मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2019
सत्र
सोमवार, दिनांक 23 दिसम्बर, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नेशनल मिशन
फॉर प्रोटीन
सप्लिमेंट
योजनांतर्गत राशि
का आवंटन
[पशुपालन]
1. ( *क्र. 147 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2013 से 2015 की अवधि में नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लिमेंट योजना में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त अवधि में किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? हितग्राही का पूर्ण नाम, पिता का नाम, निवासी तथा हितग्राही के आवेदन पत्र ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत के ठहराव के पत्र की जानकारी दें। (ख) उक्त योजना अंतर्गत हितग्राहीवार राशि किस-किस हितग्राही को कितनी-कितनी कब-कब, किस-किस बैंक खाते के माध्यम से भुगतान की गई? खातेदार का नाम, पता, बैंक एवं शाखा के नाम सहित जानकारी दें। हितग्राही द्वारा 95 बकरी एवं 5 बकरे कहां-कहां से खरीदे, इनके बिल की प्रति एवं भौतिक सत्यापनकर्ता का सत्यापन प्रमाण पत्र सहित जानकारी देवें। (ग) उक्त योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राही को बकरा-बकरी पालन हेतु बनाये गये शेड वर्तमान में कहां-कहां पर उपलब्ध हैं तथा हितग्राही के पास वर्तमान में कितने बकरा-बकरी जीवित हैं? योजना की गाईड लाईन/नियम निर्देशों की छायाप्रति देवें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 404/2019-20, दिनांक 04-10-2019 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 433/2019-20, दिनांक 18-10-2019 के द्वारा प्रश्न में वर्णित जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ तो उक्त जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लिमेंट योजना अन्तर्गत शिवपुरी जिले को पत्र क्रमांक 12560, दिनांक 22.11.2012 के द्वारा राशि रूपये 47,29,200/- (सैंतालीस लाख उन्तीस हजार दो सौ रूपये) आवंटित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) चयनित हितग्राहियों के संबंधित बैंक खातों में ई-पेमेंट के माध्यम से भेजी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। योजना की दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला शिवपुरी द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3650, दिनांक 6.11.2019 को स्पीड पोस्ट के माध्यम से उक्त जानकारी माननीय विधायक महोदय को उपलब्ध कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ज'' अनुसार है।
माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में संविदा कर्मचारियों को 20% पद का आरक्षण
[स्कूल शिक्षा]
2. ( *क्र. 1021 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक सी 15/2/2018/1/3, भोपाल, दिनांक 05 जून, 2018 एवं पत्र क्रमांक सी 15/2/2018/1/3, भोपाल दिनांक 25 जुलाई, 2018 द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान करने संबंधी विभागों को निर्देश जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों की कंडिका 1.4 से 1.8 तक जारी निर्देशों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रत्येक विभाग द्वारा सीधी भर्ती में उनकी अर्हता के अनुरूप 20 प्रतिशत पद आरक्षित किये जाने का उल्लेख किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सीधी भर्ती प्रक्रिया में उक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (घ) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 भर्ती प्रक्रिया में संविदा पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी जो पात्रता परीक्षा उर्त्तीण हैं एवं समस्त अर्हता रखते हैं, के लिए 20 प्रतिशत पद आरक्षित किये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के उल्लेखित निर्देशों में की गई व्यवस्था से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की सीधी भर्ती हेतु 20 प्रतिशत संविदा कर्मियों के लिए पद आरक्षित रखने से सक्षम स्तर से छूट प्राप्त की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के क्रियान्वयन हेतु राशि का आवंटन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( *क्र. 1425 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 15 दिसम्बर, 2018 से 15 नवम्बर, 2019 की अवधि में कुल कितने जोड़ों के विवाह सम्पन्न हुये? सरकार द्वारा अभी तक कितने जोड़ों को निर्धारित 51 हजार रूपये की राशि आवंटित कर दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान में करीब 23 हजार जोड़ों को निर्धारित राशि 48 हजार रूपये प्रति जोड़ा का आवंटन प्रदाय नहीं किया गया है? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा विभाग को कन्यादान योजना में राशि आवंटन देने से साफ इंकार किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग की क्या योजना है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 15 दिसम्बर, 2018 से 15 नवम्बर, 2019 तक कुल 68682 जोड़ों के विवाह सम्पन्न हुए हैं तथा 39425 जोड़ों को राशि रूपये 51,000/- प्रति हितग्राही के मान से रूपये 20106.75 लाख का भुगतान किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। वित्त विभाग से आवंटन प्राप्त किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल के बड़े तालाब में लगी मुनारों की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1256 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में भोपाल के बड़े तालाब के फुल टेंक लेवल (एफ.टी.एल.) के 50 मीटर के दायरे में लगी मुनारों को तय जगह से उखाड़ने की शिकायत भोपाल कलेक्टर को कब मिली और कलेक्टर द्वारा इसे कब संज्ञान में लिया गया? तिथि एवं कार्यवाही का विवरण दिया जाये? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित मुनारों की वर्तमान संख्या कितनी है? क्या यह संख्या वर्ष 2016 में लिये गये डी.जी.पी.एस. सर्वे से भिन्न है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुनारों के उखाड़ने से क्या बड़े तालाबों में एफ.टी.एल. पर कोई प्रभाव पड़ा है? यदि हाँ, तो किस तरह का? संक्षिप्त विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वर्ष 2019 में भोपाल के बड़े तालाब के फुल टेंक लेवल (एफ.टी.एल.) के 50 मीटर दायरे में लगी मुनारों को तय जगह से उखाड़ने की कोई शिकायत कलेक्टर कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मुनारों की वर्तमान संख्या 917 है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मुनारों के उखाड़ने से तालाब के एफ.टी.एल. पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन गौ-शालाओं के निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति
[पशुपालन]
5. ( *क्र. 506 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितनी नवीन गौ-शालाओं के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) प्रत्येक गौ-शाला निर्माण पर कितनी लागत राशि का प्रावधान रखा गया तथा उसमें क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जावेंगी तथा प्रत्येक गौ-शाला में कितनी गायों को पालने का प्रावधान तय किया गया है? (ग) वर्तमान में मंदसौर जिले में कितनी गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रारम्भ है? ग्राम पंचायतवार गौ-शालाओं के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) मंदसौर जिले में कितनी गौ-शालाएं प्रारम्भ होना प्रस्तावित हैं? पंचायतवार जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा 1000 गौ-शाला खोलने का निर्णय लिया गया है, जिसके विरूद्ध मध्य प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत 957 गौ-शालाओं के निर्माण कार्यों की जिले द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत प्रति गौ-शाला रू. 27.72 लाख का प्रावधान किया गया है। इसमें गौ-शाला शेड, हौज, बछड़ा शेड, चौकीदार कक्ष, भूसा गोदाम तथा फेंसिंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी। प्रत्येक गौ-शाला में 100 गौवंश रखने की क्षमता होगी। (ग) वर्तमान में मंदसौर जिले में 31 नवीन शासकीय गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मंदसौर जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 32 नवीन शासकीय गौ-शालाएं प्रस्तावित हैं, जिसके विरूद्ध 31 गौ-शालाएं निर्माणाधीन हैं एवं एक गौ-शाला ग्राम बाजखेड़ी, ग्राम पंचायत बाजखेड़ी, जनपद पंचायत सीतामऊ में प्रारंभ होना शेष है।
तेंदूपत्ता लाभांश से स्वीकृत विकास कार्य
[वन]
6. ( *क्र. 433 ) श्री सुदेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूपत्ता लाभांश 20 प्रतिशत राशि से विभाग अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने के क्या-क्या प्रावधान हैं? (ख) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक तेंदूपत्ता की 20 प्रतिशत लाभांश राशि से विभाग अंतर्गत कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों से कितने कार्य पूर्ण हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? यदि अपूर्ण हैं तो क्यों तथा कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) यह सही नहीं है कि तेन्दूपत्ता लाभांश के 20 प्रतिशत राशि से कार्य कराये जाने का प्रावधान है, अपितु विभागीय पत्र क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3, दिनांक 10.02.2012 द्वारा शुद्ध लाभ की राशि का 15 प्रतिशत भाग ''वन एवं संग्राहकों की क्षमता विकास'' तथा 15 प्रतिशत राशि ग्रामों की ''अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास'' के लिये व्यय करने का निर्देश है। उक्त निर्देश के अनुक्रम में अधोसंरचना विकास कार्य हेतु राज्य लघु वनोपज संघ के संचालक मण्डल द्वारा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शित अधोसंरचना विकास कार्य कराये जाने का प्रावधान किया गया है। (ख) एवं (ग) विभागीय पत्र क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3, दिनांक 10.02.2012 में दिये गए निर्देशानुसार शुद्ध लाभ की राशि से स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अपूर्ण कार्य अगस्त, 2020 तक पूर्ण किये जायेंगे।
रॉयल्टी चोरी के प्रकरणों में जुर्माना राशि की वसूली
[खनिज साधन]
7. ( *क्र. 981 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के किस-किस जिले में खनिज रॉयल्टी, जुर्माना की 31-10-2019 तक कुल कितनी राशि की वसूली की जाना है? जिलेवार, नामवार जानकारी देवें। (ख) वसूली योग्य जुर्माने की राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी? यदि वसूली नहीं की गई, तो क्यों? (ग) जुर्माने की करोड़ों की राशि समय-सीमा में वसूली नहीं होने पर क्या संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? जिन लोगों से वसूली होना है, उन पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सागर संभाग अंतर्गत जिलों द्वारा दिनाँक 31.10.2019 की स्थिति में रॉयल्टी बकाया एवं अधिरोपित जुर्माना की वसूली के संबंध में अनंतिम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिले में वसूली की कार्यवाही प्रकरणवार की जाती है। प्रत्येक प्रकरण का विश्लेषण किए बिना किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना विधि संगत नहीं है। यदि माननीय प्रश्नकर्ता किसी प्रकरण विशेष की जानकारी चाहेंगे तो उस पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जा सकती है।
अमृत परियोजना अंतर्गत कोलार पेयजल योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 1977 ) श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना कोलार रोड, हिनोतिया आलम की स्वीकृति केंद्र/राज्य सरकार किसके द्वारा की गई है? क्या मूल डी.पी.आर. के तहत पाईप लाईन बिछाई गई है? यदि परिवर्तन किया गया है, तो क्या इसकी सक्षम स्वीकृति सरकार से ली गई है? यदि नहीं, ली गई है तो परिवर्तन के क्या कारण हैं? परिवर्तन से इस योजना की लागत में कितनी वृद्धि हुई है? (ख) इस स्वीकृत नक्शे में ग्राम हिनोतिया आलम कोलार में स्थित भूमि खसरा नं. 175/4/2/13, 175/5, 175/4/2/13, 175/4/2/6, 175/4/2/2, 175/5, 175/4/2/001, 175/5/1, 175/4/2/0002, 175/5/1, 175/4/2/10, 175/5, 170/1, 92/2/2, 92/3, 170/2/2, 171, 172 तथा अन्य भू-स्वामियों को शामिल किया गया था अथवा नहीं? मूल स्वीकृत योजना की जानकारी देवें। यदि मूल योजना में शामिल नहीं था, तो इसे बाद में किस स्तर पर शामिल किया गया? इसकी स्वीकृति किसके द्वारा दी गई? (ग) इस पाईप लाईन के एलाईनमेंट में आने वाली निजी भूमि का अधिग्रहण करने के बाद ही पाईप लाईन बिछाई गई है या नहीं? निजी भूमि पर बिना अधिग्रहण के पाईप लाईन बिछाये जाने के लिए कौन दोषी है? क्या निजी भूमि से पाईप लाईन हटाई जावेगी या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत परियोजना के मार्गदर्शी सिद्धांत के अंतर्गत कोलार पेयजल योजना की स्वीकृति राज्य शासन स्तर पर गठित राज्य स्तरीय तकनीकी समिति तथा राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति द्वारा प्रदान की गयी है। जी नहीं। जी हाँ, राज्य स्तरीय तकनीकी समिति तथा राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति द्वारा ली गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। परिवर्तन से इस योजना की लागत में लगभग राशि रू. 848.26 लाख की वृद्धि हुई है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मूल योजना में शामिल नहीं था, इसके बाद में राज्य स्तरीय तकनीकी समिति एवं समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। (ग) जी नहीं। निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री आवास मिशन योजनांतर्गत पट्टों का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 2042 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नगरीय क्षेत्र में अवासहीन पात्र हितग्राहियों को स्थाई एवं अस्थाई पट्टे वितरण की योजना चलाई जा रही है? क्या नगर परिषद बड़ावदा जिला रतलाम से वर्तमान में आवासहीन पात्र हितग्राहियों के संबंध में जानकारी निरंक भेजी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या बड़ावदा नगर परिषद क्षेत्र में कई पार्षद व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा पात्र आवासहीन हितग्राहियों को पट्टा वितरण योजना से वंचित किये जाने की शिकायत विगत वर्षों में की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा आवासहीन पात्र हितग्राहियों को लाभ पहुँचाने हेतु शुरू की गई योजना में नगर परिषद द्वारा लापरवाही पूर्वक कार्य करने तथा सैकड़ों पात्र लोगों की निरंक जानकारी भेजने पर दोषी जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी तथा योजना के लाभ से वंचित लोगों के नाम जोड़ने हेतु कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 2002/2015/18-3, दिनांक 30.12.2015 एवं पत्र क्रमांक भूमिहीन एफ-1-6/2017/18-3/18143, दिनांक 10.07.2017 के द्वारा निर्धारित कार्यक्रम अनुसार दिनांक 31.12.2014 की स्थिति में शासकीय भूमि पर काबिज हितग्राहियों को आवासीय भूमि के पट्टे दिये जाने की योजना संचालित है। जी नहीं। नगर परिषद बड़ावदा द्वारा आवासहीन पात्र हितग्राहियों के संबंध में निरंक जानकारी नहीं भेजी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। समय-समय पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा निकाय में निवासरत हितग्राहियों को पट्टे प्रदान किये जाने हेतु मांग की गई है। पूर्व में कराये गये सर्वेक्षण अनुसार 107 हितग्राहियों में से 45 अपात्र तथा 62 पात्र पाये गये हितग्राहियों को अस्थाई पट्टे वितरित किये गये हैं। जनप्रतिनिधियों की मांग अनुसार पुन: 171 आवासहीन हितग्राहियों का सर्वे किया गया, किन्तु उक्त हितग्राही 31.12.2014 की निर्धारित समय-सीमा के बाद की स्थिति में शासकीय भूमि पर काबिज हितग्राही होने के कारण अपात्र हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पदाभिहीत अधिकारी (राजस्व) अनुभाग जावरा द्वारा करवाये गये उक्त सर्वेक्षण में कोई पात्र हितग्राही लाभ से वंचित नहीं रहा है।
मुख्य वन संरक्षक/वन संरक्षक वन वृत्त शिवपुरी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[वन]
10. ( *क्र. 1785 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक वन वृत शिवपुरी एवं डी.एफ.ओ. शिवपुरी के विरूद्ध 01.01.2017 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, वन वृत्त शिवपुरी प्रभारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्पादन भोपाल द्वारा 15.06.2018 को कौन-कौन सी शिकायत की जाँच शिवपुरी प्रवास पर की गई थी? शिकायतों एवं जाँच प्रतिवेदनों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शिकायतों के तथ्यों की पुष्टि के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत किसने कौन से अभिलेख मांगे थे? यदि हाँ, तो सूचना अधिकार आवेदन तथा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। आवेदक को यह अभिलेख प्रदाय नहीं करने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? नाम व पदनाम बतावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वन वृत्त शिवपुरी प्रभारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) भोपाल द्वारा दिनांक 15.06.2018 को शिवपुरी प्रवास के दौरान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुक्रमांक 1 पर उल्लेखित शिकायत की जाँच की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दिये गये आवेदनों की छायाप्रतियां तथा आवेदन क्रमांक 1 एवं 2 में प्रदाय किये गये अभिलेखों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुक्रमांक 3 के अंतर्गत लोक सूचना अधिकारी, कार्यालय मुख्य वन संरक्षक शिवपुरी (सामान्य) के द्वारा उनके कार्यालय से संबंधित बिन्दुओं पर अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये गये। शेष जानकारियां अन्य सूचना प्राधिकरणों से संबंधित होने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (3) के अंतर्गत अंतरित कर दी गई थी तथा आवेदक को संबंधित लोक सूचना अधिकारियों से संपर्क कर अभिलेख प्राप्त करने हेतु लेख किया गया था। प्रकरण में राज्य सूचना आयोग द्वारा किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी को दोषी घोषित नहीं किया गया है।
शास. उत्कृष्ट विद्यालय होशंगाबाद में छात्रावास निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
11. ( *क्र. 437 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद स्थित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में नर्मदा नदी से 60 मीटर की दूरी पर, छात्रावास निर्माण किया जा रहा है? (ख) छात्रावास निर्माण पूर्व नगर एवं ग्राम निवेश (टी.एन.सी.पी.) सहित किन-किन विभागों से अनापत्ति ली गयी? (ग) क्या टी.एन.सी.पी. के पत्र द्वारा यह जानकारी दी गई है कि छात्रावास का निर्माण डूब क्षेत्र में आता है? (घ) क्या उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 10561/2019 में दिनांक 16.09.2019 को नर्मदा नदी में बाढ़ के उच्चतम स्तर से 100 मीटर तक चल रहे निर्माण कार्यों की सूची मांगते हुए कोई निर्माण न करने हेतु निर्देश दिये गए थे? (ड.) जून 2019 से अक्टूबर 2019 तक प्रश्नकर्ता द्वारा छात्रावास निर्माण का कार्य रोकने हेतु कलेक्टर होशंगाबाद को मा. उच्च न्यायालय के निर्देश, मुख्य सचिव, म.प्र. के निर्देश एवं टी.एन.सी.पी. के पत्र के प्रकाश में कितने पत्र लिखे गये? (च) क्या निर्माण कार्य रोक दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) विद्यालय परिसर में निर्माण कार्य प्रचलित है। निर्माण परियोजना क्रियान्वयन इकाई, लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। परिसर में स्कूल शिक्षा विभाग की भूमि पर अतिरिक्त निर्माण हेतु किसी अन्य संस्था से अनापत्ति प्राप्त नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) निर्माण कार्य न करने के संबंध में निर्देश नहीं हैं। (ड.) प्रश्नकर्ता द्वारा 03 पत्र कलेक्टर को लिखे गए हैं। (च) निर्माण पूर्व से प्रचलित होने तथा निर्माण कार्य पर रोक न होने से निर्माण कार्य नहीं रोका गया है।
शिक्षकों के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
12. ( *क्र. 2017 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिलान्तर्गत विभागीय स्थानांतरण नीति 2019-20 के तहत प्राचार्य/व्याख्याता/शिक्षक संवर्ग के कितने स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं? क्या शिक्षकों के स्थानांतरण नीति के अनुसार किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें तथा स्थानांतरण नीति की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांतरण आदेश से कितने विद्यालय एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन हो गये हैं? सिंरोंज एवं लटेरी विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल, माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शालाओं में कितने-कितने शिक्षक पदस्थ हैं? विद्यालयवार विषयवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड के विद्यालयों में एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन विद्यालयों में कितने अतिथि शिक्षकों की पदस्थी की गई है? (ड.) क्या सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान शिक्षक, संस्कृत शिक्षक एवं हिन्दी विषय के शिक्षकों को अतिशेष माना गया है? यदि हाँ, तो क्या एक शिक्षकीय शाला के शिक्षक को भी अतिशेष माना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विदिशा जिलान्तर्गत विभागीय स्थानांतरण नीति 2019-20 के तहत् 08 प्राचार्य, 05 व्याख्याता, 09 शिक्षक एवं 1079 अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण किये गये हैं। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्थानांतरण नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ड.) जी हाँ, छात्र संख्या 105 से कम होने पर विज्ञान (जीव विज्ञान) संस्कृत, हिन्दी विषय के अध्यापक अतिशेष मान्य होते हैं। माध्यमिक शाला में न्यूनतम 03 शिक्षक का प्रावधान होने से एक शिक्षकीय शाला में शिक्षक को अतिशेष नहीं माना जायेगा। शासन आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।
जबलपुर जिले में शिक्षकों के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
13. ( *क्र. 857 ) श्री अजय विश्नोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय स्थानांतरण नीति 2019-20 के अन्तर्गत जबलपुर जिले में कितने शिक्षकों के स्थानांतरण किये गये हैं? (ख) जबलपुर जिले में जनपदवार जानकारी दें कि इन स्थानांतरणों से कितनी शालायें शिक्षक विहीन हो गयी हैं और कितनी शालाओं में शिक्षकों की कमी हो गयी है? (ग) इन स्थानांतरणों से शालाओं में शिक्षकों की कमी को पूरा करने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) स्थानांतरणों के कारण शालाओं में शिक्षकों की हुयी कमी से छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक हानि के लिये कौन जवाबदार है? क्या संबंधित जवाबदार के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जबलपुर जिला अन्तर्गत जबलपुर जिले के अंदर 759, अन्य जिलों से जबलपुर में 648 तथा जबलपुर जिले से अन्य जिलों में 147 स्थानांतरण हुये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में अतिथि शिक्षक व अन्य शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय अनियमितता के दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( *क्र. 1767 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत कहां-कहां, कितने-कितने सीटर के आश्रम/छात्रावास संचालित हैं तथा निवासरत छात्र/छात्राओं को क्या-क्या सुविधा मुहैया कराई जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु आश्रम/छात्रावासों को कितनी-कितनी राशि आवंटन की गई? आश्रमवार/छात्रावासवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार छात्रावासों/आश्रमों को आवंटित राशि का उपयोग किस-किस रूप में किया गया? छात्रावास/आश्रम में छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु सामग्री क्रय करने पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? आश्रमवार/छात्रावासवार कितनी-कितनी राशि नगद एवं चेक से भुगतान की गई? आश्रमवार/छात्रावासवार वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या आश्रम/छात्रावासों द्वारा क्रय सामग्री का भुगतान चेक/नेफ्ट/आर.टी.जी.एस. से करने के शासन के निर्देश थे? यदि हाँ, तो छात्रावास/आश्रम द्वारा नगद भुगतान करने पर जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग जिला राजगढ़ द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु किन-किन दिनांकों को पत्र लिखा गया? पत्र क्र. एवं दिनांक से अवगत करावें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्या नगद भुगतान जिला अधिकारी की सहमति से किया गया? स्पष्ट करें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार दोषियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) राजगढ़ जिले में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं के लिए 54 छात्रावास संचालित हैं। आश्रम संचालित नहीं हैं। संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। छात्रावासों में निवासरत छात्र/छात्राओं को दोनों समय चाय, नाश्ता, भोजन, नि:शुल्क आवास सुविधा पलंग, गादी, चादर, तकिया, कंबल आदि की सुविधा मुहैया कराई जाती है। उत्कृष्ट छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग एवं स्टेशनरी की सुविधा मुहैया कराई जाती है। (ख) छात्रावासों में छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु वर्षवार, छात्रावासवार आवंटित शिष्यवृत्ति राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' एवं अन्य सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ग) छात्रावासों को आवंटित शिष्यवृत्ति राशि का उपयोग मेस संचालन हेतु क्रय की गई सामग्री यथा गेहूँ, चावल, किराना, सब्जी आदि में किया जाता है। मेस संचालन हेतु क्रय की गई उपरोक्त सामग्री का नगद भुगतान किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। स्थाई सामग्री यथा पलंग, गादी, चादर, कंबल, तकिया, तकिया कवर, फर्नीचर आदि क्रय हेतु छात्रावासों को राशि प्रदाय नहीं की जाती है। उक्त सामग्री का क्रय जिला स्तर पर किया जाता है। वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक जिला स्तर पर क्रय की गई सामग्री का चेक (ई-पेमेन्ट के माध्यम) से भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (घ) छात्रावासों को शिष्यवृत्ति मद अंतर्गत उपलब्ध कराई गई राशि से मेस संचालन हेतु क्रय की गई सामग्री का भुगतान चेक/नेफ्ट/आर.टी.जी.एस. से करने के शासन के निर्देश नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च श्रेणी शिक्षकों/व्यायाम अनुदेशकों को तृतीय समयमान वेतनमान की स्वीकृति
[आदिमजाति कल्याण]
15. ( *क्र. 1956 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी शिक्षकों तथा व्यायाम अनुदेशक (पी.टी.आई.) के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को दिनांक 01.07.2014 से लागू तृतीय समयमान वेतनमान योजना के तहत 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उच्च श्रेणी शिक्षकों एवं व्यायाम अनुदेशकों के तृतीय समयमान वेतनमान के प्रकरण स्वीकृत करने हेतु किन-किन अधिकारियों को अधिकृत किया गया है? क्या शिवपुरी जिला अंतर्गत कार्यरत/सेवानिवृत्त उच्च श्रेणी शिक्षक तथा व्यायाम अनुदेशकों को तृतीय समयमान वेतनमान प्रदाय किए जाने के प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों के प्रकरण कौन-कौन से दिनांक से किन-किन कारणों से लंबित हैं व इस हेतु कौन उत्तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त प्रकरणों की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या उक्त लंबित प्रकरणों की स्वीकृति में हुए विलंब के कारण तृतीय वेतनमान के देय दिनांक से भुगतान किए जाने के दिनांक तक की अवधि का ब्याज संबंधितों को मिलने वाली राशि के साथ दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार शिवपुरी जिले के उच्च श्रेणी शिक्षकों तथा व्यायाम अनुदेशकों के तृतीय समयमान वेतनमान के लंबित प्रकरणों की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विभागीय जिलाधिकारी को अधिकृत किया गया है। जी हाँ। लंबित प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। तत्समय के जिलाधिकारी विलंब हेतु उत्तरदायी हैं। (ग) क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु पात्रता परीक्षण की कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण स्वीकृति हेतु प्रचलन में है। शासन नियमों में ब्याज दिए जाने का प्रावधान न होने से ब्याज की राशि नहीं दी जा सकेगी। (घ) तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान के प्रकरणों का परीक्षण कर पात्रतानुसार प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जावेगा।
अशोकनगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित गौ-शालाएं
[पशुपालन]
16. ( *क्र. 1003 ) श्री जजपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी पंजीकृत गौ-शालाएं संचालित हैं? गौ-शाला के नाम सहित विवरण दिया जाये। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा गौ-शालाओं के अनुदान हेतु प्रतिदिन प्रति गाय के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गौ-शालाओं को शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में कितना अनुदान किस-किस वर्ष में दिया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) 05 पंजीकृत गौ-शालाएं हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा गौ-शालाओं को अनुदान राशि रू. 20.00 प्रतिदिन प्रति गौवंश दिए जाने का प्रावधान किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जवेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री आवास निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 115 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में कुल कितने प्रधानमंत्री आवास आज दिनांक तक स्वीकृत हुए हैं? नगर परिषद द्वारा पूर्व में 111 प्रधानमंत्री आवासों के डी.पी.आर. तैयार कर शासन द्वारा आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसमें कितने आवासों को प्रथम किस्त एवं कितनों को द्वितीय किस्त की राशि जारी की गयी है? कितने आवास पूर्ण हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? अगर अपूर्ण हैं तो क्या कारण हैं एवं कब तक पूर्ण किये जायेंगे? (ख) क्या नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में लगभग 101 प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही ऐसे हैं, जिनके आवास तो स्वीकृत हो गये, परन्तु आवास निर्माण हेतु भूमि के लिए पट्टे आज तक प्रदान नहीं किये गये हैं, जिससे प्रधानमंत्री आवास का निर्माण नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो जब हितग्राही के पास आवास निर्माण के लिए स्वयं की भूमि या शासकीय भूमि का पट्टा नहीं था, तो इन आवासों के निर्माण की स्वीकृति क्यों दी गई? अगर स्वीकृति दी गई है तो शासन द्वारा इन सभी हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु पट्टे प्रदान क्यों नहीं किये गये? इसका क्या कारण है एवं कब तक पट्टे प्रदान किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत आज दिनांक तक कुल 1044 आवास स्वीकृत हैं। नगर परिषद द्वारा प्रथम डी.पी.आर. में 17 समर्पित उपरांत 94 हितग्राहियों को प्रथम एवं द्वितीय किश्त की राशि जारी की जा चुकी है, जिसमें से 80 आवास पूर्ण हैं, 11 अपूर्ण हैं तथा 3 अप्रारंभ हैं। आवास निर्माण कार्य हितग्राहियों द्वारा किया जाता है, जिससे अपूर्ण होने का कारण व पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में द्वितीय डी.पी.आर. के 950 में से 84 हितग्राही ऐसे हैं, वह जिस भूमि पर निवासरत हैं, उस शासकीय भूमि का स्वत्व अभिलेख न होने से पट्टा हेतु प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व तेन्दूखेड़ा को दिनांक 30.09.2019 को प्रेषित किया गया है। पट्टा प्रदान करने के प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व तेन्दूखेड़ा) कार्यालय में प्रक्रियाधीन है, जिससे 84 हितग्राहियों का आवास निर्माण कार्य अप्रारम्भ है। (ग) हितग्राही म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 10-47/2015/18-2, दिनांक 03.04.2018 के बिन्दु क्रमांक 4 अनुसार पात्र हैं, इस आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत उसका नाम स्वीकृत आवासों की सूची में है। किन्तु जिस भूमि पर निवासरत हैं, उसका स्वत्व न होने से अभी तक लाभान्वित नहीं किया जा सका है। मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाघृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 के प्रावधानानुसार पट्टा प्रदाय करने के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं। पट्टे प्रदाय किये जाने की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
गुना जिले में वन अभ्यारण विकास
[वन]
18. ( *क्र. 1796 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के वन एवं पर्यावरण संतुलन हेतु बनाये जा रहे वन अभ्यारण्य की कार्य योजना पिछले 3 वर्ष से शासन स्तर पर लंबित है, इसे स्वीकृत कर अभ्यारण्य बनाये जाने की क्या कार्य योजना है? (ख) क्या म.प्र. के वन क्षेत्र के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निजी क्षेत्र का सहयोग या इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र से पूंजी निवेश करवाने की कोई योजना है? (ग) वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण के कार्य में लगे हुए कर्मचारियों अधिकारियों को शस्त्र, उच्च स्तरीय वाहन एवं तकनीकी साधन उपलब्ध करवाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) प्रदेश के वनों आगजनी की बढ़ती घटनाओं के कारण दुर्लभ आयुर्वेदिक पौधों की प्रजाति नष्ट हो रही है, इनके संरक्षण एवं विस्तार हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी प्रदान करें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला गुना के अंतर्गत वनमण्डल गुना में राघौगढ़ कन्जरवेशन रिजर्व बनाये जाने की कार्यवाही विगत वर्षों से प्रचलित थी। वर्तमान में इसे राघौगढ़ वन्यप्राणी अभयारण्य बनाये जाने की कार्यवाही विचाराधीन है। (ख) मध्यप्रदेश के वनक्षेत्र के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निजी क्षेत्र का सहयोग या इस क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश की कोई योजना वर्तमान में प्रचलित नहीं है। (ग) प्रदेश में वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण लिये क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों को शस्त्र व्यवस्था अंतर्गत 3157 बन्दूकें एवं 286 रिवॉल्वर उपलब्ध कराये गये हैं। उच्च स्तरीय वाहन व्यवस्था अंतर्गत वनक्षेत्र में गश्ती एवं अपराध नियंत्रण हेतु 450 उच्च स्तरीय वाहन उपलब्ध कराये गये हैं तथा तकनीकी साधन व्यवस्था अंतर्गत संचार व्यवस्था के लिये मोबाईल सेट हेतु 5500 सिम, वायरलेस सेट्स, जी.पी.एस., जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर, कम्पास, फायर अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम, फॉरेस्ट ऑफेन्स मैनेजमेंट सिस्टम आदि उपलब्ध कराये गये हैं। सैटेलाईट इमेज प्रोसेसिंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग हेतु भी योजना विचाराधीन है। (घ) प्रदेश के वनों में आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये वन विभाग में फायर अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू है। इस सिस्टम से वनक्षेत्र में आग लगने की सूचना त्वरित रूप से प्राप्त होती है, जो आग को शीघ्र बुझाने में मदद करती है। इसके साथ-साथ अग्नि दुर्घटना को रोकने के लिये कार्य योजना के प्रावधान अनुसार समय पर अग्नि रेखाओं की कटाई, सफाई एवं जलाई की जाती है। साथ ही फायर सीजन में संवेदनशील क्षेत्र में फायर कैम्प, वॉच टावर आदि की स्थापना कर फायर वाचर्स रखे जाते हैं, जो अग्नि बुझाने में मदद करते हैं। वन क्षेत्र में अग्नि नियंत्रण के लिये नवीन तकनीक के अंतर्गत ड्रोन, ब्लोअर, ब्रश कटर, अग्निरोधी किट आदि का उपयोग भी किया जा रहा है। विभाग द्वारा किये जा रहे वृक्षारोपणों में कुल रोपित किये जाने वाले पौधों में 10 प्रतिशत दुर्लभ एवं संकटापन्न प्रजाति (R.E.T.) के पौधे रोपित किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। अत: यह सही नहीं है कि वनों में सिर्फ आगजनी की बढ़ती हुई घटनाओं के कारण ही दुर्लभ आयुर्वेदिक पौधों की प्रजातियां नष्ट हो रही हैं। इन पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु अन्त: स्थलीय एवं बाह्य स्थलीय प्रयास किये जाते हैं।
विश्राम गृहों के रख-रखाव पर व्यय राशि
[वन]
19. ( *क्र. 40 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान में वन विभाग के कितने विश्राम गृह हैं एवं इनकी क्या स्थिति है? (ख) वर्ष 2016 से वर्तमान तक कौन-कौन से विश्राम गृहों के रख-रखाव हेतु कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की गई? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कब-कब कराये गये?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान में 03 वन विश्राम गृह हैं, जिनकी स्थिति अच्छी है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन भूमि से अवैध कब्जों को हटाया जाना
[वन]
20. ( *क्र. 1521 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के सब-डिवीजन मझौली वन परिक्षेत्र मड़वास के बीट टिकरी के वन खण्ड दुधमनिया के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 1385 रकबा 154 हेक्टेयर वन विभाग की भूमि है, जिस जमीन की सीमा पर चारों तरफ से वन विभाग के द्वारा मुनारे लगवाई गईं हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त भूमि वन विभाग की है, तो राजस्व के पट्टे कैसे किन के नाम पर कब जारी हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त वन भूमि से अवैध कब्जे/पट्टेधारियों से मुक्त करने के लिये विभाग के द्वारा आज तक यदि कार्यवाही की गई है तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, की गयी है, तो क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त भूमि में वनाधिकार के पट्टे जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नांकित जिले के संरक्षित वनखण्ड दुधमनिया कक्ष क्रमांक-पी-1385 रकबा 576 एकड़ (233.104 हेक्टेयर) रीवा फारेस्ट एक्ट की धारा 29 के तहत रीवा राज दरबार आर्डर नं. 124, दिनांक 08.02.1937 से संरक्षित वन एवं भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) के तहत राजपत्र दिनांक 08.01.1971 से प्रस्तावित आरक्षित वन अधिसूचित है, जिसकी वन सीमा पर चारों तरफ बाउन्ड्री पिलर स्थापित हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वनखण्ड दुधमनिया की वन सीमा के अन्दर अवैध पट्टों को निरस्त कराने हेतु वनमण्डलाधिकारी सीधी के पत्र क्रमांक/447, दिनांक 03.03.1997, पत्र क्रमांक/1993, दिनांक 05.09.1997, पत्र क्रमांक/350, दिनांक 09.01.2015, पत्र क्रमांक/566, दिनांक 03.08.2015 द्वारा कलेक्टर सीधी को लेख किया गया है। साथ ही भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचित वनखण्ड दुधमनिया में धारा-5 से 19 तक की वन व्यवस्थापन की कार्यवाही करने हेतु वन व्यवस्थापन अधिकारी एवं पदेन अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व मझौली को अधिसूचित किया गया है। शीघ्र कार्यवाही अपेक्षित है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वनखण्ड दुधमनिया में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत वितरित वन अधिकार पत्रधारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मुरैना जिलांन्तर्गत कार्यरत कर्मचारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 1514 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अन्तर्गत नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? मय नाम पद एवं नियुक्ति दिनांक की जानकारी प्रदाय की जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विभाग में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से पद रिक्त हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 1178 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) B.L.C. घटक अंतर्गत पात्र हितग्राही गरीब होते हैं या नहीं? (ख) यदि गरीबी प्रधानमंत्री आवास योजना का मापदण्ड है, तो क्या गरीबों से रजिस्टर्ड बंटवारा नाम/दान पत्र लिया जाना आवश्यक है या नहीं? यदि पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र का नियम नहीं है, तो कितने मूल्य के स्टाम्प पर दानपत्र/बंटवारा लिया जाना उचित है? (ग) यदि पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र लिया जाना आवश्यक है, तो क्या इसमें होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति शासन करेगा? यदि नहीं, तो गरीब व पात्र हितग्राही पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र में होने वाले व्यय की पूर्ति कहाँ से करेगा? (घ) क्या शासन इस पर विचार करते हुए PMAY (शहरी) में लगने वाले पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र के नियम को शिथिल कर गरीब पात्र हितग्राही को लाभ दे सकेगा? (ड.) इसी प्रकार वन भूमि या अन्य शासकीय भूमि में काबिज गरीब पात्र हितग्राही को भूमि स्वामित्व का अधिकार देंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दिशा-निर्देशानुसार बी.एल.सी. घटक अंतर्गत जिन आवासहीन परिवारों की वार्षिक आय राशि रू. 3.00 लाख तक है, वे पात्र हैं। (ख) जी नहीं। भूमि स्वत्व के अभिलेख होना आवश्यक हैं, जिनमें रजिस्टर्ड बंटवारा/दानपत्र भी सम्मिलित है। (ग) जी नहीं। पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र में होने वाले व्यय की पूर्ति हितग्राही द्वारा की जावेगी। (घ) वर्तमान में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव प्रचलित नहीं है। (ड.) वन भूमि पर आवासीय पट्टा नहीं दिया जाता है, अन्य शासकीय भूमि पर नियमानुसार परीक्षण कर म.प्र. नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाघृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के प्रावधान अनुसार पट्टा दिया जाता है। प्रदेश के नगरीय निकायों में पट्टा वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जिला बड़वानी अंतर्गत दुग्ध डेयरी प्लांट की स्थापना
[पशुपालन]
23. ( *क्र. 2122 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम जामली, तहसील सेंधवा, जिला बड़वानी अंतर्गत दुग्ध डेयरी प्लांट का कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इसके प्रारंभ किये जाने में विलंब होने का क्या कारण है? उक्त कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ग) उक्त प्लांट में स्थानीय कितने लोगों को रोजगार दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) संयंत्र में स्थापित मशीनरी का तकनीकी ट्रायल अंतिम चरण में है, संयंत्र माह दिसम्बर 2019 के अंत तक प्रारंभ हो जायेगा। दुग्ध संयंत्र सेंधवा परियोजना की लागत जी.एस.टी. सहित रूपये 16.81 करोड़ है। अभी तक लगभग रूपये 16.81 करोड़ की राशि का व्यय हुआ है। (ग) बड़वानी संयंत्र में कार्यरत अमले को ही सेंधवा संयंत्र के संचालन का कार्य सौंपा जाएगा। पृथक से नियोजन प्रस्तावित नहीं है।
एकल शालाओं में परिवर्तित शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
24. ( *क्र. 938 ) श्री जसमंत जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में ऐसी कितनी शालाएं हैं, जहां पर एक ही परिसर में एक या एक से अधिक शालाएं जैसे प्राथमिक विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय/हाई स्कूल/इण्टर शालाएं एक साथ संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त शालाओं में से कितनी शालाओं को शिक्षा विभाग द्वारा एकल शालाओं में परिवर्तित कर दिया गया है? उनका विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ग) क्या विधायकों द्वारा एक से अधिक शालाएं जो एक ही परिसर में संचालित होती हैं, के संबंध में विगत छह माह पूर्व दिये गये प्रस्तावों पर भी आज दिनांक तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की है और न ही एकल शाला में परिवर्तित किया है? इसके क्या कारण हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी नहीं। कलेक्टर, शिवपुरी द्वारा माननीय विधायक के प्रस्ताव अनुसार एकीकृत शाला के जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर जिले में अमृत योजनांतर्गत किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 2099 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम में अमृत योजना को पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? क्या कार्य समयानुसार प्रगति पर चल रहा है? यदि नहीं, तो कौन अधिकारी जिम्मेदार है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) ग्वालियर नगर निगम को अमृत योजना में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि दी गई? (ग) उक्त योजना में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पेयजल योजना एवं सीवरेज के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) अमृत योजना की सक्षम स्वीकृति के पारित निर्णय/संकल्पों की संपूर्ण कार्य की स्वीकृत ड्राइंग, डिजाइन, अनुमापन एवं कार्य विवरण (उक्त कार्यों पर किये गये व्यय सहित) की प्रमाणित जानकारी देवें। (ड.) ए.डी.बी. प्रोजेक्ट उदय एवं अमृत योजना के व्यवस्थापन/कार्य हेतु किन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई? यदि समयावधि में मानक सिद्धांतों के अनुरूप कार्य नहीं हुआ, तो इस हेतु किन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत योजनान्तर्गत पेयजल परियोजना-1 की कार्यावधि दिनांक 06.10.2019, पेयजल परियोजना-2 की कार्यावधि दिनांक 21.09.2019, सीवरेज परियोजना (मोरार) की कार्यावधि दिनांक 24.09.2019 तथा सीवरेज परियोजना (लश्कर) की कार्यावधि दिनांक 27.09.2019 तक निर्धारित थी, सभी पेयजल एवं सीवरेज परियोजनाओं को पूर्ण करने हेतु दिनांक 31.03.2020 तक समयवृद्धि दी गई। जी नहीं। यदि कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किया जाता है, तो अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अमृत योजनांतर्गत पेयजल एवं सीवर के कार्यों हेतु ग्वालियर नगर निगम को कुल राशि रू. 253.62 करोड़ दी गई है। (ग) सक्षम प्राधिकारी द्वारा पेयजल योजना हेतु रू. 320.65 करोड़ एवं सीवरेज योजना हेतु राशि रू. 381.20 करोड़ की स्वीकृत की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ड.) ए.डी.बी. प्रोजेक्ट उदय एवं अमृत योजना के व्यवस्थापन/कार्य हेतु जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। अमृत योजनांतर्गत अनुबंध में निहित मानक सिद्धान्तों के अनुरूप कार्य कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खुले
में मृत
मवेशियों की
चीर फाड़
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 11 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलांतर्गत कठौंदा ट्रीटमेंट प्लांट नियमों के अनुसार स्थापित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्लांट के बाजू में खुले वातावरण में मृत मवेशियों की चीर फाड़ क्यों की जा रही है? (ग) क्या मृत मवेशियों के शवदाह हेतु निर्धारित नियमों का पालन किया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो शवदाह हेतु इलेक्ट्रिक मशीन क्यों नहीं लगाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निगम सीमा अंतर्गत सींग वाले मृत मवेशियों का डिस्पोजल कठौंदा ट्रेचिंग ग्राउंड में एक निर्धारित स्थान पर किया जाता है, जो कि आवासीय क्षेत्र एवं प्लांट से दूर स्थित है। (ग) मृत मवेशियों के निपटान हेतु संपूर्ण प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। (घ) मृत मवेशियों के वैज्ञानिक निपटान हेतु इनसिनरेटर लगाए जाने हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही गई है, जिसमें निविदा प्राप्त होने पर सक्षम स्वीकृति उपरांत इनसिनरेटर लगाया जाना प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री आवासों की राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 12 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के नये वार्ड क्र. 73 एवं अन्य नये वार्डों में सितम्बर 2018 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये थे एवं हितग्राहियों को राशि रू. 1 लाख की एक-एक किश्तें भुगतान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या हितग्राहियों ने अपने कच्चे मकान तोड़कर लेंटर हाईट तक दीवारें उठा ली परंतु उन्हें अगली किश्त नहीं मिली, जिसके कारण मकान नहीं बनने से उन्हें बारिश, गर्मी, ठंड में कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो हितग्राहियों के मकान क्यों तुड़वाये गये? इसके लिये कौन जिम्मेवार है? (घ) क्या इन हितग्राहियों को अगली किश्तों का भुगतान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत योजना के बी.एल.सी. घटक के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों द्वारा स्वयं आवास निर्माण किया जा रहा है। निर्धारित स्तर तक निर्माण उपरांत कार्य की जीओ टैगिंग होने पर भारत शासन से किश्त की राशि प्राप्त होने पर अगली किश्त की राशि प्रदाय की जाती है। (ग) योजना का लाभ लेने के लिये हितग्राही की सहमति अनुसार योजना स्वीकृति की गई है। जिसमें वर्तमान निवासरत स्थल के कच्चे आवास को तोड़कर नियमानुसार केवल पक्का आवास निर्माण हेतु किश्तों में राशि प्रदान की जाती है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। हितग्राहियों द्वारा किये गये कार्य की भौतिक प्रगति का लिंटल स्तर पर जीओ टैगिंग का सत्यापन अनुसार अगली किश्त प्रदाय की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
गौ-शालाओं के संबंध में
[पशुपालन]
3. ( क्र. 31 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत कितनी गौ-शालायें प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत की गयी हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित गौ-शालाओं का संचालन किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों को दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित गौ-शालाओं की अद्यतन स्थिति क्या है? प्रश्न दिनांक तक कितनी गौ-शालायें working condition में हैं? सूची उपलब्ध करायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत 07 ग्राम पंचायतों में गौ-शालायें स्वीकृत की गयी है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) गौशालाओं का कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर संबंधित ग्राम पंचायत संचालन के लिए उत्तरदायी होंगे। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
अनु.जाति/अनु.ज.जाति वर्ग की योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( क्र. 32 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नांश (क) में दर्शित किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि भोपाल जिले को प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कहां-कहां करवाये तथा कितने हितग्राहियों को लाभ मिला? (ग) शैक्षणिक सत्र 2018-19 एवं 2019-20 में उक्त वर्गों के पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण रहे तथा कब तक भुगतान होगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) शैक्षणिक सत्र 2018-19 में अनुसूचित जाति वर्ग के 13525 तथा 3857 अनुसूचित जनजाति के पात्र विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है। वर्ष 2019-20 में एन.आई.सी. एवं एम.पी.टास पोर्टल प्रारंभ कर दिया गया है। वर्तमान में विद्यार्थीगण ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं तथा फी कैपिंग की कार्यवाही प्रचलन में है। फी कैपिंग की कार्यवाही पूर्ण होने पर स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षक विहीन विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 68 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कौन-कौन से विद्यालय शिक्षक विहीन हैं? किन-किन विद्यालयों में छात्र संख्या के मान से तथा विषयवार शिक्षक नहीं हैं? उक्त विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई कब तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी? (ख) किन-किन विद्यालयों के भवन जर्जर हालत में है? कौन-कौन से विद्यालय भवन विहीन हैं? किन-किन विद्यालयों में किचिन शेड नहीं हैं? कहां-कहां के भवन अनुपयोगी है तथा किन-किन के भवन कब से निर्माणाधीन तथा उनका कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्र वार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रायसेन जिला अंतर्गत 105 शिक्षक विहीन शालाओं में अतिथि शिक्षकों व अन्य शिक्षकों के द्वारा अध्यापन की व्यवस्था की गई है। विषयवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर अतिथि शिक्षकों से नियुक्ति की गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रायसेन जिलें में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जर्जर भवन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल जर्जर भवन में संचालित नहीं है। भवन विहीन शालाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। जिले की सभी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में किचिन शेड उपलब्ध है। कोई भी भवन अनुपयोगी नहीं। निर्माणाधीन भवन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। निर्माण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि अनुमति के लंबित प्रकरण
[वन]
6. ( क्र. 69 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवंबर 2019 की स्थिति में वन भूमि पर सड़क, पुल, भवन तथा विद्युतीकरण में वनभूमि की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार हैं? अनुमति के संबंध में क्या-क्या प्रक्रिया है? कितने दिन में प्रकरण का निराकरण हो जाना चाहिए? (ख) नवंबर 2019 की स्थिति में डी.एफ.ओ. औबेदुल्लागंज, रायसेन तथा ऑनलाइन प्राप्त किन-किन कार्यों में वनभूमि की अनुमति के प्रकरण किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है, उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा-2 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग के लिये भारत सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) में यह प्रावधान है कि वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में किसी बात के होते हुये भी, केन्द्रीय सरकार द्वारा व्यवस्थित विभिन्न 13 सुविधाओं के लिये वन भूमि के परिवर्तन का उपबंध करेंगी। इन 13 सुविधाओं में सड़क, विद्यालय, औषधालय, आंगनवाड़ी, उचित मूल्य की दुकान, सामुदायिक केन्द्र तथा विद्युत लाईने भी सम्मिलित है। इन प्रकरणों में संबंधित वनमण्डल अधिकारी 01 हेक्टेयर तक के प्रस्तावों में कुछ शर्तों के साथ वन भूमि का गैर वानिकी उपयोग करने की अनुमति देते हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत 15 विभिन्न जनोपयोगी कार्यों के लिये 01 हेक्टेयर तक की वन भूमि पर गैर वानिकी कार्य करने की पूर्व अनुमति जारी करने के अधिकार कुछ शर्तों के साथ राज्य शासन को प्रदत्त किये गये हैं। इन 15 कार्यों में सड़क, विद्यालय, औषधालय तथा विद्युत लाईने के कार्य भी सम्मिलित है। वनभूमि प्रत्यावर्तन के लिये वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत आवेदक संस्था को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन पूर्ण पाये जाने की स्थिति में संबंधित वनमण्डलाधिकारी तथा मुख्य वन संरक्षक क्रमशः भाग-2 एवं भाग-3 में ऑनलाइन प्रविष्टियाँ करते हैं। प्रस्ताव राज्य शासन के प्रशासकीय अनुमोदन के उपरान्त भारत सरकार को स्वीकृति के लिये भेजा जाता है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत आवेदक संस्था भाग-क में आवेदन प्रस्तुत करती है जिसे संबंधित वनमण्डलाधिकारी परिक्षेत्र अधिकारी से भाग-ख में प्रतिवेदन प्राप्त कर स्वीकृति की कार्यवाही करते हैं। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्राप्त प्रकरणों में विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही करने की समय-सीमा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इसके अतिरिक्त कुछ प्रकरणों में पर्यावरणीय अनुमति तथा वन्य जीव अनुमति भी लेना अनिवार्य है, जिसके पृथक नियम है। (ख) नवम्बर, 2019 की स्थिति में औबेदुल्लागंज तथा रायसेन वनमण्डलों में ऑनलाइन लंबित आवेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इन प्रकरणों के लंबित होने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। यह सभी पत्र माननीय मंत्री जी द्वारा पत्र दिनांक 18.09.2019 से प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, मध्यप्रदेश को इस निर्देश के साथ अग्रेषित किए गए कि इन पत्रों का परीक्षण कर नियमानुसार समुचित कार्यवाही करें तथा की गई कार्यवाही से माननीय मंत्री जी एवं उन्हें अवगत करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी को पत्रों का भेजा गया उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
गौंण खनिज मद/डी.एम.एफ. मद से कार्यों की स्वीकृत एवं गुणवत्ता की जाँच
[खनिज साधन]
7. ( क्र. 84 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौंण खनिज मद/डी.एम.एफ. मद अंर्तगत सतना जिले में 30 जून 2019 की स्थिति में कितनी राशि उपलब्ध रही है वर्ष 18-19 में कितनी राजस्व की वसूली की गई? माहवार वसूली के विवरण, फर्म/संस्थावार सहित जानकारी देवें। (ख) उक्त मद से राशि/कार्य स्वीकृति के क्या नियम हैं? किन कार्यों पर राशि व्यय की जा सकती है? शासनादेशों की प्रतियाँ देवें। क्या सतना जिले में गौंण खनिज मद से स्वीकृत किये गये कार्यों में जनप्रतिनिधियों के प्राप्त प्रस्तावों की उपेक्षा करते हुये मनमाने ढंग से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि नहीं, तो स्वीकृत कार्यादेश एवं जनप्रतिनिधि की अनुसंशा की जानकारी देवें। कितने कार्यों के प्रस्ताव विधायक/सांसद द्वारा भेजे गये थे? उन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त मद से स्वीकृत किये जाने वाले कार्य जनप्रतिनिधियों के प्रस्तुत प्रस्ताव अनुसार कब तक किये जावेंगे? सतना जिले उक्त मद से स्वीकृत किये गये कार्य की कार्य एजेन्सियों द्वारा गुणवत्ता विहीन, मापदण्ड के विपरीत कार्य कराये जा रहे हैं, क्या कार्यों की जाँच कराई गई है? (घ) सतना जिले में उक्त मद से स्वीकृत कार्यों की गुणवत्ता जाँच कब तक कराई जायेगी? जनप्रतिनिधियों के प्राप्त प्रस्तावों की उपेक्षा करने एवं मनमाने ढंग से उक्त मद से कार्य स्वीकृत करने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सतना जिले में गौण खनिज से डी.एम.एफ. मद में कोई राशि प्रश्नाधीन अवधि में जमा नहीं कराई गई है। वर्ष 2018-19 में मुख्य खनिजों से डी.एम.एफ. मद में राशि रूपये 1,16,64,24,510/- वसूल किये गये हैं। माहवार एवं फर्म/संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में संग्रहित राशि का व्यय प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में निर्धारित मदों में किया जा सकता है। यह नियम/निर्देश अधिसूचित है। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार गौण खनिज मद से संबंधित कोई राशि डी.एम.एफ. में संग्रहित नहीं होने से प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई भी कार्य संपादित नहीं कराये जाने के फलस्वरूप प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई भी कार्य संपादित नहीं कराये जाने के फलस्वरूप प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को ट्रैनिंग हेतु विदेश भेजने के मापदंड
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 92 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 19 के पश्चात स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कितने शिक्षकों एवं प्राचार्यों को नवाचार एवं ट्रैनिंग हेतु विदेश भेजा गया? इसमें शिक्षकों का चयन आधार क्या था? क्या इसके लिये शिक्षकों की चयन परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो कब? शिक्षक चयन कमेटी में कौन-कौन सदस्य थे? (ख) उक्त ट्रैनिंग हेतु विदेश जाने वाले शिक्षकों की सूची उपलब्ध करावें। शिक्षकों को विदेश भेजने पर विभाग ने कुल कितनी राशि व्यय की? शिक्षकों एवं प्राचार्यों के अलावा कौन-कौन गैर शैक्षणिक सदस्य विदेश जाने वाले दल में उपस्थित थे? (ग) क्या विदेश से नवाचार एवं ट्रैनिंग लेने वाले शिक्षकों से अपने-अपने जिले में शैक्षणिक कार्य करवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? (घ) क्या नवाचार एवं ट्रैनिंग के नाम पर अयोग्य शिक्षकों का चयन विदेश दौरे के लिये किया गया तथा इसमें कई ऐसे शिक्षक थे जो अपने सेवा काल के दौरान निलंबित भी हुए हैं? क्या ऐसे शिक्षकों का चयन कर विभाग ने अन्य श्रेष्ठ शिक्षकों का अनादर कर उनकी कार्य श्रेष्ठता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है और उन्हें निराश किया है? क्या विभाग में इससे गलत संदेश नहीं जायेगा? यदि हाँ, तो क्या विभाग विदेश जाने वाले अयोग्य शिक्षकों की जाँच के लिये कोई कमेटी का गठन करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विदेश अध्ययन दौरे पर वरिष्ठ अधिकारियों/मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों तथा प्राचार्यों को भेजा गया। प्राचार्यों के चयन का आधार स्कूल का परीक्षा परिणाम था। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कुल व्यय राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शिक्षकों एवं प्राचार्यों के अतिरिक्त शिक्षा विभाग के माननीय मंत्री जी सहित विभागीय अधिकारी सम्मिलित थे। (ग) प्रशिक्षण प्राप्त प्राचार्य अपने-अपने क्षेत्रों में प्रशिक्षण अनुभव के आधार पर कार्य कर रहे है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर में बाढ़ के पानी की निकासी के लिये वहद् योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 94 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर शहर में बारिश के समय अत्यधिक वर्षा के पानी को पंप स्टेशन के माध्यम से शिवना नदी में पानी फेंकने हेतु कितने पंप स्टेशन संचालित हैं? क्या पंप स्टेशन वर्तमान में क्षमता अनुरूप नहीं हैं? विभाग द्वारा इसका आंकलन कब-कब किया गया। (ख) क्या गत दिनों अत्यधिक बारिश के कारण यह पंप स्टेशन पानी फेंकने में अयोग्य साबित हुये हैं जिससे मंदसौर शहर के कई क्षेत्रों में पानी भर गया एवं लाखों रू. का नुकसान हुआ? यदि हाँ, तो क्या विभाग मंदसौर के इन पंप स्टेशनों को अत्याधुनिक रूप से सक्षम बनाकर नई कार्ययोजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र-सी.एम.-23 एवं दिनाक 10.09.2019 को नगरीय प्रशासन विभाग एवं जिला कलेक्टर को नई कार्ययोजना के सबंध में पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के सुझाव पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) दो पंपिंग स्टेशन क्रमश: धान मण्डी पर 06 पंप एवं किला नाला पर 20 पंप संचालित हैं। जी नहीं, क्षमता के अनुरूप है। नगर पालिका परिषद् मंदसौर द्वारा वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि होने के उपरांत इसका आंकलन किया गया। (ख) जी हाँ। जी हाँ। कार्ययोजना बनाने हेतु वास्तुविद नियुक्त किये जाने के लिये 23.11.2019 को निविदा जारी की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है। पत्र में प्रश्नकर्ता के सुझावों का परीक्षण कराया जा रहा है। योजना बनाते समय दिये गये सुझावों को गुण-दोष के आधार पर शामिल किया जा सकेगा।
पेयजल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 130 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की पसान, नगर पालिका एवं जैतहरी नगर परिषद् के लिये पेयजल जल प्रदाय योजना का कार्य किस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किया गया था व कितनी राशि इस हेतु स्वीकृत है? क्या कारण है कि काफी समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक उक्त योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनूपपुर नगर पालिका के लिये पेयजल प्रदाय योजना के अंतर्गत स्वीकृत राशि में से 14 करोड़ की राशि व्यय होने के पश्चात भी पेयजल प्रदाय का कार्य अपूर्ण रहने के क्या कारण है? उक्त पेयजल योजना का समय पर कार्य पूर्ण न कराये जाने पर कौन-कौन दोषी है तथा इनके खिलाफ विभाग कब तक कार्यवाही करेगा तथा पेयजल योजना का कार्य कब तक पूर्ण किया जा सकेगा? (ग) पसान नगर पालिका अंतर्गत जल प्रदाय योजना के तहत राज्य शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई है। योजना की प्रशासकीय स्वीकृतियां कब हुई। योजना में क्या-क्या कार्य होना है, इस कार्य को कब तक किस निर्माण एजेंसी से कराया जाना है एजेंसी से अनुबंध एवं कार्यादेश कब हुआ। कार्य पूर्ण करने की तिथि क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले की पसान, नगर पालिका एवं जैतहरी, नगर परिषद की पेयजल प्रदाय योजना का कार्य क्रमश: वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2016-17 में स्वीकृत किया गया व इस हेतु स्वीकृत राशि क्रमश: लागत रू. 30.87 करोड़ एवं रू. 12.83 करोड़ है। पसान, नगर परिषद की पेयजल योजना की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जाना है एवं जैतहरी नगर परिषद की पेयजल योजना का कार्य प्रगति पर है, लक्ष्य अनुसार जैतहरी नगर की जल प्रदाय योजना का कार्य 02 जुलाई 2020 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) पसान, नगर पालिका की जल प्रदाय योजना की स्वीकृत लागत राशि रू. 30.87 करोड़ है। योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01.10.2019 को दी गई है। योजना में प्रस्तावित कार्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही किया जाना है, अतः कार्य किस निर्माण एजेंसी से कराया जाना, एजेंसी से अनुबंध दिनांक, कार्यादेश दिनांक एवं कार्य पूर्णता की तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों पर भर्ती हेतु कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
11. ( क्र. 131 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त, परियोजना प्रशासक, प्राचार्यों के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्त हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षक संवर्ग एवं अन्य विभागों के अधिकारी किस-किस जिले में किस पद के विरूद्ध कार्यरत हैं। रिक्त पदों के विरूद्ध किन-किनकों सहायक आयुक्त, प्राचार्य एवं परियोजना प्रशासक का प्रभार सौंपा गया है। इनकी पद नाम पद स्थापना स्थल जिलेवार सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) मध्यप्रदेश में सहायक आयुक्त, परियोजना प्रशासक, प्राचार्यों के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई तथा अभी तक इन पदों को न भरने के क्या कारण रहे जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) सहायक आयुक्त, परियोजना प्रशासक एवं प्राचार्यों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पद निम्नानुसार है-
क्र |
पद का नाम |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
1 |
सहायक आयुक्त |
32 |
15 |
17 |
2 |
परियोजना प्रशासक |
23 |
01 |
22 |
3 |
प्राचार्य |
2119 |
574 |
1545 |
(ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) यह समस्त पदोन्नति के पद है। अत: इन पदों पर भर्ती किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पदोन्नति से संबंधित प्रकरण भी सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
पशु रोगी कल्याण समिति की जानकारी
[पशुपालन]
12. ( क्र. 148 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु रोगी कल्याण समिति जिला शिवपुरी द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2017-18 एवं 2018-19 प्रश्न दिनांक तक सामग्री/उपकरण क्रय किये है? यदि हाँ, तो क्या-क्या सामग्री किस-किस फर्म से कितनी-कितनी मात्रा/संख्या में खरीदी गई? सामग्री के क्रय आदेश, सामग्री का बिल, भुगतान व्हाउचर एवं नोटशीट जिसके उपर सामग्री क्रय हेतु अनुमति ली गई है? उसकी प्रति संलग्न कर जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त सामग्री क्रय करने हेतु संचालक पशुपालन से अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो अनुमति आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि क्या उप संचालक पशुपालन शिवपुरी एवं सिविल सर्जन जिला पशु चिकित्सालय शिवपुरी को पशु कल्याण की राशि से उनके कार्यालय में ए.सी. लगाने की पात्रता है? यदि हाँ, तो अभिलेख का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या पशु कल्याण समिति की राशि से ए.सी. एवं अन्य ऐसी सामग्री जो पशुओं के काम न आती हो खरीदी जा सकती है? यदि हाँ, तो शासन अभिलेख का विवरण देवें। (घ) क्या पशु रोगी कल्याण समिति की राशि से फ्रिज खरीदे गये, यदि हाँ, तो कब, कहाँ से कितनी राशि के किस कंपनी के किस दर से क्रय किये गये यदि कोटेशन से क्रय किये गये तो कोटेशन की छायाप्रति एवं क्रय आदेश तथा तुलनात्मक पत्रक तथा पशु रोगी कल्याण समिति के वॉयलॉज की प्रति उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उक्त सामग्री क्रय करने हेतु संचालक पशुपालन से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। वरन जिला रोगी पशु कल्याण समिति की राशि को व्यय करने का अधिकार समिति की शासी निकाय का ही है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) रोगी पशु कल्याण समिति की नियमावली के बिन्दु क्रमांक ''12 ज'' अनुसार समिति के द्वारा जो धनराशि एकत्रित की जावेगी उसका व्यय करने का अधिकार समिति को होगा। रोगी पशु कल्याण समिति के उद्देश्य क्रमांक 4 पशु चिकित्सा प्रबंधन में सुधार अन्तर्गत रोगी पशु कल्याण समिति की नियमावली के बिन्दु क्रमांक 12 झ के अनुसार समिति नये उपकरण क्रय करने, उपकरणों की मरम्मत, दवाएं तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के क्रय पर भी व्यय कर सकेगी। उपरोक्त नियमों के अंतर्गत पशु चिकित्सा संस्थाओं में आपरेशन थिएटर, रोग अनुसंधान प्रयोगशाला आदि के सुदृढ़ीकरण करने हेतु ए.सी. इत्यादि सामग्री क्रय की जा सकती है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
कालोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र दिये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 164 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगर निगम द्वारा जनवरी 2017 से 31 अक्टूबर 2019 तक किन-किन कालोनियों के पूर्णता विकास प्रमाण पत्र जारी किये गये है? कॉलोनाइजर सहित जानकारी बताएँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त कालोनियों में कॉलोनाइजर द्वारा बिजली, मय ओवर हेड टैंक पेयजल व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट, नाली निर्माण एवं सार्वजनिक उद्यान जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगर की अविकसित एवं अपूर्ण कालोनियों को नियम विरुद्ध कालोनी विकास पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने वाले निगम के किन-किन दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या निगम की साधारण सभा दिनांक 06 नवम्बर 2019 में अधिकांश पार्षदों द्वारा नियम विरुद्ध प्रमाण पत्र जारी करने पर आपत्ति ली है? विकास पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध जाँच के आदेश दिये जाऐगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या नगर पालिक अधिनियम के तहत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनाँक से सभी कॉलोनियां वैध एवं अर्द्ध रात्री से निगम को स्वमेव हस्तातंरित मानी जाती है? यदि हाँ, तो क्या इऩ कॉलोनियों की मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी निगम की है? य़दि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर की किसी भी अविकसित एवं अपूर्ण कॉलोनियों को नियम विरूद्ध कॉलोनी विकास पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 12 (2) (आठ) में संशोधित प्रावधान दिनांक 06.11.2019 के तहत कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक से रहवासी कल्याण समिति को अंतरित मान्य किये जाने का प्रावधान किया गया है।
नाली निर्माण में लापरवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 165 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कुल कितने मीटर नालियों का निर्माण निगम द्वारा कराया गया है? (ख) क्या निगम द्वारा नाली निर्माण कार्य का आंकलन किये बिना हजारों मीटर नाली निर्माण की एन.आई.टी. जारी कर ठेकेदारों को अवैध रुप से लाभ पहुँचाने का कार्य किया गया है? (ग) क्या नगर के अनेक ऐसे हिस्सों में अनावश्यक एवं अनुपयोगी स्थानों पर नाली निर्माण का कार्य किया गया है? जहाँ पर किसी प्रकार का कोई आवासीय क्षेत्र ही नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) निगम द्वारा बड़े पैमाने पर कराये गये इस नाली निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किये जाने के उपरांत भी कार्य एजेंसी को बिना जाँच एवं गुणवत्ता प्रतिवेदन के बिना लाखों करोड़ों का भुगतान किस आधार पर किया गया है? दोषी अधिकारियों के नाम एवं पदनाम सहित बताएँ? (ङ) क्या जनहित में ऐसे घटिया निर्माणकर्ता एजेंसी को ब्लेक लिस्ट एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध शासकीय धन का दुरूपयोग करने पर वसूली की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) कुल 22363 मीटर नाली निर्माण कार्य कराया गया। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आवासीय क्षेत्रों में ही नाली निर्माण कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निगम द्वारा कराये गये नाली निर्माण में घटिया निर्माण साम्रगी का उपयोग नहीं कराया गया है। समय-समय पर मटेरियल टेस्टिंग लेबोरेट्री से कराई जाती है, परीक्षण परिणाम मानक स्तर के होने के उपरांत ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय उज्जैन में बी.एड. में प्रवेश की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 172 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय उज्जैन के अंतर्गत बी.एड. में प्रवेश हेतु कितनी सीट स्वीकृत हैं? शिक्षा सत्र वर्ष 2019-20 में स्वीकृत सीट के विरूद्ध कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? आवेदकों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के आवेदकों में से किस-किस आवेदक को प्रवेश दिया गया? क्या स्वीकृत प्रवेश सीट से कम आवेदकों को प्रवेश दिया गया? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (ग) क्या निर्धारित स्वीकृत सीट से कम प्रवेश देने से शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व की हानि हुई है? यदि हाँ, तो शेष रहे आवेदकों को प्रवेश नहीं देने का क्या कारण है? प्रवेश के क्या मापदण्ड हैं और किस किस मापदण्ड का पालन हुआ? (घ) प्रश्नांश (ग) के लिए कौन अधिकारी दोषी है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय शिक्षा महाविद्यालय उज्जैन के अन्तर्गत बी.एड. में प्रवेश हेतु 170 सीट स्वीकृत है। स्वीकृत सीट्स के विरूद्ध 996 अभ्यर्थियों के आवेदन/सूची प्राप्त हुई थी। आवेदकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शासकीय शिक्षा महाविद्यालय उज्जैन द्वारा 381 आवेदकों की सूची जारी की गई थी इनमें से निर्धारित तिथि तक 150 आवेदकों द्वारा प्रवेश लिया गया। प्रवेशित छात्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। निर्धारित तिथि तक प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को ही प्रवेश दिया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश (ख) अनुसार। प्रवेश के मापदण्ड प्रवेश नियमों के रूप में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। महाविद्यालय द्वारा प्रवेश संबंधी सभी मापदण्डों का पालन किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौंण खनिज प्रतिष्ठान मद से निर्माण कार्य
[खनिज साधन]
16. ( क्र. 185 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में दमोह जिले की चारों विधान सभा क्षेत्रों दमोह, पथरिया, हटा, जबेरा में गौंण खनिज प्रतिष्ठान मद से कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य किन-किन स्थानों में स्वीकृत किये गए हैं कितने पूर्ण हो गए है कितने अपूर्ण है अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे। (ख) इस वर्ष चारों विधानसभा क्षेत्रो में गौंण खनिज प्रतिष्ठान मद से किन-किन विकास कार्यों हेतु जनप्रतिनिधियों से कितने प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए है प्राप्त प्रस्तावों के विरुद्ध किन-किन विधानसभाओं में कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गए है। (ग) जबेरा विधानसभा क्षेत्र से भेजे गए विकास कार्यों के किन-किन प्रस्तावों पर कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है कितने शेष है अगर स्वीकृत नहीं किये गए है तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) गौण खनिजों में डी.एम.एफ. राशि वसूल किये जाने के प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना
[आदिमजाति कल्याण]
17. ( क्र. 192 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना में 2016 से अब तक कितने निर्माण कार्य किये गये, कितने लम्बित हैं, लम्बित रहने के क्या कारण हैं? (ख) बालाघाट एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के निर्माण कार्य का सत्यापन किस-किस अधिकारी ने किया वर्ष 2016 से अब तक के सत्यापन की जानकारी दें। (ग) क्या वर्ष 2016 से अब तक किये गये कार्य की शिकायत क्षेत्रीय जनता, जन प्रतिनिधि द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो जाँच में क्या कार्यवाही की गई? (घ) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मध्यप्रदेश के 2016 से अब तक की सम्पूर्ण निर्माण एवं हितग्राही योजना की जानकारी देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2016 से अब तक वर्षवार भारत सरकार द्वारा स्वीकृति योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के संबंध में
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय कल्याण]
18. ( क्र. 194 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत कौन-कौन सी विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियां निवासरत हैं? इनके नाम एवं अनुमानित जनसंख्या कितनी है? इन जनजातियों की सर्वाधिक जनसंख्या जिले के किस ब्लॉक (विकासखण्ड) में पाई गई हैं? (ख) शासन द्वारा इन जातियों के लोगों को व्यवसाय, शिक्षा एवं इलाज (उपचार) के लिये क्या-क्या सहायता दिये जाने के प्रावधान हैं? क्या जिले में इस वर्ग के शत्-प्रतिशत परिवारों को आवास एवं शौचालय उपलब्ध करा दिये गये हैं? (ग) क्या नगर खातेगांव एवं कन्नौद में निवासरत गाड़ोतिया (लोहार) परिवारों ने भूमि का पट्टा दिये जाने का मांग पत्र शासन को दिया है? यदि हाँ, तो कुल कितने परिवार भूमिहीन चिन्हित किये गये हैं? (घ) क्या इन जनजातियों को निकट समय में भूमि (आवास) का पट्टा एवं प्रधानमंत्री आवास प्रदान कर दिया जावेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) देवास जिले के अन्तर्गत विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ की कालबेलिया, बंजारा, हरबोला, धनगर, भोपा, जोशी, कसाई, लोहार, पिट्टा गाड़िया, गाड़ोतिया, (लोहार), सिकलीगर, कंजर, सांसी, बागरी, नट, पारदी, बैरागी, गाडूलिया, मोगिया, गारी, नाथ, जातियां निवासरत हैं। सर्वाधिक जनसंख्या सोनकच्छ विकासखण्ड में 10657 पायी गयी है। (ख) इन जातियों के लोगों के लिये व्यवसाय हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, शिक्षा हेतु आश्रम/छात्रावास, राज्य छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना एवं सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना संचालित है। ईलाज (उपचार) के लिये विभाग में अलग से कोई योजना संचालित नहीं है। जिले में इस वर्ग के शत्-प्रतिशत परिवारों को आवास/शौचालय का लाभ नहीं मिला है। (ग) नगर खातेगांव में निवासरत परिवारों के द्वारा भूमि का पट्टा देने के संबंध में कोई मांग पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। कन्नौद में गाड़ोतिया जाति के 32 परिवार निवासरत है। इन परिवारों के द्वारा पट्टे आवंटन की मांग पूर्व में की गयी थी जिसके आधार पर 30 परिवार को आवासी पट्टे दिये जा चुके है। दो परिवार शेष है। (घ) भूमि (आवास) एवं प्रधानमंत्री आवास दिये जाने का संबंध इस विभाग से संबंधित नहीं है। शासन के नियमानुसार भूमि का पट्टा राजस्व विभाग के द्वारा तथा प्रधानमंत्री आवास पंचायत विभाग के द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफर के कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र. 195 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2019 में प्रायमरी, मिडिल, हाई स्कूल एवं हा.से. में कुल कितने शिक्षकों के ट्रांसफर किये गये? जिला और संख्या बतायें। ट्रांसफर संबंधी क्या नीति सरकार द्वारा बनाई गई? उसकी जानकारी देवें। (ख) क्या देवास जिले से जितने शिक्षकों के ट्रांसफर किये गये हैं, उस अनुपात में अन्य जगहों से स्थानांतरित होकर कम संख्या में शिक्षक देवास जिले में आये हैं? (ग) क्या कन्नौद एवं खातेगांव तहसील के कई प्रायमरी, मिडिल, हाई स्कूल एवं हा. सेकेण्डरी में कई जगह पर शिक्षकों की भारी कमी हो गई है, जिससे शिक्षकीय कार्य प्रभावित हो रहा है? (घ) जिन संस्थाओं में शिक्षक ट्रांसफर के कारण रिक्तियां हो गई हैं एवं अध्यापन कार्य ठप्प पड़ा है, उन स्कूलों को चिन्हित करके क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2019 में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सैकेण्ड्री विद्यालयों में कुल 35926 शिक्षकों के स्थानान्तरण किये गये। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार। (ख) जी हाँ। देवास जिले से अन्य जिले में 286 शिक्षकों एवं अन्य जिलों से देवास जिले में 242, शिक्षकों का स्थानान्तरण हुआ है। (ग) जी नहीं। (घ) स्थानांतरण के फलस्वरुप जिन शालाओं में शिक्षकों की कमी हुई है वहां पर अतिथि शिक्षकों एवं अन्य शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
म.प्र.वन विकास निगम में ई-भुगतान के संबंध में
[वन]
20. ( क्र. 205 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के 12 जुलाई 2019 को पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1487 की कंडिका (ग) के उत्तर में यह बतलाया गया था की म.प्र. वन विकास निगम द्वारा समस्त प्रकार के भुगतान को ई-पेमेंट से करने हेतु शासन का कोई आदेश जारी नहीं है तो प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य वन विकास निगम लिमिटेड द्वारा समस्त संभागीय प्रबंधक म.प्र.वन विकास निगम लि. को दिनांक 18/07/18 को लिखे अपने पत्र क्रमांक/वि.वि.नि./बजट/बी.29/2018/2219 में किन दिशा निर्देशों का उल्लेख है? पत्र की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की 12 जुलाई 2019 को प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1487 की कंडिका (ग) एवं (घ) का सही उत्तर क्या है? विधान सभा में गलत जानकारी देने का दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) संभागीय प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल जबलपुर द्वारा समस्त परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी कुण्डम परियोजना मण्डल जबलपुर को दिनांक 26/06/2019 को लिखे गये अपने पत्र क्र. 108/व्यय/2019/1257 क्या है? पत्र की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की इस पत्र के द्वारा भुगतान के संबंध में क्या दिशा निर्देश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर दिनांक 26/06/19 के पश्चात किन-किन परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों (कुण्डम परियोजना) मण्डल जबलपुर में ई-भुगतान के स्थान पर किन-किन कार्यों हेतु किस-किसको कितना-कितना नगद या चेक से भुगतान किया गया? परिक्षेत्र वार 26/06/19 से प्रश्न दिनांक तक किये गये भुगतान की सूची देवें। भुगतानकर्ता अधिकारी के पदनाम सहित देवें तथा शासकीय आदेशों की अवहेलना करने का दोषी कौन है? दोषियों पर शासन द्वारा कब क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1487 दिनांक 12.07.2019 इस विभाग में आना नहीं पाया जाता है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1487 के प्राप्त न होने के कारण संबंधित प्रश्न की गलत जानकारी तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के पत्र क्रमांक/वि.वि.नि./बजट/बी.29/2018/2019 दिनांक 18.07.2018 द्वारा मंडलों में ई-भुगतान के संबंध में निर्देश दिये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) संभागीय प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल जबलपुर द्वारा अधीनस्थ परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों को दिनांक 26.06.2019 को लिखे गये पत्र क्रमांक 08/व्यय/2019/1257 में ई-भुगतान के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) कुण्डम परियोजना मंडल में विभिन्न परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा माह जुलाई 2019 से माह नवम्बर 2019 तक किये गये नगद भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। इस प्रकार कुण्डम परियोजना मंडल द्वारा भुगतान की प्रक्रिया में शासकीय आदेश की अवहेलना की गई है, जिसकी जाँच करवाकर एक माह में कार्यवाही की जावेगी।
बालक-बालिका छात्रावासों में पदस्थ वार्डन
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र. 206 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत कहां-कहां पर बालक-बालिका छात्रावास संचालित हैं। रहवासी छात्र-छात्राओं की संख्या एवं छात्रावासों में प्रदत्त सुविधायें तथा उल्लेखित बालक-बालिकाओं के छात्रावासों में पदस्थ वार्डनरों के नाम उनकी छात्रवास में पदस्थी दिनांक सहित सूची देवें? (ख) संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक/रा.शि.के./एस.जी.यू./2017/588/भोपाल दिनांक 11/08/2017 में कितने वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले वार्डन को वार्डन के अतिरिक्त प्रभार से अलग करने का उल्लेख है? (ग) क्या कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र कटनी द्वारा अपने पत्र क्रमांक/स्थापना/जि.शि.क्र./2019/1199 कटनी दिनांक 05/09/2019 के द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र का उल्लेख करते हुये 03 वर्ष का कार्य पूर्ण करने पर श्रीमती कमला उपाध्याय वार्डन के.जी.बी. व्ही. रीठी जिला कटनी को वार्डन के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कटनी जिले के अन्य छात्रावासों में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अन्य वार्डन क्यों नहीं बदले गये? दुर्भावना पूर्ण एक ही नियम के तहत दोषपूर्ण कार्यवाही का दोषी कौन है? क्या शासन दोषियों पर कार्यवाही करते हुये प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियम के तहत कटनी जिले के छात्रावासों में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ सभी वार्डनों को पृथककर, नई नियुक्तियां करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार। (ख) तीन वर्ष पश्चात्। (ग) जी हाँ। (घ) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार कटनी जिले में 16 छात्रावासों में से 8 छात्रावासों में कार्यरत वार्डन का कार्यकाल 3 वर्ष पूर्ण नहीं हुआ है। एक छात्रावास सी.डब्ल्यू.एस.एन (विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए) का संचालन अशासकीय संस्था द्वारा किया जा रहा है। जिसमें प्रश्नांश (ख) अनुसार समय-सीमा लागू नहीं है। शेष 7 छात्रावासों में परिवर्तन नहीं होने का कारण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 3 वर्ष पूर्ण करने वाले वार्डन के परिवर्तन की कार्यवाही जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्ग निर्माण हेतु मिट्टी एवं मुरम के खनन की अनुमति
[खनिज साधन]
22. ( क्र. 207 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बहोरीबंद जिला कटनी ने दिनांक 30-10-2019 को अनुबंध क्रमांक 08/एन.डी.बी./सड़क-2/2018 के तहत कटनी जिले में मुख्य जिला मार्गों को एन.डी.बी./सड़क-2 योजना अंतर्गत मार्ग निर्माण करने वाली हिलवेज कन्स्ट्रक्शन कम्पनी की एक पोकलेन मशीन सहित छ: डम्पर मार्ग निर्माण हेतु अवैध उत्खनन करते हुये पकड़े थे? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कंपनी द्वारा। अनुबंध क्रमांक 08/एन.डी.बी./सड़क-2/2018 के तहत कटनी जिले में कहां-कहां पर कौन-कौन से मार्गों का निर्माण किया जा रहा है तथा इन मार्गों के निर्माण में उपयोग हेतु लगाई गई मिट्टी एवं मुरम का उत्खनन कहां-कहां से कितनी मात्रा में किया गया उत्खनन स्थल के ग्राम का नाम मार्ग का नाम, खनन स्थल का खसरा नम्बर एवं खनन किये गये क्षेत्र का माप सहित संपूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों के निर्माण हेतु किन-किन मार्गों के किन-किन स्थलों में मिट्टी एवं मुरम के उत्खनन हेतु निर्माता कंपनी द्वारा राजस्व विभाग से अनुमति ली गई थी? मार्ग का नाम स्वीकृत खनन क्षेत्र के ग्राम का नाम, खसरा नम्बर, स्वीकृत सहित सम्पूर्ण सूची देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कम्पनी द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों निर्माण हेतु उपयोग की गई मिट्टी एवं मुरम का उत्खनन राजस्व विभाग की अनुमति लिये बिना या स्वीकृत स्थल से अन्यत्र अपनी सुविधा अनुसार उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर कितने क्षेत्र में अवैध उत्खनन किया गया एवं इस कार्य के विरूद्ध मार्ग निर्माता कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कंपनी द्वारा अनुबंध क्रमांक 08/एन.डी.बी./सड़क-2/2018 के तहत कटनी जिले में किये गये निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब में दर्शित अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्ग निर्माण हेतु जिन-जिन मार्ग निर्माण हेतु मिट्टी एवं मुरूम के उत्खनन हेतु स्थल से संबंधित राजस्व विभाग के द्वारा दी गई अनापत्ति के आधार पर कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ/स) कटनी संभाग कटनी के द्वारा मार्ग निर्माण हेतु मिट्टी/मुरूम के उत्खनन की अनुमति प्रदाय की गई है। मार्ग का नाम स्वीकृत खनन क्षेत्र के ग्राम का नाम खसरा/रकबा उत्खनित खनिज की मात्रा संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार दर्शायी गई है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कंपनी हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों के निर्माण हेतु उपयोग की गई मिट्टी/मुरूम खनिज का उत्खनन लोक निर्माण विभाग द्वारा दी गई अनुमति स्थल से ही किया गया है। मार्ग निर्माता कंपनी को स्लीमनाबाद-पडवार-कुंआ मार्ग 14.87 कि.मी. स्लीमनाबाद-बहोरीबंद मार्ग 21.323 कि.मी. सड़क निर्माण हेतु ग्राम कुआं के निजी भूमि ख.क्र. 50 रकबा 3.25 हे. क्षेत्र में निर्मित तालाब के गहरीकरण हेतु दी गई अनुमति स्थल से उत्खनित खनिज मुरूम/मिट्टी मात्रा 840 घन मीटर को बिना अभिवहन पारपत्र के परिवहन किए जाने पर अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर रू. 12,60, 000/- अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।
दिव्यांग विवाह की राशि प्रदाय करना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 231 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकाखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम अंतर्गत 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनाँक तक कितने दिव्यांग जोड़ों के विवाह कब-कब संपन्न कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) जोड़ों को विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जाना थी? राशि कब प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो कारण बतायें। विलंब के लिये कौन दोषी है, कब तक राशि प्रदाय कर दी जावेगी? क्या राशि प्राप्त करने हेतु दिव्यांग जनों को आये दिन जिला मुख्यालय बुलाया जाना उचित है? विवाह उपरांत राशि दिये जाने की शासन द्वारा क्या नीति एवं प्रक्रिया निधारित की गई है? कितने दिनों के अंदर राशि दिये जाने का प्रावधान है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा में 14 एवं कुण्डम विकासखण्ड अंतर्गत 01 दिव्यांग विवाह इस प्रकार प्रश्नांश अवधि तक कुल 15 दिव्यांग जोड़ों के विवाह विभिन्न तिथियों में संबंधितों के निवास स्थान में सम्पन्न हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित दिव्यांग जोड़ों को विभाग द्वारा प्रदाय की जाने वाली राशि एवं भुगतान राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार, विलंब के लिये कोई दोषी नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 232 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नगर पालिका सिहोरा को विधायक विकास निधि से 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? स्वीकृत राशि नगर पालिका के किस खाते में जमा कराई गई? खाता क्र., बैंक का नाम, राशि का विवरण सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। यह भी बतायें कि इस खाते का संचालन किन-किन के द्वारा किया जाता है तथा राशि का आहरण कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यों को कराने के लिये नगर पालिका द्वारा किस एजेंसी को सौंपा गया? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? कितनी राशि शेष है? कार्य में विलंब के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। खाता क्रमांक 10904541439 स्टेट बैंक आफ इण्डिया शाखा सिहोरा में जमा कराई गयी है। खाते का संचालन संयुक्त रूप से मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं अध्यक्ष नगर पालिका परिषद सिहोरा द्वारा किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
डी.पी.आर. बनाने वाली एजेंसियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 247 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम ग्वालियर द्वारा जिला ग्वालियर के विकास कार्य हेतु किस एजेंसी के माध्यम से कितनी डी.पी.आर. तैयार करवाई गई? डी.पी.आर. बनाने वाली एजेंसियों को कुल कितना भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? डी.पी.आर. हेतु तय एजेंसी के लिए शासन के मापदण्ड क्या थे? क्या एजेंसियों द्वारा आवश्यकता से अधिक डी.पी.आर. बनाई गई? 2019 में कितनी डी.पी.आर. बनी, कितनी स्वीकृत हुई व कितनी शेष है? (ख) वर्ष 2019 के पूर्व नगर निगम ग्वालियर में डी.पी.आर. बनाने का काम किस-किस एजेंसियों के माध्यम से संपादित किया जाता था? किस-किस एजेंसी को वर्ष 2017-2018 में कितना-कितना भुगतान डी.पी.आर. बनाने का किया गया वर्ष 2017-2018 में कितनी डी.पी.आर. बनी, कितनी स्वीकृत हुई व कितनी शेष है वर्ष 2018 व 2019 में डी.पी.आर. अनुसार कौन-कौन से मद से कार्य प्रारंभ कराये गये? कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) वर्ष 2015 से 2019 तक मुख्यमंत्री अधोसंरचना एवं सरकार की विशेष निधि से ग्वालियर महानगर विकास हेतु कितनी राशि कौन-कौन से कार्य हेतु स्वीकृत की गई? कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? मुख्यमंत्री पेयजल योजनांतर्गत नगर निगम ग्वालियर के वार्ड नं. 61 से 66 का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु अभी तक लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा प्रश्नावधि में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत मे. मेहता एसोसिएटस, इन्दौर से एक डी.पी.आर. तैयार कराई गई है। प्रश्नावधि में कोई भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। प्रश्नावधि में नगर पालिका निगम ग्वालियर द्वारा एक डी.पी.आर. तैयार कराई गई है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। स्वीकृति शेष की जानकारी निरंक है। (ख) मे. मेहता एसोसिएट, इन्दौर। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-स अनुसार है। जी हाँ। नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 61 से 66 तक पेयजल के कार्यों के लिए राशि रू. 4975.92 लाख की कार्य योजना तैयार कराई गई है, जिसकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बिल्डर द्वारा जबलपुर विकास प्राधिकरण के अनुबंधों का पालन न करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 258 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में विजय नगर में फ्लैट/आवास निर्माण हेतु जबलपुर विकास प्राधिकरण और निजी भवन निर्माता कंपनी श्री जी प्रमोटर/मुस्कान बिल्डर के मध्य कोई अनुबंध हुआ था? अगर हां, तो उक्त अनुबंध में क्या-क्या शर्तें जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बिल्डर पर अनिवार्य रूप से किया जाना किस तयशुदा समय-सीमा में करना निर्धारित किया गया था? अनुबंध की एक प्रति दें। (ख) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा जो अनुबंध उक्त बिल्डर के साथ निष्पादित हुआ था उसका प्रश्नतिथि तक बिल्डर द्वारा पालन ही नहीं किया गया है? अगर किया गया है तो कुल कितने आवास/फ्लैट शताब्दीपुरम, विजय नगर जबलपुर में प्रश्नतिथि तक बनाये जाने थे? कितने बने? किस-किस नाम के उपभोक्ता से कितनी-कितनी राशि कब-कब ली? किस-किस नाम के उपभोक्ता को प्रश्नतिथि तक फ्लैट नहीं दिये गये? किस-किस को फ्लैट दिये गये? सूची नामवार, उपभोक्ता द्वारा दी गई रकमवार दें। (ग) जबलपुर विकास प्राधिकरण/कमिश्नर नगर पालिक निगम/कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जबलपुर को किस-किस नाम के फ्लैट बुक करने वाले उपभोक्ताओं के द्वारा प्रश्नतिथि तक उनको पजेशन न देने की शिकायतें की गई? उन शिकायतों पर प्रश्नतिथि तक किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्या कार्यवाही की गयी? जारी सभी आदेशों की एक प्रति देंवें। (घ) शासन उक्त बिल्डर के विरूद्ध किन नियमों के तहत क्या कार्यवाही उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुये कब तक करेगा? अगर नहीं करेगा तो क्यों? नियमों का उल्लेख करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, जिसमें शर्तें एवं समय-सीमा उल्लेखित है। (ख) आंशिक रूप से, जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 3 उपभोक्ताओं द्वारा पजेशन न देने की शिकायत की गयी है। शिकायतों पर की गयी कार्यवाही के पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) अनुबंध की कंडिका क्र. 26 के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय राजस्व धन राशि को खुर्द-बुर्द किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 260 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय ने वर्ष 2017-18 के दौरान 300 करोड़ के लगभग की साइकिलों की खरीद की? उसमें कितनी साइकिलों की खरीदी हुई? साईकिलें कहां रखवाई गई? सुरक्षित भण्डारण के लिये क्या लघु उद्योग निगम को 30 रूपये प्रति साईकिल का अतिरिक्त भुगतान किया गया वर्ष 2017 में साइकिलों के उपयोगिता प्रमाण पत्र लिये बिना वित्तीय वर्ष 18-19 में कितनी रकम की साइकिलों की खरीदी हेतु लघु उद्योग निगम के खाते में राशि जमा की वर्ष 16-17, 17-18 एवं 18-19 में कितनी साइकिलों को नहीं बांटा गया? (ख) क्या सतना/सीधी/राजगढ़/बालाघाट/भिण्ड नीमच/रतलाम जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा वित्तीय वर्ष 16 से 19 तक बिना टेण्डर बुलाये किताबों/फर्नीचरों/अन्य सामग्रियों की खरीद की? क्या महालेखाकार के द्वारा आडिट में आपत्ति ली गयी? क्या महालेखाकार को वित्तीय वर्ष 16 से 19 तक लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों ने सहयोग न कर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये? अगर कराये तो महालेखाकार ने स्कूली शिक्षा विभाग को भेजे अपने नोट (टिप्पणी) में जो लिखा है उसकी प्रति उपलब्ध करायें? (ग) वित्तीय वर्ष 2016 से 2019 के मध्य लोक शिक्षण विभाग को कितने स्कूलों में कम्प्यूटर लैब बनाने का लक्ष्य था वर्षवार दें। कितने कम्प्यूटर लैब बनाये गये? कितनी राशि वर्षवार कम्प्यूटर लैब बनाने की खर्च ही नहीं की गई? मेधावी छात्र योजना के तहत लैपटॉप बांटने में क्या चिन्हित छात्रों के बैंक एकाउंट में ही पैसा जमा किया गया? कितने छात्रों के बैंक स्टेटमेंट नहीं मिलने की पुष्टि हुई? (घ) क्या वित्तीय वर्ष 16 से 19 के मध्य रीवा जिला अन्तर्गत शालाओं में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत छात्रवृत्ति दी गई? कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं दी गई? कितनी रकम छात्रवृत्ति की लोक शिक्षण संचालनालय के खाते में जमा है? वित्तीय वर्षवार जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2017-18 में कक्षा 6वीं एवं 9वीं के लिए लगभग 200 करोड़ की राशि साइकिल क्रय हेतु लघु उद्योग निगम को उपलब्ध कराई गई, जिससे 7, 14, 316 साइकिलों की खरीदी की गई। असेम्बल्ड व निरीक्षित साइकिलें संबंधित विकासखण्ड/स्कूल स्तर पर भण्डारित की गई। जी नहीं। निविदा MOU की शर्तों के अनुसार राशि लघु उद्योग निगम के पी.डी खातें में जमा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में पोर्टल की पात्रतानुसार सभी पात्र छात्र-छात्राओं को सायकिलें बांटी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं। विगत वर्ष सतना जिले में खनिज निधि से फर्नीचर क्रय प्रक्रिया के संबंध में जाँच हेतु संभाग आयुक्त रीवा को संचालनालय के पत्र क्रमांक 456 दिनांक 08.07.2019 के द्वारा लेख किया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। लेपटॉप वितरण योजना के तहत पात्र सभी छात्रों के बैंक खातों में लेपटॉप की राशि जमा हुई है। बैंक स्टेटमेंट नहीं मिलने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। लोक शिक्षण संचालनालय के खाते में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजनांतर्गत जमा राशि निरंक है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत छात्रों के कम्प्यूटर क्रय की राशि दी जाना
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 280 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 25000 प्रति छात्र के मान से कम्प्यूटर क्रय हेतु प्रदेश में कितनी राशि आवंटित एवं वितरित की जा चुकी है? (ख) क्या अधिकांश जिलों में उक्त राशि वितरित नहीं हो पाई है तथा अनेक विद्यार्थी इससे वंचित रह गये है तो क्यों? (ग) कब तक पात्र विद्यार्थियों को इसका लाभ दे दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2018 -19 में योजनांतर्गत कुल 1, 73, 65, 50, 000/- की राशि आंवटित की गई थी। कक्षा 12 वीं की परीक्षा के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन के रूप में कुल 1, 69, 17, 00, 000/- की राशि का वितरण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, राशि सभी जिलों में वितरित की जा चुकी है। परन्तु पुर्नगणना में अंक परिवर्तित होने से पात्रता बन जाने या बैंक खाता नम्बर की त्रुटि की वजह से जिलों में कतिपय नये प्रकरण प्राप्त होते रहते है जिनके स्थानीय स्तर पर निराकरण के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिये गये है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा समिति को आवंटित भूमि का व्यवसायिक दुरुपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 288 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित पंजीकृत शिक्षा समितियों को उन्हें स्कूल भवन/छात्रावास के निर्माण हेतु भूमि सहयोगदान के रुप में आवंटित करने के लिये शासन स्वीकृति प्रदान की जाना आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो नीमच नगर पालिका क्षेत्र में संचालित कालिदास शिक्षा समिति को किस प्रयोजन हेतु कितने वर्ग मीटर भूमि सहयोगदान के रुप में वर्ष 1955 में आवंटित की गई है? आवंटित भूमि की शासन स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में आवंटित भूमि के संबंध में विधिवत लीज डीड/सहयोगदान लेख आदि का पंजीकृत निष्पादन कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? आवंटित भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य क्या है? (घ) क्या कालिदास शिक्षा समिति द्वारा भूमि पर किये गये अनाधिकृत कब्जा, अतिक्रमण और उसका व्यवसायिक दुरुपयोग करने के संबंध में कोई शिकायत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन इस अनाधिकृत कब्जे की भूमि को मुक्त कराकर अपने आधिपत्य में लेगा? नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वर्तमान में मध्य प्रदेश नगर पालिका (अचल सम्पत्ति का अंतरण) नियम, 2016 में वर्णित प्रावधान अनुसार शैक्षणिक प्रयोजन के लिये अचल सम्पत्ति के अंतरण से पूर्व राज्य सरकार का पूर्व अनुमोदन आवश्यक है। इसके पूर्व में तत्समय प्रभावी नियमों का पालन करना आवश्यक था। (ख) उल्लेखनीय है कि कालीदास शिक्षण समिति को जनरल कमेटी, नगर पालिका प्रशासन, नीमच द्वारा दिनांक 15.12.1955 सरक्यूलर लेटिन प्रस्ताव क्रमांक 440 से छात्रावास निर्माण समिति को उनके द्वारा मांगी गई भूमि उनके पत्र दिनांक 12.12.1955 अनुसार केवल छात्रावास निर्माण हेतु 540x840=432000 वर्गफिट भूमि वांछित स्थान पर कीमत राशि रूपये 15000.00 पर देना सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया गया। भूमि छात्रावास निर्माण योजना में नगर पालिका, नीमच की ओर से सहयोगानुदान के रूप में दी गई व आवश्यकतानुसार महाअधिक्षक महोदय की अनुमति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। प्रकरण में भूमि आवंटन उपरांत पंजीकृत अंतरण लेख तत्समय संपादित किया नहीं गया तथा महाअधिक्षक महोदय की अनुमति प्राप्त नहीं की गई। (ग) जी नहीं, तत्समय लीज डीड का पंजीयन नहीं कराया गया। आवंटित भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य राशि रूपये 77, 08, 41, 600.00 है। (घ) जी हाँ। प्राप्त शिकायतें एवं उन पर की गयी कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त भूमि पर दुकान निर्माण आदि के संबंध में माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत याचिका क्र. 1295/89 में प्रदत्त निराकरण हेतु प्राप्त आदेश के पश्चात दुकान निर्माण की अनुज्ञा दी गयी है। इसके अतिरिक्त माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका क्रमांक 1123/09 भी प्रचलित है। पूर्ण प्रकरण की जाँच कर विधिसम्मत कार्यवाही हेतु कलेक्टर, नीमच को लिखा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग के माध्यम से किये गये कार्यों की जानकारी
[वन]
30. ( क्र.
309 ) श्री
रामकिशोर
कावरे : क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा वन
विभाग
बालाघाट को
पत्र क्रमांक/114
दिनांक 28-12-2018, क्र. 521
दिनांक 27-07-2019 एवं
क्र. 657 दिनांक 13-09-2019
के माध्यम
जानकारी चाही
गई है?
यदि हाँ, तो क्या
जानकारी
प्रदाय कर दी
गई? यदि
नहीं,
तो क्यों? (ख) क्या
बालाघाट जिले
में वन विभाग
के माध्यम से
वनक्षेत्रों
में चेनलिंक
/फैंसिंग कार्य
करवाया गया? यदि
हाँ,
तो किस नियम
अंतर्गत
वनक्षेत्रों
के अंदर चेनलिंक/फैंसिंग
कार्य किया
गया? नियम
निर्देश सहित
जानकारी
देवें। साथ ही
तकनीकी स्वीकृति
प्राप्त की
गई? यदि
हाँ,
तो जानकारी
देवें। (ग) क्या
चेनलिंक/फैंसिंग
हेतु निविदा
नियम का पालन
किया गया? यदि
हाँ,
तो जानकारी
देवें। (घ) बालाघाट
जिले में
ग्राम वन
समिति/वन
सुरक्षा समिति
में वर्तमान
में कितनी
राशि उपलब्ध
हैं? समितिवार, परिक्षेत्रवार
जानकारी
देवें। वर्ष 2015
से वर्तमान तक
कितने
ग्रामों में
ग्राम विकास
के कार्य
समितियों के
विकास खाते की
राशि से
करवाये गये? यदि
हाँ,
तो जानकारी
समिति बैठक की
कार्य
प्रोसेडिंग का
विवरण सहित
देवें।
वन मंत्री (
श्री उमंग
सिंघार ) : (क) प्रश्नकर्ता
के पत्रों के
संबंध में
मुख्य वन
संरक्षक, बालाघाट
के पत्र
क्रमांक/व्यय
आं./4699, दिनांक
10.12.2019
एवं 4702, दिनांक
11.12.2019
एवं वनमंडल
अधिकारी उत्तर
वनमंडल, बालाघाट के
पत्र क्रमांक-3584, दिनांक
15.12.2019
तथा दक्षिण
सामान्य
वनमंडल, बालाघाट के
पत्र क्रमांक-2028, दिनांक
15.12.2019
द्वारा प्रश्नकर्ता
को जानकारी
उपलब्ध कराई
गई है,
अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) बालाघाट
वन वृत्त के
उत्तर/दक्षिण
सामान्य
वनमण्डल
बालाघाट
अंतर्गत
विदोहित
कूपों में
सुरक्षा हेतु
बारबेड वायर
से फैंसिंग कार्य
करवाया गया है।
वन क्षेत्रों
में
चेनलिंक/फैंसिंग
कार्य वनमण्डलों
की स्वीकृत
कार्य आयोजना
में विदोहित
कूपों में पूरक
वनवर्धनिक
कार्यों में
सुरक्षा के
प्रावधानों
के अंतर्गत
कराया गया है।
उपरोक्त
कार्य हेतु
मुख्य वन
संरक्षक
वनवृत्त
बालाघाट से
तकनीकी स्वीकृति
प्राप्त की
गई। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
में है। उत्तर
एवं दक्षिण
बालाघाट
वनमंडल का
आंशिक भाग कान्हा-पेंच
कॉरीडोर में
आता है। Tiger Conservation Plan में
इन क्षेत्रों
के संबंध में
सामान्य (Generic) प्रावधान
किये जाते हैं (ग) चेनलिंक/फैंसिंग
हेतु सामग्री
का क्रय मध्यप्रदेश
लघु उद्योग
निगम के माध्यम
से की गई है, अत:
निविदा का
प्रश्न
निहित नहीं है।
(घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
में है।
वरिष्ठता के आधार पर प्रभार
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 326 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र., भोपाल के आदेश परिपत्र क्रमांक/ईपीईएस/अ.संचा./ 2019/20, दिनांक 03.07.2019 को जारी परिपत्र के अनुसार क्रमांक 3 में ''एक परिसर एक शाला'' अंतर्गत समस्त शालाओं के लिए एक ही स्टॉफ उपस्थिति पंजी संधारित होगी, जिसमें पदस्थ वरिष्ठता क्रम के अनुसार व्याख्याता/उ.मा.शि./वरिष्ठ अध्यापक/प्रधानाध्यापक को समकक्ष पद पर माना जायेगा? (ख) क्या हा.से. स्कूल उमरी विकासखण्ड रायपुर कर्चु. में पूर्व में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य को हटाकर उनसे कनिष्ठ को प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों तथा प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश का पालन करते हुए कब तक पूर्व पदस्थ प्राचार्य को ही प्रभार दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पूर्व में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध ग्रामवासियों की शिकायतों, अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान के प्रकरण लंबित रहने एवं सी.एम.हेल्प लाइन के प्रकरणों का निराकरण समय पर न करने के कारण हटाया गया था। माननीय उच्च न्यायलय जबलपुर में पारित निर्णय दिनांक 22.10.2019 एवं प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश का पालन करते हुए कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के आदेश क्र/कोर्ट/2019/1420 रीवा दिनांक 07.12.2019 द्वारा शा.उ.मा.वि.उमरी में पूर्व पदस्थ प्रभारी प्राचार्य को पुनः प्रभार सौंपने का आदेश जारी किया जा चुका है।
कर्मचारियों का एक वर्ष के लिए रिडिप्लायमेन्ट
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 327 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक-सी.3-15/1/3/97 भोपाल, दिनांक 26.05.1997 के द्वारा जिला स्तर पर कर्मचारियों को एक वर्ष के लिए रिडिप्लाइमेंट के तहत पदस्थ किये जाने के अधिकार कलेक्टर को सौंपे गये हैं? पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिला अंतर्गत जिला शिक्षा केन्द्र रीवा में सहायक परियोजना समन्वयकों एवं जनपद शिक्षा केन्द्रों में विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों के पद पर रिडिप्लाइमेंट के तहत किसको कब से पदस्थ किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें एवं आदेश क्रमांक दिनांक अवधि पूर्ण होने की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रिडिप्लाइमेंट की अवधि पूर्ण होने वाले कर्मचारियों की सेवाएं मूल पदस्थापनाएं को वापस की गयी है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक इनकी सेवाएं मूल पदस्थापना के लिए वापस की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार एवं अवधि पूर्ण होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) कलेक्टर रीवा द्वारा आदेश क्रमांक/जिशिके/स्था./2019/1729 दिनांक 12.12.2019 के माध्यम से सहायक परियोजना समन्व्यक एवं विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के पद पर रिडिप्लाइमेंट के तहत पूर्व में जिले द्वारा जारी समस्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जा चुका है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका नगर परिषदों पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 336 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में स्थित नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायतों में पदस्थ संविदा कर्मचारी/दैनिक वेतन भोगी/आकस्मिक कर्मचारी की जानकारी नाम एवं पता सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त कर्मचारी कब से एवं किस पद के विरूद्ध किस आदेश से नियुक्त किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा उपरोक्त कर्मचारी को शासन द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जाता है? किस कर्मचारी को कितनी राशि प्रतिमाह भुगतान की जाती है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिषद/प्रेसिडेंट इन काउसिंल के प्रस्ताव अनुसार रखे गये है। इनके आदेश जारी नहीं किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत पदस्थ कर्मचारी
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 337 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में जिले एवं विकासखण्ड स्तर पर डी.पी.सी., डी.ई.ओ. बी.आर.सी., बी.ई.ओ. कार्यालयों में कौन-कौन से कर्मचारी, कौन-कौन से पद पर, कब-कब से किस-किस संस्था से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है? नामवार, पदवार, प्रतिनियुक्ति दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त कर्मचारी के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहने की लिए शासन के क्या निर्देश हैं एवं कितने समय के लिए उक्त पदों पर पदस्थ किया जाता है? (ग) क्या शासन के नियमानुसार प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने पर संबंधित कर्मचारी को अपनी मूल संस्था के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को मूल संस्था में वापिस न करने से छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई हैं? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभागीय कार्य संपादन व कार्य सुविधा की दृष्टि से प्रशासनिक व्यवस्था होने तक कार्य लिया जा रहा है। (घ) जी नहीं। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों के स्थान पर शालाओं में अतिथि शिक्षक नियुक्त किये गये हैं, ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवनों का निर्माण एवं पदपूर्ति की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 373 ) श्री विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत कुल कितने हायर सेकण्डरी एवं हाई स्कूल है? क्या शासन द्वारा इन स्कूलों का सर्वे कराया गया है, कि कितने स्कूलों में छात्र/छात्राओं की बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है? कितने भवन पुराने है? कितने नये है? कितने जीर्णशीर्ण अवस्था में है? जीर्णशीर्ण अवस्था वाले भवनों की मरम्मत हेतु क्या कार्यवाही की गई है? कितने स्थानों में नवीन भवन स्वीकृत या प्रस्तावित है? विकासखण्डवार जानकारी देते हुये सूची दें? (ख) सतना जिले के रामपुर बाघेलान विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड रामपुर बाघेलान एवं अमरपाटन में स्वीकृत मॉडल स्कूलों की जानकारी उपलब्ध करायें? स्वीकृत मॉडल स्कूलों के भवन निर्माण आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुये? क्यों इसमें दोषी कौन है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई और अपूर्ण भवनों का निर्माण कब तक पूरा किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में कुल 149 हायर सेकेण्डरी स्कूल तथा 141 हाईस्कूल संचालित हैं। यू-डाईस डाटा के आधार पर 115 विद्यालयों में बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है। जिलांतर्गत 130 विद्यालयों के भवन 10 वर्ष से अधिक पुराने है। कोई भी शाला भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड रामपुर बाघेलान एवं अमरपाटन में कोई मॉडल स्कूल स्वीकृत नहीं हैं। शेषांश उद्भूत नहीं होता है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान की जानकारी
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 374 ) श्री विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलों में जिले खनिज प्रतिष्ठान में किस-किस खनिज रायल्टी की या अन्य कितनी राशि जमा करवाये जाने का प्रावधान है? इसके तहत प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि जमा करवाई गई? सूची उपलब्ध कराये। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा राशि का कितनी-कितनी राशि किन-किन क्षेत्रों में किन-किन कार्यों पर खर्च की जा सकती है? सतना जिले में अभी तक कहां-कहां कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा ज्यादा लीज धारित क्षेत्रों में कितनी राशि देने का प्रावधान है? सतना जिले के रामपुर बाघेलान विधान सभा को कितनी राशि दिया जाना प्रस्तावित है। (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र रामपुर बाघेलान में सबसे ज्यादा लीज शासन द्वारा दी गई है? अगर नहीं तो कुल कितने हैक्टेयर की लीज शासन द्वारा किस-किस को कब से दी गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार मुख्य खनिज से जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में जमा कराये जाने वाली राशि की दरें अधिसूचित हैं। दिनांक 30.11.2019 तक जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में रूपये 2, 20, 02, 10, 412/- जमा कराये गये हैं। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में संग्रहित राशि का व्यय प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में निर्धारित मदों में किया जा सकता है। प्रश्नांश अनुसार व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में संग्रहित राशि का व्यय प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित मदों में किये जाने का प्रावधान है। संग्रहित राशि को खनन क्षेत्र से प्रभावित क्षेत्रों में व्यय किया जा सकता है। अत: किसी विधानसभा क्षेत्र विशेष पर व्यय की जाने वाली राशि का विवरण दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, क्षेत्रफल के मान से अधिक खनि रियायतें प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत की गई हैं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे का आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
37. ( क्र. 403 ) श्री निलय डागा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा जारी मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे पर आवंटित करने के लिये एक से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने पर, पंजीयन दिनांक के आधार पर सबसे पुरानी तथा क्रियाशील वंशानुगत समिति को पट्टा दिये जाने का निर्देश है? (ख) क्या मत्स्य नीति 2008 में यह प्रावधान है कि म.प्र.सहकारी समितियां अधिनियम 1960 की धारा 9 अनुसार एक ही समिति के कार्यक्षेत्र में पंजीयन सामान्यतः नहीं किया जावेगा? यदि किया जाना आवश्यक है तो पहले पंजीकृत समिति को पर्याप्त प्रति व्यक्ति जल क्षेत्र के आधार पर सुने जाने के शासन निर्देश है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) यदि सही है तो बैतूल जिले का बुण्डाला जलाशय पट्टा आवंटन में उपरोक्त नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो पट्टा निरस्त करने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) क्या मत्स्योद्योग सहकारी समिति मर्यादित जम्बाडा एवं मत्स्योद्योग सहकारी समिति मर्यादित जौलखेड़ा के पंजीयन पूर्व मत्स्योद्योग विभाग द्वारा अनुशंसा की गई है? यदि हो तो कब-कब की गई? स्पष्ट कार्यक्षेत्र संघटक प्रतिवेदन अनुसार क्या है? (ड.) प्रश्ननांश (ग) एवं (घ) अनुसार शासन नीति, निर्देश का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेंगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नियमों का पालन किया गया। निरस्त करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जम्बाडा समिति के लिये वर्ष 1986 तथा जौलखेडा 2003 को अनुशंसा की गई। जम्बाडा समिति का कार्यक्षेत्र जम्बाडा एवं हरदोली जबकि जौलखेडा समिति का कार्यक्षेत्र जौलखेडा एवं हेटी है। (ड.) जी हाँ। सहकारिता विभाग की अनुशंसा के आधार पर कार्यक्षेत्र की समिति जौलखेडा का बुण्डाला जलाशय पटटे् पर दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना तहत राशि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 404 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की समस्त नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने हितग्राहियों को राशि आंवटित की गई? नगर निगम, नगर पालिकावार, वार्डवार, आंवटित राशिवार, हितग्राहियों के नाम एवं संलग्न दस्तावेजों अनुसार सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार शासन द्वारा निर्धारित राशि से अधिक राशि जिन हितग्राहियों के खाते में जमा हो गई है अथवा जिन हितग्राहियों द्वारा दो बार उक्त योजना का लाभ ले लिया गया है, उन हितग्राहियों की सूची, संबंधित को जारी सूचना पत्र, नगर निगम, नगर पालिकावार, वार्डवार, आंवटित राशिवार उपलब्ध कराते हुए, अधिक राशि अथवा दो बार राशि जमा होने के लिए लापरवाह अधिकारी अथवा कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) यदि उपरोक्तानुसार आर्थिक लापरवाही करने पर भी संबंधित दोषी के विरूध कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम, उज्जैन में बी.एल.सी.घटक अंतर्गत कुल 5657 हितग्राहियों, नगर पालिका, बड़नगर में 613 हितग्राहियों, नगर पालिका, खाचरौद में 1458 हितग्राहियों, नगर पालिका, महिदपुर में 633 हितग्राहियों, नगर पालिका, नागदा में 1902 हितग्राहियों, नगर परिषद, तराना में 453 हितग्राहियों नगर परिषद, माकड़ोन में 832 हितग्राहियों एवं नगर परिषद, उन्हेल में 388 हितग्राहियों को राशि आवंटित की गई है। निकायवार, वार्डवार हितग्राहियों के नाम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उपरोक्त में से नगर पालिका, खाचरौद में 05 तथा नगर पालिका, नागदा में 18 हितग्राहियों के खाते में निर्धारित राशि से अधिक राशि जमा हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। नगर पालिका, खाचरौद में उक्त योजना का दो बार लाभ लेने वाले हितग्राहियों की संख्या 03 है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। नगर पालिका, खाचरौद द्वारा इन हितग्राहियों को जारी किये गये सूचना पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। नगर पालिका, खाचरौद के इन हितग्राहियों द्वारा अधिक प्राप्त की गई राशि को निकाय को लौटाई गई है, जिसका विवरण भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' में है। नगर पालिका, खाचरौद द्वारा हितग्राहियों के खाते में राशि अंतरण हेतु बैंक को पत्र दिनांक 21.06.2018 को पत्र व सूची दी गई लेकिन कुछ हितग्राहियों के खाते में राशि अंतरण नहीं होने से बैंक को स्मरण पत्र दिनांक 07.03.2019 दिया गया। नगर पालिका, खाचरौद द्वारा दी गई जानकारी अनुसार निर्धारित से अधिक राशि बैंक त्रुटि से हितग्राहियों के खातों में जमा हुई है। उपर्युक्तानुसार अनियमितता के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नागदा एवं खाचरौद को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है। शेष निकायों में निर्धारित राशि से अधिक राशि किसी भी हितग्राही को आवंटित नहीं की गई है एवं किसी भी हितग्राही द्वारा दो बार उक्त योजना का लाभ नहीं लिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रचलित होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
करकोई प्लांटेशन की जाँच व कार्यवाही बाबत्
[वन]
39. ( क्र. 410 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह हटा वन परिक्षेत्र अंतर्गत मार्च 2017-18 में करकोई प्लांटेशन में कितने पौधे लगाये गये थे एवं कितनी राशि प्लांटेशन हेतु स्वीकृत की गई थी? विभाग द्वारा विगत वर्ष 2018-19 व 2019-20 में कितने वन तालाब स्वीकृत किये गये? प्रशासकीय स्वीकृतियों सहित स्थलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) समाचार पत्रों एवं श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिलने कागजों में 21000 पौधों का रोपण होना व स्थल पर 7000 पौधा पाये जाने प्लांटेशन में की अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा की गई अनियमितता की शिकायतें प्रशासन को की गई है। प्लांटेशन में पौधे नहीं लगाये गये। राशि का आहरण कर लिया गया है। दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई क्या जाँच दल बनाकर जाँच करायी जावेगी एवं दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी समय-सीमा बतायी जावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) इस प्रश्न के बिन्दुओं की गहन जाँच कराई जा रही है।
गौण खनिज अंतर्गत प्राप्त एवं व्यय राशि
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 412 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में गौण खनिज अंतर्गत विगत वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 में कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। साथ ही यह बतायें कि उक्त तीनों वर्षों की प्राप्त राशि कहाँ-कहाँ खर्च की गई? स्थलवार व्यय राशि की सूची प्रदाय करायें। (ख) वर्ष 2017-18, 2018-19 में क्या वर्षवार आय से अधिक प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो कितनी प्राप्त राशि हुई वर्षवार कितनी प्रशासकीय स्वीकृतियां हुई? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें कितने कार्य पूर्ण हो जाने के बावजूद द्वितीय किस्त जारी नहीं हुई है? (ग) जिला दमोह में गौण खनिज की राशि कहाँ-कहाँ खर्च की जा सकती है? नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध करायें। साथ ही आय से अधिक प्रशासकीय स्वीकृतियों के कारण नवीन कार्यों को स्वीकृति प्राप्