मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
मंगलवार, दिनांक 23 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जिला
सह. बैंक
मंदसौर में
वेयरहाउस ऋण
वितरण की जाँच
[सहकारिता]
1. ( *क्र. 3138 ) श्री राम दांगोरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी बैंक मंदसौर में अनूप कुमार जैन एम.डी. की पदस्थापना के समय वेयरहाउस ऋण वितरण में 15 करोड़ रूपये की अनियमितता हुई थी जिसमें अनूप कुमार जैन एवं बैंक के 40-50 कर्मचारियों को सहकारिता विभाग एवं नाबार्ड द्वारा जाँच में दोषी पाया गया था? जाँच के आधार पर क्या मंदसौर एवं नीमच में अनूप कुमार जैन एम.डी. एवं बैंक के कर्मचारियों को सजा हुई? यदि हाँ, तो अनूप कुमार जैन पर आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) यदि कार्यवाही चल रही है तो कितने समय में श्री जैन पर कार्यवाही हो जाएगी? बैंक की अनियमितता की आज दिनांक पर कितनी राशि शेष है? (ग) क्या वर्तमान में इसी प्रकरण में श्री जैन को निलंबित भी किया गया था, किंतु उन पर एफ.आई.आर. की कार्यवाही नहीं की गई है और जैन को बहाल कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर श्री अनूप कुमार जैन की पदस्थापना के समय वेयरहाउस के ऋण वितरण की अनियमितता के संबंध में जाँच विभाग एवं नाबार्ड द्वारा की गई थी, जिसमें श्री अनूप कुमार जैन तथा बैंक की शाखा जीरण, सावन एवं नीमच के तत्कालीन शाखा प्रबंधक दोषी पाये गये थे। बैंक की शाखा जीरण, सावन एवं नीमच के तत्कालीन शाखा प्रबंधकों, वेयरहाउस के मालिकों एवं ऋणियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये थे जिसमें चालान प्रस्तुत हो चुका है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, अभी तक किसी को भी सजा नहीं हुई है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री अनूप कुमार जैन की विभागीय जाँच म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा संस्थित की गई। विभागीय जाँच पूर्ण होकर अंतिम दण्डादेश जारी करने के पूर्व व्यक्तिगत सुनवाई हेतु अपेक्स बैंक द्वारा दिनांक 05.07.2019 को पत्र जारी किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वेयरहाउस की रसीदों के तारण पर ऋण वितरण में अनियमितता में ब्याज सहित राशि रू. 1719.72 लाख बकाया है। (ग) श्री अनूप कुमार जैन के विरूद्ध जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित खंडवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थी अवधि में अनियमितता प्रकाश में आने पर अपेक्स बैंक के आदेश दिनांक 29.10.2018 से निलंबित किया गया था, निलंबन आदेश में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर में तारण ऋण में अनियमितता का भी उल्लेख किया गया था। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर के तारण ऋण के संबंध में श्री जैन के विरूद्ध उत्तरांश (क) अनुसार पूर्व से विभागीय जाँच संस्थित की जा चुकी थी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर में वेयरहाउस की रसीद के तारण पर ऋण वितरण में अनियमितता के संबंध में जनवरी, 2015 में 04 एफ.आई.आर. संबंधित शाखा प्रबंधक, वेयरहाउस मालिक एवं ऋणग्रहिताओं के विरूद्ध उत्तरांश (क) अनुसार दर्ज की गई थी। श्री अनूप कुमार जैन को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खंडवा के संबंध में दिनांक 02.04.2019 को विभागीय जाँच संस्थित कर निलंबन से बहाल किया गया। श्री अनूप कुमार जैन का नाम अपराधिक प्रकरण में जोड़ने की कार्यवाही करने हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मंदसौर को निर्देश दिये गये हैं।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों का भुगतान
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( *क्र. 694 ) श्री सुदेश राय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक अपनी निधि से जो कार्य स्वीकृत करते हैं, उसमें यदि एजेंसी लघु उद्योग निगम को बनाया जाता है तो कार्य का भुगतान मात्र एक सप्ताह में हो जाता है और इसके अतिरिक्त एजेंसी किसी अन्य को बनाया जाता है तो कार्य होने के उपरांत भी भुगतान कई महीनों तक लंबित होने से निर्माण एजेंसी को काफी परेशानी होती है, कभी-कभी तो राशि लेप्स भी हो जाती है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (ख) क्या विधायक निधि से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका को एजेंसी बनाये जाने से इनका भुगतान जिले से सीधे इन एजेंसी के खाते में जाता है, यदि इसके अतिरिक्त एजेंसी लो.नि.वि. अथवा लो.स्वा.यां.वि. अथवा किसी अन्य को बनाया जाता है तो उसकी राशि जिले से उसके खाते में सीधे न आते हुये उसके विभाग प्रमुख के माध्यम से आती है इस प्रक्रिया में समय बहुत लगने से भुगतान में काफी विलंब होता है, कभी-कभी तो राशि लेप्स भी हो जाती है, यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की राशि सभी एजेन्सियों को जारी करने की कार्यवाही अविलम्ब कर दी जाती है। अतः लघु उद्योग निगम को जल्दी भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यान्वयन एजेन्सी द्वारा समय पर राशि का उपयोग नहीं करने से राशि लेप्स होती है। (ख) राशि वित्त विभाग की व्यवस्था के अनुसार क्रियान्वयन एजेन्सी को अंतरित की जाती है। बजट नियंत्रण अधिकारी से बजट नियंत्रण अधिकारी को राशि अंतरित करने के प्रकरणों में विलम्ब नहीं होता है। सामान्यतः राशि लेप्स होने की स्थिति क्रियान्वयन विभाग के स्तर पर ही निर्मित होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शास. पॉलीटेक्निक, होशंगाबाद में नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
3. ( *क्र. 2614 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले के शासकीय पॉलीटेक्निक, होशंगाबाद में पाँच तकनीकी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति शासन द्वारा नवम्बर 2016 में दी जा चुकी है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पाठ्यक्रमों की? (ख) क्या शासकीय पॉलीटेक्निक, होशंगाबाद में उक्त पाठ्यक्रम प्रारंभ हो चुके हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या नवम्बर 2016 में शासन की अनुमति के बाद भी नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन से प्रमाण-पत्र प्राप्त न करने के कारण उक्त पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं हो पा रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो उक्त प्रमाण-पत्र हेतु निर्धारित शर्तों को पूरा करने में शासन की असमर्थता के क्या कारण हैं? (ड.) शासन कब तक नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन से प्रमाण-पत्र प्राप्त कर नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) नवम्बर 2016 में 04 पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान की गई है। 1. कम्प्यूटर साईंस एण्ड इंजीनियरिंग, 2. इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग, 3. मैकेनिकल इंजीनियरिंग एवं 4. आर्किटेक्चर एण्ड इंटीरियर डेकोरेशन। (ख) जी नहीं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली से पाठ्यक्रमों को संचालित करने की स्वीकृति प्राप्त न होने के कारण पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं किये जा सके हैं। (ग) जी नहीं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के मापदण्डों के अनुसार नहीं होने के कारण। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
''मध्यप्रदेश माध्यम'' का निर्धारित सेटअप
[जनसंपर्क]
4. ( *क्र. 2941 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसंपर्क विभाग और "मध्यप्रदेश माध्यम" का सेटअप निर्धारित है? यदि हाँ, तो सेटअप के अनुसार जनसंपर्क विभाग में अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक और सहायक संचालक तथा सहायक जनसंपर्क अधिकारी के कर्तव्य, कार्य और जिम्मेदारियां क्या-क्या हैं? यदि निर्धारित नहीं हैं तो क्या निर्धारित की जाएंगी? (ख) क्या "मध्यप्रदेश माध्यम" सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत गठित एक स्वतंत्र संस्था है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था जनसंपर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में किस प्रावधान के अंतर्गत कार्य कर रही है? (ग) "मध्यप्रदेश माध्यम" संस्था का गठन कब और किस उद्देश्य से हुआ था? पिछले पाँच सालों में कौन-कौन सी संस्थाएं किन-किन कार्यों के लिए इम्पेनल की गयीं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। विभाग में पदस्थ अधिकारियों का मुख्य दायित्व सरकार की नीतियों, निर्णयों, योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की जानकारी प्रचार-प्रचार माध्यमों से लोगों तक पहुँचाना और जनमानस में शासन की उज्जवल छवि प्रस्तुत करना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। संस्था के विधान एवं जनसम्पर्क विभाग के आदेशों के तहत मध्यप्रदेश माध्यम जनसम्पर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य कर रहा है। (ग) संस्था का गठन 01 अक्टूबर, 1983 को मध्यप्रदेश शासन एवं उसके उपक्रमों की जनकल्याणकारी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी पद पर संविलियन
[जनसंपर्क]
5. ( *क्र. 3272 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन प्रबंध संचालक ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता संस्थान से विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी पद पर प्रोफेसर की नियुक्ति की थी और बाद में संविलियन कर दिया था? (ख) यदि हाँ, तो कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई थी और किस पद पर पदस्थ किया गया था?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रबंध समिति की स्वीकृति के पश्चात प्रधान संपादक के पद पर पदस्थ किया गया है।
शासकीय कर्मचारियों के लिए दोहरा कार्य भत्तों का प्रावधान
[वित्त]
6. ( *क्र. 1316 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च पद के दोहरा कार्य भत्ता देने के क्या नियम हैं? (ख) क्या दोहरा कार्य भत्ता एक वर्ष या पदपूर्ति जो भी पहले हो, तक दिया जा सकता है? (ग) क्या दोहरा कार्य भत्ता पाने की पात्रता उन प्रकरणों में नहीं होगी जहाँ उच्च पद निर्मित होने की तारीख से ही रिक्त हो? (घ) क्या खेल विभाग में प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रावधान के विरुद्ध एक अधिकारी को नियम विरुद्ध प्रभारी संयुक्त संचालक का प्रभार देकर लगातार दोहरा कार्य भत्ता दिया जा रहा है? (ड.) क्या उक्त प्रकरण आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो विभाग इस प्रकरण में क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) दोहरा कार्यभत्ता हेतु जारी वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 18.12.2009 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) म.प्र. वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक 4-7/2009/नियम/चार, दिनांक 18.12.2009 में किये गये प्रावधान अनुसार दोहरा कार्यभत्ता एक वर्ष या पद पूर्ति जो भी पहले हो तक दिया जा सकता है। संचालनालय के आदेश क्रमांक 7126, दिनांक 13.11.2017 द्वारा स्वीकृत दोहरा कार्यभत्ता की भुगतान की गई राशि रूपये 18,515/- एवं राशि रूपये 18,771/- कुल राशि रूपये 37,286/- क्रमश: दिनांक 06.07.2019 एवं 15.07.2019 को चालान द्वारा जमा करा दी गई है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशोक नगर स्थित ट्रामा सेन्टर का संचालन किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( *क्र. 4016 ) श्री जजपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर के ट्रामा सेंटर भवन का लोकार्पण 3 वर्ष पूर्व हो चुका है लेकिन आज दिनांक तक कोई चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है? इसका क्या कारण है? (ख) क्या ट्रामा सेंटर संचालित करने हेतु उपयुक्त संसाधन की व्यवस्था की जा चुकी है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। अशोक नगर के ट्रामा सेंटर भवन का लोकार्पण दिनांक 29/11/2017 को किया गया है, ट्रामा सेन्टर उपलब्ध संसाधनों द्वारा संचालित किया जा रहा है। संचालनालय के आदेश क्रमांक/अ.प्रशा./सेल-3/2018/2018/306 दिनांक 23/02/2018 के द्वारा उपकरण तथा फर्नीचर क्रय करने हेतु आवश्यक बजट उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ट्रामा सेंटर हेतु मानव संसाधन हेतु पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।
खण्डवा जिले में उद्योगों की स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
8. ( *क्र. 1152 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले के ग्राम रुधी में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है? यदि हाँ, तो यहाँ पर नवीन उद्योगों की स्थापना के लिये क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं तथा वर्तमान में कितने उद्योग स्थापित हुए हैं? (ख) क्या जिले के इस औद्योगिक क्षेत्र की भूमि की दरें प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्र की भूमि की दरों की अपेक्षा अधिक होने के कारण इस क्षेत्र में उद्योगपतियों का रुझान कम है? (ग) क्या प्रश्नाधीन औद्योगिक क्षेत्र की भूमि आवंटन का अधिकार जिला उद्योग केन्द्र खण्डवा के स्थान पर ए.के.वी.एन. इंदौर है? यदि हाँ, तो क्या इसके कारण उद्योगपतियों को परेशानी हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) एवं (ग) के क्रम में रुधी औद्योगिक क्षेत्र की भूमि दर कम की जायेगी एवं उक्त भूमि के आवंटन की प्रक्रिया का सरलीकरण कर खण्डवा जिला उद्योग केन्द्र से किये जाने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या खण्डवा जिले में बिजली-पानी की प्रचुरता, रेल्वे परिवहन की सुविधा को देखते हुए म.प्र. सरकार प्रदेश में उद्योगों की स्थापना एवं बेरोजगारी दूर करने के लिये राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की समिट का आयोजन करेगी यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) खण्डवा जिले के ग्राम रूधी-भावसिंगपुरा में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है, जिसमें आधारभूत सुविधाएं जैसे डामरीकृत सड़कें, जल प्रदाय पाईप लाइन, पक्की नाली, विद्युत लाइन की सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा वर्तमान में 03 उद्योग स्थापित हुए हैं। (ख) विभाग के अधीन निगम द्वारा इस औद्योगिक क्षेत्र हेतु तय की गई भू-खण्ड की दरें, निगम के क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा विकसित किये गये अन्य नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की तुलना में कम हैं एवं उपयुक्त है। (ग) भूमि आवंटन का कार्य विभाग अंतर्गत एम.पी.आई.डी.सी. के एकीकृत पोर्टल से ऑन लाइन पद्धति द्वारा किया जा रहा है, अत: इच्छुक निवेशक कहीं से भी भूमि हेतु आवंटन आवेदन कर सकते हैं। (घ) प्रदेश में विभाग के अधीन स्थापित समस्त औद्योगिक क्षेत्र की दरें उक्त क्षेत्र की कलेक्टर गाइड लाइन एवं संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में अधोसरंचना विकास पर किये गये व्यय (विकास शुल्क) के आधार पर निर्धारित होती है, जहां तक भू-आवंटन प्रक्रिया का प्रश्न है तो इस हेतु प्रचलित ऑन लाइन आवंटन प्रक्रिया पारदर्शी एवं सरल है। औद्योगिक क्षेत्र रूधी का विकास औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा किया गया है अत: इस क्षेत्र में भू-आवंटन की कार्यवाही विभाग अंतर्गत संचालित एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा ही की जावेगी। (ड.) प्रदेश में निवेश आकर्षित करने हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर देश/प्रदेश में इन्वेस्टर समिट/रोड शो का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में संपूर्ण प्रदेश में (जिसमें खण्डवा भी सम्मिलित है) निवेश आकर्षित करने के लिये समुचित कार्यवाही की जाती है।
जिला उमरिया (मंठार) में सीमेंट प्लांट की स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
9. ( *क्र. 3154 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन की उद्योग नीति क्या है? (ख) क्या उमरिया जिले में स्थित संजय गांधी ताप विद्युत गृह मंठार से निकलने वाली राखड़ से क्षेत्र में सीमेंट फैक्ट्री निर्माण करने की कोई योजना शासन के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक सीमेंट फैक्ट्री निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन की उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित-2018) लागू है। (ख) राज्य शासन द्वारा स्वयं उद्योग स्थापित नहीं किये जाते हैं, अपितु उद्योगों की स्थापना हेतु फेसिलिटेट किया जाता है। अद्यतन उमरिया जिले में सीमेंट फैक्ट्री निर्माण की किसी परियोजना का प्रस्ताव शासन को निवेशकों से प्राप्त नहीं हुआ है।
निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस में वृद्धि
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
10. ( *क्र. 3455 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों की 2014 से 2019 तक की वर्षवार फीस की जानकारी दें तथा वर्ष 2014 से 2019 में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई तथा प्रतिवर्ष वृद्धि का प्रतिशत भी कॉलेज अनुसार बतावें? कॉलेजों की फीस बढ़ाने के पूर्व किस-किस से स्वीकृति ली गई या अनुमोदन प्राप्त किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों को फीस वृद्धि के आवेदन के साथ क्या-क्या दस्तावेज पेश करना होते हैं, उसकी सूची प्रस्तुत करें तथा फीस वृद्धि का निर्णय लेने के पहले क्या तुलनात्मक चार्ट बनाया जाता है या अन्य किसी प्रक्रिया से उनके आवेदन पर विश्लेषण किया जाता है? जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दस्तावेजों का अध्ययन एवं विश्लेषण किसी कास्ट एकाउंटेट या कंपनी सेकेट्री या चाटर्ड एकांउटेंट द्वारा कराया जाता है? यदि नहीं तो विभाग का कौन अधिकारी किस तरह से, किस कमेटी की उपस्थिति में निर्णय लेता है? (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) में उल्लेखित सभी दस्तावेजों की प्रति देवें तथा बतावें कि क्या फीस वृद्धि को उच्च न्यायालय में किसी वर्ष में चुनौती दी गई? यदि हाँ, तो उसके प्रकरण क्रमांक बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा शुल्क का निर्धारण संस्था से प्राप्त विभिन्न दस्तावेजों का अध्ययन एवं ऑडिटेड आय-व्यय पत्रक समिति के सी.ए. द्वारा आंकलन के आधार पर किया जाता है। तुलनात्मक चार्ट नहीं बनाया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दस्तावेजों का अध्ययन समिति के सी.ए. द्वारा कराया जाकर समिति स्वयं निर्णय लेती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। जी हाँ, प्रकरण डब्ल्यू.पी. नं. 4526/2017, 5763/2017 एवं 5774/2017।
अधिवक्ता निधि में वृद्धि
[विधि और विधायी कार्य]
11. ( *क्र. 2743 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार प्रदेश के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए पेंशन योजना लागू करने की दिशा में विचार कर रही है? यदि हाँ, तो इसका ब्यौरा दें। (ख) क्या सरकार नव नामांकित अधिवक्ताओं को मिलने वाली अधिवक्ता निधि में वृद्धि का भी विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) अधिवक्ता कल्याण निधि में से अधिवक्ताओं के लिए प्रदान की जा रही चिकित्सा सहायता में क्या सरकार अपना योगदान भी देने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो सरकार द्वारा कितना योगदान वहन किया जावेगा अथवा कितने प्रतिशत अंशदान दिया जावेगा?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण स्कीम, 2012 के तहत नव नामांकित अधिवक्ताओं को मिलने वाली राशि 12000/- रूपये के स्थान पर 25000/- किये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) जी नहीं। मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण स्कीम, 2012 के तहत गंभीर बीमारी से पीड़ित अधिवक्ताओं को एक लाख रूपये के स्थान पर पाँच लाख रूपये किये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
वेतन निर्धारण के नियम
[वित्त]
12. ( *क्र. 3692 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम-2017 के संबंध में परिपत्र क्रमांक एफ 8-1/2016/नियम/चार/दिनांक 2.11.2017 द्वारा स्पष्टीकरण जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिपत्र की कंडिका-5 का स्पष्ट आशय क्या है? यदि कोई शासकीय सेवक दिनांक 1.1.2016 को समयमान/पदोन्नति प्राप्त कर लेता है और उस दिनांक को ही विद्यमान छठवें वेतनमान में उसका वेतन निर्धारण हो चुका है तो ऐसे में अगर उसने दिनांक 1.7.2016 को विद्यमान वेतनमान में वेतनवृद्धि प्राप्त करने के पश्चात् सातवें वेतनमान का चयन करने का विकल्प दिया है तो दिनांक 1.7.2016 को उसका वेतन निर्धारण किस प्रकार होगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) परिपत्र की कंडिका-5 के अनुसार दिनांक 01.01.2016 या उसके उपरांत पदोन्नति या समयमान प्राप्त होने पर तद्नुसार वेतन निर्धारण किया जाना है, सातवें वेतनमान में अर्थात दिनांक 01.01.2016 को वेतन निर्धारण किया जायेगा। तदुपरांत पदोन्नति/समयमान का वेतन निर्धारण होगा। दिनांक 01.01.2016 को सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण होने पर दिनांक 01.01.2016 को ही पदोन्नत पद पर कार्यभार ग्रहण करने या 01.01.2016 को ही समयमान प्राप्त होने की दशा में 01.07.2016 को वार्षिक वेतनवृद्धि की पात्रता होगी। 01.01.2016 के बाद एवं 30.06.2016 तक पदोन्नति पद पर कार्यभार ग्रहण करने अथवा समयमान प्राप्त होने की दशा में आगामी वेतनवृद्धि की पात्रता दिनांक 01.01.2017 को होगी।
बिल्डर के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
13. ( *क्र. 2354 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.आर.पी. डेव कांस संजय सिंह सोलंकी निवासी अरेरा कॉलोनी भोपाल द्वारा वर्ष 2014 में ग्राम भोजपुर तहसील गौहरगंज के खसरा क्रमांक 147/1 एवं 147/2 कुल रकबा 2.513 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय कॉलोनी विकसित कर भूखण्ड बेचे जा रहे हैं जिसमें भूखण्ड की कुल राशि का अस्सी 80% जमा कर दिया, जिसमें विकास शुल्क जिसमें सीवेज लाइन, बिजली, सड़क निर्माण बाउण्ड्रीवॉल मेन गेट शामिल है? (ख) क्या उक्त बिल्डर द्वारा 2014 में पैसे लेने के बाद भी आज दिनांक तक उक्त भूखण्ड बंजर स्थिति में है, कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है, यदि हां, तो कब तक होगा? (ग) क्या संबंधित बिल्डर्स के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? क्या क्रेताओं की राशि ब्याज सहित वापस कर दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) उक्त बिल्डर से कितने लोगों ने प्लाट लिये हैं? नाम एवं पता सहित प्रत्येक ने कितनी-कितनी राशि जमा की है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार ग्राम भोजपुर में एस.आर.पी.डैव कां. नाम से कोई भूमि राजस्व अभिलेख में अंकित नहीं है, ग्राम भोजपुर की भूमि खसरा क्रमांक 147/1,147/2 कुल रकबा 2.513 हेक्टेयर श्री साई नर्सरी द्वारा पार्टनर आशा पत्नि दिनेशचन्द्र सक्सेना, अमित आ.दिनेशचंद सक्सेना, रविन्द्र कुमार आ.हरबिहारी लाल सक्सेना, निवासी 1/56, शाहपुरा भोपाल के नाम भूमिस्वामी स्वत्व पर अंकित है। उक्त भूमि का आवासीय प्रयोजन हेतु व्यपवर्तन कराया गया है। शेष विवरण की स्थिति जाँच के उपरांत स्पष्ट हो सकेगी। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार उक्त भूमि बंजर स्थिति में है, विकास कार्य नहीं किया गया। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार अवैध कॉलोनाइजेशन पाये जाने पर कालोनाईजर अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जाँच के उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
आशा सहयोगी के चयन में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( *क्र. 1310 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में विगत सत्र में आशा सहयोगी के चयन में कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य समिति से अनुमोदन के बाद प्रस्ताव राज्य स्वास्थ्य समिति को जाना चाहिये था परंतु क्या झूठी शिकायत प्राप्त कर इसे अनुमोदन उपरांत इस चयन प्रक्रिया पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने द्वितीय श्रेणी अधिकारी से जाँच कराने के आदेश जारी कर संबंधित उम्मीदवारों को गोपनीय तरीके से पृथक-पृथक नियुक्ति पत्र जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर के निर्णय पर जाँच बैठाकर अनुशासनहीनता व पद के दुरूपयोग के संबंध में उक्त संबंधित अधिकारी को कब तक दंडित किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। प्रावधान नहीं। आशा सहयोगी चयन मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ, आशा सहयोगी चयन प्रक्रिया के संबध में शिकायत प्राप्त होने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जाँच समिति गठित कर शिकायत की जाँच कराई गई जिसके द्वारा चयन प्रक्रिया संबंधी समस्त दस्तावेजों की जाँच उपरान्त विकासखण्डवार चयन सूची जारी की गई। जाँच समिति द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शा. जिला चिकित्सालय, उज्जैन में अस्थि रोग विभाग का पुन: संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 3657 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. जिला चिकित्सालय आगर रोड उज्जैन जो कि संभाग का सबसे बड़ा जिला चिकित्सालय है एवं सभी एक्सीडेंटल एवं इमरजेंसी पेशेन्ट ईलाज हेतु आते हैं, यहाँ वर्तमान में अस्थि रोग विभाग संचालित है या नहीं? (ख) कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला उज्जैन के आ.क्र./भवन/2018/2725, उज्जैन दि. 21.2.2018 द्वारा शा. माधवनगर चिकित्सालय उज्जैन में संचालित अस्थि रोग विभाग को फिर से जिला चिकित्सालय उज्जैन में पूर्ववत भवन में मय संबंधित स्टाफ व उपकरणों के साथ स्थानांतरित कर क्रियाशील करने हेतु आदेश के बाद भी अस्थि रोग विभाग अभी तक स्थानांतरित नहीं हुआ है, क्या कारण है? (ग) उपरोक्त आदेश के क्रम में कब तक शा. जिला चिकित्सालय उज्जैन में अस्थि रोग विभाग स्थानांतरित करने की कार्यवाही की जायेगी जिससे कि एक्सीडेंटल एवं हड्डीरोग मरीजों को सुविधा मिल सके?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शा. जिला चिकित्सालय, उज्जैन में अस्थि रोग विभाग की ओ.पी.डी. संचालित है। अस्थि रोग विभाग की आई.पी.डी. एवं ऑपरेशन की सुविधा ट्रामा सेंटर, माधव नगर चिकित्सालय में प्रदाय की जा रही है। (ख) अस्थि रोग विभाग को पुन: जिला चिकित्सालय में स्थानांतरित करने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) समय-सीमा बताना संभव नहीं है वर्तमान में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई.ओ.डब्ल्यू. की एफ.आई.आर. क्रमांक 61/2012 पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
16. ( *क्र. 3778 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई.ओ.डब्ल्यू्. भोपाल की एफ.आई.आर. क्रमांक 61/2012 के संबंध में जिस अपर संचालक ने अपने पत्र दिनांक 02 फरवरी, 2019 द्वारा खुद का नाम आरोपी के रूप से हटाने हेतु पत्र लिखा है, उस अपर संचालक का नाम, पदनाम, पदस्थापना बतावें। (ख) प्रकरण के विवेचना अधिकारी द्वारा अपर संचालक को आरोपी बनाने हेतु दिये प्रतिवेदन पर ई.ओ.डब्ल्यू. के विधि अधिकारी द्वारा दिये गये अभिमत का विवरण देवें। (ग) संदेही अपर संचालक के पत्र दिनांक 02 फरवरी, 2019 में किस जाँचकर्ता अधिकारी पर क्या आरोप लगाया गया है पत्र पर लिये गये निर्णय का विवरण देवें। (घ) किन आरोपियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति अप्राप्त है? संबंधित विभागों को लिखे गये स्मरण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) प्रकरण विवेचनाधीन है। गोपनीयता की दृष्टि से जानकारी दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। (घ) 1. श्री अनिल पोलघंटरवार 2. श्री भाउराव भलावी 3 श्री भवानी भीख 4. श्रीमती अनिता बाथम रायकवार 5. श्री श्याम बिहारी गुप्ता 6. श्री नन्दकिशोर 7. श्री ए. सुरेश 8. श्री राजश्री पिल्लई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( *क्र. 3610 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन द्वारा संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्लीमनाबाद नेशनल हाईवे 07 के किनारे जबलपुर कटनी मार्ग के मध्य में संचालित है जहाँ अक्सर हाईवे सड़क दुर्घटना होने पर घायलों को लाया जाता है? (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्लीमनाबाद में किस-किस वर्ग के कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पद अनुरूप कौन-कौन कब से पदस्थ है तथा कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? उन रिक्त पदों को किस प्रकार से कब तक भरा जावेगा? (ग) क्या शासन स्लीमनाबाद में जिसे अभी हाल ही में आस-पास के 81 ग्रामों को सम्मिलित कर पूर्णकालिक तहसील का दर्जा दिया गया है, में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं ?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण कर मापदण्डानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर योजना का क्रियान्वयन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
18. ( *क्र. 2547 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजना के माध्यम से नवीन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन हेतु निरंतर कार्य कर रहा है तथा केन्द्र द्वारा घोषित दिल्ली, मुंबई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर योजना पर भी कार्य योजना बना रहा है? (ख) यदि हाँ, तो दिल्ली, मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर योजना क्रियान्वयन हेतु अब तक क्या-क्या किया जा चुका है साथ ही जावरा शुगर मिल परिसर में गारमेंट पार्क के साथ ही एग्रीकल्चर बेस्ड उद्योग धंधे भी निवेश हेतु आमंत्रित किये जाएंगे। (ग) रतलाम, मंदसौर, नीमच जिला अंतर्गत औद्योगिक निवेश हेतु वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जिलेवार, वर्षवार औद्योगिक निवेश हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए, कितने स्वीकृत हुए, कितने प्रारंभ हुए, कितने अप्रारंभ हैं? (घ) जावरा शुगर मिल परिसर में गारमेंट पार्क स्थापना के साथ ही क्षेत्र कृषि उत्पाद बाहुल्य क्षेत्र एवं उद्यानिकी का भी बड़ा क्षेत्र होने से एवं मिल परिसर के पास ही रेल्वे स्टेशन होने, रेल्वे स्टेशन से मिल के भीतर तक रेल्वे लाइन का भी होना औद्योगिक निवेश को आमंत्रित किये जाने हेतु एक मॉडल है तो क्या शुगर मिल परिसर क्षेत्र को इन्वेस्टर समिट में सम्मिलित किया जा सकता?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा दिल्ली मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर योजना अंतर्गत विकास योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। (ख) दिल्ली, मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में विक्रम उद्योगपुरी योजना उज्जैन एवं पीथमपुर वॉटर सप्लाई योजना पीथमपुर जिला धार लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। विभाग द्वारा जावरा शुगर मिल परिसर में गारमेंट पार्क विकसित करने हेतु विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई गई है। उक्त रिपोर्ट अनुसार परियोजना की स्वीकृति का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) विभाग अंतर्गत निगम के क्षेत्रीय कार्यालय, इंदौर के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्र करमदी, जिला रतलाम एवं जग्गाखेड़ी जिला मंदसौर में कुल 121 आवेदन प्राप्त हुए, 120 आवेदकों को आशय पत्र जारी किये गये 1 आवेदक द्वारा आवेदन वापस लिया गया। उक्त में से 83 आवेदकों को भूमि आवंटित की गई, 37 आवेदकों द्वारा आशयपत्र की शर्तों की पूर्ति नहीं किये जाने से आशयपत्र निरस्त किये गये। 83 आवंटित उद्योगों में से 13 उद्योग प्रारंभ हुए एवं 70 उद्योग समय-सीमा में होकर अप्रारंभ हैं। वर्षवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नगत प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
टीकमगढ़ जिले में संचालित विपणन सहकारी संस्थाएं
[सहकारिता]
19. ( *क्र. 3884 ) श्री राकेश गिरि : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितनी विपणन सहकारी संस्थाएं हैं एवं वर्तमान में क्या कार्य कर रहीं हैं? (ख) टीकमगढ़ विपणन सहकारी समिति में कितने कर्मचारी हैं एवं कब से कार्यरत हैं? कर्मचारियों की नियुक्तियां किसके आदेश से की गईं? आदेश की प्रतिलिपियां उपलब्ध कराई जावें। (ग) टीकमगढ़ विपणन सहकारी समिति में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक खरीफ एवं रबी में कितना उपार्जन लिया गया? कृषक संख्यावार जानकारी उपलब्ध करायें। क्या खरीफ वर्ष 2017-18 में उड़द खरीद के दौरान संस्था कर्मचारियों द्वारा की गई अनियमितताओं में कलेक्टर द्वारा जाँच कराई गई थी? क्या जाँच सही पाई गई? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक टीकमगढ़ में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.के. रैकवार द्वारा अपने कार्यकाल में स्टेशनरी मुद्रित कराये जाने के संबंध में कितने आदेश जारी किये गए एवं कितनी स्टेशनरी कहाँ से मुद्रित कराई गई? क्या विधिवत टेण्डर निकाले गए या नहीं? तरल खाद का भुगतान किसके आदेशानुसार किया गया?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) 04 विपणन सहकारी संस्थाएं पंजीकृत हैं, वर्तमान में किये जा रहे कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) 05 कर्मचारी कार्यरत हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है, जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) स्टेशनरी मुद्रित कराये जाने के संबंध में जाँच कराई जा रही है, तरल खाद का भुगतान बैंक द्वारा नहीं किया गया।
गैर मंत्रालयीन शीघ्रलेखकों की पदोन्नति/वेतन विसंगति
[वित्त]
20. ( *क्र. 2774 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के अधीन 30 से 35 वर्ष पूर्व पदस्थ शीघ्रलेखकों की सेवा में भर्ती की योग्यताएं समस्त विभागों/मंत्रालय में समान थीं? (ख) यदि हाँ, तो इनके वेतनमानों में विसंगतियां क्यों उत्पन्न हुईं? जबकि प्रारंभ में योग्यता, उत्तरदायित्व व वेतन समान था। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की स्थिति सत्य होने पर क्या समानता के अधिकार की अवहेलना की जाकर कई विभागों में पदोन्नतियां प्राप्त हुई एवं काफी लम्बे समय से वेतन में विसंगतियां हुई? (घ) क्या शासन समानता के संवैधानिक अधिकार की रक्षा करते हुए समस्त शीघ्रलेखकों के भर्ती दिनांक के आधार पर उन्हें उसी दिनांक से वेतन/पदोन्नति देने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन की नीति से अवगत करायें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) संबंधित विभागों के सुसंगत भर्ती नियमों के अनुसार योग्यतायें निर्धारित रहती हैं। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय बड़वानी में नेत्र विभाग की ओ.टी. का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 3653 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. कब से बंद है और क्यों? (ख) ओ.टी. बंद होने के पूर्व यहां कितने ऑपरेशन होते थे? वर्षवार विगत 05 वर्षों की जानकारी देवें l (ग) विभाग के द्वारा आज तक ओ.टी. प्रारंभ नहीं कर पाने के क्या कारण हैं तथा क्या विभाग के द्वारा इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) विभाग के द्वारा ओ.टी. कब तक प्रारम्भ कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. वर्तमान में चालू है, दिसम्बर 2015 से अक्टूबर 2017 तक संक्रमण होने के कारण नेत्र विभाग की ओ.टी. बंद थी। (ख) जिला चिकित्सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. बंद होने के पूर्व विगत 5 वर्षों की ऑपरेशन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला चिकित्सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. वर्तमान में चालू है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला चिकित्सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. चालू है ।
पनागर में महिला चिकित्सालय की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( *क्र. 62 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिलाओं के लिये स्वास्थ्य सेवाओं की सुगमता हेतु महिला चिकित्सालय की स्थापना की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो महिला चिकित्सालय प्रारंभ करने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (ग) क्या वर्तमान में जबलपुर में एकमात्र शासकीय एल्गिन महिला चिकित्सालय है जो पनागर से 20 कि.मी. दूर है? (घ) क्या पनागर मुख्यालय में महिला चिकित्सालय प्रारंभ करने से आस-पास स्थित सैकड़ों ग्रामों की महिलाओं को प्रसूति एवं अन्य सहायता उपलब्ध होगी? यदि हाँ, तो क्या यह प्रस्ताव बनाया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में पनागर मुख्यालय पर स्वीकृत संस्थाओं द्वारा ग्रामीण महिलाओं को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशन प्रकरण एवं लंबित देयकों का भुगतान
[वित्त]
23. ( *क्र. 2061 ) श्री विष्णु खत्री : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवानिवृत्त कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने तथा अन्य लंबित देयकों के भुगतान के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं? उक्त निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में किन-किन के पेंशन प्रकरण तथा अन्य लंबित देयकों के भुगतान के प्रकरण किस कार्यालय में कब से क्यों लंबित हैं? इसके क्या-क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (घ) सेवानिवृत्ति के पूर्व प्रकरण तैयार करने के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं तथा उनका भोपाल संभाग के जिलों में अक्षरश: पालन क्यों नहीं हो रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) सेवानिवृत्त/मृत कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने तथा अन्य लंबित देयकों के भुगतान के संबंध में म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम, 47,57,58,64 एवं 74 में प्रावधान है। इस क्रम में जारी निर्देश दिनांक 08.11.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ख) भोपाल संभाग के जिलों में दिनांक 30.06.2019 की स्थिति में कुल 443 पेंशन प्रकरण विभिन्न कारणों से विभागों में लंबित हैं जिनका विभागवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" में दर्शाई स्थिति के आधार पर निराकरण हो सकेगा। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार।
सिंगरौली में केन्द्रीय जिला सहकारी बैंक की स्थापना
[सहकारिता]
24. ( *क्र. 2356 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली विगत 10 वर्षों से संचालित है, किन्तु केन्द्रीय जिला सहकारी बैंक सिंगरौली अभी तक पृथक नहीं बनाया गया है, जिससे किसानों को निजी कार्यों, सहकारिता से संबंधित कार्यों के लिए सीधी जाना पड़ता है, जबकि सिंगरौली जिले में कई शाखाएं हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस वर्ष जिला केन्द्रीय बैंक सिंगरौली को खोलने की पूर्ति की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, सिंगरौली जिले का गठन विगत 10 वर्ष पूर्व हुआ है तथा सिंगरौली जिले में पृथक से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक स्थापित नहीं है, परन्तु सिंगरौली जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, सीधी की 09 शाखाएं संचालित होने से किसानों को सहकारिता से संबंधित किसी भी कार्य के लिये सीधी नहीं जाना पड़ता है। (ख) जी नहीं।
सामु.स्वा. केन्द्र बण्डा/शाहगढ़ में चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( *क्र. 3796 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर अंतर्गत बण्डा विधानसभा के ब्लॉक बण्डा एवं शाहगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) उपरोक्त केन्द्रों में पदस्थ कितने डॉक्टर व अन्य स्टाफ अन्य कार्यालयों/विभाग में संलग्न हैं? नाम, पदनाम सहित सूची उपलब्ध कराई जावे। उन्हें कब तक मूल संस्था/केन्द्र में वापिस कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण संस्थाओं में शत-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञों के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण, पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। विभाग में कार्यरत स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों की पदस्थापना विशेषज्ञ के रिक्त पदों अनुसार की जाकर, स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें प्रदान किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं एन.एच.एम. के माध्यम से स्नातकोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) डॉ. अशोक राजदान, चि.अ. शाहगढ़ की ड्यूटी सा.स्वा.के. शाहपुर लगाई गई थी, सी.एम.एच.ओ. के आदेश दिनांक 10.07.2019 के द्वारा पुनः मूल पदस्थापना स्थल पर कार्य ग्रहण करने हेतु आदेशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जिला
अस्पतालों
में नि: शुल्क
दवा प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 279 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के जिला अस्पतालों में कितने प्रकार की दवाई नि:शुल्क दी जाती है? दवाई क्रय कहाँ से की जाती है, इस हेतु निविदा कब-कब निकाली गई? वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) क्या अन्य प्रदेश के ब्लैक लिस्ट ठेकेदारों से भी दवाई क्रय की जा रही है? (ग) परसवाड़ा विधानसभा में कितने केन्द्रों में एक्स-रे मशीन है कितनी चालू हैं, कितनी बंद हैं? (घ) बालाघाट जिले में स्वास्थ्य विभाग के किन किन कार्यों के लिये कितना-कितना बजट 2016 से अब तक प्राप्त हुआ है? तथा कितना व्यय किया गया?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला अस्पताल में 300 प्रकार की ई.डी.एल. एवं 200 प्रकार की नान ई.डी.एल. दवाईया निःशुल्क दी जाती है, औषधियों का क्रय म. प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन द्वारा की गई निविदा में निर्धारित दरों पर किया जाता है एवं 20 प्रतिशत औषधियां स्थानीय स्तर से क्रय किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) परसवाड़ा विधानसभा के अंतर्गत सामुदायिक स्वा. केन्द्र परसवाड़ा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लामटा में एक-एक एक्स-रे मशीन स्थापित है तथा चालू अवस्था में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र‘ ब’ अनुसार है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास केन्द्रों के कार्य
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
2. ( क्र. 465 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले मे तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के कितने संस्थान कहाँ-कहाँ है तथा 2015 से अब तक क्या-क्या कार्य, कितना-कितना बजट व्यय किया गया। (ख) परसवाड़ा विकासखण्ड में आई.टी. कब तक स्वीकृत करेगे? (ग) बालाघाट जिले मे कितने कौशल विकास केन्द्र की अनुमति प्राइवेट संस्था को दी गई है? (घ) 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने युवाओं को रोजगार दिया गया ?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) बालाघाट जिले में आई.टी.आई. बालाघाट, बैहर, किरनापुर, बिरसा, पालडोंगरी तथा कौशल विकास केन्द्र परसवाड़ा स्थित है। 02 फार्मेसी महाविद्यालय एवं 02 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विकासखण्ड परसवाड़ा में नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ करने की योजना नहीं है। (ग) बालाघाट जिले में किसी भी प्राइवेट संस्था को कौशल विकास केन्द्र की अनुमति नहीं दी गई है। (घ) वर्ष 2015 से अब तक 5547 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
वर्तमान में प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति
[वित्त]
3. ( क्र. 512 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की वर्तमान में वित्तीय स्थिति क्या है? सरकार वित्तीय स्थिति से निपटने हेतु क्या-क्या उपाय कर रही है? (ख) वर्ष 2003 से 2018 तक सरकार की वित्तीय स्थिति क्या रही है? (ग) वर्तमान सरकार द्वारा किन-किन स्थानों से कितना-कितना ऋण लिया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रदेश की वित्तीय स्थिति का ब्यौरा बजट अनुमान 2019-20 में उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान वित्तीय स्थिति के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा कुशल वित्तीय प्रबंधन से वित्तीय स्थिति को सुधारने का सतत् प्रयास किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2003 से 2018 तक सरकार की वित्तीय स्थिति प्रतिवर्ष बजट साहित्य के साथ प्रकाशित होने वाले वित्त सचिव के स्मृति पत्र में दर्शाई गई है, जो पुस्तकालय में दृष्टव्य हैं। (ग) राज्य शासन द्वारा आर. बी. आई. के माध्यम से बाजार ऋण के अतिरिक्त अन्य वित्तीय संस्थाओं जैसे नाबार्ड, ए. डी. बी. आदि, इसके अतिरिक्त लोकलेखे से भी समय-समय पर नियमानुसार ऋण प्राप्त किया जाता है, जिसके अंतिम आंकड़े नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा प्रतिवर्ष जारी वित्त लेखे में उपलब्ध कराये जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में पूर्ण किये जाने शेष हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
जाति प्रमाण पत्र के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
4. ( क्र. 660 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जाति प्रमाण पत्र बनाने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में जाति प्रमाण बनाने के किन-किनके आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? कब तक निराकरण होगा? (ख) 1 जनवरी 17 से जून 19 तक रायसेन जिले में धोबी, भिलाला, भील जातियों को किस वर्ग में मान्य कर उनके जाति प्रमाण पत्र बनाये गये है? (ग) 1 जनवरी 19 से जून 19 तक की अवधि में मान. मंत्री जी, आयुक्त भोपाल संभाग तथा कलेक्टर रायसेन को जाति प्रमाण पत्र के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को उक्त पत्रों के जबाब कब-कब दिये? यदि नहीं तो कारण बताये, कब तक जवाब देंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रायसेन जिले में दिनांक 15 जून 2019 की स्थिति में जाति प्रमाण पत्र संबंधी कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रायसेन जिले में 01 जनवरी 17 से जून 2019 तक धोबी जाति को अनुसूचित जाति वर्ग में तथा भिलाला, भील जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र बनाये जाते है। (ग) केवल कलेक्टर रायसेन को दो पत्र दिनांक 28.03.2019 को प्राप्त हुए। (घ) प्राप्त पत्रों पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को पत्र में उल्लेखानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही करने तथा कार्यवाही उपरांत मान. विधायक महोदय को भी अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।
अयोध्या उपनगर में अस्पतालों की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( क्र. 763 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में राज्य शासन द्वारा कितने-कितने अस्पताल संचालित किये जा रहे हैं? संचालित अस्पतालों का नाम, स्थान बिस्तरों की संख्या के साथ बताया जाए? (ख) क्या गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अयोध्या उपनगर में शासकीय अस्पताल खोलने की मांग स्थानीय रहवासियों के द्वारा की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थान पर अस्पताल की स्थापना के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 20.03.2019 को माननीय मुख्यमंत्री जी को लिखे पत्र पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थान पर अस्पताल की स्थापना कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भेल में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना हेतु भूमि का चयन किया गया है। राष्ट्रीय शहरी मिशन के द्वारा वर्ष 2019-20 की पी.आई.पी. में राशि रूपये 131.96 लाख स्वीकृत हुई है। भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश ‘‘ग‘‘ के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
सिविल अस्पताल सिहोरा में डॉक्टर क्वाटर बनाये जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 931 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल अस्पताल सिहोरा में डॉक्टर कालोनी बनाये जाने के संबंध में दीर्घ समय से मांग की जा रही है? डॉक्टर कालोनी बनाये जाने हेतु उपलब्ध स्वास्थ्य विभाग की भूमि का खसरा एवं रकबा उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जमीन में डॉक्टर कॉलोनी बनाये जाने की क्या कार्य योजना हैं? कितने क्वार्टर बनाया जाना प्रस्तावित हैं कब तक बना लिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला जबलपुर से कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) सिविल अस्पताल सिहोरा में 02 एफ 02 जी एवं 02 एच टाईप आवासगृहों के निर्माण कार्य हेतु निर्माण एजेन्सी मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम को नियुक्त किया है, भूमि की उपलब्धता के आधार पर आवासगृह निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा, संख्या एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जननी एक्सप्रेस योजना में अनियमितता की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 1195 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2017-18 से दिनांक 15.06.2019 तक जननी एक्सप्रेस योजनांतर्गत कौन-कौन से वाहन, किस-किस दिनांक से कितने-कितने किराये पर कार्यरत है वाहन मालिक का नाम, वाहन का मॉडल, वाहन का पंजीयन क्र. सहित विकास खण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या उपरोक्तानुसार जननी एक्सप्रेस योजनांतर्गत वाहन विभागीय कर्मचारी/अधिकारियों के परिवार/रिश्तेदारों के ही किराये पर लिए गए हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित जननी वाहनों की अधिकतर माईलोमीटर चैन बन्द करके वाहन मालिक को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से कार्य किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में जिले की जननी वाहन का किन-किन अधिकारियों के, द्वारा किन-किन दिनांकों को सत्यापन किया गया है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : जिला राजगढ़ अंतर्गत जननी एक्सप्रेस वाहनों का संचालन एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली अंतर्गत अनुबंधित संस्था जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड को प्रतिवाहन/प्रतिकिलोमीटर रूपये 17.78/- की दर से अनुबंध किया गया है। अनुबंधित संस्था द्वारा राजगढ़ जिले में अनुबंध कर लगाये गये जननी एक्सप्रेस वाहनों की प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी, नहीं। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला राजगढ़ में जननी एक्सप्रेस वाहन का सत्यापन सिविल सर्जन एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा जिला चिकित्सालय राजगढ़- 20.12.2017, खिलचीपुर-19.12.2017, जीरापुर-19.12.2017, सांरगपुर-20.12.2017, माचलपुर-19.12.2017 एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के द्वारा कुरावर-19.12.2017, ब्यावरा- 20.12.2017 को निरीक्षण किया गया है। जिला नोडल अधिकारी द्वारा दिनांक 15.02.2019 को निरीक्षण किया गया एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा अप्रैल एवं मई 2019 में लॉगबुक का सत्यापन किया गया।
अर्बन क्षेत्र में की गई नियुक्ति में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 1311 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर संभाग के स्वास्थ्य विभाग मे कोई भी शासकीय नियुक्ति, स्थाई एडहाक, संविदाकर्मी वाक-इन-इन्टरव्यू बगैर तथा प्रादेशिक समाचार पत्र मे विज्ञापित जारी किये बिना नियुक्ति की जा सकती है। (ख) यदि नहीं तो क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ग्वालियर द्वारा अर्बन स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियम विरूद्ध भ्रष्टाचार के चलते कितने चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है प्रादेशिक समाचार मे दी गई विज्ञप्ति की प्रति एवं कार्यालय द्वारा विज्ञापित संबंधी की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि इस तरह का कार्य किया गया है तो संबधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किये जाने का क्या प्रावधान है तथा क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक/एन.एच.एम/एच.आर./2018/12182 भोपाल दिनांक 22.12.2018 के द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में ग्वालियर संभाग के जिलों में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों/सिविल डिस्पेंसरी में चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किये जाने हेतु निर्देश दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में विधिवत आयुक्त, जनसंपर्क संचालनालय म.प्र. भोपाल को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/एन.एच.एम./2018/16388 ग्वालियर दिनांक 27.12.2018 को पंजीकृत डाक से विज्ञप्ति प्रकाशन हेतु भेजी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। जिसके फलस्वरूप समाचार पत्र पत्रिका दिनांक 07.01.2019 आचरण दिनांक 07.01.2019 एवं रोजगार एवं निर्माण दिनांक 07.01.2019 में विज्ञाप्ति प्रकाशित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार। विज्ञप्ति उपरांत प्रत्येक बुधवार को वॉक-इन के माध्यम से सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारियों के चयन हेतु समीति गठित की गई। समिति द्वारा वॉक इन के माध्यम से 18 चिकित्सकों का चयन किया गया। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एव ‘‘ख’’ परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मॉडल आई.टी.आई. के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
9. ( क्र. 1415 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सागर नगर स्थित आई.टी.आई. को मॉडल आई.टी.आई. के रूप में उन्नयन हेतु कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन से कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाना प्रस्तावित है? कौन-कौन से कार्य प्रारंभ कर लिये गये है? इस योजना की वर्तमान स्थिति क्या है तथा कब तक कार्य पूर्ण कर लिये जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा अनुमानित लागत राशि रूपये 406.60 करोड़ स्वीकृत की गई है। (ख) 10 आई.टी.आई. के उन्नयन की योजना है। जिसमें सिविल वर्क्स, उपकरण क्रय एवं प्रशिक्षण संचालन। प्रथमत: सिविल वर्क का कार्य प्रारंभ किया गया है। आई.टी.आई. सागर के भवन निर्माण के लिये राशि रूपये 20.76 करोड़ का कार्यादेश जारी किया गया है। निर्माण कार्य प्रारंभ है। परियोजना को पूर्ण करने की तिथि दिसंबर 2023 निर्धारित है।
आई.टी.पार्क के संबंध में
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
10. ( क्र. 1416 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 3296 दिनांक 06.03.2017 के उत्तरांश में बताया गया था कि आई.टी.पार्क की स्थापना हेतु विभाग को ग्राम सिदगुवॉ में 4 हेक्टेयर भूमि प्रदाय की गई है तथा प्रश्न क्र. 2724 दिनांक 14.03.2018 के उत्तरांश में बताया गया था कि, आई.टी.पार्क निर्माण हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है? तो क्या शासन द्वारा उपरोक्तानुसार स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है और कौन-कौन से कार्य कराये जाना सम्मिलित है तथा कब तक पूर्ण करा लिये जायेगें? (ख) यदि नहीं तो क्या शासन बुन्देलखण्ड क्षेत्र के संभागीय मुख्यालय सागर में शिक्षित युवा बेरोजगारों को आई.टी. पार्क का लाभ दिलाये जाने हेतु ठोस कदम उठाते हुये उक्त परियोजना पूर्ण करायेगा तथा कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सागर में आई.टी.पार्क निर्माण हेतु मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम द्वारा तैयार किये गये विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन को शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रदेश की सूचना प्रौद्योगिकी नीति में प्रदेश के किसी विशेष क्षेत्र के लिए प्रावधान न रखते हुए संपूर्ण प्रदेश के शिक्षित युवाओं के लिये प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अधिकतम अवसर निर्मित करने हेतु प्रावधान रखा जाता है। शासन की ''मध्यप्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएँ एवं इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण निवेश संवर्धन नीति, 2016'' में आई.टी. पार्क का लाभ दिलाये जाने हेतु विभिन्न छूट/सुविधाओं का प्रावधान रखा गया है।
कर्मचारियों के संयोजन समाप्त करने के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 1571 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला अंतर्गत कलेक्टर कार्यालय, कमिश्नर कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जिले की सभी जनपदों में एवं अन्य विभागों में कितने कर्मचारी किस-किस विभाग के संयोजित है? कर्मचारी का नाम, पद व विभाग एवं संयोजन कब से है कर्मचारी एवं पदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कर्मचारियों के संयोजन में शासन का प्रतिबंध होने के बाद भी संयोजन क्यों व किसके आदेश से किए गए? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कर्मचारियों के संयोजन से संबंधित विभाग का कार्य प्रभावित होता है तो कर्मचारियों का संयोजन कब तक समाप्त किया जावेगा।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कर्मचारियों का संयोजन प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से किया जाता है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं का समय पर ऑडिट नहीं करना
[सहकारिता]
12. ( क्र. 1597 ) श्री संजय शुक्ला : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभागांतर्गत विगत 05 वर्षों में कई सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा ऑडिट नहीं किये जाने कि शिकायते प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं द्वारा प्रश्न दिनांक तक ऑडिट नहीं कराया गया? क्या कारण है स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा संस्थाओं से ऑडिट कराये जाने का दायित्व सहकारिता विभाग के अधिकारियों का भी है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो सम्बंधित संस्थाओं से इन अधिकारियों द्वारा ऑडिट क्यों नहीं कराया गया? कारण स्पष्ट करें? इन अधिकारियों की क्या भूमिका है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ऑडिट समय पर कराने का दायित्व इन सहकारिता के अधिकारियों का भी है? यदि हाँ, तो क्या ऑडिट नहीं कराये जाने वाली संस्थाओं व संस्थाओं पर पदस्थ अधिकारियों पर शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) इंदौर संभागान्तर्गत विगत 05 वर्षों मे कई सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा ऑडिट नहीं किये जाने की शिकायतें संबंधित जिला कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है तथापि विगत 05 वर्षों मे ऑडिट नहीं कराने वाली साख संस्थाओं एवं गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सहकारी संस्थाओं के अंकेक्षण के दायित्व से संबंधित अधिनियम की धारा-58 का प्रावधान पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है रिकार्ड उपलब्ध नहीं होने से अंकेक्षण नहीं किया जा सका। अंकेक्षण न हो सकने के कारणों एवं की गई कार्यवाही का संस्थावार विवरण पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अधिकारियों की भूमिका अंकेक्षक की नियुक्ति करने, रिकार्ड उपलब्ध होने पर अंकेक्षण करने एवं रिकार्ड उपलब्ध न होने पर संबंधित संस्था पर कार्रवाई करने की होती है। (ग) सहकारी संस्थाओं द्वारा संबंधित वित्तीय वर्षों का रिकार्ड उपलब्ध कराने के उपरान्त अंकेक्षण का दायित्व विभागीय अधिकारियों का होता है तथा रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने वाली संबंधित सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में विनिर्दिष्ट प्रावधानों के अंतर्गत सक्षम स्तर से कार्यवाही की जाना होती है। कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 1615 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित है? सिविल अस्पताल एवं केन्द्रों में किस प्रकार की कौन-कौन सी सुविधाएं उपचार हेतु उपलब्ध है तथा वर्तमान समय में कौन-कौन सी सुविधाएं मरीजों को प्रदान की जा रही है? सिविल अस्पताल एवं केन्द्रवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिविल अस्पताल एवं केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन हेतु कौन-कौन से पद स्वीकृत है एवं इन स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पद भरे हुए होकर शेष पद कब से रिक्त है? केन्द्रवार पदनाम सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति कब तक व किस प्रकार से की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सिविल अस्पतालों में ओ.पी.डी., आई.पी.डी., ए.एन.सी. प्रसव, टीकाकरण, एन.आर.सी., एक्स-रे, पोस्टमार्टम, पैथालॉजी, ब्लड स्टोरेज यूनिट, आर.एन.टी.सी.पी., आर.व्ही.एस., कार्यक्रम के अंतर्गत उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र- में ओ.पी.डी., आई.पी.डी., ए.एन.सी. की जाँच, प्रसव, टीकाकरण, पोस्टमार्टम, एन.आर.सी., एक्स-रे, पोस्टमार्टम, आर.एन.टी.सी.पी., आर.बी.एस.के., (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के अंतर्गत उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण, ए.एन.सी. जाँच, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हितग्राहियों को आवश्यक सेवायें प्रदान की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
पूर्व प्रश्न की जानकारी प्रदाय बाबत्
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 1639 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न संख्या 74 (क्र. 552) दिनांक 20 फरवरी, 2019 के उत्तर की जानकारी एकत्रित कर ली गई है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करायें यदि नहीं तो कब तक उक्त जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में अभी तक जानकारी उपलब्ध न कराने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) परीक्षण कराकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
प्रदेश के रोजगार कार्यालय
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
15. ( क्र. 1892 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 की स्थिति में ग्वालियर जिले में स्थित रोजगार कार्यालयों में कितने बेरोजगार पंजीकृत है? (ख) पिछले गत 05 वर्षों में जिले के रोजगार कार्यालयों के माध्यम से कितने बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? वर्षवार, संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने या उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने की कोई नीति सरकार बना रही है? (घ) प्रदेश के प्रायवेट (निजी उद्योगों) में स्थानीय गरीब बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये सरकार ने कोई नीति बनाई है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) 1 जनवरी 2019 की स्थिति में ग्वालियर जिले के जिला रोजगार कार्यालय में 1,49,695 बेरोजगार पंजीकृत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी नहीं। (घ) सरकार द्वारा युवा स्वाभिमान योजना, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा आई.टी.आई. एवं पॉलीटेक्निक के माध्यम से कौशल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त जॉब फेयर योजना के तहत रोजगार मेलों का आयोजना किया जाता है जहां उन्हें निजी क्षेत्र द्वारा रोजगार के लिये चयनित किया जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी सेवानिवृत्ति को लाभ न दिये जाना
[सामान्य प्रशासन]
16. ( क्र. 1931 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल अपील नंबर 670/13 एसएलपी 1428/2009 स्टेट आफ झारखण्ड विरूद्ध जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के प्रकरण में यह निर्णय किया गया है कि सेवानिवृत्ति के पश्चात अधिकारियों कर्मचारियों का पेंशन तथा ग्रेच्युटी का भुगतान इस आधार पर नहीं रोका जा सकता है कि उनके विरूद्ध विभागीय जाँच अथवा न्यायालयीन प्रकरण लंबित है? (ख) क्या पुलिस विभाग के अपने पत्र दिनांक 13.11.18 से यह आदेश दिए गए है कि सेवानिवृत्ति के पश्चात न्यायालयीन प्रकरण अथवा विभागीय जाँच के आधार पर पेंशन तथा ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं रोका जावें? (ग) क्या पुलिस विभाग के द्वारा जारी उक्त पत्र नियमों के विरूद्ध है? यदि नहीं तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों को इस संबंध में परिपत्र क्यों नहीं जारी किया गया?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चयनित जन स्वास्थ्य रक्षकों के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 2087 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन स्वास्थ्य रक्षकों को स्वास्थ्य विभाग के साथ जोड़कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई है यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें यदि नहीं तो क्या इस भेदभाव पर शासन कोई नीति बनावेगा यदि हाँ, तो कब तक? (ख) शासन के वचनपत्र में वचन क्रमांक 19.11 के तहत जो नीति अपनाई जाना है उसमें जन स्वास्थ्य रक्षकों की सेवाएं लेकर नगरीय क्षेत्रों में मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्र में जन स्वास्थ्य रक्षकों के साथ जन स्वास्थ्य क्लिनिक को पुनः प्रभावी बनाया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2005 से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अस्तित्व में आने के पश्चात् आशा कार्यकर्ता के क्रियाशील होने से जन स्वास्थ्य रक्षक का कार्य समाप्त हो गया तथा प्रत्येक ग्राम में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) वर्तमान में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन नहीं है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और खाद्य कंपनियों के द्वारा किसानों के साथ धोखाधड़ी
[सहकारिता]
18. ( क्र. 2133 ) श्री महेश परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन सहकारिता मंत्री एवं राज्य मंत्री को पत्र क्रमांक/क्यू 897/अजिप/2016 दिनांक 21/09/2016 को किसानों के साथ बैंकों और खाद्य कंपनियों द्वारा की गयी धोखाधड़ी एवं नियम विरुद्ध वसूली के खिलाफ शिकायत की गयी थी। उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी एवं क्या परिणाम रहे? (ख) क्या वर्ष 2016 में सहकारी केंद्रीय बैंक की 172 सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा सिंगल सुपर फॉस्फेट की प्रत्येक 50 किलो की बोरी पर बाज़ार भाव की तुलना में 40 रूपये अधिक किसानों से वसूले गए? (ग) क्या बाज़ार मूल्य 260 रूपये के स्थान पर 300 रूपये में सुपर फॉस्फेट की बोरी किसानों को दी गयी? (घ) क्या विगत 7-8 वर्षों से किसानों के साथ उपरोक्तानुसार धोखाधड़ी की जा रही थी? यदि हाँ, तो तत्कालीन शासन ने जाँच की या नहीं? यदि जाँच हुई तो उसमें क्या पाया गया? (ङ) म.प्र. राज्य विपणन संघ भोपाल ने पत्र क्रमांक 965 दिनांक 24/11/2015 तथा शीर्ष सहकारी बैंक पत्र क्रमांक- MPHO 20/कृषि ऋण/2121/10 दिनांक 16 नवंबर के पत्र में सिंगल सुपर फास्फेट की दरों में भिन्नता पाया जाना स्वीकार किया था? स्वीकारोक्ति के कारण क्या थे? क्या ब्याज सहित किसानों से अधिक वसूली गयी राशि लौटाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र कार्यालय आयुक्त सहकारिता को प्राप्त न होने से इस कार्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई अपितु तत्संबंधी पत्र क्र. 895 दिनांक 21.09.2016 प्रशासक म.प्र. राज्य सहकारी बैंक को प्राप्त होने पर शीर्ष बैंक द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित उज्जैन को पत्र प्रेषित कर जानकारी प्राप्त की गई, खाद का विक्रय निर्धारित दरों पर किया जाना पाया गया। (ख) समितियों द्वारा शासन से निर्धारित दरों पर खाद विक्रय किया जाता है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) वर्ष खरीफ 2014 में कुछ प्रदायकों द्वारा कम दर पर सिंगल सुपर फास्फेट के विक्रय की शिकायत प्राप्त हुई। इस संबंध में राज्य शासन से जिला कलेक्टरों के माध्यम से परीक्षण कराया गया जिसमें कुछ प्रदायकों द्वारा कम दर पर सिंगल सुपर फास्फेट का प्रदाय निजी डीलरों को किये जाने की पुष्टि हुई थी, विपणन संघ द्वारा प्रदायकों से निष्पादित किये गये अनुबंध की कंडिका क्र. 10 (5) के प्रावधान अनुसार अन्तर की राशि की कटौती की गई। (ङ) खरीफ 2014 में राज्य शासन से जिला कलेक्टरों के माध्यम से परीक्षण कराने पर कुछ प्रदायकों द्वारा कम दर पर सिंगल सुपर फास्फेट का प्रदाय निजी डीलरों को किये जाने की पुष्टि हुई थी, विपणन संघ द्वारा प्रदायकों से निष्पादित किये गये अनुबंध की कंडिका क्र. 10 (5) के प्रावधान अनुसार अन्तर की राशि की कटौती की गई। संस्था स्तर पर कृषकों को विक्रय किये गये उर्वरक के ब्राण्ड की जानकारी संधारित नहीं किये जाने से कृषकों को भावांतर राशि का भुगतान किये जाने में अपरिहार्य कारणों से कठिनाई होने से उस कंपनी विशेष का स्कंध किन-किन किसानों द्वारा उठाया गया है यह जानकारी समिति स्तर पर संधारित किये जाने बाबत् अपेक्स बैंक को पत्र क्र. 965 दिनांक 24.11.2015 लिखा गया जिसे अपेक्स बैंक द्वारा पत्र क्र. एमपी (एचओ)/20/कृषि ऋण/2121, दिनांक 10/16.11.2015 से सभी संबंधितों को पृष्ठांकित किया गया। संस्था स्तर पर कृषकों को विक्रय किये गये उर्वरक के ब्राण्ड की जानकारी संधारित न होने से कृषकों को भावांतर की राशि का भुगतान किये जाने में अपरिहार्य कारणों से कठिनाई होने से काटी गई राशि का उपयोग कृषकों के व्यापक हित में किये जाने हेतु शासन के निर्देश के तारतम्य में उर्वरक विकास कोष में जमा किया जाना है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी अस्पताल एवं जाँच केन्द्रों की शिकायतें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( क्र. 2280 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत निजी अस्पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) स्थापित करने के मापदण्ड क्या है? (ख) अशोकनगर जिले में कितने निजी अस्पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) संचालित है? क्या पैथोलॉजी संचालन कर्ता द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन किया जाता है। क्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी अस्पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) की जाँच की जाती है। (ग) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में अशोकनगर जिले में निजी अस्पताल एवं जाँच केन्द्र (पैथोलॉजी) के विरूद्ध कितने शिकायती आवेदन प्राप्त हुये हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? अगर नहीं की गई तो क्यों? (घ) क्या संबंधित संस्थाओं/ट्रस्टों द्वारा आवंटन की शर्तों का पालन किया जा रहा है यदि नहीं तो उन पर क्या कार्यवाही हुई।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग अंतर्गत निजी अस्पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) स्थापित करने हेतु मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 अंतर्गत आनलाईन प्रक्रिया अंतर्गत पंजीयन तथा रजिस्ट्रेशन किया जाता है। (ख) अशोकनगर जिले में निजी अस्पताल 08 एवं 05 जाँच केन्द्र (पैथोलॉजी) संचालित है। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
न्यायालय भवन हेतु
[विधि और विधायी कार्य]
20. ( क्र. 2357 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सत्र न्यायालय सिंगरौली लगभग 10 वर्षों से पुराने भवन में चल रहा है, क्या न्यायालय हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है तथा इसके निर्माण हेतु P.I.P.W.D. द्वारा लगभग 25 करोड़ रूपये का प्रस्ताव दिया जा चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इसी बजट में स्वीकृति प्रदान करेंगे? यदि नहीं तो क्यों?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) सिंगरौली में 18 न्यायालय कक्षों वाले नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु रूपये 24.27 करोड़ की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
चिकित्सालयों में पद पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( क्र. 2432 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सामुदायिक स्वा.केन्द्र कुण्डम एवं प्राथमिक स्वा.केन्द्र मझगवां में चिकित्सक/अन्य स्टॉफ के कितने-कितने पद स्वीकृत किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश क सूची अनुसार कितने पद भरे हुये हैं, कितने रिक्त हैं? और कब से? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी ।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। प्रदेश में विशेषज्ञों के 3620 पदों के विरूद्ध मात्र 957 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं उक्त कारण से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुण्डम में विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। विभाग निरंतर रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रयासरत है हाल ही में बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना के संदर्भ में दिनांक 20, 21 एवं 22 जून 2019 को बंधपत्र चिकित्सकों की काउंसलिंग में प्रा. स्वा. के. मझगवां हेतु चिकित्सकों के 02 पद हेतु रिक्तियां प्रदर्शित की गई थी परंतु किसी भी चिकित्सक द्वारा पदस्थापना स्थल का चयन नहीं किया गया। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के पदों की पूर्ति भी निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय पन्ना की व्यवस्था एवं चिकित्सकों की पद पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( क्र. 2441 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय पन्ना को 200 बिस्तर की जगह 300 बिस्तर के उन्नयन किये जाने एवं ट्रामा सेन्टर की स्थापना के लिये तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार आदेश पारित हुए है? यदि हाँ, तो इस पर कार्यवाही कब से की जावेगी और कब तक पूर्ण होगी? (ख) जिला चिकित्सालय पन्ना में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत है स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्सक पदस्थ हैं? चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति शासन कब तक करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल पन्ना की शासन स्वीकृति दिनांक 03.01.2019 एवं ट्रामा सेन्टर की स्थापना की शासन स्वीकृति दिनांक 07.02.2018 को जारी की जा चुकी है। ट्रामा सेन्टर के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिला चिकित्सालय पन्ना का 100 बिस्तर के उन्नयन का साईट प्लान की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जिला चिकित्सालय पन्ना में चिकित्सा विशेषज्ञ के 40 पद स्वीकृत, 30 पद कार्यरत एवं 37 पद रिक्त है। चिकित्सा अधिकारी के 28 पद स्वीकृत, 14 पद कार्यरत एवं 14 पद रिक्त है। चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
बैतूल जिला चिकित्सालय में संचालित ट्रामा सेंटर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( क्र. 2446 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय, बैतूल में ट्रामा सेंटर कब से संचालित है? इस हेतु स्वीकृत मानव संसाधन, भवन एवं अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी दें, स्वीकृत अमले के विरूद्ध पदस्थ अमले की भी जानकारी दें। (ख) जिले में ट्रामा सेंटर के संचालन के बाद प्रश्न दिनांक तक कितने दुर्घटना में घायल मरीजों को अन्य जगह रैफर किया गया है? (ग) ट्रामा सेंटर हेतु आवश्यक सर्जन, चिकित्सकीय, पेरामेडिकल स्टाफ एवं मशीनरी आदि की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्सालय, बैतूल में ट्रामा सेंटर नवम्बर 2016 से उपलब्ध संसाधन से संचालित है। स्वीकृत मानव संसाधन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भवन निर्माण पूर्ण है एवं शासन के आदेश क्रमांक/अ.प्रशा./सेल-3/2018/2017/39 दिनांक 10/01/2017 के द्वारा उपकरण तथा फर्नीचर क्रय करने हेतु आवश्यक बजट उपलब्ध कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैतूल ट्रामा सेंटर के संचालन के बाद प्रश्न दिनांक तक 536 मरीजों को अन्य जगह रैफर किया गया। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। यथा संभव शीघ्र।
जिला चिकित्सालय में सर्जन की अनुपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 2447 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय बैतूल में सर्जन नहीं होने के कारण हार्निया, अपेंडिक्स, बच्चेदानी के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इन ऑपरेशन हेतु प्रतीक्षा सूची कितनी है तथा कितने मरीजों को इस प्रकार के ऑपरेशन के लिये अन्यत्र रेफर किया गया है? (ख) क्या जिला चिकित्सालय बैतूल में पूर्व में निजी क्षेत्र के सर्जनों के सहयोग से पी.पी.पी.मोड में हार्निया, अपेंडिक्स, बच्चेदानी के ऑपरेशन कराए गए हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या मरीजों की लंबी प्रतीक्षा सूची के निपटान हेतु क्या पुनः पी.पी.पी.मोड में ऑपरेशन कराये जाने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक उक्त प्रस्ताव पर कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं तो ऑपरेशन समय पर किये जाने एवं लंबी प्रतीक्षा सूची के निपटान हेतु क्या वैकल्पिक व्यवस्था अपनाई जाएगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। चूंकि विशेषज्ञ/सर्जरी योग्यता के चिकित्सक उपलब्ध नहीं है प्रतीक्षा सूची निरंक है एवं अन्यत्र रेफर किए गए मरीजों की संख्या 224 है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, विभागीय उम्मीदवार के रूप में एम.एस.सर्जरी अध्ययन किए चिकित्सक की शीघ्र ही पदस्थापना जिला चिकित्सालय बैतूल की जा रही है। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कम्युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलीटेक्निक योजना मे कार्यरत कर्मचारियों को देय मानदेय
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
25. ( क्र. 2470 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में वर्ष 2012 से कम्युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलीटेक्निक योजना शासकीय पॉलीटेक्निक कालेज बालाघाट में प्रारंभ की गई थी, यदि हाँ, तो कार्य पर रखे गये 10 कर्मचारियों का 20 माह का मानदेय आज तक पूर्ण रूप से भुगतान कर दिया गया? (ख) यदि नहीं तो इनका मानदेय किस कारण से आज दिनांक तक नहीं किया गया? कब तक पूर्ण भुगतान किया जावेगा? (ग) मानव संसाधन विकास विभाग भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा (1) FTS No 31182/2005 and F.N. 21-7/2005-TV IV date- 08-06-2015 के अनुसार ८ लाख रू एवं (2) FTS No 9712/2015 and F.N. 21-7/2014-TV IV date- 16-02-2015 के अनुसार 26 लाख रूपये म.प्र. शासन को प्रदाय किया गया था, जिसमें से राशि 5.10 लाख रू. की राशि आज दिनांक तक उक्त कालेज को योजना के संचालन के लिए क्यों नहीं प्रदाय की गई, कब तक शासन के द्वारा कालेज को प्रदाय की जावेगी? (घ) क्या ये समस्त 10 कर्मचारी आज भी योजनांतर्गत कार्यरत है, यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) संस्था में योजनांतर्गत राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया। बजट प्रावधान होने पर ही संस्था द्वारा मानदेय भुगतान किया जा सकेगा। (ग) बजट में प्रावधान नहीं होने के कारण राशि रूपये 5.10 लाख, कॉलेज को योजनांतर्गत प्रदाय नहीं की गई। बजट में उक्त राशि का प्रावधान किया गया है। स्वीकृति उपरान्त राशि कॉलेज को उपलब्ध करायी जायेगी। (घ) जी नहीं। वर्तमान में योजना बंद होने के कारण।
सामु.स्वा.केन्द्र मऊगंज अंतर्गत देवतालाब ढेरा में संचालित अवैध दवा दुकानों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 2529 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊगंज अंतर्गत ग्राम ढेरा एवं देवतालाब में कुल कितनी दवा की दुकानें संचालित है और ये दुकानें कब से संचालित है तथा इनका नवीनीकरण कब कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित दवा दुकानों की जाँच विगत 3 वर्षों में कब-कब, किस अधिकारी द्वारा की गयी? अधिकारी का नाम पद एवं जाँच प्रतिवेदनों की प्रति देवें। (ग) क्या दुकानों में अवैध रूप से बिक्री किये जा रहे दवाईयों एवं नशीली सीरपों एवं गोलियों की जाँच जिले के राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों से कराया जाकर अवैध बिक्री पर रोक लगाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो जाँच कब-तक शुरू की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रा.स्वा.केन्द्रों में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
27. ( क्र. 2530 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज जिला रीवा में चिकित्सकों, विशेषज्ञों के कुल कितने पद है? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सकों की वर्तमान में पदस्थापना है? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज जिला रीवा अंतर्गत प्रा.स्वा. केन्द्र देवतालाब, मलैगवां (डिघवार) एवं ढेरा में चिकित्सकों के कितने पद है तथा वर्तमान में कितनी पदस्थापना है? प्राथ.स्वा. केन्द्रवार चिकित्सकों का नाम बताएं? (ग) क्या सी.एम.एच.ओ. रीवा द्वारा मनमानी तरीके से उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत चिकित्सकों की कार्यानुमति का बहाना बनाकर सामु.स्वा. केन्द्र मऊगंज में पदस्थ किया गया है और उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को चिकित्सक विहीन कर दिया गया है जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज से वापस कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या सी.एम.एच.ओ. को मनमानी पदस्थापना परिवर्तन करने से प्रतिबंधित किया जायेगा
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विशेषज्ञों के 13 पद स्वीकृत होकर रिक्त हैं। चिकित्सा अधिकारी के 7 पद स्वीकृत होकर 3 चिकित्सक एवं 01 आयुष चिकित्सक कार्यरत हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज में कार्य संचालन हेतु पर्याप्त चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने एवं मऊगंज के प्रभारी बी.एम.ओ. को संभागायुक्त रीवा संभाग द्वारा दिनांक 10.5.2019 को आकस्मिक निरीक्षण उपरांत निलंबित किए जाने के कारण स्थानीय स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा चिकित्सकों की ड्युटी मऊगंज लगाई गई थी। इसी प्रकार प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी मऊगंज द्वारा दिनांक 4.6.2019 से रोस्टर अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों की ड्युटी मऊगंज लगाई गई एवं दिनांक 28.6.2019 के द्वारा उक्त आदेश निरस्त किए गए। वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों में से कोई चिकित्सक मऊगंज में कार्यरत नहीं है एवं समस्त चिकित्सक मूल पदस्थापना स्थल पर सेवायें प्रदान कर रहे हैं। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कौशल उन्नयन एवं रोजगार कार्यक्रम का क्रियान्वयन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
28. ( क्र. 2548 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से कौशल विकास उन्नयन एवं रोजगार हेतु रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिला अन्तर्गत विभिन्न केन्द्रों के माध्यम से लगातार अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 की अवधि तक उपरोक्त उल्लेखित तीनों जिलों में इस हेतु किन-किन केन्द्रों पर किस-किस माध्यम से कितने आवेदन रोजगार एवं कौशल विकास हेतु प्राप्त हुये? (ग) तीनों जिलों के अन्तर्गत किन-किन केन्द्रों पर अथवा किन-किन कार्यालयों के माध्यम से प्राप्त आवेदनों पर क्या प्रशिक्षण शिविर किये गये, सम्मेलन हुये अथवा अन्य किस प्रकार प्रोत्साहित किया गया? (घ) उपरोक्त वर्षों में शासन/विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार किये जाने वाले कार्यों हेतु वर्षवार कितनी बजट राशि स्वीकृत की जाकर उसके माध्यम से किन-किन कार्यों पर क्या-क्या व्यय हुआ? रोजगार हेतु प्राप्त आवेदनों से कितने नवीन रोजगार प्रारंभ हुये? स्वीकृत ऋण प्रकरणों एवं सीधे दिये रोजगार अवसरों की वर्षवार, कार्यवार, नामवार स्पष्ट जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।
प्रदेश शासन की कृषि ऋण माफी योजना
[सहकारिता]
29. ( क्र. 2589 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की घोषणा अनुसार 15 जून 2019 की स्थिति में धार जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के समस्त कृषक सदस्यों का दो लाख रूपये तक का कृषि ऋण माफ किया जाकर ऋण की राशि संबंधित कृषको के खाते में समायोजित की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले में प्राथमिक सहकारी समितिवार क्रमशः पचास हजार रूपये से कम ऋण राशि वाले कृषकों की कुल संख्या एवं कुल ऋण राशि, पचास हजार से एक लाख रूपये तक ऋण राशि वाले कृषकों की कुल संख्या एवं कुल ऋण राशि तथा एक लाख से दो लाख रूपये तक ऋण राशि वाले कृषकों की कुल संख्या एवं कुल ऋण राशि जो संबंधित कृषकों के खाते में जमा कर दी गई है, बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं तो धार जिले में ऋण माफी से शेष रहे कृषकों का प्राथमिक सहकारी समितिवार व श्रेणीवार (ऋण राशि पचास हजार रूपये से कम, ऋण राशि पचास हजार से एक लाख रूपये तक, ऋण राशि एक लाख से दो लाख रूपये तक) कृषकों की कुल संख्या व कुल शेष ऋण की राशि सहित पृथक-पृथक बतावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं, रूपये 50 हजार तक के पीए ऋण तथा रूपये 2 लाख तक के एनपीए ऋण माफ किये जाकर ऋण की राशि संबंधित कृषकों के खाते में समायोजित की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कृषकों को प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से खाद की आपूर्ति विषयक
[सहकारिता]
30. ( क्र. 2590 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ फसल हेतु कृषकों को खाद का वितरण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो, क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उन समस्त कृषकों को भी पूर्वानुसार उधार में खाद दिया जा रहा है जिनका दो लाख रूपये तक का कृषि ऋण दिनांक 15 जून 2019 तक की स्थिति में बकाया है? (ग) यदि हाँ, तो धार जिले की तोरनोद, तिरला, नौगांव, घाटाबिल्लोद तथा सागौर प्राथमिक सहकारी समिति में उन ऋणि कृषकों की संख्या तथा उपलब्ध करवाये गये समस्त प्रकार के खाद की मात्रा प्रदान करें। (घ) क्या प्राथमिक सहकारी समितियों के प्रबंधकों को दिनांक 15 जून 2019 की स्थिति में ऋणि कृषकों को उधार खाद प्रदान किये जाने हेतु कोई शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ है तथा उनके द्वारा कृषकों को चालू खरीफ फसल के लिये नगद भुगतान पर खाद दिया जा रहा है? (ङ) क्या शासन द्वारा 1 जून 2019 की स्थिति तक ऋणी कृषकों को पूर्वानुसार उधार खाद वितरण करवायेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जिन किसानों पर 15 जून, 2019 की स्थिति पर बकाया ऋण है, उन किसानों द्वारा ऋण जमा करने पर उन्हें भी फसल ऋण एवं खाद प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सहकारिता विभाग के ज्ञाप दिनांक 05.06.2019 के द्वारा ऐसे समस्त किसानों को फसल ऋण एवं खाद, बीज पूर्व वर्षों की भांति प्रक्रिया अनुसार प्रदाय किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार फसल ऋण एवं खाद प्रदाय किया जा रहा है। (ङ) उत्तरांश ‘घ’ अनुसार किया जा रहा है।
जनसंख्या नियंत्रित करने हेतु उपाय व उनका असर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 2617 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विगत दस वर्षों से प्रदेश की जनसंख्या को नियंत्रित करने के दृष्टि से कौन-कौन से उपाय या निर्देश जारी किये गये है ? (ख) जनसंख्या नियंत्रण परिवार नियोजन को बढ़ाने शासकीय कर्मचारियों एवं आम नागरिकों को कौन-कौन सी सुविधाएं शासन द्वारा कब-कब प्रारंभ की गयी एवं विगत वर्षों में प्रारंभ की गयी उक्त सुविधाओं में से कौन-कौन सी सुविधाएं बंद कर दी गयी? (ग) क्या शासन द्वारा जनसंख्या नियंत्रित करने के उपायों का असर 2001 एवं 2011 की जनगणना में निकला? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या शासन जनसंख्या नियंत्रण हेतु कठोर प्रावधान लागू करेगा? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दिनांक 29.01.1979 से दो जीवित बच्चों के बाद नसबंदी आपॅरेशन कराने पर दो अग्रिम वेतन वृद्धियां तथा तीन जीवित बच्चों के बाद एक वेतन वृद्धि का प्रावधान था। जिसे दिनांक 07.08.2001 से एक जीवित बच्चे के बाद नसबंदी ऑपरेशन कराने पर दो अग्रिम वेतन वृद्धियां तथा दो जीवित बच्चों के बाद एक वेतन वृद्धि प्रदाय किये जाने का प्रावधान किया है। दिनांक 09.02.2017 से दो बच्चों पर नसबंदी ऑपरेशन कराने पर वेतन वृद्धि की सुविधा बंद कर दी गई है एवं एक बच्चे पर नसबंदी ऑपरेशन कराने पर दो वेतन वृद्धि प्रदाय की जाती है। आम नागरिकों को दो बच्चों पर नसबंदी ऑपरेशन कराने पर ग्रीन कार्ड की सुविधा प्रदाय की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रकृति पूर्णतः स्वैच्छिक है, जिसमें कोई भी नागरिक बिना किसी दबाव के, अपनी इच्छा अनुसार परिवार नियोजन के साधन अपनाने हेतु स्वतंत्र है।
फर्जी ऋण एवं घोटाले के संबंध में
[सहकारिता]
32. ( क्र. 2636 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत समय रायसेन जिले की तहसील बेगमगंज की सोसायटी, मरखेड़ाटप्पा, वसिया तथा भुरेक में फर्जी ऋण एवं घोटाले की किस-किस अधिकारी ने किन-किन बिन्दुओं की जाँच की, जाँच के क्या निष्कर्ष रहें। (ख) किन-किन किसानों के नाम फर्जी ऋण प्रकरण बनाकर किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों ने कितनी राशि आहरित की। (ग) वर्तमान में उक्त प्रकरण किस स्तर पर कब से लंबित है कब तक निराकरण होगा। (घ) प्रश्नांश (ख) के किसानों को नवीन ऋण एवं सोसायटी को पुनर्जीवित करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित बसिया, भुरेरू तथा मरखेड़ा टप्पा में ऋण वितरण में हुई अनियमितता की जाँच तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जिला रायसेन श्री यतीश त्रिपाठी तथा तत्कालीन महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन श्री पी.एन. धनवाल द्वारा की गई थी। जाँच के बिन्दु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जाँच में तीनों समितियों के 536 सदस्यों को वितरित ऋण राशि रू. 7,23,65,759/- को संदिग्ध माना गया है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार तीनों समितियों के 536 किसानों की राशि रू. 7,23,65,759/- आहरित की गई। आहरण करने वाले 08 अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार तथा कृषक सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जिला रायसेन द्वारा दिनांक 31.12.2018 को आदेश पारित कर समस्त आरोपियों को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया गया है। उक्त निर्णय के विरूद्ध अपील किये जाने हेतु उप संचालक लोक अभियोजन जिला रायसेन से वस्तु स्थिति कलेक्टर जिला रायसेन द्वारा चाही गई है। (घ) प्रश्नांश (ख) की तीनों समितियों में उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नागत राशि के दायित्व का निर्धारण कर, उसकी वसूली की कार्यवाही करने के निर्देश उपायुक्त सहकारिता जिला रायसेन को दिये गये है, जिससे प्रश्नगत राशि कृषक से वसूल की जानी है या संबंधित संस्था के उत्तरदायी कर्मचारियों से, इसका निर्धारण कर राशि की वसूली की जावेगी। इन सोसायटी को पुनर्जीवित करने के संबंध में बैंक को उनके सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से योजना लागू करने के निर्देश भी दिये गये है। प्रश्नगत राशि की वसूली होने का उत्तरदायित्व निर्धारित होने के उपरांत कृषकों को ऋण दिया जा सकेगा, शेष पात्र कृषकों को ऋण वितरण का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सचिवालय में संविदा आधार पर नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 2648 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 जनवरी से वर्ष 2018 अक्टूबर तक मुख्यमंत्री सचिवालय में मुख्यमंत्री के निजी स्टॉफ में संविदा आधार पर अधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो उन अधिकारी कर्मचारियों के नाम एवं पद की जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि इनमें से कोई अधिकारी एवं कर्मचारी की नियुक्ति शासकीय सेवा से सेवानिवृत्ति होने के बाद की गई हो तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या संविदा आधार पर प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया था यदि हाँ, तो उनका नाम, नियुक्ति किसने की? नियुक्ति की कौनसी प्रक्रिया अपनाई गई। क्या नियुक्ति के लिये विज्ञापन निकाला गया था?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। श्री एस. के. मिश्रा को प्रमुख सचिव के पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात् नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-7 (94)/2017/1-7/स्था-3, दिनांक 03.10.2017 से की गई है। मध्यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम, 2017 में किए गए प्रावधानानुसार नियुक्ति की गई। जी नहीं।
चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ की पद स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
34. ( क्र. 2651 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अन्तर्गत कितने जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? प्रत्येक अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने चिकित्सक/पैरा मेडिकल स्टॉफ एवं कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्सक/कर्मचारी पदस्थ हैं? कितने पद रिक्त हैं? अस्पतालवार, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रिक्त पदों के विरूद्ध चिकित्सक/पैरा मेडिकल स्टॉफ एवं अन्य पदों पर कर्मचारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन द्वारा कितने अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र व उप स्थास्थ्य केन्द्र के लिये भवन स्वीकृत हैं? कितने भवन बनकर तैयार हैं व कितने निर्माणाधीन हैं? निर्माणाधीन भवन को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या निर्मित उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पेयजल विद्युतीकरण की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है? उन्हें कब तक पूर्ण कराया जायेगा? निर्मित भवनों में विद्युत/पानी की व्यवस्था पूर्ण कर स्वास्थ्य केन्द्रों को कब संचालित कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सीधी जिले के अंतर्गत 01 जिला चिकित्सालय, 06 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 189 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। सिंगरौली जिले के अंतर्गत 01 जिला चिकित्सालय, 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 227 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 1. चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एनएचएम के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से की जा रही है। 2. बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। 3. चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। 4. इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जिला चिकित्सालय सीधी का 100 बिस्तरीय एम.सी.एच. भवन एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बहरी, पाड़ तथा 33 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण कार्य स्वीकृत है। उक्त संस्थाओं में से जिला चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बहरी, उप स्वास्थ्य केन्द्र बडोखर का भवन निर्माणाधीन है। शेष स्वीकृत संस्थाओं के भवन पूर्व से ही निर्मित है। जिला चिकित्सालय, ट्रामा सेन्टर सिंगरौली, 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु भवन निर्माण कार्य स्वीकृत है। 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बन चुके है। 01 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का कार्य निर्माणाधीन है। शेष संस्थाओं में पूर्व से भवन निर्मित है। (घ) विद्युतीकरण एवं पानी की व्यवस्था निविदा शर्त में शामिल है। भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात की जावेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसा
[सहकारिता]
35. ( क्र. 2725 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वैद्यनाथन कमेटी के द्वारा अंशपूंजी के बारे में क्या अनुशंसा की गयी थी (ख) क्या सरकार सहकारी संस्थाओं में अंशपूंजी लगाकर वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसाओं को खत्म करना चाह रही है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसाओं के अन्तर्गत पुनरुद्धार पैकेज के पैरा 4.7 में प्रदेश की त्रिस्तरीय साख संरचना में राज्य सरकार की अंशपूंजी को 25 प्रतिशत तक सीमित रखने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं।
सह. संस्थाओं द्वारा गेहूँ, चना, मसूर, सरसों, उड़द की खरीदी
[सहकारिता]
36. ( क्र. 2770 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरौनिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्ष 2012-13 से 31.5.2019 तक किन-किन सहकारी संस्थाओं द्वारा कितना-कितना गेहूँ, चना, मसूर, सरसों, उड़द आदि की खरीदी किसानों से की गई? फसल एवं संस्थावार अलग-अलग विवरण दें। (ख) वर्ष 2012-13 से 31.5.2019 तक किन-किन संस्थाओं द्वारा फसल एवं संस्थावार खरीद स्कंद नागरिक आपूर्ति निगम में जमा कराया गया और कितनी राशि खरीद के ऐवज में संस्थाओं को प्राप्त हुई तथा खरीदा गया स्कंद से कितना माल वेयर हाऊस में जमा नहीं कराया गया? संस्थावार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या उपरोक्तानुसार संस्थाओं द्वारा खरीदे गये अनाज का भुगतान किसानों को कर दिया गया? यदि नहीं किया गया तो क्यों और संबंधितों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? किसान एवं संस्थावार राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या संस्था खरीद प्रभारियों द्वारा कम जमा किये गये फसलों के विरूद्ध अंतर की राशि वसूली की गई? यदि हाँ, तो राशि, संस्था एवं कर्मचारीवार जानकारी दें और यदि नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्ष 2012-13 से 2018-19 तक गेहूं उपार्जन का पूर्ण भुगतान हो चुका है, वर्ष 2019-20 में गेहूं का भुगतान जस्ट इन टाईम के माध्यम से किया गया है, 03 ईपीओ फेल हो जाने से उसका निराकरण कराया जा रहा है, वर्ष 2018-19 में उड़द, मूंग, मूंगफली में कृषकों का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है, वर्ष 2018-19 में चना, मसूर एवं सरसों में कृषकों को ऑनलाईन पत्रक अनुसार कुल खरीदी राशि रू. 515.58 लाख के विरूद्ध कृषकों को राशि रू. 445.42 लाख का भुगतान हो चुका है, 110 कृषकों को राशि रू. 109.46 लाख का भुगतान शेष है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, संस्था के स्तर पर आई घटती एवं खरीद के संबंध में जाँच कराई जा रही है, कृषकों को भुगतान हेतु कमीशन एवं अन्य व्यय की राशि रू. 94.26 लाख की क्षतिपूर्ति का प्रस्ताव म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ को प्रेषित किया गया है, राशि प्राप्त होने पर कृषकों को भुगतान किया जावेगा, शेष राशि के लिये जाँच निष्कर्षों के आधार पर वसूली की कार्रवाई की जाकर कृषकों को राशि भुगतान की कार्रवाई की जावेगी। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
संचालक मण्डल द्वारा नियुक्तियां
[सहकारिता]
37. ( क्र. 2771 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरौनिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पैक्स संस्थाओं के संचालक मण्डल को कर्मचारी भर्ती करने के अधिकार कब समाप्त कर दिये गये थे? (ख) दतिया जिले की विभिन्न पैक्स समितियों में वर्ष 2012 से किन-किन संस्थाओं में संचालक मण्डल/प्रशासक द्वारा कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई है। संख्यावार जनाकारी प्रदान करें। (ग) क्या संचालक मण्डल/प्रशासक को नियुक्ति करने के अधिकार नहीं होने के बाद भी नियुक्तियों की गई है और उनका अनुमोदन ए.आर.सी.एस. द्वारा किया तो गलत नियुक्तियां अनुमोदन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये जायेंगे। यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वर्ष 2010 में लागू प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कर्मचारी सेवानियम में जिला स्तरीय चयन समिति के गठन का प्रावधान होने से संचालक मंडल को कर्मचारी भर्ती करने के अधिकार समाप्त हो गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार पैक्स समितियों के संचालक मंडल को नियुक्ति के अधिकार नहीं होने के बाद भी नियुक्तियां की गयी जो अनियमित प्रक्रिया है जिसके लिये उत्तरदायी के विरूद्ध प्रशासकीय कार्यवाही की गयी है, अपराधिक प्रकरण न होने से अपराध पंजीबद्ध नहीं कराया गया है। वर्ष 2017 में विधानसभा प्रश्न के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर नियुक्तियों का अनुमोदन करने वाले तत्कालीन सहायक पंजीयक, दतिया श्री एच.पी. जाटव एवं श्री डी.के. चौरसिया के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी। श्री एच.पी. जाटव की मृत्यु हो गई है तथा श्री डी.के. चौरसिया के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश ‘ख’ में एक प्रकरण वर्ष 2017 का नवीन होने से नियुक्ति निरस्त करने के निर्देश दिये गये हैं। उक्त नियुक्ति का अनुमोदन करने वाले तत्कालीन सहायक पंजीयक श्री आर.पी. मिश्रा सेवानिवृत्त हो गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
युवाओं को रोजगार के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
38. ( क्र. 2946 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवम्बर-दिसम्बर 2018 विधानसभा चुनाव में शासन ने अपने वचन पत्र में एक लाख बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार देने का वादा किया था? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2019 से जून 2019 तक प्रदेश में कितने बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध हुआ? (ग) इनमें से प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा क्षेत्र इंदौर-2 के कितने बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सेवाओं के विस्तार हेतु जिला स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्र विकसित कर 1 लाख बेरोजगारों को 5 वर्ष अवधि का रियायती ब्याज दर पर ऋण बैंकों से उपलब्ध का वचन पत्र में उल्लेख है। (ख) माह जनवरी 2019 से जून 2019 तक मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अधीन पंजीकृत संस्था मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के अंतर्गत आई.टी.-आई.टी.ई.एस. सेक्टर में 826 युवाओं एवं 367 बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जॉब फेयर योजनान्तर्गत नियुक्ति हेतु चयनित/रोजगार उपलब्ध कराया गया। (ग) माह जनवरी 2019 से जून 2019 तक विधान सभा क्षेत्र इन्दौर-2 में मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के अंतर्गत 25 बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला।
फर्जी नियुक्तियों की शिकायत पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 2998 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उमरिया में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (CMHO एवं सिविल सर्जन सह अस्पताल) द्वारा वर्ष 2005 से 2015 तक की गई नियमित तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पदों की फर्जी नियुक्तियों की शिकायतें समय-समय पर शासन को विभिन्न स्तरों पर प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उन फर्जी नियुक्तियों के लिए दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित विभाग द्वारा फर्जी (कूटरचित) ट्रेजरी ई-पेंमेट No. S-4400 42505 से S-4400 42509 दिनांक 17.05.2013, No. S-4400 45795 से S-4400 45797 तक दिनांक 03.07.2013 No. S-4400 69044 एवं No. S-440069045 दिनांक 03.06.2014 तथा No. 440068249 से S-440068259 तक दिनांक 23.05.2014 के कैशबुक बिल रजि. एवं व्हाउचर्स का संधारण नियमानुसार किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पृष्ठों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिला उमरिया के कर्मचारी Emp. Code No. 440004501 एवं Emp. Code No. 440004422 द्वारा प्रथम नियुक्ति से आज दिनांक तक नियमित रूप से किसी कार्यालय में सेवाएं दी गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है
सीधी जिले की मझौली एवं कुसमी में न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
40. ( क्र. 3021 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के विकासखण्ड मझौली में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के संचालन की स्वीकृति कब मिली थी? न्यायालय भवन के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृति की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में न्यायालय भवन का निर्माण कब प्रारंभ किया जावेगा एवं कब पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी में सिविल न्यायालय संचालन की स्वीकृति शासन से कब प्रदान की जावेगी क्योंकि शासन के द्वारा समस्त विकासखण्डों में न्यायालय स्थापना किये जाने का प्रावधान है?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) म.प्र. राजपत्र दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार मझौली जिला सीधी में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का एक नवीन पद स्वीकृत किया गया है। मझौली जिला सीधी में 2 न्यायालयों कक्षों के निर्माण हेतु रूपये 1,28,73,000/- की स्वीकृती प्रदान की गई है। (ख) निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय ने कुसमी जिला सीधी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग माननीय उच्च न्यायालय द्वारा तैयार की गई न्यायालय स्थापना नीति-2014 द्वारा निर्धारित मापदण्डों की प्रतिपूर्ति न होने से नस्तीबद्ध कर दी है।
शासकीय विज्ञापनों पर व्यय
[जनसंपर्क]
41. ( क्र. 3093 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2016 से 10 नवम्बर 2018 तक जनसम्पर्क विभाग और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा प्रदेश, देश और विदेशों में अख़बारों, इलेक्ट्रॉनिक चैनल, पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल सहित स्मारिकाओं आदि को जारी किये गये विज्ञापनों पर खर्च हुई कुल राशि का विवरण देवें। (ख) जनसम्पर्क विभाग और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा 1 जनवरी 2016 से 10 नवम्बर 2018 तक स्वयं अथवा ठेके पर बनवाई गयी टी.व्ही. प्रसारण और सोशल मीडिया के लिए विज्ञापन फिल्मों और न्यूज कैप्सूल आदि पर व्यय का पृथक-पृथक विवरण देवें। (ग) 1 जनवरी 2013 से 10 नवम्बर 2018 तक समस्त वेब पोर्टल को दिए गये विज्ञापन किस नीति के तहत दिए गये? क्या सभी वेब पोर्टल और वेबसाईट को समानता से विज्ञापन दिया गया है? (घ) मध्यप्रदेश जनसम्पर्क और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा 1 जनवरी 2013 से 10 नवम्बर 2018 तक क्या एन.जी.ओ. के द्वारा कोई कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे समस्त कराये गये कार्यों तथा उन पर हुए कुल व्यय का विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनसंपर्क विभाग द्वारा फिल्मों और न्यूज कैप्सूल का निर्माण स्वयं अथवा ठेके पर नहीं किया जाता है। इस कार्य के लिए जनसंपर्क द्वारा समाचार पत्रों में खुली निविदा प्रकाशित कर संस्थाओं को न्यूनतम दर के आधार पर पैनलबद्ध किया जाकर फिल्म एवं न्यूज कैप्सूल का निर्माण कराया जाता है। मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा विज्ञापन फिल्मों और न्यूज कैप्सूल आदि पर राशि रूपये 6,55,10,892/- का व्यय हुआ है। विवरण एकत्रित किया जा रहा है। (ग) विज्ञापन नीति के अनुसार। नियमानुसार। (घ) जी हाँ। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कार्य कराया गया। व्यय राशि रूपये 02 करोड़ 84 लाख।
ऑडिट आपत्तियों का निराकरण
[जनसंपर्क]
42. ( क्र. 3106 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कौन-कौन से समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) सिवनी जिले से प्रकाशित समाचार पत्रों में प्रदेश/सिवनी जिले के विभिन्न निगम, मंडल, बोर्ड, विश्वविद्यालयों के कितने एवं कौन-कौन से विज्ञापन विगत 05 वर्षों में प्रकाशित करवाये तथा उन्हें कितना-कितना भुगतान किया गया? वर्षवार, विभागवार ब्यौरा क्या है? समाचार पत्रों को किस क्रमानुसार विज्ञापन दिये गये? किस नियम का पालन किया गया? (ग) विगत 05 वर्षों में विज्ञापन एवं भुगतान के संबंध में ऑडिट आपत्तियां क्या हैं? क्या ऑडिट आपत्तियों का निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (घ) विभागों के लिये विशेष मीडिया कैम्पेन्स का 05 वर्षों का ब्यौरा दें। (ड.) समाचार पत्रों के पंजीयन की क्या प्रक्रिया/मापदण्ड हैं? क्या सिवनी जिले से प्रकाशित समाचार पत्र इन मापदण्डों का पालन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों से प्रकाशित समाचार पत्रों की माहवार संख्या एवं प्रेस के विद्युत देयक बिल का विवरण समाचार पत्रवार उपलब्ध करावें। साथ ही शपथ-पत्र एवं समाचार पत्रों में उपयोग होने वाले कागजों (पेपर) के पिछले 05 वर्षों के देयक का विवरण समाचार पत्रवार देवें ।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नियमानुसार। विज्ञापन नियम का। (ग) पिछले पाँच वर्षों में विज्ञापन प्रभाग का महालेखाकार ग्वालियर के दल द्वारा जो ऑडिट किया गया, उसमें जो आपत्तियां आई, उनके निराकरण के लिए पालन प्रतिवेदन महालेखाकार को भेजा जा चुका है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं आता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन संधारित मंदिरों की जानकारी
[अध्यात्म]
43. ( क्र. 3142 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कहाँ-कहाँ शासन संधारित मंदिर हैं व उन मंदिरों के नाम से कितनी-कितनी भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज हैं? तहसीलवार एव मंदिरवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंदिरों के लिये कितनी भूमि पुजारी की जीविका हेतु तथा कितनी भूमि की नीलामी कर राजस्व आय प्राप्त की जाय इस हेतु क्या शासन ने कोई प्रावधान किये हैं? यदि हाँ, तो शाजापुर जिले में मापदण्ड से अधिक भूमि वाले कौन-कौन से मंदिर हैं? क्या सरकार उस भूमि को नीलाम करा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या इससे मंदिरों की आय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा? यदि पड़ेगा तो मंदिर की व्यवस्थाएं कैसे चलेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमि की नीलामी से होने वाली राजस्व आय का सरकार क्या उपयोग करेगी? क्या उसे मंदिर के विकास में लिया जायेगा अथवा अन्य जगह व्यय की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मध्यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति
[वित्त]
44. ( क्र. 3146 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतन में विभिन्न विसंगतियाँ है? (ख) यदि हाँ, तो लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगतियाँ कब तक दूर की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विभिन्न विभागों के सुसंगत भर्ती नियमों के अनुसार वेतनमान निर्धारित है। वेतन विसंगति के प्रस्तावों पर समय-समय पर सक्षम स्तर पर निराकरण किया गया है। (ख) उत्तरांश "क" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आधार कार्ड बनाये जाना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
45. ( क्र. 3158 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रश्नांश दिनांक तक कुल कितने नागरिकों के आधार कार्ड बनाये जा चुके हैं? वर्तमान मे जिलेवार संख्या बतायें। आधार कार्ड बनाये जाने का कार्य वर्तमान में किन सेंटरों के माध्यम से किया जा रहा है? सरकार ने प्रत्येक तहसील मे कितनी संख्या मे आधार कार्ड बनाने के सेंटर स्थापित किए है देवास जिले की तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) क्या जिन सेंटरों पर आधार कार्ड बनाये जा रहे है उनकी संख्या आबादी के मान से पर्याप्त है? क्या कुछ बैंकों को भी आधार कार्ड बनाने का कार्य दिया गया है? यदि हाँ, तो खातेगांव, कन्नौद तहसील की किन-किन बैंकों में यह कार्य किया जा रहा है? (ग) क्या यह सही है कि आधार कार्ड सेंटरों की संख्या पर्याप्त नहीं होने के कारण कन्नौद, खातेगांव, नेमावर, हरणगांव, पानीगांव, अजनास, संदलपुर में नागरिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या सरकार शीघ्र इन स्थानों पर आधार कार्ड सेंटर प्रारंभ करने का कार्य करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मध्यप्रदेश में प्रश्न दिनांक तक कुल 76792633 नागरिकों के आधार कार्ड बनाये जा चुके हैं। जिलेवार आधार कार्ड बनाये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। भारत सरकार, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रदेश में अधिकृत बैंकों एवं पोस्ट ऑफिस तथा राज्य सरकार द्वारा जिला ई- गवर्नेंस सोसायटी के माध्यम से स्थापित आधार केन्द्रों द्वारा वर्तमान में आधार पंजीयन का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश के 51 जिलों में 1949 आधार सेन्टर संचालित हो रहे हैं। देवास जिले की 9 तहसीलों में आधार सेंटरों की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है:- तहसील देवास- 09, तहसील सोनकच्छ- 02, तहसील खातेगांव- 01, तहसील कन्नौद- 01, तहसील बागली- 00, तहसील हाटपिपलिया- 02, तहसील उदयनगर- 01, तहसील सतवास- 00, तहसील टोंकखुर्द- 02, (ख) जिन सेंटरों पर आधार कार्ड बनाये जा रहें हैं उनकी संख्या आबादी के मान से पर्याप्त न होने से भारत सरकार, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रदेश में अधिकृत बैंकों में स्थापित आधार केन्द्रों के माध्यम से आधार पंजीयन का कार्य किया जाता है। तहसील कन्नौद एवं खातेगांव में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया इंदौर रोड कन्नौद तथा नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक खातेगांव, अजनास में आधार कार्ड बनाने का कार्य किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) प्रदेश में और अधिक आधार सेन्टर स्थापित करने की आवश्यकता को देखते हुए जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के माध्यम से आधार पंजीयन केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन करने के लिए समस्त जिला कलेक्टरों को दिनांक 12-07-2018 द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नेमावार में सर्वपितृ अमावस्या के मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम
[अध्यात्म]
46. ( क्र. 3162 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के प्राचीन नगर नेमावार में जो कि माँ नर्मदा का नाभी स्थल भी है वर्ष में 2 बार नवरात्रि के पहले लाखों भक्तों की भीड़ एकत्रित होती है एवं 2 दिन का मेला नेमावर के तट पर लगता है। (ख) क्या जिस प्रकार म.प्र सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश भर में कई सारे मेलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन, नृत्य, कवि सम्मेलन के लिये राशि प्रदान करके कार्यक्रम करवाये जाते है। उसी के तारतम्य में क्या वर्ष की एक बड़ी अमावस्या जो कि इस बार सितंबर माह 2019 में होगी नेमावार के लिये एक कवि सम्मेलन या भजन संध्या के कार्यक्रम के लिये विभाग बजट उपलब्ध करवायेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अध्यात्म विभाग द्वारा मेले की व्यवस्था हेतु कलेक्टर के निर्धारित प्रपत्र में प्राप्त प्रस्ताव पर अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
म.प्र. शासन के फिजीकल डेफीशियट की जानकारी
[वित्त]
47. ( क्र. 3192 ) श्री अजय विश्नोई : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 में मध्यप्रदेश का फिजीकल डेफीशियेट एवं रेवेन्यु सरप्लस कितना था वर्तमान वर्ष 2018-19 के अनुमानित आंकड़े एवं प्रतिशत बतलायें? (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 के कुल कितनी राशि के देयकों का भुगतान शासन द्वारा रोका गया और उनमें से कितनी राशि का भुगतान वित्तीय वर्ष 2019-20 में किया गया? (ग) क्या पूर्व शासन काल में अधिकांश वित्तीय वर्ष में फिजीकल डेफीशियेट स्वीकृत सीमा में था और रेवेन्यु सरप्लस उपलब्ध था? (घ) क्या वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में म.प्र. का वित्तीय अनुशासन बिगड़ गया है वित्तीय अव्यवस्था बन गयी है और विगत वर्ष के भुगतान रोक कर इस वर्ष में भुगतान करके वास्तविक फिजीकल डेफीशियेट को सुधारने और ढकने का प्रयास किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) राज्य शासन द्वारा आवश्यक देयताओं का नियमानुसार भुगतान कोषालय के माध्यम से किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) राज्य शासन द्वारा वर्ष 2018-19, 2019-20 तथा इनके पूर्ववर्ती वर्षों में म.प्र.राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत ही वित्तीय अनुशासन एवं राजकोषीय मापदण्डों को बनाए रखा जाता है।
राजस्व आय में वृद्धि
[वित्त]
48. ( क्र. 3194 ) श्री अजय विश्नोई : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2003-04 की तुलना में विगत 15 वर्षों के भाजपा शासन काल में वर्ष 2017-18 तक आते-आते राज्य में कुल व्यय आठ गुना, राजस्व व्यय सात गुना और पूंजीगत परिव्यय बारह गुना से अधिक हो गया है? (ख) क्या वर्ष 2003-04 के मुकाबले 2017-18 में मध्यप्रदेश को केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान चौदह गुना, केन्द्रीय करों में राजस्व का हिस्सा बारह गुना एवं राज्य के स्वयं के करों से प्राप्त राजस्व सात गुना बढ़ गया है? (ग) क्या वर्ष 2003-04 में मध्यप्रदेश शासन का राजस्व प्राप्तियों का कुल 22.44 प्रतिशत हिस्सा लिये गये ऋण के ब्याज के रूप में चुकाता था और वर्ष 2017-18 में म.प्र. शासन को लिये गये ऋण के ब्याज के रूप में मात्र 8.30 प्रतिशत भुगतान करना पड़ा हैं एवं राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में पूंजीगत परिव्यय का प्रतिशत - FRBM Act द्वारा निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा के अंदर रहा है? (घ) क्या वर्ष 2003-04 के मुकाबले विगत 15 वर्षों के शासन काल में राज्य और अधिक सम्पन्न राज्य बन गया है।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) वर्ष 2003-04 की तुलना में वर्ष 2017-18 तक राज्य का कुल व्यय, राजस्व व्यय और पूंजीगत परिव्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) वर्ष 2003-04 के मुकाबले वर्ष 2017-18 में मध्य प्रदेश को केन्द्र से प्राप्त सहायता अनुदान, केन्द्रीय करों में राजस्व का हिस्सा एवं राज्य के स्वयं के कर से प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर है। (घ) राज्य में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2003-04 के मुकाबले में विगत 15 वर्षों में बढ़ी है, परन्तु आर्थिक सर्वेक्षण में दिये आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर का मात्र 70.86 प्रतिशत रही है।
आयुष्मान योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 3195 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आयुष्मान योजना लागू हैं? यदि हाँ, तो जबलपुर जिले में इस योजना के तहत कौन-कौन से अस्पताल कब से पंजीकृत है? (ख) आयुष्मान योजना में सामान्य बीमारी के उपचार अथवा गंभीर बीमारी की पहचान के लिये क्या प्रावधान है? (ग) यदि प्रावधान नहीं है तो क्या मध्यप्रदेश शासन, गरीब मरीज के सामान्य बीमारी के उपचार और गंभीर बीमारी की जाँच के लिये पूर्व में लागू पं. दीनदयाल उपचार योजना को पुन: प्रारंभ करेगी? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आयुष्मान भारत योजना में 23 विषय विशेषज्ञताओं में निहित 1399 पैकेजों में सामान्य/गंभीर बीमारियों के पैकेजेस है। चिकित्सक द्वारा मरीज के लक्षणों एवं जांचे (पैथोलॉजिकल,रेडियों डायग्नोसिस) द्वारा सामान्य एवं गंभीर रोगियों का उपचार योजना से सम्बद्ध चिकित्सालय में किया जाता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्योंथर में 100 बिस्तर हॉस्पिटल निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
50. ( क्र. 3207 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र त्योंथर में 100 बिस्तर अस्पताल, भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक, क्रमांक एवं स्वीकृत राशि की जानकारी दी जाये। (ख) उपरोक्त स्वीकृत अस्पताल का निर्माण कार्य, अब तक प्रारंभ न होने का कारण स्पष्ट करें। (ग) स्वीकृत अस्पताल भवन का निर्माण कार्य, कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भूमि की उपलब्धता न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वा. केन्द्र का स्थान परिवर्तन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 3218 ) श्री संजय यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम बेलखेडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो कब तथा क्या सामुदायिक स्वा.केन्द्र का निर्माण प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत सामुदायिक स्वा.केन्द्र के आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुये प्रश्नकर्ता द्वारा स्थान परिवर्तन हेतु संबंधित विभाग को कितने पत्र लिखें? उन पर क्या कार्यवाही हुई एवं प्रश्नकर्ता को कितने पत्रों का जवाब कब-कब दिया गया? (ग) क्या संबंधित विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही नहीं की जाती एवं उनके पत्रों के जवाब भी नहीं दिये जाते? क्यों? क्या शासन ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही करेगी तो कब तक? यह भी बताया जाये कि स्वीकृत सामुदायिक भवन का क्या प्रश्नकर्ता के पत्रानुसार स्थान परिवर्तन कर निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। शासन स्वीकृति दिनांक 03.01.2019 को जारी हुई है। भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्थान परिवर्तन हेतु मान. विधायक जी से दिनांक 24.01.2019, 27.01.2019, 11.06.2019 को पत्र प्राप्त हुऐ है, के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जाता है। उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण पत्रों बनाये जाना
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 3233 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के सहरिया, रावत जाति के जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में जारी नहीं किए जाते, जबकि यह जातियां अनुसूचित जनजाति वर्ग की है? उपखण्ड अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी क्यों नहीं किया जाता ? (ख) सहरिया, रावत जाति के अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के लिए सन् 1950 से रिकार्ड क्यों मांगा जाता है? (ग) विदिशा जिले में सहरिया, रावत जाति के जाति प्रमाण पत्र 2015 से जारी करना बंद कर दिया गया है, जबकि 2015 से पहले तक इन जातियों के प्रमाणपत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में जारी किए जाते थे, तो 2015 के बाद बंद क्यों किया गया? (घ) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के उपखंड-कुरवाई, सिरोंज, गंजबसौदा में सहरिया, रावत जाति के जाति प्रमाण पत्र बनाना कब से बंद हैं और कितने प्रकरण प्रमाणपत्रों के लंबित हैं? (ड.) सहरिया, रावत जातियों के अनुसूचित जनजाति वर्ग के होने का जाति प्रमाण पत्र कब तक जारी करवा दिये जावेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) विदिशा जिले में सहरिया जाति के जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में जारी किए जाते है। रावत जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग में अधिसूचित नहीं है। अत: इस जाति के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) आवेदक का वर्ष 1950 या उसके पूर्व कि स्थिति में प्रदेश में निवासरत होना आवश्यक है। रिकार्ड उपलब्ध नहीं होने पर मौके पर जाकर जाँच कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश हैं। (ग) सहरिया जाति के जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। रावत जाति के प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में 2015 के पूर्व में भी नहीं बनाए गए हैं। (घ) सहरिया जाति के जाति प्रमाण पत्र बासौदा में 0, कुरवाई में 0 एवं सिरोंज में 39 लंबित है। शेषांश उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड) उत्तरांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
औकाफ भूमि पर दुकान निर्माण
[अध्यात्म]
53. ( क्र. 3264 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अप्रैल, 2016 में प्रमुख सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को इस आशय की शिकायत की गई थी कि पटवारी हल्का क्रमांक 24/02 जौरा जिला मुरैना में संवत 2026 से 2029 तक सर्वे क्रमांक 422 की औकाफ भूमि मिलिभगत सरकार की बेशकीमती भूमि को जौरा को ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष श्री सूबेदार सिंह सिकरवार द्वारा राजस्व विभाग जौरा के अधिकारियों से सांठगांठ कर 5 विश्वा पर अवैध व अनाधिकृत एवं दुकान निर्माण कर उसकी बिक्री कर अनुचित लाभ प्राप्त करने के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या शिकायत सही पाई गई? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी पाये गये? उनके पद व नाम बतावें? (ग) क्या इनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 32/2017-18/बी-121 पर विनिश्चय किया जावेगा। (ग) प्रकरण में निराकरण होने पर यदि आपराधिक धाराओं योग्य मामला पाया गया तो आवश्यक कार्यवाही तदनुसार जिला प्रशासन द्वारा की जा सकेगी।
प्राथमिक कृषि साख समिति रजौधा के संबंध में
[सहकारिता]
54. ( क्र. 3266 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक कृषि साख समिति रजौधा जिला मुरैना के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.) घोटाले के संबंध में प्रमुख सचिव सहकारिता को मा. मुख्यमंत्री जी के सचिवालय से पत्र क्रमांक 658/CM5/ABR/A+ दिनांक 28/02/2019 को प्राप्त हुआ है। (ख) यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही हुई, का पूर्ण विवरण दिया जावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पत्र में पुलिस थाना चिन्नौनी जिला मुरैना में दर्ज अपराध क्रमांक 22/16 दिनांक 27.02.2016 में जालसाजी कर प्रतिवेदन के अनुसार अपराधी न बनाकर 11 के स्थान पर केवल 03 सदस्यों को अपराधी बनाए जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक जिला मुरैना द्वारा जानकारी दी गयी है कि जिला मुरैना के थाना चिन्नौनी में अपराध क्रमांक 22/16 धारा 420,409,467,468,471 ता.हि. का समिति प्रबंधक श्री रामलला शर्मा, संचालक मंडल अध्यक्ष श्री राजपालसिंह सिकरवार एवं अध्यक्ष श्रीमती सियाबाई सिकरवार के विरूद्ध पंजीबद्ध होकर पुलिस विवेचना में है, जिसमें आरोपीगणों के विरूद्ध साक्ष्य एकत्रित की जा रही है प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य के मुताबिक कार्यवाही की जावेगी। उत्तरांश ‘क’ के पत्र में थाना चिन्नौनी में दर्ज अपराधिक प्रकरण को आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो को सौंपे जाने की मांग की गई है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेजने हेतु कलेक्टर जिला मुरैना को लिखा गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
[सहकारिता]
55. ( क्र. 3288 ) श्री राम दांगोरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन् 2017-18 में सरकार द्वारा किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमे के दावे की जो राशि स्वीकृत की गई थी क्या उस राशि में से कुछ राशि काटने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो किस मद में कितनी राशि के काटने का प्रावधान था? (ख) यदि नहीं तो क्या पंधाना विधानसभा की छैगॉवमाखन समिति जिला सहकारी बैंक खण्डवा की शाखा द्वारा नहारसिंह पिता रामसिंह को बीमा दावे के 39572/- रूपए दिनांक 04/08/2018 को स्वीकृत करके प्रमाण-पत्र दिया गया था, छैगॉवमाखन समिति द्वारा 10/10/2018 को किसान के खाते में मात्र 39000/- रूपए ही डाले गए, शेष 572/- रूपए की राशि क्यों व किस नियम अन्तर्गत काटी गई? (ग) क्या ऐसी छोटी-छोटी राशियां जो पूरे प्रदेश में किसानों की काटी गई जिसमें करोड़ों रूपयों की अनियमितता की गई? क्या शासन इसकी जाँच सघनता से करायेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, सदस्य श्री नहार सिंह पिता राम सिंह के केसीसी ऋण खाते एवं एमटीसी ऋण खाते में राशि रूपये 39,572/- जमा किये गये हैं। सदस्य के बीमा क्लेम राशि में से किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर जिले में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत हॉस्पिटलों में उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 3295 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से हॉस्पिटल किन-किन बीमारियों के लिये चिन्हित किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या चिन्हित हॉस्पिटलों में प्रतिमाह इलाज हेतु मरीजों की संख्या सुनिश्चित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी व क्यों? कारण बतायें। (ग) इन्दौर जिले में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न पूछे जाने तक कौन-कौन से हॉस्पिटलों में कितने मरीजों का उपचार किया गया है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) इंदौर जिले में आयुष्मान योजना से सम्बद्ध हॉस्पिटल की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अस्पतालों एवं मरीजों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सी.एम. हेल्प लाइन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
57. ( क्र. 3321 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम. हेल्प लाइन संचालन हेतु वार्षिक लागत बतायें। (ख) क्या सी.एम. हेल्प लाइन क्रमांक 6368181, 8464742, 8544582 नगर निगम सतना के विद्युत कार्यसुधार हेतु एक ही स्थान से संबंधित हैं? मोबाईल क्रमांक 9406728035 द्वारा भी वार्ड 37 में रोड में अतिक्रमण के संबंध में शिकायत की गई थी? (ग) शिकायतवार नगर निगम द्वारा क्या कार्यवाही करते हुये जवाब दिया गया है? वर्तमान में शिकायत निराकरण की मौके पर क्या स्थिति हैं? (घ) विभाग द्वारा असत्य जानकारी देने बावत् विद्युत शाखा प्रभारी/अन्य के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वार्षिक लागत/व्यय रूपये 19,65,92,338/- करोड़ है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। सी.एम.हेल्पलाइन क्रमांक 6368181 पंचायती राज विभाग, जिला होशंगाबाद से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शिकायत क्रमांक 8464742 तथा 8544582 नगर निगम सतना विद्युत कार्य सुधार हेतु एक ही स्थान से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मोबाइल क्रमांक – 9406728035 द्वारा भी वार्ड 37 में रोड में अतिक्रमण से संबंधित कुल 04 शिकायतें दर्ज करायी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में स्ट्रीट लाइट चालू है। शिकायत क्रमांक 230004 सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल में दर्ज निराकरण अनुसार शिकायत की जाँच कराई गई थी जो सही पाई गई थी तथा विभागीय अधिकारी के दर्ज जवाब अनुसार मौके पर किया गया अतिक्रमण हटा दिया गया था। वर्तमान में अतिक्रमण अधिकारी स्थल निरीक्षण कराया गया, शिकायतकर्ता एवं अनावेदक जिसकी शिकायत की गई है, दोनों से भूमि संबंधी अभिलेख मांगे है एवं अधीक्षक, भू-अभिलेख को सीमांकन हेतु पत्र लिखा गया है। (घ) किसी अधिकारी द्वारा प्रथम दृष्टया असत्य जानकारी देने की जानकारी विभाग में नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधीनस्थ लेखा सेवा भाग 2 की विभागीय परीक्षाओं का आयोजन
[वित्त]
58. ( क्र. 3322 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह नवम्बर-दिसम्बर 2012 में मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा में भर्ती हेतु समस्त विभागों के कर्मचारियों के लिये मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा भाग 2 की विभागीय परीक्षाओं का आयोजन किया गया था? उसमें किस-किस विभाग के कितनें कर्मचारी अनुत्तीर्ण रहे हैं? विभागवार सूची देवें। क्या पदों के विरूद्ध ओबीसी वर्ग के लिये पद आरक्षित किये गये थे? यदि नहीं तो क्यों? (ख) अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के लिये दिसम्बर 2012 के बाद कब-कब परीक्षाओं का आयोजन कराया गया? क्या परीक्षा में 6 अवसर दिये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों को अभी तक कितनें अवसर कब-कब प्रदान किये जा चुके हैं? (ग) क्या लेखा प्रशिक्षित एवं अधीनस्थ लेखा सेवा भाग 1 की परीक्षा उत्तीर्ण प्रश्नांश (ख) की सूची अनुसार कर्मचारियों हेतु कब परीक्षा का आयोजन किया जावेगा, रिक्त पदों की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुत्तीर्ण रहे अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिये शासन द्वारा कोषालय में रिक्त पदों के विरूद्ध कब तक रखा जायेगा एवं विभागीय परीक्षायें कराई जावेंगी? यदि नहीं तो इन कर्मचारियों को क्या कोई आर्थिक लाभ प्रदान किये जावेगें? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। विभागीय परीक्षा में सम्मिलित शासकीय सेवकों की पृथक-पृथक विभागवार सूची तैयार नहीं की जाती है। परीक्षा परिणाम सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय परीक्षाओं में रिक्त पदों के विरूद्ध अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अन्य विभागों में कार्यरत कमर्चारियों के लिये दिसम्बर 2012 के पश्चात् वर्ष 2013 में विभागीय परीक्षा आयोजित की गई थी। जी हाँ तत्समय विभागीय परीक्षा में 06 अवसर प्रदान किए जाने का प्रावधान था। दिसम्बर 2012 के उपरांत वर्ष 2013 में एक अवसर प्रदान किया गया। (ग) मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा राजपत्र (भरती तथा सेवा शर्तें) नियम,1965 में अधिसूचना दिनांक 25.05.2016 से संशोधन किया गया है, जिसके अनुसार 80 प्रतिशत पद सीधी भरती से एवं 20 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है। संशोधित भरती नियमों के परिप्रेक्ष्य में लेखा प्रशिक्षित एवं अधीनस्थ लेखा सेवा भाग-1 की परीक्षा उत्तीर्ण कर्मचारियों का चयन अधीनस्थ लेखा सेवा में किये जाने हेतु विभागीय परीक्षा आयोजित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश माध्यम का प्रशासकीय नियंत्रण
[जनसंपर्क]
59. ( क्र. 3348 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी, श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसंपर्क विभाग और मध्यप्रदेश माध्यम का सेट-अप निर्धारित है? यदि हाँ, तो सेट-अप के अनुसार जनसंपर्क विभाग में अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक, सहायक संचालक और सहायक जनसंपर्क अधिकारी के कर्तव्य, कार्य और जिम्मेदारियां क्या हैं? यदि निर्धारित नहीं हैं तो क्या निर्धारित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या मध्यप्रदेश माध्यम सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत गठित एक स्वतंत्र संस्था है? यदि हाँ, तो जनसंपर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में किस प्रावधान के अंतर्गत कार्य कर रही है? (ग) मध्यप्रदेश माध्यम संस्था का गठन कब और किस उद्देश्य से हुआ था? पिछले पाँच सालों में कौन-कौन सी संस्थाएं किन कार्यों के लिए इम्पेनल की गई हैं? (घ) माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2010 से 2018 तक कितने सेमीनार और अन्य आयोजन किए गए? इनका आयोजन किन-किन संस्थाओं के साथ मिलकर किया गया? उन संस्थाओं के नाम आयोजन की तिथि सहित विवरण दें। इन प्रत्येक आयोजनों पर हुए व्यय राशि की भी जानकारी देंवे?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। विभाग में पदस्थ अधिकारियों का मुख्य दायित्व सरकार की नीतियों, निर्णयों, योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की जानकारी प्रचार-प्रसार माध्यमों से लोगों तक पहुंचाना और जनमानस में शासन की उज्जवल छवि प्रस्तुत करना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। संस्था के विधान एवं जनसंपर्क विभाग के आदेशों के तहत मध्यप्रदेश माध्यम जनसंपर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य कर रहा है। (ग) संस्था का गठन 01 अक्टूबर 1983 को मध्यप्रदेश शासन एवं उसके उपक्रमों की जनकल्याणकारी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) वर्ष 2010 से 2018 तक विश्वविद्यालय में कूल 31 सेमिनार आयोजित किये गये। उन पर लगभग राशि रूपये 24,53,647/- (चौबीस लाख तिरेपन हजार छ: सौ सैतालीस) खर्च किये गये। प्रत्येक आयोजन पर दिनांक, व्यय, मद, राशि सहित पूर्ण विवरण एवं सहयोगी संस्था के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
60. ( क्र. 3370 ) श्री आलोक चतुर्वेदी, श्री योगेन्द्र सिंह, श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2017 से 2018 तक प्रदेश सरकार द्वारा कितनी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट कहाँ-कहाँ आयोजित की गई? उक्त समिट पर कितना व्यय हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त समिट में निवेश आकर्षित करने हेतु किन-किन लोगों ने किस-किस देश की यात्रा कब-कब की? कितने लोगों का दल गया था? दल में साथ जाने वाले प्रत्येक लोग किस कार्य से साथ गए थे? प्रत्येक यात्रा में कितना व्यय किस मद में खर्च हुआ? इन देशों से कितना निवेश आया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त प्रत्येक समिट में कुल कितने निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए? कितने क्रियान्वयित हुए? सभी प्रस्तावों की प्रश्न दिनांक में भौतिक स्थिति क्या है? कितने युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सन् 2017 से 2018 तक की अवधि में प्रदेश सरकार द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित नहीं की गई। अत: समिट पर व्यय किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ख) का उत्तर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) का उत्तर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय सामग्री क्रय के नियम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 3372 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विभिन्न औषधियों, चिकित्सीय उपकरणों, फर्नीचर आदि के क्रय हेतु क्या प्रक्रिया है? उक्त प्रक्रिया को कब से प्रारंभ किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विभाग द्वारा सामग्री प्रदाय किए जाने के आदेश या मांग के पश्चात् कितने दिवस के अंदर सामग्री प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? निर्धारित समय-सीमा में सामग्री प्रदाय नहीं होने पर प्रदायकर्ता पर क्या कार्यवाही की जाती है? (ग) यदि किसी वित्तीय वर्ष में सामग्री प्रदाय करने हेतु विभाग द्वारा प्रदायकर्ता एजेंसी को आदेश किया गया हो और एजेंसी वित्तीय वर्ष में सामग्री प्रदाय नहीं कर पाती तो उक्त राशि का क्या होगा? राशि पुनः उपयोग में कैसे लाई जा सकेगी? वित्तीय वर्ष हेतु आवंटित राशि का उपयोग नहीं हो पाने पर कौन जिम्मेदार है? क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में विगत 5 वर्षों में छतरपुर जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमे प्रश्न दिनांक तक सामग्री प्रदाय नहीं की जा सकी? उक्त सामग्री कब तक प्रदाय कर दी जावेगी? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी.
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ई-औषधी के माध्यम से औषधी के लिए 80 प्रतिशत एवं 20 प्रतिशत औषधी स्थानीय निविदा द्वारा अनुबंधित फर्म से क्रय की जाती है एवं चिकित्सीय उपकरणों तथा अस्पताल फर्नीचर ई.एम.एम.एस. वेब पोर्टल, स्थानीय निविदा तथा मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार क्रय किये जाते है। ई-औषधि के माध्यम से क्रय प्रक्रिया मार्च 2014 से एवं ई.एम.एम.एस के माध्यम से क्रय प्रक्रिया सितम्बर 2018 से प्रारंभ की गई है। (ख) औषधी प्रदाय करने हेतु सामान्य प्रक्रिया में 45 दिवस का एवं चिकित्सीय उपकरणों तथा अस्पताल फर्नीचर के लिए 60 दिवस का समय निर्धारित है। इसके बाद औषधी एवं सामग्री प्रदाय करने पर प्रतिदिन 0.5 प्रतिशत की दर से 7.50 प्रतिशत पेनाल्टी अगले 15 दिवस तक तत्पश्चात 20 प्रतिशत पेनाल्टी अधिरोपित कर क्रय आदेश निरस्त करने का प्रावधान है। चिकित्सीय उपकरणों तथा अस्पताल फर्नीचर हेतु क्रय आदेश जारी करने के उपरांत 60 दिवस में चिकित्सीय उपकरणों तथा अस्पताल फर्नीचर प्रदाय नहीं होने पर 0.5 प्रतिशत प्रति सप्ताह की दर से अधिकतम 10 प्रतिशत तक पेनाल्टी अधिरोपित करने के पश्चात क्रय आदेश निरस्त करने का प्रावधान है। (ग) वित्तीय वर्ष समाप्त होने से भुगतान पर कोई असर नहीं पड़ता है, क्योंकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के अंतिम सप्ताह में (मार्च माह के अंतिम सप्ताह में) जो प्रदाय आदेश जारी होते है वह अगले वित्तीय वर्ष के माह मई तक प्रभावशील रहते है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) औषधी के कुल 317 प्रकरण एवं उपकरणों के कुल 188 प्रकरण है। जिनके द्वारा सामग्री प्रदाय नहीं की गई है। जिन फर्मों द्वारा सामग्री प्रदाय नहीं की जा सकी है उनके प्रदाय आदेश समय-सीमा उपरांत निरस्त होने के कारण सामग्री प्रदाय करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रदायकर्ता किसी कारण वश माल सप्लाई नहीं कर पाता है तो नोन-सप्लाई की गणना कर संबंधित द्वारा जमा पी.बी.जी. की राशि में से वसूली की जाती है।
जन प्रतिनिधियों की शासकीय आयोजन में उपेक्षा
[सामान्य प्रशासन]
62. ( क्र. 3379 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 15 दिसंबर के बाद कितने शासकीय आयोजन, उद्घाटन एवं अन्य आयोजन कहाँ-कहाँ सम्पन्न हुए? इन आयोजन में किन-किन जनप्रतिनिधियों का नाम आमंत्रण कार्ड पर अंकित कर उन्हें प्रोटोकॉल अनुसार निमंत्रण दिया गया? (ख) उक्त अवधि में उक्त आयोजनों में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के लिए कब-कब किस-किस जनप्रतिनिधि ने कहाँ-कहाँ इसकी आपत्ति दर्ज की? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या जय किसान फसल ऋण माफी योजना दिनांक 27 फरवरी को मंदसौर में माननीय जिला प्रभारी मंत्री के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में जिले के विधायकों के नाम आमंत्रण पर बतौर अतिथि अंकित नहीं किये गये, जबकि 28 फरवरी को सुवासरा में आयोजित उक्त आयोजन में क्षेत्रीय विधायक का नाम अंकित था? इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कब-कब जिला कलेक्टरों को प्रोटोकॉल के पालन के लिए निर्देशित किये गया? 1 जनवरी 2019 के पश्चात की जानकारी देवें ।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मंदसौर जिले में 15 दिसम्बर 2018 के बाद उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला मंदसौर एवं महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई मंदसौर में शासकीय आयोजन, उद्घाटन एवं अन्य आयोजन सम्पन्न हुए, जिनमें जनप्रतिनिधियों का नाम आमंत्रण कार्ड पर अंकित कर उन्हें प्रोटोकॉल अनुसार निमंत्रण दिया गया जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदवासा का लोकार्पण का आयोजन ग्राम पंचायत द्वारा दिनांक 06/03/2019 को एवं जनपद पंचायत सीतामउ में दिनांक 04/03/2019 को ग्राम पंचायत कयामपुर में खेल स्टेडियम का भूमि पूजन का आयोजन एवं जनपद पंचायत मल्हारगढ़ की ग्राम पंचायत बरखेड़ा पथ में दिनांक 26/06/2019 को गौ-शाला का भूमि पूजन का आयोजन किया गया जिसमें प्रोटोकॉल का पालन किया गया। इन दोनों आयोजनों में कोई आमंत्रण कार्ड वितरण नहीं किये गये। (ख) उक्त अवधि में अध्यक्ष, जिला पंचायत मन्दसौर द्वारा पत्र क्रमांक 509 दिनांक 06.03.2019, पत्र क्रमांक 516 दिनांक 07.03.2019 एवं पत्र क्रमांक 514 दिनांक 07.03.2019 द्वारा आपत्ति दर्ज की, जिस पर कलेक्टर, मंदसौर के पत्र क्रमांक 119 प्राटोकॉल दिनांक 05.04.2019 से जिले के सभी विभाग प्रमुखों को जिले में आयोजित शासकीय कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का पालन करने हेतु निर्देशित किया गया। (ग) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत दिनांक 27 फरवरी 2019 से 01 मार्च 2019 तक माननीय जिला प्रभारी मंत्री के मुख्य आतिथ्य में जिले में आयोजित कार्यक्रम का उप संचालक, किसान कल्याण विभाग मन्दसौर द्वारा मा. प्रभारी मंत्री मन्दसौर द्वारा आमंत्रण कार्ड का अनुमोदन लिया जाकर माननीय प्रभारी मंत्री मन्दसौर, माननीय अध्यक्ष जिला पंचायत मन्दसौर, माननीय सांसद मन्दसौर, समस्त विधायकगण जिला मन्दसौर एवं समस्त जन प्रतिनिधिगणों को वितरित करवाए गए। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। दिनांक 24 अक्टूबर 2017 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अंतिम बार माननीय संसद सदस्यों व विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही व शासकीय कार्यकमों में आमंत्रित करने के संबंध में पूर्व परिपत्रों के संदर्भ में परिपत्र प्रसारित किया था। यही परिपत्र वर्तमान में इस विषय पर समस्त शासकीय कार्यालयों पर बंधनकारी है।
परामर्शदाताओं का चयन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
63. ( क्र. 3385 ) श्री कमल पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम का संचालन प्रत्येक जिले में तहसील स्तर पर संचालित किया जा रहा है? (ख) क्या यह पाठ्यक्रम विशेष प्रकार से डिजाइन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके परामर्शदाताओं का चयन किस प्रकार से किया गया? (ग) क्या उक्त पाठ्यक्रम में परामर्शदाताओं का चयन विशेष परीक्षा आयोजित कर किया गया था? यदि हाँ, तो क्या इस परीक्षा में चयनित परामर्शदाताओं को शासन द्वारा मौखिक आदेश के तहत ही बंद कर दिया गया? (घ) क्या शासन द्वारा रोजगार देने के बजाए रोजगाए छीना जा रहा है? यदि नहीं तो इन परामर्शदाताओं को मौखिक आदेश के तहत क्यों बंद कर दिया गया तथा कब तक इन परामर्शदाताओं को वापस परामर्श हेतु बहाल किया जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। पाठ्यक्रम प्रदेश के 313 विकासखण्ड में संचालित किया जाता है। (ख) जी हाँ। परामर्शदाताओं का चयन महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट जिला सतना द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जन अभियान परिषद् की कार्यकारिणी सभा की बैठक में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में क्रय की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
64. ( क्र. 3397 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं भोपाल संभाग के समस्त आई.टी.आई. एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कितनी खरीदी की गई? दिनांक 01/01/2015 से 31/12/2018 तक के संदर्भ में देवें। कितनी खरीदी की गई, की जानकारी, खरीदी सामग्री राशि का भुगतान, दिनांक सहित वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्त सामग्री के सप्लायर द्वारा प्रस्तुत बिलों की विवरण भी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। खरीदी माध्यम (टेंडर/लघु उद्योग) निगम/अन्य भी साथ में दर्शाएं। (ग) उपरोक्त अनुसार जानकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के संदर्भ में भी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा सेवा यात्रा के समापन पर हुए व्यय की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
65. ( क्र. 3398 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा सेवा यात्रा के समापन पर अमरकंटक जाने के लिए कितनी बसें पूरे प्रदेश से ली गई? जिलावार बताएं। (ख) वाहन क्रमांक, वाहन स्वामी नाम, बैंक खाता नम्बर सहित भुगतान राशि की जानकारी जिलावार देवें। (ग) यह भी बताएं कि कितना भुगतान लंबित है? कितना किया जा चुका है, की जानकारी भी उपरोक्तानुसार देवें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) नर्मदा सेवा यात्रा के समापन पर अमरकंटक जाने के लिए जन अभियान परिषद् द्वारा जिला कलेक्टरों के माध्यम से 1915 बसें अधिग्रहित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जन अभियान परिषद् द्वारा कोई भी भुगतान लंबित हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.टी.आई. कॉलेज की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
66. ( क्र. 3425 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत विकासखण्ड बिजावर में विगत 05 वर्षों में कक्षा 12 पास करने वाले कितने विद्यार्थी हैं? वर्षवार संख्या बतायें। (ख) विकासखण्ड बिजावर में तकनीकी शिक्षा में अध्ययन हेतु क्या कोई शासकीय आई.टी.आई. है? (ग) तकनीकी शिक्षा में विकासखण्ड बिजावर के विद्यार्थी अध्ययन कर स्वरोजगार सृजित कर या अन्य शासकीय/अशासकीय संस्थानों में नौकरी पा सकें इस हेतु विकासखण्ड बिजावर में शासकीय आई.टी.आई. कॉलेज खोला जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) छतरपुर जिला अन्तर्गत विकासखण्ड बिजावर में विगत 05 वर्षों में कक्षा 12 पास करने वाले विद्यार्थियों की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
उत्तीर्ण छात्र |
2014-15 |
580 |
2015-16 |
737 |
2016-17 |
580 |
2017-18 |
724 |
2018-19 |
754 |
कुल |
3375 |
(ख)
जी
नहीं।
(ग) विभाग
की नीति प्रत्येक
विकासखण्ड
में एक
आई.टी.आई. खोलने
की है।
वर्तमान में
जिला छतरपुर
में 8
विकासखण्ड
में से 3
विकासखण्ड
क्रमश: छतरपुर
(लौड़ी लवकुश
नगर), चंदला
एवं
बड़ामलहरा
में आई.टी.आई
संचालित हैं।
बिजावर में
कलेही में
प्राईवेट
आई.टी.आई. स्थित
है। वर्तमान
में 104
विकासखण्ड
ऐसे हैं,
जिनमें
शासकीय आई.टी.आई.
नहीं है। इतनी
अधिक संख्या
में एक साथ
शासकीय
आई.टी.आई. की स्थापना
सम्भव नहीं
है। वर्तमान
में विकासखण्ड
बिजावर में
शासकीय
आई.टी.आई.
खोलने की कोई
योजना नहीं
है।
प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
67. ( क्र. 3429 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में कब, कितने डॉक्टर, टेक्नीशियन एवं अन्य कर्मचारी पदस्थ हैं? पदवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में स्थित शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों/उप स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों एवं अन्य कर्मचारियों के स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति कब तक हो जावेगी? (ग) बरेली स्थित सिविल अस्पताल में रिक्त चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक होगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 08 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 47 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) 1. चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से की जा रही है। 2. बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। 3. चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। 4. इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 3430 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरेली सिविल अस्पताल में कितने पद चिकित्सकों के रिक्त हैं? कितने भरे हुये हैं? (ख) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक हो जावेगी? (ग) बरेली सिविल अस्पताल में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) बरेली सिविल अस्पताल में उन्नयन के उपरांत प्राप्त सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विशेषज्ञों के 05 पद स्वीकृत एवं 01 मेडिकल विशेषज्ञ व 01 शिशुरोग योग्यता के स्नातकोत्तर चिकित्सक कार्यरत हैं। चिकित्सा अधिकारी के 05 पद स्वीकृत एवं 01 चिकित्सा अधिकारी एवं 01 दंत चिकित्सक कार्यरत हैं। (ख) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण संस्थाओं में शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञों के शत्-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण, पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। विभाग में कार्यरत स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों की पदस्थापना विशेषज्ञ के रिक्त पदों अनुसार की जाकर, स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें प्रदान किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं एन.एच.एम. के माध्यम से चिकित्सा अधिकारी/स्नातकोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। मरीजों को 196 प्रकार की औषधियां, पैथोलॉजी जाँच एवं अन्य योजनाओं अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
राजेन्द्र सूरी साख सहकारी संस्था की जाँच
[सहकारिता]
69. ( क्र. 3458 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में स्थित श्री राजेन्द्र सूरी साख सहकारी संस्था, मर्या. की मई 2019 की स्थिति में कुल कितने सदस्य हैं? कुल जमा पूंजी तथा ऋण राशि कितनी है तथा जमा पूंजी को मांग पर निर्धारित तिथि को भुगतान किया जा रहा है या नहीं किया जा रहा है? क्या सदस्यों ने इस संदर्भ में कोई शिकायत की है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) साख संस्था द्वारा 50 लाख रू. से ज्यादा के दिये गये ऋण 2015 से मई 2019 तक की जानकारी, नाम, पिता का नाम, पता, उम्र, ऋण की राशि, देने की दिनांक, जमानत के रूप में रखी गयी चल-अचल सम्पत्ति की विस्तृत जानकारी सहित देवें। (ग) साख संस्था के मई 2019 की स्थिति में NPA ऋण, डिफॉल्टर, पिछली तीन लगातार किस्त न चुकाने वाले ऋणी खातेदार के नाम, पिता का नाम तथा पता देवें तथा बतावें कि कितने खातेदारों से वसूल हेतु उनकी अचल संपत्ति की कुर्की की गई? (घ) उक्त साख समिति में 100 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की जाँच किसी उच्च अधिकारी से कराई जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले में श्री राजेन्द्र सूरी साख सहकारी संस्था मर्यादित, पंजीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस वृद्धि
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
70. ( क्र. 3463 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालय की 2017 में एन.आर.आई. कोटे में 107 फर्जी अभ्यर्थियों की जाँच हेतु मा. उच्च न्यायालय ने आदेश कब दिया था तथा जाँच किस दिनांक को पूर्ण हुई? ए.एफ.आर.सी. के निर्णय से अवगत करावें तथा जाँच संबंधी अंतिम रिपोर्ट दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालय की वर्ष 2015 से 2019 तक की फीस कॉलेज अनुसार बतावें। किस-किस वर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि की गई तथा उस संबंध में वृद्धि करने के पूर्व क्या मुख्यमंत्री से अनुमोदन प्राप्त किया गया या अन्य किसी मंत्री से अनुमोदन प्राप्त किया गया? (ग) क्या चिरायु मेडिकल कॉलेज की फीस में 15% वृद्धि से उस कॉलेज को पाँच वर्षों में 2018 की फीस की तुलना में 40 करोड़ ज्यादा शुल्क प्राप्त होगा? यदि हाँ, तो क्या मेडिकल कॉलेजों का खर्च इतना बढ़ा है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार कॉलेजों में फीस वृद्धि के आवेदन के साथ जो-जो दस्तावेज जमा किये तथा कमेटी की मीटिंग की नोटशीट सहित समस्त दस्तावेजों की प्रति देवें ।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 18/05/2018 को दिया एवं जाँच दिनांक 02/01/2019 को पूर्ण हुई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण अधिनियम में मंत्री/मुख्यमंत्री से अनुमोदन का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। संस्था की फीस का निर्धारण अधिनियम के प्रावधान के अन्तर्गत महाविद्यालय के आय-व्यय संबंधी ऑडिट पत्रकों के आधार पर किया जाता है। समिति द्वारा भावी गणना नहीं की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नियुक्ति प्रक्रिया की जाँच
[सहकारिता]
71. ( क्र. 3476 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2008 के पश्चात कितने कर्मचारियों की नियुक्ति जिला सहकारी बैंक एवं सोसायटी संस्थाओं द्वारा की गई है? सूची उपलब्ध करावें तथा यह भी बतावें कि क्या नियुक्त किये गये समस्त कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया नियमानुसार है? क्या नियुक्ति में समस्त नियमों, जैसे विज्ञप्ति का प्रकाशन, वरीयता का पालन किया गया है? (ख) यदि नहीं तो क्या कारण है? क्या समस्त नियम विरुद्ध नियुक्तियों को निरस्त करते हुए जाँच प्रस्तावित की जावेगी तथा संबंधित नियुक्तिकर्ता अधिकारियों पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन की शाखाओं में 14 तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में 76 कर्मचारियों की विभिन्न पदों पर नियुक्ति की गई। नियुक्त कर्मचारियों की सूची क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में की गई नियुक्तियों में कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में की गई नियुक्तियां संस्था के तत्कालीन संचालक मंडल द्वारा की गई है। नियम विरूद्ध नियुक्तियों को निरस्त करने तथा नियम विरूद्ध नियुक्ति हेतु उत्तरदायी संचालक मंडल/अधिकारी/कर्मचारी की जाँच हेतु उप आयुक्त सहकारिता जिला खरगोन द्वारा जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है, शेष जाँच निष्कर्षाधीन।
जिला चिकित्सालय में उपलब्ध संसाधन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 3477 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय छतरपुर में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने कब से रिक्त हैं एवं रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) जिला चिकित्सालय छतरपुर में किन-किन बीमारी का उपचार एवं ऑपरेशन किन डॉक्टर के द्वारा किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में बीमारी के उपचार एवं शल्य क्रिया हेतु किन उपकरणों की आवश्यकता होती है? कौन से उपकरण प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध हैं? सभी की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में अस्पताल प्रबंधन ने विगत 3 वर्षों में शल्य क्रिया या अन्य कार्यों हेतु किन-किन उपकरणों की मांग शासन से की? उक्त उपकरणों की आपूर्ति में क्या कोई दिक्कत आ रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही? (ड.) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को जिला चिकित्सालय छतरपुर से अन्यत्र रेफर किया गया? किस कारण किया गया? कितने मरीजों का उपचार अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों से किया जा सकता था?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। विभाग के अधीन सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर क्रमशः लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से तथा बंधपत्र चिकित्सक एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से पदपूर्ती निरंतर जारी है, पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के संदर्भ में विशेषज्ञ के पदों हेतु पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। सभी उपकरण क्रियाशील है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। जी नहीं, जिला चिकित्सालय छतरपुर को विगत 03 वर्षों में आवंटित बजट, व्यय एवं क्रय किये गये उपकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ण'' अनुसार, जिला चिकित्सालय द्वारा मांग की गई उपकरणों की मेपिंग ऑनलाइन सॉफ्टवेयर ई.एम.एम.एस. में की गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के आगामी त्रेमास में उपलब्ध होने वाले बजट से शेष उपकरण तथा फर्नीचर क्रय किए जाएंगे। (ड.) जनवरी 2018 से जून 2019 तक कुल 4025 मरीजों को उच्च स्वास्थ्य संस्थाओं के लिये रेफर किया गया है। रेफर करने के सामान्य कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''च'' अनुसार। उक्त मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय छतरपुर में संभव न होने के कारण एवं मरीज/परिजनों के अनुरोध पर ही उन्हें रेफर किया गया है। जिला चिकित्सालय छतरपुर में आने वाले मरीजों को उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप समुचित उपचार प्रदान किया जाता है, मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसके हित में अन्यत्र रेफर किया जाता है।
शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय का इंजीनियरिंग कॉलेज में उन्नयन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
73. ( क्र. 3479 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 13 नवम्बर 2017 को पत्र क्रमांक/05/यो/डी/2017/449 को संचालक तकनीकी शिक्षा म.प्र ने पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य को पॉलिटेक्निक महाविद्यालय मंदसौर को इंजीनियरिंग महाविद्यालय में उन्नयन को लेकर अधोसंरचना सम्बन्धी जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या रूसा योजना अंतर्गत पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा डी.पी.आर. बनाकर दिनांक 11/11/2017 को संचालनालय को विधिवत 2 प्रतियां भेजी गयी थी? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या मंदसौर में इंजीनियरिंग महाविद्यालय के नवीन भवन हेतु भूमि आरक्षित कर ली गयी है? यदि हाँ, तो कहाँ? मंदसौर में नवीन इंजीनियरिंग कॉलेज की कक्षायें कब से आरम्भ की जायेंगी? क्या सत्र 2019-20 के लिए सीटों का निर्धारण कर लिया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी नहीं। दिनांक 15/09/2017 के पत्र अनुसार जानकारी चाही गई थी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उन्नयन का प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। उक्त के परिप्रक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औषधियों के मूल्यों का निर्धारण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
74. ( क्र. 3489 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में प्रदेश के रहवासियों के कल्याणार्थ योजनाएं संचालित हैं? (ख) क्या संचालित योजनाओं में रोगियों का उपचार भी शामिल है, परन्तु इन्हें दवा खरीद, जाँच-पड़ताल एवं डॉक्टर्स की परामर्श शुल्क आदि में इतना व्यय हो रहा है, जिस व्यय को रोगी व उनके परिजन वहन करने में सक्षम नहीं है। जैसे उदाहरणार्थ :-
क्र. |
दवाई का नाम (इन्जेक्शन) |
मेडिकल स्टोर पर रेट रूपये में |
एम.आर.पी. रूपये में |
मुनाफा (प्रतिशत में) |
1 |
ओफरामैक्स 1.5 ग्राम |
49 |
152 |
210.20% |
2 |
ओफरामैक्स 1 ग्राम |
25 |
50 |
100% |
3 |
लिजौमेक 1 आई.वी. |
170 |
308 |
81.17% |
4 |
मोनोसेफ 1.5 ग्राम |
22 |
50 |
127.27% |
5 |
फाइनसेफ 1.5 ग्राम |
29 |
125 |
331.03% |
6 |
एक्यूजोन 1.5 ग्राम |
35 |
140 |
300% |
उपरोक्त सभी निर्मित दवायें के अलावा अन्य दवायें भी उपरोक्त मुनाफे की तरह विक्रय की जा रही है । (ग) क्या शासन प्रदेश में फिक्स कीमत हेतु Drug Price (Regulatory System) निर्मित करेगा, व केन्द्र सरकार को भी उचित मूल्य पर दवा उपलब्ध कराने हेतु अनुशंसित पत्र भेजेगा ।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी नहीं, शेष प्रश्न प्रश्नांश (ग) अनुसार। (ग) औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 1995 को अधिक्रमित करते हुये भारत सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (1955 का 10) की धारा 3 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों के तहत् रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत फार्मास्यूटिकल्स विभाग, नई दिल्ली के ज्ञापन क्रमांक का.आ. 1221 (अ) दिनांक 15 मई 2013 के माध्यम से औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश, 2013 जारी किया गया है, जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इस आदेश के तहत् औषधियों के मूल्यों का निर्धारण भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा किया जाता है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित औषधियों ''मुनाफे की तरह विक्रय की जा रही दवायें'' के विषय में राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण, औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र लिखा गया है, जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण, औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त योजना के अंतर्गत कन्ज्यूमर अवेयरनेस, पब्लिसिटी एवं प्राइस मॉनिटरिंग योजना के क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश राज्य में भी प्राइस मॉनिटरिंग एण्ड रिसोर्स यूनिट (पी.एम.आर.यू.) का गठन किया जा रहा है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों का पालन
[सामान्य प्रशासन]
75. ( क्र. 3490 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विगत वर्षों में अनगिनत प्रपत्र/ज्ञाप प्रदेश के सभी संभागायुक्त कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आदि को जारी किए हैं कि माननीय सांसद व माननीय विधायकों से प्राप्त आवेदनों की अलग पंजी (रजिस्टर) रखी जाकर प्राप्त पत्रों को आवक किया जावे एवं उनके समय रहते उपरोक्त जनप्रतिनिधियों को कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला मुरैना में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासन के आदेश निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा 15 दिसमबर 2018 से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक सभी विभागों से जिला मुरैना में कितने आवेदन किन-किन अधिकारियों कर्मचारियों को विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी से संबंधित विकास कार्यों के लिए प्रस्तुत किये गये व कितने पत्रों के उत्तर व की गई कार्यवाही से अवगत कराया, की जानकारी दी जावे। (घ) क्या प्रस्तुत सभी पत्रों की कार्यवाही से अवगत करा दिया है या कुछ शेष है? यदि शेष है तो शेष पत्रों की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उन पर कब तक प्रश्नकर्ता को सूचित कर दिया जायेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिला पंचायत मुरैना में 01 पत्र में सी.ई.ओ. अम्बाह से जानकारी चाही गई है, 03 पत्रों में शासन निर्देशानुसार परिसीमन की कार्यवाही माह अगस्त से होगी, 01 पत्र में सामुदायिक भवन सी.सी.रोड नाला निर्माण हेतु पंचायत राज संचालनालय भोपाल को पत्र लिखा गया, 01 पत्र जिला संयोजक आदिम जाति की ओर कार्यवाही हेतु भेजा गया है। स्वास्थ विभाग मुरैना के सभी 07 पत्रों की कार्यवाही से अवगत कराया गया है। लोक निर्माण विभाग मुरैना के सभी 03 पत्रों की कार्यवाही से अवगत कराया गया है। विद्युत विभाग मुरैना के 04 पत्रों की कार्यवाही से अवगत कराया गया है। शेष 01 पत्र की कार्यवाही से दिनांक 15/07/2019 को अवगत कराया जाएगा। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मुरैना में प्रश्नकर्ता से संबंधित कोई पत्र लंबित नहीं है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण मुरैना से सभी 03 पत्रों की कार्यवाही से अवगत कराया गया है। पत्रों का निराकरण एक सतत कार्य प्रक्रिया है, जिसकी निर्धारित समयावधि बताना सम्भव नहीं है।
अस्पतालों द्वारा जनता के लिये व्यय की गई राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
76. ( क्र. 3510 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न तिथि तक रोगी कल्याण समिति सिविल/ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज एवं हनुमना में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की किन-किन योजनाओं के द्वारा उपलब्ध मदों में कितनी राशि व्यय करने हेतु आई? वर्षवार/योजनावार राशिवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार योजनाओं में आई राशि का व्यय किस-किस मद में किया? वर्षवार/हितग्राही संख्यावार/राशिवार/योजनावार उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार कुल कितनी राशि रोगी कल्याण समिति एवं अन्य सक्षम कार्यालयों को प्राप्त हुई? व्यय करने का सक्षम अधिकारी कौन था? नाम व पदनाम दें। किस-किस नाम/संस्था/फर्म/अन्य को कितनी-कितनी राशि दी गई? जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्त सिविल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में केन्द्र शासन/राज्य शासन/अन्य योजनाओं के तहत किस-किस प्रकार के उपकरण/सामग्री/दवाईयां/अन्य सामग्री आई है, तो उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? उपकरण एवं सामग्री किस स्थान पर रखे हैं?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
77. ( क्र. 3511 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय उपायुक्त सहकारिता जिला रीवा म.प्र. के पत्र क्रमांक शिकायत/2019/क्यू/रीवा, दिनांक 05.06.2019 से समिति प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति मर्यादित, गौरी (शाहपुर) जिला रीवा को जाँच में दोषी पाये जाने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु पत्र जारी किया गया था? पत्र की प्रति तथा संक्षिप्त जाँच निष्कर्ष उपलब्ध करावें। (ख) क्या इस तरह मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रीवा द्वारा क्रमांक स्थापना/568 दिनांक 17.06.21019 को लिखा गया था? क्या चंद्रिका प्रसाद मिश्रा ने दिनांक 14.05.2018 को समिति प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्यादित गौरी को डॉक्टर का सर्टिफिकेट देते हुये पत्र लिखा था? मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पत्र चंदिका प्रसाद मिश्रा का आवेदन डॉक्टर के सर्टिफिकेट की एक प्रति दें। क्या शासन डॉ. की डिग्री को देखते हुये उक्त सर्टिफिकेट को वैध मानता है? (ग) रीवा जिले में दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सेवा सहकारी समितियों में आर्थिक अनियमितताओं की जाँच उप आयुक्त सहकारिता जिला रीवा द्वारा किन-किन शिकायतों पर कब-कब की गई? शिकायतों का विवरण, संक्षिप्त निष्कर्ष तथा उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समयानुसार हुई सभी जांचों में किस स्थान के, किस नाम/पदनाम के लोगों को दोषी पाया गया? नाम/पदनामवार/विवरण दें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 तथा जाँच के निष्कर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं डॉक्टर के सर्टिफिकेट के साथ आवेदन पत्र नहीं लिखा था। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा लिखे गये पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा श्री चंद्रिका प्रसाद मिश्रा द्वारा दिये गये आवेदन दिनांक 14.05.2018 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
सरकारी विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन
[जनसंपर्क]
78. ( क्र. 3517 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकारों के लिए सरकारी विज्ञापन देने को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014-15 में गाइड-लाइन जारी की थी? यदि हाँ, तो गाइड-लाइन की एक प्रति देते हुए बतायें कि सरकारी विज्ञापनों में किन-किन माननीयों के फोटो दिये जाने थे? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्तमान में सरकारी विज्ञापनों में किन-किन माननीयों के फोटो दिये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत क्या माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमल के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने को भी कहा था? यदि हाँ, तो क्या कमेटी बना दी गयी है? यदि हाँ, तो उसमें कौन-कौन सदस्य हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 13-05-2015 के निर्णय में निहित है तथा दिनांक 18-03-2016 के आदेश में निहित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के परिपालन में केन्द्र सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के दिनांक 16-06-2016 के आदेश के अनुसार शासकीय विज्ञापनों में प्रधानमंत्री/राज्यों के मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री के फोटो का प्रकाशन किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।। (ग) प्रक्रियाधीन है।
कृषि ऋण वितरण एवं कर्ज माफी
[सहकारिता]
79. ( क्र. 3522 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में विगत 2 वर्षों में कृषि कार्य एवं कृषि सामग्री क्रय करने हेतु किस-किस प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति द्वारा कितने किसानों को कितना ऋण उपलब्ध कराया गया है? शाखावार, समितिवार, वर्षवार कृषकों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत सभी किसानों का ऋण माफ किया गया? यदि हाँ, तो कितने किसानों का कितना ऋण प्रश्न दिनांक तक माफ किया गया एवं कितने किसानों का ऋण अब तक माफ नहीं हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में पन्ना जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना में अनियमितताओं के कौन-कौन से मामले/प्रकरण सामने आये? इन प्रकरणों में अब तक क्या कार्यवाही की गयी? क्या इन प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए शासन स्तर से कोई जाँच एवं कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पन्ना जिले में रूपये 50 हजार तक के 3906 कृषकों के पी.ए. ऋण तथा रूपये 2 लाख तक के 27,530 कृषकों के एन.पी.ए. ऋण माफ किए गए हैं। 11,349 कृषकों का ऋण माफ किया जाना शेष है। (ग) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत अनियमितता के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जाँच पर कार्यवाही
[सहकारिता]
80. ( क्र. 3541 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्था जिला छतरपुर में उप पंजीयक के पद पर दिनांक 02/02/2013 से 05/12/2016 तक कौन-कौन पदस्थ था? मूल नाम उल्लेख करें। उक्त अधिकारी की कितनी कब से किस-किस जिले के संबंध में विभागीय जाँच व अनुशासनात्मक कार्यवाही मध्यप्रदेश शासन व प्रशासन द्वारा की जा रही है। उक्त विभागीय जाँच व अनुशासनात्मक कार्यवाही का संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त अधिकारी पर की जा रही संपूर्ण विभागीय जाँच व अनुशासनात्मक कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही का संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। उक्त कार्यवाही को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त जिला के संबंध में उक्त अधिकारी की विभागीय जाँच व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है तो क्या उक्त अधिकारी की उक्त जिले में पदस्थापना की जा सकती है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला छतरपुर में उप पंजीयक के पद पर श्री अखिलेश निगम दिनांक 02.02.2013 से 25.12.2015 तक, श्री पी.आर. कावडकर दिनांक 26.12.2015 से 13.03.2016 तक तथा श्री अखिलेश निगम दिनांक 14.03.2016 से 24.07.2017 तक पदस्थ रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, जी नहीं।
चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 3542 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने डॉक्टरों एवं अन्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? पदवार, नामवार, अस्पतलावार सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या चंदला विधानसभा क्षेत्र के चिकित्सालयों में 60-70 प्रतिशत कर्मचारी उपस्थित नहीं रहते हैं, जिससे अस्पतालों में ताले लगे रहते हैं तथा मरीजों को इलाज हेतु बाहर जाना पड़ता है, जिससे रास्ते में ही कई मरीजों की जान चली जाती है? (ग) क्या लगभग 70% पद रिक्त होने के कारण चिकित्सालयों में आये दिन ताले लगे रहते है? (घ) यदि हाँ, तो चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों की कब तक नियुक्ति की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं, उपलब्ध चिकित्सक/स्टाफ उपस्थित रहकर आमजन का आवश्यक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करते हैं, केवल गंभीर मरीजों को ही प्रारंभिक इलाज प्रदान कर हायर सेन्टर पर रेफर किया जाता है। (ग) जी नहीं, विभिन्न संवर्गों के 41 प्रतिशत पद रिक्त हैं, शेष 59 प्रतिशत चिकित्सक/सहायक स्टाफ द्वारा आमजन को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है, हाल ही में बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना हेतु दिनांक 20,21 एवं 22 जून 2019 को आयोजित काउंसलिंग में छतरपुर जिले हेतु चिकित्सकों के 13 पदों के लिए रिक्तियां प्रदर्शित की गई थीं, जिसमें चंदला विधानसभा क्षेत्र के 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सम्मिलित थे परंतु मात्र 01 चिकित्सक द्वारा प्रा.स्वा.के. अंगोर का चयन किया गया। पैरामेडिकल/अन्य सहायक स्टाफ की पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं हेतु दिशा-निर्देश
[सामान्य प्रशासन]
82. ( क्र. 3556 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा, लिखित परीक्षा/सलाहकार परीक्षा तथा केवल साक्षात्कार परीक्षा में विज्ञापित पद, आरक्षण, प्राप्त आवेदन, प्रारंभिक तथा मुख्य परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी, चयनित अभ्यर्थी की वर्ग अनुसार संख्या, परीक्षा अनुसार कट ऑफ पाइंट सहित सूची देवें। (ख) वर्ष 2014 से 2018 तक आयोजित विभिन्न प्रारंभिक परीक्षाओं में बतायें कि किस-किस परीक्षा में पद के 15 गुना से ज्यादा अभ्यर्थी सफल किये हैं तथा समान अंक लाने वाले अभ्यर्थी को अतिरिक्त क्यों माना गया है? समान अंक वाले मिलाकर 15 गुना या 3 गुना क्यों नहीं किया गया? इस संबंध में नियम की जानकारी प्रति सहित देवें। (ग) लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने वाले अन्य राज्य के अभ्यर्थी के लिए आयु सीमा 28 से बढ़ाकर 35 क्यों की गई तथा राज्य के अभ्यर्थी की 40 से घटाकर 35 क्यों की गई है, जबकि अन्य कई राज्यों में ऐसा नहीं है? अगर उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर की गई, तो आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि आदेश के किस भाग में ऐसा निर्देश है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नियम के उद्धरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) राज्य तथा राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई है, जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। संबंधित अंश को रेखांकित किया गया है।
स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
83. ( क्र. 3578 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं? स्थान के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त केन्द्रों पर कौन-कौन अधिकारी (चिकित्सक) एवं कर्मचारी पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदवासा में स्थित भवन में स्वास्थ्य सेवाओं की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। इसको पूर्ण रूप से अभी तक क्यों प्रारम्भ नहीं करने का कारण बतावें। (घ) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदवासा में जनता की सुविधा हेतु पूर्ण रूप स्वास्थ्य सेवाएं कब तक प्रारम्भ कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत 03 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 07 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 59 उप स्वास्थ्य केन्द्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदवासा का भवन निर्माण हो चुका है। बी.एम.ओ. मेलखेड़ा को हस्तांतरित किया जा चुका है। संस्था में मेडिकल ऑफिसर, ए.एन.एम., फार्मासिस्ट, वार्ड-बॉय की पूर्ण कालीन सेवायें प्रदान करने हेतु पाबंद किया है। वर्तमान में संस्था पूर्ण रूप से संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजना अंतर्गत किए गए कार्य की जाँच
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
84. ( क्र. 3601 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी विकास मद अंतर्गत प्रस्ताव/स्थल चयन/कार्य कराने के नियम बताएं एवं कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना अंतर्गत किस-किस स्थल के कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से प्रस्ताव, किस-किस व्यक्ति/संस्था के प्राप्त हुए एवं किस नाम/पदनाम के अधिकारी द्वारा कौन-कौन से प्रस्ताव किन-किन आधार पर स्वीकृत/अस्वीकृत किए गये? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत कार्यों का प्रस्ताव/स्थल चयन/कार्य किस शासकीय सेवक/विभाग द्वारा तैयार किया गया एवं कार्यों का निरीक्षण/भौतिक सत्यापन और कार्य की माप किस-किस तकनीकी अधिकारी/शासकीय सेवक द्वारा कब-कब की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किये गये कार्यों में किस-किस व्यक्ति/संस्था/प्रतिष्ठान द्वारा कितनी-कितनी राशि/सामग्री/श्रम/ परिवहन किस-किस के अनुरोध पर दान/सहयोग के तौर पर कैसे-कैसे प्रदाय की गयी। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अंतर्गत क्या किसी व्यक्ति/प्रतिष्ठान द्वारा बार-बार राशि/सामग्री/श्रम/परिवहन उपलब्ध कराई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस व्यक्ति/प्रतिष्ठान द्वारा जनभागीदारी के कार्यों में कितनी बार सहयोग किया गया और अपने कार्यस्थल, गाँव/विकासखण्ड के बाहर के कार्यों में नियम विरुद्ध राशि एवं सामग्री प्रद्त की गयी है? पूर्ण विवरण बताएं एवं क्या इन संदेहास्पद संदिग्ध,बिल/वाउचरों और किये गये कार्यों की जाँच की जायेगी? हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जनभागीदारी नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी योजना से स्वीकृत कार्यों के स्थल, लागत एवं कार्यान्वयन एजेन्सी के नाम की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जनभागीदारी योजना के नियमों के अनुसार जिला कलेक्टर द्वारा कार्यों की स्वीकृति जारी की गई। (ख) स्थल चयन प्रस्तावक निकाय/विभाग द्वारा किया जाता है। तकनीकी स्वीकृति जारी करने वाले अधिकारियों का विवरण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 5 में दर्शित अनुसार है। भौतिक सत्यापन एवं कार्य की माप करने वाले अधिकारियों के नाम प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 15 में दर्शित अनुसार है। (ग) जनभागीदारी का अंश राशि/सामग्री/श्रम/परिवहन/प्रस्तावक एजेन्सी द्वारा दिया गया है जिनका नाम प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 14 में दर्शित है। (घ) जी हाँ। कई संस्थाओं के एक से अधिक कार्य स्वीकृत हुये हैं, क्योंकि उन निकायों द्वारा राशि/सामग्री/श्रम/परिवहन जनभागीदारी के अंश के रूप में उपलब्ध कराया है। कार्य स्थल, गाँव विकासखण्ड के बाहर कार्यों हेतु राशि/सामग्री उपलब्ध कराने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रय की गई भूमि की जानकारी
[सहकारिता]
85. ( क्र. 3616 ) डॉ. मोहन यादव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन तहसील के ग्राम हामुखेड़ी पटवारी हल्का नं. 41 के सर्वे क्र. 77 रकबा 0.261, सर्वे क्रमांक-7812 रकबा 0.155 एवं सर्वे क्रमांक 82/1/2 रकबा 0.106 आरे कुल रकबा 0.522 हेक्टेयर निजी/शासकीय भूमि विजय गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन द्वारा दिनांक 3-9-1992 को क्रय की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि के सम्पू्र्ण क्षेत्रफल का नामांतरण संस्था के पक्ष में राजस्व रिकॉर्ड में करवाये जाने की कोई कार्यवाही की गयी अथवा नहीं? क्या उक्त भूमि अन्य व्यक्तियों को विक्रय की गयी? यदि हाँ, तो इस संबंध में संस्था के प्रभारी अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्था में कुल कितने पंजीकृत सदस्य थे तथा वर्तमान में उक्त भूमि पर किसका स्वामित्व है तथा किस-किस को विक्रय की गयी? इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो इस पर कोई कार्यवाही की गयी? सम्पूर्ण प्रकरण में कौन-कौन से विभाग के कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित है तथा उन पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) उज्जैन तहसील के ग्राम हामुखेड़ी पटवारी हल्का नं. 41 के सर्वे क्र. 77 रकबा 0.261 एवं सर्वे क्रमांक-78/2 रकबा 0.155 कुल रकबा 0.416 हेक्टेयर भूमि विजय गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन द्वारा दिनांक 03.09.1992 को क्रय की गयी थी, सर्वे क्र. 82/1/2 रकबा 0.106 आरे भूमि क्रय नहीं की गई थी, क्रय भूमि के नामांतरण हेतु परिसमापक द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जी हाँ, उक्त भूमि का विक्रय पूर्व भू-स्वामी द्वारा फर्जी तरीके से अन्य व्यक्तियों को किया गया। इस संबंध में संस्था के परिसमापक द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) संस्था की वर्ष 2008-09 की अंकेक्षण टीप के अनुसार 508 सदस्य थे। उक्त भूमि के संबंध में मान. उच्च न्यायालय के खण्डपीठ इंदौर के समक्ष प्रस्तुत अपील प्रकरण के निराकरण के उपरांत स्वामित्व की वास्तविक स्थिति निर्धारित होगी। उत्तरांश (क) अनुसार उक्त पूर्व भूमि स्वामी द्वारा भूमि अन्य व्यक्ति श्री आनन्द पिता कैलाश शर्मा एवं श्री विपिन पिता श्री विजय गिरी को विक्रय की गई है। उक्त भूमि को विक्रय करने के संबंध में संस्था एवं उपायुक्त सहकारिता जिला उज्जैन को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। भूमि विक्रय के प्रकरण में विभाग के कोई अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्लाटों का विक्रय
[सहकारिता]
86. ( क्र. 3617 ) डॉ. मोहन यादव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर स्थित भारत हाउसिंग सोसायटी मर्यादित उज्जैन के स्वामित्व की कॉलोनी गायत्री नगर के प्लाटों का विक्रय परिसमापक द्वारा संस्था के कितने सदस्यों को किया गया तथा कितने गैर सदस्यों को विक्रय किये गये अथवा नहीं? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त के संबंध में लोकायुक्त कार्यालय में कोई शिकायत की गयी थी तथा उसके संबंध में लोकायुक्त कार्यालय द्वारा कोई जाँच करवायी गयी थी तथा उक्त जाँच के क्या निष्कर्ष रहे? (ग) उपरोक्त के संबंध में जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) उज्जैन नगर स्थित भारत हाउसिंग सोसायटी मर्यादित उज्जैन के स्वामित्व की कॉलोनी गायत्री नगर के 2 प्लाटों का विक्रय पूर्व प्रशासक द्वारा 2 सदस्यों को किया गया है। गैर सदस्यों को प्लॉटों का विक्रय नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। भारत हाउसिंग सोसायटी मर्यादित उज्जैन के संबंध में लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की गयी थी, जिसका प्रकरण क्रमांक जा.प्र.352/2018 है। लोकायुक्त कार्यालय द्वारा सहकारिता विभाग के माध्यम से जाँच कराई गयी। उपायुक्त सहकारिता उज्जैन द्वारा प्रस्तुत शिकायत के जाँच निष्कर्ष संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपरोक्त के संबंध में जिम्मेदार कर्मचारी श्री प्रदीप नाहटा एवं श्री जोकाविम कुजूर वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक के विरूद्ध विभागीय जाँच हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जिला उज्जैन के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संस्था के पूर्व अध्यक्ष श्री सी.व्ही. जॉन के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 58-बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की आयु सीमा का निर्धारण
[सामान्य प्रशासन]
87. ( क्र. 3636 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षाओं में आयु सीमा 40 वर्ष से घटा कर 35 वर्ष कर दी गयी है, जिससे लाखों युवाओं को हतोत्साहित होकर कई वर्षों की पढ़ाई करने के बाद भी रोज़गार से वंचित रहना पड़ेगा? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया? (ख) क्या आयु सीमा को क्या वापस पहले की तरह बढ़ा कर 40 वर्ष किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) दिनांक 4 जुलाई, 2019 द्वारा आयु सीमा 40 वर्ष रखे जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
पैक्स सोसायटियों में किसानों की जमा अंशपूंजी
[सहकारिता]
88. ( क्र. 3670 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पैक्स सोसायटियों में किसानों से जमा की गई अंशपूंजी की कुल कितनी राशि जमा है? जिलेवार सूची देवें। छोटे एवं बड़े किसानों से कितनी-कितनी अंशपूंजी जमा करवाई जाती है? जिला शाजापुर में सोसायटियों के पंजीयन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी अंशपूंजी जमा है? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निधि में जिला शाजापुर की उगली, रायपुर, अमलाय तथा खारसूर संस्था में कितने किसानों की कितनी अंशपूंजी जमा है? समितिवार किसानों की संख्या एवं राशि उपलब्ध करायें ।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) पैक्स समितियों में किसानों की जमा अंशपूंजी तथा छोटे एवं बड़े किसानों से अंशपूंजी जमा करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिला शाजापुर की पैक्स समितियों में किसानों की जमा अंशपूंजी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अवैध व अनाधिकृत रूप से दुकान निर्माण
[अध्यात्म]
89. ( क्र. 3677 ) श्री बनवारीलाल शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा, जिला मुरैना के पटवारी हल्का क्रमांक 24/2 संवत 2026 से 2029 तक सर्वे क्रमांक 422 की औकाफ भूमि मिल्कियत सरकार की बेशकीमती भूमि को जौरा को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष श्री सूबेदार सिंह एवं संचालक मण्डल द्वारा 5 विस्वा पर अवैध व अनाधिकृत रूप से दुकान निर्माण कर, दुकानों की नीलामी कर दी? (ख) क्या यह भी सही है कि उसके विरूद्ध न्यायालय तहसीलदार परगना जौरा, जिला मुरैना ने प्रकरण क्रमांक 133/2015-16/बी-121, प्रतिवेदन दिनांक 07.06.2016 में यह स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि के अंश भाग पर मार्केटिंग सोसायटी द्वारा उपयोग किया जा रहा है? ऐसी स्थिति में दुकानों का आवंटन अवैधानिक है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर मुरैना न्यायालय कलेक्टर में प्रकरण क्रमांक 32/अ-121 दिनांक 06.09.2018 से कार्यवाही से विलंबित किए हुए हैं? क्या अवैधानिक दुकानों के विक्रय के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण कायम किया जाएगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जाँच प्रक्रियाधीन है। (ख) तहसील परगना जौरा, जिला मुरैना द्वारा प्रकरण क्रमांक 133/2015-16/बी-121 द्वारा प्रकरण दर्ज किया जाकर प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 32/बी-121/ 2017-18 पंजीबद्ध होकर विचाराधीन होने से प्रकरण का निराकरण होने पर निर्णय लिया जा सकेगा।
नवीन अशंदायी पेंशन योजनांतर्गत प्रकरणों की जानकारी
[वित्त]
90. ( क्र. 3693 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 9-2/2014/चार/दिनांक 6.8.2014 द्वारा नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्ति, सेवा त्याग और मृत्यु के प्रकरणों में फंड मैनेजरों के पास जमा राशि के भुगतान के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित की गई है? (ख) क्या परिपत्र की कंडिका-स में मृत्यु के प्रकरणों में पूर्ण जमा राशि का एक मुश्त भुगतान मृतक के वैद्य उत्तराधिकारी को करने का उल्लेख है? इसके अनुसार फंड मैनेजरों के पास जमा राशि का संबंधित के खाते में कितना प्रतिशत जमा किया जायेगा? (ग) क्या संबंधित को 20 प्रतिशत राशि का नगद भुगतान और 80 प्रतिशत राशि का बीमा योजना (ASP) में निवेश कराया जाना आवश्यक है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। परिपत्र दिनांक 06.08.2014 के पश्चात पेंशन निधि विनियामक प्राधिकार की अधिसूचना दिनांक 11.05.2015 के अनुसार अभिदाता की अधिवार्षिकी की आयु प्राप्त करने से पूर्व मृत्यु होने पर अभिदाता के जमा पेंशन धन राशि रूपये दो लाख से अधिक के प्रकरणों में जमा पेंशन धन का कम से कम 80 प्रतिशत भाग अनिवार्य रूप से वार्षिकी क्रय करने के लिये उपयोग किया जायेगा एवं शेष 20 प्रतिशत धन एक मुश्त रूप से अभिदाता के नामिती एवं नामितियों को या विधिक वारिसों को भुगतान कर दिया जायेगा। अभिदाता के जमा पेंशन धन की राशि रूपये दो लाख या उससे कम होने पर 100 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा।
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी फण्ड से कराए गए कार्य
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
91. ( क्र. 3716 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत क्या जे.पी.एसोसिएट स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो जे.पी.एसोसिएट रीवा द्वारा विगत 05 वर्षों में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी फण्ड से कितना-कितना कार्य कराया गया? कराये गये कार्य की वर्षवार जानकारी के साथ भौतिक प्रतिवेदन का विवरण संलग्न करते हुये अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या संस्थान द्वारा उक्त राशि से कार्य कराये गये? यदि नहीं कराये गए तो उक्त राशि का उपयोग कहाँ पर कराया गया है? विवरण सहित अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है। (ग) वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है। ''कंपनी (कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014'' अनुसार प्रत्येक कंपनी को कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व की बाध्यता है तथा इस दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होगा।
एक्सपायरी डेट की खाद्य एवं पेय सामग्री का विक्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 3754 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में 1 जनवरी 2017 के पश्चात कितने शॉपिंग मॉल को खाद्य एवं पेय किराना सामग्री बेचने हेतु विभाग द्वारा पंजीयन किया गया तथा इन मॉल की जाँच विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? (ख) क्या उक्त संभागों के विभिन्न् शॉपिंग मॉल में खुलेआम धड़ल्ले से एक्सपायरी डेट के बाद भी पैकिंग किराना एवं अन्य पेय सामग्री बिक रही है? क्या ग्राहकों द्वारा विभाग में शिकायत करने के बावजूद विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है? यदि नहीं तो विभाग द्वारा इन मॉल की कब-कब जाँच कर क्या–क्या कमियां पाई गई? (ग) क्या विभाग द्वारा समस्त मॉल पर शिकायत पुस्तिका रखे जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में किस-किस मॉल पर किस-किस प्रकार की शिकायत पाई गई तथा कतने माल पर शिकायत पुस्तिका प्राप्त नहीं हुई? इसकी जाँच विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने कब-कब की? जानकारी देवें। (घ) उक्त अवधि में उक्त संभाग के कितने-कितने माल के सेम्पल की जाँच विभाग द्वारा उच्च स्तरीय प्रयोगशाला में करवाई गई? इसकी रिपोर्ट प्रदान करें ।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, ग्राहकों द्वारा एक्सपायरी डेट का किराना एवं पेय खाद्य सामग्री शॉपिंग मॉल में विक्रय किये जाने की इस प्रशासन अंतर्गत जिला कार्यालयों में शिकायत नहीं की गई है। शेष जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खाद्य नमूनों की जाँच इस प्रशासन अंतर्गत संचालित राज्य खाद्य जाँच प्रयोगशाला भोपाल में की जाती है। शेष जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सोलर लाइट की खरीदी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
93. ( क्र. 3769 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से कराए जाने वाले कार्य म.प्र. शासन की सहकारी समिति के माध्यम से कराए जाने के आदेश (म.प्र.) शासन के हैं? (ख) राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम नागपुर से सोलर लाइट की किस नियम के तहत खरीदी की गई है? क्या एम.एन.आर.ई. द्वारा सोलर लाइट की मानक दर तय की है? यदि हाँ, तो मानक दर से अधिक दर में सोलर लाइट की खरीदी क्यों एवं कहाँ की गई है? (ग) आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से कितना भुगतान एन.एस.आई.सी. नागपुर को किन-किन जिलों एवं विभागों से किया गया है? कार्य का भौतिक सत्यापन दिनांक एवं अधिकारी का नाम बतायें। (घ) क्या विंध्य विकास प्राधिकरण सहित अन्य मदों से सोलर स्ट्रीट लाइट राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम नागपुर से नियम विरूद्ध खरीदी की गई है? क्या नियम विरूद्ध खरीदी सुनियोजित है? यदि हाँ, तो दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों? होगी तो कब तक? प्रश्नकार्ता द्वारा उक्त के सबंध में आयुक्त रीवा सभाग को पत्र क्र.8, दिनांक 01-01-2019 के द्वारा जानकारी चाही थी? उस पर क्या जानकारी कब प्रदान की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। (ख) मान. विधायक की अनुशंसा अनुसार राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम को कार्यान्वयन एजेन्सी निर्धारित कर स्वीकृति जारी की गई है। एम.एन.आर.ई. द्वारा सोलर लाईट हेतु बेंचमार्क दरे नियत की गई है। क्रियान्वयन एजेन्सी को बेंचमार्क दरों के अनुरूप उनसे प्राप्त प्राक्कलन अनुसार राशि प्रदाय की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। खरीदी की कार्यवाही नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त क्रियान्वयन एजेन्सी को जिला रीवा द्वारा राशि रू. 542.108, जिला सीधी राशि रू. 20.790, जिला सिंगरौली राशि रू. 5.36, जिला शहडोल राशि रू. 259.59, जिला सतना राशि रू. 102.00, जिला छतरपुर राशि रू. 353.51 लाख एवं कार्यालय विंध्य विकास प्राधिकरण द्वारा राशि रू. 175.87 लाख का भुगतान किया गया है। कार्यों का भौतिक सत्यापन क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा किया जाता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। आयुक्त रीवा से उत्तर प्रतिक्षित है।
सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी को पेंशन का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
94. ( क्र. 3777 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत ऐसे कितने अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जिनकी सेवानिवृत्ति के 6 माह हो जाने के उपरांत भी पेंशन प्रदान नहीं की जा रही है? उनके भरण पोषण की क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत ऐसे कितने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिलों में पदस्थ हैं, जिनको विभाग की सेवा में वरिष्ठता की अवहेलना करते हुये, कनिष्ट होते हुये भी प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है? नियमानुसार वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गयी? क्या यह न्यायालय के समय समय पर दिये गये निर्देशों की अवहेलना है? (ग) जिला नरसिंहपुर के स्वास्थ्य विभाग में ऐसे कितने चिकित्सा अधिकारी, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं कर्मचारी हैं, जिनको सेवानिवृत्ति के उपरांत 300 दिवस के समर्पित अवकाश सातवें वेतनमान का ऐरियर्स का भुगतान आज दिनांक तक जिला कार्यालय द्वारा नहीं किया गया है? क्या संबंधित अधिकारी के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करेंगे? देयकों के विलम्ब से भुगतान होने के कारण ब्याज का भुगतान कौन करेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सेवानिवृत्ति के 6 माह उपरान्त 277 अधिकारियों/कर्मचारियों को पूर्ण पेंशन प्रदाय नहीं की जा रही है। इनके भरण-पोषण के लिये नियमानुसार प्रत्याशित पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। कारण दर्शाते हुये प्रकरणवार पूरक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का पद जिले में विभाग के प्रशासनिक कार्यों का मुख्य पद है। उक्त पद हेतु वरिष्ठता के साथ-साथ संबंधित अधिकारी के स्वास्थ्य कारण, कार्य संपादन शैली, जिले स्तर पर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से व्यवहार तथा राष्ट्रीय कार्यक्रमों के सूचारू संचालन हेतु योग्यता को भी विचारण में लिया जाता है। वर्तमान में 20 जिलों में कनिष्ठ अधिकारियों को प्रभार सौंपा गया है। अधिकारियों के कार्य-व्यवहार के आधार पर प्रभार परिवर्तन संबंधी कार्यवाही सतत एवं निरंतर प्रक्रिया है। जी नहीं। पूरक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-1/2018/नियम चार भोपाल, दिनांक 06 अगस्त 2018 द्वारा 300 दिवस के समर्पित अवकाश की अधिसूचना जारी की गई है। उक्त अवधि के बाद सेवानिवृत्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौधरी के द्वारा एन.एच.एम. के अग्रिमों का समायोजन न करने के कारण कार्यालयीन पत्र क्रमांक/2018/7755 नरसिंहपुर दिनांक 09.10.2018 द्वारा जाँच दल गठित किया गया हैं। जाँच दल की रिपोर्ट अप्राप्त होने के कारण भुगतान लंबित हैं। सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के ऐरियर्स के भुगतान हेतु कार्यालय के पत्र क्रमांक/पेंशन/2018/8375 दिनांक 30.10.2018 द्वारा 44 कर्मचारी/अधिकारियों की सूची सहित जिला कोषालय को पत्र लिखा गया है कि मृत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों का ऐरियर्स सॉफ्टवेयर द्वारा जनरेट नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण भुगतान लंबित हैं। इस संबंध में सॉफ्टवेयर में सुधार हेतु शिकायत भी दर्ज की गई, जिसका क्रमांक एसडी 178294 दिनांक 30.10.2018 है। वर्तमान में उक्त 44 प्रकरणों में से 24 ऐरियर्स भुगतान सॉफ्टवेयर में न लेने के कारण लंबित हैं सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
प्रबंधकों से राशि की वसूली
[सहकारिता]
95. ( क्र. 3781 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां हैं एवं उनमें कौन-कौन प्रबंधक एवं सहायक समिति प्रबंधक पदस्थ हैं तथा ऐसे कितने प्रबंधक हैं, जिनके पास एक से अधिक समितियों का प्रभार है? नाम सहित बतावें तथा प्रश्न दिनांक तक किन-किन समिति एवं सहायक समिति प्रबंधकों व जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजगढ़ के अधिकारी/कर्मचारियों पर गबन, धोखाधड़ी, विभागीय जाँच एवं अग्रिम राशि के वार्षिक पत्रकों में लेनदारी-देनदारी बकाया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत पाँच वर्षों में समितियों में प्रशासकों के कार्यकाल में कितने सदस्यों को ऋण दिया गया है तथा ऐसे कितने सदस्य हैं जो एक से अधिक बार समिति के सदस्य बनकर ऋण प्राप्त कर रहे हैं? समितिवार सदस्य/किसानों की संख्या सहित राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या उपरोक्त कार्यवाही सहकारिता अधिनियम के अधीन की गई है? यदि नहीं तो क्या शासन द्वारा दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार किन-किन समिति प्रबंधकों से जाँच में दोषी पाये जाने पर राशि वसूली की कार्यवाही की जाना है? क्या प्रश्न दिनांक तक संबंधित कर्मचारियों से राशि की वसूली कर ली गई है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्या शासन ऐसे कर्मचारियों को निलंबित कर राशि वसूली एवं कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के नाम, कार्यरत समिति प्रबंधक तथा सहायक समिति प्रबंधक का नाम एवं एक से अधिक समितियों के प्रभार वाले समिति प्रबंधक के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। बैंक स्तर एवं समिति स्तर पर गबन धोखाधड़ी के प्रकरण की जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। बैंक स्तर के कर्मचारियों की विभागीय जाँच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार तथा बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। कर्मचारियों पर वार्षिक पत्रक अनुसार अग्रिम/लेनदारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' अनुसार है। (ख) प्रशासक के कार्यकाल में ऋण वितरण किये जाने वाले कृषकों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' अनुसार है। एक से अधिक बार समिति के सदस्य बनाकर ऋण प्राप्त करने वाले सदस्यों की संख्या निरंक है। प्रशासक के कार्यकाल में ऋण वितरण किया जाना नियम विरूद्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''8'' अनुसार है। वसूली की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल अस्पताल का उन्न्यन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
96. ( क्र. 3782 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ में वर्तमान में 30 बिस्तरीय अस्पताल का ही संचालन हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या नगर नरसिंहगढ़ की वर्तमान जनसंख्या 45 हजार तथा आसपास के 50-60 ग्रामों की आबादी उक्त अस्पताल पर निर्भर करती है तथा उक्त अस्पताल राष्ट्रीय राजमार्ग 46 पर स्थित होने से आए दिन दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों के लिये भी एक मात्र सहारा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त अस्पताल में 30 बिस्तर के विरूद्ध मरीजों की संख्या अधिक होने से निरंतर अन्य सेंटर को रेफर करने अथवा विलंब से स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की समस्या से क्षेत्रवासी लम्बे समय से जूझ रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त 30 बिस्तर अस्पताल को 100 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन करने के लिये विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर नरसिंहगढ़ के समान परिवेश वाले जिले के अन्य नगर ब्यावरा, सारंगपुर में 100 बिस्तर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त 30 बिस्तरीय सिविल मेहताब अस्पताल का 100 बिस्तरीय अस्पताल में उन्न्यन कर साथ ही उसके मान से भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कौशल विकास केन्द्र
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
97. ( क्र. 3785 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने पॉलीटेक्निक कॉलेज, आई.टी.आई. और कौशल विकास केन्द्र शासकीय तौर पर संचालित हैं? जिलेवार जानकारी दें। 01 जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक प्रदेश में कितने और कहाँ-कहाँ पॉलीटेक्निक कॉलेज, आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्र खोले गए हैं? (ख) आई.टी.आई. और कौशल विकास केन्द्र में किन-किन विषयों के प्रशिक्षण राज्य शासन द्वारा संचालित किये जाते हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पशु चराने, बैंड बजाने आदि की ट्रेनिंग दिये जाने की घोषण की है? यदि हाँ, तो ऐसे हितग्राहियों के प्रशिक्षण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना तैयार की है? जारी दिशा-निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्तमान में कौशल विकास केन्द्र संचालित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मानकों के अनुसार अस्पतालों की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 3786 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अखिल भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाय के अंतर्राष्ट्रीय मानक क्या हैं? कितनी जनसंख्या पर उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल होना चाहिए? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितने स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक अस्पताल होने चाहिए? क्या मानकों के अनुसार है? यदि नहीं तो मानकों के अनुसार अस्पतालों की व्यवस्था हेतु क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में क्या विदिशा नगर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति कब हुई? शिक्षण कार्य कब से प्रारंभ हुआ? दिनांक 30 जून की स्थिति में शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध किन-किन पदों पर शिक्षक/चिकित्सक या अन्य स्टाफ कार्यरत हैं? (घ) विदिशा स्थित मेडिकल कॉलेज में कितने छात्र अध्ययनरत हैं एवं किन-किन गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा रहा है? यदि गंभीर बीमारी का इलाज कॉलेज में संभव है तो यहां से मरीजों को शासकीय हमीदिया अस्पताल भोपाल किस आधार पर रेफर किया जा रहा है? इसके दोषी कौन हैं, व्यवस्थायें या प्रबंधन? कारण सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन सामान्य क्षेत्र में 5000 एवं आदिवासी क्षेत्र में 3000 की जनसंख्या पर एक उप स्वास्थ्य केन्द्र। सामान्य क्षेत्र में 30,000 एवं आदिवासी क्षेत्र में 20,000 की जनसंख्या पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र। सामान्य क्षेत्र में 1.20 लाख एवं आदिवासी क्षेत्र में 80,000 की जनसंख्या पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का मापदण्ड निर्धारित है। विकासखण्ड की वर्ष 2011 की जनसंख्या के मापदण्डानुसार 219-उप स्वास्थ्य केन्द्र, 34-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 07-सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होना चाहिए। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। जी नहीं। वर्तमान में प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं, परीक्षणाधीन हैं। (ग) मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-4-60/ 2015/55/2 दिनांक 09.12.2015 को विदिशा में 150 सीटेड एवं 750 बिस्तर अस्पताल के निर्माण के संबंध में प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी, शिक्षण कार्य सितंबर 2018 से प्रारंभ किया गया है। प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार कुल 1369 स्वीकृत, 137 कार्यरत एवं 1232 पद रिक्त हैं। (घ) चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में 150 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। चिकित्सा महाविद्यालय का अस्पताल निर्माणधीन होने के कारण महाविद्यालय में कार्यरत चिकित्सा विशेषज्ञ संबंध जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधा अनुसार मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिन बीमारियों का इलाज जिला चिकित्सालय में पर्याप्त सुविधाएं न होने के कारण हमीदिया अस्पताल में रेफर किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन
[सामान्य प्रशासन]
99. ( क्र. 3789 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन के समस्त विभागों को जारी विभागीय पत्र क्रमांक सी-5/ 2009/3/एक दिनांक 11 जनवरी 2010 द्वारा नागरिकों को जनहित की योजनाओं और कार्यक्रमों की पूरी जानकारी होने और उसका लाभ मिलने के उद्देश्य से प्रत्येक अधिकारी के लिए चार्टर ऑफ एकाउंटेबिलिटी बनाने के निर्देश देते हुए चार्टर का प्रारूप भी जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत यदि हाँ, तो क्या कटनी जिले में इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो चार्टर प्रारूप अनुसार किस-किस विभाग द्वारा किस तरह से? वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक का विवरण प्रदान करें। यदि नहीं तो आदेश का पालन न होने का कारण बताएं। (ग) क्या इस आदेश की परिधि में नगरीय निकाय भी आते हैं? यदि हाँ, तो कटनी जिले के नगरीय निकायों का प्रश्नांश (ख) अनुसार विवरण प्रदान करें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी बैंकों में किसानों की जमा पूंजी
[सहकारिता]
100. ( क्र. 3792 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सहकारी बैंक में किसानों की जमा पूंजी में से कितने अंश का किसान कर्ज माफी योजना में सरकार ने उपयोग किया है? जिलेवार इसका ब्यौरा दें। (ख) सीधी जिले में क्या सहकारी समितियों में से भी उक्त योजना के तहत किसानों की जमा पूंजी का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो किस समिति से कितने धन का उपयोग किया गया है? किन-किन समित सेवकों के खिलाफ किसानों द्वारा शिकायतें की गई हैं कि उन्होंने किसानों के नाम से गलत ऋण लेना दिखाया है? सूची देवें। (ग) सीधी जिले में कितनी सहकारी समितियां डिफॉल्टर हैं एवं इनको इस स्थिति से उबारने के लिए सरकार की क्या योजना है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। समिति सेवकों के खिलाफ शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सीधी जिले में 54 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां डिफॉल्टर हैं। जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत किसानों के किये गये ऋण माफी की राशि समितियों को उपलब्ध कराई जा रही है तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु राज्य शासन स्तर से अंशपूंजी सहायता उपलब्ध कराई गई है।
शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रीवा के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
101. ( क्र. 3793 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा शहर में स्थित विंध्य क्षेत्र के सबसे पुराने शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रीवा के आधिपत्य की भूमि को अन्य संस्थाओं को दे दिया गया है तथा शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है? यदि हाँ, तो सरकार इसे उत्कृष्टता की ओर ले जाने के लिए क्या प्रावधान करने जा रही है? (ख) तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्या सरकार की कोई योजना है जिसके तहत शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रीवा को हिंदुस्तान के प्रमुख अभियांत्रिकी महाविद्यालय के रूप में विकसित किया जा सके?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु टेक्युप-3 योजना अन्तर्गत प्रयोगशालाओं का उन्नयन, ट्रेनिंग प्रोग्राम, वर्कशॉप, सेमीनार एवं छात्र छात्राओं को Gate/Employbility का प्रशिक्षण आउट सोर्सिंग के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। महाविद्यालय में वर्ष 2018 से कम्प्यूटर साईंस एवं इंजीनियरिंग कोर्स भी प्रारम्भ किया जा चुका है।
चिकित्सक की मूल पदस्थापना एवं एम्बुलेंस की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
102. ( क्र. 3806 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुखतवा जिला होशंगाबाद में चिकित्सा अधिकारी विशेषज्ञ के सात पद स्वीकृत हैं व मात्र दो चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं तथा उक्त दो चिकित्सा अधिकारी में से एक को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय इटारसी में अटैच किया गया है जबकि उनके वेतन इत्यादि सुखतवा से आहरित होता है एवं उन्हें दो दिवस मंगलवार व शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुखतवा में कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया? जबकि उक्त चिकित्सा अधिकारी का मुख्यालय सुखतवा है, क्यों? (ख) क्या विभाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुखतवा में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य जगह अटैच अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के अटैचमेन्ट समाप्त कर उन्हें वापस सुखतवा मुख्यालय पदस्थ करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुखतवा में एम्बुलेंस उपलब्ध है? यदि नहीं तो कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विशेषज्ञ के 03 एवं चिकित्सा अधिकारी के 02, कुल 05 पद स्वीकृत एवं 02 चिकित्सक कार्यरत हैं, विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। इटारसी में चिकित्सकों की कमी के कारण स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत कलेक्टर होशंगाबाद के आदेशानुसार, सुखतवा से 01 चिकित्सक की ड्यूटी सप्ताह में 02 दिवस हेतु इटारसी लगाई गई है। उक्त चिकित्सक की मूल पदस्थापना सुखतवा होने के कारण मुख्यालय सुखतवा ही है। (ख) जी हाँ, इटारसी में चिकित्सक की व्यवस्था होने पर यशाशीघ्र पदस्थापना की जावेगी। तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के कोई कर्मचारी अन्यत्र संस्था में संलग्न नहीं है। (ग) एक एम्बुलेंस एवं एक जननी एक्सप्रेस 108 संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 3813 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही एवं जवाब देने के लिये शासन के क्या दिशा-निर्देश है? उक्त दिशा-निर्देशों के पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) पत्र क्र.N/2569 दिनांक 27.02.2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यालय कलेक्टर जिला सागर की जारी किये गये पत्र को लेकर क्या कार्यवाही की गई एवं पत्र के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित जनप्रतिनिधि को अवगत कराया गया अथवा नहीं? यदि अवगत कराया गया है तो उक्त पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। यदि अवगत नहीं कराया गया है तो क्यों? (ग) जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही न करने व उनके जवाब नहीं देने के लिये जिम्मेदार कौन है? (घ) क्या जनप्रतिनिधियों द्वारा जारी किये गये पत्रों के संबंध में शासन द्वारा समीक्षा की जायेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मृत सदस्यों के नाम से फर्जी ऋण निकाला जाना
[सहकारिता]
104. ( क्र. 3838 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक मर्यादित शाजापुर शाखा आगर अंतर्गत संस्था प्रबंधक संस्था झोटा (आगर) के प्रबंधक द्वारा मृत सदस्यों के नाम से ऋण निकाला गया? यदि हाँ, तो संबंधित संस्था झोटा के कितने मृत सदस्यों के नाम से फर्जी ऋण निकाला गया? (ख) प्राथमिक सहकारी संस्था झोटा (आगर) के प्रबंधक अब्दुल रज्जाक पर फर्जी ऋण निकलवाने पर कोई जाँच गठित की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ग) सहकारी संस्था झोटा (आगर) द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता की उच्च स्तर पर जाँच करवाई जायेगी तथा दोषी अधिकारी पर नियमानुसार कार्यवाही होगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शिकायत प्रमाणित नहीं पायी गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नमामि देवी नर्मदा यात्रा का संचालन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
105. ( क्र. 3843 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदा यात्रा को जन अभियान परिषद् के द्वारा या अन्य संस्था के द्वारा संचालित किया गया है? यदि हाँ, तो संस्था का नाम उनके पदाधिकारियों के नाम पद सहित जानकारी उपलबध करायें तथा बतायें कि मध्यप्रदेश के जिला अनूपपुर में किन-किन विकासखण्डों में जन अभियान परिषद्/संस्थाएं कार्य कर रही हैं? (ख) 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल संभाग के अंतर्गत जन अभियान परिषद्/संस्था के माध्यम से कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से कार्य हेतु उपलब्ध कराई गई? किन सदस्यों/पदाधिकारियों/संस्थाओं द्वारा किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) शहडोल संभाग में उक्त अवधि में शासन द्वारा कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितनी राशि किस कार्य में व्यय हुई? वर्षवार, जिलेवार, कार्यवार, व्ययवार राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। जिला अनूपपुर के समस्त विकासखण्डों में जन अभियान परिषद् कार्य कर रही है। (ख) 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल संभाग के अंतर्गत शहडोल, उमरिया व अनूपपुर जिला के जिला कलेक्टरों को जन अभियान परिषद् द्वारा कुल राशि रूपये 266.08 लाख उपलब्ध कराई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) जन अभियान परिषद् द्वारा कुल राशि रूपये 266.08 लाख उपलब्ध कराई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जनभागीदारी मद के अंतर्गत प्राप्त आवंटन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
106. ( क्र. 3844 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी मद के अंतर्गत विगत पाँच वित्तीय वर्षों में अनूपपुर जिले में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? जनभागीदारी मद अंतर्गत एक व्यक्ति अथवा एक ग्राम से कितनी मात्रा में अंश राशि का जनसहयोग प्राप्त होने पर कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित अवधि में प्राप्त आवंटन में से किन-किन ग्राम/ग्राम पंचायत/विकासखण्ड को कितनी-कितनी राशि का वितरण किन-किन कार्यों हेतु किन-किन व्यक्तियों द्वारा दिये गये जन सहयोग के आधार पर किया गया है? कार्यवार, ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार प्राप्त जन सहयोग व वितरित राशि का विवरण दें। (ग) मद अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति एवं राशि वितरण के क्या नियम हैं? प्रतिवर्ष जिले में जनसहयोग देने वाले दान दाताओं की जानकारी उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जनभागीदारी योजना के अन्तर्गत अनूपपुर में विगत पाँच वर्षों में राशि रू. 944.875 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। सामान्य क्षेत्र में 50 प्रतिशत तथा अनुसूचित क्षेत्रों में 25 प्रतिशत जनसहयोग प्राप्त होने पर जनभागीदारी नियम-2000 के अन्तर्गत निर्माण/विकास कार्य स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। नियम की प्रति एवं वर्षवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 3847 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों/पैरामेडिकल एवं अन्य कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं और स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) क्या विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड-लाइन एवं शासकीय स्वास्थ्य मापदंड के अनुकूल तथा जनसंख्या के अनुरूप उक्त विधानसभा क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य केन्द्र पर्याप्त हैं या कितनों की और आवश्यकता है? यदि हाँ, तो इसकी पूर्ति हेतु शासन ने क्या योजना तैयार की है? (ग) उक्त विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत स्वास्थ्य केन्द्र के भवन विभाग के भवनों में ही संचालित हो रहे हैं या किराये के भवन में? कब तक विभाग के भवन बनाकर के स्वास्थ्य केन्द्रों को वहां से संचालित किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 03 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 07 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 81 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत है। पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत जनसंख्या आधारित मापदण्डानुसार पर्याप्त स्वास्थ्य संस्थाएं स्वीकृत हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सभी उप स्वास्थ्य केन्द्र शासकीय भवन में संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोगीया समाज को आरक्षण की पात्रता
[सामान्य प्रशासन]
108. ( क्र. 3854 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की बदनावर तहसील में मोगिया समाज को किस वर्ग में आरक्षण की पात्रता है? (ख) क्या शासकीय सेवाओं में भर्ती एवं लोक सभा तथा विधान सभा चुनाव लड़ने हेतु बदनावर तहसील, जिला धार का मोगीया समाज का व्यक्ति आ.ज.ज. वर्ग से पात्रता रखता है? यदि हाँ, तो किस वर्ष से? यदि नहीं, तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं ।
शासकीय चिकित्सालयों में स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
109. ( क्र. 3865 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में विभिन्न संवर्गों के डॉक्टर्स के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध वर्तमान में पद भरे गये हैं? यदि हाँ, तो कितने पद भरे गये हैं एवं कितने रिक्त हैं? जिलेवार संख्यात्मक ब्यौरा देवें। (ग) क्या सागर जिले के रहली, गढ़ाकोटा एवं शाहपुर के शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स एवं अन्य स्टाफ के पद स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद भरे गये है? जो पद रिक्त हैं वह कब तक भरे जाएंगे?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के 3620 एवं चिकित्सा अधिकारियों के 5097 पद स्वीकृत हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण संस्थाओं में शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञों के शत्-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण, पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। विभाग में कार्यरत स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों की पदस्थापना विशेषज्ञ के रिक्त पदों अनुसार की जाकर, स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें प्रदान किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं एन.एच.एम. के माध्यम से चिकित्सा अधिकारी/स्नातकोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के भी पदों की पूर्ति निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
M.I.S. सॉफ्टवेयर खरीदी में अनियमितता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
110. ( क्र. 3881 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में S.G.I.T.S इंदौर द्वारा M.I.S. (एम.आई.एस.) सॉफ्टवेयर कब-कब लिया? इसके लिए चयनित फर्म को कितना भुगतान किया गया? पृथक-पृथक बतावें। वर्क ऑर्डर एवं समस्त शर्तों की प्रमाणित प्रति अनुबंध प्रति के साथ देवें। (ख) समस्त सर्विस मॉड्यूल्स की जानकारी पूर्ण-अपूर्ण प्रमाणित प्रति के साथ देवें। पेपरलेस, ऑनलाइन सेवाओं की स्थिति भी इसी अनुसार देवें। सभी कार्यों की परफॉरमेंस रिपोर्ट/परीक्षण रिपोर्ट भी साथ में देवें। (ग) क्या कारण है कि चयनित फर्म को कार्य देने के बाद भी CRISP भोपाल को भी कार्य दिया गया? इन्हें दिए कार्य की जानकारी भुगतान सहित बतावें। (घ) वर्ल्ड बैंक से TEQIP के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में प्राप्त राशि की जानकारी किस कार्य हेतु भुगतान, राशि प्राप्तकर्ता सहित दिनांकवार, वर्षवार देवें ।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) केवल एक बार वर्ष 2016 में लिया गया। 1. दिनांक 04/06/2016 रूपये 25,96,300/- का भुगतान किया गया। 2. दिनांक 28/12/2017 रूपये 5,51,740/- का भुगतान किया गया। 3. दिनांक 12/05/2017 रूपये 10,00,000/- का भुगतान किया गया। 4. दिनांक 29/09/2017 रूपये 10, 00,000/- का भुगतान किया गया। वर्क ऑर्डर, टेण्डर एवं अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) सर्विस मॉड्यूल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, टेस्ट रिपोर्ट आंशिक पेपरलेस है। समस्त भुगतान पेपरलेस है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यों हेतु आय-व्यय पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। भुगतान प्राप्तकर्ता, राशि एवं भुगतान हेतु चैक-रजिस्टर आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
सी.एम.एच.ओ. का नियम विरूद्ध प्रभार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 3885 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वरिष्ठ चिकित्सकों के रहते हुए कनिष्ठ चिकित्सक को सी.एम.एच.ओ. का प्रभार दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस प्रकार के प्रभार प्रदेश के किन-किन जिलों में दिए गए है? (ख) विगत 5 वर्षों में प्रदेश में ऐसे कौन-कौन से जिले हैं, जिनके प्रभारी सी.एम.एच.ओ. की कार्य में लापरवाही बरतने के कारण वेतन वृद्धियां (इंक्रीमेंट) रोकी गई है? (ग) क्या टीकमगढ़ जिले के सी.एम.एच.ओ. का प्रभार वाले चिकित्सक के परिवारजनों के निजी चिकित्सालय मुख्यालय में संचालित हैं? यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में इनका उक्त पद पर पदस्थ रहना नियम विरूद्ध नहीं है? स्थानांतरण होने के बाद भी इन्हें अभी तक कार्यमुक्त नहीं कर शासन के आदेश की अवहेलना की गई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या ऐसे प्रवर श्रेणी तथा लापरवाही पूर्ण कार्यों में दण्डित अधिकारी को इतने महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ किया जाना उचित है? यदि नहीं तो कब तक इनके स्थान पर उचित वरिष्ठ चिकित्सक की पदस्थापना कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जी हाँ। जी नहीं। संचालनालय आदेश दिनांक 08.03.2019 द्वारा डॉ. वर्षा राय का स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात प्रदेश में आचार संहिता प्रभावशील हो गई थी। डॉ. वर्षा राय के स्थान पर पदस्थ नवीन प्रभारी सी.एम.एच.ओ. डॉ. चन्द्रभान आर्य मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी दिनांक 30 अप्रैल 2019 को को सेवानिवृत्त होने के कारण डॉ. वर्षा राय निरंतर सी.एम.एच.ओ. के पद पर पदस्थ थी। कलेक्टर जिला टीकमगढ़ के आदेश क्र.3479 दिनांक 06.07.2019 द्वारा डॉ. वर्षा राय को कार्यमुक्त किया गया है तथा कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा तात्कालीक रूप से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ का प्रभार अन्य अधिकारी को सौंपा गया है। शीघ्र ही नियमित/वरिष्ठ अधिकारी को उक्त पद का प्रभार सौंपे जाने की कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों पर बैंक की सिलक राशि का बकाया
[सहकारिता]
112. ( क्र. 3887 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भिण्ड के अंतर्गत वर्तमान में किन-किन अधिकारी/कर्मचारी पर कितनी-कितनी बैंक की सिलक राशि कब से बकाया है? अधिकारी/कर्मचारी के नामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में इन बकाया राशि वाले कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में सेवा कर रहे हैं? कितने सेवानिवृत्त हो चुके हैं एवं कितनों का स्वर्गवास हो गया है? नामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गये या मृतक हो चुके हैं, उनको देय दायित्वों से कितनी-कितनी राशि वसूली की गई एवं कितनी-कितनी राशि बकाया है? अधिकारी/कर्मचारी की नामवार जानकारी दें। जो कर्मचारी कार्यरत हैं, क्या उनके वेतन से प्रतिमाह कटौती की जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में अधिकारी/कर्मचारी से बैंक की सिलक की वसूली न करने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सेवानिवृत्त/सेवा पृथक कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार, मृतक कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार तथा कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार वसूली की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा क्लेम राशि का भुगतान
[सहकारिता]
113. ( क्र. 3888 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 एवं 2018 में खरीफ फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड से संबद्ध सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के ऋणी किसानों का फसल बीमा प्रीमियम आहरण कर बीमा कंपनी को भेजा गया था? यदि हाँ, तो शाखावार, समितिवार किसानों की संख्या एवं प्रीमियम राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2017 एवं 2018 में खरीफ फसल का बीमा क्लेम बीमित किसानों को भुगतान कर दिया है? यदि नहीं तो क्यों नहीं किया? बीमा क्लेम भुगतान नहीं करने वाले किसानों की संख्या समितिवार उपलब्ध करावें। इस हेतु कौन दोषी है तथा क्या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों के आहरण व वितरण में बैंक द्वारा भ्रष्टाचार करके गबन करने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो क्या आर्थिक गबन करने वाले कर्मचारियों पर एफ.आई.आर हो गयी है? यदि नहीं तो कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित प्रश्नों के तथ्यों के पालन में विभाग कब और कैसे कार्यवाही करेगा? वर्ष 2017 एवं 2018 में खरीफ फसल के ऋणी किसानों को बीमा क्लेम की राशि के भुगतान में बैंक दोषी है या बीमा कम्पनी दोषी है, जो किसान बीमित थे उन्हें कब तक बीमा क्लेम का भुगतान कराकर दोषियों पर कार्यवाही कब तक करेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) खरीफ 2017 के लिये बीमा कंपनी से प्राप्त 16 किसानों की राशि किसानों को भुगतान कर दी गई है। खरीफ 2017 मौसम हेतु शेष किसानों की अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी नहीं पाये जाने के कारण पात्रता नहीं पाई गई। खरीफ 2018 मौसम हेतु बीमा कंपनी स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बीमा क्लेम भुगतान प्राप्त न करने वाले किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं है। खरीफ 2018 की बीमा क्लेम राशि के भुगतान किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैठक/अध्ययन प्रवास की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 3892 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3271 में दिनांक 13 मार्च 2018 को चर्चा के दौरान उप सचिव स्तर की जाँच समिति एक माह में गठित कर प्रश्नकर्ता को भी शामिल करने का आश्वासन दिया गया था अथवा नहीं? यदि हाँ, तो समिति गठन करने का दिनांक एवं समिति गठन संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में गठित समिति की बैठकें एवं प्रवास दौरे कब-कब आहूत किये गये? बैठक/अध्ययन प्रवास आहूत करने हेतु समिति में शामिल सदस्यों को इस संबंध में समय-समय पर जारी किये गये सूचना पत्रों की प्रति, बैठक का एजेण्डा बैठक/अध्ययन प्रवास का कार्यवाही विवरण एवं बैठक के पालन प्रतिवेदन एवं समिति के निर्णय की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में यदि बैठकें/अध्ययन प्रवास आहूत नहीं हुये हैं, तो इसके क्या कारण है? बैठक/अध्ययन प्रवास आहूत न होने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम, पदनाम सहित पूर्ण विवरण दें। इन अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की कोई मंशा विभाग रखता है? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जायेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। जाँच समिति के गठन का नहीं बल्कि उप सचिव स्तर से जाँच कराने का आश्वासन दिया था। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को विज्ञापन दिया जाना
[जनसंपर्क]
115. ( क्र. 3899 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-2014 से 31 मार्च 2018 तक वर्षवार प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कितनी-कितनी राशि का विज्ञापन दिया गया? वेबसाइट, वेब पोर्टल सहित अलग-अलग बताएं। (ख) जनसंपर्क विभाग की क्षेत्र प्रचार शाखा द्वारा दिनांक 1.1.2016 से 1 नवम्बर 2018 की अवधि में किन-किन संस्थाओं को प्रचार-प्रसार के लिये काम दिया गया? संस्थावार उपलब्ध विवरण दें। (ग) जारी विज्ञापन और प्रचार-प्रसार के लिये दिये गये कार्यों के विरूद्ध 1 नवम्बर 2018 की स्थिति में कितना-कितना भुगतान संबंधितों को करना बाकी था? (घ) क्या शासन उक्त अवधि में नियम विरूद्ध बजट न होते हुये भी दिये गये कार्य और विज्ञापनों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? उक्तावधि में वर्षवार स्वीकृत बजट और व्यय राशि भी बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जनसंपर्क विभाग में विज्ञापन एवं प्रचार कार्य नियमानुसार एवं शासन स्वीकृति से ही करवाये जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में विज्ञापन एवं प्रचार कार्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रचारित-प्रसारित करने के लिये तृतीय अनुपूरक बजट में भेजे गये प्रस्ताव अनुसार शासन स्वीकृति से करवाये गये। विभाग द्वारा किये गये कार्यों में नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई गई, जिसमें न तो जाँच का और नहीं किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित होता है। वर्षवार विभाग का कुल बजट एवं व्यय :- वित्तीय वर्ष 2015-16 कुल बजट 29215.73 लाख व्यय राशि 26390.05 लाख, वित्तीय वर्ष 2016-17 कुल बजट 41066.79 लाख व्यय राशि 39694.61 लाख, वित्तीय वर्ष 2017-18 कुल बजट 40550.99 लाख व्यय राशि 38620.22 लाख, वित्तीय वर्ष 2018-19 कुल बजट 45017.51 लाख व्यय राशि 42036.51 लाख ।
स्वास्थ्य केन्द्र पर सुविधाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 3910 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के स्वास्थ्य विभागों में कहाँ-कहाँ से कौन-कौन सी दवाईयां, क्रय कर, किस इलाज हेतु भेजी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि वर्तमान में जो स्वास्थ्य केन्द्र हैं वहां कौन-कौन सी सुविधायें नहीं हैं? जिला, जनपद, तहसील एवं ग्रामों में खोले गये केन्द्रों सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों जिसमें जिला चिकित्सालय, सी.एच.सी., पी.एच.सी. एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि कहाँ-कहाँ भवन नहीं हैं एवं कहाँ-कहाँ के, किस-किस के रिक्त पद हैं और कब से? अधिकारी-कर्मचारी का पद सहित बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि कब तक प्रत्येक समस्याओं का निराकरण कर दिया जावेगा? कब तक भवन एवं रिक्त पदों की पूर्ति एवं कब तक दवाईयां स्वास्थ्य केन्द्रों में भेज दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जिला की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वास्थ्य केन्द्र के स्तर के आधार पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पत्रकारों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी
[जनसंपर्क]
117. ( क्र. 3911 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूरे प्रदेश में कहाँ-कहाँ के जिलों में कौन-कौन से अधिमान्य पत्रकार हैं और उन्हें शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? प्रदेश, जिला एवं तहसील स्तर के पत्रकारों को मुफ्त इलाज एवं अन्य कौन-कौन सी सुविधायें वर्तमान में दी जा रही हैं? क्या पत्रकारों को सुरक्षा देने हेतु कोई कानून बनाया गया है? अगर हाँ तो बतायें और नहीं तो कब तक शासन इस पर विचार करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि तहसील स्तर के पत्रकारों को जिला मुख्यालय जाने हेतु बस पास या आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक यह सुविधा तहसील स्तर के पत्रकार को दे दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि पत्रकारों को क्या सम्मान निधि, बुजुर्ग पेंशन देने का नियम है तो कितना-कितना? क्या यह कम राशि नहीं है? अगर हाँ तो कब तक बुजुर्ग पेंशन सम्मान निधि में वृद्धि कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि इनको कहाँ-कहाँ आवास उपलब्ध कराये जा चुके हैं और किस-किस को मिलना शेष है? ऐसे पत्रकारों को आवास दिया जावेगा तो कब तक? यह भी बतायें कि 11 दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के किस-किस जिले में किस पत्रकार पर कहाँ-कहाँ मारपीट एवं जानलेवा हमला हुआ है? मुल्जिम गिरफ्तार किये जावेंगे तो कब तक एवं कब तक सुरक्षा संबंधी कानून बना दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पत्रकारों को दुर्घटना समूह बीमा योजना, स्वयं अथवा आश्रितों के उपचार हेतु आर्थिक सहायता, आवास/प्लॉट क्रय हेतु 5 प्रतिशत ब्याज, अनुदान, राज्य स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लैपटॉप क्रय करने हेतु राशि, वरिष्ठ पत्रकारों को श्रद्धा निधि की सुविधा दी जा रही है। पत्रकारों के मुफ्त इलाज की कोई योजना संचालित नहीं है, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की प्रकिया प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 7000/- रूपये प्रतिमाह राशि का निर्धारण वित्त विभाग द्वारा किया गया है। जी हाँ। राशि रूपये 7000/- रूपये प्रतिमाह है, जो शासन द्वारा पूर्व से निर्धारित है। वृद्धि की प्रकिया प्रचलन में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। निर्धारित कोटे के तहत पत्रकारों को शासकीय आवास के आवंटन के संबंध में आवेदन पत्रों पर माननीय मंत्री जनसंपर्क की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा विचार कर निर्णय लिया जाता है। यह एक सतत प्रक्रिया है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में संचालित इंजीनियरिंग कॉलेजों
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
118. ( क्र. 4142 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में कितने बी.ई, बी.टेक, एम.टेक, इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं? क्या सभी ए.आई.सी.टी.ई. के मापदंडों का पालन कर रहे हैं? यदि नहीं तो उन पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा रहा है एवं ऐसे संस्था संचालकों पर एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की जा रही है? (ख) बढ़ते इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या से क्या राज्य में इंजीनियरिंग शिक्षा का स्तर गिर रहा है? यदि हाँ, तो इसको रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में 101 इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में बी.ई./बी.टेक.,एम.ई. पाठ्यक्रम संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं।
स्मार्ट फोन योजना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
119. ( क्र. 4207 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-06-16 से 31-12-18 तक विभाग में स्मार्ट फोन प्रदाय योजना के तहत कितने स्मार्ट फोन किस-किस कंपनी के क्रय किए गए? पूरी प्रक्रिया, टेण्डर, जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित क्रयवार, वर्षवार देवें। (ख) चयनित एवं टेण्डर प्रक्रिया में शामिल फर्मों का तुलनात्मक चार्ट भी साथ में देवें, जिसमें स्मार्ट फोन फीचर्स, मूल्य की जानकारी टेण्डरवार देवें। (ग) क्या कारण है कि अधिक फीचर्स वाले स्मार्ट फोन की उपेक्षा कर कम फीचर्स वाले स्मार्ट फोन क्रय कर छात्रों एवं शासन का अहित किया गया है? (घ) इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? ऐसा करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम भी देवें ।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मुख्य सचिव, की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा विभाग की परियोजना परीक्षण समिति की दिनांक 16-6-2014 को सम्पन्न बैठक में प्रदत्त निर्देशों के पालन में स्मार्ट फोन क्रय हेतु स्पेसिफिकेशन का निर्धारण एवं पारदर्शी निविदा प्रक्रिया द्वारा एजेंसी चयन तथा फोन क्रय संबंधी कार्यवाही म.प्र. राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के माध्यम से संपन्न कराने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के आदेश क्रमांक 1537/1531/2014/56 दिनांक 18-7-2014 द्वारा गठित समिति द्वारा अनुमोदित स्पेसिफीकेशन के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम ने खुली निविदा क्रमांक MPSEDC/Smart Phone/2016/331Dated 20-04-2016 के आधार पर मेसर्स कार्बी डेटा मैनेजमेंट सर्विसेस लिमिटेड, हैदराबाद से अमोस्टा 3G5 मॉडल के 375000 स्मार्ट फोन क्रय करने का आदेश जारी किया गया, जिसके विरूद्ध सत्र 2015-16 एवं 2016-17 के 3,10,823 पात्र छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा तय की गई अधिकतम प्रति स्मार्ट फोन की राशि रूपए 3000/- को ध्यान में रखते हुए ही अधिकतम फीचर वाले स्मार्ट फोन क्रय किये गये। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में प्रदत्त
सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 63 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्स-रे मशीन, ई.सी.जी. मशीन पैथोलॉजी सुविधा ऑपरेटर तथा लैब टेक्नीशियन हैं? (ख) क्या उपलब्ध एक्स-रे मशीन बहुत पुरानी एवं ओल्ड मॉडल की हैं जो खराब होने के कारण बंद पड़ी हैं? (ग) क्या आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रशिक्षित ऑपरेटर एवं लैब टेक्नीशियन पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम पद एवं योग्यता बतावें?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) मांग प्राप्त होने पर जारी मापदण्ड अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
2. ( क्र. 64 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की नीति है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विकासखण्ड पनागर में शासकीय आई.टी.आई. खोला जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) विकासखण्ड पनागर के अन्तर्गत आदर्श आई.टी.आई. जबलपुर एवं महिला आई.टी.आई. जबलपुर क्रमश: वर्ष 1958 एवं 1979 से संचालित है।
पिछले पाँच वर्षों में प्रदेश में किया गया निवेश
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
3. ( क्र. 383 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले पाँच वर्षों में प्रदेश में किस-किस विदेशी औद्योगिक घराने द्वारा कितना निवेश किया गया? (ख) पिछले पाँच वर्षों में किस-किस औद्योगिक घराने को कितनी हेक्टेयर जमीन किस उद्योग के लिये किस दर से दी गई? क्या निर्धारित सीमा में उद्योग प्रारंभ हुआ? सूची देवें। (ग) निवेश के प्रोत्साहन हेतु भविष्य की योजना से अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) विभाग के अधीन एम.पी. इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के क्षेत्रीय कार्यालयों के क्षेत्रांतर्गत पिछले पाँच वर्षों में किसी विदेशी घराने द्वारा निवेश नहीं किया गया है, तथापि 05 इकाइयों द्वारा 267.63 करोड़ रूपये का प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश किया गया है एवं 01 इकाई द्वारा 04 मिलियन (यूएस डॉलर) का विदेश पूंजी निवेश क्रियान्वयन की अवस्था में है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक (अ) एवं (ब) अनुसार है। (ख) विभाग के अधीन एम.पी. इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के क्षेत्रीय कार्यालयों के क्षेत्रांतर्गत विगत पाँच वर्षों में उद्योगों को आवंटित भूमि एवं दर की जानकारी तथा निर्धारित समय-सीमा में प्रारंभ/अप्रारंभ उद्योग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 से 6 पर है। (ग) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन हेतु इन्वेस्टमेंट ड्राइव के अंतर्गत विदेश/ देश/प्रदेश में इन्वेस्टर समिट रोड शो आयोजित किये जाते है एवं यह कार्यक्रम एक सतत् प्रक्रिया है।
राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखायें खोलना
[वित्त]
4. ( क्र. 659 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखायें प्रारंभ करने के संबंध में राज्य स्तर की समिति द्वारा प्रस्ताव भेजने पर भारत सरकार कार्यवाही करती है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर बैंक शाखा खोलने के प्रस्ताव कब-कब भारत सरकार को भेजे गये? (ख) 1 जनवरी 2016 से जून 2019 तक की अवधि में रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने के संबंध में किन-किन सांसद विधायकों के पत्र मान. मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को प्राप्त हुए? (ग) उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी शाखा प्राधिकरण नीति के दिशा-निर्देशों के पालन का दायित्व संबंधित बैंक के संचालक मण्डल को निर्धारित किया गया है। उक्त प्रश्न का संबंध बैंकिंग से है। भारत के संविधान के अनुच्छेद-246 के सांतवें शेडयूल की सूची क्रमांक-1 के अनुक्रमांक-45 अनुसार बैंकिंग संघ सूची का विषय है तथा राज्यों की समवर्ती सूची का विषय नहीं है। राष्ट्रीयकृत/व्यवसायिक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक राज्य शासन के नियंत्रणाधीन न होकर केन्द्र सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रणाधीन कार्यरत होती है। (ख) वित्त विभाग अंतर्गत अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालय संस्थागत वित्त में रायसेन जिले में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने से संबंधित निम्नांकित प्रस्ताव प्राप्त हुये थे:- 1. दिनांक 01.03.2016 को तत्कालीन मंत्री श्री रामपाल सिंह जी से ग्राम बम्होरी में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा प्रारंभ करने का प्रस्ताव। 2. दिनांक 10.08.2016 को तत्कालीन मंत्री श्री रामपाल सिंह जी ग्राम प्रतापगढ़ विकासखण्ड सिलवानी तथा सुल्तानगंज विकासखण्ड बेगमगंज में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खुलवाने का प्रस्ताव। 3. दिनांक 14.12.2017 को तत्कालीन मंत्री श्री रामपाल सिंह जी से ग्राम कुण्डाली में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खुलवाने का प्रस्ताव। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्रों पर निम्नानुसार कार्यवाही की गई :- 1. तत्कालीन मंत्री श्री रामपाल सिंह जी से प्राप्त पत्र दिनांक 01.03.2016 को संचालनालय संस्थागत वित्त के पत्र दिनांक 31 मार्च, 2016 से भारतीय स्टेट बैंक को प्रेषित किया गया। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पत्र दिनांक 20 मई, 2016 द्वारा लेख किया गया कि ग्राम बम्होरी में नवीन शाखा खोलना व्यवसायिक दृष्टिकोण से व्यवहार्य नहीं पाया गया। भारतीय स्टेट से प्राप्त पत्र की छायाप्रति तत्कालीन मंत्री जी के विशेष सहायक को संचालनालय द्वारा पत्र दिनांक 31 मार्च, 2016 से प्रेषित की गई। 2. तत्कालीन मंत्री श्री रामपाल सिंह जी से प्राप्त टीप दिनांक 05.08.2016 को संचालनालय संस्थागत वित्त के पत्र दिनांक 12 अगस्त, 2016 द्वारा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को प्रेषित किया गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पत्र दिनांक 28 मार्च, 2017 द्वारा लेख किया गया कि ग्राम प्रतापगढ़ एवं ग्राम सुल्तानगंज में नवीन शाखा खोलना व्यवसायिक/लाभप्रदता की दृष्टि से व्यवहार्य नहीं पाया गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से प्राप्त पत्र की छायाप्रति तत्कालीन मंत्री जी के विशेष सहायक को संचालनालय संस्थागत वित्त द्वारा दिनांक 19 मई, 2017 द्वारा प्रेषित की गई है। 3. तत्कालीन मंत्री श्री रामपाल सिंह जी से प्राप्त टीप दिनांक 14.12.2017 को संचालनालय संस्थागत वित्त के पत्र दिनांक 01 जनवरी,2018 से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को प्रेषित किया गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पत्र दिनांक 10 जुलाई,2019 द्वारा अवगत कराया गया है कि कुण्डाली ग्राम से 3 किलोमीटर की दूरी पर बम्होरी ग्राम में मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक की शाखा कार्यरत है और अन्य शाखा खोली जाना व्यवहार्य नहीं पाया गया।
सहकारी संस्थाओं की स्थिति
[सहकारिता]
5. ( क्र. 670 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित हैं? उनके द्वारा किसानों को क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जाती हैं? (ख) उक्त संस्थाओं को वर्ष 2016-17 से जून 2019 तक शासन से किस मद में क्या राशि दी गई है? उक्त राशि किन मदों में व्यय की गई? (ग) उक्त संस्थाओं के आय के क्या-क्या स्रोत हैं? कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या उनको वेतन-मानदेय दिया जा रहा है? (घ) जून 19 की स्थिति में उक्त संस्थाओं को संस्थावार कितनी राशि लेना-देना है? किन-किन संस्थाओं का ऑडिट कब से नहीं हुआ? कब तक ऑडिट होगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) 114 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां। समितियों द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषक सदस्यों को फसल ऋण, खाद, बीज एवं कृषि आदान हेतु अन्य सामग्री उपलब्ध कराना, समर्थन मूल्य पर कृषि उपज का उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न उपलब्ध कराना तथा फसल बीमा योजना का लाभ दिलाये जाने के कार्य किये जाते हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) खाद, बीज के विक्रय, उपभोक्ता व्यवसाय, कृषि उपज के उपार्जन से प्राप्त कमीशन, शासन से प्राप्त प्रबंधकीय अनुदान एवं वितरित ऋण से प्राप्त ब्याज। जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में 605 कर्मचारी कार्यरत हैं जिनको मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। (घ) जून, 2019 की स्थिति में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के वित्तीय पत्रक तैयार नहीं होने से संस्थावार राशि के लेनदेन की जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। जिले की 14 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं का अंकेक्षण लंबित है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अंकेक्षण कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा एवं जीवन ज्योति योजना
[वित्त]
6. ( क्र. 671 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में क्या-क्या प्रावधान है शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा कैसे होता है क्या प्रक्रिया है योजना के प्रचार-प्रसार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले में योजना प्रारंभ होने से जून, 2019 तक की अवधि में वर्षवार कितने व्यक्तियों का बीमा हुआ, नवीनीकरण की क्या प्रक्रिया है? (ग) रायसेन जिले में योजना प्रारंभ होने से जून 2019 तक की अवधि में किन-किन को मृत्यु/दुर्घटना बीमा का लाभ मिला किन-किनके आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है कब तक निराकरण होगा? (घ) बीमा राशि (क्लेम) का भुगतान, पंजीयन न होने आदि के संबंध में किन-किनकी शिकायतें योजना प्रारंभ होने से जून, 2019 तक प्राप्त हुई उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित दोनों योजनाएं भारत सरकार तथा बैंकों के माध्यम से संचालित की जा रही है। इस प्रश्न का संबंध बीमा से है एवं भारत के संविधान के अनुच्छेद-246 के सांतवें शेडयूल की सूची क्रमांक-1 के अनुकमांक-47 अनुसार बीमा संघ सूची का विषय है। बीमा कम्पनियां राज्य शासन के नियंत्रणाधीन न होकर केन्द्र सरकार के नियंत्रण/अधीन कार्यरत होती हैं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों के स्थानांतरण/पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
7. ( क्र. 1776 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 15 दिसम्बर 2018 से 30 जून 2019 तक अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवाओं एवं भारतीय पुलिस सेवा के किन-किन अधिकारियों के स्थानांतरण/पदस्थापना कहाँ-कहाँ किस-किस तिथि को की गई है? नाम, पद, स्थान सहित सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्तों में किन-किन अधिकारियों के स्थानांतरण निरस्त, संशोधित या परिवर्तित किये गए हैं? संशोधन, परिवर्तन, निरस्ती के पीछे ऐसे कौन-कौन से कारण रहे हैं? बतावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। प्रशासनिक कारणों से।
शासकीय अस्पतालों में रिक्त अमले की भर्ती
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 1900 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद रिक्त है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) पद रिक्त रहने के क्या कारण है क्या इसके लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाएगा? (ग) रिक्त डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों को कब तक भर लिया जाएगा? (घ) शासकीय अस्पतालों में डॉक्टर एवं नर्स की बेहद कमी को देखते हुये क्या रिटा. डाक्टर अस्थाई नर्सों की सेवायें लिये जाने की कोई योजना है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण, चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। जी हाँ, म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से बैकलॉग के 1065 पदों हेतु चयन कार्यवाही प्रचलन में है। पैरामेडिकल संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को 870 पदों हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया है। पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है। (ग) पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण संस्थाओं में शतप्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञों के शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण, पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। विभाग में कार्यरत स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों की पदस्थापना विशेषज्ञ के रिक्त पदों के अनुसार की जाकर, स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें प्रदान किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं एन.एच.एम. के माध्यम से चिकित्सा अधिकारी/स्नातकोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के भी पदों की पूर्ति निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, सेवानिवृत्त चिकित्सकों को पुनः संविदा नियुक्ति संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। प्रति वर्ष लगभग 1000 स्टॉफ नर्सों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रदेश के शासकीय प्रशिक्षण केन्द्रों से प्रशिक्षण प्राप्त छात्राओं को स्टॉफ नर्स के पद पर पदस्थ किया जा रहा है। अतः सेवानिवृत्त स्टॉफ नर्स हेतु ऐसी योजना विचारण में नहीं है।
ग्राम तुरनाल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने
[अध्यात्म]
9. ( क्र. 1915 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले के नर्मदा किनारे का गांव ''तुरनाल'' धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का गांव है जिसे भगवान ''परशुराम'' द्वारा अपनी माँ के पिण्डदान करने वाले स्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है तथा यहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक पाँच लड्डू के दर्शन करने आते है? (ख) क्या इस स्थान को पर्यटन विभाग द्वारा विकसित करने का कोई प्रस्ताव विगत समय में किन्हीं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार को प्राप्त हुआ था? (ग) यदि हाँ, तो क्या इस स्थान पर मूलभूत सुविधायें विकसित करने का कोई प्लान पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किया जाकर वार्षिक कार्ययोजना में शामिल किया गया? (घ) यदि नहीं, तो इतनी प्राचीन पौराणिक धरोहर को सहजने एवं विकसित करने में विभाग की रूचि क्यों नहीं है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निजी नर्सिंग होम एवं पैथोलाजी सेंटर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 2107 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में कितने निजी नर्सिंग होम, हॉस्पिटल एवं डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हो रहे है? इसमें से कितने हॉस्पिटल, नर्सिंग होम घनी आबादी के बीच स्थित है? (ख) क्या यह संस्थाएँ शासन की गाईड लाईन पर संचालित है? कितने म.प्र. मेडिकल कउंसिल से मान्यता प्राप्त है? संचालकों सहित उनके नाम बताएं। (ग) क्या नर्सिंग होम, हॉस्पिटल, सेंटर में निर्धारित मापदण्ड अऩुसार जैसे- भवन, स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता और बॉयोमेडिकल वेस्ट का डिस्पोज नियमानुसार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं तो निरीक्षण में पाई गई अनियमित्ताओं पर इनके विरूद्ध अब तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? संस्थावार विगत 3 वर्षों की स्थिति बताएं? (ड.) क्या इन नर्सिंग होम, हॉस्पिटल, सेंटर में मरीजों के परिजनों के लिये नियमानुसार सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या कालोनियों में स्थित निजी नर्सिंग होम, हॉस्पिटल के कारण निवासियों का जीना दूभर हो गया है? उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे संस्थानों को बंद/स्थानांतरित किये जाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से कराये गये निर्माण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
11. ( क्र. 2231 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विगत 05 वर्षों में विधायक निधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने निर्माणाधीन है? (ख) क्या कारण है कि प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किये गये हैं? कार्यवार स्वीकृत राशि का ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं तथा उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है। कब तक निर्माण कार्य पूर्ण किये जा सकेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) उज्जैन संभाग में विगत 05 वर्षों में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों में से 9779 कार्य पूर्ण हो चुके है तथा 1033 कार्य निर्माणाधीन है। (ख) प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत निर्माण कार्यों में से 57 कार्य अप्रारंभ है। अप्रारंभ कार्यों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अप्रारंभ कार्यों के लिये उत्तरदायी की जानकारी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 5 अनुसार है। कार्यों को पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बीज उत्पादक सहकारी समितियों में अनियमितताएं
[सहकारिता]
12. ( क्र. 2279 ) श्री राकेश गिरि : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कुल कितनी बीज उत्पादक सहकारी समितियां अस्तित्व में हैं जो वर्तमान में बीज उत्पादन एवं विक्रय का कार्य कर रही हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित पहाड़ी तिलवारन एवं लक्ष्मी शीड्स पहा़ड़ी तिलवारन वर्तमान में बीज उत्पादन एवं विक्रय का कार्य कर रही हैं? यदि हाँ, तो समिति का कार्य क्षेत्र, सदस्यों की सूची, समिति के संसाधन रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, कृषक भुगतान की सूची कृषक नाम, मद व राशि सहित तथा कृषक पंजीयन की सूची का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित पहाड़ी तिलवारन को विगत पाँच वर्षों में बीज उत्पादन एवं विक्रय पर शासन द्वारा कितना अनुदान प्राप्त हुआ है? प्राप्त अनुदान किन किसानों को वितरित किया गया? अनुदान का भुगतान चेक से किया गया या नगद? अनुदान भुगतान पंजी, चैक वाउचर/नगद वाउचर एवं बैंक पासबुक का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) उक्त दोनों समितियों द्वारा रबी व खरीफ वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन कृषकों से कितना उत्पादक बीज खरीदा गया? कृषकवार बीज की मात्रा, दर, भुगतान की गई राशि का विवरण बैंकर्स चैंक नंबर सहित सूची उपलब्ध करावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में 95 बीज उत्पादक सहकारी समितियां पंजीकृत हैं, जिसमें से 38 समितियां बीज उत्पादन एवं विक्रय का कार्य कर रही हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित पहाड़ी तिलवारन का कार्यक्षेत्र तहसील टीकमगढ़ है, सदस्य सूची एवं अन्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं प्रपत्र-4 अनुसार, लक्ष्मी सीड्स पहाड़ी तिलवारन सहकारी संस्था नहीं है, उप संचालक कृषि टीकमगढ़ से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं प्रपत्र-5 अनुसार है।
राजस्व हानि के संबंध में
[वित्त]
13. ( क्र. 2501 ) श्री राहुल सिंह, श्री मनोज चावला, श्री संजीव सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.में माह मई-अक्टूबर 2018 के दौरान राज्य सरकार द्वारा उद्योग विभाग में राजस्व को प्रभावित करने संबंधी कोई फैसले लिये गए है? यदि हाँ तो कौन-कौन से फैसले लिये गए है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार लिये गए फैसलों में राज्य को राजस्व की कितनी हानि हुई?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) म.प्र. में माह मई-अक्टूबर, 2018 के दौरान राज्य सरकार द्वारा उद्योग विभाग के अंतर्गत उद्योग संवर्धन नीति 2014 के अंतर्गत निवेश संवर्धन पर गठित मंत्रि-परिषद् समिति द्वारा लिये गये फैसलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित फैसलों से राज्य में मेगा स्तर की औद्योगिक इकाइयों को अतिरिक्त निवेश सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। इस अतिरिक्त प्रोत्साहन के राजस्व प्रभाव का समग्र आंकलन परियोजना स्थापना एवं स्वीकृत की गई सुविधा का उपभोग करने के पश्चात् ही किया जा सकता है।
झोलाछाप डॉक्टर के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 2502 ) श्री राहुल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में पैरामेडीकल, आर.एम.पी. कितने चिकित्सक पंजीकृत है। क्या पंजीकृत चिकित्सक क्लीनिक संचालन के संबंध में नियम है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पैरामेडीकल, आर.एम.पी. पंजीकृत चिकित्सकों के अलावा दमोह जिले में ऐसे अपंजीकृत चिकित्सक है जो अवैध तरीके से लोगों का इलाज करते हैं? उनके खिलाफ विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या, नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की सूची अनुसार आर.एम.पी. चिकित्सक में दमोह शहर के डॉ.एल.एन. वैष्णव एवं डॉ. हंसा वैष्णव का भी पंजीयन है? यदि हाँ, तो उनके पंजीयन प्रमाण-पत्र का विवरण उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) में डॉ. एल.एन.वैष्णव एवं डॉ. हंसा वैष्णव के द्वारा अपने निवास पर नर्सिंग होम संचालित हैं? क्या डॉ.वैष्णव के द्वारा माह जून 2019 में निजी नर्सिंग होम में डिलेवरी कराये जाने एवं मृत्यु होने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ,तो उसकी प्रति उपलब्ध कराये? जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कोई नहीं। क्लिनिक पंजीयन हेतु मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 संचालित है। नियम की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, ऐसे ईलाज करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ विगत तीन वर्षों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांकित के विरूद्ध कोई भी शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष्मान भारत योजना के संबंध में जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 2539 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत पात्रता के क्या मापदण्ड हैं? योजना प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले में कितने लोगों को इसका लाभ दिया गया है? (ख) उपरोक्त कितने लाभार्थियों का उपचार किन-किन अस्पतालों में कराया गया एवं प्रत्येक अस्पताल को कितनी राशि का शासन द्वारा भुगतान किया गया? (ग) प्रदेश में इस योजना अंतर्गत कितने अस्पताल चिन्हित हैं, सूची उपलब्ध करायें? क्या योजना अंतर्गत विभिन्न उपचारों हेतु केन्द्र शासन द्वारा जो रेट निर्धारित किये गये हैं, उन दरों पर चिन्हित अस्पताल उपचार करने में सहमत नहीं हैं और लोगों को इस योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है? इस अव्यवस्था में सुधार हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) आयुष्मान भारत योजना में पात्रता हेतु मापदंड-हितग्राही को S.E.C.C. का सर्वे 2011 D1 से D7 तक (D-6 को छोड़कर) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक एवं संबल योजना में शामिल परिवार में से किसी एक में होना आवश्यक है। 1222 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (ख) 548 लाभार्थियों की सूची एवं अस्पतालों को राशि भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रदेश में शासकीय एवं निजी चिन्हित अस्पतालों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों की संख्या व भर्ती
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( क्र. 2540 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मंडला के जिला चिकित्सालय सहित समस्त प्राथमिक, सामुदायिक व उप स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं उनमें से कितने पद भरे व रिक्त है? रिक्त पद किस अवधि से रिक्त हैं एवं उन्हें भरे जाने को लेकर शासन की क्या कार्ययोजना हैं? (ख) क्या पूर्व के वर्षों में चिकित्सकीय व पैरामेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता के अनुसार स्थानीय स्तर पर भर्ती की जाती थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में यह व्यवस्था क्यों व किस अवधि से बंद हैं तथा भविष्य में स्थानीय स्तर पर भर्ती को लेकर क्या योजना है? (ग) क्या वर्तमान में रिक्त पदों के विरूद्ध स्थानीय स्तर पर निजी चिकित्सालयों व निजी चिकित्सकों को मानदेय आधार पर प्रतिदिन निर्धारित समय हेतु सेवाएं देने संबंधी कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्या इस व्यवस्था को अमल में लाकर वर्तमान में चिकित्सकों की कमी पूरी की जायेगी? (घ) ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे टोले, मजरे जहां नेटवर्क व एप्रोच की समस्या है, वहां बाईक एम्बुलेंस की व्यवस्था प्रारंभ करने को लेकर क्या कोई योजना है? यदि हाँ, तो इस व्यवस्था को कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत बजट एवं व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 2562 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु रतलाम जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुगमता से क्रियान्वित किये जाने हेतु प्रतिवर्ष उपरोक्त अंतर्गत कार्यों हेतु भिन्न-भिन्न मदों से बजट राशि प्राप्त होती रही है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि के अंतर्गत वर्षवार, योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बजटवार कितनी-कितनी बजट राशि वर्षवार प्राप्त हुई? (ग) उपरोक्तानुसार स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित किये जाने हेतु एवं योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्राप्त बजट राशि में से किन-किन कार्यों पर कितना-कितना व्यय हुआ? (घ) वर्षवार प्राप्त बजट राशि से किये गये समस्त विभागीय अंतर्गत आने वाले कार्यों का भौतिक सत्यापन किस-किस सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में प्रमाणित किया गया? क्या ऑडिटर द्वारा ऑडिट भी किया गया। यदि हाँ, तो ऑडिट आपत्ति उक्त वर्षों की अवधि में क्या-क्या पाई गई? उनके निवारण हेतु क्या कार्यवाही की गई।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जिले के विभाग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2018-19 तक बजट राशि से किये गये समस्त विभागीय अन्तर्गत आने वाले कार्यों का भौतिक सत्यापन संबंधित तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी/विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी/कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा किया गया है। जिला स्तर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी/सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक/जिला मलेरिया अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों द्वारा भ्रमण के दौरान योजनाओं की समीक्षा एवं कार्यों की समीक्षा भी की जाती है। इसी प्रकार संभाग एवं राज्य स्तर से भी अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल से कोषालय सर्वर/जिला स्वास्थ्य समिति में प्राप्त बजट का अंकेक्षक द्वारा अंकेक्षण कार्य भी किया गया है। उक्त वर्षों में अंकेक्षक द्वारा भौतिक सत्यापन के दौरान कोई आपत्ति नहीं ली गई है।
खाद्य सामग्रियों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
18. ( क्र. 2564 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री खाने योग्य प्राप्त हो, इस हेतु मिलावटी एवं गुणवत्ताविहिन खाद्य सामग्रियों को रोके जाने, पकड़े जाने हेतु समय-समय पर कार्यवाही की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि के अंतर्गत रतलाम जिले में फ्लोर मिल, आईल मिल, राईस मिल, दाल मिल एवं इत्यादि प्रकार के खाद्य सामग्री उत्पाद करने वाले संस्थानों पर कब-कब जाँच हुई एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) अवगत कराएं कि उपरोक्त वर्षों की अवधि में मिलावट एवं गुणवता विहिन खाद्यान्न सामग्री संबंधी जिले भर से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई तथा विभाग द्वारा स्वमेव भी कहाँ-कहाँ पर क्या कार्यवाही हुई?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्त्रीरोग विशेषज्ञ के रिक्त पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( क्र. 2608 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बैहर में स्त्रीरोग विशेषज्ञ के स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्सक पदस्थ हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) स्वीकृत पदों के विरूद्ध पदस्थ चिकित्सकों के नाम तथा पदस्थापना के दिनांक की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बैहर में स्वीकृत पदों के विरूद्ध नियुक्त चिकित्सक की पदस्थापना किसी अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में की जाकर केवल बैहर से उनके वेतन आहरण की कार्यवाही की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बैहर के स्वीकृत स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर चयनित चिकित्सक की पदस्थापना बैहर में की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिविल अस्पताल बैहर में स्वीकृत, कार्यरत रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण संस्थाओं में शतप्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञों के शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण, पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। विभाग में कार्यरत स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों की पदस्थापना विशेषज्ञ के रिक्त पदों अनुसार की जाकर, स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें प्रदान किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं एन.एच.एम. के माध्यम से स्नातकोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। चिकित्सकों की कमी के कारण 02 चिकित्सकों को अन्य संस्था में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) सिविल अस्पताल बैहर में एन.एच.एम. संविदा स्त्रीरोग चिकित्सक डॉ नीलम उइके, दिनांक 24.2.2018 से पदस्थ होकर कार्यरत हैं।
शीघ्रलेखकों की समस्या
[वित्त]
20. ( क्र. 2630 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फरवरी 2000 में आयोजित कर्मचारियों की लंबित मांगों के निराकरण की कार्यकारी समिति की 39/40 वीं बैठक में तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री बाला बच्चन की अध्यक्षता में समिति द्वारा सर्वसम्मति से राज्य के अन्य विभागीय कार्यालयों में कार्यरत शीघ्रलेखकों की वेतन विसंगति दूर कर उन्हें मंत्रालय में कार्यरत शीघ्रलेखकों के अनुरूप 1400-2640 (पुनरीक्षित 5500-9000) वेतनमान देने का निर्णय लिया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्णय का क्रियान्वयन किया गया यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो उक्त संबंध में आदेश कब जारी होंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त निर्णय क्रियान्वित न होने से तत्समय के गैरमंत्रालयीन शीघ्रलेखकों को वेतन विसंगति पदोन्नति से अार्थिक हानि नहीं हुई।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) फरवरी 2000 में सम्पन्न 39वीं बैठक में शीघ्रलेखक के वेतनमान से संबंधित बिन्दु विचार में नहीं रहा है। परिषद् की 40वीं (मार्च 2001) एवं 43वीं बैठक का निर्णय परिषद् के कर्मचारियों के संबंध में है। परिषद् की कार्यकारी समिति द्वारा परिषद् के ही अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में निर्णय लिया जाता है। राज्य के अन्य विभागीय कार्यालयों के संबंध में निर्णय लिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांसद/विधायकों के पत्रों का उत्तर
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 2631 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार सांसद/विधायकों के पत्र की पावती दी जाना अनिवार्य है। (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का पालन होशंगाबाद जिले में किया जा रहा है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये कौन-कौन से पत्र कलेक्टर होशंगाबाद/ अनुविभागीय दंडाधिकारी, इटारसी को दिसम्बर 2018 से जून 2019 तक प्राप्त हुए। (घ) दिनांकवार जानकारी देते हुए उक्त संबंध में की गयी कार्यवाही से अवगत करावें। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में लिखे गये पत्र के संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकार, इटारसी द्वारा भी अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी को पत्र क्रं.17 दिनांक 05.4.2017 से लिखा गया था। यदि हाँ, तो इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में कलेक्टर कार्यालय होशंगाबाद को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी को इस अवधि में कुल 07 पत्र प्राप्त हुए हैं। (घ) कलेक्टर कार्यालय होशंगाबाद द्वारा प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित परिशिष्ट में दर्शाई गई है। अनुविभागीय अधिकारी इटारसी को प्रथम पत्र दिनांक 30/03/2019, द्वितीय पत्र दिनांक13/04/2019 तृतीय पत्र दिनांक 13/04/2019, चतुर्थ पत्र दिनांक 09/05/2019 पाँचवां पत्र/छठवां पत्र दिनांक 11/05/2019 एवं सातवां पत्र दिनांक 14/05/2019 प्राप्त हुए हैं। सभी पत्रों पर कार्यवाही की जा रही है। (ड.) मुख्य नगरपालिका अधिकारी इटारसी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी इटारसी को पत्र क्रमांक 17 दिनांक 05/04/2017 का कोई पत्र नहीं लिखा गया है। नगरपालिका द्वारा एक पत्र क्रमांक राज.वि/नपाई/19/17 दिनांक 05/04/2019 का पत्र दिनांक 05/04/2019 को प्राप्त हुआ था। अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के द्वारा उक्त पत्र पर उनके कार्यालय के पत्र क्रमांक 1634 दिनांक 23/05/2019 को जाँच उपरांत नगरपालिका इटारसी को अतिक्रमित भूमि नगरपालिका इटारसी के स्वामित्व में होने के कारण एवं नगरपालिका इटारसी के पास पर्याप्त अमला मौजूद होने के कारण उन्हें मौके के अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
22. ( क्र. 2637 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 जून 2019 की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें। (ख) रायसेन एवं सीहोर जिले में किन-किन के प्रकरण कब से क्यों लंबित है प्रकरणवार, विभागवार कारण बतायें उनका कब तक निराकरण होगा। (ग) 1 जनवरी 2016 से 15 जून तक की अवधि में किन-किन के अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण/आवेदन पत्र उक्त जिलों में क्यों निरस्त किये गये? प्रकरणवार कारण बतायें। (घ) अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र हो इस हेतु विभाग क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास कर रहा है।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[वित्त]
23. ( क्र. 2638 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोवानिवृत्त कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने, अन्य लंबित देयकों के भुगतान के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें। (ख) जून 2019 की स्थिति में रायसेन एवं सीहोर जिले में किन-किन के प्रकरण किस कार्यालय में कब से लंबित है, इसके क्या-क्या कारण हैं? (ग) उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा इसके लिये कौन-कौन जवाबदार हैं। (घ) सेवानिवृत्ति के पूर्व प्रकरण तैयार करने के संबंध में विभाग के निर्देशों का उक्त जिलों में पालन क्यों नहीं किया जा रहा हैं इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) म.प्र.सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1976 के नियम, 57,58,64,74 के क्रम में जारी वित्त विभाग के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" व "दो" अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "तीन" अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "तीन" में दर्शाई स्थिति के निराकरण पर हो सकेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "तीन" में दर्शाए कारणों से लंबित प्रकरणों के लिए प्रत्यक्ष रूप से किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
ए.एन.एम. की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 2694 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सिंगरौली जिले में उप स्वास्थ्य केन्द्र बनाये जा चुके हैं, किन्तु ए.एन.एम. की भर्ती नहीं होने से भवन खाली पड़े हैं व जर्जर हालत में है? इनकी भर्ती कब तक कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। सिंगरौली जिले में नवीन स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्तमान में संविदा ए.एन.एम. कार्यरत है। नियमित ए.एन.एम. भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जा रही है।
जिला जनसंपर्क अधिकारी की पदस्थापना
[जनसंपर्क]
25. ( क्र. 2695 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला सिंगरौली में विगत 10 वर्षों से जिला जनसंपर्क अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गयी है? कब तक की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : रिक्त पदों की पूर्ति के लिए लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा गया है। चयन सूची प्राप्त होते ही जिला जनसंपर्क कार्यालय सिंगरौली में अधिकारी की पदस्थापना की जाएगी। व्यवस्था होने तक वैकल्पिक तौर पर रीवा कार्यालय से एक अधिकारी को जिला जनसंपर्क कार्यालय सिंगरौली का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
कौशल विकास के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
26. ( क्र. 2702 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में विभाग द्वारा युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण दिये जाने की कितनी योजनाएं चलाई जा रही है एवं इन योजनाओं का लाभ लेने के लिये किस तरह की शैक्षणिक योग्यता आवश्यक है पृथक-पृथक बतायें? (ख) कौशल विकास के लिये केन्द्र सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं मध्यप्रदेश में चलाई जा रही है प्रत्येक की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बैंड बाजा बजाने एवं आवारा पशु पकड़ने का प्रशिक्षण कब से विभाग प्रारंभ कर रहा है एवं इससे कितने प्रतिशत बेरोजगारी दूर हो सकेगी। (घ) प्रदेश में कितने कौशल विकास केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं देवास जिले में कितने केन्द्र एवं आई.टी.आई. कॉलेज है तहसीलवार जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड एवं नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा निम्न योजनाएं संचालित की जा रही है:- 1. मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना। 2. मुख्यमंत्री कौशल्या योजना। 3. मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना। 4. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनंट 2.0। 5. दीनदयाल अन्त्योदय योजना। मार्गदर्शिका/शैक्षणिक योग्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) दीनदयाल अन्त्योदय योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। केन्द्र सरकार के सहयोग से मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनंट 2.0 चलाई जा रही है। योजना अंतर्गत 23848 हितग्राही प्रशिक्षित हुए जिसमें से 15797 प्रमाणित तथा 4066 पोर्टल के अनुसार नियोजित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रदेश में मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के अंतर्गत 683 कौशल विकास केन्द्र व प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनंट 2.0 के अंतर्गत 141 कौशल विकास केन्द्र संचालित किये जा रहे है। देवास जिले में शासकीय आई.टी.आई. देवास, टोंकखुर्द, कन्नौद, कांटाफोड़ एवं हाटपिपल्या संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
अध्यात्म का व्यापक प्रचार-प्रसार करना
[अध्यात्म]
27. ( क्र. 2703 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यात्म को बढ़ावा देने कि शासन की कोई योजना है यदि हाँ, तो उसे कैसे संचालित किया जा रहा एवं उसका बजट क्या हैं? (ख) भारतीय ज्ञान, वेद, पुराण, योग आदि को व्यापक रूप देने के लिए शासन का क्या कार्यवाही कर रहा है? क्या प्रदेश में अध्यात्म के शिविर लगाने की सरकार की योजना है? (ग) क्या स्कूल/कॉलेजों में अध्यात्म गतिविधि हेतु एक कालखण्ड शुरू किया जा सकता है यदि हाँ, तो शासन इस पर कब तक विचार करेगा? (घ) क्या विभिन्न जिलों, सुधारगृहों, वृद्धाश्रमों, नारी निकेतनों में अध्यात्म पर व्याख्यान हेतु विद्वानों को भेजने की सरकार की कोई योजना हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) अध्यात्म विभाग के अन्तर्गत प्रचलित योजनाएं यथा धार्मिक आस्था के स्थलों का जीर्णोंद्धार, धार्मिक आस्था स्थलों पर धर्मशालाओं का निर्माण, सेवादारों के मानदेय में वृद्धि एवं नेमनुक, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन यात्रा उपरांत अनुदान, कैलाश मानसरोवर यात्रा उपरांत अनुदान, पाकिस्तान स्थित हिंगलाज देवी मंदिर तथा ननकानासाहेब यात्रा उपरांत अनुदान एवं श्रीलंका के सीता मंदिर अशोक वाटिका तथा अंकोरवाट मंदिर कंबोडिया यात्रा उपरांत अनुदान, देने संबंधी संचालित है। बजट विधान सभा में प्रस्तुत किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार योजना संचालित है अन्य कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उपरोक्तानुसार।
मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति
[वित्त]
28. ( क्र. 2704 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2019 की स्थिति में मध्यप्रदेश सरकार पर सकल कर्जा कितना था एवं जनवरी माह से आज दिनांक तक सरकार ने कितना कर्जा विभिन्न माध्यमों से प्राप्त किया, वर्तमान में मध्यप्रदेश के ऊपर कितना कर्जा एवं विभिन्न कर्जों के एवज में प्रतिमाह कितनी राशि कर्ज के ब्याज दर चुकानी पड़ती है? (ख) क्या राजस्व वसूली एवं अन्य माध्यमों से राज्य सरकार को होने वाली आय की राशि से प्रदेश का वित्तीय प्रबंधन कुशलता से बनाये रखना संभव नहीं है। (ग) क्या प्रदेश का विकास करने हेतु सरकार की संपत्तियां एवं प्राप्तियां अपर्याप्त है, क्या सरकार वित्तीय संकट होने के कारण विकास कार्यों के लिये राशि नहीं दे पा रही है। (घ) ऐसे कौन से कारण है जिनके कारण राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो रही है।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 की अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) राज्य का वित्तीय प्रबंधन म.प्र. राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। (ग) राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिये म.प्र. राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) वर्तमान वित्तीय स्थिति के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा कुशल वित्तीय प्रबंधन के सतत् प्रयास किये जा रहे हैं।
सहकारिता विभाग में प्रशासक की नियुक्ति
[सहकारिता]
29. ( क्र. 2726 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओ में कितनी संस्थाओं में प्रशासक हैं एवं कितनी संस्थाओं में अशासकीय प्रशासक नियुक्त हैं, शासकीय प्रशासक कब से हैं एवं इनका कार्यकाल कब तक रहेगा? (ख) जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना अंतर्गत N.P.A. किसानों की ऋण माफ़ी से कितनी संस्थाओं में कितनी राशि अपलेखन की गई एवं इसकी भरपाई हेतु सरकार द्वारा क्या कदम उठाये गए?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) प्रदेश की 4188 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में प्रशासक हैं, इनमें से 38 संस्थाओं में माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के आधार पर अशासकीय प्रशासक कार्यरत हैं, विभिन्न समितियों में भिन्न-भिन्न दिनांक से प्रशासक कार्यरत हैं परन्तु अधिकांश समितियों में दिनांक 16.11.2018 से शासकीय प्रशासक कार्यरत हैं, समितियों के निर्वाचन संपन्न होने तक प्रशासक कार्यरत रहेंगे। (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत एन.पी.ए. किसानों की ऋण माफी में 4439 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में राशि रू.2284.58 करोड़ की राशि अपलेखन योग्य है। सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु राज्य शासन द्वारा वर्ष 2018-19 में राशि रू.1 हजार करोड़ की अंशपूंजी उपलब्ध कराई गई है।
उड़द खरीदी में हुई अनियमितता
[सहकारिता]
30. ( क्र. 2727 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में वर्ष 2018-2019 में उड़द की सरकारी खरीदी कितनी हुई है और माल कहाँ-कहाँ स्टॉक किया गया? (ख) खरीदी में की गई गड़बड़ियों की शिकायत पर जिला कलेक्टर नीमच के आदेश क्रमांक/सहकारिता/2019/62 दिनांक 30/01/2019 द्वारा जाँच दल बनाकर की गई जाँच में ख़रीदे गये माल में कितनी अशुद्धियाँ पाई गई और मानक से ज्यादा अशुद्धियाँ मिली हो तो उसमें खरीदी के लिये जवाबदार खरीदी प्रभारी जगदीश गायरी एवं अन्य दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई या नहीं? अगर कार्यवाही नहीं हुई तो इस लापरवाही के दोषियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी या नहीं? (ग) क्या अमानक खरीदी के दोषी से नुकसानी की जावेगी? अगर नहीं तो शासन के इस नुकसान के लिये जवाबदार कौन रहेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वर्ष 2018-19 में नीमच जिले में 3837.68 मे.टन उड़द की खरीदी हुई, जिसे विशम्बर वेयरहाउस नीमच, शासकीय वेयरहाउस डुगंलावदा, चौधरी वेयरहाउस नीमच, शुभम् वेयरहाउस नीमच, बालाजी वेयरहाउस मनासा, श्रीराम वेयरहाउस मनासा में भण्डारित किया गया। (ख) खरीदी में की गई गड़बडि़यों की शिकायत पर कलेक्टर नीमच के आदेश क्र./सहकारिता/2019/62, दिनांक 30.01.2019 द्वारा जाँच दल गठित किया गया था, जाँच दल द्वारा उड़द खरीदी की उपज की जाँच की गई, जिसमें विपणन अधिकारी, विपणन संघ मंदसौर एवं सर्वेयर नेफेड के साथ लिये गये सेम्पल का विश्लेषण करवाया गया जिसमें चौधरी वेयरहाउस नीमच में रखे स्कंध उड़द में अपरिपक्व एवं सिकुड़े दाने का प्रतिशत मानक से 8.40 प्रतिशत अधिक एवं बालाजी वेयरहाउस मनासा में रखे स्कंध उड़द में अपरिपक्व एवं सिकुड़े दाने का 7.41 प्रतिशत मानक से अधिक पाया गया, जिसके संबंध में कलेक्टर जिला नीमच द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भोपाल को अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1141 दिनांक 08.03.2019 से मार्गदर्शन मांगा गया, जिस पर प्रबंध संचालक विपणन संघ द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 2856 दिनांक 11.07.2019 से कलेक्टर नीमच को राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप जिला स्तर पर कार्यवाही करने हेतु लिखा गया, साथ ही यह भी लिखा गया कि अभी किसी बिन्दु विशेष अथवा व्यक्ति विशेष के संबंध में किसी प्रकार की कार्यवाही/मार्गदर्शन की आवश्यकता हो तो स्पष्ट रूप से अपने अभिमत सहित प्रस्ताव भेजे, कार्यवाही प्रस्तावाधीन। (ग) नीमच जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों से उपार्जित संपूर्ण मात्रा 3837.68 मे.टन के भण्डारण के दौरान गोदामों में पदस्थ भारत सरकार की नोडल एजेंसी नेफेड के सर्वेयर्स द्वारा स्वीकृत किये जाने के उपरांत म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन की गोदामों में नेफेड खाते में जमा किया जाकर नेफेड के नाम से डब्ल्यू.एच.आर. जारी की गई है। उक्तानुसार भण्डारित संपूर्ण मात्रा की राशि रूपये 21,49,10,304/- का भुगतान उपार्जन समितियों को कृषकों के भुगतान हेतु किया जा चुका है।
कार्य कर रहे अन्वेषकों के संबंध में
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
31. ( क्र. 2746 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 में योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में खण्ड स्तरीय अन्वेषकों की भर्ती जनपद पंचायतों में कार्य हेतु की गयी थी? (ख) क्या जनपद पंचायतों में पदस्थ खण्ड स्तरीय अन्वेषक वर्तमान में जिला योजना अधिकारी कार्यालयों में पदस्थ होकर कार्य कर रहे हैं (ग) क्या जिला होशंगाबाद की जनपद पंचायतों में खण्ड स्तरीय अन्वेषकों की आवश्यकता नहीं हैं? (घ) यदि हाँ, तो खण्ड स्तरीय अन्वेषक जिला योजना कार्यालय में किसके आदेश पर पदस्थ होकर कार्य कर रहे हैं एवं जनपद पंचायतों में पदस्थ अन्वेषकों के जिला योजना कार्यालय में पदस्थ होने के फलस्वरूप इनके स्थान पर इनका कार्य (जन्म मृत्युदर पंजीयन, गणना एवं अन्य) आदि किसके द्वारा किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) विभाग में अमले की कमी के कारण जिला अधिकारी के आदेश से जिला स्तर पर कार्य के साथ-साथ जनपद पंचायतों में विभाग से संबंधित कार्यों को भी इन्हीं अन्वेषकों से संपादित कराया जा रहा है।
गेहूं एवं धान खरीदी
[सहकारिता]
32. ( क्र. 2787 ) श्री विक्रम सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मई, 2019 में रामपुर बाघेलान विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत गेहूं एवं धान खरीदी केन्द्र किन-किन स्थानों में किन-किन समितियों के माध्यम से खोले गये? सभी समितियों का खरीदी का लक्ष्य क्या था? लक्ष्य की प्राप्ति कितने प्रतिशत हुई? जिन गेहूं एवं धान की खरीदी की गई है, क्या उन सभी किसानों को उनके उत्पाद का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? लंबित भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ख) उपरोक्त प्रश्नानुसार दिनांक 24 मई, 2019 को गेहूँ खरीदी बन्द हो जाने के कारण कुछ किसानों को तौल के बाद टोकन दिये गये थे, किन्तु टोकन के बाद पोर्टल में दर्ज नहीं हो पाये, जिस कारण समस्यायें पैदा हुई। इसकी लापरवाही के लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मई 2019 में रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र का निर्धारण नहीं किया गया, रबी विपणन वर्ष 2019-20 में गेहूं खरीदी के लिये 17 उपार्जन केन्द्र निर्धारित किये गये, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। समितियों का खरीदी लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है, गेहूं खरीदी एवं भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, 16 कृषकों का भुगतान तकनीकी कारणों से लंबित है जिनके भुगतान के संबंध में कार्रवाई की जा रही है। (ख) दिनांक 24 मई, 2019 को गेहूं खरीदी बंद हो जाने के कारण अंतिम तिथि में जारी टोकनों की खरीदी की ऑनलाईन फीडिंग हेतु रामपुर बाघेलान के 51 जारी टोकनों की खरीदी की प्रविष्टि हेतु कार्यालय कलेक्टर खाद्य जिला सतना के पत्र क्रमांक 497/12/खाद्य-उपा./19 सतना दिनांक 28.05.2019 द्वारा संचालनालय खाद्य भोपाल को लेख किया गया, तदोपरांत संचालनालय खाद्य भोपाल के पत्र क्रमांक/4165 दिनांक 04.06.2019 द्वारा उक्त जारी टोकनों की प्रविष्टि हेतु अनुमति प्रदान की गई, प्राप्त अनुमति के आधार पर दिनांक 07.6.2019 के पूर्व सभी कृषकों के जारी टोकनों की प्रविष्टि का कार्य ई-उपार्जन पोर्टल पर पूर्ण करा दिया गया था। अत: किसी कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं हैं।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोलना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
33. ( क्र. 2796 ) श्री विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर बाघेलान में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वीकृत है, यदि हाँ, तो क्या स्थिति है? कब तक संचालित होगा? (ख) क्या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हेतु भूमि का आवंटन भी किया जा चुका है फिर भी यदि संस्थान संचालित नहीं हो पायी तो देरी का कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विकासखण्ड रामपुर बाघेलान में भूमि आरक्षित की गई थी। प्रदेश में 104 विकासखण्ड ऐसे हैं जिनमें शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं हैं। एक साथ इतने विकासखण्ड में शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना की जाना सम्भव नहीं है। वर्तमान में विकासखण्ड रामपुर बाघेलान में शासकीय आई.टी.आई. प्रारम्भ करने की कोई योजना नहीं है।
स्वर्गवासी कर्मचारी के स्वत्वों का भुगतान
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
34. ( क्र. 2820 ) श्री विष्णु खत्री : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग अंतर्गत भोपाल जिले में श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा कार्यरत रहे हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अधिकारी कि मृत्यु वर्ष 2018 में होने के उपरांत उनके लंबित स्वत्वों एवं अन्य कर्मचारी हित के देयकों का भुगतान उनके वारिसान को भुगतान कर दिया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित अधिकारी/कर्मचारी के परिवार में से किसी को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता है अथवा नहीं। इस संबंध में शासन द्वारा जारी नियम/निर्देशों कि प्रति उपलब्ध करायें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा के आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी के आदेश क्रमांक 3498 दिनांक 25.07.2015 से नियुक्ति करके संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय भोपाल में पदस्थ किया गया है। श्री शर्मा द्वारा दिनांक 13.08.2015 को संभागीय कार्यालय भोपाल में कार्य पर उपस्थिति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया एवं स्वेच्छा से चले गये एवं फिर कभी भी कर्तव्य पर उपस्थित नहीं हुये। इसी कारण से उन्हें कभी भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया। (ख) श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा की मृत्यु के उपरांत उनके स्वत्वों का भुगतान नहीं किया गया है। श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा को कभी भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में प्रकरण के पूर्ण परीक्षण उपरान्त ही भुगतान करने का निर्णय लिया जायेगा। (ग) अनुकंपा नियुक्ति के लिये श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा के आश्रितों से प्राप्त आवेदन का परीक्षण किया जा रहा है।
विभिन्न विभागों में भर्ती के नियम
[सामान्य प्रशासन]
35. ( क्र. 2821 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के कौन-कौन से विभागों में प्रश्न दिनांक तक भर्ती नियम लागू नहीं हैं? विभागवार सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) भोपाल संभागांतर्गत किन-किन विभागों द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है एवं कितने विभागों में अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है? विस्तृत सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में अनुंकपा नियुक्ति प्रदान न किए जाने से क्या-क्या कारण हैं? लंबित अनुकंपा नियुक्ति प्राप्तकर्ताओं की 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) यदि सेवा भर्ती नियमों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने में कठिनाई है तो ऐसे प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने हेतु क्या आदेश/नियम प्रक्रिया है? उसका उल्लेख करते हुये प्रतियां उपलब्ध करावें। लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक हो जाएगा।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वित्तीय आवंटन एवं उसके उपयोग में नियम शर्तों का उल्लंघन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
36. ( क्र. 2837 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में सागर जिले को कितना-कितना वित्तीय आवंटन, किन-किन मदों में प्रदान किया गया? क्या चालू वित्तीय वर्ष में अनेक मदों में आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में कम प्रदान किया गया है? (ख) जिले में प्राप्त आवंटन का उपयोग वर्तमान तक किन-किन मदों में, कितना-कितना किया गया है? क्या इस दौरान आवंटन को व्यय करने में विभागीय नियम/शर्तों के उल्लंघन की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्रवाई की गई?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु अप्रैल 2019 से जुलाई 2019 तक के लिये लेखानुदान बजट की राशि विभाग को प्राप्त हुई। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निज सहायक की नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 2908 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सदस्य अपने निज सहायक के रूप में किसी शासकीय कर्मचारी के स्थान पर किसी सामान्य व्यक्ति को नियुक्त कर सकते हैं? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे निज सहायक का मानदेय क्या होगा? क्या निज सहायक के मानदेय का भुगतान शासन द्वारा सीधे किया जाएगा या विधायक को कार्यालय भत्ते के रूप में किया जाऐगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त आरक्षित पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
38. ( क्र. 2920 ) डॉ. मोहन यादव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा संचालित विशेष भर्ती अभियान अंतर्गत शासकीय विभागों/स्थानीय निकायों, निगम मण्डलों में वर्षों से रिक्त आरक्षित पदों (तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी) हेतु पूर्व से कार्यरत ऐसे स्थायीकर्मियों जो इन रिक्त आरक्षित पदों हेतु शासन द्वारा निर्धारित समस्त आवश्यक योग्यताएं रखते हों, के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति हेतु शासन की क्या कार्ययोजना/नीति है? (ख) शासकीय विभागों/स्थानीय निकायों, निगम, मण्डलों में रिक्त आरक्षित पदों (तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी) पर योग्य/पात्र स्थायीकर्मियों के पूर्व से कार्यरत होने के बाद भी स्थापना व्यय के विरूद्ध नियमित नवीन भर्ती की जाना उपयुक्त है? यदि हाँ, तो उचित कारण बतावें और यदि नहीं, तो रिक्त आरक्षित पदों (तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी) पर पूर्व से कार्यरत नियमानुसार योग्य/पात्र स्थायीकर्मियों को किस प्रक्रिया का पालन करते हुए नियमित नियुक्ति प्रदान की जा सकती है? (ग) वर्तमान में उज्जैन विकास प्राधिकरण में चतुर्थ श्रेणी के कुल कितने पद रिक्त हैं? मयरोस्टर के जानकारी देवें तथा उक्त रिक्त पदों पर शासन के आदेश के परिपालन में कितने स्थायीकर्मियों को उज्जैन विकास प्राधिकरण में ही नियमित नियुक्ति प्रदान की गई है? कितने शेष हैं। कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। कोई योजना नहीं है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 16 मई 2007 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के नियमितीकरण हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश तथा समय-समय पर जारी संशोधन/स्पष्टीकरण अनुसार निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति होने पर रिक्त समकक्ष पदों पर दैनिक वेतन भोगी/स्थायीकर्मी का नियमितीकरण किया जा सकता है। (ग) 11 पद रिक्त है। रोस्टर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। प्राधिकरण द्वारा किसी स्थायीकर्मी को नियमित नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
निजी मेडिकल स्टोर एवं पैथालॉजी को हटाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 2922 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत सिविल अस्पताल परिसर में निजी मेडिकल स्टोर एवं पैथोलाजी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कई बार सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत होने के बाद भी शासकीय परिसर में हो रहे व्यापार संचालन के विरुद्ध कोई कार्यवाही अभी तक प्रस्तावित नहीं की गई? (ख) क्या उक्त संबंध में सी.एम. हेल्पलाइन में दिनांक 05.10.2017 को शिकायत क्रमांक 4722599 के द्वारा प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शिकायत दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लगातार भ्रामक जानकारी विभाग के अधिकारियों के द्वारा दी गई? (ग) क्या अधिकारियों के गैर जिम्मेदार रवैये के कारण कारण सी.एम. हेल्पलाइन की विश्वसनीयता एवं उपयोगिता पर प्रश्न खड़ा हो गया है। क्या ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा संलिप्त दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? अस्पताल परिसर में संचालित निजी मेडिकल स्टोर एवं पैथोलॉजी केन्द्र का संचालन विभाग द्वारा कब तक बंद कराया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसका निराकरण करने के पश्चात बन्द कर दी गई थी। विभाग के द्वारा कोई भी भ्रामक जानकारी नहीं दी गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
40. ( क्र. 2937 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.जन अभियान परिषद द्वारा वर्तमान में कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं? (ख) म.प्र.जन अभियान परिषद द्वारा संचालित कार्यक्रम मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित स्नातक पाठ्यक्रम का संचालन वर्तमान में किसके द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या फरवरी 2019 से 1878 परामर्शदाताओं को योजना से अलग कर दिया गया है यदि हाँ, तो पाठ्यक्रम में किसके द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है? (घ) क्या परामर्शदाताओं को प्रशिक्षण से अलग किये जाने के कारण पाठ्यक्रम का उद्देश्य पूरा नहीं होगा? यदि हाँ, तो क्या परामर्शदाताओं को पुनः प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) दिनांक 05 फरवरी 2019 को परिषद की कार्यकारिणी सभा की ग्यारहवीं बैठक में लिये गये निर्णयानुसार परिषद की समस्त योजनाओं को बंद किया जा चुका है। अतः वर्तमान में कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा रहा है। (ख) मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। उच्च शिक्षा विभाग के अधीन महाविद्यालयों के अतिथि शिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोकतंत्र सेनानियों को दिये जाने वाली सम्मान निधि
[सामान्य प्रशासन]
41. ( क्र. 2943 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि देने के क्या नियम है? वर्तमान में किन जिलों में सम्मान निधि नहीं मिल रही है तथा वहां कब तक सम्मान निधि देना प्रारंभ कर दिया जायेगा? विलम्ब के लिए कौन दोषी है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) भोपाल संभाग में जून 2019 की स्थिति में कितने लोकतंत्र सेनानी है? उनके नाम, पता एवं कितनी सम्मान निधि दी जा रही है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युतीकरण में फर्जीवाड़े की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 3099 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में भोपाल जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के तहत विद्युतीकरण के करोड़ों रूपये के कार्यों में फर्जीवाड़े की जाँच आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो के द्वारा शिकायत क्रमांक 26/18 दर्ज कर की जा रही है? (ख) प्रकरण की वर्तमान स्थिति तथा जाँच प्रभावी ढंग से नहीं किये जाने का कारण बतावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
निर्माणाधीन आई.टी. पार्क में अनियमितताएं
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
43. ( क्र. 3100 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में निर्माणाधीन आई.टी. पार्क में कितनी राशि का व्यय किया जा रहा है? क्या उक्त स्थान पर निर्माण में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) क्या फेस-1 में आवंटित स्थानों में अधिकतम कम्पनियां आज तक स्थापित नहीं हुई हैं? यदि हाँ, तो जो कम्पनियां स्थापित नहीं हुई हैं उनकी सूची देवें। (ग) क्या आई.टी. पार्क जबलपुर में प्लाट आवंटन के पश्चात, जिन आवंटियों द्वारा नियत राशि का भुगतान नहीं किया है उनके आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही की गयी है? सम्पूर्ण विवरण तथा ऐसे प्रकरणों की सूची देवें। (घ) क्या ऐसे युवा जिन्हें वास्तविक रूप से अपने स्टार्टअप हेतु वहां स्थान की आवश्यकता है उनके आवेदन बिना स्पष्टीकरण मांगे निरस्त किये जा रहे है? आवेदन स्वीकार्यता तथा निरस्ती के वर्षवार आंकड़े देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जबलपुर में निर्माणाधीन आई.टी.पार्क में राशि रूपये 115.00 करोड़ का व्यय किया जा रहा है। जी नहीं। (ख) आई.टी. पार्क के फेस-1 में आज दिनांक तक एक कंपनी Anode Electronics स्थापित हुई है। जो कंपनियां स्थापित नहीं हुई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) आई.टी. पार्क जबलपुर में प्लाट आवंटन के पश्चात् जिन आवंटियों द्वारा नियत राशि का भुगतान नहीं किया गया है उनके आवंटन निरस्त किये गये है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) वह इकाइयां जिन्हें आई.टी. नीति 2016 के तहत भू-आवंटन के लिए आवेदन करना होता है, उन्हें प्रथमत: आई.टी. यूनिट सर्टिफिकेट प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन आवेदन देना होता है। आई.टी. सर्टिफिकेट प्राप्त करने हेतु जमा किए गए दस्तावेजों के आधार पर विभाग परीक्षण कर इकाई को आई.टी./ आई.टी.ई.एस./ई.एस.डी.एम. यूनिट सर्टिफिकेट जारी करता है। आई.टी. यूनिट सर्टिफिकेट जारी करने के पूर्व परीक्षण में यदि यह पाया जाता है की आवेदक इकाई के दस्तावेजों में आई.टी./ आई.टी.ई.एस./ई.एस.डी.एम. संबंधित कोई उद्देश्य उल्लेखित नहीं है तो इस आधार पर भी आवेदन निरस्त किया जा सकता है एवं इसके अतिरिक्त भी यदि इकाई द्वारा पूर्ण आवेदन जमा नहीं किया है तो आवेदन निरस्त हो सकता है। इकाई आई.टी./आई.टी.ई.एस./ई.एस.डी.एम. यूनिट सर्टिफिकेट प्राप्त करने के उपरांत निर्धारित भूमि प्रीमियम जमा कर भू आवंटन हेतु आवेदन कर सकता है। आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन के परीक्षण उपरांत इकाई को भू आवंटन किये जाने की कार्यवाही की जाती है। गत 3 वर्षों में जारी एवं निरस्त किये गए आई.टी./आई.टी.ई.एस./ ई.एस.डी.एम. यूनिट सर्टिफिकेट की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
स्वीकार्यता |
निरस्तीकरण |
2017-18 |
66 |
6 |
2018-19 |
104 |
10 |
2019 (वर्तमान में) |
7 |
8 |
चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 3107 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन प्रदेश के नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करवा रही है? यदि हाँ, तो जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी में कितने रोगी उपचार के लिये भर्ती किये गये हैं? वर्षवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में भर्ती किये गये कितने मरीजों को रोगों के उपचार के अभाव में रिफर किया गया? (ग) क्या शासन स्तर पर नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जिला चिकित्सालय सिवनी में दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों, प्रसूति वार्ड से डिलेवरी के गंभीर मरीजों एवं अत्यन्त गंभीर बीमारी से ग्रसित शिशुओं को रेफर किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे है।
सिवनी जिले में चिकित्सा सुविधा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 3108 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन विभाग के माध्यम से राज्य बीमारी सहायता, केंसर रोगी की चिकित्सा, बालकों एवं महिलाओं से संबंधित रोगियों को उपचार हेतु नगद व अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त के अनुसार किन-किन बीमारियों को किस-किस प्रकार की सुविधा दिये जाने के नियम/नीति प्रचलन में है? (ग) उपरोक्त (क) व (ख) अनुसार रोगी (मरीज) सेवाओं का लाभ लेने के लिये आवेदन व अन्य कागजात दिये जाने हेतु क्या-क्या नियम व प्रक्रिया प्रचलन में है? उपरोक्त मरीजों के उपचार हेतु जिला सिवनी में किस-किस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग एवं आयुक्त, कलेक्टर आदि को अधिकार है? अवगत करावें। उक्त संबंध में विगत तीन वर्ष में कितने मरीजों को लाभान्वित किया गया?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। बल्कि चिन्हित बीमारियों के उपचार हेतु आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजना एवं आर.बी.एस.के. के अन्तर्गत सीधे मान्यता प्राप्त अस्पताल को राशि स्वीकृत किये जाने का प्रावधान हैं एवं शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान किये जाने का प्रावधान हैं। विभागीय पत्र क्रमांक 4/12-7/2018/ सत्रह/मेडि-3, दिनांक 05.10.18 द्वारा राज्य बीमारी सहायता निधि को दिनांक 31.03.2019 के बाद से आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजना में समाविष्ट हो गई हैं। (ख) अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजनान्तर्गत 25 विशेषज्ञ विधाओं में 1393 निर्धारित पैकेज अनुसार पात्र हितग्राहियों को भर्ती होने पर जाँच, दवायें, भोजन, शल्यक्रिया एवं 10 दिन का अनुसरण दिये जाने का प्रावधान हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत 30 प्रकार की बीमारियां चिन्हांकित तथा इन बीमारियों के लिये सर्जरी एवं चिकित्सा सुविधा दिये जाने का प्रावधान हैं। इस हेतु राज्य स्तर से जारी नीति/नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजनान्तर्गत संबंधित चिकित्सालयों में कार्यरत आयुष्मान मित्र द्वारा (एस.ई.सी.सी. 2011 के सर्वे के अन्तर्गत डी 01 से डी 07 तक (डी 06 को छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक एवं संबल योजना में शामिल परिवार) पोर्टल में नाम होने पर परिवार की समग्र आई.डी. एवं 01 फोटो आई.डी. प्रस्तुत कर अथवा प्रदेश में संचालित कॉमन सर्विस सेन्टर से निर्धारित शुल्क रूपये 30/- फीस अदा कर आयुष्मान कार्ड बनवा कर योजना का लाभ ले सकता हैं। कुल 1387 हितग्राहियों को लाभाविन्त किया गया हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, बाल हृदय योजना हेतु आयु 0 से 18 वर्ष तथा बाल श्रवण योजना हेतु आयु 0 से 05 वर्ष (विशेष परिस्थिति में अधिकतम 07 वर्ष) के आयु निर्धारण दस्तावेज, अभिवावक का मध्यप्रदेश का मूल निवासी प्रमाण पत्र, चिकित्सालय का प्राक्कलन एवं बच्चे का एक फोटो निर्धारित आवेदन प्रपत्र में संलग्न कर जिला स्तर पर जमा किये जाते हैं। आवेदन जिला स्तर पर प्राप्त होने के उपरांत प्रकरण की स्वीकृति जिला सिवनी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अभिमत उपरांत प्रदान की जाती हैं। विगत तीन वर्ष में जिला सिवनी के कुल 732 बच्चों को लाभांवित किया गया हैं। राज्य बीमारी सहायता निधि योजनान्तर्गत विगत तीन वर्षों में 480 मरीजों को लाभांवित किया गया हैं।
व्यापम घोटाले की जाँच
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
46. ( क्र. 3116 ) श्री संजय शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले की जाँच कर रही सी.बी.आई. द्वारा मुख्य सचिव को पत्र क्र. V-2015A000/3408 दिनांक 12.08.2016 भेजा गया है? यदि हाँ, तो पत्र किस दिनांक को प्राप्त हुआ है तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उल्लेखित पत्र के साथ सी.बी.आई. ने पूर्व विधायक पारस सकलेचा की 320 पेज की शिकायत भेजते हुए चार महत्वपूर्ण बिन्दु पृष्ठ क्र. 76,67,17 तथा 15 में उल्लेखित विषय पर कार्यवाही करने का कहा था? यदि हाँ, तो उन बिन्दुओं की जानकारी दे तथा बतावे क्या इस संदर्भ में एस.टी.एफ. अथवा गृह विभाग की जाँच हेतु कब दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या शासन उल्लेखित पत्र के चारों बिन्दुओं पर जाँच करना चाहता है? या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो जाँच एजेन्सी से जाँच कराई जायेगी अथवा कराई जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। पत्र दिनांक 31/08/2016 को प्राप्त हुआ है। शिकायत में उल्लेखित चार बिन्दुओं के संबंध में कार्यवाही हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं पी.ई.बी. को कार्यवाही हेतु लिखा गया था। चिकित्सा शिक्षा से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं पी.ई.बी. में कार्यवाही प्रचलित है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। इस संदर्भ में एस.टी.एफ./गृह विभाग को जाँच हेतु नहीं लिखा गया है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एस.ए.एस. (विभागीय परीक्षा) भाग-दो वर्ष 2011 के संबंध में
[वित्त]
47. ( क्र. 3143 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा में (म.प्र.एस.ए.एस.) के 1084 पद स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो भर्ती नियम के अनुसार सीधी भर्ती का कितना प्रतिशत तथा पदोन्नति का कितना प्रतिशत है? स्पष्ट उल्लेख करें। (ख) आयुक्त कोष एवं लेखा म.प्र. भोपाल द्वारा आयोजित म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा विभागीय परीक्षा, भाग-2 वर्ष 2011 म.प्र. सिविल सेवाएं (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 सीधी भर्ती, पदोन्नति अथवा प्रतिनियुक्ति का है? स्पष्ट करें साथ ही छायाप्रति संलग्न करें। (ग) क्या कोष एवं लेखा द्वारा आयोजित एस.ए.एस. की विभागीय परीक्षाओं में सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण) प्रकोष्ठ का ज्ञापन क्रमांक एफ 2-1/95/1/आ.प्र. भोपाल दिनांक 15.06.1995 परीक्षाओं में पालन किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब की परीक्षाओं में? नहीं तो क्यों नहीं? स्थिति स्पष्ट करें। (घ) अधीनस्थ लेखा सेवा विभागीय परीक्षा नियम, 1996 का गजट नोटीफिकेशन की छायाप्रति उपलब्ध करायें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा में 1087 पद स्वीकृत है। मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा भरती नियम,2016 के अनुसार सीधी भरती हेतु 80 प्रतिशत एवं पदोन्नति हेतु 20 प्रतिशत कोटा निर्धारित है। (ख) आयुक्त कोष एवं लेखा मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा आयोजित मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा विभागीय परीक्षा भाग-2 वर्ष 2011 मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा (भरती तथा सेवा शर्तें) नियम, 1965 में किये गये संशोधन दिनांक 24.08.1992 के अनुसार आयोजित की गई थी। इसके प्रावधान अनुसार कोषागार लिपिक वर्गीय सेवा के कर्मचारियों को पदोन्नति द्वारा तथा कोषागार लिपिक संवर्गीय सेवा से भिन्न कर्मचारियों को वरण द्वारा अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग में विभागीय परीक्षा के माध्यम से चयन किया गया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 के प्रावधान शासकीय सेवा में नियुक्त होने वाले सभी शासकीय सेवक पर लागू होते है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण) का ज्ञाप क्रमांक एफ 2-1/95/आ.प्र. भोपाल दिनांक 15.06.1995 के अनुसार अभ्यार्थी को सीधी भरती के प्रक्रम में चयन के लिये लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के लिये निर्धारित न्यूनतम अंकों में 10 प्रतिशत का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। (घ) मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा विभागीय परीक्षा नियम, 1996 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
नर्सिंग सिस्टर/सिस्टर ट्यूटर भर्ती
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
48. ( क्र. 3144 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के आदेश क्रमांक 9/नर्सिंग/सेल-3/2018/ 1038/भोपाल, दिनांक 22.12.2018 द्वारा नर्सिंग सिस्टर/सिस्टर ट्यूटर भर्ती परिक्षा आयोजित की गई थी? (ख) उपरोक्त भर्ती प्रक्रिया के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हेतु कितनी शिकायत की गई है? क्या सभी शिकायतों की जाँच की गई है? जाँच रिपोर्ट सहित सम्पूर्ण विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या सभी उम्मीदवारों के प्राप्तांक नहीं बनाये गयें हैं? यदि हाँ, तो क्यों? संपूर्ण परीक्षा परिणाम क्यों घोषित नहीं किया गया? (घ) क्या भर्ती परीक्षा एम.पी. ऑनलाईन द्वारा आयोजित की गई हैं? यह बताकर जानकारी सूचना के अधिकार के अन्तर्गत भी प्रदान नहीं की जा रही है, क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) सूचना के अधिकार के तहत 3 आवेदकों के द्वारा जानकारी चाही गयी है। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता सूचना के अधिकार के अन्तर्गत जानकारी उपलब्ध करायी जाती है जाँच कराने का प्रावधान नहीं है। (ग) एम.पी.ऑनलाईन द्वारा सभी उम्मीदवारों के प्राप्त अंक बनाये गये है। सम्पूर्ण परीक्षा परिणाम घोषित करने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। परीक्षा की सम्पूर्ण कार्यवाही एम.पी.ऑनलाईन लिमिटेड द्वारा सम्पन्न की गई है, संचालनालय के पत्र क्रमांक-09/नर्सिग/सेल-1/2018/1034 भोपाल दिनांक 21.12.2018 द्वारा परीक्षा हेतु एम.पी. ऑनलाईन को लिखा गया था। आर.टी.आई. में चाही गयी जानकारी उपलब्ध कराने हेतु एम.पी. ऑनलाईन लिमिटेड को पत्र क्रमांक-09 नर्सिग/सेल-1/ 2019/670 भोपाल, दिनांक 22.05.2019 लिखा गया है।
किसानों की जमीन गिरवी रखकर कर्ज लिया जाना
[सहकारिता]
49. ( क्र. 3151 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला, श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपेक्स बैंक में कितने किसानों की जमीन गिरवी रखी गई थी? क्या इन किसानों की जमीन बगैर इनकी जानकारी के विदेश में गिरवी रखकर कर्ज लिया गया था? यदि हाँ, तो इसकी कोई जाँच हुई थी? जाँच में कौन-कौन दोषी पाए गए और उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या विदिशा सहकारी बैंक द्वारा सुंदर डेयरी की स्थापना के लिए ऋण स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कितना ऋण कब-कब दिया गया? तारीख एवं दी गई राशि बताएं? क्या सुंदर डेयरी का संचालक मण्डल अधिकृत है तथा इसमें कौन-कौन सदस्य हैं? उनके नाम पते सहित जानकारी दी जाए।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) अपेक्स बैंक में किसी भी किसान की जमीन गिरवी नहीं रखी गई। जी नहीं। अपेक्स बैंक द्वारा प्रकरण में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में एफ.आई.आर. करायी गयी है, जो विवेचनाधीन है। (ख) जी हाँ। दिनांक 22.12.2017 को राशि रू. 751.31 लाख। सुंदर डेयरी एक भागीदारी फर्म है जिसमें संचालक मंडल नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश सरकार पर कर्ज एवं ब्याज की राशि
[वित्त]
50. ( क्र. 3201 ) श्री अजय
विश्नोई : क्या
वित्त मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र.शासन के
ऊपर कुल कर्ज
दो लाख करोड़
के करीब हो
गया है? (ख) आगामी
5 सालों
में इस ऋण तथा
इसके ब्याज
को चुकाने की
शासन की क्या
योजना है तथा
यह राशि किस
प्रकार
एकत्रित की
जायेगी?
(ग)
ऋण
तथा ब्याज के
भुगतान के
कारण प्रदेश
के विकास पर
क्या प्रभाव
पड़ेगा?
वित्त
मंत्री ( श्री
तरूण भनोत ) : (क) महालेखाकार
कार्यालय से
प्राप्त
वित्तीय वर्ष 2017-18 के वित्त
लेखे के
अंतरिम
आंकड़ों के
अनुसार 31
मार्च 2018 की
स्थिति में
मध्यप्रदेश
शासन के ऊपर
कुल कर्ज
रूपये 1,52,746
करोड़ था।
वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 के
वित्त लेखे
नियंत्रक एवं
महालेखा
परीक्षक
द्वारा
वर्तमान में
पूर्ण किये
जाने शेष हैं।
अतः जानकारी
दी जाना संभव
नहीं है। (ख) राज्य
शासन पर ऋण व
उस पर दिये
जाने वाले
ब्याज की एक
निश्चित अवधि
होती है
तद्नुसार
राज्य शासन के
उपलब्ध
संसाधनों से
भुगतान
सुनिश्चित
किया जाता है।
प्रदेश के
विकास हेतु ऋण
लिया जाना एक
सतत
प्रक्रिया है, प्राप्त
ऋण का
निर्धारित
अवधि में
भुगतान किया
जाता है। (ग) राज्य
शासन द्वारा
म.प्र.
राजकोषीय
उत्तरदायित्व
एवं बजट
प्रबंधन
अधिनियम के
प्रावधानों
के अन्तर्गत
ही वित्तीय
अनुशासन एवं
राजकोषीय
मापदण्डों के
अनुरूप ही ऋण
लिया जाता है।
उपार्जन गेहूँ का भंडारण
[सहकारिता]
51. ( क्र. 3223 ) श्री संजय यादव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2019-20 में कितने गेहूँ उपार्जन केन्द्र हैं एवं कौन-कौन सी समितियों में गेहूँ खरीदी के उपरांत क्या विपणन संघ द्वारा नियुक्त ट्रांस्पोर्टर द्वारा गेहूँ का परिवहन किया गया या नहीं? समय पर गेहूँ परिवहन नहीं होने पर विपणन संघ जबलपुर द्वारा किन-किन परिवहनकर्ताओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी। (ख) जबलपुर जिला में विपणन संघ द्वारा परिवहन समय पर नहीं करवा पाने के फलस्वरूप समितियों को होने वाली हानि की भरपाई के लिए क्या कार्यवाही की गयी? क्या परिवहनकर्ताओं से पैसा वसूल कर समितियों को दिया गया? यदि हाँ, तो कितना-कितना? समितिवार कितना गेहूँ समय पर परिवहन नहीं किया गया? (ग) बरगी विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों का वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में शासन द्वारा क्रय किये गये चना, मूंग का कितना-कितना भुगतान शेष है? उक्त भुगतान कब तक होगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) 87 केन्द्र, उपार्जित मात्रा 36,72,819.38 क्विंटल के विरूद्ध संपूर्ण मात्रा का परिवहन किया गया, समय पर परिवहन न करने वाले परिवहनकर्ताओं से वसूली हेतु विपणन संघ द्वारा पत्र जारी किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) समितियों को विलंब से परिवहन से हुई हानि का आंकलन कराया जा रहा है, समितियों द्वारा अंकेक्षित पत्रक प्रस्तुत होने पर उपार्जन नीति अनुसार परिवहनकर्ताओं से राशि वसूल कर समितियों को भुगतान करने की कार्रवाई की जायेगी, समय पर परिवहन नहीं होने की समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में चना एवं मूंग का भुगतान होना शेष नहीं है।
शासन द्वारा खर्च की गई राशि की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
52. ( क्र. 3224 ) श्री संजय यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा ''नर्मदा सेवा यात्रा'' शुरू की गई थी? यदि हाँ, तो इस पूरी यात्रा के दौरान शासन द्वारा कितनी राशि खर्च की गई? (ख) प्रश्नांश (क) यात्रा का समापन कहाँ किया गया था और इस समापन आयोजन में कुल कितनी राशि खर्च की गई थी। (ग) प्रश्नांश (क) यात्रा के प्रचार एवं प्रसार के लिये विज्ञापन पर कुल कितनी राशि का व्यय किया गया? साथ ही यह भी सूचित कि नर्मदा सेवा यात्रा के एक वर्ष पूर्ण होने पर जो आयोजन किया गया था उस पर कुल कितनी राशि खर्च की गई थी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। जन अभियान परिषद् द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा में कुल राशि रू.2297.9465 लाख का व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) यात्रा का समापन अमरकंटक, जिला अनूपपुर में किया गया। जन अभियान परिषद् द्वारा जिला कलेक्टरों के माध्यम से समापन आयोजन पर कुल राशि रू. 868.62 लाख व्यय की गई। जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 4, 6 एवं 8 अनुसार है। (ग) यात्रा के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन हेतु जन अभियान परिषद् द्वारा नर्मदा तटीय 16 जिलों के जिला कलेक्टरों को राशि रू. 5.1 लाख का आवंटन किया गया। नर्मदा सेवा यात्रा के एक वर्ष पूर्ण होने पर किये गए आयोजन पर कुल राशि रू.91.80 लाख खर्च की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
वेतन विसंगति के संबंध में
[वित्त]
53. ( क्र. 3239 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाण्डेय वेतनमान (1972) लागू किये जाते समय वन क्षेत्रपाल, अधीक्षक, उपयंत्री, सहा.सांख्यिकी अधिकारी, सहा.जिला शाला निरीक्षक, शालेय व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक, आबकारी निरीक्षक, बॉयोकेमिस्ट, विक्रय कर निरीक्षक, सहकारिता विस्तार अधिकारी, मानचित्रकार, पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक, नायब तहसीलदार, शीघ्रलेखक कॉडर के वेतनमान क्या थे? (ख) अन्य कॉडरों का वेतनमान बढ़ा है क्या उसी अनुपात में गैर सचिवालयीन शीघ्रलेखक कॉडर का वेतनमान भी बढ़ाया गया है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन इस विसंगति को दूर करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या कारण बताया जावें? (घ) यदि नहीं, तो शैक्षिक और तकनीकी अर्हता, भर्ती प्रक्रिया, सेवा शर्तों, दायित्वों में बदलाव न होने के बावजूद जिस अनुपात में अन्य कॉडरों का वेतनमान बढ़ा है क्या उसी अनुपात में गैर-सचिवालयीन शीघ्रलेखक काडर का वेतनमान भी बढ़ाया गया? (ड.) यदि नहीं, तो गैर-सचिवालयीन शीघ्रलेखक कॉडर की अन्य कॉडरों के साथ वेतनमान और पदोन्नति अवसरों की पक्षपातपूर्ण विसंगति के लिये कौन जिम्मेदार है? (च) क्या शासन इस विसंगति को दूर करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताया जावें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) पाण्डेय वेतनमान (1972) में पदों के वेतनमान निम्नानुसार थे:- वन क्षेत्रपाल 280-480, उपयंत्री 280-480, शालेय व्याख्याता 350-600, उच्च श्रेणी शिक्षक 246-460, बॉयोकेमिस्ट 246-460, मानचित्रकार 280-480, नायब तहसीलदार 280-480, शीघ्रलेखक 280-480, अधीक्षक 375-575, सहायक सांख्यिकी अधिकारी 280-480, सहायक जिला शाला निरीक्षक 246-460, आबकारी निरीक्षक 280-480, विक्रय कर निरीक्षक 246-460, सहकारिता विस्तार अधिकारी 246-460, पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक 220-375 (ख) से (च) राज्य शासन के विभिन्न संवर्गों के समय-समय पर गठित राज्य वेतन आयोग अथवा समिति से अनुशंसित वेतनमान के आधार पर राज्य शासन द्वारा वेतनमान के आदेश जारी किये जाते हैं। पाण्डेय वेतनमान 01 जनवरी, 1972 से लागू हुये थे तदुपरांत क्रमश: वर्ष 1981, 1986, 1990, 1996 एवं 2006 में वेतनमानों के पुनरीक्षण हो चुके है। अत: पूर्व एवं वर्तमान वेतनमान में भिन्नता हो सकती है परन्तु यह विसंगति नहीं कही जा सकती।
शीघ्रलेखकों की वेतन-विसंगति
[वित्त]
54. ( क्र. 3240 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजभवन और मंत्रालय को छोड़कर प्रदेश के विभिन्न विभागों में शीघ्रलेखक, निज सहायक एवं वरिष्ठ निज सहायक/निज सचिव के कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? विभागवार स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की संख्यात्मक जानकारी देने का कष्ट करें। (ख) प्रदेश के विभिन्न विभागों में शीघ्रलेखक पद पर भर्ती के लिये अनिवार्य शैक्षिक, तकनीकी व अन्य अर्हतायें क्या है? (ग) राजभवन और मंत्रालय में शीघ्रलेखक पद पर भर्ती के लिए अनिवार्य शैक्षिक, तकनीकी व अन्य अर्हतायें क्या है? (घ) राजभवन और मंत्रालय तथा प्रदेश के विभिन्न विभागों में शीघ्रलेखक का प्रवेश वेतनमान और पदोन्नति अवसर क्या एक समान हैं? यदि नहीं, तो वेतनमान और पदोन्नति अवसरों की भिन्नता के क्या कारण है? (ड.) क्या समान योग्यता, भर्ती प्रक्रिया, सेवा शर्तों और दायित्वों के आधार पर पूरे प्रदेश में शीघ्रलेखकों के लिए एक समान प्रवेश वेतनमान और पदोन्नति अवसर लागू नहीं किये जाने चाहिये?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारी/अधिकारी
की
सेवानिवृत्ति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
55. ( क्र. 3256 ) श्री संजय शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा क्या सभी संविदा पर कार्यरत् कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवावृद्धि 62 वर्ष किये जाने का आदेश हुए हैं? क्या इसमें 62 वर्ष की आयु तक सेवा से न हटाने का प्रावधान था? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर स्थित एस.जी.एस.आई.टी.एस. संस्थान में 5-7 वर्षों से कार्यरत् असिस्टेंट प्रोफेसरों को उच्च अंक प्राप्त होने के पश्चात भी सेवा से हटाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या उक्त संस्था में शासन के नियमों का पालन नहीं किया गया? क्या एस.जी.एस.आई.टी.एस. संस्थान में शासन से अनुदान प्राप्त संस्था है? (घ) यदि हाँ, तो शासन नियमों का पालन नहीं करने वाली संस्था के पदाधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) शासन के नियमों का पालन किया गया है। जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नवनिर्मित उप स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर एवं स्टॉफ की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 3267 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना के ब्लॉक कैलारस व ब्लॉक सवलगढ़ में नवनिर्मित उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवन बनकर तैयार हो चुके हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त नवनिर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र के भवनों में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिये डॉक्टर व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक का पद स्वीकृत नहीं होने से डॉक्टरों की पदस्थापना की जाना संभव नहीं है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर ए.एन.एम./एम.पी.डब्ल्यू. का पद स्वीकृत रहता है, कैलारस एवं सबलगढ़ ब्लॉक में निर्मित सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ए.एन.एम. पदस्थ है, नवीन स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर ए.एन.एम. के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
प्रायवेट अस्पतालों का पंजीयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
57. ( क्र. 3275 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में भिण्ड जिले में कितने बिस्तरों के कितने प्रायवेट अस्पतालों का पंजीयन हुआ है? नामवार, जानकारी देवें? (ख) उक्त अस्पतालों की बिल्डिंग कितने क्षेत्रफल में बनी है एवं सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित बतावें। (ग) किस-किस अस्पतालों के साथ नर्सिंग होम अटैच हैं एवं किस-किस अस्पतालों में खुली पार्किंग व्यवस्था है? किस-किस में नहीं।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई भी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी. के रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 3305 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के अंदर विभिन्न विभागों में वर्तमान में एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी. के श्रेणीवार कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या म.प्र. के विभिन्न विभागों में लगभग 1,36,000 पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अभी तक उक्त पद को भरने के लिए क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा उक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित नहीं किये हैं तो क्या सरकार द्वारा विशेष भर्ती अभियान चलाकर आरक्षित पदों को भरने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश जारी किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला चिकित्सालय में पदों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
59. ( क्र. 3310 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिला चिकित्सालय में किस-किस स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या अधिकारियों/कर्मचारियों के विभिन्न श्रेणी के स्वीकृत पद बहुत ही कम हैं, जिससे मरीजों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक व्यवस्था सुदृढ़ की जावेगी? (ग) विधान सभा क्षेत्र देवसर-81 के स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्टॉफवार जानकारी दी जावे एवं स्टॉफ की कमी कब तक दूर की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कुछ पद रिक्त हैं। मरीजों को उपचार की समुचित सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है। चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरंतर जारी है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों की पूर्ति मध्यप्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा भवन का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
60. ( क्र. 3365 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर विदिशा जिला मुख्यालय पर नवीन शासकीय जिला चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य किस वर्ष स्वीकृत हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत भवन निर्माण कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी एवं क्या उक्त नवीन चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? (ग) क्या उक्त चिकित्सालय भवन निर्माण कार्य हेतु अतिरिक्त राशि की आवश्यकता हैं? यदि है तो कितनी एवं कब तक आवश्यक राशि स्वीकृत की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2014-15 में स्वीकृत हुआ था। (ख) स्वीकृत भवन निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 96.75 करोड़ की मूल प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 15.10.2014 को जारी की गई थी तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 140.51 करोड़ की दिनांक 23.03.2018 को प्रदान की गई, फिनिसिंग कार्य प्रगति पर है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश माध्यम से होने वाले आयोजन
[जनसंपर्क]
61. ( क्र. 3369 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2016-17 से 2018-19 के दौरान मध्यप्रदेश माध्यम से किन-किन सरकारी आयोजनों को कराया गया? उक्त आयोजनों का क्या उद्देश्य था? उक्त आयोजनों पर कितना व्यय हुआ? (ख) क्या इवेंट कराना म.प्र. माध्यम के बिज़नेस रूल का हिस्सा है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मध्यप्रदेश माध्यम के द्वारा स्वयं कोई सरकारी आयोजनों को नहीं कराया गया है, अपितु अन्य विभागों के आयोजनों में विभाग द्वारा कार्यादेश दिये जाने पर उक्तानुसार कार्य सम्पादित किया जाता है। उक्तानुक्रम में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) इवेंट कराना मध्यप्रदेश माध्यम के बिजनेस रूल का हिस्सा नहीं है। म.प्र. शासन के विभागों अथवा निगम/मण्डलों द्वारा इवेन्ट आयोजित किये जाने पर म.प्र. माध्यम को कार्यादेश प्रदान किये जाने की स्थिति में कार्य सम्पादित कराया जाता है।
शासन द्वारा लिए गए फैसले
[वित्त]
62. ( क्र. 3371 ) श्री
आलोक
चतुर्वेदी : क्या
वित्त मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि मई 2018 से
अक्टूबर 2018 के बीच
राज्य सरकार
की ओर से
उद्योग विभाग
से संबंधित
ऐसे कौन-कौन
से फैसले लिए
गए जिनसे
राजस्व की
हानि हुई? उक्त
फैसलों से
कितने राजस्व
की हानि हुई?
वित्त
मंत्री ( श्री
तरूण भनोत ) : मध्यप्रदेश
में माह
मई-अक्टूबर 2018 के दौरान
राज्य सरकार
द्वारा
उद्योग विभाग
के अंतर्गत
उद्योग संवर्धन
नीति 2014 के
प्रावधान
अनुसार निवेश
संवर्धन पर
गठित मंत्रि-परिषद्
समिति द्वारा
स्वीकृत
अतिरिक्त
निवेश सहायता
की प्रकरणवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट पर
है। उल्लेखित
फैसलों से
राज्य में
मेगा स्तर की
औद्योगिक
इकाइयों को
अतिरिक्त
निवेश सहायता
राशि उपलब्ध
कराई गई है।
इस अतिरिक्त
प्रोत्साहन
के राजस्व
प्रभाव का
समग्र आंकलन
परियोजना स्थापना
एवं स्वीकृत
की गई सुविधा
का उपभोग करने
के पश्चात्
ही किया जा
सकता है।
निलंबित कर्मचारियों की रोकी गई वेतनवृद्धि
[सामान्य प्रशासन]
63. ( क्र. 3378 ) श्री राहुल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग की कर्मचारी आचरण संहिता के अनुसार निलंबित कर्मचारी की बहाली के उपरांत उनकी रोकी गई असंचयी प्रभाव की वेतनवृद्धि अधिकतम कितने वर्षों तक रोकी रखी जा सकती है? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत म.प्र. शासन के अधीनस्थ ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी निलंबन के बाद बहाली पश्चात असंचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रूकी हुई है? ऐसे सभी विभागों के कर्मचारियों की सूची एवं समयावधि का उल्लेख करके बतावें कि उनकी कितने वर्षों से असंचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रूकी हुई है? (ग) क्या म.प्र. शासन ऐसे कर्मचारियों की रूकी हुई वेतनवृद्धि स्वीकृत कर जारी करने की ओर कार्य करने जा रही है? जिससे कर्मचारियों को वापिस मूलधारा में लाया जा सके?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनियमितता के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
64. ( क्र. 3390 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 से वर्ष 2018 तक बैतूल जिला चिकित्सालय में जननी एक्सप्रेस टेण्डर, दवाई खरीदी एवं साफ-सफाई सहित अन्य कार्यों में आर्थिक अनियमितता, गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई तथा इसके लिए कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? (ग) क्या उपरोक्त अनियमितता के लिए बैतूल जिले के कलेक्टर एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा भी दोषी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो आज तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या उक्त अनियमितताओं के लिए जिला चिकित्सालय अधिकारी को दोषी माना गया? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध आज तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक कार्यवाही की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी, नहीं। मात्र जननी एक्सप्रेस टेण्डर कार्य में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुयी थी। (ख) जी, हां। मात्र जननी एक्सप्रेस टेण्डर कार्य की शिकायत संबंधी जाँच रिपोर्ट में जिले के कलेक्टर एवं अध्यक्ष द्वारा जिला लेखा प्रबंधक बैतूल को कदाचार एवं वित्तीय अनियमितता में दोषी पाये जाने के आरोप में संविदा अनुबंध समाप्त किया जाकर सेवा से पृथक किया गया था। (ग) जी, हां। शेष जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) जी, नहीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बैतूल को भविष्य में वित्तीय मामलों में क्रय नियमों एवं प्रदत्त वित्तीय अधिकारों के पालन में सम्पूर्ण सावधानी रखी जावे, के निर्देश/ चेतावनी के साथ एतद् आदेश द्वारा प्रकरण समाप्त कर नस्तीबद्ध किया गया है।
जिला चिकित्सालय अधिकारी की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 3391 ) श्री कमल
पटेल : क्या
लोक
स्वास्थ्य
परिवार
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र. के
किस-किस जिले
में मुख्य
जिला चिकित्सा
अधिकारी, प्रभारी
चिकित्सा
अधिकारी पदस्थ
हैं तथा
कहाँ-कहाँ किस
चिकित्सक को
चार्ज दिया
गया है? (ख) म.प्र.
के
किस-किस जिला
चिकित्सा
अधिकारी पर
आर्थिक
अनियमितता के
केस चल रहे
हैं/जाँच चल
रही है? (ग) जिन
जिला चिकित्सा
अधिकारियों
पर आर्थिक
अनियमितता की
जाँच चल रही
है, उन्हें
जिला चिकित्सा
अधिकारी पद पर
पदस्थ करने
की शासन की क्या
मजबूरी है? (घ) जिन जिला
चिकित्सा
अधिकारियों
पर जाँच चल
रही है, उन्हें
अभी तक क्यों
नहीं हटाया
गया? कब
तक हटाया
जाएगा?
लोक
स्वास्थ्य
परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) मा. उच्चतम
न्यायालय
में पदोन्नति
के संदर्भ में
प्रचलित
प्रकरण के
कारण प्रदेश
में पदोन्नति
की कार्यवाही
विलंबित है।
अत: नियमित
मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी के पद
रिक्त होने
के कारण अन्य
अधिकारियों
को प्रभार
सौंपा जा रहा
है एवं प्रकरण
में दोषी पाए
जाने पर
नियमानुसार
इनके विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
निरंतर की जा
रही है एवं
समय-समय पर पद
से मुक्त भी
किया जाता है।
प्रदेश में
प्रशासनिक
पदों हेतु
पदोन्नति
हेतु
अनिवार्य अनुभव-अर्हता
रखने वाले
पात्र
अधिकारियों को
ही प्रभार
सौंपे जा रहे
है। (घ) जी हाँ, प्रकरण की
गंभीरता को
दृष्टिगत
रखते हुए पदस्थापना
हेतु निर्णय
लिया जावेगा।
सॉफ्टवेअर डेवलपमेंट क्रय/लाईसेंस
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
66. ( क्र. 3411 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.06.2014 से 30.05.19 तक विभाग द्वारा सॉफ्टवेअर डेवलपमेंट क्रय/लाईसेंस इससे संबंधित अन्य किसी मद पर कितनी राशि व्यय की गई, की जानकारी प्रदायकर्ता के नाम प्रस्तुत बिल के विवरण सहित वर्षवार देवें। (ख) यह भी बताएं कि इन सॉफ्टवेअर का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? नाम सहित जिलावार बताएं। (ग) इनका निरीक्षण कब-कब किया गया? वर्षवार, जानकारी, निरीक्षणकर्ता का नाम एवं संबंधित सप्लायरकर्ता द्वारा इनका कब-कब, कहाँ-कहाँ मेंटेनेंस किया और सप्लायरकर्ता के अनुबंध में मेंटेनेंस को लेकर क्या-क्या अनुबंध है? (घ) जो सॉफ्टवेअर बंद मिले, उनकी जानकारी देवें। इन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई बताएं और नहीं की तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नेशनल इन्फॉरमेटिक सर्विसेज नई दिल्ली के माध्यम से mpskill.gov.in पोर्टल का निर्माण किया गया है जिसे उनके द्वारा अपडेट किया जाता है। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रोनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (एम.पी.एस.ई.डी.सी.) की सहायता से पोर्टल dsd.mp.gov.in का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में एम.पी.एस.ई.डी.सी. द्वारा 04 मॉड्यूल तथा डेशबोर्ड दिनांक 08.07.2019 को उपलब्ध कराये गये हैं। इस पोर्टल के अवयवों की अभी टेस्टिंग की जा रही है। सेंट्रल इंडिया कंसल्टेंसी सर्विसेज, जबलपुर के माध्यम से वेब एप्लीकेशन फॉर बजट मॉनीटरिंग सिस्टम के लिए dsdbudget.org पोर्टल बनाया गया है जिसे उनके द्वारा अपडेट किया जाता है। संचालनालय द्वारा वर्ष 2014-15 में 10 आई.टी.आई. के लिए इंग्लिश लैंगवेज लेब सॉफ्टवेयर (30 यूजर) का क्रय किया गया जिसका नि:शुल्क नवीनीकरण प्रतिवर्ष होता है। इन 10 आई.टी.आई. में इंग्लिश लैंगवेज लेब सॉफ्टवेयर का नवीनीकरण प्रक्रियाधीन है। सभी सॉफ्टवेयर क्रियाशील है।
उद्योगों के लिए जमीन आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
67. ( क्र. 3412 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन एवं बड़वानी जिले में उद्योग विभाग द्वारा लीज पर दी गई भूमि किस प्रयोजन से किस-किस को कब-कब आवंटित की गई जानकारी दिनांक 01.01.04 से 31.12.18 के संदर्भ में देवें। (ख) जिस प्रयोजन से भूमि लीज पर दी गई क्या उसी रूप में इसका उपयोग हो रहा है? जानकारी उद्योगवार, विधान सभावार जिलावार देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में इनके प्रयोजन के लिए निरीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? प्रत्येक निरीक्षण की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) जिन उद्योगों द्वारा लीज प्रयोजन परिवर्तित कर उपयोग किया जा रहा है। उनकी लीज कब तक निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) दिनांक 01/01/2004 से 31/12/2018 तक खरगोन एवं बड़वानी जिले में, विभाग के अधीन एम.पी. इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. के क्षेत्रीय कार्यालय इन्दौर के क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र फूड प्रोसेसिंग पार्क (एफ.पी.पी.) निमरानी, इन्टीग्रेटेड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट सेन्टर (आय.आय.डी.सी.) निमरानी एवं औद्योगिक क्षेत्र रेल्वाखुर्द बड़वानी में लीज पर आवंटित कि गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' में है एवं एम.एस.एम.ई. विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में लीज पर दी गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है एवं एम.एस.एम.ई. विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) एवं (घ) आवंटित उद्योगों को भूमि के प्रयोजन के लिये स्थल निरीक्षण के समय नियत प्रयोजन के उपयोग नहीं पाये जाने पर नियमानुसार लीज शर्तों के उल्लंघन के कारण कार्यवाही की जाती है। विभाग के अधीन क्षेत्रीय कार्यालय इन्दौर द्वारा निरस्त इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार है।
वर्षों से जमे कर्मचारियों के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 3423 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय समय पर जारी आदेश/ निर्देशानुसार भंडार, क्रय लेखा जैसी संवेदनशील शाखाओं में पदस्थ कर्मचारियों को 3 वर्ष पश्चात अन्यत्र पदस्थ किया जाना है? (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल के कंटन्जेंसी क्रय एवं वाहन शाखा में पदस्थ कर्मचारियों का कार्यकाल 3 वर्ष से अधिक होने के बाद भी प्रभार क्यों नहीं बदला गया? (ग) जिला चिकित्सालय भोपाल के स्टोर एवं क्रय शाखा में 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों का प्रभार क्यों नहीं बदला गया? (ग) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में पदस्थ कर्मचारियों को क्या अन्यत्र पदस्थ किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्नीचर एवं लेखन सामग्री का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
69. ( क्र. 3424 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्वास्थ्य समिति विदिशा द्वारा वर्ष 2018-2019 में जी.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र विदिशा हेतु क्या-क्या (फर्नीचर एवं लेखन) सामग्री क्रय की गई है? क्या उक्त सामग्री समिति से अनुमोदन लिया गया है? अनुमोदन की छायाप्रति प्रस्तुत करें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रश्नांश (क) में वर्णित सामग्री क्रय करने वाले क्रय लिपिक और सामग्री भंडार में प्राप्त कर सत्यापित करने वाले भंडारी का नाम और पदनाम बतायें। (ग) क्या उपरोक्त सामग्री का जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा जेम से क्रय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी विदिशा की आई.डी. से न करते हुये स्वयं की आई.डी. से किया गया है? क्रय भंडार और भुगतान की पूरी प्रक्रिया जिला प्रबंधक द्वारा की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या उपरोक्त अनियमित क्रय के लिए जिम्मेदार जिला कार्यक्रम प्रबंधक को विदिशा जिले से हटाकर प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
70. ( क्र. 3439 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विधायक निधि वर्ष 2013 से 2018 तक कितने यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण किया गया है? प्रत्येक यात्री प्रतीक्षालय पर व्यय की गई राशि का विवरण किन स्थान पर किन एजेंसी द्वारा किया? (ख) वर्तमान में यात्री प्रतीक्षालयों की स्थिति चालू अवस्था में है या नष्ट हो गये हैं? (ग) पाँच वर्षों में यात्री प्रतीक्षालय विधायक निधि से निर्माण की संख्या तथा खर्च की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण घटिया एवं स्तरहीन है? अगर हाँ तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या घटिया निर्माण की जाँच कराई जावेगी? हाँ तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में योजना के अन्तर्गत वर्ष 2013 से 2018 तक 42 यात्री प्रतिक्षालयों की स्वीकृति प्रदान की गई है। व्यय राशि/स्थान का विवरण/ एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट कॉलम 4, 3 एवं 5 पर है। (ख) प्रश्नांश-(क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 7 पर है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 1 एवं 4 पर है। (घ) यात्री प्रतिक्षालय गुणवत्ता के संबंध में कार्यालय में शिकायत प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि का भुगतान
[सहकारिता]
71. ( क्र. 3440 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयापुरा विधान सभा क्षेत्र उदयापुरा अन्तर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 खरीफ मौसम की फसल की बीमा राशि स्वीकृत की जाकर प्रदान की गई हैं? जिला सहकारी बैंक की शाखावार, समितिवार कृषकों की संख्या एवं राशि सहित विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या खरीफ फसल की प्रदाय की गयी बीमा राशि की किस्त हितग्राहियों के खातों से काटी गयी है? (ग) क्या समितियों के द्वारा हितग्राहियों के जिस खाते से बीमा राशि की किस्त काटी जाती है? उसी हितग्राही के खाते में बीमा राशि प्रदान करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो फिर समितियों द्वारा बीमा राशि का भुगतान हितग्राहियों को क्यों नहीं किया जा रहा हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने हितग्राहियों की वही में संयुक्त परिवार का नाम होने से खरीफ फसल 2017-2018-2019 बीमा राशि का भुगतान हितग्राहियों को नहीं किया गया है ग्रामवार, समितिवार अवगत कराने की कृपा करें।
सामान्य
प्रशासन
मंत्री ( डॉ.
गोविन्द सिंह
) : (क) खरीफ 2017 मौसम की
फसल बीमा राशि
किसानों के
खातों में जमा
की गई है। शेष
दो वर्ष खरीफ 2018 एवं खरीफ 2019 के फसल
बीमा की
स्वीकृति
बीमा कंपनी से
अप्राप्त है।
खरीफ 2017 की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, बीमा
प्रीमियम की
राशि कृषक के
ऋण खाते से
काटी गई है। (ग) जी
हाँ। कृषक के
ऋण खाते में
उसके द्वारा
लिये गये फसल
ऋण के विरूद्ध
बीमा क्लेम की
राशि जमा की
जाती है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(घ) प्रश्नांकित
समितियों
द्वारा
संयुक्त परिवार
के नाम से
खरीफ 2017, 2018 एवं 2019 में कृषि
ऋण वितरण नहीं
किये जाने से
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''उनतालीस''
बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी
[सहकारिता]
72. ( क्र. 3452 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले में एस.आर.पी. डेव कान्स नामक कोई हाऊसिंग सोसायटी पंजीकृत एवं कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या खसरा क्रमांक 147/1 एवं 147/2 ग्राम भोजपुर, तह.गोहरगंज का कुल रकबा 2.513 हे. भूमि पर आवासीय कालोनी विकसित किये जाने के नाम पर भूखण्ड बेचे गये हैं? यदि हाँ, तो इस हाऊसिंग सोसायटी द्वारा निर्धारित शर्तें क्या पूरी की जा रही हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित हाऊसिंग सोसायटी द्वारा अभी तक कितने भूखण्ड किन-किन व्यक्तियों को बेचे गये?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झोला छाप डाक्टर की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 3454 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायत क्रमांक 6239244 दिनांक 10.06.2018 एवं क्रमांक 7720923 दिनांक 28.01.2019 दर्ज कराई गई है, यदि हाँ, तो किसके द्वारा और किस के विरूद्ध? (ख) क्या शिकायत का निराकरण किया जा चुका है यदि हाँ, तो उसके निर्णय का विवरण दें? (ग) क्या दिनांक 18.06.2018 को डॉ. अंगद लाल यादव, ग्राम अतरौला, थाना जवा, जिला रीवा के क्लीनिक का निरीक्षण किया गया था तथा निरीक्षण के दौरान क्लीनिक संचालन से संबंधित रजिस्ट्रेशन नहीं पाया गया एवं चिकित्सक के विरूद्ध मेडिकल मेडिसिन की धारा 15 (2) के तहत कार्यवाही हेतु थाना अतरौला में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में निरीक्षण किसके द्वारा किया गया था तथा रिपोर्ट पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या अवैधानिक तरीके से क्लीनिक संचालन करने वाले अंगद लाल यादव के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी, हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। श्री मनोज द्विवेदी द्वारा, डॉ. अंगद लाल यादव के विरूद्ध। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। उपरोक्त शिकायत के संबंध में दिनांक 18.08.2018 को डॉ. एन.के. पाण्डे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जवा द्वारा टीम के साथ डॉ.अंगद लाल यादव के क्लीनिक का निरीक्षण किया गया, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। चिकित्सक के पास ऐलोपैथिक चिकित्सा व्यवसाय से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज नहीं पाये गये, उक्त चिकित्सक द्वारा जन स्वास्थ्य रक्षक पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया जो कि ऐलोपैथिक चिकित्सा व्यवसाय के लिए पर्याप्त नहीं हैं, इस विषय में पुलिस थाना अंतरैला जिला रीवा में उक्त डॉक्टर के विरूद्ध दिनांक 18.08.2018 को प्रथम सूचना पत्रक दर्ज कराया गया, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समय अवधि बताया जाना संभव नहीं हैं।
प्याज लहसुन खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
74. ( क्र. 3459 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्याज खरीदी के वर्ष 2017 के अंतिम आंकड़े इसलिये दो साल में तैयार नहीं हुये कि उसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा जमकर अनियमितता की गयी तथा उन्हें बचाने के लिये विलंब किया जा रहा है? यदि नहीं, तो विलंब का कारण बतावें तथा अंतिम आंकड़े संबंधित पत्रक की प्रतियां देवें। (ख) वर्ष 2016 के प्याज खरीदी के अंतिम आंकड़ों की रिपोर्ट आय-व्यय सहित दी जाये तथा बतावें कि वर्ष 2018 तथा 2019 में प्याज एवं लहसुन पर कितना भावांतर का भुगतान किया जा चुका हैं तथा कितना शेष है? (ग) वर्ष 2018 में प्याज तथा लहसुन पर भावांतर के भुगतान में दो हजार करोड़ से ज्यादा की अनियमितता हुई उपविधि 16 (4) के अंतर्गत अनुबंध पत्रक सारी मंडियों में बोगस भारी मात्रा में बनाये गये तथा उस अनुसार बोगस भुगतान पत्रक, घोषणा पत्र तथा अनुज्ञा पत्र बने हैं, क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच होगी? (घ) रतलाम तथा धार मंडी में 2018 में प्याज लहसुन की खरीदी की जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई? उसकी रिपोर्ट की समस्त दस्तावेज सहित प्रति देवें तथा बतावें कि शासन इस क्षेत्र में अनियमितता को रोकने हेतु क्या कदम उठा रहा है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वर्ष 2017 में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भोपाल द्वारा प्याज खरीदी का कार्य नोडल एजेंसी के रूप में किया गया, प्याज उपार्जन कार्य प्रक्रियाओं तथा दस्तावेजों के प्रमाणीकरण आदि ऑडिट संबंधी कार्य चार्टर्ड एकाउंटेंट से कराने के निर्णय के अनुक्रम में जिला स्तर पर अंकेक्षण कार्य पूर्ण होते ही संकलित लेखों का अंकेक्षण कार्य विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर दिनांक 25.04.2019 को पूर्ण किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2016 के प्याज खरीदी के अंतिम आंकड़ों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, वर्ष 2018 की मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत लहसुन में रू.800/- प्रति क्विंटल तथा प्याज में रू.400/- प्रति क्विंटल भावांतर राशि घोषित की गई है। वर्ष 2019 की मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्याज में प्रोत्साहन राशि का निर्धारण शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2018-19 में प्रदेश स्तर पर अधिसूचित मण्डियों में हुये कुल विक्रित संव्यवहार का ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज टेन्टेटिव चेकलिस्ट अनुसार लहसुन एवं प्याज के विक्रय के आधार पर पात्रता अनुसार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति शुजालपुर में लहसुन तथा शिवपुरी में प्याज की कुछ काल्पनिक/कागजी विक्रय संव्यवहार में बोगस अनुबंध, भुगतान, परिवहन के अनुज्ञा आदि दस्तावेज जारी होने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी मंडी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों से जाँच करवाई गई। इन जांचों में शिकायत प्रमाणित पाये जाने पर संलिप्त मंडी कर्मचारियों को निलंबित किया गया, मंडी के अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों के विरूद्ध म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही की गई और एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। विवादित विक्रय संव्यवहारों में भावांतर राशि का भुगतान रोका जाकर मंडी बोर्ड के पत्र दिनांक 26.03.2019 द्वारा कलेक्टर जिला शाजापुर को परीक्षण कराने हेतु लिखा गया है। उक्त मामले में मंडी बोर्ड के पत्र दिनांक 03.11.2018 से कलेक्टर जिला शिवपुरी को लिखा गया है कि जिला प्रशासन द्वारा जब्त किये गये दस्तावेजों की शीघ्र जाँच कराकर मूल अभिलेख मंडी को वापस करें। मंडी बोर्ड के आदेश दिनांक 03.11.2018 से लेखाधिकारी के नेतृत्व में विशेष अंकेक्षण दल का गठन किया गया है। (घ) वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत रतलाम मंडी के प्याज तथा लहसुन खरीदी की कलेक्टर जिला रतलाम द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के साथ उद्यानिकी, कृषि, सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों के दल से जाँच/परीक्षण कराया गया, जिसमें दो व्यापारियों के यहां प्याज तथा लहसुन का रिकार्ड की अपेक्षा भौतिक रूप से कम स्कंध पाया गया और आर्थिक संव्यवहारों में विक्रत स्कंध हेतु बैंक खातों से भुगतान मिलान नहीं हुआ। इसके आधार पर मंडी समिति रतलाम द्वारा संबंधित दोनों व्यापारियों की अनुज्ञप्ति 15 दिवस के लिए निलंबित की गई, जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार, प्रश्नागत योजना के तहत कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा प्याज या लहसुन की खरीदी नहीं की गई, अपितु उक्त योजना के प्रावधान अनुसार पंजीकृत किसानों द्वारा मंडी में अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को प्याज एवं लहसुन का विक्रय किया गया है। उक्त योजना में कृषि उपज मंडी समिति धार चयनित नहीं थी। भावांतर की पूर्व योजनाओं के अनुभव के आधार पर अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए मंडी प्रांगणों की जियो टेगिंग कराई गई, मंडी के रजिस्टर्ड मोबाईल एप से इलेक्ट्रॉनिक प्रवेश पर्ची जारी करने की व्यवस्था की गई, प्रांगण में कृषि उपज की भौतिक आवक की पुष्टि हेतु प्रवेश द्वार पर सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाये गये, ई-प्रवेश पर्ची के आधार पर ही पोर्टल पर विक्रय संव्यवहारों के दर्ज होने की व्यवस्था की गई, मंडी प्रांगण में आवक एवं विक्रय संव्यवहारों के भौतिक सत्यापन के लिए अन्य विभाग के अधिकारी की ड्यूटी लगाने की व्यवस्था की गई, मंडी प्रांगण में प्रवेश एवं विक्रय संव्यवहारों के दस्तावेज जारी करने वाले कर्मचारियों की चक्र पद्धति से ड्यूटी लगाई गई, पोर्टल पर दर्ज प्रविष्टियों/जानकारी जिला कलेक्टर से साझा किया गया, इत्यादि व्यवस्थाएं की गई है। उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग में जिला कार्यालयों को न ही कोई शिकायत प्राप्त हुई है और न ही किसी प्रकार की जाँच लंबित है।
जमानतदारों की जमा राशि नहीं देना
[सहकारिता]
75. ( क्र. 3462 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले स्थित श्री राजेन्द्र सूरी साख सहकारी संस्था मर्या. में एक लाख से ज्यादा राशि के जमाकर्ताओं के नाम, पिता का नाम, पता देवें तथा बतावें कि क्या संस्था जमानतकर्ताओं की मांग पर, निर्धारित तिथी पर जमा राशि का भुगतान कर रही है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) की साख समिति की कितनी शाखाएं कहाँ-कहाँ हैं तथा कुल चल-अचल संपत्ति मई 2019 अनुसार कितनी है? क्या जिला प्रशासन को जमानतकर्ताओं ने निर्धारित तिथि पर जमा राशि नहीं देने की शिकायत की है? यदि हाँ, तो बतावें कि क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) संस्था ने प्रारंभ से अभी तक जितने लोगों को ऋण दिये उनसे नियमानुसार संपत्ति बंधक नहीं रखी तथा अब वसूली नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो ऐसे ऋणी खातेदारों के नाम, पिता का नाम, पता तथा ऋण की प्रारंभिक राशि तथा मई 2019 को ब्याज सहित राशि की सूची देवें तथा बतावें कि इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा उन पर क्या कार्यवाही होगी? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (क) की संस्था का आधिपत्य अपने हाथ में लेकर पदाधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले में श्री राजेन्द्र सूरी साख सहकारी संस्था मर्यादित, पंजीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई-टेण्डर प्रक्रिया की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
76. ( क्र. 3470 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 80 हजार करोड़ से ज्यादा के ई-टेण्डर घोटाले में किस-किस विभाग के कौन-कौन से टेण्डर जाँच प्रक्रिया में हैं? जो प्रक्रिया में है, उनकी राशि, प्राप्त करने वाली फर्म का नाम मालिक/ भागीदार का नाम, विभाग का नाम, कार्य का नाम सहित सूची देवें। (ख) ई-टेण्डर किस-किस विभाग में किस-किस दिनांक से प्रारंभ हुये तथा सभी विभागों को मिलाकर अभी तक कितनी संख्या में तथा कुल कितनी राशि के ई-टेण्डर हुये? क्या प्रश्नांश (क) के घोटाले के मद्देनजर सारे ई-टेण्डर की जाँच की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ई-टेण्डर घोटाले में गिरफ्तार किये गये शासकीय तथा निजी संस्थानों के अधिकारियों के नाम, पिता का नाम, पता, संस्थान/विभाग का नाम तथा पद की सूची देवें तथा बतावें कि इसमें पूर्व सरकार के कौन-कौन मंत्री तथा जल निगम के टेण्डर में तात्कालिक मुख्यमंत्री की भूमिका जाँच में है या नहीं? (घ) वर्तमान शासन ई-टेण्डर घोटाले को जाँच रोकने के लिये क्या नवाचार करेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) प्रकरण अभी विवेचनाधीन है। अत: गोपनीयता की दृष्टि से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
श्री जटाशंकर धाम का विकास
[अध्यात्म]
77. ( क्र. 3478 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल श्री जटाशंकर धाम में प्रत्येक माह में अनुमानत: कितने तीर्थयात्री दर्शन हेतु आते हैं? महाशिवरात्रि, अमावस्या एवं सोमवती अमावस्या के दिन कितने तीर्थयात्री आते है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त तीर्थ स्थल में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा हेतु क्या-क्या प्रबंध हैं? क्या उक्त प्रबंध आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या के मान से उचित है? यदि नहीं, तो शासन और क्या-क्या प्रबंध कर सकता है? (ग) श्री जटाशंकर धाम पर्वतीय क्षेत्रों एवं वन भूमि से घिरा है तथा यहाँ आने वाले धार्मिक तीर्थ यात्रियों को देव दर्शन के साथ पर्वतीय पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है, यदि हाँ, तो इस हेतु क्या शासन कोई विचार कर सकता है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल श्री जटाशंकर धाम में प्रत्येक माह में अनुमानित एक लाख पचास हजार, महाशिवरात्री पर्व में एक लाख से एक लाख पच्चीस हजार, अमावस्या पर्व में पचास हजार से साठ हजार तीर्थयात्री, सोमवती अमावस्या में एक लाख से एक लाख पच्चीस हजार तक तीर्थयात्री आते है। (ख) उपरोक्त तीर्थस्थल में आने वाले तीर्थयात्री की सुविधा हेतु पेयजल व्यवस्था, रोशनी व्यवस्था, मेडिकल टीम की ड्यूटी लगाकर मेडिकल व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाती है एवं ठहरने हेतु प्रतिक्षालय तथा धर्मशालाओं का प्रबंध लोक न्यास जटाशंकर धाम द्वारा किया जाता है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हेतु सुरक्षा बल की तैनाती पुलिस विभाग द्वारा की जाती है एवं तीर्थदर्शन की सुविधा हेतु बेरीकेटिंग की व्यवस्था लोक न्यास द्वारा पूर्व से की गई है। उक्त प्रबंध आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या से उचित है। (ग) देव दर्शन किया जाता है।
प्रदेश में आयोजना हेतु मूलभूत संसाधनों का मानचित्र
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
78. ( क्र. 3480 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आयोजना हेतु आवश्यक मूलभूत संसाधनों के मानचित्र अंतिम बार कब तैयार किये गये? (ख) प्रदेश के कौन-कौन से विभाग इन मानचित्रों का उपयोग आयोजना-निर्माण हेतु कर रहे हैं? (ग) क्या ये मानचित्र उपयोग हेतु आमजन के लिए उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो इनकी फ्री ऐक्सिस के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) प्रदेश में आयोजना हेतु आवश्यक मूलभूत संसाधनों के मानचित्र मध्यप्रदेश संसाधन एटलस कार्यक्रम के अंतर्गत मूलभूत संसाधनों के मानचित्र अंतिम बार जून 2019 में तैयार किये गये हैं। (ख) प्रदेश के कृषि, वन, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा, लोक निर्माण, पर्यटन, जल संसाधन एवं स्वास्थ्य विभाग आयोजना निर्माण हेतु इन मानचित्रों का उपयोग कर रहे हैं। (ग) यह संसाधन एटलस म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के पुस्तकालय में आमजन के लिये उपलब्ध हैं।
आई.टी.आई. की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
79. ( क्र. 3493 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती (भा.ज.पा.) व इससे पूर्व सरकार द्वारा प्रदेश के हर विकासखण्ड/जनपद में एक-एक आई.टी.आई. की स्वीकृति होकर कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाएगा की नीति का उल्लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना, विकासखण्ड/ जनपद नहीं है, यह क्षेत्र अम्बाह व मुरैना में विभाजित है अर्थात विकासखण्ड जनपद के अभाव में दिमनी में आई.टी.आई. की स्वीकृति न हो सकी? (ग) क्या वर्तमान सरकार कौशल विकास योजनाओं को युवा वर्ग को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय दिमनी या अन्य क्षेत्र जहां आई.टी.आई. प्रारंभ हेतु उचित/उपयुक्त स्थान हो, वहां प्रस्तुत बजट 2019-20 (जुलाई 2019) में स्वीकृति प्रदान करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। जिला मुरैना के अन्तर्गत कुल 07 विकासखण्ड में दो विकासखण्ड मुरैना एवं सबलगढ़ में शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं। विकासखण्ड अम्बाह, पोरसा, जौरा, पहाड़गढ़ एवं कैलारस में शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। वर्तमान में 104 विकासखण्ड ऐसे हैं जिनमें शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं हैं। एक साथ इतने विकासखण्ड में शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना की जाना सम्भव नहीं है। वर्तमान में नवीन आई.टी.आई. खोलने की कोई योजना नहीं है।
आर.ओ. एवं वाटर कूलर का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 3494 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा संचालित स्वास्थ्य केन्द्र (P.H.C., C.H.C., उप स्वास्थ्य केन्द्र आदि) में सुविधायें, जैसे पेयजल उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या नियम आदि प्रचलन में है, की प्रति दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिला शिवपुरी म.प्र. में विगत 03 वर्ष में आर.ओ. एवं वाटर कूलर क्रय हेतु क्या प्रक्रिया निर्मित की? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में विगत 03 वर्ष में कितनी आर.ओ. एवं वाटर कूलर किस प्रक्रिया/नियम के अंतर्गत क्रय किये गये व राशि किस मांग संख्या, लेखा शीर्ष, मद से कितनी मशीनें क्रय की जाकर जिला शिवपुरी के किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में कितनी-कितनी मशीनें भेजी गई की जानकारी संख्या व संस्था की प्राप्ति आदि सहित उपलब्ध करावें। (घ) क्या आर.ओ. एवं वाटर कूलर खरीदी मद में राशि उपलब्ध न होने पर भी मशीनों का क्रय किया गया? यदि हाँ, तो खरीदी मद, राशि, विज्ञप्ति एवं प्राप्त आवेदन, आवेदनकर्ता का नाम पता, प्रस्तावित दर आदि सहित बतावें व निविदा स्वीकृतकर्ता अधिकारी का पदनाम एवं स्वीकृत दर भी बतायी जावे।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन के द्वारा जारी भारतीय मानक ब्यूरो एवं भारतीय लोक स्वास्थ्य मापदण्डों अनुसार व्यवस्था की जाती है। संबंधित मापदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जिला शिवपुरी म.प्र. में विगत 3 वर्षों में आर.ओ. एवं वाटर कूलर क्रय हेतु D.G.S. & D,G.E.M. म.प्र. लघु उद्योग निगम, स्थानीय निविदा/कोटेशन प्रक्रिया अपनाई गई हैं। (ग) विगत 3 वर्षों में जिला शिवपुरी अंतर्गत 2 आर.ओ. एवं वाटर कूलर निविदा प्रक्रिया/कोटेशन प्रक्रिया से मांग संख्या 19 लेखा शीर्ष 2777-63-001 एवं एन.एच.एम. मद से वर्ष 2017-18 में प्राप्त बजट से क्रय कर क्रमश: एक-एक आर.ओ. एवं वाटर कूलर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं डी.ई.आई.सी. भवन को प्रदान किये गये, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धमार्थ ट्रस्ट चिकित्सालय में संचालित दुकानें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 3506 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर के धमार्थ ट्रस्ट चिकित्सालय के अन्दर दवाई की दुकान कब से संचालित है, उक्त दवा दुकान क्या चिकित्सालय द्वारा संचालित है या किसी को ठेके में दी गई है? यदि हाँ, तो कब और किसको तथा उक्त दुकान का ड्रग लाइसेंस किसके नाम है? दुकान संचालक की शैक्षणिक योग्यता क्या है? क्या उक्त चिकित्सालय द्वारा अधिनियम की धारा 65 का पालन किया जा रहा है या नहीं बताएं? (ख) क्या उक्त चिकित्सालय में पैथोलॉजी संचालित है? यदि हाँ, तो उसके रिपोर्ट पर किस डॉ. के हस्ताक्षर होते हैं तथा उसकी योग्यता क्या है तथा कौन-कौन सी जाँच चिकित्सालय में की जाती है और उसकी फीस क्या निर्धारित है। (ग) उक्त चिकित्सालय में कितने सदस्य एवं पदाधिकारी हैं, उनके चुनाव कब तक के लिए हुये थे? पदाधिकारी सहित विवरण दें। (घ) क्या उक्त चिकित्सालय एक धमार्थ ट्रस्ट चिकित्सालय है? यदि हाँ, तो शासन स्तर से उक्त चिकित्सालय को क्या किसी प्रकार का अनुदान विधायकों, सांसद एवं शासन से प्राप्त है? यदि हाँ, तो उक्त अनुदान चिकित्सालय में किस सेवा हेतु प्रदान किया जा रहा है एवं विगत 3 वर्ष में प्रश्न दिनांक तक प्रति वर्ष प्राप्त अनुदान अनुसार कितने हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हो चुका है? (ड.) क्या एक चिकित्सालय जिसमें ओ.पी.डी. एवं आई.पी.डी. की सुविधा होती है। उसमें एक निम्नतम स्टाफ 24 घंटे होना अनिवार्य होता है? यदि हाँ, तो क्या उक्त चिकित्सालय में यह सुविधा उपलब्ध है? उक्त धमार्थ ट्रस्ट चिकित्सालय के प्रारंभ में दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रशासन एवं सी.एम.एच.ओ. कार्यालय की टीम द्वारा क्या समय-समय पर निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति दें? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं एवं निरंतर निरीक्षण ना करने के लिए कौन दोषी है, उस पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा गंभीर प्रकरण की जांच
[सामान्य प्रशासन]
82. ( क्र. 3514 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, म.प्र. जो कि सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत आता है, के द्वारा पृष्ठ क्रमांक/अपराध/खा/आर-741-19/741-ए/2019 भोपाल, दिनांक 03.05.2019 से रजिस्ट्रार म.प्र.नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के विरूद्ध प्रकरण कायम किया गया है? (ख) क्या रजिस्ट्रार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ई.ओ.डब्ल्यू. ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, चिकित्सा शिक्षा, मंत्रालय भोपाल को जो पत्र लिखा, उस पर कितने दिनों का समय विभाग को जाँच करने या दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिये लिखा है? (ग) क्या ई.ओ.डब्ल्यू. ने दस्तावेज जब्त किये हैं? क्या ई.ओ.डब्ल्यू. विभाग (चिकित्सा शिक्षा) से जाँच करवायेगा? क्या ई.ओ.डब्ल्यू स्वयं जाँच नहीं करेगा? क्या विभाग (चिकित्सा शिक्षा) प्रतिवेदन ई.ओ.डब्ल्यू को देगा? जाँच किस आधार पर होगी? बिन्दुवार विवरण दें। (घ) ई.ओ.डब्ल्यू. प्रकरण कायम करने के बाद स्वयं जाँच करता है कि विभाग को प्रतिवेदन देने के लिये कहता है? कब तक इस प्रकरण की जाँच पूरी होगी? शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायतों का विवरण दें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। शिकायत की जाँच कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराने हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग को लिखा गया है। समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। चिकित्सा शिक्षा विभाग से तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत ही आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा जाँच के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। जी हाँ। शिकायत में उल्लेखित बिन्दु ही जाँच का आधार होंगे। गोपनीयता की दृष्टि से विवरण दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शिकायतकर्ता श्री विष्णु त्यागी पुत्र श्री देवीप्रसाद त्यागी निवासी भिण्ड द्वारा अलग-अलग दो शिकायत आवेदन पत्र क्रमश: आर-741/19, दिनांक 24.04.2019 एवं शिकायत क्रमांक आर-931/19, दिनांक 20.05.2019 प्रकोष्ठ में आवक पंजी में दर्ज कर शिकायतों पर तथ्यात्मक प्रतिवेदन भेजने हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग को लिखा गया है।
फीस विनियामक समिति में पदेन सदस्यों का मानदेय
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
83. ( क्र. 3518 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति में शासन ने अधिकारियों को पदेन सदस्य के रूप में रखा है? यदि हाँ, तो किन-किन को पदनाम, नाम सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् क्या कमेटी के सदस्य पदेन होते हुए भी मानदेय की मांग कर रहे हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्? क्या इस तरह के मानदेय की मांग करना शासन की नीति के विरूद्ध है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत् क्या कमेटी के सदस्य बैठकों वाले दिन स्टार रैंक के होटलों में खाना खाते हैं? यदि हाँ, तो इसका भुगतान किस मद से किया जाता है? क्या कमेटी का एक्ट महंगे होटल में खाना खाने की स्वीकृति देता है? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक भोजन पर व्यय की गयी राशि को इन सदस्यों से वसूला जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? नियम बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। 1. श्री रत्नेशचन्द्र सिंह बिसेन, सचिव, विधि विभाग, भोपाल। 2. श्रीमती उल्का श्रीवास्तव, संचालक, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय, भोपाल। 3. श्री आर.एन. त्रिपाठी, वित्त अधिकारी, राष्ट्रीय उच्च शिक्षा मिशन, भोपाल। 4. श्री पंकज शर्मा, उप सचिव, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, भोपाल। (ख) प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के प्रचलित अधिनियमों में प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भोजन आदि की व्यवस्था विनियम-2008 (7) में किये गये प्रावधानों के अनुसार किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय सेवायें एवं आवेदनों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
84. ( क्र. 3531 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकसेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत् कौन-कौन सी सेवायें ऑनलाईन प्रदत्त की जा रही है और इन सेवाओं के समय-सीमा के पश्चात् निराकरण पर क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान नियत है? (ख) लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत् राजस्व विभाग की कौन-कौन सी सेवायें अधिसूचित है? क्या पन्ना जिले की तहसीलों में पदाभिहीत अधिकारियों के कार्यालयों में विगत 02 वर्षों में इन सेवाओं के सीधे तौर पर आवेदन प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन सेवाओं के किस-किस पदाभिहीत अधिकारी के कार्यकाल में कब-कब प्राप्त हुये और आवेदनों का क्या निराकरण कब-कब किया गया? (ग) पन्ना जिले में विगत दो वर्षों में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत् किए गए कितने और कौन-कौन आवेदनों की सेवायें नियत समय-सीमा के कितने दिवस पश्चात् प्रदान की गयी और आवेदनों के समय-बाह्य होने पर पदाभिहीत अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या पन्ना जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के आवेदनों/अपीलों की प्रथम/द्वितीय अपीलीय अधिकारियों द्वारा स्व-प्रेरणा से समीक्षा की जाती है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में किन-किन समय बाह्य आवेदनों/अपीलों की किस-किस प्रथम द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा कब-कब समीक्षा और क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) समय-सीमा में सेवा प्रदान न करने और समय-बाह्य आवेदनों/अपीलों की स्व-प्रेरणा से समीक्षा न करने की कार्यशैली की क्या जाँच, कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) 230 सेवायें ऑनलाईन प्रदत्त की जा रही हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 7.1 (ख) अनुसार रूपये 250/- प्रति दिवस के मान से अधिकतम रूपये 5000/- तक शास्ति अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है। (ख) राजस्व विभाग की कुल 16 सेवायें अधिसूचित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) विगत 02 वर्षों में पन्ना जिले में कुल 1497 आवेदनों का समय पश्चात् सेवायें प्रदाय की गई हैं। आवेदनों के समय बाह्य होने पर संबंधित पदाभिहित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, चेतावनी पत्र जारी किये जाकर कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। विगत 02 वर्षों में पन्ना जिले में कुल 1497 आवेदनों का निराकरण किया गया। प्रथम द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के तहत् समय-समय पर समीक्षा की जाकर प्रकरणों में संबंधित पदाभिहीत अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, चेतावनी पत्र जारी कर कार्यवाही की गई है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के संबंध में मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही किया जाना निर्धारित किया गया है।
वेबसाइटों का संधारण और योजनाओं का मूल्यांकन
[सामान्य प्रशासन]
85. ( क्र. 3532 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजनाओं/कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष से मूल्यांकन कराये जाने के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 04/02/2016 को आदेश पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग का पत्र क्या है और पत्रानुसार क्या-क्या कार्यवाही की जानी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् पन्ना जिले में उपरोक्त निर्देश कब प्राप्त हुये और इन निर्देशों पर कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या पन्ना जिले के समस्त शासकीय विभागों में इन निर्देशों के पालन में विभागीय कार्यों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों का बाह्य मूल्याकंन कराया गया तथा इसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुये और निर्देशानुसार सामान्य प्रशासन को कब-कब, क्या अवगत कराया गया? विभागवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में पन्ना जिले में बाह्य मूल्यांकन कार्य न होने के क्या कारण रहे? क्या विभागीय निर्देशों के स्पष्ट उल्लंघन के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जय किसान ऋण माफी योजना
[सहकारिता]
86. ( क्र. 3547 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजनांतर्गत रीवा जिले के सेवा सहकारी समिति मर्यादित दुआरी, महसांव, पडरिया एवं ब्यौहरा के किसानों के द्वारा लिये गये ऋण की माफी की गई है? यदि हाँ, तो समितिवार कितने-कितने किसानों की कितनी-कितनी राशि की कर्जमाफी की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कर्ज माफी योजनांतर्गत निर्धारित अभिलेखों, किसानवार ऋणमाफी पत्रक, भूमि पंजी, खाता पंजी एवं रोकड़ पंजी का संधारण कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में उक्त समितियों में समिति प्रबंधक के पद पर कौन कर्मचारी कार्यरत थे और कर्जमाफी के समितिवार व किसानवार तैयार किये गये पत्रकों में किन-किन अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर किये गये हैं? जानकारी नाम एवं पद सहित दी जाये।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) उक्त समितियों में समिति प्रबंधक के पद पर श्री बाबूलाल शर्मा कार्यरत थे। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
शास्ति अधिरोपित आदेश के विरूद्ध की जाने वाली अपील
[सामान्य प्रशासन]
87. ( क्र. 3548 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 26 के तहत् प्रस्तुत अपील पर नियम 27 के तहत् अपील कर विचार करने की विधि प्रक्रिया क्या अर्द्ध न्यायिक है? यदि हाँ, तो संबंधित आदेश नियम परिपत्र की विशिष्टियां स्पष्ट करते हुये उस आदेश नियम परिपत्र की प्रतिलिपियां उपलब्ध करावें? (ख) यदि प्रशासनिक विधि प्रक्रिया है, तो उस आदेश नियम परिपत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) उक्त नियम 27 के तहत् अपीलीय प्राधिकारी को अपील पर विचार के लिये निर्धारित नियम की शक्तियों के अलावा अपने अधीनस्थ से अभिमत लेने उस अभिमत की प्रति अपीलकर्ता शासकीय सेवक को न देकर और अभिमत पर अपीलकर्ता की बिना सुनवाई के अन्य अधीनस्थ के विवेक पर बल्कि अपीलीय अधिकारी के स्वयं के विवेक पर नहीं अपीलीय अधिकारी का निर्णय करने की शक्ति/अधिकारिता किस नियम परिपत्र में दी गई है? यदि हाँ, तो उस आदेश परिपत्र नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
राजस्व प्राप्तियां का पुनरीक्षण
[वित्त]
88. ( क्र. 3559 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से 2017-18 को राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षण अनुमान क्या था तथा कुल राजस्व प्राप्तियां कितनी रहीं? बजट अनुमान से कितने प्रतिशत कम अथवा ज्यादा है? इन वर्षों में केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा, राज्य के कर, करेतर राजस्व संप्ररण तथा केन्द्रीय से सहायता अनुदान में प्राप्त राशि का वर्षवार आंकड़ा देवें। (ख) क्या शासन ने केन्द्र शासन से केन्द्रीय करों में 50 प्रतिशत राज्य का हिस्सा मांगा है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितना हिस्सा मिल रहा है तथा केन्द्र शासन से क्या आश्वासन मिला? (ग) वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय क्या है? यह उस वर्ष की राष्ट्रीय आय से कितने प्रतिशत कम है? उक्त अवधि में प्रति व्यक्ति शहरी आय तथा ग्रामीण आय भी बतावें तथा इनमें प्रतिवर्ष वृद्धि बतावें। (घ) वर्ष 2014-15 से 2018-19 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में प्राथमिक, द्वितीय, तृतीयक क्षेत्र का प्रतिशत बतावें कि किस क्षेत्र में कितनी गिरावट हुई है तथा कारण क्या है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में 42 प्रतिशत हिस्सा राज्य शासन को प्राप्त हो रहा है। इस हिस्से को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के लिये 15वें वित्त आयोग के समक्ष मेमोरेंडम में मांग की गई है। माननीय वित्त मंत्रीजी द्वारा माननीय वित्त मंत्री, भारत सरकार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक दिनांक 21 जून, 2019 में भी अनुरोध किया गया था। (ग) आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय, मध्य प्रदेश के पत्र क्रमांक क्यू./2019/आ.सां.सं./2-रा.आ. भोपाल, दिनांक 13/07/2019 से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय व उस वर्ष की राष्ट्रीय आय से प्रतिशत कमी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त अवधि की प्रति व्यक्ति शहरी आय तथा ग्रामीण आय उपलब्ध नहीं है। (घ) आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय, मध्य प्रदेश के पत्र क्रमांक क्यू./2019/आ.सां.सं./2-रा.आ. भोपाल, दिनांक 13/07/2019 से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 में राज्य के सकल वर्धित मूल्य में प्राथमिक, द्वितीय, तृतीयक क्षेत्र का प्रतिशत एवं गिरावट की स्थिति व कारण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
भावान्तर योजना के भुगतान में अनियमितता
[सहकारिता]
89. ( क्र. 3560 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 तथा 2017 में प्याज खरीदी तथा 2018 में लहसुन, प्याज भावान्तर में 3000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ? क्या 2018 में बोगस अनुबंध पत्रक, भुगतान पत्रक, घोषणा पत्र तथा अनुज्ञा पत्र बनाकर अनियमितता की गयी? जाँच अधिकारी ने जाँच में लीपा-पोती की? क्या वर्ष 2016 से 2019 तक प्याज, लहसुन में हो रहे घोटाले की जाँच उच्च अधिकारी से की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में इंदौर, धार, रतलाम एवं उज्जैन मण्डी वर्ष 2016 से 2018 तक प्याज खरीदी, लहसुन खरीदी वर्ष 2018 से संबंधित समस्त आय-व्यय, खरीदी-बिक्री, शिकायत, जाँच, पुराने वर्ष की डायरी से रसीद करना आदि की जानकारी विस्तृत में उपलब्ध करावें तथा बतावें कि वर्ष 2017 प्याज खरीदी के अंतिम आंकड़े अभी तक तैयार क्यों नहीं हुए? (ग) वर्ष 2018 में प्याज, लहसुन खरीदी के प्रकरण में घोटाले की जाँच किस-किस मण्डी में की गई? जाँच के निष्कर्ष की जानकारी दें तथा जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। इसके मद्देनज़र वर्ष 2019 में क्या कदम उठाये गये हैं? (घ) वर्ष 2016, 2017 तथा 2018 के प्याज/लहसुन खरीदी/भावान्तर की अंतिम आंकड़ों की आय-व्यय, खरीदी-बिक्री की नोटशीट सहित प्रति देवें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वर्ष 2016 एवं 2017 में प्याज खरीदी, विक्रय, परिवहन एवं भण्डारण में अनियमितता की जाँच हेतु आयुक्त सहकारिता एवं संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की दो सदस्यीय जाँच समिति गठित की गई है, जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत कृषि उपज मण्डी समिति शुजालपुर में लहसुन तथा शिवपुरी में प्याज की कुछ काल्पनिक/कागजी विक्रय संव्यवहार में बोगस अनुबंध, भुगतान, परिवहन के अनुज्ञा आदि दस्तावेज जारी होने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी मण्डी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तृत जाँच करवाई गई है, उक्त जाँच में प्रमाणित अनियमितताओं के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। (ख) वर्ष 2016 एवं 2017 में विपणन संघ द्वारा खरीदे गये प्याज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत रतलाम मण्डी में प्याज तथा लहसुन खरीदी में अनियमितता की कलेक्टर जिला रतलाम द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के साथ उद्यानिकी, कृषि, सहकारिता, खाद्य विभाग के अधिकारियों के दल से जाँच/परीक्षण कराया गया, जिसमें दो व्यापारियों के यहां प्याज तथा लहसुन की रिकॉर्ड की अपेक्षा भौतिक रूप से कम स्कंध पाया गया और आर्थिक संव्यवहारों में विक्रित स्कंध हेतु बैंक खातों से भुगतान का मिलान नहीं हुआ, इसके आधार पर मण्डी समिति रतलाम द्वारा संबंधित दोनों व्यापारियों की अनुज्ञप्ति 15 दिवस के लिए निलंबित की गई। प्रश्नागत योजना के तहत् कृषि उपज मण्डी समितियों द्वारा प्याज या लहसुन की खरीदी नहीं की गई, अपितु उक्त योजना के प्रावधान अनुसार पंजीकृत किसानों द्वारा मण्डी में अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को प्याज एवं लहसुन का विक्रय किया गया है। प्रश्नागत योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों द्वारा कृषि उपज मण्डी समिति इन्दौर, रतलाम एवं उज्जैन में प्याज एवं लहसुन की विक्रय मात्रा एन.आई.सी. पोर्टल से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं प्रपत्र-3 अनुसार है, उक्त योजना में कृषि उपज मण्डी समिति धार चयनित नहीं थी। वर्ष 2017 के प्याज खरीदी के अंतिम आंकड़ों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत कृषि उपज मण्डी समिति शुजालपुर में लहसुन तथा शिवपुरी में प्याज की कुछ काल्पनिक/कागजी विक्रय संव्यवहार में बोगस अनुबंध, भुगतान, परिवहन के अनुज्ञा आदि दस्तावेज जारी होने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी मण्डी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों से जाँच करवाई गई, इन जांचों में शिकायत प्रमाणित पाये जाने पर संलिप्त मण्डी कर्मचारियों को निलंबित किया गया, एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई, मण्डी के अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों के विरूद्ध म.प्र. कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 के तहत् कार्यवाही की गई, उक्त दोनों जाँच प्रतिवेदनों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं प्रपत्र-5 अनुसार, मण्डी समिति शुजालपुर में विवादित विक्रय संव्यवहारों में भावान्तर राशि का भुगतान रोका जाकर मण्डी बोर्ड के पत्र दिनांक 26.03.2019 द्वारा कलेक्टर जिला शाजापुर को परीक्षण कराने हेतु लिखा गया है, उक्त मामले में मण्डी बोर्ड के पत्र दिनांक 03.11.2018 से कलेक्टर जिला शिवपुरी को लिखा गया है कि जिला प्रशासन द्वारा जब्त किये गये दस्तावेजों की शीघ्र जाँच कराकर मूल अभिलेख मण्डी को वापस करें। मण्डी बोर्ड के आदेश दिनांक 03.11.2018 से लेखा अधिकारी के नेतृत्व में विशेष अंकेक्षण दल का गठन किया गया है। वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत रतलाम मण्डी में प्याज तथा लहसुन खरीदी में अनियमितता की कलेक्टर जिला रतलाम द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के साथ उद्यानिकी, कृषि, सहकारिता, खाद्य विभाग के अधिकारियों के दल से जाँच/परीक्षण कराया गया, जिसके आधार पर अनियमितता के लिये मण्डी के दो व्यापारियों की अनुज्ञप्ति मण्डी समिति रतलाम द्वारा 15 दिवस के लिए निलंबित की गई, उक्त परीक्षण/जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार, भावान्तर की पूर्व योजनाओं के अनुभव के आधार पर अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए मण्डी प्रांगणों की जियो टेगिंग कराई गई, मण्डी के रजिस्टर्ड मोबाईल एप से इलेक्ट्रॉनिक प्रवेश पर्ची जारी करने की व्यवस्था की गई, प्रांगण में कृषि उपज की भौतिक आवक की पुष्टि हेतु प्रवेश द्वार पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये गये, ई-प्रवेश पर्ची के आधार पर ही पोर्टल पर विक्रय संव्यवहारों के दर्ज होने की व्यवस्था की गई, मण्डी प्रांगण में आवक एवं विक्रय संव्यवहारों के भौतिक सत्यापन के लिए अन्य विभाग के अधिकारी की ड्यूटी लगाने की व्यवस्था की गई, मण्डी प्रांगण में प्रवेश एवं विक्रय संव्यवहारों के दस्तावेज जारी करने वाले कर्मचारियों की चक्र पद्धति से ड्यूटी लगाई गई, पोर्टल पर दर्ज प्रविष्टियों/जानकारी जिला कलेक्टर से साझा किया गया, इत्यादि। (घ) वर्ष 2016 के अंतिम आंकड़ों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार वर्ष 2017 के अंतिम आंकड़ों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार, प्याज उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भोपाल से प्राप्त नोटशीटों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार वर्ष 2018 मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत पंजीकृत किसानों द्वारा चयनित मण्डी प्रांगणों में अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को प्याज एवं लहसुन की विक्रय मात्रा की मण्डीवार एन.आई.सी. के पोर्टल से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-10 एवं प्रपत्र-11 अनुसार है।
अनाधिकृत कब्जा लेने पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
90. ( क्र. 3567 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में के.जे.एस. रिलाइंस सीमेंट प्लांट की स्थापना के पूर्व सरकार द्वारा अनुबंधों एवं शर्तों का पालन कराया गया? अनुबंध एवं शर्तों के अनुसार क्या उपरोक्त सीमेंट प्लांटों द्वारा कार्य किए जा रहे हैं? प्रदूषण से मुक्ति बावत् क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीमेंट प्लांटों द्वारा कितने किसानों की जमीनें अनुबंध अनुसार क्रय की गई अथवा कितने ऐसे किसान हैं, जिनकी जमीन जबरन बगैर मुआवजे के अधिग्रहित कर ली गई तथा इनमें से कितने किसानों के परिवारों को नौकरी दी गई एवं कितने ऐसे किसान हैं, जिनकी जमीन अधिग्रहित करने के बाद भी उनके परिवारों को नौकरी नहीं दी गई? संपूर्ण विवरण नाम सहित पृथक-पृथक देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में के के.जे. सीमेंट प्लांट द्वारा किसानों से बगैर जमीन अधिग्रहित एवं खरीदें जबरन राजस्व अधिकारियों से सांठ-गांठ कर के राजस्व रिकॉर्ड (खसरा) के कॉलम नं. 12 कैफियद के खनने के के.जे.एस. का नाम अंकित कर दिया गया है, जिससे किसानों को न तो फैक्ट्री द्वारा मुआवजे की राशि दी गई और न ही बैंक द्वारा लोन भी मिल पा रहे हैं, इसके लिये कौन जवाबदार है? उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे। (घ) प्रश्नांश (क) के सीमेंट प्लांट द्वारा कितने स्थानीय लोगों को नौकरी पर रखा गया है, का विवरण नाम व पद सहित देवें। इनमें से कितने नियमित कर्मचारी एवं कितने ठेकेदार के कर्मचारी हैं? लेबर एक्ट के तहत् कार्य कर रहे लेबर/मजदूरों को वेतन एवं अन्य सुविधाओं हेतु समय-समय पर मजदूरों द्वारा आंदोलन भी किया गया, लेकिन शासन एवं प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ड.) क्या अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने वालों पर कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) विभाग के अंतर्गत उद्योग स्थापना हेतु अनुबंध किये जाने का प्रावधान नहीं है। क्षेत्रीय अधिकारी, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सतना द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार संस्थानों द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियमों के अंतर्गत सम्मति शर्तों के अनुपालन में अत्याधुनिक वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) एवं जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियमों के उपस्कर स्थापित किये गये हैं एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) एवं जल की स्थिति मानकों के अनुसार पायी जाती है। समस्त उपस्कर सुचारू रूप से संचालित एवं कार्यरत हैं। (ख) विभाग द्वारा निजी स्तर पर भूमि क्रय संबंधी जानकारी संधारित नहीं की जाती है, तथापि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मेसर्स के.जे.एस. सीमेंट के द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार प्लांट की स्थापना सतना जिले के मैहर तहसील अंतर्गत ग्राम अमिलिया खुर्द एवं लखवार में क्रमश: 24 किसानों से 33.47 हेक्टेयर एवं 30 किसानों से 40.996 हेक्टेयर भूमि क्रय की गयी है। उद्योग स्थापना हेतु दोनों ग्रामों के 54 किसानों से 74.446 हेक्टेयर भूमि क्रय की गयी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मेसर्स के.जे.एस. सीमेंट द्वारा कुल 54 किसानों से भूमि क्रय की गयी, उनके परिवार के 37 किसानों को रोजगार दिया गया एवं 17 किसान परिवार को रोजगार नहीं दिया गया है। विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, जबकि मेसर्स रिलायंस सीमेंट द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार जिन किसानों से भूमि क्रय की गयी है, उनके परिवार के 514 सदस्यों को नौकरी दी गयी है। इकाई द्वारा सूची अभी प्रदत्त नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील मैहर जिला सतना द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार मेसर्स के.जे.एस. सीमेंट को प्रदत्त भूमि के खसरा के कॉलम नम्बर 12 की कैफियत के संबंध में चूना, पत्थर उत्खनन हेतु मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग द्वारा माइनिंग लीज़ प्रदान की गयी है। कंपनी को शासन द्वारा प्रदत्त माइनिंग लीज़ का उपयोग किसी दूसरे कार्य में न हो इस बाबत तहसीलदार द्वारा विधि अनुसार सुनवाई कर आवंटित लीज़ के खसरा के कॉलम नम्बर 12 की कैफियत में लीज़ दर्ज करने का आदेश पारित किया है, जो विधि सम्मत है। किसानों को लोन स्वीकृत करना, बैंकों का विशेषाधिकार है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार देने के संबंध में जानकारी संधारित नहीं की जाती है, तथापि मेसर्स के.जे.एस. सीमेंट द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार 654 लोगों को रोजगार दिया गया है, जिसमें 603 स्थानीय जिले के है एवं 51 अन्य जिले के है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मेसर्स रिलायंस सीमेंट कंपनी द्वारा 1600 स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है। इकाई द्वारा सूची अभी प्रदत्त नहीं की गई है। श्रम विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि श्रम कानूनों के क्रियान्वयन के लिये निरीक्षण किये जाते हैं। अत: मजदूरों के आंदोलन जैसी कोई स्थिति श्रम विभाग के समक्ष नहीं आई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क) की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने के साथ राशि वसूली बाबत्
[सहकारिता]
91. ( क्र. 3574 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रिलायबल क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी रीवा के संचालक श्री अरविंद त्रिपाठी पिता श्री मुद्रिका प्रसाद त्रिपाठी, ग्राम तिवारी ग्राम चुआ पोस्ट नीगा जिला रीवा के द्वारा रीवा संभाग सहित अन्य जगहों पर विभिन्न बचत योजनाओं व निवेशकों से करोड़ों रूपये की राशि अर्जित कर संचालित कार्यालयों को बंद कर फरार हो गये, जिसमें अनेकों लोगों के करोड़ों रूपये फंसे हुये हैं? क्या संचालक मण्डल सहित अन्य के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं उनकी चल-अचल सम्पत्ति से राशि वसूली कर संबंधितों को दिलावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संचालक मण्डल के अध्यक्ष एवं सदस्यों से राशि वसूली कर हितग्राहियों की राशि वापस कराए जाने बाबत् एवं इन पर गबन के अपराधिक मामले दर्ज करावेंगे साथ ही अंकेक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों को भी जो संस्था को सहयोग प्रदान कर रहे थे, उनके विरूद्ध भी सह अभियुक्त मान कर अपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों एवं उक्त सोसायटी में कार्यरत बेरोजगारों को जो अपराधी नहीं है, उन पर अपराध पंजीबद्ध न करने बाबत् क्या निर्णय लेकर आदेश जारी करेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) रिलायबल क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी मर्यादित रीवा के संचालक श्री अरविन्द कुमार त्रिपाठी पिता श्री मुद्रिका प्रसाद त्रिपाठी, निवासी ग्राम चुआ पोस्ट नीगा, जिला रीवा के दवारा रीवा, सतना व सिंगरौली जिले के अनेक लोगों से विभिन्न योजनाओं के तहत् राशि अर्जित कर संचालित कार्यालयों को बंद कर दिया गया है। संचालक मण्डल सहित अन्य आरोपीगणों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला रीवा के द्वारा थाना समान जिला रीवा में दिनांक 16.04.2019 को आवेदन प्रस्तुत किया गया है। थाना समान जिला रीवा के पत्र क्रमांक 473, दिनांक 10.07.2019 से अवगत कराया गया कि दिनांक 12.01.2019 को थाना समान में संस्था के संचालक श्री अरविन्द त्रिपाठी एवं श्री मयंक कोगनोलकर के विरूद्ध भारतीय दण्ड सहिता की धारा 406, 420 एवं 120 ता.हि. के अंतर्गत अपराध क्रमांक 25/19 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। पुलिस थाना बेढ़न जिला सिंगरौली में संस्था के संचालक श्री अरविन्द कुमार त्रिपाठी एवं ब्रान्च मैनेजर श्री जयप्रकाश साह के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, 406 एवं 34 के अंतर्गत अपराध क्रमांक 0019/2019 पंजीबद्ध किया गया है। दोषी अधिकारियों, पदाधिकारियों से राशि की वसूली करने हेतु मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (बी) के अन्तर्गत प्रकरण प्रस्तुत करने के निर्देश उपायुक्त सहकारिता जिला रीवा को दिये गये हैं। (ख) अपराधिक प्रकरण की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। संस्था के विरूद्ध शिकायतों के संबंध में उपायुक्त सहकारिता जिला रीवा द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के अनुसार संस्था के संबंधित अंकेक्षकों द्वारा गबन में सहयोग का कोई उल्लेख किया जाना नहीं पाया गया है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध ही कार्यवाही की जावेगी।
धान खरीदी केन्द्रों की जानकारी
[सहकारिता]
92. ( क्र. 3581 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में कितने केन्द्रों पर धान खरीदी का कार्य किया गया है? केन्द्रों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) शासन द्वारा धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों हेतु क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत शासन द्वारा जिले को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई थी तथा प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर उपलब्ध कराई गई राशि की केन्द्रवार जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में खरीदी केन्द्रों पर किसान की सुविधा हेतु समस्त मदों पर खर्च की गई राशि का ब्यौरा, मद का नाम और खर्च की गई राशि की केन्द्रवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वर्ष 2018-19 में मंदसौर जिले में धान उपार्जन हेतु केन्द्र नहीं बनाये गये थे, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज़ पर आवंटित दुकानों की जानकारी
[सहकारिता]
93. ( क्र. 3590 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ सहकार भवन, रंगमहल टॉकीज, न्यू मार्केट में दुकान क्रमांक 25, 24, 23, 22 एवं उससे बिल्कुल लगी अन्य दुकान जिन दरों पर जिस व्यक्ति/संस्था को लीज़ पर आवंटित की गई है, उक्त समस्त की मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ द्वारा निष्पादित प्रथम लीज़-डीड एवं नवनीकृत समस्त लीज़-डीडों का विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में दुकान क्रमांक 25, 24, 23, 22 एवं उससे बिल्कुल लगी अन्य दुकान के प्रथम लीज़-डीड निष्पादन के दिनांक से प्रश्न-दिनांक तक आवास-संघ में जमा किराए एवं अन्य जी.एस.टी. करों की जानकारी देवें एवं बकाया किराए की जानकारी प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध कराएं एवं उक्त दुकानें वर्तमान में कौन व्यक्ति संचालित कर रहा है। इसके गुमास्ते का विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) क्या दुकान क्रमांक 25 पर मूल आवंटी श्रीमती गीता गुप्ता द्वारा उक्त दुकान क्र. 25 की लीज़ नवीनीकरण करने एवं अवैध कब्जेधारी रक्त-संबंधी भाई श्रवण गुप्ता से खाली कराने हेतु वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक निरंतर आवास-संघ एवं सहकारिता विभाग में लिखित शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराएं? (घ) क्या उक्त दुकान क्रमांक 25 की मूल आवंटी श्रीमती गीता गुप्ता को अवैध-कब्जेधारी श्रवण गुप्ता से पुलिस-बल के माध्यम से रिक्त कराकर उसकी लीज़-डीड नवनीकरण करने के आदेश मूल-आवंटी के पक्ष में देंगे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ, सहकार भवन, रंगमहल-टॉकीज, न्यू-मार्केट में दुकान-क्रमांक 25, 24, 23, 22 एवं उससे लगी अन्य दुकान (क्रमांक 'बी') किसी व्यक्ति संस्था को लीज़ पर आवंटित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकान क्र. 25, 24, 23, 22 एवं उससे बिलकुल लगी अन्य दुकान (क्रमांक 'बी') की लीज़ डीड का निष्पादन नहीं हुआ है, किरायेदारी अनुबंध हुआ है। किरायेदारी अनुबंध दिनांक से प्रश्न दिनांक तक आवास संघ में जमा कराये एवं अन्य जी.एस.टी. करों की जानकारी तथा बकाया किराये की जानकारी व वर्तमान में उक्त दुकान संचालित करने वाले व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। गुमाश्ते का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। (घ) जी नहीं। श्रीमती गीता गुप्ता द्वारा अवैध रूप से अपने भाई को दुकान में स्थान देकर उप किरायादारी के रूप में किरायादारी अनुबंध का उल्लंघन किया गया है, जिसके संबंध में उनके विरूद्ध मान. न्यायालय में प्रकरण दायर किया गया है।
अध्यात्म विभाग अंतर्गत बजट व्यय एवं कार्य योजना की जानकारी
[अध्यात्म]
94. ( क्र. 3592 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में अध्यात्म-विभाग के अंतर्गत सम्मिलित विभिन्न-विभागों में दिनांक 01/01/2015 से प्रश्न-दिनांक तक कुल कितना बजट विभिन्न-मदों में निर्धारित किया गया? उक्त बजट को किन-किन मदों में व्यय किया गया? संपूर्ण जानकारी वर्षवार, जिलेवार उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अध्यात्म-विभाग एवं उसमें सम्मिलित समस्त-विभागों में 01/01/2015 से प्रश्न-दिनांक तक अनुसूचित-क्षेत्रों में व्यय बजट की वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के देवस्थानों, गढ़, किलों एवं उनके धार्मिक-महत्व के स्थानों पर 01/01/2015 से प्रश्न-दिनांक तक व्यय की गई पृथक-पृथक स्थानवार राशि एवं स्वीकृत अनुदान की जानकारी उपलब्ध कराएं एवं उक्त धार्मिक स्थान तथा देवस्थानों पर जीर्णोद्धार हेतु व्यय की गई राशि की जानकारी भी उपलब्ध कराएं? वर्तमान सरकार द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के धार्मिक स्थानों हेतु पृथक से निर्धारित बजट राशि की जानकारी एवं तैयार की गई कार्ययोजना की जानकारी उपलब्ध कराएं? (घ) क्या शासन जिला धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, रतलाम एवं अन्य अनुसूचित जनजाति के देवस्थानों को संरक्षित एवं उनके जीर्णोद्धार हेतु कोई योजना तैयार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न अनुसूचित-जनजाति वर्ग के देवस्थानों एवं पुरातत्व-महत्व के स्थानों को चिन्हित कर उनकी मरम्मत एवं जीर्णोद्धार हेतु भौतिक रूप से जाँच करने हेतु एवं कार्ययोजना बनाने हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को आदेशित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (घ) भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिकारियों/कर्मचारियों की पदोन्नति के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
95. ( क्र. 3595 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2018 से 31 दिसंबर, 2018 तक कितने अधिकारी एवं कर्मचारी पदोन्नति हेतु उच्च न्यायालय से केस जीतकर आए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों के पदोन्नति आदेश जारी किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति से शेष अधिकारी एवं कर्मचारियों को कब तक पदोन्नति आदेश जारी होंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकम्पा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
96. ( क्र. 3609 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में जबलपुर एवं कटनी जिलों के अंतर्गत कौन-कौन कर्मचारी शासकीय सेवा अवधि में दिवगंत हुये? जिलेवार, विभागवार, मृत्यु दिनांक सहित नाम एवं पदवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्या सभी दिवंगत शासकीय सेवकों के सभी बकाया देयकों का भुगतान कर दिया गया? यदि नहीं, तो शेष दिवंगतों को भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मृत शासकिय सेवकों के परिवार में से अनुकंपा नियुक्ति हेतु दिए गए लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक होगा? (घ) क्या मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों को सेवा अवधि में दिवंगत होने पर उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो (क) अवधि में कटनी एवं जबलपुर जिले के कितने कर्मचारियों की सेवा अवधि में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई तथा किन-किन को नियुक्ति प्रदान किया जाना शेष है? क्या शासन प्रदेश के अन्य विभागों की तरह म.प्र.वि.वि.क. में भी अनुकम्पा नियुक्ति का नियम लागू करेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नि:शुल्क इलाज हेतु संचालित योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
97. ( क्र. 3611 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर, 2018 के पूर्व प्रदेश में नि:शुल्क इलाज हेतु कौन-कौन सी योजना प्रचलित थी एवं वर्तमान समय में कौन-कौन सी योजना प्रचलन में है एवं इन प्रचलित योजनाओं में किस प्रकार से किनका नि:शुल्क इलाज होता है, नियम प्रक्रिया सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने मरीज लाभान्वित हुए? संख्यात्मक विवरण देवें। (ग) दिसम्बर 2014 से दिसम्बर 2018 तक बहोरीबंद वि.स. क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ के कितने मरीजों को किस-किस बीमारी के इलाज हेतु राज्य बीमारी सहायता अंतर्गत किस-किस अस्पताल को कुल कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? जानकारी ग्रामवार दें? (घ) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहोरीबंद में इलाज हेतु लाये जाने वाले गंभीर किस्म के मरीजों को पहले जिला अस्पताल कटनी भेजा जाता है और वहाँ से परीक्षण कर उन्हें जबलपुर मेडिकल कॉलेज रिफर करने का नियम है तथा इस प्रक्रिया में अत्यधिक समय लग जाता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग गंभीर किस्म के मरीजों को सीधे मेडिकल कॉलेज जबलपुर भेजने हेतु निर्देशित करेगा, जिससे समय पर इलाज होने पर मरीज की जान बचाई जा सके?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश में दिसम्बर 2018 के पूर्व नि:शुल्क इलाज हेतु राज्य बीमारी सहायता निधि योजना, आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना नि:शुल्क डायलेसिस योजना प्रचलन में थी। वर्तमान में आयुष्मान भारत निरामयम योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं नि:शुल्क डायलेसिस योजना प्रचलन में है। आयुष्मान भारत निरामयम योजनान्तर्गत एस.ई.सी.सी. 2011 के सर्वे के अनुसार डी 01 से डी 07 तक (डी. 06 को छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक एवं संबल योजना में शामिल परिवारों को संबंधित चिकित्सालयों में अपना समग्र आई.डी. एवं 01 फोटो आई.डी. या आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत कर नि:शुल्क ईलाज का लाभ लिया जा सकता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत सभी संवर्ग बी.पी.एल./ए.पी.एल. के आयु 0 से 18 वर्ष तथा बाल श्रवण योजना हेतु आयु 0 से 05 वर्ष (विशेष परिस्थिति में अधिकतम 07 वर्ष) के आयु निर्धारण दस्तावेज, अभिभावक का मध्यप्रदेश का मूल निवासी प्रमाण पत्र, चिकित्सालय का प्राक्कलन एवं बच्चे का एक फोटो निर्धारित आवेदन प्रपत्र में संलग्न कर जिला स्तर पर जमा कर उपचार शासकीय चिकित्सालयों, चिकित्सा महाविद्यालयों एवं मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में नि:शुल्क कराया जा सकता है। नि:शुल्क डायलेसिस योजनान्तर्गत सभी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को डायलेसिस की आवश्यकता होने पर नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है एवं ए.पी.एल. परिवारों को रूपये 500/- में पर डायलेसिस कराया जा सकता है। शेष जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत कुल 04 हितग्राही, आयुष्मान भारत निरामयम योजनान्तर्गत कुल 18 हितग्राही, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत कुल 26 बच्चें एवं नि:शुल्क डायलेसिस योजनान्तर्गत जानकारी निरंक हैं। (ग) प्रश्नभाग की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रचलित नियमानुसार सर्वप्रथम मरीज को जिला चिकित्सालय में रेफर किया जाता है। यदि मरीज गंभीर रुप से बीमार है, तो चिकित्सक अपने स्व-विवेक से उपचार हेतु सीधे मेडिकल कॉलेज जबलपुर के लिए रेफर कर सकते हैं।
जिला चिकित्सालय उज्जैन को निजी मेडिकल कॉलेज में संलग्न किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 3618 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिला चिकित्सालय से आगर रोड स्थित आर.डी. गार्डी निजी मेडिकल कॉलेज कभी संबंध/संलग्न रहा है? यदि हाँ, तो कब से कब तक तथा उक्त संलग्नीकरण कब और क्यों समाप्त किया गया। (ख) पूर्व में उज्जैन जिला चिकित्सालय ओ.पी.डी. का उपयोग आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज द्वारा अपनी स्थापना के समय किया गया, जबकि उज्जैन जिला चिकित्सालय में पिछले लंबे समय से चली आ रही चिकित्सकों एवं चिकित्सकीय स्टॉफ कि कमी के चलते पुन: आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज को जिला चिकित्सालय उज्जैन से संलग्न किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) निजी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना संबंधी आवश्यकताओं को दृष्टिगत शासकीय अस्पताल की ओ.पो.डी. उपयोग में लाये जाने संबंधी नियम एवं शर्तें क्या हैं तथा क्या जिला चिकित्सालयों आवश्यकताओं के दृष्टिगत निजी मेडिकल कॉलेजों को संलग्न किया जा सकता है अथवा नहीं।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, कोई नियम एवं शर्तें नहीं हैं।
उज्जैन नगर में स्वीप प्लान अन्तर्गत प्राप्त राशि का उपयोग
[विधि और विधायी कार्य]
99. ( क्र. 3619 ) डॉ. मोहन यादव : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विधानसभा निर्वाचन 2018 एवं लोकसभा निर्वाचन 2019 में शासन द्वारा प्राप्त स्वीप प्लान अंतर्गत कुल कितनी राशि आवंटित की गयी तथा उक्त राशि का उपयोग जिला कलेक्टर द्वारा नियमानुसार किया गया अथवा नहीं तथा इस संबंध में विभाग के नियम क्या हैं तथा उक्त प्लान अन्तर्गत प्राप्त कुल राशि को किस-किस मद से कितना व्यय किया गया। (ख) स्वीप प्लान अन्तर्गत प्राप्त राशि के संबंध में एक लाख रू. से अधिक राशि के कार्य हेतु पेपर विज्ञप्ति का प्रकाशन एवं भण्डार क्रय नियमों का पालन किया जाना अनिवार्य है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जिले में एक लाख से अधिक राशि के कार्यों के लिए पेपर विज्ञप्ति नहीं निकालना तथा 20-20 हजार रू. के टुकड़ों में भुगतान किया जाना एवं भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही कि जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में विधानसभा निर्वाचन, 2018 एवं लोकसभा निर्वाचन 2019 में स्वीप प्लान के अंतर्गत मदवार आवंटित राशि एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' में है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुए प्रदाय आवंटन का व्यय नियमानुसार किया गया है। (ख) स्वीप प्लान के अंतर्गत प्रदाय राशि के व्यय हेतु जिलों द्वारा भण्डार क्रय नियमों के तहत् नियमानुसार पेपर विज्ञप्ति का प्रकाशन किया गया। किसी भी जिले द्वारा 20-20 हजार के टुकडों में भुगतान नहीं किया गया है। चूंकि नियमों का पालन किया गया है। अत: किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 3637 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लेबड़-नयागांव मार्ग पर दुर्घटनाओं के वजह से बदनावर में नितनिरन्तर सामायिक उपचार न हो पाने की वजह से अकाल मृत्यु होती है, क्या बदनावर हॉस्पिटल को सिविल हॉस्पिटल का दर्जा देकर 100 बिस्तर का बनाया जावेगा? इस विषय में दिए गए प्रश्नकर्ता के पत्र पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या ग्राम कोद तहसील बदनावर में भी उपरोक्त कारणों से सिविल डिस्पेंसरी की अत्यन्त आवश्यकता है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी? इस विषय में दिए गए प्रश्नकर्ता के पत्र पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदनावर में उपचार की समुचित सुविधा उपलब्ध है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदनावर की वर्ष 2018 के मान से बाह्य रोगियों की संख्या 100-110, आंतरिक रोगियों की संख्या 14-15 एवं प्रसव की संख्या 5-6 प्रतिदिन की है। 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का पूर्ण उपयोग नहीं हो रहा है। मापदण्डानुसार उन्नयन की पात्रता नहीं आती है। (ख) तहसील बदनावर में जनसंख्या आधारित मापदण्डानुसार पर्याप्त स्वास्थ्य संस्थाएं संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिरिक्त लोक अभियोजक की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
101. ( क्र. 3638 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिलान्तर्गत बदनावर में 2 अतिरिक्त सत्र न्यायालय कार्यरत हैं तथा वर्तमान में विभाग के पत्र क्रमांक 5323/21-ग (दो), दिनांक 11/12/2018 के द्वारा एक पद स्वीकृत किया गया है, न्यायिक कार्य का भार अधिक होने से दोनों न्यायालयों के लिए लोक अभियोजक आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या एक और लोक अभियोजक का पद सृजित किये जाने हेतु अधिवक्ताओं की पेनल बुलाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ख) पूर्व में बुलाई गयी पेनल में किस-किस अधिवक्ता के नाम है, बतावें?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। विभागीय पत्र क्रमांक 5323 के द्वारा अतिरिक्त लोक अभियोजकों के पदों पर 4-4 नामों का पैनल चाहा गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सेवा सहकारी समितियों से खरीदी/भुगतान
[सहकारिता]
102. ( क्र. 3644 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न अवधि में सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन फसल समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई? जिलेवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में सेवा सहकारी समितियों ने किसानों से खरीदे गये अनाज का भुगतान करने की क्या प्रक्रिया अपनाई? किसानों को राशि भुगतान करने हेतु अधिकतम कितने दिवस का प्रावधान रखा गया? वर्तमान में कितने किसानों के बैंक खातों में रकम जमा नहीं हुई है? (ग) क्या अनेक सेवा सहकारी समितियों द्वारा अनाज खरीदने के बाद किसानों के बैंक खातों में कई दिनों तक राशि जमा नहीं कराई? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है और दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2018-19 धान एवं रबी विपणन वर्ष 2019-20 गेहूँ उपार्जन हेतु जारी नीति क्रमश: क्रमांक/एफ-5-4 (1-1ख)/2018/29-1, भोपाल दिनांक 05 अक्टूबर, 2018 एवं पत्र क्रमांक/एफ-5-15 (1-1क-2019)/2018/29-1, भोपाल दिनांक 14 जनवरी, 2019 से जारी नीति में किये गये प्रावधान के अंतर्गत जस्ट इन टाईम प्रोटोकाल में निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत भुगतान प्रक्रिया अपनाई गई, अधिकतम 7 दिवस, जिले में जस्ट इन टाईम के माध्यम से गेहूं के कुल 7281 ई.पी.ओ. जारी किये गये थे, जिनमें से 1198 ई.पी.ओ. विभिन्न कारणों से असफल हुये, जिनका निराकरण किया जा रहा है। वर्तमान में 74 किसानों का भुगतान शेष है। उड़द, मूंग, चना, सरसों एवं मसूर में उपार्जित मात्रा कृषकों को भुगतान हेतु खरीदी एजेंसी द्वारा उपार्जन समितियों को जिला स्तर से राशि प्रेषित किये जाने की व्यवस्था के अनुसार कृषकों का भुगतान उनके खातों में किया गया। वर्तमान में उड़द एवं मूंग खरीदी के 423 किसान राशि रूपये 1.38 करोड़ एवं चना, सरसों एवं मसूर के 8458 किसानों के राशि रू. 51.15 करोड़ का भुगतान शेष है। (ग) गेहूँ में जस्ट इन टाईम पोर्टल अंतर्गत भुगतान प्रक्रिया होने से किसानों को उनके बैंक खातों में राशि अंतरण की कार्यवाही की जा रही है। आंशिक रूप से बैंक खाता विवरण में त्रुटि, सीमा बाहृय (लिमिट एक्सीड) जनधन योजना के खाते या निष्क्रिय खाते होने के कारण संव्यवहार असफल हुए हैं, उनमें संशोधन कराकर भुगतान प्रक्रियाधीन है, उड़द, मूंग के किसानों का भुगतान हेतु नोडल एजेंसी द्वारा प्रदाय स्वीकृत मात्रा की राशि का भुगतान किया गया है, खरीदी मात्रा एवं परिवहन दौरान कमी/घटी के कारण स्वीकृत मात्रा में अंतर राशि का भुगतान नोडल एजेंसी द्वारा नहीं किया गया है, नोडल एजेंसी से वर्ष 2019-20 के चना, मसूर, सरसों के उपार्जन की राशि रूपये 11.63 करोड़ प्राप्त होना शेष है, खरीदी मात्रा एवं स्वीकृत मात्रा में अंतर के दोषी कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, राशि जमा हेतु उपार्जन प्रभारियों को नोटिस जारी कर कार्यवाही जारी है।
अस्पताल में स्टॉफ संबंधी जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
103. ( क्र. 3652 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में सीधी सिविल अस्पताल, चुरहट अस्पताल, रामपुर नैकिन अस्पताल में कुल कितने डॉक्टर नर्स एवं अन्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत है तथा वर्तमान में इन पदों के विरुद्ध कुल कितने डॉक्टर, नर्स एवं कर्मचारी इन अस्पतालों में पदस्थ हैं? अस्पतालवार विवरण दें। (ख) अस्पतालों में रख-रखाव, स्वच्छता, दवाई, मशीनों की खरीद एवं उनका रख-रखाव, मरीजों के भोजन फल, पलंग, चद्दर, गद्दा, तकिया, आदि आवश्यक चीजों के लिए पिछले वर्ष कितना बजट आवंटित किया गया था तथा उसमें से कितना एवं किस-किस मद में खर्च हुआ? मदवार जानकारी दें। (ग) सीधी जिले की रामपुर नैकिन अस्पताल क्या संजय गांधी अस्पताल रीवा से संबंधित है? यदि हाँ, कब से? यदि नहीं, तो इसकी संजय गांधी अस्पताल रीवा से निकटता एवं मरीजों की आवश्यकता को देखते हुए क्या सरकार संजय गांधी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज रीवा से संबंध करने के बारे में विचार करेगी? (घ) क्या मरीजों के हित को देखते हुए रामपुर नैकिन अस्पताल एवं चुरहट अस्पताल को सिविल अस्पताल बनाने के विषय में सरकार विचार करेगी? इन अस्पतालों में ब्लड बैंक की सुविधा बढ़ाने के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार। (ग) जी नहीं। प्राथमिक स्वास्थ्य एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं से आकस्मिकता की स्थिति में जिला चिकित्सालय अथवा निकटतम चिकित्सा महाविद्यालय हेतु मरीज को रेफर किया जाता है, इस हेतु संस्था को किसी चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से ओ.पी.डी./आई.पी.डी., जनसंख्या एवं ब्लॉक में स्थित अन्य संस्थाओं की स्थिति अनुसार उन्नयन संबंधी प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जाता है। वर्तमान में उक्त संस्थाओं के सिविल अस्पताल में उन्नयन संबंधी प्रस्ताव विचारण में नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन में ब्लड ट्रान्सफ्यूजन की व्यवस्था है।
संचालित नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
104. ( क्र. 3655 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में विभाग के द्वारा कितने उप–स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत किये गए हैं? सूची उपलब्ध करावेंl (ख) स्वीकृत भवनों में से कितने पूर्ण हो चुके हैं? कितने प्रगति पर हैं एवं कितने अप्रारम्भ हैं तथा अप्रारम्भ रहने का क्या कारण हैं? (ग) क्या निर्माण एजेंसी के द्वारा कार्य पूर्ण होने के पश्चात् भी भवन विभाग को हस्तांतरित नहीं किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या विलम्ब के लिए दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बड़वानी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 96 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में से 67 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन पूर्ण। 29 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन प्रगतिरत नहीं है। 29 उप स्वास्थ्य केन्द्र अप्रारंभ है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने एवं भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं होने के कारण अप्रारंभ है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में पूर्ण सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन हस्तांतरित किये जा चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
प्राथमिक कृषि सहकारी शाख समिति में रिक्त पदों की पूर्ति
[सहकारिता]
105. ( क्र. 3663 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत कितनी-कितनी प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति कार्यरत हैं तथा उक्त समितियों में कितनी-कितनी समितियों में नियमित सचिव पदस्थ होकर कार्यरत हैं? ग्रामवार समितिवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त समितियों में अतिरिक्त प्रभार किन-किन के अधीनस्थ है तथा किन-किन समितियों में सेल्समेन के पास प्रभार है? तहसीलवार, ग्रामवार, समितिवार रिक्त पद, कार्यरत सचिव का नाम, अतिरिक्त प्रभार सचिव के नाम, सेल्समेन को दिये गये प्रभार का नाम से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दर्शित समितियों के रिक्त पदों को कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के समिति प्रबंधक के पद हेतु संवर्ग नियम तैयार किये जा रहे हैं। नियम तैयार होने के उपरांत रिक्त पदों की भर्ती की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जाति प्रमाण पत्र का न बनाया जाना
[सामान्य प्रशासन]
106. ( क्र. 3664 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के किन-किन जिलों में पाल समाज के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग जाति के प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये हैं? जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत पूर्व के वर्षों में पाल समाज के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग जाति के प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस आधार पर जाति प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत यदि पूर्व में पाल समाज के लोगों को अन्य पिछड़े वर्ग के जाति प्रमाण पत्र बनाये गये हैं, तो वर्तमान प्रशासकीय अधिकारी द्वारा पूर्व के बनाये गये प्रमाण पत्रों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाये जा रहे हैं? स्पष्ट करें। (घ) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत पाल समाज छात्र/छात्राओं तथा लोगों के अन्य पिछड़ावर्ग के जाति प्रमाण पत्र कब तक बनाये जावेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित वेबसाइट की जानकारी
[जनसंपर्क]
107. ( क्र. 3682 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित वेबसाइट एम.पी. इन्फो डॉट ओ.आर.जी. जनता की सुविधा एवं जानकारी बढ़ाने के लिए बनाई गई है? (ख) क्या शासन के विभागों के सरकारी ई-मेल आई.डी. गोपनीय और व्यक्तिगत हैं? यदि नहीं, तो जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट पर शासन प्रमुखों तथा अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव की ई-मेल आई.डी. का विवरण क्यों नहीं दर्शाया जा रहा है? इनका विवरण वेबसाइट पर कब तक सार्वजनिक कर दिया जायेगा? (ग) वेबसाइट पर विभागाध्यक्ष कार्यालयों का विवरण दर्ज क्यों नहीं कराया जा रहा है? कब तक करवा दिया जायेगा? (घ) अधिकारियों की पदस्थापना परिवर्तन होते ही वेबसाइट को तत्काल अपडेट क्यों नहीं करवाया जाता? तत्काल अपडेशन के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। विभाग की मुख्य वेबसाइट www.mpinfo.org अपडेट और सतत् निरंतर है। समय-समय पर सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त ऐसी जानकारी भी अपडेट की जाती रहती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
वेतन भत्तों में दिया जाने वाला अनुदान पुन: प्रारंभ करने बावत्
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
108. ( क्र. 3712 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तकनीकी शिक्षा मण्डल को पूर्व सरकार द्वारा बंद कर दिये जाने के बाद कर्मचारियों को दिये जाने वाले अनुदान क्यों बंद कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या उक्त संस्था में अध्यक्ष नहीं होने के कारण प्रदेश में संचालित पॉलीटेक्निक कॉलेज में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है? इसमें सरकार कर्मचारियों एवं संस्था के हित में क्या पुन: अनुदान दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विद्यालय में म.प्र. तकनीकी शिक्षक मण्डल के विलियित शास.अधि./कर्मचारियों के वेतन भत्तों में दिया जाने वाला अनुदान प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। तकनीकी शिक्षा मण्डल का विलय राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में होने के फलस्वरूप अनुदान बन्द कर दिया गया है। (ख) जी नहीं। क्योंकि विलय आर.जी.पी.वी. में हो गया है। (ग) जी नहीं।
प्रदेश सरकार द्वारा की गई नियुक्तियां
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
109. ( क्र. 3717 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 6 माह में प्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश शासन के कितने विभागों में कुल कितने पदों पर नियुक्तियां की गई है? (ख) क्या प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को रोजगार प्रदाय करने हेतु कोई एकमुश्त कार्य योजना तैयार कर युवाओं को रोजगार प्रदाय किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग में विगत 6 माह के अंतर्गत सहायक ग्रेड-3 के पद पर 14, कर्मशाला सहायक के पद पर 05 एवं चतुर्थ श्रेणी के पद पर 04, कुल 23 नियुक्तियां प्रदाय की गई हैं। (ख) तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा आई.टी.आई. के माध्यम से युवाओं का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण संचालित किया जाता है। यह प्रक्रिया निरंतर है। जॉब फेयर योजना के अंतर्गत युवाओं को निजी क्षेत्र के नियोजकों को आमंत्रित कर वैतनिक रोजगार के अवसर प्रदाय किये जाते हैं। म.प्र.रा.कौ.वि. एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा युवाओं के कौशल विकास हेतु एन.एस.क्यू.एफ. पाठ्यक्रम आधारित लघु योजनाएं यथा मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजनाओं में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों में व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत प्रशिक्षित युवाओं के लिये 70 प्रतिशत नियोजन (रोजगार/स्व-रोजगार) का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवा सहकारी समितियों के द्वारा की जा रही अनियमितताएं
[सहकारिता]
110. ( क्र. 3725 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में फसल उपार्जन का कार्य किन समितियों द्वारा किया जा रहा है? जिले में पंजीकृत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की जानकारी पंजीयन दिनांक सहित उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित समितियों के संबंध में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री का वितरण न करने की शिकायतें जिला कलेक्टर एवं उप आयुक्त सहकारिता जिला रीवा के समक्ष दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शिकायतें कब-कब, कहाँ-कहाँ से प्राप्त हुई है एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई? रीवा एवं सतना जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा दिनांक 01.04.2016 से 31.03.2019 तक कितने कृषकों को कितना ऋण वितरण किया गया? बैंकवार, समितिवार, कृषकों की संख्या सहित राशि उपलब्ध करावें। (ग) क्या जय किसान फसल ऋण माफी योजनान्तर्गत में कृषकों के द्वारा ऋण नहीं लिये जाने तथा कृषकों के नाम पर फर्जी ऋण निकाले जाने के प्रकरण सामने आये हैं? रीवा एवं सतना जिले के ऐसे सभी प्रकरणों की जानकारी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितिवार तथा प्रकरणवार उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित फर्जी ऋण की जानकारी प्रकाश में आने के बाद भी सहकारिता विभाग एवं संबंधित एस.डी.एम./जिला कलेक्टर के द्वारा दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई? यदि कराई गई है तो प्रकरणवार एफ.आई.आर.की जानकारी दोषियों के नाम सहित उपलबध करावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं एवं विपणन सहकारी संस्थाओं द्वारा। पंजीकृत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्राप्त दो शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रीवा जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वितरित ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा सतना जिले में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वितरित ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। रीवा एवं सतना जिलों की जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 एवं प्रपत्र-6 अनुसार है। (घ) जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जाँच उपरांत कार्यवाही का निर्णय लिया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में साइंस पार्क की स्थापना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
111. ( क्र. 3753 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2015 के पश्चात् प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर साइंस पार्क की स्थापना की गई है तथा कहाँ-कहाँ साइंस पार्क खोले जाने का प्रस्ताव प्रचलन में है? क्या मंदसौर में साइंस पार्क का निर्माण प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो साइंस पार्क के निर्माण के लिये स्थल का चयन किस आधार पर किया जाता है? (ख) वर्ष 2011-12 से वर्ष 2018-19 तक कितनी-कितनी राशि का प्रावधान साइंस पार्क हेतु किया गया? कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये गये तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? (ग) क्या उक्त वर्षों में किये गये वित्तीय प्रावधान में से ज्यादातर राशि का उपयोग किया ही नहीं गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया, इसके क्या कारण रहे हैं? क्या विभाग एवं अधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते प्रदेश में साइंस पार्क के क्षेत्र में कार्यों की गतिविधि अत्यंत धीमी है, इसके विस्तार के लिये विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? क्या इसके लिये कोई कार्य योजना बनाई गई? यदि हाँ, तो जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) दिनांक 01-01-2015 के पश्चात् किसी भी साइंस पार्क की स्थापना नहीं की गई है। साइंस पार्क योजना के अंतर्गत विज्ञान केन्द्र जबलपुर एवं उज्जैन में खोले जाने का प्रस्ताव प्रचलन में है। विज्ञान केन्द्र निर्माण के लिए राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के मापदण्ड के अनुसार किया जा रहा है। मंदसौर में वर्तमान में विज्ञान पार्क स्थापना का प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है। (ख) वर्ष 2012 से वर्ष 2019 तक रू. 25.95 करोड़ राशि का प्रावधान विज्ञान पार्क के लिए किया गया था, जिसका उपयोग तारामण्डल एवं खगोलीय वेधशाला स्थापना संचालन योजना के अंतर्गत किया। (ग) उक्त प्रावधानित राशि का 60 प्रतिशत उपयोग किया गया। विज्ञान पार्क योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग से उज्जैन एवं जबलपुर में उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु कार्ययोजना प्रचलन में है। विज्ञान पार्क योजना के अंतर्गत विज्ञान केन्द्र, जबलपुर एवं उज्जैन में खोले जाने का प्रस्ताव प्रचलन में है। उज्जैन विज्ञान केन्द्र का प्रस्ताव परियोजना परीक्षण समिति द्वारा अनुमोदित होकर केबिनेट बैठक में स्थापना प्रस्ताव पारित हो गया है तथा विभाग द्वारा स्थापना हेतु आदेश पारित किये जा चुके हैं। जबलपुर विज्ञान केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव भूमि के अंतिम निर्णय हेतु लंबित है।
रोगी कल्याण समिति की बैठक की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 3757 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में सिविल हॉस्पिटल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति की साधारण सभाओं की बैठक वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब हुई? अस्पतालवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सिविल अस्पताल की बैठकों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कहाँ-कहाँ एवं किस-किस दिनांक को उपस्थित हुए? उपस्थिती रजिस्टर की प्रति देवें और यदि बैठक में उपस्थित नहीं हुए तो क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को बैठक में पहुंचना अनिवार्य नहीं है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। रोगी कल्याण समिति दिशा-निर्देश 2018 में रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की संरचना दी गई है, साधारण सभा की बैठक के कोरम के लिए कुल सदस्यों के लिए 1/3 सदस्यों का उपस्थित होना अनिवार्य है। किसी भी सदस्य के लिए बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है।
शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सम्मान निधि का प्रदाय
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
113. ( क्र. 3763 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सम्मान निधि प्रदाय करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो सम्मान निधि पाने वाले आवेदक की पात्रता क्या है तथा कितने-कितने आवेदन प्राप्त किये जाकर युवाओं का पंजीयन किया गया? नगरीय क्षेत्र में वार्डवार/ग्रामवार युवाओं के नाम पते की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण युवाओं के पंजीयन कराये जाने के पश्चात् भी शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सम्मान निधि से वंचित रखा जा रहा है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनान्तर्गत प्राप्त लंबित आवेदन पत्रों की स्वीकृति विभागीय अधिकारियों द्वारा कब तक की जाकर शिक्षित बेरोजगार युवाओं को योजना से लाभान्वित किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है।
विक्रय की गई उड़द की फसल का भुगतान
[सहकारिता]
114. ( क्र. 3764 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत पोहरी विकासखण्ड के ग्राम भटनावर (पोहरी) कृषि उपार्जन केन्द्र पर वर्ष 2018-19 में दिनांक 19.1.2019 को कितने किसानों ने उड़द की कितनी-कितनी उपज का तौल कर विक्रय किया था? क्या उक्त दिनांक को तुलवाई गई उड़द की उपज के मूल्य का सभी किसानों को भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त दिनांक को श्री पातीराम पुत्र श्री रामलाल वर्मा किसान कोड 218050060002 के साथ-साथ श्रीमती रामश्री पत्नि पातीराम एवं श्री महेश पुत्र वादामीलाल को उड़द की उपज की तौल करवाने की कच्ची रसीद एक कागज पर एक साथ दी गई थी? क्या श्रीमती रामश्री पत्नि पातीराम एवं श्री महेश पुत्र बादामीलाल की उड़द की उपज के शुल्क का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो जब उक्त तीनों किसानों द्वारा एक ही दिनांक को एक साथ उड़द की तुलवाई कराई गई तथा इस हेतु तीनों को संयुक्त रूप से कच्ची रसीद दी गई थी फिर केवल 02 किसानों को ही भुगतान क्यों किया गया तीसरे कृषक श्री पातीराम पुत्र रामलाल को उनकी उड़द की उपज, 791 कि.ग्रा. की विक्रय राशि का भुगतान आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इस लापरवाही हेतु दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) 42 किसानों से 350.01 क्विंटल उड़द, जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ, श्री पातीराम पुत्र बादामीलाल की कम्प्यूटराईज्ड रसीद ऑनलाईन कम्प्यूटर द्वारा स्वीकार नहीं करने से दिनांक 05.07.2019 को संस्था के केन्द्र प्रभारी द्वारा कृषक को नगद भुगतान कर दिया गया है, लापरवाही के लिये दोषी श्री नरेश रावत सहायक समिति प्रबंधक संस्था भटनावर को संस्था के प्रशासक द्वारा दिनांक 10.07.2019 को निलंबित कर दिया गया है।
समूह बीमा योजना की अंशदान राशि की कटौत्री में वृद्धि
[वित्त]
115. ( क्र. 3768 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में कार्यरत प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन से वर्तमान में समूह बीमा योजना के तहत् कितनी-कितनी अंशदान राशि की किस्त का कटौत्रा प्रतिमाह किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश के शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह कटने वाली बीमा अंशदान राशि की दरों में 1990 के उपरांत कब-कब वृद्धि की गई तथा कितनी-कितनी? क्या वर्तमान में काटी जा रही बीमा अंशदान राशि बढ़ती मंहगाई के मान के कम नहीं है? यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार प्रदेश के कर्मचारियों की समूह बीमा योजनांतर्गत प्रतिमाह काटी जा रही अंशदान राशि में वृद्धि करने पर कोई विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) मध्यप्रदेश में राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में कार्यरत प्रथम/द्वितीय/तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन से वर्तमान में मध्यप्रदेश शासकीय सेवक कर्मचारी बीमा सह बचत योजना, 2003 अनुसार क्रमश: 600/-, 400/-, 200/- एवं 100/- रूपये मासिक अंशदान राशि का कटौत्रा प्रतिमाह किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश के शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन से कटने वाली बीमा अंशदान राशि की दरों में 1990 के उपरांत केवल एक बार दिनांक 01.07.2003 से वृद्धि की गई है। प्रथम/द्वितीय/तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पूर्व निर्धारित बीमा अंशदान (मध्यप्रदेश शासकीय कर्मचारी समूह बीमा योजना, 1985) राशि रूपये 80/-, 60/-, 50/- एवं 30/- से बढ़ाकर क्रमश: 600/-, 400/-, 200/- एवं 100/- की गई है। प्रचलित बीमा योजना अन्तर्गत बीमा अंशदान की राशि का बढ़ती हुई मंहगाई से सीधा सह संबंध स्थापित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 3771 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा संभाग रीवा कार्यालय में पदस्थ कार्यपालन यंत्री की प्रतिनियुक्ति एवं निर्माण कार्य एवं अन्य जानकारियां लेने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 186/रीवा दिनांक 28/03/2019 को जानकारी चाही गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित प्रश्नकर्ता को जानकारी देने हेतु क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा संभाग रीवा द्वारा श्री एस.एस. खरे को पत्र क्रमांक 2166-67, दिनांक 14/06/2019 द्वारा क्या पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या चाही गई पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या विद्युत विभाग से संबंधित एस.एस. खरे, सिविल इंजीनियर नहीं हैं फिर किस आदेश से 2010 से स्वास्थ्य विभाग में संभाग स्तर के निर्माण कार्यों की देखरेख कर रहे हैं? यह किसके आदेश से पिछले 8-9 वर्ष से क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ हैं? (घ) क्या नियुक्ति दिनांक के साथ-साथ इनके कार्यकाल के समस्त कार्यों की जाँच की जायेगी? क्या इनके द्वारा बिना कार्य के राशि का दुरूपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो इनके द्वारा कार्यों के स्वीकृत कार्यादेश एवं कार्य की लागत कार्य की पूर्णता एवं उपयोगिता उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ, माननीय विधायक गुढ़ जिला रीवा को वांछित जानकारी क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा संभाग के कार्यालय पत्र क्रमांक 2637, दिनांक 06.07.2019 द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं, जी नहीं, श्री एम.एस. खरे, सिविल इंजीनियर है, म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का पत्र क्रमांक एफ 02-27/ 2009/सत्रह/मेडि-01 भोपाल, दिनांक 21.01.2010 के आदेश से संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है। (घ) जी नहीं वर्तमान में बिना कार्य के राशि का दुरूपयोग करने का प्रकरण समक्ष में प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधिक सहायता योजना
[विधि और विधायी कार्य]
117. ( क्र. 3772 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समाज के कमजोर वर्ग व आर्थिक रूप से गरीब तथा असहाय व्यक्तियों हेतु कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं? (ख) विधिक सहायता/सलाह योजना, लोक अदालत योजना/विधिक साक्षरता शिविरों हेतु वर्ष 2015 से 2019 तक रीवा जिले में कितनी राशि खर्च की गई? लाभान्वित व्यक्तियों की सूची सहित जानकारी दी जाये। विधिक साक्षरता शिविर जिला स्तर, तहसील स्तर एवं शहरी गंदी बस्तियों में किस-किस दिनांक को कहाँ पर लगाये गये? शिविर में उपस्थित अधिकारियों, समाज सेवियों की जानकारी साथ-साथ भाग लिये महिला व पुरूषों की संख्यात्मक जानकारी दी जाये एवं व्यय की गई राशि का ब्यौरा व शासन की गाइड लाइन दी जाये।
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विद्युतीकरण कार्यों के संबंध में दर्ज शिकायत की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
118. ( क्र. 3779 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल के द्वारा भोपाल जिले के विद्युतीकरण कार्यों के संबंध में एक शिकायत क्रमांक 26/18 दर्ज कर जाँच में ली है? (ख) क्या जाँच अधिकारी के द्वारा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल से पत्र लिखकर अभिलेख मांगे हैं? (ग) सहायक आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल को उक्त शिकायत पर लिखे गये पत्र और प्राप्त जानकारी की प्रतियाँ दें। (घ) क्या शिकायत में प्रारंभिक बयान दर्ज हो चुके हैं तथा अपराध से जुड़े दस्तावेजों की प्रतियां ब्यूरो को उपलब्ध करा दी गई है? (ड.) क्या ब्यूरो का मानना है कि प्रकरण में अपराध कारित नहीं हुआ है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (ड.) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मां नर्मदा न्यास अधिनियम बनाया जाना
[अध्यात्म]
119. ( क्र. 3780 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन के वचन पत्र में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व में उल्लेख है कि मां नर्मदा न्यास अधिनियम बनायेंगे? यदि हाँ, तो क्या न्यास अधिनियम बना लिया गया है? (ख) अगर नहीं तो बनाने की कोई योजना है? समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) राज्य शासन ने कोई वचन पत्र जारी नहीं किया है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रा. स्वा. केन्द्र का सामुदायिक स्वा. केन्द्र/सिविल अस्पताल में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
120. ( क्र. 3783 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर क्या-क्या सुविधा एवं कार्मिक संरचना निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन पर शासन द्वारा निर्धारित सुविधाएं एवं स्वीकृत कार्मिक संरचना के मान से चिकित्सकों की उपलब्धता है? यदि नहीं, तो निर्धारित मापदण्डों के मान से आवश्यक सुविधा एवं स्टॉप पूर्ति किये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा क्या उक्त केन्द्र पर पूर्व में एम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध थी, जो कि वर्तमान में नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों तथा कब तक एम्बुलेंस प्रदान करा दी जावेगी? (ग) उपरोक्तानुसार क्या उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर नगर तलेन की 15 हजार एवं आसपास के 25-30 ग्रामों की आबादी निर्भर करती है, लेकिन जनसंख्या के मान से उक्त केन्द्र पर प्रसव, ऑपरेशन आदि की सुविधा नहीं होने से आमजनों को निजी अस्पतालों के महंगे इलाज लेने हेतु विवश होना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/सिविल अस्पताल में उन्नयन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में बाह्य रोगियों की जाँच एवं उपचार, मरीजों को भर्ती की सुविधा, गर्भवती महिलाओं की जाँच, प्रसव सुविधा, टीकाकरण एवं परिवार कल्याण के स्थाई तथा अस्थाई साधनों सहित संपूर्ण स्वास्थ्य सुविधायें निर्धारित है एवं कार्मिक संरचना संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारी के 1065 पदों पर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है एवं पैरामेडिकल स्टाफ हेतु प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से प्रति पूर्ति की जाती है। जी हाँ, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में वर्तमान में 108 एम्बुलेन्स की सुविधा उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जनसंख्या के मान से प्रसव की सुविधा 24 X 7 घण्टे उपलब्ध है एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत आने वाले ऑपरेशन की सुविधा भी उपलब्ध है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन को जनसंख्या आधारित मापदण्डानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उन्नयन की पात्रता नहीं आती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत विकास कार्यों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
121. ( क्र. 3787 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी योजनांतर्गत विदिशा जिले में जनवरी 2014 से 30 जून, 2019 तक कितनी राशि प्राप्त वर्षवार हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो राशि प्राप्त हुई, उससे कौन-कौन निर्माण/विकास कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत किये गए? ग्राम पंचायतवार, विकासखण्ड अनुसार स्वीकृत राशि, तकनीकी प्राक्कलन एवं प्रशासकीय स्वीकृति, निर्माण एजेंसी का नाम व कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) जनभागीदारी से विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों ने प्रश्नांश (क) अवधि में कौन-कौन से प्रस्ताव की अनुशंसा की और उनकी अनुशंसा उपरांत कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये? (घ) वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनभागीदारी मद से कितनी राशि का आवंटन विदिशा जिले को दिया गया था? क्या विभाग ने बाद में आवंटित राशि वापस कर ली? ऐसा क्यों? इसके लिए दोषी कौन है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) योजनान्तर्गत स्थानीय निकायों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर स्वीकृति जारी की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक जिले को आवंटन प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चिकित्सालयों में खरीदी एवं योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
122. ( क्र. 3788 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में जनवरी 2016 से 30 जून, 2019 तक विभिन्न चिकित्सालयों में योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रशिक्षण हेतु तथा खरीदी हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार आवंटन सहित विकासखण्डवार खरीदी, प्रशिक्षण आयोजन सहित निर्धारित राशि और कितना उपयोग हुआ विकासखण्डवार बतावें। (ख) क्या खरीदी और योजनाओं के प्रशिक्षण में व्यय की अनियमितताओं की कोई शिकायत विभाग या जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा शिकायतों की जाँच की जाकर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो विभाग में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जाँच विभाग किसी वरिष्ठ अधिकारी या E.O.W. से करायेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में कौन-कौन सी कंपनी/विक्रेता से कौन-कौन सी दवाइयां, कितनी राशि की खरीदी गई? क्या कुछ दवाएं बिना टिन नंबर के विक्रेता/कंपनियों से खरीदी गई? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा कितनी दवाईयां एक्सपायर होकर नष्ट की गई? दवाइयों के नामवार जानकारी दें। क्या उक्त अस्पतालों में तत्काल में भी कोई दवा क्रय की गई है? यदि हाँ, तो दवाओं के नाम तथा राशि की जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कटनी जिले में हवाई अड्डा/हवाई पट्टी का निर्माण
[विमानन]
123. ( क्र. 3790 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हवाई अड्डा अथवा हवाई पट्टी के निर्माण की क्या नीति और योजनाए हैं और हवाई अड्डा अथवा हवाई पट्टी के निर्माण हेतु क्या प्रक्रिया अपनायी जाती हैं एवं क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) कटनी जिले में हवाई अड्डा अथवा हवाई पट्टी के निर्माण हेतु क्या कोई योजना प्रस्तावित है अथवा कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कटनी जिले में हवाई अड्डा अथवा हवाई पट्टी के निर्माण के लिए क्या-क्या कार्यवाही अब तक की गयी और क्या कार्यवाही किया जाना किन कारणों से शेष है? इस संबंध में शासन और विभाग स्तर से क्या प्रयास किए जाएंगे? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में व्यापारिक/रेल/सड़क मार्ग की दृष्टि से महत्वपूर्ण और देश एवं प्रदेश के मध्य में स्थित कटनी जिले में हवाई सेवा की उपलब्धता हेतु हवाई अड्डा अथवा हवाई पट्टी के निर्माण की कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी और हवाई अड्डा अथवा हवाई पट्टी के निर्माण का कार्य कब तक प्रारम्भ हो सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) हवाई अड्डों का निर्माण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, जो कि भारत सरकार का उपक्रम है। हवाई पट्टी का निर्माण राज्य शासन द्वारा अपनी आवश्यकताओं के परिप्रेक्ष्य में प्राक्कलन तैयार किया जा कर, लोक निर्माण विभाग की विभागीय नियमावली के तहत् किया जाता है। (ख) जी हाँ। कटनी जिले में हवाई पट्टी निर्माण हेतु कलेक्टर जिला कटनी द्वारा पूर्व में जिस भूमि का चयन कर प्राक्कलन तैयार कर प्रेषित किया गया था वह नैनो मिनरल्स को पूर्व से आवंटित होने के कारण कलेक्टर द्वारा पुन: नवीन स्थान चिन्हांकित किया गया है, जिसके परिप्रेक्ष्य में विस्तृत जानकारी कलेक्टर जिला कटनी से चाही गई है, तदोपरान्त नियमानुसार परीक्षण कर हवाई पट्टी निर्माण की आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सूचना आयोग की अद्यतन जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
124. ( क्र. 3791 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 195, दिनांक 21/07/2015 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में बतायें कि क्या आयोग की नवीन वेबसाइट नियत सर्वर पर होस्ट हो गयी? यदि हाँ, तो नवीन वेबसाइट कब होस्ट हुई? वेबसाइट पर क्या-क्या जानकारी अपलोड की गयी और प्रश्न दिनांक तक वेबसाइट, कब-कब अपडेट की गयी? (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश पत्र दिनांक 18/02/2019 के पालन में क्या म.प्र. राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट अद्यतन की गयी? यदि हाँ, तो कब और क्या नवीनतम जानकारी अपलोड की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4 (1) (ख) एवं 4 (2) के अनुसार अभिलेखों को कम्प्यूट्रीकृत किये जाने और स्व-प्रेरणा से जानकारियों को इन्टरनेट पर उपलब्ध करने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो आयोग द्वारा पारित आदेशों और प्रकरणों की वाद सूची आयोग की वेबसाइट में उपलब्ध क्यों नहीं है और वेबसाइट का ऑनलाईन रिपोर्टिंग सिस्टम अपडेट ना रहने का कारण बताएं? (ड.) क्या वर्तमान में म.प्र. शासन की ई-मेल नीति लागू है, तो म.प्र. राज्य सूचना आयोग की ई-मेल आई.डी. क्या है और यह आयोग की वेबसाइट पर प्रदर्शित क्यों नहीं हैं? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) क्या नवीनतम आदेशों और प्रकरणों की वाद सूची और महत्वपूर्ण जानकारी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। वेबसाइट मध्यप्रदेश स्टेट डाटा सेंटर के सर्वर पर 20 नवम्बर, 2015 को होस्ट हो गई। वेबसाइट पर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा-4 अंतर्गत प्रोएक्टिव डिस्क्लोजर एवं आयोग द्वारा पारित महत्वपूर्ण आदेश अपलोड किये गए हैं। प्रश्न दिनांक तक वेबसाइट समय-समय पर आवश्यकता अनुसार अपडेट की गई है। (ख) जी हाँ। दिनांक 30.03.2019 को नव-नियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त श्री अरविन्द कुमार शुक्ला एवं 02 सूचना आयुक्तों डॉ. गोल्ला कृष्णमूर्ति एवं श्री राहुल सिंह से संबंधित जानकारी आयोग की वेबसाइट पर जून-2019 में अपलोड की गई है। साथ ही सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 4 के अंतर्गत 17 बिंदुओं की स्व-प्रगटन योग्य जानकारी भी जून-2019 में ही अपलोड की गई। राज्य सूचना आयोग द्वारा द्वितीय अपील एवं शिकायत प्रकरणों में पारित आदेश भी जो कि सूचना आयुक्तों द्वारा चिन्हांकित किये जाते हैं, अपलोड किये जा रहे हैं। (ग) जी हाँ। (घ) आयोग का आंतरिक प्रबंध सॉफ्टवेयर (E.O.M.S.) वेबसाइट से वेबलिंक्ड है। आयोग में तकनीकी और अन्य लिपिकीय स्टॉफ की अत्यन्त कमी से आदेशों को डिजिटल सिग्नेचर उपरांत अपलोड किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। स्वीकृत पदों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव विचाराधीन/प्रक्रियाधीन है। मात्र एक ही तकनीकी कर्मचारी कम्प्यूटर प्रोग्रामर आउटसोर्स के आधार पर दिनांक 30.05.2019 से कार्यरत है। (ड.) मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग की ई-मेल आई.डी. ussicbhomp.gov.in प्रदर्शित है। (च) पर्याप्त तकनीकी और लिपिकीय अमला की पूर्ति हेतु वर्तमान में कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सीधी एवं सिंगरौली जिले में निवेश बाबत्
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
125. ( क्र. 3794 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष में देश एवं विदेश के कितने निवेशकों ने किस-किस क्षेत्र में एवं किस उद्योग में निवेश किया है? मध्य प्रदेश की सरकार ने उक्त निवेशकों को क्या-क्या लाभ प्रोत्साहन हेतु दिए हैं? (ख) क्या सरकार यह बता सकती है उक्त निवेश के माध्यम से मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में कितनी वृद्धि होगी एवं इससे कितने लोगों को रोजगार मिलेगा? (ग) सीधी जिले एवं सिंगरौली जिले में पिछले 5 वर्षों में किस-किस क्षेत्र में एवं किस उद्योग में किस स्थान पर कितना निवेश किया गया है? इसके प्रोत्साहन हेतु सरकार द्वारा उक्त जिलों में कितनी शासकीय भूमि विभिन्न कंपनियों को दी गई है? (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले में भूमि के बदले में क्या स्थानीय लोगों को रोजगार देने की कोई शर्त रखी गई है? यदि हाँ, तो सीधी और सिंगरौली के निवासी कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है? यदि नहीं, तो सरकार ने यह जमीन उक्त निवेशकों को क्यों दी है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मध्यप्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग के अधीन एम.पी. इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, रीवा द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु, मद्यम एवं वृहद इकाइयों तथा औद्योगिक क्षेत्र के बाहर स्थापित वृहद इकाइयों में देश एवं विदेश की कुल 178 निवेशकों द्वारा राशि रू.239331.65 लाख का निवेश किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 से 5 अनुसार है। विभाग के अधीन (एम.पी. इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, रीवा द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में निवेशकों को प्रचलित मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 की कण्डिका 10 अनुसार रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराई गई है। (ख) सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के आंकड़े विभाग स्तर पर संधारित नहीं किये जाते हैं। उक्त निवेशों के संदर्भ में लगभग 11234 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होना संभावित है। (ग) सिंगरौली जिले में विभाग के अंतर्गत पिछले पाँच वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र उद्योग द्वीप बैढ़न जिला सिंगरौली में मेसर्स लार्सन एण्ड टूब्रो लिमि. द्वारा हैवी मशीनरी पार्टस निर्माण हेतु 2.78 करोड़ का निवेश किया गया है। विभाग के अधीन एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय रीवा द्वारा उक्त उद्योग को 10080 वर्गमीटर भूमि आवंटित की गयी है। सिंगरौली जिले में अन्य स्थापनाधीन इकाइयां जिन्हें विभाग के अधीन निगम द्वारा भूमि का आवंटन किया गया है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित आवंटन औद्योगिक क्षेत्र उद्योग द्वीप बैढ़न में किया गया है, जो पूर्व से स्थापित औद्योगिक क्षेत्र है, जिसको भूमि हस्तांतरण के समय रोजगार देने संबंधी कोई शर्त नहीं रखी गयी थी तथापि औद्योगिक क्षेत्र उद्योग द्वीप बैढ़न में स्थापित इकाई मेसर्स लार्सन एण्ड टूब्रो द्वारा 50 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है, जिसमें 35 व्यक्ति स्थानीय सिंगरौली जिले के है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक नीति का निर्माण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
126. ( क्र. 3797 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेरोजगारी को दूर करने के लिए कोई भारी उद्योग नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें? (ख) यदि नहीं, तो क्या कोई बड़ी उद्योग नीति पंधाना विधानसभा क्षेत्र के लिए बनाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक बनाई जाएगी और अंतिम रूप देने के लिए कितना समय लगेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं बनाई जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, अपितु प्रदेश में उद्यमियों, उद्योगपतियों और निवेशकों को आर्कषक एवं सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2018) पूरे प्रदेश में लागू की गई है। नीति अंतर्गत प्रावधानित सुविधाओं का लाभ लेने हेतु कुल रोजगार में 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा, संबंधी प्रावधान दिनांक 19.12.2018 से सम्मिलित किया गया है। उक्त प्रावधान तत्संबंध में जारी आदेश दिनांक 19.12.2018 के पश्चात् उत्पादन प्रारंभ करने वाली इकाइयों पर प्रभावी होगा। साथ ही सूक्ष्म, लघु और मद्यम उद्यम विभाग द्वारा प्रदेश के युवाओं को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के माध्यम से स्व-रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2017 अंतर्गत नवीन स्थापित उद्योगों को पात्रतानुसार रियायतें प्रदान की जाती है। विधानसभा क्षेत्र पंधाना में स्थापित होने वाले उद्योगों पर उक्त नीतियों के प्रावधानों का लाभ हो सकेगा।
उज्जैन संभाग अंतर्गत अवैध मावे की फैक्ट्रियां
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
127. ( क्र. 3801 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2017 के पश्चात् उज्जैन संभाग में कुल कितना प्रदूषित मावा विभाग ने कहाँ-कहाँ जप्त किया? (ख) रतलाम जिले में विभागीय आंकड़ों के अनुसार कुल कितना दूध का उत्पादन होता है तथा कुल कितना मावा जिले में बनाया जाता है? (ग) क्या रतलाम जिले में कम दूध उत्पादन के पश्चात् भी दूध उत्पादन का चार गुना मावा रतलाम से अन्यत्र भेजा जा रहा है? विगत 5 वर्षों में इसका अनुपातिक आंकलन खाद्य विभाग द्वारा कब-कब किया गया? क्या रतलाम जिले में अधिकारियों की अनियमितता के चलते अवैध मावे की फैक्ट्रियों पर गत 5 वर्षों में प्रकरण दर्ज करने के बावजूद भी यह मावा फैक्ट्रियां लगातार मावा बना रही हैं, जिसमें भारी मात्रा में यूरिया का उपयोग हो रहा है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपेक्स बैंक में किसानों की गिरवी रखी जमीन
[सहकारिता]
128. ( क्र. 3804 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी, 2008 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में अपेक्स बैंक में किसानों की जमीन बगैर उनकी जानकारी के विदेश में गिरवी रखकर कर्ज लिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितना-कितना कर्ज किस-किस वर्ष लिया गया था? उस पर कितना ब्याज दिया गया?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांसद/विधायक निधि के कार्य पूर्ण नहीं होने के संबंध में
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
129. ( क्र. 3808 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विधायक निधि के कार्य पूर्ण करने हेतु कार्य की मात्रा के अनुरूप समय अवधि तय की जाती है एवं कार्य पूर्ण होने पर संबंधित कार्य एजेंसी से कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र लिया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? वर्ष 2012-13 से 2018-19 के मध्य विधायक निधि के कितने कार्यों हेतु राशि जारी की गई तथा कितने कार्य पूर्ण होने पर संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये, कितने के नहीं? (ख) क्या विभाग द्वारा विधायक निधि के कार्य संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा पूर्ण नहीं करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या? निर्देश की प्रति देवें। एजेंसी द्वारा निश्चित समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने पर उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2018-19 के मध्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत राशि रू. 3451.53 जारी की गई। 1664 कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त किये गये। शेष 666 निर्माण कार्यों के अप्राप्त हैं। (ख) जी हाँ। निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण एजेन्सी द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं कराने पर पत्र जारी किये गये हैं, कलेक्टर द्वारा समय-समय पर समीक्षा बैठकों में कार्य पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम द्वारा निर्मित भवन
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
130. ( क्र. 3809 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम म.प्र. द्वारा सिवनी-मालवा में कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु भवन का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त भवन में कम्प्यूटर प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा उक्त भवन का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिये किया जा रहा है या शासन की कोई अन्य योजना है, जिसके माध्यम से प्रशिक्षण दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा सिवनी मालवा में कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु भवन का निर्माण कराया गया है। जी नहीं। (ख) उक्त कम्प्यूटर सेंटर, म.प्र. राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संचालनालय, कौशल विकास को सौंपे जाने का कार्य प्रक्रियाधीन है, जिसमें वह आई.टी.आई. के छात्रों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिये जाने का कार्य संपादित करेंगे।
पदोन्नति में वरिष्ठता
[सामान्य प्रशासन]
131. ( क्र. 3817 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्थायीकरण वरिष्ठता के क्रम में हो रहे हैं या कुछ अलग प्रक्रिया है? अलग प्रक्रिया की स्थिति में जानकारी देवें। (ख) क्या वरिष्ठता में कनिष्ठ स्थान प्राप्त अधिकारी वरिष्ठ स्थान प्राप्त से पूर्व स्थायी हो सकता है? यदि हाँ, तो किन-किन परिस्थितियों में? (ग) क्या किसी पद पर पदोन्नत, लोकसेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से नियुक्त अन्य माध्यम से नियुक्त अथवा अन्य माध्यम से आये अधिकारियों के स्थायीकरण के लिये अलग-अलग कोटा निर्धारित है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत एवं कितना-कितना? (घ) स्थायीकरण की तिथि विभाग में स्थायी रिक्त पद उपलब्ध होने पर स्थायीकरण आदेश निकलने के दिनांक से मानी जाती है अथवा स्थायी पद रिक्त न होने की स्थिति में परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने के पश्चात् इस आशय का प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से कि जैसे ही रिक्त पद उपलब्ध होंगे स्थायी कर दिया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) स्थायीकरण वरिष्ठता अनुसार हो रहे हैं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) स्थायीकरण के आदेश जारी करते समय ही जिस तिथि से स्थाई पद रिक्त है, उस तिथि से स्थायी कर दिया जाता है, अन्यथा स्थायी पद रिक्त होने की दशा में प्रश्न अनुसार प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।
संविदा कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के समतुल्य वेतन दिया जाना
[सामान्य प्रशासन]
132. ( क्र. 3820 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा कर्मचारियों के लिये सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक सी 15/2/2018/1/3 भोपाल, दिनांक 05 जून, 2018 को नीति बनाई गई है? (ख) प्रश्न (क) में क्या संविदा कर्मचारियों को बनाई गई नीति में संविदा कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के वेतन के 90 प्रतिशत समतुल्य वेतन देने हेतु निर्देश हैं? यदि हाँ, तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ संविदा कर्मचारियों को उक्त नीति अनुरूप मानदेय आदि का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक इन कर्मचारियों को नीति अनुसार वेतन भत्तों का लाभ दिया जाने लगेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेषांश भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
अशोक नगर जिले में उद्योग स्थापित किया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
133. ( क्र. 3823 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोक नगर जिले में शासन द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिए कोई नीति बनाई है? यदि हाँ, तो मुंगावली तहसील अंतर्गत कोई उद्योग स्थापित किया जाना है अथवा नहीं? (ख) विगत 10 वर्षों में अशोक नगर जिले में शासन द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिए वर्तमान दिनांक तक कितने सर्वे कब-कब कराये गये हैं? (ग) अशोक नगर जिले की मुंगावली तहसील से लगे हुये जिलों में भारत ओमान रिफायनरी एवं जे.पी. थर्मल पावर प्लांट स्थापित है, लेकिन मुंगावली क्षेत्र की उपेक्षा क्यों की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी नहीं, राज्य शासन द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये जाते हैं, अपितु प्रदेश में उद्यमियों, उद्योगपतियों और निवेशकों को आर्कषक एवं सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2018) पूरे प्रदेश में लागू की गई है। इसी तरह लघु एवं मद्यम उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2017 लागू है। अशोक नगर जिले में स्थापित होने वाले उद्योगों पर उक्त नीतियों के प्रावधानों का लाभ हो सकेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में (ख) की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नीतियों अंतर्गत प्रदेश में उद्यमियों, उद्योगपतियों और निवेशकों को प्रदेश के समस्त जिलों में नवीन स्थापित उद्योगों को पात्रतानुसार सहायता दिये जाने का प्रावधान उपरोक्त अंकित नीतियों में उल्लेखित है। अत: किसी क्षेत्र विशेष की उपेक्षा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वास्थ्यकर्मियों को समयमान वेतनमान की एरियर राशि का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
134. ( क्र. 3827 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला विदिशा में कार्यरत उपरोक्त कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में वर्णित कर्मचारियों को उक्त वेतनमान का लाभ दे दिया गया है, तो क्या उनको एरियर राशि का भुगतान भी कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों एरियर की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) संबंधित कर्मचारियों को नियमानुसार एरियर भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
जिला विदिशा में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार/प्रबंध की योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
135. ( क्र. 3828 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीति आयोग भारत सरकार ने जिला विदिशा को वर्ष 2018-19 में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये रूपये 3 करोड़ की राशि का अनटाइटल्ड पुरस्कार प्रदान किया है? यदि हाँ, तो उक्त राशि का क्या-क्या उपयोग किया गया है? (ख) यदि उक्त राशि का कोई उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार या प्रबंध में नहीं किया गया तो क्यों कारण बतावें? (ग) क्या भविष्य में उक्त राशि से जिलेभर में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार एवं प्रबंधों की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या विस्तार से बतावें? यदि कोई योजना नहीं है, तो क्यों स्पष्ट कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित पंचायतों पर व्यय की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
136. ( क्र. 3840 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक मुख्यमंत्री निवास में प्रति वर्ष कितनी पंचायतें बुलाईं गईं? वर्षवार संख्या व पंचायतों का नाम बतायें व कुल संख्या बतायें। (ख) उक्त खान-पान व्यवस्था पर प्रति व्यक्ति कितने रुपये की दर से किस-किस विभाग द्वारा भुगतान किया गया? संपूर्ण भुगतान की जानकारी देवें। (ग) उक्त अवधि की प्रत्येक पंचायतों में टेंट पर कितना व्यय किया गया? संपूर्ण जानकारी दी जावे।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा यात्रा के संबंध में जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
137. ( क्र. 3845 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई नमामि देवी नर्मदे यात्रा का उद्देश्य क्या था? उक्त यात्रा के प्रारंभ से समाप्ति दिनांक तक मा. पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा क्या-क्या घोषणायें की गई थीं? इन घोषणाओं को पूर्ण किये जाने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त यात्रा के प्रारंभ से समाप्ति तक कितनी-कितनी राशि किस-किस माध्यम से किस-किस कार्य पर व्यय की गई व किस-किस संस्था या कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य व सामग्री के विरूद्ध किया गया। योजना के समापन दिनांक 15.05.2017 को आयोजित समापन कार्यक्रम के आयोजन हेतु किस-किस संस्था या कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य व सामग्री के विरूद्ध किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यात्रा के समापन कार्यक्रम हेतु सड़क एवं हवाई परिवहन पर कितनी राशि व्यय हुई, यात्रा में शामिल होने वाले अतिथियों के नाम, आवागमन एवं उन्हें ठहरने की व्यवस्था पर हुये व्यय की राशि का प्रावधान किस मद से किया गया एवं किसको कितनी राशि का भुगतान किया गया। इस कार्यक्रम की उपलब्धियां क्या रहीं।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) नमामि देवी नर्मदे नर्मदा यात्रा के उद्देश्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) परिषद द्वारा यात्रा प्रारंभ से समाप्ति तक राशि रू. 2297.8465 लाख का व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिला कलेक्टर्स से प्राप्त जानकारी अनुसार संस्था या कंपनी का नाम, भुगतान की जाने वाली राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) परिषद द्वारा यात्रा के समापन कार्य हेतु सड़क परिवहन पर राशि रूपये 868.62 लाख व्यय की गई। परिषद द्वारा किसी अतिथि को आमंत्रित नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यक्रम के उपलब्धियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान किया गया वृक्षारोपण
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
138. ( क्र. 3848 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2016 से 2018 तक पर्यावरण को संतुलित करने हेतु मां नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान क्या वृक्षारोपण का कार्य किया गया था? यदि हाँ, तो प्रदेश में कहाँ से कहाँ तक कितने और किस-किस प्रजाति के कितने वृक्षों का रोपण किया गया? इसमें कुल कितनी राशि व्यय की गई? पौधे की कीमत सहित व्यय करने वाले अधिकारियों के नाम सहित विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में किये गये वृक्षारोपण में से वर्तमान में कितने वृक्ष सुरक्षित एवं हरे-भरे हैं एवं कितने क्षतिग्रस्त अथवा सूख गये हैं? क्षतिग्रस्त एवं सूखे वृक्षों से शासन को कितनी राजस्व हानि हुई? रोपित वृक्षों को किस दर पर कहाँ से क्रय किया गया था? इसका भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (ग) क्या यह सही है कि वित्तीय वर्ष 2016 से 2018 तक प्रदेश में मां नर्मदा किनारे रोपित किये गये वृक्षों को रोपने का कार्य बिना किसी कार्य योजना के कराया गया, जिससे 70 प्रतिशत पौधे नष्ट हो गये? क्या जितने पौधे का रोपण बताया गया है, वह मात्र कागजों तक ही सीमित था? यदि हाँ, तो क्या शासन क्रय करने वाली नर्सरी की जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
बेरोजगार आदिवासी युवाओं के लिये संचालित योजनाएं
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
139. ( क्र. 3849 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी बेरोजगार युवाओं को रोजगार, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के लिये क्या मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना, जॉब फेयर योजना और केरियर काउन्सलिंग योजना वर्तमान में प्रदेश में संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो अनूपपुर जिले में पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कितने बेरोजगार आदिवासी युवाओं को रोजगार दिया गया? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित/अनुदानित, केन्द्र/संस्थाओं की सूची उनके नाम, पता, संचालनकर्ता का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। इन संचालित केन्द्रों एवं संस्थाओं को पिछले पाँच वित्तीय वर्ष में प्रदान की गई राशि/सामग्री किन-किन शर्तों पर किन-किन कार्यों के लिये कितनी-कितनी प्रदाय की गई? संस्थावार, केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुपपुर जिले में पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 248 बेरोजगार आदिवासी युवाओं को रोजगार उपलब्ध/चयनित कराया गया है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना अंतर्गत वर्तमान में संचालित प्रशिक्षण केन्द्र की जानकारी निम्नानुसार है :-
विधान सभा क्षेत्र का नाम
|
प्रशिक्षण प्रदाता का नाम
|
संचालित प्रशिक्षण केन्द्र का नाम |
प्रशिक्षण केन्द्र का पता
|
केन्द्र संचालक का नाम |
पिछले 5 वर्षों में प्रदाय की गयी राशि/सामग्री |
Pushrajgarh |
Skill Root Edutech consulting India Pvtltd |
Skill Root Anuppur 1 |
Kanya Parisar Rood Rajendra gram near Railway cross Anuppur 484881 |
MOHIT TOMAR |
NIL |
पाँचवें
वेतनमान की स्वीकृति
[सहकारिता]
140. ( क्र. 3860 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के सेवायुक्त जो प्रतिनियुक्ति पर है व चौथे से छठवें वेतनमान में संविलियन है, को पाँचवा वेतनमान स्वीकृत है अथवा नहीं? नहीं तो क्यों नहीं? स्पष्ट करें। (ख) क्या पाँचवा वेतनमान की स्वीकृति अस्पष्ट होने से शासन के अन्य विभागों/संस्थानों में प्रतिनियुक्ति/संविलियत सेवायुक्तों की वेतन गणना त्रुटियुक्त होकर मासिक परिलब्धि कम कर दी गयी है, क्या पाँचवे वेतनमान के संबंध में स्पष्ट आदेश जारी करेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र./सी3-14/2013/1/3, दिनांक 12.08.2013 से जारी संविलियन योजना की कंडिका 2.6 एवं परिपत्र क्र./सी 3-06/2016/1/3, दिनांक 23.08.2016 में वेतन निर्धारण के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार तिलहन संघ में प्राप्त होने वाले वेतन के आधार पर। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) में उल्लेखित संविलियन योजना में वेतन निर्धारण के प्रावधान में पे-प्रोटक्शन के निर्देश होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तिलहन संघ मूलसेवा के सेवायुक्तों का वेतनमान
[सामान्य प्रशासन]
141. ( क्र. 3861 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ से शासन के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति/संविलियन सेवायुक्तों को वेतन संरक्षण का लाभ देने/वेतन निर्धारण प्रचलन के संबंध में प्रश्न क्र. 1050 दिसम्बर 2014, प्रश्न क्र. 563 फरवरी 2015, प्रश्न क्र. 2535 जुलाई 2015, प्रश्न क्र. 2226 दिसम्बर 2015 एवं ध्यानाकर्षण क्र. 106 नवम्बर 2016, क्र. 366 बजट 2016 आदि में जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो वेतन निर्धारण प्रक्रिया/आदेश को लगभग 3-4 वर्षों से लंबित रखने के क्या कारण हैं? कब तक आदेश जारी करेंगे? (ख) प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. सी-3-4/2017/3/एक, दिनांक 26.04.2017 अनुसार सेवायुक्तों को मानवीय उच्च न्यायालय के शरण में न जाने की विवशता को दृष्टिगत रखते हुये समरूप प्रकरणों को विभागीय स्तर पर निराकरण के निर्देश किये हैं? यदि हाँ, तो तिलहन संघ के सेवायुक्तों से संबंधितों से संबंधित दर्जनों अवमानना प्रकरणों में विभागों द्वारा लम्बित रखने के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही करेंगे? स्पष्ट करें। (ग) क्या मान. उच्च न्यायालय जबलपुर ने तिलहन संघ के सेवायुक्तों को पाँचवे वेतनमान एवं छठवें वेतनमान के लागू होने की तिथि से शासकीय सेवकों को किये गये वेतन निर्धारण के अनुरूप वेतन निर्धारित करते हुए वेतन का भुगतान करने का आदेश पारित किया है? यदि हाँ, तो विभागीय परिपत्र आदेश क्यों लंबित रखा है? शासन पालन सुनिश्चित करायेंगे।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 23/03/2019 द्वारा तिलहन संघ के संविलियत कर्मचारियों के वेतन निर्धारण के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
वेतन निर्धारण एवं विकल्प के संबंध में
[वित्त]
142. ( क्र. 3862 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम-2017 में शासकीय सेवकों के वेतन निर्धारण एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) में किये जाने की व्यवस्था की गई है? वर्तमान में इस System में प्रतिनियुक्ति संबंधी डाटा बेस बनाने का Option नहीं है, ऐसी अनेक कमियों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) यदि कोई शासकीय सेवक दिनांक 01.01.2016 को समयमान/पदोन्नति प्राप्त कर लेता है और उस दिनांक को ही विद्यमान (छठवें) वेतनमान में उसका वेतन निर्धारण भी हो चुका है, ऐसे में क्या वह दिनांक 01.07.2016 को विद्यमान वेतनमान में वेतनवृद्धि प्राप्त करने के बाद सातवें वेतनमान का दिनांक 01.07.2019 से चयन करने का विकल्प ले सकता है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि नहीं, तो IFMIS System में ऐसा विकल्प लेने की अनुमति क्यों दी जा रही है और यदि हाँ, तो इस विकल्प के आधार पर वेतन निर्धारण किस प्रकार अर्थात् किस प्रक्रम (Stage) पर होगा? क्या दिनांक 01.07.2016 को विद्यमान (छठवें) वेतनमान में वेतनवृद्धि प्राप्त करने के पश्चात् प्राप्त वेतन के आधार पर सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में प्रतिनियुक्ति संबंधी डाटाबेस को आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर में बनाने की व्यवस्था है। (ख) वेतन पुनरीक्षण नियम, 2017 के नियम, 13 अनुसार कोई शासकीय सेवक दिनांक 01.01.2016 को समयमान/पदोन्नति प्राप्त कर लेता है तो उसका दिनांक 01.01.2016 को सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण किया जायेगा। तदोपरांत समयमान/पदोन्नति वेतनमान निर्धारण होगा। तदनुसार सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण होने के फलस्वरूप शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली में अधिक से अधिक संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए विकल्प दिये गये है। लेकिन वेतन निर्धारण या विकल्प चुनने हेतु शासन द्वारा जारी नियम-निर्देश ही बंधनकारी है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को विज्ञापन देना
[जनसंपर्क]
143. ( क्र. 3867 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रदेश एवं देश के विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा अन्य समाचार पत्रों, माध्यमों को विज्ञापन दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो माह दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने विज्ञापन दिये गये तथा कहाँ-कहाँ और कितनी-कितनी राशि के विज्ञापन दिये गये? नामवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय सेवकों के संविलियन की नियम/शर्तें
[सामान्य प्रशासन]
144. ( क्र. 3878 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय सेवकों के संविलियन एक विभाग से दूसरे विभाग में करने के क्या-क्या नियम/शर्तें बनायी गई हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा किसी अधिकारी/कर्मचारी को अपने विभाग में जिसका वेतनमान पैतृक विभाग में धारित पद एवं संविलियन चाहने वाले विभाग का पद एक ही वेतनमान होने पर शासन को संविलियन की अनुमति देने में क्या बाधाएं हैं? (ग) क्या पैतृक विभाग में संविलियन चाहे गये पद पर्याप्त होने पर भी अनुमति विभाग द्वारा नहीं दिये जाने के क्या नियम हैं? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? (घ) क्या इस प्रकार के नियम हैं कि संविलियन हेतु संबंधित विभाग द्वारा विधिवत विज्ञापन जारी कर पात्र अधिकारियों से आवेदन आमंत्रित कर इसके उपरांत संविलियन हेतु चयन करने की प्रक्रिया है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) कोई नीति निर्देश जारी नहीं किए गये हैं। (ख) प्रशासनिक आवश्यकता होने पर ही संविलियन की कार्यवाही की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। (घ) जी नहीं।
S.G.I.T.S इंदौर का ऑनलाईन टेंडर
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
145. ( क्र. 3882 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) S.G.I.T.S. इंदौर द्वारा निकाले टेंडर क्र. Dip/Enggcede/2019/2183, दिनांक 20.02.2019 में कितनी निविदाएं प्राप्त हुई? कितनी निविदाएं चयन प्रक्रिया के लिए उपयुक्त पाई गईं हैं? (ख) क्या केवल एक ही फर्म की निविदा प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो चयन प्रक्रिया पुन: आयोजित क्यों नहीं की गई? (ग) विगत टेंडर की समस्त सेवाओं की दरों तथा इस टेंडर की समस्त सेवाओं की दरों को पृथक-पृथक बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार दोषी अधिकारियों पर शासन कब कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) केवल ''मेन पॉवर उपलब्ध कराने'' हेतु 01 निविदा प्राप्त हुई थी। चयन प्रक्रिया पुन: आयोजित नहीं की गई थी, क्योंकि 1. निविदाएं समाचार-पत्रों एवं वेबसाइट के माध्यम से खुली निविदा के तहत् आमंत्रित की गई थी। 2. दिनांक 31/03/2019 के पश्चात् तत्कालीन फर्म से अनुबंध समाप्त होने एवं मेन पावर प्रदाय करने वाली फर्म के न होने की स्थिति में संस्थान एवं होस्टल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था एवं सफाई इत्यादि की गंभीर स्थिति निर्मित हो जाती। 3. सेवा दरें उचित थी। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) कोई अधिकारी दोषी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर.जी.पी.वि. भोपाल में कार्यरत कर्मचारी की शिकायत
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
146. ( क्र. 3883 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री बी.एस. राजपूत, यू.आई.टी. राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय भोपाल के संबंध में कितनी शिकायतें, कहाँ-कहाँ लंबित हैं? इस पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति देवें। इनके लंबित रहने के क्या कारण हैं? प्रकरणवार बतावें। (ख) जिन प्रकरणों में जाँच प्रतिवेदन दिया जा चुका है, उसका विवरण देवें? इन पर की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें। (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो क्यों? क्या इस संबंध में राजभवन में भी कोई शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (घ) श्री व्ही.एस. राजपूत, यू.आई.टी. में कार्यरत नहीं हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
साफ-सफाई मद में किये गये क्रय के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
147. ( क्र. 3889 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें भोपाल एवं ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन तथा सिविल हॉस्पिटल के द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक साफ-सफाई मद में आवंटित बजट से अत्याधिक राशि का अनियमित क्रय एवं आहरण किया गया? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त अनियमित क्रय के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उपरोक्त अनियमित क्रय के लिए जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, केवल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय सीहोर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ द्वारा वर्ष 2018-19 में अनियमित क्रय एवं आहरण किया गया। (ख) जिला सीहोर में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, स्टोरकीपर, क्रय लिपिक, लेखापाल एवं सिविल सर्जन तथा राजगढ़ जिले में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम दृष्ट्रया आरोपित पाये गये। (ग) जी हाँ, उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीहोर को निलंबित किया गया था। जिला स्तर पर स्टोरकीपर, क्रय लिपिक, लेखापाल को भी निलंबित किया गया था। लिपिक एवं लेखापाल की दो वेतनवृद्धि संचयी तथा स्टोरकीपर की दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई। सिविल सर्जन सीहोर को जाँच प्रतिवेदन अनुसार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिसका प्रतिवाद उत्तर उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया। जो परीक्षणाधीन है। तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। जो प्रचलन में हैं।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को ट्रैक्टर एवं संयंत्र का प्रदाय
[सहकारिता]
148. ( क्र. 3890 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भिण्ड से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को शासन की किस योजना के अंतर्गत ट्रैक्टर एवं उनके संयंत्र दिए गये थे? योजना का नाम, उसके नियम/निर्देश क्या थे? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में यदि हाँ, तो वह किन-किन समितियों को दिये गये, ट्रैक्टरों से कितना-कितना कार्य किया गया? क्या समितियों द्वारा ट्रैक्टरों का बीमा कराया गया था? यदि बीमा नहीं कराया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में कौन-कौन अधिकारी द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई? नामवार विवरण दें। प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में प्रदाय किये गये ट्रैक्टरों एवं संयंत्रों का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया था? वर्तमान में ट्रैक्टर चालू हालत में है या मरम्मत में है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत ट्रैक्टर एवं उनके संयंत्र दिए गए थे, नियम/निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, सहकारी संस्थाओं को प्रदत्त 14 ट्रैक्टरों में से 02 ट्रैक्टरों का बीमा कराया गया है, शेष संस्था प्रबंधकों को बीमा नहीं कराये जाने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं। (ग) संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी द्वारा सहकारी संस्थाओं का चयन कर सीधे ट्रैक्टर संस्थाओं को प्रदाय किये गये हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, प्रदाय किये गये ट्रैक्टरों एवं संयंत्रों का भौतिक सत्यापन सहायक कृषि यंत्री, ग्वालियर तथा यांत्रिक सहायक, ग्वालियर द्वारा किये गये थे पुन: सत्यापन श्री जे.एस. राणा वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक भिण्ड द्वारा किया गया है। वर्तमान में चलित एवं मरम्मत योग्य ट्रैक्टरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
राजस्व हानि की जानकारी
[वित्त]
149. ( क्र. 3895 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 मई अक्टूबर के दौरान म.प्र. राज्य सरकार की ओर से उद्योग विभाग से संबंधित कौन-कौन से फैसले लिये गये, जिससे राज्य को राजस्व की हानि हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार लिये गये फैसलों से कितनी हानि हुई?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) मध्यप्रदेश में माह मई-अक्टूबर, 2018 के दौरान राज्य सरकार द्वारा उद्योग विभाग के अंतर्गत उद्योग संवर्धन नीति 2014 के प्रावधान अनुसार निवेश संवर्धन पर गठित मंत्रि-परिषद् समिति द्वारा स्वीकृत अतिरिक्त निवेश सहायता की प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखित फैसलों से राज्य में मेगा स्तर की औद्योगिक इकाइयों को अतिरिक्त निवेश सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। इस अतिरिक्त प्रोत्साहन के राजस्व प्रभाव का समग्र आंकलन परियोजना स्थापना एवं स्वीकृत की गई सुविधा का उपभोग करने के पश्चात् ही किया जा सकता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
हवाई यात्राओं पर किया गया व्यय
[विमानन]
150. ( क्र. 3901 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा 01 जनवरी, 2014 से 01 नवंबर, 2018 तक प्रदेश के भीतर और प्रदेश से बाहर कितनी और कहाँ-कहाँ की हवाई यात्राएं की गई और उन यात्राओं पर वर्षवार कुल कितना खर्च हुआ? शासकीय/निजी विमान/हेलीकाप्टर से की गई यात्राओं का व्यय अलग-अलग बताएं। (ख) उपरोक्त अवधि में शासकीय हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर के रख-रखाव पर वर्षवार हुआ व्यय भी बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अभियोजन स्वीकृति लंबित रखने की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
151. ( क्र. 3905 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के किस आदेश/निर्देश के तहत् अधिकतम कितनी अवधि तक विभागाध्यक्ष एवं प्रशासकीय विभाग लोकसेवक के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति लंबित रख सकता है? (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा चाही गई किंतु विभागों एवं विभागाध्यक्षों के पास लंबित अभियोजन स्वीकृतियों की सूची जून 2019 की स्थिति में उपलब्ध करावें। (ग) लोकायुक्त संगठन-विशेष पुलिस स्थापना द्वारा चाही गई किन्तु विभागों एवं विभागाध्यक्षों के पास लंबित अभियोजन स्वीकृतियों की सूची जून 2019 की स्थिति में उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नानुसार बतावें कि कौन सी लंबित अभियोजन स्वीकृतियां किस कारण से किस अवधि से लंबित हैं? सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश अनुसार प्रकरण लंबित रखने की अधिकतम अवधि व्यतीत होने के बाद जाँच एजेन्सियां कब तक चालान पेश कर देंगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘स’ में दर्शाये अनुसार संबंधित प्रशासकीय विभाग/विभागाध्यक्षों कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से लंबित है। संबंधित प्रशासकीय विभागों/विभागाध्यक्षों से प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होने पर माननीय न्यायालय में चालान पेश किया जा सकेगा।
दीर्घावधि से लंबित चालानों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
152. ( क्र. 3907 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश/निर्देश के पालन में प्रशासकीय विभाग/विभागाध्यक्ष सिर्फ सीमित अवधि तक लोक सेवकों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृतियां लंबित रख सकते हैं? संबंधित आदेश/निर्देश उपलब्ध करावें। (ख) क्या ई.ओ.डब्ल्यू. भोपाल की एफ.आई.आर. 61/2012 में अधूरा चालान दिनांक 06 नवम्बर, 2017 को पेश किया गया है? उन्नीस महिने बाद तक पूरा चालान पेश नहीं कर पाने के कारण बतावें? (ग) प्रकरण के विवेचना अधिकारी द्वारा आरोपी/उत्तरदायी प्रतिवेदित किये गये। किन-किन लोक सेवकों ने किस-किस दिनांक को आपत्ति दर्ज कर उनका नाम आरोपी के रूप से हटाने का आवेदन दिया है? आपत्ति आवेदनों पर विधि अधिकारी के मत की प्रति और लिये गये निर्णयों की जानकारी दें। (घ) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल में पंजीबद्ध शिकायत 141/2019 की वर्तमान स्थिति बतावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) अपराध क्रमांक 61/12 में दिनांक 06.11.2017 को 07 आरोपियों के विरूद्ध धारा 173 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत् चालान पेश किया गया है। शेष आरोपीगणों के विरूद्ध धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत् विवेचना की जा रही है। (ग) प्रकरण की विवेचना की जा रही है। अत: गोपनीयता की दृष्टि से जानकारी दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। (घ) सत्यापनाधीन है।
आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र अंतर्गत प्रदेश का बजट
[वित्त]
153. ( क्र. 3908 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2018-19 तक सामान्य अनुसूचित जाति उपयोजना एवं आदिवासी उपयोजना मदों में विभागवार-वर्षवार बजट अनुमान, पुनरीक्षित बजट अनुमान एवं वास्तविक अंतिम व्यय की विभागवार एवं वर्षवार जानकारी एम.पी. एफ.एम.आई.एस. के आधार पर दें। (ख) विषयानुसार प्रश्नाधीन अवधि के किन वर्षों में आदिवासी उपयोजना एवं अनुसूचित जाति उपयोग में बजट अनुमान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति जनसंख्या के अनुपात किन कारणों से नहीं किया गया? इस वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में बजट प्रावधान करने की अनिवार्यता के नियम-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) आदिवासी उपयोजना एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के बजट का उपयोग उसी वर्ग के लिये करने के संबंध में वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? इस संबंध में निर्देश कब तक जारी होंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2012-13 से 2017-18 में व्यय की जानकारी विधानसभा में प्रस्तुत संबंधित वर्ष की बजट पुस्तिकाओं में उपलब्ध है। वर्ष 2018-19 के लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अन्तर्गत संचालित योजनाओं में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में यथासंभव बजट प्रावधान किया जाता है। इस वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में बजट प्रावधान करने की अनिवार्यता के शासन के किसी नियम प्रचलन में नहीं है। (ग) इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा कोई निर्देश प्रचलन में नहीं हैं। उतरांश (ख) के अनुसार।
पेंशन प्रयोजन जोड़े जाने के नियम/प्रावधान
[वित्त]
154. ( क्र. 3909 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी अन्य राज्य शासन की सेवा से विधिवत अनापत्ति व कार्यमुक्त होकर मध्यप्रदेश शासन की सेवा में कार्यरत व सेवानिवृत्त होने पर अन्य राज्य की शासकीय सेवा पेंशन प्रयोजनार्थ जोड़े जाने के नियम/प्रावधान क्या है? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त संचालक की राजस्थान राज्य की शासकीय सेवा पेंशन प्रयोजनार्थ जोड़ने की स्वीकृति/सहमति हेतु भेजे गये (स्कूल शिक्षा विभाग से) प्रकरण में क्या कार्यवाही हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाए प्रकरण में वर्ष मार्च, 1998 में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राजस्थान राज्य की सेवाएं पेंशन प्रयोजनार्थ जोड़े जाने की स्वीकृति संबंधी जारी शासनादेश दिनांक 25/03/1998 व राजस्थान राज्य द्वारा वित्तीय भार वहन करने की सहमति संबंधी पत्र प्रस्तुत होने से सेवानिवृत्ति के वर्ष व्यतीत होने पर भी स्वीकृति/सहमति नहीं जारी करने का क्या कारण हैं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विशिष्ट रूप से कोई नियम/प्रावधान नहीं है। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्ति संचालक को राजस्थान राज्य की शासकीय सेवा पेंशन प्रयोजन हेतु जोड़ने के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग से प्राप्त प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा दिनांक 26.4.2019 को अभिमत प्रेषित कर यह जानकारी चाही गयी है कि राजस्थान सरकार की सेवावधि के लिए देय पेंशन अंशदान एवं उस पर देय ब्याज के भुगतान के लिए राजस्थान सरकार की सहमति की स्थिति से अवगत कराया जाए। (ग) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 14.06.2019 को निदेशक (कार्मिक) प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा बीकानेर (राजस्थान) को पत्र भेजा गया है। सहमति अपेक्षित है।
स्थानांतरण को निरस्त करने बाबत्
[सामान्य प्रशासन]
155. ( क्र. 3912 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा 11 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रशासकीय हित में एवं स्वयं के व्यय पर किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारियों के स्थानांतरण किये हैं? (ख) शासन की वर्तमान की स्थानांतरण नीति क्या है? छायाप्रतियों सहित बतायें एवं यह भी बतायें कि नीति के विरूद्ध किये गये स्थानांतरण आदेशों को शासन कब तक निरस्त करेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) स्थानांतरण नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जी.एस.टी. प्रणाली हेतु समिति का गठन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
156. ( क्र. 4042 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्दु क्र. 42 में जी.एस.टी. प्रणाली लागू होने के पूर्व से संचालित इकाइयां जिन्हें वैट तथा सी.एस.टी. प्रतिपूर्ति के रूप में सहायता प्राप्त हो रही थी, उनको सहायता किस मापदण्ड से प्रदाय की जाए, इस विषय में गठित समिति की अनुशंसा प्राप्त हो गई है? इन अनुशंसाओं पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा, का उल्लेख है। (ख) यदि हाँ, तो गठित समिति से कौन-कौन लोग शामिल हैं? समिति द्वारा क्या अनुशंसायें की हैं एवं समिति की अनुशंसाओं पर क्या निर्णय लिया है? उससे भी प्रति सहित अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) हाँ। जी.एस.टी. व्यवस्था लागू होने पर निवेश परियोजनाओं को उद्योग नीति अंतर्गत स्वीकृत/प्रावधानित सुविधाओं का लाभ निरंतर दिये जाने के संबंध में सुझाव देने हेतु गठित त्रैसदस्यीय समिति द्वारा की गई अनुशंसा के अनुरूप निवेश परियोजनाओं को लाभ दिये जाने संबंधी आदेश दिनांक 22 जून, 2018 को जारी किये गये हैं। (ख) राज्य शासन द्वारा गठित समिति के सदस्य निम्नानुसार है :- अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग-अध्यक्ष प्रमुख सचिव, वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग-सदस्य प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग-सदस्य समिति द्वारा की गई अनुशंसा के अनुरूप निवेश परियोजनाओं को उद्योग नीति अंतर्गत स्वीकृत/प्रावधानित सुविधाओं का लाभ दिये जाने का स्वरूप निर्धारित किया गया है। अनुशंसा के आधार पर लिये गये निर्णय के शासन आदेश दिनांक 22 जून, 2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अवकाश नगदीकरण संबंधी जानकारी
[वित्त]
157. ( क्र. 4221 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार के अनुसार वित्त विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 651/2018/नियम/चार, दिनांक 08.3.2019 द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण की सुविधा 240 दिन के स्थान पर 300 दिन की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिस प्रकार भारत सरकार द्वारा अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 300 दिन की समय-सीमा में अर्जित अवकाश, अर्द्धवेतन अवकाश, अन्य अवकाश का समायोजन कर 300 दिन का भुगतान किया जाता है, क्या इसी प्रकार शासन भी प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भुगतान करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) क्या राज्य सरकार वित्तीय विभाग का बहाना बनाकर अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस सुविधा से वंचित रखना चाहती है? यदि नहीं, तो क्या शासन तत्काल अपने जारी आदेशों में संशोधन करते हुए केन्द्र के समान सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ देने की मंशा से संशोधित आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों को 300 दिन के अवकाश नगदीकरण के आदेश दिनांक 08.03.2019 को जारी किए जा चुके हैं। अर्द्धवेतन एवं अन्य अवकाश का समायोजन किए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, राज्य सरकार के नियम भारत सरकार के नियम के समान होने की अनिवार्यता नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार।