मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
सितम्बर, 2020 सत्र
बुधवार, दिनांक 23 सितम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सिहोरा
उपार्जन केन्द्र
में गेहूँ विक्रय
की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
1. ( *क्र. 592 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मई, 2020 माह में सागर जिले के सिहोरा समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र में किसानों के नाम से उत्तर प्रदेश से पांच ट्रक एवं तीन ट्रेक्टर ट्राली गेहूँ बिकने आया था, जिसे जिला प्रशासन एवं पुलिस ने पकड़ा था? वाहन जप्त कर समिति के कुछ लोगों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था? यदि हाँ, तो जप्त/पकड़े गए वाहनों के नम्बर गेहूँ की बोरी/वजन मुकदमा दर्ज लोगों के नाम बताएं? (ख) प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? जप्त वाहन किसे सुपुर्द किया गया है? पकड़ा गया गेहूँ कहां है? (ग) खरीदी केन्द्र प्रभारियों को खरीदी से तुरन्त पृथक क्यों नहीं किया गया? जिन पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? किसानों के नाम से गेहूँ बेचने की साजिश/षडयंत्र की व्यापक जांच क्यों नहीं की गई? (घ) क्या किसानों के नाम से, समितियां व्यापारियों का गेहूँ खरीद रहीं थीं तथा स्थानीय जागरूक लोगों ने मामले को पकड़ा? यदि नहीं, तो अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई, कोर्ट में चालान क्यों नहीं पेश किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण में जप्त कुल 08 वाहन माननीय न्यायालय जे.एम.एफ.सी. के आदेश से वाहन सुपुर्दनामा हेतु पुलिस थाना राहतगढ़ की अभिरक्षा में दिये गये हैं, प्रकरण में जब्त गेहूँ बालाजी वेयरहाउस सागर जो कि मध्यप्रदेश स्टेट वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन की सुपुर्दगी में रखा गया है। (ग) खरीदी केन्द्र प्रभारियों को तुरंत पृथक कर दिया गया है। जिन आरोपियों पर पुलिस मुकदमा दर्ज है, उनकी गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। प्रकरण में अन्य आरोपी में से 1. प्रमोद कुमार पिता कुंदनलाल जोशी (ट्रक मालिक), 2. बसंत पिता रोशनलाल जोशी, 3. रोशनलाल पिता कुंदनलाल जोशी (ट्रक ड्राइवर) को गिरफ्तार किया गया है। गेहूँ बेचने की साजिश/षड़यंत्र की व्यापक जांच प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। जिन आरोपियों पर पुलिस मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तारी का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। प्रकरण में विवेचना उपरांत माननीय न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा।
गुना जिले में गेहूँ खरीदी में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( *क्र. 575 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में इस वर्ष गेहूँ खरीदी हेतु किन-किन खरीदी केन्द्रों पर कितने-कितने किसान पंजीकृत किये गये थे एवं खरीदी केन्द्रवार कितने किसानों से कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ क्रय किया गया? तहसीलवार बतायें। (ख) क्या सभी किसानों को एस.एम.एस. द्वारा सूचित कर गेहूँ विक्रय हेतु समयावधि दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या सभी किसानों के गेहूँ की तुलाई पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो जिन किसानों को एस.एम.एस. किये गये उन किसानों के गेहूँ की तुलाई किन कारणों से नहीं की जा सकी? (ग) क्या अव्यवस्था/अराजकता के कारण जिन किसानों को एस.एम.एस. किया गया था, उन किसानों की खरीदी केन्द्रों पर गेहूँ तुलाई नहीं की गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) गुना जिले में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में गेहूँ उपार्जन हेतु तहसीलवार एवं केन्द्रवार पंजीकृत किसानों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार, उपार्जन केन्द्रवार विक्रेता किसानों एवं उपार्जित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। गुना जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत समस्त किसानों को एस.एम.एस. प्रेषित किये गये, जिनमें से जो कृषक अपनी उपज विक्रय करने हेतु उपार्जन केन्द्र पर उपस्थित हुए उनकी उपज की खरीदी की गई। जिले में उपार्जन केन्द्र पर उपज विक्रय करने हेतु उपस्थित कृषक अपनी उपज विक्रय करने से वंचित नहीं रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गुना जिले में इस प्रकार के प्रकरण संज्ञान में नहीं आये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डही नगर पंचायत में स्वीकृत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 718 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की डही नगर पंचायत में विगत 3 वर्षों में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य का नाम, लागत, आहरित राशि (प्रश्न दिनांक तक), कार्य पूर्ण/अपूर्ण (प्रतिशत सहित) देवें? (ख) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) उपरोक्त अवधि में क्रय की गई सामग्री की जानकारी भी सामग्री का नाम, टेंडर प्रक्रिया की जानकारी सहित देवें? सप्लायकर्ता द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति भी देवें। (घ) उपरोक्त अवधि में डीजल/पेट्रोल पर हुए व्यय की जानकारी माहवार देवें? लॉगबुक की छायाप्रति भी माहवार उपलब्ध करावें। किराए पर लिए वाहनों के क्रमांक सहित भुगतान की माहवार जानकारी भी उपरोक्त अवधि अनुसार देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। लॉगबुक की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। किराये पर लिये गये वाहनों के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
व्यक्तिगत नल कनेक्शन का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 236 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की विभिन्न झुग्गी/झोपड़ी क्षेत्र एवं रहवासी क्षेत्र में बल्क में नल कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है, जबकि आम रहवासी अपनी आवश्यकतानुसार व्यक्तिगत नल कनेक्शन चाहते हैं, जो कि नगर निगम द्वारा प्रदाय नहीं किये जाते हैं, क्यों? (ख) क्या यदि नगर-निगम व्यक्तिगत नल कनेक्शन देता है, तो रहवासियों को फायदा होगा एवं नगर-निगम को भी राजस्व की प्राप्ति होगी? यदि हाँ, तो व्यक्तिगत नल कनेक्शन दिये जाने हेतु कब तक निर्देश प्रदाय करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, नगर निगम, भोपाल द्वारा आम रहवासियों को उनकी मांग अनुसार व्यक्तिगत नल कनेक्शन प्रदान किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम, भोपाल द्वारा रहवासियों को उनकी मांग अनुसार व्यक्तिगत नल कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लेबड़-नयागाँव फोरलेन में अनियमितता
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 310 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागाँव फोरलेन में रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज/अंडर ब्रिज निर्माण के लिए D.P.R./अनुबंध में क्या-क्या उल्लेख है, नियमों की जानकारी देवें। (ख) क्या राष्ट्रीय सड़क मार्ग के नियमानुसार फोरलेन/सिक्स लेन सड़क की रेलवे फाटक पर नियमानुसार ओवर ब्रिज या अंडर ब्रिज का निर्माण आवश्यक है? यदि नहीं, तो किस नियम के तहत? नियमों की प्रतिलिपि देवें। (ग) क्या लेबड़-नयागांव फोरलेन सड़क पर जावद रोड (खोर) पर बिड़ला सीमेंट फेक्ट्री की ओर जाने वाली मालगाड़ियों के लिए रेलवे फाटक स्थित है, जिसमें खाली और भरी मालगाड़ियाँ लगातार निकलती रहती हैं, जिससे पूरा ट्रैफिक लगभग 30-45 मिनिट के लिए जाम रहता है? नियम विरुद्ध इस रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं करने के क्या कारण रहे? (घ) टोल प्रारम्भ से उत्तर दिनांक तक लेबड़-नयागाँव फोरलेन पर किस-किस स्थल पर किन-किन क्षेत्रीय विधायकों ने लगातार क्रासिंग पर हो रही दुर्घटना को लेकर अंडर ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव रोड कम्पनी को दिया उस पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब हुई? प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मंदसौर के रेवास देवड़ा मार्ग M.I.T. चौराहे पर ओवर ब्रिज या अंडर ब्रिज का निर्माण एवं हाईमास्ट लगाए जाने को लेकर कब-कब प्रस्ताव/सुझाव दिए, उस पर क्या कार्यवाही हुई, इस स्थल पर टोल प्रारम्भ से उत्तर दिनांक तक कितनी दुर्घटनायें हुईं, कितने घायल तथा कितने मृत हुए?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लेबड़-नयागांव फोरलेन हेतु कुल 2 अनुबंध के तहत कार्य कराया गया, जिसके अनुसार लेबड़-जावरा मार्ग पर अनुबन्धानुसार चैनेज 91.620, 96.875 एवं 107.530 पर आर.ओ.बी. का प्रावधान था, उक्त स्थान पर मार्ग निर्माण के समय आर.ओ.बी. का निर्माण कर दिया गया था। जावरा-नयागाँव मार्ग पर अनुबन्धानुसार तीन स्थान पर आर.ओ.बी. प्रस्तावित थे, मार्ग निर्माण के समय चैनेज 131.000, 156.100 एवं 199.500 पर आर.ओ.बी. का निर्माण कर दिया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, जाम होने की जानकारी इस कार्यालय को नहीं है। जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग पर विक्रम सीमेन्ट (वर्तमान में अल्ट्राटेक सीमेन्ट) साईडिंग के पास चैनेज 251 + 060 पर समपार फाटक क्र. 2 टी/2 है। यह फाटक शासन से अनुमति प्राप्त कर सीमेन्ट कम्पनी द्वारा बनाया गया है, आर.ओ.बी. बनाये जाने की कार्यवाही भी विक्रम सीमेन्ट कम्पनी (वर्तमान में अल्ट्राटेक सीमेन्ट) द्वारा ही की जाना है। इस स्थान पर अनुबन्ध में प्रावधान नहीं होने से आर.ओ.बी. का निर्माण निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा नहीं किया गया। (घ) माननीय विधायकों द्वारा अण्डर ब्रिज निर्माण के प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा मन्दसौर के रेवास देवड़ा मार्ग एम.आई.टी. चौराहे पर ओवर ब्रिज या अंडर ब्रिज का निर्माण एवं हाईमास्ट लगाए जाने को लेकर प्रस्ताव/सुझाव इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। पूर्व में अन्य माध्यम से इस विषय पर प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जिस पर मुख्य अभियंता (संधा.), एम.पी.आर.डी.सी., भोपाल द्वारा पत्र क्र. 1237 भोपाल, दिनांक 17.04.2018 द्वारा स्पष्ट किया गया है कि उक्त मार्ग के सभी चेंज ऑफ स्कोप के प्रस्ताव फाईनल किये जा चुके हैं, अतः मन्दसौर स्थित एम.आई.टी. चौराहे पर ओव्हर ब्रिज बनाया जाना सम्भव नहीं है। उक्त स्थल पर टोल प्रारम्भ से दिनांक 31.08.2020 तक पुलिस अधीक्षक, जिला मन्दसौर द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार कुल 36 दुर्घटनायें, 36 घायल तथा 15 मृत हुये।
नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( *क्र. 276 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायत जतारा के ग्राम पंचायत चंदेरा में वर्ष 2019 में कब से कब तक ग्रामीणों द्वारा पेयजल से संबंधित कौन-कौन सी मांगों को लेकर आंदोलन किया गया था? मांग पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि ग्रामीणों के द्वारा दिए गए ज्ञापन में कौन-कौन सी मांगे थीं? इसमें से कौन-कौन सी मांगों का निराकरण किया जा चुका है और कौन-कौन का होना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले की जतारा (अ.जा.) विधानसभा क्षेत्र में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक जल संकट से निदान हेतु क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? कहां-कहां, किस स्थान पर हैंडपंप एवं नल-जल योजना का कार्य करवाया गया है? क्षेत्र में कहां-कहां नल-जल योजना स्वीकृत होना अतिआवश्यक है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक किस-किस विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य पूर्ण करा लिया है? ग्राम चंदेरा में नल-जल योजना, कितनी लागत की कब तक स्वीकृत की जावेगी और नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रश्नांकित आंदोलन के मांगपत्र में केवल बिंदु क्रमांक-6 पर ग्राम चंदेरा की पेयजल समस्या के संबंध में उल्लेख है। कार्यपालन यंत्री टीकमगढ़ द्वारा ग्राम चंदेरा (खास) की रेट्रोफिटिंग नलजल योजना की डी.पी.आर. लागत रू. 384.59 लाख तैयार की गयी है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांक (क) एवं (ख) के संबंध में पेयजल संबंधी कार्य के लिये विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही उत्तरांश (क) अनुसार एवं प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में की गयी कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम चंदेरा (खास) में नलजल योजना के संबंध में जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है, स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही जल जीवन मिशन के अंतर्गत की जायेगी, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
ताल नगर परिषद में सामग्री क्रय में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 55 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4156, दिनांक 26 जुलाई, 2019 में यह बताया गया था कि ताल नगर परिषद में खरीदी नियमानुसार की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न क्रमांक 2043, दिनांक 23.12.2019 में कैसे कहा गया कि अनियमितताएं हुई हैं? दोनों उत्तर में से क्या सही है एवं क्या गलत? कारण सहित बतावें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2043, दिनांक 23.12.2019 के जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें तथा बतावें की कितनी राशि का घोटाला हुआ है तथा अभी तक पुलिस में प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया है एवं कब तक किया जावेगा? (ग) रतलाम नगर निगम द्वारा जनवरी 2019 से जनवरी 2020 तक अतिक्रमण, स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण, विभिन्न धाराओं में स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण को तोड़ने के नोटिस, नजूल की जमीन पर निर्माण, शासन की माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान नोटिस किस-किस को दिए गए, उसकी सूची तथा समस्त नोटिस की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सूची में से किस पर कार्यवाही की गई तथा शेष पर क्यों नहीं की गई, अगर की जावेगी तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्न क्रमांक 4156 का उत्तर, जांच के पूर्व, निकाय से प्राप्त जानकारी के आधार पर एवं प्रश्न क्रमांक 2043 का उत्तर, जांच कराये जाने के उपरांत दिये गये थे, उपलब्ध अभिलेख के अनुसार दोनों ही उत्तर सही हैं। (ख) जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन अनुसार आर्थिक हानि नहीं होना पाया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार 20 प्रकरणों में से 16 पर कार्यवाही की गयी है। शेष 4 प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गोगापुर से लसुड़िया गोयल मार्ग की जांच/कार्यवाही
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 711 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत गोगापुर से लसुड़िया गोयल मार्ग की हुई जांच का प्रतिवेदन देवें। (ख) क्या कारण है कि इस जांच में जहां पिट लगाए गए हैं, वहां डामर की मोटाई प्रत्येक पिट पर ली गई लेकिन क्रस्ट की मोटाई कुछ ही पिट पर ली गई? (ग) उपरोक्तानुसार जांच ठीक से न होने के कारण भोपाल स्तर का दल बनाकर इस रोड की जांच कब तक कराई जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार ठीक से जांच न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट है कि जहां पिट लगाई गयी वहां डामरीकृत सतह एवं क्रस्ट की मोटाई ली गई है। शेष स्थानों पर डामरीकृत सतह के कोर काटे गये हैं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर में भवन निर्माण की जांच
[आयुष]
9. ( *क्र. 672 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर में परिसर की लगभग 40 फीट जमीन छोड़ी गई है? यदि हाँ, तो शासन के किस नियम के तहत छोड़ी गई? शासन के नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) यदि नियम नहीं हैं तो महाविद्यालय के किस जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा यह कार्य किया गया तथा उस संबंधित अधिकारी पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर के पूर्व प्राचार्य डॉ. रविकांत श्रीवास्तव की भवन निर्माण एवं अन्य आर्थिक अनियमितताओं की जांच कराई गई, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया? यदि हाँ, तो क्या इनको वर्तमान में महाविद्यालय से निलंबित एवं पृथक किया गया है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। शासन के ऐसे कोई नियम/निर्देश नहीं हैं। (ख) तत्कालीन प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. रविकांत श्रीवास्तव के द्वारा जांच कराई गई। (ग) जांच कराई गई। प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। जी नहीं।
नगरीय निकायों में सामग्री की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 691 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल, उज्जैन तथ रतलाम नगर निगम द्वारा मार्च 2020 से जून 2020 तक कोरोना संबंधी सामग्री तथा किट, सेनेटाईजेशन अन्य किस मात्रा में किस विक्रेता से किस भाव में कितनी राशि की खरीदी तथा सामग्री का कहां-कहां उपयोग किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर निगम द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में कुल कितने भोजन के पैकेट वितरित किये गये? प्रति पैकेट क्या सामग्री थी तथा उसकी कीमत क्या थी तथा कितनी खाद्यान्न किट बांटी गई? उसमें क्या सामग्री थी तथा कीमत क्या थी? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में नगर निगम द्वारा खरीदे गये डीजल तथा पेट्रोल इसी अवधि में वर्ष 2019 में खरीदी की मात्रा तथा राशि बतावें। अगर 2019 से 2020 में ज्यादा खरीदा तो बतावें कि कितने प्रतिशत राशि का ज्यादा खरीदा और उसका कारण क्या है? (घ) प्रश्नाधीन नगर निगम को कोविड-19 मद में राज्य शासन से तथा प्रधानमंत्री केयर फण्ड से कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी राशि की क्या-क्या सामग्री शासन से प्राप्त हुई तथा जून 2020 तक कोविड-19 मद में किया कुल खर्च कितना-कितना हुआ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
कटनी नगर के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( *क्र. 422 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकायों की शिक्षा उपकर की राशि का किन-किन कार्यों में किस प्रकार उपयोग किये जाने के क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश वर्तमान में लागू हैं? (ख) कटनी नगर अंतर्गत शासकीय एवं कार्यालय-नगरपालिक निगम कटनी के कितने और कौन-कौन से विद्यालय वर्तमान में कब से कहाँ-कहाँ संचालित हैं? अध्यनरत विद्यार्थियों एवं भवनों, फर्नीचरों एवं अन्य आवश्यक संसाधनों/सुविधाओं की उपलब्धता से अवगत कराएं। (ग) शिक्षा उपकर की कितनी राशि कार्यालय-नगरपालिक निगम कटनी के पास वर्तमान में उपलब्ध है, विगत 03 वर्षों में कितना-कितना शिक्षा उपकर प्राप्त किया गया? (घ) क्या कटनी-नगर के कई विद्यालयों के भवन जर्जर हैं और फर्नीचरों एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो विद्यालयवार पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें और बताएं कि क्या यह कार्य शिक्षा उपकर की राशि से कराये जा सकते हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) शिक्षा उपकर की राशि से विद्यालयों में कार्य कराये जाने हेतु विगत 03 वर्षों में कितने आवेदन/प्रस्ताव किस-किस से कब-कब प्राप्त हुये और कितनी राशि किन कार्यों में कब-कब व्यय की गयी? (च) प्रश्नांश (घ) हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता की सहभागिता में दल गठित कर कटनी नगर में संचालित शासकीय/नगर निगम के विद्यालयों के भवनों में मरम्मत/निर्माण, फर्नीचरों एवं अन्य सामग्रियों की आवश्यकता का परीक्षण कराकर शिक्षा उपकर की राशि से अनुशंसित कार्यों को कराया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, विभागीय पत्र क्रमांक 4050/18-3/99, भोपाल, दिनांक 07.10.1999, पत्र क्रमांक 605/740/18-3/2000, भोपाल, दिनांक 15.03.2000 एवं पत्र क्रमांक एफ 6-6/2016/18-3, भोपाल, दिनांक 26.07.2016 के द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्रों के शासकीय स्कूलों के संचालन व रख-रखाव शिक्षा उपकर की राशि से किये जाने के आदेश प्रसारित किये गये हैं। (ख) नगर पालिक निगम, कटनी के अन्तर्गत 07 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालय तथा नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा 03 विद्यालय तथा 59 शासकीय/माध्यमिक शालायें संचालित हैं। उपरोक्त हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में 3626 तथा प्राथमिक/माध्यमिक में 4958 छात्र/छात्रायें अध्ययनरत् हैं। 02 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनविहीन हैं, जो कि माध्यमिक/प्राथमिक शालाओं में संचालित हैं। नगर की उपरोक्त शालाओं में से 22 में फर्नीचर है, 46 में नहीं, 65 में स्वच्छ पेयजल है, 04 में नहीं, 49 में बालक शौचालय है, 20 में नहीं 59 में बालिका शौचालय है, 10 में नहीं, 59 शालाओं में पुस्तकालय है, 10 में नहीं, 57 शालाओं में विद्युत सुविधा है, 12 में नहीं तथा 11 में प्रयोगशालायें हैं। शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, कटनी में शिक्षा उपकर की राशि रूपये 6,01,14,212/- वर्तमान में उपलब्ध है। विगत् 03 वर्षों में प्राप्त शिक्षा उपकर की राशि वर्षवार क्रमश: वर्ष 2017-18 में रूपये 84,67,019/ वर्ष 2018-19 में रूपये 87,57,239/- एवं वर्ष 2019-20 में रूपये 16,14,755/- है। (घ) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी, कटनी से प्राप्त जानकारी अनुसार कटनी नगर के शासकीय/नगर पालिक निगम कटनी के प्रबंधन में 69 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल/प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में 14 जर्जर भवन हैं, इसमें से 03 नगर पालिक निगम स्वामित्व के हैं तथा 11 शासकीय हैं, 22 शालाओं में फर्नीचर हैं, 46 शालाओं में नहीं है, जिनमें आवश्यकता है। 04 में पेयजल, 20 में बालक शौचालय, 10 में बालिका शौचालय, 10 में पुस्तकालय, 12 में विद्युत सुविधा तथा 05 हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में वर्किंग संसाधन युक्त प्रयोगशालाओं की आवश्यकता है। विद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेषांश के संबंध में उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं है। (ड.) शिक्षा उपकर की राशि में से विभिन्न विद्यालयों में विगत् 03 वर्षों में प्राप्त प्रस्ताव एवं कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (च) जी हाँ, शासकीय/नगर पालिक निगम द्वारा संचालित विद्यालयों में पालक शिक्षक संघ समिति गठित होती है, जो कि विद्यालयों के भवनों में मरम्मत/निर्माण, फर्नीचरों एवं अन्य सामग्रियों की आश्यकता का परीक्षण कर, शिक्षा उपकर की राशि में से अनुशंसित कार्यों को कराये जाने का प्रस्ताव संबंधित विद्यालय के माध्यम से तैयार कर, शासन/प्रशासन/स्थानीय शासन को प्रेषित किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा गौ कुंभ के आयोजन में व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( *क्र. 587 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी-मार्च 2020 को जबलपुर में आयोजित गौ-कुंभ में कौन-कौन से स्थाई-अस्थाई निर्माण कार्य किसकी अनुमति से कराये गये एवं उन पर किस-किस योजना मद से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? निर्माणवार लागत सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित आयोजन हेतु क्या-क्या सामग्री किस दर पर किस नियम प्रक्रिया के तहत किस मद से क्रय की गई तथा कौन-कौन सी कितनी सामग्री निःशुल्क वितरित की गई? (ग) प्रश्नांक (क) में आयोजन पूर्व एवं पश्चात नर्मदा जल के शुद्धिकरण एवं पर्यावरण संरक्षण तथा साफ सफाई के कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से काराये गये एवं यह भी बतलावें कि पर्यावरण की दृष्टि से आयोजित कार्यक्रमों एवं मेलों में क्या पॉलीथिन-पन्नियों का उपयोग प्रतिबंधित था? यदि नहीं, तो उसका दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कुंभ का जबलपुर में आयोजन कब से कब तक किया गया, इस आयोजन में शासन की कुल कितनी राशि किस-किस मद में व्यय हुई, सूची देवें एवं क्या शासन इस संपूर्ण आयोजन में किये गये शासकीय धन के अपव्यय की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नही?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कलेक्टर जबलपुर के आदेश क्रमांक 106/एफ.डब्ल्यू./2019, दिनांक 03.01.2020 एवं आदेश क्रमांक न.गौ.कुंभ/2019-20/468, दिनांक 20.02.2020 में दिये गये निर्देशों के परिपालन में नगर निगम द्वारा जलप्रदाय, प्रकाश, पार्किंग, पेवर ब्लॉक, मार्ग मरम्मत, अस्थाई शौचालय, कांक्रीट नाली निर्माण, पुताई, साफ-सफाई, शासकीय प्रदर्शनी आदि कार्य कराये गये। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा निर्धारित निविदा प्रक्रिया मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के अनुसार नगर निगम में उपलब्ध राशि से सामग्री क्रय की गई है। क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर निगम, जबलपुर द्वारा कोई भी सामग्री का वितरण नि:शुल्क नहीं किया गया है। (ग) नर्मदा नदी में मिलने वाले नालों के दूषित जल के शुद्धीकरण हेतु पूर्व से ही दो मलजल शोधन संयंत्र स्थापित हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। आयोजन पश्चात आवश्यक साफ सफाई कराई गई। पर्यावरण की दृष्टि से आयोजित कार्यक्रम एवं मेले में पॉलीथिन पन्नियों का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया था। (घ) माँ नर्मदा गौ कुंभ का आयोजन दिनांक 24.02.2020 से दिनांक 03.03.2020 तक किया गया था। इस आयोजन में शासन के द्वारा कोई भी राशि नगर निगम जबलपुर को उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लॉकडाउन अवधि में अन्य राज्यों से आए श्रमिकों की संख्या
[राजस्व]
13. ( *क्र. 609 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लॉकडाउन के प्रथम सप्ताह में अन्य राज्यों से 08 लाख श्रमिक म.प्र. आये तथा शासन द्वारा उन्हें भोजन एवं दवा देकर उनके गांव भेजा गया? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि इस हेतु कब से कब तक कितनी बसें कहां-कहां लगाई गई? बस, भोजन पर कितना-कितना खर्च हुआ। (ग) क्या लॉकडाउन अवधि में 13.5 लाख श्रमिक अन्य राज्यों से म.प्र. आये तथा 1,45,567 श्रमिकों को एक हजार रूपये नगद सहायता दी गई? यदि हाँ, तो बतावें कि 13.5 लाख श्रमिकों में से मात्र 1.5 लाख को नगद सहायता क्यों दी गई? शेष 12 लाख श्रमिकों को सहायता क्यों नहीं दी गई, उन्हें दी जायेगी या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) 13.5 लाख मजदूर के आने तथा 4.5 लाख को भेजने में परिवहन पर, भोजन पर कितना-कितना खर्च हुआ? कुल कितनी बसें कब से कब तक लगाई गई? 4.5 लाख श्रमिक को दूसरे राज्य में भेजने पर संबंधित राज्य से परिवहन खर्च कितना कितना लिया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लॉकडाउन के दौरान लगभग 14 लाख नागरिक आये एवं लगभग 1.5 लाख श्रमिकों को प्रवासी मजदूर योजना के अन्तर्गत सहायता दी गई। सहायता उक्त योजना के पात्रता हेतु निर्धारित मापदण्ड के तहत दी गई। श्रमिक जो योजना के निर्देशानुसार पात्र नहीं हैं, को सहायता नहीं दी जावेगी। (घ) लगभग 150 करोड़ रूपये की राशि भोजन एवं परिवहन आदि पर व्यय हुई है। लगभग 29 हजार बसों को मार्च माह के अंतिम सप्ताह से माह जून तक लगाया गया था। संबंधित राज्य से परिवहन खर्च नहीं लिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार जहां मजदूर स्थित है, उन राज्यों को ही व्यय वहन करना है।
रायसेन जिले में सड़क एवं पुल निर्माण के स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 558 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2015-16 से सितम्बर 20 तक की अवधि में बजट तथा अनुपूरक बजट में कौन-कौन सी सड़कें एवं पुल कितनी राशि के स्वीकृत हुए? (ख) उक्त स्वीकृत सड़क एवं पुलों में से सितम्बर 20 की स्थिति में किन-किन सड़कों तथा पुलों की निविदायें क्यों आमंत्रित नहीं की गईं? सड़क एवं पुलवार कारण बतायें तथा कब तक निविदायें आमंत्रित की जायेंगी? (ग) उक्त संबंध में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के पत्रों के जबाव कब-कब दिये? यदि नहीं, तो कारण बतायें? उक्त पत्रों के जवाब कब तक देंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार कार्यक्रम में अनियमितता की जांच
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( *क्र. 474 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में माह मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन अवधि में आंगनवाड़ी केन्द्रों से किस-किस प्रकार के पोषण आहार का कितना-कितना वितरण केन्द्रवार किया गया? खण्डवा जिले अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) लॉकडाउन अवधि के दौरान खण्डवा जिले में महिला बाल विकास विभाग द्वारा कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर क्या-क्या सामग्री कितनी राशि की वितरित की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा जिलेभर में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण करने में गंभीर लापरवाही बरती गई है तथा कई आंगनवाड़ी केन्द्रों को पोषण आहार वितरित नहीं किया गया एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर दबाव बना कर प्राप्ति हस्ताक्षर लिये गये? (घ) यदि हाँ, तो लॉकडाउन अवधि के दौरान विभाग द्वारा वितरित किये गये पोषण आहार का कितनी राशि का भुगतान किस-किस एजेंसी को किया गया तथा कितनी राशि दी गई है? क्या उक्त भुगतान में हुए व्यापक भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच के आदेश प्रदान किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में माह मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन अवधि में आंगनवाड़ी केन्द्रों से टेकहोम राशन तथा रेडी टू ईट के रूप में निर्धारित मात्रा में पूरक पोषण आहार का वितरण किया गया। इस अवधि में खण्डवा जिले के 1682 आंगनवाडी केन्द्रों में वितरित टेकहोम राशन तथा रेडी-टू-ईट की जिले से प्राप्त केन्द्रवार विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) लॉकडाउन अवधि के दौरान खण्डवा जिले में जिला कलेक्टर के अनुमोदन से आजीविका मिशन जिला खण्डवा के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 7000 नग कपड़े के टू लेयर मास्क प्रतिनग रू. 10/- के मान से रू. 70,000/- की वितरित की गई। (ग) खण्डवा जिले में पूरक पोषण आहार वितरण की आकस्मिक जांच संचालनालय स्तर से कराई गई है। (घ) स्व-सहायता समूहों को 13910.18 क्विंटल रेडी टू ईट के तहत राशि रू. 39756228/- भुगतान की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिले में पूरक पोषण आहार वितरण की जांच संचालनालय स्तर से की गई है।
विदिशा जिले में मैना, मीना एवं मीणा को एक समान जाति वर्ग में शामिल करना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
16. ( *क्र. 703 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में निवासरत मैना, मीना, मीणा एक ही जाति के नागरिक हैं? क्या यह भी सत्य है कि जिला विदिशा में उक्त तीनों जातियों को तहसीलवार अलग-अलग जाति वर्ग जैसे अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग में रखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो जिला विदिशा में तहसीलवार बतावें कि मैना, मीना एवं मीणा किस किस जाति वर्ग में शामिल किये गये हैं? किस-किस आधार पर अलग-अलग वर्गों में शामिल हैं? (ग) यदि उपरोक्त को अलग-अलग तहसील में अलग-अलग जाति वर्ग में रखा गया है, तो क्या यह न्याय संगत है? यदि नहीं, तो क्या शासन सामान्य एवं पिछड़ा वर्गों में विभाजित को पिछड़ा वर्ग में रखकर समान रूपता में लाने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) शासन अधिसूचना अनुसार पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मंत्रालय, भोपाल दिनांक 02.04.1997 की पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक-21 पर नाम जाति/उपजाति/वर्ग समूह में मीना (रावत) देशवाली, मेवाती, मीणा (विदिशा जिले की सिरौंज एवं लटेरी तहसील को छोड़कर) है। यह परंपरागत व्यवसाय से कृषक हैं। (कैफियत (4) कालम अनुसार) रावत मीना जाति की उपजाति है, जो ब्राम्हण नहीं है। मीणा/मीना सिरोंज तहसील में अनुसूचित जनजाति में घोषित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। THE SCHEDULED CAST AND SCHEDULED TRIBLES ORDERS (AMENDMENT) ACT: 2002 DATE 7 JANURAY 2003 के तहत् प्रविष्टि क्रमांक 32 से मीना को अनुसूचित जनजाति सूची से विलोपित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तर (क) अनुसार। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहा. जनसम्पर्क अधि. की परियोजना अधिकारी पद पर नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 228 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद के सहायक जनसम्पर्क अधिकारी को जिले में परियोजना अधिकारी डूडा के पद पर नियुक्त किया जा सकता है? यदि नहीं, तो नीमच में श्री एस कुमार को परियोजना अधिकारी के पद पर किस आधार पर नियुक्ति दी गई? (ख) क्या इस प्रकार पद प्राप्त कर्मचारी को परियोजना अधिकारी का वेतनमान दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो किसके आदेश से उक्त एस कुमार को इस पद का वेतनमान दिया गया और क्या इस वेतनमान का अनुमोदन शासन से प्राप्त किया गया? यदि नहीं, तो किस अधिकार से इनको उक्त वेतनमान दिया गया और क्या इस अनुचित लाभ की रिकवरी सम्बंधित से वसूल की जाकर उसके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? (ग) श्री एस कुमार, सहायक जनसम्पर्क अधिकारी की मूल सेवा पुस्तिका (प्रथम नियुक्ति दिनांक 17.07.1987 से वर्तमान तक की स्थिति) एवं नियुक्ति, पदोन्नति, नियमितीकरण सबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये श्री एस. कुमार, सहायक जनसंपर्क अधिकारी को परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नही। श्री एस. कुमार मूल पद का वेतन प्राप्त कर रहे हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अमानक तथा गुणवत्ताहीन धान उपार्जन के दोषियों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( *क्र. 480 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में खरीफ उपार्जन वर्ष 2019-20 के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की प्रक्रिया में विभिन्न समितियों द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में तथा कितने मूल्य का अमानक तथा गुणवत्ताहीन धान उपार्जित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अनियमितता हेतु कौन-कौन समितियां/अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके नाम बतावें तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) अमानक तथा गुणवत्ताहीन धान उपार्जित होने से शासन को कितनी आर्थिक क्षति हुई? (घ) क्या शासन को हुई आर्थिक क्षति की वसूली जिम्मेदार अफसरों एवं समितियों से की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 700 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की वर्तमान में कौन-कौन सी नवीन सड़कें कितनी-कितनी दूरी की कितनी लागत की कब-कब स्वीकृत की गई एवं पूर्व से कितनी एवं कौन-कौन सी सड़कें निर्माणाधीन हैं? अनुबंधानुसार उन सड़कों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जाना है? सड़कों के नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या उक्त सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो किस-किस सड़क का निर्माण कार्य कब प्रारंभ हुआ एवं वर्तमान में सड़कों की स्थिति क्या है? सड़कों के नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या कुछ सड़कों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने के क्या कारण हैं एवं निर्माणाधीन सड़कों का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासी भूमि का गैर आदिवासी भूमि में परिवर्तन
[राजस्व]
20. ( *क्र. 613 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2014 से 2019 तक कितनी अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय किया गया? खसरा खाता क्रमांक, रकबा, गांव का नाम तथा व्यक्ति का नाम सहित सूची देवें तथा आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) रतलाम जिले में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय की अनुमति धारा 165 (6) में 2009 से 2019 तक कितने प्रकरण में दी गई तथा कुल जमीन का रकबा कितना है तथा उक्त अवधि में कितने आवेदन निरस्त किये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) विक्रित जमीन की विभिन्न स्तर पर शिकायत होने पर शासन स्तर पर जांच की गई? जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें तथा बतावें की उक्त अवधि में संभागायुक्त द्वारा अपने स्तर पर किस-किस आवेदन पर अनुमति दी गई? क्या यह कानून उचित है? (घ) क्या आदिवासी जमीन का डायवर्जन कराने के बाद बिना अनुमति गैर आदिवासी को बेच सकता है? यदि नहीं, तो रतलाम, इन्दौर जिले में ऐसे प्रकरणों की सम्पूर्ण जानकारी विक्रेता, क्रेता का नाम, खसरा, रकबा सहित सूची दें तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित अवधि में रतलाम जिले में अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय किये जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। अतः जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश में वर्णित अवधि में रतलाम जिले में धारा 165 (6) अंतर्गत 265 प्रकरणों में 203.468 हे. भूमि विक्रय की अनुमति दी गई है तथा प्रश्नांश अवधि में 274 आवेदन निरस्त किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। संभागायुक्त उज्जैन स्तर पर कार्य विभाजन अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 165 (6) एवं 165 (7) की अपील न्यायालय अपर आयुक्त, उज्जैन संभाग में प्रचलित होने से वर्ष 2009 से 2019 तक निराकृत अनुमति प्रकरणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जी हाँ। (घ) जी नहीं। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) (दो) अंतर्गत किसी आदिवासी की भूमि का अंतरण बिना सक्षम अनुमति के संभव नहीं होने से रतलाम व इन्दौर जिलों में बिना अनुमति आदिवासी भूमिस्वामी की भूमि गैर आदिवासी को अंतरित की जाने की जानकारी निरंक है।
निगमों में आयुष चिकित्सकों को यथावत रखा जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 114 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1372 प्रश्नोत्तरी दिनांक 23.03.2018 में उत्तर दिया गया कि निगम में कार्यरत दैनिक वेतन आयुष चिकित्सक उच्च कुशल श्रमिक दर पर भुगतान हेतु मापदण्ड पूर्ण न होने के कारण पात्रता नहीं रखते हैं? यदि हाँ, तो उच्च कुशल श्रमिक दर पर भुगतान करने के शासन के क्या मापदण्ड हैं एवं नगर निगम कटनी के आयुष चिकित्सक की शैक्षणिक योग्यता एवं कितने वर्षों से कार्यरत हैं एवं किन कारणों से मापदण्ड पूर्ण नहीं करते, उसका पूर्ण विवरण दें? उक्त आयुष चिकित्सक मापदण्डों को पूर्ण करने के बाद भी उन्हें उच्च कुशल श्रमिक दर पर भी वेतन भुगतान न करने के लिए कौन दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) नगर पालिक निगम कटनी में कार्यरत आयुष चिकित्सकों को कार्य पर रखे जाने हेतु एम.आई.सी. निर्णय दिनांक 29.12.2010 एवं वेतन भुगतान हेतु एम.आई.सी. निर्णय दिनांक 02.07.2012 को बिना समय-सीमा निर्धारण के स्वीकृति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो उक्त चिकित्सक इन्ही एम.आई.सी. स्वीकृति पर लगातार कार्यरत हैं? यदि नहीं, तो उक्त दिनांकों के निर्णयों को कब समाप्त किया गया या उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई निर्णय लिया गया, तो प्रति दें। साथ ही उक्त चिकित्सकों से वर्ष 2010 से लगातार कार्य पर रखने हेतु कब-कब एवं कितनी बार एम.आई.सी. से स्वीकृति प्राप्त की गई? सभी एम.आई.सी. निर्णयों की प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिक निगम कटनी में कार्यरत दैनिक वेतन आयुष चिकित्सकों के द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार आवेदन पत्र प्रस्तुत कर उच्च कुशल श्रमिक दर पर भुगतान हेतु निवेदन किया गया? उन आवेदन पत्रों की प्रति दें एवं उन आवेदन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण आवेदनवार, कार्यवाहीवार दें तथा नोटशीट की प्रति उपलब्ध करावें एवं उक्त आयुष चिकित्सकों को कब तक उच्च कुशल श्रमिक दर पर भुगतान करने के आदेश जारी किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राजपत्र दिनांक 14 अक्टूबर, 2014 में उल्लेखित है कि उच्च कुशल में कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्टेनोग्राफर, डिप्लोमाधारी, टेक्नीकल, डिप्लोमाधारी एवं इसके समकक्ष पद आदि को मान्य किया गया है, वर्तमान में नगर पालिक निगम कटनी में आदर्श कार्मिक संरचना प्रभावशील है। आदर्श कार्मिक संरचना में चिकित्सक के पद नहीं हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में चिकित्सकों को निःशुल्क सेवा दोपहर 02 बजे से 04 बजे तक प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई थी, इसके पश्चात आवेदकों के आवेदन पर मेयर-इन-काउंसिल के प्रस्ताव अन्य विषय क्रमांक (iii) दिनांक 02.07.2012 से कुशल श्रमिक दर का भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। तत्कालीन आयुक्त द्वारा स्वास्थ्य विभाग के श्रमिकों की सामूहिक स्वीकृति में उक्त आवेदकों को सम्मिलित किया गया एवं समय-समय पर स्वीकृति प्राप्त करते हुये कुशल श्रमिक दर से उक्त आवेदकों से चिकित्सा संबंधी कार्य नहीं लिया जा रहा है। आवेदकों द्वारा मई 2020 में उच्च कुशल का वेतन भुगतान की मांग की गई है, परन्तु औषधालय बंद होने के कारण स्वीकृति संबंधी निर्णय नहीं लिया गया, जिससे उक्त आवेदकों को उच्च कुशल श्रमिक दर से पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया जा रहा है, वर्तमान में उक्त आवेदकों से कार्यालय में कुशल श्रमिक के रूप में लिपिकीय सहयोगी का कार्य लिया जा रहा है, इसलिये उच्च कुशल श्रमिक दर का पारिश्रमिक भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ख) नगर पालिक निगम कटनी में कार्यरत चिकित्सकों को एम.आई.सी. की बैठक दिनांक 29.12.2010 अन्य विषय (iii) में आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में निःशुल्क सेवा प्रदान करने की अनुमति दी गई थी, तदानुसार आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से 4:00 बजे तक होम्योपैथिक चिकित्सक निःशुल्क परामर्श जनहित में दिये जाने हेतु श्री दीपक अग्निहोत्री एवं श्री पी.डी. पयासी को कार्यालयीन पत्र जारी किये गये थे। इसके पश्चात एम.आई.सी. की बैठक दिनांक 02.07.2012 के अन्य विषय के प्रस्ताव क्रमांक (iii) द्वारा श्री दीपक अग्निहोत्री एवं पी.डी. पयासी को कुशल श्रमिक पद पर भुगतान किये जाने की सर्वसम्मति से स्वीकृत प्रदान की गई थी एवं समय-समय पर प्रत्येक माह में 29-29 दिवस की स्वीकृत प्राप्त करते हुए एम.आई.सी. की स्वीकृति दिनांक 02.07.2012 के अनुसार उक्त आवेदकों को कुशल श्रमिक के पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिक निगम, कटनी में कार्यरत दैनिक वेतन चिकित्सकों के द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक उच्च कुशल श्रमिक दर भुगतान हेतु दिनांकवार प्राप्त आवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त आवेदकों द्वारा मई 2020 में उच्च कुशल का वेतन भुगतान की मांग की गई है, परंतु औषधालय बंद होने के कारण स्वीकृति संबंधी निर्णय नहीं लिया गया, इसलिये उक्त आवेदकों को उच्च कुशल श्रमिक दर के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया जा रहा है। आवेदनवार की गई कार्यवाही की नोटशीट की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। स्वास्थ्य विभाग हेतु सफाई संरक्षक के साथ सामूहिक स्वीकृति प्राप्त की गई है तथा उक्त आवेदकों से वर्तमान में चिकित्सा संबंधी कार्य नहीं लिया जा रहा है। इसलिये उच्च कुशल श्रमिक का पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
ग्वालियर में एक हजार बिस्तरीय अस्पताल का समय-सीमा में निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( *क्र. 745 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर में एक हजार बिस्तर का अस्पताल निर्माणधीन है? यदि हाँ, तो अनुबंध के अनुसार उक्त अस्पताल का कार्य कब तक पूर्ण होना है? (ख) अनुबंध के अनुसार प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य हो जाना चाहिए था? क्या उतना कार्य पूर्ण हुआ है? यदि नहीं, तो उसके क्या कारण हैं? इस हेतु उत्तरदायी ठेकेदार और अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई, निर्धारित कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच किस अधिकारी द्वारा कब-कब की गई एवं सत्यापन में क्या-क्या कमी पायी गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। अनुबंध अनुसार अस्पताल का कार्य दिनांक 16.06.2021 तक पूर्ण होना है। (ख) अनुबंधानुसार प्रश्न दिनांक तक प्रगति 52.40 प्रतिशत अनुमानित थी, वर्तमान में 25 प्रतिशत तक कार्य हुआ है। जी नहीं, अस्पताल हेतु आरक्षित भूमि दिनांक 25.01.2019 को आवंटित होने के कारण कार्य में विलंब हुआ। ठेकेदार को कार्य की गति बढ़ाने हेतु समय-समय पर पत्र एवं नोटिस जारी किये गये हैं। अस्पताल का कार्य दिनांक 31.12.2021 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ग) निर्माण की गुणवत्ता की समय-समय पर जांच अतिरिक्त परियोजना संचालक पी.आई.यू. तथा संभागीय परियोजना यंत्री द्वारा की जाती है। किये गये निरीक्षण एवं पाई गई कमियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सागर नगर में बी.एल.सी. योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 400 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में जब से बी.एल.सी. योजना लागू हुई है, तब से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों के आवेदन प्राप्त हुये तथा कितनों की डी.पी.आर. स्वीकृत कर इस योजना का लाभ दिया गया है? (ख) कितने हितग्राहियों की सभी किस्तों का भुगतान कर दिया गया है तथा कितने हितग्राहियों की कौन-कौन सी किस्तें लंबित हैं? लंबित किस्तों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्न दिनांक तक योजनांतर्गत कितने आवेदन लंबित हैं? लंबित आवेदनों पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? इन्हें कब तक स्वीकृति प्रदान कर भुगतान कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक में कुल 11,224 पात्र आवेदन पत्र प्राप्त हुए इन सभी पात्र हितग्राहियों को योजना में शामिल कर योजना का लाभ दिये जाने हेतु कुल 06 डी.पी.आर. स्वीकृत की गई है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक अन्तर्गत 4987 हितग्राहियों को समस्त किश्तों को भुगतान कर दिया गया है। योजनान्तर्गत 2185 हितग्राहियों को प्रथम किश्त, 764 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त तथा 595 हितग्राहियों को तृतीय किश्त भुगतान हेतु लंबित है। हितग्राहियों को किश्तों का भुगतान उनके कार्य की प्रगति तथा उसके जिओटेगिंग के आधार पर किया जाता है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्न दिनांक तक योजनान्तर्गत बी.एल.सी. लाभ हेतु हितग्राहियों के कोई भी आवेदन लंबित नहीं है, जिससे शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दमोह जिले के अंतर्गत सीमेन्ट कम्पनी की स्थापना
[राजस्व]
24. ( *क्र. 297 ) श्री राहुल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के इमलाई एवं महुआखेड़ा ग्राम में सीमेन्ट कम्पनी की स्थापना किस वर्ष की गई? (ख) उद्योग विभाग द्वारा उद्योग स्थापित करने हेतु कुल कितनी भूमि अर्जित की गई? अर्जित जमीन किन किसानों की ली गई, जिन किसानों की भूमि अर्जित की गई तो क्या उन किसानों को भूमि का मुआवजा दिया गया था? यदि हाँ, तो कितना, भूमि स्वामी का नाम खसरा नंबर सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित उद्योग के विस्तारीकरण के लिए इमलाई/महुआखेड़ा क्षेत्र में बाद में किन किसानों की भूमि क्रय की गई? नाम खसरा सहित बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) में कंपनी आदि अन्य क्रेतागणों को विक्रय करने वाले सभी कृषक उक्त भूमियों के वास्तविक भूमि स्वामी थे या विधिवत प्रकरणों के आधार पर ही भूमि स्वामी बनाये गये थे? यदि नहीं, तो विधिक प्रक्रिया पालन किये बिना कोई भी व्यक्ति किसी अन्य की भूमि का विक्रय किस आधार पर कर सकता है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह जिले के इमलाई एवं महुआखेड़ा ग्राम में सीमेन्ट कम्पनी की स्थापना वर्ष 1983 में हुई है। (ख) उद्योग विभाग द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिए इमलाई एवं महुआखेड़ा ग्राम में कुल 14.693 हे. निजी भूमि भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत अर्जित कर एवं कुल 1.740 हे. शासकीय भूमि, औद्योगिक लीज में प्रदान की गयी है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सक्षम अधिकारियों द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उद्योग के विस्तारीकरण की अवधि वर्ष (वर्ष 2010 से फरवरी 2013) के दौरान इमलाई/महुआखेड़ा क्षेत्र में उद्योग विभाग द्वारा क्रय की गयी भूमि संबंधी वांछित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित उद्योग के विस्तारीकरण के लिए इमलाई/महुआखेड़ा क्षेत्र में खसरे में दर्ज धारकों को नियमानुसार मुआवजा वितरण किया गया।
जिला तहसील हल्का मौजा छतरपुर के खसरा नंबरों में नाम परिवर्तन
[राजस्व]
25. ( *क्र. 621 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला तहसील हल्का मौजा छतरपुर खसरा नं. 132 एवं 133 में वर्ष 1960 से 1970 तक किस-किस के नाम परिवर्तन किये गये थे? क्या उक्त नाम परिवर्तन नामांतरण पंजी में दर्ज किये गये थे? यदि हाँ, तो नामांतरण पंजी की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) उक्त हल्का मौजा के खसरा नं. 241 से 250, 288 से 301, 618 से 630 एवं 644 पर बन्दोबस्त से प्रश्न दिनांक तक कब-कब नाम परिवर्तन किया गया था? क्या उक्त नाम परिवर्तन शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार सक्षम अधिकारी के आदेश से किये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्त आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें। क्या उक्त खसरा नंबरों में माफी लेख था? यदि हाँ, तो उक्त खसरा नंबरों में क्यों माफी लेख किया गया था? कारण स्पष्ट करें। क्या उक्त भूमि धार्मिक स्थल की थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि किस धार्मिक स्थल की थी? (घ) जिला छतरपुर के धर्मान्तरण रजिस्टर में विहारी जू बाजार मंदिर के नाम कौन-कौन से खसरा नंबरों की कितनी भूमि दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील छतरपुर के मौजा छतरपुर के खसरा नम्बर 132 एवं 133 में वर्ष 1960 से 1970 तक जो परिवर्तन दर्ज हुए वह सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। आदेशों की प्रति अभिलेखागार में अनुपलब्ध है। (ख) मौजा छतरपुर के खसरा नम्बर 241 से 250, 288 से 301, खसरा नम्बर 618 से 630 एवं खसरा नम्बर 644 पर बंदोबस्त से प्रश्न दिनांक तक नाम परिवर्तन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। खसरों में अंकित टीप के अनुसार उक्त सभी परिवर्तन सक्षम अधिकारी द्वारा किए गए हैं। (ग) जी हाँ। उपलब्ध आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रश्नाधीन खसरा नम्बरों में माफी दर्ज है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। माफी लेख किए जाने का कारण स्पष्ट नहीं है। भूमि निजी है, किसी सार्वजनिक या धार्मिक स्थल की नहीं है। (घ) मौजा छतरपुर के खसरा नबर 1306 रकवा 0.101 हे., ख.नं. 1307 रकवा 2.047 हे., ख.नं. 1638 रकवा 2.772 हे. कुल किता 03 रकवा 4.920 हे. भूमि मंदिर श्री बिहारी जू कुंजन प्रबंधक पुजारी स्वामी प्रसाद तनय नाथूराम प्रबंधक जिलाध्यक्ष (कलेक्टर) छतरपुर म.प्र. के नाम दर्ज है। खसरा प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
छतरपुर
मेडिकल कॉलेज
का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
1. ( क्र. 12 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति राज्य शासन के द्वारा दी गई थी? यदि हाँ, तो कब? आदेश प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में शासन की स्वीकृति उपरांत मेडिकल कॉलेज खोलने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? प्रतियाँ प्रदाय करे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में कितना बजट कब-कब प्रदाय किया गया? कितनी राशि का उपयोग किया जा चुका है? (घ) क्या छतरपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके निर्माण में क्या कठिनाई आ रही है तथा उनका निराकरण कब तक किया जा सकेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) मंत्रि-परिषद से प्राप्त स्वीकृति अंतर्गत छतरपुर मेडिकल कॉलेज के भवन एवं परिसर के निर्माण हेतु प्रशासकीय तथा तकनीकी स्वीकृति जारी की गयी, तत्पश्चात् निविदा आमंत्रित की गयी, निविदा की वित्तीय दर स्वीकृत नहीं हुई। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के परिप्रेक्ष्य में नीतिगत निर्णय नहीं होने से बजट प्रावधान नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रामकी द्वारा फर्जी तरीके से हजारडस्ट वेस्ट व वेस्ट एसिड का निपटान
[पर्यावरण]
2. ( क्र. 19 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर पीथमपुर स्थित रामकी कम्पनी को कौन-कौन से उद्योगों द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में हजारडस्ट वेस्ट (खतरनाक अपशिष्ट) व वेस्ट एसिड 1 जनवरी 2019 से 26 अगस्त 2020 तक प्राप्त हुआ, की जानकारी उद्योगवार, परिवहनकर्ता ट्रांसपोर्टवार व दिनांकवार उपलब्ध कराये। (ख) रामकी कम्पनी को नागदा स्थित उद्योगों से कितनी-कितनी मात्रा में हजारडस्ट वेस्ट व वेस्ट एसिड निपटान हेतु 1 जनवरी 2019 से 26 अगस्त 2020 तक प्राप्त हुआ? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उद्योगवार, परिवहनकर्ता ट्रांसपोर्टवार व दिनांकवार उपलब्ध करायें। (ग) प्रदूषण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में हजारडस्ट वेस्ट व वेस्ट एसिड के निपटान के लिए रामकी पीथमपुर सहित किन-किन उद्योगों को कितनी क्षमता के लायसेंस कब जारी किए गए हैं? जारी करने की तारीख व वैध अवधि सहित उद्योग के नाम, प्रतिदिन निपटानवार क्षमता सहित आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (घ) नागदा में स्थित उद्योगों से 1 जनवरी 2019 से 26 अगस्त 2020 तक कितना हजारडस्ट वेस्ट व वेस्ट एसिड निकला है? कौन-कौन से उद्योगों से निस्तारण हेतु किन-किन ट्रांसपोर्टरों द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में पहुँचाया गया? दिनांकवार विवरण दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नागदा स्थित उद्योगों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। (ग) मध्यप्रदेश शासन के अन्तर्गत पृथक से प्रदूषण विभाग निर्मित नहीं है तथापि शासन के पर्यावरण विभाग के अन्तर्गत म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परिसंकटमय अपशिष्टों के निपटान हेतु जारी प्राधिकार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नागदा/खाचरौद नगर पालिकाओं में कोरोना राशि में अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 20 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 मार्च 2020 से 27 अगस्त 2020 तक शासन से नगर पालिका नागदा व खाचरौद को कोविड-19 कोरोना के सुरक्षा एवं रोकथाम हेतु कितनी राशि विभिन्न मदों में प्राप्त हुई? उनका खर्च किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि का किया गया? क्या शासन से प्राप्त राशि के अलावा अन्य नगर पालिका निधि से भी खर्च किया गया है? सम्पूर्ण खर्च का विवरण दिनांकवार, पृथक-पृथक नगरपालिकावार दें। (ख) नगर पालिका नागदा-खाचरौद द्वारा 1 मार्च 2020 से 27 अगस्त तक किस दिनांक को शासकीय टेण्डर विज्ञप्ति को छोड़कर कोरोना कोविड-19 के लिए समाचार पत्रों में कितनी राशि के विज्ञापन भी दिये गये थे? दिये गये विज्ञापन अखबार की छायाप्रति/बिल के विवरण सहित जानकारी दें। (ग) नगर पालिका नागदा-खाचरौद में कितने हितग्राही है जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की सम्पूर्ण राशि प्राप्त हो गई है? नाम, वार्ड सहित विवरण दें। (घ) ऐसे कितने हितग्राही है जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाना बाकी है? ऐसे कितने हितग्राही शेष है जिनके जीओ टेगिंग प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद द्वितीय व तृतीय किस्त जारी नहीं हुई है? जारी नहीं होने का क्या कारण है? कब तक द्वितीय, तृतीय किस्त जारी कर दी जाएगी? हितग्राहियों के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) एवं (घ) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नल-जल योजना में कराये गए कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( क्र. 28 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से 31 मार्च 2020 तक बड़वानी जिले में नल जल योजना के तहत कार्य कराये गए हो तो सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन ग्रामो में उक्त योजना से कितनी लागत के कार्य करवाए गए? कार्य एजेंसिया एवं कराये गए कार्यों के विवरण सहित जानकारी दें तथा वर्तमान में कितने ग्रामो में उक्त योजना का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है तथा किन-किन ग्रामों की योजनाएं बंद पड़ी हैं? (ख) क्या बंद पड़ी नल-जल योजना को पुनः प्रारंभ कराने की कार्यवाही की जावेगी? अगर हां तो कब तक? नहीं तो क्या उक्त योजना के बंद होने का कारण गुणवत्ताविहीन होना था तो कार्य एजेंसियों से वसूली की कार्यवाही एवं सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या विभाग द्वारा पेयजल के संकट के स्थायी समाधान हेतु कोई योजना तैयार की गयी है यदि हाँ, तो जमीनी स्तर पर योजना का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 06 ग्रामों में लागत रू. 975.34 लाख के कार्य करवाए गये हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है वर्तमान में 06 ग्राम के सभी ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध हो रहा है, कोई भी योजना बंद नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जल जीवन मिशन के अंतर्गत अद्यतन 9 ग्रामों में नलजल योजना कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है, जमीनी स्तर पर इन योजनाओं के क्रियान्वयन की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( क्र. 29 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सन 2016 से लेकर 31 मार्च 2020 तक महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत बड़वानी जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गयी उनकी नियुक्तिवार नाम, पता, नियुक्ति स्थान, पद स्थापना, नियुक्ति दिनांक सहित सूची देवें। (ख) इस नियुक्ति प्रक्रिया में यदि कोई प्रकरण अभी भी विवाद की स्थिति में लंबित है तो कारण सूची नाम, पता एवं भर्ती नियम नीति निर्देश सहित जानकारी देवें? (ग) क्या यह सभी नियुक्तियां शासन के नियमानुसार हुईं? (घ) नियुक्तियां यदि मेरिट के आधार पर की गयी हो तो प्रत्येक नियुक्ति के टॉप 3 आवेदको के आवेदन पत्र सहित दस्तावेज प्रदान करे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 से 31 मार्च 2020 तक नियुक्त की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्तिवार, नाम, पता, नियुक्ति स्थान, पदस्थापना, नियुक्ति दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
वित्तीय एवं भौतिक विकास का प्रतिवेदन
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 37 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत वर्ष 2019-20 एवं चालू वित्तीय वर्ष में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र तराना की नगर परिषद माकड़ोंन एवं नगरपालिका परिषद तराना के वार्षिक अंकेक्षण, त्रैमासिक अंकेक्षण, बेलेन्सशीट एवं वित्तीय व प्रशासनिक रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति देते हुए वित्तीय एवं भौतिक विकास के लक्ष्य एवं वित्तीय एवं भौतिक उपलब्धि की जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार प्रस्तुत करें। (ख) उक्त अवधि में दोनों नगरीय निकायों में किन-किन माध्यमों से वित्तीय आय प्राप्त हुई है और उस आय का खर्च किन-किन मदों में कौन से कार्यों के लिए किसके द्वारा कब-कब किया गया है? (ग) प्रश्नांश के खंड (ख) में पूछे गए कार्यों का पर्यवेक्षण, मूल्यांकन, कब-कब और किस किसके द्वारा किया गया है? उनकी संकलित निरीक्षण रिपोर्ट एवं खर्च के लिए नामांकित आहरण एवं संवितरण अधिकारी नाम, पते, पद का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा कब-कब किन एजेंसियों/आपूर्तिकर्ताओं को कितना भुगतान किया गया? भुगतान करने से पूर्व स्वीकृति किससे और कब ली गयी? स्वीकृति देने वाले समस्त प्राधिकारियों के नाम, पता एवं स्वीकृति दिनांक देते हुए स्वीकृति पत्रों की प्रमाणित प्रतियों के विवरण के साथ स्वीकृति शर्तों की जानकारी देवें। (घ) उक्त अवधि में प्रशासनिक एवं निर्वाचित कमेटियों की बैठक कब-कब, किन एजेंडों पर हुई उन सभी की एजेंडेवार संक्षेपिका देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार है।
सड़कों की मरम्मत व रख-रखाव
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 45 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में विधान सभा क्षेत्र 3 सबलगढ़ की किन-किन रोडों की मरम्मत तथा रख-रखाव किया गया है? (ख) मरम्मत कार्य के लिये किन-किन रोडों के लिये कितना-कितना भुगतान किन-किन ठेकेदारों को किया गया है? पूर्ण विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2019-20 में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 सबलगढ़ में म.प्र. सड़क विकास निगम, संभाग चंबल अंतर्गत मुरैना-सबलगढ़-अटार मार्ग का रख-रखाव कार्य का संपादन किया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना सबलगढ़-अटार मार्ग के रख-रखाव कार्य हेतु मेसर्स राजश्यामा कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. गाजियाबाद (उ.प्र.) को गारंटी अवधि अंतर्गत अनुबंध में निहित प्रावधानानुसार वर्ष 2019-20 में राशि रू. 9654192.00 के देयक भुगतान किया गया। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जातिगत जनगणना की स्वीकृति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
8. ( क्र. 46 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र में ओ.बी.सी. वर्ग एवं ओ.बी.सी. महासभा द्वारा जातिगत जनगणना की मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो ज्ञापन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या सरकार ओ.बी.सी. की जातिगत जनगणना के प्रस्ताव को सदन में पास कराकर केन्द्र सरकार को भेजेगी?
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) ज्ञापन में उल्लेखित बिन्दु सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित है जिसे कार्यवाही हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। (ग) उपरोक्तानुसार।
आलोट नगर में स्थित अवैध कॉलोनियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 56 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद आलोट जिला रतलाम में कुल कितनी वैध तथा अवैध कॉलोनियां हैं नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या ताल निवासी मनोज काला एवं श्रीमती संगीता पति मनोज काला द्वारा आलोट नगर में विभिन्न स्थानों पर एक से अधिक कॉलोनिया काटी गई हैं उनमें से कितनी कॉलोनिया वैध है और कितनी अवैध है। यदि सभी अवैध कॉलोनी है तो उक्त कॉलोनाइजर के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है यदि नहीं, तो क्यों। (ग) क्या श्रीमती संगीता काला एवं मनोज काला निवासी ताल द्वारा बगैर कॉलोनी एक्ट का पालन किए तथा बगैर कॉलोनाइजर का लाइसेंस लिए तथा विकास अनुमति लिए बगैर पूर्णतः अवैध कॉलोनी का निर्माण आलोट नगर में किया गया है क्या उक्त कॉलोनाइजर के विरुद्ध अब तक कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है। (घ) प्रश्नांश (ख) में अंकित कॉलोनाइजर द्वारा निर्मित कॉलोनियों के टीएनसी नक्शे, निर्माण अनुमति, डायवर्सन की छाया प्रति, रेरा अनुमति, नजूल अनापत्ति इत्यादि की छाया प्रतियां उपलब्ध करावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद, आलोट में 14 वैध कालोनी एवं 03 अवैध कॉलोनियां है। वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ख) जी हाँ, 03 कॉलोनियां काटी गई है, तीनों कॉलोनियां अवैध है। नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद, आलोट द्वारा कॉलोनाईजर को सूचना पत्र जारी किये गये है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संचालनालय के पत्र क्रमांक 7574 दिनांक 18/08/2020 के द्वारा प्रकरण के परीक्षण हेतु अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग को निर्देश जारी किये गये है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित श्री मनोज काला एवं श्रीमती संगीता पति श्री मनोज काला के संयुक्त नाम से एक मात्र कालोनी का नगर तथा ग्राम निवेश से दिनांक 17/09/2013 को अनुमोदित अभिन्यास एवं डायवर्सन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है, निर्माण अनुमति, रेरा अनुमति, नजूल अनापत्ति नहीं है।
नवीन कैप निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 68 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग द्वारा नवीन कैप निर्माण कराये जाने हेतु वर्ष 2019-20, 2020-21 में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो जिलेवार कैप निर्माण के संबंध में जानकारी देवें तथा सागर जिले में म.प्र. वेयर हाउसिंग द्वारा कहाँ-कहाँ कितने कैप निर्माण किये जाना प्रस्तावित किया गया है? कैप का वर्ग, कैप की क्षमता, लागत सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कैप का निर्माण कार्य कब-कब, कहां-कहां किया गया? किन कार्य एजेंसी द्वारा कैप निर्माण किया गया? कार्य पूर्णता की समय अवधि, लागत एवं परफॉरमेंस अवधि सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2018-19 में सागर जिले में कितने कैप विभाग द्वारा निर्मित किये गये थे? क्या सभी कैपों में भण्डारण का कार्य किया गया था? कैप निर्माण की परफारमेंस गारंटी कितनी निर्धारित की गई थी, कैप की क्षमता तथा वर्तमान में कितने उपयोगी एवं अनउपयोगी है? (घ) यदि पूर्व में निर्मित कैप उपयोगी है तथा सम्पूर्ण कैपों का भंडारण में उपयोग नहीं किया गया था तो नवीन कैप निर्माण की आवश्यकता क्यों है तथा वर्ष 2019-20, 20-21 में निर्मित कैप में कहां-कहां भंडारण किया गया एवं कितने कैप अनउपयोगी रहे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिका मकरोनिया में स्कीम बोर/बोर खनन
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 69 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका मकरोनिया क्षेत्र के किन-किन वार्डों में कितने स्कीम बोर एवं कितने बोर खनन कार्य स्वीकृत किये गये? वार्डवार लागत एवं कार्य एजेंसी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) कार्य एजेंसी द्वारा किन-किन वार्डों में कितना-कितना बोर खनन कार्य किया गया? कितनी क्रेसिंग पाईप बोर खनन पश्चात डाली गई? कितने बोरों में जल स्रोत प्राप्त हुआ? हैंडपम्प/सिंगल फेस मोटर किन खनन में स्थापित किये गये? उनमें कितना पाईप डाला गया? बोर खनन का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? (ग) बोर खनन हेतु विभाग द्वारा कार्य एजेंसी को बोर खनन का कब-कब किस आधार पर भुगतान किया गया? बोर खनन के भौतिक सत्यापन की जांच क्या अन्य एजेंसी से भी कराई गई? (घ) विभाग द्वारा बोर खनन के भुगतान का भौतिक सत्यापन अन्य तकनीकी विभाग द्वारा न कराने के उपरांत भी भुगतान किया गया है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? बोर खनन का सत्यापन अन्य एजेंसी द्वारा कब कराया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (घ) बोर खनन कार्य का भौतिक सत्यापन निकाय में पदस्थ अधिकारी द्वारा किया गया है, जिसके पश्चात ही भुगतान किया गया है। कार्य के लिये निविदा प्रपत्र एवं संविदाकार से संपादित अनुबंध में, कार्य के भौतिक सत्यापन अन्य तकनीकी विभाग से कराये जाने का प्रावधान न होने के कारण, कार्य का भौतिक सत्यापन अन्य एजेंसी से नहीं कराया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निवासरत परिवारों को पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
12. ( क्र. 80 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2018 से 2020 तक कितने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियों के द्वारा आवेदन पत्र पट्टा प्राप्त करने हेतु एसडीएम परासिया, तहसीलदार परासिया/उमरेठ के कार्यालय में जमा किये गये हैं? जमा आवेदन पत्रों में से कितने हितग्राहियों को पट्टा प्रदान किया जा चुका है और कितनों को पट्टा देना शेष है? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियोवार जानकारी देवें। जिन्हें पट्टा देना शेष है, ऐसे हितग्राहियों को कब तक पट्टा दे दिया जायेगा? (ख) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वे.को.लि. की भूमि जो कई वर्षों से खाली पड़ी हुई है। जिस भूमि पर अनेकों परिवार कई वर्षों से निवास कर रहे है। परन्तु ऐसे परिवारों को पट्टा नहीं मिलने से शासन की आवास व अन्य किसी योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। क्या वे.को.लि. की भूमि के खसरे निकालने पर पाया गया कि खसरों में कैफियत में डब्ल्यू.सी.एल. क.को.मा. लिखा हुआ है। खसरे के 12 कालम होते है, जिसमें कालम नं.3 में आज भी मध्यप्रदेश शासन आबादी का उल्लेख है। (ग) यदि हाँ, तो क्या ऐसी भूमि पर निवासरत परिवारों को पट्टा देने का प्रावधान प्रदेश सरकार द्वारा किया जायेगा? अगर हाँ, तो कब तक पट्टा प्रदान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परासिया विधानसभा के अंतर्गत वर्ष 2018 से जून 2020 तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियों के द्वारा पट्टों हेतु निम्नानुसार आवेदन प्राप्त हुये है।
शहरी क्षेत्र |
|
||
नाम |
प्राप्त आवेदन |
पात्र/स्वीकृत |
अपात्र/अस्वीकृत |
नगरपालिका डोंगर परासिया |
707 |
49 |
658 |
नगर पंचायत चिखलीकलां |
23 |
07 |
16 |
नगर पंचायत चांदामेटा बुटरिया |
127 |
91 |
36 |
नगर पंचायत बडकुही |
0 |
0 |
0 |
योग |
857 |
147 |
710 |
ग्रामीण क्षेत्र |
|
||
तहसील परासिया |
103 |
103 |
0 |
तहसील उमरेठ |
396 |
396 |
0 |
योग |
499 |
499 |
0 |
शहरी क्षेत्र में कुल 857 हितग्राहियों के आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जिनमें से 147 आवेदन पात्र पाये जाने से उन्हे पट्टे प्रदान किये गये। शेष 710 आवेदन पत्र अपात्र होने के कारण निरस्त किये गये है। ग्रामीण क्षेत्र में कुल 499 हितग्राहियों के आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जिनमें से 499 आवेदन पात्र पाये जाने से उन्हे पट्टे प्रदान किये गये। |
(ख) जी हाँ, वे.को.लि. विभाग की भूमि शहरी क्षेत्र में है, जिस पर अनेक लोग, कब्जा कर, निवासरत है। उपरोक्त भूमि राजस्व अभिलेखों में खसरा, पॉचशाला में स्वामित्व कालम नं. 3 में शासकीय दर्शित है और खसरा के कॉलम नं. 12 में क.को.म. दर्शित है। उक्त भूमि पर घनी आबादी बसी है डब्ल्यू.सी.एल. द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक WP/18497/2019 दायर की गई, जिसके निर्णय अनुसार पट्टा प्रदाय नहीं किया जा सकता है। (ग) न्यायालयीन प्रकरण प्रचलित होने से पट्टा दिया जाना संभव नहीं है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( क्र. 81 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत संचालित प्रत्येक परियोजना में विभाग द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारम्भ दिनांक से वर्ष 2020 (माह अप्रैल) तक कुल कितने लाड़ली लक्ष्मियों के प्रकरण पंजीबद्ध हुये हैं। पंजीबद्ध प्रकरणों में से कितनी लाड़लियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है और कितनी लाड़लियों के प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना बाकी है? (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत संचालित प्रत्येक परियोजना में विभाग के द्वारा एक लाड़ली लक्ष्मी योजना फार्म की फीडिंग हेतु कितनी राशि प्रदान की गई है और परियोजना अधिकारियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना फार्म की फीडिंग किन-किन आउटसोर्स व्यक्तियों से कराई गई है एवं उन्हें एक लाड़ली लक्ष्मी योजना फार्म की फीडिंग हेतु कितना भुगतान किया गया है? आउटसोर्स व्यक्ति का नाम, पता व उनके एकाउंट में जमा की गई राशि की जानकारी छिन्दवाड़ा जिले की प्रत्येक परियोजना वार उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में संचालित परियोजनाओं में लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारम्भ दिनांक से वर्ष 2020 (माह अप्रैल) तक हुए पंजीबद्ध प्रकरणों, प्रदाय किये गए प्रमाण-पत्रों एवं शेष रहे प्रमाण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में छिन्दवाड़ा ज़िले में लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदनों को ऑनलाइन फीड कर रंगीन प्रमाण पत्र जनरेट (प्लास्टिक फोल्डर अथवा लेमिनेशन सहित) हेतु प्रति फार्म राशि रूपये 30/- प्रदाय की गई। छिन्दवाड़ा जिले में परियोजनावार किये गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
छिन्दवाड़ा जिले को संभाग का दर्जा
[राजस्व]
14. ( क्र. 84 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिन्दवाड़ा को संभाग का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या जिला छिन्दवाड़ा को संभाग बनाये जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विलम्ब का क्या कारण है? (ग) जिला छिन्दवाड़ा को संभाग का दर्जा शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जिला
छिंदवाड़ा को
संभाग का
दर्जा प्रदान
किए जाने के
संबंध में
आयुक्त, जबलपुर
संभाग से
अभिमत सहित
प्रस्ताव
भेजने हेतु
लिखा गया है। (ख) जी
नहीं। म.प्र.
शासन, गृह
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 15-01/2019/दो-ए (3), दिनांक 01.06.2020 अनुसार
जनगणना को
दृष्टिगत
रखते हुए 1 जनवरी, 2020 से 31
मार्च, 2021 के
दौरान
प्रशासनिक
इकाइयों की
सीमाओं में परिवर्तन
पर रोक लगाई
गई है। (ग) प्रश्नांश
(ख)
के
आलोक में
जानकारी
निरंक
है।
ग्राम पंचायत उमरियापान को नगर पंचायत का दर्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 115 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 343 दिनांक 09.08.2019 को तत्कालीन मंत्री नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग भोपाल को पत्र लिखकर कटनी जिले के विकास खण्ड ढीमरखेड़ा के अन्तर्गत उमरियापान ग्राम पंचायत को नगर परिषद में उन्नयन करने का प्रस्ताव दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के उक्त प्रस्ताव में क्या कार्यवाही की गई? (ग) कटनी जिले की नगर पालिक निगम कटनी में विगत तीन वर्षों में किन-किन वार्डों में रोड एवं नाली कितनी लागत की बनाई गई? ठेकेदार से किये अनुबंध कर प्रतियां उपलब्ध करावें? (घ) नगर पालिक निगम कटनी के किन-किन कर्मचारियों एवं अधिकारियों की विगत 5 वर्षों में निगम/प्रशासन/शासन स्तर में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई। शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, अपितु कटनी जिले के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के अंतर्गत उमरिया पान ग्राम पंचायत को नगर परिषद में उन्नयन करने की मान.मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक ए-2949 दिनांक 14.02.2013 की गई जिसमें उल्लेख किया गया है कि "ग्राम पंचायत उमरिया पान को नगर पंचायत बनाये जाने हेतु यदि ग्राम पंचायत उमरियापान प्रस्ताव पारित करता है तो कार्यवाही की जावेगी"। इस संबंध में सरपंच ग्राम पंचायत उमरियापान के पत्र क्रमांक 041/014 दिनांक 24.06.2014 द्वारा सर्वसम्मति से ग्राम पंचायत उमरियापान को विलोपन के संबंध में नगर पंचायत की रूपरेखा को हम सब एक सिरे से सर्वसम्मति से खारिज करते है एवं शासन से मांग करते है कि ग्राम पंचायत को यथावत रखते हुए हमें न्याय प्रदान किया जावे, का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस संबंध में कलेक्टर जिला कटनी ने अपने पत्र क्रमांक 293/स्था/डीयूडीए/2019 दिनांक 30.10.2019 में लेख किया है कि ग्राम पंचायत उमरियापान की कुल जनसंख्या शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड से कम होने के कारण नगर पंचायत का उन्नयन/गठन किया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है एवं अनुबंध की प्रति पुस्तकालय परिशिष्ट में उपलब्ध है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
एयर स्ट्रिप का निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 122 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग सतना के द्वारा माह जुलाई-अगस्त 2020 में सतना हवाई पट्टी में हुये डामरीकरण के घटिया कार्य को स्थल पर पाकर, स्थल निरीक्षण कर उक्त कार्य के भुगतान पर रोक लगाने के साथ एस.डी.ओ. एवं उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया है? उक्त सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त हवाई पट्टी में घटिया स्तर का डामर एवं गिट्टी लगाये जाने के कारण उतरने वाले हवाई जहाजों के एक्सीडेंट होने का अत्यंत भयानक स्थिति पैदा होने की आशंका से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भुगतान रोके जाने के आदेश जारी हुये हैं? उक्त कार्य की एम.बी.बी. एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) उपयंत्री एवं एस.डी.ओ. के द्वारा घटिया निर्माण का स्थल निरीक्षण कर मेजरमेंट बुक में माप दर्ज कैसे कर दी जबकि बेहद घटिया कार्य हुआ है? क्या सी.ई. रीवा ने भी भुगतान करने लिखित में अपनी टीप/पत्र लिखा है? उसकी भी एक प्रति दें। (घ) शासन कब तक हवाई पट्टी के घटिया कार्य की जांच करवाकर उपयंत्री एवं एस.डी.ओ. को निलंबित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'क', 'ख' एवं 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्य के गुण दोष के आधार पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कलेक्टर द्वारा की गई कार्यवाही
[राजस्व]
17. ( क्र. 123 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा कलेक्टर सतना को दिनांक 31.01.2001 को लिखित पत्र क्रमांक क्यू/12151/विधायक/मऊगंज/रीवा जिसे कलेक्टर कार्यालय में आवक शाखा में 04.02.2020 को प्राप्त कर प्रश्नकर्ता को पावती दी गयी थी उस पर प्रश्न तिथि तक कब-कब किस नाम पदनाम के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही लिखित में की गयी की जानकारी दिनांकवार एवं आदेश क्रमांकवार उपलब्ध करायें? (ख) उक्त पत्र के बीस बिन्दुओं पर की गयी जांच कार्यवाही का बिन्दुवार विवरण उपलब्ध करायें? (ग) कौन-कौन दोषी पाया गया है? उस पर कब व क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी का बिन्दुवार प्रकरणवार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी का पत्र दिनांक 31/01/2001 कलेक्टर, कार्यालय सतना में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बहुमूल्य शासकीय लीज की भूमि को डायवर्सन कर अवैध विक्रय
[राजस्व]
18. ( क्र. 137 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर स्थित प.ह.न. 69 के सर्वे नम्बर 1055/1 की भूमि अभिलेख अनुसार वर्ष 1958 के पूर्व शासकीय भूमि थी तथा क्या शासन द्वारा लगभग वर्ष 1958-59 में जड़ी-बुटी उगाने हेतु रामानुज सरस्वती नामक व्यक्ति को लीज पर प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि की लीज का नवीनीकरण हुआ है? यदि नहीं, तो क्या लीज नवीनीकरण नहीं होने से लीज शर्तों का उल्लंघन होता है? यदि हाँ, तो भूमि को पुनः शासन आधिपत्य में क्यों नहीं लिया गया? (ग) क्या उक्त भूमि का वाद उच्च न्यायालय में प्रचलित था तथा क्या न्यायालय में कोर्ट के बाहर समझौता करने संबंधी शासन की ओर से अधिकृत अभिभाषक द्वारा स्वीकृति दिये जाने से शासन के खिलाफ निर्णय प्राप्त हुआ? क्या इस हेतु विधि विभाग से विधिवत अनुमति प्राप्त की गई थी? (घ) यदि नहीं, तो क्या SDM (R) धार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वकील से मात्र चर्चा करने तथा उनकी कथित सलाह पर शासन द्वारा इस निर्णय के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील अभी तक नहीं की गई? क्या इस संबंध में विधि विभाग से जिला प्रशासन द्वारा मार्गदर्शन लिया गया था? (ड.) क्या शासन लीज की भूमि का डायवर्सन निरस्त करने की कार्यवाही करेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, धार नगर स्थित प.ह.न. 69 ग्राम नौगांवबुजुर्ग स्थित भूमि सर्वे नम्बर 1055 वर्ष 1958 में सर्वे नम्बर 1077 एवं 1061/2 कुल क्षेत्रफल 15 एकड़ शासकीय भूमि थी। जो तहसीलदार धार के द्वारा दिनांक 08.05.1958 को रामानुज सरस्वती पिता यतिन्द्र देव निवासी धार को सशर्त पट्टे पर दी गई थी। (ख) उक्त भूमि पट्टे पर दी गई थी जिसका नवीनीकरण नहीं हुआ। उक्त भूमि को पट्टे की शर्त का उल्लंघन मानते हुए, तत्कालिन कलेक्टर जिला धार द्वारा रा.प्र.क्र. 02/1996-97/अ-74 में पारित निर्णय दिनांक 08.05.2005 को उक्त भूमि का पट्टा निरस्त किया गया था एवं तहसीलदार को निर्देशित किया गया था कि उक्त भूमि पर पुनः म.प्र. शासन का नाम अंकित किया जावे। उक्त आदेश के पालन में तहसीलदार धार द्वारा रा.प्र.क्र.02/अ-74/1996-97 आदेश दिनांक 18.08.2005 के पालन में भूमि पर म.प्र. शासन अंकित किया गया था। (ग) जी हाँ, उक्त भूमि का वाद माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष म.प्र. शासन तर्फे कलेक्टर धार द्वारा वर्ष 2006 में दायर किया गया था, जो याचिका क्रमांक 7137/2006 होकर उक्त याचिका में दिनांक 02.03.2017 को शासन की याचिका निरस्त की गई। उक्त आदेश में ऐसा कही कोई उल्लेख नहीं है कि शासन की ओर से नियुक्त अभिभाषक के द्वारा रेस्पांडेंट से कोर्ट के बाहर समझौता होने से याचिका निरस्त कर दी जावे। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं। (घ) उक्त याचिका के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी प्रस्तुत करने के संबंध में तत्कालिन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के म.प्र. राज्य के शासकीय अधिवक्ता श्री अर्जुन गर्ग से सम्पर्क स्थापित किया गया था उनके अभिमत उपरांत इस प्रकरण में शासन की ओर से एस.एल.पी. प्रस्तुत की जा रही है। (ड.) उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय में शासन की याचिका क्रमांक 7137/2006 खारीज होने से डायवर्सन निरस्त नहीं किया गया है।
जिला स्तर पर सहायक ग्रेड-3 की सीधी भर्ती
[राजस्व]
19. ( क्र. 138 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गैर संविदा सहायक ग्रेड-3 की भर्ती बिना प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के सीधे की जा सकती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 व 2020-21 में विभाग कितनी भर्तियां इस प्रकार किस प्रक्रिया अंतर्गत हुई? (ख) क्या धार जिले के निर्वाचन कार्यालय में सहायक ग्रेड तीन के पद पर सीधी भर्ती बिना प्रचार-प्रसार, समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी किये, की गई है? जैसा की समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है। (ग) क्या इस संबंध में आपत्तियों का निराकरण भर्ती आदेश के पूर्व नहीं किया तथा क्या स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा हेतु विज्ञप्ति का प्रचार-प्रसार जिन समाचार पत्रों में किया गया उसकी जानकारी आर.टी.आई. अंतर्गत चाहे जाने पर जानकारी दिया जाना संभव नहीं है, समाचार पत्र की छाया प्रति उपलब्ध करवाये। (घ) इस पद पर भर्ती हेतु कौन-सी प्रक्रिया अपनायी गई तथा इसमें कितने प्रतिभागी सम्मिलित हुए व क्या कोई लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी? (ड.) इस पद पर भर्ती हेतु जिला स्तर पर कोई कमेटी/दल बनाया गया था? यदि हाँ, तो कौन-कौन सम्मिलित थे? यदि नहीं, तो किस अधिकारी द्वारा इस प्रक्रिया को पूर्ण किया गया? (च) क्या प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। राज्य शासन अंतर्गत नियमित सहायक ग्रेड 03 के पदों पर सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-10/2013/1/3 दिनांक 04/10/2013, मध्यप्रदेश कनिष्ठ सेवा (संयुक्त अर्हता) परीक्षा नियम, 2013 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) नियुक्ति के पूर्व कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई थी। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इस पद पर भर्ती हेतु 28 जून 2017 के मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कार्यवाही की गई है। एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ तथा कोई लिखित परीक्षा आयोजित नहीं की गई। (ड.) जी हाँ। इस समिति में उप जिला निर्वाचन अधिकारी, प्रभारी अधिकारी स्थापना, सहायक आयुक्त जनजाति विकास विभाग धार, जिला कोषालय अधिकारी, जिला प्रबंधक ई-गर्वेनेंस सोसाईटी जिला धार सम्मिलित किए गए थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) प्रश्नांश (घ) एवं (ड.) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
20. ( क्र. 145 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातिय वर्ग हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं के संचालन के क्या-क्या नियम निर्देश हैं? उज्जैन जिले में जनवरी 2016 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी योजना के लिए किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? उज्जैन जिले में कौन-कौन सी विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध किस-किस कार्य पर कितना कितना व्यय किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में बस्ती विकास अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर सामुदायिक भवन, पेयजल नलजल योजना स्वीकृत की गई है? प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रेषित विकास कार्य के प्रस्तावों की सूची देवें तथा उक्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों की प्रगति क्या है? स्वीकृत कार्यों में किन-किन कार्यों की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत किसके द्वारा की गई है? शिकायत का क्या निष्कर्ष निकला है?
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण मंत्री ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विमुक्त,घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियों वर्ग हेतु (1) शैक्षणिक (2) आर्थिक विकास की योजनांए संचालित है। नियम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उज्जैन जिले के तराना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक भवन, सी.सी. रोड, नलजल, नाली निर्माण, नलकूप खनन के कार्य स्वीकृत कराये गये। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है (ख) घटि्टया विधान सभा क्षेत्र में बस्ती विकास अंतर्गत सामुदायिक भवन, पेयजल, नलजल योजना के तहत कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। माननीय विधायक द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 1137/19 दिनांक 29/08/2019 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। प्राप्त प्रस्ताव मूल रूप में प्राप्त न होने से सहायक संचालक उज्जैन को पत्र दिनांक 29/11/2019 द्वारा मूल प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया गया है। (ग) बस्ती विकास अंतर्गत वर्ष 2018-19 में स्वीकृत कार्य पूर्ण कराये जा चुके है वर्ष 2019-20 में स्वीकृत कार्य की लगभग राशि रूपये 1,50,00,000 (राशि रूपये एक करोड़ पचास लाख मात्र) लॉक डाउन के कारण समर्पित हो जाने से वित्त विभाग से राशि आवंटन का अनुरोध किया गया है। स्वीकृत कार्य के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: निष्कर्ष संबंधी जानकारी निरंक है।
सहायक ग्रेड 3 से सहायक ग्रेड 2 के पद पर पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 149 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग के पत्र क्रमांक/एबाविसे/स्था/2012/11596 दिनांक 07.07.2012 अनुसार सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नति पर प्रतिबन्ध किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रतिबन्ध नीतिगत है या केवल विभाग द्वारा मनमाने तरीके से प्रतिबन्धित किया गया है? (ख) क्या विभाग में केवल सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों की पदोन्नति पर ही प्रतिबन्ध है एवं अन्य किसी भी पद पर पदोन्नति पर रोक लगी है? विगत 5 वर्षों में विभाग के किन-किन अधिकारियों की पदोन्नति कब-कब और किस पद से कौन से पद पर की गई है? (ग) वर्ष 2009 से वर्ष 2019 तक महिला एवं बाल विकास विभाग में कब-कब और कौन-कौन से वर्ग के अधिकारियों के पद स्वीकृत किये गये हैं तथा क्या इन पदों की स्वीकृति से पूर्व वित्त विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो अनुमति बतावें? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। प्रतिबंध नीतिगत है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग में अधिकारियों के स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इन पदों की स्वीकृति राज्य मंत्री परिषद द्वारा दी गई है। राज्य मंत्री परिषद में प्रस्तुत प्रस्ताव पर सामान्य प्रशासन विभाग एवं वित्त विभाग का अभिमत भी समाहित रहता है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिला टीकमगढ़ में भू-माफियाओं द्वारा धोखाधड़ी
[राजस्व]
22. ( क्र. 155 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ के ग्राम उत्तमपुरा में भूमि खसरा नं. 67/14 एवं 67/19 पर वैशाली एवेन्यू का निमार्ण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि बन्दोबस्त खतौनी 2015 में बंजर मद में दर्ज रही है? यदि हाँ, तो खसरा में प्रविष्टियां किस आधार पर की गई है? (यदि उक्त भूमि पर पट्टे जारी किये गये है तो तत्संबंधी विवरण देवें। (ख) क्या शासन के नियमानुसार पट्टे पर दी गई भूमि को विक्रय से प्रतिबंधित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमिधारियों द्वारा किस आधार पर भूमि का विक्रय किया गया है? (ग) क्या दिनांक 12.06.2020 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व टीकमगढ़ द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ को भेजे गए प्रतिवेदन में उक्त विवादित भूमि का पंजीयन एवं विक्रय आगामी निर्णय तक स्थगित रखे जाने का निवेदन किया गया? यदि हाँ, तो क्या भूमि विक्रय पर रोक लगाई गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक? (घ) क्या अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ के आदेश दिनांक 12.06.2017 को उक्त खसरा नम्बर की तरमीम निरस्त कर दी गइ थी? यदि हाँ, तो क्या आदेश दिनांक के पश्चात भी उक्त भूमि से विक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। खसरा के कॉलम नंबर 3 में संतोष तनय नवल किशोर अग्रवाल निवासी टीकमगढ़ शासकीय पट्टेदार लगान 5 की प्रविष्टि दर्ज है एवं वर्ष 87-88 में प्रकरण क्रमांक 2/अ-19 (1)/86-87 आदेश दिनांक 13.03.1987 अनुसार शासकीय पट्टेदार की बजाय भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज करने की स्वीकृति दी गई है। (ख) भूमि खसरा नंबर 67/19 खसरा वर्ष 1972-73 से 1980-81 तक भूमि शासकीय बंजर मद में दर्ज रही एवं वर्ष 1982-83 से 1985-86 तक खसरा में चतुर्भुज तनय गणेशप्रसाद रावत के नाम शासकीय पट्टेदार के रूप में रा. प्र. क्रमांक 100/अ-19 (1)/1984-85 आदेश दिनांक 27.06.1985 द्वारा दर्ज किया गया। उक्त खसरा नंबर में बिक्री से प्रतिबंधित प्रविष्टि भी दर्ज नहीं है। (ग) जी हाँ। दिनांक 12.06.2020 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व टीकमगढ़ द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ को भेजे गये प्रतिवेदन में जांच दल गठित कर विस्तृत जांच किये जाने तक खसरा नंबर 67/14 एवं 67/19 में भूमि पंजीयन एवं विक्रय आगामी निर्णय तक स्थगित रखा जाना प्रस्तावित किया गया। प्रकरण न्यायालय कलेक्टर में विचाराधीन है। (घ) जी हाँ। तहसीलदार टीकमगढ़ न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 16/अ-3/2016-17 में प्रश्नाधीन भूमि 67/5 की तरमीम का प्रकरण आदेश दिनांक 13.02.2017 द्वारा निरस्त किया गया। उक्त आदेश के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ द्वारा अपील प्रकरण क्रमांक/130/अपील/2016-17 में आदेश दिनांक 02.06.2017 द्वारा तहसीलदार टीकमगढ़ न्यायालय का आदेश दिनांक 12.02.2017 निरस्त किया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
चौरा घाट का निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 159 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग उप खंड त्योंथर में चौरा घाट निर्माण की स्वीकृत मध्य प्रदेश शासन द्वारा की गयी है। (ख) क्या शासन द्वारा उक्त स्वीकृति कार्य का शासनादेश जारी कर निर्माण हेतु टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो संबन्धित प्रशासकीय स्वीकृत/तकनीकी स्वीकृति सहित आवंटित/स्वीकृत राशि की जानकारी सहित निविदाकार के संबन्ध में भी स्पष्ट जानकारी प्रदान की जाए। (घ) निर्माण कार्य के लिए निर्धारित समय क्या है, तथा कार्य का शुभारंभ कब तक होगा? यदि नहीं, तो स्वीकृत कार्य के लिए निविदा कार्यवाही कब तक पूर्ण की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
टमस नदी के मीर बहरी के घाट पर झूला पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 161 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या त्योंथर नगर परिषद परिक्षेत्र में प्रवाहित टमस नदी में पूर्व में स्थायी पीपा पुल निर्मित था। जो वर्तमान में नहीं है क्या त्योंथर मुख्यालय में समस्त व्यावसायिक संस्थान सहित समस्त शैक्षणिक संस्थान एवं सभी प्रमुख शासकीय कार्यालय संचालित हैं, झूला पुल के अभाव में आम जनमानस सहित अध्यनरत छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है। यदि हाँ, तो क्या जनहित में टमस नदी मीर बाहरी घाट पर झूला पुल निर्माण का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रति उत्तर में यदि हाँ, तो यह स्पष्ट किया जाए कि उक्त निर्माण की तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति/आवंटित बजट सहित स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करायी जाए। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नकारात्मक है तो जनहित में यह स्पष्ट किया जाए कि उक्त झूला पुल के निर्माण कराये जाने की प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, स्थाई नहीं अपितु अस्थाई पीपापुल निर्मित किया जाता था। जी हाँ, जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) 800 मी. डाउन स्ट्रीम में स्थाई पुल (कांक्रीट) का बना होने से स्थाई पीपापुल निर्माण कार्य स्वीकृत करने की वर्तमान में कोई भी कार्यवाही प्रचलन में नहीं।
ग्राम पलौठा के खसरा नंबर 228/3/2 प्रविष्टि
[राजस्व]
25. ( क्र. 208 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व सहिंता 1959 के अनुसार नक्शा में अंकित आकृति से अधिक प्रविष्टियां दर्ज करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम का उल्लेख करे? (ख) ग्राम पलौठा पटवारी हल्का न. 15 तहसील छतरपुर नगर जिला छतरपुर के खसरा नंबर 228/3/2 रकवा 1.977 हे. की तरमीम कब और किसके आदेश से की गई। यदि आदेश से नहीं है तो यह कब निरस्त की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में खसरा नंबर 228/3/2 रकवा 1.977 हे. की प्रविष्टि अभिलेख में किस प्रकरण क्रमांक से एवं कब दर्ज की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या खसरा नंबर 228 के समस्त बटांकों का रकवा नक्शा की आकृति अनुसार पूर्ण है. यदि नहीं, तो इस खसरा में दर्ज प्रविष्टियां किस-किस बटांक की त्रुटिपूर्ण है? (ड.) ग्राम पलौठा तहसील व जिला छतरपुर में नवीन बंदोबस्त कब हुआ. वर्ष 1942-43 में दर्ज शासकीय भूमि की खसरा नंबर, रकवा सहित सूची प्रदाय करे. नवीन बंदोबस्त होने के उपरांत री-नंबर सूची उपलब्ध है? यदि हाँ, तो प्रदाय करें? (च) उल्लेखित प्रश्नांशों के अनुक्रम में खसरा नंबर 228 में वर्ष 1942-43 में दर्ज प्रविष्टि का रकवा कितना है? क्या नवीन बंदोबस्त में खसरा नंबर 228 में दर्ज रकवा से अधिक नवीन खसरा बंटाक कायम कर प्रविष्टियाँ दर्ज की गयी। यदि हाँ, तो इन्हें कब विलोपित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार नक्शा की आकृति से अधिक प्रविष्टि दर्ज करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) उक्त तरमीम से संबंधित कोई आदेश नहीं है। (ग) न्यायालय सहायक बंदोबस्त अधिकारी छतरपुर दल क्रमांक 02 के प्रकरण क्रमांक 42/अ-6अ/1999-2000 में पारित आदेश दिनांक 04/04/2000 एवं न्यायालय अपर आयुक्त सागर के प्रकरण क्रमांक 782/अ-64/2011-12 में पारित आदेश दिनांक 01/11/2017 के अनुसार प्रविष्टि दर्ज की गयी। (घ) खसरा नम्बर 228 के समस्त बटांकों का रकवा नक्शा की आकृति अनुसार पूर्ण है। (ड.) प्रश्नाधीन ग्राम का नवीन बंदोबस्त नहीं हुआ है वर्ष 1945-46 के बंदोबस्त अभिलेख अनुसार ग्राम पलौठा के समस्त शासकीय खसरा नम्बरों की सूची रकवा सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) वर्ष 1945-46 के बंदोबस्त रिकार्ड के मुताविक खसरा नम्बर 228 का कुल रकवा 49-5 बीघा (8.062 हे.) दर्ज है वर्तमान दर्ज रकवा बंदोबस्त के रकवा से मिलान करता है, अत: विलोपित किए जाने का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[राजस्व]
26. ( क्र. 213 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 779 दिनांक 20/12/2019 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लखनादौन, पत्र क्रमांक 880 दिनांक 20/12/2019 द्वारा कलेक्टर जिला सिवनी एवं पत्र क्रमांक 903 दिनांक 24/12/2019 द्वारा कमिश्नर, जबलपुर संभाग, जबलपुर को पत्र प्रेषित कर निर्माण कार्यों की सूक्ष्म जांच कर कार्यवाही की मांग की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई एवं प्रश्नकर्ता सदस्य को की गई कार्यवाही से अवगत क्यों नहीं कराया गया? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से प्रदेश के सभी आयुक्त, कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी आदि को स्पष्ट आदेश है कि माननीय सांसद व विधायकों के पत्रों से संबंधित प्रकरणों पर तुरन्त कार्यवाही सुनिश्चित हो व उन्हें अवगत कराया जाये, तो क्या शासन इस ओर कोई आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच प्रतिवेदन माननीय विधायक को SDO लखनादौन के पत्र क्रमांक 3050 दिनांक 14.09.2020 द्वारा भेजा गया है (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन विकास प्राधिकरण के द्वारा किए जा रहे विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 217 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में यूडीए द्वारा आवासीय एवं विकास योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो बोर्ड द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं पर कितनी लागत से कहाँ-कहाँ विकास एवं आवासीय योजनाओं को अमलीय जामा पहनाया जा रहा है? (ख) उक्त योजनाओं की प्लानिंग, डिजाइनिंग, कंस्ट्रक्शन एवं शहरी विकास के विगत 03 वर्षों से वर्तमान दिनांक तक किन-किन प्रयोजनों से कितने टेंडर्स निकाले गए हैं? कंस्ट्रक्शन विकास, पर्यावरण, क्रीड़ा, शिक्षा आदि को ध्यान में रखकर टेंडर के माध्यम से कौन-कौन से कार्य किन कंपनियों को दिये गए हैं? उन सभी कंपनियों से यूडीए से किए गए अनुबंध की प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध कराएं और किस बैठक में निर्णय लेकर कार्यों को स्वीकृत किया गया है? उन सभी की एजेंडेवार संक्षेपिकायें उपलब्ध कराएं। (ग) यूडीए बोर्ड की विगत 05 वर्षों में कितनी बार किन बिंदुओं पर बैठकें आयोजित की गयी है? चर्चा के उपरांत कितने बिन्दुओं पर सहमति के आधार पर निर्णय हुए हैं? उन सभी की कार्यवाही विवरण एजेंडे का विवरण, प्रत्येक एजेंडे की संक्षेपिका के साथ यूडीए का प्रतिवेदन पूर्ण विवरण सहित प्रस्तुत करें। (घ) उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर यूडीए के द्वारा वित्तीय भौतिक एवं अकादमिक लक्ष्यों का विवरण देते हुए मूल्यांकन स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। उज्जैन विकास प्राधिकरण में विकास एवं आवासीय योजनाओं के कुल 20 कार्य प्रचलित है। योजनावार कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा विगत तीन वर्षों से वर्तमान दिनांक तक कुल 31 टेण्डर निकाले गये। विकास, निर्माण आदि से संबंधित कुल 31 कार्य जिन कंपनियों/ठेकेदारों को दिये गये है, उनकी योजनावार कार्यों की सूची एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा किये गये अनुबंध की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विगत तीन वर्षों में संचालक मण्डल द्वारा स्वीकृत 12 कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) उज्जैन विकास प्राधिकरण बोर्ड की विगत 5 वर्षों में 19 बार बैठक आयोजित की गई। सभी बिन्दुओं पर सर्वसम्मति से निर्णय हुये है। बैठकवार एजेंडे की संक्षेपिका एवं प्रतिवेदन बैठक की दिनांक वार कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) तीन वर्षों में किये गये कार्यों की कार्यवार वित्तीय एवं भौतिक विवरण मूल्यांकन की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
शासकीय आवासों में लघुमूल कार्य
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 237 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के शिवाजी नगर अंतर्गत शासकीय आवास एच 121 ए, तीन मंजिला की लाईन में छत पर टारफेड कराये जाने, जल निकासी के पाईप टूटे होने, दीवारों पर पीपल के उगे हुये बड़े-बड़े पेड़ कटवाये जाने के संबंध में माह मई 2020 से मार्च जून 2020 तक किन-किन आवंटितियों ने अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में आवेदन/शिकायतें की हैं? सूची दें? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु वासवानी ब्रदर्स को राशि रूपये 645.00 लाख का ठेका दिया गया है और प्रश्नांकित कार्य ठेकेदारों के माध्यम से ही किया जाना है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक ठेकेदार द्वारा प्रश्नांकित क्षेत्र में कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कराये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय आवासों के आवंटितियों के द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों/शिकायतों पर विभाग के अधिकारियों द्वारा भेदभाव पूर्ण कार्य करते हुये शासकीय आवास एच 121ए/60 से 64 तक टारफेड/वाटर प्रूफिंग कार्य कराया गया, जबकि प्रश्नांकित अवधि में आवेदन मात्र एच 121 ए/60 के आवंटितों ने ही दिया था वहीं दूसरी और एच 121ए/69 से 72 तक के आवासों की छत पर टारफेड/वाटर प्रूफिंग संसाधनों की कमी की आड़ में नहीं की गई, जबकि राशि रूपये 645.00 लाख के कार्य का ठेका दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो आवंटितियों की छतों पर टारफेड/वाटर प्रूफिंग एवं अन्य कार्यों के करने में विभाग के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर भेदभाव किये जाने की सक्षम अधिकारी से करायी जायेगी एवं दोषियों के विरूद्ध दण्डनीय कार्यवाही की जावेगी? लंबित कार्य कब तक कराये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संलग्न परिशिष्ट की सूची अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु वासवानी ब्रदर्स को कोई ठेका नहीं दिया गया है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शासकीय आवास एच 121 ए/57 से 60 में से केवल एच 121 ए/60 के आवंटिती का ही आवेदन प्राप्त है, जिसमें कार्य पूर्ण करा दिया गया है एवं मात्र एच 121 ए/69 के आवास का आवेदन पत्र प्राप्त होने के पश्चात कार्य पूर्ण करा दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अजा./अनु.जनजाति वर्ग के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटन
[राजस्व]
29. ( क्र. 248 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में ऐसे कितने अजा/अजजा के व्यक्ति हैं जिन्हें पेट्रोल पंप आवंटन पर रियायती दरों पर शासकीय भूमि उपलब्ध कराई गई है? (ख) वर्तमान राज्य सरकार की अजा/अजजा को पेट्रोल पंप स्थापना के लिये रियायती दर पर भूमि आवंटन की नीति क्या है। (ग) यदि नहीं, तो क्या भविष्य में अजा/अजजा के आवेदकों को पेट्रोल पंप स्थापना हेतु रियायती दर पर भूमि आवंटित करने की नीति बनाई जायेगी? हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला भोपाल में किसी भी अनुसूचित जाति/अनूसूचित जनजाति के व्यक्ति को पेट्रोल पंप हेतु रियायती दरों पर भूमि आंवटित नहीं की गई है। (ख) वर्तमान में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को पेट्रोल पंप स्थापना के लिये रियायती दर पर भूमि आवंटन की कोई नीति नहीं है। (ग) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को पेट्रोल पंप की स्थापना हेतु रियायती दर पर भूमि आवंटित करने की नीति बनाना विचारणीय नहीं है क्योंकि पेट्रोल पंप हेतु व्यक्तिगत नाम से किसी को भूमि का आवंटन नहीं किया जाता। केवल पेट्रोल वितरण कंपनियों की मांग पर उन्हें भूमि आवंटित की जाती है।
कोचिंग संस्थानों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 258 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल स्थित विभिन्न कोचिंग संस्थानों की फीस क्या शासन स्तर पर निर्धारित की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कोविड-19 महामारी बीमारी के चलते कोचिंग संस्थानों द्वारा ली जा रही फीस जिसमें कोचिंग संचालकों द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं मटेरियल फीस भी लिया जा रहा है, क्या यह फीस लिया जाना न्यायोचित है? यदि गलत है तो कोचिंग संस्थानों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) कोचिंग संस्थानों द्वारा वसूली जा रही टैक्स के रूप में राशि क्या अभिभावकों को वापस करने का कोई प्रावधान है? (घ) कोचिंग संस्थानों द्वारा ऑनलाईन पढ़ाई का जो कार्य किया जा रहा है उसमें कोचिंग संस्थान की किसी भी चीज का बच्चों द्वारा उपयोग नहीं किया जा रहा? क्या सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों को फीस न लेने के लिये कोई आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। कोचिंग संस्थानों की फीस निर्धारित किये जाने के कोई नियम नहीं है। (ख), (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना हवाई पट्टी की जमीन की जानकारी
[राजस्व]
31. ( क्र. 262 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना हवाई पट्टी के लिये शासन द्वारा कितनी जमीन उपलब्ध कराई गई है? खसरा नम्बर एवं रकबा की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) हवाई पट्टी सतना की कितनी जमीन पर अतिक्रमण किया जा चुका है एवं कौन-कौन से नम्बर पर अतिक्रमण किया गया है जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या सतना हवाई पट्टी में बाउण्ड्री बनाई जा रही है यदि बनाई जा रही है तो क्या हवाई पट्टी की सम्पूर्ण आराजी पर बनाई जा रही है? नहीं तो क्यों? (घ) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत मकान बनाये गये वह जमीन क्या हवाई पट्टी की है? यदि वह जमीन हवाई पट्टी की है तो उसमें निर्माण कार्य क्यों किया गया? क्योंकि सतना में निकट भविष्य में बड़ा हवाई अड्डा बनाये जाने का प्रावधान किया जाता है तो क्या पर्याप्त जमीन उपलब्ध है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना हवाई पट्टी के लिये पूर्व में शासन द्वारा 9 ग्रामों के बीच कुल 981.29 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी, आवश्यकता न होने से अधिग्रहित भूमियों में से कुल 529.36 एकड़ भूमि छोडी जा चुकी हैं वर्तमान में सतना एयरपोर्ट अथारिटी के कब्जे में कुल भूमि 451.93 एकड़ है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ अनुसार है। (ख) हवाई पट्टी सतना की भूमि पर किये गये अतिक्रमण की जानकारी आराजी नं. एवं रकबावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार है। (ग) बाउंड्री उपलब्ध बजट एवं तकनिकी स्वीकृति के अनुसार बनाई जा रही है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मौजा सौनौरा चेक उतैली की आराजी नं. 126/1 म.प्र. शासन के भूमि के अंश रकबे में मकान निर्मित है तथा वह भूमि हवाई पट्टी की नहीं हैं, शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
टेण्डर की जानकारी एवं दोषियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 263 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम सतना में जलावर्धन योजना कब प्रारंभ हुई उसके अन्तर्गत कितने का टेण्डर दिया गया एवं एजेंसी का नाम सहित उपलब्ध करावें? (ख) जलावर्धन योजना अन्तर्गत शहर में कितनी टंकियों का निर्माण किया जा चुका है एवं कितनी अपूर्ण हैं एवं किस-किस स्थान पर टंकी का निर्माण किया जाना है एवं जिन क्षेत्रों में अभी तक पाइप लाईन का कार्य नहीं हुआ वह कब तक पूरा किया जावेगा। (ग) सतना में जलावर्धन अन्तर्गत कितना कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं कितना शेष है और कितने समय में पूर्ण किया जावेगा? (घ) क्या इस योजना अंतर्गत क्योंकि ठेकेदार एवं अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा व्यापक पैमाने पर गुणवत्ता को नजर अंदाज कर कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त जांच किसी एजेंसी से कराकर दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? जिससे शासन एवं जनता की राशि का दुरूपयोग होने से बचाया जा सकेगा। यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जलावर्धन योजना फेज-2 अंतर्गत 8 टंकियों का निर्माण किया जाना था, जिसका कार्य पूर्ण हो चुका है। किसी भी टंकी का निर्माण कार्य अपूर्ण नहीं है। निर्मित टंकियों के स्थानों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जलावर्धन योजना अंतर्गत पाईपलाइन बिछाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जलावर्धन योजना फेज-1 एवं फेज-2 का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिषद द्वारा स्वीकृत कार्य प्रारंभ कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 277 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद पलेरा, जतारा एवं लिधौरा में जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक, कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये तथा कितनी राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार को किया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि इन निकायों में परिषद की बैठकें कब-कब हुई जिनमें कौन-कौन से प्रस्तावों पर अमल कराते हुए कितनी लागत के निर्माण कार्य कराए जा चुके हैं और प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कराए जाना शेष हैं? ऐसे समस्त कार्यों की वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि इन नगरीय निकायों में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि है एवं निर्माण कार्य कुल कितनी राशि से कराए जा सकते हैं? परिषद प्रस्ताव के आधार पर नगरों के सौंदर्यीकरण हेतु महापुरूषों की प्रतिमाएं एवं फुव्वारा लगवाने, खेल-कूद गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु स्टेडियम निर्माण एवं पार्क बनाने पानी की टंकियों की बाउंड्रीवॉल, नदी किनारे निकाय के अधिपत्य की भूमि पर पिकनिक पाईंट बनाने, वृहद पुस्तकालय एवं जिम भवन बनाने, विभिन्न वार्डों में सामुदायिक भवनों का एवं सी.सी. रोड़ एवं नालियों का निर्माण कराने कब-कब कितनी-कितनी लागत के प्राक्कलन, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि ऐसे कार्यों के टेंडर कब और कितनी लागत के आमंत्रित किये गये थे? किस दर पर किस ठेकेदार को कार्य मिला था? आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं? ऐसे अप्रारंभ कार्यों को कब तक प्रारंभ कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) नगर परिषद पलेरा, जतारा एवं लिधौरा में प्रश्न दिनांक तक क्रमश: राशि रू. 71088267.00, 62116200.00 एवं 23200000.00 उपलब्ध है, जिसमें से क्रमश: राशि रू. 68832267.00, 29830453.00 एवं 7752000.00 से निर्माण कार्य कराये जा सकते हैं। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
बिना अनुमति एवं स्वीकृति के विपरीत भवनों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 290 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय क्षेत्रों में निर्मित भवनों एवं भवनों में संचालित गतिविधियों की जानकारी नगरीय निकायों को होती है? यदि हाँ, तो पन्ना -नगर के किन-किन स्थानों पर निर्मित किन-किन भवनों में कौन-कौन से बैंक, होटल, बारातघर, शापिंग माल, पेट्रोल पंप एवं मल्टी फ्लेक्स थियेटर वर्तमान में संचालित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) व्यावसायिक संस्थानों के संचालन की समुचित अनुमति और भवनों के निर्माण हेतु आवश्यक विकास एवं निर्माण अनुज्ञा प्राप्त की गयी और भवनों का निर्माण स्वीकृत मानचित्र अनुसार किया गया? यदि हाँ, तो विवरण बताए, यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की की जाएगी? (ग) क्या पन्ना नगर में अनुमति के विपरीत और बिना अनुमति भवन निर्माण के कई प्रकरण नगरपालिका पन्ना को ज्ञात हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में किन शिकायतों एवं जानकारी के आधार पर किस-किस भवन स्वामी द्वारा अनुमति के विपरीत अथवा बिना अनुमति भवन निर्माण कहाँ किया जाना पाया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत क्या भवनों के नियम विरूद्ध निर्माण पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गयी हैं, यदि हाँ, तो भवनवार अब तक की गयी कार्यवाही बतायें एवं अवैध पाये गए भवन स्वामियों के भवनों के निर्माणों को कब तक और किस प्रकार हटाया जायेंगा? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या भवनों के निर्माण के दौरान निकाय के तकनीकी अधिकरियों द्वारा भूमि विकास नियम के तहत भवनों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन दिये गए? यदि हाँ तो प्रतिवेदनों से अवगत कराएं, यदि नहीं, तो नियम विपरीत निर्मित भवनों का निर्माण न रोके जाने और विधि अनुसार कार्यवाही पूर्ण न करने पर क्या कार्यवाही की जायेंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। भवनों का निर्माण स्वीकृत मानचित्र के अनुसार किया गया है या नहीं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के कॉलम 8 अनुसार है। नगर पालिका परिषद पन्ना द्वारा भवनों का निर्माण के स्वीकृत मानचित्र के विरूद्ध निर्माण कार्यों के संबंध में संबंधितों को म.प्र. नगर पालिका अधिनियम की धारा 187 (8) 223 के तहत नोटिस जारी किये गये है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परियट नदी के रपटा पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 293 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
20.12.2019 के
प्रश्न
क्रमांक 18 में
प्राप्त
उत्तर के
अनुसार पनागर
बेलखाडू सड़क के
साथ परियट नदी
पर स्वीकृत
पुल का कार्य
किस
कंसल्टेंट की
किस प्रकार की
अनुशंसा पर
किस सक्षम
अधिकारी
द्वारा किस
दिनांक को
निष्पादित
अनुबंध से
विलोपित किया गया
है? (ख) क्या
विभाग द्वारा
किसी तकनीकी
विशेषज्ञ से स्थल
का परीक्षण
कराया है? यदि हाँ, तो
किससे, कब
कराया गया और क्या
पाया गया है? (ग) क्या
माननीय
मंत्री जी
द्वारा प्रश्नांश (ख) के
आधार पर अपनी
सहमति से
विलोपित किया
गया है? (घ) क्या
वर्षा ऋतु में
रपटा जलमग्न
होने पर
यातायात
सुचारू रूप से
चल सकता है? यदि
नहीं, तो
पुल का
निर्माण
क्यों नहीं
किया जा रहा
है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) कंसल्टेंट
मेसर्स आरव्ही
एसोसिऐट
आर्किटेक्ट
इंजीनियर्स
एण्ड कंसल्टेंट
प्रा.लि.
हैदराबाद
द्वारा
अनुशंसित
किया कि पुल
का निर्माण डी.पी.आर.
के
प्रावधानों
के अनुसार
तकनीकी रूप से
उपयुक्त
नहीं होने एवं
लागत वृद्धि
के कारण किया
जाना संभव
नहीं है,
म.प्र.
सड़क विकास
निगम के पत्र
क्रं. 15071
दिनांक 31.12.2018
द्वारा पुल को
परियोजना से
विलोपित किया गया।
(ख) जी
हाँ, मेसर्स
आरव्ही
एसोसिऐट
आर्किटेक्ट
इंजीनियर्स
एण्ड कंसल्टेंट
प्रा.लि.
हैदराबाद के
सीनियर ब्रिज
इंजीनियर
श्री के.व्ही.
राव से स्थल
परीक्षण
दिनांक 18.05.2018 को
कराया गया।
विशेषज्ञ के
अनुसार बेड
लेव्हल से 40 मीटर
गहराई तक
मिट्टी होने
के कारण ओपन
फाउंडेशन के
स्थान पर वेल
अथवा पाइल
फाउंडेशन एवं
हाईड्रोलाजी
के अनुसार पुल
की लंबाई 36 मी. के स्थान
पर 75 मी.
रखा जाना आवश्यक
पाया गया। (ग) जी
नहीं। (घ)
जी
नहीं।
परियोजना से
पृथक किए जाने
के कारण।
स्थानीय निकायों में कर्मचारियों का अटैचमेंट
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 294 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्थानांतरण के विकल्प के रूप में अटैचमेंट (कार्यसंपादन) के नाम पर कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कितने संख्या बतावें? (ख) गत तीन वर्षों में जबलपुर जिले में स्थानीय निकायों में कितने अटैचमेंट आदेश किस अधिकारी द्वारा किस-किसने कब-कब जारी किये गये? कारण सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कितने कर्मचारी अटैचमेंट आदेश के पालन में प्रश्न दिनांक तक कार्यसंपादन हेतु अटैच है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत अटैच कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान क्या अटैच कार्यालय से किया जाता है यदि नहीं, तो क्यों नहीं किया जाता है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जबलपुर जिले में विगत 03 वर्षों में निकाय के कुल 05 कर्मचारियों को विभिन्न कार्यालयों में संलग्न किया गया है, जिनमें से 04 कर्मचारी संलग्न है एवं 01 कर्मचारी का संलग्नीकरण समाप्त किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) 04 कर्मचारी प्रश्न दिनांक तक संलग्न होकर कार्य संपादन कर रहे है। (घ) जी नहीं। पदस्थापना मूल कार्यालय में होने से वेतन भी मूल कार्यालय से ही आहरित होता है।
बजट का आवंटन
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 306 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रो में अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति (सब स्कीम) के प्रावधान तहत विभाग को बजट आवंटन होता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा सीहोर, देवास, इन्दौर, सागर, भोपाल में किन-किन कार्यों में कुल कितना व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान में प्राप्त राशि वित्तिय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक जिला सीहोर, देवास, इंदौर, सागर, भोपाल में वर्षवार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर निर्माण कराया गया जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग को बजट आवंटन योजना शीर्ष अनुसार प्राप्त होता है न कि जिलेवार। अत: जिलेवार राशि प्राप्त होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। लोक निर्माण विभाग से सम्बंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टि दर्ज की जाना
[राजस्व]
38. ( क्र. 311 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट एवं बैतूल जिले में वर्ष 1980 तक भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफ़ाईड संरक्षित वन भूमियों के डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो इन जिलों के कितने ग्रामों के पटवारी, मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज कितनी जमीनों को संरक्षित वन सर्वे में शामिल कर कितनी जमीन धारा 34अ के अनुसार किस-किस दिनांक को डीनोटीफ़ाईड की गई, कितनी जमीन वन खण्डों में अधिसूचित की गई? (ग) डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है, प्रविष्टि कब तक दर्ज की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत वर्ष 1980 तक भा.व.अ.1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाईड संरक्षित वन भूमियों के डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गयी है। बैतूल जिले में डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि दर्ज नहीं की गयी है। (ख) बालाघाट जिले के 495 ग्रामों के पटवारी मानचित्र निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज 127269.989 हेक्टेयर जमीन को संरक्षित वन सर्वे में 118.153 हेक्टेयर भूमि शामिल किया गया। दिनांक 23.07.1969 एवं 10.07.1972 को 22329.993 हेक्टेयर जमीन धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाई की गई। 104821.838 हेक्टे. जमीन वन खण्डों में अधिसूचित की गई है। (ग) बैतूल जिले में 829 ग्रामों की संरक्षित वन भूमि के संबंध में वन विभाग द्वारा 10 जुलाई, 1972 को डीनोटिफाई किए जाने की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया, किन्तु इसमें भूमियों का विवरण अंकित नहीं किया गया, जिसके कारण संशोधन की कार्यवाही नहीं की जा सकी है।
बस स्टैण्ड सह शापिंग कॉम्पलेक्स में दुकान निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 363 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद पिपलौदा द्वारा पिपलौदा नगर स्थित नवनिर्मित बस स्टैण्ड सह शापिंग काम्प्लेक्स का निर्माण शासन/विभाग के माध्यम से किया गया तथा 13 दुकानों का निर्माण किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या परिषद के संकल्प क्र. 85 दिनांक 22/12/2017 के आधार पर दुकान आवंटन की प्रक्रिया की गई? यदि हाँ, तो तो किस नियम प्रक्रिया से अंतिम आवंटन निर्धारण किया गया? (ग) साथ ही अंतिम नीलाम बोलिदारों में सम्मिलित क्र. (11) एवं क्र. (12) से क्रमश: प्रथम किश्त रू. 146000/- तथा रू. 235500/- की राशि भी जमा करवाई गई, जिसके रसीद क्र. क्रमश: 37 X 62 दिनांक 10/01/2018 तथा रसीद क्र. 37 X 63 दिनांक 10/01/2018 द्वारा की गई? (घ) यदि हाँ, तो नगर परिषद पिपलौदा के अध्यक्ष के सगे भाई जो संयुक्त परिवार के होकर साथ रहते हैं, उन्हें एवं उनकी पत्नी को परिवार के सगे सदस्य होने के बावजूद किस नियम प्रक्रिया से आवंटन किया गया, तत्संबंधी शिकायत भी हुई, उस पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्य प्रदेश नगरपालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 2016 अनुसार आवंटन निर्धारण किया गया है। (ग) वस्तुतः नवीन कार्यालय भवन सह शापिंग कॉम्पलेक्स में दुकान क्रमांक 12 में रसीद क्रमांक 37x62 दिनांक 10.01.2018 द्वारा राशि 1,46,000 प्रथम किश्त एवं दुकान क्रमांक 13 में रसीद क्रमांक 37x63 दिनांक 10.01.2018 द्वारा राशि 2,35,500 प्रथम किश्त जमा कराई गई है। (घ) नगर परिषद अध्यक्ष के सगे भाई द्वारा कार्यालय भवन सह शापिंग कॉम्पलेक्स की दुकान क्रमांक 12 कुलदीप नारायण प्रसाद पटेल एवं दुकान क्रमांक 13 मेघा कुलदीप पटेल द्वारा नीलामी बोली लगाई गई है एवं सर्वाधिक बोली होने से दुकान क्रमांक 12 एवं 13 संपूर्ण राशि जमा उपरांत आवंटित की गई है। शेष प्रश्नांश के संबंध में जांच की कार्यवाही प्रचलित है।
प्रीमियर आईल मिल भूमि की जानकारी
[राजस्व]
40. ( क्र. 364 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर चौपाटी स्थित सर्वे नं. 225 एवं 226 पर औद्योगिक कार्य किये जाने हेतु तत्कालीन समय में भूमि प्रदान की गई थी, जिस पर आईल मिल अथवा जिनिंग मिल हुआ करती थी? (ख) यदि हाँ, तो तत्कालीन समय में उपरोक्त सर्वे न. के अन्तर्गत औद्योगिक कार्य किये जाने हेतु कितनी भूमि लीज पर दी गई थी, लीज अवधि कब समाप्त हुई, उद्योग धंधे कब बंद हुए? (ग) क्या उद्योगपति द्वारा लिया गया कर्ज/ऋण जो कि उद्योग एवं उद्योगों की मशीन स्थापित किये जाने हेतु लिया गया था वह किस के द्वारा कितना, कहां से लिया गया? (घ) अवगत कराएं कि तत्कालीन समय की लीज भूमि पर उद्योगपति द्वारा लिया गया कर्ज/ऋण/लोन किस प्रकार कितना वसूल किया गया, साथ ही क्या वसूली हेतु संबंधित लीज भूमि को भी विभाग/एजेंसी वसूली हेतु विक्रय कर सकता है तो किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक (ग) शासकीय पट्टे की भूमि पर अभिहस्ताकंन की प्रक्रिया अनुसार ऋण के मामले में शासन से अनुमति का प्रावधान है शेष प्रकरणों में व्यक्तिगत स्तर पर बैंकों/वित्तीय संस्थाओं से ऋण के मामले में बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा कार्यवाही की जाती है जिसकी जानकारी शासन स्तर पर संधारित नहीं की जाती है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
सोयाबीन एवं उड़द की फसल का सर्वे एवं मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
41. ( क्र. 384 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सोयाबीन की फसल में जो अफलन की स्थिति एवं उड़द में पीला मोजेक रोग के कारण फसल बर्बाद हुई है, क्या इसकी जानकारी प्रशासनिक स्तर पर है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इसके सर्वे कार्य के निर्देश दिये गये हैं? (ग) क्या मुआवजा राशि का भी प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो कितना और कब तक किसानों को प्राप्त होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला प्रशासन द्वारा आरबीसी 6 (4) के मापदंड के अनुसार दल गठित कर सर्वे का कार्य कराया जाता है। शासन के निर्देश की पृथक से आवश्यकता नहीं है। (ग) फसल क्षति हेतु राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के मापदंड के तहत नुकसान हेतु आर्थिक सहायता राशि प्रभावितों को प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। मुआवजा राशि का मापदंड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सर्वे में फसल क्षति आर.बी.सी. 6 (4) के मापदंड अनुसार होने पर भुगतान की जावेगी।
मंदसौर बुगलिया नाला डायवर्सन एवं धूलकोट योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 385 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कब-कब मंदसौर के बुगलिया नाला डायवर्सन एवं नवीन धूलकोट योजना पम्पिंग स्टेशन को लेकर सुझाव दिए उसपर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या मंदसौर में वर्ष 2018 में मंदसौर में अत्यधिक वर्षा के कारण मंदसौर की धूलकोट योजना नाकाम साबित हुई है तथा नगर पालिका द्वारा बाढ़ से नियंत्रण के लिए शासन स्तर पर नवीन पम्प स्टेशन एवं अन्य हेतु 14 करोड़ 39 लाख की कार्ययोजना प्रेषित की है इसकी वर्तमान कार्यवाही से अवगत कराये? (ग) क्या वर्ष 2018 में मंदसौर जिले में बाढ़ से प्रदेश स्तर पर सर्वाधिक नुकसान हुआ है यदि हाँ, तो क्या मंदसौर में उक्त योजना के लिए भारत सरकार द्वारा बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों को नियंत्रित किये जाने को लेकर हाल ही में प्रदत्त धनराशि में से मंदसौर की उक्त जनउपयोगी योजना हेतु राशि उपलब्ध कराई जायेगी यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय विधायक महोदय द्वारा कलेक्टर जिला मन्दसौर को संबोधित पत्र दिनांक 08.09.2019 एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र दिनांक 10.09.2019 से सुझाव दिये गए हैं। माननीय विधायक जी द्वारा प्रेषित पत्र के, सुझावों को, कार्य योजना में शामिल किया गया है। (ख) वर्ष 2018 में नहीं अपितु 2019 में अतिवृष्टि होने से तथा पंप लगभग 40 वर्ष पुराने होने से कुछ क्षेत्रों में जल भराव हुआ था। जी हाँ, स्टेट डिजास्टर रिस्पॉस फंड (SDRF) के अंतर्गत, योजना स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रदेश स्तर पर हुई क्षति का तुलनात्मक आकलन किया जा रहा है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
करोनो योद्धाओं, इंटर्न एवं आयुष चिकित्सकों के मानदेय में भिन्नता
[आयुष]
43. ( क्र. 387 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करोना के इलाज में शासन आयुष विभाग द्वारा सुझाए गये उपचार को प्राथमिकता प्रदान कर रहा हैं? क्या इसके उपचारों से रोगियों को अधिकाधिक रूप से स्वास्थ्य लाभ मिल रहा हैं? (ख) जब आयुष (भारतीय चिकित्सा पद्धति) चिकित्सा ही इस महामारी को ठीक करने का मात्र सहारा हो तब ऐसी स्थिति में इस विधा को और साधन सम्पन्न बनाने व इसके चिकित्सकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शासन द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) क्या स्वास्थ्य एवं आयुष दोनों विभागों के चिकित्साधिकारी साथ-साथ करोना के मरीजों के इलाज (स्क्रीनिंग/टेस्टिंग) में शासन द्वारा संलग्न किए गये हैं? दोनों के मानदेय में कितना अंतर रखा गया हैं? क्या यह अंतर अमानवीय प्रतीत नहीं होता हैं? यदि होता है तो क्या दोनों चिकित्सकों को देय मानदेय बराबर भुगतान किया जावेगा? (घ) जान की बाजी लगाकर प्रदेश में करोना महामारी के नियंत्रण के लिए स्क्रीनिंग/टेस्टिंग कार्य में संलग्न आयुष चिकित्सक एवं मेडिकल इंटर्न्स की अलग-अलग संख्या क्या हैं?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) आई.सी.एम.आर. एवं डब्ल्यू.एच.ओ. के प्रोटोकॉल तथा आयुष मंत्रालय भारत सरकार की एडवाइजरी को फॉलो किया जा रहा है तथा आयुष चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण देकर उनका कौशल उन्नत किया गया है। (ग) जी हाँ। आयुष विभाग के चिकित्सा अधिकारियों को शासन द्वारा वेतन प्रदान किया जाता है। पृथक से मानदेय नहीं दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनांक 13.07.2020 की स्थिति में आयुष चिकित्सक की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश में कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए स्क्रीनिंग/टेस्टिंग कार्य में चिकित्सा शिक्षा विभाग के कुल 507 इंटर्न संलग्न किये गये है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 401 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कहाँ-कहाँ एवं कितने आवास निर्माण कराये जाने की शासन से स्वीकृति प्रदान की गई थी तथा इनका निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित आवासों की समय-सीमा बीत जाने के बाद कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? (ग) योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों के आवास हेतु आवेदन प्राप्त हुये है, इनमें से कितने हितग्राहियों को आवास सौंप दिये गये है तथा कितने शेष है? शेष को कब तक आवास सौंप दिये जायेंगे? (घ) इस योजनांतर्गत अगले चरण में कितने आवासों का निर्माण कराया जाना है? इस हेतु वर्तमान में क्या प्रक्रिया प्रचलन में है तथा कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी. घटक में कुल 2004 ईडब्ल्यूएस 384 एमआईजी एवं 420 एलआईजी आवास निर्माण कराये जाने की शासन से स्वीकृति प्रदान की गई थी। इनमें से कनेरादेव स्थल पर 1500 ईडब्ल्यूएस एवं ग्राम मेनपानी में