मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2022 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 23 दिसम्बर, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कटनी
जिले में
खाद्यान्न
उपार्जन
[सहकारिता]
1. ( *क्र. 1558 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2142, दिनांक 14.03.2022 के उत्तरानुसार उद् भूत तथ्यों से कोई अनियमितता ज्ञात हुई और प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो विवरण बताइये? यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने का कारण बताइये? (ख) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3138, दिनांक 17.03.2022 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर ''कटनी जिले में राशि रुपये 68321756/-की क्षति हुई है'' था? यदि हाँ, तो उल्लेखित क्षति किन-किन प्रकरणों में किन-किन शासकीय सेवकों की किन-किन जांच प्रतिवेदनों के आधार पर आकलित की गयी? विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) विगत तीन वर्षों में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन के खरीदी केन्द्रों में कौन-कौन से केंद्र/खरीदी प्रभारी एवं अन्य कर्मचारी पदस्थ/कार्यरत रहे,? (घ) क्या प्रश्नांश ''ग'' में केंद्र/खरीदी प्रभारियों पर अनियमितता के प्रकरण दर्ज हैं? यदि हाँ, तो किन-किन प्रभारियों पर तथा किस अनियमितता के चलते? इन्हें आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 18.11.2022 को दिये गये निर्देश के बाद भी आगामी विपणन वर्ष में केंद्र/खरीदी प्रभारी नियुक्त करने का कारण बताइये। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में खाद्यान्न उपार्जन/परिवहन/भंडारण कार्यों में अनियमितताओं की शासन/विभाग स्तर से विशेष दल गठित कर समयबद्ध जांच और कार्यवाई की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि कटनी में अनियमिततायें वर्षों से लगातार ज्ञात हो रही हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
2. ( *क्र. 1607 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2021 की अवधि में आयुक्त सहकारिता के कार्यालय से जबलपुर एवं सागर संभाग की किन-किन गृह निर्माण समितियों के संदर्भ में उपायुक्त सहकारिता एवं अध्यक्ष गृह निर्माण समितियों को आपराधिक/प्रशासनिक कार्यवाही हेतु किन आरोपों पर नोटिस/सूचना पत्र जारी किये गये थे? समितिवार, सूचना पत्रवार, दिनांकवार जानकारी दें। (ख) क्या उक्त सूचना पत्रों को गृह निर्माण शाखा के प्रभारी संयुक्त आयुक्त के पी.ए. के स्तर पर जावक पंजी संधारित कर पी.ए. कक्ष से जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) इन नोटिस एवं सूचना पत्रों पर जारीकर्ता अधिकारी द्वारा क्या अंतिम निर्णय लिये गये? क्या उन्हें अपने स्तर पर लंबित रखा गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदसौर नवीन न्यायालय भवन का निर्माण
[विधि एवं विधायी कार्य]
3. ( *क्र. 1135 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में किन-किन स्थानों पर नवीन न्यायालय भवन के निर्माण के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए हैं? किन-किन स्थानों पर नवीन न्यायालय भवन के लिए भूमि आरक्षित की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या आरक्षित भूमि वाले स्थलों के लिए विभाग द्वारा बजट का आवंटन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो भवन की कुल लागत, टेंडर दिनांक, निर्माण एजेंसी का नाम, एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण अवधि दिनांक आदि जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) संदर्भित क्या प्रश्नकर्ता विधायक के विधानसभा क्षेत्र में याचिका क्रमांक 703 में बताया गया है कि मंदसौर में न्यायालय भवन हेतु माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर से वर्तमान में कोई प्रस्ताव मंदसौर न्यायालय भवन हेतु प्राप्त नहीं हुआ है? इस हेतु विभाग ने कब-कब पुन: माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर को पत्र लिख कर मंदसौर भवन के प्रस्ताव/जानकारी चाही है? विभागीय पत्र क्रमांक, दिनांक सहित जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ परिवारों हेतु मूलभूत सुविधा
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
4. ( *क्र. 1123 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1021 के (क) उत्तर में बताया गया कि जी हाँ, उक्त परिवार पुरानी तहसील के पास व इंदिरा नगर कॉलोनी के पास निवासरत है, उक्त स्थान पर सड़क, विद्युत, पेयजल आदि की व्यवस्था अस्थाई रूप से नगर पालिका द्वारा कराई गई है तथा (ख) में बताया गया कि उक्त समाज को मूलभूत सुविधा दी जा रही है तथा (घ) में बताया कि इस समुदाय के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है? जानकारी दें कि पूरक प्रश्न दिनांक से वर्तमान प्रश्न के दिनांक तक किस-किस हितग्राही को क्या-क्या मूलभूत सुविधा जैसे घरों के पास आन्तरिक सड़क, नल कनेक्शन, विद्युत कनेक्शन सुविधा उपलब्ध कराई? हितग्राही का नाम दर्शाते हुए उपलब्ध कराई सुविधा की जानकारी दें। (ख) मूल प्रश्न की कंडिका (घ) में यह उत्तर दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है, जानकारी दें कि प्रश्न दिनांक तक किस-किस हितग्राही को प्रधानमंत्री आवास किस-किस दिनांक को स्वीकृत हुए, कितनी राशि उपलब्ध करा दी तथा कितने प्रतिशत आवास का कार्य पूर्ण हो गया है? (ग) उक्त 22 परिवारों में से कितने परिवारों को राशन मिल रहा है व कितने परिवारों को पेंशन व शासन की अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है? सूची उपलब्ध करवाएं।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) पुरानी तहसील के पास निवासरत परिवारों के आवागमन हेतु पक्की सड़क निर्मित है व इंदिरा नगर कॉलोनी के पास निवासरत परिवारों के आवागमन हेतु कच्ची सड़क निर्मित है। उक्त निवासरत परिवारों के पेयजल हेतु 2000 लीटर की सीमेन्ट कांक्रीट की टंकी का निर्माण किया गया है। विद्युत विभाग द्वारा अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। अन्य सुविधा प्राप्त हितग्राहियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। हितग्राहियों के पास आवास संबंधित दस्तावेज न होने के कारण नगर पालिका द्वारा इन हितग्राहियों को राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
भोपाल गैस पीड़ितों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में शामिल किया जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
5. ( *क्र. 901 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भोपाल गैस पीड़ितों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में शामिल करने हेतु माननीय केन्द्रीय मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं रसायन एवं उर्वरक भारत सरकार) को पत्र क्रमांक 3059, दिनांक 08 सितम्बर, 2021 एवं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र क्रमांक 3058, दिनांक 08 सितम्बर, 2021 को अनुरोध किया था? (ख) यदि हाँ, तो माननीय केन्द्रीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 2331891, सितम्बर 2021 द्वारा समीक्षा किए जाने का आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो इस तारतम्य में मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद् की बैठक में भोपाल गैस पीड़ितों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो बैठक का एजेण्डा व उसकी प्रोसीडिंग उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 3395 एवं 3396, दिनांक 16.09.2022 को क्रमश: माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को आयुष्मान कार्ड में गैस पीड़ितों को बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता खत्म करने हेतु पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो अनिवार्यता कब तक खत्म कर दी जावेगी और यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में दायर जनहित याचिका क्रमांक 50/1998 में दिनांक 25.07.2021 एवं 17.01.2008 में पारित आदेश के परिपालन में भोपाल गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों के नि:शुल्क उपचार के संबंध में पत्र क्रमांक 1516, दिनांक 27.01.2021 द्वारा भारत सरकार, नई दिल्ली से अनुरोध किया गया था, जिस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा उनके पत्र क्रमांक S-12012/13/2021-RSBY, दिनांक 28.05.2021 द्वारा भोपाल गैस पीड़ितों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में शामिल करने के निर्देश दिए गए। आयुष्मान ''निरामयम'' मध्यप्रदेश योजना के अंतर्गत किये जा रहे जांच एवं उपचार में गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों को सम्मिलित किये जाने हेतु निर्णय से संबंधित आदेश दिनांक 28.01.2022 को जारी किया गया है जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता नहीं है।
आवंटित राशि पर व्यय की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
6. ( *क्र. 1583 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस योजना में कराया गया? निर्माण कार्य के मूल्यांकन एवं सत्यापन की सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें? ऐसे कितने कार्य हैं, जो अपूर्ण हैं, जिनका पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दी गई समयावधि में अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल, छात्रावास-आश्रम संचालित हैं, कितने जर्जर अवस्था में हैं, कितने किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांकित अवधि में इन प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों, छात्रावासों-आश्रमों में छात्र-छात्राओं के अध्ययन एवं रख-रखाव एवं अन्य सुविधाओं हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी राशि किस-किस पर व्यय की गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निर्माण कार्य के मूल्यांकन एवं सत्यापन की सूचीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 14 कार्य अपूर्ण हैं, जिनके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' के संबंध में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 618 प्राथमिक शालाएं, 182 माध्यमिक शालाएं, 31 छात्रावास तथा 24 आश्रम भवन संचालित हैं। कुल 133 भवन जर्जर अवस्था में हैं। 05 संस्था किराये के भवन में संचालित हो रही है। (ग) प्रश्नांश ''ग'' के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब' अनुसार है।
शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय
[जनजातीय कार्य]
7. ( *क्र. 1487 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले की शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय उकवा, कन्या शिक्षा परिसर, बैहर, परसवाड़ा को संचालन एवं निर्माण कार्य हेतु राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से कौन-कौन सी सामग्री कब-कब, कितनी-कितनी राशि की खरीदी की गई? क्रय आदेश की प्रति, किन-किन निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? किस एजेंसी से निर्माण कार्य कराया गया, उसके कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं को विभाग/शासन से प्राप्त राशि से व्यय संबंधी प्राप्त दिशा/आदेश की प्रति एवं किस-किस को वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकार प्रदत्त किये गये हैं, उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक प्राचार्य शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय उकवा, कन्या शिक्षा परिसर, बैहर परसवाड़ा को सामग्री क्रय हेतु प्राप्त राशि एवं उसके विरूद्ध क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सी.एम. राईज़ स्कूल की स्थापना
[जनजातीय कार्य]
8. ( *क्र. 1311 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सी.एम. राईज़ स्कूल योजना क्या है तथा इसमें स्कूलों के चयन हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) धार विधानसभा क्षेत्र में कितने सी.एम. राईज़ स्कूल चयनित किये गये हैं तथा उनमें से कितनों के लिये भूमि का चयन हो चुका है व कितने स्कूलों हेतु भवन की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? (ग) क्या जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका पीथमपुर व पीथमपुर तहसील मुख्यालय पर भी सी.एम. राईज़ स्कूल का चयन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्या विभाग दो लाख से अधिक जनसंख्या वाले पीथमपुर नगर में कार्यरत मजदूर व कामगारों के बच्चों को आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को विशेष परिस्थिति मानकर नवीन सी.एम. राईज़ स्कूल स्वीकृत करने हेतु पहल करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु नवीन शिक्षा नीति के दृष्टिगत सर्व संसाधन संपन्न विद्यालयों की स्थापना के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सी.एम. राईज़ योजना बनायी गई है। सी.एम.राईज़ अंतर्गत विद्यालयों का चयन हेतु मापदण्ड निर्धारण के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र./रा.शि.के./ई.एण्ड.आर./2020/60, दिनांक 28.09.2022 द्वारा विभागीय सी.एम. राईज़ विद्यालयों का चयन किया गया है, पत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धार विधानसभा अन्तर्गत 02 सी.एम. राईज़ स्कूल चयनित किये गये हैं। दोनो स्कूल सी.एम. राईज़ स्कूल तिरला हेतु एवं सी.एम. राईज़ स्कूल धार हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है। स्कूलों हेतु भवन की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मेडिकल कॉलेज, छतरपुर का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
9. ( *क्र. 1316 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण के क्रम में वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? क्या माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा निर्माण पर स्थगन दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या पूर्व में भी एक पक्षकार को भी माननीय न्यायालय स्थगन दे चुका था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में जब एक बार आवंटित भूमि पर स्थगन मिल चुका था तो निर्माण कार्य में अवरोध नहीं आये, इस हेतु प्रशासन ने क्या रणनीति बनाई? आवंटित भूमि के संबंध में कैविएट क्यों नहीं लगाई? (घ) मेडिकल कॉलेज छतरपुर के शीघ्र निर्माण एवं स्थगन के संबंध में शासन क्या रणनीति बनायेगी? बार-बार मिलने वाले स्थगन को देखते हुए कैविएट लगाने पर विचार होगा? (ड.) दतिया मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर ही मेडिकल कॉलेज छतरपुर के भवन निर्माण के दौरान अन्य भवनों का उपयोग कर आगामी सत्र 2023-24 में M.B.B.S. पाठ्यक्रम में प्रवेश देकर मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करवाने पर सरकार का क्या तर्क है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय छतरपुर के बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, जो वर्तमान में बन्द है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में स्थगन आदेश के विरूद्ध जवाब प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) न्यायालयीन निर्णयानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।
खाचरौद पुलिस द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
10. ( *क्र. 1389 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाचरौद थाने में मोनू मेहता के विरूद्ध अपराध क्रमांक 0492, दिनांक 08.09.2022 भारतीय दण्ड विधान की धारा 386, 384 के प्रावधानों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) मोनू मेहता पर झूठे प्रकरण दर्ज करने की जांच की मांग हेतु पुलिस अधीक्षक उज्जैन, खाचरौद अनुविभागीय अधिकारी को जैन समाज व अन्य सामाजिक संगठनों व श्रीमती मयूरी पराग मेहता द्वारा दिए गए ज्ञापन एवं शिकायतों पर क्या जांच की गई? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा जांच की गई है? जांच प्रतिवेदन की कॉपी उपलब्ध कराएं। मोनू मेहता प्रकरण में खाचरौद के वरिष्ठ व्यापारियों को पूछताछ पर किन तथ्यों के आधार पर बुलाया गया? बिना सर्च वारंट के मोनू मेहता के यहां पर रेड डाली गई एवं नियमों के विपरीत पुलिस प्रशासन द्वारा स्वयं खड़े रहकर उसका गोदाम तुड़वाया गया? यदि हाँ, तो किन नियमों, आदेशों के द्वारा कार्यवाही की गई, की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (ग) क्या शासन द्वारा प्रत्येक पुलिस थाने में आमजनता के आवेदन, प्रार्थना पत्र शिकायत प्राप्त करने के नियम व कार्यवाही करने के नियम बनाए गए हैं? यदि हाँ, तो नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। क्या प्रार्थना पत्र पर आवक-जावक करने के निर्देश प्रदान किए गए हैं? यदि हाँ, तो निर्देश/आदेश की कॉपी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो आवेदन शिकायत क्यों प्राप्त की जाती है? (घ) जिला पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस द्वारा पुलिस थाने के आमजनता के शिकायत/प्रार्थना पत्र के आवक-जावक रजिस्टर व रोजनामचा का निरीक्षण करने के शासन के आदेश हैं? यदि हाँ, तो आमजनता की शिकायत की विगत 1 वर्ष का निरीक्षण प्रतिवेदन एवं आवेदनों/प्रार्थना पत्रों के निस्तारण की जानकारी जिन पर कार्यवाही की गई है तथा ऐसे कितने पत्र हैं, जिनकी आज दिनांक तक जांच नहीं की गई है? आवेदनकर्ता के नाम सहित विवरण दें। (ड.) सुप्रीम कोर्ट ने 2006 प्रकाश सिंह व अन्य की याचिका पर पुलिस कम्पलेंट आयोग बनाने के निर्देश प्रत्येक राज्य को दिए गए थे? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा पुलिस कम्पलेंट आयोग बनाया गया है? यदि हाँ, तो कब गठन किया गया है? विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? पुलिस कम्पलेंट आयोग हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (च) सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिसम्बर 2020 के फैसले के माध्यम से गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में आई.पी. आधारित सी.सी.टी.वी. निगरानी प्रणाली को लागू करने के लिए सभी राज्य पुलिस बलों को तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया था? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जैन समाज व अन्य सामाजिक संगठनों व श्रीमती मयूरी पराग मेहता द्वारा दिये गये ज्ञापन एवं शिकायत पत्र की जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) खाचरौद के द्वारा की गई है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। थाना खाचरौद पर मोनू मेहता प्रकरण से संबंधित किसी भी वरिष्ठ व्यापारी को पूछताछ हेतु नहीं बुलाया गया है। दिनांक 28.08.2022 को अप.क्र. 473/2022 धारा 4 (क) सट्टा एक्ट का पंजीबद्ध किया गया था, जिसमें अन्य आरोपी नितेश कासनिया के मेमोरेण्डम, कथन के आधार पर क्राईम ब्रांच उज्जैन श्री विनोद मीणा भा.पु.से. व राजपत्रित अधिकारी अ.अ.पु. श्रीमती पुष्पा प्रजापत के हमराह स्थानीय पुलिस थाना खाचरौद द्वारा उपस्थित मोनू उर्फ पराग मेहता के घर पर बरामदगी हेतु कार्यवाही की गई। दबिश की कार्यवाही में राजपत्रित अधिकारी के हमराह होने से उक्त कार्यवाही हेतु सर्च वारंट प्राप्त नहीं किया गया। बिना अनुमति निर्मित शिवाजी मार्ग स्थित भवन को हटाये जाने के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी खाचरौद द्वारा पत्र क्रमांक/नि.शा./2022/1464, दिनांक 14.09.2022 पुलिस बल उपलब्ध कराने हेतु थाना प्रभारी खाचरौद को प्रेषित किया गया था, जिस पर सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था हेतु पुलिस बल उपलब्ध कराया गया था। मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अतः पुलिस द्वारा नियम विपरीत गोदाम तुड़वाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विभिन्न विधिक प्रावधानों एवं नियमों जैसे धारा 154 दण्ड प्रक्रिया संहिता (द.प्र.सं.), 155 द.प्र.सं., 174 द.प्र.सं., पुलिस रेग्युलेशन की कंडिका 418, 419, 496, 710, 714 में थाने पर प्राप्त संज्ञेय अपराध, असंज्ञेय अपराध, अकाल मृत्यु की सूचना, आगजनी, गुम व्यक्ति, संपत्ति एवं दस्तावेज के संबंध में सूचना अथवा आवेदन पत्र प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही करने के प्रावधान है। आम जनता के आवेदन, शिकायत प्राप्त करने के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा परिपत्र क्रमांक-पु.मु./शिका./विविध/3003/18, दिनांक 04.07.2018 के माध्यम से निर्देश प्रदेश के समस्त पुलिस थानों के लिए पालनार्थ जारी किये गये हैं। उपरोक्त विधिक प्रावधानों, नियमों एवं परिपत्र की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 871 से 874 में जिला पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस द्वारा पुलिस थानों तथा थाने के अभिलेखों का निरीक्षण करने का प्रावधान है। थाना खाचरौद में विगत 01 वर्ष अवधि में अति. पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा निरीक्षण किया गया है, जिसमें आवेदन, शिकायत पत्र के अभिलेख शामिल है। वर्तमान में ऐसा कोई आवेदन/प्रार्थना पत्र नहीं है, जिसकी जांच नहीं की जा रही है। आवेदन/शिकायत पत्रों के संदर्भ में निरीक्षण प्रतिवेदन का अंश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं जांच में लंबित आवेदन/शिकायत पत्रों के आवेदकगण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (ड.) प्रकाश सिंह बनाम भारतीय संघ के सर्वोच्च न्यायालय में दिये गये निर्देशों के क्रियान्वयन के संबंध में मध्यप्रदेश शासन द्वारा पृ. क्रमांक एफ 1-7/2010/ब-2/दो, दिनांक 30.08.2010 से जिला स्तर पर जिला शिकायत बोर्ड गठन किया जा चुका है, जबकि राज्य स्तर पर स्वतंत्र आयोग जैसे :- राज्य मानव अधिकार आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, राज्य महिला आयोग, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, लोकायुक्त संगठन, राज्य अपराध प्रकोष्ठ पुलिस के विरूद्ध जांच हेतु पृथक से गठित है। उक्त आधार पर राज्य स्तर पर पुलिस शिकायत बोर्ड का गठन नहीं किया गया है। (च) जी हाँ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में मध्यप्रदेश के 1659 थानों/चौकियों में सी.सी.टी.व्ही. सिस्टम स्थापित करने का क्रयादेश फर्म मेसर्स टी.सी.आई.एल. लिमिटेड को दिनांक 27.12.2021 को जारी किया गया था। फर्म का विभाग से दिनांक 27.12.2021 को अनुबंध हो चुका था। फर्म के द्वारा वर्तमान में मध्यप्रदेश के समस्त जिलों के थाना/चौकियों में सी.सी.टी.व्ही. सिस्टम स्थापना का कार्य जारी है।
राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त अधिकारी/कर्मचारी की पदोन्नति/पदक भत्ता
[गृह]
11. ( *क्र. 1394 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई अथवा नहीं, जबकि पूर्व में म.प्र. में ही जीवन रक्षक पद प्राप्त कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई थी, तो राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों? (ख) क्या राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों को भविष्य में कोई पदोन्नति दी जावेगी अथवा नहीं, अगर पदोन्नति दी जावेगी तो पदक प्राप्ति दिनांक से ही पदोन्नति दी जावेगी अथवा आगामी दिनांक को आधार मानकर? (ग) क्या भविष्य में राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले पदक भत्ते में वृद्धि की जायेगी? अगर हाँ तो कब व कितनी वृद्धि की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पदोन्नति सामान्यत: ''वरिष्ठता सह उपयुक्तता'' के आधार पर दी जाती है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) के आदेश क्रमांक 355, दिनांक 20 अगस्त, 2019 में विनियम 70 (ख) प्रावधानित है, जिसमें नक्सल विरोधी अथवा आतंकवाद विरोधी अभियान में अदम्य साहस और जान जोखिम में डालने वाला हो जो कि अपनी विशिष्टता प्रदर्शित करने के आधार पर क्रम से पूर्व पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है। राष्ट्रपति वीरता पदक एवं जीवन रक्षक पदक जिन घटनाओं के आधार पर दिया जाता है, अगर उन घटना पर प्रस्ताव इकाई प्रमुख के माध्यम से क्रम से पूर्व पदोन्नति हेतु प्राप्त होता है तो ऐसे प्रकरणों में समिति द्वारा सक्षम स्तर पर परीक्षण किया जाकर क्रम से पूर्व नियमानुसार पदोन्नति दी जाती है। अत: यह कहा जाना सही नहीं है कि राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों के साथ जीवन रक्षक पदक प्राप्त कर्मचारियों की अपेक्षा भेदभाव किया जाता है। (ख) जिस घटना पर वीरता का परिचय देने पर संबंधित कर्मचारी को राष्ट्रपति पदक प्रदाय किया जाता है, अगर उसी घटना से संबंधित क्रम से पूर्व पदोन्नति का प्रस्ताव इकाई स्तर से प्राप्त होता है, तो सक्षम स्तर पर उसकी समीक्षा की जाकर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। क्रम पूर्व पदोन्नति वर्तमान में 70 (ख) के अनुसार केवल नक्सल विरोधी अभियान अथवा आतंकवादी विरोधी अभियान में दी जाती है। अत: अनुशंसित कार्य का इस श्रेणी में होना आवश्यक है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों में पुलिस की उदासीनता
[गृह]
12. ( *क्र. 1572 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गत तीन वर्षों में 21 साल तक के बच्चे एवं वयस्क के लापता होने, छेड़छाड़/रेप के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? इनमें भोपाल एवं इंदौर के कितने प्रकरण हैं? इनमें 12 से 21 वर्ष की कितनी लड़कियां हैं? इतने ज्यादा प्रकरण होने पर क्या माना जा सकता है? क्या पुलिस अपना कार्य ठीक से नहीं कर पा रही है एवं अपराधियों को शासन का संरक्षण प्राप्त है? (ख) भोपाल एवं इंदौर में गत 3 वर्षों में दर्ज अपराधों की संख्या वर्षवार, जिलेवार देवें एवं आयुक्त प्रणाली लागू करने के बाद से एक वर्ष में कितने प्रकरण दर्ज हैं? अंतर स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में तथा इन्दौर एवं भोपाल में गत 03 वर्षों में 21 वर्ष तक के बच्चें एवं वयस्क के लापता होने, छेड़छाड़ और रेप के प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इनमें 12 से 21 वर्ष की लड़कियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पुलिस अपना कार्य ठीक से कर रही है, अपराधियों को शासन में कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
जनऔषधि सहकारी संघ को नियम विरूद्ध आर्थिक सहायता
[सहकारिता]
13. ( *क्र. 1191 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जनऔषधि सहकारी संघ को सहकारिता विभाग द्वारा कितनी अंशपूंजी किस प्रावधान के अंतर्गत कब दी गई? अंशपूंजी दिये जाने के मापदण्ड क्या थे? (ख) अंशपूंजी दिये जाते समय संस्था के कुल कितने सदस्य थे और उनके द्वारा जमा की गई अंशपूंजी कितनी थी? (ग) क्या सदस्यों की अंशपूंजी निर्धारित मापदण्ड अनुसार 2.5 लाख रूपये नहीं थी? यदि हाँ, तो निर्धारित मापदण्डों के विपरीत जनऔषधि सहकारी संघ को आर्थिक सहायता किस आधार पर स्वीकृत की गई, इसके लिए कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) मध्यप्रदेश जन औषधि सहकारी संघ को विभाग द्वारा 5.00 लाख अंशपूंजी योजना क्रमांक 6684 (नवीन सहकारी समितियों को अंशपूंजी सहायता) के अन्तर्गत दिनांक 26.11.2020 को प्रदाय की गई। अंशपूंजी दिये जाने के मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अंशपूंजी दिये जाते समय संस्था के कुल 38 सदस्य थे और उनके द्वारा जमा की गई अंशपूंजी 2.87 लाख थी। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
तहसील सिहावल एवं बहरी में व्यवहारवाद न्यायालय की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
14. ( *क्र. 1579 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिहावल अन्तर्गत तहसील सिहावल एवं बहरी में व्यवहारवाद न्यायालय के स्थापना की मांग ग्रामीणों द्वारा की जाती है, जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर पत्राचार किया गया एवं प्रश्न पूछे गये, किन्तु शासन द्वारा मांग पूरी करने में सार्थक प्रयास क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) म.प्र. शासन विधि और विधायी कार्य विभाग का पत्र क्रमांक 6067/2019/21/c (एक) भोपाल, दिनांक 27.11.2019 एवं पत्र क्रमांक 5756/2019/21/c (एक) भोपाल, दिनांक 07.11.2019 के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ग) विधानसभा क्षेत्र सिहावल अन्तर्गत तहसील सिहावल एवं बहरी में व्यवहारवाद न्यायालय की स्थापना कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवेदन पर कार्यवाही
[गृह]
15. ( *क्र. 1601 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना प्रभारी कोतमा जिला अनूपपुर को दिनांक 30.06.2022 को आवेदक राममिलन पिता मनासिंह व फूलमती बाई पति मनासिंह द्वारा दिए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? उत्तर दिनांक की स्थिति में अद्यतन स्थिति देवें। (ख) क्या कारण है कि 05 माह का समय होने के बाद भी आवेदन में उल्लेखित अवैध निर्माणकर्ताओं पर कोई कार्यवाही नहीं की गई एवं न ही अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया? (ग) कब तक प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही की जायेगी? कब तक इस प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तारी की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदकगण राममिलन व फूलमती बाई निवासी गोविन्दा जिला अनूपपुर द्वारा जमीन विवाद के संबंध में दिनांक 30.06.2022 को आवेदन पत्र थाना एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा को दिये गये थे। आवेदन की जांच में मामला दीवानी प्रकृति का होकर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में विचाराधीन होना पाया गया। प्रकरण में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा द्वारा यथा स्थिति बनाये रखने हेतु दिनांक 01.08.2022 को स्थगन आदेश भी जारी किया गया है। वर्तमान में मामला न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में विचाराधीन है। (ख) आवेदकगण राममिलन व फूलमती बाई का जमीन संबंधी उक्त प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय राजस्व न्यायालय द्वारा लिया जाना है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में धारा 170 (ख) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के तहत मामला दर्ज होकर विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय राजस्व न्यायालय द्वारा लिया जाना है।
एफ.आई.आर. पर कार्यवाही
[गृह]
16. ( *क्र. 1469 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्व. अंकित पिता देवी सिंह भील, ग्राम खिराला, पुलिस चौकी बोरगांव, जिला खण्डवा की मृत्यु कब हुई है और मृत्यु के क्या कारण हैं? (ख) श्री देवीसिंह भील ने कब-कब पुलिस चौकी एस.पी. खण्डवा को आवेदन दिया है? उसके आवेदन में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या देवी सिंह के आवेदन के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है, अगर हाँ तो एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई और अगर नहीं तो देवी सिंह द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु आवेदन क्यों दिया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) स्व. अंकित पिता देवी सिंह भील, ग्राम खिराला, पुलिस चौकी बोरगांव, जिला खण्डवा की मृत्यु दिनांक 04.09.2022 के रात 11.30 बजे से दिनांक 05.09.2022 के मध्य शव परीक्षण प्रतिवेदन अनुसार करंट लगने से हुई। (ख) श्री देवीसिंह भील ने पुलिस चौकी में कोई आवेदन नहीं दिया। श्री देवीसिंह भील ने पुलिस अधीक्षक खंडवा को दिनांक 04.11.2022 में आवेदन पत्र दिया है। आवेदन पत्र के पूर्व ही मर्ग क्रमांक 72/22 धारा 174 जाफौ की जांच पर से अपराध क्रमांक 510/22 धारा 304-ए भा.द.वि. का दिनांक 13.10.2022 को कायम कर आवेदन दिये गये, आवेदन को विवेचना में शामिल किया गया। विवेचना के दौरान आरोपीगण 1. धर्मेन्द्र तिवारी, 2. विक्रम मोरे, 3. विनोद राम कहार को धारा 41-क जाफौ का नोटिस देकर उपस्थिति ली गई। प्रकरण विवेचना में है। (ग) यह सही है कि देवी सिंह के आवेदन के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। आवेदन पत्र के पूर्व ही मर्ग क्रमांक 72/22 धारा 174 जाफौ की जांच के दौरान साक्ष्य के आधार पर दिनांक 13.10.2022 को अपराध क्रमांक 510/22 धारा 304-ए भा.द.वि. का प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया है।
मध्यप्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेज
[चिकित्सा शिक्षा]
17. ( *क्र. 1098 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित 667 नर्सिंग कॉलेजों में से 2020-21 से 130 एवं वर्ष 2021-22 में 130 नर्सिंग कॉलेजों को मध्यप्रदेश काउन्सिल द्वारा अमानक माना गया है? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा गठित जांच समिति द्वारा जिन 200 नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया गया, उनमें से 70 कॉलेज अमानक पाए गए एवं दिनांक 18 अगस्त, 2022 को राज्य सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय को जांच रिपोर्ट सौंपकर 94 कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी गई? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने दिनांक 23 अगस्त, 2022 को मध्यप्रदेश नर्सिंग काउन्सिल के रजिस्ट्रार को निलंबित कर प्रशासक नियुक्त करने के आदेश दिए थे? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेज की मान्यता की किसी निष्पक्ष एजेन्सी से जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों एवं कॉलेज संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2020-21 में 667 में से 23 नर्सिंग संस्थाओं को अमानक पाये जाने पर मान्यता समाप्त की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं सत्र 2021 -22 में 119 नर्सिंग कॉलेजों को अमानक पाए जाने के कारण मान्यता समाप्त की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) जी हाँ। 94 नर्सिंग संस्थाओं को सत्र 2020-21 में मान्यता प्रदान नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (घ) प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 1080/2022, माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है।
आपराधिक प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
18. ( *क्र. 1136 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 141, दिनांक 09 अगस्त, 2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा किन-किन प्रश्नों के बिंदुओं पर उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही, लेख किया था? (ख) क्या उक्त जानकारी को एकत्रित कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो जानकारी की प्रति उपलब्ध कराई जाए? (घ) यदि नहीं, तो क्यों सक्षम अधिकारी द्वारा जानकारी एकत्रित करने में विलंब किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या विलंब से जानकारी एकत्रित करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला छतरपुर को मनोज अग्रवाल द्वारा दिनांक 01.12.2020 को शिकायत की थी? (छ) यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम के अनुसार शिकायतकर्ता को शिकायत पर की गई कार्रवाई से अवगत या जानकारी दी गई थी? (ज) यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (झ) क्या द्वारका पौराणिक द्वारा कराई गई एफ.आई.आर. में नंदी सर्राफ, मंदिर पब्लिक ट्रस्ट के सदस्य के संबंध में पवन अग्रवाल द्वारा सिटी कोतवाली को शिकायत की गई थी? (ञ) यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत पर एफ.आई.आर. की गई थी? (ट) यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ठ) क्या शासन के नियम अनुसार आपराधिक प्रकरण में झूठी जानकारी देने वाले के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जाता है? (ड.) क्या उक्त आवेदन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा? (ज) यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ज) जानकारी संकलित की जा रही है।
यूरिया खाद का प्रदाय
[सहकारिता]
19. ( *क्र. 343 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक रबी की फसल के लिए सोसायटी के माध्यम से बिक्री के लिए कितनी-कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद उपलब्ध कराई गई है? (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में रबी की फसल के लिए कितनी-कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद की आवश्यकता है? (ग) किसानों को सोसायटी के माध्यम से नगद राशि में खाद उपलब्ध नहीं कराने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्न दिनांक तक रबी की फसल के लिए कितनी-कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद कितने किसानों को वितरित की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
20. ( *क्र. 1029 ) श्री ठाकुर सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह (शेरा भैया) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या लाभ दिया गया? (ख) क्या विभाग द्वारा पशुओं को होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिये नि:शुक्ल टीकाकरण, दवाई का वितरण किया जाता है? यदि हाँ, तो इसके प्रचार-प्रसार के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जाते हैं? (ग) बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने पशु औषधालय हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त विधानसभा क्षेत्र के जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था वाले पशु औषधालय हैं, क्या उनमें जीर्णोद्वार के लिये विभाग कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक इनका जीर्णोंद्वार कर दिया जायेगा? (घ) बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में किन-किन पशु औषधालय में कितनी राशि किस कार्य हेतु व्यय की गई तथा किन-किन केन्द्रों पर कौन-कौन कर्मचारियों की पद स्थापना की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। अधीनस्थ विभागीय अमले को समय-समय पर निर्देश जारी कर विभागीय शिविरों एवं लोक कल्याण शिविरों के माध्यम से स्टॉल लगाकर एवं पंपलेट्स आदि का वितरण कर प्रचार-प्रसार किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
उर्वरक खाद की उपलब्धता
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 186 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर अन्तर्गत म.प्र. में उर्वरक डी.ए.पी. की मांग कृषकों द्वारा कितनी रखी गयी, जिसके एवज में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ छतरपुर के जिला विपणन अधिकारी द्वारा डबल लॉक केन्द्र से कितनी डी.ए.पी. खाद कृषकों को उपलब्ध कराई गई? (ख) जिला छतरपुर में कुल कितना डी.ए.पी. खाद प्राप्त हुआ एवं प्राप्त खाद में से कितना खाद सीधे डबल लॉक केन्द्र से वितरण हेतु प्राप्त हुआ एवं कितना खाद सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को वितरण किया गया? (ग) विगत वर्षों की तुलना में जिले की कुल डी.ए.पी. खाद की मांग में से कितना खाद डी.ए.पी. राजनगर तहसील एवं लवकुशनगर तहसील को वितरित किया गया है एवं जिले में प्रश्न दिनांक तक कितना डी.ए.पी. एवं कितना यूरिया उपलब्ध कराया गया अथवा उपलब्ध होने की संभावना है? विवरण देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ छतरपुर द्वारा डबल लॉक केन्द्र से कृषकों की आवश्यकतानुसार दिनांक 01.10.2022 से 08.12.2022 तक 3589.90 मे.टन डी.ए.पी. का वितरण कराया गया है। (ख) छतरपुर जिले में रबी सीजन 2022-23 में दिनांक 01.10.2022 से 08.12.2022 तक 8989.90 मे.टन डी.ए.पी. की विपणन संघ के डबल लॉक केन्द्रों में उपलब्धता रही, जिसमें से समितियों को 3711.00 मे.टन एवं डबल लॉक केन्द्रों से सीधे 3589.90 मे.टन किसानों को वितरण किया गया। (ग) विगत वर्ष की तुलना में छतरपुर जिले की कुल डी.ए.पी. खाद में से तहसील राजनगर एवं तहसील लवकुशनगर को उपलब्ध कराई गई खाद की तुलनात्मक स्थिति एवं डी.ए.पी. तथा यूरिया के उपलब्धता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों को नोटिस जारी किया जाना
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 1193 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल, 2020 एवं दिम्बर, 2021 में आयुक्त सहकारिता के कार्यालय से भोपाल एवं इन्दौर जिले की किन-किन गृह निर्माण समितियों के संदर्भ में उपायुक्त सहकारिता एवं अध्यक्ष गृह निर्माण समितियों को आपराधिक/प्रशासनिक कार्यवाही हेतु किन-किन आरोपों पर नोटिस/सूचना पत्र जारी किये गये थे? समितिवार सूचना पत्रवार, दिनांकवार जानकारी दें। (ख) क्या इन सूचना पत्रों को गृह निर्माण शाखा के प्रभारी संयुक्त आयुक्त के पी.ए. के स्तर पर जावक पंजी संधारित कर पी.ए. कक्ष से जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) इन नोटिस एवं सूचनाओं पर जारीकर्ता अधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय लिये गये अथवा क्या उन्हें अपने स्तर पर लंबित रखा गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) अप्रैल 2020 एवं दिसम्बर 2021 में प्रश्न में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संलग्नीकरण आदेश समाप्ति के बावजूद कार्यरत कर्मचारी
[गृह]
23. ( *क्र. 1547 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) द्वितीय बटालियन ग्वालियर के अंतर्गत रीडर लिपिक के पद पर 3 वर्षों से अधिक कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अंतर्गत संलग्नीकरण समाप्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके उपरांत भी संलग्नीकरण में कौन-कौन कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या उन्हें तत्काल हटाकर अपनी मूल विभाग एवं मूल पद पर पदस्थ कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? इस प्रकार नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या आरक्षक क्र. 106 बटालियन में कार्यरत है? यदि हाँ, तो कहाँ? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (घ) मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम 6 का उल्लंघन करने वाले कर्मचारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) द्वितीय वाहिनी में वर्तमान में रीडर लिपिक के रूप में तीन वर्ष से अधिक कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं है। (ख) जी हाँ। कोई भी कर्मचारी द्वितीय वाहिनी में संलग्नीकरण में कार्यरत नहीं है। (ग) जी हाँ। आरक्षक 106 दीवान सिंह मुख्य समवाय में कार्यरत है। (घ) शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
24. ( *क्र. 1498 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिले को निःशक्त जनों को देने हेतु आवश्यक उपकरणों के लिए कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार किस-किस विकासखण्ड में किन-किन हितग्राहियों को कौन-कौन सी सामग्री प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो चयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित को कितने दिनों के अंदर सामग्री उपलब्ध करा दी जाती है? वर्तमान में उपकरण के प्रकरण कितने लंबित हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनप्रतिनिधियों के द्वारा अनुशंसित प्रकरणों में कितनों का निराकरण किया गया तथा कितने लंबित हैं? लंबित होने का कारण बताएं। कब तक निराकरण किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला कटनी में दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार जिले में उपलब्ध निराश्रित निधि की राशि से कृत्रिम अंग सहायक उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं। भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत प्रश्नांश अवधि में दिव्यांगजनों को प्रदाय की गई उपकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले स्तर पर परीक्षण शिविर आयोजित कर चिकित्सक के परामर्श पर पात्र हितग्राहियों को कृत्रिम अंग सहायक उपकरण शीघ्र उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही की जाती है। भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत पात्रतानुसार उपकरण प्रदाय किये जाने संबंधी कार्यवाही भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्को) से संबंधित है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित कोई भी पात्र दिव्यांग हितग्राही का आवेदन लाभान्वित हेतु जिले कटनी स्तर पर लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
25. ( *क्र. 183 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग जिला छिंदवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित कर प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्षों में प्रदाय की गई राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य व अन्य कार्य स्वीकृत किये गये हैं? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभावार, वर्षवार स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी स्वीकृति पत्र सहित उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त उल्लेखित वित्तीय वर्षों में स्वीकृत किये गये विभिन्न निर्माण कार्यों व अन्य कार्यों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभावार निर्माण कार्यों व अन्य कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी से अवगत करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग छिन्दवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में शासन द्वारा आवंटित राशि का विवरण निम्नानुसार है :-
वित्तीय वर्ष |
योजना का नाम |
शासन द्वारा आवंटित राशि |
रिमार्क |
2020-21 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
80,58,000/- |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
2,01,02,000/- |
||
2021-22 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
11,54,42,000/- |
|
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
2,41,23,000/- |
||
2022-23 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
11,73,29,429/- |
|
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
2,41,23,000/- |
(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वित्तीय वर्षों में प्रदाय की गई राशि से स्वीकृत किये गये निर्माण कार्य व अन्य कार्यों की स्थिति निम्नानुसार है :-
वित्तीय वर्ष |
योजना का नाम |
स्वीकृत कार्यों की संख्या |
रिमार्क |
2020-21 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
3 |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के पेज क्रमांक 01 से 06 तक |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
0 |
||
2021-22 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
56 (विभागीय 31 उ.मा.वि./हाईस्कूल शालाओं में ) |
स्वीकृति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के पेज क्रमांक 07 से 55 तक |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
24 |
||
2022-23 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
364 (छात्रावास/आश्रम/उ.मा.वि./हाईस्कूल आदि मे) |
स्वीकृति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशि परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के पेज क्रमांक 56 से 77 तक |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
0 |
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पुलिस
थाना व पुलिस
चौकियों की स्थापना
[गृह]
1. ( क्र. 9 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बढ़ती जनसंख्या एवं लगातार होते जा रहे क्षेत्र विस्तार के कारण क्षेत्र में नवीन पुलिस थाना एवं नवीन पुलिस चौकियों को बढ़ाये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है? (ख) साथ ही क्षेत्रीय जन आवश्यकता एवं मांग के अनुसार (1) जावरा शहर थाने के सामने महिला पुलिस थाना (2) ढोढर पुलिस थाना के साथ ही - (i) अरनिया पीथा कृषि मंडी पुलिस चौकी (ii) खाचरोद नाका पुलिस चौकी (iii) ताल नाका पुलिस चौकी की मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग को समय-समय पर जन आवश्यकता की पूर्ति किये जाने हेतु अवगत कराया जा रहा है तो अब तक क्या कर्यवाही की गई? (घ) शासन/विभाग उपरोक्तानुसार उल्लेखित जन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रश्नांश (ख) व (ग) अन्तर्गत उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु कार्ययोजना में सम्मिलित कर बजट स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। भली-भांति कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। (ख) जिले में पूर्व से महिला थाना संचालित होने से वर्तमान में एक अन्य नवीन महिला थाना की आवश्यकता नहीं है। पुलिस चौकी ढोढर को थाना बनाए जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुसार नहीं होने से अमान्य किया गया है। जी नहीं। भली-भांति कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
2. ( क्र. 10 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं यथा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के कल्याण हेतु अनेक कार्य क्रियान्वित किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त वर्गों के कल्याण हेतु जावरा विधान सभा क्षेत्र की हुसैन टेकरी शरीफ से जुड़े अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण हेतु कार्ययोजना बनाकर स्थानीय प्रशासन द्वारा अग्रेषित की गई? (ग) साथ ही अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण हेतु नगरपालिका परिषद् जावरा द्वारा भी उपरोक्त वर्गों के कल्याणार्थ/कल्याणकारी कार्ययोजना बनाकर अग्रेषित की गई? (घ) यदि हाँ, तो विगत समय से लगातार जन आवश्यकता के कार्यों की महत्वपूर्ण मांगों हेतु कार्यवाही की जा रही है, तो इस पर शासन/विभाग द्वारा अग्रेषित की गई कार्ययोजना को कब तक स्वीकृति दी जाकर बजट में सम्मिलित किया जाएगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी, नहीं। (ग) जी, हाँ। (घ) कार्यालय नगर परिषद् जावरा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजनांतर्गत हुसैन टेकरी शरीफ के लिए प्रेषित प्रस्ताव भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रारूप एवं मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण इस कार्यालय के पत्र क्रमांक-3921 दिनांक 26.08.2022 को नवीन प्रारूप में पुन: प्रेषित करने हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी, जावरा जिला-रतलाम को मूलत: वापिस किया गया है।
गायों के पोषण आहार हेतु प्रदाय राशि की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( क्र. 45 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शासन द्वारा संचालित गौशालाओं में प्रति गाय राशि रू. 20/- प्रति दिवस के मान से आहार हेतु प्रदान की जा रही है? क्या प्रदान की जा रही राशि रू. 20/- में भी रू. 05/- प्रति गाय का दाना उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे गायों के भूसे एवं चारे की व्यवस्था हेतु प्रति गाय प्रति दिवस सिर्फ राशि रू. 15/- प्रति गाय ही उपलब्ध हो पा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या यह भी सही है कि गौशालाओं में गायों के आहार हेतु उपलब्ध होने वाली राशि रू. 20/- गायों के प्रतिदिन के भूसे एवं चारे की व्यवस्था हेतु अपर्याप्त है तथा इस राशि के कम होने के कारण गायों के पोषण आहार की व्यवस्था में परेशानी होने से ही गौशालाओं के बेहतर संचालन में भी कठिनाई एवं परेशानी हो रही है? (ग) क्या विभाग किसानों को देसी गाय के लालन-पालन के लिए प्रति गाय राशि रू. 900/- प्रतिमाह अनुदान प्रदाय करने जा रहा है? क्या उत्तरप्रदेश राज्य में भी गायों के पोषण हेतु रू 30/- प्रति गाय प्रतिदिन प्रदाय किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के क्रम में क्या विभाग गौशालाओं के बेहतर संचालन हेतु गायों के पोषण आहार राशि को रू. 20/- से बढ़ाकर रू. 30/- प्रति गाय प्रति दिवस करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। गौशालाओं को प्रति गौवंश प्रति दिवस 15/- रू. के मान से राशि के रूप में चारा हेतु 5/- रू. प्रति गौवंश प्रति दिवस दाने के रूप में, इस प्रकार कुल राशि 20/- रू. प्रति गौवंश प्रति दिवस की आर्थिक सहायता गौशालाओं को प्रदाय किए जाने के प्रावधान है। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्तजनों की संस्थाओं में नियुक्ति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
4. ( क्र. 86 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय मूकबधिर विद्यालय, मानसिक रूप से अविकसित बाल गृह, राज्य अपंग कल्याण बोर्ड के अधीक्षकों के पद, शासकीय दृष्टिबाधित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर के प्राचार्य के पद के साथ-साथ संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय विभाग जबलपुर के पद अनेक वर्षों से रिक्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति न होने के कारण नि:शक्तजनों की पढ़ाई पर विपरीत असर हो रहा है? (ग) क्या यह भी सही है कि नि:शक्तजनों के संस्थान सुविधाविहीन किराये के भवनों में चल रहे हैं? (घ) क्या शासन नि:शक्त बच्चों के भविष्य के लिये सुविधाजनक व्यवस्थायें एवं स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यालय, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जबलपुर संभाग जबलपुर एवं संस्थाओं के रिक्त अधिकारियों के पद पर नियमानुसार अतिरिक्त प्रभार देकर सुचारू रूप से कार्य संपादित हो रहा है। (ग) जी नहीं, किराये के भवन में संचालित संस्थाओं के भवन आवश्यक सुविधायुक्त है। (घ) समय-समय पर होने वाली नियुक्ति/पदोन्नति से रिक्त पदों पर पदस्थापना की व्यवस्था की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक संचालक के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराध
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
5. ( क्र. 130 ) श्री संजय शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री आशीष दीक्षित, सहायक संचालक, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जबलपुर जिले में किस दिनांक से पदस्थ हैं? (ख) क्या उक्त अधिकारी की परिवीक्षा अवधि समाप्त हो गई है? यदि हाँ, तो कब समाप्त हुई? दिनांक सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद भी उक्त अधिकारी, सहायक संचालक के पद पर किसके आदेश से पदस्थ है? आदेश की छायाप्रति उप्लब्ध करायें। (घ) पदस्थ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त अधिकारी की कितनी शिकायतें किस-किस के द्वारा की गई एवं उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतों एवं कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ङ) क्या उक्त अधिकारी के विरूद्ध लोकायुक्त में भी अपराध पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो प्रकरण के विवरण सहित वर्तमान स्थिति से अवगत करायें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) श्री आशीष दीक्षित, सहायक संचालक, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण, जिला जबलपुर में दिनांक 17 जनवरी 2017 से पदस्थ है। (ख) जी हाँ। विभागीय आदेश क्रमांक एफ 4-1/2012/54-1, दिनांक 28 अगस्त 2020 द्वारा संबंधित अधिकारी की परिवीक्षा अवधि दिनांक 19.01.2019 से सामाप्त की गई। (ग) संबंधित अधिकारी विभागीय आदेश क्रमांक एफ 4-1/2012/54-1 दिनांक 17 जनवरी 2017 से पदस्थ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ड.) जी हाँ। लोकायुक्त द्वारा प्रकरण क्रमांक 155/2019 में जांच परीक्षण उपरांत अभियोजन स्वीकृति का परीक्षण किया जा रहा है।
कृषकों को खाद वितरण
[सहकारिता]
6. ( क्र. 148 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सहकारी एवं विपणन समितियों में मांग अनुरूप खाद का भण्डारण नहीं करने के कारण कृषकों को लंबी लाइनों में लगकर खाद लिये बिना वापिस जाना पड़ता है? (ख) यदि नहीं, तो बतावें सहकारी समितियों एवं विपणन समितियों द्वारा खरीफ एवं रबी सीजन वर्ष 2022-23 हेतु कब-कब कितनी खाद का भण्डारण किया गया? (ग) कितना वितरण किया एवं कितना बचत में है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार कितने कृषकों को खाद वितरित की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) खरीफ एवं रबी सीजन वर्ष 2022-23 हेतु जिला जबलपुर की सहकारी समितियों में भंडारित खाद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं विपणन समितियों में भंडारित खाद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिला जबलपुर में खरीफ एवं रबी वर्ष 2022-23 में सहकारी समितियों एवं विपणन सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण की गई खाद एवं बचत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं '2' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार खरीफ एवं रबी सीजन वर्ष 2022-23 में सहकारी समितियों के माध्यम से क्रमश: 3714 एवं 5168 कृषकों को तथा विपणन समितियों के माध्यम से क्रमश: 1259 एवं 2912 कृषकों को खाद वितरित की गई।
वन भूमि पट्टों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
7. ( क्र. 164 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि के पट्टा) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर क्यों लंबित है? उनका कब तक निराकरण होगा? समयावधि बतायें। (ख) सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों एवं स्थानों पर किया जा सकता है? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? 20 नवम्बर 2022 की स्थिति में किन-किन ग्राम सभाओं से पारित प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? समयावधि बतायें। (ग) वनभूमि पट्टा धारक की मृत्यु हो जाने पर उनकी पत्नी/आश्रितों के नाम पट्टा हस्तांतरण के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? किस-किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जाती है? रायसेन जिले में कितने प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं तथा उनका कब तक निराकरण होगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी एवं विभाग को रायसेन जिले के किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) रायसेन जिले में लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। लंबित दावों के निराकरण की कार्यवाही वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत सतत प्रचलन में है। ख) सामुदायिक दावों के संबंध शासन द्वारा जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। रायसेन जिले में कोई भी सामुदायिक दावा उपखंड एवं जिला स्तर पर निराकरण हेतु लंबित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। रायसेन जिले में 06 प्रकरण ग्रामसभा स्तर पर ग्रामसभा के अनुमोदन हेतु लंबित है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''चार'' अनुसार है।
गौ-शालाओं को अनुदान का भुगतान
[पशुपालन एवं डेयरी]
8. ( क्र. 165 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा किन-किन स्थानों पर गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है तथा उनमें कितना-कितना गौवंश है? (ख) क्या यह सत्य है कि शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं को शासन के निर्देशों के अनुरूप 20 रू. प्रति गौवंश प्रतिदिन के मान से अनुदान नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) 1 जुलाई 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किन-किन गौशालाओं को किस दर से कितना-कितना अनुदान का भुगतान किन-किन दिनांकों में किया गया? गौशालाओं को प्रतिमाह अनुदान की राशि क्यों नहीं दी जाती? (घ) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
लापता बच्चों की जानकारी
[गृह]
9. ( क्र. 189 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में 1 जनवरी 2019 से 1.12.2022 तक कुल कितने ऐसे बच्चे लापता हैं, जिनके गुम होने की पुलिस को जानकारी दी गई है लेकिन अभी उनकी खोज नहीं हो सकी है? (ख) उपरोक्त में से कितने लड़के और कितनी लड़कियां हैं? (ग) उपरोक्त दिनांक तक कुल कितने बच्चों के लापता होने की एफ.आई.आर. दर्ज हुई और कितने बच्चे खोज लिए गये? लड़के और लड़कियों का अलग अलग विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
लम्पी वायरस से पीड़ित पशु
[पशुपालन एवं डेयरी]
10. ( क्र. 316 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितनी गाय-बैल लम्पी वायरस से पीड़ित हुए, कितनों की मृत्यु हुई, कितने पशुओं को वैक्सीन लगाई गई तथा कितने पशुओं को वैक्सीन नहीं लगी? जिलेवार पृथक-पृथक बताएं। (ख) धार जिले के कुक्षी और मनावर विधानसभा क्षेत्र में कितने पशु लम्पी वायरस से प्रभावित हुए, कितनों की मृत्यु हुई, कितने पशुओं को वैक्सीन लगी तथा कितने बाकी हैं? ग्रामवार पृथक-पृथक बताएं। (ग) लम्पी वायरस की रोकथाम के लिए शासन द्वारा कब-कब क्या एडवायजरी जारी की गई, किन-किन मदों से कितनी राशि आवंटित की गई, कितनी-कितनी राशि किन मदों में खर्च की गई, कितनी राशि की दवा खरीदी गई? पृथक-पृथक प्रति सहित बताएं। (घ) लम्पी वायरस से पीड़ित पशुओं के कितने किसानों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का मुआवजा दिया गया? यदि मुआवजा नहीं दिया गया तो क्यों? पृथक-पृथक बताएं। (ङ) किसानों को हुई पशुधन हानि की भारपाई के लिए सरकार के पास क्या-क्या योजना है? (च) क्या जांच अधिकारियों द्वारा लम्पी वायरस के गलत आंकड़े प्रस्तुत किए गए? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो जिला धार पी.आर.ओ. और प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को पत्र संख्या 909 दिनांक 30 अक्टूबर 2022 को प्रेषित आंकड़ों में विरोधाभास क्यों है? प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (घ) लम्पी वायरस से पीड़ित पशुओं के किसानों को भारत शासन अथवा राज्य शासन अन्तर्गत मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) लम्पी वायरस से मृत पशुओं से हुई पशु हानि की भरपाई के लिए वर्तमान में कोई योजना नहीं हैं। (च) जी हाँ। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पशु औषधालय लौहारी, जिला धार को निलंबित किया गया है एवं पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सालय निसरपुर जिला धार के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
इटारसी में सी.सी.टी.वी. योजना
[गृह]
11. ( क्र. 360 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार) म.प्र. पुलिस, भोपाल द्वारा अपने पत्र 34/19 दिनांक 29.08.2019 से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया था कि सी.सी.टी.वी. योजना में इटारसी को तृतीय चरण में सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इटारसी में सी.सी.टी.वी. कब तक लगाये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एक्सपाइरी केमिकल एण्ड डिस्टिल्ड वॉटर का उपयोग
[चिकित्सा शिक्षा]
12. ( क्र. 375 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा को पत्र क्रमांक 2214 दिनांक 18/10/2022 के माध्यम से जबलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशलिटी के स्टोर में एक्सपाइरी केमिकल एवं डिस्टिल्ड वॉटर के उपयोग होने का मामला प्रकाश में लाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या यह भी सही है कि उक्त मामले के प्रकाश में आने के बाद शासन द्वारा प्रदेश स्तर पर जांच हेतु कमेटी का गठन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उस कमेटी द्वारा जांच उपरांत दिए गए निर्णय और उन निर्णयों पर शासन द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालक, चिकित्सा शिक्षा के आदेश क्रमांक 1759/डी.एम.ई./कॉर्पो/2022 दिनांक 13/12/2022 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वकीलों के मरणोपरांत आश्रितों को देय आर्थिक सहायता
[विधि एवं विधायी कार्य]
13. ( क्र. 376 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में वकीलों के मरणोपरांत उनके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शासन स्तर पर वकील के मरणोपरांत उनके परिजनों को कितनी आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई थी और यह प्रश्न पूछने तक प्रदेश में कितने वकीलों के मरणोपरांत उनके परिजनों को यह सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है? (ग) क्या इस घोषणा के अंतर्गत प्रदेश सरकार के साथ ही स्टेट बार काउंसिल को भी वकीलों के मरणोपरांत उनके परिजनों को अपने हिस्से का राशि देना थी? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्न पूछे जाने तक ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें प्रदेश सरकार के साथ ही स्टेट बार काउंसिल द्वारा ऐसे लाभार्थियों को आर्थिक सहायता का भुगतान कर चुकी है और कितने मामले भुगतान के लिये अब तक लंबित हैं और लंबित होने का कारण क्या है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हाँ। (ख) मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण स्कीम, 2012 के अंतर्गत राज्य अधिवक्ता परिषद् तथा राज्य शासन द्वारा मृत अधिवक्ता के आश्रित को एक-एक लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है जिसकी वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष |
निराकृत प्रकरण |
परिषद् द्वारा प्रदत्त राशि |
राज्य शासन द्वारा प्रदत्त राशि |
कुल प्रदत्त राशि |
लंबित प्रकरण |
2012 |
228 |
22800000 |
22800000 |
45600000 |
0 |
2013 |
231 |
23100000 |
23100000 |
46200000 |
0 |
2014 |
269 |
26900000 |
26900000 |
53800000 |
0 |
2015 |
250 |
25000000 |
25000000 |
50000000 |
0 |
2016 |
258 |
25800000 |
25800000 |
51600000 |
0 |
2017 |
315 |
31500000 |
31500000 |
63000000 |
0 |
2018 |
233 |
23300000 |
23300000 |
46600000 |
0 |
2019 |
358 |
43150000 |
35800000 |
78950000 |
0 |
2020 |
270 |
63150000 |
2700000 |
90150000 |
0 |
2021 |
474 |
116250000 |
41400000 |
157650000 |
60 |
2022 |
110 |
27400000 |
- |
27400000 |
110 |
(ग) हाँ। (घ) स्कीम कोड 7389 के अंतर्गत अधिवक्ता कल्याण स्कीम, 2012 का संचालन किया जाता है। जिसमें विभागीय मद में उपलब्ध बजट एवं राज्य अधिवक्ता परिषद् से प्राप्त प्रस्ताव को न्यासी समिति एवं संचालन समिति के अनुशंसा अनुसार कार्यवाही की जाती है। भुगतान की गई राशि एवं लंबित प्रकरण की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
निराकृत प्रकरण |
परिषद् द्वारा प्रदत्त राशि |
राज्य शासन द्वारा प्रदत्त राशि |
कुल प्रदत्त राशि |
लंबित प्रकरण |
2012 |
228 |
22800000 |
22800000 |
45600000 |
0 |
2013 |
231 |
23100000 |
23100000 |
46200000 |
0 |
2014 |
269 |
26900000 |
26900000 |
53800000 |
0 |
2015 |
250 |
25000000 |
25000000 |
50000000 |
0 |
2016 |
258 |
25800000 |
25800000 |
51600000 |
0 |
2017 |
315 |
31500000 |
31500000 |
63000000 |
0 |
2018 |
233 |
23300000 |
23300000 |
46600000 |
0 |
2019 |
358 |
43150000 |
35800000 |
78950000 |
0 |
2020 |
270 |
63150000 |
2700000 |
90150000 |
0 |
2021 |
474 |
116250000 |
41400000 |
157650000 |
60 |
2022 |
110 |
27400000 |
- |
27400000 |
110 |
गैर
आदिवासियों
के मान्य एवं
अमान्य दावों
की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र. 415 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2018 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार मार्च 2022 तक बैतूल जिले में कितने गैर आदिवासियों के कितनी भूमि के दावे प्रस्तुत किए? उनमें से कितने दावों को मान्य किया गया? कितनी भूमि के कितने दावे अमान्य किए गए? वनग्रामों के मान्य, अमान्य दावों की पृथक से जानकारी दें एवं अमान्य दावों की संख्या जिलेवार बतावें। (ख) वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (ण) एवं धारा 4 (3) में गैर आदिवासियों का वन भूमि पर किस दिनांक तक का कब्जा होना, कितनी पीढ़ियों से उस क्षेत्र में निवास होना आवश्यक बताया है? किस-किस धारा में 3 पीढ़ियों का वन भूमि पर कब्जा होना आवश्यक बताया है? (ग) बैतूल जिले में अमान्य दावों में तीन पीढ़ियों के कब्जे का प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए जाने का कितने दावों में कारण उल्लेखित किया गया है? (घ) गैर आदिवासियों से तीन पीढ़ी के निवास का प्रमाण-पत्र एवं दिनांक 12 दिसम्बर 2005 तक भूमि पर कब्जे का प्रमाण मांग कर दावों को मान्य किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) बैतूल जिले में अन्य परम्परागत वर्ग (गैर आदिवासियों) के मान्य एवं अमान्य दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है पर तथा वनग्रामों के मान्य एवं अमान्य दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (ण) एवं धारा 4 (3) में दिये गये प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। अन्य परम्परागत वर्ग के वन निवासियों के तीन पीढ़ियों से वन या वन भूमि में निवास करने के संबंध में जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। (ग) अमान्य 820 दावों में से तीन पीढ़ियों के कब्जे के प्रमाण प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण का उल्लेख किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। (घ) संचालनालय, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें के पत्र क्रमांक/वन अधि/414/2450ए भोपाल दिनांक 03.08.2013 के द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है।
वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
15. ( क्र. 416 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (च) एवं धारा 3 (1) ज के अनुसार राज्य के 925 वनग्रामों में से 827 वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने की कार्यवाही दिनांक 26/5/2022 को दिए गए आदेश से प्रारम्भ की गई है? (ख) 925 वनग्रामों में से बैतूल जिले के अन्तर्गत आने वाले किस वनग्रामों में कितने आदिवासियों, कितने गैर आदिवासियों को कितनी-कितनी भूमि के दावे मान्य किए गए? कितनी-कितनी भूमि के कितने दावे अमान्य किए गए? इन मान्य एवं अमान्य दावों के संबंध में वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) 925 वनग्रामों में से 827 वनग्रामों बाबत् ही कार्यवाही किए जाने का क्या कारण हैं? बैतूल जिले के किस वनमण्डल के किस ग्राम से संबंधित आदेश दिनांक 26/5/2022 से कार्यवाही नहीं की जा रही?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। अमान्य दावों का पुन: परीक्षण एम.पी. वनमित्र पोर्टल से किया जा रहा है। (ग) प्रदेश के 925 वनग्रामों में से राष्ट्रीय उद्यानों/अभयारण्यों एवं वीरान/विस्थापित कुल 98 वनग्रामों को छोड़कर शेष 827 वनग्रामों को वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ज) के तहत संपरिवर्तन की कार्यवाही की जा रही है। प्रश्नांकित आदेश के संबंध में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल द्वारा प्रदेश के समस्त वनमण्डलों को प्रसारित निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। तदानुसार वनमण्डलों से कार्यवाही की जा रही है। बैतूल जिले में उत्तर वनमण्डल बैतूल के ग्राम सारणी (वार्ड क्रमांक 10) नगरपालिका क्षेत्र में होने से वर्तमान में कार्यवाही नहीं की गई है।
लघु वनोपज के अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 440 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006, संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, भू-राजस्व संहिता 1959, भारतीय वन अधिनियम 1927 में किस-किस लघु वनोपज के नियंत्रण, प्रबंधन एवं कौन-कौन से अधिकार ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे गए हैं? (ख) वन अधिकार कानून, 11वीं अनुसूची, पेसा कानून, भू-राजस्व संहिता, भारतीय वन अधिनियम की किस धारा के अनुसार किस-किस लघु वनोपज का व्यापार सहकारी संस्था एवं समिति कर सकती है? किस-किस लघु वनोपज से संबंधित कौन-कौन सा प्रतिबंध डी.एफ.ओ. लगा सकता है? किस-किस लघु वनोपज के परिवहन पर वन अपराध पंजीबद्ध कर वाहन एवं लघु वनोपज जब्त की जा सकती है? (ग) लघु वनोपज के व्यापार किए जाने, प्रतिबंध लगाए जाने, परिवहन के वन अपराध पंजीबद्ध कर जब्ती एवं राजसात करने के संबंध में राज्य में क्या-क्या प्रक्रिया एवं कार्यवाही वन विभाग और उसके अधिकारी वर्तमान में कर रहे हैं? उन्हें रोके जाने एवं बंद करवाए जाने के संबंध में शासन एवं जनजातीय कार्य विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में आर्टिकल 243-G में लघु वनोपज का विषय शामिल है। पेसा कानून 1996 की धारा-4 (ड.) (ii) में गौण वन उपज का स्वामित्व ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा को प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा-3 में वन अधिकार धारकों को लघु वनोपज संग्रहण तथा उस पर मालिकाना हक के प्रावधान दिये गये हैं। भू-राजस्व संहिता 1959 का सीधा संबंध वन विभाग से नहीं है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 में लघु वनोपज पर पंचायती राज के अधिकार प्रावधानित नहीं है। (ख) अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 2 (झ) में ''गौण वन उत्पाद'' परिभाषित है तथा धारा 3 (1) (ग) में उनके संग्रहण, उपयोग एवं व्ययन का अधिकार है। भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में केवल लघु वनोपज उल्लेखित है। पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 की धारा 4 (ड.) (II) में गौण वनोपज का स्वामित्व अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा एवं पंचायत को दिये जाने का प्रावधान है। भू-राजस्व संहिता 1959 में केवल वृक्षों की कटाई का प्रावधान है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 2 (4) में ''वनोपज'' परिभाषित है, जिसमें लघु वनोपज के रूप में सम्मिलित भाग एवं उपज ही सम्मिलित है। लघु वनोपज के अंतर्गत तेन्दुपत्ते का व्यापार मध्यप्रदेश तेन्दुपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 के अनुसार सहकारी संस्था के माध्यम से किया जाता है। मध्यप्रदेश वनोपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम, 2005 के अंतर्गत किसी भी लघु वनोपज के विनाशकारी विदोहन की स्थिति में संबंधित वन मण्डलाधिकारी को ''निषिद्ध क्षेत्र'' एवं ''निषिद्ध मौसम'' घोषित करने का अधिकार है। विनाशकारी विदोहन से प्राप्त लघु वनोपज के परिवहन पर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 41 एवं 42 के अंतर्गत बनाये गये मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम, 2000 के अंतर्गत वन अपराध पंजीबद्ध कर वाहन एवं लघु वनोपज जप्त की जा सकती है। तेन्दुपत्ता संबंधी अपराध पाये जाने पर मध्यप्रदेश तेन्दुपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों हेतु मध्यप्रदेश पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 25, 26 व 27 में प्रावधान दिये गये हैं। राज्य के गैर अधिसूचित क्षेत्रों हेतु अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत अधिसूचित नियम 2008 की धारा 2 (i) d में प्रावधान दिये गये हैं। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-5 में वन्यजीव, वन और जैव विविधता का संरक्षण करना तथा ऐसे क्रियाकलाप रोकना, जो वन्यजीव, वन और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, उसे रोकने का दायित्व ग्रामसभा एवं ग्राम स्तर की संस्थाओं का भी है। मध्यप्रदेश पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 25 में अनुसूचित वनक्षेत्रों में शासकीय वनों के संवहनीय एवं परम्परागत प्रबंधन हेतु ग्रामसभा द्वारा वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति के गठन का प्रावधान है तथा इसमें गौण वनोपज के समुचित दोहन के साथ जैव विविधता एवं जैविक स्त्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन का दायित्व भी ग्रामसभा का है। विनाशकारी विदोहन की स्थिति में जैव संसाधन के सदैव के लिये समाप्त होने का संकट होता है, जिससे स्थानीय समुदाय उनसे प्राप्त होने वाले लाभों से सदा के लिये वंचित हो सकते हैं। इसे रोकने के लिये एवं लघु वनोपजों का लाभ वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों को मिलना सुनिश्चित करने के लिये वन अधिकारियों द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927, जैव विविधता (संरक्षण) अधिनियम, 2002 एवं मध्यप्रदेश वनोपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम, 2005 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है, जो स्थानीय समुदायों के दीर्घकालीन लाभ के लिये आवश्यक है।
वनखण्ड में सम्मिलित भूमियों पर सामुदायिक वन अधिकार
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 441 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल के द्वारा आदेश दिनांक 16 अप्रैल 2015 में दिए गए प्रारूप के अनुसार ब्यौरा दर्ज किया जाकर वनखण्डों में अधिसूचित, अनुविभगीय अधिकारी (राजस्व) याने उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति के अध्यक्ष के समक्ष जांच एवं कार्यवाही हेतु लंबित भूमियों पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित नहीं किए गए? (ख) विधानसभा ऑनलाइन प्रश्न क्रमांक 1077 दिनांक 11 दिसम्बर 2014 के संलग्न परिशिष्ट में किस जिले के किस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की कितनी जमीनों की जांच लंबित होना प्रतिवेदित किया है? इनमें से कितने वनखण्डों में शामिल जमीनों से संबंधित दिनांक 16 अप्रैल 2015 के आदेश में दिए प्रारूप में जानकारी संकलित की गई है? (ग) उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति के अध्यक्ष के कार्यालय में उपलब्ध नस्तियों के आधार पर धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित भूमियों पर वाजिबुल अर्ज निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज अधिकारों एवं प्रयोजनों का ब्यौरा प्रश्नांकित दिनांक तक भी संकलित कर संबंधित ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) आदेश दिनांक 16 अप्रैल, 2015 के अनुसार कब तक निर्धारित प्रारूप में जानकारी संकलित करवाई जाकर औपचारिकता पूरी की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक/765/Q/2022/25-3 दिनांक 24.08.2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार पुन: निर्देश जारी किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
सेवा सहकारी संस्था की शाखाओं की स्थापना
[सहकारिता]
18. ( क्र. 474 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवा सहकारी संस्था की शाखाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में खोले जाने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कन्नौद एवं खातेगांव दो नगरों में सेवा सहकारी संस्था हैं, जिसके कारण किसानों को अत्यधिक परेशानियां आ रही हैं। क्या किसानों को अपने आप ऋण एवं कृषि से संबंधित कार्यों के लिए तीन-तीन चार-चार दिनों तक परेशान होना पड़ता है? (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रफल की दृष्टि से एवं कृषि भूमि की दृष्टि से अत्यधिक बड़ा है तो क्या किसानों की सुविधा हेतु ग्राम अजनास, ग्राम हरणगांव एवं नगर नेमावर में सेवा सहकारी संस्था की शाखा खोले जाने संबंधी कार्यवाही की जाना उचित है? अगर हाँ तो उक्त स्थानों पर सेवा सहकारी संस्था की शाखा कब तक खोली जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की शाखाएं खोलने का प्रावधान नहीं है। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कन्नौद एवं खातेगांव नगरों में कार्यरत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था कन्नौद एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था खातेगांव के अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अन्य 25 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं कार्यरत है। किसानों को परेशानी से संबंधित तथ्य प्रकाश में नहीं आये हैं। (ग) ग्राम अजनास, ग्राम हरणगांव एवं नगर नेमावर में पूर्व से ही क्रमश: प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था अजनास, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था हरणगांव एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था नेमावर कार्यशील है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर भूमि का क्रय
[जनजातीय कार्य]
19. ( क्र. 488 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी जिले में श्री मनीष कुंदेर एवं श्री रजनीश कुंदेर पुत्र स्व. श्री रामलखन कुदेंर, शास्त्री नगर सीधी, (म.प्र.) का निवासी है? क्या सहायक आयुक्त कार्यालय, जिला सीधी के द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुंदेर बंधुओं के द्वारा फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र के आधार पर आदिवासियों की जमीन क्रय की गई थी? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कलेक्टर सीधी द्वारा जांच कराकर जांच प्रतिवेदन राज्य स्तरीय अनुसूचित जनजाति छानबीन समिति भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। कलेक्टर सीधी के द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति के द्वारा निरस्तगी की कार्यवाही कब तक की जावेगी? कलेक्टर सीधी की अनुशंसा के बाद भी अभी तक फर्जी जाति प्रमाणपत्र निरस्त क्यों नहीं किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग सीधी के पत्र क्रमांक/159/जा.प्र./आ.जा.क./85/सीधी दिनांक 13.6.85 से श्री मनीष कुंदेर आत्मज श्री रामलखन कुंदेर तथा पत्र क्रमांक 160 दिनांक 13.6.85 द्वारा श्री रजनीश कुंदेर आत्मज श्री रामलखन कुंदेर, निवासी शास्त्री नगर सीधी का अध्ययनरत संबंधी प्रमाण-पत्र जारी किया जाकर शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक सीधी को भेजा गया है, उक्त प्रकरण काफी पुराना होने के कारण मूल अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं हो पा रहे है। (जारी किये गये प्रमाण-पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) कुंदेर बंधुओं के फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र की जांच प्रक्रियाधीन है। अत: राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्णय के पूर्व जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) कलेक्टर सीधी द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग भोपाल के पत्र क्रमांक/शिका/ 108/सीधी/8766 दिनांक 25.11.2020 के माध्यम से राज्य स्तरीय छानबीन समिति को प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। राज्य स्तरीय छानबीन समिति में प्रकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। राज्य स्तरीय छानबीन समिति के कार्य की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्रियों का क्रय
[सहकारिता]
20. ( क्र. 624 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सिवनी जिले की जिला सहकारी केंद्रीय मर्या. बैंक एवं जिले की अन्य शाखाओं व सहकारी समितियों के लिए लगने वाली स्टेशनरी, प्रिंटिंग कार्य व अन्य सामग्रियों के क्रय करने के लिए वर्ष 2015 से आज दिनांक तक अपनाई गई क्रय प्रक्रिया, क्रय आदेशों, विक्रेताओं द्वारा क्रय प्रक्रिया में भाग लेने के दौरान इस हेतु डाली गई दरों का तुलनात्मक चार्ट, बिल-व्हाउचर व सामग्रियों का गुणवत्ता प्रमाण-पत्रों की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बैंक में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक किसानों की फसल बीमा राशि कितनी और कब-कब प्राप्त हुई व इसके उपरांत उक्त प्राप्त राशि कब-कब किस दिनांक को किसानों के खातों में डाली गई? (ग) सिवनी जिले में कार्यालय सहकारी संस्था में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक कितनी मछुआ सहकारी समिति एवं गृह निर्माण समिति पंजीकृत हुई? पंजीकृत उपरांत इन्हें आवंटन की क्या-क्या शासकीय प्रक्रिया है? क्या इन्हें पूर्ण शासकीय प्रक्रिया अपनाकर आवंटन किया गया है? उक्त समितियों को आज दिनांक तक क्या-क्या आवंटित किया गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सिवनी द्वारा मुद्रण से संबंधित कार्य आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/विविध/कृषि/50 दिनांक 01.06.2011 के द्वारा जारी प्रक्रिया के अंतर्गत की गई है, पंजीयक का परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। क्रय आदेश एवं बिल व्हाउचर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विक्रेताओं द्वारा क्रय प्रक्रिया में भाग लेने के लिये डाली गई तुलनात्मक दरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। पंजीयक के परिपत्र दिनांक 01.06.2011 में उल्लेखित कंडिका क्रमांक 6 के अनुसार मुद्रण कार्य भुगतान के पूर्व प्रदाय सामग्री निर्धारित मात्रा में तथा निर्धारित गुणवत्ता की होने संबंधी परीक्षण बैंक के द्वारा किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) वर्ष 2018 से 13 मछुआ सहकारी संस्थाओं का पंजीयन किया गया है, जिसमें से एक समिति का पंजीयन न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जबलपुर द्वारा निरस्त कर दिया गया है। मत्स्य पालन विभाग के पत्र क्रमांक 1548/2008/36 दिनांक 08.10.2008 के अनुसार पट्टे पर आवंटित किये जाने वाले ग्रामीण तालाब/सिंचाई तालाब (1000 हेक्टयर) तक के लिये मुनादी/विज्ञप्ति जारी कर आवेदन आमंत्रित कर मत्स्योद्योग विभाग से प्राथमिकता क्रम के लिये अनुशंसा प्राप्त कर त्रिस्तरीय पंचायत के लिये अधिकृत अधिकारी से अनुमोदन/अनुमति पश्चात संबंधित पंचायत द्वारा पट्टा जारी किये जाने के निर्देश हैं। जी हाँ, तालाब/जलाशय के पट्टा आवंटन की कार्यवाही शासकीय प्रक्रिया अनुसार की गई है। पंजीकृत 13 समितियों में से 8 समितियों को तालाब/जलाशयों का आवंटन किया गया, आवंटन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
21. ( क्र. 693 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति विभाग, भोपाल द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनाओं में पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के लिये किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु स्वीकृत कितनी-कितनी राशि में से कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं आवंटित नहीं की है एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों हेतु निर्माण एजेन्सी का निर्धारण कब किया गया? इन्हें किन-किन कार्यों के कार्यादेश कब जारी किये गये हैं? वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन कार्यों हेतु कब कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई? कौन-कौन से कार्य कब से अप्रारंभ हैं एवं क्यों? किन-किन कार्यों हेतु कब से कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी भूमि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? प्रश्नांकित कार्यों के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को कब-कब भेजे गये? पत्रों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? पत्रों की छायाप्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क) में लालमाटी सिद्धबाबा जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु कब कितनी राशि की सैद्धांतिक एवं प्रशासकीय स्वीकृति किस स्तर पर दी गई? इससे सम्बंधित कब कितनी राशि का पुनरीक्षित प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु कहाँ भेजा गया है? वर्तमान में निर्माण कार्य की क्या प्रगति है? शासन कब तक राशि प्रदान कर निर्माण कार्य कराकर सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। बजट की सीमित उपलब्ध के कारण वित्तीय वर्ष में अप्रारंभ कार्यों को आगामी वर्ष में आवंटन नहीं दिया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) सैद्धांतिक स्वीकृति शासन के पत्र क्रमांक एफ 12-06/2018/4/25/135 भोपाल दिनांक 23.02.2019 से जारी की गई। प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. जबलपुर द्वारा पत्र क्रमांक 36 दिनांक 05.01.2021 द्वारा उपरोक्त कार्य का पुनरीक्षित तकनीकी प्राक्कलन राशि रूपये 167.02 लाख की स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. भोपाल को प्रेषित किया गया है। कार्य अप्रारंभ है। बजट की उपलब्धता एवं कार्यों की उपयुक्तता एवं स्थानीय प्राथमिकताओं के आधार पर कार्य स्वीकृत किए जाते है।
जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
22. ( क्र. 694 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र जबलपुर का संचालन नव निर्मित भवन में कब से हो रहा है? इसका निर्माण कब कितनी राशि में किस उद्देश्य से कराया गया है? वर्तमान में इस नव निर्मित भवन में क्या-क्या सुविधाएं संसाधन एवं उपकरणों आदि की क्या व्यवस्था है तथा कौन-कौन सी सुविधाएं नहीं हैं? किन-किन संसाधनों, उपकरणों आदि की आवश्यकता हैं? इसके लिए जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या व्यवस्था की है? यदि नहीं, तो कब तक समुचित व्यवस्था व संसाधनों की पूर्ति करा दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत पद संरचना के तहत कौन-कौन से नियमित व संविदा के कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? जिला प्रशासन द्वारा संविदा के रिक्त कौन-कौन से पदों की भर्ती हेतु दिनांक 15/01/2020 को जारी विज्ञापन के संदर्भ में किन-किन पदों की कब भर्ती की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक नियुक्ति कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में राज्य एवं केन्द्रीय शासन द्वारा संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों/अधिकारियों के मासिक मानदेय में नियमानुसार एवं निर्देशासनुसार कब से वृद्धि नहीं की गई है एवं क्यों? इन्हें कब तक नियमित पदों का वेतनमान व स्वीकृत रिक्त पदों पर नियमित कब तक कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन नव निर्मित भवन में दिनांक 1.9.2022 से किया जा रहा है। उक्त भवन का निर्माण माह अगस्त 2022 को राशि रूपये 292.29 लाख से कराया गया है, जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के उद्देश्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र जबलपुर में आवश्यक संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा समय-समय पर आवश्यकतानुसार उपकरण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के लिये मानदेय पर पद निर्धारित किये गये है। वर्तमान में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है, निर्धारित विषय विशेषज्ञ अर्हताधारी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने से पद रिक्त है। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के भरे पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है, नियुक्ति की कार्यवाही क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा निर्धारित अर्हताओं के आवेदन प्राप्त होने पर की जाती है। (ग) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र जबलपुर भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा निर्धारित गाईड-लाइन्स अनुसार संचालित है, जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के कर्मचारियों/अधिकारियों के मासिक मानदेय में नियमानुसार वृद्धि वर्ष 2014 में की गई थी, मानदेय वृद्धि की कार्यवाही समय-समय पर नियमानुसार की जाती है। भारत सरकार की गाईड-लाइन्स अनुसार पदों के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है।
सी.एम. हेल्पलाइन के माध्यम से फर्जी शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
23. ( क्र. 730 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरभाष क्रमांक 181 सी.एम. हेल्पलाइन प्रदेश में चालू है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में पंचायत एवं राजस्व विभाग अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक लेवल-4 स्तर पर कितनी शिकायतें लंबित हैं? विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिवनी जिले के अंतर्गत पंचायत विभाग में ऐसे कितने शिकायकर्ता हैं, जिनके द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति तक 10 या इससे ज्यादा शिकायतें की गई हैं जो बेबुनियाद, निराधार व झूठी होने के कारण शासन-प्रशासन का समय खराब करने और विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को ब्लैकमेलिंग करने के उद्देश्य से की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो शासन झूठी शिकायतकर्ताओं की संख्यात्मक जानकारी तैयार कर शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो, कारण बतावें। (घ) क्या लेवल-1, 2 व 3 स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा फोर्स क्लोज करने के बाबजूद लेवल-4 स्तर के अधिकारी द्वारा अनेक शिकायतों को बंद नहीं किया जा रहा है, जिससे लेवल-4 स्तर पर अनेक शिकायतें पोर्टल पर लंबित रहती हैं? यदि हाँ, तो क्यों? फोर्स क्लोज हेतु प्रस्तावित लंबित शिकायतों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) क्या सिवनी जिले में सभी विभागों के प्रमुखों द्वारा अधीनस्थ कर्मचारियों पर अपने से नीचे अधीनस्थ कर्मचारियों पर मानसिक रूप से दबाव बनाकर शिकायतें बंद कराई जाकर वेतन रोकने व काटने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले की पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग में प्रश्न दिनांक तक लेवल-4 स्तर पर 353 एवं राजस्व विभाग की 445 शिकायतें लंबित है। (ख) सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों पर गुणदोष के आधार पर नियामानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। लेवल 1, 2 व 3 स्तर से शिकायतें फोर्स क्लोज प्रस्तावित करने के पश्चात भी लंबित रहती है। प्रस्तावित शिकायतों पर गुणदोष के आधार पर निराकरण किया जाता है। फोर्स क्लोज हेतु प्रस्तावित 258 शिकायतें लंबित है। (ङ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपात्रों को शासकीय आवास का आवंटन
[गृह]
24. ( क्र. 779 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. अता. 168 दि. 28.12.2020 एवं तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2021 में एल.आई.जी. आवास अपात्र चतुर्थ कर्मचारी को आवंटित आवास के उत्तर में भिन्नता क्यों है जबकि प्रश्न क्र. अता. 168 दि. 28.12.2020 के साथ संलग्न परिशिष्ट ज्ञापन क्र. एफ-1-121-73/दो-ए (3) दिनांक 1 नवम्बर 1973 में भी चतुर्थ श्रेणी को आई-टाइप शासकीय आवास की पात्रता के बाद भी एल.आई.जी. आवास आवंटित क्यों किया गया? (ख) तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2021 के उत्तर में अपात्र शासकीय आवास के आवंटन होने के बाद भी एल.आई.जी. एवं ई.डब्ल्यू.एस. के आवासों की परिभाषा का उल्लेख किया गया है। यदि शासन द्वारा उक्तानुसार गजट नोटिफिकेशन किया गया है तो उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त अपात्र आवंटन शीघ्र निरस्त किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्र. अता. 168 दि. 28.12.2020 एवं तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2020 एवं तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2021 में एल.आई.जी. आवास अपात्र चतुर्थ कर्मचारी को आवंटित आवास के उत्तर में भिन्नता के संबंध में अनुरोध है कि शासकीय आवास आवंटन नियम अन्तर्गत एल.आई.जी. वर्गीकरण में एल.आई.जी. (निम्न आय वर्ग हेतु) एवं ई.डब्ल्यू.एस. (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु) का पृथक से कोई वर्गीकरण अथवा श्रेणीकरण नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) म.प्र. आवास आवंटन नियम अन्तर्गत एल.आई.जी. वर्गीकरण में एल.आई.जी.. (निम्न आय वर्ग हेतु) एवं ई.डब्ल्यू.एस. (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु) का पृथक से कोई वर्गीकरण अथवा श्रेणीकरण नहीं होने से आवास आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही नहीं की गई है।
बैतूल जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( क्र. 794 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने हेतु क्या मापदण्ड तय किये गये हैं? इन मापदण्डों के तहत पिछले तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ महाविद्यालय खोले गये हैं? (ख) इन मापदण्डों के तहत बैतूल जिले में चिकित्सा महाविद्यालय आज दिनांक तक नहीं खोले जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) बैतूल जिला बीमारियों, महामारियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने, जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय हेतु पर्याप्त अधोसंरचना उपलब्ध होने तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्रत्येक जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की नीति के तहत क्या सरकार बैतूल जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोलेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नवीन मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु भारत सरकार द्वारा बनाये गये नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। पिछले तीन वर्षों में नीमच, राजगढ़, सिंगरौली, श्योपुर, मण्डला एवं मंदसौर की प्रशासकीय स्वीकृति तथा दमोह, बुदनी, उज्जैन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति या राज्य शासन द्वारा नीतिगत निर्णय अनुसार। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भारतीय नागरिकता के लम्बित प्रकरण
[गृह]
26. ( क्र. 805 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन, गृह विभाग स्तर पर भारतीय नागरिकता के जिलेवार कितने-कितने प्रकरण प्रश्न दिनाक तक लंबित हैं? कृपया जिलेवार संख्या दें। विगत सितम्बर, 2022 सत्र के प्रश्न क्रमांक 99 (1515) के बाद प्रश्न दिनांक तक जिलेवार कितने प्रकरण शासन स्तर पर निराकृत किये? कृपया जिलेवार निराकृत मामलों/व्यक्तियों के नाम भी बताएं। (ख) गृह (पारपत्र) विभाग, मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 135/827/2019/ए-12 दो, दिनांक 20.5.2022 द्वारा जारी निर्देशों के संदर्भ में किस-किस जिले के कलेक्टर द्वारा नागरिकता के लंबित मामलों को निपटाने के लिये विशेष शिविर आयोजित किये गये और शिविरों में जिलेवार कितने-कितने प्रकरण निपटाये गये? कृपया निराकृत मामलों में व्यक्तियों के नाम भी बताएं। (ग) क्या शासन स्तर पर लंबित मामलों में भारत सरकार गृह विभाग फॉरेनर्स डिवीजन (सिटीजनशिप) के परिपत्र क्रमांक 26030/266/2014-IC&II दिनांक 31 अक्टूबर, 2017 की कंडिका (III) एवं परिपत्र क्रमांक 26030/266/2014-IC&II दिनांक 29 नवम्बर, 2017 की कंडिका 2 के निर्देशों का पालन किया जा रहा है, जिसमें निम्न निर्देश हैं :- (iii) No fresh police report is required in cases which have been processed earlier for issue of acceptance letter and which are now required to be processed for issue of citizenship certificate after submission of documents even belatedly. (2) However, cases where the Government has already accorded its in principal approval to grant of Indian citizenship, clearance from central security Agencies is not required again even if the period is more than two years. Confirmation of travel abroad is required only before the applicant makes his application for citizenship. The applicant is free to travel abroad after submission of application for citizenship. (घ) क्या शासन लंबित मामलों के निराकरण की कोई समय-सीमा तय कर सम्पूर्ण मामले निराकृत करायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 866 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं से मेरे विधानसभा क्षेत्र बरघाट अंतर्गत विकासखण्ड कुरई में वर्ष 2019 से वर्तमान तक किन-किन योजनाओं से कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? (ख) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित विद्युतीकरण योजना से कितने आदिवासी कृषकों को लाभान्वित किया गया है? वर्ष 2019 से वर्षवार प्राप्त बजट एवं लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, ग्राम का नाम सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करने का कष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 924 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत घाटपिपरिया में विभाग द्वारा स्वीकृत नवीन कन्या शिक्षा परिसर राशि 5244.06 लाख के स्वीकृति के उपरान्त राशि कब तक निर्माण एजेंसी को हस्तांतरित कर निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया जावेगा? जनजाति कार्य विभाग कब तक निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन करेगा? (ख) जिला जबलपुर में पी.वी.टी.जी. योजनांतर्गत (विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह योजना) संभाग स्तरीय सामुदायिक भवन निर्माण राशि 2.00 करोड़ की स्वीकृति आदिवासी विभाग जबलपुर को प्राप्त है? यदि हाँ, तो उपरोक्त योजना के सामुदायिक भवन निर्माण हेतु संभाग के सभी जिले के आवागमन के सुगम जुड़ाव के कारण नेशनल हाइवे पर स्थित ग्राम घाना संभाग स्तरीय भवन हेतु उपयुक्त होने पर भी अभी तक जिला प्रशासन से अतिक्रमणमुक्त भूमि की मांग विभाग द्वारा कब-कब की गई? यदि मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो विभाग द्वारा कब-कब स्मरण पत्र जारी किये गए? प्रश्नकर्ता द्वारा भूमि आवंटन हेतु अभी तक किये गये पत्राचारों पर जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? संपूर्ण विवरण दिया जावे। (ग) विभाग द्वारा गत दो वर्षों में बरगी विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्य स्वीकृत किये हैं? जनपदवार सूची देवें। उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत घाट पिपरिया में विभाग द्वारा कन्या शिक्षा परिसर निर्माण स्वीकृत नहीं किया गया, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। भूमि के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्रश्नकर्ता द्वारा भूमि आवंटन हेतु प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ग'' के सम्बन्ध में बरगी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षण
[गृह]
29. ( क्र. 926 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के त्योंदा थाना क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 24.4.2021 को हुई ट्रक में आग लगने की घटना पर धारा 406, 435, 120 बी के तहत दर्ज प्रकरण में आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? ड्राइवर, ट्रक मालिक की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? गिरफ्तारी हेतु कब-कब, कहाँ-कहाँ दबिश दी गई? उक्त ट्रक को जप्त क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या माननीय विभागीय मंत्री जी को जबलपुर प्रवास के दौरान दि. 25.02.22 को श्री अशोक खंडेलवाल प्रेषक अखिल ट्रेडर्स द्वारा विदिशा पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जाने के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्रवाई की गई तो अवगत करायें। (ग) उक्त प्रकरण में जिस बिजली पोल से टकराया वह बिल्कुल भी क्षतिग्रस्त नहीं होने एवं ट्रक के अंदर जले हुए तेल (लगभग 16000 लीटर) के कोई भी अवशेष नहीं मिलने पर भी पुलिस द्वारा लापरवाही पूर्वक बिना जांच किए आगजनी की घटना दर्शाते हुए मामले को रफा-दफा क्यों किया? (घ) उक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा जले हुए ट्रक को अदालती कार्यवाही किए बिना ही ट्रक मालिक को क्यों सौंप दिया? उचित कारण देवें। क्या इस कृत्य से पुलिस की कार्य प्रणाली संदेहास्पद नहीं लगती? यदि हाँ, तो उक्त पुलिस अधिकारी का निलंबन कब तक किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित घटनाक्रम में आपराधिक प्रकरण कायम कर अनुसंधान की कार्यवाही की जा रही है। आरोपी ड्रायवर की गिरफ्तारी की जा चुकी है। सह आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला विदिशा के अभिलेखों के अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्रश्न दिनांक तक प्राप्त प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ग) वर्तमान में प्रकरण की विवेचना समस्त परिस्थितियों के दृष्टिगत की जा रही है तथा विधिसम्मत कार्यवाही की गई है। मामले को रफा-दफा नहीं किया गया है। (घ) प्रकरण की जांच से संबधित पुलिस अधिकारी द्वारा बिना किसी विधिसम्मत कार्यवाही के ट्रक जप्त न कर ट्रक मालिक को सौंपे जाने के संबंध में राजपत्रित पुलिस अधिकारी से जांच कराई गई है। त्रुटिकर्ता पुलिस अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है।
चिकित्सा महाविद्यालय में मरीजों हेतु पूर्ण चिकित्सा सुविधा
[चिकित्सा शिक्षा]
30. ( क्र. 942 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कार्डियोलॉजी, न्यरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी एवं आँकोलॉजी जैसी सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं का अभाव होने से यहाँ दूर दराज से आने वाले मरीजों को पूर्ण चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या शासन उक्त चिकित्सा सुविधाओं को प्रारंभ कराये जाने पर शीघ्र विचार करेगा तथा कब तक? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1186 दिनांक 24.12.2021 के उत्तरांश में बताया गया था कि, कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस हेतु बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर को संचालनालय से दिनांक 08.12.2021 को पूर्ण जानकारी (डी.पी.आर. सहित) प्रस्तुत करने हेतु निर्देश किया गया था। क्या उक्त जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना हेतु अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? विवरण सहित बतायें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
रिक्त पदों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
31. ( क्र. 943 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में जनजाति कल्याण विभाग में उपायुक्त, संयुक्त संचालक, अपर संचालक, सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, सी.ई.ओ., पी.ओ., क्षेत्र संयोजक, मंडल संयोजक, प्राचार्य एवं व्याख्याता के विषयवार प्रश्न दिनांक तक कितने पद रिक्त हैं? इन प्रशासनिक पदों पर शैक्षणिक संवर्ग एवं अन्य विभाग के कितने अधिकारी किन-किन कार्यालयों, भोपाल मुख्यालय, संभागीय कार्यालय अथवा जिला कार्यालय में कार्यरत हैं? विभागीय स्तर पर अधिकारी उपलब्ध होते हुये भी शैक्षणिक संवर्ग एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को प्रभार दिये जाने का क्या कारण है? बतायें। (ख) क्या आदिम जाति कल्याण मंत्रणा परिषद् की बैठक वर्ष 30.11.2021 में विभागीय आदिवासी स्कूलों में व्याख्याता, प्राचार्यों के पद रिक्त होने पर भोपाल मुख्यालय, संभागीय एवं जिला कार्यालयों में संलग्न शैक्षणिक संवर्ग को मूल संस्थाओं में पदस्थ करने का निर्णय मुख्यमंत्री/अध्यक्ष मंत्रणा परिषद् द्वारा लिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अब तक कितने प्राचार्य/व्याख्याता/शिक्षक को मूल संस्थाओं में पदस्थ किया गया तथा प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यालयों में संलग्न है? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में वर्णित संलग्न कर्मचारियों को कौन-कौन से पद के विरूद्ध किन-किन संस्थाओं से वेतन आहरित किया जा रहा है? विभाग की नीति एवं आदेश उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
मुरैना जिले को प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
32. ( क्र. 1018 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला मुरैना में अनु. जाति बस्ती विकास राज्य एवं केन्द्र शासित योजनाओं तथा विभागीय छात्रावास सुदृणीकरण राशि की जानकारी देने हेतु जिला संयोजक, मुरैना को पत्र क्रमांक 1566 दिनांक 21/11/2022 दिया गया था? यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास राज्य एवं केन्द्र शासित योजनाओं में कितना-कितना आवंटन कब प्राप्त हुआ तथा कहाँ-कहाँ पर कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय छात्रावास मरम्मत एवं संधारण की कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि किस-किस निर्माण एजेंसी द्वारा कहाँ-कहाँ पर किस कार्य के लिए व्यय की गई? एजेंसी का नाम, कार्य का नाम सहित जानकारी देवें। छात्रावास अधीक्षकों को किस नियम के तहत निर्माण एजेंसी बनाया गया? (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावास सामग्री पूर्ति में कितना आवंटन कब प्राप्त हुआ? किस एजेंसी द्वारा कौन सी सामग्री कहाँ क्रय की गई? वर्षवार प्राप्त आवंटन, क्रय आदेश एवं सामग्री देयकों की छायाप्रति सहित जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी कार्यालयीन पत्र क्रं. 2970 दिनांक 09.12.2022 के द्वारा मान. विधायक श्री राकेश मावई, विधान सभा क्षेत्र मुरैना को भेजी गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। अधीक्षकों को निर्माण एजेंसी बनाये जाने का निर्णय जिला स्तर पर लिया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
निराश्रित गौवंशों का उचित संवर्धन
[पशुपालन एवं डेयरी]
33. ( क्र. 1127 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्र. 116, दिनांक 29-07-2022 के उत्तरांश (ग) में बताया कि किसी कंपनी द्वारा उक्त गौशाला के निमार्ण में रूचि नहीं लेने के कारण स्मार्ट गौशाला नहीं खोली जा सकी। कृपया अवगत कराने का कष्ट करें किसके माध्यम से व किस कंपनी के द्वारा गौशाला निर्माण में रूचि नहीं ली गई व किस-किस कंपनी से संपर्क किस माध्यम से किया गया? अवगत करवाएं एवं रुचि न लेने का क्या कारण है? (ख) क्या शासन अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है अथवा विभागीय रूप से एवं पंचायतों के माध्यम से या एन.जी.ओ. के माध्यम से क्या स्मार्ट गौशाला बनवाई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) क्या ब्यावरा नगर में गौ माता भटक रही हैं? हाँ या नही? यदि हाँ, तो उचित प्रबंधन क्यों नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या विभाग जांच करवाएगा? (घ) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र में कितनी गौशाला स्वीकृत कर निर्माण कार्य कराया गया है और कहाँ-कहाँ? सूची उपलब्ध करवाएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। गौशाला निर्माण एवं उनमें सहभागिता हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से अभिरूचि की अभिव्यक्ति (Expression of Interest) जारी की गई थी। जिसके फलस्वरूप एस.आई.बी.सी.एस. कंपनी, नई दिल्ली द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मध्यप्रदेश शासन, नव एवं नवकरणीय उर्जा विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन एवं एस.आई.बी.सी.एस. कंपनी, नई दिल्ली के मध्य अबंधनकारी अनुबंध निष्पादित किया गया था। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा कंपनी को भूमि की उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर जिलों से प्राप्त स्मार्ट गौशालाओं के प्रस्तावों की सूची भी उपलब्ध कराई गई थी परन्तु इसके उपरांत कंपनी द्वारा कोई प्रतिउत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु राज्य शासन द्वारा ''मुख्यमंत्री गौसेवा योजना'' संचालित की गई है। वर्तमान में स्मार्ट गौशाला बनाये जाने का विभाग के पास में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। ब्यावरा नगरपालिका सीमा में गौ-संवर्धन बोर्ड अन्तर्गत 02 गौशालाएं संचालित है, जिसमें निराश्रित गौवंशों का उचित संवर्धन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विस्फोटक समाग्री विक्रय हेतु जारी अनुज्ञप्तियां
[गृह]
34. ( क्र. 1140 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत यूरिया (अमोनिया नाइट्रेट विस्फोटक) सामाग्री विक्रय हेतु अनुज्ञप्तियां जारी की गयी हैं? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कितनी फर्मों को, कितनी मात्रा में रखने की अनुज्ञप्तियां जारी की गयी हैं? (ग) क्या अनुज्ञप्ति प्राप्त फर्म द्वारा विस्फोटक रखने का स्थान/गोदाम बनाये गये हैं। हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो सुरक्षा के क्या इन्तजाम किये गये हैं? (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक लायसेंस प्राप्त फर्मों द्वारा कितनी यूरिया (अमोनिया नाइट्रेट विस्फोटक) प्राप्त की गयी है और कितने कृषकों को वितरित की गयी है? प्राप्त एवं कृषकों को वितरण की जानकारी नाम, ग्राम का नाम सहित सूची उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) 04 फर्मों को 30 मैट्रिक टन विक्रय हेतु अनुज्ञप्तियां जारी की गई है। (ग) जी हाँ। सुरक्षा के इंतजाम हेतु अग्निशमन सिलेण्डर एवं रेत से भरी बाल्टियों की व्यवस्था की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार।
सहकारिता विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध जांच
[सहकारिता]
35. ( क्र. 1151 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर शहरों में कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के कितने पदाधिकारियों के विरूद्ध किन कारणों से लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. की कार्यवाही किस-किस दिनांक से प्रचलन में है? विवरण देवें। (ख) उक्त अवधि में अब तक चलाए गए भू-माफिया अभियान में, अन्य कारणों से किन गृह निर्माण संस्थाओं एवं पदाधिकारियों सहित अन्य के विरूद्ध किस-किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई? वर्तमान स्थिति का विवरण देवें। (ग) सहकारिता विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध उक्त अवधि में उक्त शहरों में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के कारण से किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? विवरण देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मिलावट विरोधी अभियान
[गृह]
36. ( क्र. 1162 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मिलावट खोरों के खिलाफ बनाये गये रासुका के प्रकरणों में अधिकांश आरोपी न्यायालयों से बरी हो गये हैं? प्रकरणों के नाम, क्रमांक, अभियुक्तों के पते सहित 2019, 2020, 2021 एवं नवम्बर 2022 की वर्षवार, स्थान सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त कार्यकाल में शासन द्वारा ''शुद्ध के लिये युद्ध'' एवं ''मिलावट से मुक्ति'' अभियान चलाये? जहां पुलिस द्वारा प्रकरणों में सही विवेचना नहीं करने, पुलिस द्वारा गलत धाराओं में प्रकरण दर्ज किये थे तथा जिला कलेक्टरों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधानों का पालन नहीं किया एवं राज्य शासन, केन्द्र सरकार, को समय-सीमा की सूचना नहीं दी, की प्रकरणवार तथ्यों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या शासन की इस योजना का लाभ जनता को नहीं मिल पाने में जिलों के पुलिस अधीक्षकों, कलेक्टरों पर न्यायालय द्वारा कॉस्ट लगाई गई है? जिलेवार, कॉस्ट की राशि सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या शासन उक्त प्रकरणों में हुई वैधानिक चूक के लिये वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त पंजीयक के पद पर पदस्थापना
[सहकारिता]
37. ( क्र. 1163 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नवम्बर, 2022 की स्थिति में कितने सम्भागों में संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त पंजीयक के पद पर स्थाई अधिकारियों की पद स्थापना कब से नहीं की गई है? सम्भागवार समय सहित जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में संयुक्त पंजीयकों के पद कब से रिक्त हैं? यहां भोपाल के अधिकारियों को कब से प्रभार दिया गया है? नवम्बर 2022 की स्थिति के अनुसार जानकारी दी जावे। (ग) क्या भोपाल से पदस्थ अधिकारी भोपाल एवं ग्वालियर दोनों स्थानों के कार्यों को समय-सीमा में निराकरण कर पाएंगे? वर्ष 2022 में भोपाल से प्रभारी संयुक्त पंजीयक ग्वालियर में कब-कब कार्यालय में उपस्थित रहे? माहवार जानकारी दी जावे। (घ) ग्वालियर में भी जिला स्तर के उप. पंजीयक का पद खाली है। ग्वालियर में दतिया के उप पंजीयकों को प्रभार दिया गया है? उक्त सभी स्थानों के रिक्त अधिकारियों की पदस्थापना कब तक की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) संभागवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
संभाग का नाम |
पद रिक्तता का दिनांक |
क्र. |
संभाग का नाम |
पद रिक्तता का दिनांक |
1 |
भोपाल |
01.02.2021 |
4 |
ग्वालियर |
08.09.2019 |
2 |
सागर |
07.03.2019 |
5 |
रीवा |
01.01.2022 |
3 |
नर्मदापुरम |
13.07.2017 |
6 |
चंबल संभाग |
01.09.2021 |
(ख) ग्वालियर दिनांक 08.09.2019 एवं चंबल दिनांक 01.09.2021 से रिक्त। प्रभार दिनांक 21.09.2022. (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। दतिया के सहायक पंजीयक को प्रभार दिया गया है, अधिकारियों की उपलब्धता एवं स्थानांतरण नीति अनुसार।
नि:शक्तजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
38. ( क्र. 1175 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला विदिशा में विभाग द्वारा नि:शक्तजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना संचालित हैं? यदि हाँ तो पात्र हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल कब तक प्रदाय की जावेगी? नहीं तो कारण बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : जी हाँ, विभाग अंतर्गत दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने हेतु मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना संचालित है। उक्त योजनांतर्गत जिला विदिशा में पात्र दिव्यांग हितग्राहियों का मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंकों के
सेवा नियम
[सहकारिता]
39. ( क्र. 1190 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सेवा नियमों में बैंकिंग सहायक/कम्प्यूटर ऑपरेटर के पारस्परिक परिवर्तन के संबंध में क्या संशोधन कब किये गये? संशोधन की प्रति दें। (ख) क्या यह संशोधन विभागीय मंत्री से लिये गये प्रशासकीय अनुमोदन के अनुरूप थे? यदि नहीं, तो संशोधन में प्रशासकीय अनुमोदन के अतिरिक्त अन्य प्रावधान कैसे जोड़े गये? प्रशासकीय अनुमोदन की नस्ती के संबंधित पृष्ठों की प्रति दें। (ग) प्रशासकीय अनुमोदन के अतिरिक्त सेवा नियमों के संशोधन में अन्य प्रावधान जोड़ने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है और उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त संशोधन के आधार पर किन-किन बैंकों से अधिक कर्मचारी दूसरे बैंकों में गये तथा किन-किन बैंकों में अधिक कर्मचारी संविलयन हुये? क्या कम वेतनमान वाले कर्मचारी अधिक वेतनमान वाले बैंकों में संविलियन किये गये तथा संविलियन में आरक्षण के नियमों का पालन भी नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन उत्तरदायी है और क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृद्धावस्था पेंशन में बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
40. ( क्र. 1199 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत समय से सामाजिक न्याय विभाग से दिव्यागों एवं विधवा महिलाओं को पेंशन हेतु गरीबी राशन कार्ड की बाध्यता सरकार ने समाप्त कर प्रदेश में सभी दिव्यांग एवं विधवा महिलाओं हेतु पेंशन स्वीकृत की गयी है? इसी प्रकार जो गरीब बी.पी.एल. कार्डधारी वृद्ध एवं निराश्रितों को जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं, क्या उन्हें भी शासन द्वारा पेंशन प्रदाय की जा रही है? (ख) क्या वृद्धावस्था में समस्त वृद्धजन जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं हैं इन्हें भी पेंशन की आवश्यकता रहती है, तो क्या उनके लिए शासन द्वारा बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता समाप्त कर पेंशन प्रदाय करने हेतु कोई योजना लागू की गयी है? (ग) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. की बाध्यता समाप्ति हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होकर आदेश जारी किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के हितग्राहियों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना अंतर्गत एवं निराश्रित श्रेणी के 60 वर्ष से अधिक आयु के हितग्राहियों को राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में पेंशन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं है किंतु निराश्रित की श्रेणी में होने पर पात्रता के आधार पर राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में पेंशन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
41. ( क्र. 1266 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने चिकित्सा महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित हैं? इनमें कितनी-कितनी सीटें किस-किस श्रेणी की हैं? सूची दें। (ख) जिला मुरैना में चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय न होने से छात्र-छात्राओं को प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता है? चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की मांग जन प्रतिनिधियों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा निरंतर की जा रही है। जिला मुरैना में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के संबंध में सरकार कोई विचार कर रही है? अगर हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नीट परीक्षा के माध्यम से मेरिट के आधार पर काउंसिलिंग की प्रक्रिया के द्वारा चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश प्रदान किया जाता है। अत: छात्र-छात्राओं को मेरिट के आधार पर किसी भी जिले के चिकित्सा महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने हेतु जाना पड़ता है। जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के संबंध में भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति या राज्य शासन द्वारा समय-समय पर लिये गये नीतिगत निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन शस्त्र लायसेंस के प्रस्ताव
[गृह]
42. ( क्र. 1267 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर मुरैना को दिनांक जनवरी 21 से नवम्बर 22 तक प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं? (ख) एरिया वृद्धि, वृद्धहस्तांरण एवं फौती शस्त्र लायसेसों के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर को प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं? कितने स्वीकृत होना शेष हैं? शेष प्रस्ताव कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में नवीन शस्त्र बनवाने हेतु आवेदकों के चरित्र उत्तम हैं, जिसका सत्यापन पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा किये जाने के बावजूद नवीन शस्त्र लायसेंस क्यों नहीं बनाये गये? (घ) क्या इस संबंध में अधोहस्ताक्षरकर्ता विधायक द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर कलेक्टर जिला मुरैना का ध्यान भी आकर्षित कराया गया है? यदि हाँ, तो अधोहस्ताक्षरकर्ता के द्वारा वस्तुस्थिति संज्ञान में लाने के बाद में जिला कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के कुल 86 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी 2021 से नवम्बर 2022 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये है, इनमें से 20 नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत अन्य राज्यों हेतु एरिया वृद्धि के 18 प्रस्ताव वृद्धहस्तांरण एवं फौती शस्त्र लायसेंसों के कुल 36 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी 2021 से नवम्बर 22 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये हैं, इनमें से 22 वृद्धहस्तांतरण एवं फौती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। शेष 14 वृद्धहस्तांतरण एवं फौती शस्त्र लायसेंस के प्रस्ताव तथा एरिया वृद्धि के 15 प्रस्ताव विचाराधीन हैं, परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के 59 प्रस्ताव लंबित हैं, इन पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (घ) हाँ। माननीय विधायक द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर ध्यान आकर्षित कराया गया है। विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत 20 नवीन शस्त्र लायसेंस एवं 22 वृद्धहस्तांतरण व फौती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जा चुके हैं, शेष पर कार्यवाही प्रचलित है।
निःशक्तजनों के कल्याण हेतु शासन की योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
43. ( क्र. 1292 ) श्री तरबर सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा निःशक्तजन कल्याण हेतु वर्तमान में कौन कोन सी योजनायें प्रदेश में चलाई जा रही हैं? योजनावार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांक 'क' अनुसार शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से बण्डा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ के हितग्राहियों को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई हैं? विकासखण्डवार, योजनावार, ग्रामवार, हितग्राहीवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांक 'क' अनुसार बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में ऐसे कितने पात्र हितग्राही हैं, जिनको योजनाओं का लाभ आधिकारी एवं कर्मचारियों की अनदेखी के कारण नहीं मिल पा रहा है तथा इनको योजनाओं का लाभ कब तक मिलने लगेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसारI (ग) उत्तरांश (क) अनुसार बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में कोई भी पात्र दिव्यांग हितग्राही का आवेदन लाभान्वित हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अल्पसंख्यक बस्तियों का सौंदर्यीकरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
44. ( क्र. 1297 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग की बस्तियों एवं पूजाघरों के सौंदर्यीकरण या जीर्णोद्धार के कार्यों को स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? विवरण दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) के संबंध में कब-कब पत्राचार किये गये है? क्या उन पर कोई कार्यवाही की गई है? हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों? (ग) अल्पसंख्यक वर्ग के निवासरत बस्तियों के सौंदर्यीकरण और पूजाघरों के जीर्णोद्धार का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो विवरण दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विभाग द्वारा कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती
[जनजातीय कार्य]
45. ( क्र. 1307 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कितने पद प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला शिक्षक के रिक्त हैं? दिनांक 1/4/2022 की स्थिति में बताएं। इनमें से कितने पद सीधी भर्ती के हैं? कितने पद पदोन्नति के हैं? माध्यमिक शाला के रिक्त पद विषयवार बताएं। (ख) मध्यप्रदेश में प्राथमिक शाला में कितने शिक्षकों के बैकलॉक के पद रिक्त हैं? अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अलग-अलग बताएं। मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार सारे बैकलॉक के पद इसी सत्र में भरे जाएंगे। इसको लेकर विभाग की क्या योजना है? (ग) वर्तमान में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में पदों की संख्या 18527 है, जो लगभग 10 वर्ष बाद आयोजित हो रही हैं। क्या पदों में वृद्धि की जावेगी? (घ) माध्यमिक शिक्षक भर्ती में सामाजिक विज्ञान और विज्ञान के कितने पद सीधी भर्ती के रिक्त हैं? क्या पदों में वृद्धि की जायेगी? (ड.) मध्यप्रदेश में ऐसे कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल हैं, जहां केवल एक ही नियमित शिक्षक हैं? स्कूलों की संख्या बताएं। (च) मध्यप्रदेश में माध्यमिक शाला में विज्ञान शिक्षक के पद निर्माण के क्या मापदंड हैं? कितने छात्र संख्या पर विज्ञान शिक्षक का पद निर्मित होता है? न्यूनतम शिक्षक में विज्ञान का पद सम्मिलित है या नहीं? बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) दिनांक 01.04.2022 की स्थिति में प्राथमिक शिक्षक के 11098 एवं माध्यमिक शिक्षक के 10598 पद रिक्त हैं। प्राथमिक शिक्षक के 11098 पद (शत्-प्रतिशत पद सीधी भर्ती के) रिक्त हैं एवं माध्यमिक शिक्षक के सीधी भर्ती के 3914 तथा पदोन्नति के 6684 पद रिक्त हैं। माध्यमिक शिक्षक के विषयवार रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश में 01.04.2022 की स्थिति में प्राथमिक शिक्षक के 8648 बैकलॉग के पद रिक्त हैं, जिसमें अनुसूचित जाति के 485 एवं अनुसूचित जनजाति के 7669 पद हैं। प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की कार्यवाही निरंतर प्रचलित है। (ग) प्रश्न में उल्लेखित पदों की संख्या में से जनजातीय कार्य विभाग के 11098 पद हैं। दिनांक 01.04.2022 के पश्चात प्राथमिक शिक्षकों के 807 पदों की वृद्धि की गई है। (घ) विज्ञापित पदों में सामाजिक विज्ञान विषय अंतर्गत माध्यमिक शिक्षकों के 248 एवं विज्ञान विषय में 180 पद सीधी भर्ती के रिक्त हैं। वर्तमान में पदों में वृद्धि के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। भविष्य में आवश्यकतानुसार निर्णय लिया जावेगा। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (च) छात्र संख्या 141 से अधिक होने पर विज्ञान विषय अंतर्गत जीव विज्ञान विषय के माध्यमिक शिक्षक का पद निर्मित होने संबंधी मापदण्ड निर्धारित है। 141 छात्र संख्या होने पर। जी नहीं।
दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सहकारिता]