100 आवेदनों में उक्त प्रक्रिया का लाभ दिया गया है
अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर द्वारा न्यायालय आदेश की अवहेलना
[राजस्व]
80. ( क्र. 1102 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. योगेश भरसट अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर द्वारा न्यायालय प्रकरण क्र. 72 ए/14 में अपर जिला न्यायालय बड़नगर में प्रतिवादी के पक्ष में प्रतिवादी ठक्करलाल का आधिपत्य व सत्य माना है, उच्च न्यायालय इन्दौर के समक्ष द्वितीय अपील एस.ए. न. 219/17 में उच्च न्यायालय में अपिल निरस्त कर यथा स्थिति को बनाये रखने का आदेश पारित किया था। उक्त आदेश को अनुविभागीय अधिकारी योगेश भरसट द्वारा न्यायालय की अवमानना की गई। जिसकी जाँच करा कर शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) जिलाधीश उज्जैन के आदेश क्र. 07.12.2020 के द्वारा पक्षकारों को आहूत कर सीमांकन किये जाने, उनके कथन रिकार्ड पर लिये जाने संबंधित आदेश प्रदान किया था अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किसी भी प्रक्रिया का पालन न कर, रकबे के साथ छेड़छाड़ कर रकबा कम कर दिया गया है। क्या सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच करा कर दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर के आदेश क्र. 0003/अ-6-अ/2021 में पारित निर्णय में सर्वे न.1584/1/1/1 रकबा 0.696 में से 0.092 हेक्टेयर रकबा कम कर दिया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अपर जिला न्यायलय तथा उच्च न्यायालय इंदौर के समक्ष प्रश्नाधीन प्रकरण से संबंधित कोई भी अवमानना याचिका प्रचलित होना संज्ञान में नंही है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नंही होता है। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरण क्रमांक 0003/अ-6-अ/2020-2021 मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 115 के तहत दर्ज कर विधिवत प्रक्रिया का पालन कर अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय बड़नगर द्वारा दिनांक 22.01.2021 को आदेश पारित किया गया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नंही होता है। (ग) प्रकरण में विधिवत प्रक्रिया का पालन कर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के तहत् आदेश दिनांक 22.01.2021 को पारित किया गया।
अनुविभागीय अधिकारी द्वारा वकीलों से दुरव्यवहार
[राजस्व]
81. ( क्र. 1103 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर डॉ. योगेश तुकाराम भरसट द्वारा अभिभाषकों के साथ दुर्व्यवहार करने के कारण अभिभाषक संघ बड़नगर द्वारा हड़ताल कर धरने पर बैठ गए थे? यदि हाँ तो शासन ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ख) अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर द्वारा स्वयं अपने निवास के लिए लोक निर्माण विभाग से 5 लाख रूपये की राशि व्यय करवाई गई जबकि उक्त निर्माण कार्य पर लगभग 15 लाख रूपये का खर्च हुआ शेष राशि शासन के किस विभाग से प्रदान की गई? (ग) उक्त निर्माण कार्य की प्रतिनिधि मण्डल से जाँच कब करवाई जावेगी? दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दुकान का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 1109 ) श्री मनोज चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर रतलाम के आदेश क्रमांक 786 दिनांक 6/4/2017 के तहत डिप्टी कलेक्टर ने 12 दुकानों को रैंडम जाँच के लिए चुना? यदि हाँ तो बतावें कि उन दुकानों के नाम क्या थे तथा जाँच में किस-किस प्रकार का घोटाला पाया गया तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाँच के बाद शेष दुकानों की जाँच नहीं करने को लेकर भारी राशि का लेनदेन हुआ तथा शेष दुकानों पर जिन में 21202 फर्जी हितग्राही थे तथा जाँच होती तो लगभग 150 करोड़ का फर्जीवाड़ा पाया जाता? जाँच क्यों नहीं की गई? (ग) क्या शेष दुकानों पर फर्जी हितग्राही को लेकर 8 दुकानों की तरह उन पर भी प्रकरण दर्ज किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) रतलाम जिले के भंडार गृहों में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के कई भंडार गृह में खराब चावल पाए जाने का परीक्षण किया गया या नहीं? यदि हाँ तो उसकी रिपोर्ट देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्रमोदय विद्यालय छतरपुर की स्थापना
[श्रम]
83. ( क्र. 1115 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. कैबिनेट ने छतरपुर जिला में श्रमोदय विद्यालय खोले जाने का निर्णय लिया था? यदि हाँ तो कब? प्रति उपलब्ध करावें। उक्त के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) छतरपुर में श्रमोदय विद्यालय प्रांरभ नहीं होने के क्या कारण है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मकार मण्डल (संबल योजना) मुख्यमंत्री जन कल्याणकारी योजना में पंजीयन
[श्रम]
84. ( क्र. 1123 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2021 की स्थिति में अलीराजपुर जिले में कर्मकार मण्डल (संबल योजना) मुख्यमंत्री जन कल्याण में कितने श्रमिक पंजीकृत है? पंजीकृत श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाए मिलती हैं? (ख) अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक अलीराजपुर जिले में कितने श्रमिकों को किस-किस योजना में क्या-क्या लाभ मिला है? कितने आवेदन लंबित है? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) श्रमिकों को उक्त योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है तथा इस संबंध में किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है? (घ) क्या ग्राम पंचायत द्वारा सत्यापन के दौरान मौजूदा श्रमिक को पोर्टल पर अनुपस्थित/मौजूद नहीं होना बताये जाने से श्रमिकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ तो इसके लिऐ कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी के गलत सत्यापन किये जाने पर उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जनवरी 2021 की स्थिति में अलीराजपुर जिले में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में 2,86,499 श्रमिक पंजीकृत हैं। निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पंजीकृत श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक अलीराजपुर जिले में संबल योजना अन्तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। संबल योजना अन्तर्गत अनुग्रह सहायता के 309 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। पर्याप्त बजट प्राप्ति पर भुगतान किया जावेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) राज्य शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक 756/595/2019/ए-16 दिनांक 20.06.2019 के परिपालन में पोर्टल पर अपात्रता के निम्न कारणों से हितग्राही को अपात्र चिन्हांकित किया गया है। 1. कृषि भूमि 01 हेक्टेयर से अधिक 2 आयकर दाता हैं 3 श्रमिक नहीं हैं 4 आयु 60 वर्ष से अधिक है। 5 अन्य योजना में पंजीकृत हैं। 6 विस्थापित हैं। 7 गैर मौजूदा। 8 शासकीय/निजी सेवा में हैं। 9 स्वयं का कारोबार/बिजनेस हैं 10 एक से अधिक आई.डी. 11 मृत्यु हो जाने के कारण। 12. आयु 18 वर्ष से कम है। 13 स्वयं के द्वारा निरस्ती की मांग होने पर। 14 शिकायत जाँच में अपात्र पाये जाने पर। 15 अध्ययनरत छात्र है। 16 अस्तित्व में नहीं है। 17 मूल आवेदन उपलब्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कटनी जिले में डीएमएफ के कार्यों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
85. ( क्र. 1127 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज प्रतिष्ठान मद (DMF) से सुर्खी-पोड़ी जलाशय में सौन्दर्यीकरण की क्या कार्ययोजना हैं एवं क्या-क्या कार्य कब तक पूर्ण किए जाने थे? प्रश्न दिनांक तक पूर्ण एवं अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों का विवरण बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) क्या अनुबंधानुसार कार्यों को पूर्ण करने की अवधि फरवरी-2019 नियत थी पर निर्धारित अवधि के उपरान्त कार्य पूर्ण किये गए है तथा कई कार्य अभी भी अपूर्ण हैं? यदि हाँ तो कार्य में विलम्ब होने एवं कार्य अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं और इस पर क्या कार्यवाही गई? (ग) सुरखी-पोड़ी जलाशय के कार्यों का किस-किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया और ठेकेदार को क्या निर्देश एवं क्या निरिक्षण प्रतिवेदन दिए गए और क्या विभागीय तकनीकी अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश एवं प्रतिवेदन के पालन में कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? कार्यवाही का विवरण बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कटनी जिले में डीएमएफ से जनवरी-2019 से कौन-कौन से कार्य किन-किन मांगों/प्रस्तावों/आवश्यकता से किन-किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा प्रस्तावित, अनुमोदित एवं स्वीकृत किए गए और कार्यों की स्वीकृति किस प्रकार नियमानुसार हैं? स्पष्ट करें। (ङ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत सुरखी-पौडी जलाशय के कार्य में विलम्ब एवं कार्यों के अपूर्ण रहने का संज्ञान लेकर समुचित कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो क्या एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद (डी0एम0एफ0) से सुर्खी पोड़ी जलाशय में सौन्दर्यीकरण का कार्य चार चरणों में पूर्ण किये जाने की कार्य योजना है। प्रथम चरण हेतु रूपये 150.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2017-18 में प्रदाय की गई जिसका कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। द्वितीय चरण की कार्य हेतु रूपये 262.00 लाख का प्रस्ताव कलेक्टर कटनी के पत्र क्रमांक 825/स्टेनो/2020 दिनांक 14.07.2020 के माध्यम से संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र. भोपाल को स्वीकृत हेतु प्रेषित किया गया है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्रथम चरण की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 150.00 लाख अनुसार जलाशय के डाउन स्ट्रीम में स्लोप अनुसार मिट्टी कार्य, 900 मीटर लंबाई में दोनो ओर आर.आर.सी पैरापिट वाल मय स्टील रेलिंग, बोल्डर, टो, फिल्टर क्रास ड्रेन, स्टेयर, टफिंग, रेफ्रेन्स, पिलर, बेंच मार्क आदि का कार्य पूर्ण कराया जाकर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। स्वीकृति अनुसार कोई भी कार्य अप्रारंभ नहीं है। (ख) जी हाँ, कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि फरवरी 2019 नियत थी किंतु संविदाकार द्वारा निर्धारित समय में निर्धारित गुणवत्ता एवं मापदण्ड अनुसार कार्य नहीं किए जाने के कारण कार्य पूर्ण होने में विलंब हुआ। (ग) निरीक्षण संबंधी विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में वर्णित है। अनुबंधित संविदाकार द्वारा विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान दिये गये निर्देशो का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया गया है। (घ) कटनी जिले में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद (डी.एम.एफ.) से जनवरी 2019 से जिन मांगों/प्रस्तावों/ आवश्यकता से जिन सक्षम अधिकारियों द्वारा अनुमोदित एवं स्वीकृत किए गए हैं, उक्त कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। (ड.) जी हाँ। प्रथम चरण में कार्य में हुए विलंब हेतु समयावृद्धि की स्वीकृति अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मण्डल जबलपुर से प्राप्त की जा रही है।
नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
86. ( क्र. 1130 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू.रा.संहिता 1959 की धारा 109, 110 में भू-स्वामी का नाम परिवर्तन कितने दिवस में करने के निर्देश हैं? (ख) न्यायालय तहसीलदार तहसील छतरपुर जिला छतरपुर के प्रकरण क्रमांक/754अ-6/2020-211 में नामांतरण हेतु विचाराधीन है? यदि हाँ तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? उक्त प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? (ग) न्यायालय तहसीलदार तहसील छतरपुर के प्रकरण क्रमांक/846अ-6/2020-21 में फौती-नामांतरण हेतु विचाराधीन है? यदि हाँ तो कारण स्पष्ट करें। उक्त प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? (घ) हल्का मोजा सौरा/देरी/मौराहा/ बगौता/पठापुर/गठेवरा एवं बरकौहा/चंद्रपुरा में बंदोबस्त से प्रश्र दिनांक तक किन-किन खसरा नंबरों में शासन दर्ज है? उक्त बंदोबस्त के खसरा नंबरों को हस्तलेखन या कंप्यूटर कृत टाइपिंग कर क्रमवार अंकित कर सूची उपलब्ध कराएं। उक्त खसरा नंबरों में से किन खसरा नंबरों को कब किस के नाम किसके आदेश से दर्ज किए गए हैं? सूची उपलब्ध कराएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू.रा.संहिता 1959 की धारा 110 (7) के अनुसार नामांतरण विषयक समस्त कार्यवाहियां न्यायालय में प्रकरण दर्ज होने की दिनांक से अविवादित मामले में 02 माह के भीतर तथा विवादित मामलों में 06 माह की अवधि में पूर्ण करने के निर्देश है। (ख) न्यायालय तहसीलदार, छतरपुर का प्रकरण क्रमांक 754/अ-6/2020-21 नामांतरण हेतु विचाराधीन नहीं है। प्रकरण का विधि अनुसार निराकरण किया जा चुका है। (ग) न्यायालय तहसीलदार छतरपुर (अ) का प्रश्नाधीन प्रकरण क्रमांक 846/अ-6/2021-21 फौती नामांतरण हेतु विचाराधीन नहीं है। यह विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण प्रकरण था, जिसका विधि अनुसार निराकरण किया जा चुका है। (घ) प्रश्नाधीन हल्का की मौजावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शा.उ.मू. की दुकानों से खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 1131 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में किन शा.उ.मू. दुकानों को कितना बेघर-बेसहारा का खाद्यान्न नागरिक आपूर्ति निगम छतरपुर द्वारा दिया गया था? उक्त शा.उ.मू. दुकान द्वारा खाद्यान्न किस-किस शा.उ.मू. दुकानों को कितना खाद्यान्न देना था? (ख) क्या प्रदेश में माह दिसंबर से माह जनवरी एवं फरवरी का खाद्यान्न का आवंटन कम दिया गया है? यदि हाँ तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। प्रदेश में शा.उ.मू. दुकान के स्टॉक रजिस्टर एवं पीओएस मशीन में प्रदर्शित स्टॉक की मात्रा का मिलान नहीं हो रहा है तो सक्षम अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की गयी तो क्यों? ऐसी स्थिति में सक्षम अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रदेश में शा.उ.मू. दुकानों की पीओएस मशीन में प्रदर्शित स्टॉक कम प्रदर्शित होने के उपरांत भी माह फरवरी में खाद्यान्न का आवंटन कम दिया गया है? यदि हाँ तो उक्त दुकानों का आवंटन के अनुसार कब तक खाद्यान्न का आवंटन पूर्ण कर दिया जाएगा? (घ) क्या शासन के नियम-निर्देशों के अनुसार पात्रताधारी किसी भी शा.उ.मू. दुकान में खाद्यान्न लेने के नियम हैं हाँ या नहीं? यदि हाँ तो क्या शा.उ.मू. दुकान में 90% से अधिक वितरण होने पर मांग अनुसार अतिरिक्त खाद्यान्न दिया जा सकता है? यदि हाँ तो मांग अनुसार कितने दिवस में किसके द्वारा दिया जाएगा? उल्लेख करें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले को बेघर एवं बेसहारा परिवारों को 2000 क्विंटल गेहूँ का आवंटन जारी किया गया था जिसे जिले द्वारा 12 उचित मूल्य दुकानों को पुनरावंटित किया गया जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। बेघर एवं बेसहारा परिवारों की सूची पटवारी, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा तैयार की गई एवं ऐसे हितग्राहियों को नजदीक की दुकानों से खाद्यान्न का वितरण कराने हेतु इन दुकानों को पहुँचायी गयी उक्त मात्रा में से अन्य दुकानों को प्रदायित किया गया। उन दुकानों में भेजी गयी मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।(ख) जी नहीं। उचित मूल्य दुकानों पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अवितरित मात्रा का समायोजन कर उक्त माहों में आवंटन जारी किया गया है, फिर भी उचित मूल्य दुकानों में अवितरित पड़ी मात्रा का समायोजन करने के बावजूद जिलों से अतिरिक्त आवंटन की मांग प्राप्त होती है तो उसका परीक्षण कर अतिरिक्त आवंटन जारी किया जाता है। जिला छतरपुर की दुकानों को एन.आई.सी. द्वारा माह फरवरी, 2021 में 434 दुकानों में 4019.99 क्विंटल गेहूं, 276 दुकानों में 1763.47 क्विंटल चावल एवं 424 दुकानों में 297.16 क्विंटल मोटा अनाज का अतिरिक्त आवंटन जारी किया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी गई अतिरिक्त आवंटन की जानकारी अनुसार है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी नहीं। दुकानों द्वारा उपलब्ध स्टॉक के वितरण उपरांत पोर्टबिलिटी के कारण सृजित मांग अनुसार अतिरिक्त आवंटन जारी किया जाएगा।
मछुआ सहकारी समितियों का पंजीयन
[सहकारिता]
88. ( क्र. 1135 ) श्री राकेश गिरि : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितनी मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत हैं? समितियों की सूची, कार्यकारिणी एवं सदस्यों सहित उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, कितनी समितियों के द्वारा सहकारिता विभाग के नियमों/उपनियमों का पालन, समितियों के संगम अनुच्छेदों के अनुरूप वार्षिक विवरणियाँ/आमसभा की कार्यवाहियाँ/लेखाओं का अंकेक्षण व प्रस्तुतिकरण तथा लाभांश वितरण नहीं किया गया है? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार चूककर्ता समितियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो ऐसी समितियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या समितियों के पंजीयन निरस्त/कार्यकारिणी/ बोर्ड भंग किये जायेंगे? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें, यदि नहीं, तो कारण बतायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र में नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाना
[राजस्व]
89. ( क्र. 1140 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से व कितने ग्राम हैं जो राजस्व ग्राम घोषित होने की पात्रताओं की पूर्ति करते हैं? ऐसे सभी ग्रामों के नाम का उल्लेख कर पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। इन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रचलन में है? किसी ग्राम को राजस्व ग्राम बनाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या पात्रताऍ निर्धारित की गई हैं तथा नए राजस्व ग्राम बनाने की घोषणा किसके द्वारा की जाती है? नए राजस्व ग्राम बनाने संबंधी शासन के अद्यतन नियम, निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में राजस्व ग्राम की पात्रता रखने वाले ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किए जाने से वहां के ग्रामजन राजस्व ग्रामों हेतु मिलने वाली सुविधाओं से वंचित हैं? यदि हाँ तो किन-किन सुविधाओं से वंचित हैं? कोलारस विधानसभा क्षेत्र में राजस्व ग्राम घोषित होने की पात्रता रखने वाले ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र की तहसील रन्नौद, बदरवास, कोलारस में निम्न मजरा टोला है जो राजस्व ग्राम घोषित होने की पात्रताओं की पूर्ति करते है:-
क्र. |
पंचायत का नाम |
राजस्व ग्राम का नाम |
मजराटोला का नाम जो राजस्व ग्राम बनाया जाना है। |
1 |
विजयपुरा |
राजपुर छावरा |
छावरा |
2 |
सुनाज |
सुनाज |
करमई |
3 |
झण्डी |
ओडेरा |
चकरामपुर |
4 |
अकोदा |
अकोदा |
मूढरी |
5 |
ढकरौरा |
ढकरौरा |
खासखेडा |
6 |
देहरदागणेश |
देहरदागणेश |
टपरियन |
7 |
मेघौनाबडा |
मेघौनाबडा |
पुरा |
8 |
मेघौनाबडा |
मेघौनाबडा |
दादूखेडी |
9 |
बेहंटा |
बेहंटा |
धर्मपुरा |
राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु 1. मूल ग्राम से दूरी 2 कि.मी. होनी चाहिए। 2. मजरे टोला की जनसंख्या 200 से अधिक होनी चाहिए। 3. राजस्व क्षेत्रफल 200 एकड़ से अधिक होना चाहिए। नए राजस्व ग्राम घोषित की जाने की घोषणा जिला कलेक्टर द्वारा की जाती है। अद्यतन नियम, निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में राजस्व ग्राम की पात्रता रखने वाले ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किए जाने से वहां के ग्रामजन राजस्व ग्रामों हेतु मिलने वाली सुविधाओं से वंचित नहीं है। राजस्व ग्राम घोषित होने की पात्रता रखने वाले ग्रामों को नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कर राजस्व ग्राम घोषित किया जाऐगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सिवनी जिले की बसों की जानकारी
[परिवहन]
90. ( क्र. 1150 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी से नागपुर, जबलपुर, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, बरघाट, लखनादौन, नरसिंहपुर, मंडला, की ओर जाने वाली कुल कितनी बसें हैं एवं यह बसें किस-किस समय पर प्रारंभ होती हैं एवं अपने गंतव्य तक पहुँचती हैं? बस मालिक एवं वाहन नंबर के साथ विस्तृत जानकारी दें। (ख) कोविड-19 के पश्चात कितनी बार सिवनी विधानसभा के अंदर से जाने वाली बसों की टाईमिंग एवं यात्री भाड़ा में परिवर्तन किया गया है और क्यों? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंदर से होकर जाने वाली बसों के परमिट का मार्ग क्या है? प्रत्येक बस का परमिट मार्ग एवं उनके समय का विवरण दें। (घ) क्या विभाग द्वारा यात्रा किराया निर्धारित न करने के कारण कोविड-19 के पश्चात वाहन मालिकों के द्वारा दोगुना किराया कर मनमाने ढंग से किराया वसूल किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी रोकधाम के लिये विभाग क्या कार्यवाही करने जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) किसी भी बस की टाईमिंग एवं यात्री भाडा में परिवर्तन नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 28.05.2018 द्वारा प्रक्रम यात्री वाहनों का किराया निर्धारित किया गया है। अधिक किराया वसूल किये जाने के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित वाहन के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 1151 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत तहसील सिवनी एवं छपारा में पिछले 02 वर्ष 2019 से गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु कितने हितग्राहियों को आवेदन प्राप्त हुये? इनमें से कितनों के नाम गरीबी रेखा के बी0पी0एल0 कार्ड जारी किये गये? पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में बी0पी0एल0 कार्ड जारी किये गये उनमें से कितनों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई? शेष हितग्राहियों को पर्ची जारी नहीं करने का क्या कारण रहा? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में शेष रहे हितग्राहियों को पर्ची कब तक जारी कर दी जावेगी? क्या पिछले वर्ष 2020 में गैर बी0पी0एल0कार्डधारी हितग्राहियों की खादयान्न पर्ची को अपात्र कर दिया गया? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण रहा? क्या ऐसे हितग्राहियों की जाँचोपरांत पुन: पात्रता देकर पर्ची जारी की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत तहसील सिवनी एवं तहसील छपारा में वर्ष 2019 से बी.पी.एल. श्रेणी में नाम जुड़वाने हेतु प्राप्त आवेदन एवं जारी बी.पी.एल. कार्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित समस्त बी.पी.एल. कार्डधारी आवेदकों की खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राही की खाद्यान्न पर्ची वितरण किया जाना शेष नहीं है। NFSA अंतर्गत सम्मिलित परिवारों के सत्यापन उपरांत विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने आदि कारण से स्थानीय निकाय के द्वारा चिन्हांकित अपात्र परिवारों को माह अगस्त-सितम्बर 2020 में पोर्टल से पृथक कर इनके स्थान पर नवीन वैध पात्र हितग्राहियों को जोड़े जाने की कार्यवाही प्रचलित है। लाभार्थी परिवार द्वारा स्थानीय निकाय कार्यालय के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत करने, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति उपरांत मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची एवं खाद्यान्न आवंटन की प्रक्रिया जारी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एम. हेल्प लाइन में की गई शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
92. ( क्र. 1154 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरभाष क्रमांक 181 सीएम हेल्पलाइन में खरगोन तहसील गोगावा तहसील एवं खरगोन नगर पालिका क्षेत्र में विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिए जनता द्वारा शिकायत की गई है? (ख) यदि हाँ तो खरगोन विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई विभागवार, शिकायतकर्तावार, शिकायतवार, ग्रामवार, वार्डवार सहित सूची देवें एवं सूची लेवल 1, लेवल 2, लेवल 3 और लेवल 4 की अलग-अलग देवें। (ग) ऐसी कितनी समस्याएं हैं जो कि level-4 में पहुँचने के बाद भी आज दिनांक तक लंबित है? प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) खरगोन विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2019 से फरवरी 2021 तक कुल 16,578 शिकायतें प्राप्त हुईं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) लेवल-04 पर कुल 327 शिकायतें लंबित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
वेदा और कुंदा नदी पर बेराज स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 1155 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन विधानसभा क्षेत्र में बहने वाली कुंदा नदी का पानी बह कर नर्मदा नदी में मिलता है? यदि इसी नदी का पानी स्टॉप डेम, बैराज बना कर रोका जाता है तो क्या किसानों को सिंचाई में लाभ मिलेगा? यदि हाँ तो क्या इस नदी पर बेराज बनाया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक और क्या बनाने का उचित स्थान भसनेर/खरगोन होगा? (ख) क्या खरगोन विधानसभा क्षेत्र में बहने वाली वेदा नदी आगे जाकर कुंदा नदी में मिलती है और कुंदा नदी नर्मदा नदी में मिलती है? क्या वेदा नदी पर बेहरामपुर टेमा और सुल्तानपुर में बैराज बनाकर किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा सकता है? यदि हाँ तो क्या बैराज और स्टॉप डेम बनाए जाएंगे यदि हाँ तो कब तक बनावे जाएंगे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कुंदा नदी पर पूर्व से ही 07 श्रृंखलाबद्ध स्टॉप डैम निर्मित हैं। जिनसे किसानों को सिंचाई में लाभ मिल रहा है। इनके अतिरिक्त खरगोन के समीप ग्राम नवलपुरा खेड़ी में नवलखेड़ी बैराज चिन्हित है। भसनेर/खरगोन में कुंदा नदी पर पूर्व से निर्मित 07 स्टॉप डैम में से 01 स्टॉप डैम निर्मित है। इसके अतिरिक्त अन्य स्टॉप डैम/बैराज के निर्माण का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जी हाँ। खरगोन विधान सभा क्षेत्र में बहने वाली वेदा नदी आगे जाकर कुंदा नदी में एवं कुंदा नदी नर्मदा नदी में मिलती है। जी हाँ। बहरामपुर टेमा एवं सुल्तानपुर में सुल्तानपुर बैराज चिन्हित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल में स्टॉफ की कमी
[श्रम]
94. ( क्र. 1173 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल सोनागिरी भोपाल में मेडिकल, पैरामेडिकल एवं अन्य स्टॉफ के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? श्रेणीवार स्पेशलिस्ट पदों सहित एवं उनके विरूद्ध कितने लोग कार्यरत हैं और कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पताल प्रबंधन ने विगत 5 वर्षों में पदों की पूर्ति हेतु कर्मचारी राज्य बीमा निगम मुख्यालय को कब-कब मांग हेतु पत्र लिखा एवं उन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? प्रेषित पत्रों की प्रतिलिपियां देते हुये जानकारी दी जाये। (ग) क्या स्पेशलिस्ट डाक्टरों के अभाव में बीमा धारकों को समुचित इलाज नहीं मिल रहा है? यदि नहीं, तो इनके लिये क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कर्मचारी राज्य बीमा सेवाये का अस्पाताल सोनगिरी भोपाल में मेडिकल (राजपत्रित श्रेणी) स्पेशलिस्ट पदों सहित एवं पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ (अराजपत्रित श्रेणी) के स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, कर्मचारी राज्य बीमा निगम को कोई मांग पत्र नहीं लिखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चिकित्सालय में स्वीकृत विशेषज्ञों के पदों की पूर्ति के अभाव में जो द्वितीय चिकित्सा सेवायें विभागीय चिकित्सालयों में अनुपलब्ध है उसके लिये निजी क्षेत्र के चिकित्सालयो को सी.जी.एच.एस. दर पर अनुबंध कर इन चिकित्सालयों में बीमित हितग्राहियो को संदर्भित कर कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
भोपाल जिले में डायवर्सन शुल्क की वसूली
[राजस्व]
95. ( क्र. 1174 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल जिले में डायवर्सन शुल्क चुकाये बिना भवन निर्माण किये जाने के कितने प्रकरण/शिकायतें बिल्डरों के विरूद्ध प्रचलन में हैं? प्रकरणों की जानकारी डायवर्सन अनुज्ञा दिये जाने की तिथि सहित दी जाये। (ख) क्या डायवर्सन शुल्क की अदायगी के अभाव में नगर निगम भोपाल द्वारा भवन अनुज्ञा दिये जाने का प्रावधान है? नियम की प्रतिलिपि दी जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में डायवर्सन शुल्क की वसूली कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल जिले में डायवर्सन शुल्क चुकाये बिना भवन निमार्ण किये जाने के कुल 2024 प्रकरण बिल्डर/आम नागरिकों के विरूद्ध प्रचलन में है। जो न्यायालयीन प्रक्रिया से निराकृत किये जा रहे है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 अंतर्गत डायवर्सन की अनुज्ञा देने का कोई प्रावधान वर्तमान में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित प्रकरणों में डायवर्सन शुल्क की वसूली नियमानुसार की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध निर्माण एवं शासकीय भूमि से अतिक्रमण का हटाया जाना
[राजस्व]
96. ( क्र. 1175 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल, जबलपुर, इंदौर एवं ग्वालियर जिले में अवैध निर्माण एवं शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो अवैध निर्माणकर्ताओं एवं अतिक्रमणकारियों का नाम, पता बताते हुये उनके द्वारा किये गये अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण की जानकारी दी जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये है यदि हाँ, तो उसका भी विवरण दिया जाये।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। भोपाल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक, जबलपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, इंदौर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन तथा ग्वालियर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्तियों के विरूद्ध भोपाल, जबलपुर एवं इन्दौर जिलों में आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए तथा ग्वालियर जिले में दर्ज किए गए आपराधिक प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है।
कूटरचित तरीके से आदिवासियों की भूमि का क्रय
[राजस्व]
97. ( क्र. 1179 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के अंतर्गत ग्राम जमोड़ीकलां तहसील गोपदबनास के निवासी स्व. श्री बल्देव सिंह गोंड एवं स्व. श्री सुदर्शन सिंह गौड़ (आदिवासी) की भूमि श्री मनीष कुन्देर एवं श्री रजनीश कुन्देर (पिछड़ा वर्ग) द्वारा कूटरचित अनुसूचित जनजाति के प्रमाण-पत्र के आधार पर छल व कपटपूर्ण तरीके से क्रय की गयी है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण के साथ जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कलेक्टर जिला सीधी (म.प्र.) ने प्रकरण की जाँच की जाकर जाँच प्रतिवेदन राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग भोपाल एवं राज्य छानबीन समिति भोपाल को प्रेषित किया है जिनमें स्पष्ट उल्लेख है कि श्री मनीष एवं रजनीश कुन्देर द्वारा विभिन्न कार्यालय/न्यायालय के नाम से कोंदर जाति का कूटरचित अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण-पत्र स्वयं तैयार कर आदिवासियों की भूमियों का छल व कपटपूर्ण क्रय-विक्रय पत्र का निष्पादन अपने पक्ष में कराया है, इसलिए दोनों व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्र निरस्त किये जाने हेतु अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या उक्त दोनों जाति प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिये गये है? यदि हाँ, तो उनकी प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, किये गये हैं तो कारण सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त दोनों जाति प्रमाण-पत्र कब तक निरस्त कर आदिवासियों की भूमि उन्हें वापस कर दी जावेगी? कूटरचित अनुसूचित जानजाति का फर्जी जाति प्रमाण-पत्र तैयार करने वाले उक्त दोनों व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। श्री रजनीश कोंदार पिता रामलखन कोंदार ने अपने आपको कोंदार जाति का होने संबंधी प्रमाण-पत्र आदिम जाति कल्याण विभाग सीधी से तैयार कराते हुए स्वयं को ग्राम जमोड़ी सेगरान तहसील गोपद बनास जिला सीधी का निवासी बताकर भू-स्वामी बल्देव सिंह पिता गजाधर सिंह गोंड़ से ग्राम जमोड़ी कला की पुराना आराजी क्रमांक 468/2 नया आराजी क्रमांक 449 रकबा 3.116 हे. का अंश रकवा 1.093 हे. (2.70 एकड़) भूमि क्रय किया गया, जिसकी उप पंजीयक कार्यालय में विक्रय पत्र क्रमांक 345 दिनांक 26.05.1998 हैं। इसी प्रकार से मनीष कुन्देर पिता रामलखन कुन्देर ने उप पंजीयक कार्यालय सीधी में पंजीकृत विक्रय पत्र क्रमांक 2762 दिनांक 22.03.1999 को ग्राम जमोड़ी कला की भूमि क्रमांक 447 रकवा 2.934 हे. में से अंश रकवा 2.004 हे. (5.00 एकड़) भूमिस्वामी सुदर्शन सिंह गोंड़ से कूटरचित जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर क्रय लिया। (ख) माननीय अनुसूचित जनजाति आयोग से प्राप्त शिकायत की जाँच करायी जाकर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 629/परिवाद/2020 सीधी दिनांक 13.08.2020 द्वारा अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार नई दिल्ली एवं पत्र क्रमांक 556/परिवाद/ 2020 सीधी दिनांक 21 जुलाई, 2020 द्वारा सचिव, म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग भोपाल तथा पत्र क्रमांक 555/परिवाद/2020 सीधी दिनांक 21 जुलाई 2020 द्वारा सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल की ओर भेजा जा चुका हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) जाति प्रमाण-पत्र निरस्ती के संबंध में, यथोचित जाँच उपरान्त राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा निर्णय लिए जाने पर, कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जाति प्रमाण-पत्र निरस्त किए जाने की कार्यवाही हो सकेगी। प्रकरण में उपखण्ड अधिकारी गोपद बनास सीधी द्वारा उक्त व्यक्तियों के विरुद्ध संहिता की धारा (170-ख) अन्तर्गत प्रकरण क्रमांक 8/अ-23/2018-19 प्रचलनशील हैं तथा उनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही हेतु दिनांक 15.11.2019 द्वारा थाना प्रभारी, जमोडी़ को पत्र लेख किया गया हैं।
शासकीय भूमि का पट्टा जारी किया जाना
[राजस्व]
98. ( क्र. 1181 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के तहसील मझौली एवं मड़वास के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश शासन की भूमि कितनी थी? जिसमें से वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में मध्यप्रदेश शासन की भूमि कितनी शेष बची है? वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में मध्यप्रदेश शासन की चरोखर, वन भूमि एवं पोखर तालाब के लिये आरक्षित भूमियों को भूमि स्वामित्व प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व प्रकरण क्र. 117/अ-47/17-18 के द्वारा तहसीलदार मझोली/मड़वास के द्वारा शासकीय भवन का भूमि स्वामित्व जारी करने का आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण के साथ जानकारी एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकरण क्र. 0011/अ-74/17-18 दिनांक 14/12/2019 व राजस्व प्रकरण क्रमांक 0012/अ-74/17-18 दिनांक 14/12/2019 के द्वारा आरक्षित भूमियों का भूमि स्वामित्व प्रदान किया गया है? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण आदेश की प्रति के साथ उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकरण क्रमांक 23/ए-74/17-18, क्रमांक 215/अ-74/19-20, क्रमांक 230/अ-74/19-20, क्रमांक 123/अ-74/19-20, क्रमांक 215/अ-74/19-20, क्रमांक 205/अ-74/19-20, क्रमांक 14-अ/74/17-18, क्रमांक 298/अ-74/19-20 एवं क्रमांक 293/अ-74/19-20 उक्त प्रकरणों के द्वारा शासकीय जमीनों का भूमि स्वामित्व प्रदान किया गया है? क्या आरक्षित जमीनों का पट्टा देने का अधिकारी तहसीलदार को है? यदि नहीं, तो किस नियम के तहत पट्टा दिया गया है? नियम विरूद्ध पट्टा देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें एवं समय-सीमा भी बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सीधी जिले की तहसील मझौली अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 15296.27 हे. शासकीय भूमि थी तथा वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में भी 15296.27 हे. भूमि दर्ज हैं। म.प्र. शासन की किसी भी चरोखर, वन भूमि एवं पोखर तालाब के लिए आरक्षित भूमि को उक्त अवधि में अभिलेख में निजी भूमि दर्ज नहीं किया गया हैं। (ख) प्रकरण क्रमांक 117/अ-47/2017-18 न्यायालय तहसीलदार मझौली में दर्ज होना नहीं पाया हैं। (ग) प्रकरण क्रमांक 0011/अ-74/2017-18 में तहसीलदार मझौली द्वारा प्रकरण क्रमांक 26/अ-19 (2)/1994-95 में पारित आदेश दिनांक 15.06.1995 के तहत ग्राम चमराडोल की भूमि खसरा क्रमांक 1070 रकबा 0.04 हे. एवं 1299 रकबा 0.22 हे. को मध्यप्रदेश शासन के स्थान पर पंचम पिता जगन्नाथ भुर्तिया निवासी ग्राम चमराडोल के भूमिस्वामित्व में दर्ज करने का आदेश किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। राजस्व प्रकरण क्रमांक 0012/अ-74/2017-18 में राजमणि बैगा पिता बलदेव बैगा सा. पोड़ी बनाम परदेश पिता भगन्ता कोल सा. पोड़ी से संबंधित था जिसमें तत्कालीन तहसीलदार मझौली के आदेश दिनांक 12.01.2018 द्वारा दावा अस्वीकार किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्णित प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार है:- 1. प्र.क्र. 23/अ-74/2017-18 में तहसीलदार मझौली द्वारा प्र.क्र. 16/अ-19 (2)/1995-96 पारित आदेश दिनांक 20.12.1995 के अनुसार शासकीय भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है। 2. प्र.क्र. 215/अ-74/2019-20 में तहसीलदार मझौली द्वारा बिना मूल प्रकरण तलब किये प्रकरण क्रमांक 78/अ-19 (2)/1999-2000 पारित आदेश दिनांक 28.08.2000 के अनुसार शासकीय भूमि निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 3. प्र.क्र. 230/अ-74/2019-20, में वर्णित भूमि स्वामित्व स्वत्व की भूमि है जिसमें भूमि स्वामी पवन द्विवेदी पिता मोहन लाल द्विवेदी दर्ज अभिलेख है। उक्त प्रकरण नक्शा तर्मीम से संबंधित होकर शासकीय भूमि से संबंधित नहीं है। 4. प्र.क्र. 123/अ-74/2019-20, में तहसीलदार मझौली द्वारा बिना मूल प्रकरण तलब किये, प्र.क्र. 1219/अ-74/2004-05 पारित आदेश दिनांक 03.09.2005 के अनुसार शासकीय भूमि निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है। जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 5. प्र.क्र. 205/अ-74/2019-20 में पक्षकार अखिलेश कुमार सोनी द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था कि ग्राम ताला की आराजी क्रमांक 1355 रकबा 0.097 हे. उसकी पैतृक भूमि है जो वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन दर्ज अभिलेख है। तहसीलदार मझौली द्वारा पारित आदेश दिनांक 22.10.2019 द्वारा आवेदक के नाम अभिलेख सुधार का आदेश पारित किया गया है, जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 6. प्र.क्र. 14/अ-74/2017-18 में पारित आदेश दिनांक 08.02.2018 के द्वारा आवेदक अधिवक्ता द्वारा प्रकरण वापस लिया गया है। 7. प्र.क्र. 298/अ-74/2019-20 में तहसीलदार मझौली द्वारा बिना मूल प्रकरण तलब किये प्र.क्र. 53/अ-74/2005-06 आदेश दिनांक 05.12.2005 के अनुसार शासकीय भूमि निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है। जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। 8. प्र.क्र. 293/अ-74/2019-20 में तहसीलदार मझौली द्वारा मूल प्रकरण क्रमांक 60/अ- 19 (2)/1995-96 द्वारा पारित आदेश दिनांक 16.02.1996 के अनुसार शासकीय भूमि निजी स्वत्व में दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है, जिसका अभिलेख अमल नहीं किया गया है। खसरे में दर्ज आरक्षित भूमि का पट्टा देने की अधिकारिता तहसीलदार को प्रदत्त नहीं है। अधिकाशंतः प्रकरणों में मध्यप्रदेश कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग की जा रही दखल रहित भूमि पर भूमिस्वामी अधिकारों का प्रदाय किया जाना (विशेष उपबन्ध) अधिनियम 1984 के तहत पट्टे प्रदान किये गये थे। जिनका अभिलेख अमल करने के लिए तत्कालीन तहसीलदार मझौली द्वारा उपरोक्त प्रकरणो में आदेश पारित किये गये है। पट्टा जारी होने के इतने वर्षों बाद अभिलेख अमल हेतु कार्यवाही किया जाना संदेहास्पद होने से जारी पट्टों की वैधता के परीक्षण हेतु कलेक्टर न्यायालय में कार्यवाही प्रचलनशील है। जाँच में जारी पट्टे एवं अभिलेख सुधार की कार्यवाही अवैध पाये जाने की दशा में सर्व-संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कि जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
दखल रहित भूमि की जानकारी
[राजस्व]
99. ( क्र. 1193 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 की किस धारा में दखल रहित भूमि से संबंधित क्या प्रावधान दिए हैं? किस धारा के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को नियम अधिसूचित किए, किस धारा किस नियम में किस दिनांक को क्या संशोधन अधिसूचित किए गए? (ख) दखल रहित भूमियों को भू राजस्व संहित की किस-किस धारा में दिए गए किस-किस अधिकार के तहत भा.व.अ. 1927 की धारा 29 धारा 4 एवं धारा 20 के अनुसार संरक्षित वन, प्रस्तावित वन एवं आरक्षित वन अधिसूचित किया जा सकता है? (ग) दखल रहित भूमियों का वन विभाग को आवंटन किए जाने एवं दखल रहित भूमियों का वन विभाग को कब्जा सौंपे जाने का अधिकार भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में किस अधिकारी को दिया गया है? (घ) धार एवं बैतूल जिले के कितने ग्रामों को कितनी दखल रहित भूमियों पर वर्तमान में वन विभाग का कब्जा है? उस कब्जे को हटाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अध्याय 18 दखल रहित भूमि से संबंधित प्रावधान म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 संसोधन अधिनियम 2020 में निम्नलिखित प्रावधान है- (1) धारा-233 अभिलेख बनाने संबंधी प्रावधान (अधिनियम क्रमांक 23, वर्ष 2018 द्वारा प्रतिस्थापित) (2) धारा-234 निस्तार पत्रक तैयार किया जाना (अधिनियम क्रमांक 23, वर्ष 2018 द्वारा प्रतिस्थापित) (3) धारा-235 विषय जिनके लिये निस्तार पत्रक में उपबंध किया जाएगा। (4) धारा-236 निस्तार पत्रक में कतिपय विषय के लिये उपबंध (5) धारा-237 निस्तार अधिकारियों के प्रयोगों के लिये कलेक्टर द्वारा भूमि को पृथक रखा जाना (अधिनियम क्रमांक 42, वर्ष 2011 द्वारा संशोधित) (6) धारा-238 दूसरे ग्राम की बंजर भूमि में अधिकार (7) धारा-239 दखल रहित भूमि में रोपित फलदार वृक्षों एवं अन्य वृक्षों में अधिकार (अधिनियम क्रमांक 23, वर्ष 2018 द्वारा संशोधित) (8) धारा-243 आबादी एवं धारा- 244 आबादी स्थलो का आवंटन (अधिनियम क्रमांक 23, वर्ष 2018 द्वारा प्रतिस्थापित) (9) धारा-246 आबादी में गृह स्थल धारण करने वाले व्यक्तियों का अधिकार (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित वर्ष 2018 में ऐसा कोई प्रावधान, प्रावधानित नहीं है। (ग) उत्तराश (ख) अनुसार ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (घ) बैतूल जिले की तहसील बैतूल के ग्राम झगडिया का रकबा 115.295 हे. एवं ग्राम टिकारी का रकबा 197.866 हे. पर वन विभाग का पूर्व से कब्जा चला आ रहा है, ग्राम टिकारी के ख0न0 32, 72,73, 129, 138, 140, 154, 924, 925, सर्वे डिमार्केशन में कुल रकबा 87.71 एकड शामिल किया गया है एवं उक्त भूमि पर वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण का कार्य किया गया है तथा तहसील घोडाडोगरी के ग्राम खैरवानी का रकबा 23.002 हे. पर वन विभाग का पूर्व से कब्जा चला आ रहा है। धार जिले में दखल रहित भूमि पर वन विभाग द्वारा कब्जा किया जाना प्रकाश में नहीं आया है अतः जानकारी निरंक है I वन राजस्व भूमि विवादो का निराकरण हेतु गठित टास्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सीमांकन का आदेश
[राजस्व]
100. ( क्र. 1194 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले के बड़वाह अनुविभागीय अधिकारी द्वारा ग्राम मोयदा की निजी भूमि के सीमांकन हेतु क्रमांक 4431/री-1/20 दिनांक 27/10/2020 दिए जाने के बाद भी संयुक्त सीमांकन प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया? (ख) शासकीय अभिलेखागारों में ग्राम मोयदा की किस वर्ष की मिसल बंदोबस्त, खतौनी पंजी, खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र उपलब्ध है? उसमें कितनी निजी भूमि कितनी निस्तार मद की भूमि एवं कितनी जंगल मद की भूमि दर्ज बताई है? उनमें से कितनी भूमि को आरक्षित वन बनाने से संबंधित भा.व.अ. 1927 की धारा 3 से 19 तक के अनुसार क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) ग्राम मोयदा के पटवारी मानचित्र एवं मोयदा वनकक्ष क्रमांक 246 के मानचित्र पर आधारित आदेश दिनांक 27/10/2020 के अनुसार संयुक्त सीमांकन की कार्यवाही किस-किस दिनांक को की गई? कब तक सीमांकन किया जाकर प्रश्नकर्ता को सीमांकन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करवाई जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, अनुविभागीय अधिकारी के पत्र क्रमांक 4431/रीडर 1/20 दिनांक 27-10-2020 से राजस्व विभाग एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त सीमांकन किये जाने हेतु दल गठित किया गया था गठित दल द्वारा वन ग्राम मोयदा के सम्पूर्ण वन ग्राम अथवा शिकायतों के संबंध में सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) शासकीय अभिलेखागार में ग्राम मोयदा की मिसल बंदोबस्त वर्ष 1948 एवं 1949 की उपलब्ध है। निजी भूमि 137.091 हे. निस्तार मद की भूमि 37.438 हे., जंगल मद की भूमि 32.953 हे. है, पटवारी मानचित्र उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में कार्यालय में संधारित अभिलेख अनुसार भा. व.अ.नि. 1927 की धारा 3 से 19 तक के अनुसार वन व्यवस्थापन एवं आरक्षित वनो के संबंध में वन व्यवस्थापन को लेकर कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया गया होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पत्र क्रमांक 4431/रीडर 1/20 दिनांक 27-10-2020 से राजस्व विभाग एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त सीमांकन हेतु दल गठित किया गया था गठित दल द्वारा वन ग्राम मोयदा के सम्पूर्ण वन ग्राम अथवा शिकायतो के संबंध में सीमांकन किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
101. ( क्र. 1200 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन एवं अन्य के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्तर पर लंबित हैं? विधानसभावार बतावें। (ख) 6 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की जानकारी भी विधानसभावार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अनूपपुर में नामांतरण, फौती नामांतरण, बटवारा, सीमांकन एवं अन्य के प्रकरण प्रश्न दिनांक तक विधानसभावार निम्नानुसार लंबित हैः-
विधान सभा |
नामांतरण |
फौती नामांतरण |
बटवारा |
सीमांकन |
अन्य |
अनूपपुर |
529 |
99 |
353 |
129 |
636 |
कोतमा |
497 |
142 |
267 |
177 |
180 |
पुष्पराजगढ़ |
391 |
125 |
295 |
07 |
195 |
उक्त प्रकरण साक्ष्य, सत्यापन, सेजरा प्रस्तुति एवं दस्तावेज प्रस्तुति के स्तर में लंबित है। (ख) 6 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणो की विधानसभा वार जानकारी निम्नानुसार है:-
विधान सभा |
नामांतरण |
फौती नामांतरण |
बटवारा |
सीमांकन |
अन्य |
अनूपपुर |
205 |
18 |
191 |
67 |
424 |
कोतमा |
139 |
- |
120 |
09 |
- |
पुष्पराजगढ़ |
81 |
17 |
107 |
01 |
67 |
(ग) लंबित प्रकरणो में विचाराधीन न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार अविलंब निराकरण किया जाता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अनूपपुर जिले में गेहूँ का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
102. ( क्र. 1203 ) श्री सुनील सराफ : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में अनूपपुर जिले में कितने कृषकों से कितनी मात्रा में गेहूँ का उपार्जन किया गया? विधानसभावार कृषक संख्या, गेहूँ की मात्रा सहित वर्षवार देंवे। प्रत्येक उपार्जन स्थल का नाम, उपार्जित मात्रा (गेहूँ) सहित विधान सभा क्षेत्रवार देवें। (ख) अनूपपुर जिले में उपरोक्त अवधियों में भण्डारण स्थलों पर कितना गेहूँ लिया गया इसकी जानकारी भण्डारण स्थलवार, गेहूँ की मात्रा सहित विधान सभावार वर्षवार देवें। प्रत्येक भण्डारण स्थल की जमा पर्ची की जानकारी वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ग) क्या उर्पाजन केंद्र पर गेहूं की मात्रा एवं भण्डारण स्थल पर प्राप्त गेहूँ की मात्रा में असमानता पाई गई है? यदि हाँ तो ऐसे किन-किन स्थानों पर हुआ है? उनके नाम देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार ऐसी अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2018-19 में 747 कृषकों से 21183 क्विंटल तथा वर्ष 2019-20 में 857 कृषकों 19654.50 क्विंटल गेहूं का उपार्जन किया गया है। विधानसभावार उपार्जन केन्द्रों पर कृषक संख्या एवं उपार्जित गेहूं की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले में वर्ष 2018-19 में 21181.81 क्विंटल तथा वर्ष 2019-20 में 19654.50 क्विंटल गेहूँ भंडारण स्थल पर जमा कराया गया है। विधानसभा क्षेत्रवार एवं भंडारण स्थलवार गेहूं की जमा मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2018-19 में उपार्जन केन्द्र फुनगा पर 0.69 क्विंटल तथा उपार्जन केन्द्र बेनीबारी पर 0.50 क्विंटल का उपार्जित एवं जमा मात्रा में अंतर पाया गया। वर्ष 2019-20 में उपार्जित एवं जमा मात्रा में कोई अंतर नहीं पाया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उपार्जित एवं जमा मात्रा में पाया गया अंतर नगण्य होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्थर व रेत की संचालित खदानें
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 1206 ) श्री राम दांगोरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना में कुल कितनी पत्थर व रेत की खदानें हैं और कितनी खदानों में उत्खन्न कार्य चल रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या चालू खदानों के सभी प्रकार के अनुमति के प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायेंगे? (ग) कुल कितनी खदानों पर जुर्माना लगा है, कितना लगा है और कितना कम हुआ है और क्यों हुआ है? (घ) क्या किसी अवैध खदान पर एफ.आई.आर. हुई है या सिर्फ जाँच चल रही है? जाँच क्या सालों तक चलेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में रेत खनिज की खदान स्वीकृत नहीं है। पत्थर खनिज के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) स्वीकृत उत्खनिपट्टे में से 02 उत्खनिपट्टों पर रूपये 48,000/- का अर्थदण्ड लगाया गया है। इसे कम नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र से खण्डवा नगर हेतु बसों का संचालन
[परिवहन]
104. ( क्र. 1207 ) श्री राम दांगोरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र से खण्डवा नगर में कुल कितनी दिशाओं से और कितने परिवहन के मार्ग हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र से प्रतिदिन लगभग 5000 विद्यार्थी खण्डवा आते हैं एस.एन. कालेज से पुराना बस स्टैण्ड पास है? क्या पंधाना विधान सभा से आने वाली बसों को पुराने बस स्टैण्ड पर ही स्थाई स्टैण्ड के रूप में खड़े रहने के लिये आदेशित करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र से खण्डवा नगर में प्रवेश के 4 दिशाओं से परिवहन के मुख्य चार मार्ग है जो निम्नानुसार हैः- (1) छैगांव माखन-खण्डवा मार्ग, (2) डूल्हार फाटा-खण्डवा मार्ग, (3) देडतलाई -खण्डवा मार्ग, (4) कालमुखी -खण्डवा मार्ग। (ख) जी हाँ एस एन कालेज पुराने बस स्टैण्ड के पास है। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक दिनांक 11/01/2021 में लिये निर्णयानुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 4 मार्गों में से केवल देडतलाई-खण्डवा मार्ग की बसें पुराने बस स्टैण्ड से संचालित हो रही है एवं वहां खडी होती है शेष 3 मार्गों में सें (1) छैगांव माखन-खण्डवा मार्ग (2) डूल्हार फाटा-खण्डवा मार्ग की बसें नवीन बस स्टैण्ड से संचालित हो रही है एवं कालमुखी-खण्डवा मार्ग की बसें शिवाजी चैक बस स्टैण्ड से संचालित हो रही है। पंधाना विधान सभा से आने वाले चार मुख्य मार्गों में से देडतलाई खण्डवा मार्ग को छोड़कर अन्य तीन शेष मार्गों की बसों का पुराने बस स्टैण्ड से संचालन एवं खड़े रहने संबंधी कोई आदेश जिला प्रशासन के स्तर पर लंबित नहीं है।
बड़वानी, खरगोन जिले में गेहूँ परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 1215 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में बड़वानी, खरगोन जिलों में उपार्जन केन्द्रों से गेहूँ का परिवहन किनके द्वारा करवाया गया? वाहन नंबर, परिवहनकर्ता (टेंडर चयनित) नाम सहित वर्षवार, जिलावार देवें। (ख) इन परिहवनकर्ताओं ने उपार्जन स्थल से भंडारण स्थल तक जो गेहूँ पहुँचाया उसकी मात्रा, दूरी की जानकारी प्रति वाहनानुसार जिलावार देवें। (ग) इसके लिये इन्हें कितना भुगतान किया गया? परिवहनकर्ता नाम, राशि दर सहित प्रत्येक आवागमन की जानकारी के साथ देवें। (घ) संबंधित का अकाउंट नंबर, T.D.S. कटौत्रे की जानकारी भी साथ में देवें। यदि T.D.S. नहीं काटा गया तो इसका कारण भी बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़वानी, खरगोन जिलों में गेहूँ उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
106. ( क्र. 1216 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में बड़वानी, खरगौन जिलों में कितने कृषकों से कितनी मात्रा में गेहूँ का उपार्जन किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार, जिलावार, कृषक संख्या, गेहूँ की मात्रा उपार्जन स्थलवार वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्त अवधियों में उपरोक्त जिलों में भंडारण स्थलों पर जिन केंद्रों से गेहूँ लिया गया इसकी जानकारी भंडारण स्थलवार, गेहूँ की मात्रा सहित विधानसभा क्षेत्रवार, जिलावार देवें। प्रत्येक भंडारण स्थल की जमा पर्ची की प्रमाणित प्रति भी इसी अनुसार साथ में देवें। (ग) क्या उपार्जन केंद्र पर गेहूँ की मात्रा एवं भंडारण स्थल पर प्राप्त गेहूँ की मात्रा में असमानता पाई गई है? यदि हाँ तो ऐसा किन-किन स्थानों पर हुआ है? (घ) प्रश्न (ग) अनुसार ऐसी अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों पर कार्यवाही
[श्रम]
107. ( क्र. 1221 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रेसीम इंडस्ट्रीज नागदा जंक्शन जिला उज्जैन के कितने अधिकारी कब से फरार घोषित किए गए हैं? न्यायालय नाम, अधिकारी नाम सहित बतावें। (ख) इनकी गिरफ्तारी कब तक की जाएगी? (ग) प्र.क्र. 679 दि. 30-12-2020 के (ग) उत्तर अनुसार दायर प्रकरणों में दोषी पाए गए अधिभोगी एवं प्रबंधकों पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इस ओर ध्यान न देकर दोषियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कारखाना ग्रेसिम इण्डस्ट्रिज लि. नागदा जंक्शन जिला उज्जैन के अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत चल रहे प्रकरणों में वर्तमान में कोई भी अधिकारी फरार घोषित नहीं है। शेष के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) न्यायालय में वर्तमान में चल रहे प्रकरणों में कोई भी अधिभोगी एवं प्रबंधक फरार घोषित नहीं होने से गिरफ्तारी का प्रश्न नहीं है। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 679, दिनांक 30.12.2020 के (ग) के उत्तर में उल्लेखित प्रकरण क्रमांक 2549/10 एवं प्रकरण क्रमांक 6580/10 कारखाना अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध विभाग द्वारा पूर्ण कार्यवाही करते हुए माननीय न्यायालय में उनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दायर किये गये थे। इन प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा कारखाने के अधिभोगी एवं प्रबंधक को दोषी पाए जाने पर क्रमश: कुल रूपये 25000/- अर्थदण्ड दिनांक 24/01/2020 तथा कुल रूपये 75000/- अर्थदण्ड दिनांक 24/01/2020 को किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार विभाग द्वारा कारखानें के अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायलय में परिवाद दायर करने एवं न्यायालय द्वारा अर्थदण्ड से दण्डित करने से विभागीय अधिकारी द्वारा पूर्ण कार्यवाही की गयी है। अत: अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही किए जाने का प्रश्न नहीं है।
क्षिप्रा रेसीडेंसी कॉलोनी मिड टाउन डेवलपर्स में भूमि क्रय
[राजस्व]
108. ( क्र. 1222 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत क्षिप्रा रेसीडेंसी कॉलोनी ग्राम सेकाखेड़ी नारायण रोड़, मिड टाउन डेवलपर्स जिसके सर्वे नंबर 35, 36,37,38,39,40,41/1,42, 43/1, 45, 46/1, 46/2, 47, 50/1, 51/2 में जिन लोगों ने भूमि क्रय की है, उनके नाम, पते की जानकारी देवें। (ख) इनके द्वारा करवाई गई रजिस्ट्री की छायाप्रति प्रकरणवार देंवे। (ग) क्या रेरा के नियम पालन न करने के कारण ये रजिस्ट्रियां निरस्त की जा सकी है? यदि हाँ तो कब तक कर दी जाएगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत क्षिप्रा रेसीडेंसी कॉलोनी ग्राम सेकाखेड़ी नारायण रोड़, मिड टाउन डेवलपर्स जिसके सर्वे नंबर 35, 36, 37, 38, 39, 40, 41/1, 42, 43/1, 45, 46/1, 46/2, 47, 50/1, 51/2 में जिन लोगों ने भूमि क्रय की है, उनके नाम, पते की जानकारी उपपंजीयक महिदपुर से ली गई जो निम्नानुसार है:- क्र. नाम पता 1 चंद्रशेखर, श्रेणिककुमार पिता रखबचंद जाति जैन 26, जवाहर मार्ग महिदपुर। 2 मंजूला पिता नवीन जी हनुक जाति ईसाई 62, गांधी मार्ग महिदपुर। 3 जगदीश पिता शांतिलाल पोरवाल रेल्वे कॉलोनी, महिदपुर रोड। (ख) उत्तर (क) अनुसार तीन रजिस्ट्रियां संपादित की गई है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त रजिस्ट्रियां रेरा अधिनियम 2016 के लागू होने के पूर्व की होने एवं इस अधिनियम के प्रावधान उपभोक्ता पर पूर्ववर्ती प्रभाव से लागू नहीं होने के कारण निरस्त नहीं की जा सकी है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
गरीबी एवं अतिगरीबी कार्डधारकों की समस्याएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 1229 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने राशन कार्ड गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों के बने है? पंचायतवार, संख्यात्मक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने कार्डधारकों को राशन मिल रहा है, कितने कार्डधारकों को राशन नहीं मिल रहा? जिन कार्डधारकों को राशन नहीं मिल रहा है, उनकी समस्याओं का निराकरण कब तक कर लिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 53521 राशनकार्डधारक है। पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में उक्त विधानसभा के अंतर्गत 52535 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन सामग्री दी जा रही है। शेष 986 परिवार हैं इन परिवारों द्वारा आवेदन करने पर सत्यापन उपरांत पात्र पाए जाने पर भारत सरकार की निर्धारित सीमा में पात्रता पर्ची प्रदान करने की प्रक्रिया सतत है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र हितग्राही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
110. ( क्र. 1238 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची वितरण के संबंध में क्या निर्देश हैं? (ख) दिसम्बर 2020 की स्थिति में जिला मुरैना में किन-किन पात्र परिवार को पात्रता पर्ची का वितरण नहीं किया गया हैं तथा क्यों? (ग) पात्रता पर्ची पर क्या-क्या सामग्री किस दर पर मिलती है? जिला मुरैना को क्या-क्या सामग्री किस-किस दर पर दी जा रही हैं? कब तक पात्रता पर्ची का विवरण किस आधार पर कैसे करवायेगें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत अधिसूचित अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता परिवार श्रेणियों में वैध पात्रताधारी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी वितरण किये जाने की व्यवस्था है। आवेदक परिवार द्वारा ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय में पात्रता संबंधी वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर उसकी पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या सीमा तक वैध पात्रताधारी परिवारों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी कर उनका वितरण कराया जाता है। (ख) दिसम्बर 2020 की स्थिति में जिला मुरैना में सभी वैध पात्रताधारी परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पात्रता पर्ची पर प्राथमिकता श्रेणी व AAY श्रेणी के परिवारों को गेहूं 1 रू. प्रति किलो, चावल 1 रू. प्रति किलो, नमक 1 रू. प्रति किलो, केरोसीन कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर तथा AAY परिवार को शक्कर 20 रू. प्रति किलो, प्रति परिवार प्रदाय की जाती है। मुरैना जिले में भी इन्हीं दरों पर राशन सामग्री प्रदाय की जा रही है। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार वैध पात्रताधारी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर उनका वितरण कराया जाना एक सतत प्रक्रिया है।
मार्गों के राजस्व नक्शे में दर्ज किया जाना
[राजस्व]
111. ( क्र. 1248 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गुजरने वाले मार्ग जैसे राष्ट्रीय राज मार्ग, राज्यमार्ग, मुख्य जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग, ग्रामीण मार्ग जो वर्षों से निर्मित हैं, को क्या राजस्व नक्शे में दर्ज किया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? कब तक इन्हें दर्ज कर दिया जायेगा? नक्शे की प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
रेत खदानों एवं क्रेशर की जानकारी
[खनिज साधन]
112. ( क्र. 1249 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में वर्तमान में कितनी रेत खदाने चल रही हैं? उक्त खदान कब से प्रारम्भ हुई है एवं कब तक इनकी समयावधि पूर्ण होगी? उक्त खदान प्राप्त करने वाली कम्पनियों संविदाकारों ने किन-किन शर्तों के आधार पर इन्हें प्राप्त किया था? अब तक कितना राजस्व सरकार के खजाने में सीधी जिले से इन रेत खदानों के माध्यम से जमा किया गया है? इनके द्वारा किस अधिकार से सीधी जिले में जगह-जगह नाके लगाये गये हैं? सरकारी आदेश की प्रति संलग्न करें। (ख) सीधी जिले में नियमों का पालन न करने वाले कितने क्रेशर संचालकों पर पिछले 3 वर्षों में कार्यवाही हुई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सीधी जिले में वर्तमान में चल रही रेत खदानों की अवधि/राजस्व प्राप्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत उक्त खदानें कम्पनियों/संविदाकारों को प्रदाय किया गया है। मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय भोपाल के द्वारा पत्र क्रमांक 2020/623 दिनांक 22/02/2020 से जिले में जाँच नाका स्थापित करने के निर्देश प्रदान किये गये है, जिसके अनुपालन में जिले में कुल 9 रेत जाँच नाका स्थापित किया गया है। (ख) सीधी जिले में नियमों का पालन न किये जाने पर कुल 08 क्रेशर संचालकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
मढीखेड़ा एवं मोहिनी बांध पर लगे उपकरणों का मेन्टीनेन्स
[जल संसाधन]
113. ( क्र. 1257 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला स्थित सिन्ध नदी में बने मोहनी बांध एवं मढीखेड़ा बांध से निकलने वाली नहरों की लंबाई अथवा लागत क्या है तथा उक्त नहरों से गांवों को सिंचाई का लाभ दिया जाता है? ग्रामवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की नहरों/बांधों में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक नहर मरम्मत व मोटर पम्प तथा अन्य उपकरणों के रख-रखाव व मरम्मत के लिये कितनी-कितनी राशि का बजट दिया गया है? प्राप्त बजट से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से कराये गये व मरम्मत मेन्टीनेन्स में कितना व्यय किया गया? की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की नहरों एवं अवधि में कब-कब कितना-कितना पानी छोड़ा गया है? स्थानीय कृषकों से पानी उपकर के नाम पर राशि प्राप्त की गई है? विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) नहरों एवं बांधों में मेन्टीनेन्स एवं उपकरण मरम्मत के नाम पर करोड़ों रूपयों का फर्जी भुगतान किया गया है? क्या इसकी जाँच जिले के वित्त अधिकारी एवं कलेक्टर के नेतृत्व में कराते हुए नियम विरूद्ध भुगतान की वसूली दोषियों से करायी जाकर अपराधिक प्रकरण दर्ज करा देंगे? यदि हाँ तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) नहरों से छोड़े गए पानी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। स्थानीय कृषकों से प्राप्त जल उपकर की राशि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। नहरों एवं बाँधों में मेंटेनेंस एवं उपकरण मरम्मत पर नियमानुसार भुगतान होने के कारण किसी के विरूद्ध जाँच कराने, भुगतान की वसूली एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की स्थिति नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न कूपन जारी किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 1261 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले के विधान सभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत कितने नवीन परिवार चिन्हित किये गये हैं? उनमें से कितनों को खाद्यान्न कूपन प्रदान किया गया है? (ख) ग्राम पंचायतवार एसटी/एससी के निवासरत परिवारों की संख्या प्रदाय खाद्यान्न कूपन तथा शेष परिवारों की संख्यात्मक जानकारी दी जाय? (ग) शेष परिवारों को कब तक खाद्यान्न कूपन से लाभन्वित किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) इसके अंतर्गत सीधी, सिंगरौली जिले के सिहावल विधानसभा क्षेत्र के माह अगस्त-सितम्बर, 2020 से सिहावल विकासखण्ड में 7400 तथा जनपद पंचायत देवसर में 791 नवीन पात्र आवेदक परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत निवासरत अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति के परिवार उनमें से पात्रता पर्ची प्राप्त वैध पात्र परिवार तथा शेष परिवारों की ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार चिन्हित होने वाले नवीन परिवारों द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या सीमा तक वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी कर उनके वितरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह प्रक्रिया सतत् है।
महान नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
115. ( क्र. 1262 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के सिहावल विकासखण्ड अन्तर्गत महान नहर निर्माण कार्य चल रहा है, उक्त निर्माण कार्य कहाँ से कहाँ तक के लिये स्वीकृत है? स्वीकृत राशि सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त नहर के निर्माण में ग्राम नकझर होते हुय लौआर को शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? पुन: निरीक्षण कराया जाकर कब तक ग्राम लौआर तक नहर निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) ग्राम पोखरा, पोंडी, तरका इत्यादि ग्रामों में नहर पहुँचाए जाने की स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (घ) उक्त नहर से किन-किन ग्रामों में सिंचाई हो रही है एवं किन-किन नवीन ग्रामों को जोड़े जाने की योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सीधी जिले के सिहावल विकासखण्ड में महान मुख्य नहर के एक्सटेंशन-II के अंतर्गत बहरी नहर प्रणाली के कि.मी. 0 से 25 तक का निर्माण कार्य चल रहा है उक्त कार्य ग्राम शिवपुरवा से चौराही तक के लिए स्वीकृत है। शासन द्वारा दिनांक 18.08.2015 को राशि रू. 204.02 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। बहरी मुख्य नहर के अंतिम छोर से निकलने वाली बांयी उपशाखा नहर के अंतिम छोर के ग्राम भनमार और देवरी से नकझर एवं लौआर के बीच पहाड़ी क्षेत्र एवं उतार-चढ़ाव अधिक होने के कारण तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के कारण ग्राम नकझर एवं लौआर को नहर प्रणाली में शामिल नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पोखरा, पौड़ी, तरका इत्यादि ग्राम बहरी मुख्य नहर के अंतिम छोर से निकलने वाली दांयी उपशाखा नहर के अंतिम छोर के ग्राम चंदवाही से अत्यधिक कटिंग रीच में होने, पहाड़ी क्षेत्र होने तथा नहर तल से लगभग 20 से 25 मीटर ऊँचाई पर होने के कारण पोखरा, पौड़ी, तरका इत्यादि ग्रामों तक नहर निर्माण तकनीकी रूप से साध्य न होने से स्वीकृति का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) वर्तमान में उक्त नहर के निर्माणाधीन होने के कारण किसी ग्राम में सिंचाई नहीं हो रही है। उक्त नहर से संलग्न परिशिष्ट में दर्शित 80 ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। इन 80 ग्रामों के अतिरिक्त किसी भी नवीन ग्राम को जोड़े जाने की योजना नहीं है।
शासकीय भूमि को आबादी घोषित कर आवासीय पट्टे का वितरण
[राजस्व]
116. ( क्र. 1290 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली जनपद पंचायत जबलपुर की ग्राम पंचायत घुन्सौर के ग्राम घाना में स्थित पटवारी हल्का नंबर- राजस्व निरीक्षण मण्डल जबलपुर-2 के खसरा नंबर 544 की शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराकर आबादी घोषित कर आवासीय पट्टे वितरण करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा है, किन्तु जिला प्रशासन द्वारा अभी तक उक्त प्रकरण में कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कार्यवाही की गई तो पत्राचार उपलब्ध करायें। (ख) उपरोक्त शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कब तक करवाया जावेगा? भूमि कब्जा मुक्त होने के उपरान्त कितने दिनों में शासकीय भूमि से आबादी घोषित की जावेगी? (ग) आबादी भूमि घोषित होने के बाद आवासीहीनों को आबादी भूमि के पट्टों का वितरण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक किया? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) उक्त संदर्भ में प्रश्नकर्ता के पत्रों पर अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावे एवं कार्यवाही संबंधित पत्राचार भी उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की तहसील जबलपुर की विधानसभा बरगी में आने वाली जनपद पंचायत जबलपुर की ग्राम पंचायत घुन्सौर के ग्राम घाना पटवारी हल्का नंबर 25 में कुल अंतिम खसरा नंबर 314 ही हैं, अतः खसरा न. 544 से संबंधित प्रश्न उदभूत नहीं होता (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता हैं। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक श्री संजय यादव के पत्र में जिले की तहसील जबलपुर के ग्राम पंचायत घाना में शासकीय भूमि को आबादी मद में घोषित करने की मांग की गई थी जिसमे ग्राम घाना के पटवारी हल्का नंबर-25 के खसरा नंबर-167, रकवा 0.470 हेक्टेयर, खसरा नंबर-190 रकवा-1.700 हेक्टेयर, खसरा नंबर-244 रकवा-4.94 हेक्टेयर, में से रकवा 2.00 हेक्टेयर भूमि को मद परिवर्तित कर आबादी घोषित किया जाना उचित नहीं होने सम्बन्धी प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जबलपुर द्वारा दिया गया, जिसकी प्रतिलिपि प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी को प्रेषित की गयी है I सम्बंधित पत्राचार की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनियमितताओं की जांच
[सहकारिता]
117. ( क्र. 1296 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जनऔषधी विपणन संघ मर्यादित भोपाल की सदस्य समितियां कितनी हैं? इन समितियों का पंजीयन क्रमांक, संचालकों के नाम व पते सहित ब्यौरा दें। (ख) उक्त सदस्य समितियों में कौन-कौन सी समितियों का पंजीयन जीवित है तथा किन-किन का नहीं? (ग) उक्त समितियों का कार्य क्षेत्र एवं उद्देश्य क्या है? (घ) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जनऔषधी विपणन संघ मर्यादित भोपाल द्वारा प्रधानमंत्री जनऔषधी नाम का दुरूपयोग किये जाने के संबंध में विभाग को प्राप्त शिकायतों की जाँच प्रचलन में है? यदि हाँ तो यह जाँच किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब से की जा रही है? समय-सीमा में जाँच पूर्ण नहीं किये जाने के लिये कौन उत्तरदायी है? यदि जाँच पूर्ण कर ली गई है तो जाँच निष्कर्ष के आधार पर कौन-कौन दोषी पाया गया है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 38 संस्थायें, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, शिकायत की जाँच प्रथमत: श्री प्रेम द्विवेदी, उप आयुक्त सहकारिता, मुख्यालय को सौंपी गई थी। शिकायतकर्ता एवं संस्था के द्वारा श्री प्रेम द्विवेदी उप आयुक्त सहकारिता के स्तर से जाँच कराये जाने के संबंध में असहमति दर्शाये जाने के कारण यह शिकायत संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग भोपाल को जाँच हेतु दी गई। जाँच के बहुआयामी तथा अति विस्तीर्ण होने के कारण जाँच प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है, कार्रवाई जाँच के निष्कर्षाधीन होगी।
जिला सहकारी बैंक में की गई अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
118. ( क्र. 1297 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद की शाखा हरदा में केश चेस्ट के सत्यापन में रूपये 2,77,00,650/- की राशि कम पाये जाने एवं हरदा जिले में सहकारी बैंक शाखाओं अन्तर्गत सहकारी समितियों में करोड़ों के भ्रष्टाचार की दो गंभीर शिकायतें विगत कई वर्षों से लंबित हैं? इन शिकायतों की अद्यतन स्थिति, की गई कार्यवाही के संबंध में आयुक्त, नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद ने समीक्षा बैठकें रखी थी? (ख) यदि हाँ तो उक्त बैठक में केश चेस्ट के सत्यापन में राशि कम पाये जाने एवं किस-किस संबंधितों पर वर्षों से लंबित भ्रष्टाचार की शिकायतों का समय-सीमा में क्या दिशा निर्देश बैठक के दौरान दिए गए तथा उन निर्देशों के अनुसार अब तक क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार विस्तृत ब्यौरा दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, हरदा शाखा का प्रकरण माननीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हरदा में तथा हरदा जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार की 02 शिकायतें पुलिस थाना हरदा एवं आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो के समक्ष विवेचनाधीन है। समीक्षा बैठक आयुक्त नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद के समक्ष दिनांक 18.12.2020 को रखी गई थी परन्तु उक्त बैठक दिनांक 17.12.2020 को स्थगित कर दी गई थी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
निजी यात्री बस संचालन एवं माल ढ़ोने के नियम
[परिवहन]
119. ( क्र. 1304 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य तथा अंतर्राज्यीय निजी बस सेवा की दरें तय करने के कोई नियम है या बस मालिक अपनी मर्जी से मनमाने दर तय कर सकता है? किन-किन व्यक्तियों/फर्म को वर्ष 2020 की स्थिति में अंतर्राज्यीय बस चलाने की अनुमति है? अनुमति कब से कब तक की है? (ख) इंदौर, भोपाल तथा जबलपुर नगर निगम के स्वामित्व की कंपनी द्वारा कौन-कौन से रूट पर (स्थानीय परिवहन छोड़कर) किस दर से बस चलाई जा रही हैं तथा उन्हें परमिट किस नाम से दिया गया हैं? किसी निजी कंपनी को भी इसी तरह बस चलाने की अनुमति अपने स्टैण्ड से चलाने की दी जा सकती है? (ग) निजी यात्री बस द्वारा माल ढोने के संबंध में क्या नियम हैं? क्या यात्री बस की अनुमति के साथ माल ढोने की अनुमति लेना होती है या इसकी जरूरत नहीं है? क्या बस के नीचे तथा छत पर तीन-चार फीट उंचाई तक सैकडों किलों माल यात्री बस में ले जाना नियमानुसार है? यदि नहीं, तो जाँच कर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती? (घ) प्रदेश में फरवरी 2020 को राज्य के भीतर तथा अंतर्राज्यीय कुल कितनी-कितनी बसें चल रही हैं? शासन द्वारा बसें क्यों चलायी जाती?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 67 (2) के अंतर्गत राज्य शासन को यात्री बसों के किराए की दरें तय करने की शक्तियां प्रदत्त की गई है। इसी क्रम में राज्य शासन द्वारा यात्री बसों के किराए की दरें निर्धारित की जाती है, जिसके अनुसार ही यात्रियों से निर्धारित किराया लिया जाता है। बस मालिक अपनी मर्जी से मनमानी दर तय नहीं कर सकता है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) इंदौर ए.आई.सी.टी.एस.एल-एस.पी.वी द्वारा पी.पी.पी. मॉडल पर निविदा के माध्यम से अनुबंध संपादित कर इंटर सिटी एवं इंटर स्टेट बस सेवा का संचालन किया जा रहा है। मार्ग, बसों की संख्या, बस संचालक का नाम विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। बसों में यात्रियों से किराया दर परिवहन विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार सामान्य बस, एसी बस एवं डीलक्स बस की स्वीकृत दर पर लिया जाता है। नोटिफिकेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। एस.पी.वी-ए.आई.सी.टी.एस.एल द्वारा स्वयं के स्टैण्ड से बसों का संचालन जिला कलेक्टर द्वारा जारी नोटिफिकेशन से किया जा रहा है। नोटिफिकेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। भोपाल, जबलपुर में नगर निगम के स्वामित्व की बसों को स्थानीय परिवहन के अतिरिक्त किसी भी रूट के लिए परमिट जारी नहीं किये गये हैं। (ग) म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 एवं 80 में मंजिली गाड़ी पर माल परिवहन किये जाने का प्रावधान है। पृथक से अनुमति लेने का नियमों में प्रावधान नहीं है। नियमों में (विहित क्षमता) ऊँचाई का उल्लंघन कर माल परिवहन किये जाने पर परिवहन विभाग के जाँच दलों द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रदेश में फरवरी 2020 की स्थिति में राज्य के भीतर तथा अंतर्राज्यीय मार्गों पर कुल अस्थाई स्थाई परमिटों से कुल 14,181 यात्री बसों का संचालन किया गया। मोटरयान अधिनियम 1988 के प्रावधानों के अनुरूप अनुज्ञापन प्राधिकारियों द्वारा परमिट जारी किये जाते है।
अमानक एवं निम्न गुणवत्ता के चावल का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
120. ( क्र. 1305 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लॉकडाउन अवधि में जबलपुर, छतरपुर, मण्डला, बालाघाट, छिन्दवाड़ा आदि 30 जिलों के भण्डारगृह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को वितरित किया गया 1.20 लाख टन चावल केन्द्रीय जाँच एजेन्सी द्वारा अमानक, निम्न गुणवत्ता का पशु के खाने लायक पाया गया? यदि हाँ तो बतावें कि किस-किस भण्डारगृह में कितना-कितना चावल अमानक पाया गया? जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो चावल अमानक पाया गया वह सप्लायर से कितनी मात्रा में प्राप्त हुआ था तथा उसमें से कितना वितरित कर दिया तथा कितना रोक दिया गया? जो चावल रोका गया उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? कहां किस मात्रा में रखा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अमानक चावल की सप्लायर्स फर्म का नाम, मालिक भागीदार का नाम, सप्लाई की गई मात्रा, दिनांक भाव, कुल देय राशि, भुगतान की दिनांक सहित सूची देवें एवं सप्लायर्स की बिल की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) बतावें कि अमानक पाए गए 1.20 लाख टन चावल को सप्लायर्स को बदलने हेतु किस नियम तथा आई.पी.सी. की धारा के तहत कहा गया? किस-किस सप्लायर्स ने कितना चावल बदला तथा उन पर प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं? (ड.) चावल काण्ड में किस-किस सप्लायर्स पर किस थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया? एफ.आई.आर. की प्रति देवें तथा बतावें कि क्या इसकी विधायकों की कमेटी बनाकर उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिवहन में खर्च की गई राशि
[राजस्व]
121. ( क्र. 1314 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी श्रमिक किस-किस राज्य से आये तथा कितने मध्यप्रदेश से किस-किस राज्य में गये? श्रमिकों के परिवहन के लिए कुल कितनी बसें ट्रिप किस दिनांक को लगाई गई? (ख) क्या लॉकडाउन के प्रथम सप्ताह में अन्य राज्यों से 8 लाख श्रमिक पैदल मध्यप्रदेश में आये तथा उनको उनके गांव पहुँचाने के लिये शासन की ओर से कोई वाहन की व्यवस्था नहीं की गई? यदि की गई हो तो वाहन क्रमांक दिनांक देय भाड़ा प्रारंभ तथा पहुँचाने का स्थान सहित सूची देवें। (ग) लॉकडाउन अवधि में विभाग द्वारा केन्द्रीय श्रम मंत्रालय को प्रवासी मजदूरों के आने की संख्या, उनके लिये बनाये गये शेल्टर होम तथा रिलीफ केन्द्र दी गई नगद राशि तथा खाद्य सामग्री के बारे में भेजी गयी समस्त जानकारी की प्रति देवें। (घ) प्रवासी श्रमिक के अन्य राज्य से आने तथा अन्य राज्य के श्रमिक के जाने में परिवहन, भोजन, दवा आदि पर कितना-कितना खर्च हुआ तथा कुल मिलाकर सारे मद में कितना खर्च हुआ?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लॉकडाउन के दौरान लगभग 14 लाख श्रमिक महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों से वापस आये और लगभग 4 लाख श्रमिक मध्यप्रदेश से उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, बिहार आदि राज्यों में गये। श्रमिकों के परिवहन हेतु लगभग 29 हजार बसें मार्च माह के अंतिम सप्ताह से माह जून तक लगाई गई। (ख) जी नही। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लॉकडाउन अवधि में विभाग द्वारा केन्द्रीय श्रम मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं भेजी गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रवासी श्रमिकों के अन्य राज्य से आने तथा अन्य राज्य के श्रमिकों के जाने में, भोजन, परिवहन आदि पर लगभग 150 करोड का व्यय हुआ है।
शासकीय भूमि में निजी कब्जे की जानकारी
[राजस्व]
122. ( क्र. 1315 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर तथा उज्जैन संभाग में जमीन के उन सर्वे नम्बर की सूची देवें जो शासकीय थी तथा जिन पर निजी नाम पर दर्ज होने को लेकर विवाद प्रचलन में था तथा माननीय उच्च न्यायालय अथवा जिला न्यायालय अथवा न्यायालय तहसीलदार के आदेश पर निजी नाम से नामांतरण स्वीकृत किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित न्यायालय तहसीलदार के निर्णय को किस-किस प्रकरण में जिला न्यायालय तथा उच्च न्यायालय में चुनौती क्यों नहीं दी गई? ऐसी कुल जमीन कितनी है तथा उसकी वर्तमान कलेक्टर गाइड लाईन से कीमत क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) में ऐसी जमीन की सूची देवें जिनमें उच्च न्यायालय के फैसले के बाद उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई? जमीन की कुल मात्रा तथा वर्तमान कलेक्टर गाईड लाइन अनुसार मूल्य बताएं। (घ) क्या शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के विवाद में उच्चतम न्यायालय तक प्रकरण दर्ज कराना चाहिये? यदि हाँ तो बतावे कि इंदौर उज्जैन संभाग में पिछले 10 वर्षों में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन्हें अगले सक्षम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई तथा उन जमीनों की कुल मात्रा तथा वर्तमान मूल्य कितना है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन संभाग के जिला देवास की तहसील हाटपीपल्या का सर्वे न. 942/1,947/5,946/1 रकबा 3.13 हेक्टेयर पर उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के पिटीशन क्रमांक 20880/18 में पारित निर्णय दिनांक 02.08.2019 के पालन में नामान्तरण स्वीकृत किया गया है। देवास की तहसील सतवास का सर्वे न. 329 रकबा 0.393 हेक्टेयर पर एस.एल. पी. सी. सी. नम्बर 21738-39/15 माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के पिटिशन क्रमांक 21738/2015 में पारित आदेश दिनांक 14.12.2015 के पालन में नामान्तरण का प्रकरण प्रचलित है। इंदौर संभाग के जिला झाबुआ की तहसील मेघनगर कस्बा मेघनगर का सर्वे न. 557 रकबा 1.635 हेक्टेयर शासकीय विकास खण्ड नजूल मद की भूमि में से भू-खण्ड क्र. 28 सी क्षेत्रफल 40x60 = 2400 वर्गफीट व खण्ड क्र. 30 सी क्षेत्रफल 40x60 = 2400 वर्गफीट भूमि का माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 झाबुआ के अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश थादंला जिला झाबुआ के दीवानी वाद प्रकरण क्र- 2ए/98 पारित निर्णय दिनांक 28/07/1999 द्वारा प्रदाय की गई डिक्री के आधार पर न्यायालय तहसीलदार मेघनगर के राजस्व प्रकरण क्र./0071/अ-6 (2)/2017-18 पारित आदेश दिनांक 21-01-2019 द्वारा प्रश्नाधिन शासकीय भूमि सर्वे न. 557 में से भू-खण्ड क्र. 28 सी क्षेत्रफल 40x60 = 2400 वर्गफीट व भू-खण्ड क्र. 30 सी क्षेत्रफल 40x60 = 2400 वर्गफीट भूमि का निजी व्यक्ति के नाम नामांतरण स्वीकृत किया। उज्जैन संभाग के जिला रतलाम व उज्जैन तथा इंन्दौर संभाग के जिला इंदौर की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जिला देवास की तहसील हाटपिपल्या की भूमि के संबंध में मान. उच्चतम न्यायालय में एस.एल.पी. (सी) नं. 3460 लगाई गई है। जिला झाबुआ की तहसील मेघनगर की भूमि के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. प्रस्तुत की गई थी जो पारित निर्णय दिनांक 30.06.2016 से निरस्त की गई। अन्य जिलों की जानकारी संकलित की जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 पर शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
123. ( क्र. 1325 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका लहार जिला भिण्ड की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 से लगी हुई भूमि पर 100 मीटर के अंदर लहार जेल से गणेशपुरा वार्ड तक किन-किन के द्वारा कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया है? नाम पता सहित बताएं। (ख) क्या लहार एवं दबोह नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 के किनारे से अतिक्रमण हटाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा अनेक बार स्थानीय प्रशासन/ जिला प्रशासन से अनुरोध करने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाए जाने से निर्माण एजेन्सी द्वारा उक्त दोनों नगरों में नालों का निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाकर कब तक नालों का कार्य कराया जाएगा? (ग) क्या लहार नगर में पचपेड़ा तिराहा से लेकर फार्मेसी कॉलेज तिराहे तक लहार सेवढ़ा मार्ग के किनारे शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगर पालिका लहार जिला भिण्ड की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 से लगी हुई भूमि पर 100 मीटर के अंदर लहार जेल से गणेशपुरा वार्ड तक मुख्य मार्ग के दोनों ओर 93 अतिक्रमण चिन्हित किये गये। अतिक्रामकों के नाम पता व रकबा सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लहार एवं दबोह नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 के किनारे से अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र प्राप्त हुये थे। इसी क्रम में 93 अतिक्रमण हटा दिये गये। मार्ग का निर्माण कार्य करने एवं नगरीय क्षेत्र में नाला निर्माण करने हेतु एनएचएआई के अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), एसडीओपी एवं नगरीय क्षेत्र के समस्त अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक की गई। एनएचएआई अधिकारी द्वारा 10 दिवस में कार्य प्रारंभ करने का आश्वासन दिया गया है। मार्ग एवं नाला निर्माण आदि कार्य करने पर जो भी बाधायें आयेगी उनका तत्काल निराकरण करने हेतु राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं नगरीय प्रशासन का संयुक्त दल गठित किया गया है। (ग) लहार नगर में पचपेड़ा तिराहा से लेकर फार्मेसी कॉलेज तिराहे तक लहार सेवढ़ा मार्ग के किनारे अतिक्रमण चिन्हित किये जाने हेतु दल गठित किया गया है।
लोक सेवा केन्द्र में निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही
[लोक सेवा प्रबन्धन]
124. ( क्र. 1326 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा केन्द्र पर प्राप्त आवेदन एक निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत किये जाते हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सेवाओं के लिये कौन-कौन सा आवेदन पत्र भरना अनिवार्य है? की प्रतियां दे तथा इसके साथ आवश्यक दस्तावेज जिसके आधार पर कार्य संपादित होना अथवा निर्धारित प्रक्रिया में कौन-कौन से आवेदन के साथ क्या-क्या प्रस्तुत करना है? की जानकारी पृथक सेवा के आधार पर दें। (ख) यदि निर्धारित प्रक्रिया का पालन यद्यपि आवेदक द्वारा कर लिया गया है तो उसका काम निश्चित/निर्धारित/तय समय-सीमा में हो जायेगा? यदि हाँ, तो इसके बावजूद प्रकरण का निराकरण नहीं होने की दशा में कौन-कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यद्यपि अपूर्ण आवेदन पत्र लोक सेवा केन्द्र द्वारा प्राप्त किये जाते है, जिसके कारण आवेदन पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण नहीं हो पाती है तो इसके लिये लोक सेवा केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) लोक सेवा केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्य में अनियमितता, आर्थिक अनियमितता अथवा अन्य कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, लोक सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध समस्त सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था है, जिसमे की समस्त सेवाओं के आवेदन प्रपत्र का ऑनलाइन एप्लीकेशन बनाया गया है एवं समस्त आवेदन ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रारूप में ही दर्ज किये जाते है, पृथक से आवेदन पत्र लिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। केवल आवश्यक दस्तावेज लिए जाते है। लोक सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध सेवाओं के लिए आवश्यक दस्तावेज जिनके आधार पर कार्य सम्पादित होता है, उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार है। (ख) जी हाँ, लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 की धारा 3 में सेवाओं के पदाभिहित अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील अधिकारी तथा निश्चित की गई सेवाओं की अधिसूचना जारी की जाती है। जिसके अनुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए सेवा प्रदाय की जाती है। समय-सीमा में सेवा का निराकरण नहीं होने की स्थिति में अधिनियम की धारा 5, 6 एवं 7 अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार है। (ग) लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी नियम, 2010 के नियम 4 अनुसार–“यदि आवेदन के साथ कोई आवश्यक दस्तावेज संलग्न नहीं है तो उसका स्पष्ट उल्लेख अभिस्वीकृति में किया जाएगा और ऐसी अभिस्वीकृति में निश्चित की गई समय-सीमा का उल्लेख नहीं किया जाएगा। ”इसमे लोक सेवा केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रावधान नहीं है क्योंकि आवश्यक दस्तावेज़ जमा किये जाने की जिम्मेदारी आवेदक की होती है। लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी नियम, 2010 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रदेश में जिला स्तर पर लोक सेवा केन्द्रों का संचालन PPP माडल पर जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा सम्बंधित सफल निविदाकार से अनुबंध उपरांत किया जाता है। लोक सेवा केंद्र के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्य में अनियमितता, आर्थिक अनियमितता अथवा अन्य शिकायतें प्राप्त होने पर जिला स्तर से RFP/अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
राजस्व विभाग में लोक सेवा केन्द्र से प्राप्त आवेदनों की अद्यतन स्थिति
[राजस्व]
125. ( क्र. 1338 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग की मूलभूत सेवायें प्राप्त करने हेतु लोक सेवा केन्द्र में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना पड़ता है? यदि हाँ तो किन-किन सेवाओं के लिये किस-किस आवेदन पत्र के साथ क्या-क्या दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है? फार्मवार, सेवावार, शुल्कवार पृथक बतायें। (ख) क्या लोक सेवा केन्द्र में प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद उस कार्य को निर्धारित समयावधि में संपादित किया जाता है? यदि हाँ तो किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी समयावधि निश्चित/तय/निर्धारित की गई है? सेवावार निर्धारित समयावधि बतायें। (ग) उपरोक्त के तारतम्य में 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना एवं भोपाल जिले के लोक सेवा केन्द्र से कितने-कितने पत्र राजस्व विभाग को प्राप्त हुये हैं, उन आवेदन पत्रों की जानकारी का गोसवारा बनाकर जिलेवार दें। (घ) क्या निर्धारित समयावधि में लोक सेवा केन्द्र को जानकारी प्रेषित नहीं करने की दिशा में संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) लोक सेवा केन्द्र से संबंधित कार्यों में विलंब, अनियमितता, आर्थिक अनियमितता एवं अन्य शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो किन-किन से कब-कब किस किस कार्य को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई है? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (ग) 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदनों की जिलेवार जानकारी-
जिला |
प्राप्त आवेदनों की संख्या |
गुना |
50742 |
भोपाल |
26523 |
(घ) जी हाँ। निर्धारित समयावधि में लोक सेवा केन्द्र को जानकारी प्रेषित नहीं करने के दिशा में संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। जिला गुना में 13 प्रकरणों में कार्यवाही की गई तथा 01 प्रकरण में 1250/- का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, जिला गुना में सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से 01 जनवरी, 2020 से 03 फरवरी, 2021 तक 11 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायत नंबर - 10074055, 11563432, 12020288, 11967847, 10347294, 12545506, 12720602, 12978270, 13038662, 12787419, 12978842 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार, उक्त समस्त शिकायतों का संतुष्टि पूर्ण निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा केन्द्र में राजस्व विभाग से संबंधित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति
[राजस्व]
126. ( क्र. 1339 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा केन्द्रों में 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले एवं भोपाल जिले में राजस्व विभाग की कौन-कौन सी सेवाओं के कितने-कितने आवेदन किस-किस दिनांक को, किस-किस शुल्क के साथ प्राप्त हुये हैं एवं आवेदक को प्रकरणों के निराकरणों की अंतिम तिथि क्या-क्या प्रदाय की गई विवरण देवें? (ख) क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में यद्यपि राजस्व विभाग से निर्धारित समयावधि में प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया है, तो क्या विभाग द्वारा राजस्व विभाग को स्मरण कराया गया है? (ग) निर्धारित समयावधि के उपरांत भी काम नहीं होने की स्थिति में आवेदकों को कोई हर्जाने की राशि दी गई है? विवरण देवें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने-कितने, कौन-कौन से कब-कब शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? पृथक-पृथक बतायें। पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लोक सेवा केन्द्रों में 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक 03 फरवरी, 2021 तक गुना जिले में 50742 आवेदन पत्र एवं भोपाल जिले में 26523 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) जिला गुना में सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से 01 जनवरी, 2020 से 03 फरवरी, 2021 तक 11 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायत नंबर - 10074055, 11563432, 12020288, 11967847, 10347294, 12545506, 12720602, 12978270, 13038662, 12787419, 12978842 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार, उक्त समस्त शिकायतों का संतुष्टि पूर्ण निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि का निजी नाम से पंजीयन किया जाना
[राजस्व]
127. ( क्र. 1342 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की भूमि को परवीन बेगम पति फिरोज अहमद साकिन फूटा ताल जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा गैर कानूनी रूप से रजिस्टर्ड बेनामी संपादित करने के संबंध में संभागायुक्त जबलपुर को दिनांक 01.03.2020 एवं कलेक्टर जबलपुर को 06.11.2019 रजिस्टर्ड डाक (RI 517291544IN) आवेदन प्रस्तुत किया गया था? (ख) उपरोक्त आवेदनों में उल्लेखित तथ्यों की जाँच किस अधिकारी से कराई गई? जाँच निष्कर्ष के परिणाम क्या रहे? (ग) शासन की उक्त भूमि को जिला प्रशासन द्वारा अभी तक अपने आधिपत्य में क्यों लिया जा रहा है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जिला कलेक्टर कार्यालय जबलपुर के लोक सूचना अधिकारी के पत्र 1394, दिनांक 12 दिसम्बर 2019 एवं कलेक्टर कार्यालय शिकायत शाखा से जारी पत्र क्र. 170, दिनांक 14.11.2019 में क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन की भूमि को परवीन बेगम पति फिरोज अहमद साकिन फूटा ताल जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा गैर कानूनी रूप से रजिस्टर्ड बयनामा संपादित करने के संबंध में संभागायुक्त जबलपुर को दिनांक 01.03.2020 को प्रस्तुत आवेदन प्राप्त नहीं हुआ। कलेक्टर जबलपुर को 06-11-2019 रजिस्टर्ड डाक से आवेदन प्राप्त हुआ। (ख) उपरोक्त आवेदन में उल्लेखित तथ्यों की जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक जबलपुर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (रा.) आधारताल, तहसीदार आधारताल की ओर पत्र भेजे गये है, पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है अनुविभागीय अधिकारी (रा.) आधारताल, तहसीलदार आधारताल से जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के क्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) लोक सूचना अधिकारी द्वारा पत्र शिकायत शाखा को भेजा गया शिकायत शाखा द्वारा उक्त पत्र पर कार्यवाही करते हुए पत्र क्रमांक/716/शि.लि. (3)/लोक सूचना/2020 जबलपुर दिनॉक 22-01-2020 द्वारा पुलिस अधीक्षक जबलपुर को भेजा गया जिसमें प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है।