मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
बुधवार, दिनांक 24 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शिवपुरी
शहर में समूहों
द्वारा
पौष्टिक आहार
का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( *क्र. 3236 ) श्री के.पी. सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) समेकित बाल विकास परियोजना आई.सी.डी.एस. अंतर्गत शिवपुरी शहर में वर्तमान में कुल कितने समूह पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण का काम कर रहे हैं? केन्द्रवार समूहों की जानकारी दें। (ख) शहरी परियोजना में पके हुए पौष्टिक आहार वितरण हेतु समूहों के चयन संबंधी विभाग के क्या नियम हैं? उपलब्ध करावें। वर्तमान में कार्यरत समूहों का चयन किस प्रक्रिया अंतर्गत किया गया है तथा एक समूह को अधिकतम कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण का काम दिये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या कार्यरत समूहों का किसी प्रकार का ऑडिट किया गया है? यदि हाँ, तो कितने समूहों की ऑडिट रिपोर्ट विभाग के पास उपलब्ध है? क्या विभाग के पर्यवेक्षण में सभी समूहों का काम ठीक पाया गया है? (घ) पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण करने वाले समूहों के संचालनकर्ताओं के समूहवार नाम तथा विगत 2 वर्षों में इन समूहों को कुल भुगतान की गई राशि की जानकारी दें। क्या शिवपुरी जिले में विभाग के कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों के परिजनों द्वारा समूहों का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) समेकित बाल विकास परियोजना आई.सी.डी.एस. अन्तर्गत शिवपुरी शहर में वर्तमान में कुल 05 समूह एवं 08 महिला मण्डल पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण का काम कर रहे हैं। केन्द्रवार समूहों एवं महिला मण्डलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शहरी परियोजना में पके हुए पौष्टिक आहार वितरण हेतु समूहों के चयन संबंधी विभाग के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में कार्यरत समूहों का चयन जिला स्तर से विभाग के उक्त निर्देशों के अनुसार किया गया है। शहरी क्षेत्र में महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल/महिला स्व-सहायता के परिसंघों को उनकी कार्यक्षमता, आर्थिक स्थिति के मूल्यांकन के आधार को दृष्टिगत रखते हुये एक स्थानीय संस्था को कम से कम 50 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण का काम दिये जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल/महिला स्व-सहायता के परिसंघों द्वारा शहरी क्षेत्रों में प्रदाय पूरक पोषण आहार के ऑडिट का प्रावधान नहीं है। शिवपुरी जिले के शहरी क्षेत्रों में पूरक पोषण आहार के कार्य में संलग्न महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल का कार्य विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी/परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भ्रमण में ठीक पाया गया है। (घ) शिवपुरी जिले के शहरी क्षेत्र में पका हुआ पौष्टिक आहार वितरण करने वाले समूहों के संचालनकर्ताओं के समूहवार नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर तथा विगत 02 वर्षों में इन समूहों को कुल भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका इटारसी को सब्जी मंडी के लिए आवंटित भूमि
[राजस्व]
2. ( *क्र. 3497 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका इटारसी जिला होशंगाबाद को सब्जी मंडी के लिये कब तथा कितनी नजूल भूमि आवंटित की गई थी? संबंधित आवंटन पत्र/लीज डीड की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उक्त आवंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र के किस प्रावधान के अंतर्गत किया गया था? तत्समय प्रभावी राजस्व पुस्तक परिपत्र से संबंधित प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) वर्तमान में नगर पालिका को सब्जी मंडी के लिये नजूल भूमि का आवंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र के किस प्रावधान के अंतर्गत किया जाता है? (घ) वर्तमान में राजस्व अभिलेख में नगर पालिका के नाम पर सब्जी मंडी के लिये कितनी भूमि अभिलिखित है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगर पालिका इटारसी जिला होशंगाबाद को सब्जी बाजार के निर्माण हेतु दिनांक 25.05.1973 को कुल 50085 वर्गफीट भूमि निहित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) उक्त आवंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र 4 (1) के अनुसार किया गया है। राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) वर्तमान में नगर पालिका को सब्जी मंडी के लिये नजूल भूमि का आवंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र 4 (1) की कंडिका 26 के अनुसार किया जाता है। (घ) वर्तमान राजस्व अभिलेख में नगर पालिका इटारसी के नाम पर सब्जी मंडी हेतु 50081 वर्गफीट भूमि अभिलिखित है।
नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
3. ( *क्र. 3092 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में प्रदेश में 350 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों को अनुमति प्रदान की गयी है? वर्ष 2018-19 में जबलपुर जिले के समस्त नर्सिंग कॉलेजों द्वारा प्रस्तुत मान्यता आवेदनों की प्रति देवें। (ख) क्या नर्सिंग कॉलेज स्थापना के न्यूनतम मापदंड लैब, लायब्रेरी, क्लासरूम सहित निर्धारित संख्या में बिस्तर युक्त अस्पताल इत्यादि अर्हताओं को पूर्ण न करने वाले कॉलेजों को भी अनुमति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ग) क्या बिना स्थल निरीक्षण तथा सत्यापन किये कुछ नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गयी है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) विगत 2 वर्षों में मान्यता प्रदाय में अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? क्या ई.ओ.डब्ल्यू./लोकायुक्त इस मामले में कोई जाँच कर रहा है? यदि हाँ, तो विवरण देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जबलपुर जिले में संचालित नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के उप बिन्दु 1 अनुसार कार्यवाही की गयी है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आलोच्य अवधि में 12 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' एवं ''4'' अनुसार है। जी हाँ। ई.ओ.डब्ल्यू./लोकायुक्त द्वारा की जा रही जाँच/कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' एवं ''4'' के कॉलम सरल-6 पर अंकित है।
अनु. जनजाति के व्यक्तियों की भूमि विक्रय के नियम
[राजस्व]
4. ( *क्र. 3700 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के आदिवासी की भूमि को गैर आदिवासी व्यक्ति के नाम से खरीदी कर उपयोग कर सकता है और आर्थिक लाभ भी कमा सकता है? यदि हाँ, तो प्रावधानों के बिंदुओं को स्पष्ट करें। (ख) यदि नहीं, तो ऐसे आपराधिक कृत्य के दोषियों के लिये दंड का क्या प्रावधान है? (ग) क्या कभी अनाधिकृत कब्जा व अनाधिकृत भूमि खरीदी ब्रिकी से संबंधित सर्वे कार्य आदिवासी क्षेत्रों में कराये जाने का प्रावधान शासन के निर्देशों में है? (घ) क्या आदिवासियों की जमीन सुरक्षित रखी जा सके, इसके लिये कोई कठोर प्रावधान शासन स्तर पर है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता -1959 की धारा 165 (6) में अनुसूचित/गैर अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति की भूमि गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति द्वारा विक्रय या अन्यथा या उधार संबंधी किसी संव्यवहार के संबंध में प्रावधान किए गए हैं। जिसके अनुसार गैर अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति की भूमि कलेक्टर से अनिम्न श्रेणी के पदाधिकारी की अनुमति के बिना गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को अंतरित नहीं की जा सकेगी तथा अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति की भूमि गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को अंतरित नहीं की जा सकती। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 170 में धारा 165 (6) के उल्लंघन में किए गए कब्जे को वापस अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को दिलाए जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। प्रावधानों का उल्लंघन होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) जी हाँ।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थायीकर्मी में विनियमित किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( *क्र. 3656 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. वेयरहाउसिंग एवं लॉजि.कार्पों. में शासन आदेश की कंडिका 1.8 के पैरा-2 में उल्लेखित 16 मई, 2007 के पश्चात के दै.वे.भो. कर्मी को स्थायीकर्मी किया गया है? (हाँ या नहीं) यदि नहीं, तो क्यों नहीं किया गया है? (ख) क्या विभाग ने शासकीय आदेश की क. 1.8 के पैरा-2 के विरूद्ध आदेश क्रमांक 7320 दि. 28.02.17 निकाला है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या विभाग में शासन के आदेश लागू नहीं होते हैं? यदि हाँ, तो शासन के आदेश के परिपालन में शासन आदेश के विरूद्ध आदेश क्र. 7320 दि. 28.2.17 में उल्लेख है कि 16.5.07 के पश्चात के दै.वे.भो. कर्मी इस योजना के पात्र नहीं होंगे को कब तक निरस्त किया जावेगा और 16.5.07 के पश्चात के सक्षम स्वीकृति/सक्षम अधिकारी द्वारा नियुक्त दै.वे.भो. कर्मियों को स्थायीकर्मी कब तक किया जावेगा? (घ) क्या विभाग में शासन के उक्त आदेश को यथावत निगम के बोर्ड द्वारा आदेश क्र. 4674 दि. 5.11.16 को यथावत लागू किया, किन्तु आदेश क्र. 7320 दि. 28.2.17 में निगम बोर्ड का हवाला देकर शासन व निगम के बोर्ड के यथावत आदेश के विरूद्ध एक आदेश क्र. 7320 दि. 28.2.17 को निकाला है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश कब तक निरस्त किया जावेगा? पात्र दै.वे.भो. कर्मियों को कब तक स्थायीकर्मी किया जावेगा और शासन व निगम बोर्ड के विपरीत आदेश निकालने वाले अधिकारी पर शासन द्वारा कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, शासन के निर्देश अनुसार कार्यवाही की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन के आदेश नियमानुसार लागू होते हैं। निगम आदेश क्रमांक 7320 दिनांक 28.02.2017 शासन आदेश के विपरित नहीं है। बल्कि शासन आदेश अनुसार दिनांक 16.05.2007 की दिनांक को स्पष्ट करने हेतु जारी किया गया स्पष्टीकरण है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में ऐसा कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) निगम संचालक मंडल की स्वीकृति उपरांत शासन आदेश यथावत लागू किए जाने हेतु आदेश क्रमांक 4674 दिनांक 05.11.2016 जारी किया गया है। शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही की गई है, इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांईखेड़ा विकासखण्ड सागर में कैप का निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( *क्र. 3814 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग द्वारा सागर जिले में सांईखेड़ा विकासखण्ड सागर में कैप निर्माण कार्य स्वीकृत है? स्वीकृति दिनांक/कार्य एजेंसी का नाम/कार्य अवधि/लागत सहित जानकारी देवें। (ख) कार्य एजेंसी द्वारा क्या कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या-क्या कार्य किया गया है? किस-किस कार्य में कार्य एजेंसी को भुगतान किया गया है? (ग) यदि मुरम फिलिंग का भुगतान किया गया है, तो किस दर पर किया गया है एवं मुरम की खुदाई वहीं से की गई है एवं वहीं से पूर्ति (भराई) की गई है, तो कितनी मात्रा में एवं कितनी कीमत का भुगतान किया गया है? (घ) क्या कैप निर्माण कार्य में फ्लाई ऐश ईंटों का प्रयोग नहीं किया गया है, तो क्यों? फ्लोर में क्या प्रावधान है तथा उसकी ऊंचाई एवं मोटाई का क्या प्रावधान है? यदि पुराने निर्माण में भी सी.सी. की पक्की जगह थी, तो शासन को कैप निर्माण कार्य करने की जरूरत क्यों पड़ी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। कैप निर्माण की टेंडर स्वीकृति दिनांक 20.03.2019 है। एजेंसी का नाम एवं पता मेसर्स अजय बिल्डकॉन, सागर है। कैप निर्माण की कार्यावधि 45 दिवस तथा लागत रुपये 2,99,03,597 है। (ख) जी हाँ। स्थल पर 54300 मैट्रिक टन की क्षमता के कैप का निर्माण पूरा कर लिया गया है। भंडारित स्कंध की सुरक्षा हेतु फेंसिंग का कार्य, पहुँच मार्ग का निर्माण-कार्य एवं चौकीदार/कार्यालय हट का कार्य किया गया है। उक्त संपादित कार्यों का भुगतान मे. अजय बिल्डकॉन, सागर को रनिंग देयकों के आधार पर किया गया है। (ग) अनुबंधित आयटम अनुसार मुरम फिलिंग का कार्य संपादित किया गया है। मुरम का भुगतान रुपये 230 प्रति घनमीटर की दर से किया गया है। पी.डब्ल्यू.डी. के एस.ओ.आर. से 24.24 प्रतिशत कम दर से भुगतान किया गया है। वहीं की खुदाई से प्राप्त अच्छी मिट्टी की 2021 घनमीटर मात्रा का उपयोग भी भराई में किया गया है। इस मद में ठेकेदार को अब तक 631.71 घनमीटर जिसकी कीमत 31,012.00 रूपये है, का भुगतान किया गया है। (घ) जी नहीं। स्वीकृत कार्य में फ्लाई ऐश ईंटों का प्रावधान नहीं है। इसके फ्लोर में M-10 CC का प्रावधान 10 सेंटीमीटर मोटाई में किया गया है। निगम के पुराने परिसर में सी.सी. की पक्की जगह पार्किंग एवं ट्रकों के आवागमन हेतु है तथा यह 60,000 मैट्रिक टन क्षमता के खाद्य भंडारण हेतु पर्याप्त नहीं है। रोड को सीधे कैप के रूप में भंडारण हेतु उपयोग में नहीं किया जा सकता है। कैप का निर्माण सड़क से 30 से 45 सेंटीमीटर ऊंचा प्लेटफार्म बनाकर किया जाना होता है। साथ ही सागर जिले में अनुमानित उपार्जन के विरूद्ध पर्याप्त कवर भंडारण क्षमता भी उपलब्ध नहीं थी, अत: पृथक स्थान पर कैप निर्माण कराने की आवश्यकता पड़ी।
ग्राम पंचायतों की नलजल योजनाओं का संधारण/विस्तारीकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 3190 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में विभाग ने जिला पंचायत के माध्यम से ग्राम पंचायतों की नलजल योजनाओं के संधारण और विस्तारीकरण के लिये ग्राम पंचायतों को राशि जारी की थी? (ख) जबलपुर जिले की पाटन तथा मझौली विकासखण्ड में किस-किस पंचायत को कितनी-कितनी राशि इस मद में जारी की गयी है? पंचायतवार जानकारी दें। (ग) क्या विभाग ने पंचायत द्वारा दिये गये उक्त कार्यों का सुपरवीजन किया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग उसकी जवाबदारी लेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) उपरोक्त कार्यों में से कितने कार्यों का कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र विभाग ने जारी किया है? यदि नहीं, किया है तो क्यों नहीं और कब तक कर देंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। स्वीकृत प्राक्कलन के अनुरूप कार्य का दायित्व निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत का होता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। 7 ग्राम पंचायतों द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं। शेष नलजल योजनाओं के संधारण कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र संबंधित पंचायतों द्वारा जारी किये जायेंगे। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
पाला पड़ने (ठंड) से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा
[राजस्व]
8. ( *क्र. 2085 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 2018-19 में पाला पड़ने (ठंड) से फसलें नष्ट हुईं थीं? क्या फसलों को हुये नुकसान का मुआवजा किसानों को दिया गया है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? कृषकों को मुआवजा कब तक दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत घट्टिया विधान सभा क्षेत्र के जिन किसानों की पाला पड़ने (ठंड) से फसलें नष्ट हुई हैं उनकी सूची देवें एवं बतावें कि किस किसान को कितना-कितना मुआवजा दिया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिलों की मांग अनुसार आवंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्रदाय किया गया है। कुछ कृषकों के बैंक खाता नम्बर उपलब्ध न होने के कारण वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला उज्जैन की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में पाला पड़ने (ठंड) से फसलों में 25 प्रतिशत से कम क्षति हुई है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होने से मुआवजा दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में डीन/अधीक्षकों के स्थानांतरण
[चिकित्सा शिक्षा]
9. ( *क्र. 1889 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले पाँच वर्षों में म.प्र. के विभिन्न मेडिकल कॉलेज एवं उनसे जुड़े हॉस्पिटल में कितने डीन एवं हॉस्पिटल के अधीक्षकों के स्थानांतरण किए गए एवं नई नियुक्तियाँ कहाँ-कहाँ एवं कब-कब की गईं? (ख) इनको हटाने एवं नई नियुक्तियाँ करने का क्या कारण था? (ग) क्या म.प्र. विधान सभा चुनाव की घोषणा के बाद भी स्थानांतरण एवं नियुक्तियाँ की गईं? यदि हाँ, तो किस आधार पर? इसकी जानकारी दें। (घ) क्या इसकी जाँच कर समीक्षा की जाएगी तथा अनियमितता पाये जाने पर कार्यवाही की जाएगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में अधीक्षक के प्रभार में पदस्थ चिकित्सक को शिकायत के आधार पर हटाया गया था। शेष महाविद्यालयों की जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालयों में एम.सी.आई. के आगामी निरीक्षण संभावित होने तथा अधिष्ठाता/ अधीक्षक का पद रिक्त होने की स्थिति में एम.सी.आई. से आगामी वर्ष की मान्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से चुनाव आयोग से विधिवत स्वीकृति प्राप्त कर पद भरने की कार्यवाही की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फिजियोथैरिपी पाठ्यक्रम हेतु पृथक परिषद का गठन
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( *क्र. 61 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फिजियोथैरेपी भौतिक चिकित्सीय विधा है? जिसकी पृथक परिषद होना आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो अन्य प्रदेशों की भांति मध्यप्रदेश में पृथक परिषद के अधीन क्यों नहीं है? (ग) क्या म.प्र. में पृथक परिषद का गठन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम वर्तमान में मध्यप्रदेश सह-चिकित्सीय परिषद की विषय-अनुसूची में शामिल है। परिषद के गठन से आज दिनांक तक समस्त सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रमों का सफल संचालन किया गया है। अतएव मध्यप्रदेश में फिजियोथैरेपी काउंसिल के गठन का प्रस्ताव व्यवहारिक एवं उपयोगी नहीं है, बल्कि व्यय साध्य होगा।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं का नियमितीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 2713 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सरकार की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं और रोजगार सहायकों के नियमितीकरण की कोई योजना प्रक्रियाधीन है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या राज्य शासन के वचन पत्र में इस आशय का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में केन्द्र की घोषणा होने के बाद भी अनावश्यक विलंब किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग से संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के नियमितीकरण की कोई भी योजना विभाग में विचाराधीन नहीं है। भारत सरकार द्वारा उक्त पद मानसेवी श्रेणी में निर्धारित किये गये हैं। शेष प्रश्न विभाग से संबंधित नहीं। (ख) विभाग से संबंधित वचन पत्र के बिन्दुओं में उक्त वचन का उल्लेख नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विभाग के आदेश दिनांक 27/06/2019 अनुसार विभाग द्वारा संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राशि रू 10000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है। जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा वृद्धि उपरान्त देय मानदेय राशि रू. 4500/- तथा राज्य सरकार द्वारा देय अतिरिक्त मानदेय 5500/- सम्मिलित है। इसी प्रकार आंगनवाड़ी सहायिकाओं को राशि रू. 5000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा वृद्धि उपरान्त देय मानदेय राशि रू. 2250/- तथा राज्य सरकार द्वारा देय अतिरिक्त मानदेय 2750/- सम्मिलित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 का निर्माण
[राजस्व]
12. ( *क्र. 3686 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 के निर्माण में मैहर जिला सतना के समीप रीवा रोड पर स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप बाधक है व अतिक्रमण न हटने से निर्माण कार्य प्रभावित है? यदि हाँ, तो उक्त बाधा दूर करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित संरचना/पेट्रोल पंप को तोड़ने के निर्देश माननीय न्यायालय द्वारा भी दिये गये हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों-आदेशों का पालन क्यों नहीं किया गया? इस हेतु कौन उत्तरदायी है? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से प्रभावित मैहर तहसील के कितने भू-स्वामियों के मुआवजा संबंधी अपील प्रकरण संभाग आयुक्त्ा रीवा के यहाँ लंबित हैं? इनके निराकरण समय-सीमा में न किये जाने के क्या कारण हैं? अपीलवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। पेट्रोल पम्प को हटाये जाने हेतु अनु.अधि.रा. मैहर द्वारा पत्र क्रमांक 629 दिनांक 07/04/2018 एवं 115 दिनांक 26/04/2019 से पत्र जारी किया गया है। जिसके अनुक्रम में संबंधित द्वारा मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 25783/2018 दायर की गई है जो विचाराधीन है। (ख) मान. उच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 25783/2018 विचाराधीन है। मान. न्यायालय द्वारा अभी कोई आदेश पारित नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) कुल 467 आर्बिट्रेशन के प्रकरण आर.सी.एम.एस. में दर्ज हैं। इन प्रकरणों के निराकरण की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। सभी प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं। प्रकरणों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पटवारी हल्का शाहपुर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
13. ( *क्र. 2528 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की नईगढ़ी तहसील अन्तर्गत ग्राम शाहपुर पटवारी हल्का शाहपुर की भूमि खसरा क्रमांक 45/3 म.प्र. शासन आवास योजना 42 शासकीय पशु विभाग एवं सड़क शासकीय अभिलेखों में दर्ज है? जिसे अतिक्रमण मुक्त कराये जाने हेतु कौशल साकेत एवं अन्य आदिवासियों द्वारा कलेक्टर रीवा को दि. 29.9.16 को तथा दि. 14.9.16 को थाना प्रभारी नईगढ़ी को आवेदन दिया गया? उक्त भूमि खसरा क्रमांक 45/3 में सरपंच द्वारा तार बाड़ी लगाकर घर का निर्माण किया जा रहा है तथा खसरा नम्बर 42 जो पशु विभाग के लिए आरक्षित है, में शास.प्रा. स्कूल परसिया का भवन निर्माण कराया जा रहा है, जबकि परसिया अलग राजस्व ग्राम है और इस स्थल से 3 कि.मी. दूर है जिसकी शिकायत बी.आर.सी.सी. नईगढ़ी, सी.ई.ओ. जनपद नईगढ़ी को भी की गयी, सभी शिकायत आवेदनों का विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या कौशल साकेत निवासी शाहपुर द्वारा तहसील न्यायालय नईगढ़ी में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 सह पठित धारा 32 के तहत पेश किये गये आवेदन में तहसीलदार नईगढ़ी द्वारा 20.9.16 को प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए स्थगन भी जारी किया गया था? पटवारी प्रतिवेदन में भी शासकीय भूमि होने एवं अनाधिकृत कब्जे होने का उल्लेख किया जाकर बेदखली की कार्यवाही नहीं होने से स्थिति निर्मित होने का प्रतिवेदन दिया गया। तहसीलदार के आदेश की प्रति एवं पटवारी के प्रतिवेदन दिनांक 12.9.16 की प्रति उपलब्ध करावें। कौशल प्रसाद साकेत द्वारा ऑन लाइन की गयी शिकायत जिसका जन शिकायत क्रमांक 10077776 भोपाल दिनांक 8.9.16 है, की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित शिकायतों में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी और अतिक्रमण हटाकर शासकीय भूमि को अनाधिकृत कब्जे से मुक्त करने हेतु किस-किस अधिकारी ने कब-कब कार्यवाही की तथा जिन राजस्व अधिकारियों द्वारा शिकायत होने के बाद भी शासकीय भूमियों में कब्जा होने दिया या कब्जा कराने में मदद की उनके विरूद्ध भी क्या कार्यवाही की जायेगी और प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि 45/3 एवं 42 ग्राम शाहपुर पटवारी हल्का शाहपुर तहसील नईगढ़ी जिला रीवा को अतिक्रमण से कब तक मुक्त करा दिया जायेगा तथा आवास हेतु वंटित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के नईगढ़ी तहसील अंतर्गत ग्राम शाहपुर पटवारी हल्का शाहपुर की भूमि खसरा नं. 45/3 रकबा 0.993 हे. मद शासकीय के कॉलम नं. 12 में मध्यप्रदेश शासन आवास योजना दर्ज है। खसरा नं. 45/3 में वर्तमान में कोई निर्माण नहीं हो रहा है। खसरा नं. 42 में पशु विश्राम और सड़क दर्ज है। खसरा नं. 42 में शा.प्रा. स्कूल परसिया का अधूरा भवन निर्मित है और वर्तमान में कार्य बंद है। बी.आर.सी.सी. नईगढ़ी एवं सी.ई.ओ. जनपद के पास प्राथमिक पाठशाला परसिया के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। नायब तहसीलदार न्यायालय वृत्त रामपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 886/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09.09.2016 द्वारा स्थगन जारी हुआ था। न्यायालय के आदेश एवं पटवारी प्रतिवेदन, कौशल प्रसाद साकेत की जनशिकायत क्रमांक 10077776 दिनांक 08.09.2016 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) न्यायालय नायब तसीलदार वृत्त रामपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 886/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09.09.2016 द्वारा ख. नं. 45/3 और 42 में निर्माण कार्य रोकने हेतु स्थगन जारी हुआ था। शिकायत होने के बाद शासकीय भूमियों में कब्जा हटाने हेतु हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन दिया गया। उक्त प्रकरण वर्तमान में न्यायालय नायब तहसीलदार रामपुर में प्रचलित है। जिसमें यथाशीघ्र नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( *क्र. 1645 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नीमच विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में तथा कितने प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे हैं? प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे केन्द्रों को प्रतिमाह कितना-कितना किराया भुगतान किया जा रहा है? केन्द्रवार बतायें। (ग) वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने पूर्ण होना शेष हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) नीमच विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बाल विकास परियोजना नीमच (ग्रामीण) में 272 आंगनवाड़ी केन्द्र/उप आंगनवाड़ी केन्द्र तथा बाल विकास परियोजना नीमच (शहरी) में 98 आंगनवाड़ी केन्द्र/उप आंगनवाड़ी केन्द्र, इस प्रकार कुल 370 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। संचालित आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में संचालित 370 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 233 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय/अन्य विभागीय भवनों में तथा 137 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। (ग) विधान सभा नीमच अन्तर्गत वर्तमान में 118 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। 65 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन अपूर्ण (निर्माणाधीन) हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु शहरी क्षेत्र में नगर निगम/नगर पालिका तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी होने से आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। अतः भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नायब तहसीलदार, बदरवास के विरूद्ध की गई शिकायत की जाँच
[राजस्व]
15. ( *क्र. 3765 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 43 दिनांक 12.4.2019 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 58 दिनांक 04.6.2019 द्वारा डॉ. मधुलिका तोमर, तत्कालीन नायब तहसीलदार, तहसील बदरवास जिला शिवपुरी के विरूद्ध शासकीय कार्य में अपने अधिकारों के दुरूपयोग कर अनियमितता किए जाने संबंधी की गई शिकायत प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल एवं आयुक्त, ग्वालियर संभाग ग्वालियर को प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि शिकायत प्राप्त हुई है तो किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? विभागीय अधिकारियों द्वारा शिकायत प्राप्ति के उपरांत उक्त शिकायत पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या विभाग द्वारा इस हेतु कोई जाँच समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो समिति द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध की गई शिकायत पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? निश्चित समयावधि बतायें। विभाग द्वारा उक्त शिकायत के संबंध में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 20.04.2019 को विभाग को एवं दिनांक 20 जून, 2019 द्वारा आयुक्त, ग्वालियर संभाग ग्वालियर द्वारा जिला शिवपुरी को प्रेषित की गई है। प्राप्त शिकायत की जाँच कराये जाने हेतु कलेक्टर जिला शिवपुरी को लिखा गया। कलेक्टर जिला शिवपुरी के आदेश क्रमांक 6267/स्था./6-2/2019 शिवपुरी दिनांक 06 जुलाई, 2019 द्वारा डिप्टी कलेक्टरों की जाँच समिति गठित की गई। प्रस्तुत जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नामान्तरण/बंटवारे के कार्यों के निराकरण हेतु प्रचलित प्रक्रिया
[राजस्व]
16. ( *क्र. 3851 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 अक्टूबर, 2018 से पूर्व प्रदेश में फौती नामांतरण/रजिस्ट्री पंजी प्रचलित थी? यदि नहीं, तो किसानों के नामांतरण एवं बंटवारे जैसे कार्यों का किस प्रकार से निराकरण किया जाता था? (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा नामांतरण पंजियों को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या नामांतरण पंजियों के बंद होने से दूर दराज के गरीब अशिक्षित किसानों को तहसील का चक्कर लगाना पड़ता है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या पूर्व में पटवारियों के द्वारा ग्राम में ही बैठकर नामांतरण/पंजी का कार्य किया जाता था? यदि हाँ, तो क्या शासन/प्रशासन किसानों के हित को देखते हुए नामांतरण पंजी को पुन: प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब से अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ख) जी हाँ। सभी राजस्व प्रकरणों की मॉनिटरिंग एक साथ संबंधित पीठासीन अधिकारी के RCMS पोर्टल के माध्यम से की जा रही है तथा अविवादित नामान्तरण जो पहले पंजी में दर्ज होते थे भी RCMS पर अपलोड हो रहे हैं और उनकी समीक्षा एक साथ हो रही है। वरिष्ठ अधिकारी भी RCMS पोर्टल पर लम्बित प्रकरणों का स्तर देख सकते हैं। अब प्रकरण दर्ज कराने के लिये तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। पंजी पर समानान्तर प्रकरणों का प्रचलन बंद कर दिया गया है। इससे आमजन को सुविधा हो रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (घ) नामांतरण पंजी वर्षवार 01 अक्टूबर से 30 सितम्बर तक निर्धारित प्रपत्र में पटवारी के पास रहती थी। इसमें पीठासीन अधिकारियों के न्यायालयीन कार्यों की समीक्षा समुचित रूप से नहीं हो पाने के कारण अब सभी प्रकरण RCMS पोर्टल पर दर्ज हो रहे हैं जिससे प्रत्येक प्रकरण में दर्ज दिनांक से निर्णय दिनांक तक की ऑनलाइन समीक्षा हो रही है। अतएव पूर्व व्यवस्था सुविधाजनक न होने से बंद कर दी गई है।
विदिशा मेडिकल कॉलेज का भवन निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
17. ( *क्र. 3366 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति किस वर्ष प्राप्त हुई? स्वीकृति दिनांक की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा कितनी राशि प्रदान की गई एवं इस कार्य हेतु राज्य सरकार द्वारा कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राप्त राशि अनुसार कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) विदिशा में मेडिकल कॉलेज की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2015 में प्राप्त हुई। प्रशासकीय स्वीकृति की दिनांक 09.12.2015 है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत शासन की योजना में मेडिकल कॉलेज, विदिशा के निर्माण एवं उन्नयन कार्य हेतु राशि रूपये 265.19 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इस परियोजना हेतु भारत शासन से केन्द्रीय राशि रूपये 83.40 करोड़ प्राप्त हुई व राज्य शासन से कुल 261.05 करोड़ का जारी किया है। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बुन्देलखण्ड मेडि. कॉलेज के ऑडिटोरियम हॉल को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( *क्र. 1419 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्र. 369 दिनांक 09.03.2018 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था, कि बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर के ऑडिटोरियम हॉल को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिये ए.सी., ईको सिस्टम, साउण्ड सिस्टम एवं बैठने हेतु फर्नीचर आदि सहित व्यवस्थित किये जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है तो क्या उक्त प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो इसे कब तक स्वीकृति प्रदान कर बजट आवंटित कर दिया जायेगा? (ख) क्या ऑडिटोरियम हॉल का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी ए.सी., फर्नीचर इत्यादि सुविधाओं के अभाव में उपयोगी साबित नहीं हो पा रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इसे सर्वसुविधायुक्त बनाये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान करेगा तथा कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 369 दिनांक 9.3.2019 में दिये गये उत्तर के प्रकाश में ऑडिटोरियम के निर्माण एवं अन्य उपकरण का प्रस्ताव स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में है। अत: समय व बजट आवंटन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाणिज्यिक कर चौकी/नाकों पर अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थी के नियम
[वाणिज्यिक कर]
19. ( *क्र. 4019 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी वाणिज्यिक कर चौकियां व नाके कहाँ-कहाँ पर कार्यरत हैं? स्थानों के नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वाणिज्यिक कर चौकी व नाकों पर अधिकारी/ कर्मचारियों की पदस्थी के क्या नियम हैं? (ग) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को चौकी/नाकों से कितनी आय प्राप्त हुई है? (घ) क्या समय-समय पर विभिन्न न्यायालयों एवं भारत सरकार द्वारा वाणिज्यिक कर चौकी/नाकों के आधुनिकीकरण हेतु निर्देश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उन निर्देशों का पालन किया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) प्रदेश की सीमाओं पर स्थित वाणिज्यिक कर जाँच चौकियों को मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग, मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक एफ ए-3-20-2017-1-पाँच (29) दिनांक 24 जून, 2017 के अनुसार 01 जुलाई, 2017 से विखंडित किया गया है। अतः जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जानकारी निरंक है।
शासकीय पट्टे की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
20. ( *क्र. 3948 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन तहसील स्थित ग्राम हामूखेड़ी पटवारी हल्का नं. 41 सर्वे क्र. 77 रकबा क्र. 0.261 हेक्टेयर भूमि शासकीय है अथवा निजी। क्या उक्त सर्वे नं. की भूमि का पट्टा अनुविभागीय अधिकारी उज्जैन द्वारा कृषक माना को दिया गया था तथा उक्त पट्टा जिला कलेक्टर उज्जैन में निगरानी प्रकरण क्र. 2/92-93 दिनांक 6/1/1995 द्वारा निरस्त किया गया? यदि हाँ, तो उपरोक्त के संबंध में क्या तहसीलदार उज्जैन द्वारा कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि क्या पट्टाधारी कृषक माना उर्फ माना के उत्तराधिकारियों ने दिनांक 30/8/2012 को अन्य व्यक्तियों को विक्रय की? यदि हाँ, तो शासकीय भूमि विक्रय के उक्त प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील उज्जैन तहसील स्थित ग्राम हामूखेड़ी पटवारी हल्का नंबर 65 स्थित भूमि सर्वे नं. 77 रकबा 0.261 हेक्टर राजस्व अभिलेख में वर्ष 1966-67 तक शासकीय भूमि के तौर पर दर्ज रही। न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार परगना उज्जैन के राजस्व प्रकरण क्र. 75/अ-19/1965-66 में आदेश दिनांक 22.05.1967 द्वारा सर्वे क्र. 77 रकबा 1 बीघा 5 बिस्वा को रामलाल पिता रत्ताजी जाति चमार निवासी ग्राम हामूखेड़ी को वंटित की जाकर राजस्व पुस्तक परिपत्र नियम खण्ड 4 क्रमांक 3 के नियम 30 के अंतर्गत पट्टा दिया गया। उक्त सर्वे क्रमांक की भूमि का अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कृषक माना को पट्टा नहीं दिया गया था। पट्टा अतिरिक्त तहसीलदार द्वारा रामलाल पिता रत्ताजी को दिया गया था। रामलाल पिता रत्ताजी द्वारा उक्त भूमि का विनिमय मान्याजी से किया गया तथा प्रकरण क्र. 426/बी-121/83-84 के माध्यम से उक्त भूमि पर मान्या पिता मूल्या का नाम भूस्वामी की हैसियत से दर्ज हुआ। उपरोक्त पट्टा कलेक्टर उज्जैन के निगरानी प्रकरण क्र. 2/92-93 दिनांक 06.11.1995 द्वारा निरस्त किया गया, परंतु कलेक्टर न्यायालय के उक्त आदेश को राजस्व मण्डल के निगरानी प्रकरण क्र. 1728-एक/2005 में पारित आदेश दिनांक 11.12.2012 के माध्यम से अपास्त किया गया एवं अपर तहसीलदार उज्जैन द्वारा जारी किये गये पट्टा आदेश दिनांक 22.05.1967 को स्थिर रखा गया। चूंकि कलेक्टर न्यायालय के आदेश को वरिष्ठ न्यायालय द्वारा अपास्त किया जा चुका है एवं पट्टे के संबंध में तहसीलदार द्वारा पारित आदेश को यथावत रखा गया है। ऐसी स्थिति में वरिष्ठ न्यायालय के आदेश के आलोक में कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि को मान्या के उत्तराधिकारियों द्वारा दिनांक 30.08.2012 को आनंद शर्मा एवं विपिन गिरी को विक्रय की गई है। माननीय एकादश अपर जिला न्यायाधीश उज्जैन के समक्ष चले प्रकरण क्रमांक 15ए/2015 में पारित निर्णय व जयपत्र दिनांक 01.09.2016 के अनुसार उक्त आनंद शर्मा एवं विपिन गिरी को अन्य भूमियों के साथ उक्त प्रश्नाधीन भूमि सर्वे क्र. 77 का विक्रय पत्र सही व वैधानिक होना निर्णित किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
समूहों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में भोजन एवं नाश्ते का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 3156 ) श्री सीताराम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में महिला एवं बाल विकास के आंगनवाड़ी केन्द्रों में किस-किस परियोजना में कौन-कौन से समूह आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत हैं? (ख) क्या श्योपुर जिले में नाश्ता एवं भोजन अलग-अलग समूहों द्वारा दिया जा रहा है और कब से? भोजन प्रदाय करने वाले समूहों की सूची प्रदाय करें। भोजन एवं नाश्ता प्रदाय करने वाले समूह कितने केन्द्रों से भोजन एवं नाश्ता प्रदाय कर रहे हैं? क्या शासन के निर्देशानुसार सही है? (ग) क्या एक समूह ग्रामीण क्षेत्रों में 25 से 30 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नाश्ता एवं भोजन वितरित कर सकता है? (घ) क्या समूहों को भोजन एवं नाश्ता का शत-प्रतिशत भुगतान किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) श्योपुर जिले में विभाग के आंगनवाड़ी केन्द्रों में परियोजनावार कार्यरत समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्योपुर जिले में नाश्ता एवं भोजन अलग-अलग समूहों द्वारा नहीं दिया जा रहा है। भोजन प्रदान करने वाले स्व-सहायता समूहों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भोजन एवं नाश्ता प्रदाय करने वाले समूह कुल 1226 केन्द्रों पर भोजन व नाश्ता प्रदाय कर रहे हैं। जी हाँ, जिले में विभाग के निर्देशों के तारतम्य में ही भोजन एवं नाश्ता प्रदाय किया जा रहा है। (ग) विभाग द्वारा जारी निर्देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय के लिये ताजा पका नाश्ता एवं भोजन हेतु सांझा-चूल्हा व्यवस्था, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से लागू है, जिसके तहत् अधिकतम 01 कि.मी. की सीमा तक के आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्व-सहायता समूह/महिला मंडल के एक किचन से पूरक पोषण आहार प्रदाय का प्रावधान है। जिले में पूरक पोषण आहार की संपूर्ण व्यवस्था हेतु जिला कलेक्टर अधिकृत है। श्योपुर जिले में कलेक्टर द्वारा परियोजना अंतर्गत सेक्टरवार औसतन 10 से 15 आंगनवाड़ी केन्द्रों का क्लस्टर बनाकर सांझा-चूल्हा कार्यक्रम में संलग्न स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर रेडी-टू-ईट नाश्ता तथा सांझा-चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से गरम पके हुए भोजन प्रदाय की व्यवस्था की गई है। (घ) जी हाँ, स्व-सहायता समूहों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपस्थित हितग्राही को वितरित किये गये भोजन एवं नाश्ते की मात्रा के अनुसार विभाग द्वारा निर्धारित दर के आधार पर भोजन एवं नाश्ते का भुगतान किया जाता है।
कुपोषण की रोकथाम हेतु आवंटित राशि
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( *क्र. 3282 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार एवं म.प्र. शासन द्वारा संचालित किन-किन योजनाओं, कार्यक्रमों के तहत सिवनी जिले में बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण एवं अल्परक्तता रोकने के लिये वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि किस योजना, कार्यक्रम के अंतर्गत किस-किस कार्य, मद में व्यय की गई? (ग) सिवनी जिले में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में वर्ष 2017-18 से क्या-क्या नतीजे रहे? वर्तमान में कुपोषित बच्चों और महिलाओं को स्वस्थ करने के लिये क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं एवं जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इन केन्द्रों के प्रभारी एवं पदस्थ शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम सहित बतावें तथा इन केन्द्रों में वर्तमान में क्या-क्या सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सिवनी जिले में बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण एवं अल्परक्तता रोकने के लिये वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार प्राप्त आवंटन से संबंधित विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं स्वास्थ्य विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग अंतर्गत राशि का उपयोग बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण एवं अल्परक्तता की रोकथाम हेतु पूरक पोषण आहार, मंगल दिवस, लालिमा योजना, सुपोषण अभियान एवं अटल बाल मिशन अंतर्गत मदवार व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत राशि का उपयोग बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं में अल्परक्तता की रोकथाम हेतु आयरन फोलिक एसिड की सिरप एवं गोलियों का नियमानुसार क्रय किया गया। साथ ही पोषण पुनर्वास केन्द्रों के संचालन हेतु स्वीकृत राशि का उपयोग भर्ती किये गये गंभीर कुपोषित बच्चों के मानक उपचार एवं प्रबंधन, भर्ती बच्चे की माता के मजदूरी क्षतिपूर्ति भत्ता एवं डिस्चार्ज उपरांत फॉलोअप सुनिश्चित करने हेतु व्यय किया गया। मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (ग) सिवनी जिले में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी कोई सर्वेक्षण स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में नहीं कराया गया है। कुपोषित बच्चों एवं महिलाओं को स्वस्थ करने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' अनुसार है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों के प्रभारी एवं पदस्थ शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' अनुसार है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में गंभीर कुपोषित बच्चों के मानक उपचार एवं प्रबंधन हेतु निःशुल्क चिकित्सकीय जाँच, निःशुल्क चिकित्सकीय आहार, भर्ती बच्चों की माताओं के लिये निःशुल्क भोजन एवं जाँच की व्यवस्था, निःशुल्क नैदानिक सेवाऐं, निःशुल्क परिवहन एवं छुट्टी उपरांत फॉलोअप सुविधाएं उपलब्ध हैं।
चिकित्सा विश्वविद्यालय में शोध निर्देशकों की निर्धारित योग्यताएं
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( *क्र. 3722 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नवस्थापित चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा आयुर्वेद संकाय के विभिन्न विषयों में शोधार्थियों के शोध निर्देशन हेतु निर्देशकों की क्या-क्या योग्यताएं निर्धारित की गई हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आयुर्वेद संकाय अंतर्गत कितने शोध निर्देशक, किन-किन विषयों में शोधार्थियों का निर्देशन कर रहे हैं? विषयवार एवं नामवार सूची दें। (ग) ऐसे कितने निर्देशक हैं जो अपने मूल विषय से हटकर अन्य विषयों में शोध निर्देशन कर रहे हैं? नामवार, विषयवार एवं उनके मूल विषयवार सूची देते हुए विसंगतियों का कारण बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
नायब तहसीलदार के जिलेवार स्वीकृत पद
[राजस्व]
24. ( *क्र. 3381 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में नायब तहसीलदार के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? जिलेवार संख्या बतायें। (ख) म.प्र. में पदस्थ नायब तहसीलदारों में से कितने नायब तहसीलदारों द्वारा आज दिनांक तक राजस्व अधिकारियों की विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है? जिलेवार संख्या बतावें। (ग) प्रदेश में सैकड़ों नायब तहसीलदार के पद रिक्त होने के कारण क्या किसानों, आमजनों का कार्य प्रभावित हो रहा है? (घ) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग, मंत्रालय, भोपाल की अधिसूचना क्र. एफ 1-57/स्था./प्र.रा.आ./2016/1 से क्र. एफ 1-57/स्था./प्र.रा.आ./2016/48 तक दिनांक 12-05-2016 एवं दिनांक 06-06-2016 तथा क्र. 1-57/स्था./प्र.रा.आ./2016/21 (पार्ट)/1676 दिनांक 16-03-2017 द्वारा कितने राजस्व निरीक्षकों को मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 (क्र. 20 सन् 1959) की धारा 24 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये नायब तहसीलदार के रूप में कार्य संपादन करने के लिये, उक्त संहिता में उल्लेखित तहसीलदार की शक्तियां प्रदान की गईं हैं। ऐसे सशक्त राजस्व निरीक्षक/सशक्त नायब तहसीलदार की संख्या जिलेवार बतावें? (ड.) क्या जिले में नायब तहसीलदारों के कई पद रिक्त होने के बाद भी उक्त सशक्त राजस्व निरीक्षकों से सशक्त नायब तहसीलदार का कार्य न करवाते हुये उनको वापस किया जा रहा है, जबकि जिले में कई पद नायब तहसीलदार के रिक्त पड़े हैं? (च) क्या कुछ अधिकारियों द्वारा शासन को गुमराह कर नायब तहसीलदार के रिक्त पद होने के बाद भी सशक्त नायब तहसीलदार की पदस्थापना नहीं होने दी जा रही है? (छ) क्या शासन प्रदेश में नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों की पूर्ति होने तक सशक्त राजस्व निरीक्षकों को सशक्त नायब तहसीलदार के रूप में कार्य करने हेतु पदस्थ करेगा। जिससे किसानों एवं आमजन का कार्य समय पर शीघ्र हो सके?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. में नायब तहसीलदार के कुल स्वीकृत एवं वर्तमान में रिक्त पद की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. में पदस्थ नायब तहसीलदारों में से आज दिनांक तक राजस्व अधिकारियों की विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की, की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदारों के रूप में प्रदान की गई शक्तियों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जिलों में नायब तहसीलदार पर्याप्त संख्या में पदस्थ हो जाने से राजस्व निरीक्षकों की शक्तियां वापस ली गईं हैं। (च) जी नहीं। (छ) प्रश्नांश (ड.) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिलों में नायब तहसीलदार पर्याप्त संख्या में पदस्थ हो जाने से राजस्व निरीक्षकों की शक्तियां वापस लिये जाने से आम जनता का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है।
अन्तर्राज्यीय मार्ग से शराब की दुकान का विस्थापन
[वाणिज्यिक कर]
25. ( *क्र. 2813 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अन्तर्गत जैतहरी नगर में संचालित अंग्रेजी शराब की दुकान म.प्र. व छ.ग. राज्य के अन्तर्राज्यीय मुख्य मार्ग से कितने मीटर दूर संचालित है? क्या यह मुख्य मार्ग में संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भवन स्वामी व भूस्वामी का राजस्व अभिलेख अनुसार नाम पिता का नाम तथा वर्ष 1958-59 में किस भूमि स्वामी के नाम दर्ज था वह किस वर्ग का है? (ग) क्या वर्ष 1958-59 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के भूमि स्वामी को वर्तमान भूमि स्वामी ने धोखाधड़ी कर भू-स्वामी बनकर कब्जा किया है? यदि नहीं, तो सक्षम अधिकारी की अनुमति व भूमि के ट्रांसफर की वैधानिक स्थिति बताएं। (घ) भूमि व भवन स्वामी तथा शासकीय अंग्रेजी शराब ठेकेदार के किरायानामा की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए स्पष्ट करें कि अवैध स्वत्व पर शासकीय नियंत्रण की शराब दुकान कैसे संचालित है? (ड.) क्या शराब दुकान के निकट ही स्टेट बैंक का ए.टी.एम. संचालित है? यदि हाँ, तो 2-3 वर्ष पूर्व ए.टी.एम. लूट का प्रकरण जैतहरी थाना में दर्ज है? यदि हाँ, तो लूट की राशि तथा ए.टी.एम. के निकट एम.डी.आर. रोड में शराब दुकान संचालन कराया जाना प्रशासन व जनहित में है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत ग्राम जैतहरी नगर में संचालित विदेशी मदिरा दुकान जैतहरी मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ राज्य के अन्तर्राज्यीय मुख्य मार्ग से लगभग 10 मीटर की दूरी पर संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान भू-स्वामी अभिलेख में खसरा नं. 0337/1/ख रकबा 0.030 है. भूमि स्वामी विष्णु कुमार पिता धनराज जैन सा. देह के नाम पर है। वर्ष 1958-59 के राजस्व अभिलेख में प्रश्नांश (क) भूमि बैठाली तनय टेडकू बैगा के नाम दर्ज है, जो अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं। (ग) वर्ष 1958-59 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के भूमि स्वामी को वर्तमान भूमि स्वामी ने धोखाधड़ी कर भू-स्वामी बनकर कब्जा किया है, कहा जाना संभव नहीं है। उक्त भूमि का नामांतरण क्रमांक 44 निर्णय दिनांक 03.11.1993 के अनुसार वर्तमान भूमि स्वामी के नाम पर दर्ज है। (घ) श्री नंदलाल सोनी पिता स्व. श्री गोपीलाल सोनी का ठेकेदार के द्वारा की गई किरायानामा की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जैतहरी थाने में अपराध क्रमांक 233/15 राशि रूपये 1370200/- अज्ञात के विरूद्ध दर्ज है। ए.टी.एम. के निकट एम.डी.आर. रोड में मदिरा दुकान संचालित किये जाने के संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पनागर
तहसील में
सीमांकन के
लंबित प्रकरण
[राजस्व]
1. ( क्र. 73 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की पनागर तहसील में 2-2 साल पुराने सीमांकन के प्रकरण लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या लंबित 115 प्रकरणों में सीमांकन का कार्य किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
अवैध शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
2. ( क्र. 74 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स. क्षेत्र पनागर में शराब की ब्रिकी सिर्फ अनुज्ञप्त मदिरा दुकान से किये जाने का नियम है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वि.स. क्षेत्र पनागर में वर्तमान में अनुज्ञप्त दुकान के अतिरिक्त अन्य 15-20 स्थानों में विक्रय की जा रही लायसेंसधारी के मार्का की शराब जब्त कर कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या अवैध शराब विक्रय की जाँच की जायेगी कि यह शराब कहाँ से लाकर सप्लाई की जाती है? (घ) क्या गली-गली हो रही शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किया जायेगा?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ। शराब की बिक्री सिर्फ अनुज्ञप्त मदिरा दुकान से किये जाने का नियम है। (ख) अनुज्ञप्त मदिरा दुकानों के अतिरिक्त किसी अन्य स्थलों से मदिरा के अवैध विक्रय के विरूद्ध आबकारी विभाग द्वारा निरंतर कार्यवाही की जाती है। (ग) आबकारी विभाग अंतर्गत कार्यपालिक बल द्वारा अवैध शराब विक्रय को रोकने हेतु निरंतर कार्यवाही की जाती है तथा जप्त मदिरा की आपूर्ति के संबंध में श्रोत के साथ-साथ उत्पादन एवं परिवहन एवं संग्रहण की निरंतर जाँच उपरांत आरोपी के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते हैं। (घ) विधानसभा क्षेत्र पनागर में मदिरा के अवैध बिक्री की रोकथाम के लिये पदस्थ कार्यपालिक बल द्वारा निरंतर कार्यवाही की जाती है।
सीमांकन प्रकरणों के निराकरण
[राजस्व]
3. ( क्र. 263 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत तहसील बरही एवं विजयराघवगढ़ के कृषकों द्वारा सीमांकन कराये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया है? कितने शेष हैं, जिनका सीमांकन किया जाना हैं? (ग) क्या प्रश्नाधीन सीमांकन समय-सीमा में किये गये हैं? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला कटनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत तहसील बरही एवं विजयराघवगढ़ के कृषकों द्वारा सीमांकन कराये जाने हेतु प्रस्तुत आवेदन का विवरण निम्नानुसार है :-
तहसील का नाम |
वर्ष 2015-16 |
वर्ष 2016-17 |
वर्ष 2017-18 |
वर्ष 2018-19 |
वर्ष 2019-20 |
विजयराघवगढ़ |
164 |
175 |
792 |
253 |
211 |
बरही |
74 |
117 |
318 |
161 |
124 |
योग |
238 |
292 |
1110 |
414 |
335 |
(ख) विधानसभा
विजयराघवगढ़
अंतर्गत कुल 2127
सीमांकन
प्रकरणों का
निराकरण किया
गया तथा सीमांकन
के 262
प्रकरणों का
सीमांकन किया
जाना शेष है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
विजयराघवगढ़
अंतर्गत सीमांकन
हेतु प्राप्त
आवेदन पत्रों
का निराकरण
समय-सीमा में
किया गया है।
शेष प्रश्न
लागू नहीं
होता है।
सेवा सहकारी समिति द्वारा धान खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 320 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कितनी सेवा सहकारी समिति हैं कितनी समिति किसके आदेश पर धान खरीदी करती है? आदेश की छायाप्रति देवें? (ख) वर्ष 2016 में सरकार द्वारा धान खरीदी के क्या आदेश थे? खरीदी की अंतिम तारीख क्या थी? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधियों में कितनी सेवा सहकारी समिति ने अंतिम तारीख के बाद भी धान खरीदी किसके आदेश पर किस दर से की और किसानों के खाते में कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितनी राशि किसानों को बाकी है? बाकि राशि का भुगतान कौन करेगा? (घ) बालाघाट जिल में केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट एवं उनके शाखाओं में 2016 से आज तक क्या-क्या खरीदी की, वर्षवार जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले में 126 सेवा सहकारी समितियां हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु संस्थाओं का निर्धारण कलेक्टर के अनुमोदन से किए जाने का प्रावधान था। धान उपार्जन हेतु केन्द्र निर्धारण हेतु जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। धान उपार्जन की अंतिम तारीख 15 जनवरी, 2017 निर्धारित थी। (ग) धान उपार्जन की अंतिम तारीख 15 जनवरी, 2017 के पश्चात् किसी भी समिति द्वारा धान का उपार्जन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बालाघाट जिले में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित बालाघाट एवं उनकी शाखाओं हेतु खरीदी गई सामग्रियों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
महाराजा यशवंतराव चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर में अत्याधुनिक अग्निशमन
[चिकित्सा शिक्षा]
5. ( क्र. 597 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजा यशवंतराव चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में कुछ वर्षों पूर्व शार्ट सर्किट से बच्चों का आई.सी.यू. जल गया था? क्या एक जनहित याचिका पर माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को यह निर्देशित किया है कि महाराजा यशवंतराव चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में अत्याधुनिक अग्निशमन सुविधा उपलब्ध कराई जावें? (ख) यदि हाँ, तो सरकार द्वारा इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया है? इसे कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) क्या यह सुविधा मध्यप्रदेश के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में भी है? क्या वहाँ भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) अत्याधुनिक अग्निशमक सुविधा के लिए राशि रूपये 1.00 करोड़ का बजट निर्माण एजेन्सी को आवंटित किया गया है। कार्य प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश के नवीन निर्माणरत चिकित्सा महाविद्यालयों में अग्निशमन सुविधा उपलब्ध है। पूर्व निर्मित चिकित्सालयों में परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है।
महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय, इन्दौर में बिजली एवं बिजली बैकअप की व्यवस्था
[चिकित्सा शिक्षा]
6. ( क्र. 599 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जून-2019 में बिजली कटौती के समय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर में भी लगभग तीन घंटे तक बिजली नहीं थी? क्या वर्तमान में चिकित्सालय का विद्युत कनेक्शन 11 केवीए के 2 फीडर से जुड़ा हुआ है? क्या इसे 33 केवीए से जोड़ने का प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है। यदि हाँ, तो इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया। इसे कब तक जोड़ दिया जावेगा? (ख) क्या महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में विद्युत इमरजेंसी हेतु 250 केवीए के 2 जनरेटर लगे है जो सन् 2006 में लगे थे? चिकित्सालय में कितने ब्लॉक है जो जनरेटर से जुड़े हुए नहीं है? (ग) चिकित्सालय में 2 जनरेटर के अलावा क्या 2 अतिरिक्त जनरेटर स्टैंडबाय हेतु किए जाने की कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्यों? इमरजेंसी में कोई जनहानि होती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। नवीन प्रस्ताव 33 केवीए का प्राप्त प्रशासकीय विभाग से स्वीकृति उपरांत बजट प्रावधान किया जाता है। प्रस्ताव प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। एम.वाय. चिकित्सालय में मरीजों से संबंधित सभी ब्लॉक जनरेटर से जुड़े हुए है। (ग) एम.वाय. चिकित्सालय में स्थापित दो जनरेटर के अलावा दो अतिरिक्त 500 केवीए क्षमता के जनरेटर स्टैंडबाय हेतु प्रस्ताव पर परीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध सुविधायें
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 661 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभाग द्वारा क्या-क्या सामग्री, राशि प्रतिमाह किन-किन कार्यों हेतु उपलब्ध कराई जाती है? रायसेन जिले में वर्ष 2015-16 से 15 जून तक कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) जिला रायसेन में कुपोषण की क्या स्थिति है? कुपोषित चिन्हित कितने बच्चों को उक्त अवधि में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में उपचार हेतु भर्ती किया गया? (ग) 1 जनवरी 2015 से जून 2019 तक रायसेन जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता-सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती की गई? इन भर्तियों में कितनी आपत्तियां आई तथा क्या निराकरण किया गया? (घ) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका के कितने पद रिक्त हैं उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रतिमाह पात्र हितग्राहियों को घर ले लाने जाने हेतु राशन (टेक होम राशन) तथा सामुदायिक गतिविधियों (मंगल दिवस) के आयोजन हेतु प्रतिमाह राशि रूपये 500/-उपलब्ध कराई जाती है। प्रश्नांकित अवधि में रायसेन जिले में प्राप्त राशि एवं व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जिला रायसेन में कुपोषण की स्थिति एवं चिन्हित कुपोषित बच्चों को उपचार हेतु वर्णित अवधि में पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर भर्ती कराये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में 01 जनवरी 2015 से जून 2019 तक आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों तथा भर्ती, प्राप्त आपत्तियों एवं निराकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द‘ अनुसार है।
पात्रत पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
8. ( क्र. 664 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 13 के अंतर्गत पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची वितरण के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण नहीं किया गया तथा क्यों? कारण बतायें। (ग) पात्रता पर्ची पर क्या-क्या सामग्री किस दर पर मिलती है तथा रायसेन जिले में क्या-क्या सामग्री किस दर पर दी जा रही है? (घ) पात्र व्यक्तियों को कब तक पात्रता पर्ची का वितरण किस आधार पर कैसे करवायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 25 श्रेणियों के परिवारों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है। समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर इन परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत विभागीय अमले द्वारा उचित मूल्य दुकानों से मैप किया जाता है। इस प्रकार, सत्यापित परिवारों को प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक नवीन पात्रता पर्ची जारी की जाती है तथा स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता पर्ची का वितरण किया जाता है। (ख) रायसेन जिले में माह जून, 2019 की स्थिति में राज्य की सीमा में जारी समस्त पात्रता पर्चियों को वितरण किया जा चुका है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। माह अप्रैल, 2018 से समस्त पात्रता श्रेणी के 12.22 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (ग) पात्रता पर्चीधारी परिवारों को गेहूँ, चावल, बाजरा एवं नमक रू. 1 प्रति किलो, चना रू. 27 प्रति किलो तथा केरोसीन रू. 33 से 34.50 प्रति लीटर एवं इसके अतिरिक्त अन्त्योदय अन्न योजना के पात्रता पर्चीधारी परिवारों को शक्कर रू. 20 प्रति किलो की दर से वितरण किया जाता है। रायसेन जिले में भी पात्रता पर्चीधारी परिवारों को उक्त राशन सामग्री एवं दर पर प्रदाय की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार।
खण्डवा की अनफिट बसें
[परिवहन]
9. ( क्र. 1155 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले में लोकसभा निर्वाचन के दौरान मतदान कर्मियों को हरसूद ले जाने वाली बस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी? जिसमें कई शासकीय कर्मचारी घायल हुए थे। यदि हाँ, तो दुर्घटना होने का क्या कारण था? (ख) क्या निर्वाचन कार्य में दुर्घटनाग्रस्त बस का फिटनेस कई माह पूर्व समाप्त हो चुका था? यदि हाँ, तो इसके लिये परिवहन विभाग के कौन अधिकारी जवाबदेह है? (ग) क्या खण्डवा इंदौर मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में प्रमुख कारण उन बसों का परिवहन के नियमों से उपयुक्त नहीं होना भी है? निजी बसों के वाहन चालकों वाहन के फिटनेस, वाहन बीमा आदि जाँच करने की कोई कार्ययोजना नहीं है? (घ) क्या परिवहन विभाग में सिंगल विंडो सिस्टम एवं ऑनलाइन होने के बावजूद कार्यालय में दलालों का कब्जा हो गया है? यदि हाँ, तो उक्त व्यवस्था में सुधार किया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खण्डवा जिले में लोकसभा निर्वाचन के दौरान मतदान कर्मियों को हरसूद ले जाने वाली बस क्रमांक एम पी 41 एफ 0321 दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। पुलिस थाना, नया हरसूद से प्राप्त जानकारी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) अनुसार दुर्घटना में 7 कर्मचारी घायल हुये थे एवं चालक द्वारा तेज व लापरवाही से बस को चलाकर रोड के नीचे उतारने से दुर्घटना घटित हुई थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यात्री बस क्रमांक एम पी 41 एफ 0321 का फिटनेस प्रमाण-पत्र विभागीय पोर्टल पर प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 22/08/2017 तक वैध था। वाहन के फिटनेस की समाप्ति की वैधता, फिटनेस प्रमाण-पत्र पत्र पर दर्ज होती है। फिटनेस की वैधता समाप्त होने के तीस दिन पूर्व वाहन स्वामी को नियमानुसार ऑनलाइन फार्म मय रसीद व अन्य आवश्यक वैध दस्तावेज संलग्न कर वाहन भौतिक परीक्षण हेतु कार्यालय में प्रस्तुत करना होता है। तत्पश्चात् वाहन का फिटनेस प्रमाण-पत्र कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है। उक्त वाहन में वाहन स्वामी द्वारा नियमानुसार फिटनेस हेतु कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया था। चूंकि निर्वाचन कार्य में प्राथमिकता के तहत समय-सीमा में वाहनों को उपलब्ध कराना आवश्यक होता है। इस कारण से अधिग्रहित वाहन का फिटनेस चैक करने में चूक हुई है। यद्यपि वाहन के वाहन स्वामी को जिला निर्वाचन अधिकारी के वाहन अधिग्रहण आदेश में उल्लेखित दिशा-निर्देशों के तहत वाहन अच्छी हालत में मय चालक, फुल टैंक डीजल/पेट्रोल, आईल, लाग-बुक एवं वैध दस्तावेजों के साथ उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। (ग) सामान्यतः चालकों द्वारा यातायात नियमों का पालन नहीं किये जाने से दुर्घटनाएं होती है। कार्यालय द्वारा मोटरयान नियम एवं शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में समय-समय पर व्यावसायिक एवं निजी वाहनों की चेकिंग संबंधी कार्यवाही की जाती है। जिनमें व्यावसायिक वाहनों के आवश्यक दस्तावेज जैसे परमिट, बीमा, चालक-परिचालक लायसेंस, फिटनेस, ओव्हरलोडिंग एवं निजी वाहनों में पंजीयन, बीमा एवं पी यू सी की जाँच की जाती हैं। (घ) वर्तमान में परिवहन विभाग की विभागीय वेबसाईट एवं ऑनलाइन यूजर द्वारा सभी प्रकार की फीस, टैक्स एवं ऑनलाइन आवेदन का कार्य किया जाता हैं तत्पश्चात् कार्यालय में प्राप्त उन आवेदनों का निराकरण नियमानुसार निश्चित समयावधि में किया जाता है। कार्यालय में दलालों के कब्जे जैसी कोई स्थिति नहीं है।
खण्डवा नगर तहसील की स्थापना
[राजस्व]
10. ( क्र. 1157 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले की तहसील खण्डवा अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय तहसीलों का पुनर्गठन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अधिसूचना का प्रकाशन कब किया गया एवं जिला स्तर पर इसके आदेश कब प्राप्त हुए? (ख) क्या खण्डवा नगर एवं खण्डवा ग्रामीण का तहसील कार्यालयों का कार्यविभाजन, कार्यालय की स्थापना तथा अधिकारियों के मध्य कार्यों का बंटवारा कर दिया गया है? यदि हाँ, तो खण्डवा नगर एवं ग्रामीण में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी दे? (ग) शासन द्वारा जारी अधिसूचना के उपरान्त खण्डवा नगर की तहसील कार्यालय की स्थापना के लिये राजस्व अधिकारियों द्वारा क्या प्रयास किये गये? (घ) क्या राजस्व विभाग द्वारा इस कार्य में रुचि नहीं लिये जाने के कारण नागरिकों को उक्त सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है? खण्डवा नगर के नवीन तहसील कार्यालय का लाभ जनता को किस दिनांक से मिलना आरंभ हो जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। नवीन तहसील खण्डवा नगर का सृजन आदेश दिनांक 17.12.2018 को जारी किया गया जो राजपत्र में दिनांक 28.12.2018 को प्रकाशित हुआ एवं जिला स्तर पर इसके आदेश 24 दिसम्बर 2018 को प्राप्त हुए। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खंडवा नगर की तहसील कार्यालय की स्थापना के संबंध में प्रशासनिक कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। उपलब्ध संसाधनों से नवीन शहरी तहसील खंडवा का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
दो पहियां एवं चार पहियां (कमर्शियल एवं गैर कमर्शियल) लायसेंस जारी करने की अहर्ता [परिवहन]
11. ( क्र. 1271 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दो पहियां एवं चार पहियां (कमर्शियल एवं गैर कमर्शियल) वाहन चलाने के लायसेंस हेतु कौन-कौन सी अर्हता (योग्यता) आवश्यक हैं? (ख) क्या उपरोक्त लायसेंस जारी करने हेतु लिखित परीक्षा का प्रावधान है? यदि हाँ, तो लिखित परीक्षा वर्ष में कब-कब आयोजित की जाती हैं? विगत् 01 जनवरी 2017 से आज तक बैतूल जिले में कब-कब लिखित परीक्षा आयोजित की गई तारीखवार बताएं? (ग) यातायात नियम सिखाने हेतु शासन के क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) क्या बैतूल जिले में उपरोक्त सभी नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) गैर कामर्शियलः- दो पहिया, चार पहिया वाहन चलाने के लायसेंस हेतु न्यूनतम शैक्षणिक आर्हता संबंधी प्रावधान मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 4 में तथा आयु सीमा संबंधी प्रावधान केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 नियम में उल्लेख किया गया है। व्यवसायिक वाहनः- 1. केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 4 में पते एवं आयु के सही होने का साक्ष्य प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। 2. नियम-8 में परिवहनयान चलाने की अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के लिये आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक आर्हता 8वीं स्तर उर्त्तीण होना अनिवार्य है। 3. व्यावसायिक वाहन के लाइसेंस प्राप्त करने हेतु आयु सीमा 20 वर्ष होना अनिवार्य। 4. हल्का मोटरयान चलाने के लिये कम से कम एक वर्ष पुरानी चालक अनुज्ञप्ति होना आवश्यक है। 5. राज्य शासन द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था से चालक प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। (ख) नियमों में लिखित परीक्षा का प्रावधान नहीं है। शिक्षार्थी लायसेंस का टेस्ट टेबलेट पर प्रतिदिन कार्यालय में सम्पादित किया जा रहा है। (ग) परिवहन विभाग के समस्त जिला परिवहन कार्यालयों में यातायात संकेतिक चिन्हों के बोर्ड कार्यालयों में लगाये गये हैं तथा स्कूल कॉलेजों में भी यातायात पुलिस के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है। (घ) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
12. ( क्र. 1420 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के हृदय स्थल सागर में शासन द्वारा स्थापित बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी जैसे कॉर्डियोलॉजी एवं न्यूरोलॉजी सेवायें उपलब्ध हैं? यदि नहीं, इसका क्या कारण है? (ख) क्या शासन रीवा, ग्वालियर, जबलपुर मेडिकल कॉलेजों की तरह सागर बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में भी चिकित्सा जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को देखते हुये शीघ्र ही सुपर स्पेशलिटी सेवायें उपलब्ध कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। कार्डियोलॉजी एवं न्यूरोलॉजी विभाग सुपर स्पेशलिटी के अंतर्गत आते है। (ख) भारत सरकार द्वार PMSSY योजना के अंतर्गत चिकित्सा महाविद्यालय, सागर हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय, इन्दौर में कृष्णा डायग्नोस्टिक द्वारा जाँच अनुबंध
[चिकित्सा शिक्षा]
13. ( क्र. 1596 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृष्णा डायग्नोस्टिक एवं महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय, इन्दौर के बीच अनुबंध किन शर्तों पर किया गया है? कौन-कौनसी जांचों हेतु अनुबंध किया गया? जांचों की दरें क्या निर्धारित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कृष्णा डायग्नोस्टिक के स्थापित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने मरीजों की जांचें की गई एवं चिकित्सालय द्वारा किस दर पर कृष्णा डायग्नोस्टिक को स्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना किस-किस मद से भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कृष्णा डायग्नोस्टिक से स्थापित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किराये के रूप में एवं बिजली बिल के रूप में कितनी राशि चिकित्सालय को अथवा अन्य को जमा कराई गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) अनुबंध की शर्तों व जांचों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) कृष्णा डायग्नोस्टिक के स्थापित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल 109356 मरीजों की जांचें की गई। एम.वाय.चिकित्सालय द्वारा जांचों की दरों पर कृष्णा डायग्नोस्टिक को स्थापित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के अंतर्गत आवंटित बजट में से मद क्रमांक 34-002 से रूपये 4,55,80,373/- का भुगतान किया गया। (ग) कृष्णा डायग्नोस्टिक के स्थापित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक रूपये 2,93,37,000/- किराये के रूप में प्राप्त हुए है। संस्था के नाम से स्वयं का मीटर हो कर विद्युत खपत का भुगतान संस्था द्वारा किया जाता है।
एम.वाय.
हॉस्पिटल एवं
अन्य संस्थाओं
में सर्विस
प्रोवाईडर
कम्पनी
द्वारा
अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
14. ( क्र. 1602 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज के अधीन एम.वाय. हॉस्पिटल एवं चाचा नेहरू हॉस्पिटल, मानसिक चिकित्सालय, एम.टी.एच. हॉस्पिटल, इंदौर में किस कम्पनी को सफाई, सुरक्षा, हाउस किपिंग एवं सर्विस प्रोवाईडर आदि का कार्य दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सर्विस प्रोवाईडर कम्पनी को किस शर्तों पर उक्त कार्य करने की स्वीकृति दी गई व कब से कम्पनी द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सर्विस प्रोवाईडर कम्पनी टेण्डर शर्तों के अनुसार ही कार्य कर रही है? क्या उक्त कम्पनी द्वारा किसी अन्य कम्पनी को सब कान्ट्रेक्टर पर ठेका दिया जाकर उससे कार्य कराये जा रहा है? क्या कम्पनी द्वारा सब कान्ट्रेक्टर का ठेका दिया जा सकता है? सर्विस प्रोवाईडर कम्पनी को ठेके दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है? भुगतान किस-किस मद से कब-कब किया गया? कितने कर्मचारी उक्त कम्पनी द्वारा किस-किस कार्य पर लगाये गये है? चिकित्सालय प्रशासन/कॉलेज अधीनस्थ संस्थाओं द्वारा हेडकाउंट कराया गया, कब-कब किन-किन अधिकारियों के द्वारा कर्मचारियों का निरीक्षण किया गया? क्या कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन कराया गया? हाँ या नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) भारत सरकार के केन्द्रीय उपक्रम एच.एल.एल. इन्फ्रा लि. (HITES) को दिया गया है। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं संबद्ध चिकित्सालय के अधीक्षकों द्वारा किये गये अनुबंध अनुसार कार्य करने की स्वीकृति कंसलटेंट एच.एल.एल. इन्फ्रा लि. (HITES) को दी गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। दिनांक 01.01.2018 से संस्था द्वारा कार्य किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। भारत शासन के 100 प्रतिशत केन्द्रिय उपक्रम एच.एल.एल. इन्फ्रा लि. (HITES) द्वारा यू.डी.एस कंपनी के माध्यम से अनुबंध शर्तों के अनुसार कार्य कराया जा रहा है। भुगतान का मदवार, वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। चिकित्सा महाविद्यालय, म.प्र. चिकित्सालय कैंसर चिकित्सालय, मानसिक चिकित्सालय, बॉयज/गर्ल्स मेडिकल हॉस्टल, एम.टी.एच. हॉस्पिटल, नर्सिंग महाविद्यालय हॉस्टल आदि स्थानों पर एवं सफाई (हाउसकीपिंग), सुरक्षा, डाटा एंट्री, वार्ड बॉय, तकनीकी कुल 655 कर्मचारी आदि लगाये गये है। जी हाँ। प्रत्येक दिवस संबंधित चिकित्सालय अधीक्षक/प्रभारी अधिकारी द्वारा निरीक्षण एवं कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाता है।
देशी एवं विदेशी मदिराओं के संचालन
[वाणिज्यिक कर]
15. ( क्र. 1713 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नीमच में वर्तमान में देशी एवं विदेशी मदिरा की कुल कितनी दुकानें संचालित हैं। स्थान सहित विस्तृत ब्यौरा दें। (ख) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कहाँ-कहाँ पर अवैध देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानों का संचालन होने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। (ग) पंजीबद्ध प्रकरण किन-किन धाराओं के तहत दर्ज हैं तथा कितने प्रकरणों में चालान पेश हो गये हैं तथा कितने जाँच अधीन है। धारा एवं थाने का नाम सहित पूर्ण विवरण दें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जिला नीमच में वर्तमान में 46 देशी मदिरा एवं 08 विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित हैं। स्थान सहित विस्तृत ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में अवैध देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानों का संचालन होने पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध संबंधी जानकारी निरंक है। (ग) जिला नीमच में आबकारी एवं पुलिस विभाग द्वारा देशी मदिरा एवं विदेशी मदिरा के अवैध धारण एवं विक्रय संबंधित कुल 980 प्रकरण आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत पंजीबद्ध किये जाकर 986 आरोपी गिरफ्तार किये गये तथा 954 चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिये गये है एवं 25 प्रकरण जाँच अधीन है। वृत्तवार/थानावार आबकारी अधिनियम के तहत् पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों, धाराओं तथा प्रकरणों में चालान पेश होने व जाँच अधीन प्रकरणों, थानों के नाम सहित विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
आबकारी नीति का पालन
[वाणिज्यिक कर]
16. ( क्र. 1896 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के आबकारी नीति के तहत स्कूलों, धार्मिक स्थलों, प्रमुख बाजारों से 100 मीटर दूर शराब की दुकानें हटाने की नीति का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो ग्वालियर जिले में इस नीति का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों एवं लायसेंस धारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ख) प्रदेश के विभिन्न जिलों में कितने नशा मुक्ति केन्द्र तथा पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं? क्या सरकार द्वारा ब्लाक स्तर पर नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित किये जायेंगे? (ग) क्या बिहार की तरह म.प्र. को नशा मुक्ति प्रदेश बनाने की कोई नीति सरकार बनायेंगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम-1915 के अन्तर्गत संरचित सामान्य प्रयोग के नियम-1 के तहत् धार्मिक स्थलों, शैक्षणिक संस्था, वैध गर्ल्स होस्टल, अस्पताल, अनुसूचित जाति के सदस्यों की कॉलोनी, श्रमिक कॉलोनी से 50 मीटर के अन्दर देशी/विदेशी मदिरा दुकान संचालित न होने का प्रावधान है। उक्त प्रावधान के अन्तर्गत मदिरा दुकानें आपत्ति रहित स्थल पर संचालित/स्थापित हैं। उपायुक्त आबकारी, ग्वालियर से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार, जिला ग्वालियर की देशी मदिरा दुकान नयागांव की चतुर्सीमा के सत्यापन हेतु समिति गठित की जाकर दिनांक 15.05.2019 को उक्त दुकान की चतुर्सीमा के सत्यापन किये जाने पर पाया गया कि देशी मदिरा दुकान नयागांव, शा.उ.मा. विद्यालय के मुख्य द्वार से 45.5 मीटर की दूरी पर है जो मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत निर्मित सामान्य प्रयोग नियम-1 का उल्लघंन है। सहायक आबकारी आयुक्त, जिला ग्वालियर की ओर से पत्र क्रमांक 3124 दिनांक 06.07.2019 से लायसेंसी श्री प्रवीण शिवहरे डायरेक्टर, कमला इन्फ्राट्रेडकॉम प्रा.लि. को उक्त मदिरा दुकान 07 दिवस के अन्दर अन्यत्र स्थान पर स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया है। लायसेंसी द्वारा निर्धारित समयावधि के अन्दर यदि उक्त दुकान का संचालन अन्यत्र स्थान पर नहीं किया जाता है, तो मदिरा का विक्रय, उक्त दुकान से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा। इस संबंध में आबकारी उपनिरीक्षक श्री तीर्थराज भारद्वाज को, जिनके द्वारा इस दुकान की चतुर्सीमा अंकित की गई थी, आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, ग्वालियर के आदेश पृष्ठां.क्रं./2 (ब)/वि.जा./17-2019/897 दिनांक 12.07.2019 से निलंबित किया जाकर, निलंबित अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय सहायक आबकारी आयुक्त, जिला रीवा किया गया है। (ख) आबकारी विभाग से संबंधित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
फसल बीमा राशि नहीं मिलना
[राजस्व]
17. ( क्र. 2036 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष फरवरी 2018 में लगभग 50 गांवों में गेहूँ और चने की फसल भीषण ओलावृष्टि में पूरी तर नष्ट हो गई थी जिसका सर्वे कार्य राजस्व, कृषि विभाग द्वारा किया गया था एवं बीमा कंपनी को भी सूचित किया गया था। (ख) इन गांवों के किसानों को यह आश्वासन दिया गया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अतिशीघ्र दिलवा दिया जावेगा किन्तु लगभग डेढ़ वर्ष का समय बीतने पर भी बीमा राशि किसानों को नहीं मिली है। (ग) बीमा कंपनी एवं बैंकों के द्वारा कोई संतोषजनक जवाब किसानों को नहीं दिया जा रहा है? बीमा राशि मिलने में हो रहे विलम्ब का क्या कारण है। (घ) क्या आगामी एक दो माह में बीमा राशि किसानों को मिलने की संभावना है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 52 गावों का सर्वे कर जानकारी प्रेषित किया गया था। (ख) जी हाँ। फसल बीमा योजना के तहत पात्रता अनुसार किसानों को बीमा राशि उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश ’ख’ अनुसार प्रस्ताव स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना बाबत्
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 2064 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांर्गत दिनांक 15 जून 2019 की स्थिति में कहाँ-कहाँ नल-जल योजना स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजना में से कितनी योजनायें संचालित हो रही हैं एवं कितनों में जल आपूर्ति बाधित है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित स्वीकृत योजनओं में से कितनी योजनायें निर्माणाधीन हैं एवं कब तक इसका लाभ स्थानीय नागरिकों को मिलने लगेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित जल आपूर्ति बाधित योजनाओं का संचालन कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में कुल 103 नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 70 नल-जल योजनाएं संचालित एवं 12 योजनाओं में जल आपूर्ति बाधित है। (ग) 4 योजनाएं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गौशालाओं की भूमि आवंटन बाबत्
[राजस्व]
19. ( क्र. 2065 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौशालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? आवेदन प्राप्ति के कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण होना चाहिए? (ख) प्रश्नांश दिनांक की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों सहित बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण कब से क्यों, किस स्तर पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (घ) गौशालाओं के भूमि आवंटन के लंबित प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में हो इस हेतु विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) गौशालाओं को भूमि आवंटन के लिये विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ-16-6/07/सात/2ए दिनांक 4.9.2008 एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पत्र 124/348/2019/पं.-1/22 दिनांक 06.02.2019 प्रसारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल संभाग के अंतर्गत जिला विदिशा, सीहोर, राजगढ़, रायसेन में गौशालाओं के भू-आवंटन का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। जिला भोपाल में 10 ग्रामों के गौशाला हेतु भूमि आवंटन के प्रस्ताव जिला स्तरीय गौशाला समन्वयन समिति को अनुमोदन हेतु भेजे गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘’ख’’ में दर्शित प्रकरणों के निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला सशक्तिकरण एवं महिला बाल विकास का गठन
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 2090 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2018 में एकीकृत बाल विकास योजना संचालनालय एवं महिला सशक्तिकरण संचालनालय को समाप्त कर संचालनालय महिला एवं बाल विकास गठित किया गया है? (ख) क्या संभाग एवं जिला स्तर पर संचालित कार्यालयों को भी समाप्त कर संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास किया गया है? क्या संभाग एवं जिला स्तर पर महिला सशक्तिकरण कार्यालय समाप्त किये जाने के उपरान्त भी इन अधिकारियों को आहरण-संवितरण अधिकार प्रदान किये गये हैं यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा संभाग स्तर पर दोनों कार्योंलयों के अमले को जिला कार्यक्रम अधिकारी के अधीन पदस्थ किया गया है यदि हाँ, तो शासन आदेश के विरूद्ध प्रदेश में अभी तक किस-किस संभाग एवं जिलों में पृथक-पृथक कार्यालय संचालित किए जाकर पृथक-पृथक कार्य संचालित किया जा रहा है? इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ, क्योंकि वित्त विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष के प्रथम चार माह के लिये दोनों संचालनालयों हेतु निहित बीसीओ कोड में बजट प्रावधान रखा गया है। (ग) संभाग एवं जिला स्तर पर एकीकरण की प्रक्रिया प्रगति पर है। संभागवार, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेष कार्रवाई का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्यों में की गई अनियमित्ता
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 2132 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ की जनपद पंचायत सारंगपुर अंतर्गत आई.सी.डी.एस. मिशन योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कितने आंगनवाड़ी भवन उन्नयन के कितने कार्य स्वीकृत किये गये थे, स्वीकृत कार्य का पंचायतवार, ग्रामवार, राशि निर्माण एजेंसी के विवरण से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से प्रश्न दिनांक तक कितने कितनें आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य पूर्ण, अपूर्ण तथा अप्रारम्भ की स्थिति में है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार अपूर्ण/अप्रारम्भ आंगनवाड़ी भवनों की शेष राशि निर्माण एजेन्सी द्वारा आहरित कर ली गई या उनके खातों में जमा है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार दर्शित आहरित राशि करने के उपरान्त भी आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य न कराया गया है तो उनकों शासकीय राशि का गबन करने का दोषी ठहराते हुये उनके विरूद्ध कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी एवं अपूर्ण/अप्रारम्भ आंगनवाड़ी भवनों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला राजगढ़ की जनपद पंचायत सारंगपुर में आई.सी.डी.एस. मिशन योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी भवनों के उन्नयन कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। शेष का प्रश्न ही नहीं है। प्रश्नांश (ख) से (घ) की जानकारी निरंक है।
रीवा जिले में चावल की सप्लाई
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 2257 ) श्री कमल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 जनवरी, 2019 से 19 जून, 2019 के मध्य रीवा जिले में 75 हजार क्विंटल चावल परिवहनकर्ता एवं मिलर्स की सांठ-गांठ से गोदामों में न रखते हुये सीधे अन्य जिलों में भेज दिया गया? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी है? (ख) उपरोक्त चावल की कुल कीमत कितनी है तथा क्या इसमें दोषी पाये जाने वाले परिवहनकर्ता एवं मिलर्स के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई तथा यदि नहीं, की गई तो क्यों नहीं की गई? कारण बताएं। (ग) उपरोक्त प्रकरण में कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या यह कृत्य आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है? (घ) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किस-किस मिलर्स को कितना-कितना धान कब-कब चावल बनने हेतु दिया गया था? मिलर्स द्वारा कब-कब कितना-कितना चावल वापस किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माह जून 2019 में रीवा जिले से शिवपुरी जिले को प्रेषित किए गए 3 रेक से 77766.12 क्विंटल चावल भेजा गया है। इसमें से मिलर्स के यहां से सीधे रेक में 52785.40 क्विंटल एवं गोदाम से 24980.72 क्विंटल प्रेषित किया गया है। इस संबंध में राज्य स्तरीय जाँच दल द्वारा जिले में जाँच कर जिला प्रबंधक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं जिला प्रबंधक म.प्र. स्टेट वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन की लापरवाही प्रतिवेदित किया है। (ख) उपरोक्त चावल की कुल कीमत 24,93,83,504/- रूपये है। प्रकरण में अनियमितता पाए जाने से 24 राइस मिलर्स को प्रबंध संचालक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन भोपाल द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त प्रकरण में राज्य स्तरीय जाँच दल द्वारा जिले में जाँच कर शाखा प्रबंधक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं जिला प्रबंधक म.प्र. स्टेट वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन को दोषी प्रतिवेदित किया है। प्रबंध संचालक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन भोपाल के आदेश क्रमांक/स्थापना/2019/294 दिनांक 14/06/2019 से दोषी पाए गए जिला प्रबंधक श्री राकेश चौधरी को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक मुख्यालय भोपाल उपार्जन शाखा में संलग्न किया गया है। प्रबंध संचालक म.प्र. वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के आदेश क्रमांक/मपवेलाक/स्था.-07/2137 दिनांक 01/07/2019 से श्री संतोष कुमार खलको प्रबंधक (गु.नि.) शाखा प्रबंधक, म.प्र. वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन शाखा रीवा की सेवाएं आगामी आदेश तक वाणिज्य शाखा मुख्यालय भोपाल में संबंद्ध की गई हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भिण्ड जिले में प्रायवेट बस ऑपरेटरों द्वारा टैक्स नहीं देना
[परिवहन]
23. ( क्र. 2296 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2019 की स्थिति में भिण्ड जिले में कितने प्रायवेट बस ऑपरेटरों को परमिट जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने बस ऑपरेटरों ने कर (टैक्स) जमा किया? कितनों ने नहीं? (ग) विगत एक वर्ष में कितने बस ऑपरेटरों पर बिना परमिट व टैक्स जमा नहीं करने पर चालानी कार्यवाही की गई? कितनों के परमिट रद्द किये गये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 31 मार्च 2019 की स्थिति में प्रायवेट बस ऑपरेटरों को भिण्ड जिले से कुल 17 अस्थायी परमिट जारी किये गये हैं। भिण्ड जिले हेतु संभागीय परिवहन कार्यालय मुरैना से 114 स्थायी परमिट जारी किये गये हैं। (ख) प्रश्न दिनांक तक कुल 100 ऑपरेटरों द्वारा टैक्स जमा किया गया है शेष 14 ऑपरेटरों द्वारा टैक्स जमा नहीं किया गया है। (ग) विगत एक वर्ष में 74 बस ऑपरेटरों पर बिना परमिट व टैक्स जमा नहीं करने पर उनके विरूद्ध चालानी कार्यवाही की गई।
गंगा बावड़ी पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 2517 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंगाबावड़ी तह. मनासा पेयजल परियोजना में किन गाँवों के कौन-कौन से वार्डों में पेयजल लाइन डालना प्रस्तावित थी? (ख) ठेकेदार से सम्पादित अनुबंध एवं योजना से सम्बंधित निर्देश एवं उनकी मॉनिटरिंग की जानकारी दें। (ग) कितनी मात्रा में पेयजल कहाँ-कहाँ उपलब्ध कराया जाना था? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने गाँवों से कार्य पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्त किये जा चुके है? (ड.) स्थानीय जल उपभोक्ता/जल वितरण समितियाँ बनायी जाना है अथवा नहीं और यदि हाँ, तो नीमच जिलान्तर्गत कहाँ-कहाँ समितियां बन गई, नहीं बनी तो क्यों नहीं बनाई गई? (च) क्या स्थानीय जल उपभोक्ता/जल वितरण समितियाँ बनायी गई क्या वे अपना कार्य सुचारु रूप से कर रही है अगर नहीं तो उन्हें बदलने के क्या प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अनुबंधानुसार कराये गये योजना के कार्यों की मॉनिटरिंग सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल के अंतर्गत पदस्थ तकनीकी अमले एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई, इंदौर अंतर्गत पदस्थ मध्यप्रदेश जल निगम के विभागीय तकनीकी अमले द्वारा की गई है। (ग) गंगाबावड़ी समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित गांवों में अनुबंध अनुसार 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित था। (घ) योजना में सम्मिलित सभी ग्रामों में अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण किया गया है, जिसका सत्यापन जल निगम के अंतर्गत सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल इकाई तथा परियोजना क्रियान्वयन इकाई के तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया जाता है। (ड.) जी नहीं, अपितु मध्यप्रदेश ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजना संचालन एवं संधारण नियम 2014 के अनुसार ग्राम की आंतरिक जलप्रदाय व्यवस्था के संचालन हेतु योजना में सम्मिलित 30 ग्रामों में से 29 में पेयजल उप समितियों का गठन किया गया है, 1 ग्राम में ग्रामीणों में आपस में विवाद होने के कारण ग्राम पेयजल समिति गठित नहीं हो सकी है। (च) जी नहीं, शेष जानकारी उत्तरांश (ड.) अनुसार है। गठित सभी समितियां सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
रीवा जिले के देव तालाब से तमरी सड़क को राजस्व रिकार्ड में म.प्र. शासन दर्ज करने बाबत्
[राजस्व]
25. ( क्र. 2531 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के तहसील मऊगंज अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मंडल में देवतालाब से तमरी सड़क का निर्माण कई दशक पूर्व किया गया थ, जिसका डामरीकरण पहले लोक निर्माण विभाग तथा बाद में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़क का निर्माण किया गया? यह सड़क देवतालाब सोनवर्षा, घुघरी, पिपरी, ढनगन, पटपरा, तडौरा, पनिगवा, शुकुलगवां, तमरी आदि गांवों से निकलती है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क राजस्व निरीक्षक मण्डल देवतालाब के किन-किन पटवारी हल्का से निकलती है तथा पटवारी हल्कावार खसरा नम्बर एवं रकबा का विवरण देवें। (ग) क्या उक्त प्रश्नांकित सड़क कई पटवारी हल्का में राजस्व रिकार्ड में भूमिस्वामी के कालम में म.प्र. शासन एवं विवरण में सड़क दर्ज है परंतु कई पटवारी हल्का में केवल सड़क दर्ज है और भूमिस्वामी के काल में व्यक्तियों का नाम दर्ज है? जिससे बार-बार सड़क की मरम्मत में बाधा उत्पन्न होती है और सड़क में अतिक्रमण भी किया जा रहा है जबकि इस सड़क से सैकड़ों की तादाद में वाहन एवं कई हजार यात्रियों को आवागमन होता है। (घ) उक्त प्रश्नांकित सड़क में जहां भूमिस्वामी के कालम में म.प्र. शासन दर्ज नहीं है क्या वहां भी म.प्र. शासन दर्ज किया जायेगा तथा जिन राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सड़क को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों की पटवारी हल्कावार खसरा नम्बर एवं रकबा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) देवतालाब तमरी मार्ग में कुल 9 पटवारी हल्कों के 15 ग्रामों में से कुल किता 31 रकबा 3.100 है. शासकीय भूमि दर्ज है। प्रचलित मार्ग में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है। प्रश्नांकित मार्ग में कुल किता 151 रकबा 6.666 है. भूमि में भूमिस्वामियों के नाम अभी भी दर्ज है। (घ) न्यायालयीन विधि एवं प्रक्रिया अंतर्गत भूमि म.प्र.शासन रास्ता दर्ज कराये जाने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
26. ( क्र. 2549 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर एवं नगर की दो कि.मी. की परिधि अंतर्गत आने वाली शासन के स्वामित्व की राजस्व एवं नजूल भूमियों पर विगत वर्षों में लगातार अवैध कब्जे, अवैध निर्माण कार्य एवं अवैध आधिपत्य कर उन्हें षडयंत्र पूर्वक निजी भूमियों के नाम पर नामांतरण करवाये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा नगर की सीमा से लगी भूमि सर्वे क्र. 960 (नवाबी रियासत की घुडदौड़) 30 से 40 फीट चौड़ाई की होकर लगभग 5 कि.मी. से अधिक लंबाई की दूरी की है, जिस पर अनेक विभिन्न अतिक्रमण किये जा रहे है? (ग) साथ ही भूमि सर्वें क्र. 640 एवं 670 (ताल नाका क्षेत्र) तथा जावरा क्लब की सर्वे क्र. 94 रकबा 0.544 पर एवं नगर में काटी गई कालोनियों के अंतर्गत भी शासकीय भूमियों पर अवैध निर्माण एवं अवैध कब्जे किये गये है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित चिन्हित स्थानों के साथ ही शासन के राजस्व एवं नजूल रिकार्ड के दस्तावेजों में अंकित रिकार्ड के अनुसार स्थल पर अवैध कब्जे अतिक्रमण एवं किये गये अवैध निर्माण कार्यों को हटाये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 की अवधि तक क्या-क्या कार्यवाहियाँ की गई? उसके क्या परिणाम आए एवं अतिक्रमण मुक्त किये जाने हेतु आगामी क्या-क्या कार्यवाहियां की जा रही हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं। कस्बा जावरा स्थित सर्वे क्रमांक 960 रकबा 0.379 हे. भूमि निजी स्वामित्व की भूमि है बतौर भूमिस्वामी मेसर्स गोल्ड स्टार इंफ्रा.प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा अधिकृत प्रवीण पिता पारसमल बर्डिया वगेराह अन्य 2 दर्ज है। (ग) जी नहीं। कस्बा जावरा के ताल नाका क्षेत्र में सर्वे क्रमांक 640 रकबा 1.417 हे. मद रास्ता नजूल शासकीय एवं सर्वे क्रमांक 670 रकबा 0.025 हे.कुआं निजी ग्राम कुम्हारी के जावरा क्लब क्षेत्र के सर्वे क्रमांक 94 रकबा 0.544 हे. में आउटडोर व इनडोर स्टेडियम नगर पालिका परिषद् जावरा के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है तथा इन भूमियों में अवैध निर्माण नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
बालिका सुधार गृह के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
27. ( क्र.
2550 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा केन्द्र/राज्य
प्रवर्तित
योजनाओं के
माध्यम से
निराश्रित
बालिकाओं एवं
महिलाओं हेतु
रतलाम, मंदसौर एवं
नीमच जिला
अंतर्गत
किन-किन स्थानों
पर कौन-कौन से
केन्द्र
शासनाधीन
होकर संचालित
किये जा रहे
है? (ख) साथ
ही उपरोक्त
तीनों जिला
अंतर्गत
शासनाधीन
होकर केन्द्र
किन-किन स्थानों
पर कार्यरत है? पते
सहित सक्षम
अधिकारी/कर्मचारियों
के नाम सहित
एवं वहां पर
रह रही बालिकाओं
एवं महिलाओं
की संख्या
सहित जानकारी
दें। (ग) बताएं
कि क्या शासन/विभाग
के शासनाधीन
केन्द्रों
के अतिरिक्त
निजी संस्थाओं, एन.जी.ओ., सामाजिक
संस्थाओं
अथवा अन्य
किसी और माध्यम
से भी उक्ताशय
के कार्य किये
जाते रहे हैं? (घ) यदि
हाँ, तो
उपरोक्त उल्लेखित
प्रश्नागत (क) (ख) (ग) अंतर्गत
आने वाली समस्त
गतिविधियों
हेतु वर्ष 2014-15 से
लेकर वर्ष 2018-19 तक
की अवधि में
केन्द्रों
पर मारपीट, दुर्व्यवहार, यौन
प्रताड़ना
इत्यादि
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई? उन पर
क्या
कार्यवाही
हुई, साथ
ही केन्द्रों
के संचालन
हेतु उपरोक्त
वर्षों में
वर्षानुसार
कितनी बजट राशि
प्राप्त
होकर कितना व्यय
हुआ?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
इमरती देवी ) : (क) वर्तमान
में मंदसौर
एवं नीमच जिले
में निराश्रित
बालिकाओं के
लिए बालिका गृह
एवं शिशु गृह
संचालित है
एवं महिलाओं
हेतु स्वाधार
गृह संचालित
नहीं है। जिला
रतलाम में
बालिकाओं के
लिए कोई आश्रय
गृह एवं
स्वाधार गृह
संचालित नहीं
है। पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार
है। (ख) पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार
है। (ग) जी
हाँ। पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार
है। (घ) हाँ, प्रश्नागत
(क) (ख) (ग) अंतर्गत
आने वाली
समस्त
गतिविधियों
हेतु वर्ष 2014-15 से
लेकर वर्ष 2018-19 तक
की अवधि में
अशासकीय
संस्था कुंदन
वेलफेयर, रतलाम
द्वारा
संचालित बालिका
गृह पर मारपीट, दुर्व्यवहार, यौन
प्रताड़ना की
एक शिकायत
प्राप्त हुई
है। जाँच
समिति द्वारा जाँच
किये जाने के
पश्चात उक्त
बालिका गृह को
बंद कर दिया
गया है एवं
संबंधित के
विरूद्ध
आपराधिक
प्रकरण दर्ज किया
गया है प्रकरण
न्यायालय में
विचाराधीन हैं। पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार
है। केन्द्रों
के संचालन
हेतु उपरोक्त वर्षों
में
वर्षानुसार
बजट राशि
प्राप्त होकर
व्यय की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार
है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में हो रही अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
28. ( क्र. 2600 ) श्री राकेश गिरि : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत बाल विकास परियोजना टीकमगढ़ शहर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? शहरी परियोजना के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत किस समूह द्वारा नाश्ता, भोजन एवं थर्डमील का प्रदाय वर्तमान में किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्रदायकर्ता समूह द्वारा प्रदाय नाश्ता एवं भोजन की गुणवत्ता परीक्षण हेतु शासन द्वारा क्या व्यवस्था नियत है? यदि हाँ, तो समूह द्वारा केन्द्रों में प्रदाय नाश्ता, भोजन एवं थर्डमील की गुणवत्ता का परीक्षण कब-किस समिति द्वारा कराया गया? वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों के नाश्ता एवं भोजन रात में तैयार किया जाकर सुबह 12 बजे केन्द्रों में वितरित किया जाता है, जिससे नाश्ता एवं भोजन खराब स्थिति में वितरित होता है तथा नाश्ता एवं भोजन की गुणवत्ता बच्चों के खाने योग्य न होने के बाद भी निरंतर प्रदाय किया जा रहा है? इस अव्यवस्था के लिये कौन जिम्मेदार है और जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) टीकमगढ़ शहरी क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से 2019-20 प्रश्न दिनांक तक समूहों को भुगतान की गई कुल राशि का विवरण उपलब्ध करायें। यदि समूह द्वारा अनियमितता की जाना पाई जाती है तो क्या समूह के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये समूह को हटाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) टीकमगढ़ नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत बाल विकास परियोजना टीकमगढ़ शहरी में 74 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। शहरी परियोजना के समस्त 74 आंगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत चन्दा स्व सहायता समूह टीकमगढ़ द्वारा निर्धारित मीनू अनुसार नाश्ता, भोजन एवं थर्डमील का प्रदाय वर्तमान में किया जा रहा है। (ख) विभाग द्वारा पोषण आहार व्यवस्था के संबंध में जारी निर्देशों के अनुक्रम में महिला स्व सहायता समूह द्वारा प्रदाय नाश्ता एवं भोजन को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्रतिदिन चखकर एवं सप्ताह में कम से कम एक बार मातृ सहयोगिनी समिति/वरिष्ठ नागरिक की उपस्थिति में खाद्य सामग्री की मात्रा एवं गुणवत्ता परीक्षण के उपरांत ही हितग्राहियों को वितरण किये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी द्वारा परीक्षण प्रतिवेदन की सत्यापित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शहरी क्षेत्र के 74 आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनुबंधित समूह द्वारा प्रतिदिन ताजा पका हुआ नाश्ता एवं भोजन गुणवत्ता पूर्ण प्रदाय किया जाता है। समूह द्वारा नाश्ता एवं भोजन खराब स्थिति में वितरण संबंधी कोई षिकायत प्राप्त नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) टीकमगढ़ शहरी क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से 2019-20 (अप्रैल 2019) तक भुगतान राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। समूह द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित नाश्ता एवं भोजन के संबंध में कोई अनियमितता की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल एवं पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 2653 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के मझौली विकासखण्ड में बनास नदी आधारित समूह नल-जल योजना की स्वीकृति कब और कितनी राशि की गई थी? स्वीकृत राशि के साथ कितनी राशि व्यय की गई है? नल-जल योजना को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मझौली विकासखण्ड में बनास नदी आधारित समूल नल-जल योजना आज दिनांक तक पूर्ण नहीं की जा सकी है? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? दोषी अधिकारी व कर्मचारी एवं संविदाकार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अपूर्ण समूह नल-जल योजना को कब तक पूर्ण कराकर नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजना के संबंध में कितनी बार क्षेत्रीय विधायक के द्वारा शिकायत की गई है? तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) सीधी जिले के मझौली विकासखण्ड में बनास नदी आधारित समूह जल प्रदाय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 19.07.2013 को लागत रू. 81.6621 करोड़ की प्रदान की गई थी। इस योजना पर प्रश्न दिनांक तक रू. 51.19 करोड़ की राशी व्यय की गई है। योजना को दिनांक 30 सितम्बर 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) बनास नदी आधारित मझौली समूह जल प्रदाय योजना के प्रस्तावित कार्य सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभयारण्य एवं संजय दूबरी टाईगर रिजर्व अंतर्गत होने के फलस्वरूप कार्यां की अनुमति राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड से प्राप्त करने में समय लगने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ। योजना पूर्ण होने पर हुये विलम्ब का विस्तृत विश्लेषण किया जाकर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जा सकेगा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 30 सितम्बर 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। योजना पूर्ण होने पर पेयजल प्रदाय किया जा सकेगा। (घ) कोई शिकायत इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही के साथ अतिक्रमण मुक्ति
[राजस्व]
30. ( क्र. 2668 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में कितने शासकीय तालाब स्थित हैं? उनमें से कितने तालाबों में अतिक्रमण किया गया है? अतिक्रमण हटाने बावत् क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। वर्तमान में किनके द्वारा तालाबों पर अतिक्रमण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय तालाबों के अतिक्रमण मुक्त कराये जाने बावत् शासन ने क्या कार्य योजना तैयार की है? क्या तालाबों के स्वरूपों में परिवर्तन कर अतिक्रमण किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में तालाबों के सुरक्षा अतिक्रमण मुक्त कराये जाने एवं उसके सौंदर्यीकरण एवं विकास बावत् क्या शासन द्वारा राशि प्रदान की गई? प्रश्नांश (क) के अनुसार जिले में कितने ऐसे तालाब हैं जिनसे सिंचाई की जाती है? यह भी बतावें कि इनसे मिलने वाले राजस्व का उपयोग किन कार्यों में किया गया एवं कितने तालाब नवीन सिंचाई बावत् तैयार करने हेतु जमीने अधिग्रहित की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तालाबों के रख-रखाव अतिक्रमण मुक्त कराये जाने उनके गहरीकरण हेतु क्या शासन ने कोई नीति एवं नियम तैयार किये हैं, यदि हाँ, तो प्रति दें। राजस्व अभिलेखों में दर्ज रकबे अनुसार तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कब तक करा देंगे आज दिनांक तक इस बावत् कार्यवाही न करने के लिए किन राजस्व अधिकारियों को दोषी मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राप्त राजस्व का दुरूपयोग करने के जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कुल 1088 शासकीय तालाब स्थित है। उनमें से 62 तालाबों पर अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदारों द्वारा भू-राजस्व संहिता की धारा 248 की तहत नियमित रूप से कार्यवाही की जाती है वर्तमान में जो प्रकरण संज्ञान में है उनमें तालाबों के आसपास के रहवासियों द्वारा सामान्यत: अतिक्रमण किया गया है। (ख) जिले में तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने के लिए म.प्र. भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही निरन्तर की जाती है। जिले में वर्तमान में तालाबों के स्वरूपों में परिवर्तन कर अतिक्रमण नहीं किया गया है। (ग) राजस्व विभाग से तालाबों की सुरक्षा अतिक्रमण मुक्त कराये जाने एवं सौंदर्यीकरण/विभाग हेतु कोई राशि प्रदान नहीं की गई है। जिले में शासकीय तालाबों से सिंचाई नहीं की जा रही है। इसलिए राजस्व प्राप्ति का प्रश्न ही नहीं है। (घ) जी नहीं। जिलों के तालाबों की सुरक्षा हेतु शासन की कोई पृथक नीति/नियम नहीं है। जिले में जिन तालाबों में अतिक्रमण है उनमें तहसीलदार द्वारा भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही नियमित रूप से की जाती है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
प्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना से लाभांवित कृषक
[राजस्व]
31. ( क्र. 2744 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा इस वर्ष प्रारंभ की गई किसान सम्मान निधि योजना में प्रदेश के लगभग कितने किसान परिवारों को लाभ प्राप्त होगा? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार इस योजना को प्रदेश में कब तक लागू किया जायेगा? अभी तक लागू न किये जाने के क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पात्रता परीक्षण की कार्यवाही की जा रही है। तदुपरांत पात्र किसान परिवारों को लाभ प्राप्त होगा। (ख) योजना प्रदेश में लागू है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
समर्थन मूल्य में बोनस की राशि प्रदाय करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 2777 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में किसानों के समर्थन मूल्य पर धान एवं गेहूँ खरीदी का समर्थन मूल्य का निर्धारण केन्द्र सरकार द्वारा नियत किया जाता है? केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर प्रदेश सरकार अपना अंश मिलाकर बोनस के रूप में अतिरिक्त मूल्य किसानों को अभी तक प्रदाय करती आई है। लेकिन इस वर्ष धान एवं गेहूँ के समर्थन मूल्य की खरीदी में बोनस क्यों नहीं दिया है? उपार्जन वर्ष 2018-19 में गेहूँ का समर्थन मूल्य क्या था? इसमें राज्य सरकार ने कितना बोनस दिया है? कृषक संख्यावार, तहसीलवार, पटवारी हल्कावार विवरण सहित बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि बोनस नहीं दिया गया है तो कब तक कितना बोनस दिया जावेगा? उपार्जन वर्ष 2018-19 में प्रदेश में कितने गेहूँ की खरीदी हुई है, खरीदी केन्द्रवार किसानों के संख्यात्मक विवरण सहित स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। राज्य सरकार द्वारा धान एवं गेहूँ उपार्जन पर विपणन वर्ष 2014-15 तक समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस की राशि का भुगतान किसानों को किया गया है। भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूँ पर बोनस दिए जाने की स्थिति में राज्य की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य योजनांतर्गत आवश्यकता के अतिरिक्त उपार्जित खाद्यान्न मात्रा का निराकरण राज्य को ही करने एवं उस पर होने वाला व्यय राज्य को वहन करने के निर्देश के कारण राज्य सरकार द्वारा उपार्जन मात्रा पर बोनस नहीं दिया जा रहा है। रबी विपणन वर्ष 2018-19 में गेहूँ का समर्थन मूल्य रू. 1735 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा गेहूँ उपार्जन पर बोनस का भुगतान न करने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न पर बोनस दिए जाने पर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान के कारण राज्य के किसानों को रबी विपणन वर्ष 2019-20 में बोनस नहीं दिया गया है। रबी विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर 73.16 लाख मे.टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। जिलेवार उपार्जन मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश में वाटर लेवेल की स्थिति व जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 2838 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में फरवरी 2019 की स्थिति एवं जून 2019 की स्थिति में वाटर लेवेल की स्थिति क्या-क्या है? (ख) फरवरी 2019 से अभी तक प्रदेश के किन-किन जिलों/तहसीलों को जल अभावग्रस्त घोषित किया गया है? (ग) प्रश्नांक (ख) की अवधि में पेयजल संकट को दूर करने हेतु क्या-क्या योजनाएं शासन स्तर पर लागू की गई हैं? जल अभावग्रस्त जिलों/तहसीलों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जून 2019 तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आवश्यकता अनुसार वित्तीय संयोजन के आधार पर नवीन नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन, नवीन नलकूप खनन हैण्डपंप स्थापना का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाईप बढ़ाने एवं हैण्डपंप के स्थान पर नलकूपों में सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाने की योजनाएं लागू की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
निविदा शर्तों का उल्लंघन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 2913 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पो. एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. द्वारा जब निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं, तब निविदा दस्तावेज की शर्तों में स्पष्ट उल्लेख होता है, कि समस्त परिवहन कार्य निर्धारित भारक्षमता अनुसार ही कराया जाएगा एवं परिवहनकर्ता को जो दरें स्वीकृत की जाएगी वह निर्धारित भारक्षमता (अंडर लोड) कार्य करने के लिए होंगी, जबकि परिवहन कार्य प्रारंभ होते ही मानक भारक्षमता से अधिक ओवरलोड परिवहन कराया जाता है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) निविदा दस्तावेज में यह भी शर्त है कि मानक भारक्षमता से अधिक (ओवरलोड) कार्य करने वाले परिवहनकर्ता के विरुद्ध विधि के अनुरुप कार्यवाही की जाएगी व पेनाल्टी शासित की जावेगी, यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में अभी तक कितने परिवहनकर्ता से कितनी राशि वसूली गई? (ग) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा जबलपुर संभाग में चावल व मोटा अनाज की निविदा क्रमांक 1704 एवं रबी खरीफ उपार्जन की निविदा क्रमांक 25229 में, क्षेत्रीय प्रबधक कार्यालय स्थित संभागीय परिवहन निविदा समिति द्वारा, निविदा में चाही गई तकनीकी अर्हता को पूर्ण न करने वाले निविदाकार को असफल कर घोषित कर दिया गया तथा बाद में उसे सफल घोषित कर दिया गया। क्या विभाग के द्वारा इस अनियमितता की जाँच कराई जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, परिवहनकर्ता की नियुक्ति जारी दस्तावेजों में समस्त परिवहन कार्य निर्धारित भार क्षमतानुसार ही कराए जाने एवं उसके अनुसार दरें आमंत्रित की जाती है, निर्धारित भार क्षमता अनुसार परिवहन करने की समस्त जिम्मेदारी परिवहनकर्ता की होती है। निविदा शर्त की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विगत एक वर्ष में ऐसे किसी भी प्रकरण में कार्यवाही नहीं की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा जबलपुर संभाग में एल.आर.टी. सामान्य चावल की निविदा में एक परिवहनकर्ता की निविदा क्षेत्रीय स्तर पर नहीं खोली गई थी तत्पश्चात् परिवहनकर्ता के आवेदन पर टेण्डर की कंडिका में यह प्रावधान कि ट्रकों के फिटनेस का प्रमाणीकरण अनुबंध के समय मांगा जाता है, के आधार पर योग्य घोषित करते हुए निविदा मान्य कर दरें खोली गई। इसी प्रकार, रबी एवं खरीफ की निविदा में यही स्थिति थी जिसे निविदा की कंडिका के अनुसार मान्य कर परिवहनकर्ता की निविदा की दरें खोली गईं। इस प्रकार निविदा में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग के स्वामित्व की भूमि का बंटवारा
[राजस्व]
35. ( क्र. 2945 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बीजनवाड़ा तहसील पिपरिया, जिला होशंगाबाद में स्थित भूमि मूल खसरा नं. 20 (शासकीय म.प्र. शासन) भूमि स्वामी/जल संसाधन विभाग के स्वामित्व की भूमि का बंटवारा कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पिपरिया द्वारा प्रकरण क्रमांक 15 आ.दि. दिनांक 30/04/2016 के अनुसार (तहसीलदार द्वारा स्वीकार किया गया हैं) कर खसरा नं. 20/3 रकबा 0.708 हेक्टेयर पुलिस विभाग को एवं खसरा नं. 20/2 रकबा 0.109 हेक्टेयर लोक अभियोजन विभाग को आवंटित की गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या भूमि स्वामी/जल संसाधन विभाग से सहमति/विक्रय पत्र/अनुमति ली गयी हैं? यदि हाँ, तो प्रमाणित छायाप्रति प्रदान करें। (ग) यदि हाँ, है तो बंटवारा किस नियम के तहत किया गया हैं? यह अधिकार किसको है? प्रकरण के समस्त दस्तावेजों की एवं दायरा पंजी में दर्ज इस प्रकरण के पृष्ठ की प्रमाणित छायाप्रति दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या यह बंटवारा नियम विरूद्ध कर भूमि आवंटित की गयी हैं, यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं, क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में उपकरण की उपार्जन प्रक्रिया
[चिकित्सा शिक्षा]
36. ( क्र. 3008 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में उपकरण की उपार्जन प्रक्रिया हेतु मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कार्पोरेशन का गठन किया गया था यदि हाँ, तो इस कार्पोरेशन में क्या कमियां थी जो मध्यप्रदेश शासन को चिकित्सा उपकरण उपार्जन हेतु HITES नामक संस्था से अनुबंध करना पड़ा? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या शासनादेश के तहत रूपये तीस लाख प्रति यूनिट तक का क्रय MPPHSCL से किया जा सकता है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के शासकीय चिकित्सा संस्थानों द्वारा कब-कब तीस लाख रूपये प्रति यूनिट की लागत से कम के क्रय हेतु HITES को टेंडर दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत कि क्या HITES से उपकरण उपार्जन हेतु प्रदेश सरकार को 100 प्रतिशत राशि एडवांस में देना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या घाटे के सौदे वाले MOU को रद्द किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालयों की टर्सरी केयर, सात नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों को एम.सी.आई. के नार्म्स अनुसार समय-सीमा में खोलने व सुपरस्पेशलिटी की आवश्यकताओं के अनुरूप MPPHCL के अतिरिक्त HITES को भी high ended उपकरणों के लिये कैबिनेट से पारित आदेश उपरान्त दिनांक 25.03.2017 अधिकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त अग्रिम राशि पर बैंक से प्राप्त ब्याज संस्था को प्राप्त होता है, अत: घाटे का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीधी एवं सिंगरौली जिले में पात्र हितग्राहियों को कूपन प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 3022 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में कितने पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न कूपन जारी किये गये हैं? कितने पात्र हितग्राहियों को इस सुविधा से वंचित रखा गया है विकासखण्डवार, वर्गवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, पेंशनधारी एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कितने पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न कूपन जारी नहीं किया गया है? उन्हें कब तक खाद्यान्न कूपन जारी कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने अपात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न कूपन दिया गया है? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार, वर्गवार जानकारी उपलब्ध करायें? अपात्र हितग्राहियों की जाँच कराकर उन्हें जारी किया गया खाद्यान्न कूपन निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकानें संचालित करने का नियम है? यदि हाँ, तो क्या सभी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? कितनी उचित मूल्य की दुकानें भवन विहीन हैं? भवन विहीन उचित मूल्यों की दुकानों के लिये भवन का निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जारी वैध पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) धारक परिवारों की श्रेणीवार एवं विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन से वंचित नहीं किया गया है। (ख) अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, पेंशनधारी एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले जिला सीधी में 1,92,522 एवं सिंगरौली में 1,97,234 परिवार पात्रता पर्ची जारी की गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में सम्मिलित परिवारों में से मृत्यु होने, प्रवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने आदि कारणों से अपात्र हुए परिवारों का विलोपन एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रत्येक ग्राम पंचायत में शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालित करने का नियम है। सीधी एवं सिंगरौली जिले की सभी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें संचालित है। जिला सीधी- 256 एवं सिंगरौली- 190 उचित मूल्य दुकानें किराए के भवनों में संचालित है।
उज्जैन, इंदौर संभाग की राशन दुकानों में घोटाला
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 3038 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-इंदौर संभाग में उचित मूल्य (कन्ट्रोल) की 2004 जनवरी तथा 2019 जनवरी को कितनी-कितनी दुकानें थी, जिलेवार सूची भी देवें तथा इंदौर, उज्जैन, रतलाम तथा धार, मंदसौर, झाबुआ शहर की शासकीय उचित मूल्य दुकानों की शहर अनुसार कुल हितग्राही की संख्या जनवरी 2014 तथा जनवरी 2018 की बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शहरों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 तथा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना अंतर्गत शहर की प्रत्येक राशन की दुकान में जनवरी 2014 तथा जनवरी 2018 की अन्त्योदय परिवार, अन्त्योदय सदस्य, प्राथमिकता परिवार, प्राथमिकता सदस्यों की संख्या बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राशन दुकानों द्वारा उल्लेखित वर्ष के जनवरी माह में कौन-कौन सी वस्तु किस-किस मात्रा में वितरित की गई, यदि मात्रा में कमी हुई या वृद्धि हुई तो उसका कारण बतावें? (घ) क्या रतलाम शहर में राशन वितरण में घोटाले पर प्रकरण दर्ज हुआ तो वह किस अवधि से किस अवधि का है, घोटाला किस तरह किया गया है, कितनी दुकानों का प्रकरण है, क्या शेष दुकानों पर इस प्रकार का घोटाला जाँच में नहीं पाया गया, यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें तथा दर्ज FIR की प्रति देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उचित मूल्य दुकानों की संख्या की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। (घ) रतलाम शहर में राशन वितरण में मार्च 2014 से मार्च 2017 तक की अवधि में अनुविभागीय अधिकारी के प्रतिवेदन अनुसार काल्पनिक परिवारों को राशन वितरण किये जाने की अनियमितता पायी गई हैं। उक्त अवधि में रेन्डम पद्धति से 08 दुकानों की जाँच में अनियमितता पाये जाने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार तथा एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है।
सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 3039 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र की कुल आबादी में से कितने प्रतिशत आबादी को शुद्ध पेयजल प्राप्त नहीं हो रहा है। शुद्ध पेयजल किसे कहा जाता है तथा उसका पैरामीटर क्या-क्या है। जितनी आबादी को शुद्ध पेयजल दिया जा रहा है उसका परीक्षण आखिर में किस दिनांक को किया गया। (ख) शुद्ध पेयजल आदिवासी बहुल इलाके में उपलब्ध कराने हेतु, सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में, पिछले 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य किये गये तथा उन कार्यों पर कितना-कितना व्यय किया गया। (ग) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र में कितनी आबादी पाईप लाइन से, तालाब, कुएं से तथा ट्यूबवेल से पीने का पानी उपयोग कर रही है। उन पानी के परीक्षण का क्या रोस्टर है तथा पिछले वर्ष यदि परीक्षण किया गया हो तो प्रत्येक जल स्त्रोत के परीक्षण रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने ट्यूबवेल मई 2019 तक जीवित है। कुल ट्यूबवेल से उनका प्रतिशत क्या है। जिस गांव में स्त्रोत ट्यूबवेल है, उनमें से कितने ट्यूबवेल गर्मी में बंद हो गये। उन गांवों में गर्मी में पीने के पानी की क्या व्यवस्था की गई।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) शत्-प्रतिशत आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। जो जल भौतिक, रासायनिक व जीवाणु परीक्षण में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के मापदंडों के अनुरूप हो, उसे शुद्ध पेयजल कहा जाता है। मुख्य पैरामीटर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-1 एवं समस्त पैरामीटर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सतही स्रोत आधारित (तालाब, बांध) योजनाओं से प्रदाय किये जाने वाले जल का नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है। नलकूप एवं कुंए आधारित पेयजल योजनाओं के जल का परीक्षण निर्धारित मापदण्ड एवं आवश्यकतानुसार नियमित अंतराल से सतत् प्रक्रिया के तहत किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) वर्तमान आबादी 3,48,367 आबादी में से नल-जल योजना की पाईप लाइन के माध्यम से-97984 आबादी को, तालाब (बांध) आधारित योजना से-69003 आबादी को, कुएँ एवं नलकूपों (हैण्डपंप) के माध्यम से-3,48,367 (शत्-प्रतिशत) आबादी को पेयजल उपलब्ध है। रोस्टर अनुसार कुएँ एवं नलकूपों के जल नमूनों के रासायनिक परीक्षण वर्ष में एकबार एवं जीवाणु परीक्षण दो बार तथा आवश्यकता अनुसार किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) 1576 ट्यूबवेल ( हैण्डपंप) कार्यरत हैं जिनका कुल स्थापित ट्यूबवेल (हैण्डपंप) से प्रतिषत 72.72 है। 591 ट्यूबवेल (हैण्डपंप) गर्मी में जल स्तर नीचे जाने से बंद हो गये थे, जिन ग्रामों में अत्यधिक जलस्तर नीचे जाने से हैण्डपंप बंद हो गये थे उनमे राईजर पाईप बढ़ाकर एवं हैण्डपंप के स्थान पर सिंगल फेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल की व्यवस्था की गई है।
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
40. ( क्र. 3095 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के तत्कालीन नामांकन प्रभारी द्वारा सत्र 2017-18 में विभिन्न सम्बद्ध कॉलेजों के आवंटित सीटों से अधिक छात्रों के नामांकन किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे महाविद्यालयों की आवंटित सीटों तथा नामांकित छात्रों एवं परीक्षा में बैठे छात्रों की सूची देवें। (ख) विगत 2 वर्षों में मुरैना, ग्वालियर, मंदसौर जिलों के कालेजों के कुल कितने छात्रों को नामांकित किया गया और कितने छात्र परीक्षाओं में सम्मिलित हुए? कालेजवार सूची देवें। (ग) क्या उक्त विश्वविद्यालय में परीक्षा नियन्त्रक के रूप में कार्य करने हेतु, आचार्य पद का तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान परीक्षा नियन्त्रक को आचार्य पद का तीन वर्ष का अनुभव है? यदि नहीं, तो उन्हें परीक्षा नियन्त्रक का प्रभार क्यों दिया गया? (घ) क्या वर्तमान परीक्षा नियन्त्रक को नामांकन प्रभारी रहते हुए नामांकन में की गयी अनियमितता के लिए हटाया गया था? यदि हाँ, तो तत्पश्चात उससे महत्वपूर्ण, परीक्षा नियन्त्रक का प्रभार क्यों दिया गया तथा उन्हें नामांकन में की गयी गड़बड़ी के लिए मूल विभाग वापस क्यों नहीं भेजा गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। विश्वविद्यालय आटोमेशन कार्य हेतु अनुबंधित फर्म मेसर्स रीको/न्यासा द्वारा सत्र 2017-18 के लिए ऑनलाइन नामांकन आवेदन जमा कराए गए थे। कार्य में गलतियां एवं समय-सीमा का पालन नहीं करने के कारण विश्वविद्यालय द्वारा मेसर्स रीको/न्यासा के साथ अनुबंध समाप्त किया गया है। अनुबंध समाप्ति उपरांत मेसर्स रीको/न्यासा द्वारा विश्वविद्यालय को नामांकन का डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया। विश्वविद्यालय द्वारा तत्पश्चात् ऑनलाइन डाटा के अभाव में ऑफलाइन नामांकन आवेदन पत्र महाविद्यालयों से प्राप्त करके महाविद्यालय को आवंटित सीटों के प्राचार्य द्वारा प्रमाणीकरण उपरांत विश्वविद्यालय अध्यादेश क्रमांक एफ Eligibility-Enrollment of students for undergrduate course की कंडिका 6,7 एवं 8 अनुसार नामांकन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। निम्नांकित महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा आवंटित संस्था से अधिक संख्या में विद्यार्थियों के आवेदन प्रमाणित करके आवेदन विश्वविद्यालय को भेजे गए थे:- 1. प्रेस्टन कॉलेज आफ नर्सिंग, ग्वालियर- बी.एस.सी. नर्सिंग पाठयक्रम स्वीकृत सीट संख्या-40, प्रवेशित विद्यार्थी-50. 2. द एकेडमी आफ नर्सिंग साइंस, ग्वालियर- पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग पाठयक्रम स्वीकृत सीट संख्या-30, प्रवेशित-40. 3. माधवी राजे नर्सिंग कालेज, मुरैना- पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग पाठयक्रम स्वीकृत सीट संख्या-20, प्रवेशित विद्यार्थी-40. नामांकन शाखा द्वारा परीक्षण उपरोक्तानुसार प्रेस्टन कालेज आफ नर्सिंग, ग्वालियर के 10 द एकेडमी आफ नर्सिंग साईंस, ग्वालियर के 10 एवं माधवी राजे नर्सिंग कालेज, मुरैना के 20 विद्यार्थियों के नामांकन निरस्त किए गए हैं तथा कार्य परिषद द्वारा उक्त विद्यार्थियों की परीक्षाएं अमान्य की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (ग) जी हाँ। नहीं। वर्तमान में कोई भी परीक्षा नियंत्रक विभाग द्वारा पदस्थ नहीं है। योग्य आचार्य उपलब्ध होने तक रिक्त पद की पूर्ति हेतु प्रशासकीय कारणों से अस्थाई प्रभार दिया गया है। (घ) नहीं, वर्तमान में परीक्षा नियंत्रक द्वारा नामांकन में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
धान खरीदी केन्द्रों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 3124 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में कितने केन्द्रों पर धान खरीदी का कार्य किया गया है? केन्द्रों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) शासन द्वारा धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों हेतु क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) शासन द्वारा जिले को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई थी तथा प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर उपलब्ध कराई गई राशि की केन्द्रवार जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में खरीदी केन्द्रों पर किसान की सुविधा हेतु समस्त मदों पर खर्च की गई राशि का ब्यौरा, मद का नाम और खर्च की गई राशि की केन्द्रवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मंदसौर जिले में धान उत्पादन क्षेत्र न होने के कारण खरीफ विपणन मौसम 2018-19 हेतु धान उपार्जन हेतु कोई केन्द्र स्थापित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मंदसौर जिले में धान उपार्जन केन्द्र स्थापित न होने के कारण सुविधा उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत स्वीकृत पेयजल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
42. ( क्र. 3136 ) श्री राम दांगोरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री पेयजल योजनाएं कितने ग्रामों में विगत 5 वर्षों में स्वीकृत है एवं कितने ग्रामों में पूर्ण हो चुकी है व कितने ग्रामों में अपूर्ण है? (ख) योजना जिन गांवों में पूर्ण हो चुकी है क्या वहां सफलतापूर्वक संचालित हो रही है यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ यदि नहीं, तो क्यों संचालित नहीं हो रही है? (ग) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घाटाखेड़ी में 24 × 7 के आधार पर जो योजना विभाग द्वारा बनाई गई थी क्या वहां यह योजना संचालित हो रही है? (घ) यदि नहीं, तो ग्राम पंचायत घाटाखेड़ी में अभी तक इस योजना 24 × 7 पर कितनी राशि व्यय की जा चुकी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 13 ग्रामों में। 08 ग्रामों में पूर्ण एवं 05 ग्रामों में अपूर्ण है। (ख) जी हाँ, 08 ग्रामों (विकासखण्ड छेगांवमाखन के ग्राम सोनगीर, आवल्याखारवा, टेमीकला, टाकलीमोरी एवं विकासखण्ड पंधाना के ग्राम टाकलीकला, बगमार, बामंदा रैयत एवं बलखडघाटी) में योजना संचालित हो रही है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा सामान्य नल-जल योजना बनाई गई है, जो संचालित है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुपोषण निवारण
[महिला एवं बाल विकास]
43. ( क्र. 3157 ) श्री सीताराम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले के कराहल विकास खण्ड में कुपोषण निवारण के क्या-क्या उपाय किये गये हैं? (ख) कुपोषण निदान हेतु प्रत्येक परिवार को मिलने वाली राशि रू.1000 (एक हजार) प्रतिमाह का कब तक का भुगतान हो चुका है? यदि नहीं, हुआ है तो क्यों? स्थिति स्पष्ट करें। (ग) वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक कुपोषित बच्चों की श्रेणीवार एवं वर्षवार जानकारी दें? (घ) कुपोषण निदान हेतु सस्ते दर पर कुपोषित बच्चों हेतु मूंग की दाल दी गई, वह कब से नहीं दी गई और कब से दी जायेगी? क्या योजना बंद हो चुकी है? यदि नहीं, तो भविष्य में क्या उपाय है? यदि हाँ, तो क्यों बंद कर दी गई। स्थिति स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) श्योपुर जिले के कराहल विकास खण्ड में कुपोषण निवारण हेतु किये गये उपाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ पर है। (ख) कुपोषण निवारण हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा माह मई 2019 तक 34534 विशेष पिछड़ी जनजाति के महिला मुखिया के खाते में राशि रू. 1000/- का भुगतान किया जा चुका है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘‘ब‘‘ पर है। (ग) श्योपुर जिले में वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक कुपोषित बच्चों की श्रेणीवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स‘‘ पर है। (घ) कुपोषण निवारण हेतु खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से सस्ती दर पर मूंग दाल वितरण माह नवम्बर 2018 तक किया गया है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पट्टों के संबंध में
[राजस्व]
44. ( क्र. 3171 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम की सीमा में आने वाले वार्ड जिसमें गोकलपुर, अम्बेडकर वार्ड, रानी अवंतीबाई वार्ड अंतर्गत विगत 30 से 40 वर्षों से निवासरत परिवारों को राज्य शासन द्वारा स्थाई पट्टा देने की समय-समय पर की गई घोषणाओं के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा सीमांकन सहित सभी कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत भी इन क्षेत्रों में निवासरत परिवारों को स्थाई पट्टों का वितरण क्यों नहीं किया गया है? पट्टों के वितरण की अग्रिम कार्यवाही कब से प्रारंभ होगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गोकलपुर वार्ड अंतर्गत आने वाले क्षेत्र आजाद नगर, गंदी बस्ती, उदय नगर, संख्या 1, 2 एवं 3 चौधरी मोहल्ला, न्यू गोकलपुर तथा अम्बेडकर वार्ड अंतर्गत आने वाले क्षेत्र रामनगर, शारदानगर, शांतिनगर एवं रानी अवंतीबाई वार्ड अंतर्गत कटियाघाट, गुरैयाघाट, तिलहरी, बिलहरी छिवला, भटौली, दुर्गा नगर में स्थाई पट्टों के वितरण की प्रक्रिया क्यों एवं कब से लंबित है, इसके क्या-क्या कारण हैं, पट्टों का वितरण कार्य में हुये विलंब के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रानी अवंतीबाई वार्ड में कटियाघाट में पात्र परिवारों का 152 पट्टे वितरित किये गये हैं। शेष उपर्युक्त वर्णित क्षेत्र में राजस्व अभिलेख में Gun Carriage Factry एवं तालाब दर्ज होने से पट्टा जारी नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पात्र हितग्राहियों को पट्टा दिया गया है एवं कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
त्योंथर तहसील के नल-जल योजनाओं की वर्तमान स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 3205 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के त्योंथर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी नल-जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं, स्वीकृत वर्ष सहित विवरण दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित नल-जल योजनाओं में कौन-कौन सी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण है और किन-किन योजनाओं का कार्य अपूर्ण है, अपूर्णता का कारण बतायें। (ग) उपरोक्त अपूर्ण नल-जल योजनाओं को कब तक पूर्ण कराकर संचालित कराया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बरगी विधान सभा में सीमांकन, नामांकन न होना
[राजस्व]
46. ( क्र. 3221 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की शहपुरा एवं जबलपुर तहसील के अंतर्गत सीमांकन, नामांतरण एवं फोती के कितने प्रकरण कब से लंबित है। 3 माह से अधिक प्रकरण लंबित रहने के लिए कौन-कौन से राजस्व निरीक्षक पटवारी दोषी हैं। उन पर क्या कार्यवाही की गयी (ख) क्या जबलपुर जिले में शासकीय एवं प्राइवेट डी.जी.पी.एस. एवं टी.एस.एम. मशीने हैं जिनसे सीमांकन कराया जाता है। यदि हाँ, तो जिले में प्राइवेट सीमांकन एजेन्सी अग्रलोक प्राइवेट सीमांकन जबलपुर के द्वारा कितने सीमांकन विगत 3 वर्षों में कराये गये उनमें से कितने सीमांकन गलत पाए गये। एजेंसी सीमांकन हेतु आवेदकों से प्रति सीमांकन कितनी राशि ली जाती है। क्या एजेंसी विरूद्ध गलत सीमांकन किये जाने की जाँच करा कर किसानों को राहत शासन द्वारा प्रदान की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले की विधानसभा क्षेत्र बरगी की तहसील शहपुरा एवं जबलपुर में नामांतरण एवं फौती के 311 एवं सीमांकन के 115 प्रकरण तीन माह से अधिक अवधि के विवादित होने से प्रक्रियाधीन हैं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्राइवेट सीमांकन एजेन्सी अग्रलोक प्राइवेट सीमांकन जबलपुर को विभाग द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। उक्त एजेन्सी द्वारा किये जा रहे सीमांकन व्यक्तिगत है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
जबलपुर जिले में उपार्जित गेहूँ का भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
47. ( क्र. 3222 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2019 में कितनी मात्रा में गेहूँ का उपार्जन संस्थावार किया गया? उपरोक्त उपार्जन किये गये गेहूँ में से कितनी-कितनी मात्रा में किन-किन वेयर हाउसों में भण्डारण किया गया? (ख) जबलपुर जिले में वर्ष 2019 में उपार्जन किये गये गेहूँ में से कितना-कितना गेहूँ अन्य जिलों के किन-किन वेयर हाउसों में भंडारण हेतु भेजा गया एवं क्यों? जबलपुर जिले के वेयर हाउस रिक्त होने पर भी अन्य जिलों में गेहूँ परिवहन पर कितना अतिरिक्त व्यय हुआ? अन्य जिलों में भंडारण के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है, उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जबलपुर जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 3,67,281.93 मे.टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। समितिवार उपार्जन एवं गोदामवार भंडारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ में से 53,965.67 मे.टन गेहूँ का भंडारण जिला छिन्दवाड़ा एवं होशंगाबाद के गोदामों में कराया गया। अन्य जिले के गोदामों में भंडारण कराए गए गेहूँ की गोदामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जबलपुर जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के भंडारण हेतु जिले में आवश्यक भंडारण क्षमता उपलब्ध न होने के कारण अन्य जिले में भंडारण कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्रों पर व्यय की गई राशि में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 3237 ) श्री के.पी. सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले में शासकीय आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्रों को शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में कुल कितनी राशि जारी की गई? इन प्रशिक्षण केन्द्रों पर वर्ष 2018-19 में कुल कितने प्रशिक्षण आयोजित किये गये? (ख) आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्रों में विगत 3 वर्षों में व्यय की गई धनराशि का मदवार ब्यौरा दें? क्या भोजन नास्ता एवं अन्य मदों में की धनखर्ची म.प्र. भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 के अन्तर्गत की गई है? क्या किसी कार्य के लिए खुली निविदाएं आमंत्रित की गई है? सभी का विगत दो वर्षों का ब्यौरा दें? (ग) शिवपुरी जिले में शाला पूर्व अनौपचारिक प्रशिक्षण हेतु पिछले 02 वर्षों में जारी की गई धनराशि का परियोजनावार ब्यौरा दें? आंगनवाड़ी केन्द्रों में शाला पूर्व अनौपचारिक प्रशिक्षण हेतु कुल कितनी कार्यशालाएं परियोजना स्तर पर विगत दो वर्षों के दौरान आयोजित की गई हैं? (घ) शिवपुरी जिले में शाला पूर्व प्रशिक्षण योजना अन्तर्गत विगत 2 वर्षों में हुई धनखर्ची म.प्र. भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 के अनुरूप की गई है? सभी मदवार व्यय की गई राशि के देयकों का विवरण उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) शिवपुरी जिले में शासकीय आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र शिवपुरी को विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कुल 8091950/- राशि जारी की गई। इस प्रशिक्षण केन्द्र पर वर्ष 2018-19 में कुल 14 प्रशिक्षण आयोजित किये गये। (ख) आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र शिवपुरी में विगत 03 वर्षों में व्यय की गई धनराशि का मदवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। सभी का विगत 02 वर्ष का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) शिवपुरी जिले के शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा हेतु पिछले 02 वर्षों में जारी की गई धनराशि का परियोजनवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में शालापूर्व अनौपचारिक प्रशिक्षण हेतु कुल 61 कार्यशालायें परियोजना स्तर पर विगत दो वर्षों के दौरान आयोजित की गई है। (घ) जी हाँ। सभी मदवार व्यय की गई राशि के देयकों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
महिला सशक्तिकरण के लिये स्मार्ट फोन देने एवं नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
49. ( क्र. 3245 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नवम्बर-दिसम्बर 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में महिला सशक्तिकरण के लिये महिलाओं को स्मार्ट फोन देने व महिलाओं को नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था करने का वचन दिया था। (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2019 से जून 2019 तक प्रदेश में कितनी महिलाओं को स्मार्टफोन तथा कितनी महिलाओं का नि:शुल्क उपचार किया गया है। (ग) यदि नहीं, तो कि महिलाओं को स्मार्ट फोन कब दिए जाएंगे तथा उनका निशुल्क उपचार कब से शुरू होगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। (ख) जनवरी 2019 से जून 2019 तक प्रदेश में महिलाओं को स्मार्टफोन प्रदाय की जानकारी निरंक है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार 25 फरवरी 2019 से 30 अप्रैल 2019 तक आयोजित महिला स्वास्थ्य शिविर अंतर्गत 12.42 लाख गर्भवती एवं अन्य महिलाओं को निशुल्क उपचार दिया गया है। (ग) महिलाओं को स्मार्टफोन प्रदाय के लिए समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली सुदृढ़ बनाने व राशन की दुकानों में सी.सी.टी.व्ही. लगाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र. 3248 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने अपने वचन पत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को व्यवस्थित एवं सुदृढ़ बनाने व राशन की दुकानों में सी.सी.टी.व्ही. लगाने का वचन दिया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश की कितनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में सी.सी.टी.व्ही.लगाये गये एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ एवं व्यवस्थित करने की क्या व्यवस्था की गई? (ग) यदि नहीं, तो ये व्यवस्था कब तक की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) अभी प्रदेश की किसी भी दुकान में सी.सी.टी.व्ही. उपकरण की स्थापना नहीं की गई है। राज्य शासन द्वारा राशन सामग्री में वितरण की अनियमितताओं को दूर कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए आधार आधारित वितरण व्यवस्था को उज्जैन एवं इंदौर संभाग के जिलों में जुलाई 2019 से लागू किया गया है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महिला एवं बाल विकास विभाग में ऑडिट एवं अनियमितताएं
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 3254 ) श्री संजय शुक्ला : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग में कितनी हितग्राही योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 05 वर्षों में विभाग को कार्यों का संचालन हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या इस आय-व्यय का समय-समय पर ऑडिट कराया गया? प्रतिवर्षानुसार ऑडिट की जानकारी उपलब्ध करावें? क्या ऑडिट विभाग द्वारा कोई आपत्ति लगाई गई थी? यदि हाँ, तो ऑडिट आपत्तियों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभाग में कौन-कौन से पदों पर किस माध्यम से स्थाई एवं अस्थाई नियुक्तियां दी जाती है? 05 वर्षों में विभाग में किन-किन माध्यमों से स्थाई/अस्थाई नियुक्तियां प्रदान की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) इंदौर जिले में विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, लाडली लक्ष्मी योजना संचालित की जा रही है। (ख) विगत 05 वर्षों में योजना के तहत प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ग) महालेखाकार लेखा परीक्षा दल द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में इंदौर जिले में लेखा परीक्षा की गई, लेखा परीक्षा से प्राप्त आपत्तियां एवं उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता I
पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
52. ( क्र. 3265 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन् 2018 के माह मई-जून एवं 2019 के माह मई-जून के माह में जिला मुरैना के तह. सबलगढ़ के रामपुर कलॉ घाटी नीचे ग्राम बामसौली नाऊडाड़ा, रामपुर कलॉ जारौली वेरखेड़ा, ऐचवाड़ा आदि ग्रामों में पीने के पानी के भीषण जल संकट के कारण ग्रामीणों के पलायन से गांव खाली हो गये हैं। (ख) पलायन को रोकने हेतु पीने के पानी की उपलब्धता युद्ध स्तर पर कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) उत्तरांश-’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 3270 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में भिण्ड जिले में मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना अंतर्गत कितनी कितनी राशि के कौन-कौन सी योजना के कार्य चल रहे हैं? कौन-कौन सी योजना के कार्य पूर्ण किये गये चुके है? ग्रामवार, विकासखण्डवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यादेश कब कब जारी किये गये तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी? कौन-कौन से कार्य पूर्ण है? कौन-कौन से अपूर्ण है? कार्यवार बतावें? कौन-कौन से कार्य की समय अवधि पूर्ण हो चुकी है एवं समय अवधि पूर्ण होने के उपरांत किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी समय वृद्धि दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या ठेकेदार पर पेनाल्टी लगाई गई? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान में सभी कार्य प्रगतिरत हैं तथा अनुबंध के प्रावधान के अनुसार गुण-दोष के आधार पर शास्ति अधिरोपित की जाती है। कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है।
सिवनी विधानसभा क्षेत्र में पेयजल हेतु कार्य योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
54. ( क्र. 3284 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या, अल्पवर्षा के कारण सूखा व जल अभाव क्षेत्र सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक भू-जल स्तर 200 से 450 फिट तक गिर जाने के कारण विभाग के आंकड़ों के आधार पर लगभग 250 हैण्डपंप सूख जाने, एक हजार से अधिक अपर्याप्त पानी देने, लगभग 300 हैण्डपंप मेंटेनेन्स के अभाव व भरे पटे होने के कारण बंद पड़े है? (ख) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र में संचालित नल-जल/मुख्यमंत्री, नल-जल/स्पॉट सोर्स योजनाओं में से 25 योजनाएं उपरोक्त एवं अन्य कारणों से बंद पड़ी हैं? शेष अपर्याप्त पानी दे रहें हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन जाँच करवाएगा? (ग) क्या उक्त स्थिति को देखते हुये ई.ई., पी.एच.ई. सिवनी द्वारा राहत आयुक्त भोपाल को 07/10/2017 को जो कार्य योजना स्वीकृति हेतु भेजी गई थी उस कार्ययोजना की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, अपितु 48 हैण्डपंप स्त्रोत सूखने, 266 हैण्डपंप जल आवक क्षमता कम होने से तथा 5 हैण्डपंप भरपट जाने के कारण जून माह की स्थिति में बंद हो गये थे। (ख) जी नहीं, अपितु 33 योजनाएं बंद हैं, जिनमें से 24 योजनाएं स्त्रोत सूखने/जल आवक क्षमता कम होने से तथा 9 योजनाएं अन्य कारणों से बंद हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यपालन यंत्री सिवनी द्वारा कोई कार्ययोजना राहत आयुक्त को नहीं भेजी गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नवगठित तहसील कोठी से दूरस्थ ग्रामों का नजदीकी तहसील में जोड़ना
[राजस्व]
55. ( क्र. 3323 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्या के विधानसभा क्षेत्रार्न्तगत कोठी तहसील का नवीन गठन किया गया है, हाँ तो उक्त तहसील में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया हैं? शासनादेश सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या कोठी तहसील में शामिल किये गये राजस्व ग्रामों की दूरी अत्यंत दूर है एवं आवागमन के लिये भी सीधा रास्ता नहीं है कई ऐसे ग्राम शामिल किये गये हैं जिनके निवासियों को कोठी जाने हेतु वाया सतना होकर जाना पड़ता है, जिससे काफी असुविधा होती है? ग्रामों की सूची, तहसील की दूरी एवं आवागमन के मार्ग की पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्या कलेक्टर सतना द्वारा भी दूरस्थ ग्रामों की तहसील संशोधन हेतु शासन को पत्र प्रेषित किया है, पत्र की प्रति देवें तथा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है पूर्ण जानकारी देवें? (घ) शासन ऐसे राजस्व ग्रामों को कब तक कोठी तहसील से परिवर्तित कर रघुराजनगर में शामिल कर देगा जिनकी दूरी अत्यंत है एवं जिनकी आम जनता वाया सतना से होकर कोठी जाना पड़ता है, यदि नहीं, तो क्यों? किनके द्वारा इस प्रकार का सर्वे कर दूरस्थ ग्रामों को नवीन तहसील में शामिल कर आम जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने एवं परेशान करने हेतु कार्य किया गया, उनके नाम देवें उत्तरदायियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। उक्त तहसील में निम्न ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है- खनगढ़, करसरा, भंवर, चोरवरी, टीकर, हडखार, पडरौत, मसनहा, रैगांव, धौरहरा, इटमाबांधी, सेमरिया, पैकोरी, खडौरा, उजरौंधा, शिवपुर, कल्हारी, नारायणपुर, पवाईया, गुलुवा, सेमरीकला, रायपुर, बरहना, झाली, गोरइया, दिदौंध, मौहार, नैना, मनकहरी, पोडी, रनेही, कोठी, उदयसागर, नयागांव, कंचनपुर, बम्हरौला, भैंसवार, नचनौरा, नदना, जैतवारा 163, हटिया पुरावा, मदनी कुशियरा, हाटी, मेदनीपुर, खम्हरिया, कोठरा, पोंइधाकला, भरजुनाखुर्द, भरजुनाकला, लालपुर, सगमा, कुल (54 पंचायत) शासनादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, ग्रामों की सूची एवं आवागमन के मार्ग की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कलेक्टर के प्रस्ताव के अनुक्रम में विभाग द्वारा आपत्तियां/सुझाव प्राप्त करने हेतु दिनांक 14.06.2019 को सूचना जारी की गई है। (घ) संशोधन प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी
[परिवहन]
56. ( क्र. 3324 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग एवं सतना में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कौन से मूल विभाग से कब से और क्यों पदस्थ है? (ख) इन्हें कब तक मूल विभाग में भेजा जावेगा, अगर नहीं वापस किया जावेगा तो कृपया कारण बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गेहूँ उपार्जन की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
57. ( क्र. 3342 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में इस वर्ष गेहूँ समर्थन मूल्य पर वन ग्रामों के कितने किसानों से कितनी खरीदी की गई? (ख) वन ग्रामों में गेहूँ उपार्जन में कितने कृषक किस कारण से लाभांवित नहीं हुए? (ग) अगर विभागीय अधिकारियों की कमी के कारण हुआ है तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) हरदा जिले में वनग्रामों के 380 किसानों द्वारा 970.77 मे.टन गेहूँ का विक्रय किया गया है। (ख) ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत गेहूँ उत्पादक किसानों का पंजीयन समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय करने हेतु किया जाता है। किसान अपनी इच्छानुसार समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्रों पर अथवा कृषि उपज मंडियों में गेहूँ विक्रय करने हेतु स्वतंत्र है। हरदा जिले में वनग्रामों के पंजीकृत किसानों द्वारा समर्थन मूल्य योजना का लाभ से वंचित होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिले में नक्शाविहीन गांवों के संदर्भ में
[राजस्व]
58. ( क्र. 3349 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितने ग्राम नक्शा विहीन है और कितने गांव के नक्शे साबुत है? वर्तमान में कितने-कितने गांवों के नक्शे सीमांकन सहित अन्य कामों में पूरी तरह उपयोगी है? (ख) कब तक सभी गांवों के नक्शे बन जायेंगे एवं गायब करने वालों पर कार्यवाही कब तक होगी? (ग) क्या प्रदेश में सर्वाधिक नक्शा विहीन होने के बाद यहां अन्य जिलों से आर.आई. पदस्थ किये गये? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कितने आर.आई. ने ज्वाइनिंग दी और कब तक रहे? इस दौरान इनके द्वारा कितने नक्शे बनाये गये? जो गायब नक्शे थे उनमें कितने ढूंढे गए? कितनों का सत्यापन प्रमाणीकरण किया गया? (घ) क्या एस.एस.आर.गोविन्द सिंह यहां 14 वर्षों तक पदस्थ रहे एवं तबादला होने के बाद इन्हें फिर रोका गया? यदि हाँ, तो इतने वर्षों तक पदस्थी के उपरांत भी ग्रामों के नक्शाविहीन होने के लिए इन पर क्या कार्यवाही होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले में नक्शा विहीन एवं साबुत नक्शों के ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। वर्तमान में 1709 ग्रामों के 3219 नक्शा शीट डिजिटाइज की गई है जो सीमांकन सहित अन्य राजस्व कार्यों में उपयोगी है। (ख) कार्य वृहद स्वरूप का है तथा प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। विगत 100 वर्ष पूर्व हुये बंदोबस्त के कारण नक्शे जीर्ण-शीर्ण होने से नक्शा विहीन की स्थिति निर्मित हुई है। अत: गायब होने अथवा गायब करने वालो पर कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जिले में 95 नक्शाविहीन ग्राम अधिसूचित है। वर्ष 2016 से कटनी एवं उमरिया जिले के रा.नि. के ज्वाइनिंग देने एवं जिले में कार्य करने की अवधि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। इस अवधि में ढूंढे गये नक्शों में से 19 ग्राम के नक्शों का अपडेशन का कार्य किया गया। नवीन नक्शों का निर्माण नहीं किया गया। अतएव प्रमाणीकरण का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व अधिनियम के तहत कार्यवाही
[राजस्व]
59. ( क्र. 3355 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 11.03.77 के अनुसार बड़वानी एवं खरगोन जिला अधिसूचित क्षेत्र घोषित है तथा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता धारा 165 (6) (33) के अनुसार भू-स्वामी 10 वर्ष की अवधि पूर्ण करने के पूर्व व्यपवर्तन नहीं करा सकता है। (ख) क्या उपरोक्त प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए बड़वानी एवं खरगोन जिले में दिनांक 01.01.2013 से 30.05.2019 तक व्यपवर्तन के आदेश जारी किये गये। यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई। (ग) क्या शासन द्वारा ऐसे मनमानी एवं अवैधानिक कार्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? (घ) 165 (6) (33) के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए व्यवपर्तन आदेश जारी करने वाले अधिकारी वर्तमान में किस-किस जगह पदस्थ है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। खरगोन एवं बड़वानी अधिसूचित क्षेत्र घोषित है। म.प्र.भू. राजस्व संहिता 1959 में धारा 165 (6) (33) नहीं है। म.प्र.भू. राजस्व संहिता (1959 की धारा 165 (6-3-5) में प्रावधान है कि धारा 165 की उपधारा 6 के अधीन घोषित किसी आदिम जनजाति के भूमिस्वामी से भिन्न किसी भूमिस्वामी द्वारा किसी ऐसे व्यक्ति को, जो आदिम जनजाति का न हो, अंतरित की गई कृषि भूमि ऐसे अंतरण की तारीख से दस वर्ष की कालावधि का अवसान होने के पूर्व किसी अन्य प्रयोजन के लिये व्यपवर्तित नहीं की जावेगी। (ख) जिला बड़वानी अंतर्गत अनुभाग राजपुर में दिनांक 01.01.2013 से 30.05.2019 तक कुल 06 व्यपवर्तन प्रकरणों में आदेश जारी किए गए है। जिला खरगोन में दिनांक 01.01.2013 से 30.05.2019 की अवधि में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता धारा 165 (6) (ड.ड.) का उल्लघंन कर कोई व्यपवर्तन आदेश जारी नहीं किये गये है। (ग) जी नहीं। न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेश का परीक्षण कर त्रूटिपूर्ण पाए जाने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑडोटोरियम भवन विदिशा के संबंध में
[संस्कृति]
60. ( क्र. 3367 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा स्थित नवनिर्मित रविन्द्रनाथ टैगोर ऑडिटोरियम भवन का निर्माण कार्य किस वर्ष स्वीकृत हुआ था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत भवन हेतु कितनी कितनी राशि कब कब स्वीकृत की गई? इस भवन के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार के द्वारा भी राशि प्रदान की यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) ऑडिटोरियम भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2015-16 में स्वीकृत हुआ था. (ख) स्वीकृत भवन हेतु कुल 1499.00 लाख राशि 07 अगस्त 2015 को स्वीकृत की गई. जी हाँ, भवन निर्माण हेतु केन्द्रांश राशि रू. नौ करोड़ में से अब तक 200.00 लाख की राशि प्राप्त.
छतरपुर मेडिकल कॉलेज के सम्बन्ध में.
[चिकित्सा शिक्षा]
61. ( क्र. 3368 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शासकीय मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है, तो किसके द्वारा कब और कहाँ? प्रशासकीय स्वीकृति कब प्रदाय की गई? उक्त मेडिकल कॉलेज हेतु कब और कहाँ पर कितनी भूमि आवंटित की गई? क्या उक्त भूमि को शासन ने मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु विभाग को प्रदाय कर दी है? यदि हाँ, तो कब, नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु निविदा आंमत्रित की गई? यदि हाँ, तो कब? कितना बजट शासन द्वारा विभाग को आवंटित किया गया? कब प्रदाय किया गया? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) नवीन मेडिकल कॉलेज खोले जाने के सम्बन्ध में राज्य सरकार और भारत सरकार के किन-किन विभागों की अनुमति, अनापत्तियां आदि आवश्यक होती हैं. छतरपुर मेडिकल कॉलेज के सम्बन्ध में उक्त में से कितनी अनुमतियाँ, अनापत्तियाँ प्राप्त हो चुकी है? कितनी शेष हैं? (ड.) मेडिकल कॉलेज खोले जाने के विभिन्न क्रम में चरण एवं प्रकिया क्या होती है? छतरपुर मेडिकल कॉलेज हेतु उक्त प्रक्रिया एवं चरण किस स्थिति में है? शासन ने छतरपुर मेडिकल कॉलेज किस योजना या मद से खोले जाने का निर्णय लिया है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा लालपरेड ग्राउंड भोपाल में घोषणा दिनांक 15.08.2018 को की गई थी। मंत्री परिषद निर्णय उपरांत दिनांक 04.10.2018 को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। छतरपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु दिनांक 30.08.2018 के द्वारा राज्य मार्ग क्रमांक 39 छतरपुर-झांसी मार्ग पर स्थित ग्राम गौरगांव में कुल 24 एकड़ रकबा 13.938 हेक्टर आवंटित की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। निविदा, दिनांक 24.12.2018 को आमंत्रित की गई है। वर्ष 2019-20 में राज्य योजना अंतर्गत रूपये 2.00 करोड़ स्वीकृत है। निविदा स्वीकृत नहीं होने से व्यय नहीं हुआ। (घ) नगर पालिका, टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति आवश्यक है। अनुमतियां अप्राप्त है। (ड.) मंत्री परिषद की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत भूमि चिन्हित कर आवंटन की कार्यवाही कलेक्टर द्वारा की जाती है। भूमि का अधिपत्य प्राप्त कर डी.पी.आर. बनाने हेतु एजेन्सी निर्धारण की कार्यवाही निर्माण एजेन्सी द्वारा निविदा जारी की जाती है। निविदा की अनुमति पश्चात डी.पी.आर. तैयार किया जाता है। डी.पी.आर. अनुसार प्रशासकीय अनुमति व बजट की व्यवस्था की जाती है। शेष उत्तरांश (ग) अनुसार।
हरदा जिले में संस्कृति विभाग द्वारा प्राप्त बजट
[संस्कृति]
62. ( क्र. 3386 ) श्री कमल पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्कृति विभाग द्वारा हरदा जिले में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु कब-कब उपलब्ध कराई गई एवं उक्त राशि का उपयोग कब-कब किस-किस कार्य हेतु किया गया? (ख) क्या यह सही है कि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि शासन द्वारा वापस कर ली गई? (ग) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस मद की कब-कब शासन द्वारा वापस कर ली गई? इसके क्या कारण है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) उपलब्ध राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार. कलेक्टर हरदा द्वारा वाद्य यंत्र क्रय हेतु उपलब्ध राशि रू. 53,25,000/- का उपयोग नहीं किया गया. शेष राशि का उपयोग संबंधित योजना में किया गया है. (ख) जी हाँ. वाद्ययंत्रों की अव्ययित राशि रू. 53,25,000/- वापस ली गई है. (ग) कलेक्टर, हरदा द्वारा राशि रू. 53,25,000/- वापस लौटाई गई है. सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 163/192/2019/1/9 दिनांक 04.02.2019 के तारतम्य में राशि वापस लौटाई गई है।
भजन मण्डलियों को दी गई राशि वापस बुलाना
[संस्कृति]
63. ( क्र. 3388 ) श्री कमल पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में म.प्र. के सभी जिलों में ग्राम पंचायतों में भजन मण्डलियों को ढोल मजीरे एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु 25-25 हजार रूपए की राशि प्रदान करने के लिए जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में राशि दी गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितनी-कितनी राशि जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों में कब-कब दी गई? क्या यह राशि जिला पंचायतों/जनपद पंचायतों द्वारा भजन मण्डलियों को दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वर्ष 2018 में प्रदान की गई भजन मण्डलियों की राशि शासन द्वारा वापस ले ली गई? यदि हाँ, तो क्यों? इसके क्या कारण हैं? (घ) भजन मण्डलियों को दी जाने वाली राशि शासन द्वारा वापस बुलाकर उक्त राशि का उपयोग किस मद में किया तथा कब तक भजन मण्डलियों को यह राशि वापस कर दी जाएगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं. यह राशि जिला कलेक्टर्स को प्रदाय की गई थी. (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 163/192/2019/1/9 दिनांक 04.02.2019 के परिप्रेक्ष्य में अव्ययित राशि वापस प्राप्त हो रही है. जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार. (घ) वर्तमान में उक्त राशि का उपयोग नहीं किया गया है. समय-सीमा बताना संभव नहीं है.
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
64. ( क्र. 3399 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही योजनाओं/कार्यों की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यों का लाभ उपयोग करने के लिए हितग्राहियों की योग्यता/पैमाना क्या-क्या रहता है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालित योजनाओं/कार्यों का हितग्राहियों को लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राहियों की योग्यता/पैमाना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों के प्राप्त राजस्व
[राजस्व]
65. ( क्र. 3400 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में राजस्व विभाग को किन-किन माध्यमों से (विभागों से) कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) विगत 3 वर्षों में अलग-अलग विभागों से जो राजस्व प्राप्त हुआ वो विभागों को किस-किस माध्यम से प्राप्त हुआ?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग को अन्य विभागों से वर्ष 2016-2017,2017-2018 तथा 2018-2019 में सीधे कोई राजस्व प्राप्त नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियमों के विपरीत जारी आदेश को निरस्त किया जाना
[राजस्व]
66. ( क्र. 3415 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि तत्कालीन कलेक्टर सतना श्री मनीष रस्तोगी ने दिनांक 18-07-2006 को सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के ग्राम बेला की भूमि खसरा क्रमांक 49, 51 एवं 140 में त्रुटिपूर्ण ढंग से आवंटन किये जाने के कारण म.प्र. भूराजस्व संहिता 1959 की धारा 50 के तहत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रघुराजनगर के प्रकरण क्रमांक 372 वर्ष 71-72 में पारित आदेश दिनांक 26-08-1972 को स्वमेव निगरानी में लिया जाकर प्रारंभ किया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कलेक्टर ने 18-07-2006 को प्रकरण क्रमांक 1अ19/85-86 में दिये आदेश की कंडिका (6) में लिखा कि ''मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपने प्रकरण क्रमांक 372/71-72 में पारित आदेश दिनांक 26-08-1972 के द्वारा बंटित भूमियों में नियमों का पालन नहीं किया गया है। बंटन त्रुटिपूर्ण है। अत: आवंटन आदेश को निरस्त किया जाता है।'' (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कलेक्टर सतना के आदेश के बाद अपर आयुक्त रीवा संभाग ने प्रकरण क्रमांक 571/निगरानी/05-06 में पारित आदेश दिनांक 30-10-2008 लिखा कि फलत: प्रस्तुत निगरानी बलहीन होने से निरस्त की जाती है। क्या कलेक्टर सतना एवं अपर आयुक्त रीवा के आदेश को तत्कालीन राजस्व मंत्री ने पृ.क्रमांक/एफ 1-06/2009/निगरानी/2 ए भोपाल, दिनांक 10-06-2013 को निरस्त कर दिया। (घ) क्या विधान सभा के प्रश्न क्रमांक 757 दिनांक 07-03-2018 में मुख्य सचिव म.प्र. शासन को दिये सदन से जाँच के आदेश के बाद सतना जिले में म.प्र. शासन की भूमियों जिन पर नियम विरूद्ध आवंटन हुआ, उनका नामांतरण अवैधानिक मानकर प्रश्नांश (ग) में वर्णित आदेश क्र./एफ.01-06/2009/निगरानी/2ए को राज्य शासन तत्काल निरस्त करेगा, क्योंकि यह आदेश ही गलत जारी हुआ है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तत्कालीन कलेक्टर सतना श्री मनीष रस्तोगी द्वारा प्रकरण क्रमांक 01/अ-19/85-86 में पारित आदेश दिनांक 18.07.20016 स्वमेव निगरानी में लिया जाकर अधीनस्थ न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 272/71-72 में पारित आदेश दिनांक 26.08.1972 (तहसील रघुराजनगर अंतर्गत ग्राम बेला मौजा बेला की आराजी क्रमांक 49,51 एवं 140 में त्रुटिपूर्ण ढंग से पूर्व में किए गए आवंटन) को निरस्त किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, कलेक्टर सतना के प्रकरण क्र. 01/अ-19/05-06 दिनांक 18.07.2006 के वि. अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा के न्यायालय में निगरानी दायर की गई। जिसमें अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा अपने आदेश दिनांक 30.10.2008 द्वारा प्रस्तुत निगरानी बलहीन होने से निरस्त की गई है तथा न्यायालय राज्य मंत्री राजस्व मध्यप्रदेश भोपाल के प्रकरण क्रमांक 01-06/2009/निगरानी/2ए में पारित आदेश दिनांक 10.06.2013 द्वारा निगरानी स्वीकार किया गया है। (घ) प्रकरण में संभागायुक्त रीवा द्वारा गठित समिति के द्वारा जाँच उपरान्त प्रस्तुत प्रतिवेदन पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
एम.बी.बी.एस. छात्रों के प्रोविजनल पंजीयन न होना
[चिकित्सा शिक्षा]
67. ( क्र. 3426 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मेडिकल साईंस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के छात्रों को एम.बी.बी.एस. का परिणाम घोषित होने के बावजूद म.प्र. मेडिकल काउंसिल में प्रोविजनल पंजीयन हेतु आवेदन प्रस्तुत करने में असुविधा क्यों हो रही है? (ख) म.प्र. मेडिकल साईंस यूनिवर्सिटी जबलपुर के अंतर्गत छात्रों द्वारा धारित एम.बी.बी.एस. चिकित्सा अर्हता को एम.सी.आई. द्वारा मान्य चिकित्सा अर्हता के रूप में दर्शित क्यों नहीं किया गया है? (ग) क्या म.प्र. मेडिकल साईंस यूनिवर्सिटी की मान्यता संबंधी त्रुटि को छिपाने के लिए म.प्र. मेडिकल काउंसिल प्रोविजनल पंजीयन हेतु छात्रों से चिकित्सा अर्हता के अमान्य होने संबंधी शपथ-पत्र ले रहा है, यदि हाँ, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् के अधिक्रमण में शासी बोर्ड का पत्र क्रमांक MCI-34 (1) (UG) (Gen)/2019-Med-125858 दिनांक 21.06.2019 द्वारा मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर की मान्यता संबंधी आवश्यक औपचारिक अधिसूचना जारी किए जाने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर भेजा गया है। मेडिकल कालेज के छात्रों को एम.बी.बी.एस. का परिणाम घोषित होने के बाद मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल में प्रोविजनल पंजीयन हेतु आवेदन प्रस्तुत करने पर कोई असुविधा नहीं हो रही है। (ख) 1. मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर की स्थापना उपरांत 2014-15 से एम.बी.बी.एस. अध्यापन कार्य प्रांरभ हुआ है। विश्वविद्यालय से मार्च 2019 में उत्तीर्ण बैच प्रथम बैच है। 2. प्रदेश के महाविद्यालय पूर्व से स्थानीय विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध थे। मेडिकल काउंसिल द्वारा विश्वविद्यालय परिवर्तन की कार्यवाही अंतिम वर्ष की परीक्षा के दौरान की जाती है। विश्वविद्यालयीन एम.बी.बी.एस. प्रथम बैच की अंतिम वर्ष की परीक्षा सत्र पूर्ण होने पर फरवरी 2019 में की गई। इस दौरान मेडिकल काउंसिल द्वारा यह कार्यवाही प्रारंभ की गई। 3. मेडिकल काउंसिल द्वारा कार्यवाही पूर्ण कर औपचारिक अधिसूचना जारी करने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। (ग) जी नहीं। इसमें विश्वविद्यालय की कोई गलती नहीं है भारत सरकार से औपचारिक आदेश प्रसारित होने के उपरांत पंजीयन प्रक्रिया की कार्यवाही सामान्य हो जाएगी।
अग्नि पीड़ितों को मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
68. ( क्र. 3432 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1 जनवरी 2019 से आज दिनांक तक अग्नि से प्रभावित ग्रामों एवं अग्निकांड से हुए नुकसान एवं उससे पीड़ित परिवारों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या अग्नि पीड़ित परिवारों को राजस्व विभाग अंतर्गत दिये जाने वाले मुआवजें का वितरण किया गया है? (ग) अगर हाँ तो कितनी मुआवजा राशि प्रदान की गई? ग्रामवार पीड़ित हितग्राहियों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रभावितों को राहत राशि रूपये 38,31,080/- (अड़तीस लाख इकतीस हजार अस्सी रूपये) का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 3453 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की रिट याचिका क्र. 21361/2015 एवं रिट याचिका क्र. 15263/2016 एवं रिट याचिका क्र.8528/2018 में पारित आदेश क्रमश: 13.01.2016, 04.10.2016, 20.04.2018 द्वारा जिला रीवा के त्योंथर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से संबंधित याचिकाकर्तागण जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी है को नियमित करने का निर्देश/आदेश माननीय न्यायालय द्वारा किया गया है। (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय के उपरोक्त आदेश के अनुसार याचिकाकर्तागणों को न्यायालय के आदेश दिनांक से अंतरराशि एवं नियमित कर्मचारियों की भांति शासन द्वारा निर्दिष्ट वेतन, सुविधायें सभी को प्रदान की जा रही है यदि किसी याचिकाकर्ता कर्मचारी को नियमित कर्मचारी की भांति वेतन व अन्य सुविधायें प्रदान नहीं की जा रही है तो क्यों कब तक प्रदान की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। माननीय न्यायालयों द्वारा इन कर्मचारियों को स्थायी वर्गीकृत करने तथा स्थाईकरण के लाभ देने के आदेश दिये गये हैं, नियमितीकरण के नहीं, इसलिये नियमित कर्मचारियों के समान वेतन एवं अन्य सुविधायें दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
होशंगाबाद जिले में मार्गों पर वाहनों की संख्या
[परिवहन]
70. ( क्र. 3498 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग में जिलावार जनवरी 2011 श्रेणीवार (दो पहिया वाहन, तीन पहिया, चार पहिया कार/जीप, बस व ट्रक/डंपर) कुल कितने पंजीकृत वाहन थे। (ख) जनवरी 2011 से जनवरी 2019 तक वर्षवार श्रेणीवार कुल कितने वाहन पंजीकृत किये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में वाहन पंजीकरण से कितना राजस्व मिला। वर्षवार बतावें। (घ) जानकारी दें कि नर्मदापुरम संभाग के विभिन्न शहरों के आंतरिक मार्गों की यथास्थिति एवं वाहन पंजीकरण की तेजी से बढ़ती संख्या के कारण मार्गों पर लग रहे जाम से नागरिकों को परिवहन में हो रही असुविधा को कम करने हेतु विभाग कार्यवाही करेगा। यदि हाँ, तो क्या।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न और दलहन का उपार्जन एवं भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 3521 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न और दलहन उपार्जन एवं भंडारण और निरीक्षण/पर्यवेक्षण की शासन/विभाग की वर्तमान की क्या नीति/मार्गदर्शी निर्देश हैं और खाद्यान्न/दलहन उपार्जन एवं भण्डारण की जाँच किस-किस स्तर पर होती है और अमानक खाद्यान्न/दलहन उपार्जन एवं भंडारण के जिम्मेदारों पर कार्यवाही किये जाने के क्या-क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं? (ख) सागर संभाग में विगत दो वर्ष में अमानक/खराब धान, गेहूँ एवं दलहन फसलों के उपार्जन के कौन-कौन से क्या-क्या प्रकरण किस जाँच में किस स्तर पर ज्ञात हुये? अमानक खाद्यान्न/दलहन किन-किन उपार्जन केन्द्रों की थी? इन केन्द्रों के केन्द्र प्रभारी एवं खरीदी प्रभारी कौन थे और यह उपज किस किसान की थी? (ग) सागर संभाग में विगत दो वर्ष में अमानक/खराब गेहूँ एवं चावलों के भंडारण के कौन-कौन से क्या-क्या प्रकरण किस-किस जाँच से कब-कब ज्ञात हुये? और वर्तमान में पन्ना जिले के खाद्यान्न (गेहूँ) का कटनी जिले में भण्डारण किस आदेश/नियम से क्यों किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के तहत अमानक/खराब धान/चावल, गेहूँ एवं दलहन फसलों के उपार्जन तथा भंडारण के लिये किस-किसकों जिम्मेदार पाया गया और क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में अमानक/खराब धान, गेहूँ एवं दलहन फसलों के उपार्जन/भंडारण के लगातार सामने आ रहे प्रकरणों का संज्ञान लेते हुये क्या शासन स्तर से कोई जाँच एवं कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में गेहूँ एवं दलहन/तिलहन का उपार्जन, भंडारण एवं उसके निरीक्षण/पर्यवेक्षण हेतु नियत अधिकारी तथा अमानक स्कन्ध के उपार्जन के संबंध में की जाने वाली कार्यवाही हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सागर संभाग में विगत दो वर्ष में अमानक/खराब धान, गेहूँ एवं दलहन फसलों के उपार्जन में अमानक पाए जाने की जाँच के स्तर एवं केन्द्रों एवं उनके प्रभारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सागर संभाग में विगत दो वर्ष में अमानक/खराब गेहूँ एवं चावल के भंडारण में अमानक पाए जाने की जाँच के प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। पन्ना जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के भंडारण हेतु पर्याप्त क्षमता उपलब्ध न होने के कारण नजदीक के कटनी जिले में गेहूँ का भंडारण कराया गया। भंडारण हेतु मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जिला छतरपर एवं दमोह जिले में अमानक/खराब धान, गेहूँ एवं चावल एवं दलहन के उपार्जन एवं भंडारण के लिए जिम्मेदार संस्थाओं के समिति प्रबंधक/उपार्जन प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केरोसिन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 3523 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना एवं सागर और कटनी जिले के विकासखण्डों में केरोसीन की फुटकर बिक्री हेतु वर्तमान दर क्या है? विकासखंडवार एवं जिलावार बतायें। इन स्थानों पर विगत तीन वर्षों में केरोसीन के फुटकर बिक्री की दर क्या क्या रही और किस नाम/पदनाम के समक्ष प्राधिकारी के किन-किन आदेशों से दरों में कब-कब परिवर्तन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) केरोसीन के फुटकर बिक्री की दर के निर्धारण में शासना देशों/विभागीय निर्देशों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो जिलावार विवरण बतायें। यदि नहीं, तो इस अनियमितता पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या कटनी जिले के थोक केरोसीन विक्रेताओं से परिवहन की अधिक प्राप्त की गई राशि की वसूली की गई है? यदि हाँ, तो किन कारणों से और इन अनियमितताओं के जिम्मेदार शासकीय सेवकों पर अब तक कार्यवाही न होने का कारण स्पष्ट करें और क्या पन्ना एवं सागर जिलों में भी परिवहन राशि के भुगतान का परीक्षण कराया जाएगा? (घ) क्या केरोसीन का वितरण आधार बेस प्रमाणीकरण से किए जाने के शासनादेशों/विभागीय निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या निर्देश हैं? प्रश्नांश (क) से (ग) के जिलों में केरोसीन का वितरण निर्देशानुसार किया गया है? यदि हाँ, तो जिलावार बताएं। यदि नहीं, तो इस पर क्या और कब कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित जिलों के केरोसीन दर निर्धारण का परीक्षण कराया जायेगा। दर निर्धारण में अनियमितता पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ। कटनी जिले के थोक विक्रेताओं से केरोसीन की राशि की वसूली की गयी है। उक्त जिले में शासन निर्देशों के विपरीत दर निर्धारण के कारण थोक विक्रेताओं से अधिक ली गयी राशि की वसूली की गयी है एवं दोषी अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जाँच प्रचलित है। शेष भाग की जानकारी प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत उत्तर अनुसार है। (घ) केरोसीन का वितरण भी अन्य राशन सामग्री की भांति किये जाने के निर्देश हैं। चूंकि केरोसीन का अग्रिम प्रदाय केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर निर्भरता के कारण सभी दुकानों पर संभव नहीं हो पाता है। अत: आधार प्रमाणीकरण के साथ-साथ समग्र सत्यापन अथवा ऑफलाईन मोड में (उन दुकानों में जहां कनेक्टिविटी नहीं है) भी इसका वितरण किया जाता है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला अधिकारियों द्वारा डायरियों का संधारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 3524 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग स्तर से जिला आपूर्ति अधिकारियों/नियंत्रकों को मासिक डायरी संधारित करने और संचालनालय को प्रेषित करने के निर्देश जारी है? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या पन्ना एवं कटनी जिले के जिला आपूर्ति अधिकारियों एवं सागर के जिला अपूर्ति नियंत्रक द्वारा जुलाई 2018 से प्रश्न दिनांक तक संचालनालय को डायरियाँ प्रेषित की गई? यदि नहीं, तो निर्देशों के अवचार पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (ख) जिलों में क्या शासन/विभाग/जिला स्तर में जिला आपूर्ति अधिकारियों/नियंत्रकों को स्वतंत्र रूप से राशन दुकानों, पेट्रोल पंपों, थोक केरोसीन डीलरों के प्रतिष्ठानों के निरीक्षण का कोई मासिक लक्ष्य निर्धारित है? यदि हाँ, तो कब से और क्या? (घ) प्रश्नांश (ग) जिलों के आपूर्ति अधिकारियों/नियंत्रक द्वारा प्रश्नांकित अवधि में क्या-क्या स्वतंत्र निरीक्षण कार्य डायरियों में दर्शायें गए और दर्शायें गए कार्य मासिक लक्ष्य के अनुसार हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार बताएं। यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जाएगी? (ड.) प्रश्नांश (ग) जिलों के आपूर्ति अधिकारी/नियंत्रक द्वारा 01 जुलाई, 2018 से कौन-कौन राशन दुकानों, पेट्रोल पंपों एवं थोक केरोसिन डीलरों की जाँच की? जाँच में क्या तथ्य एवं अनियमितता पायी गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। मासिक डायरी संधारित करने के संबंध में जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा वर्ष 2002 के निर्देशों को वर्तमान कार्यस्वरूप के अनुसार पुनर्भाषित कर जारी करते हुए सभी अधिकारियों को भविष्य में जानकारियां समय पर भेजने के लिए पाबंद किया जायेगा। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) कटनी एवं पन्ना जिले में जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा स्वतंत्र निरीक्षण नहीं किया गया है। सागर जिले में जिला आपूर्ति नियंत्रक द्वारा प्रश्नांकित अवधि में किए गये स्वतंत्र निरीक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –'ब' अनुसार है। जाँच में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
आबादी क्षेत्र में भूखण्ड धारकों को जबरदस्ती हटाना
[राजस्व]
74. ( क्र. 3543 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन विभाग मंत्रालय द्वारा पत्र क्रमांक F 2-22/2010/सात-6 भोपाल दिनांक 28 सितम्बर 2010 के द्वारा आबादी क्षेत्र में बसे भूखण्डधारकों को प्रमाण पत्र प्रदाय करने व उनको वहां से न हटाने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या सहायक यंत्री म.प्र. सह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल उपसंभाग छतरपुर (जिला छतरपुर) द्वारा वसंत विहार कॉलोनी गौरईया रोड छतरपुर में शासन से पट्टे पर आवंटित भूमि से हितग्राहियों को अतिक्रमण हटाने के नोटिस दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त कालोनी की भूमि आवंटित होने के पूर्व से ही वहां के पूर्व से बसे मूल निवासियों को उनके पैतृक व आवासीय मकानों को हटवाने के नाम पर उनको बार-बार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है? (घ) क्या शासन के आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आदेश दिनांक 28/12/10 में मात्र भू-खण्ड धारक प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए थे। उनको वहाँ से न हटाने के निर्देश नहीं है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। छतरपुर शहर की बसंत विहार कालोनी गौरईया रोड छतरपुर में 6.37 एकड़ भूमि सहायक यंत्री म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल उपसंभाग छतरपुर (जिला छतरपुर) को आवंटित की गई। मण्डल को भूमि आवंटन के पूर्व से ही उक्त भूमि के अंश भाग पर कुछ व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया हुआ था जिससे मण्डल की योजना को पूर्ण करने में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। अत: उक्त अतिक्रमण हटवाने हेतु विधि संगत प्रक्रिया के अंतर्गत अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस जारी किए गए। (ग) पूर्व से बसे निवासियों को प्रताड़ित नहीं किया जा रहा है। चूंकि उनके द्वारा मण्डल को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। अत: अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्यवाही की जा रही है। (घ) कोई अधिकारी दोषी नहीं होने के कारण कार्यवाही करने का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है।
विक्रेता के विरूद्ध खाद्य अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
75. ( क्र. 3544 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी समिति मर्यादित महसंव जिला रीवा (म.प्र.) की उचित मूल्य दुकान पुरास एवं चौडियार के विक्रेता के विरूद्ध माह अप्रैल 2019 में राशन के स्कंध को ब्लैक किये जाने की शिकायत की जाँच सहायक आपूर्ति अधिकारी से करायी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उनके द्वारा जाँच प्रतिवेदन तैयार कर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुविभाग गुढ़ जिला रीवा को दिनांक 4.4.2019 को प्रस्तुत की गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा व कीमत की स्टॉक में कम पाई गई और कौन-कौन सी सामग्री स्टॉक में कितनी-कितनी अधिक पाई गई है? क्या अधिक पायी गई नियंत्रित मूल्य की सामग्री केरोसिन की नियमानुसार जब्ती व बिक्री की जाकर राशि शासकीय खजाने में जमा कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) नियंत्रित मूल्य की सामग्री की कालाबाजारी करने वाले विक्रेता के विरूद्ध खाद्य अधिनियम के अंतर्गत क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उचित मूल्य दुकान पुरास की जाँच में गेहूँ 15.68 क्विंटल कम पाया गया जिसकी इकॉनोमिक कॉस्ट 25, 558/- रूपये है। उचित मूल्य दुकान चौडियार की जाँच में गेहूँ 2.38 क्विंटल कम पाया गया जिसकी इकॉनोमिक कॉस्ट 3, 879/- रूपये है। उचित मूल्य दुकान पुरास की जाँच में चना 2.76 क्विंटल तथा केरोसिन 110 लीटर अधिक पाया गया। इसी प्रकार उचित मूल्य दुकान चौडियार की जाँच में केरोसिन 42 लीटर अधिक पाया गया। जी नहीं। प्रकरण में अधिक/कम पाई गई सामग्री के लिए अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ में प्रकरण पंजीबद्ध कर सुनवाई की जा रही है। इस अर्धन्यायिक प्रक्रिया में आदेश के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। (घ) जाँच में खाद्यान्न सामग्री अधिक/कम पाए जाने पर विक्रेता के विरूद्ध म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के तहत प्रकरण सक्षम न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ को भेजा गया है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए अपने न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 001/B/121/2019-20 एवं प्रकरण क्रमांक 002/B/121/2019-20 पंजीबद्ध कर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाकर सुनवाई की जा रही है। सक्षम प्राधिकारी द्वारा सुनवाई उपरांत निर्णय पारित किया जाता है।
एन.आर.आई. कोटे में चयनित अभ्यर्थियों की जाँच
(चिकित्सा शिक्षा]
76. ( क्र. 3558 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 114, दिनांक 21/07/2017 में यह कहा गया कि एन.आर.आई. कोटे में चयनित विद्यार्थी की जानकारी शासन को नहीं भेजी जाती है तथा उनके चयन का वेरिफिकेशन करने का दायित्व शासन का नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर यदि हाँ, तो बतावें कि निजी चिकित्सा महाविद्यालय में एन.आर.आई. कोटे में अनियमितता की जाँच मात्र न्यायालय से ही की जा सकती है या किसी अन्य विभाग से तथा यह बतावें कि संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा वर्ष 2017 के एन.आर.आई. कोटे की जाँच कर 107 को फर्जी पाने की प्रक्रिया किसके कहने से की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर नहीं तो बतावें कि वर्ष 2017 के मद्देनजर पिछले 5 वर्षों के एन.आर.आई. कोटे में भर्ती की जाँच की जा रही है या नहीं? (घ) क्या 24 जून, 2019 को विभाग की बैठक में माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार के मद्देनजर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा में गुणात्मक सुधार करना होगा? यदि हाँ, तो बतावें कि अक्षम और आयोग्य अभ्यर्थियों को एन.आर.आई. कोटे में डॉक्टर क्यों बनाया जा रहा है? विभाग इस षडयंत्र पर रोक लगाने हेतु क्या कर रहा है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 14836/2017 में पारित निर्णय दिनांक 10 नवम्बर, 2017 के आदेशानुसार वर्ष 2017 के 114 एन.आर.आई. कोटे में चयनित अभ्यर्थियों की जाँच संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा द्वारा की गई, जिसमें से 107 अभ्यर्थियों को अपात्र पाया गया। (ग) जी नहीं। पिछले 05 वर्षों में एन.आर.आई. कोटे के अन्तर्गत चयनित अभ्यर्थियों की जाँच किए जाने के संबंध में कोई निर्देश प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। 24 जून 2019 को विभाग की बैठक में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार हेतु कहा गया है। वर्ष 2017 से नीट परीक्षा से चयनित एन.आर.आई. अभ्यर्थियों की सूची से राज्य स्तरीय ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से आवंटन की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोदामों का चयन एवं भण्डारण
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 3565 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में गेहूँ एवं धान खरीदी हेतु कितने केन्द्र स्थापित किए गए थे? खरीदी उपरांत खरीदी केन्द्रों से गोदामों में भण्डारण करने हेतु परिवहन का कार्य किन-किन संविदाकारों/ठेकेदरों अथवा विभाग द्वारा कराए गए, का विवरण जिलावार देवें। परिवहन हेतु दिए गए कार्यादेश में कार्य कर रहे संविदाकार के पास कितने वाहन किस क्रमांक एवं किस नाम से हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गोदामों के भण्डारण हेतु उपयुक्त अथवा अनुपयुक्त गोदामों के प्राथमिकता क्या मैपिंग तैयार कर जिला कलेक्टरों द्वारा अनुमोदन उपरान्त गोदामों की प्राथमिकता क्रम का निर्धारण किया गया? किन-किन गोदामों को भण्डारण हेतु चयनित किया गया? जिलावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संविदाकार/ठेकेदार द्वारा खरीदी केन्द्रों से परिवहन करने हेतु कार्यादेश किन शर्तों पर कितने वर्षों के लिए जारी किये गए? अनुबंध की प्रति एवं शर्त क्या थी, की प्रति देते हुए बतावें। साथ ही गोदामों का चयन के पूर्व क्या गोदामों के भण्डारण क्षमता एवं शासन के जारी अन्य मापदण्डों का पालन कराते हुए गोदामों का चयन किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब चयन किया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार शासन के जारी मापदण्डों से हटकर परिवहन का कार्य संविदाकार/ठेकेदार को दिए गए गोदामों का चयन भडारण हेतु शासन के मापदण्डों से हटकर किया गया हो तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनकी पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रीवा संभाग में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में धान एवं रबी विपणन वर्ष 2019-20 में गेहूँ उपार्जन हेतु निर्धारित केन्द्रों एवं नियुक्त परिवहनकर्ताओं की जिलेवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परिवहनकर्ताओं के वाहनों के मालिक, वाहन क्रमांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जिला उपार्जन समिति के अनुमोदन पश्चात् समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूँ के भंडारण हेतु उपयुक्त पाए गए गोदामों का चयन न्यूनतम दूरी के आधार पर किया गया है। चयनित किए गए गोदामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूँ के परिवहन हेतु नियुक्त परिवहनकर्ताओं से किए गए अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। परिवहनकर्ताओं से दो वर्ष के लिए अनुबंध किया जाता है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूँ के भंडारण हेतु गोदामों के चयन के पूर्व गोदामों की भंडारण क्षमता एवं निर्धारित मापदण्डों का पालन करते हुए गोदामों का चयन किया गया है। गोदामों का चयन जिला उपार्जन समिति द्वारा किया गया है, जिसके सदस्य कलेक्टर द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि, जिला आपूर्ति नियंत्रक/अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, शाखा प्रबंधक, वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन हैं। गोदामों के चयन की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिवहन विभाग के कर्मचारी व वाहनों की जानकारी
(परिवहन]
78. ( क्र. 3583 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर नीमच में परिवहन विभाग में कुल कितने कर्मचारी पदस्थ हैं? स्थान, पद, कार्यकाल समयावधि की जानकारी देवें। (ख) नीमच टोल से विभाग को विगत 5 वर्षों में प्राप्त शुल्क की वर्षवार जानकारी देवें। (ग) परिहवहन विभाग द्वारा मंदसौर जिले में प्रतिनियुक्ति पर कितने अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त हैं? (घ) मंदसौर में कितने वाहनों (टू व्हीलर, फोर व्हीलर) का पंजीयन है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) परिवहन कार्यालय मंदसौर में दो पहिया वाहन 2, 07, 365 एवं चार पहिया वाहन 8, 958 पंजीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
शासकीय भूमियों का सीमांकन
(राजस्व]
79. ( क्र. 3594 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शाजापुर की नगर पालिका शुजालपुर क्षेत्र में विद्यमान शासकीय भूमि जो अलग-अलग स्थान पर है, जिन्हें शासकीय प्रयोजन के लिए नगर पालिका परिषद् शुजालपुर द्वारा अलग-अलग समय में पत्र देकर सीमांकन की मांग तहसीलदार शुजालपुर से की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या सीमांकन कर दिए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमियों का सीमांकन करने के लिए क्या कोई शुल्क जमा करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो शासन की विभिन्न योजनाओं के कार्यों हेतु सीमांकन नहीं करना क्या किसी की जवाबदारी नहीं है? यदि है तो कब तक सीमांकन कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमियों के सीमांकन हेतु नगर पालिका शुजालपुर के द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 14/02/2019, 29/05/2019, 11/12/2015, 16/11/16, 09/03/16, 11/03/2016, 29/01/2016 के अंतर्गत क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही का विवरण देवें। यदि नहीं, तो इतने समय तक प्रेषित पत्रों में उल्लेखित भूमियों का सीमांकन क्यों नहीं किया गया है? यह जवाबदारी किसकी बनती है तथा विभाग इस पर क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। नगर पालिका परिषद् के पत्र दिनांक 11.12.2015 में अपेक्षित सीमांकन किया गया है। नगर पालिका के दिनांक 16.11.2016 के पत्र के संदर्भ में सीमांकन हेतु आवेदित रास्ते का कोई खसरा नंबर व नक्शा राजस्व रिकार्ड में उपलब्ध नहीं होने से तथा पत्र दिनांक 11.03.2016 एवं 29.01.2016 के संदर्भ में नगरपालिका शुजालपुर द्वारा आवेदित स्थल वार्ड क्रमांक 3 लेंडिया तालाब के पास कोई शासकीय भूमि नहीं होने तथा शुजालपुर झिरन्या कांकड पर पूर्व से ही आवासीय पट्टे के मकान बने होने से आबादी की भूमि का सीमांकन संभव नहीं हुआ हैं तथा नगर पालिका के पत्रों दिनांक 09.03.2016, 14.02.2019 तथा 29.05.2019 में किसी भी खसरा नंबर का उल्लेख नहीं होने से सीमांकन नहीं किया जा सका। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमियों का सीमांकन करने के लिए कोई शुल्क जमा करने का प्रावधान नहीं हैं। शासन के विभिन्न योजनाओं के कार्यों हेतु सीमांकन करना संबंधित लोक सेवक की जवाबदारी है। (ग) कार्यवाही का विवरण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार है। सीमांकन प्रकरणों में उपलब्ध रिकार्ड तथा विशिष्टियों के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
सिंहस्थ महापर्व हेतु उपयोग नहीं किए गए क्षेत्र को डिनोटिफाई करने के संबंध में
(राजस्व]
80. ( क्र. 3658 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र उज्जैन उत्तर का क्षेत्र जहां विगत दो सिंहस्थ महापर्वों से कोई पड़ाव अथवा केम्प नहीं लगे, उसे सिंहस्थ क्षेत्र हेतु नोटिफाई किया गया है? (ख) यदि ऐसे क्षेत्र जहां सिंहस्थ महापर्व में उपयोग नहीं होता है एवं जिसके रकबे की जानकारी विभाग के पास हैं, उसे डिनोटिफाइड करने के संबंध में विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) उपरोक्त ऐसे क्षेत्रों को डिनोटिफिकेशन कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, किया गया है। (ख) जारी अधिसूचना की प्रभावशीलता का परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची विलंब से जारी करने के संबंध में
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
81. ( क्र. 3660 ) श्री तरबर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में हितग्राहियों का बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़े जाने के उपरांत पात्रता पर्ची जनरेट होने से लेकर हितग्राहियों को राशन प्राप्त होने तक की क्या प्रक्रिया है? नाम जुड़ने की दिनांक से पात्रता पर्ची जारी किये जाने की क्या समय-सीमा है? (ख) सागर जिले की बण्डा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील बण्डा एवं शाहगढ़ में कितने बी.पी.एल. हितग्राही के नाम प्रश्न दिनांक तक दर्ज हैं? तहसीलवार नगरीय क्षेत्र में वार्डवार एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार संख्या उपलब्ध करावें। (ग) तहसील बण्डा एवं शाहगढ़ की प्रश्न दिनांक तक अद्यतन बी.पी.एल. सूची में कितने हितग्राहियों की पात्रता पर्ची चालू है? बी.पी.एल. सूची में नाम होने के बाद भी कितने बी.पी.एल. हितग्राहियों की पात्रता पर्ची चालू नहीं हुई है? कारण स्पष्ट करें। कितने समय में शत्-प्रतिशत हितग्राहियों की पात्रता पर्ची चालू कर दी जावेगी? (घ) बी.पी.एल. कार्ड होने तथा बी.पी.एल. सूची में नाम होने के उपरांत भी हितग्राहियों को पात्रता पर्ची के अभाव में राशन उपलब्ध नहीं हो रहा है, इसके लिये जिम्मेदार कौन है? ऐसी स्थिति में बी.पी.एल. हितग्राहियों को राशन प्रदाय किये जाने के क्या प्रावधान है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 25 श्रेणियों के परिवारों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिसमें बी.पी.एल. श्रेणी के परिवार भी सम्मिलित हैं। समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत विभागीय अमले द्वारा उचित मूल्य दुकानों से मैप किया जाता है। अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत प्रदेश हेतु वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक नवीन पात्रता पर्ची जारी की जाती है। निर्धारित सीमा के अंतर्गत हितग्राहियों को पात्रता पर्ची लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के प्रावधान अनुसार नवीन पात्र परिवारों द्वारा आवेदन देने पर पात्रता पर्ची जारी करने की अवधि 15 दिवस निर्धारित है। (ख) विभाग के द्वारा सागर जिले की बण्डा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील बण्डा 33238 एवं तहसील शाहगढ़ में 37322 परिवारों को बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी की गई है। तहसीलवार, वार्डवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सागर जिले की तहसील बण्डा-33238 एवं शाहगढ़-37322 बी.पी.एल. श्रेणी के पात्रता पर्चीधारी परिवारों हेतु लक्षित सार्वजनिक वितरण के अंतर्गत खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय तालाबों व विद्यालयों की भूमि पर अतिक्रमण
(राजस्व]
82. ( क्र. 3687 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय तालाब व शासकीय विद्यालय के मद में भूमियां दर्ज हैं? (ख) क्या शासकीय तालाबों व विद्यालयों के नाम दर्ज/चिन्हित भूमियों में से अधिकांश पर अनाधिकृत कब्जे व अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अतिक्रमण में मुक्ति हेतु विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित तालाबों व विद्यालयों की शासकीय भूमियों को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु विभाग कब तक ठोस कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जिले में शासकीय तालाबों एवं विद्यालयों के नाम दर्ज/चिन्हित भूमियों में अनाधिकृत कब्जे व अतिक्रमण की जानकारी संज्ञान में आने पर उन्हें हटाने के लिए तहसीलदार एवं विहित राजस्व अधिकारियों द्वारा निरंतर भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्यवाही की जाती है और अतिक्रमण हटाया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के द्वितीय भाग में दिए गए विवरण अनुसार निरन्तर कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
आयुर्वेद चिकित्सकों की नियुक्ति
(आयुष]
83. ( क्र. 3723 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित शासकीय आयुर्वेद औषधालयों की संख्या कितनी हैं? जिलेवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने आयुर्वेद औषधालयों में चिकित्सक पदस्थ हैं तथा कितने रिक्त हैं? (ग) क्या प्रदेश में बढ़ती बीमारियों एवं महामारियों एवं अंग्रेजी पद्धति की दवाईयों का मानव शरीर में बढ़ते दुष्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय चिकित्सा पद्धति के संचालित शासकीय चिकित्सालयों में रिक्त चिकित्सकों के पदों को भर दिया जावेगा तथा इस संबंध में वर्तमान में सरकार के पास क्या योजनाएं हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
चिकित्सा महाविद्यालय के फर्जीवाडे में उचित कार्यवाही न होना
(चिकित्सा शिक्षा]
84. ( क्र. 3742 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2009 से 2013 तक MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेशित जिन विद्यार्थियों का प्रवेश रोल नम्बर सेटिंग पर रूप धारण OMR शीट में छेड़छाड़ आदि कारणों से निरस्त कर दिया गया, उनकी महाविद्यालय अनुसार सूची देवें। व्यापम ने इनकी अभ्यर्थियां निरस्त करने संबंधी जो पत्र विभाग को लिखा उसकी प्रति की संलग्न सूची दस्तावेज सहित देवें। (ख) वर्ष 2014 से 2018 तक MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों के नाम, पिता का नाम, निवास का पता, प्रवेशित विद्यालय का नाम, संबंधित परीक्षा के प्राप्तांक, रैंक, कक्षा 12वीं के प्राप्तांक सहित सूची देवें। (ग) वर्ष 2007 से 2013 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेशित जिन विद्यार्थियों के प्रवेश व्यापम की अनुशंसा पर निरस्त किये गये, उनकी सूची देवें तथा इस संदर्भ में व्यापम द्वारा विभाग को भेजे गये आदेश/पत्र तथा विभाग द्वारा निजी महाविद्यालयों को भेजे गये पत्र तथा उनसे प्राप्त उत्तर कि प्रतियां देवें। (घ) क्या जिन विद्यार्थियों ने वर्ष 2007 से 2013 में MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेश किया था तथा जिनका प्रवेश निरस्त करने की अनुशंसा व्यापम द्वारा की गई थी, उनमें से कई विद्यार्थियों को महाविद्यालय से निष्कासित नहीं किया वे नियमित अध्ययन करते रहे तथा पढ़ाई पूर्ण कर डिग्री प्राप्त करने में सफल रहे? यदि नहीं, तो बतावें कि यह कैसे सुनिश्चित किया गया की व्यापम की अनुशंसा वाले सभी का प्रवेश निरस्त हो चुका है इससे संबंधित दस्तावेज देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में राशन घोटाले की उच्च स्तरीय जाँच
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
85. ( क्र. 3743 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में राशन की दुकानों से वर्ष 2016 से 2018 तक वर्ष अनुसार कुल कितने हितग्राहियों को कुल कितनी कौन-कौन सी सामग्री वितरीत की गई? क्या वर्तमान प्रणाली से कई आदिवासियों को सामान प्राप्त करने में काफी कठिनाई हो रही है? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) क्या रतलाम में (राशन दुकानों में) 10 करोड़ का घोटाला मात्र 8 दुकानों में पाया गया? यदि हाँ, तो उस तर्ज पर रतलाम जिले की सारी राशन दुकानों पर उस घोटाले की अवधि के हितग्राहियों की संख्या का परीक्षण किया गया या नहीं? यदि हाँ, तो रिपोर्ट से अवगत करावें तथा यदि नहीं, तो कब तक परीक्षण कर लिया जावेगा? (ग) रतलाम जिले के वर्ष 2016 से वर्ष 2018 तक प्रत्येक वर्ष के 31 दिसम्बर को हितग्राहियों की कुल संख्या दुकान अनुसार बतावें। (घ) रतलाम की तर्ज पर पूरे प्रदेश में घोटाला होने के कितने प्रकरण संज्ञान में हैं? सूची देवें तथा बतावें कि क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर गरीबों का राशन खाने वालों को दंडित किया जावेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रतलाम में 8 दुकानों पर अनियमितता पाई गई। जी नहीं। रतलाम में वर्ष 2017 में शहरी क्षेत्र की 8 शासकीय उचित मूल्य दुकानों की रेण्डम पद्धति से जाँच किए जाने के कारण जिले की शेष दुकानों के हितग्राहियों की संख्या का परीक्षण नहीं किया गया। (ग) रतलाम जिले के वर्ष 2016 से वर्ष 2018 तक प्रत्येक वर्ष के 31 दिसम्बर को हितग्राहियों की दुकानवार कुल संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। पूरे प्रदेश में घोटाला होने का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाइन व्यापार में कर चोरी
(वाणिज्यिक कर]
86. ( क्र. 3756 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जी.एस.टी. के पश्चात ऑनलाइन खरीदी से 1 जनवरी 2018 के पश्चात कुल कितना कर प्रदेश में विभाग को प्राप्त हुआ? प्रदेश में कुल कितनी ऑनलाइन कम्पनियां व्यापार कर रही हैं? इनकी संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या प्रदेश में अवैध रूप से सख्त नियम के बावजूद भी अधिकारियों की लापरवाही एवं अनियमितता के चलते कंपनियां लगातार व्यापार कर, कर में चोरी कर रही हैं? इसकी कुल कितनी शिकायतें विभाग को प्रश्नांश (क) अवधि में प्राप्त हुई उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रदेश में ऑनलाइन व्यापार की ग्राहकों को डिलेवरी हेतु निजी कोरियर सेवा का पंजीयन अनिवार्य है? यदि हाँ, तो प्रदेश में ऐसी कितनी निजी कोरियर सेवाओं का विभाग के पास पंजीयन है? (घ) तुलनात्मक रूप से गत 5 वर्षों में ऑनलाइन खरीदी से कुल कितने राजस्व की प्रतिवर्ष बढ़ोत्तरी हुई? क्या यह बढ़ोत्तरी अनुपातिक रूप से विभाग के दृष्टिकोण से उचित है? यदि नहीं, तो विभाग कर में वृद्धि हेतु क्या प्रयास कर रहा है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी.एस.टी. के लिए विभाग द्वारा उपयोग किये जा रहे जी.एस.टी. नेटवर्क एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में दिनांक 01 अक्टूबर, 2018 के बाद जमा की गई कर राशि का विवरण उपलब्ध है। उक्त कम्पनियों से 01 अक्टूबर, 2018 से 10 जुलाई, 2019 तक रूपये 1815.85 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। उक्त राशि में आई.जी.एस.टी., सी.जी.एस.टी., एस.जी.एस.टी. एवं सेस की राशि सम्मिलित है। इस राशि में आई.जी.एस.टी. सेटलमेंट के रूप में इन कम्पनियों से संबंधित भारत सरकार से प्राप्त होने वाली राशि सम्मिलित नहीं है। विभाग द्वारा उपयोग किये जा रहे जी.एस.टी. नेटवर्क एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध जानकारी अनुसार जी.एस.टी. के अंतर्गत प्रदेश में 211 ऑनलाइन सेवा प्रदाता कम्पनियां पंजीकृत हैं। जिसमें केन्द्र एवं राज्य दोनों के अधिकार क्षेत्र से संबंधित करदाता सम्मिलित हैं। (ख) ऑनलाइन व्यापार करने वाली कम्पनियों के संबंध में कर चोरी संबंधी कोई शिकायत विभाग के संज्ञान में नहीं है। जी.एस.टी., केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा प्रशासित है। एक ही संव्यवहार पर केन्द्र एवं राज्य का कर निहित होता है। अत: विधिक प्रावधानों का पालन कराने में किसी प्रकार की अनियमितता की कोई स्थिति नहीं है। कर चोरी की शिकायत अथवा सूचना मिलने पर तथा जी.एस.टी. नेटवर्क एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर तथा एन.आई.सी. के पोर्टल पर उपलब्ध पंजीकृत करदाताओं की जानकारी के विश्लेषण पश्चात् कर चोरी की स्थिति पाई जाने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रदेश में ऑनलाइन व्यवसाय के अंतर्गत ग्राहकों को मालों की डिलेव्हरी देने के लिए सभी कोरियर कम्पनियों के लिए पंजीयन अनिवार्य नहीं है। यदि कोरियर कम्पनी का सालाना टर्न-ओव्हर रूपये 20 लाख से अधिक होता है, तब उन्हें जी.एस.टी. में पंजीयन लेना अनिवार्य है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रदेश में जी.एस.टी. के अंतर्गत 09 कोरियर एजेंसी पंजीकृत है। (घ) ऑनलाइन खरीदी पर दिनांक 01 अक्टूबर, 2016 के पूर्व कराधान का कोई प्रावधान नहीं था। दिनांक 01 अक्टूबर, 2016 से प्रवेश कर अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचना द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग अथवा ई-कामर्स कम्पनियों के माध्यम से उपभोक्ताओं द्वारा क्रय किये जाने वाले मालों पर अथवा उनके लिए मालों को बुलाने वाले व्यक्ति पर 6 प्रतिशत की दर से प्रवेश-कर लगाया गया था। यह प्रावधान जी.एस.टी. लागू होने के पूर्व दिनांक 30 जून, 2017 तक लागू था। दिनांक 01 अक्टूबर, 2016 से 31 मार्च, 2017 की अवधि में रूपये 48.49 करोड़ तथा दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से 30 जून, 2017 की अवधि में रूपये 29.01 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। ऑनलाइन खरीदी पर लगाए गये प्रवेश कर एवं जी.एस.टी. के अंतर्गत ऑनलाइन व्यवसाय पर कर देयता के प्रावधान एवं लगाए गये कर की प्रकृति पृथक-पृथक है। अत: ऑनलाइन व्यवसाय पर पूर्व में प्रवेशकर से प्राप्त राजस्व एवं जी.एस.टी. के अंतर्गत प्राप्त हो रहे राजस्व के तुलनात्मक आंकलन की कोई स्थिति नहीं है। जी.एस.टी. के अंतर्गत ऑनलाइन संव्यवहारों पर नियंत्रण के लिए इन सेवा प्रदाता कम्पनियों के लिए टी.सी.एस. (स्त्रोत पर टैक्स की कटौती) का प्रावधान किया जाकर इनके लिए पंजीयन लेना अनिवार्य किया गया है।
सिंहस्थ 2016 में क्रय की गई पानी की टंकियों एवं पाईपों के संबंध में
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
87. ( क्र. 3799 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ 2016 में मेले में उपयोग हेतु विभाग द्वारा प्लास्टिक पानी की काली टंकी एवं प्लास्टिक पाईपों का क्रय किया था? यदि हाँ, तो उक्त सामग्री का क्रय के पूर्व किस प्रक्रिया का पालन किया गया तथा किस प्रक्रिया पालन के शासन द्वारा निर्देश थे? (ख) सिंहस्थ 2016 में कितनी मात्रा में किस-किस दर पर कुल कितनी-कितनी राशि से विभाग द्वारा किस-किस एजेन्सी से उक्त सामग्री का क्रय किया है तथा कितनी मात्रा में शेष है? क्रय की गई, शेष एवं नष्ट सम्पूर्ण सामग्री की सूची उपलब्ध करावें। सामग्री नष्ट किस रूप में हुई? (ग) क्या 14 अप्रैल 2019 को विभागीय कार्यालय के भंडारण स्थान गऊघाट उज्जैन एवं 11 मई 2019 को ग्राम अम्बोदिया में संधारित सिंहस्थ 2016 की प्लास्टिक पानी की काली टंकी एवं प्लास्टिक पाईपों में आग लगी है? आग किस कारण लगी? कितनी सामग्री नष्ट हुई? (घ) संधारित उक्त सामग्री आग से नष्ट होने में किस अधिकारी द्वारा लापरवाही की गई? इसकी जाँच में क्या पाया गया और दोषियों पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, की जा रही है तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, सिंहस्थ 2016 में मेले में उपयोग हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड उज्जैन द्वारा मेला क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था हेतु प्लास्टिक पानी की काली टंकी एवं प्लास्टिक पाईपों के क्रय हेतु पृथक से निविदा आमंत्रित नहीं की गई थी। अपितु सिंहस्थ 2016 मेले हेतु मेला क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के लिये प्लास्टिक पानी की काली टंकी, प्लास्टिक पाईपों का प्रदाय, स्थापना कार्य, स्टैण्ड पोस्ट का निर्माण, मेले के दौरान संचालन/संधारण एवं उसके पश्चात डिस्मेंटलिंग के कार्य की निविदा आमंत्रित कर कराया गया था। इसके अतिरिक्त लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड उज्जैन द्वारा 200 टंकिया लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय की गईं। शासन द्वारा अलग से किसी प्रक्रिया के पालन के निर्देश नहीं थे। (ख) सिंहस्थ 2016 में उक्त सामग्री के क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' में, कितनी मात्रा में शेष है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' में तथा नष्ट सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। सामग्री विभिन्न कारणों जैसे चोरी, मेले के दौरान संचालन/संधारण में उपयोग होने से टूट-फूट के कारण अनुपयोगी होने से नष्ट हुई है। (ग) दिनांक 14 अप्रैल 2018 को नगर पालिका निगम गउघाट फिल्टर प्लांट के परिसर में शार्ट सर्किट के कारण एवं दिनांक 11.05.2019 को नगर निगम फिल्टर प्लांट अम्बोदिया परिसर में अज्ञात कारणों से आग लगी। आग में नष्ट हुई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। उक्त आग में प्लास्टिक पानी की काली टंकी नहीं जली है। (घ) संधारित उक्त सामग्री आग से नष्ट होने की घटना के संबंध में विस्तृत जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः अभी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय औषधालय व विद्यालय की भवन सामग्री पर कब्जा
(राजस्व]
88. ( क्र. 3807 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम केसला, तहसील इटारसी, जिला होशंगाबाद की भूमि खसरा क्रमांक-117/1 कुल क्षेत्रफल- 0.2310 (आबादी), भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के शासकीय रिकार्ड में शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है? प्रमाणित प्रति देवें। क्या विगत 50 वर्षों से उक्त भूमि पर शासकीय औषधालय एवं शासकीय प्राथमिक शाला संचालित थे तथा वर्ष 2000 में ग्राम पंचायत केसला ने शासकीय प्राथमिक शाला भवन की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कराया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या ग्राम के दबंग बाजपेयी परिवार द्वारा उक्त भूमि को फोरलेन में अपनी बताकर क्षतिपूर्ति राशि लगभग 6.00 लाख रूपये ले ली गयी थी, जिसकी जाँच उपरांत राशि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के कार्यालय में जमा है तथा उक्त दोनों भवनों से निकली पुरानी भवन सामग्री जिसकी कीमत लगभग 3.00 लाख के करीब है। पूरी सामग्री दबंगों द्वारा प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी अपने कब्जे में कर घर ले गये, क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ग्राम पंचायत केसला ग्रामवासियों द्वारा थाना केसला, तहसीलदार इटारसी, अनुविभागीय अधिकारी इटारसी, कलेक्टर होशंगाबाद, आयुक्त नर्मदापुरम संभाग को लगातार शिकायत एवं आपत्ति के बाद शासन द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई एवं नहीं की जा रही तो क्यों? (घ) प्रशासन द्वारा उक्त भूमि की क्षतिपूर्ति राशि एवं शेष भूमि का स्वामित्व कब तक ग्राम पंचायत, केसला को सौंपा जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। ग्राम केसला तहसील इटारसी जिला होशंगाबाद स्थित भूमि खसरा नंबर 117/1 रकबा 0.338 हे. शासकीय भूमि के रूप में दर्ज नहीं है बल्कि यह भूमि कमलाबाई बेवा रामलाल निवासी ग्राम केसला तहसील इटारसी के नाम पर वर्तमान में अभिलेख में दर्ज है प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत 50 वर्षों से उक्त भूमि पर शासकीय औषधालय एवं शासकीय प्राथमिक शाला भवन संचालित नहीं थे। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में लागू नहीं होता।। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में निरंक। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में निरंक।
राशन वितरण
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
89. ( क्र. 3816 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में माह दिसम्बर 2018 से शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से उपभोक्ताओं को चना, बाजरा एवं अति गरीबी रेखा वाले कार्डधारियों को शक्कर का प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस माह में किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में दी गई जानकारी अनुसार किस-किस माह में प्रति उपभोक्ता कितना-कितना चना, बाजरा एवं अति गरीबी रेखा वालों को कितनी शक्कर वितरण के आदेश जारी किये गये थे? जानकारी देवें। (ग) किन-किन शासकीय उचित मूल्य राशन दुकानों को कितना-कितना राशन जारी किया गया? (घ) क्या उचित मूल्य दुकानों से सभी उपभोक्ताओं द्वारा चना, बाजरा क्रय किया गया था? यदि उपभोक्ताओं द्वारा क्रय नहीं किया गया तो किन-किन दुकान संचालकों के पास शेष बचा तथा विभाग द्वारा कब-कब इस संबंध में निरीक्षण किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि के जिन माहों में प्रश्नांकित वस्तुओं का आवंटन जारी किया गया है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) शेष बची मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। विभागीय अधिकारियों द्वारा फरवरी, 2019 से जून, 2019 तक किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
रोजगार व पुनर्वास नीति का पालन
(राजस्व]
90. ( क्र. 3863 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत हिन्दुस्तान एम.बी. पावर जैतहरी के लिये 15 जून 2019 तक भू-अर्जन से अर्जित कर दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) से प्रभावित व अर्जित भूमि स्वामी व उसके परिजन को प्रदत्त रोजगार की स्पष्ट जानकारी नाम, पद सहित देवें। (ग) क्या शासन की नीति व इकरारनामा अनुसार रोजगार व पुनर्वास नीति का अक्षरश: पालन किया गया है? (घ) क्या कंपनी ने शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा में कोई कार्य किया है? यदि हाँ, तो बताएं कि क्या संचालित विद्यालय प्रारंभ करने का दिनांक से शासन की नीति के विरूद्ध प्रति छात्र से शिक्षा शुल्क वृद्धि कब-कब की गयी है? (ड.) कंपनी ने भू-अर्जन से प्रभावित कितने कृषकों को अभी तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 15 जून 2019 तक जिला अनूपपुर अंतर्गत कुल 642.285 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हिन्दुस्तान एम.बी. पॉवर जैतहरी के लिए किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। हिन्दुस्तान एम.बी. पॉवर द्वारा शिक्षा के लिए बाल भारती पब्लिक स्कूल की स्थापना वर्ष 2012 में की गई है जिसमें प्रभावित खातेदारों के परिवारों के लिए नर्सरी तथा कक्षा 1 से कक्षा 10 तक शिक्षा निःशुल्क प्रदाय की जाती है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ड.) कंपनी द्वारा 784 खातों के प्रभावित कृषकों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया है।
नक्शा तरमीम एवं बंटवारा हेतु आदेश
(राजस्व]
91. ( क्र. 3868 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के सेमरिया तहसील अंतर्गत ग्राम कोटरा एवं कोलौरा राजस्व प्रकरण क्रमांक 71/अ27/1718 एवं क्रमांक 111/अ27/1617 की भूमि नंबर 128/1 एवं 144/5 का नक्शा तरमीम एवं बंटवारा हेतु आदेश तहसीलदार द्वारा दिया गया था? यदि हाँ, तो पटवारी द्वारा नक्शा तरमीम क्यों नहीं किया गया है? (ख) क्या उक्त आराजी नंबर 128/3/4/5 में जुज रकबा 0.72 डिसीमल उक्त हल्के में पदस्थ पटवारी द्वारा अनुसूचित जाति की जमीन को रवीकान्त तिवारी के नाम पर खरीद फरोख्त की गई है? यदि हाँ, तो अनुसूचित जाति की भूमि खरीदने की अनुमति कलेक्टर द्वारा कब जारी की गई? क्या उक्त प्रश्नांश (क) की भूमि का नक्शा तरमीम किये जाने का आदेश तहसीलदार द्वारा पूर्व में दिया गया था, किंतु रवीकान्त तिवारी एवं अन्य लोगों का नक्शा कैसे तरमीम कर दिया गया है? (ग) क्या उक्त प्रश्नांश की भूमि स्वामी की अनुपस्थिति में पथरगुड्डी दिनांक 12.6.2019 को कर दी गई है, तो उक्त कार्यवाही कब तक निरस्त कर दी जावेगी? (घ) जिसकी आपत्ति प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 128/1 के भूमि स्वामी द्वारा राजस्व निरीक्षक को लिखित में कर दी गई है, उक्त पटवारी के खिलाफ क्या कार्यवाही शासन द्वारा प्रस्तावित है? प्रश्न दिनांक तक जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में अपील के दृष्टिगत पटवारी सेमरिया द्वारा नक्शा तरमीम नहीं किया। (ख) आ.क्र. 128/3/4/5 के जुज रकवा 0.72 डि. को रविकान्त तिवारी द्वारा रजिस्टर्ड बिक्री के आधार पर क्रय की गई है। विक्रेता चूंकि अनुसूचित जाति का है। अत: नियमानुसार क्रय हेतु कलेक्टर की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नांश (क) की भूमि तरमीम न होने के कारण तत्कालीन पटवारी वेदप्रकाश मिश्रा को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिरमौर के आदेश क्रमांक 504 दिनांक 12.07.19 द्वारा निलंबित किया गया है, तथा तत्कालीन राजस्व निरीक्षक व तहसीलदार सेमरिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रवीकांत तिवारी द्वारा पंजीकृत विक्रय पत्र से भूमि क्रय करने तथा नामांतरण होने के कारण नक्शा तरमीम किया गया। (ग) जी हाँ, यह सही है कि प्रश्नांकित भूमि का सीमांकन भूमि स्वामी की अनुपस्थित में हुआ। तदुपरांत भूमि स्वामी की आपत्ति प्राप्त होने पर विधिवत् सुनवाई पश्चात् उक्त सीमांकन को प्रकरण क्रमांक 105 अ 12/2019.20 दिनांक 04.07.19 द्वारा निरस्त कर दिया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि का बंटवारा आदेश पारित होने के बावजूद पटवारी द्वारा नक्शा तरमीम न करने के कारण तत्कालीन पदस्थ पटवारी को निलंबित किया गया है।
आबकारी नीति के अंतर्गत शराब ठेकेदारों के द्वारा शराब का विक्रय
(वाणिज्यिक कर]
92. ( क्र. 3873 ) श्री राम दांगोरे : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी नीति के अंतर्गत शराब ठेकेदार अंग्रेजी या देशी शराब कहाँ-कहाँ किन-किन स्थानों पर बेच सकता है? क्या वह गाँव-गाँव में एजेंट बनाकर किराना या कटलरी की दुकानों व आदिवासियों की टपरियों पर भी बेच सकता है? यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें। (ख) यदि नहीं, तो विधान सभा क्षेत्र पंधाना में प्रत्येक ग्राम टोला, मजरे तक में शराब एजेंट के माध्यम से किराना व आदिवासियों की टपरियों व अन्य दुकानों से बेची जाने की जाँच कर समाज में फैल रही इस विकृति के प्रति रोक लगाएंगे?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) आबकारी नीति के अन्तर्गत मदिरा दुकानों हेतु घोषित क्षेत्र में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत संरचित सामान्य प्रयोग नियम-1 के तहत आपत्ति रहित स्थल पर शराब ठेकेदार दुकान हेतु अनुज्ञप्त परिसर में ही अंग्रेजी या देशी शराब बेच सकता है। जी नहीं। शराब ठेकेदार द्वारा गाँव-गाँव में एजेन्ट बनाकर किराना या कटलरी की दुकानों व आदिवासियों की टपरियों पर शराब नहीं बेच सकता है। (ख) स्वीकृत अनुज्ञप्त परिसर के अतिरिक्त अन्यत्र कहीं भी शराब बेचे जाने की सूचना प्राप्त होने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते हैं। खण्डवा जिले की पंधाना विधान सभा क्षेत्र में अवैध मदिरा विक्रय के विरूद्ध वर्ष 2018-19 में 323 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाया जाना
(राजस्व]
93. ( क्र. 3893 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या विभाग द्वारा छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने में काफी विलम्ब किया जा रहा है? इसका क्या कारण है? (ग) छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभाग के पत्र दिनांक 05.03.2019 द्वारा प्रतिवेदन चाहा गया था कलेक्टर, छिन्दवाड़ा से प्रतिवेदन प्राप्त होकर प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटनी जिला अंतर्गत शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
94. ( क्र. 3914 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत विगत 3 वर्षों में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने हेतु राज्य आयोजन तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर किन कार्यों में खर्च हुई? (ख) बहोरीबन्द विधान सभा क्षेत्र में भू-जल स्तर की स्थिति क्या है? क्या यहाँ का पठार क्षेत्र भू-जल की अत्यंत अल्प मात्रा की उपलब्धता की श्रेणी एवं पूरी विधान सभा क्या अतिदोहित श्रेणी में शामिल है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में भू-जल संवर्धन एवं पुनर्भरण हेतु क्या-क्या कार्य किये गए तथा कितनी-कितनी राशि इस कार्य हेतु खर्च हुई? (ग) विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में बहोरीबन्द विधान सभा क्षेत्र में खोदे गए नलकूप एवं सफल नलकूप की ग्रामवार संख्या देवें। क्षेत्र की कितनी-कितनी बसाहटों में पेयजल हैण्ड पम्प योजना तथा नल-जल योजना से वितरित किया जा रहा है तथा गुणवत्ता प्रभावित बसाहटें कितनी थीं? उनमें से कितनों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो गई है? शेष में किस प्रकार से कब तक होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) औसत भू-जल स्तर 27 मीटर है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' एवं ''4'' अनुसार है। जिले में कोई गुणवत्ता प्रभावित बसाहट नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में संचालित जल निगम
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 3915 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जल निगम की स्थापना किन उद्देश्यों को पूरा करने हेतु कब की गई? इसके संचालन हेतु क्या दिशा-निर्देश एवं नियम बनाये गए? निगम की स्थापना काल से प्रश्न दिनांक तक जल निगम द्वारा कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन सी योजनायें पूर्ण की गई हैं एवं कौन-कौन सी प्रगतिरत एवं कौन-कौन सी प्रस्तावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्तावित योजना वर्तमान समय में किस स्तर पर कहाँ लंबित है? इन प्रस्तावित योजनाओं में कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य कब तक होना है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल निगम का वार्षिक बजट कितना है? बजट 2019-20 में इसे किन-किन मदों हेतु कितनी राशि आवंटित है? मदवार सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा सतही स्त्रोत से गामीण क्षेत्रों में जलप्रदाय हेतु समूह योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु दिनांक 06 जून 2012 को मध्यप्रदेश जल निगम की स्थापना की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्तावित योजनाएं लंबित नहीं है, बल्कि योजनाओं हेतु जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इन प्रस्तावित योजनाओं के कार्य स्थल, लागत एवं योजना संबंधी कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। प्रस्तावित योजनाओं की तकनीकी व्यवहार्यता एवं वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जल निगम का वर्ष 2019-20 का वार्षिक बजट रू. 2281.05 करोड़ का है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है।
वि.स. क्षेत्र बिजावर अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
(महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 3923 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र हैं? प्रत्येक में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त में से कितने केंद्र स्वयं के भवन में है? कितने किराये के भवन में हैं, उनका स्वयं का भवन कब तक बन जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त आंगनवाड़ी भवनों में क्या-क्या भोजन किस संस्था के द्वारा दिया जाता है? संस्था के संचालक मंडल में कौन-कौन है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बिजावर-52 अंतर्गत संचालित 378 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में एक-एक पद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आंगनवाड़ी सहायिका का स्वीकृत है। उप आंगनवाड़ी केन्द्र में एक पद उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का स्वीकृत है। वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 311, आंगनवाड़ी सहायिका के 314 तथा उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 63 कार्यरत हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में संचालित 378 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 271 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय एवं अन्य विभागीय भवनों में तथा 107 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में निर्धारित मेनू अनुसार अनुबंधित संस्थाओं द्वारा भोजन दिया जाता है। मेनू एवं भोजन प्रदाय करने वाली संस्था/समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग एवं शासकीय कार्यालयों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर
(राजस्व]
97. ( क्र. 3925 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के राजस्व एवं अन्य विभागों एवं शासकीय कार्यालयों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों द्वारा विगत 17 और 18 जून 2019 को हड़ताल की गयी थी? यदि हाँ, तो क्यों? इनकी क्या मांगें थीं और मांगों के निराकरण के लिये प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या म.प्र. शासन के शासकीय/अर्द्ध-शासकीय विभागों, निगम, मंडलों, योजनाओं एवं सहकारी संस्थाओं आदि में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, सविंदा, लोकल-संविदा, आउटसोर्स एवं मौखिक रूप से रखे गये सभी प्रकारों के कम्प्यूटर ऑपरेटरों को लगातार सेवा से पृथक कर बेरोजगार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा करने का कारण बतायें। यदि नहीं, तो, क्या ऐसा न होना प्रतिवेदित किया जायेगा? (ग) क्या प्रदेश में लागू वेंडर प्रथा समाप्त करते हुये, आउटसोर्स के कर्मचारियों/कम्प्यूटर ऑपरेटरों को विभाग/कार्यालय से सीधे भुगतान की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है अथवा नहीं? वेंडर द्वारा कर्मचारियों/कम्प्यूटर ऑपरेटरों को श्रम नियमों के तहत भुगतान किया जा रहा है अथवा नहीं? इसकी मॉनिटरिंग के लिये क्या किया जा रहा है? (घ) कटनी जिले के सभी शासकीय/अर्द्ध-शासकीय कार्यालयों में कौन-कौन एवं कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर वर्तमान में कब से कार्यरत हैं और म.प्र. शासन के राजस्व एवं अन्य विभागों/शासकीय कार्यालयों में अस्थाई रूप से/दैनिक वेतनभोगी/कलेक्टर दर पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों के विनियमितीकरण/नियमितीकरण की प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जायेगी और शासन/विभाग स्तर पर इसके लिये क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। कम्प्यूटर ऑपरेटर महासंघ द्वारा दिनांक 17.06.2019 को सामूहिक अवकाश लिये जाने की सूचना दी गई थी। हड़ताल नहीं की गई थी। कम्प्यूटर ऑपरेटरों को सेवा से पृथक न किया जावे। कम्प्यूटर ऑपरेटरों को आउटसोर्स से रखे जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला अंतर्गत विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को वेंडर/संबंधित कर्मचारी के खाते में श्रम नियमों के तहत भुगतान किया जा रहा है। साथ ही संबंधित विभाग द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। (घ) जिले अंतर्गत विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों की संख्या तथा नियुक्ति दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का क्रियान्वयन
(राजस्व]
98. ( क्र. 3926 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन, योजना के प्रचार-प्रसार, हितग्राहियों/किसानों के चयन एवं आवेदन तथा पात्रता के क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं और क्या भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शी निर्देशों के अनुरूप ही मप्र शासन द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) भारत सरकार से म.प्र. शासन को योजना हेतु क्या-क्या निर्देश कब-कब प्राप्त हुये एवं मध्यप्रदेश में यह योजना कब लागू की गयी? कटनी जिला सहित मप्र के सभी जिला प्रशासन को क्या एवं किस आदेश से कब सूचित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) मध्यप्रदेश में योजना को लागू/प्रचार-प्रसार करने, आवेदन करने/करवाने एवं हितग्राहियों का चयन करने के लिये क्या-क्या कार्य एवं कार्यवाहियां की गईं? (घ) प्रश्नांश (ग) क्या कटनी जिले में भी शासनादेशों/विभागीय निर्देशानुसार कार्य/कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो किस-किस नाम/पदनाम के कौन-कौन शासकीय सेवकों को इस कार्य हेतु संलग्न किया गया और किस-किस को क्या जिम्मेदारी सौंपी गयी तथा योजना के क्रियान्वयन की किस-किस के द्वारा कब-कब समीक्षा की गयी? समीक्षा में क्या तथ्य सामने आये? क्या निर्देश अधीनस्थ अमले को दिये गए? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में 30 जून 2019 तक जिलावार कितने किसानों का पंजीयन किया गया एवं कितनी संख्या में पात्र किसान का पंजीयन नहीं हो सका और अंतिम तिथि तक पंजीकृत होने से शेष रहे पात्र किसानों को इस योजना से कैसे जोड़ा जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना दिनांक 01/12/2018 से प्रभावशील है। कटनी जिला सहित म.प्र. के सभी जिलों को निर्देश दिनांक 18/02/2019 तथा दिनांक 12/06/2019 को जारी किये गये हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) ऑनलाइन यूटिलिटी के माध्यम से जानकारी संकलित करने की कार्यवाही जिलों द्वारा की जा रही है, जिसमें पात्रता परीक्षण उपरांत जानकारी PMKISAN पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। (घ) जी हाँ। पटवारियों द्वारा ऑनलाइन यूटिलिटी के माध्यम से जानकारी दर्ज की जाकर पात्रता परीक्षण उपरांत तहसीलदार की ओर भेजा जाता है। संबंधित तहसीलदार जानकारी को अंतिम रूप देकर जानकारी PMKISAN पोर्टल पर अपलोड करते हैं, तदुपरांत भुगतान संबंधित कार्यवाही राज्य नोडल अधिकारी द्वारा की जाती है। विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समय-समय पर समीक्षा की जाती है, जिसमें पात्रता परीक्षण त्वरित गति से करने हेतु निर्देश दिए गए हैं। (ड.) दिनांक 30 जून, 2019 तक 2093331 हितग्राहियों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें पात्रता परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। शेष हितग्राहियों की पहचान का कार्य निरंतर जारी है।
हितग्राहियों हेतु खाद्यान्न आवंटन
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
99. ( क्र. 3930 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कांग्रेस के वचन पत्र के विषय क्रं. 8 में उल्लेखित है कि 1. गरीबी रेखा का सर्वे नये सिरे से करायेंगे। 2. गरीबी रेखा में उन लोगों के नाम नहीं काटे जायेंगे, जिनको आवास शौचालय की सुविधा प्राप्त हुई है। 3. घर की रसोई करेंगे सस्ती, गृहणियों को घर के बजट की चिंता से मुक्ति मिलेगी। 4. मध्यम वर्गीय एवं अन्य राशन कार्डधारियों को प्रति व्यक्ति 06 किलो गेहूँ/चावल तथा अन्य सामग्री उपलब्ध करायेंगे, तो बिन्दु 01 अनुसार क्या गरीबी रेखा का सर्वे करा लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक शुरू एवं सर्वे का आधार क्या होगा तथा वचन-पत्र में बिन्दु क्रं. 03 के अनुसार घर की रसोई सस्ती करने हेतु क्या कदम उठाने जा रहे हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में बिन्दु क्रं. 04 के अनुसार क्या मध्यम वर्गीय एवं अन्य राशन कार्डधारियों को प्रति व्यक्ति 06 किलो गेहूँ/चावल तथा अन्य सामग्री उपलब्ध करायेंगे? क्या इन राशन कार्डधारियों को गेहूँ/चावल उपलब्ध कराये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो कब से शुरू कराये जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों का नए सिरे से सर्वे के कार्य एवं उसके आधार के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से जानकारी संकलित की जा रही है। घर की रसोई सस्ती करने एवं गृहणियों को घर के बजट की चिंता से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा माह फरवरी, 2019 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 117 लाख परिवारों को प्रतिमाह 1 किलोग्राम प्रति सदस्य एवं अधिकतम 4 किलोग्राम प्रति परिवार के मान से चना दाल रू. 27 एवं मसूर दाल रू. 24 प्रति किलोग्राम की दर से वितरण प्रारम्भ किया गया है। साथ ही, अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को माह मार्च, 2019 से 1 किलोग्राम प्रति परिवार रू. 20 प्रति किलोग्राम शक्कर का वितरण प्रारम्भ किया गया है। पात्रता पर्चीधारियों को मात्रा 5 किलो प्रति सदस्य से बढ़ाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अन्त्योदय अन्न योजना एवं बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों के साथ-साथ अनुसूचित जाति/जनजाति एवं विभिन्न विभागों में पंजीकृत 25 श्रेणी के गरीब परिवारों को पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सम्मिलित करते हुए कुल 5.46 करोड़ आबादी को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है। वर्ष 2019 की अनुमानित आबादी के 75% हितग्राहियों हेतु खाद्यान्न आवंटन जारी करने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया गया है।
संस्कृति विभाग से संबंधित जानकारी
(संस्कृति]
100. ( क्र. 3933 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालनालयों, विश्वविद्यालयों, म.प्र. संस्कृति परिषद् द्वारा कितनी कौन-कौन सी संस्थायें संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित संस्थाओं में कितने पद स्वीकृत हैं और स्वीकृत पदों के विरूद्ध किन-किन पदों पर नियुक्तियां की गई हैं? 1 जनवरी 2014 से 30 जून 2019 तक की गई भर्ती की नाम एवं नियुक्ति तिथि सहित बतावें। (ग) क्या स्वीकृत पदों की नियुक्ति में प्रक्रिया का पालन हुआ, कितनी नियुक्तियां अनियमित पाई गईं? जो पद रिक्त हैं, उनकी पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) जिन अधिकारी/कर्मचारी की नियुक्ति विधिवत हुई किंतु अभी तक वह अनियमित कर्मचारी हैं, उन्हें कब तक नियमित कर दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार. (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार. संस्कृति संचालनालय में भृत्य के 01 पद पर दिनांक 01.10.2016 को नियुक्ति प्रदान की गई. संगीत एवं ललित कला महाविद्यालयों में सहायक व्याख्याता, संगतकार, संगीतकार, सारंगी सहायक, निर्देशक, कनिष्ठ निर्देशक, स्टूडियो सहायक एवं कुशल सहायक के पदों पर दिनांक 04.02.2014 को नियुक्ति प्रदान की गई. (ग) स्वीकृत पदों की नियुक्ति में प्रक्रिया का पालन हुआ है. एक भी नियुक्ति अनियमित नहीं पाई गई है. रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. (घ) इनमें से कोई भी कर्मचारी अनियमित नहीं है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
संस्कृति विभाग के आयोजनों के संबंध में
(संस्कृति]
101. ( क्र. 3935 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्कृति विभाग द्वारा सरकारी कार्यक्रमों विभागीय आयोजनों में कलाकारों को आमंत्रित किये जाने के क्या नियम हैं? नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) विगत 5 वर्षों (2014 से 30 जून 2019) तक किन-किन कलाकारों को शासकीय, विभागीय, अकादमियों के आयोजनों में आमंत्रित किया गया? उनके कार्यक्रम संपन्न हुए एवं आमंत्रित कलाकारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? आयोजन, कार्यक्रम स्थल और किये गये भुगतान की राशि कलाकारों/दलों के नाम और उनको दी गई राशिवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में क्या एक कलाकार को विभाग बार-बार कार्यक्रम में आमंत्रित कर सकता है? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों किया गया? क्या विभाग में कलाकारों को भुगतान में भेदभाव और भुगतान में गंभीर अनियमितताएं की गईं हैं? क्या शासन इसकी जाँच करा रहा है? यदि हाँ, तो जाँच के क्या निष्कर्ष हैं? दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं, तो क्या विभाग एक उच्च स्तरीय समिति बनाकर की गई गंभीर अनियमितताओं की जाँच करायेगा और दोषियों को दण्डित करेगा? यदि हां, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) संस्कृति विभाग द्वारा सरकारी कार्यक्रमों, विभागीय आयोजनों में कलाकारों को आमंत्रित किये जाने का कोई नियम प्रचलन में नहीं है, अत: नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख) प्रश्नांश में अंकित अवधि अनुसार किए गए कार्यक्रमों में आमंत्रित कलाकारों, प्रदत्त समेकित मानदेय इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार. इसके अतिरिक्त न्यासों के द्वारा भी पृथक से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. (ग) जी हाँ. कलाकारों को भुगतान में भेदभाव अथवा गम्भीर अनियमितताएं नहीं की गई हैं. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
पेयजल संकट का स्थाई निराकरण
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 3937 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट के स्थाई निराकरण हेतु जल निगम/लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड राजगढ़ द्वारा पार्वती रेसई परियोजना स्त्रोत आधारित समूह नल-जल योजना का प्रथम स्तरीय प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो लागत सहित उसमें कौन-कौन से ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त वर्णित समूह नल-जल योजना को प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के स्थाई निराकरण हेतु उक्त समूह नल-जल योजना को स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा क्या उक्त योजना में विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के सभी ग्रामों को सम्मिलित कर लिया गया है अथवा कोई ग्राम शेष है? यदि हाँ, तो वंचित ग्रामों के नाम बतावें तथा उनको लाभ प्रदान करने हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक वंचित ग्रामों को योजना में सम्मिलित कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के गाँवों के लिए पार्वती रेसई समूह जल प्रदाय योजना का प्रथम स्तरीय प्राक्कलन तैयार किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत रू. 390.91 करोड़ है। प्रस्तावित योजना में सम्मिलित किये जाने वाले ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रथम स्तरीय प्राक्कलन के आधार पर योजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार करने की कार्यवाही प्रगतिरत है। योजना संबंधी कोई भी कार्यवाही लंबित नहीं है। (ग) योजना की डी.पी.आर. तैयार होने पर तकनीकी व्यवहार्यता एवं वित्तीय संयोजन उपरांत स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। इस योजना में नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के सभी ग्राम सम्मिलित किये गये हैं, कोई ग्राम शेष नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
संगीत महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति
(संस्कृति]
103. ( क्र. 3938 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत शासकीय संगीत महाविद्यालय नरसिंहगढ़ में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से किन कारणों से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त महाविद्यालय में प्राचार्य सहित वर्षों से लगभग अस्सी प्रतिशत पद रिक्त होकर निरंतर संगीत के प्रति रूचि रखने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है तथा उक्त महाविद्यालय प्रारंभ दिनांक से ही उसका स्वयं का भवन व आवश्यक संसाधनों की कमी से भी जूझ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उपरोक्त संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त संगीत महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं संगीत के प्रति अधिक से अधिक छात्रों का रूझान हो सके, इस हेतु रिक्त पदों की पूर्ति करते हुये भवन निर्माण की स्वीकृति व आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत शासकीय संगीत महाविद्यालय, नरसिंहगढ़ में प्राचार्य-01, व्याख्याता-01, सहायक व्याख्याता-04, संगतकार-04, मुख्य लिपिक-01, सहायक ग्रेड-3-01, भृत्य-01 एवं चौकीदार-01 के पद स्वीकृत हैं. महाविद्यालय में प्राचार्य एवं मुख्य लिपिक के पद अप्रैल 2007 से पदोन्नति न होने के कारण रिक्त हैं, जबकि सहायक व्याख्याताओं के पद दिनांक 31.10.2014 एवं 30.11.2017 से सेवानिवृत्ति एवं दिनांक 30.11.2015 को 02 सहायक व्याख्याताओं की पदोन्नति के फलस्वरूप रिक्त हैं. (ख) उपरोक्त (क) के अनुसार इन पदों पर अतिथि व्याख्याताओं के द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था निरंतर की जा रही है. प्रारंभ से ही महाविद्यालय के पास भवन नहीं है, पहले किराये के भवन में एवं वर्तमान में महाविद्यालय 'सामुदायिक भवन' जनपद पंचायत, नरसिंहगढ़ के भवन में अगस्त 2015 से संचालित हैं. (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 में महाविद्यालय के संगतकार के रिक्त पदों पर भर्ती कर पद पूर्ति की गई एवं रिक्त पदों पर अतिथि व्याख्याताओं के द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था निरंतर की जा रही है. (घ) उक्तानुसार व्यवस्था निरंतर की जा रही है एवं तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु संचालनालयीन पत्र क्रमांक 1652 दिनांक 16.10.2014 के द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल की ओर प्रस्ताव प्रेषित किया गया है.
विभाग द्वारा प्रतिवेदित/प्रकाशित भूमि के आंकड़े
(राजस्व]
104. ( क्र. 3941 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने राज्य में 1956 से 2017 तक गैर-खाते की भूमियां वन भूमि होना प्रतिवेदित किया है? वन भूमि प्रतिवेदित किया जाना किस वर्ष से किन-किन कारणों से बंद किया गया? (ख) गैर-खाते की भूमि को भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत किन-किन सार्वजनिक, निस्तारी प्रयोजनों के लिए आरक्षित किए जाने का क्या प्रावधान है? (ग) गैर-खाते में दर्ज किस मद की भूमि को भारतीय वन अधिनियम की किस धारा में अधिसूचित किए जाने के क्या प्रावधान हैं? क्या भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में क्या अधिकार एवं क्या शक्तियां हैं? (घ) गैर-खाते में दर्ज कितनी भूमि को सर्वोच्च अदालत ने या.क्र. 202/95 की आई.ए.क्रमांक 791-792 में दिनांक 1 अगस्त 2003 को वन भूमि आदेशित किया है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ख) गैर-खाते की दखल रहित भूमियों को, भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 से 237 अंतर्गत इमारती लकड़ी, चारागाह, कब्रिस्तान, गोठान, शिविर भूमि, खलिहान, बाजार, खाल निकालने के स्थान, खाद के गड्ढे, पाठशालाओं, खेल के मैदानों, उद्यानों, सड़कों, जैसे लोक प्रयोजनों हेतु आरक्षित रखने के प्रावधान हैं। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की किसी धारा में ऐसे प्रावधान नहीं हैं। (घ) सर्वोच्च अदालत में आई.ए.क्रमांक 791-792 में छोटे झाड़, बड़े झाड़ की भूमि क्षेत्रफल 1091640.428 हे. को वन भूमि माना गया है।
अल्ट्राटेक सीमेंट को आवंटित भूमि
(राजस्व]
105. ( क्र. 3944 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर एवं गंधवानी विधान सभा-क्षेत्र में अल्ट्राटेक-सीमेंट एवं इसके सहयोगी कंपनियों के नाम भूमि राजस्व-रिकार्डों में दर्ज है एवं मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग द्वारा इन्हें कुल कितनी भूमि लीज पर आवंटित की है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सीमेंट-कंपनियों ने कितनी भूमि वर्तमान में अपने कब्जे में रखी हैं एवं कितनी नामी-बेनामी तथा आदिवासियों के नाम से क्रय भूमि पर कब्जा किया? (जिसका राजस्व विभाग रिकार्ड में उक्त कंपनियों के नाम दर्ज नहीं है) इसकी सक्षम अधिकारी से जाँच कराई जावेगी? (ग) क्या उक्त अल्ट्राटेक सीमेंट एवं इसके सहयोगी कंपनियों का सार्वजनिक भूमि, ग्राम सभा की भूमि, चरनोई निस्तार, शमशान एवं गोठान की भूमि पर अवैध कब्जा है? क्या अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा आदिवासियों की भूमि पर अवैध कब्जे एवं डमी आदिवासियों के नाम पर क्रय भूमि की तथा सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जों की जाँच के आदेश देंगे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) कलेक्टर धार एवं विभाग में वर्ष 2019 में अल्ट्राटेक सीमेंट के संबंध में जन समस्या समाधान समिति एवं प्रश्नकर्ता विधायक की शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? क्या प्रश्नकर्ता विधायक की उपस्थिति में अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा अवैध भूमि क्रय एवं अवैध कब्जे की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मनावर एवं गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में अल्ट्राटेक सीमेंट एवं इसके सहयोगी कंपनियों के नाम 90.611 हेक्टेयर भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। खनिज विभाग द्वारा 1991 हेक्टेयर पर उत्खन्न लीज पर दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सीमेंट कंपनियों का 1213.454 हेक्टेयर भूमि वर्तमान में कब्जे में है। इसमें से नामी भूमि क्षेत्रफल 1213.454 हेक्टेयर है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) अल्ट्राटेक सीमेंट एवं इसके सहयोगी कंपनियों का सार्वजनिक भूमि ग्रामसभा की भूमि चरनोई, शमशान एवं गोठान की भूमि पर अवैध कब्जा नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है (घ) कलेक्टर कार्यालय धार की आवक शाखा अनुसार वर्ष 2019 में अल्ट्राटेक सीमेंट के सम्बन्ध में जन-समस्या-समाधान समिति एवं प्रश्नकर्ता मा. विधायक के शिकायत प्राप्त न होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
भजन मण्डलियों को भुगतान
(संस्कृति]
106. ( क्र. 3950 ) डॉ. मोहन यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा पूर्व में प्रदेश की सभी ग्राम पंयायतों के ग्रामों में प्रति ग्राम एक भजन मण्डली हेतु भजन सामग्री प्रदाय किये जाने बाबत् कोई योजना संचालित की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त योजना अन्तर्गत, उज्जैन तहसील की कितनी ग्राम पंचायतों के कितने ग्रामों में उक्त भजन सामग्री भजन मण्डलियों को उपलब्ध करवायी गयी तथा कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा आवेदन प्रेषित किये गये तथा कितनी भजन मण्डलियों को सामग्री प्रदाय नहीं की गयी। (ख) क्या विभाग द्वारा प्रारम्भ की गयी उक्त योजना वर्तमान में चालू है? यदि बंद है तो तत्संबंधी आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए पूर्व में उज्जैन तहसील की जिन पंचायतों द्वारा समारोह आयोजित कर भजन मण्डलियों को संस्कृति विभाग की उक्त योजना के तहत भजन सामग्रियां, वितरित की गयी, उसकी राशि का भुगतान विभाग द्वारा किया जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
विजयलक्ष्मी
साधौ ) : (क) जी हाँ.
संस्कृति
विभाग की ओर
से प्रदेश की
कला मण्डलियों
को राशि वितरण
का दायित्व
जिला कलेक्टर्स
को सौंपा गया
था. उज्जैन
जिले से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार उज्जैन
तहसील की
ग्राम पंचायत
बमोरा की
मात्र एक भजन
मण्डली (लोक
भजन मण्डल) को
रूपये 25 हजार उपलब्ध
कराये गये
हैं. जनपद पंचायत
उज्जैन में 76 भजन
मण्डलियों
के आवेदन
प्राप्त
हुये थे.
जिसमें से 75 भजन
मण्डलियों
को राशि
प्रदाय नहीं
की गई.
(ख)
मध्यप्रदेश
शासन,
सामान्य
प्रशासन
विभाग, मंत्रालय
के पत्र
क्रमांक 163/192/2019/1/9
दिनांक 04.02.2019 के अनुसार
अव्ययित
राशि वापस ली
गई है. संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार.
विभाग द्वारा
ऐसे कोई
समारोह
आयोजित करने
के निर्देश
नहीं दिए गए
हैं. शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता.
बैतूल जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
(चिकित्सा शिक्षा]
107. ( क्र. 3952 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय स्वीकृत किये जाने के क्या मापदण्ड हैं? इस संबंध में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एवं राज्य सरकार के दिशा-निर्देश उपलब्ध करावें। (ख) इन मापदण्डों के आधार क्या बैतूल जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है? (ग) यदि नहीं, तो बैतूल जिले में मेडिकल कॉलेज स्वीकृति हेतु कब तक कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) एम.सी.आई. द्वारा जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय स्वीकृत किये जाने हेतु मापदण्ड न्यूनतम 200 बिस्तरीय अस्पताल में (5 एकड़ भूमि) एवं 20 एकड़ भूमि जिला चिकित्सालय के 10 किलोमीटर की परिधि में होना आवश्यक है एवं 03 संसदीय क्षेत्रों में चिकित्सा महाविद्यालय न होने की स्थिति में। राज्य शासन द्वारा कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं किये हैं। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले में मोटर वाहनों के पंजीयन
(परिवहन]
108. ( क्र. 3953 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितने मोटर वाहन पंजीकृत हैं? वाहन के प्रकारवार जानकारी दें। (ख) जिले में पंजीकृत वाहनों की संख्या के विरूद्ध कितने व्यक्तियों को ड्रायविंग लायसेंस जारी किये गये हैं? (ग) क्या जिले में सभी वाहन चालकों के पास वैध ड्रायविंग लायसेंस हैं? यदि नहीं, तो चालकों के पास ड्रायविंग लायसेंस नहीं होने के क्या कारण हैं? (घ) क्या लायसेंस जारी करने की प्रक्रिया जटिल होने के कारण वाहन चालक लायसेंस नहीं बना पाते हैं? यदि ऐसा है तो लायसेंस जारी किये जाने के नियमों का सरलीकरण किये जाने की कोई योजना विचाराधीन है? (ड.) प्रश्नांश (घ) का उत्तर हाँ होने की स्थिति में विचाराधीन प्रक्रिया एवं उसमें सुधार किये जाने की समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले में पंजीकृत वाहनों की प्रकारवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वाहन का प्रकार |
पंजीकृत वाहनों की संख्या |
1 |
एम्बुलेंस |
71 |
2 |
बस |
391 |
3 |
क्रेन |
50 |
4 |
फायर फाईटर |
08 |
5 |
चार पहिया |
10454 |
6 |
ट्रक/डंपर |
5110 |
7 |
स्कूल बस |
247 |
8 |
तीन पहिया |
1878 |
9 |
ट्रेक्टर/ट्राली |
15635 |
10 |
दो पहिया |
207394 |
11 |
अन्य वाहन |
222 |
|
कुल योग |
241460 |
(ख) जिला
परिवहन
कार्यालय, बैतूल
द्वारा कुल-134314
व्यक्तियों
को ड्रायविंग
लायसेंस जारी
किए गये हैं। (ग) प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
व्यक्तियों
को जारी
ड्रायविंग
लायसेंसों
में से दिनांक
05.07.2019 की
स्थिति में 97636
चालकों के वैध
ड्रायविंग
लायसेंस हैं।
शेष चालकों पर
म.प्र. के अन्य
जिले या अन्य
राज्यों से
जारी लायसेंस हैं।
(घ) लायसेंस
जारी करने की
कोई
प्रक्रिया
जटिल नहीं है।
वर्तमान में
विभागीय वेबसाइट
पर आवेदकों के
ऑनलाइन आवेदन
प्रस्तुत
करने की सरल
प्रक्रिया है, जिसके
तहत् आवेदक
अपनी सुविधा
से दिनांक एवं
समय का चयन कर
कार्यालय में
उपस्थित होकर
अपना आवेदन
प्रस्तुत कर
लाइसेंस
प्राप्त कर
सकते हैं। (ड.) प्रश्नांश
(घ) के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
खाद्यान्न की काला बाजारी
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 3967 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अक्टूबर 2016 में खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम रीवा एवं सिरमौर गोदाम से कई वाहनों से हजारों क्विंटल खाद्यान्न दुकानों/समितियों में न पहुंच कर काला बाजारी हेतु अन्यत्र कहीं जा रहे थे जो पुलिस द्वारा पकड़े गये थे? (ख) उक्त खाद्यान्न किन-किन वाहनों से पकड़ा गया उनके वाहन मलिकों के नाम, वाहन नम्बर एवं उन पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या वर्तमान में जिला आपूर्ति नियंत्रक सहायक आपूर्ति अधिकारी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में भ्रमण के दौरान उपभोक्तओं से सम्पर्क किया जा रहा है? (घ) विगत 3 वर्षों में रीवा जिले के किन-किन दुकानों में खाद्यान्न वितरण में अनिमियतता की जाँच कब-कब की गई? जाँच उपरान्त दोषियों के विरूध संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को किस दुकान/विक्रेता के विरूद्ध कितने प्रकरण प्रस्तुत किये गये एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रीवा जिले के म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन से अनुबंधित पी.ई.जी. एग्रोटेक गोदाम रीवा का 425.22 क्विंटल गेहूँ दो ट्रकों से उत्तरप्रदेश ले जाते हुए हनुमना बैरियर पर पुलिस द्वारा पकड़ा गया था। (ख) उक्त खाद्यान्न ट्रक क्रमांक MP 17 HH 2429 मालिक का नाम श्री कृष्ण मुरारी यादव से 211.61 क्विंटल एवं ट्रक क्रमांक MP 17 HH 2465 वाहन मालिक का नाम श्री जयसिंह से 213.61 क्विंटल इस प्रकार कुल 425.22 क्विंटल पकड़ा गया, जिसके संबंध में खाद्य विभाग के द्वारा पुलिस थाना हनुमना में अपराध क्रमांक 266/16 दिनांक 07.10.2016 को 19 व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कराया गया है तथा पुलिस द्वारा संबंधितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चुरहट विधान सभा के अंतर्गत शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
(राजस्व]
110. ( क्र. 3968 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले की चुरहट तहसील एवं रामपुर नैकिन तहसील के अंतर्गत कितनी शासकीय भूमि बंदोबस्त के पूर्व उपलब्ध थी? वर्तमान में कितनी सरकारी भूमि उपलब्ध है? क्या उक्त भूमि में आज भी कोई अतिक्रमण है? यदि नहीं, तो क्या शासन की गरीब अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगों को इसमें बसाने की कोई योजना है? (ख) चुरहट विधान सभा के अंतर्गत ग्राम बघवार से ग्राम बढ़ौना तक स्थित कैमोर पहाड़ में कितनी राजस्व की भूमि है, जो सीधी जिले के अंतर्गत आती है? (ग) क्या चुरहट थाने के अंतर्गत आने वाली जमीन पर अतिक्रमण है एवं अभी तक F.I.R. नहीं हुई है? क्या एस.डी.एम. कार्यालय के सामने सड़क के दूसरी और शंकर बहादुर सिंह द्वारा शासकीय भूमि को वर्ष 1997-98 में बिना विधिक प्रक्रिया के अपने नाम नामांतरण करा लिया गया है? यदि नहीं, तो किस तरह से यह भूमि शंकर बहादुर सिंह के नाम हुई है? स्पष्ट उल्लेख करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सीधी जिले की चुरहट तहसील में 10079 हे. एवं रामपुर नैकिन तहसील में 24208 हे. शासकीय भूमि बन्दोबस्त के पूर्व उपलब्ध थी। वर्तमान में तहसील चुरहट में 9966 हे. एवं तहसील रामपुर नैकिन में 23347 हे. सरकारी भूमि उपलब्ध है। तहसील चुरहट में 95 किता भूमियों पर तथा तहसील रामपुर नैकिन में 83 किता भूमियों पर अतिक्रमण है। इन भूमियों पर बसाहट की शासन की फिलहाल कोई योजना नहीं है। (ख) चुरहट विधान सभा अन्तर्गत ग्राम बघवार से ग्राम बढ़ौना तक कैमोर पहाड़ में 213.040 हे. खाते की तथा 317.546 हे. गैर खाते की कुल 530.586 हे. राजस्व भूमि स्थित है जो सीधी जिले के अन्तर्गत आती है। (ग) तहसील चुरहट अन्तर्गत थाने की किसी भी भूमि में अतिक्रमण नहीं है तथा किसी F.I.R. दर्ज होने की जानकारी नहीं है। जी नहीं, न्यायालय नायब तहसीलदार चुरहट के प्रकरण क्रमांक 14/अ-19 आदेश दिनांक 11.06.1992 के द्वारा ग्राम नकबेल की आराजी नम्बर 1432/3 रकबा 0.081 हे. भूमि का व्यवस्थापन नामान्तरण, शंकर बहादुर सिंह पिता कल्याण सिंह के नाम हुआ है।
चित्रकूट नगर पंचायत में शास. भूमि के नामांतरण में अनियमितता
(राजस्व]
111. ( क्र. 3969 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट नगर पंचायत सतना में शासन और सार्वजनिक निस्तार के लिए वर्ष 1958-59 खतौनी के आधार पर जो भूमि सुरक्षित थी, उसका खसरा नंबर एवं रकबा स्पष्ट बताएं तथा इसके बाद से अभी तक यदि किसी व्यक्ति संस्था को स्थानांतरित किया गया है, तो कैसे एवं किन प्रावधानों एवं नियमों के तहत यह जमीन आवंटित की गई है? (ख) क्या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को भी इसमें से भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो खसरा नंबर एवं हितग्राही के नाम सहित बताएं। यदि उनका विक्रय या अंतरण हुआ है तो किन कानूनी प्रावधानों के तहत ऐसा किया गया? (ग) क्या अधिकारियों से मिलीभगत करके नक्शा तरमीम में हेराफेरी की गई है, जिससे दूरदराज की बहुत कम कीमत की जमीनों को शहरी मुख्य मार्गों से लगी जमीन बताकर नगर पंचायत की शहरी मुख्य मार्ग की बेशकीमती भूमि को अदला-बदली के माध्यम से ले लिया गया है? (घ) यदि शासकीय भूमि को इस तरह से खुर्द-बुर्द किया गया है, तो क्या सरकार सचिव स्तर के अधिकारी से इसकी जाँच कराकर उक्त भूमि को वापस लाने का काम करेगी एवं दोषी कर्मचारी-अधिकारी एवं भू-माफिया के खिलाफ कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगर पंचायत सतना में शासन और सार्वजनिक निस्तार के लिए वर्ष 1958-59 खतौनी के आधार पर जो भूमि सुरक्षित थी, उसका खसरा नंबर एवं रकबा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। शासन राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुक्रम में की गई है। (ख) जी हाँ। खसरा नंबर एवं हितग्राही के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। अनुसूचित जनजाति की भूमि का विक्रय एवं अंतरण मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 158 (3) सहपठित धारा 165 (6) एवं 165 (7) के प्रावधान अनुसार किया जाता है। (ग) वर्तमान में कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिवपुरी नगर में सीबर परियोजना में डब्ल्यू.बी.एम. सड़कों का निर्माण
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 3970 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी में स्वीकृत सीबर प्रोजेक्ट के दौरान पी.एच.ई. को कितनी लंबाई के कौन-कौन से सड़क मार्गों पर कहाँ से कहाँ तक कितनी डब्ल्यू.बी.एम. रोडें बनाने की स्वीकृति हुई थी? इस हेतु कुल कितनी राशि व्यय हुई? इस हेतु किन-किन को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितना भुगतान करना शेष है व क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार डब्ल्यू.बी.एम. सड़कों के बिल भुगतान हेतु तैयार की गई बिल मेजरमेंट शीट पर सीवर प्रोजक्ट अंतर्गत संबंधित कार्यक्षेत्र में पदस्थ किन-किन उपयंत्रियों ने हस्ताक्षर किए हैं? यदि नहीं, तो उनके स्थान पर श्री एम.डी.गौड ने (क) में उल्लेखित कार्य के भुगतान हेतु बिल मेजरमेंट शीट पर किस हैसियत से हस्ताक्षर किए हैं? क्या उन्हें इस अवधि में सीबर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य संपादन हेतु कोई दायित्व सौंपा गया था? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि संबंधित क्षेत्र में उपयंत्री के पदस्थ होने के उपरांत भी उनके स्थान पर बिल मेजरमेंट शीट पर उपयंत्री गौड़ ने हस्ताक्षर क्यों किए? इस हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार उक्त कार्य में शासन के नियमों की अवहेलना कर गलत भुगतान करने वाले कार्यपालन यंत्री शिवपुरी के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता की जाँच कर कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि जाँच चल रही है तो अब तक की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
(महिला एवं बाल विकास]
113. ( क्र. 3972 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र कहाँ पर स्थित हैं? प्रत्येक में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त में से कितने केंद्र स्वयं के भवन में है? कितने कब से किराये के भवन में है? इनका स्वयं का भवन कब तक बन जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त आंगनवाड़ी भवनों में किस संस्था के द्वारा भोजन दिया जाता है? संस्था के संचालक मंडल में कौन-कौन हैं? (घ) विभाग में संधारित जानकारी अनुसार जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) क्षेत्र में कितने कुपोषित बच्चे दर्ज किये गए?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधान सभा क्षेत्र छतरपुर-51 अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्थानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में एक-एक पद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका का स्वीकृत हैं। उप आंगनवाड़ी केन्द्र में एक पद उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का स्वीकृत है। वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 255, आंगनवाड़ी सहायिका के 262 तथा उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 30 पद कार्यरत हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में संचालित 299 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 187 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवनों में तथा 112 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में निर्धारित मेनू अनुसार अनुबंधित संस्थाओं द्वारा भोजन दिया जाता है। मेनू एवं भोजन प्रदाय करने वाली संस्था/समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) विधान सभा छतरपुर अन्तर्गत जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2562 बच्चे कुपोषित दर्ज किये गये।
मुख्यमंत्री नल-जल योजना एवं जल आवर्द्धन योजना की स्वीकृति
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
114. ( क्र. 3974 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में म.प्र. में मुख्यमंत्री नल-जल योजना एवं जल आवर्द्धन योजना कितनी-कितनी स्वीकृत की गई हैं। जिलेवार संख्या देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में 15 दिसम्बर 2018 के बाद शाजापुर, छिदंवाडा एवं बैतूल जिले में किन-किन ग्रामों में योजना स्वीकृत की गई है? जिलेवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के लिये निर्धारित कितनी जनसंख्या तक योजना की स्वीकृति की जाती है? शाजापुर जिले में ऐसे कितने ग्राम पात्र हैं, जिन्हें उक्त योजना हेतु चिन्हित किया गया है? विकासखण्डवार सूची देवें। चिन्हित गाँवों में कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्ष 2011 की जनसंख्या अनुसार 1000 से अधिक एवं 500 से अधिक जनसंख्या वाले अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामों में। 32 ग्राम, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वित्तीय संयोजन होने पर कार्य प्रारंभ किया जाता है, अतः निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि का लीज पर प्रदाय
(राजस्व]
115. ( क्र. 3978 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय भूमि को लीज पर देने के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र बड़वानी में कितने व्यक्तियों/संस्थाओं को शासकीय भूमि लीज पर कितने समय के लिए किस प्रयोजन हेतु दी गई है? सूची उपलब्ध करावेंl (ग) क्या संबंधित व्यक्तियों/संस्थाओं के द्वारा लीज पर दी गई भूमि का उपयोग निहित प्रयोजन हेतु किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं के विरुद्ध लीज समाप्त की जाने की कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि आवंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र 4 (3) के तहत किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र बड़वानी अंतर्गत 31 व्यक्तियों/संस्थाओं को शासकीय भूमि लीज पर विभिन्न प्रयोजन हेतु प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समस्त लीज का उपयोग निहित प्रयोजन हेतु किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
116. ( क्र. 3979 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित किये जाने के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावेंl (ख) बड़वानी विधान सभा क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों किन्हें आवंटित की गई हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावेंl विगत 03 वर्षों में कितनी खाद्यान्न दुकानों के विरूद्ध क्या–क्या शिकायत प्राप्त हुई और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कुछ खाद्यान्न दुकानों के विरुद्ध लगातार गंभीर शिकायत प्राप्त होने के उपरान्त भी उनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं? क्या विलम्ब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं संबंधित दुकानों पर कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उचित मूल्य दुकानों के आवंटन संबंधी प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रावधानित हैं। उक्त नियंत्रण आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में किसी भी उचित मूल्य दुकान के विरूद्ध राशन वितरण के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उचित मूल्य दुकानों के निरीक्षण/वितरण प्रणाली की समीक्षा में स्टॉक भाव सूची, अद्यतन संधारित न करने, स्टॉक रजिस्टर नियमित संधारित न करने, बायोमेट्रिक सत्यापन पर राशन वितरण न करने एवं पात्रता पर्ची अन्य व्यक्ति को राशन देने के संबंध में कुल 14 प्रकरण निर्मित किये गये हैं, जो सक्षम अधिकारी के यहां प्रचलित है। उक्त प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्त्योदय अन्न योजना में अनियमितता
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
117. ( क्र. 4001 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत अन्त्योदय अन्न योजना के तहत दिसंबर 2018 को प्राथमिकता परिवार की 24 श्रेणी में पात्र परिवार तथा कुल जनसंख्या जिलेवार, श्रेणीवार बतावें तथा जनवरी 2018 को प्रत्येक जिले में कितनी मात्रा में खाद्यान्न, शक्कर तथा केरोसिन वितरण किया गया? यह जनवरी 2017 से कितना फीसदी ज्यादा है? (ख) सिंहस्थ 2016 में साधु संतों और उनके अनुग्राहियों को जो राशन वितरित किया गया, उसकी खरीदी लागत कितनी थी तथा वितरण से कितनी राशि प्राप्त हुई? राशि के अंतर को वित्त के किस मद में समायोजित किया गया तथा सामग्री का क्रय किस फर्म व्यक्ति से किस दर में कितनी मात्रा में दिया गया तथा क्या इस वितरण में गड़बड़ी हुई? (ग) उज्जैन संभाग में वर्ष 2013 से 2018 के दौरान कितनी उचित मूल्य की दुकानों की जाँच में गड़बड़ी पाई गई? उनमें से कितनी दुकानों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया? शेष में क्यों नहीं कराया गया? क्या रतलाम में 8 दुकानों पर लगभग 10 करोड़ का घोटाला पाया गया? यदि हाँ, तो वह घोटाला किस प्रकार किस वर्ष में किया गया? (घ) प्रदेश में उचित मूल्य की दुकान पर लगाई गई मशीनों का जनवरी 2016 तक कुल कितना किराया भुगतान किया गया तथा मशीन लगाने से प्रदेश में कहाँ-कहाँ गड़बड़ियां पाई गईं तथा राशन की मात्रा के वितरण में कितने प्रतिशत कमी या वृद्धि हुई? रतलाम में 10 करोड़ का घोटाला 8 दुकान पर पी.ओ.एस. मशीन लगाने के बाद कैसे हुआ? क्या इन मशीन लगाने वाली कंपनियों से इसकी वसूली की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित माह में प्राथमिकता परिवार के अंतर्गत 24 श्रेणी के पात्र परिवारों की संख्या एवं सदस्यों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित कराई जा रही है। (ग) उचित मूल्य की दुकानों की जाँच में पायी गयी अनियमितता एवं पुलिस में किये गये अभियोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। F.I.R. दर्ज करने का निर्णय प्रकरण की गंभीरता के आधार पर सक्षम अधिकारियों द्वारा लिया जाता है। रतलाम जिले में वर्ष 2014 से वर्ष 2017 के मध्य हुई अनियमितताओं के आधार पर 09 प्रकरण निर्मित कर पुलिस में अभियोजन की कार्यवाही की गई है, जो विवेचनाधीन है। (घ) प्रदेश में जनवरी 2016 तक पी.ओ.एस. मशीनें नहीं लगाई गयी हैं। अत: भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में पी.ओ.एस. मशीन से 50 लाख पात्र परिवारों को बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है। रतलाम में अनुविभागीय अधिकारी के जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया काल्पनिक परिवारों को राशन वितरण किये जाने की अनियमितता पायी जाने के कारण 08 उचित मूल्य दुकानों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गयी है। रतलाम में हुई अनियमितता पुलिस के पास विवेचनाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राही को पट्टा प्रदान किया जाना
(राजस्व]
118. ( क्र. 4005 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय तहसीलदार तहसील नौगाँव जिला छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 2006/बी-121/2013-14 द्वारा दिनांक 26.07.2014 को ग्राम जोरन निवासी हितग्राही को 48000 वर्गफिट का भू-स्वामी पट्टा प्रदान किया गया था? यदि हाँ, तो पात्रता के मापदंड क्या थे? पात्रता का चयन किसके द्वारा किया गया था? आवंटिती द्वारा भू-खण्ड हेतु आवेदन कब किया गया व कब-कब क्या-क्या कार्यवाही कर पट्टा प्रदान किया गया? (ख) क्या पट्टा प्राप्तकर्ता पात्रता मापदंड को पूरा नहीं करता? क्या दोष पूर्ण प्रक्रिया कर फर्जीवाड़ा कर उक्त भू-आवंटन किया गया है? क्या हितग्राही के पास पूर्व से आवास व करोड़ों की भूमि मौजूद है? फिर मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत भू-खण्ड का आवंटन क्यों व कैसे किया गया? इस कार्यवाही में कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों? (ग) क्या जिस भूमि का पट्टा उक्त हितग्राही को दिया गया उस पर वह पूर्व से काबिज नहीं था? फर्जी तरीके से पट्टा आवंटन की क्या उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी व उक्त पट्टा निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम जोरन में संबंधित व्यक्ति को भू-स्वामी का पट्टा नहीं दिया गया है अपितु म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-22/2010/7-6 दिनांक 28/12/2010 द्वारा वर्ष 1959 के पूर्व के भू-खण्ड धारकों के प्रमाण-पत्र बनाए जाने हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप भू-खण्ड धारक का प्रमाण-पत्र जारी किया गया था। पात्रता अनुसार दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संबंधित हितग्राही पूर्व से स्थल पर काबिज था। भू-खण्ड धारक प्रमाण-पत्र नियमानुसार दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुराने थाने की भूमि का नामांतरण
(राजस्व]
119. ( क्र. 4006 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिलांतर्गत हरपालपुर में पुराने थाने की भूमि किसी व्यक्ति के नाम दर्ज कर दी गई है? किस नियम निर्देश के अनुसार उक्त कार्यवाही की गई है? (ख) हरपालपुर स्थित पुराने थाने की भूमि पूर्व से किस मद व किसके स्वामित्व में दर्ज थी? (15 वर्ष पूर्व की स्थिति में)। अब वर्तमान में किसके नाम दर्ज है? नामांतरण किसके द्वारा क्यों किया गया? क्या उक्त नामांतरण में शासन व विभाग के नियम-निर्देशों का पालन किया गया है? नहीं तो क्यों? (ग) हरपालपुर पुराने थाने की शासकीय भूमि को पुन: शासन मद में दर्ज कराने हेतु क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) आबादी मद में दर्ज थी। आबादी मद में ही दर्ज है। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाहनों के ईंधन में परिवर्तन कर वाहनों का पंजीयन
(परिवहन]
120. ( क्र. 4007 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 569 दिनांक 21/02/2019 के (क) भाग में बताया गया है कि 81 पंजीकृत वाहनों में सेल सर्टिफिकेट में ईंधन डीजल/हाईब्रिड अंकित है परन्तु वाहन विक्रय एजेंसी द्वारा वाहन विक्रय करते समय ईंधन में हाईब्रिड अंकित कर दिया है। इसी को आधार मानकर वाहनों का मोटरयान कर भी हाईब्रिड वाहन मॉडल के अनुसार संदत्त कराया गया। विभागीय नियम 1 निर्देशानुसार वाहन का पंजीयन करते समय सेल सर्टिफिकेट को आधार मानते हैं या वाहन विक्रय एजेन्सी द्वारा जारी V.I.D. को? (ख) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया है कि पंजीयन के समय किसी वाहन के ईंधन में परिवर्तन नहीं किया गया है लेकिन प्रश्न के उत्तर के साथ उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों (पुस्तकालय परिशिष्ट) का अध्ययन करने पर सिद्ध होता है कि जिला परिवहन अधिकारी ने सेल सर्टिफिकेट को पंजीयन का आधार न मानकर डीलर द्वारा जारी V.I.D. को आधार मानकर ईंधन में परिवर्तन कर वाहनों के पंजीयन किये गये हैं, तो क्या R.T.O. द्वारा दस्तावेजों का अध्ययन करके भौतिक सत्यापन करके वाहन का पंजीयन किया है? यदि हाँ, तो R.T.O. द्वारा शासन हित में डीजल के स्थान पर ईंधन का हाईब्रिड में पंजीयन कैसे किया गया? क्या R.T.O. व वाहन विक्रय डीलर ने मिलकर शासन को लाखों रूपये की राजस्व की हानि पहुँचाई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में क्या लाखों रूपये की राजस्व हानि के डीलर उत्तरदायी है या R.T.O. या दोनों? यदि हाँ, तो दोषी के खिलाफ शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वाहनों का पंजीयन परिवहन विभाग की साईट पर परिवहन आयुक्त कार्यालय से मॉडल एप्रूव करने के पश्चात ही किया जाता है। प्रश्न क्रमांक 569 (अतारांकित) दिनांक 21.02.2019 एवं प्रश्न क्रमांक 4007 (तारांकित) दिनांक 02.07.2019 में दर्शायी गई सभी वाहनें हाईब्रिड श्रेणी की होकर परिवहन विभाग की साईट पर दर्ज हैं। इस प्रकार प्रश्न में दर्शित 81 वाहनों के पंजीयन में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। (ख) विक्रय एजेंसी द्वारा कम्प्यूटर से व्ही.आई.डी. तैयार कर जो दस्तावेज कार्यालय में ऑनलाइन के माध्यम से प्रस्तुत किये जाते हैं। उसी आधार पर वाहन का पंजीयन किया जाता है। विक्रय एजेंसी द्वारा विक्रय की गई वाहनों की व्ही.आई.डी. कम्प्यूटर पर तैयार की जाती है। वाहन का जीवनकाल कर कम्प्यूटर में फीड मॉडल के आधार से स्वतः जनरेट होता है, जिसे एजेंसी द्वारा जमा कराकर व्ही.आई.डी. तैयार कर एवं समस्त दस्तावेज संलग्न कर कार्यालय में प्रस्तुत किये जाते हैं, जिस आधार पर वाहन का पंजीयन किया जाता है। अतः पंजीकृत उक्त प्रक्रिया में शासकीय राजस्व की हानि नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में पंजीकृत समस्त 81 वाहनों में 76 वाहन के मॉडल सेल लैटर एवं व्ही.आई.डी. में हाईब्रिड श्रेणी में अंकित है। शेष 05 वाहन क्रमांक (1) एम.पी. 30 सी-3810, (2) एम.पी.30 सी-3833 (3) एम.पी.30 सी-3894 (4) एम.पी.30 सी-3967 (5) एम.पी.30 सी-4333 के मॉडल के संबंध में विक्रय एजेंसी को पत्र क्रमांक 470 दिनांक 06.07.2019 जारी कर जानकारी चाही गई है। एजेंसी द्वारा प्रस्तुत जवाब में उक्त समस्त वाहन हाईब्रिड श्रेणी की होना बताया गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः उक्त प्रक्रिया में शासकीय राजस्व की कोई हानि नहीं हुई है।
वि.स. क्षेत्र अटेर में नवीन हैण्डपम्पों का खनन
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 4008 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, संभाग भिण्ड द्वारा प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अटेर में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन हैण्डपम्पों का खनन विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये हैं या किये जा रहे हैं? यह कार्य किस ग्राम के किस स्थान पर किया गया है? हैण्डपम्प की लागत, हैण्डपम्प का खनन सफल या असफल हुआ? हैण्डपम्प का फाउण्डेशन तैयार किया या नहीं? कार्य की वर्तमान स्थिति पूर्ण एवं अपूर्ण आदि की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने कार्य प्रस्तावित किये गये हैं जिनकी स्वीकृति अपेक्षित है? इन कार्यों की सूची, कार्य का नाम, स्वीकृति हेतु भेजने की लागत, लाभान्वित ग्रामों के नाम, वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस अधिकारी के पास लंबित है, की जानकारी उपलब्ध करावें। प्रस्ताव कार्यों की स्वीकृति कब तक जारी की जा रही है? यदि नहीं, तो लंबित रहने का कारण बतावें। (ग) 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अनियमितताओं एवं फर्जी तथा बिना कार्य कराये भुगतान करने की कितनी शिकायतें की गईं? उन शिकायतों की जाँच किस अधिकारी से कराई गई तथा जाँच उपरांत दोषी पाये किन अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में यदि शिकायतों की जाँच नहीं कराई गई है तो क्यों? कब तक जाँच कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई भी नहीं। शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में कार्यरत परिवहन चौकियां/नाके
(परिवहन]
122. ( क्र. 4020 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी परिवहन चौकियां व नाके कहाँ-कहाँ पर कार्यरत हैं? स्थानों के नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार परिवहन चौकी व नाकों पर अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थी के क्या नियम हैं? (ग) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को परिवहन नाकों एवं वाहनों के पंजीयन शुल्क से कितनी आय प्राप्त हुई है? (घ) क्या समय-समय पर विभिन्न न्यायालयों एवं भारत सरकार द्वारा परिवहन नाकों के आधुनिकीरण हेतु निर्देश दिए गए गये हैं? यदि हाँ, तो क्या परिवहन विभाग द्वारा उन निर्देशों का पालन किया जाता है? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में 40 स्थाई एवं 5 अस्थाई परिवहन चौकियां व नाके कार्यरत हैं, स्थानों के नाम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार परिवहन चौकी व नाकों पर अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थी मुख्यालय स्तर पर गठित परिवहन (प्रवर्तन) स्थापना बोर्ड की अनुशंसा पर परिवहन मंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय के अनुमोदन पश्चात रोटेशन प्रणाली के तहत पदस्थापना की जाती है। (ग) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को परिवहन नाकों से रुपये 40.24 करोड़ एवं वाहनों के पंजीयन शुल्क के रूप में रुपये 160.03 करोड़ आय प्राप्त हुई है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तहसीलदार पर कार्यवाही
(राजस्व]
123. ( क्र.
4027 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनेश
पिता
मांगीलाल जैन
निवासी
महिदपुर रोड
जिला उज्जैन
के संबंधित
प्रकरण में
कमिश्नर
कार्यालय से
प्राप्त
रिपोर्ट पर
तहसीलदार पर
क्या
कार्यवाही की
गई है?
(ख) यदि
कार्यवाही
नहीं की गई है
तो क्यों? (ग) कब
तक दिनेश जैन
की संपत्ति
नीलाम कर राशि
वसूल की जाएगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) कमिश्नर
कार्यालय से
प्राप्त
प्रतिवेदन
अनुसार कोई
अधिकारी/कर्मचारी
के दोषी नहीं
पाये जाने से
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) राजस्व
न्यायालय में
वसूली हेतु
दर्ज किये गये
प्रकरण में
नियमानुसार
कार्यवाही
प्रचलित है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
राइस मिलों द्वारा पी.डी.एस. चावल का क्रय
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 4028 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के राइस मिलर्स द्वारा दि. 01.01.17 से 31.5.19 तक कितना चावल कहाँ-कहाँ से क्रय किया या प्रोसेस करने के लिए लिया? जानकारी इकाईवार, माहवार देवें। (ख) क्रय एवं प्रोसेस के बिलों/दस्तावेजों का विवरण माहवार, इकाईवार देवें। (ग) जिन वाहनों से क्रय या प्रोसेस करने के लिए चावल इकाईयों तक पहुँचा उसकी सूची इकाईवार देवें। वाहन क्रमांक, वाहन प्रकार सभी माहवार इकाईवार देवें। (घ) पी.डी.एस. का चावल इन मिलों द्वारा क्रय करने पर विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की है? इकाईवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टांप ड्यूटी/रजिस्ट्रेशन फीस चोरी मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही
(वाणिज्यिक कर]
125. ( क्र. 4031 ) श्री सुनील सराफ : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस चोरी के मामले में आई.जी पंजीयन में डी.आर. मुकेश श्रीवास्तव, स्वपनेश शर्मा, डॉ. पवन अहिरवार को 221 मामलों की जो जाँच सौंपी थी, उसके जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि जाँच पूरी नहीं हुई तो कारण बतावें। इन 221 लोगों की सूची भी देवें। (ग) क्या कारण है कि उपरोक्त डी.आर. मुकेश ने मामले निराकृत होने की असत्य जानकारी विभाग को दी? विभाग ने इस पर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की? (घ) कब तक ये जाँच पूरी होगी? प्रकरणवार समय-सीमा देवें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी नहीं। अत: जाँच प्रतिवेदन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है।
अनूपपुर जिले में लंबित प्रकरणों का निराकरण
(राजस्व]
126. ( क्र. 4032 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में दिनांक 15.06.19 की स्थिति में नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, राशन कार्ड बनाने के कितने मामले लंबित हैं? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) 6 माह से 1 वर्ष एवं 1 वर्ष से अधिक समस्त लंबित प्रकरणों की संख्या भी प्रश्नांश (क) के अनुसार पृथक-पृथक देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रकरण लंबित रहने में क्या कारण हैं? अविवादित प्रकरणों के निराकरण में विलंब के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इन पर कब तक कार्यवाही होगी? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क ) जिला अनूपपुर अंतर्गत दिनांक 15.06.19 की स्थिति में नामांतरण/फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन एवं राशनकार्ड बनाने संबंधित लंबित प्रकरणों की विधान सभावार जानकारी निम्नानुसार है :-
विधान सभा का नाम |
नामांतरण/फौती नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
राशन कार्ड |
अनूपपुर-87 |
672 |
624 |
123 |
5 |
कोतमा-86 |
322 |
222 |
163 |
0 |
पुष्पराजगढ़-88 |
282 |
282 |
8 |
7 |
योग |
1276 |
1128 |
294 |
12 |
(ख) 6 माह से 1 वर्ष तक के लंबित प्रकरणों की संख्या निम्नानुसार है-
विधान सभा का नाम |
नामांतरण/फौती नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
राशनकार्ड |
अनूपपुर-87 |
221 |
124 |
10 |
0 |
कोतमा-86 |
36 |
25 |
4 |
0 |
पुष्पराजगढ़-88 |
31 |
49 |
1 |
2 |
योग |
288 |
198 |
15 |
2 |
1 वर्ष से अधिक लंबित प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार है-
विधान सभा का नाम |
नामांतरण/फौती नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
राशनकार्ड |
अनूपपुर-87 |
375 |
405 |
112 |
0 |
कोतमा-86 |
103 |
111 |
0 |
0 |
पुष्पराजगढ़-88 |
55 |
91 |
0 |
0 |
योग |
533 |
607 |
112 |
0 |
(ग) प्रकरण में आपत्ति पेश होने, विवादित होने व हितबद्ध पक्षकारों के पक्ष रखने के लिए अवसर देने आदि के कारण लंबित हैं। इन प्रकरणों में न्यायालयीन प्रक्रिया अंतर्गत कार्यवाही करते हुए व पक्षकारों को पर्याप्त अवसर देते हुए सुनवाई की जाकर विधि अनुसार निराकरण किया जावेगा। कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्गों पर निर्धारित क्षमता से अधिक भार ले जाना
(परिवहन]
127. ( क्र. 4035 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा अंतर्राज्यीय एवं स्टेट हाईवे पर भार वाहन (ट्रक आदि) के द्वारा कितनी क्षमता (वजन) का सामान ले जाने का नियमों में उल्लेख है? (ख) क्या वर्तमान में जिला मुरैना में भार वाहन (ट्रक आदि) के द्वारा निर्धारित क्षमता से अधिक भार/वजन भर कर ले जाते हैं, जिससे मार्गों की स्थिति इतनी क्षतिपूर्ण हो चुकी है कि वे चलने योग्य नहीं है? (ग) क्या परिवहन विभाग द्वारा संचालित चेक पोस्टों पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा भार वाहन (ट्रक आदि) साधनों से अवैध लाभ लेकर उनको सड़क पर आने-जाने की छूट दे दी जाती है तथा वे अपना अधिकार मानकर खुलेआम चले जाते हैं। (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन इस व्यवस्था को व्यवस्थित करने हेतु माननीय विधायक व अन्य जन प्रतिनिधियों की समिति बनाकर चेक पोस्टों पर निगरानी की व्यवस्था करेगा, जिससे मार्गों की स्थिति यथावत् बनी रहे एवं चेकपोस्टों पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वाहन की पंजीयन पुस्तिका व परमिट में वाहन द्वारा वहन किये जाने वाले भार का स्पष्ट उल्लेख होता है, वाहन के प्रकार अनुसार वाहन को भार वहन करने की क्षमता हेतु भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 16 जुलाई 2018 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, जिसके अनुसार 19 टन से 55 टन तक भार वहन के लिए अधिकृत है, वाहन की भार क्षमता एक्सल के अनुसार निर्धारित की जाती है। (ख) शासन स्तर से ओवरलोड वाहनों के संबंध में जो नियम बनाये गये हैं, इससे ओवरलोड वाहनों की संख्या में निरन्तर गिरावट आई है। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक 3467 (अ) दिनांक 16.07.2018 से परिवहन यान की दशा में अधिकतम सुरक्षित भार क्षमता में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। इस अधिसूचना के प्रयोजनों के लिए मोटरयान अधिनियम 1988 की 113 की उपधारा (3) के अनुपालन में सकल वाहन भार में 05 प्रतिशत भार अनुज्ञेय है। इसके बाद भी वाहनों को परिवहन चैक पोस्ट मुरैना एवं अन्यत्र चैकिंग के दौरान रोककर, वाहनों के दस्तावेज चैक किये जाते हैं। वाहन ओवरलोड पाये जाने पर नियमानुसार चालानी कार्यवाही की जाकर, राजस्व वसूल किया जाता है। (ग) जी नहीं। परिवहन चैक पोस्टों पर सर्वप्रथम वाहनों के दस्तावेज एवं माल की बिल्टी चैक की जाती है। ओवरलोड वाहन पाये जाने पर या मोटरयान अधिनियिम के प्रावधानों का उल्लंघन करते पाये जाने पर शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार कार्यवाही की जाकर राजस्व वसूल किया जाता हैं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी
(खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
128. ( क्र. 4036 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषि उपजों के उपार्जन (खरीदी) हेतु क्या-क्या नीति, नियम, आदेश, निर्देश प्रचलन में हैं, की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2019 में गेहूँ, सरसों आदि फसल के क्रय हेतु कितने उपार्जन केंद्र जिला मुरैना में हैं, की जानकारी केंद्र का नाम, उपार्जन क्षमता, केंद्र पर पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी का नाम, पद, उपार्जन मूल्य आदि सहित बतावें। (ग) (ख) में उल्लेखित केंद्रों में से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कितने केंद्र स्थापित किये गये की जानकारी केंद्रवार देते हुए बतायें कि उनमें कितनी-कितनी कृषि उपज खरीदी की गई? (घ) क्या सभी कृषकों को खरीदी उपज का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कितने शेष व उन्हें कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? क्या सभी पंजीकृत कृषकों की फसल खरीदी हो चुकी है अथवा शेष है? की जानकारी भी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ, दलहन, तिलहन उपार्जन हेतु जारी नीति एवं निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ-49, सरसों-18 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए थे। उपार्जन केन्द्र का नाम, उपार्जन केन्द्र से संलग्न पंजीकृत किसानों की फसल के रकबे एवं उत्पादकता के अनुसार कुल मात्रा, केंद्र पर पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी का नाम, पद एवं उपार्जित गेहूँ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गेहूँ रू. 1840, चना रू. 4620 एवं सरसों रू. 4200 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य उपार्जन हेतु निर्धारित था। (ग) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में गेहूँ-7 एवं सरसों-3 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए थे। उपार्जन केन्द्रवार खरीदी गई उपज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय करने वाले 11073 किसानों में से केवल 39 किसानों का भुगतान बैंकिंग त्रुटियों के कारण से शेष हैं, जिसके सुधार की प्रक्रिया निरंतर चल रही है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित चना एवं सरसों की राशि रू. 216.83 करोड़ का भुगतान उपार्जन एजेंसियों द्वारा उपार्जन समितियों को किया जा चुका है। समिति स्तर से 376 किसानों की राशि रू. 3, 27, 18, 500 का भुगतान उनके रकबे की जाँच उपरांत प्राप्त परिणामों के आधार पर किया जा सकेगा। समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय हेतु पंजीकृत 26801 किसानों में से 11073, सरसों के 18362 किसानों में से 14229 एवं चना के 2122 में से 10 किसानों द्वारा अपनी उपज विक्रय की गई है। विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना अन्तर्गत पंजीकृत किसान समर्थन मूल्य के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर भी विक्रय करने हेतु स्वतंत्र होने से केवल इच्छुक किसान जो कि एफ.ए.क्यू. उपज लाते हैं, का समर्थन मूल्य पर उपज का विक्रय किया जाता है।
प्रशिक्षण में शामिल कर्मियों को टी.ए./डी.ए. व अन्य भत्ते का प्रदाय
(महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 4047 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा विभाग में कार्यरत विभिन्न अधिकारी/कर्मचारी की मासिक बैठक व अन्य प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है? अगर हाँ, तो क्या प्रशिक्षण आयोजित किये जाने एवं प्रशिक्षण में शामिल अधिकारी/कर्मचारियों को टी.ए./डी.ए. व अन्य भत्ते की राशि प्रदान किये जाने हेतु विभाग द्वारा राशि आवंटित की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अगर राशि आवंटित की जाती है, तो वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 तक की अवधि में छिंदवाड़ा जिले में विभाग के द्वारा कब कितने प्रशिक्षण आयोजित किये गये हैं और प्रत्येक प्रशिक्षण के लिये कितनी राशि विभाग के द्वारा प्रदान की गई है तथा उस राशि का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? (ग) विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में जो अधिकारी/कर्मचारी शामिल हुए, क्या उन कर्मचारियों को विभाग द्वारा टी.ए./डी.ए. व अन्य भत्ते की राशि प्रदान की जा रही है? अगर राशि प्रदान की जा रही है, तो प्रश्नांश (ख) अवधि में कितनी राशि, कितने कर्मचारियों को प्रदान की गई है? (घ) अगर विभाग द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षण का टी.ए./डी.ए. व अन्य भत्ते की राशि प्रदान नहीं की गई है, तो क्या उपरोक्त मामले की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी और टी.ए./डी.ए. व अन्य भत्ते की राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ विभाग द्वारा विभाग में कार्यरत विभिन्न अधिकारी/कर्मचारी की मासिक बैठक व अन्य प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है। प्रशिक्षण में शामिल अधिकारी/कर्मचारियों को टी.ए./डी.ए. व अन्य भत्ते की राशि नियामानुसार प्रदान किये जाने हेतु विभाग द्वारा राशि आवंटित की जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पूछे गये प्रश्नावधि में जिला स्तर पर आयोजित अधिकारी/कर्मचारी के प्रशिक्षण का निर्धारित मापदण्डों के आधार टी.ए./डी.ए. का भुगतान किया गया है। परियोजना स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण में म.प्र. शासन टी.ए. नियमों के मापदण्डों के अनुसार परियोजना अधिकारी द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर टी.ए./डी.ए. का भुगतान किया जाता है। टी.ए./डी.ए. व अन्य भत्ते की शिकायत आज दिनांक तक जिला कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं होता है।
पात्र हितग्राहियों को पट्टे का प्रदाय
(राजस्व]
130. ( क्र. 4048 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका परासिया अंतर्गत वे.को.लि. प्रबंधन द्वारा लीज पर ली गई जमीन की लीज खत्म हो चुकी है और लीज खत्म होने के बाद भी जमीन वे.को.लि. प्रबंधन के कब्जे में है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त भूमि को शासन के नाम पर परिवर्तित (आवंटित) कर, विभिन्न पात्र हितग्राहियों को शासन की योजना अंतर्गत आवास निर्माण हेतु भूमि का पट्टा प्रदान कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायेगी? (ग) नगरपालिका परासिया अंतर्गत शासन की योजना के अनुसार वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक कितने हितग्राहियों को पट्टा वितरण किया गया है? अगर नहीं किया गया है, तो इसका क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वे.को.लि. प्रबंधन को भूमि की कोई लीज नहीं दी गई है बल्कि खनिज पट्टे स्वीकृत हैं जो समाप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका परासिया अंतर्गत शासन की योजना के अनुसार वर्ष 2014 से 2018 तक 14 पट्टे का वितरण किया गया अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मनगवां वि.स. क्षेत्रांतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
131. ( क्र. 4058 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में कुल कितनी नल-जल योजनाएं संचालित की गई हैं? कितनी नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं व कितनी चालू हैं? ग्रामवार स्थल व संचालित एजेंसी की समय-सीमा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजनाओं की जो टंकियां बंद पड़ी हैं, शासन द्वारा चालू करने हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई? इन्हें चालू करने हेतु शासन द्वारा बजट का प्रावधान रखा गया है या नहीं? यदि रखा गया है, तो किन-किन स्कीमों में कितनी-कितनी राशि का प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रत्येक वर्षों में किन-किन नल-जल योजनाओं को कितनी-कितनी राशि का सफाई व मरम्मतीकरण का कार्य कराया गया है? वर्षवार व स्कीमवार लागत क्या है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2017-18 में 4 एवं वर्ष 2018-19 में 0, इस प्रकार कुल 4 नल-जल योजनाएं सुधार कर संचालित की गईं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
मनगवां विधान सभा क्षेत्रांतर्गत हैण्डपम्प का खनन
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 4059 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में विभाग द्वारा कुल कितने हैण्डपम्पों का खनन किया गया है? कितने हैण्डपम्प बंद पड़े हैं तथा कितने चालू हालत में हैं और कितने भरे पटे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भरे पटे हैण्डपम्पों की सफाई हेतु किस-किस संविदाकार को कब-कब अनुबंध किया गया तथा सफाई हेतु कितने शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बिगड़े हैण्डपम्पों की कितनी खराब राइजर पाइपें निकाली गई तथा कितनी डाली गई व शेष पाइपों का भण्डारण कहाँ-कहाँ किया गया है? क्या नवीन क्रय राइजर पाइपों की क्रय राशि तथा उनकी गणना कराई जा सकती है? यदि कराई जा सकती है, तो कब तक करायेंगे? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में क्रमशः 89, 77 एवं 90 कुल 256 नलकूपों का खनन किया गया है। सभी हैण्डपम्प चालू हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांकित अवधि में क्रय किये गये राइजर पाइपों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनूपपुर जिले में हैण्डपम्प एवं ट्यूबवेल खनन
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 4061 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में अल्पवर्षा के कारण पेयजल स्त्रोतों में वॉटर लेवल नीचे जाने से इस भीषण गर्मी में पेयजल के संकट से निपटने हेतु विभाग द्वारा क्या नीति तैयार की गई है? (ख) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा पिछले 03 वित्तीय वर्षों में कितने ट्यूबवेल खनन कराये गये? कितने ट्यूबवेल खनन में पानी के स्त्रोत नहीं मिले एवं वर्तमान में कितने हैण्डपम्प सूख चुके हैं? (ग) क्या वर्तमान में बोर खनन की गहराई एवं चौड़ाई पर्याप्त है अथवा नहीं? यदि नहीं, है, तो ट्यूबवेल खनन की गहराई गिरते वॉटर लेवल के हिसाब से क्या पर्याप्त है अथवा नहीं? यदि नहीं, है, तो ट्यूबवेल खनन की गहराई गिरते वॉटर लेवल के हिसाब से बढ़ाई जावेगी? (घ) पेयजल संकट से निपटने के लिये विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव अतिरिक्त बसाहटों में हैण्डपम्प खनन हेतु भेजा गया है? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति प्रदान की गई है? नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपम्पों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित करने एवं कम जल आवक क्षमता वाले हैण्डपम्पों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग के कार्य कर पेयजल व्यवस्था कराने का कार्य किया जाता है। (ख) 168 ट्यूबवेल। 16 ट्यूबवेल में स्त्रोत नहीं मिले। 40 हैण्डपम्प ग्रीष्मकाल में अस्थायी रूप से जलस्तर नीचे जाने के कारण सूख गये हैं जो पर्याप्त वर्षा होने के उपरांत चालू हो जाते हैं। (ग) जी हाँ, पर्याप्त है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) निर्धारित मापदण्ड अनुसार 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से बसाहटों के आच्छादन हेतु वित्तीय संयोजन के आधार पर जिलों को नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना के लक्ष्य दिये जाते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल समस्या का निराकरण
(लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
134. ( क्र. 4062 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पेयजल समस्या के निराकरण हेतु शासन की क्या नीति व निर्देश प्रचलन में है? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विभाग द्वारा जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के विगत चार वर्षों में कितने हैण्डपम्प की स्वीकृति प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। इन हैण्डपम्पों की स्वीकृति हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये? (ग) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जनभागीदारी योजना के तहत किस दिनांक को नल-जल योजना के तहत कितने निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई? निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया गया? कितना कार्य होना शेष है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में दर्शित कार्यों हेतु उक्त अवधि में उक्त क्षेत्र में राज्य शासन द्वारा कितनी राशि प्रदान की गई एवं जिला खनिज मद से कितनी राशि प्राप्त हुई? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। हैण्डपम्पों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव माननीय सांसद, माननीय विधायक, माननीय जिला पंचायत सदस्य, माननीय जनपद सदस्य, संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच से प्राप्त। (ग) कोई नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
जिला बाल कल्याण समिति का गठन
(महिला एवं बाल विकास]
135. ( क्र. 4065 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल संभाग अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिलों में जिला बाल कल्याण समिति गठित रही है? यदि हाँ, तो उक्त समितियां कब से संचालित हैं? समिति के पदाधिकारियों की सूची नाम पता सहित उपलब्ध करावें। (ख) जिला बाल कल्याण समिति की नियमावली अथवा दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिला बाल कल्याण समिति के सदस्यों को मानदेय की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किन-किन सदस्यों को 2016 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई गई? वर्षवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विभाग में उक्त वर्ष में उक्त जिलों में कौन-कौन सी संस्थाएं पंजीकृत अथवा अपंजीकृत हैं? इन सामाजिक संस्थाओं को कितना शासकीय अनुदान अथवा सहायता प्रदान की गई? इन संस्थाओं के प्रमुख पदाधिकारियों के नाम बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1" अनुसार है। (ख) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 दिये गये प्रावधान अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2" अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3" अनुसार है। (घ) उमरिया जिले में पंजीकृत/अपंजीकृत तथा शहडोल एवं अनूपपुर में अपंजीकृत संस्था संचालित नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4" एवं ''5" अनुसार है।
प्राकृतिक आपदा से नष्ट फसलों की क्षतिपूर्ति
(राजस्व]
136. ( क्र. 4066 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा जैसे अतिवृष्टि, ओला, पाला सूखे आदि के कारण फसलें नष्ट होने से कितनी राशि के नुकसान का आंकलन किया गया? आंकलन के विरूद्ध कुल कितनी राहत राशि/मुआवजा राशि किसानों को प्रदाय की गई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने ग्राम ऐसे हैं, जिसमें किसानों की फसलें नष्ट होने के बाद अभी तक मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है, संख्या एवं कारण बतायें। (ग) प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना लागू होने के बाद से अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने कृषकों का फसल का बीमा किया गया? किस-किस कंपनी को प्रीमियम के रूप में राशि जमा की गई? इसमें से कितनी राशि केन्द्र सरकार की कितनी राज्य सरकार की एवं कितनी राशि कृषकों द्वारा जमा की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में प्राकृतिक आपदा में फसल नष्ट होने के बाद कितने कृषकों को फसल बीमा की दावा राशि का भुगतान किया गया एवं कितने कृषकों की कितनी दावा राशि का भुगतान किया जाना शेष है?
वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना लागू होने के बाद से अनुपपुर विधान सभा क्षेत्र में कुल 10, 081 कृषकों का फसल बीमा किया गया। अनुपपूर जिला अन्तर्गत कृषि बीमा हेतु आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। खरीफ 2016 रबी 16-17, खरीफ 2017 एवं रबी 17-18 के लिए कुल प्रीमियम राशि रू. 59229437.69/- जमा कराया गया। इनमें से केन्द्रांश राशि रू. 26001422.55/-, राज्यांश राशि रू. 26001422.55/- एवं कृषकों द्वारा जमा किया गया प्रीमियम राशि रू. 7226592.59/- है। आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। (घ) आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड द्वारा खरीफ 2016 में 05 कृषकों एवं खरीफ 2017 में 640 कृषकों को फसल बीमा की कुल दावा राशि रूपये 5989570.84/- का भुगतान किया गया है। शेष 147 कृषकों का कुल दावा राशि 777199.45 का भुगतान प्रक्रियाधीन है। आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में भवन/हॉस्टल/क्वार्टर का निर्माण
(चिकित्सा शिक्षा]
137. ( क्र. 4072 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में भवन, हॉस्टल, क्वार्टर आदि का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में एम.बी.बी.एस. की कितनी सीटों का कोटा है? (ग) इस वर्ष कितनी सीटों पर प्रवेश दिया जायेगा? प्रवेश की प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो जायेगी एवं किस माह से कक्षा प्रारंभ हो जायेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एम.बी.बी.एस. की 100 सीटों का कोटा है। (ग) इस वर्ष एम.बी.बी.एस. की 100 सीटों पर नीट यू.जी. 2019-20 की ऑनलाइन काउंसलिंग के उपरान्त प्रवेश की प्रक्रिया जारी है। प्रवेश पूर्ण होने के उपरान्त अगस्त 2019 से कक्षा प्रारंभ हो सकेगी।
स्निप योजना में कार्यरत कर्मचारी
(महिला एवं बाल विकास]
138. ( क्र. 4080 ) श्री राकेश गिरि : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्तमान में विभाग द्वारा स्निप योजना संचालित की जा रही है? प्रदेश में योजनान्तर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं एवं उनका मानदेय किस मद से दिया जा रहा है? (ख) क्या विभाग में राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत संविदा पद स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो इन पदों पर आउटसोर्स भर्ती किस आधार पर की जा रही है? (ग) क्या ई.सी.सी.ई. समन्वयक विधिवत चयनित प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर विभाग में संविदा कर्मचारी के रूप में पदस्थ हुए थे? यदि हाँ, तो उन्हें सेवा से क्यों निष्कासित किया गया? जबकि सरकार के वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का उल्लेख है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत पदों की स्वीकृति आउटसोर्स पर आधारित है। इसलिये भर्ती आउटसोर्स के आधार पर की गई है। (ग) जी हाँ। आई.सी.डी.एस. मिशन के समाप्त होने के पश्चात भारत सरकार द्वारा ई.सी.सी.ई. समन्वयकों के पदों की निरंतरता समाप्त की गयी, जिसके पश्चात अगस्त 2017 में विभाग द्वारा ई.सी.सी.ई. समन्वयकों को पद विमुक्त किया गया। पद विमुक्त किये जाने के कारण इन पर वचन पत्र लागू नहीं होता है।
राजस्व रिकार्ड में नाम दर्ज होने से वंचित वनग्रामों की संख्या
(राजस्व]
139. ( क्र. 4084 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं हैं? नाम बतावें। (ख) क्या राजस्व रिकार्ड में ग्राम दर्ज नहीं होने से शासन की हितग्राही योजनाओं का लाभ इन ग्रामों को मिल पाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजना का लाभ नहीं मिल पाता? योजना का नाम बतावें। (ग) क्या इन ग्रामों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने की शासन की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक इन ग्रामों को राजस्व में दर्ज कर लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोई राजस्व ग्राम राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने से शेष नहीं है तथा 26 वनग्राम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है। वन ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वनग्रामों में पंचायत विभाग की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदूषण युक्त वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही
(परिवहन]
140. ( क्र. 4092 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में परिवहन विभाग में वाहनों की फिटनेस जारी करने में प्रदूषण विभाग की एन.ओ.सी. की आवश्यक होती है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रीवा की संरचना अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने वाहनों की फिटनेस प्रदूषण बोर्ड के मापदण्डों को आधार/दृष्टिगत रखते हुए जारी की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रोड में चल रहे प्रदूषण युक्त वाहनों के विरूद्ध विभाग द्वारा कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाहियां कहाँ पर की गई हैं? की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग में वाहनों की फिटनेस जारी करने में प्रदूषण विभाग की एन.ओ.सी. की आवश्यकता नहीं होती है। अधिकृत वाहन प्रदूषण जाँच केन्द्रों द्वारा जारी प्रदूषण जाँच प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाता है। रीवा जिले में 06 स्थायी एवं 05 चलित इकाई प्रदूषण जाँच केन्द्र हैं। (ख) क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, रीवा की संरचना अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में प्रदूषण बोर्ड के मापदण्डों को आधार दृष्टिगत रखते हुये, कुल 36, 413 वाहनों की फिटनेस जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में रोड में चल रहे वाहनों की समय-समय पर जाँच की जाती है तथा बिना प्रदूषण जाँच प्रमाण-पत्र के पाये जाने पर वाहनों पर नियमानुसार कार्यवाही कर शमन शुल्क वसूल किया जाता है। विगत तीन वर्षों में बिना प्रदूषण जाँच प्रमाण-पत्र के 810 वाहन पाये गये, जिनसे शमन शुल्क के रूप में रुपये 27, 11, 600/- की वसूली की गई।
वर्ष |
चालान संख्या |
वसूल शमन शुल्क |
स्थान |
|
72 |
234500 |
परिवहन चेक पोस्ट हनुमना |
108 |
335000 |
परिवहन चेक पोस्ट चाकघाट |
|
140 |
453000 |
परिवहन सुरक्षा स्क्वाड रीवा |
|
|
45 |
143000 |
परिवहन चेक पोस्ट हनुमना |
80 |
240000 |
परिवहन चेक पोस्ट चाकघाट |
|
278 |
976600 |
परिवहन सुरक्षा स्क्वाड रीवा |
|
|
- |
- |
परिवहन चेक पोस्ट हनुमना |
18 |
90500 |
परिवहन चेक पोस्ट चाकघाट |
|
69 |
239000 |
परिवहन सुरक्षा स्क्वाड रीवा |
भूमि को लीज
पर दिए जाने
के नियम
(राजस्व]
141. ( क्र. 4100 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग की भूमि को लीज पर देने हेतु राज्य शासन ने क्या-क्या नियम बनायें हैं? ऐसे नियमों के आदेशों की छायाप्रति प्रदाय करें एवं यह भी बतायें कि क्या इसमें एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. वर्ग को देने का प्रावधान है तथा कौन-कौन से कार्य हेतु भूमि लीज पर किन-किन शर्तों के आधार पर दी जाती है? संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक के मध्य टीकमगढ़, निवाड़ी एवं छतरपुर जिलों में भूमि लीज पर लिये जाने हेतु कितने व्यक्तियों ने कलेक्टर कार्यालय में आवेदन जमा किये थे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के आधार पर बतायें कि इसी समयावधि में कितनी भूमि, कितने वर्षों के लिये कब तक, किस-किस को लीज पर आवंटित की गई है तथा प्रश्न दिनांक तक आवंटित भूमि पर लीज आवंटी द्वारा क्या-क्या कार्य संचालित किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर बतायें कि जिन प्रकरणों में आवंटन की प्रत्याशा में फाईल लंबित रखी है, ऐसी फाईलों का निराकरण कब तक किया जायेगा और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय नजूल भूमि लीज पर देने के संबंध में नियम राजस्व पुस्तक परिपत्र 4 (1) में वर्णित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परन्तु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णित सिविल अपील क्रमांक 2965/2011 में पारित निर्णय दिनांक 06/04/2011 के पालन में ही भूमि लीज पर आवंटित की जा रही है। (ख) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला कार्यालय टीकमगढ़, निवाड़ी व छतरपुर में शासकीय नजूल भूमि के स्थायी लीज आवंटन लीज पर दिये जाने हेतु 8 आवेदन जमा हुये थे। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नाधीन प्रकरणों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में ही आवंटन हेतु अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा।
आयुष कर्मचारियों की मांगों का निराकरण
(आयुष]
142. ( क्र. 4222 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष कर्मचारी संघ भोपाल (म.प्र.) द्वारा अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब अपनी मांगों के निराकरण हेतु शासन एवं संचालनालय आयुष विभाग को ज्ञापन दिये गये थे? मांगों के निराकरण में कौन-कौन सी मांगें कब-कब स्वीकार कर ली गयीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि विभाग के अधीन जिलों में संचालित आयुष औषधालय/चिकित्सालय में क्या पदस्थ दाई/महिला कार्यकर्ता के स्वीकृत पदों में से 812 को अधिक वेतनमान एवं 436 को कम वेतनमान दिया जा रहा है, जब एक सा पद है, तो कब तक समान कार्य, समान पद का एक सा वेतनमान करने के आदेश आयुष विभाग जारी करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि आयुष विभाग के कम्पाउंडर केडर के जिन 5 कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से संचालनालय द्वारा नियमित कर दिया गया है उसी प्रकार और शेष कब तक नियमित कर दिये जावेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) दिनांक 30.05.2017, 07.09.2017, 24.12.2017 एवं 24.04.2018। मांग संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भूमिहीन
व्यक्तियों
को पट्टे का
प्रदाय
[राजस्व]
1. ( क्र. 75 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत शासकीय भूमि उपलब्ध होने के बाद भी भूमिहीन व्यक्तियों को पट्टे नहीं दिये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? (ग) यदि नहीं, तो कब तक पट्टे दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कृषि प्रयोजन के लिए पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं। भूमिहीन व्यक्तियों को पात्रता के आधार पर आवास हेतु भूखण्ड उपलब्ध कराये गए हैं। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 237 की उपधारा 3 के परन्तुक में प्रावधान है कि उपधारा (1) में वर्णित प्रयोजनों के लिए पृथक रखी गई भूमि किसी भी व्यक्ति को कृषिक प्रयोजन के लिए व्यपवर्तित या आवंटित नहीं की जाएगी। अत: उपलब्ध शासकीय भूमि जो पूर्व में धारा 237 (1) अंतर्गत विभिन्न प्रयोजनों हेतु पृथक है उसे भूमिहीन व्यक्तियों को कृषिक प्रयोजन में परिवर्तित करके वंटित नहीं किया जा सकता। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में लागू नहीं होता।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों की पदस्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( क्र. 76 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में सहायक कुलसचिव एवं उप कुलसचिव के पद हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सक ही पात्र हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में सहायक कुलसचिव एवं उप कुलसचिव के पद पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सक पदस्थ है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय‚ जबलपुर में नवीन पदों के सृजन संबंधी स्वीकृति अनुसार उप कुल सचिव तथा सहायक कुल सचिव के पद पर प्रतिनियुक्ति का प्रावधान है तथा इसमें किसी विभाग विशेष से प्रतिनियुक्ति का उल्लेख नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
चिकित्सा महाविद्यालयों में सीट वृद्धि
[चिकित्सा शिक्षा]
3. ( क्र. 672 ) श्री रामपाल सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संचालित हैं तथा उनमें एम.बी.बी.एस. की कितनी-कितनी सीटें हैं, महाविद्यालयवार बतायें। (ख) उक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को क्या-क्या सुविधायें दी जाती है? (ग) उक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में सीट वृद्धि हेतु शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये सीट वृद्धि हेतु क्या-क्या मापदण्ड शर्तें है पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर नवीन शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही चल रही है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रदेश में शासकीय एवं अशासकीय संचालित चिकित्सा महाविद्यालय की सूची एवं उनकी सीट्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) चिकित्सा महाविद्यालयों में छात्राओं को एम.सी.आई. के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सुविधाएं दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) शैक्षणिक सत्र 2019-2020 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में E.W.S. योजना के अंतर्गत 270 एवं शहडोल, छिंदवाड़ा, शिवपुरी में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ होने से 300 सीट्स कुल 570 अतिरिक्त सीट्स उपलब्ध हुई है। इसके अतिरिक्त भी सीट्स वृद्धि हेतु प्रस्ताव चिकित्सा महाविद्यालय स्तर से भारत सरकार को प्रेषित किए गए हैं। राज्य शासन स्तर से M.C.I. के मापदण्ड अनुसार इस संदर्भ में चिकित्सा महाविद्यालय को आगामी सत्रों में सीट्स वृद्धि हेतु अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। निजी चिकित्सा महाविद्यालय में M.B.B.S. की 1150 सीट्स उपलब्ध है निजी संस्थान द्वारा M.C.I. के मापदण्ड अनुसार स्वयं के स्तर से ही प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किए जाते हैं। सीट्स वृद्धि हेतु मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) प्रदेश में जिला सतना में भारत सरकार के सहयोग से व सिवनी एवं छतरपुर में राज्य योजना अंतर्गत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिए मंत्रि परिषद का निर्णय हुआ है। कांग्रेस के वचन पत्र के बिंदु 19.38 अनुसार ''प्रदेश में चार नए मेडिकल कॉलेज खोलने जिसमें से दो एकलव्य मेडिकल कालेज आदिवासी बाहुल्य जिले में स्थापित होंगे'' के अंतर्गत नीतिगत निर्णय हेतु प्रस्ताव प्रचलन में है।
उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 673 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें कहाँ-कहाँ संचालित हैं, किन-किन संस्थाओं/ समिति समूह द्वारा उनका संचालन किन-किन शर्तों पर किया जा रहा है। (ख) उक्त दुकानों से क्या-क्या सामग्री किस दर पर उपभोक्ताओं को दी जाती है दुकान खुलने के दिन, समय बतावें, वितरक को कितना कमीशन दिया जाता है। (ग) 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस दुकान को कितनी कमीशन राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? (घ) उक्त कमीशन राशि तथा खाली बारदानों का क्या-क्या उपयोग किया गया पूर्ण विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उचित मूल्य की दुकानों के संचालन की शर्तों का प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में किया गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) उक्त दुकानों से गेहूं, चावल, नमक एवं बाजरा 01 रुपये प्रति किलोग्राम, चना 27 रुपये प्रति किलोग्राम, शक्कर 20 रुपये प्रति कि.ग्रा. एवं केरोसीन 33 रुपये प्रति लीटर से 34.50 रुपये प्रति लीटर की दर से पात्र परिवारों को वितरित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के प्रावधानों अनुसार शासकीय उचित की दुकान रविवार एवं शासकीय अवकाश को छोड़कर शेष सभी दिवस न्यूनतम 06 घंटे के लिए खोले जाने का समय निर्धारित है। ग्रामीण क्षेत्र में एक विक्रेता द्वारा एक से अधिक उचित मूल्य दुकानों के संचालन की दशा में सप्ताह में 2 से 3 निर्धारित दिवसों में खोली जाती है। देय कमीशन के मापदंड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) विक्रेता द्वारा केरोसीन का विक्रय करने पर उसे कमीशन की राशि स्वत: प्राप्त हो जाती है। मध्यप्रदेश प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा भुगतान की गयी कमीशन की राशि की जानकारी एकत्रित करायी जा रही है। (घ) निर्धारित कमीशन राशि तथा खाली बारदानों के विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग संबंधित संस्था के द्वारा स्वयं विवेक से उचित मूल्य की दुकान संचालन हेतु दुकान भवन किराया, बिजली देयक, विक्रेता का वेतन, स्टेशनरी आदि अन्य आवश्यक खर्चों में किया जाता है।
मजरा टोला एवं बढ़ती हुई आबादी
[राजस्व]
5. ( क्र. 1156 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में आबादी बढ़ने के कारण राजस्व ग्रामों के आस-पास स्थित शासकीय भूमि पर मजरा टोला एवं आबादी की बसाहट लगातार बढ़ रही है? यदि हाँ, तो इस आबादी को राजस्व ग्राम का हिस्सा माना जाएगा? (ख) प्रदेश में मजरा टोला एवं आबादी से अलग निवासरत ग्रामीण क्षेत्रों को निकटस्थ राजस्व ग्राम में शामिल करने के लिये क्या कोई कार्ययोजना बनाई जा रही है? (ग) क्या राजस्व ग्राम की सीमा से बाहर इन स्थानों पर निवासरत ग्रामीणों को सड़क, बिजली, पानी की मुलभूत सुविधाओं से वांछित रहना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो शासन प्रदेश के सभी ऐसे स्थानों को चिन्हित कर राजस्व ग्राम का आबादी क्षेत्र घोषित करेगा? य़दि हाँ तो कब तक? (घ) क्या खण्डवा विधान सभा क्षेत्र के कालकापुरम, भूरीघाटी, धनगाँव का कुरवाड़ा को राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव जिला प्रशासन द्वारा आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को भेजे गये है? यदि हाँ, तो उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ङ) क्या इन मजरो टोलों/आबादी क्षेत्रों को व्यापक जनहित में राजस्व ग्राम में शामिल मान्य किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 243 के प्रावधान अनुसार-जहाँ आबादी के लिये आरक्षित क्षेत्र कलेक्टर की राय में अपर्याप्त हो, वहाँ वह गांव की दखल रहित भूमि/किसी भी प्रकार की भूमि में से ऐसा और क्षेत्र आरक्षित कर सकेगा जैसा कि वह ठीक समझें। ऐसा क्षेत्र आबादी का हिस्सा माना जायेगा। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रावधान पूर्व से होकर कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। ग्रामीणों की बसाहट को मूलभूत सुविधाऐं दी जाती हैं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (घ) जी हाँ। भूरीघाटी तथा कुरवाडा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं आते हैं, इस कारण इन्हें राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जा सकता है। मजरे टोले कालकापुरम निर्धारित मापदण्डों में आने से इन्हें राजस्व ग्राम घोषित किया गया जाकर इनके पृथक-पृथक अधिकार अभिलेख बनाये जाने हेतु प्राधिकृत अधिकारी की अधिसूचना जारी करने की कार्यवाही की जा रही है। (ड.) मजरे टोले पहले से ही राजस्व ग्राम का हिस्सा होते हैं अतः पृथक से कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री नल-जल योजना में लापरवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 1161 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री नल-जल योजनान्तर्गत विगत 5 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा वर्षवार, कितनी-कितनी राशि जिले में प्रदान की? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्र की जनता को पेयजल उपलब्ध कराने वाली मुख्यमंत्री नल-जल योजना बन्द कर दी गई है? क्या इसे पूनः चालू किया जायेगा? (ग) खण्डवा जिले में विगत पाँच वर्षों में नलकूप मरम्मत कार्य पर कितनी राशि का व्यय किया गया है? सामग्री एवं ठेकेदार को प्रदाय राशि की पृथक-पृथक जानकारी वर्षवार दी जाए? (घ) क्या ग्रामीण क्षेत्र की इस पेयजल योजना को पुनः आरंभ करने पर विभाग विचार करेगा? नहीं तो क्या पेयजल की उपलब्धता का सर्वे कार्य आरंभ कराया जायेगा? (ङ) मुख्यमंत्री नल-जल योजना वाले ग्रामों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु विभागीय स्तर पर क्या कार्ययोजना बनाई जा रही है? क्या पाईप लाईन विस्तार एवं मोटर मरम्मत मद में पंचायतों को आवंटन प्रदाय किया जायेगा, यदि हाँ, तो कब तक? (च) भूमिगत जलस्तर में भारी गिरावट को देखते हुए विभाग द्वारा सिंगल फेस मोटर के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार 10 एच.पी. तक की मोटर एवं 1000 फीट तक नलकुप खनन की स्वीकृति दिये जाने पर विचार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई, वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में क्रमशः रूपये 751.63, 513.38 लाख प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश-(ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) योजना क्रियान्वयन के पश्चात् संचालन संधारण संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी के द्वारा 02 वर्ष तक का प्रावधान अनुबंध में किया गया है। अनुबंध की अवधि समाप्ति के पश्चात् योजनाएं ग्राम पंचायतों को संचालन संधारण हेतु हस्तांतरित की जाती हैं। हस्तांतरण उपरांत योजनाओं के संचालन-संधारण हेतु आवंटन संबंधित ग्राम पंचायतों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी किया जाता है। (च) भूजलविद द्वारा अनुशंसित गहराई एवं नलकूप में जल आवक क्षमता के अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
हल्का पटवारी की हल्का में उपस्थिति सुनिश्चित करना
[राजस्व]
7. ( क्र. 1174 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा की सभी तहसीलों के सभी हल्कों में पटवारियों को कार्यालय में बैठने का सप्ताह में कोई निर्धारित दिवस सुनिश्चित किया गया है? यदि हाँ, तो सप्ताह में कौन सा दिवस एवं क्या समय निर्धारित है? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रत्येक हल्के में कार्यालय के बाहर पटवारियों से मिलने हेतु निर्धारित दिवस एवं समय की जानकारी हेतु सूचना पटल लगवाये जायेंगे? (ग) क्या कारण है कि तहसील जवा में पटवारियों को हल्का में उपस्थित रहने हेतु कोई दिवस निर्धारित नहीं किया गया है? क्या विभाग द्वारा पटवारियों को हल्का में उपस्थित रहने हेतु स्पष्ट आदेश जारी किये जायेंगे? लापरवाह पटवारियों हेतु हितग्राहियों का कार्य निर्धारित समय पर नहीं किये जाने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (क) जिले में ऐसे लापरवाह पटवारियों/राजस्व निरीक्षकों के विरुद्ध सत्र 2018-19 में क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गयीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले की सभी तहसीलों में पटवारी हल्कों में स्थित ग्राम पंचायत कार्यालय में सप्ताह में 02 दिवस निम्नानुसार कार्यालय समय में बैठने के दिन निश्चित किए गए है :-
तहसील का नाम |
बैठने का दिवस |
हुजूर नगर |
मंगलवार, बुधवार |
हुजूर ग्रामीण |
सोमवार, मंगलवार, बुधवार |
गुढ़ |
मंगलवार शुक्रवार |
रायपुर कर्चुलियान |
मंगलवार शुक्रवार |
मनगवां |
मंगलवार बुधवार |
मऊगंज |
मंगलवार शनिवार |
नईगढ़ी |
सोमवार शनिवार |
हनुमना |
बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार |
त्योंथर |
मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार |
जवा |
सोमवार, मंगलवार |
सिरमौर |
मंगलवार, बुधवार, गुरूवार |
सेंमरिया |
मंगलवार शुक्रवार |
(ख) जी
हाँ। (ग) तहसील
जवा अंतर्गत
पटवारियों को
हल्के में
कार्यालय में
बैठने का दिन
उपस्थित रहने
हेतु पूर्व
में आदेश जारी
किया गया है।
स्पष्ट
आदेश जारी
किये जा चुके
है, पुन:आदेश
जारी करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
हितग्राहियों
का कार्य
निर्धारित
समय पर नहीं
किये जाने पर
संज्ञान में
आने पर उनके
विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी। (घ) जिले
में सत्र 2018-19 में
पटवारियों/राजस्व
निरीक्षकों
के विरूद्ध
ऐसी कोई
शिकायत प्राप्त
नहीं हुई है।
अत: कार्यवाही
किए जाने का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
किसान सम्मान निधि अंतर्गत हितग्राहियों को लाभ
[राजस्व]
8. ( क्र. 1178 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसान सम्मान निधि अंतर्गत रीवा जिले के कुल कितने हितग्राहियों को लाभान्वित कर दिया गया है? कुल कितने प्रकरण अभी तक लंबित हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या कारण है कि अभी तक सभी पात्र हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि प्रदान नहीं की जा सकी है? प्रत्येक पात्र हितग्राहियों को कब तक किसान सम्मान निधि प्रदान की जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले के 2019 हितग्राहियों की पहचान कर आगामी कार्यवाही की जा रही है। लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या शून्य है। चूंकि हितग्राहियों की पहचान की कार्यवाही सतत् प्रचलित है। अत: कुल लंबित प्रकरण की जानकारी अभी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) पात्रता परीक्षण की कार्यवाही सतत् जारी है। पात्रता परीक्षण उपरांत PMKISAN पोर्टल के माध्यम से भुगतान हेतु कार्यवाही की जावेगी, जिसमें समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संविलियत सेवायुक्तों का वेतन निर्धारण
[वाणिज्यिक कर]
9. ( क्र. 1522 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ से वाणिज्यिक कर विभाग में वर्ष 2016-2017 में चौथे वेतनमान पर से सीधे छठवें वेतनमान में संविलियत सेवायुक्तों के वेतन निर्धारण में पाँचवें वेतनमान की (काल्पनिक) गणना नहीं की गयी है? क्यों? क्या इन्हें पाँचवें वेतनमान की अंतरिम राहत प्राप्त थी? यदि हाँ, तो पाँचवे वेतनमान की काल्पनिक गणना क्यों नहीं की जा रही? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या संविलियत सेवायुक्तों को ग्रेड पे का लाभ दिया गया? नाम, पद आदेश, नियुक्ति बतायें? अन्य किन-किन को नहीं दिया? क्या कारण है? कब तक दिया जावेगा? (ग) तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्तों को उच्च न्यायालय जबलपुर याचिका क्रमांक 12741/2007 एवं अन्य 84 याचिकाओं में दिनांक 13/12/2018 व वित्त विभाग परिपत्र 496 दिनांक 23/03/2019 द्वारा दिये गये आदेशानुसार वाणिज्यिक कर विभाग में संविलियत सेवायुक्तों को विभागीय पदस्थी दिनांक से 5वें व 6वें वेतनमान में वेतन निर्धारण हेतु आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा किन-किन सेवायुक्तों को वेतनमान लाभ स्वीकृत किया है? यदि नहीं, तो न्यायालय की अवमानना की स्थिति उत्पन्न होगी और इसके लिए कौन अधिकारी जबावदेह होगा? (घ) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ से अन्य सेवायुक्तों के वाणिज्यिक कर विभाग में संविलियन प्रक्रिया की क्या स्थिति है? क्या प्रस्ताव लंबित हैं? किन-किन सेवायुक्तों के प्रस्ताव लंबित हैं? कब तक संविलियन की कार्यवाही पूर्ण होगी।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) विभागीय आदेश क्रमांक एफ-6-8/2015/1/ पाँच दिनांक 19.08.2015 एवं शासन के परिपत्र क्रमांक सी-3-6/2016/1/3, दिनांक 23.08.2016 से प्राप्त निर्देशानुसार मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ से वाणिज्यिक कर विभाग में संविलियत कर्मचारियों को चौथे वेतनमान में प्राप्त हो रहे वेतन से सीधे छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण किये जाने के निर्देश हैं। वर्तमान में सातवें वेतनमान में नियमानुसार वेतन निर्धारण कर वेतन प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत संविलियत सेवायुक्तों को ग्रेड-पे का लाभ दिया गया है। संविलियत सेवायुक्तों के नाम, पद आदेश, नियुक्ति संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) तिलहन संघ संविलियत सेवायुक्तों को उच्च न्यायालय जबलपुर याचिका क्रमांक 12741/2007 एवं अन्य 84 याचिकाएं विभाग से संबंधित नहीं हैं। मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ से सेवानिवृत्त एवं संविलियन पश्चात् धारणाधिकार समाप्त किये गये सेवायुक्तों के संबंध में वित्त विभाग के परिपत्र 496 द्वारा दिनांक 23.03.2019 की कंडिका 3 में संविलियत सेवायुक्तों का मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 12 अगस्त, 2013 एवं 23 अगस्त, 2016 में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। उपरोक्त परिपत्र अनुसार संविलियत सेवायुक्तों को तिलहन संघ में प्राप्त अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र के आधार पर सीधे छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण किये जाने के निर्देश हैं। विभाग में वाणिज्यिक कर निरिक्षक के पद पर संविलियत सेवायुक्तों का वेतन निर्धारण उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में किया गया है। वर्तमान में संविलियत सेवायुक्तों को सातवां वेतनमान भी प्रदाय कर दिया गया है। (घ) विभाग में मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के किसी भी कर्मचारी के संविलियन के प्रस्ताव लंबित नहीं है।
प्रोजेक्ट कायाकल्प की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( क्र. 1601 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय, इंदौर में प्रोजेक्ट कायाकल्प कब प्रारंभ हुआ? इसमें क्या-क्या कार्यों को प्राथमिकता पर कराया जाना था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन कार्यों को उक्त प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था? कितनी राशि के कार्यों की स्वीकृति किन-किन के द्वारा कब-कब प्रदान की गई? इसके नोडल अधिकारी कौन थे? प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा दी गई थी या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में राशि किस-किस मद से स्वीकृत की गई व उसकी प्रशासकीय स्वीकृति किन सक्षम अधिकारियों के द्वारा दी गई? क्या टेण्डर प्रक्रिया व अन्य किन स्त्रोतों से उक्त कार्यों को कराया गया? कितनी राशि के कार्य कराये गये, किन एजेंसियों के माध्यम से कार्य कराये गये, क्या-क्या कार्य कराये गये तथा कितना-कितना भुगतान किन एजेंसियों को किया गया? कार्यों की प्रमाणिकता की जाँच किन-किन के द्वारा की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रोजेक्ट कायाकल्प 2 अक्टूबर 2014 गांधी जयंती के अवसर पर प्रारंभ हुआ। योजना अंतर्गत कार्यों को चिन्हित कर कायाकल्प अभियान क्रियान्वयन किया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रोजेक्ट में शामिल कार्य निम्नानुसार है :-
क्रं. |
कायाकल्प के अंतर्गत विभिन्न कार्य |
अधिकारी का नाम |
1 |
चिकित्सालय के कायाकल्प के अंतर्गत भवन का उन्नयन/नवीनीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य के संबंधित कार्य |
डॉ. संजय दीक्षित, प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग एवं प्रो. इन्चार्ज भवन, चिकित्सा महाविद्यालय |
2 |
चिकित्सालय के कायाकल्प के अंतर्गत शासकीय/ स्वशासी मद से उपकरणों के क्रय एवं स्थापना से संबंधित कार्य |
डॉ. सलिल साक्कले, सह प्राध्यापक, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग एवं सेंट्रल स्टोर इन्चार्ज, चिकित्सा महाविद्यालय |
3 |
कायाकल्प के लिए पृथक से खोले गए खाते में दान-दाताओं से प्राप्त राशि के आय-व्यय का लेखा-जोखा एवं संबंधित कार्य |
डॉ. संजय दादू, प्राध्यापक, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग एवं डी.डी.ओ., चिकित्सा महाविद्यालय |
कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-03, 04 एवं 11 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-11 अनुसार स्वीकृति जारी की गई है। कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा टेण्डर प्रक्रिया से कराया गया है। कार्यवार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-9 अनुसार है। कार्यवार एजेन्सियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-6 अनुसार। कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-2 अनुसार। भुगतान के एजेन्सियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-9 अनुसार। उत्तरांश "ख" में उल्लेखित अधिकारियों द्वारा की गई।
चेक पोस्टों द्वारा शुल्क वसूली की जानकारी
[परिवहन]
11. ( क्र. 1644 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन आयुक्त द्वारा परिवहन विभाग से माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितना परिवहन शुल्क किस-किस बेरियर से वसूला गया तथा सर्वाधिक परिवहन शुल्क किस बेरियर से वसूला गया? इस अवधि में उड़द दस्तों द्वारा कितना परिवहन शुल्क वसूला गया एवं जिला परिवहन अधिकारियों द्वारा कितना परिवहन शुल्क वसूला गया? (ख) मध्यप्रदेश के राजस्थान सीमा पर कितने आर.टी.ओ. चेकपोस्ट हैं? चेकपोस्ट पर शासन द्वारा नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी के अतिरिक्त बगैर नियुक्ति के कौन-कौन लोग तैनात है और उनके द्वारा वाहनों से राशि किस आधार पर वसूल की जा रही है? क्या शासन को अवैध वसूली के संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो शासन अवैध वसूली के संबंध में कोई ठोस कदम उठाकर इस पर रोक लगायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में बगैर नियुक्त के तैनात अवैध वसूली करने वाले लोगों को चेकपोस्ट से हटाये जाने संबंधी कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक परिवहन शुल्क रुपये 40.24 करोड़ बेरियरों से वसूला गया, बेरियरों की सूची तथा प्राप्त शुल्क का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। आलोच्य अवधि में सर्वाधिक परिवहन शुल्क पिटोल बेरियर द्वारा वसूला गया। परिवहन विभाग में उड़नदस्ते अस्तित्व में नहीं है, जिला परिवहन अधिकारियों द्वारा रुपये 1447.70 करोड़ परिवहन शुल्क वसूला गया, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश के राजस्थान सीमा पर 16 आर.टी.ओ. चेकपोस्ट संचालित हैं। परिवहन जाँच चौकियों पर शासन द्वारा नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों के अतिरिक्त बगैर नियुक्ति के कोई भी व्यक्ति तैनात नहीं है और ना ही ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा वाहनों राशि वसूल की जा रही है। शेष प्रश्नांश का उत्तर अपेक्षित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के संदर्भ में उत्तर अपेक्षित नहीं है।
शासकीय, नजूल एवं राजस्व भूमियों का लीज पर आवंटन
[राजस्व]
12. ( क्र. 1821 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग अंतर्गत म.प्र. में अनेक स्थानों पर शासकीय, नजूल भूमियाँ एवं राजस्व भूमियाँ अनेक स्थानों पर होकर अनुपयोगी/रिक्त पड़ी है अथवा विभिन्न कार्यों हेतु लीज पर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो शासन की राजस्व एवं नजूल भूमियां विभिन्न कार्यों हेतु व्यक्तियों, समूहों, फर्मों, एजेंसियों, संस्थाओं, उद्योगों को लीज पर अथवा अनुबंध पर दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो नीमच जिले में प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितनी संस्थाओं को लीज पर अथवा अनुबंध पर दी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उपखण्ड नीमच में तहसील नीमच के अंतर्गत ग्राम कनावटी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नवीन न्यायालय भवन हेतु सर्वे नं. 23/1, 23/2 रकबा 0.100 हे. भूमि वर्ष 2016-17 में तथा पुलिस विभाग को हाईवे सुरक्षा सहायता केन्द्र भवन निर्माण हेतु ग्राम जैतपुरा सर्वे नं. 51 रकबा 0.10 हे. भूमि वर्ष 2017-18 में आवंटित की गई है। ग्राम हिंगोरिया के सर्वे नं. 28/मिन-1 रकबा 1.15 हे. भूमि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2016-17 में लीज पर दी गई है। पुलिस विभाग को कार्यालय सह आवास हेतु ग्राम बरूखेड़ा में सर्वे नं. 1065 रकबा 0.690 हे. भूमि वर्ष 2017-18 में आवंटित की गई है। कस्बा जीरन स्थित भूमि सर्वे नं. 3798/मिन-4, सर्वे नं. 3799/मिन-2, रकबा 4 हे. भूमि नवीन शासकीय महाविद्यालय भवन एवं खेल मैदान हेतु वर्ष 2017-18 आवंटित की गई है। जेल विभाग को ग्राम कनावटी में सर्वे नं. 666/1 पेकी रकबा 3.240 हे. भूमि जिला जेल नीमच हेतु वर्ष 2018-19 में आवंटित की गई है। पुलिस विभाग को कस्बा नीमच सिटी में सर्वे नं. 1726 रकबा 1.108 हे. भूमि वर्ष 2018-19 में आवंटित की गई है। उपखण्ड जावद में तहसील जावद अंतर्गत ग्राम सेगवा में पुलिस विभाग के कर्मचारियों के आवास हेतु सर्वे नं. 374 रकबा 1.00 हे. भूमि वर्ष 2015-16 में तथा न्यायालय कर्मचारियों के आवास हेतु सर्वे नं. 374 रकबा 0.25 हे. भूमि वर्ष 2018 में आवंटित की गई है। ग्राम सरवानिया मसानी के सर्वे नं. 1039, 1088 और 1222 कुल रकबा 10 हे. भूमि उद्योग विभाग को वर्ष 2017-18 में लीज पर दी गई है। कस्बा जावद में भूमि सर्वे नं. 2091, 2092 रकबा 135 वर्गमीटर भूमि न्यायालय भवन के लिए वर्ष 2019-20 में आवंटित की गई है। कस्बा जावद स्थित भूमि सर्वे नं. 1164/1 रकबा 1.076 हे. भूमि नगर पंचायत जावद को ट्रेचिंग ग्राउण्ड के लिए वर्ष 2019-20 में आवंटित की गई है। कस्बा जावद स्थित भूमि सर्वे नं. 2095/मिन रकबा 1600 वर्गफीट भूमि न्यायालय भवन हेतु वर्ष 2016-17 में आवंटित की गई है। कस्बा जावद स्थित भूमि सर्वे नं. 2091, 2092 रकबा 2400 वर्गफीट भूमि लोक अभियोजन कार्यालय के लिए वर्ष 2015-16 में आवंटित की गई है। कस्बा जावद स्थित भूमि सर्वे नं. 2096/मिन-2 रकबा 0.047 हे. भूमि कृषि विभाग को वर्ष 2015-16 में आवंटित की गई है। उपखण्ड मनासा में ग्राम सांडिया में जिला एवं सत्र न्यायालय को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी न्यायालयीन कर्मचारियों के आवास हेतु सर्वे नं. 115 मिन-1 रकबा 2502 वर्गमीटर भूमि वर्ष 2017 में आवंटित की गई है। नगरपरिषद कुकड़ेश्वर में सर्वे नं. 2610, 2611 रकबा 0.821 हे. भूमि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए वर्ष 2017-18 में लीज पर दी गई हैं। पुलिस विभाग को ग्राम कंजार्डा में सर्वे नं. 905 पैकी रकबा 0.379 हे. भूमि नवीन पुलिस चौकी के निर्माण हेतु वर्ष 2018-19 में आवंटित की गई है। ग्राम कुण्डालिया में सर्वे नं. 69 मिन-2 रकबा 2.25 हे. भूमि 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापना के लिए वर्ष 2017-18 में आवंटित की गई हैं। उक्त भूमियां इस शर्त पर दी गई है कि भूमि का उपयोग आवंटन में उल्लेखित प्रयोजन हेतु ही किया जायेगा।
शासकीय राशन की दुकानों पर वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 1902 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में शासकीय उपभोक्ता भंडारों, शासकीय कंट्रोलों की संख्या कितनी है? हर महिने केंद्र से म.प्र. को कितना गेहूँ, चावल, शक्कर, कैरोसिन प्राप्त होता है? (ख) प्रश्नांश (क) जिले में शासकीय उपभोक्ता भंडारों, शासकीय कंट्रोलों से सामान लेने वाले सदस्यों, ए.पी.एल. कार्ड, बी.पी.एल. कार्डधारियों की कुल संख्या कितनी है? (ग) बी.पी.एल., ए.पी.एल. अन्य हितग्राही उपभोक्ता प्रत्येक परिवार को प्रतिमाह कितना-कितना गेहूँ, चावल शक्कर, कैरोसिन दिया जाता है? जानकारी दें। (घ) क्या जिले में गरीब परिवारों को गेहूँ, कैरोसिन शक्कर, मिलने के बजाय ब्लेक में बेचा जा रहा है? यदि हाँ, तो कंट्रोल डीलरों को आने वाली सामग्री उपभोक्ता के घरों तक पहुंचे, वितरण प्रणाली पूर्ण तरीके से पारदर्शी हो, इसके लिये कोई ठोस नीति सरकार बनायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित जिले में उपभोक्ता भंडारों सहित अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित की जाने वाली कुल 555 उचित मूल्य की दुकानें हैं। मध्यप्रदेश को भारत सरकार से प्रतिमाह 222779.335 मैट्रिक टन गेहूं एवं 74259.775 मैट्रिक टन चावल का आवंटन प्राप्त होता है। भारत सरकार द्वारा शक्कर का आवंटन नहीं दिया जाता है अपितु अंत्योदय परिवारों को वितरित की जाने वाली शक्कर की मात्रा पर 18.50 रुपये प्रति किलोग्राम के मान से सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में अंत्योदय परिवारों को जुलाई माह में 1614.820 मैट्रिक टन शक्कर का आवंटन जारी किया जाता है। राज्य को भारत सरकार से केरोसीन का त्रैमासिक आवंटन प्राप्त होता है जिसे राज्य सरकार उचित मूल्य दुकानों पर शेष बची मात्रा का समायोजन करते हुए केरोसीन का मासिक आवंटन जारी करती है। जुलाई से सितम्बर, 2019 की तिमाही हेतु कुल 58896 के.एल. केरोसीन का आवंटन भारत सरकार से प्राप्त हुआ है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू होने के पश्चात् ए.पी.एल. राशनकार्ड समाप्त हो गये हैं। वर्तमान में ग्वालियर जिले के प्राथमिकता परिवार एवं अंत्योदय परिवार की कुल संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) जी नहीं, परंतु जिले में राशन सामग्री की कालाबाजारी के प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए संपूर्ण वितरण तंत्र का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। जुलाई, 2019 से आधार आधारित वितरण व्यवस्था प्रदेश के 18 जिलों में लागू की गई है जिसका चरणवार विस्तार अन्य जिलों में भी किया जायेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनियमितताओं को रोकने के लिए निगरानी समितियों को सक्रिय करने की भी कार्यवाही की जा रही है।
सेंधवा अनुभाग की नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( क्र. 1961 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेंधवा अनुभाग की 14 नल-जल योजना में से 12 नल-जल योजनाएं कई वर्षों से अपूर्ण पड़ी हुई हैं? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होगी? (ख) क्या इस योजना में देरी होने के लिए संबंधित कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं संबंधित उपयंत्री पर कोई कार्यवाही होगी? (ग) विधान सभा क्षेत्र सेंधवा के कई ग्रामों में हैण्डपंप बंद पड़े हुए हैं, अनुमानित 150 हैण्डपंप खनन की अनुमति एवं राशि विभाग की ओर से स्वीकृत होगी। (घ) शासन की नीति अनुसार क्या अनुभाग में वर्षों से जमे अधिकारी एवं कर्मचारी स्थानांतरित होंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2018 में 14 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिनमें से 11 योजनाएं पूर्ण एवं 3 योजनाएं प्रगतिरत हैं, जिनके पूर्ण होने की लक्षित अवधि सितम्बर 2019 है। (ख) उत्तरांश-(क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभिन्न ग्रामों में स्थापित हैण्डपंपों में से 1094 ग्रीष्मकाल में अस्थायी रूप से जलस्तर नीचे जाने के कारण बंद हैं, जो पर्याप्त वर्षा होने पर चालू हो जाते हैं। वित्तीय संयोजन के आधार पर आवश्यकता अनुसार नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना के लक्ष्य दिये जाते हैं। (घ) स्थानांतरण नीति के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
मृतकों द्वारा किये गये अंगदान
[चिकित्सा शिक्षा]
15. ( क्र. 1991 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से दिसंबर 2018 तक प्रदेश में कुल कितने मृतकों के अंगदान किए गए? अंगदानकर्ता मृतक के उस अभिभावक का नाम, पता, मृतक से संबंध सहित सूची देवें, जिसमें अंगदान का सहमति पत्र दिया? इस अवधि में कौन-कौन से अंग कितने-कितने दान हुये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किस मृतक का कौन-सा अंग दान किया गया तथा वह अंग जिस व्यक्ति को प्रत्यारोपण किया गया उसका नाम, पिता का नाम, उम्र, निवास का पता, व्यवसाय, उस चिकित्सालय का नाम जहां अंग प्रत्यारोपण किया गया, उसकी सूची देवें तथा बतावें कि क्या मृतक के अभिभावक को यह जानकारी दी गई है कि वह अंग किस व्यक्ति को प्रत्यारोपण किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के दान किए अंग जिन व्यक्तियों को प्रत्यारोपण किया गया? उनका चयन किस आधार पर किया गया। (घ) क्या अंगदान के नाम पर कुछ बड़े अस्पतालों में करोड़ों का व्यापार एवं खरीद फरोख्त की है? मृतक के अंगों को धनपतियों को करोड़ों में बेचा गया है तथा मृतक के अभिभावक को यथोचित जानकारी नहीं दी गई? यदि नहीं, तो बतायें कि अंग प्रत्यारोपण के चयन में शासन का कंट्रोल किस प्रकार से है? अगर किसी संस्था/समिति ने यह कार्य किया है तो उसके इससे संबंधित समस्त दस्तावेज दिये जाये।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) 36 ब्रेनडेड (ब्रेनडेड स्टेम डेथ) द्वारा 61 किडनी, 31 लिवर, 16 हार्ट, 2 लंग्स, जिला इन्दौर में एवं चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर (ब्रेनडेड स्टेम डेथ) द्वारा 02 किडनी, 01 लिवर, अंगदान स्वरूप प्राप्त हुए है। इन्दौर, जबलपुर में ब्रेनडेड द्वारा किये गये अंगदान के संबंध में सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शेष संस्थाओं से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) भारत सरकार का राजपत्र असाधारण, क्रमांक 218, अधिसूचना नई दिल्ली, 27 मार्च 2014, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, का मानव अंग एवं प्रत्यारोपण अधिनियम के नियम 2014 की धारा 32 की उप धारा 11 के तहत जानकारी नहीं दी जा सकती है। साथ ही नेत्रदान व कार्निया प्रत्यारोपण संबंधी जानकारी भारत सरकार की मार्गदर्शिका 2009 के बिन्दु क्रमांक 2.4.2 के अनुसार गोपनीय होने के कारण नहीं दी जा सकती जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) भारत सरकार का राजपत्र असाधारण, क्रमांक 218, अधिसूचना नई दिल्ली, 27 मार्च 2014, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, का मानव अंग एवं प्रत्यारोपण अधिनियम के नियम 2014 की धारा 31 की उप धारा 04 के तहत सम्पन्न की गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जी नहीं। मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 (1994 का 42) की धारा 13 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये विभागीय पत्र क्रमांक एफ 5-27/ 2014/1/55 दिनांक 13 अगस्त 2014 के माध्यम से अधिष्ठाता, म.गा.स्मृ.चिकि. महाविद्यालय इन्दौर एवं प्रदेश के अन्य सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाताओं को अंग प्रत्यारोपण संबंधी क्रियाकलापों हेतु सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
फार्माशिष्ट की भर्ती में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
16. ( क्र. 2023 ) श्री कमलेश जाटव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज शिवपुरी द्वारा विगत 5 वर्ष में फार्मासिस्ट ग्रेड-1 व 2 की भर्ती का विज्ञापन कब-कब जारी किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों की भर्ती के संबंध में अनेक शिकायतें की गई थी यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या फार्मासिस्ट ग्रेड-1 व 2 की भर्ती में समस्त आवेदकों को काल लेटर जारी न करते हुये चुनिन्दा आवेदकों को बुलाकर नियुक्ति दे दी गई है यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है? (घ) क्या शासन चयनित फार्मा. ग्रेड-1 व 2 के द्वारा संलग्न शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों व अन्य सहपत्रों की एवं योग्यता संबंधी अंकसूचियों की संबंधित विभाग से पुष्टि करायेगा। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : नवीन चिकित्सा महाविद्यालय, शिवपुरी वर्ष 2018-2019 से प्रारम्भ होने के कारण फार्मासिस्ट ग्रेड-1 व 2 की भर्ती का विज्ञापन मात्र एक बार दिनांक 10.8.2018 को जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। फार्मासिस्ट ग्रेड-1 व 2 की भर्ती के संबंध में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय, शिवपुरी को शिकायतें प्राप्त हुई थी। फार्मासिस्ट ग्रेड-1 व 2 की अंतरिम चयन सूची जारी करते हुए आवेदकों से अंतरिम चयन सूची के विरूद्ध निश्चित समय अवधि के लिए आपत्तियां आमंत्रित की गई थी तथा प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु चयन समिति द्वारा उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन करने के पश्चात् शिकायतों का निराकरण करते हुए प्रत्येक आपत्तिकर्ता को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। फार्मासिस्ट ग्रेड-1 व 2 की भर्ती हेतु पारदर्शिता को अपनाते हुए योग्यता अनुसार योग्य आवेदकों की मेरिट सूची तैयार कर बेवसाईट पर जारी की गई तथा उसके पश्चात् प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर मेरिट सूची में प्रावीण्य स्थान पर आये आवेदकों को चयनित कर नियुक्ति पत्र जारी किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चयनित फार्मासिस्ट ग्रेड-1 व 2 के द्वारा संलग्न शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों व अन्य सह पत्रों की एवं योग्यता संबंधी अंकसूची की स्वयं प्रमाणित छायाप्रति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, शिवपुरी के पास उपलब्ध है एवं उक्त संबंध में किसी भी चयनित अभ्यार्थियों के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होती है तो नियमानुसार उक्त दस्तावेजों की पुष्टि संबंधित विभाग से कराई जायेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 2026 ) श्री कमलेश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र पमाया रोड बानमोर जिला मुरैना में प्रतिवर्ष कितना बजट किस मद हेतु मिला है। आय-व्यय की जानकारी 1 अप्रैल-2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय की जाये। (ख) आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र की अनु.जाति/जनजाति की महिलाओं के रहने/आवास की व्यवस्था हेतु कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रशिक्षण केन्द्र को म.प्र. शासन या केन्द्र शासन से कितने समय के लिये मान्यता प्राप्त है? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित केन्द्र पर कुल कितना स्टाफ कार्यरत है। मय नाम व पद सहित जानकारी दी जावें।
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
इमरती देवी ) : (क) आंगनवाड़ी
प्रशिक्षण
केन्द्र
पमाया रोड
बानमोर
मुरैना को
प्रतिवर्ष प्रदाय
बजट आवंटन एवं
व्यय की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी
प्रशिक्षण
केन्द्र
बानमोर में
अनुसूचित
जाति/जनजाति
एवं सामान्य
सभी वर्गों की
महिला
प्रशिक्षणार्थियों
के रहने व
आवास हेतु 2 बड़े
हाल तथा 6 कमरे हैं।
जिसमें पलंग, बिस्तर, कूलर, पंखे, शौचालय
सह बाथरूम
बिजली एवं
पानी की
पर्याप्त व्यवस्था
है।
(ग) आंगनवाड़ी
प्रशिक्षण
केन्द्र
बानमोर को
संचालनालय
महिला एवं बाल
विकास मध्यप्रदेश
भोपाल के आदेश
क्र.- 1023
भोपाल दिनांक 01/02/1999 से
मान्यता
प्राप्त
हैं। (घ) आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता
प्रशिक्षण
केंद्र में
कायर्रत स्टाफ
के नाम व पद
सहित जानकारी
की सूची संलग्न
परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
परिशिष्ट
-''तैंतीस''
महिला सशक्तिकरण एवं महिला बाल विकास का गठन
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र.
2089 ) श्री
रामलाल
मालवीय : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
वर्ष 2018
में एकीकृत
बाल विकास
योजना
संचालनालय
एवं महिला
सशक्तिकरण
संचालनालय को
समाप्त कर संचालनालय
महिला एवं बाल
विकास गठित
किया गया है? (ख) क्या
संभाग एवं
जिला स्तर पर
संचालित
कार्यालयों
को भी समाप्त
कर संयुक्त
संचालक महिला
एवं बाल विकास
तथा जिला
कार्यक्रम
अधिकारी
महिला एवं बाल
विकास किया
गया है? क्या संभाग
एवं जिला स्तर
पर महिला
सशक्तिकरण
कार्यालय
समाप्त किये
जाने के
उपरान्त भी इन
अधिकारियों
को
आहरण-संवितरण
अधिकार प्रदान
किये गये है
यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या
शासन इनके
आहरण-संवितरण
अधिकार समाप्त
करेगा यदि हाँ, तो कब
तक? यदि
नहीं, तो
क्यों कारण
बतावें?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
इमरती देवी ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। जी हाँ, क्योंकि
वित्त विभाग
द्वारा इस
वित्तीय वर्ष
के प्रथम चार
माह के लिये
दोनों
संचालनालयों
हेतु निहित
बी.सी.ओ. कोड में
बजट प्रावधान
रखा गया है। (ग) जी
हाँ, निश्चित
समायावधि
बताया जाना
संभव नहीं।
कृषि भूमि का नामांतरण
[राजस्व]
19. ( क्र. 2273 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले के तहसील डबरा में कृषि भूमि के नामांतरण न किये जाने के संबंध में शासन द्वारा रोक लगाई गई? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ख) यदि नहीं, लगाई गई तो विगत 5 वर्षों से डबरा तहसील के अंतर्गत कृषि भूमि के नामांतरण क्यों नहीं किये जा रहे है? यदि किये जा रहे है तो विगत 5 वर्षों में कितने किसानों की भूमि के नामांतरण किये गये हैं तथा कितने वर्तमान में नामांतरण हेतु कब से लंबित है? सूची पटवारी हल्कावार उपलब्ध कराई जाये। (ग) लंबित नामांतरण कब तक किये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ख) तहसील डबरा जिला ग्वालियर में मध्यप्रदेश राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 व 110 के डबरा, न्यायालय नायब तहसीलदार बिलौआ, न्यायालय नायब तहसीलदार छीमक व न्यायालय नायब तहसीलदार पिछोर में विगत पाँच वर्षों में कुल 8297 कृषि भूमियों के नामांतरण प्रकरण दर्ज किए गये, जिनमें से 7235 प्रकरण निराकृत किए गये तथा 10 जुलाई 2019 स्थिति में कृषि भूमियों के नामांतरण के 1062 प्रकरण निराकरण से शेष है। जिनकी वर्षवार व न्यायालय समेकित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ तथा लंबित नामांतरण प्रकरणों की हल्कावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कृषि भूमियों से संबंधित समस्त लंबित नामांतरण प्रकरणों को न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए यथोचित निराकरण किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रायवेट टेलीफोन कंपनियों द्वारा O.F.C. लाईन बिछाना
[राजस्व]
20. ( क्र. 2306 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में प्रदेश में राजस्व भूमि के अंदर विभिन्न प्रायवेट कंपनियों द्वारा O.F.C. केबल बिछाने का कार्य किया है। क्या इन कंपनियों द्वारा शासन से विधिवत अनुमतियां प्राप्त की गई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस ने? (ख) क्या राजस्व भूमि में प्रायवेट कंपनियों द्वारा केबल बिछाने हेतु शासन द्वारा शुल्क वसूला जाता है? यदि हाँ, तो कितना एवं प्रश्नावधि में शासन को कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) क्या जिन कंपनियों द्वारा बिना अनुमति केबल बिछाने का कार्य किया है, उन पर जुर्माना लगाया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस कंपनी पर कितना-कितना जुर्माना रोपित किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। अनुमतियां स्थानीय स्तर पर प्राप्त की गई हैं। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा सेवा यात्रा अनुबंधित बसों का भुगतान
[परिवहन]
21. ( क्र. 2352 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1093 दिनांक 29/11/2017 के (क) व (ख) उत्तर में वर्णित अनूपपुर, भोपाल में जो बसे अनुबंधित की गई, उनके नम्बर भुगतान प्राप्तकर्ता नाम, बैंक खाता नम्बर, टी.डी.एस. कटौत्रे सहित वाहनवार जिलावार देवें। (ख) कितनी बसों का कितना भुगतान शेष है? वाहनवार देवें। (ग) क्या कारण है कि अमरकंटक से काफी समीप होने के बाद भी अनूपपुर जिले की बसों को लगभग उतना ही भुगतान तय किया गया जितना भोपाल की बसों को? क्या अलग-अलग बसों को अलग-अलग दर पर अनुबंधित किया गया? (घ) यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? मनमाने तरीके से भुगतान निर्धारण करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? प्रश्नांश (क) अनुसार कितना भुगतान लंबित है? जिलावार जानकारी देवें। भोजन व अन्य व्यय की जानकारी भी वाहनवार, जिलेवार देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा सेवा यात्रा हेतु बसों के अनुबंध में अनियमितता
[परिवहन]
22. ( क्र. 2353 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा सेवा यात्रा के समापन में प्रश्न क्र.1093, दिनांक 29-11-2017 के अनुसार जो बसें अनुबंधित की गई वो किस दर पर अनुबंधित की गई? क्या इसमें भोजन व अन्य व्यय भी सम्मिलित थे? यदि हाँ, तो इनकी दर भी देवें। (ख) क्या अलग-अलग जिलों के प्रति किलोमीटर दर अलग-अलग थी? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार प्रश्न क्र. 1093, दि. 29-11-2017 के (क) व (ख) उत्तर में वर्णित इंदौर, जबलपुर एवं शहडोल जिलों में जो बसें अनुबंधित की गई उनके नम्बर, भुगतान प्राप्तकर्ता नाम, बैंक खाता नम्बर, टी.डी.एस. कटौत्रे सहित वाहनवार, जिलावार देवें, जिनका भुगतान नहीं हुआ हैं। उनके वाहन नम्बर, लंबित राशि सहित। (घ) इस यात्रा में मनमानी दरों से भुगतान करने वाले इंदौर, जबलपुर, शहडोल के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि टी.डी.एस. नहीं काटा गया है, तो टी.डी.एस. कटौत्रे न करने के कारण भी बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय शस्त्र चोरी करने के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
23. ( क्र.
2416 ) श्री
राकेश पाल
सिंह : क्या
वाणिज्यिक कर
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
आबकारी
कार्यालय
सिवनी में वर्ष
2014 से
आज दिनांक तक
पदस्थ जिला
आबकारी
अधिकारी, सहा.जिला
आबकारी
अधिकारी, निरीक्षक, उप
निरीक्षक एवं
अन्य
कर्मचारी को
स्वीकृत
शासकीय शस्त्र
(पंप एक्शन
गन/रिवाल्वर)
क्या चोरी
हुये थे? यदि हाँ, तो किस
अधिकारी/कर्मचारी
के स्वीकृत
शस्त्र चोरी
हुये थे? उनके नाम व
पद की जानकारी
भी देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
जिन
अधिकारियों/कर्मचारियों
को स्वीकृत
शासकीय शस्त्र
चोरी हुये थे
उनके विरूद्ध
शासन/विभाग के
शस्त्र
नियमानुसार
क्या
कार्यवाही की
गई, यदि
नहीं, तो
क्यों? शस्त्र
चोरी से
संबंधित
कार्यवाही नहीं
करने वाले
अधिकारी के
विरूद्ध
शासन/विभाग के
द्वारा क्या
कार्यवाही की
जावेगी और कब
तक।
(ग) प्रश्नांश
(क) अवधि में
सिवनी जिले
में संचालित
अंग्रेजी एवं
देशी मदिरा
दुकानों में
बिकने वाली
मदिरा अधिकतम
विक्रय दर से
अधिक दर पर संबंधित
दुकान
संचालकों के
द्वारा
ग्राहकों को
विक्रय की
जाना एवं उनके
द्वारा ग्राहकों
को बिल नहीं
दिये जाने
संबंधी शिकायत
जिला कलेक्टर
एवं जिला
आबकारी
अधिकारी
सिवनी को की
गई है। यदि
हाँ, तो
कितनी
शिकायतें
मिलीं और उस
पर संबंधित अधिकारियों
के द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई यदि नहीं, तो क्यों? क्या
उक्त शिकायत
की जाँच के
दौरान जाँच
अधिकारियों के
द्वारा
शिकायतकर्ता
के अभिमत भी
लिये गये थे
यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सिवनी
जिले में
संचालित
अंग्रेजी व
देशी मदिरा
दुकानों में
मदिरा विक्रय
के दौरान
क्रेता/ग्राहक
को मदिरा क्रय
के बाद बिल
दिये जाने का
प्रावधान है
या नहीं, यदि नहीं, तो क्यों?
वाणिज्यिक
कर मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
सिंह राठौर ) : (क) जी
हाँ। सिवनी
जिले में वर्ष
2014 से
आज दिनांक तक
दो आवंटित
शासकीय
शस्त्र (पंप
एक्शन
गन/रिवाल्वर)
चोरी हुये थे, जो
श्री प्रणय
कुमार
श्रीवास्तव, सहायक
जिला आबकारी
अधिकारी
सिवनी को
आवंटित थे। (ख) आबकारी
आयुक्त के
पत्र क्रमांक 2 (ब)/वि.जा./2016/248
दिनांक 06.04.2016 से 0.32 बोर
रिवाल्वर की
कीमत रूपये 85652/- एवं
बारह बोर पम्प
एक्शन गन की
कीमत रूपये 44153.38 जमा
कराये जाने
हेतु आदेशित
किया गया। 0.32 बोर
रिवाल्वर की
कीमत रूपये 85652/- चालान
क्रमांक/84
दिनांक 27.05.2016 से जमा
कराई गई। बारह
बोर पम्प
एक्शन गन बरामद
होने से गन की
कीमत जमा
कराने की
आवश्यकता नहीं
रही। अतः
शस्त्र चोरी
से संबधित
समस्त कार्यवाही
पूर्ण होने से
किसी भी
अधिकारी/कर्मचारी
के विरूद्ध
कार्यवाही किया
जाना शेष नहीं
है।
(ग) प्रश्नांश
(क) की अवधि
में सिवनी
जिले में
संचालित
अंग्रेजी एवं
देशी मदिरा
दुकानों में
बिकने वाली
मदिरा अधिकतम
विक्रय दर से
अधिक दर
संबंधित दुकान
संचालकों के
द्वारा
ग्राहकों को
विक्रय की जाना
एवं उनके
द्वारा
ग्राहकों को
बिल नहीं दिये
जाने संबंधी
कुल 08
शिकायतें
प्राप्त हुई
है, जिनमें
से 01
शिकायत
कलेक्टर जिला
सिवनी के
माध्यम से तथा
शेष 07
शिकायत सी.एम.
हेल्पलाईन के
माध्यम से
प्राप्त हुई
है। उक्त
शिकायतों की
जाँच विभागीय
अधिकारी से
कराई गई, जिसमें
उक्त दुकानों
में शासन
द्वारा निर्धारित
अधिकतम व
न्यूनतम
विक्रय मूल्य
के बीच ही देशी/विदेशी
मदिरा का
विक्रय किया
जाना पाया गया।
सी.एम.हेल्पलाईन
में की गई
शिकायतों पर
कार्यवाही के
समय तथा
कार्यवाही
पश्चात
शिकायतकर्ता
को जाँचकर्ता
अधिकारी
द्वारा
सम्पर्क कर
अवगत कराया
जाता है। (घ) जिले
में संचालित
अंग्रेजी व
देशी मदिरा
दुकानों में
मदिरा विक्रय
के दौरान
क्रेता/ग्राहक
को मदिरा क्रय
के बाद बिल
दिये जाने के
प्रावधान
वर्तमान आबकारी
नीति वर्ष 2019-20 में
प्रावधानित
नहीं है।
नामांतरण बंटवारा एवं सीमांकन का कार्य
[राजस्व]
24. ( क्र. 2563 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग में नामांतरण, बंटवारा एवं भूमियों के सीमांकन किये जाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता में लेकर तेजी के साथ में किये जाने हेतु निर्देशित किया है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि के अंतर्गत जावारा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत उक्ताशय के विषयों संबंधित वर्षवार कितने-कितने आवेदन प्राप्त होकर प्राप्त आवेदन पर कितनी अवधि में निराकरण किये गये? (ग) उपरोक्त कार्यों को किये जाने हेतु नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों ने आवेदकों के आवेदन प्राप्ति के पश्चात् कितने दिनों की अवधि के बाद उक्त कार्य किये? वर्षानुसार जानकारी दें। (घ) अवगत करायें कि उपरोक्त संबंधी उक्ताशय के कार्यों को किये जाने में कितने अविवादित आवेदन निराकृत हुए? कितने विवादित आवेदन अब तक शेष रहे हैं, उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? साथ ही प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त कार्यों को किये जाने की अवधि में रिश्वतखोरी एवं अवैध राशि मांगे जाने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई थी? उन पर क्या कार्यवाही की गई? वर्षनुसार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ग) वर्ष अनुसार अविवादित आवेदन पत्रों का गया निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) उक्ताश्य के कार्यों को किये जाने में स्थिति निम्नानुसार है:-
शीर्ष |
जावरा |
पिपलोदा |
कुल |
अविवादित निराकृत |
3368 |
3053 |
6421 |
विवादित शेष |
129 |
934 |
1063 |
शेष
रहे प्रकरणों
का विधि
अनुकूल
कार्यवाही उपरान्त
गुण-दोष के
आधार पर
समयावधि में
निराकरण किया
जावेगा।
प्राप्त
शिकायतों के
संबंध में वांछित
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( क्र. 2629 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कौन-कौन से शासकीय/अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालय किस वर्ष से संचालित हैं? नाम सहित जानकारी दें। (ख) जानकारी दें कि 2010-11 से 2018-19 प्रदेश के श्रेणीवार चिकित्सा महाविद्यालय में (सामान्य/अनु.जाति/अनु.ज.जाति/पिछड़ावर्ग) कितने-कितने छात्रों ने प्रवेश लिया? (ग) प्रत्येक महाविद्यालय में प्रत्येक श्रेणी में प्रवेशार्थियों को कितने न्यूनतम अंक एवं कितने अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले प्रवेशार्थियों ने प्रवेश किया? (घ) जानकारी दें कि 2010-11 के बाद विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश करने वाले कितने छात्र पास हो चुके हैं? वर्षवार, श्रेणीवार जानकारी देते हुए बतावें कि कितने छात्र अभी भी अध्ययनरत् हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ पदांकन
[राजस्व]
26. ( क्र. 2682 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में भिन्न-भिन्न कार्यालयों में कितने रीडर के पद किन-किन विभागों व कार्यालयों में स्वीकृत है। वर्तमान में कार्यरत रीडरों के नाम एवं कार्य अवधि का विवरण विभागवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के रीडरों की पदस्थापना अगर शासन की मंशा जारी आदेशों एवं निर्देशों के विपरीत की गई है तो उनके हटाये जाने बाबत् कब तक आदेश जारी करेंगे। विभागवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यरत रीडरों के अलावा अन्य कितने लिपिक विभिन्न विभागों में तीन वर्ष से अधिक अवधि में एक ही पद एवं कार्य हेतु पदस्थ है, इनको शासन के आदेश एवं निर्देशों के तहत परिवर्तित नहीं किया गया क्यों। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में रीडरों एवं लिपिकों को शासन के जारी आदेशों निर्देशों के तहत समय-समय पर हटाकर अन्यत्र पदस्थ कर और कार्य न लिये जाने के लिए कौन-कौन वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार है इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे साथ ही संबंधितों को हटाने बाबत् कब तक आदेश जारी करायेंगे बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग जिला सतना अंतर्गत तृतीय श्रेणी सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-3 के स्वीकृत पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत पद |
1. |
सहायक ग्रेड-2 |
65 |
सहायक ग्रेड-3 |
122 |
उपरोक्त के अतिरिक्त भिन्न कार्यालयों में कार्यरत रीडरों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के रीडरों की पदस्थापना शासनादेश एवं जारी निर्देशों के अनुरूप कार्यक्षमता एवं कर्मचारी की उपलब्धता के अनुसार कार्य आवंटन किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यरत रीडरों के अलावा 34 अन्य लिपिक तीन वर्ष से अधिक अवधि में एक ही पद एवं कार्य हेतु पदस्थ हैं। कर्मचारियों की उपलब्धता एवं कार्यक्षमता के अनुरूप कार्य विभाजन किया गया है। (घ) विभाग के जारी आदेशों-निर्देशों के तहत समय-समय पर कार्य की आवश्यकता/ अधिकता को दृष्टिगत रखते हुए लिपिक की कार्यक्षमता के अनुरूप कार्य विभाजन किया जाता है। फलस्वरूप कोई वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निस्तार पत्रक में दर्ज भूमि को वर्किंग प्लान में शामिल करना
[राजस्व]
27. ( क्र. 2723 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों को कलेक्टर बैतूल की अनुमति, सहमति के बिना ही वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित किया जा रहा हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितने ग्रामों की भूमि वनमण्डल के वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन भूमि एवं नारंगी वन भूमि प्रतिवेदन किया जा रहा है? क्या इस भूमि पर वन विभाग ने कब्जा कर रखा है? (ग) क्या कलेक्टर की अनुमति एवं सहमति के बिना निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल कर वन विभाग द्वारा किए गए कब्जों के विरूद्ध पटवारी, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार ने क्या कार्यवाही की? यदि कार्यवाही नहीं की तो कारण बताएं। (घ) कलेक्टर बैतूल वन विभाग को वर्किंग प्लान में शामिल करने, भूमि पर कब्जा करने की अनुमति दिए जाने के संबंध में वर्तमान में क्या कार्यवाही कर रहे हैं? यदि नहीं, कर रहे हैं तो उसका कारण बतावें। कब तक वन विभाग को अनुमति प्रदान करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। निस्तार पत्रक की भूमियां वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन/नारंगी क्षेत्र प्रतिवेदित किया जाना संज्ञान में नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निस्तार पत्रक की भूमियों पर वन विभाग के आधिपत्य का संज्ञान नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल नगरीय सीमा में शामिल ग्रामों की भूमि
[राजस्व]
28. ( क्र. 2724 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल नगरीय सीमा के ग्राम टिकारी, सोनाघाटी, गौठाना, खंजनपुर, हमलापुर, बदनूरढाना एवं ग्राम खकराजामठी के निस्तार पत्रक में भूमि दर्ज रही है? क्या उनमें से वर्तमान में खसरा पंजी के गैर खाते की दखल रहित भूमि दर्ज है? क्या इसमें से भूमि आवंटित या अतंरित की गई है? (ख) किस ग्राम के निस्तार पत्रक में दर्ज कितनी भूमि वन विभाग ने संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे, संरक्षित वनखण्ड, नारंगी वनखण्ड में शामिल की गई है? इसकी कलेक्टर बैतूल ने किस आदेश क्रमांक व दिनांक से वन विभाग को अनुमति प्रदान की? (ग) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में वन विभाग को निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों को संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे, संरक्षित वनखण्ड एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने का अधिकार या शक्तियां प्रदान की हैं? (घ) सरंक्षित वन सर्वे, नांरगी भूमि सर्वे, संरक्षित वनखण्ड एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल भूमियों की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की? प्रविष्टि दर्ज किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? समय-सीमा सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) निस्तार पत्रक की कोई भूमि नारंगी क्षेत्र/संरक्षित वन में शामिल होना संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में लागू नहीं होता।
संचालित योजनाओं को केन्द्र की योजनाओं में मर्ज किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 2745 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 2015-16 में विभाग द्वारा प्रारंभ स्वागतम लक्ष्मी योजना और म.प्र. की बेटी-बचाओ योजना को केन्द्र सरकार की बेटी-पढ़ाओ, बेटी-बचाओ योजना में मर्ज किए जाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? (ख) क्या म.प्र. सरकार द्वारा वर्तमान में स्वागतम लक्ष्मी योजना और बेटी-बचाओ योजनाएं बंद कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो जनवरी 2019 से अभी तक योजनावार, सागर जिले में कितनी-कितनी महिलाओं एवं बेटियों को लाभांवित किया जाकर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। (ख) 1. स्वागतम लक्ष्मी योजना में वित्त विभाग की टीप दिनांक 04/09/2018 के अनुसार बालिकाओं के लिए एक बड़ी योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना विस्तृत रूप से चलाई जा रही है। अत: पृथक से इस योजना को चलाने पर असहमति व्यक्त की है। उक्त अनुसार दिनांक 04/09/2018 के पश्चात् बजट जिलों को जारी नहीं किया गया है। 2. बेटी बचाओं अभियान वर्तमान में संचालित है। 3. जिला सागर में जनवरी 2019 से 1250 महिलाओं/बेटियों को निम्नानुसार लाभांवित किया गया है :-
क्रमांक |
बेटी बचाओ योजनान्तर्गत विभिन्न कार्यक्रम |
लाभांवित महिलाओं/बेटियों की संख्या |
1 |
सशक्त वाहिनी योजना अंतर्गत लाभान्वित महिलाओं/बेटियों की संख्या |
375 |
2 |
बेटी बचाओं अभियान अंतर्गत महाविद्यालय में अध्ययनरत बालिकाओं को पेपर स्प्रे प्रदाय बालिकाओं की संख्या |
250 |
3 |
बेटी बचाओं अभियान अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला में आर्ट एण्ड महाविद्यालय में पिंक लाईसेंस ड्रायविंग योजना अंतर्गत लाभांवित बालिका एवं कक्षा 10, 12वीं के रिजल्ट में जिले में प्रथम आने वाली बालिकाओं की संख्या |
400 |
4 |
शासकीय महिला उत्कृष्ट महाविद्यालय सागर में अध्ययनत पिंक लाईसेंस ड्रायविंग योजना अंतर्गत लाभांवित बालिकाओं की संख्या |
225 |
|
कुल योग |
1250 |
उक्त पर रूपये 2,12,770.00/- ( रूपये दो लाख बारह हजार सात सौ सत्तर मात्र) की राशि व्यय की गई है।
व्यापम द्वारा परीक्षाओं में की गई धांधली
[चिकित्सा शिक्षा]
30. ( क्र. 2750 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) P.M.T. परीक्षा में घोटाले होने की जानकारी विभाग को किस वर्ष में मिली थी और क्या कार्यवाही की गई थी? (ख) क्या P.M.T. परीक्षा में धांधली, व्यापम घोटाले निजी चिकित्सा में भर्ती में घोटाला, N.R.I. कोटा में भर्ती, निजी चिकित्सा सहा. में स्टेट कोटा में भर्ती चिकित्सा के खिलाफ A.F.R.C. में शिकायत, D.M.A.T. परीक्षा में धांधली के संबंध में S.T.F. ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र क्रमांक समनि 1/STF/रीडर/A-26B/2015, दिनांक 22.06.15 लिखकर 13 बिन्दुओं की 7 दिनों में जवाब मांगा था, यदि हाँ, तो बतावें कि इसका उत्तर कब दिया गया, यदि नहीं, दिया गया तो कारण बतावें, पत्र की प्रति देवें तथा पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर क्रमानुसार प्रश्नकर्ता को उत्तर उपलब्ध करावे। (ग) क्या जब वर्ष 2009 में P.M.T. घोटाले का पता लग गया था? यदि हाँ, तो वर्ष 2010, 2011, 2012, 2013 की P.M.T. परीक्षा में घोटाला कैसे हो गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) संचालक, व्यावसायिक परीक्षा मण्डल से उनकी टीप दिनांक 16.11.2009 द्वारा यह प्रस्ताव प्राप्त हुआ कि वर्ष 2009 में मध्यप्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त अभ्यार्थियों का परीक्षण व्यापम से संबंधित अभ्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों से मिलान कर लिया जाए, ताकि प्रवेशित अभ्यर्थी सही है या नहीं, इसका परीक्षण किया जा सके। व्यापम के प्रस्ताव पर विभाग के आदेश दिनांक 17.12.2009 द्वारा निम्नानुसार जाँच समिति गठित की गई :-
(i) |
संयुक्त संचालक, चिकित्सा शिक्षा, भोपाल |
- |
अध्यक्ष |
(ii) |
व्यावसायिक परीक्षा मण्डल की परीक्षा शाखा का एक अधिकारी |
- |
सदस्य |
(iii) |
चिकित्सा महाविद्यालयों के नामांकित एक अधिकारी |
- |
सदस्य |
(iv) |
फोटो पहचान के लिए पुलिस विभाग का एक विशेषज्ञ (फोरेंसिक अधिकारी) |
- |
सदस्य |
की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश एस.टी.एफ. भोपाल के पत्र क्रमांक समनि-1/एसटीएफ/रीडर/ए-26 बी/2015 दिनांक 22.06.2015 में उल्लेखित बिंदुओं पर विभाग के पत्र दिनांक 07.04.2016 द्वारा बिंदुवार जानकारी भेजी गई है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। वर्तमान में प्रकरण सी.बी.आई. के विवेचनाधीन होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को वेतन का भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 2758 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर-मालवा जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को कितने महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया अथवा लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के उल्लेखित महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का वेतन भुगतान यदि लंबित है, तो भुगतान कब तक किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) आगर मालवा जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को माह जून 2019 तक का मानदेय भुगतान किया जा चुका है। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न नहीं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
[राजस्व]
32. ( क्र. 2780 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के कितने किसानों का पंजीयन किया गया है? पंजीकृत किसानों में से कितने किसानों को योजना में प्रस्तावित राशि का लाभ दिया गया है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) केन्द्र शासन से प्रदेश सरकार को अब तक कितनी राशि इस योजना के तहत प्राप्त हुई है? (ग) जिला मंडला में जिन किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है, उनकी संख्या उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न दिनांक तक 1254567 हितग्राहियों को चिन्हित किया जा चुका है। जिनमें से 9216 किसानों को लाभ दिया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) केन्द्र शासन से प्रदेश सरकार को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है अपितु पी.एम.किसान पोर्टल के माध्यम से राशि सीधे पात्र किसानों के खातों में हस्तांतरित हुई है। (ग) जिला मंडला में लाभान्वित कृषकों की जानकारी निरंक है, पात्रता परीक्षण कर कार्यवाही की जा रही है।
शासकीय भूमियों के संबंध में
[राजस्व]
33. ( क्र. 2795 ) श्री विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर बाघेलान तहसील के ग्राम देवमऊदलदल एवं बाबूपुर में सन् 1980 में कितनी शासकीय भूमि राजस्व रिकार्डों में दर्ज थी, वर्तमान में कितनी है? यदि भूमि का रकबा घटा तो भूमि कहाँ गयी? कारण बतायें। (ख) क्या बाणसागर परियोजना के विस्थापन, तक रामपुर बाघेलान तहसील में शासकीय आराजियों के बंटन/व्यवस्थापन प्रतिबंधित था? यदि प्रतिबंधित था तो क्या प्रतिबंध के बावजूद भी आराजियात का बंटन/व्यवस्थापन किया गया है? (ग) ग्राम बाबूपुर की आराजी नम्बर 3478, 3473 जो मध्यप्रदेश शासन की आराजी वर्ष 2003-04 तक अभिलेखों में शासकीय दर्ज थी, वर्तमान में इस आराजी के मालिक कौन है? यदि शासकीय आराजी व्यक्तिगत खाते में आयी तो कैसे और क्यों? जबकि बंटन व्यवस्थापन बंद था, इसकी जाँच कराकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील रामपुर बाघेलान के ग्राम देवमऊ दलदल का एक टोला बाबूपुर है। ग्राम देवमऊ दलदल के राजस्व अभिलेख में वर्ष 1980 में शासकीय भूमि का कुल रकबा 154.878 हे. दर्ज था। वर्तमान राजस्व अभिलेख में ग्राम देवमऊ दलदल में शासकीय भूमि का कुल रकबा 149.730 हे. दर्ज अभिलेख है। 1980 के राजस्व अभिलेख से वर्तमान राजस्व अभिलेख में शासकीय भूमि के कुल रकवे में 5.148 हे. भूमि कम हुई है। जिसमें से 4.228 हे. भूमि का भूमिस्वामी स्वत्व में अन्तरण हुआ है तथा शेष रकबा सहवन भूलवश घटा है। (ख) बाणसागर परियोजना के व्यवस्थापन तक शासकीय आराजियों के बंटन/व्यवस्थापन प्रतिबंधित होना संज्ञान में नहीं है। वर्तमान में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम देवमऊ दलदल (बाबूपुर टोला) की आराजी नं. 3473/1 रकबा 3.227 हे. (म.प्र. शासन) एवं 3478/1 रकबा 10.380 हे. (म.प्र. शासन) वर्ष 1999-2000 लगायत 2004-05 तक खसरे में दर्ज अभिलेख है। वर्तमान राजस्व अभिलेख वर्ष 2019-20 अनुसार आराजी नं. 3478 के निम्न बटांकन दर्ज अभिलेख हैः-
बटांकन क्रमांक |
रकबा |
दर्ज प्रविष्टि |
3478/1/1 |
9.165 हे. |
म.प्र. शासन |
3478/1/2/क |
0.015 हे. |
रमाकांत वल्द भगवानदीन ब्रा. |
3478/1/2/ख |
1.200 हे. |
हनुमान प्रसाद पिता मदनगोपाल ब्रा. सा. बिडवा तहसील हुजूर जिला रीवा |
3478/2 |
2.023 हे. |
उदयभान, राबेन्द्र प्र. रमाकांत प्र. लक्ष्मीकांत पिता भगवानदीन जाति ब्रा.सा. देह |
3478/3 |
1.214 हे. |
रघुनन्दन सिंह पिता मरोसा सिंह सा. देह |
इसी
प्रकार ग्राम
देवमऊ दलदल
बाबूपुर टोला
के आराजी नं. 3473
वर्ष 2003-04
राजस्व
अभिलेख
अनुसार 3473/1 रकबा 3.227 हे.
म.प्र. शासन
अभिलेख दर्ज
है। वर्तमान
राजस्व
अभिलेख वर्ष 2019-20
अनुसार आराजी
नं. 3473 के
निम्न बटांकन
दर्ज अभिलेख
हैः-
बटांकन क्रमांक |
रकबा |
दर्ज प्रविष्टि |
3473/1/क |
1.202 हे. |
म.प्र. शासन |
3473/1/ख |
2.025 हे. |
हनुमान प्रसाद पिता मदनगोपाल ब्रा.सा. बिडवा तहसील हुजूर जिला रीवा |
3473/2 |
2.025 हे. |
प्रदीप कुमार शर्मा पिता राघव प्रसाद ब्रा.सा. बिडवा तहसील हुजूर जिला रीवा |
शासकीय
आराजियों 3478/1 के
खसरे में दर्ज
प्रविष्टि
अनुसार
न्यायालय
अ.वि.अ. का
राजस्व
प्रकरण क्र. 8अ1/2000-01 आदेश
दिनांक 16.03.2004 अनुसार
परिवर्तन
किया जाना
अंकित है।
आराजी न. 3473 के खसरे
में दर्ज
प्रविष्टि
अनुसार
न्यायालय
अ.वि.अ. का
राजस्व
प्रकरण
क्रमांक 04अ1/2000-01 अनुसार
परिवर्तन
किया जाना
दर्ज अभिलेख
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भर्ती में अनियमितता की जाँच एवं जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
34. ( क्र. 2797 ) श्री कमलेश जाटव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडीकल कालेज दतिया में अधिकारी/कर्मचारी की भर्ती का विज्ञापन कब-कब जारी हुआ है? विगत वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की विज्ञापन की प्रतियां दी जावे? (ख) कुल कितने कर्मचारी/अधिकारी को नियुक्ति दी गई है ऐसे समस्त अधिकारी/कर्मचारी के नियुक्ति पत्रों की प्रमाणित प्रति एवं चयनित आवेदकों के समस्त शैक्षणिक एवं अनुभव व अन्य संलग्न सभी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां दी जावें? (ग) क्या शासन द्वारा चयनित सभी आवेदकों के शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों की पुष्टि जारी करने वाले कार्यालय से करा ली गई है? यदि हाँ, तो पुष्टि वाले सभी डाक्यूमेंट दिये जावें। यदि नहीं, कराई हो तो कब तक प्रमाण पत्रों व अंकसूचियों की पुष्टि संबंधित कार्यालय से करा ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, दतिया में शैक्षणिक संवर्ग के लिये (रेजीडेंट एवं गैर शैक्षणिक) पदों के लिए विज्ञापन वर्ष 2017, 2018, 2019 में जारी हुआ। विज्ञापन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) कुल 76 चिकित्सा शिक्षकों की एवं जूनियर/सीनियर/मेडिकल ऑफिसर के 53 पदों पर एवं 01 नर्सिंग अधीक्षक तथा 02 सहायक ग्रेड 3 की नियुक्ति की गई दस्तावेजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) चयनित आवेदकों के शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों की स्वप्रमाणित प्रति प्राप्त की जाती है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय का आदेश क्रमांक सी-3-7-2013-3-एक दिनांक 25 सितम्बर 2014 (अनुप्रमाणिक शपथ-पत्र के स्थान पर स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र (Self Declaration) के आधार पर सेवाओं को प्रदान करने बाबत्) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। शिकायत प्राप्त होने पर ही उसकी पुष्टि करायी जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा जारी निविदा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 2827 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा जी.व्ही.पी.आर. इंजीनियरिंग लिमिटेड (GVPV eng ltd) एवं हयूम इंडिया पाइप लिमिटेड को क्या कोई निविदा दी गयी है? (ख) उक्त कम्पनियों द्वारा कितनी निविदा लागत की एवं कौन-सी परियोजना हेतु कब अनुबंध किया गया था एवं वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थिति है? (ग) उक्त कार्य यदि समयावधि में पूर्ण नहीं हुए हैं तो इसका स्पष्ट कारण बतायें। इससे शासन को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कुपोषण मुक्त भारत मिशन 2022 के तहत चयनित जिले
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 2836 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा कुपोषण मुक्त भारत मिशन 2022 के तहत चयनित मध्यप्रदेश के जिलों में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? चयनित जिलेवार बतावें। (ख) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक अवधि में प्रदेश के किन-किन जिलों में कितने-कितने बच्चे कुपोषित पाये गए? (ग) 1 जनवरी 2019 से 31 मई 2019 तक आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से मध्यान्ह भोजन, कुपोषण अभियान एवं मिशन संजीवनी कार्यक्रम अंतर्गत जिलों में कितनी-कितनी राशि की आवश्यकता थी एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में कुपोषण मुक्त भारत मिशन 2022 के नाम से कोई मिशन संचालित नहीं है। अतः न कोई योजना संचालित है और न ही कोई जिले चयनित किये गये है। (ख) माह मई 2019 की स्थिति में कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) मध्यान्ह भोजन, कुपोषण अभियान एवं मिशन संजीवनी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित नहीं किये जाते है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है।
महिलाओं को पोषण आहार की राशि का विवरण
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 2993 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को पोषण आहार की राशि दी जा रही है? पंचायतवार बताएं। (ख) क्या इनमें ऐसी महिलायें भी हैं, जिन्हें यह राशि नहीं मिल रही है? (ग) यदि हाँ, तो किस गांव की कितनी महिलायें ऐसी हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और उन्हें कब तक इस योजना का लाभ दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र में विभाग अन्तर्गत संचालित समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभाग के निर्देशानुसार सभी वर्ग की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पूरक पोषण आहार का प्रदाय किये जाने का प्रावधान हैं। विभाग में महिलाओं को पोषण आहार की राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्नांश निरंक। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय मेडिकल कॉलेजों में भर्ती में भारी भ्रष्टाचार
[चिकित्सा शिक्षा]
38. ( क्र. 3040 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-2018 के दौरान प्रारंभ किये गये तीनों शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रतलाम, खंडवा एवं विदिशा में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी (अध्यापन कार्य वाले छोड़कर) की नवम्बर 2018 के अनुसार वेतनमान, पद सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी/ कर्मचारियों में से कितने कर्मचारी अधिकारी किस-किस आरक्षित वर्ग से है, अध्यापन कार्य वालों में आरक्षित वर्ग की संख्या क्या है? क्या आरक्षण के नियमों का पालन हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों में से कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी ठेकेदार (आउटसोर्स) द्वारा प्रदान किये गये हैं? ठेकेदार का नाम, पता बताएं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम/खण्डवा में नियमित स्थापना के अधिकारी/कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं हुई है। चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा में अध्यापन कार्य करने वालों को छोड़कर 05 अनुकम्पा नियुक्ति एवं 01 प्रतिनियुक्ति उपरान्त संविलियन किया गया, की वेतनमान एवं पद की जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
वेतनमान |
पदनाम |
अनुकम्पा नियुक्ति |
||
1. |
5680-20200+1900 ग्रेड पे |
सहायक ग्रेड-3 |
2. |
5680-20200+1900 ग्रेड पे |
सहायक ग्रेड-3 |
3. |
5680-20200+1900 ग्रेड पे |
सहायक ग्रेड-3 |
4. |
5680-20200+1900 ग्रेड पे |
सहायक ग्रेड-3 |
5. |
5680-20200+1900 ग्रेड पे |
सहायक ग्रेड-3 |
संविलियन |
||
1. |
38600/- |
लैब टेक्नीशियन |
नियमित स्थापना में वर्तमान में कर्मचारियों की नियुक्ति न होने के कारण चिकित्सा महाविद्यालयवार आउटसोर्स के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आउटसोर्स से कार्यरत कर्मचारियों के आरक्षण संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं है। चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा में नियुक्त किए गए कर्मचारियों में अनारक्षित वर्ग-03, अन्य पिछड़ा वर्ग-01 एवं एस.सी.वर्ग-02 के है। अध्यापन कार्य वालों में आरक्षित वर्ग की संख्या चिकित्सा महाविद्यालयवार निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
संस्था का नाम |
OBC |
ST |
SC |
1. |
चिकित्सा महाविद्यालय, खण्डवा |
00 |
12 |
03 |
2. |
चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम |
02 |
19 |
05 |
3. |
चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा |
02 |
05 |
11 |
योग |
04 |
36 |
19 |
जी हाँ, आरक्षण नियमों का पालन हुआ है। (ग) आउटसोर्स द्वारा प्रदान किए गए कर्मचारियों की पदवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आउटसोर्स एजेंसी 100 प्रतिशत भारत शासन की भागीदारी वाला संस्थान HITES (HLL INFRA TECH SERVICE LTD.) B14A, Sector 62, Noida-201307, (U.P.) India है।
फर्जीवाड़े में पाये गये छात्रों पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
39. ( क्र. 3041 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में यू.जी. एवं पी.जी. में अध्ययनरत किन छात्रों को जनवरी 2011 से जुलाई 2015 के बीच महाविद्यालय से निष्कासित किया गया उन छात्रों के नाम, पिता का नाम, निवास का पता, अध्ययनरत प्रोफेशनल वर्ष, निष्कासन आदेश का दिनांक, महाविद्यालय का नाम निष्कासन के कारण सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) की सूची में से किन-किन छात्रों ने किस न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश प्राप्त किया, छात्र का नाम, न्यायालय का नाम, प्रकरण क्रमांक, आदेश दिनांक सहित जानकारी दे तथा बतावें कि उन छात्रों के प्रकरण में वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) की सूची में किन-किन छात्रों पर एस.टी.एफ. द्वारा यदि किसी आरोप में प्रकरण दर्ज किया गया हो तो उस छात्र का नाम प्रकरण दर्ज करने वाले थाने का नाम, प्रकरण क्रमांक, धाराएं सहित सूची देवें? (घ) प्रश्न क्रमांक 39 दिनांक 14 मार्च, 2016 के खण्ड (क) के उत्तर के संदर्भ में बतावे कि पत्र का जवाब क्यों नहीं दिया गया, क्या इस पत्र का उत्तर भविष्य में कभी भी दिया जायेगा, यदि हाँ, तो उसका कारण बतावें? यदि दिया जायेगा तो कब तक दिया जायेगा? (ड.) वर्ष 2011 से 2016 तक M.B.B.S. की अंतिम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों का नाम, पिता का नाम, पता, महाविद्यालय का नाम तथा प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने का वर्ष सहित सूची देवें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बगैर दर निर्धारण कैरोसिन का विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 3091 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में अप्रैल 2018 से मई 2019 की अवधि में कलेक्टर जबलपुर द्वारा कैरोसिन के निर्धारित विक्रय दर क्या थी और थोक कैरोसिन डीलरों द्वारा तथा शासकीय उचित मूल्य की दुकानदारों द्वारा किस दर पर विक्रय किया गया? (ख) क्या कैरोसिन डीलरों एवं शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर कैरोसिन उपभोक्ताओं को वितरित किया गया है? यदि हाँ, तो इस वितीय कदाचरण के लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं और शासन उन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) जबलपुर जिले में अप्रैल 2018 से मई 2019 की अवधि में आवंटित कैरोसिन डीलरों के भंडारण स्थल से शासकीय उचित मूल्य दुकानों के बीच की दूरी तथा आवंटित मात्र की दुकानवार जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या कैरोसिन थोक विक्रेताओं को कैरोसिन प्रदाय हेतु उनके नजदीक की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें न आवंटित कर, दूर की दुकानें आवंटित की गयी, ताकि डीलरों को परिवहन में अवैध लाभ दिया जा सके? यदि हाँ, तो इस कदाचरण के लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं और शासन उन पर क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिना ई-वे बिल के परिवहन करने पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
41. ( क्र. 3096 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य जी.एस.टी. टीम द्वारा जबलपुर जिले में बिना ई-वे बिल के परिवहन करने पर विगत एक वर्ष में कितने वाहनों पर, क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी? (ख) क्या उक्त गाड़ियों को जिन स्थानों पर पकड़ा गया उससे पूर्व ही राज्य की सीमा में प्रवेश करने के दौरान उनके ई-वे बिल जाँच कर लिए जाने चाहिए थे? यदि हाँ, तो, अपने कर्तव्य का निर्वहन न करने पर उक्ताशय के मामलों में किस-किस अधिकारी-कर्मचारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) ई-वे बिल की जाँच हेतु मैदानी स्तर पर कितने अधिकारी, कर्मचारी तैनात है? किन-किन स्थानों में ई-वे बिल की नियमित जाँच होती है? (घ) विगत 1 वर्ष में बिना ई-वे बिल के, परिवहन में रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) राज्य जी.एस.टी. टीम द्वारा जबलपुर जिले में बिना ई-वे बिल के परिवहन करने पर विगत एक वर्ष में 308 वाहनों पर विधानानुसार कर/ शास्ति की कार्यवाही की गई। (ख) प्रदेश की सीमाओं पर स्थित वाणिज्यिक कर जाँच चौकियों को विभागीय अधिसूचना क्रमांक एफए 3-20-2017-1-पाँच (29) , 24 जून, 2017 द्वारा दिनांक 01 जुलाई, 2017 से विखंडित किया गया है। मध्यप्रेदश राज्य की सीमा में परिवहित किये जाने वाले मालों की जाँच आयुक्त, वाणिज्यिक कर द्वारा अधिकृत अधिकारियों के द्वारा उनके अधिकार क्षेत्र में की जाती है। अधिकृत अधिकारियों द्वारा एक मोबाईल यूनिट/चलित जाँच दल के रूप में अलग-अलग स्थानों पर वाहनों की औचक जाँच की जाती है। किसी एक स्थान विशेष पर बहुत अधिक समय तक जाँच नहीं की जाती है, क्योंकि जाँचदल को एक से अधिक परिवहन के मार्गों पर वाहनों की जाँच करनी होती है। इसके साथ ही, औचक जाँच कार्यवाही की जानकारी उस मार्ग में परिवहन करने वाले अन्य परिवहनकर्ताओं को हो जाती है। प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने के समय अथवा निकलते समय तक संबंधित अधिकार क्षेत्र का जाँचदल यदि उस मार्ग पर जाँच हेतु कार्यरत है, तब वाहनों की जाँच में बिना ई-वे बिल परिवहित वाहनों पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। मध्यप्रदेश में वाहनों के प्रवेश के समय यदि कोई जाँचदल जाँच हेतु उस मार्ग पर नहीं है तब आगे के अधिकार क्षेत्र रखने वाले जाँचदल द्वारा ऐसे वाहनों की जाँच की जा सकती है। इसी प्रकार की स्थिति होने से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाहनों की जाँच की गई है। वाहनों की जाँच हेतु अधिकृत अधिकारियों पर कार्यवाही की कोई स्थिति नहीं पाई गई है। (ग) कर अपवंचन की रोकथाम के लिये प्रदेश में 6 एन्टी इवेजन ब्यूरो कार्यरत हैं, जिनमें 42 अधिकारी एवं 27 कर्मचारी तैनात हैं। आयुक्त, वाणिज्यिक कर द्वारा अधिकृत अधिकारियों द्वारा परिवहित मालों से संबंधित दस्तावेज एवं ई-वे बिल की जाँच उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत की जाती है। (घ) विभाग द्वारा कर अपवंचन की रोकथाम के अनुक्रम में वर्ष 2018-19 में चलित वाहनों की जाँच करते हुए 443066 ई-वे बिल की जाँच की गई। जाँच के दौरान बिना ई-वे बिल/त्रुटिपूर्ण ई-वे बिल पाये जाने के आधार पर 3951 वाहनों पर शास्ति की कार्यवाही की गई।
खेत का सीमांकन मशीन से कराना
[राजस्व]
42. ( क्र. 3110 ) श्री राहुल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के किसानों की भूमि का सीमांकन करने के लिए ई.टी.एस. (टी.एस.एम.) मशीनों की खरीदी की गई थी यदि हाँ, तो मशीनें किस वर्ष में खरीदी गई मशीनों की कीमत क्या थी एवं मशीनें किस एजेन्टी/फर्म से खरीदी गई? (ख) क्या वर्तमान में ये मशीनें म.प्र.के सभी तहसील मुख्यालय में चालू हालत में रखी हुई है एवं इनसे सीमांकन का कार्य खेतों में लिया जा रहा है? (ग) म.प्र.के सभी जिला मुख्यालयों से कार्यालय कलेक्टर अधीक्षक भू अभिलेख के आफिस से इन मशीनों को चलाने हेतु राजस्व निरीक्षकों, पटवारियों को ट्रेनिंग दी गई? (घ) इन मशीनों पर शासन का करोड़ों अरबों रूपये खर्च होने के बाद किसानों के खेतों का सीमांकन इन मशीनों के द्वारा सफल हुआ है या नहीं। सफल हुआ है तो कितने किसानों के खेतों के सीमांकन इन मशीनों के द्वारा किया गया। असफल हुआ है तो असफलता के क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक कुल 443 ई.टी.एस.मशीनें निक्सी के माध्यम से मैसर्स एलकाम टेक्नोलोजी प्रायवेट लिमिटेड एलकाम हाऊस गुड़गांव हरियाणा से प्रति नग राशि रूपये 6,82,654/- के मान से क्रय की गई थी। जो सभी जिलों को तत्समय वितरित कर दी गई है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में मशीने म.प्र. की सभी तहसीलों में चालू हालत में है एवं इनसे सीमांकन का कार्य किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) ई.टी.एस. मशीन से सीमांकन सफलतापूर्वक किये जा रहे है। जिलेवार किये गये सीमांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कार्यालय सहायक सह डाटा एन्ट्री आपरेटर की नियुक्ति
[राजस्व]
43. ( क्र. 3141 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में कार्यालय कलेक्टर इंदौर के पत्र क्र/1472/स्थापना/2/2017. इंदौर, दिनांक 18/12/2017 अनुसार कार्यालय सहायक सह डाटा एन्टी आपरेटर के पद हेतु कौन-कौन अभ्यार्थी दस्तावेज सत्यापन हेतु उपस्थित एवं अनुपस्थित हुए उनका उपस्थित पत्रक जिसमें अभ्यार्थियों के हस्ताक्षर है, उसकी प्रति देवें। दस्तावेज सत्यापन के बाद अंतिम चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्रदान करें तथा उक्त सूची में से किस-किस की कहाँ-कहाँ नियुक्ति की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दस्तावेज सत्यापन उपरांत चयनित प्रत्येक अभ्यार्थी को नियुक्ति हेतु क्या व्यक्तिगत रूप से लिखित में सूचना दी गई यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। दस्तावेज सत्यापन में जिन अभ्यार्थियों का चयन हुआ था क्या उनसे लिखित में लिया गया कि वे नौकरी नहीं करना चाहते हैं अथवा उनसे कोई अनापत्ती ली गई? यदि नहीं, तो किस आधार पर अन्य अभ्यार्थी का चयन किया गया (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत इंदौर जिले में प्रश्न दिनांक को कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पद हेतु दस्तावेज सत्यापन उपरांत चयनित अभ्यार्थियों में से कौन-कौन से अभ्यार्थियों द्वारा नियुक्ति प्रदान करने हेतु आवेदन दिया हैं उनके आवेदन पर क्या उन्हें लिखित में कोई जवाब दिया गया हैं यदि हाँ, तो प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला कार्यालय राजस्व स्थापना अन्तर्गत कार्यालय सहायक सह डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद पर नियुक्ति हेतु दस्तावेज सत्यापन के लिए उपस्थित अभ्यर्थियों का उपस्थिति पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। दस्तावेज सत्यापन के बाद अंतिम चयनित अभ्यार्थियों की सूची एवं पदस्थगी संबंधी आदेश क्रमांक 254/ स्थापना/2/2018 दिनांक 16.02.2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। दस्तावेज सत्यापन उपरांत चयनित पात्र अभ्यर्थियों को लिखित सूचना दी गई थी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार। जिन अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन किया गया था उन्हें ही अनुबंध करने हेतु लिखा गया था, उनसे अनुबंध प्राप्त होने पर उन्हीं अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई, अन्य किसी को नहीं। निर्देश नहीं होने से अभ्यर्थियों से नौकरी नहीं करने संबंधी अनापत्ति नहीं ली गई। (ग) इन्दौर जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल 08 पद रिक्त है। श्री सौरभ सक्सेना द्वारा दिनांक 25.02.2019 एवं 24.05.2019 को प्रेषित आवेदन पत्र को विचारोपरान्त समय-सीमा दिनांक 9.2.2018 के 1 वर्ष पश्चात् प्रस्तुत करने के कारण नस्तीबद्ध किया गया है।
जंगली जानवरों द्वारा फसल खराब करने पर मुआवजा
[राजस्व]
44. ( क्र. 3159 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जंगली जानवरों के द्वारा किसान की फसल खराब करने पर किस तरह की मुआवजा राहत राशि दिये जाने का प्रावधान नियमों में किया गया है एवं यह प्रावधान किस वर्ष से प्रदेश के किसानों के लिये लागू किये गये हैं। (ख) क्या देवास जिले की सतवास तहसील के ग्राम बाल्या में किसान चंपालाल S/O रामकरण गुर्जर जिन्होंने वर्ष 2017 सितंबर, अक्टूबर माह में अपनी 2½ एकड़ जमीन पर धान की फसल बोई थी जिसे जंगली जानवर नीलगाय एवं सुअरों द्वारा नष्ट कर दिया गया था किसान की शतप्रतिशत फसल का नुकसान जानवरों द्वारा कर दिया था। (ग) क्या तत्कालीन तहसीलदार सतवास द्वारा फारेस्ट विभाग के साथ नुकसानी पंचनाम बनाया जाकर वर्ष 2017-18 में 13804 रूपयों का मुआवजा स्वीकृत किया गया था जिसकी सूचना किसान को मिली थी, किंतु आज दिनांक तक किसान के खाते में यह राशि नहीं डाली गई है राशि प्राप्त नहीं होने का कारण बताएं कौन व्यक्ति इसके लिये जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जंगली जानवरों के द्वारा किसान की फसल खराब करने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत राहत राशि प्रदाय की जाती है। यह प्रावधान म.प्र. शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ-6-6/2012/सात-3/22.05.2012 अनुसार किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ सर्वे किया गया था परन्तु हितग्राही के खाते में दर्ज करने में त्रुटि होने के कारण गलत खाते में राशि जमा हो गई थी। जिसको गलत खातेदारी द्वारा चंपालाल पिता रामकरण गुर्जर के खाते में दिनांक 15/07/2019 को जमा किया गया है। खाता दर्ज करते समय लिपिकीय त्रुटि हुई है जिसके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है।
नगरीय अतिशेष भूमि नजूल में दर्ज कराना
[राजस्व]
45. ( क्र. 3196 ) श्री अजय विश्नोई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-स्वामी श्री प्रभुदयाल यादव खसरा नम्बर 35/1 रकबा 0.101 हेक्टेयर ग्राम गोहलपुर जिला जबलपुर की भूमि सक्षम अधिकारी अर्बन लेंड सीलिंग द्वारा प्रकरण क्रमांक 539/अ-90। ब-9/ 7980 के अंतर्गत, तहसीलदार नजूल के आदेश दिनांक 10/02/2000 के द्वारा नगरीय अतिशेष की भूमि/म.प्र. शासन नजूल के नाम दर्ज कर दी गई थी। (ख) क्या सक्षम अधिकारी अर्बन लेंड सीलिंग जबलपुर एवं म.प्र. शासन के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 3053/ 2000 के द्वारा आदेश दिनांक 05/04/2011 को सक्षम अधिकारी अर्बन लेंड सीलिंग के आदेश को निरस्त कर दिया। भू-स्वामी श्री प्रभूदयाल यादव के पक्ष में आदेश देकर राहत प्रदान की गई परंतु 8 वर्षों में भी जिला अधिकारियों ने उक्त भूमि का रिकॉर्ड दुरस्त नहीं किया और भू-स्वामी का नाम नहीं चढ़ाया। (ग) क्या महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा दिनांक 16/02/2018 को स्पष्ट अभिमत दिया गया कि उक्त आदेश अपील योग्य नहीं है। इसके बावजूद कलेक्टर जबलपुर ने भू-स्वामी को राहत देने के स्थान पर मान. उच्च न्यायालय की डिवीजनल बेंच में अपील कर दी है। (घ) क्या शासन कृषक श्री प्रभुदयाल यादव को जो मात्र 0.101 हेक्टेयर भूमि का धारक है को 19 साल तक व्यर्थ की न्यायालयीन प्रक्रिया से मुक्ति दिलाकर न्याय दिलायेगा और उक्त भूमि उनके नाम चढ़ायेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शासन विधि और विधायी कार्य विभाग के पत्र दिनांक 13.11.2018 द्वारा रिट याचिका क्रमांक 3053/2000 में पारित आदेश दिनांक 05.04.2011 के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट अपील प्रस्तुत करने हेतु निर्देश प्राप्त होने पर रिट अपील क्रमांक 31/2019 प्रस्तुत की गई है, जो विचाराधीन है। (घ) माननीय न्यायालय में विचाराधीन रिट क्रमांक 31/2019 में आदेश पारित होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
डिप्लोमाधारी कर्मचारी को उपयंत्री की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 3200 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में अनेको डिप्लोमाधारी कर्मचारी जो विभाग में कार्यभारित स्थापना में निचले पदों पर 20-25 वर्षों से कार्यरत हैं? उन्हें आज तक उपयंत्री क्यों नहीं बनाया गया है? (ख) क्या विभाग में विभिन्न पदों पर कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियरों को अवसर देने के बजाये विभाग ने व्यापम के माध्यम से अनेको उपयंत्री भर्ती कर लिये है यदि हाँ, तो विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को यह अवसर क्यों नहीं दिया गया? (ग) क्या विभाग उपयंत्री के रिक्त पदों पर कार्यभारित स्थापना में निचले पदों डिप्लोमाधारी कर्मचारियों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया प्रारम्भ करेगा? यदि हाँ, तो कब से, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कार्यभारित स्थापना के भरती नियमों में कार्यभारित स्थापना में डिप्लोमाधारी निचले पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को उपयंत्री बनाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपम्पों की भौतिक स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
47. ( क्र. 3210 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा अंतर्गत त्योंथर विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक सांसद निधि/विधायक निधि/एवं विभागीय कितने हैण्डपम्प स्थापित है, ग्रामवार जानकारी दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में दी गई जानकारी अनुसार कितने हैण्डपम्प ग्रामवार संचालित है तथा ग्रामवार कितने हैण्डपम्प बन्द है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित जानकारी अनुसार हैण्डपम्प क्यों बंद है इन्हें कब तक ठीक कराया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 01 हैण्डपम्प साधारण खराबी से बंद है। साधारण खराबी से बंद हैण्डपम्पों को संधारण प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में सुधार दिया जाता है।
संचालित राशन की दूकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 3228 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बरगी अन्तर्गत कुल कितनी शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानें किस-किस ग्राम में किन-किन के द्वारा संचालित की जाती हैं सूची देवें। संचालित राशन दुकानों को माह में कितने दिन खोले जाने का नियम है? क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक माह खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है यदि हाँ, तो कब-कब इन राशन दुकानों का खाद्यान्न वितरण का भौतिक सत्यापन कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राशन दुकानें तीन माह में एक बार खुलती है जिससे क्षेत्र के गरीब अादिवासियों को राशन उपलब्ध नहीं हो पाता है यदि हाँ, तो शेष 2 माह का राशन को किसे वितरण किया जाता है? क्या इसकी जाँच सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है यदि हाँ, तो जाँचकर्ता अधिकारी का नाम बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित राशन दुकानों में की जा रही अनियमितता की जाँच कब की जावेगी? क्या अनियमितता बरतने वाली राशन दुकानों को बंद किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक बतावें? समय पर संचालित न होने वाली दुकानों के जाँचकर्ता अधिकारी पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एक विक्रेता द्वारा एक दुकान संचालन की स्थिति में रविवार एवं शासकीय अवकाश को छोड़कर प्रतिदिन दुकान खोलने का प्रावधान है। एक से अधिक दुकान संचालित करने की स्थिति में निर्धारित दिवस में दुकान खोलकर राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राशन वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता प्रकाश में आने पर सक्षम अधिकारियों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अनियमितता की जाँच करने वाले सक्षम अधिकारी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से अन्यून स्तर का अधिकारी होता है। इसके अतिरिक्त राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार एवं सहकारिता विभाग के उप-अंकेक्षक से अन्यून स्तर का अधिकारी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अनियमितता की जाँच करने हेतु सक्षम अधिकारी है। (ग) सक्षम अधिकारियों द्वारा जाँच में अनियमितता पाए जाने पर प्रतिवेदन सक्षम अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। प्रश्नांश (क) में अंकित विधान सभा क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों के निरीक्षण में अनियमितता पाये जाने पर दो प्रकरण निर्मित किये गये हैं। जाँचकर्ता अधिकारी की त्रुटि होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
अनुविभागीय अधिकारी की स्थापना
[राजस्व]
49. ( क्र. 3229 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की तहसील शहपुरा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुविभागीय दण्डाधिकारी की स्थापना शासन द्वारा की जा चुकी है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के स्टाफ एवं भवन की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान की जावेगी। (ख) जबलपुर जिले के बरगी में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुविभागीय दण्डाधिकारी की पदस्थापना करने प्रश्नकर्ता द्वारा मान.मुख्यमंत्री जी को कब-कब पत्र लिखे गये उपरोक्त पत्रों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी। बरगी में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की स्टाफ सहित पद स्वीकृति कब तक की जावेगी। साथ ही भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 10.01.2019, 27.01.2019 एवं 15.06.2019 को माननीय मुख्यमंत्रीजी को लिखा गया एवं विभाग द्वारा कलेक्टर जिला जबलपुर को दिनांक 15.03.2019, 08.05.2019 एवं 29.05.2019 द्वारा जाँच उपरांत प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु लिखा गया। कलेक्टर का प्रस्ताव प्राप्त होने पर यथोचित कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
होटलों/रेस्टोरेंट की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र. 3257 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिला इन्दौर में विगत 02 वर्षों में किन-किन होटलों/रेस्टोरेंट एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण कब-कब किया गया? खाद्य विभाग इन्दौर में पिछले 05 वर्षों से कौन-कौन अधिकारी/निरीक्षक कब-कब से पदस्थ है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन द्वारा इन्दौर जिला अंतर्गत प्रतिवर्ष कितनी खाद्य सामग्री (गेंहू,चालव,केरोसिन) का आवंटन किया गया एवं किन-किन शा.उ.मा. दुकानों को कितना-कितना कोटा आवंटित किया गया? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या होटल/रेस्टोरेंटो एवं शास. उचित मूल्य की दुकान में अनियमितता पाई गई थी? यदि हाँ, तो क्या–क्या अनियमितता पाई गई थी? किन-किन के द्वारा उक्त संस्थानों का निरीक्षण किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन होटल/रेस्टोरेंटों के अनियमितता के सेम्पल लिये जाकर जाँच हेतु भेजे गये थे? अनियमितता पाई जाने पर क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला इंदौर में विगत 3 वर्षों में होटल/रेस्टोरेंट के नगर निगम इंदौर द्वारा किए गए निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार तथा शासकीय उचित मूल्य दुकान के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। खाद्य विभाग इंदौर में पिछले 5 वर्षों से पदस्थ अधिकारियों/निरीक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ख) इंदौर जिले को प्रति वर्ष आवंटित की गई खाद्य सामग्री (गेंहूं, चावल, केरोसीन) की विधान सभा क्षेत्रवार एवं दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में होटल/रेस्टोरेंटो में पाई गई अनियमितता तथा निरीक्षणकर्ता अधिकारी की नगर निगम इंदौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पप्रत्र 'फ' अनुसार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन इंदौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार तथा शासकीय उचित मूल्य दुकानों के निरीक्षण में पाई गई अनियमितताओं एवं निरीक्षणकर्ता अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ज' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में होटल/रेस्टोरेंट में पाई गई अनियमितता के सेंपल एवं उस पर नगर निगम इंदौर द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'झ' तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन इंदौर द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है।
कृषि उपज को अन्यत्र तुलवाने में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 3262 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान का अपनी फसल तुलवाने के लिये अपनी पंजीयन की गई प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था के समीप ही फसल तुलवाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को अपनी फसल तुलवाने के लिये 50 से अधिक किलोमीटर की दूरी पर कहाँ-कहाँ भेजा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पंजीयन कराई गई साख सहकारी संस्था के समीप ही अनेक वेयरहाउस है, फिर भी किसानों को 100 से 150 किलोमीटर तक दूर फसल तुलवाने भेजने के क्या कारण है, जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में छोटे किसानों को जितना मुनाफा नहीं है उससे ज्यादा भाड़ा उन्हें देना पड़ा, ऐसी त्रुटि के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उनके खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या ऐसे किसानों का आवागमन शुल्क शासन वहन करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर किसानों को गेहूं विक्रय करने के लिए उपार्जन केन्द्र पर अपनी उपज की तौल हेतु अधिक समय तक इंतजार न करना पड़े, इस दृष्टि से उपार्जन केन्द्र पर यथासम्भव 200 से 750 किसान एवं 5000 मे.टन उपार्जन मात्रा तक के किसान संलग्न करने का प्रावधान किया गया साथ ही उपार्जन केन्द्र को यथासम्भव सम्बद्ध ग्राम पंचायतों के केन्द्र बिन्दु में हो, जिससे किसानों को अपनी उपज विक्रय करने हेतु 25 कि.मी. से अधिक की दूरी तय न करना पड़े। उपार्जन केन्द्र निर्धारण की उक्तानुसार व्यवस्था करने हेतु किसान पंजीयन केन्द्र एवं उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण पृथक-पृथक किया गया। किसान पंजीयन करने वाली संस्था एवं उपार्जन संस्था एक ही हो यह आवश्यक नहीं है। मन्दसौर जिले में गेहूं उपार्जन हेतु किसानों को 50 कि.मी. से अधिक की दूरी वाले केन्द्रों पर नहीं भेजा गया है। (ख) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु निर्धारित उपार्जन केन्द्रों के समीप के रिक्त क्षमता वाले गोदामों पर उपार्जन केन्द्र खोले जाने का प्रावधान किया गया है जिससे परिवहन एवं सूखत व्यय की बचत होने के साथ-साथ किसानों की उपज की तौल में भी सुविधा हुई है। मन्दसौर जिले में किसी भी किसान को गेहूं उपार्जन हेतु 100 से 150 कि.मी. दूर तक नहीं जाना पड़ा है। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कूपन योजना में गड़बड़ी की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
52. ( क्र. 3271 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान खाद्य विभाग में कूपन योजना में गड़बड़ी हुई थी? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कहाँ-कहाँ? क्या इसकी जाँच करवाई गई थी? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जाँच में कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में विभागान्तर्गत कूपन योजना नामक कोई योजना प्रचलित नहीं थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपभोक्ता संरक्षण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
53. ( क्र. 3283 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग उपभोक्ताओं को समस्त वस्तुएं उचित मूल्य एवं गुणवत्तायुक्त प्राप्त हो, इस हेतु लगातार प्रयास करता है तथा उपभोक्ताओं का संरक्षण भी प्रदान करने हेतु अनेक कदम उठाता है? (ख) यदि हाँ, तो सिवनी जिले के अंतर्गत उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त उचित मूल्यों पर विभिन्न वस्तुएं, सामग्रियां प्राप्त हो और यदि शिकायत हो तो उपभोक्ता फोरम एवं विभागीय व्यवस्थाओं द्वारा उचित निर्णय/कदम उठाये जाते है? (ग) यदि हाँ, तो सिवनी जिले के अंतर्गत उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के केन्द्र/फोरम कार्यरत होकर सम्पूर्ण व्यवस्थाओं पर कार्य कर रहे है? (घ) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उपभोक्ताओं द्वारा कितनी शिकायतें प्राप्त होकर क्या कार्यवाहियां की गई तथा विभागीय स्तर पर भी क्या कार्यवाहियां की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला सिवनी में कोई भी उपभोक्ता खरीदी गई वस्तु/सेवा के संबंध में अपनी शिकायत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम (राशि रूपये 20.00 लाख मूल्य तक) में प्रस्तुत कर सकता है। शिकायत के संबंध में पारित जिला फोरम के निर्णय से असंतुष्ट होने की दशा में 30 दिवस के भीतर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के समक्ष अपील प्रस्तुत की जा सकती है। उक्त के अतिरिक्त उपभोक्ता द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्य (एम.आर.पी.) से अधिक मूल्य पर बिक्री के संबंध में शिकायत नाप-तौल विभाग एवं गुणवत्ता युक्त खाद्यान्न प्राप्त न होने के संबंध में शिकायत खाद्य एवं औषधि विभाग में प्रस्तुत कर सकता है। प्राप्त शिकायतों के संबंध में संबंधित विभाग द्वारा नियमानुसार परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। साथ ही उपभोक्ताओं को जागरूक किये जाने हेतु प्रचार-प्रसार किया जाता है। राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन (टोल फ्री नम्बर 1800-233-0046) के माध्यम से भी उपभोक्ताओं को मार्गदर्शन दिये जाने के साथ-साथ शिकायतों का निराकरण किया जाता है। (ग) सिवनी जिले में जिला मुख्यालय में जिला उपभोक्ता प्रतितोषण फोरम कार्यरत है। (घ) सिवनी जिले में दिनांक 1.1.2015 से माह जून 2019 तक प्रदेश में कार्यरत जिला उपभोक्ता फोरम में कुल 49203 प्रकरण संस्थित हुए तथा उक्त में कुल 43065 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
अधिकारियों की स्थानांतरण नीति
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 3285 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक अधिकारियों को हटाने का नियम है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में कितने महिला एवं बाल विकास अधिकारी है जो तीन वर्ष से अधिक एक ही स्थान (कार्यालय) में पदस्थ है, उनकी पदस्थापना दिनांक विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) क्या विभाग ऐसे अधिकारियों को लगातार एक ही स्थान पर रखकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है? यदि नहीं, तो ऐसे कर्मचारियों को तीन वर्ष के बाद भी एक ही स्थान पर क्यों रखा गया है? (ग) ऐसे अधिकारियों को प्रश्नांश (क) अनुसार नियम के तहत कब तक हटायेगा? (घ) क्या ऐसे अधिकारियों की जिला व शासन स्तर पर शिकायतें प्राप्त हो रही है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में ऐसे कर्मचारियों की वर्षवार, विधान सभा क्षेत्रवार शिकायतों का ब्यौरा दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 के बिंदु क्रमांक 11.1 एवं 11.4 के अनुसार एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक के अधिकारियों को हटाने का नियम है किंतु यह अनिवार्य नहीं है। सिवनी जिले में 11 अधिकारी है जो तीन वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर पदस्थ हैं उनकी पदस्थापना दिनांक विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। स्थानांतरण नीति में तीन वर्ष के बाद स्थानांतरण करना अनिवार्य नहीं होने से उक्त अधिकारियों को यथास्थान पदस्थ रखा गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्य प्रणाली
[महिला एवं बाल विकास]
55. ( क्र. 3292 ) श्री राहुल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में किशोर न्याय अधि.2000 के तहत प्रदेश में कितने पदों का सृजन किया गया एवं कितने पदों पर नियुक्ति दी गई कितने पद खाली है? एवं नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है? इसका संचालन किस प्रकार किया जाता है जिन पदों पर नियुक्ति की गई है? उनके पदानुसार पृथक-पृथक क्या कार्य है? (ख) किशोर न्याय अधि.2005 के तहत बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड में अध्यक्ष/सदस्य की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है? इन्हें वेतन भत्ते किस मद से स्वीकृत किये जाते है उनके कार्य क्षेत्र किस प्रकार के है? (ग) सी.डब्ल्यू. सी. /जे.डी.बी. में परिवीक्षा अधिकारी के क्या-क्या कार्य है और ये किस प्रकार करते है? कार्य का सत्यापन किसके द्वारा किया जाता है? (घ) विगत 3 वर्षों में जिला बाल संरक्षण ईकाई का गठन जिला स्तर पर कब किया गया इन इकाइयों के द्वारा क्या-क्या कार्य किये गये क्या ये समिति ब्लॉक/ग्राम स्तर पर भी कार्यरत है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) किशोर न्याय अधिनियम 2000 के तहत किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति में अशासकीय पदों पर नियुक्ति का प्रावधान था। अधिनियम अंतर्गत पदों का सृजन नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड में अध्यक्ष/सदस्य की नियुक्ति की प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इन्हें मानदेय 6103-समेकित बाल संरक्षण योजना-31 विशेष सेवाओं हेतु अदायगियां-004 मानदेय मद से भुगतान किया जाता है। इनके कार्यक्षेत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) अधिनियम में परिवीक्षा अधिकारी के द्वारा किये जाने वाले कार्य प्रावधानित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। किशोर न्याय बोर्ड के अधीन कार्य किये जाने से इनके कार्यों का सत्यापन किशोर न्याय बोर्ड के द्वारा किया जाता है। (घ) जिला बाल संरक्षण इकाई का गठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। इन इकाइयों के द्वारा समेकित बाल संरक्षण योजना/किशोर न्याय अधिनियम के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य किये गये। ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण इकाई के गठन का प्रावधान नहीं है।
नामांतरण एवं खसरा सुधार
[राजस्व]
56. ( क्र. 3297 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा नामांतरण करने हेतु समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) वर्ष 1984-85 में पुर्वा पटवारी हल्का क्र. 00020 तहसील सेमरिया जिला रीवा के आराजी क्र. 850 रकबा 0.30 डेसीमल लालमणि पिता स्व. श्री मधुरा के नाम दिनांक 4/8/1985 द्वारा नामांतरण किया गया है? यदि हाँ, तो रामकुशल के नाम से 8 वर्ष बाद नामांतरण किस आधार पर किया गया? बिना आधार के नामांतरण करने वाले दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या गलत तरीके से किये गये नामांतरण के विरूद्ध खसरा सुधार एवं नामांतरण करने हेतु प्रस्तुत आवेदन तहसील सेमरिया वृत्त शाहपुर जिला रीवा में प्रकरण क्र.19-अ 4 वर्ष 2002-03 में पंजीबद्ध किया गया, क्या पटवारी को स्थल जाँच करने हेतु आदेश जारी किया गया? यदि हाँ, तो पटवारी द्वारा पंचनामा बनाया जाकर गांव वाले के बयान लिये जाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया तो उसमें क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अंतिम सुनवाई फैसले हेतु दिनांक 16.04.2012 को पेशी नियत थी, यदि हाँ, तो उस दिन फैसला क्यों नहीं किया गया तथा उस नस्ती को क्यों गायब किया? क्या सूचना के अधिकार अन्तर्गत राज्य सूचना अधिकारी द्वारा दिये गये निर्देश के पालन में पाँच वर्ष बाद दिनांक 15/11/2017 को नस्ती की सत्यापित प्रति संबंधित को प्रदाय की गई। सत्यापित प्रति प्राप्त होने पर दिनांक 20/11/2017 अनुविभागीय अधिकारी सेमरिया जिला रीवा में अपील की गई? यदि हाँ, तो तीन माह के अन्दर नामांतरण किये जाने के निर्देंश के परिपालन में अभी तक नामांतरण क्यों नहीं किया गया? 15 वर्षों से नामांतरण नहीं करने वाले दोषी कर्मचारी, अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959, संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 110 (4) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार प्रकरण पंजीकरण होने की तारीख से अविवादित नामांतरण मामले में एक माह एवं विवादित नामांतरण मामले में पाँच माह की समय-सीमा प्रकरण के निराकरण हेतु निर्धारित है। (ख) प्र.क्र. 19/अ6अ/2002-03 में संलग्न नामांतरण पंजी ग्राम पुर्वा जं.नं. 319 तहसील सिरमौर जिला रीवा म.प्र. जिसकी नकल की सत्यापित छायाप्रति से स्पष्ट होता है कि आ.क्र. 850 रकबा 0.30 डि. ग्राम पुर्वा का नामांतरण 1984-85 में लालमणि पिता मथुरा के नाम स्वीकृत हुआ। उक्त प्रकरण में संलग्न अनावेदक कथन रामकुशल पिता हीरालाल नि. पुर्वा से ज्ञात होता है कि आ.नं. 850 रकबा 1.30 एकड के अंश भाग 0.30 डि. हीरालाल द्वारा लालमणि पि. मथुरा को बिक्री किया गया था। रामकुशल के नाम नामांतरण की जानकारी इस कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (ग) प्र.क्र. 19/अ6अ/2002-03 न्यायालय वृत्त शाहपुर में पंजीबद्ध किया जाकर प्रचलन में लिया गया। पटवारी प्रतिवेदन/पंचनामा एवं गांव वालों के बयान लिए गये। आवेदक के अनुपस्थिति होने की स्थिति में प्रकरण 29.02.2012 को अदम पैरवी में खारिज कर दिया गया। (घ) प्रश्नाधीन प्रकरण 29.02.2012 को खारिज कर दिया गया। अत: अन्तिम सुनवाई की तिथि 16.04.2012 होना सही नहीं है। संबंधित नस्ती गायब नहीं हुई। दिनांक 15.11.2017 को नस्ती की छायाप्रति सम्बन्धित को सूचना अधिकार के तहत दी गई। शिकायतकर्ता द्वारा अन. अधिकारी सिरमौर/सेमरिया के मांग पत्र अभि. पास बुक क्र.365 दिनांक 16.03.2018 द्वारा प्रकरण की सम्पूर्ण फाइल अनुविभागीय अधिकारी की ओर प्रेषित की गई तथा शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में अपील में प्रचलित है। अपीलीय प्रकरण में निर्णय पश्चात यथोचित कार्यवाही की जावेगी।
सिंगरौली जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
57. ( क्र. 3311 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिला रीवा मुख्यालय से लगभग 225.00 कि.मी. दूर है एवं इस जिले में मेडिकल कॉलेज न होने से यहां गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज रीवा उपचार हेतु स्थानांतरित किया जाता है? (ख) क्या अधिक दूरी होने के कारण अधिकांश मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने की व्यवस्था करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। सिंगरौली से रीवा 185 किलोमीटर दूर है। जी हाँ, प्रकरण अनुसार रेफर किया जाता है। (ख) जी नहीं। इस क्षेत्र के गम्भीर मरीजों को जिला अस्पताल से स्थानांतरित करते समय पर्याप्त सावधानी सुनिश्चित की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिग्रहित भूमि वापस करने के संबंध में
[राजस्व]
58. ( क्र.
3312 ) श्री
राम लल्लू
वैश्य : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला
सिंगरौली
अंतर्गत
ग्राम
पिडरवाह तह. सरई
जिला
सिंगरौली की
भूमि का अधिग्रहण
भू-अर्जन
अधिनियम की
धारा 4 के
अंतर्गत किया
गया है तथा
धारा 9 के
बाद 13.11.2009 को
एम.पी. सैनिक
कोल माइन्स
का अवार्ड
किया गया है, उक्त
अवार्ड का
मुआवजा आज
दिनांक तक
नहीं दिया गया
है? न
ही कंपनी
द्वारा
अधिग्रहित की
गई है। (ख) क्या
नियम के
अनुसार पाँच
साल या उससे
अधिक भूमि का
मुआवजा
भुगतान हो गया
है तो भी
कंपनी द्वारा
अधिग्रहित
भूमि पर कंपनी
का कब्जा
नहीं है एवं
पजेशन प्राप्त
नहीं करती है
तो जमीन
किसानों को
वापस अपने आप
हो जावेगी
जिसका स्पष्ट
भू-अर्जन
अधिनियम 2013 की
धारा 24
में स्पष्ट
प्रावधान है? (ग) क्या
एम.पी. सैनिक
कोल माइंस का
अवार्ड 2009 में हुआ है
एवं
टी.एच.डी.सी.
कंपनी को उसी
जमीन का
दिनांक 17.01.2017 को पुन:
आवंटन हुआ है
तथा इन दोनों
में आठ साल का
अंतर आता है? क्या
ऐसी स्थिति
में अवार्ड
शून्य माना
जायेगा। (घ) क्या
सरकार इस जमीन
को किसानों को
वापस करेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। (ख) भू-अर्जन
अधिनियम 2013 की
धारा-24
(2) के
यह प्रावधान
है कि उपधारा (1) में
अंतर्विष्ट
किसी बात के
होते हुए भी
भूमि अर्जन
अधिनियम, 1894 के अधीन
आरंभ की गई
भूमि अर्जन की
कार्यवाहियों
की दशा में, जहां
उक्त धारा-11 के
अधीन
अधिनिर्णय इस
अधिनियम के
प्रारंभ के पाँच
वर्ष या उससे
अधिक वर्ष
पूर्व किया
गया है, किन्तु
भूमि का भौतिक
कब्जा नहीं
लिया गया है
या प्रतिकर का
संदाय नहीं
किया गया है
वहां उक्त
कार्यवाहियों
के बारे में
यह समझा जाएगा
कि वे व्यपगत
हो गई हैं और
समुचित सरकार, यदि वह
ऐसा विकल्प
अपनाती है, इस
अधिनियम के
उपबंधों के
अनुसार ऐसे
भूमि अर्जन की
कार्यवाहियां
नए सिरे से
प्रारंभ करेगी। (ग) प्रकरण
का विधि
अनुसार
अवार्ड शून्य
नहीं है। (घ) प्रश्नांश
(ग) के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बंदोबस्त अभिलेखों में प्रदेश का कुल रकबा
[राजस्व]
59. ( क्र. 3344 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग में प्रचलित webgis सॉफ्टवेयर किस कम्पनी का है क्या उसमें संधारित अभिलेख पूर्ण रूप से सुरक्षित रह सकता है वर्तमान में web gis सॉफ्टवेयर के लिए किस कम्पनी को कितनी अनुबंध राशि दी जा रही है किसानों से खसरा किश्तबंदी की नकल के लिए कितनी राशि ली जाती है? (ख) बंदोबस्त और चकबंदी अभिलेख अनुसार सम्पूर्ण मध्यप्रदेश का कुल कितना रकबा है? (ग) web gis सॉफ्टवेयर में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश का कितना रकबा दर्ज है क्या दोनों में मित्रता है? यदि हाँ, तो इसे दूर करने के लिए सरकार द्वारा क्या कार्य किया जा रहा है? (घ) सम्पूर्ण प्रदेश में कुल कितने चांदे पत्थर बंदोबस्त के दोरान स्थापित किए गए वर्तमान में मौके पर कितने हैं गुम चांदों को पुन: स्थापित करने के लिए क्या कार्य किए जा रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग में प्रचलित WebGIS सॉफ्टवेयर M/s Bhopal E-Governance Ltd. द्वारा तैयार किया गया है। जी हाँ, उसमें संधारित अभिलेख पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। वर्तमान में Web GIS सॉफ्टवेयर P.P.P. Boot Model पर होने से कम्पनी को कोई अनुबंध राशि नहीं दी जा रही है। P.P.P. परियोजना अंतर्गत तहसील स्तर पर स्थापित 222 आई.टी. सेन्टर से किसानों से खसरा किश्तबंदी की नकल के लिए प्रति पृष्ठ रुपए 30/- लिए जा रहे हैं। (ख) बंदोबस्त और चकबंदी अभिलेख अनुसार म.प्र. का कुल रकबा 3,07,56,303 हेक्टेयर है। (ग) Web GIS सॉफ्टवेयर वर्तमान में 31 जिलों में लागू है। शेष 21 जिलों का कार्य NIC सॉफ्टवेयर में चल रहा है। अत: सम्पूर्ण म.प्र. के रकबे से इसकी तुलना की जाना सम्भव नहीं है, क्योंकि यह सम्पूर्ण म.प्र. का डाटा नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बंदोबस्त के समय सम्पूर्ण म.प्र. में 15,42,289 चाँदे पत्थर स्थापित कराए गए थे। जिनमें से वर्तमान में 169869 विद्यमान है। वर्तमान में चांदा पत्थर के स्थान पर प्रदेश में Continuously Operating Reference Stations (CORS) नेटवर्क स्थापित कर सीमांकन प्रक्रिया में शुद्धता लाने की योजना है।
संशोधन पंजी के संबंध में
[राजस्व]
60. ( क्र. 3345 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अविवादित नामांतरण के लिए संशोधन पंजी किन-किन जिलों में संधारित की जा रही है क्या भू-राजस्व संहिता के नवीन नियमों में संशोधन पंजी बंद कर दी गई है? (ख) क्या पटवारी को सीमांकन के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो नवीन नियमों में सीमाकंन हेतु राजस्व निरीक्षक को ही क्यों पाबंद किया गया है क्या सरकार इन नियमों का पुनर्वलोकन कर संशोधित नियम बनाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हार्ड कॉपी में अविवादित नामांतरण पंजी संधारित नहीं की जा रही है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। सीमांकन के अधिकार भू-राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम में तहसीलदार को है जो प्रकरण दर्ज होने पर अपने अधीनस्थ राजस्व निरीक्षक/नगर सेवक से सीमांकन करायेंगे। जी नहीं। अभी ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सीमेन्ट उद्योगों द्वारा भू-प्रवेश हेतु दिया गया कम्पन्सेशन
[राजस्व]
61. ( क्र. 3350 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीमेन्ट उद्योगों को चूना पत्थर उत्खनन हेतु दिये गये पट्टे में भू-स्वामियों को भू-प्रवेश हेतु सहमति के लिये दिये गये कम्पन्सेशन की राशि पूर्व निर्धारित लीज अवधि के लिये की गयी थी? क्या लीज अवधि में वृद्धि होने पर भू-स्वामियों को कम्पन्सेशन की राशि का भुगतान दुबारा सतना जिले के सीमेन्ट कारखानों द्वारा किया गया है और कितने भूस्वामी इस प्रकार लाभान्वित हुये हैं? विगत 5 वर्षों की जानकारी देवें। (ख) यदि भुगतान लीज अवधि की वृद्धि की दशा में नहीं किया गया है तो क्यों? क्योंकि पूर्व भुगतान निर्धारित लीज अवधि हेतु किया गया था? (ग) कम्पन्सेशन के भुगतान हेतु कितने प्रकरण शासन के पास वर्ष 2017-18 से लंबित है? इस पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 247 (4) सहपठित धारा 247 (5) के अनुसार भूमि स्वामी को प्रतिकर की राशि का भुगतान किया जाता है। खनिज पट्टे की अवधि में वृद्धि होने पर पुनः प्रतिकर राशि के भुगतान का प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 247 (4) एवं 247 (5) के तहत कार्यवाही जिला स्तर पर की जाती है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
T.H.R. योजना के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 3354 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) T.H.R. Scheme (Talu Home Raanan) के अन्तर्गत 3 माह से 3 वर्ष के शिशुओं को महिलाओं एवं किशोरियों के लिये कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से राशन पहुंचाने की व्यवस्था किनके द्वारा की जा रही है। क्या इस कार्य में संलग्न एजेन्सियां स्कीम के मानक के अनुसार हैं? (ख) क्या इस कार्य को जिले अथवा संभागवार एजेन्सियों के माध्यम से नहीं कराया जा सकता है। क्या इस वितरण व्यवस्था को लेकर किसी न्यायालय से कोई निर्देश मिले हैं यदि हाँ, तो क्या इनका अनुपालन सुनिश्चित किया गया। यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिका योजना अंतर्गत 11-14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन (T.H.R.) का प्रदाय वर्तमान में ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा देवास, धार एवं होशंगाबाद में स्थापित संयंत्रों से तथा विभाग द्वारा विगत समय आमंत्रित अल्पकालीन निविदा में चयनित निविदाकारों से मंत्रि परिषद के निर्णयानुसार किया जा रहा है। जी हाँ। (ख) प्रदेश में मंत्रि-परिषद की बैठक 13.03.2018 के निर्णय अनुसार टेकहोम राशन का प्रदाय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों के परिसंघों के माध्यम से क्रमशः देवास, धार होशंगाबाद, मंडला, रीवा, सागर एवं शिवपुरी में स्थापित किये जा रहे संयंत्रों से तथा एम.पी. एग्रो के बाडी स्थित संयंत्र से समस्त संभाग अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया जाना है। मान. उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर द्वारा पारित आदेश के तारतम्य में टेकहोम राशन प्रदाय हेतु निविदा आमंत्रित की गयी थी। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा टेकहोम राशन का प्रदाय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्थापित संयंत्रों एवं एम.पी. एग्रो के बाडी स्थित संयंत्र से करने की नीति से मान. उच्च न्यायालय को अवगत कराया गया है तथा इस नीति का क्रियान्वयन क्रमबद्ध रूप से किया जा रहा है।
कृषि भूमि के संबंध में
[राजस्व]
63. ( क्र. 3357 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सीहोर की तहसील आष्टा के ग्राम पंचायत भीलखेड़ी सड़क विधान सभा क्षेत्र तहसील आष्टा के अंतर्गत आता है तथा उक्त ग्राम की कृषि भूमि इंदौर-भोपाल फोर लेन रोड पर स्थित है जिस पर रिकाडी फार्म हाऊस बना है? (ख) यदि हाँ, तो जब कृषि भूमि ग्राम पंचायत भीलखेड़ी सड़क है तो क्या उक्त फार्म हाऊस विधान सभा क्षेत्र व तहसील आष्टा के नाम से नहीं होना चाहिए? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ तो उक्त फार्म हाउस विधान सभा क्षेत्र एवं इच्छावर तहसील में क्यों आता है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में कब तक उक्त फार्म हाऊस को विधान सभा क्षेत्र व तहसील आष्टा के अंतर्गत किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। गाम पंचायत भीलखेडी सड़क तहसील आष्टा के अंतर्गत आता है तथा उक्त ग्राम की कृषि भूमि इन्दौर-भोपाल फोर लेन रोड पर स्थित है जिस पर ईकार्डा फार्म हाउस बना है। (ख) जी हाँ, उक्त कृषि भूमि ग्राम पंचायत भीलखेडी सड़क में ही है तथा ग्राम भीलखेडी सड़क तहसील आष्टा व विधान सभा क्षेत्र आष्टा में ही है। (ग) नहीं। उक्त फार्म हाउस विधान सभा क्षेत्र एवं इछावर तहसील में नहीं आता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
64. ( क्र. 3383 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू होने के वर्ष से लेकर वर्ष 18-19 तक कुल कितनी लाड़ली लक्ष्मी बालिकाएं विभाग द्वारा चिन्हित की जाकर इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित की गई, संख्या बतायें? (ख) योजनानुसार वर्ष 2006 में जन्मी बालिका को वर्ष 2019 तक क्या-क्या लाभ इस योजनांतर्गत प्राप्त हो चुके है? (ग) प्रश्नांश दिनांक तक देवास जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना की स्वीकृति के ऐसे कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित है जो विलम्ब से प्राप्त होने के कारण सक्षम स्वीकृति के लिये विचाराधीन है? प्रश्नांश दिनांक तक की जिलेवार संख्या बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) देवास जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू होने के वर्ष से लेकर वर्ष 2018-19 तक कुल 69506 बालिकाएं योजना अंतर्गत पंजीकृत की गईI (ख) योजना प्रावधान अनुसार वर्ष 2006 में जन्मी बालिकाओं के कक्षा 06 एवं कक्षा 09 में प्रवेश लेने पर क्रमशः राशि रुपए 2000 एवं रुपए 4000 प्रति बालिका के मान से भुगतान किया गया। (ग) वर्तमान में देवास जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत विलम्ब से प्राप्त होने वाले 03 प्रकरण लंबित होकर सक्षम स्वीकृति के लिए विचाराधीन हैI जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर हैI
हरदा जिले में आंगनवाड़ी का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
65. ( क्र. 3389 ) श्री कमल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में हरदा जिले की किस-किस ग्राम पंचायतों में एवं नगर में कहाँ-कहाँ आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कब-कब हुआ? (ख) जिले की किस-किस ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं? निर्माणाधीन भवनों का कार्य कब से चल रहा है तथा कब तक पूरा हो जाएगा? (ग) हरदा जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराए की बिल्डिंग में या ग्राम पंचायतों में संचालित हो रहे हैं? (घ) हरदा जिले में कितने और आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण की आवश्यकता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) हरदा जिले के ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में 92 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण हुआ है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) हरदा जिले में 44 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। ग्राम पंचायतवार निर्माणाधीन भवनों के स्वीकृति वर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होने से समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण करने का दायित्व ग्राम पंचायत का है। अतः विभाग द्वारा आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जिले में 190 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 20 आंगनवाड़ी केन्द्र ग्राम पंचायत के भवनों में संचालित हो रहे है। (घ) जिले में 254 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की आवश्यकता है। प्रदेश में सीमित वित्तीय संसाधन होने से सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं है।
ग्राम के रूप में राजस्व इकाई बनाने के नियम
[राजस्व]
66. ( क्र. 3394 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के राजस्व विभाग के अंतर्गत किसी मानवीय आबादी (बस्ती) को मजरा-टोला, कालोनी या ग्राम के रूप में राजस्व की इकाई मानने या बनाने के क्या नियम है? (ख) देवास जिले की कन्नौद एवं खातेगांव तहसील में ऐसे कितने क्षेत्र हैं जिनकी जनसंख्या 200 से 400 तक है लेकिन इन्हें राजस्व के रिकार्ड में ग्राम या मजरा नहीं माना गया है? (ग) क्या राजस्व ग्राम नहीं होने से एक बहुत बड़ी आबादी 24 घंटे सतत् विद्युत प्रदाय एवं पक्की सड़क से नहीं जुड़ पा रही है? (घ) क्या विभाग ने ऐसे मोहल्ले, ग्रामों की जानकारी एकत्रित कर राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज करने की कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मापदण्ड निम्नानुसार हैं- 1. मूल राजस्व ग्राम से मजरे-टोले की दूरी लगभग 2 किलोमीटर या अधिक होना चाहिए। 2. पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुये उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिए। 3. पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चतुर्सीमाएं मूल राजस्व ग्राम एवं सीमावर्ती ग्राम से मिलनी चाहिए तथा ग्राम की सीमाएं मूल राजस्व ग्राम के अन्दर ही स्थित न रहे। (ख) देवास जिले की कन्नौद एवं खातेगांव तहसील में ऐसे 16 क्षेत्र है जिनकी जनसंख्या 200 से 400 तक है लेकिन मापदण्ड अनुसार नहीं होने से इन्हें राजस्व रिकार्ड में पृथक राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जा सकता है। (ग) जी नहीं। राजस्व ग्राम की सुविधाएं ग्राम के मजरे टोलों को भी दी जाती हैं। (घ) जी हाँ। देवास जिले की तहसीलों के 16 मजरों टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिवहन
विभाग द्वारा
चलाई जा रही
योजनाएं
[परिवहन]
67. ( क्र. 3407 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा खरगौन जिले में विगत पाँच वर्षों में जो नवीन परमिट जारी किए उनकी नामवार सूची, कहाँ से कहाँ परमिट (बस, ट्रक आदि) वाहन मालिक का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) विगत पाँच वर्षों में जो परमिट खरगोन जिले के परिवहन कार्यालयों से जारी किए गए उनके क्या-क्या मापदण्ड रखे हैं? (ग) समस्त प्रकार के परमिटों को जारी करने के दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें? (घ) परिवहन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी और उनके लाभ लेने के लिए हितग्राहियों की योग्यता/पैमाना क्या-क्या रखा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खरगौन जिले में विगत 05 वर्षों में जारी बसों, ट्रकों के जारी परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 व मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 में नियत मापदण्डों अनुसार अनुज्ञाएं जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) महिलाओं के लिए पिंक लाइसेंस नि:शुल्क बनाये जा रहे है। हेवी ड्रायविंग लाइसेंसधारी चालक परिचालकों का शासन की कल्याण योजनाओं का लाभ देने हेतु समग्र पंजीयन किया जाता है।
कुपोषण को रोकने के उपाय और योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 3408 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं, कार्यों की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) उक्त विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यों का लाभ/उपयोग करने के लिए हितग्राहियों की योग्यता/पैमाना क्या-क्या रखा है? (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में कुपोषण की रोकथाम के लिए क्या-क्या उपाय किए?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में कुपोषण की रोकथाम हेतु आई.सी.डी.एस. अंतर्गत पोषण आहार कार्यक्रम, अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन कार्यक्रम, पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को भर्ती करवाया जा रहा है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 3431 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उदयुपरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं किराये के भवनों, शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार का नियमित वितरण किया जा रहा है या नहीं की जानकारी उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 468 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 172 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है जो किराये के भवनों में संचालित है तथा 142 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय शासकीय भवनों में एवं 154 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। (ग) जी हाँ। उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार का नियमित वितरण किया जा रहा है।
किसान की फसलों का बकाया भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
70. ( क्र. 3438 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 31/03/2019 की स्थिति में समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, तुअर, मूंग और मसूर आदि फसलों की खरीदी में आज दिनांक तक कितने किसानों की राशि का भुगतान बकाया है? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) उक्त किसानों को कब तक राशि का भुगतान किया जावेगा? राशि भुगतान न होने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) क्या किसानों को ब्याज सहित राशि का भुगतान किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 31/03/2019 की स्थिति में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं, तुअर, मूंग, उड़द का संपूर्ण भुगतान किसानों को किया जा चुका है। चना, मसूर, सरसों एवं धान के शेष भुगतान की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपार्जन एजेन्सियों द्वारा उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली समितियों को गोदामों में जमा एफ.ए.क्यू. स्कंध का भुगतान कर दिया गया है। अमानक पाई गई मात्रा एवं उपार्जन स्कन्ध में कमी से चना, मसूर, सरसों का भुगतान समिति स्तर से किया जाना शेष है। अमानक स्तर की खरीदी एवं उपार्जित मात्रा में कमी के लिए समिति के अधिकारी एवं कर्मचारी उत्तरदायी हैं, जिनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु सहकारिता विभाग द्वारा विधि अनुरूप प्रावधान किए हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
71. ( क्र. 3441 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने शासकीय हैंडपम्प चालू एवं बंद हैं, बंद पड़े हैंडपम्पों के सुधार हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी नल-जल योजना चालू है एवं कितनी बंद पड़ी है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन स्वीकृत हैंडपम्पों एवं नल-जल योजना की जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 3236 शासकीय हैण्डपंप चालू एवं 56 हैण्डपंप जलस्तर नीचे जाने से बंद है, जो पर्याप्त वर्षा होने पर चालू होते हैं। सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सुधारा जाता है। (ख) 60 योजनायें चालू एवं 07 योजनायें बंद है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त समयावधि में किसी भी ग्राम में नवीन नलजल योजना स्वीकृत नहीं हुई है।
लाभान्वित ग्रामों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 3442 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नर्मदा जल समूह योजना अंतर्गत कितने ग्राम एवं नगरीय क्षेत्र शामिल किये गये है, पृथक-पृथक ग्रामवार, नगरवार जानकारी दें? (ख) नर्मदा जल समूह योजना अंतर्गत किये गये पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की स्थिति योजना पर किये गये व्यय तथा निर्माण कार्य एजेंसी, ठेकेदार का नाम एवं किस विभाग के नियंत्रण में एजेंसी ने कार्य किया, की जानकारी देवें। (ग) नगरीय क्षेत्र उदयपुरा, बरेली नगर परिषदों में नर्मदा जल समूह योजना पर व्यय राशि का विवरण कार्य एजेन्सी, कार्य प्रगति एवं कार्य समाप्ति वर्ष की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) उदयपुरा समूह जलप्रदाय योजनांतर्गत 107 ग्राम सम्मिलित हैं एवं 02 नगरीय क्षेत्रों की केवल जलमांग सम्मिलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) नगरीय क्षेत्र उदयपुरा, बरेली नगर परिषदों में नर्मदा जल समूह योजना के अंतर्गत जल निगम द्वारा प्रश्नाधीन कार्यादेश में कोई व्यय नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में शराब के विक्रय की बढ़ती मात्रा
[वाणिज्यिक कर]
73. ( क्र. 3469 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2018-19 तक शराब के विक्रय से प्राप्त राजस्व तथा इस हेतु कुल खर्च तथा शासन को प्राप्त शुद्ध राजस्व की राशि वर्ष अनुसार बतावें। उक्त अवधि में वर्षवार देशी-विदेशी शराब की दुकान, आहते तथा होटल में बार की संख्या बतावें। विभाग का शराब की फैक्ट्री तथा दुकानों/ठेकेदारों पर बकाया राशि की 2008-09 से 2018-19 तक की जानकारी दें तथा बतावें कि किस वर्ष में कितनी वसूली की गई? (ख) प्रश्नागत अवधि में वर्षवार देशी विदेशी शराब की बिक्री की मात्रा बतावें? वर्षवार कितने-कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई, शराब की बिक्री में वृद्धि शासन की नजर में प्रशंसनीय है या चिन्ता का विषय है? (ग) शराब की बोतल पर होलोग्राम न होने के कितने प्रकरण प्रश्नाधीन अवधि में पाये गये, आसवानी द्वारा होलोग्राम के दुरूपयोग के कितने प्रकरण पाये गये? सम्पूर्ण जानकारी, की गई कार्यवाही सहित देवें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शराब की बिक्री में वृद्धि होने से शासन को राजस्व की प्राप्ति होती है, जिसका उपभोग विकास कार्यों में किया जाता है। शराब की बिक्री में वृद्धि जनसंख्या में वृद्धि व बदलते सामाजिक परिवेश के कारण है। यदि शराब की बिक्री में वृद्धि नहीं होती है, तब बिना ड्यूटी का भुगतान किए शराब के विक्रय की आशंका रहती है, जिससे शासन को राजस्व का अपवंचन होता है। अतः शराब की बिक्री में वृद्धि के संबंध में प्रशंसा अथवा चिन्ता का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) शराब की बोतलों पर होलोग्राम न होने संबंधी प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश के जिला झाबुआ, जिला सागर एवं जिला पन्ना में कुल 04 प्रकरण पंजीबद्ध हुये हैं, जिनका विवरण क्रमश: निम्नानुसार है:- (1) जिला झाबुआ में दिनांक 03.11.2009 को देशी मदिरा दुकान सारंगी में 275 पाव मसाला मदिरा तथा 212 पाव प्लेन मदिरा, कुल 487 पाव बिना होलोग्राम लगे पाये गये थे, जिसके लिये लायसेंसी के विरूद्ध विभागीय प्रकरण पंजीबद्ध कर रूपये 10,000/- संधान शुल्क आरोपित किया गया था। (2) जिला सागर में वर्ष 2009-10 में विभागीय प्रकरण क्रमांक 143 दिनांक 08.01.2010 को कायम किया गया, जिसमें 61 पेटी मसाला तथा 25.40 पेटी प्लेन पाव मदिरा बिना होलोग्राम लगे पाये गये थे। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 143 दिनांक 18.07.2015 को कायम किया गया, जिसमें 70 पेटी मसाला तथा 79 पेटी प्लेन पाव मदिरा बिना होलोग्राम लगे पाये गये थे। (3) एक प्रकरण में आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक 5 (1)/2018-19/8376 दिनांक 05.12.2018 से संबंधित प्रदाय संविदाकार मेसर्स जैगपिन बेवरीज लिमिटेड के विरूद्ध रूपये 25,000/- की शास्ति आरोपित की गई है। संबंधित द्वारा उक्त राशि सायबर कोषालय चालान क्रमांक MPT003923122018000083 दिनांक 23.12.2018 द्वारा जमा करा दी गई है। आसवनियों में प्रश्नाधीन अवधि में होलोग्राम के दुरूपयोग संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है।
कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य स्वत्व
[परिवहन]
74. ( क्र. 3486 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम बंद हो गया है? यदि नहीं, तो वर्तमान में वहां क्या-क्या कार्य संपादित हो रहे हैं? सड़क परिवहन निगम में कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं एवं उन्हें वेतन का भुगतान किस प्रकार किया जा रहा है? (ख) क्या मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम में कार्यरत कर्मचारियों को 6 माह से वेतन भुगतान नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा निगम कर्मचारियों के लिए ऋण स्वीकृत नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों और किया जा रहा है तो विगत 2 वर्षों में कितना ऋण स्वीकृत हुआ है? (घ) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा निगम के कर्मचारियों के लिए अन्य विभागों में संविलियन की कोई योजना ला रही है? यदि नहीं, तो इन कर्मचारियों का भविष्य क्या होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र.सड़क परिवहन निगम में लगातार वित्तीय घाटे के चलते मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 18.2.2005 को म.प्र.सड़क परिवहन निगम को बंद करने का सैद्धान्तिक निर्णय लिया गया था। जिस पर भारत सरकार भूतल एवं सड़क परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा अनापत्ति दी गई थी परन्तु भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा अनापत्ति नहीं दी गई है, जिस कारण सड़क परिवहन निगम पूर्णतः बंद नहीं हुआ है, सिर्फ निगम की वाहनें एवं अनुबंधित वाहनों का संचालन वर्ष 2010 से पूर्णतः बंद है। वर्तमान में निगम में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा निगम की संपत्तियों का निराकरण किराया वसूली एवं न्यायालयीन प्रकरणों के कार्य संपादित किये जाते है। निगम में 01 अधिकारी एवं 336 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी कार्यरत है। म.प्र.शासन, वित्त विभाग से ऋण की राशि प्राप्त होने पर ही वेतन का भुगतान किया जाता है। (ख) जी हाँ, वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। विगत पाँच माह का वेतन लंबित था जिसे निगम की विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त आय से दो माह का भुगतान (फरवरी, मार्च-19) दिनांक 06.07.2019 को कर दिया गया है। वेतन भुगतान हेतु राशि की मांग म.प्र.शासन वित्त विभाग से की गई थी, जिसमें वित्त विभाग द्वारा निगम की संपत्तियों के निर्वतन संबंधी कार्यवाही का परामर्श दिया जाकर देनदारियों के निपटारे हेतु प्रकरण मंत्री परिषद के आदेश हेतु प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये है। (ग) एवं (घ) मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2010 से निरंतर ऋण स्वीकृत किया गया है। गत माह से वेतन की राशि की स्वीकृति अपेक्षित है। विगत दो वर्ष में वित्त विभाग द्वारा राशि रू. 217 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान/गेहूं के परिवहनकर्ताओं द्वारा गंभीर अनियमिततायें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
75. ( क्र. 3516 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिले के अन्तर्गत खरीफ 2018-19 एवं रबी 2019-20 सीजन में कुल कितने कृषकों से कितनी मात्रा में खरीदी की गई है? खरीदी गयी मात्रा में से कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितने किसानों का भुगतान नहीं हुआ है? कब तक भुगतान किया जायेगा? नहीं तो क्यों? किसानों का भुगतान नहीं होने में कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी? खरीदी केन्द्रवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अंतर्गत उपार्जित धान/गेहूं के भण्डारण की क्या योजना थी? इन जिलों में कुल कितने भण्डारण केन्द्र, कितनी-कितनी क्षमता के निर्मित हैं? इन गोदामों में किन-किन खरीदी केन्द्रों का धान/गेहूं भण्डारित कराया गया है, क्या तहसील के बाहर के खरीदी केन्द्रों का भी धान/भण्डारित किया गया है और तहसीलों के खरीदी केन्द्रों का धान/गेहूं जिले के अन्य गोदामों/जिले के बाहर भण्डारित कराया गया है तो किन-किन गोदामों कितनी-कितनी मात्रा में? गोदामवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार खरीदी एजेन्सी द्वारा कितने परिवहनकर्ता नियुक्त किए गए थे? परिवहनकर्ता का नाम, उनके द्वारा लगाए ट्रकों/वाहनों की संख्या बतावें। क्या तहसील के खरीदी केन्द्रों का धान/गेहूं परिवहनकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के दृष्टिकोण से जिले के अन्य गोदामों में भण्डारित कराया गया है तो कितना और किन-किन गोदाम में? इससे परिवहनकर्ता को कितनी अधिक राशि भुगतान की गई है, परिवहनकर्तावार भुगतान किए गए राशि की जानकारी बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार जिलों के खरीदी केंद्रों का धान/गेहूं अन्य गोदामों में परिवहन कराने हेतु कौन-कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी? यदि नहीं, तो क्यों? सतना जिले के परिवहनकर्ता पर राज्य शासन ने क्या अर्थ दण्ड अधिरोपित किया है? जानकारी दें कि क्या उक्त परिवहनकर्ता ने गत तीन वर्षों में समय पर कार्य पूरा किया? अगर नहीं तो शासन ने उसके ऊपर कब व क्या कार्यवाही की है? जारी आदेशों की एक प्रति दें?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रीवा एवं सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 एवं रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान एवं गेहूं विक्रय करने वाले किसानों, उपार्जित मात्रा, भुगतान की गई राशि एवं शेष भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष किसानों के भुगतान की कार्यवाही समिति स्तर से प्रचलित है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूं के भंडारण व्यवस्था के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जिले में निर्मित गोदाम एवं उनकी क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। गोदामवार तथा उपार्जन केन्द्रवार उपार्जित मात्रा की भंडारित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। भंडारण की कार्ययोजना, जिले को ईकाई मानकर बनाई गई है, इस कारण तहसील में उपार्जित मात्रा को तहसील में ही भंडारण का बंधन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। रीवा एवं सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 एवं रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूं के परिवहन हेतु नियुक्त परिवहनकर्ताओं के नाम, ट्रकों/वाहनों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। भंडारण की कार्ययोजना जिले को ईकाई मानकर बनाई गई है, इस कारण तहसील में उपार्जन मात्रा को तहसील में ही भंडारण का बंधन नहीं है। तहसील के बाहर उपार्जित स्कन्ध के परिवहन कर भंडारण हेतु परिवहनकर्ताओं को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कन्ध का परिवहन समय-सीमा में किए जाने के कारण परिवहनकर्ताओं पर कोई दण्ड अधिरोपित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किशोरी बालिकाओं का आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 3533 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा किशोरी बालिकाओं का परियोजना/आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम विगत समय नेहरू युवा केन्द्र के सहयोग से आयोजित किए गए थे? यदि हाँ, तो यह योजना क्या थी और इसके क्रियान्वयन के क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश थे? (ख) विगत 3 वर्षों में प्रश्नांश (क) पन्ना एवं कटनी जिले में प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब आयोजित किए गए और इस कार्यक्रम के लिए जिला स्तर पर क्या कार्य किस शासकीय सेवक के प्रभार में किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) प्रशिक्षण कार्यक्रम में कितनी बालिकाओं द्वारा सहभागिता की गई और किस-किस विषय पर किन-किन के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई एवं क्या किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत क्या प्रशिक्षण का कार्यक्रम वास्तविक तौर पर न कर परियोजना अधिकारियों द्वारा मात्र कागजों पर किया गया, जिससे शासन/विभाग की मंशानुसार बालिकाओं को प्रशिक्षण प्राप्त नहीं हो सका? यदि हाँ, तो इस कार्यक्रम के आयोजन की शासन स्तर से प्रश्नकर्ता की सहभागिता में जाँच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्या संबंधितों द्वारा ऐसा न होना प्रतिवेदित किया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ, वित्तीय वर्ष 2018-19 में किशोरी बालिकाओं के परियोजना स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम नेहरू युवा केन्द्र के सहयोग से आयोजित किए गए थे। उक्त प्रशिक्षणों का आयोजन किशोरी बालिका योजनान्तर्गत किया गया। योजनान्तर्गत क्रियान्वयन के विभागीय निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विगत 3 वर्षों में प्रश्नांश (क) पन्ना एवं कटनी जिले में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) प्रशिक्षण कार्यक्रम में बालिकाओं की संख्या, प्रशिक्षण का विषय एवं प्रशिक्षणकर्ता की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु प्रदाय राशि एवं 24 प्रशिक्षण मद म व्यय की गई राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत प्रशिक्षण का कार्यक्रम, वास्तविक तौर पर आयोजित कर शासन/विभाग की मंशानुसार बालिकाओं को प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है एवं सबंधितों द्वारा ऐसा न होना प्रतिवेदित किया गया है।
नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
77. ( क्र. 3534 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में मुख्यमंत्री नल-जल योजना के तहत कब-कब योजना प्रारंभ की गयी और वर्तमान में किन-किन ग्रामों में योजना संचालित है? किन-किन ग्रामों में कब से बाधित है? पवई विधानसभा के ग्रामों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए विगत 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य किए गये? ग्रामवार बतायें। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में विगत 03 वर्षों में पेयजल की उपलब्धता हेतु जनप्रतिनिधि या अन्य किस-किस स्तर से मांग विभाग को प्राप्त हुयी? किस मांग पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृति प्रदान कर कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य कराये गये? (ग) पन्ना जिले एवं विकासखण्ड स्तर में वर्तमान ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की उपलब्धता और आपूर्ति हेतु विभाग की क्या कार्य योजना थी? क्या नियत कार्य योजना के अनुसार कार्य पूर्ण किए गये? यदि हाँ, तो विवरण बतायें? यदि नहीं, तो कार्य अपूर्ण होने के कारण बतायें? (घ) क्या डी.एम.एफ. की राशि से पेयजल संबंधी कार्य प्राथमिकता से कराये जाने के आदेश हैं? यदि हाँ, तो जिले में विगत 02 वर्षों में डी.एम.एफ. मद में कितनी राशि उपलब्ध थी? इससे पेयजल संबंधी क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत से कहाँ-कहाँ किए गए और डी.एम.एफ. की राशि से अन्य कार्य कराने का कारण बताएं? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत पेयजल की उपलब्धता और पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्य किए जाने प्रस्तावित हैं? इन कार्यों को किस प्रकार और कब तक पूर्ण किया जाएगा और पवई विधानसभा के ग्रामों में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को किस प्रकार और कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) आवश्यकता अनुसार नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंप में राइजर पाइप बढ़ाने एवं हैण्डपंप के स्थान पर सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित करने एवं कम जल आवक क्षमता वाले हैण्डपंपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग कर पेयजल व्यवस्था करने की योजना के अंतर्गत कार्य किया जाकर पेयजल उपलब्ध करवाया गया। इसके अतिरिक्त हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत हैण्डपंपों को निरंतर चालू बनाये रखा गया। (घ) जी हाँ। इस मद में राशि प्राप्त नहीं हुई है। अतः कोई कार्य नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (ग) अनुसार, हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। विभाग द्वारा कारणों का परीक्षण कर निरंतर कार्य किया जा रहा है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 3549 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 919, दिनांक 29/11/2017 को उत्तर दिया था कि तत्कालीन तहसीलदार द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन के क्रम में जाँच की जाकर वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था, तो किस वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशों पर कार्यवाही की गई थी? उक्त अधिकारी का मूल पद व नाम बतायें। (ख) क्या प्रश्न क्रमांक 919, दिनांक 29/11/2017 के उत्तर में जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, लेख किया था, तो क्या उक्त जाँच प्रतिवेदन में आवेदक द्वारा सूचना पत्र लेने के इन्कार के अलावा तामिली के संबंध में अन्य कोई दस्तावेज संलग्न नहीं है, लेख किया था? यदि हाँ, तो क्यों? तत्कालीन तहसीलदार द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की अनुसूची-1 नियम 15 (अ) के तहत चस्पांगी के आदेश जारी नहीं किये गये थे? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उपार्जन नीति की कंडिका 12 में गुणवत्ताविहीन होने पर एक सैंपल संबंधित अधिकारी के द्वारा हस्तांतरित कर रखा जायेगा, लेख है? यदि हाँ, तो तत्कालीन तहसीलदार द्वारा उक्त गेहूँ का सैंपल रखा गया था? हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उपार्जन नीति की कंडिका 33 में नमी मापक यंत्र की व्यवस्था की जाये तथा नमी का मेजरमेंट भी उसी से किया जाये, लेख था? यदि हाँ, तो क्या जप्त करते समय गेहूँ की नमी मापक यंत्र से नमी का मेजरमेंट किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? क्या यदि नमी मापक यंत्र से मापा जाता तो नये व पुराने गेहूँ की गुणवत्ता की पहचान की जा सकती थी? (घ) क्या जप्त दिनांक तक खरीदी केन्द्र पर बारदाना शेष था? यदि हाँ, तो कितना? क्यों तत्कालीन तहसीलदार द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन में बारदाना खत्म होने का लेख किया था? (ड.) क्या तत्कालीन तहसीलदार द्वारा अपने पद एवं शक्ति का दुरूपयोग कर उक्त गेहूँ जप्ती किया जाना उल्लेखित होता है? यदि हाँ, तो क्या शासन तत्कालीन तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) तत्कालीन अपर कलेक्टर श्री जे.के. श्रीवास्तव के निर्देशों पर कार्यवाही की गई थी। (ख) जी हाँ। जी हाँ। तत्कालीन तहसीलदार द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की अनुसूची-1 नियम-15 (अ) के तहत चस्पांगी के आदेश जारी किए जाने के संबंध में मूल दस्तावेज़ एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया है। (ग) जी हाँ। सेम्पल रखे जाने एवं गुणवत्ता जाँच के संबंध में मूल दस्तावेज़ एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया है। (घ) बारदानों की जानकारी के संबंध में मूल दस्तावेज़ एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया है। (ड.) प्रकरण के संबंध में मूल दस्तावेज़ एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया है।
शासकीय कार्य हेतु बसों का अधिग्रहण
[परिवहन]
79. ( क्र. 3561 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 जनवरी से दिसम्बर 2018 तक परिवहन विभाग द्वारा कुल कितनी बसें शासकीय कार्यक्रमों में जनता को ले जाने के लिए अधिग्रहित की गईं? 5 वर्ष की कुल संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की अधिग्रहित बसों को कुल मिलाकर कितना शुल्क भुगतान किया जाना था? यह भुगतान, विभाग के किस लेख शीर्ष मद से किया गया? क्या यह व्यय बजट में स्वीकृत था? (ग) प्रश्नांश (ख) के भुगतान पर ऑडिट विभाग की आपत्ति हो, तो उससे अवगत करावें तथा बतावें कि बसें किस नियम से अधिग्रहीत की गईं? (घ) परिवहन विभाग द्वारा इंदौर में चल रही चार्टर तथा स्काय बस को किस रूप में परमिट किस नियम से जारी किया गया? क्या A.I.C.T.S.L. की तर्ज पर कोई निजी कंपनी भी ए.सी. बसें चलाये तो उसे भी अनुमति दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ-07/2017/आठ भोपाल, दिनांक 29/06/2017 द्वारा शासकीय प्रयोजनों के लिए जिला दण्डाधिकारी एवं जिला कलेक्टरों द्वारा निजी वाहनों का अधिग्रहण किया जाता है। जिला दण्डाधिकारी/कलेक्टर्स के आदेशों की तामीली कराई जाकर वाहनें संबंधित विभाग को उपलब्ध कराई जाती है। परिवहन विभाग द्वारा शासकीय कार्यक्रमों में जनता को ले जाने के लिए स्वयं वाहनों को अधिग्रहित नहीं करता है। शेष प्रश्नांश का उत्तर अपेक्षित नहीं है। (ख) विभाग द्वारा जिला प्रशासन व अन्य विभागों की मांग पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के वाहन अधिग्रहण के आदेश के तहत बसें अधिग्रहित कर संबंधित विभाग को उपलब्ध कराई गई है। बसों के किराये का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चार्टर बस एवं स्काय बस को परमिट प्रदाय किये जाने के संबंध में पृथक से कोई नियम नहीं है। इन बसों को मोटरयान अधिनियम 1988 में विहित प्रावधानों के अधीन परमिट जारी किये गये हैं। यात्री बसों को परमिट प्रदाय किये जाने के संबंध में मोटरयान अधिनियम 1988 में प्रावधान लागू किये गये हैं, यदि कोई निजी कंपनी बसों के परमिट प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करती है तो आवेदन पत्र पर नियमानुसार विचार किया जाकर निराकृत किया जावेगा।
दोषियों को अन्यत्र हटाते हुए जाँच कराकर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
80. ( क्र. 3568 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार राशन सामग्री के आवंटन को पोर्टल पर दर्ज करने, आवंटन उपरांत सी.एस.एम.एस. सॉफ्टवेयर पर एन.आई.सी. द्वारा आवंटन डाटा उपलब्ध कराया जाना, जिसके आधार पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन द्वारा प्रदाय केन्द्रों से डी.ओ./आर.ओ. जारी कर परिवहन को सामग्री उठाव हेतु प्रदान करने के प्रावधान हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो सतना जिले में किन-किन संविदाकारों/ठेकेदारों को सामग्री उठाव कर उचित मूल्य की दुकानों में पहुंचाने का आदेश किन अनुबंधों की शर्तों पर कितनी अवधि के लिए दिया गया? प्रति देते हुए बतावें। दुकानों पर उठाव कर सामग्री वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन दुकानों पर सामग्री पहुँचाई? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में शासन के जारी आदेशों एवं जारी निर्देशों के विपरीत सतना जिले के वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन यूनिट क्र. 2 गोदाम नं. 12 एवं 13 में अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर द्वारा मारी गई छापेवारी की कार्यवाही के दौरान 1262 बोरी शक्कर गोदाम क्रमांक 13 में एवं 40 बोरी शक्कर गोदाम नं. 12 में पकड़ी गई। संबंधित मैनेजर आर.पी. उपाध्याय ठेकेदार विशाल जायसवाल एवं जिला खाद्य नागरिक अधिकारी नागेन्द्र सिंह के विरूद्ध कालाबाजारी के प्रकरण तैयार कर अपराधिक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं कराए गए, जबकि पूर्व में श्री उपाध्याय द्वारा गरीबों के धान को व्यापारियों को बेचकर किसानों की राशि का भुगतान नहीं किया गया, श्री उपाध्याय एवं श्री नागेन्द्र सिंह पिछले पाँच वर्षों से ज्यादा समय से पदस्थ हैं, जबकि शासन के मंशानुसार प्रत्येक तीन वर्षों से स्थानान्तरित कर दिए जाने चाहिए। इस पर भी कार्यवाही लंबित है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आदेशों के परिपालन में प्रश्नांश (ग) अनुसार शक्कर के कालाबाजारी में संलिप्तों के विरूद्ध कार्यवाही न होने पर दिनांक 01.04.2019 को श्री जे.पी. कुशवाहा एवं दिनांक 05.04.2019 को कार्यवाहक अध्यक्ष जिला सतना द्वारा कलेक्टर सतना को पत्र दिया, जिस पर कार्यवाही अपेक्षित हैं, क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) (ख) के निर्देशों से हटकर प्रश्नांश (ग) के कर्मचारियों एवं ठेकेदारों द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में शक्कर एवं अन्य खाद्य सामग्री न पहुंचाने एवं कालाबाजारी में लिप्त संबंधित दोषियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं जिम्मेदारों को अन्यत्र हटाते हुए जाँच करावेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
81. ( क्र. 3584 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में जारी की गई खाद्यान्न पात्रता पर्ची की जानकारी देवें? (ख) विगत 01 वर्ष में प्राप्त सामग्री और वितरण की गई सामग्री की पंचायतवार जानकारी देवें? (ग) वंचित हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची वितरण का कार्य चल रहा है या नहीं तथा आवेदन करने के कितने समय बाद पात्रता पर्ची जारी कर दी जाती है? (घ) खाद्यान्न पात्रता पर्ची पर खाद्यान्न सामग्री वितरण की जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। माह अप्रैल, 2018 से समस्त पात्रता श्रेणी के 12.22 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (घ) अधिनियम के अंतर्गत जारी वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को वितरण सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स' अनुसार है।
उपभोक्ता संरक्षण फोरम की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 3585 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा उपभोक्ता संरक्षण फोरम बनाने का क्या उद्देश्य था? कार्यवाही करने की प्रक्रिया की जानकारी देवें। (ख) मंदसौर जिले में विगत 2 वर्षों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई और उसके विरोध में अपील पर उपभोक्ताओं को क्या-क्या संरक्षण प्राप्त हुआ है? नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा जन जागरण हेतु कौन-कौन से कार्यक्रम चलाये जाते हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत कार्यक्रमों पर व्यय हुई राशि की बिल सहित जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने एवं शिकायतों को कम खर्चीले एवं सरल तरीके से निराकरण करने के उद्देश्य उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधान अंतर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम गठित किये जाते हैं। वादकारण उत्पन्न होने से उपभोक्ता द्वारा विवरण सहित अपनी शिकायत को वादकारण के 2 वर्ष के भीतर प्रस्तुत किया जा सकता है। राशि रूपये 20.00 लाख मूल्य तक की शिकायतें जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम तथा राशि रूपये 20.00 लाख से रूपये 1.00 करोड़ मूल्य तक की शिकायतें राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं राशि रूपये 1.00 करोड़ मूल्य से अधिक की शिकायतें राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है। जिला फोरम के निर्णय से असंतुष्ट होने की दशा में पारित निर्णय के 30 दिन के भीतर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के समक्ष अपील प्रस्तुत की जा सकती है। तत्पश्चात् विपक्षी पक्ष को फोरम/आयोग में निर्धारित समयावधि में उपस्थित होने हेतु सूचना पत्र जारी किया जाता है, दोनों पक्षों को पर्याप्त सुनवाई का अवसर दिया जाकर विधि अनुसार प्रकरण का निराकरण किया जाता है। (ख) मंदसौर जिले में विगत दो वर्षों में (जनवरी 2017 से जून 2019 तक) जिला फोरम में 466 प्राप्त प्रकरणों में 245 प्रकरणों का निराकरण किया गया। उक्त में अपील संबंधी प्रकरणों की नाम व पता सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा मंदसौर जिले में प्रत्येक वर्ष दिनांक 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस एवं दिनांक 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। राज्य स्तर से इसके अतिरिक्त राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन का संचालन एवं प्रचार-प्रसार किया जाता है। साथ ही उपभोक्ता कल्याण हेतु उपभोक्ता मित्र, उपभोक्ता क्लब एवं ग्रामीण उपभोक्ता सशक्तिकरण के क्रियान्वयन हेतु उपभोक्ता कल्याण निधि से सहायता उपलब्ध कराई जाती है। (घ) जिला मंदसौर में वर्ष 2018-19 में दिनांक 24 दिसम्बर, 2018 को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के आयोजन हेतु बिल क्रमांक 69, दिनांक 05.2.2019 द्वारा राशि रूपये 8649/- एवं दिनांक 15 मार्च, 2019 को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के आयोजन हेतु बिल क्रमांक 80, दिनांक 26.3.2019 द्वारा राशि रूपये 6845/- का व्यय किया गया।
कटनी जिले में पर्यटन क्षेत्र
[संस्कृति]
83. ( क्र. 3603 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुड़वारा विधानसभा के कन्हावारा क्षेत्र में गढ़ी एवं धार्मिक स्थल, पौसरा पंचायत में पौसरा हार में पुराना किला तथा झिंझरी पहाड़ी में शैल चित्र जैसे पुरातात्विक स्थल मौजूद हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन स्थलों का संरक्षण/विकास करते हुए इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोई योजना शासन द्वारा बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या कटनी जिले में पर्यटन क्षेत्र हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) मुडवारा विधानसभा के कन्हावारा क्षेत्र में गढ़ी एवं धार्मिक स्थल, पौसरा हार में पुराना किला राज्य संरक्षित स्मारक नहीं है। झिंझरी में शैल चित्र क्र. 1 से 14 तक राज्य संरक्षित स्मारक है जो वन भूमि में मौजूद है तथा सुरक्षित है। विभाग राज्य संरक्षित स्मारकों पर आवश्यकतानुसार अनुरक्षण कार्य कराता है। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) वर्तमान में कोई योजना स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवन का निर्माण एवं मूलभूत सुविधाएं
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 3606 ) श्री जसमंत जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र करैरा में ऐसे कितने शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जो भवन विहीन होकर वर्तमान में किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनमें आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत हो चुके हैं, निर्माण कार्य कितनों में प्रारंभ हैं, कितने प्रगतिरत हैं तथा कितने अपूर्ण हैं तथा कितने अप्रारंभ हैं तथा अप्रारंभ तथा अपूर्ण रहने के क्या-क्या कारण हैं? सूची उपलबध करावें। (ग) ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जहाँ जर्जर हालत होते हुये भी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें बारिश में पानी टपकता है और बिजली की कोई व्यवस्था और न ही पंखो की कोई व्यवस्था है, जिस कारण गर्भवती माताओं एवं कुपोषित बच्चों को इस भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। (घ) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को शासन कब तक मूलभूत सुविधाओं के साथ भवन बनाकर देगा तथा वर्तमान में जो मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं, उनमें कब तक व्यवस्था की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा अन्तर्गत 125 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं, जिनमें से शहरी क्षेत्र में 53 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 72 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है, जो कि वर्तमान में किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 13 आंगनवाड़ी भवन प्रति भवन लागत राशि रूपये 7.80 लाख के मान से स्वीकृत किये गये हैं। जिनमें से 07 आंगनवाड़ी केन्द्र शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजन अन्तर्गत एवं 06 आंगनवाड़ी केन्द्र ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण अन्तर्गत स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत समस्त 13 आंगनवाड़ी भवनों में निर्माण कार्य प्रारंभ/प्रगतिरत् है, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवन की जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा क्षेत्र करैरा अन्तर्गत जर्जर हालत एवं बारिश में पानी टपकने वाले आंगनवाड़ी भवनों की संख्या निरंक है। विधानसभा क्षेत्र करैरा अन्तर्गत 463 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली एवं पंखों की व्यवस्था नहीं है। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन का समय परिवर्तित किये जाने से गर्भवती माताओं एवं कुपोषित बच्चों को भीषण गर्मी में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। (घ) आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति के साथ ही मूलभूत सुविधाओं अन्तर्गत पेयजल व्यवस्था हेतु हैण्डपंप की स्वीकृति दी जाती है तथा विद्युत व्यवस्था हेतु पृथक से योजना विचाराधीन है। भवन निर्माण तथा मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
S.C./S.T.परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
85. ( क्र. 3642 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75.26 % सीमा तक लाभ दिया जा सकता है? सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का कोई भी प्रावधान अधिनियम की धारा (3) के अंतर्गत नहीं है? (ख) क्या वर्ष 2016 से उज्जैन जिले में नवीन परिवारों का सत्यापन कर नाम जोड़ने की प्रक्रिया में खाद्य पर्ची जनरेट नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो नाम जोड़ने के लिए प्रस्तावित नवीन परिवारों के B.P.L./S.C./S.T. को खाद्यान्न कैसे उपलब्ध हो रहा है? (ग) क्या हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होने पर तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित समय-सीमा में जारी होना चाहिए? यदि हाँ, तो खाद्य पर्ची (जनरेट) नहीं होने के कारण कितने परिवार वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में खाद्य मिलने से वंचित हैं, वर्तमान सरकार तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक लेकर कब तक समस्या का हल करने का प्रयास करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। उज्जैन जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 2,67,084 परिवारों को वैध पात्रता पर्ची जारी कर राशन का वितरण किया जा रहा है। माह जनवरी, 2018 की स्थिति में समग्र पोर्टल पर नवीन सत्यापित समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति तथा बी.पी.एल. श्रेणी के 3,24,393 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है, जिसमें उज्जैन जिले के 7,406 परिवारों को भी लाभांवित किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। माह अप्रैल, 2018 से समस्त पात्रता श्रेणी के 12.22 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (ग) वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने तथा परिवार में बच्चे का जन्म होने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। शेष प्रश्न का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
राजपत्रित एवं सहायक ग्रेड-3 की पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 3674 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजस्व विभाग/कलेक्ट्रेट/कमिश्नर कार्यालय में अधीक्षक के पदों को क्या राजपत्रित घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पदों के समकक्ष होने से क्या महिला एवं बाल विकास विभाग में स्वीकृत अधीक्षक के पद को भी राजपत्रित घोषित किये गये हैं? यदि नहीं, तो महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीक्षक के पदों को कब तक राजपत्रित घोषित किया जावेगा? (ख) महिला एवं बाल विकास विभाग में सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पदों पर पदोन्नति क्या लंबे समय से लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि पदोन्नति नहीं की जा सकी? इन कर्मचारियों को कब तक पदोन्नत कर दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। महिला एवं बाल विकास विभाग में ऐसा कोई प्रावधान नहीं। (ख) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजनाओं में स्वीकृत सहायक ग्रेड-2 के पदों को आगे जारी न रखने का निर्णय लिया गया। इस कारण से पदोन्नति नहीं की जा सकी। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
आबादी को रिकॉर्ड में बदलने का मामला
[राजस्व]
87. ( क्र. 3680 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ओरछा तहसील अंतर्गत खसरा नंबर 457 के नक्शें में बंदोबस्त समय से आबादी के चिन्ह बने हैं? (ख) भू-राजस्व संहिता के अनुसार क्या पटवारी को बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के बंदोबस्त समय से चली आ रही आबादी को बदलने का अधिकार प्राप्त है? (ग) ओरछा तहसील अंतर्गत बंदोबस्त खतौनी में श्री रामराजा मंदिर प्रांगण और चतुर्भुज मंदिर के क्या नंबर रहे हैं एवं वर्तमान खतौनी में उनके क्या नंबर हैं? (घ) ओरछा तहसील अंतर्गत खसरा नं. 457 की जाँच रिपोर्ट में कलेक्टर टीकमगढ़ ने दिनांक 05 अप्रैल, 2016 को यह अपनी जाँच रिपोर्ट में लिखा कि खसरा नंबर 456 में मंदिर प्रांगण पूर्व से दर्ज होने एवं खसरा नंबर 457 बिल्कुल मंदिर से सटा होने के कारण वर्तमान में मंदिर के विकास एवं चौड़ीकरण होने से उक्त स्थिति निर्मित हुई है? क्या खसरा नं. 456 में पूर्व से मंदिर प्रांगण दर्ज है? (ड.) ओरछा तहसील अंतर्गत खसरा नं. 457 में सन् 1989 से 1994 तक चार बार एंट्री बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के बदली गई? क्या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई, नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) बन्दोबस्त खतौनी में चतुर्भुज मंदिर का खसरा नं. 456 है तथा रामराजा मंदिर प्रांगण नाम से खसरा अंकित नहीं है। वर्तमान खतौनी में खसरा नम्बर 457 मंदिर प्रांगण है और खसरा नम्बर 456 चतुर्भुज मंदिर है। (घ) खसरा नम्बर 456 चतुर्भुज मंदिर दर्ज है। (ड.) पटवारी द्वारा गश्त के दौरान मौके पर पाई स्थिति अनुसार खतरे में इन्द्राज किया गया है। यह खसरा नम्बर शासकीय है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
गेहूँ उपार्जन केंद्रो के निर्धारण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
88. ( क्र. 3688 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलान्तर्गत समर्थन मूल्य पर वर्ष 2019-20 में गेहूँ उपार्जन केंद्रों के निर्धारण में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों का अक्षरश: पालन न करते हुये निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि हाँ, तो प्रत्येक निर्धारित केंद्रवार पात्रता के बिंदु स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपार्जन केंद्र आंवटन में पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर कुछ समितियों को सभी पात्रतायें धारित करने के बावजूद भी कार्यक्षेत्र के बहाने केंद्र आवंटन से वंचित क्यों किया गया, वही दूसरी और कार्य क्षेत्र से बाहर की समितियों को उपार्जन केंद्र आवंटित किये गये, क्यों? (ग) द्वेषपूर्ण उपार्जन केंद्र आवंटन के लिये कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी उत्तरदायी हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो समितियों को उनके कार्यक्षेत्र में ही उपार्जन केंद्र आवंटित किये गये हैं? समितिवार स्पष्टीकरण दें। (घ) गेहूँ उपार्जन केंद्र के निर्धारण में अनियमितता व कृषकों में व्याप्त आक्रोश को दूर करने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। सतना जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण उपार्जन नीति के मापदण्ड अनुसार किया गया है। गेहूँ उपार्जन हेतु जारी नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सतना जिले में गेहूँ उपार्जन कार्य समाप्त हो चुका है, जिसमें 91 उपार्जन केन्द्रों से 37,710 कृषकों से 2.47 लाख मेट्रिक टन का उपार्जन सुचारू रूप से किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विसंगतिपूर्ण खाद्यान्न आवंटन का मामला
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
89. ( क्र. 3691 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में माह जुलाई 2019 के लिए उचित मूल्य दुकानवार जारी खाद्यान्न एवं केरोसिन आवंटन में राशनकार्ड धारी हितग्राहियों की संख्या पूर्ववत होने के बावजूद भी शून्य और कुछ दुकानों को मात्रा कम करके आवंटन जारी किया गया है, क्यों? दुकानों के नाम बार पृथक-पृथक कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के आलोक में क्या विसंगतिपूर्ण खाद्यान्न आवंटन से पात्र उपभोक्ताओं को भरणपोषण हेतु खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो सकेगा? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के लिए कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित विसंगतिपूर्ण आवंटन से वंचित पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न उपलबध कराने हेतु क्या व्यवस्था की जावेगी? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पात्र परिवारों की संख्या के मान से ही खाद्यान्न एवं केरोसीन का आवंटन पात्रतानुसार जारी किया गया है। उचित मूल्य दुकानों को जारी किया जाने वाले प्रश्नांकित माह का नेट आवंटन दुकानों पर पूर्व माहों की शेष मात्रा को कम करके जारी करने से शून्य आवंटन जारी किया गया था। कुछ दुकानों के विगत माह के वितरण की डाटा एंट्री पूर्ण न हो पाने से आवंटन कम प्राप्त होने के कारण जिले से संशोधन की मांग करने पर तद्नुसार संशोधित आवंटन जारी किया गया है। पूर्व में जारी आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ' अनुसार एवं संशोधित आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन इंदौर संभाग में बिना परमिट की बसें
[परिवहन]
90. ( क्र. 3755 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर संभाग वर्तमान में किस-किस मार्ग पर कौन-कौन सी निजी बसों के परमिट जिला परिवहन अधिकारी एवं संभागीय परिवहन अधिकारी ने किस-किस दर से कहाँ-कहाँ के लिये जारी किये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जारी किये गये परमिट के रूट को लेकर कब-कब एवं किस-किस व्यक्ति ने बस मालिक के खिलाफ शिकायत की? उस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उज्जैन संभाग में मुख्य शहरों के बीच बड़ी कंपनियों द्वारा मात्र 1 परमिट लेकर प्रतिदिन 4 से 5 बसों का संचालन 2 से 3 फैरों में किया जा रहा है तथा अधिकारियों की लापरवाही के चलते लाखों रूपयों के विभागीय राजस्व की विभाग को हानि हो रही है, इसकी जाँच उच्चस्तरीय अधिकारियों ने उक्त संभाग में कब-कब की? (घ) क्या बड़े शहरों के बीच चलने वाली डबल डेकर बसों को बस स्टैण्ड में आने की पात्रता नहीं है तथा एक गन्तव्य से दूसरे गन्तव्य तक बीच में कही भी सवारी बिठाने का अधिकार बस मालिक को नहीं है? ऐसे कितने परमिट विभाग ने जारी किये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अशासकीय संस्थाओं को शासन से प्राप्त अनुदान
[महिला एवं बाल विकास]
91. ( क्र. 3761 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत कितने नारी निकेतन संस्था/बाल संरक्षण गृह तथा वृद्ध आश्रम संचालित हैं, जिन्हें शासन से वित्तीय अनुदान प्राप्त है? संस्थाओं के नाम, पता तथा वर्तमान में दर्ज महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धों की संख्या बताएं। वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक शासन/जिला स्तर से कितनी-कितनी वित्तीय सहायता राशि प्रदाय की गई? संस्थावार एवं वर्षवार राशि का ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जिला अंतर्गत ऐसी कितनी संस्थाएं हैं, जहां उनके स्वयं के नाम से ना तो भवन है और ना ही रहने की व्यवस्था है? क्या शासन से संस्था के मालिकों द्वारा अनुदान प्राप्त किया जाकर राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों द्वारा किस अवधि में कब-कब ऐसी संस्थाओं का निरीक्षण किया गया? कृपया निरीक्षण करने वाले अधिकारी का नाम, निरीक्षण दिनांक एवं कितने-कितने बच्चों की उपस्थिति पायी गयी? (ग) क्या विभाग ऐसी संस्थाओं को जो कागजी खानापूर्ति से चल रहीं है एवं शासन का लाखों रुपये अनुदान के रुप में प्राप्त कर रही हैं? उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत 01 शिशु गृह संचालित है, जिसे विभाग से वित्तीय अनुदान प्राप्त है। संस्था का नाम अशासकीय संस्था गोपाल महिला मण्डल, पता खुजनेर रोड मण्डी के सामने जिला राजगढ़ है। संस्था में वर्तमान में 02 बच्चे दर्ज हैं। संस्था को वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रू. 1304028/- वर्ष 2018-19 मे राशि रू. 1226953/- तथा वर्ष 2019-20 में वर्तमान तक कोई राशि नही दी गई है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार संचालित शिशु गृह का स्वयं का कोई भवन नही है। जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं संस्था द्वारा विभाग के निर्धारित मापदण्ड अनुसार गृह का संचालन किया जा रहा है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनांतर्गत शासकीय राशि का दुरूपयोग
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
92. ( क्र. 3762 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2017-18 से 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजना के अन्तर्गत विभाग द्वारा किस-किस ग्राम में नल-जल योजना की कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कब-कब निविदायें आमंत्रित की गई है? ऑनलाईन/न्यूज पेपर का नाम तथा दिनांक से अवगत करावें। शेष प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त योजनाओं की निविदायें क्यों नहीं आमंत्रित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत किन-किन ग्रामों की नल-जल योजनाओं की निविदाएं स्वीकृत की जाकर कार्यादेश जारी किये गये हैं? कृपया ठेकेदार/एजेन्सी के नाम एवं कार्य पूर्णता की दिनांक से अवगत करावें, उनके विरुद्ध कितनी योजनाओं के कार्य पूर्ण किये गये? शेष योजनाएं कब तक पूर्ण कर दी जावेगी? विधानसभावार, वर्षवार, ग्रामवार जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आमंत्रित निविदायें कुछ समय के लिये ऑनलाईन अथवा स्थानीय/लोकल न्यूज पेपर में आमंत्रित की जाकर विभागीय अधिकारियों की सांठ-गांठ से एक ही ठेकेदार/एजेन्सी को कितने-कितने ग्रामों की योजनाओं के कार्यादेश जारी कर निम्न गुणवत्ता का कार्य कराया जाकर, लाखों रूपयें की योजनाओं में कोई भी कमी बताकर बन्द करा दिया जाता है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय संयोजन उपलब्धता अनुसार निविदाएं आमंत्रित की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निविदाओं का प्रकाशन, सूचना एवं प्रकाशन विभाग के माध्यम से शासन के नियमानुसार कराया जाता है तथा आमंत्रण ऑनलाईन किया जाता है, जिसमें किसी भी सांठ-गांठ की संभावना नहीं है। कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्टाम्प शुल्क पर निर्धारित कमीशन
[वाणिज्यिक कर]
93. ( क्र. 3784 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ज्यूडिशियल एवं नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प विक्रय के संबंध में क्या नियम हैं तथा उक्त स्टाम्पों के विक्रय पर सर्विस प्रोवाईडर को स्टाम्प राशि से ही कमीशन दिया जाता है अथवा उनको पृथक से राशि लिये जाने का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत राशि अधिक लिये जाने का प्रावधान है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या स्टाम्प विक्रेताओं को स्टाम्प विक्रय से प्राप्त राशि से ही कमीशन का प्रावधान है, लेकिन उनके द्वारा स्टाम्प राशि के अतिरिक्त 15-20 प्रतिशत तक कमीशन के रूप में राशि ली जा रही है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) ज्यूडिशियल स्टाम्प का विक्रय कोर्ट फी अधिनियम 1870 के अंतर्गत किया जाता है। नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प के विक्रय से संबंधित विस्तृत नियम म.प्र. स्टाम्प नियम 1942 (संशोधन अधिसूचना क्र. एफ बी-4-21-2014-2-पाँच-(28), भोपाल दिनांक 01.11.2014) में दिए गए हैं। कोर्ट फी अधिनियम 1870 के अंतर्गत ज्यूडिशियल स्टाम्प के विक्रय पर 2.5 प्रतिशत कमीशन देय है और नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प के विक्रय पर स्टाम्प विक्रेता को 100/- तक की स्टाम्प राशि पर 2 प्रतिशत एवं 100/- से अधिक राशि के स्टाम्प पर 1.5 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। म.प्र. शासन, वाणिज्यिक कर विभाग, मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक बी 4-64/2014/2/पाँच, दिनांक 22/08/2014 द्वारा ई-स्टाम्पिंग हेतु नियुक्त व्यक्तियों/एजेंसियों को 1.5 प्रतिशत कमीशन देय है एवं ई-स्टापिंग सेवा हेतु नियुक्त व्यक्तियों/एजेंसियों को 5/- प्रति संव्यवहार की दर से सेवा शुल्क प्राप्त करने का प्रावधान है। (ख) हाँ। स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा स्टाम्प राशि के अतिरिक्त 15-20 प्रतिशत कमीशन लिये जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पटवारियों के मुख्यालय पर निवास के निर्देश
[राजस्व]
94. ( क्र. 3795 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग अंतर्गत प्रत्येक तहसील के विभिन्न हल्के में पदस्थ पटवारियों को मुख्यालय पर निवास करने के निर्देश साथ ही अपने हल्के में एक सप्ताह में कितने दिन उपस्थित होने के निर्देश हैं? शासन के निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) सागर जिला अंतर्गत कुल कितने पटवारी हल्का हैं एवं उक्त हल्कों पर कुल कितने पटवारी पदस्थ हैं? इनमें से कितने पटवारी अपने मुख्यालय पर निवास नहीं करते हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) मुख्यालय पर निवास न करने के कारण संबंधित पटवारियों के विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) 774 पटवारी हल्का हैं। उक्त हल्कों पर 599 पटवारी पदस्थ हैं। समय-समय पर पटवारियों को मुख्यालय में निवास करने के निर्देश दिये जाते हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने पर पेनाल्टी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 3805 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में प्रदेश के किस-किस खण्ड के अंतर्गत मेसर्स मांगूलिया ब्रदर्स प्रा.लि. सूरत को कौन-कौन सी योजना के कार्य आवंटित किये गये? योजनावार, जिलावार, बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यादेश कब-कब जारी किये गये तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी? कौन-कौन से कार्य की समयावधि पूर्ण हो चुकी है? समयावधि पूर्ण होने के उपरांत किस-किस कार्य के लिये कितनी समयावृद्धि दी गई? यदि समय वृद्धि नहीं दी गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या समयावधि समाप्त होने पर ठेकेदार पर पेनाल्टी लगाई गयी? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी तथा पेनाल्टी नहीं लगाने से शासन को कितनी राशि की हानि हुई एवं इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मे. मांगूलिया ब्रदर्स प्रा.लि. सूरत को कोई कार्य आवंटित नहीं किया गया है, अपितु मे. मांगूलिया ब्रदर्स प्रा.लि. सूरत को जिलेवार आवंटित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्कीम बोर खनन एवं बोर खनन के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 3819 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा/कार्य एजेंसी द्वारा सागर जिले के किन-किन विकासखण्डों में कितने स्कीम बोर एवं कितने बोर खनन कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) किन-किन विकासखण्डों में स्वीकृत स्कीम बोर खनन/बोर खनन का कार्य विभाग/कार्य एजेंसी द्वारा किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्डवार सागर एवं राहतगढ़ में कितने स्कीम बोर खनन/बोर खनन कार्य किन-किन ग्रामों में किये गये? (घ) प्रश्न (ग) में खनन किये गये कितने स्कीम बोर खनन/बोर खनन में पर्याप्त जल प्राप्त हुआ? किन में पर्याप्त जल अप्राप्त हुआ?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 3834 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कुल कितनी नल-जल योजनाएं पंचायतवार संचालित की गई है? पंचायतवार तथा कुल नल-जल योजनाएं किन-किन पंचायतों में बंद पड़ी हैं तथा कितनी चालू स्थिति में हैं? प्रत्येक का नाम, ग्राम स्थल व निर्माण एजेंसी कौन-कौन सी हैं तथा निर्माण कार्य की समय-सीमा क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि पूर्व में निर्मित हुई पानी की टंकियां कहाँ-कहाँ संचालित हैं? कितनी टंकियों से वॉटर सप्लाई की जा रही है तथा कितनी बंद पड़ी हैं? इसकी देख-रेख किस अधिकारी के माध्यम से की जाती है? यदि वॉटर सप्लाई स्कीमों की टंकियां बंद पड़ी हैं, तो उसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा इसके लिये शासन द्वारा चालू करने की क्या व्यवस्था है? कब तक बंद पड़ी नल-जल योजनाओं की टंकियां चालू कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बंद पड़ी नल-जल स्कीमों को चालू करने के शासन द्वारा बजट का क्या प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में क्रमशः 17, 4 एवं 0 इस प्रकार 21 नल-जल योजनाएं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हस्तांतरित योजनाओं का (स्त्रोत के अभाव को छोड़कर) संचालन संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। विभाग द्वारा कारणों का परीक्षण कर निरन्तर कार्य किया जा रहा है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। बजट का प्रावधान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता है।
नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापित किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 3835 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में प्रत्येक पंचायतों में विभाग द्वारा कितने नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापित कर दिया गया है? उनमें से कितने हैण्डपंप बंद पड़े हैं, कितने चालू हालत में हैं व कितने हैण्डपंप भरे पटे हैं? भरे पटे हैण्डपंपों की सफाई हेतु किस ठेकेदार का कार्य दिया गया है? कितने की सफाई की गई व कितने की शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बिगड़े हुए हैण्डपंपों के राइजर पाइप कितने खराब निकाले गये थे व कहाँ रखा गया था? नया पाइप कितना क्रय किया गया था व कितने पंपों में लगाये जा चुके हैं और कितना स्टॉक में भण्डारण में है? राइजर पाइपों के उपयोग एवं शेष की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह भी बताएं कि बिगड़े हुए हैण्डपंपों के सुधार व राइजर पाइप डलवाने हेतु कितने ठेकेदारों को कार्य दिया गया है? प्रत्येक पंचायतों में पेयजल के संकट को देखते हुए किन-किन पंचायतों को कितने-कितने पंप प्रदान किये गये हैं? क्या विद्युत पंप पंचायतों के हिसाब से दिया जाता है? पंप देने के क्या नियम हैं? पंप किस एजेंसी से क्रय किया जाता है? पंप का रेट (लागत) क्या है? कितना क्रय किया गया था? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हैण्डपंपों के प्लेटफार्म बने हैं? कितने के शेष हैं? प्लेटफार्म बनाने का कार्य किस संविदाकार को कितनी-कितनी राशि का प्रत्येक प्लेटफार्म बनाने को दिया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में क्रमशः 89, 77 एवं 90 इस प्रकार 256 हैण्डपंप स्थापित किये गये। कोई नहीं, सभी हैण्डपंप चालू हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्थापित सभी हैण्डपंपों के। पृथक प्लेटफार्म बनाने का कार्य किसी अन्य संविदाकार को नहीं दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी नामान्तरण संबंधी प्रकरण
[राजस्व]
99. ( क्र. 3841 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर, पटवारी हल्का सगरा के खसरा नंबर 668, रकबा 4.89 एकड़ स्वर्गीय श्री रामउदार मिश्रा की जमीन का नामान्तरण किस-किस के नाम किया गया? खसरा 668 से संबंधित समस्त नामान्तरण आदेशों की प्रति देवें? 668 में श्रीमती पार्वती पाण्डेय व अन्य पाण्डेय वगैरह के नाम जमीन का नामान्तरण किस आधार पर किया गया है? उक्त जमीन पर मौके पर कौन काबिज है? संपूर्ण जानकरी दी जाये। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में प्रमुख सचिव राजस्व के पत्र क्रमांक 1797/PSR/PA/17, दिनांक 06 अप्रैल, 2017 पर कलेक्टर कार्यालय व तहसील कार्यालय द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रेषित पत्र व की गई कार्यवाही की प्रतियां देवें। यदि नहीं, तो शासन द्वारा क्या प्रशासनिक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांकित क्षेत्र के खसरा नंबर 668 में फर्जी नामान्तरण श्रीमती पार्वती पाण्डेय व अन्य पाण्डेय वगैरह के नाम किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त फर्जी नाम अतिशीघ्र हटाये जायेंगे व वास्तविक स्वामियों के नाम कब किया जावेगा? यदि नामांतरण कर दिया गया है तो विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील हुजूर पटवारी हल्का सगरा के खसरा नं. 668 में 06 बटांक कायम है। खसरा नं. 668/1 रकबा 0.563 हे. अनुसुइया प्रसाद पिता दमोदर खसरा नं. 668/2 रकबा 0.661 हे. राजकुमार पिता सुरेश प्रसाद 668/3 रकबा 0.067 हे. सुशीला देवी पति रामस्वयंवर, रामचरित, गुरूप्रसाद उर्मिला देवी गिरिजा देवी, संगीता पिता रामनाथ 668/4 रकबा 0.556 हे. दिलराज कुमार बेवा सुरेश प्रसाद, योगेन्द्र प्रसाद, चन्द्रभान पिता सुरेश प्रसाद बराबर भाग 1/3 के भूमि स्वामी 668/5 रकबा 0.066 हे. रामरती पत्नी पारसनाथ जाति ब्रा. एवं 668/6 रकबा 0.066 हे. पार्वती पति ठाकुर प्रसाद जाति ब्रा. वर्तमान दर्ज रिकॉर्ड है। खसरा नं. 688 में श्रीमती पार्वती वगैरह के नाम नामान्तरण तहसीलदार के राजस्व प्रकरण क्रमांक 154/अ-27/2008-09 आदेश दिनांक 30.07.2009 द्वारा आराजी नं. 668/3 रकबा 0.067 हे., 668/5 रकबा 0.066 हे., 668/6 रकबा 0.066 हे. का किया गया। भूमि खसरा नं. 668/1, 668/2, 668/4 में भूमि स्वामी मौके पर काबिज है। (ख) प्रश्नांकित पत्र के संदर्भ में प्रकरण क्रमांक 81/अ-74/2016-17 में पारित आदेश दिनांक 19.12.2018 द्वारा प्रकरण का निराकरण किया गया। (ग) खसरा नम्बर 668 में श्रीमती पार्वती पाण्डेय वगैरह का बटवारा नामान्तरण राजस्व प्रकरण क्रमांक 154/अ-27/2008-09, दिनांक 30.07.2009 के द्वारा आराजी नं. 668/3 रकबा 0.067 हे., 668/5 रकबा 0.066 हे., 668/6 रकबा 0.066 का किया गया। इस संबंध में कोई अपील आदि प्रचलित नहीं है, न ही इसके विरूद्ध किसी सक्षम न्यायालय का कोई आदेश प्राप्त हुआ है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
एकात्म यात्रा का क्रियान्वयन
[संस्कृति]
100. ( क्र. 3846 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के किन-किन जिलों में किस तारीख से किस तारीख तक एकात्म यात्रा निकाली गई? यात्रा को किस विभाग अथवा संस्था द्वारा संचालित किया गया है, मध्यप्रदेश के किन-किन स्थानों में एकात्म यात्रा निकली? (ख) शहडोल संभाग के अंतर्गत उक्त अवधि में एकात्म यात्रा के माध्यम से कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से कार्य हेतु उपलब्ध कराई गई? किन सदस्यों/पदाधिकारियों/संस्थाओं द्वारा किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) शहडोल संभाग में शासन द्वारा एकात्म यात्रा में सड़क एवं हवाई परिवहन पर कितनी राशि व्यय हुई? यात्रा में शामिल होने वाले अतिथियों के नाम, आवागमन एवं उन्हें ठहराने की व्यवस्था पर हुये व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) यात्रा के दौरान माननीय पूर्व मुख्यमंत्री जी की समस्त घोषणाओं का विवरण देवें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) एकात्म यात्रा प्रदेश के समस्त जिलों में दिनांक 19 दिसम्बर, 2017 से 22 जनवरी, 2018 तक निकाली गई। यात्रा संस्कृति विभाग के पर्यवेक्षण में म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा संचालित की गई। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) शहडोल संभाग के अंतर्गत शहडोल, अनूपपुर व उमरिया जिले के जिला कलेक्टर एवं संबंधित जिलों के जिला समन्वयक को कुल राशि रूपये 51.42 लाख उपलब्ध कराई गई। मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। भुगतान संबंधी जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुष चिकित्सकों की स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्ति
[आयुष]
101. ( क्र. 3852 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कितने आयुष चिकित्सक हैं? (ख) प्रदेश में विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में, अस्पतालों में चिकित्सकों का अत्यधिक अभाव है? एम.बी.बी.एस. डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्र में काम नहीं करना चाहते? क्या वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए आयुष चिकित्सकों को सभी शासकीय अस्पतालों में नियुक्ति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) कुल 1195 आयुष चिकित्सक। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। योजना न होने से।
साहित्य अनुवाद पर व्यय राशि
[संस्कृति]
102. ( क्र. 3853 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश में कितनी राशि साहित्य अनुवाद पर व्यय की गयी? (ख) प्रदेश के प्रख्यात साहित्यकारों की रचनाओं को क्या विभाग अंग्रेजी में अनुवाद करके प्रकाशित करेगा, ताकि समूचा विश्व हमारी प्रतिभाओं से परिचित हो सके? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
विजयलक्ष्मी
साधौ ) : (क) राशि
रू. 3,95,490/- व्यय
की गई।
(ख) वर्तमान
में कोई योजना
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शासकीय भूमि में कूटरचना कर निजी घोषित करना
[राजस्व]
103. ( क्र. 3858 ) श्री राहुल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर सतना के आदेश दिनांक 18.10.2016 एवं अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के आदेश दिनांक 02.11.2016 द्वारा मौजा सोनौरा चेक उतेली की आराजी क्र. 91, 103 एवं 104 शासकीय भूमि की जाँच डॉ. सुदामा प्रसाद कोल पदेन नायब तहसीलदार रघुराज नगर से कराई गई थी? जाँच प्रतिवेदन दें। (ख) क्या नायब तहसीलदार श्री कोल द्वारा अपना जाँच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रघुराजनगर को पत्र क्र. क्यू दिनांक 06.02.2017 द्वारा सौंपा गया था? क्या जाँच प्रतिवेदन में शासकीय भूमि में कूटरचना कर फर्जी तौर पर भूमि स्वामी बनाया जाना पाया गया है? (ग) क्या मौजा सोनौरा चेक उतैली की आराजी क्रमांक 91/11 रकबा 44.00 ए आ.नं. 103 रकबा 14.80ए एवं आराजी नं. 104/1 रकबा 16.41ए में फर्जी तौर पर भूमि स्वामी बनाये जाने के कारण उक्त आराजी के समस्त बटांकों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि प्रश्नांश (क) व (ख) सही है तो उक्त आराजी कब तक शासकीय भूमि घोषित कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। यह सही नहीं है कि प्रस्तुत प्रतिवेदन में अंकित प्रश्नांकित आराजियां खुर्द-बुर्द की गई है। (ग) आराजी क्रमांक 91/11 नहीं है, सही आराजी क्रमांक 91/1 रकबा 44.00 एकड़ वर्ष 1958-59 में म.प्र. शासन दर्ज था। वर्तमान में 91/1 कई बटांकों में स्थापित है। 91/1 को अंश रकबा 20.03 एकड़ म.प्र. शासन दर्ज है। शेष रकबा खतौनी वर्ष 1958-59 से प्रथम खसरा वर्ष 1963-64 के मध्य तथा इसके पश्चात् विभिन्न वर्षों में न्यायालयीन आदेशों से भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। आराजी क्रमांक 103 का अंश रकबा 14.80 हे. एवं आराजी क्रमांक 104/1 रकबा 16.41 हे. वर्ष 1958-59 की खतौनी में म.प्र. शासन दर्ज है। उक्त खतौनी में ही विभिन्न न्यायालयीन आदेशों से भूमि स्वामी स्वत्व के मंजूरी की प्रविष्टि दर्ज है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूद नहीं होता।
शासकीय भूमि में अतिक्रमण का हटाया जाना
[राजस्व]
104. ( क्र. 3872 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के तहसील मऊगंज के पटवारी हल्का पिड़रिया सेंगर क्रमांक 2 के ग्राम पिडिरीया सेंगर की भूमि खसरा क्रमांक 616 रकबा 1.10 एकड़ म.प्र. शासन में अतिक्रमण कर आम निस्तार एवं रास्ता में अवरोध पैदा किये जाने की शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी मऊगंज हनुमना रीवा द्वारा तहसीलदार एवं थाना प्रभारी लौर को संयुक्त रूप से अवैध निर्माण एवं बाधा को दूर करने का आदेश दिया गया था? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या वर्ष 2017-18 में भी खसरे में शासकीय भूमि ही दर्ज है तथा रास्ता भी अवरूद्ध है एवं शासकीय भूमि में अतिक्रमण किया गया है? क्या ग्राम पिड़रिया सेंगर की भूमि खसरा क्रमांक 616, 606/क, 607/क में अतिक्रमण हटाया जाकर आम रास्ता बहाल किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब-तक तथा जिन राजस्व कर्मचारियों के कारण शासकीय भूमि में अतिक्रमण किये जाने पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, उनकी जिम्मेवारी तय कर उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पिडिरीया सेंगर की आराजी नम्बर 616 रकबा 0.445, 606/क रकबा 0.041,607/1 रकबा 0.024 शासन मध्य प्रदेश के नाम शासकीय अभिलेख में दर्ज है। उक्त आराजियों में अतिक्रमण है। अतिक्रमण हटाने हेतु राजस्व प्रकरण क्रमांक 003/अ68/2019-20 दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है, प्रकरण के निर्णय उपरांत अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विधिक कार्यवाही की गई है, अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
कैरोसिन डीलरों/शा.उ. मूल्य दुकानों द्वारा की जा रही अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 3886 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितने कैरोसिन थोक डीलर हैं? सूची प्रदान कराई जावे। क्या थोक डीलरों द्वारा आवंटन अनुसार संस्थाओं को कैरोसिन प्रदाय किया जाता है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो थोक डीलरों पर विगत 3 वर्षों में क्या कार्यवाही की गई? (ख) फर्म मानिक चन्द्र उत्तम चन्द्र तथा नेशनल ट्रेडर्स टीकमगढ़ को विगत 03 वर्षों में कितना कैरोसिन प्राप्त हुआ? उक्त फर्मों द्वारा किसके आदेश से कितना कैरोसिन किन-किन संस्थाओं को प्रदाय किया गया? (ग) थोक डीलरों द्वारा कैरोसिन भण्डारण हेतु डिपो क्या शासन द्वारा निर्धारित मानक अनुसार बनाये गये हैं? क्या नगरीय क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका से नक्शा पास कराया गया है? क्या व्यावसायिक कार्य हेतु स्थित डिपो का डायवर्सन व्यवसायिक में कराया गया है? क्या विस्फोटक लाईसेंस लिया गया है? यदि नहीं, तो तत्काल डिपो निरस्त कर कार्यवाही की जावेगी? (घ) विगत दिनों टीकमगढ़ जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के खाद्यान्न गेहूँ, बाजरा, चावल, कालाबजारी कर रहे मनोज साहू के गोदाम में पकड़े गये थे, जिसकी जाँच की गई? दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ' अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार है। (ग) केरोसीन भण्डारण स्थल के लिए अनुज्ञप्ति पेट्रोलियम नियम, 2002 के अंतर्गत जारी किए जाने का प्रावधान है। इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा कोई मानक नहीं जारी किए गए हैं। किसी भी थोक विक्रेता द्वारा नगर-पालिका से नक्शा पास नहीं कराया गया है। व्यवसायिक गतिविधियों हेतु भूमि के डायवर्सन के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। केरोसीन डीलरों के पास पेट्रोलियम एक्ट, 1934 के अंतर्गत जारी पेट्रोलियम नियम, 2002 के अनुसार अनुज्ञप्ति उपलब्ध है। (घ) जी हाँ। जांचोपरांत प्रतिवेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष विचाराधीन है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जमीन की रजिस्ट्रियों में की गई हेराफेरी की जाँच
[वाणिज्यिक कर]
106. ( क्र. 3913 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक के मध्य, कितनी रजिस्ट्रियां हुई है तथा शासन को कितना राजस्व लाभ प्राप्त हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि रजिस्ट्री करने के शासन ने क्या-क्या नियम बनाये हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें एवं यह भी कि इसी समयावधि में कहाँ-कहाँ नियमों के विपरीत रजिस्ट्री हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि उम्र विक्रय की गई भूमि पर किसके द्वारा कहाँ-कहाँ के खसरा नंबर पर कितने-कितने रकबा पर, बिना किसी स्वीकृति के कॉलोनी काटकर आवास बनाकर बेचे जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि एक ही जमीन की दो बार उसी भूमि की रजिस्ट्री उपरोक्त कार्यालय से हुई तो किस-किस की? ऐसे दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी पर कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक के मध्य 56,602 रजिस्ट्रियां हुई है तथा शासन को रूपये 185.65 करोड़ का राजस्व लाभ प्राप्त हुआ है। (ख) रजिस्ट्री करने के शासन द्वारा मध्यप्रदेश रजिस्ट्रीकरण नियम, 1939 बनाये गये हैं। नियम/आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। टीकमगढ़ जिले में नियमों के विपरीत रजिस्ट्री किये जाने की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) ऐसी कोई जानकारी प्राप्त नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खाद्यान्न पात्रता पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
107. ( क्र. 3916 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद्यान्न पात्रता पर्ची प्रदान करने के क्या नियम कानून हैं, किन नियमों के तहत कौन से हितग्राही इसे पहली बार प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस श्रेणी के कहाँ-कहाँ के कितने परिवार खाद्यान्न पर्ची प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं? कितनों को प्रश्न दिनांक तक पात्रता पर्ची प्रदाय सुविधा प्राप्त है तथा कहाँ-कहाँ के कितने हितग्राही कब से किन कारणों से पात्रता पर्ची प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पात्रता पर्ची विहीन परिवारों को किस प्रकार से कब तक पात्रता पर्ची वितरित कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 25 श्रेणियों के परिवारों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। हितग्राही को पहली बार पात्रता पर्ची प्राप्त करने हेतु समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन उपरांत विभागीय अमले द्वारा उचित मूल्य दुकानों से मैप किया जाता है। इस प्रकार, सत्यापित परिवारों को प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक नवीन पात्रता पर्ची जारी की जाती है तथा स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता पर्ची का वितरण किया जाता है। जिस परिवार को एक बार पात्रता पर्ची जारी कर दी जाती है, वह राशन प्राप्त करने हेतु अपात्र होने (पात्रता श्रेणी से पृथक होने, मृत्यु होने, विवाह आदि कारणों से बाहर प्रवास करने) तक वैध रहती है। (ख) कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 68033 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। श्रेणीवार स्थानीय निकायवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
राजस्व रिकॉर्ड में विसंगतियां
[राजस्व]
108. ( क्र. 3917 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व निरीक्षक मण्डल पौडा तहसील मझौली जिला जबलपुर अंतर्गत आने वाले कुछ ग्रामों में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटर में फीडिंग के समय पूर्व में बेची गयी कृषि भूमि के पंजीकृत बेनामों एवं नामांतरण के अनुसार भूमि का मालिकाना हक में परिवर्तन त्रुटि पूर्ण हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं, इसे अभी तक क्यों नहीं सुधारा गया? पटवारी हल्का नं. 58/68 ग्राम दिनारी खमरिया, तहसील मझौली, जिला जबलपुर की खसरा नं. 233, 234 की कृषि भूमि, जिसे श्री संजय जैन एवं महेंद्र जैन ने क्रय कर 2007 के पूर्व बेनामा पंजीकृत एवं नामांतरण हुआ, कम्प्यूटर में क्रेता के नाम पर दर्ज है, आज दिनांक तक भी विक्रेता के नाम पर क्यों दर्ज नहीं की गयी है? इसी प्रकार की समस्या उक्त ग्राम के और भी अनेक खसरा नं. की भूमि में क्यों बनी हुई है तथा ग्राम गौरा, खलरी एवं राजस्व निरीक्षक मण्डल पौडा के अनेक ग्रामो में उक्त समस्या क्यों आ रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या शासन इसकी जाँच कराकर विसंगतियों में पंजीकृत बेनामों एवं नामांतरण के आधार पर कम्प्यूटर में फीडिंग में शीघ्र सुधार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न (ख) का प्रारंभिक अंश भाग लागू नहीं होता है, शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। प.ह.न. 68 ग्राम दिनारी खम्हरिया तहसील मझौली जिला जबलपुर के खसरा नंबर 233 एवं 234 की कृषि भूमि वर्तमान राजस्व अभिलेख खसरा में विभिन्न लोगों के नाम पर न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त पौडा तहसील मझौली जिला जबलपुर के राजस्व मामला क्रमांक 44 अ/6 (अ) वर्ष 2016-17 एवं राजस्व मामला क्रमांक-77 अ/6 वर्ष 2017-18 के आदेश तहत दर्ज है। इन आदेशों के विरुद्ध अपीलार्थी संजय जैन पिता स्व. निर्मलचंद जैन, सा. सिहोरा वार्ड क्र. 5 तहसील सिहोरा द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिहोरा अनुभाग सिहोरा जिला जबलपुर में प्रचलित है। इस प्रकार की समस्या उक्त ग्राम तथा ग्राम गौरा एवं खलरी एवं राजस्व निरीक्षक मण्डल पौडा के अनेक ग्रामों में यदि कोई है तो इसका कारण संदर्भित त्रुटि सुधार हेतु राजस्व न्यायालय को विधिवत आवेदन प्राप्त न होना है। (ग) यदि इस प्रकार की कोई त्रुटि संज्ञान में आती है तो सक्षम राजस्व न्यायालय द्वारा इसका सुधार किया जायेगा।
बिजावर अंतर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 3922 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितनी उचित मूल्य की दुकानें कहाँ पर स्थित है? क्षेत्र के कितने रहवासियों को राशन वितरित किया जाता है? संचालक मण्डल में कितने सदस्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितना राशन प्राप्त हुआ? किन-किन श्रेणी के कितने लोगो को कितना वितरित हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक उक्त दुकानों के विरुद्ध कितनी शिकायते प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों के स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राशन प्राप्त करने वाले परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक उचित मूल्य दुकान के संचालक मण्डल के सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में जारी आवंटन, हितग्राही परिवारों की संख्या एवं वितरित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार है। राशन प्राप्त करने वाले अंत्योदय एवं प्राथमिकता श्रेणी के कुल परिवारों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' के कॉलम 4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टॉप की स्थापना
[परिवहन]
110. ( क्र. 3928 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कटनी के माध्यम से मैहर रोड बायपास चौराहा, कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टॉप/अड्डा की स्थापना हेतु भूमि आरक्षण की मांग की गयी थी और कलेक्टर कटनी द्वारा दिनांक 24/05/2017 को पारित आदेश से शासकीय भूमि खसरा नंबर 146/1 में से 6.00 हेक्ट. भूमि अंतर्राज्यीय बस स्टॉप/अड्डा हेतु आवंटित कर परिवहन विभाग को सौंपी गयी थी? (ख) क्या कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टॉप की स्थापना हेतु शासन एवं विभाग स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से कब से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या भौगोलिक स्थिति और आवश्यकता को ध्यान में रख कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टॉप/अड्डा की स्थापना हेतु समुचित कार्यवाही पूर्ण कर अंतर्राज्यीय बस स्टॉप/अड्डा की शीघ्र स्थापना किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नरसिंहपुर जिले में स्वीकृत आयुष हॉस्पिटल का निर्माण
[आयुष]
111. ( क्र. 3931 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नरसिंहपुर में आयुष विभाग द्वारा क्या 50 बिस्तर का हॉस्पिटल स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो हॉस्पिटल का निर्माण कब तक कराया जावेगा? (ख) क्या हॉस्पिटल निर्माण हेतु आयुष विभाग को 03 एकड़ जमीन स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ की गयी है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। ग्राम ढेडवारा, जिला नरसिंहपुर में 0.600 हेक्टेयर भूमि।
चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
112. ( क्र. 3932 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कांग्रेस के वचन पत्र के अनुसार चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने की बात कही गयी है, तीन चिकित्सा महाविद्यालय कहाँ-कहाँ स्थापित होंगे? स्थान एवं जिले की जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या नरसिंहपुर, दमोह में चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ किये जावेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। कांग्रेस के वचन पत्र के बिन्दु 19.38 अनुसार प्रदेश में चार नये मेडिकल कॉलेज खोलने जिसमें से दो एकलव्य मेडिकल कॉलेज आदिवासी बाहुल्य जिले में स्थापित होगे। नीतिगत निर्णय होने पर ही जिले व स्थान की जानकारी दी जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांस्कृतिक संस्थाओं को दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी
[संस्कृति]
113. ( क्र. 3934 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा क्या सांस्कृतिक संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो अनुदान देने के नियम क्या है एवं एक संस्था को एक वर्ष में कितना अनुदान देने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2015 से 30 जून, 2019 तक किन-किन संस्थाओं को अनुदान दिया गया है? संस्था के नाम अनुसार राशि सहित वर्षवार सूची दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अवधि में अनुदान वितरण या अनुदान के दुरूपयोग के संबंध में गड़बड़ी की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? क्या अनुदान से संबंधित किसी शिकायत पर कोई जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो जाँच में क्या पाया गया? जाँच के आधार पर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि जाँचें चल रही है तो जाँचें पूर्ण कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। अनुदान नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। निश्चित नहीं। अनुदान योजनान्तर्गत अनुदान हेतु गठित सक्षम समिति की अनुशंसा एवं प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार चयनित संस्थाओं को अनुदान प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार। (ग) एक प्रकरण में ई.ओ.डब्ल्यू. ने जानकारी चाही थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत नल-नल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
114. ( क्र. 3936 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा, रायसेन, सीहोर जिलों में विगत 5 वर्षों में कौन-कौन सी समूह पेयजल नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? योजना का नाम, लाभांवित होने वाले ग्राम सहित विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनाओं के चयन की क्या प्रक्रिया और मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? क्या विदिशा जिले के शमशाबाद विधानसभा के सगड़ बांध से समूह नल-जल योजना स्वीकृत की जाकर निर्माणाधीन है? लागत, कार्य करने वाली एजेन्सी, कार्य की अद्यतन स्थिति एवं निर्माण पूर्ण होने की निर्धारित तिथि क्या है? क्या निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन एवं पाईप लाइन सहित अन्य सामग्री गुणवत्ता विहीन हैं? इस संदर्भ में क्या कोई शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? क्या इसकी जाँच कराई गई? दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या जाँच कराई, कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 367/SRJ/2019, 368/SRJ/2019, 369/SRJ/2019, 370/SRJ/2019, दिनांक 26.06.2019 के द्वारा प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के जलाशयों से समूह नल-जल योजनाएं स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रस्तावित समूह नल-जल योजनाएं कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) स्त्रोत एवं वित्तीय संयोजन की उपलब्धता तथा योजना की तकनीकी व्यवहार्यता के आधार पर समूह जलप्रदाय योजनाओं का चयन किया जाता है। जी हाँ। लागत, कार्य करने वाली एजेंसी कार्य की अद्यतन स्थिति एवं निर्माण पूर्ण होने की निर्धारित तिथि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्राप्त पत्रों पर परीक्षण उपरांत तकनीकी व्यवहार्यता का परीक्षण प्रक्रियाधीन है। सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में टेम बांध एवं कोठा बांध सतही स्त्रोतों से दो समूह जलप्रदाय योजनाएं बनाई जाना प्रस्तावित हैं। तकनीकी व्यवहार्यता एवं वित्तीय संयोजन प्राप्त होने के उपरांत स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी, स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कुपोषण मुक्ति हेतु संचालित प्रयोजन पर व्यय
[महिला एवं बाल विकास]
115. ( क्र. 3939 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में कितने कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है तथा कुपोषण मुक्ति हेतु किन योजना/अभियान, प्रचार-प्रसार, कार्यशाला/शिविर जैसे आदि प्रयोजनों में उक्त अवधि में कितनी राशि का व्यय किया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में चिन्हित किये गये बच्चों में से कितने बच्चे कुपोषण से मुक्त हुये तथा कितने बच्चे कुपोषण से मुक्त नहीं हुये और कुपोषण से मुक्त न होने का क्या कारण है तथा इसके कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ग) उपरोक्तानुसार ऐसे कितने कुपोषित बच्चे हैं, जो पिछले लम्बे समय से कुपोषित हैं तथा उनके संदर्भ में विभाग वर्तमान में क्या कार्यवाही कर रहा है? कुपोषण की दृष्टि से राजगढ़ जिले का प्रदेश व देश में कौन सा स्थान है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) वर्ष 2015-16 से माह मई 2019 तक चिन्हित कम वजन एवं अतिकम वजन बच्चों की संख्या निम्नानुसार है :-
वर्ष
|
कम वजन के बच्चों की संख्या |
अतिकम वजन के बच्चों की संख्या |
कुल योग संख्या
|
2015-16 |
21741 |
2033 |
23774 |
2016-17 |
20647 |
995 |
21642 |
2017-18 |
26964 |
3205 |
30169 |
2018-19 |
22086 |
1875 |
23961 |
माह मई 2019 |
10705 |
1359 |
12064 |
प्रश्नांकित अवधि में प्रचार-प्रसार, कार्यशाला (प्रशिक्षण) एवं स्नेह शिविर आयोजन पर व्यय राशि का विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वर्ष |
व्यय राशि |
1 |
2015- 16 |
28,03, 308.00 |
2 |
2016-17 |
28,27,819.00 |
3 |
2017-18 |
21,39,926.00 |
4 |
2018-19 |
26,14,032.00 |
5 |
2019-20 |
निरंक |
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2015-16 में कम एवं अतिकम वजन के बच्चों की कुल योग संख्या 23774 एवं माह मई 2019 में कम एवं अतिकम वजन के बच्चों की कुल योग संख्या 12064 थी। स्पष्ट है कि प्रश्नांकित अवधि में कम एवं अतिकम वजन के बच्चों की संख्या में कमी आई है। शेष कम एवं अतिकम वजन के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत कम वजन एवं अतिकम वजन वाले बच्चों के परिवारों को प्रोटीनयुक्त सोयाबड़ी का प्रदाय किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन की रियल टाईम मॉनिटरिंग, विभिन्न विभागों की योजनाओं के साथ अभिसरण, जनआंदोलन के अंतर्गत पोषण जागरूकता हेतु समुदाय आधारित गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पोषण संबंधी जानकारी सुदृढ़ करने हेतु इन्क्रीमेंटल लर्निंग प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण किया जा रहा है। बच्चों में व्याप्त कुपोषण के लिए कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं है, इसके कई कारक जिम्मेदार होते हैं, जैसे अपर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग न करना, आर्थिक संरचना, संसाधन की कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार में अधिक सदस्यों की संख्या/अधिक बच्चों की संख्या, बच्चों के जन्म में कम अंतर, सामाजिक कुरीतियां, अज्ञानता, स्वच्छता का प्रति उदासीनता, बार-बार संक्रमण होना, रोजगार की कमी/आमदनी के स्थायी स्त्रोत न होना, शौचालय का उपयोग न करना, पौष्टिक एवं विविध भोजन का उपयोग न करना, अंधविश्वास, झोला-छाप डॉक्टर से इलाज कराना आदि कारण बच्चों में कुपोषण व्याप्त होने के लिए जिम्मेदार है। (ग) प्रश्नांश (ग) का प्रथम भाग अस्पष्ट प्रकृति का है, अतः उत्तर संभव नहीं है। विभाग द्वारा कुपोषण की दृष्टि से जिलों का श्रेणीकरण नहीं किया जाता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एन.एफ.एच.एस. 04 वर्ष 2015-16) द्वारा जारी मध्यप्रदेश के प्रतिवेदन के अनुसार तत्समय 50 जिलों में से कम वजन के बच्चों के मान से राजगढ़ जिले का प्रदेश में 13वां स्थान है।
नक्शाविहीन ग्रामों की जानकारी वेबसाइड पर उपलब्ध कराया जाना
[राजस्व]
116. ( क्र. 3940 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश के सभी ग्रामों की भूमि संबंधी जानकारी को पूर्णत: कम्प्यूटरीकृत किये जाने हेतु निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत कितने ग्रामों का भू-अभिलेख एवं ग्राम का नक्शा विभागीय साइट पर उपलब्ध है तथा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से ग्रामों का भू-अभिलेख एवं नक्शा साइट पर किन कारणों से उपलब्ध नहीं है तथा ग्रामों के भू-अभिलेख एवं नक्शा को कम्प्यूटीकृत करने के लिये किस एजेन्सी के माध्यम कार्य कराया जा रहा है? अनुबंध शर्त, भुगतान की स्थिति, कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र सहित बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत वर्तमान में कई ग्रामों के नक्शें विभागीय साइट पर उपलब्ध नहीं होने से कृषकों को खसरा नकल, रजिस्ट्री, नामांतरण, बंटवारे व अन्य प्रयोजन में आवश्यकता होने पर कोई रिकॉर्ड नहीं होने से अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है तथा क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक? उक्त ग्रामों के भू-अभिलेख व नक्शों का पूर्ण विवरण कम्प्यूटरीकृत करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अन्तर्गत आने वाले 179 ग्रामों का भू-अभिलेख एवं नक्शा विभागीय वेबसाइट www.mpbhulekh.gov.in पर उपलब्ध है। भू-अभिलेख एवं नक्शों का कम्प्यूटरीकरण कार्य पूर्ण होने से किसी एजेन्सी द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) विधानसभा क्षेत्र नरसिहगढ़ के सभी 179 गांवों के नक्शे विभागीय साइट पर उपलब्ध है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमिहीन/आवासहीनों को भूमि का वितरण
[राजस्व]
117. ( क्र. 3942 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में ग्रामों की दखल रहित भूमि में कृषिकरण अधिनियम 1970 की धारा 5 में किए गए प्रावधानों के बाद भी भा.व.अ. 1927 की धारा 34-अ में डिनोटिफाईड भूमियों का भूमिहीनों, आवासहीनों एवं काबिजों में प्रश्नांकित दिनांक तक भी वितरण प्रारंभ नहीं किया गया। (ख) यदि हाँ, तो राज्य मंत्रालय राजस्व विभाग भोपाल एवं आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के यहां उपलब्ध जानकारी के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को कितने ग्रामों की समस्त संरक्षित वन भूमि एवं कितने ग्रामों की कितनी संरक्षित वन भूमि के डिनोटिफिकेशन की अधिसूचना उपलब्ध है, इन भूमियों के अभिलेख संशोधन का आदेश, निर्देश पत्र, परिपत्र किस दिनांक को जारी किया। (ग) डिनोटीफाईड भूमियों का अधिनियम 1970 की धारा 5 के अनुसार वितरण की किस दिनांक को प्रक्रिया का निर्धारण कर किस-किस मापदण्ड के आधार पर वितरण के आदेश किस दिनांक को दिए गए? यदि नहीं, दिए तो कारण बताएं? (घ) धारा 34-अ में डिनोटिफाईड भूमियों का वितरण किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धारा 34-अ में डिनोटिफाईड भूमियों को पात्रता एवं भूमि के प्रकार के आधार पर आवंटित किया जा सकता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भूमि के प्रकार को दृष्टिगत रखते हुए राजस्व भूमि का बंटन अधिनियम 1970 में निर्धारित पात्रता अनुसार किया जा सकता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्थाई कर्मचारियों की पदपूर्ति
[महिला एवं बाल विकास]
118. ( क्र. 3949 ) डॉ. मोहन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में विभाग में कुल कितने अस्थाई कर्मचारी किस-किस पद पर एवं कब से कार्यरत हैं तथा विभाग में अस्थाई कर्मचारियों के रखे जाने के नियम क्या हैं? वर्तमान में कुल कितने अस्थाई कर्मचारियों के पद रिक्त हैं? परियोजनावार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना अंतर्गत कम्प्यूटर ऑपरेटर रखे जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर रखे गये हैं तथा कितने रखे जाना हैं? (ग) क्या विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कांकड भूमियों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
119. ( क्र. 3951 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन तहसील के पटवारी हल्का नं. 62 के ग्राम धतरावदा व ग्राम लालपुर के बीच का कांकड़ तथा धार जिले की धरमपुरी तहसील के पटवारी हल्का नं. 43 के ग्राम खुजावां में विगत पाँच वर्षों में कौन-कौन पटवारी, आर.आई. राजस्व निरीक्षक पदस्थ रहे तथा वर्तमान में कौन-कौन पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय रास्ते की कांकड़ भूमियों पर वर्षों से बकायदा हाथ जोत कर खेती की जा रही है तथा आमजन, कृषकों एवं चरवाहों आदि का आवागमन पूर्ण रूप से निरूद्ध कर दिया गया है क्यों उक्त शासकीय भूमियों से अतिक्रमण हटाते हुए कांकड़ (रास्ते) आमजन के लिए खुलवाये जायेंगे अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक तथा इस संबंध में जिम्मेदार राजस्व निरीक्षक, पटवारी आदि के विरूद्ध क्या वैधानिक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील उज्जैन के पटवारी हल्का नम्बर 61 के ग्राम धतरावदा व ग्राम लालपुर के बीच का कांकड़ की भूमि में विगत पाँच वर्ष में जो पटवारी एवं आर.आई. पदस्थ रहे हैं, वे निम्नानुसार है :-
1- श्री के.के.सिंह, राजस्व निरीक्षक
2- श्री एम.एल. सोलंकी, राजस्व निरीक्षक
3- श्री मूलचंद जूनवाल, राजस्व निरीक्षक
4- श्री कमलप्रसाद मेहरा, राजस्व निरीक्षक
(वर्तमान)
5- श्री
मनोज तिवारी, पटवारी
6- श्री वेदप्रकाश शर्मा, पटवारी
7- श्री आनंद जायसवाल, पटवारी
8- श्री शंकरलाल कोरट, पटवारी (वर्तमान में 6 मार्च 2019 से कार्यरत है।)
(ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय रास्तों की कांकड़ भूमियों पर आमजन, कृषकों एवं चरवाहों आदि का आवागमन निरूद्ध नहीं है। मौके पर आवागमन हेतु रास्ता खुला है। उक्त भूमियों के आंशिक भाग में पड़ोसी कृषकों द्वारा खेती की जाती है। पटवारी द्वारा अतिक्रमण रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। इस संबंध में अतिक्रमण संबंधी प्रकरण तहसील न्यायालय में प्रचलित है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
घट्टिया तहसील अंतर्गत आयुष विभाग में स्वीकृत पदों की जानकारी
[आयुष]
120. ( क्र. 3958 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की तहसील घट्टिया में आयुष विभाग अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में किस-किस वर्ग के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं और इन पदों पर कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ है? कौन-कौन से पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पदस्थ कर्मचारियों में से कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी कब-कब अन्य विभाग में संयोजित रहा है? क्या संयोजित अधिकारी/ कर्मचारी के कारण मूल कार्यालय का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि इन्हें अन्य विभाग में संयोजित किया गया और क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा संयोजन पर प्रतिबंध होने के बाद भी इन्हें किसके द्वारा संयोजित किया गया और इसमें कौन दोषी है? दोषी पर कब और क्या कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) श्री अमित चहांदे दिनांक 21 जुलाई, 2017 से 27 मई, 2019 तक कार्यालय संयुक्त आयुक्त (विकास) उज्जैन संभाग उज्जैन में। औषधालय नियमित संचालित रहा। संयुक्त आयुक्त (विकास) उज्जैन संभाग उज्जैन के दूरभाष पर उनके निर्देश से कार्यालय में कम्प्यूटर कार्य करने हेतु। (ग) संयुक्त आयुक्त (विकास) उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा। तत्कालीन संयुक्त आयुक्त (विकास) उज्जैन। अनुशासनात्मक कार्यवाही। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिला मण्डल से अनुबंध
[महिला एवं बाल विकास]
121. ( क्र. 3966 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास रीवा द्वारा शहर में समस्त वार्डों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों गर्भवती/धात्री/किशोरी हेतु सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन वितरण हेतु किन-किन समूहों/महिला मण्डल से अनुबंध किया गया है? आंवटित केन्द्रों के नाम, पता, सेक्टर सुपरवाईज़र की जानकारी दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित जिन समूहों महिला मण्डल द्वारा जिन बच्चों को नाश्ता भोजन दिया जाता है, उनको माह जुलाई 2017 एवं जनवरी 2019 तक कितना भुगतान किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत क्या जो समूह/महिला मण्डल भोजन, नास्ता का कार्य कर रही है, उन समूहों/मण्डलों में जुड़े व्यक्ति क्या गरीबी रेखा में आते हैं? यदि हाँ, तो उन सदस्यों का नाम एवं बी.पी.एल सूची क्रमांक की जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में फर्जी बच्चों के नाम लिख कर भोजन नाश्ता का वितरण न कर फर्जी भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कर दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) वर्तमान में रीवा शहरी में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों/गर्भवती/धात्री/किशोरी बालिकाओं हेतु सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन वितरण करने वाले स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल एवं आवंटित केन्द्रों के नाम/पता, सेक्टर सुपरवाईज़र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘अ'‘ अनुसार है। (ख) माह जुलाई 2017 से माह जनवरी 2019 तक समूह/मण्डल के देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘ब'‘ अनुसार है। (ग) स्व-सहायता समूहों/महिला मण्डल के सदस्यों की गरीबी रेखा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘स'‘ अनुसार है। (घ) शासन के नियमानुसार नाश्ता/भोजन का वितरण किया जाता है। फर्जी भुगतान नहीं किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
डब्ल्यू.बी.एम. सड़कों का पी.एच.ई. द्वारा गलत भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
122. ( क्र. 3971 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी में स्वीकृत सीवर प्रोजेक्ट के दौरान पी.एच.ई. द्वारा बनाई गई डब्ल्यू.बी.एम. सड़कों के निर्माण की स्वीकृति सीवर प्रोजेक्ट में पूर्व से ही सम्मलित थी? यदि हाँ, तो सीवर प्रोजेक्ट हेतु जारी निविदा तथा कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि डब्ल्यू.बी.एम. सड़कों की स्वीकृति पृथक से हुई थी तो इस हेतु स्वीकृत राशि सहित निविदा एवं नियम, शर्तों के दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या पी.एच.ई. द्वारा बनाई गई डब्ल्यू.बी.एम. सड़कों के निर्माण कार्य का भुगतान करने से पहले कार्यपालन यंत्री शिवपुरी को नियमानुसार स्वयं 10 प्रतिशत निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन करना था? यदि हाँ, तो क्या उनके द्वारा डब्ल्यू.बी.एम. सड़कों के निर्माण का 10 प्रतिशत कार्य का भौतिक निरीक्षण एवं सत्यापन किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि कार्यपालन यंत्री शिवपुरी द्वारा भौतिक निरीक्षण किया गया तो किस-किस दिनांक को किन-किन कार्यस्थलों का निरीक्षण कर मेजरमेंट शीट के किस पृष्ठ पर इसका उल्लेख किया है? उन स्थलों के नाम, दिनांक एवं पृष्ठ क्रमांक अंकित करते हुए मेजरमेंट शीट की जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, किया तो क्यों? शासन के निर्देशों के पालन में लापरवाही करने पर संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1', ‘2' एवं ‘3' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘4' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
123. ( क्र. 3973 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत कितनी उचित मूल्य की दुकानें कहाँ पर स्थित है? कितने क्षेत्र के रहवासियों को राशन वितरित किया जाता है? संचालक मण्डल में कितने सदस्य हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितना राशन प्राप्त हुया? कितने हितग्राहियों को कितना वितरित हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक उक्त दुकानों के विरुद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकानों के स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राशन प्राप्त करने वाले परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार है। उक्त विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक उचित मूल्य दुकान के संचालक मण्डल के सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
कृषि भूमी नक्शों का डिजिटाईजेशन कार्य
[राजस्व]
124. ( क्र. 3975 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के जिलों में कितने ग्रामों के कृषि भूमि नक्शों (अक्श) का डिजिटाईजेशन हुआ है? जिलेवार शेष रहे ग्रामों की संख्या देवें? शेष रहने का कारण क्या हैं? शेष रहे ग्रामों में नक्शों का डिजिटाईजेशन कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में से कितने ग्रामों की भूमि का खसरा अनुरूप बटांकन/तरमीम कार्य पूर्ण हो चुका है? शेष कितने हैं? जिलेवार जानकारी देवें? शेष रहने का कारण क्या है? शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन संभाग के 6102 ग्रामों के नक्शों का डिजिटाइजेशन हुआ है। शेष रहे ग्रामों की जिलेवार संख्या निम्नानुसार है :- उज्जैन-0, रतलाम- 01, मंदसौर-07, देवास-57, आगर मालवा-46, नीमच-56, शाजापुर-28। शेष ग्रामों के अंतर्गत मजरा टोला से नवीन राजस्व ग्रामों का बनाया जाना, नक्शा विहीन ग्रामों के नक्शे न होना, नक्शे का नवीनीकरण न होना तथा अन्य तकनीकी कारणों से इन ग्रामों का डिजिटाइजेशन नहीं हो सका। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रत्येक ग्राम की भूमि का खसरा अनुरूप बटांकन/तरमीम कार्य सतत् प्रक्रिया अंतर्गत होने से निरंतर प्रचलन में है। चूँकि यह प्रक्रिया पूर्णतः सतत् है, इसलिए शेष कार्य के पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वर्ष 2016 में डी-मेट परीक्षा हेतु ली गई शुल्क की वापसी
[चिकित्सा शिक्षा]
125. ( क्र. 3977 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 में एम.बी.बी.एस. में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हेतु डी-मेट द्वारा प्रवेश परीक्षा का आयोजन हेतु विज्ञापन निकाला था और परीक्षा शुल्क 3000 रू. रखा था और अन्तिम तिथि 10.05.2016 के बाद 12.05.2016 तक आवेदन पर 500 रू. लेट फीस तय की गई थी? (ख) कुल कितने आवेदकों ने आवेदन किया था और कुल कितनी राशि फीस के रूप में प्राप्त हुई थी? (ग) क्या नीट द्वारा परीक्षा की घोषणा के फलस्वरूप डी-मेट की परीक्षा निरस्त कर दी गई थी? (घ) यदि हाँ, तो क्या आवेदकों को डी-मेट परीक्षा हेतु जमा राशि वापिस की गई, अगर हाँ तो कितने आवेदकों को और कितनी-कितनी राशि, अगर नहीं वापिस की तो कारण बताएं कब तक ब्याज सहित राशि वापिस की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) डी-मेट परीक्षा का आयोजन संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा/विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बण्डा विधानसभा क्षेत्र में पाईप लाइन एवं टंकी निर्माण में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
126. ( क्र. 3982 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रदाय योजना हेतु पाईप लाइन डाले जाने एवं पानी की टंकी निर्माण के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा पाईप लाइन डाली जा रही है एवं पानी की टंकी बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त योजना की निविदा सूचना, कार्यादेश, योजना की लागत, कार्य पूर्ण किये जाने हेतु समय-सीमा एवं निर्माण कार्य के प्राक्कलन की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या बण्डा विधानसभा अंतर्गत उक्त योजना के अंतर्गत उक्त निर्माण कार्य में शासन द्वारा जारी गाईड लाइन के अनुरूप डाली जा रही है? (घ) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किये जा रहे उक्त निर्माण कार्य में विभिन्न अनियमिततायें की जा रही है, जैसे टंकी निर्माण में काली डस्ट का उपयोग किया गया है? पाईप लाइन कहीं एक फुट, कहीं आधा फुट एवं कहीं भूमि की सतह पर डाली गई है? इसकी जाँच कब तक कराई जावेगी एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में समूह जलप्रदाय योजना हेतु पाइप लाइन डाले जाने एवं पानी की टंकी के निर्माण के संबंध में शासन के पृथक से निर्देश नहीं है। स्वीकृत अनुबंध के अनुसार कार्य कराया जाता है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बक्सवाहा समूह जलप्रदाय योजना के कार्य प्रगतिरत हैं। योजना की स्वीकृत लागत रू. 335.98 करोड़ है तथा अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा दिनांक 18.05.2020 है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 के अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, टंकियों के निर्माण कार्य में क्रष्ड सैंड का उपयोग किया जा रहा है, जो मानक अनुरूप है। जी नहीं, पाइप लाइन अनुबंध में उल्लेखित मानदण्डों के अनुसार डाली जा रही है, परंतु बण्डा विधानसभा क्षेत्र के कुछ स्थानों पर कठोर चट्टान होने से ब्रेकर द्वारा खुदाई नहीं हो पाने के कारण एवं ग्रामीण आवासीय क्षेत्र होने के कारण ब्लास्टिंग किया जाना उपयुक्त नहीं होने से कम गहराई पर डाली गई पाईप लाइन को मानदण्ड अनुसार सीमेंट काँक्रीट से आवरण (Encasing) कर कार्य पूर्ण किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
गोचर, ओकाफ एवं नोईयत की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
127. ( क्र. 3992 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की भिण्ड, अटेर एवं मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल शासकीय भूमि कितनी है, जिसमें गोचर एवं ओकाफ अन्य नोईयत की भूमि का कुल रकबा कितना है? क्या उक्त भूमि आज वर्तमान में अतिक्रमण से मुक्त है? (ख) जिन लोगों के द्वारा भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? उनमें से कितने अतिक्रमणकर्ताओं पर क्या कार्यवाही की गई? क्या उन लोगों से भूमि अतिक्रमण से मुक्त करा ली गई है? (ग) भिण्ड, अटेर एवं मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी भूमि पर अतिक्रमण है तथा कितनी अतिक्रमण से मुक्त कराई गई? इस सन्दर्भ में क्या कार्यवाही की गई? सत्र 2015-16 से 2018-19 तक अतिक्रमणकर्ताओं से अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि की जानकारी प्रदान करें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड जिले की भिण्ड, अटेर एवं मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल 46858.167 हे. शासकीय भूमि है, जिसमें गोचर 8622.26 हे. ओकाफ 853.467 हे. अन्य नोईयत 38237.65 हे. रकबा है। जी नहीं। (ख) कुल 1419 अतिक्रामकों द्वारा 830.671 हे. भूमि पर अतिक्रमण किया गया था। 1393 अतिक्रमणकर्ताओं पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत जुर्माने की कार्यवाही कर 808.178 हे. भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गयी। (ग) भिण्ड, अटेर एवं मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल 22.493 हे. भूमि पर अभी अतिक्रमण है। विगत वर्षों में सत्र 2015-16 से 2018-19 तक म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत जुर्माने की कार्यवाही कर 808.178 हे. भूमि अतिक्रमण से मुक्त करा ली गई है। तहसीलवार अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि की जानकारी निम्नानुसार है :- तहसील भिण्ड 694.813 हे., तहसील मेहगांव 32.195 हे., तहसील अटेर 81.170 हे. योग- 808.178 हे.।
एक्सप्रेस-वे में गाईड लाईन से अधिक मुआवजा दिया जाना
[राजस्व]
128. ( क्र. 3998 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले से गुजरने वाली दिल्ली मुम्बई 8 लेन एक्सप्रेस-वे के लिये रतलाम जिले में किस गांव की जमीन अधिग्रहित की जावेगी तथा बतावें कि अधिग्रहण हेतु क्या अतिंम रिपोर्ट बन गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के एक्सप्रेस-वे के लिये उल्लेखित जमीन हेतु कितना-कितना मुआवजा प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा? क्या जमीन की नपती तथा मार्किंग कर दी गई है या करना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित जमीन में कलेक्टर गाईड लाइन अनुसार क्या मुआवजा राशि अत्यधिक कम है? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर गाईड लाइन से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिले से गुजरने वाली दिल्ली मुम्बई 8 लेन एक्सप्रेस-वे के लिये रतलाम जिले के भूमि अधिग्रहित की जाने वाले 57 ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अधिग्रहण हेतु अंतरिम रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। (ख) प्रश्नांश (क) के एक्सप्रेस-वे के लिये अधिगृहित भूमि का भू-अर्जन अधिनियम के प्रावधान अनुसार प्रति हेक्टे. मुआवजा नियत कलेक्टर गाईड लाइन अथवा विगत 03 वर्षों की बिक्री मूल्य के औसत मुल्य जो भी अधिक हो देय होगा। निर्धारित प्रति हे. मूल्य के बराबर 100 प्रतिशत सोलेशियम राशि राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अधिनियम 1959 की धारा 3-ए अंतर्गत अधिसूचना के प्रकाशन दिनांक से 12 प्रतिशत ब्याज भी दिया जावेगा, परिसंपत्तियों का मूल्य पृथक से देय होगा। अधिगृहित की जाने वाली भूमि सीमांकित की जाकर पत्थर लगाकर मार्किंग कर दी गई है। (ग) भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित मुआवजा ही देय होगा।
निर्माणाधीन आवासीय कॉलोनियों में संपत्ति पर जी.एस.टी. की वसूली
[वाणिज्यिक कर]
129. ( क्र. 4003 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्माणाधीन आवासीय परिसरों/कॉलोनियों में भू-खण्ड, प्रकोष्ठ व स्वतंत्र आवास आदि के क्रम पर जी.एस.टी. की क्या दर वर्तमान में नियत है? क्या कॉलोनाइजर्स/बिल्डर्स द्वारा नियत दर ही खरीददारों से वसूल की जा रही है? (ख) क्या कोलार, भोपाल स्थित अवंतिका होम्स (सनखेड़ी, गिरधर परिसर के पास) के निर्माता द्वारा खरीददारों से 12 % की दर से जी.एस.टी. वसूल किया जा रहा है, क्यों? (ग) भोपाल में कॉलोनाइजर्स/बिल्डर्स द्वारा निर्धारित दर से अधिक जी.एस.टी. वसूल किये जाने के मामले में क्या कोई जाँच कराकर हितग्राहियों के साथ न्याय किया जावेगा व दोषियों के विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) भू-खण्ड पर जी.एस.टी. देय नहीं है। प्रकोष्ठ व स्वतंत्र आवास पर कर की दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोलार, भोपाल स्थित अवंतिका होम्स जी.एस.टी. के अंतर्गत मेसर्स आर.पी. अवंतिका इंफ्राकॉन प्रा.लि. जी.एस.टी.एन 23AAHCR9941H1Z4 के नाम से दिनांक 16.01.2018 से पंजीयत है। फर्म द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में फाईल विवरणी GSTR 3B अनुसार फर्म द्वारा खरीददारों से 8 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. वसूल कर जमा किया गया है। भू-खण्ड का मूल्य कम न करने पर कर भार 8 प्रतिशत आता है। उक्त फर्म द्वारा 12 प्रतिशत की दर से खरीददारों से जी.एस.टी. वसूल किये जाने के संबंध में विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) भोपाल के कॉलोनाइजर्स/बिल्डर्स के संबंध में अधिक जी.एस.टी. वसूल करने की कोई शिकायत नहीं है। विभाग के संज्ञान में शिकायत आने पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाती है।
द्वेषपूर्ण कार्यवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[आयुष]
130. ( क्र. 4014 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 4157, दिनांक 08.03.2017 के उत्तर में सदन में माननीय मंत्री जी द्वारा पूरे प्रदेश के पूरे प्रकरणों की जाँच कराने का आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो जाँच में कौन-कौन एवं किस-किस स्तर के अधिकारियों द्वारा जाँच की गई है? जाँच के समस्त बिन्दुओं एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्तानुसार कार्यवाही न करने वालों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है, तो कब की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। केवल पं. खुशीलाल शर्मा, शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल में मूल विषय द्रव्यगुण से हटाकर अन्य विषय में पदोन्नति दिये जाने के प्रकरण की जाँच कराने का आश्वासन दिया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आर.आई. पटवारी पर दर्ज प्रकरणों में कार्यवाही
[राजस्व]
131. ( क्र. 4023 ) श्री कमल पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. के किस-किस जिले में किन-किन तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों पर किस-किस प्रकार के अपराधिक, आर्थिक अपराधिक या अन्य प्रकार के केस चल रहे हैं? (ख) म.प्र. के किस-किस जिले में कितने तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों को किन-किन केसों में दोषी पाया गया? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन अधिकारियों पर केस चल रहे हैं, उनमें कितनों पर क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? (घ) म.प्र. में ऐसे कितने तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी पदस्थ हैं, जिन पर दोष साबित होने के बाद भी वे फील्ड में पदस्थ हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 01 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. के तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों पर अपराधिक, आर्थिक अपराधिक या अन्य प्रकार के केस की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक (3) अनुसार है। (ख) म.प्र. के दोषी तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक (4) अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश (क) अनुसार जिन अधिकारियों पर केस चल रहे हैं, उन पर कार्यवाही संबंधी जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक (5) अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत पदों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
132. ( क्र. 4024 ) श्री कमल पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की कौन-कौन सी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में कितने डॉक्टरों, प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों, सहायक प्रोफेसरों सहित अन्य कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने कौन-कौन से पद भरे तथा कितने कौन-कौन से पद खाली हैं? कब से खाली हैं? (ख) उपरोक्त खाली पदों पर कब तक भर्ती की जाएगी? (ग) किस-किस मेडिकल हॉस्पिटल में कितने चिकित्सकों सहित अन्य कौन-कौन से कर्मचारियों के विरूद्ध कौन-कौन से प्रकरण चल रहे हैं? कौन-कौन दोषी पाए गए? (घ) क्या दोषी पाए गए चिकित्सक एवं अन्य स्टॉफ जवाबदार पदों पर पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन एवं क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में हैंडपंपों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 4029 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2019 से 15.06.2019 तक किन-किन ग्रामों में हैंडपंप सुधारे गए? ग्रामवार सूची देवें। (ख) इन पर किए समस्त व्यय की जानकारी वर्षवार, ग्रामवार देवें। (ग) कितने हैंडपंप दिनांक 15.06.2019 की स्थिति में बंद है? बंद नल-जल योजनाओं के विषय में भी बतायें? कारण बतावें कि इनका संधारण क्यों नहीं किया गया। (घ) हैंडपंप व नल-जल योजनाएं प्रश्नांश (ग) अनुसार कब तक चालू होंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में जून 2019 तक रूपये 3.68 लाख। व्यय की जानकारी ग्रामवार संधारित नहीं की जाती है। (ग) 354 हैण्डपंप तथा 07 ग्रामों की नल-जल योजनाएं बंद हैं। 05 नल-जल योजनाओं के समस्त अवयव जीर्ण-शीर्ण होने के कारण बंद हैं, जो सुधार योग्य नहीं है। स्त्रोत का जलस्तर नीचे जाने के कारण 02 योजनाएं बंद हैं, जो पर्याप्त वर्षा के उपरांत चालू हो जाती है। (घ) सुधार योग्य बंद हैण्डपंपों को सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में सुधार दिया जाता है। 02 योजनाएं जिनके स्त्रोत का जलस्तर नीचे जाने के कारण बंद है, पर्याप्त वर्षा होने पर चालू हो जाती है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
महिदपुर वि.स. में नामांतरण के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
134. ( क्र. 4030 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 10.06.2019 की स्थिति में नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरण लंबित हैं? (ख) 6 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरण की सूची उपरोक्तानुसार देवें तथा इसका कारण भी देवें? (ग) प्रकरण कब तक स्वीकृत होंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 10.06.2019 की स्थिति में नामांतरण, फौती नामांतरण के 643, बंटवारा के 104 तथा सीमांकन के 141 प्रकरण लंबित हैं। (ख) 6 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरण की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त प्रकरण साक्ष्य एवं प्रस्तुत आपत्तियों के निराकरण एवं साक्ष्य प्रति परीक्षण फर्द आपत्ति आदि की सुनवाई हेतु नियत किये गये हैं। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) लंबित प्रकरणों में सुनवाई के पश्चात् यथाशीघ्र विधि अनुसार निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
इंदौर, उज्जैन जिले में संचालित स्कूल बसें
[परिवहन]
135. ( क्र. 4033 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन जिले में कितनी स्कूल बसें संचालित हैं? (ख) इन बसों में जी.पी.एस. एवं अन्य सुरक्षा उपकरण स्थापित होने की जाँच विभागीय अधिकारियों ने कब-कब की दिनांक 01.01.2018 से 31.05.2019 के संदर्भ में जिलावार, दिनांकवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्न (ख) अवधि में बस संचालकों द्वारा जमा टैक्स राशि माहवार, बस क्रमांक सहित देवें? स्कूल एवं निजी/अनुबंधित स्कूल बसों की जानकारी पृथक-पृथक जिलावार देवें। (घ) उपरोक्त अवधि में हुई स्कूल बस दुर्घटनाओं की जानकारी भी जिलावार देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालय में लेखा संवर्ग कर्मचारियों की कमी
[चिकित्सा शिक्षा]
136. ( क्र. 4034 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा (म.प्र) में कितने शासकीय कर्मचारी कार्यरत हैं एवं किन-किन पदों पर कार्यरत हैं? पदवार संख्या बतावें। (ख) उपरोक्त शासकीय कर्मचारियों में से कितने कर्मचारी लेखा प्रशिक्षण उत्तीर्ण कर लेखा संवर्ग में कार्यरत हैं एवं लेखा से संबंधित कार्य संपादित कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार महाविद्यालय में लेखा प्रशिक्षित कर्मचारी उपलब्ध न होने की स्थिति में महाविद्यालय का लेखा संबंधी कार्य किन कर्मचारियों से कराया जा रहा है? (घ) यदि महाविद्यालय में प्रायवेट कंपनी के माध्यम से आउटसोर्सिंग के द्वारा कर्मचारी उपलब्ध करवाकर लेखा संवर्ग (लेखा संबंधी) कार्य कराया जा रहा है तो भविष्य में किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता होने पर किसकी जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा (म.प्र.) में 06 शासकीय कर्मचारी कार्यरत है :- लैब टेक्नीशियन-01, सहायक ग्रेड 3-04, भृत्य-01। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा से संबंद्ध जिला चिकित्सालय में कार्यरत शासकीय नियमित कर्मचारी श्री आर.के. शर्मा, लेखापाल (लेखा प्रशिक्षण उत्तीर्ण) के निर्देशन में लेखा संवर्ग का कार्य सम्पादित किया जा रहा है। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा में लेखा संबंधी कार्य जिला कोषालय अधिकारी को अतिरिक्त दायित्व देकर श्री आर.के. शर्मा, लेखापाल एवं श्री दीपक ठकोरिया, सहायक ग्रेड-3 नियमित के द्वारा किया जा रहा है व कु. निशा पाटिल, सहायक ग्रेड-2 (आउटसोर्स) एवं श्री दीपक साहू सहायक ग्रेड-2 (आउटसोर्स) सहयोग प्रदान करते हैं। (घ) भविष्य में वित्तीय अनियमितता पाये जाने पर नियमानुसार दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारी की जिम्मेदारी निर्धारित की जावेगी।
नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन के नियम
[राजस्व]
137. ( क्र. 4041 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन (राजस्व विभाग) द्वारा नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन आदि के निराकरण हेतु क्या नीति प्रचलन में है, की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा 07 दिमनी, जिला मुरैना में विगत 5 वर्ष में कितने प्रकरण में वर्णित कार्यों हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तुत आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में हो चुका है, कितने शेष हैं व शेष कब तक निराकृत हो जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन आदि का निराकरण मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 109, 110 तथा 178, 129 एवं उनके अन्तर्गत जारी नियमों अनुसार किया जाता है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधान सभा 07 दिमनी अन्तर्गत तहसील अम्बाह में मुरैना अन्तर्गत विगत 05 वर्षों में नामान्तरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्राप्त आवेदनों का विवरण निम्नानुसार है :-
नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
6080 |
708 |
736 |
(ग) प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
में वर्णित
आवेदनों में
से निराकृत एवं
शेष प्रकरणों
का विवरण
निम्नानुसार
है :-
नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
|||
4575 |
1505 |
570 |
138 |
665 |
71 |
शेष
प्रकरण
न्यायालयीन
प्रक्रिया
प्रचलित होने
से लम्बित हैं, जिनका
निराकरण शेष
विधिक
प्रक्रिया
अनुसार किया
जा रहा है। समय-सीमा
बतायी जाना
संभव नहीं है।
हितग्राहियों को प्रदान की गई कल्याणकारी योजनायें
[महिला एवं बाल विकास]
138. ( क्र. 4049 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा कौन-कौन सी विभिन्न कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभिन्न हितग्राहियों को वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्रदान किया गया है? ऐसे सभी विभिन्न हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी छिन्दवाड़ा जिले की प्रत्येक विधान सभा क्षेत्रवार, योजनावार उपलब्ध करायें? (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला छिन्दवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया गया है और उस प्राप्त राशि का उपयोग विभाग द्वारा किन-किन कार्यों में किया गया है? प्रत्येक विधान सभा क्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग अंतर्गत लाड़ली लक्ष्मी योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम, लाडो अभियान, वन स्टॉप सेन्टर, बेटी बचाओ योजना, शौर्या दल, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, आंगनवाड़ी सेवाएं, पोषण अभियान, मंगल दिवस योजना का संचालन किया जा रहा है। (ख) विधानसभावार, योजनावार प्रश्नांकित अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘अ'‘ अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार प्रश्नांकित अवधि में आवंटन तथा व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘ब'‘ अनुसार है।
पंचायतों में नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
139. ( क्र. 4050 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन ग्राम/ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना संचालित की जा रही है? उनमें से कितनी नल-जल योजना वर्तमान में चालू है और कितनी नल-जल योजना बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन ग्राम/ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना बंद है? उनके बंद होने का क्या कारण है? उन्हें विभाग द्वारा कब तक चालू करा दिया जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम/ग्राम पंचायत हैं, जहां पर पेयजल की समस्या के निदान हेतु नल-जल योजना संचालित की जा सकती है? ऐसे सभी ग्राम/ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा सर्वे कराकर कार्यवाही कराई जायेगी? अगर हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा कारणों का परीक्षण कर निरंतर कार्य किया जा रहा है एवं निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) संबंधित ग्राम पंचायतों से योजना के संचालन-संधारण के संबंध में सहमति प्राप्त होने पर नल-जल योजना वित्तीय संयोजन के आधार पर स्वीकृत की जाकर क्रियान्वयन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सर्वे उपरांत विधानसभा क्षेत्र के 131 ग्रामों को प्रस्तावित माचागोरा समूह जलप्रदाय योजना अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।
अमृत फार्मेसी स्टोर स्थापित करने के जारी निर्देश
[चिकित्सा शिक्षा]
140. ( क्र. 4053 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त चिकित्सा शिक्षा मध्यप्रदेश द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2209-12/2/यो.वि./2017, दिनांक 30/06/2017 द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं इंदौर को अस्पताल परिसर में अमृत फार्मेसी स्टोर स्थापित किये जाने के संबंध निर्देश जारी करते हुए अस्तपाल से संबंधित दवाइयां कन्ज्यूमेबल, सर्जिकल इम्प्लांट एवं अन्य दवाईयों का क्रय अमृत स्टोर से करने हेतु अनुबंध एम.ओ.यू. करने के निर्देश दिए गए हैं? (ख) उपरोक्त अनुबंध अनुसार क्या कार्यवाही की गयी? वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त सामग्री क्रय हेतु कितना-कितना बजट आवंटित किया गया एवं उक्त अनुसार आंवटित बजट के विरूद्ध निर्देश अनुसार अमृत स्टोर से कितनी-कितनी खरीदारी की गई। सामग्री का नाम, मात्रा, प्रदायकर्ता का नाम, मूल्य कुल कीमत इत्यादि का विवरण दें एवं अन्य संस्थाओं से कौन-कौन सी दवाइयां, सर्जिकल, इम्प्लांट इत्यादि क्रय की गयी विस्तृत विवरण दें। (ग) उपरोक्तानुसार चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालयों द्वारा उपरोक्त निर्देशों की अवहेलना कर अमृत फार्मेसी को छोड़कर अन्य माध्यमों से क्रय क्यों किया गया? चिकित्सालय में अमृत फार्मेसी को स्थापित करने का क्या औचित्य है? अमृत फार्मेसी स्टोर की खरीदी एवं बिक्री पर किसका नियंत्रण है एवं किसके द्वारा निरीक्षण किया जाता है? प्रति वर्ष अमृत फार्मेसी द्वारा कितनी खरीदी एवं बिक्री की गयी। औचित्यहीन अमृत फार्मेसी स्टोर को बंद क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या अमृत फार्मेसी स्टोर द्वारा मनमाने तरीके से दवाओं की खरीदी एवं बिक्री कर स्वयं का लाभ लिया जा रहा है? इसका संचालन एवं मॉनिटरिंग किसके द्वारा की जा रही है? राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत नि:शुल्क दवाइयां, सर्जिकल, इम्प्लांट इत्यादि नि:शुल्क रोगियों को दिये जाने का प्रावधान है तो अन्य माध्यमों से खरीदारी क्यों की जा रही है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनुबंध अनुसार सामग्री का क्रय किया जा रहा है। अमृत फार्मेसी से सामग्री क्रय किये जाने हेतु पृथक से बजट आवंटन नहीं किया जाता है। वर्ष 2017-18, 2018-19 में दवाइयों हेतु नियमित आवंटित बजट में से क्रय की गई सामग्री पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2, 3 व 4 अनुसार है। अन्य संस्थानों से क्रय की गई सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शासन के निर्देशानुसार मेडिकल कार्पोरेशन भोपाल की अनुबंधित दर के अनुसार ही चिकित्सालयों में लगने वाली चिकित्सा सामग्री का क्रय किया गया। जो सामग्री मेडिकल कार्पोरेशन अनुबंधित दर की सूची में उपलब्ध नहीं थी, उन्हे भण्डार क्रय नियम के अनुसार ई-निविदा से क्रय किया गया। अमृत स्टोर का नियंत्रण एवं संचालन भारत सरकार के सौ प्रतिशत भागीदारी वाले एच.एल.एल. लाइफ केयर द्वारा किया जाने से खरीदी एवं बिक्री तथा निरीक्षण का कार्य भी उन्हीं के द्वारा किया जाता है। अमृत फार्मेसी से भी एम.पी.पी.एच.सी.एल. में दर अनुबंध न होने पर क्रय किया जाता है। अत: उसे बन्द करने का प्रश्न उपस्थित नहीं है। (घ) जी नहीं। अमृत स्टोर का नियत्रंण व संचालन भारत शासन के उपक्रम एच.एल.एल. लाइफ केयर द्वारा किया जा रहा है। अमृत स्टोर द्वारा खरीदी/बिक्री तथा निरीक्षण का कार्य उन्हीं के द्वारा किया जाता है। राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के मरीजों के लिये नियमानुसार दवाइयां, सर्जिकल, इम्पलांट इत्यादि का क्रय कर नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
141. ( क्र. 4054 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद-नागदा क्षेत्रांतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकाने किस-किस के नाम से हैं? प्रत्येक दुकान पर कितने सेल्समेन कार्यरत हैं? उनके नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) खाचरौद-नागदा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर कौन-कौन सा खाद्यान्न शक्कर, केरोसीन, चना आदि कितनी मात्रा में प्रति व्यक्ति दिया जाता है? पृथक-पृथक सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर 2-2 सेल्समेन की नियुक्ति का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर नियुक्त सेल्समेन का नाम, पदनाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्रांतर्गत उचित मूल्य की दुकानें संचालित करने वाली संस्थाओं एवं उसके विक्रेताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक सांख्यिकी अधिकारी के विरूद्ध जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
142. ( क्र. 4055 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास परियोजना महिदपुर क्र. 1 में नरेन्द्र सिंह सेंगर, सहायक सांख्यिकी अधिकारी किस वर्ष में और कब तक प्रभारी के रूप में कार्यरत रहे तथा इनके विरूद्ध क्या किसी प्रकार की पोषण आहार में अनियमितता की जाँच संभागीय स्तर पर लम्बित है? यदि हाँ, तो कब से? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या उक्त जाँच में विलंब करके क्या दोषी अधिकारी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि नहीं, तो अधिकारी के खिलाफ अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? अब कब तक कार्यवाही कर ली जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) श्री नरेन्द्र सिंह सेंगर, सहायक सांख्यिकी अधिकारी प्रभारी परियोजना अधिकारी महिदपुर-01 में कार्यालयीन आदेश क्रमांक/स्था/म.बा.वि./2012/2500-2501 उज्जैन, दिनांक 19.10.2012 के तारतम्य में दिनांक 22.10.2012 से 01.08.2014 तक प्रभारी के रूप में कार्यरत रहे। जी हाँ। आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के आदेश क्रमांक 2603/एफ-01-20/15/विकास-2 उज्जैन, दिनांक 18.05.2015 से श्री नरेन्द्र सिंह सेंगर के विरूद्ध पोषण आहार में अनियमितता के संबंध में विभागीय जाँच संस्थित की गई थी तथा प्रकरण में विभागीय जाँच अधिकारी कलेक्टर कार्यालय उज्जैन को जाँचकर्ता अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला उज्जैन को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था। विभागीय जाँच अधिकारी जिला उज्जैन के द्वारा पत्र क्रमांक/2741/वि.जा./18, दिनांक 06.04.2018 से जाँच प्रतिवेदन संभाग आयुक्त उज्जैन को प्रस्तुत किया गया था। लेकिन उक्त जाँच प्रतिवेदन परीक्षण उपरांत वास्तविक तथ्यों के विपरीत पाये जाने के कारण आरोपों की पुनः विस्तृत जाँच के लिए श्रीमती शैली कनास, संयुक्त कलेक्टर, जिला उज्जैन को जाँचकर्ता अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला उज्जैन को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी संभाग आयुक्त उज्जैन के आदेश क्रमांक/4374/2-स्था/2018, दिनांक 11.06.2018 से नियुक्त किया गया है। (ख) जी नहीं। प्रकरण में विभागीय जाँच प्रतिवेदन, विभागीय जाँच अधिकारी से अपेक्षित है। विभागीय जाँच प्रतिवेदन संभागीय आयुक्त कार्यालय में प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर निर्णय संभाग आयुक्त उज्जैन द्वारा लिया जावेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
143. ( क्र. 4063 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में विभागीय आकड़ों के अनुसार वर्तमान में कुल कितने हैंडपंप लगे हुये हैं तथा उनमें से कितने हैंडपंप वर्तमान में चालू स्थिति में हैं, कितने बंद हैं तथा कितने ऐसे हैं, जो दुरूस्त होकर के चालू हो सकते हैं? हैंडपंपों की कुल संख्या सहित ग्रामवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले में कुल कितनी नल-जल योजनायें स्वीकृत हैं? उक्त नल-जल योजनाओं में कितनी-कितनी योजनाएं चालू हैं? कितनी नल-जल योजनायें किन कारणों से बंद हैं? कुल संख्या सहित ग्रामवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) शासन के नियम के अनुसार ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में कितनी-कितनी आबादी पर कितनी-कितनी संख्या में हैंडपंप होना अनिवार्य है? क्या अनूपपुर जिले में शासन द्वारा निर्धारित तय आबादी मानक के हिसाब से हैंडपंपों का खनन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक निर्धारित मानक के अनुसार हैंडपंप लगा दिये जावेंगे। (घ) क्या शासन के ऐसे भी निर्देश हैं कि पेयजल से संबंधित कार्य जिला खनिज मद से कराया जाये? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में अनूपपुर जिले को खनिज मद से कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये कितने कार्य पूर्ण हो गये तथा कितने अपूर्ण हैं? कार्यवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 9710 हैण्डपंप स्थापित हैं, 9417 चालू एवं 293 बंद हैं। 192 हैण्डपंप साधारण खराबी से बंद हैं, हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा नियमित रूप से सुधारा जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 200 योजनाएं। 183 योजनाएं चालू। 8 योजनाएं सोलर प्लेट चोरी/खराब होने से बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से एवं नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वित्तीय संयोजन के आधार पर उल्लेखित निर्धारित प्रावधानों के अनुसार नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य करवाया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत लाभांवित हितग्राही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
144. ( क्र. 4064 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का लाभ बी.पी.एल. सूची के अनुसार किस सन् से हितग्राहियों को दिया जा रहा है? जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में ऐसे पात्र हितग्राहियों की संख्या कितनी है? (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उज्जवला योजना का लाभ कितने हितग्राहियों को मिल चुका है? पात्र हितग्राही कितने बचे हैं? शेष बचे हितग्राहियों को इस योजना का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जायेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत 01 मई, 2016 से हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। जिला अनूपपुर में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ऐसे पात्र हितग्राहियों की संख्या 38,769 है। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत 31,531 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। शेष हितग्राहियों द्वारा E-KYC फॉर्म भरने एवं क्लियर होने के पश्चात् कनेक्शन प्रदान किया जा सकेगा।
लीज़ पर दी गई भूमि की जानकारी
[राजस्व]
145. ( क्र. 4067 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में मध्यप्रदेश के शहडोल संभाग में विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं, पंजीकृत ट्रस्ट एवं कंपनी एक्ट की धारा 25 (ए) के तहत बनी कंपनियों को कब-कब कहाँ-कहाँ किस दर पर कितनी भूमि लीज़ पर दी गई? संख्यावार जिलेवार सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं को भूमि लीज़ पर देने के निर्णय किसके आदेश पर लिये गये तथा क्या इन संस्थाओं को दी गई लीज़ में नियम प्रक्रियाओं का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन लीज़ पर दी गई भूमियों में हुई अनियमितताओं की समीक्षा हेतु समिति गठित करके इनकी जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) निरंक। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न पर्ची से वंचित परिवारों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
146. ( क्र. 4068 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने अ.ज.आ. परिवार हैं? कितने परिवारों के पास खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध है? कितने परिवार खाद्यान्न पर्ची से वंचित है? (ख) क्या कारण है कि वर्तमान में भी इन परिवारों को खाद्यान्न की पर्ची उपलब्ध नहीं कराई गई है, जबकि नियमानुसार शत-प्रतिशत अनुसूचित जानजाति परिवार खाद्यान्न लेने हेतु पात्रता रखते हैं? इस प्रक्रिया में कौन लोग दोषी हैं, जिनके कारण इन परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध नहीं हो पाई है? क्या विभाग ऐसे दोषी लोगों की जाँच कर कोई कार्यवाही करेगा। (ग) अनूपपुर विधानसभा के अंतर्गत विभाग कोई अभियान चलाकार अथवा कैंप आयोजित कर इन वंचित परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) अनूपपुर विधानसभा के अंतर्गत कुल 23,213 अनुसूचित जनजाति परिवार हैं, जिनमें से 22,358 परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत खाद्यान्न पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) उपलब्ध कराई गई है। अधिनियम के अंतर्गत पात्रता न रखने (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवक एवं आयकरदाता होने के कारण) वाले 709 अनुसूचित जनजाति परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। अनूपपुर जिले में पात्रता पर्ची जारी करने के लिए कोई अधिकारी दोषी न होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टीकमगढ़/निवाड़ी जिले में संचालित निजी नर्सिंग/पैरामेडिकल कॉलेज
[चिकित्सा शिक्षा]
147. ( क्र. 4081 ) श्री राकेश गिरि : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़/निवाड़ी जिले में कितने शासकीय मान्यता प्राप्त निजी नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुरूप संचालित उक्त कॉलेज शासन द्वारा निर्धारित सुविधाओं एवं मापदण्डानुसार निर्मित व संचालित हैं या नहीं? विगत तीन वर्षों में कितने छात्रों को प्रवेश दिया गया एवं कितने छात्रों को क्लीनिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र जारी किए गए छात्रों से कितना वार्षिक शिक्षण शुल्क लिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुरूप कॉलेजों में क्लीनिक प्रशिक्षण हेतु शासन द्वारा निर्धारित सुविधाएं तथा स्वयं का अस्पताल उपलब्ध है? यदि हाँ, तो छात्रों को जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में क्लीनिक प्रशिक्षण क्यों दिलवाया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो सुविधाविहीन कॉलजों को शासन द्वारा किस आधार पर मान्यता प्रदान की गई है? क्या इनकी मान्यता समाप्त की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) टीकमगढ़/निवाड़ी जिले में शासकीय मान्यता प्राप्त निजी नर्सिंग कॉलेज/पैरामेडिकल कॉलेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 ( नर्सिंग) एवं प्रपत्र-2 (पैरामेडिकल) अनुसार है। (ख) जी हाँ। विगत तीन वर्षों में प्रवेशित छात्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 3 A (नर्सिंग/पैरामेडिकल) अनुसार है। जितने छात्रों द्वारा प्रवेश लिया गया, उन्हें क्लीनिकल प्रशिक्षण कराया गया है। इस हेतु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है। छात्रों से लिया गया वार्षिक शिक्षण शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 ( नर्सिंग कौंसिल) एवं 5 (पैरामेडिकल) अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुरूप कॉलेजों में क्लीनिकल प्रशिक्षण हेतु शासन द्वारा निर्धारित सुविधाएं तथा स्वयं का अस्पताल दो संस्थाओं में उपलब्ध है, जिसमें से दाऊ सरदार सिंह नर्सिंग इंस्टीट्यूट के पास स्वयं का 100 बिस्तरीय अस्पताल है एवं रायश्री इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के पास 306 बिस्तरी सम्बद्धता प्राप्त अस्पताल है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार शेष तीन संस्थाओं पर स्वयं का अस्पताल उपलब्ध नहीं है, जिन्हें नियमानुसार शासकीय चिकित्सालयों में प्रशिक्षण हेतु बेड उपलब्ध कराये गये। (घ) प्रश्नांश (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार सरल क्रमांक 2 से 5 तक की चार संस्थायें वर्ष 2012 से संचालित हैं। भारतीय उपचर्या परिषद के पत्र क्रमांक फाइल नंबर 18-18 (NSG) 2014/आई.एन.सी., दिनांक 09/12/2015 द्वारा वर्ष 2013 से पूर्व मान्यता प्राप्त संस्थाओं को 100 बिस्तरीय अस्पताल की आवश्यकता न होने के कारण इन संस्थाओं को जिला अस्पताल टीकमगढ़ में प्रशिक्षण की अनुमति प्रदान की जा रही है। मध्यप्रदेश नर्सिंग शिक्षण मान्यता नियम, 2018 के बिंदु क्रमांक 3, अर्हताधारी चिकित्सालय के प्रावधानों के अनुसार शासकीय चिकित्सालयों में प्रशिक्षण प्रदान कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 (नर्सिंग कौंसिल) अनुसार है।
बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
148. ( क्र. 4082 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विगत दो वर्षों में कितने बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी किए गए हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विगत दो वर्षों में जारी सभी बी.पी.एल. कार्डधारियों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या खा़द्यान्न पर्चियों पर राशन प्राप्त हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, है तो अभी तक खाद्यान्न पर्चियां उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? कब तक प्रदाय की जावेगी।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. श्रेणी के 64,12,962 परिवारों को प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया गया है। बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची के आधार पर राशन वितरण किया जाता है, जिसके लिए किसी राशनकार्ड की आवश्यकता नहीं है। (ख) एवं (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। वर्तमान में 64,12,962 बी.पी.एल. परिवारों को पात्रता पर्ची पर राशन प्राप्त हो रहा है।
होशंगाबाद जिले में चिन्हित कुपोषित बच्चों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
149. ( क्र. 4087 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में होशंगाबाद जिले में कितने कुपोषित बच्चे चिन्हित हैं? वर्षवार विधान सभा वार बतावें। (ख) चिन्हित बच्चों को सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में होशंगाबाद जिलें में चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की विधानसभा, वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
विधानसभा क्षेत्र का नाम |
कुपोषित बच्चों की संख्या |
||
माह मार्च 2018 |
माह मार्च 2019 |
माह मई 2019 |
||
1 |
सिवनी मालवा |
579 |
482 |
487 |
2 |
होशंगाबाद |
325 |
259 |
268 |
3 |
सोहागपुर |
528 |
518 |
483 |
4 |
पिपरिया |
536 |
487 |
482 |
(ख) होशंगाबाद जिले में चिन्हित कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने हेतु विभाग द्वारा किये जा रहे उपाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बी.पी.एल./ए.पी.एल. कार्डधारकों की संख्या
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
150. ( क्र. 4088 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में विधान सभा क्षेत्र, सिवनी मालवा में कितने बी.पी.एल., कितने ए.पी.एल. कार्डधारक हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) क्षेत्र में बी.पी.एल., ए.पी.एल. कार्डधारकों को शासन की समस्त योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजना? पृथक-पृथक बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ प्राप्त करने हेतु दो श्रेणियां सम्मिलित की गई है, अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता परिवार। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को प्राथमिकता परिवार श्रेणी में शामिल किया गया है। सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 29,100 परिवारों को बी.पी.एल. श्रेणी के पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है। अधिनियम के अंतर्गत ए.पी.एल. परिवारों की कोई श्रेणी नहीं है। (ख) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा बी.पी.एल. श्रेणी के पात्रता पर्चीधारी परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न, नमक, केरोसीन एवं दलहन का प्रदाय किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में ए.पी.एल. नामक श्रेणी नहीं है।
स्वीकृत हैण्डपंपों का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
151. ( क्र. 4094 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड रीवा अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने हैण्डपंप स्थापना के कार्य स्वीकृत हुए? इन स्वीकृत हैण्डपंप स्थापना के कार्यों में किन-किन स्थानों में कितने-कितने हैण्डपंप स्थापना के कार्य सम्पन्न हो चुके हैं एवं कितने शेष हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विधान सभा क्षेत्र सेमरिया के उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र में जहां भीषण पेयजल संकट है, वहां अतिरिक्त कार्ययोजना स्वीकृति करा कर क्या नलकूप खनन एवं हैण्डपंप स्थापना के कार्य कराए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 899 हैण्डपंप स्वीकृत, 861 हैण्डपंप स्थापित एवं 38 हैण्डपंप शेष हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
‘आदि उत्सव' अयोजन में व्यय की जानकारी
[संस्कृति]
152. ( क्र. 4097 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अप्रैल 2018 में रामनगर जिला मण्डला में ‘आदि उत्सव' का आयोजन किया गया था? इस आयोजन के लिए किस मद से कितनी राशि व्यय की गई थी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : अप्रैल 2018 में विभाग द्वारा ‘आदि उत्सव' के नाम से कोई गतिविधि आयोजित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस मालिकों को परमिटों का प्रदाय
[परिवहन]
153. ( क्र. 4101 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से बस मालिकों को कहाँ-कहाँ से बस चलाने का परमिट राजधानी भोपाल से, संभागीय एवं जिला कार्यालय टीकमगढ़ से किस समय सारणी के आधार पर परमिट कब-कब जिले के अंदर, जिले के बाहर या टीकमगढ़ जिले से गुजरने वाली बसों को चलाने दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बसों के परमिट म.प्र. के एक जिले से दूसरे जिले या म.प्र. से अन्य राज्यों में एवं अन्य सभी परमिट प्रदाय करने शासन ने क्या-क्या नियम बनाये हैं? ऐसे सभी आदेशों की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ग) प्रश्न (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिले से बाहर या जिले के अंदर चलने वाली बसों की समय सारणी क्या-क्या है? जिले से प्रदेश को कितना-कितना राजस्व लाभ इसी समयावधि का वर्षवार, माहवार, प्रदाय किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के आधार पर बतायें कि जिले से जाने वाले नगरों का बस स्टैंड कहा-कहाँ बना है? फिर क्या बसें स्टैंड जाती हैं या नहीं? अगर नहीं जाती तो इसका दोषी कौन है? कब तक बसें सड़कों पर खड़ी रहेगी या बसे स्टैंड पर पहुंचेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय टीकमगढ़ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, सागर द्वारा प्रश्न दिनांक तक निम्नानुसार अस्थायी/स्थायी अनुज्ञाएं जारी की गई हैं :-
क्रमांक |
जिले का नाम |
अस्थायी |
स्थायी |
1 |
टीकमगढ़ |
1092 |
- |
2 |
सागर |
360 |
96 |
3 |
भोपाल |
18 |
24 |
टीकमगढ़
जिले के अंदर
एवं बाहर से
गुजरने वाली
बसों को चलाये
जाने के संबंध
में समय सारणी
की सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख)
प्रश्नांश
(क) अनुसार
बसों के परमिट
मध्यप्रदेश
के एक जिले से
दूसरे जिले या
मध्यप्रदेश
से अन्य
राज्यों को
परमिट जारी
करने के
नियमों/आदेशों
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब' अनुसार
है।
(ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘स' अनुसार
है।
(घ) टीकमगढ़
जिले में
स्थित बस स्टैण्डों
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'द' अनुसार
है।
बसें समय चक्र
के अनुसार
स्टैण्डों से
संचालित होती
है।
डायवर्सन की लंबित फाइलों का निराकरण
[राजस्व]
154. ( क्र. 4102 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि भूमि को आवासीय प्रयोजन, व्यवसायिक प्रयोजन या औद्योगिक प्रायोजनों में बदलने हेतु शासन ने नियम बनाये हैं? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक भूमि के डायवर्सन वाले प्रकरणों में नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अभिमत लिया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें की क्या प्रकरणों में नगर तथा ग्राम निवेश की आपत्ति होने के बावजूद भी डायवर्सन कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर बतायें कि वर्तमान में डायवर्सन की प्रत्याशा में जिले की लंबित फाइलों का निराकरण कब तक होगा और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कृषि भूमि को आवासीय प्रयोजन, व्यवसायिक प्रयोजन, औद्योगिक प्रयोजनों में बदलने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 59 में प्रावधान है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) टीकमगढ़ जिले में निर्धारित अवधि के बाहर का कोई भी डायवर्सन प्रकरण लंबित नहीं है।
नामांतरण, बंटवारे से संबंधित प्रकरण
[राजस्व]
155. ( क्र. 4168 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के खातेगांव तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का 33, दीपगांव, ग्राम रिजगांव के खसरा क्रमांक 172 एवं 173 में नामांतरण/बंटवारे हेतु वर्ष 2018 में कब आवेदन प्राप्त हुआ? (ख) क्या तहसील द्वारा नामांतरण/बंटवारे की कार्यवाही पूर्ण कर संबंधित व्यक्तियों को पावती भू-अधिकार पुस्तिका सौंप दी गई है? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) मध्यप्रदेश शासन के नामांतरण/बंटवारे की प्रक्रिया पूर्ण कर कितने दिनों में संबंधितों को भू-अधिकार पुस्तिका उपलब्ध कराने के नियम व आदेश हैं? क्या तहसील द्वारा उक्त आदेशों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो विलंब के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांकित नामांतरण/बंटवारा की भू-अधिकार पुस्तिका संबंधितों को अब कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आवेदन दिनांक 02.06.2018 को आवेदन प्राप्त हुआ था। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश शासन के लोक सेवा प्रबन्धन विभाग की अधिसूचना दिनांक 10.04.2013 में भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका का प्रथम बार प्रदाय करने हेतु आवेदक को आवेदन प्राप्त करने की तिथि से अधिकतम 15 कार्य दिवस के अन्दर दिया जाने का प्रावधान है एवं भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका द्वितीय प्रति (डुल्पीकेट कॉपी) प्रदाय के सम्बन्ध में आवेदन प्राप्त होने की तिथि से अधिकतम 45 दिवस के अन्दर दिये जाने का प्रावधान है। तहसीलदार द्वारा दिनांक 20.07.2018 को आदेश पारित किया गया। तहसीलदार द्वारा विधिवत प्रक्रिया का पालन किया गया है। (घ) संबंधित कृषक रमाबाई बेवा श्यामलाल, संतोष पिता श्यामलाल, गोविंद पिता श्यामलाल, गोपाल पिता श्यामलाल, हालमुकाम कन्नौद, कृषि भूमि ग्राम रिजगांव, प.ह.नं. 33 को भू-अधिकार पुस्तिका तैयार की जाकर दिनांक 05.07.2019 को उपलब्ध करा दी गई है।