मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
बुधवार, दिनांक 24 मार्च, 2021
भाग-1
स्थायी
आदेश 13-क
के अनुसरण में
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वन
ग्रामों का
राजस्व
ग्राम में
परिवर्तन
[जनजातीय कार्य]
1. ( क्र. 787 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम 2006 के अनुसार वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन करने संबंधी की गई कार्यवाही का अध्ययन करने के लिये 6-7 अगस्त 2014 को अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ राज्य के भ्रमण पर गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त दल ने वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन के संबंध में क्या-क्या उक्त सुझावों पर विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन करने में विभाग को क्या-क्या कठिनाइयां है? वन ग्राम कब तक राजस्व ग्राम बन जायेंगे? (घ) इस संबंध में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक दिनांक 2 जुलाई 2015 में अध्ययन दल द्वारा दिये गये प्रतिवेदन पर चर्चा हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - एक अनुसार है। (ग) अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र दिनांक 5 जून 2017 में वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन में आ रही कठिनाईयों के संबंध में सचिव भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली निर्देश प्रदान करने हेतु लिखा गया है। संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाये भोपाल के पत्र क्रमांक/4380 दिनांक 18.02.2019 द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन विभाग भोपाल को लिखा गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - दो अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) माननीय सांसद एवं विधायकों के प्राप्त पत्र एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- तीन अनुसार है।
शिकायती पत्र पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( क्र. 1883 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. अनुज भार्गव, सहायक प्राध्यापक दन्त रोग, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के विरूद्ध फर्जी दस्तावेज के आधार पर शासकीय सेवाओं में आने के संदर्भ में DIG इंदौर जोन, द्वारा की गई जाँच रिपोर्ट क्रमांक/उमनि/ई/शहर/निस/एफ-5/33513/18, दिनांक 05 अगस्त 2018 में दोषी पाया गया था? जाँच रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराएं? अधिष्ठाता गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा इस जाँच रिपोर्ट के फलस्वरूप उनके पत्र क्रमांक 4775-80/एम.सी./13/2018 दिनांक 01.12.2018 को सेवाएं समाप्त करने के लिये सूचना पत्र जारी कर एक माह में अपना मत रखे जाने का लेख किया गया था? (ख) क्या 1 माह की अवधि के भीतर डॉ. अनुज भार्गव द्वारा कोई संतोषजनक जवाब प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या यह गैर कानूनी कृत्य इस बात पर इंगित नहीं करता कि तत्कालीन अधिष्ठाता डॉ. अरूणा कुमार जिनके द्वारा कार्यभार 11 दिसंबर, 2018 को ग्रहण किया गया था, द्वारा अपने पद का दुरूपयोग हुए डॉ. अनुज भार्गव को दोषी पाए जाने के बावजूद एवं उनके द्वारा दी गई एक माह की समय-सीमा में कोई भी संतोषजनक जवाब प्रस्तुत न करने पर भी तत्कालीन अधिष्ठाता के डॉ. अनुज भार्गव से व्यक्तिगत संबंध होने अथवा व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से उनकों सेवाओं से पृथक नहीं किया गया? (ग) क्या तत्कालीन अधिष्ठाता डॉ. अरूणा कुमार द्वारा डॉ. अनुज भार्गव को सेवाओं से पृथक न करते हुए 3 माह का अधिक समय नियम विरूद्ध दिया जाकर भोपाल पुलिस से एक अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध दूसरी फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई, रिपोर्ट क्रमांक पुमनि/भोजो/अपराध/2019 (18-H) दिनांक 23.02.2019 (प्रतिलिपि उपलब्ध करावें) के आधार पर सेवाओं से पृथक नहीं किया गया, जबकि यह पूरा मामला इंदौर संभाग के अंतर्गत आता है एवं इंदौर संभाग में किये गये फर्जी कार्य भोपाल संभाग के जाँच के दायरे अंतर्गत नहीं आता है? (घ) क्या डॉ. अनुज भार्गव को अधिष्ठाता डॉ. अरूणा कुमार द्वारा बिना किसी जाँच पूर्ण किये एवं शासन अथवा आयुक्त भोपाल संभाग की अनुमति प्राप्त किये बिना उनके विरूद्ध चल रहे समस्त प्रकरण को चुपचाप 2 वर्ष बाद दिसम्बर 2020 में नस्ती बंद कर दिया गया है? यह गैर कानूनी षडयंत्रकारी कृत्य किये जाने पर तत्कालीन अधिष्ठाता डॉ. अरूणा कुमार को उनके वर्तमान प्रभार से तुरंत प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाकर एवं उनको निलंबित कर इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय समिति गठित कर पुन: जाँच किये जाने के आदेश माननीय चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा पारित किये जावे। इसके अतिरिक्त डॉ. अनुज भार्गव को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित या किसी अन्य महाविद्यालय में स्थानांतरित किया जावेगा कि वह किसी भी प्रकार से की जा रही जाँच को अपने पद का दुरूपयोग करते हुए प्रभावित न करें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जाँच रिपोर्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नही। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अधिष्ठाता द्वारा संपूर्ण जाँच प्रासंगिक नियमों, शासन से प्राप्त दिशा निर्देश व बिना किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुरूप नस्तिबद्ध किया गया। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
संभावित पेंशन प्रकरणों का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( क्र. 2308 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोर्टल पर प्रथम दृष्टया पेंशन हेतु पात्र संभावित हितग्राहियों की सूची प्रतिमाह ऑनलाईन उपलब्ध कराने का क्या उद्देश्य है उक्त संभावित पात्र हितग्राहियों के प्रकरणों के निराकरण हेतु किस-किस स्तर पर कौन-कौन अधिकारी जवाबदार हैं? (ख) दिसम्बर 2020 एवं माह जनवरी, फरवरी 2021 में रायसेन जिले में पोर्टल पर प्रथम दृष्टया पेंशन हेतु पात्र कितने-कितने संभावित हितग्राही दिख रहे थे तथा उक्त प्रकरणों का निराकरण क्यों नहीं किया गया? (ग) पोर्टल पर प्रथम दृष्टया पेंशन हेतु पात्र संभावित हितग्राहियों के प्रकरणों का प्रतिमाह निराकरण हो इस हेतु विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया, पूर्ण विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) पोर्टल पर प्रथम दृष्टयां पेंशन हेतु पात्र व्यक्तियों की सूची प्रतिमाह ऑनलाईन उपलब्ध कराने का उदेश्य पोर्टल पर प्रदर्शित संभावित पात्र व्यक्तियों का भौतिक सत्यापन उपरांत पात्रता अनुसार लाभ प्रदाय कराया जाता है। संभावित पात्र व्यक्तियों के प्रकरण दस्तावेज के आधार पर निराकरण हेतु संबंधित क्षेत्र के स्थानीय निकाय प्रमुख/ग्राम पंचायत सचिव/वार्ड प्रभारी जबाबदार है। (ख) दिसम्बर 2020 एवं माह जनवरी, फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में पोर्टल पर प्रदर्शित प्रथम दृष्टयां पेंशन हेतु संभावित पात्र व्यक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पोर्टल पर प्रदर्शित संभावित पात्र व्यक्तियों में से भौतिक सत्यापन उपरांत प्राय: सभी पात्र व्यक्तियों को लाभ दिया गया है। (ग) पोर्टल पर प्रथम दृष्टया पेंशन हेतु पात्र संभावित व्यक्तियों के प्रकरणों का प्रतिमाह निराकरण हो इस हेतु आयोजित समीक्षा बैठकों एवं पत्राचार के माध्यम से संभावित निकायों को निर्देशित किया जाकर प्रकरणों का प्रतिमाह निराकरण किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी पत्र इस कार्यालय स्तर पर प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केम्पा के अंतर्गत व्यय राशि
[वन]
4. ( क्र. 2367 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं सागर जिले में केम्पा मद (CAMPA) में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? (ख) उक्त राशि से क्या-क्या कार्य किसकी अनुमति से कहाँ-कहाँ करवाये गये? (ग) उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुए तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं आप्रारंभ है तथा क्यों उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के कार्यों में अनियमितताओं की किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई तथा उक्त शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। उक्त कार्य राज्य स्तरीय संचालन समिति तथा भारत सरकार से अनुमोदित वार्षिक प्रचालन योजना के अनुसार कराये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) उत्तरांश (क) के कार्यों में वनमंडल औबेदुल्लागंज अंतर्गत अनियमितताओं की शिकायत सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से प्राप्त हुई तथा सागर जिले के अंतर्गत अनियमितताओं की जाँच का पत्र मंत्री नगरीय विकास एवं आवास मध्यप्रदेश शासन तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सतर्कता/शिकायत) के माध्यम से प्राप्त हुई है। उक्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाया गया है।
स्कूल के स्वीकृत रिक्त पदों पर भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 2498 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक 10-12 की शालाओं में विषयवार शिक्षकों के स्वीकृत कितने-कितने पद रिक्त है? इन पदों को भरने हेतु शासन की क्या योजना है। (ख) प्रदेश में माह फरवरी-मार्च 2019 में शिक्षकों के कितने स्वीकृत रिक्त पदों की भर्ती हेतु आयोजित पात्रता परीक्षा में विषयवार कितने-कितने अभ्यार्थियों ने भाग लिया? शासन ने इनसे आवेदन शुल्क के रूप में किस मान से कितनी राशि वसूल की है? (ग) प्रश्नांकित पात्रता परीक्षा का परिणाम कब किया गया। इसमें विषयवार कितने-कितने अभ्यार्थी सफल घोषित किये गये। इनकी मेरिट व वेटिंग सूची कब जारी की गई और इनके दस्तावेजों का सत्यापन कब कराया गया? (घ) प्रश्नांकित मेरिट सूची के अनुसार विषयवार कितने-कितने अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र कब जारी किये गये एवं कितने अभ्यार्थियों को कब से नियुक्ति पत्र जारी नहीं किये गये हैं एवं क्यों? इन्हें कब तक नियुक्ति पत्र जारी किये जावेगें। इस संबंध में शासन में क्या निर्देश हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया प्रचलित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों से 250 रुपये एवं अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों से 500 रुपये की दर से कुल राशि रुपये 277204500/- प्राप्त हुई। (ग) उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक पद की शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के परिणाम क्रमश: दिनांक 28 अगस्त 2019 एवं 26 अक्टूबर 2019 को घोषित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत उल्लेखित पदों की प्रावधिक चयन सूची एवं प्रावधिक प्रतीक्षा सूची क्रमश: दिनांक 20.02.2020 एवं 29.02.2020 को जारी की गई, उच्च माध्यमिक शिक्षक पद के अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का प्रथम चरण दिनांक 01.07.2020 से 03.07.2020 तक हुआ है। (घ) कोरोना महामारी (कोविड-19) के कारण दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया दिनांक 04.07.2020 से स्थगित की गई थी। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा नियुक्ति आदेश पर स्थगन दिया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों की जाँच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
6. ( क्र. 3233 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला मुरैना अन्तर्गत अनुसूचित जाति के छात्रावास कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? वर्तमान में इनके अधीक्षक कौन-कौन है और कब से हैं? वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने छात्र/छात्राओं को इन छात्रावासों में प्रवेश दिया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित छात्रावासों में छात्र/छात्राओं को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध करायी जाती हैं? क्या उक्त सभी सुविधायें वर्णित छात्रावासों में उपलब्ध करायी गयी? यदि नहीं, तो कौन-कौन सुविधा क्यों उपलब्ध नहीं करायी गयी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुसूचित जाति छात्रावासों के लिये वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब किस-किस मद/योजना से प्राप्त हुई? वर्षवार योजनावार राशि की जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में कब किसके द्वारा कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी राशि में क्रय की गयी? राशि का भुगतान किसके द्वारा किस-किस मद की राशि से किया गया। इन छात्रावासों से संबंधित कितनी शिकायतें कब किसके द्वारा की गयीं तथा उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गयी जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति छात्रावासों में छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क आवास सुविधा, बिस्तर सामग्री, भोजन व्यवस्था, शुद्ध पेयजल हेतु आर.ओ., डायनिंग टेबिल, एल.ई.डी. उत्कृष्ट छात्रावासों में कोचिंग व्यवस्था, स्टेशनरी की सुविधा, योजनांतर्गत बजट की सीमा में उपलब्ध कराई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। सामग्री भण्डार क्रय नियम अनुसार शासकीय उपक्रमों से क्रय की गई। जिसका जिला स्तर पर गठित क्रय समिति से भौतिक सत्यापन पश्चात् कलेक्टर से भुगतान की स्वीकृति प्राप्त कर संबंधित शासकीय उपक्रमों को भुगतान किया गया। इस संबंध में कार्यालय को किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जेम/ई-मार्केटिंग से खरीदी गई औषधि की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( क्र. 3403 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी के हमीदिया चिकित्सालय के केन्द्रीय औषधि भंडार में 1 जनवरी, 2019 से सितम्बर, 2020 तक जेम/ई-मार्केटिंग के द्वारा क्या-क्या खरीदारी हुई एवं कितनी-कितनी राशि की खरीदारी हुई एवं किस-किस फर्म से खरीदारी हुई? फर्म का नाम तथा राशि बताएं। (ख) 01 जनवरी, 2019 से सितम्बर, 2020 तक केन्द्रीय औषधि भंडार का स्टोर कीपर कौन था एवं इनके द्वारा क्या-क्या सामग्री प्राप्त की गई तथा भुगतान किस-किस फर्म को कितना-कितना किया गया? पृथक-पृथक बताएं। (ग) क्या निम्न गुणवत्ता की सामग्री स्वास्तिक मेडिकल स्टोर से प्राप्त की गई एवं इनके द्वारा जनवरी, 2019 से सितम्बर, 2020 तक कितनी राशि की सामग्री चिकित्सालय को प्रदान की गई एवं इनको कितना भुगतान किया गया। (घ) क्या शासन उपरोक्त अनुसार निम्न गुणवत्ता की सामग्री प्राप्त कर लाखों रुपयों की अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार करने वाले तत्कालीन स्टोर कीपर को निलंबित कर जाँच कराएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 01 जनवरी 2019 से सितम्बर 2020 तक केन्द्रीय औषधि भण्डार, भोपाल में श्री सूती वर्मा, फार्मासिस्ट ग्रेड-2, प्रभारी स्टोर कीपर पदस्थ थे। क्रय सूची अनुसार प्राप्त की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में उक्त अवधि में फर्म को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी नहीं। 01 जनवरी 2019 से सितम्बर, 2020 तक चिकित्सालय को प्रदान की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। स्वास्तिक मेडिकल स्टोर को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) निम्न गुणवत्ता की सामग्री प्राप्त नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 3766 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना एवं सिंगरौली जिले में अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं? किस-किस पद हेतु कब-कब आवेदन किया गया एवं कितने समय से अनुकंपा प्रकरण लंबित है? जिलेवार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग का पत्र क्र. एफ 1-10/2021/20-1 दिनांक 01/02/2021 में स्कूल शिक्षा एवं सा.प्रा.विभाग के किस-किस नियमों/आदेशों का पालन अथवा संशोधन अथवा छूट का हवाला देकर पत्र जारी किया गया है? पृथक-पृथक ब्यौरा दें। पत्र में निर्देशों/नियमों को किस-किस की अनुमति किस-किस प्रावधान, किस-किस आधार पर बदला अथवा अंगीकृत किया गया? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त आदेश के तारतम्य में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण उक्त पद के लिये प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब, कितने-कितने आवेदक का नाम, पता, जिला, आवेदन पत्र प्रस्तुत करने का दिनांक सहित जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं, तो जिला शिक्षाधिकारी सिंगरौली द्वारा किस आधार पर अनुकंपा नियुक्ति के आदेश जारी किये हैं? अनुकंपा नियुक्ति के आदेश किस कार्यालय के किस अधिकारी द्वारा जारी किये जाने के प्रावधान हैं? स्पष्ट करें। (घ) विभाग द्वारा संविदा या प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2012 से नहीं आयोजित करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं, जिसके कारण अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण प्रदेश में लंबित हैं? प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 के परीक्षा फार्म भरने के बाद प्रश्न दिनांक तक परीक्षा नहीं आयोजित होने के क्या कारण है? विभाग द्वारा परीक्षा आयोजित करने के लिये कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है? पृथक-पृथक बतायें। (ड.) उपरोक्त के संबंध में गुना में अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण जिसमें आवेदक अपात्र, प्रकरण अमान्य, लंबित, आर्थिक सहायता के कारण पात्रता से बाहर हो गये हैं को अवसर प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ 1-10/2021/20-1 भोपाल दिनांक 01.02.2021 में म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 29.09.2014 की कंडिका 6.3 का उल्लेख है पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्त नवीन निर्देष प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत शासन स्तर से जारी किये गये है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। भर्ती नियम अनुसार प्राथमिक शिक्षक, प्रयोगशाला शिक्षक एवं भृत्य पद के नियुक्तिकर्ता अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी है। (घ) शालाओं में शिक्षकों के रिक्त पद की उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की जाती है। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2020 के आयोजन हेतु पी.ई.बी. से विधिवत अनुरोध किया गया है। पी.ई.बी. द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त कर लिये गये है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रचलित निर्देशों के तहत पात्र होने पर लाभ दिया जाता है अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
9. ( क्र. 3813 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सहायक आयुक्त आदिवासी कल्याण विभाग जिला जबलपुर को अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत शासन ने कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी हैं? इन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की गई है एवं क्यों? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन विकास एवं निर्माण कार्यों हेतु निर्माण एजेंसी का निर्धारण कब किया गया। कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कब-कब किस निर्माण एजेंसी से कराये गये है एवं कौन-कौन से कार्य कब से नहीं कराये गये है एवं क्यों? (ग) क्या प्रश्नांकित स्वीकृत सभी निर्माण विकास कार्यों को कराना एवं अनुसूचित जाति वर्ग को विकास एवं प्रगति की मूल धारा में जोड़ना शासनकी प्राथमिकता है या नहीं? यदि हाँ, तो शासन कब तक राशि का आवंटन कर कार्यों को कराया जाना सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुपालकों द्वारा उत्पादित दुग्ध विपणन की सुविधा
[पशुपालन एवं डेयरी]
10. ( क्र. 3835 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल एवं सागर संभाग में पशुपालकों द्वारा उत्पादित दुग्ध के विपणन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए त्रिस्तरीय डेयरी व्यवस्था के अंतर्गत जिला एवं ग्रामीण स्तर पर दुग्ध संघ एवं प्राथमिक सहकारी समितियों एवं कलेक्शन सेंटरों की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो उक्त संभाग में कुल शासकीय, अशासकीय एवं अर्धशासकीय कितनी सहकारी समितियां एवं महिला समितियां इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, उनके द्वारा उत्पादकों से दुग्ध कलेक्शन, एवं मूल्य का निर्धारण किस पद्धति से किया जाता है? व्यवस्था के सतत् संचालन एवं निगरानी के लिए विभाग की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या विभाग द्वारा प्राथमिक दुग्ध समितियों के कलेक्शन सेंटरों पर डिजीटल मशीनों द्वारा दुग्ध के फेट एवं एस.एन.एफ. मात्रा की जाँच कर मूल्य निर्धारित किए जाने के प्रावधान किए गये हैं? यदि हाँ, तो बताये, कि विभाग द्वारा विगत दो वर्ष में किस-किस कंपनियों की कौन-कौन सी मशीनों को मानकों पर सही पाया गया है एवं कब इनके प्रयोग की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्या कारण है, कि ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध समितियों के कलेक्शन सेंटरों पर इनका प्रयोग किया जा रहा है? क्या विभाग इस मामले की जाँच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही कर उक्त मशीनों के प्रयोग पर रोक लगायेगा? यदि हाँ, तो यह कब तक होगी? यदि नहीं, तो किन कारणों से नहीं होगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। भोपाल संभाग में 1703 एवं सागर संभाग में 640 दुग्ध सहकारी समितियां कार्यरत हैं, जिनमें से क्रमश: 325 एवं 157 महिला दुग्ध समितियां कार्य कर रहीं है। दुग्ध उत्पादकों से दूध सहकारी दुग्ध समितियों के माध्यम से संकलित किया जाता है। सागर संभाग अंतर्गत केवल सागर जिले को छोड़कर शेष समस्त जिलो में अशासकीय दुग्ध समितियों की संख्या निरंक है। सागर जिले में इनकी संख्या मात्र दो है। 1. मुक्ता डेयरी फार्म प्रोड्युसर देवरी। 2. देवश्री डेयरी फार्म प्रोड्युसर केसली। भोपल संभाग में 3 अशासकीय दुग्ध समितियां संचालित है। इनके द्वारा उत्पादकों से ग्राम स्तर पर दूध क्रय किया जाता है। राजगढ़ जिले में मालव महिला मिल्क प्रोड्युसर कंपनी जावरा एवं ऑस्टर डेयरी विकासखण्ड नरसिहगढ़ में अर्द्शासकीय समिति द्वारा दुग्ध संग्रहण का कार्य जिले में किया जा रहा है। भोपाल जिले में एक अशासकीय संस्था शुधम डेयरी द्वारा भी दुग्ध संग्रहण का कार्य किया जा रहा है, इसके अतिरिक्त सीहोर रायसेन एवं विदिशा में कोई अशासकीय समिति कार्यतर नहीं है। प्रदायकों से क्रय दूध के मूल्य का निर्धारण दूध की मात्रा,फैट एवं सी.एल.आर. के आधार पर एस.एन.एफ. की गणना कर किया जाता है। भैस एवं गाय के दूध के मूल्य का निर्धारण पृथक-पृथक पद्धति से किया जाता है। भैस के दूध में फैट के आधार पर दूध के मूल्य का निर्धारण होता है, जबकि गाय के दूध में फैट के साथ-साथ एस.एन.एफ. की भी डबल एक्सेस पद्धति कुल ठोस पदार्थ के आधार पर भुगतान किया जाता है। (ख) जी हाँ। सागर संभाग अंतर्गत दुग्ध मापक यंत्र डिजीटल मशीन एन.डी.डी.बी. द्वारा प्रदाय की जाती है एवं उन्हीं के द्वारा गुणवत्ता जाँच समय-समय पर की जाती है एवं भोपाल संभाग अंतर्गत भोपाल दुग्ध संघ द्वारा रील, श्री कामधेनू, स्टेप्लेस एवं प्राम्प्ट कंपनी के ए.एस.सी.यू. व डी.पी.एम.सी.यू. के उपकरण क्रय कर प्रदाय किये है जिनके माध्यम से दुग्ध फैट एवं एस.एन.एफ. मात्रा की जाँच कर मूल्य निर्धारण किया जाता है। इन्हीं मशीनों का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध समितियों के कलेक्शन सेंटरों पर किया जाता है।
रोड निर्माण कार्य की परमिशन न दिया जाना
[वन]
11. ( क्र. 3973 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवपुरी के मंगरोनी से रोड निर्माण कार्य की वन विभाग द्वारा परमिशन मिल गई है? यदि मिल गई है तो किस अधिकारी द्वारा परमिशन दी गई इससे वन विभाग की कितनी जमीन प्रभावित हुई है? क्या यह दिशा निर्देश के अनुसार है? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) विभाग की जमीन 1.000 हेक्टेयर के ज्यादा प्रभावित हुई है तो विभाग द्वारा रोड बनाने वाली एजेन्सी व पी.डब्ल्यू.डी. विभाग पर कितना जुर्माना किया गया है जो जुर्माना किया गया वह किस अधिकारी के हाथ जमा हुआ रसीद सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
वन
मंत्री ( श्री
कुंवर विजय
शाह ) : (क) जी
हाँ। जिला
शिवपुरी के
मगरोनी से रोड
निर्माण की
अनुमति वन
विभाग द्वारा
कार्यपालन यंत्री, लोक
निर्माण
विभाग, संभाग
शिवपुरी को दी
गई है। जिसमें
0.540
हेक्टेयर
वनक्षेत्र
प्रभावित हुआ
है तथा यह स्वीकृति
नियमों के
अनुसार दी गई है।
स्वीकृति की छायाप्रति
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी नहीं। वन विभाग
द्वारा
एजेन्सी व
पी.डब्ल्यू.डी.
विभाग को
जुर्माना
नहीं किया गया
है। शेष
कार्यवाही का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "दो"
सौर ऊर्जा प्लांट की दिशा निर्देशानुसार परमिशन न दिया जाना
[वन]
12. ( क्र. 3974 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मण्डल शिवपुरी के बिनेगा आश्रम के पास वन विभाग की भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा सौर ऊर्जा प्लांट निर्माण की परमिशन दी गई। आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) परमिशन दी गई है तो कितने हेक्टेयर की दी गई है तो दिशा निर्देशानुसार वन क्षेत्र से कितनी दूरी है। (ग) क्या जो परमिशन दी गई है वह सौर ऊर्जा प्लांट के लिए दी गई है या किसी अन्य योजना के लिए दी गई है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माझी जनजाति को जाति प्रमाण-पत्र जारी करना
[जनजातीय कार्य]
13. ( क्र. 4240 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन के म.प्र. की माझी जनजाति के अन्तर्गत कहार, ढीमर, मल्लाह भोई, केवट आदि को अनुसूचित जनजाति के अन्तर्गत मान्य किया है। यदि हाँ, तो तत्संबंधी समस्त आदेश की प्रति देवें? (ख) माझी जाति के अन्तर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जातियों के लोगों में माझी जनजाति के प्रमाण-पत्र प्राप्त किये थे, उनकों केवल 2005 तक ही किस संवैधानिक प्रावधान के तहत मान्य किया? (ग) प्रश्नांश (क) में यदि सरकार ने एक बार उनकों अनुसूचित जनजाति माना है तो 2005 के बाद प्रमाण-पत्र धारकों को अनुसूचित जनजाति से क्यों वंचित किया जा रहा है इसके कारण स्पष्ट कीजिए? (घ) शासन की विरोधाभासी नीतियों से हजारों माझी समाज के बच्चें जिन्होंने विभिन्न स्कूल एवं कालेजों में प्रवेश ले लिया थे, वह कई तरह की मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं उनके विरूद्ध जो जाँच चल रही है, ऐसी जाँच सरकार कब तक समाप्त करेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नियमानुसार जाँच की जा रही है। जाँच समाप्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माझी जनजाति को जाति प्रमाण-पत्र का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र. 4241 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में अनुसूचित जनजाति के अन्तर्गत माझी जाति भी अधिसूचित है? (ख) यदि हाँ, तो? माझी जाति के लोग कौन-कौन से जिलों में किस-किस उपजाति, जाति और उपनाम से जाने जाते है? (ग) क्या म.प्र. के पिछड़े वर्ग की सूची के क्रमांक 12 में जो जातियां दर्शायी गई हैं वह माझी जाति से तालमेल रखती है? (घ) यदि हाँ, तो राज्य सरकार माझी जाति जो अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग दोनों में उल्लेखित होने से इनको जाति प्रमाण-पत्र बनाने में राज्य शासन के अधिकारी भ्रमित रहते हैं क्या उनको स्पष्ट निर्देश देने पर शासन स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) यदि हाँ, तो क्या माझी जाति को पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक 12 में दर्शित जातियों के समूह को पिछड़ा वर्ग की सूची में विलोपित किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक और किस प्रक्रिया तथा किस संवैधानिक प्रावधान के तहत?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य के लिए जारी अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमांक 29 पर माझी (MAJHI) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिए अनुसूचित जनजाति अधिसूचित है। इस सूची में माझी के साथ इसकी कोई उपजाति, उपनाम का उल्लेख नहीं है। (ग) जी नहीं (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपज मंडी से प्राप्त उपकर की राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
15. ( क्र. 4242 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा के उपचुनाव के पूर्व मान. मुख्यमंत्री जी ने कृषि उपज में लगने वाला उपकर (शेष) समाप्त करने की घोषणा की थी। उस आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या कृषि उपज पर लगने वाला उपकर जो निराश्रित निधि में जमा होना था जिससे अनुदान देकर नि:शक्तजन एवं वृद्धजनों के पुर्नवास के कार्यक्रम चलते थे तथा रैन बसेरा संचालित होते थे, वह निराश्रित निधि न होने से बंद हो रहे हैं। (ग) यदि नहीं, तो शासन ने उनके संचालन के लिये कितना-कितना बजट का प्रावधान किया है। यदि हाँ, तो कितने वृद्धाश्रमों को अनुदान देना बाकी है। सूची बतावें। जिन्हें अप्राप्त हैं उन्हें कब तक अनुदान दे दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। मंडी फीस को कम किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) म.प्र. शासन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा जिला कलेक्टर को निराश्रित निधि में संग्रहित ब्याज की राशि से रुपये 2.00 लाख तक व्यय करने के अधिकार प्रदत्त है। प्रदेश में जिला स्तर पर वृद्धजन हेतु संचालित वृद्धाश्रमों से आवश्यकतानुसार अनुदान प्रस्ताव प्राप्त होने पर ई.पी.ओ. के माध्यम से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। यह एक सतत् प्रक्रिया है अनुदान प्रस्ताव प्राप्त होने पर तत्काल उपलब्ध कराया जाता है।
सिम्स हॉस्पिटल की जानकारी का प्रदाय
[चिकित्सा शिक्षा]
16. ( क्र. 4354 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा में जो सिम्स हॉस्पिटल का निर्माण कार्य किया जा रहा है, उस निर्माण कार्य की लागत राशि क्या है? वर्तमान में कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य पूर्ण कराये जा चुके है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? भौतिक स्थिति बतायें। वर्तमान में सिम्स हॉस्पिटल का निर्माण कार्य बन्द होने का क्या कारण है? (ख) सिम्स हॉस्पिटल छिंदवाड़ा की स्वीकृति के उपरांत सम्पूर्ण सिम्स हॉस्पिटल का निर्माण एवं उपकरणों के क्रय हेतु कितना बजट शासन द्वारा प्रदान किया गया था? जो बजट पिछली सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया था क्या उसी बजट के अनुसार सिम्स हॉस्पिटल छिंदवाड़ा का निर्माण कार्य कराया जा रहा है या नहीं? (ग) सिम्स हॉस्पिटल छिंदवाड़ा के विभिन्न निर्माण कार्यों व उपकरणों के क्रय व अन्य कार्य सुविधा हेतु जो बजट पिछली सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया था, क्या उस बजट राशि में से कटौती कर, शासन/विभाग द्वारा अन्य कार्य हेतु राशि स्थानांतरित की गई है? (घ) सिम्स हॉस्पिटल छिंदवाड़ा को प्रारंभ करने की सम्पूर्ण औपचारिकताओं को कब तक शासन/विभाग द्वारा पूर्ण कर, अस्पताल को प्रारंभ कर दिया जायेगा? अस्पताल में मरीजों के लिए कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध रहेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) छिन्दवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस हॉस्पिटल भवन के निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13/09/2019 द्वारा राशि रूपये 1455.33 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्य प्रगति पर है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सिम्स हॉस्पिटल छिंदवाड़ा की स्वीकृति उपरांत राशि रूपये 6478.22 लाख बजट प्रदाय किया गया। जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) निर्माण कार्य प्रगति पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शिक्षक सवंर्ग में आये शिक्षकों को समयमान-वेतनमान का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 4478 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग, द्वारा मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्रमांक एफ/1-14/2019/20-1 भोपाल, दिनांक 27/07/2019 के द्वारा अध्यापक संवर्ग हेतु सेवा नियम जारी किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में सेवा शर्तों के नियम 2 के कंडिका क्रमांक 2.15 व नियम 3 के कंडिका क्रमांक 3.4 में समयमान देने का उल्लेख किया गया था यदि हाँ, तो 10 व 20 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कितने-कितने उच्च माध्यमिक शिक्षकों को समयमान वेतनमान देने के आदेश प्रसारित हुए हैं? संख्या बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में यदि समयमान वेतनमान देने के आदेश जारी कर दिये गये हैं तो सेवा शर्तें जारी होने के इतने समय बाद भी समयमान वेतनमान देने के आदेश क्यों प्रसारित नहीं हुए हैं? (घ) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समयमान और वेतनमान न देने के कारण अंशदायी पेंशन में कटौत्रा न होने से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई कब तक और कैसे कर दी जायेगी तथा इस संबध में कार्यवाही प्रचलन में हैं तो स्थिति से अवगत करावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नांकित परिपत्र द्वारा नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति लोक सेवकों हेतु सेवा शर्तें जारी की गई है। (ख) प्रश्नांकित परिपत्र की कण्डिका-2.15 में अध्यापक संवर्ग में पूर्व में की गई सेवा अवधि का लाभ पदोन्नति/क्रमोन्नति/समयमान हेतु सेवा की गणना में लिये जाने के संबंध में निर्देश है तथा परिपत्र की कण्डिका 3.4 में पदोन्नति/क्रमोन्नति/समयमान का लाभ प्राप्त करने के लिए भर्ती नियम तथा संगत नियम निर्देशों में उल्लेखित शर्तों तथा मापदण्डों की पूर्ति किये जाने के निर्देश है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृद्धा पेंशन दिये जाने के नियम
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( क्र. 4488 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिलों में 01 जनवरी, 2021 की स्थिति में मतदाता सूची अनुसार कितने व्यक्ति 60 वर्ष के हो गये है जो कि विभाग की पात्रता मापदण्ड के अनुसार पात्र है? पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त व्यक्तियों को कब तक पेंशन का लाभ दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें? विभाग को ज्ञात है कि माह जनवरी, 2021 की मतदाता सूची में जो व्यक्ति पूर्व में 59 वर्ष के थे अब 60 वर्ष के हो गये हैं तो अभियान चलाया जाकर पेंशन उसी माह में स्वीकृत क्यों नहीं कर दी जाती है? विभाग द्वारा इस हेतु यदि कोई निर्देश/पत्र जारी किया गया है तो प्रति उलपब्ध करावें? यदि निर्देश/पत्र जारी नहीं किया गया है तो कब तक जारी कर दिया जावेगा? (ग) सामाजिक सुरक्षा वृद्धा पेंशन (Non BPL) दिये जाने के क्या नियम हैं? आवेदन फार्म में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी से सत्यापन कराया जाता है? विभाग द्वारा सीधी एवं सिंगरौली जिले के सभी विकासखण्डों में उक्त योजना के तहत कितनी पेंशन स्वीकृत की गई है? विगत 3 वर्षों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या उक्त योजना के तहत विभाग द्वारा अन्य योजनाओं की तुलना में कम पेंशन स्वीकृत की जाती है? यदि हाँ, तो इसका कारण है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में 01 जनवरी 2021 की स्थिति में मतदाता सूची अनुसार 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले व्यक्तियों को पात्रता के मापदण्ड अनुसार पंचायतवार पात्र हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त व्यक्तियों को पात्रता अनुसार पेंशन का लाभ समय-सीमा में प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। माह जनवरी 2021 की मतदाता सूची में जो व्यक्ति पूर्व में 59 वर्ष के थे अब 60 वर्ष के हो गये है उन्हें प्रथम दृष्टया पात्रता की सूची पेंशन पोर्टल से प्राप्त कर नियमानुसार पेंशन स्वीकृत की जा रही है। निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत निराश्रित वृद्ध जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो को वृद्धावस्था पेंशन दिये जाने का प्रावधान है। पेंशन प्राप्त करने के लिये सत्यापन की कार्यवाही ग्रामीण क्षेत्रों के लिये ग्राम पंचायत सचिव एवं नगरीय क्षेत्र के लिये वार्ड प्रभारी के द्वारा सत्यापन कराया जाता है। सीधी एवं सिंगरौली जिला में सामाजिक सुरक्षा वृद्धा पेंशन योजना के तहत लाभान्वित हितग्राहियों विगत तीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जी नहीं। नियमानुसार पेंशन स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है।
शाला उन्नयन के नियम, अधिनियम एवं मापदण्ड
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र. 4489 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाला उन्नयन के क्या नियम, अधिनियम, मापदण्ड शासन ने जारी किये है जो कि वर्तमान में प्रचलित है? प्रतियां उपलब्ध करायें। सिहावल विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से शालाओं को उन्नयन किये जाने हेतु चिन्हित किया गया हैं? कितने प्रस्ताव किन-किन शालाओं के शासन स्तर पर लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय हाई स्कूल पोड़ी, शासकीय हाई स्कूल टीकर, शासकीय हाई स्कूल कुनझुन कला, शासकीय हाई स्कूल फुलवारी, शासकीय हाई स्कूल गहिरा, शासकीय हाई स्कूल पैगमा, शासकीय हाई स्कूल कन्या सिहावल, शासकीय हाई स्कूल गोड़ाही, शासकीय हाई स्कूल पहाड़ी, शासकीय हाई स्कूल कोरौली कला, शासकीय हाई स्कूल हटवा एवं शासकीय हाई स्कूल कोदोरा व अन्य हाई स्कूलों का उन्नयन किये जाने की आवश्यकता है? उक्त शालाओं को हाई स्कूल से हायर सेकेण्ड्री स्कूल में उन्नयन कब तक कर दिया जावेगा? (ग) माध्यमिक शाला ददरीकला, माध्यमिक शाला जतखनिहा, माध्यमिक शाला घोपारी व अन्य माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल में उन्नयन कब तक कर दिया जावेगा? सिहावल विधान सभा क्षेत्र में शासकीय विद्यालयों में विभागीय अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? मरम्मत व रख-रखाव के कार्य कौन-कौन सी विद्यालयों में कराये गये है? कौन-कौन से विद्यालय मरम्मत योग्य है? किन-किन विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है? किन-किन विद्यालयों में पेयजल हेतु हैण्डपंप/बोरवेल व पाइप लाइन टंकी की व्यवस्था नहीं है? किन-किन विद्यालयों में बच्चों की बैठक व्यवस्था हेतु कुर्सी-टेबिल नहीं है? कब तक निरीक्षण कराया जाकर सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त कराई जावेगी? समय-सीमा बतायें। (घ) माडल स्कूल सिहावल स्थित बमुरी में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु कब तक राशि आवंटित की जाकर कार्य कराया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सिहावल विधानसभा क्षेत्र में उन्नयन हेतु कोई भी शाला चिन्हित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) निर्धारित मापदण्ड अनुसार न होने से चिन्हित नहीं हुए है। सर्वसुविधा सम्पन्न परिवहन एवं अन्य संसाधनों से युक्त सी.एम. राइज शालाओं की स्थापना किये जाने संबंधी कार्यवाही वर्तमान में प्रस्तावित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में नवीन नीति अनुसार निर्णय लिया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कक्षा 1 से 8 तक की शालाएं सत्र 2021 में कोविड-19 के संक्रमण के कारण बंद रहने से निरीक्षण नहीं किया गया। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र के शासकीय उ.मा.वि. वहरी में रू. 25000/- से लघु मरम्मत कार्य कराये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बाउण्ड्रीवॉल निर्माण तथा फर्नीचर प्रदाय बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। जिलों से मरम्मत प्रस्ताव के आधार पर राशि जारी की जाती है। हैण्डपंप/बोरवेल व्यवस्था नवीन भवन में भवन के साथ की जाती है। शेष में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा की जाती है। प्राथमिक/माध्यमिक शाला के प्रस्ताव कार्ययोजना वर्ष 2021-22 में उक्तानुसार सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त कराए जाने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किए जा रहे है। भारत सरकार से स्वीकृति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) बाउण्ड्रीवॉल निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठीत कमेटी
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र. 4501 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किस-किस दिनांक को बैठक का आयोजन किया गया। (ख) मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने लघु वनोपज से संबंधित वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996, संविधान की 11वीं अनुसूची के प्रावधानों से संबंधित किस दिनांक की बैठक में क्या-क्या निर्णय लिया, किस दिनांक को आदेश जारी किए निर्णय एवं आदेश की प्रति सहित बतावें। (ग) मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी लघु वनोपज से संबंधित विषयों पर कब तक निर्णय लेकर आदेश जारी किए।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठकों के दिनांकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -एक अनुसार है। (ख) मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक दिनांक 6 फरवरी 2014 में लघु वनोपज के संबंध में निर्णय लिया गया। आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक/वन अधि./503/14/5733 दिनांक 21.02.2014 द्वारा वन विभाग को कार्यवाही विवरण की प्रति पालन प्रतिवेदन हेतु प्रेषित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- दो अनुसार है। पेसा कानून 1996 एवं संविधान की 11वीं अनुसूची के संबंध में कोई निर्णय न लिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जांच
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 4655 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शासकीय सेवा में नियुक्त प्राप्त कर अथवा शासकीय सेवा में नियुक्ति उपरांत फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग करने के संबंध क्या दण्ड का प्रावधान किया गया है? उपरोक्त के संबंध में समय-समय पर जारी शासनादेशों की प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सहकारिता विभाग के किन-किन लोकसेवकों के विरूद्ध फर्जी प्रमाण पत्रों से संबंधित जाँच किन-किन स्तरों पर प्रक्रियाधीन है? (ग) क्या जी.पी. सोनकुसरे तत्कालीन उपायुक्त सतना जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं के द्वारा अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कराकर उसका लाभ लिया गया, की शिकायत पत्र क्रमांक 430 दिनांक 12/9/2020 द्वारा की गई थी में की गई कार्यवाही की पूर्ण जानकारी देवें। क्या संबंधित की जाँच वर्तमान में उच्च स्तरीय छानबीन समिति स्तर पर लंबित है? यदि पूर्ण हो गई है तो बतावें कि अभी तक शासनादेशों के अनुक्रम में कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ प्राप्त करने पर दोषी के विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराते हुये सेवा से बरखास्त करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। नियुक्तिकर्ता कार्यालय द्वारा ही संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। शासनादेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 1. श्री अवधेश प्रसाद केवट आत्मज श्री धनीराम केवट-वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक-पुलिस अधीक्षक से जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित। 2. राजाराम भट्ट, पिता श्री गोविंद भट्ट-सहकारिता विस्तार अधिकारी, छानबीन समिति के समक्ष। 3. श्री जी.पी.सोनकुसरे पिता श्री डोमादास सोनकुसरे-उपायुक्त, सहकारिता-छानबीन समिति के समक्ष। (ग) पत्र क्र. 429 दिनांक 12/09/2020 द्वारा शिकायत प्राप्त। पुलिस अधीक्षक से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त की गई, अनावेदक से प्रतिवाद अप्राप्त। छानबीन समिति के समक्ष। (घ) छानबीन समिति के निर्णय उपरांत नियुक्तिकर्ता विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताये जाना संभव नहीं है।
शासकीय शालाओं में विद्युत व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
22. ( क्र. 4812 ) श्री मनोज चावला : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की सभी शासकीय शालाओं में विद्युत व्यवस्था हेतु राशि स्वीकृत की जाती है? यदि हाँ, तो बताएं कि क्या सभी विद्यालयों में विद्युत व्यवस्था करने हेतु इस संबंध में शासन से कोई आदेश जारी हुआ है? (ख) रतलाम जिले में कुल कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल है जिनमें विद्युत व्यवस्था हेतु कनेक्शन है और कितने में नहीं तहसीलवार स्कूल की संख्या बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत शालाओं में प्रश्न दिनांक तक विद्युत बिलों का कुल कितना विद्युत बिल बकाया है तहसीलवार सभी शालाओं की सूची उपलब्ध कराएं। क्या शालाओं में विद्युत बिलों का भुगतान करने हेतु पृथक से कोई राशि जारी की गई हैं या नहीं यदि नहीं, तो शालाओं में विद्युत बिलों का भुगतान करने की क्या व्यवस्था है? (घ) क्या रतलाम जिले अंतर्गत उल्लेखित शालाओं में विद्युत कनेक्शन नहीं होने पर भी विद्युत के बिल दिए जा रहे हैं ऐसी शालाओं की सूची उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रदेश के शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में विद्युत व्यवस्था हेतु स्वीकृति बजट की उपलब्धता अनुसार की जाती है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जिले के प्रस्ताव पर राशि प्रदाय की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में लंबित विद्युत बिलों के भुगतान हेतु आहरण संवितरण अधिकारी को ग्लोबल बजट उपलब्ध कराया जाता है। शालाओं में विद्युत बिलों का भुगतान विद्यालय द्वारा लोकल एवं एस.एम.डी.सी. मद से भी किया जाता है। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में विद्युत बिलों का भुगतान करने हेतु पृथक से कोई राशि जारी नहीं की गई हैं, अपितु शाला प्रबंधन समिति को जारी की जाने वाली एकीकृत शाला निधि से विद्युत बिलों का भुगतान करने के निर्देश है (घ) हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के संबंध में ऐसी जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
जबलपुर जिले में स्वास्थ्य सुविधायें बढ़ाना
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( क्र. 4972 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल कॉलेज जबलपुर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन न्यूरो सर्जरी एवं पल्मोनरी मेडिसिन के अंतर्गत सुविधायें शुरू की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपकरणों की व्यवस्था कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कब तक ये सुविधायें उपलब्ध होगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। आंशिक रूप से सुविधाएं शुरू की गई संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। आंशिक रूप उपकरणों की व्यवस्था कर ली गई है। शेष कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने पर समस्त सुविधाएं पूर्ण रूपेण उपलब्ध होगी।
नियम विरूद्ध राशि का भुगतान
[चिकित्सा शिक्षा]
24. ( क्र. 4975 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित प्रकरण में दवा क्रय नीति वर्ष 2009 के नियमों के विरूद्ध जाकर राशि 1.25 करोड़ आपूर्तिकर्ता को भुगतान कर शासन को क्षति पहुँचाई गई है? (ख) क्या महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर ने पत्र दिनांक 23.5.2016 के द्वारा आपत्ति ली थी? (ग) क्या जाँच उपरांत आपत्ति सही पाई गई? (घ) यदि हाँ, तो क्या राशि की वसूली कर कार्यवाही की जावेंगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर स्टेट एलाईड हेल्थ संस्थान की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( क्र. 4976 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों हेतु केन्द्र से स्टेट एलाईड हेल्थ संस्थान की स्थापना हेतु राशि प्राप्त हुई हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितनी राशि कब प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या प्राप्त राशि किसी अन्य मद में व्यय कर दी गई है? (घ) यदि नहीं, तो संस्थान का कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत शासन के पत्र Z-28020/03/ 2013-AHS (pt) New Delhi dated 17/09/2018 द्वारा राज्य शासन को प्रथम किश्त के रूप में राशि रू. 411 करोड़ की राशि स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। (घ) कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है।
डेयरी संवर्ग के पदों से सांख्येत्तर शब्द विलोपित करना
[पशुपालन एवं डेयरी]
26. ( क्र. 5030 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवकों के पदों को साँख्येत्तर घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसमें कर्मचारी/अधिकारी संगठनों से चर्चा की गई थी? यदि हाँ, तो कब-कब किन-किन संगठनों से क्या-क्या चर्चा की गई? क्या कर्मचारी/अधिकारी संगठनों द्वारा साँख्येत्तर घोषित करने हेतु स्वीकृति दी गई थी? यदि स्वीकृति नहीं दी गई थी, तो फिर किस आधार पर डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवकों के पदों को सांख्येत्तर घोषित किया गया है? (ख) क्या शासन ने साँख्येत्तर घोषित पदों पर कार्यरत शासकीय सेवकों को पदोन्नति से वंचित रखा है? यदि हाँ, तो क्या इन डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवकों के साथ अन्याय नहीं है? यदि है तो क्या शासन इस सांख्येत्तर शब्द को विलोपित कर पुरानी व्यवस्था बहाल करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करे। (ग) क्या शासन इस सांख्येत्तर शब्द को विलोपित कर खाली उच्च पदों पर (पदनाम) प्रभार दिये जाने की प्रक्रिया में डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवकों को भी शामिल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। डेयरी विकास विभाग का वर्ष 10.04.2000 में पशुपालन विभाग में संविलियन कर डेयरी विकास विभाग के पदों को सांख्येत्तर घोषित किया गया। कर्मचारी/अधिकारी संगठनों से चर्चा की गई अथवा नहीं, की जानकारी उपलब्ध नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ख) पद सांख्येत्तर घोषित होने से कर्मचारी/अधिकारी की सेवा निवृत्त/मृत्यु/त्याग पत्र उपरांत वह पद स्वत: समाप्त हो जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में विचाराधीन नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
वन विभाग के निर्माण कार्यों की जानकारी
[वन]
27. ( क्र. 5095 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वन विभाग के माध्यम से भवनों एवं मार्गों का निर्माण करवाये जाने के निर्देश है। यदि हाँ, तो, निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कटनी एवं सतना द्वारा कितने भवनों का निर्माण किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किया गया है भवन पूर्ण है अथवा अपूर्ण जानकारी देवें। (ग) वनमण्डल कटनी एवं सतना के अन्तर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने किलोमीटर के वन मार्ग बनाये गये है। दिनांक व राशि सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) क्या दिनांक 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है अथवा अधूरे हैं पूर्ण जानकारी देवें। यदि उक्त अवधि में उक्त निर्माण कार्यों में किसी अनियमितता की शिकायत हो तो शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वन विभाग के माध्यम से भवनों एवं मार्गों का निर्माण कराये जाने के संबंध में वित्तीय शक्ति पुस्तिका 1995 में दिये गये अधिकारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है।
शिक्षा विभाग में संलग्नीकरण
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 5096 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग में संलग्नीकरण पर पूर्णत: रोक लगी है? यदि हाँ, तो कटनी एवं सतना जिले में किस-किस को संलग्न किया गया है? (ख) क्या शासन एवं आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा संलग्नीकरण एवं जिसका वेतन जिस स्थान से निकल रहा है उस स्थान पर कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि किया गया है तो व्यवसायिक शिक्षा के व्याख्याता किस आदेश के तहत विभिन्न कार्यालय में संलग्न है? (घ) यदि अभी भी जबलपुर एवं रीवा संभाग में व्याख्याता संलग्न है तो क्या दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी और अन्य विभाग में जो शिक्षक एवं अन्य प्रतिनियुक्ति पर है उन्हें कब तक विभाग में वापस किया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। डाईट सतना से श्री आनंद रावत, भृत्य को कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी रघुराज नगर जिला सतना में संलग्न किया गया है। शेष संलग्नीकरण संबंधी जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। (ग) संचालनालय के आदेश दिनांक 17.11.2016 के तहत। (घ) जी हाँ, पुरानी व्यावसायिक शिक्षा के ऐसे ट्रेड जो वर्तमान में कौशल अनुरूप नहीं है, बंद किये गये है। प्रचलित ट्रेड अनुसार शालाओं में विद्यार्थी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रिकेट टीम छतरपुर को स्पोर्ट व्हील चेयर का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
29. ( क्र. 5233 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में दिव्यांग खिलाड़ियों की व्हील चेयर क्रिकेट टीम गठित है। (ख) प्रश्नांश "क" हाँ है तो इसके कितने खिलाड़ियों ने राष्टीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया है। (ग) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में क्या उक्त 13 सदस्यी टीम ने स्पोर्ट व्हील चेयर की मांग खेल और युवा कल्याण अधिकारी छतरपुर से की थी। (घ) प्रश्नांश "ग" के अनुक्रम में क्या राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों वाली दिव्यांगजनों की टीम की उक्त मांग को शासन स्वीकार कर स्पोर्ट व्हील चेयर प्रदाय करेगी ताकि उक्त टीम प्रेरणा का स्त्रोत बन सके।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला छतरपुर से निम्नलिखित 06 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया गया है। 1. श्री मैयादीन अहिरवार 2. श्री रिजवान अहमद 3. श्री बसंत अहिरवार 4. श्री उमेश मोर्य 5. श्री राममिलन कुशवाहा 6. श्री ओमप्रकाश अहिरवार एवं जिला छतरपुर से निम्नलिखित 02 खिलाड़ियों ने अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया गया है। 1. श्री मैयादीन अहिरवार 2. श्री रिजवान अहमद। (ग) जी हाँ। (घ) खेल और युवा कल्याण विभाग के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नियम-2019 में ओलम्पिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेलों के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित करने पर प्रोत्साहन व पुरस्कार प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। व्हील चेयर स्पोर्ट्स ओलम्पिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में नहीं खेला जाता है, फलस्परूप स्पोर्ट्स व्हील चेयर प्रदान नहीं की गई।
अंशदान की राशि संबंधितों के खाते में जमा किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 5386 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा जनपद शिक्षा केन्द्र करैरा एवं नरवर में वर्ष 2011 से 2016 तक पदस्थ रहे सभी वी.ए.सी/सीएसी (अध्यापक संवर्ग) का एन.पी.एस. कटौत्रा हुआ या नहीं। (ख) यदि हाँ, तो इन पाँच वर्षों में किस अवधि का अंशदान उनके प्रान खातों में जमा किया गया यदि कुछ माह का शेष रहा तो आज दिनांक तक उन पर क्या कार्यवाही की गयी। (ग) यदि शेष माह का अंशदान उनके खातों में जमा नहीं हुआ तो कब तक शेष राशि ब्याज सहित उनके प्रान खातों में जमा करा दी जावेगी।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) बी.ए.सी./सी.ए.सी (अध्यापक संवर्ग) का एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से विकासखंड श्रोत समन्वयक द्वारा वेतन देयक जनरेट किया जाता है तत्पश्चात इसके आधार पर एन.पी.एस कटौत्रा राज्य द्वारा जमा किया जाता है। (ख) किसी माह का शेष रहा एन.पी.एस के संबंध में ऐसे अध्यापकों की सूची एवं ऐसे अध्यापक संवर्ग के अंशदान की राशि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिले से चाही गयी थी जिसके माध्यम से जिले से चेक कार्यालय में प्राप्त होने के उपरांत एन.पी.एस. अंशदान जमा किया जा चुका है। (ग) अंशदान की राशि जमा कराने की कार्यवाही की जा चुकी है।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 5395 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत शाजापुर जिले में कितने निर्माण कार्य 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं? उनमें से कितने पूर्ण अपूर्ण अप्रारंभ है? जिलेवार बतायें कितने कार्यों में एजेन्सी पर कितनी राशि वसूली के लिये निकाली गई है? (ख) सर्व शिक्षा अभियान में भारत सरकार से मध्यप्रदेश को वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस मद से प्राप्त हुई है? राज्य शासन ने उपरोक्त वर्षों में कितनी राशि की मांग भारत सरकार से की थी? वर्षवार जानकारी बतावें? (ग) क्या भारत सरकार ने मध्यप्रदेश का मांग के अनुपात में कम राशि उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार वर्षवार आंकड़े दिये जायें? (घ) इस वित्तीय वर्ष एवं आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये राज्य शासन की क्या कार्य योजना है? जिलेवार बतावें?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ, मांग केन्द्रांश से, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार केन्द्रांश राशि की उपलब्धता में कमी रही है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2020-21 की स्वीकृत कार्य योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त होते ही तद्नुसार कार्यवाही की जाएगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल शिक्षकों के रिक्त पद
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 5531 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के स्कूलों में नियमित शिक्षकों के कितने-कितने पद रिक्त हैं? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र. में शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा अंतिम बार कब आयोजित हुई थी? (ग) उक्त परीक्षा में पदवार दोनों ही वर्ग में सफल उम्मीदवार की संख्या कितनी-कितनी है क्या सफल प्रतिभागियों को नियुक्ति मिल चुकी है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या चयन प्रक्रिया को लोक शिक्षण संचालनालय ने रोका हुआ है? क्या शासन स्तर पर इसे रोकने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय को निर्देश मिला था या फिर विभागीय स्तर पर यह निर्णय हुआ है? (ङ) उक्त सफल प्रतिभागियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को कब तक पूर्ण किया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की अंतिम पात्रता परीक्षा क्रमश: दिनांक 01.02.2019 से दिनांक 11.02.2019 एवं दिनांक 16.02.2019 से दिनांक 11.03.2019 तक आयोजित की गई। (ग) उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक पद की पात्रता परीक्षा 2018 में सफल उम्मीदवारों की संख्या क्रमश: 44040 एवं 216240 है। जी नहीं। कोरोना महामारी के कारण चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को दिनांक 04.07.2020 को स्थगित की गई थी। (घ) जी नहीं। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कोरोना महामारी की स्थिति को अवगत कराते हुए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को जारी रखने या स्थगित रखने संबंधी मार्गदर्शन चाहा गया था, जिस पर शासन द्वारा दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को स्थगित किए जाने का आदेश दिया गया था। (ड.) दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पुनः प्रारंभ की जा रही है। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्ति आदेश जारी करने पर स्थगन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अल्पसंख्यक आयोग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
33. ( क्र. 5547 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक म.प्र.रा.अ.आ./ एफ/67/स्था./5683 दिनांक 21.02.2002 है जिसमें दैनिक वेतनभोगी स्वीकृत पदों का उल्लेख भी किया गया है तथा आयुक्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण को पत्र क्र. म.प्र.रा.अ.आ./3549 दिनांक 17.01.2008 प्रेषित किया गया था जिसमें आयोग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति दिनांक और नियुक्तिकर्ता अधिकारी के नाम की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या जानकारी दी गई थी? (ख) क्या अल्पसंख्यक आयोग में अध्यक्ष/सदस्यगणों के निजी स्थापना में पदस्थ तीन कर्मचारियों को नियमित/विनियमित किया गया है? विधानसभा प्रश्न क्रमांक 459 दिनांक 28.12.2020 के उत्तर में विभाग द्वारा स्वीकार किया गया है कि तीन कर्मचारियों को नियमित/विनियमित किया गया है परंतु शेष कर्मचारियों को गलत नियम का हवाला देते हुए कार्य से निकाल दिया गया है? जबकि नियमित किये गये और निकाले गये कर्मचारी की नियुक्ति एक ही नियम प्रक्रिया के अंतर्गत थी? यदि हाँ, तो तीन कर्मचारियों को किस नियम के तहत नियमित/विनियमित किया गया है तथा निकाले गये कर्मचारियों को किन नियम के तहत निकाला गया है? नियम/प्रक्रिया सहित जानकारी देवें। (ग) क्या सही है कि सामान्य प्रशासन विभाग की नोटशीट 28.08.2020 एवं 29.08.2019 को मुख्यमंत्री कार्यालय की टीप क्रमांक 2116/सीएमएस/बीसीएस/2019, 21.08.2019 के परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा क्या परामर्श विभाग प्रमुख को दिया गया था? उक्त परामर्श के अनुसार श्री रमेश थेटे, सचिव/आयुक्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा लिये गये निर्णय/अभिमत अनुसार प्रश्न दिनांक तक आदेश नहीं जारी करने के क्या कारण हैं? आदेश कब तक जारी किये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के नियम/निर्देशों का पालन नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन 2012 की भर्ती प्रक्रिया
[पशुपालन एवं डेयरी]
34. ( क्र. 5595 ) श्री सुनील उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन 2012 की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु कोई कमेटी गठित की गई थी? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गठित कमेटी या सक्षम अधिकारी द्वारा चयन प्रक्रिया में प्रतीक्षा सूची जारी करने में रिक्त पदों के विरूद्ध उम्मीदवारों का अनुपात निर्धारित किया था? यदि हाँ, तो स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त भर्ती प्रक्रिया की प्रतीक्षा सूची दिनांक 15/10/2013 एवं 17/10/2013 के किन उम्मीदवारों द्वारा अपने बॉयोडाटा एम.पी.सी.डी.एफ. कार्यालय में जमा किये उनकी, पदवार सूची जमा करने की दिनांक सहित एवं क्या प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ तकनीशियन पद अपिव के 01 पद हेतु मैरिट सूची जारी की गई थी तो, क्या उक्त पद की प्रतीक्षा सूची भी जारी की गई थी? यदि हाँ, तो प्रतीक्षा सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) भर्ती प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं एवं नियुक्ति के संबंध में विनोद कुमार ठाकरे के आवेदन पर कार्यवाही करने हेतु पूर्व पशु पालन मंत्री के पत्र क्रं. 1863 दिनांक 27.09.2019 में की गई कार्यवाही एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन
[वन]
35. ( क्र. 5609 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्वोच्च अदालत ने याचिका क्रमांक 202/95 आई ए क्रमांक 2619-2621/2009 आदेश दिनांक 02 सितम्बर 2013 में बैतूल जिले से संबंधित डीनोटिफाईड जमीन के सबंध में क्या आदेश दिया है उसका पालन किए जाने के सबंध में वन विभाग ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है। (ख) बैतूल जिले के अन्तर्गत किस दिनांक को कितनी भूमि डीनोटिफाईड की गई संरक्षित वन सर्वे में शामिल कितने ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटिफाईड की गई इन ग्रामों की कितनी भूमि सर्वे में शामिल की गई। (ग) डीनोटिफाईड भूमियों को वन भूमि प्रतिवेदित किए जाने, वन भूमि बताकर कार्यवाही किए जाने का वर्तमान में क्या क्या कारण रहा है, कितनी डीनोटिफाईड भूमियों के वन अधिकार दावे मान्य अमान्य किए गए है।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित याचिका आई.ए. में पारित आदेश में केवल कक्ष क्रमांक 385-386 (नया 342-343) की 10.190 हेक्टेयर भूमि के संबंध में आदेश दिया गया है कि संबंधित भूमि को वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के संबंध में गैर वनभूमि माना जाये। उक्त आदेश के पश्चात वनमंडल द्वारा उक्त भूमि पर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांकित जिले के अंतर्गत डीनोटिफाईड भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सर्वे-डिमारकेशन स्कीम में शामिल 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 34'अ' के तहम अधिसूचना दिनांक 10.07.1972 मध्यप्रदेश राजपत्र प्रकाशन दिनांक 15 सितम्बर 1972 से डीनोटिफाईड किया गया। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में ग्रामों के समक्ष खसरा नम्बर एवं रकबे का उल्लेख नहीं है। उक्त 243 ग्रामों की 53681.30 एकड़ (21724.080 हे.) भूमि सर्वे-डिमारकेशन स्कीम में दर्ज है। (ग) वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5/43/1990/10-3 दिनांक 14.05.1996 से जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में 2875.515 हेक्टेयर भूमि नारंगी वनखण्डों में शामिल की गई, जिसमें से 2411.314 हेक्टेयर भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 के प्रस्तावित कर वर्किंग प्लान में शामिल है। शेष 464.200 हेक्टेयर भूमि वर्किंग प्लान में शामिल नहीं है। अपितु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 12.12.1996 में उल्लेखित वन की परिभाषा अनुसार भूमियों पर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधान लागू है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
संरक्षित वन सर्वे में शामिल भूमि
[वन]
36. ( क्र. 5614 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उत्तर वनमण्डल बैतूल के ग्राम सोनाघाटी, टिकारी, झगड़िया, कटंगी, डुल्हारा एवं सिवनपाट के निस्तार पत्रक में किस मद में दर्ज किस खसरा नम्बर के कितने रकबे को संरक्षित वन सर्वे में शामिल किया, उसमें से कितना रकबा किस दिनांक को अंतरित, आवंटित एवं डीनोटिफाईड किया गया। (ख) इनमें से कितनी भूमि वर्किंग प्लान में शामिल है, कितनी भूमि पर वन विभाग का कब्जा है भूमि वर्किंग प्लान में शामिल कर कब्जा किए जाने की अनुमति का आदेश कलेक्टर बैतूल या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैतूल और शाहपुर ने किस दिनांक को दिया है। (ग) डीनोटिफाईड भूमि के संबंध में सर्वोच्च अदालत ने याचिका क्रमांक 202/95 की आई.ए. क्रमांक 2619-2621/2009 दिनांक 2 सितंबर 2013 को क्या आदेश दिया है, डीनोटिफाईड भूमियों पर वन संरक्षण कानून 1980 के किन प्रावधानों को अदालत ने लागू माना है।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल उत्तर बैतूल के ग्राम सोनाघाटी, टिकारी, झगड़िया, कटंगी, डुल्हारा एवं सिवनपाट से संबंधित राजस्व अभिलेखों में दर्ज मद की जानकारी वन विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। भारतीय वन अधिनिमय, 1927 की धारा 4 (1) के तहत अधिसूचित एवं प्रस्तावित भूमि भारत सरकार की स्वीकृति से वर्किंग-प्लान में नियंत्रण एवं वैज्ञानिक प्रबंधन की दृष्टि से शामिल की गई है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की याचिका क्र.202/95 की आई.ए.क्रमांक 2619-2621/2009 में दिनांक 02.09.2013 को जारी आदेश में सिर्फ कम्पार्टमेंट नं. 385-386 (नया 342-343) की 10.190 हेक्टेयर भूमि के संबंध में आदेश पारित किया है कि संबंधित भूमि को वन (संरक्षण) 1980 के सन्दर्भ में गैर वनभूमि माना जावे।
व्यक्तिगत दावे मान्य/अमान्य करना
[जनजातीय कार्य]
37. ( क्र. 5615 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत बैतूल जिले के ग्राम टिकारी, सोनाघाटी, झगड़िया, कटंगी, डुल्हारा एवं सिवनपाट के किस दावेदार ने किस खसरा क्रमांक के कितने रकबे का दावा प्रस्तुत किया उसमें से किस दावे को वनाधिकार समिति एवं ग्राम सभा ने किस दिनांक को मान्य और अमान्य किया। (ख) किस दावेदार का दावा उपखण्ड स्तरीय समिति, जिला स्तरीय समिति ने किस दिनांक को किस-किस आधार पर अमान्य किया वनाधिकार समिति एवं ग्राम सभा द्वारा मान्य दावे को अमान्य किए जाने का प्रावधान एवं अधिकार किस धारा एवं कंडिका में दिया गया है। (ग) राजपत्र में दिनांक 15 सितम्बर 1972 को डीनोटिफाईड भूमियों के दावे मान्य एवं अमान्य किए जाने का क्या कारण रहा है ग्राम टिकारी, झगड़िया एवं डुल्हारा की संरक्षित वन सर्वे में शामिल कितनी भूमियों पर कितने दावे मान्य एवं अमान्य किए गए है।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत बैतूल जिले के ग्राम टिकारी, सोनाघाटी, झगड़िया, कटंगी, डुल्हारा एवं सिवनपाट के दावेदारों द्वारा प्रस्तुत दावों का वनाधिकार समिति, ग्रामसभा, उपखण्ड एवं जिला स्तरीय द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के नियम-6 में उपखण्ड स्तरीय समिति के कृत्य एवं नियम-8 में जिला स्तरीय समिति के कृत्य दर्शित है, जिसकी प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के नियम 2 (घ) में उल्लेखित वनभूमि के वन अधिकार पत्र प्रदान किये जा रहे है। ग्राम टिकारी, झगड़िया एवं डूल्हरा की संरक्षित वन सर्वे में शामिल भूमियों पर मान्य एवं अमान्य किये गये दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
वनाधिकार समिति की बैठक
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 5620 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकारी कानून 2006, नियम 2008 के अनुसार अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति की किस दिनांक को हुई बैठक में क्या-क्या निर्णय लिया गया किस दिनांक को पत्र जारी किया निर्णय एवं जारी पत्रों की प्रति सहित बतावें। (ख) उपरोक्त अवधि में भारत सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली ने वन अधिकार कानून से संबंधित किस-किस विषय पर किस दिनांक को क्या-क्या आदेश एवं निर्देश दिए है। (ग) भारत सरकार द्वारा दिए गए किस आदेश, निर्देश के संबंध में राज्य में क्या-क्या कार्यवाही की गई क्या-क्या कार्यवाही वर्तमान में लंबित है, वह कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति की बैठक न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित भारत सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जानकारी निरंक है। जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों की बसाहटों के हेबीटेट राईट्स प्रदान किये जाने हेतु दिनांक 21.02.2020 को गाईड लाईन तैयार करने हेतु विशेष उप समूह गठित किया गया। विशेषज्ञ उप समूह द्वारा तैयार ड्राफ्ट गाईड लाईन भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली के पत्र दिनांक 10.12.200 द्वारा उपलब्ध कराई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त ड्राफ्ट गाईड लाईन पर सूक्ष्म परीक्षण संचालक, आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था मध्यप्रदेश द्वारा किया जा है। । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है
ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत के प्रस्ताव
[जनजातीय कार्य]
39. ( क्र. 5622 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल ब्लॉक के ग्राम टिकारी, सोनाघाटी, झगड़िया एवं घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के ग्राम कटंगी, डुल्हारा एवं सिवनपाट की ग्रामसभा ने जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस खसरा नम्बर के कितने रकबे पर किसके कब्जे को मान्य एवं अमान्य कर वन अधिकार पत्र दिए जाने का किस दिनांक को प्रस्ताव लिया। (ख) ग्रामसभा द्वारा मान्य किस काबिज के दावे को किस-किस आधार पर किसके द्वारा किस दिनांक को अमान्य किया गया, दावा अमान्य किए जाने के पूर्व किस दावेदार को किस दिनांक को सुनवाई का अवसर दिया, यदि सुनवाई का अवसर नहीं दिया तो उसका कारण बतावें। (ग) ग्रामसभा द्वारा मान्य दावे को किस-किस आधार पर किस कानून, नियम के तहत किसकी रिपोर्ट पर अमान्य किया जा सकता है इस संबंध में किस धारा, कंडिका में क्या-क्या उल्लेख किया गया है।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - एक अनुसार है। (ख) जनवरी 2008 से वर्तमान तक के अमान्य दावों पर पुनः परीक्षण कर दावों को मान्य/अमान्य की कार्यवाही एम.पी. वनमित्र पोर्टल पर प्रचलन में है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं मान्यता नियम 2008 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- दो अनुसार है।
कोल विकास अभिकरण योजना का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 5639 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा कोल समाज के उत्थान के लिए कोल विकास अभिकरण का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त समाज के उत्थान के लिए क्या-क्या योजनाओं का निर्धारण किया जाकर कटनी जिले में क्रियान्यन कराया गया, योजनावार, हितग्राही संख्यावार, वर्षवार कराये कार्य एवं लाभान्वित कृषकों की जानकारी देवें? (ख) यदि हाँ, तो इस वित्तीय वर्ष में जिले को कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं योजनावार चयन किये गये कार्य कितने पूर्ण हुये एवं कितने कार्य निर्माणाधीन है जानकारी कार्यवार, हितग्राही संख्या एवं आवंटनवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में इस समाज के उत्थान हेतु विभाग द्वारा वर्तमान में नवीन योजना क्या प्रस्तावित है यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कोल विकास अभिकरण का गठन किया गया है। गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त समाज के उत्थान के लिए किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस वित्तीय वर्ष में जिले को आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
को-वैक्सीन के थर्ड फेज ट्रायल के संदर्भ में
[चिकित्सा शिक्षा]
41. ( क्र. 5646 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को को-वैक्सीन के थर्ड फेस ट्रायल के अंतर्गत कितने लोगों को वैक्सीन लगाई गई? (ख) क्या यह शिकायत मिली है कि इन लोगों को यह नहीं बताया गया कि उन पर को-वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है, न ही उन्हें नियमानुसार डायरी दी गई और न ही हेल्थ फालोअप किया गया? (ग) क्या को-वैक्सीन के थर्ड फेस ट्रायल में शामिल दीपक मरावी की मृत्यु पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की लापरवाही के कारण हुई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भोपाल स्थित पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साईंसेस एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल में को-वैक्सीन के थर्ड फेज ट्रायल के अंतर्गत इंवेस्टीगेशनल प्रोडक्ट (वैक्सी/प्लेसिबा) की प्रथम डोज 1724 व्यक्तियों को एवं द्वितीय डोज 1422 व्यक्तियों को लगाई गई। (ख) जी नहीं। को-वैक्सीन ट्रायल में भाग लेने वाले व्यक्तियों से सूचित सहमति प्राप्त की गई एवं उनका हेल्थ फालोअप किया गया। (ग) जी नहीं।
फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति की राशि को आहरित किये जाना
[स्कूल शिक्षा]
42. ( क्र. 5650 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन को शिवपुरी जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में फर्जी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति जारी होने और बैंक में उनके फर्जी खाते खोलकर राशि आहरित करने की शिकायत मिली है? (ख) यदि हाँ, तो इसमें कितने फर्जी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति जारी होने और बैंक में उनके फर्जी खाते खोलकर कितनी राशि आहरित की गई है? (ग) इस मामले में क्या कार्यवाही की गई है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के सबंध में कार्यालय कलेक्टर जिला शिवपुरी के पत्र क्र.826 दिनांक 15.02.21 द्वारा गठित समिति द्वारा जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जाँच निष्कर्ष के आधार पर नियत किया जा सकेगा। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
कलियासोत और केरवा क्षेत्र में वन आवरण कम होने से उत्पन्न स्थिति
[वन]
43. ( क्र. 5669 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के कलियासोत और केरवा के चंदनपुरा, मेंडोरा, मेंडोरी एवं छावनी गांव बाघ भ्रमण क्षेत्र में फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2003 से 2008 तक की अवधि में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में कितना फॉरेस्ट कवर (वन आवरण) कम हुआ है? (ख) क्या एनजीटी के निर्देश पर वन और राजस्व विभाग के संयुक्त अभियान के तहत कलियासोत और केरवा डेम क्षेत्र में डीम्ड फॉरेस्ट की रीकाउंटिंग और रीमैपिंग शुरू की गई है? यदि हाँ, तो रीकाउंटिंग और रीमैपिंग किये जाने के उपरांत कौन-कौन सा क्षेत्र डीम्ड फॉरेस्ट का है? (ग) उक्त वन आवरण क्षेत्र में किन-किन शैक्षणिक गतिविधियां, व्यवसायिक गतिविधियां एवं भवन निर्माण कार्यों को अनुमति किन शर्तों के आधार पर वन विभाग ने दी है? क्या यह अनुमति वैधानिक है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध उक्त गतिविधि संचालित करने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून द्वारा प्रकाशित वन स्थिति प्रतिवेदन अनुसार वर्ष 2003 से 2008 तक की अवधि में भोपाल जिले में वन आवरण में कुल 54 वर्ग कि.मी. की वृद्धि हुई है। यह प्रतिवदेन जिले के लिये है, कलियासोत और केरवा के चंदनपुरा, मेंडोरा, मेंडोरी एवं छावनी गांव बाघ भ्रमण क्षेत्र की जानकारी पृथक से संधारित नहीं है। (ख) जी हाँ। रीकाउंटिंग और रीमैपिंग का कार्य प्रगति पर है। कार्य पूर्ण होने के उपरान्त ही डीम्ड फारेस्ट का क्षेत्र स्पष्ट हो सकेगा। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुमति वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत् विधिवत दी गई है, जो वैधानिक है। अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित छात्रावासों में उपलब्ध सुविधायें
[स्कूल शिक्षा]
44. ( क्र. 5717 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कितने, कहाँ-कहाँ एवं किस-किस श्रेणी के छात्रावास संचालित है तथा प्रत्येक में कितने-कितने विद्यार्थी प्रवेशित है? (ख) उक्त छात्रावासों में शासन से क्या-क्या सुविधायें मुहैया कराई जाती है? इनमें प्रवेश किन-किन नियमों तथा पात्रताओं के आधार पर दिया जाता है? (ग) क्या सागर नगर में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोई सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं हेतु छात्रावास संचालित है? यदि नहीं, तो क्या शासन सामान्य वर्ग के दूरस्थ अंचलों से आने वाले छात्र-छात्राओं को होने वाली असुविधा को देखते हुये कोई छात्रावास मुहैया कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक? (घ) यदि नहीं, तो क्या कारण है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्गवार छात्रावास स्वीकृति का प्रावधान नहीं है। जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालयों में 100 सीटर बालक तथा 100 सीटर बालिका छात्रावास स्वीकृत है। इन छात्रावासों में सभी वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश की सुविधा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माझी जाति एवं उनकी उपजातियों को पिछड़ा वर्ग की सूची से विलोपित किया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
45. ( क्र. 5718 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माझी जाति एवं इनकी उपजातियां केवट, मल्लाह, भोई, ढीमर, रायकवार आदि पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 12 पर एवं अनुसूचित जनजाति के क्रमांक 29 पर भी शामिल है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या यह भी सही है कि सन् 1984 के पूर्व माझी जाति एवं इनकी अन्य उपजातियाँ केवल अनुसूचित जनजाति के क्रमांक 29 पर ही शामिल थी, इसके बाद पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 12 पर जोड़े जाने का क्या कारण है? (ग) क्या शासन इस दोहरे मापदण्ड को समाप्त कर माझी जाति एवं इनकी उपजातियों को पिछड़ा वर्ग की सूची से विलोपित करेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अ.जा. बस्ती विकास योजना में स्वीकृत राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
46. ( क्र. 5723 ) श्री महेश परमार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य शासन ने पत्र क्रमांक 196/1648/2019/4-26 भोपाल दिनांक 24/02/2020 को जारी पत्र अनुसार ग्राम सालाखेड़ी (मालीखेड़ी), ग्राम लोध, में कुल 25 निर्माण कार्यों के लिए कुल 50 लाख की राशि स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त राशि कलेक्टर ज़िला उज्जैन के पत्र क्रमांक 2474 उज्जैन दिनांक 07/02/2020 के द्वारा लौटाये जाने से क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र का विकास कार्य अवरुद्ध नहीं हुआ है? यदि हुआ है तो उत्तरदायी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या RES उज्जैन संभाग उज्जैन के पत्र क्रमांक 2448 दिनांक 27/08/2020 के द्वारा कार्य के निरीक्षण एवं सुपरविजन के लिए पर्याप्त मात्रा में उपयंत्री उपलब्ध नहीं होने के कारण उक्त कार्य ग्राम पंचायत से कराने के अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो उज्जैन ज़िले के DDO कोड 4302506001 में वित्तीय वर्ष 2019-20 की स्वीकृत राशि कब तक डाली जाएगी? (ग) क्या अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना की निर्माण एजेंसी निर्धारित नहीं होने के कारण कुल 25 कार्यों के लिए 50 लाख की प्रशासकीय कार्यों के बाद भी प्रश्नकर्ता के विधानसभा अ.जा. बस्ती के विकास कार्यों के लिए शासकीय प्रक्रिया के कारण बाधा क्यों उत्पन्न हो रही है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। योजना नियम में प्रावधान अनुसार कलेक्टर द्वारा निर्धारित कार्य एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के बी.सी.ओ. में उपलब्ध कराये जाने हेतु राशि समर्पित की गई थी। स्वीकृत राशि कार्य एजेंसी के विभाग के बी.सी.ओ. में उपलब्ध करा दी गई थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिये स्वीकृत किये गये थे जो कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में अप्रारंभ रहने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिये स्वीकृत किये गये थे जिसकी कार्य एजेंसी का निर्धारण कलेक्टर द्वारा किया गया था तथा निर्धारित कार्य एजेंसी के बी.सी.ओ. में राशि भी जारी की गई थी। स्वीकृत कार्यों के वित्तीय वर्ष 2019-20 में अप्रारंभ रहने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशन भुगतान की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 5765 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्रीमती फुलकुवरबाई जिनके पति स्व. मांगीलाल पांचाल निवासी सुसारी तह. कुक्षी जिला धार में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तलवाड़ा विकासखण्ड, निसरपुर, जिला-धार में भृत्य के पद पर पदस्थ थे, की मृत्यु उपरांत दिनांक 28/7/2014 से परिवार पेंशन की पात्रता आती है? इससे संबंधित समस्त अभिलेखों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो फिर प्रश्न दिनांक तक उनकी पेंशन प्रारंभ क्यों नहीं हो पाई है क्या कारण है इसके लिए कौन उत्तरदायी है नाम, पदनाम सहित बतावें? (ग) विलंब के लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
को-वैक्सीन की थर्ड फेस ट्रायल की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
48. ( क्र. 5817 ) श्री हर्ष यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में को-वैक्सीन के थर्ड फेस ट्रायल के अंतर्गत कितने लोगों को वैक्सीन लगाई गई? (ख) क्या यह शिकायत मिली है इन लोगों को यह नहीं बताया गया कि उन पर को-वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है, न ही उन्हें नियमानुसार डायरी दी गई और न ही हेल्थ फॉलोअप किया गया? (ग) क्या को-वैक्सीन के थर्ड फेस ट्रायल में शामिल दीपक मरावी की मृत्यु पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की लापरवाही के कारण हुई हैं? हाँ तो किस की जिम्मेदारी तय की गई। (घ) कोरोना महामारी से निपटने के लिए 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार से अलग-अलग तारीखों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ड.) 31 जनवरी 2021 तक उपरोक्त में से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भोपाल स्थित पीपुल्स कॉलेज आफ मेडिकल साईंसेस एण्ड रिसर्च सेन्टर भोपाल में को-वैक्सीन के थर्ड फेज ट्रायल के अंतर्गत इंवेस्टिगेशन प्रोडक्ट (वैक्सीन/प्लेसिबा) की प्रथम डोज 1724 व्यक्तियों को एवं द्वितीय डोज 1422 व्यक्तियों को लगाई गई। (ख) जी नहीं। को-वैक्सीन ट्रायल में भाग लेने वाले व्यक्तियों से सूचित सहमति प्राप्त की गई एवं उनका हेल्थ फालोअप किया गया। (ग) जी नहीं। (घ) केन्द्र से प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ड.) मद अनुसार व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शिक्षकों के लंबित पेंशन प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 5871 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग के इन्दौर जिले में दिनांक 10/02/2021 की स्थिति में शिक्षकों और कर्मचारियों के पेंशन के कई प्रकरण लंबित है यदि हाँ, तो अक्टूबर 2020 से पहले के लंबित प्रकरणों की संख्या बतावें? (ख) क्या तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्व. लक्ष्मण सिंह गौड़ के समय में एक आदेश निकला था कि शिक्षक के रिटायरमेंट वाले दिन ही उसको पी.पी.ओ. और भुगतान मिल जाना चाहिये अगर विशेष कारण नहीं होते हुये नहीं मिला तो अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी। उक्त आदेश की प्रति प्रस्तुत करें और आदेश का पालन अभी नहीं हो रहा है तो कारण बतावें? (ग) इन्दौर जिले में अक्टूबर 2020 के पहले सेवानिवृत्त के पेंशन प्रकरण लंबित हो तो उनके नाम सेवा निवृत्ति दिनांक बतावें कारण भी बतावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। इंदौर जिले में शिक्षा विभाग अंतर्गत 14 पेंशन प्रकरण लंबित है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार लंबित पेंशन प्रकरण विशेष कारणों से लंबित होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। शेषांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है।
जनजातियों की बस्तियों में विकास कार्यों की स्वीकृति
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
50. ( क्र. 5903 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों के अंतर्गत कुल कितने परिवार एवं सदस्य निवासरत है तथा इनकी कौन-कौन से ग्रामों में कितनी अबादी है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें तथा यह भी बतायें की वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक इनकी बस्तियों के विकास के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से कार्य करायें गये है? बस्ती का नाम उसके कार्य विवरण एवं लागत तथा की गई वर्ष के विवरण सहित जानकारी प्रदाय करें? (ख) क्या वितीय वर्ष में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनतातियों के बस्तियों के विकास के लिए बजट आवंटन किया जायेगा? हाँ, तो भीकनगांव विधानसभा के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित है? नहीं तो क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विस्तृत जातिगत सर्वेक्षण के अभाव में जानकारी उपलब्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। योजना हेतु बजट सम्पूर्ण प्रदेश के लिए प्रावधानित है, विधानसभावार नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार।
अनुकंपा नियुक्ति की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 5905 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति हेतु उच्च योग्यताधारी अभ्यार्थियों को भी चतुर्थ श्रेणी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है? (ख) क्या विभाग में तत्समय पद रिक्त न होने अथवा अनुकंपा नियुक्ति हेतु निर्धारित 07 वर्ष की समयावधि पूर्ण होने के कारण उच्च योग्यताधारी अभ्यार्थियों को भी चतुर्थ श्रेणी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु मजबूरी में सहमति देना पड़ी है? क्या अभ्यार्थियों/कर्मचारियों द्वारा मजबूरी में दी गई सहमति न्यायिक सिद्धांतों के अनुसार मान्य रखे जाने योग्य है? इस प्रकार प्रश्नांश (क) अनुसार रोजगार देना अर्द्ध बेरोजगारी की श्रेणी में भी आता है? (ग) क्या वर्तमान अनुकंपा नियुक्ति हेतु नियम परिवर्तित करने से प्रयोगशाला तकनीशियन/सहायक शिक्षक विज्ञान, सहायक ग्रेड-3 के पद रिक्त हैं? (घ) क्या उच्च योग्यताधारी अभ्यार्थियों की शैक्षणिक योग्यता और तत्समय मजबूरी में दी गई सहमति को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें शैक्षणिक योग्यता अनुसार एवं शासन नियमानुसार प्रयोगशाला तकनीशियन/सहायक शिक्षक विज्ञान, सहायक ग्रेड-3 के पदों पर अपग्रेड करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, आवेदकों से रिक्त पद की उपलब्धता अनुसार सहमति प्राप्त होने के उपरांत चतुर्थ श्रेणी के पद पर भी अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रावधान नहीं होने से। (घ) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उत्कृष्ट शिक्षक/व्याख्याताओं को प्रोत्साहन स्वरूप लेपटॉप का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
52. ( क्र. 5915 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा अपने संचालित स्कूलों, आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टी.टी.नगर, भोपाल में कार्यरत उत्कृष्ट शिक्षक एवं व्याख्याताओं द्वारा उनके प्रयासों से विगत वर्षों में अनेक छात्र/छात्राओं द्वारा म.प्र. की टॉप-टेन मैरिट सूची में स्थान प्राप्त कर संस्था का नाम प्रदेश में गौरान्वित किया गया था, ऐसे उत्कृष्ट शिक्षक एवं व्याख्याताओं को प्रोत्साहन स्वरूप लेपटॉप से वंचित क्यों और कैसे किया गया है? (ख) संस्था में प्रोत्साहन स्वरूप किन-किन शिक्षकों को लेपटॉप प्रदान किया गया है? उनके कितने छात्र मैरिट सूची में कब-कब आये, उन छात्रों के नाम वर्षवार तथा विषयवार अवगत करायें। (ग) संस्था में लेपटॉप उत्कृष्ट शिक्षकों/व्याख्याताओं का उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के आधार पर प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किया गया था तथा कुछ उत्कृष्ट शिक्षकों को लेपटॉप से वंचित कर उनके मनोबल को गिराने का प्रयास किया गया है? (घ) क्या उत्कृष्ट शिक्षक/व्याख्याताओं को प्रोत्साहन स्वरूप लेपटॉप से वंचित करने पर दोहरा मापदण्ड अपनाये जाने के कारण उत्कृष्ट शिक्षकों को प्रोत्साहन स्वरूप लेपटॉप कब तक प्रदान किया जायेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्रीड़ा शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों का पदांकन
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 5916 ) श्री योगेन्द्र सिंह, श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2005 से 2020 तक प्रदेश के कितने अध्यापक संवर्ग शैक्षणिक संवर्ग के लोक सेवकों द्वारा विभागीय रूप से शासकीय तात्या टोपे राज्य शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय शिवपुरी से सी.पी.एड./डी.पी.एड. उत्तीर्ण की है, जिलेवार संख्या पदनाम सहित अवगत करायें। (ख) प्रदेश के कितने स्कूलों में खेलकूद/व्यायाम शिक्षकों के पद रिक्त हैं, रिक्त पदों की जिलेवार पदों की संख्या क्या हैं, शैक्षणिक संवर्ग के प्रशिक्षित अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों का पदांकन किया जायेगा? (ग) व्यायाम शिक्षकों एवं खेलकूद शिक्षकों के रिक्त पदों पर विभागीय प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को व्यायाम शिक्षकों के पद पर पूर्व में पदांकन किया गया है, फिर अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को व्यायाम तथा खेलकूद शिक्षकों के रिक्त पदों पर कब तक पदांकन किया जायेगा? (घ) हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। जी नहीं। (ग) व्यायाम निर्देशकों के रिक्त पद की पूर्ति विभागीय प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को व्यायाम निर्देशक के पद पर पदोन्नत उपरांत पदांकन किया गया है। अध्यापक संवर्ग को व्यायाम शिक्षक पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन खंडों में शामिल निजी भूमि को पृथक किया जाना
[वन]
54. ( क्र. 5952 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी/वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष भा.व.अ. की धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए लंबित वन खंडों में शामिल निजी भूमि को पृथक किए जाने के आदेश का अनूपपुर जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किया गया? (ख) किस वनखण्ड के किस ग्राम के किस किसान के किस खसरा नंबर का कितना रकबा शामिल कर धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए लंबित है। इसमें से किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर वन विभाग का कब्जा है? वन विभाग ने वृक्षारोपण किया है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) 1 जून 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस वनखण्ड में शामिल कितनी भूमियों का सीमांकन करवाया गया? कितनी भूमि को वनखण्ड से पृथक किया गया? यदि सीमांकन करने व पृथक करने की कार्यवाही नहीं की गई है तो उसका कारण बतावें। कब तक कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
रीवा कमिश्नर की आपत्ति के बाद भी दोषी अधिकारी की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
55. ( क्र. 5985 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय कमिश्नर रीवा संभाग रीवा के पृ.क्रमांक/6 विकास/वि.जां./2018/5606 या अन्य क्रमांक रीवा दिनांक 11.12.2018 से आदेश जारी कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना को जांचकर्ता अधिकारी एवं जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग सतना को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त कर 2 (दो) माह में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश जारी किये थे? क्या तत्कालीन कमिश्नर रीवा एस के पाल ने 8 बिंदुओं का आरोप पत्र एवं 8 बिंदुओं का आरोप विवरण प्रभारी संयोजक को जारी किया था? आरोप पत्र, आरोप विवरण एवं 11.12.2018 को जो जाँच आदेश जारी किया उसकी एक-एक प्रति दें। प्रश्नतिथि तक हुई जाँच की स्थिति का बिंदुवार विवरण दें। जाँच रिपोर्ट की एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित दोषी अधिकारी के संबंध में कमिश्नर रीवा द्वारा जुलाई 2020 में प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण (जनजाति कार्य) को पत्र लिखकर कहा कि उक्त अधिकारी को जिला संयोजक का प्रभार देने से विभागीय जाँच प्रभावित होगी। अत: इनके स्थान पर अन्य अधिकारी को सतना में पदस्थ किया जाये। उक्त पत्र का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जाँच के आदेश के बाद प्रश्नतिथि तक अविनाश पांडे प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को सतना पुन: किन नियमों के तहत पदस्थ कर जाँच को प्रभावित करने का कार्य किया गया जबकि कमिश्नर रीवा ने इसके विरूद्ध प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर अवगत एवं आपत्ति जताई थी? (घ) राज्य शासन कब तक उक्त अधिकारी को सतना से हटाकर अन्यत्र पदस्थ करेगा? जाँच अधिकारी के द्वारा जाँच समय पर पूर्ण न करने पर राज्य शासन उनके विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) प्रशासकीय निर्णय अनुसार श्री पाण्डेय को यथावत सतना में पदस्थ किया गया। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
लंबित विभागीय जाँच की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 5994 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्री अविनाश पाण्डे, क्षेत्र संयोजक, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंडला में विगत वर्ष 2020 में किसी आदेश से प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग सतना में पदस्थ किया गया है? (ख) क्या उक्त अधिकारी पूर्व में भी प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग के पद पर सतना जिले में पदस्थ थे व पदस्थ अवधि में उक्त अधिकारी के द्वारा गंभीर अनियमितता किये जाने के कारण कमिश्नर रीवा द्वारा आदेश क्रमांक 313 दिनांक 11/12/2018 से विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जो लंबित है? (ग) क्या कमिश्नर रीवा द्वारा विगत माह जुलाई 2020 में प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल को पत्र लिखा गया है कि इनको जिला संयोजक के प्रभार देने से विभागीय जाँच प्रभावित होगी इनके स्थान पर अन्य अधिकारी को पदस्थ किया जाए? (घ) यदि उपरोक्त प्रश्नांश सत्य हैं तो इनको सतना जिले में जिला संयोजक के पद पर क्यों पदस्थ रखा गया? क्या इन्हें हटाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, शासन आदेश क्रमांक 621/2061/2019/25/1 दिनांक 26/06/2020 द्वारा श्री अविनाश पाण्डे को प्रभारी जिला संयाजक सतना के पद पर पदस्थ किया गया है (ख) जी हाँ (ग) कमिशनर रीवा द्वारा पत्र लिखा गया था। प्रशासकीय निर्णय अनुसार श्री पाण्डेय को यथावत सतना में पदस्थ किया गया। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
वन समितियों की जानकारी
[वन]
57. ( क्र. 6001 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी वन समितियां कार्य कर रही हैं? इनमें अध्यक्ष और सदस्य कौन-कौन व्यक्ति कब से हैं? उनके नाम, पता बतावें। (ख) उक्त समितियों का कार्यकाल कब से कब तक है और उनका क्षेत्राधिकार कितना है? (ग) उक्त समितियों में 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किस-किस मद से कितनी राशि प्राप्त हुई है और उससे क्या-क्या कार्य कब-कब किए गये हैं? समस्त आय व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या इन समितियों की उक्त अवधि में अनियमितताओं सम्बंधी शिकायतें मिली हैं? यदि हाँ, तो किस-किस समिति की किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब-कब शिकायतें की गई हैं? शिकायतकर्ता का नाम,पता दें। क्या शिकायतों पर जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँचकर्ता कर्मचारी/अधिकारी का नाम,पद बतावें। क्या शिकायतों में अनियमिततायें पाई गई? यदि हाँ, तो उनमें कौन-कौन दोषी थे? उनके नाम बतावें। क्या उनके प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या और कब? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 65 संयुक्त वन प्रबंधन समितियां कार्य कर रही हैं। अध्यक्ष और सचिव से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी उत्तरांश 'क' के परिशिष्ट में है। (ग) प्रश्नाधीन संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को 01 जनवरी 2017 से जनवरी 2021 तक राशि प्रदाय नहीं की गई है केवल फरवरी 2021 में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को सुरक्षा मद में राशि प्रदाय की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (अ) में है। 1 जनवरी 2017 के पूर्व जमा राशि से कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (ब) में है। समितियों में अनियमितताओं से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पदस्थ स्टॉफ की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
58. ( क्र. 6002 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में प्रश्न दिनांक तक में कितने मॉडल स्कूल खोले गये हैं? इनमें से कितने मॉडल स्कूलों में हिन्दी मीडियम तथा इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई कराई जाती है? अलग-अलग जिलेवार हिन्दी एवं इंग्लिश मीडियम स्कूलों की सूची दें। (ख) ग्वालियर जिले में किस-किस स्थान पर मॉडल स्कूल कब-कब खोले गये है? इनमें किस-किस मीडियम में पढ़ाई कराई जा रही है उन स्कूलों में कौन-कौन कर्मचारी/शिक्षक/स्टॉफ पदस्थ किया गया है? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक तथा शैक्षणिक योग्यता सहित स्कूलवार बतावें। (ग) क्या ग्वालियर जिले में संचालित मॉडल स्कूलों में जो पद स्कूल संचालन हेतु स्वीकृत है उन पदों में कितने-कितने पद किस-किस स्तर के कर्मचारियों/शिक्षकों/स्टाफ के रिक्त हैं स्कूलवार बतावें। इन रिक्त पदों को कब-तक भर लिया जावेगा? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कक्षा 1 से 12 तक किस-किस स्थान पर किस-किस नाम से किस कक्षा से किस कक्षा तक की शिक्षा के लिए प्राईवेट स्कूल किस-किस संचालक द्वारा कब से शिक्षा विभाग की स्वीकृति से संचालित किये जा रहे हैं। क्या स्कूल संचालक द्वारा वह स्वयं की बिल्डिंग में संचालित किये जा रहे हैं या किराये की बिल्डिंग में संचालित किये जा रहे हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। पदों की पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा आवेदन के नाम पर राशि वसूली
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 6021 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कक्षा 9 से 12वीं तक शैक्षणिक सत्र 2020-21 में नामांकन, परीक्षा आवेदन तथा अन्य आवेदन में त्रुटि सुधार के लिये प्रति विद्यार्थियों से 25 रूपये की राशि तथा विलंब शुल्क के रूप में प्रति विद्यार्थी 300 रूपये की राशि मा. शिक्षा मंडल द्वारा वसूली जा रही है? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित नामांकन एवं परीक्षा आवेदन त्रुटि सुधार की राशि इसी शैक्षणिक सत्र 2020-21 में वसूली जा रही है। पूर्व में आवेदन त्रुटि सुधार हेतु कोई शुल्क नहीं लिया जाता था तथा विद्यार्थियों को निशुल्क त्रुटि सुधार हेतु समय दिया जाता था? यदि हाँ, तो वर्तमान में शुल्क लेने के क्या कारण रहे हैं क्या इस हेतु बोर्ड की किसी कमेटी ने इस फैसले को लिया, यदि हाँ तो कमेटी के द्वारा लिये गये निर्णय की कारण सहित प्रतिलिपि देवें। (ग) शैक्षणिक सत्र 2020-21 में परीक्षा आवेदन त्रुटि सुधार की कुल कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक वसूली जा चुकी है तथा कुल कितने छात्रों की परीक्षा एवं नामांकन आवेदन में त्रुटि सुधारी गई? (घ) गत 5 सालों में बोर्ड द्वारा लगातार परीक्षा फीस व अन्य फीस में बगैर शासन की अनुमति के फीस बढ़ाई जा रही है यदि हाँ, तो फीस बढ़ाने के लिये कौन से मापदंड को तय किया जाता है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। पूर्व वर्ष में नामांकन एवं परीक्षा आवेदन त्रुटि सुधार की राशि रू. 300/- नियत थी। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में नामांकन एवं परीक्षा आवेदन त्रुटि सुधार की राशि दिनांक 20.02.2021 तक रू.25/- तथा उक्त तिथि के पश्चात दिनांक 05.03.2021 तक रू. 300/- प्रति छात्र नियत की गई है। त्रुटि सुधार की शुल्क का निर्धारण पूर्व वर्षों से ही मण्डल अध्यक्ष स्तर से किया जाता रहा है। (ग) शैक्षणिक सत्र 2020-21 में त्रुटि सुधार हेतु 62852 छात्रों से कुल रू. 27,85,725/- (सत्ताईस लाख पिच्यासी हजार सात सौ पच्चीस मात्र) आनलाईन शुल्क मण्डल को प्राप्त हुई है। (घ) मण्डल अधिनियम व विनियम में प्रावधानों के अन्तर्गत शुल्क निर्धारण का अधिकार माध्यमिक शिक्षा मण्डल की परीक्षा व कार्यपालिका समिति को है। शुल्क वृद्धि के लिये शासन के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।
छात्राओं से छेड़छाड़ के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 6022 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2018 के पश्चात विभाग में छात्राओं से अश्लील हरकतें व छेड़छाड़ की रिपोर्ट पर कितने प्रकरण कहां-कहां किस-किस शिक्षक विद्यार्थी या अन्य के खिलाफ दर्ज हुए है तथा गंभीर शिकायतें दर्ज होने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त प्रकार की घटनाओं कि बढ़ती संख्या पर नियंत्रण करने हेतु दोषी अध्यापक को नौकरी से बर्खास्त करने की सरकार की योजना हैं? यदि हाँ, तो क्या व नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त अवधि में कितने शिक्षकों को नौकरी से निकाला इनमें किस-किस प्रकार के कितने शिक्षक थे? कितनों के प्रकरण पुलिस में दर्ज कराये गये? कितने प्रकरण में मा.न्यायालय में उक्त अपराधियों को सजा हुई कितनों को न्यायालय द्वारा बरी किया गया? क्या बरी किये गये को पुन: सेवा में लिया गया है? यदि हाँ, तो कितने शिक्षकों को कहाँ-कहाँ लिया गया? समस्त कार्यवाही की नाम पद सहित जानकारी देवें। (घ) क्या मंदसौर जिले में शासन के नियमानुसार समस्त हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कम से कम एक शिक्षिका की नियुक्ति अनिवार्य है जहाँ बालिकाएं अध्यनरत हैं? यदि हाँ, तो मंदसौर जिले के कितने हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कम से कम एक शिक्षिका है, कितनों में नहीं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) मंदसौर जिले में 01 जनवरी 2018 के पश्चात 01 प्रकरण श्री सुरेश कुमार बोरोना, शिक्षक क.मा.वि. सीतामऊ के विरूद्ध दर्ज हुआ। संबधित को जिला कार्यालय के आ.क्र. 5154 दिनांक 01-10-2018 से संबंधित को निंलबित किया गया। गंभीर शिकायतों पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार दंण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। प्रचलित नियमों के तहत कार्यवाही होने के कारण शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जिले में 01 प्रकरण दर्ज किया गया था। जिसमें शिक्षक को न्यायालय द्वारा बरी किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रत्येक विद्यालय में महिला शिक्षका की अनिवार्यता नहीं है। मंदसौर जिले में 69 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कम से कम 01 शिक्षिका कार्यरत है, 13 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में महिला शिक्षिका नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 6044 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्व. श्रीमती उमा द्विवेदी के संबंध में गलत जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा भेजकर श्रीमती द्विवेदी के आदेशों को अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित रखा गया क्यों? इस पर क्या सहानुभूति पूर्वक विचार कर विशेष प्रकरण मानकर अनुकम्पा नियुक्ति बाबत् अनुमति प्रदान करेगे तो कब तक? (ख) श्रीमती विमला द्विवेदी के पति श्री बालकृष्ण द्विवेदी शिक्षाकर्मी वर्ग 2 के पद पर रहते हुये मृत्यु हो गई थी तथा क्या उन्हें मानवीय आधार पर अनुकंपा नियुक्ति की गई? (ग) क्या इसी तरह उमा द्विवेदी के वारिसानों को अनुकम्पा नियुक्ति के लाभ विशेष प्रकरण मानकर देंगे जबकि इस समय अनुकम्पा नियुक्ति बाबत् माननीय द्वारा सरलीकरण किया गया है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। अपितु स्व. श्रीमती उमा द्विवेदी के पति श्री विद्याधर द्विवेदी की नियुक्ति वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 प्रा.शा. उमरिहा में की गई थी, जो वर्तमान में प्राथमिक शिक्षक के पद पर प्रा.शा. उमरिहा में ही कार्यरत है। जिनकी यूनिक आईडी-AX5556 है। जिस कारण अनुकंपा नियुक्ति हेतु अन्य आश्रितों को शासन द्वारा दिये गये निर्देश के अनुक्रम में नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। श्रीमती विमला द्विवेदी के पति स्व. श्री बालकृष्ण द्विवेदी शिक्षाकर्मी वर्ग-2 के पद पर शास. हाईस्कूल फूल नईगढ़ी रीवा में पदस्थ थे। जिनकी बस दुर्घटना में दिनांक 27.07.2002 को मृत्यु हो जाने के उपरान्त तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भृत्य के पद पर विशेष नियुक्ति पत्नी श्रीमती विमला द्विवेदी को दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रचलित नियमों के अनुसार दिवंगत कर्मचारी के परिवार में यदि कोई सदस्य शासकीय सेवा में है तो अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं आती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग द्वारा सामाजिक वानिकी अंतर्गत कराये गये कार्य
[वन]
62. ( क्र. 6051 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा सामाजिक वानिकी के क्या-क्या कार्य कराये जाकर उनके उद्देश्य क्या-क्या हैं व उनके क्रियान्वयन की क्या प्रक्रिया है? (ख) वनमण्डल मुरैना की उपवनखण्ड सबलगढ़ में वर्ष 2017 से 2021 तक क्या-क्या कार्य कराये गये कार्य का नाम, विवरण, व्यय राशि, वर्ष, दिनांक, क्रियान्वयन एजेंसी का नाम पता, मांग संख्या, लेखा शीर्ष, आदि सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वन विभाग द्वारा सामाजिक वानिकी के अंतर्गत विभागीय रोपणों एवं गैर वन क्षेत्रों में रोपण हेतु उचित गुणवत्ता के पौधों की तैयारी का कार्य किया जाता है। सामाजिक वानिकी का उद्देश्य मध्यप्रदेश के वनों की उत्पादकता बढ़ानें एवं वन क्षेत्रों तथा वन क्षेत्र के बाहर सामुदायिक एवं निजी भूमि पर वनीकरण हेतु आवश्यक पौधों की पूर्ति करना है। सामाजिक वानिकी के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश में 11 सामाजिक वानिकी वन वृत्त संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में कराये गये कार्य की वर्तमान स्थिति संलग्न परिशिष्ट में है।
प्रदेश में गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
63. ( क्र. 6052 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन कांग्रेस शासन द्वारा प्रदेश में गौशालायें संचालन हेतु पंचायत स्तर पर गौशाला भवन निर्माण कर संचालन का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो गौशालायें संचालन हेतु क्या शासकीय/गैर शासकीय संस्थाओं द्वारा संचालन करने का निर्णय लिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला मुरैना में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) जिला मुरैना में किन-किन ग्राम पंचायतों में गौशालायें स्वीकृत होकर प्रारंभ हैं? विकासखण्डवार जानकारी दी जावे।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) तत्कालीन सरकार द्वारा प्रदेश में निराश्रित गौवंश की देख-रेख के लिए प्रथम चरण में 1000 गौशालाओं का निर्माण, चयनित पंचायतों में किए जाने का निर्णय लिया गया था। ग्राम पंचायत गौशाला का निर्माण करने के साथ-साथ उनके संचालन के लिए भी उत्तरदायी होंगे। यदि ग्राम पंचायत चाहे तो गौशाला के संचालन हेतु महिला स्व-सहायता समूह अथवा स्वयं सेवी संस्था से अनुबंध कर सकती है। (ख) मुरैना जिल में योजना प्रारंभ से मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 14 गौशालाएं पंचायतों द्वारा संचालित की जा रही है तथा 14 गौशालाओं स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित की जा रही है। (ग) ग्राम पंचायतों में स्वीकृत एवं प्रारंभ गौशालाओं की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
रोजगार मूलक गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु अनुदान राशि
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 6067 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला संयोजक आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग रीवा का आई.डी.बी.आई. बैंक में खाता क्रमांक 0423104000075509, दिनांक 21.12.2013 को खोला गया था? उक्त बैंक के खाता खोलने की तिथि से 31.03.2018 तक किस-किस को किस चेक क्रमांक से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? दिनांकवार/माहवार/वर्षवार/भुगतान की गई राशिवार/भुगतान प्राप्तकर्ता के नाम एवं पतेवार/भुगतान प्राप्तकर्ता को किस कारण से भुगतान किस मद से किया गया का प्रकरणवार/कारणवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण रीवा को क्रमांक/अनु./एस.सी.ए./2013-14/न.क्र. 179/2563, दिनांक 12.08.2013 से 250.05 लाख, क्रमांक/अनु./एस.सी.ए./2013-14/न.क्र. 179/3478, दिनांक 03.10.2013 से 83.35 लाख, क्रमांक/अनु./एस.सी.ए./2014-15/न.क्र. 187/2007, दिनांक 02.08.2014 से 55.25 लाख, क्रमांक/अनु./एस.सी.ए./2014-15/न.क्र. 187/4985, दिनांक 09.12.2014 से 84.51 लाख रूपये प्राप्त हुये? क्या उक्त राशि बिखरे हुये बी.पी.एल. आदिवासियों को रोजगार मूलक गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु अनुदान की राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती थी? (ग) राज्य शासन कब तक नियमों के विपरीत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित काटे गये चेक/भुगतान की गई राशि पर किस-किस नाम/पदनाम को चिन्हित कर उनके विरुद्ध वसूली एवं निलंबन आदेश जारी करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये आवंटन से राशि का आहरण कर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के बाहर बिखरे हुये बी.पी.एल. आदिवासियों को रोजगार मूलक गतिविधियों के प्रशिक्षण हेतु एन.जी.ओ. के बैंक खातों में राशि स्थानांतरित की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
संरक्षित वन आदेशित भूमियों से संबंधित कार्यवाही
[वन]
65. ( क्र. 6104 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व अभिलेखों में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान घास, चरनोई मद में दर्ज रीवा राज दरबार के आदेश दिनांक 6-8 फरवरी, 1937 से संरक्षित वन आदेशित भूमियों से संबंधित कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो किस जिले की किस मद में दर्ज जमीनों को 1937 के आदेश से संरक्षित वन आदेशित किया गया? उन जमीनों से संबंधित कौन-कौन सी कार्यवाही वर्तमान में किन कारणों से लंबित है? (ग) लंबित कार्यवाहियों को पूरा किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संरक्षित आदेशित भूमियों के लंबित प्रकरण
[वन]
66. ( क्र. 6105 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के द्वारा रीवा राज दरबार के आदेश दिनांक 6-8 फरवरी, 1937 से संरक्षित आदेशित भूमियों की भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जाँच प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की जा सकी है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी भूमियों की धारा 5 से 19 तक की जाँच वर्तमान में किन कारणों से लंबित है? (ग) धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए लंबित भूमि राजस्व विभाग के कौन से मानचित्र में दर्ज है। (घ) धारा 5 से 19 तक की जाँच कब तक पूरी की जावेगी।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस वृद्धि
[चिकित्सा शिक्षा]
67. ( क्र. 6122 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मंत्री से AFRC ने निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस 2014-15 में 3.75 लाख से बढ़ाकर 2019-20 में 12.75 लाख करने हेतु अनुमोदन प्राप्त किया? क्या इस अवधि में प्रतिवर्ष फीस वृद्धि करने के कारणों से माननीय मंत्री जी को अवगत कराया? यदि हाँ, तो संबंधित कांगजात की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो बतावें कि विभागीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त नहीं करना कारणों से अवगत नहीं कराना किस नियम से उचित है? AFRC के एक्ट में कहीं ऐसा नहीं लिखा है? क्या AFRC द्वारा सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है? विभाग ने कभी इस बारे में कोई कार्यवाही की? (ग) क्या विभाग द्वारा माननीय मंत्री जी के यह संज्ञान में लाया गया कि निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा PMT 2011 तथा 2012 में भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर CBI ने मालिकों पर प्रकरण दर्ज किया है तथा जिन चयनित अभ्यर्थी पर प्रकरण दर्ज हुआ, उन्हें निजी चिकित्सा महाविद्यालय से निष्कासित नहीं किया है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) क्या चिकित्सा शिक्षा संचालनालय निजी चिकित्सा महाविद्यालय में PMT के माध्यम से शेष वर्षों की भर्ती की प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में कार्यवाही हेतु माननीय मंत्री जी की राय/टिप्पणी प्राप्त की है? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) फीस निर्धारण हेतु मध्यप्रदेश निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियामन एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम 2007 के अध्याय-2 में निहित शक्तियों एवं विनियम-2008 की कंडिका-5 में निहित प्रावधान अनुसार शुल्क का विनियमन किया जाता है। निहित प्रावधान अंतर्गत माननीय मंत्री जी को अवगत कराया जाना या अनुमोदन प्राप्त करने का एक्ट में कोई उल्लेख नहीं है। (अधिनियम 2007 एवं विनियमन 2008 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत हाई स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 6136 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा बैरसिया के बागसी, मजीदगढ़, कडैया चंवर एवं रानीखजूरी में हाई स्कूल भवन है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो क्या नवीन हाई स्कूल भवन के लिए विभाग की कोई कार्य योजना है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। (ख) नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है।
अल्पसंख्यक विभाग में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
69. ( क्र. 6205 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के अ.पि. वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब-कब, किस-किस दिनांक से पदस्थ हैं? नामवार जानकारी देवें। क्या मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यार्थियों को उनके गृह जिलों में पदस्थ किया जाता है? यदि नहीं, तो किस दिनांक से सहायक संचालक श्रीमती अंजना जैलवार को किन नियमों के तहत गृह जिले में पदस्थ किया गया है? नियम की प्रति देवें। (ख) उक्त सहायक संचालक की पदस्थापना दिनांक से किन-किन व्यक्तियों द्वारा अनियमितताओं के संबंध में किस-किस अधिकारी को शिकायतें की गई? नाम सहित जानकारी देवें। उक्त शिकायतों पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त सहायक संचालक एवं उनके पति जो की स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत अध्यापक के पद पर विकासखण्ड वारासिवनी जिला बालाघाट में पदस्थ हैं, जिनकी वायरल वीडियो दिनांक 13 नवम्बर, 2020 को न्यूज चैनलों एवं समाचार पत्रों में छात्रवृत्ति के नाम पर मांगी गई रिश्वत को दिखाये जाने पर कलेक्टर बालाघाट द्वारा एवं उक्त विभागों द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या कलेक्टर बालाघाट द्वारा जाँच समिति गठित कर 10 दिवस के भीतर नियुक्त किये गये अधिकारियों से अभिमत मांगा गया था? यदि हाँ, तो उक्त समितियों द्वारा किस दिनांक को अभिमत पेश किये गये? छायाप्रति देवें। (घ) क्या मान. राज्यमंत्री आयुष विभाग म.प्र. शासन के द्वारा सहायक संचालक के खिलाफ जाँच के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त सहायक संचालक के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अंतर्गत जिला-बालाघाट में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सामान्यत: नहीं किया जाता। स्थानांतरण नीति वर्ष 2017-18 में इस संबंध में स्पष्ट उल्लेख नहीं है। श्रीमती अंजना जैतवार को दिनांक 16.07.2017 से स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण नीति वर्ष 2017-18 की कंडिका-2 प्रशासनिक आवश्यकता अनुसार निम्नलिखित आधार पर पदस्थ किया गया है। (8.6) इसमें उल्लेख है कि रिक्त पदों की पूर्ति विभाग स्वविवेक से निर्णय लेकर कर सकता है। (8.11) पति-पत्नि की एक ही स्थान पर पदस्थापना संबंधी प्रावधान। (8.14) 40 प्रतिशत से अधिक नि:शक्तता के आधार पर स्वयं के व्यय पर स्वेच्छा से स्थानांतरण किये जा सकते हैं। नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सहायक संचालक के विरूद्ध छात्रवृत्ति प्रकरण के संबंध में श्री प्रफुल्ल चित्रीव द्वारा कलेक्टर बालाघाट, आयुक्त तथा सचिव, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को शिकायत की गयी। विभाग द्वारा कलेक्टर से जाँच करायी गयी। जाँच में दोषी नहीं पाया। जाँच में शिकायत प्रमाणित नहीं पायी गयी। जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 02.03.2021 को। छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कैंसर के मरीजों हेतु मशीनों का क्रय
[चिकित्सा शिक्षा]
70. ( क्र. 6232 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि हमीदिया चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में गामा केमरा मेमोग्राफी मशीन कोबाल्ट मशीन ब्रेक्री थेरेपी मशीन क्रय की गई है? यदि हाँ, तो उनका मूल्य विक्रेता का नाम, पता मशीन प्राप्ति की दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें की इनकी स्थापना के बाद यह किस-किस दिनांक से चालू हुई तथा इनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या यह सही है कि गामा केमरा के टेण्डर की शर्तों के अनुसार एक चिकित्सक एवं दो टेक्नीशियन को प्रशिक्षण के लिये विदेश भेजना था? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को भेजा गया तथा वर्तमान में वे गामा कैमरे का संचालन कर रहे हैं या अन्य कोई कार्य कर रहे हैं? (ग) क्या यह सही है कि हमीदिया अस्पताल में खण्ड (क) के 4 मशीनों के अतिरिक्त कई महंगी मशीनें बंद पड़ी हैं? दिनांक 25 फरवरी, 2021 की स्थिति में बतावें की 5 लाख से अधिक मूल्य वाले कौन-कौन सी मशीन किस दिनांक से किस कारण से बंद पड़ी है तथा उनके बंद होने से गंभीर बीमारी के मरीजों को हित लाभ नहीं मिल रहा है? (घ) कैंसर के मरीजों के लिये उपयोग में आने वाली कौन-कौन सी मशीनें बंद हैं तथा उससे मरीजों को किस-किस प्रकार के इलाज अथवा जाँच से वंचित होना पड़ रहा है तथा उस इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु हो सकती है? यदि हाँ, तो बतावें कि विगत एक वर्ष में कैंसर की बीमारी से उपचार प्राप्त करने वाले कितने मरीजों की मृत्यु हुई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। टेंडर आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। एक चिकित्सक को दिनांक 12/01/2016 से 24/02/2016 तक विदेश (अटलान्टा, यू.एस.ए.) में ट्रेनिंग हेतु भेजा गया था। उनके द्वारा स्वेच्छा सेवानिवृत्ति ली गई है। (ग) जी नहीं। दिनांक 25 फरवरी, 2021 की स्थिति में 5 लाख से अधिक मूल्य की मशीनें बंद नहीं है। मशीनों से मरीजों का इलाज हो रहा है। (घ) कैंसर के मरीजों के लिए उपयोग में आने वाली मशीनें क्रियाशील है। सामान्यत: मशीनें किसी भी तकनीकी कारण सुचारू रूप से कार्य न करने पर उनका आवश्यक सुधार कार्य करवा लिया जाता है। अत: किसी भी मरीज को इलाज अथवा जाँच से वंचित नहीं होना पड़ रहा है। अत: इलाज के अभाव में मृत्यु का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इलाज के अभाव में विगत एक वर्ष में कैंसर की बीमारी से उपचार प्राप्त करने वाले किसी भी रोगी की मृत्यु नहीं हुई है।
राज्य शिक्षा केन्द्र में प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाना
[स्कूल शिक्षा]
71. ( क्र. 6239 ) श्री राम दांगोरे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल में कितने पद स्वीकृत हैं और कितने लोग प्रतिनियुक्ति पर हैं? प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने पर भी आज दिनांक तक कितने लोग पदस्थ हैं? इन्हें कब हटाया जायेगा तथा नवीन योग्यताधारियों को प्रतिनियुक्ति पर अवसर कब दिया जावेगा? (ख) आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत समस्त शिक्षा महाविद्यालय एवं डाईट में कितने पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं? शिक्षा महाविद्यालय एवं डाईट में कितने लोग प्रतिनियुक्ति पर हैं? प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद उन्हें कब हटाया जावेगा? (ग) कितने नियम विरूद्ध डाईट केडर के व्यक्ति शासकीय शिक्षा महाविद्यालय में पदस्थ हैं? उन्हें वापस डाईट केडर में कब भेजा जायेगा? क्या शासकीय शिक्षा महाविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हुई है तो क्या प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने हेतु कार्यवाही की गई? यदि प्रतिनियुक्ति बढ़ाई गई है तो कितने कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति बढ़ाई गई? सूची संलग्न करें। (घ) यदि प्रतिनियुक्ति अवधि नहीं बढ़ाई गई तो क्या प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद कितने कर्मचारियों को मूल विभाग में वापसी किया गया? सूची संलग्न करें। यदि मूल विभाग में वापसी नहीं की गयी तो क्यों नहीं की गयी और कब तक वापसी की जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत एस.सी.ई.आर.टी. इकाई में 43 अकादमिक पद स्वीकृत है एवं 06 अकादमिक सदस्य प्रतिनियुक्ति पर है। अकादमिक सदस्यों की कमी एवं सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्र.सी-3-18/94/3/1 दिनांक 12 दिसंबर 1994 एवं लोकशिक्षण संचालनालय के पत्र क्र.स्था-1राज/जी/194/प्रतिनि.2017/ 798 दिनांक 09.06.2017 के तहत सेवाएं निरंतर रखे जाने के निर्देशों के तहत हटाए जाने का प्रश्न नहीं है। राज्य शिक्षा केन्द्र की समग्र शिक्षा अभियान मिशन इकाई परियोजना में स्वीकृत पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। समग्र शिक्षा अभियान मिशन इकाई में 13 अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है, जिसमें से स्कूल शिक्षा विभाग के 07 अधिकारी/कर्मचारी तथा वित्त विभाग के 01 अधिकारी की प्रतिनियुक्ति अवधि चार वर्ष से अधिक हो चुकी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-18/94/3/1 दिनांक 12.12.1994 में प्रतिनियुक्ति अवधि सामान्यतः चार वर्ष। इससे अधिक अवधि तक रखा जाना आवश्यक है तो दोनों विभागों की आपसी सहमति से अवधि बढ़ाई जा सकती है। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था.1/राज/जी/194/प्रति .नि./2017/798 दिनां 9.6.2017 के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यालय तथा उसके अनुशांगिक कार्यालयों में पदस्थ ऐसे शिक्षक सवंर्ग के कार्यरत कर्मचारियों को भारमुक्त न किये जाने के निर्देश हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) राज्य शिक्षा केन्द्र की एस.सी.ई.आर.टी इकाई के अधीनस्थ शिक्षा महाविद्यालय में 147 पद स्वीकृत हैं एवं 83 पद रिक्त एवं डाइट में 792 पद स्वीकृत एवं 394 अकादमिक पद रिक्त हैं। इन संस्थाओं में कुल 40 अकादमिक सदस्य प्रतिनियुक्ति पर हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्र.सी-3-18/94/3/1 दिनांक 12 दिसंबर 1994 एवं लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्र.स्था-1राज/जी/194/प्रतिनि.2017/798 दिनांक 09.06.2017 के तहत सेवाएं निरंतर रखे जाने के निर्देशों के तहत हटाए जाने का प्रश्न नहीं है। (ग) शासन निर्देशों के तहत सेवाएं निरंतर रखे जाने के फलस्वरूप वापिस करने का प्रश्न नहीं है। शासनादेश सी-3-18/94/3/1 दिनांक 12 दिसंबर 1994 के तहत बार-बार प्रतिनियुक्ति बढ़ाये जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) भाग 'ग' के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है। शासनादेश के तहत कार्यरत रखे जाने से शेषांश का प्रश्न नहीं है। संचालक द्वारा अनुमोदित।
स्थानांतरण पर प्रतिबंध को शिथिल किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
72. ( क्र. 6251 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के पत्र दिनांक 15 नवम्बर, 2019 द्वारा विभाग के पत्र दिनांक 22-06-2019 द्वारा जारी स्थानांतरण की नीति वर्ष 2019 की कंडिका 2 की उप कंडिका 2.3 में उल्लेखित संवर्ग के लिए 15-11-2019 से 23-11-2019 तक की अवधि के लिए वर्तमान में लागू स्थानांतरण पर प्रतिबंध को शिथिल किया गया था? (ख) क्या सतना जिले में ऑनलाइन पोर्टल में गलत फीडिंग के कारण 106 शिक्षक स्थानांतरण के बाद भी ज्वाईन नहीं पो पाये थे तथा होल्ड अनहोल्ड के चक्कर में वेतन से वंचित रहे हैं? इनकी सूची विवरण सहित उपलब्ध करायें। (ग) क्या स्थानांतरण में प्रतिबंध शिथिल करने का फायदा उठाते हुए डी.ई.ओ. सतना ने 350 से अधिक स्थानांतरण कर डाले हैं तथा प्रशासन की आड़ लेकर पारस्परिक सहमति और शहर में तथा शहर के नजदीक स्थानांतरण किए गए हैं जहां पद रिक्त नहीं थे? (घ) यदि (क), (ख) और (ग) सही है और प्रकरण में लिपिक को निलंबित किया गया था तो निलंबित लिपिक की विभागीय जाँच का प्रतिवेदन दें और बताएं कि संबंधित डी.ई.ओ. को कब तक निलंबित किया जायेगा व दोषी लिपिक की नियम विरूद्ध विभागीय जाँच पुन: संचालनालय स्तर से कब तक कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। संचालनालय द्वारा किये गये ऑनलाइन ट्रांसफर में 209 शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों के पदस्थापना स्थल पर पोर्टल पर रिक्त पद दर्शित न होने के कारण संबंधित संकुल प्राचार्यों द्वारा उन्हें कार्यभार ग्रहण न कराया जाकर होल्ड पर रखा गया था। इनमें से 106 कर्मचारियों को अनहोल्ड कर दिये जाने के कारण तत्समय सितंबर 2019 से दिसंबर 2019 तक का वेतन आहरित नहीं हो सका था। जिला शिक्षा अधिकारी सतना के पत्र दिनांक 16/09/2019, 25/09/2019, 13/12/2019 एवं 16/12/2019 द्वारा निर्देश जारी कर वेतन भुगतान करा दिया गया है। वर्तमान में किसी भी शिक्षक का उक्त अवधि का वेतन आहरण हेतु शेष नहीं है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला शिक्षा अधिकारी सतना ट्रांसफर पॉलिसी वर्ष 2019-2020 के प्रावधान अनुसार जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत शिक्षक संवर्ग के 258 कर्मचारियों के ऑनलाइन स्थानांतरण रिक्त पदों पर किये गये थे। (घ) ऑनलाइन स्थानांतरण प्रकरणों में जिला शिक्षा अधिकारी सतना के पासवर्ड से बगैर परीक्षण किये अनहोल्ड किये जाने के कारण श्री अमित सिंह, सहायक ग्रेड-3 को निलंबित किया गया था तथा विभागीय जांच उपरांत संयुक्त संचालक, रीवा संभाग रीवा के आदेश दिनांक 29.07.2020 द्वारा उनके विरूद्ध एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गई थी। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी लिपिक के विरूद्ध कार्यवाही की जा चुकी है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंधाना विकासखण्ड को जनजातीय विकासखण्ड का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
73. ( क्र. 6267 ) श्री राम दांगोरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र में जनजातीय जनसंख्या कितनी है? इस वर्ग की सुविधाओं और विकास हेतु क्या कदम उठाये गये हैं? (ख) क्या पंधाना विकासखण्ड को जनजातीय विकासखण्ड को दर्जा दिया जाना चाहिये? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या पंधाना स्थित नवीन शासकीय महाविद्यालय का नाम शहीद जननायक टंटया भील शासकीय महाविद्यालय करेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 154072 है। इस वर्ग की सुविधा एवं विकास हेतु विधानसभा पंधाना के 34 जनजाति बाहुल्य ग्राम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना खण्डवा एवं 05 ग्राम मॉडा पॉकेट पिपलकोटा में शामिल है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राचार्य के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायतें
[स्कूल शिक्षा]
74. ( क्र. 6271 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के शा.उ.मा.वि. दिगौड़ा के प्रभारी प्राचार्य/व्याख्याता के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्न दिनांक तक शिकायतों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। क्या गंभीर अनियमितताएं नहीं हुई हैं? पूर्ण विवरण दें। (ग) जिनके विरूद्ध शिकायतें की गई, उनकी पदस्थापना वर्तमान में कहाँ है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। असंगठित श्रमिकों (संबल योजना) के बच्चों/छात्रों से जानबूझकर जबरन संपूर्ण बोर्ड परीक्षा शुल्क वसूल करना, कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिये परीक्षा शुल्क 100 रूपये के स्थान पर 200 रूपये वसूल करना, शाला विकास शुल्क निर्धारित करने में नियमानुसार प्रक्रिया का पालन नहीं करना, संस्था के विभिन्न खातों से 8-10 लाख रूपयों की राशि निकालना एवं व्हाउचर उपलब्ध नहीं होना इत्यादि शिकायतें प्राप्त हुई। (ख) शिकायतों की जाँच कराई गई। निराधार पाई जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शा.उ.मा.वि. दिगौड़ा में।
अनुदानित मदरसों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिकाओं को वेतन का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 6273 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त व भारत सरकार से अनुदान प्राप्त प्रदेश के 1824 मदरसों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को विगत 57 माह से वेतन नहीं मिला? कारण बतायें। कब तक वेतन प्रदान किया जावेगा? वेतन नहीं मिलने के लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या भारत सरकार से राज्य सरकार को प्राप्त राशि का वितरण नहीं किया गया है? कारण बतावें। कब तक उक्त राशि का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) क्या प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा वेतन मानदेय को लेकर हर साल मदरसा शिक्षकों को सत्यापन कराया जाता है परन्तु शिक्षक-शिक्षिकाओं को वेतन से क्यों वंचित रखा जा रहा है एवं इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) वेतन भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) मदरसों को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने की योजना (S.P.Q.E.M.) केन्द्र प्रवर्तित योजना है, वित्तीय वर्ष 2016-17 की कुछ राशि एवं वर्ष 2017-18 से पूर्ण राशि का अनुदान भारत सरकार से प्राप्त न होने के कारण अनुदानित मदरसों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिकाओं के वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर वेतन का भुगतान किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त राशि एवं इससे पूर्व प्राप्त राशि का वितरण कर दिया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रतिवर्ष मदरसों को अन्य योजनान्तर्गत राशि प्रदाय की जाती है, इस कारण प्रतिवर्ष मदरसों के क्रियान्वयन संबंधी निरीक्षण कराया जाता है। उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं डेंटल महाविद्यालय में फर्जीवाड़ा
[चिकित्सा शिक्षा]
76. ( क्र. 6304 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी निजी चिकित्सा महाविद्यालय, डेंटल कॉलेज पर वर्ष 2007 से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर प्रकरण दर्ज हुआ हो तो क्या यह विभाग के संज्ञान में है? यदि हाँ तो प्रकरण क्रमांक, दिनांक, थाने का नाम, धारा, आरोपी का नाम, सहित सूची देवें। (ख) यदि नहीं, तो बतावें कि क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालय, डेंटल महाविद्यालय में होने वाली भर्ती में फर्जीवाड़ा न हो, यह देखना क्या विभाग की जिम्मेदारी नहीं है? यदि नहीं, तो इस संदर्भ में परिपत्र, नियम या माननीय उच्च न्यायालय अथवा माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति देवें। (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालय में स्नातक कक्षाओं में अंतिम वर्ष में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2020-21 तक सफल होकर डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत कुल परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों से कितना-कितना है? कॉलेजवार बतावें। (घ) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2018-19 निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में जिन विद्यार्थियों ने स्नातक की पढ़ाई उत्तीर्ण कर डिग्री प्राप्त की है, उनका वर्षवार, कॉलेज अनुसार नाम, पिता का नाम, पता, रजिस्ट्रेशन क्रमांक, दिनांक सहित सूची देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती। (ख) जी हाँ। निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं डेंटल महाविद्यालय में फर्जीवाड़े न हो इस हेतु मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम 2018 एवं संशोधन दिनांक 19.06.2019 में किए गए प्रावधान के अंतर्गत प्रवेश हेतु समस्त चरणों की काउंसलिंग पूरी पारदर्शिता के साथ ऑनलाइन की जाती है। प्रवेश नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
जनजाति वर्ग के संचालित छात्रावासों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
77. ( क्र. 6307 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिसम्बर 2019 के अनुसार धार जिले में जनजाति विभाग के कितने छात्रावास संचालित हैं? उसमें कितने विद्यार्थी सूचीबद्ध हैं? (ख) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक जिले के विभागीय छात्रावासों में विद्यार्थियों पर सब मिलाकर कुल कितना खर्च हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी को क्या-क्या सामग्री किस दर से दी जाती है? (घ) वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक विभाग द्वारा संचालित कोचिंग के माध्यम से धार जिले के कितने आदिवासी छात्रों का गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज निजी मेडिकल कॉलेज गवर्नमेंट डेन्टल कॉलेज निजी डेन्टल कॉलेज आई.आई.टी. आई.आई.एम में उच्च शिक्षा हेतु चयन हुआ। (ड.) पिछले 5 वर्षों में धार जिले के कितने आदिवासी विद्यार्थी को विदेश में उच्च शिक्षा हेतु भेजा गया तथा विभागीय प्रशिक्षण के माध्यम से कितने युवा पी.एस.सी. तथा यू.पी.एस.सी. में चयनित हुए?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) धार जिले में जनजाति वर्ग के संचालित छात्रावासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में संचालित जनजाति वर्ग के छात्रावासों पर कुल राशि रूपये 966.41 लाख का व्यय हुआ है। (ग) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को प्रदाय किये जाने वाले सामग्री नीचे लिखे निर्धारित दर से दी जाती है :-
क्रमांक |
छात्रों को दी जाने वाली सामग्री का विवरण |
निर्धारित सामग्री दर |
1 |
नवीन प्रवेशित विद्यार्थियों को प्रवेश के समय बिस्तर सामग्री हेतु (गद्दा, चादर, ताकिया कवर, कम्बल, मच्छरदानी एवं प्रसाधन सामग्री) |
5875 |
2 |
नवीनीकरण (पूर्व प्रवेशित) विद्यार्थियों को (चादर, ताकिया कवर एवं प्रसाधन सामग्री) |
800/- |
(घ) जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) पिछले 5 वर्षों में धार जिले के 1 छात्र विदेश में उच्च शिक्षा हेतु भेजा गया तथा विभागीय प्रशिक्षण के माध्यम से 18 विद्यार्थियों का चयन मध्य प्रदेश सिविल सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में हुआ है। यू.पी.एस.सी में किसी भी युवा का चयन नहीं हुआ है।
निजी भूमियों के संबंध में लिए गए निर्णय
[वन]
78. ( क्र. 6313 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 6 माह में शासन द्वारा वनग्रामों, वनखंडों एवं वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमियों, राजपत्र में डिनोटिफाईड भूमियों एवं नारंगी भूमियों के संबंध में निर्णय लिए गए, जिनसे संबंधित आदेश/निर्देश प्रश्न दिनांक तक भी जारी नहीं किए गए? (ख) किस-किस विषय में किस दिनांक को किन के द्वारा क्या निर्णय लिया गया? इनमें किस निर्णय से संबंधित आदेश/निर्देश जारी किए गए? प्रति सहित बताएं। यदि निर्णय से संबंधित आदेश निर्देश जारी नहीं किए गए तो कारण बताएं। कब तक आदेश/निर्देश जारी किए जाएंगे? समय-सीमा बताएं। (ग) क्या वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल द्वारा 20 जुलाई 2009 को जारी परिपत्र के बाद भी राज्य के सभी वनमण्डल के वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमियों का ब्यौरा प्रश्न दिनांक तक भी संकलित नहीं किया? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किस वनमण्डल के वर्किंग-प्लान में कितनी निजी भूमि शामिल होने की जानकारी वन मुख्यालय में उपलब्ध है? किस वनमण्डल के वर्किंग प्लान में निजी भूमि शामिल होने की जानकारी किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक भी संकलित नहीं की जा सकी? (ङ) निजी भूमियों को वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान से पृथक किये जाने के संबंध में शासन ने क्या निर्णय लिया? उस निर्णय पर किस दिनांक को पत्र जारी किये गये? पत्र की प्रति सहित बतायें कि निजी भूमि कब तक वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान से पृथक कर दी जाएंगी।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) विगत 6 माह में शासन स्तर पर वनग्रामों वनखण्डों एवं वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमियों, राजपत्र में डिनोटीफाईड भूमियों एवं नारंगी भूमियों के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिये गये, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। 20 जुलाई 2009 को जारी परिपत्र से वन विभाग समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों को समस्त वनमंडलों की प्रचलित कार्य-आयोजनाओं एवं भविष्य में पुनरीक्षित होने वाली कार्य-आयोजना में निर्धारित प्रपत्र में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में सम्मिलित निजी भूमि का विवरण संकलित किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन द्वारा परिपत्र दिनांक 01 जून 2015 से समस्त कलेक्टर मध्यप्रदेश एवं प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा परिपत्र दिनांक 04 जून 2015 से समस्त आयुक्त, म.प्र. को निजी स्वामित्व के भू-खंडों को वनखंड एवं वर्किंग प्लान से पृथक किये जाने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक की अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
चिकित्सा शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ
[चिकित्सा शिक्षा]
79. ( क्र. 6314 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक चिकित्सा शिक्षा म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 1786/स्था/राज/2015 दिनांक 22/08/2015 आदेश के तहत मेडिकल ऑफिसर की भर्ती नियमों में चार स्तरीय वेतनमान दिया जायेगा? यदि हाँ, तो प्रति सहित ब्यौरा दें। (ख) मेडिकल ऑफिसर के 5 वर्ष सेवा के उपरांत स्नातकोत्तर हेतु नीट द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में Inservice उम्मीदवार का आरक्षण दिया जायेगा? ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) मेडिकल ऑफिसर को समयमान पदोन्नति दी जाएगी? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) मेडिकल ऑफिसर को सेवा में रहते हुए स्नातकोत्तर हो जाने पर शैक्षणिक पदों पर होने वाली भर्तियों में आंतरिक उम्मीदवार माना जायेगा? (ङ) मेडिकल ऑफिसर को प्रेक्टिस न करने पर नॉन-प्रेक्टिस अलाउंस क्यों नहीं दिया जा रहा है? विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक अलाउंस दिया जायेगा? (च) सातवें वेतनमान के आदेश क्रमांक एफ 2-23/2019/1/55 भोपाल, दिनांक 17 अक्टूबर 2019 के संबंध में समस्त शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सा शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी 2018 से दिया जा रहा है, जबकि अन्य शासकीय कर्मियों को जनवरी 2016 से दिया जा रहा है। ऐसा सौतेलापन व्यवहार चिकित्सा शिक्षकों के साथ क्यों हो रहा है? विधिसम्मत कारण बताएं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। नीट द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में Inservice आरक्षण का प्रावधान नहीं है, अपितु परीक्षा उपरांत राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु Inservice अभ्यार्थियों को मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 9 मार्च 2018 के नियम बिन्दु-14 के अंतर्गत आरक्षण दिये जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। शासन द्वारा समयमान पदोन्नति योजना क्रियान्वित नहीं है। (घ) जी नहीं। (ड.) चिकित्सा शिक्षा विभाग में चिकित्सा शिक्षकों को नॉन प्रेक्टिस अलाउन्स दिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) राज्य शासन द्वारा राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों/मण्डलों/निगमों एवं विकास प्राधिकरणों के सेवायुक्तों तथा स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं राज्य सरकार से शत्-प्रतिशत स्थापना/पोषण अनुदान प्राप्त करने वाली अन्य संस्थाओं के गैर शिक्षकीय सेवायुक्तों के वेतनमानों का पुनरीक्षण किये जाने के संबंध में लिये गये नीतिगत निर्णय अनुसार वेतन पुनरीक्षण में दिनांक 01.01.2016 से वेतन निर्धारण किया जाकर पुनरीक्षित वेतनमान का वास्तविक लाभ दिनांक 01.04.2018 से दिया गया है। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
आदिवासी परिवारों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ
[जनजातीय कार्य]
80. ( क्र. 6322 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला मुरैना के वन क्षेत्र में कितने आदिवासियों के गाँव हैं? उक्त सभी गाँवों में कितने आदिवासी परिवार निवास करते हैं? कितने आदिवासी परिवारों को वनाधिकार पट्टे प्राप्त हुये हैं और कितने पट्टे प्रक्रियाधीन हैं? वनाधिकार एक्ट के अंतर्गत क्या उक्त आदिवासियों को बिजली, पानी, सड़क की सुविधा उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वन क्षेत्र में निवास कर रहे आदिवासी परिवारों के गाँव को मूलभूत सुविधायें प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला मुरैना के वन क्षेत्र के अन्तर्गत 22 ग्राम चिन्हांकित एवं 16 ग्राम गैर चिन्हांकित है। उक्त सभी ग्रामों में 1674 आदिवासी परिवार निवास करते हैं। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अन्तर्गत ग्राम खडरियापुरा के 18 आदिवासियों व्यक्तियों को वन अधिकार के पट्टों का वितरण किया गया है। 69 आदिवासियों के पट्टों की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त आदिवासियों को बिजली, पानी, सड़क की सुविधा उपलब्ध है। (ख) वन क्षेत्र में निवास कर रहे, आदिवासी परिवारों के गाँवों को बिजली, पानी, सड़क की मूलभूत सुविधाएं प्रदान की गई हैं एवं आदिवासी परिवारों की मुखियां महिलाओं को परिवार की कुपोषण से मुक्ति हेतु 1000/- प्रतिमाह आहार अनुदान प्रदान किया जा रहा है तथा समय-समय पर शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के पालन में मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
घुमक्कड़ जातियों के कल्याण हेतु शासन की योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
81. ( क्र. 6323 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन जातियों को घुमन्तु जातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है? उक्त जातियां प्रदेश के किन-किन क्षेत्रों में पाई जाती हैं? जिलेवार व जातिवार संख्या से अवगत करावें। (ख) सरकार द्वारा घुमन्तु जातियों के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं तथा उन पर विगत दो वर्षों में कितनी राशि व्यय की गई? उक्त योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या वर्षवार व जातिवार विवरण देवें। (ग) क्या लोहपीटा समुदाय के लोग घुमक्कड़ जाति के हैं? अगर हाँ, तो इनको स्थायी निवास उपलब्ध कराने के लिये सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। अगर हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में। विस्तृत सर्वे न होने के कारण जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा पात्रता अनुसार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत लाभ दिया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आउटसोर्स कर्मचारियों हेतु भर्ती की प्रक्रिया
[स्कूल शिक्षा]
82. ( क्र. 6336 ) श्री संजीव सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड में शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कितने कर्मचारी आउटसोर्स पर लगाए गए हैं? इन कर्मचारियों की भर्ती के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? कर्मचारियों के नाम, पद एवं पता बताएं। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी भर्तियां की गई हैं? उक्त भर्तियां किन-किन स्कूलों में की गई हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में हाई/हायर सेकेण्डरी में 66 कर्मचारी आउटसोर्स पर लगाए गए हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से रखे गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आउटसोर्स पर रखे गये संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ओ.एफ.सी. केबल डालने की अनुमति
[वन]
83. ( क्र. 6337 ) श्री संजीव सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में मध्यप्रदेश के वन क्षेत्र में से होकर किस-किस कम्पनी की ओ.एफ.सी. केबल, पाइप लाइन निकाली गई? यह लाइन वन क्षेत्र के कितने किलोमीटर में निकाली गई है? (ख) क्या लाइन/ओ.एफ.सी केबल डालने की अनुमति शासन से ली गई है? उक्त लाइन से कितना राजस्व वसूला गया हैं? विस्तार में बताएं।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वनक्षेत्रों में आर.ओ.डब्ल्यू. में ओ.एफ.सी. केबल एवं पाइप लाइन डालने हेतु राज्य शासन के पत्र दिनांक 18.11.2004 एवं 01.07.2009 से स्वीकृति जारी करने हेतु समस्त वन मण्डलाधिकारी क्षेत्रीय को अधिकृत किया गया है। इन प्रकरणों में वसूल किए गए राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पौधारोपण एवं अवैध उत्खनन की जानकारी
[वन]
84. ( क्र. 6338 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय पौधारोपण और इसकी तैयारी हेतु किन-किन आदेशों/निर्देशों के तहत क्या-क्या कार्य किए और क्या-क्या सामग्री क्रय की जाती है? प्रदेश में विगत 03 वर्षों में जिलावार किए गए वृक्षारोपण की लागत और परिणाम से अवगत कराएं? (ख) क्या रूट ट्रेनर क्रय करने पर रोक हैं? यदि हाँ, तो क्यों तथा विगत–03 वर्षों में जिलावार, वर्षवार कितने जिलों में इस हेतु कितनी-कितनी राशि किन सक्षम आदेशों से कब-कब प्रदाय की गयी? (ग) क्या कटनी जिले की वनभूमि क्षेत्रों से खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन होने की विभाग को जानकारी हुई? यदि हाँ, तो किस माध्यम से और इस पर विगत 02 वर्षों में की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (घ) कटनी जिले के किन-किन स्थानों पर बफर जोन घोषित हैं? कटनी-जिले में लगभग कितनी-कितनी संख्या में कौन-कौन से वन्य प्राणी पाये जाते हैं? क्या इनकी संख्या में बढ़त/कमी का आंकलन किया गया? हाँ, तो कब? क्या परिणाम रहें। (ङ) प्रश्नांश (घ) वन्य प्राणियों के क्षेत्रों/वनों में विगत-03 वर्षों में क्या-क्या कार्य हेतु किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस मांग/आवश्यकता पर कब-कब, प्राप्त हुई? राशि से किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से कराये गये?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनों के प्रबंधन हेतु वनमण्डलों की कार्य योजनाओं में दिए गये प्रबंधन के तहत वृक्षारोपण का कार्य किया जाता है। वृक्षारोपण कार्य के अंतर्गत क्षेत्र सफाई, सर्वेक्षण एवं सीमांकन, स्टेकिंग, गड्ढा खुदाई, फैंसिंग, पौधा परिवहन, खाद डालना, रोपण तथा रख-रखाव आदि कार्य किए जाते हैं। वृक्षारोपण कार्य हेतु चैनलिंक/बारवेड वायर, पोल्स, कीटनाशक, रासायनिक खाद, चूना, रस्सी आदि का क्रय किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जी हाँ। मुखबिर तंत्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त होने पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) कटनी जिले के कक्ष क्रमांक आर.एफ. 392, 393, 394, 395, 396, 402, 403, 404, 405, 406, 407, 408, 411, 487, 488, 489, 490, 491, 492, 499, 500, 501, 502, 503, 504, 505, 506, 507, 508, 510, 512, 513 में बफर जोन घोषित है। बांधवगढ़ लेंड स्केप में पाये जाने वाले मुख्य वन्यप्राणियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में बफर जोन घोषित वन्यप्राणियों के क्षेत्रों/वनों में विगत 03 वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है।
विभागीय कार्यालयों, आश्रमों एवं छात्रावासों का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
85. ( क्र. 6339 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों हेतु कितनी-कितनी क्षमता के कौन-कौन से छात्रावास/आश्रम कहाँ-कहाँ कब से संचालित हैं? छात्रावासों/ आश्रमों में कौन-कौन अधीक्षक कब-कब से पदस्थ/कार्यरत हैं? छात्रावासों/आश्रमों में क्या-क्या सुविधा एवं संसाधन वर्तमान में उपलब्ध हैं और किन-किन सुविधाओं/संसाधनों की आवश्यकता है? (ख) म.प्र. भंडार क्रय नियम क्या हैं और किस प्रक्रिया/कार्यवाही से सामग्री-क्रय/खरीदी जाती हैं? सामग्री की आवश्यकता/मांग, सामग्री क्रय करने की स्वीकृति प्रदाय करने, दरों का विश्लेषण/तुलना एवं सामग्री क्रय और प्राप्त सामग्री का भौतिक सत्यापन करने की किन-किन शासकीय सेवकों की जिम्मेदारी नियत होती हैं? (ग) प्रश्नांश (क) छात्रावासों/आश्रमों और विभागीय-कार्यालय हेतु वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या सामग्री, किस मांग/आवश्यकता से, किन-किन सक्षम प्राधिकारियों के किन-किन आदेशों से, किस-किस प्रक्रिया से कब-कब क्रय की गयी और कार्यालय तथा छात्रावासों/आश्रमों में कब-कब प्रदाय की गयी? सामग्री का क्रय एवं भौतिक सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) खरीदी में क्रय समिति द्वारा की गयी कार्यवाही, जेम-पोर्टल तथा अन्य माध्यमों से खरीदी हेतु जारी आदेशों, भुगतान के देयकों के दस्तावेजी विवरण उपलब्ध करायें और बतायें कि क्या सामग्री क्रय करने में प्रश्नांश (ग) क्रय-नियमों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो कैसे? नहीं तो क्या कार्यवाही की गयी/की जायेगी? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत क्या सामग्री क्रय/खरीदी प्रक्रिया में अनियमितता पर जाँच की गयी हैं? यदि हाँ, तो जाँच के क्या परिणाम रहे? क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्या संबंधितों द्वारा ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. भण्डार क्रय नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत सामग्री क्रय प्रक्रिया के संबंध में निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जनजातीय कार्य विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 12-08/2017/25-2/902 दिनांक 24.07.2018 में निहित निर्देशानुसार पालक शिक्षक समिति द्वारा भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये सामग्री क्रय हेतु आदेश जारी किये जाते है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) कार्यालय द्वारा छात्रावासों के लिये जिला स्तरीय गठित क्रय समिति के अनुमोदन उपरांत जेम पोर्टल एवं अन्य माध्यमों से शासकीय प्रदायकर्ता फर्मों को क्रय आदेश जारी कर सामग्री प्राप्त उपरांत सामग्री का भौतिक सत्यापन के पश्चात देयकों का भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। सामग्री क्रय में क्रय नियमों का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जनजातीय कार्य विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डेयरी विकास परियोजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
86. ( क्र. 6350 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को महिला आदिवासी हितग्राहियों हेतु डेयरी विकास परियोजना बाबत् राशि प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, समितिवार, संकलित दुग्ध मात्रा के विक्रय से कितना लाभांश प्राप्त हुआ एवं समिति के सदस्यों के बीच कितना-कितना लाभांश वितरित किया गया? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) योजनानुसार प्रतिवर्ष समितिवार कितना दुग्ध संकलित किया जाना था उसके विरूद्ध कितना दुग्ध संकलित किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। सहकारिता विभाग से दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के अंकेक्षण उपरांत दुग्ध समिति की आदर्श उपविधि में वर्णित प्रावधानानुसार शुध लाभ का विभाजन किया जाकर लाभांश एवं बोनस का भुगतान दुग्ध प्रदायक सदस्यों को किया जाता है। (ग) योजनानुसार प्रत्येक समिति को 03 लीटर प्रतिदिन प्रति सदस्य अनुसार दूध संकलित किया जाना था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है।
अध्यापक सवंर्ग को समयमान वेतनमान का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 6353 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक/एफ 1-14/2019/20-1 भोपाल दिनांक 27/07/2019 के द्वारा अध्यापक संवर्ग हेतु सेवा नियम जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो सेवा शर्तों के नियम 2 के कण्डिका क्रमांक 2.15 व नियम 3 के कण्डिका क्रमांक 3.4 में समयमान वेतनमान देने का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो 10 व 20 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कितने-कितने अध्यापक संवर्गों को समयमान वेतनमान देने के आदेश प्रसारित हुये? संख्या बतावें। यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें। (ग) यदि समयमान वेतनमान देने के आदेश जारी कर दिये जायेगें तो कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नांकित परिपत्र द्वारा नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति लोक सेवकों हेतु सेवा शर्तें जारी की गई है। (ख) प्रश्नांकित परिपत्र की कण्डिका-2.15 में अध्यापक संवर्ग में पूर्व में की गई सेवा अवधि का लाभ पदोन्नति/क्रमोन्नति/समयमान हेतु सेवा की गणना में लिये जाने के संबंध में निर्देश है तथा परिपत्र की कण्डिका 3.4 में पदोन्नति/क्रमोन्नति/समयमान का लाभ प्राप्त करने के लिए भर्ती नियम तथा संगत नियम निर्देशों में उल्लेखित शर्तों तथा मापदण्डों की पूर्ति किये जाने के निर्देश है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करना
[वन]
88. ( क्र. 6354 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने संबंधी नीति-निर्देश विद्यमान हैं? यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले के तहसील नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम देवगढ़ के ग्रामवासियों द्वारा ग्राम भूमि को राजस्व विभाग में हस्तांरित करने हेतु लिखित मांग पत्र वन मंडलाधिकारी सामान्य वन मंडल राजगढ़ को दिनांक 11.02.2021 को दिया गया है तथा इसी संबंध में सी.एम. हेल्पलाइन पर जन शिकायत क्रमांक 13238224 दर्ज हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या ग्राम देवगढ़ के ग्रामवासी विगत 70 वर्षों से निवासरत होकर वन विभाग की तार फेंसिंग के बाहर निर्मित मकानों में रहते हैं एवं खेती बाड़ी का कार्य करते है, लेकिन विभागीय अभिलेखों में उक्त भूमि वन भूमि होने के कारण उनको शासन की राजस्व सुविधा से वंचित होना पड़ता हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन ग्राम देवगढ़ जो विभागीय वन भूमि की तार फेंसिंग के बाहर बसा हुआ है, को राजस्व विभाग हस्तांतरित कर राजस्व ग्राम घोषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? वन विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में उक्त ग्रामवासियों को क्या-क्या लाभ किस-किस योजना में दिया गया हैं?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा जारी अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 में वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के बाबत् दिशा-निर्देश दिये गये हैं। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र, वन मंडलाधिकारी सामान्य वनमंडल राजगढ़ को अप्राप्त है। सी.एम. हेल्पलाइन में राजस्व विभाग में दर्ज शिकायत क्रमांक-13238224 पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्यवाही प्रचलित है। वन विभाग में उक्त शिकायत प्राप्त होने पर विधि संगत कार्यवाही की जावेगी। (ख) नरसिंहगढ़ अभयारण्य सीमा के अन्दर वनग्राम देवगढ़ स्थित है, उक्त वनग्राम का आंशिक भाग रकबा 37.73 हेक्टेयर म.प्र. शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 3263–x-62 दिनांक 26.04.1962 से राजस्व विभाग को हस्तांतरित है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 13.11.2000 को पारित आदेश सें वनभूमि के निर्वनीकरण पर रोक होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। वन विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में वनग्राम देवगढ़ वासियों को कोई जनसुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
[स्कूल शिक्षा]
89. ( क्र. 6355 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के अध्यापक संगठन द्वारा पेंशन योजना बहाली के सम्बन्ध में सौंपे गये ज्ञापन/मांग पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शिक्षक संगठनों द्वारा मुख्य रूप से एन.पी.एस. के स्थान पर पूर्ववत पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग काफी समय से की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन शिक्षकों की मांग पर विचार करते हुये पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान करने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नांश ‘‘क’‘ के संबंध में सौंपे गये ज्ञापन/मांगपत्र पर जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश ‘‘क’‘ के अनुक्रम में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नीलगायों से किसानों को हो रही क्षति
[वन]
90. ( क्र. 6362 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला व जिले से लगी सीमाओं से आवागमन करने वाली नीलगाय (घोड़ारोज) के अनुमानित संख्या का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है? कितनी कुल संख्या में रतलाम जिले में उक्ताशय के प्राणी हैं? (ख) बताएं कि लगातार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से फसलों की नुकसानी और ग्रामीण तथा प्रमुख मार्गों पर इन से टकराकर दुर्घटना होने की जानकारियां मिलती हैं तो वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ग) साथ ही अवगत कराएं कि कृषकों के द्वारा उनकी फसलों की नुकसानी की लगातार शिकायतें की जाती है तथा उन्हें मुआवजा प्रदान किया जाता है तो उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत प्राप्त ब्लॉकवार शिकायतों, कृषकों की नुकसानी व दिए गए मुआवजे की स्थिति बताएं। (घ) क्या लगातार नीलगाय (घोड़ारोज) की संख्या बढ़ती जा रही है तथा इससे दुर्घटना तथा फसलों की क्षति भी बढ़ती जा रही है तो इनकी रोकथाम नियंत्रण हेतु शासन विभाग द्वारा क्या किया जा रहा है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनक्षेत्रों में नीलगाय की संख्या का आंकलन शाकाहारी वन्यप्राणियों के आंकलन हेतु स्थापित लाइन ट्रांजेक्ट पद्धति से किया जाता है। प्रदेश में शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या का आंकलन 04 वर्ष के अंतराल में किया जाता है। वर्ष 2018 के आंकलन अनुसार रतलाम जिले में नीलगाय की संख्या 1889 अनुमानित की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) नीलगाय द्वारा की जा रही फसलों की हानि की क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत 30 कार्य दिवस में प्रभावित कृषकों को राजस्व विभाग द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा फसल हानि करने वाली नीलगाय को मारने के लिये अनुमति प्रदान करने हेतु उपखण्ड अधिकारी (राजस्व) को अपनी-अपनी अधिकारिता वाले क्षेत्र की सीमाओं के भीतर अधिकृत किया गया है।
मध्यप्रदेश सरकार की नई शिक्षा नीति
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 6381 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय ने नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए नई व्यवस्था का सेट-अप तैयार किया है? यदि हाँ, तो क्या उस सेट-अप की रूप रेखा विधानसभा सदन में तैयार की गयी है? यदि नहीं, तो क्या शिक्षा समवर्ती सूची का मामला नहीं है? यदि है तो विधानसभा पटल पर मसौदा कब तक लाया जायेगा? (ख) क्या राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत प्रदेश के सभी ज़िला शिक्षा केंद्र एवं जनपद शिक्षा केंद्र समाप्त किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कब तक और नई व्यवस्था क्या होगी? मंत्रालय के पास उस नई व्यवस्था का तैयार सेट-अप क्या है? तैयार सेट-अप की सभी प्रकाशित पुस्तिकाएं उपलब्ध कराएं। (ग) नई व्यवस्था में कौन-कौन एजेंसियां, कौन-कौन से स्तर पर कौन-कौन से नाम से रहेगी? उन एजेंसियों का पंजीकृत और कार्यपालिका द्वारा निर्धारित विधान क्या है? उनकी सत्यापित प्रतियां देवें। (घ) क्या आपके विभाग को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित शिक्षा नीति एवं लागू करने के निर्देश प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो उनकी प्रतियां देते हुए मध्यप्रदेश राज्य के अधिकतम हितों को ध्यान में रखकर विधानसभा सदन में गुणदोष के आधार पर चर्चा करायी जाएगी? इस मामले में कुल कितने प्रस्ताव सदन में चर्चा के लिए आपके द्वारा लाये जाएंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) नई शिक्षा नीति लागू करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैस राहत पुनर्वास तथा कौशल विकास योजना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
92. ( क्र. 6384 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल गैस पीड़ित परिवारों के पुनर्वास एवं उपचार हेतु वित्तीय वर्ष 2017 - 18, 19 एवं 20 में केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी तथा किस-किस योजना के अंतर्गत कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार तथा योजन अनुसार जानकारी दें। (ख) गैस राहत पुनर्वास योजना के अंतर्गत अभी तक कितने गैस पीड़ित परिवारों को आवास आवंटित किये गये हैं? वर्षवार विवरण दें। (ग) गैस पीड़ित परिवारों के बच्चे को कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण देने हेतु विगत 3 वर्षों में केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई? वर्षवार विवरण दें। (घ) कौशल विकास योजना अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने गैस पीड़ित परिवारों के बच्चों को प्रशिक्षित किया गया एवं प्रशिक्षण उपरान्त उन्हें कहाँ-कहाँ रोजगार उपलब्ध कराया गया? वर्षवार विवरण दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा आवंटित की गई राशि की वर्ष तथा योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर हैं। (ख) गैस पीड़ित परिवारों को आवंटित आवासों का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (घ) गैस पीड़ित परिवारों के बच्चों को प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण उपरान्त उन्हें रोजगार उपलब्ध कराये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द'' अनुसार हैं।
रिक्त पदों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 6387 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक तथा प्राथमिक शिक्षकों के कुल कितने पद रिक्त हैं? क्या 2018 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को अब तक उच्च माध्यमिक शिक्षक तथा माध्यमिक शिक्षकों के पद पर भर्ती नहीं किया गया? भर्ती न करने के कारण स्पष्ट करें। (ख) अब तक सहायक शिक्षकों के चयन हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा क्यों आयोजित नहीं की गई? यह कब आयोजित की जायेगी? (ग) जब पात्रता परीक्षा प्रतिवर्ष आयोजित ही नहीं की जाती तो अनुकम्पा नियुक्तियों में पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त क्या हास्यापद नहीं है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नांकित जिले में स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक के कुल 1151 पद रिक्त हैं। जी हाँ। कोरोना माहमारी के कारण चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को दिनांक 04.07.2020 से स्थगित किया गया था। (ख) सहायक शिक्षक नहीं, अपितु प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजन हेतु पी.ई.बी. को विधिवत् अनुरोध किया गया है, पी.ई.बी. द्वारा आवेदन-पत्र प्राप्त कर लिये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, अपितु मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 की अनुसूची-तीन अनुसार प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु निर्धारित योग्यता के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा निर्धारित प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण होना प्रावधानित है। मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्र. एफ 1-10/2021/20-1, दिनांक 01.02.2021 द्वारा नवीन निर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें बगैर पात्रता परीक्षा के निर्धारित योग्यता पूर्ण करने पर प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है।
केन्द्र सरकार से प्राप्त बजट एवं आवंटन की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
94. ( क्र. 6391 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के कल्याण एवं विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक केन्द्र एवं राज्य सरकार से जो बजट/आवंटन जिन योजनाओं एवं मदों में प्राप्त हुआ है, उस बजट की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट/आवंटन की राशि जिन मदों में मध्यप्रदेश शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा उक्त अवधि में उपयोग की गई, उनका विवरण उपलब्ध कराएं एवं जिनका उपयोग नहीं किए जाने से उक्त बजट/आवंटन जो लेप्स हो गया अथवा बजट/आवंटन की उक्त राशि वापस केन्द्र सरकार को लौटा दी गई, उसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट एवं आवंटन की राशि जिन मदों में मध्यप्रदेश शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को उक्त अवधि में भारत सरकार द्वारा भेजी गई, उक्त बजट एवं आवंटन की राशि का अन्य मदों में एवं अन्य विभागों में उपयोग किया गया? यदि हाँ, तो किन विभागों में एवं किन मदों में उक्त बजट का उपयोग किया गया?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के कल्याण एवं विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक राज्य शासन से प्राप्त बजट एवं आवंटन की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट/आवंटन की राशि के उपयोग का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि लेप्स नहीं होती है और न ही कोई राशि केन्द्र सरकार को लौटाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देव नारायण बोर्ड का गठन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
95. ( क्र. 6405 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछडा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा आदेश क्रं. एफ-6/2/2020/54-1 दिनांक 28/09/2020 द्वारा राज्य शासन एतद् द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन गुर्जर समाज के विशेष संदर्भ में प्रभावी तरीके से करने हेतु सुझाव एवं अनुशंसाएं प्रदान करने हेतु म.प्र. देव नारायण बोर्ड का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए बोर्ड का कार्यकाल कितना रहेगा? अध्यक्ष व सदस्य की योग्यता क्या-क्या निर्धारित की गई है? विवरण दें। (ख) बोर्ड के उद्देश्य/कार्य क्या-क्या रहेंगे? बोर्ड राज्य शासन को किन-किन विषय पर सुझाव व अनुशंसा प्रेषित कर सकेगा? विवरण दें। (ग) मध्यप्रदेश देव नारायण बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों के रूप में किस-किसको मनोनित किया गया है? नाम, पद सहित विवरण दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष के संबंध में अभी निर्धारण नहीं हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मनोनयन शेष है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
लॉकडाउन अवधि में संचालित शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 6413 ) श्री तरबर सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2020 में एवं उसके बाद प्रश्न दिनांक तक कोविड संक्रमण के कारण एवं लॉकडाउन के कारण किस स्तर के स्कूल छात्रों के लिए कब-कब बंद रहे एवं रेग्युलर क्लास कब-कब हुई है? ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र एवं निजी तथा शासकीय स्कूलों के विषय में पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि में एवं दर्शित क्षेत्र व स्तर के स्कूलों में कौन-कौन सी फीस व शुल्क मुक्त किये जाने के क्या-क्या निर्देश कब-कब शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी किये गये? बतायें एवं प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) निर्देशों के बावजूद माफ किये गये कौन-कौन सी फीस एवं शुल्क वसूल करने की शिकायत या सूचना कौन-कौन से स्कूल के विषय में प्राप्त हुई है? शिकायत या सूचना पर क्या कार्यवाही की गई? स्कूलवार बतायें। क्या आदेशों/निर्देशों में विसंगति थी या स्पष्टता की कमी थी जिसका लाभ स्कूलों द्वारा उठाया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित कौन-कौन सी सूचना व शिकायत पर कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक लंबित है? शिकायत/सूचना बतायें। क्या शासन इस तथ्य का सत्यापन करेगा कि सभी शिकायतों/सूचनाओं पर उचित कार्यवाही हो चुकी है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) लॉकडाउन अवधि में प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय दिनांक 24 मार्च 2020 से बंद रहे, विभागीय आदेश दिनांक 28.11.2020 के द्वारा कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु माता-पिता/अभिभावकों की अनुमति से विद्यालय में आने की अनुमति प्रदान की गई। दिनांक 15.12.2020 के द्वारा कक्षा 9वीं से12 वीं तक की कक्षाओं हेतु विद्यालय खोले जाने के निर्देश दिये गये हैं। जारी निर्देश ग्रामीण क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र के निजी तथा शासकीय स्कूलों के लिए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। शेषांश विभाग स्तर से समुचित निर्देश जारी किये गये हैं। (द्य) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार।
दैनिक वेतन भोगी से वन रक्षक नियुक्त हुए कर्मियों की जानकारी
[वन]
97. ( क्र. 6414 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्ष 2004 में सेवा में पुनः वापस लेने के बाद वर्ष 2008 में वन रक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कर वन रक्षक बनाया गया है? यदि हाँ, तो प्रदेश में कार्यरत ऐसे सभी वन रक्षकों के नाम व नियुक्ति दिनांक की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उपरोक्त वन रक्षकों को आयु सीमा में छूट दै.वे.भो. की पूर्व सेवा अवधि के बराबर दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या इनकी सेवा अवधि 1 जनवरी 2005 के पूर्व की मानी गई है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने वन रक्षक हैं? (ग) क्या म.प्र. वित्त विभाग के पत्र क्र./एफ/9/3/2006/नियम चार, भोपाल दिनांक 17.10.2006 के अनुसार यह उल्लेखित है कि जो अधिकारी/कर्मचारी पूर्व से सेवा में हैं तथा जिनकी नवीन नियुक्ति पी.एस.सी./निर्धारित चयन प्रक्रिया द्वारा दिनांक 01.01.2005 के पश्चात की गई है, उन्हें म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 लागू होंगे? यदि हाँ, तो उपरोक्त आदेश के अनुसार क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन रक्षक पुरानी पेंशन की पात्रता में आते हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त वन रक्षकों को पात्रता पूरी करने के बाद भी पुरानी पेंशन सुविधा का लाभ नहीं दिया जाना शासन के किस नियम के तहत किया गया है? क्या विभाग इन वन रक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब से?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग के परिपत्र दिनांक 14.08.2008 द्वारा उच्चतर आयु सीमा में दैनिक वेतन भोगी श्रमिक द्वारा विभाग में पूर्व की गई संपूर्ण सेवा अवधि के बराबर अवधि की छूट प्रदान की गई थी, किन्तु दैनिक वेतन भोगी श्रमिक की आयु 50 वर्ष से अधिक न हो। जी नहीं, दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के रूप में सेवा नियमित सेवा नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के रूप में की सेवा नियमित सेवा नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश वित्त विभाग का पत्र क्रमांक एफ/9/3/2006/नियम/चार, दिनांक 17.10.2006 उन पर लागू नहीं होगा। (घ) वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ/9/3/2003/नियम/चार, दिनांक 13.04.2005 द्वारा 01 जनवरी 2005 अथवा इसके पश्चात नियुक्त कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए अंशदान पेंशन योजना लागू की गई है, अत: 01.01.2005 के बाद नियुक्त वन रक्षकों को शासन आदेशानुसार योजना का लाभ दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
98. ( क्र. 6421 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन से दोहरा लाभ प्राप्त किये जाने की मंशा से चम्बल संभाग के कौन-कौन से जिलों में किस-किस स्थान पर विभागीय कर्मचारियों द्वारा उनके निज भवनों में कन्या छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं? जानकारी जिलावार, छात्रावासवार, संबंधित कर्मचारी के नाम तथा पद नाम के साथ उपलबध कराते हुए, उक्त संबंधी नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या शासन के किसी नियम के अंतर्गत विभागीय छात्रावासों के निर्माण एजेंसी नियुक्त कर छात्रावासों के खातों में निर्माण कार्यों की राशि जमा की जा सकती है? नऐ नियमों की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें तथा क्या चम्बल संभाग में निर्माण कार्यों हेतु किसी जिले के छात्रावास को निर्माण एजेंसी बनाकर राशि जमा की गई? जानकारी जिले के नाम व स्थान का नाम एवं छात्रावास का नाम तथा कार्य का नाम एवं जमा की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या चम्बल संभाग में वर्ष 2020-21 में छात्रावासों में प्राईवेट कोचिंग शिक्षकों द्वारा कोचिंग कार्य किये जाने हेतु कोई आवंटन शासन द्वारा प्रदेश के जिलों को दिया गया? यदि हाँ, तो कितने-कितने आवंटन के विरूद्ध किस जिले में किन-किन छात्रावासों में क्या व्यय किय गया? जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में दोषी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभागीय छात्रावासों में शिक्षकों एवं अधीक्षकों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
99. ( क्र. 6422 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा चंबल संभाग में कितने बालक/कन्या छात्रावास संचालित हैं और किस छात्रावास में किस समुदाय का अधीक्षक/अधीक्षिका कार्यरत हैं? छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षिका/ अधीक्षिका का नाम, पदनाम, कार्यरत संस्था का नाम, संस्था का पता सहित संबंधित कर्मचारी, संस्था में पदस्थ दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) संचालनालय आदिम जाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक/शिक्षा/स्थापना/3/7645/भोपाल दिनांक 07/03/1981 के पालन में चंबल संभाग के किसी जिले को अन्य समुदाय को अधीक्षक/अधीक्षका बनाने हेतु स्वीकृति जारी की गई है? विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) चंबल संभाग में संचालित छात्रावासों में अन्य वर्ग के शिक्षक/शिक्षिकाओं को विभागीय छात्रावास में किस-किस नियमन से किस की अनुशंसा पर अधीक्षक/अधीक्षिका का कार्य करने हेतु पदस्थ किया गया तथा कार्यरत अधीक्षक/अधीक्षिका किस विभाग से है एवं तीन वर्ष से अधिक कर्मचारियों को हटाने/मूल विभाग में भेजने हेतु कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
शिया दाउदी बोहरा के नाम रजिस्टर्ड वक्फों की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
100. ( क्र. 6427 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. वक्फ बोर्ड में वक्फ एक्ट के प्रावधान अनुसार प्रदेश के लगभग 325 वक्फ शिया दाउदी बोहरा रजिस्टर्ड हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रत्येक रजिस्टर्ड वक्फ को धारा 44 के तहत बजट पेश करना, धारा 46 के तहत हिसाब पेश करना, धारा 72 के तहत चन्दा निगरानी बोर्ड को देना कानूनी बाध्यता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा शिया दाउदी बोहरा के सोल ट्रस्टी को उक्त संबंध में पत्र क्रमांक 2294 दिनांक 29/4/2019 भेजकर 4 करोड़ चन्दा निगरानी का मांग पत्र भेजा था तथा 04/01/2020 को भू-राजस्व की भांति वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी कर कलेक्टर मुम्बई को भेजी गई थी? (घ) शिया दाउदी बोहरा वक्फ द्वारा न तो हिसाब भेजा गया और न ही चन्दा निगरानी चार करोड़ जमा कराये गये? क्या वक्फ बोर्ड इस संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जी हाँ। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ सम्पत्तियों को क्षति पहुंचाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
101. ( क्र. 6428 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा बेशकीमती वक्फ सम्पत्तियों की किरायेदारी लीज नियम विरूद्ध हस्तान्तरण से 2 करोड़ 76 लाख 62 हजार वार्षिक अपूरणीय क्षति पहुंचाने के आरोप से तत्कालीन चैयरमेन/सचिव के विरूद्ध आपराधिक अभियोजन का प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 1104-1106 दिनांक 25/02/2019 को भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त प्रकरण अभियोजन हेतु किस एजेंसी लोकायुक्त अथवा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को सौंपा गया? उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण की जाँच में विलम्ब के लिये कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण आगामी कार्यवाही हेतु प्रक्रियाधीन है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को गणवेश का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 6434 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 में मंडला जिला अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को गणवेश प्रदान करने हेतु किन-किन स्व-सहायता समूहों का चिन्हांकन कर गणवेश सिलाई का कार्य दिया गया है? उक्त स्व-सहायता समूहों में से प्रत्येक को अब तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं प्रदाय राशि में से समूहों द्वारा अब तक कितनी राशि किन-किन सामग्रियों के क्रय हेतु खर्च की गई है? समूहवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या समूह द्वारा गणवेश तैयार करने हेतु कपड़ा सहित अन्य सामग्री की गुणवत्ता निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या समूहों द्वारा क्रय सामग्री का जिला स्तर की समिति द्वारा गुणवत्ता परिक्षण किया गया? यदि हाँ, तो कब एवं परिक्षण में क्या पाया गया? (ग) क्या जिन समूहों को गणवेश तैयार करने का कार्य दिया गया है उनमें से अधिकांश समूहों के पास सिलाई मशीन नहीं है एवं उन समूहों की महिलाओं को सिलाई का कार्य भी नहीं आता है? यदि नहीं, तो इस संबंध में समूहों की दक्षता संबंधी जानकारी प्रदान करें। यदि हाँ, तो उन समूहों के द्वारा सीधे बाजार से गणवेश क्रय कर स्कूलों में प्रदान की जा रही है? यदि नहीं, तो इसकी जाँच कब-कब की गई? यदि हाँ, तो किन-किन व्यापारियों से ये गणवेश क्रय की गई है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या अधिकांश समूहों के द्वारा व्यापारियों से रेडीमेड गणवेश क्रय कर उसे ही स्कूलों में प्रदान किया जा रहा है? क्या इस संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? क्या इस संबंध में अखबारों में शिकायत संबंधी समाचार प्रकाशित हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच स्वतंत्र रूप से करावाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं किनके द्वारा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) मण्डला जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, राज्य शहरी आजीविका मिशन एवं महिला वित्त विकास निगम के अंतर्गत क्रियाशील स्व-सहायता समूह को गणवेश प्रदाय का कार्य दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्व-सहायता समूह द्वारा मदवार खर्च की जानकारी विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है। अतः दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। समाचार पत्र के माध्यम से प्राप्त शिकायत को पत्र क्र. राशिके/प्रोत्साहन1227, दिनांक 1.3.2021 के माध्यम से जांच हेतु कलेक्टर, मण्डला एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भोपाल को भेजा गया।
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद् अधिनियम, 1987 में संशोधन
[चिकित्सा शिक्षा]
103. ( क्र. 6439 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 11 फरवरी, 2020 को प्रकाशित मध्यप्रदेश राज्यपत्र के अनुसार मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद् अधिनियम, 1987 में कोई संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या संशोधन किये गए हैं? संशोधन की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद् अधिनियम, 1987 (क्रमांक-11, सन् 1990) की अनुसूची में विद्यमान प्रविष्टियों के पश्चात कोई नवीन प्रविष्टियां भी जोड़ी गई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नवीन प्रविष्टियां जोड़ी गई हैं तथा इन प्रविष्टियों में डिप्लोमा को मान्यता कब से प्रदान की जा रही है? (ग) क्या अनुसूची में जोड़ी गई नवीन प्रविष्टियों को मान्यता, राज्यपत्र में प्रकाशन की तारीख से दी जा रही है? यदि हाँ, तो इन प्रविष्टियों (विषयों) में पूर्व से जिन चिकित्सकों ने डिप्लोमा प्राप्त किया है, तो उन्हें भी मान्यता क्यों नहीं दी जानी चाहिए? यद्यपि प्रदेश में पूर्व से उक्त विषयों में डिप्लोमा हासिल करने वाले बड़ी संख्या में चिकित्सक उपलब्ध हैं, यदि अधिनियम में संशोधन अनुसार मान्यता दिनांक की बाध्यता को हटा दिया जाये तो प्रदेश में कुशल चिकित्सकों की कमी पूरी की जा सकती है। क्या सरकार की ओर से इस दिशा में विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक अधिनियम में संशोधन पश्चात मान्यता की तिथि की बाध्यता को समाप्त कर दिया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, संशोधन की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, निम्न 06 प्रविष्टियां राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 11.02.2020 से मान्यता दी गई है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 1. डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया (डी.ए.) 2. डिप्लोमा इन जनरल मेडिसिन (डी.जी.एम) 3. डिप्लोमा इन साइकोलॉजिकल मेडिसिन (डी.पी.एम.) 4. डिप्लोमा इन जनलर सर्जरी (डी.जी.एस.) 5. डिप्लोमा इन मेडिकल रेडियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोलॉजी (डी.एम.आर.ई.) 6. डिप्लोमा इन इमरजेंसी मेडिसिन (डी.ई.एम.ई.) (ग) जी हाँ। इन प्रविष्टियों (विषयों) में पूर्व में से जिन चिकित्सकों ने डिप्लोमा प्राप्त किया है, उन्हें मान्यता नहीं दी गई है, क्योंकि उनकी शैक्षणिक संस्थाओं की सतत् मॉनिटरिंग की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मध्यप्रदेश द्वारा नहीं की गई थी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग की अनुमति का नवीनीकरण
[वन]
104. ( क्र. 6446 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल, अनूपपुर, उमरिया जिले में कोयला खनन हेतु वन भूमि की दी गई अनुमतियों का नवीनीकरण प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया? (ख) इन जिलों में किस कक्ष क्रमांक के कितने रकबे के, किस खदान के लिए, किस दिनांक को, किस दिनांक तक के लिए अनुमति प्रदान की गई? वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग की अनुमति के नवीनीकरण का प्रस्ताव किस दिनांक को प्राप्त हुआ? किस कक्ष क्रमांक पर आवासीय कॉलोनी का कोयला कंपनी ने निर्माण किया? (ग) किस खदान के लिए वन भूमि की अनुमति के नवीनीकरण की कार्यवाही किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की गई? यह कार्यवाही कब तक पूरी की जाएगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शहडोल, अनूपपुर, उमरिया जिले में कोयला खनन हेतु दी गई वनभूमि, जिनका नवीनीकरण प्रश्नांकित दिनांक तक नहीं हुआ है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आवासीय कॉलोनी के निर्माण बाबत् जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित खदानों में नवीनीकरण की कार्यवाही प्रचलित है। नवीनीकरण की अनुमति प्रदान करना भारत सरकार के क्षेत्राधिकार में है। अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही कब तक पूरी की जावेगी बताना संभव नहीं है।
वन भूमि पर आवासीय कॉलोनी का निर्माण
[वन]
105. ( क्र. 6447 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर, शहडोल, उमरिया तथा बैतूल जिले में कोयला कंपनियों के द्वारा वन भूमि पर आवासीय कॉलोनियों का निर्माण वन विभाग की अनुमति के बिना ही कर लिया है? (ख) इन जिलों में किस किस क्रमांक के कितने रकवे पर आवासीय कॉलोनियों का निर्माण किया गया है? आवासीय कॉलोनी निर्माण की अनुमति वन विभाग ने किस आदेश क्रमांक दिनांक से प्रदान की? आवंटित भूमि में से कितनी भूमि राजपत्र में किस दिनांक को डिनोटीफाइड की गई है? (ग) वन भूमि पर आवासीय कॉलोनी का निर्माण किए जाने पर वन विभाग ने संबंधित कंपनी के विरूद्ध प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की तो कारण बतावें। कब तक कार्यवाही की जाएगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वन वृत्त बैतूल अंतर्गत उत्तर बैतूल सामान्य वनमंडल के सारनी परिक्षेत्र में वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा द्वारा आवासीय कॉलोनी रकबा 4.181 हेक्टेयर पर निर्माण वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रभावशील होने के पूर्व वर्ष 1975 में किया गया था। वन वृत्त शहडोल के वनमंडल दक्षिण शहडोल, उमरिया तथा अनूपपुर के अंतर्गत कोयला कम्पनियों द्वारा बिना वन विभाग की अनुमति के वनभूमि पर आवासीय कॉलोनी का निर्माण नहीं किया गया है। (ख) अनूपपुर जिले के अनूपपुर वनमंडल एवं बैतूल जिले के उत्तर बैतूल वनमंडल अंतर्गत आवासीय कॉलोनी निर्माण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तर बैतूल वनमंडल अंतर्गत आवंटित वनभूमि लीज पर दी गई है, अत: डिनोटीफाई किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शहडोल एवं उमरिया जिले बाबत जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) उत्तर बैतूल सामान्य वनमंडल के अंतर्गत वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा द्वारा 4.181 हेक्टेयर पर आवासीय कॉलोनी का निर्माण वर्ष 1975 में किया गया है। वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा द्वारा वन संरक्षण अधिनियम, 1980 लागू होने के पश्चात कार्योत्तर स्वीकृति के प्रस्ताव नवीन निर्धारित प्रकिया अनुसार प्रस्तुत किये गये। प्राप्त प्रस्ताव में भारत सरकार की स्वीकृति के बगैर निर्माण कार्य किये जाने के फलस्वरूप दण्ड अधिरोपित कर स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा सहित प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है, अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वन वृत्त शहडोल के वनमंडल दक्षिण शहडोल, उमरिया तथा अनूपपुर के अंतर्गत कोयला कम्पनियों द्वारा बिना वन विभाग की अनुमति के आवासीय कॉलोनी का निर्माण न किये जाने से विभाग द्वारा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
106. ( क्र. 6448 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्राकृतिक संसाधनों एवं एवं लघु वन उपज से संबंधित संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में दिये गये अधिकार अनुपपूर, उमरिया एवं शहडोल जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक भी ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को नहीं सौंपे गये। (ख) 11वीं अनुसूची पेसा कानून एवं वन अधिकार कानून में प्राकृतिक संसाधनों एवं लघु वनोपज के क्या-क्या प्रावधान दिये गये हैं। उनके अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को क्या-क्या अधिकार दिये गये। क्या-क्या अधिकार किन कारणों से नहीं दिये गये? पृथक पृथक बतायें। (ग) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को अधिकार, नियंत्रण एवं प्रवधन सौंपे जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) संविधान की 11वीं अनुसूची एवं पेसा कानून 1996 के तहत कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत प्राकृतिक संसाधनों एवं लघु वन उपज के संबंध में जिलों को जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। मध्यप्रदेश ग्राम वन नियम 2015 एवं मध्यप्रदेश ग्राम संरक्षित वन नियम 2015 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 2 (झ) में ''गौण वन उत्पाद'' के अन्तर्गत पादप मूल के सभी गैर-इमारती वनोत्पाद है, जिनमें, बांस, झाड झंखड, ठूंठ, बैत, तुसार, कोया, शहद, मोम, लाख, तेंदू या केंदू पत्ते, औषधीय पौधे और जड़ी बूटियों मूल कन्द और इसी प्रकार के उत्पाद सम्मिलित है। '' एवं 3 (1) (ग) में '' गौण उत्पादों के, जिनका गाँव की सीमा के भीतर या बाहर पारंपारिक रूप से संग्रह किया जाता रहा है। स्वामित्व संग्रह करने के लिए पहुंच, उनका उपयोग और व्ययन का अधिकार रहा है, '' का प्रावधान निहित है। 11वीं अनूसुची एवं पेसा कानून की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधा रोपण की जानकारी
[वन]
107. ( क्र. 6452 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/2014 से 01/06/2017 तक उज्जैन जिले में किन-किन स्थानों पर पौधारोपण किया गया? विधान सभावार, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) इस पौधारोपण पर कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिए प्रदाय की गयी? कार्य नाम राशि सहित बतावें। (ग) उपरोक्त कार्यों के लिए जिन फर्मों/व्यक्तियों को यह राशि प्रदान की, उनके नाम राशि सहित देवें। इसके लिए कितना TDS कटौत्रा किया गया? इसकी भी जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत उज्जैन वनमंडल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है।
लंबित विकास कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
108. ( क्र. 6456 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत बरगी विधान सभा की जनपद पंचायत शहपुरा के ग्राम कुटरी, ग्राम सिमरिया एवं ग्राम कालापाठा में सामुदायिक भवन स्वीकृत हुए हैं? प्रश्न दिनांक तक कौन से भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो गये हैं? किसका निर्माण कार्य प्रगतिरत है एवं कितनों का अभी निर्माण प्रारंभ नहीं किया? अब तक निर्माण लंबित क्यों रखे गये? इसका दोषी कौन हैं? (ख) क्या अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत बरगी विधानसभा क्षेत्र की विकासखण्ड शहपुरा के ग्राम चिरापौड़ी एवं ग्राम नीची में वर्ष 2017-18 में स्वीकृत हुए थे? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं कराया गया? (ग) विधान सभा प्रश्न 784, दिनांक 21/12/2020 के उत्तर में विभाग द्वारा बताया की अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत बरगी विधानसभा की विकासखण्ड शहपुरा एवं विकासखण्ड जबलपुर के अनेक प्रस्तावों में लंबित रहने के कारण विभाग को प्रेषित किया गया, तो विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की एवं आवंटन कब तक जारी होगा और प्राक्कलन एवं जनसंख्या की जानकारी आप्राप्त थी तो कब तक प्राप्त होगी? पंचायत सचिव एवं सी.ई.ओ. जिला पंचायत जानकारी क्यों नहीं दे पा रहे हैं? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश में स्पष्ट है कि संबंधित ग्राम पंचायत सचिव एवं सी.ई.ओ. जनपद पंचायत जबलपुर एवं सी.ई.ओ. जनपद पंचायत शहपुरा द्वारा लापरवाही किये जाने पर क्या विभाग द्वारा इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या कभी सी.ई.ओ. जनपद पंचायत जबलपुर एवं सी.ई.ओ. जनपद पंचायत शहपुरा द्वारा समस्त प्रस्तावों के संबंधित स्थल निरीक्षण किया? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौ-शालाओं में पशु आहार हेतु नियम एवं प्रावधान
[पशुपालन एवं डेयरी]
109. ( क्र. 6458 ) श्री संजय यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-शालाओं में पशु आहार हेतु कौन से नियम एवं क्या प्रावधान है? इन नियमों/प्रावधानों का पालन नहीं करने पर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाती है? प्रति उपलब्ध करायें। बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित गौ-शालाओं में गत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि दी गई है? (ख) क्या विगत तीन माह से बरगी विधानसभा में संचालित गौ-शालाओं में पशु आहार की राशि नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? दोषियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त राशि जारी नहीं करने के कारण बतायें एवं उक्त राशि कब तक जारी की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्राप्त बजट अनुसार राशि जारी कर दी गई थी। अनुपूरक अनुदान में राशि प्राप्त हुई है। राशि आहरण कर जारी की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्राप्त बजट अनुसार राशि जारी कर दी गई थी। अनुपूरक अनुदान में राशि प्राप्त हुई है। राशि आहरण कर जारी की जावेगी।
आष्टान्न योजनान्तर्गत सामुदायिक भवन निर्माण
[जनजातीय कार्य]
110. ( क्र. 6459 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला जबलपुर में आष्टान्न योजना अंतर्गत 2 करोड़ लागत से स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो कब? स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भवन निर्माण हेतु भूमि का चयन हो चुका है? यदि हाँ, तो कहाँ? यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता द्वारा भूमि चयन हेतु पुराना पानी बड़ादेव मंदिर के पास ग्राम पं. जमुनिया तह. जबलपुर हेतु कलेक्टर जबलपुर को प्रस्ताव पत्र दिया था? उक्त प्रस्ताव पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) पुराना पानी बड़ादेव मंदिर आदिवासियों का महत्वपूर्ण स्थान है तो क्या उक्त भवन निर्माण पुराना पानी ग्राम जमुनिया में कराया जावेगा? यदि हाँ, तो विभाग कब तक आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण बतायें। (घ) उक्त प्रश्न के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गये पत्राचार/प्रस्ताव/नस्ती के प्रति उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
111. ( क्र. 6468 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु कितनी भूमि नियमानुसार आवश्यक है? मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के लिये शासन द्वारा कितनी भूमि उपलब्ध कराई गई है? वर्तमान में उक्त भूमि में से कितनी भूमि पर विभिन्न विभागों/व्यक्तियों के निर्माण स्थित हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के भवन निर्माण की लागत शासन द्वारा दिया जाना निर्धारित था? यदि हाँ, तो कितनी राशि शासन द्वारा दी गई तथा दस्तावेज पटल पर रखें। (ग) मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना से आज दिनांक तक विश्वविद्यालय को वर्षवार विभिन्न मदों में हुई आय के विवरण देवें तथा उसमें से कब-कब कितनी-कितनी राशि विभिन्न गैर विश्वविद्यालयीन कार्यों हेतु खर्च की गई? उसका निर्णय किन-किन के द्वारा लिया गया था? (घ) वर्तमान में मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन भवन की क्या लागत है? क्या निर्माण लागत में कभी संशोधन या बजट में कटौती की गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु नियमानुसार 75 एकड़ भूमि आवश्यक है। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर हेतु शासन द्वारा 56.055 एकड़ की भूमि उपलब्ध करायी गई है। वर्तमान में आवंटित भूमि पर किसी भी अन्य विभाग/व्यक्तियों का निर्माण स्थित नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आय से संबंधित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ''2'' अनुसार है। गैर विश्वविद्यालयीन कार्यों हेतु खर्च का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निर्णय लिये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर के भवन निर्माण के लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जी नहीं।
पत्थर एवं रेत का अवैध उत्खनन
[वन]
112. ( क्र. 6471 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल शिवपुरी में आने वाली रेन्जों में किस-किस कक्ष क्रमांक की भूमि एवं किस कक्ष क्रमांक में पत्थर एवं रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है जानकारी दें। (ख) क्या कुछ कक्ष क्रमांकों की भूमि पर कब्जा धारियों को डी.एफ.ओ. शिवपुरी द्वारा नोटिस दिये गये थे वह कौन-कौन से कक्ष क्रमांक की है एवं कब्जाधारी का नाम, कक्ष क्रमांक, सर्वे नंबर सहित बतायें। (ग) क्या जिन कक्षों की भूमि पर कब्जा एवं अवैध उत्खनन हो रहा है वह अधिकारी एवं कर्मचारियों की मिली भगत से हो रहा है? इसलिये उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी, न ही अतिक्रमण हटाया गया। (घ) क्या दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही कर कब्जाधारियों या अतिक्रमण हटाकर उस भूमि वन विभाग की योजनाओं को संचालित किया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल शिवपुरी में अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। अवैध उत्खनन होने की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अतिक्रमण एवं अवैध उत्खनन के किसी भी प्रकरण में विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की संलिप्तता नहीं पाई गई है, अतः उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने हेतु वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्ररिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 6477 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कितने प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जिनके स्वयं के भवन हैं? कितने स्कूलों के स्वयं के भवन नहीं हैं? कितने स्कूलों में भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? नाम सहित विवरण दें। (ख) क्षेत्र के उपरोक्त कितने विद्यालय में पीने के पानी, शौचालय, बाथरूम की व्यवस्था है? कितने विद्यालयों में नहीं है? स्कूलों का नाम सहित विवरण दें। (ग) कितने विद्यालयों में किचन शेड है, कितने में निर्माणाधीन हैं कितने में स्वीकृत है? कितने विद्यालयों में नहीं है? नाम सहित विवरण दें। (घ) क्षेत्र के कितने प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की बिल्डिंग के सामने बरामदे/ग्राउन्ड सीमेंट, कांक्रीट है जहां प्रार्थना सभा होती है? कितने में नहीं है? विद्यालय का नाम सहित विवरण दें। (ड.) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं? विद्यालय का नाम, पद सहित विवरण दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है।
गुना जिले में संचालित प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
114. ( क्र. 6491 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में राघौगढ़ विधानसभा में कितने-कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? पंचायतवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस शाला में कितने-कितने शिक्षक पदस्थ हैं, कितने-कितने पद कब-कब से कहाँ-कहाँ रिक्त हैं? उनकी पूर्ति हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने छात्र एवं छात्राएं अध्ययनरत हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस विद्यालय में खेल मैदान, शौचालय, बाउण्ड्रीवॉल, स्वयं का स्कूल भवन, पेयजल व्यवस्था (नलकूल/हैण्डपंप) है? संख्यात्मक जानकारी बताएं। (ड.) उक्त के परिप्रेक्ष्य में किस-किस विद्यालय के भवन जर्जर हैं, उसे तोड़कर कब-तक नये भवन का निर्माण किया जायेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलित है। (ड.) विधानसभा राधौगढ अंतर्गत शासकीय कन्या विद्यालय राधौगढ के शाला भवन के 05 कक्ष आंशिक जर्जर है। पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा इन कक्षों का तकनीकी आंकलन करवाया जाकर प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
किराये के भवन में संचालित शासकीय विद्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 6497 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की कुक्षी विधानसभा में कितने शासकीय विद्यालय किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं? कब से संचालित हो रहे हैं? स्कूल का नाम, मकान मालिक का नाम, मोहल्ला सहित बतावें। (ख) क्या इन किराये के भवनों का किराया शासन द्वारा दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं, तो फिर इस भवन का किराया कहाँ से वहन हो रहा है? (ग) क्या शासन इन किराये के भवनों में संचालित होने वाले स्कूलों हेतु नवीन भवन निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 297/दिनांक 2020 पर इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी शासकीय शाला किराये के भवन में संचालित नहीं हो रही है। न ही शासन के द्वारा कोई किराया दिया जा रहा है। (ख) शासन के कुक्षी विधानसभा अर्तगत किसी भी भवन का किराया शाला सचांलन हेतु शासन द्वारा नहीं दिया जा रहा है। (ग) जिले में कुक्षी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जहां भवन की आवश्यकता हैं वहा पर वार्षिक कार्य योजना 2021-22 में प्रस्ताव सम्मिलित किये गये हैं। शासन से बजट एवं स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कराया जायेगा। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 297/दिनांक 2020 के संदर्भ में 1. नवीन प्रा.वि. चौगड़ियापुरा आली। 2. नवीन प्रा.वि. बयड़ीपुरा कुक्षी। 3. प्रा.वि. शीतला माता कुक्षी। इस प्रकार कुल 03 इन प्रा.वि. शालाओं के लिए भवन की स्वीकृति एवं भूमि उपलब्ध करावाने की मांग की गई। उक्त तीन में से नवीन प्रा.वि. चौगड़ियापुरा आली एवं नवीन प्रा.वि. बयड़ीपुरा कुक्षी हेतु भूमि चयन/उपलब्धता की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। इन दोनों प्रा.वि. शालाओं के लिए शासकीय भूमि का चयन प्रकिया पूर्ण हो चुकी हैं एवं अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है, प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में है। शासन से बजट एवं स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कराया जायेगा। प्रा.वि. शीतला माता कुक्षी हेतु शासकीय भूमि उपलब्धता नहीं हो पाई है।
खेल सामग्री क्रय हेतु राशि का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
116. ( क्र. 6498 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2020-2021 में प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय में खेल सामग्री क्रय हेतु कितनी राशि प्रदान की गई है? स्कूलवार बतायें। (ख) क्या उस राशि से सामग्री क्रय की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्रय सामग्री के बिल का विवरण स्कूलवार देवें। (ग) यदि नहीं, तो ऐसे स्कूलों के नाम सहित सूची देवें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. राशिके/ वित्त/आवंटन/2021/1123, दिनांक 23.02.2021 के आवंटन आदेश के अनुसार 2999 प्राथमिक विद्यालयों एवं 786 माध्यमिक विद्यालयों में एवं राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. राशिके/वित्त/आवंटन/2021/1121, दिनांक 23.02.2021 के आवंटन आदेश के अनुसार एक परिसर एक शाला अंतर्गत 18 माध्यमिक विद्यालयों एवं 07 प्राथमिक विद्यालय+माध्यमिक शालाओं में स्पोर्ट्स एवं फिजिकल ग्राण्ट की राशि प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में राशि रू. 5000/- एवं प्रत्येक माध्यमिक विद्यालयों में राशि रू. 10, 000/- के मान से राज्य से आवंटन होकर सीधे राज्य से संबंधित शाला प्रबंधन समितियों के खाते में जमा हुआ है। राज्य शिक्षा केन्द्र के संदर्भित पत्र में दिये गये स्पोर्ट्स ग्राण्ट के उपयोग के मार्गदर्शी बिन्दुओं के आधार पर संबंधित शालाओं की शाला प्रबंधन समिति के द्वारा उक्त प्रक्रिया की जाना है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वन विभाग की योजनाएं
[वन]
117. ( क्र. 6503 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैम्पा एवं अन्य योजनांतर्गत उप वन मण्डल सिरोंज में 01 अप्रैल 2018 से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्यवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं कार्यों पर कितना-कितना भुगतान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 224 एवं 225/बीपीएल/2020 दिनांक 22/09/2020 प्रधान मुख्य वन संरक्षक कैम्पा एवं जिला वन मण्डलाधिकारी विदिशा पत्र क्र. 1075 एवं 1076/एसआरजे/2020 दिनांक 16.11.2020 को पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो जल संरचनाओं के प्राक्कलन कब तक तैयार कर लिये जावेंगे एवं जल संरचनाओं की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या विदिशा जिले में वन माफियाओं द्वारा सागौन के पेड़ कटाई की जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन कक्षों/बीटों में पेड़ों की कटाई की गई? क्या विभाग द्वारा 1 जनवरी 2019 से ठूठ सुमारी की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा की गई है तथा कौन-कौन सी बीटों पर कितने ठूठ पाये गये हैं? कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई है तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वनों की रक्षा के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं? वन काटने के संबंध में वन परिक्षेत्र उत्तर एवं दक्षिण लटेरी में अपराधियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? कितने गतिशील हैं तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित प्रकरणों पर कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी? (ड.) उप वन मण्डल सिरोंज में उप मण्डलाधिकारी तथा वन परिक्षेत्राधिकारी उत्तर लटेरी का पद कब से रिक्त हैं एवं पद पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? बतावें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। पत्र में उल्लेखित स्थलों का निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार करने हेतु वन परिक्षेत्र अधिकारी को निर्देशित किया गया है। संरचनाओं की संख्या काफी अधिक होने और संसाधनों की उपलब्धता सीमित होने से जल संरचनाओं के प्राक्कलन तैयार करने एवं स्वीकृति होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विदिशा जिले में किसी संगठित वन माफिया द्वारा सागौन पेड़ों की कटाई नहीं की जा रही है अपितु जिले में अपराधियों द्वारा सागौन पेड़ों की कटाई के प्रकरण प्रकाश में आये हैं। अवैध कटाई के प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वन मण्डल विदिशा में वनों की रक्षा के लिये विभागीय अमले एवं वन चौकी प्रभारियों द्वारा गश्त की जा रही है तथा उड़नदस्ता दल द्वारा आकस्मिक छापामार कार्यवाही की जाती है। वन परिक्षेत्र उत्तर एवं दक्षिण लटेरी में अपराधियों के विरूद्ध न्यायालयीन कार्यवाही एवं नियमानुसार वन हानि की राशि की वसूली की गई है। प्रश्नांश अवधि में अपराधियों के विरूद्ध कुल 96 प्रकरण दर्ज किए गए हैं जिसमें 04 प्रकरण गतिशील हैं। 27 प्रकरणों में प्रशमन की कार्यवाही की जा चुकी है। 65 प्रकरणों में जाँच हेतु कार्यवाही लंबित है। लंबित प्रकरणों में कार्यवाही की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) उप वन मण्डल अधिकारी सिरोंज सामान्य का पद दिनांक 01.09.2020 से तथा परिक्षेत्र अधिकारी उत्तर लटेरी का पद दिनांक 01.02.2021 से रिक्त है। पदों की पूर्ति शीघ्र की जावेगी।
विद्यालयों का उन्नयन एवं भवन स्वीकृति की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 6504 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों से विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कौन-कौन से विद्यालयों का उन्नयन हुआ है एवं किन-किन विद्यालयों के भवन/अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये हैं तथा कौन-कौन से नवीन प्राथमिक शालाएं प्रारंभ की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों को किन-किन एजेंसियों द्वारा भवन निर्माण किये गये हैं? उनमें से कौन से भवन पूर्ण हो गये हैं? कौन से भवन अप्रारंभ है? विद्यालयवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विकासखण्ड मुख्यालय सिरोंज एवं लटेरी के विद्यालयों में प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उपरोक्त विद्यालयों में फर्नीचर, कम्प्यूटर, खेल एवं प्रयोगशाला सामग्री के क्या प्रावधान है? तदानुसार क्रय की क्या कार्यवाही हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2019 से कौन-कौन से विद्यालय भवनों एवं अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई है एवं निर्माण एजेंसी किसको बनाया गया है? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र माननीय मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय, कलेक्टर विदिशा, जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा, जिला परियोजना समन्वयक विदिशा को पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (च) विदिशा जिले के हायर सेकेण्डरी स्कूल भगवंतपुर, गरेंठा, मुगलसराय, मुखास, उनारसीकलां, कालादेव, मुरारिया, कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल लटेरी तथा हाई स्कूल चितावर, सेमलखेड़ी, भौंरिया, पिपलियाहाट, पारधा, देवपुर, सुनखेर, दनवास, अलीगढ़ कोटरा, जावती, मा.शा. नारायणपुर, पाटन, सांकलोन, सालरी, विश्रामपुर, भूकरी, छिरारी, दनवास, मोहब्बतपुर, अगरापाठार, ललचिया, प्रा.शाला अनु.जाति बस्ती गरेंठा, विशनपुर, मुरादपुर, वार्ड क्र. 9 चौड़ाखेड़ी, भूरीटोरी, ईंटनपुरा, नेकान, रूसल्ला अभयराज, बांसी, रामटेक कोटरा, जालपुर, चौकीदार का पुरा, कुंदनखेड़ी, कीलनखेड़ी, फीरोजगंज, चंदाबंजारा टपरा, मदनखेड़ी, मदनपुर, गांधीनगर, कोलुखेड़ी, गाँवसिंध, लक्ष्मणपुरा, बांसखेड़ा, रमपुरा, खेरूआपुरा, वास्तु, पालपुर के विद्यालय भवन कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे? इन विद्यालयों के भवन क्या पूर्व में स्वीकृत हुए थे? यदि हाँ, तो बतावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विगत 05 वर्षों से विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में किसी भी प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं किया गया है। हाई स्कूल में उन्नयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर, हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। प्रश्नांकित विकासखंडों में उक्त अवधि में माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं होने से भवन/अतिरिक्त कक्ष/किचिन शेड स्वीकृत नहीं किये गये तथा नवीन प्राथमिक शालाएं प्रारंभ नहीं की गई है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी में स्वीकृत भवन निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर एवं स्वीकृत अतिरिक्त कक्ष निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के संबंध में जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है। (ग) समग्र शिक्षा अंतर्गत प्रारंभिक स्तर के कक्षा 1 से 8 तक विद्यालयों हेतु खेल सामग्री हेतु वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रत्येक प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं हेतु राशि रू. 1000/- एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 प्रत्येक प्राथमिक शाला हेतु रू. 5000/- एवं प्रत्येक माध्यमिक शाला हेतु राशि रू. 10000/- का प्रावधान है। सामग्री का क्रय शाला प्रबंधन समितियों द्वारा किया जाता है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी के संबंध में भारत सरकार तथा राज्य योजना अंतर्गत निर्मित स्कूलों में फर्नीचर का प्रावधान राज्य योजना मद में किया जाता है। कम्प्यूटर क्रय बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। प्रयोगशाला सामग्री स्कूलों को प्रदायित वार्षिक अनुदान, समग्र शिक्षा अभियान तथा स्थानीय निधि से क्रय करने का प्रावधान है। खेल सामग्री के लिये प्रति हाई/हायर सेकेण्डरी शाला हेतु रू. 25,000/- की राशि वर्ष 2020-21 में प्रदान की गई है। शाला स्तर पर इससे आवश्यकतानुसार क्रय की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 पर है। घ) प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी निरंक है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 पर है। भवनों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 पर है। भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
ऊर्जा वनों की स्थापना
[वन]
119. ( क्र. 6511 ) श्री सुरेश राजे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा ग्रामीणों की ऊर्जा आपूर्ति एवं वनों की कटाई नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रदेश में ऊर्जा वनों की स्थापना कराई गई थी? यदि हाँ, तो विगत वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में कुल कितने ऊर्जा वनों की स्थापना की गई थी? इसमें कितनी राशि मुहैया कराई गई थी? कितनी राशि व्यय कर कितने वृक्ष स्थापित किए गये थे? इसकी प्रति इकाई प्रस्तावित कार्ययोजना क्या थी? कितनी भूमि पर कितने वृक्ष लगाये जाने थे, उनके रोपण सुरक्षा आदि के लिए क्या प्रावधान किए गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या योजना अंतर्गत ग्वालियर जिले में लघुवनोपज समितियों एवं वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से ऊर्जा वनों की स्थापना की गई थी? यदि हाँ, तो परिक्षेत्रवार किन स्थानों पर कितनी भूमि पर किस किस्म के पौधों के ऊर्जावन स्थापित किए गये हैं? परियोजना के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में कार्यवार कितना भुगतान किया गया है? कार्यपूर्णता अवधि के उपरांत कितने वृक्ष जीवित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या योजना अंतर्गत ग्वालियर जिले में ऊर्जा वनों की स्थापना हेतु क्रय किए गये पौधे एवं निर्माण सामग्री सीमेंट पोल, सीमेंट, गिट्टी, रेत, कटीला तार, जैविक खाद, कीटनाशक के क्रय हेतु वनमंडलों द्वारा निविदा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो निविदा किस दिनांक को जारी की गई? उनका प्रकाशन ऑनलाइन अथवा किन समाचार पत्रों में किस दिनांक को किया गया? यदि नहीं, तो क्या वनमंडल स्तर पर नियम विरूद्ध की गई इस खरीदी की जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो उक्त जाँच एवं कार्यवाही कब तक होगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कराई जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्या उक्त जिले में स्थापित ऊर्जावनों की स्थापना संबंधी कार्य में व्यापक गड़बड़ी कर शासकीय धन राशि का दुरूपयोग किया गया है जिसके कारण रोपित इकाइयों में वृक्ष एवं फैसिंग नष्ट हो चुकी है? यदि हाँ, तो गड़बड़ी संबंधी कितने मामले सामने आये हैं, उनकी जाँच उपरांत क्या कार्यवाही की गई है? जाँच प्रतिवेदन एवं कार्यवाही से अवगत करायें। यदि नहीं, तो क्या विभाग जिले में स्थापित ऊर्जावनों के कार्य में की गई अनियमितताओं की जाँच कराकर रोपित वृक्षों का सत्यापन करायेगा? यदि हाँ, तो जाँच एवं दोषियों पर कार्यवाही कब तक होगी? यदि नहीं, तो किन कारणों से जाँच नहीं कराई जायेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर जिले में ऊर्जा वनों की स्थापना वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में वन मंडल अंतर्गत 04 तेंदूपत्ता ऊर्जा वनों की स्थापना प्राथमिक लघु वनोपज समिति के माध्यम से की गई तथा 12 कैम्पा ऊर्जा वनों की स्थापना विभागीय रूप से की गई है। परिक्षेत्रवार, स्थलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले में ऊर्जावनों की स्थापना हेतु पौधे अनुसंधान एवं विस्तार की नर्सरियों से लिये गये निर्माण सामग्री सीमेंट पोल, कटीला तार का क्रय भारत सरकार के जेम पोर्टल के माध्यम से किया गया है। सीमेंट गिट्टी एवं रेत हेतु आयुक्त सूचना एवं प्रकाशन विभाग, भोपाल के माध्यम से निविदा हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई थी। जो समाचार पत्र स्वदेश ग्वालियर संस्करण में दिनांक 19 जून, 2019, सुदर्शन एक्सप्रेस दिनांक 18 जून, 2019 को प्रकाशित हुई। विज्ञप्ति विभागीय पोर्टल पर भी ऑनलाइन अपलोड की गई थी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्वालियर जिले में ऊर्जावनों की स्थापना में व्यापक गड़बड़ी के फलस्वरूप रोपित इकाइयों में वृक्ष एवं फैंसिंग नष्ट होने अथवा शासकीय धनराशि के दुरूपयोग संबंधी कोई शिकायत मामला प्रकाश में नहीं आया है। अतः जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग की वेतन व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
120. ( क्र. 6518 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति वर्ष 2019-20 जारी होने के उपरांत प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के अन्तर्गत उत्कृष्ट विद्यालय एवं मॉडल स्कूलों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग के किन-किन शिक्षकों का स्थानान्तरण किस-किस संस्था में कब और कहाँ किया गया है? नाम, पदनाम एवं विस्तृत जानकारी दें। । (ख) प्रश्नांश (क) में स्थानान्तरित शिक्षकों को वेतन व्यवस्था, आई.एफ.एम.आई.एस. कोड, उनकी ज्वाइनिंग पोर्टल पर कब से की गई है? (ग) क्या स्थानान्तरित शिक्षकों का आज दिनांक तक वेतन भुगतान, उनकी भविष्य निधि की राशि जारी नहीं की जा रही है? 09 माह से अधिक समय तक वेतन प्रदाय नहीं करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिक्षकों की ज्वाइनिंग माह अप्रैल-मई 2020 में की गई किन्तु पदांकित विद्यालयों में आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर में ज्वाइनिंग हेतु रिक्त पद न खुलने के कारण माह नवम्बर 2020 से इनका वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में संचालनालय के पत्र क्रमांक 486 भोपाल दिनांक 16.03.2021 द्वारा आयुक्त, कोष एवं लेखा को आई.एफ.एम.आई.एस. पोर्टल पर पदों को अद्यतन कराने हेतु लिखा गया है। (ग) आई.एफ.एम.आई.एस. पोर्टल पर कार्यवाही की जा रही है। उतरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन की संविदा नियुक्ति संबंधी नियम
[स्कूल शिक्षा]
121. ( क्र. 6519 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में समग्र शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान में संविदा आधार पर नियुक्ति का प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन की संविदा नियुक्ति संबंधी नियम क्या है? (ख) क्या सागर जिले में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत तत्कालीन डी.पी.सी. एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर द्वारा बालिका छात्रावास नरयावली में सहायक वार्डन के पद पर संविदा नियुक्ति दिनांक 17 फरवरी 2021 को की है? नियुक्ति आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या बालिका छात्रावास में सहायक वार्डन की नियुक्ति हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पूर्णरूपेण पालन किया गया है? प्रक्रिया के अंतर्गत क्या कार्यवाही चयन हेतु निर्धारित है? (घ) सहायक वार्डन नरयावली के रिक्त पद हेतु किस दिनांक को विज्ञापन दिया गया? किस-किस समाचार पत्र में दिया गया? निर्धारित तिथि तक कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? सूची दें। जेंडर कोर ग्रुप की बैठक आवेदन पत्रों की परीक्षण हेतु कब हुई? जेंडर कोर ग्रुप की बैठक में सहायक वार्डन के चयन हेतु क्या मापदंड तय किए गए? अंतिम चयन में कलेक्टर द्वारा अनुमोदन किस तिथि को हुआ? यदि सहायक वार्डन के पद हेतु चयन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है तो तत्कालीन डी.पी.सी. एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर के विरूद्ध कौन सी अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में प्रक्रिया निर्धारण हेतु कार्यवाही प्रचलन में हैं। (घ) दिनांक 23.01.2021 को केवल एक समाचार पत्र-सागर दिनकर में विज्ञापन दिया गया। कुल 06 आवेदन प्राप्त हुए सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। जेण्डर कोर ग्रुप की बैठक नहीं हुई। कलेक्टर से अनुमोदन नहीं लिया गया है तत्कालीन डी.पी.सी को कारण बताओ पत्र कलेक्टर द्वारा दिया गया तथा आदेश क्र./स.शि.अ/स्था./2021/2904 दिनांक 07.02.2021 के द्वारा सहायक वार्डन के नियुक्ति आदेश को निरस्त किया गया है। कलेक्टर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
मेडिकल कॉलेज में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
122. ( क्र. 6525 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज दतिया के डीन (डॉ. राजेश गौर) के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें कब-कब प्राप्त हुईं? उन शिकायतों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? (ख) यदि नहीं, की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं? कब तक शिकायतों पर कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित बताएं। (ग) क्या दतिया मेडिकल कॉलेज के डीन के विरूद्ध लोकायुक्त विजिलेंस एवं महिला उत्पीड़न समेत कई शिकायतें होने के बाद भी उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई? क्या शासन उच्च स्तर पर इसकी जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण बताएं। (घ) दतिया मेडिकल कॉलेज के डीन के विरूद्ध भ्रष्टाचार के कितनी शिकायतें आई हैं? डीन एवं उनकी पत्नी-बच्चों की वर्तमान में कितनी चल-अचल संपत्ति है? उनके सेवा में आने से पूर्व कितनी थी? (ड.) क्या मेडिकल कॉलेज दतिया के डीन का शिकायतों के निराकरण होने तक अन्यत्र स्थानांतरित किया जायेगा? (च) दतिया मेडिकल कॉलेज में डीन की नियुक्ति किस प्रक्रिया के तहत की गई है? उस प्रक्रिया की संपूर्ण कार्यवाही के दस्तावेज प्रस्तुत करें। (छ) क्या दतिया मेडिकल कॉलेज में आदर्श भर्ती एवं सेवा नियम के तहत नए डीन की नियुक्ति की जाएगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। दतिया मेडिकल कॉलेज के डीन के विरूद्ध शिकायतों पर की गई पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोषों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (च) मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 23/4/2018 द्वारा डॉ. राजेश गौर को दतिया मेडिकल कॉलेज का अधिष्ठाता नियुक्त किये जाने संबंधी पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (छ) जी हाँ।
सरकारी स्कूलों को वितरित सामग्री
[स्कूल शिक्षा]
123. ( क्र. 6529 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय विद्यालयों में नि:शुल्क गणवेश, सायकल तथा पुस्तकें किस-किस वर्ष से किस कक्षा में वितरित की जा रही हैं तथा नि:शुल्क वितरण का कारण क्या यह था कि शासकीय विद्यालयों में नामांकनांक बढ़े, बच्चे ज्यादा से ज्यादा विद्यालयीन शिक्षा प्राप्त करें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो बतावें कि इन्दौर संभाग अन्तर्गत वर्ष 2015-2016 से वर्ष 2019-2020 तक प्रतिवर्ष कक्षा 1 से 12 में शासकीय विद्यालयों में कितने नामांकनांक बढ़े तथा यह वृद्धि कितने प्रतिशत रही? वर्षवार, कक्षा अनुसार बतावें। (ग) इन्दौर संभाग अन्तर्गत जिलेवार नि:शुल्क सायकल, गणवेश तथा पुस्तकों पर वर्ष 2015-2016 से 2019-2020 तक (जैसे वर्ष लागू हो, उस अनुसार) कितनी-कितनी राशि खर्च हुई तथा प्रतिवर्ष कितनी-कितनी वृद्धि हुई तथा यह वृद्धि कितने प्रतिशत रही?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिलेवार नामांकनांक की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
124. ( क्र. 6530 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग अन्तर्गत शासकीय एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक वर्ष 2020-2021 में कक्षावार नामांकनांक जिलेवार बतावें तथा यह भी बतावें कि इस शैक्षणिक वर्ष में कौन-कौन सी कक्षा कितने-कितने दिन तक विद्यालय में चली? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थानों के शासकीय विद्यालयों में कितनी-कितनी सायकल, पुस्तकें, गणवेश शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 में वितरित की गई? कक्षावार, जिलेवार संख्या बतावें तथा इन मदों में कुल राज्य स्तर पर कितना-कितना खर्च हुआ तथा मध्यान्ह भोजन कितनी संख्या में दिया गया? जिलेवार बतावें। (ग) क्या इस सत्र में नि:शुल्क वितरण हेतु पुस्तकें छपवाई? यदि हाँ, तो पुस्तकों की कक्षा अनुसार संख्या बतावें तथा दिये गये ऑर्डर की प्रति देवें तथा पुस्तकें किस-किस प्रिंटर्स से किस दिनांक को प्राप्त हुई? (घ) कक्षा 1 से 12 तक शासकीय विद्यालयों में कक्षावार, नामांकन की संख्या वर्ष 2017-2018, 2018-19 तथा 2019-2020 की बतावें तथा बतावें कि वर्ष 2019-2020 में शेष दोनों उल्लेखित वर्ष की तुलना में कितने-कितने प्रतिशत वृद्धि हुई?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कक्षा 1 से 8 तक नामांकन संबंधी जानकारी संकलित की जा रही है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कोविड-19 संक्रमण के कारण कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालय 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक बंद है। विभागीय आदेश दिनांक 20.09.2020 द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं को दिनांक 21.09.2020 से आंशिक रूप से खोला गया एवं विभागीय आदेश दिनांक 15.12.2020 द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10वीं एवं 12वीं की कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिये शालाएं नियमित रूप से निर्धारित समय के लिये खोली गई। कक्षा 9वीं एवं 11वीं के लिये प्राचार्यों को स्थानीय व्यवस्था के आधार पर कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। उक्त निर्देशानुसार विद्यालय संचालित है। (ख) वर्ष 2020-21 में साइकिल वितरण की कार्यवाही स्थगित रखी गई थी। पाठ्य पुस्तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर, राज्य शासन से व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर, मध्यान्ह भोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 पर है।
विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान हेतु कार्ययोजना
[जनजातीय कार्य]
125. ( क्र. 6538 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया, भारिया के उत्थान हेतु विगत पाँच वर्षों में कौन-कौन सी कार्य योजना तैयार की गई हैं? पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन जिलों के लिए क्या-क्या कार्य योजना तैयार की गई है? कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया गया है? वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी प्रदान करें। (ग) बैगा बाहुल्य ग्रामों में पेयजल, अधोसंरचना, शिक्षा के लिए एवं रोजगार के लिए वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या प्रयास किये गये हैं तथा कोई राशि का आवंटन किया गया हो तो सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कान्हा नेशनल पार्क में मारे गये बाघों की जानकारी
[वन]
126. ( क्र. 6539 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले में स्थित कान्हा नेशनल पार्क में विगत 2 वर्षों में 14 टाईगर मारे गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) शव विच्छेदन की जानकारी 23/08/2018, 21/11/2018, 05/01/2019, 19/01/2019, 26/02/2019, 23/03/2019, 08/11/2019, 05/12/2019, 10/12/2019, 02/04/2019, 02/04/2020, 11/04/2020, तक 11 एवं 3 टाईगर की प्राप्त नहीं है? क्या कारण है? जानकारी प्रदान करें। (ग) पार्क प्रबंधन को न तो कर्मचारियों की कमी है न तो संसाधनों की, फिर क्या कारण है कि टाईगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश में भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है और इस मामले को सरकार द्वारा संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) कान्हा टाईगर रिजर्व, मंडला में वर्ष 2019 एवं 2020 में कुल 11 बाघों की मृत्यु प्रतिवेदित की गई है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार 11 बाघों की मृत्यु की शव विच्छेदन रिपोर्ट उपलब्ध है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) कान्हा टाईगर रिजर्व देश में वनों एवं वन्य प्राणियों के श्रेष्ठ प्रबंधन हेतु जाना जाता है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में स्वतंत्र रूप से कराये गये प्रबंधन प्रभावी मूल्यांकन अनुसार बेहतर प्रबंधन के लिये कान्हा टाईगर रिजर्व को देश के समस्त टाईगर रिजर्वस में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश में बाघ के अस्तित्व पर खतरा नहीं है। राज्य शासन बाघों के संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रस्तावों पर सहमति
[जनजातीय कार्य]
127. ( क्र. 6543 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के तहत प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन और नियंत्रण तथा अनुसूचित जनजातियों के हित के संरक्षण के लिये सुझाव देने हेतु मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद् की नियमावली 1957 लागू की गई है? यदि हाँ, तो बतायें कि मध्यप्रदेश आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मंत्रणा परिषद् की बैठक के उपरांत कितने प्रस्तावों को महामहिम राज्यपाल महोदय को अनुमोदनार्थ भेजा गया और महामहिम राज्यपाल महोदय को भेजे गये प्रस्तावों में से कितने प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की और कितने पर असहमति? मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद् की बैठक नियमानुसार कितने माह में आयोजित होना अनिवार्य है? (ख) क्या बैगा, भारिया, सहारिया जनजातियों को प्रदेश में कुछ घोषित जिलों में शासन की योजनाओं का लाभ मिलता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग ऐसा प्रावधान करेगा कि इन जनजातियों के लोग प्रदेश के किसी भी जिले में निवासरत हों वहां उनको शासन की योजनाओं का लाभ मिल सकें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें कि ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मंत्रणा परिषद् की बैठक के उपरान्त प्रस्ताव महामहिम राज्यपाल महोदय को भेजने का प्रावधान ''नियमावली 1957'' में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। परिषद् की बैठके प्रति छह माह में साधारणतया एक बार अध्यक्ष के निश्चय से बुलाने का प्रावधान है। (ख) ''जी नहीं''। बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति को संपूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु शासन द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ मिलता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया जाना
[जनजातीय कार्य]
128. ( क्र. 6544 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश में बैगा, सहरिया तथा भारिया जनजाति की कुल कितनी जनसंख्या है? जातिवार, जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त विशेष पिछड़ी जनजाति के विकास के लिये कौन-कौन से कार्यों के लिये पिछले तीन वित्तीय वर्ष में केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? जनजातिवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें तथा उपरोक्त विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिये क्या-क्या कार्य उक्त अवधि में कराये गये? पृथक-पृथक जातिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जनजाति हेतु दिनांक 31 मई, 2018 को राजपत्र में प्रकाशित संशोधन सूचना के आधार पर संविदा शाला शिक्षक या तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिए वन रक्षक (कार्यपालिका) के लिए आवेदन करता है और उस पद के लिए विहित की गई न्यूनतम अर्हता रखता है तो उसे भर्ती प्रक्रिया को अपनाए बिना उक्त पद पर नियुक्त किया जायेगा, का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अनूपपुर जिले में कितने लोगों को इसका लाभ मिला?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा 4 मापदण्डों यथा कृषि में पूर्व प्रौद्योगिक स्तर, साक्षरता का न्यूनतम स्तर, अत्यंत पिछड़े एवं दूरदराज क्षेत्रों में निवास करना एवं स्थिर या घटती हुई जनसंख्या को आधार मानकर प्रदेश की बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में पहचान की गई है। यह पहचान जिलावार नहीं की जाकर उपरोक्त 4 आधारों पर की गई है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) राजपत्र दिनांक 31 मई, 2018 को प्रकाशित संशोधन सूचना में निहित निर्देशों का पालन किया जा रहा है। जिला अनूपपुर में इस संबंध में कोई आवेदन प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित बस्ती विकास मद से सी.सी. रोड का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
129. ( क्र. 6549 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2019-2020 में अनुसूचित बस्ती विकास मद से देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में सी.सी. रोड की स्वीकृति धनराशि दी गई थी? (ख) उक्त किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि के सी.सी. रोड बनाये गये हैं अथवा बनाये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक उक्त सी.सी. रोड बनाये जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) योजनान्तर्गत जिले हेतु प्रावधानित 80 प्रतिशत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं शासन विकल्प की 20 प्रतिशत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जिले हेतु प्रावधानित 80 प्रतिशत राशि से स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं शासन विकल्प की 20 प्रतिशत राशि से स्वीकृत कार्यों हेतु राशि उसी वित्तीय वर्ष 2019-20 में उपलब्ध करायी गयी थी, वित्तीय वर्ष 2019-20 में कार्य प्रारंभ न होने से। चूँकि स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु ही दी गयी थी, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिण्डौरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित मा./प्रा. शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
130. ( क्र. 6551 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने मा. शाला एवं प्रा. शाला संचालित हैं, जिसमें कितने के भवन उपयुक्त हैं तथा कितने के भवन अनुपयुक्त हैं, जिनके भवन अनुपयुक्त हैं, वहां पर उपयुक्त भवन कब तक होंगे? (ख) उपयुक्त भवन बनाने के लिए क्या योजना है? उपयुक्त, अनुपयुक्त की जानकारी शालावार, ग्रामवार, विकासखण्डवार दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) डिण्डौरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 628 प्राथमिक शाला एवं 204 माध्यमिक शाला संचालित हैं, जिसमें से 707 भवन उपयुक्त एवं 125 भवन अनुपयुक्त हैं। इन भवनों में नवीन भवन निर्माण मरम्मत हेतु प्रस्ताव कार्ययोजना के शामिल किया गया है। (ख) उपयुक्त भवन बनाने के लिए उक्त सभी भवनों में आवश्यक मेजर मरम्मत कार्य/नवीन भवन निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर वार्षिक कार्ययोजना में प्रस्तावित गया है, भारत शासन से स्वीकृति उपरांत कार्य कराया जायेगा। उपयुक्त अनुपयुक्त की जानकारी शालावार, ग्रामवार, विकासखण्ड शालावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
डिण्डौरी जिलांतर्गत शाला भवनों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
131. ( क्र. 6552 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डिण्डौरी जिले में कुल कितने उच्चतर माध्यमिक, हाई स्कूल एवं पोस्ट मैट्रिक, प्री मैट्रिक महा विद्यालयीन, आश्रम शाला संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित सभी संस्थाओं के भवन उपयुक्त हैं? अगर हाँ तो बतावें। हाई स्कूल सेनगूड़ा उ.मा. वि. प्राचीन डिण्डौरी, समवरपुर करंजियां की भवन क्या उपयुक्त नहीं है और अगर नहीं तो बतावें भवन क्यों उपयुक्त नहीं हैं? कब तक भवन उपयुक्त बनेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला डिंडौरी अंतर्गत उच्च्तर माध्यमिक हाई स्कूल एवं पोस्ट मैट्रिक, प्री मैट्रिक महाविद्यालयीन छात्रावास तथा आश्रमों शाला की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
हाई स्कूल |
उ.मा.वि. |
महा.विद्या.छात्रावास |
सीनियर छात्रा. |
जूनियर छात्रा. |
आश्रम शाला |
1. |
66 |
62 |
02 |
68 |
03 |
51 |
(ख) जी नहीं। भवन क्यों उपयुक्त नहीं हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
संविदा शाला शिक्षक संवर्ग का अध्यापक संवर्ग में संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 6557 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में ऐसे कितने संविदा शिक्षक संवर्ग के शिक्षक हैं, जिन्हें पाँच या उससे अधिक अवधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अध्यापक संवर्ग में संविलयन नहीं हो पाया है? ऐसी सभी संविदा शिक्षकों की जानकारी नियुक्ति वर्ष तथा संविलियन न होने के कारणों सहित दें। (ख) क्या औपचारिकेत्तर शिक्षा केन्द्रों में कार्यरत संविदा शिक्षाकर्मियों अथवा संविदा शिक्षकों को बी.एड. अथवा डी.एड. न करने के कारण आज दिनांक तक अध्यापक संवर्ग में संविलियन नहीं किया गया है, जबकि उनकी आयु 50 वर्ष या उससे अधिक हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन औपचारिकेत्तर शिक्षा केन्द्रों में कार्यरत् कर्मचारी जिन्हें शिक्षाकर्मी अथवा संविदा शिक्षक के पद पर शिक्षक कार्य का अनुभव हो प्रशिक्षण मानते हुए मानवीय आधार पर उन्हें बिना प्रशिक्षण के ही अध्यापक संवर्ग में शामिल करने पर शासन द्वारा विचार किया जाएगा? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा पूर्व में शिक्षा गारण्टी योजना के तहत गुरूजियों को भी बिना प्रशिक्षण के ही अध्यापक संवर्ग संविलियन किया गया है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-4/07/बीस-1, दिनांक 28.6.2007 की कंडिका 2.5 (क) अनुसार संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन हेतु शिक्षण प्रशिक्षण योग्यता डी.एड./बी.एड. उत्तीर्ण होना आवश्यक है। (ग) जी नहीं, ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जी नहीं।
नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण
[स्कूल शिक्षा]
133. ( क्र. 6558 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत शासकीय विद्यालयों में नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक योजनान्तर्गत दिनांक 15 फरवरी, 2021 तक किन-किन विद्यालयों में कितने-कितने छात्र/छात्राओं को पुस्तकें वितरित की गईं? विद्यालयवार हितग्राही संख्यावार बताएं। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन विद्यालयों में किन-किन कारणों से नि:शुल्क पुस्तकें वितरित नहीं की जा सकी हैं? (ग) क्या भिण्ड जिले में अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में पुस्तकें वितरण में विलंब किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) भिण्ड जिले में 15 फरवरी, 2021 तक प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। हाई/हायर सेकेण्डरी के कक्षा 9 से 12 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ख) सभी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक एवं हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण की जा चुकी है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्र में निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण समय-सीमा में किया गया है। अतःशेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनाधिकार अधिनियम अंतर्गत अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही
[वन]
134. ( क्र. 6563 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं? उनके नाम, पद, कार्यालय, पता सहित यह भी बतायें कि वह कहाँ-कहाँ और कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जिलों के कार्यालयों में रेंज कार्यालयों में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों में, कौन-कौन से कार्य कराने या अन्य कार्यों हेतु राशि शासन द्वारा भेजी गई है और कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में कहाँ-कहाँ पर किस अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा व्यय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक जंगलों की जमीन पर किस-किस के द्वारा, कहाँ-कहाँ के क्षेत्र में, कितनी-कितनी भूमि पर कितने रकबा पर अवैध रूप से अतिक्रमण किये हुये हैं? अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के ऊपर एवं ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारी पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर बतायें कि अवैध रूप से अतिक्रमण किये गये व्यक्तियों के उनका अतिक्रमण हटाया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वनमण्डल टीकमगढ़ अंतर्गत वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत दावों के निराकरण उपरांत नियमानुसार अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही की जावेगी।
नवीन स्कूल खोलने हेतु शासन के मापदण्ड/नियम
[स्कूल शिक्षा]
135. ( क्र. 6564 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नये प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल शासकीय खोले जाने हेतु शासन ने क्या-क्या वर्तमान में मापदण्ड एवं नियम बनाये हैं? मापदण्डों एवं नियमों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले के जनपद पंचायत जतारा एवं पलेरा में एवं नगर जतारा, पलेरा एवं लिधौरा खास में कहाँ-कहाँ शासन के नियमानुसार नये स्कूल खोले जा सकते हैं? उनके नाम एवं स्थान का नाम सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कब से कौन-कौन से स्कूल खोले जा चुके हैं और उनमें कौन-कौन प्रश्न दिनांक तक प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक एवं अन्य कब से पदस्थ हैं? इसमें से किन-किन स्कूलों के पास स्वयं का भवन है और किस-किस के पास प्रश्न दिनांक तक स्वयं का भवन नहीं है, जिन स्कूलों के पास स्वयं का भवन नहीं है, उनके भवन हेतु राशि स्वीकृत की जावेगी तो कब तक और कितनी-कितनी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि नवीन स्कूल कब तक और कहाँ-कहाँ खोले जावेंगे? कब तक भवन विहीन स्कूलों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जावेगी? उपरोक्त स्कूलों में रिक्त पद जो हैं, वह किस पद के हैं? वह रिक्त पद भरें जावेंगे तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) निःशुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदण्ड अनुसार समस्त बसाहटों में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्राथमिक/माध्यमिक शाला खोलने की आवश्यकता नहीं है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित स्थानों पर शाला का उन्नयन नहीं किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सर्वसुविधा सम्पन्न परिवहन एवं अन्य संसाधनों से युक्त सी.एम. राईज शालाओं की स्थापना किए जाने संबंधी कार्यवाही प्रस्तावित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में नवीन नीति अनुसार निर्णय लिया जा सकेगा।
मॉनिट बी के दर्ज प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 6675 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय विधायक जी के विधानसभा क्षेत्र में मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण (ए-ए.बी.सी.एवं अन्य) मॉनिट में स्कूल शिक्षा से संबंधित दर्ज हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा कब-कब विभाग के प्रकरण प्रस्तुत किये गये एवं किन-किन दिनांक को आदेश जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के सबंध में क्या स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण निरस्त/पदस्थापना प्रशासकीय है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) माननीय विधायक जी के विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में मॉनिट बी का एक प्रकरण दर्ज हुआ है। (ख) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 अनुसार वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। 2020-2021 की पदस्थापना नीति जारी नहीं हुई है। संविदा शाला शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
स्थायी आदेश
13-क के अनुसरण
में अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भवनविहीन
हाईस्कूल/हायर
सेकेण्डरी
स्कूल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
1. ( क्र. 67 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितने हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनविहीन है। शालावार जानकारी उपलब्घ करायी जावे। (ख) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला दमोह अंतर्गत कितने हाईस्कूल भवनविहीन है। स्वीकृति वर्ष सहित बनाये जाने की जानकारी दी जावे जैंसे-हाईस्कूल देवरी फतेहपुर, हाई स्कूल विनती हटा, हाईस्कूल कलकुआ, हाईस्कूल भैंसा का भवन निर्माण कार्य कब तक कराये जाने की कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा सहित जानकारी देवें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में भवनविहीन हायर सेकेण्डरी स्कूलों की संख्या निरंक है। भवनविहीन हाइस्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गणवेश का वितरण
[स्कूल शिक्षा]
2. ( क्र. 68 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में वर्ष 2019-20 व 2020-21 में गणवेश वितरण हेतु कितनी राशि शासन द्वारा प्राप्त हुई? एक गणवेश कितनी राशि से बनवायी गयी? जिले में किन-किन एजेंसियों के माध्यम से गणवेश तैयार करायी जाकर छात्रों को उपलब्ध करायी गयी? क्या वास्तव में स्व-सहायता समूहों के द्वारा गणवेश सिलकर वितरण की गयी है या सिली-सिलाई खरीदकर समूहों के माध्यम से वितरण करायी गयी है? (ख) क्या दमोह जिले में इस सत्र 2020-21 की गणवेश आज दिनांक तक छात्रों को प्राप्त नहीं हुई है। कब तक वितरण कराया जावेगा? किन-किन स्व-सहायता समूहों से निर्माण कराया गया?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सत्र 2019-20 में रू. 600/- प्रति छात्र/छात्रा की दर से कुल 8,48,70,000 की राशि शाला प्रबंधन समिति के खाते में छात्रों को जारी करने हेतु प्रदान की गई। सत्र 2020-21 में निर्णय अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं शहरी विकास तथा पर्यावरण विभाग के अंतर्गत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन तथा राज्य शहरी आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से गणवेश प्रदाय का कार्य किया जा रहा है। गणवेश प्रदाय हेतु कुल 600/- प्रति छात्र का प्रावधान है। ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत समूहों को राशि रू. 5.55 करोड़ एवं शहरी आजीविका मिशन समूहों को राशि रू. 40,72,700/- जारी की गई है। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ही गणवेश सिलाई कराई जा रही है। (ख) जी हाँ। गणवेश प्रदाय हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सहायक शिक्षक की पदोन्नति एवं पदनाम
[स्कूल शिक्षा]
3. ( क्र. 1355 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग में 30-40 वर्षों से सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत शिक्षकों को पदोन्नति एवं पदनाम की शासन/विभाग की क्या योजना है? (ख) सिवनी जिले में कितने योग्यताधारी सहायक शिक्षक पदस्थ है संख्या बतावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्तमान में पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक है। सहायक शिक्षकों को पदनाम दिये जाने की कोई योजना विभाग में स्वीकृत नहीं है। (ख) पदोन्नति हेतु सिवनी जिले में 634 योग्यताधारी सहायक शिक्षक है।
वन व्यवस्थापन अधिकारी के आदेशों की अवहेलना
[वन]
4. ( क्र. 1949 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव के पत्र क्र. 774/एफ 25-08-2015/10-3 दिनांक 1 जून 2015 को दिये गये आदेश के बाद छतरपुर जिले के 229 वनखण्डों में शामिल किसी भी किसान की निजी भूमि को प्रश्नांकित दिनांक तक की वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान से पृथक किये जाने की कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) पत्र दिनांक 20 जुलाई 2009 में दिये प्रारूप में कब तक निजी भूमि की जानकारी संकलित कर कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले के 229 वनखण्डों की भारतीय वन अधिनिमय, 1927 की धारा 5 से 19 तक की अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा वन व्यवस्थापन की कार्यवाही की जा रही है। (ख) वन व्यवस्थापन की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त जानकारी संकलित की जा सकेगी। वन व्यवस्थापन की कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
फीस की प्रतिपूर्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
5. ( क्र. 2034 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अध्ययनरत सभी एम.बी.बी.एस. छात्राओं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति की कन्याओं की तरह अन्य वर्गों की कन्याओं जिनके परिवार की आय 10 लाख से कम हैं उनकी फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी संबंधी जानकारी शासन द्वारा चाही गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार शासन द्वारा प्रश्नकर्ता को चाही गई जानकारी अनुसार विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं अगर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभाग के पत्र क्रमांक 92 दिनांक 9-2-2020 के अनुसार उक्त योजना बंद कर दी गई है, तो क्या विभाग सामान्य जाति की कन्याओं को इसका लाभ नहीं देना चाहती। अगर हाँ तो क्यों और नहीं तो कब तक इसका लाभ दिया जायेगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा वित्तीय भार का आंकलन करने हेतु जानकारी चाही गई थी। तकनीकी शिक्षा विभाग का पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग से असंबंधित। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार अधिनियम
[जनजातीय कार्य]
6. ( क्र. 2316 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अभ्यारण क्षेत्र एवं वनभूमि पर सड़क निर्माण की अनुमति के संबंध में क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वनभूमि के बदले में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु राजस्व भूमि उपलब्ध करवाने के संबंध में क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार हैं? (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत किन-किन सड़कों में वनभूमि की अनुमति के प्रकरण किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अन्तर्गत सड़क निर्माण के लिये 1 हेक्टेयर तक की वनभूमि प्रत्यावर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा पत्र दिनांक 29.05.2009 से सभी क्षेत्रीय वन मण्डलाधिकारियों को प्रदत्त किये गये है। अभ्यारण्य क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत अनुमति के अतिरिक्त वन्यप्राणी अनुमति भी प्राप्त किया जाना आवश्यक है। राज्य शासन द्वारा प्रदत्त अधिकारों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार 1 हेक्टेयर से अधिक के प्रकरणों में प्रभावित वनभूमि के समतुल्य गैर वन भूमि दिया जाना आवश्यक है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - दो अनुसार है। (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में वन अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत वनभूमि पर सड़क अनुमति हेतु लंबित प्रकरण एवं लंबित रहने का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- तीन अनुसार है। (घ) लंबित अधिकांश प्रकरण आवेदक संस्था स्तर से पूर्ति न होने के कारण लंबित है। अंततः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेंशन की स्वीकृति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( क्र. 2317 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृति हेतु हितग्राही से कौन-कौन से दस्तावेज लिये जाते है तथा इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें। (ख) क्या अनेक वृद्ध हितग्राहियों के अंगूठा निशान नहीं उछलने के कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहे है? यदि हाँ, तो ऐसे हितग्राहियों की पेंशन कैसे स्वीकृत होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया? पूर्ण विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृति हेतु हितग्राहियों को लगने वाले आवश्यक दस्तावेज संबंधी शासन निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) विभाग से संबंधित नहीं किन्तु जिन हितग्राहियों के अंगूठा निशान नहीं आने के कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहे है ऐसे हितग्राहियों हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक/सा.सहा./ 02/2018/1265, दिनांक 18-07-2018 द्वारा जारी निर्देश के बिन्दु क्रमांक 5 में ऐसे हितग्राही जिनकी उम्र या शारीरिक विकृति होने से उनके Finger Print अथवा Face Recognition हो पाने से आधार नहीं बन पा रहा है या आधार बनने के पश्चात उक्त कारणों से Finger Print या Face Recognition मैच न होने से पेंशन भुगतान नहीं हो पा रहा है। उन पेंशन हितग्राहियों के बचत खाते भी पोस्ट आफिस में खोले जायें, जिससे उनकी स्थानीय पहचान की जाकर पेंशन का भुगतान पोस्ट आफिस के माध्यम से हो सके, के निर्देश है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र दिनांक 14-9-2020 एवं माननीय विभागीय मंत्रीजी का पत्र दिनांक 28-12-2020 एवं 02-01-2021 के संदर्भ में की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' ब '' अनुसार। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यवाही विवरण में कूटरचना
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 2507 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कि तारांकित प्रश्न (क्र. 1019) दिनांक 12/03/2018 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट 7 और 8 के लेटर पेड व इसकी टाईपिंग में भिन्नता है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांकित संलग्न परिशिष्ट 7 के कार्यवाही विवरण के सरल क्र. 4 की अंतिम लाइन में कूटरचित चेतावनी पत्र के आधार पर कार्यवाही की जावेगी को जोड़ा गया है। इस पर काउंटर हस्ताक्षर भी नहीं है। जबकि मूल लेटर पेड में जिला नियोक्ता समिति की बैठक दिनांक 09/08/2017 के कार्यवाही विवरण पर काउंटर हस्ताक्षर हैं। जिसे बदला गया है? यदि हाँ, तो शासन ने कूटरचना करने वाले आरोपी जिला परियोजना समन्वयक जबलपुर पर क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांकित संलग्न परिशिष्ट 7 व 8 के कार्यवाही विवरण के सरल क्र. 4 व 8 में लिये गये निर्णय में भिन्नता क्या है? इसमें उल्लेखित किन-किन उपयंत्रियों को कब-कब किसने क्या चेतावनी पत्र दिया है। इसके उत्तर में प्राप्त अभ्यावेदनों का कब किसने परीक्षण कर इस पर कब किसने क्या निर्णय लिया है। इसका अनुमोदन कलेक्टर सहमिशन संचालक जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर तथा जिला नियोक्ता समिति की बैठक में कब कराया है? यदि नहीं, तो क्यों? शासन दोषी परियोजना समन्वयक जबलपुर पर कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) यह सही है कि जारी पत्र के मुख्य लेटर पेड में भिन्नता हैं किन्तु कार्यवाही पंजी के अनुसार ही टाईपिंग की गई है, बैठक पंजी की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। इस संबंध में डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं स्थापना लिपिक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर जवाब प्राप्त किया गया, जवाब समाधानकारक होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया। जवाब एवं सूचना पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ख) तत्संबंध में कार्यालय द्वारा जारी पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'' एवं ''स'' में कोई भी अंश कूटरचित नहीं जोड़ा गया है। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी का अभिमत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। कार्यवाही विवरण पर कलेक्टर, जबलपुर के हस्ताक्षर है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। प्रश्नांश के अनुसार संबंधित चारों उपयंत्रियों को अंतिम चेतावनी पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर है। प्राप्त अभ्यावेदनों को सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत न होने के कारण दिनांक 18.7.2019 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। कारण बताओ सूचना पत्र एवं जवाब पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ पर है। चूंकि निर्णय जिला नियुक्ति समिति का था, अतः नियुक्ति समिति की बैठक न हो पाने के कारण अनुमोदन नहीं हो सका था। आगामी बैठक दिनांक 11.9.2019 के बिन्दु क्र. 3 में उपयंत्रियों के विषय में निर्णय लेने हेतु प्रस्ताव रखा गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग पर है। इसका अनुमोदन 18.11.2020 की जिला नियुक्ति समिति के प्रस्ताव क्र. 5 में कराया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ पर है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
कर्मचारियों को मूल विभाग में वापसी
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र.
2716 ) डॉ.
अशोक
मर्सकोले : क्या
राज्य मंत्री, स्कूल
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
पंचायत कटनी, जिला-कटनी
में शिक्षा
विभाग के
कौन-कौन कर्मचारी
कब से और
किसके आदेश से
संलग्न हैं।
नामजद सूची
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
जहां पर इनकी
मूल पदस्थापना
है वहां इनकी
आवश्यकता
नहीं है यदि
है तो इन्हें
कब तक विभाग में
वापस किया
जायेगा?
राज्य
मंत्री, स्कूल
शिक्षा ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) शिक्षा
विभाग का कोई
भी कर्मचारी
जिला पंचायत
कटनी में
संलग्न नहीं
है। अतः
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) उत्तरांश
(क) के प्रकाश
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
मशीनरी तथा उपकरण की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( क्र. 3404 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन सुल्तानिया महिला चिकित्सालय एवं हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के अधीक्षक को प्लांट मशीनरी तथा उपकरण की मरम्मत की मंजूरी हेतु कितने रुपये तक की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त है? (ख) उपरोक्त अनुसार अधीक्षक सुल्तानिया महिला चिकत्सालय एवं हमीदिया चिकित्सालय भोपाल को जनवरी, 2019 से दिसम्बर, 2020 तक उपरोक्त कार्य हेतु कितना बजट आवंटित किया गया था तथा आवंटित बजट में से कितना बजट प्रतिवर्ष व्यय किया गया तथा कितना बजट वापस किया गया। (ग) जनवरी, 2019 से दिसम्बर, 2020 तक अधीक्षक द्वारा कौन-कौन से प्लांट, मशीनरी तथा उपकरण की मरम्मत कराई गई उनके नाम, क्रय आदेश क्रमांक तथा फर्म का नाम, दिनांक तथा राशि बताएं? (घ) क्या शासन अधीक्षक को प्राप्त वित्तीय शक्ति से अधिक का उपयोग कर अधिकारों का दुरुपयोग करने वाले अस्पताल अधीक्षक को तत्काल निलंबित करते हुए जाँच कराएगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वक्फ बोर्ड की भूमि पर अवैध निर्माण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
11. ( क्र. 3406 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर में संजय पार्क के पास वक्फ बोर्ड की भूमि है? (ख) यदि हां? तो क्या उस पर संदीप यादव पुत्र स्व. श्री रघुराज यादव द्वारा अवैध कब्जा किया गया है तथा उस पर कमर्शियल दुकान बनाई गई है, जिनमें केनरा बैंक भी संचालित है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक अवैध कब्जा हटाने के संबंध में प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरकारी चिकित्सकों का मरीजों की पर्ची पर हस्ताक्षर
[चिकित्सा शिक्षा]
12. ( क्र. 3502 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री जी दवारा हमीदिया अस्पताल के चिकित्सकों को यह निर्देशित किया गया है कि वे मरीज की पर्ची पर हस्ताक्षर करने के साथ अपने नाम और मोबाइल नंबर की सील भी लगायें? (ख) यदि हाँ, तो क्या चिकित्सकों द्वारा इस निर्देश का पालन किया जा रहा है? (ग) क्या सरकार प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सकों के लिए मरीज की पर्ची पर हस्ताक्षर करने के साथ अपने नाम और मोबाइल नंबर की सील लगाने के निर्देश जारी होंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कार्यालय आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
चिकित्सालय में एक्सपायर दवाइयों की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
13. ( क्र. 3503 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्थित हमीदिया में लाखों रुपए की दवाइयां एक्सपायर होने के मामले की जाँच कराई गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी पाए गए हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण की जाँच प्रचलन में है। जाँच रिपोर्ट प्राप्ति पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा ली गई परीक्षा फीस
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 3504 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षां में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के कितने छात्र हैं, जिनसे माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा पोर्टल पर एक ही परीक्षा के लिए दो बार भुगतान पेमेंट लिया गया? (ख) उपरोक्त में कुल कितनी राशि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा छात्रों से अतिरिक्त ली गई? (ग) क्या छात्रों से ली गई, अतिरिक्त राशि उन्हें वापस कर दी गई है, यदि नहीं, तो क्या इन छात्रों को उनकी राशि तत्काल ब्याज सहित वापस की जाएगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विगत 5 वर्षों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के किसी भी छात्र से एक ही परीक्षा के लिये दो बार परीक्षा शुल्क का भुगतान नहीं लिया गया है। शिक्षण सत्र 2020-21 में NIC द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार 8477 छात्रों द्वारा दोबारा परीक्षा शुल्क का भुगतान किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रों की शुल्क राशि रूपये 68,57,759/- अतिरिक्त शुल्क भुगतान की गई है। (ग) अतिरिक्त राशि वापस करने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शासकीय शालाओं के लिये भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 3513 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी शासकीय शालाओं के लिए विगत 0 5 वर्षों में शाला भवन स्वीकृत किए गए है उनमें से कौन से शाला भवन का कार्य अभी तक अधूरा है व सी.सी. जारी नहीं हुईं है। (ख) ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में कौन से शाला भवन जिनके पास स्वयं का भवन नहीं जैसे प्रा.वि. क्र. 01 ब्यावरा में अभी भी स्वयं का भवन नहीं है यहां जीर्ण-शीर्ण अति प्राचीन भवन में शाला संचालित हैं। ऐसे और कौन से शाला भवन हैं जो बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। (ग) कब तक ऐसी भवनविहीन या असुरक्षित भवनों के स्थान पर नवीन भवन स्वीकृत कर बनाया जायेगा।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1''अनुसार है। (ख) प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 01 ब्यावरा में कुल 35 बच्चे दर्ज है और 02 कक्षा-कक्ष उपलब्ध है। शाला परिसर में 01 अति प्राचीन भवन भी उपलब्ध है, जो गैर शैक्षणिक उपयोग का है। ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के माध्यमिक स्तर तक के सभी शालाओं के पास स्वयं का भवन है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। कोई भी हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल के भवन ऐसे नहीं हैं जो बच्चों के लिये असुरक्षित हों। (ग) स्कूलों के लिये नवीन भवन स्वीकृत करना बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
वन विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[वन]
16. ( क्र. 3762 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा मुरैना जिले के अंतर्गत कौन-कौन सी कार्य योजना संचालित की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संचालित कार्य योजनाओं में विगत 3 वर्षों में कितनी-कितनी राशि आय व व्यय की गई जानकारी उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग अंतर्गत अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[पशुपालन एवं डेयरी]
17. ( क्र. 3767 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत अनुकम्पा नियुक्ति के क्या-क्या नियम, कब-कब जारी किये गये हैं? पृथक-पृथक बतायें। (ख) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने-कितने प्रकरण, कब-कब से, किस-किस कार्यालय से, किस-किस पद हेतु लंबित हैं? आवेदक का नाम, पता, दिवंगत कर्मचारी का नाम, पदनाम, मृत्यु दिनांक, आवेदन प्रस्तुत करने का दिनांक, आवेदन के निराकरण की स्थिति, नियुक्ति किस पद पर, किस कार्यालय में, किस दिनांक को, प्रकरण लंबित है तो किस स्तर पर किस कारण से कितने समयावधि से, यदि निरस्त है तो कारण सहित एवं अन्य कोई निराकरण किया है तो नियम सहित पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर ब्यौरा दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2013/1-3, भोपाल दिनांक 29.09.2014 के द्वारा नियमित स्थापना के कर्मचारियों के आश्रितों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति के नियम प्रसारित किए गए हैं। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-5-1/2016-1-3 भोपाल दिनांक 21.03.2017 के द्वारा कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि सेवा के कर्मचारियों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता दिनांक 31.08.2016 से प्रभावशील है। (ख) पशुपालन विभाग के अंतर्गत गुना जिले में वर्तमान में कोई भी अनुकम्पा नियुक्ति का प्रकरण लंबित नहीं है। कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि सेवा के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों के आवेदकों को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता नहीं होने के कारण उनके आवेदन निरस्त किए जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। नियमित स्थापना में कार्यरत मृत कर्मचारियों के आश्रितों के आवेदनों का निराकरण कर दी गई नियुक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
प्रदेश में बहुविकलांग एवं मानसिक विकलांग की स्थिति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( क्र. 3768 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहुविकलांग एवं मानसिक रूप से नि:शक्त व्यक्ति को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल एवं गुना जिले में किस-किस स्वरूप (रोग का प्रकार) के हितग्राहियों को कब-कब से, कितनी-कितनी सहायता राशि का प्रावधान किया गया है? नाम, पता, हितग्राही द्वारा प्रस्तुत आवेदन की प्रति कार्यालय को किस-किस दिनांक को, किसके द्वारा प्रेषित की गई (आवेदक स्वयं, परिजन/पालन, स्कूल, एन.जी.ओ., समग्र डाटा सेन्टर, नि:शक्तजन के रजिस्ट्रेशन कार्यालय से अशासकीय संस्थाओं अथवा किसी अन्य माध्यम से) जिलेवार पृथक-पृथक ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक हितग्राहियों की गणना शत-प्रतिशत हो चुकी है? यदि हाँ, तो किस-किस संख्या से कब-कब सर्वे कराया, किस-किस दर, किस-किस प्रोफार्मा में पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त के संबंध में क्या उक्त योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस प्रकार से, कब-कब किया गया? यदि नहीं, तो कौन-कौन जिम्मेदार है एवं जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) उपरोक्त के संबंध में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक क्या प्रदेश में शासकीय/अशासकीय संस्था, स्कूल कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो उक्त संस्था को विभाग द्वारा कितना-कितना अनुदान, किस-किस कार्यों एवं हितग्राहियों को क्या-क्या सुविधा दी जा रही है के एवज में दिया जाता है? संस्थावार पृथक-पृथक बतायें। (ड.) उपरोक्त के संबंध में कोई शिकायत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। भोपाल एवं गुना जिले में प्रति हितग्राही प्रतिमाह 600/- रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका, नगर निगम एवं नगर पंचायतों द्वारा समय-समय पर प्रथम दृष्टया पात्र हितग्राहियों की सूची अनुसार चिन्हांकित कर पात्रता के आधार पर स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका, नगर निगम एवं नगर पंचायतों द्वारा समय-समय पर अपने स्तर से शासन की योजनाओं के संबंध में प्रचार-प्रसार की कार्यवाही एवं हितग्राही को जानकारी दी जाती है जो एक सतत प्रक्रिया है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पैरामेडिकल कालेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
19. ( क्र. 3828 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन एवं पैरामेडिकल काउंसिल ने पैरामेडिकल कालेज खोलने हेतु कब क्या नियम/ कानून व शर्तें निर्धारित की है? छायाप्रति दें। (ख) जबलपुर संभाग के तहत कब से संचालित कौन-कौन से पैरामेडिकल कालेज कहां-कहां पर संचालित हैं। इनमें से कौन-कौन से कालेज म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर एवं पैरामेडिकल काउंसिल म.प्र. से मान्यता प्राप्त एवं सम्बद्ध हैं तथा कौन-कौन से मान्यता प्राप्त व सम्बद्धता प्राप्त नहीं है? संचालकों के नाम पता सहित सूची दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन अमान्यता व सम्बद्धता प्राप्त कालेज के संचालकों को मान्यता व सम्बद्धता प्राप्त करने हेतु कब-कब नोटिस दिये गये? (घ) किन-किन कालेजों का किन-किन अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किया है एवं कहां-कहां पर क्या-क्या अनियमितताएं/अव्यवस्था व स्वीकृत पद संरचना के तहत प्रशिक्षित शैक्षणिक स्टाफ नहीं पाया गया है? किन-किन कालेज संचालकों के विरूद्ध कब-कब क्या-कया कार्यवाही की गई? वर्ष 2019-20 से 2020-21 की जानकारी दें? (ड.) प्रश्नांकित किन-किन कालेजों में कितने-कितने दर्ज छात्र/छात्राएं अध्ययनरत पाये गये। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति के कितने-कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? किन-किन कालेजों में छात्रवृत्ति में कितनी-कितनी राशि का घोटाला करना पाया गया है। इसकी जाँच शासन ने कब किससे कराई है? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जबलपुर संभाग के अन्तर्गत MPMSU एवं Pera Medical Council से संबद्ध है। संचालित संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। (ड.) कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की श्रेणीबार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वनाधिकार पट्टे का वितरण
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र. 4052 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. वनाधिकार पट्टा योजनान्तर्गत वनाधिकार पट्टा प्रदान करने की योजना में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य जाति वर्ग के लोगों की क्या पात्रता निर्धारित की गई है प्रश्नांश दिनांक से वर्ष 2000 तक देवास जिले में कुल कितने गैर आदिवासी लोगों को वनभूमि का पट्टा प्रदान किया गया संख्या एवं स्थान बतायें। (ख) देवास जिले की कन्नौद, खातेगांव, बिजवाड़, सत्वास वन परिक्षेत्र में विभाग की कितनी हेक्टेयर वनभूमि पर गैर आदिवासी/ अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग के लोग काबिज है। गावों के नाम, किसान संख्या, कब से कब्जा पाया गया है बतायें। (ग) वर्तमान में वनाधिकार पट्टा पात्रता/वितरण समिति/ छानबीन समिति के पास देवास जिले में कितने गैर आदिवासियों के आवेदन आए हैं परिक्षेत्रवार बतायें। (घ) क्या सरकार गैर आदिवासियों को वनाधिकार पत्र प्रदान करने संबंधी नियमों में SC/OBC/GEN वर्ग के लिये नियमों में छूट देने संबंधी नियम बना रही है।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 2 (ण) में ''अन्य परम्परागत वन निवासी'' से ऐसा कोई सदस्य या समुदाय अभिप्रेत है, जो 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढि़यों तक प्राथमिकता रूप से वन या वन भूमि में निवास करता रहा है और जो जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं के लिए उन पर निर्भर है'' पात्रता निर्धारित है। देवास जिले के ग्राम तालोद के 05 गैर आदिवासियों (अन्य परम्परागत वर्ग) को वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जी नही।
पदनाम दिये जाने का प्रावधान
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र. 4213 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक, शिक्षक को उच्च पद के वेतनमान के अनुसार उच्च पदनाम दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब तक उच्च पदनाम दिया जायेगा यदि नहीं, तो क्यों? (ख) बी.एड. उत्तीर्ण प्राथमिक शिक्षकों से सीहोर जिले में ही डी.एड. क्यों करवाया जा रहा है जबकि अन्य जिलों में नहीं ऐसा क्यों एवं यह नियम सीहोर जिले के एक विकासखण्ड में लागू हो रहा है ऐसा क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कम उम्र के बच्चों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
22. ( क्र. 4252 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वर्तमान में कितने प्रकार की पेंशन का वितरण प्रदेश में किया जा रहा है प्रत्येक वर्ग का नाम, पेंशन की राशि, आयु सीमा एवं जिलेवार हितग्राहियों की संख्या स्पष्ट करें। (ख) क्या विभाग के पास शारीरिक/मानसिक 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का डाटा प्रदेश स्तर पर उपलब्ध है जिसमें स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की जानकारी संग्रहित की गई है यदि हाँ, तो बतायें यदि नहीं, तो कब तक 0 से 18 वर्ष के शिक्षाविहीन दिव्यांग बच्चों की जानकारी जिलावार प्राप्त हो सकेगी। (ग) 0 से 18 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों को वर्तमान में किसी प्रकार की सहायता राशि/पेंशन प्रदान की जा रही है? क्या यदि हाँ, तो बतायें किस योजना में कितनी राशि, कितने बच्चों को दी जा रही है? (घ) यदि नहीं, दी जा रही है तो विभाग कब तक इस आयु वर्ग के लिये पेंशन योजाना प्रारंभ करेगा।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग अंतर्गत 06 पेंशन योजनाए संचालित की जा रही है। आयु वर्ग राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं जिलेवार योजनावार हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत 6 वर्ष से 18 वर्ष आयु के दिव्यांग बच्चों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन राशि रूपये 600/- के मान से प्रति हितग्राही प्रतिमाह प्रदाय की जाती है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिपेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मियों की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 4348 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग की परियोजनाओं कार्यक्रम और गतिविधियों में प्रतिनियुक्ति पर कौन-कौन कब से कार्यरत हैं? कितने वर्ष की अवधि में मूल पद पर उन्हें जाना चाहिए और उनके स्थान पर नई प्रतिनियुक्ति होना चाहिए? सर्कुलर उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें। (ख) राज्य शासन के सभी विभागों के परियोजनाओं में प्रतिनियुक्ति पर राज्य स्तरीय कार्यालय में कार्यरत कर्मी के मूल पद पर लौटने के क्या नियम हैं? नियमों का पालन क्या सभी विभागों द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य स्तरीय कार्यालय में स्थापना संबंधी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिकों का नियमानुसार पदस्थापना की जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब? क्या प्रतिनियुक्ति पर ऐसे भी कार्यरत कर्मी हैं जो परियोजना के विभिन्न शाखाओं में रहते हुए क्रम से चार, पाँच, छह एवं सात वर्ष से प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इनका पूर्ण विवरण सहित उन नियमों की प्रतियां उपलब्ध कराइए जिन नियमों के अंतर्गत उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाई गई है? (घ) प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मी मूल पद पर कब तक लोटा दिये जावेंगे?
राज्य
मंत्री, स्कूल
शिक्षा ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) राज्य
शिक्षा
केन्द्र की
समग्र शिक्षा
अभियान मिशन
इकाई में
प्रतिनियुक्ति
पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारी
के संबंध में जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र - 'अ' अनुसार
है। सामान्य
प्रशासन
विभाग के पत्र
क्रमांक सी-18/94/3/1
दिनांक 12.12.1994 में
प्रतिनियुक्ति
अवधि
सामान्यतः
चार वर्ष।
इससे अधिक
अवधि तक रखा
जाना आवश्यक
है तो दोनों
विभागों की
आपसी सहमति से
अवधि बढ़ाई जा
सकती है। लोक
शिक्षण
संचालनालय के
पत्र
क्रमांक/स्था.1/राज/जी/194/प्रति.नि./2017/798
दिनां 9.6.2017 के
माध्यम से
स्कूल शिक्षा
विभाग के
अंतर्गत कार्यालय
तथा उसके
अनुशांगिक
कार्यालयों में
पदस्थ ऐसे
शिक्षक
संवर्ग के
कार्यरत कर्मचारियों
को भारमुक्त न
किये जाने के
निर्देश है।
सामान्य
प्रशासन
विभाग एवं लोक
शिक्षण
संचालनालय का
पत्र जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है।
प्रतिनियुक्ति
पर कार्यरत
वित्त विभाग के
अधिकारियों
की
पदस्थापना/स्थानातंरण/
प्रतिनियुक्ति
से वापिसी
संबंधी
कार्यवाही वित्त
विभाग द्वारा
की जाती है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार। (ग) सामान्य
प्रशासन
विभाग से
संबंधित। जी
हाँ, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। लोक
शिक्षण
संचालनालय के
पत्र
क्रमांक/स्था.1/राज/जी/194/प्रति.नि./2017/798
दिनांक 9.6.2017 के
माध्यम से
स्कूल शिक्षा
विभाग के अंतर्गत
कार्यालय तथा
उसके
अनुशांगिक
कार्यालयों
में पदस्थ ऐसे
शिक्षक
संवर्ग के
कार्यरत
कर्मचारियों
को भारमुक्त न
किये जाने के
निर्देश है।
सामान्य
प्रशासन
विभाग एवं लोक
शिक्षण
संचालनालय का
पत्र जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है।
प्रतिनियुक्ति
पर कार्यरत
वित्त विभाग
के
अधिकारियों
की पदस्थापना/
स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति
से वापिसी
संबंधी
कार्यवाही
वित्त विभाग
द्वारा की
जाती है। अतः
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
(क) एवं (ग) के
उत्तर के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "छत्तीस"
स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में आय-व्यय की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
24. ( क्र. 4396 ) श्री मनोज चावला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले अंतर्गत स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के स्वरूप, यथा प्रवेश, नियुक्तियां, खर्च, आय, व्यय आदि के बारे में जानकारी प्रदान करें तथा बताएं कि किस कॉलेज को स्वशासी बनाने संबंधी निर्णय किस स्तर पर लिया गया? (ख) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय का प्रारंभ से वर्ष 2021 तक आय-व्यय का ब्यौरा देवें तथा बतावें कि किस-किस वर्ष में शासन द्वारा कितनी राशि किस-किस कॉलेज के खर्च/प्रबंधन हेतु प्रदान की गई? (ग) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा प्रारंभ से वर्ष 2021 तक खरीदी गई मशीनों की सूची, लागत (एक लाख से ज्यादा) मशीनों का नाम, विक्रेता का नाम, दर, संख्या, कुल राशि, भुगतान की तारीख सहित सूची देवें तथा बतावें कि खरीदी कॉलेज स्तर पर हुई या भोपाल स्तर पर हुई? (घ) रतलाम कॉलेज में कौन-कौन सी सेवा हेतु किसे नियुक्त/आवंटन किया गया है भोजनशाला, केंटीन, लॉन्ड्री, जनरल स्टोर, जो भी आउटलेट हो वह किसे प्रदान किए गए हैं? उनका नाम, पता, आवंटन की दिनांक, चयन की प्रक्रिया तथा आवंटन की शर्तें सहित सूची देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रतलाम जिले अन्तर्गत स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के स्वरूप शासकीय स्वशासी चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय का है। महाविद्यालय में प्रवेश नीट परीक्षा में उत्तीर्ण होने के पश्चात एम.सी.सी. ऑल इंडिया काउंसिलिंग एवं संचालक चिकित्सा शिक्षा, भोपाल (स्टेट लेवल काउंसिलिंग) के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। नियुक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। खर्च आय-व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। कॉलेज के स्वशासी बनाने संबंधी निर्णय शासन स्तर से लिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। समस्त खरीदी कॉलेज स्तर पर हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार।
दिव्यांग पुनर्वास के संबंध में जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
25. ( क्र. 4407 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में भारत सरकार द्वारा संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र में भारत सरकार द्वारा जारी 01/04/2018 गाईडलाईन का पालन करवाया जा रहा है या नहीं? यदि हाँ, तो जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के कर्मचारियों को भारत सरकार का मानदेय प्रदान किया जा रहा है या नहीं? (ख) भारत सरकार द्वारा जारी 01/04/2018 गाईडलाईन में प्रदाय मानदेय दिया जा रहा है तो क्या राज्य द्वारा अंशदान दिया जा रहा है या नहीं? (ग) म.प्र. शासन द्वारा जारी आदेश (2014) में जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के कर्मचारियों के लिये भारत के मानदेय में राज्य अपना अंशदान दिया करती थी क्या वो भारत सरकार द्वारा जारी 01/04/2018 गाईडलाईन में प्रदाय मानदेय के साथ जोड़कर दिया जा रहा है या नहीं? (घ) भारत सरकार द्वारा जारी 01/04/2018 गाईडलाईन में स्वीकृति 12 पद जिला दिव्यांग पुनर्वास में क्या आपके द्वारा इन पदों को सम्मिलित किया गया या नहीं जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार से जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों को देय अनुदान कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा है। (ख) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के लिये भारत सरकार की गाईड लाईन 01-04-2018 के अनुसार मानदेय दिया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा अंशदान दिये जाने की अनिवार्यता नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) जी हाँ।
गौ-सेवा केन्द्र की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
26. ( क्र. 4430 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में गौ-शाला के निर्माण के लिये दिनांक 01/01/2019 से 31/12/2019 और 01/01/2020 से 31/12/2020 तक अलग-अलग कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) गौ-शालाओं के लिए निर्माण के लिये आवंटित की गई राशि में कितनी खर्च हुई और कितनी राशि शेष है। (ग) प्रदेश में कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और कितनी गौ-शालाओं का कार्य पूर्ण होना शेष है संख्या बतायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना अंतर्गत प्रदेश में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में 3247 गौ-शालाओं का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ है, जिसमें से 969 गौ-शालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है तथा 2076 गौ-शालाओं का कार्य पूर्ण होना शेष है।
वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत आवंटित पट्टे
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 4431 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार वन भूमि पर काबिज 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व से निवासरत आबादी को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदत्त है? (ख) मध्यप्रदेश में उपरोक्त कंडिका (क) के अधिनियम अन्तर्गत कितने जिलों में वनग्राम चिन्हित किए गए जिलेवार चिन्हित ग्रामों की सूची प्रदान करें। (ग) अभी तक मध्यप्रदेश के उपरोक्त कंडिका (ख) में चिन्हित जिलों में कृषि भूमि एवं आवास भूमि के कितने लोगों को पट्टों का वितरण किया गया है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) संशोधित नियम 2012 के नियम 16 के अनुसार वन अधिकार धारकों को दावा पश्चात् सहायता और सहयोग ''राज्य सरकार अपने विभागों विशेषकर जनजाति और समाज कल्याण, पर्यावरण और वन, राजस्व, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और अन्य वन निवासी अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वनवासियों के उत्थान से सुसंगत अन्य विभागों के माध्यम से यह सुनिश्चित करेगी कि सभी सरकारी स्कीमों जिनके अन्तर्गत भूमि सुधार, भूमि उत्पादकता मूल सुविधाओं और जीवनयापन उपायों से संबंधित स्कीमों को ऐसे दावाकर्ताओं को और समुदायों जिनके अधिकारों को इस अधिनियम के अधीन मान्यता दी गई है और विहित किया गया है के लिये उपबंध किया जा सके।'' (ख) मध्यप्रदेश में स्थित वन ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन ग्रामों वाले जिलों में कृषि भूमि एवं आवास भूमि के 198646 वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया।
फार्मासिस्ट एवं नर्सिंग ट्यूटर की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
28. ( क्र. 4476 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में फार्मासिस्ट ग्रेड-2, स्टोर कीपर (फार्मा) एवं फार्मासिस्ट ग्रेड-1 के कुल नियमित स्वीकृत पदों की संख्या एवं इन पदों के विरूद्ध भरे हुए पदों एवं रिक्त पदों की कॉलेजवार जानकारी बताएं? (ख) उपरोक्त अनुसार भरे पदों पर कार्यरत नियमित फार्मासिस्ट ग्रेड-2/फार्मासिस्ट ग्रेड-1/स्टोर कीपर (फार्मा) का नाम, पदस्थापना स्थल सहित योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) विभाग अंतर्गत जी.एन.टी. नर्सिंग कॉलेज एवं बी.एस.सी. नर्सिंग कॉलेज हमीदिया भोपाल में सीनियर नर्सिंग ट्यूटर, ट्यूटर, प्राचार्य, उप प्राचार्य एवं अन्य कर्मचारियों के स्वीकृत पद, कार्यरत पद एवं रिक्त पदों की जानकारी दें तथा उक्त कॉलेजों में कितने स्टॉफ नर्स अटैचमेन्ट पर फेकल्टी के रूप में कार्य कर रहे हैं, कर्मचारियों को आवंटित कार्य का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में सीनियर नर्सिंग ट्यूटर, ट्यूटर, प्राचार्य, उप प्राचार्य के पद हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता क्या है? पृथक-पृथक पदवार, कर्मचारी की शैक्षणिक योग्यतावार जानकारी उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) फार्मासिस्टों के स्वीकृत, रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) भरे पदों पर कार्यरत फार्मासिस्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) विभाग अंतर्गत बी.एस.सी. नर्सिंग कॉलेज हमीदिया भोपाल में सीनियर नर्सिंग ट्यूटर, प्राचार्य, उप प्राचार्य के पद स्वीकृत नहीं है। स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। 12 स्टाफ नर्सों से फैकल्टी रूप में कार्यरत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (घ) सीनियर नर्सिंग ट्यूटर, ट्यूटर के पद हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार।
बस्तियों में विद्युतीकरण व अन्य निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
29. ( क्र. 4497 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी सिंगरौली जिले के सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी अनुसूचित जाति व जनजाति की बस्तियां विभाग द्वारा चिन्हित की गई है? उक्त बस्तियों में विद्युतीकरण का सर्वे कब-कब कराया गया है? किन-किन बस्तियों के विद्युतीकरण के प्रस्ताव तैयार कराये गये है और कौन-कौन से शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युतीकरण के कितने प्रस्ताव विभाग द्वारा उच्च स्तर पर भेजे गये है? प्रस्ताव अनुसार कितनी बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य लंबित है? कब तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जावेगा? (ग) विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कौन-कौन से अधोसंरचना विकास व अन्य निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है विवरण देवें? किसकी अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत किया गया है? कार्यवार विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वेतन भुगतान किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 4679 ) श्री राकेश मावई : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीमती विनीता कुशवाह संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 शासकीय प्रा.वि. सामल का पुरा पोरसा हाल शा.प्रा. वि. पुन्ना का पुरा मुरैना के वेतन भुगतान नहीं करने के कारण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की अवमानना याचिका 146/2017 के द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना पर 25000/- रू. अर्थदण्ड किया गया? यदि हाँ, तो फिर भी विनीता कुशवाह का वेतन भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिला पंचायत मुरैना के पत्र क्रमांक/जि.प./शिक्षा/2017/688 दिनांक 17.01.2017 एवं पत्र क्रं./जि.पं./शिक्षा/113/2017/4433 मुरैना दिनांक 11.08.2020 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना को कार्यालयीन पत्र क्रमांक जिला पंचायत/शिक्षा/113/2017/2474 दिनांक 06.05.2020 के संदर्भ में विनीता कुशवाह संविदा शिक्षक के वेतन भुगतान करने हेतु निर्देशित किया गया? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी। विनीता कुशवाह का वेतन भुगतान न करने का दोषी कौन है? क्या दोषी पर कोई कार्यवाही की जाएगी यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) श्रीमती विनिता कुशवाह, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 द्वारा दिनांक 13.7.2013 से 31.12.2013, दिनांक 29.10.2015 से 25.4.2016 एवं दिनांक 26.4.2016 से 25.12.2016 तक की अवधि के वेतन भुगतान न होने के कारण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में रिट याचिका क्रमांक 6028/2016 (एस) दायर की गई थी। उक्त याचिका में पारित निर्णय दिनांक 21.9.2016 में माननीय न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का प्रतिवादी क्रमांक-3 (मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत मुरैना) द्वारा किये जाने के निर्देश दिये गये थे। समयावधि में अभ्यावेदन का निराकरण न होने के कारण याचिकाकर्ता द्वारा अवमानना याचिका क्रमांक 146/2017 दायर की गई थी। अवमानना याचिका में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर का वकालतनामा प्रस्तुत नहीं होने के कारण राशि रूपये 25000/- (रू.पच्चीस हजार मात्र) का जमानती वारंट जारी किया गया था, अर्थदण्ड नहीं किया गया था। उक्त अवमानना याचिका वर्तमान में माननीय न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है। श्रीमती विनिता कुशवाह को दिनांक 29.10.2015 से 25.4.2016 तक की अवधि का प्रसुति अवकाश मुख्य कार्यपालन अधिकारी पोरसा के द्वारा स्वीकृत किये जाने के फलस्वरूप भुगतान किया जा चुका है तथा दिनांक 26.4.2016 से 25.12.2016 तक की अवधि का भुगतान उनके सेवाकाल में वृद्धि की अनुशंसा के आधार पर किया जा चुका है किन्तु दिनांक 13.7.2013 से 31.12.2013 की अवधि में उनके द्वारा अवकाश के संबध में कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किये जाने से अवकाश स्वीकृत नहीं होने के कारण इस अवधि का भुगतान नहीं हुआ है। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना के प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों के संबध में जिला शिक्षा अधिकारी जिला मुरैना द्वारा उत्तरांश ''क'' अनुसार प्रतिवेदन प्रेषित किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
न्यायालय के पारित निर्णय की अवमानना
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 4815 ) श्री मनोज चावला : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पारित निर्णय की अवमानना करना उचित है? यदि नहीं, तो अस्थाई रूप से 240 दिन से अधिक काम करने वाले कर्मचारियों को नई विज्ञप्ति निकाल कर क्यों हटाया जा रहा है? (ख) क्या प्रकरण क्रमांक 10845 वर्ष 2009 के मामले में एच.एस. राजशेखर विरुद्ध स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के मामले में दिए गए निर्णय के पालन के लिए विभाग क्यों गंभीर नहीं है? (ग) क्या राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के अंतर्गत जिला शिक्षा केंद्र उज्जैन द्वारा नई दुनिया समाचार पत्र में विज्ञप्ति क्रमांक 169 दिनांक 29/1/2021 प्रकाशित की गई है हाँ माननीय न्यायालय के निर्णय अनुसार 240 दिन से अधिक काम करने वाले कर्मचारी का पद रिक्त क्यों दर्शाया गया है? क्या वह माननीय न्यायालय के निर्देशों के बिना करना चाहते हैं? (घ) मध्यप्रदेश में ऐसे कितने जिले हैं जहां सामान्य प्रशासन विभाग के 8 सितंबर 2020 को जारी सर्कुलर का संविदा भर्ती नियम के लिए पालन किया गया है और 240 से दिन से अधिक अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है? (ड.) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध जाकर विज्ञप्ति का प्रकाशन करना न्यायालय की अवमानना नहीं है यदि है तो विभागीय इस संबंध में क्या कार्रवाई करेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। विज्ञप्ति निकालकर किसी कर्मचारी को नहीं हटाया जा रहा है। (ख) शासन से संबंधित। (ग) जी हाँ। रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई। जी नहीं। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र दिनांक 8 सितम्बर 2020 म.प्र. सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति 2017 के संबंध में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। अत: माननीय न्यायालय की अवमानना का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों की कमी एवं नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 4935 ) श्री संजय यादव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर क्या उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा अंतिम बार कब आयोजित हुई थी? परीक्षा हुई तो उसमें सफल प्रतिभागियों को नियुक्ति मिली की नहीं? किस वजह से चयन प्रक्रिया को लोक शिक्षण संचालनालय ने रोका हुआ है? (ख) क्या शासन स्तर पर इसे रोकने के लिये लोक शिक्षण संचालनालय को निर्देश मिला था या फिर विभागीय स्तर पर यह निर्णय हुआ है? कब तक उक्त सफल प्रतिभागियों की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा? (ग) पदवार दोनों ही वर्ग में सफल उम्मीदवार की संख्या कितनी है? क्या शिक्षकों की कमी के कारण 10वीं और 12वीं के नतीजे खराब हो रहे हैं। नतीजे सुधार के लिये शिक्षकों को शासन ने क्या लक्ष्य निर्धारित किया है? यदि लक्ष्य नहीं पूर्ण कर पाते हैं, तो उन पर क्या कार्यवाही होती है? (घ) क्या खराब नतीजों के लिए शिक्षकों की भारी कमी एक बड़ी वजह नहीं है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) फरवरी एवं मार्च 2019। जी नही। कोरोना महामारी (कोविड-19) के कारण चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया दिनांक 04.07.2020 से स्थगित किया गया। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कोरोना महामारी की स्थिति को अवगत कराते हुये दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को जारी रखने या स्थगित रखने संबंधी मार्गदर्शन चाहा गया था, जिस पर शासन द्वारा दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को स्थगित किये जाने का आदेश दिया गया था। दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पुनः प्रारम्भ की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उच्च माध्यमिक शिक्षक पद के लिए 44040 एवं माध्यमिक शिक्षक पद के लिए 216240 उम्मीदवार सफल हुये है। जी नहीं। शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित करने का प्रावधान है। नतीजे सुधारने के लिए शालाओं को लक्ष्य निर्धारण हेतु निर्देशित किया गया है। ऐसे विषय शिक्षक जिनके विषय का परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत अथवा कम है उनकी दक्षता परीक्षा आयोजित कर प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है। प्रशिक्षण उपरान्त पुनः परीक्षा आयोजित की जाती है। परीक्षा उपरान्त दक्षता नहीं प्राप्त करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ग) अनुसार शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित कर पठन-पाठन की व्यवस्था की जाती है।
रिक्त पदों की पूर्ति करना
[स्कूल शिक्षा]
33. ( क्र. 4968 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एवं अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर में फिजिक्स के दो, गणित के तीन विषयमान शिक्षकों के पद रिक्त है? (ख) क्या महाविद्यालय में इंजीनियरिंग विषय पाठयक्रम नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो इस विषय का शिक्षक क्यों पदस्थ किया गया है? (घ) क्या नियम विरूद्ध पदस्थ शिक्षक को हटाकर विषयमान शिक्षकों को पदस्थ करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एवं अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर में फिजिक्स विषय का पद रिक्त नहीं गणित का 01 पद रिक्त है। (ख) जी हाँ। (ग) कर्मशाला उपस्थक के रिक्त पद पर योग्यता के अनुरूप लोकसेवक को पदस्थ किया गया है। (घ) भाग 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापन एवं प्रशिक्षण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 4977 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित संस्थान में वर्तमान में छात्रों एवं शिक्षकों का अध्यापन एवं प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ है? (ख) क्या कोरोनाकाल से बंद थ्रीडी थियेटर स्टूडियों एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से अध्यापन एवं प्रशिक्षण कार्य किया जा रहा है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) कोरोनाकाल में संस्थान के स्टूडियो में रेडियों स्क्रिप्ट की ऑडियो रिकॉर्डिग करवाई गई है। इस प्रकार संस्था का स्टूडियो बंद नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 5104 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक महोदय लोक शिक्षण म.प्र.भोपाल के पत्र क्र./शि.क./सी/आश्वा-885/35/ 2015/1775 भोपाल दिनांक 08.10.2015 द्वारा संयुक्त संचालक रीवा से कराई गई जाँच में यह मान लिया गया है कि कटनी-सतना जिला में सहायक अध्यापक से अध्यापक के पद पर की गई पदोन्नति में कूट रचित तरीके से विषयमान की संख्या के आधार पर अपात्रों की पदोन्नति कर ली गई है तथा कई अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी पाये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन के निर्देशों के विपरीत कूट रचित तरीके से विषयमान एवं रिक्तियां दर्शाकर अपात्र सहायक अध्यापक की अध्यापक पद पर पदोन्नति किया जाना एवं आपराधिक कृत्य है अथवा नहीं? कितने अपात्र व्यक्तियों को कूटरचित तरीके से पदोन्नति दी गई है? नामवार विवरण दें। (ग) यदि हाँ, तो उक्त आपराधिक कृत्य के लिये संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज न कराया जाकर प्रकरण नस्तीबद्ध करने का निर्णय लिया जाना शासन के किस नियमों के तहत मान्य है? उसका विवरण दें? (घ) क्या शासन इस प्रकरण में संयुक्त संचालक रीवा द्वारा गठित जाँच समिति के प्रतिवेदन दिनांक 07.04.2015 में प्रमाणित पाये जाने पर विषयमान से अपात्र सहायक अध्यापकों की पदोन्नति एवं पदस्थापना की गई है? अपात्रों को दी गई पदोन्नति से होने वाले आर्थिक नुकसान की वसूली करायेगा? यदि नहीं, तो इस हानि को माफ करेगा। क्या उक्त कृत्य में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का आदेश जारी किये जायेंगे। यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) संचालक, लोक शिक्षण के प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के सतना जिले में अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति, पदस्थापना एवं पदस्थापना संशोधन में की गई अनियमितताओं के संबंध में प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सतना के 02 कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु लिखा गया है। पत्र में कटनी जिले का कोई उल्लेख नहीं है। जाँच प्रतिवेदन में पदोन्नति, पदांकन एवं पदांकन संशोधन की समस्त कार्रवाई श्री पवन कुमार श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड-2, श्री उमेश शुक्ला, लेखापाल, श्री उमाकांत शुक्ला, तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सतना एवं श्री जे.समीर लकरा, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सतना द्वारा सम्पन्न कराया जाना प्रतिवेदित किया गया है। (ख) विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग एवं विभागीय नियमों के तहत कार्रवाई की जाती है। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार विषयमान के मान से 04 सहायक अध्यापकों की पदोन्नति अन्य विषय समूह में की गई है। प्रकरण में त्रुटिपूर्ण कार्रवाई हेतु दोषी प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, गणक एवं सहायक ग्रेड-2 के विरूद्ध शास्ति अधिरोपित की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जाँच में दोषी पाये जाने के फलस्वरूप म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 10 के तहत श्री उमाकांत शुक्ला, तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सतना के विरूद्ध संचालनालय के आदेश दिनांक 23.11.2016 द्वारा दो वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने का दण्ड अधिरोपित किया गया है। श्री पवन कुमार श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड-2 के विरूद्ध कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के आदेश दिनांक 08.11.2016 द्वारा एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गई है तथा श्री उमेश कुमार शुक्ला के विरूद्ध संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के आदेश दिनांक 08.11.2016 द्वारा एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गई है। (घ) प्रश्नांश “ख” एवं “ग” के उत्तर के प्रकाश में संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
36. ( क्र. 5105 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं सतना जिले में स्थित वन परिक्षेत्रवार कहां-कहां पर तथा कितनी-कितनी भूमि पर वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक वृक्षारोपण कराया गया है तथा कितने वृक्ष लगाये गये उनमें से कितने वृक्ष जीवित है एवं कितने नष्ट हो गये। वृक्षारोपण में कितनी राशि व्यय हुई जानकारी स्थलवार दी जावें। (ख) कटनी एवं सतना जिले में बिगड़े वन क्षेत्रों में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किए गये रोपण के रोपित पौधे, जीवित पौधे एवं रोपण व्यय की जानकारी दी जावें। (ग) जिले के वन परिक्षेत्रों में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि के दौराना रेत, गिट्टी, मुरूम, फर्शी एवं अन्य खनिज कहां-कहां किस नाम से कितने रकबे एवं किस-किस सर्वे नंबर की एन.ओ.सी. जारी की गई? (घ) कटनी जिले के ढीमारखेड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में किन-किन स्थानों के कूपों में सी.पी.टी. का निर्माण कितनी लागत के किए गए उक्त निर्माण श्रमिकों से कराया गया या जे.सी.बी. से बताएं उक्त कार्य में की गई अनियमितताओं की शिकायत एवं अन्य द्वारा कब-कब किसके द्वारा की गई शिकायतयवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 में है।
वनग्राम नियम 1977 के तहत पट्टे का आवंटन
[वन]
37. ( क्र. 5180 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह वनमण्डल में उपलब्ध ग्राम मोयदा की मिसल बन्दोबस्त 1948-49 एवं खतौनी पंजी वर्ष 1980-81 में किस भू-स्वामी कृषक के नाम पर किस खसरा नम्बर का कितना रकबा दर्ज रहा है? इसमें से किस खसरा नम्बर का कितना रकबा वन ग्राम नियम 1977 के तहत किस आदेश क्रमांक दिनांक से किसे पट्टे पर आवंटित किया गया? (ख) खतौनी पंजी में दर्ज किस खसरा नम्बर के कितने रकबे का पट्टा किस कृषक को किन कारणों से प्रदाय नहीं किया गया इसमें से किस कृषक के नाम पर किस खसरा नम्बर के कितने रकबे से संबंधित किस-किस धारा का वन अपराध किस दिनांक को पंजीबद्ध कर किस किसान को किस दिनांक को बेदखल किया गया। (ग) वर्ष 1980-81 की खतौनी पंजी में दर्ज जिन कृषकों को वनग्राम नियम 1977 के तहत पट्टा प्रदाय नहीं किया उन कृषकों के विरूद्ध वन ग्राम नियम 1977 के उल्लंघन की धारा लगाने का क्या कारण रहा है।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के ज्ञाप क्रमांक/5/127/10/2/78 दिनांक 03.11.1976 से वनग्राम नियम-1977 के तहत पाँच पट्टेधारियों को रकबा 24.827 हेक्टेयर आरक्षित वनभूमि पर 15 वर्षीय पट्टे प्रदान किये गये। (ख) वर्ष 1980-81 में 16 कृषकों को तत्समय वनग्राम में निवासरत नहीं होने के कारण रकबा 112.264 हेक्टेयर आरक्षित वनभूमि पर पट्टे प्रदान नहीं किये गये। 08 कृषकों द्वारा अवैध रूप से आरक्षित वनभूमि का विक्रय कर रजिस्ट्री कराये जाने के कारण भारतीय वन अधिनियम,1927 की धारा-26 (ज) एवं वन ग्राम नियम-1977 के नियम-11 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-80 (अ) के तहत बेदखली की कार्यवाही की गयी। (ग) 08 कृषकों द्वारा अवैध रूप से आरक्षित वनभूमि (रकबा 71.075) हेक्टेयर को विक्रय कर, रजिस्ट्री कराई गई की जानकारी वर्ष 2002 में संज्ञान में आने पर क्रय करने वाले 08 व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम,1927 एवं वनग्राम नियम-1977 के उल्लंघन करने पर वन अपराध प्रकरण दर्ज कर, नियमानुसार बेदखली की कार्यवाही की गई।
बस्ती विकास योजना में किये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
38. ( क्र. 5400 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत जनजातीय कल्याण विभाग द्वारा विगत तीन वित्तीय वर्षों से प्रश्न दिनांक तक नगरीय क्षेत्र एवं जनपद क्षेत्र में कौन-कौन से मदों से कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य करवाये गये हैं। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्षवार, बस्तीवार, कार्य का नाम, प्रदाय राशि, व्यय राशि से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्शित अपूर्ण कार्यों को कब तक पूरा कर दिया जायेगा। कार्य न कराने वाले लोक सेवक अथवा शासकीय सेवक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। (ग) अनूपपुर जिले के अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति बाहुल्य ग्रामवार एवं नगरीय क्षेत्र में बस्तीवार जनसंख्या के प्रतिशत की घटते क्रम की सूची उपलब्ध करावें एवं अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये जाने के नियम हैं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषकों के पंप उर्जीकरण की राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
39. ( क्र. 5401 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा 1 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में विधानसभावार अनुसूचित जाति-जनजाति के कृषकों के पंप उर्जीकरण के कितनी राशि के कार्य कब-कब स्वीकृत की गई हैं, स्वीकृत के क्या मापदंड रहे है? शासन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त योजना में पात्रता की शर्तों में बदलाव करते हुये केवल बी.पी.एल. कृषकों को ही लाभ प्रदान किये जाने संबंधी राजपत्र दिनांक 15.5.2018 प्रकाशित किया गया एवं आदेश जारी किये गये हैं जबकि पूर्व में ऐसा नहीं था। पूर्व में योजना की पात्रता क्या थी एवं वर्तमान में क्या है? (ग) क्या पात्र कृषक विद्युत का परमानेन्ट कनेक्शन का बिल तक नियमित नहीं दे पाते हैं जिससे योजना का पूर्ण क्रियान्वयन नहीं हो पाता है और शासन के राजस्व की हानि होती है। क्या उक्त योजना का लाभ अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग के सभी कृषकों को नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो पंप उर्जीकरण के लिये बी.पी.एल. का बंधन कब तक समाप्त कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर कार्यवाही
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
40. ( क्र. 5532 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संभागीय कार्यालय खोलने की घोषणा की गयी थी? यदि हाँ, उक्त घोषणा के संबंध में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) संभागीय कार्यालयों के खोले जाने की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? (ग) क्या पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर छात्रावास खोलने हेतु आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने जिलों में किन-किन ब्लाकों में छात्रावास खोले जा चुके हैं? यदि नहीं, खोले गये हों तो, कारण बतावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। किराये के भवन में ब्लॉक स्तर पर (जिला मुख्यालय को छोड़कर) छात्रावास खोलने का आदेश जारी किया गया है। वर्ष 2019-20 में 06 जिलों के 07 ब्लॉकों में छात्रावास खोले गये थे, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के कारण छात्रावास का संचालन नहीं किया गया है। वर्ष 2021-22 में छात्रावास खोलने के निर्देश जारी किये गये है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कार्मिकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 5590 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर कितने कार्मिक कौन-कौन से जिलों से किस पद पर किस दिनांक से किस प्रयोजन के लिए कार्य कर रहे हैं और उनका मूल पद क्या है? (ख) राज्य शिक्षा केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रखने एवं प्रतिनियुक्ति बढ़ाने के लिए कौन-कौन से सर्कुलर मिशन की नियमावली और अधिनियम राज्य शिक्षा केंद्र के लिए लागू हैं उनकी प्रतियां उपलब्ध कराते हुए समस्त आदेशों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) वर्तमान में राज्य शिक्षा केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिकों के मूल पद क्या है? उनका प्रमोशन कब-कब हुआ और कहां का हुआ है? प्रतिनिधि पर उन्होंने कहां-कहां किस दिनांक से किस दिनांक तक कार्य किया है और राज्य शिक्षा केंद्र में कब से किस-किस पद पर कार्यरत है? उनके ऊपर कौन-कौन सी जवाबदारी प्रतिनियुक्ति के पद पर दी गई हैं और उनके खिलाफ कितनी शिकायतें किस प्रतिनियुक्ति के पद पर प्राप्त हुई हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) राज्य शिक्षा केन्द्र की समग्र शिक्षा अभियान मिशन इकाई में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी एवं उनके मूल पद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है तथा राज्य शिक्षा केंद्र अंतर्गत एस.सी.ई.आर.टी. में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कार्मिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '1' पर एवं प्रौढ़ शिक्षा इकाई में पदस्थ कार्मिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '2' अनुसार है। प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी म.प्र.समग्र शिक्षा अभियान 'प्री स्कूल से हायर सेकेण्डरी' एवं बुनियादी शिक्षा के लिए लोकव्यापीकरण का लक्ष्य प्राप्त कराने के प्रयोजन से कार्यरत हैं। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक/सी-18/94/3/1 दिनांक 12.12.1994 में प्रतिनियुक्ति अवधि सामान्यतः 4 वर्ष इससे अधिक अवधि तक रखा जाना आवश्यक है तो दोनों विभागों की आपसी सहमति से बढ़ाई जा सकती है। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्रांक/स्थापना-1/राज/जी/194/प्रति.नि./2017/798 दिनांक 09.06.2017 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत वित्त विभाग के अधिकारियों की पदस्थापना/स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति से वापसी संबंधी कार्रवाई वित्त विभाग द्वारा की जाती है। (ग) राज्य शिक्षा केन्द्र की समग्र शिक्षा अभियान मिशन इकाई में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी का मूल पद, राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थी दिनांक एवं प्रतिनियुक्ति में सौंपे गये दायित्वों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है तथा राज्य शिक्षा केंद्र एस.सी.ई.आर.टी. अंतर्गत कार्मिकों के मूल पद एवं जवाबदारी (आवंटित कार्य) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '1' अनुसार है, में तथा प्रौढ़ शिक्षा इकाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '2' अनुसार है। समग्र शिक्षा अभियान में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिकों की पदोन्नति एवं प्रतिनियुक्ति पर जिस स्थान पर जिस अवधि तक कार्य किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत वित्त विभाग के अधिकारियों की पदस्थापना/स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति से वापसी संबंधी कार्रवाई वित्त विभाग द्वारा की जाती है तथा संबंधित के मूल विभाग में ही संधारित होती है। शिकायत संबंधी जानकारी-निरंक है।
कर्मचारियों/अधिकारियों का प्रशिक्षण
[वन]
42. ( क्र. 5612 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भा.व.अ. 1927 की धारा 29 धारा 4 एवं धारा 34अ के अनुसार 1980 तक अधिसूचित भूमियों से संबंधित विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के प्रशिक्षण की वर्तमान में कोई व्यवस्था की गई हैं। (ख) इन भूमियों का कौन सा अभिलेख किस प्रारूप में बनाया इन भूमियों से संबंधित कौन सी कार्यवाही किस अवधि में की गई, इन भूमियों से संबंधित कौन सी कार्यवाही वर्तमान में भी लंबित है? (ग) इन सभी की जानकारी एवं इनसे संबंधित प्रशिक्षण कर्मचारियों, अधिकारियों को दिए जाने के संबंध में शासन ने क्या कार्यवाही की यदि नहीं, की तो कारण बतावें कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29, 4 एवं 34 'अ' से संबंधित अभिलेख अधिसूचनाओं के रूप में संधारित है। इन भूमियों से संबंधित अन्य कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। धारा 4 में अधिसूचित भूमियों के संबंध में कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं 'ख' के उत्तरांश के संबंध में कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सतत् रूप से प्रशिक्षण/मार्गदर्शन दिया जाता है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजस्व ग्रामों का नियंत्रण
[वन]
43. ( क्र. 5613 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मुख्यालय द्वारा राज्य मंत्रालय वन विभाग प्रेषित पत्र क्रमांक 16091/रीवा दिनांक 5-8 जुलाई 1961 की कंडिका 4 कंडिका 12 एवं कंडिका 21 में बताए गए 678 राजस्व ग्रामों का राजस्व विभाग को अंतरण प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किया? (ख) कितने राजस्व ग्रामों के अंतरण का किस दिनांक को आदेश हुआ उसमें से कितने ग्राम राजस्व विभाग को अंतरित किए गए कितने राजस्व ग्राम वर्तमान में वन विभाग के नियंत्रण, प्रबंधन में है वनमण्डलवार? (ग) राजस्व ग्रामों का नियंत्रण एवं प्रबंधन राजस्व विभाग को किन कारणों से नहीं सौंपा गया, कब तक राजस्व ग्रामों का नियंत्रण एवं प्रबंधन राजस्व विभाग को सौंप दिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 678 राजस्व वन ग्रामों में से 428 ग्राम प्रबंधन एवं नियंत्रण हेतु राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये हैं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में 479 राजस्व वन ग्रामों को मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-3263-x-62 दिनांक 26.04.1962 में उल्लेखित राजस्व वन ग्रामों में से 428 ग्राम राजस्व विभाग को प्रबंधन एवं नियंत्रण हेतु हस्तांतरित किये गये हैं। शेष 51 राजस्व वन ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में ग्रामों के वीरान होने, वनों के बीचों-बीच स्थित होने, वानिकी कार्य हेतु श्रमिकों की आवश्यकता तथा वनों के मध्य इन्कलेप होने के कारण तत्समय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित राजस्व वन ग्राम राजस्व विभाग को हस्तांतरित नहीं किये गये। 199 राजस्व वन ग्राम वीरान होने के कारण अधिसूचित नहीं किये गये हैं। वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डीनोटीफाईड भूमि की प्रविष्टि
[वन]
44. ( क्र. 5624 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा संरक्षित वन सर्वे में शामिल 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों की दिनांक 15 सितम्बर 1972 को डीनोटीफाईड की गई समस्त भूमि की प्रविष्टि संरक्षित वन सर्वे रिपोर्ट, क्षेत्रफल पंजी, ब्लॉक हिस्ट्री, सर्वे कम्पलीशन रिपोर्ट एवं वर्किंग प्लान में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की। (ख) 243 ग्रामों के निस्तार पत्रक में किस-किस मद में दर्ज कितने खसरा नंबर के कितने रकबे को संरक्षित वन सर्वे में शामिल किया गया? इन ग्रामों की समस्त भूमि राजपत्र में डीनोटीफाईड करने का क्या कारण रहा है? इन ग्रामों के खसरा नंबर एवं रकबे का उल्लेख अधिसूचना में नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) 243 ग्रामों की सर्वे में शामिल भूमियों के डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि वन विभाग ने विभागीय अभिलेखों और वर्किंग प्लान में किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की इनमें से कितने ग्रामों की कितनी भूमि 1980 के बाद डीनोटीफाईड की गई, नारंगी भूमि सर्वे एवं वनखण्ड में शामिल की गई।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा संरक्षित वन सर्वे में शामिल 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों की दिनांक 15 सितम्बर 1972 को डिनोटीफाईड की गई भूमियों की प्रविष्टी डिमार्केशन कम्प्लीशन रिपोर्ट में दर्ज है। वनमंडल दक्षिण बैतूल की कार्य-आयोजना में अधिसूचनाओं की प्रविष्टि है। (ख) राजस्व अभिलेखों में दर्ज मद की जानकारी वन विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। 243 ग्रामों के कुल 3720 खसरों की 53681.30 एकड़ (21724.080 हे.) भूमि वनमंडल के अंतर्गत सर्वे डिमारकेशन स्कीम में शामिल है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र दिनांक 02.04.1971 में दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की गई है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। वर्ष 1980 के बाद 243 ग्रामों में से 73 ग्रामों की आंशिक 299.570 हेक्टेयर भूमिया डीनोटीफाईड की गई, 239 ग्रामों की 27884.950 हे. भूमि नारंगी भूमि सर्वे एवं 28 ग्रामों की 1658.844 हेक्टेयर भूमि वनखंड में शामिल की गई।
डीनोटीफाईड भूमियों के दावे
[जनजातीय कार्य]
45. ( क्र. 5625 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा संरक्षित वन सर्वे में शामिल 680 ग्रामों में से जिन 243 ग्रामों की समस्त भूमि 15 दिसम्बर 1972 को डीनोटीफाईड की उनके भी व्यक्तिगत दावे मान्य, अमान्य किए हैं? (ख) 680 ग्रामों में से किन 243 ग्रामों की समस्त भूमि 1972 में डीनोटीफाईड की गई उनमें से किस ग्राम की कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किए गए, अमान्य किए गए, कितने दावे वर्तमान में भी लंबित है? (ग) 243 ग्रामों की सर्वे में शामिल राजपत्र में डीनोटीफाईड भूमियों के दावे मान्य एवं अमान्य किए जाने का प्रावधान कानून या नियम या किस न्यायालीन आदेश में दिया गया है? यदि डीनोटीफाईड भूमियों को वन भूमि नहीं माना तो दावे मान्य, अमान्य करने का क्या कारण रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के नियम 2 (घ) में उल्लेखित वनभूमि के वन अधिकार पत्र प्रदान किये जा रहे है। 243 ग्रामों में सर्वे शामिल राजपत्र में डीनोटिफाईड भूमियों के दावे मान्य एवं अमान्य किये जाने का प्रावधान कानून नियम या न्यायालय के किसी विशिष्ट आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष लंबित जांच
[वन]
46. ( क्र. 5627 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी बैतूल के समक्ष ग्राम टिकारी, सोनाघाटी, घोड़ाडोंगरी, पाझर, खमालपुर, झगडि़या, कटंगी, सिवनपाट एवं डुल्हारा की कितनी भूमियों से संबंधित भा.व.अ 1927 की धारा 5 से 19 तक की जाँच लंबित है इसमें से किस खसरा नम्बर का कितना रकबा अधिकार अभिलेख में किस भूस्वामी किसान के नाम पर दर्ज है? (ख) इन ग्रामों की कितनी भूमि वन विभाग ने वर्किंग प्लान पी.एफ. एरिया रजिस्टर एवं पी.एफ. वनकक्ष में शामिल कर ली, कितने रकबे पर वन विभाग का कब्जा है इसकी कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी ने किस दिनांक को वन विभाग को अनुमति प्रदान की है। (ग) वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में शामिल कर कब्जा की गई भूमियों की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए जाने का क्या कारण है यह प्रविष्टि कब तक दर्ज की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक की वन व्यवस्थापन की कार्यवाही संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदने वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष लंबित होने से जानकारी दिया जाना सम्भव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) के तहत अधिसूचित एवं प्रस्तावित रकबा भारत सरकार की स्वीकृति से कार्य-आयोजना में वैज्ञानिक प्रबंधन की दृष्टि से शामिल किया गया है। (ग) वर्किंग प्लान में राजस्व विभाग की शामिल भूमि की प्रविष्टी राजस्व अभिलेखों में मध्यपदेश भू राजस्व संहिता के प्रावधानों के अनुसार रहती है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनों की अवैध कटाई
[वन]
47. ( क्र. 5672 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र कन्नौद के कुसमानिया सब रेंज के अंतर्गत वन अपराध क्रमांक 274/15 दिनांक 26/02/2021 अवैध वन सम्पदा कटाई कर परिवहन किये जाने का प्रकरण दर्ज हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित प्रकरण में किन-किन आरोपियों से कब-कब, कितनी मात्रा में वन सम्पदा जब्त की गई? कितने वाहन जब्त/राजसात किये गये? आरोपियों के विरूद्ध विधि अनुसार क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांकित सबरेंज कुसमानिया के कक्ष क्रमांक 180 और 182 में अवैध वन कटाई के विगत तीन वर्षों में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? इनमें से किन-किन आरोपियों को गिरफ्तार कराया गया है? कितने वाहन राजसात हुए? आरोपियों के विरूद्ध कब-कब न्यायालय में चालान प्रस्तुत हुए? कितने आरोपियों को वन अपराध अंतर्गत सजा हुई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) उपरोक्त दर्ज वन अपराध प्रकरण में आरोपी महेन्द्र पिता बाबूलाल परमार, निवासी-कुसमानिया से दिनांक 6.01.2021 को सागौन की 33 नग/ 1.724 घ.मी. इमारती लकड़ी जप्त की गई है। प्रकरण में कोई वाहन जप्त नहीं किया है तथा आरोपी के विरूद्ध विधि अनुसार जाँच कार्यवाही प्रचलित है। (ग) वनमंडल क्षेत्रीय देवास के परिक्षेत्र कन्नौद की सबरेंज कुसमानिया के कक्ष क्रमांक-180 और 182 में अवैध कटाई के विगत तीन वर्षों में क्रमश: 24 एवं 45 वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। उक्त प्रकरणों में कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं किया है और न ही कोई वाहन जप्त हुआ है। अत: वाहन राजसात का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। उक्त प्रकरणों में किसी भी आरोपी को गिरफ्तार न किये जाने के कारण न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने व अपराधियों को सजा होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्थगन आदेश के बाद भी अंकसूची का प्रदाय
[चिकित्सा शिक्षा]
48. ( क्र.
5698 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
आयाम स्कूल
ऑफ नर्सिंग, नरसिंहपुर, माधव
स्कूल ऑफ
नर्सिंग छिन्दवाड़ा, मारूति
स्कूल ऑफ
कलबुड़ी
सिवनी, सेंधवा, इंस्टीट्यूट
ऑफ नर्सिंग
बड़वानी, सेंट्रल
इन्स्टीट्यूट
ऑफ नर्सिंग
जबलपुर, मानसरोवर
नर्सिंग
कॉलेज, भोपाल, पारिजात
स्कूल ऑफ
नर्सिंग
इंदौर
बी.आई.पी.एस.
कॉलेज ऑफ नर्सिंग
ग्वालियर, डॉ.
शंकर दयाल
शर्मा स्कूल
ऑफ नर्सिंग, भोपाल, महाराणा
प्रताप स्कूल
ऑफ नर्सिंग
भोपाल के
रिजल्ट 01.04.2017
से 31.03.2017
के मध्य रोके
जाने के
निर्देश क्या
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर
द्वारा जारी
किये गये थे? क्या
उक्त
परीक्षा
एन.एन.एम./
जी.एन.एम. के
लिये 24
से 27
अप्रैल, 2018 तक हुई
थी? (ख)
क्या
प्रश्नांश (क) में
वर्णित
परीक्षाओं के
अंकसूची
प्रतिभा भाटी
नामक आउट
सोर्स कर्मचारी
द्वारा
कॉलेजों को
भेजी गई अगर
नहीं तो क्या
तात्कालीन
रजिस्ट्रार
के द्वारा नस्ती
के पेज
क्रमांक 11 में
स्पष्ट
लिखा है कि
अंकसूची भेज
दी गई है? नस्ती के
पेज क्रमांक 11 की एक
प्रतिलिपि
उपलब्ध
करायें? किन नियमों
के तहत
अंकसूची भेजी
गई? विवरण
दें? (ग)
क्या राज्य
शासन मा. उच्च
न्यायालय के
आदेश का पालन
नहीं करने
वाली उक्त
आउट सोर्स
कर्मचारी
जिसका उल्लेख
प्रश्नांश (ख) में
है को तत्काल
बर्खास्त कर
उसके विरूद्ध
आपराधिक
प्रकरण सक्षम
थाने में कब
तक दर्ज
करवायेगा? (घ) नियमों
के विरूद्ध
कार्य करने वाले
कर्मचारियों
को संरक्षण
किस नाम/पदनाम
के
अधिकारियों
द्वारा दिया
जा रहा है? उन
अधिकारियों
के विरूद्ध
शासन कब व क्या
कार्यवाही
उन्हें
चिन्हित कर कब
तक करेगा?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास सारंग
) : (क)
जी नहीं। जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
अनुसार है एवं
नियम की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3
अनुसार।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उक्त
आउटसोर्स
कर्मचारी
द्वारा
माननीय उच्च
न्यायालय के
आदेश का उल्लंघन
नहीं किया
गया। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4
अनुसार।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
'ग' के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आत्म-रक्षा हेतु शस्त्र लायसेंस जारी करना
[वन]
49. ( क्र. 5719 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के वन विभाग में पदस्थ कर्मचारियों को आत्म-रक्षा के लिये आग्नेय शस्त्र रखने हेतु शासन स्तर पर शस्त्र लायसेंस जारी कराये जाने के कोई आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो अब तक कितने कर्मचारियों को शस्त्र लायसेंस जारी करा दिये गये है? जिलेवार एवं परिक्षेत्रवार विवरण सहित बताएँ। (ख) यदि नहीं, तो अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है तथा कब तक इन्हें आत्म-रक्षा हेतु शस्त्र लायसेंस जारी करा दिये जायेंगे?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अब तक 28 कर्मचारियों को शस्त्र लायसेंस जारी करा दिये गये हैं। जिलेवार एवं परिक्षेत्रवार जारी किये गये शस्त्र लायसेंस की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कम्प्यूटर आपरेटरों का नियमितीकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
50. ( क्र. 5752 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/जनपद पंचायतों में समग्र सामाजिक सहायता मिशन (सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग) अन्तर्गत कम्प्यूटर आपरेटर दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर पर कार्यरत है? संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन अन्तर्गत कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटरों को किस मद से भुगतान किया जा रहा है? भुगतान हेतु आवंटन किस मद से उपलब्ध कराया जाता है? (ग) क्या समग्र सामाजिक सहायता मिशन अन्तर्गत जिला/जनपद पंचायतों में रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर पर कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटरों को नियुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटरों नियमितीकरण की श्रेणी में कैसे लाया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। जिला/जनपद पंचायत कार्यालयों में समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन अंतर्गत कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर दैनिक वेतन भोगी न होकर संविदा पर कार्यरत है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 5757 ) श्री राम दांगोरे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हाई स्कूल एवं हाई सेकेण्डरी स्कूल संचालित है एवं इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या क्या है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हाईस्कूल एवं हाई सेकेण्डरी स्कूलों में कुल कितने शिक्षकों की संख्या है एवं ऐसी कितनी स्कूले हैं जो शिक्षकविहीन हैं? (ग) प्रश्नकर्ता में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 से कितने शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है? सूचीमय जानकारी उपलब्ध करावे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01''अनुसार है। शिक्षकविहीन शालाओं में शैक्षणिक व्यवस्था अतिथि शिक्षक एवं समीपस्थ संचालित शालाओं के शिक्षकों से की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02''अनुसार है।
अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन पर कार्यवाही
[वन]
52. ( क्र. 5768 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमण्डलाधिकारी, दक्षिण (सा.) वनमण्डल बालाघाट कार्यलय में कार्यरत श्री केशवराव शरणागत, वनरक्षक के पुत्र आवेदक संजय कुमार शरणागत द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु किस तिथि को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया? पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें तथा वनमण्डलाधिकारी, दक्षिण (सा.) वनमण्डल बालाघाट द्वारा आवेदक संजय कुमार शरणागत को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु किस-किस तिथि को पत्र द्वारा सूचित किया गया? क्रमांक/दिनांक बताएं। (ख) क्या श्री संजय कुमार शरणागत को वनमण्डलाधिकारी, दक्षिण (सा.) वनमण्डल बालाघाट द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2523 दिनांक 03.04.2013 को पत्र जारी कर सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के ज्ञाप क्रमांक/सी-3-4/1-3/2006 दिनांक 18.08.2008 की कंडिका (7.1) अवयस्क सदस्यों के संबंध में प्रावधान है कि यदि दिवंगत शासकीय सेवक के परिवार में कोई पात्र वयस्क सदस्य नहीं है तो शासकीय सेवक की मृत्यु दिनांक 07 वर्ष तक की अवधि में वयस्क होने पर अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। इसके पश्चात वह वयस्क होता है तो अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता नहीं होगी। ऐसा पत्र संबंधित आवेदक को सौंपा गया है? (ग) क्या वनमण्डलाधिकारी बालाघाट द्वारा जारी पत्र दिनांक 29.11.2019 एवं 03.04.2013 में सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय का पत्र दिनांक 18.08.2008 में दी गई कंडिकाओं में क्यों विरोधाभास कर कंडिका अंकित कर आवेदक को अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित किया जा रहा है। (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक सी 3-12/2013/1/3, भोपाल दिनांक 29 सितम्बर, 2014 को विभिन्न ज्ञापनों में उल्लेखित अनुकम्पा नियुक्ति के निर्देशों में आंशिक संशोधन करते हुए एकजाई निर्देश प्रसारित किये गये है। जिसकी कंडिका (3.2) में सभी प्रकार के अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में शासकीय सेवक की मृत्यु दिनांक से 7 वर्ष तक पद उपलब्ध होने पर ही उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी परन्तु मृत शासकीय सेवक की यदि प्रथम संतान मृत्यु की तिथि को अवयस्क होवे तो केवल ऐसी प्रथम संतान को वयस्क होने की तिथि से एक वर्ष तक अनुकम्पा नियुक्ति अन्यथा पात्र होने की दशा में प्रदान की जा सकेगी निर्देशित है या नहीं? यदि हाँ, तो वनमण्डलाधिकारी बालाघाट द्वारा उक्त शासनादेश का पालन नहीं किया जाकर आवेदक को जारी पत्र दिनांक 29.11.2019 में वनमण्डलाधिकारी द्वारा शासनादेश दिनांक 18.08.2008 का हवाला देकर प्रकरण क्यों नस्तीबद्ध किया गया? प्रकरण का निराकरण कब तक हो सकेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) अभ्यावेदन दिनांक 30.07.2009, 12.02.2013 एवं आवक क्रमांक 12203 दिनांक 23.11.2019 को प्राप्त हुआ। वनमण्डलाधिकारी दक्षिण सामान्य वनमण्डल, बालाघाट के पत्र क्रमांक 10723 दिनांक 31.10.2009 एवं पत्र क्रमांक 2523 दिनांक 03.04.2013 तथा पत्र क्रमांक 8597 दिनांक 29.11.2019 से आवेदक को सूचित किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक सी-3-4/1-3/2006 दिनांक 18.08.2008 की कंडिका (3.2) के अनुसार दिवंगत शासकीय सेवक की मृत्यु दिनांक से 7 (सात) वर्ष की अवधि में वयस्क होने पर अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने की कार्यवाही की जावेगी एवं कंडिका क्रमांक 7.1 यदि दिवंगत शासकीय सेवक के परिवार का कोई पात्र वयस्क सदस्य नहीं है, तो शासकीय सेवक की मृत्यु दिनांक से 7 वर्ष तक की अवधि में वयस्क होने पर अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। इसके पश्चात यदि वह वयस्क होता है, तो अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता नहीं होगी। कंडिका में कोई विरोधाभास नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक सी-3-12/2013/1/3 दिनांक 29.09.2014 की कंडिका 12.2 अनुसार परिपत्र की जारी होने की तिथि से पूर्व अस्वीकृत/निराकृत प्रकरणों पर विचार नहीं किया जावेगा। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 18.02.2008 की कंडिका 7.1 के तहत कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेंशन आपके द्वार व्यवस्था
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
53. ( क्र. 5783 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंशन आपके द्वार व्यवस्था के अंतर्गत रायसेन जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों में किन-किन बी.सी. के माध्यम से प्रत्येक माह की 7 तारीख को पेंशन की राशि का भुगतान किया जा रहा है? ग्राम पंचायतवार जानकारी दें? (ख) क्या रायसेन जिले में पेंशन प्राप्त कर रहे अनेक हितग्राहियों के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें? बैंक खातों को आधार से लिंक करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में माननीय मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? संबंधित विधायकों को पत्रों के जबाव कब-कब दिये?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में पेंशन आपके द्वार व्यवस्था के अंतर्गत कुल 137 ग्राम पंचायतों में बी.सी. के माध्यम से प्रतिमाह पेंशन राशि का भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में पेंशनधारी हितग्राहियों के बैंक खाते आधार से लिंक है। अति वृद्ध अथवा फिंगर प्रिंट स्केन न हो पाने के कारण आधार से लिंक नहीं है जिन हितग्राहियों के अंगूठा निशान नहीं आने के कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहे है ऐसे हितग्राहियों हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक/सा.सहा./02/ 2018/1265, दिनांक 18-07-2018 द्वारा जारी निर्देश के बिन्दु क्रमांक 5 में ''ऐसे हितग्राही जिनकी उम्र या शारीरिक विकृति होने से उनके Finger Print अथवा Face Recognition हो पाने से आधार नहीं बन पा रहा है या आधार बनने के पश्चात उक्त कारणों से Finger Print या Face Recognition मैच न होने से पेंशन भुगतान नहीं हो पा रहा है। उन पेंशन हितग्राहियों के बचत खाते भी पोस्ट ऑफिस में खोले जाये, जिससे उनकी स्थानीय पहचान की जाकर पेंशन का भुगतान पोस्ट ऑफिस के माध्यम से हो सके'' के निर्देश है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' ब '' अनुसार। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त पत्रों का निराकरण समय-सीमा में किया जाता है।
केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित पेंशन योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
54. ( क्र. 5863 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी पेंशन कितने हितग्राहियों को प्रदाय की जा रही है? प्रत्येक में कितना व्यय होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त पेंशन योजनाओं के सभी हितग्रहियों को माह की किस तारीख तक पेंशन दिए जाने का नियम है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या सभी हितग्राहियों को नियमित प्रतिमाह पेंशन प्रदाय की जा रही है? यदि नहीं, तो किस योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों की किस-किस माह की पेंशन शेष है? शेष रहने का क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दमोह जिले में संचालित केन्द्र एवं राज्य सरकार की पेंशन योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त हितग्राहियों को राज्य स्तर से सिंगल क्लिक के माध्यम से सीधे खातों में प्राय: प्रत्येक माह की 01 तारीख से 10 तारीख तक पेंशन राशि का भुगतान किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर प्रभार
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 5870 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 10/02/2021 को कई जिला में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर प्रभारी है? हाँ तो दिनांक 01/01/20217 को किन-किन जिलों में प्रभारी थे, विभाग में कुल उपसंचालक के स्वीकृत पद बतावें? (ख) दिनांक 10/02/2021 को किन-किन जिलों में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी है, उन जिलों के नाम और प्रभारियों के नाम बतावें? (ग) भोपाल संचालनालय और राज्य शिक्षा केन्द्र और अन्य स्थानों पर कितने-कितने उपसंचालक पदस्थ हैं? (घ) क्या उपसंचालकों को कार्यालयों से हटाकर जिले में भेजने पर जिले की व्यवस्था सुधर सकती है और प्रभारी प्राचार्यों को उनके विद्यालयों में भेजने से विद्यालयों की व्यवस्थाऐं सुधर जायेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। विभाग में उप संचालक के 97 पद स्वीकृत हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) स्थानांतरण, सेवा निवृत्त एवं वैधानिक कारणों से पदोन्नति प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं होने से प्रशासकीय कार्यों के सुचारू संचालन को दृष्टिगत रखते हुये तात्कालिक रूप से अन्य अधिकारियों को प्रभार दिया गया है। प्रभार के पद पर पदस्थ प्रभारी अधिकारी उक्त पद के दायित्वों के निर्वहन के लिए पूर्णतः अधिकृत होकर उत्तरदायी है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परीक्षा केन्द्राध्यक्ष की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 5917 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय राजगढ़ द्वारा परीक्षा केन्द्राध्यक्ष की नियुक्ति करने के लिये कौन से रोस्टर का उपयोग करके केन्द्राध्यक्ष बनाये जाते रहे हैं? (ख) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के कार्यालय में विगत 6 वर्षों से लिपिकों के स्थानांतरण नहीं हुये हैं? परीक्षा विभाग में विगत 5 वर्षों से एक ही लिपिक नियम विरूद्ध संलग्नीकरण किया गया है? संलग्नीकरण के कोई नियम नहीं हैं, उसके द्वारा आपसी सांठगांठ तथा भ्रष्टाचार करके सभी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन कर राजगढ़ जिले के परीक्षा केन्द्रों पर केन्द्राध्यक्ष बनाने हेतु मनमानी की जाती रही है? रोस्टर का स्पष्ट उल्लंघन किया जाता रहा है? भ्रष्टाचार करके केन्द्राध्यक्ष बनाये जाते रहे हैं? (ग) सुश्री बबीता मिश्रा, शिक्षिका सारंगपुर को जो सारंगपुर की निवासी होकर वही कार्यरत हैं, उसे विगत 6 वर्षों से कौन से रोस्टर का उपयोग करके सारंगपुर में ही परीक्षा केन्द्राध्यक्ष कैसे बनाया जाता रहा है, जबकि अन्य को अन्य तहसीलों में केन्द्राध्यक्ष बनाया जाता रहा है, इस प्रकार दोहरा मापदण्ड कैसे और क्यों अपनाया जाता रहा है? (घ) आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल इस संबंध में केन्द्राध्यक्ष बनाये जाने संबंधी अनियमितताओं के लिये दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी, हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजपत्रित अधिकारियों की श्रेणी निर्धारण का मापदण्ड
[स्कूल शिक्षा]
57. ( क्र. 5986 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन में राजपत्रित अधिकारियों की श्रेणी 'अ', 'ब' एवं 'स' के निर्धारण का मापदण्ड क्या है? व्याख्याता को राजपत्रित अधिकारी कब घोषित किया गया? आदेश की प्रति देवें। क्या उस समय व्याख्याता को राजपत्रित 'स' श्रेणी में रखा गया था? यदि नहीं, तो बाद में ऐसा किस आधार पर किया गया? राजपत्रित अधिकारी की श्रेणी 'ब' की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या निर्धारित की गई? किन मापदण्डों के आधार पर व्याख्याता स्कूल शिक्षा की श्रेणी 'ब' के स्थान पर 'स' में रखा गया है? क्या व्याख्याताओं की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर उपाधि के साथ व्यावसायिक योग्यता बी.एड. है एवं वर्ष 1989 में प्रादेशिक स्तर पर मिनी पी.एस.सी. के आधार पर व्याख्याताओं का चयन किया गया था? क्या व्याख्याता का प्रादेशिक परीक्षा में चयन के मापदण्ड के आधार पर समयमान वेतनमान अंतर्गत वर्ग 'ब' में रखने का संशोधित आदेश कब तक जारी किये जायेंगे? (ख) व्याख्याता स्कूल शिक्षा को शैक्षणिक योग्यता एवं कार्य के आधार पर राजपत्रित श्रेणी 'स' से राजपत्रित श्रेणी 'ब' में कब तक किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षकों एवं शिक्षकों को छोड़कर प्रदेश के अन्य सभी विभाग के कर्मचारियों का समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो सहायक शिक्षकों/शिक्षकों को उक्त लाभ से वंचित क्यों रखा गया है? कारण बतावें। शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 04 अप्रैल, 2016 के द्वारा प्रदेश के सभी कर्मचारियों को जिनकी नियुक्ति दिनांक 01 अप्रैल, 2006 के पूर्व सीधी भर्ती के अंतर्गत हुई? क्या उन सभी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत व्याख्याताओं को म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग की अधिसूचना क्र./एफ-7/33/83/डी-4/20, दिनांक 17-05-1984 के द्वारा राजपत्रित वर्ग-दो घोषित किया गया है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। यद्यपि आदेश में श्रेणी का उल्लेख नहीं है, किन्तु म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेश क्र./एफ-11/1/2008/नियम/चार, दिनांक 24 जनवरी, 2008 में संलग्न प्रपत्र-1 में मध्यप्रदेश राज्य के सिविल सेवा के सदस्यों को समयमान वेतनमान उपलब्ध कराने की योजना अन्तर्गत देय उच्चतर वेतनमान के आधार पर ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' श्रेणीवार निर्धारण किया गया है। स्कूल शिक्षा अन्तर्गत राजपत्रित अधिकारी श्रेणी ''ब'' में प्रारंभिक वेतनमान 8000-13500 एवं 6500-10500 का तथा ''स'' श्रेणी में प्रांरभिक वेतनमान 5500-9000 एवं 5000-8000 का उल्लेख है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षक एवं शिक्षकों को समयमान वेतनमान नहीं अपितु म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल के परिपत्र दिनांक 25 अक्टूबर, 2017 द्वारा प्रथम वरिष्ठ, वेतनमान द्वितीय एवं तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है, वित्त विभाग के ज्ञाप दिनांक 04 अप्रैल, 2016 के क्रम में पात्रता अनुसार समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
58. ( क्र. 6003 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग को कितना-कितना वित्तीय आवंटन वित्तीय वर्षवार किस-किस योजना में किस मद में प्राप्त हुआ है, प्राप्त वित्तीय आवंटन में किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी वित्तीय राशि का किस प्रकार से उपयोग किया गया है? ग्वालियर जिले में विभाग द्वारा नि:शक्तजनों के लिये कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किस-किस योजना में कितने हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? हितग्राही संख्या, ग्राम पंचायत का नाम, विकासखण्ड एवं किस प्रकार का कितना-कितना लाभ दिया गया है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) ग्वालियर जिले में सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग में दिनांक 01 फरवरी, 2021 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक दें। विभाग में ग्वालियर जिले में कितने-कितने पद किस-किस स्तर के कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वीकृत हैं? उनमें कितने भरे हैं तथा कितने पद किस-किस स्तर के रिक्त हैं? इन रिक्त पदों को कब तक पूर्ति कर ली जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। सीधी भर्ती एवं पदोन्नति पर प्रतिबंध होने के कारण पद पूर्ति नहीं हो सकी।
प्राथमिक/माध्यमिक/हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी विद्यालयों में फर्नीचर व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 6004 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी विद्यालयों में विभाग द्वारा फर्नीचर टाटपट्टी या अन्य सामाग्री किस-किस विद्यालय को कितनी-कितनी राशि की किस-किस की माँग अनुसार किस अधिकारी या जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर क्या-क्या सामाग्री उपलब्ध कराई है? विद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शासन के नियमों अनुसार जो आवश्यक फर्नीचर है, वह प्रति विद्यालयवार कितना आवश्यक है, नियमों के अनुसार आवश्यकता के मान से वर्तमान में विद्यालयवार कितनी उपलब्धता है? क्या विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में फर्नीचर या विद्यालयों में छात्रों तथा अध्यापकों की आवश्यकता अनुसार फर्नीचर या अन्य सामग्री उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ग्वालियर जिले में विद्यालयों के फर्नीचर या अन्य सामग्री क्रय हेतु स्कूल शिक्षा विभाग को दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन में से किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितना-कितना खर्च किया है? विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग जानकारी दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र भितरवार में दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से आज दिनांक तक किसी भी प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर फर्नीचर, टाटपट्टी या अन्य सामग्री नहीं खरीदी गई है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में ग्वालियर जिले के लिए कोई वित्तीय आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सरकार द्वारा संचालित निजी शिक्षा संस्थान एवं कोचिंग केन्द्र
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 6023 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा निजी शिक्षा संस्थानों और कोचिंग केंद्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए अत्यधिक शुल्क वसूल किए जाने वाले शुल्क को रोकने हेतु नियामक प्राधिकरण के गठन करने की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक व नहीं, तो क्यों? विवरण देवें। (ख) प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल, 2020 के पश्चात क्या फीस व अन्य तरह की शिकायतें शिक्षा विभाग को कहाँ-कहाँ प्राप्त हुई, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। निजी विद्यालयों में फीस के विनियमन हेतु मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं नियम 2020 प्रभावी है। कोचिंग संस्थाओं के संबंध में विभाग स्तर पर ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
छात्रावासों में अनियमितता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
61. ( क्र. 6024 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग में दिनांक 01 जनवरी, 2015 के पश्चात कौन-कौन मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में क्या-क्या अनियमिततायें किस-किस सक्षम अधिकारी के द्वारा रेग्युलर जाँच के दौरान पाई? उस विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त छात्रावासों में उक्त अवधि में कब-कब, किस-किस विद्यार्थी, अभिभावक एवं अन्य ने छात्रावासों की अनियमितता के खिलाफ शिकायत की? शिकायतकर्ता का नाम, दिनांक, छात्रावास का नाम, स्थल आदि की जानकारी देते हुये की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) उक्त संभाग में संचालित मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की छात्र संख्या देते हुये, इन छात्रावास पर खर्च की गई राशि एवं प्रदाय खाद्यान्न की जानकारी उक्त अवधि की देवें। (घ) उक्त संभाग में उक्त अवधि में ऐसे कितने छात्रावास अधीक्षक हैं, जिनके ऊपर आर्थिक अनियमितता एवं अन्य अनियमितता के प्रकरण दर्ज होने के बावजूद वे अधीक्षक का पद संभाल रहे हैं? उनकी सूची उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षक भर्ती अभियान 2018
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 6058 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में शिक्षक भर्ती अभियान की परीक्षा वर्ष 2019 में हुई थी व परीक्षा परिणाम अगस्त, 2019 में घोषित हो चुका था? (ख) यदि हाँ, तो परीक्षा परिणाम घोषित होने के उपरांत शासन द्वारा मेरिट और चॉइसफीलिंग के बाद भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (ग) क्या उपरोक्त में वर्णित परीक्षा में चयनित युवा रोजगारों की नियुक्ति न होने से कुछ चयनित व्यक्तियों की उम्र भी ज्यादा (ओव्हर ऐज) होने जा रही है जिससे उनका भविष्य अंधकार में है? (घ) यदि हाँ, तो चयनित परीक्षार्थियों की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हां। उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक पद की शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 की परीक्षाएं फरवरी से मार्च 2019 के मध्य आयोजित की गई थी। परीक्षा परिणाम क्रमशः दिनांक 28.08.2019 एवं 26.10.2019 को घोषित हुआ है। (ख) कोरोना महामारी (COVID-19) के कारण प्रावधिक रूप से चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्य दिनांक 04.07.2020 को स्थगित किया गया था। (ग) जी नहीं, शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 हेतु जारी नियम पुस्तिका के अध्याय-1 की कण्डिका-9 (2) अनुसार न्यूनतम एवं अधिकतम आयु के गणना नियुक्ति के लिए वास्तविक रूप से जारी होने वाले विज्ञापन के कैलेण्डर वर्ष के 01 जनवरी के संदर्भ में की जायेगी प्रावधानित है। (घ) वर्तमान में नियुक्ति आदेश जारी करने पर माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षक वर्ग 01 की परीक्षा की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 6059 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम द्वारा शिक्षक वर्ग 01 हेतु 2018 में पात्रता परीक्षा ली गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बायोलॉजी विषय में जिनका स्नातक में विषय प्राणी शास्त्र, वनस्पति शास्त्र व रसासन शास्त्र था में स्नातकोतर में विषय बायो टेक्नोलॉजी या माइक्रोबायोलॉजी था उन्हें पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत अर्थात कांउसलिंग में Allied के नाम पर बाहर कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों? ऐसे छात्रों की व्यापम द्वारा परीक्षा लेकर उनके श्रम एवं आर्थिक क्षति नहीं पहुँचाई है? यदि हां तो इसके लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रतलाम मेडिकल कालेज के आय व्यय की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
64. ( क्र. 6120 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मेडिकल कालेज में अप्रैल 2020 से 25 फरवरी 2021 तक कितने कोरोना मरीजों का उपचार किया गया? कितने मृत हुये तथा कुल कितना खर्च हुआ? प्रति मरीज खर्च कितना-कितना आया? शासन की और से कोरोना ईलाज के लिये भुगतान किस अनुसार प्राप्त होता है? (ख) रतलाम मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन वर्ष में कॉलेज स्तर पर तथा आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती किये गये कर्मचारियों के नाम, पिता का नाम, पता, उम्र, शैक्षणिक योग्यता, पद, वर्तमान में कार्यरत नहीं हैं तो बतावें कि निकालने/छोड़ने की तारीख सहित सूची देवें। (ग) क्या रतलाम मेडिकल कालेज में 70 फर्जी बोगस भर्तियां की गई थी तथा खबर फैलने पर उन्हें तत्काल हटा दिया गया? यदि हाँ, तो उनके नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची देवें तथा बतावें की इसकी जाँच की जावेगी या नहीं? (घ) रतलाम मेडिकल कालेज का प्रारम्भ में दिसम्बर 2020 तक का आय व्यय ब्यौरा देवें तथा तीन वर्षों की आडिट रिपोर्ट की प्रति देवें। (ड.) रतलाम मेडिकल कालेज में आर्थिक अनियमितता के संदर्भ में अगर कोई जाँच प्रचलन में हो तो उसकी जानकारी दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रतलाम मेडिकल कॉलेज में अप्रैल 2020 से 25 फरवरी 2021 तक किये गये कोरोना मरीजों के उपचार एवं मृत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं प्रति मरीज पर खर्च की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कोरोना के ईलाज हेतु विभाग से बजट प्राप्त होता है। (ख) पिछले 03 वर्ष में कॉलेज स्तर पर तथा आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती किये गये कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आय-व्यय का ब्यौरा एवं ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) जानकारी निरंक है।
निजी विद्यालय द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूली
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 6121 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 शैक्षणिक सत्र में निजी विद्यालय खोले गए है? निजी विद्यालयों द्वारा शुल्क लिए जाने के संबंध में क्या नियम हैं? (ख) सत्र 2020-21 में निजी विद्यालय नहीं लगने के उपरांत भी क्या इनके द्वारा फीस लिए जाने के शासन के कोई निर्देश है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दें। (ग) क्या रतलाम जिले में निजी विद्यालयों में जबरन फीस वसूल करने के संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है तो क्या कार्यवाही की गई है? (घ) रतलाम जिले में किन-किन निजी विद्यालयों द्वारा जबरन फीस वसूली सम्बंधी कितनी शिकायत प्राप्त हुई? दिनांक, शिकायतकर्ता का नाम, की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। क्या निजी विद्यालय कक्षा में प्रमोशन के नाम पर पालक से सम्पूर्ण फीस वसूलेगा? किसी पालक द्वारा फीस न भरने पर कक्षा में प्रमोशन एवं टी.सी. नहीं दी जावेगी यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) क्या शासन निजी विद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 की फीस के बारे में नीति निर्देशक सिद्वान्त बनाकर प्रसारित करेगा तथा उसका पालन न करने वालों की मान्यता समाप्त करेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) निजी विद्यालयों के लगने के तथा परीक्षाओं की तिथियों संकलन विभाग द्वारा नहीं किया गया है। विभागीय परिपत्र दिनांक 28.11.2020 द्वारा कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को मागदर्शन हेतु अभिभावकों की अनुमति से विद्यालय में आने की अनुमति प्रदान की गई थी। परिपत्र दिनांक 15.12.2020 द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं की कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिये स्कूल नियमित रूप खोलने के निर्देश जारी किये गये है तथा कक्षा 9वीं एवं 11वीं के लिये स्थानीय स्तर पर कक्षाओं के संचालन के संबंध में निर्णय लिये जाने के निर्देश जारी किये गये है। निजी विद्यार्थियों में फीस के विनियमन हेतु जारी नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) रतलाम जिले के सैलाना नगर के एक अशासकीय विंद्यांचल स्कूल के विरूद्ध जबरन फीस वसूलने के संबंध में शिकायत विधायक महोदय सैलाना के पत्र दिनांक 17.02.2021 के माध्यम से प्राप्त हुई थी। शिकायत की जाँच उपरांत शिकायत निराधार पाई गई है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। जारी निर्देशों में शिकायत से संज्ञान में आने पर कार्यवाही के निर्देश है।
निलंबन अवधि में स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
66. ( क्र. 6194 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी शासकीय कर्मचारी/अधिकारी का निलंबन अवधि में प्रशासनिक स्थानांतरण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्या जबलपुर जिले में विगत एक वर्ष में निलंबन अवधि में नियम विरुद्ध प्रशासनिक स्थानांतरण किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किये गये उक्त स्थानांतरणों को क्या निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (घ) निलंबन अवधि में नियम विरुद्ध स्थानांतरित कर्मचारी/अधिकारियों के स्थानांतरण प्रस्ताव का पूर्व परीक्षण संबंधित जिले से करने की जिम्मेदारी किन-किन विभागीय अधिकारियों की थी? नाम-पदनाम बतावें। क्या उनके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) श्री श्रीवास्तव प्राचार्य को आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा दिनांक 28/09/2020 को निलंबित किया गया था। अतः विभाग के संज्ञान में आते ही श्रीवास्तव का स्थानांतरण आदेश दिनांक 26/12/2020 द्वारा निरस्त किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ड्रग ट्रायल के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
67. ( क्र. 6198 ) श्री मनोज चावला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 442 दिनांक 20/2/2019 के संदर्भ में बतावें कि जिन 9282 मरीजों पर ड्रग ट्रायल्स किया गया क्या उनसे लिखित में अनुमति ली गई थी तथा ड्रग ट्रायल्स में प्राप्त करोड़ों की राशि में से कुछ हिस्सा उन मरीजों को दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विभागीय स्तर पर 12 डॉक्टरों की जाँच में दिए गए आरोप पत्र में मरीजों से अनुमति लिए बिना ड्रग ट्रायल्स करने का आरोप क्यों नहीं है तथा ड्रग ट्रायल को अनुसंधान कैसे माना गया 10% जमा करवाने का निर्णय किस अधिकार से तथा क्या एम.सी.आई. की अनुमति से लिया गया? (ग) आलोच्य विषय में उल्लेखित ईथिकल कमेटी के गठन संबंधी तथा अनुमति प्राप्त करने संबंधी समस्त दस्तावेजों की प्रति देवें तथा बतावें कि उसे केंद्र शासन की अनुमति बिना ड्रग ट्रायल्स के अनुमति देने का अधिकार है? (घ) क्या शासन जिम्मेदार संबंधित डॉक्टरों और 10 हजार नागरिकों की जिंदगी से खेलने पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करेगा तथा इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, आई.सी.एम.आर. की गाईड लाईन 2017 के बिन्दु क्रमांक 2.5.1 के अनुसार ट्रायल में भाग लेने हेतु कोई धनराशि भागीदारों/ मरीजों को देने का प्रावधान नहीं है, केवल उन्हें यात्रा खर्चा एवं भोजन हेतु राशि देने का प्रावधान है। आई.सी.एम.आर. गाईड लाईन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ड्रग ट्रायल हेतु मरीजों से लिखित में अनुमति ली गई थी। जिन बीमारियों की दवाई अथवा वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती है ऐसी दवाई अथवा वैक्सीन के उपयोग से पूर्व उसके प्रभावों/दुष्प्रभाव आदि के अध्ययन हेतु क्लीनिकल ट्रायल किये जाते है, इन्हें अनुसंधान माना जाता है। 10 प्रतिशत जमा करवाने का निर्णय कार्यपरिषद द्वारा लिया गया है, जिसके लिए एम.सी.आई. की अनुमति लिया जाना आवश्यक नहीं है। कार्यवाही विवरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) क्लीनिकल ड्रग ट्रायल की अनुमति दिये जाने हेतु केन्द्रीय सरकार द्वारा ड्रग कंट्रोलर भारत सरकार द्वारा अनुमति दी जाती है तथा संस्था स्तर पर इंस्टिट़्यूशनल इथिक कमेटी की अनुमति ली जाती है। इथिक एवं साइंटफिक कमेटी के उपलब्ध दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। क्लीनिकल ट्रायल की ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जाँच की जा चुकी है जिसकी रिपोर्ट दिनांक 24/8/2011 अनुसार कोई आपराधिक प्रकरण नहीं बनता है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वर्तमान में शासकीय सेवा में कार्यरत चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है।
निजी विद्यालयों की मान्यता
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 6199 ) श्री मनोज चावला : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के शिक्षा विभाग में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी अशासकीय विद्यालय को नवीन मान्यता दी गई है, नवीनीकरण किया गया है जानकारी देवें। (ख) ऐसे कौन से निजी विद्यालय हैं जिनकी नवीन/ नवीनीकरण हेतु निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा विपरीत टीप अंकित की गई? उनकी सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार ऐसे कौन से विद्यालय हैं जिनको विपरीत टीप अंकित करने के बावजूद मान्यता दी गई, उनकी सूची उपलब्ध करवाएं तथा मान्यता देने का आधार क्या हैं? यदि अंतरिम मान्यता दी गई तो वह कब तक वैध होगी तथा सूची भी उपलब्ध करवाएं। (घ) ऐसे कितने निजी विद्यालय हैं जिनके द्वारा प्रतिवर्ष शुल्क में की जाने वाली वृद्धि को विभागीय पोर्टल तथा पालकों को सूचित किया जाता है? यदि नहीं, तो ऐसे विद्यालय के विरुद्ध विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ड.) रतलाम जिला अंतर्गत संचालित कितने निजी हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जिनके पास स्वयं का खेल मैदान स्कूल परिसर में स्थित है? सूची देवें तथा ऐसे विद्यालयों की सूची भी देवें जिनके पास स्वयं का निजी खेल मैदान स्कूल परिसर में उपलब्ध नहीं है? नवीन हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल की मान्यता हेतु स्वयं स्कूल के नाम से खेल मैदान की अनिवार्यता है या नहीं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) रतलाम जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के नियम 2011 के अनुसार वर्ष 2019 से अभी तक प्राथमिक, माध्यमिक निजी विद्यालयों को नवीन मान्यता, नवीनीकरण की वर्षवार संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ख) निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा निजी, प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के नवीन मान्यता/मान्यता नवीनीकरण हेतु विपरीत टीप अंकित की गयी है उनकी सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विपरीत टीप अंकित होने के उपरांत ऐसे किसी विद्यालय को मान्यता नहीं दी गयी है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित 02 हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के लिए निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा विपरीत टीप अंकित किये जाने पर मान्यता प्रदान नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय पोर्टल क्रियान्वित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार। ऐसे विद्यालय जिनके पास स्वयं का मैदान परिसर में उपलब्ध नहीं है। संख्या-निंरक है। नवीन हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों की मान्यता हेतु शाला संचालन समिति/ट्रस्ट के नाम से भूमि अथवा पंजीकृत किरायानाम की अनिवार्यता मान्यता नियमों में है।
शालाओं के उन्नयन के लिए भेजे गए पत्रों/प्रस्ताव
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 6202 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र के प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 2 वर्षों में शालाओं के उन्नयन व अन्य कार्यों के लिए भेजे गए पत्रों/प्रस्तावों पर कार्यवाही हुई है? (ख) यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2013 में शासकीय हाई स्कूल हरदुआ सड़क विकासखण्ड जबेरा को उन्नयन कर हायर सेकेण्डरी तक करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो अभी तक उन्नयन क्यों नहीं हुआ तथा कब तक किया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हां। प्राप्त प्रस्तावों में से एक प्रस्ताव जो शासकीय माध्यमिक शाला हरदुआ सड़क जिला दमोह के हाई स्कूल में उन्नयन से संबंधित था। सर्वसुविधा, सम्पन्न, परिवहन एवं अन्य संसाधनों से युक्त सी.एम.राइज. शालाओं की स्थापना किये जाने संबंधी कार्यवाही वर्तमान में प्रस्तावित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में नवीन नीति अनुसार निर्णय लिया जा सकेगा। प्राथमिक से माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित व्यय करने वालों पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
70. ( क्र. 6252 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनजाति विभाग अंतर्गत कोल अभिकरण की स्थापना की गई थी? तो कब इसके संचालन एवं संबंधितों को लाभ दिये जाने बाबत् कितनी-कितनी राशि कब-कब विभाग द्वारा आवंटित की गई, का विवरण जिलेवार व जनपदवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटित राशि का उपयोग/व्यय किन-किन कार्यों में कब-कब, कहां-कहां किया गया, का विवरण जिलेवार, जनपदवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्राप्त राशि का व्यय शासन से जारी नीति एवं निर्देशों के पालन में किया गया अथवा नहीं, शासन के जारी आदेशों/निर्देशों की प्रति देते हुये बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्राप्त राशियां अनियमित ढंग से शासन के निर्देशों से हटकर क्रय की गई मौके पर व्यय राशि अनुसार कार्य नहीं हुये इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) ''जी हाँ''। कोल जनजाति बाहुल्य प्रदेश के 11 जिलों में संबंधितों को लाभ दिये जाने हेतु विभाग द्वारा आवंटित की गई राशियों का जिलावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) योजना अंतर्गत आवंटित की गई राशि का व्यय जारी नीति एवं निर्देशों के अनुरूप किया गया है। आदेश/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) प्राप्त राशियों का व्यय शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समय पर आवेदन पत्रों पर कार्यवाही न करने वालों पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 6253 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम 2005 में प्रावधान निहित किया गया है कि राजस्व एवं वन भूमियों से संबंधित व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावे के निराकरण किये जावेंगे? तो बतावें कि शहडोल एवं रीवा जिले में कितने सामुदायिक एवं व्यक्तिगत दावे पेश किये गये, कितने निराकृत हुए एवं कितने लंबित हैं की जानकारी वर्ष 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने दावे एवं आपत्तियां अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों की है और किससे संबंधित हैं? पृथक-पृथक जिलेवार, जनपदवार एवं तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्राप्त दावे एवं आपत्तियां कितनी सार्वजनिक हितों, रोड़ों, खेल मैदानों सामुदायिक भवनों एवं अन्य से संबंधित है का विवरण पृथक-पृथक जिलेवार एवं जनपदवार एवं तहसीलवार देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों का समय पर कार्यवाही कर दावे एवं आपत्तियों का निराकरण न करने से शासन की सार्वजनिक योजनायें प्रभावित हो रही हैं व व्यक्तिगत अनुसूचित जाति जनजाति के लोग प्रभावित हैं, इसके लिये जिम्मेदारों के नाम व पद सहित जानकारी देते हुये इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के नियम 2 (घ) में उल्लेखित वनभूमि के व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावों का निराकरण किया जा रहा है। जिला शहडोल एवं रीवा में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक प्राप्त, निराकृत एवं लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लम्बे समय से पदस्थ BAC/जनशिक्षक/A.P.C./B.R.C. की प्रतिनियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
72. ( क्र. 6270 ) श्री राम दांगोरे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान में प्रतिनियुक्ति पर बीएसी/जनशिक्षक/ एपीसी/बीआरसी के पदों पर कितने वर्षों के लिए प्रतिनियुक्ति होती है? खण्डवा जिले में कितने बीएसी/जनशिक्षक/एपीसी/बीआरसी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने पर भी आज दिनांक तक पदस्थ हैं? इन्हें कब तक हटाया जायेगा? क्या इन्हें हटाने के संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? (ख) बीएसी/जनशिक्षक/एपीसी/बीआरसी खण्डवा जिले में कितने लोग प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद भी पदस्थ हैं? इन्हें कब हटाया जायेगा तथा इनकी जगह नवीन योग्यताधारी लोगों को अवसर कब दिया जावेगा? (ग) खण्डवा जिले में कितने कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर जनशिक्षक बनने के पश्चात् उन्हें बीएसी/बीआरसी/एपीसी बनाया गया, जो विगत कितने वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर है? ऐसे कर्मचारियों की सूची संलग्न करें। (घ) क्या खण्डवा जिले में सहायक अध्यापक को जनशिक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई? क्या नियुक्ति स्थायी या अस्थायी दी गई? इनकी जगह नवीन योग्यताधारी उश्रेशि/अध्यापकों को अवसर कब दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सामान्यतः 4 वर्ष। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-18/94/3/1 दिनांक 12.12.1994 अनुसार इससे अधिक अवधि तक रखा जाना आवश्यक है तो दोनों विभागों की आपसी सहमति से अवधि बढ़ाई जा सकती है। खण्डवा जिले में 17 बी.ए.सी., 34 जनशिक्षक, 02 एपीसी तथा 01 बीआरसी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने के पश्चात पदस्थ है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत पत्र क्रमांक/स्था./2019/ 7077 दिनांक 14.11.2019 के माध्यम से समस्त जिलों को बी.ए.सी. एवं जनशिक्षक के पदों की पूर्ति के संबंध में निर्देश जारी किये गये है। खण्डवा जिले द्वारा बी.ए.सी. एवं जनशिक्षक के पद की पूर्ति हेतु जिले स्तर से उच्च श्रेणी शिक्षक एवं अध्यापकों की वरिष्ठता सूची के अनुसार वरिष्ठता आधार पर तीन बार यथा दिनांक 5.12.2019, दिनांक 9.12.2019 एवं 24.12.2019 को काउंसलिंग में जिले की वरिष्ठता सूची के सभी उच्च श्रेणी शिक्षक व अध्यापकों को बुलाया गया व उनकी सहमति के आधार पर उन्हें प्रतिनियुक्ति दी गई, उक्त पदों की संपूर्ण वरिष्ठता सूची समाप्ति के उपरांत भी जिले में जनशिक्षक/बीएसी के पद रिक्त रह गये हैं। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्था.1/राज/जी/194/प्रति.नि./2017/798 दिनांक 9.6.2017 के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यालय तथा उसके अनुषांगिक कार्यालयों में पदस्थ ऐसे शिक्षक सवंर्ग के कार्यरत कर्मचारियों को भार मुक्त न किये जाने के निर्देश भी होने से वर्तमान में इन्हें हटाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार जनशिक्षक के पदपूर्ति हेतु की गई कार्यवाही के पश्चात् वरिष्ठता सूची समाप्ति के उपरांत भी जिले में जनशिक्षक/बीएसी के पद रिक्त रह जाने से एवं जनशिक्षक के रिक्त पदों पर उच्च श्रेणी शिक्षक/अध्यापकों की सहमति प्राप्त न होने पर सहायक अध्यापकों को अस्थाई रूप से जनशिक्षक का प्रभार सौंपा गया है, जो अस्थायी नियुक्ति है। अतः जिले में उच्च श्रेणी शिक्षक/अध्यापकों द्वारा सहमति न दिये जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता की जांच
[जनजातीय कार्य]
73. ( क्र. 6305 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2013 से 2018 के दौरान आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ियां सामने आई थी? (ख) यदि हां तो कुल कितनी राशि का घोटाला सामने आया? क्या इसकी कोई जांच कराई गई? (ग) जांच रिपोर्ट में कौन लोग जवाबदार पाए गए और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? जांच रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि इस संदर्भ में किस-किस पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया? (घ) भविष्य में इस तरह के घोटाले को रोकने हेतु क्या कदम उठाये गये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) ''जी हाँ''। (ख) ''जी हाँ''। जाँच उपरांत कुल राशि रूपये 33930793/- (तीन करोड़ उन्तालीस लाख तीस हजार सात सौ तिरानवे) की राशि की अनियमितता प्रकाश में आई है। (ग) जिला सीधी, शहडोल, सिवनी, रीवा एवं जबलपुर की जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है तथा छात्रवृत्ति प्रकरण में लोकायुक्त एवं EOW में दर्ज प्रकरणों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को आधार आधारित ऑनलाईन प्रक्रिया से जोड़ा गया है ताकि छात्रवृत्ति की राशि सीधे विद्यार्थियों के बैंक खाते में जमा हो सके।
पी.एम.टी. फर्जीवाड़े की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
74. ( क्र. 6306 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.एम.टी. 2009 में फर्जीवाड़े की जांच हेतु दिसम्बर 2009 में आदेश निकाला गया था? यदि हां तो उस आदेश की प्रति देवें तथा बतावें की उस आदेश में क्या मात्र शासकीस चिकित्सा महाविद्यालय की जांच का उल्लेख था या चिकित्सा महाविद्यालयों की जांच का उल्लेख था? (ख) वर्ष 2006 से 2008 तथा 2010 से 2012 में चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेशित अभ्यर्थी में पदरूपधारण के फर्जीवाड़े की जांच हेतु निकले आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि उस आदेश के तहत क्या जांच व्यापम द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज से की गई? यदि हां तो किस-किस महाविद्यालय को व्यापम में किस दिनांक को किस वर्ष के दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) पी.एम.टी. परीक्षा में पदरूपधारण तथा रोल नम्बर सेटिंग से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में हुए फर्जीवाड़े से प्रवेश की जांच किस स्तर पर की गई? यदि नहीं, की गई तो मात्र शासकीय महाविद्यालय में फर्जीवाड़ा होना तथा निजी महाविद्यालय में न होना शासन के लिये शर्म की बात नहीं है? (घ) क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी., डी.एम.ए.टी. तथा एन.आर.आई. कोटे से भर्ती की जांच की जावेगी? क्या माननीय उच्चत्तम न्यायालय में मात्र डी.एम.ए.टी. की जांच हेतु पिटीशन लंबित है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। आदेश केवल तत्समय के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को पृष्ठांकित किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) शासन द्वारा चिकित्सा महाविद्यालयों को जारी आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। व्यापम द्वारा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संदिग्ध पाये गये छात्रों के मूल ओ.एम.आर. शीट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ग) वर्तमान में वर्ष 2008 से 2013 तक हुए फर्जीवाड़े की जाँच सी.बी.आई./एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती।
कैम्पा फण्ड में प्राप्त राशि
[वन]
75. ( क्र. 6315 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक भारत सरकार द्वारा कैम्पा फण्ड के तहत कितनी राशि राज्य शासन को प्राप्त हुई? प्राप्त कुल राशि में से कितनी राशि किन-किन कार्यों में खर्च की गई और कितनी राशि शेष बची? पृथक-पृथक वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) क्या मध्यप्रदेश वन विभाग को कैम्पा फण्ड के तहत प्राप्त राशि के दुरूपयोग से संबंधित शिकायतें वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल को प्राप्त हुई हैं? (ग) प्रधान मुख्य वन सरंक्षक श्री ए.बी. गुप्ता के द्वारा कैम्पा फण्ड के दुरूपयोग से संबंधित किस-किस वनमण्डल बाबत् प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था? उस पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) कैम्पा मद के तहत प्राप्त राशि के दुरूपयोग से संबंधित शिकायतें वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन, भोपाल को प्राप्त हुई हैं। (ग) प्रश्नाधीन अधिकारी द्वारा वन मंडल उत्तर सागर (सा.), दक्षिण सागर (सा.) एवं दमोह वनमंडल अंतर्गत कैम्पा फण्ड के दुरूपयोग के संबंध में प्रतिवेदन प्रेषित किये गये। प्रतिवेदनों पर जाँच उपरांत दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रिया में है।
बैगा जनजाति को बैगा विकास प्राधिकरण से जोड़ने
[जनजातीय कार्य]
76. ( क्र. 6316 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में मौजूद कुल प्रीमीटिव बैगा/सहरिया/भारिया/सोर जनजाति की कितनी जनसंख्या किन-किन जिलों में मौजूद है? उक्त जनजातियों की सुरक्षा, संरक्षण और विकास के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा कितनी योजनाएं चलाई जा रही है? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) प्रदेश की इन अति पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए कभी बैगा/सहरिया/भारिया/सोर जनजाति विकास प्राधिकरण का गठन किया गया? यदि हाँ, तो प्राधिकरण के गठन की अधिसूचना एवं प्राधिकरण द्वारा प्रश्न दिनांक तक किए गए कार्यों का विस्तृत विवरण दें। (ग) टी.एस.पी. फंड की कितनी फीसद राशि उक्त जनजातियों के लिए खर्च करने का प्रावधान है? वर्ष 2019-20 एवं 2020-2021 का ब्यौरा दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रीमिटिव बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजाति की जिलावार जनसंख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। सोर जनजाति को भारत सरकार द्वारा पीवीटीजी के रूप में मान्य नहीं किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार विशेष पिछड़ी जनजातियों हेतु विशेष रूप से प्रदेश में संरक्षण सह विकास योजना एवं आहार अनुदान योजना संचालित है। (ख) बैगा विकास प्राधिकरण, सहरिया विकास प्राधिकरण एवं भारिया विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसकी अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है। सोर जनजाति विकास अभिकरण का गठन नहीं किया गया है। गठित प्राधिकरणों के माध्यम से कोई कार्य नहीं कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त जनजाति विशेष के लिए टी.एस.पी. फंड की राशि पृथक से खर्च करने के संबंध में कोई निर्देश नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुपालन को बढ़ावा देने वाली योजनाओं
[पशुपालन एवं डेयरी]
77. ( क्र. 6324 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार पशु जीवन उत्थान एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये क्या-क्या योजनाऐं संचालित कर रही है? (ख) सरकार द्वारा किसानों को पशुपालन करने हेतु सब्सिडी देने एवं ऋण देने के लिये कौन-कौन सी योजनाऐं संचालित की हुई है? क्या सरकार द्वारा दुधारू पशुओं की मौत पर मुआवजा राशि को बढ़ाने का विचार रखती है? अगर नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विभाग द्वारा दुधारू पशुओं की मौत पर मुआवजा राशि भुगतान की कोई योजना संचालित नहीं है। ऋण प्रदायकर्ता बैंक द्वारा दुधारू पशुओं का बीमा तथा ऐसी योजनाऐं जिसमें बीमा का प्रावधान है बीमा कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
78. ( क्र. 6325 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति दिये जाने के संबंध में कोई नीति है? अगर हाँ, तो जिला मुरैना में शिक्षा विभाग में कार्यरत कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ विगत 5 वर्षों में दिया गया? कर्मचारी का नाम व पदवार अवगत करावें। (ख) क्या जिला मुरैना शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति वरिष्ठता क्रमानुसार न दी जाकर मनमाने तरीके से की गई हैं? अगर हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? मनमाने तरीके से पदोन्नति करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की गई है तो क्या? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) भरती पदोन्नति नियम अनुसार पदोन्नति की कार्यवाही की जाती है। म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध प्रकरण मान. सर्वोच्च न्यायालय में प्रचलित होने से मुरैना जिले के स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति विगत 05 वर्षों में नहीं की गयी है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशालाओं में विद्युत कनेक्शन
[पशुपालन एवं डेयरी]
79. ( क्र. 6330 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितनी गौशालायें संचालित हैं? कितनी पूर्ण हैं, कितनी अपूर्ण? पंचायतवार विवरण दें। क्या गौशालाओं में गायों की सुरक्षा हेतु सभी मापदण्ड अपनाये गये हैं? (ख) क्या समस्त गौशालाओं के लिए विद्युत कनेक्शन हैं? यदि नहीं, तो शासन स्तर पर विद्युत कनेक्शन के लिए क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या जिला पंचायत द्वारा विद्युत कनेक्शन के लिए कोई राशि स्वीकृत करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भिण्ड जिले में संचालित एवं पूर्ण अपूर्ण गौशालाओं की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। गौशालाओं में गायों की सुरक्षा हेतु सभी मापदण्ड अपनाये जा रहे है। (ख) 21 गौशालाओं में विद्युत कनेक्शन हो चुके है। शेष गौशालाओं में सौर ऊर्जा से व्यवस्था की जावेगी। (ग) जी नहीं, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्राप्त राशि से का प्रावधान किया गया है।
पशु चिकित्सा दवाएं, उपकरण एवं वाहन का क्रय
[पशुपालन एवं डेयरी]
80. ( क्र. 6331 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन फर्मों से पशु चिकित्सा दवाईयां, उपकरण व अन्य सामग्री क्रय की गई है? वर्षवार, फर्मवार भुगतान राशि का विवरण देवें। (ख) उक्त अवधि में उक्त जिले में कितने वाहन किराये पर लिये गये? उनके नम्बर, वाहन स्वामी का नाम, उनको भुगतान की गई राशि, भुगतान दिनांक, लम्बित राशि, वाहनवार, वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अनुबंध के लिये निकाली गई विज्ञप्तियों का विवरण भी देवें। इन वाहनों का अधिकारियों द्वारा एम्बुलेंस अथवा अन्य कार्यों में जो उपयोग किया गया, उसकी जानकारी वाहनवार देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
81. ( क्र. 6340 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–5788, दिनांक-28/03/2018 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तरानुसार कलेक्टर, जिला-कटनी द्वारा की गयी जाँच के परिणाम और कार्यवाही से अवगत कराइए और बताइये कि कलेक्टर जिला कटनी द्वारा म.प्र. राज्य अनुसूचित जाति, वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध संचालक को लिखित पत्र क्रमांक-1778/रीडरकले/शिकायत/2019, दिनांक-12/02/2019 पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) कटनी जिले में बस्ती विकास योजना के तहत विगत 03 वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि किन-किन मार्गदर्शी निर्देशों से क्या-क्या कार्य/निर्माण हेतु वर्षवार प्राप्त हुई और राशि के उपयोग की क्या कार्य योजना बनाई गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) बस्ती विकास के कार्यों को किन-किन मांग/आवश्यकता और प्रस्तावों पर किन-किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा किन सक्षम आदेशों से स्वीकृत किया गया और किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य किए गए? (घ) प्रश्नांश (ग) कार्यों के प्रस्ताव/ प्राक्कलन/लेआउट प्लान किस-किसके द्वारा तैयार किए गए कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति किस-किसके द्वारा प्रदाय की गयी तथा कार्यों का पर्यवेक्षण/निरीक्षण और भौतिक सत्यापन किस-किसके द्वारा किया गया और कार्यों की माप/माप का सत्यापन, कार्यों के क्या देयक एवं बिल किस-किसके द्वारा कब-कब तैयार/प्रस्तुत किए गए? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत योजनाओं के क्रियान्वन तथा कार्यों की स्वीकृति एवं कराने, कार्यों की माप करने/सत्यापन करने और देयकों/बिलों के भुगतान में अनियमितताओं की क्या शासन/विभाग स्तर से जाँच और कार्यवाही कराई जायेंगी? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) कलेक्टर जिला कटनी द्वारा मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जाति, वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध संचालक को प्रेषित पत्र क्रमांक 1778/ रीडरकले/शिकायत/2019 दिनांक 12.02.2019 के आधार पर जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के श्री पी.के. वर्मा क्षेत्राधिकारी/प्रभारी कार्यपालन अधिकारी श्रीमती श्यामाबाई पासी, लेखापाल एवं श्री मुलाराम झारिया, भृत्य को निलम्बित किया गया था एवं तीनों कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पृथक-पृथक प्रस्तुत याचिका प्रकरणों में माननीय न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किया गया था मान. न्यायालय के स्थगन आदेश के पालन में निगम द्वारा तीनों कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच स्थगित रखी गई है। याचिका प्रकरणों में निगम की ओर से जवाबदाया प्रस्तुत किये गये है। प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय हितग्राही मूलक योजनाओं का संचालन और प्रचार-प्रसार
[पशुपालन एवं डेयरी]
82. ( क्र. 6341 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों से हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन/क्रियान्वन किया जा रहा हैं? जिलावार, कितनी-कितनी राशि किन-किन मार्गदर्शी निर्देशों से कब-कब प्रदाय की गयी? (ख) कटनी जिले में विभाग के कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? कितने और कौन-कौन से पद वर्तमान में रिक्त एवं किन-किन पदों पर कब से कौन-कौन पदस्थ/कार्यरत हैं? कार्यरत शासकीय सेवकों के क्या कार्य एवं शासकीय दायित्व नियत/निर्धारित हैं? (ग) क्या शासकीय सेवकों के नियत/निर्धारित कार्यों/दायित्वों की पूर्ति का आंकलन किए जाने के कोई नियम/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या? प्रश्नांश (ख) शासकीय सेवकों को दिये गये लक्ष्यों एवं किए गये कार्यों और पूर्ति के किए गये आंकलन से अवगत कराएं, यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या विगत 03 वर्षों में विभागीय योजनाओं और कार्यों की स्वीकृति के लिए जिला स्तर से प्रस्ताव चाहे गये? यदि हाँ, तो कब एवं क्या-क्या और कटनी जिले से क्या प्रस्ताव कब-कब प्रेषित किए गये? यदि नहीं, तो जिले को आवंटित योजनाओं की आवश्यकता का आंकलन किस प्रकार किया जाता हैं? (ङ) कटनी जिले में जनवरी-2019 से विभागीय योजनाओं के प्रचार/प्रसार/जानकारी के लिए क्या-क्या कार्य/कार्यक्रम कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किए गये? इन कार्य/कार्यक्रमों में किन-किन को किस-किस प्रकार आमंत्रित किया गया? कौन-कौन अतिथि शामिल हुये तथा क्या इन कार्यों/कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी प्रश्नकर्ता सहित जिले के अन्य माननीय सदस्य म.प्र. विधानसभा को नियमानुसार प्रदान की गयी? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो क्यों? इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स'' एवं ''द'' अनुसार है। (घ) कटनी जिले से विगत 03 वर्षों में विभागीय योजनाओं और कार्यों की स्वीकृति के लिए जिला स्तर से कोई प्रस्ताव नहीं चाहें गये। आवंटित योजनाओं का आकलन उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें, संबंधित पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के माध्यम से मॉनिटरिंग कर दिया जाता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापकों की वरिष्ठता सूची
[स्कूल शिक्षा]
83. ( क्र. 6351 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में अध्यापकों की नियुक्ति राज्य शिक्षा सेवा हेतु जारी राजपत्र क्रमांक 426 दिनांक 30 जुलाई, 2018 द्वारा राज्य शिक्षा सेवा में की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस राजपत्र की कंडिका क्रमांक 17 के बिन्दु क्रमांक 4 व बिन्दु क्रमांक 6 के अन्तर्गत उच्च माध्यमिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तीन माह में जारी करने हेतु कहा गया था साथ ही प्रतिवर्ष 01 अप्रैल की स्थिति में वरिष्ठता सूची जारी करने हेतु लिखा गया था 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक लोक शिक्षण संचालनालय से जारी की गई वरिष्ठता सूची की स्वच्छ प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) यदि विगत तीन वर्षों में वरिष्ठता सूची जारी नहीं की गई तो जारी नहीं करने का कारण बतावें। इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही न करने की स्थिति में कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तों एवं भर्ती नियम, 2018 के अन्तर्गत स्थानीय निकाय के अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग के सुसंगत पदों पर पात्रतानुसार नियुक्ति का प्रावधान है। उक्त नियम दिनांक 30.07.2018 को राजपत्र में प्रकाशित हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित नियम दिनांक 01.07.2018 से प्रभावशील हुआ है। स्थानीय निकायों में कार्यरत रहे अध्यापक संवर्ग की वरिष्ठता सूचियों को पदवार एकीकृत कर नवीन संवर्ग की पदवार (जिला स्तर, संभाग स्तर एवं राज्य स्तर) वरिष्ठता सूची तैयार किये जाने हेतु सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
84. ( क्र. 6352 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद शिक्षा केन्द्र वारासिवनी में विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक की नियुक्ति, प्रतिनियुक्ति के आधार पर की गई है? (ख) यदि हाँ, तो नियम/निर्देश की स्वच्छ प्रति सहित जानकारी देवें। क्या उपरोक्त कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति की अवधि 04 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात दिनांक 29/03/2019 को प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग को वापस की गई थी? यदि हाँ, तो आदेश की स्वच्छ प्रति सहित जानकारी देवें। (ग) क्या सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 04 वर्ष की प्रतिनियुक्ति समाप्ति पश्चात पुनः प्रतिनियुक्ति 02 वर्ष के भीतर बिना किसी परीक्षा एवं मापदण्ड के दी जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। यदि उपरोक्त कर्मचारी की पुनः प्रतिनियुक्ति नियम विरूद्ध की गई है तो विभाग द्वारा उक्त कर्मचारी को कब तक हटाया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। जी नहीं अपितु लोकसभा निर्वाचन के दौरान निर्वाचन अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी वारासिवनी के ज्ञापन क्रमांक 558/स्टेनो/2019 वारासिवनी दिनांक 28.3.2019 के द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक, बालाघाट द्वारा आदेश क्रमांक1048/शिकायत प्रकोष्ठ/लो0स0नि/2019 दिनांक 29.3.2019 के माध्यम से श्री जागेश्वर अजीत, बी.आर.सी. वारासिवनी की सेवायें उनके मूल विभाग वापिस की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) बी.आर.सी. वारासिवनी की प्रतिनियुक्ति समाप्त का आधार 04 वर्ष पूर्ण होना नहीं था। उत्तरांश (ख) अनुसार सेवायें वापिस की गई थी। बी.आर.सी. वारासिवनी का पद रिक्त होने एवं लोकसभा निर्वाचन कार्य समाप्त हो जाने से कार्य के सुचारू रूप से संचालन हेतु श्री जागेश्वर अजीत को पुनः बी.आर.सी. वारासिनी के पद पर कलेक्टर, जिला बालाघाट के आदेश क्रमांक/जिशिके/स्था./2019/4907 दिनांक 2.7.2019 के माध्यम से पदस्थ किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार। अतः उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में कराये गये निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
85. ( क्र. 6356 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्राम हैं? सूची सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित ग्रामों में वर्तमान वित्तीय वर्ष सहित विगत तीन वर्षों में कितने ग्रामों में क्या-क्या कार्य, कितनी लागत से किन की अनुशंसा पर स्वीकृत किये गये? प्राप्त आवंटन, कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण स्थिति, संबंधित उपयंत्री एवं भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम सहित संपूर्ण विवरण बतावें। (ग) क्या उपरोक्तानुसार कार्यों को पूर्ण कराने के लिये कोई समयावधि निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक उक्त कार्यों को पूर्ण कराया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश (क) के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। प्राप्त आवंटन कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण तथा संबंधित उपयंत्री एवं भौतिक सत्यापनकर्ता के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में म.प्र. अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण नियम 2018 के नियम 8.2 के अनुसार निर्माण कार्य उसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण किये जाने के प्रावधान हैं। कार्य पूर्ण कराये जाने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 6357 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में पूर्ववर्ती आदेशों एवं वर्तमान में जारी आदेशों के उपरांत प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले अंतर्गत किन-किन कारणों से कितने अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त लंबित अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक उक्त प्रकरणों का निराकरण कराया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना की जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
87. ( क्र. 6364 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज रतलाम में कोरोना महामारी के प्रारम्भ होने पर मेडिकल कॉलेज में कब से कोरोना की जाँच की जाना प्रारंभ की गई व उपचार किया जाना किस दिनांक से प्रारंभ किया गया? (ख) जानकारी दें कि रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर पैथोलॉजी लैब पर जाँच हो कर आए आमजन प्रतिदिन कितने भर्ती होते रहे तथा कितने ऐसे व्यक्ति रहे जिनके सेम्पल मेडिकल कॉलेज जाँच हेतु भेजे गए? माहवार जानकारी देंl (ग) मरीजों के भर्ती होने के पश्चात और क्या-क्या जाँच की जाती रही तथा भर्ती होने के पश्चात उन्हें छुट्टी कितने दिनों के बाद दी गई, कितने स्वस्थ होकर लौटे व कितनों की मृत्यु हुई? माहवार जानकारी दें l (घ) बताएं कि क्या कुछ ऐसे मरीज भी भर्ती रहे जिनकी रिपोर्ट तो पॉजिटिव आई किन्तु मृत्यु दिनांक को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई? साथ ही प्रत्येक भर्ती मरीज पर कितना व्यय हुआ?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मेडिकल कॉलेज रतलाम में कोरोना की जाँच दिनांक 11.05.2020 एवं उपचार दिनांक 02.04.2020 से प्रारंभ किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) मरीजों के भर्ती पश्चात की जाने वाले जांचों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मरीजों की छुट्टी शासन द्वारा समय-समय पर जारी गाईड लाईन अनुसार की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। स्वस्थ एवं ऐसे मरीज जिनकी मृत्यु हो गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) पॉजिटिव भर्ती मरीज जिनकी मृत्यु की दिनांक को रिपोर्ट नेगेटिव आई एवं भर्ती मरीज जिनकी मृत्यु हो गई एवं रिपोर्ट नेगेटिव आई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रत्येक भर्ती मरीज पर हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 6365 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कितने-कितने अतिथि शिक्षक किन-किन वर्षों से कार्यरत हैं? (ख) बताएं कि संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2018-19 में सम्पन्न हुई व इसके परिणाम कब घोषित हुए तथा परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को नियुक्ति कब तक दी जा सकेगी? रतलाम जिले में उत्तीर्ण व नियुक्ति की प्रत्याशा में कितने ऐसे पात्र उम्मीदवार आते हैं? ब्लॉकवार बताएं l (ग) अवगत कराएं कि अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण कब तक किया जा सकेगा? (घ) क्या किसी कार्यरत शिक्षक की मृत्यु होने पर मृतक के परिवार का सदस्य यदि अतिथि शिक्षक होकर कार्यरत है अथवा संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण है तो क्या उसे अनुकंपा नियुक्ति मृतक के स्थान पर दिए जाने हेतु शासन/विभाग अनुमति देगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संविदा शाला शिक्षक पद के लिए न होकर वस्तुतः उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक के लिए पात्रता परीक्षा 2018 माह फरवरी एवं माह मार्च 2019 के मध्य सम्पन्न हुई। परीक्षा परिणाम क्रमशः दिनांक 28.8.2019 एवं 26.10.2019 को घोषित हुये है। वर्तमान में नियुक्ति आदेश जारी करने पर माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। दस्तावेज सत्यापन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ हैं, अतः प्रश्नांकित जिले के पात्र उम्मीदवारों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती नियोजन प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के लिये निम्नानुसार प्रावधान किया गया हैः- ''शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां, अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया गया है। ''अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यरत नियमित शिक्षकों की मृत्यु होने पर नियमानुसार पात्रता होने पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवकों का पदनाम
[जनजातीय कार्य]
89. ( क्र. 6371 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा लोक सेवकों की पदोन्नति नहीं दिये जाने के एवज में पदनाम दिये जाने की घोषणा/निर्देश दिए गये थे? (ख) क्या जनजातीय कार्य विभाग में आदेश जारी हो गये हैं? यदि नहीं, किये गये हैं तो कब तक जारी होगें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र दिनांक 09.03.2020 द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं। (ख) जी नहीं। कार्यवाही परीक्षणाधीन है। समयावधि बताना संभव नहीं।
प्र.प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर जुन्नारदेव की बहाली
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 6372 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्र.प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर जुन्नारदेव के पद पर रहते हुये निलंबित हुई थी? निलंबन का कारण बताऐं। निलंबन कब और किसके द्वारा किया गया था? (ख) क्या प्र.प्रचार्य कन्या शिक्षा परिसर जुन्नारदेव को निलंबन से बहाल कर कन्या उ.मा.विद्यालय दमुआ में पदस्थ किया गया था? निलंबन से बहाल किस अधिकारी द्वारा किया गया और कब किया गया? निलंबन से बहाली के क्या आधार थे? (ग) क्या उपरोक्त आदेश पुन: संशोधन कर पुन: प्रभारी प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर जुन्नारदेव का प्रभार दिया गया है? आदेश किस अधिकारी के द्वारा जारी किया गया? (घ) क्या किसी अधिकारी/कर्मचारी को निलंबन के पश्चात उसी पद पर उसी संस्था में पदस्थ करने का नियम है? यदि है तो नियम बताऐं? यह भी बताऐं कि यह आदेश किसने जारी किया? क्या वह इस हेतु सक्षम प्राधिकारी है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) ''जी हाँ।'' छात्रा कु. निशा धुर्वे के साथ घटित घटना दिनांक 05/12/2019 में दोषी पाए जाने के कारण कमिश्नर जबलपुर द्वारा दिनांक 07/12/2019 को निलंबित किया गया। (ख) ''जी हाँ''। कमिश्नर जबलपुर के आदेश दिनांक 1.4.2020 द्वारा निलंबन से बहाली का आधार कमिश्नर जबलपुर के आदेश दिनांक 7.3.2020 में अंकित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। आदेश कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा जारी किया गया है। (घ) निलंबन के पश्चात् बहाली उपरांत उसी संस्था में पदस्थ नहीं करने का नियम नहीं है। आदेश सक्षम अधिकारी कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा जारी किया गया है।
वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि तथा फसल क्षति
[वन]
91. ( क्र. 6385 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन्य प्राणियों द्वारा मनुष्य को जान से मारने, घायल करने तथा फसलों को क्षति पहुँचाने पर मुआवजे देने की क्या प्रक्रिया है? (ख) बालाघाट जिले में प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने प्रकरण लंबित हैं? इसकी जानकारी वन परिक्षेत्र अनुसार दें। मुआवजा देने में हो रही देरी का कारण स्पष्ट करते हुये इसके लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के वर्णित प्रकरणों के निराकरण में वन विभाग के साथ राजस्व विभाग द्वारा सर्वे/सत्यापन करने के कारण प्रकरणों के निराकरण में देरी हो रही है? प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने हेतु विभाग प्रक्रिया में क्या सरलीकरण करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि एवं जनघायल के क्षतिपूर्ति भुगतान के वर्तमान में कोई प्रकरण लंबित नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि एवं जनघायल की क्षतिपूर्ति भुगतान के प्रकरणों का निराकरण वन विभाग द्वारा लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुरूप समय-सीमा में किया जाता है। फसलहानि के प्रकरणों का निराकरण राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड छ: क्रमांक 4 परिशिष्ट-1 के अनुसार समय-सीमा में किया जाता है। सम्पूर्ण प्रक्रिया सुस्पष्ट है, अतः इसमें कोई सरलीकरण प्रस्तावित नहीं है।
चिकित्सा महाविद्यालयों में आवश्यक शैक्षणिक स्टॉफ की पूर्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
92. ( क्र. 6386 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा महाविद्यालयों में कुल कितने शैक्षणिक स्टॉफ की आवश्यकता होती है? शैक्षणिक योग्यता सहित जानकारी दें। (ख) प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में क्या पर्याप्त संख्या में क्वालिफाईड शैक्षणिक स्टॉफ है? यदि नहीं, तो चिकित्सा महाविद्यालय अनुसार रिक्त पदों की जानकारी दें। (ग) विगत पाँच वर्षों में मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा कितने मेडिकल कॉलेजों की मान्यता समाप्त की गई तथा इसके क्या कारण थे? (घ) शासन प्रदेश में प्रारंभ किये जाने वाले मेडिकल कॉलेजो में क्वालीफाइड शैक्षणिक स्टॉफ की व्यवस्था कैसे करेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शैक्षणिक स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। शैक्षणिक योग्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) जी हाँ, शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय सागर, खण्डवा एवं शिवपुरी के अतिरिक्त अन्य शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पर्याप्त संख्या में क्वालीफाईड शैक्षणिक स्टॉफ उपलब्ध है। रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (घ) प्रदेश में प्रारंभ किये जाने वाले मेडिकल कालेजों में ''मध्यप्रेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018'' के प्रावधानानतर्गत भर्ती की प्रक्रिया की जायेगी।
केन्द्र सरकार से प्राप्त बजट एवं आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
93. ( क्र. 6390 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कल्याण तथा विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक केन्द्र एवं राज्य सरकार से जो बजट का आवंटन जिन योजनाओं एवं मदों से प्राप्त हुआ है, की जानकारी वर्षवार पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट एवं आवंटन की राशि जिन मदों में मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा उक्त अवधि में उपयोग की गई है। उसका विवरण एवं जो राशि केन्द्र सरकार को वापस लौटा दी गई है, उसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट एवं आवंटन की राशि जिन मदों में मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को उक्त अवधि में भारत सरकार द्वारा भेजी गई, उक्त बजट एवं आवंटन की राशि का अन्य मदों में एवं अन्य विभागों में उपयोग किया गया? यदि हाँ, तो किन विभागों में एवं किन मदों में उक्त बजट का उपयोग किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र स्थित विद्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 6396 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्वीकृत होकर संचालित हैं? इनमें से कितने शासकीय विद्यालय शासकीय भवनों में तथा कितने अन्य शासकीय अथवा किराये के भवनों में संचालित हैं? उनके नाम तथा विद्यालय जिस स्थान हेतु स्वीकृत है एवं वर्तमान में कहां संचालित है उस स्थान का नाम तथा भवन का नाम एवं स्थान/पूर्ण पता प्रत्येक विद्यालय एवं संकुल केन्द्र सहित बतायें। (ख) जो विद्यालय शासकीय भवन में संचालित हैं उनकी भौतिक/उपयोगिता की स्थिति क्या है? ऐसे भवन जो जीर्णशीर्ण/कण्डम स्थिति में हैं, उनके नाम तथा उनके नवनिर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है तथा उसे कब तक मूर्त रूप दिया जायेगा? (ग) यदि विद्यालय किराये के भवन में संचालित हैं तो उस भवन का निर्धारित किराया कितना है? किराया निर्धारण का मापदण्ड क्या है? ऐसे विद्यालयों हेतु उनके शासकीय भवन निर्माण की क्या योजना है एवं उसे कब तक मूर्त रूप दिया जायेगा? ऐसे संचालित विद्यालयों की नामवार जानकारी बतायें। (घ) प्रत्येक शा.प्रा., मा., हाई एवं उ.मा.वि. में दर्ज अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने शिक्षक पदस्थ हैं? प्रत्येक विद्यालयवार जानकारी बतायें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी विद्यालय शासकीय भवन में संचालित है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्यालयों में दी जा रही सुविधाएं
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 6397 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर दक्षिण वि.स. क्षेत्र में कुल कितने शा.प्रा.मा. हाई एवं उ.मा.वि. स्वीकृत होकर संचालित हैं एवं उनमें अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं की संख्या प्रत्येक विद्यालयवार कितनी है? इन विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत पोषण आहार वितरण हेतु क्या व्यवस्था है? यदि मध्यान्ह भोजन विद्यालयों में नहीं बनाया जाता तो किस एजेंसी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है तथा प्राप्ति एवं वितरण का क्या मापदण्ड है? उक्त योजना के तहत प्रत्येक छात्र पर कितनी राशि व्यय की जाती है? वर्ष 20-21 में प्रत्येक छात्र को कितने दिन मध्यान्ह भोजन का वितरण किया गया एवं उस पर कितनी राशि व्यय हुई? प्रत्येक विद्यालयवार जानकारी बतायें। (ख) उक्त विद्यालयों में वर्ष 2020-21 में साईकिल एवं स्कूल ड्रेस का वितरण किया गया? वितरण हेतु निर्धारित मापदण्ड क्या है? क्या पात्रता अनुसार सभी छात्र/छात्राओं को साईकिल एवं स्कूल ड्रेस का वितरण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण किया जायेगा? प्रत्येक विद्यालयवार जानकारी बतायें। (ग) क्या उक्त सभी विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुसार विद्यालय में टॉयलेट्स, पेयजल, फर्नीचर एवं विद्युत कनेक्शन उपलब्ध है? यदि हाँ, तो विद्युत बिल पर कितना व्यय होता है तथा उसका भुगतान एवं बकाया बिल के संबंध में प्रत्येक विद्यालयवार जानकारी बतायें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र 17 ग्वालियर दक्षिण संचालित प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन का वितरण आकांक्षा समग्र विकास समिति इंदौर द्वारा किया जा रहा है। नियमानुसार प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में मैपिंग अनुसार दर्ज छात्र संख्या की औसत उपस्थिति के मान से पका हुआ गर्म मध्यान्ह भोजन स्कूलों में प्रदाय किया जाता है।'' जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) सत्र 2020-21 में साइकिल वितरण नहीं किया गया है। कक्षा 1 से 8 तक शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गणवेश वितरण का प्रावधान है। स्व-सहायता समूह के माध्यम से गणवेश प्रदाय की प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
ग्राम गिरवाई में औद्यौगिक क्षेत्र विकास की योजनाएं
[वन]
96. ( क्र. 6400 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि ग्वालियर जिले में 17 ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से लगे सोन-चिरैया अभयारण्य घाटीगांव के क्षेत्र में समाहित ग्रामों में से अभी कुछ ग्राम डी-नोटिफाइड किये गये हैं। इनमें से ग्वालियर नगर निगम सीमा क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्रमांक-65 के अन्तर्गत आने वाले ग्राम गिरवाई को भी डी-नोटिफाइड किया गया है। ग्राम गिरवाई में कृषि तथा फलोद्यान, फूलोद्यान कार्य के साथ-साथ लघु-औद्योगिक इकाइयाँ/निर्माण फैक्ट्रियाँ संचालित है, ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र (ग्राम गिरवाई) में चहुमुखी विकास के तहत शासन द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो किस कारण?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 15-39/ 2005/10-2 दिनांक 16.11.2020 से घाटीगांव हुकना पक्षी (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) अभयारण्य के कुल क्षेत्र 512 वर्ग कि.मी. में से 111.73 वर्ग कि.मी. राजस्व क्षेत्र को अभयारण्य से डिनोटिफाइ किया गया है, जिसमें ग्राम गिरवाई सहित 23 राजस्व ग्रामों का क्षेत्र सम्मिलित है। जिले में राज्य शासन की संचालित योजनाएं लागू हैं। पृथक से कोई योजना बनाना प्रतिवेदित नहीं है।
जिला कार्यालय खोले जाने, पद स्वीकृति एवं आवंटन
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 6409 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन स्तर से निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय खोले जाने एवं आवश्यक पदों के सृजित करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाहियों के पत्र क्रमांक दिनांक एवं विवरण सहित बताते हुए इस सम्बंध में अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) दिनांक 01/10/2018 से प्रश्न दिनांक तक निवाड़ी जिले के जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय संचालन तथा निवाड़ी जिले में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पृथक से क्या कोई राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो दोनों प्रयोजनों में मदवार आवंटन एवं व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। साथ ही समर्पित राशि की जानकारी समर्पण के कारण सहित पृथक से दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार राशि के अलावा समान अवधि में निवाड़ी जिले में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जिला कार्यालय स्थित टीकमगढ़ को योजनावार आवंटन व्यय एवं समर्पित राशि की जानकारी समर्पण के कारण सहित उपलब्ध करायें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
कम्प्यूटर ऑपरेटर की जानकारी
[वन]
98. ( क्र. 6411 ) श्री तरबर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंत्रालय एवं विभागीय मुख्यालय के अलावा विभाग के अन्य कार्यालयों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर्स के सेवा नियोजन, नियुक्ति, स्थानांतरण, कार्य संपादन वेतन भुगतान, वेतनवृद्धि कार्मिक सुरक्षा व हित सम्बर्धन आदि के विषय में विभाग की क्या नीति है? नीति दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) मंत्रालय एवं विभागीय मुख्यालय को छोड़कर कौन से कार्यालय में कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर कब से पदस्थ हैं, उनका मूल वेतन क्या है? वेतन वृद्धियां एवं अन्य परिलब्धियां क्या-क्या मिली, कौन-कौन सी कटौतियां की जा रही हैं व शुद्ध वेतन मिल रहा है व क्या-क्या मिल रहा है? विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित परिलब्धियों एवं कटौतियों में पूरे प्रदेश में समानता है या नहीं? यदि भिन्नता है तो क्या और क्यों? भिन्नता का कारण बतायें भिन्नता के लिए दोषी कौन है? शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा और कब? (घ) क्या सागर वृत के अंतर्गत विभिन्न कार्यालयों में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटरर्स के साथ मंत्रालय विभागीय मुख्यालय तथा म.प्र. के अन्य वृत्तों में पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर्स की अपेक्षा कोई भेदभाव या कम भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या और क्यों? इसके लिए कौन दोषी हैं? (ड.) क्या सभी कार्यालयों में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को लेकर समान नीति निर्धारण करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन सभी कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की सेवा नियोजन श्रम विभाग के सुरक्षा नियमों का पालन करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) विभागीय पदों की स्वीकृत संरचना के अंतर्गत कम्प्यूटर ऑपरेटर का पद स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन वृत्त के अधीनस्थ इकाईयों में वन वृत्त के मुख्य वन सरंक्षक द्वारा प्रतिघन्टे जॉबदर निर्धारण पर कम्प्यूटर पर कार्य कराया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वृत्तों में कम्प्यूटर पर कार्य कराये जाने हेतु प्रतिघन्टे जॉबदर निर्धारण का दायित्व संबंधित वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक का है एवं मुख्यालय में कम्प्यूटर पर कार्य कराये जाने हेतु विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार प्रतिघन्टे जॉबदर का निर्धारण किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) विभागीय पदों की स्वीकृत संरचना में कम्प्यूटर ऑपरेटर का पद स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनग्राम/सुरक्षा समितियों को प्रदाय काष्ठ लाभांश की राशि
[वन]
99. ( क्र. 6415 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत पूर्व सामान्य वनमंडल मण्डला एवं पश्चिम सामान्य वनमंडल मण्डला अंतर्गत वन सुरक्षा समितियों को वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक काष्ठ लाभांश की कुल कितनी राशि प्रदान की गई? समितिवार वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या समितियों द्वारा इस राशि के माध्यम से स्टेशनरी क्रय की गई? यदि हाँ, तो कितनी समितियों के द्वारा वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक स्टेशनरी क्रय में कितनी राशि खर्च की गई? (ग) क्या उपरोक्त स्टेशनरी क्रय हेतु समितियों को वरिष्ठ कार्यालय से स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो किस-किस समिति को कब-कब स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या समितियों द्वारा इस राशि से क्रय की गई स्टेशनरी में गड़बड़ियां सामने आई हैं? यदि हाँ, तो कितनी समिति के क्रय में गड़बड़ियां पाई गईं? उनकी जाँच कब-कब, किनके-किनके द्वारा की गई? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) मण्डला जिला अन्तर्गत पूर्व सामान्य वनमण्डल मण्डला एवं पश्चिम सामान्य वनमण्डल मण्डला अन्तर्गत वनग्राम/सुरक्षा समितियों को वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय काष्ठ लाभांश की समितिवार, वर्षवार जानकारी एवं उक्त राशि से समितियों द्वारा खर्च की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। उक्त कार्य हेतु समितियों को वरिष्ठ कार्यालय से क्रय की स्वीकृति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। वनग्राम समितियों एवं वन सुरक्षा समितियों के द्वारा प्रस्ताव पारित कर अभिलेखों के संधारण हेतु आवश्यकतानुसार स्टेशनरी क्रय की गई है तथा प्रश्नांकित अवधि में समितियों द्वारा क्रय की गई स्टेशनरी के संबंध में कोई गड़बड़ियां प्रकाश में नहीं आई हैं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन पर प्रतिबंध
[वन]
100. ( क्र. 6430 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जैव विविधता संरक्षण अधिनियम 2002 की किस धारा के अनुसार राज्य में होने वाली किस-किस लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन पर कितनी अवधि के लिए प्रतिबन्ध लगाने के अधिकार किसे दिए जाकर वन अपराध पंजीबद्ध किए जाने के क्या प्रावधान दिए गए हैं? (ख) राज्य में होने वाली किस-किस लघु वनोपज को किस-किस क्षेत्र के लिए जैव विविधता मध्य प्रदेश शासन या भारत शासन ने किस आदेश या अधिसूचना से आदेशित या अधिसूचित किया है? (ग) जैव विविधता के संरक्षण, सुरक्षा एवं अपराधों के संबंध में किस स्तर पर बनाई जाने वाली समितियों को क्या-क्या अधिकार एवं दायित्व सौंपे गए हैं? वन विभाग के किस श्रेणी के अधिकारियों को क्या-क्या अधिकार एवं दायित्व सौंपे गए हैं? पृथक-पृथक धारा का उल्लेख कर बतावें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा-7, 23 (ख) एवं 24 के अंतर्गत म.प्र. राज्य जैवविविधता बोर्ड को जैवसंसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग को विनियमित करने हेतु अधिकृत किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा 24 (2) उपधारा (1) के अधीन किसी संसूचना की प्राप्ति पर राज्य जैवविविधता बोर्ड संबंधित निगमित निकाय से परामर्श करके और ऐसे जाँच करने के पश्चात्, जो वह ठीक समझे, आदेश द्वारा ऐसे किसी क्रियाकलाप को प्रतिषेध या निबंधित कर सकेगा यदि उसकी राय में ऐसा क्रियाकलाप, संरक्षण और जैवविविधता के पोषणीय उपयोग या ऐसे क्रियाकलाप में से उद्भूत फायदों के साम्यापूर्ण हिस्सा बंटाने के प्रतिकूल या विरूद्ध हो। (ख) जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा-40 के प्रावधान अनुसार इस अधिनियम के उपबंध वाणिज्यिक रूप में साधारणतया व्यापार किये जाने वाले जैवसंसाधनों पर लागू नहीं होगें। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक का.आ. 1352 (अ) दिनांक 07 अप्रैल, 2016 में अधिसूचित जैवसंसाधनों के व्यापार को जैवविविधता अधिनियम, 2002 के अंतर्गत छूट प्राप्त है। सूची की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष सभी जैवसंसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग पर जैवविविधता अधिनियम, 2002 के प्रावधान लागू होते है। (ग) जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा-41 के प्रावधान अंतर्गत प्रत्येक स्थानीय निकाय स्तर पर जैवविविधता संरक्षण, संवर्धन एवं पोषणीय उपयोग और जैवविविधता के दस्तावेजीकरण के प्रयोजन के लिए जैवविविधता प्रबंधन समिति गठित किये जाने का प्रावधान है। जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा-41 (3) के प्रावधान अनुसार जैवविविधता प्रबंधन समिति अपने क्षेत्राधिकार में जैवसंसाधन की पहुंच या संग्रहण पर फीस लगा सकती है। केन्द्र शासन द्वारा अधिसूचित जैवविविधता नियम, 2004 के नियम-22 एवं म.प्र. जैवविविधता नियम, 2004 के नियम-23 में जैवविविधता प्रबंधन समिति के गठन एवं दायित्वों का उल्लेख किया गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) 1. जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा-61 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के अधीन केन्द्रीय सरकार, द्वारा वन अधिकारी जो रेंज आफिसर के रेंक से कम न हो, को जैवविविधता अधिनियम के अधीन दण्डनीय अपराधों के संबंध में शिकायत दर्ज करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। 2. जैवविविधता अधिनियम, 2002 एवं म.प्र. जैवविविधता नियम, 2004 के प्रावधानों का मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन करने हेतु मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना क्र. आर-1868-957-2018-दस-2 दिनांक 12 सितम्बर, 2018 एवं अधिसूचना क्रमांक आर-1637-449-2019-दस-2 दिनांक 29 जुलाई, 2019 द्वारा म.प्र. जैवविविधता नियम-2004, के नियम-17 (4) के तहत क्षेत्रीय वन अधिकारियों को निम्नानुसार म.प्र. राज्य जैवविविधता बोर्ड का पदेन अधिकारी घोषित किया गया है:- i. समस्त मुख्य वनसंरक्षक क्षेत्रीय वन वृत्त/क्षेत्र संचालक, टाईगर रिजर्व एवं क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड - पदेन संयुक्त सदस्य सचिव, म.प्र. राज्य जैवविविधता बोर्ड। ii. समस्त वनमंडलाधिकारी, क्षेत्रीय वनमंडल/उप संचालक, टाईगर रिजर्व एवं क्षेत्रीय प्रभागीय प्रबंधक म.प्र. वन विकास निगम लिमिटेड- पदेन सहायक सदस्य सचिव म.प्र. राज्य जैवविविधता बोर्ड। समस्त पदेन सहायक सदस्य सचिव म.प्र. राज्य जैवविविधता बोर्ड अपने क्षेत्राधिकार में व्यापारियों से जैवसंसाधनों तक पहुंच के लिए लाभ प्रभाजन (अनुमोदन प्रदान करने) एवं अनुबंध हस्ताक्षरित करने के लिए अधिकृत किया गया है। 3.मध्यप्रदेश जैवविविधता नियम, 2004 के नियम-14 (xvii) के प्रावधान अंतर्गत बोर्ड को अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में किसी क्षेत्र के भौतिक निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 अनुसार है।
डाइंग केडर के पदों की जानकारी
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
101. ( क्र. 6433 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक गैस राहत एवं पुनर्वास के अधीन इकाईयों में शासन द्वारा डाइंग केडर के पद घोषित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन संवर्गों के कौन से पद डाईग केडर के कब-कब घोषित किये गये हैं? उन पदों के नाम, घोषित करने की तिथि, घोषित किये जाने के आदेश की प्रति देवें। (ग) क्या घोषित किये गये डाइंग केडर के पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन पदों पर कब-कब, किन-किन नियम युक्त विधियुक्त कारणों से नियुक्ति दी गई, इनकी संवर्गवार जानकारी देते हुए नियुक्ति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या घोषित किये गये डाइंग केडर के पदों पर नियुक्ति एवं अनुमति देकर शासन को जानबूझकर आर्थिक वित्तीय हानि पहुंचाने वाले दोषी अधिकारियों के नाम, पद नाम बताते हुये उनके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक व क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति बस्तियों का विकास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
102. ( क्र. 6444 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला मुरैना के लिये अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों, टोले, मजरे एवं शहरी बस्तियों में विकास हेतु शासन द्वारा क्या योजना बनाई गई है? नियम-निर्देशों की प्रति सहित जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभान सभा क्षेत्र मुरैना के अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों, टोले, मजरे एवं शहरी बस्तियों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई तथा इन कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की जारी की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) मुरैना विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने गांव, टोले, मजरे एवं शहरी बस्तियां हैं जहां अभी भी विकास नहीं हुआ है? उनकी नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार किन-किन अनुसूचित जाति बस्तियों में सी.सी. रोड निर्माण होना शेष है? जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों, टोलों, मजरे एवं शहरी बस्तियों में विकास हेतु शासन द्वारा संपूर्ण प्रदेश के लिये योजना बनाई गई है। वर्ष 2016 से वर्तमान तक प्रचलित योजना नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जनगणना विधानसभा क्षेत्रवार एवं मजरे टोले वार नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
सामग्री का क्रय
[स्कूल शिक्षा]
103. ( क्र. 6453 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/2015 से 31/12/2017 तक उज्जैन जिले में कितनी सामग्री किन-किन फर्मों से क्रय की गई? जानकारी उपलब्ध कराए। (ख) उपरोक्तानुसार जिन फर्मों को कम आर्डर दिये गये उनकी टेंडर प्रक्रिया/लघु उद्योग निगम से क्रय की गई तो उसकी भी जानकारी देवें। (ग) जिन फर्मों को इसके लिए भुगतान किया गया उनके नाम, भुगतान राशि सहित TDS कटौत्रा सहित देवें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
आवास सहायता योजना
[जनजातीय कार्य]
104. ( क्र. 6454 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बड़वानी जिले में वर्ष 2018 में महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को आवास सहायता योजना का दोहरा भुगतान किया गया? (ख) वर्ष 2018 में उपरोक्तानुसार प्रत्येक छात्र-छात्रा को दिए भुगतान की जानकारी नाम, महाविद्यालयीन नाम सहित देवें। (ग) ऐसा दोहरा भुगतान करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें। (घ) इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) श्री विवेक कुमार पाण्डे, तत्कालीन सहायक आयुक्त, श्री डी.एस. अवासे, कनिष्ट लेखाअधिकारी, श्री महेन्द्र तोरानिया, सहायक ग्रेड–2 आदिवासी विकास बड़वानी। (घ) जिला स्तर से लापरवाही एवं अनियमितता बरतने वाले अधिकारी श्री डी.एस. अवासे, कनिष्ट लेखा अधिकारी, को कार्यालयीन आदेश क्रमांक 4054 दिनांक 23.06.2020 द्वारा दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई तथा कार्यालयीन आदेश क्रमांक 3326 दिनांक 16.05.2018 द्वारा श्री महेन्द्र तोरानिया, सहायक ग्रेड-2 को निलंबित किया गया, साथ ही कार्यालयीन आदेश क्रमांक 4052 दिनांक 23.06.2020 द्वारा दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
जिला शिक्षा अधिकारियों के पद
[स्कूल शिक्षा]
105. ( क्र. 6455 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों के कितने पद स्वीकृत, भरे एवं रिक्त हैं? क्या स्वीकृत सभी पद भरे हैं? यदि नहीं, तो प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारियों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी शासन के नियम व निर्देशानुसार पदस्थ किए गए हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्राचार्य (10+2) को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो जिले में पदस्थ वरिष्ठ प्राचार्य को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पदस्थ किया गया है। हाँ या नहीं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कनिष्ठ प्राचार्य को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया जाता है तो वरिष्ठ प्राचार्य अपने मातहत अधिकारी का आदेश मानने के लिए बाध्य होंगे? यदि हाँ, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) प्रशासकीय कार्य व्यवस्था स्वरूप स्थानीय स्तर पर तदसमय संबंधित लोक सेवक की सनिष्ठा आदि को समग्र रूप से देखते हुए अस्थायी रूप से प्रभार दिया जाता है। इस प्रभार से किसी लोक सेवक की सेवा शर्तों आदि का हनन नहीं होता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां। प्रशासनिक कार्यों के सुचारू संचालन को दृष्टिगत रखते हुए तात्कालिक रूप से प्रभार दिया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिवपुरी जिले में स्वीकृत डेयरी
[पशुपालन एवं डेयरी]
106. ( क्र. 6472 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला में पशुपालन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत कितनी डेयरी कितनी लागत की विगत तीन वर्षों में खोली गयी एवं कितना अनुदान एवं डेयरी संचालक का नाम ग्राम तहसील एवं किस बैंक द्वारा डेयरी का लोन कितना दिया गया? जानकारी दी जाये। (ख) क्या डेयरी का प्रकरण विभाग द्वारा स्वीकृत होकर बैंक जाता है जहां बैंक वाले बैंक में डेयरी खोलने के टारगेट न होने का हवाला देकर अस्वीकृत कर देते हैं, तो क्या शासन की ओर से सभी बैंक शाखाओं को निश्चित 2 टारगेट दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या डेयरी खोलने वाले व्यक्ति को पशु खरीदने के राज्य के बाहर या पशुधन निगम से खरीदने के लिये बाध्य किया है तो क्या MP में दुधारू नस्ल के पशु नहीं मिलते या पशुधन निगम कहां से खरीदेगा? (घ) क्या डेयरी खोलने वाले को म.प्र. में ही दुधारू नस्ल के पशु खरीदने का आदेश म.प्र. शासन द्वारा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) शिवपुरी जिला में पशुपालन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत कोई डेयरी स्वीकृत नहीं की गई हैं यद्यपि विभागीय आचार्य विघासागर गौसंवर्धन योजनांतर्गत स्वीकृत की गई डेयरियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) याजनांतर्गत प्रकरणों को जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत से अनुमोदन उपरांत जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाऐं द्वारा कार्यक्षेत्रानुसार संबंधित बैंक शाखा को ऋण स्वीकृति हेतु प्रेषित किये जाते है एवं संबंधित बैंक शाखा द्वारा पात्रता अनुसार ऋण स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित डी.एल.सी.सी. बैठक में अनुमोदन उपरांत जिला अग्रणी बैंक अधिकारी द्वारा बैंक शाखाओं को योजनावार लक्ष्य प्रदान किये जाते है शाखा प्रबंधक द्वारा बैंक ऋण आवेदन स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने के संबंध में निर्णय लिया जाता है। (ग) योजनांतर्गत पशुओं का क्रय हितग्राही द्वारा स्वयं प्रदेश के बाहर से संबंधित ब्रीडिंग ट्रेक्ट/प्रमाणित पशु बाजार/प्रोग्रेसिव कृषक/संगठित प्रक्षेत्र से एवं नाबार्ड द्वारा निर्धारित दरों एवं मापदण्डों अनुसार किये जाने का प्रावधान है। योजना में संशोधन विचाराधीन नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रदेश में अधिक से अधिक दुधारू पशुओं का उत्प्रेरण हो तथा अधिकांश दुधारू पशुओं की नस्ल प्रदेश के बाहर की होने के कारण प्रावधान किया गया है।
राज्य के भीतर ही पशु खरीदने के आदेश
[पशुपालन एवं डेयरी]
107. ( क्र. 6473 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में स्वरोजगार बढ़ाने के लिये डेयरी खोलने वाले हितग्राही को शासन द्वारा सरलीकरण बनाने के लिये शासन द्वारा बैंकों को टारगेट एवं विभाग के पशु खरीदने के राज्य में पात्र एवं पशुधन निगम से जो आदेश हैं उसे कब तक खत्म कर राज्य के भीतर में पशु खरीदने का आदेश किया जावेगा? (ख) डेयरी खोलने वाले हितग्राही को राज्य के अंदर ही पशु खरीदने का आदेश शासन के द्वारा कब तक दिया जावेगा जिससे हितग्राही आगामी योजना का लाभ दे सकें। (ग) राज्य शासन के राज्य ने बाहर से पशु खरीदने का जो आदेश किया? वह किस नियम प्रक्रिया के तहत किया है? (घ) राज्य के बाहर पशु खरीदने के आदेश में योजना का लाभ हितग्राही को नहीं मिल पाता और योजना कागजों में रह जाति है, इसलिए राज्य में बाहर का पशु खरीदने का आदेश कब तक निरस्त कर राज्य के भीतर ही पशु खरीदने का आदेश किया जावेगा? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) स्वरोजगार बढ़ाने के लिए डेयरी खोलने हेतु विभाग द्वारा आचार्य विदयासागर गौसंवर्धन योजना संचालित है। योजनांतर्गत उपलब्ध आवंटन अनुसार जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाओं को संबंधित वार्षिक लक्ष्य आवंटित किये जाते है। योजनांतर्गत पशुओं का क्रय हितग्राही द्वारा स्वयं प्रदेश के बाहर से संबंधित ब्रीडिंग ट्रेक्ट/प्रमाणित पशु बाजार/प्रोग्रेसिव कृषक/संगठित प्रक्षेत्र से एवं नाबार्ड द्वारा निर्धारित दरों एवं मापदण्डों अनुसार किये जाने प्रावधान है। योजना में संशोधन विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रदेश में दुधारू पशुओं का अधिक से अधिक उत्प्रेरण हो इसलिए यह प्रावधान किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजनांतर्गत पशु क्रय को कार्यवाही स्वीकृति विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन अनुसार किया गया है। (घ) जी नही। प्रदेश में अधिक से अधिक दुधारू पशुओं का उत्प्रेरण हो तथा अधिकांश दुधारू पशुओ की नस्लप्रदेश के बाहर की होने के कारण प्रावधान किया गया हे।
अजजा छात्रावास सीट में वृद्धि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
108. ( क्र. 6478 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खाचरौद-नागदा क्षेत्र अन्तर्गत अजा विभाग के कौन-कौन से छात्रावास कितने सीटर, कब से संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा शासन व विभाग को सीट वृद्धि के लिए कब-कब पत्र प्रेषित किए गए? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या पत्रों का उत्तर दिया गया है? कब प्रवेश प्रारंभ होंगे? विवरण दें। (ग) क्षेत्र अन्तर्गत अधिक अजा, अजजा के छात्र होने के कारण कब तक छात्रावास की सीट संख्या में वृद्धि कर दी जाएगी? (घ) खाचरौद नागदा क्षेत्र अन्तर्गत पिछड़ा वर्ग की छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास की क्या व्यवस्था है? (ड.) क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के निर्धन छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास कब तक प्रारंभ कर दिए जाएंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) खाचरौद-नागदा क्षेत्र अंतर्गत संचालित अनुसूचित जाति के छात्रावासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 30 सीटर सीनियर बालक छात्रावास नागदा में 20 सीट की वृद्धि किये जाने हेतु पत्र क्रमांक 4780 उज्जैन दिनांक 10.10.2016 को लिखा गया है। अनुसूचित जाति विकास विभाग का पत्र क्रमांक/एफ-21-21/2018/ 5/25 भोपाल, दिनांक 14 फरवरी 2020 दवारा 20 सीट की वृद्धि कर 50 सीट करने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। तदनुसार प्रवेश की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) अनुसूचित जाति विकास विभाग का पत्र क्रमांक/एफ-21-21/2018/5/25 भोपाल, दिनांक 14 फरवरी 2020 द्वारा सीनियर बालक छात्रावास नागदा 30 सीटर में 20 सीट की वृद्धि की जाकर छात्रावास को 50 सीटर किया गया है। (घ) शासन द्वारा विकासखण्ड मुख्यालय पर किराये के भवन में छात्रावास खोलने की अनुमति है तथा तहसील स्तर पर छात्रगृह योजना संचालित है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशुपालन व दूध डेरी विभाग की योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
109. ( क्र. 6479 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में 2016 से 26 फरवरी 2021 तक पशुपालन दूध डेरी विभाग द्वारा कौन- कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? उन योजनाओं के नाम सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ख) शासन की पशुपालन योजना व दूध डेरी योजना के लिये क्षेत्र के कितने कृषकों, पशुपालको को क्या-क्या लाभ दिया गया है? योजना का नाम, पशु वितरण हितग्राहियों की संख्या सहित जानकारी देवें। (ग) नागदा खाचरौद में पशु टीकाकरण की क्या स्थिति है? क्षेत्र में कितने पशुओं का टीकाकरण का कार्य हो चुका है? कितने शेष हैं? विभाग को कितना लक्ष्य दिया गया था? गांव के नाम, टीकाकरण की संख्या सहित संपूर्ण विवरण दें। (घ) क्षेत्र में दुधारू भैंस, गाय भूमिहीन कितने पशुपालकों को दी हैं? क्या उन्हें सब्सिडी प्रदान की है? यदि हाँ, तो वर्षवार कितनी राशि की सब्सिडी दी गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) भूमिहीन पशुपालकों को दुधारू भैंस-गाय देने की कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैस राहत चिकित्सालयों द्वारा मरीजों का उपचार
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
110. ( क्र. 6494 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले के गैस राहत चिकित्सालयों में कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार अनुबंध अनुसार पृथक-पृथक निजी चिकित्सालयों में कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने-कितने मरीजों का उपचार, कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय कर कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनुबंध के बावजूद मरीजों को उपचार निजी चिकित्सालय द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण मरीजों की जान पर बन आई है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? कब तक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में मरीजों को परेशान न होना पड़े इस हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गैस राहत विभाग द्वारा गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों का उपचार भोपाल शहर में 03 निजी चिकित्सालयों जवाहर लाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर नवोदय कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर एवं चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल बैरागढ़ भोपाल के साथ अनुबंध किया गया। उक्त चिकित्सालयों में की जा रही जांच एवं उपचार से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ (पृष्ठ 1 से 22 तक) पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब (पृष्ठ 23) पर है। (ग) अनुबंधित चिकित्सालयों द्वारा गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों का उपचार निरंतर किया जा रहा है। अतः शेष के संबंध में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) में वर्णित है। (1) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (2) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्कूल की मान्यता बढ़ाना
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 6500 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र की परमानंद वत्स एकेडमी निसरपुर की 8वीं तक मान्यता है, बार-बार आवेदन के पश्चात् भी इन्हें कक्षा 9वीं संचालित करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई है? (ख) कब तक इन्हें कक्षा 9वीं से कक्षाए प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कक्षा 9वीं के संचालन हेतु संस्था द्वारा एम.पी. आनलाइन के माध्यम से आवेदन करने पर म.प्र. माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता (संशोधन) नियम 2020 के द्वारा जारी मापदण्डों की पूर्ति किये जाने पर दी जाती है। संबंधित संस्था द्वारा वर्ष 2020-21 में नवीन मान्यता हेतु आनलाइन किया गया आवेदन मान्यता हेतु मापदण्डों की पूर्ति न किये जाने के कारण द्वितीय अपील दिनांक 11.08.2020 में आदेश को अमान्य किया गया है। (ख) नियम एवं प्रक्रिया अनुसार आवेदन करने पर तथा नियत मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर करेगा।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
112. ( क्र. 6501 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को लंबी अवधि से सैलरी नहीं दी गई है? इन्हें कब तक सैलरी दी जाएगी? (ख) इनके नियमितीकरण के लिए दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग स्तर पर कितनी बैठकें हुई? (ग) इन बैठकों में क्या निर्णय लिए गए? (घ) इन्हें कब तक नियमित कर दिया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) नियमानुसार आमंत्रित अतिथि शिक्षकों की संस्था प्रमुख द्वारा उपलब्ध कराई गई उपस्थिति के आधार पर मानदेय देने का प्रावधान है। (ख) निरंक। वर्तमान में नियमितीकरण के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती/ नियोजन प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के लिये निम्नानुसार प्रावधान किया गया हैः- ''शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां, अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया गया है। '' अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनजातीय कार्य विभाग बालक/बालिका छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
113. ( क्र. 6505 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले में बालक/बालिका छात्रावास/विद्यालय/आश्रम शालायें कहां-कहां संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक रहवासी छात्र/छात्राओं की सूची एवं छात्रावासों के प्रदत्त सुविधाओं तथा उल्लेखित छात्रावास/विद्यालय/आश्रम शालाओं में पदस्थ शिक्षकों/वार्डनों के नाम, पदस्थी दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छात्रावासों/विद्यालय/आश्रम शालाओं में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में आवंटित की गई तथा किस-किस मद में राशि व्यय की गई है? आय-व्यय पत्रक सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। क्या सामग्री क्रय नियमों के अनुसार क्रय की गई? यदि हाँ, तो किन-किन फर्मों के टेण्डर प्राप्त हुये एवं किन-किन फर्मों से सामग्री क्रय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभागीय शिक्षक/शिक्षिकायें उपलब्ध होने के बाद भी विभाग द्वारा शिक्षक विभाग के शिक्षकों/शिक्षिकाओं को छात्रवासों के प्रभार दिये गये हैं यदि हाँ, तो बतावें। क्या शिक्षक/शिक्षिकायें कई वर्षों से छात्रवासों का प्रभार संभाले हुए हैं? यदि हाँ, तो इनको कब तक हटा दिया जावेगा? (घ) 1 जनवरी 2016 से प्रश्नांकित अवधि तक किन-किन अधिकारियों द्वारा छात्रवासों/विद्यालय/आश्रम शालाओं का निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई एवं कमियों के लिये दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी एवं कमियाँ दूर करने के लिए क्या-क्या प्रयास किये गये? (ड.) क्या छात्रवास/विद्यालय निजी भवनों में संचालित हो रहें है? यदि हाँ, तो भवन मालिकों को कितना-कितना भुगतान किया जा रहा है? भवन मालिक के नाम, राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें एवं छात्रावास/विद्यालयों के भवन कब तक स्वीकृत कर दियें जावेंगें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
114. ( क्र. 6506 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। 1 जनवरी 2019 से विदिशा जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना से कितने सामूहिक विवाह कब-कब किये गये? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। कन्याओं के खातों में राशि का भुगतान कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कितना-कितना भुगतान किन-किन दिनांकों में किया गया है एवं अभी कितना भुगतान होना शेष है? (ग) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना, इंदिरा गांधी कल्याण पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्तजन कल्याण पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कन्या अभिभावक एवं बहुत दिव्यांग पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता सहित विभाग की अन्य सभी योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विभाग के अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं कन्या विवाह/निकाह योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
अध्यापक संवर्ग का क्रमोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 6513 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) को क्रमोन्नति प्रदान करने संबंधित क्या नियम प्रचलित है? (ख) ग्वालियर एवं रायसेन जिल में 2005 के उपरान्त नियुक्त कितने प्राथमिक शिक्षकों, माध्यमिक शिक्षकों, उच्च माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति प्रदान की गई है? (ग) ग्वालियर एवं रायसेन जिले में कितने प्राथमिक, शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक को क्रमोन्नति दिया जाना लंबित हैं? संख्या बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में लंबित क्रमोन्नति आदेश कब तक जारी किए जायेंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) को क्रमोन्नति प्रदान करने का प्रावधान नहीं है, अपितु अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) में नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग के लोक सेवकों को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान करने के संबंध में सक्षम स्तर से निर्देश जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) को क्रमोन्नति प्रदान करने का प्रावधान नहीं है, अपितु अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) में नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में जिला ग्वालियर एवं रायसेन जिले में किसी भी प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक को क्रमोन्नति प्रदान नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार प्रक्रिया प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आश्वासनों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
116. ( क्र. 6515 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आयुक्त, आदिवासी विकास ने अपने आदेश क्रमांक/स्था-1/डी-3/1113/2020/11787, दिनांक 08.07.2020 और क्रमांक 16445, दिनांक 18.09.2020 द्वारा जाँच समिति किसकी अनुशंसा मानकर क्यों बनाई? (ख) क्या संगणक पद पर नियुक्ति देने की अनुशंसा करने के अधिकार सामान्य प्रशासन विभाग को थे? (ग) जब जाँच समिति ने संगणक की नियुक्ति को अवैध माना है तो कौन सा कार्यालय अथवा नियुक्तिकर्ता अधिकारी सेवा समाप्ति आदेश कब तक जारी करेगा? किस कारण से यह नियुक्ति तत्समय प्रभावशील भर्ती नियम के विपरीत नहीं थी? (घ) सेवा समाप्ति कर प्रकरण निराकृत नहीं करने के दोषियों के नाम और पद बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) संचालक, जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाऐं के पत्र क्र./स्था.1/नक्र./81/2018/5521 दिनांक 15.02.2018, पत्र क्रमांक 3104 दिनांक 1.10.2019 एवं पत्र क्रमांक 1565 दिनांक 4.09.2020 में की गई अनुशंसा अनुसार विधानसभा के आश्वासन की पूर्ति हेतु जाँच समिति गठित की गई। (ख) सेवा संबंधी मामलों में सामान्य प्रशासन विभाग के अभिमत के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) संचालक, जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाऐं में जाँच समिति के प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश का उत्तर जाँच समिति के प्रतिवेदन का परीक्षण उपरांत दिया जा सकेगा। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षकों की क्रमोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
117. ( क्र. 6520 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) को क्रमोन्नति प्रदान करने संबंधित क्या नियम प्रचलित हैं? (ख) सागर जिले में 2005 के उपरांत नियुक्त कितने प्राथमिक शिक्षकों, माध्यमिक शिक्षकों, उच्च माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति प्रदान की गई है? (ग) सागर जिले में कितने प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च शिक्षक को क्रमोन्नति दिया जाना लंबित है? संख्या बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में लंबित क्रमोन्नति आदेश कब तक जारी किए जायेंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) को क्रमोन्नति प्रदान करने का प्रावाधान नहीं है, अपितु अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) में नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग के लोक सेवकों को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान करने के संबंध में सक्षम स्तर से निर्देश जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) स्थानीय निकायों में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) में सुसंगत पदों पर दिनांक 01.07.2018 से नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में सागर जिले में 778 प्राथमिक शिक्षकों को प्रदत्त क्रमोन्नति के आदेश को संचालनालय के पत्र दिनांक 08.03.2021 के द्वारा स्थगित किया गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के अनुसार। प्रक्रिया प्रचनल में है,समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माझी जनजाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा प्राप्त की जाना
[जनजातीय कार्य]
118. ( क्र. 6521 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 06.03.1998 एवं 01.01.2018 को धीवर, कहार, भोई केवट, मल्लाह जाति के व्यक्ति जिन्होंने माझी जनजाति के प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा प्राप्त कर ली है, उन कर्मचारियों को संरक्षण, शासकीय सेवा से नहीं हटाने के आदेश शासन के समस्त विभाग आदिम जाति कल्याण एवं गृह विभाग को निर्देश प्राप्त हुये हैं? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. आदिम जाति कल्याण विभाग छानबीन समिति एवं गृह विभाग अन्य विभागों के द्वारा इन जाति के कर्मचारियों के विरूद्ध क्यों कार्यवाही की जा रही है? मुख्यमंत्री जी की मंशा के विरूद्ध मार्च 1998 से जनवरी 2021 तक सेवा में रहते हुए हटाने के निर्णय या सेवा से हटाये गये विभागवार कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराई जाये। (ग) क्या आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क. ज.पं. समिति/1475/2014/8802, दिनांक 05.04.2019 द्वारा छानबीन समिति दिनांक 18.03.2019 के निर्णय अनुसार सीहोर निवासी किशनलाल को वंशानुगत व्यवसाय मछली मारना, नाव चलाना, समुदाय को माझी जनजाति मान्य किया गया है? छानबीन समिति दिनांक 19.01.2018 प्रकरण क्र. 336/2006 के निर्णय अनुसार सतना निवासी कु. बबीता रायकवार को माझी जनजाति मान्य किया गया है? छानबीन समिति दिनांक 20.07.2018 प्रकरण क्र. 1316/2016 के निर्णय अनुसार दतिया निवासी श्री अशोक कुमार रायकवार को माझी जनजाति नहीं मान्य किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो आदिम जाति कल्याण विभाग छानबीन समिति के द्वारा इन जाति के अन्य वंशानुगत व्यवसाय मछली मारना, नाव चलाना, समुदाय के एक ही जाति के रायकवार कर्मचारियों विरूद्ध क्यों कार्यवाही की जा रही है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 7-4/98/आ.प्र./एक भोपाल, दिनांक 06 मार्च, 1998 एवं पत्र क्रमांक एफ 7-47/2016/आ.प्र./एक दिनांक 01 जनवरी, 2018 में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि धीवर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद आदि के जिन व्यक्तियों द्वारा मांझी अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दिनांक 11.11.2005 के पूर्व नौकरी प्राप्त की है, ऐसे कर्मचारियों को संरक्षण प्रदान किया जाये। उक्त दिनांक के पश्चात् उन्हें अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत नहीं मानते हुए लाभ नहीं दिया जावेगा। (ख) जी नहीं। वर्ष 1998 से 2021 तक सेवा में रहते हुए कर्मचारियों के गुण-दोषों के आधार पर निर्णय पश्चात् संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। सूची उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। 1. श्री किशनलाल एवं कु. बबीता रायकवार के प्रकरण में पुलिस अधीक्षक की रिर्पोट एवं अनावेदक द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों के आधार पर मांझी जनजाति मान्य किया गया। 2. श्री अशोक कुमार रायकवार के प्रकरण में अनावेदक द्वारा पुलिस जाँच के दौरान प्रस्तुत अभिलेखों के आधार पर अनुसूचित जनजाति सिद्ध नहीं पाया गया। (घ) प्रकरणों में समाज शास्त्रीय, मानव शास्त्रीय, पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन, अनावेदक द्वारा प्रस्तुत अभिलेख तथ्यों/साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लिया जा रहा है।
प्रदेश के अभयारण्यों के अंतर्गत मांसाहारी/शाकाहारी जीवों की संख्या
[वन]
119. ( क्र. 6536 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किस-किस अभयारण्य में कितने-कितने मांसाहारी तथा कितने-कितने शाकाहारी जीव हैं? नियमानुसार एक मांसाहारी जीव पर कितने शाकाहारी जीव होना चाहिये तथा इसका संतुलन किस प्रकार किया जाता है? (ख) वर्ष 2018-2019 से 2020-2021 तक प्रत्येक अभयारण्य में कितना-कितना खर्च किया गया? वर्षवार राशि बतावें। (ग) वर्ष 2018-2019 से 2020-2021 तक किस-किस अभयारण्य में कितने-कितने अनुसूची तक के जीव की मृत्यु किस-किस कारण से हुई, इसमें सामान्य और असामान्य मृत्यु कितनी कितनी है? (घ) वर्ष 2018-2019 से 2020-2021 तक किस-किस अभयारण्य में कितने विजीटर आये तथा उनसे कुल कितनी कितनी आय हुई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) अखिल भारतीय बाघ अन्य सहभक्षी तथा शाकाहारी वन्यप्राणियों के जारी आंकलन 2018 आंकड़ों के अनुसार अभयारण्यवार बाघों की संख्या तथा जलीय मांसाहारी जीव मगर एवं घड़ियालों की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अन्य मांसाहारी एवं शाकाहारी जीवों की संख्या अभयारण्यवार संधारित नहीं की जाती है। मांसाहारी एवं शाकाहारी जीवों की संख्या अनुपात संबंधित कोई नियम नहीं है। वन्यजीवों का आपसी संतुलन एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 (अ) एवं (ब) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
दिव्यांग/नि:शक्तजनों को शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
120. ( क्र. 6559 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में दिव्यांगों/नि:शक्तजनों को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं एवं इन सुविधाओं के क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या नियम/शर्तें निर्धारित की गई है? (ख) दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने दिव्यांग हैं, जिन्हें पंजीयन कराने के बाद भी ट्राईसिकल एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त नहीं होने एवं वृद्धावस्था को वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त नहीं होने के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त अवधि में भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने दिव्यांगों/नि:शक्तजनों को किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया? हितग्राहियों के नाम, पता सहित पूर्ण विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक 15 हितग्राहियों द्वारा सहायक उपकरण की सुविधा प्राप्त नहीं होने की तथा 25 हितग्राहियों द्वारा वृद्धा पेंशन प्राप्त नहीं होने की शिकायत की गई है। पात्रतानुसार पेंशन का भुगतान किया गया है तथा ट्रायसाईकिल एवं अन्य सुविधाओं का वितरण किया गया है। (ग) उक्त अवधि में भिण्ड जिले के लहार विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 1239 दिव्यांगजनों को नि:शक्त पेंशन, 03 दिव्यांगजनों को नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना तथा 02 बधिर दिव्यांगों को श्रवण यंत्र प्रदाय किये गये हैं। एलिम्कों सहायक उत्पादन केन्द्र जबलपुर द्वारा माननीय सासंद निधि से सी.आर.सी. योजनांतर्गत 17 दिव्यांगजनों को बैट्री चलित ट्रायसाईकिलों का वितरण किया गया है। हितग्राहियों के नाम एवं पते सहित पूर्ण विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
छात्रावास/आश्रम सामग्री में व्यय राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
121. ( क्र. 6560 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत कितने एवं कहां-कहां अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावास/आश्रम संचालित हैं एवं उनमें कितना-कितना स्टाफ कार्यरत है एवं उनमें कितने-कितने छात्र/छात्राएं निवासरत हैं? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त छात्रावासों/आश्रमों में विगत तीन वर्षों में सामग्री प्रतिपूर्ति मद में शासन द्वारा कितनी राशि प्रदान की गई एवं कितनी राशि व्यय की गई? संस्थावार एवं वर्षवार विवरण दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) छात्रावासों में सामग्री पूर्ति हेतु जिला स्तर पर आवंटन प्राप्त होता है। संस्थावार आवंटन प्रदान नहीं किया जाता है। सामग्री पूर्ति मद में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
टीकमगढ़ जिलांतर्गत संचालित छात्रावास एवं आश्रम
[अनुसूचित जाति कल्याण]
122. ( क्र. 6565 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावास एवं आश्रय कहां-कहां और कब-कब खोले गये थे और कितने क्षेत्रफल में छात्रावास एवं आश्रम बने हैं? प्रत्येक निर्माण में कितनी-कितनी भवन राशि स्वीकृत की गई थी? कितनी राशि व्यय कर यह कब बनाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक जिले में कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत से, कितनी-कितनी राशि से, किस खसरा नं. की कितनी भूमि पर सामुदायिक भवन विभागों के बनाये जा चुके हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये कि जिले में जो छात्रावास एवं भवन बनाये गये हैं? वह कहां-कहां और किस खसरा नं. के कितनी-कितनी भूमि, क्षेत्रफल में बने हैं और प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां के बनाये जाना शेष है? इसमें कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी एवं अन्य कब से एवं प्रश्न दिनांक तक पदस्थ हैं? सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि छात्रावास एवं आश्रमों के लये भवन राशि स्वीकृत की जावेगी तो कब तक एवं नवीन सामुदायिक भवनों के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की जावेगी तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'स' अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजपत्रित सेवा द्वितीय श्रेणी के पद का वेतनमान
[वन]
123. ( क्र. 6589 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2006 से राजपत्रित सेवा द्वितीय श्रेणी के पदों को 6500-10500 का वेतनमान स्वीकृत किया है? (ख) क्या म.प्र. के वनक्षेत्रपाल जुलाई 1997 से राजपत्रित द्वितीय श्रेणी अधिकारी का दर्जा प्राप्त है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वनक्षेत्रपालों को 1998 के भर्ती नियम में संशोधन के बाद लोक सेवा आयोग की चयन सूची से वरीयता निर्धारण हेतु राज्य शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों को पालन हेतु निर्देश दिये थे या नहीं? (घ) क्या वनक्षेत्रपाल/तहसीलदार/पुलिस निरीक्षक वर्ष 1997 से 2006 तक रूपये 5500-9000 का एक समान वेतन प्राप्त कर रहे थे तो फिर 2006 के बाद वेतन पे-ग्रेड में असमानता क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) मध्य प्रदेश शासन गृह विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-2 (अ) 332/2006/बी-4/दो, दिनांक 08.11.2007 द्वारा पुलिस निरीक्षक एवं राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 14-13/01/शास-4-ए, दिनांक 18.10.2007 द्वारा तहसीलदारों को रूपये 6500-200-10500 वेतनमान स्वीकृत किया गया। वन विभाग के वनक्षेत्रपालों को रूपये 5500-175-9000 वेतनमान देय है। (ख) जी हाँ। (ग) वनक्षेत्रपाल हेतु वर्ष 1998 का कोई भर्ती नियम नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 3-84/92/3/1 दिनांक 20.04.1998 के तहत मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की शर्तें) नियम 1961 के नियम-12 में किये गये संशोधन (अधिसूचना दिनांक 02 अप्रैल, 1998) की प्रति समस्त विभाग को प्रेषित की गई। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किये गये संशोधन के पश्चात् लोक सेवा आयोग की चयन सूची के अनुसार वरीयता निर्धारित की जा रही है। (घ) वित्त विभाग द्वारा राज्य वेतन आयोग की अनुशंसाओं पर मंत्री परिषद से प्राप्त आदेश में वनक्षेत्रपाल संवर्ग को मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित नायब तहसीलदार एवं उप निरीक्षक सापेक्षता मानी गई तथा तद्नुसार वेतनमान उन्नयन की अनुशंसा को मान्य नहीं किया गया।
विवादित भूमि पर स्कूल का पंजीयन
[स्कूल शिक्षा]
124. ( क्र. 6605 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम-पिपलिया, पटवारी-हल्का-नंबर 19, तहसील-बुधनी, जिला-सीहोर भूमि-खसरा-नंबर 51/2, 52/2, 53, 54, 55/2, 55/4, 55/6 भूमि पर The Shivhare International School पंजीकृत है? उक्त स्कूल कितने कक्षा तक संचालन हेतु किस नियम के तहत किस नाम से किसके मालिकाना में किन कार्यों के लिए पंजीकृत एवं मान्यता प्राप्त है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) शैक्षणिक संस्थानों के पंजीकरण एवं मान्यता देने के दौरान उसके संचालक/संस्थापक/कर्ता-धर्ता के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामले, शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण/संचालन में लगने वाली राशि, भूमि इत्यादि का जाँच किया जाता है? नियम/प्रक्रियाओं समेत समस्त ब्यौरा दीजिए। यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) की भूमि को न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 बुधनी जिला-सीहोर में वाद क्रमांक 11ए/14 प्रकरण में उक्त जमीन को फर्जी निष्पादन पाया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में दर्ज स्कूल विवादित भूमि पर पंजीकृत है? उक्त भूमि के विवादित होने पर भी The Shivhare International School को पंजीकरण एवं मान्यता प्रदान करने वाले किस अधिकारी की क्या जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार इत्यादि में लिप्त नैतिक रुप से पतित व्यक्ति को शैक्षणिक संस्थान संचालन/स्थापना के लिए पंजीकरण एवं मान्यता प्रदान करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो कब तक The Shivhare International School का पंजीकरण एवं मान्यता रद्द कर संचालक/संस्थापक के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित ब्यौरा दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। उक्त स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा-01 से 08 तक मान्यता प्राप्त है। मां इच्छापूर्ति शिक्षा समिति शाहगंज द्वारा विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। यह समिति, शिक्षा के संपूर्ण क्षेत्र-विद्यालयीन, महाविद्यालयीन, औपचारिक एवं औपचारिकेत्तर शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा एवं कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करने हेतु संस्थानों की स्थापना करने एवं अन्य आवश्यक गतिविधियां चलाने सहित अन्य कार्यों के लिए पंजीकृत है। संस्था को कक्षा 9वीं तथा 10वीं की संबंद्धता सी.बी.एस.ई. से प्राप्त है। उक्त शाला की पंजीकृत समिति मॉ इच्छापूर्ति शिक्षा समिति शाहगंज को मान्यता उनके द्वारा दिये गये आवेदन पर प्रदान की गई है। उक्त समिति म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट 1973 के अधीन पंजीकृत है। (ख) शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं शिक्षा का अधिकार नियम 2011 के अन्तर्गत प्रायवेट स्कूलों के लिए मान्यता की शर्तों में संचालक/संस्थापक/कर्ताधर्ता के विरूद्ध आपराधिक मामले की जाँच का कोई प्रावधान नहीं है। पंजीकरण का संबंध रजिस्ट्रार फर्म्स एवं सोसायटी से है। शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता दिये जाने के संबंध में प्रश्न में अंकित कार्यवाही की जाती है। संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण के द्वारा दल गठित कर संस्था का निरीक्षण कराया जाकर माध्यमिक शिक्षा मण्डल से संबंद्धता हेतु मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक मान्यता नियम, 2017 तथा संशोधित नियम, 2020 के तहत मापदण्डों की पूर्ति किये जाने पर मान्यता दिये जाने के संबंध में निर्णय लिया जाता है तथा सी.बी.एस.ई. विद्यालयों के लिये सी.बी.एस.ई. द्वारा जारी संबंद्धता नियमों के तहत निर्णय लिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कलेक्टर सीहोर द्वारा अपर कलेक्टर (विहित प्राधिकारी) को प्रकरण की जाँच सौंपी गयी है। (घ) मान्यता प्रदान करने के दिनांक तक भूमि विवाद संबंधी जानकारी प्रकाश में नहीं थी। प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार भूमि विवाद संबंधी जाँच अपर कलेक्टर (विहित प्राधिकारी) को सौंपी गयी है। (ड.) विद्यालय को कक्षा 01 से 08 तक की मान्यता शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 में किए गये प्रावधान अनुसार जारी की गई है। संचालक के विरूद्ध धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार संबंधी काई जानकारी प्रकाश में नहीं है।