मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2022 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 23 दिसम्बर, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कटनी
जिले में
खाद्यान्न
उपार्जन
[सहकारिता]
1. ( *क्र. 1558 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2142, दिनांक 14.03.2022 के उत्तरानुसार उद् भूत तथ्यों से कोई अनियमितता ज्ञात हुई और प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो विवरण बताइये? यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने का कारण बताइये? (ख) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3138, दिनांक 17.03.2022 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर ''कटनी जिले में राशि रुपये 68321756/-की क्षति हुई है'' था? यदि हाँ, तो उल्लेखित क्षति किन-किन प्रकरणों में किन-किन शासकीय सेवकों की किन-किन जांच प्रतिवेदनों के आधार पर आकलित की गयी? विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) विगत तीन वर्षों में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन के खरीदी केन्द्रों में कौन-कौन से केंद्र/खरीदी प्रभारी एवं अन्य कर्मचारी पदस्थ/कार्यरत रहे,? (घ) क्या प्रश्नांश ''ग'' में केंद्र/खरीदी प्रभारियों पर अनियमितता के प्रकरण दर्ज हैं? यदि हाँ, तो किन-किन प्रभारियों पर तथा किस अनियमितता के चलते? इन्हें आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 18.11.2022 को दिये गये निर्देश के बाद भी आगामी विपणन वर्ष में केंद्र/खरीदी प्रभारी नियुक्त करने का कारण बताइये। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में खाद्यान्न उपार्जन/परिवहन/भंडारण कार्यों में अनियमितताओं की शासन/विभाग स्तर से विशेष दल गठित कर समयबद्ध जांच और कार्यवाई की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि कटनी में अनियमिततायें वर्षों से लगातार ज्ञात हो रही हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
2. ( *क्र. 1607 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2021 की अवधि में आयुक्त सहकारिता के कार्यालय से जबलपुर एवं सागर संभाग की किन-किन गृह निर्माण समितियों के संदर्भ में उपायुक्त सहकारिता एवं अध्यक्ष गृह निर्माण समितियों को आपराधिक/प्रशासनिक कार्यवाही हेतु किन आरोपों पर नोटिस/सूचना पत्र जारी किये गये थे? समितिवार, सूचना पत्रवार, दिनांकवार जानकारी दें। (ख) क्या उक्त सूचना पत्रों को गृह निर्माण शाखा के प्रभारी संयुक्त आयुक्त के पी.ए. के स्तर पर जावक पंजी संधारित कर पी.ए. कक्ष से जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) इन नोटिस एवं सूचना पत्रों पर जारीकर्ता अधिकारी द्वारा क्या अंतिम निर्णय लिये गये? क्या उन्हें अपने स्तर पर लंबित रखा गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदसौर नवीन न्यायालय भवन का निर्माण
[विधि एवं विधायी कार्य]
3. ( *क्र. 1135 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में किन-किन स्थानों पर नवीन न्यायालय भवन के निर्माण के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए हैं? किन-किन स्थानों पर नवीन न्यायालय भवन के लिए भूमि आरक्षित की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या आरक्षित भूमि वाले स्थलों के लिए विभाग द्वारा बजट का आवंटन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो भवन की कुल लागत, टेंडर दिनांक, निर्माण एजेंसी का नाम, एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण अवधि दिनांक आदि जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) संदर्भित क्या प्रश्नकर्ता विधायक के विधानसभा क्षेत्र में याचिका क्रमांक 703 में बताया गया है कि मंदसौर में न्यायालय भवन हेतु माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर से वर्तमान में कोई प्रस्ताव मंदसौर न्यायालय भवन हेतु प्राप्त नहीं हुआ है? इस हेतु विभाग ने कब-कब पुन: माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर को पत्र लिख कर मंदसौर भवन के प्रस्ताव/जानकारी चाही है? विभागीय पत्र क्रमांक, दिनांक सहित जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ परिवारों हेतु मूलभूत सुविधा
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
4. ( *क्र. 1123 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1021 के (क) उत्तर में बताया गया कि जी हाँ, उक्त परिवार पुरानी तहसील के पास व इंदिरा नगर कॉलोनी के पास निवासरत है, उक्त स्थान पर सड़क, विद्युत, पेयजल आदि की व्यवस्था अस्थाई रूप से नगर पालिका द्वारा कराई गई है तथा (ख) में बताया गया कि उक्त समाज को मूलभूत सुविधा दी जा रही है तथा (घ) में बताया कि इस समुदाय के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है? जानकारी दें कि पूरक प्रश्न दिनांक से वर्तमान प्रश्न के दिनांक तक किस-किस हितग्राही को क्या-क्या मूलभूत सुविधा जैसे घरों के पास आन्तरिक सड़क, नल कनेक्शन, विद्युत कनेक्शन सुविधा उपलब्ध कराई? हितग्राही का नाम दर्शाते हुए उपलब्ध कराई सुविधा की जानकारी दें। (ख) मूल प्रश्न की कंडिका (घ) में यह उत्तर दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है, जानकारी दें कि प्रश्न दिनांक तक किस-किस हितग्राही को प्रधानमंत्री आवास किस-किस दिनांक को स्वीकृत हुए, कितनी राशि उपलब्ध करा दी तथा कितने प्रतिशत आवास का कार्य पूर्ण हो गया है? (ग) उक्त 22 परिवारों में से कितने परिवारों को राशन मिल रहा है व कितने परिवारों को पेंशन व शासन की अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है? सूची उपलब्ध करवाएं।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) पुरानी तहसील के पास निवासरत परिवारों के आवागमन हेतु पक्की सड़क निर्मित है व इंदिरा नगर कॉलोनी के पास निवासरत परिवारों के आवागमन हेतु कच्ची सड़क निर्मित है। उक्त निवासरत परिवारों के पेयजल हेतु 2000 लीटर की सीमेन्ट कांक्रीट की टंकी का निर्माण किया गया है। विद्युत विभाग द्वारा अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। अन्य सुविधा प्राप्त हितग्राहियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। हितग्राहियों के पास आवास संबंधित दस्तावेज न होने के कारण नगर पालिका द्वारा इन हितग्राहियों को राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
भोपाल गैस पीड़ितों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में शामिल किया जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
5. ( *क्र. 901 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भोपाल गैस पीड़ितों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में शामिल करने हेतु माननीय केन्द्रीय मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं रसायन एवं उर्वरक भारत सरकार) को पत्र क्रमांक 3059, दिनांक 08 सितम्बर, 2021 एवं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र क्रमांक 3058, दिनांक 08 सितम्बर, 2021 को अनुरोध किया था? (ख) यदि हाँ, तो माननीय केन्द्रीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 2331891, सितम्बर 2021 द्वारा समीक्षा किए जाने का आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो इस तारतम्य में मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद् की बैठक में भोपाल गैस पीड़ितों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो बैठक का एजेण्डा व उसकी प्रोसीडिंग उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 3395 एवं 3396, दिनांक 16.09.2022 को क्रमश: माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को आयुष्मान कार्ड में गैस पीड़ितों को बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता खत्म करने हेतु पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो अनिवार्यता कब तक खत्म कर दी जावेगी और यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में दायर जनहित याचिका क्रमांक 50/1998 में दिनांक 25.07.2021 एवं 17.01.2008 में पारित आदेश के परिपालन में भोपाल गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों के नि:शुल्क उपचार के संबंध में पत्र क्रमांक 1516, दिनांक 27.01.2021 द्वारा भारत सरकार, नई दिल्ली से अनुरोध किया गया था, जिस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा उनके पत्र क्रमांक S-12012/13/2021-RSBY, दिनांक 28.05.2021 द्वारा भोपाल गैस पीड़ितों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में शामिल करने के निर्देश दिए गए। आयुष्मान ''निरामयम'' मध्यप्रदेश योजना के अंतर्गत किये जा रहे जांच एवं उपचार में गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों को सम्मिलित किये जाने हेतु निर्णय से संबंधित आदेश दिनांक 28.01.2022 को जारी किया गया है जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता नहीं है।
आवंटित राशि पर व्यय की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
6. ( *क्र. 1583 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस योजना में कराया गया? निर्माण कार्य के मूल्यांकन एवं सत्यापन की सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें? ऐसे कितने कार्य हैं, जो अपूर्ण हैं, जिनका पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दी गई समयावधि में अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल, छात्रावास-आश्रम संचालित हैं, कितने जर्जर अवस्था में हैं, कितने किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांकित अवधि में इन प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों, छात्रावासों-आश्रमों में छात्र-छात्राओं के अध्ययन एवं रख-रखाव एवं अन्य सुविधाओं हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी राशि किस-किस पर व्यय की गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निर्माण कार्य के मूल्यांकन एवं सत्यापन की सूचीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 14 कार्य अपूर्ण हैं, जिनके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' के संबंध में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 618 प्राथमिक शालाएं, 182 माध्यमिक शालाएं, 31 छात्रावास तथा 24 आश्रम भवन संचालित हैं। कुल 133 भवन जर्जर अवस्था में हैं। 05 संस्था किराये के भवन में संचालित हो रही है। (ग) प्रश्नांश ''ग'' के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब' अनुसार है।
शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय
[जनजातीय कार्य]
7. ( *क्र. 1487 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले की शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय उकवा, कन्या शिक्षा परिसर, बैहर, परसवाड़ा को संचालन एवं निर्माण कार्य हेतु राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से कौन-कौन सी सामग्री कब-कब, कितनी-कितनी राशि की खरीदी की गई? क्रय आदेश की प्रति, किन-किन निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? किस एजेंसी से निर्माण कार्य कराया गया, उसके कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं को विभाग/शासन से प्राप्त राशि से व्यय संबंधी प्राप्त दिशा/आदेश की प्रति एवं किस-किस को वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकार प्रदत्त किये गये हैं, उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक प्राचार्य शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय उकवा, कन्या शिक्षा परिसर, बैहर परसवाड़ा को सामग्री क्रय हेतु प्राप्त राशि एवं उसके विरूद्ध क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सी.एम. राईज़ स्कूल की स्थापना
[जनजातीय कार्य]
8. ( *क्र. 1311 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सी.एम. राईज़ स्कूल योजना क्या है तथा इसमें स्कूलों के चयन हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) धार विधानसभा क्षेत्र में कितने सी.एम. राईज़ स्कूल चयनित किये गये हैं तथा उनमें से कितनों के लिये भूमि का चयन हो चुका है व कितने स्कूलों हेतु भवन की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? (ग) क्या जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका पीथमपुर व पीथमपुर तहसील मुख्यालय पर भी सी.एम. राईज़ स्कूल का चयन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्या विभाग दो लाख से अधिक जनसंख्या वाले पीथमपुर नगर में कार्यरत मजदूर व कामगारों के बच्चों को आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को विशेष परिस्थिति मानकर नवीन सी.एम. राईज़ स्कूल स्वीकृत करने हेतु पहल करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु नवीन शिक्षा नीति के दृष्टिगत सर्व संसाधन संपन्न विद्यालयों की स्थापना के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सी.एम. राईज़ योजना बनायी गई है। सी.एम.राईज़ अंतर्गत विद्यालयों का चयन हेतु मापदण्ड निर्धारण के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र./रा.शि.के./ई.एण्ड.आर./2020/60, दिनांक 28.09.2022 द्वारा विभागीय सी.एम. राईज़ विद्यालयों का चयन किया गया है, पत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धार विधानसभा अन्तर्गत 02 सी.एम. राईज़ स्कूल चयनित किये गये हैं। दोनो स्कूल सी.एम. राईज़ स्कूल तिरला हेतु एवं सी.एम. राईज़ स्कूल धार हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है। स्कूलों हेतु भवन की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मेडिकल कॉलेज, छतरपुर का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
9. ( *क्र. 1316 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण के क्रम में वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? क्या माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा निर्माण पर स्थगन दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या पूर्व में भी एक पक्षकार को भी माननीय न्यायालय स्थगन दे चुका था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में जब एक बार आवंटित भूमि पर स्थगन मिल चुका था तो निर्माण कार्य में अवरोध नहीं आये, इस हेतु प्रशासन ने क्या रणनीति बनाई? आवंटित भूमि के संबंध में कैविएट क्यों नहीं लगाई? (घ) मेडिकल कॉलेज छतरपुर के शीघ्र निर्माण एवं स्थगन के संबंध में शासन क्या रणनीति बनायेगी? बार-बार मिलने वाले स्थगन को देखते हुए कैविएट लगाने पर विचार होगा? (ड.) दतिया मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर ही मेडिकल कॉलेज छतरपुर के भवन निर्माण के दौरान अन्य भवनों का उपयोग कर आगामी सत्र 2023-24 में M.B.B.S. पाठ्यक्रम में प्रवेश देकर मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करवाने पर सरकार का क्या तर्क है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय छतरपुर के बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, जो वर्तमान में बन्द है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में स्थगन आदेश के विरूद्ध जवाब प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) न्यायालयीन निर्णयानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।
खाचरौद पुलिस द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
10. ( *क्र. 1389 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाचरौद थाने में मोनू मेहता के विरूद्ध अपराध क्रमांक 0492, दिनांक 08.09.2022 भारतीय दण्ड विधान की धारा 386, 384 के प्रावधानों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) मोनू मेहता पर झूठे प्रकरण दर्ज करने की जांच की मांग हेतु पुलिस अधीक्षक उज्जैन, खाचरौद अनुविभागीय अधिकारी को जैन समाज व अन्य सामाजिक संगठनों व श्रीमती मयूरी पराग मेहता द्वारा दिए गए ज्ञापन एवं शिकायतों पर क्या जांच की गई? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा जांच की गई है? जांच प्रतिवेदन की कॉपी उपलब्ध कराएं। मोनू मेहता प्रकरण में खाचरौद के वरिष्ठ व्यापारियों को पूछताछ पर किन तथ्यों के आधार पर बुलाया गया? बिना सर्च वारंट के मोनू मेहता के यहां पर रेड डाली गई एवं नियमों के विपरीत पुलिस प्रशासन द्वारा स्वयं खड़े रहकर उसका गोदाम तुड़वाया गया? यदि हाँ, तो किन नियमों, आदेशों के द्वारा कार्यवाही की गई, की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (ग) क्या शासन द्वारा प्रत्येक पुलिस थाने में आमजनता के आवेदन, प्रार्थना पत्र शिकायत प्राप्त करने के नियम व कार्यवाही करने के नियम बनाए गए हैं? यदि हाँ, तो नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। क्या प्रार्थना पत्र पर आवक-जावक करने के निर्देश प्रदान किए गए हैं? यदि हाँ, तो निर्देश/आदेश की कॉपी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो आवेदन शिकायत क्यों प्राप्त की जाती है? (घ) जिला पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस द्वारा पुलिस थाने के आमजनता के शिकायत/प्रार्थना पत्र के आवक-जावक रजिस्टर व रोजनामचा का निरीक्षण करने के शासन के आदेश हैं? यदि हाँ, तो आमजनता की शिकायत की विगत 1 वर्ष का निरीक्षण प्रतिवेदन एवं आवेदनों/प्रार्थना पत्रों के निस्तारण की जानकारी जिन पर कार्यवाही की गई है तथा ऐसे कितने पत्र हैं, जिनकी आज दिनांक तक जांच नहीं की गई है? आवेदनकर्ता के नाम सहित विवरण दें। (ड.) सुप्रीम कोर्ट ने 2006 प्रकाश सिंह व अन्य की याचिका पर पुलिस कम्पलेंट आयोग बनाने के निर्देश प्रत्येक राज्य को दिए गए थे? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा पुलिस कम्पलेंट आयोग बनाया गया है? यदि हाँ, तो कब गठन किया गया है? विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? पुलिस कम्पलेंट आयोग हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (च) सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिसम्बर 2020 के फैसले के माध्यम से गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में आई.पी. आधारित सी.सी.टी.वी. निगरानी प्रणाली को लागू करने के लिए सभी राज्य पुलिस बलों को तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया था? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जैन समाज व अन्य सामाजिक संगठनों व श्रीमती मयूरी पराग मेहता द्वारा दिये गये ज्ञापन एवं शिकायत पत्र की जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) खाचरौद के द्वारा की गई है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। थाना खाचरौद पर मोनू मेहता प्रकरण से संबंधित किसी भी वरिष्ठ व्यापारी को पूछताछ हेतु नहीं बुलाया गया है। दिनांक 28.08.2022 को अप.क्र. 473/2022 धारा 4 (क) सट्टा एक्ट का पंजीबद्ध किया गया था, जिसमें अन्य आरोपी नितेश कासनिया के मेमोरेण्डम, कथन के आधार पर क्राईम ब्रांच उज्जैन श्री विनोद मीणा भा.पु.से. व राजपत्रित अधिकारी अ.अ.पु. श्रीमती पुष्पा प्रजापत के हमराह स्थानीय पुलिस थाना खाचरौद द्वारा उपस्थित मोनू उर्फ पराग मेहता के घर पर बरामदगी हेतु कार्यवाही की गई। दबिश की कार्यवाही में राजपत्रित अधिकारी के हमराह होने से उक्त कार्यवाही हेतु सर्च वारंट प्राप्त नहीं किया गया। बिना अनुमति निर्मित शिवाजी मार्ग स्थित भवन को हटाये जाने के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी खाचरौद द्वारा पत्र क्रमांक/नि.शा./2022/1464, दिनांक 14.09.2022 पुलिस बल उपलब्ध कराने हेतु थाना प्रभारी खाचरौद को प्रेषित किया गया था, जिस पर सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था हेतु पुलिस बल उपलब्ध कराया गया था। मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अतः पुलिस द्वारा नियम विपरीत गोदाम तुड़वाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विभिन्न विधिक प्रावधानों एवं नियमों जैसे धारा 154 दण्ड प्रक्रिया संहिता (द.प्र.सं.), 155 द.प्र.सं., 174 द.प्र.सं., पुलिस रेग्युलेशन की कंडिका 418, 419, 496, 710, 714 में थाने पर प्राप्त संज्ञेय अपराध, असंज्ञेय अपराध, अकाल मृत्यु की सूचना, आगजनी, गुम व्यक्ति, संपत्ति एवं दस्तावेज के संबंध में सूचना अथवा आवेदन पत्र प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही करने के प्रावधान है। आम जनता के आवेदन, शिकायत प्राप्त करने के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा परिपत्र क्रमांक-पु.मु./शिका./विविध/3003/18, दिनांक 04.07.2018 के माध्यम से निर्देश प्रदेश के समस्त पुलिस थानों के लिए पालनार्थ जारी किये गये हैं। उपरोक्त विधिक प्रावधानों, नियमों एवं परिपत्र की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 871 से 874 में जिला पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस द्वारा पुलिस थानों तथा थाने के अभिलेखों का निरीक्षण करने का प्रावधान है। थाना खाचरौद में विगत 01 वर्ष अवधि में अति. पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा निरीक्षण किया गया है, जिसमें आवेदन, शिकायत पत्र के अभिलेख शामिल है। वर्तमान में ऐसा कोई आवेदन/प्रार्थना पत्र नहीं है, जिसकी जांच नहीं की जा रही है। आवेदन/शिकायत पत्रों के संदर्भ में निरीक्षण प्रतिवेदन का अंश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं जांच में लंबित आवेदन/शिकायत पत्रों के आवेदकगण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (ड.) प्रकाश सिंह बनाम भारतीय संघ के सर्वोच्च न्यायालय में दिये गये निर्देशों के क्रियान्वयन के संबंध में मध्यप्रदेश शासन द्वारा पृ. क्रमांक एफ 1-7/2010/ब-2/दो, दिनांक 30.08.2010 से जिला स्तर पर जिला शिकायत बोर्ड गठन किया जा चुका है, जबकि राज्य स्तर पर स्वतंत्र आयोग जैसे :- राज्य मानव अधिकार आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, राज्य महिला आयोग, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, लोकायुक्त संगठन, राज्य अपराध प्रकोष्ठ पुलिस के विरूद्ध जांच हेतु पृथक से गठित है। उक्त आधार पर राज्य स्तर पर पुलिस शिकायत बोर्ड का गठन नहीं किया गया है। (च) जी हाँ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में मध्यप्रदेश के 1659 थानों/चौकियों में सी.सी.टी.व्ही. सिस्टम स्थापित करने का क्रयादेश फर्म मेसर्स टी.सी.आई.एल. लिमिटेड को दिनांक 27.12.2021 को जारी किया गया था। फर्म का विभाग से दिनांक 27.12.2021 को अनुबंध हो चुका था। फर्म के द्वारा वर्तमान में मध्यप्रदेश के समस्त जिलों के थाना/चौकियों में सी.सी.टी.व्ही. सिस्टम स्थापना का कार्य जारी है।
राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त अधिकारी/कर्मचारी की पदोन्नति/पदक भत्ता
[गृह]
11. ( *क्र. 1394 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई अथवा नहीं, जबकि पूर्व में म.प्र. में ही जीवन रक्षक पद प्राप्त कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई थी, तो राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों? (ख) क्या राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों को भविष्य में कोई पदोन्नति दी जावेगी अथवा नहीं, अगर पदोन्नति दी जावेगी तो पदक प्राप्ति दिनांक से ही पदोन्नति दी जावेगी अथवा आगामी दिनांक को आधार मानकर? (ग) क्या भविष्य में राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले पदक भत्ते में वृद्धि की जायेगी? अगर हाँ तो कब व कितनी वृद्धि की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पदोन्नति सामान्यत: ''वरिष्ठता सह उपयुक्तता'' के आधार पर दी जाती है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) के आदेश क्रमांक 355, दिनांक 20 अगस्त, 2019 में विनियम 70 (ख) प्रावधानित है, जिसमें नक्सल विरोधी अथवा आतंकवाद विरोधी अभियान में अदम्य साहस और जान जोखिम में डालने वाला हो जो कि अपनी विशिष्टता प्रदर्शित करने के आधार पर क्रम से पूर्व पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है। राष्ट्रपति वीरता पदक एवं जीवन रक्षक पदक जिन घटनाओं के आधार पर दिया जाता है, अगर उन घटना पर प्रस्ताव इकाई प्रमुख के माध्यम से क्रम से पूर्व पदोन्नति हेतु प्राप्त होता है तो ऐसे प्रकरणों में समिति द्वारा सक्षम स्तर पर परीक्षण किया जाकर क्रम से पूर्व नियमानुसार पदोन्नति दी जाती है। अत: यह कहा जाना सही नहीं है कि राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों के साथ जीवन रक्षक पदक प्राप्त कर्मचारियों की अपेक्षा भेदभाव किया जाता है। (ख) जिस घटना पर वीरता का परिचय देने पर संबंधित कर्मचारी को राष्ट्रपति पदक प्रदाय किया जाता है, अगर उसी घटना से संबंधित क्रम से पूर्व पदोन्नति का प्रस्ताव इकाई स्तर से प्राप्त होता है, तो सक्षम स्तर पर उसकी समीक्षा की जाकर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। क्रम पूर्व पदोन्नति वर्तमान में 70 (ख) के अनुसार केवल नक्सल विरोधी अभियान अथवा आतंकवादी विरोधी अभियान में दी जाती है। अत: अनुशंसित कार्य का इस श्रेणी में होना आवश्यक है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों में पुलिस की उदासीनता
[गृह]
12. ( *क्र. 1572 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गत तीन वर्षों में 21 साल तक के बच्चे एवं वयस्क के लापता होने, छेड़छाड़/रेप के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? इनमें भोपाल एवं इंदौर के कितने प्रकरण हैं? इनमें 12 से 21 वर्ष की कितनी लड़कियां हैं? इतने ज्यादा प्रकरण होने पर क्या माना जा सकता है? क्या पुलिस अपना कार्य ठीक से नहीं कर पा रही है एवं अपराधियों को शासन का संरक्षण प्राप्त है? (ख) भोपाल एवं इंदौर में गत 3 वर्षों में दर्ज अपराधों की संख्या वर्षवार, जिलेवार देवें एवं आयुक्त प्रणाली लागू करने के बाद से एक वर्ष में कितने प्रकरण दर्ज हैं? अंतर स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में तथा इन्दौर एवं भोपाल में गत 03 वर्षों में 21 वर्ष तक के बच्चें एवं वयस्क के लापता होने, छेड़छाड़ और रेप के प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इनमें 12 से 21 वर्ष की लड़कियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पुलिस अपना कार्य ठीक से कर रही है, अपराधियों को शासन में कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
जनऔषधि सहकारी संघ को नियम विरूद्ध आर्थिक सहायता
[सहकारिता]
13. ( *क्र. 1191 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जनऔषधि सहकारी संघ को सहकारिता विभाग द्वारा कितनी अंशपूंजी किस प्रावधान के अंतर्गत कब दी गई? अंशपूंजी दिये जाने के मापदण्ड क्या थे? (ख) अंशपूंजी दिये जाते समय संस्था के कुल कितने सदस्य थे और उनके द्वारा जमा की गई अंशपूंजी कितनी थी? (ग) क्या सदस्यों की अंशपूंजी निर्धारित मापदण्ड अनुसार 2.5 लाख रूपये नहीं थी? यदि हाँ, तो निर्धारित मापदण्डों के विपरीत जनऔषधि सहकारी संघ को आर्थिक सहायता किस आधार पर स्वीकृत की गई, इसके लिए कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) मध्यप्रदेश जन औषधि सहकारी संघ को विभाग द्वारा 5.00 लाख अंशपूंजी योजना क्रमांक 6684 (नवीन सहकारी समितियों को अंशपूंजी सहायता) के अन्तर्गत दिनांक 26.11.2020 को प्रदाय की गई। अंशपूंजी दिये जाने के मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अंशपूंजी दिये जाते समय संस्था के कुल 38 सदस्य थे और उनके द्वारा जमा की गई अंशपूंजी 2.87 लाख थी। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
तहसील सिहावल एवं बहरी में व्यवहारवाद न्यायालय की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
14. ( *क्र. 1579 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिहावल अन्तर्गत तहसील सिहावल एवं बहरी में व्यवहारवाद न्यायालय के स्थापना की मांग ग्रामीणों द्वारा की जाती है, जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर पत्राचार किया गया एवं प्रश्न पूछे गये, किन्तु शासन द्वारा मांग पूरी करने में सार्थक प्रयास क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) म.प्र. शासन विधि और विधायी कार्य विभाग का पत्र क्रमांक 6067/2019/21/c (एक) भोपाल, दिनांक 27.11.2019 एवं पत्र क्रमांक 5756/2019/21/c (एक) भोपाल, दिनांक 07.11.2019 के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ग) विधानसभा क्षेत्र सिहावल अन्तर्गत तहसील सिहावल एवं बहरी में व्यवहारवाद न्यायालय की स्थापना कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवेदन पर कार्यवाही
[गृह]
15. ( *क्र. 1601 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना प्रभारी कोतमा जिला अनूपपुर को दिनांक 30.06.2022 को आवेदक राममिलन पिता मनासिंह व फूलमती बाई पति मनासिंह द्वारा दिए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? उत्तर दिनांक की स्थिति में अद्यतन स्थिति देवें। (ख) क्या कारण है कि 05 माह का समय होने के बाद भी आवेदन में उल्लेखित अवैध निर्माणकर्ताओं पर कोई कार्यवाही नहीं की गई एवं न ही अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया? (ग) कब तक प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही की जायेगी? कब तक इस प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तारी की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदकगण राममिलन व फूलमती बाई निवासी गोविन्दा जिला अनूपपुर द्वारा जमीन विवाद के संबंध में दिनांक 30.06.2022 को आवेदन पत्र थाना एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा को दिये गये थे। आवेदन की जांच में मामला दीवानी प्रकृति का होकर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में विचाराधीन होना पाया गया। प्रकरण में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा द्वारा यथा स्थिति बनाये रखने हेतु दिनांक 01.08.2022 को स्थगन आदेश भी जारी किया गया है। वर्तमान में मामला न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में विचाराधीन है। (ख) आवेदकगण राममिलन व फूलमती बाई का जमीन संबंधी उक्त प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय राजस्व न्यायालय द्वारा लिया जाना है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोतमा में धारा 170 (ख) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के तहत मामला दर्ज होकर विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय राजस्व न्यायालय द्वारा लिया जाना है।
एफ.आई.आर. पर कार्यवाही
[गृह]
16. ( *क्र. 1469 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्व. अंकित पिता देवी सिंह भील, ग्राम खिराला, पुलिस चौकी बोरगांव, जिला खण्डवा की मृत्यु कब हुई है और मृत्यु के क्या कारण हैं? (ख) श्री देवीसिंह भील ने कब-कब पुलिस चौकी एस.पी. खण्डवा को आवेदन दिया है? उसके आवेदन में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या देवी सिंह के आवेदन के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है, अगर हाँ तो एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई और अगर नहीं तो देवी सिंह द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु आवेदन क्यों दिया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) स्व. अंकित पिता देवी सिंह भील, ग्राम खिराला, पुलिस चौकी बोरगांव, जिला खण्डवा की मृत्यु दिनांक 04.09.2022 के रात 11.30 बजे से दिनांक 05.09.2022 के मध्य शव परीक्षण प्रतिवेदन अनुसार करंट लगने से हुई। (ख) श्री देवीसिंह भील ने पुलिस चौकी में कोई आवेदन नहीं दिया। श्री देवीसिंह भील ने पुलिस अधीक्षक खंडवा को दिनांक 04.11.2022 में आवेदन पत्र दिया है। आवेदन पत्र के पूर्व ही मर्ग क्रमांक 72/22 धारा 174 जाफौ की जांच पर से अपराध क्रमांक 510/22 धारा 304-ए भा.द.वि. का दिनांक 13.10.2022 को कायम कर आवेदन दिये गये, आवेदन को विवेचना में शामिल किया गया। विवेचना के दौरान आरोपीगण 1. धर्मेन्द्र तिवारी, 2. विक्रम मोरे, 3. विनोद राम कहार को धारा 41-क जाफौ का नोटिस देकर उपस्थिति ली गई। प्रकरण विवेचना में है। (ग) यह सही है कि देवी सिंह के आवेदन के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। आवेदन पत्र के पूर्व ही मर्ग क्रमांक 72/22 धारा 174 जाफौ की जांच के दौरान साक्ष्य के आधार पर दिनांक 13.10.2022 को अपराध क्रमांक 510/22 धारा 304-ए भा.द.वि. का प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया है।
मध्यप्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेज
[चिकित्सा शिक्षा]
17. ( *क्र. 1098 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित 667 नर्सिंग कॉलेजों में से 2020-21 से 130 एवं वर्ष 2021-22 में 130 नर्सिंग कॉलेजों को मध्यप्रदेश काउन्सिल द्वारा अमानक माना गया है? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा गठित जांच समिति द्वारा जिन 200 नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया गया, उनमें से 70 कॉलेज अमानक पाए गए एवं दिनांक 18 अगस्त, 2022 को राज्य सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय को जांच रिपोर्ट सौंपकर 94 कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी गई? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने दिनांक 23 अगस्त, 2022 को मध्यप्रदेश नर्सिंग काउन्सिल के रजिस्ट्रार को निलंबित कर प्रशासक नियुक्त करने के आदेश दिए थे? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेज की मान्यता की किसी निष्पक्ष एजेन्सी से जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों एवं कॉलेज संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2020-21 में 667 में से 23 नर्सिंग संस्थाओं को अमानक पाये जाने पर मान्यता समाप्त की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं सत्र 2021 -22 में 119 नर्सिंग कॉलेजों को अमानक पाए जाने के कारण मान्यता समाप्त की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) जी हाँ। 94 नर्सिंग संस्थाओं को सत्र 2020-21 में मान्यता प्रदान नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (घ) प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 1080/2022, माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है।
आपराधिक प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
18. ( *क्र. 1136 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 141, दिनांक 09 अगस्त, 2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा किन-किन प्रश्नों के बिंदुओं पर उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही, लेख किया था? (ख) क्या उक्त जानकारी को एकत्रित कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो जानकारी की प्रति उपलब्ध कराई जाए? (घ) यदि नहीं, तो क्यों सक्षम अधिकारी द्वारा जानकारी एकत्रित करने में विलंब किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या विलंब से जानकारी एकत्रित करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला छतरपुर को मनोज अग्रवाल द्वारा दिनांक 01.12.2020 को शिकायत की थी? (छ) यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम के अनुसार शिकायतकर्ता को शिकायत पर की गई कार्रवाई से अवगत या जानकारी दी गई थी? (ज) यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (झ) क्या द्वारका पौराणिक द्वारा कराई गई एफ.आई.आर. में नंदी सर्राफ, मंदिर पब्लिक ट्रस्ट के सदस्य के संबंध में पवन अग्रवाल द्वारा सिटी कोतवाली को शिकायत की गई थी? (ञ) यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत पर एफ.आई.आर. की गई थी? (ट) यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ठ) क्या शासन के नियम अनुसार आपराधिक प्रकरण में झूठी जानकारी देने वाले के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जाता है? (ड.) क्या उक्त आवेदन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा? (ज) यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ज) जानकारी संकलित की जा रही है।
यूरिया खाद का प्रदाय
[सहकारिता]
19. ( *क्र. 343 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक रबी की फसल के लिए सोसायटी के माध्यम से बिक्री के लिए कितनी-कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद उपलब्ध कराई गई है? (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में रबी की फसल के लिए कितनी-कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद की आवश्यकता है? (ग) किसानों को सोसायटी के माध्यम से नगद राशि में खाद उपलब्ध नहीं कराने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्न दिनांक तक रबी की फसल के लिए कितनी-कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद कितने किसानों को वितरित की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
20. ( *क्र. 1029 ) श्री ठाकुर सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह (शेरा भैया) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या लाभ दिया गया? (ख) क्या विभाग द्वारा पशुओं को होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिये नि:शुक्ल टीकाकरण, दवाई का वितरण किया जाता है? यदि हाँ, तो इसके प्रचार-प्रसार के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जाते हैं? (ग) बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने पशु औषधालय हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त विधानसभा क्षेत्र के जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था वाले पशु औषधालय हैं, क्या उनमें जीर्णोद्वार के लिये विभाग कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक इनका जीर्णोंद्वार कर दिया जायेगा? (घ) बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में किन-किन पशु औषधालय में कितनी राशि किस कार्य हेतु व्यय की गई तथा किन-किन केन्द्रों पर कौन-कौन कर्मचारियों की पद स्थापना की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। अधीनस्थ विभागीय अमले को समय-समय पर निर्देश जारी कर विभागीय शिविरों एवं लोक कल्याण शिविरों के माध्यम से स्टॉल लगाकर एवं पंपलेट्स आदि का वितरण कर प्रचार-प्रसार किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
उर्वरक खाद की उपलब्धता
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 186 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर अन्तर्गत म.प्र. में उर्वरक डी.ए.पी. की मांग कृषकों द्वारा कितनी रखी गयी, जिसके एवज में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ छतरपुर के जिला विपणन अधिकारी द्वारा डबल लॉक केन्द्र से कितनी डी.ए.पी. खाद कृषकों को उपलब्ध कराई गई? (ख) जिला छतरपुर में कुल कितना डी.ए.पी. खाद प्राप्त हुआ एवं प्राप्त खाद में से कितना खाद सीधे डबल लॉक केन्द्र से वितरण हेतु प्राप्त हुआ एवं कितना खाद सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को वितरण किया गया? (ग) विगत वर्षों की तुलना में जिले की कुल डी.ए.पी. खाद की मांग में से कितना खाद डी.ए.पी. राजनगर तहसील एवं लवकुशनगर तहसील को वितरित किया गया है एवं जिले में प्रश्न दिनांक तक कितना डी.ए.पी. एवं कितना यूरिया उपलब्ध कराया गया अथवा उपलब्ध होने की संभावना है? विवरण देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ छतरपुर द्वारा डबल लॉक केन्द्र से कृषकों की आवश्यकतानुसार दिनांक 01.10.2022 से 08.12.2022 तक 3589.90 मे.टन डी.ए.पी. का वितरण कराया गया है। (ख) छतरपुर जिले में रबी सीजन 2022-23 में दिनांक 01.10.2022 से 08.12.2022 तक 8989.90 मे.टन डी.ए.पी. की विपणन संघ के डबल लॉक केन्द्रों में उपलब्धता रही, जिसमें से समितियों को 3711.00 मे.टन एवं डबल लॉक केन्द्रों से सीधे 3589.90 मे.टन किसानों को वितरण किया गया। (ग) विगत वर्ष की तुलना में छतरपुर जिले की कुल डी.ए.पी. खाद में से तहसील राजनगर एवं तहसील लवकुशनगर को उपलब्ध कराई गई खाद की तुलनात्मक स्थिति एवं डी.ए.पी. तथा यूरिया के उपलब्धता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों को नोटिस जारी किया जाना
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 1193 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल, 2020 एवं दिम्बर, 2021 में आयुक्त सहकारिता के कार्यालय से भोपाल एवं इन्दौर जिले की किन-किन गृह निर्माण समितियों के संदर्भ में उपायुक्त सहकारिता एवं अध्यक्ष गृह निर्माण समितियों को आपराधिक/प्रशासनिक कार्यवाही हेतु किन-किन आरोपों पर नोटिस/सूचना पत्र जारी किये गये थे? समितिवार सूचना पत्रवार, दिनांकवार जानकारी दें। (ख) क्या इन सूचना पत्रों को गृह निर्माण शाखा के प्रभारी संयुक्त आयुक्त के पी.ए. के स्तर पर जावक पंजी संधारित कर पी.ए. कक्ष से जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) इन नोटिस एवं सूचनाओं पर जारीकर्ता अधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय लिये गये अथवा क्या उन्हें अपने स्तर पर लंबित रखा गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) अप्रैल 2020 एवं दिसम्बर 2021 में प्रश्न में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संलग्नीकरण आदेश समाप्ति के बावजूद कार्यरत कर्मचारी
[गृह]
23. ( *क्र. 1547 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) द्वितीय बटालियन ग्वालियर के अंतर्गत रीडर लिपिक के पद पर 3 वर्षों से अधिक कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अंतर्गत संलग्नीकरण समाप्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके उपरांत भी संलग्नीकरण में कौन-कौन कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या उन्हें तत्काल हटाकर अपनी मूल विभाग एवं मूल पद पर पदस्थ कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? इस प्रकार नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या आरक्षक क्र. 106 बटालियन में कार्यरत है? यदि हाँ, तो कहाँ? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (घ) मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम 6 का उल्लंघन करने वाले कर्मचारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) द्वितीय वाहिनी में वर्तमान में रीडर लिपिक के रूप में तीन वर्ष से अधिक कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं है। (ख) जी हाँ। कोई भी कर्मचारी द्वितीय वाहिनी में संलग्नीकरण में कार्यरत नहीं है। (ग) जी हाँ। आरक्षक 106 दीवान सिंह मुख्य समवाय में कार्यरत है। (घ) शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
24. ( *क्र. 1498 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिले को निःशक्त जनों को देने हेतु आवश्यक उपकरणों के लिए कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार किस-किस विकासखण्ड में किन-किन हितग्राहियों को कौन-कौन सी सामग्री प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो चयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित को कितने दिनों के अंदर सामग्री उपलब्ध करा दी जाती है? वर्तमान में उपकरण के प्रकरण कितने लंबित हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनप्रतिनिधियों के द्वारा अनुशंसित प्रकरणों में कितनों का निराकरण किया गया तथा कितने लंबित हैं? लंबित होने का कारण बताएं। कब तक निराकरण किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला कटनी में दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार जिले में उपलब्ध निराश्रित निधि की राशि से कृत्रिम अंग सहायक उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं। भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत प्रश्नांश अवधि में दिव्यांगजनों को प्रदाय की गई उपकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले स्तर पर परीक्षण शिविर आयोजित कर चिकित्सक के परामर्श पर पात्र हितग्राहियों को कृत्रिम अंग सहायक उपकरण शीघ्र उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही की जाती है। भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत पात्रतानुसार उपकरण प्रदाय किये जाने संबंधी कार्यवाही भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्को) से संबंधित है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित कोई भी पात्र दिव्यांग हितग्राही का आवेदन लाभान्वित हेतु जिले कटनी स्तर पर लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
25. ( *क्र. 183 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग जिला छिंदवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित कर प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्षों में प्रदाय की गई राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य व अन्य कार्य स्वीकृत किये गये हैं? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभावार, वर्षवार स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी स्वीकृति पत्र सहित उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त उल्लेखित वित्तीय वर्षों में स्वीकृत किये गये विभिन्न निर्माण कार्यों व अन्य कार्यों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभावार निर्माण कार्यों व अन्य कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी से अवगत करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग छिन्दवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में शासन द्वारा आवंटित राशि का विवरण निम्नानुसार है :-
वित्तीय वर्ष |
योजना का नाम |
शासन द्वारा आवंटित राशि |
रिमार्क |
2020-21 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
80,58,000/- |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
2,01,02,000/- |
||
2021-22 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
11,54,42,000/- |
|
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
2,41,23,000/- |
||
2022-23 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
11,73,29,429/- |
|
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
2,41,23,000/- |
(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वित्तीय वर्षों में प्रदाय की गई राशि से स्वीकृत किये गये निर्माण कार्य व अन्य कार्यों की स्थिति निम्नानुसार है :-
वित्तीय वर्ष |
योजना का नाम |
स्वीकृत कार्यों की संख्या |
रिमार्क |
2020-21 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
3 |
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के पेज क्रमांक 01 से 06 तक |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
0 |
||
2021-22 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
56 (विभागीय 31 उ.मा.वि./हाईस्कूल शालाओं में ) |
स्वीकृति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के पेज क्रमांक 07 से 55 तक |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
24 |
||
2022-23 |
लघु मरम्मत/वृहद निर्माण कार्य |
364 (छात्रावास/आश्रम/उ.मा.वि./हाईस्कूल आदि मे) |
स्वीकृति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशि परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के पेज क्रमांक 56 से 77 तक |
बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण |
0 |
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पुलिस
थाना व पुलिस
चौकियों की स्थापना
[गृह]
1. ( क्र. 9 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बढ़ती जनसंख्या एवं लगातार होते जा रहे क्षेत्र विस्तार के कारण क्षेत्र में नवीन पुलिस थाना एवं नवीन पुलिस चौकियों को बढ़ाये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है? (ख) साथ ही क्षेत्रीय जन आवश्यकता एवं मांग के अनुसार (1) जावरा शहर थाने के सामने महिला पुलिस थाना (2) ढोढर पुलिस थाना के साथ ही - (i) अरनिया पीथा कृषि मंडी पुलिस चौकी (ii) खाचरोद नाका पुलिस चौकी (iii) ताल नाका पुलिस चौकी की मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग को समय-समय पर जन आवश्यकता की पूर्ति किये जाने हेतु अवगत कराया जा रहा है तो अब तक क्या कर्यवाही की गई? (घ) शासन/विभाग उपरोक्तानुसार उल्लेखित जन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रश्नांश (ख) व (ग) अन्तर्गत उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु कार्ययोजना में सम्मिलित कर बजट स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। भली-भांति कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। (ख) जिले में पूर्व से महिला थाना संचालित होने से वर्तमान में एक अन्य नवीन महिला थाना की आवश्यकता नहीं है। पुलिस चौकी ढोढर को थाना बनाए जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुसार नहीं होने से अमान्य किया गया है। जी नहीं। भली-भांति कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
2. ( क्र. 10 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं यथा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के कल्याण हेतु अनेक कार्य क्रियान्वित किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त वर्गों के कल्याण हेतु जावरा विधान सभा क्षेत्र की हुसैन टेकरी शरीफ से जुड़े अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण हेतु कार्ययोजना बनाकर स्थानीय प्रशासन द्वारा अग्रेषित की गई? (ग) साथ ही अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण हेतु नगरपालिका परिषद् जावरा द्वारा भी उपरोक्त वर्गों के कल्याणार्थ/कल्याणकारी कार्ययोजना बनाकर अग्रेषित की गई? (घ) यदि हाँ, तो विगत समय से लगातार जन आवश्यकता के कार्यों की महत्वपूर्ण मांगों हेतु कार्यवाही की जा रही है, तो इस पर शासन/विभाग द्वारा अग्रेषित की गई कार्ययोजना को कब तक स्वीकृति दी जाकर बजट में सम्मिलित किया जाएगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी, नहीं। (ग) जी, हाँ। (घ) कार्यालय नगर परिषद् जावरा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजनांतर्गत हुसैन टेकरी शरीफ के लिए प्रेषित प्रस्ताव भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रारूप एवं मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण इस कार्यालय के पत्र क्रमांक-3921 दिनांक 26.08.2022 को नवीन प्रारूप में पुन: प्रेषित करने हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी, जावरा जिला-रतलाम को मूलत: वापिस किया गया है।
गायों के पोषण आहार हेतु प्रदाय राशि की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( क्र. 45 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शासन द्वारा संचालित गौशालाओं में प्रति गाय राशि रू. 20/- प्रति दिवस के मान से आहार हेतु प्रदान की जा रही है? क्या प्रदान की जा रही राशि रू. 20/- में भी रू. 05/- प्रति गाय का दाना उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे गायों के भूसे एवं चारे की व्यवस्था हेतु प्रति गाय प्रति दिवस सिर्फ राशि रू. 15/- प्रति गाय ही उपलब्ध हो पा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या यह भी सही है कि गौशालाओं में गायों के आहार हेतु उपलब्ध होने वाली राशि रू. 20/- गायों के प्रतिदिन के भूसे एवं चारे की व्यवस्था हेतु अपर्याप्त है तथा इस राशि के कम होने के कारण गायों के पोषण आहार की व्यवस्था में परेशानी होने से ही गौशालाओं के बेहतर संचालन में भी कठिनाई एवं परेशानी हो रही है? (ग) क्या विभाग किसानों को देसी गाय के लालन-पालन के लिए प्रति गाय राशि रू. 900/- प्रतिमाह अनुदान प्रदाय करने जा रहा है? क्या उत्तरप्रदेश राज्य में भी गायों के पोषण हेतु रू 30/- प्रति गाय प्रतिदिन प्रदाय किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के क्रम में क्या विभाग गौशालाओं के बेहतर संचालन हेतु गायों के पोषण आहार राशि को रू. 20/- से बढ़ाकर रू. 30/- प्रति गाय प्रति दिवस करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। गौशालाओं को प्रति गौवंश प्रति दिवस 15/- रू. के मान से राशि के रूप में चारा हेतु 5/- रू. प्रति गौवंश प्रति दिवस दाने के रूप में, इस प्रकार कुल राशि 20/- रू. प्रति गौवंश प्रति दिवस की आर्थिक सहायता गौशालाओं को प्रदाय किए जाने के प्रावधान है। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्तजनों की संस्थाओं में नियुक्ति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
4. ( क्र. 86 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय मूकबधिर विद्यालय, मानसिक रूप से अविकसित बाल गृह, राज्य अपंग कल्याण बोर्ड के अधीक्षकों के पद, शासकीय दृष्टिबाधित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर के प्राचार्य के पद के साथ-साथ संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय विभाग जबलपुर के पद अनेक वर्षों से रिक्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति न होने के कारण नि:शक्तजनों की पढ़ाई पर विपरीत असर हो रहा है? (ग) क्या यह भी सही है कि नि:शक्तजनों के संस्थान सुविधाविहीन किराये के भवनों में चल रहे हैं? (घ) क्या शासन नि:शक्त बच्चों के भविष्य के लिये सुविधाजनक व्यवस्थायें एवं स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यालय, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जबलपुर संभाग जबलपुर एवं संस्थाओं के रिक्त अधिकारियों के पद पर नियमानुसार अतिरिक्त प्रभार देकर सुचारू रूप से कार्य संपादित हो रहा है। (ग) जी नहीं, किराये के भवन में संचालित संस्थाओं के भवन आवश्यक सुविधायुक्त है। (घ) समय-समय पर होने वाली नियुक्ति/पदोन्नति से रिक्त पदों पर पदस्थापना की व्यवस्था की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक संचालक के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराध
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
5. ( क्र. 130 ) श्री संजय शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री आशीष दीक्षित, सहायक संचालक, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जबलपुर जिले में किस दिनांक से पदस्थ हैं? (ख) क्या उक्त अधिकारी की परिवीक्षा अवधि समाप्त हो गई है? यदि हाँ, तो कब समाप्त हुई? दिनांक सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद भी उक्त अधिकारी, सहायक संचालक के पद पर किसके आदेश से पदस्थ है? आदेश की छायाप्रति उप्लब्ध करायें। (घ) पदस्थ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त अधिकारी की कितनी शिकायतें किस-किस के द्वारा की गई एवं उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतों एवं कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ङ) क्या उक्त अधिकारी के विरूद्ध लोकायुक्त में भी अपराध पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो प्रकरण के विवरण सहित वर्तमान स्थिति से अवगत करायें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) श्री आशीष दीक्षित, सहायक संचालक, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण, जिला जबलपुर में दिनांक 17 जनवरी 2017 से पदस्थ है। (ख) जी हाँ। विभागीय आदेश क्रमांक एफ 4-1/2012/54-1, दिनांक 28 अगस्त 2020 द्वारा संबंधित अधिकारी की परिवीक्षा अवधि दिनांक 19.01.2019 से सामाप्त की गई। (ग) संबंधित अधिकारी विभागीय आदेश क्रमांक एफ 4-1/2012/54-1 दिनांक 17 जनवरी 2017 से पदस्थ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ड.) जी हाँ। लोकायुक्त द्वारा प्रकरण क्रमांक 155/2019 में जांच परीक्षण उपरांत अभियोजन स्वीकृति का परीक्षण किया जा रहा है।
कृषकों को खाद वितरण
[सहकारिता]
6. ( क्र. 148 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सहकारी एवं विपणन समितियों में मांग अनुरूप खाद का भण्डारण नहीं करने के कारण कृषकों को लंबी लाइनों में लगकर खाद लिये बिना वापिस जाना पड़ता है? (ख) यदि नहीं, तो बतावें सहकारी समितियों एवं विपणन समितियों द्वारा खरीफ एवं रबी सीजन वर्ष 2022-23 हेतु कब-कब कितनी खाद का भण्डारण किया गया? (ग) कितना वितरण किया एवं कितना बचत में है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार कितने कृषकों को खाद वितरित की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) खरीफ एवं रबी सीजन वर्ष 2022-23 हेतु जिला जबलपुर की सहकारी समितियों में भंडारित खाद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं विपणन समितियों में भंडारित खाद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिला जबलपुर में खरीफ एवं रबी वर्ष 2022-23 में सहकारी समितियों एवं विपणन सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण की गई खाद एवं बचत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं '2' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार खरीफ एवं रबी सीजन वर्ष 2022-23 में सहकारी समितियों के माध्यम से क्रमश: 3714 एवं 5168 कृषकों को तथा विपणन समितियों के माध्यम से क्रमश: 1259 एवं 2912 कृषकों को खाद वितरित की गई।
वन भूमि पट्टों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
7. ( क्र. 164 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि के पट्टा) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर क्यों लंबित है? उनका कब तक निराकरण होगा? समयावधि बतायें। (ख) सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों एवं स्थानों पर किया जा सकता है? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? 20 नवम्बर 2022 की स्थिति में किन-किन ग्राम सभाओं से पारित प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? समयावधि बतायें। (ग) वनभूमि पट्टा धारक की मृत्यु हो जाने पर उनकी पत्नी/आश्रितों के नाम पट्टा हस्तांतरण के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? किस-किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जाती है? रायसेन जिले में कितने प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं तथा उनका कब तक निराकरण होगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी एवं विभाग को रायसेन जिले के किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) रायसेन जिले में लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। लंबित दावों के निराकरण की कार्यवाही वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत सतत प्रचलन में है। ख) सामुदायिक दावों के संबंध शासन द्वारा जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। रायसेन जिले में कोई भी सामुदायिक दावा उपखंड एवं जिला स्तर पर निराकरण हेतु लंबित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। रायसेन जिले में 06 प्रकरण ग्रामसभा स्तर पर ग्रामसभा के अनुमोदन हेतु लंबित है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''चार'' अनुसार है।
गौ-शालाओं को अनुदान का भुगतान
[पशुपालन एवं डेयरी]
8. ( क्र. 165 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा किन-किन स्थानों पर गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है तथा उनमें कितना-कितना गौवंश है? (ख) क्या यह सत्य है कि शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं को शासन के निर्देशों के अनुरूप 20 रू. प्रति गौवंश प्रतिदिन के मान से अनुदान नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) 1 जुलाई 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किन-किन गौशालाओं को किस दर से कितना-कितना अनुदान का भुगतान किन-किन दिनांकों में किया गया? गौशालाओं को प्रतिमाह अनुदान की राशि क्यों नहीं दी जाती? (घ) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
लापता बच्चों की जानकारी
[गृह]
9. ( क्र. 189 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में 1 जनवरी 2019 से 1.12.2022 तक कुल कितने ऐसे बच्चे लापता हैं, जिनके गुम होने की पुलिस को जानकारी दी गई है लेकिन अभी उनकी खोज नहीं हो सकी है? (ख) उपरोक्त में से कितने लड़के और कितनी लड़कियां हैं? (ग) उपरोक्त दिनांक तक कुल कितने बच्चों के लापता होने की एफ.आई.आर. दर्ज हुई और कितने बच्चे खोज लिए गये? लड़के और लड़कियों का अलग अलग विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
लम्पी वायरस से पीड़ित पशु
[पशुपालन एवं डेयरी]
10. ( क्र. 316 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितनी गाय-बैल लम्पी वायरस से पीड़ित हुए, कितनों की मृत्यु हुई, कितने पशुओं को वैक्सीन लगाई गई तथा कितने पशुओं को वैक्सीन नहीं लगी? जिलेवार पृथक-पृथक बताएं। (ख) धार जिले के कुक्षी और मनावर विधानसभा क्षेत्र में कितने पशु लम्पी वायरस से प्रभावित हुए, कितनों की मृत्यु हुई, कितने पशुओं को वैक्सीन लगी तथा कितने बाकी हैं? ग्रामवार पृथक-पृथक बताएं। (ग) लम्पी वायरस की रोकथाम के लिए शासन द्वारा कब-कब क्या एडवायजरी जारी की गई, किन-किन मदों से कितनी राशि आवंटित की गई, कितनी-कितनी राशि किन मदों में खर्च की गई, कितनी राशि की दवा खरीदी गई? पृथक-पृथक प्रति सहित बताएं। (घ) लम्पी वायरस से पीड़ित पशुओं के कितने किसानों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का मुआवजा दिया गया? यदि मुआवजा नहीं दिया गया तो क्यों? पृथक-पृथक बताएं। (ङ) किसानों को हुई पशुधन हानि की भारपाई के लिए सरकार के पास क्या-क्या योजना है? (च) क्या जांच अधिकारियों द्वारा लम्पी वायरस के गलत आंकड़े प्रस्तुत किए गए? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो जिला धार पी.आर.ओ. और प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को पत्र संख्या 909 दिनांक 30 अक्टूबर 2022 को प्रेषित आंकड़ों में विरोधाभास क्यों है? प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (घ) लम्पी वायरस से पीड़ित पशुओं के किसानों को भारत शासन अथवा राज्य शासन अन्तर्गत मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) लम्पी वायरस से मृत पशुओं से हुई पशु हानि की भरपाई के लिए वर्तमान में कोई योजना नहीं हैं। (च) जी हाँ। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पशु औषधालय लौहारी, जिला धार को निलंबित किया गया है एवं पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सालय निसरपुर जिला धार के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
इटारसी में सी.सी.टी.वी. योजना
[गृह]
11. ( क्र. 360 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार) म.प्र. पुलिस, भोपाल द्वारा अपने पत्र 34/19 दिनांक 29.08.2019 से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया था कि सी.सी.टी.वी. योजना में इटारसी को तृतीय चरण में सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इटारसी में सी.सी.टी.वी. कब तक लगाये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एक्सपाइरी केमिकल एण्ड डिस्टिल्ड वॉटर का उपयोग
[चिकित्सा शिक्षा]
12. ( क्र. 375 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा को पत्र क्रमांक 2214 दिनांक 18/10/2022 के माध्यम से जबलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशलिटी के स्टोर में एक्सपाइरी केमिकल एवं डिस्टिल्ड वॉटर के उपयोग होने का मामला प्रकाश में लाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या यह भी सही है कि उक्त मामले के प्रकाश में आने के बाद शासन द्वारा प्रदेश स्तर पर जांच हेतु कमेटी का गठन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उस कमेटी द्वारा जांच उपरांत दिए गए निर्णय और उन निर्णयों पर शासन द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालक, चिकित्सा शिक्षा के आदेश क्रमांक 1759/डी.एम.ई./कॉर्पो/2022 दिनांक 13/12/2022 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वकीलों के मरणोपरांत आश्रितों को देय आर्थिक सहायता
[विधि एवं विधायी कार्य]
13. ( क्र. 376 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में वकीलों के मरणोपरांत उनके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शासन स्तर पर वकील के मरणोपरांत उनके परिजनों को कितनी आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई थी और यह प्रश्न पूछने तक प्रदेश में कितने वकीलों के मरणोपरांत उनके परिजनों को यह सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है? (ग) क्या इस घोषणा के अंतर्गत प्रदेश सरकार के साथ ही स्टेट बार काउंसिल को भी वकीलों के मरणोपरांत उनके परिजनों को अपने हिस्से का राशि देना थी? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्न पूछे जाने तक ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें प्रदेश सरकार के साथ ही स्टेट बार काउंसिल द्वारा ऐसे लाभार्थियों को आर्थिक सहायता का भुगतान कर चुकी है और कितने मामले भुगतान के लिये अब तक लंबित हैं और लंबित होने का कारण क्या है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हाँ। (ख) मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण स्कीम, 2012 के अंतर्गत राज्य अधिवक्ता परिषद् तथा राज्य शासन द्वारा मृत अधिवक्ता के आश्रित को एक-एक लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है जिसकी वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष |
निराकृत प्रकरण |
परिषद् द्वारा प्रदत्त राशि |
राज्य शासन द्वारा प्रदत्त राशि |
कुल प्रदत्त राशि |
लंबित प्रकरण |
2012 |
228 |
22800000 |
22800000 |
45600000 |
0 |
2013 |
231 |
23100000 |
23100000 |
46200000 |
0 |
2014 |
269 |
26900000 |
26900000 |
53800000 |
0 |
2015 |
250 |
25000000 |
25000000 |
50000000 |
0 |
2016 |
258 |
25800000 |
25800000 |
51600000 |
0 |
2017 |
315 |
31500000 |
31500000 |
63000000 |
0 |
2018 |
233 |
23300000 |
23300000 |
46600000 |
0 |
2019 |
358 |
43150000 |
35800000 |
78950000 |
0 |
2020 |
270 |
63150000 |
2700000 |
90150000 |
0 |
2021 |
474 |
116250000 |
41400000 |
157650000 |
60 |
2022 |
110 |
27400000 |
- |
27400000 |
110 |
(ग) हाँ। (घ) स्कीम कोड 7389 के अंतर्गत अधिवक्ता कल्याण स्कीम, 2012 का संचालन किया जाता है। जिसमें विभागीय मद में उपलब्ध बजट एवं राज्य अधिवक्ता परिषद् से प्राप्त प्रस्ताव को न्यासी समिति एवं संचालन समिति के अनुशंसा अनुसार कार्यवाही की जाती है। भुगतान की गई राशि एवं लंबित प्रकरण की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
निराकृत प्रकरण |
परिषद् द्वारा प्रदत्त राशि |
राज्य शासन द्वारा प्रदत्त राशि |
कुल प्रदत्त राशि |
लंबित प्रकरण |
2012 |
228 |
22800000 |
22800000 |
45600000 |
0 |
2013 |
231 |
23100000 |
23100000 |
46200000 |
0 |
2014 |
269 |
26900000 |
26900000 |
53800000 |
0 |
2015 |
250 |
25000000 |
25000000 |
50000000 |
0 |
2016 |
258 |
25800000 |
25800000 |
51600000 |
0 |
2017 |
315 |
31500000 |
31500000 |
63000000 |
0 |
2018 |
233 |
23300000 |
23300000 |
46600000 |
0 |
2019 |
358 |
43150000 |
35800000 |
78950000 |
0 |
2020 |
270 |
63150000 |
2700000 |
90150000 |
0 |
2021 |
474 |
116250000 |
41400000 |
157650000 |
60 |
2022 |
110 |
27400000 |
- |
27400000 |
110 |
गैर
आदिवासियों
के मान्य एवं
अमान्य दावों
की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र. 415 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2018 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार मार्च 2022 तक बैतूल जिले में कितने गैर आदिवासियों के कितनी भूमि के दावे प्रस्तुत किए? उनमें से कितने दावों को मान्य किया गया? कितनी भूमि के कितने दावे अमान्य किए गए? वनग्रामों के मान्य, अमान्य दावों की पृथक से जानकारी दें एवं अमान्य दावों की संख्या जिलेवार बतावें। (ख) वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (ण) एवं धारा 4 (3) में गैर आदिवासियों का वन भूमि पर किस दिनांक तक का कब्जा होना, कितनी पीढ़ियों से उस क्षेत्र में निवास होना आवश्यक बताया है? किस-किस धारा में 3 पीढ़ियों का वन भूमि पर कब्जा होना आवश्यक बताया है? (ग) बैतूल जिले में अमान्य दावों में तीन पीढ़ियों के कब्जे का प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए जाने का कितने दावों में कारण उल्लेखित किया गया है? (घ) गैर आदिवासियों से तीन पीढ़ी के निवास का प्रमाण-पत्र एवं दिनांक 12 दिसम्बर 2005 तक भूमि पर कब्जे का प्रमाण मांग कर दावों को मान्य किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) बैतूल जिले में अन्य परम्परागत वर्ग (गैर आदिवासियों) के मान्य एवं अमान्य दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है पर तथा वनग्रामों के मान्य एवं अमान्य दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (ण) एवं धारा 4 (3) में दिये गये प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। अन्य परम्परागत वर्ग के वन निवासियों के तीन पीढ़ियों से वन या वन भूमि में निवास करने के संबंध में जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। (ग) अमान्य 820 दावों में से तीन पीढ़ियों के कब्जे के प्रमाण प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण का उल्लेख किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। (घ) संचालनालय, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें के पत्र क्रमांक/वन अधि/414/2450ए भोपाल दिनांक 03.08.2013 के द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है।
वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
15. ( क्र. 416 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (च) एवं धारा 3 (1) ज के अनुसार राज्य के 925 वनग्रामों में से 827 वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने की कार्यवाही दिनांक 26/5/2022 को दिए गए आदेश से प्रारम्भ की गई है? (ख) 925 वनग्रामों में से बैतूल जिले के अन्तर्गत आने वाले किस वनग्रामों में कितने आदिवासियों, कितने गैर आदिवासियों को कितनी-कितनी भूमि के दावे मान्य किए गए? कितनी-कितनी भूमि के कितने दावे अमान्य किए गए? इन मान्य एवं अमान्य दावों के संबंध में वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) 925 वनग्रामों में से 827 वनग्रामों बाबत् ही कार्यवाही किए जाने का क्या कारण हैं? बैतूल जिले के किस वनमण्डल के किस ग्राम से संबंधित आदेश दिनांक 26/5/2022 से कार्यवाही नहीं की जा रही?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। अमान्य दावों का पुन: परीक्षण एम.पी. वनमित्र पोर्टल से किया जा रहा है। (ग) प्रदेश के 925 वनग्रामों में से राष्ट्रीय उद्यानों/अभयारण्यों एवं वीरान/विस्थापित कुल 98 वनग्रामों को छोड़कर शेष 827 वनग्रामों को वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ज) के तहत संपरिवर्तन की कार्यवाही की जा रही है। प्रश्नांकित आदेश के संबंध में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल द्वारा प्रदेश के समस्त वनमण्डलों को प्रसारित निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। तदानुसार वनमण्डलों से कार्यवाही की जा रही है। बैतूल जिले में उत्तर वनमण्डल बैतूल के ग्राम सारणी (वार्ड क्रमांक 10) नगरपालिका क्षेत्र में होने से वर्तमान में कार्यवाही नहीं की गई है।
लघु वनोपज के अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 440 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006, संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, भू-राजस्व संहिता 1959, भारतीय वन अधिनियम 1927 में किस-किस लघु वनोपज के नियंत्रण, प्रबंधन एवं कौन-कौन से अधिकार ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे गए हैं? (ख) वन अधिकार कानून, 11वीं अनुसूची, पेसा कानून, भू-राजस्व संहिता, भारतीय वन अधिनियम की किस धारा के अनुसार किस-किस लघु वनोपज का व्यापार सहकारी संस्था एवं समिति कर सकती है? किस-किस लघु वनोपज से संबंधित कौन-कौन सा प्रतिबंध डी.एफ.ओ. लगा सकता है? किस-किस लघु वनोपज के परिवहन पर वन अपराध पंजीबद्ध कर वाहन एवं लघु वनोपज जब्त की जा सकती है? (ग) लघु वनोपज के व्यापार किए जाने, प्रतिबंध लगाए जाने, परिवहन के वन अपराध पंजीबद्ध कर जब्ती एवं राजसात करने के संबंध में राज्य में क्या-क्या प्रक्रिया एवं कार्यवाही वन विभाग और उसके अधिकारी वर्तमान में कर रहे हैं? उन्हें रोके जाने एवं बंद करवाए जाने के संबंध में शासन एवं जनजातीय कार्य विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में आर्टिकल 243-G में लघु वनोपज का विषय शामिल है। पेसा कानून 1996 की धारा-4 (ड.) (ii) में गौण वन उपज का स्वामित्व ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा को प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा-3 में वन अधिकार धारकों को लघु वनोपज संग्रहण तथा उस पर मालिकाना हक के प्रावधान दिये गये हैं। भू-राजस्व संहिता 1959 का सीधा संबंध वन विभाग से नहीं है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 में लघु वनोपज पर पंचायती राज के अधिकार प्रावधानित नहीं है। (ख) अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 2 (झ) में ''गौण वन उत्पाद'' परिभाषित है तथा धारा 3 (1) (ग) में उनके संग्रहण, उपयोग एवं व्ययन का अधिकार है। भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में केवल लघु वनोपज उल्लेखित है। पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 की धारा 4 (ड.) (II) में गौण वनोपज का स्वामित्व अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा एवं पंचायत को दिये जाने का प्रावधान है। भू-राजस्व संहिता 1959 में केवल वृक्षों की कटाई का प्रावधान है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 2 (4) में ''वनोपज'' परिभाषित है, जिसमें लघु वनोपज के रूप में सम्मिलित भाग एवं उपज ही सम्मिलित है। लघु वनोपज के अंतर्गत तेन्दुपत्ते का व्यापार मध्यप्रदेश तेन्दुपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 के अनुसार सहकारी संस्था के माध्यम से किया जाता है। मध्यप्रदेश वनोपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम, 2005 के अंतर्गत किसी भी लघु वनोपज के विनाशकारी विदोहन की स्थिति में संबंधित वन मण्डलाधिकारी को ''निषिद्ध क्षेत्र'' एवं ''निषिद्ध मौसम'' घोषित करने का अधिकार है। विनाशकारी विदोहन से प्राप्त लघु वनोपज के परिवहन पर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 41 एवं 42 के अंतर्गत बनाये गये मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम, 2000 के अंतर्गत वन अपराध पंजीबद्ध कर वाहन एवं लघु वनोपज जप्त की जा सकती है। तेन्दुपत्ता संबंधी अपराध पाये जाने पर मध्यप्रदेश तेन्दुपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों हेतु मध्यप्रदेश पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 25, 26 व 27 में प्रावधान दिये गये हैं। राज्य के गैर अधिसूचित क्षेत्रों हेतु अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत अधिसूचित नियम 2008 की धारा 2 (i) d में प्रावधान दिये गये हैं। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-5 में वन्यजीव, वन और जैव विविधता का संरक्षण करना तथा ऐसे क्रियाकलाप रोकना, जो वन्यजीव, वन और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, उसे रोकने का दायित्व ग्रामसभा एवं ग्राम स्तर की संस्थाओं का भी है। मध्यप्रदेश पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 25 में अनुसूचित वनक्षेत्रों में शासकीय वनों के संवहनीय एवं परम्परागत प्रबंधन हेतु ग्रामसभा द्वारा वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति के गठन का प्रावधान है तथा इसमें गौण वनोपज के समुचित दोहन के साथ जैव विविधता एवं जैविक स्त्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन का दायित्व भी ग्रामसभा का है। विनाशकारी विदोहन की स्थिति में जैव संसाधन के सदैव के लिये समाप्त होने का संकट होता है, जिससे स्थानीय समुदाय उनसे प्राप्त होने वाले लाभों से सदा के लिये वंचित हो सकते हैं। इसे रोकने के लिये एवं लघु वनोपजों का लाभ वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों को मिलना सुनिश्चित करने के लिये वन अधिकारियों द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927, जैव विविधता (संरक्षण) अधिनियम, 2002 एवं मध्यप्रदेश वनोपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम, 2005 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है, जो स्थानीय समुदायों के दीर्घकालीन लाभ के लिये आवश्यक है।
वनखण्ड में सम्मिलित भूमियों पर सामुदायिक वन अधिकार
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 441 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल के द्वारा आदेश दिनांक 16 अप्रैल 2015 में दिए गए प्रारूप के अनुसार ब्यौरा दर्ज किया जाकर वनखण्डों में अधिसूचित, अनुविभगीय अधिकारी (राजस्व) याने उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति के अध्यक्ष के समक्ष जांच एवं कार्यवाही हेतु लंबित भूमियों पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित नहीं किए गए? (ख) विधानसभा ऑनलाइन प्रश्न क्रमांक 1077 दिनांक 11 दिसम्बर 2014 के संलग्न परिशिष्ट में किस जिले के किस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की कितनी जमीनों की जांच लंबित होना प्रतिवेदित किया है? इनमें से कितने वनखण्डों में शामिल जमीनों से संबंधित दिनांक 16 अप्रैल 2015 के आदेश में दिए प्रारूप में जानकारी संकलित की गई है? (ग) उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति के अध्यक्ष के कार्यालय में उपलब्ध नस्तियों के आधार पर धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित भूमियों पर वाजिबुल अर्ज निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज अधिकारों एवं प्रयोजनों का ब्यौरा प्रश्नांकित दिनांक तक भी संकलित कर संबंधित ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) आदेश दिनांक 16 अप्रैल, 2015 के अनुसार कब तक निर्धारित प्रारूप में जानकारी संकलित करवाई जाकर औपचारिकता पूरी की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक/765/Q/2022/25-3 दिनांक 24.08.2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार पुन: निर्देश जारी किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
सेवा सहकारी संस्था की शाखाओं की स्थापना
[सहकारिता]
18. ( क्र. 474 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवा सहकारी संस्था की शाखाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में खोले जाने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कन्नौद एवं खातेगांव दो नगरों में सेवा सहकारी संस्था हैं, जिसके कारण किसानों को अत्यधिक परेशानियां आ रही हैं। क्या किसानों को अपने आप ऋण एवं कृषि से संबंधित कार्यों के लिए तीन-तीन चार-चार दिनों तक परेशान होना पड़ता है? (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रफल की दृष्टि से एवं कृषि भूमि की दृष्टि से अत्यधिक बड़ा है तो क्या किसानों की सुविधा हेतु ग्राम अजनास, ग्राम हरणगांव एवं नगर नेमावर में सेवा सहकारी संस्था की शाखा खोले जाने संबंधी कार्यवाही की जाना उचित है? अगर हाँ तो उक्त स्थानों पर सेवा सहकारी संस्था की शाखा कब तक खोली जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की शाखाएं खोलने का प्रावधान नहीं है। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कन्नौद एवं खातेगांव नगरों में कार्यरत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था कन्नौद एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था खातेगांव के अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अन्य 25 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं कार्यरत है। किसानों को परेशानी से संबंधित तथ्य प्रकाश में नहीं आये हैं। (ग) ग्राम अजनास, ग्राम हरणगांव एवं नगर नेमावर में पूर्व से ही क्रमश: प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था अजनास, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था हरणगांव एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था नेमावर कार्यशील है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर भूमि का क्रय
[जनजातीय कार्य]
19. ( क्र. 488 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी जिले में श्री मनीष कुंदेर एवं श्री रजनीश कुंदेर पुत्र स्व. श्री रामलखन कुदेंर, शास्त्री नगर सीधी, (म.प्र.) का निवासी है? क्या सहायक आयुक्त कार्यालय, जिला सीधी के द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुंदेर बंधुओं के द्वारा फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र के आधार पर आदिवासियों की जमीन क्रय की गई थी? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कलेक्टर सीधी द्वारा जांच कराकर जांच प्रतिवेदन राज्य स्तरीय अनुसूचित जनजाति छानबीन समिति भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। कलेक्टर सीधी के द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति के द्वारा निरस्तगी की कार्यवाही कब तक की जावेगी? कलेक्टर सीधी की अनुशंसा के बाद भी अभी तक फर्जी जाति प्रमाणपत्र निरस्त क्यों नहीं किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग सीधी के पत्र क्रमांक/159/जा.प्र./आ.जा.क./85/सीधी दिनांक 13.6.85 से श्री मनीष कुंदेर आत्मज श्री रामलखन कुंदेर तथा पत्र क्रमांक 160 दिनांक 13.6.85 द्वारा श्री रजनीश कुंदेर आत्मज श्री रामलखन कुंदेर, निवासी शास्त्री नगर सीधी का अध्ययनरत संबंधी प्रमाण-पत्र जारी किया जाकर शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक सीधी को भेजा गया है, उक्त प्रकरण काफी पुराना होने के कारण मूल अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं हो पा रहे है। (जारी किये गये प्रमाण-पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) कुंदेर बंधुओं के फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र की जांच प्रक्रियाधीन है। अत: राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्णय के पूर्व जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) कलेक्टर सीधी द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग भोपाल के पत्र क्रमांक/शिका/ 108/सीधी/8766 दिनांक 25.11.2020 के माध्यम से राज्य स्तरीय छानबीन समिति को प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। राज्य स्तरीय छानबीन समिति में प्रकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। राज्य स्तरीय छानबीन समिति के कार्य की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्रियों का क्रय
[सहकारिता]
20. ( क्र. 624 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सिवनी जिले की जिला सहकारी केंद्रीय मर्या. बैंक एवं जिले की अन्य शाखाओं व सहकारी समितियों के लिए लगने वाली स्टेशनरी, प्रिंटिंग कार्य व अन्य सामग्रियों के क्रय करने के लिए वर्ष 2015 से आज दिनांक तक अपनाई गई क्रय प्रक्रिया, क्रय आदेशों, विक्रेताओं द्वारा क्रय प्रक्रिया में भाग लेने के दौरान इस हेतु डाली गई दरों का तुलनात्मक चार्ट, बिल-व्हाउचर व सामग्रियों का गुणवत्ता प्रमाण-पत्रों की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बैंक में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक किसानों की फसल बीमा राशि कितनी और कब-कब प्राप्त हुई व इसके उपरांत उक्त प्राप्त राशि कब-कब किस दिनांक को किसानों के खातों में डाली गई? (ग) सिवनी जिले में कार्यालय सहकारी संस्था में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक कितनी मछुआ सहकारी समिति एवं गृह निर्माण समिति पंजीकृत हुई? पंजीकृत उपरांत इन्हें आवंटन की क्या-क्या शासकीय प्रक्रिया है? क्या इन्हें पूर्ण शासकीय प्रक्रिया अपनाकर आवंटन किया गया है? उक्त समितियों को आज दिनांक तक क्या-क्या आवंटित किया गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सिवनी द्वारा मुद्रण से संबंधित कार्य आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/विविध/कृषि/50 दिनांक 01.06.2011 के द्वारा जारी प्रक्रिया के अंतर्गत की गई है, पंजीयक का परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। क्रय आदेश एवं बिल व्हाउचर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विक्रेताओं द्वारा क्रय प्रक्रिया में भाग लेने के लिये डाली गई तुलनात्मक दरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। पंजीयक के परिपत्र दिनांक 01.06.2011 में उल्लेखित कंडिका क्रमांक 6 के अनुसार मुद्रण कार्य भुगतान के पूर्व प्रदाय सामग्री निर्धारित मात्रा में तथा निर्धारित गुणवत्ता की होने संबंधी परीक्षण बैंक के द्वारा किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) वर्ष 2018 से 13 मछुआ सहकारी संस्थाओं का पंजीयन किया गया है, जिसमें से एक समिति का पंजीयन न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जबलपुर द्वारा निरस्त कर दिया गया है। मत्स्य पालन विभाग के पत्र क्रमांक 1548/2008/36 दिनांक 08.10.2008 के अनुसार पट्टे पर आवंटित किये जाने वाले ग्रामीण तालाब/सिंचाई तालाब (1000 हेक्टयर) तक के लिये मुनादी/विज्ञप्ति जारी कर आवेदन आमंत्रित कर मत्स्योद्योग विभाग से प्राथमिकता क्रम के लिये अनुशंसा प्राप्त कर त्रिस्तरीय पंचायत के लिये अधिकृत अधिकारी से अनुमोदन/अनुमति पश्चात संबंधित पंचायत द्वारा पट्टा जारी किये जाने के निर्देश हैं। जी हाँ, तालाब/जलाशय के पट्टा आवंटन की कार्यवाही शासकीय प्रक्रिया अनुसार की गई है। पंजीकृत 13 समितियों में से 8 समितियों को तालाब/जलाशयों का आवंटन किया गया, आवंटन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
21. ( क्र. 693 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति विभाग, भोपाल द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनाओं में पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के लिये किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु स्वीकृत कितनी-कितनी राशि में से कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं आवंटित नहीं की है एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों हेतु निर्माण एजेन्सी का निर्धारण कब किया गया? इन्हें किन-किन कार्यों के कार्यादेश कब जारी किये गये हैं? वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन कार्यों हेतु कब कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई? कौन-कौन से कार्य कब से अप्रारंभ हैं एवं क्यों? किन-किन कार्यों हेतु कब से कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी भूमि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? प्रश्नांकित कार्यों के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को कब-कब भेजे गये? पत्रों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? पत्रों की छायाप्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क) में लालमाटी सिद्धबाबा जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु कब कितनी राशि की सैद्धांतिक एवं प्रशासकीय स्वीकृति किस स्तर पर दी गई? इससे सम्बंधित कब कितनी राशि का पुनरीक्षित प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु कहाँ भेजा गया है? वर्तमान में निर्माण कार्य की क्या प्रगति है? शासन कब तक राशि प्रदान कर निर्माण कार्य कराकर सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। बजट की सीमित उपलब्ध के कारण वित्तीय वर्ष में अप्रारंभ कार्यों को आगामी वर्ष में आवंटन नहीं दिया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) सैद्धांतिक स्वीकृति शासन के पत्र क्रमांक एफ 12-06/2018/4/25/135 भोपाल दिनांक 23.02.2019 से जारी की गई। प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. जबलपुर द्वारा पत्र क्रमांक 36 दिनांक 05.01.2021 द्वारा उपरोक्त कार्य का पुनरीक्षित तकनीकी प्राक्कलन राशि रूपये 167.02 लाख की स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. भोपाल को प्रेषित किया गया है। कार्य अप्रारंभ है। बजट की उपलब्धता एवं कार्यों की उपयुक्तता एवं स्थानीय प्राथमिकताओं के आधार पर कार्य स्वीकृत किए जाते है।
जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
22. ( क्र. 694 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र जबलपुर का संचालन नव निर्मित भवन में कब से हो रहा है? इसका निर्माण कब कितनी राशि में किस उद्देश्य से कराया गया है? वर्तमान में इस नव निर्मित भवन में क्या-क्या सुविधाएं संसाधन एवं उपकरणों आदि की क्या व्यवस्था है तथा कौन-कौन सी सुविधाएं नहीं हैं? किन-किन संसाधनों, उपकरणों आदि की आवश्यकता हैं? इसके लिए जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या व्यवस्था की है? यदि नहीं, तो कब तक समुचित व्यवस्था व संसाधनों की पूर्ति करा दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत पद संरचना के तहत कौन-कौन से नियमित व संविदा के कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? जिला प्रशासन द्वारा संविदा के रिक्त कौन-कौन से पदों की भर्ती हेतु दिनांक 15/01/2020 को जारी विज्ञापन के संदर्भ में किन-किन पदों की कब भर्ती की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक नियुक्ति कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में राज्य एवं केन्द्रीय शासन द्वारा संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों/अधिकारियों के मासिक मानदेय में नियमानुसार एवं निर्देशासनुसार कब से वृद्धि नहीं की गई है एवं क्यों? इन्हें कब तक नियमित पदों का वेतनमान व स्वीकृत रिक्त पदों पर नियमित कब तक कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन नव निर्मित भवन में दिनांक 1.9.2022 से किया जा रहा है। उक्त भवन का निर्माण माह अगस्त 2022 को राशि रूपये 292.29 लाख से कराया गया है, जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के उद्देश्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र जबलपुर में आवश्यक संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा समय-समय पर आवश्यकतानुसार उपकरण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के लिये मानदेय पर पद निर्धारित किये गये है। वर्तमान में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है, निर्धारित विषय विशेषज्ञ अर्हताधारी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने से पद रिक्त है। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के भरे पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है, नियुक्ति की कार्यवाही क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा निर्धारित अर्हताओं के आवेदन प्राप्त होने पर की जाती है। (ग) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र जबलपुर भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा निर्धारित गाईड-लाइन्स अनुसार संचालित है, जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के कर्मचारियों/अधिकारियों के मासिक मानदेय में नियमानुसार वृद्धि वर्ष 2014 में की गई थी, मानदेय वृद्धि की कार्यवाही समय-समय पर नियमानुसार की जाती है। भारत सरकार की गाईड-लाइन्स अनुसार पदों के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है।
सी.एम. हेल्पलाइन के माध्यम से फर्जी शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
23. ( क्र. 730 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरभाष क्रमांक 181 सी.एम. हेल्पलाइन प्रदेश में चालू है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में पंचायत एवं राजस्व विभाग अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक लेवल-4 स्तर पर कितनी शिकायतें लंबित हैं? विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिवनी जिले के अंतर्गत पंचायत विभाग में ऐसे कितने शिकायकर्ता हैं, जिनके द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति तक 10 या इससे ज्यादा शिकायतें की गई हैं जो बेबुनियाद, निराधार व झूठी होने के कारण शासन-प्रशासन का समय खराब करने और विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को ब्लैकमेलिंग करने के उद्देश्य से की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो शासन झूठी शिकायतकर्ताओं की संख्यात्मक जानकारी तैयार कर शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो, कारण बतावें। (घ) क्या लेवल-1, 2 व 3 स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा फोर्स क्लोज करने के बाबजूद लेवल-4 स्तर के अधिकारी द्वारा अनेक शिकायतों को बंद नहीं किया जा रहा है, जिससे लेवल-4 स्तर पर अनेक शिकायतें पोर्टल पर लंबित रहती हैं? यदि हाँ, तो क्यों? फोर्स क्लोज हेतु प्रस्तावित लंबित शिकायतों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) क्या सिवनी जिले में सभी विभागों के प्रमुखों द्वारा अधीनस्थ कर्मचारियों पर अपने से नीचे अधीनस्थ कर्मचारियों पर मानसिक रूप से दबाव बनाकर शिकायतें बंद कराई जाकर वेतन रोकने व काटने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले की पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग में प्रश्न दिनांक तक लेवल-4 स्तर पर 353 एवं राजस्व विभाग की 445 शिकायतें लंबित है। (ख) सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों पर गुणदोष के आधार पर नियामानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। लेवल 1, 2 व 3 स्तर से शिकायतें फोर्स क्लोज प्रस्तावित करने के पश्चात भी लंबित रहती है। प्रस्तावित शिकायतों पर गुणदोष के आधार पर निराकरण किया जाता है। फोर्स क्लोज हेतु प्रस्तावित 258 शिकायतें लंबित है। (ङ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपात्रों को शासकीय आवास का आवंटन
[गृह]
24. ( क्र. 779 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. अता. 168 दि. 28.12.2020 एवं तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2021 में एल.आई.जी. आवास अपात्र चतुर्थ कर्मचारी को आवंटित आवास के उत्तर में भिन्नता क्यों है जबकि प्रश्न क्र. अता. 168 दि. 28.12.2020 के साथ संलग्न परिशिष्ट ज्ञापन क्र. एफ-1-121-73/दो-ए (3) दिनांक 1 नवम्बर 1973 में भी चतुर्थ श्रेणी को आई-टाइप शासकीय आवास की पात्रता के बाद भी एल.आई.जी. आवास आवंटित क्यों किया गया? (ख) तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2021 के उत्तर में अपात्र शासकीय आवास के आवंटन होने के बाद भी एल.आई.जी. एवं ई.डब्ल्यू.एस. के आवासों की परिभाषा का उल्लेख किया गया है। यदि शासन द्वारा उक्तानुसार गजट नोटिफिकेशन किया गया है तो उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त अपात्र आवंटन शीघ्र निरस्त किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्र. अता. 168 दि. 28.12.2020 एवं तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2020 एवं तारा. प्रश्न क्र. 1100 दि. 24.12.2021 में एल.आई.जी. आवास अपात्र चतुर्थ कर्मचारी को आवंटित आवास के उत्तर में भिन्नता के संबंध में अनुरोध है कि शासकीय आवास आवंटन नियम अन्तर्गत एल.आई.जी. वर्गीकरण में एल.आई.जी. (निम्न आय वर्ग हेतु) एवं ई.डब्ल्यू.एस. (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु) का पृथक से कोई वर्गीकरण अथवा श्रेणीकरण नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) म.प्र. आवास आवंटन नियम अन्तर्गत एल.आई.जी. वर्गीकरण में एल.आई.जी.. (निम्न आय वर्ग हेतु) एवं ई.डब्ल्यू.एस. (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु) का पृथक से कोई वर्गीकरण अथवा श्रेणीकरण नहीं होने से आवास आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही नहीं की गई है।
बैतूल जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( क्र. 794 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने हेतु क्या मापदण्ड तय किये गये हैं? इन मापदण्डों के तहत पिछले तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ महाविद्यालय खोले गये हैं? (ख) इन मापदण्डों के तहत बैतूल जिले में चिकित्सा महाविद्यालय आज दिनांक तक नहीं खोले जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) बैतूल जिला बीमारियों, महामारियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने, जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय हेतु पर्याप्त अधोसंरचना उपलब्ध होने तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्रत्येक जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की नीति के तहत क्या सरकार बैतूल जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोलेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नवीन मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु भारत सरकार द्वारा बनाये गये नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। पिछले तीन वर्षों में नीमच, राजगढ़, सिंगरौली, श्योपुर, मण्डला एवं मंदसौर की प्रशासकीय स्वीकृति तथा दमोह, बुदनी, उज्जैन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति या राज्य शासन द्वारा नीतिगत निर्णय अनुसार। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भारतीय नागरिकता के लम्बित प्रकरण
[गृह]
26. ( क्र. 805 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन, गृह विभाग स्तर पर भारतीय नागरिकता के जिलेवार कितने-कितने प्रकरण प्रश्न दिनाक तक लंबित हैं? कृपया जिलेवार संख्या दें। विगत सितम्बर, 2022 सत्र के प्रश्न क्रमांक 99 (1515) के बाद प्रश्न दिनांक तक जिलेवार कितने प्रकरण शासन स्तर पर निराकृत किये? कृपया जिलेवार निराकृत मामलों/व्यक्तियों के नाम भी बताएं। (ख) गृह (पारपत्र) विभाग, मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 135/827/2019/ए-12 दो, दिनांक 20.5.2022 द्वारा जारी निर्देशों के संदर्भ में किस-किस जिले के कलेक्टर द्वारा नागरिकता के लंबित मामलों को निपटाने के लिये विशेष शिविर आयोजित किये गये और शिविरों में जिलेवार कितने-कितने प्रकरण निपटाये गये? कृपया निराकृत मामलों में व्यक्तियों के नाम भी बताएं। (ग) क्या शासन स्तर पर लंबित मामलों में भारत सरकार गृह विभाग फॉरेनर्स डिवीजन (सिटीजनशिप) के परिपत्र क्रमांक 26030/266/2014-IC&II दिनांक 31 अक्टूबर, 2017 की कंडिका (III) एवं परिपत्र क्रमांक 26030/266/2014-IC&II दिनांक 29 नवम्बर, 2017 की कंडिका 2 के निर्देशों का पालन किया जा रहा है, जिसमें निम्न निर्देश हैं :- (iii) No fresh police report is required in cases which have been processed earlier for issue of acceptance letter and which are now required to be processed for issue of citizenship certificate after submission of documents even belatedly. (2) However, cases where the Government has already accorded its in principal approval to grant of Indian citizenship, clearance from central security Agencies is not required again even if the period is more than two years. Confirmation of travel abroad is required only before the applicant makes his application for citizenship. The applicant is free to travel abroad after submission of application for citizenship. (घ) क्या शासन लंबित मामलों के निराकरण की कोई समय-सीमा तय कर सम्पूर्ण मामले निराकृत करायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 866 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं से मेरे विधानसभा क्षेत्र बरघाट अंतर्गत विकासखण्ड कुरई में वर्ष 2019 से वर्तमान तक किन-किन योजनाओं से कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? (ख) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित विद्युतीकरण योजना से कितने आदिवासी कृषकों को लाभान्वित किया गया है? वर्ष 2019 से वर्षवार प्राप्त बजट एवं लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, ग्राम का नाम सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करने का कष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 924 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत घाटपिपरिया में विभाग द्वारा स्वीकृत नवीन कन्या शिक्षा परिसर राशि 5244.06 लाख के स्वीकृति के उपरान्त राशि कब तक निर्माण एजेंसी को हस्तांतरित कर निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया जावेगा? जनजाति कार्य विभाग कब तक निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन करेगा? (ख) जिला जबलपुर में पी.वी.टी.जी. योजनांतर्गत (विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह योजना) संभाग स्तरीय सामुदायिक भवन निर्माण राशि 2.00 करोड़ की स्वीकृति आदिवासी विभाग जबलपुर को प्राप्त है? यदि हाँ, तो उपरोक्त योजना के सामुदायिक भवन निर्माण हेतु संभाग के सभी जिले के आवागमन के सुगम जुड़ाव के कारण नेशनल हाइवे पर स्थित ग्राम घाना संभाग स्तरीय भवन हेतु उपयुक्त होने पर भी अभी तक जिला प्रशासन से अतिक्रमणमुक्त भूमि की मांग विभाग द्वारा कब-कब की गई? यदि मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो विभाग द्वारा कब-कब स्मरण पत्र जारी किये गए? प्रश्नकर्ता द्वारा भूमि आवंटन हेतु अभी तक किये गये पत्राचारों पर जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? संपूर्ण विवरण दिया जावे। (ग) विभाग द्वारा गत दो वर्षों में बरगी विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्य स्वीकृत किये हैं? जनपदवार सूची देवें। उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत घाट पिपरिया में विभाग द्वारा कन्या शिक्षा परिसर निर्माण स्वीकृत नहीं किया गया, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। भूमि के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्रश्नकर्ता द्वारा भूमि आवंटन हेतु प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ग'' के सम्बन्ध में बरगी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षण
[गृह]
29. ( क्र. 926 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के त्योंदा थाना क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 24.4.2021 को हुई ट्रक में आग लगने की घटना पर धारा 406, 435, 120 बी के तहत दर्ज प्रकरण में आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? ड्राइवर, ट्रक मालिक की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? गिरफ्तारी हेतु कब-कब, कहाँ-कहाँ दबिश दी गई? उक्त ट्रक को जप्त क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या माननीय विभागीय मंत्री जी को जबलपुर प्रवास के दौरान दि. 25.02.22 को श्री अशोक खंडेलवाल प्रेषक अखिल ट्रेडर्स द्वारा विदिशा पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जाने के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्रवाई की गई तो अवगत करायें। (ग) उक्त प्रकरण में जिस बिजली पोल से टकराया वह बिल्कुल भी क्षतिग्रस्त नहीं होने एवं ट्रक के अंदर जले हुए तेल (लगभग 16000 लीटर) के कोई भी अवशेष नहीं मिलने पर भी पुलिस द्वारा लापरवाही पूर्वक बिना जांच किए आगजनी की घटना दर्शाते हुए मामले को रफा-दफा क्यों किया? (घ) उक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा जले हुए ट्रक को अदालती कार्यवाही किए बिना ही ट्रक मालिक को क्यों सौंप दिया? उचित कारण देवें। क्या इस कृत्य से पुलिस की कार्य प्रणाली संदेहास्पद नहीं लगती? यदि हाँ, तो उक्त पुलिस अधिकारी का निलंबन कब तक किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित घटनाक्रम में आपराधिक प्रकरण कायम कर अनुसंधान की कार्यवाही की जा रही है। आरोपी ड्रायवर की गिरफ्तारी की जा चुकी है। सह आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला विदिशा के अभिलेखों के अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्रश्न दिनांक तक प्राप्त प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ग) वर्तमान में प्रकरण की विवेचना समस्त परिस्थितियों के दृष्टिगत की जा रही है तथा विधिसम्मत कार्यवाही की गई है। मामले को रफा-दफा नहीं किया गया है। (घ) प्रकरण की जांच से संबधित पुलिस अधिकारी द्वारा बिना किसी विधिसम्मत कार्यवाही के ट्रक जप्त न कर ट्रक मालिक को सौंपे जाने के संबंध में राजपत्रित पुलिस अधिकारी से जांच कराई गई है। त्रुटिकर्ता पुलिस अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है।
चिकित्सा महाविद्यालय में मरीजों हेतु पूर्ण चिकित्सा सुविधा
[चिकित्सा शिक्षा]
30. ( क्र. 942 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कार्डियोलॉजी, न्यरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी एवं आँकोलॉजी जैसी सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं का अभाव होने से यहाँ दूर दराज से आने वाले मरीजों को पूर्ण चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या शासन उक्त चिकित्सा सुविधाओं को प्रारंभ कराये जाने पर शीघ्र विचार करेगा तथा कब तक? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1186 दिनांक 24.12.2021 के उत्तरांश में बताया गया था कि, कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस हेतु बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर को संचालनालय से दिनांक 08.12.2021 को पूर्ण जानकारी (डी.पी.आर. सहित) प्रस्तुत करने हेतु निर्देश किया गया था। क्या उक्त जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना हेतु अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? विवरण सहित बतायें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
रिक्त पदों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
31. ( क्र. 943 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में जनजाति कल्याण विभाग में उपायुक्त, संयुक्त संचालक, अपर संचालक, सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, सी.ई.ओ., पी.ओ., क्षेत्र संयोजक, मंडल संयोजक, प्राचार्य एवं व्याख्याता के विषयवार प्रश्न दिनांक तक कितने पद रिक्त हैं? इन प्रशासनिक पदों पर शैक्षणिक संवर्ग एवं अन्य विभाग के कितने अधिकारी किन-किन कार्यालयों, भोपाल मुख्यालय, संभागीय कार्यालय अथवा जिला कार्यालय में कार्यरत हैं? विभागीय स्तर पर अधिकारी उपलब्ध होते हुये भी शैक्षणिक संवर्ग एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को प्रभार दिये जाने का क्या कारण है? बतायें। (ख) क्या आदिम जाति कल्याण मंत्रणा परिषद् की बैठक वर्ष 30.11.2021 में विभागीय आदिवासी स्कूलों में व्याख्याता, प्राचार्यों के पद रिक्त होने पर भोपाल मुख्यालय, संभागीय एवं जिला कार्यालयों में संलग्न शैक्षणिक संवर्ग को मूल संस्थाओं में पदस्थ करने का निर्णय मुख्यमंत्री/अध्यक्ष मंत्रणा परिषद् द्वारा लिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अब तक कितने प्राचार्य/व्याख्याता/शिक्षक को मूल संस्थाओं में पदस्थ किया गया तथा प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यालयों में संलग्न है? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में वर्णित संलग्न कर्मचारियों को कौन-कौन से पद के विरूद्ध किन-किन संस्थाओं से वेतन आहरित किया जा रहा है? विभाग की नीति एवं आदेश उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
मुरैना जिले को प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
32. ( क्र. 1018 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला मुरैना में अनु. जाति बस्ती विकास राज्य एवं केन्द्र शासित योजनाओं तथा विभागीय छात्रावास सुदृणीकरण राशि की जानकारी देने हेतु जिला संयोजक, मुरैना को पत्र क्रमांक 1566 दिनांक 21/11/2022 दिया गया था? यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास राज्य एवं केन्द्र शासित योजनाओं में कितना-कितना आवंटन कब प्राप्त हुआ तथा कहाँ-कहाँ पर कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय छात्रावास मरम्मत एवं संधारण की कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि किस-किस निर्माण एजेंसी द्वारा कहाँ-कहाँ पर किस कार्य के लिए व्यय की गई? एजेंसी का नाम, कार्य का नाम सहित जानकारी देवें। छात्रावास अधीक्षकों को किस नियम के तहत निर्माण एजेंसी बनाया गया? (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावास सामग्री पूर्ति में कितना आवंटन कब प्राप्त हुआ? किस एजेंसी द्वारा कौन सी सामग्री कहाँ क्रय की गई? वर्षवार प्राप्त आवंटन, क्रय आदेश एवं सामग्री देयकों की छायाप्रति सहित जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी कार्यालयीन पत्र क्रं. 2970 दिनांक 09.12.2022 के द्वारा मान. विधायक श्री राकेश मावई, विधान सभा क्षेत्र मुरैना को भेजी गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। अधीक्षकों को निर्माण एजेंसी बनाये जाने का निर्णय जिला स्तर पर लिया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
निराश्रित गौवंशों का उचित संवर्धन
[पशुपालन एवं डेयरी]
33. ( क्र. 1127 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्र. 116, दिनांक 29-07-2022 के उत्तरांश (ग) में बताया कि किसी कंपनी द्वारा उक्त गौशाला के निमार्ण में रूचि नहीं लेने के कारण स्मार्ट गौशाला नहीं खोली जा सकी। कृपया अवगत कराने का कष्ट करें किसके माध्यम से व किस कंपनी के द्वारा गौशाला निर्माण में रूचि नहीं ली गई व किस-किस कंपनी से संपर्क किस माध्यम से किया गया? अवगत करवाएं एवं रुचि न लेने का क्या कारण है? (ख) क्या शासन अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है अथवा विभागीय रूप से एवं पंचायतों के माध्यम से या एन.जी.ओ. के माध्यम से क्या स्मार्ट गौशाला बनवाई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) क्या ब्यावरा नगर में गौ माता भटक रही हैं? हाँ या नही? यदि हाँ, तो उचित प्रबंधन क्यों नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या विभाग जांच करवाएगा? (घ) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र में कितनी गौशाला स्वीकृत कर निर्माण कार्य कराया गया है और कहाँ-कहाँ? सूची उपलब्ध करवाएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। गौशाला निर्माण एवं उनमें सहभागिता हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से अभिरूचि की अभिव्यक्ति (Expression of Interest) जारी की गई थी। जिसके फलस्वरूप एस.आई.बी.सी.एस. कंपनी, नई दिल्ली द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मध्यप्रदेश शासन, नव एवं नवकरणीय उर्जा विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन एवं एस.आई.बी.सी.एस. कंपनी, नई दिल्ली के मध्य अबंधनकारी अनुबंध निष्पादित किया गया था। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा कंपनी को भूमि की उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर जिलों से प्राप्त स्मार्ट गौशालाओं के प्रस्तावों की सूची भी उपलब्ध कराई गई थी परन्तु इसके उपरांत कंपनी द्वारा कोई प्रतिउत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु राज्य शासन द्वारा ''मुख्यमंत्री गौसेवा योजना'' संचालित की गई है। वर्तमान में स्मार्ट गौशाला बनाये जाने का विभाग के पास में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। ब्यावरा नगरपालिका सीमा में गौ-संवर्धन बोर्ड अन्तर्गत 02 गौशालाएं संचालित है, जिसमें निराश्रित गौवंशों का उचित संवर्धन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विस्फोटक समाग्री विक्रय हेतु जारी अनुज्ञप्तियां
[गृह]
34. ( क्र. 1140 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत यूरिया (अमोनिया नाइट्रेट विस्फोटक) सामाग्री विक्रय हेतु अनुज्ञप्तियां जारी की गयी हैं? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कितनी फर्मों को, कितनी मात्रा में रखने की अनुज्ञप्तियां जारी की गयी हैं? (ग) क्या अनुज्ञप्ति प्राप्त फर्म द्वारा विस्फोटक रखने का स्थान/गोदाम बनाये गये हैं। हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो सुरक्षा के क्या इन्तजाम किये गये हैं? (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक लायसेंस प्राप्त फर्मों द्वारा कितनी यूरिया (अमोनिया नाइट्रेट विस्फोटक) प्राप्त की गयी है और कितने कृषकों को वितरित की गयी है? प्राप्त एवं कृषकों को वितरण की जानकारी नाम, ग्राम का नाम सहित सूची उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) 04 फर्मों को 30 मैट्रिक टन विक्रय हेतु अनुज्ञप्तियां जारी की गई है। (ग) जी हाँ। सुरक्षा के इंतजाम हेतु अग्निशमन सिलेण्डर एवं रेत से भरी बाल्टियों की व्यवस्था की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार।
सहकारिता विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध जांच
[सहकारिता]
35. ( क्र. 1151 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर शहरों में कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के कितने पदाधिकारियों के विरूद्ध किन कारणों से लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. की कार्यवाही किस-किस दिनांक से प्रचलन में है? विवरण देवें। (ख) उक्त अवधि में अब तक चलाए गए भू-माफिया अभियान में, अन्य कारणों से किन गृह निर्माण संस्थाओं एवं पदाधिकारियों सहित अन्य के विरूद्ध किस-किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई? वर्तमान स्थिति का विवरण देवें। (ग) सहकारिता विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध उक्त अवधि में उक्त शहरों में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के कारण से किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? विवरण देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मिलावट विरोधी अभियान
[गृह]
36. ( क्र. 1162 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मिलावट खोरों के खिलाफ बनाये गये रासुका के प्रकरणों में अधिकांश आरोपी न्यायालयों से बरी हो गये हैं? प्रकरणों के नाम, क्रमांक, अभियुक्तों के पते सहित 2019, 2020, 2021 एवं नवम्बर 2022 की वर्षवार, स्थान सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त कार्यकाल में शासन द्वारा ''शुद्ध के लिये युद्ध'' एवं ''मिलावट से मुक्ति'' अभियान चलाये? जहां पुलिस द्वारा प्रकरणों में सही विवेचना नहीं करने, पुलिस द्वारा गलत धाराओं में प्रकरण दर्ज किये थे तथा जिला कलेक्टरों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधानों का पालन नहीं किया एवं राज्य शासन, केन्द्र सरकार, को समय-सीमा की सूचना नहीं दी, की प्रकरणवार तथ्यों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या शासन की इस योजना का लाभ जनता को नहीं मिल पाने में जिलों के पुलिस अधीक्षकों, कलेक्टरों पर न्यायालय द्वारा कॉस्ट लगाई गई है? जिलेवार, कॉस्ट की राशि सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या शासन उक्त प्रकरणों में हुई वैधानिक चूक के लिये वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त पंजीयक के पद पर पदस्थापना
[सहकारिता]
37. ( क्र. 1163 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नवम्बर, 2022 की स्थिति में कितने सम्भागों में संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त पंजीयक के पद पर स्थाई अधिकारियों की पद स्थापना कब से नहीं की गई है? सम्भागवार समय सहित जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में संयुक्त पंजीयकों के पद कब से रिक्त हैं? यहां भोपाल के अधिकारियों को कब से प्रभार दिया गया है? नवम्बर 2022 की स्थिति के अनुसार जानकारी दी जावे। (ग) क्या भोपाल से पदस्थ अधिकारी भोपाल एवं ग्वालियर दोनों स्थानों के कार्यों को समय-सीमा में निराकरण कर पाएंगे? वर्ष 2022 में भोपाल से प्रभारी संयुक्त पंजीयक ग्वालियर में कब-कब कार्यालय में उपस्थित रहे? माहवार जानकारी दी जावे। (घ) ग्वालियर में भी जिला स्तर के उप. पंजीयक का पद खाली है। ग्वालियर में दतिया के उप पंजीयकों को प्रभार दिया गया है? उक्त सभी स्थानों के रिक्त अधिकारियों की पदस्थापना कब तक की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) संभागवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
संभाग का नाम |
पद रिक्तता का दिनांक |
क्र. |
संभाग का नाम |
पद रिक्तता का दिनांक |
1 |
भोपाल |
01.02.2021 |
4 |
ग्वालियर |
08.09.2019 |
2 |
सागर |
07.03.2019 |
5 |
रीवा |
01.01.2022 |
3 |
नर्मदापुरम |
13.07.2017 |
6 |
चंबल संभाग |
01.09.2021 |
(ख) ग्वालियर दिनांक 08.09.2019 एवं चंबल दिनांक 01.09.2021 से रिक्त। प्रभार दिनांक 21.09.2022. (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। दतिया के सहायक पंजीयक को प्रभार दिया गया है, अधिकारियों की उपलब्धता एवं स्थानांतरण नीति अनुसार।
नि:शक्तजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
38. ( क्र. 1175 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला विदिशा में विभाग द्वारा नि:शक्तजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना संचालित हैं? यदि हाँ तो पात्र हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल कब तक प्रदाय की जावेगी? नहीं तो कारण बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : जी हाँ, विभाग अंतर्गत दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने हेतु मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना संचालित है। उक्त योजनांतर्गत जिला विदिशा में पात्र दिव्यांग हितग्राहियों का मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंकों के
सेवा नियम
[सहकारिता]
39. ( क्र. 1190 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सेवा नियमों में बैंकिंग सहायक/कम्प्यूटर ऑपरेटर के पारस्परिक परिवर्तन के संबंध में क्या संशोधन कब किये गये? संशोधन की प्रति दें। (ख) क्या यह संशोधन विभागीय मंत्री से लिये गये प्रशासकीय अनुमोदन के अनुरूप थे? यदि नहीं, तो संशोधन में प्रशासकीय अनुमोदन के अतिरिक्त अन्य प्रावधान कैसे जोड़े गये? प्रशासकीय अनुमोदन की नस्ती के संबंधित पृष्ठों की प्रति दें। (ग) प्रशासकीय अनुमोदन के अतिरिक्त सेवा नियमों के संशोधन में अन्य प्रावधान जोड़ने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है और उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त संशोधन के आधार पर किन-किन बैंकों से अधिक कर्मचारी दूसरे बैंकों में गये तथा किन-किन बैंकों में अधिक कर्मचारी संविलयन हुये? क्या कम वेतनमान वाले कर्मचारी अधिक वेतनमान वाले बैंकों में संविलियन किये गये तथा संविलियन में आरक्षण के नियमों का पालन भी नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन उत्तरदायी है और क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृद्धावस्था पेंशन में बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
40. ( क्र. 1199 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत समय से सामाजिक न्याय विभाग से दिव्यागों एवं विधवा महिलाओं को पेंशन हेतु गरीबी राशन कार्ड की बाध्यता सरकार ने समाप्त कर प्रदेश में सभी दिव्यांग एवं विधवा महिलाओं हेतु पेंशन स्वीकृत की गयी है? इसी प्रकार जो गरीब बी.पी.एल. कार्डधारी वृद्ध एवं निराश्रितों को जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं, क्या उन्हें भी शासन द्वारा पेंशन प्रदाय की जा रही है? (ख) क्या वृद्धावस्था में समस्त वृद्धजन जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं हैं इन्हें भी पेंशन की आवश्यकता रहती है, तो क्या उनके लिए शासन द्वारा बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता समाप्त कर पेंशन प्रदाय करने हेतु कोई योजना लागू की गयी है? (ग) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. की बाध्यता समाप्ति हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होकर आदेश जारी किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के हितग्राहियों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना अंतर्गत एवं निराश्रित श्रेणी के 60 वर्ष से अधिक आयु के हितग्राहियों को राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में पेंशन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं है किंतु निराश्रित की श्रेणी में होने पर पात्रता के आधार पर राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में पेंशन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
41. ( क्र. 1266 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने चिकित्सा महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित हैं? इनमें कितनी-कितनी सीटें किस-किस श्रेणी की हैं? सूची दें। (ख) जिला मुरैना में चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय न होने से छात्र-छात्राओं को प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता है? चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की मांग जन प्रतिनिधियों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा निरंतर की जा रही है। जिला मुरैना में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के संबंध में सरकार कोई विचार कर रही है? अगर हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नीट परीक्षा के माध्यम से मेरिट के आधार पर काउंसिलिंग की प्रक्रिया के द्वारा चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश प्रदान किया जाता है। अत: छात्र-छात्राओं को मेरिट के आधार पर किसी भी जिले के चिकित्सा महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने हेतु जाना पड़ता है। जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के संबंध में भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति या राज्य शासन द्वारा समय-समय पर लिये गये नीतिगत निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन शस्त्र लायसेंस के प्रस्ताव
[गृह]
42. ( क्र. 1267 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर मुरैना को दिनांक जनवरी 21 से नवम्बर 22 तक प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं? (ख) एरिया वृद्धि, वृद्धहस्तांरण एवं फौती शस्त्र लायसेसों के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर को प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं? कितने स्वीकृत होना शेष हैं? शेष प्रस्ताव कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में नवीन शस्त्र बनवाने हेतु आवेदकों के चरित्र उत्तम हैं, जिसका सत्यापन पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा किये जाने के बावजूद नवीन शस्त्र लायसेंस क्यों नहीं बनाये गये? (घ) क्या इस संबंध में अधोहस्ताक्षरकर्ता विधायक द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर कलेक्टर जिला मुरैना का ध्यान भी आकर्षित कराया गया है? यदि हाँ, तो अधोहस्ताक्षरकर्ता के द्वारा वस्तुस्थिति संज्ञान में लाने के बाद में जिला कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के कुल 86 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी 2021 से नवम्बर 2022 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये है, इनमें से 20 नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत अन्य राज्यों हेतु एरिया वृद्धि के 18 प्रस्ताव वृद्धहस्तांरण एवं फौती शस्त्र लायसेंसों के कुल 36 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी 2021 से नवम्बर 22 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये हैं, इनमें से 22 वृद्धहस्तांतरण एवं फौती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। शेष 14 वृद्धहस्तांतरण एवं फौती शस्त्र लायसेंस के प्रस्ताव तथा एरिया वृद्धि के 15 प्रस्ताव विचाराधीन हैं, परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के 59 प्रस्ताव लंबित हैं, इन पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (घ) हाँ। माननीय विधायक द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर ध्यान आकर्षित कराया गया है। विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत 20 नवीन शस्त्र लायसेंस एवं 22 वृद्धहस्तांतरण व फौती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जा चुके हैं, शेष पर कार्यवाही प्रचलित है।
निःशक्तजनों के कल्याण हेतु शासन की योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
43. ( क्र. 1292 ) श्री तरबर सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा निःशक्तजन कल्याण हेतु वर्तमान में कौन कोन सी योजनायें प्रदेश में चलाई जा रही हैं? योजनावार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांक 'क' अनुसार शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से बण्डा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ के हितग्राहियों को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई हैं? विकासखण्डवार, योजनावार, ग्रामवार, हितग्राहीवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांक 'क' अनुसार बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में ऐसे कितने पात्र हितग्राही हैं, जिनको योजनाओं का लाभ आधिकारी एवं कर्मचारियों की अनदेखी के कारण नहीं मिल पा रहा है तथा इनको योजनाओं का लाभ कब तक मिलने लगेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसारI (ग) उत्तरांश (क) अनुसार बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बण्डा एवं शाहगढ़ में कोई भी पात्र दिव्यांग हितग्राही का आवेदन लाभान्वित हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अल्पसंख्यक बस्तियों का सौंदर्यीकरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
44. ( क्र. 1297 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग की बस्तियों एवं पूजाघरों के सौंदर्यीकरण या जीर्णोद्धार के कार्यों को स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? विवरण दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) के संबंध में कब-कब पत्राचार किये गये है? क्या उन पर कोई कार्यवाही की गई है? हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों? (ग) अल्पसंख्यक वर्ग के निवासरत बस्तियों के सौंदर्यीकरण और पूजाघरों के जीर्णोद्धार का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो विवरण दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विभाग द्वारा कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती
[जनजातीय कार्य]
45. ( क्र. 1307 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कितने पद प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला शिक्षक के रिक्त हैं? दिनांक 1/4/2022 की स्थिति में बताएं। इनमें से कितने पद सीधी भर्ती के हैं? कितने पद पदोन्नति के हैं? माध्यमिक शाला के रिक्त पद विषयवार बताएं। (ख) मध्यप्रदेश में प्राथमिक शाला में कितने शिक्षकों के बैकलॉक के पद रिक्त हैं? अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अलग-अलग बताएं। मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार सारे बैकलॉक के पद इसी सत्र में भरे जाएंगे। इसको लेकर विभाग की क्या योजना है? (ग) वर्तमान में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में पदों की संख्या 18527 है, जो लगभग 10 वर्ष बाद आयोजित हो रही हैं। क्या पदों में वृद्धि की जावेगी? (घ) माध्यमिक शिक्षक भर्ती में सामाजिक विज्ञान और विज्ञान के कितने पद सीधी भर्ती के रिक्त हैं? क्या पदों में वृद्धि की जायेगी? (ड.) मध्यप्रदेश में ऐसे कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल हैं, जहां केवल एक ही नियमित शिक्षक हैं? स्कूलों की संख्या बताएं। (च) मध्यप्रदेश में माध्यमिक शाला में विज्ञान शिक्षक के पद निर्माण के क्या मापदंड हैं? कितने छात्र संख्या पर विज्ञान शिक्षक का पद निर्मित होता है? न्यूनतम शिक्षक में विज्ञान का पद सम्मिलित है या नहीं? बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) दिनांक 01.04.2022 की स्थिति में प्राथमिक शिक्षक के 11098 एवं माध्यमिक शिक्षक के 10598 पद रिक्त हैं। प्राथमिक शिक्षक के 11098 पद (शत्-प्रतिशत पद सीधी भर्ती के) रिक्त हैं एवं माध्यमिक शिक्षक के सीधी भर्ती के 3914 तथा पदोन्नति के 6684 पद रिक्त हैं। माध्यमिक शिक्षक के विषयवार रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश में 01.04.2022 की स्थिति में प्राथमिक शिक्षक के 8648 बैकलॉग के पद रिक्त हैं, जिसमें अनुसूचित जाति के 485 एवं अनुसूचित जनजाति के 7669 पद हैं। प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की कार्यवाही निरंतर प्रचलित है। (ग) प्रश्न में उल्लेखित पदों की संख्या में से जनजातीय कार्य विभाग के 11098 पद हैं। दिनांक 01.04.2022 के पश्चात प्राथमिक शिक्षकों के 807 पदों की वृद्धि की गई है। (घ) विज्ञापित पदों में सामाजिक विज्ञान विषय अंतर्गत माध्यमिक शिक्षकों के 248 एवं विज्ञान विषय में 180 पद सीधी भर्ती के रिक्त हैं। वर्तमान में पदों में वृद्धि के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। भविष्य में आवश्यकतानुसार निर्णय लिया जावेगा। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (च) छात्र संख्या 141 से अधिक होने पर विज्ञान विषय अंतर्गत जीव विज्ञान विषय के माध्यमिक शिक्षक का पद निर्मित होने संबंधी मापदण्ड निर्धारित है। 141 छात्र संख्या होने पर। जी नहीं।
दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सहकारिता]
46. ( क्र. 1308 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (भूमि विकास बैंक) में 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत दैनिक वेतन/संविदा कर्मचारियों का संविलियन जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों एवं अन्य सहकारी संस्थाओं में सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर किया गया है? किन-किन जिले में संविलियन किया गया है? जिलेवार, नामवार, पदवार जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो क्या उनका संविलियन उपरांत नियमितीकरण किया गया है? यदि नहीं, तो संविलियन नीति में नियमितीकरण का उल्लेख होने पर एवं नियमितीकरण हेतु पात्र होने पर भी उनका नियमितीकरण क्यों नहीं किया गया है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? (ग) सरकार उक्त कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए क्या कार्यवाही कर रही है एवं कब तक नियमितीकरण किया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रदेश के जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों में कार्यरत दैनिक वेतन/संविदा कर्मचारियों जिनका संविलियन जिला सहकारी केन्द्रीय बैकों में किया गया है, की जिलेवार, नामवार, पदवार, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय ज्ञाप दिनांक 21/10/2015 एवं आयुक्त सहकारिता द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 17/05/2018 में संविलियन किये जाने वाले दैनिक वेतन भोगी/नियत वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं होने तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सेवा नियमों में ऐसे संविलियत कर्मचारियों के नियमितीकरण का प्रावधान न होने से उनका नियमितीकरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास/आश्रमों में लगाये गये सोलर गीजर
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 1313 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले में संचालित बालक/बालिका छात्रावास एवं आश्रमों में किन-किन जगहों पर सोलर गीजर लगाये गये हैं? लागत राशि सहित सूची एवं जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार छात्रावास/आश्रमों में किन-किन ठेकेदारों द्वारा सोलर गीजर लगाये गये हैं? क्या लगाए गये सोलर गीजर के रख-रखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। यदि हाँ, तो किन-किन ठेकेदारों द्वारा रख-रखाव व मरम्मत कार्य किये गये? सूची सहित जानकारी देवे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार लगाए गये सोलर गीजर वर्तमान में किन-किन जगह पर चालू स्थिति में है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? क्या संबंधित ठेकेदार द्वारा मरम्मत का कार्य नहीं किये जाने के कारण वर्तमान में बंद होकर उपयोग नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या शासन जिम्मेदार पर कार्यवाही करेगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें और यदि हाँ, तो समय एवं तिथि बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री राम जनल सप्लायर्स झाबुआ रोड, चन्द्रशेखर आजाद नगर, जिला अलीराजपुर के द्वारा गीजर लगाए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जी हाँ। लगाए गए सोलर गीजर की मरम्मत की जिम्मेदारी 5 वर्षों तक की थी। वर्ष 2020 में अवधि पूर्ण हो चुकी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, सोलर गीजर 5 वर्ष की गारंटी के समय-सीमा में सुचारू रूप से संचालित थे। अवधि पूर्ण होने से अन्य व्यवस्था से मरम्मत कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होगा।
कृषक समूह बीमा योजना
[सहकारिता]
48. ( क्र. 1314 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान क्रेडिट धारकों का कृषक समूह बीमा किया जाने का शासन द्वारा योजना बनाई जाकर निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो निर्देश एवं आदेश की प्रति देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार अलीराजपुर जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के किसान कार्ड धारकों का वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कृषक समूह बीमा किया गया है? यदि हाँ, तो कृषकों के खातों से काटी गई बीमा प्रीमियम की राशि वापस क्यों जमा हुई? किन-किन बीमा कंपनियों द्वारा बीमा किया गया है? बीमा प्रीमियम की राशि सहित समितिवार किसानों की संख्या की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अलीराजपुर जिले के किसान क्रेडिट धारकों का बीमा नहीं किया गया है तो इसके क्या कारण हैं? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है और क्या शासन जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय एवं तिथि बतावें यदि नहीं, तो कारण बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित, भोपाल के पत्र क्रमांक 37/बीमा/प्र.स./1228 दिनांक 20.08.2008 से निर्देश जारी किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा वर्ष 2017-18 में कृषक समूह बीमा डी.एच.एफ.एल. प्रमेरिका इंश्योरेंस कंपनी से किया गया। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का वर्ष 2018-19 में बीमा करवाया गया किन्तु बीमा कंपनी द्वारा बीमा प्रीमियम की राशि स्वीकार नहीं करने से काटी गई बीमा की राशि किसानों के खाते में वापस जमा कर दी गई। समितियों के द्वारा डी.एच.एफ.एल. प्रमेरिका इंश्योरेंस कंपनी से बीमा करवाया गया। वर्ष 2017-18 में कृषकों से ली गई बीमा प्रीमियम की राशि की समितिवार किसानों की संख्या, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार बीमा किया गया, उसके पश्चात वित्तीय वर्ष 2018-19 में बीमा कंपनी द्वारा बीमा प्रीमियम स्वीकार नहीं करने से तथा बीमा अनिवार्य नहीं होने से बीमा नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालय का भवन निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
49. ( क्र. 1322 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय सिंगरौली का सभी प्रकार प्रशासकीय स्वीकृति एवं राशि का आवंटन हो चुका हैं? यदि हाँ, तो क्या टेंडर की प्रक्रिया पूरा हो गयी है? यदि हाँ, तो भवन निर्माण का कार्य कब से शुरू किया जायेगा? (ख) महाविद्यालय में प्रवेश व शिक्षण सत्र कब से शुरू किया जायेगा? (ग) क्या राशि का आवंटन व भवन निर्माण टेंडर हो चुका है? यदि हाँ, तो भूमि पूजन कब किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) महाविद्यालय में प्रवेश व शिक्षण सत्र महाविद्यालय के निर्माण उपरांत प्रारंभ होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुलिस चौकी का उन्नयन
[गृह]
50. ( क्र. 1323 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सिंगरौली विधानसभा जिसकी सीमा से छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश लगा हुआ है, जहां पर पुलिस चौकी सासन स्थित है। क्षेत्र में रिलायंस पावर प्लांट स्थित है। क्षेत्र में पावर प्लांट और जनसंख्या को देखते हुए तथा दो राज्यों की सीमा को देखते हुए पुलिस चौकी सासन का उन्नयन थाना के रूप में किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : पुलिस चौकी सासन (सिंगरौली) का थाने में उन्नयन किए जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यापम घोटाले की जांच
[गृह]
51. ( क्र. 1334 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.टी.एफ. द्वारा पी.एम.टी. 2007 से 2011 में घोटाले की जांच की जा रही है? यदि हाँ, तो जांच की अद्यतन स्थिति क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या एस.टी.एफ. द्वारा डी.मेट परीक्षा में निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा 2007 से 2013 तक किए गए घोटालों की जांच की जा रही है? यदि हाँ, तो अद्यतन स्थित से अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) एस.टी.एफ. द्वारा पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर उनके बयान किस-किस दिनांक को लिए गए तथा उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग व्यापम घोटाले की जांच में दिशा-निर्देश संबंधित कोई पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो उस पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं। क्या यह सही है कि उस पत्र के आधार पर व्यापम के तत्कालीन एग्जाम कन्ट्रोलर भदोरिया पर कार्यवाही नहीं की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एस.टी.एफ. द्वारा पी.एम.टी. घोटाले के संबंध में प्राप्त विभिन्न वर्षों की शिकायत पत्रों की जांच की जा रही है, न कि केवल पी.एम.टी. 2007 से 2011 की जांच की जा रही है। प्राप्त शिकायत पत्रों में मात्र पी.एम.टी. 2007 से 2011 का ही उल्लेख नहीं है, अपितु विभिन्न विषयों का उल्लेख होने से विभक्तिकरण किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालय के प्रवेश में फर्जीवाड़े से संबंधित शिकायतों में जांच एजेंसी निर्धारण के संबंध में मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। इसी तारतम्य में ट्रांसफर पिटीशन (सिविल) क्र. 327/15 सहपठित इंटरलोकेटरी नं. 13864/15 दायर की गई है जो एक साथ सुनवाई हेतु लंबित है। अतः उपरोक्त पिटीशन में मान. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जाएगी। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा के बयान दिनांक 11.09.2019 से दिनांक 13.09.2019 तक लिए गए। शिकायत की जांच वर्तमान में प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं।
गैस राहत अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाएं
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
52. ( क्र. 1341 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल गैस राहत अस्पतालों में स्टाफ, जैसे मेडिकल विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, वार्ड बॉय, नर्स आदि की भारी कमी होने के साथ-साथ सोनोग्राफी, एक्स-रे, इको आदि मशीनें देख-रेख के अभाव में काफी समय से खराब पड़ी हुई हैं के संबंध में अस्पताल प्रबंधन द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत होने के बावजूद कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण तथा कब तक उपरोक्त मांगों की पूर्ति कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित यह अवगत करावें कि गैस पीड़ितों को पर्याप्त उपचार नहीं मिलने के कारण हो रही परेशानियों के लिए किन-किन की जिम्मेदारी निर्धारित की जावेगी और उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। पद रिक्त हैं। सोनोग्राफी, एक्स-रे, इको आदि मशीनें खराब नहीं हैं, अपितु क्रियाशील हैं। (ख) विभाग द्वारा प्रावधानित नियमों के अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति समय-समय पर नियमानुसार की जाती हैं। पदपूर्ति संबंधी कार्य सतत प्रक्रिया है। (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
53. ( क्र. 1342 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वक्फ बोर्ड के अधीन मुतावल्ली कमेटी औकाफ-ए-आम्मा भोपाल में करोड़ों की अचल वक्फ सम्पत्ति की अवैध लीज एवं नियम विरूद्ध किरायेदारी कर वक्फ सम्पत्ति को दो करोड़ छिहत्तर लाख बासठ हजार की प्रत्यक्ष क्षति पहुंचाने के आरोप में तत्कालीन पदाधिकारियों के आपराधिक अभियोजन का प्रस्ताव पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दिनांक 25/02/2019 को तथ्यों सहित भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग द्वारा पत्र दिनांक 16/07/2019 के माध्यम से विधि विशेषज्ञ द्वारा गंभीर भ्रष्टाचार का मामला मानकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13-डी (1) (2) तथा भा.द.से. की धारा 409, 420 तथा 120 (बी) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही का अभिमत दिया था? (ग) क्या वक्फ बोर्ड द्वारा पत्र दिनांक 31/08/2019 के द्वारा कार्यवाही हेतु प्रकरण लोकायुक्त को सौंपने की अनुशंसा का प्रस्ताव भेजा था? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें कि कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्राप्त प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल से अतिरिक्त जानकारी चाही गई है।
अवैध भूमि पर स्थायी निर्माण
[सहकारिता]
54. ( क्र. 1351 ) श्री शिवनारायण सिंह (लल्लू भैया) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी स्थित विपणन सहकारी समिति मर्यादित जैतहरी के स्वत्व की भूमि खसरा नं. 554 जो केन्द्रीय सहकारी बैंक में ऋण के विरूद्ध गिरवी है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या विपणन सहकारी समिति मर्यादित जैतहरी के स्वत्व भूमि खसरा नं. 554 जो केन्द्रीय सहकारी बैंक में गिरवी है? उस भूमि पर नगर परिषद् जैतहरी ने सामुदायिक भवन का निर्माण कराकर खनिज मद प्रतिष्ठान निधि का दुरूपयोग एवं अवैध भूमि पर निर्माण किया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या किसी संस्था की भूमि पर अवैधानिक ढंग से कोई भी स्थायी भवन निर्माण वैध है? यदि नहीं, तो कलेक्टर अनूपपुर खनिज मद प्रतिष्ठान से स्वीकृत राशि के दुरूपयोग एवं अवैध भूमि पर निर्माण के लिए दोषीजनों से राशि वसूली के साथ ही अपराधिक प्रकरण कायम कराया जायेगा? यदि नहीं, तो वैधानिक स्वीकृत निर्माण के पूर्व भूमि का संस्था से स्वत्व हस्तांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके नाम एवं पद अनुसार जानकारी देवें। (घ) क्या तत्कालीन सहकारिता निरीक्षक ने सी.एम.ओ. नगर परिषद् जैतहरी की अवैध निर्माण रोके जाने के लिए पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए सहकारिता विभाग समय-सीमा में आपराधिक प्रकरण कायम कराते हुए वैधानिक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गंभीर अपराध का चालान प्रस्तुत न करने पर कार्यवाही
[गृह]
55. ( क्र. 1352 ) श्री शिवनारायण सिंह (लल्लू भैया) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के जैतहरी थाना में अपराध क्रमांक 21/20 में शिकायतकर्ता का नाम, तथ्य व समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए अपराधियों के नाम, पिता का नाम व निवास तथा अपराध की धारा सहित जानकारी देवें। (ख) क्या शिकायतकर्ता शासकीय सेवक हैं तथा कलेक्टर के अनुमोदन व आदेश पर एफ.आई.आर. दर्ज कराया गया हैं? यदि हाँ, तो शिकायत दिनांक व अपराध पंजीबद्ध दिनांक की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अपराधियों ने उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त किया गया हैं? यदि हाँ, तो 30 नवम्बर 2022 तक गंभीर अपराध पर चालान प्रस्तुत न करने वाले दोषी नगर निरीक्षकों के नाम तथा दोषियों पर कार्यवाही से अवगत कराते हुए स्पष्ट जानकारी देवें कि न्यायालय में चालान कब तक प्रस्तुत किया जायेगा? (घ) क्या प्रकरण में किसी आरोपी पर उच्च न्यायालय ने कोई रिलीफ दिया हैं? यदि हाँ, तो शेष आरोपियों पर चालान प्रस्तुत न करने का वैधानिक कारण देते हुए विधि सचिव/महाधिवक्ता के अभिमत से अवगत कराते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों के नाम व अपराधियों के संरक्षण पर क्या कार्यवाही की गई हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। शिकायतकर्ता शासकीय सेवक है। कलेक्टर के निर्देश पर नामांतरण की जाँच के संबंध में कमेटी गठित की गई थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सी.एम.ओ. नगर परिषद जैतहरी द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी। थाने में प्राप्त शिकायत दिनांक 15.12.2019 व अपराध पंजीबद्ध दिनांक 23.01.2020 है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण के तीन आरोपियों को अग्रिम जमानत दी गई है। आरोपी उमाशंकर गौतम के संदर्भ में आदेश दिया है- ''Until further order, no coercive action shall be taken against the petitioner pursuant to the impugned order dated 14.12.2019.'' प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय उच्च न्यायालय से निर्णय होने के पश्चात तदानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। अतः पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
छात्रावासों एवं विद्यालयों का संचालन
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 1356 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल जिले में जनजातीय विभाग द्वारा अनुदान प्राप्त अशासकीय पाण्डेय शिक्षा समिति के द्वारा कितने छात्रावासों एवं विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है? संचालन बाबत् अनुमति कब-कब किन-किन संस्था प्रमुखों द्वारा दी गई की, प्रति देते हुये बतावें कि इन संचालित संस्थाओं को शासन द्वारा अनुदान के रूप में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई का विवरण वर्षवार, संस्थावार संस्था संचालन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित विद्यालयों/छात्रावासों में कितने शिक्षक एवं अधीक्षक कार्यरत हैं, इनका विवरण संस्थावार, नामवार, खाता नं. नियुक्ति दिनांक, नियुक्ति आदेश, वेतन वितरण पत्रक, एरियर्स भुगतान पत्रक, अन्य दस्तावेज संचालन संस्था से जो भी संबंधित हो देवें। यह भी बतावें कि अंशदान के रूप में कितनी-कितनी राशि किन किन संस्थाओं में हैं? उपरोक्तानुसार संचालित विद्यालयों एवं छात्रावासों में कितने छात्र किन-किन विद्यालयों में पठन-पाठन किए व कर रहे हैं की जानकारी संस्था संचालन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की देवें एवं प्रतिवर्ष की परीक्षा परिणाम की प्रति के साथ स्कालर पंजी भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित संस्था पाण्डेय शिक्षा समिति जय सिंह नगर द्वारा कितने शिक्षकों को पांचवे वेतन के एरियर्स के राशि का भुगतान कब-कब किन खाता नम्बरों में डाल कर किया गया, एरियर्स की राशि के भुगतान बाबत् शासन के क्या निर्देश हैं, प्रति देते हुये बतावें। अगर राशि समिति के खाते में भेजी गई तो क्यों जबकि शिक्षकों के खाते में भेजने के प्रावधान हैं। इन सब अनियमितताओं के लिये किसको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार संचालित संस्थाओं में से प्रश्नांश (ग) अनुसार एरियर्स भुगतान में की गई अनियमितता की शिकायत लोकायुक्त संगठन व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को की गई थी जिस पर कलेक्टर शहडोल द्वारा आदेश क्र/01/सतर्कता/ 2022/951 शहडोल 15/02/2022 के माध्यम से जांच समिति का गठन किया गया। जांच प्रतिवेदन की प्रति एवं संलग्न सहपत्रों की प्रति देते हुय बतावें कि जांच पूर्व शिकायत कर्ताओं के कथन या उनके दस्तावेज लिये गये अथवा बगैर कथन व दस्तावेज के जांच की गई, इस दोषपूर्ण जांच पर किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे एवं जांच बाबत् क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित संस्थाओं के द्वारा प्रश्नांश (ग) अनुसार भारी अनयिमिततायें की गई, एरियर्स व अनुदान के नाम पर निजी लोगों को समिति के संचालक द्वारा लाभ दिया गया, संस्था में जो शिक्षण का कार्य नहीं करते उनको वेतन व एरियर्स व वेतन का भुगतान कर राशि की हेरा-फेरी की गई। विद्यालयों में छात्र के फर्जी नाम लिख कर अनुदान लिया जा रहा हैं, इन सबकी उच्च स्तरीय जांच कराकर राशि वसूली के साथ राशि गबन करने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने बाबत् निर्देश देंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित कार्यक्रमों, गतिविधियों एवं संस्थाओं की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
57. ( क्र. 1360 ) श्री महेश परमार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन ज़िले में अशासकीय संस्था अनुदान नियम के अंतर्गत कितनी गैर शासकीय संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है? उक्त संस्थाएं कितने वर्षों से अनुदान ले रही हैं? उनकी सूची उपलब्ध कराते हुए सस्थाओं से सम्बन्धित पंजीयन, नियमावली और संबधित पदाधिकारियों की नाम पते की सूची उपलब्ध कराएं। (ख) गैर शासकीय संस्थाओं को कौन-कौन सी गतिविधियां संचालित करने की ज़िम्मेदारी दी गयी है? वर्ष 2019 से अब तक कुल कितना अनुदान प्रतिवर्ष संस्थाओं को दिया गया है? (ग) उज्जैन ज़िले में कितने अ.जा.-अ.ज.जा. के कल्याण के लिए छात्रावासों एवं आश्रमों का संचालन वर्तमान में किया जा रहा है? उन छात्र-छात्राओं को भोजन आदि व्यय के लिए कितनी राशि प्रतिमाह दी जा रही है? वर्तमान में संचालन का भार किनके पास है? (घ) उक्त छात्रावासों पर वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक शासन से प्राप्त राशि एवं किए गए खर्च की ऑडिट रिपोर्ट, वर्तमान में कार्यरत अधीक्षक की उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) उज्जैन जिले अन्तर्गत 02 गैर शासकीय संस्थाओं द्वारा 04 प्रवृत्तियों को अनुदान दिया जा रहा है। उक्त संस्थाओं की सूची, संस्था से संबंधित पंजीयन, नियमावली और संस्था से संबंधित पदाधिकारियों के नाम पते की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार है। (ख) गैर शासकीय संस्था जयदुर्गा शिक्षण समिति उज्जैन के द्वारा प्रवृत्ति प्राथमिक विद्यालय, कंचनपुरा एवं नारायणपुरा तथा मध्य प्रदेश हरिजन सेवक संघ, इन्दौर के द्वारा प्रवृत्ति बालक छात्रावास, उज्जैन एवं जवाहर बालक छात्रावास, महिदपुर संचालित की जा रही है। वर्ष 2019 से अब तक दिये गये अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले अन्तर्गत अनुसूचित जाति के 69 छात्रावास बालक/बालिका के संचालित किये जा रहे है एवं अनुसूचित जनजाति के 04 छात्रावास एवं 01 आश्रम का संचालन किया जा रहा है उक्त छात्रावास/आश्रम में निवासरत बालक/बालिका को प्रतिमाह भोजन आदि हेतु राशि बालक को रू. 1460-/ एवं बालिकाओं को रू.1500-/रूपये प्रतिमाह दी जा रही है। जिसमें से 10 प्रतिशत राशि छात्र-छात्राओं के बैंक अकाउन्ट में दी जा रही है। वर्तमान में छात्रावास संचालन का भार अनुसूचित जाति कल्याण विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के पास है। (घ) उक्त छात्रावासों पर शासन से प्राप्त राशि एवं किये गये खर्च की ऑडिट रिपोर्ट एवं छात्रावास अधीक्षक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'3' अनुसार है।
थानों में असत्य प्रकरण दर्ज किया जाना
[गृह]
58. ( क्र. 1363 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजनगर विधानसभा क्षेत्र पुलिस अनुभाग खजुराहो अन्तर्गत आने वाले थानों/चौकियों में जनवरी 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल कितने प्रकरण/एफ.आई.आर दर्ज हुई हैं? प्रत्येक के नामवार, प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) से अनुभाग अन्तर्गत कितने आवेदन/शिकायती पत्र प्राप्त हुये हैं? थाना/चौकीवार जानकारी देवें। कितनों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? जिन पर कार्यवाही नहीं हुई या जांच नहीं हुई ऐसे कुल कितने आवेदन/शिकायतें लंबित हैं? नामवार जानकारी देवें। ऐसे कुल कितने आवेदन प्राप्त हुये, जो जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच हेतु एस.डी.ओ.पी कार्यालय भेजे गये? उन पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या अनुभाग अन्तर्गत थानों में पुलिस प्रशासन द्वारा राजनैतिक दबाव में असत्य प्रकरण भी दर्ज किये गये हैं? यदि हाँ, तो शासन ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? (घ) क्या अनुभाग के थानों में निर्दोष लोगों को थानों में बुलाना, थानों में बैठाये रखना एवं असत्य प्रकरण दर्ज करना एवं दर्ज करने की धमकियां देना, ऐसी भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजनगर विधानसभा क्षेत्र पुलिस अनुविभाग खजुराहो अन्तर्गत आने वाले 04 थानों (खजुराहो, बमीठा, महाराजपुर, राजनगर) में जनवरी 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल पंजीबद्ध प्रकरण/एफ.आई.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
रतलाम मेडिकल कॉलेज की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
59. ( क्र. 1366 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीटी स्कैन और एम.आर.आई. मशीन कब तक लग जाएगी? (ख) ब्लड बैंक की स्थापना में हो रहे अत्यधिक विलम्ब के क्या कारण हैं? ब्लड बैंक स्थापित होकर आपरेशन होना कब तक प्रारंभ हो जाएंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय रतलाम में सी.टी. स्कैन और एम.आर.आई. मशीनों की स्थापना हेतु मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल के माध्यम से नवीन निविदा जारी की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय रतलाम में ब्लड बैंक के उपकरण प्राप्त हो गये है। उपकरणों के इंस्टॉलेशन का कार्य अनुमानित 02 से 04 माह में किया जाकर ब्लड बैंक क्रियाशील किया जा सकेगा।
मकान पर बुलडोजर चलाने का प्रावधान
[गृह]
60. ( क्र. 1367 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसी अपराध में संलिप्त व्यक्ति के मकान पर बुलडोजर चलाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) जिला मुरैना के ग्राम लोगंट में एक परिवार के दो लोगों के मकान पर बुलडोजर चलाने का शासन/सक्षम अधिकारी के द्वारा आदेश दिया गया था यदि हाँ, तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या बिना किसी शासन/सक्षम अधिकारी के आदेश के प्रश्नांश (ख) में वर्णित परिवारों के मकान पर बुलडोजर चलाने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर सरकार कार्यवाही करेगी यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रदेश में बढ़ते अपराध की जानकारी
[गृह]
61. ( क्र. 1370 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) NCRB की रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2017 से 2021 तक प्रदेश में प्रतिवर्ष कुल कितने अपराध दर्ज किए गए तथा उनमें प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत की कमी या वृद्धि हुई? (ख) 1 जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2022 तक प्रदेश में कुल कितने अपराध हुये तथा इसी अवधि में 2021 से कितने प्रतिशत कम या ज्यादा है। (ग) NCRB की रिपोर्ट के अनुसार 2017 से अक्टूबर 2022 तक, महिलाओं के खिलाफ कुल अपराध, बलात्कार, नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीडन, महिलाओं का अपहरण, गंभीर श्रेणी के अपराध तथा भ्रष्टाचार के कितने-कितने प्रकरण दर्ज किये गये तथा उनमें प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत कमी या वृद्धि हुई। (घ) जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अपराध की संख्या कितनी-कितनी हैं तथा इसी अवधि के पिछले वर्ष से कितने प्रतिशत कम या ज्यादा है? (ड.) NCRB के अनुसार 2021 में प्रदेश का स्थान किस-किस प्रकार के अपराध में, देश में, पहला, दूसरा, तीसरा तथा चौथा रहा एवं प्रदेश में प्रति लाख व्यक्ति पर अपराध की संख्या पिछले पांच साल की कितनी-कितनी हैं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'इ' अनुसार।
महिलाओं पर बढ़ते अपराध की जानकारी
[गृह]
62. ( क्र. 1371 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021-22 के वार्षिक प्रतिवेतन में महिलाओं के प्रति घटित अपराधों का शीर्षवार विवरण नहीं दिया गया है? ताकि महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की सच्चाई को छुपाया जा सके। यदि दिया गया है तो बताएंगे किस पृष्ठ पर है? (ख) वर्ष 2018 से अक्टूबर 2022 तक महिलाओं के प्रति घटित अपराधों का शीर्षवार आंकड़े बतावें। वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2022 में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई है? (ग) वर्ष 2018 से अक्टूबर वर्ष 2022 तक के अनुसूचित जाति तथा जनजाति के घटित क्राइम अंडर एससी/एसटी एक्ट 1989 की जानकारी दें तथा बताएं की प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई तथा उसके कारण क्या है? (घ) वर्ष 2017 से वर्ष अक्टूबर 2022 तक महिलाओं पर घटित अपराध तथा एससी/एसटी एक्ट 1989 के विभिन्न न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों में दोष सिद्धी की दर का प्रतिशत कितना-कितना है तथा दोष सिद्धी की दर को बढ़ानें के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : प्रश्नांश ''क'' के संबंध में लेख है कि म.प्र. शासन गृह विभाग पत्र क्र.-एफ 21-01/2022/दो-ए (3)/147 भोपाल दि. 21.01.22 एवं नोडल शाखा (राज्य अपराध ब्यूरो, पु.मु) के पत्र क्रं.-पुमु/रा.अ.अ.ब्यूरो/सांख्यिकी/250/2022 भोपाल, दिनांक 25.01.22 के द्वारा चाही गई जानकारी में महिलाओं के प्रति घटित अपराधों की शीर्षवार जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में लेख नहीं किया गया था। शासन गृह विभाग एवं राज्य अपराध ब्यूरो, पु.मु द्वारा पत्र में उल्लेखित चाही गई जानकारी अनुसार वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 प्रेषित किया गया था। उल्लेखनीय है कि पत्र क्रमांक/पुमु WSB/W-7/06/22/1381/2022 दिनांक 14/12/2022 के माध्यम से महिलाओं के प्रति घटित अपराधों की शीर्षवार जानकारी के साथ विभागीय वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 की पूरक जानकारी प्रेषित की गई है। शीर्षवार विवरण सहित पूरक वार्षिक प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जिलो से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2018 से अक्टूबर 2022 तक महिलाओं के प्रति घटित अपराधों का शीर्षवार आंकड़ें एवं वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2022 में कितने प्रतिषत की वृद्ध या कमी हुई है, शीर्षवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) अजाक शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2018 से अक्टूबर वर्ष 2022 तक के अनुसूचित जाति तथा जनजाति के घटित क्राइम अंडर एससी/एसटी एक्ट 1989 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) अजाक शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2017 से अक्टूबर वर्ष 2022 तक महिलाओं पर घटित अपराध तथा एससी/एसटी एक्ट 1989 के विभिन्न न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों में दोषसिद्धि की दर की जानकारी एवं दोषसिद्धि की दर को बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयास पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' में समाहित है।
कमिश्नर प्रणाली के लागू होने बाद अपराधों की जानकारी
[गृह]
63. ( क्र. 1376 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर तथा भोपाल में 9 दिसम्बर 2021 से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद दोनों जिले में विभिन्न शीर्ष में हुए अपराधों की जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2022 की संख्या बताएं तथा बतावें कि इसी अवधि में 2021 की संख्या से कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (ख) प्रदेश में एक नवंबर 2020 से 31 अक्टूबर 2021 तथा एक नवंबर 2021 से 31 अक्टूबर 2022 तक महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों का शीर्ष अनुसार विवरण दें तथा बतायें कि 2021 की तुलना में 2022 में कितने प्रतिशत की कमी या वृद्धि हुई? (ग) राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा बनाए गए क्राइम इन एमपी की 2019 से 2021 तक की प्रति देवें तथा बतावें की किस शीर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में कमी या वृद्धि हुई? (ड.) राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा तैयार किए गए मासिक अपराध विश्लेषण (एमएसी) की जनवरी 2021 से अक्टूबर 2022 तक की प्रतियां उपलब्ध कराएं तथा बतावें कि किस शीर्ष में रिपोर्ट संतोषजनक नहीं हैं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) (1) क्राईम इन एमपी की 2019 का प्रकाशन कोविड महामारी की परिस्थितियों के कारण नहीं किया गया। पुस्तक की साफ्ट कॉपी म.प्र. पुलिस की आधिकारिक वेबसाईट www.mppolice.gov.in पर अवलोकन हेतु पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध है। सुलभ अवलोकन हेतु 2019 क्राईम इन एमपी की प्रति पृथक से प्रिंटआउट कर संलग्न है। (2) क्राईम इन एमपी 2020 एवं 2021 की प्रकाशित प्रतियां सुलभ अवलोकन हेतु संलग्न है। (3) अपराधों के विभिन्न शीर्ष (2019 से 2021 तक) का तुलनात्मक चार्टक्राईम इन एमपी वर्ष 2021 की प्रकाशित प्रति के पृष्ठ क्रमांक 72 पर प्रकाशित है। (घ) जनवरी 2021 से अक्टूबर 2022 तक की मासिक अपराध विश्लेषण की मासिक प्रतियां सुलभ अवलोकन हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। एम.ए.सी. के अंतर्गत आकड़ें जिलो द्वारा प्रेषित संशोधन होने पर, संशोधन योग्य एवं परिवर्तन शील है।
मंदसौर गोली कांड की रिपोर्ट
[गृह]
64. ( क्र. 1377 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर गोली कांड के लिए गठित जैन आयोग ने 11/6/2018 को रिपोर्ट शासन को पेश कर दी, तो बतावें कि साढ़े 4 साल गुजर जाने के बाद भी उस रिपोर्ट की अनुशंसा पर कार्यवाही कर, उसे विधानसभा के पटल पर क्यों नहीं रखा गया? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छ: पत्र क्रमश: 14/6/2018, 10/12/2019, 3/1/2020, 25/2/2021, 7/9/2021 तथा 3/2/2022 को लिखकर, अनुशंसा पर कार्यवाही कर, मंत्री परिषद से आदेश प्राप्त कर, विधानसभा में रखने को कहा। यदि हाँ, तो उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रों के संदर्भ में बनाई गई नोटशीट की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) के बारे में बतावें कि इस संदर्भ में सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा गया हो तो उसकी प्रति देवें, क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा इस संदर्भ में पहले पूछे गये कई प्रश्न में प्रत्येक बार यही उत्तर दिया गया कि कार्यवाही प्रचलन में है, यदि हाँ, तो बताएं कि कार्यवाही अभी तक कितनी पूर्ण हुई तथा पूरी कार्रवाई कब पूर्ण हो जायेगी? इस संदर्भ में बनी हुई नोटशीट की प्रति देवें। (घ) विभाग जैन आयोग की अनुशंसा पर कार्यवाही और विधानसभा के पटल पर कब तक रखी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदर्श घोषित गांवों को राशि का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
65. ( क्र. 1390 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से 27 नवम्बर 2022 तक कितने गांव आदर्श गांव घोषित किए गए हैं? घोषित गावों में किन-किन कार्यों हेतु राशि उपलब्ध कराई जाती है? क्षेत्र के स्वीकृत/घोषित गांव के नाम, वर्ष सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्षेत्र के घोषित आदर्श ग्रामों में ग्राम विकास हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस गांव को कब-कब प्रदान की गई हैं? कितने गांवों की राशि शेष हैं? शेष रहने का क्या कारण हैं और कब तक राशि जारी कर दी जाएगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2018 से 2022 तक कितने आदर्श गांव स्वीकृत/घोषित करने के प्रस्ताव आयुक्त, आदिम जाति विकास को प्रेषित किए गए हैं? उनमें से कितने गांवों को घोषित किया गया हैं? कितने घोषित करना शेष हैं? कब तक शेष बचे प्रेषित गांवों की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी? (घ) क्षेत्र के किन-किन अजा वर्ग के किसानों ने सिंचाई हेतु कृषि पम्पों के लिए बिजली लाईन मय डीपी के वर्ष 2018 से 2022 तक आवेदन प्रस्तुत किए हैं? उनमें से कितने की स्वीकृति प्रदान की गई है? कितने की शेष हैं? कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी? उनके नाम, गांव के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ड.) वर्ष 2018 से दिनांक 27/11/2022 तक क्षेत्र के कितने गांवों में सामुदायिक भवन के प्रस्ताव दिए गए हैं? उनमें से कितनों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई हैं? शेष बचे भवनों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (च) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सौ प्रतिशत अजजा बाहुल्य गांव राजपुर रायती में सामुदायिक भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक स्वीकृति दे दी जाएगी? विवरण दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 12 ग्राम आदर्श ग्राम घोषित किये गये है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत चयनित ग्रामों में कराये जाने वाले कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '1' अनुसार है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '3' अनुसार है। (ग) योजना के प्रावधान अनुसार प्रश्नकर्ता से कोई प्रस्ताव संदर्भ में अप्राप्त है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '4' अनुसार है। उपलब्ध बजट आवंटन की सीमा तक जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति के द्वारा प्राथमिकता के अनुसार कार्यों का चयन किया जाता है सभी प्राप्त प्रस्तावों की स्वीकृति संभव नहीं है शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) निरंक, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (च) जी, हाँ। जी, नहीं। आवंटन न होने से स्वीकृति संभव नहीं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
धारा 307 के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी
[गृह]
66. ( क्र. 1430 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में पुलिस थाना कैलारस के अपराध क्रमांक 631/22 धारा 370, 323, 120 बी, 147, 148, 149 भा.दं.वि. के आरोपियों को गिरफ्तार किये जाने एवं उनके द्वारा पुन: अप्रिय घटना करने की धमकी दिये जाने की शिकायती आवेदन रिंकू उर्फ देवेन्द्र गुर्जर द्वारा आई.जी. चंबल, एस.पी. मुरैना, एस.डी.ओ.पी. कैलारस तथा थाना प्रभारी कैलारस को दिये गये? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक सभी आवेदनों पर पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा अभी तक सभी आरोपियों के गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या थाना कैलारस में बनवारी शर्मा पर 13 तथा अशोक शर्मा पर 10 संगीन प्रकरण पूर्व से दर्ज हैं तथा कैलारस के अपराध क्रमांक 644/20 में बनवारी शर्मा धारा 302 का आरोपी होकर माननीय न्यायालय से शर्तों के अधीन जमानत पर है और आरोपी द्वारा पुन: धारा 307 का अपराध कर दिया? यदि हाँ, तो ऐसे संगीन आदतन अपराधियों को अभी तक जिला बदर क्यों नहीं किया गया? अशोक शर्मा पुत्र खूबंचद शर्मा निवासी सेमई को कब तक जिला बदर किया जायेगा? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार 307 जैसी संगीन धारा के सभी आरोपियों को पुलिस द्वारा कब तक गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। थाना कैलारस जिला मुरैना के अपराध क्रमांक 631/22 धारा 307, 323, 120 बी, 147, 148, 149 भा.द.वि. के आरोपीगण की गिरफ्तारी किए जाने तथा उनके द्वारा धमकी दिए जाने के शिकायत आवेदन, श्री रिंकू उर्फ देवेन्द्र गुर्जर द्वारा पुलिस महानिरीक्षक चम्बल तथा अन्य संबंधित पुलिस अधिकारियों को दिए गए हैं। शिकायत पत्रों को प्रकरण में शामिल करते हुए विवेचना की जा रही है। प्रकरण के दो आरोपीगण बनवारी शर्मा व कल्ला उर्फ देवेन्द्र शर्मा की गिरफ्तारी की जा चुकी है, शेष आरोपीगण की गिरफ्तारी के संदर्भ में विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर निर्णय लिया जायेगा (ख) थाना कैलारस में बनवारी शर्मा पर आलोच्य अपराध (631/22) के पूर्व के 13 आपराधिक प्रकरण है (जिनमें से 02 संगीन व 11 सामान्य प्रकृति के हैं)। इसी प्रकार अशोक शर्मा पर कुल 09 आपराधिक प्रकरण पूर्व से दर्ज हैं (जो सभी सामान्य प्रकृति के हैं)। थाना कैलारस में अपराध क्रमांक 644/20 धारा 302 भादवि में बनवारी शर्मा आरोपी होकर माननीय उच्च न्यायालय से शर्तों के अधीन जमानत पर था। आरोपी के विरूद्ध पुनः 307 भादवि का अपराध 631/22 दर्ज किया गया है। आरोपियों के आपराधिक रिकार्ड का परीक्षण कर तदानुसार जिलाबदर की कार्यवाही के संदर्भ में आगामी निर्णय लिया जायेगा। (ग) प्रकरण में 05 में से 02 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। शेष 03 आरोपीगण की गिरफ्तारी के संदर्भ में विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर निर्णय लिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रोटोकॉल के तहत उपलब्ध सुरक्षा सुविधा
[गृह]
67. ( क्र. 1462 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मंत्रिपरिषद के सदस्यों केबिनेट मंत्री/राज्यमंत्री एवं माननीय नेता प्रतिपक्ष मध्यप्रदेश विधानसभा को सुरक्षा हेतु कौन-कौन सी केटेगरी प्रदान की गई तथा तथा प्रत्येक केटेगरी में कितने-कितने सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में माननीय मंत्रीगणों एवं नेता प्रतिपक्ष को जिलो में दौरे के दौरान प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा हेतु क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है? विवरण दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में मंत्रिपरिषद के सदस्यों केबिनेट मंत्री/राज्यमंत्री एवं माननीय नेता प्रतिपक्ष मध्यप्रदेश विधानसभा को भारत सरकार (एमएचए), नई दिल्ली द्वारा दिनांक 12.02.2019 को जारी संशोधित नियम/निर्देशों के तहत निर्धारित ''एक्स'' सुरक्षा श्रेणी में 03 सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाते हैं। (ख) माननीय मंत्रीगणों एवं नेता प्रतिपक्ष को जिलों में दौरे के दौरान प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा हेतु मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग (सी-अनुभाग), भोपाल के पत्र क्रमांक- एफ 4-7/79-सी-1 भोपाल दिनांक 19 मई 1992 द्वारा जारी नियम/निर्देशों के तहत सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं। (ग) नियमानुसार प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
68. ( क्र. 1488 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना जिला बालाघाट, सिवनी, छिन्दवाड़ा, बडवानी, धार, झाबुआ, के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 228/2021-22 दिनांक 07-08-2021 में उल्लेखित बिन्दुओं की प्राथमिक जांच हेतु समिति गठित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो समिति द्वारा कब-कब जांच की गई? जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से संचालित गतिविधियाँ
[लोक सेवा प्रबन्धन]
69. ( क्र. 1491 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से किन-किन शासकीय सेवाओं को प्रदाय किया जा रहा है? किस सेवा की कितनी फीस एवं क्या समय-सीमा निर्धारित है? केन्द्र द्वारा वसूल की जा रही राशि की क्या ऑडिट प्रक्रिया है? इन केन्द्रों की स्थापना दिनांक/वर्ष से उत्तर दिनांक तक ग्वालियर जिले में कितनी राशि वसूल हुई? उसका ऑडिट किस प्रकार/किसके द्वारा कब-कब किया गया? जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले में वर्तमान में कितने लोक सेवा केन्द्र स्थापित किये तथा कितने संचालित हैं? इन केन्द्रों की स्थापना हेतु क्या मापदण्ड/प्रक्रिया अपनाई गई? क्या इन केन्द्रों की स्थापना स्थल का चयन आम जनता की आवागमन एवं क्षेत्रीय भौगोलिक स्थिति के अनुसार किया गया है? यदि हाँ, तो जिले में प्रत्येक विधानसभावार केन्द्र कहां-कहां पर स्थापित तथा उनका संचालन एवं नियंत्रण किनके द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में निवासरत आम जनता की सुविधा के लिये कितने केन्द्र कहां-कहां निर्धारित किये हैं? क्या इन केन्द्रों के संचालन का स्थान इसी विधानसभा क्षेत्र में है? यदि हाँ, तो स्थान बतायें। यदि नहीं, तो कहां स्थापित हैं? अन्य विधानसभा क्षेत्र में स्थापित होने का क्या कारण है? इसे कब तक स्थानीय विधानसभा क्षेत्र में स्थापित किया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) ग्वालियर जिले में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदाय की रहीं शासकीय सेवाओं, सेवा की फीस एवं समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। केन्द्रों की ऑडिट प्रक्रिया नहीं है। उक्त जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्वालियर जिले में वर्तमान में 08 लोक सेवा केन्द्र स्थापित हैं तथा 08 केन्द्र संचालित है। केन्द्रों की स्थापना हेतु लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र क्र.6-8/2019/लोसेप्र/61, दिनांक 01/03/2019 के अनुसार प्रक्रिया का अनुसरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी हाँ। जिले में कुल 6 विधानसभा है, विधानसभावार केन्द्र-14 ग्वालियर ग्रामीण, तानसेन लोक सेवा केन्द्र ( हस्तिनापुर ग्राम पंचायत) 15 ग्वालियर-ग्वालियर लोक सेवा केन्द्र (बहोड़ापुर), घाटीगांव लोक सेवा केन्द्र (घाटीगांव तहसील) 16 ग्वालियर पूर्व मुरार लोक सेवा केन्द्र (मुरार तहसील), सिटी सेंटर लोक सेवा केन्द्र (कलेक्ट्रेट कार्यालय) 17 ग्वालियर दक्षिण-पूर्व में यहां ग्वालियर लोक सेवा केन्द्र महाराज बाड़ा गोरखी पर स्थित था पर गोरखी परिसर पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अंतर्गत उस परिसर का जीर्णोधार किया जा रहा है इस कारण से गोरखी परिसर स्थित समस्त कार्यालयों को अन्यंत्र स्थापित करना पड़ा, जिसके तहत लोक सेवा केन्द्र ग्वालियर को बहोड़ापुर स्थान मिलने पर बहोड़ापुर स्थानांतरित किया गया। 18 भितरवार- भितरवार लोक सेवा केन्द्र (भितरवार तहसील), चीनोर लोक सेवा केन्द्र (चीनोर तहसील), घाटीगांव लोक सेवा केन्द्र (घाटीगांव तहसील), 19 डबरा-डबरा लोक सेवा केन्द्र (डबरा तहसील) केन्द्रों का संचालन पी.पी.पी. मॉडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के आधार पर चुने गए ऑपरेटर (प्रोपराइटर) एवं नियंत्रण सचिव जिला ई-गर्वनेंस सोसाइटी के द्वारा किया जा रहा है। (ग) लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र क्र.6-8/2019/लोसेप्र/61, दिनांक 01/03/2019 के अनुसार तहसील स्तर पर लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना की गई है। तहसील ग्वालियर अंतर्गत 01 लोक सेवा केन्द्र ग्वालियर 'राजीव गांधी सामुदायिक भवन' बहोड़ापुर तिराहा पर स्थापित है, चूंकि उपरोक्त आदेश के माध्यम से लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना तहसील स्तर पर हुई है, चूंकि लोक सेवा केन्द्र की ईकाई विधानसभा न होकर तहसील स्तर पर है इससे तहसील स्तर पर ही यह केन्द्र संचालित है।
सिम्स हॉस्पिटल हेतु स्वीकृत राशि
[चिकित्सा शिक्षा]
70. ( क्र. 1494 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा सिम्स हॉस्पिटल (प्रोजेक्ट) के निर्माण कार्य हेतु शासन द्वारा कितनी राशि एवं कितने बेड का अस्पताल स्वीकृत किया गया था और वर्तमान समय में कितने बेडों का सिम्स हॉस्पिटल (प्रोजेक्ट) बनाया जा रहा है और इसमें किन-किन बीमारियों के ईलाज का प्रावधान रखा गया था तथा वर्तमान में कितने प्रकार की बीमारियों का ईलाज किया जा रहा है? इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति दिनांक क्या थी? स्वीकृत निर्माण कार्य प्रारम्भ एवं पूर्ण करने की निश्चित तिथि क्या थी? (ख) क्या शासन द्वारा स्वीकृत राशि के अनुसार सिम्स हॉस्पिटल (प्रोजेक्ट) के निर्माण कार्य को पूर्ण कराया जा रहा है? या स्वीकृत राशि में राज्य सरकार द्वारा बजट में कटौती की गई है? अगर कटौती की गई है तो कितनी राशि के बजट की कटौती की गई है? कटौती करने का क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या निश्चित तिथि में सिम्स हॉस्पिटल (प्रोजेक्ट) के निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है? अगर निर्धारित समय-सीमा में हॉस्पिटल के निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं किया गया है तो क्या क्रियान्वयन निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही की गई है? अगर नहीं की गई तो कब तक की जायेगी? सिम्स हॉस्पिटल (प्रोजेक्ट) के निर्माण कार्य को कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) छिंदवाड़ा सीम्स हॉस्पिटल के निर्माण हेतु विभाग के पत्र दिनांक 13/09/2019 द्वारा 1941 बिस्तर अस्पताल के निर्माण हेतु राशि रूपये 1455.33 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी और वर्तमान समय में 899 बिस्तर का अस्पताल बनाया जा रहा है और इसमें इलाज की जाने वाली बीमारी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार और वर्तमान में इलाज की जा रही बीमारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार। अनुबंध अनुसार निर्माण कार्य के प्रारंभ तिथि दिनांक 30/11/2019 तथा पूर्ण किये जाने की तिथि दिनांक 29/05/2022 थी। इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति दिनांक 16/07/2019 तथा पूर्णता तिथि दिनांक 29/05/2022 निश्चित थी। (ख) जी नहीं। जी हाँ। शासन द्वारा नीतिगत निर्णय लिया जाकर परियोजना को डी-स्कोप कर राशि रूपये 768.22 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोरोना संक्रमण के दौरान निर्माण कार्य प्रभावित होने तथा कार्य को डी-स्कोप किये जाने के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भण्डारित एवं वितरित खाद की गुणवत्ता
[सहकारिता]
71. ( क्र. 1497 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में खाद भण्डारण तथा भण्डारण उपरांत वितरण/उठाव तथा गुणवत्ता की जांच के क्या नियम हैं? कितनी प्राथमिक साख समितियां भण्डारण हेतु अधिकृत हैं? इन समितियों में 01 जनवरी 2021 से उत्तर दिनांक तक किस-किस कंपनी की कौन-कौन सी खाद की कितनी मात्रा भण्डारित की गई? जिलेवार एवं कंपनीवार जानकारी दें। (ख) क्या भण्डारित खाद के वितरण/उठाव के पूर्व गुणवत्ता की जांच हुई? यदि हां? तो किस कंपनी के, किस खाद की? जांच में कितने नमूने किस कंपनी के अमानक पाये गये? अमानक पाये जाने पर क्या कार्यवाही की गई? कितने दोषियों/कंपनियों पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई? कंपनीवार एवं जिलेवार जानकारी दें। (ग) खाद भण्डारण के संबंध में पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा कोई आदेश/निर्देश उक्तावधि में दिये गये? यदि हाँ? तो इन निर्देशों का कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा पालन किया? कितनी द्वारा नहीं किया? पालन नहीं करने पर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? निर्देश की प्रति तथा जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस कार्यालय भवन का निर्माण
[गृह]
72. ( क्र. 1499 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कार्यालय भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो भूमि आवंटन के बाद भवन निर्माण की क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) भवन का निर्माण कब तक हो जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कार्यालय सिवनी मालवा के लिए भूमि का आवंटन हो गया है। (ख) भवन निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार किया जा रहा है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किया जाना
[गृह]
73. ( क्र. 1500 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के मिहोना थानान्तर्गत पंचायत चुनाव के दौरान दिनांक 25.06.2022 को निरीक्षक श्री गोपाल सिंह सिकरवार, उपनिरीक्षक श्री हरजेन्द्र चौहान, उपनिरीक्षक श्री अमित सिंह सिकरवार एवं आठ-दस पुलिसकर्मियों द्वारा श्री अशोक सिंह पुत्र बचन सिंह पूर्व सरपंच, ग्राम पंचायत दबरेहा जागीर थाना मिहोना एवं श्री देवेन्द्र सिंह पुत्र श्री रघुवीर सिंह तथा उनकी पत्नी श्रीमती अनिता सिंह निवासी ग्राम असनेहट थाना मिहोना जिला भिण्ड के घर में जबरन घुसकर गालीगलौच करने, बेरहमी से मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाए जाने व जान से मारने की धमकी दिए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराने के संबंध में फरियादियों द्वारा आवेदन दिए गए थे? यदि हाँ, तो उक्त आवेदनों पर किस अपराध क्रमांक पर किन-किन धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या मिहोना पुलिस द्वारा फरियादियों को मेडिकल परीक्षण कराया गया था? यदि हाँ, तो मेडिकल रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फरियादियों की रिपोर्ट मिहोना थाने में दर्ज नहीं किए जाने पर फरियादियों द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी लहार जिला भिण्ड के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही किए जाने की मांग पर माननीय न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जाकर अभियुक्तगणों निरीक्षक श्री गोपाल सिंह सिकरवार, उपनिरीक्षक श्री हरजेन्द्र सिंह चौहान एवं श्री अमित सिंह सिकरवार के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 452, 427, 364, 324, 323, 294 एवं 506बी/34 में प्रकरण दर्ज किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में आरोपियों के विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के क्या कारण है तथा आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ड.) क्या फरियादियों की रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) फरियादी देवेन्द्र सिंह एवं अनीता सिंह द्वारा एक आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था। इस आवेदन पत्र में श्री अशोक सिंह पुत्र बचन सिंह निवासी दबरेहा का उल्लेख नहीं है, अन्य सभी व्यक्तियों एवं पुलिस अधिकारियों का उल्लेख है। आवेदन पत्र की जाँच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस लहार जिला भिण्ड द्वारा की जा रही है। जाँच उपरांत आये तथ्यों के अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) मिहोना पुलिस द्वारा देवेन्द्र सिंह पुत्र रघुवीर सिंह का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) परिवादी अनीता पत्नी देवेन्द्र सिंह एवं देवेन्द्र सिंह पुत्र रघुवीर सिंह ने माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी लहार, जिला भिण्ड के समस्त घटनाक्रम के संदर्भ में परिवाद प्रस्तुत किया था। माननीय न्यायालय द्वारा परिवाद के अनावेदक गोपाल सिंह सिकरवार निरीक्षक, हरजेन्द्र चैहान उपनिरीक्षक एवं अमित सिकरवार उपनिरीक्षक के विरूद्ध समन जारी किये गए है। (घ) माननीय न्यायालय में पंजीबद्ध प्रकरण में अनावेदकगण के समंस थाना मिहोना पर प्राप्त हुए है, जिनमें उनकी न्यायालय में उपस्थिति हेतु दिनांक 06.01.2023 नियत की गई है। समंस तामीली उपरांत समयावधि में माननीय न्यायालय में प्रेषित किये जावेंगे। माननीय न्यायालय ने उक्त प्रकरण में अनावेदकगण की गिरफ्तारी हेतु किसी भी प्रकार के दिशा निर्देश नहीं दिये है। (ड.) घटनाक्रम के संबंध में प्रश्नांश (क) अनुसार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्राप्त आवेदन की जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस लहार द्वारा की जा रही है। जाँच उपरांत आए तथ्यों पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
मध्यप्रदेश में गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
74. ( क्र. 1507 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा क्र.1- 1 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2020 तक एवं क्र.2- 1 अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में कितनी-कितनी नवीन गौशालाओं के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई क्र.1 एवं क्र.2 की अलग-अलग समय की जानकारी प्रत्येक जिलेवार स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी एवं दतिया जिले में ऐसी कौन-कौन सी गौशालायें हैं जिनमें 1 नवम्बर 2022 की स्थिति में गौपालन किया जा रहा है, प्रत्येक गौशालावार रख-रखाव हेतु कितने-कितने मजदूर, कर्मचारी रखे गये है कितनी-कितनी गाय गौशाला में पाली जा रही हैं उनके चारे पानी की क्या व्यवस्था की गई है? किस-किस गौशाला को गौपालन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्रदाय कराया गया है या अन्य स्त्रोत से गौशाला का संचालन हो रहा है यदि हाँ, तो किस स्त्रोत से किसके द्वारा संचालन किया जा रहा है? प्रत्येक जिले एवं गौशालावार अलग-अलग जानकारी दें। (ग) ग्वालियर जिले में पशुपालन विभाग में 1 नवम्बर 2022 की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय एवं मोबाईल नम्बर बतावें, पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के अलावा ग्वालियर जिले में किस-किस कार्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितने-कितने पद किस-किस स्तर के किस-किस स्थान (मुख्यालय) पर अधिकारियों/कर्मचारियों के रिक्त हैं उनको कब तक भर लिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इन्सपेक्टर का स्थानान्तरण
[गृह]
75. ( क्र. 1508 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 2वीं, 13वीं एवं 14वीं वाहिनी में कौन-कौन निरीक्षक के पद पर पदस्थ हैं? उनका नाम तथा पदस्थाना पर कब से पदस्थ हैं? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या पुलिस हेड क्वॉटर के ऐसे कोई आदेश हैं कि कोई भी अधिकारी 3 वर्षों से एक ही स्थान से ज्यादा न रखा जावे। पी.एच.क्यू. के स्थानान्तरण के नियमों की प्रति दें। (ग) 13वीं वाहिनी ग्वालियर में निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदौरिया कितने वर्षों से पदस्थ हैं? इनकी पदस्थी का पूर्ण विवरण दें। निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदौरिया की पदस्थी से प्रश्न दिनांक तक किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब-कब शिकायतें की गई है? शिकायतों की प्रति दें। उन शिकायतों पर शिकायत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण दें। क्या नियम के विरूद्ध एक ही स्थान पर अधिक समय से पदस्थ श्री मुनेन्द्र सिंह भदौरिया को अन्यत्र स्थानान्तरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत 02रीं, 13वीं एवं 14वीं वाहिनी विसबल में पदस्थ निरीक्षक (विसबल) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। (ख) म.प्र. विसबल में अधिकारी/कर्मचारियों को एक ही स्थान पर 03 वर्षों से अधिक न रखे जाने संबंधी पुलिस मुख्यालय का कोई आदेश नहीं है। विसबल मुख्यालय की स्थानांतरण नीति वर्ष 2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार तथा कार्मिक शाखा पुलिस मुख्यालय की स्थानातंरण नीति वर्ष 2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) निरीक्षक श्री मुनेन्द्र सिंह भदौरिया, 13वीं वाहिनी विसबल ग्वालियर में 08 वर्ष 10 माह से पदस्थ है। 13वीं वाहिनी में पदस्थापना का विवरण निम्नानुसार है:-1- दिनांक 20.08.2014 को वाहिनी की ''सी'' कंपनी से पदस्थ हुये। 2- दिनांक 24.07.2015 को ''सी'' कंपनी से '' मुख्य समवाय'' में दिनांक 18.08.2015 तक पदस्थ रहे। 3- दिनांक 19.08.2015 से 12.12.2022 तक क्वार्टर मास्टर (सामग्री अध्यक्ष)। 4- दिनांक 12.12.2022 से पीटीएस 13वीं वाहिनी। निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदौरिया की पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतों की प्रति तथा विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
76. ( क्र. 1512 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले अंतर्गत कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी-विकास) सागर के आदेश क्रमांक/स्था/आ.वि./2020-21/101 दिनांक 12/04/2021 के नियुक्त अनुकम्पा कर्मचारी श्री मुकुल तिवारी की शैक्षणिक योग्यता ना रखते हुए नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने वाले अधिकारी श्री सी.एल.वर्मा डिप्टी कलेक्टर, जिला-सागर व तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त, जनजातीय-कार्य-विभाग सागर के विरूद्ध कार्यवाही गुण-दोष के आधार पर किये जाने हेतु विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3994 दिनांक23/03/2022 के उत्तर कंडिका (घ) में वर्णित किया गया हैं, क्या कार्यवाही पूर्ण हो चुकी हैं। यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ख) क्या नियम विरूद्ध अनुकम्पा अंतर्गत नियुक्त कर्मचारी को सेवा से पृथक किया जा चुका हैं? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। नियम विरूद्ध अनुकम्पा नियुक्ति करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो अवगत करावें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार नियम-विरूद्ध अनुकम्पा-नियुक्ति देने वाले दोषी-अधिकारी के विरूद्ध-शिकायत की जांच करने वाले अधिकारी का जांच प्रतिवेदन एवं जांच-अधिकारी का नाम/पदनाम एवं वर्तमान पदस्थापना सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार नियुक्त अनुकम्पा कर्मचारी को सेवा से पृथक किये जाने की कार्यवाही की गई? क्या अनुकम्पा नियुक्ति करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध भी ऐसी ही कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' एवं ''चार'' अनुसार है। (घ) अनुकंपा नियुक्ति कर्मचारी की सेवा समाप्त की जा चुकी है। दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है तदनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध नियमतीकरण एवं शासकीय राशि का प्रभक्षण
[जनजातीय कार्य]
77. ( क्र. 1513 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त आदिवासी-विकास म.प्र. के पत्र.क्रं/स्था./3-2/12/2009/11626/भोपाल दिनांक 12.06.2009 के द्वारा जिला-संयोजक आदिम-जाति-कल्याण, जिला-सागर में नियुक्त दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ-श्रेणी कर्मचारियों का नियमितीकरण के अलावा अन्य-श्रेणी के कर्मचारियों को नियमितीकरण किये जाने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। राज्य स्तरीय छानबीन समिति बैठक दिनांक 06.05.2009 द्वारा प्रशासकीय अनुमोदन की कार्यवाही की प्रति एवं समिति द्वारा अनुमोदित विस्तृत सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या श्री राजकुमार मिश्रा पुस्तकालय सहायक जो कि तृतीय श्रेणी का पद है को 9 वर्ष की अनियमित सेवा होने के कारण अपात्र किया गया था? एवं समिति बैठक कार्यवाही में पुस्तकालय सहायक के प्रस्ताव पर स्पष्ट अंकित (नियमितीकरण की पात्रता नहीं) रखने के बाद भी कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्यविभाग) सागर के आदेश क्रं/जजा.कार्यवि./स्था./2018/441/सागर दिनांक 11.06.2018 से नियमितीकरण क्यों किया गया है? कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपात्रता के बाद भी कर्मचारी को नियम-विरूद्ध नियमितीकरण करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कार्यालय कलेक्टर-जनजातीय कार्य-विभाग सागर के आदेश/कं/184/सागर दिनांक 31.05.2021 में दर्शित मान.उच्च न्यायालय.डब्ल्यू पी.न.15262/2003 में पारित निर्णय एवं शासन के किन आदेशों के परिप्रेक्ष्य में नियमित किया गया? प्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। 10 वर्ष की सेवा पूर्ण न होने के कारण अपात्र किया गया था। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी.16133/2011 में पारित आदेश दिनांक 27/05/2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है एवं म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 29/09/2014 के प्रावधान अनुसार नियमितीकरण की कार्यवाही की गई पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ग) प्रकरण का परीक्षण करवाया जाकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' एवं ''द'' अनुसार है।
फायरिंग रेंज के लिये आरक्षित भूमि
[गृह]
78. ( क्र. 1515 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लिधोराहाट मौजे में एस.ए.एफ. फायरिंग रेंज स्थापित है? यदि हाँ, तो एस.ए.एफ. रेंज के लिये पूर्व में शासन द्वारा कितनी भूमि आरक्षित की गई है? फायरिंग रेंज के लिये न्यूनतम कितनी भूमि आरक्षित करने के शासन द्वारा मापदंड हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में एस.ए.एफ. फायरिंग रेंज को ग्राम लिधोराहाट में पटवारी ह.नं. 27 में वर्ष 2019 में अतिरिक्त भूमि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो कितना रकवा भूमि आरक्षित की गई है? किस मापदंड एवं किन कारणों से उक्त अतिरिक्त भूमि प्रदाय की गई? (ग) यदि पूर्व में फायरिंग रेंज को मापदंड के तहत भूमि आरक्षित कर दी गई थी तो क्या अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता थी? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) क्या फायरिंग रेंज वर्तमान में नगर सीमा के निकट आ गई है तथा ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा अतिरिक्त भूमि आवंटन के संबंध में आपत्ति प्रेषित की गई है तो उस पर विभाग द्वारा कोई विचार गया है या किया जायेगा तथा क्या फायरिंग रेंज की अतिरिक्त प्रदाय भूमि को एवं सीमा वृद्धि को शासन वापिस लेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। फायरिंग रेंज के लिए 14.04 हेक्टेयर (34.69 एकड़) भूमि अभ्यास हेतु आरक्षित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
79. ( क्र. 1516 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिला अंतर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना के तहत वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में शासन स्तर से कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्षवार प्राप्त राशि के विरूद्ध कितनी राशि विभाग द्वारा स्वीकृत की गई एवं किन-किन कार्यों में स्वीकृति प्रदाय की गई? विकासखंडवार विधानसभावार जानकारी देवें। स्वीकृति उपरांत भी राशि किन-किन वर्षों में कितनी शेष रह गई? शेष स्वीकृति राशि विकास कार्यों में जारी न किये जाने पर कौन दोषी है? क्या शासन दोषियों पर कार्यवाही करेगा? (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखंड सागर एवं राहतगढ़ के ग्रामों में विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित वर्षों में कितने कार्य किन-किन जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर स्वीकृत किये गये? (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा उपरांत कितने कार्य स्वीकृति हेतु लंबित हैं किन कारणों से लंबित हैं एवं कितनी राशि शासन स्तर पर वापिस की गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। स्वीकृति अनुसार राशि निर्माण एजेंसियों को आहरित कर भुगतान की गई है, शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। नियमानुसार पात्रता में आने वाले प्रस्तावों पर उपलब्ध आवंटन की सीमा तक ही माननीय प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति के अनुमोदन उपरांत कार्य स्वीकृत किए गये हैं। प्रत्येक प्रस्तावित कार्य की स्वीकृति संभव नहीं है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय स्वीकृत पद
[चिकित्सा शिक्षा]
80. ( क्र. 1519 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर की स्थापना से आज दिनांक तक कब-कब, कितने-कितने, कौन कौन से पद राज्य शासन द्वारा स्वीकृत किये गये? समस्त दस्तावेज पटल पर रखें। (ख) उपरोक्त पदों में से किन-किन पदों पर कब-कब, किन किन की नियुक्तियां की गयी? कितने पद रिक्त हैं उनको भरने की क्या योजना है? (ग) उक्त विश्वविद्यालय को स्थापना से आज दिनांक तक पर्यंत अनुदान/संबद्धता/परीक्षा शुल्कों आदि समस्त स्त्रोतों से कितनी कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी-कितनी राशि का उपयोग कब-कब, किस-किस प्रयोजन से किया गया? कितनी राशि शेष है? वर्षवार विवरण देवें। (घ) विश्वविद्यालय की स्थापना से आज दिनांक तक किस-किस सत्र की कौन-कौन सी परीक्षाएं, कब-कब आयोजित की गयी? कब-कब परिणाम घोषित किया गया? परीक्षाओं के देरी से आयोजन से छात्रों की कितने-कितने वर्ष में पूरी होने वाली उपाधियाँ कितने वर्ष/समय की देरी से संपन्न हुई हैं? उक्त देरी के क्या-क्या कारण हैं? (ङ) विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2019-20, 2020-21 के संबद्धता/निरंतरता प्रदाय हेतु समस्त नर्सिंग तथा पैरामेडिकल संस्थाओं के कराये गये निरीक्षणों की रिपोर्ट देवें। (च) विश्वविद्यालय से संबद्ध समस्त नर्सिंग तथा पैरामेडिकल संस्थाओं की अद्यतन निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर की स्थापना हेतु इस विभाग के आदेश दिनांक 16/11/2011 एवं 15/01/2014 से स्वीकृत किये गये कुल 275 पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) विश्वविद्यालय में भरे हुए पदों एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) विश्वविद्यालय स्थापना से आज दिनांक तक पर्यंत अनुदान/संबद्धता/परीक्षा शुल्कों आदि समस्त स्त्रोतों से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार, उपयोग की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। (घ) विश्वविद्यालय का प्रथम सत्र 2014 से चिकित्सा एवं दंत संकाय हेतु प्रारंभ हुआ था इसके उपरांत 2015 से अन्य सभी संकायों की संबद्धता विश्वविद्यालय से हुई है। पाठ्यक्रम अनुसार सत्र एवं अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार। मेडिकल पाठ्यक्रम निर्धारित अवधि में पूर्ण हो रहा है। अन्य पाठ्यक्रमों में विभिन्न कारणों से जैसे संबद्धता में विलंब, प्रवेश में विलंब, पूरे प्रदेश में एक साथ परीक्षा केन्द्रों के उपलब्ध न होने के कारण विलंब हुआ है। कोरोना के कारण 21 मार्च 2020 से लॉकडाउन के कारण परीक्षाओं में अत्यधिक विलंब हुआ है। विश्वविद्यालय द्वारा यथासंभव परीक्षाओं को आयोजित कर सत्र को सुचारू किया जा रहा है। (ड.) एवं (च) की जानकारी विस्तृत एवं वृहद स्वरूप की होने के कारण एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. नर्सेस कौंसिल के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
81. ( क्र. 1520 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुई अनियमितता के मामले में म.प्र. नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार चन्द्रकला दिवगैयाँ व अन्य को निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो निलंबन पश्चात हुई समस्त कार्यवाही, आरोप पत्र, जांच प्रतिवेदन,बहाली आदेश आदि की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) नर्सिंग कौंसिल को वर्ष 2022-23 की मान्यता हेतु आवेदन करने की निर्धारित की गई अंतिम दिनांक तक किन-किन अशासकीय संस्थाओं के आवेदन प्राप्त हुए? सभी संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत किये गये मान्यता आवेदनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) दिनांक 01-01-2019 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल की परिषद के कितने अधिवेशन हुए? परिषद की कार्यकारिणी समिति की कब कब बैठकें हुई? कौन-कौन सम्मिलित हुआ? क्या-क्या निर्णय लिए गये?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, निलंबन पश्चात हुई समस्त कार्यवाही के अभिलेखों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) निर्धारित तिथि तक कुल 723 आवेदन प्राप्त हुए, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। मान्यता की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 03 अधिवेशन हुए है। कुल 13 कार्यकारिणी समिति की बैठकें हुई है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
खाद, यूरिया एवं डी.ए.पी. का कृत्रिम संकट
[सहकारिता]
82. ( क्र. 1523 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले की सहकारी समितियों में यूरिया, डी.ए.पी. की कितनी-कितनी अपूर्ति कराई गई? सीजनवार पृथक-पृथक बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खाद, यूरिया एवं डी.ए.पी. वितरण हेतु समितिवार कितने-कितने किसानों को कितनी-कितनी भूमि के लिये कितनी-कितनी खाद प्रदाय करने हेतु प्रस्ताव शासन को कब भेजा गया था? क्या प्रस्ताव के अनुरूप खाद उपलब्ध कराई गई है? यदि नही,तो क्यों? (ग) सिवनी जिले में नकली खाद विक्रय करने एवं कालाबाजारी किये जाने के कितने मामले संज्ञान में आये और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में सोसायटियों द्वारा वितरण पर्ची में गड़बड़ी, निर्धारित समय में खाद वितरण में अनियमितताएं एवं किसानों को खाद नहीं मिलने के कारण स्पष्ट करें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) माह अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले की सहकारी समितियों में यूरिया एवं डी.ए.पी. की आपूर्ति की सीजनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) किसानवार भूमि के आधार पर खाद प्रदाय करने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजने का प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) सिवनी जिले में नकली खाद विक्रय करने एवं कालाबाजारी किये जाने के एक-एक मामला संज्ञान में आया और दोनों के विरूद्ध एफ.आई.आर. की कार्रवाई की गई। (घ) सिवनी जिले में सोसायटियों द्वारा वितरण पर्ची पर गड़बड़ी, निर्धारित समय में खाद वितरण में अनियमितताओं की जानकारी संज्ञान में नहीं है। समितियों द्वारा किसानों की पात्रता एवं खाद की उपलब्धता अनुसार खाद का वितरण किया जाता है।
जिला सिवनी में दर्ज अपराध
[गृह]
83. ( क्र. 1524 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध दर्ज हुये हैं? क्या इन प्रकरणों में अपराधी पकड़े गये हैं या फरार चल रहे हैं? जो फरार चल रहे हैं, उनके नाम, बतावें, इनको कब तक पकड़कर कानूनी कार्यवाही की जावेगी? थानावार जानकारी दें। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से पुलिस विभाग के कर्मचारी/अधिकारी है, जो प्रश्न दिनांक की स्थिति में 03 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, बैच नम्बर सहित सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें। क्या शासन का कोई आदेश है कि एक ही स्थान पर 03 या उससे अधिक समय से पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों को तुरन्त हटाया जायें? यदि हाँ, तो इस आदेश की प्रति दें। आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस अधिकारी/कर्मचारी का नाम किस-किस दिनांक को स्थानांतरण कहां से कहां किया गया है? उनका पूरा विवरण दें। (ग) सिवनी जिले में पुलिस विभाग में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक, उनका कार्यक्षेत्र, मुख्यालय, मोबाईल नम्बर सहित सम्पूर्ण जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी सिवनी जिले में 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक 23255 व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध दर्ज हुए हैं। प्रश्नांकित अवधि में 56 प्रकरणों में आरोपी फरार हैं, शेष प्रकरणों में आरोपी फरार नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में 03 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति क्रमांक- एफ 6-1/2021 की कंडिका क्रमांक 17 एवं 18 में स्थानांतरण के प्रावधान दिये गये हैं। उक्त कंडिका क्रमांक 18 में यह लेख है कि '' यह अनिवार्य नहीं है कि 03 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे।'' राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानातंरण नीति वर्ष 2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार।
व्याख्याता का प्रभारी प्राचार्य पद पर पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
84. ( क्र. 1527 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा सदन दिनांक 01 मार्च 2021 को प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 1792 के बिंदु क्रमांक (ग) के उत्तर में विभाग द्वारा श्री अजय शर्मा व्याख्याता एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा मण्डला के द्वारा स्थानांतरण आदेश का पालन नहीं किया जाना स्वीकार किया गया था एवं कार्यवाही हेतु प्रस्ताव भेजने का आश्वासन भी दिया गया था? यदि हाँ, तो 20 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने के क्या कारण हैं? इसमें कौन-कौन दोषी हैं? (ख) विभागीय जांच या कार्यवाही के दौरान पदोन्नति देने या प्रभार देने के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? क्या उक्त व्याख्याता के विरुद्ध विभागीय अनुशासनहीनता की बात स्वीकार करने के बाद भी विभागीय आदेश क्रमांक/1606/1629/2022/25/1 दिनांक 21.09.2022 से प्रभारी प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर नैनपुर जिला मण्डला पदस्थ कर प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत प्रभार दिया गया है? क्या इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक/1446/विधा./2022/mdl दिनांक 20.06.2022 के माध्यम से किसी विशिष्ट संस्था का इन्हें प्रभार नहीं देने एवं इनके विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग के संज्ञान में लाने के बाद भी तीन महीने बाद इन्हें महत्वपूर्ण विशिष्ट संस्था का प्रभार क्यों दिया गया एवं किस नियम के तहत? इसमें कौन-कौन दोषी हैं? क्या विभागीय जांच के तथ्य छुपाने को लेकर उक्त व्याख्याता के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, प्रकरण में मान.उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 22.02.21 के द्वारा स्थगन दिये जाने के कारण श्री अजय शर्मा व्याख्याता द्वारा अपने स्थानांतरण के विरूद्ध मान.उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक W.P.3198/2021 प्रस्तुत किया गया है,जिसमे प्राप्त स्थगन दिनांक 22.02.21 के कारण श्री शर्मा एकलव्य आवासीय विद्यालय सिझौरा में ही कार्यरत है, जिसके कारण उनके विरूद्ध अनुशासत्मक कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभागीय जांच के दौरान पदोन्नति देने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक 620/1213-1 (3) -82 दिनांक 23.09.1982 की प्रति संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्र./1606/1629/2022/25/1 दिनांक 21.09.2022 के द्वारा कन्या शिक्षा परिसर नैनपुर जिला मण्डला में पदस्थ किये गये श्री विजय कुमार मेश्राम को प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर नैनपुर का प्रभार दिया गया है। याचिका क्रमांक W.P.3198/2021 प्राप्त स्थगन संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार श्री अजय शर्मा वर्तमान में एकलव्य आवासीय विद्यालय सिझौरा जिला मण्डला में पूर्ववत कार्यरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोस्टर के विपरीत पदोन्नति एवं विभागीय कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
85. ( क्र. 1528 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के पैथोलॉजी विभाग के आरक्षण रोस्टर में दुर्भावनापूर्ण बदलाव किया जाकर अनुसूचित जनजाति के पद पर समान्यवर्ग के उम्मीदवार को नियम विपरीत पदोन्नत किए जाने के प्रकरण में विभागीय जांच में आरोप साबित होने पर भी तत्कालीन रोस्टर प्रभारी पर आज दिनांक तक अनुशासनात्मक कार्रवाई न किए जाने हेतु कौन-कौन आधिकारी दोषी हैं? उनके विरुद्ध एवं रोस्टर प्रभारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी एवं कब तक? (ख) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के हमीदिया चिकित्सालय में कार्यरत नर्स मंजू मेश्राम दुबे के द्वारा बिना नियोक्ता की अनुमति के फर्जी शपथ-पत्र प्रस्तुत कर विधानसभा निर्वाचन 2013 सिलवानी क्रमांक 143 से शासकीय सेवक रहते हुए चुनाव लड़ने के आरोप विभागीय जांच में साबित होने पर भी आज दिनांक तक उसे सेवा से बर्खास्त नहीं किए जाने एवं प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज न किए जाने हेतु कौन-कौन तत्कालीन सक्षम अधिकारी जवाबदार हैं? उनके विरुद्ध एवं उक्त नर्स के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी एवं कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गांधी मेडिकल कॉलेज स्वशासी समिति भोपाल की कार्यकारिणी समिति में लिए गए निर्णय दिनांक 01 मार्च 2021 अनुसार रोस्टर में हुई त्रुटि सुधार किया गया एवं दोषियों पर जिम्मेदारी निर्धारित की कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
आदिवासी उपयोजनांतर्गत राशि का उपयोग
[जनजातीय कार्य]
86. ( क्र. 1531 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में 2019-20 से 2022-23 तक आदिवासी उपयोजना में किस-किस विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि का उपयोग किस कार्य के किया गया? (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत 2019-20 से 2022-23 तक कितनी राशि का उपयोग किस-किस क्षेत्र में किस-किस कार्य के लिए किया गया? (ग) विशेष केंद्रीय सहायता के मद में तथा 275/1 के तहत 2019-20 से 2022-23 तक भारत सरकार से प्राप्त राशि की जानकारी दें तथा बतावें कि उसमें से सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए क्या कार्य किए गए? (घ) भारत सरकार जनजातीय कार्य विभाग को ट्रायबल सब प्लान अंतर्गत प्राप्त राशि के विरूद्ध व्यय राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) धार जिले में किन-किन मदों में राशि आवंटित की गई? विधानसभावार जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत वर्ष 2019-20 से 2023-23 तक प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से कोई कार्य नहीं कराये गये हैं (ग) विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अन्तर्गत वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक भारत सरकार से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'दो' अनुसार एवं उसमें से सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये किये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'तीन' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'दो' एवं 'चार' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'पांच' अनुसार है।
विकलांगों के लिए मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
87. ( क्र. 1536 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत वर्ष 2022-23 में कितने विकलांग हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल (बैटरी चलित) प्रदाय की गई? हितग्राहीवार, तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने हितग्राहियों हेतु मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल हेतु पत्र लिखे गय हैं? उक्त में से कितने हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदान की गई एवं कितने हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदान की जाना शेष है? शेष हितग्राहियों को कब तक उक्त मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदान की जायेगी? कारण सहित हितग्राहीवार, तहसीलवार जानकारी दें। (ग) क्या विभाग मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल हेतु पात्रता श्रेणी 80 प्रतिशत से कम कर 60 प्रतिशत विकलांग होने की स्थिति में भी मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल दिये जाने के संबंध में विकलांग के हित में निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) उत्तरांश ''क'' के क्रम में 15 हितग्राहियों को मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल (बैटरी चलित) प्रदाय हेतु पत्र प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार। भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्को) के क्षेत्राधिकार का विषय है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत अस्थिबाधित (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम न्यूनतम 60 प्रतिशत दिव्यांगता) होने पर नियमानुसार मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान पूर्व से ही है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जातियों के जाति प्रमाण पत्र
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
88. ( क्र. 1538 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बकरी चराने वाले गड़रिया, लोह पीटा इत्यादि 30 जातियों को जो कि विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जाति वर्ग में आती हैं, के द्वारा जाति प्रमाण पत्रों के 50 वर्ष का रिकार्ड जमा करने के बाद भी जिला प्रशासन विदिशा द्वारा उक्त जातियों को पिछड़े वर्ग का जाति प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। शासन के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी उक्त वर्ग को विमुक्त, घुमन्तु अर्द्धघुमन्तु वर्ग की पात्रता के मान से जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहे, कारण सहित जानकारी दें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ तो कारण सहित जानकारी दें कि शासन उक्त जातियों के हित में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु वर्ग के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के स्पष्ट निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या जिला विदिशा में अधिकारी कुछ समय से निवास करने वाले को स्थानीय निवासी बताकर उक्त विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु जाति का प्रमाण पत्र दिये जाने के संबंध में अपात्र घोषित कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदाय के लोगों द्वारा संबंधित सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा जांच उपरान्त सही पाये जाने पर संबंधितों को जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार जांच उपरान्त पात्र पाये जाने पर जाति प्रमाण पत्र बनाये जाते है।
राजस्व ग्रामों में वनाधिकार समिति
[जनजातीय कार्य]
89. ( क्र. 1540 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कितने राजस्व ग्राम हैं, उनमें से कितने ग्रामों में जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति गठित की गई, कितने ग्रामों में किन-किन कारणों से समिति का गठन नहीं किया, कितनी समितियों ने प्रश्नांकित दिनांक तक किसी भी दावेदार का दावा मान्य नहीं किय? जिलेवार बताएं। (ख) जनवरी 2018 तक व्यक्तिगत वन अधिकार के कितने दावे प्राप्त हुए, कितने दावे मान्य एवं अमान्य किए गए? जनवरी 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने दावे प्राप्त हुए कितने दावे मान्य एवं अमान्य किए गए? आदिवासी एवं गैर-आदिवासी की पृथक-पृथक जिलेवार जानकारी दें। (ग) धारा 3 (2) के अनुसार भूमि से संबंधित कितनी अनुमतियां प्रदान की गई, धारा 3 (1) के अनुसार कितने ग्रामों की कितनी भूमियों से संबंधित कितने सामुदायिक वन अधिकार पत्र मान्य एवं अमान्य किए गए? धारा 3 (2) एवं धारा 3 (1) की जानकारी पृथक-पृथक जिलेवार बताएं। (घ) विभाग द्वारा सामुदायिक वन अधिकार बाबत दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 को दिए स्पष्ट आदेशों का प्रश्नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है, कब तक इन दोनों ही आदेशों का पालन करवाया जाएगा? समय-सीमा सहित बताएं। (ङ) धार जिले के उमरबन विकासखंड अंतर्गत किन-किन गांवों में कितने आवेदन मिले, किन-किन को कितने-कितने व्यक्तिगत/सामुदायिक वनाधिकार पट्टे दिए गए हैं, कितने वंचित हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ङ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जनजातीय समुदाय की परंपरा और रुढ़ियां
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 1541 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची एवं पेसा कानून 1996 में जनजातीय समुदाय की परंपराओं, रुढ़ियों, सामाजिक एवं धार्मिक पद्धतियों, सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक संपदाओं की परंपरागत पद्धतियों के संबंध में क्या-क्या प्रावधान दिया है? (ख) 5वीं अनुसूची एवं पेसा कानून में दिए गए उपरोक्त प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार के पास जनजातीय समुदाय की परंपराओं, रुढ़ियों, सामाजिक एवं धार्मिक पद्धतियों, सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक संपदाओं से संबंधित परंपरागत पद्धतियों का क्या-क्या अभिलेख, दस्तावेज, जानकारी उपलब्ध है? प्रति सहित बताएं। (ग) राज्य शासन द्वारा परंपराओं, रूढ़ियों, सामाजिक एवं धार्मिक पद्धतियों, सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक संपदाओं की परंपरागत पद्धतियों की जानकारी प्राप्त करने, उन्हें लेखबद्ध करने, दस्तावेजीकरण करने एवं संहिताबद्ध किए जाने के संबंध में प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की है? (घ) राज्य शासन द्वारा दस्तावेजीकरण करने, लेखबद्ध करने, संहिताबद्ध करने की कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? यह कार्यवाही कब तक की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची में प्रश्नांश में उल्लेखित प्रावधानों का अलग से उल्लेख नहीं है, पेसा अधिनियम 1996 की धारा 4 (क) (ख) एवं (घ) में प्रावधानों का उल्लेख है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) विधि विधायी कार्य विभाग द्वारा वर्ष 1992 में जनजातीय परंपरागत एवं रूढिजन्य रीति-रिवाजों का संहिताकरण कार्य जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान के सहयोग से किया गया। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पूर्ण जांच के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
91. ( क्र. 1544 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1410 दिनांक 29.07.2022 के उत्तरांश (ख) अनुसार ''जांच कार्यवाही पूर्ण हो चुकी हैं'', संबंधी जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जांच कार्यवाही पूर्ण होने उपरांत प्रश्न दिनांक तक संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही न करने के लिये कौन-कौन दोषी हैं? क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक तथा जांच में संबंधित दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन के आधार पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति से प्रकरण जांच हेतु पत्र क्रमांक/वि.स./जाति प्रमाण पत्र/2022/520 दिनांक 13.12.2022 से प्रस्ताव आयुक्त अनुसूचित जाति विकास भोपाल को प्रेषित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा कराये गए कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
92. ( क्र. 1548 ) श्री संजीव सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि भिण्ड विधानसभा क्षेत्र की किन-किन पंचायतों में 2018 से आज दिनांक तक निर्माण कार्यों हेतु अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा राशि जारी की गई? विभाग द्वारा ये राशि किन-किन कार्यों हेतु, कितनी-कितनी और कब-कब जारी हुई? क्या इन कार्यों को पूर्ण कराया जा चुका है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो इसके पीछे कौन जिम्मेदार है? उस पर क्या कार्यवाही हुई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एक कार्य अपूर्ण रहने का कारण स्थान परिवर्तन था। कोई जिम्मेदार नहीं है अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दी गई छात्रवृत्ति की शिकायतों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
93. ( क्र. 1551 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त श्रीमती उषा पाठक जिनका मूल पद जिला संयोजक है एवं एच.बी.शर्मा जिनका मूल पद प्राचार्य है के द्वारा अशासकीय कॉलेजों को दी गयी छात्रवृत्ति की शिकायतें प्राप्त हुयी हैं? शिकायतकर्ताओं के नाम, संगठन का नाम बतावें। (ख) क्या फर्जी/अनियमित छात्रवृत्ति की शिकायतों पर से कम्प्यूटर ऑपरेटर और कार्यालय के बाबूओं के खिलाफ पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज हुए हैं? यदि हाँ, तो प्रभारी सहायक आयुक्त श्री शर्मा और श्रीमती पाठक के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया गया अगर जांच हुई तो क्या परिणाम रहा? यदि नहीं, हुई तो क्यों नहीं? (ग) छात्रवृत्ति के घोटाले की शिकायत विभाग के प्रमुख सचिव, विभाग के आयुक्त, कलेक्टर, ग्वालियर कमिश्नर को की गयी? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गयी एवं दोषियों को निलंबित क्यों नहीं किया गया? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। (ख) शाखा प्रभारी श्री ओ.पी.शर्मा लेखापाल कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री रवि माहोर के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई। पुलिस द्वारा की गई जांच में तत्कालीन सहायक आयुक्त श्री अमर नाथ सिंह के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज की गयी। उपरोक्त जांच अवधि में प्रभारी सहायक आयुक्त श्री एच.बी शर्मा और श्रीमती उषा पाठक कार्यरत नहीं थे अत: निलंबन करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) उपरोक्तानुसार प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
सहायक आयुक्तों की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
94. ( क्र. 1552 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के जिलों में वर्तमान में सहायक आयुक्तों के पद पर कार्यरत अधिकारियों का नाम/जन्मतिथि/शैक्षणिक योग्यता/प्रथम नियुक्ति दिनांक/पद/ स्थायी पता एवं वर्तमान में मूल पद का नाम तथा कब से कार्यरत हैं बतावें l (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में मध्यप्रदेश के जिलों में सहायक आयुक्त के पद पर पदांकित अधिकारियों में से अन्य विभाग से पदस्थ/प्रभारी/अधिकारी/नाम/मूल पद बतावें l किस जिले के अधिकारी को नियम के विरुद्ध पदांकित किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गयी? किस जिले के अधिकारी के विरुद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है? (ग) क्या मध्यप्रदेश के कई जिलों में सहायक आयुक्त के पद का प्रभार सीनियर पात्र अधिकारी को नहीं देकर मनमाने तरीके से नियम विरुद्ध जूनियर अधिकारियों को दिया है? यदि हाँ, तो इन जूनियर अधिकारियों से सहायक आयुक्त का प्रभार कब तक हटाया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों के विरूद्ध जिला स्तर से स्थानीय व्यवस्था के तहत प्रभार दिया गया हैं जहां-जहां प्रभार दिया गया है, उनका विवरण प्राप्त किया जा रहा है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृतेश पटेल हत्याकांड
[गृह]
95. ( क्र. 1562 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृतेश पटेल की मौत थाना जैसीनगर जिला सागर में हुई है? यदि हाँ, तो क्यों और कैसे और किस प्रकरण के तहत थाने में लाया गया था? (ख) क्या मृतक की माँ के अनुसार पुलिस ने मृतक को भोपाल से गिरफ्तार किया था जिसमें मृतक की माँ का सहयोग था? (ग) क्या मृतक की लाश पूछताछ कक्ष में लटकती हुई मिली, जबकि थाना प्रभारी थाने में मौजूद था? क्या उसको फांसी में लटकने के लिए कपड़े कहां से मिले और कौन दिया और कब दिया? (घ) क्या थाना प्रभारी और उनके सहयोगियों पर या जिन्होंने मृतक पर रिपोर्ट दर्ज कराई है, उनके ऊपर आई.पी.सी.की धारा 302 या आई.पी.सी.की धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ? यदि दर्ज नहीं हुआ तो यह प्रकरण कौन सी धारा में माना जाएगा और दोषियों पर कार्यवाही कब तक आई.पी.सी. की कौनसी धारा के तहत की जाएगी? (च) क्या उक्त प्रकरण की जांच सागर पुलिस के अलावा किसी अन्य जांच एजेंसी CID,CBI से कराई जाएगी और कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कृतेश पटेल की मौत थाना जैसीनगर जिला सागर में नहीं हुई है। दिनांक 01.11.2022 को दोपहर करीब 12 बजे कृतेश पटेल द्वारा थाना जैसीनगर के विवेचक कक्ष में स्वयं के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया गया जो थाना पर उपस्थित स्टाफ द्वारा कृतेश पटेल को फांसी के फंदे से उतारकर इलाज हेतु शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसीनगर ले गये जो ड्यूटी डॉक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल सागर रेफर किया गया था। जहां अस्पताल सागर में ड्यूटी डॉक्टर द्वारा कृतेश पटेल को चैक कर मृत घोषित किया गया। मृतक कृतेश पटेल थाना जैसीनगर के गुम इंसान क्र.-51/2022 का गुमशुदा एवं थाना जैसीनगर के अपराध क्र.-376/2022 धारा 363, 366 ताहि. में संदेही आरोपी होने से अग्रिम कार्यवाही हेतु अभिरक्षा में लिया जाकर थाना लाया गया था। (ख) मृतक कृतेश पटेल थाना जैसीनगर के गुम इंसान क्र. 51/2022 में गुमशुदा को भोपाल के आनंद नगर से दस्तयाब किया गया तथा मृतक थाना जैसीनगर के अपराध क्र. 376/22 धारा 363, 366 ताहि. में संदेही आरोपी होने से पूछताछ हेतु कृतेश पटेल को अभिरक्षा में लिया जाकर थाना जैसीनगर लाया गया था। मृतक कृतेश पटेल की दस्तयाबी में मृतक की मां के बताये अनुसार प्रेस कॉलोनी आनंद नगर भोपाल में तलाश किया और दस्तयाब किया गया। (ग) संदेही आरोपी कृतेश पटेल द्वारा दिनांक 01.11.2022 को दोपहर करीब 12 बजे कृतेश पटेल द्वारा थाना जैसीनगर के विवेचक कक्ष में स्वयं के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया गया जो थाना पर उपस्थित स्टाफ द्वारा कृतेश पटेल को तत्काल फांसी के फंदे से उतारकर इलाज हेतु शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसीनगर ले गये जो ड्यूटी डॉक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल सागर रेफर किया गया था। जहां अस्पताल सागर में ड्यूटी डॉक्टर द्वारा कृतेश पटेल को चेक कर मृत घोषित किया गया। घटना के वक्त थाना प्रभारी थाना पर ही उपस्थित थे। मृतक द्वारा फांसी लगाने की घटना क्रम में न्यायिक जांच चल रही है। (घ) मृतक कृतेश पटेल की मृत्यु के संबंध में थाना जैसीनगर में मर्ग क्र-63/2022 धारा 174 जा.फौ. के तहत पंजीबद्ध किया। माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय के आदेश क्र. 1026 दि. 01.11.2022 के परिपालन में मर्ग की ज्यूडिशियल जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सागर के द्वारा की जा रही है। जांच निष्कर्ष उपरांत ही उचित वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (च) ज्यूडिशियल जांच गतिशील होने के कारण वर्तमान परिस्थितियों में किसी अन्य एजेंसी से जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारी/शिक्षकों की क्रमोन्नति
[जनजातीय कार्य]
96. ( क्र. 1563 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजाति विभाग में कर्मचारी एवं शिक्षकों को क्रमोन्नति एवं समयमान दिये जाने का क्या प्रावधान है? कितने वर्ष की सेवापूर्ण करने पर क्रमोन्नति दी जाती है? (ख) खण्डवा जिले में विगत 2 वर्षों में विभाग के कितने कर्मचारी/शिक्षकों को प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है? प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारी/शिक्षक क्रमोन्नति के प्रावधान के तहत पात्र है? सूची दें। (ग) क्या विगत 2 वर्षों में 10 – 20 वर्ष की सेवापूर्ण करने वाले पात्र कर्मचारी/शिक्षकों को प्रथम/द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या विभाग जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेगा? (घ) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक के पूर्व कब एवं कितने कर्मचारी/शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया गया? आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। (ङ) 30 नवम्बर 2022 तक 10/20 वर्ष की सेवापूर्ण करने वाले कितने कर्मचारी/शिक्षक हैं? उनकी सूची, पात्रता दिनांक के उल्लेख सहित प्रस्तुत करें। इन पात्र कर्मचारियों को क्रमोन्नति के आदेश एवं एरियर्स की राशि का भुगतान करने की समय-सीमा बताएँ।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग के कर्मचारियों/व्याख्याताओं/उच्च माध्यमिक शिक्षकों को मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-11/1/2008/नियम/चार दिनांक 24.01.2008 एवं समय-समय पर जारी निर्देशों के तहत समयमान वेतनमान दिया जा रहा है। शिक्षक संवर्ग को मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-1-1/1/वे.अ.प्र./99 दिनांक 17 मार्च 1999/19/04/1999 के तहत क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। 12 वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि तक निरन्तर सेवारत रहने पर प्रथम क्रमोन्नति एवं 24 वर्ष निरन्तर सेवारत रहने पर द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान स्वीकृत किया जाता है। (ख) विगत 02 वर्षों में खण्डवा जिले अंतर्गत 37 शिक्षकों को प्रथम व द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) विगत 02 वर्षों में उचित माध्यम से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर जिला स्तरीय पदोन्नति/क्रमोन्नति समिति के अनुमोदन पश्चात पात्र शिक्षक/कर्मचारियों को प्रथम/द्वतीय क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ड.) 30 नवम्बर 2022 तक 10/20 वर्ष की सेवापूर्ण करने वाले कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। पात्र कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कन्या विवाह योजना में कन्याओं को दिये गये लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
97. ( क्र. 1565 ) श्री घनश्याम सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 20 मई 2022 को दतिया जिले में मुख्य मंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो कितनी कन्याओं को लाभ दिया गया? विस्तृत सूची उपलब्ध करावें। क्या आयोजन पूर्व राशि आहरण के निर्देश हैं? यदि नहीं, तो दतिया में आयोजन पूर्व राशि आहरित कर वित्तीय अनियमितता की गई? (ख) क्या आयोजन में कन्याओं को दी जाने वाली सामग्री, आयोजन हेतु टेंट, खाना एवं अन्य के टेण्डर नियमानुसार जारी किये गये थे? सामग्री एवं अन्य के टेण्डर खुलते समय किसके द्वारा सैम्पल सत्यापित किया गया था? प्रति उपलब्ध करावें। यदि हाँ, तो टेण्डर प्रक्रिया, बिल व्हाउचर, सत्यापन आदि की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कन्याओं को दी जाने वाली सामग्री गुणवत्ताहीन होने की जांच हुई? जांच में आरोप सही पाये गये? क्या दोषी चिंहित किये गये? उन पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या सामग्री गुणवत्ताहीन होने पर भी कन्याओं को वितरित की गई? क्या दोषी पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) उपरोक्त सामूहिक विवाह सम्मेलन में बहुत बड़े स्तर पर वित्तीय हेर-फेर का मामला प्रतीत होता है? क्या शासन स्तर से जांच समिति गठित कर जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ, 20 मई 2022 को जिले की जनपद पंचायत दतिया द्वारा स्टेडियम ग्राउंड दतिया में सम्मेलन आयोजन किया गया था। सम्मेलन में 703 कन्याओं को लाभ दिया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। आयोजन दिनांक को ही कन्या को राशि रूपये 11,000/- का अकाउंट पेयी चेक प्रदान करने के निर्देश है। किंतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दतिया द्वारा भ्रमवश प्रति कन्या के मान से राशि रूपये 55,000/- आहरण कर शेष राशि बैंक खाते में सुरक्षित रखी गई है। कोई अनियमितता नहीं की गई है। (ख) जी हाँ। मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनातंर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन हेतु टेंट एवं भोजन के टेंडर आयोजनकर्ता निकाय दतिया द्वारा जारी किये गये एवं उपहार सामग्री के टेंडर जिला स्तर से जारी किये गये हैं। कन्या को दी जाने वाली उपहार सामग्री का जिला/ब्लॉक स्तरीय समिति द्वारा सैंपल सत्यापित किये गये। प्रक्रिया की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, सामग्री गुणवत्ता की जांच हुई। कन्याओं को दी जाने वाली सामग्री के गुणवत्ताहीन होने के संबंध में अपर कलेक्टर दतिया की अध्यक्षता में टीम गठित कराई गई। जांच समिति द्वारा प्रतिवेदित किया गया की सामग्री क्रय करने में प्रक्रियात्मक त्रुटि हुई है। क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता के अनुसार सामग्री प्रदाता के देयक से राशि कटौती की जाकर बचत राशि से प्रति कन्या को 5200/- रूपये की अतिरिक्त I.S.I मार्क की सिलाई मशीन देने का संयुक्त निर्णय लिया जाकर सामग्री प्रदान कराई गई। तदानुसार यह सुनिश्चित किया गया कि हितग्राही को संपूर्ण लाभ प्राप्त हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामूहिक विवाह सम्मेलन में किसी प्रकार की वित्तीय हेर-फेर नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक सुरक्षा मिशन के अधीन कार्यरत कर्मचारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
98. ( क्र. 1566 ) श्री घनश्याम सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के अधीन राज्य स्तर/जिला स्तर पर कितने संविदा अधिकारी/कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? नामवार सूची दें। मिशन के अधीन संविदा कर्मचारियों के मानदेय में क्या वित्त विभाग द्वारा सी.पी.आई. अनुसार मानदेय में बढोत्तरी एवं ईपीएफ कटौत्रा की स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो ई.पी.एफ. कटौत्रा किया जा रहा है? क्या मानदेय बढ़ोत्तरी वर्ष 2021-22 में की गई? यदि नहीं, तो इसका कारण बतावे? इसके लिये कौन दोषी है? (ख) क्या विभाग/मिशन अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी 5 जून 2018 की संविदा नीति के तहत नियमित कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत मानदेय दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या समग्र मिशन के बंद/मैप आई.टी. में ट्रांसफर उपरांत मिशन में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को विभाग में नियमित पदों पर मर्ज किया जावेगा? अभी तक संविदा नीति के तहत कार्यवाही न करने के लिए कौन दोषी है? क्या विभाग पृथक से वेतन वृद्धि/मर्ज एवं नियमित करने की नीति बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या विभाग एवं मिशन में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या विभाग/मिशन में 05 जून 2018 की नीति अनुसार मानदेय एवं अन्य लाभ दिये जा रहे है? यदि हाँ, तो जिला स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों को लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा हैं? कब तक लाभ दिया जावेगा? कौन दोषी है? क्या मिशन के कर्मचारियों को सामाजिक न्याय विभाग में मर्ज करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या विभाग द्वारा समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी के पद सृजित किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा विभाग में पूर्व से संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों हेतु पद आरक्षित किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या 5 जून 2018 की संविदा नीति अनुसार मिशन में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा? अभी तक नीति का लाभ न देने के लिए कौन दोषी है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के अधीन राज्य स्तर पर 04 एवं जिला स्तर पर 40 संविदा कर्मचारी कार्यरत है। सूची संलग्न परिशिष्ट पर है, जी हाँ। मानदेय में वृद्धि की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालकों के खिलाफ कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
99. ( क्र. 1567 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया भोपाल की गौशाला में सैकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था और उसके संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या सरकार इस घटना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में गौशाला के अनुदान लेने वाली सभी संस्थाओं का ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित कर रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) भोपाल जिले में कुल कितनी गौशालाएं शासन द्वारा अनुदान प्राप्त हैं एवं कितनी गौशालाएं अनुदान प्राप्त करने हेतु प्रतिक्षारत हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या अनुदान प्राप्त गौशाला में स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो शासकीय चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं या निजी चिकित्सकों से ईलाज कराया जाता है और यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले में कितनी नवीन गौशालाएं खोलने की अनुमति प्रदाय की गई है एवं स्थान का आवंटन किया गया है अथवा नहीं? सूची सहित बतावें।
पशुपालन
मंत्री ( श्री
प्रेमसिंह
पटेल ) : (क) गौ-सेवा
भारती गौशाला
बसई के
संचालिका पर
थाना बैरसिया
में अपराध
क्र. 66/22
धारा 279, 270, भा.द.वि.
एवं 11 (ज) पशु
क्रुरता
निवारण
अधिनियम 1960 के
अंतर्गत
अपराध पंजीबद्ध
कराया गया है।
गौशाला
द्वारा
अतिक्रमित
हरे चारे की
भूमि एवं अवैध
निर्माण
तुड़वाकर अतिक्रमण
मुक्त कराया
गया गौशाला
में उपलब्ध
गौवंश अन्य
गौशाला में स्थानान्तरित
किया गया। म.प्र.
गौपालन एवं
पशुधन
संवर्धन
बोर्ड के आदेश
क्रमांक 339-41 दिनांक 17.02.2022 द्वारा
दिनांक 09.02.2022 से
पंजीयन निरस्त
किया गया। संस्थाओं
को राशि के
सही उपयोग
हेतु प्रत्येक
संस्थाओं से
ऑडिट रिपोर्ट
एवं उपयोगिता
प्रमाण प्राप्त
किया जाता है।
(ख) कुल 33 गौशालाएं
शासन से
अनुदान
प्राप्त है। 01
प्रतिक्षारत
है। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
''ब'' अनुसार।
परिशिष्ट
- "बाईस"
शासकीय आवास आवंटन
[गृह]
100. ( क्र. 1568 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में कितने शासकीय आवास कर्मचारियों/अधिकारियों को आवंटित हैं एवं कितने आवास रिक्त हैं? (ख) रिक्त आवासों को कब तक अधिकारियों व कर्मचारियों को आवंटित कर दिये जावेंगे? (ग) शासकीय आवास जो जर्जर व टूटे हुए हैं उनके मेंटेनेंस की क्या व्यवस्था है? क्या जर्जर शासकीय आवास की मरम्मत किए जाने की कोई योजना है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पलाश होटल के पास जो बहुमंजिला शासकीय आवास बनाये गये हैं उन्हें कब तक शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को आवंटन किया जायेगा? (ड.) क्या भोपाल में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के अनुपात में शासकीय आवास उपलब्ध हैं, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल में 6486 आवास आवंटित हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 09.12.2022 को ईमेल द्वारा भेजी गई रिक्त आवास की सूची अनुसार विभिन्न श्रेणियों में कुल 1501 आवास रिक्त है। (ख) (1) '' भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000'' की प्रक्रिया के तहत लोक निर्माण विभाग से प्राप्त रिक्त आवासों में से एफ श्रेणी के आवास आवंटन नियमित रूप से किये जा रहे हैं। (2) जी, एच एवं आई श्रेणी के आवास साउथ एवं नार्थ टीटी नगर के विस्थापन के लिये सुरक्षित किये गये है। (3) शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण/सेवानिवृत्ति/मृत्यु हो जाने एवं नवीन कार्यालय में पदस्थापना होने के पश्चात प्रतीक्षा सूची अनुसार आवंटन की कार्यवाही की जाती है। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य एवं संधारण (बजटीय सीमा) के अंतर्गत समय-समय पर कराया जाता है। (घ) अभी निर्माणाधीन है निर्माण पूर्ण होने उपरांत आवंटन किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ड.) अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति होती है, संख्या में परिवर्तन होता रहता है, अतः अधिकारियों/कर्मचारियों के अनुपात अनुसार गणना किया जाना संभव नहीं है।
गायकी समाज को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 1571 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में गायकी समाज को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण प्राप्त है? यदि हाँ, तो इन्हें किन-किन जिलों में अनुसूचित जनजाति में रखा गया है? सूची उपलब्ध करावें। विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के उत्तरों में दिये गये जवाबों पर सरकार कोई कार्यवाही करती है या नहीं? यदि हाँ, तो निराकरण कितने दिनों में कर लिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा मार्च 2022 सत्र में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1524 के अनुसार बैतूल जिले में गायकी समाज को आरक्षण के संबंध में माननीय मंत्री महोदय ने जबाव में बतलाया गया था कि बैतूल जिले में गायकी समाज को परीक्षण उपरांत अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं? यदि किए गए हैं तो नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ यदि नहीं, तो, क्यों प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये गये हैं? विधानसभा में स्पष्ट जवाब देने के बावजूद भी किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर अड़ंगा लगाया जा रहा है? मुलताई तहसील में गायकी जाति प्रमाण-पत्र 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रमाण पत्र बनाये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है और नहीं की गई तो क्यों? कब तक कर दी जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भण्डार वस्तु क्रय नियम का पालन
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 1574 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र.शासन आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का ज्ञापन क्र.एफ 23-33/2002/25-4 दिनांक 09.07.2002 आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भंडार वस्तु क्रय नियम 2022 प्रश्न दिनांक की अवधि तक भी प्रभावशील है? यदि हाँ, तो वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय सहायक आयुक्त जनजाति कल्याण विभाग जिला बड़वानी एवं उसके अधीनस्थ संस्थाओं के द्वारा क्रय की गई समस्त निविदाओं की प्रतियां, क्रय आदेश उपलब्ध करावें एवं बतावें कि किस-किस संस्था के द्वारा उक्त नियम का पालन किया गया है? (ख) वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक जनजाति कार्य विभाग के द्वारा किये गये निर्माण कार्यों की सूची उपलब्ध करावें एवं सूची अनुसार कुल कितने कार्य किस-किस ठेकेदार को प्रदान किये गये तथा कार्य पूर्ण होने के उपरांत कार्यवार ठेकेदार वार कितनी-कितनी रॉयल्टी काटी गई तथा नियमानुसार खनिज विभाग में जमा की गई की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा यदि रॉयल्टी की राशि ठेकेदारों से नहीं काटी गई है तो इसका जिम्मेदार कौन है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) रॉयल्टी जमा नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध सांख्येतर पद पर संविलियन
[पशुपालन एवं डेयरी]
103. ( क्र. 1577 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डेयरी विभाग के शासकीय सेवकों को सांख्येतर पद पर मंत्री-परिषद् के निर्णय के विरूद्ध संविलियन किया गया था, ऐसा क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) डेयरी विभाग के शासकीय सेवकों को पशु पालन विभाग में सांख्येतर पद पर संविलियन किये जाने से आज दिनांक तक पदोन्नति नहीं किये जाने के कारण उनके भविष्य अंधकारमय हो गये हैं। इस हेतु क्या पृथक से कोई नियम बनाकर पुन: पदोन्नति के अवसर प्रदान किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) वर्तमान में पशु पालन विभाग का नाम परिवर्तित कर पशु पालन एवं डेयरी विभाग किया गया है परन्तु डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवकों के सांख्येतर पद होने से डेयरी गतिविधि चलाई जा रही है। डेयरी गतिविधि कैसे संचालित होगी? (घ) डेयरी संवर्ग के शासकीय सेवकों को नियमित केडर के बाद पदोन्नत किया जाना उचित है ताकि डेयरी संवर्ग के अधिकारियों को भी न्याय प्राप्त हो सके। ऐसी कोई योजना है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। उक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत संचालनालय पशुपालन, म.प्र.को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन एवं म.प्र.राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम संचालित है, जिसके माध्यम से डेयरी विकास की गतिविधियां संचालित की जाती है। (घ) जी नहीं। कार्यवाही कर अवगत कराया गया है।
नवीन पेंशन की स्वीकृति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
104. ( क्र. 1580 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत सिहावल एवं देवसर में कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना के तहत कितनी नवीन पेंशन स्वीकृत की गई है? विवरण उपलब्ध करायें। पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) विभाग की विभिन्न पेंशन योजनाओं में कितने व्यक्ति पात्र हैं जिन्हें अभी पेंशन स्वीकृत नहीं की गई है? क्या इस हेतु अभियान चलाया गया है? यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों का चिन्हांकन किया गया है? कब तक इनकी पेंशन स्वीकृत कर दी जावेगी? (ग) माह जनवरी 2023 की मतदाता सूची में जो व्यक्ति पूर्व में 59 वर्ष के थे वे 60 वर्ष के हो जायेगें, इन्हें समय पर पेंशन स्वीकृत हो जाये, विभाग द्वारा इसके लिए क्या तैयारी की गई है? विभाग द्वारा इस हेतु यदि कोई निर्देश पत्र जारी किया गया है तो प्रति उपलब्ध करायें। यदि निर्देश पत्र जारी नहीं किया गया है तो कब तक जारी कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान दिनांक 17 सितम्बर से 31 अक्टूबर 2022 के बीच विधानसभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत कुल 12 पेंशन योजनाओं के तहत जनपद पंचायत देवसर क्षेत्र की पंचायतों में कुल 382 नवीन पेंशन एवं जनपद पंचायत सिहावल की 81 ग्राम पंचायतों में कुल 300 नवीन पेंशन स्वीकृत की गई है। पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान दिनांक 17 सितम्बर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 तक समस्त पात्र हितग्राहियों की पेंशन स्वीकृत कर दी गई है। अभियान के तहत जनपद पंचायत देवसर एवं सिहावल में कुल 1872 हितग्राहियों का चिन्हांकन किया गया था, जिसमें से 1225 पात्र हितग्राहियों की पेंशन स्वीकृत कर दी गई है। (ग) विभाग की विभिन्न पेंशन योजनाओं में प्रत्येक माह की 1 से 25 तारीख तक नवीन हितग्राहियों से आवेदन प्राप्त कर सत्यापन पश्चात पात्रता के आधार पर स्वीकृत किये जाते है राज्य पेंशन पोर्टल पर अपलोड कर दिये जाते हैं। यह प्रक्रिया प्रत्येक शहरीय एवं ग्रामीण निकायों में एक सतत रूप से चलती रहती है एवं पेंशन आपके द्वार अभियान के तहत हितग्राहियों को जागरूक किया जाता है।
अनुसूचित जाति के छात्रावासों को आवंटित राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
105. ( क्र. 1584 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत संचालित अनुसूचित जाति छात्रावासों को किस-किस मद में कितनी राशि, कब-कब, किन-किन प्रयोजन हेतु प्राप्त हुई हैं तथा प्राप्त राशि का कब-कब, किस-किस प्रयोजन में किन-किन सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति से व्यय किया गया? छात्रावासवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त छात्रावासों में छात्रावास अधीक्षक के पद पर कौन-कौन, कब-कब से पदस्थ हैं? क्या सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को स्थानांतरण अथवा युक्ति-युक्तकरण कर परिवर्तन करने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या और कब? (ग) उपरोक्तानुसार विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत संचालित किन-किन छात्रावासों का स्व-भवन है व वर्तमान में भवन के मरम्मत/जीर्णशीर्ण संबंधी क्या स्थिति हैं एवं कौन-कौन से छात्रावास स्व-भवन विहीन हैं तथा प्रश्न दिनांक तक छात्रावास भवनों की मरम्मत तथा स्व-भवन विहीन छात्रावासों के नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त संबंध में कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत संचालित अनुसूचित जाति छात्रावासों को मदवार प्राप्त राशि, व्यय राशि की प्रयोजन सहित छात्रावासवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को स्थानांतरण अथवा युक्तियुक्तकरण कर परिवर्तन करने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत अनुसूचित जाति के 03 छात्रावास (1. अनुसूचित जाति सीनियर कन्या छात्रावास पुष्पराजगढ़, 2. अनुसूचित जाति सीनियर बालक छात्रावास पुष्पराजगढ़ 03. अनुसूचित जाति जूनियर बालक छात्रावास पुष्पराजगढ़) भवन विहीन होकर अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। अत: मरम्मत का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। भवन विहीन छात्रावासों के लिए भूमि चिन्हांकित की जा रही है। आवंटन की उपलब्धता अनुसार भवन स्वीकृत किए जाएंगे। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जी.एम.सी. भोपाल में सुविधाओं का अभाव
[चिकित्सा शिक्षा]
106. ( क्र. 1587 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सालय महाविद्यालय, भोपाल के अन्तर्गत हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग में किन-किन विभागों की ओ.पी.डी. एवं आई.पी.डी. के लिये स्थान दिया गया है और किस डिपार्टमेन्ट को कितना स्थान दिया गया है? क्या दिये गये स्थान पर पूर्ण क्षमता के साथ कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? विभागवार, दिनांकवार, स्टॉफवार गौशवारा सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में चिकित्सा विभाग अन्तर्गत नेशनल मेडिकल कमिशन के अन्तर्गत आते हैं को नई बिल्डिंग में प्रश्न दिनांक तक स्थान क्यों नहीं दिया गया है? (ग) उपरोक्तानुसार आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत दंत चिकित्सा विभाग (मेक्लिफेशन सर्जन) भी आता है लेकिन दंत चिकित्सा एवं मुंह/चेहरे के ट्रॉमा से संबंधित मरीजों को भर्ती एवं ऑपरेशन की सुविधा अभी तक गांधी चिकित्सालय महाविद्यालय, भोपाल में स्थायी रूप से नहीं मिल पा रही है। यदि हाँ, तो बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या भोपाल में ओरल कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज हैं इसके बाद भी भोपाल में कोई भी शासकीय अस्पताल या संस्था ओरल कैंसर के इलाज के लिये नहीं है एवं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के अंदर एक शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग कब और क्या कार्यवाही करेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के अंतर्गत हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग में संचालित विभागों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नेशनल मेडिकल कमीशन के अंतर्गत आज दिनांक तक 11 विभागों को स्थान दिया गया है शेष को स्थान दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में सर्जरी विभाग के द्वारा मुंह एवं चेहरे से संबंधित मरीजों को भर्ती एवं आपरेशन की सुविधा उपलब्ध है आवश्यकता होने पर दंत रोग विभाग एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सहयोग से सफल इलाज किया जाता है। सभी विभागों में आने वाले मरीजों के इलाज हेतु सुविधा स्थायी रूप से प्रदान की जा रही है। (घ) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के सर्जरी विभाग में ओरल कैंसर के आपरेशन की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त रेडियोथेरेपी विभाग में ओरल कैंसर के मरीजों को इलाज से संबंधित सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जी हाँ। ओरल कैंसर की सुविधा उपलब्ध है।
पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र में छात्रावास की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
107. ( क्र. 1591 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र के नांदनवाड़ी में कन्या छात्रावास कब तक स्वीकृत कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पांढुर्ना में उत्कृष्ट छात्रावास की स्वीकृति में विलंब क्यों किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार इन्हें आगामी बजट 2023-24 में सम्मिलित करने के लिए कोई प्रक्रिया की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक-एफ-12-01/2017/25-2 दिनांक 24.03.2017 द्वारा नवीन छात्रावासों की स्थापना हेतु नीति/मापदण्ड अनुसार जूनियर, सीनियर, महाविद्यालयीन छात्रावास जिला मुख्यालय पर ही खोले जाएंगे। उन परिस्थिति में जहां किसी तहसील में अनुसूचित जनजाति की साक्षरता दर राज्य की साक्षरता दर के अनुपात में अत्यंत कम हो तथा जहां पूर्व से विभाग के छात्रावास संचालित नहीं हो केवल उस दशा में तहसील/विकासखण्ड स्तर पर भी छात्रावास खोलने की विशेष अनुमति देने पर विचार किया जा सकेगा। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत गैर आदिवासी विकासखण्डों में उत्कृष्ठ छात्रावास खोले जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित चालान व गिरफ्तारी
[गृह]
108. ( क्र. 1593 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.07.2022 से 30.11.2022 तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर हुये अत्याचार के अपराधों की जानकारी पंजीबद्ध कुल अपराधों की संख्या, गिरफ्तार आरोपी संख्या, गिरफ्तारी हेतु शेष आरोपियों की संख्या, चालान किये हुये/नहीं किये हुये आरोपियों की संख्या सहित पृथक-पृथक जिलावार देवें। (ख) प्रश्न क्रमांक 1478, दिनांक 29.07.2022 एवं प्रश्न क्रमांक 4109 दिनांक 23.03.2022 में लंबित चालान के कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत कर दिये गए हैं? कितनी लंबित गिरफ्तारियां हुई हैं, की जानकारी जिलेवार पृथक-पृथक देवें। (ग) उपरोक्तानुसार लंबित चालान व गिरफ्तारी के प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जाएगा? (घ) चालान व गिरफ्तारी लंबित रखने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों पर शीघ्र कार्यवाही की जाती है।
अनियमितताओं पर कार्यवाही
[सहकारिता]
109. ( क्र. 1598 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1486, दिनांक 29-07-2022 के (क) प्रश्न में वर्णित संस्थाओं द्वारा अनियमितता किए जाने के बाद भी इन पर अभी तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाई गई है, क्यों? कारण सहित प्रत्येक संस्था के संदर्भ में पृथक-पृथक बतावें। (ख) इन संस्थाओं पर कब तक एफ.आई.आर. करवा दी जाएगी? (ग) इन संस्थाओं के सदस्यों को भू-खण्ड या उनकी जमा राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (घ) इनके निगरानीकर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इस अनियमितता को संरक्षण देने के लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उज्जैन जिले की 04 गृह निर्माण सहकारी संस्थायें (शेषशाही, मंगलम, बी.सी.आई. स्टॉफ, बैरवा) के संबंध में किसी स्तर से आपराधिक अनियमितता का कोई प्रकरण प्रकाशित नहीं होने से एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाई गयी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेषशाही गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित नागदा जिला उज्जैन में 5.016 हेक्टेयर अकृषि भूमि है, परन्तु संस्था के सदस्यों के द्वारा भूमि के विकास के प्रति रूचि न लेते हुये आमसभा में भूमि विक्रय के पश्चात सदस्यों की जमा राशि को अनुपातिक रूप से वापसी का निर्णय पारित किया गया है। शेष 03 गृह निर्माण सहकारी संस्था वर्तमान में परिसमापन में है एवं उनके पास भूमि उपलब्ध नहीं होने से सदस्यों को भूखण्ड उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 71 एवं धारा 72 एवं म.प्र. सहकारी सोसायटी 1962 के नियम 57 के अंतर्गत परिसमापन की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत राशि की उपलब्धता होने पर अनुपातिक रूप से सदस्यों की देनदारी का निराकरण किया जावेगा। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
110. ( क्र. 1602 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि अपराध क्रमांक 393/19 में राजकुमार शुक्ला का मा.उच्च न्यायालय जबलपुर से स्टे वेकैट कराने का विभाग ने प्रश्न दिनांक तक कोई प्रयास नहीं किया है? यदि कोई कार्यवाही की गई है तो समस्त पत्राचारों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) कब तक स्टे वेकेंट की कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कारण है कि प्रकरण में संबंधित को संरक्षण दिया जा रहा है? (ग) एस.पी. अनूपपुर को राजकुमार शुक्ला के संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा रिपोर्ट सौंपे कितना समय हो गया है? इस पर उत्तर दिनांक की स्थिति में की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इस संबंध में कब तक कार्यवाही पूर्ण की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना भालूमाड़ा जिला अनूपपुर के अपराध क्रमांक 393/19 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने दिनांक 04.10.2019 को आरोपी राजकुमार शुक्ला के विरूद्ध ''नो कोअर्सिव ऐक्शन बी टेकन अगेन्स्ट द पिटिशनर'' का आदेश दिया था। उक्त आदेश में प्रदत्त स्टे को समाप्त करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कोतमा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किये हैं। इन आवेदन पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) मान्नीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 24.09.2019 को पारित आदेश में दिये गये स्टे को समाप्त करने के लिए प्रश्नांश 'क' अनुसार कार्यवाही की गई है। प्रकरण में संबंधित को संरक्षण नहीं दिया गया। (ग) ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा पत्र दिनांक 17.02.2020 से पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को राजकुमार शुक्ला के संबंध में रिपोर्ट भेजी गयी थी। रिपोर्ट दिनांक 17.02.2020 से दिनांक 30.11.22 तक की स्थिति में 02 वर्ष 09 माह एवं 12 दिवस का समय व्यतीत हो गया है। ई.ओ.डब्ल्यू. से प्राप्त रिपोर्ट को अप.क्रं. 393/19 की विवेचना में सम्मिलित कर अनुसंधान किया जा रहा है। (घ) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय न्यायालय के निर्णय उपरांत प्रकरण में तदानुसार कार्यवाही की जावेगी।
शराब दुकानों का विस्थापन
[गृह]
111. ( क्र. 1605 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर शहर तथा ग्रामों से शराब की दुकानें हटाये जाने संबंधी पत्र क्रमांक 8521, दिनांक 29/10/2022 कलेक्टर नरसिंहपुर को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा उक्त पत्र में नरसिंहपुर जिलांतर्गत विभिन्न स्थानों पर संचालित शराब दुकानों को घनी आबादी से दूर अन्यत्र संचालित किये जाने का भी उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) क्या शराब ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा आमजन से मारपीट संबंधी शिकायत भी प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर शहर तथा ग्रामों से शराब की दुकानें हटाये जाने संबंधी पत्र क्रमांक 8521, दिनांक 29.10.2022 को कलेक्टर, नरसिंहपुर को प्रेषित किया गया था। नरसिंहपुर जिले में संचालित समस्त कम्पोजिट मदिरा दुकानें मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 के अन्तर्गत आपत्ति रहित स्थल पर संचालित होने के कारण राजस्व हित की दृष्टि से उक्त पत्र में उल्लेखित अनुसार कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा उक्त पत्र में नरसिंहपुर जिला अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर संचालित शराब दुकानों को घनी आबादी से दूर अन्यत्र संचालित किये जाने का भी उल्लेख किया गया है। नरसिंहपुर जिले में संचालित समस्त कम्पोजिट मदिरा दुकानें मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 के अन्तर्गत आपत्ति रहित स्थल पर संचालित होने के कारण राजस्व हित की दृष्टि से दुकानों को हटाने की कार्यवाही नहीं की गयी है। (ग) नरसिंहपुर जिले में शराब ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा आमजन से मारपीट संबंधी शिकायत प्राप्त न होने के कारण प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाये जाने हेतु निरंतर कार्यवाही कर दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से 30 नवम्बर, 2022 तक कुल 664 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जिसमें 171.9 बल्क लीटर देशी मदिरा 96.76 बल्क लीटर विदेशी मदिरा, 1249 लीटर हाथ भट्टी मदिरा तथा 78335 किलो ग्राम महुआ लाहन मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुये जब्त किया गया है।
नियम विरूद्ध भू-खण्ड आवंटन
[सहकारिता]
112. ( क्र. 1606 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल द्वारा वर्ष 2022 में किन-किन सदस्यों के भू-खण्डों की रजिस्ट्री को निरस्त करने के लिए न्यायालय में किस आधार पर प्रकरण दायर किये गये है? (ख) जिन सदस्यों के भू-खण्ड निरस्त करने के लिए न्यायालय में प्रकरण दायर किये गये हैं? क्या उनके द्वारा झूठे शपथ-पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? क्या झूठे शपथ पत्र देना आपराधिक श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो झूठे शपथ पत्र देने के लिए उत्तरदायी सदस्यों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण क्यों दायर नहीं किये गये? इसके लिए कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या एक ही परिवार के दो सदस्यों को भू-खण्ड आवंटन किये जाने के प्रावधान हैं? यदि नहीं, तो उक्त समिति में ऐसे कितने भू-खण्ड एक ही परिवार के दो सदस्यों को दिये गये है एवं उनके द्वारा झूठे शपथ-पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? क्या उनकी रजिस्ट्रियां निरस्त की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक निरस्त की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) श्रीमती अनुश्री सिंह सेंगर, सदस्यता क्रमांक 9025, श्रीमती अनुश्री के पति पूर्व से ही संस्था के सदस्य है यह जानकारी संज्ञान में आने पर जिला न्यायालय में भूखण्ड रजिस्ट्री निरस्त करने हेतु वाद दायर किया गया है। (ख) एवं (ग) उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के द्वारा जांच आदेशित की गई है, शेष जांच निष्कर्षाधीन।
प्रदेश में घटित अपराध
[गृह]
113. ( क्र. 1614 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार 20 मार्च, 2020 से 30 नवम्बर, 2022 तक की अवधि में प्रदेश में घटित अपराधों की पृथक-पृथक संख्यावार महायोग सहित जानकारी दें। (ख) राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के जारी आंकड़े के अनुसार प्रदेश में घटित अपराधों की संख्या क्या-क्या रही एवं किन-किन अपराधों में प्रदेश का प्रथम व द्वितीय स्थान रहा है? वर्षवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजातीय वर्ग पर हुए अत्याचार की वर्षवार संख्या कितनी-कितनी रही है तथा प्रदेश में इन वर्गों पर हुए अत्याचार पर प्रदेश का स्थान किस-किस वर्ष कौन-कौन सा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'स' अनुसार।
चिकित्सा महाविद्यालयों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
114. ( क्र. 1617 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने शासकीय/निजी चिकित्सा महाविद्यालय संचालित हैं? मापदण्ड अनुसार कितने-कितने पदों की आवश्यकता होती हैं? इन महाविद्यालयों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितनी पदस्थापनाएं हैं? कितने पद रिक्त हैं तथा कितने छात्र अध्ययनरत हैं? कितनी विद्यार्थियों की क्षमता है? विद्यार्थियों से कितनी-कितनी शिक्षण शुल्क ली जाती है? महाविद्यालयवार जानकारी देवें। चिकित्सा महाविद्यालय की संचालन की अनुमति के क्या नियम/निर्देश है। छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक कोरोना काल में किन-किन महाविद्यालयों को कितना-कितना बजट विभाग द्वारा कौन-कौन सी मदों में उपलब्ध करवाया? किन-किन मदों में व्यय किया? महाविद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। किन-किन अधिकारियों द्वारा निजी/शासकीय महाविद्यालयों का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण की दिनांक, अधिकारी का नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई? यदि कमियां पाई गई तो उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? महाविद्यालयवार जानकारी देवें। (घ) निजी चिकित्सा महाविद्यालय में शिक्षण शुल्क निर्धारित किस मापदण्ड अनुसार किया जाता है? मापदण्डों के आदेश नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। शिक्षण शुल्क निर्धारण करने वाले कौन-कौन सी संस्थाएं हैं? बतावें एवं किन मापदण्डों अनुसार शिक्षण शुल्क का निर्धारण किया जाता है? इन संस्थाओं एवं समितियों में कौन-कौन सदस्य हैं बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में 13 शासकीय एवं 11 निजी चिकित्सा महाविद्यालय संचालित है। मापदण्ड अनुसार पदों की आवश्यकता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। शासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद, पदस्थापनाएं एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। अध्ययनरत छात्र की जानकारी एकत्रित की जा रही है। विद्यार्थियों की क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। विद्यार्थियों के शिक्षण के शुल्क की जानकारी महाविद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। चिकित्सा महाविद्यालय की संचालन की अनुमति नियम निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। निजी एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों का निरीक्षण राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली स्तर से नामांकित अधिकारियों द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में शिक्षण शुल्क निर्धारण हेतु 02 आयोग संचालित है:- (1) मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, भोपाल एवं (2) प्रवेश एवं शुल्क विनियामक आयोग, श्यामला हिल्स भोपाल। जिन निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की यूनिवर्सिटी है उन संस्थाओं का शिक्षण शुल्क का निर्धारण मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, भोपाल द्वारा किया जाता है। (PCMS, LNMC, RKDF, BHOPAL, SAIMS, INDEX INDORE) एवं जिन संस्थाओं की यूनिवर्सिटी नहीं उनके शुल्क का निर्धारण प्रवेश एवं शुल्क विनियामक आयोग, श्यामला हिल्स भोपाल SUKH SAGAR JABALPUR, LNCT INDORE. मध्यप्रदेश निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियामक एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम 2007 के विनियम 2008 में दिये गये मापदण्डों के अनुसार शिक्षण शुल्क का निर्धारण किया जाता है एवं राजपत्र दिनांक 15 अप्रैल, 2008 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। अधिनियम 2007 के अंतर्गत गठित प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति में निम्नलिखित सदस्य होते है:- (1) व्यक्ति जो केन्द्रीय/राज्य विश्वविद्यालय या विश्वविद्यालय समझी गई संख्या कुलपति रहा हो या ऐसा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रहा हो जो राज्य शासन में प्रमुख सचिव या भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद श्रेणी से निम्न पद श्रेणी का न हो। (अध्यक्ष) (2) वित्त विशेषज्ञ में से 01 व्यक्ति (सदस्य)। (3) विधि या प्रशासन विशेषज्ञों में से 01 व्यक्ति (सदस्य)। (4) तकनीकी शिक्षा विशेषज्ञों में से 01 व्यक्ति (सदस्य) (5) स्वास्थ्य शिक्षा विशेषज्ञों में से 01 व्यक्ति (सदस्य)। मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, ज्ञान वाटिका, वाल्मी रोड नियर एक्सीलेंस कॉलेज कलियासोत डेम, भोपाल के शिक्षण शुल्क निर्धारण एवं मापदण्डों की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
115. ( क्र. 1618 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, ग्वालियर, संभाग में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति पंजीकृत हैं? समितिवार बतावें कि समिति में सदस्य किसानों की कितनी संख्या है? कितने सदस्यों को ऋण वितरण किया गया है? कितने सदस्यों की जमा हिस्सा राशि समितियों के खातें में जमा है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक समितियों में मदवार कितनी-कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित (पैक्स समितियां) में किन-किन मदों में आय हुई? वर्षवार, समितिवार एवं जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त समितियों ने किस-किस मद में राशि व्यय की है एवं किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को कितना-कितना भुगतान किया गया है? राशि सहित वर्षवार समितिवार, जिलेवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पैक्स समितियों में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं एवं पैक्स समिति में कितने पद स्वीकृत है? नियुक्ति के क्या नियम/निर्देश हैं? नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पैक्स समितियों के कर्मचारी/अधिकारियों एवं अंशकालीन कर्मचारियों को 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितना-कितना वेतन भुगतान किया गया? माहवार, समितिवार, जिलेवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या जिले में वेतन भुगतान में विसंगति है? यदि हाँ, तो बतावें। इसके लिए दोषी कौन है और दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (च) किन-किन समिति प्रबंधकों एवं कर्मचारियों को वित्तीय अनियमितताओं, गबन, भ्रष्टाचार की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कितने कर्मचारी दोषी पाये गये? कितनी की जांचे लंबित है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? समितिवार एवं जिलेवार बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
116. ( क्र. 1621 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित किये जा रहे हैं? (ख) म.प्र. के किन-किन संभाग मुख्यालय पर शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित किये जा रहे हैं? (ग) वर्ष 2022-23 में कितने नवीन मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किये जा रहे हैं? उन स्थानों (शहर) के नाम बतावें। (घ) नर्मदापुरम संभाग के नर्मदापुरम जिले में शासकीय मेडिकल कॉलेज कब तक स्वीकृत किया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 13 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित किये जा रहे है। (ख) प्रदेश में क्रमश: भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर एवं शहडोल संभाग मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज संचालित है। (ग) वर्ष 2022-23 में उज्जैन एवं बुदनी में नवीन मेडिकल कॉलेज की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। (घ) चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति या राज्य शासन द्वारा नीतिगत निर्णय अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गृह निर्माण समिति द्वारा प्रदाय प्रकोष्ठ
[सहकारिता]
117. ( क्र. 1625 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने अता. प्र.क्र. 1349, दिनांक 29.07.2022 के द्वारा भोपाल में विनायक परिसर स्थित डाक लेखा गृह निर्माण पंजीकृत सहकारी संस्था के जिन सदस्यों को प्रकोष्ठ प्राप्त हो चुके हैं उनका तथा जिन्हें प्रकोष्ठ प्राप्त नहीं हुए हैं, उनके नाम, पते, आवंटित प्रकोष्ठ क्रमांक सहित सूची प्रदाय किये जाने संबंधी जानकारी चाही गई थी? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांकित जानकारी निर्धारित समयावधि में उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्या जानकारी इतने तकनीकी स्वरूप की है कि उसे इतने समय पश्चात भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका है? क्या विभाग भी उक्त गृह निर्माण समिति में हुई अनियमितताओं को छुपाने में सहायता कर रहा है? यदि नहीं, तो उक्त प्रश्न का उत्तर कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ग) क्या जानकारी देने में विलंब के दोषियों के उत्तरदायित्व का निर्धारण कर उन पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) विभाग द्वारा उक्त गृह निर्माण समिति के सदस्यों को प्रकोष्ठ दिलाने के लिए अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? दस्तावेज सहित जानकारी देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज खोलने के नियम
[चिकित्सा शिक्षा]
118. ( क्र. 1627 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन ने मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु क्या-क्या नियम बनाये हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब प्रश्न किये हैं एवं कब-कब विधान सभा में सदन में चर्चा के दौरान जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक जनता की पुरजोर मांग अनुसार जिले में मेडिकल कॉलेज क्यों नहीं खोला जा रहा है? क्या जिला प्रशासन द्वारा इसके लिये भूमि का आवंटन भी कर लिया गया है तो कहां पर और कितनी-कितनी भूमि का? स्पष्ट बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि टीकमगढ़ जिले में कब तक जनहित की मांग स्वीकारते हुये विभाग मेडिकल कॉलेज खोल देगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु भारत सरकार द्वारा बनाये गये नियमों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ में मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु वर्षा कालीन सत्र 2019 एवं बजट सत्र 2021 में प्रश्न किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति या राज्य शासन द्वारा समय-समय पर लिये गये नीतिगत निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। जी हाँ। भूमि आवंटन के आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावास भवनों के निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
119. ( क्र. 1628 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति एवं विमुक्त घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जाति के कहां-कहां छात्रावास हैं इनके नाम सहित यह भी बतायें कि यह कितने-कितने सीटर है? यह कब खोले गये थे प्रश्न दिनांक तक इसमें कौन-कौन अधीक्षक एवं अन्य कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? कृपया उनके नाम, पद, पदस्थापना समय सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें एवं यह भी बतायें कि प्रत्येक छात्रावास पर बच्चों पर कितनी-कितनी प्रतिमाह राशि व्यय हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन छात्रावास की भवन कितनी-कितनी लागत के किस एजेंसी के द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय करके किस ठेकेदार द्वारा बनवाये गये थे? वर्तमान में इन छात्रावासों की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इनमें ऐसे कौन-कौन से छात्रावास है जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है? प्रश्न दिनांक तक वह कब से किसके भवन में कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह से किराये से लेकर कब से संचालित हो रहे हैं? प्रत्येक छात्रावास पर किराये के रूप में मकान मालिक को प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिन छात्रावासों के पास स्वंय के भवन नहीं हैं उनके निर्माण के लिए राशि स्वीकृति की जावेगी तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिना निविदा आमंत्रित किये कार्य
[जनजातीय कार्य]
120. ( क्र. 1630 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2015-16 के सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग जिला बुरहानपुर द्वारा विद्युतीकरण हेतु निविदा आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो किन-किन समाचार पत्रों के माध्यम से निविदा आमंत्रित की गयी थी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? क्या वर्ष 2014-15 के निविदा दर पर ही वर्ष 2015-16 के विद्युतीकरण के कार्य लगभग 07.00 करोड़ के पूर्ण कर लिये गये थे? क्या कार्यालय जिला बुरहानपुर के शाखा जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्र. आजाक/विद्युतीकरण/2015/3471/दिनांक 09.12.2015 द्वारा अधीक्षण, म.प्र.क्षे.वि.वि.क.लि. बुरहानुपर इन विद्युतीकरण कार्य करने हेतु सहमति प्राप्त की गयी तथा इस पत्र के उत्तर में अधीक्षण म.प्र. क्षे.वि.वि.क.लि. बुरहानपुर के पत्र क्र. अयं/संचा-संधा/स्टेनो/कार्य/2622 दिनांक 09.12.15 द्वारा कार्य करने के सहमति डिपॉजिट योजना के तहत ऊर्जा विभाग द्वारा दी गयी थी? यह जांच का विषय है कि सहमति के पश्चात भी विभाग द्वारा ही इन 2014-15 के निविदा दर पर कार्यों को पूर्ण किन कारणों से किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य क्या बिना निविदा आमंत्रित किये जाने से वर्ष 2015-16 के विद्युतीकरण के कार्य संभागीय उपायुक्त इंदौर संभाग इंदौर से स्वीकृति प्राप्त कर पूर्ण करा लिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या बिना निविदा के 2014-15 के निविदा दर पर कार्य पूर्ण करा लिये जाने के स्वीकृति के अधिकारी संभागीय उपायुक्त इंदौर संभाग इंदौर थे? यदि हाँ, तो किन नियमों के आधार पर उपायुक्त इंदौर से कार्य स्वीकृति प्राप्त की गयी? यदि नियम नहीं थे तो क्या वर्ष 2015-16 विद्युतीकरण के कार्य उन ठेकदारों से कराये गये, जिनकी जांच मा. लोकायुक्त में प्रचलित होने के पश्चात भी पूर्व दरों को पूर्ण करा लिये गये? (ग) क्या बिना निविदा आमंत्रित किये जाने से वर्ष 2015-16 के विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण कराने पर दोषियों के विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी-नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी-हां। वर्ष 2014-15 की निविदा दर पर ही वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 6.50 करोड़ के विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किये गये है। जी-हां, वर्ष 2015-16 के विद्युतीकरण कार्यों हेतु म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क.लि. बुरहानपुर द्वारा सहमति दी गई। म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क.लि. बुरहानपुर के माध्यम से विद्युतीकरण कार्य कराये जाने के निर्देश तत्समय नहीं होने से जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी-हां। वर्ष 2014-15 के लिये आहूत निविदा की शर्त जिसमें एक वर्ष में प्राप्त होने वाली राशि के कार्य भी स्वीकृत निविदा दर की शर्त अनुसार कार्य कराये गये। निविदा शर्तों के अनुसार संभागीय उपायुक्त इन्दौर द्वारा आयुक्त, इन्दौर संभाग इन्दौर के अनुमोदन उपरांत स्वीकृति प्रदान की गई विद्युतीकरण कार्य करने वाले ठेकेदारों के सम्बन्ध में लोकायुक्त द्वारा जांच सम्बन्धी जानकारी विभाग में नहीं पाये गये लेकिन तत्समय जिले में किये गये विद्युतीकरण कार्यों के सम्बन्ध में लोकायुक्त में जांच प्रचलित है। (ग) लोकायुक्त जांच पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाता क्रमांक 026721100000336 से गलत तरीके से आहरण
[जनजातीय कार्य]
121. ( क्र. 1631 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जिला बुरहानपुर द्वारा नर्मदा, झाबुआ शाखा बुरहानपुर के खाता क्रमांक 026721100000336 उक्त खाते से करोड़ों रूपये नगद आहरण की कलेक्टर बुरहानपुर द्वारा लालबाग थाना बुरहानपुर में प्राथमिकी दर्ज की गयी है? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है? क्या केवल कर्मचारियों के विरूद्ध ही प्राथमिकी दर्ज की गयी है? यदि हाँ, तो कलेक्टर, बुरहानपुर द्वारा अन्य आहरणकर्ता अधिकारियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं प्रस्तुत की गई? कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खाते से क्या उपरोक्त खाते के आहरण की अनियमितता की माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दर्ज प्रकरण के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है? यदि हाँ, तो कलेक्टर बुरहानपुर द्वारा नगद आहरण की जांच वरिष्ठ कोषालय अधिकारियों एवं दो आई.ए.एस. अधिकारियों से कराई गई थी? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध पूर्व में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई? (ग) कलेक्टर बुरहानपुर द्वारा नगद आहरण की जांच वरिष्ठ कोषालय अधिकारियों एवं दो आई.ए.एस. अधिकारियों से कराई गयी थी? यदि हाँ, तो जांच में आहरणकर्ता कर्मचारी एवं अधिकारियों को दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो किस आधार पर पुन: जांच आयुक्त जनजातीय कार्यालय भोपाल द्वारा कराई गई? क्यों आयुक्त जनजातीय कार्यालय भोपाल के अधिकारियों द्वारा आहरणकर्ता कर्मचारी एवं अधिकारियों को दोषमुक्त कर दिया गया था? प्रकरण की दो जांच में विरोधाभाष की स्थिति में विस्तृत जांच वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से करा कर दोषियों के विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, बुरहानपुर कार्यालय में तत्समय संचालित विभागीय बैंक खाता क्रमांक 026721100000336 से दिनांक 25.06.10 से 20.06.17 की अवधि में किये गये शासकीय राशि के अनाधिकृत आहरण के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच उपरांत प्रस्तुत प्रतिवेदनों में यह पाया गया कि उक्त पूरी अवधि में श्री नारायण पाटील, तत्कालीन सहायक ग्रेड-02 एवं लेखा शाखा प्रभारी की उक्त खाते से राशि आहरण में प्रथम दृष्टिया संलिप्तता प्रतीत होना पाया गया, किंतु इसी संबंध में राज्य स्तरीय जांच दल द्वारा जांच किये जाने के उपरांत गबन की कोई स्थिति परिलक्षित नहीं हुई। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्र. डब्ल्यू.पी. 23636/2022 में माननीय न्यायालय जबलपुर के निर्देशों के पालन में श्री पाटिल के विरूद्ध पुलिस थाना लालबाग जिला बुरहानपुर के प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। पुलिस विवेचना के पश्चात प्राप्त अभिमत के अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ख) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्र. डब्ल्यू.पी. 23636/2022 में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा सुनवाई के दौरान दिये गये निर्देश का पालन सुनिश्चित करते हुए उक्त एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी। तत्कालीन जिला कोषालय अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय जांच समिति के प्रतिवेदन में की गई अनुशंसा पर उच्च स्तरीय जांच कराने के आयुक्त, जनजातीय कार्य के आदेश दिनांक 02.12.2019 के पालन में प्रकरण की जांच की गई, जिसमें गबन की स्थिति परिलक्षित नहीं हुई। उल्लेखनीय तथ्य है कि महालेखाकार कार्यालय के अंकेक्षण दल द्वारा सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, बुरहानपुर के लेखों/अभिलेखों का प्रत्येक वर्ष अंकेक्षण किया गया है, जिसमें भी गबन की स्थिति परिलक्षित नहीं हुई है। इसी कारण किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राज्य स्तरीय जांच दल के जांच प्रतिवेदन अनुसार ''कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बुरहानपुर के किसी कर्मचारी/अधिकारी द्वारा धनराशि का गबन करने के कोई भी तथ्य परिलक्षित नहीं हुआ। '' किंतु वित्तीय नियमों का पालन न करने के कारण संबंधितों के विरूद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। किसी अधिकारी/कर्मचारी को दोषमुक्त नहीं किया गया है। राज्य स्तरीय जांच दल द्वारा प्रकरण में जांच एवं महालेखाकार कार्यालय के अंकेक्षण दल द्वारा किये गये निरीक्षण में गबन की कोई स्थिति न होने से पुन: जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
रिक्त
पदों की
पूर्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
1. ( क्र. 19 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत शासन/विभाग के कार्यों हेतु कुल कितने ए.जी.पी. एवं कितने नोटरी के पद स्वीकृत होकर उनके विरूद्ध कौन-कौन, किन-किन स्थानों पर कार्यरत है? (ख) साथ ही उपरोक्तानुसार कुल कितने-कितने पद स्वीकृत होकर उन पर कब से कौन-कौन कार्यरत हैं? (ग) बढ़ती जनसंख्या एवं जन कार्यों के कारण हो रही समस्याओं के निराकरण हेतु कितने नवीन पदों का सृजन किया जा रहा है? (घ) उपरोक्तानुसार स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्तियों के रिक्त पदों की पदपूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही शासन/विभाग द्वारा की गई जिससे रिक्त पदों की पूर्ति की जाकर कार्यों को गति दी जा सके।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में तहसील-जावरा में 03 ए.जी.पी. के पद है, अपर सत्र न्यायालय की संख्या अनुसार ए.जी.पी. की नियुक्ति की कार्यवाही की जाती है। तहसील जावरा में श्री गगन श्रीमाल एवं श्री प्रवीण सिंह सोलंकी वर्तमान में कार्यरत है एवं श्री कुलदीप कुमार शर्मा, ए.जी.पी. के निधन के कारण 01 पद रिक्त है, उक्त रिक्त 01 पद पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्तमान में तहसील-पिपलौदा में अपर सत्र न्यायालय संचालित न होने के कारण ए.जी.पी. कार्यरत नहीं है। वर्तमान में तहसील-जावरा में नोटरी के कुल 09 पद स्वीकृत है तथा तहसील पिपलौदा में नोटरी के कुल 05 पद स्वीकृत है, जो कि पूर्णत: भरे हुए है। तहसील-पिपलौदा एवं जावरा, जिला-रतलाम में कार्यरत नोटरियों के नामों की सूची संलग्न परिश्ष्टि अनुसार है। (ख) अपर सत्र न्यायालय की संख्या अनुसार अतिरिक्त लोक अभियोजकों की नियुक्ति की जाती है, तहसील-जावरा एवं पिपलौदा स्वीकृत/कार्यरत नोटरियों की सूची संलग्न परिश्ष्टि अनुसार है। (ग) अपर सत्र न्यायालय की संख्या अनुसार अतिरिक्त लोक अभियोजकों की नियुक्ति की जाती है, नोटरी के नवीन पद भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये जाते है, भारत सरकार के नवीन नोटरी पद स्वीकृत होने के उपरांत आवश्यकता अनुसार जिलों को नवीन पद आवंटित किये जाते है। (घ) रिक्त नोटरी पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही नोटरी अधिनियम-1952 तथा नोटरी नियम-1956 के अनुसार जिला-न्यायाधीश/सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त अनुशंसित पैनल पर राज्य शासन द्वारा पात्रता अनुसार की जाती है। इसी प्रकार अतिरिक्त लोक अभियोजक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही संबंधित जिला दण्डाधिकारी/कलेक्टर से प्राप्त अधिवक्ताओं के अनुशंसित पैनल पर राज्य शासन द्वारा पात्रता अनुसार की जाती है।
उप जेल अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना
[जेल]
2. ( क्र. 20 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जावरा नगर स्थित जावरा उपजेल शहर के मध्य विगत कई वर्षों से बनी होकर बढ़ती जनसंख्या आबादी के कारण पर्याप्त क्षमता नहीं होने से समस्या आ रही है? (ख) साथ ही उपरोक्त कठिनाई के निराकरण हेतु शासन/विभाग द्वारा जिला व स्थानीय प्रशासन के माध्यम से उप जेल जावरा को अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने हेतु कार्ययोजना बनी है? (ग) यदि हाँ, तो रिडेसिफिकेशन योजना कब बनाई जा कर किस वर्ष में किसके माध्यम से शासन/विभाग को प्राप्त हुई है? (घ) उपरोक्त अग्रेषित रिडेसिफिकेशन योजना को कब तक स्वीकृति दी जाकर उपजेल जावरा का स्थानांतरण किया जाकर कब तक दोनों स्थानों पर नवीन कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जावरा स्थित उप जेल वर्ष 1893 में निर्मित हुई है, जेल में 173 बंदियों की क्षमता के विरूद्ध 195 बंदी परिरूद्ध है। बंदियों की आवासीय समस्या कम है। (ख) मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल कार्यवाही कर रहा है। (ग) प्रारंभिक परियोजना प्रतिवेदन आयुक्त, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के विचाराधीन है। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा तय करना संभव नहीं है।
विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार को आर्थिक सहायता
[जनजातीय कार्य]
3. ( क्र. 87 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन की योजना अनुसार विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, सहारिया, भारिया) समाज के परिवारों को विशेष आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है? (ख) क्या इन परिवारों को आर्थिक सहायता दी जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या बरेला, विकासखण्ड जबलपुर में निवासरत बैगा समाज के 260 परिवारों को उक्त योजना का लाभ दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य 15 जिलों यथा-ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, मंडला, बालाघाट, छिन्दवाड़ा में बैगा, सहरिया एवं भारिया वर्ग की महिला मुखियाओं को कुपोषण से मुक्ति हेतु आहार अनुदान के लिए प्रतिमाह राशि रूपये 1000/- देने का प्रावधान है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार जी नहीं।
पट्टों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
4. ( क्र. 88 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत पनागर एवं बरेला में अनेक आदिवासी किसान वन भूमि पर कई वर्षों से खेती कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इन्हें भूमि के पट्टे दिये जा सकते हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत पनागर के कुल 326 वन अधिकार के दावे प्राप्त हुये है, जिनमें से 110 दावे मान्य एवं 216 दावे अमान्य हुये है। बरेला का कोई दावा प्राप्त नहीं हुआ है।
विकलांगों को उपलब्ध सुविधाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
5. ( क्र. 120 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विकलांगों को कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं? शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) जिला दमोह की हटा विधानसभा अंतर्गत कितने विकलांगों को कौन-कौन सा लाभ प्रदाय कराया गया? नाम पतावार सूची उपलब्ध करायें व 80 प्रतिशत से अधिक लंबित पात्र हितग्राहियों को कब तक लाभ प्रदाय कराया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ख) जिला दमोह की हटा विधानसभा अंतर्गत नियमानुसार पात्र दिव्यांग हितग्राहियों को पेंशन योजना तथा कृत्रिम अंग सहायक उपकरण से लाभांवित किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार। 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता के पात्र हितग्राहियों को विभाग द्वारा संचालित योजनांतर्गत नियमानुसार लाभांवित किया गया है तथा भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत पात्रतानुसार मोटरराईज्ड ट्रायसाईकिल प्रदाय किये जाने संबंधी कार्यवाही भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्को) से संबंधित है।
माझि जाति को विलोपित करना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
6. ( क्र.
154 ) श्रीमती
रक्षा संतराम
सरोनिया : क्या
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
आदिम जाति
कल्याण विभाग
के आदेश क्र.
एफ 21-6/25-5/91 दिनाक 29-08-1992
को पिछड़े
वर्ग की सूची
के अनुक्रमांक
12 पर दर्शित
जातियों धीमर, भौइ, कहार
आदि में
सम्मिलित
माझी को जाति
विलोपित किया
गया है? (ख) यदि
हाँ, तो
पूर्ण
कार्यवाही की
प्रति उपलब्ध
कराये? (ग) क्या
धीमर,
भौइ, कहार
आदि को भी
विलोपित किया
जावेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण ( श्री
रामखेलावन
पटेल ) : (क) जी उक्त
आदेश क्रमांक
दिनांक
द्वारा मांझी
जाति को पिछड़ा
वर्ग की सूची
से विलोपित
किया गया
है।
(ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जी
नहीं।
पेंशन राशि का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( क्र. 173 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में सामाजिक सुरक्षा/वृद्धावस्था पेंशन वितरण की क्या-क्या व्यवस्था है? दिनांक 1 जनवरी 2021 से नवम्बर 2022 तक की अवधि में पेंशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों के खाते में किन-किन दिनांकों में राशि भोपाल से हस्तान्तरित की गई। (ख) क्या यह सत्य है कि शासन के निर्देशों के बावजूद भी रायसेन जिले में 5 कि.मी. की परिधि से दूर पेंशन लेने के लिये जा रहे हैं यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें तथा यदि नहीं तो विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी की ग्राम पंचायतों में कहां-कहां से पेंशन वितरित हो रही है। (ग) ग्राम पंचायत मुख्यालय पर भी विधवा एवं वृद्ध व्यक्ति को प्रतिमाह 7 तारीख तक पेंशन प्राप्त हो जाये इस हेतु मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है। (घ) दिनांक 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में सामाजिक सुरक्षा/वृद्धावस्था पेंशन योजना में हितग्राही को पेंशन राशि का भुगतान पेंशन पोर्टल के माध्यम से सीधे हितग्राहियों के बैंक खातें में किया जा रहा है। बैंक से 5 किलोमीटर परिधि से दूर ग्राम पंचायतों में बी.सी./पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पेंशन राशि के वितरण हेतु पेंशन आपके द्वार व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांगजनों को ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ही राशि वितरित की जा रही है। योजनांतर्गत विभाग द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र से प्राप्त नये आवेदनों की अद्यतन स्वीकृति प्रत्येक माह की दिनांक 26 से 28 तक प्राप्त होती है, जिसे संचालनालय द्वारा प्रत्येक माह की दिनांक 28 से 30 तक पेंशन दिये जाने के आदेश तैयार कर कोषालय के माध्यम से नोडल बैंक के द्वारा हितग्राहियों के खातों में समयानुसार राशि जमा करा दी जाती है। (ख) रायसेन जिले में पेंशन आपके द्वार व्यवस्था द्वारा शासन निर्देशों के अनुसार 5 कि.मी. से अधिक दूरी की 305 ग्राम पंचायतों को चिन्हांकित किया गया है, जिनमें से 137 ग्राम पंचायतों में संबंधित बैंक द्वारा बी.सी. नियुक्त किये जाकर प्रतिमाह ग्राम पंचायत मुख्यालय स्तर पर पेंशन वितरण की कार्यवाही की जा रही है। शेष ग्राम पंचायतों में बी.सी. नियुक्त किये जाने हेतु निरंतर बैंक से प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी की 10-10 ग्राम पंचायतों में पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पेंशन वितरण कराये जाने हेतु पॉयलेट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है। विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी की ग्राम पंचायतें जिनमें बी.सी. के माध्यम से पेंशन वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 174 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग रायसेन को किस-किस मद/योजना में कितनी-कितनी राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई? (ख) उक्त राशि से क्या-क्या कार्य किस-किस की अनुशंसा पर कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये उनमें से कौन-कौन से कार्य क्यों अपूर्ण तथा अप्रारंभ है कार्यवार कारण बताये? (ग) उक्त कार्यों का निरीक्षण कब-कब किस-किस अधिकारी ने किया तथा क्या-क्या अनियमित्तायें पायी? पूर्ण विवरण दें। (घ) दिनांक 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
लंपी वायरस बीमारी से ग्रस्त जानवरों का टीकाकरण
[पशुपालन एवं डेयरी]
9. ( क्र. 182 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में लंपी वायरस के कितने टीके राज्य सरकार के माध्यम से आवंटित कर विभाग को प्रदान किए गये है? (ख) लंपी वायरस बीमारी से प्रभावित कितनी गायों या अन्य जानवरों का टीकाकरण कार्य विधानसभा क्षेत्र परासिया के अन्तर्गत किया गया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र परासिया के अन्तर्गत लंपी वायरस बीमारी से प्रभावित कितनी गायों या अन्य जानवरों का टीकाकरण कार्य करना शेष है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधान सभा क्षेत्र परासिया में 5700 डोज प्रदाय किया गया है। (ख) भारत शासन की गाईड लाईन अनुसार लंपी वायरस से प्रभावित पशुओं में टीकाकरण नहीं किया जाता है अत: विधानसभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत लंपी वायरस से प्रभावित गायों या अन्य जानवरों में टीकाकरण जानकारी निरंक है। तथापि भारत शासन की गाईड लाईन अनुसार रिंग वक्सीनेशन के तहत 4300 पशुओं में लंपी वायरस की रोकथाम हेतु टीकाकरण किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में संदिग्ध पशु पाये जाने पर 5 कि.मी. तक दायरे में स्वस्थ्य पशुओं का रिंग वैक्सीनेशन कार्य भारत शासन की गाइर्ड लाईन अनुसार निरंतर जारी है। इसके तहत 743 पशुओं का टीकाकरण किया जाना शेष है।
जनसुनवाई में विभाग प्रमुखों की उपस्थिति
[लोक सेवा प्रबन्धन]
10. ( क्र. 197 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि आमजन की समस्याओं के त्वरित निराकरण की दृष्टि से शासन जिला स्तर पर प्रति मंगलवार जनसुनवाई आयोजित करता है? क्या यह भी सही है कि कलेक्टर स्वयं जनसुनवाई में नहीं बैठते तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भेजते हैं? क्या यह भी सही है कि समस्त विभागों के विभाग प्रमुख भी स्वयं उपस्थित न होकर अपने अधीनस्थ को ही जनसुनवाई में भेज देते है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस पर महत्वपूर्ण कार्य के लिए कलेक्टर तथा समस्त विभाग प्रमुखों को अनिवार्य रूप से जनसुनवाई में बैठने हेतु निर्देशित करेगा? (ख) क्या जनसुनवाई में आये आवेदनों को सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल में जोड़ने के निर्देश हैं? किन्तु ज्यादातर जिले में अपनी रेटिंग सुधारने के लिए आवेदनों को पोर्टल से नहीं जोड़ा जाता जिससे आमजन को समस्याओं के निराकरण के लिए तथा एक ही समस्या के लिए कई बार जनसुनवाई में जाना पड़ता है? (ग) जन सुनवाई में आये आवेदनों को सी.एम. हेल्प लाईन पोर्टल से जोड़ना सुनिश्चित करवाने के लिए शासन क्या उपाय करेगा तथा इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। आम-जन की समस्याओं के त्वरित निराकरण की दृष्टि से जिला स्तर पर प्रति मंगलवार जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। विभागीय परिपत्र क्रमांक एफ 2-6/2017/61/लोसेप्र दिनांक 06/06/2017 द्वारा जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों को सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर दर्ज किये जाने के निर्देश हैं। (ग) जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों को सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा जनसुनवाई अंतर्गत प्राप्त शिकायतें/आवेदनों को पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज कराये जाने हेतु समय-समय पर निर्देशित किया जाता है।
धोबी/रजक जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
11. ( क्र. 260 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में धोबी/रजक जाति के साथ दोहरापन व्यवहार क्यों अपनाया जा रहा है क्योकि भारत सरकार द्वारा प्रकाशित भारत का राजपत्र भाग 1 सोमवार 20 सितम्बर 1976 को मिनिस्ट्री ऑफ लॉ जस्टिस एंड कंपनी अफेयर्स द्वारा अनुसूचित जाति/अनूसूचित जनजाति आदेश प्रकाशित किया गया था? (ख) उक्त संविधान संशोधन के अनुसार किसी प्रदेश के एक जिले में कोई जाति अनुसूचित जाति/जनजाति के अंतर्गत आती है तो उसे संपूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति/ जनजाति के अंदर समाविष्ट कर लिया जावेगा का संशोधन किया गया है और गजट नोटिफिकेशन के अंतर्गत पृष्ठ क्र. 1386 के अनुक्रमांक 30 पर धोबी जाति का भी उल्लेख है? (ग) क्या यह सही है कि म.प्र. के 3 जिले रायसेन, भोपाल, सीहोर में धोबी जाति अनुसूचित जाति में 1950 के पूर्व से शामिल है यदि हाँ, तो फिर 1976 के संशोधन के आधार पर धोबी समाज को संपूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है? यदि दर्जा दिया जावेगा तो कब तक दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। भारत का राजपत्र भाग-1 सोमवार 20 सितम्बर 1976 को मिनिस्ट्री ऑफ लॉ जस्टिस एंड कंपनी अफेयर्स द्वारा अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 के तहत म.प्र. राज्य की अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों की सूची प्रकाशित की गई थी जिसमें म.प्र. राज्य के लिये जारी अनुसूचित जाति सूची में क्रं. 22 पर क्षेत्रीय बंधन के साथ (भोपाल, रायसेन, सीहोर) के लिये अधिसूचित धोबी जाति का क्षेत्रीय बंधन समाप्त नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गजट नोटिफिकेशन के पृष्ठ क्रमांक 1386 पर जारी अनुसूचित जाति की सूची उत्तर प्रदेश राज्य की है, जिसमें क्रमांक 30 पर धोबी जाति का उल्लेख है। इस सूची का मध्यप्रदेश राज्य से कोई संबंध नहीं है। (ग) जी नहीं। किसी जाति/समुदाय को अनुसूचित जाति सूची में शामिल करने का क्षेत्राधिकार भारत सरकार को है।
रासायनिक खाद्य एवं बीज का वितरण
[सहकारिता]
12. ( क्र. 319 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा में वर्ष 2022-23 में रबी की फसल हेतु रासायनिक खाद (यूरिया, डी.ए.पी. व एन.पी.के) की कितनी मांग थी और मांग के विरूद्ध कितना आवंटन श्योपुर जिले को अभी तक प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन में से किन-किन सहकारी समितियों को कितनी-कितनी मात्रा में खाद उपलब्ध कराया गया? प्रश्न दिनांक तक श्योपुर जिले में कितना रासायनिक खाद वितरीत किया गया व कितना शेष है? प्रश्न दिनांक तक के वितरण की जानकारी समितिवार एवं कृषकवार संख्यात्मक जानकारी बतावें? (ख) श्योपुर जिले में कितनी सोसायटियों को कितना खाद (यूरिया,डी.ए.पी. व एन.पी.के.) नकद वितरण हेतु उपलब्ध कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या किसानों को प्रदाय की जाने वाली खाद एवं बीज पर म.प्र. सरकार की ओर से कोई राहत एवं सब्सिडी दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या? क्या कृषकों से जी.एस.टी. अथवा अन्य कोई टैक्स वसूली की है? यदि हां, तो किसान हित में सरकार टैक्स वसूली में राहत देते हुये जी.एस.टी. समाप्त करने की कार्यवाही करेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में रबी की फसल हेतु रासायनिक खाद (यूरिया, डी.ए.पी. एवं एन.पी.के.) की मांग एवं मांग के विरूद्ध आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है, प्राप्त आवंटन में सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई गई खाद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 एवं 3 अनुसार है, प्रश्न दिनांक तक श्योपुर जिले में वितरित एवं शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है एवं प्रश्न दिनांक तक के समितिवार एवं कृषकवार संख्यात्मक वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 एवं 6 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 7 अनुसार है। (ग) जी नहीं, संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में किसानों को प्रदाय की जाने वाली उर्वरक एवं बीज पर राज्य योजनाओं में राज्य सरकार की ओर से कोई राहत एवं सब्सिडी नहीं है। उर्वरक पर राज्य सरकार द्वारा 2.5 प्रतिशत एवं केन्द्र सरकार द्वारा 2.5 प्रतिशत, इस प्रकार कुल 05 प्रतिशत जी.एस.टी. है। शेष प्रश्नांश के संबंध में वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रक्रियाधीन नहीं है।
खाद वितरण की जानकारी
[सहकारिता]
13. ( क्र. 339 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 23 नवंबर 2022 की स्थिति में छतरपुर जिले को रबि फसल 2022 हेतु सोसायटी के माध्यम से बिक्री के लिए कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद प्रदाय की गयी? (ख) छतरपुर जिले को रबी की फसल के लिए कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद की आवश्यकता है? (ग) प्रश्न दिनाँक तक रबी की फसल के लिए कितनी डी.ए.पी., एन.पी.के. और यूरिया खाद कितने किसानों को वितरित की गयी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 23 नवम्बर, 2022 की स्थिति में छतरपुर जिले में रबी फसल 2022 हेतु सोसायटियों के माध्यम से बिक्री के लिये डी.ए.पी. 3546 मे.टन, एन.पी.के. 2485 मे.टन और यूरिया 5595 मे.टन प्रदाय की गई। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक रबी की फसल के लिए डी.ए.पी. 6100 मे.टन, एन.पी.के. 2993 मे.टन और यूरिया खाद 6254 मे.टन कुल 31,693 किसानों को वितरित की गई।
जनसंख्या नियंत्रण पर कार्यवाही
[विधि एवं विधायी कार्य]
14. ( क्र. 361 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 364 दिनांक 14.03.2022 के प्रश्नांश (ख) में दी गयी जानकारी अनुसार विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा अपने पत्र क्रमांक 13541/273/21- दिनांक 12.10.2021 से अनेक विभागों को पत्र लिख कर आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा गया था? (ख) जानकारी दें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के संबंध में किन-किन विभागों द्वारा क्या-क्या प्रस्ताव दिए गए एवं किन विभागों द्वारा प्रस्ताव नहीं दिए गए? (ग) जिन विभागों से प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए उन विभागों को क्या स्मरण पत्र भेजे गये? यदि हाँ, तो कब-कब यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) उल्लेखित पत्र के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लेख किया गया कि उक्त कार्यवाही सामान्य प्रशासन विभाग कक्ष-4 द्वारा नहीं की जाती है, सहकारिता विभाग द्वारा लेख किया गया कि प्रकरण नीतिगत होने से राज्य स्तर पर निर्णय होने के उपरांत सहकारी क्षेत्र में कार्यवाही सम्भव हो सकेगी, अन्य विभागों द्वारा प्रस्ताव नहीं दिये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ग) नहीं, क्योंकि तारांकित प्रश्न क्रमांक 364 के संबंध में विधान सभा सचिवालय से आश्वासन क्रमांक 253 प्राप्त हुआ था कि '' प्रदेश में विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून का प्रारूप तैयार किये जाने के संबंध में कार्यवाही की जाना''। इस पर आश्वासन सृजित हुआ था कि ''कार्यवाही की जायेगी''। इस संबंध में नियमानुसार माननीय विधि मंत्रीजी के अनुमोदन उपरांत इस विभाग द्वारा इस आशय कि रिपोर्ट विधान सभा सचिवालय को भेजी गयी थी कि जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में कोई कानून (अधिनियम) बनाया जाना केन्द्र सरकार से ही वांछनीय है फलस्वरूप विधान सभा आश्वासन क्रमांक 253 को पूर्ण करने में राज्य सरकार को कठिनाई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है।
लंबित वेतन भुगतान की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
15. ( क्र. 377 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जबलपुर स्थित नानाजी देशमुख पशु विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स एवं कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को कब से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है और इसके मुख्य कारण क्या है? (ग) क्या विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर शासन को सालाना भार कितना है? (घ) और क्या शासन स्तर पर शासकीय अधिभार का भुगतान नियमित रूप से विश्वविद्यालय को किया जा रहा है और नहीं तो शासकीय अधिभार का भुगतान कब से लंबित है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) शैक्षणिक कर्मचारियों के माह सितम्बर, अक्टूबर एवं नवम्बर 2022 एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के माह नवम्बर 2022 का वेतन भुगतान लंबित है। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग को शासन से प्राप्त अनुमति उपरांत सातवें वेतनमान, नवीन नियुक्ति एवं पेंशन व उपादान के भुगतान से अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ने के कारण। (ग) शासन द्वारा विश्वविद्यालय को वेतन मद में राशि का आवंटन प्रदान नहीं किया जाता है। अपितु (42) सहायक अनुदान (5899) पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर को ब्लाक ग्रांट में वित्तीय वर्ष 2022-23 में राशि रू. 45.00 करोड़ आवंटित की गयी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में वेतन भत्तों के भुगतान में अनुमानित राशि रू. 58.80 करोड़ का व्यय भार संभावित है। (घ) आवंटित राशि समय पर प्रदान की जा रही है।
गैर वन भूमियों के मान्य, अमान्य दावें
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र.
427 ) श्री
ब्रह्मा
भलावी : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
जनवरी 2008 से लागू वन
अधिकार कानून 2006 के तहत
बैतूल जिले
में गैर वन
भूमि याने
पहाड़, चट्टान, घास, चरनोई, गोचर आदि
मदों में दर्ज
जमीनों के भी
दावे प्राप्त
कर उन्हें
मान्य एवं
अमान्य किया
गया है? (ख) बैतूल
जिले में कुल
कितने राजस्व
ग्राम है? इनमें
से कितने
ग्रामों में
वनाधिकार
समिति का गठन
किया?
कितने-कितने
राजस्व
ग्रामों में
ग्राम स्तरीय
वनाधिकार
समिति का गठन
किन-किन
कारणों से
नहीं किया गया? (ग) बैतूल
जिले के राजस्व
ग्रामों के
निस्तार
पत्रक, अधिकार
अभिलेख, खसरा पंजी
में किन-किन
सार्वजनिक
एवं निस्तारी
प्रयोजनों के
लिए किस-किस
मद में जमीन
दर्ज हैं? इनमें
से किस-किस मद
में दर्ज
जमीनों को वन
भूमि एवं
किस-किस मद
में दर्ज जमीन
को गैर वन
भूमि माना गया? (घ) बैतूल
जिले में घांस, चरनोई, चारागाह, गोचर, सरना, करात, कदीम, बीड़, पहाड़, चट्टान
एवं अन्य गैर
जंगल मद में
दर्ज कितनी
भूमि के कितने
दावे मान्य
किए गए? कितनी भूमि
के कितने दावे
अमान्य किए
गए? जिलेवार
बतावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जी
हाँ। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-एक
पर है। (ग)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-दो
पर है। (घ)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-तीन
पर है।
डीनोटीफाईड भूमियों के मान्य, अमान्य दावें
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 428 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 में डीनोटीफाईड आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमि को वन भूमि परिभाषित नहीं किए जाने के बाद भी डीनोटीफाईड भूमियों के दावे मान्य एवं अमान्य किए गए? (ख) जनवरी, 2008 के बाद कितने राजस्व ग्रामों में से कितने वीरान ग्राम, कितने नगरीय सीमा में शामिल ग्रामों को छोड़कर कितने ग्रामों में वनाधिकार समिति का गठन किया? इनमें से कितने ग्रामों की समस्त भूमि वन विभाग ने राजपत्र में धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड की थी? जिलेवार बतावें। (ग) जिन ग्रामों की समस्त भूमि धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड की गई ऐसे कितने ग्रामों में कितनी भूमि के कितने दावे मार्च, 2022 तक मान्य एवं अमान्य किए गए हैं? डीनोटीफाईड भूमियों के दावे मान्य एवं अमान्य किए जाने का शासन ने कब-कब आदेश या निर्देश दिया? (घ) डीनोटीफाईड भूमियों के मान्य एवं अमान्य दावों को वन अधिकार कानून 2006 की कार्यवाहियों से पृथक किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जंगल मद में दर्ज जमीन
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र.
450 ) डॉ.
अशोक
मर्सकोले : क्या
जनजातीय कार्य
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
जनवरी 2008 से लागू वन
अधिकार कानून 2006 के तहत
जिला मण्डला
के बड़े झाड़, छोटे
झाड़ के जंगल
मद में
बाजिबुल अर्ज, निस्तार
पत्रक, अधिकार
अभिलेख में
सार्वजनिक
एवं निस्तारी
प्रयोजनों के
लिए दर्ज
जमीनों पर
सामुदायिक वन
अधिकार दावों
से संबंधित
विभाग के
प्रमुख सचिव
दिनांक 10 जून, 2008 में दिए
आदेश का प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
पालन नहीं
किया?
(ख) आदेश
में बड़े झाड़, छोटे
झाड़ के जंगल
मद में दर्ज
जमीनों से
संबंधित
बाजिबुल अर्ज
निस्तार
पत्रक में दिए
गए ब्यौरों
को लेकर
प्रमुख सचिव
ने क्या-क्या
निर्देश दिए? इसके
अनुसार जिला
मण्डला
राजस्व
अभिलेखों में
दर्ज बड़े
झाड़ छोटे
झाड़ के जंगल
मद की कितनी
जमीनों में से
कितनी जमीनों
के सामुदायिक
वन अधिकार
पत्र प्रश्नांकित
दिनांक तक
वितरित कर दिए
हैं? कितनी
भूमि के अधिकार
पत्र वितरित
नहीं किए? जिलेवार
बतावें। (ग) मण्डला
जिले में बड़े
झाड़,
छोटे
झाड़ के जंगल
मद में दर्ज
जमीनों में से
कितनी भूमि के
कितने दावें
व्यक्तिगत
वन अधिकार के
मान्य किए? कितनी
भूमि के कितने
दावें अमान्य
किए? कितने
दावें लंबित
है? जिलेवार
बतावें। (घ) मण्डला
जिले में आदेश
दिनांक 10 जून, 2008 के अनुसार
कब तक
छोटे-बड़े
झाड़ के जंगल
मद में दर्ज
जमीनों के
सामुदायिक वन
अधिकार के दावें
मान्य किए
जावेंगे? समय-सीमा
सहित बतावें?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जी
नहीं। मण्डला
जिले में
दिनांक 10 जून 2008 के पत्र में
दिये गये
निर्देशों के
परिपालन में
सामुदायिक
अधिकार के
दावे प्राप्त
कर मान्य एवं
अमान्य की
कार्यवाही की
गई। (ख) प्रमुख
सचिव,
आदिम
जाति कल्याण
विभाग के पत्र
दिनांक 10 जून 2008 की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-एक
अनुसार है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-दो
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-तीन
अनुसार
है। (घ) मण्डला
जिले में आदेश
दिनांक 10 जून 2008 के पालन में
सामुदायिक
दावों को मान्य/अमान्य
करने की
कार्यवाही जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-दो
अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
शासकीय आवास आवंटन की जानकारी
[गृह]
19. ( क्र. 510 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राजनैतिक, गैर राजनैतिक, सामाजिक एवं अध्यात्मिक संगठन के व्यक्ति/कार्यालय के लिये शासकीय आवास आवंटन करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो ग्वालियर में कितने ऐसे संगठनों को शासकीय आवास आंवटित किये गये हैं? नाम, पता सहित बतावें। (ख) क्या ओ.बी.सी. महासभा के राष्ट्रीय कार्यालय हेतु शासकीय आवास (बंगला) आवंटन हेतु कोई आवेदन/पत्र व्यवहार संभागीय आयुक्त कार्यालय को दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित आवास का आवंटन कब तक कर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुरक्षा प्रदान किया जाना
[गृह]
20. ( क्र. 513 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसी सामाजिक गैर राजनैतिक, अध्यात्मिक संगठन के व्यक्ति को सुरक्षा दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। (ख) ऐसे कितने लोगों को शासन द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई है अथवा कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के वर्णित अनुसार आवेदनों पर कार्यवाही कर राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्यों को सुरक्षा दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताये।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 24 जून, 2003 में निहित प्रावधान के अंतर्गत व्यक्तियों को व्यय पर या बिना व्यय के उनकी सुरक्षा के खतरे के आंकलन के आधार पर राज्य सुरक्षा समिति के अनुमोदन पश्चात निजी सुरक्षा अधिकारी/गार्ड दिये जाने का प्रावधान है। (ख) ऐसे 35 व्यक्तियों को मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 24 जून, 2003 में निहित प्रावधान के अंतर्गत उनकी सुरक्षा के खतरे के आंकलन के आधार पर राज्य सुरक्षा समिति के अनुमोदन से सुरक्षा प्रदाय की गई है। (ग) सुरक्षा संबंधी प्रकरण में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 24 जून, 2003 में निहित प्रावधान के अंतर्गत राज्य सुरक्षा समिति के अनुमोदन पश्चात सुरक्षा प्रदाय किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
''सी.एम. राईज'' विद्यालय के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 625 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के सिवनी जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कितने "सी.एम. राईज" विद्यालय संचालित हैं एवं इनकी मरम्मत, सूक्ष्म लघु निर्माण व साज-सज्जा के लिए कितनी राशि, किस-किस मद से व्यय की गई व इसकी निर्माण एजेंसी कौन थी? क्या उपरोक्त निर्माण प्रक्रिया व निर्माण एजेंसी विभाग के नियमानुसार थी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सिवनी जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाओं में पदस्थ शिक्षकों को अन्य संस्थाओं में व गैर शैक्षणिक कार्य के लिए संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसके लिए शासन/विभाग से कोई अनुमति ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जिले की जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक संस्थाओं में स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इन्हें शिक्षकविहीन व स्वीकृत पद से कम पदस्थ शिक्षकों वाली शालाओं में पदस्थ किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) सिवनी जिले में जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत 6 सी.एम.राईज विद्यालय संचालित है, जिनमें मरम्मत, सूक्ष्म लघु निर्माण व साज-सज्जा के किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य की निर्माण एजेन्सी जनजातीय कार्य विभाग है। निर्माण कार्य की प्रक्रिया व निर्माण एजेन्सी विभाग के नियमानुसार की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जिले की कुछ प्राथमिक शालाओं में पूर्व में दर्ज संख्या के मान से शिक्षकों की पदस्थापना होने तथा बाद में दर्ज संख्या कम होने से एवं माध्यमिक शालाओं में विषयवार पद स्वीकृत होने के कारण पूर्व से कार्यरत सहायक शिक्षक/प्राथमिक शिक्षक के कारण स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक कार्यरत है। नियमानुसार युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही की जाती है। जिसमें समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अस्पतालों में व्यवस्था किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( क्र. 626 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्थित गजराराजा मेडीकल कॉलेज एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह के नियंत्रणाधीन कौन-कौन से अस्पताल/स्वास्थ्य इकाइयां हैं? क्या उनमें साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था शासन-द्वारा नियुक्त कर्मचारियों के माध्यम से की जाती है? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन-कौन कर्मचारी कब से कार्यरत है? इनकी नियुक्ति किसके द्वारा एवं किस आदेश दिनांक से की गई? उस पर प्रतिमाह कितनी राशि व्यय होती है? (ख) क्या इन अस्पतालों/स्वास्थ्य इकाइयों में साफ-सफाई एवं सुरक्षा-व्यवस्था हेतु किसी निजी कम्पनी को ठेके पर कार्य दिया गया है? यदि हाँ, तो किसे एवं अनुबंध की शर्तें क्या हैं? अनुबंध की सत्यापित प्रति एवं कम्पनी द्वारा नियुक्त कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं नियुक्ति आदेश, शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता के प्रमाण पत्रों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करायें? उक्त कार्य ठेके पर देने हेतु कब एवं क्या प्रक्रिया अपनाई गई? क्या आम-इश्तहार/विज्ञापन आदि जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या अस्पताल प्रबंधन द्वारा इनमें प्रतिदिन नियमित साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख/मॉनीटरिंग हेतु किसी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को अधिकृत किया गया है? यदि हाँ, तो किसे? क्या उसके द्वारा प्रतिदिन अस्पताल प्रबंधन को रिपोर्ट दी जाती है? यदि हां, तो दिनांक 01.04.2022 से उत्तर दिनांक तक प्राप्त रिपोर्ट में क्या-क्या/किस प्रकार की अनियमितताएं पायी गयी? उन पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गजराराजा मेडिकल कॉलेज एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह के नियंत्रणाधीन कमलाराजा चिकित्सालय, जे.ए.एच., कार्डियोलॉजी, आई.सी.यू., न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी माधव डिस्पेंसरी, आकस्मिक उपचार विभाग, ट्रॉमा सेन्टर, सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल आते है। उक्त चिकित्सालय एवं इकाइयों में साफ-सफाई एवं सुरक्षा शासन द्वारा स्वीकृत पदों पर नियुक्त कर्मचारियों के माध्यम से कराई जाती है। इनकी नियुक्ति अधिष्ठाता द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। इस पर प्रतिमाह राशि रूपये 41,33,099/- वेतन भत्तों पर व्यय होता है। (ख) जी हाँ। अस्पतालों/स्वास्थ्य ईकाइयों में साफ-सफाई एवं सुरक्षा-व्यवस्था भारत सरकार के उपक्रम हाईट्स के माध्यम से संचालित की जा रही है। अधिष्ठाता द्वारा एच.एल.एल. इन्फ्राटेक सर्विसेस लिमिटेड से किये गये अनुबंध की जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। अस्पताल प्रबंधन द्वारा उक्त कार्यों की देख रेख/मॉनिटरिंग हेतु विभागाध्यक्ष/सहायक अधीक्षक/प्रबंधक/सहायक प्रबंधक एवं स्टीवर्ड को अधिकृत किया गया है। जी हाँ। प्राप्त शिकायत के आधार पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा समय-समय पर चेतावनी पत्र, अर्थदण्ड भी लगाया गया है, की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
मेडीकल कॉलेज एवं चिकित्सालय समूह में संचालित दुकानें
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( क्र. 627 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्थित गजराराजा मेडीकल कॉलेज एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह के नियंत्रणाधीन अस्पताल/स्वास्थ्य इकाइयों के परिसर में क्या कोई निजी व्यवसायिक प्रतिष्ठान- मेडीकल स्टोर, जनरल स्टोर, गुमटी, पार्लर, अस्थाई दुकानें आदि संचालित है? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर कब से एवं कितने भू-भाग पर किसके द्वारा संचालित हैं? (ख) उक्त शासकीय परिसर में निजी व्यवसाय करने की अनुमति दिये जाने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई? क्या कोई आम इश्तहार/विज्ञप्ति जारी की गई? यदि हाँ, तो किसके द्वारा किन-किन व्यक्तियों को किस प्रकार के निजी व्यवसाय हेतु कितने भू-खण्ड भाग पर किस दर के अनुसार किसके आदेश एवं किस दिनांक को अनुमति दी गई? अनुमति की शर्तें क्या हैं? क्या इनसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई राजस्व राशि/किराया आदि लिया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 से उत्तर दिनांक तक किस-किस व्यवसायी से कितनी राशि ली गई? (ग) क्या शासकीय अस्पताल परिसर में निजी व्यवसाय का संचालन किया जाना वैध है? यदि हाँ, तो किस प्रावधान अनुसार? यदि अवैध है, तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके विरूद्ध वर्ष 2018-19 से उत्तर दिनांक तक कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में कुल 06 मिल्क पार्लर ग्वालियर दुग्ध संघ सहकारी मर्यादित द्वारा संचालित है, जिसमें 01 मिल्क पार्लर गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय परिसर, 01 मिल्क पार्लर जे.ए.एच. पार्किंग के सामने, 01 मिल्क पार्लर के.आर.एच. परिसर, 01 मिल्क पार्लर नव निर्मित छात्रावास जे.ए.एच. परिसर एवं 02 मिल्क पार्लर 1000 बिस्तर अस्पताल के भू-भाग पर स्थित है। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में निजी व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित नहीं है। (ख) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय परिसर एवं जयारोग्य चिकित्सालय परिसर में स्वशासी के बायलाज अनुसार गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की स्वशासी समिति के अनुमोदन द्वारा ही 6 मिल्क पार्लरों के संचालन की अनुमति ग्वालियर सांची दुग्ध संघ सहकारी मर्यादित को ही प्रदान की गई है। सम्पूर्ण कार्यवाही ग्वालियर सांची दुग्ध संघ सहकारी मर्यादित द्वारा ही की जाती है। वर्ष 2018-19 से आज दिनांक तक मिल्क पार्लर से कुल राशि रूपये 130,255/- राशि जमा है। (ग) चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा निजी व्यवसाय करने की किसी को भी अनुमति प्रदान नहीं की गई हैं। जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में स्थापित अवैध कैंटीन (श्री सोनू चौवे एवं श्री प्रदीप चौवे) द्वारा कई वर्षों से संचालित की जा रही थी। वर्तमान में प्रकरण क्रमांक 469/2021 जिला न्यायालय ग्वालियर में विचाराधीन है।
वक्फ सम्पत्ति की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
24. ( क्र. 647 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वक्फ बोर्ड के गजट दिनांक 18.01.1985 में सरल क्रमांक 277 पर दर्ज वक्फ मस्जिद व मदरसा ग्राम डही को प्रथम बार वक्फ रजिस्टर में कब दर्ज किया गया और किस दस्तावेज अथवा आदेश के आधार पर दर्ज किया गया? प्रथम बार इन्द्राज किये गये वक्फ रजिस्टर व जिस दस्तावेज या आदेश के आधार पर इसे दर्ज किया गया? उसकी प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वक्फ सम्पत्ति को वक्फ रजिस्टर में दर्ज किये जाने की सूचना कब-कब किस-किस रीति से किसे-किसे दी गई? ऐसी सूचना और इसकी तामिली से संबंधित रिकार्ड की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वक्फ सम्पत्ति के प्रबंध संरक्षण, संधारण एवं संचालन हेतु इसके वक्फ रजिस्टर में दर्ज दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वक्फ बोर्ड द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये? इससे संबंधित दस्तावेजों सहित जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) वक्फ बोर्ड के गजट दिनांक 18.01.1985 में सरल क्रमांक 277 पर दर्ज वक्फ मस्जिद व मदरसा ग्राम डही को प्रथम बार वक्फ सम्पत्ति राजस्व अभिलेख (खसरा) में वर्ष 2001-02 में गजट दिनांक 18.01.1985 मध्यप्रदेश राजस्व भाग-3 (एक) के आधार पर दर्ज किया गया है। गजट एवं खसरा नकल की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वक्फ सम्पत्ति को वक्फ रजिस्टर में दर्ज किये जाने हेतु वक्फ कमिश्नर म.प्र. एवं कलेक्टर (अतिरिक्त वक्फ कमिश्नर) जिला धार म.प्र. के द्वारा प्रस्तुत सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रमाणित किया गया है, कि इस प्रपत्र में सम्मिलित सम्पत्ति के संबंध में 30 दिन का नोटिस जारी कर आपत्तियॉ आमंत्रित कर निराकरण किया जा चुका है। सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वक्फ सम्पत्ति के प्रबंधन, सरंक्षण, संधारण एवं संचालन हेतु वक्फ बोर्ड द्वारा कमेटी गठित नहीं किये जाने के कारण जानकारी निरंक।
समितियों के पास उपलब्ध शासकीय भूमि की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
25. ( क्र. 650 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत कितनी गौशालाएं पंजीकृत हैं? उनका पंजीयन कब हुआ था? उनकी कमेटियों का पंजीयन ट्रस्ट या समिति के रूप में कब किया गया था? पंजीयन नियमावली प्रबंध कार्यकारिणी के नाम पते की सूची एवं गौशालाओं के पास उपलब्ध निजी एवं शासकीय भूमि का पूर्ण ब्योरा खसरा नंबर सहित उपलब्ध कराएं। (ख) उज्जैन जिले की कितनी गौशालाओं के पास कितनी शासकीय भूमि कहाँ-कहाँ स्थित है? कितनी भूमि किस-किस को विक्रय की गयी? किस प्रयोजन से विक्रय की गयी? खसरा नंबर सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) गौशाला समितियों के पास कितनी भूमि लीज पर दी गयी है? कितने साल की लीज पर दी गयी है? किन नियमों के अंतर्गत दी गयी है? किन प्रावधानों में दी गयी है? बिन्दुवार प्रत्येक लीज पर दी गयी भूमि के अनुबंध, रजिस्ट्री एवं नामांतरण की प्रतियाँ देवें। (घ) उज्जैन जिले में स्थित एवं पंजीकृत सभी गौशालाओं के ऑडिट क्या प्रतिवर्ष होते हैं? क्या ऑडिट आपत्ति का निराकरण समय-समय पर किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट, ऑडिट आपत्ति, बैंक पासबुक की आय-व्यय की प्रति सहित पूर्ण विवरण के साथ जानकारी उपलब्ध कराएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' के कॉलम 7 अनुसार है। विभाग के पास प्राप्त जानकारी अनुसार गौशाला समिति द्वारा विक्रय की गई भूमि की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) गौशाला समितियों द्वारा गौशालाओं के आय-व्यय का ऑडिट प्रतिवर्ष सी.ए. द्वारा कराए जाने के निर्देश हैं। गौशालाएं स्वयं सेवी संस्थाओं अथवा स्वायत्त संस्थाओं द्वारा संचालित की जाती है, जिनके ऑडिट आपत्तियों का निराकरण करना इन्हीं संस्थाओं का दायित्व है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी
[गृह]
26. ( क्र. 695 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में घटित कितनी सड़क वाहन दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई एवं कितने घायल हुए हैं? इसमें पुरूषों, महिलाओं, लड़कों, लड़कियों एवं बच्चों की संख्या कितनी-कितनी है? आइ.आर.ए.डी. में दर्ज दुर्घटनाओं के आधार पर कौन-कौन से जिले किस स्थान पर हैं? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जिलावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चिन्हित ब्लैक स्पाटों में घटित कितनी-कितनी दुर्घटनाओं में कितने-कितने पुरूषों, महिलाओं, लड़के, लड़कियों व बच्चों की मृत्यु हुई एवं कितने-कितने घायल हुए हैं? यातायात नियमों का पालन न करने, तीव्रगति से व शराब पीकर वाहन चलाने, हेलमेट न लगाने, सड़कें खराब होने से हुई घटनाओं में कितने-कितने पुरूषों, महिलाओं, दो पहिया वाहन चालक युवक, युवतियों व नाबालिग बच्चों की मृत्यु हुई हैं? थानावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में पंजीकृत कितनी दुर्घटनाओं के मामलों में कितने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया? कितने मामले विवेचना में हैं? कितने मामलों में चालान प्रस्तुत किया गया? निर्णीत कितने मामलों में कितने आरोपियों को सजा सुनाई गई व अर्थदण्ड की कितनी राशि अधिरोपित की गई? शासन ने दुर्घटनाओं के कितने मामलों में कितने मृतकों घायलों के परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता व सोलेशियन फण्ड की कितनी-कितनी राशि की सहायता दी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
27. ( क्र. 696 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के कितने सामान्य वर्ग या पिछड़े वर्ग के युवक, युवतियों ने अनुसूचित जाति के युवक-युवती से अंतरजातीय विवाह किया है? इन्हें अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत किस मान के कितनी प्रोत्साहन राशि दी हैं? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने युवक-युवतियों ने अंतरजातीय विवाह सामूहिक विवाह सम्मेलन में अथवा मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना में कब सम्पन्न कराये गये हैं? इनका सत्यापन किसने किया हैं? जिलावार सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में कितने युवक-युवतियों ने सामाजिक रीति रिवाजों व धार्मिक रीति के आधार पर कब अन्तरजातीय विवाह किया है एवं इन्हें कितनी प्रोत्साहन राशि दी गई है। कितने युवक-युवतियों को कितनी प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है एवं क्यों? प्रोत्साहन राशि के कितने आवेदन पत्र निरस्त किये गये? कितने लम्बित हैं एवं क्यों? क्या शासन प्रोत्साहन राशि के वितरण में वित्तीय अनियमितता व भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) योजनान्तर्गत हिन्दू विवाह अधिनियम 1995 के तहत विवाह पंजीयन पश्चात् प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जनजाति घोषित किया जाना
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 773 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मंत्री परिषद आदेश आयटम क्रमांक-20 दिनांक 25 जून 2003 को माझी और मझवार जाति के समान अन्य जाति को पिछड़े वर्ग की सूची से विलोपित कर अनुसूचित जनजाति घोषित करने बाबत् आदिमजाति मंत्रणा परिषद में विचार किया जाना निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आदेश में कौन-कौन-सी जातियों को अनुसूचित जनजाति घोषित करने का निर्णय लिया गया था? आदेश की प्रति सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आदिमजाति मंत्रणा परिषद की किस-किस दिनांक की बैठक में क्या-क्या निर्णय लिया गया? प्रति सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) की जातियों को कब तक पिछड़ा वर्ग सूची से विलोपित कर अनुसूचित जनजाति घोषित किया जाएगा? (घ) क्या मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की दिनांक 26/09/2018 की बैठक के अनुक्रमांक 02 के निर्णय में कहा गया कि माझी जाति की उपजातियों को पिछड़े वर्ग की सूची से विलोपित करने हेतु विषय वस्तु आयोग के विचार क्षेत्र में नहीं आती है क्योंकि यह समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने की प्रत्याशा में इनकी उपजातियों को विलोपित करने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करवाएं एवं यह बताएं कि पिछड़ी जातियों को विलोपित करने का अधिकार किसको है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राहियों को राशि का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
29. ( क्र. 811 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मुख्यमंत्री विवाह सहायता योजना के अंतर्गत भिण्ड विकासखण्ड में कितने आवेदन स्वीकृत किए गए? क्या सभी हितग्राहियों के खातों में राशि पहुंचा दी गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कितने हितग्राहियों के खातों में राशि नहीं पहुंची और ये कब तक पहुंच जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत वर्ष 2022-23 में विकासखण्ड भिण्ड के अंतर्गत कोई प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन शस्त्र लायसेंस की स्वीकृति
[गृह]
30. ( क्र. 812 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जून 2020 से मार्च 2021 तक की अवधि में भिण्ड जिले में कितने नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किए गए? उक्त लायसेंसों को स्वीकृत करने का आधार क्या था? किस दिनांक को ये लायसेंस जारी किए गए? क्या तत्कालीन कलेक्टर ने अपना ट्रांसफर हो जाने के बाद पैसों की लेनदेन करके लायसेंस बनाए? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : कुल 66 नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त समस्त शस्त्र लायसेंस आत्मरक्षार्थ स्वीकृत किये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान
[पशुपालन एवं डेयरी]
31. ( क्र. 843 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र खरगापुर में दिनांक 20.09.2022 से 30.11.2022 तक मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान अन्तर्गत विभिन्न शिविरों में पशुपालन विभाग से संबंधित कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन पत्रों में से कितने आवेदन पत्र हितग्राही योजना से संबंधित थे? नामवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में उल्लेखित आवेदन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने हितग्राही के लिए ऋण की स्वीकृति प्राप्त हो गई है व कितने शेष हैं? (ड.) आवेदन पत्रों में ऋणदाही संस्थाओं को निर्देशित करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ को पत्र दिनांक 20.11.2022 लिखा गया था, जिसमें क्या कार्रवाई की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) कुल आवेदन 1122। (ख) हितग्राहियों की योजनावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 से 4 अनुसार है। (ग) 1. किसान क्रेडिट कार्ड के 665 आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुए है, जिसमें से 79 प्रकरण बैकों में भेजे जा चुके है। अभी तक 30 आवेदकों को के.सी.सी. जारी किये जा चुके हैं। 556 के प्रकरण तैयार किये जाकर भेजे जा सकेंगे। 2. विधानसभा क्षेत्र खरगापुर के द्वारा आयोजित शिविरों में 457 आवेदन बकरी/भैंस/सूकर/कुक्कुट पालन हेतु प्राप्त हुये है। जिसमें बैंक में 141 आवेदन स्वीकृति हेतु बैंकों के भेजे गये है एवं 316 आवेदन हितग्राही से अपेक्षित अभिलेख की प्रक्रिया पूर्ण की जा कर बैंकों में भेजे जा सकेंगे। (घ) किसान क्रेडिट कार्ड- 30 के.सी.सी. स्वीकृत एवं बकरी/भैंस/सूकर/कुक्कुट पालन योजना में निरंक है। (ड.) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 7305 दिनांक 30/11/2022 द्वारा बी.व्ही.ओ. पलेरा को 141 प्रकरण तथा बी.व्ही.ओ. बलदेवगढ़ को 262 प्रकरण आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे गये है।
सामुदायिक वन अधिकार दावें पर आपत्ति
[जनजातीय कार्य]
32. ( क्र. 871 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिला वनाधिकार समिति द्वारा अपनी बैठक दिनांक 4/7/2020 को किस-किस की उपस्थिति में भोपाली छोटा महादेव क्षेत्र से संबंधित कितने-कितने रकबे को सामुदायिक वन अधिकार पत्र मान्य किया? उन्हीं स्थलों के लिए जिला वनाधिकार समिति ने किस-किस की उपस्थिति में दिनांक 08/09/2022 को कितने-कितने रकबे का प्रस्ताव पारित किया? (ख) दिनांक 4/7/2020 को लिए गए प्रस्ताव पर वन अधिकार कानून 2006 नियम 2008 नियम 2012 के किस धारा किस कंडिका के अनुसार समिति के सदस्यों को किस-किस आधार पर क्या-क्या आपत्ति लिए जाने का अधिकार दिया गया है? (ग) जिला वनाधिकार समिति के किस सदस्य के द्वारा दिनांक 4/7/2020 को लिए प्रस्ताव पर किस-किस दिनांक को क्या-क्या आपत्ति ली गई? उन आपत्तियों पर एस.डी.ओ. सारनी रेंजर रानीपुर ने किस-किस दिनांक को अपना प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत किया? (घ) दिनांक 04/07/2020 को पारित प्रस्ताव के अनुसार कब तक अधिकार पत्र दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 6 (6) के प्रावधान अनुसार वन अधिकारों के अभिलेख पर जिला स्तर की समिति का विनिश्चय अंतिम और आबद्धकर होगा। जिला स्तर समिति द्वारा पारित प्रस्ताव पर उसके बाद समिति के सदस्यों को आपत्ति लेने के अधिकार का उल्लेख नियमों में नहीं दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- दो अनुसार है। (घ) प्रस्ताव दिनांक 08.03.2022 में प्रकरणों में कमी-पूर्ति को दूर कर लिए गये प्रस्ताव के आधार पर वनाधिकार पत्र जारी किये जा चुके है। अत: दिनांक 04.07.2020 के पारित प्रस्ताव के अनुसार अधिकार पत्र दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि पर काबिज आबादी को मिलने वाली सुविधाएं
[जनजातीय कार्य]
33. ( क्र. 907 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अनुसार वन भूमि पर काबिज 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व से निवासरत् आबादी को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदत्त हैं? (ख) भोपाल में उपरोक्त प्रश्नांश (क) के अधिनियम अन्तर्गत कितने जिलो में वन ग्राम चिन्हित किये गये? जिलेवार चिन्हित ग्रामों की सूची प्रदान करें। (ग) अभी तक मध्यप्रदेश के उपरोक्त प्रश्नांश (ख) में चिन्हित जिलों में कृषि भूमि एवं आवास भूमि के कितने लोगों को पट्टों का वितरण किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) संशोधित नियम 2012 के नियम 18 के अनुसार वन अधिकार पत्र धारकों को दावा पश्चात सहायता और सहयोग राज्य सरकार अपने विभागों विशेषकर जनजातीय और समाज कल्याण, पर्यावरण और वन, राजस्व, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और अन्य वन निवासी अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वनवासियों के उत्थान से सुसंगत अन्य विभागों के माध्यम से यह सुनिश्चित करेगी कि, सभी सरकारी स्कीमों जिनके अंतर्गत भूमि सुधार, भूमि उत्पादकता मूल सुविधाओं और जीवनयापन उपायों से संबंधित स्कीमों को ऐसे दावाकर्ताओं को और समुदायों जिनके अधिकारों को इस अधिनियम के अंतर्गत मान्यता दी गई है और विहित किया गया है के लिये उपबंध किया जा सके। (ख) मध्यप्रदेश में स्थित वनग्रामों की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वनग्रामों वाले जिलों में कृषि भूमि एवं आवास भूमि के 2,06,597 वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है।
शासन द्वारा आवंटित शासकीय भूमि
[विधि एवं विधायी कार्य]
34. ( क्र. 925 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 1399, दिनांक 29.07.2022 के संबंध में बरगी सिविल कोर्ट के लिये न्यायालय भवन/न्यायाधीशों आवास हेतु शासन द्वारा आवंटित शासकीय भूमि को कार्यालय नायब तहसीलदार बरगी, जबलपुर द्वारा अतिक्रमण मुक्त करा दिया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या अतिक्रमण मुक्त भूमि का आधिपत्य जिला न्यायालय जबलपुर द्वारा प्राप्त कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं एवं कब तक भूमि का आधिपत्य प्राप्त किया जावेगा? (ग) विधानसभा प्रश्न क्र. 1399, दिनांक 29.07.2022 के उत्तरांश (घ) में इस प्रश्न का जवाब शासन द्वारा दिया जा सकता है दर्शाया है कृपया बताये की क्या उत्तरकर्ता शासन की श्रेणी में नहीं आते हैं? क्या इस प्रकार विधानसभा को भी गुमराह किया जा रहा है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र 57/भोपाल/22, दिनांक 21.05.22 द्वारा मांगी गई जानकारी प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं दी गई? समय-सीमा में उक्त जानकारी देने की किसकी जवाबदेही है? उक्त जवाबदेह अधिकारी पर नियमानुसार क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय मंत्री के निर्देशों का पालन
[चिकित्सा शिक्षा]
35. ( क्र. 928 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विभागीय मंत्री द्वारा अपने पत्र क्रमांक 4043 दिनांक 20/9/2022 द्वारा आयुक्त चिकित्सा शिक्षा म.प्र. को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं का पत्र क्रमांक अभि/सेल-2/एफ-2/2022/ 1108 दिनांक 26/7/2022 संलग्न कर प्रकरण का परीक्षण कर समुचित कार्यवाही के करने के निर्देश दिए? (ख) क्या विभाग में बैठे कुछ निकृष्ट अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा संचालनालय स्तर पर निर्णय नहीं लेते हुए उक्त पत्र को अकारण अधिष्ठाताओं को भेजकर जानकारी मांगी जा रही है। अधिष्ठाताओं से क्या जानकारी अपेक्षित है जो कि संचालनालय स्तर पर उपलब्ध नहीं है। विस्तृत विवरण देवें। (ग) माननीय विभागीय मंत्रीजी के निर्देशों का पालन कब तक सुनिश्चित हो जाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मंत्रीजी के पत्र के साथ संलग्न पत्रानुसार विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने हेतु समस्त संस्थाओं से पदों की जानकारी चाही गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध अपराधों की जानकारी
[गृह]
36. ( क्र. 995 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस-किस अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध किन थानों में किस कारण से अपराध दर्ज हैं? अपराध क्रमांक, धारा और प्रकरण की वर्तमान स्थिति बतावे। दर्ज प्रकरणों में पुलिस द्वारा प्रस्तुत खात्मा रिपोर्ट को क्या सक्षम कोर्ट ने खात्मा स्वीकार करने के आदेश जारी कर दिए है? नहीं की स्थिति में विभाग ने खात्मा का उल्लेख विभागीय जाँच में संबंधित आरोपी अधिकारी द्वारा करने पर मान्य कैसे किया? (ख) किस अधिकारी के विरुद्ध तस्करी/अवैधानिक रूप से परिवहन की जा रही जप्त शराब छोड़ने का आरोप विभागीय जाँच में सिद्ध पाया है? ऐसे किस अधिकारी को जिले में पदस्थ किया गया है? क्यों? ऐसे अधिकारी को अब तक कितनी बार निलंबित किया गया है? निलंबन आदेशों की सभी प्रतियां देवें। (ग) वर्तमान में आबकारी अधिकारियों के विरुद्ध की जा रही किन विभागीय जांचों में, कोर्ट से किस दिनांक से स्टे है? स्टे निरस्त क्यों नहीं करवाया जा सका है? (घ) प्रदेश में किन व्यक्तियों/लायसेंसियों आदि पर कितनी राशि वसूली बकाया है? वसूली के लिए किस दिनांक को किस अधिकारी ने किस प्रकार की कार्यवाही की है? वर्तमान में वसूली लंबित क्यों है? आरोपी लाइसेंसियों के लाइसेंस निरस्त क्यों नहीं किए गए तथा उन्हें ब्लैक लिस्टेड क्यों नहीं किया गया।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नि:शक्तजनों को दिये जाने वाले उपकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
37. ( क्र. 1122 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कुल कितने नि:शक्तजन हैं विकासखंडवार सूची उपलब्ध कराएं व पिछले 3 वर्षों में विभाग द्वारा नि:शक्तजनों के लिए क्या-क्या कार्य किए गए व विभाग को कितना मद किस कार्य के लिए शासन द्वारा प्राप्त हुआ? विकासखंडवार जानकारी प्रदान करें। (ख) विभाग द्वारा किस-किस प्रकार के नि:शक्तजनों को क्या-क्या उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) पिछले 3 वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन नि:शक्तजनों को क्या-क्या उपकरण उपलब्ध करायें हैं? विकासखंडवार सूची उपलब्ध करवाएं। (घ) जिला राजगढ़ में क्या शासन द्वारा समस्त नि:शक्तजनों को उनकी नि:शक्तता के आधार पर उपकरण दिए गए हैं? यदि नहीं, तो कब तक दिए जाएंगे व कितने नि:शक्तजन शासन की योजना से वंचित है? कारण सहित बतावें, क्या दिव्यांग व्यक्तियों को ट्राई मोटर बाइक दिए जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो कृपया बताऐं।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) राजगढ़ जिले में दिव्यांगजनों की विकासखण्डवार जानकारी परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। विगत 3 वर्षों में दिव्यांगजनों के लिये किये गये कार्य तथा मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'', ''ब'' तथा ''स'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''द'' अनुसारI (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''इ'' अनुसार। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''इ'' अनुसार है। उपकरण प्रदाय किये गये है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। म.प्र. शासन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत अस्थिबाधित (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम न्यूनतम 60 प्रतिशत दिव्यांगता) होने पर नियमानुसार मोटरराईज्ड ट्रायसाईकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ई'' अनुसार। विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को ट्राई मोटर बाइक दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
सहकारी संस्थाओं के प्रकरण
[सहकारिता]
38. ( क्र. 1132 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान इन्दौर, उज्जैन संभाग सहित प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर शहरों में कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के कितने पदाधिकारियों के विरुद्ध किन कारणों से लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. और कार्यवाही किस-किस दिनांक से प्रचलन में है? विवरण देवें? (ख) उक्त अवधि में अब तक चलाये गये भू-माफिया अभिमान में एवं अन्य कारणों से किन गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं, पदाधिकारियों सहित अन्य के विरुद्ध किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गयी? विवरण देवे? (ग) सहकारिता विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध उक्त अवधि में उक्त संभागों, शहरों में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के कारण से किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? विवरण देवें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुदान राशि की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
39. ( क्र. 1133 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक एस.सी./एस.टी. व अन्य जाति की महिलाओं/ लड़कियों से बलात्कार होने की स्थिति में, उनको शासन की तरफ से एफ.आई.आर. दर्ज होने की अवधि से कोर्ट निर्णय आने तक की अवधि में, किस प्रकार से, किस स्टेज पर कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी जाती है? आदेशों की प्रतियां देवें? (ख) वर्तमान अवधि में कितनी पीड़िताओं को किस-किस स्टेज पर दी जाने वाली सहायता राशि देना शेष है और क्यों? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) बलात्कार की पीड़िताओं को किसी भी मद/विभाग से दी जाने वाली कितनी सहायता राशि का उपयोग/समायोजन किस-किस अवधि में, किन अन्य कार्यों में किया गया? क्या जिन कार्यों के लिए उपयोग/समायोजन किया गया वे सभी पूर्ण हो गये हैं? (घ) क्या सामान्य जाति की बलात्कार पीड़िताओं को भी आर्थिक सहायता देने के सम्बन्ध में किसी व्यक्ति का सुझाव/आवेदन प्राप्त हुए हैं? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही हुई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) योजनान्तर्गत प्रचलित नियम 1 अगस्त 2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के बलात्कर पीड़िताओं को ही नियमानुसार आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है।
अधीक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
40. ( क्र. 1142 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के कितने आश्रम एवं छात्रावास (बालक/कन्या) संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें तथा छात्रावास अधीक्षक के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी दी जाये। (ख) क्या एक छात्रावास अधीक्षक एक से अधिक छात्रावासों का प्रभारी है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने छात्रावास अधीक्षक हैं, जो एक से अधिक छात्रावास के प्रभारी हैं तथा छात्रावास अधीक्षक का मुख्यालय कहाँ पर निर्धारित है। (ग) क्या एक छात्रावास अधीक्षक को एक से अधिक छात्रावास का प्रभार न दिये जाने का पत्र प्राप्त हुआ था? हाँ या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी है? (ड.) यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) छतरपुर जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 80 एवं जनजातीय कार्य विभाग के 14 छात्रावास संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। छतरपुर जिले के अंतर्गत ऐसे अधीक्षक जो एक से अधिक छात्रावास प्रभारी तथा अधीक्षक मुख्यालय सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र चंदला का पत्र क्रमांक/315/2022 दिनांक 21.09.2022 प्राप्त हुआ था। (घ) विभाग अंतर्गत जिले में अधीक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर से कार्यालयीन पत्र क्रमांक/स्थापना/2022/10557 दिनांक 15.10.2022 एवं पत्र क्रमांक/11186/दिनांक 30.11.2022 से प्रस्ताव चाहे गये है। (ड.) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कार्यालयों में अग्निशामक यंत्रों का प्रतिष्ठापन
[गृह]
41. ( क्र. 1152 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म प्र. शासन गृह विभाग के अंतर्गत कितने कार्यालय हैं? जानकारी निम्नानुसार प्रदान करें- (अ) किराये पर, (ब) शासन के कार्यालय (शासकीय भवनों में)। (ख) (अ) एवं (ब) में वर्णित कार्यालयों की सूची प्रदान करें, जिनमें पीने हेतु स्वच्छ जल एवं आकस्मिक अग्नि की दुर्घटना को रोकने हेतु स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) लगाए गए है? (ग) यदि नहीं, तो इन कार्यालयों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) कब तक लगा दिये जायेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जेलों में कैदियों की मृत्यु की जानकारी
[जेल]
42. ( क्र. 1164 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना की जेलों में वर्ष 2022 से नवम्बर 2022 तक कितने कैदियों की मृत्यु हुई है जिलावार, समय सहित कैदियों के नाम पते सहित जानकारी दी जावें। (ख) वर्तमान में उक्त जेलों में गम्भीर बीमारियों से पीड़ित कैदियों की कितनी संख्या है तथा उनके उपचार हेतु शासन द्वारा क्या-क्या व्यवस्थायें की गई हैं? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त अति गम्भीर बीमारियों के ग्रसित कैदियों की पैरोल हेतु कितने आवेदन विभाग को प्राप्त हुऐ हैं? उनमें से कितने कैदियों को पैरोल की स्वीकृति दी गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश अवधि में केवल केन्द्रीय जेल, ग्वालियर में 11 बंदियों की मृत्यु हुई है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) केन्द्रीय जेल, ग्वालियर में गंभीर बीमारियों से पीड़ित बंदियों की संख्या 53 है। भिण्ड जेल अस्थाई रूप से बंद है, जबकि मुरैना जेल में कोई बंदी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं है। केन्द्रीय जेल, ग्वालियर में बीमार बंदियों का उपचार जेल अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक द्वारा किया जाता है। आवश्यकता अनुसार बंदियों को जिला चिकित्सालय/मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर उपचार हेतु भेजा जाता है, जहाँ से हायर सेंटर रैफर किये जाने पर बंदियों को एम्स, भोपाल एवं एम्स, नई दिल्ली भी उपचार हेतु भेजा जाता है। (ग) केन्द्रीय जेल, ग्वालियर के गम्भीर बीमारियों से ग्रसित बंदियों के पैरोल हेतु प्राप्त आवेदनों की संख्या निरंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पदों की स्वीकृति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
43. ( क्र. 1167 ) श्री अनिल जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निवाड़ी अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के पद कब स्वीकृत किये गये? आदेश की प्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। पद स्वीकृति के समय जिला टीकमगढ़ से कितने पद जिला निवाड़ी अन्तरित किये गये थे एवं कितने कर्मचारियों ने जिला निवाड़ी में ज्वाईन किया? यदि सभी कर्मचारियों ने जिला निवाड़ी में ज्वाईन नहीं किया तो क्या कारण है एवं कब तक जिला निवाड़ी में ज्वाईन कर लेंगे? (ख) यदि पद स्वीकृत किये गये हैं तो क्या उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग जिला निवाड़ी का डी.डी.ओ. कोड जारी किया गया है? यदि नहीं, तो विगत तीन वर्ष में कलेक्टर जिला निवाड़ी द्वारा डी.डी.ओ. कोड जारी किये जाने हेतु कितने पत्र संचालनालय को प्रेषित किये गये हैं एवं उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है तथा कब तक जिला निवाड़ी में डी.डी.ओ. कोड जारी कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला निवाड़ी अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के पद पत्र दिनांक 04 अक्टूबर 2019 को स्वीकृत किये गये। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट 'अ' पर है। पद स्वीकृति के समय जिला टीकमगढ़ से 05 पद जिला निवाड़ी अन्तरित किये गये थे। कार्यभार ग्रहण करने संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' पर है। (ख) जी हाँ पद स्वीकृत किये गये है। उप संचालक सामाजिक न्याय निःशक्तजन कल्याण, जिला निवाड़ी का डी.डी.ओ. कोड जारी नहीं किया गया है। विगत 3 वर्षों में कलेक्टर, जिला निवाड़ी द्वारा डी.डी.ओ. कोड जारी किये जाने हेतु 08 पत्र संचालनालय को प्रेषित किये गये है। संचालनालय के पत्र क्रमांक/ 1773, दिनांक 07/09/2021 .द्वारा जिला निवाड़ी में आहरण एवं संवितरण अधिकारी घोषित किये जाने हेतु आयुक्त, कोष एवं लेखा की सहमति हेतु लिखा गया एवं दिनांक 01/10/2021 को स्मरण कराया गया। कोष एवं लेखा से सहमति प्राप्त होने पर जिला निवाड़ी में डी.डी.ओ. कोड जारी करने संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी।
जिला न्यायालय का गठन
[विधि एवं विधायी कार्य]
44. ( क्र. 1168 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवगठित जिला निवाड़ी के गठन के 04 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत निवाड़ी जिले में जिला न्यायालय की स्थापना नहीं की गई है? यदि हाँ, तो कारण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नवगठित जिला निवाड़ी में जिला न्यायालय की स्थापना कब तक कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति/जनजाति ग्रामों में विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
45. ( क्र. 1181 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिला के विकासखण्ड बासोदा एवं ग्यारसपुर अंतर्गत अनुसूचित जाति/ जनजाति बाहुल्य ग्रामों में क्या-क्या विकास कार्य किये? हाँ तो क्या-क्या? नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों में विकास की शासन स्तर पर कोई योजना हैं? हाँ तो क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना तथा अनुसूचित जाति बस्ती विकास, मजरे टोलों का विद्युतीकरण एवं अनुसूचित जाति वर्ग के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन का विस्तार योजना।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर शासकीय सेवा
[चिकित्सा शिक्षा]
46. ( क्र. 1186 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में कार्यरत तत्कालीन स्टाफ नर्स रामरति यादव के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा करने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) तत्कालीन स्टाफ नर्स रामरति यादव के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में रहते हुये बिना विभागीय अनुमति के फर्जी डिग्री प्राप्त करने तथा विभागीय अनियमितताओं के आरोप में जांच में दोषी साबित हो जाने के पश्चात् भी आज पर्यन्त तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) तत्कालीन स्टाफ नर्स रामरति यादव के विरूद्ध आज पर्यन्त तक उसे संरक्षण प्रदान करने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करने के संबंध में तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) अनुविभागीय राजस्व तहसील भाण्डेर जिला दतिया द्वारा अनुसूचित जाति का स्थायी प्रमाण पत्र RS/442/0104/16180/2015 दिनांक 25/07/2015 अनुसार रामरति जाटव जाति की सदस्य है तथा डिजिटल जाति प्रमाण पत्र की पुष्टि म.प्र. की Offical Website http://www.mpedistrict.gov.in/MPL/Index.aspx द्वारा की गई है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सही पाये जाने के कारण शेष कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितताओं की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
47. ( क्र. 1188 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के पैथोलॉजी विभाग के आरक्षण रोस्टर में दुर्भावनापूर्ण बदलाव करके अनुसूचित जनजाति के पद पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को नियम विरूद्ध पदोन्नति किये जाने के प्रकरण में विभागीय जांच में आरोप सही पाये जाने पर भी तत्कालीन रोस्टर प्रभारी पर आज दिनांक तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है तथा इस रोस्टर बदलाव के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार थे? (ख) आरक्षण रोस्टर में शासकीय नियम विपरीत बदलाव किये जाने पर रोस्टर प्रभारी को संरक्षण देने वाले वरिष्ठ अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गांधी मेडिकल कॉलेज स्वशासी समिति भोपाल की कार्यकारिणी समिति में लिए गए निर्णय दिनांक 01 मार्च 2021 अनुसार रोस्टर में हुई त्रुटि सुधार किया गया एवं दोषियों पर जिम्मेदारी निर्धारित की कार्यवाही की जा रही है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रकरण नस्तीबद्ध करना
[गृह]
48. ( क्र. 1189 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्पेशल टॉस्क फोर्स पुलिस, भोपाल द्वारा तत्कालीन शिकायतकर्ता बबीता मिश्रा सारंगपुर जिला-राजगढ़ की शिकायत पर श्री सुभाषचन्द्र शर्मा व अन्य की जांच पुलिस अधीक्षक शाजापुर से करवाकर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जा चुका है? नियुक्ति स्वरूप प्रमाण-पत्र जांच एवं विभागीय जांच में सत्य पाये जा चुके हैं। संविदा नियुक्त शाजापुर जिले में होने के पश्चात पुन: अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर जिला-राजगढ़ से जांच करवाने का औचित्य स्पष्ट करें। (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर को सभी माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित आदेश एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल के आदेश जिसमें शिकायतकर्ता की जांच रिपोर्ट क्रमांक 2100 दिनांक 09.06.2015 में लगाये गये सभी आरोप खारिज कर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जा चुका है? जांच के समय श्री सुभाषचन्द्र शर्मा द्वारा अपने बयान के साथ सभी पारित आदेशों से अवगत कराया जा चुका है? स्पष्ट करें। (ग) श्री सुभाषचन्द्र शर्मा द्वारा जांच अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर, जिला-राजगढ़ को अपने बयान एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित सभी आदेश, विभागीय जांच में विभागीय सत्यापन को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जायेगा अथवा नहीं? स्पष्ट करें। (घ) यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अभिन्यास/भू-खण्डों के अनुमोदन पर आपत्तियां
[सहकारिता]
49. ( क्र. 1192 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2022 में इन्दौर जिले की किन-किन सहकारी संस्थाओं के संबंध में आयुक्त सहकारिता के द्वारा अभिन्यास अनुमोदन/भू-खण्डों के विकास स्थल अनुमोदन की अनापत्तियां जारी की गई? अनापत्तियों की प्रति एवं जिन प्रश्नों के आधार पर अनापत्तियां जारी की गई हैं, उनकी प्रतियां दें? (ख) उक्त अनापत्तियां सहकारिता अधिनियम/उपनियम, नियम के तहत अनापत्तियां किन प्रावधानों के अन्तर्गत जारी की गई हैं? क्या पूर्व में भी कभी आयुक्त कार्यालय के स्तर से इस प्रकार अनापत्तियां जारी की गई थी? यदि नहीं, तो इस प्रकार कार्यवाही के लिए दोषी कौन है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनियमितता की जांच
[सहकारिता]
50. ( क्र. 1194 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौरव गृह निर्माण सहकारी समिति के संचालक मंडल को कब भंग किया था? आदेश की प्रति दें। (ख) क्या संयुक्त आयुक्त भोपाल द्वारा गौरव गृह निर्माण समिति के संचालक मण्डल को हटाये जाने के आदेश के विरूद्ध स्थगन जारी किया गया था और स्थगन अवधि में संचालक मंडल/अध्यक्ष द्वारा कई भू-खण्डों की रजिस्ट्रियां करा दी गई? यदि हाँ, तो स्थगन आदेश की प्रति दें तथा इस अवधि में किन-किन सदस्यों को भू-खण्डों की रजिस्ट्रियां की गई? उनका विवरण दें। (ग) क्या कुछ समय बाद संयुक्त आयुक्त द्वारा स्थगन समाप्त कर दिया गया? क्या संयुक्त आयुक्त द्वारा संचालक मण्डल में कोरम का अभाव होते हुए भी स्थगन जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह अनियमित कार्यवाही कर प्रश्रय दिया गया है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उत्तरदायी संयुक्त आयुक्त के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? गौरव गृह निर्माण सहकारी समिति के विरूद्ध कुल कितनी शिकायतें लंबित हैं और उन पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐं जिला भोपाल के आदेश क्रमांक/विधि/2020/311 दिनांक 28-01-2020 से। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अव्यवस्थित यातायात के संबंध में
[गृह]
51. ( क्र. 1201 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर मुरैना के न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी चौराहा पर कार्यालय कलेक्टर पहुँच मार्ग, कार्यालय जिला पंचायत पहुँच मार्ग एवं न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी पहुँच मार्ग के वाहन आवागमन से अतिव्यस्थित होने से दुर्घटना पॉइंट हो गया है? इस संबंध में यातायात पुलिस मुरैना द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? विगत तीन वर्षों में इस चौराहे से 200 मीटर की परिधि में कितनी दुर्घटना हुई और कितने मृतक/घायल हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या यह उचित नहीं होगा कि इस चौराहे पर ट्रेफिक सिग्नल लगाकर यातायात का सुचारू संचालन किया जावे? यदि हाँ, तो इस बावत् क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में ट्रेफिक सिग्नल लगाये जाने की प्रक्रिया के पूर्व यातायात पुलिस द्वारा अस्थाई रूप से बेरिकेट लगाकर सुचारू संचालन किया जा सकेगा जिससे दुर्घटनाओं से बचाव हो सके। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में विभाग की क्या कार्ययोजना है? समस्या का समाधान कब तक किया जावेगा? अद्यतन जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, चौराहे पर यातायात पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु निरंतर प्रयास किये गये हैं। जैसे चौराहे पर सफेद पट्टी की मार्किंग करायी गयी है। चौराहे पर एन.एच.ए.आई. के सहयोग से यातायात संकेतक बोर्ड, चेतावनी बोर्ड, गति सीमा साईन बोर्ड आदि संबंधी कार्य कराए गए हैं। नेशनल हाइवे-44 स्थित मुख्य मार्ग से जुड़ने वाली न्यू हाउसिंग बोर्ड की ओर जाने वाली रोड पर बैरिकेट एवं एन.एच.ए.आई. के सहयोग से ब्रेकर लगाए जा चुके हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। विगत 3 वर्षों में इस चौराहे से 200 मीटर की परिधि में कुल 21 दुर्घटनाएं घटित हुईं जिनमें कुल 02 मृतक एवं 15 व्यक्ति घायल हुए हैं। (ख) जी हाँ, उक्त चौराहे पर यातायात सिग्नल लगाए जाने हेतु यातायात पुलिस मुरैना द्वारा संबंधित सड़क एजेंसी एन.एच.ए.आई. को पत्र दिनांक 29.11.2022 के माध्यम से सूचित किया गया है। (ग) उक्त चौराहे पर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु यातायात पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। संबंधित सड़क एजेंसी एन.एच.ए.आई. को न्यू हाउसिंग बोर्ड चौराहे पर यातायात सिग्नल, न्यू हाउसिंग बोर्ड चौराहे से लेकर फ्लाई ओवर तक स्ट्रीट लाईट, अस्थाई बैरिकेट आदि प्रयास किये जा रहे है। थाना यातायात मुरैना से यातायात कर्मचारी यातायात के सुचारू संचालन हेतु तैनात किये जाते हैं। (घ) उक्त चौराहे पर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु यातायात पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। यातायात पुलिस द्वारा चौराहे पर नियमित चैकिंग की जाकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की जाती है तथा यातायात नियमों का पालन करने तथा निर्धारित गति सीमा में ही वाहन चालाने हेतु समझाइश दी जाती है। न्यू हाउसिंग बोर्ड चौराहे पर यातायात के नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बैनर, पोस्टर लगाये गये हैं। यातायात प्रबंधन निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अद्यतन जानकारी उक्तानुसार है।
गृह जिले में जेल प्रहरी एवं आरक्षकों की पदस्थापना
[गृह]
52. ( क्र. 1221 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गृह विभाग अन्तर्गत कार्यरत पुलिसकर्मी अपने गृह जिले में पदस्थ किये जा सकते हैं? (ख) क्या आरक्षक को उनके गृह जिले में पदस्थ किये जाने का नियम है? (ग) यदि नहीं, तो प्रदेश के गृह विभाग अन्तर्गत कितने पुलिस कर्मचारी माह अक्टूबर 2022 की स्थिति में गृह जिले में पदस्थ हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में नियम विरूद्ध पदस्थ पुलिसकर्मियों को नियमानुसार एवं आवश्यकतानुसार नवीन पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
53. ( क्र. 1269 ) कुँवर रबिन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चम्बल संभाग के जनजातीय जिला कार्यालयों में कितने तृतीय श्रेणी लिपिक/ प्रशिक्षक कार्यरत हैं और कौन कर्मचारी किस आदेश से क्या–क्या कार्य किस-किस दिनांक से संपादित कर रहे हैं? जानकारी जिलेवार मय कार्य आदेश की छायाप्रति सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत म.प्र. शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 की अवधि में किन-किन कर्मचारियों के स्वैच्छिक/प्रशासकीय स्थानांतरण हेतु प्रमुख सचिव एवं आयुक्त कार्यालय जनजातीय कार्य विभाग भोपाल स्तर पर कितने पत्र प्राप्त हुये? प्राप्त पत्रों की छायाप्रति मय स्थानांतरण नीति की जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) प्रश्नांश (ख) अन्तर्गत स्थानांतरण हेतु प्राप्त पत्रों में किन-किन कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये और किन कर्मचारियों के किस कारण स्थानांतरण नहीं किये गये? स्थानांतरण करने व स्थानांतरण न करने का कारण सहित जानकारी की छायाप्रति उपलब्ध करावे। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अन्तर्गत स्थानांतरण हेतु प्राप्त पत्रों के कर्मचारियों के स्थानांतरण किये जावेंगे? अगर हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) चंबल संभाग अंतर्गत जिला कार्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रमुख सचिव कार्यालय स्तर अंतर्गत कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मुख्यालय पर प्राप्त पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) श्री होतम सिंह अर्ध कुशल कारीगर का स्थानांतरण अवधि में पद रिक्त होने पर भिंड किया गया एवं श्री हरेन्द्र सिंह भदोरिया प्रशिक्षक का स्थानांतरण अवधि में स्थानांतरण न होने के कारण प्रस्ताव सी.एम.समन्वय में भेजा गया। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले की योजनाओं एवं अन्य कार्यों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
54. ( क्र. 1310 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सिवनी जिले के पशु चिकित्सा विभाग द्वारा वर्ष 2018 से आज दिनांक तक जिले में शासन/विभाग की योजनाओं एवं अन्य कार्यों हेतु प्रचार-प्रसार के दिनांक, स्थान व इसमें की गई व्यय राशि के विवरण सहित जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या सिवनी जिले में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक पशुओं के उपचार हेतु औषधियों व वैक्सीन (टीकाकरण) के लिए शासन/विभाग द्वारा कोई राशि या सामग्री प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो इसके व्यय करने की प्रक्रिया क्या म.प्र. भंडार क्रय नियम के तहत की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? इसके उपरांत क्रय सामग्री के बिल वाउचर की जानकारी प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
55. ( क्र. 1318 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि श्री विनोद पटवा आत्मज श्री संतोष कुमार पटवा निवासी एस.आर.पी. ग्रीन्स कालोनी, कुलामड़ी रोड़, नर्मदापुरम की शिकायत दिनांक 25.08.2022 के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अक्टूबर एवं नम्बर 2022 नगर निरीक्षक, देहात थाना, नर्मदापुरम् को पत्र लिखकर कार्यवाही हेतु लिखा गया था? (ख) क्या शिकायतकर्ता द्वारा विद्युत कर्मचारियों द्वारा डराने धमकाने एवं उनकी अनुपस्थिति में निवास में लगे मीटर क्रमांक 2775021737 से छेड़छाड़ करने के बाद मीटर निकाल लिया और उन पर 1.11 लाख की प्रकरण बनाकर बिल बनाने का उल्लेख शिकायत में किया गया है? (ग) जानकारी दे संबंधित शिकायत पर क्या प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उक्त शिकायत मूलतः विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा आवेदक के घर में प्रवेशकर विद्युत मीटर से छेड़छाड़ करने एवं झूठा बिजली चोरी का प्रकरण बनाकर 1,11,032 रूपये का बिल देने एवं उक्त बिल माफ किए जाने से संबंधित है। इस संबंध में महाप्रबंधक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, नर्मदापुरम को पत्र लेख कर की गई कार्यवाही के विषय में विस्तृत प्रतिवेदन चाहा गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर तद्नुसार कार्यवाही की जावेगी।
फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति हड़पने
[गृह]
56. ( क्र. 1319 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फर्जी तरीके अपनाकर बंगाली कालोनी नर्मदापुरम के छात्र आशुतोष हलधर आ. भुवन हलधर की छात्रवृत्ति हड़पने के शिकायती पत्र के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 4493 दिनांक 31.10.2022 से दिनांक 01.11.2022 को ईमेल द्वारा पुलिस अधीक्षक भोपाल को शिकायत की गयी? (ख) पुलिस प्रशासन द्वारा आशुतोष हलधर की शिकायत की जांच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये? (ग) क्या इस संबंध में कोई प्रकरण भी दर्ज किया गया है? यदि हाँ, प्रकरण क्रमांक की जानकारी देते हुए बतावें कि प्रकरण कब, कहाँ, किन लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है? यदि प्रकरण दर्ज नहीं किया गया तो इसके क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस अधीक्षक (देहात) जिला भोपाल के ई-मेल पर उक्त शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी, उक्त शिकायत पत्र माननीय विधायक महोदय के निज सचिव कार्यालय नर्मदापुरम से दिनांक 03.12.2022 को फोन पर चर्चा करने के उपरान्त व्हाट्सअप पर प्राप्त की जाकर थाना प्रभारी बैरसिया को दिनांक 03.12.2022 को जांच हेतु भेजी गई। (ख) आशुतोष हलधर की शिकायत जांच में आशुतोष हलधर एवं श्री चौहान सिंह मीना, संचालक, एम.पी. इंस्टीटयूट फैशन एण्ड डिजायनिंग महाविद्यालय (गुरूकुल) भैसौदा बैरसिया के कथन लिपिबद्ध किये गये। वर्तमान में शिकायत की जांच जारी है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में शिकायत की जांच जारी है। शिकायत जांच में आये तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
भूमि नीलामी की पुष्टि
[सहकारिता]
57. ( क्र. 1338 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक अधिनियम 1966 की धारा 21 में भूमि नीलामी की पुष्टि के संबंध में क्या प्रावधान था? (ख) क्या धारा 21 के संबंध में विधि विभाग से मत प्राप्त कर आयुक्त एवं पंजीयन सहकारी समितियों भोपाल को दिनांक 30/12/1987 को प्रेषित किया था? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो बताएं कि विधि विभाग के द्वारा क्या मत दिया था? उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या विधि विभाग ने विधि मत में यह उल्लेख किया है कि धारा 21 के प्रावधान अनुसार प्रमुख अधिकारी को अपने स्वविवेक से विक्रय कर पुनर्विचार करने अथवा उसे अपास्त करने का अधिकार नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इस स्थिति में पुष्टि के अलावा अन्य कोई विकल्प है? यदि हाँ, तो उसका उल्लेख करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) विधि विभाग का मत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में वर्णित अनुसार है।
गलत जानकारी प्रदान कराये जाना
[सहकारिता]
58. ( क्र. 1345 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की हिलटाप गृह निर्माण सोसायटी के अधिकांश सदस्यों द्वारा अपने निवास के पते गलत बताएं गए हैं? यदि नहीं, तो सोसायटी के समस्त सदस्यों सहित संचालक मण्डल के पते उपलब्ध करावें। (ख) क्या भोपाल की हिलटाप गृह निर्माण सोसायटी के सदस्यों द्वारा गलत पता/ जानकारी अंकित कराने को लेकर म.प्र. राज्य सहकारी संस्था अधिनियम/नियम के तहत कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। उप आयुक्त सहकारिता, जिला भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार संस्था की सदस्यता प्राप्ति के समय जो पते सदस्यों के द्वारा उपलब्ध कराये गये थे, वही पते संस्था रिकार्ड में अंकित है, जिन सदस्यों द्वारा पता संशोधन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये है, उनके पते संस्था अभिलेखों में अंकित किये गये है। संस्था के सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार एवं संचालक मण्डल के सदस्यों के पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मिलावटी दूध का सप्लाय
[पशुपालन एवं डेयरी]
59. ( क्र. 1346 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में दूध की मांग के अनुसार उत्पादन नहीं होता है? इसलिए पानी एवं डिटर्जेंट युक्त दूध सप्लाय किए जाने का मामला प्रकाश में आया है? (ख) यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि प्रदेश में कुल दूध का उत्पादन कितना होता है? खपत कितनी हाती है और दूध की कितनी मांग है? जिसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है इसके अतिरिक्त यह भी अवगत करावें कि दूध की शुद्धता के सेम्पल वर्ष 2019-20 से 2021-22 की अवधि में कुल कितने लिए गए? उसमें कितने अमानक पाए गए? वर्षवार जिलेवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि अमानक स्तर के दूध सप्लाय करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध और यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में दूध की मांग के अनुसार उत्पादन होता है। अमानक स्तर के दूध सप्लाई करने के कारण खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक खाद्य एवं औषधी प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रदेश में वर्ष 2020-21 में अनुमानित दूध उत्पादन 17999.30 हजार मेट्रिक टन हुआ है। प्रदेश में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति उपलब्धता लगभग 591.00 ग्राम है। दूध की खपत एवं मांग की जानकारी विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है। शेष जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अमानक स्तर के दूध सप्लाई करने वाले के विरूध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भोपाल के कैंसर रोग विभाग की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
60. ( क्र. 1353 ) श्री आरिफ मसूद : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल द्वारा संचालित रेडियो थेरेपी विभाग (कैंसर) के अंतर्गत कैंसर की सर्जरी हेतु कितने सर्जन प्रशिक्षित एवं कितने अप्रशिक्षित सर्जन वर्तमान में कार्यरत हैं। सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रशिक्षित सर्जनों द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने कैंसर पीडि़त मरीजों की सर्जरी की गई? वर्षवार आंकड़े उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या वर्तमान में कोई भी कैंसर सर्जन पदस्थ नहीं हैं? यदि हाँ, तो कब तक विभाग द्वारा कैंसर सर्जन की पदपूर्ति कर ली जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रेडियोथेरेपी विभाग में कैंसर सर्जन का पद स्वीकृत नहीं है। विभाग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रेडियोथेरेपी विभाग में कैंसर सर्जरी नहीं की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवेदन पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
61. ( क्र. 1357 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान किन-किन पुलिस थानों में कितने अपराध किन-किन विषयों से संबंधित थे? जिन पर अपराध पंजीबद्ध किये गये का विवरण जिलेवार थानेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध अपराधों में से कितने लूट, हत्या, बलात्कार चोरी, महिला उत्पीड़न के साथ अन्य अपराधों से संबंधित का विवरण पृथक-पृथक देते हुए बतावें कि इनमें अपराधियों की गिरफ्तारी की स्थिति क्या है? मादक पदार्थों जो शासन द्वारा प्रतिबंधित हैं, इनके अवैध बिक्री पर कितने अपराध पंजीबद्ध किये गये की भी जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पंजीबद्ध अपराधों में से मदिरा के अवैधानिक पैकारी वा मिलावट से कितने संबंधित हैं का विवरण पृथक-पृथक जिलेवार थानेवार देवें। प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पंजीबद्ध अपराधों से कितने अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किया जा चुका है एवं कितने पुलिस अभिरक्षा/जेल में है। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों में पुलिस महानिरीक्षक पुलिस अधीक्षक व पुलिस थानों में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान कितने शिकायती आवेदन पत्र किन-किन माहों में प्राप्त हुये? उनके निराकरण की स्थिति क्या है? इन आवेदन पत्रों पर कार्यवाही कर कितने अपराध किन थानों पर पंजीबद्ध किये गये और कितने आवेदन पर कार्यवाही लंबित है? रीवा जिले के थाना लौर में दिनांक 13.11.2022 ने आवेदन धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम सूजी, निशा पाण्डेय निवासी ग्राम गौरा हाल मुकाम पोखरी टोला, रीवा द्वारा महिला थाने रीवा में में शिकायत की गई थी, इनके आवेदन पत्रों पर क्या कार्यवाही कर अपराध पंजीबद्ध किया गया? अगर नहीं तो क्यों। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने, मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक न लगाने, मदिरा के पैकारी के रोक पर कार्यवाही न करने आवेदन पत्रों के समय पर निराकरण न करने अभियुक्तों को संरक्षण देने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। थाना लौर में दिनांक 13.11.2022 को आवेदक धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा की गई शिकायत की जाँच जारी है। आवेदिका निशा पाण्डेय द्वारा दिये गये आवेदन पत्र की जाँच उपरांत महिला थाना रीवा में अपराध क्रमांक 200/22 धारा 498ए, 506, 34 भादवि, 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम पंजीबद्ध होकर विवेचनाधीन है। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित अपराधों, मादक पदार्थों की बिक्री एवं मदिरा की पैकारी की सूचना प्राप्त होने पर विभाग द्वारा समुचित वैधानिक कार्यवाही की जाती है, अभियुक्तों को संरक्षण नहीं दिया गया है। अतः जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशुधन का परीक्षण
[पशुपालन एवं डेयरी]
62. ( क्र. 1361 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन ज़िले में गौसंरक्षण तथा संवर्धन के लिए पशुपालन विभाग के पास कितनी शासकीय भूमि चारा विकास के लिए उपलब्ध है? गौसंरक्षण तथा संवर्धन के लिए कौन-कौन सी गतिविधियां वर्तमान में प्रचलित हैं? उक्त गतिविधियों के लिए किन कार्यों में कितना खर्च किया जा रहा है? (ख) वर्तमान में उज्जैन ज़िले में कितने पशु चिकित्सा अनुसंधान जैविक संस्थाएं, विभागीय तकनीकी प्रशिक्षण संस्थाएं, दुग्ध उत्पाद कुकुटपालन एवं समुन्नत प्रजनन के लिए विभाग द्वारा कितनी संस्थाओं का पंजीयन किया गया है? कुल कितनी शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाएं कार्यरत हैं? शासन की ओर से कितनी योजनाओं में गैर शासकीय संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है? (ग) पशुधन कुक्कुट विकास निगम गौ सेवा आयोग तथा स्टेट को-ऑपेरेटिव डेयरी फेडरेशन के माध्यम से कौन-कौन से कार्य उज्जैन ज़िले में करवाए गए हैं? वर्तमान में उन कार्यों की स्थिति क्या है? पशुधन वृद्धि में तथा चारा विकास में वर्तमान में उज्जैन ज़िले की स्थिति क्या है? विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए समस्त गतिविधियों की वित्तीय अभिलेख के साथ विगत 05 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट एवं प्रत्येक गतिविधि का बिन्दुवार विवरण सभी संस्थाओं के ब्यौरों के साथ उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) कोई शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'', ''द'', ''घ'' अनुसार।
बजट की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
63. ( क्र. 1373 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक आदिवासी उपयोजना में किस-किस विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि का बजट में प्रावधान किया गया, विभाग द्वारा उसमें से कितनी राशि किस-किस मद में खर्च की गई? कितनी गई राशि लेप्स हो गई? (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत 2017-18 से 2022-23 तक कितना प्रावधान था? कितना व्यय किस-किस जिले में किस-किस कार्य के लिए किया गया? (ग) विशेष केन्द्रीय सहायता के मद में वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक भारत सरकार से प्राप्त राशि कितनी-कितनी है तथा कितना-कितना व्यय किया गया? कार्य और हितग्राही का भौतिक लक्ष्य तथा वास्तविक प्राप्ति बतावें। (घ) संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक भारत सरकार से प्राप्त राशि व्यय की गई राशि की जानकारी दें तथा बताया कि भौतिक लक्षित तथ उपलब्धियों की संख्या क्या है? इस योजना में क्या-क्या प्रमुख कार्य किये गये? (ड.) क्या आदिवासी उपयोजना केन्द्र सरकार से प्राप्त विभिन्न मद में विशेष सहायता राशि का उपयोग आदिवासियों के कल्याणकारी कार्य के स्थान पर, गैर आदिवासी क्षेत्र में किया गया और प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रूपया लेप्स भी हो गया। यदि हाँ, तो उसकी विस्तृत जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत जिलेवार जारी आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता की वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार' एवं अनुसूचित जाति विशेष केन्द्रीय सहायता की वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट तीन एवं एक अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'चार' अनुसार है। (ड.) जी नही, आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत प्राप्त राशि का उपयोग भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति अनुसार, आदिवासियों के कल्याणकारी कार्य में किया गया है, गैर आदिवासी क्षेत्र में नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आत्महत्या की जानकारी
[गृह]
64. ( क्र. 1379 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2020 से अक्टूबर, 2022 तक प्रतिमाह जिलेवार आत्महत्या के आंकड़े पुरूष, महिला, बच्चे के कितने हुए? (ख) बतावें कि जनवरी, 2019 से अक्टूबर, 2019 तक की तुलना में जनवरी, 2022 से अक्टूबर, 2022 तक कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार।
नागदा में न्यायालय भवन के भूमि चयन में विलंब
[विधि एवं विधायी कार्य]
65. ( क्र. 1391 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा नागदा में न्यायालय भवन निर्माण हेतु भूमि चयन के संबंध में स्वीकृति प्रदान करने हेतु मांग करने पर माननीय मुख्यमंत्री के पत्र क्रमांक 2994/सीएमएस/एमएलए/ 212/2022 दिनांक 13/09/2022 व 3029/सीएमएस/एमएलए/212/2022 दिनांक 16/9/2022 व अन्य पत्रों द्वारा पीएस राजस्व द्वारा क्या कार्यवाही की गई हैं? (ख) नागदा में न्यायालय भवन निर्माण हेतु स्थान का चयन कब तक कर लिया जाएगा? विलंब का क्या कारण हैं? विवरण दें। (ग) नागदा में दो अतिरिक्त जिला न्यायालय, चार प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो यह किन-किन स्थानों पर बैठकर न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण करते है तथा इन न्यायालयों के अंतर्गत कितने प्रकरण विचाराधीन हैं? थानेवार विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
यूरिया खाद किसानों को उपलब्ध नहीं होना
[सहकारिता]
66. ( क्र. 1392 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2021 से 27/11/2022 के मध्य यूरिया, डी.ए.पी. सुपर फास्फेट को छोड़कर अन्य रासायनिक व जैविक खाद निर्माता कौन-कौन सी कम्पनियों द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा खाचरौद, शाखा घिनौदा, शाखा नागदा की सेवा सहकारी संस्थाओं को कौन-कौन सा रासायनिक व जैविक खाद कितनी-कितनी मात्रा में कब-कब किस रेट के तहत उपलब्ध कराया है? पृथक-पृथक दिनांकवार सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) किसानों द्वारा सोसायटियों द्वारा जो रासायनिक व जैविक खाद उपलब्ध कराया गया है वो घटिया किस्म का अवमानक है कि शिकायत करने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या विभाग द्वारा सप्लाय खाद को लैब में टेस्ट हेतु पहुँचाया जायेगा? यदि हाँ, तो टेस्ट रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (ग) उपरोक्त समयावधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा खाचरौद, शाखा घिनौदा, शाखा नागदा की सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को ऋण के साथ दी जाने वाली यूरिया, डी.ए.पी. सुपर फास्फेट को छोड़कर रासायनिक व जैविक खाद कितने किसानों को कितनी मात्रा में दी गई? रासायनिक व जैविक खाद का नाम, निर्माता कम्पनी का नाम, जिन किसानों को प्रदान की गई, उनके नाम, गांव के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (घ) खाचरौद तहसील में कौन-कौन सी कम्पनी द्वारा रासायनिक या जैविक खाद का निर्माण किया जाता है? यदि हाँ, तो किस कम्पनी द्वारा कौन से खाद, किस ब्राण्ड के नाम से किस रेट में बेचा जाता है? कम्पनी का नाम स्थान सहित विवरण दें? (ड.) नागदा-खाचरौद अन्तर्गत संचालित सेवा सहकारी संस्थाओं में तथा व्यापरियों को दिनांक 01 जुलाई, 2022 से 28 नवम्बर, 2022 तक कितना खाद यूरिया, डीएपी, पोटास दोनों को कितने-कितने प्रतिशत दिया गया है और आवंटित यूरिया तथा अन्य खादों को कितने किसानों को बांटा गया? कितने किसानों को खाद बांटना शेष है? (च) वर्ष 2018 के पूर्व व वर्तमान में दिनांक 28/11/2022 को यूरिया, डीएपी, पोटास आदि रासायनिक खादों का सोसायटियों व बाजार में किस मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराया गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2021 से दिनांक 27.11.2022 तक यूरिया, डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट को छोड़कर अन्य रासायनिक व जैविक खाद निर्माता कंपनियों द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा खाचरौद, घिनौदा एवं शाखा नागदा की सेवा सहकारी संस्थाओं को प्रदाय की गई खाद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) किसानों द्वारा, सोसायटियों द्वारा जो रासायनिक व जैविक खाद उपलब्ध कराया गया उसके घटिया किस्म का अमानक होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार प्रश्नावधि में उर्वरक के 43 नमूने भेजे गये, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा खाचरौद, शाखा घिनौदा, शाखा नागदा की सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को ऋण के साथ दी जाने वाली यूरिया, डीएपी, सुपर फास्फेट को छोड़कर रासायनिक व जैविक खाद किसानों को प्रदाय की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार खाचरौद तहसील में कल्याण जिंक सल्फेट 21-ए विवेकानन्द कॉलोनी उज्जैन की निर्माण इकाई ग्राम उमरना तहसील खाचरौद जिला उज्जैन द्वारा सूक्ष्म तत्व उर्वरकों का निर्माण किया जाता है। प्रश्नावधि में कंपनी द्वारा जिंक सल्फेट एवं मैग्नीशियम सल्फेट का निर्माण किया गया, जिसे म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भोपाल द्वारा निर्धारित की गई दर पर कल्याण ब्राण्ड के नाम से विक्रय किया जाता है। (ड.) नागदा, खाचरौद अन्तर्गत संचालित सेवा सहकारी संस्थाओं पर प्रश्नावधि में यूरिया, डीएपी एवं पोटाश के वितरण किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार, व्यापारियों को खाद प्रदाय किये जाने के कोई नीति निर्देश नहीं है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है।
निर्माण कार्य कराए जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
67. ( क्र. 1433 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा मुरैना क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित बाहुल्य बास्तियों में सी.सी. रोड, सामुदायिक भवन निर्माण एवं अम्बेडकर पार्क की बाउण्ड्री निर्माण कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 438/2021 दिनांक 23/05/2022 में प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति कल्याण भोपाल को दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पत्र में दर्शित कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कब तक निर्माण कार्यों को कराया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं है।
गलत जानकारी देने वालों पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
68. ( क्र. 1434 ) श्री
राकेश मावई : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
वर्ष 2011 की
जनगणना
अनुसार जिला
मुरैना की
अनुसूचित जनजाति
की सूची में
माझी जनजाति (जिला
मुरैना - 419
पर) 3208 व्यक्ति
दर्शाए गए हैं? यदि हाँ, तो मुरैना
कलेक्टर
कार्यालय के
पत्र
क्रमांक/एस.सी.-2 ता.प्र.
क्रमांक 3809/24/2021/2784
मुरैना
दिनांक 25-02-2021
द्वारा जिला
मुरैना में
माझी जनजाति
को निवासरत
नहीं होना क्यों
बताया गया? गलत
जानकारी पत्र
में क्यों दी
गई? इसके
लिए कौन दोषी
है? क्या
दोषी के
विरूद्ध कोई
कार्यवाही की
जाएगी?
(ख)
वर्ष
2011
अनुसार जिला
मुरैना में
निवासरत सभी
अनुसूचित
जनजाति वर्ग
की सूची उपलब्ध
कराएं।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) एवं (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
सहकारी संस्थाओं के पंजीयन निरस्त करने
[सहकारिता]
69. ( क्र. 1445 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर अंतर्गत मॉ दुर्गा प्रा.सह, बिराट श्री कृष्ण प्रा. सह., उपकार प्रा.सह, मिलन महिला प्रा.सह, न्यू पूनम प्रा.सह., न्यू सत्यम महिला प्रा.सह, पुष्कर महिला प्रा.सह गोविन्द प्रा.सह उपभोक्ता भण्डार की सभी सहकारी संस्थायें सहकारिता विभाग में पंजीकृत हैं? यदि हाँ, तो क्या इन संस्थाओं के संचालकों द्वारा अन्य व्यक्ति को संस्थाओं की बिक्री की जानकारी सहकारिता विभाग को है अथवा नहीं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार सभी संस्थाओं द्वारा सभी संस्थायें एक ही व्यक्ति को बेच दी गई हैं? यदि हाँ, तो क्या संस्था बिक्री की परमीशन सहकारिता विभाग से खाद्य विभाग ने ली है? सहकारिता विभाग के किस अधिकारी से संस्थाओं की बिक्री की अनुमति दी है? संस्था बिक्री नियम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या अन्य व्यक्ति को प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भण्डार की संस्थाओं को बिक्री करने का अधिकार अथवा नियम हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, हैं तो गलत तरीके से नियम विरूद्ध एक की व्यक्ति को बिक्री की गई इन सभी संस्थाओं का पंजीयन प्रश्न दिनांक तक निरस्त क्यों नहीं किया गया? इन सभी संस्थाओं का पंजीयन कब तक निरस्त कर दिया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी नही। (ख) सहकारी संस्थाओं की बिक्री का कोई प्रावधान सहकारी अधिनियम एवं नियमों में नहीं है। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकरण की जांच कर यथेष्ठ कार्यवाही करने के निर्देश उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल को दिए गए है। (ग) जी नही। शेष के संबंध में जांच उपरान्त यथेष्ठ कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में पूर्व विधायकों पर हुए हमलों की जानकारी
[गृह]
70. ( क्र. 1446 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अंतर्गत गत 5 वर्षों में पूर्व विधायकों अथवा उनके निवास स्थानों पर हमला करने या अन्य वारदात करने के कितने प्रकरण प्राप्त हुए तथा कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई? उनमें से कितने प्रकरणों पर कार्यवाही करके सुलझाया गया? संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या 25 व 26 अक्टूबर, 2022 के रात्रि में कटनी (मुड़वारा 93) के पूर्व विधायक श्री गिरिराज किशोर पोद्दार के निवास पर कोइ डकैती अथवा षड़यंत्र पूर्व सशस्त्र वारदात का प्रयास हुआ तथा वारदात में प्रयुक्त हथियार घटना स्थल पर पाया गया? क्या किसी हथियार की जब्ती कर पुलिस द्वारा पंचनामा बनाया गया तथा स्थल पर फौरेंसिक टीम, डॉगस्क्वाइड एवं अपराधियों के आने जाने का नजरी नक्शा बनाया गया? क्या लौगीट्यूड, लैटिट्यूड लेकर सी.डी.आर. लोकशन ली गई तथा सी.सी.टी.वी. कैमरा से अपराधियों की पहचान करने का प्रयास किया गया? क्या वर्ष 2018 में भी उनके निवास पर इसी तरह की कोई वारदात अथवा हमला करने का प्रयास हुआ था? सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) पुलिस द्वारा प्रश्नांश (ख) के प्रकरण में कार्यवाही करके क्या निष्कर्ष प्राप्त किया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में पिछले 05 वर्षों में पूर्व विधायकों अथवा उनके निवास स्थानों पर हमले अथवा अन्य वारदात करने के 06 प्रकरण प्राप्त हुये हैं। सभी 06 प्रकरणों में प्राथमिक सूचना (एफ.आई.आर.) दर्ज की गई है। सभी प्रकरणों में कार्यवाही करके 02 प्रकरणों में चालान किये गये हैं एवं 04 प्रकरण विवेचनाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) दिनांक 26.10.2022 की रात्रि में माननीय पूर्व विधायक श्री गिरिराज किशोर पोद्दार के निवास पर गृह अतिचार कर गाली गलौच करने की सूचना प्राप्त होने पर थाना कोतवाली जिला कटनी में अपराध क्र. 787/22 धारा 451, 294 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान धारा 452 भादविएवं 25 आर्म्स एक्ट बढ़ाई गई है। घटनास्थल पर एक चाकू पाया गया है, जिसे जप्त कर जप्ती पंचनामा बनाया गया है। घटनास्थल पर पूर्व से ही काफी लोग एकत्रित होने के कारण डॉग स्क्वाड एवं फॉरेन्सिक टीम का उपयोग नहीं किया जा सका। घटनास्थल का नजरी नक्सा बनाया गया है। लोंगीट्यूड/लेटिट्यूड लेकर डाटा एकत्रित कर परीक्षण किया जा रहा है। सीसीटीव्ही कैमरा से अपराधी की पहचान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रकरण में लगातार विवेचना की जाकर अज्ञात आरोपी की पतारसी के प्रयास किये जा रहे हैं। रिकार्ड के आधार पर वर्ष 2018 में इस तरह की वारदात का प्रयास होने की सूचना प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संबंध में थाना कोतवाली कटनी में अप0क्र0 787/22 धारा 451, 294 भादवि पंजीबद्ध किया गया एवं विवेचना के दौरान धारा 452 भादवि एवं 25 आर्म्स एक्ट का ईजाफा किया गया है। प्रकरण अनुसंधान में है, प्रकरण की विवेचना में प्राप्त साक्ष्यों के अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
स्वयंसेवी संस्थाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 1470 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर एवं इन्दौर संभाग में जनजातीय कार्य विभाग के अन्तर्गत कौन-कौन से अशासकीय संस्था, स्वयंसेवी संस्था कहां-कहां पर कब से क्या-क्या कार्य कर रहे है? संस्थावार संस्थाओं के उद्देश्य बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी संस्थाओं को वर्ष 2020, 2021, 2022 में कब-कब, कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु दी गयी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सभी संस्थाओं के कार्य अच्छे हैं? अगर हाँ तो कौन-कौन से संस्था के क्या-क्या कार्य अच्छे हैं और अगर नहीं तो बतावें कौन-कौन से संस्था के कार्य अच्छे नहीं हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जबलपुर एवं इंदौर संभाग में जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत कार्य कर रही अशासकीय संस्थाओं का विवरण संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) अशासकीय संस्थाओं को शैक्षणिक संस्थाओं हेतु शासन द्वारा दी गई जिलेवार राशि का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सभी अशासकीय संस्थाए जनजातीय वर्ग के शैक्षणिक सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु कार्य कर रही है।
गौशाला अनुदान राशि की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
72. ( क्र. 1478 ) श्री सुनील उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु विद्यासागर गौसंवर्धन योजना में 10.00 लाख का ऋण स्वीकृत हेतु क्या प्रावधान रखा गया है? छिंदवाडा जिले में विकासखण्डवार कितने-कितने प्रकरण वर्ष 2018 से आज दिनांक तक स्वीकृत हुये हैं? (ख) क्या किसानों को दो लाख तक का ऋण किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बिना ब्याज की राशि डेयरी उद्योग हेतु प्रदाय करने हेतु पशुपालन एवं सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण कृषि बैंकों से देने का प्रावधान है तो छिंदवाडा जिले में कितने प्रकरण इस योजना में स्वीकृत हुये हैं तथा कितने प्रकरण विचाराधीन हैं? (ग) छिंदवाडा जिले में ब्लाकवार कितनी गौशालाए स्वीकृत और संचालित हैं? उनमें वर्तमान में कितने पशुधन गायें रहती हैं तथा कितनी राशि का भुगतान गौशालाओं के संचालन हेतु राज्य सरकार से वर्षवार आज दिनांक तक प्रति गौशाला आवंटन मिला है? (घ) क्या गौशाला में गाये देखरेख एवं बजट समय से न मिलने से मर रही हैं? किस-किस गौशाला में कितनी कितनी गायों की मृत्यु हुयी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समितियों को उपार्जन केन्द्रों से हटाया जाना
[सहकारिता]
73. ( क्र. 1484 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा खरीफ एवं रबी की फसलों की खरीदी हेतु सेवा सहकारी साख समितियों द्वारा उपार्जन कार्य समितियों के आय के मुख्य स्त्रोतो में शामिल हैं? (ख) क्या बालाघाट जिले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा वर्तमान में खरीफ फसलों के उपार्जन हेतु बहुत सी समितियों को उपार्जन केन्द्रों की सूची से हटा दिया गया है। कृपया सूची से हटने के कारण बताते हुए विभाग सहकारी समितियों द्वारा हुई गड़बड़ी के लिए क्या कार्यवाही करेगा ताकि अन्य समितियां उपार्जन का कार्य ठीक से कर सकें? (ग) बालाघाट जिले में खरीफ फसलों के उपार्जन से हटायी गयी सहकारी समितियों के नाम हटाने के कारण तथा विभाग द्वारा उन पर की गयी कार्यवाही की जानकारी दें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, अन्य स्त्रोतों में सम्मिलित है। (ख) जी हाँ, उपार्जन नीति प्रावधान अनुसार निर्देशों का पालन नहीं किए जाने के कारण कुछ समितियों को उपार्जन कार्य से हटाया गया है, उपार्जन नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। बैंक द्वारा इन समितियों के उपार्जन प्रभारियों से राशि वसूली के नोटिस जारी किए गए हैं, संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई किए जाने की प्रक्रियान्तर्गत जांच के निर्देश उप आयुक्त सहकारिता जिला बालाघाट को कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, म.प्र. द्वारा दिनांक 15-12-2022 को जारी किए गए हैं। (ग) बालाघाट जिले में खरीफ फसलों के उपार्जन से हटाई गई सहकारी समितियों के नाम, हटाने के कारण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है, उत्तरांश (ख) अनुसार जांच के निर्देश दिये गये हैं।
रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
74. ( क्र. 1485 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभिन्न जिले के जिला पुलिस बल में आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक उप निरीक्षक, निरीक्षक तथा उप पुलिस अधीक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी दें तथा ये पद कब से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सभी पदों हेतु महिलाओं के रिक्त पदों की जानकारी देते हुए बतायें कि ये पद कब से रिक्त हैं? (ग) विगत पांच वर्षों में विभिन्न जिलो में सेवानिवृत्त हुए पुलिस कर्मियों तथा अधिकारियों की जानकारी उपलब्ध करावें। विभाग में सीधी भर्ती वाले पदों पर कब से भर्ती प्रक्रिया नहीं की गयी है? सीधे भर्ती वाले पदों पर भर्ती कब तक की जायेगी? (घ) माननीय गृह मंत्री म.प्र. शासन द्वारा क्या नक्सल प्रभावित जिलों में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय युवाओं की भर्ती पुलिस बल में करने की बात कही गयी थी? यह बात कब की गयी थी तथा उनकी बात पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्मार्ट क्लास हेतु प्राप्त राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
75. ( क्र. 1486 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संरक्षण सह विभाग योजना (सी सीडी प्लान) के अन्तर्गत स्मार्ट क्लास हेतु बालाघाट जिले को राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो जिले को वित्तीय वर्ष 2021-22 में कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, कितनी-कितनी राशि कब-कब, किस-किस संस्था को आवंटित की गई? (ग) स्मार्ट क्लास हेतु प्राप्त राशि से संस्थाओं द्वारा कब-कब, किस-किस संस्था से कितनी-कितनी राशि को स्मार्ट क्लास हेतु उपकरणों की खरीदी की गई? तत्संबंध में शासन विभाग द्वारा प्राप्त आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) विभाग/शासन द्वारा संस्थाओं के प्राचार्यों को प्रदत्त वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकारों की प्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले को दिनांक 20.07.2022 को राशि रूपये 212.40 लाख दी गई एवं दिनांक 05/10/22 को 36 हायर सेकेण्डरी स्कूल को प्रति संस्था राशि रूपये 5.90 लाख आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) स्मार्ट क्लास हेतु प्राप्त राशि से संस्थाओं द्वारा व्यय राशि एवं उपकरण खरीदी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। निर्देशों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है।
शासकीय चिकित्सा शिक्षकों की सेवाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
76. ( क्र. 1489 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शासकीय चिकित्सा शिक्षकों के मध्यप्रदेश सोसायटी पंजीकरण अधिनियम-1973 के तहत पंजीकृत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति, स्थानांतरण, नवीन पदस्थापना, नवीन सीधी भर्ती, नवीन प्रमोशन पर सीधी भर्ती, संविदा की सेवाएं नियमित किए जाने पर, पुरानी सेवा से इस्तीफा देकर आने पर या इस्तीफा बिना दिये आने पर, पुरानी शासकीय सेवा का अनुभव, अवकाश के लाभ, पदोन्नति में लाभ, वेतन निर्धारण में लाभ, वेतन भत्ते का निर्धारण, पेंशन निर्धारण में उपयोग, सेवा पुस्तिका का स्थानांतरण कर पुरानी सेवाएं निरंतर जारी रखी जाती हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कौन सी सेवाओं का लाभ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में जाने पर नहीं दिया जाता है? विस्तृत जानकारी दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : जी हाँ। शासन के प्रचलित नियम-निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चयनित शासकीय मेडीकल ऑफिसर्स
[चिकित्सा शिक्षा]
77. ( क्र. 1490 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शासकीय मेडीकल ऑफिसर्स के मध्यप्रदेश सोसायटी पंजीकरण अधिनियम-1973 के तहत पंजीकृत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति, स्थानांतरण, नवीन पदस्थापना, नवीन सीधी भर्ती, नवीन प्रमोशन पर सीधी भर्ती, संविदा की सेवाएं नियमित किए जाने पर, पुरानी सेवा से इस्तीफा देकर नियमित किए जाने पर या इस्तीफा बिना दिए आने पर, संविलियन किए जाने पर पुरानी शासकीय सेवा का अनुभव, अवकाश के लाभ, पदोन्नति में लाभ, वेतन निर्धारण में लाभ, वेतन भत्ते का निर्धारण, पेंशन निर्धारण में उपयोग, सेवा पुस्तिका का स्थानांतरण कर पुरानी सेवाएं निरंतर जारी रखी जाती हैं अथवा नहीं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन से मेडीकल आफिसर्स हैं, जिनको संविलियन कर इस प्रकार का लाभ दिया गया है? नाम की सूची बतायें तथा इस प्रकार के मेडीकल आफिसर्स को संविलियन न कर लाभ नहीं दिया गया है उनके नामों की सूची बतायें। यदि नहीं, तो कौन सी सेवाओं का लाभ चिकित्सा महाविद्यालयों में जाने पर नहीं दिया जाता है? विस्तृत जानकारी दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दिव्यांग उपकरण खरीदी में अनियमितता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
78. ( क्र. 1492 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण भोपाल के पत्र क्रमांक दिस8/2019/2663 दिनांक 03.10.2019 के आदेश द्वारा 01 लगायत 06 बिंदुओं की जानकारी चाही गई थी, क्या जानकारी संचालनालय भोपाल को भेज दी गई है और नियम विरुद्ध दिव्यांग उपकरण खरीदी में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) श्री धनंजय मिश्रा ने प्रभारी उप संचालक दतिया रहते हुए कितनी राशि के भुगतान किए हैं? भुगतान के वाउचर सहित जानकारी देवें। (ग) श्री धनंजय मिश्रा प्रभारी उप संचालक दतिया, एसीईओ जिला पंचायत दतिया एवं जनपद सीईओ सेवड़ा में एक साथ तीनों पदों में रहते हुए लोकायुक्त में प्रकरण होने पर भी स्थानांतरण क्यों नहीं किया जा रहा है एवं किए गए स्थानांतरण को निरस्त क्यों किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ, उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जिला दतिया द्वारा सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण संचालनालय भोपाल को जानकारी प्रेषित की गई है। नियमानुसार ही दिव्यांग उपकरण क्रय किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) श्री धनंजय मिश्रा ने प्रभारी उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जिला दतिया रहते हुये कृत्रिम अंग उपकरण मद में विभाग द्वारा प्रदत्त आवंटन के विरूद्ध राशि रूपये 3,93,562 +33,09,875 =37,03,437/- (कुल) का नियमानुसार भुगतान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) श्री धनंजय मिश्रा की मूल पदस्थापना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की होने से, विषय उक्त विभाग से संबंधि।
आयोजन एवं उपहार सामग्री की गुणवत्ता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
79. ( क्र. 1493 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना 2022 के बिंदु क्रमांक 8 कार्यक्रम के आयोजन हेतु अधिकृत संस्था नगरीय निकाय दतिया भांडेर सेवड़ा इंदरगढ़ बड़ोनी, जनपद पंचायत भांडेर, जनपद पंचायत सेवड़ा ना बनाकर केवल जनपद पंचायत दतिया को ही क्यों अधिकृत किया गया? बिंदु क्रमांक 8.1 एवं 8.2 का पालन क्यों नहीं किया गया? (ख) योजना के बिंदु क्रमांक 13 मधु को उपहार सामग्री प्रदान करने की प्रक्रिया एवं बिंदु क्रमांक 14 दरों के निर्धारण हेतु प्रक्रिया तथा बिंदु क्रमांक 17 कार्यक्रम के आयोजन एवं उपहार सामग्री की गुणवत्ता कंडिका 7.2 एवं 7.3 का पालन क्यों नहीं किया गया? (ग) भांडेर जनपद के अंतर्गत आज दिनांक तक उपहार सामग्री का वितरण क्यों नहीं किया गया? उपरोक्त संबंध में प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) योजना के बिंदु क्रमांक 8 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन हेतु ग्रामीण क्षेत्र- जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र- नगरीय निकाय संस्था अधिकृत है। बिंदु क्रमांक 8.1 एवं 8.2 के पालन में सामूहिक विवाह सम्मेलन की तिथि निर्धारण हेतु नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायत को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1541 दिनांक 11/05/2022 के परिपालन में मात्र जनपद पंचायत दतिया द्वारा 20 मई 2022 को सामूहिक विवाह सम्मेलन प्रस्ताव भेजा गया। जिसका माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा अनुमोदन किया गया। तद्नुसार जिले की अन्य निकाय द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की कन्याओं को नियत तिथि में सामूहिक विवाह में सम्मिलित कराया गया। (ख) योजना के बिंदु क्रमांक 13 एवं 14 के अनुसार वधु को उपहार सामग्री प्रदान करने की विधिवत प्रक्रिया का पालन करते हुए समिति का गठन कर भंडार क्रय नियमों का पालन करते हुए दरों एवं विक्रेताओं का निर्धारण किया गया है। बिंदु क्रमांक 17 कार्यक्रम के आयोजन एवं उपहार सामग्री की गुणवत्ता के लिये कंडिका 7.2 एवं 7.3 में जिला एवं जनपद स्तरीय समिति का गठन किया गया है। (ग) जनपद पंचायत भांडेर में वधु को दी जाने वाली उपहार सामग्री का वितरण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[विधि एवं विधायी कार्य]
80. ( क्र. 1495 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया खिरसाडोह में स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायालय के भवन निर्माण कार्य में अत्यधिक विलम्ब किया जा रहा है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) अतिरिक्त सत्र न्यायालय के भवन का निर्माण कार्य कब तक विभाग द्वारा पूर्ण कराकर कोर्ट को प्रारंभ करा दिया जायेगा? (ग) परासिया खिरसाडोह में स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायालय हेतु कब तक न्यायधीशों की नियुक्ति करा दी जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम जड़ेरूआ में तिलहन संघ के प्लान्ट की जानकारी
[सहकारिता]
81. ( क्र. 1496 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल सम्भाग के मुरैना जिले के ग्राम जडे़रूआ में तिलहन संघ के प्लान्ट की नवम्बर 2022 में क्या स्थिति है? पूर्ण जानकारी भवन मशीनों, कर्मचारियों सहित दी जावे। (ख) उक्त प्लान्ट कब से बन्द पड़ा है? बन्द होने के क्या कारण रहे हैं? वर्तमान में उसके रख-रखाव पर प्रति वर्ष कितना खर्चा किया जा रहा है? बन्द के समय से अब तक की जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त प्लान्ट के साथ तिलहन संघ की ओर भी कोई सम्पत्ति, मशीन, भवन आदि है? यदि है तो किस स्थिति में कहां पर है? शासन द्वारा उक्त सम्पत्ति व प्लान्ट के वारे में संचालन, समापन की क्या योजना है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) नवम्बर 2022 तक संयंत्र जडेरूआ प्लान्ट की समस्त मशीनरी का विक्रय किया जा चुका है। वर्तमान में प्लान्ट पर हेल्पर-1 आपरेटर-2 कुल तीन कर्मचारी पदस्थ है। प्लान्ट जडेरूआ पर आवासीय 31, भवन 05, गोडाउन 01, प्रशासकीय भवन 01, टाइम आफिस 01, केन्टीन भवन निर्मित है। (ख) जडेरूआ प्लान्ट वर्ष 2004 से बन्द है। मुख्य रूप से बन्द होने के कारण वित्तीय घाटा रहा है। बंद के समय से अद्यतन रख-रखाव मद में कोई व्यय नहीं किया गया है। वर्ष 2004-05 से अद्यतन स्थिति तक जडेरूआ केन्द्र पर किये गये व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के (अ) अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्लांट के साथ तिलहन संघ की अन्य सम्पत्तियों एवं उनकी स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ब) अनुसार है। राज्य शासन के निर्णय दिनांक 29.07.2013 के अनुसार तिलहन संघ की परिसंपत्तियों का विक्रय कर देयताओं का निराकरण किया जाना है, साथ ही शासन द्वारा प्रदाय की गई भूमि उनको वापस किया जाना है। तिलहन संघ की परिसंपत्तियों के विक्रय का कार्य लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। शासन को भूमि लौटाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
पदस्थ अधीक्षक एवं उप-अधीक्षक का स्थानांतरण
[जेल]
82. ( क्र. 1510 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी किस-किस जैल में 1 नवम्बर 2022 की स्थिति में रखे गये हैं? जेल का नाम, जिला, कुल कैदी रखे जाने की क्षमता, वर्तमान में रखे गये कैदियों की संख्या, क्षमता से अधिक रखे गये कैदियों की संख्या बतावें। क्या शासन इन अतिरिक्त कैदियों के रखने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) मध्यप्रदेश की ऐसी कौन-कौन सी जेल या उप-जेल हैं जिन में जेल-अधीक्षक या उप-अधीक्षक अपनी पदस्थापना दिनांक से 3 वर्ष से अधिक एक ही जेल या उप-जेल में पदस्थ हैं? उनके नाम, पद तथा जेल एवं उप-जेल तथा जिले का नाम बतावें। क्या 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ जेल या उप-जेल अधीक्षक का अन्यत्र स्थानान्तरण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ग्वालियर जिले की केन्द्रीय जेल ग्वालियर एवं डबरा जेल में 1 नबम्वर 2022 की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक तथा मोबाईल नम्बर बतावें। इन पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के अलावा किस-किस स्तर के कितने-कितने पद रिक्त हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 नवम्बर, 2022 की स्थिति में क्षमता से अधिक कैदियों का जेलवार, जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ, प्रदेश में 01 केन्द्रीय जेल, 03 जिला जेल व 01 खुली जेल का निर्माण एवं कार्यरत् जेलों में 50 अतिरिक्त बैरकों का निर्माण कराया जा रहा है, इसके अतिरिक्त पुनर्घनत्वीकरण योजना में भी नई जेलें निर्मित किया जाना विचाराधीन है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 03 वर्ष से अधिक समय से एक ही जेल पर पदस्थ जेल अधीक्षक एवं उप अधीक्षकों के नाम, पद एवं जेल का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण हेतु विचार किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) केन्द्रीय जेल ग्वालियर एवं सब जेल डबरा में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद, पदस्थापना दिनांक तथा मोबाईल नम्बर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। रिक्त पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
गौ-केबिनेट एवं गौशालाओं का निर्माण एवं संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
83. ( क्र. 1511 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गौधन के संरक्षण/संवर्धन के लिए सरकार द्वारा गौ-केबिनेट का गठन किया गया? यदि हाँ, तो बतायें कि उक्त केबिनेट में कौन-कौन से विभागों को शामिल किया गया था एवं केबिनेट की बैठकें किन-किन दिनांको को आहूत की गई? उनमें कौन से प्रस्ताव पारित किये एवं क्या कार्यवाही हुई? कार्य प्रगति से अवगत करायें। यदि नहीं, तो प्रदेश की सड़कों पर भटक रहे लाखों गौवंश के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गौ-केबिनेट की प्रथम बैठक में गौवंश के संरक्षण/संवर्धन के लिए प्रदेश में नई गौशालाओं/गौ अभ्यारणों सहित रिसर्च सेन्टर की स्थापना का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, केबिनेट के प्रस्तावों पर प्रदेश में प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाएं/गौ अभ्यारण बनाये एवं कितने रिसर्च सेन्टर स्थापित हो चुके हैं तथा कितनों का कार्य लंबित है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार गौ-केबिनेट की सिफारिश पर प्रदेश में कितनी गौशालाओं का निर्माण पर पूर्ण होकर उनका विधिवत संचालन आरंभ हो रहा है एवं कितनी गौशालाओं के संचालन की जिम्मेदारी स्व सहायता समूहों को दी गई है? गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या प्रयास किये गये है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। बैठक दिनांक 22.11.2020 को आहूत की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए 'मुख्यमंत्री गौसेवा योजना'' संचालित है। जिसके अंतर्गत 1046 गौशालाओं में लगभग 0.93 लाख गौवंश तथा अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 627 गौशालाऐं संचालित हैं, जिनमें लगभग 1.84 लाख गौवंश का पालन किया जा रहा है इसके अतिरिक्त जिला आगर के ग्राम सालरिया में निराश्रित गौवंश के लिए गौ अभ्यारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र भी संचालित है। (ख) जी हाँ। जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही विवरणानुसार रिसर्च सेन्टर की स्थापना संबंधी कोई निर्णय नहीं लिया गया था। (ग) प्रदेश में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 3245 गौशालाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 1046 गौशालाऐं पूर्ण एवं पंजीकृत होकर संचालित है। 528 गौशालाऐं स्वसहायता समूहों द्वारा, 478 गौशालाऐं ग्राम पंचायतों द्वारा तथा 40 गौशालाऐं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है। गौशालाओं में गौ काष्ट, गौशिल्प, दीप, हवन कंडे इत्यादि सामग्री तैयार कर विक्रय कर आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास है।
विमुक्त घुमक्कड़ समुदाय को उपलब्ध कराई गई सुविधाएं
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
84. ( क्र. 1514 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अन्तर्गत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के 2022 की स्थिति में कितने परिवार हैं एवं उनकी कितनी जनसंख्या है? उनके विकास के लिए शासन द्वारा क्या प्रावधान किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या देवरी विधानसभा क्षेत्र में उक्त समुदाय की बस्तियों में कितने परिवार निवासरत हैं एवं उन परिवारों में पुरूष एवं महिलाओं की कितनी संख्या हैं? उक्त बस्तियों में निवासरत परिवारों को आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, पेयजल आपूर्ति, विद्युतीकरण कार्य, सहित कौन-कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित बस्तियों में निवासरत परिवारों को पेयजल, विद्युतीकरण कार्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्त्ता द्वारा कितने पत्र, कब-कब विभाग को प्रेषित किये हैं? क्या प्राप्त सभी शिकायतों (पत्रों) का निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो विस्तृत विवरण देवें। यदि नहीं, तो? कारण सहित बतावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित पत्रों/शिकायतों का निराकरण शासन द्वारा किया जाएगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति में सम्मिलित समुदायों के सर्वे के अभाव में संख्यात्मक जानकारी देना संभव नहीं है। योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संख्यात्मक जानकारी दी जाना संभव नहीं है। उक्त समुदाय की बस्तियों, सिलारी (कटंगी) समनापुर सहजू एवं सिंगपुर गंजन में आंगनवाड़ी केंद्र, प्राथमिक शाला, विद्युत व्यवस्था एवं सड़क आदि की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। (ग) माननीय विधायक महोदय के विभाग में शिकायती पत्र प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले पशुधन पर नियंत्रण
[पशुपालन एवं डेयरी]
85. ( क्र. 1517 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पालतू एवं लावारिस पशुओं द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग को इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा पशुधन से फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले पशुधन पर नियंत्रण हेतु विभाग द्वारा कोई योजना तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा पूर्व में पशु नियंत्रण हेतु कांजी हाउस की व्यवस्था थी परंतु पशु अत्याचार अधिनियम के कारण कांजी हाउस बंद कर दिये गये हैं। क्या विभाग द्वारा नियंत्रण हेतु एवं किसानों को फसलों में हो रहे नुकसान को ध्यान में रखते हुये विभाग आवारा पशुधन पर नियंत्रण किये जाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु पूर्व से ही ''मुख्यमंत्री गौसेवा योजना'' संचालित है। इस योजना में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा अंतर्गत निर्मित गौशालाओं मं निराश्रित गौवंश को रखा जाता है। इनमें रखे गये गौवंश के भरण-पोषण म.प्र. गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा चारा भूसा के लिये विभाग द्वारा पंचायत को राशि उपलब्ध कराई जाती है। (ग) यह कार्य नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं द्वारा किया जाता है।
संचालित सहकारी समितियां
[सहकारिता]
86. ( क्र. 1518 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखंड में कितनी सहकारी समिति पंजीबद्ध/संचालित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सहकारी समितियां विभाग द्वारा डिफाल्टर/बकायादारों की सूची में सम्मिलित है? समितियों के डिफाल्टर होने पर विभाग द्वारा इन्हें शासकीय कार्य संपादित करने पर रोक लगा दी जाती है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) यदि इन समितियों को कार्य संपादित करने का अधिकार नहीं रहता तो विभाग द्वारा सहकारी समितियों को डिफाल्टर/बकायादार सूची से वसूली हेतु कोई कार्यवाही की जाती है। जिससे समितियां पुनः कार्य सम्पादित कर सके। (घ) समितियों के कार्य न संपादित करने के कारण आम जनता को हो रही परेशानी के लिये क्या विभाग अन्य समितियों के पंजीयन/अन्य समितियों को उस क्षेत्र में स्थाई रूप से कार्य करने के लिये कोई योजना है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ विकासखंड में विभिन्न वर्गीकरण वाली कुल 106 सहकारी समितियां पंजीबद्ध होकर संचालित हैं, जिसमें से 15 समितियां परिसमापनाधीन है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सहकारी समितियों की सेवाएं संबंधित समिति के सदस्यों तक सीमित होती हैं। शासन द्वारा जारी नीति एवं आदेशों के अंतर्गत ही कतिपय वर्गीकरण वाली सोसायटियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं उपार्जन आदि कार्य सदस्येत्तर सेवाओं हेतु आदेशित किये जाते हैं।
नव नामांकित अधिवक्ताओं को अनुदान राशि का भुगतान
[विधि एवं विधायी कार्य]
87. ( क्र. 1521 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य के नव नामांकित अधिवक्ताओं को मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण स्कीम 2012 के अंतर्गत फर्नीचर क्रय करने व विधि व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु अनुदान राशि देने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो स्कीम लागू दिनांक से आज दिनांक पर्यंत कितने-कितने नव नामांकित अधिवक्ताओं को कब-कब कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गयी? वर्षवार बतावें। (ख) क्या योजना लागू होने के बाद कालान्तर में उक्त योजना अंतर्गत देय अनुदान राशि में बढ़ोत्तरी की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण सहित अभिलेख पटल पर रखें। (ग) योजना लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कब-कब, कितने- कितने नए अधिवक्ता राज्य अधिवक्ता परिषद में नामांकित हुए? वर्षवार बतावें। (घ) योजना लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक के कितने-कितने नव नामांकित अधिवक्ताओं को योजना अंतर्गत देय राशि अभी तक भुगतान नहीं की गयी है? वर्षवार बतावें। (ङ) बड़ी संख्या में नव नामांकित अधिवक्ताओं को अनुदान राशि भुगतान न होने के क्या कारण है? इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हाँ, स्कीम लागू होने के दिनांक से आज दिनांक तक नव नामांकित अधिवक्ताओं को प्रदान की गई राशि वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
प्रदत्त की गई राशि में अधिवक्ताओं की संख्या |
2012 |
0 |
2013 |
1234 |
2014 |
982 |
2015 |
1121 |
2016 |
550 |
2017 |
2174 |
2018 |
180 |
2019 |
1201 |
2020 |
34 |
2021 |
38 |
2022 |
2170 |
(ख) उक्त योजना के लागू होने के बाद कालान्तर में उक्त योजना के अंतर्गत देय अनुदान राशि में कोई बढोत्तरी नहीं की गई है। (ग) योजना लागू होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में राज्य अधिवक्ता परिषद के अंतर्गत नामांकित अधिवक्ताओं की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
वर्षवार नवीन अधिवक्ताओं की संख्या |
2012 |
1912 |
2013 |
2675 |
2014 |
2388 |
2015 |
2144 |
2016 |
1922 |
2017 |
2740 |
2018 |
3182 |
2019 |
2898 |
2020 |
3227 |
2021 |
6165 |
2022 |
4479 |
(घ) योजना लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार अधिवक्ताओं की संख्या जिन्हें भुगतान नहीं किया गया है की जानकारी निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
वर्षवार नवीन अधिवक्ताओं की संख्या |
2012 |
35 |
2013 |
330 |
2014 |
211 |
2015 |
228 |
2016 |
196 |
2017 |
1154 |
2018 |
1834 |
2019 |
550 |
2020 |
0 |
2021 |
9573 |
2022 |
0 |
(ड.) इस संबंध में स्कीम कोड 7389 के अंतर्गत अधिवक्ता कल्याण स्कीम का संचालन किया जाता है। जिसमें विभागीय मद में उपलब्ध बजट एवं राज्य अधिवक्ता परिषद से प्राप्त प्रस्ताव को न्यासी समिति एवं संचालन समिति के अनुशंसा अनुसार कार्यवाही की जाती है।
एफ.आई.आर. एवं वसूली की कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
88. ( क्र. 1522 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंचायती राज प्रतिनिधि प्रशिक्षण प्रोजेक्ट हेतु वर्ष 2019-20 में भारत सरकार से प्राप्त विशेष केंद्रीय सहायता रूपए 842.78 लाख का मनमाने तरीके से सिर्फ 3 जिलों में उपयोग करने के दोषियों के नाम और पद की जानकारी दें। इनके खिलाफ एफ.आई.आर. और वसूली की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) कार्यपालन समिति के अनुमोदन बिना यह प्रोजेक्ट भारत सरकार को भेजने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) तीन जिलों में प्रशिक्षित हितग्राहियों को उनके निवास से प्रशिक्षण केन्द्र लाने-ले जाने, रात्रि विश्राम व्यवस्था, हितग्राहियों के नाम, पिता/पति के नाम, ग्राम, ग्राम-पंचायत, विकासखंड, जिला, आधार एवं मोबाइल, प्रशिक्षण दिनांक, प्रशिक्षण स्थान एवं स्थल, प्रशिक्षणदाता संस्था, प्रशिक्षकों का मानदेय और प्रशिक्षण पर पूर्ण व्यय का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक/824/क्यू/ 2022/25-3, दिनांक 19/09/2022 पर कार्यवाही लंबित रखने के उत्तरदायियों के नाम और पद बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को जांच हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। (ख) भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय के पत्र क्रमांक 12017/01/2019-SCA/PVTG (Pt) दिनांक 15.01.2020 द्वारा पीआरआई की ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत प्रदेश की संसूचित सीमा के अतिरिक्त राशि की आवश्यकता की मांग पीएसी बैठक दिनांक 20-22 जनवरी 2020 हेतु चाही गई थी। प्राप्त निर्देशानुसार अतिरिक्त प्रस्तावों में सम्मिलित कर पत्र/क्र./प्रस्ताव/274/6329, दिनांक 20.01.2020 द्वारा भारत सरकार को प्रेषित किया गया। अत: अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बैठकों में सांसद/विधायकों को आमंत्रण
[संसदीय कार्य]
89. ( क्र. 1525 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्थानीय सांसद/विधायक अपने क्षेत्र के किन-किन विभागों/समितियों की किस-किस कमेटी, बैठक में पदेन रहता है? किन-किन विभागीय कमेटी/समितियों की बैठक में सांसद/विधायक को बुलाने के निर्देश है? निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जनवरी 2015 से अप्रैल 2022 तक विधानसभा क्षेत्र लखनादौन, केवलारी, बरघाट व सिवनी जिला मुख्यालय में किन-किन विभागों की कौन-कौन सी बैठक कब-कब आयोजित की गई, जिसमें सांसद/ विधायकों को भी आमंत्रित करने के निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में उक्त बैठकों में से किन-किन बैठकों में सांसद/विधायकों व प्रश्नकर्ता को बैठक की सूचना दी गई? बैठक सूचना किस माध्यम से कब दी गई? पावती की प्रति प्रदाय करें। किन-किन बैठकों में बैठकों की सूचना नहीं दी गई? (घ) क्या स्थानीय सांसद/विधायक को जिला पंचायत व जनपद पंचायत की बैठकों में उपस्थित रहने के लिये अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या उक्त नियुक्त प्रतिनिधि जिला पंचायत अथवा जनपद पंचायत की सभी बैठकों में हिस्सा ले सकता है अथवा कुल बैठकों में? स्पष्ट करते हुये निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ड.) सिवनी जिले की जनपद पंचायतों में नियुक्त सांसद प्रतिनिधि वैधानिक है अथवा नहीं? स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.एम.हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
90. ( क्र. 1526 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में सिवनी जिले से कुल कितनी शिकायतें मिली है? तहसीलवार, विभागवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया एवं कितनी शिकायतें है, जो शासन स्तर से होने के कारण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? प्रतिवेदन सहित विभागवार जानकारी देवें। (ग) क्या निराकरण के बाद शिकायकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने मामले हैं जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं? (घ) सिवनी जिले में ऐसी शिकायतें जो शासन से संबंधित अथवा मांग आधारित तथा संबंधित विभागों द्वारा फोर्स क्लोज जिला स्तर पर भेजने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं, जिनके निराकरण हेतु शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या यह सही है कि विभाग को संबंधित विभाग द्वारा स्पेशल क्लोज के लिये सी.एम. हेल्पलाईन 13297647, 12809798, 13613318, 13619254,15400835, 15375877, 12732883, 14204095,15945716, 16800090, 17415699, 17451828, 14451927, 17600614, 17690311, 18292070, 18299319, 18900877, 18951211, 19461215,18170603, 18510856, 18829123, 18900877, 13666969, 17326180, 17560352, 17653538, 17681119, 17870709, 17942294, 17995057 प्रस्तावित है परन्तु बंद नहीं की जा रही हैं बल्कि कर्मचारियों के विरूद्ध वेतन रोकने एवं वेतन काटने की लगातार कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 128042 शिकायतें प्राप्त हुई है। विभागवार सूची संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त अवधि में 121536 शिकायतों का निराकरण हो गया है, लंबित शिकायतों की सूची संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। कुल 37974 शिकायतों में शिकायतकर्ता असंतुष्ट है। (घ) सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों पर गुणदोष के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ड.) 13297647, 12809798, 13613318, 13619254,15400835, 15375877, 12732883, 14204095,14451927, 19461215 शिकायतें बंद हो चुकी है। शेष शिकायतें गुणदोष के आधार पर लंबित है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
शिक्षकों का स्थानांतरण
[जनजातीय कार्य]
91. ( क्र. 1530 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश के आदेश द्वारा मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए स्थानांतरण हेतु छूट 5 अक्टूबर तक के लिए प्रदान की गई थी? इसमें यदि हाँ, तो जनजातीय कार्य विभाग के कितने शिक्षकों को स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिला है? (ख) क्या यह स्थानांतरण नीति जनजातीय कार्य विभाग के शिक्षकों के लिए भी लागू थी? यदि हाँ, तो जनजातीय कार्य विभाग के कितने शिक्षकों के स्थानांतरण भोपाल स्तर से किए गए? जिलेवार स्थानांतरण किए गए शिक्षकों की जानकारी देवें। (ग) भोपाल स्तर/राज्य स्तर पर जनजातीय कार्य विभाग के कितने शिक्षकों के आवेदन आए थे और कितने शिक्षकों के स्थानांतरण किए गए और कितने शिक्षकों के स्थानांतरण पर विचार नहीं किया गया एवं क्यों? (घ) क्या जनजातीय कार्य विभाग में स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ शिक्षकों को नहीं मिल पाया है? क्या स्थानांतरण का लाभ शिक्षकों को देने के लिए विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। छूट अवधि में शैक्षणिक संवर्ग को स्थानांतरण का लाभ नहीं दिया गया है। (ख) जी हाँ। छूट अवधि के पश्चात् समन्वय से अनुमोदन प्राप्त कर प्राचार्य संवर्ग के 23 स्वैच्छिक एवं 03 प्रशासकीय स्थानांतरण किये गये है। स्थानांतरण आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्राचार्य संवर्ग के 38 स्थानांतरण आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 23 स्वैच्छिक एवं 03 प्रशासकीय स्थानांतण किये गये। व्याख्याता/उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 35, माध्यमिक शिक्षकों के 155 तथा प्राथमिक शिक्षकों के 344 आवेदन निर्धारित तिथि तक प्राप्त हुए। सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति क्रमांक एफ-6-1/2021/एक/9 दिनांक 24 जून 2021 की कंडिका-9 के अनुसार प्रतिबंधित अवधि में नीति से हटकर स्थानांतरण किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्राचार्य संवर्ग के स्वैच्छिक एवं प्रशासकीय स्थानांतरण किये गये है। प्रश्नांश (ग) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि
[जनजातीय कार्य]
92. ( क्र. 1533 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतिथि शिक्षकों के मानदेय मध्यप्रदेश सरकार के आदेश दिनांक 3 अक्टूबर 2018 के द्वारा वृद्धि की गई थी, यह वृद्धि किस दिनांक से देय थी? (ख) प्रश्नांश (क) के देय तिथि अनुसार क्या जिला धार अन्तर्गत अनेक विद्यालयों ने नवंबर 2018 या उसके बाद नया मानदेय दिया था लेकिन पुराना मानदेय की देय तिथि से एरियर का भुगतान नहीं किया गया? यदि हाँ, तो उन विद्यालयों की सूची तथा उन अतिथि शिक्षकों के नाम की सूची देवें जिन्हें एरियर का भुगतान करना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार स्कूलों की संख्या, अतिथि शिक्षकों की संख्या, कुल मानदेय राशि की जानकारी भी देवें। (घ) क्या मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 20 मार्च 2022 में कोविड-19 में लॉकडाउन अवधि को कर्तव्य अवधि माना गया? यदि हाँ, तो इस समयावधि में क्या जनजाति विभाग में नियुक्त अतिथि शिक्षकों को लॉकडाउन अवधि का मानदेय वितरित हुआ? यदि हाँ, तो कितना मानदेय वितरित हुआ? यदि नहीं, तो कब तक वितरण होगा? (ड.) विकासखण्ड सरदारपुर में क्या सभी रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों के द्वारा पद पूर्ति कर दी गई है? यदि हाँ, तो संकुलवार जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। यह वृद्धि दिनांक 01.8.2018 से की गई थी। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) धार जिले की समस्त विभागीय शैक्षणिक संस्थाओं में पदस्थ अतिथि शिक्षकों को नियमानुसार एरियर्स राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी हाँ। लॉकडाउन अवधि में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को नियमानुसार राशि 2,34,45,046/- का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। विकासखण्ड सरदारपुर अंतर्गत वर्ष 2022-23 में वर्ग-1 में 66, वर्ग-2 में 168 एवं वर्ग-3 में 195 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। संकुलवार सूची संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है।
कर्मचारियों को वेतन वितरण
[जनजातीय कार्य]
93. ( क्र. 1534 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पूर्व विधायक पारस सकलेचा के प्रश्न क्र. 5514 दिनांक 19 मार्च 2013 के पूरक जानकारी में उल्लेखित वितरण रजिस्टर से प्रश्नांकित शिक्षक को वेतन नहीं देने का उल्लेख हुआ? (ख) यदि हाँ, तो वेतन वितरण रजिस्टर से यह बताने की कृपा कीजिए कि दिनांक 1 मई 1986 से 1 मई 1987 से शासकीय प्राथमिक विद्यालय गडावदिया तथा शासकीय प्राथमिक विद्यालय सुरजबडला के कितने कर्मचारी का वेतन वितरण हुआ? उनके नाम दीजिए। (ग) क्या इस प्रश्न के (घ) उत्तर में उल्लेख है कि कन्हैयालाल सोनी का चयन क्र. 316 नहीं हैं। (घ) यदि हाँ, तो यह बताने की कृपा कीजिए याचिका क्र. डब्ल्यु.पी./3196/2009 में उल्लेखित नाम तक कन्हैयालाल सोनी का नाम चयन सूची में नहीं है, तब क्या यह प्रकरण प्रदीप मेहता विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन ओ.ए./120/93 के समरूप है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या शासन कब तक प्रदीप मेहता विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन ओ.ए./120/93 के समरूप हित लाभ देगा? यदि नहीं, तो क्यों, कारण प्रमाण सहित उत्तर दीजिए।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं, पूरक जानकारी में वेतन वितरण रजिस्टर में श्री बाबूलाल धाकड के वेतन आहरण से संबधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होने का उल्लेख किया गया है। पूरक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 5514 प्रश्नांश (घ) के उत्तर में ''जी नहीं प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता'' का उत्तर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। पूरक जानकारी में स्पष्ट किया गया है कि श्री कन्हैयालाल सोनी का वास्तविक उपनाम 'सैनी' है। जिसका चयन सूची में क्र. 316 है। (घ) श्री कन्हैयालाल सोनी की नियुक्ति इस विभाग द्वारा नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सक के रिक्त पदों की पूर्ति
[पशुपालन एवं डेयरी]
94. ( क्र. 1535 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत पशु पालन विभाग द्वारा संचालित पशु चिकित्सा केन्द्रों में चिकित्सा केन्द्रवार कितने-कितने पद किस-किस श्रेणी के रिक्त हैं? पद रिक्त रहने के कारण सहित जानकारी दे। (ख) क्या बड़ी संख्या में विदिशा जिला अंतर्गत पशु चिकित्सा के लिए चिकित्सक एवं सहायक कर्मचारियों के पद रिक्त होने से पशुओं के ईलाज हेतु पशु पालकों को एवं अन्य लावारिस घटना दुर्घटना में घायल पशुओं को समय पर ईलाज उपलब्ध नहीं हो रहा है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) के क्रम में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु यथाशीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पद पूर्ति सतत प्रक्रिया है। (ख) जी नहीं। रिक्त संस्थाओं का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पशुपालकों की सूचना पर दुर्घटना में घायल पशुओं का उपचार किया जाता है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति सतत् प्रकिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संविधान की पांचवीं अनुसूची का अनुपालन
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 1539 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में अनुच्छेद 244 (1) के तहत अनुसूचित-क्षेत्रों में पांचवीं अनुसूची के पैरा-2 के अधीन राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार कब-कब किया गया? किन-किन कानूनों को सामान्य तौर पर लागू किया गया? पैरा-3 के अंतर्गत प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र पर संघ की कार्यपालिका शक्ति के विस्तार के लिए कब-कब गजट नोटिफिकेशन जारी किया? (ख) क्या राज्य शासन आदिवासियों की भाषा-बोली, संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपराओं को संरक्षित करने को गंभीर है? यदि हाँ, तो पांचवीं अनुसूची पैरा-5 के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में सामान्य कानून लागू नहीं करने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी क्यों नहीं किया? यदि किया है तो उसकी प्रति देवें। (ग) पांचवीं अनुसूची के भाग-ख के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन एवं नियंत्रण के लिए गठित जनजातीय सलाहकार परिषद (TAC) में अध्यक्ष आदिवासी वर्ग का हो, उसके लिए राज्य शासन ने अब तक क्या कदम उठाए? यदि कोई कदम नहीं उठाए तो उसका कारण बताएं। (घ) मध्यप्रदेश में ऐसे आदिवासी-बाहुल्य क्षेत्र जहां आदिवासी जनसंख्या 50% से अधिक है, उदाहरण स्वरूप कुंडम, ऐसे क्षेत्रों को पांचवीं अनुसूची के पैरा-6 के तहत अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने के लिए राज्य शासन ने अब तक क्या-क्या कदम उठाए? यदि कोई कदम नहीं उठाए तो क्या राज्य शासन मध्यप्रदेश में नए अनुसूचित क्षेत्रों के गठन के लिए गंभीर नहीं है? यदि है तो महामहिम राष्ट्रपति को प्रस्ताव अभी तक क्यों नहीं भेजे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुच्छेद 244 (1) के पैरा-2 में राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार इस अनुसूची में दिये उपबंधों के अधीन रहते हुए किसी राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार उसके अनुसूचित क्षेत्रों पर है, प्रावधान के तहत अनुसूची के भाग-ख के पैरा 04 में उल्लेख अनुसार मध्यप्रदेश में आदिम जाति मंत्रणा परिषद के नियम एवं गठन तथा पैरा 05 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत विभिन्न विधियां एवं नियम जैसे साहूकार विनियम, वृक्षों में हित संरक्षण अधिनियम, पेसा नियम, आदि लागू हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। अनुसूची के पैरा 3 में उल्लेखित अनुसार संघ की कार्यपालिका शक्ति के विस्तार के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करने संबंधी विषय भारत सरकार के क्षेत्राधिकार का है। (ख) जी हाँ, आदिवासियों की बोली भाषा, संस्कृति, परंपराओं एवं रीति-रिवाज के संरक्षण के लिये प्रदेश स्तर पर जनजातीय संग्रहालय तथा क्षेत्रीय स्तरों पर विभिन्न जनजातीय संग्रहालयों की स्थापना की गई है। पेसा नियम 2022 में इसके लिये प्रावधान कर गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में सम्मिलित है। (ग) पांचवी अनुसूची के भाग (ख) पैरा 4 में जनजातीय सलाहाकार परिषद का अध्यक्ष आदिवासी वर्ग का ही होने संबंधी उल्लेख नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने का अधिकार क्षेत्र भारत सरकार का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्रुटिपूर्ण विज्ञप्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
96. ( क्र. 1542 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गा.चि.महा.वि. भोपाल की विज्ञप्ति क्र.9938/एम.सी/राज/2018 भोपाल दिनांक 23/03/2018 में अजजा सह-प्राध्यापक पद (अजजा के बैकलॉग पद) पर अनारक्षित वर्ग हेतु विज्ञप्ति कर त्रुटि की गई? उक्त त्रुटि आयुक्त चि.शि.म.प्र. क्र. 2568/स्था/राज/2019 भोपाल दिनांक 26/12/2019, अधिष्ठाता जीएमसी क्र.5253-58/एम-सी/13/2020, भोपाल दिनांक 29/12/2020 द्वारा गठित जांच समिति का जांच प्रतिवेदन एवं जीएमसी भोपाल की कार्यकारिणी की 59वीं बैठक दिनांक 01/03/2021 ने भी माना कि पैथोलॉजी सह-प्राध्यापक पद पर पात्र अजजा के पद पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को नियुक्त कर त्रुटि हुई, अजजा का पात्र उम्मीदवार अधिष्ठाता जी.एम.सी. पत्र क्र.900-40/एम.सी./4/राज/2018, दिनांक 27/03/2018 सह-प्राध्यापक पद की पात्रता रखता था एवं डेजिगनेट (नामांकित) सह-प्राध्यापक पद पर विभागीय एवं शैक्षणिक कार्य संपादित कर रहा था? (ख) प्रश्नांश (क) त्रुटि को विज्ञप्ति जीएमसी 2429/एम.सी./04/राज/2022 भोपाल दिनांक 24/05/2022 द्वारा सुधार कर अजजा के पात्र उम्मीदवार को नियुक्ति की गई, जिसमें स्पष्ट है कि इसके पूर्व में की गई नियुक्ति गलत थी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के पात्र अजजा उम्मीदवार को मार्च 2018 से सह-प्राध्यापक के पद का वेतन भुगतान किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ख) के पात्र उम्मीदवार को मार्च 2018 से शैक्षणिक अनुभव देग? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नियमों के तहत कार्यवाही की जावेंगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नियमों के तहत कार्यवाही की जावेंगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध संचालित नर्सिंग कॉलेज पर प्रतिबंध
[चिकित्सा शिक्षा]
97. ( क्र. 1545 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1409 दिनांक 29.07.2022 के उत्तर की कंडिका (ख) अनुसार पाराशर कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल को वर्तमान शैक्षणिक सत्र की मान्यता प्रदान नहीं की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त संस्था द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र में मेडीलाइफ हॉस्पिटल के माध्यम से नर्सिग कॉलेज संचालित किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो किन शर्तों/मापदण्डों के आधार पर? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन नियम विरूद्ध संचालित हो रहे पाराशर कॉलेज को पूर्णत: प्रतिबंधित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 में मेडिलाईफ हॉस्पिटल के माध्यम से कोई भी नर्सिंग कॉलेज संचालित नहीं हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन न्यायालय भवन की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति
[विधि एवं विधायी कार्य]
98. ( क्र. 1546 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन विंध्याचल भवन भोपाल को रजिस्ट्रार (W&I) उच्च न्यायालय जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा अपने पत्र क्रमांक B/4204/। । -15-13/ 82 जबलपुर दिनांक 24.08.2022 से नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में नवीन न्यायालय भवन निर्माण (07 न्यायालय कक्ष) का प्राक्कलन/डी.पी.आर. प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त निर्माण कार्य की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ का न्यायालय भवन रियासत काल के अत्यंत पुराने तथा वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों में संचालित हो रहा हैं, जिससे काफी असुविधा एवं जीर्ण-शीर्ण भवन के कारण असुरक्षा का संशय सदैव बना रहता हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन प्राथमिकता के आधार पर नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में नवीन न्यायालय भवन निर्माण कार्य की (07 न्यायालय कक्ष) प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंपी वायरस को रोकथाम के लिए किए गए प्रयास
[पशुपालन एवं डेयरी]
99. ( क्र. 1549 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में लंपी वायरस से ग्रसित होकर आज दिनांक तक कितनी गायों की मौत हुई? कितनी अब भी ग्रसित हैं? (ख) लंपी वायरस की रोकथाम के लिए शासन द्वारा जिला स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं? शासन ने जिन विभागों को गायों की सुरक्षा हेतु जिम्मेदारी सौंपी थी उसके बाद भी गायों की मौतें हुई हैं? यदि हाँ, तो क्यों? विवरण देवें। (ग) क्या आइसोलेशन में मृत गायों एवं लंपी वायरस से ग्रसित गायों को एक साथ आइसोलेट किया गया जिससे वायरस का खतरा बढ़ा और ग्रसित गायों की मौत हुईं? ऐसे अनदेखी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) कुल 05 गायों की मृत्यु हुई है। प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोई भी गाय लम्पी वायरस से ग्रसित नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उक्त बीमारी एक विषाणुजनित बीमारी है जिसमें मृत्यु दर 01-05 प्रतिशत तक रहने की सम्भावना रहती है। भिण्ड जिले में रोग उदभेद से दिनांक 07.12.2022 तक 142 ग्रामों में कुल 1745 गाय लम्पी बीमारी से प्रभावित हुई है जिसमें से 1740 गाय स्वस्थ हो चुकी है एवं 05 गायों की मृत्यु हुई है। भिण्ड जिले में लम्पी बीमारी से स्वस्थ होने वाली गायों का प्रतिशत 99 प्रतिशत है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
100. ( क्र. 1550 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2019-20 से 2022-23 में जिला ग्वालियर में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी है? प्राप्त राशि से किस ग्राम/शहर में किस स्थान पर कौन सा कार्य कितनी राशि का स्वीकृत किया गया? स्वीकृत प्रत्येक कार्य के पूर्ण करने की समयावधि क्या है? प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी देवें। यदि कार्य अपूर्ण है तो कारण बतावेंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त अवधि में स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्यों में से किसका भौतिक सत्यापन/मूल्यांकन किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस दिनांक को किया गया है? अधिकारी का नाम सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
महाविद्यालय में नियुक्तियां
[चिकित्सा शिक्षा]
101. ( क्र. 1553 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2021-22 एवं अप्रैल 2022 से आज दिनांक तक कितनी भर्ती, नियुक्तियाँ हुई? कितनी अनुकम्पा नियुक्ति हुई तथा कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, विनियमि/नियमित/पदोन्नत किए गए हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : भर्ती नियुक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार। अनुकम्पा नियुक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय एवं जयारोग्य चिकित्सालय समूह, ग्वालियर में वर्ष 2021-22 में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित उपरांत 52 स्थाई कर्मियों को नियमित किया गया। पदोन्नति नहीं की गई है।
क्रय की गई औषधि एवं मशीनरी
[चिकित्सा शिक्षा]
102. ( क्र. 1554 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जयारोग्य चिकित्सा समूह में वित्तीय वर्ष 2019-2020, 2020-2021 एवं 2021-22 में मरीजों के उपचार हेतु कितने कीमत की औषधि एवं मशीनरी क्रय की गई? प्रश्नांकित अवधि में कितनी औषधि/मशीनरी का क्रय किया गया? कितनी औषधि/मशीनरी का भुगतान किया गया? कितनी औषधि कालातीत हुई? एच.ओ.डी. द्वारा की गई डिमाण्ड क्या थी? साथ ही यह बताने का कष्ट करें कि क्या औषधालय भण्डार के लिए फार्मासिस्ट उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों और उपलब्ध है, तो वर्तमान में लोकेन्द्र शर्मा नाम के मेल नर्स से फार्मासिस्ट का कार्य क्यों करवाया जा रहा है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : जयारोग्य चिकित्सा समूह में वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में मरीजों के उपचार हेतु औषधि एवं मशीनरी क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जयारोग्य चिकित्सा समूह में वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वित्तीय वर्षों में स्टोर में कोरोना काल के समय में दवाओं के उपयोग नहीं होने के कारण राशि रूपये 19,67,622.00 की औषधि कालातीत हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। चिकित्सालय के एच.ओ.डी. द्वारा वित्तीय वर्षों में Annual Drug Plan अनुसार कॉर्पोरेशन के पोर्टल पर अपनी-अपनी कॉर्पोरेशन की आईडी से मांग पत्र आनलाईन भरे जाते है। वार्डो एवं विभागों द्वारा इंडेन्ट के माध्यम से स्टोर से औषधियां प्राप्त की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वार्डो एवं विभागों द्वारा इण्डेन्ट के माध्यम से स्टोर से औषधियां प्राप्त की जाती है। जी हाँ। 04 फार्मासिस्ट जयारोग्य चिकित्सा समूह के सेन्ट्रल मेडिसिन स्टोर में पदस्थ है। कार्य सुविधा की दृष्टि से श्री लोकेन्द्र शर्मा को स्टोर में पदस्थ किया गया है।
गौशालाओं का व्यवस्थापन
[पशुपालन एवं डेयरी]
103. ( क्र. 1555 ) श्री अनिल जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में कुल कितनी ग्राम पंचायतों में गौशाला स्वीकृत की गई थी? उनमें से कितनी गौशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं कितनी गौशालायें अपूर्ण हैं? लागत राशि, व्यय राशि एवं मूल्यांकित राशि सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पंचायतों में निर्मित की गई गौशालाओं के संचालन एवं प्रबंधन हेतु कर्मचारियों का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां कर्मचारियों को रखा गया है एवं यदि नहीं, तो उपरोक्त गौशालाओं का संचालन किस प्रकार किया जावेगा? (ग) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी गौशालायें शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है? संचालन हेतु दिए जाते समय नियमों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों एवं उक्त गौशालाओं को कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रति गौवंश के मान से दी जा रही है? पूर्ण विवरण दें। (घ) क्या जिला निवाड़ी अंतर्गत पशु रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो समिति की बैठकें कितने-कितने अंतराल से करने का नियम है एवं उक्त समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों की जानकारी सहित बतावें कि जिला निवाड़ी में वर्ष 2019 से उक्त बैठकें कब-कब आयोजित की गई, बैठक का कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं, गौशालाओं का संचालन स्वसहायता समूहों ग्राम पंचायतों तथा गैर सरकारी संगठनों द्वारा किये जाने का प्रावधान है। (ग) 06 शासकीय गौशालाएं पूर्ण होकर स्वसहायता समूहों द्वारा तथा 02 अशासकीय गौशालाएं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है। ग्राम पंचायत गौशाला का निर्माण करने के साथ-साथ उसके संचालन के लिए भी उत्तरदायी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति बस्तियों में निर्माण कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
104. ( क्र. 1556 ) श्री अनिल जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति की कितनी बस्तियों को विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है? क्या विभाग द्वारा उन बस्तियों में विद्युतीकरण कार्य का सर्वें किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन बस्तियों के विद्युतीकरण के प्रस्ताव तैयार कराए गए और कौन-कौन से शेष हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से अधोसंरचना के विकास कार्य एवं अन्य निर्माण कार्य कहां-कहां पर किसकी अनुशंसा से स्वीकृत किए गए? कार्यवार, राशि सहित कार्यों की जानकारी देवें। वर्तमान में उपरोक्त निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के किसी भी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में अनुसूचित जाति बस्ती का चिन्हांकन विभाग द्वारा नहीं किया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
थानों में दर्ज अपराधों की जानकारी
[गृह]
105. ( क्र. 1559 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में नीमच विधानसभा क्षेत्र में किन-किन थानों में हत्या, लूट, अपहरण, चेन स्नेचिंग, मादक पदार्थों की अवैध तस्करी, विद्युत मोटर एवं डीपी ऑयल चोरी, वाहन चोरी, पशुओं की तस्करी, क्रिकेट सट्टा, सायबर अपराधों आदि के कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रकरणों में किन-किन प्रकरणों की विवेचना पूर्ण कर चालान प्रस्तुत किये गये हैं कितने प्रकरण विचाराधीन हैं एवं कितने निराकृत हैं? (ग) अवैध शराब की बिक्री जो गांव-गांव हो रही है इस पर शासन प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है एवं कब तक प्रतिबंध लग सकेगा? प्रतिबंध लगाने की क्या कार्ययोजना तैयार की गई है? (घ) उल्लेखित वर्षों में समस्त घटनाएं पंजीबद्ध प्रकरणों की संख्या, अपराधियों की गिरफ्तारी एवं सजा तथा लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही सहित स्पष्ट जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
योजनांतर्गत प्राप्त राशि का उपयोग
[जनजातीय कार्य]
106. ( क्र. 1560 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में नीमच जिला को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से अनुसूचित क्षेत्र के विकास एवं उत्थान के लिए कितनी धनराशि किन-किन योजनाओं के तहत विभागवार प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त राशि से किये गये क्रय/मरम्मत/ निर्माण कार्य/अन्य कार्यों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्राप्त राशि का भौतिक सत्यापन कब-कब/किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा किया गया? सम्पूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में राशि के उपयोग एवं छात्रावासों के संचालन में विभाग द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण प्रतिवेदन में क्या कोई अनियमिततायें पाई गई है? यदि हाँ, तो, उसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 20.2.2003 अनुसार नीमच जिला अनुसूचित क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता
अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग हेतु संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
107. ( क्र. 1569 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु म.प्र. शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) अनुसूचित जति एवं जनजाति वर्ग के पुनर्वास हेतु आनुपातिक आधार पर शहरी क्षेत्र में आवास बनाये जा रहे हैं अथवा नहीं? यदि हाँ, तो अब तक कितने आवास तैयार कर आवंटित किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कितने व्यक्तियों को आवास का लाभ दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं हेतु कितने छात्रावास संचालित हैं तथा उनमें कितने छात्र-छात्राएं लाभांवित हो रहे हैं? (ड.) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में छात्राओं हेतु कितने बालिका छात्रावास संचालित हैं? क्या बालिकाओं की सुरक्षा हेतु सम्पूर्ण व्यवस्था है यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या व्यवस्था है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ड.) 16 छात्रावास संचालित है। जी हाँ, प्रत्येक छात्रावास में अधीक्षिका, रसोईया, वाटरमेन एवं चौकीदार की व्यवस्था की गई है।
जनप्रतिनिधियों के साथ वारदात के प्रकरणों में कार्यवाही
[गृह]
108. ( क्र. 1570 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में विधायक/पूर्व विधायकों पर हमले अथवा उनके ऊपर किसी भी तरह की वारदात के प्रयास के कितने प्रकरण प्राप्त हुए हैं, कितने प्रकरण की प्राथमिक सूचना (एफ.आई.आर.) दर्ज की गई हैं? उनमें से कितने प्रकरणों पर कार्यवाही करके प्रकरण को सुलझाया गया है? (ख) क्या दिनांक 25 और 26 अक्टूबर की रात्रि को कटनी में किसी पूर्व विधायक के निवास पर कोई डकैती अथवा षड्यंत्रपूर्वक किसी तरह की सशस्त्र वारदात का प्रयास हुआ है? क्या वारदात में प्रयुक्त हथियार घटनास्थल पर पाया गया है? क्या किसी हथियार की जप्ति कर पुलिस विभाग द्वारा पंचनामा बनाया गया है? क्या घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम, डॉग स्कवॉड, अपराधियों के आने जाने का नजरी नक्शा बनाया गया है? लोंगीट्यूड/लेटिट्यूड लेकर सी.डी.आर. लोकेशन ली गई है? सी.सी.टी.व्ही. कैमरा से अपराधियों की पहचान करने का प्रयास किया गया है? क्या वर्ष 2018 में भी इस तरह की वारदात का प्रयास हुआ था? पुलिस द्वारा कार्यवाही करके क्या निष्कर्ष प्राप्त किया गया? अवगत करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में विधायक/पूर्व विधायकों पर हमले अथवा उनके ऊपर किसी भी तरह की वारदात के प्रयास के 19 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। सभी 19 प्रकरणों में प्राथमिक सूचना (एफ.आई.आर.) दर्ज की गई है। सभी प्रकरणों में कार्यवाही करके 13 प्रकरणों में चालान किये गये हैं एवं 06 प्रकरण विवेचनाधीन है। (ख) दिनांक 26.10.2022 की रात्रि में माननीय पूर्व विधायक श्री गिरिराज किशोर पोद्दार के निवास पर गृह अतिचार कर गाली-गलौच करने की सूचना प्राप्त होने पर थाना कोतवाली जिला कटनी में अपराध क्र. 787/22 धारा 451,294 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान धारा 452 भादवि एवं 25 आर्म्स एक्ट बढ़ाई गई है। घटनास्थल पर एक चाकू पाया गया है, जिसे जप्त कर जप्ती पंचनामा बनाया गया है। घटनास्थल पर पूर्व से ही काफी लोग एकत्रित होने के कारण डॉग स्क्वॉड एवं फॉरेन्सिक टीम का उपयोग नहीं किया जा सका। घटनास्थल का नजरी नक्सा बनाया गया है। लोंगीट्यूड/लेटिट्यूड लेकर डाटा एकत्रित कर परीक्षण किया जा रहा है। सी.सी.टी.व्ही. कैमरा से अपराधी की पहचान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रकरण में लगातार विवेचना की जाकर अज्ञात आरोपी की पतारसी के प्रयास किये जा रहे हैं। रिकार्ड के आधार पर वर्ष 2018 में इस तरह की वारदात का प्रयास होने की सूचना प्राप्त होना नहीं पाया गया।
अनुसूचित जाति जनजाति छात्र/छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
109. ( क्र. 1578 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत अशासकीय एवं शासकीय महाविद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम बी.एड., डी.एड., पैरा मेडिकल, नर्सिंग, आई.टी.आई. आदि शैक्षणिक संस्थाओं में अनुसचित जाति जनजाति के छात्र/छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान करने के क्या नियम हैं? अवगत करावें। जिला राजगढ़ में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन महाविद्यालयों में कितने-कितने छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई महाविद्यालयवार जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक छात्र/छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान नहीं करने के क्या कारण हैं? स्पष्ट करें तथा छात्रवृत्ति प्रदान न करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाकर छात्रवृत्ति प्रदान की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) नियम-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। जिला राजगढ़ में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक महाविद्यालय छात्र-छात्राओं को प्रदान की गई छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) जिला राजगढ़ में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक छात्रवृत्ति भुगतान हेतु शेष रहे पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास के आय-व्यय की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
110. ( क्र. 1581 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिवासी विकास विभाग द्वारा सीधी जिले में संचालित छात्रावास एवं कस्तूरबा गांधी आश्रम में पिछले दो वर्षों में शासन स्तर से कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा कितनी राशि व्यय के लिए छात्रावास अधीक्षकों के खाते में स्थानांतरित कि गई? छात्रावासवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्रावासों का मरम्मत कार्य कितनी-कितनी लागत से कराएं गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में मरम्मत किए गए छात्रावासों का किसके द्वारा मूल्याकंन किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सीधी जिले में संचालित छात्रावासों एवं शिक्षा विभाग द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी आश्रम में पिछले 02 वर्षों में प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) शासन द्वारा छात्रावासों को नियमित संधारण एवं छोटे मरम्मत कार्य हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार राशि आवंटित की गई है। जिसके अनुसार छोटे टूट-फूट की मरम्मत एवं संधारण का कार्य अधीक्षकों द्वारा कराया गया है। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर वर्ष 2022 में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार मरम्मत एवं सुधार कार्य हेतु राशि आवंटित की गई है, जो कार्य वर्तमान में प्रचलित है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' में आवंटित राशि छात्रावास स्तर पर आवश्यकता अनुसार छोटे-छोटे कार्य अधीक्षकों द्वारा कराये जाते है जिनके मूल्यांकन की आवश्यकता नहीं है वर्ष 2022-23 में जिले स्तर से कराये जा रहे मरम्मत कार्य प्रगति पर है जिनका मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा कराया जाता है।
उपार्जन केन्द्र की जानकारी
[सहकारिता]
111. ( क्र. 1586 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपार्जन केन्द्र के माध्यम से खरीदी करने का नियम है? यदि हां, तो उपार्जन केन्द्र पर प्रति क्विंटल कितनी राशि व्यय की जाना चाहिए? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन स्तर से आदेश जारी किये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिले में कितने उपार्जन केन्द्र बनायें? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अनूपपुर जिले में बनाये गये उपार्जन केन्द्र द्वारा कितना उपार्जन किया तथा प्रति क्विंटल कितना व्यय हुआ? उपार्जन केन्द्र अनुसार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या प्रति क्विंटल राशि से अधिक राशि व्यय की गई? कोई अनियमितता हुई तो क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नशे के अवैध कारोबार को समाप्त किया जाना
[गृह]
112. ( क्र. 1589 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 अक्टूबर, 2022 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुये प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार को पूरी तरह से ध्वस्त करने के निर्देश दिये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के अनुपालन में किस-किस दिनांक को, किस-किस जिले में, किन-किन धाराओं में, किस-किस नशे के अवैध कारोबार के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? जिलेवार, अपराधवार, शराब, मादक पदार्थ सहित जब्ती की संख्या/मात्रा, बाजार दर की अनुमानित लागत सहित गौशवारा जानकारी दें। (ग) उपरोक्त के संबंध में कितने प्रकरणों में चालान पेश कर दिया गया है? कितने प्रकरणों में चालान पेश नहीं किया जा सका है? प्रकरण लंबित रहने के क्या कारण है? (घ) उपरोक्त के संबंध में कितने नये, कितने पुराने आदतन अपराधी हैं, उनमें से कितने के निवास तोड़े जाने संबंधी कार्यवाही की गई? संपूर्ण जानकारी दें। (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में इंदौर, भोपाल शहर सहित अन्य शहरों में संचालित हुक्का लाउंज सील किये गये हैं? संचालकों के नाम, पते एवं लायसेंस सहित पूर्ण जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, दिनांक 8 अक्टूबर, 2022 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुये प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार को पूरी तरह से ध्वस्त करने के निर्देश दिये थे। (ख) उक्त निर्देशों के अनुपालन में दिनांक 08 अक्टूबर, 2022 से दिनांक 31.11.2022 तक मध्यप्रदेश में मादक पदार्थ के कुल 1573 प्रकरण पंजीबद्ध हुए है। जिसमें स्मैक के 130 प्रकरण में धारा 8/21, 8/27, एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 18.02816 कि.ग्रा. अफीम के 11 प्रकरण में धारा 8/18 एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 79.570 कि.ग्रा. गांजे के 1241 प्रकरण में धारा 8/20, 8/27 एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 6593.500 कि.ग्रा. चरस के 02 प्रकरण में धारा 8/20, 8/27 एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 0.400 ग्रा. गांजा पौधा के 81 प्रकरण में धारा 8/20 एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 15601 नग एवं केमिकल ड्रग्स के 77 प्रकरण में धारा 8/22, 8/27 एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 70653 नग एवं 0.840 ग्रा. मादक पदार्थ जब्त किये गये है, जिसकी अनुमानित कीमत 15,94,71,697/- रूपये है। इसी प्रकार अवैध शराब के कुल 36234 प्रकरण में धारा 34, 36 (बी), 49 आबकारी एक्ट के अंतर्गत 291585.801 लीटर शराब जब्त की गई है, जिसकी अनुमानित किमत 8,21,17,093/- रूपये है। जिलेवार अपराध की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ग) उपरोक्त के संबंध में मादक पदार्थ के कुल 1573 प्रकरणों में 689 में चालान पेश कर दिया गया है, 884 प्रकरण पुलिस विवेचना में होने के कारण लंबित है। अवैध शराब के कुल 36234 प्रकरणों में 29023 प्रकरणों में चालान पेश कर दिया गया है, 7211 प्रकरण पुलिस विवेचना में होने के कारण लंबित है। (घ) उपरोक्त कार्यवाही में 8656 आरोपी प्रथम बार पकड़े गये है तथा 3409 आदतन अपराधी पकड़े गये है। कार्यवाही के दौरान 47 अपराधी का निवास तोड़े जाने की कार्यवाही की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ड.) इंदौर, भोपाल शहर सहित अन्य शहरों में संचालित कुल 19 हुक्का लाउंज सील किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार।
जल देयक का भुगतान
[गृह]
113. ( क्र. 1590 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विभाग के अंतर्गत भोपाल शहर में बी-टाईप शासकीय कुल कितने एवं किस-किस स्थान पर, किस-किस को आवंटित हैं अथवा पूर्व में हुये हैं? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक आवासवार, नामवार, पदनामवार, गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में उक्त आवास गृहों में नगर निगम के जल कनेक्शन किस के नाम पर, किस उपभोक्ता क्रमांक, किस-किस दर, एक बंगले पर कितने-कितने कनेक्शन दर्ज हैं? कितना देयक नगर निगम द्वारा प्रस्तुत किया गया (मूल राशि और अधिभार सहित)? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण जानकारी का गौशवारा आवासवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में उक्त नगर निगम में प्राप्त देयक राशि का भुगतान कितना, कब, किस माध्यम से और किस-किस के द्वारा कराया गया (मूल राशि अधिभार सहित)? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण जानकारी का गौशवारा आवासवार उपयोगिता प्रमाण-पत्र सहित बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में जब बी-टाईप शासकीय आवासों का जल देयकों का भुगतान सतत् प्रक्रिया है तो नगर निगम में जल देयकों के अधिभार सहित राशियां दर्ज नहीं होने की स्थिति में विभाग ने प्रश्न दिनांक तक कभी संज्ञान लिया है? क्या कभी जल देयकों का नगर निगम से प्राप्त कर भौतिक सत्यापन किया है? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? जल देयकों के लंबित होने से नल विच्छेदन की कार्यवाही हेतु कितने आवासों को नोटिस जारी किये गये हैं? कुल कितनी राशि किस-किस आवास पर कितनी जमा कराई गई है? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। कितनी राशि किस कारण से लंबित है? यह भी बतायें। कब तक जल देयकों के समायोजन की विभाग कार्यवाही पूर्ण करेगा? निश्चित समयावधि बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण
[चिकित्सा शिक्षा]
114. ( क्र. 1592 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह [श्री देवेन्द्र सिंह पटेल] : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यक्ष, म.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण समिति द्वारा अपने पत्र क्रमांक 715, दिनांक 13.10.2022 द्वारा आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा म.प्र. को सभी मेडिकल कॉलेजों में गठित कार्यकारिणी समिति में कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु कर्मचारी प्रतिनिधि के रूप में समिति के सदस्य को शामिल करने बावत् पत्र लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आयुक्त चिकित्सा शिक्षा म.प्र. द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आयुक्त, आदिवासी विकास द्वारा आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
115. ( क्र. 1595 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मांग संख्या 33 मुख्य शीर्ष 2225 योजना क्रमांक 9853 के तहत दिनांक 01.07.2020 से 27.11.2022 तक कार्यालय आयुक्त, आदिवासी विकास, म.प्र. द्वारा इन्दौर संभाग के जिलों को कितनी राशि, किन-किन को आवंटित की गई? इस कार्यालय द्वारा जारी इससे संबंधित समस्त आदेशों की प्रमाणित प्रति देंवे। (ख) इस राशि के व्यय के मासिक पत्रक मय, ट्रेजरी वाउचर नंबर कार्यालयवार, जिलावार प्रमाणित प्रति के रूप में देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मद में आवंटित राशि में से कितनी राशि का भुगतान परिवहन हेतु किया गया? वाहन क्रमांक, वाहन प्रकार, वाहन स्वामी नाम, भुगतान राशि, लंबित राशि सहित कार्यालयवार, जिलावार दिनांक 01.07.2020 से 27.11.2022 की अवधि में देंवे।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स''अनुसार है।
इंदौर की गृह निर्माण समितियों के परिसमापकों द्वारा की कार्यवाही
[सहकारिता]
116. ( क्र. 1596 ) श्री बाला बच्चन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2322, दिनांक 14.03.2022 के (क) उत्तर में वर्णित 34 गृह निर्माण संस्थाओं के प्रकरणों की परिसमापक के पास अद्यतन स्थिति संस्थावार बतावें। जिन 02 संस्थाओं का पंजीयन निरस्त हो चुका है उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या कारण है कि परिसमापकों द्वारा अपनी नियुक्ति के पश्चात संस्था के सदस्यों को भूखण्ड आवंटन या जमा राशि लौटाने, संस्था के भूखण्डों का रिकार्ड फाइनल करना, उनका लेन-देन का रिकार्ड रखना तथा उसके निष्पादन संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि उपरोक्त में से कोई बिन्दु का समाधान किया हो तो संस्थावार, परिसमापक नाम, पदनाम सहित देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 34 परिसमापनाधीन संस्थाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। जिन 02 संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया गया है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 में उल्लेखित संस्था के परिसमापकों के द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम, 1962 के नियम 57 (सी) के अंतर्गत मध्यप्रदेश राजपत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई है, परन्तु परिसमापकों को संस्थाओं के अभिलेख प्राप्त नहीं होने से लेनदारी-देनदारी का निराकरण कर अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं हुआ है। पंजीयन निरस्ती हेतु शेष रही 34 संस्थाओं में एक संस्था के परिसमापक के द्वारा लेनदारी-देनदारी का निराकरण कर अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' के अनुक्रमांक 34 अनुसार।
याचिका क्रमांक wp/5516/2021 में स्टे वेकेंट कराने की कार्यवाही
[विधि एवं विधायी कार्य]
117. ( क्र. 1599 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक WP/5516/2021 प्रकरण में शासकीय अधिवक्ता द्वारा स्टे वेकेंट कराने की कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ख) प्रश्न दिनांक तक इस प्रकरण में कितनी तारीखें लगी? इनमें शासकीय अधिवक्ता की उपस्थिति/अनुपस्थिति की जानकारी तारीखवार देंवे। (ग) कब तक इस प्रकरण में स्टे वेकेंट करा लिया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) महाधिवक्ता कार्यालय, इन्दौर द्वारा याचिका में पारित स्टे आदेश वेकेंट काराने हेतु आवेदन माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष दिनांक 18.11.2021 को मय शपथ पत्र के प्रस्तुत कर दिया गया है तथा आवश्यक शीघ्र सुनवाई का आवेदन भी उक्त दिनांक को मय शपथ पत्र के प्रस्तुत किया गया है। (ख) प्रश्न दिनांक तक सुनवाई की तिथि एवं विधि अधिकारियों की उपस्थिति/अनुपस्थिति की तारीखवार जानकारी इस प्रकार है :-
क्रमांक |
दिनांक |
विधि अधिकारियों के नाम |
1. |
10.03.2021 |
श्री बाल्मिक शकरगाये |
2. |
24.03.2021 |
श्री अंकित प्रेमचन्दानी |
3. |
25.03.2021 |
श्रीमती विनिता फाये |
4. |
06.04.2021 |
श्री आदित्य गर्ग |
5. |
15.06.2021 |
श्री श्रेय राज सक्सेना |
6. |
06.01.2022 |
श्री रंजीत सेन |
(ग) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई किये जाने पर निर्भर करता है। अत: यह नहीं कहा जा सकता है कि प्रकरण में स्टे कब तक वेकेंट करा लिया जावेगा। शीघ्र सुनवाई हेतु महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा मेंशन मेमो लगाकर शीघ्र सुनवाई हेतु यथा सम्भव प्रयास किया जा रहा है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे प्रकरण में सुनवाई
[गृह]
118. ( क्र. 1600 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2323 दिनांक 14.03.2022 के (क) एवं (ग) उत्तर में बताया गया कि प्रकरण में 21.01.2022 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हुई तो इस दिनांक के पश्चात कब-कब सुनवाई तारीख लगी व सुनवाई हुई/नहीं हुई की जानकारी तारीखवार देवें। (ख) इन तारीखों में शासकीय अधिवक्ता की उपस्थिति/अनुपस्थिति की जानकारी तारीखवार देवें। (ग) कब तक इस प्रकरण में शीघ्र सुनवाई कराई जाएगी? (घ) लंबे समय तक सुनवाई न होने के दोषी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण में अंतिम सुनवाई दिनांक 19.03.2018 को हुई थी, उसके पश्चात से आज दिनांक तक सुनवाई नहीं हुई है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई हेतु टेन्टेटिव दिनांक 21.01.2022 नियत थी, किन्तु प्रकरण उक्त दिनांक को लिस्टेड नहीं हुआ और सुनवाई भी नहीं हुई। दिनांक 21.01.2022 के पश्चात से आज दिनांक तक प्रकरण में सुनवाई तारीख नहीं लगी एवं न ही सुनवाई हो सकी है। (ख) दिनांक 21.01.2022 के पश्चात से आज दिनांक तक प्रकरण में सुनवाई तारीख नियत नहीं हुई। अतः शासकीय अधिवक्ता की उपस्थिति/अनुपस्थिति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री माननीय न्यायालय के समक्ष अपने नियम, विनिमय और प्रक्रिया के अनुरूप ही मामले को सूचीबद्ध करती है, इसलिये सुनवाई की आगामी तिथि के संबंध में अवगत करा सकना संभव नहीं है। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई नहीं हो सकने के किसी अधिकारी के दोषी होने या उन पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है, इसलिये अधिकारियों के दोषी पाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्थानांतरित कर्मचारियों द्वारा पदभार ग्रहण
[सहकारिता]
119. ( क्र. 1603 ) श्री सुनील सराफ : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में वर्ष 2022-23 में स्थानांतरित किए गए कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने के पश्चात् उनके द्वारा स्थानांतरित स्थान पर पदभार ग्रहण नहीं किया गया है कारण, स्थानवार, प्रकरणवार स्पष्ट करें। (ख) यह प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? प्रकरणवार समय-सीमा देवें। (ग) कितने स्थानों पर पदभार ग्रहण न करने के बाद भी इन कर्मचारियों का मेडिकल अवकाश स्वीकृत किया गया? स्थान नाम, पदनाम सहित देवें। स्वीकृत करने वाले संबंधित अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि ऐसा किस नियम/आदेश के तहत किया गया? यदि यह नियमों का उल्लंघन कर किया गया तो इन पर कब तक कार्यवाही होगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) न्यायालयीन प्रकरणों के अध्यधीन। (ग) स्थानांतरित अधिकारी/कर्मचारी का चिकित्सा अवकाश उसके कार्यमुक्त होने के उपरांत नवीन पदस्थापना पर कार्य ग्रहण के पश्चात ही स्वीकृत किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना आजाद नगर व थाना कनाडिया इंदौर में प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही
[गृह]
120. ( क्र. 1604 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिद्धि इंटरप्राईजेस द्वारा दिनांक 06.09.2022 को थाना प्रभारी आजाद नगर इंदौर को दिए आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) क्या कारण है कि आवेदन में वर्णितों के संबंध में कोई कार्यवाही न कर उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है? कब तक इस प्रकरण में कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) माह सितम्बर/अक्टूबर 2022 में रिद्धि इंटरप्राईजेस द्वारा थाना कनाडि़या इंदौर में भी दिए आवेदन की जानकारी प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदक रिद्धी इन्टरप्राईजेस द्वारा दिनांक 06.09.2022 को थाना प्रभारी आजाद नगर को दिये गये आवेदन पत्र का अवलोकन करने से घटना स्थल थाना कनाडि़या का होना पाये जाने पर थाना कनाडि़या की ओर भेजा गया है। (ख) उभय पक्षों के मध्य एक कान्ट्रेक्ट का कार्य करने के फलस्वरूप पेमेन्ट के रूप में दिये गये चैक के बाउन्स होने के कारण जनित विवाद का प्रकरण है। प्रकरण में कार्यवाही धारा 138 निगोशिएबल इन्ट्रूमेन्टल एक्ट 1881 के अंतर्गत किये जाने का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत वाद संबंधित न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण का निराकरण माननीय न्यायालय के आदेश से अधिशासित रहेगा। आवेदन पत्र पर समुचित कार्यवाही की गई है, अतः आवेदन पत्र में वर्णितों को संरक्षण दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आवेदक रिद्धि इन्टरप्राईजेस द्वारा थाना आजाद नगर व थाना कनाडि़या में प्रस्तुत आवेदन पत्रों की जांच थाना प्रभारी कनाडि़या द्वारा की गई। आवेदन पत्रों की जांच पर रिद्धि इन्टरप्राईजेस व केट स्किल इन्फ्रा प्रायवेट लिमिटेड के मध्य चैक के माध्यम से 38 लाख रूपये का लेन-देन होने और चैक बाउन्स (अनादरित) होने का पाया गया जो पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं है। इसकी सूचना आवेदक पक्ष को दी गई है। इस प्रकरण में आवेदक द्वारा पूर्व से ही चैक अनादरित होने के संबंध में एक वाद संबंधित न्यायालय के समक्ष लगाया है जो धारा 138 निगोशिएबल इन्ट्रूमेन्टल एक्ट 1881 के अंतर्गत विचाराधीन है। आवेदन पत्रों पर विधि सम्मत कार्यवाही की गई है।
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक सेवा नियमों में संशोधन
[सहकारिता]
121. ( क्र. 1612 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव म.प्र. शासन सहकारिता विभाग सितम्बर 2022 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब आयुक्त सहकारिता के प्रभार में रहें? (ख) उक्तावधि में प्रमुख सचिव सहकारिता द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के सेवा नियमों में क्या-क्या संशोधन किस आधार पर किए गए हैं? (ग) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के कर्मचारियों को उक्तावधि में नए वेतनमान भी स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या वेतनमान देने के लिए समिति का गठन, वेतनमान देने पर देय भार, ग्रेज्युटी/लीव इनकैशमेंट सहित अन्य मदों पर आने वाले वित्तीय भार का आकलन आदि के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया? यदि हाँ, तो विवरण दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) उक्तावधि में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों एवं म.प्र. राज्य सहकारी बैंक के सेवा नियमों में किये गये संशोधनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक सेवा नियम क्रमांक-16.1.1 में बैंक के सेवायुक्तों के वेतनमान निर्धारण सेवा नियम में उल्लेखित व्यय सीमा के अंतर्गत पंजीयक की सहमति से किया जाना प्रावधानित है। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक की दिनांक 31-03-2022 की स्थिति पर बैंक का प्रबंधकीय व्यय कार्यशील पूंजी से 0.38 प्रतिशत तथा शुद्ध लाभ रू. 23.06 करोड़ था। सेवायुक्तों के वेतनमान पुनरीक्षण में वित्तीय भार का आकलन एवं निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया है।
प्रदेश में लागू दस्यु उन्मूलन अधिनियम को समाप्त किया जाना
[गृह]
122. ( क्र. 1613 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में डकैत समस्या समाप्त हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या दस्यु उन्मूलन अधिनियम लागू है? (ग) यदि हाँ, तो पुलिस अब दस्यु उन्मूलन अधिनियम का दुरूपयोग कर रही है? निर्देशों पर दस्यु उन्मूलन अधिनियम लगाकर उन्हें प्रताड़ित करती है? (घ) यदि नहीं, तो क्या राज्य सरकार उक्त अधिनियम को समाप्त करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में कोई भी सूचीबद्ध दस्यु गिरोह सक्रिय नहीं है किन्तु सीमावर्ती राज्यों से यदाकदा डकैतों का आवागमन रहता है। (ख) जी हाँ। प्रदेश के मुरैना, दतिया, श्योपुर, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी के सम्पूर्ण जिले में मध्यप्रदेश डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 1981 प्रभावी है। इसके अतिरिक्त रीवा के थाना डभौरा, पनवार, अतरैला, सिरमौर,जवा, जनेह, सेमरिया थाना क्षेत्र तथा जिला सतना के नयागांव, बरौधा, मझगंवा, सिंहपुर, सभापुर, धारकुंडी थाना क्षेत्र तथा जिला पन्ना के अजयगढ़, धरमपुर,ब्रिजपुर, मंडला थाना क्षेत्र में मध्यप्रदेश डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 1981 लागू है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश के सीमावर्ती भाग में भौगौलिक परिस्थितियों एवं जंगलों को दृष्टिगत रखते हुये असूचीबद्ध डकैत गैगों पर सतत् नियंत्रण के लिये दस्यु उन्मूलन अधिनियम प्रभावी सिद्ध हुआ है, अतः वर्तमान में उसे समाप्त करना उचित नहीं है।
इंदौर के एम.वाय. हॉस्पिटल की आर्थिक स्थिति
[चिकित्सा शिक्षा]
123. ( क्र. 1615 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर के एम.वाय. हॉस्पिटल पिछले कई माह से आर्थिक संकट से जूझ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इसके क्या-क्या कारण हैं? (ग) क्या एम.वाय. की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली एजेन्सी के कर्मचारियों को विगत कई माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है एवं लांड्री वाले का लाखों रूपये बकाया है? (घ) यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है और राज्य सरकार एम.वाय. हॉस्पिटल को आवश्यकतानुसार राशि उपलब्ध करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एम.वाय. की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली एजेन्सी को माह अक्टूबर 2022 तक का भुगतान किया जा चुका है एवं लांड्री का भी कोई बकाया शेष नहीं। (घ) उत्तरांश ''क'', ''ख'', ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
124. ( क्र. 1619 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक अनुसूचित जाति कल्याण की कौन-कौन सी योजनाओं एवं निर्माण कार्यों हेतु म.प्र शासन एवं केन्द्र सरकार द्वारा कितना-कितना बजट विभाग को प्राप्त हुआ एवं कितना-कितना बजट जिलों को आवंटित किया गया? क्या आवंटन में भेदभाव किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? उपरोक्त योजना एवं निर्माण कार्यों हेतु कितना - कितना बजट किस-किस मद में जिलों को प्राप्त हुआ एवं किस-किस मद में व्यय किया गया एवं कितनी राशि किस मद में लेप्स हुई? इसके लिए दोषी कौन है? कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए? कितने पूर्ण हुए? कितने अधूरे हैं? कितने अप्रारंभ हैं? स्वीकृत निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति उपलब्ध करावें। (ख) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी के प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? कितनी राशि शेष है? शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें तथा ग्राम आदर्श ग्राम चौड़ाखेड़ी विकासखण्ड सिरोंज में कितनी राशि आवंटित की गई? कितनी राशि शेष है? शेष राशि कब तक आवंटित कर दी जावेगी? आवंटन न करने के लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों के लिए कब-कब, कितनी - कितनी राशि आवंटित की गई? प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम के चयन की क्या प्रक्रिया है? नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्राप्त बजट एवं पुर्नावंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी जिलेवार संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। पूर्व में जारी आवंटन का उपयोगिता प्रमाण-पत्र दिये जाने पर आगामी किश्त दी जा रही है। कोई दोषी नहीं है। भारत सरकार से प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। योजना के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
125. ( क्र. 1620 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं एवं निर्माण कार्यों हेतु म.प्र.शासन एवं केन्द्र सरकार द्वारा कितना-कितना बजट विदिशा जिले को आवंटित किया गया? क्या आवंटन में भेदभाव किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त योजना एवं निर्माण कार्यों हेतु कितना-कितना बजट किस-किस मद में जिलें को प्राप्त हुआ, किस-किस मद में व्यय किया गया एवं कितनी राशि किस मद में लेप्स हुई? (ग) जनजातीय कार्य विभाग में बजट आवंटन के क्या नियम/निर्देश हैं नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं विदिशा जिले में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कितना-कितना बजट किस-किस मद में आवंटित किया गया तथा किस मद में व्यय किया गया? कार्यवाही जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या विदिशा जिले में शहरिया, बैगा तथा भारिया जनजाति की महिलाओं को पोषण भत्ते की राशि दी जाती है? यदि हाँ, तो कितनी संख्या एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। जिन क्षेत्रों में शहरिया, बेगा तथा भारिया जनजाति की संख्या कम है, जैसे विदिशा जिले में उन महिलाओं को पोषण आहार के भत्ते की राशि कब-तक प्रदान की जावेगी? क्या शासन के द्वारा सभी सहरिया, बेगा एवं भारिया जनजाति की महिलाओं को पोषण भत्ता राशि दिये जाने हेतु योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक बना ली जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विदिशा जिले को 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न अविध तक प्राप्त आवंटन की जानकारी एवं संबंधित योजनाओं के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। आवंटन प्रदाय किये जाने में कोई भेदभाव नहीं किया गया है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा राशि जिलेवार निर्गमित नहीं की जाती है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) योजना एवं निर्माण कार्यों हेतु प्राप्त आवंटन/व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 एवं आदिवासी उपयोजना केन्द्रीय सहायता अंतर्गत नियम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। विदिशा जिले में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक प्राप्त बजट एवं वव्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (घ) विदिशा जिले में आहार अनुदान योजना लागू नहीं है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवा सहकारी समितियों से संबंधित
[सहकारिता]
126. ( क्र. 1622 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम एवं हरदा जिला, जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत कितनी सेवा सहकारी समितियां निर्मित हैं? (ख) इन सहकारी समितियों में कितनी सहकारी समितियां नियमित हैं एवं कितनी डिफाल्टर हैं? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) क्या नियमित सहकारी समितियों में खाद-बीज एवं ऋण वितरण कृषकों को किया जाता है? (घ) सभी सहकारी समिति में नियमित कृषकों के क्रेडिट पर खाद-बीज एवं ऋण वितरित कराया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) दिनांक 31.03.2022 की स्थिति पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद के कार्यक्षेत्र के जिला नर्मदापुरम अंतर्गत 99 सेवा सहकारी समितियां एवं जिला हरदा अंतर्गत 52 सेवा सहकारी समितियां, इस प्रकार कुल 151 सेवा सहकारी समितियां कार्यरत है। (ख) दिनांक 31.03.2022 की स्थिति पर जिला नर्मदापुरम अंतर्गत 19 सहकारी समितियां नियमित एवं 80 सहकारी समितियां डिफाल्टर है तथा जिला हरदा अंतर्गत संपूर्ण 52 सहकारी समितियां डिफाल्टर है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सभी नियमित एवं डिफाल्टर सहकारी समितियों में पात्र कृषक सदस्यों को उनकी मांग अनुसार खाद-बीज एवं नगद ऋण का वितरण बैंक की वित्तीय तरलता अनुरूप किया जाता है। (घ) बैंक की वित्तीय तरलता अनुरूप सभी सहकारी समितियों में नियमित कृषक सदस्यों के क्रेडिट कार्ड पर खाद बीज एवं नगद ऋण वितरण कराया जाता है।
अनियमितता पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
127. ( क्र. 1624 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) [श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा), श्री सीताराम .] : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल से संबंद्ध हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर मंजू मेश्राम (दुबे) द्वारा बिना नियोक्ता की अनुमति के फर्जी शपथ पत्र प्रस्तुत कर विधानसभा निर्वाचन 2013 सिलवानी क्रमांक 143 से शासकीय सेवक रहते हुए चुनाव लड़ने, भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता के आरोप पूर्णतः सिद्ध पाए जाने के बावजूद भी मार्च 2019 से प्रश्न-दिनांक तक भी मंजू मेश्राम (दुबे) के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाकर कार्यमुक्त नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कार्यवाही नहीं करने का विधिसम्मत कारण बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मार्च 2019 से आज दिनांक तक मंजू मेश्राम (दुबे) को शासकीय सेवा में बनाए रखने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उक्त जिम्मेदारों/सहयोगियों के विरूद्ध क्या-क्या जवाबदेही तय कर क्या-क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मंजू मेश्राम (दुबे) को कब तक सेवा से बर्खास्त कर किस-किस धारा में एफ.आई.आर. दर्ज करवायी जाएगी? (घ) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल से संबंद्ध हमीदिया चिकित्सालय की नर्सिंग अधीक्षिका श्रीमती रामरति यादव एवं नर्सिंग ऑफिसर मंजू मेश्राम (दुबे) के विरूद्ध आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, म.प्र. शासन एवं संभागायुक्त भोपाल को किस-किस ने किस दिनांक को क्या-क्या शिकायत की, उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रति सहित बताएं। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) तत्कालीन नर्सिंग अधीक्षिका श्रीमती रामरति यादव एवं नर्सिंग आफिसर मंजू मेश्राम (दुबे) के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संदिग्ध परिस्थिति में मृत्यु की जांच
[गृह]
128. ( क्र. 1626 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के थाना नौगांव अंतर्गत ग्राम साहनिया निवासी श्री मुकेश अहिरवार पिता खेमचंद अहिरवार, उम्र 37 वर्ष के द्वारा दिनांक 25-26 नवम्बर 2022 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो प्राथमिकी में किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या आरोप लगाये गये थे? (ख) क्या आरोपी श्री वीरू अहिरवार को फरियादी एवं पुलिस की प्रताड़ना से थाना लोढ़ी अंतर्गत जिसके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी? उसी व्यक्ति का शव दिनांक 27-28 नवम्बर, 2022 की रात में पाया गया? (ग) प्रश्नांकित आरोपी की किस हालत में मृत्यु अथवा हत्या हुई, पुलिस विवेचना में क्या पाया गया? क्या उक्त व्यक्ति की मृत्यु अथवा हत्या की उच्च स्तरीय जांच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही है कि दिनांक 26 नवम्बर, 2022 को आवेदक मुकेश अहिरवार पिता खेमचंद अहिरवार उम्र 37 साल निवासी सहानिया द्वारा थाना नौगांव आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दिनांक 26.11.2022 को थाना नौगांव में अपराध क्रमांक 692/22 धारा 294, 323, 506 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। आरोपी बीरू अहिरवार के विरूद्ध मारपीट एवं गाली-गलौच के आरोप लगाये गये थे। (ख) यह सही है कि उसी व्यक्ति बीरू अहिरवार का शव दिनांक 28.11.2022 को सुबह 6.30 बजे मिला, जिसके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी। (ग) मृतक बीरू अहिरवार का शव परीक्षण प्रतिवेदन अनुसार ''मायोकार्डियल अटैक'' से मृत्यु होना पाया गया है। थाना लवकुश नगर में दिनांक 28.11.2022 को मर्ग क्रमांक 76/22 धारा 174 जाफौ का प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है। उच्च स्तरीय जांच का औचित्य नहीं है क्योंकि साक्ष्यों के आधार पर संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया है।
गौशालाओं का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
129. ( क्र. 1629 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन गौशालाएं खोले जाने हेतु शासन ने क्या-क्या नियम बनायें हैं? इनकी छायाप्रति प्रदाय करें। टीकमगढ़ जिले में कहां-कहां पर गौशालाओं का निर्माण किया जा चुका है एवं कहां-कहां का कार्य प्रगति पर है तथा इस पर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक जिले के जतारा विधान सभा में कहां-कहां से किस-किस ग्राम पंचायत द्वारा गौशाला स्वीकृत करने की मांग की जा रही है? प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा इन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन गौशालाओं में बंद मवेशियों पर कितनी-कितनी राशि भोजन एवं अन्य पर व्यय की जा चुकी है और कितनी राशि देना शेष है एवं शासन ने गौशालाओं पर व्यय होने वाली राशि के लिए क्या-क्या नियम बनाये हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव अनुसार कहां-कहां नवीन गौशालाएं स्वीकृत की जावेंगी एवं कितनी राशि स्वीकृत कब तक होगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं 'ब'' अनुसार। (ख) विधानसभा क्षेत्र जतारा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बेला, दिनउ, दांतगोरा से गौशाला स्वीकृत हेतु प्रस्ताव जिला टीकमगढ़ को प्राप्त हुए हैं। ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव परीक्षण कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को भेजे गए हैं। (ग) जिला टीकमगढ़ की निर्मित गौशालाओं में संचालित 38 गौशालाओं में रखे गए गौवंश हेतु भूसा, दाना पर बजट की उपलब्धता अनुसार राशि रू. 185.23 लाख गौशालाओं को प्रदाय हेतु जिला पंचायत टीकमगढ़ को माह जुलाई 2022 तक राशि प्रदाय कर दी गई है। कोई राशि शेष नहीं है। अन्य व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार एवं व्यय होने वाली राशि के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रस्ताव मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय में प्राप्त हुए है। अत: नवीन गौशालाएं एवं राशि स्वीकृत करने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बर्खास्तगी के उपरांत सेवा बहाली
[जनजातीय कार्य]
130. ( क्र. 1632 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्यालय म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक 1/डी/1131/2022/9612 भोपाल दिनांक 11.05.2022 द्वारा सहायक ग्रेड-2 जिला बुरहानपुर को शासकीय राशि का दुरूपयोग करने के आरोप से पदच्युत के पश्चात बहाल किया गया था? यदि हाँ, तो शासकीय राशि का दुरूपयोग प्रकरण में किन-किन व्यक्तियों को भुगतान किया गया था? जिन्हें भुगतान किया गया था क्या वे शासकीय कर्मचारी थे या विभागीय कार्यलय के लिये भुगतान किया गया था? कारण स्पष्ट करें। इसके अतिरिक्त ऐसे कर्मचारी/अधिकारी जिन्हें नर्मदा झाबुआ शाखा बुरहानपुर के खाता क्र. 026721100000336 से चेक द्वारा राशि दी गई है? उनके नाम बताने का कष्ट करें। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला बुरहानपुर के आदेश क्र. स्था/2019/5296 दिनांक 05.08.2019 द्वारा शासकीय राशि का दुरूपयोग करने के आरोप में सहायक ग्रेड-02 जिला बुरहानपुर को दोषी पाने के कारण पदच्युत किया था, ऐसे क्या दस्तावेज प्रस्तुत किये गये जिससे सहायक ग्रेड-2 जिला बुरहानपुर को बहाल किया गया? सहायक ग्रेड-2 जिला बुरहानपुर द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में सहायक ग्रेड 02 जिला बुरहानपुर दोषी पाने के कारण पदच्युत के पश्चात बहाली हेतु आयुक्त, भोपाल द्वारा किसी भी प्रकार का अभिमत कलेक्टर, बुरहानपुर से लिया गया था या बहाली हेतु निर्णय हेतु किसी प्रकार की समिति का गठन किया गया था? यदि नहीं, तो क्या शासन बहाली प्रकरण की अन्य विभाग के अधिकारियों से विस्तृत जांच कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, श्री नारायण शिवाजी पाटील, तत्कालीन सहायक ग्रेड-02, जिला बुरहानपुर को एक पद अवनति कर निम्नतर सेवा में लिये जाने की शास्ति अधिरोपित करते हुए बहाल किया गया। कलेक्टर, जिला बुरहानपुर द्वारा पारित दंडादेश क्र./स्था./अन्य/2019/5296 बुरहानपुर दिनांक 05.08.19 के अनुसार श्री नारायण पाटील, तत्कालीन सहायक ग्रेड-02, शासकीय उ.मा.वि., शेखापुर द्वारा कार्यालय सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य बुरहानपुर में लेखा शाखा के प्रभारी रहते हुए श्रीमती स्वाती अत्रे, श्री मुकेश अत्रे एवं श्री मुकेश जयराम अत्रे को जिले में बिना कार्य किये विभिन्न छात्रावासों में कार्यरत दर्शाते हुए राशिओं का भुगतान किया गया था। इस दंडादेश में भुगतान प्राप्तकर्ता व्यक्तियों का उल्लेख शासकीय कर्मचारियों के रूप में नहीं पाया गया। प्रकरण संज्ञान में आने के पश्चात् इन व्यक्तियों को भुगतान की गई राशि वसूल की जाकर शासन के खाते में चालान से जमा की जा चुकी है,चालान प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) आवेदक द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 16769/2020 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर की गई। उक्त याचिका में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर ने अपने निर्णय दिनांक 22.03.2021 द्वारा आवेदक को 15 दिवस के अंदर निर्धारित प्रपत्र में अपील प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये तथा अपीलीय अधिकारी द्वारा 03 माह में अपील का निराकरण करने के निर्देश दिये गये थे। शासन आदेश क्र. एफ-4-282/96/1/25 दिनांक 24 जून, 1998 के पालन में अपीलीय अधिकार, म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 के समस्त शक्तियां विभागाध्यक्ष को प्रदत्त होने से कार्यालयीन आदेश क्रमांक/स्था.1/ डी.3/1131/2022/9612 दिनांक 11.05.2022 द्वारा आवेदक को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 (6) के तहत् एक पद अवनति कर निम्न स्तर सेवा में शास्ति अधिरोपित करते हुए बहाल किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता।