मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2021 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 24 दिसम्बर, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जेल
में कैदियों
को प्रदत्त
सामग्री
[जेल]
1. ( *क्र. 1112 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची उपलब्ध करायें, इसमें उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी देवें तथा किस प्रकार से उपलब्ध कराये जाते हैं? नि:शुल्क या सशुल्क बतावें। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार बतायें कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर की सेन्ट्रल एवं जिला जेल में कैदियों के दैनिक उपयोग भोजन आदि का कितना भुगतान किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किया गया? इस अवधि में कितना भंगार आदि की निलामी से कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) वर्तमान में जेल विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों पर किस-किस प्रकार की विभागीय जांच चल रही है? दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक जांच में कितने दोषी पाये गये? उनके नाम, पद एवं वर्तमान स्थिति बतावें तथा जेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर दर्ज अपराध का भी विवरण देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में बंदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची एवं उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त सामग्री बंदियों को नि:शुल्क प्रदाय की जाती है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार केन्द्रीय जेल इन्दौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं जिला जेल इन्दौर में बंदियों को दैनिक उपयोग भोजन आदि पर भुगतान की गई राशि का विवरण एवं भंगार से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्तमान में जेल विभाग के दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभागीय जॉंच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जॉंच में दोषी पाये अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
पैरामेडिकल काउंसिल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( *क्र. 1104 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल में पदस्थ रजिस्ट्रार डॉ. पूजा शुक्ला की नियुक्ति नियमानुसार की गई है? यदि हाँ, तो उनकी नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया से संबंधित समस्त दस्तावेज एवं प्रक्रिया के साक्ष्य प्रदान किया जावे। (ख) डॉ. पूजा शुक्ला, रजिस्ट्रार पैरामेडिकल काउंसिल के शैक्षणिक दस्तावेज प्रदान किए जावे। (ग) क्या पैरामेडिकल काउंसिल में पदस्थ पांडे एवं डॉ. पूजा शुक्ला का एकाधिकार है? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध आज तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई और यदि नहीं, तो पांडे एवं समस्त स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज बतावें। (घ) डॉ. पूजा शुक्ला एवं पांडे की नियुक्ति दिनांक से लेकर आज दिनांक तक अचल व चल संपत्ति का विवरण बतावें। प्रश्नकर्ता द्वारा बार-बार जानकारी पूछे जाने के बावजूद उक्त सम्बन्ध में जानकारी क्यों प्रदान नहीं की जा रही है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सी.सी. खरंजा एवं सामुदायिक भवन निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( *क्र. 1238 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुरैना अंतर्गत अनुसूचित जाति मोहल्लों में सी.सी. खरंजा एवं सामुदायिक भवन निर्माण के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 371/2021, दिनांक 12.03.2021 में जिला संयोजक अनुसूचित जाति कल्याण, मुरैना को दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पत्र में उल्लेखित सी.सी. खरंजा एवं सामुदायिक भवन निर्माण हेतु तकनीकी स्वीकृति जारी क्यों नहीं कराई गई? इन कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कराकर निर्माण कार्य कराया जावेगा? (ग) जिला संयोजक अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, मुरैना में कौन-कौन से कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? उनके नाम एवं पद तथा पदस्थापना वर्ष सहित जानकारी देवें। लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों का अन्यत्र स्थानान्तरण क्यों नहीं किया गया और कब तक अन्यत्र स्थानान्तरण किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। प्राप्त प्रस्तावों को, अन्य प्रस्तावों के साथ सम्मिलित कर वर्ष 2021-22 के बजट से नियमानुसार अनुमोदन हेतु प्रभारी मंत्री जी को प्रस्तुत किए गए हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासन की स्थानान्तरण नीति के अनुरूप आवश्यक स्थानान्तर किये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़ जाति को आवास
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
4. ( *क्र. 1018 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग द्वारा घुमक्कड़ जाति तथा लोहापीटा (धूरधोबा) समाज के परिवार रायसेन जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कहां-कहां, कब-कब से रह रहे हैं? (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण में उनको आवास मिल सके, इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? पूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या रायसेन जिले में लोहापीटा (धूरधाबा) समाज के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण के अंतर्गत आवास नहीं दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? कारण बतायें। (घ) मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विभाग के पत्र क्रमांक 801/482/2018/62, दिनांक 02/08/2018 में दिये गये निर्देशानुसार लाभांवित किया जा रहा है। (ग) विमुक्त जाति आवास योजना वर्ष 2018-19 से प्रधानमंत्री आवास योजना में समाहित हो जाने से जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय के माध्यम से नियमानुसार आवास उपलब्ध कराये जा रहे हैं। (घ) सिर्फ एक विधायक माननीय श्री रामपाल सिंह का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से प्राप्त हुआ है। संचालनालय के पत्र दिनांक 19/08/2021 द्वारा समस्त कलेक्टरों को योजना अंतर्गत लाभांवित किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आदिवासी योजनाओं हेतु आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 1467 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्त वर्ष 2019-20 से 2021-22 के प्रश्न दिनांक तक ट्राईबल सब-प्लान में कितनी राशि केंद्र सरकार से तथा कितनी राशि म.प्र. सरकार से आवंटित की गई? उक्त राशि किन-किन मदों में खर्च की गई? वर्षवार, प्रखंडवार प्रति सहित पृथक-पृथक बताएं। ट्राईबल सब-प्लान की कितनी राशि जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम में किस नियम के तहत किन-किन कार्यों के लिए खर्च की गयी? नियम की प्रति-सहित बताएं। ट्राईबल सब-प्लान के तहत राशि आवंटन एवं खर्च की केंद्र सरकार एवं म.प्र. शासन की क्या-क्या नियम/गाईड लाईन है? प्रति सहित पृथक-पृथक बताएं। (ख) आदिवासियों की विशिष्ट संस्कृति, भाषा, लिपि, रीति-रिवाज को संरक्षित करने के लिए शासन के किन-किन विभागों/संस्थाओं द्वारा कौन-कौन-सी योजनाएं संचालित हैं? उक्त योजनाओं का लाभ किन व्यक्तियों/संस्थाओं को किन मानकों पर मिलेगा? प्रति-सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) की योजनाओं के लाभार्थियों का विवरण जनवरी 2019 से प्रश्न-दिनांक तक प्रखंडवार पृथक-पृथक प्रति-सहित बताएं। वर्तमान में प्रदेश की किन-किन भाषाओं, लिपियों, संस्कृतियों पर कब से शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की जा रही हैं? प्रति-सहित बताएं। (घ) जनवरी 2019 से प्रश्न-दिनांक तक विभाग को किन विषयों के पत्र ईमेल एवं पोस्ट से प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये? उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि की ट्रायबल सब प्लान में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा आवंटित राशि एवं उक्त राशि की मदवार एवं वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। प्रखण्डवार व्ययित राशि की जानकारी एवं जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में कार्यवार व्ययित राशि की जानकारी संकलित की जा रही है। आदिवासी उपयोजना अंतर्गत वित्त विभाग द्वारा बजट का प्रावधान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) आदिवासियों की संस्कृति, भाषा, लिपि, रीति-रिवाज को संरक्षित करने के लिये ''जनजाति से संस्कृति का संवर्धन, अनुसंधान प्रशिक्षण एवं विकास योजना संचालित है। यह योजना हितग्राही मूलक नहीं होने से व्यक्तियों/संस्थाओं को लाभ मिलने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था द्वारा भीली, भिलाली, बारेली, गोंडी, कोरकू एवं मवासी बोलियों के शब्दकोष तैयार किये गये हैं तथा इनके लोक गीतों के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
खाद, यूरिया, डी.ए.पी. का कृत्रिम संकट
[सहकारिता]
6. ( *क्र. 1571 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक 30.11.2021 तक गुना, अशोकनगर, शिवपुरी जिले की सहकारी समितियों में यूरिया, डी.ए.पी. की कितनी-कितनी आपूर्ति कराई गई? सीजनवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में खाद, यूरिया, डी.ए.पी. वितरण हेतु जिलेवार कितने-कितने कृषकों को कितनी-कितनी भूमि के लिये कितनी-कितनी खाद प्रदाय करने हेतु प्रस्ताव शासन को कब भेजा गया था? प्रस्ताव के अनुरूप खाद उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त जिलों में नकली खाद विक्रय करने एवं कालाबाजारी किये जाने के कितने मामले संज्ञान में आये और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 28.10.2021 को माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय कृषि मंत्री जी एवं कलेक्टर गुना को भी पत्र लिखा गया था। उक्त पत्रों पर कब और क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या उपरोक्त प्रश्नांश के संबंध में सोसायटियों द्वारा वितरण पर्ची में गड़बड़ी, निर्धारित समय-सीमा में खाद वितरण में अनियमितताएं एवं किसानों को खाद नहीं मिलने के कारण स्पष्ट है कि राज्य सरकार किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने में असफल रही है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा उर्वरक वितरण हेतु भूमि सीमा निर्धारित किये जाने संबंधी प्रस्ताव प्राप्त न होने से शासन को नहीं भेजा गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त जिलों में नकली उर्वरक विक्रय करने, कालाबाजारी एवं अवैध भंडारण के 10 प्रकरण पाये गये। उक्त समस्त प्रकरणों में 10 एफआईआर दर्ज कराई गई है। (घ) पत्र दिनांक 28.10.2021 के तारतम्य में कार्रवाई हेतु संबंधित जिला कलेक्टर को कार्रवाई हेतु लेख किया गया है। प्रदेश में रबी वर्ष 2021-22 में अभी तक 11.60 लाख मे.टन यूरिया, 5.61 लाख मे.टन डी.ए.पी., 3.49 लाख मे.टन एनपीके तथा 7.33 लाख मे.टन एस.एस.पी. उर्वरक उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त कृषकों को अन्य उर्वरकों जैसे एनपीके, काम्प्लेक्स एवं एस.एस.पी. के विक्रय के रूप में उपयोग करने हेतु विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार कर प्रेरित किया गया। अवैध भंडारण, कालाबाजारी आदि जैसी स्थितियों के नियंत्रण हेतु दिनांक 20 अक्टूबर 2021 से 20 दिसम्बर 2021 तक सघन अभियान भी चलाया जा रहा है। (ड.) जी नहीं।
यूरिया वितरण की स्थिति
[सहकारिता]
7. ( *क्र. 132 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कृषकों को यूरिया वितरण हेतु सोसायटी में पंजीकृत या अपंजीकृत कृषकों हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है? आदेश एवं परिपत्र की प्रति बतावें। (ख) दिनांक 01.10.2021 से दिनांक 30.11.2021 तक जिलेवार समितियों द्वारा कृषकों को कितनी मात्रा में यूरिया प्रदान किया गया? (ग) यूरिया निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचे जाने संबंधी कितने ज्ञापन अथवा शिकायतें प्राप्त हुई तथा इस संबंध में कितनी संख्या में जांच कर कितने प्रकरण दर्ज किए गए? (घ) प्रदेश में वर्तमान अवधि में कुल कितनी मात्रा में यूरिया किस किस कम्पनी से कितना-कितना प्राप्त हुआ? क्या यह मात्रा शासन द्वारा तय की गई अनुमानित मात्रा के बराबर है या अनुमान से कितनी कम है? (ड.) क्या शासन यूरिया वितरण में पूर्णतः असफल रहा है तथा क्या इससे किसानों में अधिक आक्रोश है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिला प्रताड़ना की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
8. ( *क्र. 1190 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम गुडा पाली थाना जतारा जिला टीकमगढ़ निवासी श्रीमती खिलन अहिरवार द्वारा दबंगों के विरूद्ध जुलाई 2021 से नवम्बर 2021 के बीच कई बार प्रताड़ित किये जाने एवं जान से मारने की धमकी दिये जाने की सूचना थाना प्रभारी जतारा को दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो थाना प्रभारी द्वारा 4 माह पूर्व की गई शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि थाना प्रभारी जतारा द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्षेत्र में आतंक एवं भय के माहौल को शह देने वाले थाना प्रभारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब? (घ) विगत छ: माह से ऐसे कितने प्रकरण/आवेदन थाना प्रभारी जतारा के पास लंबित हैं, जिन पर परिणामकारक कार्यवाही नहीं की गई है एवं कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 16.07.2021 को श्रीमती खिलन अहिरवार द्वारा अपने पति श्री ध्यानी अहिरवार के साथ थाना जतारा में आकर अनावेदकों के विरूद्ध मौखिक शिकायत की थी, जिस पर असंज्ञेय रिपोर्ट क्रमांक 261/21 पंजीबद्ध किया गया था। श्रीमती खिलन अहिरवार द्वारा थाना जतारा में दिनांक 22.10.2021 को एक शिकायत आवेदन पत्र दिया था। (ख) थाना प्रभारी जतारा द्वारा 04 माह पूर्व (दिनांक 16.07.2021 को) ध्यानी अहिरवार द्वारा उसकी पत्नी श्रीमती खिलन अहिरवार के साथ थाना आकर की गई रिपोर्ट पुलिस अहस्तक्षेप योग्य होने के कारण अनावेदकों के विरूद्ध एन.सी.आर. क्रमांक-261/21, दिनांक 16.07.2021 पंजीबद्ध की गई थी। रिपोर्ट के आधार पर अनावेदकों के विरूद्व धारा 107,116 (3) द.प्र.सं. के अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई थी। (ग) पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई है, अतः थाना प्रभारी पर कार्यवाही नहीं की गयी। (घ) जानकारी संलग्न परिश्ष्टि अनुसार है।
आदिवासियों को वनाधिकार के पट्टे का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
9. ( *क्र. 920 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वनाधिकार अधिनियम की धारा 2 (ण) एवं धारा 4 (3) में दिसम्बर 2005 तक आदिवासियों-वनवासियों को संबंधित भूमि पर काबिज रहने का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जुलाई 2020 तक राज्य शासन को अनुसूचित जाति, जनजाति और आदिवासियों एवं परम्परागत वनवासियों द्वारा उनके कब्जे की वन भूमि का पट्टा लिए जाने हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो कितने आवेदन प्राप्त हुए और प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त आवेदनों का निराकरण नहीं करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या बड़वानी जिले के ग्राम पंचायत सिदड़ी के ग्राम खड़क्यामहु में वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत पट्टे के 11 प्रकरण जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में दिनांक 25 जून, 2018 को मान्य किए गए थे? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में पट्टा नहीं दिए जाने के क्या कारण हैं? क्या शासन लापरवाही करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) बड़वानी जिले के ग्राम पंचायत सिदड़ी के ग्राम खडक्यामहू के 11 प्रकरण जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में दिनांक 25.06.2018 को जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक आयोजित कर सभी पात्र दावेदारों को वन अधिकार पत्र प्रश्नांकित तिथि के पूर्व ही वितरित किये जा चुके हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में संचालित आश्रम, छात्रावास
[जनजातीय कार्य]
10. ( *क्र. 1067 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले में जनजाति विभाग के कितने आश्रम छात्रावास (अशासकीय सहित) संचालित हैं तथा आश्रम छात्रावासों में कितने शिक्षक, शिक्षिकाएं अधीक्षक, अधीक्षिकाएं एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रश्न दिनांक तक कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संचालित आश्रम विद्यालयों में (अशासकीय सहित) स्वीकृत सीट कितनी हैं? (ग) क्या जिले में संचालित अशासकीय आश्रम-छात्रावासों में कर्मचारियों को ई-पेमेंट से माहवार नियमित वेतन का भुगतान किया जा रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिले में संचालित अनुदान प्राप्त अशासकीय छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत कर्मचारियों को समय-समय पर प्राप्त आवंटन अनुसार ई-पेमेंट के माध्यम से माह अगस्त 2021 तक का नियमित वेतन का भुगतान किया जा चुका है।
बहोरीबंद में सिविल कोर्ट की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
11. ( *क्र. 1244 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कटनी जिला अंतर्गत बहोरीबंद तहसील में व्यवहार न्यायालय (सिविल कोर्ट) की स्थापना का प्रस्ताव पूर्व से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उल्लेखित न्यायालय की स्थापना हेतु क्या पूर्व से निर्मित बी.आर.सी. भवन को न्यायालय स्वरूप में परिवर्तन कर दिया गया है तथा न्यायाधीश निवास की चार दीवारी का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो तहसील मुख्यालय, बहोरीबंद में सिविल कोर्ट की स्थापना में विलंब के क्या कारण हैं एवं यह भी बतलावें कि यहां पर सिविल कोर्ट की स्थापना किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जतारा दुग्ध शीत केन्द्र (डेयरी) के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
12. ( *क्र. 1523 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा में वर्तमान में दुग्ध शीत केन्द्र कब खोला गया था? आदेश बतावें। प्रतिवर्ष विभाग को कितना लाभ एवं कौन-कौन से ग्राम के कौन-कौन से किसानों को एवं पशु पालकों को लाभ मिल रहा है? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पूर्व में यह कब खोली गई थी एवं बाद में कब से संचालित है और यह किस अधिकारी एवं कर्मचारियों की देखरेख में चल रही है? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि इसमें कितने ग्राम के पशुपालकों को इसका लाभ मिल रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार उपरोक्त कार्य हेतु पशुपालकों से दूध क्रय करने की विस्तृत योजना बनाई है, जिससे और अधिक पशुपालकों को लाभ मिलेगा? ऐसी योजना की जानकारी प्रदाय करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) टीकमगढ़ जिले का जतारा दुग्ध शीतकेन्द्र दिनांक 01.08.2018 से बुंदेलखण्ड दुग्ध संघ के अधीन प्रारम्भ है। दुग्ध शीतकेन्द्र से दुग्ध संघ को अतिरिक्त आय नहीं होती है। वर्तमान में दुग्ध शीतकेन्द्र द्वारा 93 दुग्ध सहकारी संस्थाओं के माध्यम से दुध क्रय कर लगभग 2872 किसानों एवं पशुपालकों को लाभांवित किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) दुग्ध शीतकेन्द्र जतारा वर्ष 1986 से दिसम्बर 1999 तक सागर दुग्ध संघ के अधीन संचालित रहा, दिसम्बर 1999 से सागर दुग्ध संघ परिसमापनधीन होने से दुग्ध शीतकेन्द्र जतारा बंद रहा। तत्पश्चात वर्ष 2011-12 से जुलाई 2018 तक ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ के अधीन एवं माह अगस्त 2018 से बुंदेलखण्ड सहकारी दुग संघ मर्यादित, सागर के गठन उपरांत संचालित है। श्री संजीव मेहरे, प्रभारी दुग्ध शीतकेन्द्र में पदस्थ है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, बुंदेलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ के पर्यवेक्षण में संचालित है। (ग) 93 दुग्ध सहकारी संस्थाओं के द्वारा दुग्ध शीतकेन्द्र में दूध प्रदाय किया जा रहा है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) पशुपालकों के आय बढ़ाने की दृष्टि से दुग्ध संघ द्वारा पशु नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, उन्नत चारा बीज, संतुलित पशु आहार प्रदाय आदि के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि एवं लागत में कमी कर पशुपालकों की आय में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं।
लोक सेवा गारंटी केन्द्र एवं उप केन्द्र हेतु भवन स्वीकृति
[लोक सेवा प्रबन्धन]
13. ( *क्र. 524 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा गारंटी केन्द्र एवं उप केन्द्र के संचालन हेतु भवन की स्वीकृति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो सागर जिले में कितने लोक सेवा गारंटी केन्द्र एवं उप केन्द्रों हेतु भवन स्वीकृत किये गये हैं? विकासखंड वार वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या सागर जिला में स्वीकृत लोक सेवा गारंटी केन्द्र शहरी एवं ग्रामीण का भवन पूर्व में स्थापित अनुविभागीय कार्यालय एवं तहसील कार्यालय परिसर में निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो निर्माण की राशि एवं निर्माण अवधि सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में निर्मित लोक सेवा गारंटी भवन शहरी एवं ग्रामीण की दूरी वर्तमान में जिला कलेक्टर कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय सागर से अधिक हो गई है? यदि हाँ, तो क्या विभाग नवीन कार्यालय के समीप लोक सेवा गारंटी भवन की स्वीकृति प्रदान करेगा? (घ) यदि नहीं, तो लोक सेवा गारंटी केन्द्र शहरी एवं ग्रामीण में पंजीयन एवं अन्य कार्यों हेतु आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े, इस हेतु विभाग लोक सेवा गारंटी केन्द्र को नवीन शासकीय कार्यालय के समीप अन्य भवन में स्थापित किये जाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, जिला सागर अंतर्गत 13 लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं। जिला सागर अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों के अतिरिक्त काउंटर/उपकेन्द्र तहसील कार्यक्षेत्र अंतर्गत खोले गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, लोक सेवा केन्द्र शहरी एवं ग्रामीण का भवन पूर्व में स्थापित अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय एवं तहसील कार्यालय परिसर में निर्माण किया गया था। निर्माण की राशि लोक निर्माण विभाग निर्माण एजेन्सी द्वारा रूपये 23.46 लाख में की गई थी। लोक सेवा केन्द्र सागर शहरी निर्माण अवधि 1 वर्ष 4 माह एवं लोक सेवा केन्द्र सागर ग्रामीण अवधि 3 वर्ष 8 माह। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) लोक सेवा केन्द्रों में पंजीयन एवं अन्य कार्यों हेतु आमजनों को परेशानी का सामना न करना पड़े इस हेतु सागर शहरी का अतिरिक्त काउंटर/उपकेन्द्र नवीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय सागर/तहसील कार्यालय सागर के परिसर में खोला गया है। लोक सेवा केन्द्र ग्रामीण का अतिरिक्त काउंटर नरयावली/सुरखी एवं शाहपुर की ग्राम पंचायत/नगर परिषद में खोला गया है।
जनजाति नागरिकों के उत्थान हेतु किये गये कार्य
[जनजातीय कार्य]
14. ( *क्र. 1063 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4449, दिनांक 17.03.2021 का उत्तर दिलाया जाये तथा बतावें कि प्रदेश में पिछले दस वर्षों में धारा 165 (6) में आदिवासियों की कितनी जमीन को गैर आदिवासी में बेच दिया गया है? (ख) धारा 165 (6) तथा 165 (7) में प्राप्त आवेदन पर लिये गये निर्णय में आदिवासियों के हितों का पूरी तरह ध्यान रखा गया है या नहीं? इसका मूल्यांकन राजस्व विभाग द्वारा किस तरह किया जाता है? (ग) विभिन्न विभागों में जनजाति उपयोजना की राशि का उपयोग उचित तरीके से किया जा रहा है या नहीं? इसका मूल्याकंन विभाग द्वारा किस प्रकार किया जाता है? (घ) विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 में नामांकन की संख्या वर्ष 2019-20 से 2020-21 तक की बतावें तथा बतावें की इस अवधि में सायकल, पुस्तकें, गणवेश तथा मध्यान्ह भोजन के हितग्राहियों की संख्या वर्षवार कितनी-कितनी है? (ड.) विभाग द्वारा आदिवासी कृषकों के विकास हेतु, आदिवासियों के जीवनांक में सुधार हेतु, आदिवासियों की वार्षिक आय बढ़ाने तथा आदिवासियों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु क्या-क्या योजनाएं बनाई गईं है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति
[जनजातीय कार्य]
15. ( *क्र. 82 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि केंद्र सरकार से न मिलने के कारण नहीं दी जा सकी है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने आदिवासी छात्रों की कितनी छात्रवृत्ति की राशि केंद्र से प्राप्त नहीं हुई है? (ग) उपरोक्त छात्रवृत्ति की राशि केंद्र से प्राप्त नहीं होने का क्या कारण है? (घ) क्या राज्य सरकार द्वारा आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए केंद्र को प्रस्ताव विलम्ब से भेजने के कारण केन्द्र से राशि नहीं मिली है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कमला नेहरू चिकित्सालय में लगी आग
[चिकित्सा शिक्षा]
16. ( *क्र. 1278 ) श्री आरिफ मसूद : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के अधीन कमला नेहरू चिकित्सालय हमीदिया अस्पताल परिसर स्थित बाल रोग विभाग के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में दिनांक 08/11/2021 को लगी आग से कितने शिशुओं की मृत्यु हुई? उनके नाम, पिता/पति पते सहित विवरण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आगजनी की घटना के मामले में विभाग/अस्पताल प्रबंधन द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा डीन गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल, अधीक्षक कमला नेहरू चिकित्सालय को लापरवाही के चलते पद से हटा दिया गया है? यदि नहीं, तो इनको पद मुक्त करने का कारण बताने का कष्ट करें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के अधीन कमला नेहरू चिकित्सालय, हमीदिया अस्पताल परिसर स्थित बाल रोग विभाग के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में दिनांक 08/11/2021 को लगी आग से 04 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जांच में आगजनी का कारण संभवत: शॉर्ट-सर्किट होना पाया गया। (ग) जी हाँ।
घुमक्कड़ जनजाति 'मुसहर' की समस्याओं का निदान
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
17. ( *क्र. 1235 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण की कौन-कौन सी जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं तथा प्रदेश में अब तक किन-किन तहसीलों में उक्त वर्ग के कुल कितने परिवारों को लाभान्वित किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश ''क'' का प्रत्युत्तर सकारात्मक है, तो रीवा जिले के त्योंथर तहसील अंतर्गत 20 ग्रामों में घुमक्कड़ जाति के रूप में मुसहर जनजाति के लोग खुले आसमान के नीचे सपरिवार जीवन यापन कर रहे हैं, उनकी अब तक न तो आवासीय व न ही शैक्षणिक एवं न ही उदर-पोषण की कोई प्रभावी व्यवस्था की जा रही है, ऐसा क्यों? (ग) यदि प्रश्नांश ''ख'' का प्रत्युत्तर सकारात्मक है, तो त्योंथर तहसील अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में निवासरत घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़ मुसहर जाति के लोगों को आवास व शिक्षा तथा पोषण की प्रभावी व्यवस्था कब तक सुनिश्चित की जाएगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित मुसहर जनजाति विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के अंतर्गत सम्मिलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हमीदिया अस्पताल में आगजनी की घटना
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( *क्र. 38 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हमीदिया अस्पताल, भोपाल में आगजनी की घटना में कितने लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें बच्चे, महिलाओं व अन्य की संख्या की जानकारी वर्ष 2021 के दिन-माह सहित बतावें? (ख) राजधानी के हमीदिया अस्पताल में आग लगने के क्या कारण रहे? आगजनी से बचाव की क्या व्यवस्थायें पूर्व से थीं? यदि नहीं, थी तो किसकी जिम्मेदारी निश्चित की गई? (ग) क्या उक्त घटना में मरने वाले परिवारों को शासन द्वारा आर्थिक सहायता दी गई? यदि नहीं, दी गई तो क्यों नहीं? (घ) क्या यह सही है कि लोग जीवन रक्षा हेतु अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती होते हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण लोगों की जान जाये, इसकी जिम्मेदारी शासन द्वारा किस पर निर्धारित की गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) हमीदिया अस्पताल, भोपाल में आगजनी की घटना में 04 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई, किसी भी महिला एवं अन्य की मृत्यु नहीं हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) हमीदिया अस्पताल में आगजनी की घटना न्योनेटल वेंटीलेटर के चालू करते ही उत्पन्न चिंगारी के फलस्वरूप वेंटीलेटर में आग लगने की घटना घटी। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) मृतकों के परिजनों की सूची एवं परिजनों को प्रदान की गई मुआवजा राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। उत्रांश ''ख'' अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शहीद का दर्जा एवं असाधारण पेंशन का लाभ
[गृह]
19. ( *क्र. 1481 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वर्गीय श्री बृजेश रावत आर 152 जिला श्योपुर शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान वाहन दुर्घटना में शहीद हुये थे? (ख) यदि हाँ, तो पुलिस अधीक्षक श्योपुर के पत्र क्र./पु.अ./श्यो./स्था./ए-1803-ए/19, दिनांक 27.09.2019 एवं पत्र क्रमांक/ए-259-ए, दिनांक 11/02/2020 के द्वारा स्वर्गीय श्री बृजेश रावत आर 152 जिला श्योपुर को शहीद का दर्जा एवं असाधारण परिवार पेंशन का लाभ प्रदाय करने का लेख किया गया है? यदि हाँ, तो स्व. श्री बृजेश रावत को अभी तक शहीद का दर्जा एवं असाधारण पेंशन का लाभ क्यों नहीं दिया गया है? कब तक दे दिया जावेगा? (ग) क्या पुलिस मुख्यालय मध्यप्रदेश भोपाल के प्रभारी पुलिस उपमहानिरीक्षक विसबल, मध्यक्षेत्र भोपाल के पत्र क्र./पु.मु./विसबल/7 (6)/स्मृति दिवस/36/19, दिनांक 03.10.2019 के द्वारा 21 अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस परेड 2019 के अवसर पर मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल महोदय से भेंट करने हेतु स्वर्गीय आरक्षक क्र. 152 बृजेश रावत, जिला बल श्योपुर के परिजनों को भोपाल बुलाया जाकर मुख्य अतिथि से भेंट करायी गयी थी एवं शहीद स्मारक शिलालेख पर स्वर्गीय बृजेश का नाम शहीद के रूप में अंकित किया गया है? यदि हाँ, तो शहीद हुये श्री बृजेश रावत को अभी तक शहीद का दर्जा एवं असाधारण पेंशन का लाभ क्यों नहीं दिया गया है? शासन द्वारा कब तक शहीद का दर्जा एवं असाधारण पेंशन का लाभ दे दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्री बृजेश रावत आरक्षक 152 जिला श्योपुर शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान वाहन दुर्घटना में दिवंगत हुए थे। (ख) विशेष पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय की अध्यक्षता में गठित वरिष्ठ समिति द्वारा प्रकरण के तथ्यों के परीक्षणोपरांत लिए गए निर्णयानुसार तथा मध्यप्रदेश (पुलिस कर्मचारी वर्ग असाधारण परिवार निवृत्ति वेतन) नियम 1965 के नियम 3 (चार) की परिधि में प्रकरण नहीं आने के कारण स्व. श्री बृजेश रावत आरक्षक 152 को असाधारण परिवार पेंशन का लाभ नहीं दिया गया। (ग) जी हाँ। पुलिस स्मृति शिलालेख पर कर्तव्य के दौरान दिवंगत हुए सभी पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम अंकित किए जाते हैं। दिवंगत आरक्षक 152 स्व. श्री बृजेश रावत शासकीय कर्तव्यों निर्वहन के दौरान वाहन दुर्घटना में मृत्यु होने पर police personnel killed on duty की परिधि में आने से दिवंगत आरक्षक 152 स्व. श्री बृजेश रावत का नाम पुलिस स्मृति शिलालेख पर अंकित किया गया हैं। प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
जिला ग्वालियर में दर्ज अपराधों के सम्बंन्ध में
[गृह]
20. ( *क्र. 1447 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में दिनांक 01 सितम्बर, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 तक की स्थिति में किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध दर्ज हुये हैं? उनके नाम, पता तथा कौन-कौन सी धारायें लगाई गई हैं? क्या इन प्रकरणों में अपराधी पकडे़ गये हैं या फरार चल रहे हैं? जो फरार चल रहे हैं, उनके नाम, पता बतावें, अब इनको कब तक पकड़कर कानूनी कार्यवाही की जावेगी? ग्वालियर जिले के प्रत्येक थानावार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन पुलिस विभाग के कर्मचारी/अधिकारी हैं, जो दिनांक 30 नवम्बर, 2021 की स्थिति में एक ही थाना में 3 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ हैं, उनका नाम, पद, बैज नम्बर सहित सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें। क्या शासन या स्थानीय निर्वाचन आयोग का ऐसा कोई आदेश है कि एक ही स्थान पर 3 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों को तुरन्त हटाया जाये? यदि हाँ, तो इस आदेश की प्रति दें। आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कर्मचारी/अधिकारी का किस-किस दिनांक को स्थानान्तरण कहाँ से कहाँ किया गया है? उनका पूरा विवरण दें। (ग) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पुलिस विभाग में दिनांक 30 नवम्बर, 2021 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक, उनका कार्यक्षेत्र, मुख्यालय सहित सम्पूर्ण जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस विभाग के कुल 11 आरक्षक संवर्ग के कर्मचारी हैं, जो दिनांक 30 नवम्बर, 2021 की स्थिति में एक ही थाने में 3 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ हैं। उनका नाम, पद, बैज नम्बर सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। जी हाँ, मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र क्रमांक-एफ-70/पीएन/-20/2021/तीन/371, भोपाल दिनांक 26.10.2021 (छायाप्रति संलग्न) के माध्यम से गत चार वर्षों के दौरान एक स्थान पर तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ पुलिस अधिकारियों को अन्यत्र पदस्थ किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। यह निर्देश जिले के प्रभार में वरिष्ठतम अधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक, पुलिस इंस्पेक्टर एवं सब इंस्पेक्टर थाना प्रभारी पर लागू किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार।
आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने के संबंध में
[गृह]
21. ( *क्र. 1008 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर तहसील लवकुशनगर ग्राम मुंडेरी उत्तरी में दिनांक 30/06/2021 को नरेंद्र अहिरवार तनय हरिचरण उम्र 17 साल की मृत्यु के संबंध में कोई अपराध पंजीबद्ध किया गया है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) किसी व्यक्ति को हाथ बांध कर कुएं में डाल दिया जाए और उसकी मृत्यु पानी में डूबने से हो जाए तो उसे प्रथम दृष्टया क्या माना जाएगा, हत्या या आत्महत्या? उल्लेख करें। (ग) प्रश्न दिनांक तक जांचकर्ता द्वारा हत्या का अपराध पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया? स्पष्ट करें। जांचकर्ताओं के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। दिनांक 30.06.2021 को नरेन्द्र अहिरवार तनय हरिचरण उम्र 17 साल की मृत्यु के संबंध मृतक के पिता हरिचरण अहिरवार की सूचना पर थाना लवकुश नगर में मर्ग क्र. 31/21 कायम किया गया है। वर्तमान में मर्ग जांच जारी है। जांच में आये तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) मेडिकोलीगल इंस्टीट्यूट भोपाल के एक्सपर्ट अनुसार मृतक द्वारा मृत्यु सुनिश्चित करने हेतु अपने हाथ बांध लेने का उपक्रम असामान्य नहीं है व शरीर, कपडों, घटना स्थल पर संघर्ष के चिन्हों के अभाव में मृत्यु आत्महत्यात्मक स्वरूप की होना प्रतीत होती है। (ग) मर्ग जांच जारी है। जांच में आये तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
बैंक खाता धारकों के फर्जी हस्ताक्षर से राशि का आहरण
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 1177 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना की शाखा चंदेरी के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा वर्ष 2017 से 2021 तक बैंक खाता धारकों बचत खाता एवं फिक्स डिपॉजिट (एफ.डी.) से फर्जी हस्ताक्षर से धन राशि निकालकर हड़पे जाने के संबंध में विभाग को कलेक्टर अशोकनगर, पुलिस अधीक्षक अशोकनगर एवं शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, गुना शाखा चंदेरी जिला अशोकनगर को किस-किस के द्वारा शिकायत की गई? शिकायतकर्ता का नाम, पता एवं उनके बैंक खाता क्रमांक व हड़पी गई राशि सहित विवरण देवें। (ख) क्या यह सही है कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना की शाखा चंदेरी में पदस्थ भृत्य श्री शाकित अली खान से प्रबंधक द्वारा अनाधिकृत रूप से केशियर का कार्य लिया जाता था, जिसने दिनांक 04.10.2021 को आत्महत्या कर ली एवं मृतक शाकित अली खान ने दिनांक 04.10.2021 को मृत्यु के पूर्व थाना प्रभारी चंदेरी को एक पत्र लिखकर जिसमें उक्त बैंक घोटाले में लिप्त अधिकारी/कर्मचारियों के नाम का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो अधिकारी/कर्मचारियों के नाम एवं पद सहित जानकारी देवें। (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किस अधिकारी से कब जांच कराई गई एवं जांच निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। प्राप्त 429 शिकायतों में से 11 शिकायत आवेदनों की जांच जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना द्वारा गठित जांचदल द्वारा की गई, जिसमें 7 प्रकरणों में राशि रू. 34.89 लाख की अनियमितता पाई गई है। शेष 418 की जांच प्रक्रियाधीन है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना की शाखा चंदेरी में श्री शाकित अली खान नाम का कोई कर्मचारी पदस्थ नहीं रहा है, परन्तु शाखा चंदेरी में श्री शाकिर अली खान नाम के कर्मचारी (सपोर्ट स्टाफ) पदस्थ था, स्टाफ की कमी के कारण शाखा प्रबंधक द्वारा उससे कैशियर का कार्य संपादित कराया जा रहा था। यह सही है कि दिनांक 04.10.2021 को उसके द्वारा आत्महत्या कर ली गई। पुलिस अधीक्षक जिला अशोकनगर से प्राप्त जानकारी अनुसार श्री शाकिर अली से मृत्यु पूर्व थाना प्रभारी चंदेरी को कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना के द्वारा श्री ब्रज मोहन अग्रवाल विपणन कक्ष प्रभारी की अध्यक्षता में गठित दल के द्वारा 11 शिकायतों की जांच अक्टूबर 2021 में कराई गई। जांच निष्कर्ष के आधार पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं कैशियर के विरूद्ध दिनांक 14.10.2021 को थाना चंदेरी में अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया तथा तत्कालीन शाखा प्रबंधक, श्री ब्रजेश्वर दयाल श्रीवास्तव को बैंक द्वारा निलंबित किया गया। प्रकरण में शाखा चंदेरी में जांच हेतु आयुक्त सहकारिता स्तर से उप आयुक्त सहकारिता जिला गुना की अध्यक्षता में जांचदल का गठन किया गया है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त। उत्तरांश 'ख' अनुसार मृत्यु पूर्व श्री शाकिर अली द्वारा कोई पत्र थाना चंदेरी को नहीं देने के कारण शेष जानकारी निरंक।
कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
23. ( *क्र. 1545 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कलेक्टर जिला मुरैना के आदेश क्र. 1936, दिनांक 19.04.1986 द्वारा श्री राजेश डण्डोतिया, सहा. ग्रेड-2 को सहरिया विकास अभिकरण, मुरैना में नियुक्त किया गया था और शासन द्वारा मुरैना-श्योपुर जिला पृथक होने से सहरिया विकास अभिकरण जिला श्योपुर में चले जाने के कारण कलेक्टर जिला मुरैना के आदेश क्रमांक 2419, दिनांक 14.07.1997 द्वारा श्री डण्डोतिया को जिला श्योपुर के आदिवासी कार्यालय विकास खण्ड कराहल में स्थानान्तरण किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जब आयुक्त आदिवासी विकास, भोपाल के आदेश क्रमांक 19137, भोपाल दिनांक 15.07.1997 द्वारा संबंधित श्री डण्डोतिया का स्थानान्तरण कार्यालय सहायक आयुक्त, जिला झाबुआ में किया गया था, जहां श्री डण्डोतिया को विभागीय कार्यालय विकासखण्ड अधिकारी कराहल के आदेश क्र.1985, दिनांक 01.09.1997 द्वारा जिला झाबुआ के लिये कार्य मुक्त किया था और शासन के आदेश क्रमांक 25, दिनांक 23.10.1997 द्वारा झाबुआ का स्थानान्तरण निरस्त किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, तो श्री राजेश डण्डोतिया, सहायक ग्रेड-2 शासन/प्रशासन के किस आदेश अथवा किस नियम के अंतर्गत कार्यालय विकासखण्ड अधिकारी कराहल जिला श्योपुर के स्थान पर कार्यालय जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग जिला मुरैना में विगत कई वर्षों से पदस्थ होकर कार्यरत हैं? उक्त आदेशों एवं नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये जानकारी प्रदाय की जावे। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्री राजेश डण्डोतिया को मूल विभाग कार्यालय सहरिया विकास अभिकरण में अथवा विभागीय कार्यालय विकासखण्ड अधिकारी कराहल जिला श्योपुर में भेजने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण नियमों को छायाप्रति के साथ प्रस्तुत करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल के आदेश क्रमांक 19137, भोपाल दिनांक 15.7.1997 द्वारा संबधित श्री डण्डोतिया का स्थानांतरण जिला संयोजक कार्यालय मुरैना से कार्यालय सहायक आयुक्त जिला झाबुआ में किया गया था और शासन के आदेश क्रमांक 25, दिनांक 23.10.1997 द्वारा झाबुआ का स्थानांतरण निरस्त किया गया। चूंकि श्री डण्डोतिया का स्थानांतरण कार्यालय जिला संयोजक मुरैना से हुआ था। अत: स्थानांतरण आदेश निरस्त होने पर कार्यालय जिला संयोजक मुरैना में कार्य कर रहे हैं। आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पशुचिकित्सकों की पदस्थापना
[पशुपालन एवं डेयरी]
24. ( *क्र. 1483 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों में पशुचिकित्सकों के कुल कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? चिकित्सालय/औषधालयवार बताएं। उक्त चिकित्सालय एवं औषधालयों में कितने-कितने चिकित्सक कार्यरत होकर कहां-कहां पदस्थ हैं? कितने पद रिक्त हैं व क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोलारस में संचालित पशु चिकित्सालय/औषधालयों में रिक्त चिकित्सकों के पदों पर पदस्थापना कब तक कर दी जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्थानांतरण एवं सेवानिवृत्त से। (ख) पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग इंदौर को एवं सहायक पशु चिकित्साक्षेत्र अधिकारी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पी.ई.बी. को मांगपत्र प्रेषित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुरैना जिले की गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
25. ( *क्र. 318 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालायें स्वीकृत हुई हैं, विवरण बतावें? (ख) कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा ग्राम पंचायत को कितना-कितना भुगतान किया गया तथा कितनी ग्राम पंचायतों को कार्य पूर्ण होने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया है? विवरण बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला मुरैना में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अन्तर्गत 82 गौशालाएं स्वीकृत हुई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
बैरसिया
विधानसभा
अंतर्गत
सहकारी
समितियों के
संचालन
[सहकारिता]
1. ( क्र. 57 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का संचालन किया जा रहा है और इनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम एवं कृषक संख्या आते है समितिवार बतायें। (ख) सहकारी समितियों के संचालन के लिये शासन के क्या मापदण्ड हैं? (ग) कृषकों की संख्या को देखते हुये सहकारी समितियों की संख्या का विस्तार कर ग्रामीणजन को आसानी से सुविधाएं उपलब्ध हो सके इस हेतु शासन की क्या कार्य योजना हैं? स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 20 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं, तथा इनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत 391 गांव एवं 53,324 कृषक सदस्य हैं, समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन हेतु निर्धारित मापदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (ग) मापदण्ड को पूर्ण करने वाले प्रस्तावों पर इनके पुनर्गठन की अनुमति दी जाती है।
अस्पतालों के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( क्र. 180 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में हुये आगजनी में कितने बच्चों की मौतें हुई है? इस आगजनी के प्रमुख कारण क्या है? क्या बच्चों की मृत्यु के बाद सुपुर्द किये गये शवों को बदलने को लेकर शिकायतें मिली है? (ख) आगजनी के दौरान मृत और घायल पीड़ि़तों के परिवार को सरकारी आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, और कितना? (ग) प्रदेश के सभी निजी एवं शासकीय अस्पतालों में सुरक्षा मानक स्तर को बनाये रखने की जानकारी उपलब्ध है? जबलपुर जिले के समस्त शासकीय एवं निजी अस्पतालों की सुरक्षा मानकों की जानकारी देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कमला नेहरू अस्पताल में हुई आगजनी में 04 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई। आगजनी का कारण न्योनेटल वेंटीलेटर के चालू करते ही उत्पन्न चिंगारी के फलस्वरूप वेंटीलेटर में आग लगने की घटना घटी। जी हाँ। शिकायत शव का डी.एन.ए. टेस्ट किया जाकर उनके परिजनों को शव सुपुर्द किये गये। (ख) आगजनी में मृतकों के परिजनों को सरकारी आर्थिक सहायता प्रदान करने की सूची एवं जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है।
बलिदान दिवस के मौके पर शासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के व्यय
[जनजातीय कार्य]
3. ( क्र. 186 ) श्री तरूण भनोत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या 18 सितम्बर, 2021 को शंकरशाह एवं रघुनाथ शाह जी की 164 वे बलिदान दिवस पर केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार का आगमन जबलपुर में हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त बलिदान दिवस पर प्रदेश शासन के कौन-कौन से विभागों को कार्यों का दायित्व सौंपा गया था? विभागों के नामवार एवं उन्हें शासन से आवंटित राशियों के संबंध में पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त बलिदान दिवस कार्यक्रम में प्रदेश शासन का कुल व्यय कितना हुआ?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। संस्कृति विभाग, जनसम्पर्क विभाग, परिवहन विभाग एवं जिला प्रशासन जबलपुर को दायित्व सौंपा गया था। उक्त विभागों को राशि आवंटित नहीं की गई है। जिला प्रशासन जबलपुर को राशि रूपये 21.50 लाख आवंटित की गई है। (ख) कुल व्यय की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरैना जिले में सार्वजनिक प्रणाली में गड़बड़ी
[सहकारिता]
4. ( क्र. 205 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है मृगपुरा साख सहकारी समिति मुरैना का एक कर्मचारी जो अपराधिक प्रवृत्ति का है उसे विधानसभा सुमावली की अनेक समितियों के खाद्य वितरण की व्यवस्था दी गई है क्यों? क्या स्थानीय समितियों में जिम्मेदार कर्मचारियों का अभाव है? (ख) क्या यह भी सही है कि उक्त कर्मचारी की शिकायत जिलाधीश मुरैना को दिनांक 16.4.2020 एवं 30.04.2020 को जनप्रतिनिधियों द्वारा उसके अपराधिक प्रकरणों की संख्या धाराओं सहित की थी? उस पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई, क्या उक्त आपराधिक प्रवृत्ति के कर्मचारी की राजनैतिक पहुंच के कारण अधिकारी कार्यवाही करने का साहस नहीं कर पा रहे है? (ग) क्या यह सही है कि उक्त कर्मचारी की समिति द्वारा बाजरा, सरसों, खरीदी, असत्य पंजीयन करा कर किसानों के नाम पर कूटरचित दस्तावेजों से किसानो के नाम पर पंजीयन करा कर राशि अपने खातों में डलवाई जिसकी शिकायत ग्राम बघपुरा के किसानों द्वारा जिलाधीश मुरैना को की गई उस पर जांच कर कार्यवाही कब तक की जावेगी समय सीमा बताई जावें। (घ) क्या यह भी सही है उक्त कर्मचारी जनता को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध न कराकर आधी मात्रा में खाद्यान्न प्रदान करता है? जिसकी शिकायत कई बार हुई क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित, मृगपुरा को खाद्य विभाग द्वारा अन्य समितियों से संबंधित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन/अटेचमेंट किया गया है। आवंटन/अटेचमेंट किये जाने के कारणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मृगपुरा समिति के कर्मचारी श्री बच्चू सिंह गुर्जर के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज हुये थे जिनमें से 2 प्रकरणों में दोषमुक्त किया है, एक प्रकरण में एक वर्ष की सजा दी गई थी जिसके विरूद्ध अपील किये जाने पर जमानत पर मुक्त कर कारावास के दण्डादेश को स्थगित किया गया है। सजायाफ्ता कर्मचारी से कार्य लिये जाने का तथ्य संज्ञान में आने पर सेवा से हटाने के निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी हाँ। शिकायतों की जांच अनुविभागीय अधिकारी मुरैना के माध्यम से तत्कालीन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से कराई जा रही थी परन्तु तत्समय कोविड - 19 के कारण लॉकडाउन होने के कारण जांच कार्य खाद्य विभाग मुरैना के स्तर पर लंबित है। (ग) इस संबंध में खाद्य विभाग मुरैना स्तर पर प्राप्त शिकायत की जांच कराई गई जो निराधार पाई गई थी। (घ) इस संबंध में उचित मूल्य दुकानों से संबंधित पात्र परिवारों द्वारा कोई शिकायत जिला स्तर पर दर्ज नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराया जाना
[जनजातीय कार्य]
5. ( क्र. 307 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जिले में प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार कानून के अंतर्गत कितने ऐसे मामले हैं जिनमें अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक आदिवासियों द्वारा किए गए भूमि स्वामित्व के दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज किया गया है? (ख) इनमें से कितने मामलों से सबूतों के अभाव, प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण दावे निरस्त हो गए? (ग) क्या सरकार ने वनाधिकार का दावा करने वाले आदिवासियों की सहायता के लिए परामर्श या कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत अनुसूचित जनजाति के 230 एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों के 55 कुल 285 दावे विभिन्न कारणों से निरस्त किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) सबूतों के अभाव (साक्ष्य के अभाव) में 04 दावे निरस्त किये गये है। प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण कोई दावा निरस्त नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) कानूनी परामर्श या कानूनी सहायता हेतु किसी भी आवेदक का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
व्यापम घोटाले से संबंधित प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
6. ( क्र. 308 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले से संबंधित प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द करने के बाद कितने प्रकरण एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज किए गए एवं कितनों में खात्मा लगाया गया? (ख) एस.टी.एफ. द्वारा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर दर्ज किए गए कितने प्रकरणों पर खात्मा लगवाया गया? जबकि वह संबंधित तहसीलदारों की रिपोर्ट पर दर्ज किए गए थे। ऐसे में इन प्रकरणों पर किस आधार पर खात्मे की कार्यवाही की गई? (ग) परिवहन आरक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षित सीटों के लिये महिला अभ्यार्थियों का फिजीकल टेस्ट पुरूष अभ्यार्थियों के लिये निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया गया। महिला अभ्यार्थियों का उन पर खरे न उतरने पर उन सीटों को पुरूष अभ्यार्थियों से भरा गया। क्या सरकार द्वारा पूर्व में भी महिलाओं के लिये आरक्षित सीटों को पुरूष अभ्यार्थियों द्वारा भरा गया है? यदि हाँ, तो कब? (घ) क्या व्यापम घोटाले में पीएमटी 2012 तथा पीएमटी 2013 की परीक्षा में व्यापम द्वारा जांच में पाए गए रोल नम्बर सेटिंग्स पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए? यदि हाँ, तो बताए कि पीएमटी 2007 से 2011 तक रोल नम्बर सेटिंग्स पर प्रकरण क्यों नहीं किए गए? (ड.) माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने व्यापम घोटाले में विधान सभा में जून 2013 में प्राप्त किस गुमनाम पत्र का जिक्र किया था? उस संदर्भ में अभी तक क्या अनुसंधान किया गया? यदि उल्लेखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ तो क्या मुख्यमंत्री महोदय के असत्य कथन का व्यापम की जांच को भ्रमित करने पर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लघु वनोपज से संबंधित प्रावधान
[जनजातीय कार्य]
7. ( क्र. 329 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996 एवं संविधान की 11वीं अनुसूची में लघु वनोपज के संबंध में क्या प्रावधान दिए जाकर किस-किस को क्या-क्या अधिकार सौंपा गया है, वन विभाग को क्या-क्या अधिकार दिया है? (ख) वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996 एवं 11वीं अनुसूची में लघु वनोपज का व्यापार किये जाने हेतु सहकारी समितियां बनाए जाने की छूट किस-किस धारा में किस-किस को प्रदान की गई है? (ग) जनजातीय कार्य विभाग ने जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक लघु वनोपज के संबंध में किस-किस दिनांक को पत्र, परिपत्र, आदेश, निर्देश जारी किये हैं? (घ) लघु वनोपज का नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज संस्थाओं और संग्राहकों को सौंपे जाने के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996 तथा संविधान की 11वी अनुसूची के संबंधित अंशों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996 एवं 11वीं अनुसूची के संबंधित नियमों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी किये गये पत्र, परिपत्र, आदेश, निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) लघु वन उपज का नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज्य संस्थाओं और संग्राहकों को सौंपे जाने के संबंध में जारी की गई अधिसूचनाओं एवं आदेशों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
सामुदायिक वन अधिकार
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 330 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले की बैतूल जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत मोवाड़ के ग्राम भोपाली में आदिवासियों के देव स्थान से संबंधित गत चार वर्षों में किस-किस समिति और ग्राम सभा ने सामुदायिक वन अधिकार के संबंध में क्या-क्या प्रस्ताव पारित किया? प्रस्ताव के बाद भी सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रदान क्यों नहीं किया गया? (ख) सामुदायिक वन अधिकार से संबंधित उत्तर वन मण्डल बैतूल, उप वन मण्डल सारनी एवं वन परीक्षेत्र रानीपुर ने किस-किस विषय पर किस-किस दिनांक को सहायक आयुक्त बैतूल एव जनपद पंचायत बैतूल को पत्र लिखे? (ग) आरक्षित वन क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार के दावे से संबंधित कक्ष का मानचित्र बनाने और भूमि की रीडिंग लिए जाने में बार-बार गलती किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? गलती किए जाने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है? (घ) भोपाली क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार पत्र कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) ग्राम सभा मोवाड, उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति बैतूल एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समिति बैतूल के प्रस्ताव एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समिति बैतूल द्वारा पारित प्रस्ताव में उक्त प्रकरणों में कमी पूर्ति देखी जाकर वन अधिकार पत्र जारी किये जाने हेतु सर्व सम्मति से पारित प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रकरण में कमी पूर्ति न होने के कारण प्रश्नांकित दिनांक तक सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान नहीं किया गया। (ख) उत्तर वनमंडल बैतूल, उपवन मंडल सारनी द्वारा सहायक आयुक्त बैतूल एवं जनपद पंचायत बैतूल को लिखे गये पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) उक्त कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जाती है। प्रकरण में कमी पूर्ति होने उपरान्त प्रकरण सहायक आयुक्त कार्यालय को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बैतूल से प्राप्त होने पर उन्हें उत्तर वन मंडल बैतूल को भेजा जाता है जिससे गलती की जानकारी वन मंडल उत्तर बैतूल द्वारा बतायी जाकर प्रकरण पुन: सुधार हेतु सहायक आयुक्त कार्यालय को 02 बार प्राप्त हुये है जिन्हें पुन: सुधार हेतु जनपद पंचायत बैतूल को भेजा गया है। वर्तमान तक नस्ती मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बैतूल से अप्राप्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) भोपाली क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फिजियोथेरेपी मे निर्धारित सीटों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
9. ( क्र. 496 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के किन-किन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फिजियोथेरपी चिकित्सा पद्धति के अध्ययन हेतु कितनी सीटें निर्धारित हैं? वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में किन-किन कॉलेजों में कितने छात्र-छात्राएं उक्त संकाय में अध्ययनरत हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश में फिजियोथेरेपी चिकित्सा पद्धति के छात्र-छात्राओं हेतु इंदौर एवं जबलपुर के कॉलेजों में ही सीटें निर्धारित हैं? यदि हां, तो राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज एवं ग्वालियर के गजरा राजा चिकित्सा महाविद्यालय में उक्त पाठ्यक्रम क्यों नहीं प्रारंभ किया गया? (ग) क्या शासन भोपाल एवं ग्वालियर के सरकारी कॉलेजों में इसी शैक्षणिक सत्र से प्रश्नांकित चिकित्सा पद्धति की सीटें आरक्षित कर छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा प्रदान करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) फिजियोथेरेपी पाठयक्रम के संचालन हेतु शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर, जबलपुर, रीवा एवं सागर में सीट्स निर्धारित की गई है। निर्धारित सीट्स एवं अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा एवं सागर में भी संलग्न परिशिष्ट अनुसार सीट निर्धारित है। (ग) म.प्र. सह चिकित्सीय परिषद् में विधिवत आवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात राज्य शासन की अनुमति उपरांत वांछनीय प्रश्नांकित पद्धति में आवेदक चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय में सीटें आवंटित की जावेंगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शिक्षकों की पदस्थापना करना
[जनजातीय कार्य]
10. ( क्र. 508 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंडला जिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक पदस्थ है? यदि नहीं तो कब तक शिक्षकों की भर्ती एवं पदस्थापना की जावेगी? (ख) मण्डला जिले के ऐसे कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय हैं जहां मात्र एक या दो से कम शिक्षक पदस्थ हैं? विकासखण्डवार, नामजद जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) मण्डला जिले के मेन रोड से लगे विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक पदस्थ हैं? वहीं ग्रामीण आंचलों के स्कूल जो मेन रोड से 10 या 20 कि.मी. दूर के गांवों के स्कूलों में मात्र 01 या 02 शिक्षक ही पदस्थ है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या 10 या 25 कि.मी. मेन रोड से दूर के ग्रामीण आंचलों के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जायेगी? इस विसंगति के जिम्मेदार अधिकारी कौन है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। मंडला जिलें की शिक्षण संस्थाओं में 67 उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। माध्यमिक शिक्षकों की चयन सूची जारी की गई है, प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती हेतु म.प्र. प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं? (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न अनुरूप पदस्थ शिक्षकों की शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रिक्त पदों के विरूद्ध शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से संचालन हेतु अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। प्रश्नांश (क) में दिये गये उक्त उल्लेखानुसार शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, भर्ती की प्रक्रिया निरंतर जारी प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहारा इंडिया एवं अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा भुगतान
[गृह]
11. ( क्र. 531 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक सहारा इंडिया लिमिटेड और चिटफंड कंपनियों द्वारा जनता का जमा पैसा भुगतान नहीं करने के संबंध में कितनी कितनी शिकायतें प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राप्त हुई हैं उन पर क्या कार्रवाई की गई है? (ख) प्रदेश में सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा कितने लोगों से, कितनी धनराशि हड़पने का अनुमान है? राज्य सरकार आम लोगों को चिटफंड कंपनियों की ठगी से बचाने और उन्हें रकम वापस दिलाने के लिए क्या क्या प्रयास कर रही हैं। शासन द्वारा इन कंपनियों को मध्यप्रदेश में कब तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा? (ग) सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 793 दिनांक 17/12/ 2019 एवं प्रश्न क्रमांक 54 दिनांक 21/09/2020 के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या सहारा इंडिया कंपनी प्रमुख सुब्रतो राय पर रतलाम जिले के आलोट थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है यदि हाँ, तो उन्हें गिरफ्तार करने के संबंध में क्या कार्रवाई अभी तक की गई हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार। (ख) सहारा इण्डिया कंपनी एवं अन्य चिटफण्ड कंपनियों द्वारा लोगों से धनराशि की धोकाधड़ी की है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ में समाहित है। शासन द्वारा चिटफण्ड कंपनियों की अनियमित्ता एवं राशि गबन के संबंध में शिकायत दर्ज करवाने हेतु जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर से भी जिला पुलिस अधीक्षको को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सहारा इण्डिया कंपनी एवं अन्य चिटफण्ड कंपनियों की शिकायत के संदर्भ में राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर कैम्प लगाए गए हैं। उक्त प्रक्रिया लगातार जारी है। शासन द्वारा चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है एवं अब तक हजारों निवेशकों को उनके पैसे वापस दिलाए गए है। चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की लगातार मॉनिटरिंग शासन स्तर पर की जा रही है। शिकायतें मिलने पर ‘‘म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000’’, ‘‘दि बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम्स एक्ट 2019’’ के अंर्तगत विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ ‘स’ ‘द’ ‘य’ एवं ‘र’ अनुसार। (घ) जी हाँ। आरोपी सुब्रतराय सहारा को गिरफ्तार करने हेतु सहारा इण्डिया कंपनी के मुख्य कार्यालय लखनऊ जाकर आरोपी की तलाश की गई, परंतु आरोपी नहीं मिला गिरफ्तारी के प्रयास जारी है।
सामूहिक विवाह के शासकीय प्रावधान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
12. ( क्र. 547 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में 2013 से लेकर अब तक कितने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह किये गये? क्या सभी को शासन की योजना के तहत लाभ दिया गया? नाम, पता सहित जानकारी देवें। योजना के तहत शासन के क्या प्रावधान थे? (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में विवाह सहायता योजना के कितने प्रकरण लंबित है? कितने प्रकरण में राशि प्रदाय नहीं की गयी? क्या कारण हैं? दोषी कौन है, दोषी पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की विधायक निधि से 2013 से 2018 तक क्या-क्या कार्य किये गये? सूची सहित जानकारी देवें। जनसंपर्क निधि एवं स्वेच्छानुदान किस-किस को प्रदाय किये गये? (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में 2013 से अब तक कितने कार्यों का मूल्यांकन एवं सत्यापन किया गया? छायाप्रति सहित जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से लेकर अब तक मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह/निकाह योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 में 1151 जोड़े, वर्ष 2015-16 में 541 जोड़े वर्ष 2016-17 में 1051 जोड़े, वर्ष 2018-19 में 1510 जोड़े तथा वर्ष 2019-20 में 18 जोड़े कुल 4271 जोड़ों का सामूहिक विवाह/निकाह करवाया गया। योजना प्रावधान अनुसार लाभार्थी कन्याओं को लाभ प्रदाय किया जा चुका है। लाभार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत सेंधवा व नगर पालिका सेंधवा से प्राप्त जानकारी अनुसार विवाह सहायता का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला योजना अधिकारी बड़वानी से प्राप्त जानकारी वर्ष 2013 से 2018 तक विधायक निधि से किये गये कार्यों के प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। जनसंपर्क निधि एवं स्वेच्छानुदान मद से कराये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जिला योजना अधिकारी, बड़वानी से प्राप्त जानकारी वर्ष 2013 से 2018 तक 132 कार्यों का मूल्यांकन एवं सत्यापन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' द'' अनुसार।
हवाई फायर पर कार्यवाही
[गृह]
13. ( क्र. 548 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 26 जनवरी 2021 को अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सेंधवा प्रांगण में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलवार सेंधवा द्वारा जेल प्रहरी की बंदूक लेकर हवाई फायर किये गये थे। उक्त मामले में प्रकरण दर्ज करने हेतु दिनांक 27.01.2021 को थाना प्रभारी सेंधवा को प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ख) उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 27.01.2021 को माननीय विधायक द्वारा थाना प्रभारी सेंधवा को दिये गये आवेदन पत्र की जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सेंधवा जिला बड़वानी द्वारा की गई। जांच में संज्ञेय अपराध के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने योग्य कोई तथ्य प्रकाशित नहीं हुए थे। (ख) उत्तर प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में समाहित है।
दवाओं की खरीदी एवं वितरण
[चिकित्सा शिक्षा]
14. ( क्र. 640 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित जयारोग्य चिकित्सालय समूह में दवाओं के लिये शासन द्वारा दिनांक 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक एवं 1 अप्रैल 2021 से उत्तर दिनांक तक कितनी बजट राशि उपलब्ध कराई गई? उक्त राशि में से कितनी व्यय की गई? (ख) उक्त अवधि में उपलब्ध राशि में से किस-किस संस्था द्वारा कौन-कौन सी दवाइयां मंगाई गई एवं उनकों कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) उक्त अवधि में जयारोग्य चिकित्सालय समूह की ओ.पी.डी. में आने वाले सभी पात्र मरीजों को चिकित्सक द्वारा लिखी गई सभी दवाइयां क्या निःशुल्क उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो, माहवार लाभान्वित मरीजों की संख्या एवं उनकों दी गई दवाइयों का विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? इसका जिम्मेदार कौन है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में दवाओं के लिए शासन द्वारा निम्नानुसार आंवटन उपलब्ध कराया गया- (राशि रूपये में)
वर्ष |
आवंटन |
व्यय |
1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 |
5,21,48,000.00 |
5,19,75,994.00 |
1 अप्रैल 2021 से उत्तर दिनांक तक |
9,39,75,959.00 |
8,41,98,742.00 |
(ख) उक्त अवधि में उपलब्ध राशि में से संस्थाओं द्वारा मंगाई गई दवाओं की सूची एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार। (ग) जी हाँ। माहवार लाभांवित मरीजों की संख्या की जानकारी एवं मरीजों को दी गई दवाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड -19 के दौरान भर्ती मरीजों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
15. ( क्र. 641 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड -19 के दौरान (प्रारम्भ से उत्तर दिनांक तक) जयारोग्य चिकित्सालय समूह अन्तर्गत कोविड वार्डों में कुल कितने मरीज भर्ती हुये? इनमें से कितने मरीज लामा (LAMA. लीव अगेंस्ट मेडीकल एडवाईज) हुये? कितने मरीज रेफर किये गये एवं कितने मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज किये गये? (ख) कोविड-19 के दौरान (प्रारम्भ से उत्तर दिनांक तक) जयारोग्य चिकित्सालय समूह अन्तर्गत मरीजों के उपचार हेतु कितने टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन किस स्थान/संस्थान से किस दिनांक को प्राप्त हुये एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह में लगे प्लांटों से कितनी मात्रा में लिक्विड ऑक्सीजन का उत्सर्जन हुआ एवं कितनी मात्रा में ऑक्सीजन का वास्तविक रुप से उपयोग हुआ? दिनांकवार जानकारी दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गजराराजा महाविद्यालय के जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर के कोविड वार्डों में कुल 4215 मरीज भर्ती हुये। लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाईज मरीजों की संख्या 120 हैं। किसी भी मरीज को रेफर नहीं किया गया। कुल 3118 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज किये गये। (ख) कोविड-19 के दौरान जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में कोविड-19 के मरीजों के उपचार हेतु 76 टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन प्राप्त हुई। जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में लगे प्लांटों से लिक्विड ऑक्सीजन का उत्सर्जन एवं वास्तिक रूप से उपयोग की दिनांकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस हाउसिंग बोर्ड द्वारा विभागीय निर्माण कार्य
[गृह]
16. ( क्र. 713 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस हाउसिंग बोर्ड द्वारा पुलिस विभाग से संबंधित सिविल निर्माण कार्यों के अतिरिक्त अन्य विभागों के सिविल निर्माण कार्य की एजेन्सी के रूप में कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार पुलिस हाउसिंग द्वारा निर्मित किये गये अन्य विभागों के भवन का भविष्य में रख-रखाव (मेंटेनेंस) रंगरोगन आदि भी पुलिस हाउसिंग द्वारा ही किया जावेगा? तथा इस हेतु बजट आवंटन का प्रावधान किस प्रकार किया जावेगा? यदि नहीं तो इस हेतु क्या व्यवस्था निर्मित की गई है तथा क्या भविष्य में गुणवत्ताहीन निर्माण की स्थिति में सुधार प्रक्रिया किस प्रकार से होगी? (ग) क्या पुलिस हाउसिंग द्वारा एजेन्सी के रूप में निर्माण किये जा रहे कार्यों के लोकार्पण/भूमिपूजन कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कार्यों के शीलालेख पर आमंत्रित जनप्रतिनिधियों के नामो को अंकित किया जाना होता है? यदि ऐसा नहीं होने या किये जाने पर जिम्मेदारी किस स्तर के अधिकारियों की होती है तथा इस प्रकार की उपेक्षा की बारम्बारता पर किस प्रकार का प्रावधान है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) रख-रखाव हेतु एजेन्सी निर्धारण सबंधित विभाग द्वारा किया जावेगा। म.प्र. पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम द्वारा गुणवत्ताहीन निर्माण नहीं किया जाता। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लोकार्पण/भूमि पूजन का कार्य सम्बन्धित विभाग द्वारा किया जाता है।
प्राचार्य के स्थगन की समय-सीमा
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 714 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रभारी प्राचार्य, हाई स्कूल तोरनोद विकाखण्ड धार का स्थानांतरण शासन द्वारा किया गया था तथा इस पर संबंधित द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो स्थगन किस आधार पर, किन शर्तों पर कितनी समयावधि हेतु माननीय न्यायालय द्वारा दिया गया? (ग) क्या उक्त स्थगन में माननीय न्यायलय द्वारा पिटिशन डिस्पोस ऑफ करते हुए पिटिशनर को फ्रेश रिप्रजेंटेशन प्रस्तुत करने पर विभाग से स्पिकिंग आदेश को निर्धारित समयावधि में जारी किये जाने हेतु निर्देशित किया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या इस प्रकरण में विभाग द्वारा संबंधित के रिप्रेजेंटेशन प्राप्त कर स्पिकिंग आदेश जारी कर अन्यत्र स्थानांतरित कर कार्यमुक्त किया गया है? यदि नहीं तो अत्यधिक विलम्ब का क्या कारण रहा है? (ड.) क्या विभाग इस संबंध में क्या कोई आगामी कार्रवाई करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) शा. हाईस्कूल तोरनोद में प्राचार्य का पद रिक्त होने तथा आवेदक की पत्नी धार जिले में पदस्थ होने के आधार पर आवेदक के अभ्यावेदन का निराकरण प्रतिवादी क्र.01 द्वारा 04 सप्ताह में किए जाने के निर्देश पारित करते हुए स्थगन दिया गया। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। अभ्यावेदन के निराकरण हेतु आवेदक को वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई हेतु दिनांक 24/11/2021 तिथि नियत की गई थी। आवेदक द्वारा अस्वस्थ्य होने की सूचना देते हुए आगामी सुनवाई करने के अनुरोध पर पुन: दिनांक 29/12/2021 को तिथि नियत की गई है। (ड.) सुनवाई पश्चात आगामी कार्यवाही की जावेगी।
हमीदिया अस्पताल में आगजनी की घटना
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( क्र. 741 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हमीदिया अस्पताल में बच्चों के वार्ड में आगजनी की घटना किस लापरवाही से हुई? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किस तरह की कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) हमीदिया अस्पताल में 12 नवजात शिशुओं की मृत्यु अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई, क्या भविष्य में ऐसी घटना न होने के लिए अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार किया गया है? यदि हाँ, तो किस प्रकार का सुधार किया है और यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या भोपाल स्थित हमीदिया में लाखों रूपए की दवाएं एक्सपायर हो गई हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें एवं कितनी राशि की दवाएं एक्सपायर हुई है? (घ) क्या सरकार द्वारा इस मामले की जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी पाये गए हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) क्या कोरोना काल में रेमडेसिविर इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल से चोरी हो गये थे? उक्त घटना की जांच की गई अथवा नहीं? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? इंजेक्शन कहाँ गये, पता चला कि नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) हमीदिया अस्पताल में बच्चों के वार्ड में आगजनी की घटना न्योलेटर वेंटीलेटर के चालू करते ही उत्पन्न चिंगारी के फलस्वरूप वेंटीलेटर में आग लगने की घटना घटी। जी हां, घटना पश्चात विभाग द्वारा अधिष्ठाता, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय एवं संचालक, कमला नेहरू अस्पताल को उनके प्रभार से मुक्त किया गया तथा सी.पी.ए. के कार्यपालन यंत्री की सेवाएं मूल विभाग को वापिस की गई एवं उपयंत्री विद्युत यंत्रिकी को निलंबित किया गया। विभागीय आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) जी नहीं। आगजनी में 04 शिशुओं की मृत्यु हुई। जी हाँ। भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने हेतु कमला नेहरू अस्पताल भवन समेत समस्त चिकित्सालय में फायर सेफ्टी तथा इलेक्ट्रानिक ऑडिट का कार्य पुन: कराया गया है तथा सतत् रूप से संबंधित निकाय से फायर एन.ओ.सी. प्राप्त करने के निर्देश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल टर्सरी स्तर का चिकित्सालय है, जहां पूरे म.प्र. मरीज उपचार हेतु आते है, अत: भण्डार में पर्याप्त दवाइयां का बफर स्टॉक रखा जाता है, समस्त दवाइयां का क्रय चिकित्सालय के विभिन्न विभागों की मांग अनुसार किया जाता है समस्त विभागाध्यक्षों को निकट भविष्य में एक्सपायर होने वाली दवाइयां की जानकारी भेजी जाती है। विगत तीन वर्षों में हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल में रूपये 3907345.16 की दवाइयां एक्सपायर हुई है। (घ) जी हाँ। जांच में किसी भी अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। (ड.) जी नहीं। जी हाँ। जांच में स्टॉक नियमित एवं सही रूप में पाया गया। जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 अनुसार है।
सार्वजनिक कार्यक्रमों हेतु भवनों का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
19. ( क्र. 835 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में विशेष रूप से कमजोर जनजातिय समूहों (PVTG) हेतु कितने निर्माण/विकास कार्य जबलपुर संभाग हेतु स्वीकृत है? जिलेवार बतावें। उक्त योजनान्तर्गत कितने निर्माण कार्य विभाग में प्रस्तावित है? विभाग में उक्त योजनान्तर्गत जिला जबलपुर में 2 करोड़ की राशि से स्वीकृत भवन हेतु बरगी विधानसभा अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्राम पंचायत घुन्सौर के ग्राम घाना में उपयुक्त शासकीय भूमि भी उपलब्ध है तो विभाग ग्राम घाना में कब तक भूमि आवंटित की जाएगी? (ख) मुख्यमंत्री कार्यालय पत्र क्रमांक 4582/सीएमएस/एमएलए/096 दिनांक 30.09.21 से विभागीय प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? उक्त के संबंध में किये गये पत्राचार/नस्ती/प्रस्तावों की प्रति बतावे। कब तक स्वीकृति दी जावेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 30/भोपाल/21 दिनांक 27.09.21 विभागीय मंत्री जी को प्रेषित पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त के संबंध में किये गये पत्राचार/नस्ती/प्रस्तावों की प्रति उपलब्ध करावें। कब तक स्वीकृति दी जावेगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 734, 696/वि.बरगी/21 दिनांक 16.09.21 विभागीय मंत्री जी एवं प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र विभाग को प्रस्तुत हुए है? यदि हाँ, तो उक्त पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त के संबंध में किये गये पत्राचार/नस्ती/प्रस्तावों की प्रति उपलब्ध करावें। कब तक स्वीकृति दी जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभाग में पी.व्ही.टी.जी योजनांतर्गत जबलपुर संभाग के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जिलेवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। योजनातंर्गत जिला जबलपुर में राशि रूपये 2.00 करोड़ से स्वीकृत संभाग स्तरीय सामुदायिक भवन शासन द्वारा किसी स्थान विशेष हेतु स्वीकृत नहीं हुआ है, भवन हेतु शासकीय भूमि का चिन्हांकन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, भूमि आवंटन की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। कार्य स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) ''जी नहीं'' विभाग को पत्र प्राप्त नहीं हुआ। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ''जी हॉ''। पत्र पर की गई कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। कार्य स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
तिलवारा थाना जिला जबलपुर के नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति
[गृह]
20. ( क्र. 836 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-जबलपुर में शहरी थाना तिलवारा वर्तमान में सिंचाई विभाग के भवन (जो कि काफी पुराना एवं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है) में संचालित किया जा रहा है? क्या ऐसी स्थिति में पुलिस कर्मिंयों को जन सेवा करने हेतु पर्याप्त स्थान मिल रहा है? (ख) क्या विभाग को पुलिस अधीक्षक, जबलपुर द्वारा उक्त के संबंध में पत्र दिनांक 12.08.21 प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्राचार के संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गये पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) ग्राम जोतपुर में तिलवारा थाना भवन निर्माण हेतु आवंटित भूमि से अतिक्रमण राजस्व विभाग द्वारा हटवा दिया गया है तो विभाग तिलवारा थाना भवन निर्माण की स्वीकृति जारी कर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करेगा? (घ) इस प्रकार जीर्ण-शीर्ण अवस्था के भवन में थाना संचालन के दौरान अगर कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो उसकी जवाबदेही किसकी होगी? शासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल थाना भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। कोई अन्य शासकीय भवन न मिलने के कारण थाना तिलवारा सिंचाई विभाग के भवन में संचालित है। (ख) जी हाँ। उक्त संबंध में समस्त पुलिस इकाइयों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार थाना/चौंकी भवन निर्माण हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार किए जाने हेतु पुलिस हाउसिंग को दिनांक 20.02.2020 को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है एवं पत्र दिनांक 29.11.2021 द्वारा स्मरण कराया गया है। जिसमें थाना तिलवारा का प्रस्ताव भी शामिल है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा थाना तिलवारा भवन निर्माण हेतु ग्राम जोधपुर में आवंटित भूमि पर अतिक्रमण हटवाये जाने बावत् अनुभाग अधिकारी (राजस्व) अनुभाग गोरखपुर, जबलपुर को पत्र प्रेषित किया गया है, कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार डी.पी.आर. तैयार होने पर शीघ्र ही थाना/चौकी भवन निर्माण हेतु स्वीकृति एवं बजट आवंटन हेतु कार्यवाही की जायेगी।
नट जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने विषयक
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 991 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति अनु.जनजाति अमेंडमेंट एक्ट 1976 क्र. 108 से 1976 दिनांक 18 सितम्बर 1976 के पार्ट क्र. IX मध्यप्रदेश के सूची क्र. 41 में सुधार कर नट जाति को पूर्ववत अनुसूचित जनजाति 11 अथवा 34 में यथावत रखे जाने हेतु शासन को प्राप्त विभिन्न आवेदनों पर विभाग में क्या कार्यवाही प्रचलित है? अब तक की गई कार्यवाही का विवरण दें। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा नट जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने हेतु क्या कार्यवाही अब तक की गई है? विवरण दें। कब तक नट जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित कर लिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। किसी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार लक्षण परिलक्षित न होने के कारण नट जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने का कोई औचित्यपूर्ण आधार नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। किसी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का अधिकार भारत सरकार को है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि पट्टा के लंबित प्रकरण
[जनजातीय कार्य]
22. ( क्र. 1019 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 25 नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि के पट्टा) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ख) सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों एवं स्थानों पर किया जा सकता है? इस संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं उनकी प्रति दें। 25 नवम्बर 2021 की स्थिति में किन-किन ग्रामों से पारित प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकरणों के संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी एवं विभाग को रायसेन जिले के किन-किन सांसद/ विधायकों के पत्र कब कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) सांसद / विधायकों से प्राप्त पत्रों में किन-किन समस्याओं का निराकण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ तथा की गई, कार्यवाही से अवगत क्यों नहीं कराया? कारण से कब तक अवगत करायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) रायसेन जिले में एमपी वन मित्र पोर्टल के माध्यम से पूर्व के निरस्त सभी 9748 दावों का निराकरण किया जा चुका है, किंतु 9297 दावेदारों द्वारा अपने नवीन दावों को पूर्व का निरस्त दावा बताते हुये दावों को पोर्टल पर दर्ज कराया गया है। एम.पी. वन मित्र पोर्टल पूर्व के निरस्त दावों के निराकरण हेतु बनाया गया है अत: इनका निराकरण एमपी वन मित्र पोर्टल से किया जाना संभव नहीं है। (ख) वन अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) मे उल्लेखित वन भूमि पर अधिनियम की धारा 3 (1) में उल्लेखित प्रयोजनों हेतु सामुदायिक दावा किया जा सकता है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। रायसने जिले में सामुदायिक वन अधिकार के दावे निराकरण हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
महिलाओं/युवतियों के खिलाफ अपराध
[गृह]
23. ( क्र. 1027 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय शासन ने महिलाओं/युवतियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने सुरक्षा प्रदान करने कानूनी एवं आर्थिक सहायता देने हेतु प्रदेश शासन को निर्भया फंड की कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी राशि व्यय हुई है? वन स्टाप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, सेल्फ सेफ्टी योजना पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? जिलों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं किन-किन जिलों ने कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया है एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) प्रदेश शासन ने महिलाओं/युवतियों पर होने वाले अपराधों को रोकने सुरक्षा प्रदान करने कानूनी एवं आर्थिक सहायता देने हेतु क्या-क्या कदम उठाये हैं एवं क्या उपाय किये गये हैं तथा इस पर कितनी राशि व्यय हुई हैं? अपराधों पर कितना नियंत्रण पाया गया हैं? (ग) प्रदेश में महिलाओं, युवतियों, छात्राओं, नाबालिग युवतियों के खिलाफ दुष्कृत्य, सामूहिक दुष्कृत्य, हत्या, अपहरण, अपहरण व दुष्कृत्य, बंधक बनाकर दुष्कृत्य व शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करने से संबंधित कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं? कितने अपराधों में कितने अपराधियों को न्यायालयों द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है एवं न्यायालयों में कितने प्रकरण लम्बित हैं? (घ) प्रश्नांकित पीड़ित कितनी महिलाओं/युवतियों को कानूनी सहायता दी गई हैं। कितनों का इलाज करवाया गया है एवं कितनों को कितनी राशि की आर्थिक सहायता प्रदान की गई हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ एवं ’’द’’ अनुसार है। उक्त श्रेणी में कुल 36 प्रकरणों में 39 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई। उक्त श्रेणी के न्यायालय के समक्ष कुल 21395 प्रकरण लंबित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ई’’ अनुसार है।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
24. ( क्र. 1028 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण मंत्रालय म.प्र. शासन भोपाल द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत स्थायी वित्त समिति की बैठक दिनांक 03/01/2020 में बाई का बगीचा जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु राशि 433 लाख की प्रदान की गई प्रशासकीय स्वीकृति के तहत वर्ष 2018-19 के लिये स्वीकृत राशि 200.00 लाख (दो सौ लाख) में से कितनी-कितनी राशि कब-कब आवंटित की गई है एवं कब से कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की गई है एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी ने कब किस एजेंसी/ठेकेदार को कार्यादेश जारी किया है एवं सम्बंधित एजेंसी/ठेकेदार ने कब से कब तक कितना निर्माण कार्य कराया है एवं कब से कितना कार्य अपूर्ण व निर्माणाधीन है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांकित निर्माण कार्य से सम्बंधित कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया है तथा इससे सम्बंधित बिलों की कितनी राशि का कब से भुगतान नहीं किया गया है एवं क्यों? बकाया राशि का भुगतान करने हेतु क्या प्रयास किये गये एवं कब तक बकाया राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित स्वीकृत सामुदायिक भवन की बकाया राशि का शीघ्र ही आवंटन कर इसका निर्माण कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभाग द्वारा बाई का बगीचा सामुदायिक भवन हेतु दिनांक 23.02.2019 को सैद्धांतिक स्वीकृति तथा दिनांक 03.01.2020 को आयोजित स्थायी वित्त समिति की अनुशंसा पर दि. 27.02.2020 को राशि रू. 433.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। उक्त कार्य के लिए दि. 05.08.2020 को राशि रू. 167.41 लाख तथा दिनांक 26.11.2021 को राशि रू. 150.00 लाख का आवंटन जारी किया गया है। (ख) कार्य एजेंसी परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा दिनांक 01.07.2019 को श्री भैयाराम यादव, ठेकेदार जबलपुर को कार्य आदेश जारी किया गया है। कार्य आदेश से जून 2021 तक 45 प्रतिशत कार्य पूर्ण कराया गया है तथा 55 प्रतिशत कार्य निर्माणाधीन है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आवश्यकतानुसार आवंटन जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित क्षेत्र में स्थित नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( क्र. 1035 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र में स्थापित होने वाली नवीन नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं हेतु स्वयं के 100 बिस्तरीय अस्पताल होने की आवश्यक शर्त से छूट प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो अनुसूचित क्षेत्र में प्रदेश के कौन-कौन से स्थान सम्मिलित हैं? संबंधित अधिसूचना की प्रति पटल पर रखें। (ख) सत्र 2020-21 में नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा कौन-कौन सी नवीन नर्सिंग संस्थाओं को अनुसूचित क्षेत्र में स्थापित संस्था मान्य करते हुए मान्यता दी गयी है? उक्त सभी संस्थाओं के स्थानवार नाम पते बतावें तथा उनके द्वारा कौंसिल के समक्ष मान्यता प्राप्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन मय समस्त संलग्नक, मान्यता देने की प्रकिया की सम्पूर्ण नस्ती, निरीक्षण रिपोर्ट आदि की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल को विगत दो वर्षों में नर्सिंग संस्थाओं से संबंधित मान्यता में अनियमितता आदि सहित समस्त प्रकार की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनके संबंध में की गयी जांच की रिपोर्ट तथा अन्य कार्यवाही की जानकारी शिकायतवार उपलब्ध करावें। (घ) वर्ष 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली कौन-कौन सी संस्थाओं को तथा किन-किन कारणों से मान्यता समाप्त करने का नोटिस दिया गया तथा संबंधित संस्थाओं द्वारा उनके क्या-क्या उत्तर दिए गये? सभी अभिलेख उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित क्षेत्र में सम्मलित स्थानों की जानकारी तथा अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) सत्र 2020-21 में अनुसूचित क्षेत्र में कुल 55 नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता प्रदाय की गयी हैं। उक्त संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल को विगत दो वर्षों में नर्सिग संस्थाओं से संबंधित कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) वर्ष 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली कुल 20 संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार तथा संस्थाओं द्वारा दिये गये उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार।
प्रदेश सरकार द्वारा सूदखोरी नियंत्रण हेतु उठाये गये कदम
[गृह]
26. ( क्र. 1036 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा सूदखोरी से निपटने हेतु क्या-क्या उपाय व कदम उठाये गये हैं, साहूकारी के क्या नियम हैं, लायसेंसी साहूकारों द्वारा अधिकतम वसूल किये जा सकने वाले ब्याज की सीमा क्या है? (ख) विगत 1 वर्ष में जिलेवार कितने-कितने प्रकरणों में क्या-क्या प्रभावी कार्यवाहियाँ की गयी हैं? (ग) सूदखोरी की चपेट में आकर विगत 1 वर्ष में कितने-कितने पीड़ितों द्वारा आत्मघाती कदम उठाये गये हैं? जिलेवार बतावें। (घ) गत 1 वर्ष में जबलपुर जिले में सूदखोरी से पीड़ितों की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इन्दौर संभाग के आदिवासी छात्रों को केन्द्र से छात्रवृत्ति की राशि प्राप्त न होना
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 1045 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सच है कि इन्दौर संभाग के आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि केंद्र सरकार से न मिलने के कारण नहीं दी जा सकी है , विवरण देवें। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने आदिवासी छात्रों की कितनी छात्रवृत्ति की राशि केंद्र से प्राप्त नहीं हुई है? (ग) उपरोक्त छात्रवृत्ति की राशि केंद्र से प्राप्त नहीं होने का क्या कारण है? (घ) क्या राज्य सरकार द्वारा आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए केंद्र को प्रस्ताव विलम्ब से भेजने के कारण केन्द्र से राशि नहीं मिली है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) केन्द्र सरकार से प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं, 10वीं की राशि एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि (केन्द्रांश) प्राप्त हो चुकी है। लंबित छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 1-7 अनुसार है। छात्रवृत्ति वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उच्च स्तरीय जांच कराकर संबंधित पर कार्यवाही
[गृह]
28. ( क्र. 1048 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के चित्रकूट अंतर्गत थाना नया गांव में सिद्धार्थ केसरवानी पिता प्रमोद कुमार गुप्ता निवासी जिला शहडोल की हत्या कर लाश रामघाट में नदी के अंदर फेंकी गई थी, लाश निकालने पर मृतक के शरीर में चोट के निशान पाए गए थे लेकिन अपराध पंजीबद्ध कर अपराधियों को खोज क्यों नहीं की गई? इस पर क्या निर्देश जारी करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मृतक रवि माला सिंह निवासी चित्रकूट के मकान में रहकर मृतक पढ़ाई कर रहा था मकान मालिक के साथ अन्य संदेहियों से पुलिस द्वारा कब-कब पूछताछ की गई, का विवरण देते हुए बतावें कि इस प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच कराकर अपराधियों पर अपराध पंजीबद्ध करावेंगे तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की तरह ही रीवा जिले के थाना जनेह अंतर्गत सूती रेस्ट हाउस में काम करते समय श्रमिक रमेश कोल की उपर से गिरने व चोट लगने से मृत्यु हो गई जिस पर जल संसाधन विभाग के एसडीओ के साथ अन्य जिम्मेदारों पर गैर इरादतन हत्या का अपराध पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया? जबकि कई बार मृतक के घर वालों द्वारा पुलिस अधीक्षक रीवा को आवेदन देकर अपराध पंजीबद्ध करने का अनुरोध किया गया? इस पर क्या निर्देश जारी करेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) की तरह ही अशोक पिता दशरथ कोल ग्राम चौरीदाड़ी थाना अतरैला जिला रीवा की हत्या कर लाश को लटका कर फांसी लगाने का रूप प्रदान किया गया एवं हत्यारे आज भी पुलिस व अपराध से वंचित है, इस पर जांच कराकर अपराधियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कब तक करावेंगें जबकि कई बार परिजनों द्वारा पुलिस अधीक्षक रीवा को आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की गई लेकिन कार्यवाही अपेक्षित है क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) से संबंधित प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच कराकर अपराधियों की खोज उपरांत कब तक अपराध पंजीबद्ध करावेंगे बतायें? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मर्ग जांच में यह पाया गया कि मृतक सिद्धार्थ केसरवानी निवासी ब्यौहरी की मृत्यु पानी में डूबने एवं श्वास अवरूद्ध हो जाने के कारण हुई है। मर्ग जांच में कोई अपराध घटित होना नहीं पाये जाने से जांच नस्तीबद्ध की गई है। (ख) मृतक के मकान मालिक श्रीमती रवि माला सिंह पत्नी श्री विनोद सिंह से दिनांक 10.09.2019 को मृतक के संबंध में पूछताछ कर कथन लेख किए गए थे। मर्ग जांच पूर्ण हो चुकी है, अतः प्रकरण में उच्चस्तरीय जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। (ग) सूती रेस्ट हाउस में काम करते समय श्रमिक रमेश कोल की ऊपर से गिरने व चोट लगने से ईलाज के दौरान मृत्यु होने पर मर्ग क्रमांक 01/21 थाना जनेह का पंजीबद्ध कर जांच की गईं। जांच में किसी भी प्रकार के अपराध का घटित होना नहीं पाया जाने से मर्ग जांच नस्तीबद्ध की गई। मृतक की पत्नी श्रीमती मनीषा कोल के आवेदन पत्र की जांच एस.डी.ओ.पी. मनगवां द्वारा की गई, जिसमें मृतक के मृत्यु के संबंध में लगाये गये आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये। (घ) मृतक अशोक कोल का शव दिनांक 08.06.2021 को ग्राम चौरीडाडी के लतार पहाड़ के एक पेड़ पर गमछे से लटका पाये जाने की सूचना पर मर्ग क्र0 13/21 थाना अतरैला में पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। मर्ग जांच जारी है। जांच में आये साक्ष्य के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ड.) प्रश्नांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ग’’ के प्रकरणों में मर्ग जांच की गई, जिनमें कोई अपराध घटित होना नहीं पाया गया है। प्रश्नांश ‘‘घ’’ के मर्ग जांच जारी है। जांच में आये तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
राशि के गबन पर कार्यवाही
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
29. ( क्र. 1049 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय व नि:शक्त जनकल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की गई हैं, की प्रति देते हुए बतावें कि जिला शहडोल व रीवा में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक के दौरान किन-किन योजनाओं से कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित योजनाओं बाबत् जिला शहडोल एवं रीवा को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक में किन-किन योजनाओं हेतु कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई, का विवरण देते हुए व्यय की स्थिति क्या है? यह भी पृथक-पृथक योजनावार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार कार्यवाही कर पात्र लोगों को लाभान्वित नहीं किया गया, संचालित योजनाएं प्रभावित हुईं, राशि का व्यय कर वास्तविक पात्र लोगों को लाभ नहीं दिया गया या फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि आहरित कर ली गई तो इनकी जांच कराकर दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। जिला शहडोल एवं रीवा में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक के दौरान विभिन्न योजनाओं में लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) संचालित योजनाओं में पात्र हितग्राहियों को ही लाभांवित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना हेतु प्राप्त राशि
[जनजातीय कार्य]
30. ( क्र. 1054 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3606 दिनांक 08.03.2021 के खण्ड (क) के संदर्भ वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक जिले में जो 91 कार्य लंबित है ये सारे कार्य की प्रारंभिक लागत राशि क्या थी कितनी राशि का कार्य हो चुका है तथा कितनी राशि का कार्य होना शेष है? (ख) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना हेतु वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक कुल कितनी कितनी राशि प्राप्त हुई तथा धार जिले में कुल कितनी राशि प्रदान की गई प्रश्नाधीन 91 कार्य अन्य योजना में क्यो नहीं पूर्ण किये गये तथा इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3606 दिनांक 08.03.2021 के आयुक्त आदिवासी विकास के पत्र दिनांक 24.02.2021 के प्रस्ताव को कार्यपालिक समिति के समक्ष किस दिनांक को रखा गया, गया, क्या कार्यपालक समिति को प्रस्ताव निरस्त करने या लंबित करने का अधिकार है। (घ) अनुच्छेद 275 (1) के तहत वर्ष 2018-19 से नवम्बर 2021 तक कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई तथा वह राशि धार जिले में किस-किस विकास कार्य के लिये खर्च की गई विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) भारत सरकार से प्राप्त राशि का विवरण निम्नानुसार है :- (राशि रू. लाख में)
मद |
2018-19 |
2019-20 |
2020-21 |
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
24635.30 |
44938.92 |
4279.78 |
विशेष केन्द्रीय सहायता |
16968.97 |
13415.25 |
0.00 |
धार जिले को प्रदाय राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। प्रश्नाधीन 91 कार्य संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद अंतर्गत स्वीकृत होने के कारण अन्य योजना में पूर्ण किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आयुक्त आदिवासी विकास के पत्र दिनांक 24-02-2021 के प्रस्तावों को कार्यपालन समिति की बैठक में वर्तमान में नहीं रखा गया है। जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है।
अ.ज.जा. बस्ती योजना की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
31. ( क्र. 1068 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले के अ.ज.जा. बस्ती योजना के तहत वर्ष 1 अप्रैल 2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य अधूरे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिले के अधिकारी या मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा कार्य का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक बड़वानी जिले की चारों विधान सभाओं को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में दर्ज प्रकरण
[गृह]
32. ( क्र. 1070 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि व्यापम ने एसटीएफ को पत्र लिखकर पीएमटी 2008 से 2011 में फर्जीवाड़ा करने वाले विद्यार्थियों की सूची भेजकर प्रकरण दर्ज करने का अनुरोध किया था। यदि हाँ, तो प्रकरण कब दर्ज किया गया प्रकरण क्रमांक तथा दिनांक बतावें तथा एफ.आई.आर. बतावें। (ख) वर्ष 2015 से नवम्बर 2021 तक व्यापम /पीईबी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के कितने कितने प्रकरण दर्ज किये गये, प्रकरण क्रमांक, दिनांक सहित विवरण तथा एफ.आई.आर. बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 2008 से 2011 में फर्जीवाड़े वाले संलिप्तता पाये गये अभ्यर्थियों की सूची विभाग को प्राप्त हुई या नहीं यदि प्राप्त हुई तो उसकी जानकारी देवें? (घ) क्या राज्य पी.एस.सी. द्वारा आयोजित परीक्षा में वर्ष 2006 से 2021 के मध्य कोई प्रकरण दर्ज किया गया है यदि हाँ, तो विवरण बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पी.एम.टी. परीक्षा 2008-2011 के अभ्यर्थियों के संबंध में म.प्र. शासन के पत्र क्रं.1277/सीएमएस/पीआरएस/2019 भोपाल दिनांक 01.08.2019 के परिपालन में तथा अन्य सुसंगत साक्ष्य के अभाव में नस्तीबद्ध की कार्यवाही की जा चुकी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ग) जी हाँ। व्यापम से प्राप्त अभ्यार्थियों की जानकारी की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में समाहित है। (घ) जी हाँ। म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के संबंध में दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार।
पात्र दिव्यांगजनों को पेंशन व सहायता उपकरण का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
33. ( क्र. 1074 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगता को कितनी श्रेणियों में विभाजित किया गया है? दिव्यांगता के कितन-कितने प्रतिशत पर विभिन्न शासकीय लाभ प्रदान किये जाते हैं? (ख) जिला मुरैना की विधानसभा क्षेत्र दिमनी में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने दिव्यांग हैं? (ग) क्या प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं निशक्त: जन कल्याण विभाग द्वारा पैरों से 80% दिव्यांग होने पर ही ट्राइसिकिल (बैटरी चलित रिक्शा) उपलब्ध कराई जाती है? अगर कोई दिव्यांग पैरों से 75% दिव्यांग है, तो उसे ट्राइसिकिल नहीं दी जाती है जबकि दिव्यांगजनों को पैरो से 60% दिव्यांग होने पर ट्राइसिकिल दिया जाना चाहिए? क्या 60% दिव्यांग होने पर ट्राइसिकिल दिये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? अगर हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 अनुसार विनिर्दिष्ट दिव्यांगताओं की अनुसूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता का सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र होने पर विभिन्न शासकीय योजनाओं का पात्रतानुसार लाभ प्रदाय किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत विद्यालय/महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत अस्थिबाधित (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम, न्यूनतम 60 प्रतिशत चलित दिव्यांगता) होने पर दिव्यांगजनों को कक्षा 10वीं में प्रथम बार प्रवेश लेने पर अथवा स्नातक में प्रवेश लेने पर, एक ही बार (बैटरी चलित) मोट्रेट ट्रायसिकल दिये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
जिला मुरैना में मेडिकल कॉलेज खोलना
[चिकित्सा शिक्षा]
34. ( क्र. 1076 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने चिकित्सा महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित है, इनमें कितनी-कितनी सीटें किस-किस श्रेणी की है? सूची देवें। (ख) जिला मुरैना में चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय न होने से छात्र-छात्राओं को प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षाग्रहण करने जाना पड़ता है, चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविधालय खोलने की मांग जन प्रतिनिधियों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा निरंतर की जा रही है। क्या जिला मुरैना में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के संबंध में सरकार कोई विचार कर रही है? अगर हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ भारत शासन द्वारा CSS योजना अन्तर्गत मुरैना में चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने हेतु शासन द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ऐसोटेक सी.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
35. ( क्र. 1080 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधान सभा स्थित विन्डसर हिल्स टाउनशिप परिवार उत्थान एवं सांस्कृतिक समिति ग्वालियर द्वारा दिनांक 07.07.2021 को टाउनशिप ऐसोटेक सी.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर (नोएडा उ.प्र.) के संचालकों द्वारा अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी की शिकायत, ज्ञापन, पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को दिया गया था? उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शिकायत में कम्पनी द्वारा विद्युत मद में करीब एक करोड़ से भी अधिक एवं क्लब हाउस की सदस्यता की फीस के रूप में सत्तर लाख से भी अधिक राशि वसूली कर, गबन कर लिया है पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? जानकारी दी जावे? (ग) विन्डर हिल्स टाउनशिप के आवासीय उपभोक्ताओं से विभिन्न मदों में करीब दस करोड़ की राशि जिसे टाउनशिप के रख-रखाव पर खर्च की जानी चाहिये लेकिन बिल्डर द्वारा गबन, धोखाधड़ी कर राशि काे निजी उपयोग में खर्च कर लिया है जिसकी शिकायत भी की गई है उस पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। प्रश्नांतर्गत तथ्यों के संबंध में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने शिकायत जांच में कार्यवाही रेरा में प्रचलित होना पाया है। अब तक की जांच में कार्यवाही रेरा में प्रचलित होना पाया है। अब तक की जांच में पुलिस हस्तक्षेप योग्य संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया।
नक्सल उन्मूलन हेतु प्रभावी कार्य योजना
[गृह]
36. ( क्र. 1093 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एल.डब्ल्यू.ई योजना मे नक्सल क्षेत्रों में विद्युतीकरण, नये पावर स्टेशन बनाने तथा नक्सल उन्मूलन की दृष्टि से मोबाईल टावर तथा अन्य संचार के साधन तथा वन क्षेत्रों में सिंचाई के साधन तथा परम्परागत खेती के अलावा फलों तथा फूलों की खेती तथा पशु पालन की दृष्टि से रोजगार उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव क्या म.प्र.शासन केन्द्र सरकार गृह मंत्रालय को भेजेगा? (ख) नक्सल उन्मूलन की दृष्टि से क्या शासन पुलिस आरक्षकों की भर्ती में स्थानीय युवाओं को ही अवसर देने संबंधी प्रस्ताव पर विचार कर भर्तियां करेगा, क्योंकि स्थानीय युवाओं से नक्सली क्षेत्रों में काम करवाना ज्यादा आसान होगा? (ग) क्या शासन नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट के लोगों से पेट्रोल, डीजल इत्यादि में अतिरिक्त कर वसूलती है? यदि हाँ, तो वस्तुओं तथा अतिरिक्त लिये जाने वाले करों की विस्तृत जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। एल.डब्ल्यु.ई. योजनांतर्गत फेज-1 में प्रस्तावित कुल 22 साईटों में से बी.एस.एन.एल. द्वारा सभी 22 टॉवरों को स्थापित किया जा चुका है। फेज-2 में 23 साईट के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गए हैं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है। (ग) जी नहीं।
जनजातीय छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति
[जनजातीय कार्य]
37. ( क्र. 1099 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि केंद्र सरकार से न मिलने के कारण नहीं दी जा सकी है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने आदिवासी छात्रों की कितनी छात्रवृत्ति की राशि केंद्र से प्राप्त नहीं हुई है? (ग) उपरोक्त छात्रवृत्ति की राशि केद्र से प्राप्त नहीं होने का क्या कारण है? (घ) क्या राज्य सरकार द्वारा आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए केंद्र को प्रस्ताव विलम्ब से भेजने के कारण केन्द्र से राशि नहीं मिली है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन शहर में अपात्र को शासकीय आवास का आवंटन
[गृह]
38. ( क्र. 1100 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 में किस-किस कर्मचारी को ई.डब्ल्यू.एस. शास.आवास का आवंटन संशोधित किया जाकर एल.आई.जी. शास. आवास आवंटित किया गया है? अपात्रों को शास.आवास के आवंटन की क्या आवश्यकता पड़ी कि नियम विरूद्ध शास.आवास का आवंटन करना पड़ा? (ख) विधानसभा प्रश्न क्र. 193 तारांकित दिनांक 09.08.2021 के प्रस्तुत उत्तर (क) में यह स्वीकार किया गया है कि चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी एल.आई.जी. आवास के पात्र नहीं है फिर भी अपात्र का शास.आवास का आवंटन निरस्त नहीं किया गया है। प्रस्तुत उत्तर अनुसार ’’समय-समय पर प्रशासकीय दृष्टिकोण से तत्कालिक आवश्यकता एवं आवास उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए चर्तुथ श्रेणी कर्मचारियों को एलआईजी आवास आवंटित किये है’’ ऐसी क्या आवश्यकता आ गई कि चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी को आवंटित ई.डब्ल्यू.एस. आवास का आवंटन संशोधित किया जाकर अपात्र को एल.आई.जी.आवास आवंटित किया गया? (ग) क्या अपात्र चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी को आवंटित एल.आई.जी. शासकीय आवास का आवंटन शीघ्र निरस्त किया जाकर पात्रता अनुसार ई.डब्ल्यू.एस. शास. आवास का आवंटन किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? वर्तमान में कौन-कौन से ई.डब्ल्यू.एस. शासकीय आवास रिक्त हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2018 में कार्यालयीन आवंटन आदेश क्रमांक 6847/आवास/2018 उज्जैन दिनांक 31.07.2018 से श्री पृथ्वीराज राणा, भृत्य, कलेक्टर कार्यालय, उज्जैन को शासकीय आवास गृह क्रमांक एल.आई.जी. 93 मुनिनगर, उज्जैन आवंटित किया गया है। शासकीय आवास आवंटन नियम अन्तर्गत एल.आई.जी, वर्गीकरण में एल.आई.जी. (निम्न आय वर्ग हेतु) एवं ई.डब्ल्यू.एस.. (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु) का पृथक से कोई वर्गीकरण अथवा श्रेणीकरण नहीं किया गया है। (ख), (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। शासकीय आवास आवंटन नियम अन्तर्गत एल.आई.जी. वर्गीकरण में एल.आई.जी.. (निम्न आय वर्ग हेतु) एवं ई.डब्ल्यू.एस.. (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु) का पृथक से कोई वर्गीकरण अथवा श्रेणीकरण नहीं किया गया है। वर्तमान में ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के क्रमांक 36, 40, 46 (कुल 03) आवास गृह रिक्त है, एवं उक्त आवास गृहों का आवंटन नियमानुसार किया जावेगा। अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, भ/प, उज्जैन के पत्र क्रमांक 284/त.शा./21-22 दिनांक 28.10.2021 के द्वारा ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के क्रमांक 26, 27,29,30,31,32 (कुल 06) आवास गृह जीर्ण-शीर्ण होने से आवंटित नहीं किया गया है।
ग्वालियर स्थित विन्डसर हिल्स टाउनशिप पर खर्च राशि में धोखाधड़ी
[गृह]
39. ( क्र. 1101 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधानसभा स्थिति विन्डसर हिल्स टाउनशिप परिवार उत्थान एवं सांस्कृतिक समिति ग्वालियर द्वारा दिनांक 07.07.2021 को टाउनशिप ऐसोटेक सी.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर (नोएडा.उ.प्र.) के संचालकों द्वारा अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी की शिकायत, ज्ञापन, पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को दिया गया था, उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? बतावें। (ख) क्या यह भी सही है शिकायत में कम्पनी द्वारा विद्युत मद में करीब एक करोड़ से भी अधिक एवं क्लब हाउस की सदस्यता की फीस के रूप में सत्तर लाख से भी अधिक राशि वसूली कर, गबन कर लिया है पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? बतावें। (ग) विन्डर हिल्स टाउनशिप के आवासीय उपभोक्ताओं से विभिन्न मदों में करीब दस करोड़ की राशि जिसे टाउनशिप के रख-रखाव पर खर्च की जानी चाहिये लेकिन बिल्डर द्वारा गबन, धोखाधड़ी कर राशि को निजी उपयोग में खर्च कर लिया है, जिसकी शिकायत भी की गई है, उस पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी? बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। प्रश्नांतर्गत तथ्यों के संबंध में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने शिकायत जांच में कार्यवाही रेरा में प्रचलित होना पाया है। अब तक की जांच में पुलिस हस्तक्षेप योग्य संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया।
सिविल न्यायालय की स्वीकृति
[विधि एवं विधायी कार्य]
40. ( क्र. 1105 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किविधानसभा बरघाट क्रमांक 114 में सिविल न्यायालय को लेकर लगातार आम जनमानस की मांग है, इसे लेकर प्रश्नकर्ता द्वारा ज्ञापन एवं पत्र के माध्यम से कार्यवाही की मांग की गई है। यदि हाँ, तो कब तक सिविल न्यायालय की स्वीकृति बरघाट मुख्यालय में होगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय की प्रशासनिक कमेटी द्वारा बरघाट जिला सिवनी में सिविल न्यायालय स्थापना की मांग अस्वीकार कर दी गई है। सिविल न्यायालय की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी के संबंध में निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
जिला संयोजक मुरैना द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
41. ( क्र. 1116 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के अन्तर्गत आने वाली अन्तव्यवसायी शाखा जिला मुरैना में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन किया गया एवं आवंटन विरूद्ध व्यय राशि लाभान्वित हितग्राहियों के नामों सहित विवरण बतावें। (ख) क्या यह सही है कि अनुसूचित जाति के गरीब लोगों को व्यवसाय हेतु ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से फरवरी 2018 में शासन द्वारा करोड़ों रूपये इस विभाग के जिला मुखिया जिला संयोजक के खाते में डाले गये थे? क्या इस सम्बंध में भ्रष्टाचार अनियमितता की शिकायतें जिला संयोजक के विरूद्ध विभाग को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उन शिकायतों का निराकरण का विवरण बतावें। (ग) क्या यह सही है कि नियंत्रण व भुगतान अधिकारी जिला संयोजक के द्वारा करोड़ों रूपये की राशि के अपात्र लोगों को चेक जारी कर दिये गये थे यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) जिला संयोजक मुकेश पालीवाल के विरूद्ध मुरैना पदस्ती कार्यकाल में कितनी शिकायतें किस-किस शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त हुई? कितनों का निराकरण कर दिया गया? और कितनी जांच प्रक्रियाधीन है? (ड.) क्या यह सही कि भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने या स्पष्ट प्रतीत होने के बावजूद भी जिला संयोजक पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की गयी है ऐसा क्यों? क्या भ्रष्टाचार पर कोई जांच संस्थित कर कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) निगम के अधीनस्थ जिला अंत्यावसायी, मुरैना में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 8,00,13,700/- का आवंटन प्राप्त हुआ एवं आवंटन के विरूद्ध रू. 9,27,87,933/- की अनुदान राशि विभिन्न बैंकों को जारी की जाकर 1159 हितग्राहियों को लाभान्वित कराया गया। लाभान्वित हितग्राहियों के नामों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘एक’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। अनुसूचित जाति के बेरोजगारों को स्वरोजगार स्थापित कराने हेतु बैंक ऋण के विरूद्ध दी जाने वाली अनुदान राशि का आवंटन निगम द्वारा जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के बचत खाते में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से जमा कराया जाता है। जिला संयोजक के खाते में राशि डाले जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। इस संबंध में जिला संयोजक के विरूद्ध भ्रष्टाचार/अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत निगम को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास से प्राप्त 01 शिकायत पर आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 492 दिनांक 06.12.2021 द्वारा कलेक्टर, मुरैना से प्रतिवेदन चाहा गया है एवं कार्यालय आयुक्त, जनजातीय कार्य विकास में प्राप्त शिकायतों एवं कृत कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘दो’ अनुसार है। (ड.) प्राप्त शिकायतों पर कलेक्टर, मुरैना से जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुपालन प्रशिक्षण के कार्यक्रम
[पशुपालन एवं डेयरी]
42. ( क्र. 1118 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के अंतर्गत पशुपालन विभाग को विभिन्न योजनावार कितने हितग्राहियों को विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया हितग्राहियों के नाम सहित विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांक (क) के संदर्भ में कितने हितग्राही सामान्य वर्ग के कितने हितग्राही आरक्षित वर्ग के लाभान्वित हुए? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में वर्ष अनुसार विभागीय योजनाओं अन्तर्गत व्यय राशि का विवरण बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सामान्य वर्ग-54, अन्य पिछड़ा वर्ग-19 अनुसूचित जाति-19 कुल 92 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
विपणन सहकारी संस्था भिण्ड में दाल मील की स्थापना
[सहकारिता]
43. ( क्र. 1122 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड में दाल मील की स्थापना किस वर्ष, कितनी लागत से, कितनी राशि से, कितनी प्रति घंटा क्षमता से की गई थी? (ख) क्या दाल मील बिक्री किया गया है? क्या बिक्री करते समय संभाग स्तर के समाचार पत्रों में बिक्री हेतु निविदा जारी की गई? क्या सक्षम अधिकारी द्वारा बिक्री की स्वीकृति ली गई? अथवा कितनी राशि में विक्रय किया गया? यदि नहीं किया गया तो इसके लिए कौन दोषी है? उक्त दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) दाल मिल स्थापना वर्ष 1972-73 में लागत राशि रू. 1,35,330.00, क्षमता 1 टन प्रति घण्टा। (ख) जी हां, राज एक्सप्रेस ग्वालियर समाचार पत्र में दिनांक 15.12.2016 को नीलामी की सूचना प्रकाशित, विक्रय की सक्षम अधिकारी से स्वीकृति नहीं ली गई, विक्रय राशि रू. 66,643.00, सक्षम अधिकारी से अनुमति न प्राप्त किये जाने हेतु उत्तरदायित्व का निर्धारण कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई हेतु उप आयुक्त सहकारिता जिला भिंड को लिखा गया है।
घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू वर्ग के पंचायतों का आयोजन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
44. ( क्र. 1132 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि दिनांक 31 अगस्त 2021 को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास पर विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग की पंचायत का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो इस आयोजन पर किस-किस मद से किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? इस कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस जनजाति के हितार्थ के लिए कौन-कौन सी घोषणायें की थी, उनमें से कितनी घोषणाओं की पूर्ति कर दी गई है, और कितनी शेष है? इस समुदाय के लोगों द्वारा पंचायत में जातिवार जनसंख्या की गणना करने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो इस पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उक्त पंचायत में 51 चिन्हित जातियों में से किन-किन जातियों के प्रतिनिधि कितनी-कितनी संख्या में शामिल हुये थे, उनके नाम एवं पता सहित बतावें। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अतारांकित प्रश्न क्र. 3812 उत्तर दिनांक 8 मार्च 2021 के उत्तर में बताया गया था कि इन जातियों के लिए बजट का प्रावधान परम्परागत आधार पर किया जाता है एवं इन जनजातियों की गणना के आंकड़ें सरकार के पास नहीं है तो इन जनजातियों का कल्याण समुदाय के व्यक्तियों के मांग के आधार पर किया जाता है? यदि हाँ, तो इस वर्ष 1 अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक समुदाय के किन-किन जातियों के व्यक्तियों ने क्या-क्या मांग की थी, उसके आधार पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई थी? कार्यवार ब्यौरा देवें? (घ) उपरोक्त अनुसार उक्त घुमक्क्ड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियां जिनकी संख्या 30 है एवं विमुक्त जनजातियों की संख्या 21 है, क्या यह जातियां किसी अन्य जातियों में भी सम्मिलित है? यदि हाँ, तो इन 51 चिन्हित जातियों को किस आधार पर किन आदेश / नियम के तहत जनजातियों में सम्मिलित किया गया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ व्यय मध्यप्रदेश राज्य विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति विकास के मद से किया गया। व्यय राशि जानकारी एकत्रित की जा रही है। घोषणा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा रही है। जी हाँ बजट अभाव में अभी कार्यवाही करना संभव नहीं है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
आर.बी.आई. के लायसेंस बिना बैंकिंग कार्य किया जाना
[सहकारिता]
45. ( क्र. 1133 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यूनाईटेड क्रेडिट को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी लि.मि. डबरा जिला ग्वालियर एवं द इंदौर सिटीजन साख सहकारी संस्था गीता टॉकीज रोड ग्वालियर द्वारा आर.बी.आई. के लायसेंस के बिना बैंकिंग कार्य कर अधिक ब्याज पर कम समय में राशि दुगनी करने एवं आसान किस्तों पर ऋण दिए जाने की लोक लुभावन योजनाओं का लालच देकर भोले-भाले गरीब नागरिकों से करोड़ों रूपयों की राशि जमा कर हड़पे जाने के संबंध में शासन/प्रशासन को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतकर्ताओं के नाम, पता सहित बताएं। (ख) उक्त शिकायतों के संबंध में कब-कब, किस-किस अधिकारी से जांच कराई गई एवं जांच निष्कर्षों के आधार पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 33 विधान सभा चर्चा दिनांक 25.02.2021 में माननीय मंत्री जी ने लिखित उत्तर में बताया था कि उक्त संबंध में दिनांक 23.02.2021 को आदेश जारी कर जांच दल का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो जांच दल के निष्कर्षों के आधार पर क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 03, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपायुक्त सहकारिता जिला ग्वालियर द्वारा म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 61 (3) अंतर्गत द इंदौर सिटीजन साख सहकारी संस्था मर्यादित डबरा (पंजीयन क्रमांक /डी.आर./जी.डब्ल्यू.आर./462 दिनांक 25.08.2015) के सभी संचालकों को संचालक पद धारित करने से अयोग्य घोषित कर म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (12) अंतर्गत संचालक मंडल के स्थान पर दिनांक 22.01.2021 को प्रशासक नियुक्त किया गया। (ग) जी हाँ। जांच प्रक्रियाधीन है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
जिला जेल बैतूल हेतु नवीन भवन की स्वीकृति
[जेल]
46. ( क्र. 1136 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जेल बैतूल में कैदियों की क्षमता कितनी है? महिला, पुरूष व विचाराधीन कैदियों की संख्या सहित बतावें। जिला जेल में क्षमतानुसार कैदी उपलब्ध है या उससे अधिक है? (ख) बैतूल जिले में नवीन जेल बनाने की शासन की क्या योजना है? यदि हाँ, तो क्या शासन ने भूमि कहाँ और कितनी आवंटित की है? जानकारी खसरा नक्शा सहित बतावें। (ग) यदि नहीं तो क्या क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण नवीन जेल भवन कब तक बनाया जायेगा समयावधि बतावें। (घ) स्वतंत्रा संग्राम के समय की वर्तमान ऐतिहासिक जेल भवन के संरक्षण को लेकर सरकार की क्या योजना है? (ङ) क्या जेल भवन के पास रिक्त भूमि को नगरीय प्रशासन को सौंपा जावेगा या नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला जेल बैतूल में 305 पुरूष एवं 25 महिला कैदियों की क्षमता है। दिनांक 03/12/2021 को 431 पुरूष एवं 19 महिला कैदी परिरूद्ध हैं। 126 पुरूष कैदी क्षमता से अधिक हैं। (ख) जी हाँ। ग्राम कढ़ाई में खसरा क्रमांक 184/2 में 25 एकड़ भूमि आवंटित है तथा खसरा क्रमांक 181 की 15.44 एकड़ भूमि के आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नये जेल भवन के निर्माण एवं वर्तमान जेल परिसर के उपयोग बाबत् नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा योजना तैयार की जा रही है। (ड.) जी हाँ।
बैतूल जिले के थानों में उद्यानिकी विभाग के दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
47. ( क्र. 1137 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के किसानों द्वारा जिले के विभिन्न थानों में प्रभारी उपसंचालक उद्यानिकी बैतूल पर धोखाधड़ी किए जाने हेतु अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु आवेदन दिए गए हैं? यदि हाँ, तो यह आवेदन किस-किस दिनांक को किन-किन थानों में दिए गए हैं? थानों के नाम सहित बतावें। (ख) क्या आवेदनों को आधार बनाकर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. बतावें। यदि नहीं तो कारण बतावें। किसानों के आवेदनों पर दर्ज की गई एफ.आई.आर. पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 10.12.2020 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय बैतूल में प्रभारी उप संचालक उद्यानिकी डॉ. आशा उपवंशी के विरूद्ध शिकायत पत्र आपराधिक प्रकरण दर्ज करने बावत् प्राप्त हुआ था। आवेदन पत्र दिनांक 11.12.2020 को थाना कोतवाली बैतूल को भेजा गया है। (ख) आवेदन पत्र उद्यानिकी विभाग से संबंधित होने से आवश्यक कार्यवाही हेतु जिला दण्डाधिकारी बैतूल को भेजा गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने से बच्चों की हुई मौत
[चिकित्सा शिक्षा]
48. ( क्र. 1156 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर में बने कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड की विशेष नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) में दिनांक 8.11.2021 को आग लगने से कितने बच्चों की मौत हुई? मृत बच्चों के नाम, पिता का नाम, पता एवं आयु सहित पूर्ण विवरण दें तथा मृत बच्चों के परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई? नाम, पता सहित बतावें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में घटना की जांच हेतु किस अधिकारी के नेतृत्व में जांच दल का गठन किया गया एवं जांच दल की रिपोर्ट शासन को कब प्राप्त हुई? जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह सही है कि उक्त अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में विगत 06 माह में आग लगने की यह तीसरी घटना हे? यदि हाँ, तो अस्पताल विशेष नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) का फायर ऑडिट कब से नहीं हुआ था तथा फायर सिस्टम के मेंटेनेंस/मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी किसकी थी तथा फायर सिस्टम के मेंटनेंस/मॉनिटरिंग हेतु कब-कब, कितना-कितना बजट आवंटन किया गया एवं उक्त आगजनी के पूर्व अंतिम बार कब फायर सिस्टम का मेंटनेंस कराया गया? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या यह सही है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उक्त आगजनी में बच्चों की मौत का आंकड़ा छुपाकर मात्र 04 बच्चों की मौत बताई जा रही है जबकि इस हादसे में 14 बच्चों की मौत हुई? यदि हाँ, तो क्या इस पूरे प्रकरण की जांच माननीय उच्च न्यायालय के किसी जज से कराई जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के अधीन कमला नेहरू चिकित्सालय, हमीदिया अस्पताल परिसर स्थित बाल्य रोग विभाग के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में दिनांक 08/11/2021 को लगी आग से 04 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जांच की गई है। जांच की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
छात्र-छात्राओं को समय पर छात्रवृत्ति दिया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
49. ( क्र. 1157 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2096 उत्तर दिनांक 01 मार्च 2021 के संदर्भ वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं के लिए कितनी-कितनी राशि छात्रवृत्ति के लिए स्वीकृत की गई थी? इनमें से कितने-कितने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरीत की जा चुकी है एवं कितनों को किन कारणों से छात्रवृत्ति वितरीत नहीं की जा सकी हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश की अवधि में छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत इंदौर एवं उज्जैन संभाग के किस-किस अशासकीय कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की कितनी-कितनी राशि की छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई थी? यदि स्वीकृत नहीं की गई तो क्यों? (ग) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलने की कितनी शिकायतें सी.एम.हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई है? इन प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों को निराकरण कर दिया गया है एवं कितनी शिकायतों का निराकरण किन कारणों से नहीं किया जा सका? (घ) प्रश्न क्रमांक 2096 की कंडिका (घ) के संदर्भ सहायक संचालक श्री एच.वी. सिंह को दिनांक 28.01.2021 को विदेश में पढ़ाई हेतु छातवृत्ति स्वीकृत करने के एवज में रिश्वत लेने पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद भी विभाग द्वारा इस अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही न करते हुए उसी स्थान पर पदस्थ किया गया है, जिसके कारण बिना रिश्वत लिये छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति स्वीकृत नहीं की जा रही है? इसमें विभाग के सचिव की भूमिका भी जांच के दायरे में है? यदि नहीं तो क्यों शासन इसकी उच्च स्तरीय जांच करायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत 4,85,708 छात्र-छात्राओं के लिए राशि रूपये 515,13,50,368/- छात्रवृत्ति राशि स्वीकृत की गई है। इनमें से 3,53,841 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है। शेष बचे 1,31,867 छात्र-छात्राओं को भुगतान बजट अभाव में लंबित है। (ख) छात्रवृत्ति राशि स्वीकृत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 01 अप्रैल, 2020 से 13 दिसंबर, 2021 तक की अवधि में छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलने की कुल 43,566 शिकायतें सी.एम. हेल्प लाईन पर प्राप्त हुई। इन प्राप्त शिकायतों में से कुल 37,150 शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं कुल 6416 शिकायतों का निराकरण बजट आवंटन के अभाव में लंबित है। (घ) जी नहीं। श्री एच.बी.सिंह को मूल विभाग में वापिस किया जा चुका है और वह उसी स्थान पर पदस्थ नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तथ्यों को छुपाकर शासकीय सेवा हासिल किया जाना
[गृह]
50. ( क्र. 1160 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5443 उत्तर दिनांक 23 मार्च 2021 के उत्तर में जानकारी एकत्रित किए जाने का लेख किया गया है? यदि हाँ, तो 08 माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बावजूद निर्धारित समय सीमा में उत्तर नहीं दिए जाने के लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के संदर्भ में ग्वालियर जिले के थाना झांसी रोड ग्वालियर में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 449/2013 में आई.पी.सी. की धारा 419 एवं 420 के आरोपी क्र. 2 श्री अमित कुमार यादव पुत्र श्री लाखन सिंह यादव निवासी ग्राम संसीगढ़ तहसील लहार जिला भिण्ड के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या श्री अमित कुमार यादव द्वारा उक्त आपराधिक प्रकरण की जानकारी छुपाकर शासकीय मेडिकल कॉलेज दतिया में सहायक प्राध्यापक फोरेन्सिक मेडिसन के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर ली गई? (घ) यदि हाँ, तो क्या श्री अमित यादव द्वारा जानकारी छुपाकर शासकीय सेवा में सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त करने के संबंध में श्री जयेनद्र सिंह सोमवंशी निवासी दतिया ने माह फरवरी 2020 में अपर कलेक्टर दतिया को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही करने की मांग की गई थी तथा तत्कालीन आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर द्वारा मामले की जांच कराने का आश्वासन भी दिया था? (ड.) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित आदिवासी छात्रावास की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
51. ( क्र. 1167 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केंट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में कौन-कौन से छात्रावास कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं, इनमें कितनी-कितनी संख्या में छात्र एवं छात्राएं अध्ययनरत हैं? शासन द्वारा इन छात्रावासों के रख-रखाव व अन्य खर्चे हेतु क्या राशि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आदिवासी छात्रावासों के लिये आवंटित की जाने वाली कुल राशि का किस-किस मद में कितना-कितना व्यय किया गया है, वर्ष 2019-20, 2020-21 की जानकारी बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) केंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जनजाति विकास द्वारा संचालित छात्रावासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। कोरोना के कारण पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगने के कारण शासन निर्देशानुसार छात्रावास बन्द थे। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
डेरी उद्योग केन्द्र की स्थापना
[पशुपालन एवं डेयरी]
52. ( क्र. 1168 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में डेरी उद्योग केन्द्र (हब) बनाने हेतु कोई कार्ययोजना स्वीकृत की गई है? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या ऐसी कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन सी कार्ययोजना प्रस्तावित है एवं कब तक क्रियान्वित की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। परंतु जबलपुर जिले के जनपद पंचायत जबलपुर के ग्राम खम्हरिया (बारेला) में डेयरी स्टेट स्थापित किया जा रहा है। जिसका प्रमुख उद्देश्य डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक स्थान पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उक्त परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम भोपाल है। प्रशासनिक परिसर में पशु चिकित्सालय, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, अनुसंधान प्रयोगशाला डेयरी व्यवसाय हेतु 76 भूखण्ड, पानी की टंकी, गोबर गैस प्लॉट, भूसा व दाना गोदाम, सड़क एवं विद्युतीकरण आदि कार्य पूर्ण हो गये है। फेंसिंग कार्य प्रगति पर है शीघ्र लाकार्पण कराया जावेगा।
समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीदी
[सहकारिता]
53. ( क्र. 1179 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था अचलपुरा शाखा मिहोना जिला भिण्ड द्वारा सरसों की खरीदी होने पर 655 क्विंटल सरसों की शार्टेज बताई गई थी? यदि हाँ, तो जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. भिण्ड द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था अचलपुरा शाखा मिहोना के प्रभारी समिति प्रबंधक पर दबाव डालकर उक्त शार्टेज सरसों जिसकी राशि रू.2754378/- बैंक के खाते में जमा कराई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह सत्य है कि जिला म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन भिण्ड ने पत्र क्र./क्यू/2021/652 भिण्ड दिनांक 30.01.2021 कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखकर उक्त शार्टेज में परिवहनकर्ताओं को दोषी माना था? यदि हाँ, तो क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. भिण्ड ने पत्र दिनांक 14.07.2021 को तथा उपायुक्त सहकारिता भिण्ड ने अपने पत्र क्र./उपार्जन/2021/481 तथा जांच समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में परिवहन कर्ता को उक्त शार्टेज के लिए दोषी माना था? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह भी सत्य है कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था अचलपुरा शाखा मिहोना के प्रभारी समिति प्रबंधक तथा प्रश्नकर्ता द्वारा प्रबंध संचालक, म.प्र. सिविल सप्लाई कार्पोरेशन भोपाल को पत्र द्वारा जबरन जमा कराई गई शार्टेज की राशि को वापिस करने एवं दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा संस्था के प्रभारी समिति प्रबंधक से जमा कराई राशि को वापिस करने के लिए पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो अभी तक दोषी परिवहनकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) संस्था के प्रभारी समिति प्रबंधक से जमा कराई गई राशि कब तक वापिस करा दी जाएगी? समयावधि बताएं। यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में चिकित्सा सुविधा
[चिकित्सा शिक्षा]
54. ( क्र. 1186 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, विगत बजट सत्र के दौरान माननीय चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में पैथलेब चिकित्सा सुविधा शुरू कराये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इस हेतु वर्तमान में क्या कर्यावाही प्रचलन में है? विवरण सहित बतायें। (ख) क्या यह सही है कि, बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर प्रांरभ हुये लगभग 13 वर्ष हो जाने के बाद भी सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं का अभाव है? प्रश्नकर्ता आतारांकित प्रश्न क्र. 2625 दिनांक 08 मार्च 2021 के उत्तरांश में बताया गया था कि, कार्डियोलॉजी, न्यरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी से संबंधित चिकित्सा सुविधायें प्रारंभ किये जाने की प्रक्रिया जारी है। वर्तमान तक इस हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है तथा यह चिकित्सा सुविधायें कब तक प्रारंभ हो सकेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में ब्लड बैंक की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
55. ( क्र. 1187 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता अतारांकित प्रश्न क्र. 2625 दिनांक 08 मार्च 2021 के उत्तरांश में (घ) में बताया गया था कि बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में स्वयं के ब्लड बैंक की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रचलन में है, परन्तु आज दिनांक तक लगभग 8 माह की अवधि बीत जाने के बाद भी ब्लड बैंक की स्थापना नहीं हो पाई है? इसका क्या कारण है तथा कब तक ब्लड बैंक की स्थापना की जा सकेगी? (ख) क्या यह सही है कि, बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों को ब्लड की नितांत आवश्यकता होती है, परन्तु ब्लड के अभाव में कई मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। तो क्या शासन शीघ्र ही ब्लड बैंक की स्थापना करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में 250 एम.बी.बी.एस. सीट्स वृद्धि के संबंध में भारत शासन द्वारा दी गई स्वीकृति के अनुक्रम में ब्लड बैंक के निर्माण एवं पद सृजन को उक्त प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया है। जिसके संबंध में राज्य शासन के निर्माण एजेन्सी पी.आई.यू (पी.डब्ल्यू.डी) द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है, पी.आई.यू द्वारा डी.पी.आर. प्रस्तुत करने के पश्चात प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर निर्माण कार्य किया जायेगा। (ख) जी हाँ। जी नहीं। ब्लड की आवश्यकता की पूर्ति परिसर में स्थित जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक से की जाती हैं। शेष उत्तरांश "क" अनुसार।
गृह जिले में विभाग प्रमुख की पदस्थापना
[पशुपालन एवं डेयरी]
56. ( क्र. 1191 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की ऐसी कोई नीति है कि प्रथम श्रेणी अधिकारी / विभाग प्रमुख अपने गृह जिले में पदस्थ किया जा सकता है? (ख) यदि नहीं तो डॉ. डी.के. विश्वकर्मा उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग जिला टीकमगढ़ के मूल निवासी होने के बाद भी टीकमगढ़ मे किस नियम के तहत पदस्थ हैं? (ग) क्या शासन की स्थानांतरण एवं पदस्थापना नीति के विरूद्ध गृह जिले में प्रथम श्रेणी अधिकारी / विभाग प्रमुख के पद पर पदस्थापना पाने वाले एवं पदस्थापना देने वाले अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त टीप क्रमांक 693/सीएमएस/एमआरजी/2021 दिनांक 16.06.2021 के द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में डॉ. डी.के.विश्वकर्मा, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, को जिला टीकमगढ़ में स्थानांतरण कर पदस्थ किया गया है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में गेहूँ की खरीदी
[सहकारिता]
57. ( क्र. 1226 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में गेहूँ समर्थन मूल्य खरीदी वर्ष 2018-2019 से 2021-2022 तक किन-किन केन्द्रों पर की गई, प्रत्येक केन्द्रों पर कितनी खरीदी हुई, कितना गेहूँ जमा हुआ, कितने गेहूँ घटती आई। क्या घटती आई है तो विभाग के द्वारा उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? संस्थावार, वर्षवार, सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या गेहूँ खरीदी में प्रासंगिक व्यय शासन से कितना प्राप्त हुआ और संस्था के द्वारा कितना व्यय किया गया। संस्था के द्वारा ऐसे व्यय का भुगतान क्रास चेक से या नगद या बैरियर चेक से किया गया। भुगतान की दिनांकवार, संस्थावार, वर्षवार सम्पूर्ण विवरण बतायें। (ग) क्या गेहूँ खरीदी केन्द्रों के द्वारा प्रासंगिक व्यय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. द्वारा निर्धारित अधिकतम दर से अधिक दर पर भुगतान किया गया है। यदि हाँ, तो निर्धारित दर से अधिक भुगतान करने वालों के विरूद्ध' विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। (घ) गेहूँ खरीदी केन्द्र के द्वारा दिनांक 10.06.2021 से 21.06.2021 तक प्रासंगिक व्यय एवं हम्मालों को भुगतान करने हेतु कितनी राशि बैंक से निकाली गई? हम्माली का भुगतान क्रास चेक से क्यों नहीं किया गया। यदि क्रास चेक से ऐसा भुगतान नहीं किया गया तो विभाग के द्वारा ऐसी संबंधित संस्थाओं के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। घटती के संबंध में उत्तरदायित्व का निर्धारण कर दोषी व्यक्तियों से वसूली किये जाने के निर्देश उप आयुक्त सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को दिये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) संस्थाओं द्वारा किये गये प्रासंगिक व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अधिक भुगतान करने वाले दोषी व्यक्तियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्रवाई के निर्देश दिये गये है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। कुछ संस्थाओं द्वारा हम्माली का भुगतान हम्मालों की सहमति पर क्रास चेक/ट्रांसफर से किया गया है। हम्मालों के अभाव एवं आवश्यकता को देखते हुए कुछ समितियों पर हम्मालों के खाते न होने तथा लगातार हम्माल बदलने के कारण नगद भुगतान किया गया है। प्रासंगिक व्यय में पंजीयक द्वारा निर्धारित अधिकतम दर से अधिक व्यय करने वाले व्यक्तियों के उत्तरदायित्व का निर्धारित कर दोषी व्यक्तियों से वसूली किये जाने के निर्देश उप आयुक्त सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को दिये गये है।
ई-टेण्डर घोटाले के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
58. ( क्र. 1239 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मेरे तारांकित पत्र क्र. 4680 दिनांक 25 मार्च 2021 ई-टेण्डर घोटालों की जांच में दोषियों पर कार्यवाही के संबंध में पूछे गये प्रश्नांश (क) से (घ) तक के उत्तर में यह बताया गया कि (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। यदि हाँ, तो क्या (क) से (घ) की जानकारी प्राप्त हुई? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लम्बी अवधि के बाद भी तारांकित प्रश्न क्र. 4680 (क) से (घ) तक की जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) क्या यह भी सही है कि मेरे प्रश्न के उत्तर में (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है लिखकर विभाग जानबूझ कर ई-टेण्डर घोटाले के दोषियों को बचा रहा है और समय पर उत्तर उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतावें। ई-टेण्डर घोटाले में दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस व्यवस्था
[गृह]
59. ( क्र. 1245 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने ग्रामों को सम्मिलित कर कौन से पुलिस थाने एवं पुलिस चौकियां गठित की गई है? जनसंख्या एवं क्षेत्रफल सहित स्थापना वर्ष सहित सूची देवे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित थानों एवं पुलिस चौकियों से सुरक्षा व्यवस्था हेतु कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं संपूर्ण सूची देवें। (ग) क्या क्षेत्रीय जनों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर ग्राम बचैया एवं बड़गांव में पुलिस चौकी की स्थापना तथा पूर्व से निर्मित पुलिस चौकी बिलहरी के स्थान पर नवीन थाने की स्थापना की मांग की जाती रही है? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मांगों पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) ग्राम बचैया में पुलिस चौकी की स्थापना की मांग नहीं की गई। ग्राम बड़गांव में पुलिस चौकी एवं पुलिस चौकी बिलहरी का थाने में उन्नयन की मांग की गई है। (घ) ग्राम बड़गांव में पुलिस चौकी की मांग पर परीक्षण किया जा रहा है। पुलिस चौकी बिलहरी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुसार नहीं होने से अमान्य किया गया।
वन भूमि का पट्टा वितरण
[जनजातीय कार्य]
60. ( क्र. 1249 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 25 नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि का पट्टा) वितरित किये गये? ग्राम पंचायतवार संख्या बतायें। (ख) वन भूमि के पट्टाधारी व्यक्ति अपने खेत में बिजली, नलकूप खनन करवा सकता है या नहीं? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? (ग) रायसेन जिले में वनभूमि के किन-किन पट्टाधारी को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि क्यों नहीं मिल रही है तथा इसके लिए कौन दोषी है? (घ) वनभूमि की पट्टाधारी अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति को शासन के द्वारा क्या क्या सुविधायें दिये जाने के निर्देश हैं? उनकी प्रति दें तथा रायसेन जिले में उक्त निर्देशों को पालन क्यों नहीं हो रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। रायसेन जिले में शासन निर्देशों का पालन किया जा रहा है। वन अधिकार पत्र धारकों को उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
गरीब असहाय पेंशन योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
61. ( क्र. 1250 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) असहाय, गरीब, जरूरतमंद 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति जिनका गरीबी रेखा की सूची में नाम नहीं है उनको सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिले, इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) रायसेन जिले में उक्त निर्देशों का पालन क्यों नहीं हो रहा है? उक्त निर्देशों का पालन हो इस हेतु मान. मंत्री जी क्या-क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) असहाय, गरीब, जरूरतमंद 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति जिनका गरीबी रेखा की सूची में नाम नहीं है उनको पेंशन मिले इस संबंध में कलेक्टर रायसेन, उप संचालक, सामाजिक न्याय विभाग रायसेन को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा किन-किन पत्रों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों के उत्तर क्यों नहीं दिये गये? कब तक उत्तर देंगे।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित वृद्ध को शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अंतर्गत पेंशन राशि 600/- रूपये दिये जाने का प्रावधान है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करने के लिये शासन से जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं रायसेन जिले में असहाय, गरीब, जरूरतमंद 60 वर्ष से अधिक आयु के कुल 3381 हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन योजना अंतर्गत 600/- रू. पेंशन प्रतिमाह राज्य स्तर से हितग्राहियों के बैंक खाते में जमा की जा रही है। शेष उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) असहाय, गरीब, जरूरतमंद 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के पेंशन के संबंध में 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 14 आवेदन पत्र माननीय विधायक महोदय से प्राप्त हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
छात्रावास भवनों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र. 1261 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा डिंडौरी जिले में संचालित उच्चतर माध्यमिक, हाई स्कूल, पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, प्री-मैट्रिक छात्रावास, महाविद्यालयीन छात्रावास आश्रम शालाओं की भवन उपयुक्त है अगर हाँ तो उ.मा.वि. समनापुर करंजिया, बनाग प्राचीन डिण्डौरी हाई स्कूल सेनगूड़ा आदि की भवन क्यों उपयुक्त नहीं है। अगर नहीं तो भवन क्यों उपयुक्त नहीं है। तो कब तक उपयुक्त भवन बनेंगे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी उपयुक्त एवं अनुपयुक्त तथा भवन विहीनों की जानकारी संस्थावार दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, उ.मा.वि.समनापुर, करंजिया, बजांग, प्राचीन डिण्डौरी, हाईस्कूल सेनगुढ़ा के भवन भी उपयुक्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार एवं भवन विहीन संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है।
वन अधिकार पत्र की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
63. ( क्र. 1262 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार पत्र प्रदान करने हेतु व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावा आमंत्रित कब से किया गया? दावा आमंत्रित दिनांक से नवम्बर 2018 तक कुल कितने व्यक्तिगत दावे एवं कुल कितने सामुदायिक दावे प्राप्त हुए जिसमें कितने व्यक्तिगत दावे निरस्त हुए कितने सामुदायिक दावे स्वीकृत हुए एवं कितने अस्वीकृत हुए विकासखण्डवार जिलावार जानकारी दें। (ख) वन अधिकार पत्र प्रदान करने हेतु वन मित्र ऐप कब प्रारंभ हुआ? वन मित्र ऐप के तहत कितने वन अधिकार पत्र का परीक्षण हुआ तथा कितने व्यक्तिगत अधिकार पत्र दिये गये? वर्षवार विकासखण्डवार जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) म.प्र. में वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार पत्र प्रदान करने हेतु व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावे जनवरी 2008 से आमंत्रित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वनमित्र ऐप 02 अक्टूबर 2019 से प्रारंभ हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
भवन विहीन संचालित स्कूलों के भवनों का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 1271 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधान सभा अंतर्गत विकासखंडों में आदिवासी विकास विभाग द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कितने स्कूल संचालित है? कितने भवन विहीन है और कब से इनके भवन निर्माण हेतु प्राप्त पत्रों एवं विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? कारण सहित स्थिति स्पष्ट करते हुए बताएं कि इनके भवन निर्माण की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर दी जाएगी? समय-सीमा स्कूलों में शिक्षकों के कितने पद स्वीकृत है? कितने रिक्त हैं और क्यों इन पदों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (ख) उक्त आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में किस-किस स्थानों पर मॉडल स्कूल एवं बालिका छात्रावास संचालित करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्राप्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? प्रश्न दिनांक की स्थिति में बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला खरगोन के विधानसभा क्षेत्र कसरावद अन्तर्गत आदिवासी विकासखण्ड भीकनगांव में कुल 138 स्कूल संचालित है। जिसमें से 04 प्रा.वि. पोखर खुर्द एवं रतनपुर तथा मा.वि. आवल्या एवं हाईस्कूल बलखडिया भवन विहीन संस्थाएं है। प्रश्नकर्ता के प्रा.वि. पोखर खुर्द में भवन निर्माण हेतु पत्र पर कार्यवाही करते हुए सर्व शिक्षा अभियान द्वारा भवनविहीन संस्थाओं को वर्ष 2021-22 की वार्षिक कार्य योजना में शामिल कर लिया गया है। विधानसभा क्षेत्र कसरावद अन्तर्गत आदिवासी विकास विभाग के विकासखण्ड भीकनगांव में कुल 404 पद स्वीकृत है तथा 112 पद रिक्त है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पद पूर्ति की कार्यवाही म.प्र. प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में मॉडल स्कूल एवं बालिका छात्रावास संचालन करने हेतु प्रश्नकर्ता का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
लंबित छात्रवृत्ति का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 1274 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर, भोपाल, बड़वानी जिलों में कितने कालेजों के कितने विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति प्रश्न दिनांक की स्थिति में लंबित है? कॉलेज नाम, वर्गानुसार संख्या (SC, ST, OBC) सहित जिलावार राशि सहित देवें। (ख) क्या कारण है कि 6 माह या उससे अधिक समय से प्रश्नांश (क) अनुसार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति लंबित है? यह कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ग) छात्रवृत्ति विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जिलों में अंतिम बार कालेजों में कब छात्रवृत्ति दी गई थी? कॉलेजवार, वर्गानुसार (SC, ST, OBC) संख्या, दिनांक सहित जिलावार जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) इंदौर, भोपाल एवं बड़वानी जिले की अनुसूचित जनजाति वर्ग की लंबित छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट ‘अ‘ अनुसार है। कॉलेजवार, वर्ग अनुसार, जिलावार जानकारी पुस्तकालय मे रखे प्रपत्र परिशिष्ट “ब” एवं “स” अनुसार है। (ख) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की स्वीकृति एवं वितरण एक सतत् प्रक्रिया है जो आवेदन लंबित है वह छात्र स्तर, संस्था स्तर, नोड़ल स्तर, परीक्षा परिणाम विलम्ब से आने, शुल्क केपिंग आदि कारणों से लंबित है। (ग) उक्त प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार इंदौर, भोपाल, बड़वानी जिलों में अंतिम बार कॉलेजों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को दी गई छात्रवृत्ति की कॉलेजवार, संख्या, दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
आगजनी में मृत शिशुओं के मर्ग कायम किया जाना
[गृह]
66. ( क्र. 1279 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कमला नेहरू अस्पताल भोपाल में दिनांक 08.11.2021 को हुई आगजनी घटना से मृत कितने शिशुओं के मर्ग थाना कोहेफिजा पुलिस द्वारा कायम किये गए मृतकों के नाम उम्र सहित बतावे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आगजनी से अपने मृत शिशु का मर्ग कायम कर न्याय दिलाने के लिए कितने आवेदन प्राप्त हुए प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदन पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आगजनी की घटना में कौन-कौन दोषी पाया गया तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में आगजनी से मृत शिशुओं का मर्ग कायम कर न्याय दिलाने के आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये है। (ग) आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये हैं किन्तु घटना के संबंध में पंजीबद्ध मर्गों की जांच में साक्ष्य अनुसार विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी।
प्रधान आरक्षक को रिलीव करना
[गृह]
67. ( क्र. 1291 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 एवं 2015 में विशेष शस्त्र बल (एस.ए.एफ.) के किन-किन बटालियन से किन-किन आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति दी जाकर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल एवं जज सुरक्षा के लिये प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था? किन-किन के द्वारा किस-किस बटालियन से अपनी नई पदस्थापना में उपस्थिति दी गई? किन-किन के द्वारा नहीं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) के अवधि में विशेष शस्त्र के 23 एवं 25 बटालियन जिन आरक्षकों को प्रधान आरक्षक बनाकर नई पदस्थापना में उपस्थिति नहीं दी गई? यदि हाँ, तो किन-किन आरक्षकों ने आदेश का पालन नहीं किया है? क्या उनकी पदोन्नति निरस्त कर दोषी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के बटालियन के प्रधान आरक्षकों द्वारा उपस्थिति न देने के कारण बटालियन के अन्य आरक्षक पदोन्नति से वंचित रहे है? क्या प्रश्नांश (ख) के बटालियन के पदोन्नति प्राप्त प्रधान आरक्षकों को तत्काल नई पदस्थापना के लिये भार मुक्त करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? अभी तक भारमुक्त न करने में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के पदोन्नति प्राप्त आरक्षकों को भारमुक्त न करने के लिये शासन विभागाध्यक्ष को कोई आदेश है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं तो क्या यह माना जाये कि संबंधित शासन आदेश की विपरीत कार्य करने के दोषी है? यदि हाँ, तो दोषी पर कब, क्या कार्यवाही करेगें तथा पदोन्नति प्रक्रिया चालू करा देगें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2014 एवं 2015 में विशेष सशस्त्र बल (एस.ए.एफ.) की बटालियनों से आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति दी जाकर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल एवं जज सुरक्षा के लिये प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा गया है। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय के प्रचलन योग्य प्रकरण
[विधि एवं विधायी कार्य]
68. ( क्र. 1300 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कितने अतिरिक्त सत्र न्यायालय हैं? ऐसे कितने प्रकरण प्रचलन में हैं जो कि अतिरिक्त सत्र न्यायालय से सुने जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्तमान में अतिरिक्त सत्र न्यायालय के अलावा नवीन अतिरिक्त सत्र न्यायालय के खोले जाने हेतु क्या शासन को प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? यदि हां, तो कहाँ पर विवरण बतावें। (ग) वर्तमान में जीरापुर एवं खिलचीपुर तहसीलों के प्रकरण जो अतिरिक्त सत्र न्यायालय के प्रचलन योग्य हैं, वह कहाँ सुने जाते हैं? जीरापुर तहसील के दूरस्थ ग्रामों की उक्त जगह से कितनी दूरी है? (घ) क्या यह सही है कि जीरापुर न्यायालय भवन बनकर तैयार हो गया है? क्या उक्त न्यायालीन भवन में 04 अलग-अलग कोर्ट रूम हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला राजगढ़ में 10 अतिरिक्त सत्र न्यायालय कार्यरत है, जिनमें कुल 4146 प्रकरण लंबित है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जीरापुर एवं खिलचीपुर तहसीलों के प्रकरणों की सुनवाई मुख्यालय राजगढ़ में की जा रही है। मुख्यालय राजगढ़ से जीरापुर तहसील के ग्रामों के बीच की दूरी 80 कि.मी. है। (घ) जी हाँ। उक्त न्यायालीन भवन में 4 अलग-अलग कोर्ट रूम उपलब्ध है।
पुलिस चौकी खोले जाना
[गृह]
69. ( क्र. 1306 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में किन-किन कस्बों/ग्रामों में पुलिस चौकी खोली गई? कस्बों/ग्रामों के नाम बतावें। (ख) पुलिस चौकी खोली जाने संबंधी विभाग के क्या मापदण्ड हैं? (ग) खातेगांव विधान सभा के आदर्श ग्राम अजनास जो कि पूर्व क्षेत्रीय सांसद स्वर्गीय सुषमा स्वराज जी का गोद लिया हुआ आदर्श ग्राम है जहां की आबादी लगभग दस हजार है एवं उक्त ग्राम से, लगभग 30 से 35 गांव जुड़े हुए हैं। क्या अजनास में पुलिस चौकी खोली जावेगी बतावें। (घ) ऐसे ही ग्राम कुसमान्या जो कि आदिवासी बाहुल्य ग्रामों का केन्द्र बिन्दु है एवं उक्त ग्राम की आबादी लगभग आठ हजार है, जहां से पुलिस थाने की दूरी 10 कि.मी. है। उक्त ग्राम में पुलिस चौकी खोले जाने संबंधी कार्यवाही पर अवश्य विचार कर की जाने वाली कार्यवाही बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) देवास जिले अंतर्गत वर्ष 2020-2021 में कोई पुलिस चौकी नहीं खोली गई। (ख) नवीन पुलिस चौकी हेतु प्रस्तावित चौकी क्षेत्र की कुल जनसंख्या 7-10 हजार, थाने से दूरी 8 से 10 किमी, क्षेत्रफल 75 से 90 वर्ग किमी, प्रस्तावित चौकी क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में घटित भारतीय दण्ड विधान अपराधों की औसत वार्षिक संख्या 75 से 100 होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त वर्तमान थाना/चौकी से आवागमन में कठिनाई होने पर। (ग) खातेगांव विधान सभा के आदर्श ग्राम अजनास में पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्ताव परीक्षण की प्रक्रिया में है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उक्त पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया।
कोरोनाकाल में हुई मौतों की जानकारी
[गृह]
70. ( क्र. 1313 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोनाकाल में सतना जिले के कितने पुलिस एवं होमगार्ड के अधिकारी/कर्मचारी और संविदाकर्मी ड्यूटी करते हुए कोरोना संक्रमित होकर मौत के शिकार हुए? इन कर्मचारियों विवरण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन कर्मचारियों के परिजनों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया? मुआवजे के कितने प्रकरण अभी भी लंबित है तथा इसका क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में लंबित प्रकरणों के निपटारे के लिए क्या कोई समय सीमा भी तय की है? हाँ तो समय सीमा बतायें यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कोरोनाकाल में सतना जिले में पुलिस के किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी की कोरोना संक्रमित होकर मृत्यु होने संबंधी जानकारी प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ख) उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) उपस्थित नहीं होता।
कटनी मंडी से निराश्रित शुल्क राशि की वसूली
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
71. ( क्र. 1317 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले कृषि उपज मंडी कटनी से विगत 5 वर्षों में कितना निराश्रित शुल्क कलेक्टर के खाते में जमा किया गया है। माहवार वर्षवार जानकारी देवें तथा प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि जमा है। (ख) प्रश्नांश (क) की राशि में से विगत 5 वर्षों में कितनी राशि किस-किस कार्य में खर्च की गई है। कार्यवार राशिवार विवरण देवें? (ग) प्रदेश के बाहर से आयातित दलहन पर कितना निराश्रित शुल्क किस अवधि की कितनी वसूली किया जाना शेष है, पृथक-पृथक मिलवार विवरण स्पष्ट पठनीय जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) की निराश्रित शुल्क जो लगभग 25 करोड़ बकाया है। उसकी वसूली के लिए कलेक्टर कटनी एवं मण्डी सचिव ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है तथा वसूली की कार्यवाही संबंधी दस्तावेज विवरण बतावें। (ड.) निराश्रित शुल्क वसूली का प्रमुख कर्तव्य मंडी सचिव का है, उनके द्वारा दाल मिलों का क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगाकर वसूली क्यों नहीं की, इसके लिए तत्कालीन/वर्तमान सचिव के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार। (घ) वर्तमान में जबलपुर, इन्दौर एवं रीवा (जिसमें शहडोल राजस्व संभाग शामिल है) संभागों मे अभी रूपये 18,08,80,217/- का निराश्रित शुल्क बकाया है। कृषि उपज मण्डी समिति कटनी अध्यतन स्थिति में बकाया निराश्रित शुल्क जमा कराने के लिए संबंधित फर्मों को सूचना पत्र जारी कर वसूली हेतु प्रयासरत है। कटनी में वसूल निराश्रित शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' तथा वसूली हेतु जारी सूचना पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार। (ड.) निराश्रित शुल्क की वसूली की कार्यवाही निरन्तर प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने बाबत्
[गृह]
72. ( क्र. 1318 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 16.03.2021 में मुद्रित प्रश्न संख्या 65 (क्र. 4016) के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ। (ख) का उत्तर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के संबंध में जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। प्रश्नांश (ग) का उत्तर प्रकरण में विवेचना जारी है विवेचना पूर्ण होने पर अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जावेगा दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्या जांच पूर्ण हो गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन विवरण प्रतिवेदन अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रश्नांश (ग) में दिए गए उत्तर के अनुसार एक वर्ष बाद भी पुलिस ने अंतिम प्रतिवेदन अर्थात चालान न्यायालय में अभी तक क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया है? कब तक प्रस्तुत करेगें? समय-सीमा बतावे? (घ) विधानसभा प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 32) दिनांक 26.02.2021 संबंध में प्रश्नांश (क) से (घ) तक में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? जांच कार्यवाही संबंधी सभी दस्तावेज पत्राचार की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए बताएं कि अभी तक आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी के लिए प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई, कब तक की जावेगी बतावें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत पत्रों की जाँच पूर्ण की गई है। जाँच में पैसों के लेन-देन का विवाद होकर मामला सिविल प्रकृति का होना पाया गया है। आवेदक मोहम्मद अंसारी द्वारा इस संबंध में अनावेदकों के विरूद्ध धारा 420,323,294,506,34 भादवि के अंतर्गत प्रस्तुत परिवाद न्यायालय में विचाराधीन है। साथ ही माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में भी अनावेदक अभिषेक तिवारी द्वारा प्रस्तुत आर्बिट्रेशन प्रकरण क्र. AC NO-83/2019, WP NO-19537/2018 एवं MCRC NO- 20087/2019 भी विचाराधीन है माननीय उच्च न्यायालय एवं सीजेएम सतना के न्यायालय से निर्णय अपेक्षित है। प्रकरण में माननीय न्यायालय से आदेश प्राप्ति पश्चात विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी। मामला विभिन्न स्तरों पर माननीय न्यायालयों में लंबित होने से पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं है। (ग) थाना कोतवाली सतना में पंजीबद्ध अपराध क्र. 320/2020 धारा 406, 418, 420 ता.हि. का चालान 01 वर्ष की अवधि में अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में न प्रस्तुत हो पाने का कारण साक्ष्य संकलन किया जाना है। प्रकरण में अनुसंधान कार्यवाही एवं साक्ष्य संकलन जारी है। अनुसंधान में आये साक्ष्य अनुरूप विधि-सम्मत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान मे मामला विभिन्न स्तरों पर माननीय न्यायालयों में लंबित होने से पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं है।
शिकायत पत्र पर जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
73. ( क्र. 1341 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नाकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 228/21-22 दिनांक 07/08/2021 एवं पत्र क्रमांक 274/21-22, दिनांक 02/08/2021 के द्वारा अपर मुख्य सचिव पशुपालन विभाग को शिकायत पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत की जांच हेतु समिति बनाई गई या जांच अधिकारी बनाया गया? उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) जांचकर्ता अधिकारी/समिति द्वारा प्रश्नकर्ता के समक्ष जांच प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से प्रारम्भ नहीं की गयी? जांच कब तक पूर्ण की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। पत्र क्रमांक 288/21-22 दिनांक 07.08.2021 प्राप्त हुआ है। (ख) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जांच समिति गठित की जा चुकी है। शीघ्र जांच पूर्ण की जावेगी।
शिकायत पत्र की जांच हेतु समिति का गठन
[जनजातीय कार्य]
74. ( क्र. 1342 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 204/2021-22 दिनांक 02/08/2021 एवं पत्र क्रमांक 275/2021-22 दिनांक 02/09/2021 के प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग को शिकायत पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत की जांच हेतु समिति बनाई गई या जांच अधिकारी बनाया गया? उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) जांचकर्ता अधिकारी/समिति द्वारा प्रश्नाकर्ता के समक्ष जांच प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से प्रारम्भ नहीं की गयी? जांच कब तक पूर्ण की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) उपरोक्त शिकायती पत्रों में उल्लेखित बिंदुओं का परीक्षण किया जाकर परीक्षण में तथ्य प्रकाश में आने पर जांच हेतु समिति गठित की जावेगी (ग) समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अमेजन कम्पनी द्वारा गांजा सप्लाई
[गृह]
75. ( क्र. 1349 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड पुलिस के द्वारा अमेजन कम्पनी के खिलाफ ऑनलाइन गांजा सप्लाई करने को लेकर प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो कम्पनी इस मामले में दोषी पायी गई है? यदि हाँ, तो अमेजन कम्पनी का ऑनलाइन मार्केटिंग लायसेंस रद्द किया गया है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक अमेजन कम्पनी का ऑनलाइन मार्केटिंग लायसेंस रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में उक्त गांजा सप्लाई में कौन-कौन लोग लिप्त हैं और कितना गांजा जप्त किया गया है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, प्रकरण में विवेचना जारी है, विवेचना में संकलित साक्ष्य के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन है, विवेचना में प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर विधिवत कार्यवाही की जावेगी। प्रकरण में 21 किलो 304 ग्राम गांजा जप्त किया गया है।
दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
76. ( क्र. 1352 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग जिला छिंदवाड़ा के संशोधित आदेश क्रमांक/1526/लेखा/2021 छिंदवाड़ा दिनांक 03.08.2021 के आधार पर जनपद पंचायत परासिया को दिनांक 16.08.2021 को आदर्श उच्च. माध्य. विद्या. परासिया में सहायक उपकरण वितरण किए जाने हेतु आदेशित किया गया था और जनपद पंचायत परासिया द्वारा दिव्यांगजन सहायक अंग उपकरण वितरण शिविर उक्त तिथि को आयोजित किए जाने हेतु सम्पूर्ण तैयारियां पूर्ण करते हुए आमंत्रण पत्र वितरण कर दिव्यांगजनों को आमंत्रित किया जा चुका था, किन्तु अचानक अपरिहार्य कारणों से शिविर स्थगित करने का क्या कारण था? (ख) प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायत परासिया द्वारा दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण किए जाने हेतु शिविर आयोजित नहीं कराया गया है? जनपद परासिया कक्ष में सहायक उपकरण रखे-रखे खराब हो रहे हैं? किन्तु दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण नहीं किये जा रहे हैं? जिससे उन्हें असुविधा हो रही है, अभी तक दिव्यांगजनों को उपकरण वितरण नहीं किए जाने हेतु कौन अधिकारी दोषी है और उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? कब तक सहायक उपकरणों का वितरण दिव्यांगजनों को कर दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एलिम्को कृत्रिम सहायक उपकरण अंग निर्माण संस्था जबलपुर से प्राप्त सहायक उपकरणों का माननीय केन्द्रीय मंत्री जी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में एवं माननीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में आभासी एवं प्रतीकात्मक वितरण के साथ ही कुल 4158 हितग्राहियों को उपकरणों का सैद्धान्तिक वितरण सम्पन्न किया गया। समस्त जनपद पंचायत/नगरीय निकाय के साथ ही परासिया जनपद के भी 07 हितग्राहियों को उपकरणों का वितरण किया गया। कुछ उपकरणों में फिटिंग, माप आदि का कार्य कराकर हितग्राहियों को उपलब्ध कराया जाना था, जिसके लिये समस्त जनपद पंचायत में एलिम्को टीम की उपलब्धता के आधार पर कार्यक्रम तक किया गया था। अन्य जनपद पंचायतों में तय कार्यक्रम से हटकर भी वितरण कार्य सम्पन्न हुआ। परासिया में भी उक्तानुसार दिनांक 16.8.2021 को निर्धारित कार्यक्रम एलिम्को टीम की अपरिहार्य कारणों से अनुपलब्धता के कारण वितरण सम्पन्न नहीं हो सका। (ख) जनपद स्तर पर दिव्यांगजनों को आने-जाने की असुविधा होने की दृष्टि से आपकी सरकार आपके साथ योजनांतर्गत चिन्हित दिव्यांगजनों को घर पहुंच सेवा हेतु समस्त नगरीय निकाय/ ग्राम पंचायतों को उपकरण प्रदाय किये गये हैं। शिविर में चिन्हांकित दिव्यांगजनों के अतिरिक्त माननीय विधायक द्वारा 10 मोटराइज्ड ट्रायसिकल मांग अनुसार प्राप्त हुई थी, उसमें से 05 मोटराइज्ड ट्रायसिकल का वितरण माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र परासिया द्वारा किया गया है। वर्तमान में 05 मोटराइज्ड ट्रायसिकल के लिये दिव्यांगजनों के द्वारा आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के कारण शेष है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[सहकारिता]
77. ( क्र. 1355 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सहकारिता ट्रिब्यूनल में कुल कितने पद हैं तथा इनमें कौन-कौन पदस्थ हैं? कितने पद किस अवधि से रिक्त हैं? (ख) सहकारिता विभाग में ज्वाइंट रजिस्ट्रार (न्यायिक) के कितने पद हैं तथा इनमें कौन-कौन पदस्थ हैं? कितने पद किस अवधि से रिक्त हैं? (ग) रिक्त पदों को कब भरा जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रशासकीय व्यवस्था अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निवासरत जातियां
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
78. ( क्र. 1378 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी घुमक्कड़ एवं विमुक्त जातियां निवासरत हैं? क्या विभाग द्वारा बैरसिया विधानसभा में निवासरत घुमक्कड़ एवं विमुक्त जातियों के संबंध में कोई सर्वे कराया गया है, अथवा नहीं? यदि हाँ, तो विवरण बतावें और यदि नहीं तो क्या कारण है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में घुमक्कड़ एवं विमुक्त जातियों के बस्ती विकास के लिए विभाग को पत्र लिखा था, उस पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विस्तृत जातिगत सर्वेक्षण के अभाव में संख्यात्मक जानकारी दी जाना संभव नहीं है। जी नहीं। संसाधनों की उपलब्धता के मद्देनजर। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव प्रशासकीय अनुमोदन में स्वीकृत नहीं किये गये।
अपराधों की जानकारी
[गृह]
79. ( क्र. 1381 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण शांति का वातावरण वाला जिला माना जाता रहा है किन्तु विगत 2 वर्षों में लगातार मर्डर मार-पीट, चोरी-डकैती, छेड़-छाड़, अवैध शराब एवं स्मैक जैसे मादक पदार्थ विक्रय में वृद्धि हुई है, क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले के थानों में कितने प्रकरण दर्ज किये गये तथा क्या कार्यवाही की गई? थानावार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ग) यदि कार्यवाही लम्बित है तो कारण से अवगत करावें। उक्त पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में दिये गये शीर्षों में कुछ में आंशिक कमी हुई है तथा कुछ में आंशिक वृद्धि हुई मण्डला जिले में है, इस वृद्धि/कमी का तुलनात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) प्रकरणों में साक्ष्य संकलन किया जा रहा है, साक्ष्य संकलन उपरांत प्रकरण का निराकरण किया जावेगा। प्रकरणों की विवेचना पूर्ण होने की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वित्तीय अनियमितता की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
80. ( क्र. 1383 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत पशु रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो समिति के गठन का उद्देश्य/नियम की प्रति देवें तथा समिति के अध्यक्ष, सदस्यों एवं सचिवों की जानकारी देते हुए समिति की बैठक कितने-कितने अंतराल से करने के नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत पशु रोगी कल्याण समिति के गठन से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि खाते में जमा की गई? वर्षवार राशि की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक कब-कब बैठक का आयोजन किया गया? दिनांकवार बैठक का एजेण्डा एवं उन पर लिये गये निर्णय की जानकारी से अवगत कराते हुये कार्यवाही की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार पशु रोगी कल्याण समिति से किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कृपया वर्षवार, कार्यवार व्यय की गई राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ड.) क्या प्रश्नांश (घ) अनुसार पशु रोगी कल्याण समिति की राशि, पशु कल्याण में न करते हुये नियम विरुद्ध अन्य कार्य में व्यय करने पर दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। समिति की बैठक 03 माह के अंतराल से करने के नियम हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक पशु कल्याण समिति की बैठक का आयोजन नहीं किया गया। (घ) जानकारी निरंक है। (ड.) उत्तरांश (घ) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेतनमान के अनुरुप पदनाम दिया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
81. ( क्र. 1384 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु पालन विभाग का नाम परिवर्तन कर पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग किया गया है? नाम परिवर्तन करने के औचित्य की जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या विभाग के अंतर्गत नाम परिवर्तन करने से पशु कल्याण/पशु पालकों के कल्याण संबंधी कौन-कौन सी गतिविधियां/योजनाओं को बड़ा कर प्रारंभ किया गया है? इसके लिए कितना-कितना अतिरिक्त आवंटन शासन स्तर से दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि विभाग का नाम परिवर्तन किया गया है, तो वर्ष 2000 में डेयरी विकास विभाग के शासकीय सेवकों का संविलयन पशु पालन विभाग में कर डेयरी विकास विभाग के अमले के पदों को सांख्येत्तर पद करने का निर्णय लिया गया है? निर्णय की प्रति देवे एवं पुनः डेयरी विकास विभाग के अमले के सांख्येत्तर पद समाप्त कर वर्तमान में प्राप्त वेतनमान के अनुरुप पद नाम किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं तो क्या पशु पालन विभाग में कार्यरत शासकीय चिकित्सकों को कार्यालय आदेश क्रमांक 7014, दिनांक 27.06.2012 के द्वारा द्वितीय समयमान प्राप्त शास. सेवकों का पदनाम अतिरिक्त उप संचालक किया गया है? इसी प्रकार डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवकों को भी वर्तमान में प्राप्त वेतनमान के अनुरुप पद नाम दिया जावेगा? यदि नहीं तो विभाग में कार्यरत शासकीय सेवकों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। पूर्व में विभाग का नाम पशुपालन विभाग था। पशु चिकित्सा के अलावा डेयरी संबंधित कार्य भी संपादित किया जा रहा है। अत: विभाग का नाम पशुपालन एवं डेयरी किया गया है। (ख) योजना पूर्व से यथावत संचालित है। अतिरिक्त बजट आवंटन नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। विचाराधीन नहीं। (घ) जी हाँ। प्रकरण विचाराधीन नहीं है। पद सांख्येत्तर है।
लोक सेवा केन्द्रों का भुगतान
[लोक सेवा प्रबन्धन]
82. ( क्र. 1385 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किवर्ष 2014-15 से अब तक लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से शासन के विशेष अभियान के तहत दर्ज एवं वितरित जाति प्रमाण पत्र (अनूसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग) के विरूद्ध रीवा जिले के लोक सेवा केन्द्रों को केन्द्रवार कितना भुगतान किया गया है, एवं कितना भुगतान शेष है? यदि भुगतान शेष है तो उसका कारण क्या है व कब तक पूर्ण भुगतान किया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : वर्ष 2014-15 से अब तक लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से शासन के विशेष अभियान के तहत दर्ज एवं वितरित जाति प्रमाण पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विशेष अभियान के अंतर्गत वितरित जाति प्रमाण पत्रों का भुगतान संलग्न परिशिष्ट अनुसार किया जा चुका है। उक्त अनुक्रम में कुल जारी 415338 जाति प्रमाण पत्रों का रू. 14254072/- वितरण की राशि थी जिसमें से 392894 जाति प्रमाण पत्रों के वितरण की रूपये 12730375/- राशि प्रदाय की गई है। शेष 22444 आवेदनों के संबंध में परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
लापरवाही की वजह से हमीदिया अस्पताल में बच्चों की मौत
[चिकित्सा शिक्षा]
83. ( क्र. 1389 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि गांधी मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत हमीदिया अस्पताल के बच्चा वार्ड में दिनांक 08 नवम्बर 2021 की रात्रि में अचानक आग लगने से कई नवजात शिशुओं की असमयिक मौत होने की घटना घटित हुई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने बच्चों की मौत हुई? कितने बच्चों को बदलने का मामला प्रकाश में आया है? क्या यह भी सही है कि रायसेन-गैरतगंज के नवीन / गायत्री को जो बच्ची का शव दिया गया था, वह पूजा/विक्रम की बच्ची का होने का आरोप लगाया है? यदि हाँ, तो इसकी वास्तविकता क्या है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 09 नवम्बर 2021 को उक्त घटना के संबंध में जांच हाई कोर्ट के जज से कराने, मृत बच्चों के परिवार को एक-एक करोड़ एवं गम्भीर रूप से घायल बच्चों के परिवारजन को 10-10 लाख रूपये देने एवं अन्य बिन्दुओं की जांच कराने हेतु माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई? घटना के लिए किन-किन की लापरवाही पाई गई तथा कौन-कौन से सुरक्षा संसाधनों की कमी पाई गई और जो स्थापित थे वह कब से काम नहीं कर रहे थे? विगत 5 वर्षां में वार्षिक रख-रखाव के नाम पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। हमीदिया अस्पताल के बच्चा वार्ड में दिनांक 08 नवम्बर 2021 को रात्रि में अचानक आग लगने से 04 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई थी। बच्चे बदलने संबंधी एक मामला प्रकाश में आया। शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित नवजात शिशु का डी.एन.ए. टेस्ट कराने पर शिकायत असत्य पायी गई। जी हां, परन्तु आरोप असत्य पाया गया। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक द्वारा लिखे गये पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ग) जी हाँ। घटना के उपरांत गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल के तत्कालीन अधिष्ठाता, हमीदिया अस्पताल के तत्कालीन अधीक्षक एवं कमला नेहरू अस्पताल संचालक को अतिरिक्त प्रभार से हटाया गया तथा सी.पी.ए. के कार्यपालन यंत्री की सेवायें मूल विभाग को वापिस की गई एवं उपयंत्री विद्युत यंत्रिकीय को निलंबित किया गया। सुरक्षा संसाधनों के साधारण एवं विगत 05 वर्षों में रख-रखाव से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है।
अनुसूचित जाति एवं जनजातीय के लोगों के साथ छुआ-छूत, मारपीट व हत्या के प्रकरण
[गृह]
84. ( क्र. 1390 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति, जनजातीय के लोगों के साथ छुआ-छूत, मारपीट करने, मजदूरी नहीं देने व साहूकारी-बंधक बनाने और हत्या किए जाने के प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस जिले में कितने-कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? यदि हाँ, तो कितने आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई की अद्यतन स्थिति बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि कितने मामलों के कितने आरोपियों को प्रश्न दिनांक की स्थिति में भी गिरफ्तार नहीं किए गए? प्रकरणवार, वर्षवार, जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
छात्र-छात्राओं हेतु नवीन छात्रावासों की स्थापना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
85. ( क्र. 1399 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अंतर्गत पिछड़ा वर्ग के छात्रों एवं छात्राओं हेतु किन-किन स्थानों पर आश्रम/छात्रावास संचालित हैं? नाम एवं कितने बेड्स के छात्रावास हैं? (ख) कौन-कौन से छात्रावासों के पास स्वयं के भवन हैं तथा कितने छात्रावास किराये के भवनों में संचालित हैं? क्या यह सही है कि जो छात्रावास किराये के भवनों में संचालित हैं? उनमें छात्र एवं छात्राओं हेतु पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। यदि हाँ, तो कब तक सुविधाहीन भवनों को नवीन भवनों में बदला जावेगा? समय-सीमा बतावें। (ग) आगामी शिक्षण सत्र में छात्र एवं छात्राओं के लिये नवीन छात्रावास किन-किन स्थानों में खोले जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किये जा रहे हैं? स्थान के नाम बतावें। यदि नहीं तो क्या छात्रावासों की आवश्यकता नहीं हैं? कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विधानसभा राजनगर अंतर्गत पिछड़ा वर्ग के छात्रों एवं छात्राओं हेतु आश्रम/छात्रावास संचालित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन द्वारा प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय पर एक बालक एवं एक कन्या 50 सीटर छात्रावास किराये के भवन में संचालित करने की स्वीकृति दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
86. ( क्र. 1420 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री द्वारा रतलाम में सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाये जाने की घोषणा की गई थी? इसके क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? इसमें कितनी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा? (ख) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में क्या सभी उपकरणों की पूर्ति कर दी गई है? अन्य व्यवस्थाओं की क्या स्थिति है? इस अस्पताल का शुभारंभ कौन सी दिनांक तक किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का निर्माण PMSSY योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा स्वीकृत होने पर किया जाता है। रतलाम में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के निर्माण के लिये PMSSY योजना अंतर्गत भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष प्रश्नांश की जानकारी स्वीकृति उपरांत ही बताई जा सकती है। (ख) जी नहीं। चिकित्सालय को प्रारंभ करने हेतु समस्त व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित कर जनवरी 2022 तक अस्पताल को औपचारिक रूप से प्रारंभ किया जाना संभावित है।
राजगढ़ नगर में स्थित जेल की जानकारी
[जेल]
87. ( क्र. 1432 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर जिला जेल है? यदि हाँ, तो किस वर्ष में उक्त जेल का निर्माण किया गया था? उक्त जेल में नियमानुसार कितने बन्दियों को रखने की क्षमता है? (ख) कण्डिका (क) का उत्तर यदि हाँ, है, तो क्या उक्त जेल मेन्यूअल के अनुसार सुरक्षित है? आबादी/रहवासी/बाजार/ आम-जन आवागमन उक्त जेल से पर्याप्त एवं जेल नियम अनुसार पर्याप्त दूरी पर है? (ग) कण्डिका (ख) का उत्तर नहीं है? तो शासन नवीन जेल का निर्माण कब तक कर देगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1905 में निर्मित हुआ है। जेल में 170 बंदियों को रखने की अधिकृत आवास क्षमता है। (ख) जेल नियमावली के नियम 30 (ए) के अनुसार जेल के बाहर घनी आबादी/रहवासी/बाजार/आम-जन आवागमन की दूरी पर्याप्त नहीं है, किन्तु बंदियों को पूर्ण सुरक्षित अभिरक्षा में रखा जा रहा है। (ग) नवीन जेल हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने पर आगामी कार्ययोजना बनाई जा सकेगी। समयावधि बताना संभव नहीं है।
आवंटित बजट का उपयोग
[जनजातीय कार्य]
88. ( क्र. 1433 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मांग संख्या 33 मुख्य शीर्ष 2225 योजना क्र. 9853 आदिवासी संस्कृति को परीक्षण विकास एवं देव ठान मद आवंटन वित्तीय वर्ष 21-22 से आवंटित बजट से क्या-क्या कार्य होना प्रस्तावित है? प्रश्न दिनांक तक उक्त बजट से भोपाल संभाग के किस-किस जिले में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के किये गये हैं? (ख) क्या कार्यालय आयुक्त जनजाति कार्य म.प्र. ने पत्र क्र. बजट/9853/2122/18928 भोपाल दिनांक 09.11.2021 से समस्त कलेक्टर म.प्र. को राशि व्यय करने की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि किस कार्य के लिए आवंटित की है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कलेक्टर को आवंटित राशि का व्यय क्या योजना में किये गये प्रावधान अनुसार ही किया गया है? यदि हाँ, तो किस कार्य हेतु व्यय किया गया? भोपाल संभाग की जिलेवार जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) योजना क्रमांक 9853-26 मदान्तर्गत सेमीनार, कार्यशाला, सम्मेलन विज्ञापन एवं प्रचार कार्य शामिल है। भोपाल संभाग के जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है। भोपाल संभाग के जिलों से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंजारा समाज के कल्याण हेतु प्राप्त आवंटन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
89. ( क्र. 1448 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त, घुम्मकड एवं अर्धघुमक्कड़ (बंजारा समाज) जाति के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? वित्तीय वर्षवार स्पष्ट करें। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किस-किस गांव में किस-किस कार्य में एवं किस-किस हितग्राही को (नाम, पिता/पति का नाम, ग्राम,जाति) कितना लाभ दिया है? (ख) क्या बंजारा समाज के कल्याण हेतु विभाग द्वारा कोई निर्माण कार्य 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो उन निर्माण कार्यों का नाम, किस ग्राम में कितनी लागत से किस स्थान पर क्या-क्या कार्य कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? किस-किस कार्य के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन स्वीकृत किया गया था, निर्माण किस एजेन्सी/ठेकेदार से किस-किस यंत्री के सुपरवीजन में कराया गया था तथा कराया जा रहा है? 30 नवम्बर 2021 की स्थिति में उन निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें। (ग) क्या विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जातियों की गणना कराई गई है? यदि हाँ, तो ग्वालियर जिले में बंजारा समाज किस-किस गाँव/मजरा/टोला में रहते हैं? उस ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत तथा निवासरत परिवार एवं जनसंख्या सहित ग्राम मजरा, टोलावार स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विभाग द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग को योजनावार आवंटन प्रदाय किया जाता है। जिला ग्वालियर में बंजारा समाज के लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले में विभागीय योजनाओं का संचालन एवं क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
90. ( क्र. 1451 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी में कौन-कौन सी विभागीय योजनायें लागू/प्रचलित हैं और कौन-कौन सी योजनायें किन कारणों से लागू नहीं हैं? योजनाओं के क्रियान्वन के निर्देश एवं लाभ लेने की प्रक्रिया से अवगत कराएं। (ख) कटनी में विगत 05 वर्षों में हितग्राही मूलक एवं स्वरोजगार की किन-किन योजनाओं से किन-किन हितग्राहियों को किस प्रकार एवं कब-कब लाभान्वित किया गया? क्या योजनाओं से इनके जीवन में कोई बदलाव आना परिलक्षित हुआ? यदि हाँ, तो इसका परीक्षण किस प्रकार किया गया और क्या परिणाम रहे? (ग) कटनी में विगत 05 वर्षों में बस्ती विकास के तहत कौन-कौन से कार्य किन मांगों एवं प्रस्तावों/आवश्यकताओं के चलते स्वीकृत किए गए एवं कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत से किस-किस के द्वारा कब-कब कराये गए? किन-किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यों की प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति दी गयी? कार्यों की माप एवं माप का सत्यापन किया गया और कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया गया? कितना और किस हेतु किस-किस को भुगतान किया गया? कार्यवार विवरण दीजिये। (घ) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-358, दिनांक-18/02/2019 एवं इसी विषय पर विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1254, दिनांक 12/07/2019 के उत्तरानुसार जांच पूर्ण हो गयी? यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही से अवगत कराइये। यदि नहीं तो क्यों? (ङ) प्रश्नांश "क" से "ग" के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय योजनाओं/कार्यों का सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार तृतीय पक्ष से परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब-कब और क्या परिणाम रहे? यदि नहीं तो क्यों? इस पर क्या कार्यवाही की जायेंगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) सभी विभागीय योजनाएं लागू हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) 05 वर्षों में स्वरोजगार योजनाओं के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। योजना से हितग्राही के जीवन में आये बदलाव का अध्ययन अभी नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित भोपाल के निर्देशानुसार जांच दल गठित है जिसकी जांच प्रचलन में है। (ड.) तृतीय पक्ष से परीक्षण नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व विभाग की अधिसूचित सेवाओं का प्रदाय
[लोक सेवा प्रबन्धन]
91. ( क्र. 1452 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत विभागीय कौन-कौन सी सेवायें अधिसूचित हैं? सेवायें प्राप्त करने के क्या नियम/निर्देश एवं आवेदन हेतु क्या प्रक्रिया नियत हैं? किन-किन सेवाओं के निराकरण में समय सीमा लागू हैं? किन-किन में नहीं? (ख) कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में किन-किन सेवाओं के आवेदन लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से एवं आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज कर और सीधे कार्यालय में प्राप्त हुये कितने प्रकरणों/आवेदनों की सेवाएं प्रदान की गयी और कितने आवेदनों को अमान्य/निरस्त किया गया? कार्यालय/तहसीलवार बताइये। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या प्रदाय की गयी सेवाओं का निराकरण एवं सेवाओं का प्रदाय निर्धारित अवधि में किया गया? यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करें। यदि नहीं तो क्यों? क्या कार्यवाही की गयी? कार्यालय/तहसीलवार बताइये। (घ) प्रश्नांश (ख) आवेदनों को निरस्त/अमान्य करने के क्या कारण रहे और क्या लोक सेवा केन्द्रों से प्राप्त तथा निरस्त किए गए? आवेदनों के निराकरण की समीक्षा की गयी? यदि हाँ, तो क्या तथ्य ज्ञात हुये और क्या कार्यवाही की गयी? (ङ) क्या प्रश्नांश (घ) अंतर्गत विगत-03 वर्षों में कार्यालय में पंजीकृत विक्रय पत्र एवं मूल दस्तावेज प्रस्तुत न करने का कारण दर्शाकर नामांतरण के अनेक आवेदन निरस्त किए गए? यदि हाँ, तो कितने एवं कौन-कौन से, जबकि लोक सेवा केंद्र में आवेदन के दौरान सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा होते हैं और संपदा पोर्टल पर भी क्रय-विक्रय की जानकारी होती हैं? क्या इस अनियमितता पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कुल 560 सेवाएं अधिसूचित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं के परिपत्र संबंधित विभागों द्वारा जारी किये गए हैं, जिसमें सेवा प्रदाय की प्रक्रिया एवं नियमों/निर्देशों का उल्लेख किया गया है। लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत सभी अधिसूचित सेवाओं में समय सीमा लागू की गई हैं। (ख) कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में (01/01/2019 से 08/12/2021) में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से mpedistrict.gov.in पोर्टल अंतर्गत दर्ज आवेदन (जिसमें RCMS अन्तर्गत लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवाओं के आवेदन भी सम्मिलित है) 440802 एवं सेवा प्रदान करने हेतु 433753 निराकृत किये गये जिसमें से संख्या 32564 आवेदन अमान्य किये गये है।। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में लोक सेवा गांरटी अधिनियम अंतर्गत विगत 03 वर्षों (01/01/2019 से 08/12/2021) में mpedistrict.gov.in पोर्टल में समय-सीमा में 423103 एवं समय सीमा पश्चात 10650 आवेदनों में सेवा प्रदाय की गई है, समय सीमा बाहय आवेदन मुख्यत: पदाभिहीत अधिकारी की लोकसभा निर्वाचन के समय, डिजिटल सिग्नेचर की खराबी तथा पोर्टल की तकनीकी समस्या के कारण आवेदन समय सीमा बाह्य हुये, आवेदनों के समय बाह्य होने पर संबंधित पदाभिहीत अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, चेतावनी पत्र देकर कार्यवाही की जाती है, अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’स’’ अनुसार है। (घ) आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्न न होने एवं अपात्र होने के कारण आवेदन अमान्य/ निरस्त होते है। जी हाँ समीक्षा की जाती है। जिम्मेदार अधिकारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’स’’ अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश ‘‘घ‘‘ के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले अंतर्गत विगत 03 वर्षों में लोक सेवा से प्राप्त अथवा कार्यालय में पंजीकृत विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण में आवेदक एवं अनावेदकों को सुनवाई का अवसर प्रदान कर निर्धारित समयावधि के अंदर ही प्रकरण का निराकरण किया गया। जिन आवदेन पत्रों में मूल दस्तावेज संलग्न नहीं किये गये थे और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत 07 दिवस की समयावधि में भी आवेदक एवं उनके विधिक प्रतिनिधि के द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये एवं संलग्न दस्तावेज स्पष्ट तथा पूर्ण नहीं थे, उन्हें निरस्त किया गया था। लोक सेवा केन्द्र से प्राप्त जिन आवेदन पत्रों के साथ संलग्न दस्तावेज स्पष्ट एवं पठनीय लगे होते हैं उन्हें नियमानुसार स्वीकार किया जाता है। संपदा पोर्टल पर कुछ क्षेत्रों के क्रय विक्रय पत्र की पूर्ण प्रति उपलब्ध नहीं होती है तथा आवेदक द्वारा प्रस्तुत नहीं की जाती, उन प्रकरणों को म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में निहित प्रावधानों के तहत अमान्य किया जाता है, तथा लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से इंटीग्रेटेड रेवन्यू कोर्ट केस ‘‘आवेदन पावती‘‘ के नोटः- मूल दस्तावेज न्यायालय में 07 कार्यदिवस के प्रस्तुत करें, अन्यथा आवेदन निरस्त किया जा सकता है का लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकरण क्रमांक 67/18 दिनांक 20.07.2018 की न्यायिक जांच
[गृह]
92. ( क्र. 1455 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना लसूड़िया जिला इन्दौर में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 67/18 दिनांक 20.07.2018 में जांच सहायक उप निरीक्षक श्री राम परमार द्वारा थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष दूधी थाना लसूड़िया के मार्गदर्शन में की गई थी? यदि हाँ, तो पुलिस केस डायरी एवं खात्मा लगाने के आधार रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त प्रकरण में मृतिका खुशी कूलवाल के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल्स कॉल रिकॉर्डिंग की जांच भी की गई थी? यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें तथा मृतिका एवं घटना से संबंधित क्या-क्या परिस्थितिजन्य साक्ष्य प्राप्त हुये एवं किन-किन निकट परिजनों के बयान कब-कब लिये गये? बयानों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माह जनवरी 2021 में उक्त प्रकरण में संपूर्ण जांच सूक्ष्मता से नहीं होने के कारण माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय विभागीय मंत्री जी से प्रकरण की न्यायिक जांच करने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रकरण की न्यायिक जांच कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[सहकारिता]
93. ( क्र. 1456 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूधी अनुसूचित जाति मछुआ सहकारी समिति मर्यादित हिनोत्या, तहसील नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ के रिकार्ड की जांच करते हुये श्री बी.एल. यादव सहकारी निरीक्षक सहकारिता ने अपने जांच प्रतिवेदन दिनांक 10.08.2020 में स्पष्ट उल्लेख किया है कि संस्था द्वारा सामान्य बैठक समय पर नहीं ली जाती, लीज की राशि विधिवत जनपद कार्यालय में जमा नहीं की गई, संस्था द्वारा लाभांश नहीं दिया गया तथा वार्षिक बैठकें भी नहीं ली गई हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त जांच प्रतिवेदन अनुसार संस्था के विरूद्ध कोई कार्यवाही उपायुक्त सहकारिता जिला राजगढ़ द्वारा प्रश्न दिनांक तक की गई है? यदि हाँ, तो क्या? बिन्दुवार कार्यवाही विवरण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त संस्था की कार्यप्रणाली एवं निरंतर अनियमितताओं के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। दूधी अनुसूचित जाति मछुआ सहकारी समिति मर्या. हिनोत्या तहसील नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ का इस जांच प्रतिवेदन एवं अन्य विषय अन्तर्गत प्रकरण न्यायालय संयुक्त सहकारिता भोपाल संभाग भोपाल में प्रकरण क्रंमाक - ई/जेआर/बीपीएल/80 (ए)/2021-22/0002 पर पंजीबद्ध होकर प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक - ई/जेआर/बीपीएल/80 (ए)/2021-22/0002 का निराकरण होने पर निर्णय के अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।
पूर्व कलेक्टर विदिशा के वाहन पर हुये हमले की जांच
[गृह]
94. ( क्र. 1460 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 03.08.21 को शहर थाना विदिशा अंतर्गत पूर्व कलेक्टर विदिशा के वाहन पर हुये हमले के संबंध में कितने लोगों पर एफ.आई.आर. किस आधार पर की गई? मेडिकल रिपोर्ट सहित जानकारी दें। (ख) क्या कलेक्टर विदिशा द्वारा हमलावरों के अलावा सिद्धार्थ जैन जो कि मौके पर मौजूद नहीं था। शस्त्र लायसेंस को निरस्त किये जाने एवं पेट्रोल पंप की जब्ती कर पावर का दुरूपयोग कर परेशान किस नियम के अंतर्गत किया गया? सिद्धार्थ जैन का हमलावरों से क्या संबंध हैं? (ग) क्या तत्कालीन पूर्व कलेक्टर द्वारा विकलांग व्यक्ति दर्शन सराठे को सी.सी.टी.व्ही कैमरे में खड़ा देखकर धारा 307 व 353 का प्रकरण कायम कर अपने प्रभाव का दुरूपयोग कर तीन माह तक जेल में डाला गया? क्या कलेक्टर विदिशा के खिलाफ शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों। सम्पूर्ण घटना की निष्पक्ष जांच कर निर्दोष लोगों के खिलाफ बनाये गये झूठे प्रकरण निरस्त किये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगें अथवा नहीं? (घ) तहसीलदार विदिशा 20.06.2021 के आदेश क्रमाक/क्यू/आ.का./2021/68/B/ में कर्मचारी का नाम श्री लीलाधर विश्वकर्मा दर्शाया गया है, की नियुक्ति किस स्थान के कोटवार के लिये कब की गई? इनका वेतन भुगतान किस मद से किया जाता है? दस्तावेज उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 03.08.21 को घटना में घायल व्यक्तियों को रवीन्द्र राणे एवं लीलाधर विश्वकर्मा की सूचना के आधार पर कुल 06 लोगों पर एफ.आई.आर. की गई। घायलों की मेडिकल रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) श्री सिद्धार्थ जैन के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक विदिशा का प्रतिवेदन क्रमांक पुअ/विदिशा/आर्म्स/1981-ए/2021 दिनांक 04.08.2021 एवं थाना प्रभारी कोतवाली विदिशा का पत्र क्र. 1615 दिनांक 04.08.2021 प्राप्त हुआ था, तद्नुसार श्री सिद्धार्थ जैन पुत्र सतीश जैन निवासी हॉस्पिटल रोड विदिशा के विरूद्ध थाना कोतवाली विदिशा में अपराध क्रमांक 404/2020 अपराध क्र. 227/2021 अपराध क्र. 2016/2019 थाना सिविल लाईन विदिशा का अपराध क्रमांक 324/2020 पंजीबद्ध होने से संबंधित का शस्त्र लायसेंस निरस्त किया जाना प्रस्तावित किया गया था, जिस पर संबंधित को नोटिस जारी कर कार्यालयीन आदेश क्र. क्यू/14-आर्म्स/2021/7240-41 दिनांक 04.08.2021 से शस्त्र लायसेन्स निलंबित किया गया था। संबंधित द्वारा प्रसारित आदेश के विरूद्ध आयुक्त, भोपाल संभाग, भोपाल के न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ एवं ‘स‘ अनुसार। दिनांक 07.08.2021 को जिला आपूर्ति अधिकारी विदिशा तथा नापतौल निरीक्षक, विदिशा द्वारा ग्राम जैतपुरा तहसील विदिशा स्थित श्री सिद्धेश्वरी फ्यूल स्टेशन प्रोपरायटर श्रीमति सीमा जैन पत्नी श्री सिद्धार्थ शंकर पटेरिया का औचक निरीक्षक किया गया। प्रथम दृष्टया अनियमितता परिलक्षित होने पर संबंधित का पेट्रोल पंप जब्ती की कार्यवाही संपादित की गई। तत्पश्चात अपर कलेक्टर विदिशा द्वारा संबंधित के आवेदन पत्र पर विचार उपरांत प्र.क्र. 47/स-147/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 16.08.2021 से पंट्रोल पंप को खोले जाने संबंधी आदेश प्रदान किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द‘ अनुसार। (ग) दर्शन सराठे नाम के व्यक्ति को प्रकरण की विवेचना में चश्मदीद साक्ष्य, मेमोरेण्डम, भौतिक एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के आधार पर आरोपी के रूप में नामजद किया गया है, तत्कालीन कलेक्टर विदिशा के प्रभाव के फलस्वरूप नहीं किया गया है। अतः तत्कालीन कलेक्टर विदिशा के विरूद्ध जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रकरण में अभियोग पत्र दिनांक 07.10.2021 को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है, प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। अतः प्रकरण पर निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा लिया जाना है। (घ) तहसीलदार विदिशा के प्र.क्र. 01/अ-56/2010-11 आदेश दिनांक 28.05.2011 से ग्राम अवेला तहसील विदिशा का कोटवार श्री लीलाधर विश्वकर्मा पुत्र लालजी विश्वकर्मा को नियुक्त किया है। एम.पी.एल.आर.सी. की धारा 21 के अन्तर्गत कोटवार को पारिश्रमिक दिया जाता है। जिसका मद-008-2053-00-094-9999-0441-000000-12-00 से भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई‘ अनुसार।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर नियुक्ति
[सहकारिता]
95. ( क्र. 1462 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा के वर्षाकालीन सत्र 2021 में प्रश्न क्रमांक 628, दिनांक 11.08.2021 के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा की नियुक्ति नियम विरूद्ध तरीके से किये जाने के संबंध में कार्यवाही की मांग के क्रम में सदन में दी गई? जानकारी अपूर्ण रूप से दिये जाने के संबंध में कारण सहित जवाब दें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रश्न क्रमांक 628 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में नियमों का प्रावधान नहीं है? बताया गया। विज्ञापन के माध्यम से संचालक मण्डल द्वारा नियुक्ति दिये जाने का हवाला दिया गया है। यदि हाँ तो नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन किस-किस समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया? विज्ञापन की छायाप्रति, नियुक्ति पत्र की छायाप्रति, संचालक मण्डल के निर्णय की छायाप्रति उपलब्ध करायें एवं इस संबंध में नाबार्ड के (फिट एण्ड प्रापर) नियमों की प्रति भी उपलब्ध करायें। (ग) क्या वर्तमान में पदस्थ सी.ई.ओ. विदिशा का स्थानातंरण अपेक्स बैंक भोपाल किया था? उपस्थिति दिनांक सहित विदिशा पुनः स्थानांतरण किये जाने के कारण सहित जानकारी दें। क्या शासन उक्त नियुक्ति के संबंध में निष्पक्ष जांच कराये जाने के निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 628, दिनांक 11.08.2021 का उत्तर तत्समय पूर्ण दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। विज्ञापन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, विदिशा द्वारा दिनांक 02.07.2011 को राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र ''वीर अर्जुन'' एवं दैनिक समाचार पत्र ''पत्रिका'' भोपाल में प्रकाशित कराया था। विज्ञापनों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, नियुक्ति पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, संचालक मण्डल के निर्णय की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा नाबार्ड के फिट एण्ड प्रापर क्राइटेरिया के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपेक्स बैंक सेवानियम में संवर्ग नियम लागू होने के उपरांत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय प्रकाश सिंह द्वारा अपेक्स बैंक कैडर में संविलियन हेतु सहमति दिये जाने के आधार पर बैंक द्वारा दिनांक 02.11.2021 को अपेक्स बैंक कैडर में संविलियन किया जाकर बैंक मुख्यालय में पदस्थ किया गया। श्री विनय प्रकाश सिंह द्वारा अपेक्स बैंक भोपाल में दिनांक 22.11.2021 को उपस्थिति दी गई है। अपेक्स बैंक से प्राप्त जानकारी अनुसार कैडर अधिकारियों की कमी होने तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा का कार्य प्रभावित न हो, इस कारण से आगामी व्यवस्था होने तक अस्थायी रूप से श्री विनय प्रकाश सिंह को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद का प्रभार दिनांक 23.11.2021 को सौंपा गया।
आदिवासी छात्रों को लंबित छात्रवृत्ति का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
96. ( क्र. 1463 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में कितनी छात्र एवं छात्राओं को छात्रवृत्ति मिलती है? सूची उपलब्ध करावें। वर्तमान में आदिवासी छात्रों को कौन-कौन सी छात्रवृत्ति प्रदाय की जा रही है? क्या समस्त प्रदाय की जाने वाली छात्रवृत्ति का प्रश्न दिनांक तक शत्-प्रतिशत भुगतान हो चुका है? नहीं तो क्या कारण है? (ख) क्या केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त न होने के कारण वर्तमान तक आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान शेष है? यदि हाँ तो कितनी राशि केन्द्र सरकार से प्राप्त होना शेष है तथा राशि प्राप्त न होने का क्या कारण है? कब तक शत्-प्रतिशत छात्रों को छात्रवृत्ति प्राप्त होगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। आदिवासी छात्र-छात्राओं को प्रदाय की जाने वाली छात्रवृत्ति निम्नानुसार है:- (1) राज्य शासन अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति कक्षा 1 से 8. (2) राज्य शासन अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं, 10वीं (3) केन्द्र प्रवर्तित प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं 10वीं (4) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालयीन) भुगतान की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) केन्द्र प्रवर्तित छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं 10वीं एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत समस्त केन्द्रांश राशि प्राप्त हो चुकी है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।
विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत राशि की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 1464 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि खरगोन जिले अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता मद में वर्ष 2020-21 में कितने कार्यों की कुल कितनी राशि की स्वीकृति प्रदाय की गई है? क्या वर्ष 2020-21 की राशि जिले अन्तर्गत प्रदाय की गई है? यदि हाँ तो कब तथा कितनी राशि? यदि नहीं तो क्या कारण है? क्या उक्त मद में केन्द्र से राशि प्राप्त न होने के कारण राशि प्रदाय नहीं हो पाई है? यदि हाँ तो केन्द्र द्वारा कब तक राशि प्रदाय की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत खरगोन जिले हेतु स्वीकृत कार्य एवं राशि से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार से राशि प्राप्त न होने के कारण जिले को राशि प्रदाय नहीं की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में नियम विरूद्ध नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
98. ( क्र. 1470 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा द्वारा अ.ज.जा. के आरक्षित (प्रकाशित प्रथम विज्ञप्ति-क्रमांक 59/15-2-2018) कुल चिकित्सा-शिक्षक पद 29 थे? विगत 3 वर्षों में 11 बार विज्ञप्ति प्रकाशित कर सात बार किन अपरिहार्य कारणों से स्क्रूटनी उपरांत निरस्त किया? विज्ञप्ति दिनांक 31/7/2020 निरस्त एवं दिनांक 11/06/2021 प्रकाशित द्वारा अ.ज.जा. के आरक्षित पदों को अनारक्षित में परिवर्तित कर अनारक्षित वर्ग को नियुक्ति दी गई? विधिसम्मत कारण बताएं। (ख) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में आरक्षण नियम के विरूद्ध रोस्टर-प्रक्रिया का अनुचित-व्याख्या कर अ.ज.जा. (ST) के आरक्षित पदों को अनारक्षित में परिवर्तन पर रोक लगाने बाबत् माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, ACS चिकित्सा शिक्षा एवं लोकायुक्त भोपाल-संभाग को दिनांक 27/06/2021 को प्रश्नकर्ता ने ई-मेल तथा डाक-पत्र द्वारा अवगत कराने के बावजूद भी चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में नियुक्ति प्रक्रिया रद्द नहीं की जाकर आरक्षण नियमों का उल्लंघन क्यों किया गया? किसकी क्या जवाबदेही तय की गई है? प्रति सहित बताएं। (ग) संविधान के किस अनुच्छेद अधिनियम में आरक्षित पद को सीधी/पदोन्नति पद अनारक्षित में परिवर्तित करने का प्रावधान है? यदि नहीं तो कब तक चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में विज्ञप्ति-क्र. 2667, दिनांक 11/06/2021 द्वारा अ.ज.जा. आरक्षित पदों पर अनारक्षित नियुक्तियों को रद्द कर अ.ज.जा. उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जाएगी? समय-सीमा बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के आलोक में अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा द्वारा संविधान एवं आरक्षण नियमों का उल्लंघन, अ.ज.जा. के प्रति भेदभाव प्रक्रिया अपनाने के विरूद्ध कब तक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। विगत 03 वर्षों में 07 बार प्रकाशित विज्ञप्ति निरस्त करने के कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 31.07.2020 को जारी विज्ञप्ति में ओ.बी.सी. के नवीन प्रावधान 27 प्रतिशत के स्थान पर 14 प्रतिशत की गणना से जारी होने से आरक्षण नियमों के अनुसार नवीन रोस्टर तैयार कर चिकित्सा शिक्षकों का चयन किया गया, महाविद्यालय द्वारा आरक्षित पदों को अनारक्षित पदों में परिवर्तित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संस्था द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में समस्त आरक्षण नियमों का पालन किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संस्था द्वारा आरक्षित पदों को अनारक्षित पदों में परिवर्तित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरण संबंधी
[गृह]
99. ( क्र. 1478 ) श्री सुरेश राजे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री के.डी. कुशवाह तत्कालीन थाना प्रभारी शहर डबरा एवं देहात डबरा में कब से कब तक पदस्थ रहे? इन्हें किस कारण यहां से हटाया गया? क्या के.डी. कुशवाह डबरा को सट्टा, जुआ, अवैध रेत, अवैध शराब इत्यादि कारोबार में लिप्त पाए जाने तथा जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ अमानवीय व्यवहार के कारण हटाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार श्री के.डी. कुशवाह को अवैध कारोबार में अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त पाए जाने से हटाया गया तत्पश्चात माह नवंबर 2021 के चतुर्थ सप्ताह में थाना पिछोर से हटाने के आदेश होने के बाद आदेश निरस्त क्यों किया गया जबकि इनकी पूर्वानुसार अवैध गतिविधियाँ संचालित हैं? क्या क्षेत्रीय जनता में सरकार एवं पुलिस प्रशासन की छवि धूमिल नहीं हो रही? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार श्री के.डी. कुशवाह थाना प्रभारी पिछोर को बार-बार हटाने के बाद पुनः इसी विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ करने का कारण स्पष्ट करते हुए श्री के.डी. कुशवाह थाना प्रभारी पिछोर को जनहित की दृष्टि से विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 19 डबरा से अन्यत्र कब तक हटाया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्री के.डी. कुशवाह थाना शहर डबरा में दिनांक 28.09.2020 से 23.01.2021 तथा थाना डबरा देहात में दिनांक 23.01.2021 से दिनांक 04.06.2021 तक पदस्थ रहे है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। श्री के.डी. कुशवाह को थाना शहर डबरा से थाना देहात डबरा प्रशासनिक दृष्टि से स्थानांतरित किया गया है, एवं थाना देहात डबरा से आसूचना संकलन एवं व्यवसायिक दक्षता में कमी होने तथा अधीनस्थों एवं क्षेत्र के आपराधिक तत्वों पर अंकुश न होने से पुलिस लाईन संबद्ध किया गया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ख) श्री के.डी. कुशवाह का पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक-पुमु/3/ कार्मिक/1/4154/21,दिनांक 26.11.2021 के माध्यम से जिला ग्वालियर से जिला भोपाल किया गया स्थानांतरण प्रशासनिक आधार पर निरस्त किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (ग) पुलिस अधीक्षक जिला ग्वालियर के आदेश क्रमांक-पु.अ./ग्वा./पीए/1/363/21 दिनांक 04.06.2021 के माध्यम से जिन तथ्यों के आधार पर निरीक्षक श्री के.डी. कुशवाह को थाना डबरा देहात से पुलिस लाईन सम्बद्ध किया गया था उन तथ्यों पर अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण जिला ग्वालियर से जांच करवाई गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। अति. पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक श्री के.डी. कुशवाह के विरूद्ध कोई तथ्य प्रमाणित न पाये जाने से इनके विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की गयी है। उक्त जांच में दोषी पाये गये अधीनस्थों को गुण-दोष के आधार पर दण्डित किया गया है, एवं श्री के.डी. कुशवाह का पुलिस अधीक्षक जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 11.08.2021 के माध्यम से प्रशासनिक दृष्टि से पुलिस लाईन ग्वालियर से थाना पिछोर पदस्थ किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार। निरीक्षक के.डी. कुशवाह को समय-समय में प्रशासनिक दृष्टि से विभिन्न विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत थाना ग्वालियर/भितरवार/मोहना/डबरा शहर/डबरा देहात एवं पिछोर में पदस्थापना की गई है।
अनुसूचित जाति की कल्याणकारी योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
100. ( क्र. 1480 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19 से 2021-22 में अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान एवं विकास कार्यों हेतु योजनावार कितनी-कितनी राशि जिला ग्वालियर को प्राप्त हुयी? प्राप्त राशि से किस प्रकार के निर्माण कार्य किस स्थान पर कितनी राशि से स्वीकृत किये? पूर्ण-अपूर्ण सहित बतावें। (ख) अनुसूचित जाति विकास योजना की मूल्यांकन समिति की बैठक पूर्व में किस दिनांक को किसकी अध्यक्षता में संपन्न हुयी तथा बैठक का आयोजन एवं समिति को प्रदत्त अधिकार संबंधी शासनादेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें l (ग) अनुसूचित जाति वर्ग के कृषकों को पंप कनेक्शन संबंधी नियम की प्रति के साथ वर्ष 2018-19 से 2021-22 में किस ग्राम की किस हितग्राही को पंप कनेक्शन से लाभान्वित किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार विभाग की कोई मूल्यांकन समिति गठित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है।
सहायक आयुक्त को अतिरिक्त प्रभार
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 1482 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्री एम.पी. पिपरैया प्राचार्य शा.उ.मा.वि. आवदा (कराहल) पर प्राचार्य आवासीय विद्यालय ढ़ेगदा एवं सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग जिला श्योपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या एक ही व्यक्ति तीन-तीन अलग-अलग स्थानों पर अपने पदीय कर्तव्यों का भली भांति संचालन कर सकता है? यदि नहीं तो श्री पिपरैया से अतिरिक्त प्रभार कब तक हटा लिया जावेगा? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ख) क्या श्री एम.पी. पिपरैया को जब से सहायक आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, तब से इनके द्वारा मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध कार्य किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इनके कार्यकाल की जांच शासन स्तर से समिति गठित कर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) श्री एम.पी. पिपरैया सहायक आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार के दौरान श्योपुर जिले में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य? कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। ढ़ेगदा का केवल आहरण संवितरण का प्रभार एवं सहायक आयुक्त श्योपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। श्री पिपरैया द्वारा सक्षमता से कार्य किया जा रहा है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। श्योपुर जिले में सहायक आयुक्त के पद पर नियमित पदस्थापना के बाद श्री एम.पी. पिपरैया अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे। (ख) श्री एम.पी. पिपरैया को सहायक आयुक्त श्योपुर का अस्थाई प्रभार सौंपे जाने के दिनांक से उक्त अवधि में श्री पिपरैया द्वारा मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध कार्य कराये जाने की शिकायत संज्ञान में नहीं आने से जांच समिति गठन किये जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) निर्माण कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' पर है।
अत्याचार अधिनियम के तहत राशि का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
102. ( क्र. 1485 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में अत्याचार अधिनियम के तहत सागर संभाग में हत्या के प्रकरण में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने पीड़ितों का पुर्नवास किया गया है? (ख) क्या वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक अधिनियम के तहत पीड़ित की स्वीकृत राशि दो बार एक ही व्यक्ति के खाते में भुगतान कर दी गई अथवा दूसरे के खाते में डाल दी गई? वर्षवार व्यक्तिवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) भुगतान की गई राशि से शासन को कितनी हानि हुई? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में अंकित दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा राशि की वसूली कब तक की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) सागर संभाग के अंतर्गत जिलेवार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हां, सागर जिले में पीड़ित व्यक्ति के खाते में त्रुटिवश राशि जमा न होकर किसी अन्य व्यक्ति के खाते में जमा हो गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) राशि रू. 75,000/- का भुगतान किसी अन्य व्यक्ति के खाते में हुआ है जिसकी नियमानुसार वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उप पुलिस अधीक्षक, अजाक थाना, सागर द्वारा दिये गये खाते की जानकारी अनुसार ही राशि हस्तान्तरित की गई है। इस संबंध में उप पुलिस अधीक्षक, अजाक, सागर से सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास, जिला सागर द्वारा प्रतिवेदन चाहा गया है जिसके निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
103. ( क्र. 1486 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग सागर संभाग में कितने लोगों को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक शिक्षक/नि.श्रे.लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या शिक्षक पात्रता परीक्षा उर्त्तीण होने पर ही शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांश ‘‘ख’’ की योग्यता पूर्ण नहीं करने पर किस-किस को विभाग में नियुक्ति दी गई? (घ) नियुक्ति के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? नाम सहित जानकारी देवें। विभाग उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? संभाग में कितने शिक्षक जिला कार्यालय में संलग्न है? संलग्न कर्मचारियों की पदस्थापना मूल विभाग में की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) सागर जिले में श्री मुकुल तिवारी पिता स्व. श्री आनंद तिवारी के प्रकरण में अनुकंपा नियुक्ति दी गई। (घ) कलेक्टर सागर द्वारा अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों के निराकरण/छानबीन समिति की अनुशंसा के आधार पर कलेक्टर के अनुमोदन से श्री सी.एल. वर्मा तत्कालीन प्रभारी सहायक, आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सागर, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर/नगर दण्डाधिकारी सागर द्वारा अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी किया गया। प्रकरण का परीक्षण किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। संभाग में जिला कार्यालय में कोई भी शिक्षक संलग्न नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में सायबर अपराध
[गृह]
104. ( क्र. 1487 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1 जनवरी 2017 से प्रतिवर्ष ऑनलाइन ठगी (सायबर क्राईम) में कुल कितने-कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उक्त अवधि में गृह विभाग मे ऑनलाइन ठगी (सायबर क्राईम) को रोकने के लिये कुल कितना बजट व्यय किया गया? (ग) उक्त अवधि में सायबर अपराध की कुल कितनी घटनायें प्रदेश में हुई? कितनी घटनाओं का निराकरण किया गया तथा कितने का निराकरण शेष है? सिर्फ संख्या बतायें। (घ) प्रदेश में उक्त अवधि में कुल कितनी राशि की ऑनलाइन ठगी हुई है? उक्त अवधि की वर्षवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)
स.क. |
वर्ष |
सायबर अपराध ऑलनाइन ठगी संबंधी जिसमें आई.टी. एक्ट शामिल है। कुल दर्ज अपराध |
वृद्धि प्रतिशत |
01 |
2017 |
170 |
|
02 |
2018 |
211 |
24% |
03 |
2019 |
245 |
16% |
04 |
2020 |
338 |
37% |
05 |
2021 से प्रश्न दिनांक तक |
402 |
18.9% |
कुल योग |
1366 |
|
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) बजट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग)
स.क्र. |
वर्ष |
कुल दर्ज सायबर अपराध जिसमें आई.टी. एक्ट शामिल है। |
निराकरण |
निराकरण शेष |
01 |
2017 |
455 |
429 |
26 |
02 |
2018 |
723 |
632 |
91 |
03 |
2019 |
671 |
509 |
162 |
04 |
2020 |
646 |
374 |
272 |
05 |
2021 से प्रश्न दिनांक तक |
696 |
249 |
447 |
कुल योग |
3191 |
2193 |
998 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। (घ)
स.क्र. |
वर्ष |
ऑनलाइन ठगी गई राशि रूपये |
01 |
2017 |
राशि रूपये 26312252.00 |
02 |
2018 |
राशि रूपये 49146094.00 |
03 |
2019 |
राशि रूपये 54716356.00 |
04 |
2020 |
राशि रूपये 114623218.00 |
05 |
2021 से प्रश्न दिनांक तक |
राशि रूपये 268588657.00 |
कुल योग |
राशि रूपये 513386577.00 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है।
छतरपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
105. ( क्र. 1489 ) श्री
आलोक
चतुर्वेदी :
क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) छतरपुर
जिले में
खुलने वाले
शासकीय
मेडिकल कॉलेज
निर्माण हेतु
अप्रैल 2021 से
प्रश्न
दिनांक तक
क्या-क्या
प्रक्रिया की गई? (ख) उक्त
मेडिकल कॉलेज
का निर्माण
कार्य कब से
शुरू हो सकेगा?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क)
छतरपुर जिले
में खुलने
वाले शासकीय मेडिकल
कॉलेज के
निर्माण
कार्य हेतु
प्रश्नांश
अवधि में
दिनांक 26/11/2021 को
निविदा
आमंत्रित की
गई है। (ख)
निविदा स्वीकृति
के उपरांत
निर्माण
कार्य
प्रारंभ किया
जा सकेगा। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
अपराधी की गिरफ्तारी
[गृह]
106. ( क्र. 1490 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होमगार्ड लखनलाल यादव, थाना गुलगंज, जिला छतरपुर में पदस्थ थे? यदि हाँ तो वर्तमान में संबंधीजन कहाँ पर हैं? थाने में अंतिम उपस्थित कब दी थी? अंतिम बार कब थाना परिसर में देखे गए? (ख) क्या होमगार्ड लखनलाल यादव के विरुद्ध थाना गुलगंज जिला छतरपुर में अपराध क्रमांक 102/15 धारा 306, 34 के अंतर्गत मामला दर्ज है? यदि हाँ, तो उक्त अपराध की शिकायत कब की गई एवं अपराध कब कायम किया गया? (ग) अपराध दर्ज होने के बाद आरोपी थाना गुलगंज में लगातार आता-जाता रहा, तो उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? (घ) अपराध दर्ज होने के बाद भी थाना गुलगंज की मिलीभगत एव लापरवाही के कारण आरोपी को फरार होने का पर्याप्त मौका क्यों दिया गया? इस प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कोई कार्यवाही होगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। होमगार्ड सैनिक लखन यादव थाना गुलगंज में दिनांक 06.08.2021 से 01.10.2021 तक पदस्थ रहा है तथा दिनांक 01.10.2021 को थाना गुलगंज से ड्यूटी हेतु होमगार्ड कार्यालय छतरपुर रवाना किया गया। वर्तमान में थाना बड़ामलहरा जिला छतरपुर में ड्यूटीरत है। (ख) जी हाँ। दिनांक 30.07.2015 को थाना गुलगंज में सूचना पर मर्ग क्रमांक 17/15 कायम कर जांच में लिया गया। मर्ग जांच उपरांत दिनांक 06.08.2015 को अपराध क्रमांक 102/15 धारा 306, 64 भादवि पंजीबद्ध किया गया। (ग) प्रकरण में पूर्व में यह स्पष्ट नहीं था कि आरोपी लखन यादव निवासी मुगवारी का होमगार्ड सैनिक है, साथ ही लखन यादव की वल्दियत का भी उल्लेख नहीं था। धारा 173 (8) जॉ.फौ. में विवेचना में प्राप्त तथ्यों के आधार पर ही दिनांक 10.10.2021 को प्रकरण के अन्य आरोपी के गिरफ्तार होने पर स्पष्ट हुआ कि लखन यादव एक होमगार्ड सैनिक है। होमगार्ड सैनिक लखन यादव की माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अग्रिम जमानत स्वीकृत करने के फलस्वरूप उसे दिनांक 25.11.2021 को थाना गुलगंज में गिरफ्तार कर मुचलका पर रिहा किया गया। (घ) उक्त संदर्भ में जांच उपरांत प्राप्त तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
अफीम एवं डोडा चूरा का अवैध परिवहन
[गृह]
107. ( क्र. 1495 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अफीम एवं डोडा चूरा के अवैध परिवहन के कितने प्रकरणों में सूचना दर्ज की जाकर राजपत्रित अधिकारियों की उपस्थिति में स्थल पर पंचनामा आदि बनाया जाकर प्रकरण दर्ज किये जाने की कार्यवाही की गई? जप्त सामग्री की मात्रा सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) नीमच जिले में प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरणों में कितने मामलों में प्रारंभिक पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया तथा कितने मामलों में गिरफ्तारी की कार्यवाही की गई? विस्तृत विवरण पंजीबद्ध प्रकरणवार, नामजद एवं किन-किन धाराओं में दर्ज किया गया है, सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में गिरफ्तार आरोपियों के परिजनों द्वारा पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विभिन्न स्तर पर कोई शिकायत की जाना पाया गया है? यदि हाँ, तो कितनी शिकायतों का निराकरण कर लिया गया तथा कितनी शिकायतें जांच हेतु प्रक्रियाधीन है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला रतलाम में राजपत्रित अधिकारियों की उपस्थिति में स्थल पर कुल 34 प्रकरणों में पंचनामा आदि बनाया जाकर प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जप्त सामग्री की मात्रा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उज्जैन संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी निरंक है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरक्षकों की भर्ती
[गृह]
108. ( क्र. 1496 ) श्री अजय विश्नोई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि वर्ष 2012 में 2020 के दौरान पुलिस आरक्षकों की भर्ती में जबलपुर जिले में सामान्य श्रेणी के 743 पुरूष आरक्षकों की भर्ती हुई है, जिनमें से मात्र 260 आरक्षक मध्यप्रदेश के हैं और 307 आरक्षक प्रदेश के बाहर के हैं? (ख) क्या शासन भविष्य में यह सुनिश्चित करेगा कि आरक्षक जैसे पदों पर भर्ती में प्रदेश के नौजवानों को प्राथमिकता मिले?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)
वर्ष |
सामान्य श्रेणी |
योग |
|
प्रदेश के चयनित उम्मीदवार |
अन्य राज्यों के चयनित उम्मीदवार |
||
2012 |
55 |
16 |
71 |
2013 (।) |
55 |
62 |
117 |
2013 (।।) |
22 |
77 |
99 |
2014 |
भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हुई |
|
|
2015 |
भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हुई |
|
|
2016 |
67 |
125 |
192 |
2017 |
192 |
119 |
311 |
2018 |
भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हुई |
|
|
2019 |
भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हुई |
|
|
2020 |
भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हुई |
|
|
योग |
391* |
399# |
790 |
* पुरूष/महिला/होमगार्ड/भूतपूर्व सैनिक सहित # पुरूष/महिला सहित |
|
|
|
(ख) तदसंबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न न्याय दृष्टांतों की परिधि में कार्यवाही की जावेगी।
गृह निर्माण समितियों द्वारा मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय
[सहकारिता]
109. ( क्र. 1497 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन के सहकारिता विभाग द्वारा निजी हाउसिंग सोसायटी जिनके द्वारा पंजीकृत आवेदकों के भूखण्ड/भवन उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, उन्हें भवन/भूखण्ड दिलवाने हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है? (ख) क्या भोपाल में पंजीकृत शिल्पी गृह निर्माण समिति वार्ड क्रमांक 82, 83 में स्थित है उसके द्वारा आवासियों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी गई है अथवा नहीं? यदि इस सोसायटी द्वारा वर्ष 1987-88 से आज दिनांक तक सोसायटी द्वारा क्या मूलभुत सुविधायें रहवासियों को उपलब्ध करायी गई है? विवरण देवें। यदि मूलभूत सुविधाओं की संपूर्ण राशि सोसायटी द्वारा ली गई है, इसके उपरांत भी आज दिनांक तक पानी, बिजली, सड़क, सीवेज जैसी सुविधायें उपलब्ध नहीं करायी गई तो शासन इसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा, जिससे आवासियों को मूलभूत सुविधायें मिल सकें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारिता विभाग के अंतर्गत पंजीकृत गृह निर्माण सहकारी समिति केवल अपने सदस्यों को ही भूखण्ड/भवन उपलब्ध कराने की कार्यवाही करती है। (ख) जी हाँ। शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था की भूमि वार्ड क्रमांक 82, 83 में स्थित है। वर्ष 1987-88 से वर्ष 2009 तक संस्था के तत्कालीन पदाधिकारियों द्वारा सदस्यों से आंशिक विकास राशि प्राप्त कर आंशिक विकास कार्य कराते हुये सुविधायें प्रदान की गई थी। सदस्यों से पूर्ण विकास राशि प्राप्त न होने से विकास कार्य हेतु प्राप्त राशि जो वर्ष 2009-10, 2011-12 व 2012-13 में संकलित की गई उसका उपयोग विकास कार्यों में न करते हुये बैंक में जमा रखा गया है। सभी भू-खण्ड क्रेता सदस्य यदि सम्पूर्ण विकास राशि संस्था में जमा कर देते है तो संस्था का पूर्ण विकास कार्य कराया जाना संभव हो सकेगा। संस्था में वर्तमान में मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 49 (7) (क-ख) के तहत प्रशासक नियुक्त है। संस्था के प्रशासक को सदस्यों से बकाया राशि वसूल कर विकास कार्य करने के निर्देश दिये गये।
प्रशासकीय नियंत्रण सौंपा जाना
[जनजातीय कार्य]
110. ( क्र. 1498 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश राज्य के 89 आदिवासी विकासखण्डों की जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद एवं विकासखण्ड अधिकारी आदिम जाति कल्याण विभाग को प्रशासकीय नियंत्रण संविधान के किस अनुच्छेद एवं अनुसूची के तहत सौंपा गया था? (ख) क्या सही है कि प्रश्नांश (क) के अनुसार संविधान की पांचवी अनुसूची के अधिकारों और आदिवासी क्षेत्र के हितों का संरक्षण व संवर्धन के लिए विभाग, प्रहरी (वाचडाग) के रूप में कार्य करेगा? (ग) यदि हाँ, तो 89 आदिवासी विकासखण्डों की जनपद पंचायतों का प्रशासकीय नियंत्रण विकासखंडों को किस अनुच्छेद एवं अनुसूची के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सौंपकर सरकार एवं विभाग जनजाति गौरव/यात्रा दिवस मना रही है। प्रदेश में इस दिवस में बसों एवं खाने के व्यय का कितना भुगतान शेष है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तहत म.प्र. सरकार संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुपालन में आदिवासी के हितों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभाग को प्रहरी (वाचडाग) का दायित्व कब तक सौंपेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) संविधान की धारा 244 (1) की पांचवी अनुसूची के पैराग्राफ 6 (1) के अनुसार घोषित अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विकासखण्डों का प्रशासकीय नियंत्रण पंचायत एवं सामुदायिक विकास विभाग के आदेश क्रमांक 2199/398/वि-1/22/77 भोपाल, दिनांक 17 जून 1977 द्वारा जनजातीय कार्य विभाग को सौंपा गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जनजातीय गौरव दिवस में बसों एवं खाने के व्यय की जानकारी समस्त 52 जिलों से एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष पर कार्यवाही
[सहकारिता]
111. ( क्र. 1499 ) श्री हर्ष यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर की नेताजी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या.पता-1, आर्दश नगर, जी-14, मिडटाउन प्लाजा, आर्दश नगर, इंदौर ने 1971 में संस्था प्रारंभ होने में प्रश्न दिनांक तक किसी भी सदस्य को प्लाट आवंटित/विक्रय नहीं किए है क्यों? (ख) वर्ष 1971 से प्रश्न दिनांक तक सभी अध्यक्षों के नाम, पता, मोबाईल नंबर सहित बतायें कि 135 एकड़ जमीन पर वर्तमान में जो कॉलोनी है उसमें कितने मकान बने हैं, कितने भूखण्ड किस नंबर के रिक्त हैं? (ग) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक जो भूखण्ड विक्रय हुए हैं उसके लिए संस्था के वर्तमान अध्यक्ष पर कार्यवाही कब तक की जायेगी? क्योंकि सदस्यों को प्लाट आवंटन/विक्रय हुआ है? इस अवधि के समस्त क्रय/विक्रय की सूची क्रयकर्ता, विक्रयकर्ता नाम भूखण्ड रकवा नंबर सहित बतावें। (घ) प्रश्न (ग) अनुसार इस अनियमितता के लिए संस्था के वर्तमान अध्यक्ष पर एफ.आई.आर. कब तक कराई जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) इंदौर की नेताजी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. पता-1, आर्दश नगर, जी-14, मिडटाउन प्लाजा, आदर्श नगर, इंदौर की मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत जांच आदेशित की गई है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर वस्तुस्थिति ज्ञात हो सकेगी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 135 एकड़ जमीन में वर्तमान में मकान एवं भूखंड की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ज्ञात हो सकेगी। (ग) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक वर्तमान अध्यक्ष के द्वारा किसी भी भूखण्ड का विक्रय नहीं किया गया है, शेष प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश (क) में उल्लेखित जांच का प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत ज्ञात हो सकेगी। (घ) संस्था के वर्तमान अध्यक्ष के किसी अनियमितता के लिये दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
जिला चिकित्सालयों का मेडिकल कॉलेज में अपग्रेडेशन
[चिकित्सा शिक्षा]
112. ( क्र. 1502 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड किये जाने की भारत सरकार की कोई योजना प्रदेश में क्रियान्वित है? (ख) यदि हाँ, तो इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के किन-किन जिलों के जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड किया जा रहा है? जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड करने के क्या मापदण्ड है? दस्तावेजों सहित बतावें। (ग) क्या बालाघाट के जिला चिकित्सालय को इस योजना के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस दिशा में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही कर ली गई है एवं जिला चिकित्सालय बालाघाट को उक्त योजना के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड करने की स्वीकृति कब तक जारी की जायेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश के जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेजों में अपग्रेड करने संबंधी जिला अस्पतालों की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड करने के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
113. ( क्र. 1507 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विभाग द्वारा कितने विद्यार्थियों को प्रति वर्ष पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण किया जाता है? (ख) वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 व वर्ष 2021-22 में कितने विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति प्रदान की जाना शेष है? (ग) उक्त वर्षों में कितने बजट का आवंटन किया गया है तथा वर्तमान में कितने बजट की आवश्यकता है? (घ) छात्रवृत्ति वितरण के अभाव में विद्यार्थी निरन्तर परेशान हैं। अत: शेष बजट कब प्रदान किया जावेगा? छात्रवृत्ति भुगतान की अंतिम तिथि क्या होगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) नियमानुसार पात्रता रखने वाले समस्त विद्यार्थियों को प्रति वर्ष पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण उपलब्ध बजट प्रावधान अनुसार किया जाता है। (ख) वर्ष 2019-20 में 26,402 एवं वर्ष 2020-21 में 3,87,124 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति प्रदान की जाना शेष है। वर्ष 2021-22 का छात्रवृत्ति पोर्टल खोलने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रू. 591.76 करोड़, वर्ष 2020-21 में राशि रू. 631.40 करोड़ तथा वर्ष 2021-22 में राशि रू. 419.00 करोड़ का बजट आवंटन वित्त विभाग द्वारा किया गया। वर्तमान में राशि रू. 1210.00 करोड़ बजट की आवश्यकता है। (घ) विधानसभा से बजट की स्वीकृति मिलने पर नियमानुसार एवं पात्रतानुसार राशि भुगतान किया जाएगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बढ़ते अपराधों के संबंध में
[गृह]
114. ( क्र. 1511 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पुलिस व्यवस्था लाचार क्यों है? क्या सरकार द्वारा पुलिस को स्वतंत्र रूप से कार्य करने में बाधा उत्पन्न की जाती है? (ख) क्या सरकार पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या होमगार्ड का वेतन पुलिस कर्मियों के समान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों? (घ) भोपाल के आनंद नगर में पूरे परिवार सूदखोरों के आतंक से जहर खाकर जोशी परिवार ने आत्महत्या कर ली है। इस प्रकरण में दोषी पुलिस कर्मी एवं सूदखोरों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की कार्यवाही की गई और यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या कोरोना काल में पुलिस कर्मियों द्वारा विशेष कार्य किये जाने पर प्रोत्साहन राशि व पदोन्नति में लाभ दिया गया है? किन-किन पुलिस कर्मियों को लाभ दिया गया है? उनकी सूची उपलब्ध करायें और यदि नहीं तो क्यों? (च) क्या प्रदेश में बढ़ रहे अपराध डकैती, चोरी, हत्या, लूट, बलात्कार आदि जैसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा कोई नवीन योजना तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की योजना है और यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय के आदेश दिनांक 01.01.2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) मध्यप्रदेश स्वंयसेवी होमगार्ड सैनिकों को पुलिस विभाग के आरक्षक के न्यूनतम वेतन के समरूप मानवेतन प्रतिमाह प्रदाय किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) भोपाल के आनंद नगर में पूरे जोशी परिवार के सूदखोरों के आतंक से जहर खाकर आत्महत्या करने के संबंध में थाना पिपलानी भोपाल में अपराध क्रमांक 1201/21 धारा 294,306,34 भादवि, 3/4 म.प्र. ऋणियों का संरक्षण अधिनियम वर्ष 1937 दिनांक 27.11.2021 को सूदखोर आरोपीगण (1) बबली दुबे (2) रानी दुबे (3) उर्मिला ओड़ (4) प्रमिला ओड़ के विरूद्ध पंजीबद्ध किया जाकर सभी की गिरफ्तारी की गई हैं। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। प्रकरण में उक्त घटना के संबंध में किसी पुलिसकर्मी के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से दोषी नहीं पाये जाने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ड.) म.प्र. शासन, गृह विभाग के पत्र दिनांक 01.02.2021 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। कोविड-19 महामारी में उत्पन्न संकट के दौरान सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले म.प्र. राज्य के पुलिस एवं नगर सेना के अधिकारियों/कर्मचारियों को ''कर्मवीर यौद्धा पदक'' से सम्मानित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई हैं। जिसके पालन में पुलिस मुख्यालय के पत्र दिनांक 12.08.2021 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार। विभाग अंतर्गत सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को कर्मवीर योद्धा पदक एवं प्रमाण पत्र दिया गया है। पुलिस विभाग अंतर्गत पुलिसकर्मियों को कोरोनाकाल में विशेष कार्य किये जाने पर प्रोत्साहन राशि व पदोन्नति में लाभ नहीं दिया गया हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (च) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराधों में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में आंशिक कमी दर्ज की गई है व कुछ अपराधों में आंशिक वृद्धि परिलक्षित हुई है। इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अपराधियों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाती हैं। इसके अतिरिक्त एन.एस.ए. एवं जिला बदर की कार्यवाही भी की जाती है। साथ ही नियमित रूप से जिलों में पेट्रोलिंग व अपराधों की समीक्षा भी की जाती हैं।
आदि उत्सव एवं जनजातीय गौरव दिवस की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
115. ( क्र. 1514 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत ग्राम रामनगर में आदि उत्सव का आयोजन कब-कब किया गया एवं प्रत्येक आयोजन में कुल कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया? क्या यह सही है कि 16 अप्रैल 2015 को आदि उत्सव कार्यक्रम में केन्द्रीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री द्वारा 4 करोड़ की राशि प्रदाय किये जाने की घोषणा की गई थी, जिससे ग्राम चौगान में जनजातीय संग्रहालय सामुदायिक भवन का निर्माण एवं अन्य कार्य किये जाने थे? यदि हाँ, तो क्या यह राशि विभाग को प्राप्त हुई, इस राशि से कौन-कौन से कार्य करवाये गये? (ख) क्या यह सही है कि वर्ष 2016-17 में ग्राम रामनगर में आयोजित आदि उत्सव में तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा घोषणा की गई थी कि रामनगर से काला पहाड़ तक सड़क निर्माण के लिए 1 करोड़ 22 लाख रूपये दिए जाएंगे एवं ग्राम चौगान में पेयजल सुविधा के लिये 65 लाख रूपये दिये जाएंगे? यदि हाँ, तो क्या यह राशि विभाग को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो इससे कौन-कौन कार्य कब-कब कराए गए? क्या उक्त कार्यक्रम में ही माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा गोंड टूरिज्म सर्किल विकसित करने एवं राजा शंकर शाह के नाम पर जनकल्याणकारी योजना शुरू करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो गोंड टूरिज्म सर्किल कहाँ बनाया गया है एवं राजा शंकर शाह के नाम से कौन-कौन सी जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई है? (ग) 22 नवम्बर 2021 को ग्राम रामनगर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के समापन कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा कौन-कौन सी घोषणाएं की गई है? क्या यह सही है कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा मण्डला नगर के राज राजेश्वरी वार्ड में राजा शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रतिमा स्थापना हेतु विभाग द्वारा स्वीकृति कब जारी की गई है, स्वीकृति पत्र की प्रति बतावें एवं इस हेतु किस मद से कितनी राशि खर्च की जा रही है? इस आयोजन में कुल कितनी राशि का व्यय किस-किस मद में विभाग द्वारा किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
वनाधिकार अधिनियम के तहत दावों के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
116. ( क्र. 1515 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार कानून के अंतर्गत कितने ऐसे मामले हैं जिनमें अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारम्परिक आदिवासियों द्वारा किए गए भूमि स्वामित्व के दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज किया गया है? इनमें से कितने मामलों में सबूतों के अभाव, प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण दावे निरस्त हो गए? क्या सरकार ने वनाधिकार का दावा करने वाले आदिवासियों की सहायता के लिए परामर्श या कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गई है? (ख) क्या संचालनालय, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, सतपुड़ा भवन, भोपाल द्वारा 17 सितंबर 2021 को वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (झ) में दिये गए सामुदायिक वनों के संसाधन, संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभाओं को 18 सितंबर से 15 नवंबर 2021 की अवधि तक एक समयबद्ध प्रक्रिया चला कर अधिकार पत्र देने के लिए प्रदेश के समस्त कलेक्टर को पत्र लिखा गया था? इस आदेश के अंतर्गत यह समयबद्ध प्रक्रिया प्रदेश के कितने गांवों में चलाई गई है? वनों के सामुदायिक संसाधन के संरक्षण एवं प्रबंधन का अधिकार पत्र कितने ग्राम सभाओं को दिया गया है? इसकी ग्रामवार, विकासखण्डवार एवं जिलेवार जानकारी देवें। यदि ग्रामसभा को वनों के संरक्षण एवं प्रबंधन का अधिकार दिया गया है तो इस संबंध में वन विभाग को सरकार द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें। गांव से लगे सामुदायिक वनों की पारम्परिक सीमाओं का निर्धारण अथवा उसका क्षेत्रफल किस पद्धत्ति से निर्धारित किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत मण्डला जिले में अनुसूचित जनजातियों के 1245 एवं अन्य परम्परागत वर्ग के 586 कुल 1831 दावे विभिन्न कारणों से अमान्य किये गये हैं। सबूतों के अभाव, प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण कोई दावा निरस्त नहीं किया गया है। कानूनी परामर्श या कानूनी सहायता हेतु किसी भी आवेदक का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ-23-05/2021/25-3/487 दिनांक 5-10-2021 के द्वारा संचालनालय के पत्र दिनांक 17-09-2021 में दिये गये निर्देशों को अधिक्रमित कर सभी जिलो को निर्देश जारी किये गये है कि वे अपने-अपने जिले में वन अधिकार अधिनियम की धारा 3 (1) (झ) में दिये गये सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण आदि के प्रावधान एवं अधिनियम में नियत प्रक्रिया का पालन करते हुये कार्ययोजना एवं रणनीति तैयार करें। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों की जानकारी
[गृह]
117. ( क्र. 1519 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक सम्पदा संचालनालय के अंतर्गत शासकीय आवास बंगले एवं अन्य प्रकार के शासकीय आवास कितने विधायकों, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों, भारतीय वन सेवा के अधिकारियों एवं मध्यप्रदेश राज्यसेवा के कर्मचारियों, पत्रकारों व अन्य किन-किन जनप्रतिनिधियों को पात्रतानुसार आवास आवंटित किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त शासकीय आवास पाने की पात्रता किन-किन व्यक्तियों को है? आवास उपलब्धता की गाइड लाइन बतावें। (ग) उक्त शासकीय आवासों में कौन-कौन शासकीय आवास नि:शुल्क उपलब्ध कराये गये है एवं किन-किन आवासों से मासिक व कितना किराया लिया जा रहा है एवं इसमें से किन-किन आवंटियों द्वारा पात्रतानुसार आवश्यक किराया जमा नहीं कराया गया है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक आवंटित मान. विधायकों, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों, भारतीय वन सेवा के अधिकारियों एवं मध्यप्रदेश राज्यसेवा के कर्मचारियों, पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों को आवंटित आवास बी,सी,डी,ई,एफ श्रेणी के आवंटित आवासों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। उक्त आवास राज्य शासन के अनुमोदन उपरान्त ही आवंटित किये गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय आवास पाने की पात्रता पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ में दर्शायी गई है एवं टाईप के अनुसार ही शासकीय आवास वेतनमान के अनुसार पात्रता है। (ग) शासकीय आवास ’’मंत्री पद’’ पर रहते हुये शासन आदेशानुसार ’’नि:शुल्क’’ पात्रता रहती है। शासकीय आवासों का मासिक किराया शासन आदेश क्रमांक एफ-01-25/2013/दो ए (3) भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 में किये गये संशोधन दिनांक 04.10.2013 के फलस्वरूप राज्य शासन एतद् द्वारा भोपाल स्थित शासकीय आवास गृहों के लिये लायसेन्स शुल्क (किराया वसूली) की दरें दिनांक 01.10.2014 से नियमानुसार निर्धारित है। विभागों द्वारा किराया वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित है। शासकीय आवास का किराया प्रतिमाह संबंधित विभाग के आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा वेतन से कटोत्रा किया जाता है।
ए.डी.जे. कोर्ट निर्माण पर हुए व्यय की जानकारी
[विधि एवं विधायी कार्य]
118. ( क्र. 1524 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन ने ए.डी.जे. कोर्ट खोले जाने हेतु क्या-क्या नियम बनाएं हैं? ऐसे नियमों/आदेशों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार बताएं कि टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा में जो ए.डी.जे. कोर्ट खोला गया था उसमें प्रश्न दिनांक तक किस मद से क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत से हो चुका है एवं प्रत्येक पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है एवं कौन-कौन से कार्य शासन से स्वीकृत होना लंबित है? निर्माण कार्य किस दर पर किसके द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जतारा ए.डी.जे. कोर्ट में जो कार्य लंबित है वे स्वीकृत किया जावेगा तो कब तक और कितनी-कितनी लागत से?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी संस्थाओं का परिसमापन
[सहकारिता]
119. ( क्र. 1536 ) श्री बाला बच्चन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रं. 5955 दिनांक 22.03.2021 के (ख) व (ग) उत्तर अनुसार (परिशिष्ट-2) जिन संस्थाओं का अंकेक्षण अपूर्ण है उन पर विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? क्या इन संस्थाओं को नोटिस भेजे गए हैं? यदि हाँ, तो संस्थावार नोटिस जानकारी देवें। (ख) जिन संस्थाओं को धारा 69 के तहत परिसमापन की कार्यवाही का वर्णन उपरोक्तानुसार किया गया है क्या उनकी कार्यवाही पूर्ण हो गई है, यदि नहीं तो कब तक की जाएगी? संस्थावार बतावें। (ग) जिन संस्थाओं को उपरोक्तानुसार धारा 56 (3), धारा 74/76 (2), संस्था के विरूद्ध धारा 74 (ई) एवं 74 (एल) के अंतर्गत कार्यवाही प्रस्तावित है, उन पर विगत 8 माह में क्या-क्या कार्यवाही की गई? संस्थावार जानकारी, कार्यवाही दिनांक सहित देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार संस्थाओं पर कार्यवाही न कर नियम विरूद्ध कार्य को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के कॉलम क्रमांक 6 अनुसार है। (ख) सहकारी संस्थाओं का परिसमापन मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 69 के उपबंधों एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार संस्था की लेनदारी-देनदारी का निराकरण परिसमापक के द्वारा किये जाने के उपरांत किया जाता है, प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के कॉलम क्रमांक 6 अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 56 (3), 74, 76 (2) संस्था के विरूद्ध धारा 74 (ई) एवं 74 (एल) के अंतर्गत विगत 08 माह में की गई कार्यवाही की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के कॉलम क्रमांक 6 अनुसार है। इन प्रकरणों में यथेष्ठ कार्यवाही 03 माह की समय-सीमा में संपन्न कर ली जावेगी। (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' के अनुसार संस्थाओं पर कार्यवाही मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार की जाना है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सुमित शुक्ला की हत्या के संबंध में
[गृह]
120. ( क्र. 1540 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि दिनांक 28.04.2021 को थाना कोतमा जिला अनूपपुर में सुमित शुक्ला के शव के पास पुलिस के पहुंचने के पहले उसके मित्र उपस्थित थे एवं मृतक के घर के दरवाजे खुले पाए गए थे? (ख) क्या यह भी सही है कि मृतक सुमित शुक्ला के घर एवं उसके मित्र तथा व्यवसायिक पार्टनर के पास से कोई भी व्यवसाय संबंधी दस्तावेज, डायरी पुलिस ने जब्त नहीं की है? यदि हाँ, तो ये तलाशियां कब-कब की गई है? इनमें क्या-क्या प्राप्त हुआ विवरण देवें। तलाशी नहीं की गई तो क्यों? कारण बतावें। (ग) क्या कारण है कि सुमित शुक्ला की मृत्यु के 7 माह पश्चात भी पुलिस ने आज तक उसकी मोबाइल डिटेल नहीं निकाली? क्या यह सही है कि मृतक का एक मोबाइल नंबर केवल उसके व्यवसायिक पार्टनर व पत्नी से बात करने हेतु प्रयुक्त होता था सुमित शुक्ला द्वारा मृत्यु के 9 माह पूर्व से मृत्यु दिनांक तक कितनी राशि किन-किन खातों में ट्रांसफर की गई? इस बिन्दु की जांच की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार जांच में लापरवाही बरतने वाले विवेचना अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? कब तक निष्पक्ष व त्वरित जांच की जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी? समय सीमा देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दिनांक 28.04.2021 को सर्वप्रथम मृतक सुमित शुक्ला के ड्राइवर रूपेश द्वारा मृतक के शव को देखा गया जिसके द्वारा आस-पड़ोस के लोगों को घटना की जानकारी दी गई, जिससे मौके पर आस-पड़ोस के लोग व मृतक के मित्र एकट्ठा हो गये। तदोपरांत थाना कोतमा में ड्राइवर रूपेश नामदेव द्वारा सूचना देने पर मर्ग क्रमांक 18/2021 दिनांक 29.04.2021 कायम कर जांच में लिया गया। मृतक के घर के दरवाजे खुले हुये पाये गये थे। (ख) जी नहीं। मृतक सुमित शुक्ला के शव पंचायतनामा एवं घटना स्थल निरीक्षण दिनांक 29.04.2021 के दौरान मृतक के घर की तलाशी ली गई। मृतक सुमित शुक्ला के घर से कोई भी व्यवसाय संबंधी दस्तावेज, डायरी प्राप्त नहीं हुई है। मृतक का कोई मित्र व्यवसायिक पार्टनर नहीं था। मृतक के पास स्वयं की तीन गाड़ियां थीं, जिनसे वह स्वयं ट्रेवलिंग का व्यवसाय करता था। इस कारण से मृतक के मित्रों के घर की तलाशी नहीं ली गई है। वर्तमान में मर्ग जांच जारी है। (ग) मृतक सुमित शुक्ला के मोबाईल नम्बर की कॉल डिटेल निकाली गई है। मृतक के एक मोबाईल से मृतक के मित्र अंजनी सिंह की पत्नी रानी सिंह से अधिकतर बातचीत करना पाया गया है। मृतक सुमित शुक्ला की मृत्यु के 09 माह पूर्व से मृत्यु दिनांक तक किन-किन खातों में राशियां ट्रांसफर की गई, इसकी जानकारी एस.बी.आई. कोतमा से प्राप्त नहीं हो सकी क्योंकि संपूर्ण ट्रांजेक्शन यू.पी.आई. के माध्यम से किए गए हैं, जिनका रिकार्ड बैंक सिस्टम में नहीं है। राशि किन-किन खातो में ट्रांसफर की गई इसकी जानकारी के लिए सायबर सेल अनूपपुर से पत्राचार किया गया है। जानकारी प्राप्त होने पर मर्ग जांच पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (घ) मर्ग जांच जारी है तथा इसमें आये तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
फर्जी तरीके से लोन लेने पर कार्यवाही
[गृह]
121. ( क्र. 1541 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 386 दि.09.08.2021 के (क) व (ख) उत्तर अनुसार क्या प्रकरण में जारी विवेचना पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवदेन की प्रमाणित प्रति देवें। यदि नहीं तो इसमें विलंब कर संबंधितों को संरक्षण देने का कारण बतावें। (ख) विलंब करने वाले विवेचक अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें। इन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? जांच कब तक पूर्ण कर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दी जाएगी? (ग) उपरोक्तानुसार आरती पति वेदांत चौरे से अभी तक पूछताछ क्यों नहीं की गई जबकि इनके द्वारा दि. 08.02.2018 को इंदौर से आकर ग्राम भिंगावा नानकारी तह. खंडवा की निवासी बनकर फर्जी दस्तावेज से बैंक लोन लिया? बैंक नाम, ऋण राशि सहित पूरी जानकारी देकर बतावें कि कब तक इन पर प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी? यदि नहीं तो कारण बतावें। (घ) आरती पति वेदांत चौरे द्वारा विगत 6 वर्षों में लिए समस्त बैंक लोन की जानकारी बैंक नाम, ऋण राशि सहित देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राप्त शिकायतों के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
122. ( क्र. 1546 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रमुख सचिव एवं आयुक्त, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कार्य विभाग भोपाल कार्यालय को जिला मुरैना के जिला संयोजक श्री मुकेश पालीवाल एवं लिपिक श्री राजेश डण्डोतिया के विरूद्ध कितनी शिकायतें एवं स्थानांतरण किये जाने संबंधी पत्र प्राप्त हुए? विभाग को प्राप्त उक्त पत्रों का विवरण, पत्रों पर की गई कार्यवाही सहित बतावें। (ख) क्या प्रमुख सचिव एवं आयुक्त, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कार्य विभाग भोपाल कार्यालय को प्रश्नांश (क) के जिला संयोजक श्री मुकेश पालीवाल द्वारा विभाग की योजनाओं में अनियमितता करने व समय पर योजनाओं में कार्य न करने संबंधी मुरैना जिले की ग्राम पंचायतों के सरपंचों द्वारा कोई शिकायत प्राप्त हुई है? विभाग को प्राप्त उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की समुचित जानकारी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर आज दिनांक तक विभाग द्वारा की गई कार्यवाही एवं यदि विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो क्या कार्यवाही नहीं किये जाने के विरूद्ध दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रति शासन कोई सख्त कार्यवाही प्रस्तावित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिकायतों की जांच हेतु समय-समय पर जिला कलेक्टर मुरैना को लिखा गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कलेक्टर मुरैना से जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
123. ( क्र. 1549 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2021 से 30/11/2021 के मध्य नागदा मण्डी, बिरलाग्राम थाना क्षेत्र अंतर्गत कितने लोगों द्वारा आत्महत्याएं की गई है? नाम, पता, दिनांक सहित बतावें। (ख) आत्महत्या करने वाले व्यक्तियों में से कितने लोगों ने आत्महत्या किसकी प्रताड़ना से कर रहे हैं? उनके नाम आत्महत्या करने के पूर्व लिखे गए पत्रों में बताकर आत्महत्या की थी, उनके नाम सहित पत्रवार विवरण बतावें। (ग) क्या यह सही है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा आत्महत्या के पूर्व लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही नहीं करते हुए अपराधी पक्ष एवं पीड़ित पक्ष के मध्य समझौता कराकर उनके विरूद्ध कार्यवाही नहीं की है? ऐसे कितने प्रकरण है जिसमें आत्महत्या करने वाले व्यक्ति का सुसाइड नोट में आत्महत्या के कारण का स्पष्ट उल्लेख है? उसके बावजूद भी आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है? आरोपी के नाम सहित विवरण बतावें। (घ) विधान सभा क्षेत्र में सरेआम चल रहे अवैध धंधों स्मैक, चरस, गांजा व अवैध शराब की बिक्री, जुआ, सट्टा, हजार वल्ली के रोकने हेतु दिनांक 23 सितम्बर 2021 को सी.एस.पी. कार्यालय, नागदा का घेराव कर कार्यवाही करने की मांग की गई थी, यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? अभी तक क्षेत्र में अवैध धंधे बंद क्यों नहीं हुए है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार। (ग) यह सही नहीं है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा आत्महत्या के पूर्व लिखे गये पत्रों पर कार्यवाही नहीं करते हुये अपराधी पक्ष एवं पीड़ित पक्ष के मध्य समझौता कराकर उनके विरूद्ध कार्यवाही नहीं की है। आत्महत्या करने के पूर्व लिखे गए पत्र में आत्महत्या के कारण का स्पष्ट उल्लेख किये जाने पर प्रताड़ित करने वाले लोगों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (घ) विधान सभा क्षेत्र में चल रहे अवैध धंधों स्मैक, चरस, गांजा व अवैध शराब की बिक्री जुआ, सट्टा, हजार वल्ली के रोकने हेतु दिनांक 23 सितम्बर 2021 को सी.एस.पी. कार्यालय नागदा उपस्थित होकर नगर पुलिस अधीक्षक नागदा को मौखिक रूप से अवगत कराया गया। दिनांक 23.09.2021 से 30.11.2021 तक थाना नागदा एवं बिरलाग्राम क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों के विरूद्ध कार्यवाही कर जुआ एक्ट के तहत 06 प्रकरण, सट्टा एक्ट 02 प्रकरण, आबकारी अधिनियम के 43 प्रकरण एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट के अर्न्तगत 02 प्रकरण की कार्यवाही की गई है। अवैध धंधो में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध सतत् कार्यवाही की जा रही है।
क्षेत्र में लगातार बढ़ रही वाहन चोरी की घटनाएं
[गृह]
124. ( क्र. 1550 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2020 से 30.11.2021 तक थाना क्षेत्र नागदा मण्डी, बिरलाग्राम, खाचरौद, भाटपचलाना में कितनी वाहन चोरी की एफ.आई.आर. दर्ज की गई है और इसमें से कितने वाहन चोरों से जप्त किए गए है? विवरण देवें। (ख) क्या मोटरसायकल चोरी की घटनाओं की एफ.आई.आर. दर्ज न करते हुए सादे कागज पर आवेदन प्राप्त किए जाते हैं? ऐसे कितने आवेदन हैं? किस पर चोरी की जांच की जा रही है? नाम, घटना की दिनांक सहित विवरण देवें। (ग) औद्योगिक क्षेत्र बिरलाग्राम जहां सर्वाधिक अवैध धंधे व घटनाएं होती है वहां पूर्व में आई.पी.एस. अधिकारी नियुक्त होते रहे है परंतु वर्तमान में लगातार विगत दो वर्षों से थाना प्रभारी की नियुक्ति क्यों की जा रही है? कब तक टी.आई. की नियुक्ति कर दी जाएगी? (घ) विधानसभा प्रश्न क्र. 91 (क्र. 4705) दिनांक 16 मार्च 2012 प्राण घातक हमले को दुर्घटना का रूप देना के संबंध में प्रश्नांश (क) व (ख) में उत्तर दिया गया था, प्रकरण विवेचनाधीन है और शिकायत की जांच पुलिस महू द्वारा की जा रही है। यदि हाँ, तो जांच पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो क्या पाया गया है? जांच प्रतिवेदन का विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर समाहित है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र थाना बिरलाग्राम निरीक्षक स्तर के अधिकारी की पदस्थापना शीघ्र की जावेगी। (घ) जी हाँ, सम्पूर्ण जाँच में मृतक संजय मीणा की मोटर सायकल में अज्ञात मोटर सायकल चालक द्वारा तेज गति एवं लापरवाहीपूर्वक चला कर टक्कर मारने से सड़क पर गिरने से सिर में आयी चोट के कारण मृत्यु होना पाया गया है। घटना के संबंध में थाना किशनगंज जिला इन्दौर में दर्ज अपराध क्रमांक 734/20 धारा 279, 337, 304ए भा.द.वि. में अज्ञात वाहन चालक का पता न चलने से खात्मा क्रमांक 734/2021 दिनांक 10.09.2021 कता किया गया है।
अनुसूचित जाति उप योजनांतर्गत व्यय की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
125. ( क्र. 1554 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2021 की स्थिति में अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत क्या है तथा पिछले 5 वर्षों में अनुसूचित जाति उपयोजना की कितनी-कितनी राशि से किन-किन विभाग ने क्या-क्या कार्य किये? (ख) पिछले पांच वर्षों में समस्त विभागों द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत कुल कितनी राशि रखी गई थी और उसमें से शाजापुर जिले में किस-किस विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) क्या सड़क, भवन, विद्यालय, कालेज, पानी की टंकी, सरकारी भवनों का रख-रखाव शासकीय आयोजन आदि पर उपयोजना की राशि खर्च की गई, जबकि वे निर्माण सामान्य क्षेत्र में हुये तथा उन पर नियमित राशि खर्च करना थी? (घ) विभाग के संज्ञान में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमें विभिन्न विभागों में अधिकारी/कर्मचारी झूठे अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाकर आरक्षित वर्ग की नौकरी कर रहे हैं? सूची देवें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में बतावे कि उन प्रकरणों की जांच किस-किस दिनांक से किस अधिकारी द्वारा की जा रही है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2021 की जनगणना अनुसार, अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत उपलब्ध नहीं है। कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार, अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत 13.66 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है
जाति प्रमाण पत्र की जांच
[जनजातीय कार्य]
126. ( क्र. 1555 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के सभी विभागों में मिलाकर 764 शासकीय अधिकारी-कर्मचारी अनुसूचित जनजाति का झूठा प्रमाण पत्र बनाकर आरक्षित वर्ग के पद पर नौकरी कर रहे हैं? यदि हाँ, तो जिन अधिकारी/कर्मचारी के प्रमाण पत्र जांच के दायरे में हैं उनका नाम, पद, वर्तमान पदस्थापना, नौकरी ज्वाइन करने की तारीख, नवम्बर 21 तक नौकरी की कुल अवधि सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची अनुसार बतावें कि किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के जाति प्रमाण पत्र की जांच किस दिनांक से किस कमेटी द्वारा की जा रही है तथा किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के जाति प्रमाण पत्र की जांच के चलते नवम्बर 2021 तक कितनी अवधि हो चुकी है? (ग) कमेटी द्वारा पिछले 7 वर्षों में जांच हेतु बैठक किस-किस दिनांक को हुई? उस दिन की कार्यवाही की समस्त नोटशीट की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि कमेटी द्वारा अभी तक कितने प्रकरण की जांच पूर्ण कर कितने जाति प्रमाण पत्र झूठे तथा कितने सही पाये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में बताएं कि किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रमाण पत्र झूठे पाये गये? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? उन पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किये गए या नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। छानबीन समिति (कमेटी) द्वारा उक्त अवधि में जांच पूर्ण किये गये प्रकरणों की संख्या 300 है, एवं जाति प्रमाण पत्र झूठे पाये गये प्रकरणों की संख्या 184 है एवं सही पाये गये प्रकरणों की संख्या 116 है। (घ) 163 अधिकारी/कर्मचारियों के प्रकरण झूठे पाये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। उच्च स्तरीय छानबीन समिति के निर्णय अनुसार विधि अनुरूप कार्यवाही नियोक्ता संबंधित जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा की जाती है।
महिलाओं पर हुये अपराध की जानकारी
[गृह]
127. ( क्र. 1557 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1309 दिनांक 26 फरवरी 2021 का उत्तर अप्रैल 2020 से नवम्बर 2021 की स्थिति में दिलाया जाये। एस.सी. तथा एस.टी. (पी.ओ.ए.) कानून 1989 के तहत अपराध की 2018 से नवम्बर 2021 तक की जानकारी वर्षवार माह अनुसार दी जाये। (ख) महिलाओं पर हुये अपराध पर दर्ज विभिन्न धाराओं के प्रकरण में वर्ष 2015 से 2021 तक विभिन्न न्यायालयों में हुये फैसले में सजा का प्रतिशत क्या है? वर्षवार बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1309 की जानकारी संकलित की जा रही है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की जानकारी
[गृह]
128. ( क्र. 1558 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के इंदौर-भोपाल में ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली क्यों लागू की जा रही है? क्या इन शहरों में अपराध वृद्धि की दर ज्यादा है तथा वर्तमान प्रशासकीय व्यवस्था इन्हें रोकने में बुरी तरह असफल रही है? इंदौर, भोपाल में वर्ष 2013 से 2021 नवम्बर तक वर्षवार विभिन्न अपराधों में हुये अपराध की संख्या बतावें। (ख) पूरे प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली क्यों नहीं लागू की जा रही है? स्पष्ट कारण बतावें तथा इंदौर तथा भोपाल में लागू किये जाने के संदर्भ में बनी समस्त नोटशीट की प्रति देवें तथा गृह विभाग द्वारा तैयार किये गये ड्राफ्ट्स की प्रति देवें। (ग) पिछले दस वर्षों के अपराध के आंकड़े जो सांख्यिकी शाखा एन.सी.आर.बी नई दिल्ली को भेजे गये हैं, उनकी प्रतियां देवें तथा बतावें कि विभिन्न प्रमुख अपराधों में प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में प्रति एक लाख जनता के अनुपात में कितनी है? (घ) देश के महानगरों में अपराध की दर के मान से इंदौर तथा भोपाल का पिछले पांच वर्षों में स्थान कौन-कौन सा है तथा पुलिस कमिश्नर प्रणाली इंदौर, भोपाल में लागू करने से किन-किन धाराओं में परिवर्तन करना होगा? (ड.) पुलिस कमिश्नर प्रणाली इंदौर, भोपाल में लागू करने के उद्देश्य तथा लाभ से अवगत करावें तथा बतावें कि इसकी सफलता का मूल्यांकन कितनी अवधि बाद किया जायगा तथा यदि परिणाम पॉजिटिव रहे तो इसे पूरे प्रदेश में क्या लागू किया जायेगा या नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ऐसे नगरीय क्षेत्र जिनकी जनसंख्या 2011 में 10 लाख से अधिक है, उनमें नगरीय पुलिस व्यवस्था लागू करने का प्रावधान है। लोक व्यवस्था, अपराध तथा आंतरिक सुरक्षा की जटिल समस्याओं को अधिक व्यापक रूप से प्रतिक्रिया देने में सक्षम होने के कारण नगरीय पुलिस व्यवस्था लागू की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में समाहित है। (ख) 10 लाख से अधिक जनसंख्या के नगरों में राज्य शासन द्वारा चिन्हांकित पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किए जाने सम्बन्धी प्रावधान है। दिनांक 09.12.2021 को भोपाल एवं इंदौर नगरीय पुलिस जिलों को अधिसूचित कर पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई है। अतः सम्पूर्ण प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ में समाहित है। वर्ष 2021 की जानकारी एन.सी.आर.बी., नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित नहीं किये जाने के कारण उपलब्ध नहीं है। एन.सी.आर.बी., नई दिल्ली द्वारा केवल वार्षिक राज्यवार रिर्पोट्स का प्रकाशन किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ में समाहित है। राज्य सरकार ने द.प्र.स. 1973 की धारा - 8 की उपधारा (1), धारा 20 एवं 21 तथा पुलिस अधिनियम 1861 की धारा 2 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए पुलिस कमिश्नर प्रणाली को इंदौर एवं भोपाल में लागू किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ में समाहित है। (ड.) लोक व्यवस्था, अपराध तथा आंतरिक सुरक्षा की जटिल समस्याओं को अधिक व्यापक रूप से प्रतिक्रिया देने में सक्षम होने के कारण नगरीय पुलिस व्यवस्था लागू की गई है एवं शेष उत्तरांश (ख) अनुसार।
नरसिंहपुर कोतवाली में दर्ज एफ.आई.आर. के संबंध में
[गृह]
129. ( क्र. 1562 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपराध क्रं. 69421 दिनांक 03.10.2021 को धारा 363, 366A, 354, 354 (क), 354 (घ), 506, 34, 7, 8 घटना स्थल करेली थाना के अंतर्गत आता है, की FIR नरसिंहपुर कोतवाली में की गई है? अगर की गई है तो क्या है? (ख) थाना करेली में FIR क्यों नहीं लिखी गई थी? फरियादी कितने घंटे थाना करेली में रहने के बाद नरसिंहपुर थाना कोतवाली में FIR दर्ज कराई क्यों? (ग) फरियादी के साथ कितने बजे घटना घटित हुई एवं कितने बजे फरियादी की FIR हुई है? समयवार जानकारी बतावे एवं FIR के दर्ज होने के विलंब का कारण क्या है? फरियादी ने करेली थाना में क्यों FIR दर्ज नहीं कराई? कारण सहित बतावें। (घ) क्या करेली थाना FIR दर्ज न होने देने के पीछे टी.आई. करेली या अन्य कोई व्यक्ति या कर्मचारी है? क्या इस विषय पर एस.पी. नरसिंहपुर ने कोई संज्ञान या जांच कराई है? अगर कराई है तो बतावें। यदि नहीं कराई तो क्या जांच कराई जावेगी? (ड.) जिला नरसिंहपुर में सट्टा, जुआ, स्मैक, अवैध शराब बिक्री एवं देह व्यापार की शिकायत पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर को पत्र क्र. JSP/NSP/7895 दिनांक 14.09.21 को की गई थी? क्या कार्यवाही की गई बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उक्त अपराध क्र. 694/2, धारा 363, 366 (ए), 354, 354 (क), 354 (घ), 506, 34 भादवि एवं 7,8 पोक्सो एक्ट की FIR पीड़िता द्वारा थाना कोतवाली नरसिहंपुर में दिनांक 03.10.2021 के 02:16 बजे दर्ज कराई, घटना स्थल ग्राम कठोतिया स्कूल के पास थाना करेली क्षेत्र का न होकर थाना कोतवाली क्षेत्र का है। (ख) पीड़िता थाना करेली में उपस्थित नहीं हुई थी, पीड़िता को थाना करेली में बैठाकर नहीं रखा गया है। पीड़िता द्वारा दिनांक 03.10.21 के 02:16 बजे थाना कोतवाली नरसिंहपुर में उपस्थित होकर FIR दर्ज कराई है। (ग) पीड़िता के साथ घटना दिनांक 02.10.21 के 16:00 से 16:10 बजे घटित हुई एवं पीड़िता के थाना कोतवाली नरसिंहपुर में दिनांक 03.10.21 के 02:16 बजे उपस्थित होने पर तत्काल FIR दर्ज की गई है, FIR दर्ज होने में कोई विलंब नहीं हुआ। पीड़िता थाना करेली में उपस्थित नहीं हुई थी। (घ) थाना करेली में FIR दर्ज न होने देने के पीछे टी.आई. करेली या अन्य कोई व्यक्ति या कर्मचारी नहीं है। उक्त संबंध में पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर द्वारा संज्ञान लेकर जांच उप पुलिस अधीक्षक (महिला अपराध), नरसिंहपुर से कराई गई। समग्र जांच पर किसी भी स्वतंत्र साक्षी द्वारा पीड़िता को FIR कराने थाना करेली लाना नहीं बताया गया है तथा प्रस्तुत विडियो, सीडी के अवलोकन पर भी पीड़िता थाना करेली में उपस्थित नहीं थी। विडियो, सीडी के अवलोकन करने पर पीड़िता की थाना करेली में उपस्थित नहीं पाई गई। (ड.) उक्त संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी निम्न है-
क्र. |
शीर्ष |
प्रकरण संख्या |
आरोपी संख्या |
1 |
जुआ |
613 |
2184 |
2 |
सट्टा |
785 |
813 |
3 |
एन.डी.पी.एस. एक्ट |
81 |
97 |
4 |
अवैध शराब |
2599 |
2602 |
कार्य
वाहक प्रधान
आर. की सूची
में
अनियमितता
[गृह]
130. ( क्र. 1564 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शस्त्र बल एवं जिला बल के आरक्षकों को कार्यवाहक प्रधान आरक्षक वर्ष 2021 में बनाए गये थे। यदि हाँ, तो कार्यवाहक प्रधान आर. बनाने के क्या नियम, आदेश शासन/विभाग के थे? आदेश नियम के साथ शस्त्र बल के प्रधान आरक्षक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यवाहक बनाए प्रधान आर. की कुक की वरिष्ठता 10-12 वर्ष एवं कुक की 25 से 30 वर्ष की वरिष्ठता होने के बाद नहीं बनाए। यदि हाँ, तो क्या शासन का आदेश त्रुटिपूर्ण है? क्या वि.शस्त्र बल 23 बटालियन एवं 25 बटालियन में आदेश का पालन हुआ था? क्या कार्यवाहक प्रधान आर. की सूची तैयार की गई? नहीं तो क्यों? विवरण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के नियमानुसार किन-किन आरक्षकों कार्यवाहक प्रधान आरक्षक बनाया गया? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के नियम विपरीत की गई कार्यवाही का कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? यदि हाँ, तो दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस रेग्युलेशन के पैरा-72 एवं शासन आदेश क्रमांक/एफ-2 (अ)102/बी-4/दो दिनांक 09.02.2021 तथा पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी जीओपी-148/2021 दिनांक 10.02.21 में वर्णित प्रावधानानुसार विशेष सशस्त्र बल में कुल - 785 आरक्षकों (जीडी/ट्रेड) को कार्यवाहक प्रधान आरक्षक प्रभार दिया गया हैं, नियम एवं सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जी नहीं। कार्यवाहक प्रभार वरिष्ठता क्रम अनुसार दिया गया है। 23वीं एवं 25वीं वाहिनी विसबल भोपाल में वर्ष 2021 में प्रधान आरक्षक के पद रिक्त न होने से आरक्षकों को प्रधान आरक्षक का कार्यवाहक प्रभार नहीं दिया गया हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार आरक्षक से प्रधान आरक्षक का कार्यवाहक प्रभार सौंपे गये आरक्षक (जीडी/ट्रेड) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार हैं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास का उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
131. ( क्र. 1566 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के सभी आदिवासी विकासखंडों में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा उत्कृष्ट आदिवासी बालक/बालिका छात्रावास संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या आदिवासी विधान सभा क्षेत्र मुख्यालय पांढुर्णा में वर्तमान में संचालित आदिवासी बालक/बालिका छात्रावास भी उत्कृष्ट छात्रावास है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या इन छात्रावासों को भी उत्कृष्ट छात्रावास में उन्नयन करने की शासन/विभाग में कोई प्रस्ताव लंबित है या स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग की गई है? यदि हाँ, तो इन छात्रावासों को कब तक उत्कृष्ट छात्रावास में उन्नयन कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। पांढुर्णा आदिवासी विकासखण्ड नहीं होने के कारण वहां उत्कृष्ट छात्रावास संचालित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेसा अधिनियम व छठी अनुसूची लागू करना
[जनजातीय कार्य]
132. ( क्र. 1567 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि भारत सरकार द्वारा 1996 में पेसा अधिनियम आदिवासी क्षेत्रों के लाभ के लिये लागू किया गया था? (ख) मध्यप्रदेश में पेसा अधिनियम से जुड़े हुये कौन-कौन से नियम कब-कब से लागू किये गये हैं? यदि अब तक लागू नहीं किये गये हैं, तो इसका क्या कारण है और कब तक लागू कर दिये जायेंगे? समय सीमा बतावें। (ग) क्या मध्यप्रदेश सरकार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के हितों के संरक्षण करने के लिए छठी अनुसूची लागू करने पर विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक करेगी? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. द्वारा नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदेश में छठी अनुसूची लागू किया जाना भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र का विषय है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रायबल सब-प्लान अंतर्गत विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
133. ( क्र. 1568 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक भारत सरकार द्वारा ट्रायबल सब-प्लान अंतर्गत विकास कार्यों हेतु कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में प्रत्येक जिले में ट्रायबल सब-प्लान अंतर्गत कितनी-कितनी राशि का आवंटन कब-कब प्राप्त हुआ है? जिलेवार, दिनांकवार एवं राशिवार बतावें। प्राप्त आवंटन में से किन-किन विभागों को कितनी-कितनी राशि विभाजित की गई है? विवरण देवें। (ग) मध्यप्रदेश में प्रत्येक जिलों में किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि व्यय की गई है एवं उक्त राशि का व्यय किन-किन कार्यों हेतु किया गया है? कार्यवार, राशिवार एवं वर्षवार बतावें तथा कितनी राशि शेष है एवं शेष राशि का व्यय कब तक किया जायेगा? समय-सीमा बतावें। (घ) भारत सरकार से प्राप्त मध्यप्रदेश शासन को ट्रायबल सब-प्लान अंतर्गत व्यय की गई राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र किस-किस दिनांक को जारी किये गये है? वर्षवार, दिनांकवार, राशिवार एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेवा सहकारिता समिति का गठन
[सहकारिता]
134. ( क्र. 1570 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के ग्राम सोनोरा को सेवा सहकारी समिति मर्यादित सांडिया में कितने गांव समिति से पंजीकृत हैं। (ख) क्या सेवा सहकारी समिति मर्यादति सांडिया में ग्राम पिसाटा, करजगॉव सोनोरा एवं खण्ड आमला सहित अन्य ग्राम के कृषक समिति से संबंधित हैं? (ग) क्या सेवा सहकारिता समिति सेमझीरा के अंतर्गत ग्राम धरड़ी और जम्बाडी भी सम्मिलित हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में गांव के ग्रामीणों को सांडिया पहुंचने के लिए सुलभ मार्ग न होने के कारण 25 कि.मी. दूरी होने के कारण ग्रामीणों को खाद, बीज, उर्वरक लाने में बहुत समस्या होती है। समिति में कई ग्राम जुड़े होने के कारण खाद बीज का संकट पर्याप्त आपूर्ति न होने के कारण उत्पन्न हो जाता है। (ड.) प्रश्नांकित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए क्या विभाग ग्राम सोनोरा में प्रथक में सेवा सहकारिता समिति बनाने की कार्यवाही करेगा ताकि ग्रमीणों को पर्याप्त खाद बीज, उर्वरक मिल सके? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित सांडिया में 12 गांव पंजीकृत है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित, सांडिया में किसानों को खाद, बीज की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में की जा रही है। (ड.) जी नहीं, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के पुनर्गठन हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होती है तथा समिति के किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज की आपूर्ति की व्यवस्था है।
सायबर अपराध में फरियादी से जांच के नाम पर राशि की वसूली
[गृह]
135. ( क्र. 1572 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौन-कौन से अपराध सायबर अपराध की श्रेणी में आते हैं? सायबर अपराध रोकने के लिये प्रदेश में कितने कार्यालय, उनमें कितने पदस्थ स्टॉफ तकनीकी एवं गैर तकनीकी, वहाँ मूलभूत आवश्यकता की मशीने एवं नवीन नवाचार के लिये क्या मांग है? अपराध की जांच पड़ताल के आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या, विवेचना अधिकारी को जांच हेतु प्रदाय टी.ए./डी.ए की प्रचलित दरें, किन-किन कार्यालय एवं राज्यों से समन्वय सहित बतायें। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 29.11.2021 को सायबर क्राईम से संबंधित बैठक में क्या-क्या निर्देश दिये हैं? क्या इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितने सायबर अपराध कुल कितनी राशि के घटित हुये हैं? जिलेवार, अपराधवार, राशिवार, निराकृतवार, लंबितवार का गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 120 (क्र. 6276) उत्तर दिनांक 23 मार्च 2021 में कण्डिका (ग) में फरियादी से जांच के नाम पर शुल्क नहीं लिये जाने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या सायबर अपराध की अभिस्वीकृति क्र. 22102210093132 जो नेशनल सायबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल खाता क्र. 50200049244802 IFSC code HDFC002649, HDFC Bank, Current Account में राशि रूपये 2400/- जमा करने पर प्राप्त हुआ है, जिसके आधार पर सायबर टीम द्वारा कार्यवाही की जा रही है। यदि हाँ, तो क्या असत्य जानकारी विधानसभा को दी गई है? यदि नहीं तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं आवेदक के प्रकरण की अद्यतन स्थिति एवं जांच के नाम पर जमा 2400/- की वापसी कब की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के अंतर्गत आने वाले सभी अपराध, सायबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। मध्यप्रदेश गृह पुलिस विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ2 (क)49/2010/बी-3/दो भोपाल दिनांक 04.07.2012 द्वारा पुलिस महानिरीक्षक राज्य सायबर पुलिस म.प्र. भोपाल के कार्यालय को सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध पुलिस थाना भोपाल के नाम से पुलिस थाना घोषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ-1’’ अनुसार। पुलिस मुख्यालय म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक पुमु/निस/विमनि/सयबर/20/2017, भोपाल दिनांक 31.01.2017 द्वारा प्रत्येक जिला मुख्यालय थाने को सायबर अपराधों हेतु नोडल पुलिस थाना घोषित किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ-2’’ अनुसार। म.प्र. के समस्त क्षेत्रीय थानों में आई.टी. एक्ट की विवेचना की जा रही है। प्रदेश में कार्यालय एवं उसमें पदस्थ स्टाफ तकनीकी एवं गैर तकनीकी स्टाफ की जानकारी वहां मूलभूत आवश्यकता की मशीनें एवं नवीन नवाचार के लिए क्या मांग है, अपराध की जांच पड़ताल के आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पताका ‘‘ब’’ अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग वल्लभ भवन-मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 4-2/2016/नियम/चार, भोपाल दिनांक 05 नवम्बर 2016 द्वारा राज्य शासन के कर्मचारियों को देय यात्रा भत्ते (टी.ए./डी.ए.) की प्रचलित दर अनुसार वर्तमान में दिया जा रहा है। (छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार) भारत की सभी राज्यों से अपराधियों की धरपकड़ में राज्य के संबंधित थानों से समन्वय, सभी बैंकों, सभी इन्टरनेट प्रदाता कम्पनी, फेसबुक/व्हाट्अप/गूगल/ इंस्टाग्राम/ट्विटर/यूट्यूब/एवं अन्य सोशल मीडिया कंपनी, ऑनलाईन शॉपिंग वेबसाईट कंपनी, पेमेंट गेटवे कंपनी के नोडल अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जाता है। (ख) उक्त संबंध में निर्देशों के पालन में राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय में सायबर सुरक्षा एवं सायबर अपराधों की रोकथाम हेतु पांच वर्षों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार। (ग)
स.क्र.
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वर्ष
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समस्त जिलों में दर्ज कुल सायबर अपराध जिसमें आई.टी.एक्ट. शामिल है। संख्यात्मक जानकारी |
राशि
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निराकृत
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लंबित
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सोशल मीडिया |
फायनेंशियल |
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01 |
2020 |
374 |
253 |
152004382 |
317 |
310 |
02 |
2021 से प्रश्न दिनांक तक |
407 |
361 |
228010349 |
286 |
482 |
कुल योग |
781 |
614 |
380014731 |
603 |
792 |
विस्तृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) सायबर क्राईम के ऑनलाइन शिकायत पोर्टल में जांच के लिए कोई भी शुक्ल नहीं लिया जाता है। प्रश्नांश ‘‘घ’’ के संबंध में शिकायतकर्ता प्रकाश भार के द्वारा दिनांक 14.02.2021 को एन.सी.आर.बी. पोर्टल पर शिकायत क्रमांक 22102210093132 दर्ज की गई जिसमें दिनांक 17.02.2021 को तत्काल ही अमेजन को शिकायतकर्ता के साथ हुए फ्रॉड के बारे में मेल कर डिलेवरी रोकने व शिकायतकर्ता का पैसा वापस दिलाने हेतु लेख किया गया। जिसका जबाव अमेजन द्वार 03.03.2021 को भेजा गया था जिसमें किसी ताहिर खान को 22.02.2021 को अमेजन द्वारा गति संस्था के माध्यम से प्रोडक्ट डिलेवरी करना बताया गया। जांच के दौरान शिकायतकर्ता की बैंक से भी जांच प्राप्त की गई है। यह कि दिनांक 14.02.2021 को आवेदक ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुआ था जिसके खाते से राशि रू0 41950/- कटे थे। जिसकी उनसे ऑनलाईन शिकायत की जांच उप निरीक्षक हेमंत पटेल से कराई गई। आवेदक का उक्त पैसा इन्वर्टर खरीदने के लिए ऑनलाइन कंपनी में इस्तेमाल हुआ था। जांच पर ऑनलाइन कंपनी के डिलेवरी वाहन चालक ने बताया गया कि उक्त पार्सल डिलेवरी स्थल पर बाहर ही दिया गया था। किस शॉप में डिलेवरी दिया गया था इसके संबंध में कुछ नहीं बताया जा रहा था। आवेदक द्वारा स्वयं ही दिनांक 15.02.2021 को गूगल पर सर्च कर नेशनल सायबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल पर सर्च किया गया परंतु सायबर क्राईम पोर्टल जैसी और फर्जी लगने वाले पोर्टल में राशि रू. 2400/- एच.डी.एफ.सी. बैंक को 50200049244802 में गूगल-पे के माध्यम से जमा करने संबंधी तथ्य सामने आया था जिस पर एफ.आई.आर. क्रमांक 350/21 धारा 420 भादवि के तहत विवेचना में लिया जाकर प्रयुक्त खाता क्रमांक 50200049244802 को फ्रीज कराया गया विवेचना जारी है। उक्त पोर्टल फर्जी है। एन.सी.आर.बी. कभी किसी की जांच के लिए पैसे नहीं लेती है। माननीय विधानसभा को असत्य जानकारी नहीं दी गई है न ही एन.सी.आर.बी. पोर्टल किसी तरह का शुल्क लेता है। आवेदक के साथ सायबर फ्रॉड हुआ है। जिसमें एफ.आई.आर. कर विवेचना की जा रही है। (संलग्न- क्र /पुअ/रायसेन/ओएम/विसप्र-1572/21-बी/2021 दिनांक 14.12.2021) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क’’ अनुसार।
पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज पुलिस प्रकरण
[गृह]
136. ( क्र. 1578 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी व सिंगरौली जिले में पिछले दो वर्ष में पत्रकारों के ऊपर कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए? थानावार सूची देवें। (ख) पत्रकारों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के पूर्व गृह विभाग के क्या नियम व प्रावधान हैं? (ग) जांच में प्रकरण फर्जी व कूट रचित पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? सीधी जिले में पत्रकारों के विरूद्ध माह जुलाई 2020 में अजाक थाने में दर्ज पुलिस प्रकरण की जांच उपरांत सक्षम पुलिस अधिकारी के जांच प्रतिवेदन पर दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों एवं कब तक की जाएगी? पुलिस महानिरीक्षक रीवा झोन रीवा के द्वारा पत्रकारों के संबंध में माह दिसंबर 2020 में पुलिस मुख्यालय भोपाल को भेजे गए जांच प्रतिवेदन पर दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कृत कार्यवाही से अवगत कराएं। नहीं की गई तो कब तक की जाएगी? (घ) सीधी जिले के पत्रकारों पर दर्ज पुलिस प्रकरण में नियम विरूद्ध, अधिकारों का दुरूपयोग कर विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन धाराओं में दर्ज है? यदि नहीं तो कब तक किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) पत्रकारों के विरूद्ध कोई भी आपराधिक प्रकरण द.प्र.स. की धारा 154 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया जाता है। इस संबंध में गृह विभाग के परिपत्र की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ में समाहित है। (ग) जाँच में प्रकरण फर्जी व कूट रचित पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध जाँच में आये तथ्यों के आधार पर विधिसंगत कार्यवाही की जाती है। जिला सीधी के थाना अजाक में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 05/2020 धारा, 294, 323, 324, 506, 34 भादवि एवं 3 (1) द,ध, 3 (2-5क), एससी/एसटी एक्ट में श्री चन्द्रगुप्त द्विवेदी, तत्कालीन एस.डी.ओ.पी. चुरहट जिला सीधी द्वारा बरती गई लापरवाही एवं कदाचरण प्राथमिक जाँच में पाया गया। पुलिस महानिदेशक म.प्र. द्वारा आदेश क्रमांक-पुमु/ 23/ए-1/301/201 दिनांक 23.02.2021 के माध्यम से श्री चन्द्रगुप्त द्विवेदी तत्कालीन एस.डी.ओ.पी चुरहट जिला सीधी को कैन्सर जैसी गंभीर बीमारी होने तथा निकट भविष्य में सेवानिवृत्ति फलस्वरूप समग्र विचारोपरान्त मानवीयता के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया जाकर श्री द्विवेदी को ‘‘ भविष्य के लिये सचेत’’ किया गया है। (घ) जी नहीं। जानकारी प्रश्नांश (ग) के उत्तर में समाहित है।