नगरीय क्षेत्रों के विकास हेतु राशि आवंटन 1. ( *क्र. 945 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में विकास हेतु किस नाम से किन-किन कार्य के लिये राशि स्वीकृत की जाती है ? (ख) नगरीय क्षेत्रों में युवाओं की तैराकी हेतु स्वीमिंग पुल निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जाती है या नहीं ? अगर की जाती है तो कौन-कौन से मद से की जाती है बतावें ? (ग) नगरीय क्षेत्रों में शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा हेतु विगत दो वर्षों 2014-15 एवं 2015-16 में शासन द्वारा कौन सी राशि स्वीकृत की गई है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ख) नगरीय क्षेत्रों में युवाओं की तैराकी हेतु स्वीमिंग पुल के निर्माण हेतु कोई योजना प्रचलित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' पर है।
मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन 2. ( *क्र. 1300 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या दिनांक 19 जनवरी 2013 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्राम मोर्चाखेड़ी एवं खजूरिया की जनता के लिये सिंचाई योजना बनाये जाने की घोषणा की गई थी ? क्या उक्त ग्रामों की जनता के लिये सिंचाई योजना कुशलपुरा परियोजना से बनाया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है ?(ख) यदि हां, तो क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को मूर्त रूप देने हेतु उक्त ग्रामों की जनता के लिये सिंचाई योजना बनाये जाने हेतु अन्य कोई व्यवस्था बनाने हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है ? यदि हां, तो क्या ? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन अन्य किसी माध्यम से सिंचाई योजना बनाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा ? यदि हां, तो क्या ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉं । जी हॉ । (ख) एवं (ग) उक्त ग्रामों में उपयुक्त परियोजना स्थल उपलब्ध नहीं होने के कारण नवीन योजना बनाई जाना संभव नहीं पाया गया है । प्रश्नाधीन ग्रामों में सिंचाई जल की व्यवस्था पार्वती-रिन्सी वृहद परियोजना की स्वीकृति पर निर्भर है ।
म.प्र. हाउसिंग बोर्ड द्वारा इन्दौर में प्रकोष्ठ भवनों के ग्राउण्ड फ्लोर की जमीन का आवंटन 3. ( *क्र. 2255 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. हाउसिंग बोर्ड द्वारा इन्दौर में प्रकोष्ठ भवनों के ग्राउण्ड फ्लोर वालों को (लगभग 500 लोगों) लगी हुई जमीन का किन नियमों के तहत अलाटमेंट किया गया है ? (ख) क्या यही प्रथा पूरे म.प्र. में लागू की गई है ? नियम से अवगत करावें ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल,इन्दौर द्वारा प्रकोष्ठ भवनों से लगी हुई भूमियों का आवंटन भूतल के आवंटियों को उनके प्रकोष्ठ भवन आवंटन के साथ किया जाता रहा है । उक्त भूमि का आवंटन भूतल प्रकोष्ठ के आवंटियों के निस्तार,आवंटियों की मांग,खुली भूमि को अतिक्रमण के बचाव एवं म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के राजस्व की बढ़ोत्री के उद्येश्य से किया जाता रहा है। इस संबंध में मण्डल मुख्यालय का परिपत्र क्र. 2009 दिनांक 12.4.1996 जारी किया गया है । उक्त परिपत्र के अनुसार न्यूनतम खुला क्षेत्र (एमओएस) की भूमि का आवंटन भूतल के प्रकोष्ठ स्वामियों को किया जाना प्रतिबंधित किया गया है । ऐसी भूमि जो प्रकोष्ठ में प्रवेश हेतु आवश्यक है एवं अन्य प्रकोष्ठ स्वामियों का दखल न हो वह भूमि भूतल प्रकोष्ठ के स्वामी को आवंटित की जा सकती है ।(ख) जी हाॅ । परिपत्र दिनांक 12.04.1996 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार है ।
परिशिष्ट एक अवैध कॉलोनियों को वैध करना 4. ( *क्र. 1540 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या इंदौर नगर पालिका निगम क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां है ? यदि हां, तो विधानसभा क्षेत्रवार कॉलोनी के नाम उपलब्ध करावें ?(ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की शासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है ? यदि हां, तो कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉं । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हॉं। अवैध कॉलोनी को वैध करने हेतु नगरीय निकाय को कॉलोनी के रहवासियों के सहयोग की आवश्यकता होती है, जिससे समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छावनी परिषद (कैन्टोमेंट) मुरार के निवासियों को मूलभूत सूविधाएँ उपलब्ध कराया जाना 5. ( *क्र. 20 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छावनी क्षेत्र परिषद (कैन्टोमेंट) मुरार के 7 वार्डों की कुल जनसंख्या कितनी है ? जिनमें से कितने बी.पी.एल कार्डधारी हितग्राही हैं ? वार्डवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये ? (ख) छावनी क्षेत्र मुरार के 7 वार्डों में निवासरत व्यक्तियों को शासन की कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है ? (ग) छावनी क्षेत्र मुरार के निवासियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया जाना शेष है ? जिनका लाभ निवासियों को नहीं प्राप्त हो रहा है ? (घ) छावनी क्षेत्र मुरार के 7 वार्डों में नवीन भवन निर्माण की अनुमति दिये जाने का क्या प्रावधान है तथा किसके द्वारा दी जाती है ? यदि नहीं दी जाती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छावनी क्षेत्र परिषद् मुरार के वार्डो की जनसंख्या एवं बी.पी.एल. कार्डधारियों की जानकारी निम्नानुसार है।
सं.क्रं. |
वार्ड क्रमांक |
जनसंख्या |
बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राहियों की संख्या |
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
1 |
7064 |
312 |
2 |
2 |
5563 |
363 |
3 |
3 |
5814 |
245 |
4 |
4 |
3602 |
269 |
5 |
5 |
3779 |
99 |
6 |
6 |
7528 |
66 |
7 |
7 |
4268 |
231 |
|
योग |
37618 |
1585 |
(ख) नगर निगम ग्वालियर द्वारा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, पेयजल, जन्म मृत्यु एवं विवाह पंजीयन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सामाजिक न्याय विभाग की विभिन्न योजनाएं एवं श्रम कल्याण से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) छावनी क्षेत्र में भवन निर्माण की अनुमति केंटोमेंट बोर्ड द्वारा छावनी अधिनियम 2006 एवं बिल्डिंग बायलाज के अनुसार दी जाती है।
मुख्य नहर हेतु भूमि अधिग्रहण 6. ( *क्र. 1312 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत डोकरीखेड़ा लघु सिंचाई बांध की मुख्य नहर, उप नहर एवं माईनर हेतु किन-किन की भूमि अधिग्रहण की गई एवं किन-किन से भूमि दान में प्राप्त हुयी ? (ख) क्या जिनकी भूमि का अर्जन किया गया एवं जिनकी भूमि दान में प्राप्त हुयी का राजस्व रिकार्ड में विभाग के नाम दर्ज है ? यदि दर्ज नहीं है तो क्यों ? (ग) राजस्व विभाग द्वारा जिन भूमि स्वामियों की भूमि का अर्जन किया गया उसकी राशि किन-किन किसानों को बांटी गई ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)से(घ) डोकरीखेड़ा मध्यम सिंचाइ परियोजना की नहर प्रणाली के लिए अर्जित की गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिपत्र के परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है । राजस्व अभिलेखों में समस्त भूमि शासकीय अभिलिखित है । परियोजना का निर्माण वर्ष 1953 से 1956 में पूर्ण होना प्रतिवेदित है । भूमि के अर्जन के संबंध में विवरण उपलब्ध अभिलेखों में नही है ।
अवैध गौण खनिज उत्खनन करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही 7. ( *क्र. 466 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग,लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग,राष्ट्रीय राजमार्ग(सडृक परिवहन एवं राजमार्ग) एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस ठेकेदार /एजेन्सी द्वारा किये जा रहे है ?उनके कार्यादेश की दिनांक तथा अनुबंध की राशि से अवगत करावें ? (ख) उक्त निर्माण एजेन्सियों द्वारा निर्माण कार्य में उपयोग की जा रही गौण खनिज सामग्री जैसे रेत, मुरम आदि उत्खनन हेतु अस्थाई अनुज्ञा की अनुमति हेतु किस-किस एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किस-किस दिनांक को आवेदन खनिज विभाग को प्रस्तुत किये गये हैं ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपरोक्तानुसार निर्माण एजेन्सियों के द्वारा गौण खनिज उत्खनन हेतु अस्थाई अनुज्ञा हेतु आवेदन नहीं किये गये तो निर्माण एजेन्सियों के द्वारा किन-किन स्वीकृत खदानों/ठेकेदारों से गौण खनिज प्राप्त कर कार्य किया गया ? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि निर्माण एजेन्सियों के द्वारा उक्त गौण खनिज की अस्थाई अनुमति नहीं ली गई तो उनके विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं, तो क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन कठोर कार्यवाही करेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'क' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ख' अनुसार है। (ग) अस्थाई अनुज्ञा प्राप्त कर इसके माध्यम से गौण खनिज का उत्खनन कर निर्माण कार्य किया जाना एक मात्र विकल्प नही है। निर्माण एजेन्सीयां निर्माण कार्य में उपयोग करने के लिए विधिवत संचालित स्वीकृत लीजों/खदानों से गौण खनिज क्रय कर सकती है। निर्माण विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी से अनुबंध की शर्तों के अधीन विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त कर उपयोग किये गये गौण खनिज की मात्रा को एम0बी0 रजिस्टर में इन्द्राज किया जाता है। एम0बी0 रजिस्टर के आधार पर ही निर्माण एजेन्सी को देयको का भुगतान किया जाता है। अंतिम देयकों का भुगतान संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा नो माइनिंग डयूज प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर किया जाता है। उक्त समय पर ही यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि, संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा किन स्वीकृत खदानों/ठेकेदारों से गौण खनिज प्राप्त कर कार्य किया गया है। (घ) प्रश्नांश 'ग' में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही होता।
सरदार सरोवर बांध की डूब से प्रभावित जमीन की कार्य योजना 8. ( *क्र. 2317 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या कुक्षी विधानसभा के ग्राम करोंदिया, गेंहलगांव, चिखल्दा, कड़माल, निसरपुर, बाजड़ीखेड़ा, खापरखेड़ा, कोठड़ा के किसानों की कृषि भूमि सरदार सरोवर बांध की डूब से प्रभावित हो रही है यदि हां, तो कितनी जमीन डूब से प्रभावित हो रही है तथा कितनी नहीं ? जानकारी हेक्टयर में ग्रामवार देवें ?(ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों की जो कृषि भूमि डूब से प्रभावित नहीं हो रही है उसमें से अधिकतर जमीन बांध के जल भराव के बाद टापू में परिवर्तित हो जायेगी ? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में टापू बनने वाली कृषि भूमि पर किसानों के पहुंचने हेतु शासन स्तर पर कोई कार्य योजना प्रस्तावित है ? यदि हां, तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें ?(घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं तो जो किसान कृषि भूमि के स्वामी होने के उपरांत भी कृषि कार्य नहीं कर पायेगे उनके जीवन यापन एवं रोजगार हेतु शासन क्या विचार कर रहा है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के प्रश्नांकित ग्रामों की कृषि भूमि सरदार सराेवर बांध डूब से प्रभावित हो रही है। प्रभावित भूमि के ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है । (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) उपरोक्त प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
परिशिष्ट दो महिदपुर में चल रहे प्रकरण के संबंध में 9. ( *क्र. 2464 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के दिनेश पिता मांगीलाल के विरूद्ध चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें ? (ख) इन पर आरोपित पेनाल्टी राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी ? (ग) व्यापारिक खदानों हेतु संविदा अनुबंध की शर्त 5 (I/9) के तहत इनके कितनी संविदा राशि इनसे जमा करवाई गई ? यदि नहीं तो कब तक जमा करवाई जा सकती है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) श्री दिनेश पिता श्री मांगीलाल जैन के विरूद्ध अवैध उत्खनन के प्रकरण में पेशी हेतु दिनांक 19-02-2016 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर, उज्जैन के न्यायालय में नियत है। (ख) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से वर्तमान में प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) श्री दिनेश पिता श्री मांगीलाल को गिट्टी पत्थर का उत्खनिपट्टा स्वीक़त है। उत्खनिपट्टा पर व्यापारिक खदान के प्रावधान लागू नही होते है। अत: प्रश्न उपस्थित नही होता।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा लापरवाही 10. ( *क्र. 1157 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सतना जिले में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित है ? क्या यहां पदस्थ क्षेत्रीय अधिकारी, वैज्ञानिक एवं अन्य आमला लम्बे समय से यही पदस्थ है ? अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना दिनांकवार सूची दें ? (ख) क्या भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचना क्रमांक 519 दिनांक 21.08.1989 द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में आने वाले उल्लंघनकर्ता उद्योग/संस्थान के विरूद्ध न्यायालयीन वाद दायर करने की शक्तियां प्रदत्त की गई है ? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो औद्योगिक जिले सतना में पदस्थ क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम एवं उसके अंतर्गत जारी नियमों का उल्लंघन करने वाले किन-किन उद्योगों/संस्थानों के विरूद्ध कब-कब स्वयं के स्तर पर न्यायालयीन वाद दायर किया गया है ? (घ) सतना जिले में सीमेंट उद्योगों की उत्सर्जित जहरीली गैसों से हजारों लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी लापरवाही कर रहे है ? क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ समस्त अधिकारियों को कब तक हटा दिया जावेगा ? उद्योगों के विरूद्ध कब तक वाद दायर किये जायेंगे ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जी हाॅ । जानकारी परिशिष्ट‘‘अ‘‘ अनुसार है ।(ख)भारत सरकार की अधिसूचना एस.ओ. 394(ई) भारत के राजपत्र में प्रकाशन क्रमांक 185 दिनंjक 16/04/1987 के द्वारा राज्य जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण बोर्ड के ऐसे क्षेत्रीय अधिकारी जिन्हें जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम,1974 की धारा 20,21 और 23 के अधीन शक्तियाॅ प्रत्यायोजित की गई है,को राज्य बोर्ड द्वारा यथा अधिकथित क्षेत्र में कार्यवाही हेतु प्राधिकृत किया गया है ।(ग) न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी परिशिष्ट‘‘ब‘‘ अनुसार है । (घ) जी नहीं । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
परिशिष्ट तीन बिरहा श्यामखेड़ी एवं हलाली बांध के विस्थापितों का पुनर्वास एवं मुआवजा भुगतान 11. ( *क्र. 593 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिरहा श्यामखेड़ी एवं हलाली बांध से विस्थापित कितने परिवारों का पुनर्बसाहट पूर्ण कर दिया गया है एवं कितनो का शेष है ? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में जो परिवार पुनर्बसाहट से छूटे हुये हैं, उन्हें कब तक पुनर्वासित कर दिया जावेगा ? (ग) बिरहा श्यामखेड़ी एवं हलाली बांध से प्रभावित कितने व्यक्तियों को मुआवजा दिया जाना था ? इनमें से कितने व्यक्तियों को मुआवजा दिया जा चुका है ? (घ) प्रश्नांश (ग) में छूटे हुये व्यक्तियों की मुआवजा राशि अभी तक क्यों नहीं वितरित हो सकी है ? इन्हें कब तक मुआवजा की राशि वितरित कर दी जावेगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) बिरहई श्यामखेड़ी परियोजना से कोई व्यक्ति विस्थापित नहीं हुआ है । सम्राट अशोक सागर (हलाली) परियोजना से विस्थापित व्यक्तियों का पुनर्वास किया जा चुका है । (ग) एवं (घ) बिरहई श्यामखेड़ी एवं सम्राट अशोक सागर परियोजना के डूब क्षेत्र में अर्जित की गई भूमि में से क्रमश: 66 एवं 28 कृषकों को भू-अर्जन मुआवजा नहीं दिया गया है, क्योंकि भू-अर्जन, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधान के तहत भूमि के बदले भूमि देने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए हैं ।
कालोनाईजरों को भूमि की अनुमति बाबत् 12. ( *क्र. 2035 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इंदौर जिले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा दिनांक 01.01.2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने कालोनाईजरों को भूमि विकास (कालोनी डेव्हलपमेंट) की अनुमति प्रदान की गई है ?(ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या उपरोक्तानुसार कालोनाईजरों द्वारा इन विलेखों के पंजीकृत कराने का शुल्क जमा किया गया है ? (ग) जिन कालोनाईजरों द्वारा उपरोक्त शुल्क जमा नहीं किया गया है तो उनसे वसूली कब तक कर ली जावेगी एवं क्या इन कालोनाईजरों के प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गये हैं ? यदि हां, तो कितने प्रकरण भेजे गये हैं ? (घ) मुद्रांक संग्राहक द्वारा इन प्रकरणों पर क्या कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 76 कॉलोनाइजर को विकास अनुज्ञा प्रदान की गई है। जानकारी पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 3 कॉलोनाइजर सार्थक रिजय बिल्डर तर्फे अश्वनी चंद्रशेखर मेहता, राजाराम पिता नारायण तर्फे, अंकित पिता श्री शरद श्रीवास्तव, आरे क्लॉशिक, पालिवाले सिटी इंदौर, सार्थक रियल बिन्ट, तर्फे सरदार सिंह अन्य एम. झेड 6 रिफेल टॉवर पलासिया इंदौर द्वारा मुद्रांक शुल्क जमा नहीं किया गया है। (ग) शुल्क जमा कराने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को नहीं भेजे गये है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क विस्तारीकरण के दौरान सरकाए गये बिजली पोल के संबंध में13. ( *क्र. 1880 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल जिले में ऐसे कितने स्थान हैं जहां पर सड़क विस्तारीकरण के चलते बिजली के पोल हटाने पड़े हैं ? पिछले 5 वर्षों में हुए इस तरह के कार्यों की संख्या उपलब्ध करवाने का कष्ट करें ? (ख) जिन स्थानों पर बिजली के पोल सड़क विस्तारीकरण के लिए सरकाए गए हैं, क्या पोल हटाने के पहले या बाद में यह जांच की गई है कि पोल लगाते समय वहां भविष्य में सड़क विस्तारीकरण की योजना थी या नहीं ? (ग) यदि ऐसे स्थानों पर पोल लगाने के पूर्व से ही सड़क का विस्तारीकरण नियत था, तब वहां बिना योजना समझे पोल लगाकर राजस्व की क्षति करने वाले जिम्मेदारों की पहचान एवं कार्यवाही की जाएगी ? इस तरह की जांच एवं कार्यवाही हेतु समयसीमा निर्धारित करेंगे ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत जिला भोपाल में सड़क विस्तारीकरण के कारण 41 स्थानों पर पिछले 5 वर्षों में पोल हटाने की कार्यवाही की गई है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार सड़क विस्तारीकरण के कारण हटाये गये पोलों के लिए म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संबंधित अधिकारी द्वारा आवेदक विभाग के प्रतिनिधियों के साथ कार्य प्रारंभ होने के पहले संयुक्त निरीक्षण की कार्यवाही करने के उपरान्त ही उपरोक्त कार्य किये गये हैं। (ग) उत्तरांश ''ख'' में दर्शाए अनुसार संयुक्त निरीक्षण के उपरान्त ही सड़क विस्तारीकरण के कारण पोल शिफ्टिंग का कार्य किया गया है। सड़क विस्तारीकरण के लिए जिन पूर्व से विद्यमान पोल एवं लाईनों को शिफ्ट किया गया है वे पुरानी है एवं कई प्रकरणों में लगभग 20 से 25 साल से विद्यमान है। तात्कालिक समय में भविष्य में होने वाली सड़क विस्तारीकरण योजना की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी। अत: इस हेतु किसी जांच या कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ14. ( *क्र. 1757 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अ.जा./अ.ज.जाति वर्ग के हितग्राहियों को घरेलू उपयोग हेतु प्रतिमाह 25 यूनिट तक की विद्युत नि:शुल्क प्रदाय की जाती है ?
(ख) यदि हां, तो क्या रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) के प्रत्येक हितग्राही के घर में विद्युत मीटर लगे हुए हैं ? यदि नहीं, तो विद्युत देयक किस आधार पर दिये जाते हैं, तथा विद्युत यूनिट की गणना कौन कैसे करता है ?
(ग) क्या अ.जा./अ.ज.जाति वर्ग के एक हैक्टेयर से कम भूमि वाले 5 हॉर्स पावर तक के कृषि पम्पों के उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय की जाती है ? यदि हां, तो रायसेन जिले में कितने व्यक्तियों को लाभ दिया जा रहा है ?
(घ) क्या रायसेन जिले में उक्त वर्ग तथा श्रेणी के किसानों से भी बिजली बिल वसूल किये जा रहे हैं, यदि हां, तो क्यों ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हॉं। (ख) जी नहीं। मीटर युक्त उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के आधार पर एवं मीटर स्थापित नहीं होने की स्थिति में म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्तमान में लागू दर आदेश में दिये गये प्रावधानों के अनुसार बिल जारी किये जा रहे है। म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2015-16 के लिये जारी दर आदेश के अनुसार बिना मीटर वाले घरेलू उपभोकताओं को ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिमाह 75 यूनिट एवं शहरी क्षेत्र में प्रतिमाह 100 यूनिट खपत के बिल जारी करने का प्रावधान है। उक्तानुसार जारी किये गये बिलों में नियमानुसार 25 यूनिट नि:शुल्क मासिक खपत समायोजित कर दी जाती है। (ग) जी हॉं। जिला रायसेन में दिसम्बर 2015 की स्थिति में प्रश्नाधीन उललेखित श्रेणी के कुल 1749 उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय का लाभ दिया गया है। (घ) जी नहीं।
बरझा बाईपास निर्माण के संबंध में 15. ( *क्र. 2423 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 24 (क्रमांक 1325) दिनांक 30.07.15 के उत्तर में अवगत कराया गया था कि सिहोरा से खितौला को मिलाने वाली बरझा बाईपास मार्ग की आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्वीकृति दिनांक 10.01.2002 को दी गई थी ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क निर्माण की योजना भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही उपरांत किये जाने का लेख किया तो भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही किस स्तर पर है । किन-किन किसानों की भूमि अधिग्रहण किया जाना है, किस दर से मुआवजा भुगतान किया गया/किया जाना है ? कब तक अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी तथा मार्ग निर्माण की अवधि क्या निर्धारित की गई है ।मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) नगर पालिका परिषद सिहोरा द्वारा परिषद संकल्प क्रं. 68 दिनांक 23.12.2015 के अनुसार खितौला से सिहोरा को जोड़ने वाली बरझा लिंक रोड में पड़ने वाली विभिन्न भूमियों के भूमि स्वामियों एवं खसरा नंबर आदि की जानकारी संकलित की जा रही है। भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ नहीं हुई है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 71 सी में आवासीय भूखण्ड का उपयोग व्यावसायिक रूप में किया जाना 16. ( *क्र. 445 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 71 सी शेष सेक्टर सी के प्लाट क्रमांक ए एक्स-7 का भूखण्ड किसके नाम किस प्रयोजन के लिए कब तथा किन-किन शर्तों पर आवंटित किया गया ?(ख) क्या लीज डीड की शर्तों के अनुसार ही उक्त भू-खण्ड का उपयोग किया जा रहा है ? यदि नहीं तो शर्तों का उल्लंघन कर भू-खण्ड का उपयोग किए जाने पर भू-खण्ड आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन उत्तरदायी है ? (ग) क्या उक्त भू-खण्ड की लीज शर्तों में परिवर्तन किए बिना ही दिनांक 25.02.2000 को प्राधिकरण द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया गया था ? यदि हां, तो किस अधिकारी ने किस आधार पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया ? क्या यह प्रमाण पत्र वैध है ? यदि नहीं तो संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं आवासीय क्षेत्र में लीज डीड शर्त का उल्लघंन कर पेट्रोल पंप का संचालन किए जाने पर भू-खण्ड का आवंटन निरस्त किया जाएगा ? यदि नहीं तो क्यों ? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्राधिकरण द्वारा पत्र क्र. 8342 दिनांक 02.10.2011 को जारी पत्र में उक्त भूखण्ड को फ्री होल्ड करने के निवेदन को अस्वीकार किया गया था ? यदि हां, तो कारण सहित ब्यौंरा दें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 71 सेक्टर सी के प्लाट क्र. ए.एक्स.-7 का भूख्ंाड श्री शरद कुमार पिता श्री धर्मचंद्र गंगवार को लीजडीड की शर्तो अनुसार आवासीय उपयोग हेतु पत्र क्र्रमांक 6584 दिनांक 16.06.1993 को आवंटित किया है। लीजडीड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नही। उक्त भूखंड को पट्रोल पम्प के उपयोग हेतु इंदौर विकास प्राधिकरण, इंदौर द्वारा अनापत्ति जारी की गई थी जिसके अनुसार भूखंड का उपयोग अनापत्ति के अनुसार पेट्रोल पंप के लिये किया जा रहा है। प्राधिकरण के संज्ञान में आने पर भूखंड का उपयोग शर्तो के अनुसार न होने पर नोटिस जारी किए गए है। प्रश्नाधीन प्रकरण में लीजडीड पर कार्यवाही करने हेतु प्राधिकारी बोर्ड के समक्ष प्रकरण को रखने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाॅ। प्राधिकारी के तत्समय विधि अधिकारी ने सक्षम स्वीकृति लेकर जिला दंडाधिकारी इंदौर को अनापत्ति दी है। यद्यपि प्रमाण पत्र प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया है तथापि लीज की शर्तो तथा दी गई अनापत्ति के संंबंध में प्राधिकारी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अपर जिला दंडाधिकारी, इंदौर तथा संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय इंदौर की कमेटी बनाकर 15 दिवस में रिपोर्ट प्राप्त की जावेगी तथा उक्त रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्यवाही की जायेगी।(घ) जी हाॅ। फ्रीहोल्ड करने का आवेदन आवासीय प्रयोजन के भूखंड का उपयोग पेट्रोल पंप के लिए किये जाने के कारण अस्वीकार किया गया।
नगरीय सीमा में काबिज दुकानदारों को पट्टा आवंटन 17. ( *क्र. 51 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जिला सिंगरौली में नगर पालिक निगम सिंगरौली में आवासरत् ग्राम मटवई, तेलिगमा के दुकानदार एन.टी.पी.सी. से विस्थापित होकर वार्ड क्रं.-32 में वर्ष 1985-86 से आवासरत् है ? जो विस्थापित हैं और कुछ लोग विगत 30 वर्षों से कब्जे में दुकान बनाकर काबिज हैं तो ऐसे लोगों को शासन द्वारा क्या पट्टे दिये जायेंगे ? यदि हां, तो कब तक ? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में भूमि पर काबिज दुकानदारों को पट्टा दिये जाने हेतु शासन की क्या योजना है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। कुल 22 व्यक्ति विस्थापित है, शेष 199 गैर-विस्थापित है। निगम द्वारा अतिक्रमण क्षेत्रफल का नियमितिकरण दुकानदारों के मध्य निर्धारित दर पर किये जाने के उदेश्य से सर्वे कराया गया है। मेयर-इन-कौंसिल व परिषद में आगामी बैठक में प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जायेगा। (ख) नगर पालिक निगम, सिंगरौली से परिषद का प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
ग्राम जैतपुर तहसील, नरवर में स्थिति रेत खदान से सम्बंधित18. ( *क्र. 2077 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्राम जैतपुर, तहसील नरवर, जिला शिवपुरी में स्थित रेत खदान के संचालनकर्ता श्री अरविन्द सिकरवार को किस सर्वे नम्बर में रेत खदान नीलामी द्वारा दी गई है ? क्या उस सर्वे नम्बर व क्षेत्रफल के अलावा अन्य सर्वे नम्बरों व अन्य स्थानों पर भी भारी मात्रा में अवैध रेत उत्खनन कर रहे हैं ?(ख) क्या उक्त ठेकेदार के कार्यकर्ता किसी भी खदान से उत्खनन रेत की भी अवैध रॉयल्टी वसूल कर रहे हैं, जिसमें शासन को राजस्व हानि हो रही है ? (ग) यदि हां, तो क्या (क) व (ख) में वर्णित ठेकेदार द्वारा नीलामी के अतिरिक्त अन्य खदानों के उत्खनन से संबंधित व इनके कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध वसूली की रोकथाम हेतु प्रश्नकर्ता के समक्ष उच्च अधिकारियों द्वारा जांच कराई जायेगी ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में श्री अरविन्द सिकरवार को खसरा क्रमांक 2134 एवं 2254 के रकबा 6.640 हेक्टेयर क्षेत्र पर रेत खदान नीलामी द्वारा दी गई है। जी नहीं।
(ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही होता।
अल्हेड तालाब योजना का निर्माण19. ( *क्र. 207 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या अल्हेड तालाब योजना तहसील एवं विकासखण्ड मनासा जिला नीमच की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 242.51 लाख के प्रस्ताव पर स्थायी वित्तीय समिति की 33 वीं बैठक दिनांक 05.03.2007 में प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 242.51 लाख तथा योजना पर व्यय करने के लिये निवेश निकासी की सहमति दिये जाने का निर्णय लिया गया था ?(ख) उक्त योजना के तहत कितनी भूमि सिंचित होनी थी एवं कितनी धन राशि व्यय की जानी थी ? उक्त योजना पर स्वीकृति के पश्चात् अग्रिम कार्यवाही न होने के क्या कारण है ? क्या विभाग उक्त योजना का पुन: सर्वेक्षण कराकर पुन: निर्माण हेतु विचार करेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) अल्हेड़ लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 24.05.2007 को रू. 242.51 लाख की 222 हेक्टर रबी सिंचाई के लिए दी गई थी । भू-अर्जन की लागत में अत्यधिक वृद्धि होने और उपलब्ध जल से मात्र 116 हेक्टर भूमि में रबी सिंचाई संभव होने के परिप्रेक्ष्य में परियोजना की प्रति हेक्टर लागत निर्धारित मापदण्ड से दुगनी से अधिक हो जाने के कारण परियोजना असाध्य हो जाने से निर्माण कराया जाना संभव नहीं है। पुन: सर्वेक्षण कराने से निर्माण की लागत अथवा सिंचाई क्षमता में परिवर्तन संभव नहीं होने से पुन: सर्वेक्षण कराने का औचित्य नहीं है ।
नगर पंचायत कैलारस में अनियमितताएं20. ( *क्र. 2330 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नगर परिषद कैलारस में वर्ष 2012 में 209 दुकानें तोड़ी गई तब से आज तक उनके लिये अन्य जगह दुकानों का न तो निर्माण कराया गया और न ही पुनर्वास आवंटित किया गया ? बल्कि दिनांक 09.09.2015 को नगर परिषद द्वारा 10-15 वर्ष पुरानी निर्मित दुकानों को अवैध रूप से नीलामी कर दिया गया ? (ख) क्या दुकानों की नीलामी की स्वीकृति बिना मुख्य नगर पालिका अधिकारी के अभिमत लिये बिना विषय सूची से हटकर पार्षदों को बिना सूचना दिये बैठक दिनांक 14.09.2015 को संपादित कर नीलामी स्वीकृति प्रदाय कर दी गई है ? (ग) क्या उक्त अवैध बैठक के शून्य करने संबंधित प्रतिवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं तहसीलदार द्वारा भेजा गया है ? यदि हां, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है ? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में तोड़ी गई दुकानों के पुनर्वास हेतु दुकाने निर्मित की जा सकेंगी और नगर परिषद कैलारस में व्याप्त अनियमितताएँ नियम विरूद्ध किये गये कार्यों की जांच कर संबंधित पदाधिकारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर परिषद, कैलारस में वर्ष 2012 में प्रशासन द्वारा नगर परिषद की 209 दुकानें तोड़ी गई। उक्त दुकानों के निर्माण के लिये नगर परिषद को मांग अनुसार कलेक्टर मुरैना द्वारा वर्ष 2013 में भूमि का आवंटन किया गया। जिसका निकाय द्वारा 48.87 लाख रूपयें प्रीमियम एवं भू-भाटक कलेक्टर मुरैना के कार्यालय में जमा कराया गया है, उक्त भूमि के संबंध में माननीय ए.डी.जे. न्यायालय सबलगढ़ के बानमौर सीमेंट वर्क्स बनमौर द्वारा वाद (मामला) चलाया जा रहा है जिसमें माननीय ए.डी.जे. न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश (निषेधाज्ञा) जारी की गई है, इसलिये कोई कार्यवाही नहीं की गई। दिनांक 09.09.2015 को 10-15 वर्ष पुरानी निर्मित दुकानें परिषद की स्वीकृति अनुसार आरक्षण की कार्यवाही कर नीलाम की गई है। (ख) जी हॉ। (ग) परिषद के साधारण सम्मेलन दिनांक 14.09.2015 को शून्य घोषित करने संबंधी प्रतिवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं तहसीलदार द्वारा कलेक्टर को भेजा गया है, प्रतिवेदन के आधार पर माननीय न्यायालय कलेक्टर द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया है प्रकरण विचाराधीन है। (घ) तोड़ी गई दुकानों से विस्थापित हुये दुकानदारों के पुनर्वास की कार्यवाही न्यायालयीन प्रकरणों के निपटान के उपरांत किया जाना संभव होगा। इस मामले में दोषी पदाधिकारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दर्ज प्रकरण पर निर्णय उपरांत कार्यवाही की जायेगी, प्रकरण की आगामी तिथि 11.04.2016 है।
इरीगेशन पाइपों की पूर्ति किसानों को करने बाबत् 21. ( *क्र. 786 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 17 एवं 18 दिसम्बर, 2015 को नर्मदा घाटी विकास विभाग को माइक्रो इरीगेशन के लिए किसानों को पाइपों की पूर्ति करने के संबंध में लिखित पत्र क्या प्राप्त हुए हैं ? हां तो उस पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई ? (ख) प्रश्नांश (क) के पत्रों में उल्लेखित योजना का लाभ किसानों को पहुंचाने के लिए विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने-कितने किसानों को उक्त पाइप मुहैया कराये गये हैं ? नहीं तो क्यों ?(ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित पत्रों पर कार्यवाही कर क्या पत्रों को अन्य संबंधित विभागों में भी अग्रिम कार्यवाही किये जाने हेतु कोई पत्र प्रेषित किये गये, हां तो बतायें ? (घ) क्या खरगोन लिफ्ट इरीगेशन योजना का लाभ कसरावद विधानसभा क्षेत्र के सभी किसानों को तब तक नहीं पहुंचाया जा सकता जब तक कि सभी किसानों को उक्त पाइप मुहैया नहीं करा दिये जा सकते ? हां, तो बतायें नहीं तो सभी किसानों को उक्त योजना से लाभान्वित करने हेतु संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हॉ। दिनांक 17/12/2015 का पत्र प्राप्त हुआ । किसानों को पाईप की पूर्ति करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) केन्द्रीय जल आयोग भोपाल को संपूर्ण इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य बहाव नहर एवं खरगोन उद्वहन नहर के अंतर्गत 40 हेक्टेयर तक के चक के पश्चात से 509.49 करोड का प्रस्ताव कमाण्ड एरिया डेव्हलपमेंट के कार्यों हेतु भेजा गया है। (घ) जी नहीं। कसरावद विधानसभा क्षेत्र के किसान खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना का लाभ निर्धारित आउटलेट से उठा रहे है। शेषांश उत्तरांश ‘’ग’’ अनुसार।
संविदा पर नियुक्त व्यक्ति द्वारा वित्तीय अधिकार न होने पर भी उनका उपयोग करना 22. ( *क्र. 1009 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2012 में उल्लेखित एडमिनिस्ट्रेटिव मैटर्स शीर्षक के अंतर्गत उल्लेख एस.आर. 10 बिलो, एफ 9(32) mpfc वाल्यूम-01, रूल (14) के प्रावधान अनुसार हेड आफ डिपार्टमेंट से आशय क्या ऐसे व्यक्ति से है जो शासकीय सेवक हो अर्थात विभागीय भर्ती नियुक्ति पदोन्नति नियमों के प्रावधानुसार उसकी नियुक्ति अथवा पदोन्नति से हो क्या यह सही है ? (ख) क्या ऐसे शासकीय सेवा निवृत्त व्यक्ति जिसे कि संविदा पर नियुक्त किया गया हो उसे हेड आफ डिपार्टमेंट घोषित किया जा सकता है ? यदि हां, तो किस नियम के तहत ? प्रति बतायें ? (ग) क्या सेवानिवृत्त संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को वित्तीय शक्तियां प्रत्यायोजित की जा सकती है ? यदि हां तो नियम की प्रति बतायें और उसके द्वारा वित्तीय अनियमितता/घपला/गबन/घोटाला और पद और शक्ति का दुरूपयोग करने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किस नियम के तहत की जावेगी ? नियम की प्रति बतायें ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हां। वर्णित प्रावधान विभागीय संरचना में स्वीकृत पदनाम के लिये है, किसी व्यक्ति के लिये नही है। (ख) पदनाम को विभागाध्यक्ष घोषित किया जाता है एवं उस पद पर नियुक्त व्यक्ति विभागाध्यक्ष होगा। (ग) वित्तीय अधिकारों का प्रत्यायोजन पदनाम के आधार पर है। सेवा निवृत्त शासकीय सेवक की राज्य शासन मे संविदा नियुक्ति होने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 लागू रहते है तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम 9 अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही संभव है तत्संबंधी नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है।
परिशिष्ट चार नई दिल्ली स्थित म.प्र. भवन में पदस्थ कर्मी 23. ( *क्र. 704 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नई दिल्ली स्थित म.प्र. भवन में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं ? कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं ? इन पद पर कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं ? इनके मूल विभाग क्या हैं ? नाम सहित जानकारी देंवे? (ख) म.प्र. भवन में विधानसभा सदस्यों के लिए क्या-क्या सुविधाएं प्रदाय की जाती हैं ? (ग) विगत 02 वर्षों में म.प्र. भवन में रूके हुए अतिथियों द्वारा क्या-क्या सुझाव दिए गए ? कौन-कौन सी शिकायत दर्ज करवाई गई एवं इनमें क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (घ) म.प्र. भवन के कक्षों में अतिथियों के रूकने हेतु कक्षों के आवंटन हेतु क्या प्राथमिकता क्रम है ? दिनांक 17 जनवरी 2016 को सुबह 7.00 बजे कितने कक्ष किन-किन अतिथियों हेतु आवंटित थे ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।(ख) मध्यप्रदेश भवन तथा मध्यांचल अधिवास नियम 2015(संशोधित दिनांक 02-01-2016) के परिशिष्ट-2 के स0क्र0- 3 एवं 4 में प्रावधानानुसार माननीय विधायकगणों को शासकीय प्रवास पर नि:शुल्क एवं निजी प्रवास पर एक कैलेण्डर वर्ष में 03 दिवस अधिकतम प्रतिमाह की शर्त पर 30 दिवस नि:शुल्क अधिवास की पात्रता है। अतिरिक्त अवधि के लिए अधिवास नियम के परिशिष्ट-3 अनुसार शुल्क देय है। तथा अधिवास सुविधाओ के अतिरिक्त अन्य सुविधाओ का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ)मध्यप्रदेश भवन के कक्षों में अतिथियों के रूकने हेतु कक्षों के आंवटन के लिये प्राथमिकता क्रम का आधार मध्यप्रदेश भवन तथा मध्यांचल अधिवास नियम 2015(संशोधित दिनांक 02-01-2016) के नियम-4 (कर्तव्य पर प्रवास) एवं नियम-5 है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
नर्मदा को चंबल के उद्गम स्थल पर जोड़ना24. ( *क्र. 412 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. में नदियों से नदियों को जोड़ने की क्या कार्ययोजना बनाई जा रही है अवगत करावे ?(ख) नर्मदा नदी को चंबल नदी के उद्गम स्थल पर जोड़ने की क्या कार्य योजना है और है तो कब तक यह योजना मूर्त रूप लेगी ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) वर्तमान में नर्मदा नदी को चंबल नदी के उद्गम स्थल पर जोडने की कोई कार्य योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट पांच विधायक निधि द्वारा स्वीकृत कार्यों का भुगतान 25. ( *क्र. 1682 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014-15 में विधायक निधि मद से विभिन्न ग्राम पंचायतों में ट्यूबवेल, हैण्डपम्प कार्य, पाईप लाईन कार्य लगभग 10 कार्यों की राशि 10.50 लाख (दस लाख पचास हजार) रूपये की स्वीकृति जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा प्रदान की गई थी ? जिसमें क्रियान्वयन निर्माण एजेंसी कार्यपालन यंत्री, लोक स्वा.यां. विभाग छिन्दवाड़ा को बनाया गया था ?(ख) उक्त स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद भी क्रियान्वयन निर्माण एजेन्सी कार्यपालन यंत्री, लोक स्वा.यां. विभाग छिन्दवाड़ा को उक्त राशि 10.50 लाख का भुगतान अभी तक नहीं किया गया, जिसका क्या कारण है ? निर्माण एजेन्सी को कब तक उक्त राशि का भुगतान कर दिया जायेगा ? (ग) शासन के द्वारा निर्धारित समय-सीमा के आधार पर स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि का भुगतान नहीं करने एवं भुगतान में विलम्ब के लिये कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है और विभाग द्वारा संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ। (ख) कोष एवं लेखा के सर्वर में खराबी होने के कारण राशि लेप्स हुई है। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा पत्र क्रमांक 575 दिनांक 08-02-2016 द्वारा रूपये 3.50 लाख तथा पत्र क्रमांक 740 दिनांक 15-02-2016 द्वारा रूपये 7.00 लाख की राशि संबंधित बी.सी.ओ. पर उपलब्ध करा दी गई है। (ग) कोष एवं लेखा के सर्वर में तकनीकी खराबी होने कारण राशि लेप्स हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
भाग-2नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तरराज्य शासन की डोडा चूरा नीति 1. ( क्र. 6 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राज्य शासन की डोडा चूरा नीति के बारे में पृथक-पृथक विस्तृत जानकारी दे एवं विगत 5 वर्षों में केंद्र या राज्य शासन द्वारा डोडा चूरा नीति में क्या-क्या परिवर्तन संशोधन किये गये ? पृथक-पृथक बतावें।(ख) क्या प्राकृतिक प्रकोप के कारण अफीम की फसल में हुए नुकसान की केंद्र व राज्य शासन की क्या नीति है व मध्य प्रदेश में अफीम उत्पादक किसानों को क्या-क्या मुआवज़ा देने का प्रावधान है ? विगत दो वर्षों से अभी तक कितने लोगों को मुआवजा दिया गया ? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें ?(ग) क्या मध्यप्रदेश में निजी नीति नहीं बन सकती है, जिसमें डूडा चूरी के ठेकेदारों की मनमानी नहीं चले व किसानों का डोडा चूरा जप्त कर पुलिस प्रकरण नहीं बनाया जा सके ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अफीम उत्पादक जिला मंदसौर, नीमच एवं रतलाम में डोडाचूरा नीति के बारे में विगत 05 वर्षो में राज्य शासन द्वारा किये गये परिवर्तन, संशोधन, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधाराण) क्रमांक 84 दिनांक 26.02.2011, क्रमांक 95 दिनांक 11.03.2011, क्रमांक 243 दिनांक 04.05.2011, क्रमांक 67 दिनांक 15.02.2012, क्रमांक 73 दिनांक 27.02.2012, क्रमांक 62 दिनांक 13.02.2013, क्रमांक 24 दिनांक 15.01.2014 द्वारा, क्रमांक 168 दिनांक 30.04.2015 द्वारा घोषित नीति अनुसार डोडाचूरा का निष्पादन किया गया है। उक्त प्रकाशित विज्ञप्तियों की छायाप्रतियां विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार वर्णित जारी विज्ञप्तियों में निजी नीति के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है।
गोचर भूमि में पवन चक्कियाँ 2. ( क्र. 13 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जावरा एवं पिपलोदा तहसील जिला रतलाम में गौचर भूमि कितने प्रतिशत है तथा गोचर भूमि में से कितनी भूमि पवन चक्कियों व जटरोफा लगाने के लिये किस-किस व्यक्ति, संगठन व कंपनी को दी है ? (ख) महाविद्यालय, स्कूल, अस्पताल आदि से कितनी दूर पवन चक्की बनाने का नियम है ? (ग) पवन चक्की कंपनियों के विरूद्ध ग्राम मावता, कॅसेर, आक्याबेनी, तालीदाता आदि किन-किन गांवों की क्या-क्या शिकायत इस वर्ष जिला प्रशासन को मिली व इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई ? क्या महाविद्यालय कालूखेड़ा व नवोदय स्कूल कालूखेड़ा के अत्यंत पास पवन चक्की लगी है, जिसकी आवाज बहुत आती है ? क्या प्रश्नकर्ता की शिकायत पर इसे कहीं और शिफ्ट करेंगे ? (घ) कॅसेर में एक व मावता में दो छोटी तलैया में संयत्र लगाने से मावता में पाल टूटने तथा वाटरशेड मावता की तलैया जलसंग्रहण क्षमता समाप्त होने की किस-किस ने पिछले वर्ष शिकायत की व उस पर शासन ने क्या कार्यवाही की ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला-रतलाम की तहसील-जावरा एवं पिपलोदा में गोचर भूमि शामिल जोत के क्रमश: 5.6 एवं 6.03 प्रतिशत है। गोचर भूमि में से जटरोफा लगाने हेतु कोई भूमि किसी भी व्यक्ति, संगठन या कम्पनी को नहीं दी गई है। पवन चक्कियों हेतु दी गई भूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पवन चक्की स्थापना के संबंध में महाविद्यालय, स्कूल, अस्पताल आदि से दूरी के लिये कोई नियम प्रतिस्पादित नहीं है। (ग) पवन चक्की कम्पनियों के विरूद्ध प्रश्नांकित ग्रामों की कोई शिकायत जिला प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्राप्त शिकायतों का नियमानुसार निराकरण किया जा रहा है। ग्राम-कालूखेड़ा में स्थित पवन चक्की से नवोदय विद्यालय 246 मीटर एवं शासकीय महाविद्यालय 301 मीटर की दूरी पर स्थित है। पवन चक्की के शोर से असुविधा नहीं पाई गई है। अत: ग्राम कालूखेड़ा में स्थित पवन चक्की को अन्यत्र स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं है। (घ) ग्राम-मावता में पवन चक्की संयंत्र लगाने से दो छोटी तलैयों की पाल टूटने एवं जल संग्रहण क्षमता समाप्त होने की ग्राम पंचायत मावता की शिकायत पर नियमानुसार जांच की जाकर संबंधित कम्पनी से टूटी हुई पाल की मरम्मत करा दी गई है। ग्राम-कॅसेर से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
नगर निगम ग्वालियर में सम्मिलित पेयजल योजनाएं 3. ( क्र. 21 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नगर निगम ग्वालियर में विलय 31 ग्राम पंचायतों के ग्रामों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नगर निगम ग्वालियर द्वारा क्या-क्या योजनाएँ तैयार की गई है ? (ख) नगर निगम ग्वालियर के वार्ड क्र.61 से 66 तक में पेयजल सुविधा हेतु कितने हैण्डपंप स्थापित हैं ? जिनमें से कितने संचालित हैं तथा कितने खराब हैं, जिनका संधारण किसके द्वारा किया जा रहा है ?(ग) नगर निगम ग्वालियर के नवीन वार्ड क्र.61 से 66 तक गठन के उपरांत कितने नवीन नलकूप खनन (हैण्डपंप) स्वीकृत किये गये तथा कितने खनन किये गये एवं कितने खनन हेतु लम्बित हैं ? वार्डवार/ग्रामवार/स्थान सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाये ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु नगर निगम, ग्वालियर में विलय 31 ग्राम पंचायतों के गांवों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिये नगर निगम द्वारा 50 नलकूप खनन कर, हैण्डपंप स्थापित करने हेतु योजना तैयार की गई। (ख) नगर निगम, ग्वालियर के वार्ड क्रं. 61 से 66 में पेयजल सुविधा हेतु 811 हैण्डपंप स्थापित है, जिनमें से 689 संचालित है तथा 122 खराब है, जिनका संधारण नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। (ग) नगर निगम ग्वालियर के नवीन वार्ड क्रं. 61-66 तक गठन के उपरांत 54 नवीन नलकूप खनन (हैण्डपंप) स्वीकृत किये गये है। इनमें से 36 खनन किये गये तथा 18 खनन हेतु लंबित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट छ: निर्माण कार्य एवं सामग्री सप्लाई 4. ( क्र. 26 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) डिण्डौरी जिले की नगर परिषद-शहपुरा (1) एवं (2) डिण्डौरी के अंतर्गत 1 फरवरी, 2013 से 30 अक्टूबर 2015 तक, शासन के विभिन्न मदवार प्राप्त राशि की जानकारी देवें ? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रत्येक निर्माण कार्य के नाम, लागत, भुगतान राशि, संविदाकार का नाम व प्रत्येक निविदा में कार्य अनुसार निविदा दर की तुलनात्मक जानकारी देवें ? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में सम्पूर्ण क्रय सामग्री का नाम, सामग्री की कीमत, सप्लायर का नाम, भुगतान राशि तथा तिथि, निविदा किस समाचार पत्र में और कब प्रकाशित करायी गई ? (घ) क्या निर्माण कार्य के निविदा आमंत्रण में प्रथम निविदा प्रक्रिया में सिंगल निविदा प्राप्त होने पर भी स्वीकृत की गई ? यदि हां तो निर्माण कार्य एवं निविदाकार का नाम, निविदा दर, भुगतान राशि, तिथि सहित परिषद से अनुमोदित तिथि की जानकारी देवें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) नगर पालिका परिषद शहपुरा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत घर-घर शौचालय निर्माण की निविदा प्रज्ञा जनहित संस्था भोपाल द्वारा प्राप्त 5.75 अधिक यू.ए.डी.डी. एस.ओ.आर., परिषद प्रस्ताव क्रमांक 18 दिनांक 20.10.2014 भुगतान राशि रू. 3357362.00 का किया गया। नगर परिषद डिण्डोरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
जिला-डिण्डौरी में अवैध उत्खनन 5. ( क्र. 30 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला-डिण्डौरी, विधान सभा क्षेत्र डिण्डौरी के अंतर्गत विकास खण्डवार बतायें कि 2014, एवं 15 में कितने प्रकरण अवैध उत्खनन रेत, पत्थर, मुरुम के कितने लोगों के ऊपर, विभाग द्वारा बनाये गये एवं कितनी-कितनी राशि का अर्थदण्ड निरूपित किया गया ? (ख) वर्ष 2015 में विकास खण्ड शहपुरा में, अवैध उत्खनन एवं भण्डारण (पत्थर, गिट्टी, मुरुम, रेत) के कितने प्रकरण, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग द्वारा किन-किन लोगों के ऊपर बनाया गया, उनसे कितनी-कितनी राशि वसूली गई ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' एवं परिशिष्ट 'ब' पर है। (ख) प्रश्नाधीन विकासखण्ड में राजस्व / पुलिस विभाग द्वारा अवैध उत्खनन एवं भण्डारण के कोई प्रकरण नहीं बनाए गए हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट सात सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में किये जा रहे कार्य6. ( क्र. 41 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सरदार विधानसभा क्षेत्र की 95 ग्राम पंचायतों में से कितने ग्रामों/मजरे/टोलों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो गया है ? ग्रामवार सूची उपलब्ध करवायें ?(ख) कितने ग्रामों/मजरों/टोलों में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण है ? यदि अपूर्ण है तो इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है ? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है ?(ग) क्या इन कार्यों में प्रयुक्त सामग्री घटिया किस्म की लगी होने के कारण पिछले वर्ष पशुधन एवं जनधन की हानि होने संबंधी समाचार प्रकाशित हुए हैं ? यदि हां, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ?(घ) उक्त अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धार जिले के अन्तर्गत सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र की 95 ग्राम पंयायतों में विद्यमान समस्त 193 राजस्व ग्रामों में प्रस्तावित फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा इन 193 राजस्व ग्रामों के अन्तर्गत कुल 192 मजरों/टोलों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है उक्त 193 ग्रामों एवं 192 मजरों/टोलों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र ''अ'' एवं प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्र्रश्नाधीन क्षेत्र के किसी भी ग्राम में फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जाना शेष नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामों में कुल 693 मजरे/टोले चिन्हित हैं, जिनमें से 501 मजरों/टोलों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण है। उक्त सभी 501 मजरों/टोलों को घरेलू फीडरों से जोड़ने हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल कर कार्यादेश जारी किया जा चुका है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उक्त कार्य में प्रयुक्त सामग्री का निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार परीक्षण किया जाता है एवं निर्धारित मानकों के अनुरूप होने पर ही सामग्री का उपयोग विद्युत लाईनों में किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पशुधन एवं जनधन की हानि होने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: किसी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल उपरोक्त कार्य निविदा अनुबंध की शर्त के अनुसार दिनांक 17.02.2017 तक पूर्ण किया जाना निर्धारित है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना 7. ( क्र. 61 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जिला सिंगरौली नगर पालिका निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध बनाया गया था और कोई भी कॉलोनाईज़र द्वारा अवैध प्लाट न ही विक्रय किया और न ही लायसेंस धारी द्वारा कोई अवैध कॉलोनी निर्माण कर प्लाट बेचा है, बल्कि किसान पट्टेदार द्वारा ही अपने स्वामित्व की भूमि को आवश्यकतानुसार समय-समय पर विक्रय किया जाकर कॉलोनी बनायी गयी है, जो वैध नहीं है ?(ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में इस विसंगति पूर्ण अवैध निर्मित कॉलोनियों को शासन द्वारा कब तक वैध किया जायेगा, जिससे इनका विकास हो सके ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। जी हॉं। (ख) म.प्र. नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्ते) नियम 1998 के प्रावधानों अनुसार अवैध कालोनियों को वैध करने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नही है।
132 के.व्ही. विद्युत सबस्टेशन पचीपुरा के निर्माण बाबत्8. ( क्र. 70 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बैराढ़ (पचीपुरा) स्थित 132 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन कब स्वीकृत हुआ ? उक्त सब स्टेशन के निर्माण हेतु क्या समय सीमा निर्धारित की गयी थी क्या विद्युत सबस्टेशन के निर्माण में विलंब हुआ है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन विद्युत सबस्टेशन के निर्माण में हुए विलंब के लिये कौन दोषी है व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व सबस्टेशन का निर्माण कब तक पूर्ण कल लिया जावेगा ? विद्युत सबस्टेशन की वर्तमान अद्यतन स्थिति से भी अवगत करावें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र जिला शिवपुरी के अन्तर्गत बैराढ़ (पचीपुरा) 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु प्राक्कलन दिनांक 11.03.2013 को स्वीकृत किया गया था। उक्त विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण हेतु समयसीमा आशय पत्र दिनांक 20.04.2013 से 24 माह निर्धारित थी। जी हां। (ख) निर्माणाधीन विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण में हुए विलंब के लिए ठेकेदार फर्म मेसर्स आइसोलक्स इंजेनीरिया गुडगांव दोषी है। विलंब से कार्य करने के कारण कार्यादेश के प्रावधानों के अनुसार ठेकेदार के बिल से कार्यादेश राशि का अधिकतम 10 प्रतिशत दण्ड राशि काटे जाने का प्रावधान है। तदनुसार दिनांक 31.01.2016 तक रू. 11,76,641/- की राशि दंडस्वरूप काटी गई है। उक्त विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य अगस्त, 2016 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास किेये जा रहे हैं। वर्तमान में विद्युत उपकेन्द्र का लगभग 29 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को आर्थिक सहायता प्रदान करने बाबत्9. ( क्र. 71 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सड़क दुर्घटना में मृतकों व घायलों को आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है यदि हां, तो शिवपुरी जिले में वर्ष 14-15 से प्रश्न दिनांक तक सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों के आश्रितों व घायलों को कितनी-कितनी राशि किस-किस को प्रदाय की गयी ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मृतकों के आश्रितों व घायलों के किन-किन प्रकरणों में आर्थिक सहायता राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गयी है व किस कारण से ? उन्हें आर्थिक सहायता राशि कब तक प्रदाय कर दी जावेगी ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां । जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (ख) समस्त प्रकरणों में सहायता राशि वितरित की जा चुकी है ।
परिशिष्ट आठ माही नदी पर वृहद डेम के निर्माण कार्य की स्वीकृति 10. ( क्र. 110 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या धार जिले के सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माही नदी पर वृहद डेम का निर्माण किया गया है ? यदि हां, तो इस कार्य की स्वीकृति का वर्ष, मद का नाम सहित जानकारी दें ।(ख) क्या उक्त कार्य टेण्डर के माध्यम से / विभागीय तौर पर करवाया गया है ?(ग) उक्त कार्य पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है ?(घ) इस कार्य से कितने कृषकों की कितनी भूमि डूब में गई है ? क्या उन कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित मुआवज़े की राशि का भुगतान हो चुका है ? (ङ) उक्त कार्य के निर्माण से कितने कृषकों की भूमि में सिंचाई उपलब्ध हो रही है ? किसानों की संख्यात्मक जानकारी दें ? (च) क्या डेम के निर्माण के दौरान अथवा कार्य पूर्ण होने के पश्चात् गुणवत्ता के संबंध में विभाग/शासन को किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई ? यदि हां, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं, तो क्यों ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ । माही वृहद परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दि. 09.03.1981 को रू.27.10 करोड़ की आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत प्रदान की गई थी । परियोजना की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 25.09.2013 को रू.834.24 करोड़ की प्रदान की गई है । (ख) प्रश्नाधीन बांध का निर्माण निविदा आमंत्रित कर एजेंसी निर्धारित कर किया गया है । (ग) माही मुख्य बांध के निर्माण कार्य में रू.137.74 करोड़ का निवेश किया गया है । (घ) माही मुख्य बांध में 1158 कृषकों की 678.44 हेक्टर भूमि डूब में आई है । जी हॉ । (ड) परियोजना से चालू रबी में अब तक लगभग 14,000 कृषकों की 15,500 हेक्टर भूमि में रबी सिंचाई की जा चुकी है । (च) निर्माण कार्य की गुणवत्ता अच्छी है । किसी शिकायत विशेष का प्रश्न में उल्लेख नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है ।
ई-रजिस्ट्रीयों के साफ्टवेयर से आमजन की परेशानी11. ( क्र. 135 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. में कुल कितने रजिस्ट्रार ऑफिस में ई-रजिस्ट्री एवं ई-पंजीकरण का कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ हो चुका है ? कितनों में नहीं जिलेवार जानकारी देवें ? (ख) ई-पंजीकरण योजना के संबंध में शासन द्वारा कितनी राशि में किस कंपनी से इस साफ्टवेयर को बनवाया गया ? क्या यह साफ्टवेयर तकनीकी रूप से ठीक होकर सुचारू रूप से कार्य कर रहा है यदि नहीं तो प्रदेश के किन-किन जिलों में कितनी-कितनी शिकायत इस साफ्टवेयर के प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक प्राप्त हुई तथा बताएं की इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या ई-पंजीकरण योजना के साफ्टवेयर की कई त्रुटियों के कारण जनता को असुविधा हो रही है तथा जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण शासन को राजस्व की अपूरणीय क्षति हो रही है क्या यह क्षति साफ्टवेयर कंपनी से वसूली जायेगी ? यदि हां, तो कब तक ? क्या सरकार ऑनलाईन रजिस्ट्री के साथ पुन: मेन्यूअल व्यवस्था लागू करने पर भी विचार कर रही है ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश के समस्त 233 उप पंजीयक कार्यालयों में ई-पंजीकरण का कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ हो चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विप्रो लिमिटेड (इन्फोटेक डिवीजन) से साफ्टवेयर बनवाया गया है। इस हेतु कुल 6,51,28,767/- रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। साफ्टवेयर तकनीकी रूप से ठीक होकर सुचारू रूप से कार्य कर रहा है। अब तक लगभग 2,87,000 दस्तावेज सफलतापूर्वक ई-पंजीकृत हो चुके है। ई-पंजीयन के सुचारू संचालन हेतु शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए हेल्प डेस्क् की व्यवस्था रखी गई है। इस संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं उनके संबंध में की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट नौ खंडवा जिले में बिजली के तारों की चोरी 12. ( क्र. 180 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खंडवा जिले में विगत तीन वर्षों में बिजली सामग्री चोरी के कहां-कहां एवं कितने प्रकरण हुए है ? चोरी गई सामग्री की कीमत एवं बजन क्या है ? कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा ज्ञात/अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं ?(ख) जिन प्रकरणों में विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है उसका क्या कारण है ? क्या ऐसे प्रकरणों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों से चोरी गई सामग्री की कीमत वसूल की जाएगी ? यदि हां, तो कब तक ? (ग) बिजली तार चोरी रोकने के लिए विभाग के क्या-क्या उपाय है ? क्या विभाग द्वारा समय-समय पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सम्पर्क किया है ? यदि हां, तो किस अधिकारी द्वारा किससे कब-कब पत्राचार किया गया ? (घ) क्या बिजली चोरी रोकने एवं मुखबिरी करने वालों के नाम गोपनीय रखे जाने की शर्त पर विभाग द्वारा किसी ईनाम राशि की घोषणा की है ? यदि नहीं, तो क्या चोरी रोकने के उपाय में इसे शामिल किया जाएगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खण्डवा जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 मे 10, वित्तीय वर्ष 2013-14 में 23 एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 30 विद्युत सामग्री चोरी की घटनाए हुई। चोरी गई विद्युत सामग्री का विवरण, उसकी कीमत एवं ज्ञात अथवा अज्ञात के विरूद्ध दर्ज की गई प्राथमिकी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं उक्त चोरी के प्रकरणों का स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित प्रकरणों में से सभी प्रकरणों में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी द्वारा विद्युत सामग्री चोरी की सूचना लिखित में पत्र के माध्यम से संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को प्रस्तुत की गई थी, किन्तु कतिपय प्रकरणों में अपरिहार्य कारणों से संबंधित थाना प्रभारियों द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किये जाने के कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई। ऐसे प्रकरणों में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) खण्डवा जिले में बिजली तार चोरी को रोकने के लिए पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तार चोरी प्रभावित क्षेत्रों में कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर रात्रिकालीन गश्त की जाती है एवं क्षेत्र में चोरी की नीयत से घूमते हुए संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में कंपनी को सूचना देने के लिए क्षेत्र की जनता को जागरूक किया जाता है। जी हां, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी के अधिकारियों द्वारा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सम्पर्क किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारों को प्रदत्त सुविधाएं 13. ( क्र. 186 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खण्डवा (ईस्ट निमाड) में प्रश्न दिनांक तक कितने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है ? स्वतंत्रता सग्रांम सेनानी अथवा उसके परिवार को शासन द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं दी जा रही है ? (ख) क्या स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मृत्यु के उपरांत पत्नि/बच्चों को उनकी पेंशन व अन्य सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है ? (ग) क्या निगम मण्डल एवं राज्य शासन की तृतीय/चतुर्थ श्रेणी नियुक्तियों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के बच्चों के लिए पद आरक्षित रखे जाते है ? यदि हां, तो कितने प्रतिशत ? यदि नहीं तो क्या शासन इस तरह के प्रावधान पर विचार करेगा ? यदि हां, तो कब तक ? (घ) क्या स्थानीय निकाय द्वारा निर्मित किए जाने वाले व्यावसायिक काम्पलेक्स में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों अथवा उनके परिवार को दुकान आवंटन में आरक्षण दिया जाता है ? यदि हां, तो किस अनुपात में ? (ड.) खण्डवा नगर निगम के काम्पलेक्स में अब तक कितने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को इस आरक्षण का लाभ दिया गया है ? काम्पलेक्स का नाम एवं लाभान्वित व्यक्ति की जानकारी दी जाए ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क)खंडवा जिले में वर्तमान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीवित नहीं है । स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अथवा उसके परिवार को निर्देश के अनुसार सुविधा एवं सम्मान निधि एवं पेंशन भत्ता दिया जाता है । (ख) जी हाँ ! (ग) जी नहीं ! इस तरह के प्रावधान पर विचार करने का प्रस्ताव नहीं है । समय सीमा का प्रश्न उत्पन्न ही नहीं होता । (घ) जी हाँ ! 2 प्रतिशत । (ड.) वर्तमान में निगम के नवनिर्मित पंडित दीनदयाल शा. काम्प्लेक्स में 01 दुकान,विजयाराजे सिंधिया शा. काम्प्लेक्स में 01 दुकान,नवनिर्मित गुरुगोविंद सिंह शा. काम्प्लेक्स में दुकान नंबर 06 श्रीमती अर्चना रामेश्वर पासे एवं पूर्व में गांजा गोदाम शॉपिंग काम्प्लेक्स में दुकान नं.28 काशाबाई पति माणकचन्द्र ईतवारा बाजार दुकान नंबर 04 नटराज सेवकराम गुप्ता को आवंटित की गई है ।
कटनी जिला की रेत खदानों को अनुमति 14. ( क्र. 228 ) श्री मोती कश्यप : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2015 में विभाग/निगम द्वारा जिला कटनी की किन नदियों की रेत खदानों की कितनी राशि में नीलामी की गई है ? (ख) प्रश्नांश (क) में से किन खदानों को स्टेट लेबिल इन्वरायमेन्ट इम्पेक्ट अथारिटी (सिया) द्वारा किन तिथियों में प्रदान की गई पर्यावरण स्वीकृतियों पर विभाग/निगम द्वारा किन तिथियों में किन रेत खदानों को रेत खनन की अनुमति प्रदान की है ? (ग) नीलामी, पर्यावरण स्वीकृति और खनन अनुमति दिनांकों में किन खदानों में कितनी अवधि का अंतर आया है और वर्ष 2014-15 की तुलना में राजस्व की कितनी क्षति हुई है ? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) रेत खदानों को कब तक खनन की अनुमति प्रदान कर दी जावेगी ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' पर है। (ग) म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा कटनी जिले की छिंदाई पिपरिया रेत खदान का नीलामी दिनांक 08.05.2015 को की गई। जिसमें सिया द्वारा ई.सी. की अनुमति पत्र दिनांक 23.11.2015 के द्वारा प्रदान की गई है। खनन हेतु आदेश दिनांक 09.12.2015 को जारी किया गया है। जिसमें 17 दिवस का अन्तर आता है। ग्राम बहिरघटा रेत खदान में म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा नीलामी दिनांक 08.05.2015 को की गई। जिसमें सिया द्वारा ई.सी. की अनुमति पत्र दिनांक 16.11.2015 के द्वारा प्रदान की गई है। खनन हेतु आदेश दिनांक 09.12.2015 को जारी किया गया है, जिसमें 24 दिवस का अन्तर आया है। शेष अन्य नीलाम खदानों में अभी ई.सी. की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। जनवरी 2016 की स्थिति में निगम राशि रूपये 110 करोड में प्रावधिक लाभ की स्थिति में है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त होने एवं माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल में दायर प्रकरणों के निराकरण होने पर रेत खदानों की खनन अनुमति के संबंध में विधि सम्मत निर्णय लिया जाएगा, समय सीमा बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट दस विधायक क्षेत्र विकास निधि प्रस्तावों की तकनीकी स्वीकृति 15. ( क्र. 229 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रश्नकर्त्ता विधायक ने वर्ष 2013-14 से 2015-16 की अवधि में अपनी क्षेत्र विकास निधि से किन ग्रामों के कितनी राशि के निर्माण किन निर्माण एजेन्सियों को प्रस्तावित किये हैं ? वर्षवार विवरण देवें ? (ख) प्रश्नांश (क) के किन वित्तीय वर्ष के किन निर्माण प्रस्तावों को उपयंत्रियों/सहायक यंत्रियों द्वारा तकनीकी स्वीकृतियां प्रदान की गई हैं, किन तिथियों में कार्यपालन यंत्री द्वारा सत्यापन किया गया है और किन तिथियों में प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदान कर दी गई हैं ? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में से किन वर्ष के किन प्रस्तावों को अभी तक तकनीकी स्वीकृतियां प्रदान नहीं की गई हैं और किनकी दोषपूर्ण पायी जाकर वापस कर दी गई हैं, जो अभी तक दुरूस्त नहीं की गई हैं ? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के उत्तरदायी दोषी उपयंत्रियों व सहायक यंत्रियों के विरूद्ध कभी कोई कार्यवाही की गई है ? यदि हां, तो क्या ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में 55 प्रस्तावित कार्यो में से 11 कार्यो की प्रशासकीय स्व्ाीकृति प्रदाय नही की गई है। जिसमें से 5 तकनीकी स्व्ाीकृति सुधार हेतु संबंधित को वापस की गई है एवं 6 तकनीकी स्व्ाीकृति सहायक यंत्री से अप्राप्त है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ्ा) जी हॉं । संबंधितों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है।
म.प्र. शासन पर कर्ज की राशि 16. ( क्र. 257 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 31 मार्च 2014, 31 मार्च 2015 की स्थिति में म.प्र. शासन पर कितना कर्ज था ? प्रश्नांकित दिनांक तक म.प्र. शासन पर कितना कर्ज है व 31 मार्च 2016 की स्थिति में म.प्र. शासन पर कुल कितना कर्ज संभावित है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 1 अप्रैल 2015 से जनवरी 2016 की अवधि में क्या राज्य शासन ने कोई कर्ज लिया है ? यदि हां, तो कितना-कितना, कब-कब व कहां-कहां से ? व वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्नांकित अवधि तक कितनी-कितनी राशि ऋण किश्तों एवं ऋण ब्याज के रूप में अदा की गई है ? कितनी राशि स्थापना एवं पेंशन पर व्यय की गई है एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में कितनी राशि ऋण किश्त व ऋण ब्याज में अदा की जाना है ? उक्त राशि वर्ष 2014-15 के बजट का कितना प्रतिशत है ?(ग) दिनांक 31 मार्च 2015 की स्थिति में मध्यप्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन कितना कर्ज था एवं 31 मार्च 2016 की स्थिति में कितना संभावित है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) म;प्र;शासन पर दिनांक 31 मार्च 2014 को राशि रूपये 7,21,13;31 करोड एवं दिनांक 31 मार्च 2015 को रूपये 8,22,61;50 करोड लोक ऋण था। बजट अनुमान वर्ष 2016-17 प्रस्तुत करते समय वर्ष 2015-16 (मार्च 2016) की स्थिति में संभावित लोक ऋण वित्त सचिव के स्मृति पत्र में दर्शाये जायेगे। (ख) जी हां। भारत के नियत्रक एवं महालेखा परीक्क द्वारा वर्ष 2015-16 के वित्त लेखे में जो कि वर्ष 2016-17 में प्राप्त होगे में स्थिति दर्शायी जायेगी। वर्ष 2014-15 में रूपये 4920;52 करोड लोक ऋण का पुर्नभुगतान किया गया है। वर्ष 2015-16 में लोक ऋण पुर्नभुगतान की स्थिति भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के द्वारा प्रदत्त वित्त लेखे जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त होगे में दर्शित किये जायेगे। वर्ष 2014-15 में 6836;48 करोड की राशि स्थापना एवं पेंशन पर व्यय की गई है। वष 2014-15 में ब्याज के रूप में रूपये 7,071;25 करोड का भुगतान किया गया। उक्त राशि वर्ष 2014-15 के बजट का 5;48 प्रतिशत है। (ग) 31 मार्च 2016 की स्थिति में जनगणना की अधिकृत जानकारी उपलब्ध न होने से प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन कर्ज की जानकारी दी जानी संभव नही है एवं 31 मार्च 2016 की स्थिति भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के द्वारा प्रदत्त वित्त लेखे जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त होगे एवं जनगणना की अधिकृत जानकारी प्राप्त न होने से जानकारी दी जानी संभव नही है।
ग्रामों में विद्युतीकरण 17. ( क्र. 277 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह घोषणा (घोषणा क्रमांक 386/31.01.06) की थी कि ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्पूर्ण विदिशा जिले का सम्मिलित किया जावेगा ?(ख) यदि हां, तो ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कितने ग्रामों का सर्वे कर चिन्हित किया गया था ? ग्रामवार विधान सभा क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें ?(ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में से कितने ग्रामों का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है ? एवं कितने ग्रामों का शेष है, कितने ग्रामों में प्रगति पर है ? जानकारी दें ?(घ) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 2331 दिनांक 22.08.15 एवं 2689 दिनांक 02.12.2015 में किस-किस ग्रामों में विद्युतीकरण कराने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था ? कितने ग्रामों को योजना में सम्मिलित कर लिया है ? शेष ग्रामों को योजना में कब तक सम्मिलित किया जावेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) विदिशा जिले के अन्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् कुल 752 ग्रामों को सर्वे कर चिन्हित किया गया था। ग्रामवार/विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कुल 490 ग्रामों का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 262 ग्रामों का कार्य शेष है। कार्य में विलंब किये जाने के कारण ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स जी.एन.जी.लिमिटेड, गुड़गांव को जारी अवार्ड दिनांक 08.06.2015 को निरस्त कर दिये जाने के कारण वर्तमान में किसी भी ग्राम का कार्य प्रगति पर नहीं है। पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 2331 दिनांक 22.08.2015 में 33 एवं पत्र क्रमांक 2689 दिनांक 02.12.2015 में 136 ग्रामों की बस्तियों (मजरों/टोलों) में विद्युतीकरण कराने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। माननीय विधायक महोदय से प्राप्त उक्त पत्रों एवं प्रेषित सूची की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण इन कार्यों को जिले में संचालित योजनाओं में सम्मिलित नहीं किया जा सका है। वित्तीय उपलब्धतानुसार भविष्य में इन कार्यों को पूर्ण करने के प्रयास किये जायेंगे। तथापि विधायक/सांसद निधि के मद से इन कार्यों के लिये वित्तीय सहायता प्राप्त होने पर इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराया जायेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वार्डों में कराए गए कार्य 18. ( क्र. 278 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विदिशा जिले के नगरपालिका परिषद अन्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विकास कार्यों हेतु कितना बजट स्वीकृत किया गया ? परिषदवार जानकारी देवें ?(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट में किस-किस वार्डों में कौन-कौन से कार्य, कितनी लागत से कराये गये ? कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है ? परिषद एवं वार्डवार जानकारी देवें ?(ग) नगरपालिका परिषद बासौदा के वार्ड क्रमांक 2, 5, 9, 10, 15, 16, 19, 20, 21, 22 एवं 23 के पार्षदों द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कौन-कौन से प्रस्ताव विकास कार्यों के प्राप्त हुये, कितने प्रस्ताव पर तकनीकी प्रतिवेदन तैयार किये जाकर स्वीकृति हेतु परिषद की बैठक एवं पी.आई.सी. की बैठक में स्वीकृत हेतु प्रस्तुत किये गये ? कितने प्रस्ताव मान्य एवं अमान्य किये गये ? प्रस्तुत प्रस्ताव की जानकारी वार्डवार देवें ?(घ) प्रश्नांश (ग) में शेष रहे कार्यों की कब तक तकनीकी प्रतिवेदन तैयार कर परिषद की बैठक एवं पी.आई.सी. की बैठक में स्वीकृत हेतु रखे जावेंगे ? यदि नहीं तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) एवं (घ) ) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-ब अनुसार है।
माण्डव विकास प्राधिकरण का गठन 19. ( क्र. 316 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) माण्डव नगर में देशी विदेशी पर्यटकों की सुविधाओं में विस्तार ओर पर्यटन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिये अब तक विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं ?(ख) क्या माण्डव नगर को खजुराहो की तर्ज पर विकसित करने हेतु यहां पूर्व निर्धारित विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुन: गठन किये जाने का प्रस्ताव है ? यदि हां, तो विकास प्राधिकरण वापस कब तक गठित किया जावेगा ? नहीं तो क्या कार्ययोजना है ?(ग) क्या सरकार द्वारा इस पर्यटन नगर के समुचित विकास के लिये पृथक से कोई योजना बनाई जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी परिशिष्ट ''एक'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट ग्यारह माण्डव में पर्यटन का विकास 20. ( क्र. 318 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में म.प्र. में माण्डव पर्यटन स्थल में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं ? (ख) पर्यटन स्थल का नाम, निर्माण कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि सहित जानकारी देवें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कोई कार्य स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत ग्रिड 21. ( क्र. 353 ) श्री कैलाश चावला : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मनासा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत दो वर्षों में मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल द्वारा कौन-कौन से ग्रिड स्वीकृत किए गए है ? (सूची स्वीकृति का दिनांक बताएं) (ख) उक्त ग्रिड निर्माण हेतु टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य आदेश किस दिनांक को जारी किए गए व कब तक उक्त ग्रिडों का कार्य निविदा की शर्तों के अनुसार पूर्ण किया जाना था (ग्रिड का नाम, कार्य आदेश का दिनांक, ठेकेदार का नाम, कार्यपूर्णता की अवधि बताने का कष्ट करें) ?(ग) क्या चरण दो में दर्शाए गए ग्रिडों का कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जा चुका है। यदि हां, तो पूर्णतया की ग्रिडवार जानकारी दें ? यदि नहीं, तो संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है ?(घ) उक्त ग्रिडों का काम विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा 33/11 के.व्ही. के कुल 04 उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये, जिनकी स्वीकृति की दिनांक सहित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित 33/11 के.व्ही. के 04 उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर जारी किये गये कार्यादेशों की दिनांक एवं निविदा अनुबंध अनुसार ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने हेतु निर्धारित तिथि की उपकेन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' में उल्लेखित 33/11 के.व्ही. के 04 उपकेन्द्रों का कार्य पूर्ण करने हेतु निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्धारित समयावधि अभी समाप्त नहीं हुई है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
परिशिष्ट बारह गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में नगरपालिकाओं की संख्या 22. ( क्र. 357 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी नगर पालिका एवं कितनी नगर पंचायत कार्यरत है, इन संस्थाओं में नगरीय विकास विभाग द्वारा कितनी योजनाएं प्रस्तावित है ? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के वि.स. क्षेत्र में प्रश्न (क) अनुसार नई संस्थाओं का गठन हुआ है ? यदि हां, तो नये सिरे से शहरी ढांचा विकसित करने हेतु विभाग के पास कौन-कौन से प्रस्ताव आये है तथा विभाग ने इनके निराकरण हेतु क्या योजना बनाई है ?(ग) नवीन गठित संस्थाओं में क्या पूरा अमला नियुक्त कर दिया गया है ? यदि हां, तो कौन-कौन सा अमला नियुक्त हुआ है ? यदि नहीं तो आवश्यक अमला कब तक नियुक्त कर दिया जायेगा ?(घ) इन संस्थाओं में आवश्यक अधोसंरचना विकास हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है तथा अधोसंरचना के कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में 01 नगर पालिका (गाडरवारा) तथा 03 नगर परिषद (पंचायत) साईखेडा, चीचली एवं सालीचौका कार्यरत है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हॉ। 03 नगर परिषदों क्रमश: सालीचौका, चीचली एवं साईखेडा का गठन हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। पूर्ण अमला नियुक्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार प्रचलित योजना एवं अन्य प्रकार से चारों संस्थाओं में अधोसंरचना विकास के कार्य किये जा रहे है। अधोसंरचना के कार्यो के पूर्ण होने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट तेरह विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कृषकों के विद्युत देयकों में सुधार 23. ( क्र. 378 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शासन ने कृषकों को जारी किये गये गलत विद्युत देयकों के सुधार हेतु विद्युत कंपनियों को निर्देश दिये है ? (ख) यदि हां, तो विद्युत देयकों के सुधार हेतु क्या कार्यवाही की गई ? क्या कृषकों को सुधारें गये बिल दिये गये है ? (ग) यदि नहीं तो सुधार कार्य कब किया जावेगा ? समय सीमा बतावें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां,सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं की विद्युत बिल संबंधी शिकायतो सहित सभी विद्युत संबंधी शिकायतो के निराकरण के लिये उपभोक्ता शिकायत निवारण शिविरो का आयोजन किये जाने हेतु तीनो विद्युत वितरण कपंनियो को निर्देश दिये गये हैI (ख) उत्तरांश (क) मे उल्लेखित निर्देशो के तारतम्य मे विद्युत वितरण कंपनियो द्वारा उपभोक्ता शिकायत निवारण शिविरो का आयोजन कर विद्युत बिल संबंधी प्राप्त शिकायतो के तारतम्य मे बिलो की जांच कर आवश्यक होने पर सुधार कर संशोधित बिल जारी किये जा रहे है, जो की एक सतत प्रक्रिया हैI (ग) प्रश्नांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य मे प्रश्न नही उठता I
झुग्गी वासियों को पट्टा प्रदाय 24. ( क्र. 402 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) झुग्गीवासियों को पट्टा प्रदान करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं, उनकी प्रति दें ? फरवरी 2016 की स्थिति में प्रशासन द्वारा रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में उक्त संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई ?(ख) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में नगरीय क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ी किस-किस विभाग की भूमि पर बनी है ? सर्वे कब किया ? किन-किन को पट्टा दिया गया ? सूची दें ?(ग) किन-किन झुग्गीवासियों को पट्टा क्यों नहीं दिया गया तथा कब तक पट्टा देंगे ? निश्चित समयावधि बतायें ?(घ) आवासहीनों को उक्त जिलों के नगरीय क्षेत्र में आवास उपलब्ध करवाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक 2002/2015/18-3 भोपाल दिनांक 30.12.2015 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्देशानुसार सर्वे का कार्य पूर्ण किया गया है। (ख) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में नजूल भूमि एवं अन्य विभाग की भूमि पर बनी सर्वे 01 जनवरी, 2016 से 31.01.2016 तक किया गया। वर्तमान में सर्वे का कार्य पूर्ण किया गया है। पट्टा वितरण की कार्यवाही की अवधि निर्धारित की जाना है। (ग) पट्टा वितरण की अवधि निर्धारित की जाना है। (घ) आवासहीनों को रायसेन एवं नरसिंहपुर जिलों के नगरीय क्षेत्र में आवास उपलब्ध करवाने हेतु एकीकृत आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आई.एच.एस.डी.पी.) अंतर्गत रायसेन जिले में नगरपालिका परिषद्, मण्डीदीप एवं नरसिंहपुर जिले में नगरपालिका परिषद्, नरसिंहपुर एवं तेन्दूखेड़ा में आवास निर्माण परियोजना स्वीकृत हैं। नगर पालिका परिषद्, मण्डीदीप द्वारा परियोजना समर्पित की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना सब के लिये आवास-2022 (PMAY-HFA) योजना अंतर्गत नगरपालिका परिषद्, रायसेन एवं नगर पालिका परिषद्, नरसिंहपुर को आवासीय योजना में सम्मिलित किया गया है।
परिशिष्ट चौदह जिला राजगढ़ अंतर्गत जनभागीदारी से निर्माण कार्य में अनियमितता की जांच 25. ( क्र. 467 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी योजनांतर्गत शासन स्तर से कितना-कितना आवंटन वर्षवार प्रदाय किया गया ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ में आवंटित जनभागीदारी राशि में से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों, नगर पालिका, नगर पंचायत की 50 प्रतिशत शासकीय अंशदान एवं 75 प्रतिशत शासकीय अंशदान की स्वीकृति किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई ? कृपया ग्रामवार/नगरीय क्षेत्र में वार्डवार, संस्थावार विस्तृत विवरण देवें ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों का निर्माण निम्न गुणवत्ता का किया जाकर कार्य कम समय में ही खराब हो गया है ? उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कब-कब, किन-किन अधिकारियों के द्वारा किया गया ? अधिकारी का पद एवं भौतिक सत्यापन का दिनांक से अवगत करावें ? क्या शासन द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी ? नहीं, तो क्यों नहीं ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्रवार आवंटन प्रदाय नही किया जाता है। जिले को वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 476.20 एवं वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 476.25 का आवंटन प्राप्त हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है।
पं.दीनदायल नगर कॉलोनी का नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में हस्तांतरण 26. ( क्र. 491 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. गृह निर्माण मंडल सागर द्वारा पं. दीनदयाल नगर कॉलोनी का निर्माण कार्य कब किया गया था ? (ख) क्या पं. दीनदयाल नगर कॉलोनी वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया बुजुर्ग के अधीन आ गई है ? यदि हां तो वर्तमान में उक्त कॉलोनी का रखरखाव म.प्र. गृह निर्माण मंडल या नगर पालिका मकरोनिया में से किसके द्वारा किया जा रहा है ? (ग) यदि पं. दीनदयाल नगर कॉलोनी का रख रखाव गृह निर्माण मंडल के द्वारा किया जा रहा है तो कॉलोनी का हस्तांतरण नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में कब तक किया जावेगा एवं म.प्र. गृह निर्माण मंडल सागर द्वारा हस्तांरण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा सागर में पं. दीनदयाल नगर काॅलोनी का निर्माण कार्य वर्ष 1989-90 से वर्ष 2007-2008 तक किया गया (ख) इस कालोनी का वर्तमान में रखरखाव मंडल द्वारा किया जा रहा है। (ग) मण्डल द्वारा कालोनी हस्तांतरण संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। परिशिष्ट ’अ’ अनुसार।
परिशिष्ट पंद्रह रतौना तालाब एवं नहर का निर्माण/संधारण/मरम्मत 27. ( क्र. 492 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र में स्थित रतौना तालाब एवं नहर योजना का निर्माण कब हुआ था ? क्या तालाब से सिंचाई की जा रही है ? यदि हां तो तालाब एवं नहर की क्या स्थिति है ? (ख) तालाब के निर्माण के समय कितनी कृषि भूमि सिंचिंत किये जाने का सर्वेक्षण था ? क्या सर्वेक्षण अनुसार सिंचाई हो रही है ? यदि नहीं तो क्यों ? (ग) क्या तालाब में मिट्टी का भराव एवं नहरों का रख रखाव ठीक नहीं होने के कारण भी सिंचित रकबे में कमी आई है तो उक्त तालाब का संधारण एवं नहरों का पक्कीकरण का कार्य कब तक किया जावेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 1924-25 में । जी हां । तालाब पुराना होकर नहरें कच्ची है। (ख) रूपांकित रबी सिंचाई क्षमता 81 हेक्टर थी । जी हॉ। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं । परियोजना से रूपांकन अनुसार सिंचाई की जाती है। नहरों को पक्की करने का कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है ।
बन्द खदानों में फर्सी पत्थर का उत्खनन 28. ( क्र. 506 ) श्री मुकेश नायक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या पन्ना जिले में नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल के आदेश से लगभग 125 फर्सी पत्थर खदानों में उत्खनन कार्य जिला प्रशासन ने बन्द कर दिया है लेकिन फिर भी ग्राम हरदुआ, बछौन, कुटमी बड़ोरा, ककरी कछार, ककरईया, परासी, चौपरा में पत्थर खदानों में उत्खनन कार्य हो रहा है ? यदि हां, तो यह उत्खनन किसके अनुमति से और किस आधार पर हो रहा है ?(ख) क्या ग्राम बछौन में खसरा नं. 19 में एक खदान 20 लाख रू. में नीलाम हुई थी लेकिन उस पर भी उत्खनन की अनुमति नहीं दी गयी, लेकिन विगत तीन माह से इस खदान में अवैध रूप से पत्थर उत्खनन जारी है और इससे शासन को लाखों रूपये की रायल्टी की क्षति हो रही है, इस शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही न होने के क्या कारण है ?(ग) क्या शासन को ग्राम बछौन, कुटमी बड़ोरा में आदिवासियों की निजी भूमि और सरकारी वन भूमि में अवैध उत्खनन की शिकायत के बारे में जानकारी है ? यदि हां, तो इस बारे में क्या कार्यवाही की गयी है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। पन्ना जिले में माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के आदेश से 125 फर्शीपत्थर की खदानों में पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त न होने के कारण उत्खनन कार्य पर रोक लगाई गई थी। प्रश्न में उल्लेखित ग्रामों में से कुटमी, बन्डौरा, ककरी, कछार, कैमुरिया में पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त खदानों में नियमानुसार उत्खनन कार्य किया जा रहा है। (ख) जी हां। ग्राम के खसरा नंबर 19 में एक खदान 25 लाख एक हजार रूपये वार्षिक ठेका पर दिनांक 04.02.2015 को नीलामी श्री सुखदेव सिंह पिता श्री गोविन्द सिंह निवासी लमकुश को की गई थी, जिसकी पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त न होने से उत्खनन कार्य नहीं हो सका। ग्राम बछौन खसरा नंबर 19 में तीन अन्य खदानें संचालित है, जांच में अवैध उत्खनन होना नहीं पाया गया।
(ग) जी नहीं। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. के समस्त विभागों की अधिवार्षिकी आयु 62 वर्ष करने बावत 29. ( क्र. 526 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. शासन द्वारा राज्य के समस्त विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अधिवार्षिकी आयु सीमा क्या निर्धारित की गई है ?(ख) क्या यह सही है कि कुछ विभागों जैसे शिक्षा विभाग में 62 वर्ष एवं स्वास्थ्य विभाग के स्टॉफ नर्स की 65 एवं उच्च शिक्षा विभाग में 65 वर्ष अधिवार्षिकी आयु निर्धारित है ? यदि हां तो किन-किन विभागों में अधिवार्षिकी आयु 60 वर्ष निर्धारित की गई है बताऐं ? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार 60 वर्ष से अधिक अधिवार्षिकी वाले विभागों की तरह एकरूपता/समानता लाने के लिए शासन द्वारा नियमों में संशोधन कर आदेश प्रसारित किये जाएंगें ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राज्य शासन के चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवको की 62 वर्ष् एवं अन्य शासकीय सेवको (शिक्षक, चिकित्सक,स्टाफ नर्स को छोडकर) की अधिवार्षिकी आयु सीमा 60 वर्ष है I (ख) जी हां। शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा विभागो को छोड राज्य शासन के अन्य समस्त विभागो के लिये उपर्युक्त (क) अनुसार अधिवार्षिकी आयु निर्धारित है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचार में नही है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों के प्रारंभ बाबत् 30. ( क्र. 572 ) श्री हरवंश राठौर : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा बंडा जिला सागर में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत योजना प्रारंभ के वर्ष से किन-किन ग्रामों में विभाग द्वारा योजना स्वीकृत की गई ?(ख) कंडिका (क) की जानकारी के अनुसार किन-किन ग्रामों में योजना पूर्ण होकर विद्युत प्रवाह शुरू हो गया है ?(ग) स्वीकृत योजनाओं के विरूद्ध किन-किन ग्रामों में योजना अपूर्ण है ? अपूर्ण रहने का क्या कारण है और कब तक योजना पूर्ण हो जाएगी ?(घ) स्वीकृत योजनाओं के विरूद्ध किन-किन ग्रामों में अभी तक कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ है ? इसका क्या कारण है तथा कब तक कार्य प्रारंभ होकर कार्य समाप्त हो जाएगा ? तथा मुख्यालय सेसईसाजी तह. बंडा में सब स्टेशन स्वीकृत हुआ है लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ कब तक कार्य प्रारंभ किया जाएगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बंडा, जिला सागर में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में 272 ग्रामों एवं 12वीं पंयवर्षीय योजना में 245 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हुआ है। योजनावार स्वीकृत ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजना अन्तर्गत जिन ग्रामों में कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रवाह शुरू हो गया है, उनकी योजनावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत 16 ग्रामों एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत 147 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण है। 11वीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स इसून रिरोल लिमिटेड, बैंगलोर को कार्यादेश दिया गया था, किन्तु समय पर कार्य नहीं करने के कारण उक्त एजेंसी को जारी अवार्ड निरस्त कर दिया गया है, शेष कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किया जा रहा है। उक्त अपूर्ण 16 ग्रामों का कार्य प्रगति पर है, जिसे जून-2016 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के शेष कार्य प्रगति पर है, अनुबंध के अनुसार उक्त कार्य पूर्ण किये जाने की निर्धारित अवधि फरवरी 2017 है। योजनावार अपूर्ण ग्रामों की, ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (घ) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत बंडा विधानसभा क्षेत्र के शेष 16 ग्रामों का कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर प्रगति पर है जिसे जून 2016 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है तथा कोई भी ग्राम कार्य प्रारंभ होने हेतु शेष नहीं है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में बंडा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल स्वीकृत 245 ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्यों में से 98 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है, 5 ग्रामों में कार्य प्रगति पर है तथा 142 ग्रामों मे कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है। कार्य अप्रारंभ वाले ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, ठेकेदार एजेंसी से किये गए अनुबंध के अनुसार कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि फरवरी 2017 है। दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत मुख्यालय सेसई साजी के निकट तहसील बंडा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का सलैया कला (धामोनी) में निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: कार्य प्रारंभ होने की तिथि वर्तमान में बताना संभव नहीं है।
स्टाप डेम तथा नहर के निर्माणों के संबंध में 31. ( क्र. 580 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा बण्डा जिला सागर क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विकास विभाग द्वारा कितने जलाशय, बांध, स्टाप डेम तथा नहरों का निर्माण किया गया है ? (ख) कंडिका (क) के अनुसार निर्मित कामों में किस-किस ग्राम के कितने कृषकों को कृषि भूमि का मुआवजा वितरण होना शेष है, तथा कब तक वितरण हो जावेगा ? (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा कंडिका (क) के अनुसार निर्मित कामों से ग्रामवासियों के आवासीय भवन भी डूब में आए हैं उनको भी मुआवजा दिलाने के लिए अनेकों बार विभाग को लिखा गया है लेकिन अभी तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है ? प्रभावित ग्रामवासियों को कब तक मुआवजा उपलब्ध हो जायेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा बंडा जिला सागर क्षेत्रांतर्गत विभाग व्दारा निम्न बांध, स्टापडेम एवं नहरों का निर्माण किया गया है :-1. बांध एवं नहर - बीला बांध मध्यम परियोजना, इंदौरा, गूगराखुर्द, जगथर, हिनौताखारमऊ, सोनानाला, क्वायला, धबोली, बाबिरमटिया एवं बम्होरीजगदीश लघु परियोजनाएं । 2. बांध - अपर चंदिया एवं सगारी । 3. स्टॉप डेम - तिगोड़ा एनीकट एवं सेमरा सिंग्रावन हजारी ।(ख) किसी कृषक को मुआवजा वितरण होना शेष नहीं है । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है । (ग) आवासीय भवन डूब में आने संबंधी कोई मुआवजा प्रकरण लंबित नहीं है । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है ।
खरगापुर विधानसभा की नगर पंचायत खरगापुर को अधोसंरचना की राशि का आवंटन 32. ( क्र. 601 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शासन द्वारा मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजनांतर्गत प्रत्येक नगर पंचायत को 02 करोड़ की राशि प्रदाय की जाती है ? यदि हां, तो नियम/प्रक्रिया से अवगत करावें ? (ख) क्या म.प्र. की सभी नगर पंचायतों को उक्त राशि प्रदाय की गई है ? (ग) क्या नगर पंचायत खरगापुर को मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत कोई राशि नहीं दी गई है ? क्या खरगापुर नगर पंचायत को उक्त योजना की राशि दिये जाने का प्रावधान है ? यदि हां, तो उक्त राशि नगर पंचायत खरगापुर को कब तक प्रदाय कर दी जावेगी ? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। अपितु मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना अंतर्गत नगर परिषद (नगर पंचायत) को प्रतिवर्ष, रू. 1.00 करोड़ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हॉ। जी हॉ। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण की स्वकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसके अंतर्गत नगर परिषद खरगापुर को शामिल किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरगापुर नगर पंचायत को मुख्यमंत्री झील संरक्षण योजना से राशि का प्रदाय 33. ( क्र. 602 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या खरगापुर नगर पंचायत में राशि के अभाव के कारण विकास की गतिधीमी है और मुख्यमंत्री झील संरक्षण योजना तहत नगर पंचायतों को राशि प्रदाय की जाती है ? मगर नगर पंचायत खरगापुर को इस योजना के तहत राशि प्रदाय क्यों नहीं की गई ? (ख) क्या मुख्यमंत्री झील संरक्षण योजना के तहत किन-किन नगर पंचायतों को राशि दी गई है और खरगापुर नगर पंचायत को भी राशि दिये जाने की कोई योजना है ? यदि हॉं, तो कब तक राशि प्रदाय हो जायेगी ? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें ?(ग) टीकमगढ़ जिले की किन-किन नगर पंचायतों को राशि जारी हो गये है और कौन से कारण की वजह से खरगापुर नगर पंचायत को राशि जारी नहीं की गई तथा खरगापुर नगर पंचायत को इस योजना के तहत राशि दिये जाने की कोई व्यवस्था है या नहीं ? यदि हाँ, तो जारी करायेंगे ? यदि नहीं तो कारण सपष्ट करें ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ, ''झीलों एवं तालाबों का संरक्षण एवं विकास'' योजना के तहत निकायों के प्रस्ताव पर राशि प्रदान की जाती है। नगर परिषद खरगापुर से प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने के कारण राशि स्वीकृति करने की कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) ''झीलों एवं तालाबों के संरक्षण एवं विकास'' योजना में प्रदान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर पंचायत, खरगापुर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) टीकमगढ़ जिले में किसी भी निकाय को ''झीलों एवं तालाबों का संरक्षण एवं विकास'' योजना में राशि नहीं दी गई है। खरगापुर नगर पंचायत को राशि दिये जाने के संबंध में जानकारी उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट सोलह सांवेर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी विद्युती एवं फिडर विद्युतीकरण योजना विषयक 34. ( क्र. 635 ) श्री राजेश सोनकर : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं फिडर विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कौन-कौन से गांवों में विद्युतीकरण किया जाना प्रस्तावित है व कब से प्रस्तावित है ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से गावों में प्रस्तावित कार्यों में से कौन से कार्यों को प्रारंभ किया गया है व किस योजना में उक्त कार्यों को प्रारंभ किया गया है ? प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 2 वर्षों में कितने पत्र विभाग को प्रेषित किये गये ? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? कितनी शिकायतें पूर्ण हुई व कितनी लंबित है ? (ग) प्रश्नांश (क) के क्या संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र को सघन विद्युतीकरण योजना में शामिल किया गया है ? यदि हां, तो इसकी स्वीकृति कब दी गई व कब से इस योजना पर कार्य प्रारंभ किया गया व कौन-कौन से कार्य कराये जायेंगे ? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या म.प्र. विद्युत विभाग जिला इंदौर के अधिकारियों ने विभाग से संबंधित योजनाओं की स्वीकृति व कार्य योजना के संबंध में संबंधित विधायकों के साथ बैठकें की हैं ? यदि हां तो कब-कब व किन-किन विधायकों के साथ बैठकें आयोजित की गई हैं ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गॉंधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत सघन विद्युतीकरण हेतु 67 ग्रामों में कार्य किया जाना प्रस्तावित है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। उक्त कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत हुआ है तथा इस कार्य को टर्न की आधार पर कराए जाने हेतु दिनांक 22.11.2014 को अवार्ड जारी किया गया है। फीडर विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कोई ग्राम विद्युतीकरण के लिए प्रस्तावित नहीं है। (ख) इंदौर जिले के सॉंवेर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कुल प्रस्तावित 67 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण के कार्य के अंतर्गत 11 के.व्ही. लाईन, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं निम्नदाब लाईनों के केबलीकरण का कार्य एवं इस प्रकार विद्युतीकृत क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सभी हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन उपलब्ध करवाना प्रस्तावित है। उक्त योजना में सम्मिलित समस्त ग्रामों की बसाहटों के सघन विद्युतीकरण हेतु सर्वे कार्य पूर्ण कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। कार्य की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के द्वारा विगत दो वर्षों में म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि.इंदौर के अधीनस्थ कार्यालय को केवल एक पत्र प्राप्त हुआ है। उक्त पत्र के साथ संलग्न प्राप्त 243 आवेदनों में से 237 आवेदन पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से संबंधित हैं। इनमें से 158 आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है, 38 मामलों में प्रस्ताव विभागीय योजनाओं के अंतर्गत सक्षम स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं एवं शेष 41 प्रकरणों से संबंधित कार्यों हेतु निर्धारित आवेदन/राशि जमा कराने की सहमति अथवा तकनीकी साध्यता के अभाव में निराकरण किया जाना संभव नहीं है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उक्त संबंध में सूचित किया जा चुका है, जिसका प्रत्येक प्रकरण में की गई कार्यवाही सहित संक्षिप्त विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) सांवेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सघन विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित किया गया है। इंदौर जिले की उक्त योजना हेतु स्वीकृति दिनांक 03.03.2014 को प्राप्त हुई थी तथा योजना पर दिनांक 22.11.2014 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त योजना में 11 के.व्ही.लाईन, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं केबल पर निम्नदाब लाईन लगाए जाने तथा इस प्रकार विद्युतीकृत क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सभी हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल.कनेक्शन उपलब्ध करवाना प्रस्तावित है। (घ) जी नहीं।
केबल फीडरों के संदर्भ में 35. ( क्र. 666 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सीहोर जिले में घरेलु फीडरों (निम्न दाब लाईन) में तार को हटाकर केबल लगाई जा रही हैं ? यदि हां तो हटाए गए तारों का विद्युत कंपनी द्वारा क्या निष्पादन किया गया ? यदि तारों को नीलाम किया गया है तो उसकी क्या प्रक्रिया अपनाई गई ? (ख) क्या घरेलु फीडर से निकालें गए तारों को कंपनी ने अपने स्टाक में लिया हैं ? (ग) क्या घरेलु फीडर में बिजली के खंभें भी बदलें गए हैं ? यदि हां तो खंभों को बदलने का क्या कारण था ? क्या सभी खंभे लोहे के लगाए हैं ? यदि हां तो संख्या का ब्यौरा दें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी द्वारा हटाये गये तारों को स्क्रेप सामग्री के रूप में क्षेत्रीय भण्डार में वापस करने की कार्यवाही की गई है तथा क्षेत्रीय भण्डार में एकत्रित स्क्रेप सामग्री, जिसमें सीहोर जिले की उक्तानुसार वापिस की गई सामग्री भी सम्मिलित है, की कंपनी नियमानुसार ई-नीलामी के माध्यम से विक्रय करने की कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। खम्बों की स्थिति जर्जर होने जाने के कारण उन्हें बदला गया है। निम्न दाब लाईन के जर्जर पोलों को बदलने के लिए लोहे के पोलो का उपयोग नहीं किया गया है।
छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र 36. ( क्र. 679 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के जाति/प्रमाणपत्र हेतु कितने आवेदन पत्र 01.07.2013 से 31.12.2015 तक प्राप्त हुए ? (ख) प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र बनाये गये तथा कितने छात्रों को वितरित किये गये ? (ग) कितने आवेदन जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए शेष बचे हैं तथा कब तक इनके जाति प्रमाण पत्र वितरित किये जाएगें ? शासन द्वारा तय समय सीमा में जाति प्रमाण पत्र न बनाए जाने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है ? शासन इन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 38522 (ख) 38522 प्राप्त आवेदन पत्रों में से 27985 जाति प्रमाण पत्र बनाये गये तथा 8447 प्रमाण पत्र छात्रों को वितरित किये गये हैं । (ग) 38522 प्राप्त आवेदन पत्रों में से 10537 जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए शेष बचे है तथा इन जाति प्रमाण पत्रों को अतिशिघ्र बनाकर वितरित किया जावेगा । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
प्रवासी भारतीयों के संबंध में 37. ( क्र. 705 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रवासी भारतीयों में से म.प्र. निवासियों का म.प्र. के विकास में योगदान लेने हेतु क्या शासन द्वारा कोई योजना बनाई गई या बनाई जा रही है ? (ख) विभिन्न देशों में रह रहे म.प्र. मूल के लोगों को चिन्हित एवं सूचीबद्ध कर उनसे सम्पर्क करने की कोई कार्य योजना शासन द्वारा बनाई गई है ? यदि हां, तो कौन इसका प्रभारी है ?(ग) क्या म.प्र. मूल के अप्रवासी भारतीयों का म.प्र. में कोई सम्मेलन या मिलन समारोह कराने की योजना शासन नहीं बना सकता है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क), (ख), (ग) का उत्तर निरंक है
चम्बल नदी के जल प्रदूषण संबंधी 38. ( क्र. 715 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नागदा से होकर आलोट विधान सभा क्षेत्र के ताल के पास होकर बहने वाली चंबल नदी के प्रदूषण की जांच पिछले 05 वर्षों में कब-कब हुई ? (ख) क्या ताल-आलोट क्षेत्र में चंबल का पानी पीने योग्य है ? एवं नागदा से ताल तक कितने पशु तथा जल जीव इसका पानी पीने व संपर्क में आने से मौत के शिकार हुए ? विगत पांच वर्षों का ब्यौरा क्या है ? (ग) चंबल नदी के प्रदूषित जल को पेयजल एवं कृषि योग्य बनाने के लिए क्या कदम उठाये गये है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जानकारी परिशिष्ट‘‘क‘‘ अनुसार है । (ख) जी हाॅ । ताल क्षेत्र में चम्बल नदी का जल भारतीय मानक आई.एस. 2296-1982 के अनुसार ‘‘सी‘‘ श्रेणी की है,जो रोगाणुरहित पारंपरिक उपचार के साथ पीने हेतु उपयोग योग्य है । चंबल नदी के पानी को पीने के कारण पशुओं में बीमारी या मृत्यु होने संबंधी सूचना प्राप्त नहीं है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
परिशिष्ट सत्रह नगरीय निकायों द्वारा जारी विज्ञापनों का प्रकाशन 39. ( क्र. 734 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन संभाग की नगर निकायों, नगर पालिकाओं द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 (दिसम्बर 2015) तक कितने एवं कौन-कौन से विज्ञापन-विज्ञप्तियां प्रकाशनार्थ समाचार पत्रों को दी गई ? उनको कितना भुगतान किया गया ? (ख) क्या सभी निकायों द्वारा उक्त विज्ञप्तियां, विज्ञापन म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 में विहित विज्ञापन प्रकाशन नियमों का पालन कर प्रकाशित करवाये है ? (ग) किन-किन निकायों में प्रकाशन में अनियमितता पाई गई एवं किन-किन की कितनी व कौनसी शिकायतें प्राप्त हुई ? उनकी जांच रिपोर्ट व की गई जांच एवं कार्यवाहियों का ब्यौरा क्या है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत नगरीय निकायों द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 तक 7225 विज्ञापन/विज्ञप्तियॉ प्रकाशनार्थ समाचार पत्रों को दी गई और उनको राशि रूपयें 40912676 का भुगतान किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) निकायों से प्राप्त जानकारी अनुसार निकायों द्वारा विज्ञापन/विज्ञप्तियॉ मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में विहित विज्ञापन प्रकाशन नियमों का पालन कर प्रकाशित करवाये गये है। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत विज्ञापन प्रकाशन में नगर पालिका नागदा, नगर परिषद सतामऊ, भौरासा में विज्ञापन/विज्ञप्ति की शिकायत संभागीय कार्यालय में प्राप्त हुई थी, जॉच रिपोर्ट पर की गई कार्यवाही विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
अनुदान योजनान्तर्गत ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार कार्य 40. ( क्र. 766 ) श्री विष्णु खत्री : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अनुदान योजनान्तर्गत ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार के कार्य हेतु विभाग की क्या गाईड लाईन है ? प्रति उपलब्ध करावें ? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में दर्शित योजना को बंद कर दिया गया है या बंद किया जाना प्रस्तावित है ? यदि हां तो क्यों कारण दें ? (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने किसानों ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में अनुदान योजना के तहत लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु म.प्र. विद्युत वितरण कपंनी में राशि जमा कराई है ? (घ) अनुदान योजना के अंतर्गत कितने किसानों के खेतों में राशि जमा करने के बाद भी ट्रांसफार्मर लगाने व लाईन विस्तार का कार्य नहीं किया गया ? इन छूटे हुये किसानों को कब तक योजना का लाभ दे दिया जावेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अनुदान योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार के कार्य हेतु विभाग की समय-समय पर जारी गाईड लाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 279 किसानों ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में अनुदान योजना के तहत लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के संभागीय कार्यालयों में राशि जमा कराई है। (घ) उत्तरांश (ग) के तारतम्य में कुल 276 किसानों द्वारा स्थायी कृषि पंप कनेक्शन हेतु अनुदान योजनांतर्गत राशि जमा की गई। उक्त में से 157 किसानों के पंपों के कार्य हेतु कार्यादेश जारी किये जाकर 69 पंपों के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं, तथा 88 किसानों के पंपों के कार्य जिसमें ट्रांसफार्मर लगाने व लाईन विस्तार का कार्य लंबित है मार्च 2016 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। शेष 119 किसानों के कार्य वित्तीय उपलब्धता के आधार पर पूर्ण कराए जा रहे हैं। आगामी तीन माहों में इन प्रकरणों में कार्य पूर्ण किया जाना संभावित है।
बैरसिया के प्रसिद्ध प्राचीन स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने बावत् 41. ( क्र. 767 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र के प्रसिद्ध स्थलों/मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु पत्र विभाग को प्राप्त हुये ? (ख) यदि हां तो दर्शित प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है ? क्या विभाग वित्तीय वर्ष 2016-17 में इन स्थलों के विकास हेतु राशि दिए जाने हेतु सहमत है, यदि हां तो स्थलवार आवंटित की जाने वाली राशि का उल्लेख करें ? (ग) क्या विभाग बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हुजूर तहसील के अंजनी नंदन धाम ग्राम बीनापुर एवं बाघराजन माता मंदिर ग्राम हिनौतिया जागीर में स्थित धार्मिक स्थलों के विकास हेतु भी सहमत है ? यदि हां, तो विभाग कब तक यहां विकास कार्य करेगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) बजट उपलब्ध न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। सहमति दी जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में ग्रामीण विद्युतीकरण 42. ( क्र. 778 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) आदिवासी बाहुल्य मजरों टोलों तथा कम जनसंख्या घनत्व वाले ग्रामों में विद्युतीकरण की कौन-कौन सी योजनायें विभाग द्वारा संचालित की जा रही हैं तथा इनके क्या मापदण्ड हैं ? (ख) आदिवासी बाहुल्य सैलाना विधान सभा अंतर्गत विभाग द्वारा किन-किन गांवों को उपरोक्तानुसार योजनाओं से जोड़ा जाकर लाभ प्रदाय किया गया हैं ? शेष रहे ग्रामों को कब तक शत प्रतिशत विद्युतीकृत कर दिया जावेगा ? यदि नहीं तो क्यों ? (ग) प्रश्न दिनांक तक सैलाना विधान सभा अंतर्गत कब तक सभी गांवों में ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य सम्पन्न हो जावेगा ? शासन द्वारा इसके लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) आदिवासी बाहुल्य मजरें/टोलों एवं ग्रामों का विद्युतीकरण टी.एस.पी.योजना, आई.ए.पी.योजना, सांसद व विधायक मद के अन्तर्गत जमा योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत किया जाता है। टी.एस.पी. एवं आई.ए.पी. योजना का क्रियान्वयन आदिवासी बाहुल्य जनसंख्या वाले विकासखण्ड मे किया जाता है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के योजना के प्रावधानों के अनुसार चयनित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कार्य किये जाते हैं। ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु कम जनसंख्या घनत्व जैसा कोई मापदण्ड किसी भी योजना में नहीं है। इन योजनाओं के अन्तर्गत फीडर विभक्तिकरण, प्रणाली सुदृढीकरण, मीटरीकरण एवं ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्य किये जाते हैं। (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् जिन ग्रामों को विद्युतीकृत कर लाभ प्रदान किया गया है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
कसरावद विधान सभा क्षेत्र में विद्युतीकरण 43. ( क्र. 787 ) श्री सचिन यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजनांतर्गत कुल कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है ? कितने शेष हैं ? शेष के क्या कारण हैं और इनमें कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा ? ग्रामवार सूची दें । उक्त योजना के अन्तर्गत खरगोन जिले में कितनी राशि माह जनवरी-2016 तक स्वीकृत हुई एवं खर्च की गई जानकारी देवें ?(ख)कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा के तारतम्य में म.प्र. शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 28.10.2015 के बाद कितने खराब/फेल विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये एवं कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष हैं,संख्या बतावें ? ऐसे स्थान जहॉ पर तार एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर विद्युत की बकाया राशि पर निकाल लिये गये हें की संख्या बतावें उन्हें कब तक वापस स्थापित कर दिया जायेगा बतावें ?(ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सघन विद्युतीकरण हेतु चयनित विद्युत ग्रामों एवं अविद्युतीकृत मजरो/टोलों की पंचायतवार जानकारी देवें ? उक्त ग्रामों में कब तक सघन विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा ? समय-सीमा बतावें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला खरगोन के कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कुल 227 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य में से 205 ग्रामों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 22 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य शेष है। कार्य पूर्णता में हुए विलंब के मुख्य कारण निम्नानुसार है :- 1 राईट ऑफ वे उपलब्ध नहीं होने के कारण निर्माण कार्य में व्यवधान उत्पन्न होना। 2 निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी के पास कुशल श्रमिकों की आवश्यकतानुसार अनुपलब्धता। 3 टर्न-की ठेकेदार एजेंसी द्वारा आवश्यक विद्युत सामग्री समय पर उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण। उक्त शेष कार्य मार्च-2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। प्रश्नाधीन ऐसे 205 ग्राम जिनमें सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ऐसे 22 ग्राम जिनमें सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त योजना के अन्तर्गत खरगोन जिले हेतु रू. 89.94 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है, जिसके विरूद्ध जनवरी - 2016 तक रू. 82.13 करोड़ की राशि खर्च की गई है। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत, माननीय मुख्यमंत्रीजी के निर्देश के तारतम्य में राज्य शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 28.10.2015 के बाद कुल 292 फेल विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समय-सीमा में बदले गये हैं तथा वर्तमान में कोई भी फेल विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष नहीं है। विद्युत बिल की बकाया राशि होने पर किसी भी स्थान का विद्युत तार एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर नहीं निकाला गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 227 ग्रामों को सघन विद्युतीकरण हेतु चयनित किया गया है। उक्त चयनित ग्रामों एवं इन ग्रामों के चयनित अविद्युतीकृत मजरों/टोलों की ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उक्त ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य मार्च - 2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
जबलपुर विकास प्राधिकरण की शर्तों एवं अनुबंधों का पालन 44. ( क्र. 799 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा योजना क्र.-11 शताब्दीपुरम में कार्पोरेट डेवलपमेंट मल्टीफ्लेक्स शापिंग प्रयोजन हेतु बिल्डर डेवलपर के साथ 47 बिन्दुओं का एक हजार रूपये के नाम ज्यूडिशियल स्टाम्प पर अनुबंध किया था ? (ख) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण एवं श्री जी प्रमोटर एण्ड डेवलपर्स प्रा.लि. 708 सेक्टर 15 फरीदाबाद उ.प्र. के साथ हुये अनुबंध में आज दिनांक तक अनुबंध की शर्तों के अनुरूप मकानों का हस्तांतरण मकान खरीदने वालों को नहीं किया गया है ? अगर हां तो मकानों के क्रय के लिये कितने क्रेताओं ने कितनी राशि श्री जी प्रमोटर्स एण्ड डेवलपर्स प्रा.लि. जबलपुर को कब-कब जमा करायी गयी ? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुबंध का प्रश्नतिथि तक बिल्डर द्वारा पालन नहीं किया है ? (घ) उक्त मकानों के आवंटन में प्रश्नतिथि तक कितने क्रेताओं के द्वारा राशि देने के बाद भी मकानों का आधिपत्य नहीं दिया गया है ? जे.डी.ए. उक्त मकानों का आधिपत्य बिल्डर से कब तक पैसा जमा करने वालों को दिलवायेगा ? अगर नहीं तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ।(ख) अनुबंध अनुसार बिल्डर/डेव्हलपर प्राधिकरण को प्रस्तुत की गई सूची अनुसार 180 यूनिटस की लीजडीड का संपादन प्राधिकरण द्वारा किया गया है। बिल्डर/डेव्हलपर द्वारा क्रेताओं से कितनी राशि जमा कराई गई है। इसका दायित्व प्राधिकरण का नही है।(ग) जी होॅ। बिल्डर द्वारा अनुबंध अनुसार टीडीएस प्रमाण पत्र प्रस्तुत नही करने पर लीजडीड संपादन में प्राधिकरण द्वारा रोक लगाई गई है।(घ) अनुबंध की कंडिका 30 अनुसार आवंटित यूनिटस की लीजडीड के पंजीयन उपरांत ही आवंटी को कब्जा प्रदान किया जावेगा,जो बिल्डर/डेव्हलपर द्वारा दिए जाने का प्रावधान है। क्रेता को बिल्डर/डेव्हलपर से आधिपत्य दिलाया जाने का दायित्व प्राधिकरण का नही है।
जेडीए द्वारा अनुबंध के नियमों के विपरीत कार्य करने वाले बिल्डरों पर कार्यवाही 45. ( क्र. 803 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा प्रश्नतिथि तक श्री जी प्रमोटर एण्ड डेवलपर के साथ किस-किस दिनांक को किस-किस स्थान की कितनी-कितनी भूमि के लिये क्या-क्या निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या अनुबंध कब-कब किये ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित दोनों पार्टियों के अनुबंधों के आधार पर उक्त बिल्डर के द्वारा किस-किस स्थान पर क्या-क्या निर्माण हेतु कितने व्यक्तियों से कितनी-कितनी रकम चेक व नगद भुगतान से कब-कब प्राप्त की ?(ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित बिल्डर के द्वारा शताब्दीपुरम में किस-किस को बनाये गये फ्लेटों का पजेशन दे दिया है ? सूची दें ? किन-किन को पजेशन पैसा प्राप्त ना होने के बाद भी नहीं दिया है ? कारण दें ?(घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बिल्डर के द्वारा प्रश्नतिथि तक जेडीए के साथ हुये अपने अनुबंधों को पूरा किया है ? अगर हॉं, तो कहॉं-कहाँ ? अगर नहीं तो राज्य शासन के द्वारा उक्त बिल्डर के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही किन-किन नियमों के तहत की जायेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क)जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा श्रीजी प्रमोटर्स एण्ड डेव्ल्हपर्स के साथ योजना क्र. 11 द्वि.च. शताब्दीपुरम के अंतर्गत भूखंड क्र. ब्लाक-एफ, क्षेत्रफल 7240 वर्गमीटर हेतु कुल राशि रूपये 6,62,46,000.00/- का दिनांक 17.04.2007 को एक मात्र अनुबंध संपादित किया गया।(ख) जबलपुर विकास प्राधिकरण योजना क्रमांक-11, फेस-2, ब्लाक-एफ, शताब्दीपुरम, जबलपुर में अनुबंध अनुसार बिल्डर/डेव्ल्हपर्स ने प्रश्नाधीन भूखंड पर 402 यूनिटस का निर्माण किया गया है। प्रीमियम की राशि बिल्डर/डेव्ल्हपर्स को ही वसूल किए जाने का प्रावधान है। क्रेताओं द्वारा बिल्डर/डेव्ल्हपर्स के पास जमा की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग)जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 180 क्रेताओं की लीजडीड अनुबंध अनुसार बनाई गई है। जिसमें से बिल्डर/डेव्हलपर द्वारा 101 क्रेताओं को आधिपत्य दे दिया गया है तथा 79 क्रेताओ के उपस्थित न होने के कारण आधिपत्य नही दिया गया है।(घ) जी नहीं। लीजडीड की शतोर्ं के तहत बिल्डर/डेव्हलपर द्वारा भूखंड के मद मे ब्याज राशि 10 प्रतिशत टीडीएस की राशि रूपये 21,20,755.00/- जमा नही करने पर लीजडीड संपादन में प्राधिकरण द्वारा रोक लगाई गई है। लीजडीड की शर्तो को पूरा न करने पर प्राधिकरण द्वारा लीजडीड की शतोर्ं के तहत कार्यवाही की जाना है।
नगर परिषद अकोडा द्वारा शौचालय निर्माण में फर्जीवाड़ा 46. ( क्र. 835 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भिण्ड जिले में नगर परिषद अकोडा में शौचालयों का निर्माण जनवरी, 2011 से प्रश्नांश दिनांक तक किस निर्माण एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है ? शौचालय कब तक निर्माण होना प्रस्तावित है ? प्रति शौचालय निर्माण में कितनी राशि व्यय करने का प्रावधान है ? (ख) क्या भिण्ड जिले के अंतर्गत शौचालय निर्माण में घटिया सामग्री प्रयोग में लाई गई है ? यदि हां, तो संबंधित निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है ? (ग) भिण्ड जिले के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में प्रश्नांश दिनांक तक कौन से शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है ? निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है ? किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण परीक्षण अवलोकन किया गया ? उनका क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है ? (घ) भिण्ड जिले में प्रश्नांश दिनांक तक शतप्रतिशत शौचालय का निर्माण होना है, किंतु समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं ? किस प्रयोग शाला में सामग्री का परीक्षण किया गया ? 2016-17 में कौन से शौचालय का निर्माण प्रस्तावित है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) श्री प्रताप बिल्डकॉन शिवपुरी। 31.03.2016। राशि रू. 13,600.00। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। उत्तरांश के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। व्यक्तिगत शौचालय निर्माण कार्यो की स्वतंत्र निरीक्षण, पुनरीक्षण एवं अनुश्रवण के लिए IRMA अधिकृत है। IRMA का प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) भारत सरकार की स्वच्छता मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक घर-घर शौचालय निर्मित होना है, जिससे समयावधि में पूर्ण नहीं होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
जले ट्रांसफार्मर बदलना 47. ( क्र. 837 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्रामीण एवं कृषि उपभोक्ताओं के जले ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु क्या नियम नीति निर्देश लागू हैं ? शासन ने क्या मापदण्ड निर्धारित किए हैं ? छायाप्रति देवें ? क्या भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में इन नियमों का पालन विभाग द्वारा किया जा रहा है ? (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 07 दिवस की सीमा में कितने फेल ट्रांसफार्मर बदले गये हैं ? विगत तीन वर्षो की जानकारी दें ? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलु उपयोग के लिए 24 घंटे एवं कृषि उपयोग हेतु 10 घंटे विद्युत प्रदाय की नीति है ? यदि हां तो इसका पालन भिण्ड विधानसभा में न होने के क्या कारण है ? नियम विरूद्ध कटोती के लिए कौन उत्तरदायी है ? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई ? (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में विद्युत प्रदाय व्यवस्था सुधारने हेतु क्या कार्य व प्रयास किए जा रहे हैं ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को सूखे मौसम में 3 दिन में तथा वर्षा ऋतु (जुलाई से सितम्बर) में 7 दिन की अवधि में बदले जाने के निर्देश हैं। ऐसे जले/खराब ट्रांसफार्मर जिन पर विद्युत बिलों की बकाया राशि रहती है, राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया विद्युत बिल की कम से कम 10 प्रतिशत राशि जमा करने पर बदला जाता है। उक्त निर्देशों की छायाप्रतियाँ संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र ''अ'' एवं प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ, भिण्ड जिले में उक्त नियमों का पालन किया जा रहा है। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में कुल 251 फेल ट्रांसफार्मर समय-सीमा में बदले गये जिनकी वर्षवार संख्या निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
वर्ष |
बदले गये ट्रांसफार्मरों की संख्या |
1 |
2013-14 |
102 |
2 |
2014-15 |
51 |
3 |
2015-16
(माह जनवरी 2016 तक की स्थिति में) |
98 |
कुल |
251 |
(ग) जी हां प्राकृतिक आपदाओं यथा-आंधी, तूफान आदि के कारण विद्युत लाईनों के क्षतिग्रस्त होने, तकनीकी कारणों यथा विद्युत उपकरणों की खराबी, लाईन फाल्ट आदि की स्थिति अथवा नवीन कार्यों एवं रख रखाव हेतु आवश्यक शट-डाउन जैसी स्थितियों को छोड़कर भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में भी उपरोक्तानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उपरोक्त कारणों से होने वाले विद्युत व्यवधान के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सुधारने हेतु आर.ए.पी.डी.आर.पी.पार्ट-बी योजनान्तर्गत प्रणाली सुदृढ़ीकरण का कार्य चल रहा है। भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के ए.डी.बी. (स्मॉल टाउन) एवं फीडर सेपरेशन योजना में विद्युत व्यवस्था सुधारने हेतु कार्य किया गया है तथा फीडर सेपरेशन योजना के तहत् शेष बचे ग्रामों का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना अन्तर्गत किया जाना प्रस्तावित है।
परिशिष्ट अठारह अनुदान योजना के अंतर्गत ट्रांसफर व लाईन विस्तार कार्य हेतु 48. ( क्र. 866 ) श्री जतन उईके : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पांढ़र्णा विधानसभा क्षेत्र के कृषकों से अनुदान योजना के तहत लाईन एवं ट्रांसफार्मर हेतु म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी ने राशि जमा की गई है ? यदि हां, तो कितने कृषक ने राशि जमा की है ? (ख) अनुदान योजना के अंतर्गत कितने कृषकों के खेतों में लाईन विस्तार कार्य पूर्ण कर दिया गया है ? कितने कृषकों के खेतों में राशि जमा कराने के पश्चात् भी ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार का कार्य नहीं किया गया है ? इनमें कौन अधिकारी दोषी है ? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है ? (ग) जिन कृषकों ने राशि जमा की है उनकी कृषि भूमि में सिंचाई हेतु कब तक बिजली कनेक्शन दिया जायेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां, छिंदवाड़ा जिले के पाण्ढुर्णा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 295 कृषकों द्वारा स्थायी विद्युत पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू अनुदान योजना के तहत् स्थायी पम्प कनेक्शन प्राप्त करने हेतु संबंधित वितरण कंपनी कार्यालय में योजना के प्रावधानों के अनुसार राशि जमा की गई है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 295 कृषकों में से 281 कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। शेष 14 कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार का कार्य प्रगति पर है, जिसे वरीयता क्रम अनुसार पहुंच मार्ग उपलब्ध होने पर पूर्ण किए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित 281 कृषकों को बिजली कनेक्शन प्रदाय कर दिया गया है तथा शेष बचे हुए 14 कृषकों के स्थायी पंप कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार का कार्य प्रगति पर है, जिसे वरीयता क्रम अनुसार पहुंच मार्ग उपलब्ध होने पर यथाशीघ्र पूर्ण कर दिया जायेगा। तथापि वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री सहायता कोष योजना के अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले में स्वीकृत राशि 49. ( क्र. 869 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छिन्दवाड़ा जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु कितने आवेदन पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए है ?(ख) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से कितने आवेदकों को कितनी-कितनी राशि दी गई है ? तथा कितने आवेदकों का उपचार कराया गया है ?(ग) कितने आवेदन पत्र वर्तमान में लंबित है ? वर्षवार विवरण देवें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2013-14 में 666 एवं वर्ष 2014-15 में 309 । (ख) वर्ष 2013-14 में 119 आवेदकों को रूपये 56,37,000/- एवं वर्ष 2014-15 में 126 आवेदकों को रूपये 42,25,000/- का भुगतान किया गया । इस प्रकार दोनों वर्षों में 245 आवेदकों का उपचार कराया गया । (ग) कोई प्रकरण लंबित नहीं है । प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी विद्युतीकरण के तहत कार्य स्वीकृत 50. ( क्र. 908 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यो में से कितना भुगतान किया गया ? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण है ? अपूर्ण रहने का क्या कारण है ?(ख) उक्त कार्य को किस एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है ? कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी ? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा ? क्या समयावधि पूर्ण होने पर पुन: निविदाऐं आमंत्रित की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?(ग) उक्त कार्य में अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं ? यदि हॉं, तो शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की जा रही है ? कब तक जॉंच की जावेगी ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्वीकृत कार्यों में से पूर्ण किये गये कार्यों के विरूद्ध रू. 3.83 करोड़ की राशि का भुगतान किय गया है। योजनांतर्गत 228 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण हुए हैं एवं 90 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण है। टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स जी.एन.जी. लिमिटेड गुड़गांव द्वारा समय से सामग्री एवं मानव संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं, जिसके परिप्रेक्ष्य में दिनांक 08.06.2015 को उक्त ठेकेदार एजेंसी को जारी अवार्ड निरस्त कर दिया गया है। (ख) उत्तरांश क में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स जी.एन.जी. लिमिटेड गुडगांव के माध्यम से कराए जा रहे थे। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्यपूर्ण किये जाने की अवधि अनुबंध दिनांक 22.03.2012 से 24 माह थी। कार्य में विलंब करने के कारण ठेकेदार एजेंसी मेसर्स जी.एन.जी. लिमिटेड गुडगांव का अवार्ड निरस्त करने के बाद शेष अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु पुन: निविदा कार्यवाही पूर्ण कर नई ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्याम इंडस पावर साल्युशन प्राईवेट लिमिटेड नई दिल्ली को दिनांक 29.12.15 को कार्यादेश जारी कर दिया गया है। अनुबंध की तिथि 21.01.2016 से 18 माह की अवधि में कार्य पूर्ण कराए जाने के प्रयास किये जावेगे। (ग) उक्त कार्यो मे अनियमितता संबंधी शिकायते प्राप्त नही हुई है, अतः प्रश्न नही उठता I
श्री कृष्णा कालोनी में हाईटेंशन लाइन हेतु टेंडर 51. ( क्र. 909 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वित्तीय वर्ष 2012-13 में नगर पालिका विदिशा द्वारा वार्ड क्र.34 में श्री कृष्णा कॉलोनी में हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करने हेतु किस योजना के अन्तर्गत कार्य हेतु टेण्डर (निविदा) आमंत्रित किए गए ?(ख) उक्त कार्य हेतु विभाग को कितनी निविदायें किन-किन फर्म/ठेकेदारों से प्राप्त हुई ? प्राप्त निविदाओं में से किस फर्म/ठेकेदार की निविदा किस दर पर स्वीकृत की गई? वर्तमान में कार्य की प्रगति प्रतिशत में एवं ठेकेदार के भुगतान की क्या स्थिति है ?(ग) क्या उक्त कार्य की टेंडर (निविदा) कार्य मेनुअल के विरूद्ध स्वीकृत किये जाने पर शिकायत दिनांक 29.06.2015 को आयुक्त, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को की गई है ? यदि हॉं, तो वर्तमान में जाँच किस स्तर पर है एवं कब तक पूर्ण कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय वर्ष 2012-13 में वार्ड क्रं. 34 में कृष्णा कॉलोनी में हाईटेंशन लाईन को शिफ्ट करने हेतु जनभागीदारी योजनांतर्गत निविदा आमंत्रित की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉ। जॉच पूर्ण हो गई है। जॉच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट उन्नीस मुरैना नगर पालिका/निगम प्रशासक द्वारा नियुक्त दैनिक भोगी 52. ( क्र. 915 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मुरैना नगर पालिका के कार्यकाल की समाप्ति एवं नगर निगम परिषद के गठन के पूर्व नगर पालिका प्रशासक द्वारा कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था ?(ख) उक्त कर्मचारियों को कितने समय की कितनी राशि वेतन के रूप में दी गई ? इसकी स्वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई शासन द्वारा इसका अनुमोदन किया गया या नहीं ?(ग) क्या भारी संख्या में नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बिना कार्य के नियुक्त कर शासन की धनराशि के अपव्यय के दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुरैना नगर पालिका के कार्यकाल की समाप्ति एवं नगर निगम के गठन के पूर्व नगर पालिका प्रशासक व्दारा कुल 49 कर्मचारियों को दैनिक वेतन पर रखा गया था। (ख) उक्त दैनिक वेतन पर रखे कर्मचारियों को 8 जनवरी, 2015 से माह नवम्बर, 2015 तक कुल रूपये 27,80,535/- भुगतान किया गया। दैनिक वेतन पर रखने की स्वीकृति तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी व डिप्टी कलेक्टर एवं कलेक्टर व्दारा दी गई है। जी नहीं। (ग) दैनिक वेतन पर रखे कर्मचारियों को बिना कार्य के वेतन भुगतान नहीं किया गया है। इसलिये किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना नगर में निर्मित सड़कों के डिजाइन में परिवर्तन 53. ( क्र. 922 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मुरैना नगर में बनखण्डी रोड़ी के चौड़ीकरण, डामरीकरण, डिवाईडर, फुटपाथ, साइडेट्रेन, विद्युतीकरण तथा महादेव नाके से मण्डी ग्रेट रोड तक डामरीकरण, डिवाईडर, फुटपाथ, नाला निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 26.11.2012 को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल से दी गई थी ? इनका अनुमानित व्यय कितना था, निर्माण की समय-सीमा क्या थी ? (ख) क्या जिस लम्बाई, चौड़ाई, कार्यों की स्वीकृति दी गई थी, नगर पालिका मुरैना द्वारा कार्य कराते समय कार्य की स्थिति में काफी परिवर्तन किया गया है क्यों ? स्वीकृत कार्य, निर्मित कार्यों में क्या अंतर रखा गया है, उसकी आइटमवार जानकारी दी जावे ? (ग) क्या उक्त कार्य हेतु मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत राशि स्वीकृति हुई ? क्या निर्माण कार्य की स्थिति, आइटम में परिवर्तन के पूर्व संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल से अनुमति अनिवार्य रूप से लेने के निर्देश दिये थे ? यदि हां, तो उसका पालन क्यों नहीं किया एवं निर्माण वर्ष 2015 में कब पूरा किया गया ? (घ) क्या शासन की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे तथा बिना स्वीकृति निर्माण पर हुए व्यय की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों से की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। राशि रू. 566.19 लाख। कार्यादेश दिनांक 07.01.2014 के अनुसार 11 माह थी, परिषद द्वारा 8 माह की समयावृद्धि की गई है। (ख) जी नहीं काफी परिवर्तन नहीं किया गया है। स्थल अनुसार आंशिक परिवर्तन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉ। जी हॉ। नगर पालिक निगम होने से स्वीकृति का अधिकार एम.आई.सी. को है। एम.आई.सी. से सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई है। जी नहीं, वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (घ) सक्षम स्वीकृति उपरांत कार्य कराया गया है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट बीस बाघराज मंदिर एवं बावडि़यों का जीर्णोद्धार 54. ( क्र. 974 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पर्यटन विभाग के द्वारा बाघराज तीर्थ क्षेत्र मंदिर एवं प्राचीन बावडि़यों के जीर्णोद्धार तथा उनके उन्नयन हेतु कितनी राशि के बजट का प्रावधान किया है ? स्थलवार बताएं ? (ख) उक्त प्रश्न (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्ययोजना की निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं ? यदि हां, तो यह कार्य कब तक शुरू हो पायेगा ? समय-सीमा बताएं ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हॉ। बजट उपलब्ध न होने के कारण कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सागर नगर में नियम विरूद्ध संचालित शराब दुकानों पर कार्यवाही 55. ( क्र. 975 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर नगर क्षेत्र अंतर्गत कितनी शराब की दुकानें संचालित हैं ? उनके स्थल सहित ब्यौरा देवें ?(ख) ऐसी कितनी दुकानें हैं, जो नियमानुसार चिन्हित स्थलों की बजाय किन्हीं अन्य स्थलों पर संचालित हैं ? ऐसी नियम विरूद्ध संचालित दुकानों के खिलाफ क्या शासन कार्यवाही करेगा यदि हां तो कब तक ?(ग) ऐसी शराब की कितनी दुकानें हैं जो धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थाओं के समीप संचालित हैं ? क्या शासन इन दुकानों के स्थल परिवर्तन कराने के आदेश जारी करने पर विचार करेगा और कब तक ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सागर नगर क्षेत्र के अन्तर्गत 12 देशी मदिरा एवं 07 विदेशी मदिरा कुल 19 शराब दुकाने संचालित है, संचालित मदिरा दुकानों के स्थल ब्यौरा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सागर नगर अन्तर्गत सभी देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें नियमानुसार गठित जिला समिति द्वारा चिन्हित स्थलों पर संचालित हैं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) सागर नगर क्षेत्र अन्तर्गत संचालित देशी मदिरा दुकान तिलीगांव शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल, बाघराजवार्ड, तिलीगांव के समीप संचालित होकर नियमानुसार निर्धारित दूरी पर स्थित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट इक्कीस बिजली बिल की बकाया राशि 56. ( क्र. 995 ) श्री दिनेश राय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल नियत अवधि में ना भरने पर उनके विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा किये जाने का प्रावधान है ? (ख) जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल जमा नहीं किये गये हैं ? उनके विद्युत कनेक्शन विच्छेद किये जाकर उनसे बिजली बिल वसूला जा रहा है अथवा नहीं ? (ग) क्या म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा बिजली बिल बकाया होने पर पूर्ण क्षेत्र की विद्युत लाईन बंद कर दी जाती है अथवा बकायादारों की ही बिजली आपूर्ति बंद की जाती है ? (घ) वर्तमान में सिवनी विधान सभा क्षेत्र में बकायादारों के किन-किन क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है, क्या इससे फसल की सिंचाई पर भी कोई असर पड़ा है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिल का समय पर भुगतान नहीं किया जाता है उन उपभोक्ताओं से नियमानुसार नियत तिथि के बाद अधिभार वसूलने का प्रावधान है। इसके बाद भी उपभोक्ता द्वारा बिल जमा नहीं करने पर विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका क्रमांक 9.13 से 9.15 के प्रावधानों तहत् कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है, जिनका परिपालन करते हुए विद्युत संयोजन विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हां। (ग) बिजली का बिल जमा नहीं करने पर संपूर्ण क्षेत्र का नहीं अपितु यथासंभव संबंधित उपभोक्ता का विद्युत प्रदाय बंद किया जाता है। (घ) वर्तमान में सिवनी विधानसभा क्षेत्र में किसी भी क्षेत्र में बकाया राशि के कारण क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बन्द नहीं की गई है। अपितु बकाया राशि होने पर नियमानुसार बकायादारों की ही विद्युत सप्लाई बंद की गई है, अत: प्रश्नाधीन क्षेत्र में सिंचाई कार्य प्रभावित होने का प्रश्न नहीं उठता।
स्थायी बस स्टैण्ड की व्यवस्था 57. ( क्र. 1024 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी शहर में स्थित अस्थायी बस स्टैण्ड स्थल शासकीय महाविद्यालय के ठीक सामने लगभग 20 से 25 मीटर दूरी पर स्थित है ? जिससे महाविद्यालय में अध्ययन में व्यवधान एवं आवागमन में असुविधा हो रही है ? (ख) क्या उक्त अस्थाई बस स्टैण्ड के समीप पुलिस विभाग की भूमि व पुलिस थाना संचालित है ? इसी तरह ब्यौहारी न्यायालय का नवीन भवन निर्मित हो चुका है ? यदि हां, तो जन सुविधा की दृष्टि से न्यायालय को नवीन भवन में स्थानांतरित कर पुराने न्यायालय में पुलिस थाना संचालित करते हुये पुलिस विभाग की भूमि जो बस स्टैण्ड के समीप है, में स्थाई बस स्टैण्ड की व्यवस्था की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक की जावेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) जी हॉ। जी नहीं, न्यायालय का नवीन भवन निर्माणाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर जिले के टेकनपुर में रोड का हस्तातंरण 58. ( क्र. 1073 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) टेकनपुर से हर्सी तक मुख्य नहर की सर्विस रोड को जल संसाधन विभाग से लोक निर्माण विभाग मैं हस्तांतरण करने के संबंध में कार्यपालन यंत्री हर्सी जल संसाधन डबरा जिला ग्वालियर का पत्र क्र. 1163 दिनांक 2/4/2013 द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्र. 02 ग्वालियर को लिखा गया था ? उक्त पत्र के आधार पर प्रश्न दिनांक तक उक्त रोड को लोक निर्माण विभाग में हस्तांतरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है अभी तक हस्तांतरण न होने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है कब तक उक्त रोड को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण कर दिया जायेगा ? (ख) उक्त रोड पर 1 अप्रैल, 2012 से प्रश्न दिनांक तक मेन्टीनेन्स पर किस वित्तीय वर्ष में कितनी राशि से किस स्थान के भाग के रोड पर मेन्टेनेंस का कार्य कराया गया क्या मेंटेनेंस के उपरांत भी उक्त रोड की हालत जर्जर है यदि हां, तो क्यों ? (ग) उक्त रोड को आवागमन हेतु स्थिति में लाने के लिये विभाग की क्या ठोस योजना है क्या विभाग स्वयं निर्माण कराने के नाम पर पूर्ववर्ती वर्षों के अनुसार कार्य करायेगा या रोड विभाग (लोक निर्माण विभाग) को हस्तातंरण करने की कार्यवाही करेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ। सड़क का हस्तांतरण स्वीकार करने के लिए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री अधिकृत नहीं है । अतः किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है । सड़क का हस्तांतरण लोक निर्माण विभाग की सहमति पर निर्भर है जिसके लिए विभाग द्वारा समय-सीमा नियत की जाना संभव नहीं है ।(ख) प्रश्नाधीन अवधि में उक्त सड़क के संधारण में वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में व्यय नहीं किया गया है । वर्ष 2014-15 में रू.108.88 लाख का व्यय किया गया है। सड़क हरसी मुख्य नहर के संधारण के उद्देश्य से निर्मित होकर सड़क के मापदण्ड आम आवागमन के लिए आवश्यक स्तर के नहीं हैं । (ग) लोक निर्माण विभाग को सड़क का हस्तांतरण स्वीकार करने के लिए विभाग व्दारा दिनांक 12.02.2016 को लिखा गया है ।
नगर पालिक निगम ग्वालियर में उद्यान विभाग द्वारा कराये गये कार्यों एवं जिम निर्माण के संबंध में 59. ( क्र. 1074 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्वालियर नगर पालिक निगम में 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक उद्यान विभाग द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य या अन्य कार्य उद्यान विकास हेतु कितनी लागत से किस स्थान पर किस ठेकेदार/एजेन्सी से कराये गये/कराये जा रहे हैं उक्त कार्यों का कितना प्राक्कलन था वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या हैं ? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्यों अथवा उद्यान विकास कार्यों का प्राक्कलन अनुसार कार्य सही हुआ ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है । (ख) जी हॉ ।
झील संरक्षण प्रकोष्ठ की राशि का अन्य मद में व्यय 60. ( क्र. 1098 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल नगर निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ के तहत कौन-कौन से कार्य किए जाने थे ? परिषद/एमआईसी प्रस्ताव और शासन की अनुमति व दिनांक सहित जानकारी दें ?(ख) प्रश्नांश (क) के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किस-किस झील में किए गए ? वर्षवार, कार्यवार, राशिवार, स्थानवार जानकारी दें ?(ग) क्या झील संरक्षण प्रकोष्ठ ने झील संरक्षण के स्थान पर शहर के सौंदर्यीकरण पर राशि व्यय की है ? यदि हां, तो क्यों ? कारण सहित जानकारी दें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार। (ग) जी हॉ । नगर निगम भोपाल के झील संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा शहर में स्थित विभिन्न झीलों/तालाबों के आसपास के क्षेत्रों का विकास, सौंदर्यीकरण एवं रख-रखाव का कार्य किया जाता है । क्योंकि यह कार्य झील संरक्षण प्रकोष्ठ के दायित्वाधीन है ।
शहर की वायु में धूल के कणों का मानक स्तर से ज्यादा बढ़ना 61. ( क्र. 1099 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या भोपाल शहर में हवा में खतरनाक धूल कणों का स्तर मानक स्तर से कई गुना बढ़ गया है ? यदि हां, तो कितने गुना ?(ख) प्रश्नांश (क) के तहत भोपाल शहर के भोपाल टॉकीज चौराहा, अल्पना टॉकीज चौराहा, गोविन्दपुरा, भवानी चौक, रोशनपुरा, पीएचक्यू, हबीबगंज थाना, चेतक ब्रिज, प्रभात पेट्रोल पम्प आदि स्थानों पर आरएसपीएम की अधिकतम मात्रा कितनी है ? अप्रैल 2015 से दिसम्बर 2015 तक प्रत्येक माह की जानकारी दें ? क्या प्रतिमाह यह मात्रा बढ़ी है ? यदि हां, तो किस दर से ? किस कारण से ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत विभिन्न वायु प्रदूषण मानकों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है ? क्या भोपाल शहर को प्रत्येक रविवार को प्रात: 10 से सायं 5 बजे तक कार फ्री किया जाएगा ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जी नहीं ।(ख) अप्रैल,2015 से दिसम्बर,2015 तक माहवार जानकारी परिशिष्ट‘‘क‘‘ अनुसार है,
प्रतिमाह मात्रा में वृद्वि नहीं हुई है। अद्योसंरचना विकास कार्यो,निर्माण कार्यो,यातायात,
व्यावसायिक आदि गतिविधियों से आर.एस.पी.एम. की मात्रा में वृद्वि हुई है ।(ग) वाहन उत्सर्जन मापन के परिणाम क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी,परिवहन विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किये जाते है तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सह-वित्तीय पोषित योजना होने के कारण परिणाम उनको भेजे जाते है । उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
परिशिष्ट बाईस चौपाटी स्थित प्रिमियर आईल मिल भूमि अधिग्रहण के संबंध में 62. ( क्र. 1118 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शहर की बढ़ती जनसंख्या एवं ग्रामीण क्षेत्र से आकर बसने वाले परिवारों की बढ़ती संख्या के साथ ही रोजगार मूलक कार्यों की आवश्यकता भी लगातार बढ़ती जा रही है ? तथा क्या जावरा चौपाटी स्थित प्रिमीयर आईल मिल भूमि अधिग्रहण हेतु लगातार मांग की जा रही है ?(ख) यदि हां, तो क्या इस हेतु नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा बस स्टेण्ड के विस्तार एवं शापिंग काम्पलेक्स का निर्माण किये जाने संबंधी प्रस्ताव / संकल्प सर्वानुमति से पारित कर शासन/विभाग को अग्रेषित किया है ?(ग) यदि हां, तो स्वीकृति कब तक दी जाकर कार्य कब प्रारंभ किया जाएगा ?(घ) क्या इस हेतु राजस्व धारा 16/4 के अंतर्गत एक पक्षीय भूमि का अधिग्रहण होकर कार्य संपन्न होगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। जी हॉ। (ख) नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा संकल्प क्रं. 442 दिनांक 29.05.2013 से प्रीमियर ऑईल मिल जावरा की भूमि सर्वे क्रं. 224 एवं 226/1 कुल रकबा 3.086 हेक्टेयर में से आवासीय एवं दुकानों को छोड़कर खुली भूमि के अधिग्रहण करने का निर्णय लिया गया है। परिषद निर्णय के क्रम में निकाय द्वारा पत्र क्रं. 3954 दिनांक 12.01.2016 से कलेक्टर जिला रतलाम को शासकीय भूमि सर्वे क्रं. 226/1 पेकी रकबा 2.036 हेक्टर भूमि सार्वजनिक प्रयोजन हेतु अग्रिम आधिपत्य देने एवं निजी भूमि सर्वे क्रं. 224 रकबा 1.050 हेक्टर को अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। (ग) भूमि के आधिपत्य एवं अधिग्रहण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रीमियर ऑईल मिल की भूमि विवादित होने से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा नहीं की जा रही है।
रतलाम जिले के पर्यटन सर्किट के बारे में 63. ( क्र. 1119 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शासन/विभाग पर्यटन को प्राथमिकता के साथ में लेकर संपूर्ण प्रदेश के साथ ही रतलाम जिले में भी अनेक स्थानों को चिन्हीत कर उन पर पर्यटन संबंधी कार्य योजना बना रहा है ?(ख) यदि हां, तो क्या रतलाम जिले में विभाग द्वारा पर्यटन स्थल चिन्हित कर जिले का सर्किट बनाकर कार्य योजना बनाई गई है ? कहां-कहां, किस-किस प्रकार की योजना बनाई ?(ग) यदि हां, तो जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आमजन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत आने वाले अनेक पर्यटन स्थलों के बारे में शासन/विभाग को अवगत कराते हुए आवेदन किये गये ?(घ) यदि हां, तो जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील के महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक धार्मिक, पुरातात्वीक स्थलों के बारे में किन-किन स्थानों, किस-किस प्रकार की क्या-क्या कार्ययोजना बनाई गई ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हॉ। (घ) जावरा में मार्ग सुविधा केन्द्र के पहुंच मार्ग, पार्किंग के कार्य हेतु राशि रूपये 17.15 लाख की स्वीकृति के अंतर्गत कार्य प्रगति पर है।
कृषक अनुदान योजना के ट्रांसफार्मर लगाने हेतु 64. ( क्र. 1130 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शाजापुर जिले में कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत जनवरी 2014 से सितम्बर 2015 तक कितने कृषकों ने म.प्र.प.क्षे.वि.वि. कम्पनी में पम्पों के लिए विद्युत लाईन/ट्रांसफार्मर हेतु राशि जमा की ?(ख) कृषक अनुदान योजना के अन्तर्गत राशि जमा कराने वाले उपभोक्ताओं को राशि जमा करने के कितने समय में ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य पूर्ण करने का प्रावधान है ? क्या जिन उपभोक्ता कृषकों से राशि जमा करायी है, उनको समय सीमा में विद्युत कनेक्शन एवं ट्रांसफार्मर दिये गये हैं ? यदि नहीं तो क्या म.प्र.प.क्षे.वि.वि. कम्पनी उन उपभोक्ता कृषकों को जमा राशि पर ब्याज प्रदान करेगी ?(ग) जनवरी 2014 से सितम्बर 2015 तक के आवेदनकर्ता कृषकों को विद्युत पम्प चलाने हेतु ट्रांसफार्मर उपलब्ध कब तक करा दिये जायेंगे ? यदि समय-सीमा बताना संभव नहीं है तो शाजापुर जिले के सैकड़ों किसानों से 03 माह की समयावधि बताकर कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत प.क्षे.वि.वि. कम्पनी शाजापुर द्वारा राशि जमा क्यों करायी गयी ?(घ) किसानों को हो रहे आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है ? क्या जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) शाजापुर जिले में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना के अन्तर्गत माह जनवरी-2014 से माह सितम्बर-2015 तक कुल 1024 कृषकों द्वारा विद्युत पम्प संयोजन हेतु लाईन/विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगवाये जाने के लिये राशि जमा की गई है। (ख) कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदाय हेतु अनुदान योजना में कृषकों द्वारा राशि जमा कराने के उपरान्त 150 दिवस में कार्य पूर्ण करने का प्रावधान है। विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं विद्युत सामग्री की अनुपलब्धता तथा राईट ऑफ वे उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी आवेदकों को निर्धारित समय-सीमा में कनेक्शन प्रदान नहीं किये जा सके हैं। प्रश्नाधीन योजना में उपभोक्ताओं को उनकी जमा राशि पर ब्याज दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) शाजापुर जिले में माह जनवरी- 2014 से माह सितम्बर - 2015 तक प्रश्नाधीन योजना अन्तर्गत कुल 1024 कृषकों द्वारा आवेदन किया गया था। इनमें से 683 कृषकों के कार्य पूर्ण हो चुके है। शेष 341 विद्युत पम्पों के कार्य माह मार्च - 2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (घ) सामान्यत: कृषकों द्वारा सिंचाई कार्य की आवश्यकता की पूर्ति अस्थाई कनेक्शन लेकर पूरी कर ली जाती है। अत: स्थाई कनेक्शन नहीं हो पाने के कारण अस्थाई कनेक्शन से फसल की सिंचाई के कारण आर्थिक नुकसान का प्रश्न नहीं उठता।
निपानिया गढ़ी पहाड़ी पर अवैध उत्खनन 65. ( क्र. 1141 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नरसिंहगढ़ तहसील के अंतर्गत बोड़ा कस्बे के पास ग्राम निपानिया गढ़ी की पहाड़ी (मुरम) शासन द्वारा किसी को लीज प्रदत्त की गई ? (ख) अगर किसी को लीज प्रदत्त नहीं की गई तो ? उक्त पहाड़ी पर जो उत्खनन हो रहा है, वह किस अधिकारी की सहमति से किया जा रहा है ? क्या दोषी अवैध उत्खनन करने वाले व्यक्तियों व क्षेत्र के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं तो क्यों नहीं ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में अवैध उत्खनन का प्रकरण प्रकाश में आने के कारण अवैध उत्खननकर्ता के विरूद्ध परिशिष्ट- अ में दर्शाये अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
परिशिष्ट तेईस जी.एस.बी. रोड निर्माण के संबंध में66. ( क्र. 1150 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी जिले के अंतर्गत ग्राम भजिया, विकासखण्ड लखनादोन में लागत 5 लाख रूपये के जी.एस.बी. मार्ग का निर्माण किस दिनांक से शुरू किया जाकर किस दिनांक को पूर्ण हुआ है ? (ख) मार्ग निर्माण में विलंब एवं अनियमितताएं के कारण विभाग द्वारा क्या कोई जांच की गई है ? यदि हां,तो विवरण देवें ? (ग) प्रश्नांश (ख) में अनियमितताएं के कारण दोषी पाये गये अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई है ? यदि हां, तो क्या कार्यवाही की गई हे एवं उनसे कितनी राशि वसूली की गई है ? क्या उक्त राशि विभाग को प्राप्त हुई है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी. एस. बी. सडक निर्माण दिनांक 17-08-2013 से प्रारम्भ होकर दिनांक 21-01-2014 को कार्य पूर्ण हुआ है। (ख) जी हॉं। कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सिवनी द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत भजिया के सचिव, सरपंच, उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग लखनादौन से कार्य में की गई अनियमितता के कारण समान रूप से राशि वसूली किये जाने हेतु प्रतिवेदित किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) परिपेक्ष्य में अनियमितता दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लखनादौन के आदेश दिनांक 07-07-2015 के परिपालन में संबंधितों से कुल राशि रूपये 1,97,733 की बराबर-बराबर वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है।
विकास कार्यों की कार्ययोजना 67. ( क्र. 1164 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्य नगर पालिक निगम सतना के द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसरंचना विकास योजना के तहत विकास कार्यों की कार्ययोजना बनाई गई थी ? (ख) उक्त कार्ययोजना के तहत नगर निगम क्षेत्र सतना के कौन-कौन से विकास कार्य सम्मिलित किये गये थे प्राक्कलन राशि, तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी दें ? (ग) उक्त कार्य योजना के तहत शासन/संचालनालय द्वारा कब-कब, किस-किस वार्ड में कराये जाने वाले कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि जारी की गई थी ? कार्यवार विवरण दें ? इन कार्यों का मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा कितनी-कितनी राशि का किया गया है ? (घ) यदि उक्त कार्ययोजना के तहत कार्य नहीं कराये गये है तो राशि किस-किस मद में व्यय की गई है ? नियम विरूद्ध व्यय के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है ? दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा ? समय सीमा भी दें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) जानकारी पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) योजनांतर्गत स्वीकृत अनुसार कार्य कराया जाकर, राशि व्यय की गई है। योजनांतर्गत प्राप्त राशि अन्य मद में राशि व्यय नहीं की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गाडरवारा विधानसभा में प्रस्तावित सिंचाई योजनाएं 68. ( क्र. 1195 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी सिचांई योजनाएं प्रस्तावित की गई है और वर्तमान में उनकी अद्यतन स्थिति क्या है ? (ख) उक्त प्रस्तावित योजनाओं में कौन-कौन से क्षेत्र के किसान लाभांवित होगें और इससे कितने एकड़ जमीन की सिंचाई संभावित है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत शक्कर परियोजना प्रस्तावित है जिसका विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर) केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली में अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) शक्कर परियोजना से गाडरवारा तहसील के लगभग 188 ग्राम लाभान्वित होंगे एवं इस परियोजना से लगभग 60,184 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
गंदे नाले को प्रदूषण मुक्त में अपव्यय के संबंध में 69. ( क्र. 1235 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश द्वारा सुनार नदी को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य से नगर पालिका हटा को 50 लाख की राशि प्रदाय की गई थी ? यदि हां, तो कब ? आदेश की प्रति प्रदाय करायें ?(ख) उक्त कार्य किस कार्य एजेंसी द्वारा कराया गया ? यह कार्य 07 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद पूर्ण हुआ ? यदि हां, तो कब, क्या-क्या कार्य किया ? यदि नहीं, तो यह कार्य कब तक पूर्ण होगा ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ठेकेदार श्री अजय खत्री को कार्यादेश दिनांक 04-02-2013 जारी किया गया है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि 31 मार्च, 2016 है।
परिशिष्ट चौबीस विद्युत उत्पादन केंद्र का निर्माण 70. ( क्र. 1236 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला दमोह के द्वारा विकासखण्ड में कांटी के पास सरसुमा घाट पर किसी प्राईवेट एजेंसी द्वारा विद्युत उत्पादन केंद्र का निर्माण किया जा रहा है ? यदि हां, तो कि एजेंसी द्वारा कितनी राशि से यह विद्युत उत्पादन केंद्र बनाया जा रहा है ?(ख) उक्त केंद्र के उद्देश्य क्या हैं ? कितनी बिजली उत्पादित होगी व कितने हितग्राही इस केंद्र से लाभांवित होंगे ? म.प्र. शासन से उक्त कार्य की अनुमति कब ली गई ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हॉ। जिला दमोह विकास खण्ड कांटी में मेसर्स एस.ए.एस. हाईडल पॉवर प्रोजेक्ट प्रा.लि. द्वारा लघु जल विद्युत परियोजना बनायी जा रही है, जिसकी लागत रू. 5239.06 लाख आंकलित है। (ख) परियोजना का उद्देश्य नदी में उपलब्ध जल विद्युत क्षमता का उपयोग करना है। परियोजना से 18.62 मिलीयन यूनिट विद्युत प्रतिवर्ष उत्पादन आंकलित है। परियोजना की स्वीकृति जुलाई 2012 में दी गई।
ई-पंजीयन योजना 71. ( क्र. 1262 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र. में ई पंजीयन योजना को लागू करने के पूर्व समस्त पहलुओं पर एवं पंजीयन के समस्त बिन्दुओं पर परीक्षण कर लिया गया था ? (ख) यदि हां तो ई पंजीयन योजना अभिभाषकों द्वारा की जाने वाली सर्च के लिए क्या प्रावधान है ? उक्त साफ्टवेयर में अभिभाषक द्वारा बैंक एवं अन्य प्रकार की सर्च किस प्रकार की जा सकती है ? (ग) यदि नहीं तो इस प्रकार की त्रुटिपूर्ण साफ्टवेयर लागू करने के लिए कौन दोषी है, दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ। (ख) ई-पंजीयन परियोजना के अन्तर्गत दस्तावेजों के सर्च के लिए पृथक माड्यूल बनाया गया है, जिसके अन्तर्गत कोई भी अभिभाषक अथवा व्यक्ति विधि अनुरूप पंजीकृत दस्तावेज का सर्च कर सकता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एल.ई.डी. लाईटों को लगाने में अनियमितता 72. ( क्र. 1263 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिंहस्थ 2016 के मद्देनजर एलईडी लाईट लगाये जाने के संबंध में क्या विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए मनमाने रूप से निजी स्वार्थ के चलते एलईडी लाईट का ठेका संबंधित ठेकेदार को दिया गया । जिस कारण माननीय उच्च न्यायालय द्वारा ठेका निरस्त किया गया ?(ख) यदि हां तो उक्त ठेके के एवज में किये गये कार्य एवं भुगतान के लिए कौन दोषी है दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिंहस्थ-2016 के मद्देनजर एल.ई.डी. लईट लगाये जाने की निविदा प्रक्रिया के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 22.01.2016 को आदेश पारित करते हुए निविदा प्रक्रिया को निरस्त किया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस प्रकरण की निविदा प्रक्रिया के प्रश्न पर नोटिस जारी करने एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के एक निर्देश पर स्थगन के आदेश दिनांक 05.02.2016 को जारी किए है। (ख) उपरोक्त कार्य के विरूद्ध वर्तमान तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तहसील मुख्यालय चौरई में म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. का संभागीय कार्यालय खोला जाना 73. ( क्र. 1333 ) पं. रमेश दुबे : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) किसी तहसील मुख्यालय पर म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. का संभागीय कार्यालय खोले जाने के लिए कौन-कौन से मापदण्ड का होना आवश्यक है ?(ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किन-किन बिन्दुओं पर किन अधिकारियों के द्वारा परीक्षण कर म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. का संभागीय कार्यालय तहसील मुख्यालय चौरई जिला- छिंदवाड़ा में खोला जाना साध्य नहीं पाया गया है ? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने विकासखण्ड विछुआ और चौरई को मिलाकर इन विकासखण्ड के नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखकर चौरई मुख्यालय में म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. का संभागीय कार्यालय खोला जाना प्रस्तावित किया है तो किस आधार पर इसे साध्य नहीं माना जा सकता है ? (घ) क्या शासन प्रश्नकर्ता के प्रस्तावत पर पुर्नविचार कर विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चौरई जिला छिन्दवाड़ा में म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. का संभागीय कार्यालय खोले जाने का आदेश देगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) तहसील मुख्यालय पर म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड का संभागीय कार्यालय खोले जाने हेतु कंपनी के कोई मापदंड निर्धारित नहीं है, तथापि वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता के आधार पर प्रकरण विशेष में उक्त संबंध में निर्णय लिया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन प्रस्तावित संभागीय कार्यालय में उपभोक्ताओं की संख्या, कार्यभार, क्षेत्र में प्राप्त होने वाला राजस्व आदि बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए, मुख्य अभियंता, जबलपुर क्षेत्र एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्तर पर कार्यपालक निदेशक (कार्य) कार्यालय के अधिकारियों द्वारा प्रकरण का परीक्षण किया गया था प्रश्नाधीन प्रस्ताव साध्य नहीं पाया गया। (ग) जी हां, परीक्षण में वित्तीय एवं तकनीकी दृष्टि से साध्य नहीं पाये जाने के कारण। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
जाति प्रमाण पत्र का प्रदाय 74. ( क्र. 1349 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इंदौर जिले के विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए कितने आवेदन 01.07.2015 से 30.01.2016 तक प्राप्त हुए ? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बनाये गये तथा छात्रों को वितरित किये गये ? (ग) कितने आवेदन जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए शेष बचे है तथा कब तक इनके जाति प्रमाण पत्र वितरित किये जायेंगे ? देरी के लिये कौन जिम्मेदार है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 125917 (ख) दिनांक 01.07.2015 से 30.01.2016 तक प्राप्त आवेदनों में से कुल 57616 जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये, जिसमें से कुल 56893 जाति प्रमाण पत्र छात्रों को वितरित किये गये हैं । (ग) उक्त आवेदनों में से कुल 16660 आवेदनों का निराकरण होना शेष है । विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र के प्राप्त आवेदनों के निराकरण हेतु शासन द्वारा समय-सीमा 31.03.2016 निश्चित की गई है । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
चिकित्सकों के पद कायम किया जाना 75. ( क्र. 1372 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 08.12.2015 के अता.प्रश्न संख्या - 4 (क्रमांक 41) के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में माननीय विधानसभा सदस्य द्वारा किए गए अनुरोध का वैधानिक परीक्षण किया जा रहा है उत्तर दिया गया है ? तो क्या वैधानिक परीक्षण कर लिया गया है ? विधान सभा के अन्य किन-किन सदस्यों द्वारा नगर पालिका/नगर निगम में आर्युर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सकों के पद कायम रखने का अनुरोध किया गया है ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन डॉक्टरों की कमी को देखते हुए नगर पालिका/नगर निगम में आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक डॉक्टरों के पद स्वीकृत किए जाने हेतु शासन सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेगा यदि हां तो कब तक बताएं ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। माननीय सदस्यगण विधान सभा क्षेत्र राउ, पाटन मउगंज, सिहावल, बडवारा कटनी, चित्रकूट, पिछोर एवं गुढ। (ख) शासन निर्णय की जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट पच्चीस रेत का अवैध उत्खनन 76. ( क्र. 1373 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रश्नोत्तरी दिनांक 12.03.2013 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न संख्या 13 (क्रमांक 4184) के उत्तर के परिप्रेक्ष में कलेक्टर कटनी (खनिज शाखा) द्वारा अपने पत्र पृष्ठांकन क्रमांक 3686/खनिज/2013 कटनी दिनांक 02.07.2013 थाना प्रभारी पुलिस थाना विजयराघवगढ़ को लिखकर रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन कर्ता विजयराघवगढ़ निवासी राजू भाईजान (शेखगुल मोहम्मद) के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु लिख गया था ? (ख) यदि हां, तो क्या थाना प्रभारी थाना विजयराघवगढ़ द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट कब दर्ज की गई ? यदि नहीं तो क्यों तथा अवैध उत्खनन दिनांक से आज 5 वर्ष बाद भी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न करने के कौन-कौन दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे ? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 01/01/2014 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम प्रचायत खजुरा के ग्राम खजुरा से लगी हुई महानदी से किस-किस खसरा नंबर से कितनी-कितनी मात्रा में रेत का उत्खनन कर परिवहन किया गया ? वर्षवार जानकारी देवें ? तथा उक्त रेत के उत्खन्न एवं परिवहन हेतु किस-किस ठेकेदार को अधिकृत किया गया था ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। (ख) कार्यालय पुलिस अधीक्षक, जिला कटनी (म.प्र.) के पत्र दिनांक 09.02.2016 से प्राप्त जानकारी अनुसार उचित तथ्यों के अभाव में संलग्न आवेदन पत्रों की छायाप्रतियों के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना विधि संगत न होने से प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। साथ ही आर्थिक क्षति की अनुमानित राशि व टीप में उल्लेखित अन्य जानकारियां देने हेतु मूल नस्ती खनिज शाखा कटनी को वापस की गई है। (ग) कटनी जिले की समस्त रेत खदानें म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा संचालित की जा रही है। प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत खजुरा से लगी हुई महानदी में जिन ग्रामों के खसरा नंबरों में रेत खनिज का उत्खनन, परिवहन किये गये खनिज की मात्रा की वर्षवार जानकारी तथा उक्त रेत के उत्खनन एवं परिवहन हेतु जिन ठेकेदार को अधिकृत किया गया था उनका विवरण परिशिष्ट-अ अनुसार है।
परिशिष्ट छब्बीस जवरन बिल की वसूली पर कार्यवाही 77. ( क्र. 1383 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिले में म.प्र. विद्युत मण्डल को कितने मेगावाट बिजली की आवश्यकता भिन्न-भिन्न प्रकार के उपभोक्ताओं को बिजली पूर्ति हेतु होती है, इसकी पूर्ति किस विद्युत इकाई से की जाती है ? (ख) क्या शहर एवं ग्रामीण स्तर में म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी द्वारा चलाये जा रहे ओवर लोडिंग अभियान के माध्यम से गरीब उपभोक्ताओं को परेशान करने एवं फर्जी मुकदमेंवाजी में फसाने का कार्य किया जा रहा है एवं अधिकांश बिजली उद्योगपतियों को दी जाकर किसानों से जबरन वसूली की जा रही है ?(ग) क्या शासन किसानों एवं घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का बिजली के लोड के नाम पर परेशान कर जबरन वसूली एवं फर्जी मुकदमें वापस लेने की कार्यवाही करते हुए जबरन वसूली करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे ? अगर नहीं तो क्यों ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रीवा जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक, वाटर वर्क्स, सडक बत्ती, कृषि इत्यादि श्रेणी के निम्नदाब एवं उच्चदाब उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति हेतु औसतन 200 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति पारेषण ग्रिड में विभिन्न स्त्रोतों/उत्पादन इकाईयों से उपलब्ध विद्युत से की जाती है, किसी विशेष उत्पादन इकाई से नहीं। (ख) जी नहीं, अपितु संबद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक होने की जॉंच तथा विद्युत का अनाधिकृत उपयोग रोकने के उदे्श्य से विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है जिसमें पाए गए अनियमितता के प्रकरणों में वैद्यानिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। प्रदेश के सभी गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टें एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार ही बिल जारी कर नियमानुसार विद्युत बिल वसूली की कार्यवाही की जा रही है, अत: किसी प्रकार के भेदभाव का प्रश्न नहीं उठता। (ग) किसानों एवं घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का बिजली के लोड के नाम पर परेशान कर जबरन वसूली एवं फर्जी मुकदमेंबाजी में नही फंसाया जा रहा है। किसी भी अधिकारी द्वारा किसान अथवा घरेलू बिजली उपभोक्ता को बिजली के लोड के नाम पर परेशान नहीं किया जा रहा है और न ही जबरन वसूली की जा रही है तथा न ही फर्जी मुकदमें दायर किये जाते हैं। विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार की गई जॉंच के दौरान विद्युत का अनाधिकृत/अवैधानिक उपयोग पाये जाने पर नियमानुसार प्रकरण बनाकर कार्यवाही की जाती है, अत: किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
क्षेत्रांतर्गत प्रस्तावित परियोजनाएं 78. ( क्र. 1403 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुण्डालिया बांध परियोजना से अधिक सिंचाई का प्रस्ताव/मांग की गई है, जिसमें भाटन नदी एवं लखुन्दर नदी के मध्य के ग्रामों को शामिल किया जाना प्रस्तावित है ? यदि हां, तो क्या कार्यवाही की जा रही है ?(ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कलारिया में बांध हेतु प्रस्ताव भेजा गया है ? यदि हां, तो क्या कार्यवाही की जा रही है ? यदि नहीं, तो क्यों ?(ग) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में भाटन, कंटाल एवं कालिसिंध नदियों पर स्टाप डेम श्रंखला बनाये जाने के प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है ?(घ) यदि हां, तो क्या कार्यवाही की जा रही है ? यदि नहीं, तो क्या कृषकों के हित में स्वप्रेरणा से कार्यवाही की जावेगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कुण्डलिया वृहद सिंचाई परियोजना का रूपांकित सैच्य क्षेत्र 1,12,400 हेक्टर है । संपूर्ण सैच्य क्षेत्र के लिए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाकर सैच्य क्षेत्र बढ़ाने के उद्देश्य से एशियन डेव्हलपमेंट बैंक ने तकनीकी सलाह देने की सहमति दी है । वर्तमान में परियोजना के पूर्ण सैच्य क्षेत्र विनिश्चित करने की स्थिति नहीं अाई है । (ख) कलारिया लघु सिंचाई परियोजना के लिए सर्वेक्षण/अनुसंधान कर डी.पी.आर. बनाने के निर्देश दिनांक 11.01.2016 को दिए गए है । जी नहीं, सर्वेक्षण/अनुसंधान पूर्ण होने के पहले डी.पी.आर. तैयार करने की स्थिति नहीं आती है । (ग)एवं(घ) जी हां । ऋंखलाबद्ध स्टापडेम की परियोजना बनाई जाने की व्यवस्था नहीं है । परियोजना विशेष की साध्यता का परीक्षण कर कार्रवाही करने की व्यवस्था है । विभाग में कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है । नई सिंचाई परियोजनाओं की मांग तथा स्थल चिन्हित करने से लेकर परियोजनाओं का निर्माण कराया जाना एक सतत प्रक्रिया है जो परियोजना के तकनीकी एवं वित्तय मापदण्डों पर साध्य होने तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है ।
उज्जैन जिले में किये गये कार्य 79. ( क्र. 1415 ) श्री सतीश मालवीय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में मेन्टेनेन्स (रख-रखाव) के क्या-क्या कार्य किए गए ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेंस पर कितनी राशि व्यय की गई ? संचालन/संधारण संभागवार बतावें ?(ग) उज्जैन जिले में वित्तीय वष्र 2013-14 से 2014-15 तक सामान्य रख-रखाव के अन्तर्गत किस-किस ठेकेदार को कितनी राशि का भुगतान किया गया जानकारी देवें ? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित जिले एवं अवधि में मेंटेनेन्स के कार्यो का कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र किस-किस पदनाम द्वारा जारी किये गये ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उज्जैन जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में सामान्य रख-रखाव (मेन्टेनेन्स) कार्य के अन्तर्गत विभिन्न कार्य यथा विद्युत लाईन के तारों को टाईट करना, झुके हुए पोलों को सीधा करना, तारों के बीच में सेपरेटर लगाना, लाईनों की आवश्कयतानुसार ऊँचाई बढ़ाना, ट्री कटिंग करना, खराब अथवा पंचर पिन इन्सुलेटर बदलना, खराब अथवा जले हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदलना, पॉवर एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का मेन्टेनेन्स करना, 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का सामान्य रख-रखाव कार्य करना इत्यादि संपादित किये गये हैं। वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में किये गये उक्त कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित सामान्य रख-रखाव के कार्यों पर व्यय की गई राशि का वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 हेतु संचालन/संधारण संभागवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 के सामान्य रख-रखाव के जो कार्य विभिन्न ठेकेदारों के माध्यम से किये गये हैं उनमें ठेकेदारों को भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) सामान्य रख-रखाव के अन्तर्गत संपादित किये गये विभिन्न कार्य जो कि विभागीय तौर पर अथवा ठेकेदारों के माध्यम से संपादित किये जाते हैं, उन कार्यों के कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जाते है। अपितु किये गये कार्य की मात्रा का सत्यापन संबंधित कार्य प्रभारी यथा-कनिष्ठ यंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री द्वारा किया जाता है।
उद्यानों हेतु स्वीकृत राशि 80. ( क्र. 1416 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन नगरपालिका निगम क्षेत्र में शहर की सुन्दरता के लिये कितने पुराने उद्यान विकसित किये गये हैं ? उद्यानों के नाम, वार्ड सहित स्वीकृत एवं व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें ?(ख) प्रश्नांश (क) के प्रत्येक वार्ड के उद्यानों का विकसित करने में निगम ने किस मद से किस प्रभारी की देखरेख में कितनी राशि का व्यय किया ? उद्यान प्रभारी का नाम व व्यय राशि बतावें ।(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में विकसित सभी उद्यानों का संधारण (मेन्टेनेंस) के लिये निगम ने किसी को उत्तरदायित्व सौंपा या नहीं ? यदि हां, तो उत्तरदायी कर्मचारी का नाम बतावें ।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हॉ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
परिशिष्ट सत्ताईस क्षतिग्रस्त बैराजों का संधारण एवं संरक्षण 81. ( क्र. 1435 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र तराना में विभाग द्वारा कितने बैराज/तालाब बनाये गये ? (ख) उक्त बैराज/तालाब की वर्तमान में क्या स्थिति है ? क्या सभी में जलभरण एवं सिंचाई कार्य हो रहा है ? (ग) क्षेत्र में कितने बैराज/तालाब/स्टापडेम क्षतिग्रस्त हैं ? क्षतिग्रस्त होने का क्या कारण है ? (घ) उक्त बैराज/तालाब/स्टापडेम की मरम्मत कब तक की जावेगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभाग द्वारा 25 तालाब/बैराज बनाए गए जिनमें से 3 स्टापडेम क्रमश: पाट, तिलावट एवं भुंडलवास संबंधित पंचायत को हस्तांतरित किए गए । (ख)एवं(ग) 20 तालाब/ बैराज अच्छी स्थिति में हैं जिनमें जल भण्डारण अनुसार सिंचाई जल प्रदाय किया गया है । 2 बैराज क्रमश: कुमार्डी नौगावां और राचीखेड़ा वर्ष 2015 में अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त होकर किनारे से कट गए जिनमें अस्थायी मिट्टी की पाल बनाकर जल भंडारण कर सिंचाई जल प्रदाय किया गया । (घ) कुमार्डी नौगावां एवं राचीखेड़ा बैराज के सुधार कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं । सुधार कार्य निविदा की स्वीकृति, एजेंसी की क्षमता और वित्तीय संसाधन की उपलब्धता पर निर्भर होने से मरम्मत के लिए समयसीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है ।
नवीन बैराज निर्माण एवं जल संवर्धन 82. ( क्र. 1436 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन जिले की तराना तहसील में वर्ष 2015 में औसत कितने इंच वर्षा हुई ? पर्याप्त वर्षा होने के बावजूद भी क्षेत्र में भूजल स्तर गिरने का क्या कारण है ?(ख) वर्षा के जल को रोके जाने हेतु तराना तहसील में बैराज निर्माण की क्या-क्या एवं किन-किन स्थानों पर संभावनाएं हैं ?(ग) क्या उक्त संभावित स्थानों पर विभाग नवीन बैराज निर्माण करेगा ? यदि हां, तो कब तक ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) वर्ष 2015 में तराना तहसील में 1,514 मि.मी. वर्षा होना प्रतिवेदित है । भू-जल आकलन वर्ष 2011 एवं 2013 के अनुसार तराना विकासखण्ड में भू-जल का आहरण, पुनर्भरण होने से अधिक नहीं होने के कारण तराना विकासखण्ड सुरक्षित श्रेणी में है । नवीन सिंचाई परियोजनाएं चिन्हित करने से लेकर निर्माण कराना एक सतत प्रक्रिया है। नवीन परियोजनाओं की स्वीकृति तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर परियोजना की साध्यता होने और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होती है । दिनांक 06.02.2016 को तराना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भगवतपुरा लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है ।
खनिज विभाग द्वारा देहरीकराड़ में माइनिंग प्लान 83. ( क्र. 1470 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या खनिज विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में खदानों के लिये नीलामी की जाती है ?(ख) यदि हां, तो वर्ष 2015-16 के लिये विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में किन-किन स्थानों पर खदानों की नीलामी की गई है तथा किनके द्वारा खदानें ली गई है ? नाम बतावे ?(ग) क्या विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के ग्राम देहरीकराड़ में माइनिंग का प्लान बनाया गया है ?(घ) यदि प्लान बनाया गया है तो क्या सिया की सहमति प्राप्त हो गई है ? यदि नहीं तो क्या वहाँ अवैध खनन किया जा रहा है ? इसके लिये कौन दोषी है ? क्या इससे शासन को आर्थिक हानि नहीं हो रही है ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट - 1 अनुसार है। (ग) जी हां । (घ) जी हां। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
परिशिष्ट अट्ठाईस विद्युत लाईन बिछाना 84. ( क्र. 1513 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) श्योपुर जिले में वर्ष 2013-14 से 2015-16 के मध्य ग्राम प्रेमसर से ननावद, हिरनीखेड़ा से उतनवाड़ सहित लगभग 30 ग्रामों के ग्रामीणों ने जर्जर विद्युत लाईन से उत्पन्न समस्या एवं विद्युत सुविधा की उपलब्धता हेतु चंदा करके खंभे गाड़कर, लाईन बिछाने, इस पूरे कार्य का खर्च उक्त अवधी में पदस्थ रहे सक्षम अधिकारियों द्वारा संबंधित कृषकों को विद्युत कंपनी से भुगतान कराने का आश्वासन देने के बावजूद, ये भुगतान अनियमित तरीके से ठेकेदारों को करने के तथ्यों को प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-33 (क्रमांक 326) दिनांक 08.12.2015 के प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के उत्तर में अस्वीकार किया गया है ?(ख) यदि हां, तो शासन कृषकों के हित में उक्त मामले की जांच कराना आवश्यक क्यों नहीं समझ रहा है ?(ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में पदस्थ रहे तत्कालीन महाप्रबंधक सहित दो प्रबंधक व कई सहायक प्रबंधकों को विद्युत कंपनी के सी.एम.डी. ने प्रश्नांश (क) में वर्णित अनियमितता सहित अन्य कई अनियमितताओं का दोषी पाने पर निलंबित भी किया था ?(घ) यदि हां, तो क्या शासन इस पूरे मामले की जांच कराएगा एवं उक्त कृषकों को उनके द्वारा खर्च की गई राशि वापस दिलाएगा ? यदि नहीं, तो क्यों ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जांच कराना आवश्यक नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में पदस्थ रहे महाप्रबंधक सहित 2 उप महाप्रबंधक एवं 2 प्रबंधकों को प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नहीं अपितु राजस्व संबंधी अन्य अनियमितताओं को लेकर निलंबित किया गया था। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन प्रकरण की जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है।
मोबाईल टॉवर के रेडीयेशन 85. ( क्र. 1541 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या इंदौर जिले के शहरी क्षेत्र में लगे समस्त कंपनियों के मोबाईल टॉवरों को लगाने में नियमानुसार सावधानियों व नियमों का पालन किया गया है ? यदि नहीं, तो ऐसी कंपनी के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है ?(ख) क्या मोबाईल टॉवरों के रेडिएशन से मानव शरीर के लगातार संपर्क में बने होने पर खतरनाक बीमारी होने का खतरा बना रहता है ? यदि हां, तो इसे लगाने हेतु क्या-क्या सावधानियों व नियमों का पालन किया जाना चाहिए ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र. नगर पालिका (अस्थायी टावरका संस्थापन/सेल्यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिए अधोसंरचना) नियम, 2012 के नियम 21 में विकिरण नियंत्रण संबंधी प्रावधानों जिसमें यह उल्लेख है कि ''वह दूरसंचार विभाग अथवा भारत सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियम किये गये विकिरण उत्सर्जन मानकों का शक्ति से पालन करें।
परिवार सहायता तथा जन श्री बीमा योजना का क्रियान्वयन 86. ( क्र. 1619 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर जिले में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक जिन्हें परिवार सहायता तथा जन श्री बीमा योजना का लाभ दिया गया उनकी कितनी संख्या है ?(ख) नगर पालिकाओं / नगर पंचायत क्षेत्र के बी.पी.एल. परिवार के मुखिया जिनकी मृत्यु हो गई और उनको परिवार सहायता की राशि दी गई किन्तु जनश्रीबीमा की राशि प्राप्त नहीं हुई उनकी कितनी संख्या है ?(ग) शासन प्रावधानों का पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध उच्च अधिकारियों ने क्या इन प्रकरणों की समीक्षा की यदि हां, तो कब क्या आदेश किये ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिला - छतरपुर की नगरीय निकायों में वर्ष 2011 से माह जनवरी, 2016 तक परिवार सहायता योजना के अंतर्गत 741 तथा जनश्री बीमा योजना के अंतर्गत 273 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। (ख) जिला-छतरपुर की नगरीय निकायों के 190 बी.पी.एल. हितग्राहियों के दावा प्रकरण जीवन बीमा निगम में राशि वितरण हेतु लंबित है तथा 278 हितग्राहियों द्वारा बीमा आवेदन फार्म व दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये हैं। (ग) कलेक्टर, जिला - छतरपुर को प्रकरणों की समीक्षा हेतु निर्देशित किया गया है।
बांधों के सुधारात्मक कार्यों में शासन की राशि का अनावश्यक व्यय किया जाना 87. ( क्र. 1620 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ता.प्र.स.11 (क्रमांक 907) दिनांक 21/07/2015 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बांधों के सुधारात्मक कार्य हेतु Rs 4,592.48 लाख व्यय दर्शाया गया है ? (ख) छतरपुर जिले में कितने बांध है और उन बांधों की मरम्मत एवं सुधार पर वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्राक्कलन तैयार किये गये जिनकी तकनीकी स्वीकृतियों तथा प्रशासकीय स्वीकृति कब-कब जारी की गई ? (ग) भुगतान किन-किन अवधियों में किया गया कितने पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी किये गये ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क),(ख) एवं (ग) जी हॉ । छतरपुर जिले में 78 सिंचाई जलाशय निर्मित हैं । प्रश्नाधीन अवधि में न तो कोई प्राक्कलन तैयार किया गया और न ही कोई तकनीकी अथवा प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है । प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है ।
अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कार्यवाही 88. ( क्र. 1648 ) श्री के.पी. सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या दिनांक 11 जुलाई, 2013 के अता.प्रश्न संख्या 5 (क्र. 170) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा निराकरण करते हुए अतिक्रमणकारी का स्थगन समाप्त कर दिया गया है ?(ख) यदि हां, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नोत्तरी के प्रश्नांश (ख) एवं (घ) अनुसार कब-कब व क्या-क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो क्यों अद्यतन स्थिति से अवगत करावें ?(ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नोत्तरी के प्रश्न संख्या 09 (क्र. 169) के प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार अपेक्षित प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है ? यदि हां, तो प्राप्त प्रतिवेदनों के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए उस पर की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें ?(घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रश्नोत्तरी के प्रश्नांश (ग) अनुसार नगर निगम भोपाल द्वारा संभागायुक्त कार्यालय को प्रेषित प्रतिवेदनों पर कब-कब व क्या-क्या कार्यवाही की गई ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क), (ख) जी हॉ। जिसके पश्चात श्री नईम अहमद सिद्धीकी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में डब्ल्यू.पी. 14630/2013 दायर की गई है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 22.08.2013 को दिये गये आदेश में आगामी दिनांक तक के लिये स्थगत दिया गया था। जिसे दिनांक 01.04.2014 को दिये गये एक अन्य आदेश में वाद के अंतिम निर्णय तक जारी रखने के आदेश है। (ग) जानाकरी एकत्रित की जा रही है। (घ) इस संबंध में आयुक्त, भोपाल संभाग, भोपाल से पत्र प्राप्त हुआ था पूर्व पत्रों पर निगम द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही करते हुये नजूल अधिकारी भोपाल को दिनांक 18.12.2012 को अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया।
अवैध कालोनियों में शासन की राशि का दुरूपयोग 89. ( क्र. 1654 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या भोपाल नगर निगम प्रशासन द्वारा अवैध कालोनियों का सर्वे कराया गया था ? यदि हां, तो किन-किन कालोनियों का कब-कब सर्वे किया गया तथा यह अवैध कालोनियॉ किन-किन के द्वारा बसाई गई थी तथा सर्वे के बाद और कितनी व कहां-कहां अवैध कालोनियां निर्मित हुई है ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर निगम प्रशासन द्वारा उक्त अवैध कालोनियों में विकास कार्य सम्पन्न कराये गये है ? यदि हां, तो वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या कार्य कराये गये वर्षवार कालोनियों के नाम सहित बतावें ?(ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन अवैध कालोनियों में विकास के नाम पर शासन की राशि का दुरूपयोग करने वाले अधिकारी एवं कालोनाईजरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही करेगा ? यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) परीक्षण किया जाकर अग्रिम कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भोपाल नगर निगम द्वारा अपने अंश का भुगतान नहीं किया जाना90. ( क्र. 1655 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या भोपाल नगर निगम द्वारा अपने स्वयं वित्तीय संसाधनों से जे.एन.एन.यू्.आर.एम., बी.आर.टी.एस. राजीव गांधी आवास योजना, झीलसंरक्षण एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना आदि में कार्यरत योजनाओं के लिए निगम द्वारा अपने अंश से कितनी राशि किन-किन योजनाओं हेतु दी जा रही है पृथक-पृथक मूल एवं ब्याज राशि सहित वर्ष 2006 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार बतावें ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त योजनाओं के अंतर्गत दी गई अंश राशि व ब्याज राशि का बोझ सीधे शहरवासियों पर भार पड़ने के कारण क्या शासन द्वारा उक्त राशि को अपने बजट मद से करने की कोई योजना है ? यदि हां, तो क्या और यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निगम द्वारा लगाये गये अंश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। मूलधन एवं ब्याज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।(ख) जी हॉ। जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना जिसके अंतर्गत बी.आर.टी.एस. अन्य अधोसंरचना विकास की योजनाऐं सम्मिलित है एवं बी.एस.यू.पी. जिसके अंतर्गत शहरी गरीबों को आवास निर्माण कराये जा रहे है, उसमें निगम अंश की राशि को वित्तीय संस्थाओं से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका ब्याज सहित 80 प्रतिशत राशि राज्य शासन एवं 20 प्रतिशत राशि ब्याज सहित निगम द्वारा वहन किया जायेगा। मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना में वित्तीय संस्थाओं से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका 75 प्रतिशत राज्य शासन एवं 25 प्रतिशत निगम द्वारा वहन किया जा रहा है। राजीव आवास योजना में निगम को 10 प्रतिशत राशि अधोसंरचना विकास में लगाई जानी है, जो निगम लगा रहा है। झील संरक्षण में 60 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है, निगम को मात्र 40 प्रतिशत लगाया जाना है।
परिशिष्ट उनतीस विद्युतीकरण की योजना91. ( क्र. 1751 ) श्री संजय शर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) फरवरी, 16 की स्थिति में विद्युत विहीन ग्राम मजरा, टोला के विद्युतीकरण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं ? रायसेन जिले में कौन-कौन से ग्राम मजरा-टोला में लाईट नहीं है तथा उनके विद्युतीकरण की क्या योजना है ? किन-किन ग्रामों में सौर उर्जा से विद्युतीकरण किया गया है ? (ख) रायसेन जिले के अविद्युतीकृत ग्राम, मजरा तथा टोला की सूची दें ? उनके विद्युतीकरण हेतु विगत एक वर्ष में किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (ग) फरवरी, 16 की स्थिति में रायसेन जिले में फीडर सेपरेशन विद्युतीकरण, गॉंव तथा खेत की लाईट अलग-अलग आदि क्या-क्या कार्य कौन-कौन सी एजेंसी कर रही हैं ? (घ) क्या उक्त एजेंसी बिना अनुमति के सड़क के पास विद्युत पोल खडे कर रहे हैं, जिससे दुर्घटना होगी ? यदि हां, तो विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) फरवरी 2016 की स्थिति में अविद्युतीकृत ग्रामों तथा मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु रायसेन जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना संचालित है उक्त योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा विद्युतीकृत ग्रामों की 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाली बसाहटों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रावधानित है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना नई लागू की गई दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित हो गई है। रायसेन जिले में 4 अविद्युतीकृत ग्रामों एवं 163 मजरों/टोलों का विद्युतीकरण किया जाना शेष है जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश प्रपत्र **अ** एवं प्रपत्र **ब** अनुसार है। अविद्युतीकृत ग्रामों को सौर ऊर्जा के माध्यम से तथा अविद्युतीकृत मजरे टोलों को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं प्रस्तावित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युतीकरण किया जाना है। रायसेन जिले के सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत 38 ग्रामों की सूची संलग्न प्रपत्र **स** अनुसार है। (ख) रायसेन जिले के अविद्युतीकृत ग्रामों एवं मजरों/टोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश प्रपत्र **अ** एवं प्रपत्र **ब** अनुसार है। इनके विद्युतीकरण हेतु विगत एक वर्ष में माननीय मंत्री राजस्व एवं पुनर्वास मध्यप्रदेश शासन/विधायक सिलवानी द्वारा प्रेषित पत्र प्राप्त हुए। पत्रों में दर्शाये गये मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत अनुबंधित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स सनफील्ड (इंडिया) लिमिटेड भोपाल (12वीं पंचवर्षीय योजना) एवं मेसर्स ड्रेक एण्ड स्कल वाटर एंड इनर्जी इंडिया प्रायवेट लिमि, गुड़गांव (11वी पंचवर्षीय योजना) के माध्यम से कराया जाना प्रस्तावित है। पूर्व में यह कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में अनुबंधित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स इरा इंफ्रा, नोएडा द्वारा कराया जाना प्रस्तावित था, किंतु उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने पर उक्त एजेंसी का अनुबंध दिनांक 15.04.2015 को निरस्त कर नई एजेंसी मेसर्स ड्रेक एण्ड स्कल वाटर एंड इनर्जी इंडिया प्रायवेट लिमि, गुडगांव को दिनांक 01.07.2015 को कार्यादेश जारी किया गया है। कार्य पूर्ण करने की अवधि अनुबंध की दिनांक 12.08.2015 से 18 माह है। (ग) माह फरवरी 2016 को स्थिति में रायसेन जिले में घरेलू एवं कृषि फीडरों को अलग-अलग करने के कार्य मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स मुंबई एवं ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य मेसर्स सन फील्ड इंडिया लिमिटेड, भोपाल तथा मेसर्स ड्रेक एण्ड स्कल वाटर एंड इनर्जी इंडिया प्रायवेट लिमि, गुड़गांव द्वारा किया जा रहा है। (घ) जी नहीं, ठेकेदार एजेन्सी द्वारा विभाग के क्षेत्रीय नोडल अधिकारी के साथ संयुक्त भौतिक निरीक्षण के उपरांत ही विद्युत पोल खड़े करने का कार्य नियमानुसार किया जा रहा है।
पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन92. ( क्र. 1756 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) फरवरी, 2016 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं, कार्यवार कारण बतावें ? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे, समयावधि बतावें ?
(ख) कौन-कौन से पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन तथा सी.सी. जारी नहीं हुई, तथा क्यों, कार्यवार कारण बतावें ? उक्त कार्य कब पूर्ण हुए थे, दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें ? अंतिम मूल्यांकन तथा सी.सी. कब तक जारी होगी ?
(ग) उक्त संस्थाओं पर फरवरी, 16 की स्थिति में कितना कर्ज है, तथा किस-किस मद/योजना में कितनी राशि उपलबध है ?
(घ) उक्त राशि व्यय करने की क्या-क्या योजना है ? उक्त निकायों को किस-किस योजना/कार्यों हेतु कितनी भूमि की आवश्यकता है, तथा इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जिन कार्यो का अंतिम मूल्यांकन समय पर नहीं हुआ है, उनका परीक्षण किया जा रहा है। उत्तरदायित्व का निर्धारण कर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
कुंभराज नगर पंचायत के निर्माण कार्यों में अनियमितता के संबंध में विधान सभा प्रश्न में गलत जानकारी बावत् 93. ( क्र. 1828 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या 08 दिसम्बर 2015 के तारांकित प्रश्न संख्या 5 (क्रमांक 93) में नगर पंचायत कुंभराज में वर्ष 2003 से 2008 में निर्माण कार्यों की वित्तीय अनियमितता पद दोषियों पर कार्यवाही करने की समय सीमा तय करेंगे ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तरदायी पदाधिकारियों पर विभाग कार्यवाही करने के लिए सक्षम है ? यदि हां तो अभी तक उन पर कार्यवाही ना करने वाले कौन से अधिकारी जिम्मेदार है ? (ग) यदि नगर परिषद, कुंभराज की तत्कालीन अध्यक्ष दोषी है तो अभी तक उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की इसका उत्तरदायी कौन है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रकरण में विभाग के पत्र दिनांक 04.12.2015 द्वारा उत्तरदायी के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस एवं आरोप पत्र इत्यादि जारी किये जाकर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हां। प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग के पत्र दिनांक 04.12.2015 द्वारा तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती निर्मला राजपूत नगर पंचायत कुंभराज को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर दोष सिद्ध करने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी सागर बांध की नहर के घटिया निर्माण की जांच एवं कार्यवाही 94. ( क्र. 1829 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या गुना जिले के मक्सूदनगढ़ क्षेत्र चांचौड़ा विधान सभा में राजीव गांधी सागर बांध एवं नहर का निर्माण कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ, कितनी राशि खर्च हुई, जानकारी दें ? (ख) क्या उक्त बांध एवं नहर का निरीक्षण वर्ष 2015 में क्षेत्रीय सांसद एवं क्षेत्रीय विधायक द्वारा किया गया था ? क्या क्षेत्रीय विधायक द्वारा राजीव गांधी सागर बांध एवं नहर के निर्माण में हुई अनियमितता की शिकायत हुई थी एवं क्या कार्यवाही की ? (ग) क्या शासन राजीव गांधी सागर बांध के नहर के घटिया एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण की जांच तकनीकी संयुक्त दल गठित कर करायेगा ? (घ) क्षेत्रीय विधायक की शिकायत पर राजीव गांधी सागर बांध एवं नहर मक्सूदनगढ़ विधान सभा चांचौड़ा जिला गुना के घटिया निर्माण की जांच एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही तथा निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवाही कब तक करायेंगे ? की गई जांच एवं कार्यवाही की जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करायेंगे ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राजीव सागर परियोजना का निर्माण कार्य मार्च 2002 में पूर्ण हुआ । लागत राशि रू.2,389.85 लाख है । (ख) जी हां । जी हां । नहर की लाईनिंग एवं पक्की संरचनाओं की मरम्मत कार्य आर.आर.आर. मद के अंतर्गत किया जा रहा है । शिकायत की जांच कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, राघौगढ़ द्वारा की गई । जांच में मुख्य नहर की आर.डी.-975 मी. पर कांक्रीट लाईनिंग के कुछ पैनल्स आवागमन एवं अज्ञात कारणों से सिंचाई काल के अंतिम समय में क्षतिग्रस्त होना पाया गया, जिसे ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर ठीक करा लिया जाना प्रतिवेदित है । (ग)एवं(घ) जी नहीं । कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण/निरीक्षण नियमित रूप से गुण नियंत्रण उपसंभाग, गुना, अधीक्षण यंत्री, मुख्य अभियंता एवं मुख्य तकनीकी परीक्षक (सर्तकता) द्वारा दिनांक 18.01.2015 को किए गए निरीक्षण के परिप्रेक्ष्य में जांच की आवश्यकता नहीं है। कार्य प्रगति के दौरान लाईनिंग पैनल में किसी भी प्रकार की क्षति होने पर एजेंसी से दुरूस्त कराया जाता है । अत: किसी ठेकेदार अथवा अधिकारियों के दोषी होने की स्थिति नहीं है । मा. सदस्या को शासन के पत्र दिनांक 27.05.2015 द्वारा अवगत कराया गया है । शिकायत पत्रों एवं पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ एवं ब'' अनुसार है।
राज्य में सरकारी क्षेत्र में विद्युत उत्पादन 95. ( क्र. 1846 ) श्री मुकेश नायक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2004-2005 के बाद से राज्य सरकार के नियंत्रण वाली सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत कम्पनियों ने कितने नये विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित किये है, वर्षवार तथा संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के साथ जानकारी दीजिए ? (ख) वर्ष 2004-2005 के बाद राज्य को संयुक्त क्षेत्र और नर्मदाघाटी बिजली परियोजनाओं से प्रति वर्ष कुल कितनी बिजली प्राप्त हो रही है ?(ग) वर्तमान में राज्य की विद्युत संबंधी आवश्यकता, मांग और आपूर्ति की क्या स्थिति है और किन-किन स्त्रोतों से राज्य को कितनी-कितनी बिजली प्राप्त हो रही है ? (घ) राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिये अगले पांच वर्षों की सरकार की क्या योजना है ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्य प्रदेश में वर्ष 2004-2005 के बाद से राज्य सरकार के नियंत्रण वाली सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत कम्पनियों के स्थापित नये विद्युत उत्पादन संयंत्रोंकी वर्षवार जानकारी संयंत्रो की उत्पादन क्षमता सहित प्रपत्र-1 में दर्शायी गयी है। (ख) वर्ष 2004-2005 के बाद राज्य को संयुक्त क्षेत्र और नर्मदाघाटी बिजली परियोजनाओं से प्रति वर्ष प्राप्त कुल बिजली की जानकारी प्रपत्र-2 में दर्शायी गयी है। (ग) वर्तमान में माह जनवरी 16 में राज्य की विद्युत की मांग की आवश्यकता के अनुरूप आपूर्ति 6215.60 मिलियन इकाई थी। उपरोक्त अवधि में किसी भी प्रकार की भार कटौती नहीं की गई है। उपरोक्त विद्युत आपूर्ति की स्त्रोतवार जानकारी निम्नानुसार है:-
स्त्रोत |
प्राप्त बिजली (मिलियन यूनिट) |
म.प्र.राज्य ताप विद्युत गृह से प्राप्त बिजली |
1699.19 |
म.प्र.राज्य जल विद्युत गृह से प्राप्त बिजली |
207.53 |
केन्द्रीय विद्युत गृह से प्राप्त बिजली |
1744.17 |
अन्य दीर्घ अवधि अनुबंध के तहत् प्राप्त बिजली |
1753.19 |
संयुक्त उपक्रम से प्राप्त बिजली |
276.45 |
अन्य स्त्रोतों से प्राप्त बिजली |
535.07 |
कुल |
6215.60 |
(घ) राज्य में बिजली उत्पादन बढाने के लिये अगले पांच वर्षों में राज्य सरकार के नियंत्रण वाली मप्रपाजकंलि की वर्तमान योजनांतर्गत निम्नलिखित परियोजनाऍं निर्माणाधीन/प्रस्तावित हैं-: (अ) निर्माणधीन परियोजनाएँ :- 2X660 मेगावाट-श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वितीय चरण, ग्राम डोंगलिया, जिला-खण्डवा-इस परियोजनाका निर्माण कार्य प्रगति पर है, की स्थापना हेतु इकाई क्रमांक तीन को सितंबर-18 एवं इकाई क्रमांक चार को जनवरी-19 में क्रियाशील किए जाने का कार्यक्रम है। (ब) प्रस्तावित परियोजनाएँ (1) 660 मेगावाट क्षमता की सतपुडा ताप विद्युत परियोजना, सारनी, जिला-बैतूल:- सारनी स्थित सतपुड़ा ताप विद्युत गृह क्रमांक-1 की 5X62.5 मेगावाट इकाईयों की डी-कमीशनिंग के बाद 660 मेगावाट की नई इकाई की स्थापना हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन था। तदुपरान्त कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक के निर्णयानुसार सारणी विद्युत गृह 2 एवं 3 की पुरानी हो रही इकाईयों की उत्पादन क्षमता में गिरावट को दृष्टिगत करते हुए उनकी डी-कमिशनिंग करने के उपरान्त विद्युत गृह ने 660 मेगावाट की एक इकाई की स्थापना के स्थान पर 660-660 मेगावाट क्षमता की दो इकाईयाँ स्थापित करने की संभावनाओं का अध्ययन प्रक्रियाधीन है।(2) अमरकंटक ताप विद्युत परियोजना, चचाई, जिला अनूपपुर :- अमरकंटक ताप विद्युत गृह क्रमांक एक की इकाईयों के डी-कमीशनिंग के उपरांत एवं विद्युत गृह क्रमांक 2 की प्रस्तावित डी-कमीशनिंग को ध्यान में रखते हुए उनके स्थान पर सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित 6660/800 मेगावाट क्षमता की एक इकाई की स्थापना हेतु आरंभिक अध्ययन किया जाना प्रस्तावित है।
परिशिष्ट तीस कोलांस नदी का गहरीकरण 96. ( क्र. 1881 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या भोपाल के बड़े तालाब में कोलांस नदी से पानी भरता है ? क्या भदभदा डेम का गेट खुलने से कलियासोत डेम में पानी जाता है, यदि हां, तो क्या इन डेमों में पानी भरने के लिए कोलांस नदी का गहरीकरण होने से फायदा होगा या नहीं ? (ख) क्या कोलांस नदी के गहरीकरण की कोई योजना प्रस्तावित है या इस तरह की कोई योजना कब तक बनाई जा सकती है ? कलियासोत डेम के ओवरफ्लों होने पर उससे बहने वाला पानी कहां जाता है ? क्या इस पानी का सिंचाई के लिए कोई उपयोग किया जा सकता है ? (ग) क्या हुजूर विधानसभा के जमुनिया गांव में स्टॉपडेम बनाने की योजना है ? यदि हां, तो यह कब तक बनेगा ? (घ) ग्राम धामनिया में कौनसी सिंचाई परियोजना प्रस्तावित है या प्रगतीरत है और इसकी वर्तमान स्थिति क्या है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ। जी हॉ। नदी में जल की आवक जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा पर निर्भर होती है, नदी की गहराई पर नहीं। (ख) जी नहीं । कलियासोत नदी में । कलियासोत नदी में निर्मित बैराजों से सिंचाई की जाती है । (ग) जमुनिया स्टाप डेम की साध्यता स्वीकृति दिनांक 07.01.2016 द्वारा प्रदान की गई है । परियोजना की स्वीकृति की स्थिति नहीं आने से स्वीकृति के लिए समयसीमा नियत करना संभव नहीं है । (घ) धामनिया परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 15.07.2005 को रू. 193.91 लाख की 195 हेक्टर रबी सिंचाई हेतु प्रदान की गई थी । भूमि के मूल्य एवं लागत में वृद्धि के कारण परियोजना की प्रति हेक्टर लागत रू.19.40 लाख हो जाने से परियोजना साध्य नहीं रही है ।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के मजरे-टोले में बिजली प्रदाय के संबंध में 97. ( क्र. 1903 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या आदिवासी समाज अपनी पारिवारिक एवं सामाजिक रीति रिवाजों के अनुसार फल्यों, टोले एवं मजरों में निवास करते है ? यदि हां, तो यहां बिजली प्रदाय किस प्रकार की जा रही है ?(ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली प्रदाय की व्यवस्था है ? यदि हां, तो मजरे-टोलों में क्यों नहीं ?(ग) क्या इन मजरे टोले में रहने वाले अ.ज.जा. वर्ग के विद्यार्थी जो भी 10वीं, 12वीं एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे है उन्हें 24 घंटे बिजली नहीं मिलने के कारण इनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है ? यदि हां, तो क्या क्या मजरे-टोले में 24 घंटे बिजली प्रदाय की व्यवस्था की जायेगी ? यदि हां, तो कब तक ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन मजरों/टोलो/फल्यों में विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध होने तथा घरेलू /मिश्रित फीडर से संबद्ध होने पर 24 घंटे तथा कृषि फीडर से संबद्ध होने पर 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, ग्रामीण क्षेत्र में मजरों/टोलों/फल्यों सहित संपूर्ण ग्राम में विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध होने पर घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार प्रारंभिक रूप से मुख्य ग्राम के आबाद क्षेत्र एवं 100 अथवा 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/फल्यों को विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं में सम्मिलित कर इनमें विद्युत अधोसंरचना विकसित की गई है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, अत: प्रश्न नहीं उठता। तथापि अविद्युतीकृत क्षेत्रों में स्थित मजरों/टोलों/फल्यों के विद्युतीकरण हेतु सीमित वित्तीय उपलब्धता के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तालाबों में की गाद को निकालना98. ( क्र. 1904 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के तहत कुल कितने बांध निर्मित है ? तालाबवार उनकी जलभराव क्षमता एवं सिंचाई क्षमता निर्माण के समय कितनी थी एवं वर्तमान में कितनी है ? (ख) क्या वांगरा, जाल्यपानी, गौरीखेड़ा एवं कानपुरी तालाब में काफी गाद भर गई है जिसके कारण जलभराव एवं सिंचाई क्षमता काफी घटी है ? यदि हां, तो कब तक इनकी गाद निकाली जावेगी ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वांगरा, जाल्यापानी एवं गौरीखेड़ा तालाब में न्यूनतम जल स्तर तक तथा कानपुरी तालाब में नयूनतम जल स्तर से 1 मी. नीचे तक गाद(सिल्ट) भरा जाना प्रतिवेदित है। विभाग के जलाशयों के जीवनकाल में जमा होने वाली गाद (सिल्ट) का प्रावधान जलाशय के रूपांकन करते समय रखा जाता है। अतः जीवित जल संग्रहण क्षमता और सिंचाई क्षमता प्रभावित नहीं हुई है । गाद हटाने से परियोजनाओं के जल भराव क्षेत्र में भू-तल पोरस हो जाने से पानी सीपेज होकर बाहर निकलने की संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में विभाग के तालाबों से गाद हटाने का कार्य सामान्यतः उपयुक्त नहीं होता है ।
परिशिष्ट इकतीस ग्राम घुटेही एवं ग्राम खडरा में संचालित खदानों से प्राप्त राजस्व 99. ( क्र. 1914 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्राम घुटेही तहसील मझौली जिला जबलपुर एवं ग्राम खडरा तहसील बहोरीबंद जिला कटनी की एक किलो मीटर की परिधि में कौन-कौन सी खदानें किन-किन खनिजों के उत्खन्न हेतु कब से किन-किन खसरा नंबरों के कितने-कितने रकवों पर क्रियाशील हैं ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों का वेस्ट मटेरियल किन-किन खसरा नंबरों के किन-किन रकबों पर किस नियम के तहत किसकी मंजूरी से संग्रहित किया जा रहा है ? (ग) उल्लेखित खदानों से किन-किन खनिजों से वित्त वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितना राजस्व शासन को प्राप्त हुआ खदानवार सूची सहित जानकारी देवें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिलों में लीजवार जानकारी पंजी के रूप में संधारित की जाती है। जहां तक 1 किलोमीटर की परिधि के अंतर्गत चाही गई जानकारी का प्रश्न है, इस प्रकार की जानकारी संधारित करने का प्रावधान म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में नहीं है। अत: परिधि अनुसार जानकारी उपलब्ध कराने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद राहतगढ़ की परिसंपत्तियां 100. ( क्र. 1924 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 45 क्रमांक 396 दिनांक 08.12.2015 के उत्तर में परिसंपत्तियों के हस्तांतरण की जानकारी अभिलेख के अभाव में दी जाना संभव नहीं है ? जानकारी दी गयी थी ? तो परिसंपत्तियों के अभिलेख कहां गये ? और इस हेतु कौन उत्तरदायी है ? उत्तरदायित्व का निर्धारण कर उत्तरदायी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी ? (ख) मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद राहतगढ़ के द्वारा दिनांक 27.11.2015 को कलेक्टर सागर को लिखे गये पत्र पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी है ? (ग) नगर परिषद राहतगढ़ एवं जनपद पंचायत राहतगढ़ के मध्य परिसंपत्तियों का हस्तांतरण और क्षेत्र का सीमांकन तथा प्रोटोकाल का निर्धारण कब तक संभव हो सकेगा ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) प्रश्न संख्या 45 प्रश्न क्रं. 396 दिनांक 08.12.2015 में निकाय में परिसंपत्तियों के हस्तांतरण संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गई थी। तत्समय मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, राहतगढ़ द्वारा कलेक्टर, सागर को पत्र क्रं. 1467/2015 राहतगढ़ दिनांक 27.11.2015 प्रेषित किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय कलेक्टर सागर का पत्र क्रं. 1471 सागर दिनांक 12.02.2016 मुख्य नगर पालिका अधिकारी, राहतगढ़ को प्राप्त हुआ। जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, राहतगढ़ को हस्तांतरण योग्य संपत्तियों की जानकारी एवं उससे संबंधित अभिलेख नगर पालिका परिषद, राहतगढ़ को सौंपे जाने के आदेश जारी किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट बत्तीस रेत की खदानों का संचालन 101. ( क्र. 1965 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के लिए खनिज साधन विभाग ने रीवा संभाग में कितनी रेत की खदानों का निर्धारण किया गया ? इसमें से कितनी रेत की खदानों से किस अवधि में रेत का खनन या संग्रहण या परिवहन नहीं किया गया ?(ख) रेत की खदानों का संचालन न किए जाने, रेत का खनन, संग्रहण एवं परिवहन न किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है ? किस न्यायालयीन आदेश के अनुसार रेत की खदानों को किस-किस अवधि में बंद किया गया जिलेवार बताएं ?(ग) वर्ष 2015-16 के लिए नीलाम की गई किस जिले की कितनी रेत खदानों का अप्रैल 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक किन-किन कारणों से संचालन नहीं किया गया ? खदानों का संचालन न होने से राज्य शासन को कितनी राजकीय आय से वंचित होना पड़ा ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभागीय अभिलेख अनुसार प्रश्नांकित संभाग में चिन्हित की गई रेत खदानों का विवरण परिशिष्ट 'अ' में दर्शित है। (ख) वांछित विवरण परिशिष्ट 'अ' में दर्शित है। न्यायालयीन आदेश के परिपेक्ष्य में कोई खदान बंद नहीं की गई। (ग) वांछित विवरण संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। खदान संचालित होने पर खनिज की रायल्टी प्राप्त हो सकेगी। अत: वर्तमान में आय से वंचित होने का प्रश्न उपस्थित नही होता।
परिशिष्ट तैंतीस अवैध उत्खनन की एफ.आई.आर. दर्ज कराना 102. ( क्र. 2042 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या खनिज शाखा जिला छतरपुर द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग छतरपुर को पत्र क्रमांक 1440/खनिज/2014 दिनांक 29/11/14 को इस आशय का लिखा गया था कि हिलब्रेज कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंधक श्री अजय शर्मा के विरूद्ध अवैध उत्खनन से संबंधित एफ.आई.आर. दर्ज करायी जाये ? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा एफ.आई.आर. नहीं करायी गयी है तो खनिज शाखा द्वारा एक सप्ताह में स्वत: एफ.आई.आर. दर्ज कराने के भी आदेश दिये गये थे ? यदि हां तो क्या खनिज शाखा द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज हो गयी है ? (ग) यदि उपरोक्त दोनों अधिकारियों ने अभी तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की है तो कब तक की जावेगी ? (घ) उपरोक्त लापरवाही के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेवार है तथा उनके विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। जी नहीं। (ग) संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार संबंधित कंपनी व अन्य के विरूद्ध अन्य प्रावधानों के तहत अवैध खनन का प्रकरण सक्षम राजस्व न्यायालय में दर्ज कराया गया है व परिशिष्ट-अ अनुसार अन्य कार्यवाही भी की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' में दिए गए उत्तर के प्रकाश में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता
परिशिष्ट चौंतीस मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के संबंध में 103. ( क्र. 2056 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नवोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर भोपाल में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान प्राप्त कितने व्यक्तियों का उपचार किया गया ?(ख) क्या श्रीमती लिखेश्वरी ठाकुर पति विनोद कुमार ठाकुर निवासी मृद्धु किशोर कॉलोनी जिला मंडला का संबंधित अस्पताल में मार्च-अप्रैल, 2015 में उपचार किया गया था ? उक्त उपचार में 01 लाख 10 हजार का खर्च आया था, जिसको संबंधित व्यक्ति द्वारा पूर्ण भुगतान कर दिया गया था ?(ग) क्या माननीय मुख्य मंत्री जी म.प्र. स्वेच्छानुदान वित्तीय वर्ष 2015-16 द्वारा म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 189 दिनांक 02.09.2015 द्वारा पुन: 75000-00 (पचहत्तर हजार) की राशि संबंधित अस्पताल को ई-पेमेंट के माध्यम से खाते में जमा की गयी, जिसका यूजर आई.डी. 01 दिनांक 14.09.2015 है ?(घ) क्या एक व्यक्ति का एक बीमारी के उपचार हेतु दो बार भुगतान लेना गलत है ? यदि हां, तो क्या उक्त मामले की जांच कर संबंधित का राशि वापस कराते हुये संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं, तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) समस्त जिलों से जानकारी प्राप्त की जा रही है । (ख) श्रीमती लिखेश्वरी ठाकुर को अस्पताल में उपचार हेतु 14-09-2015 को स्वीकृत राशि रूपये 75,000/- का भुगतान संबंधित अस्पताल को कर दिया गया है । परन्तु आवेदक द्वारा उपचार संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है । (ग) जी हॉं । सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 189 न होकर आदेश क्रमांक 492 दिनांक 23-03-2015 द्वारा स्वीकृत राशि रूपये 75,000/- (पचहत्तर हजार) संबंधित अस्पताल में ई-पेमेन्ट के माध्यम से कलेक्टर मण्डला द्वारा जमा की गई है जिसका यूजर आई डी 01 दिनांक 14-09-2015 है । उक्त मामले में श्रीमती लिखेश्वरी ठाकुर पति विनोद कुमार ठाकुर को वित्तीय वर्ष 15-16 में एक बार ही राशि स्वीकृत की गई है । (घ) नियमानुसार एक व्यक्ति को एक ही वित्तीय वर्ष में एक ही उद्देश्य हेतु एक बार ही राशि स्वीकृत की जाती है । परन्तु माननीय मुख्यमंत्री जी को यह अधिकार है कि एक से अधिक बार भी ऐसे प्रकरणों में नियम शिथिल कर राशि स्वीकृत कर सकते हैं । उक्त मामले में श्रीमती लिखेश्वरी ठाकुर पति श्री विनोद कुमार ठाकुर को वित्त्ाीय वर्ष 2015-16 में एक बार ही राशि स्वीकृत की गई है ।
नहरों का पक्कीकरण 104. ( क्र. 2060 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मंडला जिले के वि.खं. बिछिया में मटियारी जलाशय के नहरों का निर्माण कब कराया गया था ? (ख) क्या उक्त नहर वर्तमान में अत्यंत जर्जर स्थिति में है, जिससे कृषकों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पा रही है ?(ग) क्या उक्त नहरों के पक्के निर्माण हेतु शासन द्वारा स्वीकृति लंबित है ? यदि हां, तो कब तक स्वीकृति जारी की जावेगी ? यदि नहीं, तो क्यों ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मटियारी परियोजना की नहरों का निर्माण वर्ष 1981-82 से वर्ष 1989-90 में कराया गया। (ख) जी नहीं । नहर की लाईनिंग क्षतिग्रस्त है लेकिन नहरों का रखरखाव कर नहर के अंतिम छोर के ग्रामों तक सिंचाई जल पहुंचाया गया है । (ग) नहरों के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार कराया गया है । उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधन स्वीकृत एवं निर्माणाधीन कार्यों के लिए आबद्ध होने से स्वीकृति के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है ।
स्वीकृत सब-स्टेशन का निर्माण 105. ( क्र. 2063 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कितने नवीन सब-स्टेशन स्वीकृत हैं ? स्वीकृति दिनांक, वर्ष व स्थान का नाम सहित जानकारी देवें ?(ख) स्वीकृत कितने सब-स्टेशन का कार्य हो चुका है, कितने अपूर्ण हैं ? जिन सब-स्टेशनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, उन्हें चालू किया गया है या नहीं ? यदि नहीं तो क्या कारण है ? कब तक चालू किया जायेगा ? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जायेगा ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में 2 नवीन सब स्टेशन स्वीकृत है। स्वीकृती दिनांक वर्ष व स्थान के नाम सहित विवरण निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
स्थान का नाम |
क्षमता |
स्वीकृति दिनांक |
वर्ष |
योजना का नाम |
1 |
पोड़की |
1x5 एम.व्ही.ए. |
30.05.2014 |
2014-15 |
टी.एस.पी. |
2 |
पिपराटोला (दमेहड़ी) |
1x3.15 एम.व्ही.ए. |
23.09.2014 |
2014-15 |
ए.डी.बी.फेज-III |
(ख) उक्त में से एक सब स्टेशन यथा-पिपराटोला (दमेहड़ी) का कार्य दिनांक 8.2.2016 को पूर्ण कर उसे ऊर्जीकृत कर दिया गया है। ग्राम पोड़की में भूमि का आवंटन जिला कलेक्टर द्वारा दिनांक 19.01.2016 को किया गया है एवं सब-स्टेशन का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसे जून-16 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है।
गांव-मजरे व टोलों में विद्युत व्यवस्था 106. ( क्र. 2087 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग व माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा में भी यह शामिल है कि प्रदेश का हर गांव, मजरा व टोला में विद्युत व्यवस्था की जाकर खेती को 10 घंटे व घरेलू उपयोग को 24 घंटे विद्युत सप्लाई की जावेगी ? (ख) यदि हां तो दिमनी विधान सभा क्षेत्र 07 जिला मुरैना में क्या सभी गॉंव व मजरा टोलों में व्यवस्था की जाकर विद्युत सप्लाई शिड्यूल अनुसार हो रही है ? (ग) यदि नहीं तो विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में ऐसे कितने गॉंव, मजरा, टोला, शेष है, जहां उपरोक्त कार्य शून्य एवं अपूर्ण है, उनकी जानकारी ग्राम मजरा, टोला सहित दी जावे व इन गॉंवों में विद्युत व्यवस्था कब तक हो जावेगी निश्चित समय सीमा बतावें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा अनुसार प्रदेश के सभी विद्युतीकृत ग्रामों के मुख्य आबाद क्षेत्र में घरेलू फीडर हेतु 24 घण्टे तथा कृषि फीडर हेतु 10 घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। (ख) दिमनी विधानसभा क्षेत्र में जहाँ फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है वहाँ उक्तानुसार घरेलू एवं कृषि कार्यों हेतु क्रमश: 24 एवं 10 घंटे तथा जहाँ फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, वहाँ मिश्रित फीडरों के माध्यम से उक्तानुसार ही विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार, ऐसे विद्युतीकृत ग्रामों जहाँ फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष है, उनमें भी मिश्रित फीडरों के माध्यम से उक्तानुसार विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है।
शासकीय निर्माण कार्यों हेतु रेत प्रदाय 107. ( क्र. 2088 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रेत खदान नीति 2015 के तहत जन सामान्य वर्ग व शासकीय भवन निर्माण हेतु रेत प्रदाय हेतु क्या-क्या दिशा निर्देश तय किये गये हैं ? (ख) क्या प्रदेश के कुछ जिलों में खनिज निगम के माध्यम से व शेष जिलों में कलेक्टर द्वारा खदानों की ई-ऑक्सन के माध्यम से रेत प्रदाय की जावेगी ? यदि हां तो कौन-कौन जिले निगम व कलेक्टर के अधीन है ? (ग) उपरोक्त् (ख) के अनुसार निगम व कलेक्टर द्वारा जन समुदाय (स्वयं) एवं शासकीय निर्माण कार्य हेतु रेत उपलब्ध हेतु नीति में क्या-क्या प्रावधान है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म0प्र0 शासन की रेत खनन नीति 2015 में तत्संबंधी प्रावधान कंडिका 9 एवं 10 में दिये गये है। रेत खनन नीति 2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' में दर्शित है। (ख) जी हां। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' के प्रपत्र - 2 एवं प्रपत्र - 3 में दर्शित है। (ग) जानकारी प्रश्नांश 'क' में दिेये गये उत्तर के अनुसार है।
नगर निगम में पदोन्नति हेतु पद निर्माण की स्वीकृति 108. ( क्र. 2123 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नगर निगम कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 1318/मुख्य स्थापना/2000 कटनी दिनांक 21.01.2000 को जलकर निरीक्षक से सहायक राजस्व अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु पद निर्माण की स्वीकृति शासन से चाही गई थी ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन द्वारा जलकर निरीक्षक से सहायक राजस्व अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु वर्ष 2000 से 2010 तक कितने पद किस वेतनमान में स्वीकृत किये गये आदेश क्रमांक दिनांक बतावें ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पद एवं वेतनमान शासन द्वारा स्वीकृत न होने पर भी नियम विरूद्ध नगर निगम कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 1601/मुख्य स्थापन 2009-2010 अनुसार जलकर निरीक्षक से सहायक राजस्व अधिकारी पद पर की गई पदोन्नति अवैधानिक होने के कारण निरस्त कर पदोन्नति करने वाले संबंधित अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां तो कब तक बताएं ? (घ) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन की पदोन्नतियां की गई हैं ? कर्मचारीवार विवरण दें ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : क) जी हॉ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नगर पालिक निगम कटनी के लिए कोई पद निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गई है। (ग) नगर पालिक निगम कटनी में पदस्थ श्री सीताराम पाठक, सहायक राजस्व अधिकारी की दिनांक 30-06-2009 को सेवानिवृत्त होने से उपलब्ध इस पद पर नगर निगम कटनी व्दारा अपने आदेश क्रमांक 1601/मुस्था/2009-10 दिनांक 04-07-2009 व्दारा जलकर निरीक्षक को सहायक राजस्व अधिकारी के पद पर वेतनमान रूपये 5500-175-9000 में पदोन्नत किया गया है। पदोन्नति अवैधानिक नहीं पाये जाने से किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ठ अनुसार है।
परिशिष्ट पैंतीस घरेलू एवं सिंचाई हेतु बिजली के मीटर की संबंधित जानकारी के संबंध में 109. ( क्र. 2139 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में बगैर विद्युत मीटर के घरेलू कनेक्शनों की कुल संख्या कितनी है बतावें ? घरेलू श्रेणी कनेक्शनों की माह जनवरी,2014 से माह दिसम्बर-2015 तक माहवार कुल राजस्व मांग कितनी थी माहवार बतायें ?(ख) क्या यह सही है कि धार जिले की गंधवानी विधानसभा के गंधवानी, बाग एवं तिरला ब्लॉक के कई ग्रामों में बिजली की लाईन नहीं होने या ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में भी बिल दिये जा रहे हैं ?(ग) गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई एवं घरेलू विद्युत वितरण हेतु माह जनवरी,2016 की स्थिति में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है ? वित्तीय वर्ष 2015-16 में जनवरी-2016 तक कितने ट्रांसफार्मर खराब हुये ? उनमें से कितने बदल दिये गये है ? और कितने बदले जाने हेतु शेष है कि जानकारी देवें ?।
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में बगैर विद्युत मीटर के घरेलू विद्युत कनेक्शनों की कुल संख्या 11491 है। प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु घरेलू श्रेणी विद्युत कनेक्शनों की जनवरी-2014 से दिसम्बर-2015 तक की माहवार कुल राजस्व मांग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में ऐसा कोई भी ग्राम नहीं है जहाँ विद्युत लाईन नहीं होने पर भी बिजली के बिल जारी किये जा रहे हैं। तथापि विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जाने का प्रावधान है। (ग) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई एवं घरेलू विद्युत वितरण हेतु माह जनवरी-2016 की स्थिति में कुल 1356 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में माह जनवरी - 2016 तक उक्त में से कुल 177 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर खराब हुए तथा खराब हुए समस्त 177 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं।
परिशिष्ट छ्त्तीस डीज़ल पेट्रोल पर वेट की बढ़ोत्तरी 110. ( क्र. 2160 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राज्य शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब कितना वेट डीज़ल/पेट्रोल पर बढ़ाया गया ? सूची देवें ? (ख) राज्य शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब कितना वेट डीज़ल/पेट्रोल पर कम किया गया ? दिनांकवार सूची देवें ? (ग) राज्य शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब कितना वेट केरोसिन, एलपीजी, सीएनजी पर बढ़ाया गया ? श्रेणीवार दिनांक सहित सूची देवें ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ए' अनुसार है। (ख) विगत 3 वर्षों में डीजल/पेट्रोल पर वेट की दर में कमी नहीं की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'बी' अनुसार है।
परिशिष्ट सैंतीस विद्युत सब स्टेशन की स्थापना 111. ( क्र. 2198 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने 11 के.व्ही. फीडरों से शहर व ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत की सप्लाई की जा रही है ? ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत प्रदाय कर रहे फीडर का नाम,फीडर से सम्बद्ध ग्रामों की संख्या पृथक-पृथक बतायें ?(ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने फीडर हैं जिनसे घरों को विद्युत अलग फीडर से एवं पम्पों को विद्युत अलग फीडर से सप्लाई की जा रही हैं? फीडर के नाम सहित बतायें ?(ग) क्या छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सुचारू करने के लिये कर्री व बूढ़ा में सब स्टेशन के स्थापना की मांग की गई है ? अगर हां तो कब तक यह मांग पूरी की जावेगी ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्यमान 11 के.व्ही. के 14 फीडरों से शहरी क्षेत्रों में एवं 11 के.व्ही. के 18 फीडरों से ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. के 18 फीडरों के नाम एवं इनसे सम्बद्ध ग्रामों की संख्या सहित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र
''अ
'' में दर्शाये अनुसार है। (ख) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. के 18 फीडरों में से 16 फीडरों से 80 ग्रामों के घरों एवं कृषि पम्पों को विद्युत आपूर्ति अलग-अलग फीडरों से की जा रही है। उक्त 11 के.व्ही. के 16 फीडरों के नाम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र
''ब
'' अनुसार है। (ग) जी हां। ग्राम कर्री में 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन स्थापना का कार्य स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति अंतर्गत सम्मिलित है। योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में उपकेन्द्र की स्थापना हेतु निश्चित समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम बूढा में 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन की स्थापना का प्रस्ताव वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है।
परिशिष्ट अड़तीस निजी भूमि पर बालू उत्खनन की अनुमति112. ( क्र. 2199 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में निजी भूमि पर बालू उत्खनन की अनुमति कहां-कहां दी गई है ? स्थान, भूमि स्वामि का नाम, रकवा व आदेश सहित बतायें ?(ख) निजी भूमि पर बालू उत्खनन की अनुमति देने की क्या प्रक्रिया है ? प्रति सहित बताये ।(ग) क्या निजी भूमि पर दी गई बालू उत्खनन की अनुमति पर ही बालू का उत्खनन किया जा रहा है ? उक्त अवधि में स्थानों का निरीक्षण कब-कब किया गया अधिकारी का नाम सहित बतायें ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में निजी भूमि में बालू उत्खनन हेतु तीन स्थानों पर अनुमति दी गई है। वांछित जानकारी परिशिष्ट- 'क' में दर्शित है। (ख) इस हेतु म0प्र0 गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 में प्रक्रिया निर्धारित है। यह नियम अधिसूचित है।(ग) परिशिष्ट- 'क' में दर्शित सरल क्रमांक 1 एवं 2 में दी गई अनुमति की अवधि समाप्त हो चुकी है। सरल क्रमांक-3 में वर्तमान में कार्य संचालित हो रहा है। इस खदान का निरीक्षण प्रभारी खनि निरीक्षक द्वारा दिनांक 12-12-2015, 20-12-2015 तथा 13-01-2016 को किया गया है।
परिशिष्ट उनतालीस नगर पालिका निगम जबलपुर के ख.नं. 153, 154 के प्लाटों का निरस्तीकरण 113. ( क्र. 2205 ) श्री अंचल सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नगर पालिका निगम जबलपुर की सीमा में खसरा नंबर 153-154 में ई.डब्ल्यू.एस. के द्वारा की गई जांच उपरांत 36 प्लाटों को निरस्त कर दिया था ? यदि हां तो इन प्लाटों को पुन: अन्य हितग्राही को आवंटित किये गये या जिन आवंटियों के प्लाट निरस्त किये गये थे वर्तमान में वही काबिज है अथवा भूमि रिक्त है ? (ख) क्या ई.डब्ल्यू.एस. जांच में ख.नं. 153-154 के 36 निरस्त किये गये प्लाटों के नक्शे विभाग द्वारा पास किये गये है ? यदि हां तो क्या नगर पालिका निगम ई.डब्ल्यू.एस. की जांच को नहीं मानती एवं निरस्त प्लाटों के नक्शे स्वीकृत/पास कर दिये गये है ? यदि हां तो किस नियम के तहत विभाग द्वारा नक्शे स्वीकृत किये गये ? (ग) क्या ख.नं. 153-154 में एक ही परिवार के 08 सदस्यों को प्लाटों का आवंटन नियम विरूद्ध कर दिया है ? यदि यह नियमानुकूल है, तो नियम बतावें ? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं ख.नं. 153-154 में किये गये नियम विरूद्ध कार्य की जांच उच्च स्तरीय समिति से करावेंगे, तो कब तक ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। नगर पालिक निगम जबलपुर की सीमा में खसरा नंबर 153-154 माढ़ोताल में ट्रांसपोर्टस को ट्रांसपोर्ट व्यवसाय हेतु आवंटित लीज के प्रकरणों की ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जांच की जा रही है। भूखण्ड निरस्त नही किये गये है। आयुक्त नगर निगम जबलपुर द्वारा भागीदारी विलेखों की अपूर्णता की वजह से 40 भूखण्डों का आवंटन निरस्त कर मूल आवंटियों के पक्ष में लीज बनाने के आदेश दिनांक 19.11.2012 से दिये गये थे। वर्तमान में लीज धारक भूखंड पर काबिज है। (ख) जी नहीं निरस्त किये गये भूखंडो के निरस्तीकरण दिनांक 19.11.2012 के पश्चात् उन भूखंडो पर नक्शे पास नही किये गये है। (ग) खसरा नंबर 153-154 मौजा माढ़ोताल पर विकसित किये गये ट्रांसपोर्ट नगर के भूखंडों का आवंटन वर्ष 92-93 से वर्ष 96-97 में किया गया था, तत्समय परिवार विशेष के लिए लीज की कोई सीलिंग नही थी। तत्समय की शर्तो का निर्धारण म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक एफ-10-4/18-2/91 भोपाल दिनांक 23.03.1991 (पत्र संलग्नक) में वर्णित अनुसार किया गया था चूंकि उक्त के संबंध में कोई विशिष्ट नियम नही थे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता।
हरपुरा-नदी तालाब जोड़ो योजना की गुणवत्ता एवं पूर्णता के संबंध में 114. ( क्र. 2213 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) टीकमगढ़ जिले की महती परियोजना हरपुरा-नदी तालाब जोड़ो योजना को कब तक पूर्ण कर लेने का प्रावधान था ? तथा अभी तक योजना का कितना कार्य किया जा चुका है ? (ख) क्या निर्माणाधीन नहर निर्धारित मानकों और मापदण्डों के अनुसार बनाई जा रही है ? यदि हां तो पूर्ण होने के पहले ही क्षतिग्रस्त क्यों हो गई ? इसके लिये कौन दोषी हैं, पदनाम सहित बतायें ? (ग) क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी ? यदि हां तो क्या और कब तक ? (घ) यदि कार्य समय सीमा में पूर्ण नहीं होता तो कौन जिम्मेदार है ? तथा विलम्ब के कारण बढ़ी हुई लागत वृद्धि की पूर्ति कहां से होगी ? क्या विलम्ब के दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी ? हां तो कब तक ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) परियोजना को प्रथमतः दिसम्बर 2013 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था । वर्तमान में कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है । (ख) एवं (ग) जी हां । निर्माण कार्य अपूर्ण होने से क्षतिग्रस्त होने की स्थिति नहीं है । अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं । (घ) भूमि अधिग्रहण के संबंध में मा. उच्च न्यायालय में याचिका दायर होने तथा वन भूमि के उपयोग की अनुमति और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में समय लगने के कारण निर्माण विलम्बित हुआ है । अतः विलम्ब के लिए किसी को दोषी नहीं माना जा सकता है । परियोजना के निर्माण का ठेका निश्चित लागत (fixed cost) पर होने से लागत में वृद्धि का कोई भार शासन पर आने की स्थिति नहीं है । शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है ।
कुण्डेश्वर महोत्सव आयोजित कराने बावत् 115. ( क्र. 2214 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या बुन्देली संस्कृति को संरक्षित करने की कोई योजना शासन स्तर पर विचाराधीन है ? यदि हां तो अवगत करायें ? (ख) बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध तीर्थ कुण्डेश्वर (टीकमगढ़) में संस्कृति संरक्षण की दिशा में शासन द्वारा क्या कदम उठाये गये ? (ग) कुण्डेश्वर स्थित पॉपट संग्रहालय की क्या स्थिति है ? क्या उसके उन्नयन की कोई योजना विचाराधीन है ? यदि हां तो पॉपट संग्रहालय कब तक उन्नत हो जायेगा ? (घ) कुण्डेश्वर की बहुप्रतीक्षित मांग कुण्डेश्वर महोत्सव (शिवरात्रि पर्व) इसी वर्ष से संचालित हो जायेगा ? वस्तु स्थिति से अवगत करायें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बुन्देली संस्कृति को संरक्षित करने हेतु आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा इस क्षेत्र में वर्षों से काम किया जा रहा है. बुन्देली धरोहर के अंतर्गत किले, गढ़ी, मंदिर, पेंटिग्स, बावडिया, कुंए एवं प्राचीन भवन जो पुरातत्वीय महत्व के थे, उन्हें विभाग द्वारा संरक्षण में लिया गया है. (ख) बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कुण्डेश्वर में सस्ंकृति के संरक्षण की दृष्टि से एक पुरातत्वीय संग्रहालय स्थापित किया गया है. जिसमें समीपवर्ती क्षेत्र की कलाकृतियां संरक्षित एवं प्रदर्शित की गई हैं. (ग) कुण्डेश्वर स्थित पॉपट संग्रहालय में 299 पुरावशेषों को संग्रहित कर संग्रहालय भवन में प्रदर्शित किया गया. संग्रहालय भवन के अनुरक्षण, प्रदर्शन एवं विकास में योजना अनुसार कुल राशि रूपये 18,39,873/- का व्यय कर योजना पूर्ण की गई । वर्तमान में अन्य कोई योजना विचाराधीन नहीं है. (घ) इस वर्ष सिंहस्थ के महती कार्य के परिप्रेक्ष्य मे कुण्डेश्वर महोत्सव का आयोजन संभव नहीं है.
अवैध कॉलोनियों को वैध करने बावत् 116. ( क्र. 2226 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नगर निगम कटनी की सीमा में अवैध कॉलोनियां हैं जिन्हें नगर निगम द्वारा चिन्हित किया गया है ? उक्त अवैध कॉलोनियों की जानकारी देवें ? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो कितनी अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु आवेदन प्राप्त हुये ? प्राप्त आवेदनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? कॉलोनीवार जानकारी देवें ? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा सभी अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु घोषणा की गई ? यदि हां तो कटनी नगर निगम ने कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की कार्यवाही की है ? तथा मूलभूत सुविधाओं कॉलोनी के निवासियों को दी जा रही है ? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कॉलोनियों को वैध किये जाने में विलंब हो रहा है तो क्या उन अवैध कॉलोनियों के निवासियों को मूलभूत सुविधा जैसे पानी, रोड, बिजली उपलब्ध कराई जा रही है ? यदि नहीं तो क्यों ? कब तक उपलब्ध कराई जायेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉं । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 01 आवेदन छत्रपति शिवाजी, इंदिरा गांधी वार्ड में प्राप्त हुआ है। नगर पालिक निगम कटनी द्वारा कालोनी रहवासी संघ के समस्त सदस्यों की सूची उनके भूखंडो का स्वामित्व अभिन्यास एवं अवैध कालोनी क्षेत्र का खसरा, रकबा प्रस्तुत करने हेतु लिखा गया है। (ग) जी हॉं। नगर निगम कटनी द्वारा अवैध कालोनियों को वैध किये जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत करने की सूचना दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित कराई गई है। आवेदन प्राप्त होने पर म.प्र. नगर पालिका कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्वधन एवं शर्ते नियम 1998 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अवैध कालोनियों को नियमितीकरण करने के पश्चात् कालोनीवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जावेंगी। (घ) जी नहीं। अवैध कालोनियों को नियमितीकरण करने के पश्चात् म.प्र. नगरपालिका कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्वधन एवं शर्ते नियम 1998 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार कालोनीवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जावेंगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नही है।
कुटेश्वर लाईम स्टोन के किसानों की जमीन का अधिग्रहण 117. ( क्र. 2227 ) श्री संजय पाठक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या कुटेश्वर लाईम स्टोन गैरतलाई (आर.एम.डी.) की स्थापना के समय वर्ष 1971 से ग्राम गैरतलाई, जारारोड़ा, मड़वा, कुनिया के किसानों की भूमि पर एग्रीमेंट के मुताबिक 20 वर्षों के लिए स्थापित किये जाकर वर्ष 1991 तक क्षतिपूर्ति दी गई ? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो 1991 के बाद से प्रश्न दिनांक तक क्षतिपूर्ति भूमि का मुआवजा किस नियम के तहत भुगतान नहीं किया जा रहा है ? जबकि भूमि राजस्व की धारा 247/4 के अंतर्गत 20 वर्षों से संबंधित किसानों से लगान ली जा रही है ? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हां तो क्या संबंधितों को क्षतिपूर्ति शेष वर्षों की दी जावेगी ? अथवा उक्त जमीन खाली कराकर समतलीकरण के पश्चात् वापस संबंधित किसानों को दी जावेगी ? यदि हां तो कब तक ? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि जमीन संबंधित किसानों की वापस नहीं की जावेगी तो क्या वर्तमान मूल्य में शासन के नियमानुसार संबंधित किसानों का मुआवजा भुगतान किया जायेगा ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों ? (ड़) क्या राज्य सरकार प्रश्नाधीन कंपनी के प्रधान कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तथा केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर निराकरण कराये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगी ? नहीं तो क्यों ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के परिपेक्ष्य में क्षतिपूर्ति की राशि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अधिग्रहण के प्रकरणों में भूमि स्वामित्व परिवर्तित नहीं होने से खनिज का दोहन होने के पश्चात नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कर भूमि स्वामी को भूमि वापस किए जाने के प्रावधान है। खनन संक्रिया एवं खनिज का पूर्ण रूप से दोहन होने पर ही भूमि वापसी के प्रावधान होने से अभी समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड़) उपरोक्तानुसार उत्तर के परिपेक्ष्य में संपूर्ण कार्यवाही पूरी होने के कारण प्रश्नांश अनुरूप कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
चीलर नदी का सौन्दर्यीकरण 118. ( क्र. 2300 ) श्री अरूण भीमावद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शहरों के मध्य बहने वाली नदियों में फैल रहीं गंदगी रोककर पर्यावरण के स्वच्छता हेतु सौन्दर्यीकरण करने की शासन की कोई योजना है ? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय का शाजापुर नगर में प्रवास पर चीलर नदी को गंदगी से मुक्त कर नदी का सौन्दर्यीकरण करने की घोषणा की थी ? (ग) यदि हां, तो चीलर नदी के सौन्दर्यीकरण करने की प्रशासनिक स्वीकृति कब तक जारी होगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) जी हॉ। (ग) शाजापुर स्थित चीलर नदी की डी.पी.आर. बनाने का कार्य एपको द्वारा तैयार की जा रही है। प्रशासनिक स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खनिज खदानों की नीलामी 119. ( क्र. 2302 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला शाजापुर में कितनी रेत, गिट्टी की खदानें शासकीय अभिलेखों में दर्ज हैं ? नाम सहित बतायें ?(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितनी खदानों की विधिवत नीलामी हुई तथा कितना राजस्व विगत 3 वर्षों में प्राप्त हुआ ?(ग) कितनी गिट्टी एवं रेत खदानें अवैध रूप से संचालित हैं तथा इन पर अभी तक क्या वैधानिक कार्यवाही की गई ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) रेत की खदानों का आवंटन नीलामी के माध्यम से तथा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा दिये जाने का नियमों में प्रावधान है। वर्ष 2014 में 30 तथा वर्ष 2015 में 2 रेत खदाने नीलामी के माध्यम से आवंटित की गई है। प्रश्नाधीन अवधि में रेत खनिज से रूपये 1,31,44,489/- तथा गिट्टी पत्थर से रूपये 1,83,19,208/- का राजस्व प्राप्त हुआ है। (ग) प्रश्नाधीन जिले में गिट्टी और रेत की अवैध खदानें संचालित नही है। विगत 3 वर्षो में समय-समय पर जांच के दौरान रेत के अवैध उत्खनन के 13 प्रकरण एवं अवैध परिवहन के 520 प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है। इसी प्रकार प्रश्नाधीन अवधि में गिट्टी के अवैध उत्खनन का 01 प्रकरण एवं अवैध परिवहन के 27 प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है।
समयमान वेतनमान का लाभ120. ( क्र. 2316 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी/3/15/2009/3/एक, दिनांक 07 नवंबर 2009 के बाद लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से समयान वेतनमान नहीं देने के संबंध में कोई स्पष्टीकरण प्रसारित हुआ है ? आदेश उपलब्ध करावें ? (ख) जिन कर्मचारियों ने टायपिंग परीक्षा उर्त्तीण नहीं की, समयमान हेतु सेवा की गणना क्या चालीस वर्ष आयु से प्रारंभ होगी ? इस संबंध में जारी आदेश की प्रति दें ? (ग) जो कर्मचारी टायपिंग परीक्षा उत्तीण नहीं है, पेंशन संबंधी मामलों में उनकी सेवा की गणना समयमान की तरह क्या चालीस वर्ष आयु से प्रारंभ होगी ? (घ) संचालनालय पशुपालन ने कितने कर्मचारियों का किन कारणों से अभी तक समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया ? कितने प्रकरण कब से लंबित है ? निराकरण कब तक होगा ? (ड.) लंबे समय से समयमान प्रकरण लंबित होने, कर्मचारियों के अधिकारों के होने वाले हनन के विरूद्ध एरियर का भुगतान ब्याज सहित किया जायेगा ? यदि नहीं तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं (ख) जी नहीं (ग) म0प्र0 सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम 32 के अनुसार सेवा की गणना की जायेगी। (घ) दो कर्मचारियों काे मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण न करने के कारण नहीं दिया गया है एक प्रकरण वर्ष 2006 से एवं एक प्रकरण वर्ष 2009 से लंबित है शीघ्र निराकण किया जावेगा । (ड.) जी नहीं।
चाकल्या डेम का निर्माण 121. ( क्र. 2318 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) धार जिले के तहसील डही में चाकल्या भुवाड़ा डेम पर स्थित पाल पर दोनों और की पीचिंग, मुरम भराई कितनी की गई ?(ख) नहर की निकासी वाल, तालाब की मुख्य पालन की वर्तमान स्थिति की प्रश्न (क) अनुसार जानकारी देवें ? क्या यह सही है कि तालाब की मुख्य पालन में 4-5 जगह से लीकेज हो रहा है ? यदि हां तो इसकी रोकथाम के लिये क्या उपाय किये जायेंगे ? (ग) क्या नहर निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता की जांच की गई थी, यदि हां, तो विवरण उपलब्ध करावें ? (घ) डेम की इस स्थिति के लिये उत्तरदायी अधिकारियेां एवं निर्माण एजेंसी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) चाकल्या परियोजना के बांध निर्माण में मिट्टी/मुरम 1,23,822.14 घ.मी., पिचिंग 902.38 घ.मी. एवं बोल्डर-टो में 2168.10 घ.मी. मात्रा का उपयोग किया जाना प्रतिवेदित है । (ख) नहर की निकास वाल (स्लूस) एवं तालाब की मुख्य पाल सुदृढ़ स्थिति में है । जी नहीं । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है । (ग) जी हॉं । प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) निर्माण की गुणवत्ता अच्छी होने से प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं ।
कृषक अनुदान योजना अंतर्गत स्थापित ट्रांसफार्मर 122. ( क्र. 2361 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना (K.A.Y) अंतर्गत 2014-15 एवं 2015-16 के अंतर्गत कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये ? (ख) प्रकरण स्वीकृत होने के पश्चात कितने किसानों के यहां ट्रांसफार्मर एवं लाईन पूर्ण कर दी गई हैं ? कितनी लाईन अपूर्ण हैं ? कितने ट्रांसफार्मर लगाना शेष है ? (ग) क्या किसानों को अनुदान राशि जमा होने के पश्चात् भी रबी सीजन में ट्रांसफार्मर नहीं मिल पाए ? ट्रांसफार्मर रबी सीजन में नहीं मिलने के क्या कारण रहे ? शेष ट्रांसफार्मर कब तक लग जावेंगे ? इस लापरवाही के पीछे कौन-कौन अधिकारी दोषी है ? शासन इन दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को स्थायी पंप कनेक्शन प्रदाय करने हेतु अनुदान योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में 565 तथा वर्ष 2015-16 में 159 पंपों के कार्य हेतु प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में स्वीकृत समस्त प्रकरणों के कार्य नियत अवधि में पूर्ण कर दिये गये हैं। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
नहरों के टूटने से कृषकों को मुआवज़ा 123. ( क्र. 2396 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नहरों के टूटने से यदि किसानों की फसल नष्ट होती है, तो इसकी जवाबदारी किसकी होगी ? राज्य शासन की या ठेकेदार की या दोनों की साझा ? (ख) ऐसी स्थिति में किसानों को मुआवजा या राहत राशि देने के लिये कौन जिम्मेदार होगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) प्रश्न संभावना पर आधारित होने से निश्चित उत्तर दिया जाना संभव नहीं है । क्षति के स्वरूप एवं कारणों पर जिम्मेदारी नियत कर युक्तियुक्त कार्यवाही की जाती है ।
गुना जिले में शिकारी एवं खैरूआ जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना 124. ( क्र. 2405 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. के विदिशा जिले में शिकारी एवं खैरूआ जाति को किस वर्ग में शामिल किया गया है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गुना जिले में शिकारी, खैरूआ जाति को किस वर्ग में सम्मिलित किया गया है ? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि विदिशा जिले में उक्त जातियों को अनु.जाति में रखा गया है तो गुना जिले के शिकारी एवं खैरूआ जाति को भी शामिल कर शासन की योजनाओं का लाभ दिया जायेगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) विदिशा एवं गुना जिले में शिकारी जाति को किसी वर्ग में शामिल नहीं किया गया है । शासन द्वारा जारी राज्य पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 58 पर खैरूवा (न कि खैरूआ) जाति संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिए पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित है । (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
विधायकों की स्वेच्छानुदान राशि का भुगतान 125. ( क्र. 2419 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विधायकों की स्वेच्छानुदान की राशि हितग्राहियों के बैंक खाते में जमा की जाती है ?(ख) यदि हां, तो क्या हितग्राहियों को बैंक में जमा राशि की जानकारी दी जाती है ? (ग) यदि नहीं तो क्या यह सही है कि हितग्राहियों को जानकारी के लिए बैंक एवं विधायक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते है ?(घ) क्या इसका कोई समाधान निकाला जावेगा या पूर्व की भांति हितग्राहियों को बैंकर्स चैक के माध्यम से भुगतान किया जायेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ । (ख) माननीय विधानसभा सदस्यों द्वारा स्वैच्छानुदान की अनुशंसाओं में हितग्राहियों के निवास स्थान तथा दूरभाष क्रमांक का उल्लेख न होने के कारण सूचना देना संभव नही हो पाता है। (ग) जी नहीं। (घ) वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 1-2/2013/ नियम/ चार भोपाल दिनांक 17 दिसम्बर 2013 के नियमों का पालन किया जा रहा है। वर्तमान में एेसी कोई प्रक्रिया प्रचलन में नही है।
मड़ई एवं बरनू जलाशय में घटिया निर्माण 126. ( क्र. 2424 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकास खण्ड सिहोरा में हिरन जल संसाधन मड़ई एवं बरनू जलाशय में घटिया निर्माण की शिकायत प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 262 दिनांक 4/5/2015 के द्वारा की गई थी ? (ख) प्रश्नांश (क) शिकायत सही पाई जाकर कार्यपालन यंत्री जबलपुर द्वारा खराब पैनलों को तोड़कर नये निर्माण किया गया है ? दोषी अधिकारी का नाम बतायें और इनके विरूद्ध कब तक ठोस कार्यवाही करते हुये राशि की वसूली की जावेगी ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉं । (ख) शिकायत की जांच उपरांत जानकारी मान. प्रश्नकर्ता विधायक को जल संसाधन विभाग के पत्र दिनांक 28.10.2015 द्वारा दी गई है जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है । किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है । अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं ।
परिशिष्ट चालीस संविदा की राशि वसूली 127. ( क्र. 2465 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. गौण खनिज 1996 के नियम 37 (I) एवं व्यापारिक खदानों हेतु संविदा अनुबंध की शर्त क्रं. 5 (I/9) के तहत महिदपुर वि.स. क्षेत्र में ठेकेदारों से कितनी संविदा राशि निर्धारित की गई, कितनी वसूली की गई ? दि. 01-01-2012 से 31-12-2015 तक ठेकेदार का नाम, निर्धारित राशि, वसूली राशि सहित देवें ?(ख) जिन्होंने राशि जमा नहीं की उनसे कब तक राशि वसूल कर ली जावेगी ?(ग) इस और ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन नियम 37(1) ठेका करार के निष्पादन एवं रजिस्ट्रीकरण से संबंधित है तथा व्यापारिक खदानों हेतु ठेके के करार प्रारूप 18 की शर्त 5(1/9) ठेके की रकम या अन्य कोई शोध्य राशि जिसे ठेकेदार ने भुगतान नहीं किया है, से संबंधित है। अत: उपरोक्त नियम/शर्त संविदा राशि के निर्धारण से संबंधित नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नियमानुसार राशि वसूली हेतु कोई प्रकरण शेष नहीं है। अत: वसूली का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
(ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही होता।
परिशिष्ट इकतालीस मुलताई हरदौली जल आवर्धन योजना में भूमि अधिग्रहण 128. ( क्र. 2470 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) हरदौली जल आवर्धन योजना मुलताई कब स्वीकृत हुई तथा कब प्रारंभ की गई ? (ख) स्वीकृत योजना में भूमि अधिग्रहीत कर मुआवजा का प्रावधान था ? नहीं था तो क्यों ?(ग) स्वीकृत योजना में भूमि अधिग्रहीत कर मुआवजा का प्रावधान न होने के बाद भी उसका टेण्डर लगाकर योजना का कार्य क्यों प्रारंभ किया गया ? (घ) इस प्रक्रिया में टेण्डर लगाने वाले तथा कार्य प्रारंभ करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुलताई नगर की हरदौली जल आवर्धन योजना दिनांक 09.02.2012 में स्वीकृत हुई तथा दिनांक 17.04.2013 से प्रारंभ की गई। (ख) जी नहीं। योजना केन्द्र शासन की यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. के अंतर्गत स्वीकृत हुई है जिसकी गाईड लाईन में भू-अर्जन हेतु मुआवजा राशि का प्रावधान नहीं होने के कारण योजना में मुआवजा राशि का प्रावधान नहीं किया गया। (ग) भूमि अधिग्रहित कर मुआवजा राशि की व्यवस्था निकाय द्वारा पृथक से की जानी थी। (घ) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले में स्थापित मीटर 129. ( क्र. 2472 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या बैतूल जिले में सभी घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर लग चुके है ?(ख) यदि नहीं तो किस-किस ग्राम के कितने-कितने उपभोक्ताओं के मीटर लगना शेष है तथा कब तक लगा दिए जाएगे ?(ग) क्या जिन घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर लग चुके है उन्हें अभी भी एवरेज बिल दिया जा रहा है ? यदि हां, तो क्या कारण है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) बैतूल जिले के 1240 ग्रामों के 53600 घरेलू/एकल बस्ती संयोजनों पर मीटर लगाना शेष हैं जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष मीटरों को अक्टूबर 2016 तक लगाने के प्रयास किये जा रहें हैं। (ग) जी नहीं। तथापि ऐसे कनेक्शन जिनके मीटर खराब हो गए हैं उनको विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.34 एवं 8.35 के प्रावधानों के अनुसार एवरेज बिल दिए जा रहें हैं।
नगर निगम के कर्मचारियों को उनके मूल पदों पर भेजा जाना 130. ( क्र. 2475 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इन्दौर, उज्जैन एवं भोपाल नगर निगमों में कितने पदों पर वर्ग तीन एवं वर्ग दो के कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर अपने पद से उच्च पद पर कार्यरत है ? कर्मचारियों का मूल विभाग, मूल पद, वर्तमान पद सहित तीनों नगर निगमों के बारे में जानकारी देवें ?(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किन कर्मचारियों पर लोकायुक्त या विभागीय जांच चल रही है, इनका पूर्ण विवरण देवें ?(ग) प्रश्न (क) के संदर्भ में प्रतिनियुक्ति पद पदस्थ कितने कर्मी तीन वर्षों से अधिक समय से इन नगर निगमों में पदस्थ हैं ? इन्हें कब तक अपने मूल विभाग में भेज दिया जावेगा ? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग का प्रतिनियुक्ति को लेकर क्या नियम हैं ? इसकी कापी प्रदान करते हुए यह बतावें कि क्या कोई कर्मचारी अपने मूल पद से एक या दो पद ऊपर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हो सकता है ? यदि हां, तो प्रतिलिपि उपलब्ध करावें ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। नियमों में प्रावधान होने से एवं कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत सेवायें वापस नहीं की जा रही है। (घ) प्रतिनियुक्ति संबंधी नियम की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है।
परिशिष्ट बयालीस लोकायुक्त द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लंबित प्रकरण131. ( क्र. 2477 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सत्र 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त द्वारा कितने दागी एवं भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारियों के नामों की सूची, राज्य शासन को कब एवं कितनी बार सौंपी गई है ? विभागवार नाम एवं पद सहित जानकारी प्रदान करें ? (ख) लोकायुक्त द्वारा सौंपी गई सूची के आधार पर राज्य शासन द्वारा उत्तर दिनांक तक कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई है एवं क्या कार्यवाही की गई है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दागी एवं भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारियों के नामों की सूची राज्य शासन द्वारा संधारित करने का कोई प्रावधान नहीं होने से उसे सौंपे जाने का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाहपुर खंड बैतूल में निर्माणाधीन बांध 132. ( क्र. 2484 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शाहपुर खंड बैतूल में कितने बांध निर्माणाधीन है ? (ख) क्या वनभूमि के कारण, बांध निर्माण में रूकावट है ? (ग) क्या गढ़ा बांध प्रस्तावित है यदि हां, तो क्या स्वीकृति मिलेगी ? (घ) क्या भिरियाडोल बांध वन भूमि के कारण निरस्त हुआ है ? यदि हां तो वन विभाग निर्माण लागत की राशि शासन को वापस करेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विकासखण्ड शाहपुर में मोखा लघु परियोजना निर्माणाधीन है । (ख) जी नहीं । (ग) जी नहीं । गढ़ा बांध परियोजना की स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है । (घ) झिरियाडोल परियोजना के जलाशय का लगभग 60 प्रतिशत एवं नहर का लगभग 40 प्रतिशत कार्य वन संरक्षण अधिनियम, 1980 लागू होने के पूर्व किया जाना प्रतिवेदित है। जलाशय के डूब क्षेत्र में 43.10 हेक्टर वन भूमि आती है । परियोजना को पूर्ण करने के लिए अनुमानित आवश्यक निवेश राशि रू. 10.50 करोड़ आकलित है जिसमें वन भूमि के उपयोग की अनुमति के लिए रू. 6.50 करोड़ शामिल है । यह वर्तमान वित्तीय मापदण्ड रू. 3.50 लाख प्रति हेक्टर का लगभग दोगुना है । अतः परियोजना असाध्य हो गई है । वन विभाग से निर्माण लागत लेने की कोई व्यवस्था नहीं है ।
पेयजल परियोजना का क्रियान्वयन 133. ( क्र. 2491 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नीमच जिलांतर्गत संचालित मुख्यमंत्री पेयजल परियोजना के क्रियान्वयन की क्या अवधि निर्धारित की गई है एवं इसके अंतर्गत कितनी राशि व्यय की जा चुकी है ?(ख) क्या उक्त परियोजना समय-सीमा में पूर्ण हुई है ? यदि हां, तो कब, यदि नहीं, तो क्यों नहीं ?(ग) समय-सीमा में पूर्ण न होने के कारण क्या है ? क्या चयन एजेंसी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा ? पूर्ण विवरण दें ।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट तैंतालीस ग्राम पंचायत छपारा को पूर्ण नगर परिषद का दर्जा 134. ( क्र. 2498 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ग्राम पंचायत छपारा को पूर्ण नगर परिषद का दर्जा विगत माह दे दिया गया है ? यदि हां, तो इसे म.प्र. के राजपत्र में प्रकाशन का दिनांक बतायें एवं इस राजपत्र की एक प्रति उपलब्ध भी करायें ?(ख) नगर परिषद के लिये कितने पद सृजित किये जायेगे और उन्हें कब तक भर लिये जावेंगे ? नगर परिषद बनने के बाद छपारा नगर को क्या-क्या अतिरिक्त सुविधायें मुहिया की जायेगी ?(ग) क्या छपारा में नगर परिषद भवन का निर्माण किया जायेगा यदि हां, तो भवन को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। नगर पंचायत, छपारा को पूर्ण नगर परिषद् का दर्जा दे दिया गया है, म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 04.01.2016 है, राजपत्र की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) के संबंध में छपारा नगर परिषद् का विधिवत गठन आगामी आम निर्वाचन के समय ग्राम पंचायतों (उसमें सम्मिलित) के विघटन के उपरांत होगा। तत्पश्चात ही पदों की स्वीकृति तथा भवन की कार्यवाही की जावेगी।
परिशिष्ट चौवालीस
भाग-3अतारांकित प्रश्नोत्तरवीरपुर बांध को ककैटो पेहसारी डैम से भरा जाना 1. ( क्र. 23 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) याचिका क्र. 1160 के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा वीरपुर बांध में पानी भरने हेतु क्या योजना तैयार की गई है तथा कब तक कार्य प्रारंभ कराया जावेगा ? (ख) क्या वीरपुर बांध स्टेट टाईम का बना हुआ है । जिसे वर्ष 2003 में भरा गया था ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वीरपुर जलाशय में जल की आवक वर्षा पर निर्भर है । ककेटो एवं पेहसारी जलाशय पूर्ण स्तर पर भरने के बाद अतिशेष जल को ककेटो पेहसारी नहर से वीरपुर जलाशय में लाया जाने की व्यवस्था है । (ख) जी हाँ । जी हाँ ।
आदिवासियों के ऊपर अवैध शराब बनाने के दर्ज प्रकरण 2. ( क्र. 31 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला डिण्डौरी के अंतर्गत वर्ष 2014, 15 में कितने अ.ज.जा. के लोगों पर कितनी-कितनी मात्रा में अवैध शराब रखने, बेचने, एवं लाहन रखने मात्रा सहित प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा बनाया गया, विकास खण्डवार बतायें ? (ख) क्या डिण्डौरी जिले में आदिवासियों को शराब बनाने की छूट है ? यदि हां, तो कितनी मात्रा तक एवं महुआ फूल रखने की मात्रा कितनी है ? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा लाहन एवं महुआ फूल रखने के अ.ज.जा. व्यक्तियों के ऊपर कितने लोगों का चालान पेश किया गया ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिला डिण्डौरी में वर्ष 2014-15 में अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अवैध शराब बेचने एवं लाहन के आबकारी विभाग द्वारा दर्ज प्रकरणों की संख्या विकास खण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश आबकारी, अधिनियम की धारा 61 (घ) अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को देशी मदिरा का निर्माण कर घरेलू एवं सामाजिक और धार्मिक समारोहो पर उपभोग के प्रयोजनों के लिए छूट प्रदान की गई है। यह प्रति व्यक्ति 4.5 लीटर, प्रति गृहस्थी 15 लीटर, एवं विशेष परिस्थितियों में सामाजिक तथा धार्मिक समारोह के अवसर पर प्रति गृहस्थी 45 लीटर, होगी। प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में वर्णित प्रकरणों में महुआ फूल से निर्मित मदिरा का विक्रय नहीं किया जा सकेगा। आदिवासियों के संबंध में महुआ फूल धारण की मात्रा/सीमा नियमों में निर्धारित नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में आबकारी विभाग द्वारा महुआ फूल के लाहन धारण के विरूद्ध अनुसूचित जनजाति के 11 व्यक्तियों को दोषी मानकर माननीय न्यायालय के समक्ष चालान पेश किये है।
परिशिष्ट पैंतालीस खदानों का आवंटन3. ( क्र. 84 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शिवपुरी जिले में पत्थर, रेत, खण्डा, मुरम व अन्य खनिज की कौन-कौन सी खदानें वर्तमान में कब से संचालित हो रही हैं व उक्त खदानें किस-किस को आवंटित हैं व कब से व किस अवधि के लिये आवंटित की गयी हैं ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित खदानों में से किस-किस खदान से कितनी-कितनी रायल्टी (राजस्व) वर्ष अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है ? खदानवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें ? (ग) क्या उक्त आवंटित खदानों में निर्धारित स्थान से खनिज का खनन किया जा रहा है या अन्य वनभूमि या राजस्व क्षेत्र से खनन किया जा रहा है ? इस संबंध में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किस-किस खदान का भौतिक सत्यापन किया गया ? क्या सत्यापनकर्ता द्वारा इस संबंध में कोई अनियमितताऐं पायी गई ? यदि हां, तो विवरण दें व इस हेतु क्या कार्यवाही की गई ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' अनुसार है। (ग) जिले में आवंटित खदानों में निर्धारित स्थान से खनिज का खनन किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' में दर्शित है।
जिला डिण्डौरी चहुआ जलाशय का पुर्नद्धार4. ( क्र. 123 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला डिण्डौरी के चहुआ जलाशय कब और लागत राशि कितनी में निर्मित किया गया था तथा सिंचाई से कितने किसानों को कितने रकबे में पानी मिल रहा है ?(ख) क्या उक्त जलाशय का सिंचाई रकबा बढ़ाने हेतु पुन: बाँध की ऊंचाई बढ़ाई गई है ? यदि हां, तो ऊंचाई बढ़ाने की लागत एव नहर की लागत कितनी है ? (ग) क्या इस बांध की ऊंचाई बढ़ाने एवं नहरीकरण के कार्य का ग्रामवासियों ने विरोध किया था ? यदि हां, तो क्यों ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) चटुआ जलाशय का निर्माण वर्ष 2003 में रू. 31.97 लाख में किया गया । परियोजना की जीवित जल संग्रहण क्षमता 0.89 मि.घ.मी. होकर रूपांकित सिंचाई क्षमता 176 हेक्टर है । इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण जलाशय में मात्र 0.12 मि.घ.मी. जल संग्रहण हुआ जिससे 17 किसानों की 15 हेक्टर भूमि में रबी सिंचाई के लिए पानी दिया गया । (ख) जी हॉं । प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29.11.2012 को रू. 382.74 लाख की दी गई । (ग) जी हॉं । अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं होने की आशंका के कारण ।
नगरीय क्षेत्रों में शो रूम (टू व्हीलर, फोर व्हीलर) से टेक्स वसूली 5. ( क्र. 148 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नगरीय निकाय क्षेत्रों में विभिन्न शोरूम (टू व्हीलर व फोर व्हीलर) में नगरी निकाय द्वारा टेक्स राशि वसूलने के क्या नियम हैं ? (ख) इन्दौर, उज्जैन संभाग में विभिन्न नगरीय निकायों में विभिन्न वाहन शोरूमों से वाहन (टू व्हीलर व फोर व्हीलर) खरीदी को लेकर कितने राजस्व की आय 1 जनवरी 2014 के पश्चात नगरी निकाय को प्राप्त हुई ? (ग) क्या उक्त संभागों में विभिन्न वाहन शोरूम में वाहनों की टेक्स वसूली तो ग्राहकों से कर ली जाती है किन्तु अधिकारियों की मिलीभगत से उन वाहनों का टेक्स नगरीय निकायों को जमा नहीं कराया गया है ? यदि हां, तो ऐसे नगरी निकायों की जानकारी उपलब्ध करायें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) की जानकारी निरंक है।
इंदौर उज्जैन संभाग में अवैध मैरिज गार्डन 6. ( क्र. 151 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 30 (क्रमांक 840) दिनांक 24 फरवरी 2015 के प्रश्नांश (ग) में बताया गया कि म.प्र. भूमि विकास 2012 के नियम 17 अन्तर्गत कृषि भूमि पर फॉर्म हाऊस के लिये न्यूनतम 4000 वर्ग मीटर भूमि होना आवश्यक है ? इस हेतु 30,000 हजार रूपये प्रति हैक्टर के मान से अनुज्ञा शुल्क निर्धारित है ? तो 1 जनवरी 2012 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर, उज्जैन संभाग में कितने फॉर्म हाऊस में उक्त नियमों का पालन किया तथा कितनों ने नहीं इसकी जांच कब की गई ? उज्जैन संभाग की जानकारी जिलेवार दें ?(ख) क्या म.प्र.भूमि विकास निगम 2012 के अनुसार नगरी निकाय क्षेत्रों में मेरिज गार्डन निर्माण की अनुज्ञा देते समय पार्किंग हेतु भूखण्ड के सामने परिसर के अन्दर भूखण्ड/भूमि क्षेत्र का 30 प्रतिशत (शहर की जनसंख्या 2 से 5 लाख तक) तथा भूखण्ड/भूमि क्षेत्र का 40 प्रतिशत (शहर की जनसंख्या 5 लाख से अधिक निवेश क्षेत्र) क्षेत्रफल पर पार्किंग स्थल रखना आवश्यक है ? क्या इंदौर, उज्जैन संभाग में समस्त मेरिज गार्डन द्वारा उक्त नियमों का पालन किया जा रहा है ? यदि हां, तो इस नियम की जांच संभाग के विभिन्न मेरिज गार्डनों में कब-कब की गई ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ, जी हॉ, शेषांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जी हॉ, शेषांश की जानकारी संकलित की जा रही है।
सिहाडा उदवहन परियोजना की स्वीकृति7. ( क्र. 200 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या खण्डवा जिले के विधान सभा क्षेत्र खण्डवा में इंदिरा सागर परियोजना के चतुर्थ चरण सिहाडा उदवहन परियोजना (बी.आर.-4) को स्वीकृति प्रदान की गई है ?(ख) क्या यह परियोजना माननीय मुख्यमंत्री म.प्र.शासन की घोषणा में शामिल है ? यदि हां, तो अब तक इस योजना का कार्य आरंभ क्यों नहीं हुआ है ? इस योजना को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा ?(ग) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं उनके द्वारा स्वीकृत कार्यों में विलम्ब करने के लिए सैकड़ों किसानों की असिंचित भूमि के लिए कौन सा विभाग एवं अधिकारी जिम्मेदार है ?(घ) सरकार की छवि खराब करने वाले ऐसे विभाग/अधिकारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी ? यदि हां, तो कब तक ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) जी हॉ। परियोजना की निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। परियोजना को अनुबंध दिनांक से 02 वर्ष में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ग) परियोजना से संबंधित कार्य विधिवत् किये जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमरपुरा जलाशय के कैनाल लाईनिंग का निर्माण 8. ( क्र. 222 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अमरपुरा जलाशय के कनाल लाइनिंग लंबार्इ 13 किलोमीटर का नया प्रपोजल तैयार किया जा चुका है ?(ख) यदि हां तो इसकी स्वीकृति कब तक होकर लाइनिंग का निर्माण किया जा सकेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं । (ख) स्वीकृति तकनीकी एवं वित्तीय मापदंडों पर साध्यता और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होने पर निर्भर होने से स्वीकृति एवं कार्य पूर्ण करने के लिए समय सीमा नियत करना संभव नहीं है ।
घरेलू सौर ऊर्जा प्रोत्साहन योजना 9. ( क्र. 243 ) श्री मोती कश्यप : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राज्य की ऊर्जा की कुल आवश्यकता के विरूद्ध जल, कोयला, सौर, बायोमास आदि बिजली का उत्पादन कितना है ? (ख) राज्य के घरेलू बिजली की खपत कितनी है ? (ग) क्या विभाग ने घरेलू सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिये ऋण-अनुदान की कोई आकर्षक योजना संचालित की है और वर्षवार कोई लक्ष्य निर्धारित किया है तथा घर-घर कोई प्रेरणा हेतु अभियान चलाया है ? (घ) क्या विभाग ने घर-घर में सौर ऊर्जा हो, इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु कोई वर्ष सुनिश्चित किया है ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश की कुल आवश्यकता के विरूद्ध वर्ष 2015-16 में माह दिसम्बर, 2015 तक विभिन्न स्त्रोतों से क्रय की गई ऊर्जा की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 के दौरान घरेलू उपयोगार्थ बिजली की खपत 10214 मिलियन यूनिट थी। वर्ष 2015-16 में माह दिसम्बर 2015 तक घरेलू उपयोगार्थ बिजली की खपत 8334 मिलियन यूनिट है। (ग) घरेलू सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिये वर्तमान में भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा संयंत्र की लागत की 30 प्रतिशत तक की राशि के अनुदान को प्रावधानित किया गया है। घरेलू क्षेत्र में सौर पॉवर प्लांट की स्थापना के लिये वर्तमान में पृथक से कोई वर्षवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। संयंत्रों की स्थापना की प्रेरणा हेतु प्रचार किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। तथापि राज्य में घरेलू सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु नियमित कार्यवाही की जा रही है।
परिशिष्ट िछयालीस देश के केन्द्र बिन्दु में पर्यटन विकास 10. ( क्र. 244 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम करौंदी को देश का केन्द्र बिन्दु माना गया है और वहां विभाग एवं किसी संस्था ने कोई निर्माण कर कोई गतिविधियां संचालित की हैं ? (ख) क्या विगत 3 वर्षों की अवधि में विभाग द्वारा किसी स्वीकृत राशि से किन्हीं संरचनाओं का निर्माण किया गया है ? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में बरती गई अनियमितताओं एवं धन के अपभक्षण की जांच किसी अधिकारी द्वारा की गई है ? यदि नहीं, तो क्या करायी जावेगी ? (घ) क्या प्रश्नांश (क) संस्था द्वारा दिनांक 12.12.2015 को कलेक्टर, कटनी ने कोई लेख किया है और संस्था के किसी पदाधिकारी और किन्हीं जनप्रतिनिधियों द्वारा माह जनवरी 2015 की किसी तिथि को कोई गतिविधि संचालित की है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ई.ओ.डब्ल्यू. एवं लोकायुक्त की कार्यवाही 11. ( क्र. 264 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक म.प्र. के ई.ओ.डब्ल्यू., लोकायुक्त संस्थाओं द्वारा प्रदेश में किस-किस कर्मचारी/अधिकारी/उद्योगपति/व्यापारी एवं अन्य के यहां छापामार कार्यवाही कर आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण बनाए गए ? तथा कितनी-कितनी संपत्ति छापे में चिन्हित की गई ? कृपया नाम, पता पद/व्यापार सहित जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अधिकारी/कर्मचारी किस-किस पद पर, कहां-कहां पर, कब-कब से पदस्थ थे ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से संबंधित जानकारी निरंक है। लोकायुक्त संगठन की जानकारी परिशिष्ट 'क' पर प्रस्तुत है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वेच्छानुदान राशि का भुगतान 12. ( क्र. 292 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विदिशा जिले के जनपद पंचायत एवं नगरपालिका परिषद के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में कितने हितग्राहियों को विधायक स्वेच्छानुदान की राशि स्वीकृत की गई है ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रशासकीय स्वीकृति के उपरांत हितग्राहियों के खाते में ई-पेमेंट से राशि का भुगतान किया है ? यदि हां, तो कितने हितग्राहियों को ई-पेमेंट किये जाने की सूचना दी गई है ? यदि नहीं, तो कारण बतावें ? (ग) क्या विदिशा में पांचों विधानसभा सदस्यों से इस आशय की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि ई-पेमेंट हितग्राहियों के खाते में नहीं पहुंची है तथा इसका मुख्य कारण ई-पेमेंट फेल होना, खाता गलत होना इत्यादि है ? क्या यह राशि संबंधित बैंकों के खातों में पड़ी है ? यदि हां, तो इन शेष हितग्राहियों को भुगतान कब तक होगा ? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समस्या के निराकरण हेतु शासन पूर्वत एकाउन्ट पेयी चैक के माध्यम से हितग्राहियों को भुगतान कराने पर विचार करेगा ? यदि हां, तो कब तक ? नहीं, तो स्पष्ट कारण बतावें ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2015-16 जनपद पंचायतों में 737, नगर पालिका परिषद के 545 हितग्राहियों को विधायक स्व्ैाच्छानुदान राशि स्वीकृत की गई। (ख) जी हॉ। माननीय विधानसभा सदस्यों द्वारा स्वैच्छानुदान की अनुसंशाओं के साथ हितग्राहियों के निवास स्थान तथा दूरभाष क्रमांक का उल्लेख न होने के कारण संबंधित को सूचना प्रदाय नही की गई। (ग) जी नहीं। केवल माननीय विधानसभा सदस्य गंजबासौदा द्वारा शिकायत की गई है, ई-पेमेन्ट फेल हो जाने की दशा में राशि बैक द्वारा बैंकर्स चैक के माध्यम से जिला कोषालय को वापस कर दी जाती है। जिला कोषालय के माध्यम से इस कार्याल्ाय को प्राप्त ना होने के उपरांन्त यथाशीघ्र आगामी कार्यवाही की जाती है। राशि बैंक में जमा नही रहती है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है। (घ्ा) उत्तरांश (ग) के परिपेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नही होता ।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत फेल ट्रांसफार्मर 13. ( क्र. 303 ) श्री रामसिंह यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के कौन-कौन से ट्रांसफार्मर जनवरी 2016 की स्थिति में कब से फेल है ? उक्त फेल ट्रांसफार्मर कब स्थापित किए गए थे ? (ख) उक्त फेल ट्रांसफार्मर कब तक बदले जाएगें ? (ग) फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने में विलंब क्यों हो रहा है ? (घ) क्या जिन ग्रामों/मजरा/बस्तियों में राजीव गांधी विद्युतीकरण के ट्रांसफार्मर फेल है वहां विद्युत न होने के कारण स्थानीय निवासी अंधेरे में जीवन यापन कर रहे है ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्थापित 43 ट्रांसफार्मर जनवरी-2016 की स्थिति में फेल हैं जिनकी ग्रामवार, फेल होने के दिनांक सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त फेल ट्रांसफार्मर टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी द्वारा वर्ष 2012-13 में स्थापित किये गये थे। (ख) उक्त फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की शत्-प्रतिशत राशि बकाया है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने के उपरान्त उक्त ट्रांसफार्मर बदले जा सकेंगे। उक्त परिप्रेक्ष्य में इन फेल ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उक्त फेल ट्रांसफार्मर उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत् जमा नहीं करने के कारण नहीं बदले गये हैं। (घ) जी हाँ, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत स्थापित ट्रांसफार्मरों सहित ऐसे सभी फेल ट्रांसफार्मर जिससे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा नहीं किया गया है उन्हें नहीं बदला जा सका है।
परिशिष्ट सैंतालीस कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत परियोजनाओं की क्षमता14. ( क्र. 304 ) श्री रामसिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं कहां-कहां पर स्थित है ? इन सिंचाई परियोजनाओं की सिंचाई क्षमता क्या है ? (ख) उक्त सिंचाई परियोजनाओं में सिंचाई क्षमता के पूर्ण उपयोग हेतु क्या-क्या कार्य कराया जाना आवश्यक है ? नहर आदि कहां-कहां पर फूटी है ? फूटी नहरें कब तक बनवाई जाएगी ? (ग) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई नवीन सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृति हेतु विचाराधीन/प्रक्रियाधीन है ? यदि हां, तो कौन-कौनसी ? (घ) कोलारस एवं बदरवास तहसील के अंतर्गत सिंचाई क्षमता बढ़ाने हेतु शासन की क्या योजना है ? यदि नहीं है तो क्यों ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है । उद्वहन सिंचाई परियोजनाएं लाभान्वित कृषकों द्वारा विद्युत शुल्क के भुगतान के लिए अंशदान जमा नही करने अथवा विद्युत कनेक्शन नहीं लेने के कारण बंद है । सेसई स्टॉप डेम परियोजना में मरम्मत की आवश्यकता है जिसके लिए निर्देश दे दिए गए हैं । शेष सभी परियाजनाओं से चालू रबी में रूपांकित क्षमता अनुसार अथवा अधिक सिंचाई की गई है । (ग) एवं (घ) वर्तमान में कोई परियोजना प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन/प्रक्रियाधीन नहीं है। नवीन सिंचाई परियोजनाओं के लिए स्थल चिन्हित करने से लेकर निर्माण कार्य कराना एक सतत प्रक्रिया है जो परियोजना की साध्यता और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है । नवीन सिंचाई परियोजना के लिए उपयुक्त स्थल नहीं पाये जाने से वर्तमान में कोई परियोजना चिन्हित नहीं है ।
परिशिष्ट अड़तालीस शिवपुरी नगर में निर्माणाधीन सिंध जल आवर्धन योजना की प्रगति15. ( क्र. 305 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शिवपुरी नगर में निर्माणाधीन सिंध जल आवर्धन योजना की वर्तमान स्थिति क्या है ? उक्त योजना का कार्य वर्तमान में क्यों बंद है ? उक्त योजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा ? (ख) निर्माण ऐजेंसी दोशियान कंपनी को जनवरी 2016 की स्थिति में कौन-कौन से कार्य का कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया ? उक्त कार्य कब पूर्ण किया गया ? (ग) क्या निर्माण ऐजेंसी दोशियान कंपनी डी.पी.आर. के अनुसार मानक स्तर का कार्य किया गया है ? यदि हां तो मानक स्तर के कार्य होने का किसके द्वारा सत्यापन किया गया ? क्या सत्यापनकर्ता जो कार्य पूर्ण हुआ है वह मानक स्तर का है ? (घ) शिवपुरी नगर में निर्माणाधीन जल आवर्धन योजना में क्या-क्या कार्य जनवरी 2016 की स्थिति में किया जाना शेष था ? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें एवं शिवपुरी के नागरिकों को उक्त योजना के माध्यम से पेयजल कब तक उपलब्ध होगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुछ समय से बंद निर्माण कार्य दिनांक 05.02.2016 से पुन: प्रारंभ किया गया है। जी नहीं। यधपि कार्य पुन: प्रारंभ किया गया है तथापि नेशनल पार्क क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने की स्वीकृति का प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से कार्य पूर्णता की समय सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हॉ, निर्माणकर्ता एजेंसी के द्वारा मानक स्तर का कार्य डी.पी.आर. के अनुसार किया गया है, कार्य का सत्यापन नगर पालिका में तत्समय पदस्थ उपयंत्री, सहायक यंत्री व कार्यपालन यंत्री के द्वारा किया गया है कार्य में प्रयूक्त मटेरियल की अनुबंध अनुसार थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन जॉच रिपोर्ट ली गई है जिसके अनुसार मटेरियल मानक स्तर का है। (घ) शेष कार्यो की सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। माधव नेशनल पार्क में पाईप लाईन डालने की मंजूरी माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है माननीय उच्चतम न्यायालय से अनुमति मिलने के पश्चात शेष बची हुई पाईप लाईन का कार्य पूर्ण होने पर नागरिकों को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
नगरीय विकास के कार्य 16. ( क्र. 320 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नगर परिषद धामनोद एवं धरमपुरी में कितनी राशि के किस-किस वार्ड में क्या-क्या कार्य कराये गये ? लेखा वर्ष 2013-14 से किस-किस ठेकेदार द्वारा टेण्डर डाले गये एवं विगत तीन वर्ष में किन-किन ठेकेदारों के टेण्डर नगर परिषद धामनोद, माण्डव एवं धरमपुरी द्वारा स्वीकृत किये गये ?(ख) क्या जिस मद की राशि शासन द्वारा नगर परिषदों को भेजी गई थी उसी मद में उसका व्यय किया गया है अथवा नहीं ?(ग) किस इंजीनियर द्वारा निर्माण कार्यों का टेक्निकल परीक्षण किया गया ? क्या इंजीनियर के दिये गये निर्देशों का पालन निर्माण कार्यों में हुआ ? क्या इंजीनियर द्वारा निर्धारित अवधि में निर्माण कार्यो का अवलोकन किया गया है अथवा नहीं ?(घ) कितने निर्माण कार्य बगैर बजट के सम्पन्न हो चुके हैं तथा अभी वर्तमान में चालू है एवं कितनी राशि उनको देना शेष है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉ। (ग) टेक्निकल परीक्षण करने वाले इंजीनियरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम ''9'' अनुसार है। जी हॉ। जी हॉ। (घ) निकाय में बगैर बजट के कोई निर्माण कार्य सम्पन्न नहीं कराये गये न ही वर्तमान में चालू है। किये गये कार्य के मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया जाता है। राशि शेष होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यभारित कर्मचारियों को क्रमोन्नति एवं अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ 17. ( क्र. 372 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र.शासन के समस्त तकनीकी विभागों जैसे पी.डब्ल्यू.डी. एवं व्ही.डी.ए. जलसंसाधन आदि विभागों में कार्यरत कार्यभारित स्थापना के कर्मचारी जिनकी शासकीय सेवा अवधि 25 से 35 वर्ष पूर्ण हो चुकी है उन कर्मचारियों को क्रमोन्नति एवं पदोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति के लाभ से वंचित रखा गया है ? (ख) क्या कार्यभारित स्थापना के अंतर्गत वाहन चालकों को उक्त समस्त लाभ (क्रमोन्नति,अनुकंपा नियुक्ति) दिया जा रहा है ? इस तरह की विसंगती शासन द्वारा क्यों की जा रही है ?(ग) कब तक 25 वर्ष से 35 वर्ष सेवापूर्ण कर चुके कार्यभारित कर्मचारियों को वर्णित (क) के लाभ प्रदान किये जावेंगे ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कार्यभारित सेवा में नियुक्त कर्मचारियों को उनके सेवा भर्ती नियमानुसार सुविधा प्रदान की जाती है। अनुकंपा नियुक्ति के स्थान पर राशि रूपये दो लाख दिये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं केवल वाहन चालकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर जिले में अवैध खनिज सामग्री 18. ( क्र. 393 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या अवैध खनन से पनागर, पाटन, बरगी विधान सभा क्षेत्र में करोड़ो रू. का स्टॉक विभाग द्वारा जप्त किया गया है ?(ख) यदि हां, तो जप्त किया गया स्टॉक किसकी सुपुर्दगी में रखा गया है ?(ग) क्या अवैध खनन के प्रकरण एवं एफ.आई.आर.दर्ज की गई है ?(घ) यदि नहीं तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट - 'अ' में दर्शित है।(ग) अवैध खनन के दर्ज प्रकरणों की जानकारी परिशिष्ट- 'अ' में दर्शित है। इन प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज नही की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नही होता।
परिशिष्ट उन्चास जन भागीदारी योजना में स्वीकृत कार्य 19. ( क्र. 408 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जन भागीदारी योजना के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति के संबंध में क्या-क्या नियम, मापदण्ड है ? 25 प्रतिशत तथा 50 प्रतिशत अंशदान सहित पूर्ण विवरण दें ? क्या-क्या कार्य स्वीकृत तथा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत नहीं किये जा सकते हैं, पूर्ण विवरण दें ? (ख) रायसेन जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां कौन-कौन से कार्य कितनी लागत के स्वीकृत किये गये ? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों ? (ग) क्या रायसेन जिले में उक्त योजना में पक्के कार्यों के स्थान पर अधिकांश ग्रेबल सड़़कें स्वीकृत की गई यदि हां तो क्यों ? ग्रेवल सड़क मनरेगा में भी बनाई जा सकती थी ? (घ) मान. मंत्री जी तथा जिला प्रशासन को उक्त अवधि में किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिश्ष्टि '' अ '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि '' ब '' अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायतों एवं समितियों द्वारा प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार एवं योजना के मापदंण्डों के अनुरूप ही कार्य स्वीकृत किये गये है । शेष प्रश्न उपस्थित नही होते। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिश्ष्टि ''स'' अनुसार है।
जांच आयोगों पर व्यय 20. ( क्र. 457 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किम.प्र.सरकार द्वारा वर्ष 2004 से 2015 तक माननीय न्यायाधीश के नेतृत्व में गठित विभिन्न आयोगों का अंतिम प्रतिवेदन शासन को सौपने के उपरांत उक्त आयोगों की रिपोर्ट आम जनता की जानकारी हेतु कब तक विधान सभा में प्रस्तुत की जाएगी ? समयावधि बताएं ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : कार्यवाही प्रचालित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नही है।
अधिमान्य पत्रकारों को लेपटॉप का वितरण 21. ( क्र. 458 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में विभाग द्वारा प्रदेश के अधिमान्य पत्रकारों को किस योजना के तहत लेपटॉप दिए जाने हेतु कितनी राशि का बजट स्वीकृत किया था ?(ख) उक्त अवधि में कुल राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार थे ?(ग) उक्त कितने अधिमान्य पत्रकारों को किस-किस कम्पनी के कितनी-कितनी राशि के कुल कितने लेपटॉप वितरित किए गए ?(घ) क्या लेपटॉप क्रय करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई ? यदि हां, तो किन-किन कम्पनियों के लेपटॉप किस दर पर क्रय किए गए ? उक्त अवधि में लेपटॉप के लिए कितनी राशि बजट में स्वीकृत की गई ? स्वीकृत राशि में से कितनी राशि व्यय की गई एवं कितनी राशि शेष है एवं कितने पत्रकारों को लेपटॉप देना शेष है ? (च) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में पत्रकारों को जन-संकल्प 2013 के संकल्प के अनुसार लेपटॉप न खरीदने की रसीद प्राप्त कर भुगतान किया गया है ? यदि हां, तो क्या वित्तीय संहिता का उल्लंघन किया गया है ? यदि हां, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बजट वर्षवार :- 2013-14 निरंक, 2014-15 राशि रूपये 4,51,20,000/-, 2015-16 राशि रूपये 1,00,00,000/- (ख) वर्ष 2013 राज्यस्तरीय 1105 जिलास्तरीय 1365, वर्ष 2014 राज्यस्तरीय 1088 जिलास्तरीय 1599, वर्ष 2015 राज्यस्तरीय 1088 जिलास्तरीय 1638 अधिमान्य पत्रकार हैं । (ग) शासन ने दिनांक 21/10/2014 को राज्यस्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटाप देने की नीति जारी की । इसी नीति के अनुरूप पात्रतानुसार 741 राज्यस्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटाप क्रय करने के लिए रूपये 40 हजार की राशि उनके बैंक खातों में ई-बेंकिग के माध्यम से दी गई । (घ) जी नहीं प्रश्नांश ग के अनुरूप राशि पत्रकारों के बैंक खाते में ई-बेंकिंग के माध्यम से दी गयी । अभी तक कुल रूपये 2,96,40,000/- ( दो करोड छियान्बे लाख चालीस हजार रूपये ) का व्यय किया गया । योजना निरन्तर है । पात्रतानुसार राज्यस्तरीय अधिमान्यता पत्रकारों को लेपटाप देने की कार्यवाही प्रचलन में है । (च) शासन के नियमानुसार कार्यवाही की गई । किसी भी नियम का उलंघन नहीं किया गया ।
खंडवा जिले में जल संसाधनों के रख-रखाव पर व्यय 22. ( क्र. 486 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खंडवा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में तालाब निर्माण, बांध बंधान, एवं पाल बंधान के कितने कार्य स्वीकृत किये गये है ? इन पर हुए व्यय की जानकारी बतायें ? (ख) विधानसभा क्षेत्र में उक्त कार्यों पर विगत तीन वर्षों में मरम्मत/रखरखाव एवं अन्य संसाधनों पर कितना व्यय किया गया ? (ग) यदि हां तो क्या इस राशि की वसूली संबंधित एजेंसी/जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी से वसूल की जाएगी ? यदि हां तो वसूली योग्य राशि एवं संबंधित अधिकारी/कर्मचारी/एजेंसी का नाम बतायें ? (घ) विभाग की इन परियोजनाओं/संरचनाओं पर मरम्मत एवं रखरखाव खर्च कम किए जाने के संबंध में विभाग की क्या योजना है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में प्रश्नाधीन कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये । अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं ।
राज्य प्रशासनिक सेवा के सृजित पद 23. ( क्र. 518 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पन्ना जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के कुल कितने पद सृजित है ? पदों के विरूद्ध कितने अधिकारी कार्यरत हैं ?(ख) क्या अधिसूचित क्षेत्रों में पद पूर्ति हेतु शासन ने कोई नियम बनाया है ? यदि हां, तो क्या है ? क्या पन्ना जिले के लिये नियमों का पालन होगा ? यदि हां, तो कब तक ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क)पन्ना जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के 08 पद सृजित हैं । पदों के विरूद्ध 06 अधिकारी कार्यरत है ।(ख) शासन द्वारा पृथक से कोई अधिसूचित क्षेत्र घोषित नहीं किये गये हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नही होता ।
नगर पालिक निगम सतना के वार्ड क्र. 22 का मार्ग निर्माण कराने हेतु 24. ( क्र. 550 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सतना जिले की नगर पालिक निगम सतना के वार्ड क्र. 22 उतैली की ओर जाने वाली रास्ता जो हवाई पट्टी की तरफ जाने वाले मार्ग महाराणा प्रताप की लगी प्रतिमा के बगल से उतैली मार्ग का निर्माण नहीं कराये जाने से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ? (ख) यदि हां तो क्या उक्त मार्ग निर्माण हेतु नगर पालिक निगम सतना द्वारा टेण्डर जारी किया गया है ? यदि किया गया है तो कब, किस ठेकेदार के नाम टेण्डर जारी है ? कब तक कार्य प्रांरभ हो जाएगा ? (ग) क्या उक्त मार्ग में काफी गड्ढे होने के साथ-साथ बारिश में कीचड़ होने से मार्ग से गुजरने वाले छात्र-छात्राओं एवं आम जनता को परेशानी का सामना करना पड रहा है ? (घ) क्या इसी मार्ग में बसों की बॉडी रिपेयरिंग का कार्य होने से एक साथ कई खण्डहर वाहनों के खड़े हो जाने से पूरा रास्ता अवरूद्ध हो जाता है जिससे पैदल एवं मोटरसायकल में चलने वाले लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है यदि हां तो क्या उक्त स्थान में मरम्मत कार्य करने वाले दुकानदार को हटाया जाएगा जिससे आम रास्ता अतिक्रमण मुक्त हो सकें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यात्रियों तथा यात्री बसों को रूकने के लिये पक्के बस स्टैंड की व्यवस्था 25. ( क्र. 592 ) श्री हरवंश राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा क्षेत्र बंडा जिला सागर के बस स्टैंड बंडा एवं शाहगढ़ में यात्री बसों को रूकने के लिए क्या पर्याप्त शासकीय बस स्टैंड हैं ? यदि नहीं तो विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है ? (ख) उक्त दोनों स्थानों पर यात्रियों को रूकने तथा पक्के बस स्टैंड निर्माण के लिये विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार की गई है ? यदि हां तो निर्माण योजना की जानकारी से अवगत करावें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बंडा जिला सागर के बंडा नगर में बस स्टेण्ड निर्मित है परन्तु नगर की आबादी व बसों के आवागमन के अनुसार स्थान की कमी महसूस की जा रही है, शाहगढ़ नगरीय क्षेत्र में शासकीय बस स्टेण्ड पर्याप्त है। बण्डा नगर में भूमि चयन की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिटी ट्रांसपोर्ट अटल सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस द्वारा संचालित बसों की जानकारियाँ 26. ( क्र. 656 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट अटल सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस प्रबंधन द्वारा इंदौर शिर्डी बस हेतु कोई प्रक्रिया की गई थी ? यदि हाँ, तो क्या उक्त टेण्डर क्रेता द्वारा आज दिनांक तक बस का संचालन किया गया है या नहीं ?(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इंदौर सिटी बस चलाये जाने हेतु 2 वर्ष पूर्व से इंदौर-शिर्डी पुणे बस का संचालन नहीं किया जा रहा है ? क्या इस संबंध में चार्टेड स्पीड प्रा.लि. को कोई नोटिस आदि की कार्यवाही की गई थी ? यदि हॉं, तो इस पर क्या कार्यवाही की जा रही है ?(ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या एआयसीटीसीएल द्वारा बस संचालन को अंतिम सूचना पत्र जारी किया गया था ? क्या एआयसीटीसीएल द्वारा चार्टेड बस संचालन नहीं करने पर टेण्डर निरस्त कर पुन: टेण्डर प्रक्रिया की जा रही है अथवा नहीं व क्या जी.पी.एस. सिस्टम द्वारा बसों की ट्रेकिंग आदि का ठेका किसे व कब दिया गया है ?(घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में चार्टेड स्पीड कम्पनी को अंतिम नोटिस जारी किये कितना समय हो गया है ? क्या कम्पनी द्वारा बस ना संचालन हेतु सहमति दी गई है ? क्या इस संबंध में सम्पूर्ण प्रक्रिया में विलंब के कारणों के पीछे जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। जी नहीं। (ख) जी हॉ। आपरेटर को नोटिस जारी किया गया है। आपरेटर द्वारा शीघ्र बस संचालन की कार्यवाही की जावेगी। (ग) आपरेटर को नोटिस जारी किया गया है। आपरेटर द्वारा शीघ्र इन्दौर सिटी बस संचालन प्रारंभ किये जाने हेतु अवगत कराया गया है इसलिए टेण्डर निरस्त कर पुन: टेण्डर किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी.पी.एस. स्थापन की कार्यवाही अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड से अपेक्षित नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। इन्दौर सिटी बस का संचालन अनुबंध की शर्तो के अनुसार किया जावेगा। (घ) माह जनवरी 2016 में बस आपरेटर को नोटिस जारी किया गया है। कम्पनी द्वारा बस संचालित करने की सहमति दी गई है एवं शीघ्र बस संचालन की कार्यवाही की जावेगी। अत: किसी कर्मचारी, अधिकारी पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुदान योजनांतर्गत लगाए जाने वाले ट्रांसफॉर्मरों के संदर्भ में 27. ( क्र. 670 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए परि.अता.प्रश्न संख्या 63 (क्र. (1406) दिनांक 15.12.2015 के जवाब के अनुसार सीहोर जिले में अनुदान योजना अंतर्गत 306 ट्रांसफॉर्मर लगाया जाना लंबित है तो उक्त ट्रांसफॉर्मर कब तक स्थापित करने की योजना है ? (ख) सीमित वित्तीय व्यवस्था के कारण लंबित ट्रांसफॉर्मरों को स्थापित करने के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है ? कब तक ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए जाएंगे ? (ग) क्या वर्ष 2015-16 में स्वयं का ट्रांसफॉर्मर योजना में गत वर्ष 2013-14 व 2014-15 की तुलना में लक्ष्य पूर्ति कम रहीं ? यदि हां तो लक्ष्य पूर्ति में कमी के कारणों का ब्यौरा दें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पूछे गये परि.अतारा. प्रश्न संख्या 63 (क्र.1406) दिनांक 15.12.2015 के उत्तर में सीहोर जिले में अनुदान योजनान्तर्गत 306 प्रकरण समय-सीमा में कार्य पूर्णता के लिये लंबित होना बताये गये थे। इन लंबित प्रकरणों में से 202 प्रकरणों के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष 104 प्रकरणों के कार्य मार्च 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 104 प्रकरणों के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय उपलब्धता के कारण लंबित शेष प्रकरणों के कार्य पूर्ण करने हेतु वित्तीय उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे हैं, अत: सीमित वित्तीय उपलब्धता के परिप्रेक्ष्य में उक्त 104 प्रकरणों के अतिरिक्त शेष लंबित प्रकरणों के कार्य पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। (ग) ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' में कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
प्रदेश में नीलाम की गई रेत, मुरम व गिट्टी खदानों के संदर्भ में 28. ( क्र. 674 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सीहोर जिले में गौड़ खनिज उत्पादन के लिए पिछले 3 वर्षों में कितनी खदानें नीलाम की गई हैं ? रेत, मुरम व गिट्टी खदानों का तहसीलवार ब्यौरा दें ? (ख) क्या पिछले 3 वर्षों के दौरान रेत, मुरम व गिट्टी की खदानें बंद की गई हैं ? यदि हां तो ब्यौरा दें ? (ग) क्या खदानों से उत्खनन के बाद निर्मित खाइयों में हुए हादसे के दृष्टिगत सुरक्षा व्यावस्था करने की योजना हैं ? यदि नहीं तो क्या इस ओर ध्यान दिया जाएगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। (ग) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में प्रश्नांश के संबंध में समुचित प्रावधान हैं।
उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना (K.A.Y.) अंतर्गत स्थापित ट्रांसफार्मर के संबंध में 29. ( क्र. 692 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना (K.A.V.) अंतर्गत 2013-14, 2014-15 एवं 2015-6 के अंतर्गत कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये ? (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रकरण स्वीकृत होने के पश्चात् कितने किसानों के यहां ट्रांसफार्मर एवं लाईन पूर्ण कर दी गई है एवं कितनी लाईन अपूर्ण है एवं कितने ट्रांसफार्मर लगाना शेष है ? (ग) क्या किसानों को अनुदान राशि जमा होने के पश्चात् भी रबी सीजन में ट्रांसफार्मर नहीं मिल पाए ? इसके क्या कारण रहे ? शेष ट्रांसफार्मर कब तक लग जावेंगे ? इस लापरवाही के पीछे कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं ? शासन इन दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदाय हेतु अनुदान योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में 200 प्रकरण, वित्तीय वर्ष 2014-15 में 225 प्रकरण एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में जनवरी-2016 तक 268 प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित वित्तीय वर्ष 2013-14 में स्वीकृत 200 प्रकरणों में से सभी 200 प्रकरणों, वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत 225 प्रकरणों में से सभी 225 प्रकरणों एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में माह जनवरी-2016 तक स्वीकृत 268 प्रकरणों में 191 प्रकरणों का कार्य अद्यतन स्थिति में पूर्ण कर दिया गया है। 77 प्रकरणों में कार्य पूर्ण किया जाना शेष है जिनमें से 63 प्रकरणों में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य एवं 14 प्रकरणों में लाईन विस्तार का कार्य किया जाना है। (ग) जी हाँ, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किये गए हर संभव प्रयास के बाद भी ट्रांसफार्मर प्रदायकर्ता फर्मों द्वारा समय-सीमा में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता सीमित रही है। वर्तमान में वितरण कंपनी के पास उपलब्ध ट्रांसफार्मर रबी सीजन के दौरान फेल हुए ट्रांसफार्मरों को प्राथमिकता के आधार पर बदलने हेतु भी उपयोग में लिए जा रहे हैं। शेष ट्रांसफार्मर वरीयता के आधार पर एवं राईट ऑफ वे (आर.ओ.डब्लयू.) उपलब्ध होने पर लगाए जा सकेंगे, अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। इस विलंब के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
खनिज खदानों से अवैध उत्खनन 30. ( क्र. 698 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में कितनी खदानों (रेत, मुरम, गिट्टी, पत्थर आदि) की नीलामी की गई एवं कितना राजस्व प्राप्त किया गया ? कितनी खदानों का सीमांकन किया गया ? खदानों के नाम तथा किन व्यक्तियों द्वारा खदान ली गई, उनके नाम, रकबा सहित कितनी चिन्हित खदाने हैं ? सूची उपलब्ध करावें ?(ख) क्या नीलाम की गई खदानों में से उत्खनन का कार्य नीलामी के निर्धारित रकबे व सर्वे नंबर से अधिक दूसरे सर्वे नंबर एवं रकबे में अवैध उत्खनन किया जा रहा है ? शासन इस पर क्या कार्यवाही करेगा ? विगत एक वर्ष से विधानसभा क्षेत्र में चंबल नदी एवं चांबला नदी पर अवैध रेती का उत्खनन भारी मात्रा में किया जा रहा है ? इस ओर विभाग द्वारा कितने प्रकरण बनाये गये हैं तथा क्या कार्यवाही की गई है ? (ग) क्या नीलाम की गई खदानों को आवास एवं पर्यावरण विभाग से बगैर एन.ओ.सी. के ही भारी मात्रा में अवैध उत्खनन किया जा रहा है ? बगैर एन.ओ.सी. प्राप्त किये खदानों के अवैध उत्खनन के लिये कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी है ? शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी परिशिष्ट-अ में दर्शित है। दर्शित खदानों का सीमांकन किया गया है। (ख) जी नहीं। जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के 44 प्रकरण बनाये गये है। इसमें से 38 प्रकरणों का निराकरण कर रूपये 7, 17, 928/- का अर्थदण्ड आरोपित कर वसूल किये गये है। शेष 6 प्रकरणों पर कार्यवाही विचाराधीन है। उपरोक्त प्रकरणों में विगत 1 वर्ष में प्रश्नाधीन क्षेत्र में रेत खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के 25 प्रकरण दर्ज किये गये है जिनमें से 20 प्रकरणों का निराकरण कर अर्थदण्ड राशि रूपये 3,50,208/- आरोपित कर वसूल किये गये है। शेष 5 प्रकरण पर कार्यवाही विचाराधीन है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
परिशिष्ट पचास समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली खबरों पर कार्यवाही 31. ( क्र. 709 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली किसी घटना या किसी जानकारी के समाचारों के आधार पर शासन स्वयं संज्ञान लेकर उस घटना या जानकारी की जांच करवा सकता है ? इस संबंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश है ? (ख) प्रश्नांश (क) हां है तो विगत 01 वर्ष में छतरपुर जिले में ऐसे कितने प्रकरणों पर शासन द्वारा संज्ञान लेकर कार्यवाही की गई ? प्रकरणों की जानकारी एवं उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावे ? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार छतरपुर जिले में विगत 01 वर्ष में रेत के अवैध उत्खनन/भण्डारन के समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार में से किन-किन पर शासन द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर क्या कार्यवाही की गई ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। इस संबंध में विभाग में कोई पृथक निर्देश नही है। (ख) समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेकर ही कार्यवाही नही की गई है। अपितु जिले में समय-समय पर भ्रमण के दौरान एवं संज्ञान में आने पर अवैध उत्खनन/परिवहन/भंडारण पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन अवधि में रेत खनिज के अवैध उत्खनन के 7 प्रकरण, अवैध भंडारण के 14 प्रकरण एवं परिवहन के 316 प्रकरण बनाये जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ग) समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेकर ही कार्यवाही नही की गई है। अपितु जिले में समय-समय पर भ्रमण के दौरान एवं संज्ञान में आने पर अवैध उत्खनन/परिवहन/भंडारण पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन अवधि में रेत खनिज के अवैध उत्खनन के 7 प्रकरण, अवैध भंडारण के 14 प्रकरण एवं परिवहन के 316 प्रकरण बनाये जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
विधानसभा क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं के संबंध में 32. ( क्र. 710 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विधान सभा क्षेत्र बिजावर में तडपेड मध्यम योजना, श्यामरी मध्यम परियोजना एवं जुनवानी तालाब योजना (गिटपिटा विस्तार) योजना का निर्माण कार्य चल रहा है ? यदि हां तो इसका कार्य कौन एजेंसी कर रही है ? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त प्रत्येक योजना/परियोजना से कितने हेक्टेयर भूमि किन-किन गांवों की सिंचित होगी ? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त योजना/परियोजना में कौन-कौन सी अन्य परियोजनाएं संचालित होगी ? भविष्य में इस योजना के पूर्ण होने के पश्चात् और कौन-कौन सी सहयोगी योजना संचालित की जा सकेगी ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ । जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है । (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है ।(ग) श्यामरी परियोजना की स्वीकृति मुख्यत: एन.टी.पी.सी. के बरेठी में प्रस्तावित ताप विद्युत गृह में जल की व्यवस्था हेतु दी गई है । प्रश्नाधीन दो परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य सिंचाई है ।
परिशिष्ट इक्यावन प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन संबंधी 33. ( क्र. 735 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश में सौर ऊर्जा के पिछले तीन वर्षों की उत्पादन व स्थापनाओं का ब्यौरा क्या है ? (ख) उक्त स्थापित सौर ऊर्जा प्लांट्स का उपरोक्त अवधि में कितने मेगावाट उत्पादन लक्ष्य था एवं कितना उत्पादित हुआ ? (ग) प्रदेश में वर्ष 2014 एवं 2015 में किन-किन कंपनियों एवं संस्थाओं ने सौर ऊर्जा प्लांट स्थापना हेतु आवेदन दिये ? कितने एवं कहां-कहां स्वीकृत हुए तथा कितने स्वीकृत हेतु किस कारण से लंबित है? (घ) आलोट विधानसभा क्षेत्र हेतु कौन-कौन से प्लांट स्वीकृत होकर प्रारंभ हो गए व कितने प्लांट और संभावित है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन के लिये अप्रैल 2013 से मार्च 2015 तक कुल 502.91 मेगावाट क्षमता की परियोजनाऐं स्थापित की गई जिसमें 853.32 मिलियन यूनिट उत्पादन लक्ष्य था, कुल 871.44 मिलियन यूनिट का उत्पादन हुआ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
राष्ट्रीय नदी संरक्षण संबंधी 34. ( क्र. 745 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय नदी संरक्षण प्राधिकरण ने नर्मदा किनारे बसे 54 शहरों की डी.पी.आर वापस लौटाई है ? यदि हां, तो क्यों ? संपूर्ण योजनाओं सहित ब्यौंरा क्या है ? वर्तमान में इन शहरों के लिए क्या कार्य योजना है ? (ख) प्रदेश सरकार द्वारा पांच वर्ष पूर्व तैयार किये उक्त प्रोजेक्ट की लागत तब क्या थी ? वर्तमान में क्या है ?(ग) क्या शासन उक्त प्रोजेक्ट को कार्यरूप प्रदान करने के लिए वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेने की योजना बना रहा है ? यदि हां, तो ब्यौंरा क्या है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा नर्मदा नदी के किनारे बसे 54 शहरों की डी.पी.आर. केन्द्र शासन के नदी संरक्षण प्राधिकरण को नहीं भेजी गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नर्मदा नदी को प्रदूषित करने वाले नगरों के लिये वर्तमान में प्रस्तावित सीवरेज परियोजनाऍ लिये जाने की कार्ययोजना परिशिष्ट ''अ'' पर सम्मिलित है। (ख) प्रदेश द्वारा पॉच वर्ष पूर्व इन प्रोजेक्ट के लिये योजना तैयार नहीं की गई थी। वर्तमान संभावित लागत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन इन परियोजनाओं को कार्यरूप देने के लिए विश्व बैंक एवं के.एफ.डब्ल्यू. (जर्मनी) बैंक से वित्त पोषण प्राप्त करने की कार्यवाही कर रहा है विवरण परिशिष्ट ''अ'' में अंकित है।
परिशिष्ट बावन बैरसिया नगर में श्मशानघाट का सौंदर्यीकरण 35. ( क्र. 770 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश में संचालित हो रहे श्मशानघाटों के सौंदर्यीकरण एवं विकास हेतु बजट प्रावधान रखा जाता है ? यदि हां तो इस संबंध में समय-समय पर जारी किये गये सर्कुलरों की प्रतियॉ उपलब्ध करावें ? (ख) बैरसिया नगर अंतर्गत कितने श्मशानघाट संचालित हो रहे हैं ? सूची उपलब्ध करावें ? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित श्मशानघाटों के सौंदर्यीकरण एवं विकास के संबंध में विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्या बजट प्रावधान रखा गया था एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु कितनी राशि आवंटित किये जाने का प्रावधान है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) श्मशानघाटों के सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्यो के नाम से विभाग के बजट में कोई पृथक प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बैरसिया नगर अंतर्गत 05 श्मशानघाट संचालित हो रहे है, सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर पालिका के बजट में वर्ष 2014-15 में 15.00 लाख श्मशानघाट निर्माण एवं मरम्मत कार्य हेतु एवं वर्ष 2015-16 में 15.00 लाख श्मशानघाट निर्माण एवं मरम्मत कार्य हेतु प्रावधान रखा गया था। वर्ष 2016-17 में 15.00 लाख श्मशानघाट निर्माण एवं मरम्मत कार्य का प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है।
परिशिष्ट ितरेपन निजी व्यय पर ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार कार्य के संबंध में 36. ( क्र. 771 ) श्री विष्णु खत्री : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) किसानों द्वारा कृषि कार्य हेतु निजी व्यय पर ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार के कार्य हेतु विभाग की क्या गाईड लाईन है ? प्रति उपलब्ध करावें ? (ख) क्या विभाग द्वारा निश्चित किये गये ठेकेदारों/एजेंसी के माध्यम से ही प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना को क्रियान्वित कराया जाता है ? यदि हां तो ऐसे ठेकेदारों अथवा एजेंसियों के चयन की क्या गाईड लाईन है ? प्रति उपलब्ध करावें ? (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना हेतु कितनी राशि ट्रांसफार्मर हेतु एवं कितनी राशि लाईन विस्तार हेतु किस आधार पर जमा करायी जाती है ? (घ) अनुदान योजना के अंतर्गत स्थापित होने वाले ट्रांसफार्मर के लिये कितनी धनराशि एवं लाईन विस्तार हेतु कितनी धनराशि जमा करायी जाती है, इसका क्या आधार है एवं इस योजना पर कितना अनुदान किस आधार पर दिया जाता है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) किसानों द्वारा कृषि कार्य हेतु निजी व्यय पर ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार के कार्य हेतु विभाग की गाईड लाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। किसानों द्वारा किसी भी ''अ'' श्रेणी के अनुज्ञप्तिधारी विद्युत ठेकेदार जो कि वितरण कंपनी के स्थानीय कार्यालय में पंजीकृत हैं, के माध्यम से प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित योजना में स्वीकृत कार्यों को क्रियान्वित कराया जा सकता है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनांतर्गत निर्धारित 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज व सर्विस कनेक्शन की राशि ही वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा कराई जाती है एवं कार्य किसानों द्वारा ''अ'' श्रेणी के अनुज्ञप्तिधारी विद्युत ठेकेदारों के माध्यम से स्वयं के व्यय पर करवाए जाते हैं। (घ) कृषकों को स्थायी विद्युत पंप कनेक्शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना के अंतर्गत स्थापित होने वाले ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार के कार्य की प्राक्कलन लागत रू. 1.50 लाख तक होने पर वितरण कंपनी द्वारा लघु एवं सीमांत कृषकों (2 हेक्टेयर से कम के भूमि धारकों)से रू. 6500/- प्रति हार्स पॉवर एवं अन्य कृषकों से रू. 10400/- प्रति हार्स पावर की दर से राशि अग्रिम रूप में जमा कराई जाती है। शेष राशि अनुदान के रूप में राज्य शासन द्वारा प्रदान की जाती है। उक्त कार्य की प्राक्कलन लागत रू. 1.50 लाख से अधिक आने की स्थिति में रू. 1.50 लाख से अधिक की अतिरिक्त राशि कृषकों द्वारा वहन की जाती है।
सैलाना नगर में निर्माणाधीन फिल्टर प्लाट का निर्माण 37. ( क्र. 780 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत सैलाना को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्माणाधीन फिल्टर प्लांट को पूर्ण किये जाने की क्या समयावधि है ? वर्तमान में उक्त निर्माण कार्य की क्या स्थिति है ? मय लागत के जानकारी बतावे ? (ख) फिल्टर प्लांट के माध्यम से नगर में पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु नगर की सड़कों को तोड़ा गया हैं ? इनका निर्माण कब तक किया जावेगा ? (ग) उक्त फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य यदि समयावधि पूर्ण हो जाने के पश्चात् भी पूर्ण नहीं होने के कारण कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं ? शासन द्वारा ठेकेदार एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) फिल्टर प्लांट को पूर्ण किये जाने की समयावधि दिनांक 19.07.2013 से 01 वर्ष निर्धारित है। वर्तमान में फिल्टर प्लांट का कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्त कार्य की लागत राशि रू. 53.05 लाख है। (ख) जी हॉ। पाईप लाईन डालने एवं टेस्टिंग के तत्काल बाद मरम्मत कार्य किया जाता है। (ग) फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सैलाना विधान सभा के जाम्बूडिया में तालाब निर्माण 38. ( क्र. 781 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सैलाना विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग द्वारा निर्मित जाम्बूडि़या तालाब की वर्तमान स्थिति क्या है तथा कार्य योजना अनुसार क्षेत्र की जनता को इसका लाभ मिल रहा है या नहीं ? (ख) क्या उक्त तालाब निर्माण में हुई तकनीकी त्रुटि के कारण तालाब में जल रिसाव हो रहा है तथा पानी व्यर्थ बह रहा है एवं तालाब में योजनानुसार जल भराव नहीं हो रहा हैं ? (ग) यदि हां तो तालाब निर्माण में हुई तकनीकी त्रुटि के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं ? क्या विभाग द्वारा इसकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ? तथा तालाब से जल रिसाव को रोकने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जाम्बूडिया तालाब जल के रिसाव से खाली हो जाने से परियोजना से अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है । जिम्मेदार एक कार्यपालन यंत्री तथा 3 उपयंत्रियों के विरूद्ध विभागीय जॉंच संस्थित की गई है । तालाब के रिसाव को रोकने के लिये मुख्य अभियंता, नर्मदा ताप्ती कछार, इंदौर को भूगर्भीय जॉंच कराकर समाधान कराने के निर्देश दिये गये हैं ।
खरगोन उद्वहन नहर योजना का क्रियान्वयन 39. ( क्र. 793 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खरगोन उद्वहन नहर योजना के अनुबंध के अनुसार चांदेल केनाल हेड पावर हाउस से जेक वेल तक 132 एच.टी. विद्युत लाईन बिछाने का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया और इसका ठेका किस ठेकेदार को किन-किन शर्तों के आधार पर कितनी समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के लिए दिया गया था ? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्य को पूर्ण करने हेतु प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बार समय में वृद्धि की गई ? दिनांकवार जानकारी दें और विलंब के कारणों का उल्लेख करें ? (ग) अनुबंधों की शर्तों के अनुसार कितनी-कितनी राशि जुर्माने के रूप में अधिरोपित की गई, कितनी वसूली की जाना शेष है ? जुर्माना राशि अनुबंध की कंडिका 115 के अनुसार मासिक रनिंग बिलों से क्यों नहीं वसूली की गई ? इसमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है्ं नाम, पदनाम सहित जानकारी दें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) - खरगोन उद्वहन परियोजना का पूर्ण कार्य टर्न-की निविदा की शर्तों पर एम.ई.आई.एल.-के.बी.एल. (जे.व्ही) को 36 माह की समय सीमा में पूर्ण करने हेतु दिया गया था। इसी के अंतर्गत चांदेल केनाल हेड पावर हाऊस से जेक वेल तक 132 के.वी. विद्युत लाईन बिछाने का कार्य भी सम्मिलित है। टर्न-की ठेके में ही ट्रांसमिशन लाईन, पंप एवं पाईप लाईन एवं 03 बैलेंसिंग रिजर्वायर का मुख्य कार्य है। इसमें से बी.आर. 01 का कार्य पूर्ण कर उद्वहन द्वारा 9300 हेक्टेयर सिंचाई आंरभ हो गई है। बी.आर. 2 एवं बी.आर. 3 के भू-अर्जन में देरी के कारण अगस्त 2014 में ही कब्जा प्राप्त होने से परियोजना में ठेकेदार को प्रथम बार 27 जून 2015 तक एवं फिर दिनांक 30/06/2016 तक समय वृद्धि दी गई है, हालाकि बी.आर.2 के क्षेत्र में निर्माण के पूर्व ही सीधे पाईप लाईन से 2500 हेक्टेयर सिंचाई भी आरंभ की गई है। टर्न-की अनुबंध का समस्त कार्य विस्तारित अवधि जून 2016 तक ठेकेदार द्वारा पूर्ण किया जाना है। (ग) अनुबंध की कंडिका 115 के प्रावधान अनुसार प्रगति न होने के कारण छ: माही प्रगति की समीक्षा के आधार पर रूपये 1.56 करोड की राशि ठेकेदार के चलित देयकों से रोकी गई है, जिसके विरूद्ध ठेकेदार ने अनुबंध की कंडिका 70 के अंतर्गत आपत्ति ली है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ठेकेदार द्वारा ली गई आपत्तियों के निराकरण के पश्चात वसूली के संबंध में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाना प्रस्तावित है। इसमें कोई भी अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है।
प्रदेश के पांच प्रदूषित जिलों की जानकारी 40. ( क्र. 816 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) 31 दिसम्बर 2015 तक की स्थिति में म.प्र. के पांच प्रमुख वायु/जल/ध्वनि प्रदूषित जिले कौन-कौन से हैं ? इन जिलों में किस स्थान पर कितना-कितना वायु प्रदूषण/जल प्रदूषण/ध्वनि प्रदूषण किस इकाई/मात्रा में है ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वायु/ध्वनि/जल प्रदूषित जिलों में वायु/ध्वनि/जल प्रदूषण के क्या कारण है ? जिलेवार/प्रदूषणवार/स्थानवार दें ? (ग) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा एस.पी.एस. एवं आर.एस.पी.एम. की कितनी-कितनी मात्रा किन-किन औद्योगिक क्षेत्र/कारखानों में 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक पाई ? नामवार/स्थानवार जानकारी दें ? (घ) वायु/जल/ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले किन-किन उद्योगों के ऊपर 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक क्या-क्या कार्यवाही प्रदूषण बोर्ड के द्वारा कब-कब की गयी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘क‘‘ अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ख‘‘ अनुसार है ।(ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एस.पी.एस. का विश्लेषण नहीं किया जाता है। राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन कार्यक्रम के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में आर.एस.पी.एम. की मात्रा 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक नामवार,स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ग‘‘ अनुसार है ।(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘घ‘‘ अनुसार है ।
मा. मुख्यमंत्री घोषणा पर अमल 41. ( क्र. 846 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड के पत्र क्रमांक क्यू/ज शि नि प्र/2014/2593 दिनांक 04.09.2014 के अनुसार अन्नपूर्णा योजना दिनांक 02 मई 2008 को भिण्ड प्रवास पर मा. मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा क्या घोषणा की गई ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नांश दिनांक तक कौन सी घोषणा पूर्ण हुई है ? कौन सी घोषणा अपूर्ण है ? पूर्ण करने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है ? कब तक पूर्ण हो जायेगी ? (ग) भिण्ड में सीबर प्रोजेक्ट तथा टेहनगुर में सिंध नदी पुल निर्माण की मा. मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन की घोषणा पर प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलित है ? कब तक प्रारंभ होने की संभावना है ? (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र की मा. मुख्यमंत्री घोषणा पर अकोडा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करने के लिए प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क), (ख), (ग), एवं (घ) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट चउवन विद्युत सब स्टेशनों में फीडर सेपरेशन कार्य 42. ( क्र. 875 ) श्री जतन उईके : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने सब स्टेशन है ?(ख) उन सब स्टेशनो में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है व कितने सब स्टेशनों का कार्य बाकी है ?(ग) शेष स्टेशनों में कब तक फीडर सेपरेशन कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में कुल 33/11 के.व्ही. के 16 सब स्टेशन एवं 220/132/33 के.व्ही. का एक सब स्टेशन स्थापित है। (ख) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में 16 सब स्टेशनों में से 9 सब स्टेशनों के 19 फीडरों को उनसे संबंद्ध कृषि भार के आधार पर विभक्तिकरण के कार्य हेतु चयनित किया गया था। इन 9 सब स्टेशनों से निकले उक्त चयनित सभी 19 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नवीन घरेलू कनेक्शन एवं पंप कनेक्शन का प्रदाय 43. ( क्र. 889 ) श्री जतन उईके : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन घरेलू बिजली कनेक्शन एवं पंप कनेक्शन कितने व्यक्तियों को दिये गये ? ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की विगत दो वर्षों की जानकारी देवें ? (ख) क्या बिजली कनेक्शन की अनुमति देने के बाद भी कुछ व्यक्तियों से फर्जी का बिल बनाकर वसूली की गई ? अनुमति देने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं फर्जी बिल बनाने वाले दोषी अधिकारी के खिलाफ जांच कर कब तक कार्यवाही की जायेगी ?(ग) क्या पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में मरम्मत के नाम से ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों बिजली कटौती की जा रही है ? यदि हां, तो संबंधित दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत दो वर्षों में पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन घरेलू एवं पंप कनेक्शन बावत प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक
|
वर्ष |
शहरी क्षेत्र |
ग्रामीण क्षेत्र |
कुल |
घरेलू कनेक्शन |
पंप कनेक्शन |
घरेलू कनेक्शन |
पंप कनेक्शन |
1 |
2014-15 |
318 |
4 |
710 |
276 |
1308 |
2 |
2015-16
(जनवरी-2016 तक) |
296 |
5 |
527 |
537 |
1365 |
(ख) जी नहीं। म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर आदेश के अनुसार ही देयक प्रदान किए गए हैं। अत: किसी के विरूद्ध जांच कर कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।(ग) जी नहीं। तथापि आवश्यकतानुसार संधारण के कार्यों तथा नवीन कार्यों हेतु अल्प समय के लिए विद्युत प्रदाय बन्द किया जाता है तथा शीघ्रातिशीघ्र कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है, अत: किसी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
मुरैना नगर निगम सीमा में मल्टीस्टोरी के निर्माण बाबत् 44. ( क्र. 929 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मुरैना नगर निगम के ग्राम जौरारखुर्द की भूमि सर्वे क्रमांक 164 मरघट के बगल से मैसर्स कैलादेवी कंस्ट्रक्शन कंपनी एण्ड डेवलपमेंट के कितने रकवे में व्यवसायिक फ्लेट बनाये जा रहे है, जनवरी, 2016 में अपार्टमेंट की क्या स्थिति है ?(ख) उक्त अपार्टमेंट कितना मंजिल बनाया जा रहा है, बनाने की मंजूरी किस वर्ष में किस संस्था द्वारा दी गई थी, क्या संस्था को मंजूरी देते समय पांच या छ: मंजिल भवन बनाने का अधिकार प्राप्त था ?(ग) क्या बहुमंजिला व्यवसायिक भवन बनाने में सुरक्षा की दृष्टि से जो आर्हतायें पूर्ण होनी चाहिये, उसका पालन किया गया, वर्तमान में नगर निगम अधिकारियों द्वारा कितनी बार निरीक्षण किया गया एवं भवन हेतु कितने रकबें का डाइवर्सन कराया गया है ।मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मे. कैलादेवी कन्स्ट्रक्शन कम्पनी एण्ड डेव्लपमेंट द्वारा व्यावसायिक फ्लैट का निर्माण नहीं किया जा रहा है। आवासीय अपार्टमेंट के फर्स, प्लास्टर, पुताई एवं फायर सेफ्टी आदि कार्य होना शेष है। (ख) आवासीय अपार्टमेंट के भूतल पर स्टिल्ट पार्किंग एवं 7 मंजिल। दिनांक 26.03.2013 को नगर पालिका परिषद मुरैना द्वारा मंजूरी दी गई है। जी नहीं। (ग) अपार्टमेंट का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। चार। 45000 वार्गफीट।
मन्दसौर जिले में पर्यटन की योजनाएं 45. ( क्र. 955 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शासन द्वारा मंदसौर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनाऐं बनाई जा रही है ? (ख) इस योजना में किन-किन विधान सभा क्षेत्रों को शामिल किया जा रहा है एवं उनमें कौन-कौन सी योजनाऐं बनाई जा रही है ? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कौन-कौन से विकास के कार्य स्वीकृत है ? कार्य का नाम एवं राशि बतावें ? (घ) विगत दो वर्षों 2014-15 एवं 2015-16 में विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य किये है एवं वर्तमान में कौन-कौन से कार्य प्रगति पर है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मंदसौर जिले के गॉधी सागर डेम के समीप पर्यटकों हेतु पर्यटक सुविधा केन्द्र व्यू पाइंट, होटल इकाई तथा जलक्रीडा केन्द्र बनाने की योजना बनाई जा रही है। (ख) उक्त योजना गरोठ विधान सभा क्षेत्र में है। पर्यटक सुविधा केन्द्र व्यू पाइंट, होटल इकाई तथा जलक्रीडा केन्द्र बनाने की योजना बनाई जा रही है। (ग) वर्तमान में कोई विकास कार्य स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खिडकी माता मंदिर मंदसौर में पर्यटकों की सुविधओं हेतु विकास कार्य स्वीकृत है एवं यह कार्य प्रगति पर है।
अम्बेडकर पार्क निर्माण 46. ( क्र. 980 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सागर नगर के अम्बेडकर वार्ड में अम्बेडकर पार्क बनाये जाने हेतु शासन द्वारा वर्ष 2009 में राशि 44.30 लाख रू. की स्वीकृति की गई थी, जिससे केवल बाउन्ड्रीवाल का ही निर्माण हो पाया है, जिससे पार्क उपयोगी साबित नहीं हो पाया है ? (ख) क्या उक्त पार्क को पूर्ण व्यवस्थित बनाये जाने हेतु शासन राशि स्वीकृत कर इसे पूर्ण कराने पर विचार करेगा तथा कब तक ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। राशि रू. 44.30 लाख केवल बाउण्ड्रीवाल के लिये स्वीकृत थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम सागर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर आगे कार्यवाही की जा सकेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पानी के अंदर से मशीन द्वारा रेत खनन पर कार्यवाही 47. ( क्र. 1003 ) श्री दिनेश राय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश की नदियों से पानी के अंदर से मशीनों द्वारा रेत निकासी पर कब से प्रतिबंध लगाया गया है ? उक्त प्रतिबंध का उल्लंघन कर सिवनी जिले में नदियों के पानी के अंदर से मशीनों द्वारा किन-किन खदानों/घाटों से रेत निकासी की जा रही है ?(ख) सिवनी जिले में विगत दो वर्षों में नदियों के पानी के अंदर से मशीनों द्वारा प्रतिबंध के बावजूद रेत निकासी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई ? नदीवार, खदानवार जानकारी दें ? यदि नहीं की गयी तो क्यों ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म0प्र0 गौण खनिज नियम 1996 में रेत तथा बजरी का उत्खनन नदी/नाले के जल के भीतर नहीं किए जाने का प्रावधान संशोधन दिनांक 23-03-2013 से लागू किया गया है। प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नानुसार कोई प्रकरण प्रकाश में नही आया है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नानुसार रेत खनन का कोई प्रकरण प्रकाशमें नहीं आने के कारण शेष प्राश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्वेच्छानुदान/निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की राशि 48. ( क्र. 1004 ) श्री दिनेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान से जिन-जिन व्यक्तियों को स्वेच्छानुदान की राशि प्रदाय करने हेतु अनुशंसा की थी ? क्या उक्त राशि सभी व्यक्तियों को प्राप्त हो चुकी है ? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक राशि अनुशंसित व्यक्ति तक पहुंच जावेगी ? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 व 15-16 में प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत जिन-जिन कार्यों की अनुशंसा की थी, उनमें से किन-किन कार्यों हेतु निर्माण एजेंसी को कार्य प्रारंभ करने हेतु राशि आवंटित की जा चुकी है ? किन निर्माण एजेंसी को राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गयी ? राशि प्रदाय न होने के क्या कारण हैं ? कब तक निर्माण एजेंसी को राशि प्रदाय कर दी जावेगी ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉं । शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत सभी कार्यो की राशि निर्माण ऐजेन्सियों को जारी की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में 60 कार्यो की अनुसंशा प्राप्त हुई जिनमें से 38 कार्यो की राशि जारी की जा चुकी है। शेष 22 कार्यो के तकनीकी प्राक्कलन प्राप्त करने हेतु संबंधित निर्माण ऐजेन्सियों को पत्र लिखा गया है। जानकारी परिशिष्ट ''अ'' पर संलग्न है। ऐजेन्सियों से तकनीकी प्राक्कलन प्राप्त होने पर प्रशासकीय स्व्ाीकृति उपरांन्त राशि जारी की जा सकेगी।
परिशिष्ट पचपन संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को प्रशासनिक, अनुशासनिक शक्ति तथा प्राधिकार प्रत्यायोजित की कार्यवाही 49. ( क्र. 1011 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 3 सितंबर 2011 के प्रावधानुसार संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को अनुशासनिक, प्रशासनिक शक्ति एवं अधिकार उपयोग करने हेतु क्या शासन ने अधिकार प्रत्यायोजित करने संबंधित/निर्देश/नियम परिपत्र प्रभावशील किए है ? यदि हां, तो उनकी प्रति बताएं ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं।
निज सहायक की पदस्थापना में विधायक के विशेष अधिकार का उल्लंघन 50. ( क्र. 1012 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विधायकों को निज सहायक के रूप में शासकीय कर्मचारी को पदस्थ किये जाने के संबंध में प्रावधान सर्वप्रथम कब से रखा गया या उस तिथि से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन परिपत्र/नियम/निर्देश/संशोधन जारी किये गये एवं प्रभावशील है ? उनकी प्रति बताएं ? (ख) क्या उपरोक्त परिपत्रों में जिस शासकीय सेवक की निज सहायक के पद पर पदस्थापना की जाना है क्या नियुक्ति/आदेश जारी करने से पूर्व शासकीय सेवक के कार्यालय/विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगे जाने का प्रावधान परिपत्रों में है ? यदि हां तो कहां है ? (ग) विधायक निज सहायक के पद पर विधायक को शासकीय सेवक के चयन का अधिकार उनके विवेक इच्छा पर रखा गया है तो मंत्री, निज स्थापना की तरह जिले का प्रतिबंध क्यों रखा गया है ? सांसद की तरह जिले के प्रतिबंध की शर्त क्या समाप्त की जावेगी ? यदि हां तो कब तक ? (घ) निज सहायक के पद हेतु सहायक वर्ग-3 की ही बाध्यता क्यों रखी गई है ? अन्य तृतीय वर्ग श्रेणी कर्मचारी पदस्थ करने में शासन को क्या दिक्कत है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 27-07-1994 से । इसके पश्चात् सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 11-10-1994, 09-12-1994, 19-05-1995, 24-08-2009, 22-12-2011 एवं 03-09-2014 को निर्देश जारी किये गये हैं, जिनमें से वर्तमान में निर्देश दिनांक 19-05-1995, 24-08-2009, 22-12-2011 एवं 03-09-2014 प्रभावशील हैं। प्रभावशील निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ,ब,स,द अनुसार है । (ख) जी हां । सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 19-05-1995 की कंडिका-15 में है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है । (ग) जिलों में अाधिक्य में दर्शित लिपिकों एवं विभागीय कार्यकलापों को ध्यान में रखकर जिले के विधायकों को उसी जिले के लिपिक की सुविधा प्रदान किये जाने की मंशा से, प्रतिबंध रखा गया है । ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है । शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (घ) ऐसी कोई बाध्यता नहीं है । अन्य तृतीय श्रेणी लिपिकीय कर्मचारी होने पर कोई कठिनाई नहीं है।
विद्युतीकरण के संबंध में 51. ( क्र. 1051 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसीलों के अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण करने के लिये राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अतिरिक्त अन्य योजना के तहत विद्युतीकरण किये जाने का प्रावधान है ? (ख) यदि हां, तो उक्त नवीन योजना के तहत उक्त तहसीलों के कितने अविद्युतीकृत ग्रामों को विद्युतीकरण हेतु चिन्हित किया गया है और कितने अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है और कितने अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य शेष है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर तहसीलों के अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण करने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अतिरिक्त दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में प्रावधान है। (ख) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर तहसील के 02 अविद्युतीकृत ग्रामों यथा कुठली एवं खरगढ़ी को विद्युतीकरण हेतु शामिल/चिन्हित किया गया है। उक्त दोनों ग्राम वन बाधित है। वन मंडल अधिकारी उत्तर शहडोल वन मंडल के पत्र क्र. 5460 दिनांक 26.11.2015 के माध्यम से ग्राम कुठली एवं पत्र क्र. 5462 दिनांक 26.11.2015 के माध्यम से ग्राम खरगढ़ी के विद्युतीकरण का कार्य करने हेतु अनुमति प्राप्त होने के उपरांत उक्त ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य जून-2016 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है।
स्टोन क्रेशर संचालकों पर बकाया विद्युत बिल 52. ( क्र. 1089 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्वालियर जिले में किस-किस पंचायत, नगर पंचायत एवं नगर निगम के किस व्यक्ति/फर्म/समिति के नाम से स्टोन क्रेशर संचालित हैं ? जिनको विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं, उनका नाम/पता दें ? 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक ऐसे कितने स्टोन क्रेशर संचालक हैं जिन्होंने प्रतिमाह विद्युत बिल का भुगतान किया है तथा ऐसे कितने क्रेशर संचालक हैं जिन पर विद्युत बिल शेष है ? शेष बिल जमा ना कराने पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक किस-किस क्रेशर संचालक के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्रेशर संचालकों के द्वारा विद्युत चोरी संबंधी शिकायतें क्या आम नागरिकों द्वारा की जाती हैं ? कौन-कौन से क्रेशर संचालक 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक चोरी करते पकड़े गए हैं ? उनके नाम व पता बतावें क्या विद्युत चोरी करने पर उनको दण्डित किया गया है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ग्वालियर जिले के नगर निगम/नगर पंचायत/पंचायत क्षेत्रान्तर्गत अप्रैल 2015 की स्थिति में 38 उच्चदाब एवं 25 निम्नदाब स्टोन क्रेशर के विद्युत कनेक्शन विद्यमान थे, जिनका प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ1' एवं 'अ2' अनुसार है। इनमें से 01 अप्रैल 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक उच्चदाब के 30 एवं निम्नदाब के 8 स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा नियमित रूप से प्रतिमाह विद्युत बिलों का भुगतान किया गया है। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उपरोक्त स्टोन क्रेशर के विद्युत कनेकशनों में से 1 उच्चदाब कनेक्शन एवं 2 निम्नदाब कनेक्शनों पर माह दिसम्बर 15 की स्थिति में विद्युत देयकों की राशि भुगतान हेतु शेष है तथा इनके विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जिला कलेक्टर ग्वालियर के आदेशानुसार अवैध रूप से संचालित स्टोन क्रेशर के कनेक्शनों को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विच्छेदित करने की कार्यवाही की गई है, जिसके अन्तर्गत उपभोक्ताओं पर बकाया राशि नहीं होने के उपरान्त भी 7 उच्चदाब एवं 15 निम्नदाब स्टोन क्रेशरों के विद्युत कनेकशन माह अप्रैल 15 एवं मई 15 में विच्छेदित किये गये थे जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले के अन्तर्गत आम नागरिकों से स्टोन क्रेशर संचालकों के विरूद्ध विद्युत चोरी संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ग्वालियर जिले के अन्तर्गत 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी स्टोन क्रेशर के कनेक्शन पर विद्युत चोरी का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।
नयागांव-छौडा में स्टोन क्रेशर से हो रहा प्रदूषण 53. ( क्र. 1090 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय ग्वालियर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में 1 जनवरी 2016 की स्थिति में किस-किस उद्योग को, किस दिनांक से किस दिनांक तक प्रदूषण नियंत्रण संबंधी स्वीकृति प्रदान की गई है ? उद्योग संचालक/फर्म या समिति का नाम, पता तथा उद्योगों का प्रकार स्पष्ट करें ? (ख) ग्वालियर जिले में प्रदूषण विभाग द्वारा किस-किस स्टोन क्रेशर संचालकों को किस दिनांक से किस दिनांक तक प्रदूषण नियंत्रण की स्वीकृति प्रदान कराई गई है ? स्टोन क्रेशर संचालकों/फर्मो का नाम पता बतावें ? क्या नयागांव ए.बी. रोड एवं नयागांव चीनौर रोड, पर स्टोन क्रेशरों द्वारा बहुत प्रदूषण फैलाया जा रहा है ? क्या नयागांव एवं छौंडा में इन नियमों/शर्तों का पालन किया जा रहा है ? क्या प्रश्नकर्ता क्षेत्रीय विधायक के साथ भोपाल से टीम गठित कर निरीक्षण कराया जा सकता है यदि हां तो कब तक ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘क‘‘ अनुसार है । (ख) जानकारी परिशिष्ट ‘‘ख‘‘ अनुसार है । जी नहीं । नयागांव एवं छौड़ा में स्थित स्टोन के्रेशरों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण शर्तो का सामान्यतः पालन किया जा रहा है । उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
2 लाख रूपये से ज्यादा कार्यों के कराए गए कार्य 54. ( क्र. 1108 ) श्री विश्वास सारंग : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल एवं रायसेन जिले में वित्तीय वर्ष 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न तिथि तक 2 लाख रूपये से ज्यादा राशि के कितने कार्य किये गये ? संख्या बताऐं (ख) उक्त समयानुसार मेन्टेन्स पर कितनी राशि व्यय की गई ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से कितनी राशि का भुगतान किया गया ? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी कार्यो की गुणवत्ता सुनिश्चत करने के लिए क्या कार्यवाही की गई ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक रूपये 2 लाख से ज्यादा राशि के भोपाल जिले में 233 एवं रायसेन जिले में 94 कार्य किये गये हैं। (ख) भोपाल एवं रायसेन जिलों में प्रश्नाधीन अवधि में मेंटेनेंस कार्यों पर रू 237.77 लाख की राशि व्यय हुई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में रू 824.27 लाख की राशि का भुगतान किया गया। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा इन कार्यों का सतत रूप से निरीक्षण किया गया है तथा कार्य में पाई गई कमियों/त्रुटियों का निराकरण संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी से कराया गया है।
सिंचाई तालाब एवं डेम के प्रस्तावों पर कार्यवाही 55. ( क्र. 1124 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र में जल स्तर काफी नीचे चला जाकर लगभग 800 फीट से लेकर 1200 फीट की गहराई तक पहुँच गया है तथा जल की इस भयावहता के कारण इसे ग्रीन बेल्ट एवं डार्क जोन में लेकर सूखाग्रस्त भी घोषित किया गया है ? (ख) यदि हां तो क्या जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में जल संकट को दृष्टिगत रखते हुए अनेक स्थानों पर सिंचाई तालाब एवं डेम बनाए जाने के प्रस्ताव/मांग पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार प्रेषित किये जा रहे हैं ? (ग) यदि हां तो प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भू-जल का आहरण पुनर्भरण की तुलना में अधिक होने के कारण विकासखण्ड जावरा एवं पिपलौदा अति दोहन की श्रेणी में है । विभाग द्वारा भू-जल स्तर की जानकारी संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है। भिन्न-भिन्न स्थानों पर भू-जल स्तर भिन्न-भिन्न होता है । गत वर्षा ऋतु में अल्पवर्षा के कारण राजस्व विभाग द्वारा जावरा एवं पिपलौदा तहसील सूखा प्रभावित घोषित की गई है । (ख)एवं(ग) मान. प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रेषित पत्रों की जानकारी शासन संकलित एवं संधारित नहीं करता है । मान. विधायक से प्राप्त पत्र एवं की गई कार्रवाई का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है ।
परिशिष्ट छप्पन फीडर सेपरेशन के कार्य 56. ( क्र. 1147 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत फीडर सेपरेशन का कार्य समयावधि में नहीं करने का क्या कारण है ? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर ठेका लेने वाली कंपनी के विरूद्ध अभी तक शासन ने क्या कार्यवाही की तथा कंपनी पर कितना जुर्माना किया गया है ? (ग) इस लापरवाही के लिये ऊर्जा विभाग के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है ? शासन इनके खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा ? (घ) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यादेश ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई को दिया गया था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा सामग्री एवं मानव संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण कार्य समय पर पूर्ण नहीं किया जा सका। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई को जारी अवार्ड दिनांक 08.06.2015 को निरस्त कर दिया गया है एवं उक्त कार्य एजेन्सी के देयकों से रू. 91.90 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पैनाल्टी स्वरूप काटी गई है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन के शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त प्रकिया पूर्ण होने पर कार्यादेश जारी किया जावेगा एवं कांट्रेक्ट की प्रभावी तिथि से 18 माह के अंदर कार्य पूर्ण किया जाएगा।
सतना जिले में दो लाख रूपये से कम राशि वाले कार्य 57. ( क्र. 1179 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सतना जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से 31.04.2013 तक 2 लाख रू. से कम राशि वाले क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर कितनी राशि, व्यय की गयी ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया ? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों पर समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सतना जिले में दिनांक 01.04.2013 से 31.04.2013 तक रू.2 लाख से कम लागत राशि वाले कार्यों का स्थानवार विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में सतना जिले में मेन्टेनेंस के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्वयं के स्त्रोतों से विभागीय तौर पर किये गये हैं। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मेन्टेनेंस कार्य में लगने वाली सामग्री एकजाई रूप से क्रय कर भण्डार को प्रदान की जाती है तथा मैदानी अधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार उक्त सामग्री भण्डार से समय-समय पर प्राप्त की जाती है। अत: मेन्टेनेंस हेतु विभागीय तौर पर किये गये कार्यों में व्यय की गई राशि का स्थानवार विवरण दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सतना जिले में 2 लाख रूपये से कम राशि के किये गये कार्य एवं उनके विरूद्ध कार्य एजेंसी को भुगतान की गई राशि का भुगतान के स्वरूप सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार है। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार विभागीय तौर पर किए गए कार्यों हेतु कोई भुगतान किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। जमा योजनान्तर्गत किए गए कार्यों में वितरण कंपनी को सुपरविजन चार्ज प्राप्त होता है, तथा वितरण कंपनी द्वारा कोई भुगतान नहीं किया जाता है। (घ) प्रश्नाधीन कार्यों हेतु चाही गई नामवार/पदनामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट सत्तावन सतना जिले में दो लाख रूपये से ज्यादा राशि के कार्य 58. ( क्र. 1180 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सतना जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से 31.04.2013 तक 2 लाख रू. से ज्यादा राशि वाले क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किया गया ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर कितनी राशि व्यय की गयी ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया ? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सतना जिले में दिनांक 01.04.2013 से 31.04.2013 तक किये गये रूपये 2 लाख से ज्यादा राशि वाले कार्यों का स्थानवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में सतना जिले में मेन्टेनेंस के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्वयं के स्त्रोतों से विभागीय स्तर पर किये गये। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मेन्टेनेंस हेतु लगने वाली सामग्री एकजाई रूप से क्रय कर भण्डार को प्रदान की जाती है तथा मैदानी अधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार उक्त सामग्री भण्डार से समय-समय पर आहरित की जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में स्थानवार मेन्टेनेंस हेतु व्यय की गई राशि का विवरण दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी अनुसार किये गये भुगतान एवं भुगतान के स्वरूप संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन चाही गई नामवार/पदनामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट अट्ठावन बानसुजारा बांध के डूब प्रभावितों के पुनर्वास के संबंध में59. ( क्र. 1194 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) टीकमगढ़ के बान सुजारा बांध परियोजना के डूब प्रभावितों के पुनर्वास के संबंध में शासन की क्या नीति है ? (ख) क्या प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु जमीन चिन्हित कर ली गई है ? यदि हां, तो चिन्हित स्थान का नाम खसरा नंबर एवं रकबा सहित जानकारी से अवगत करायें ? (ग) क्या शासन द्वारा चिन्हित स्थान पर शासन की नीति अनुसार मूलभूत सुविधाओं के विस्तार का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है ? यदि नहीं तो कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बानसुजारा वृहद सिंचाई परियोजना के लिए विशेष पुनर्वास पैकेज स्वीकृत किया गया है जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है । (ख) जी हाँ । जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है । (ग) जी हाँ । परियोजना पूर्ण करने के साथ-साथ पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सुविधाओं का कार्य पूर्ण कराए जाने की योजना है ।
परिशिष्ट उनसठ गाड़रवारा क्षेत्र में अटल ज्योति योजना का कार्य60. ( क्र. 1198 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत कितने ग्राम लाभान्वित हुए हैं तथा कितने फीडरों में कार्य पूर्ण हो गया है एवं कितने फीडरों में कार्य अपूर्ण है ? (ख) अपूर्ण फीडरों में कब तक फीडर भिक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा अगर नहीं तो क्यों स्पष्ट कारण बतायें ? (ग) कितने फीटरों में कार्य पूर्ण कर 24 घंटा बिजली दी जा रही है फीडरवार लाभान्वित ग्रामों की संख्या देवें ? (घ) शेष फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा तथा उससे संबंधित ग्रामों में अटल ज्योति अभियान के तहत कब तक 24 घण्टे बिजली देने की सुविधा प्रदान की जायेगी ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत सम्मिलित 195 ग्रामों में से 150 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत सम्मिलित कुल 44 फीडरों में से 34 फीडरों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष 10 फीडरों का कार्य प्रगति पर है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए गए 10 अपूर्ण फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य दिसम्बर-2016 तक पूर्ण होना अनुमानित है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित सभी 44 फीडरों से संबद्ध समस्त 195 ग्रामों के गैर-कृषि उपभोक्ताओं के फीडरों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी फीडरवार लाभान्वित ग्रामों की संख्या सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अटल ज्योति अभियान के तहत् प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित समस्त ग्रामीण गैर कृषि उपभोक्ताओं के फीडरों को 24 घंटे एवं ग्रामीण कृषि उपभोक्ताओं के फीडरों को 10 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है। तथापि प्रश्नाधीन शेष फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार दिसम्बर 2016 तक पूर्ण होना अनुमानित है।
परिशिष्ट साठ गाड़रवारा क्षेत्र में बिजली की खपत एवं पूर्ति 61. ( क्र. 1199 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नरसिंहपुर जिले के गाड़रवारा विधानसभा क्षेत्र में बिजली की खपत एवं मांग को देखते हुये कितने विद्युत उपकेन्द्र 33/11 के.वी. की आवश्यकता है क्या विभाग इस हेतु कोई योजना पर विचार कर रहा है ? (ख) क्या 33/11 के स्थापित उपकेन्द्रों में पावर टांसफार्मर की क्षमता वृद्धि किये जाने की मांग किसानों द्वारा समय-समय पर की जाती है , किन-किन केन्द्रों में क्षमता वृद्धि किये जाने की योजना ऊर्जा विभाग के द्वारा विचाराधीन है ?(ग) क्या क्षेत्र में पुरानी जीर्णक्षीर्ण 33 के.बी. 11 के.बी. एवं एल.टी लाइनों के तार बदले जाने की विभाग की कोई योजना है यदि हां, तो कब तक इन पुराने जीर्णक्षीर्ण तारों को बदल दिया जायेगा अगर नहीं तो क्यों ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाड़रवारा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 33/11 के.व्ही. के 20 उपकेन्द्रों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। भविष्य में बिजली की खपत एवं मांग को देखते हुये 4 अतिरिक्त 33/11 के.वी. उपकेन्द्रो की आवश्यकता प्रतिपादित हुई है। उक्त आवश्यकता के अनुरूप दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत ग्राम मदगुला में आई.पी.डी.एस. योजना अन्तर्गत शनि मंदिर बाबाटोला गाडरवारा में तथा ए.डी.बी.-3 योजना अन्तर्गत ग्राम-रायपुर एवं सिंहपुर (चीचली) में नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्दों की स्थापना का कार्य प्रस्तावित/स्वीकृत है। (ख) जी नहीं, ऐसी कोई प्रक्रिया प्रचलन में नहीं है, अपितु तकनीकी आवश्यकता के अनुरूप विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना/क्षमतावृद्धि के कार्य प्रस्तावित किये जाते हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में संबद्ध भार को देखते हुए 33/11 के.व्ही. ससारखेड़ा उपकेन्द्र में अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में प्रस्तावित है। (ग) विद्युत लाइन के मेन्टेनेंस का कार्य प्रतिवर्ष मानसून पूर्व एवं मानसून के पश्चात् किया जाता है। इस मेन्टेनेंस कार्य के दौरान जीर्ण क्षीर्ण/क्षतिग्रस्त 33 के.वी., 11 के.वी. एवं एल.टी.लाईनों के तार आवश्यकतानुसार बदले जाते हैं। चूँकि आवश्यकतानुसार नियमित रूप से यह कार्य किया जाता है, अत: पृथक से समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
राजघाट बांध की सौंदर्यीकरण के संबंध में 62. ( क्र. 1217 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राजघाट बांध को राष्ट्र को लोकार्पित करने की प्रक्रिया कब प्रारंभ होगी ? क्या राष्ट्र को लोकार्पित करने की तारीख तय हो गई है ?(ख) क्या दिनांक 30.04.2015 में दिल्ली स्थित जल संसाधन मंत्रालय में हुई बैठक में बांध के लोकार्पण एवं सौंदर्यीकरण को लेकर दोनों राज्यों (म.प्र. एवं उ.प्र.) में सहमति बनी है ? इस बांध का लोर्कापण और म.प्र. सीमा में पार्क का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कब तक करा दिया जावेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) अन्तर्राज्यीय राजघाट बाँध का नियंत्रण बेतवा रिवर बोर्ड, भारत सरकार, जल संसाधन मंत्रालय के अधीन है । केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा बाँध को राष्ट्र को लोकार्पित करने की प्रक्रिया अथवा तिथी नियत नहीं की गई है । दिनांक 30.04.2015 को बेतवा रिवर बोर्ड की 15वीं विशेष बैठक में सौन्दर्यीकरण के लिए उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में परियोजनाएं चिन्हित करने और विस्तृत प्रतिवेदन तैयार कर बोर्ड को प्रस्तुत करने की सहमति बनी है । बाँध के लोकार्पण के लिए दोनों राज्य सहमत हैं । सौन्दर्यीकरण की परियोजना तैयार नहीं होने और परियोजना के लिए धनराशि की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं होने के परिप्रेक्ष्य में सौन्दर्यीकरण कार्य कराने के लिए तिथी बताई जाना संभव नहीं है।
केबल कनेक्शन की जानकारी 63. ( क्र. 1225 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अनूपपुर जिले में कितने केबिल संचालक पंजीकृत है ? नाम, पता लाइसेंस जारी करने की तिथि प्रदान करें ?(ख) नगरपालिका अनूपपुर पसान में कुल कितने कनेक्शन प्रदान किए गये हैं ? कनेक्शन शुल्क एवं मासिक शुल्क कितना है ? वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2015-16 में विभाग को कुल कितने राजस्व की प्राप्त हुई है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अनूपपुर जिले में एक केबल संचालक पंजीकृत है, जो एम.एस;ओ; मल्टी सिस्टम ऑपरेटर है। नाम- राजकेबल नेटवर्क पता- दफाई नं. 3 कोतमा कॉलरी, कोतमा, कोतमा टिन- 800229000237 ला.जारी तिथि 25.07.2011(ख) कलेक्शन शुल्क एवं मासिक शुल्क की जानकारी एकत्रित की जा रही है। एम.एस.ओ. (मल्टीसिस्टम ऑपरेटर) से वाणिज्यिक कर विभाग को अनूपपुर जिले से वर्षवार निम्नानुसार राजस्व आय प्राप्त हुई है:- वर्ष 2013-14 रूपये 5,06,720/- वर्ष 2014-15 रूपये 5,01,300/- वर्ष 2015-16 रूपये 4,12,257/- माह जनवरी 2016 तक।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना अन्तर्गत स्वीकृत कार्य 64. ( क्र. 1226 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नगरपालिका परिषद अनूपपुर, पसान, बिजुरी तथा नगर परिषद जैतहरी अमरकंटक में मुख्यमंत्री अधोसंरचना हेतु वित्तीय वर्ष 2013-14,2014-15 तथा 2015-16 में कुल कितनी राशि प्रदान की गई है ? प्रदत्त राशि में से कुल कितने कार्य किए गये हैं ? कार्य का प्रकार एवं लागत की जानकारी प्रदान करें ?(ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित नगर पालिकाओं में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल कितने कार्यों की स्वीकृत प्रदान की गई है तथा स्वीकृत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति कितनी राशि की है ? पूर्ण-अपूर्ण निर्माण कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-2015 एवं 2015-16 में नगर पालिका परिषद अनूपपुर, बिजुरी, जैतहरी एवं अमरकंटक को कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधीक्षण यंत्री संवर्ग में आरक्षण की पूर्ति 65. ( क्र. 1276 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. में कितने विकास प्राधिकरण हैं ? इन विकास प्राधिकरणों में कार्यरत अधीक्षण यांत्रियों की संख्या कितनी है ? आरक्षण वर्ग अनुसार जानकारी प्रदान करें ? (ख) क्या म.प्र.आरक्षण अधिनियम के तहत दिए गए आरक्षण प्रतिशत कोटे अनुसार प्रथम श्रेणी अधीक्षण यंत्री संवर्ग की पूर्ति की गई ? (ग) यदि नहीं तो क्यों नहीं ? कब तक अधीक्षण यंत्री संवर्ग में आरक्षित के बैकलॉग के रिक्त पदों की पूर्ति की जायेंगी ? अभी तक आरक्षित वर्ग के अधीक्षण यंत्री संवर्ग के बैकलॉग के रिक्त पदों की पूर्ति न होने के लिए कौन अधिकारी दोषी है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) मध्यप्रदेश में कुल 15 विकास प्राधिकरण/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण हैं। प्राधिकरणों में 07 अधीक्षण यंत्री कार्यरत हैं। (ख) एवं (ग) वस्तुस्थिति यह है कि म.प्र.पदोन्नति नियम 2002 में प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के पदों में आरक्षण की व्यवस्था पहली बार की गई है। अतः उक्त विषय पर सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 6.7.2002 की कंडिका 3 (2) (अ) के अनुसार 2002 के पूर्व प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी में आरक्षण लागू नहीं था। विकास प्राधिकरणों में वर्ष 2002 के पश्चात् की स्थिति में अधीक्षण यंत्री संवर्ग में कोई पदोन्नति नहीं की गई है। अतः आरक्षण नियम का पालन किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाईन शापिंग के संबंध में66. ( क्र. 1283 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ऑनलाईन शॉपिंग फ्लिप कार्ट, अमेजोन, स्नेपडील आदि ऑनलाईन खरीदी बिक्री के माध्यम से म.प्र. को वेट कर व प्रवेश कर की प्राप्ति हो रही है ? यदि हां, तो कितनी ? यदि कर की प्राप्ति हो रही है, तो कर के आंकड़े प्रदान करें ? (ख) यदि कर प्राप्त नहीं हो रहा है तो म.प्र. शासन द्वारा कर प्राप्ती के लिये क्या कदम उठाये जा रहे है ? (ग) क्या ऑनलाईन शॉपिंग से म.प्र. शासन को राजस्व की हानि हो रही है ? यदि हां, तो इसके लिए कौन दोषी है ? ऑनलाईन शॉपिंग रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : फ्लिप कार्ट, अमेजोन एवं स्नेपडील मध्यप्रदेश के पंजीयत व्यवसायी नहीं है। अत: आन लाईन खरीदी-बिक्री पर मध्यप्रदेश में वेट व प्रवेशकर की प्राप्ति नहीं हो रही है। (ख) मध्यप्रदेश वेट अधिनियम, 2002 के प्रावधान अनुसार उक्त कम्पनियों के मध्यप्रदेश के बाहर अवस्थित होने से उन पर लागू नहीं होते है। (ग) उक्त व्यवसाईयों के मध्यप्रदेश में करदायी नहीं होने से राजस्व हानि की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश के बाहर के व्यक्तियों के द्वारा मालों की खरीदी करने पर मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विभागीय वेब पोर्टल से फार्म-50 में जानकारी देकर डाउनलोड किये जाने का प्रावधान है।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यों की प्रगति के संबंध में 67. ( क्र. 1307 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-24 (क्रमांक 329) दिनांक 21 जुलाई 2015 के उत्तर में बताया गया था कि ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों को दिनांक 31 दिसम्बर 2015 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं, तो उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों/मजरे-टोलों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण करा दिया गया है तथा किन-किन ग्रामों/मजरे-टोलों में विद्युतीकरण कार्य किन-किन कारणों से शेष है ? (ख) उपरोक्तानुसार शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं कराये जाने पर संबंधित निर्माण एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई तथा शासन द्वारा शेष कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या प्रयास किये गये ? (ग) उक्त योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों को कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में दिनांक 21 जुलाई 2015 से प्रश्न दिनांक तक 18 मजरों/टोलों एवं 31 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है जिसकी मजरों/टोलों/ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र ''अ'' एवं प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नाधीन शेष 26 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य ठेकेदार एजेंसी के पास पर्याप्त सामग्री का अभाव, लाईन विस्तार कार्य में बाधा एवं कृषकों के खेतों में फसल खड़ी होने आदि कारणों से शेष है। उक्त शेष ग्रामों की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। ब्यावरा विधानसभा योजनान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित किसी भी मजरे/टोले में विद्युतीकरण कार्य शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर संबंधित ठेकेदार एजेंसी के देयकों से अधिकतम 5 प्रतिशत राशि क्षतिपूर्ति राशि के रूपये काटे जाने का प्रावधान है, तदानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष कार्यों को नोडल अधिकारी एवं ठेकेदार एजेंसी द्वारा स्थानीय ग्रामीणों के साथ स्थानीय बाधाओं एवं आपसी विवादों का निराकरण कर, शीघ्र पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) योजनान्तर्गत स्वीकृत शेष कार्यों को 30 जून 2016 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
परिशिष्ट इकसठ ब्यावरा नगर के नाले की कार्ययोजना स्वीकृति के संबंध में 68. ( क्र. 1308 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रश्नकर्ता के अता.संख्या 83 प्रश्न (क्रमांक 1641) दिनांक 15 दिसम्बर 2015 के उत्तर की कंडिका (ख) में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि ब्यावरा शहर के निस्तारी नाले को पक्का करने, ढकने तथा उसके निस्तारण हेतु कार्ययोजना प्राप्त होने नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी ? तो क्या शासन को कार्ययोजना प्राप्त हो चुकी है ? यदि हां तो कार्ययोजना की स्वीकृति हेतु शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो उक्त कार्ययोजना बनाये जाने हेतु नगर पालिका ब्यावरा को कब और क्या निर्देश प्रदान किये गये है ? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त नाले को पक्का करने, ढकने तथा उसके निस्तारण हेतु कार्ययोजना की स्वीकृति प्रदान करेगा ? यदि हां तो कब तक ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नगरीय निकाय के प्रस्ताव पर कार्यवाही की जाती है ऐसे प्रकरणों में सामान्यत: नगर पालिकाओं के निर्देश नहीं दिए जाते। (ख) निकाय द्वारा कार्ययोजना तैयार कराई जा रही है, प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नहर मरम्मत पर व्यय69. ( क्र. 1317 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत डोकरीखेड़ा लघु सिंचाई बांध की मुख्य नहर, उप नहर एवं माईनर की मरम्मत हेतु वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन/राशि विभाग को प्राप्त हुयी ? (ख) इस अवधि में मुख्य नहर, उप नहर एवं माईनर की मरम्मत में कितना-कितना व्यय हुआ तथा क्या-क्या कार्य कराया गया वर्षवार मुख्य नहर, उप नहर एवं माईनरवार बतायें तथा कितना सिंचाई रकबा बढ़ा ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के 'प्रपत्र-अ' अनुसार है ।
परिशिष्ट बासठ आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों द्वारा दर्ज प्रकरण 70. ( क्र. 1352 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. में आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों के द्वारा वर्ष 2010 से 2015 तक कितने प्रकरण दर्ज किये गये श्रेणी वार वर्ष वार जानकारी उपलब्ध करायें ? (ख) उपरोक्तानुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने कर्मचारियों के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराये गये तथा कितने कर्मचारी दोषी पाये गये और कितने दोष मुक्त हुये ? श्रेणी वार तथा वर्ष वार जानकारी दी जाये ? (ग) क्या कनिष्ठ कर्मचारियों एवं वरिष्ठ कर्मचारियों के प्रकरणों में भेदभाव किया गया ? (घ) दर्ज प्रकरणों में कितने कर्मचारियों अधिकारियों के विरूद्ध न्यायालय प्रकरण दर्ज करने हेतु अनुमति प्रदान किया जाना लंबित/विचाराधीन है ? सूची उपलब्ध करावे ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2010 से 2015 तक कुल 308 प्रकरण दर्ज किये गये। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्रकरणों को श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया जाता है। वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :- वर्ष 2010 में 33 प्रकरण, 2011 में 40 प्रकरण, 2012 में 97 प्रकरण, 2013 में 41 प्रकरण, 2014 में 45 प्रकरण, 2015 में 52 प्रकरण (ख) कुल 48 अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किये गये। वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:- वर्ष 2010 में 07 प्रकरणों में 18, वर्ष 2011 में 07 प्रकरणों में 14, वर्ष 2012 में 10 प्रकरणों में 16 न्यायालय द्वारा वर्ष 2015 में 01 प्रकरण में 01 आरोपी को दोषमुक्त किया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी परिशिष्ट 'अ' पर है।
परिशिष्ट ितरेसठ वाणिज्य कर विभाग का भवन निर्माण71. ( क्र. 1353 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इंदौर जिले में वाणिज्य कर विभाग के कितने कार्यालय शासकीय भवन में संचालित हैं तथा किराये के कितने भवनों का उपयोग हो रहा है ?(ग) वाणिज्य कर विभाग के पास इंदौर जिले में स्वयं के आधिपत्य में कितनी भूमि कहां-कहां उपलब्ध है? खसरा नम्बर सहित जानकारी उपलब्ध कराये ?(घ) यदि वाणिज्य कर विभाग के पास स्वयं की भूमि है तो कार्यालय के लिए भवन निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है ? भवन निर्माण नहीं करने के क्या कारण है ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) :
(क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार (ग) इन्दौर जिले में आबकारी आयुक्त के अाधिपत्य में भवन विहीन रिक्त कोई भूमि नहीं है। महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक एवं आयुक्त वाणिज्यिक कर के अन्तर्गत आवंटित भूमि पर भवनो का निर्माण प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट चौंसठ पश्चिम रिंग रोड इंदौर का निर्माण 72. ( क्र. 1354 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पश्चिम रिंग रोड का निर्माण कब कहां से कहां तक के लिये किया गया ? योजना का संपूर्ण ब्यौंरा उपलब्ध करावें ? (ख) पश्चिम रिंग रोड की वर्तमान स्थिति क्या है ? क्या यह योजना अनुसार पूरा बना दिया गया है या अभी अधूरा है ? यदि अधूरा है तो क्यों ? यह कब तक योजना अनुसार पूरा हो जायेगा ? योजना अनुसार कितना मार्ग निर्माण किया जाना शेष है ? (ग) पश्चिम रिंग रोड के प्रस्तावित मार्ग में क्या कोई बाधा या अतिक्रमण है ? कितनी बाधाएं एवं अतिक्रमण हैं ? इसे कब तक हटाया जावेगा ? (घ) क्या पश्चिम रिंग रोड वी.आय.पी. रूट नं.1 (एरोडम रोड) तक निर्माण किया जाना था वर्तमान में इस रोड की क्या स्थिति है इसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा ? इसके लिए कितनी राशि की आवश्यकता होगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इन्दौर विकास योजना में आगरा-मुबंई रोड से उज्जैन रोड तक 13 किलोमीटर की लंबाई में प्रस्तावित है। पश्चिमी रिंग रोड-1 का निर्माण वर्ष 1988 से 2009 तक आगरा-मुबंई रोड से धार रोड तक योजना क्रमांक-97 भाग-चार, योजना क्रं. 135-143, योजना क्रं. 124-ए एवं योजना क्रं. 71 के अंतर्गत 6.625 किमी रोड का निर्माण किया गया है। (ख) पश्चिम रिंग रोड वर्तमान में मुबंई-आगरा रोड से धार रोड तक 6.625 किमी लंबाई में निर्माण पूर्ण होकर यातायात निर्बाध रूप से चालू है। यह मार्ग योजनानुसार पूर्ण न होकर अधूरा है। धार रोड से उज्जैन रोड के मध्य सघन बस्तियाॅं एवं औद्योगिक इकाईया होने के कारण इनका व्यवस्थापन्न भी आवश्यक है। योजनानुसार शेष भूमि उपलब्ध होने एवं प्राधिकरण के पास वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर ही शेष निर्माण किया जा सकेगा।(ग) जी हाॅं। प्राधिकरण द्वारा धार रोड से एयरपोर्ट रोड तक किये गये सर्वे अनुसार लगभग 850 मकान एवं एयरपोर्ट रोड से उज्जैन रोड तक (गूगल अर्थ मानचित्र अनुसार) लगभग 1000 निर्माण स्थित है। मार्ग की भूमि में अवैध काॅलोनियाॅं एवं औद्योगिक इकाईयाॅं को हटाने के सबंध में समयसीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है।(घ) जी हाॅं। वर्तमान में यह रोड निर्मित नहीं है। मार्ग की भूमि में अवैध बस्तियाॅं व औद्योगिक इकाईयाॅं होने के कारण इसे पूर्ण करने के सबंध में समयसीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। इसके लिये धार रोड से उज्जैन रोड तक पश्चिमी रिंग रोड-1 के निर्माण में लगभग 2053.00@- करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी।
जनसम्पर्क निधि का आवंटन73. ( क्र. 1377 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा प्रश्न संख्या 13 क्रं. 126 दिनांक 08.12.2015 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर जिला कोषालय एवं उप कोषालय के सर्वर में तकनीकी खराबी होने की स्थिति में राशि का आहरण नहीं हो पाया इस स्थिति के लिये कोई भी जिम्मेवार नहीं है नये प्रस्ताव प्राप्त होने पर वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राप्त अवंटन से राशि स्वीकृत की जा सकती है दिया गया है ? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि जी हां, तो जिला कोषालय एवं उपकोषालय का सर्वर किस तारीख से किस तारीख तक खराब था जब सर्वर ठीक था तब राशि का आहरण क्यों नहीं किया गया ? (ग) क्या शासन वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त कर की गई लापरवाही की जांच करायेगा जायेगी यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉं । (ख) जिला कोषालय एवं उप कोषालय का सर्वर दिनांक 30-03-2015 एवं 31-03-2015 को खराब था । सर्वर 01 अप्रैल को ठीक होने पर वर्ष 2014-15 में प्राप्त आवंटन लैप्स हो जाने के कारण राशि आहरण नहीं हो पाई । (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है ।
जे.पी.सीमेंट फैक्ट्री नवस्ता रीवा द्वारा गंभीर रूप से प्रदूषण फैलाकर मानव एवं कृषि को भारी नुकसान पहुँचाने बाबत्74. ( क्र. 1378 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या दैनिक भास्कर रीवा नगर समाचार पत्र दिनांक 20.02.2014 एवं 11.01.2016 में समाचार प्रसारित हुआ है कि जे.पी. सीमेन्ट के प्रदूषण में सास लेना मुश्किल है, ब्लास्टिंग से 10 किलोमीटर रैन्ज में घरों में दरारे आ गई है और इस प्रदूषण से खेती को भी निगल रहा है ? (ख) यदि हां, तो शासन द्वारा लगभग 15 गांवों के घरों, निवासियों तथा खेती को बचाने के लिये क्या कार्यवाही किया है तथा क्षति का आंकलन कराकर क्षति पूर्ति की क्या व्यवस्था की गई है ? (ग) प्रश्न (क) एवं (ख) के अंतर्गत विषय पर समय सीमा में कार्यवाही न करने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेवार है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जी हाॅ।(ख) उद्योग में प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था हेतु बैग हाउस,डस्ट कलेक्टर,मल्टी साइक्लोन के साथ जल छिड़काव एवं वृक्षारोपण आदि व्यवस्थाएं है । ब्लास्टिंग की कार्यवाही भारत सरकार के डीजीएमएस की अनुमति अनुसार नियंत्रित होती है । स्वास्थ्य विभाग तथा कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जे.पी.सीमेंट फैक्ट्री के प्रदूषण के कारण किसी भी तरह की जनस्वास्थ्य संबंधी तथा खेती के संबध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है । (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
कोयला की गुणवत्ता की जांच 75. ( क्र. 1393 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र. बिजली उत्पादन एवं वितरण कंपनी के एस.एल.डी.सी. डिपार्टमेंट (स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर) ने अपना ऑनलाईन रिजल्ट टाइम डाटा क्लोज कर दिया है तथा कोयला खरीदी की जानकारी भी ऑनलाईन से हटायी गई है ?(ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो ताप विद्युत इकाईयों हेतु वर्ष 2008 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी कोयले की खरीदी की गई ? कोयला किस मानक का था तथा इसकी खपत प्रति यूनिट कितनी थी ?(ग) क्या संजय ताप विद्युत गृह द्वारा पांचों यूनिटों के बायलरों के एफेसियेंसी बढ़ाने हेतु थर्मेस पाउडर का उपयोग किया जा रहा है ? क्या यह पाउडर चचाई की यूनिट बंद होने के कारण संजय ताप विद्युत गृह भेजा गया है ? इसकी जानकारी मुख्य अभियंता कैलासिया ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से दी है ?(घ) यदि कोयला उच्च गुणवत्ता का था तो संजय ताप विद्युत गृह में चचाई से थर्मेस पाउडर मंगाने की क्या आवश्यकता थी, जबकि प्रश्नोत्तरी दिनांक 15.12.2015 में प्रश्न क्र. 1788 के उत्तर में चचाई ताप विद्युत गृह से विद्युत का उत्पादन बताया गया है ?(ड.) प्रश्नांश (ख) (ग) एवं (घ) के संबंध में गलत थर्मेस पाउडर एवं कोयला खरीदी व गुणवत्ता की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे ? अगर करेंगे तो कब तक, नहीं तो क्यों ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.पावर जनरेटिंग (उत्पादन) कम्पनी एवं विद्युत वितरण कंपनी एसएलडीसी (स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर) का संचालन नहीं करते हैं। तथापि उक्त कंपनियों के नियंत्रण कक्ष पृथक रूप से संचालित हो रहे हैं जो कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 31 के अन्तर्गत शीर्ष निकाय के रूप में स्थापित राज्य भार प्रेषण केन्द्र (एसएलडीसी) के साथ समन्वय करते हुए प्रदेश की एकीकृत विद्युत प्रणाली का संचालन करने में सहयोग करते हैं। राज्य भार प्रेषण केन्द्र की बेबसाईट मार्च-2013 में अपग्रेड की गई थी। बेबसाईट से रियल टाइम डाटा क्लोज नहीं किया गया है अपितु रियल टाइम डाटा राज्य भार प्रेषण केन्द्र की राज्यान्तर्गत इकाईयों (Intrastate Entities) को पासवर्ड द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। राज्य भार प्रेषण केन्द्र की बेबसाईट में कोयले की खरीदी की जानकारी कभी नहीं रही है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता तथापि मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा ताप विद्युत इकाइयों हेतु वर्ष 2008 से जनवरी 2016 तक क्रय किये गए कोयले की मात्रा, कोयले के मानक एवं कोयले की प्रति यूनिट खपत की ताप विद्युत गृहवार, वर्षवार जानकारी संलग्न प्रपत्र ''अ'' में दर्शाये अनुसार है। (ग) जी नहीं, संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की इकाई क्रमांक 1 एवं 2 के बायलरों में ही ईफिशियंसी बढ़ाने हेतु थर्मेक्ट पाउडर का उपयोग किया गया है, जिसके उपयोग से बायलर में सूट नहीं जमता है एवं क्लिंकर नहीं बनता है, जिससे बाटम ऐश, फ्लाई ऐश, व अनबर्न्ट कोयले की मात्रा में कमी हुई है। जी हाँ, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई की इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के बायलरों में उपयोग हेतु थर्मेक्ट पाउडर क्रय किया गया था, जिसकी शेष मात्रा को इन इकाईयों के आकस्मिक, लंबी अवधि तक बंद होने के कारण संजय गांधी ताव विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की इकाई क्रमांक 1 एवं 2 में उपयोग हेतु भेजा गया। जी नहीं, संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर के मुख्य अभियंता (उत्पा.) श्री व्ही.के.कैलासिया द्वारा इस बावत् कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है। (घ) थर्मेक्ट पाउडर के उपयोग का कोयले की गुणवत्ता से संबंध नहीं है, अपितु इसका उपयोग बायलर की ईफिशियंसी बढ़ाने हेतु किया जाता है। इसके दृष्टिगत अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई की इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के लिये क्रय किये थर्मेक्ट पाउडर की शेष मात्रा का उपयोग, इन इकाईयों के आकस्मिक, लंबी अवधि तक बंद होने के कारण संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की इकाई क्रमांक 1 एवं 2 में किया गया। दिनांक 15.12.2015 में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1788 के उत्तर में अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई की इकाई क्रमांक 3 एवं 4 बावत् दर्शाया गया वर्षवार विद्युत उत्पादन इन इकाईयों की संचालन अवधि तक है। इन इकाईयों के आकस्मिक बंद होने के उपरान्त ही थर्मेक्ट पाउडर की शेष मात्रा को, संजय गांधी ताप विद्युत गृह की इकाई क्रमांक 1 एवं 2 में उपयोग में लाया गया। (ड.) थर्मेक्ट पाउडर एवं कोयले की खरीदी निर्धारित मानक, नियम एवं गुणवत्ता अनुसार की गई है अत: किसी जाँच या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता ।
परिशिष्ट पैंसठ रीवा नगर निगम/नगर पंचायतों हेतु कार्य योजना 76. ( क्र. 1394 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 08.12.2015 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 30 (क्र. 308) अतारांकित के उत्तर में (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (क) अनुसार (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (क) अनुसार है (ग) नगर निगम रीवा में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण हेतु कोई कार्य योजना शासन द्वारा नहीं बनाई गई है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (घ) उत्तरांश (क) में उल्लिखित योजनाओं में स्वीकृत पश्चात् योजना क्रियान्वयन किया जावेगा, शेषांक का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है दिया गया है ?(ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो रीवा नगर निगम अंतर्गत परिशिष्ट (क) अनुसार वर्ष 2010 से 2015 तक में कुल भवन निर्माण के ही कार्य कराये जाने की जानकारी दी गई है, शेष कोई भी कार्य नगर निगम रीवा अंतर्गत नहीं कराया जाना परिलक्षित है, जबकि नगर निगम रीवा अंतर्गत संपूर्ण कार्यों की जानकारी भिन्न-भिन्न मदों की चाही गई थी ? जो अप्राप्त है ?(ग) नगर निगम रीवा में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण हेतु कोई कार्य योजना नहीं होने की बात की गई है, जबकि प्रदूषण विभाग का कार्यालय रीवा में स्थापित है ? समय-समय पर बांधों की जांच एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी किये जाते हैं ?(घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) की योजनाओं को लागू न करने एवं शासन की संचालित योजनाओं को पूर्ण न करने के लिये दोषी अधिकारियों की पहचान कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे ? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) नगर पालिक निगम रीवा द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें निगम में स्वीकृत योजनाओं की जानकारी है। (ग) जी हॉ। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नगर निगम रीवा की कार्य योजना हेतु शासन से कोई बजट आवंटन नहीं किया गया है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जल/वायु अधिनियमों के प्रावधानों के तहत औधोगिक इकाईयो/संस्थानों को सशर्त सम्मति प्रदान करता है एवं सतत् निगरानी, मानिटरिंग (जांच) के दायित्वों का निर्वहन करता है। (घ) शासन द्वारा संचालित योजनाओं के कार्य प्रगतिरत होने से किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनभागीदारी योजना विधानसभा क्षेत्र विकास योजना 77. ( क्र. 1409 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जनभागीदारी योजना अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति के क्या मापदण्ड है ? क्या जनभागीदारी समिति के अनुमोदन से कार्यों की स्वीकृति होती है ? (ख) विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से कार्य जनभागीदारी योजना से स्वीकृत किए गए ? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति हेतु नियत विधायक निधि में वृद्धि की जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है ?(घ) यदि हां, तो क्या कार्यवाही की जा रही है व वृद्धि पश्चात् विधायक निधि कितनी होगी व स्वीकृति कब तक होगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिश्ष्टि '' अ '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे अभिलेख परिश्ष्टि '' ब '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश '' ग'' के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
नगरीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति 78. ( क्र. 1410 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नगरीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु पेयजल परिवहन के क्या मापदण्ड निर्धारित हैं ? विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 05 वर्षों में पेयजल परिवहन हेतु कितना व्यय किया गया ? निकायवार विवरण देवें ? (ख) क्या नगरीय क्षेत्र सुसनेर में किटखेड़ी बांध से पेयजल आपूर्ति हेतु पेयजल योजना की डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है ?(ग) यदि हां, तो स्वीकृति कब तक की जावेगी ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगरीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु पेयजल परिवहन जिला कलेक्टर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर सूखा राहत मद से राशि प्रदान की जाती है। निकायवार विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉ। (ग) ए.डी.बी. की वित्तीय सहायता से चालू की जाने वाली योजना उदय-चरण 2 के अंतर्गत सुसनेर नगर की पेयजल योजना को शामिल किया गया है। स्वीकृति की समय सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट िछयासठ सिंहस्थ 2016 हेतु भूमि अधिग्रहण 79. ( क्र. 1420 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन में सिंहस्थ 2016 के आयोजन में स्थाई एवं अस्थाई तौर पर कितनी-कितनी भूमियों का अधिग्रहण किन-किन योजनाओं में साधारण एवं अर्जेन्सी क्लाज में किया गया ? योजनावार, प्रकरणवार, अधिग्रहित भूमियों का सर्वे नंबर रकबा सहित जानकारी उपलब्ध करावें ।(ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में सिंहस्थ 2016 के आयोजन में कलेक्टर को प्राप्त सभी भू-अर्जन के प्रस्तावों में भूमि का अधिग्रहण होकर अवार्ड पारित किये जा चुके हैं ? प्रकरण क्रमांक व अवार्ड पारित दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें उसमें कौन-कौन से प्रकरण लंबित है ?(ग) क्या सिंहस्थ 2016 के लिये स्थाई/अस्थाई भू-अर्जन की गई भूमियों के कितने भूमि स्वामी को प्रतिकर का वितरण/भुगतान अभी तक नहीं किया गया है ? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिंहस्थ-2016 हेतु भूमियों का स्थाई अर्जन अर्जेंसी क्लाज से किया गया है। विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखें संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित स्थाई/अस्थाई प्रकरणों में भूमि का प्रतिकर/क्षतिधन निर्धारण कर अवार्ड पारित किए जा चुके है। विवरण परिशिष्ट ''ब'' पर संलग्न है। (ग) सिंहस्थ-2016 भूमि स्वामी को प्रतिकर का वितरण/भुगतान होना शेष है। वितरण न होने का कारण कतिपय कृषकों में स्वत्व संबंधित विवाद एवं भुगतान हेतु संयुक्त रूप से कृषकों के बैंक खातों की पासबुक की जानकारी प्रस्तुत नहीं जाना है, कतिपय कृषकों के स्वामित्व का विवाद न्यायालय में प्रचलित है। कई कृषकों के मुआवजा की राशि 100 रूपयें से भी कम निर्धारित हुई है। इस कारण कृषकों के द्वारा बैंक खाता नहीं खोले जाने के कारण एवं पास-बुक पेश किये जाने के कारण भुगतान नहीं हुआ है। तद्नुसार जानकारी प्राप्त होने पर शीघ्र भुगतान किया जावेगा।
ग्रिड निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाना 80. ( क्र. 1421 ) श्री सतीश मालवीय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ग्राम रूई तहसील घट्टिया जिला उज्जैन में वर्ष 2014 में सब स्टेशन 33/11 का स्थापित कराया गया था ? दो वर्ष पूर्ण होने पर भी ग्रिड का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है इसके क्या कारण हैं ?(ख) उक्त कार्य किस एजेन्सी को कितने समय में पूर्ण करने के लिये दिया गया था ? क्या निर्माण एजेन्सी द्वारा समय पर कार्य पूर्ण न करने पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है ? यदि कार्यवाही की गई है तो सम्पूर्ण विवरण देवें यदि नहीं तो क्यों ?(ग) उक्त ग्रिड का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, अपितु उज्जैन जिले में तहसील घट्टिया के ग्राम रूई में वर्ष-2014 में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित किये जाने हेतु कार्यादेश जारी किया गया था। उक्त कार्य टर्न की आधार पर कराए जाने हेतु कार्यादेश टर्न की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स भारत इलेक्ट्रिीकल कान्ट्रेक्टर एण्ड मेन्यूफेक्चरर्स, सांगली, महाराष्ट्र को दिया गया था, उक्त कार्य तथा अनुबंध के अनुसार जून-2016 तक पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में ठेकेदार एजेंसी के विरूद्ध वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार टर्न-की ठेकेदार एजेंसी द्वारा उक्त उपकेन्द्र का कार्य जून 2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
जलाशयों की मरम्मत एवं गहरीकरण 81. ( क्र. 1445 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) निर्माणाधीन जलाशय, जीर्णशीर्ण एवं जलाशय के गहरीकरण कार्य हेतु शासन के क्या नियम हैं ? बैतूल जिले अन्तर्गत जो जलाशय जीर्णशीर्ण हो चुके हैं उनकी मरम्मत कब तक की जावेगी ?(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन जलाशयों का गहरीकरण वह कब तक किया जावेगा ?(ग) प्रश्नांश (क), (ख) पर शासन स्तर पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)से(ग) जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं के नियमित संचालन एवं संधारण की व्यवस्था के तहत लघु सिंचाई परियोजनाओं की नहरों का संधारण एवं मरम्मत जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से कराया जाता है । जल संसाधन परियोजनाओं के जलाशयों का गहरीकरण तकनीकी रूप से उचित नहीं होने से गहरीकरण नही कराया जाता है । बैतूल जिले में निर्मित सिंचाई परियाजनाओं के नियमित मरम्मत एवं संधारण की व्यवस्था है । उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों से बैतूल जिले की 17 सिंचाई परियोजनाओं की नहरों की लाईनिंग का कार्य स्वीकृत किया गया जिनमें से 13 का कार्य पूर्ण हो चुका है । शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है ।
नहरों को पक्का किया जाना 82. ( क्र. 1446 ) श्री महेन्द्र केशर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बैतूल जिले के अन्तर्गत निर्माणाधीन जलाशय की कच्ची नहरों को पक्का करने के लिये शासन स्तर पर क्या कोई योजना तैयार की गई है ?(ख) यदि हां, तो नहरों को कब तक पक्का किया जावेगा ? यदि नहीं, तो उक्त कार्य हेतु योजना कब तक तैयार की जावेगी ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में दर्शाई निर्माणाधीन परियोजनाओं में पक्के नहरों का प्रावधान है । पूर्व निर्मित जिन परियोजनाएं में नहरों को पक्की करने का कार्य निर्माणाधीन है उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है ।
परिशिष्ट सड़सठ चतुर्थ श्रेणी भर्ती नियम 1987 में संशोधन कर खुली प्रतियोगिता से भर्ती कराया जाना 83. ( क्र. 1457 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मध्यप्रदेश शासन अन्तर्गत चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को भरने हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा दिनांक 12 जुलाई 2015 को व्यवसायिक परीक्षा मण्डल के द्वारा आयोजित की गई थी ?(ख) यदि हां, तो उक्त परीक्षा में मंत्रालय के भृत्य संवर्ग में विद्यमान रिक्तियों को सचिवालय चतुर्थ श्रेणी सेवा भर्ती नियम 1987 के प्रावधान के कारण शामिल नहीं किया गया ?(ग) यदि हां, तो क्या मध्यप्रदेश सचिवालय चतुर्थ श्रेणी सेवा भर्ती नियम 1987 को संशोधित करने हेतु 3 माननीय संसद सदस्य एवं 31 विधान सभा सदस्यों ने शासन को पत्र लिखा था ? यदि हां, तो मंत्रालयीन भृत्यों की भर्ती खुली प्रतियोगिता से करने की कार्यवाही शासन करेगा ? यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं (ख) जी नहीं (ग) जी हॉ। कार्यवाही विचाराधीन है।
भोपाल नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उत्तरदायित्वों का निर्धारण 84. ( क्र. 1458 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नगर पालिक अधिनियम में नगर निगम अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का निर्धारण किया गया है ?(ख) यदि हां, तो भोपाल नगर निगम में पदस्थ नगर यंत्री, उप नगरयंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री (सिविल, विद्युत, जलकार्य), अतिक्रमण अधिकारी व निरीक्षक, स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, निरीक्षक एवं दरोगा, फायर ब्रिगेड अधिकारी व निरीक्षक विधि अधिकारी, राजस्व अधिकारी व निरीक्षक आदि के क्या-क्या कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व है इसे निर्धारित करने हेतु क्या स्थाई आदेश जारी किए गए है ?(ग) इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें तथा यह भी अवगत करावें कि उक्त संबंध में स्थाई आदेश कब तक जारी किए जावेंगे ?(घ) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो क्यों ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हॉ। (ग) नियमों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जावेगी। इसलिये कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्षय में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जलाशय निर्माण 85. ( क्र. 1471 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जल संसाधन राजगढ़ अंतर्गत राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ग्राम सूरजपुरा, बाजापुरा, गोकुलपुरा, सिरोंजी व किशनपुरिया में जलाशय का निर्माण करवाया गया है ? यदि हां, तो किस वर्ष में कितनी लागत से तथा कितने क्षेत्र में कितनी सिंचाई क्षमता का ? (ख) उक्त सभी जलाशयों के अर्थवर्क, इंडेक्स मेप, साईलेंट फ्यूचर, केपेसिटी टेबिल, उपयोगिता मटेरियल का स्टेटमेंट ऑफ अर्थवर्क की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें ?(ग) क्या उक्त जलाशयों के अनुपयोगी मटेरियल को रखा गया है ? यदि हां, तो जानकारी देवें ? यदि नहीं, तो कारण बतावें ?(घ) क्या उक्त सभी जलाशयों में पिचिंग कार्य 0.37 से.मी. है ? यदि नहीं, तो कारण बतावें ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
परियोजना का नाम |
निर्माण वर्ष |
लागत (लाख में) |
सिंचाई क्षमता (हे.) |
1 |
सूरजपुरा तालाब |
06/2010 |
181.86 |
243 |
2 |
बाजपुरा तालाब |
03/2010 |
285.46 |
330 |
3 |
गोकुलपुरा तालाब |
06/2011 |
568.76 |
705 |
4 |
सिरोंजी तालाब |
03/2010 |
169.70 |
205 |
5 |
किशनपुरिया तालाब |
12/2014 |
362.00 |
215 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है । (ग) जी नहीं । अनुपयोगी सामग्री को कार्य स्थल के लेखा में नहीं लिया जाता होने के कारण । (घ) जी हाँ । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है ।
सीवर लाईन की स्वीकृति 86. ( क्र. 1472 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के राजगढ़ नगरपालिका में नगरवासियों को नेवज नदी से तथा अंतर्गत खुजनेर नगर में नगरवासियों को बड़लावदा बांध से वाटर सप्लाई होती है, जिसमें नालियों से गंदा पानी मिलने से नागरिकों को दूषित पानी मिल रहा है ?(ख) क्या उक्त समस्या के निराकरण हेतु अलग सीवर लाईन हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है ?(ग) यदि हां, तो उक्त सीवर लाईन कब तक स्वीकृत हो जावेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। जी नहीं, राजगढ़ नगर पालिका द्वारा नेवज नदी में बांसवाड़ा एवं अन्य क्षेत्र की नालियों से मिलने वाले दूषित जल को कच्चे सोकफिट निर्मित कर उसके माध्यम से रोका जाता है तथा निकाय द्वारा जल शोधन संयत्र के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जाता है। खुजनेर नगर परषिद द्वारा बड़लावदा बांध के पानी को जल शोधन संयंत्र के माध्यम से जल शोधन उपरांत ही जल प्रदाय किया जाता है। (ख) जी हॉ। राजगढ़ की सीवरेज योजना राशि रू. 17.99 करोड़ की परीक्षणाधीन है। खुजनेर की सीवरेज योजना निकाय द्वारा तैयार की जा रही है। (ग) समय सीमा बताना संभव नहीं है।
नवीन सायफन का निर्माण 87. ( क्र. 1527 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा चंबल नहर की 12 एल डिस्ट्रीब्यूटरी की 8 एल माइनर व दोनों माइनरोa से संबद्ध ग्राम आवनी जवासा सहित दर्जनभर से अधिक ग्रामों की सिंचाई समस्या के हल हेतु नवीन सायफन का निर्माण कार्य किस तिथि को पूर्ण हुआ ?(ख) क्या 12 एल डिस्ट्रीब्यूटरी के 6 कि.मी. दूरी पर 4-5 कि.मी. भूमि उबड़ खाबड़ होने के कारण उक्त माइनर/सबमाइनर में एक छोर से दूसरे छोर तक विगत कई वर्षों से पर्याप्त पानी न पहुंचने के कारण उक्त ग्रामों के कृषक अपने खेतों में ठीक से सिंचाई नहीं कर पाते थे ?(ग) क्या उक्त समस्या के हल हेतु लगभग एक करोड़ की लागत से उक्त सायफन का निर्माण कराया गया ? क्या इसे चालू न करने के कारण कृषकों की सिंचाई समस्या यथावत बनी हुई है ? (घ) यदि हां, तो क्षेत्रीय कृषकों के हित में उक्त सायफन को चालू रबी सीजन में ही प्रारंभ कराया जावेगा व कब तक यदि नहीं तो क्यों ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांकित सायफन का निर्माण जून 2015 में पूर्ण होना प्रतिवेदित है । (ख) जी हाँ।(ग)एवं (घ) सायफन निर्माण की लागत रू. 64.39 लाख है जिससे चालू रबी में ग्राम जवासा, सेवापुर एवं सिरसौद में 350 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई जल दिया गया है ।
चंबल नहर के सुदृढ़ीकरण कार्य की जांच 88. ( क्र. 1528 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की अवधि में चंबल नहर के जीरो से 60 तक दोनों स्लोप/बेड में कराये गये गुणवत्ताहीन सुदृढ़ीकरण कार्य (बैंलेंस वर्क) की जांच के निर्देश तत्कालीन कलेक्टर श्योपुर द्वारा ईई लोनिवि एवं जीएम पीएमजीएसवाई श्योपुर को दिये थे ? (ख) यदि हां तो बतावें कि उक्त दो सदस्यीय जांच दल ने जांच हेतु उक्त कार्य से संबंधित आवश्यक अभिलेख विभाग से कई बार मुखाग्र व पत्र लिखकर मांगने के बावजूद विभाग द्वारा जांच दल को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये गए इसके क्या कारण हैं इस हेतु कौन दोषी हैं के दोषी विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी ? (ग) क्या यह सच हैं कि विभाग द्वारा उक्त अभिलेख जांच दल को उपलब्ध न कराने के कारण जांच कार्य में अनावश्यक विलंब हो रहा हैं यदि हां तो क्या शासन जांच दल को जांच से संबंधित समस्त अभिलेख यथाशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश जारी कर प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की जांच एक समय-सीमा में पूर्ण करवाएगा यदि नहीं तो क्यों ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है । (ख) एवं (ग) जी नहीं । जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है । कलेक्टर द्वारा आदेशित जाँच की मॉनिटरिंग विभाग नहीं करता है । अत: जाँच पूर्ण करने के लिए विभाग द्वारा समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है ।
परिशिष्ट अड़सठ ई-रजिस्ट्री प्रणाली 89. ( क्र. 1550 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रदेश में ई-रजिस्ट्री प्रणाली लागू की गई है ? क्या ई-रजिस्ट्री करने में नागरिकों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है ? यदि हां, तो क्यों कारण स्पष्ट करें ?(ख) प्रश्न (क) अनुसार ई-रजिस्ट्री में नागरिकों को होने वाली कठिनाईयों से मुक्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ। प्रदेश में ई-रजिस्ट्री प्रणाली लागू की गई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ई-रजिस्ट्री के सुचारू संचालन हेतु शिकायतों के निराकरण हेतु मुख्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित की गई है जिसमें प्राप्त शिकायतों के दिन प्रतिदिन निराकरण हेतु कार्यवाही की जाती है।
कम कीमत पर एल.ई.ईडी. बल्ब की उपलब्धता 90. ( क्र. 1567 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मध्य प्रदेश के उर्जा विभाग द्वारा एल.ई.डी. बल्ब कम कीमत पर विद्युत उपभोक्ताओं को बांटने की योजना है ? (ख) यदि हां, तो यह योजना कब तक प्रदेश में लागू होगी ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिसियेन्सी सर्विस लिमिटेड (ई.ई.एस.एल.) के साथ एल.ई.डी. बल्ब कम कीमत पर बांटने की योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें ऊर्जा विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। (ख) योजना के अन्तर्गत एल.ई.डी. बल्ब का वितरण शीघ्र प्रारंभ हो जायेगा।
टीकमगढ़ जिले में बुन्देलखण्ड पैकिज में अनियमितताऍ 91. ( क्र. 1588 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विभाग द्वारा चंदेलकालीन तालाब / नहरों के जीर्णोधार तथा मरम्मतों पर राशि व्यय की जा रही है यदि हां, तो विधान सभा क्षेत्र खरगापुर-47 में कितने प्राक्कलन बनाये गये स्थानवार जानकारी स्पष्ट करें तथा कितने कार्य पूर्ण हो गये ?(ख) क्या बुन्देलखण्ड पैकिज से वर्ष 2013-2014 में स्वीकृत कार्यों की धरातल पर स्थिति ठीक नहीं है और वह कार्य खराब हो चुके है इसकी मॉनीटरिंग की गई यदि हां, तो कौन-कौन अधिकारियों ने की उनके नाम बतायें ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खरगापुर में सुधार, पुनरूद्धार एवं पुनर्स्थापन (आरआरआर) योजना के तहत 7 लघु सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत की गई जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है । (ख) बुन्देलखण्ड पैकेज से वर्ष 2013-14 में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन की परियोजना का कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है । शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं ।
परिशिष्ट उनहत्तर टीकमगढ़ जिले के तत्कालीन खनिज अधिकारी द्वारा लीज पर दी गई खदानें 92. ( क्र. 1597 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) टीकमगढ़ जिले में 2003 से 2004 तक खनिज अधिकारी के पद पर कौन पदस्थ था ? वर्ष 2003 से 2004 तक तत्कालीन खनिज अधिकारी द्वारा कितने व्यक्तियों को खनिज की खदाने लीज पर दी गई ? (ख) क्या जिन व्यक्तियों को खनिज खदानें आवंटित की गई है उसमें शासन के नियमों का पालन किया गया है ? (ग) क्या यह भी सच है कि तत्कालीन खनिज अधिकारी टीकगमढ़ द्वारा अपने सगे संबंधी ग्राम गुन्डाह तह. राठ जिला हमीरपुर उ.प्र. के नाम लीज खनिज खदान की भी की गई है ? क्या यह शासन के नियम में है यदि है तो नियम की पत्रावली उपलब्ध कराये यदि शासन के नियम में नही है तो उक्त सगे संबंधी की खनिज खदान का अनुबंध निरस्त करेंगे यदि हॉ तो समयावधि बताये यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिले में खनि अधिकारी पदस्थ नही रहे है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही होता। (ख) प्रश्नांश 'क' में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
वसूले गये वाणिज्यक करों तथा लंबित प्रकरणों के संबंध में 93. ( क्र. 1636 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2013, 14-15 में वसूले गये वाणिज्यक कर की राशि बतावें इसमें से आबकारी से प्राप्त राशि अलग से बतावें ?(ख) जिले में वाणिज्यिक कर के कितने प्रकरण लंबित है ? अधिकतम अवधि तीन वर्षों से अधिक के कितने प्रकरण लंबित है ?(ग) लंबित प्रकरणों की समीक्षा विभागीय सचिव द्वारा की गई ? यदि हां, तो कब-कब निर्देश दिये गये विवरण देवें ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 में राशि 81,79,07,591/- रूपये एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि 1,00,02,77,614/- रूपये आबकारी विभाग को प्राप्त हुये एवं आयुक्त वाणिज्यिक कर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ख) वाणिज्यिक कर के लंबित प्रकरणो में से छतरपुर वृत्त में 5060 एवं नौगांव वृत्त में 2870 इस प्रकार कुल योग 7930 है। अधिकतम तीन वर्ष से अधिक के प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) लंबित प्रकरणों की समीक्षा प्रमुख सचिव द्वारा समय-समय पर आयोजित राजस्व समीक्षा बैठकों में की जाती है।
परिशिष्ट सत्तर लंबित कार्य को पूर्ण कराया जाना 94. ( क्र. 1637 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रेम सागर तालाब खजुराहो जिला- छतरपुर में वर्ष 12-13 में तालाब के सौन्दर्यीकरण तथा घाट मरम्मत हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी ? (ख) क्या उक्त कार्य किस माध्यम से किये गये और अब तक कितनी राशि व्यय हुई ?(ग) क्या 1 करोड़ 60 लाख की स्वीकृति की गई और कार्य लगभग 65.00 लाख का हुआ ?(घ) विभाग अधूरे कार्य को कितनी समय-सीमा में कराने हेतु राशि जारी कर कार्य पूर्ण करेगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रेम सागर तालाब खजुराहो जिला-छतरपुर में वर्ष 2012-13 में तालाब के सौंदर्यीकरण हेतु विभाग द्वारा नगर पालिका को कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख), (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुना जिले को नवीन तालाब बांध सिंचाई परियोजना में शामिल किया जाना 95. ( क्र. 1665 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या गुना जिला केन्द्र (भारत) शासन द्वारा घोषित नवीन सिंचाई तालाब, बांध नहरे स्वीकृत कराने की परियोजना में शामिल है ? यदि हां, तो कितनी परियोजनाओं के प्राक्कलन बनाये ? यदि नहीं तो गुना जिले को कब तक उक्त योजना में शामिल करेंगे ?(ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत गुना जिले में सिंचाई के क्षेत्र में ऐसा कितना क्षेत्रफल है जो सिंचाई विहीन है ? (ग) क्या गुना जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने ब्लॉक व तहसीले है जिनमें सिंचाई परियोजनाएं बनाना आवश्यक है ? कब तक शासन सिंचाई के स्त्रोत बनायेगी ?(घ) क्या गुना जिले को केन्द्र शासन की नवीन सिंचाई परियोजना के प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिये विभाग और शासन द्वारा कोई नीति, अन्य जिले के तहत कोई योजना बनाई है कब तक सिंचाई के नवीन स्त्रोत गुना जिले में बनायेंगे ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) गुना जिले के लिए केन्द्र शासन द्वारा कोई सिंचाई परियोजना घोषित नहीं की गई है । अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं । (ख) गुना जिले में जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं का सैच्य क्षेत्र 35,110 हेक्टर है । विभाग अन्य संसाधनों से सिंचाई तथा सिंचाई से वंचित क्षेत्रफल की जानकारी संधारित नहीं करता है । (ग)एवं(घ) कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना के तहत प्रत्येक जिले के लिए जिला सिंचाई परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने का निर्णय लिया गया है । जिसमें गुना जिला भी शामिल है । विभाग द्वारा नवीन सिंचाई परियोजनाओं के लिए स्थल चिन्हित करने से लेकर परियोजना का निर्माण करना एक सतत प्रक्रिया है जो निर्धारित तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्ड पर परियोजना की साध्यता और उपलब्ध वित्तीय संसाधन पर निर्भर होती है । अत: नवीन परियोजनाओं की स्वीकृति तथा निर्माण की समय-सीमा नियत की जाना संभव नहीं है ।
प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति 96. ( क्र. 1700 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जल संसाधन विभाग की कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें प्रस्तावित हैं ? (ख) परासिया विधानसभा क्षत्रांतर्गत विभाग द्वारा प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी ? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किसानों के खेतों को सिंचित किए जाने हेतु खेतों तक नहर पहुंचाने की विभाग द्वारा क्या योजनायें बनाई गई हैं ? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों पत्र परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विभिन्न जलाशय निर्माण किए जाने हेतु माननीय मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग को प्रेषित किए गये, जिस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जल संसाधन विभाग की 3 परियोजनाएं क्रमश: बालकछार जलाशय, पंचधार देवरी स्टापडेम एवं सिरगोरीखुर्द मनकावाडी स्टापडेम के साध्यता आदेश दिनांक 16.12.2015 को जारी कर डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं । स्वीकृति हेतु कोई भी परियोजना विचाराधीन नहीं है । (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु निर्मित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है । (घ) प्रश्नांश-''क'' के उत्तर में उल्लेखित परियोजनाओं के साध्यता के आदेश जारी कर डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं ।
परिशिष्ट इकहत्तर फीडर सेपरेशन के कार्य 97. ( क्र. 1701 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन के कार्य किन-किन फीडरों में पूर्ण कर दिए गए हैं ?तथा कितने ग्राम लाभान्वित हुए ? फीडरवार जानकारी उपलब्ध करायें ?(ख) जिन फीडरों में फीडर सेपरेशन के कार्य अभी तक पूर्ण नहीं किये गये हैं, उन्हें अभी तक पूर्ण नहीं किए जाने का क्या कारण है ? उन्हें कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा ? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में कई किसान अपने खेतों के समीप मकान बनाकर निवास कर रहे हैं, जो एक बस्ती/कस्बा बन चुका है ? उन बस्ती/कस्बों को 24 घंटे की विद्युत कनेक्शन से कब तक जोड़ा जायेगा ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना में 26 फीडरों के विभक्तिकरण कार्य पूर्ण कर दिया गया है, जिनसे 147 ग्राम लाभान्वित हुए हैं। फीडरवार लाभान्वित ग्रामों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में कुल 2 फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है जिसका मुख्य कारण टर्नकी ठेकेदार एजेंसी मेसर्स के.एम.जी. ए.टू.जेड., नोएडा द्वारा कार्य में विलंब किया जाना है, जिसके कारण उक्त ठेकेदार एजेंसी का अनुबंध दिनांक 25.01.2016 को निरस्त कर दिया गया है। शेष कार्यों के लिए निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में शेष फीडरों के फीडर विभक्तिकरण के कार्यों को पूर्ण किए जाने की निश्चित समय अवधि बताना संभव नहीं है। (ग) कृषि भार के आधार पर विभक्त किए गए कृषि फीडर पर कृषि की आवश्यकतानुसार 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में कृषि फीडर से जुड़े खेतों में घर बनाकर रहने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय की कोई योजना नहीं है।
परिशिष्ट बहत्तर प्रश्न संख्या 10 (क्र. 2609) के संदभ में98. ( क्र. 1736 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किविधान सभा में 18 मार्च, 2015 के प्रश्न संख्या 10 (क्र. 2609) के संदर्भ में जितनी शिकायतें शपथ पत्र फोटो व अन्य तरह से की गई है ? इस संबंध में जांच की प्रगति शिकयतों के विवरण के साथ देवें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रांसफार्मर क्षमता में वृद्धि 99. ( क्र. 1752 ) श्री संजय शर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अस्थायी पम्प कनेक्शनों को स्थायी पम्प कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु शासन की क्या-क्या योजना है तथा किसान को इस हेतु क्या-क्या करना पड़ता है ? रायसेन एवं नरसिंहपुर जिलों में फरवरी 16 की स्थिति में कितने अस्थायी पंप कनेक्शन है ? इनको कब तक स्थायी पंप कनेक्शन में परिवर्तित कर दिया जायेगा ? (ख) उक्त जिलों में कितने ट्रांसफार्मर ओवर लोड है ? मॉंग अनुसार कितने ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाना आवश्यक है तथा कब तक लगायेगे ? (ग) उक्त जिलों में वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु क्या-क्या योजना है ? जनवरी 14 से प्रश्न दिनांक तक उक्त जिलों में विद्युत सब स्टेशन निर्माण एवं अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु किन-किन विधायकों के जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय अधीक्षण अभियंता/कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) में पत्र प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जवाब कब-कब दिये ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) किसानों को स्थाई विद्युत पंप कनेक्शन प्रदान करने के लिये राज्यशासन द्वारा अनुदान योजना लागू की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत अस्थाई विद्युत पंप कनेक्शन को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने की सुविधा भी सम्मिलित है। अस्थाई विद्युत पंप कनेकशनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने के लिये राज्यशासन की पृथक से कोई विशिष्ट योजना वर्तमान में लागू नहीं है। कृषक स्वयं की राशि से भी अस्थाई कनेक्शन को स्थाई में परिवर्तित करा सकता है। पूर्व क्षेत्र कंपनी द्वारा अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई विद्युत पंप कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु अटूट बंधन योजना लागू की गयी थी, जिसके अन्तर्गत किसानों को पूरे 12 माह विद्युत प्रदाय की व्यवस्था की गयी है तथा इस योजना में आवश्यक लाईन विस्तार एवं वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना आदि के कार्यों में जो भी राशि व्यय होती है उसका खर्च किसान को स्वयं वहन करना होता है। फरवरी 2016 (अद्यतन स्थिति में) नरसिंहपुर जिले में 2668 तथा रायसेन जिले में 13115 अस्थाई विद्युत पंप कनेक्शन विद्यमान हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में इन अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने संबंधी समय-सीमा वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। (ख) नरसिंहपुर जिले में 221 वितरण ट्रांसफार्मर ओवर लोडेड थे। आवश्यकतानुसार वर्ष 2015-16 में 128 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 93 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा दिनांक 06.02.2016 तक 127 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर दी गई है एवं 44 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगा दिये गये है। शेष कार्य माह मार्च 2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। रायसेन जिले में कोई भी ट्रांसफार्मर ओवरलोडेड नहीं है। (ग) नरसिंहपुर जिले में आगामी 5 वर्षों में संभावित भार वृद्धि को देखते हुये तकनीकी दृष्टि से साध्य पाये गये कार्यों में से दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत 5 नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, आई.पी.डी.सी.योजना में 2 नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र एवं ए.डी.बी.योजना में 4 नये 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित/ स्वीकृत है। प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अन्तर्गत भविष्य की भार वृद्धि को देखते हुये वर्ष 2015-16 में 1 नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य, 4 नग अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर लगाये जाने तथा 11 नग विद्यमान पॉवर ट्रांसफामरों की क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत हैं जिनमें से दिनांक 31.01.2016 तक 1 नये 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्र का निर्माण कार्य, 3 नग अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य तथा 11 नग विद्यमान पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। शेष 1 नग अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य प्रगति पर है जिसे माह मार्च 2016 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। जिला रायसेन के अन्तर्गत उदयपुरा क्षेत्र में वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु ग्राम विजनहाई (उदयपुरा) में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है, ग्राम अमरवाद में भी 1x5 एम.व्ही.ए. क्षमता के 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य किया जा रहा है एवं फीडर विभक्तिकरण का कार्य भी प्रगति पर है। नरसिंहपुर तथा रायसेन जिले में जनवरी-2014 से जनवरी-2016 तक माननीय विधायकों के प्राप्त पत्रों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र ''अ'' एवं प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही100. ( क्र. 1758 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रायसेन जिले के विकास खण्ड बेगमगंज, सिलवानी तथा उदयपुरा में बांध/बैराज/स्टापडेम निर्माण तथा सर्वे हेतु विभाग के अधिकारियों को जनवरी, 14 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन संसद सदस्यों/ विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए ?(ख) उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? तथा संबंधितों को पत्र की अभि-स्वीकृत तथा जवाब कब-कब दिये गये ?(ग) प्रश्नांश (क) की किन-किन योजनाओं का सर्वे कब हुआ ? कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत की गईं ? कौन-कौन सी क्यों अस्वीकृत की गई कौन-कौन सी विचाराधीन है ? (घ) विचाराधीन योजनाओं पर कब तक निर्णय होगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)से(घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।
रायसेन जिले की सिंचाई योजनाएं 101. ( क्र. 1759 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज तथा सिलवानी में फरवरी, 16 की स्थिति में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं किस-किस क्षमता की कहां-कहां पर है ? उक्त सिंचाई परियोजनाओं से कितनी-कितनी भूमि को सिंचाई सुविधा उपलबध होती है ? (ख) फरवरी, 16 की स्थिति में उक्त विकासखण्डों में कहां-कहां पर बांध/बैराज, बांध की नहर/स्टाप डैम आदि के कार्य चल रहे हैं, तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे ? (ग) प्रश्नांश (क) के किन-किन बैराज/स्टापडैमों में बसे किसानों को सिंचाई सुविधा प्राप्त नहीं हो रही तथा क्यों, कारण बतावें ? किन-किन बैराजों में गेट टूटे हैं, किन-किन में लीकेज के कारण पानी नहीं, कौन-कौन से टूट गये ? सूची दें ? (घ) प्रश्नांश (क) परियोजनाओं में कार्य स्थल बोर्ड (सूचना पटल) क्यों नहीं लगवाये गये, कारण बतावें तथा कब तक लगवायेंगे ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है । किसी भी बैराज के गेट टूटने अथवा बैराज से रिसाव होना प्रतिवेदित नहीं है । (ख) फरवरी 2016 की स्थिति में बेगमगंज विकासखण्ड में सेमरी मध्यम सिंचाई परियोजना एवं सिलवानी विकासखण्ड में नगपुरा नगझिरी लघु सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं । कार्यों को पूरा कराना निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता, निर्माण एजेन्सी की क्षमता एवं धनराशि की उपलब्धता पर निर्भर होने से कार्यों को पूर्ण करने की तिथी नियत करना संभव नहीं है । (घ) निर्माण के समय निर्माण स्थल पर सूचना पटल लगाए होना प्रतिवेदित है । परियोजनाएं पूर्ण होने के उपरांत पुन: सूचना पटल लगाने के लिए व्यय करने का औचित्य नहीं है ।
परिशिष्ट ितहत्तर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित सिंचाई परियोजनाएं 102. ( क्र. 1774 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजना कहां-कहां संचालित है, स्थानवार जानकारी देवें ? क्या कोई नवीन सिंचाई परियोजना स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है ? यदि हां तो कब तक स्वीकृत कर पूर्ण कर ली जावेगी ? (ख) जिला कटनी एवं मुड़वारा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये, कार्य एजेंसी का नाम, स्वीकृत राशि, कार्य पूर्णता अवधि, प्राप्त आवंटन, व्यय की जानकारी बताये ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में सिंचाई परियोजनाओं एवं अन्य कार्य हेतु वार्षिक संधारण एवं रख-रखाव हेतु कितनी राशि वर्षवार स्वीकृत की जाती है, जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों में कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, बताये ? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यों में अनियमितताओं एवं निर्माण के गुणवत्ताविहीन कार्यों की किन-किन के द्वारा क्या-क्या शिकायतें की गई, विभागीय निरीक्षणों में क्या जानकारी प्राप्त हुई, इन पर क्या-क्या जांच प्रतिवेदन दिये गये, क्या कार्यवाही की गई ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है । जी नहीं । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है । (ख) एवं (ग) किसी नवीन परियोजना की स्वीकृति नहीं दी गई है । निर्मित परियोजनाओं के संचालन एवं संधारण में किए गए व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है । (घ) अभिलेख के मुताबिक शिकायतें प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है । अत: प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है ।
परिशिष्ट चौहत्तर धार्मिक स्थलों का परीक्षण एवं विकास 103. ( क्र. 1775 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शासन/विभाग द्वारा कटनी जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक, पुरातात्विक एवं प्राकृतिक महत्व के स्थलों के संरक्षण एवं विकास कार्य किये जाने हेतु क्या कार्य योजना तैयार की गई ? एवं वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि, कार्य हेतु स्वीकृत की गई ? (ख) प्रश्नांश (क) के स्थलों में विकास एवं सरंक्षण के कार्य हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा किन-किन निर्माण कार्य हेतु कार्यादेश दिये गये ? कार्य कब तक पूर्ण किये जाने थे ? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत जिले के चयनित स्थलों पर उक्त कार्य कब पूर्ण हुये ?कितनी राशि का भुगतान संबंधितों को किया गया ? (घ) प्रश्नांश (क) से (ख) के तहत क्या विभाग द्वारा जिले के चयनित स्थलों इन्फ्रा स्ट्रक्चर फार डेस्टिनेंशस एण्ड सर्किट स्कीम के कार्य पूर्ण हो चुके है ?कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके है ? यदि नहीं तो क्यों ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) संस्कृति विभाग द्वारा कटनी जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक, पुरातात्विक एवं प्राकृतिक महत्व के स्थलों के संरक्षण एवं विकास कार्य हेतु कुल राशि रूपये 44,65,410/- स्वीकृत की गई. जानकारी परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार. (ख) जानकारी परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार. (ग) जानकारी परिशिष्ट ‘’स’’ अनुसार. (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
परिशिष्ट पचहत्तर केन्द्रीय सहायता से प्राप्त राशि 104. ( क्र. 1853 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश शासन ने अक्टूबर 2015 में केन्द्र सरकार से अतिरिक्त सहायता के रूप में 4821.63 करोड़ रुपये की मांग की थी, इस संबंध में केन्द्र से कब कितनी धनराशि प्राप्त हुई और उसका क्या उपयोग हुआ ? (ख) सूखा राहत सहायता के लिये इस वित्त वर्ष में केन्द्र से कितनी धनराशि की मांग की गई और कितनी धनराशि कब केन्द्र से प्राप्त हुई ? (ग) क्या राज्य सरकार को केन्द्र से समय पर मांगी गई पर्याप्त धनराशि प्राप्त नहीं होती है ? यदि हां, तो इसके क्या कारण है ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन ने केन्द्र सरकार से रूपये 5,114.53 करोड की मांग की थी। केन्द्र सरकार से राशि अपेक्षित है। (ख) उपरोक्तानुसार (ग) केन्द्र में राशि प्राप्त होने की कोई निर्धारित समय सीमा नही है। अत: प्रश्न ही उत्पन्न नही होता।
परिशिष्ट िछहत्तर नगरीय निकायों में वाहन क्रय की नीति के संबंध में105. ( क्र. 1885 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या नगरपालिका या नगर पंचायतों को वाहन जैसे ट्रक, टेंकर, ट्रेक्टर,जे.सी.बी आदि क्रय करने के लिए विभाग द्वारा निधि उपलब्ध करवाई जाती है ? यदि नहीं तो नगरीय निकायों को उक्त खरीदी हेतु किस मद से व्यय करने की अनुमति प्रदान की जाती है ? (ख) यदि किसी निकाय द्वारा बिना अनुमति या अन्य मद से उक्त तरह के वाहनों की खरीदी की गई है तो क्या यह नियमानुसार है या इसे वित्तीय अनियमितता माना जाएगा ? (ग) यदि इसे अनियमितता माना जाता है तो ऐसे करने वाली संस्था के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होनी चाहिए ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ, योजना विशेष के मद में राशि उपलब्धता की स्थिति में निकायों के प्रस्ताव अनुसार परीक्षण कर राशि प्रदान किये जाने के प्रावधान है। इसके अतिरिक्त निकाय स्वयं की निधि से विहित प्रावधान अनुसार उक्त क्रय कर सकते है। (ख) जी हॉ। (ग) अनियमितता की स्थिति में नगर पालिका अधिनियम-1961 के विहित प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जा सकती है।
जल उपभोक्ता संस्था के निर्वाचन पर व्यय 106. ( क्र. 1919 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जबलपुर जिले के अंतर्गत सिहोरा एवं मझौली तहसील अंतर्गत कौन-कौन सी जल उपभोक्ता संस्था क्रियाशील है ? सिंचित ऐरिया सहित सूची देवे ? योजना अंतर्गत इनके द्वारा कितनी क्षमता की सिंचाई प्रस्तावित थी तथा इनके द्वारा वर्तमान में कितनी सिंचाई की जा रही है ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्था के निर्वाचन हेतु वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा कितनी राशि जल उपभोक्ता संस्था के निर्वाचन हेतु प्रदाय की गई ? क्रमवार सूची देवे ? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल उपभोक्ता संस्थाओं के निर्वाचन में शासन की कुल कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है।
परिशिष्ट सतहत्तर नर्मदा जल बंटवारा 107. ( क्र. 1921 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गुजराज एवं मध्यप्रदेश के मध्य नर्मदाजल बंटवारा, समझौता कब हुआ ? इसके अनुसार प्रदेश को कितना क्यूबिक मीटर पेयजल एवं कितना सिंचाई हेतु पानी मिलना तय हुआ था ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मात्रा अनुसार कितना-कितना पानी वर्तमान समय में म.प्र. को प्राप्त हो रहा है ? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मात्रा के उपयोग हेतु किस-किस प्रकार के आधारभूत ढॉंचे की आवश्यकता है एवं इसे कब तक किस प्रकार से पूरा किया जावेगा, ताकि समझौते अनुसार प्राप्त होने वाले शतप्रतिशत जल का उपयोग हो सके ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) - गुजरात एवं मध्यप्रदेश के मध्य नर्मदा जल का बंटवारा एन.डब्ल्यू.डी.टी अवार्ड के द्वारा किया गया, जिसका राजपत्र में प्रकाशन भारत सरकार द्वारा दिनांक 12 दिसम्बर 1979 को किया गया। एन.डब्ल्यू.डी.टी द्वारा पारित निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ. जल में से 16.75 एम.ए.एफ. सिंचाई के लिये तथा 1.50 एम.ए.एफ. पेयजल एवं उद्योगों के उपयोग हेतु आवंटित किया गया है। इसमें से अभी तक 11.987 एम.ए.एफ. का उपयोग हो सका है। (ग) जनशक्ति एवं योजनाऐं वर्तमान में पर्याप्त है अत: पृथक से किसी आधारभूत ढांचे की आवश्यकता प्रतिपादित नहीं होती। वर्ष 2024 के पूर्व शत-प्रतिशत उपयोग किया जाना लक्षित है।
भ्रष्टाचार के तहत पंजीबद्ध प्रकरण108. ( क्र. 1929 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत दिनांक 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक संभागीय लोकायुक्त कार्यालयों द्वारा कितने शासकीय सेवकों को रिश्वत लेते हुये पकड़ा गया है ? जिलेवार, विभागवार, पदवार, संख्यात्मक जानकारी देवें ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भ्रष्टाचार के तहत पंजीबद्ध प्रकरणों में कितने शासकीय सेवकों को निलंबित किया जा चुका है ? कितने शासकीय सेवक अभी ऐसे है जिनके विरूद्ध माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत न करने के कारण उन्हें न तो निलंबित किया गया है न ही उस स्थान से अन्यत्र हटाया गया है ? संख्यात्मक जानकारी देवें ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में सागर जिला अंतर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों के कौन-कौन से शासकीय सेवक किस-किस विभाग में कार्यरत थे, नाम एवं पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें ? (घ) क्या शासकीय सेवकों के पंजीबद्ध प्रकरणों के तहत नियमों में ऐसी व्यवस्था है कि जब तक माननीय न्यायालय के समक्ष चालान प्रस्तुत नहीं होता है, संबंधित शासकीय सेवक को निलंबित नहीं किया जाता है ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 362 प्रकरण। जानकारी परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) रिश्वत के प्रकरणों में अपचारी अधिकारी/कर्मचारी को सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 23/02/2012 के अनुसार अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने की कार्यवाही की जाती है। 362 प्रकरणों में से 34 प्रकरणों में माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष चालान प्रस्तुत होने पर सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 26/01/2007 के प्रावधान अनुसार निलंबित किये जाने की कार्यवाही की गई है। (ग) जानकारी परिशिष्ट 'क' के सरल क्रमांक 275 से 296 तक में दी गई है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 26/01/2007 में यह प्रावधान है कि शासन से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात चालान प्रस्तुत किये जाने पर अपचारी अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित किया जाना आवश्यक है।
दैनिक वेतन भोगी 109. ( क्र. 1932 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर जिले के किन-किन विभागों में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी सेवा अवधि 25 वर्ष से अधिक हो गयी है, और उन्हें अब तक नियमित पदस्थापना में नियुक्त अथवा संविलियन क्यों नहीं किया गया है ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना में नियुक्त करने अथवा संविलियन करने की शासन की कोई योजना है ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी परिशिष्ट-'अ' पर है। शासन निर्देशानुसार विभागों द्वारा पात्रता सूची तैयार कर पात्र दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया है, संविलियन के निर्देश नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट अठहत्तर कासरनी नदी की रेत की नीलामी 110. ( क्र. 2029 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या खातेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कन्नौद, बागनखेड़ा, रायपुरा एवं डेहरिया इत्यादि गांवों से होकर कासरनी नदी बहती है, जिसके बहाव में पर्याप्त मात्रा में काली रेत इकट्ठा हो जाती है यदि हां तो काली रेत की नीलामी क्यों बंद कर दी गई है ? कारण बतावें ?(ख) क्या शासन/विभाग को काली रेत नीलाम होने पर लाखों रूपये का लाभ होता था, यदि हां तो उक्त नीलामी बंद किये जाने का औचित्य क्या है ? क्या इस नुकसान की भरपाई के लिए विभाग द्वारा कोई और विकल्प तलाश किया गया है ? अगर हां तो क्या ? (ग) क्या इन खदानों को फिर से नीलाम करने की विभाग द्वारा कार्यवाही प्रचलित है ? यदि हां तो कब तक नीलामी चालू कर दी जावेगी ? यदि नहीं तो क्यों ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम से होकर बहने वाली नदी से काली रेत इकठ्ठा होती है। जिला देवास की संपूर्ण रेत खदाने म0प्र0 राज्य खनिज निगम के समुपयोजन हेतु आरक्षित किये जाने के फलस्वरूप एवं इन क्षेत्रों में म0प्र0 राज्य खनिज निगम के पक्ष में वर्तमान में उत्खनिपट्टा स्वीक़त नही होने से नीलामी की कार्यवाही नही की गई। (ख) जी हां। प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित अनुसार उत्खनिपट्टा स्वीकृत होने पर म0प्र0 राज्य खनिज निगम द्वारा नीलाम किये जाने के प्रावधान होने से प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुरूप।
जलाशयों की मरम्मत एवं रख-रखाव 111. ( क्र. 2031 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) देवास जिले के अंतर्गत ऐसे कितने जलाशय हैं जिनका उपयोग सिंचाई कार्य के लिये किया जाता है ? जलाशय का नाम एवं कहां पर स्थित है, बतावें ?(ख) देवास जिले में सिंचाई कार्य के लिए उपयोग में आने वाली नहरों के रख-रखाव पर वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय किया गया ? जलाशयवार नहरों का व्यय बतावें ? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने जलाशय एवं छोटे-छोटे स्टाप डेम हैं जो जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं एवं उनकी मरम्मत व रख-रखाव के लिये शासन की क्या योजना है ? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने बांध एवं स्टाप डेम की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है और कहां ? बांध एवं स्टाफ डेम के निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने की अवधि क्या निर्धारित की गई है ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है । (ग) विभाग की सिंचाई परियोजनाओं के नियमित संधारण एवं मरम्मत की व्यवस्था होकर संधारण एवं मरम्मत कार्य सतत् कराया जाता है । आवश्यकतानुसार विशेष मरम्मत के लिए भी स्वीकृति जारी की जाती है। जामनेर पिकअप वियर को विशेष मरम्मत के लिए चिन्हित किया गया है । (घ) निर्माणाधीन दतूनी मध्यम परियोजना की स्वीकृति दिनांक 08/04/2013 को राशि रू.174.55 करोड़ की दी गई है । परियोजना वर्ष 2016-17 में पूर्ण होना संभावित है । 7 बैराज क्रमश: बण्डी, भुकिया, जामनेर कण्डनगांव, काना, पुरोनी, रतवाय एवं सन्दलपुर के साध्यता आदेश जारी कर डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं ।
परिशिष्ट उन्यासी चन्दला विधानसभा क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था 112. ( क्र. 2051 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या चन्दला विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15, 2015-16 में सभी ग्रामों में विद्युत पहुंच गयी है ? यदि नहीं तो उन ग्रामों के नाम बतलाये जाये जहां विद्युत नहीं पहुंची है व नहीं पहुंचने के कारण भी बतलाये जावें ? (ख) चन्दला विधानसभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं ? क्या वे सभी नये ट्रांसफार्मर हैं ? नये एवं पुराने ट्रांसफार्मर की संख्या बतलाई जाये तथा नये ट्रांसफार्मर पर कितनी राशि व्यय की गयी उसका भी विवरण दें ? (ग) नये ट्रांसफार्मर की बाजारू कीमत कितनी है तथा कितनी कीमत में कितने नये ट्रांसफार्मर संपूर्ण जिले में क्रय किये गये ? (घ) जिन ग्रामों में विद्युत नहीं पहुंची है उनमें कब तक बिजली पहुंच जायेगी ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) चंदला विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 34 डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों में से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के दौरान 07 ग्रामों के पुन:विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। 11 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एलटेल इजीनियर्स प्रा.लि. सतना को छतरपुर जिले के विद्युतीकरण कार्य हेतु दिनांक 15.09.12 को अवार्ड जारी किया गया था। जिसमें चंदला विधानसभा क्षेत्र के उक्त 34 डीइलेक्ट्रिफाईड ग्राम भी सम्मिलित थे। ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य की धीमी प्रगति के कारण 27 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य शेष है जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में चन्दला विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना जिला छतरपुर के तहत 43 नग 25 के.व्ही.ए. क्षमता के आदिम जाति कल्याण विभाग छतरपुर द्वारा 06 नग 25 के.व्ही.ए. एवं 12 नग 63 के.व्ही.ए. क्षमता के फीडर सेपरेशन योजना के तहत 62 नग 25 के.व्ही.ए. क्षमता के स्थायी कृषि पंप कनेक्शन हेतु अनुदान योजनान्तर्गत 09 नग 25 के.व्ही.ए. क्षमता के नये वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। उक्त के अतिरिक्त प्रणाली सुदृढीकरण योजना के तहत 25 के.व्ही.ए. का 1 नग 63 के.व्ही.ए. के 2 नग एवं 100 के.व्ही.ए. के 9 नग नये वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। विभिन्न योजनाओं के तहत नये ट्रांसफार्मर ही लगाये जाते हैं पुराने ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किये जाते हैं। पुराने ट्रांसफार्मरों का उपयोग सुधार कार्य कराकर फेल/खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने में किया जाता है। चन्दला विधानसभा क्षेत्र में नये ट्रांसफार्मर लगाने पर व्यय की गई राशि दिया जाना संभव नहीं है क्योकिं विभागीय तौर पर किये जाने वाले कार्यों हेतु वितरण कम्पनी द्वारा सम्पूर्ण कंपनी क्षेत्र हेतु आवश्यकतानुसार अलग अलग आदेशों के माध्यम से ट्रांसफार्मर क्रय किये जाते हैं तथा मैदानी अधिकारियों को आवश्यकतानुसार समय समय पर उपलब्ध कराये जाते हैं। टर्न की ठेकों में पूरे जिले हेतु अलग अलग योजनाओं में अलग-अलग अनुबंध किया जाता है जिसमें अलग-अलग ठेके में विभिन्न कार्यों के साथ भिन्न-भिन्न दरें होती हैं। (ग) ट्रांसफार्मरों का क्रय सम्पूर्ण कंपनी क्षेत्र हेतु कंपनी स्तर पर किया जाता है अत: जिले हेतु क्रय किये गये ट्रांसफार्मरों की संख्या पृथक से देना संभव नहीं है। टर्न-की ठेकों में प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के आधार दिये गये अलग-अलग ठेकों में अलग-अलग दर होती है तथापि वर्ष 2015-16 में कंपनी क्षेत्र हेतु लागू शेड्यूल ऑफ रेट के अनुसार विभिन्न क्षमता के ट्रांसफार्मरों प्राक्कलन निर्माण हेतु विभिन्न क्षमता के ट्रांसफार्मरों की लागत राशि निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
विवरण |
दर (रू.) |
1 |
25 के.व्ही.ए. |
42655/- |
2 |
63 के.व्ही.ए. |
88715/- |
3 |
100 के.व्ही.ए. |
111359/- |
4 |
200 के.व्ही.ए. |
189100/- |
5 |
315 के.व्ही.ए. |
458393/- |
(घ) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत छतरपुर जिले में धीमी गति से कार्य किये जाने के कारण टर्न-की ठेकेदार एजेंसी को टरमिनेशन नोटिस पत्र क्रमांक 1655 दिनांक 17.09.15 के माध्यम से जारी किया गया है एवं ठेका निरस्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । अत: वर्तमान में उक्त ग्रामों के विद्युतीकरण की निश्चित समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट अस्सी वाणिज्यकर विभाग द्वारा फर्म निरस्त की जानकारी के संबंध में 113. ( क्र. 2052 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वाणिज्यकर विभाग जिला छतरपुर में वर्ष 2014-15, 15-16 में कितनी कृषि उपज मण्डी की फर्म रजिस्टर्ड है ? वाणिज्यकर क्रमांक, दिनांक, फर्म का नाम सहित जानकारी देवें ?(ख) क्या वाणिज्यकर विभाग से फर्म निरस्त होने के बाद भी मंडियों की फर्म कार्य कर रही है ? (ग) यदि हां, तो ऐसी कितनी फर्म हैं ? इनका नाम, पता एवं निरस्त होने का दिनांक व वाणिज्य कर नं. सहित बतावें ?(घ) क्या वाणिज्यकर विभाग से निरस्त होने के बाद भी फर्म मण्डी में सुचारू रूप से क्रय-विक्रय का कार्य कर करने वाली फर्मों का टैक्स, निरस्त होने के दिनांक से वसूल किया जावेगा ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग जिला छतरपुर के अंतर्गत छतरपुर एवं नौगांव वृत्त सम्मिलित हैं। जिला छतरपुर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में 29 कृषि उपजमंडी फर्म रजिस्टर्ड हैं। वाणिज्यिक कर क्रमांक, दिनांक, फर्म का नाम संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ए'' अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले के अंतर्गत छतरपुर एवं नौगांव वृत्त सम्मिलित है। कृषि उपजमण्डी छतरपुर के पत्र क्रमांक मंडी/म शु शा/15-16/870 छतरपुर, दिनांक 06-02-2016 के द्वारा जानकारी दी गई है कि जो फर्म निरस्त हो गई है, उनके द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्रय विक्रय नहीं किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) हॉं, यदि निरस्त फर्म द्वारा मण्डी में सुचारू रूप से क्रय विक्रय किया जा रहा है तो, अपंजीयत प्रकरण संस्थापित कर विभाग द्वारा नियमानुसार कर वसूली की कार्यवाही की जावेगी।
परिशिष्ट इक्यासी ताप विद्युत गृहों से विद्युत उत्पादन 114. ( क्र. 2069 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्तमान में प्रदेश म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के कितने ताप विद्युत गृह हैं एवं प्रत्येक ताप विद्युत गृह में कितनी ताप विद्युत स्थापित क्षमता है ? प्रत्येक इकाई की कुल कितनी मेगावाट क्षमता है ? इकाईवार एवं ताप विद्युत गृहवार क्षमता बतावें ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ताप विद्युत गृहवार इकाईवार माहवार वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ ? वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार पी.यू.एफ. भी बतावें ? (ग) क्या ताप विद्युत गृहों की कुछ ताप विद्युत इकाईयों को तकनीकी खराबी आये बिना ही जानबूझकर बंद करके रखा गया एवं प्राईवेट विद्युत इकाई से बिजली क्रय अनुबंध की शर्त से अधिक मात्रा में बिजली खरीदी गयी ? प्रदेश की स्वंय की इकाई (फोर्स आउटेज) क्यों बंद रखी गयी ? किस स्तर के अधिकारी द्वारा ऐसा आदेश पारित किया गया ? सभी प्राईवेट कंपनियों से इस अवधि में कितने मिलियन यूनिट किस दर से, माहवार-वर्षवार कंपनीवार कितनी मात्रा में बिजली क्रय की गयी कितना भुगतान किया गया ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी के कुल चार ताप विद्युत गृह हैं। प्रत्येक ताप विद्युत गृह की ताप विद्युत गृहवार स्थापित क्षमता एवं इकाईवार स्थापित का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शाये अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार, म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप विद्युत इकाईयों का वर्ष 2013-14 से जनवरी 2016 तक का विद्युत गृहवार, इकाईवार, माहवार विद्युत उत्पादन (मिलियन इकाई में) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में दर्शाये अनुसार है। वर्ष 2013-14 से जनवरी 2016 तक वर्षवार, विद्युत गृहवार, इकाईवार पी.यू.एफ. से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' में दर्शाये अनुसार है। (ग) जी नहीं। बिजली की उपलब्धता, मांग की तुलना मे अधिक होने पर वितरण कंपनियों एवं उपभोक्ताओं को न्यूनतम दर पर विद्युत उपलब्ध कराने हेतु जिन जनरेटिंग इकाईयों की वेरियेबल दर अधिक होती है, उन्हें बिना किसी भेदभाव के बंद कराकर मांग के अनुरूप कम वेरियेबल दर वाली जनरेटिंग इकाईयों से बिजली की आपूर्ति कराई जाती है। निजी विद्युत उत्पादन इकाईयों से बिजली क्रय अनुबंध की शर्त से अधिक मात्रा में बिजली नहीं खरीदी गयी। निजी कंपनियों से वर्ष 2013-14 से दिसम्बर, 2015 तक की अवधि में माहवार वर्षवार एवं कंपनीवार क्रय की गयी विद्युत की जानकारी मिलियन इकाई में दर सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' में दर्शाए अनुसार है।
स्थापित स्टोन क्रेशर 115. ( क्र. 2070 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में कुल कितने स्टोन क्रेशन स्थापित है ? फर्म का नाम स्थापना का दिनांक/वर्ष बतायें ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत पत्थर खदानें, रकवा क्षेत्रफल, स्वीकृत दिनांक और कितने वर्षों के लिये दिया गया है ? (ग) प्रत्येक स्टोन क्रेशर को भण्डारण की अनुमति एवं कितनी क्षमता की दी गई है ? (घ) कितने क्रेशर संचालकों के पास स्वयं की खदानें है एवं उनकी लीज व खसरा रकवा सहित जानकारी देवें ? (ड.) वायु प्रदूषण बोर्ड से अनुमति कितने क्रेशर मालिकों के पास है तथा कहां से कितने वर्षों के लिये, किन-किन शर्तों के तहत अनुमति दी गई है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) तहसील पुष्पराजगढ़ क्षेत्र अंतर्गत 25 स्टोन के्शर स्थापित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' में दर्शित है।
(ख) परिशिष्ट - 'अ' में उल्लेखित स्टोन के्शरों में से जिन्हें गौण खनिज पत्थर की खदानें स्वीकृत है, उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' पर दर्शित है। (ग) म0प्र0 खनिज (अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण का निवारण) नियम 2006 के अंतर्गत 17 स्टोन क्रेशर धारक को भंडारण अनुज्ञप्ति स्वीक़त की गई है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'स' में दर्शित है। 3 उत्खनिपट्टेधारियों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र में क्रेशर स्थापित किया गया है। उन्हें भंडारण अनुज्ञप्ति प्राप्त करने की नियमानुसार आवश्यकता नही है। 1 स्टोन क्रेशर धारक को भंडारण अनुज्ञप्ति स्वीक़त किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। 4 स्टोन क्रेशरधारी के विरूद्ध अवैध भंडारण का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। म0प्र0 खनिज (अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण का निवारण) नियम 2006 के अंतर्गत दी जाने वाली अनुज्ञप्ति में भंडारण क्षमता का कोई प्रावधान नही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' में दर्शित है।
(ड) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' में दर्शित है।
ग्राम मजरे व टोलों में विद्युत व्यवस्था विषयक 116. ( क्र. 2081 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग व माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा में भी यह शामिल है कि प्रदेश का हर गांव, मजरा व टोला विद्युत व्यवस्था की जाकर खेती को 10 घण्टे व घरेलू उपयोग को 24 घण्टे विद्युत सप्लाई की जावेगी ?(ख) क्या विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 23, करैरा, जिला- शिवपुरी में ऐसे कई ग्राम शामिल हैं, जहां विद्युत व्यवस्था नहीं की गई है ? यदि हां तो उन ग्रामों के नाम दें ?(ग) विधान सभा क्षेत्र क्र. 23, करैरा, जिला-शिवपुरी में ऐसे कितने ग्राम शेष हैं, जहां उपरोक्त कार्य अपूर्ण अथवा अप्रारंभ हैं, उनकी जानकारी ग्रामवार दें ? इन ग्रामों में विद्युत व्यवस्था की निश्चित समय-सीमा बतावें ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अपितु अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय की घोषणा की गई थी। (ख) विधानसभा क्षेत्र करैरा, जिला शिवपुरी में 01 ग्राम एवं शिवपुरी जिले के 7 ग्राम जो वर्तमान में दतिया जिले में स्थानांतरित हो गये हैं एवं विधानसभा क्षेत्र करैरा के अंतर्गत आते हैं, वर्तमान में डी-इलैक्ट्रिफाइड हैं, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र क्रं 23 करैरा के अंतर्गत आने वाले उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कुल 8 ग्रामों यथा-जिला शिवपुरी के 01 एवं जिला दतिया के 7 ग्रामों का कार्य फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एन.सी.सी. द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। इन ग्रामों के कार्यों को माह जून 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
परिशिष्ट बयासी प्रश्न क्र. 2902 के उत्तर से सम्बंधित 117. ( क्र. 2103 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) परि.अता. प्रश्न संख्या 158 क्रमांक 2902 दिनांक 28.07.2015 के उत्तरांश (क) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) के बिन्दु क्रमांक 01 से 09 तक कॉल्म नं. 06 (प्रकरण में की गई कार्यवाही) में उत्तर दिया है ? तो उत्तर दिनांक तक उपरोक्त प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही हुई ? (ख) यदि कार्यवाही न हो सकी तो कारण बताते हुये कार्यवाही कब तक की जाना संभव है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंचाई योजनाओं का क्रियान्वयन 118. ( क्र. 2104 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में वित्तीय वर्ष 2011-12 से जनवरी 2016 तक कितनी सिंचाई योजनाऐं कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत व किस-किस क्रियान्वयन ऐजेन्सी से निर्मित की गई, व किन-किन गांवों में कितने हेक्टेयर सिंचाई का लाभ हुआ, की जानकारी वर्षवार, योजनावार, क्रियान्वयन ऐजेन्सी वार दी जावे ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने कार्य पूर्ण अपूर्ण है, अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण हो सकेंगे ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है ।
परिशिष्ट तेरासी सिविल एवं विद्युत यांत्रिकी संरचनाएं119. ( क्र. 2145 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विभाग में सिविल तथा विद्युत / यांत्रिकी संरचानएँ है और संबंधित शासकीय सेवकों की पदक्रम सूची समान पद का नाम होने पर भी पृथक-पृथक जारी है इसलिए अन्य संरचना के शासकीय सेवक पदस्थ होने पर भी उस पद को पदोन्नति हेतु भरा नहीं माना जा सकता ?(ख) विभाग में वे कौन-कौन से पद है, जिनकी स्वीकृत संख्या 50 से कम है ? सिविल तथा विद्युत / यांत्रिकी संरचना का पृथक-पृथक बताएं ? इसमें से कौन-कौन से पद की उच्च पद पर पदोन्नति हेतु वर्ष 2011 से 2015 के बीच डीपीसी नहीं हुई और कौन से पद की हुई थी ? प्रत्येक वर्ष का अलग-अलग बताइए ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ऊर्जा विभाग के नियंत्रण की विद्युत कंपनियों में सिविल, विद्युत/यांत्रिकी एवं विद्युत की पृथक-पृथक संरचनायें विद्यमान है। म.प्र.पा.जं.कं में सिविल एवं विद्युत/यांत्रिकी की एवं शेष म.प्र.पा.मै.कं, म.प्र.पा.ट्रां.कं. तथा तीनों वितरण कंपनियों में विद्युत तथा सिविल की संरचनाये है। प्रत्येक कंपनी में विद्युत, सिविल, विद्युत/यांत्रिकी की संरचना में कार्यरत कार्मिकों की पदक्रम वरिष्ठता सूची पृथक-पृथक संकायवार जारी की जाती है, अत: अन्य संरचना के कार्मिक पदस्थ होने पर भी उस पद को संकाय विशेष की वरिष्ठता सूची से ही भरा जाता है। एक कार्य की प्रकृति पर आधारित संरचना से अन्य संरचना को नहीं भरा जा सकता है। (ख) पूर्ववर्ती म.प्र.राज्य विद्युत मण्डल की सभी 06 उत्तरवर्ती कंपनियों के ऐसे सिविल तथा विद्युत/यांत्रिकी पद जिनकी स्वीकृत संख्या 50 से कम है, बाबत् जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में दर्शाये अनुसार है। ऐसे पदों की उच्च पद पर पदोन्नति हेतु वर्ष 2011 से 2015 के बीच डीपीसी होने अथवा नहीं होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में दर्शाये अनुसार है। वर्ष 2011 में म.प्र.रा.वि.मण्डल द्वारा तथा तदोपरांत संबंधित उत्तरवर्ती कंपनी द्वारा डी.पी.सी. की कार्यवाही की गई।
बनीहार नहर की जानकारी 120. ( क्र. 2185 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विगत 4 वर्षों में खरगोन जिले से कितनी डीपीआर स्वीकृति हेतु भेजी गई विषयवार सूची देवें, इनमें से कितनी स्वीकृत, कितनी अस्वीकृत हुई ?(ख) खरगोन जिले से कुंदा नदी पर बैराज की सीरीज बनाने हेतु संबंधित वरिष्ठ कार्यालय को कोई योजना स्वीकृति हेतु भेजी गई है ? यदि हां तो इस पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें ? (ग) खरगोन विकासखण्ड की बनीहार पिकअप नहर से जुड़े मार्ग का डामरीकरण कब किया गया, किस कारण किया गया ? इस नहर से जुड़े मार्ग पर कितने मीटर डामरीकृत मार्ग है तथा कितना मार्ग कच्चा है ? इस नहर के मार्ग में कितने निर्माण कार्य हुए है ? कितने निर्माण कार्य को हटाया गया ? कितना हटाना बाकी है ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
अनु.क्र. |
परियोजना |
स्थिति |
1. |
इन्द्रावती नदी पर आवली बैराज |
स्वीकृत एवं पूर्ण |
2. |
बोराड नदी पर डांगरगांव बैराज |
स्वीकृत एवं पूर्ण |
3. |
लाछौरा तालाब |
अधिक लागत होने से अस्वीकृत |
4. |
मटियानाला तालाब |
स्वीकृत। माननीय क्षेत्रीय विधायक द्वारा निरस्तीकरण माँग के कारण अप्रारम्भ । |
5. |
सूर्वा तालाब |
पूर्ण |
(ख) जी नहीं । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है । (ग) बनिहार पिकअप वियर के मुख्य नहर से जुड़े मार्ग (निरीक्षण पथ) पर दो स्थानों पर आंशिक डामरीकरण का कार्य वर्ष 2014 तथा वर्ष 2015 में कृषकों एवं नहर से जुड़ी आवासीय कालोनियों में आवागमन की सुविधा की दृष्टि से संबंधितों द्वारा किया गया । नहर से जुड़े मार्ग पर कुल 1669 मी. लम्बाई में डामरीकृत एवं 340 मी. लम्बाई में कांक्रीट मार्ग एवं 14,191 मी. लम्बाई में कच्चा मार्ग है । नहर के मार्ग में कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है ।
लघु सिंचाई योजनाओं का संचालन 121. ( क्र. 2201 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कहां-कहां लघु सिंचाई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है ? स्थानवार बतायें ? (ख) किसानों को सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराने के लिये विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्या कोई कार्य किया गया है ? अगर हां तो कहां-कहां ? अगर नहीं तो क्या विधानसभा क्षेत्र के सभी गांवों में सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी उपलब्ध है ?(ग) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के लिये विभाग के द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कब-कब जन प्रतिनिधियों के साथ राय शुभारी की गई ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है । (ख) निर्मित सिंचाई परियोजनाओं के संचालन एवं संधारण का कार्य किया गया है। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में जल संसाधन विभाग की सिंचाई परियोजनाओं का सैच्य क्षेत्र नहीं है । निर्मित परियोजनाओं में वर्ष 2015 में अल्प वर्षा के कारण सिंचाई हेतु जल संग्रहण नहीं हो सका है ।(ग) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के लिए विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ रायशुमारी नहीं की गई है । विभाग के मैदानी अधिकारियों द्वारा जल उपभोक्ता संथा के अध्यक्षों के साथ दिनांक 28.09.2014 एवं दिनांक 07.10.2015 को तथा जिला कलेक्टर द्वारा जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक दिनांक 20.10.2014 एवं दिनांक 05.10.2015 में जनप्रतिनिधियों के साथ रायशुमारी की जाना प्रतिवेदित है ।
परिशिष्ट चौरासी टीकमगढ़ नगर पालिका की सीमा वृद्धि 122. ( क्र. 2216 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या टीकमगढ़ नगर पालिका में सीमावृद्धि किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष लम्बित है ? तो कब से ? और उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई ? अद्यतन जानकारी दें ? (ख) सीमावृद्धि की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर नई सीमायें कब तक अस्तित्व में आ जायेगी ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) शासन को प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी।
टीकमगढ़ जिले के सिंचाई विभाग के तालाबों की जानकारी के संबंध में 123. ( क्र. 2217 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) टीकमगढ़ जिले में सिंचाई विभाग के ऐसे कितने तालाब हैं जिनसे सिंचाई की जाती है ? विधानसभावार तालाबों के नाम, स्थान एवं उनसे सिंचित होने वाले रकबा की जानकारी से अवगत करायें ? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले के इन तालाबों एवं उसकी फीडर लाईनों पर अवैध अतिक्रमण कर लिया गया है ? तो उसे मुक्त कराने की क्या योजना है तथा कब तक अतिक्रमण मुक्त कर लिया जायेगा ? (ग) टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ऐसे तालाबों की फीडर लाईनों को पुन: कब्जा मुक्त कराकर कब तक पक्का निर्माण कर लेंगे ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क),(ख)एवं(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-1" अनुसार है । कुछ चन्देलकालीन जलाश्यों के जलग्रहण क्षेत्र में कृषि भूमि एवं आवासीय बस्तियों का विकास फीडर नहर के समीप होना प्रतिवेदित है। अतिक्रमण होने पर जिला प्रशासन द्वारा हटाने की व्यवस्था है । प्रश्न में किसी तालाब विशेष का उल्लेख नहीं होने के कारण अतिक्रमण तथा मुक्त कराने की जानकारी दी जाना संभव नहीं है ।
बरगी दाई तट में नहर निर्माण 124. ( क्र. 2228 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अतारांकित प्रश्न संख्या-15 (क्रमांक 188) दिनांक 08.12.2015 के तारतम्य में क्या बैंक गारंटी के विरूद्ध किया गया भुगतान 25.07.2011 तक वसूल कर लिया गया ? तथा राशि का समायोजन किया जा चुका है ? यदि नहीं तो अनुबंध की शर्तों को पालन नहीं कराने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं ? क्या दोषी अधिकारी तथा संबंधित ठेकेदार से 25.07.2011 के बाद राशि के समायोजन न होने की स्थिति में उक्त् अवधि का वित्त नियम के तहत दण्ड ब्याज 2% मासिक के साथ वसूली करते हुये गारंटी के रूप में भुगतान की गई राशि की वसूली कर समायोजन किया जावेगा ? क्या दूसरी बोरिंग मशीन खरीदने हेतु उपकरण अग्रिम का भुगतान किया गया है ? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो कितनी राशि भुगतान की गई है ? दायीं तट से लाभान्वित होने वाले किसानों को कब तक नहर से अंतिम छोर के हितग्राही को लाभान्वित किया जायेगा ? मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। वर्तमान तक रूपये 11.85 करोड की वसूली की जा चुकी है। वसूली अनुबंध के प्रावधान अनुसार ही की जा रही है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दूसरी बोरिंग मशीन खरीदने हेतु कोई भी अग्रिम का भुगतान ठेकेदार को नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दांयी तट नहर से दिसम्बर 2018 तक अंतिम छोर के हितग्राही को लाभान्वित करना लक्षित है।
पिटोल चौकी पर राजस्व प्राप्ति 125. ( क्र. 2266 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) झाबुआ अंतर्गत नेशनल हाईवे पर सीपित सेल टेक्स चौकी पिटोल पर वर्ष 2013-14 से अब तक कितने वाहनों पर कितने प्रकरण कौन-कौन से विभाग से बनाये गये ?(ख) उक्त चेक पोस्ट पर बनाये गये प्रकरणों में कौन-कौन से विभाग में अब तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हाईटेंशन विद्युत के संबंध में 126. ( क्र. 2280 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्राम पंचायत खेलागांव, टोलक्या खेडी तह.नलखेड़ा, जिला आगर(मालवा) को हाईटेंशन लाईन से ग्राम मोया खेड़ा से जोड़ने हेतु शासन द्वारा स्वीकृति दी गई थी इस हेतु शासन कितनी राशि स्वीकृत की गई थी ? इस हाईटेंशन लाईन की वर्तमान में क्या स्थिति है ? (ख) क्या हाई टेंशन लाईन द्वारा संबंधित स्वीकृत ग्रामों को इस लाईन के माध्यम से विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है अथवा नहीं विद्युत उपलब्ध नहीं कराई जा रही तो कब से ? (ग) स्वीकृत हाईटेंशन लाईन के माध्यम से विद्युत सप्लाई कब तक उपलब्ध कराई जावेगी यदि नहीं तो क्या नहीं?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित कार्य हेतु 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्र मोयाखेड़ा से 11 के.व्ही. लाईन लगाने के लिये पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 04.06.2008 को एस.टी.एन.योजना में रू. 49.60 लाख राशि के प्राक्कलन की स्वीकृति उपरांत दिनांक 27;01.2009 को कार्य पूर्ण कराया गया था। वर्ष 2010-11 में अत्यधिक वर्षा एवं आंधी तूफान के कारण उक्त लाईन का लगभग 2 किलोमीटर का हिस्सा टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया था। (ख) प्रश्नाधीन 11 के.व्ही. लाईन माह जुलाई-2010 में क्षतिग्रस्त हो गई थी जिससे प्रभावित हुए समस्त ग्रामों को 11 के.व्ही. नलखेड़ा - पिलवास फडर से जोड़कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) दो ग्रामों के आपसी विवाद के कारण प्रश्नाधीन क्षतिग्रस्त लाईन के पुनर्निर्माण का कार्य नहीं हो पाया है। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्र नलखेड़ा से निर्गमित 11 के.व्ही., नलखेड़ा - पिलवास फीडर द्वारा की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने हेतु निकटस्थ स्थित ग्राम पचनाला में 5 एम.वी.ए.क्षमता का एक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त उपकेन्द्र का कार्य माह अक्टूबर-2016 तक पूर्ण होना संभावित है। तदुपरांत उक्त विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही.फीडर से प्रश्नाधीन क्षेत्र को विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है। अत: प्रश्नाधीन क्षतिग्रस्त लाईन से पुन: विद्युत प्रदाय आरंभ करना आवश्यक नहीं है।
रतलाम में रखा तीस हजार टन जहरीला कचरा 127. ( क्र. 2284 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रतलाम में कितना मैट्रिक टन खतरनाक अपशिष्ट बंद कारखानों में रखा है ? उसके डिस्पोजल हेतु 2000 से 2015 तक क्या-क्या प्रयास किये गये ? केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व NGRI हैदराबाद के वैज्ञानिकों द्वारा जून 2011 में निरीक्षण में क्या पाया गया ?(ख) प्रश्नाधीन जहरीले अपशिष्ट से रतलाम नगर निगम तथा आसपास के गांवों की कितनी आबादी में लाल-पीला जहरीला पानी कुंओं तथा ट्यूबवेल में निकल रहा है ? वहां शुद्ध पेयजल की क्या व्यवस्था की गई है ?(ग) प्रश्नाधीन जहरीला कचरा डिस्पोजल करने तथा भूमिगत पानी ठीक करने, आदि में कुल कितना खर्च आयेगा तथा क्या यह खर्च जिम्मेदार कंपनियों से वसूला जायेगा ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रतलाम स्थित अनेक वर्षो से बंद उद्योग मेसर्स सज्जन केमिकल एडं इनवेस्टमेंट लि0 के विभिन्न तीन स्थलों पर रिकार्ड अनुसार लगभग 23472 मीट्रिक टन खतरनाक अपशिष्ट रखा हुआ है व मेसर्स जयंत विटामिंस लि0 में लगभग 0.4 मीट्रिक टन खतरनाक अपशिष्ट रखा हुआ है। इस प्रकार कुल लगभग 23472.4 मीट्रिक टन खतरनाक अपशिष्ट भंडारित है । डिस्पोजल हेतु प्रश्नाधीन अवधि में किये प्रयासों की जानकारी परिशिष्ट ‘‘क‘‘ अनुसार है । केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व एनजीआरआई हैदराबाद के वैज्ञानिकों द्वारा जून,2011 में कोई निरीक्षण नहीं किया गया है ।
(ख) निगम क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्रमांक 1,2,3,6,8,9 व 30 में जहरीले अपशिष्ट की वजह से प्रदूषित लाल पानी लगभग 22 ट्यूबवेलों से पानी निकल रहा है,जिससे लगभग 10,000 आबादी प्रभावित हो रही है । उक्त वार्डो में जहां निगम की पाईप लाईन नहीं है वहां निगम के टैंकरों से करीब 54000 लीटर शुद्व पेयजल प्रतिदिन प्रदाय किया जाता है साथ ही मुख्यमंत्री शहरी पेयजल मिशन के अंतर्गत 1500 ज्ञस् क्षमता का ओव्हर हेड टेंक एवं पाईप लाईन स्थापित किये जाने हेतु द्वितीय ई-निविदा दिनंाक 02/01/2016 को जारी की गयी है । कार्य पूर्ण होने के पश्चात् उक्त सभी वार्डो में शुद्व पेयजल प्रदाय किया जावेगा । रतलाम शहर के आसपास 7213 जनसंख्या वाले 7 ग्रामों में कुंआं/ट्यूबवेल से लाल रंगयुक्त पानी निकल रहा है । शुद्व पेयजल की व्यवस्था की जानकारी परिशिष्ट ‘‘ख‘‘ अनुसार है ।
(ग) प्रश्नाधीन अपशिष्ट का डिस्पोजल तथा भूमिगत पानी ठीक करने आदि हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियत्रण बोर्ड,दिल्ली द्वारा कंसलटेंट नियुक्त कर योजना का डीपीआर. तैयार करने का कार्य प्रगति पर है । डीपीआर. में संभावित खर्चा तथा जिम्मेदार कंपनियों से भी वसूली करने का प्रावधान किया जाना है ।
परिशिष्ट िपच्चासी पॉंवर ट्रांसफार्मर की स्थापना 128. ( क्र. 2321 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम लोणी एवं ग्राम गांगपुर में दीनदयाल योजनान्तर्गत पावर ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए है, यदि हां तो कब ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हां है तो क्या दोनों स्थानों पर ट्रांसफार्मर स्थापित किए जा चुके है ? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं तो अभी तक क्यों नहीं ? कब तक कार्य पूर्ण किया जाएगा ? विलम्ब के लिए उत्तरदायी पर क्या कोई कार्यवाही की जावेगी ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में ग्राम लोणी में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत पावर ट्रांसफार्मर की 3.15 एम.वी.ए. से 5 एम.वी.ए. क्षमता वृद्धि का कार्य दिनांक 30.07.2015 को स्वीकृत किया गया है। ग्राम गांगपुर (कवड़ा) में नवीन 5 एम.वी.ए.क्षमता के 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य एडीबी योजना के अन्तर्गत दिनांक 13.01.2014 से स्वीकृत है। (ख) जी नहीं। (ग) ग्राम गांगपुर (कवड़ा) के उपकेन्द्र से सम्बद्ध 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही.लाईनों के मार्ग में आरक्षित वन आने एवं वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने में देरी होने के कारण कार्य में विलंब हुआ है। उक्त कार्य जून-2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। ग्राम लोणी में वर्तमान में 3.15 एम.वी.ए. क्षमता का अस्थाई उपकेन्द्र कार्यशील है जिसे स्थाई उपकेन्द्र में परिवर्तित किये जाने का कार्य फीडर सेपरेशन योजना के अन्तर्गत स्वीकृति उपरांत कार्यादेश ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ऑफस्योर इन्फ्रॉ.लि. मुम्बई को दिनांक 04.11.2015 से जारी किया गया है। निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार यह कार्य दिनांक 02.05.2017 तक पूर्ण किया जाना है। उक्त कार्य सम्पन्न होने पर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत स्वीकृत ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण किया जा सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में विलंब के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में 129. ( क्र. 2322 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुकंपा नियुक्ति से अपात्र हो चुके लोगों को अवसर देने हेतु प्रस्ताव पास किया है ? यदि हां तो कब ? प्रस्ताव के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति की नियमावली की कापी उपलब्ध करवाई जावे ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग ऐसा कोई प्रस्ताव तैयार कर रहा है ? वर्तमान में धार जिले अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण किन-किन विभागों में कब से लंबित है ? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हां तो प्रस्ताव कब तक पारित होने की संभावना है ? यदि नहीं तो क्यों नहीं ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। धार जिले में अनुकंपा नियुक्ति के वर्तमान में लंबित प्रकरणों की विभागवार जानकारी परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट िछयासी उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के जलाशय 130. ( क्र. 2362 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जलाशयों के निर्माण के लिए कितनी राशि की स्वीकृति दी गई ? उक्त स्वीकृत राशि में से कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य में व्यय की जा चुकी है ?(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या जलाशयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है ? यदि हां, तो क्या निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच की गई है ? यदि हां, तो कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा ? (ग) उक्त जलाशयों से कितनी-कितनी भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है ? (घ) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र की सिंचाई परियोजनाओं के संचालन, देख-रेख आदि के लिये कौन-कौन कर्मचारी-अधिकारी किन-किन सिंचाई परियोजनाओं में पदस्थ होकर कार्यरत हैं ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)से(घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है ।
परिशिष्ट सतासी अनुदान राशि के ट्रांसफार्मरों के बारे में जानकारी 131. ( क्र. 2370 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रायसेन जिले में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर कृषक अनुदान योजना के तहत स्वीकृत किये गये हैं, विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग बतावें ? (ख) रायसेन जिले में कृषक अनुदान योजना में स्वीकृत विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं, वित्तीय वर्षवार संख्या बतावें ? (ग) रायसेन जिले में कृषक अनुदान योजना में ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिनकों पांच माह (योजना में कार्य संपादित किये जाने की अवधि) से अधिक समय से राशि जमा होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक लाईन विस्तार कार्य पूर्ण करके स्थाई सिंचाई पम्प कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, संख्या बतावें ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रायसेन जिले में कृषकों को स्थायी पंप कनेक्श्न प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना अंतर्गत कुल 5424 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं जिनका विधानसभा क्षेत्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में प्रश्नाधीन योजना अंतर्गत स्वीकृत समस्त 5424 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं जिनका वित्तीय वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में कृषक अनुदान योजना में ऐसा कोई भी उपभोक्ता नहीं है जिसे पांच माह से अधिक समय से राशि जमा होने एवं कार्यादेश जारी होने के बाद भी स्थाई सिंचाई पंप कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है।
परिशिष्ट अठासी खनिज से राजस्व की प्राप्ति 132. ( क्र. 2393 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा संभाग अंतर्गत आने वाले जिला खनिज अधिकारियों के द्वारा किन जिलों में वर्ष जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस थाना क्षेत्र में कौन से खनिज किन वाहनों में पकड़े गये है तथा पकड़े गये वाहनों एवं खनिज से कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के जिलों एवं वर्षों में बालू पटियां, मुरूम, पत्थर, गिट्टी, बाक्साईड के खदानों की नीलमी बोली नहीं करायी गई है तथा खनिज का उत्खनन निरन्तर खदानों से हो रहा है तो क्या यह माना जायेगा कि खनिज अधिकारियों द्वारा राजस्व की क्षति पहुंचाते हुये अवैध उत्खनन में ठेकेदारों से संलिप्त होकर यह कार्य करा रहे हैं ?(ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) के जिलों में उपनिरीक्षक, निरीक्षक खनिज की पदस्थापना हैं ? यदि हां, तो सेवा नियम के अनुसार उक्त अधिकारियों को एक अवधि में एक कार्य स्थान पर कितने अवधि तक रखने का नियम हैं ? उक्त नियम को कितने अधिकारी पूरा कर चुके हैं क्या ऐसे उपनिरीक्षक, निरीक्षक खनिज को जिले से बाहर किया जायेगा ? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नांश (ग) के अधिकारियों द्वारा कब-कब, किस-किस खनिज, खदान का निरीक्षण किया गया है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) थाना क्षेत्रवार जानकारी संधारित नहीं रखी जाती है। अत: थाना क्षेत्रवार पकडे गये खनिज वाहनों की जानकारी उपलब्ध कराने का प्रश्न ही नहीं है।
(ख) सतना जिले में प्रश्नाधीन खदानों की नीलामी नहीं कराई गई है। सीधी जिले में वर्ष 2015 में पत्थर खनिज की खदानों की नीलामी कराई गई है। रीवा जिले में वर्ष 2015 में रेत की 01 और पत्थर की 01 खदान की नीलामी कराई गई है। सिंगरौली जिले में वर्ष 2015 में नीलामी नहीं की गई है। प्रश्नाधीन जिलों में बाक्साइट खनिज की कोई खदान नीलाम नहीं की गई है। वैधानिक रूप से स्वीकृत खदानों में वांछित आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर खनन कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा जिलों में समय-समय पर जांच की जाती है। जांच के दौरान अवैध खनन पाए जाने पर संबंधितों के विरूध प्रकरण सक्षम न्यायालय में दर्ज कराने की कार्यवाही भी की जाती है। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ग) विभाग में खनिज निरीक्षक की पदस्थापना है जो कि तृतीय श्रेणी (अराजपत्रित) का पद है। उप निरीक्षक/निरीक्षक के नाम से विभाग में कोई पद स्वीकृत नहीं है। सेवा नियम में स्थानान्तरण संबंधी कोई प्रावधान नही है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बंदना कंन्स्ट्रक्शन कंपनी को दिये गये कार्यों की स्थिति133. ( क्र. 2394 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जल संसाधन विभाग रीवा संभाग रीवा (बाणसागर परियोजना रीवा) के द्वारा 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक बंदना कंस्ट्रक्शन कम्पनी रीवा को कौन-कौन से कार्य कितने-कितने लागत से किस अवधि से प्रारंभ कर किस अवधि में पूरा करने की शर्त पर दिये गये थे ? कार्य का नाम, कार्य की लागत, कार्य प्रारंभ करने का दिनांक, कार्य पूर्ण करने का दिनांक, कराये गये कार्य की वर्तमान स्थिति, कार्य पर दिये गये भुगतान की राशि एवं शेष राशि की जानकारी उपलब्ध करायें ? (ख) प्रश्नांश (क) के विभाग द्वारा क्या बंदना कंस्ट्रेक्शन कम्पनी रीवा को ब्लेक लिस्टेड किया गया है ? यदि हां, तो किन कारणों से ? (ग) (क), (ख) के संदर्भ में बंदना कंस्ट्रेक्शन कंपनी रीवा के ऊपर विभाग द्वारा कितने रूपये की रिकवरी निकाली गई है । उक्त रिकवरी की राशि क्या कम्पनी द्वारा विभाग में जमा की गई । यदि हां, तो कब ? यदि राशि जमा नहीं हुई तो उक्त राशि जमा कराने के लिये शासन अथवा विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है ? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में संबंधित कम्पनी द्वारा राशि नहीं जमा की गई है तो क्या विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज कराकर उक्त राशि की वसूली उनकी चल अचल सम्पत्ति से करायी जायेगी ? यदि हां, तो कब तक समय-सीमा बतायें ? यदि नहीं तो क्यों ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) निरंक । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं ।(ख) जी हाँ, दिनांक 30.06.2016 तक की अवधि के लिए पंजीयन निलम्बित किया जाकर काली सूची में रखा गया है । सिरमौर वितरक नहर की लाईनिंग का कार्य अनुबंध के मुताबिक नियत समय में नहीं करने के कारण ।(ग) एवं (घ) फर्म से वसूली योग्य कुल राशि रू.154.73 लाख दिनांक 12.10.2015 तक वसूल की जा चुकी है । शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं ।
विधायक निधि के आवंटन की प्रक्रिया134. ( क्र. 2420 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विधायक निधि की राशि का भुगतान जिला योजना मण्डल से योजना आर्थिक और सांख्यिकी भोपाल एवं विकास आयुक्त ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भोपाल को भेजने के पश्चात ग्रामीण यंत्रिकी सेवा से प्राप्त होती है ? (ख) क्या यह प्रक्रिया अत्यंत जटिल नहीं है ? (ग) यदि हां, तो क्या इसका सरलीकरण किया जावेगा ? किया जाएगा तो कब तक ? (घ) क्या जिला योजना अधिकारी से सीधे निर्माण एजेन्सी यथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के खाते में राशि स्थानांतरित की जा सकती है ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता। (घ) वर्तमान प्रक्रिया अनुसार संभव नही है।
कार्यभारित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान 135. ( क्र. 2440 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 27.11.2015 में शासन के समस्त विभागों से अग्रवाल वेतनमान की अनुशंसा अनुसार कार्यभारित कर्मचारियों के अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिये जाने के संबंध में जानकारी मांगी गई थी ? कार्यभारित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने के क्या प्रावधान है ? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें ?(ख) डिण्डोरी जिले में जल संसाधन विभाग अंतर्गत 01 जनवरी, 2008 से 31 दिसंबर 2010 के बीच कितने कार्यभारित कर्मचारियों की मृत्यु हुई और उन्हें प्रश्नांश (क) अनुसार अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया गया और कितने शेष हैं ? उन्हें कब तक दिया जावेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ । कार्यभारित कर्मचारियों के आश्रित सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है । आदेश की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है ।(ख) निरंक । प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है ।
पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना 136. ( क्र. 2458 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा खाचरौद व बड़नगर तहसील के अंतर्गत पवन ऊर्जा परियोजना में कितनी कंपनियों को विंड टरबाईन स्थापित करने की अनुमति किन-किन नियमों, मापदण्डों के तहत 1 जनवरी 2013 से 30 जनवरी 2016 के मध्य स्वीकृत प्रदान की गई है ? कंपनियों के स्वीकृति आदेश, नाम सहित संपूर्ण पृथक-पृथक दें ?(ख) मेसर्स रीन्यू विंड एनर्जी (ए.पी.04) प्रा.लि. गुड़गांव को पवन ऊर्जा संयंत्र विंड टरबाईन लगाने की अनुमति किन-किन शर्तों, नियमों के तहत खाचरौद तहसील के बड़ेगांव, नंदियासी, संदला गांवों हेतु प्रदान की गई है ? बगैर सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के गंव सुरेल, चंदवासला, नंदियासी में किस आधार पर कार्य किया जा रहा है ? (ग) उत्पादित बिजली की सप्लाई ग्रीड तक पहुंचाने हेतु किसानों की निजी भूमि पर सप्लाई लाईन के पोल व डी.पी. लगाने हेतु शासन द्वारा मुआवजा राशि देने के क्या मापदण्ड निर्धारित किए हैं ? (घ) कितनों किसानों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया है ? किसानों के नाम, गांव का नाम सहित संपूर्ण विवरण दें ?(ड.) क्या यह सही है कि गौचर भूमि तथा अन्य शासकीय भूमियों का बगैर नोयत परिवर्तन किए नये रास्ते बनाने तथा अन्य शर्तों के उल्लंघन के संबंध में रिन्यू विंड एनर्जी के खिलाफ कलेक्टर उज्जैन, अपर तहसीलदार महोदय खाचरौद को दिनांक 11/12/2015 व 23/11/2015 व 01/12/2015 को सरपंच चौखालाल, सरवन डोडिया व धारासिंह के द्वारा शिकायत की गई है ? यदि हां तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई ?
उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) तहसील-खाचरोद एवं बडनगर के अन्तर्गत 01 जनवरी 2013 से 30 जनवरी 2016 तक, पवन ऊर्जा परियोजनाओं में 12 कम्पनियों को शासन की पवन ऊर्जा क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत विण्ड टरबाईन स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मेसर्स रिन्यू विण्ड एनर्जी (ए.पी.04) प्रा.लि. गुडगांव को पवन ऊर्जा संयंत्र (विण्ड टरबाईन) स्थापित करने की अनुमति शासन की पवन ऊर्जा क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत खाचरौद तहसील के बड़ेगांव, नंदियासी व संदला गांवों हेतु प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारतीय तार अधिनियम, 1885 के अन्तर्गत निजी भूमि पर पोल व डी.पी. लगाने हेतु मुआवजा दिये जाने के प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश-(ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड) जी हॉ, सरपंच चौखालाल एवं धारासिंह इत्यादि द्वारा दिनांक 11.12.2015 व दिनांक 23.11.2015 को न्यू विण्ड एनर्जी के विरूद्ध प्रश्न में उल्लेखित शिकायत की गई है। उक्त शिकायत पर तहसीलदार-खाचरोद द्वारा प्रकरण क्रमांक-20/बी121/15-16 दर्ज कर जांच की गई। जांच उपरान्त, प्रस्तुत शिकायत के तथ्य सही नहीं होने से, शिकायत आदेश दिनांक 26.12.2015 से निरस्त की गई है। दिनांक 01.12.2015 को कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
परिशिष्ट नवासी इंदौर एवं उज्जैन संभाग में कर वसूली 137. ( क्र. 2460 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अतरांकित प्रश्न संख्या 121 (क्रं. 2602) दिनांक 28.07.2015 के अनुसार जिन प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना बताया गया ? क्या उनमें वसूली कर ली गई ? प्रकरणवार जानकारी देवें ? (ख) इंदौर एवं उज्जैन संभाग में विगत दो वर्षों में बिना टिन नंबर के कितने मामले वृत कार्यालयों द्वारा चिन्हित किये गये नाम सहित जिलावार बतावें ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इन पर क्या कार्यवाही की गई प्रकरणावार बतावें ? यदि नहीं की गई तो क्यों ? (घ) इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) (ख) (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अरण्या बहादुर डेम का रिनोवेशन 138. ( क्र. 2467 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अरण्या बहादुर डेम का कैचमेंट एरिया कितना है ? इस डेम का निर्माण कब हुआ था ? आखरी बार यह कब ओव्हरफ्लो हुआ था ? (ख) क्या शासन R.R.R योजनान्तर्गत डेम का रिनोवेशन तथा नहरे पक्की बनाने के लिये शामिल कर रहा है ? यदि हां तो कब तक ? (ग) क्या शासन के समक्ष छोटी कालीसिंध से नहर निकालकर अरण्या बहादुरपुर की गांगी नदी में मिलाने का प्रस्ताव विचाराधीन है ? यदि हां तो जानकारी देवें ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अरनिया बहादुरपुर जलाशय का जल ग्रहण क्षेत्र 82.84 वर्ग कि.मी. है । जलाशय का निर्माण वर्ष 1983 में पूर्ण हुआ । जलाशय, वर्ष 2015 में आखरी बार ओव्हर¶लो हुआ ।(ख) जी नहीं । कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है । (ग) जी नहीं, प्रश्नाधीन मांग मा. प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा की गई है । सर्वेक्षण एवं परीक्षण कार्य पूर्ण नही हुआ है ।
सांसद-विधायक निधि से कराये गये कार्य 139. ( क्र. 2474 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विभाग द्वारा अन्य मदों एवं सांसद तथा विधायक निधि की राशि से कार्यों को कराए जाने पर रोक लगाई गई है ? यदि हां तो इसके क्या कारण है ? (ख) यदि नहीं तो विधान सभा क्षेत्र बैतूल में प्रश्नकर्ता द्वारा द्वारा ग्राम नाहिया की नहर मरम्मत हेतु विधायक निधि से दी गई राशि से कार्य न कराए जाने का क्या कारण है ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं, सांसद, विधायक निधि से उन कार्यों को कराया जा सकता है जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति जल संसाधन विभाग की स्थाई वित्तीय समिति की अनुशंसा उपरान्त शासन स्तर से जारी की गई हो। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रश्नाधीन कार्य जल उपभोक्ता संथा, ससुन्द्रा के माध्यम से कराए जाने के लिए रू. 40,000/- की स्वीकृति दी थी । विभागीय निर्देश के तहत जिला सेक्टर के कार्य (जिसमें विधायक निधि के कार्य भी शामिल हैं) केवल विभागीय तौर पर करने की व्यवस्था की गई है । इस संबंध में जल संसाधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-22/46/10/पी-1/31, दिनांक 31.03.2011 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र –''अ'' अनुसार है । माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दी गई स्वीकृति शासन निर्देश के संगत नहीं होने के कारण ।
परिशिष्ट नब्बे राज्य शासन एवं पेंशनरों को छटवें केन्द्रीय वेतन आयोग का लाभ दिया जाना 140. ( क्र. 2476 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र.शासन द्वारा दिनांक 10 सितम्बर 2008 को जारी राजपत्र क्रमांक 553 में भारत सरकार द्वारा जारी छठवें केन्द्रीय वेतन आयोग की यथासंशोधित अनुशंसाओं का लाभ राज्य शासन के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देने का निर्णय लिया गया था ?(ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा छठवें केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार केन्द्र के समान जस का तस राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है ? यदि नहीं तो म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन के बावजूद यथासंशोधित अनुशंसाओं का लाभ प्रदान क्यों नहीं किया गया ? (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार 1 जनवरी 2006 से 31 अगस्त 2008 तक 32 माह के वेतन अंतर एरियर की राशि राज्य के पेंशनरों को भुगतान की गई है ? यदि हां, तो कब एवं कैसे आदेश प्रति उपलब्ध करवायें ?(घ) म.प्र.शासन द्वारा राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान छठवें केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं अनुसार वेतनमान का लाभ क्या राज्य सरकार कर्मचारियों एवं पेंशनरों द्वारा लगातार की जा रही मांग पर पुनर्विचार करके जस का तस वेतनमान प्रदान करने के संशोधित आदेश जारी कर सकती है ? यदि हां, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों कारण देवें ?जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। केन्द्र एवं राज्य शासन की प्रशासनिक संरचनायें पृथक पृथक होने से यथा आवश्यक परिवर्तन करते हुए कर्मचारियों एवं पेंशनरो को लाभ दिया गया । शेंषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) जी नही। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में वित्त विभाग द्वारा सुस्पष्ट एवं स्वयंपूर्ण आदेश जारी किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही हाेता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता।
शासन एवं निजी कंपनियों के विमान/हेलीकाप्टर पर व्यय राशि 141. ( क्र. 2479 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शासन के पास कितने हेलिकाप्टर/विमान हैं तथा उन पर औसत प्रतिमाह कर्मचारी पायलेट का वेतन ईंधन रख-रखाव इत्यादि का खर्च क्या है ? तीन वर्षों के इन मदों में हुए खर्च की वर्षवार जानकारी दें ?(ख) पिछले तीन वर्षों में शासकीय हेलिकाप्टर तथा विमान एवं निजी कंपनियों के विमान/हेलिकाप्टर से मुख्यमंत्री जी ने कहां-कहां एवं कब-कब यात्रा की, सूची देवें तथा बतावें कि प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री एवं माननीय राज्यपाल के अलावा किन-किन व्यक्तियों ने कहां-कहां एवं कब-कब यात्रा की, उसकी सूची देवें ?(ग) पिछले तीन साल में किस-किस दिनांक को किस कारण से अन्य विभाग द्वारा हेलिकाप्टर/विमान किराये से लिये गये तथा प्रश्नाधीन अवधि में इस मद में किये गये भुगतान की वर्षवार जानकारी दें ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 03 हेलीकाप्टर एवं 01 विमान । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है । (ग) प्रश्नाधीन अवधि में विमानन विभाग से किसी भी विभाग व्दारा हेलीकाप्टर/विमान किराये पर नहीं लिये गये । शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम बरजोरपुर में सबस्टेशन निर्माण 142. ( क्र. 2487 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ग्राम बरजोरपुर में म.प्र.वि.वि.म.क्षे.क.लि. द्वारा सब स्टेशन स्वीकृत किया गया है ? यदि हां तो कितनी लागत राशि का अवगत कराये ? (ख) सब स्टेशन निर्माण हेतु कितनी भूमि की आवश्यकता है ? क्या भूमि उपलब्धता हेतु विभाग ने प्रयास किये है ? (ग) यदि बरजोरपुर में सब स्टेशन निर्माण होगा, तो कितने कृषकों को लाभ मिलेगा ? अगवत करायें ? (घ) म.प्र. शासन की नवीन योजना से बी.पी.एल./एक हेक्टेयर जमीन वाले कितने कृषकों को शाहपुर खंड में लाभ मिला है ?उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हॉं, ग्राम बरजोरपुर में म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा 33/11 के .व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत राशि रू. 198 लाख है। (ख) उक्त सब स्टेशन के निर्माण हेतु 30X50 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता है। जी हॉं, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा उक्त उपकेन्द्र के निर्माण हेतु निजी भूमि प्राप्त कर ली गई है। (ग) ग्राम बरजोरपुर में 33/11 उपकेन्द्र का निर्माण पूर्ण होने पर लगभग 512 कृषक लाभान्वित होंगे। (घ) प्रश्नाधीन उल्लेखित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के 1 हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 अश्वशक्ति तक के सभी कृषि पंप उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किये जाने की योजना के अंतर्गत शाहपुर विकासखण्ड में 581 कृषकों को लाभ मिला हैं।
अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही 143. ( क्र. 2492 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र. शासन द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 14 एवं नियम 16 अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही के निपटारे हेतु कोई समय सीमा निर्धारित है, यदि हां तो कितनी ?(ख) नीमच जिलान्तर्गत ऐसे कितने प्रकरण लंबित है ?(ग) कब तक उनका निराकरण कर दिया जाएगा ?मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 14 के अधीन संस्थित विभागीय जांच का निराकरण एक वर्ष की समय-सीमा में तथा नियम, 16 के अधीन लघु शास्ति के मामलों के निराकरण हेतु अधिकतम समय-सीमा 5 माह निर्धारित है। (ख) नीमच जिले में 31 प्रकरण लम्बित हैं। (ग) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।