मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र


मंगलवार, दिनांक 23 जुलाई, 2019


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



जिला सह. बैंक मंदसौर में वेयरहाउस ऋण वितरण की जाँच

[सहकारिता]

1. ( *क्र. 3138 ) श्री राम दांगोरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला सहकारी बैंक मंदसौर में अनूप कुमार जैन एम.डी. की पदस्‍थापना के समय वेयरहाउस ऋण वितरण में 15 करोड़ रूपये की अनियमितता हुई थी जिसमें अनूप कुमार जैन एवं बैंक के 40-50 कर्मचारियों को सहकारिता विभाग एवं नाबार्ड द्वारा जाँच में दोषी पाया गया था? जाँच के आधार पर क्‍या मंदसौर एवं नीमच में अनूप कुमार जैन एम.डी. एवं बैंक के कर्मचारियों को सजा हुई? यदि हाँ, तो अनूप कुमार जैन पर आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?                     (ख) यदि कार्यवाही चल रही है तो कितने समय में श्री जैन पर कार्यवाही हो जाएगी? बैंक की अनियमितता की आज दिनांक पर कितनी राशि शेष है? (ग) क्‍या वर्तमान में इसी प्रकरण में          श्री जैन को निलंबित भी किया गया था, किंतु उन पर एफ.आई.आर. की कार्यवाही नहीं की गई है और जैन को बहाल कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर श्री अनूप कुमार जैन की पदस्थापना के समय वेयरहाउस के ऋण वितरण की अनियमितता के संबंध में जाँच विभाग एवं नाबार्ड द्वारा की गई थी, जिसमें श्री अनूप कुमार जैन तथा बैंक की शाखा जीरण, सावन एवं नीमच के तत्कालीन शाखा प्रबंधक दोषी पाये गये थे। बैंक की शाखा जीरण, सावन एवं नीमच के तत्कालीन शाखा प्रबंधकों, वेयरहाउस के मालिकों एवं ऋणियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये थे जिसमें चालान प्रस्तुत हो चुका है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, अभी तक किसी को भी सजा नहीं हुई है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री अनूप कुमार जैन की विभागीय जाँच म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा संस्थित की गई। विभागीय जाँच पूर्ण होकर अंतिम दण्डादेश जारी करने के पूर्व व्यक्तिगत सुनवाई हेतु अपेक्स बैंक द्वारा दिनांक 05.07.2019 को पत्र जारी किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वेयरहाउस की रसीदों के तारण पर ऋण वितरण में अनियमितता में ब्याज सहित राशि              रू. 1719.72 लाख बकाया है। (ग) श्री अनूप कुमार जैन के विरूद्ध जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित खंडवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थी अवधि में अनियमितता प्रकाश में आने पर अपेक्स बैंक के आदेश दिनांक 29.10.2018 से निलंबित किया गया था, निलंबन आदेश में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर में तारण ऋण में अनियमितता का भी उल्लेख किया गया था। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर के तारण ऋण के संबंध में श्री जैन के विरूद्ध उत्तरांश () अनुसार पूर्व से विभागीय जाँच संस्थित की जा चुकी थी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मंदसौर में वेयरहाउस की रसीद के तारण पर ऋण वितरण में अनियमितता के संबंध में जनवरी, 2015 में 04 एफ.आई.आर. संबंधित शाखा प्रबंधक, वेयरहाउस मालिक एवं ऋणग्रहिताओं के विरूद्ध उत्तरांश (क) अनुसार दर्ज की गई थी। श्री अनूप कुमार जैन को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खंडवा के संबंध में दिनांक 02.04.2019 को विभागीय जाँच संस्थित कर निलंबन से बहाल किया गया। श्री अनूप कुमार जैन का नाम अपराधिक प्रकरण में जोड़ने की कार्यवाही करने हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मंदसौर को निर्देश दिये गये हैं।

विधायक निधि से स्‍वीकृत कार्यों का भुगतान

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

2. ( *क्र. 694 ) श्री सुदेश राय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधायक अपनी निधि से जो कार्य स्‍वीकृत करते हैं, उसमें यदि एजेंसी लघु उद्योग निगम को बनाया जाता है तो कार्य का भुगतान मात्र एक सप्‍ताह में हो जाता है और इसके अतिरिक्‍त एजेंसी किसी अन्‍य को बनाया जाता है तो कार्य होने के उपरांत भी भुगतान कई महीनों तक लंबित होने से निर्माण एजेंसी को काफी परेशानी होती है, कभी-कभी तो राशि लेप्‍स भी हो जाती है? यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण हैं? (ख) क्‍या विधायक निधि से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका को एजेंसी बनाये जाने से इनका भुगतान जिले से सीधे इन एजेंसी के खाते में जाता है, यदि इसके अतिरिक्‍त एजेंसी लो.नि.वि. अथवा लो.स्वा.यां.वि. अथवा किसी अन्‍य को बनाया जाता है तो उसकी राशि जिले से उसके खाते में सीधे न आते हुये उसके विभाग प्रमुख के माध्‍यम से आती है इस प्रक्रिया में समय बहुत लगने से भुगतान में काफी विलंब होता है, कभी-कभी तो राशि लेप्‍स भी हो जाती है, यदि हाँ, तो इसका क्‍या कारण है?

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की राशि सभी एजेन्सियों को जारी करने की कार्यवाही अविलम्ब कर दी जाती है। अतः लघु उद्योग निगम को जल्दी भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यान्वयन एजेन्सी द्वारा समय पर राशि का उपयोग नहीं करने से राशि लेप्स होती है। (ख) राशि वित्त विभाग की व्यवस्था के अनुसार क्रियान्वयन एजेन्सी को अंतरित की जाती है। बजट नियंत्रण अधिकारी से बजट नियंत्रण अधिकारी को राशि अंतरित करने के प्रकरणों में विलम्ब नहीं होता है। सामान्यतः राशि लेप्स होने की स्थिति क्रियान्वयन विभाग के स्तर पर ही निर्मित होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

 

शास. पॉलीटेक्निक, होशंगाबाद में नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाना

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

3. ( *क्र. 2614 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्‍या होशंगाबाद जिले के शासकीय पॉलीटेक्निक, होशंगाबाद में पाँच तकनीकी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति शासन द्वारा नवम्‍बर 2016 में दी जा चुकी है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पाठ्यक्रमों की? (ख) क्‍या शासकीय पॉलीटेक्निक, होशंगाबाद में उक्‍त पाठ्यक्रम प्रारंभ हो चुके हैं? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या नवम्‍बर 2016 में शासन की अनुमति के बाद भी नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन से प्रमाण-पत्र प्राप्‍त न करने के कारण उक्‍त पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं हो पा रहे हैं?                   (घ) यदि हाँ, तो उक्‍त प्रमाण-पत्र हेतु निर्धारित शर्तों को पूरा करने में शासन की असमर्थता के क्‍या कारण हैं? (ड.) शासन कब तक नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन से प्रमाण-पत्र प्राप्‍त कर नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) नवम्‍बर 2016 में 04 पाठ्यक्रम प्रारम्‍भ करने की अनुमति प्रदान की गई है। 1. कम्‍प्‍यूटर साईंस एण्‍ड इंजीनियरिंग, 2. इलेक्‍ट्रीकल इंजीनियरिंग, 3. मैकेनिकल इंजीनियरिंग एवं 4. आर्किटेक्‍चर एण्‍ड इंटीरियर डेकोरेशन। (ख) जी नहीं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्‍ली से पाठ्यक्रमों को संचालित करने की स्‍वीकृति प्राप्‍त न होने के कारण पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं किये जा सके हैं। (ग) जी नहीं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्‍ली के मापदण्‍डों के अनुसार नहीं होने के कारण। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है।

''मध्यप्रदेश माध्यम'' का निर्धारित सेटअप

[जनसंपर्क]

4. ( *क्र. 2941 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसंपर्क विभाग और "मध्यप्रदेश माध्यम" का सेटअप निर्धारित है? यदि हाँ, तो सेटअप के अनुसार जनसंपर्क विभाग में अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक और सहायक संचालक तथा सहायक जनसंपर्क अधिकारी के कर्तव्‍य, कार्य और जिम्मेदारियां क्या-क्या हैं? यदि निर्धारित नहीं हैं तो क्या निर्धारित की जाएंगी? (ख) क्या "मध्यप्रदेश माध्यम" सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत गठित एक स्वतंत्र संस्था है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था जनसंपर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में किस प्रावधान के अंतर्गत कार्य कर रही है? (ग) "मध्यप्रदेश माध्यम" संस्था का गठन कब और किस उद्देश्य से हुआ था? पिछले पाँच सालों में कौन-कौन सी संस्थाएं किन-किन कार्यों के लिए इम्पेनल की गयीं?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। विभाग में पदस्‍थ अधिकारियों का मुख्‍य दायित्‍व सरकार की नीतियों, निर्णयों, योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की जानकारी प्रचार-प्रचार माध्‍यमों से लोगों तक पहुँचाना और जनमानस में शासन की उज्‍जवल छवि प्रस्‍तुत करना है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। संस्‍था के विधान एवं जनसम्‍पर्क विभाग के आदेशों के तहत मध्‍यप्रदेश माध्‍यम जनसम्‍पर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य कर रहा है। (ग) संस्‍था का गठन 01 अक्‍टूबर, 1983 को मध्‍यप्रदेश शासन एवं उसके उपक्रमों की जनकल्‍याणकारी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

विशेष कर्तव्‍यस्‍थ अधिकारी पद पर संवि‍लियन

[जनसंपर्क]

5. ( *क्र. 3272 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तत्‍कालीन प्रबंध संचालक ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता संस्‍थान से विशेष कर्तव्‍यस्‍थ अधिकारी पद पर प्रोफेसर की नियुक्ति की थी और बाद में संविलियन कर दिया था? (ख) यदि हाँ, तो कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई थी और किस पद पर पदस्‍थ किया गया था?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रबंध समिति की स्‍वीकृति के पश्‍चात प्रधान संपादक के पद पर पदस्‍थ किया गया है।

शासकीय कर्मचारि‍यों के लिए दोहरा कार्य भत्तों का प्रावधान

[वित्त]

6. ( *क्र. 1316 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च पद के दोहरा कार्य भत्ता देने के क्या नियम हैं? (ख) क्या दोहरा कार्य भत्ता एक वर्ष या पदपूर्ति जो भी पहले हो, तक दिया जा सकता है? (ग) क्या दोहरा कार्य भत्ता पाने की पात्रता उन प्रकरणों में नहीं होगी जहाँ उच्च पद निर्मित होने की तारीख से ही रिक्त हो? (घ) क्या खेल विभाग में प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के प्रावधान के विरुद्ध एक अधिकारी को नियम विरुद्ध प्रभारी संयुक्त संचालक का प्रभार देकर लगातार दोहरा कार्य भत्ता दिया जा रहा है? (ड.) क्‍या उक्त प्रकरण आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो विभाग इस प्रकरण में क्या  कार्यवाही कब तक करेगा?

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) दोहरा कार्यभत्‍ता हेतु जारी वित्‍त विभाग के परिपत्र दिनांक 18.12.2009 की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) म.प्र. वित्‍त विभाग के परिपत्र क्रमांक 4-7/2009/नियम/चार, दिनांक 18.12.2009 में किये गये प्रावधान अनुसार दोहरा कार्यभत्‍ता एक वर्ष या पद पूर्ति जो भी पहले हो तक दिया जा सकता है। संचालनालय के आदेश क्रमांक 7126, दिनांक 13.11.2017 द्वारा स्‍वीकृत दोहरा कार्यभत्‍ता की भुगतान की गई राशि रूपये 18,515/- एवं राशि रूपये 18,771/- कुल राशि रूपये 37,286/- क्रमश: दिनांक 06.07.2019 एवं 15.07.2019 को चालान द्वारा जमा करा दी गई है। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -''एक''

अशोक नगर स्थित ट्रामा सेन्‍टर का संचालन किया जाना

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

7. ( *क्र. 4016 ) श्री जजपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर के ट्रामा सेंटर भवन का लोकार्पण 3 वर्ष पूर्व हो चुका है लेकिन आज दिनांक तक कोई चिकित्‍सीय सुविधा उपलब्‍ध नहीं हो सकी है? इसका क्‍या कारण है? (ख) क्‍या ट्रामा सेंटर संचालित करने हेतु उपयुक्‍त संसाधन की व्‍यवस्‍था की जा चुकी है?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। अशोक नगर के ट्रामा सेंटर भवन का लोकार्पण दिनांक 29/11/2017 को किया गया है, ट्रामा सेन्टर उपलब्ध संसाधनों द्वारा संचालित किया जा रहा है। संचालनालय के आदेश क्रमांक/अ.प्रशा./सेल-3/2018/2018/306 दिनांक 23/02/2018 के द्वारा उपकरण तथा फर्नीचर क्रय करने हेतु आवश्यक बजट उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ट्रामा सेंटर हेतु मानव संसाधन हेतु पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।

खण्डवा जिले में उद्योगों की स्थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

8. ( *क्र. 1152 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले के ग्राम रुधी में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है? यदि हाँ, तो यहाँ पर नवीन उद्योगों की स्थापना के लिये क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं तथा वर्तमान में कितने उद्योग स्थापित हुए हैं? (ख) क्या जिले के इस औद्योगिक क्षेत्र की भूमि की दरें प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्र की भूमि की दरों की अपेक्षा अधिक होने के कारण इस क्षेत्र में उद्योगपतियों का रुझान कम है? (ग) क्या प्रश्नाधीन औद्योगिक क्षेत्र की भूमि आवंटन का अधिकार जिला उद्योग केन्द्र खण्डवा के स्थान पर ए.के.वी.एन. इंदौर है? यदि हाँ, तो क्‍या इसके कारण उद्योगपतियों को परेशानी हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) एवं (ग) के क्रम में रुधी औद्योगिक क्षेत्र की भूमि दर कम की जायेगी एवं उक्त भूमि के आवंटन की प्रक्रिया का सरलीकरण कर खण्डवा जिला उद्योग केन्द्र से किये जाने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या खण्डवा जिले में बिजली-पानी की प्रचुरता, रेल्वे परिवहन की सुविधा को देखते हुए म.प्र. सरकार प्रदेश में उद्योगों की स्थापना एवं बेरोजगारी दूर करने के लिये राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की समिट का आयोजन करेगी यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) खण्‍डवा जिले के ग्राम रूधी-भावसिंगपुरा में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है, जिसमें आधारभूत सुविधाएं जैसे डामरीकृत सड़कें, जल प्रदाय पाईप लाइन, पक्‍की नाली, विद्युत लाइन की सुविधाएं उपलब्‍ध हैं तथा वर्तमान में 03 उद्योग स्‍थापित हुए हैं। (ख) विभाग के अधीन निगम द्वारा इस औद्योगिक क्षेत्र हेतु तय की गई भू-खण्‍ड की दरें, निगम के क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा विकसित किये गये अन्‍य नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की तुलना में कम हैं एवं उपयुक्‍त है। (ग) भूमि आवंटन का कार्य विभाग अंतर्गत एम.पी.आई.डी.सी. के एकीकृत पोर्टल से ऑन लाइन पद्धति द्वारा किया जा रहा है, अत: इच्‍छुक निवेशक कहीं से भी भूमि हेतु आवंटन आवेदन कर सकते हैं। (घ) प्रदेश में विभाग के अधीन स्‍थापित समस्‍त औद्योगिक क्षेत्र की दरें उक्‍त क्षेत्र की कलेक्‍टर गाइड लाइन एवं संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में अधोसरंचना विकास पर किये गये व्‍यय (विकास शुल्‍क) के आधार पर निर्धारित होती है, जहां तक भू-आवंटन प्रक्रिया का प्रश्‍न है तो इस हेतु प्रचलित ऑन लाइन आवंटन प्रक्रिया पारदर्शी एवं सरल है। औद्योगिक क्षेत्र रूधी का विकास औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा किया गया है अत: इस क्षेत्र में भू-आवंटन की कार्यवाही विभाग अंतर्गत संचालित एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा ही की जावेगी। (ड.) प्रदेश में निवेश आकर्षि‍त करने हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर देश/प्रदेश में इन्‍वेस्‍टर समिट/रोड शो का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में संपूर्ण प्रदेश में (जिसमें खण्‍डवा भी सम्मिलित है) निवेश आकर्षित करने के लिये समुचित कार्यवाही की जाती है।

जिला उमरिया (मंठार) में सीमेंट प्‍लांट की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

9. ( *क्र. 3154 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) म.प्र. शासन की उद्योग नीति क्‍या है? (ख) क्‍या उमरिया जिले में स्थित संजय गांधी ताप विद्युत गृह मंठार से निकलने वाली राखड़ से क्षेत्र में सीमेंट फैक्‍ट्री निर्माण करने की कोई योजना शासन के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक सीमेंट फैक्‍ट्री निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वर्तमान में मध्‍यप्रदेश शासन की उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित-2018) लागू है। (ख) राज्‍य शासन द्वारा स्‍वयं उद्योग स्‍थापित नहीं किये जाते हैं, अपितु उद्योगों की स्‍थापना हेतु फेसिलिटेट किया जाता है। अद्यतन उमरिया जिले में सीमेंट फैक्‍ट्री निर्माण की किसी परियोजना का प्रस्‍ताव शासन को निवेशकों से प्राप्‍त नहीं हुआ है।

निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस में वृद्धि

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

10. ( *क्र. 3455 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों की 2014 से 2019 तक की वर्षवार फीस की जानकारी दें तथा वर्ष 2014 से 2019 में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई तथा प्रतिवर्ष वृद्धि का प्रतिशत भी कॉलेज अनुसार बतावें? कॉलेजों की फीस बढ़ाने के पूर्व किस-किस से स्‍वीकृति ली गई या अनुमोदन प्राप्‍त किया गया?                  (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कॉलेजों को फीस वृद्धि‍ के आवेदन के साथ क्‍या-क्‍या दस्‍तावेज पेश करना होते हैं, उसकी सूची प्रस्‍तुत करें तथा फीस वृद्धि का निर्णय लेने के पहले क्‍या तुलनात्‍मक चार्ट बनाया जाता है या अन्‍य किसी प्रक्रिया से उनके आवेदन पर विश्‍लेषण किया जाता है? जानकारी प्रस्‍तुत करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित दस्‍तावेजों का अध्‍ययन एवं विश्‍लेषण किसी कास्‍ट एकाउंटेट या कंपनी सेकेट्री या चाटर्ड एकांउटेंट द्वारा कराया जाता है? यदि नहीं तो विभाग का कौन अधिकारी किस तरह से, किस कमेटी की उपस्थिति में निर्णय लेता है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) तथा (ग) में उल्‍लेखित सभी दस्‍तावेजों की प्रति देवें तथा बतावें कि क्‍या फीस वृद्धि को उच्‍च न्‍यायालय में किसी वर्ष में चुनौती दी गई? यदि हाँ, तो उसके प्रकरण क्रमांक बतावें।

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक समिति द्वारा शुल्‍क का निर्धारण संस्‍था से प्राप्‍त विभिन्‍न दस्‍तावेजों का अध्‍ययन एवं ऑडिटेड आय-व्‍यय पत्रक समिति के सी.ए. द्वारा आंकलन के आधार पर किया जाता है। तुलनात्‍मक चार्ट नहीं बनाया जाता है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                (ग) दस्‍तावेजों का अध्‍ययन समिति के सी.ए. द्वारा कराया जाकर समिति स्‍वयं निर्णय लेती है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। जी हाँ, प्रकरण डब्‍ल्‍यू.पी. नं. 4526/2017, 5763/2017 एवं 5774/2017

अधिवक्ता निधि में वृद्धि

[विधि और विधायी कार्य]

11. ( *क्र. 2743 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार प्रदेश के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए पेंशन योजना लागू करने की दिशा में विचार कर रही है? यदि हाँ, तो इसका ब्यौरा दें (ख) क्या सरकार नव नामांकित अधिवक्ताओं को मिलने वाली अधिवक्ता निधि में वृद्धि का भी विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) अधिवक्ता कल्याण निधि में से अधिवक्ताओं के लिए प्रदान की जा रही चिकित्सा सहायता में क्या सरकार अपना योगदान भी देने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो सरकार द्वारा कितना योगदान वहन किया जावेगा अथवा कितने प्रतिशत अंशदान दिया जावेगा?

विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। मुख्‍यमंत्री अधिवक्‍ता कल्‍याण स्‍कीम, 2012 के तहत नव नामांकित अधिवक्‍ताओं को मिलने वाली राशि 12000/- रूपये के स्‍थान पर 25000/- किये जाने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है। (ग) जी नहीं। मुख्‍यमंत्री अधिवक्‍ता कल्‍याण स्‍कीम, 2012 के तहत गंभीर बीमारी से पीड़ित अधिवक्‍ताओं को एक लाख रूपये के स्‍थान पर पाँच लाख रूपये किये जाने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है।

वेतन निर्धारण के नियम

[वित्त]

12. ( *क्र. 3692 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वित्‍त विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम-2017 के संबंध में परिपत्र क्रमांक एफ 8-1/2016/नियम/चार/दिनांक 2.11.2017 द्वारा स्‍पष्‍टीकरण जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परिपत्र की कंडिका-5 का स्‍पष्‍ट आशय क्‍या है? यदि कोई शासकीय सेवक दिनांक 1.1.2016 को समयमान/पदोन्‍नति प्राप्‍त कर लेता है और उस दिनांक को ही विद्यमान छठवें वेतनमान में उसका वेतन निर्धारण हो चुका है तो ऐसे में अगर उसने दिनांक 1.7.2016 को विद्यमान वेतनमान में वेतनवृद्धि प्राप्‍त करने के पश्‍चात् सातवें वेतनमान का चयन करने का विकल्‍प दिया है तो दिनांक 1.7.2016 को उसका वेतन निर्धारण किस प्रकार होगा?

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) परिपत्र की कंडिका-5 के अनुसार दिनांक 01.01.2016 या उसके उपरांत पदोन्‍नति या समयमान प्राप्‍त होने पर तद्नुसार वेतन निर्धारण किया जाना है, सातवें वेतनमान में अर्थात दिनांक 01.01.2016 को वेतन निर्धारण किया जायेगा। तदुपरांत पदोन्‍नति/समयमान का वेतन निर्धारण होगा। दिनांक 01.01.2016 को सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण होने पर दिनांक 01.01.2016 को ही पदोन्‍नत पद पर कार्यभार ग्रहण करने या 01.01.2016 को ही समयमान प्राप्‍त होने की दशा में 01.07.2016 को वार्षिक वेतनवृद्धि की पात्रता होगी। 01.01.2016 के बाद एवं 30.06.2016 तक पदोन्‍नति पद पर कार्यभार ग्रहण करने अथवा समयमान प्राप्‍त होने की दशा में आगामी वेतनवृद्धि की पात्रता दिनांक 01.01.2017 को होगी।

बिल्‍डर के विरूद्ध कार्यवाही

[सहकारिता]

13. ( *क्र. 2354 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एस.आर.पी. डेव कांस संजय सिंह सोलंकी निवासी अरेरा कॉलोनी भोपाल द्वारा वर्ष 2014 में ग्राम भोजपुर तहसील गौहरगंज के खसरा क्रमांक 147/1 एवं 147/2 कुल रकबा 2.513 हेक्‍टेयर भूमि पर आवासीय कॉलोनी विकसित कर भूखण्‍ड बेचे जा रहे हैं जिसमें भूखण्‍ड की कुल राशि का अस्‍सी 80% जमा कर दिया, जिसमें विकास शुल्‍क जिसमें सीवेज लाइन, बिजली, सड़क निर्माण बाउण्‍ड्रीवॉल मेन गेट शामिल है? (ख) क्‍या उक्‍त बिल्‍डर द्वारा 2014 में पैसे लेने के बाद भी आज दिनांक तक उक्‍त भूखण्‍ड बंजर स्थिति में है, कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है, यदि हां, तो कब तक होगा? (ग) क्‍या संबंधित बिल्‍डर्स के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर कार्यवाही की जायेगी? यदि‍ हाँ तो कब तक? क्‍या क्रेताओं की राशि ब्‍याज सहित वापस कर दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) उक्‍त बिल्‍डर से कितने लोगों ने प्‍लाट लिये हैं? नाम एवं पता सहित प्रत्‍येक ने                कितनी-कितनी राशि जमा की है?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार ग्राम भोजपुर में एस.आर.पी.डैव कां. नाम से कोई भूमि राजस्‍व अभिलेख में अंकित नहीं है, ग्राम भोजपुर की भूमि खसरा क्रमांक 147/1,147/2 कुल रकबा 2.513 हेक्‍टेयर श्री साई नर्सरी द्वारा पार्टनर आशा पत्नि दिनेशचन्‍द्र सक्सेना, अमित आ.दिनेशचंद सक्सेना, रविन्‍द्र कुमार आ.हरबिहारी लाल सक्सेना, निवासी 1/56, शाहपुरा भोपाल के नाम भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व पर अंकित है। उक्‍त भूमि का आवासीय प्रयोजन हेतु व्‍यपवर्तन कराया गया है। शेष विवरण की स्थिति जाँच के उपरांत स्पष्ट हो सकेगी। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार उक्‍त भूमि बंजर स्थिति में है, विकास कार्य नहीं किया गया। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार अवैध कॉलोनाइजेशन पाये जाने पर कालोनाईजर अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जाँच के उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

आशा सहयोगी के चयन में अनियमितता

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

14. ( *क्र. 1310 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले में विगत सत्र में आशा सहयोगी के चयन में कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य समिति से अनुमोदन के बाद प्रस्ताव राज्य स्वास्थ्य समिति को जाना चाहिये था परंतु क्‍या झूठी शिकायत प्राप्त कर इसे अनुमोदन उपरांत इस चयन प्रक्रिया पर मुख्य चिकित्‍सा एवं स्वा‍स्थ्य अधिकारी ने द्वितीय श्रेणी अधिकारी से जाँच कराने के आदेश जारी कर संबंधित उम्मीदवारों को गोपनीय तरीके से पृथक-पृथक नियुक्ति पत्र जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या कलेक्टर के निर्णय पर जाँच बैठाकर अनुशासनहीनता व पद के दुरूपयोग के संबंध में उक्‍त संबंधित अधिकारी को कब तक दंडित किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। प्रावधान नहीं। आशा सहयोगी चयन मार्गदर्शिका पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ, आशा सहयोगी चयन प्रक्रिया के संबध में शिकायत प्राप्त होने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जाँच समिति गठित कर शिकायत की जाँच कराई गई जिसके द्वारा चयन प्रक्रिया संबंधी समस्त दस्तावेजों की जाँच उपरान्त विकासखण्डवार चयन सूची जारी की गई। जाँच समिति द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शा. जिला चिकित्‍सालय, उज्‍जैन में अस्थि रोग विभाग का पुन: संचालन

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

15. ( *क्र. 3657 ) श्री पारस चन्‍द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. जिला चिकित्‍सालय आगर रोड उज्‍जैन जो कि संभाग का सबसे बड़ा जिला चि‍कित्‍सालय है एवं सभी एक्‍सीडेंटल एवं इमरजेंसी पेशेन्‍ट ईलाज हेतु आते हैं, यहा वर्तमान में अस्थि रोग विभाग संचालित है या नहीं? (ख) कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्‍य अस्‍पताल अधीक्षक जिला उज्‍जैन के आ.क्र./भवन/2018/2725, उज्‍जैन दि. 21.2.2018 द्वारा शा. माधवनगर चिकित्‍सालय उज्‍जैन में संचालित अस्थि रोग विभाग को फिर से जिला चिकित्‍सालय उज्‍जैन में पूर्ववत भवन में मय संबंधित स्‍टाफ व उपकरणों के साथ स्‍थानांतरित कर क्रियाशील करने हेतु आदेश के बाद भी अस्थि रोग विभाग अभी तक स्‍थानांतरित नहीं हुआ है, क्‍या कारण है?                         (ग) उपरोक्‍त आदेश के क्रम में कब तक शा. जिला चिकित्‍सालय उज्‍जैन में अस्थि रोग विभाग स्‍थानांतरित करने की कार्यवाही की जायेगी जिससे कि एक्‍सीडेंटल एवं हड्डीरोग मरीजों को सुविधा मिल सके?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शा. जिला चिकित्‍सालय, उज्‍जैन में अस्थि रोग विभाग की ओ.पी.डी. संचालित है। अस्थि रोग विभाग की आई.पी.डी. एवं ऑपरेशन की सुविधा ट्रामा सेंटर, माधव नगर चिकित्‍सालय में प्रदाय की जा रही है। (ख) अस्थि रोग विभाग को पुन: जिला चिकित्‍सालय में स्‍थानांतरित करने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है।                             (ग) समय-सीमा बताना संभव नहीं है वर्तमान में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. की एफ.आई.आर. क्रमांक 61/2012 पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

16. ( *क्र. 3778 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई.ओ.डब्ल्‍यू्. भोपाल की एफ.आई.आर. क्रमांक 61/2012 के संबंध में जिस अपर संचालक ने अपने पत्र दिनांक 02 फरवरी, 2019 द्वारा खुद का नाम आरोपी के रूप से हटाने हेतु पत्र लिखा है, उस अपर संचालक का नाम, पदनाम, पदस्थापना बतावें। (ख) प्रकरण के विवेचना अधिकारी द्वारा अपर संचालक को आरोपी बनाने हेतु दिये प्रतिवेदन पर ई.ओ.डब्ल्‍यू. के विधि अधिकारी द्वारा दिये गये अभिमत का विवरण देवें। (ग) संदेही अपर संचालक के पत्र दिनांक 02 फरवरी, 2019 में किस जाँचकर्ता अधिकारी पर क्या आरोप लगाया गया है पत्र पर लिये गये निर्णय का विवरण देवें। (घ) किन आरोपियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति अप्राप्त है? संबंधित विभागों को लिखे गये स्‍मरण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) प्रकरण विवेचनाधीन है। गोपनीयता की दृष्टि से जानकारी दिया जाना विधिसम्‍मत नहीं है। (घ) 1. श्री अनिल पोलघंटरवार 2. श्री भाउराव भलावी 3 श्री भवानी भीख 4. श्रीमती अनिता बाथम रायकवार 5. श्री श्‍याम बिहारी गुप्‍ता                  6. श्री नन्‍दकिशोर 7. श्री ए. सुरेश 8. श्री राजश्री पिल्‍लई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र स्लीमनाबाद का उन्नयन

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

17. ( *क्र. 3610 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन द्वारा संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्लीमनाबाद नेशनल हाईवे 07 के किनारे जबलपुर कटनी मार्ग के मध्य में संचालित है जहाँ अक्सर हाईवे सड़क दुर्घटना होने पर घायलों को लाया जाता है? (ख) प्राथमिक स्वास्थ्‍य केंद्र स्लीमनाबाद में किस-किस वर्ग के कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पद अनुरूप कौन-कौन कब से पदस्थ है तथा कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? उन रिक्त पदों को किस प्रकार से कब तक भरा जावेगा? (ग) क्या शासन स्लीमनाबाद में जिसे अभी हाल ही में    आस-पास के 81 ग्रामों को सम्मिलित कर पूर्णकालिक तहसील का दर्जा दिया गया है, में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं ?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण कर मापदण्डानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -''दो''

दिल्‍ली-मुंबई इंडस्‍ट्रीयल कॉरिडोर योजना का क्रियान्‍वयन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

18. ( *क्र. 2547 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या शासन/विभाग केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजना के माध्‍यम से नवीन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन हेतु निरंतर कार्य कर रहा है तथा केन्‍द्र द्वारा घोषित दिल्‍ली, मुंबई इण्‍डस्‍ट्रीयल कॉरिडोर योजना पर भी कार्य योजना बना रहा है? (ख) यदि हाँ, तो दिल्‍ली, मुंबई इंडस्‍ट्रीयल कॉरिडोर योजना क्रियान्‍वयन हेतु अब तक क्‍या-क्‍या किया जा चुका है साथ ही जावरा शुगर मिल परिसर में गारमेंट पार्क के साथ ही एग्रीकल्‍चर बेस्‍ड उद्योग धंधे भी निवेश हेतु आमंत्रित किये जाएंगे।              (ग) रतलाम, मंदसौर, नीमच जिला अंतर्गत औद्योगिक निवेश हेतु वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जिलेवार, वर्षवार औद्योगिक निवेश हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्‍त हुए, कितने स्‍वीकृत हुए, कितने प्रारंभ हुए, कितने अप्रारंभ हैं? (घ) जावरा शुगर मिल परिसर में गारमेंट पार्क स्‍थापना के साथ ही क्षेत्र कृषि उत्‍पाद बाहुल्‍य क्षेत्र एवं उद्यानिकी का भी बड़ा क्षेत्र होने से एवं मिल परिसर के पास ही रेल्‍वे स्‍टेशन होने, रेल्वे स्‍टेशन से मिल के भीतर तक रेल्वे लाइन का भी होना औद्योगिक निवेश को आमंत्रित किये जाने हेतु एक मॉडल है तो क्‍या शुगर मिल परिसर क्षेत्र को इन्‍वेस्‍टर समिट में सम्मिलित किया जा सकता?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा दिल्‍ली मुम्‍बई इण्‍डस्‍ट्रीयल कॉरिडोर योजना अंतर्गत विकास योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। (ख) दिल्‍ली, मुम्‍बई इण्‍डस्‍ट्रीयल कॉरिडोर योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में विक्रम उद्योगपुरी योजना उज्‍जैन एवं पीथमपुर वॉटर सप्‍लाई योजना पीथमपुर जिला धार लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। विभाग द्वारा जावरा शुगर मिल परिसर में गारमेंट पार्क विकसित करने हेतु विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई गई है। उक्‍त रिपोर्ट अनुसार परियोजना की स्‍वीकृति का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) विभाग अंतर्गत निगम के क्षेत्रीय कार्यालय, इंदौर के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्र करमदी, जिला रतलाम एवं जग्‍गाखेड़ी जिला मंदसौर में कुल 121 आवेदन प्राप्‍त हुए, 120 आवेदकों को आशय पत्र जारी किये गये 1 आवेदक द्वारा आवेदन वापस लिया गया। उक्‍त में से 83 आवेदकों को भूमि आवंटित की गई, 37 आवेदकों द्वारा आशयपत्र की शर्तों की पूर्ति नहीं किये जाने से आशयपत्र निरस्‍त किये गये। 83 आवंटित उद्योगों में से 13 उद्योग प्रारंभ हुए एवं 70 उद्योग समय-सीमा में होकर अप्रारंभ हैं। वर्षवार सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नगत प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। 

परिशिष्ट -''तीन''

टीकमगढ़ जिले में संचालित विपणन सहकारी संस्‍थाएं

[सहकारिता]

19. ( *क्र. 3884 ) श्री राकेश गिरि : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितनी विपणन सहकारी संस्‍थाएं हैं एवं वर्तमान में क्‍या कार्य कर रहीं हैं? (ख) टीकमगढ़ विपणन सहकारी समिति में कितने कर्मचारी हैं एवं कब से कार्यरत हैं? कर्मचारियों की नियुक्तियां किसके आदेश से की गईं? आदेश की प्रतिलिपियां उपलब्‍ध कराई जावें। (ग) टीकमगढ़ विपणन सहकारी समिति में वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक खरीफ एवं रबी में कितना उपार्जन लिया गया? कृषक संख्‍यावार जानकारी उपलब्‍ध करायें। क्‍या खरीफ वर्ष 2017-18 में उड़द खरीद के दौरान संस्‍था कर्मचारियों द्वारा की गई अनियमितताओं में कलेक्‍टर द्वारा जाँच कराई गई थी? क्‍या जाँच सही पाई गई? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?                       (घ) जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक टीकमगढ़ में तत्‍कालीन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी के.के. रैकवार द्वारा अपने कार्यकाल में स्‍टेशनरी मुद्रित कराये जाने के संबंध में कितने आदेश जारी किये गए एवं कितनी स्‍टेशनरी कहाँ से मुद्रित कराई गई? क्‍या विधिवत टेण्‍डर निकाले गए या नहीं? तरल खाद का भुगतान किसके आदेशानुसार किया गया?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) 04 विपणन सहकारी संस्‍थाएं पंजीकृत हैं, वर्तमान में किये जा रहे कार्य की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) 05 कर्मचारी कार्यरत हैंजानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार हैजी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                 (घ) स्‍टेशनरी मुद्रित कराये जाने के संबंध में जाँच कराई जा रही है, तरल खाद का भुगतान बैंक द्वारा नहीं किया गया।

गैर मंत्रालयीन शीघ्रलेखकों की पदोन्‍नति/वेतन विसंगति

[वित्त]

20. ( *क्र. 2774 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन के अधीन 30 से 35 वर्ष पूर्व पदस्‍थ शीघ्रलेखकों की सेवा में भर्ती की योग्‍यताएं समस्‍त विभागों/मंत्रालय में समान थीं? (ख) यदि हाँ, तो इनके वेतनमानों में विसंगतियां क्‍यों उत्‍पन्‍न हुईं? जबकि प्रारंभ में योग्‍यता, उत्‍तरदायित्‍व व वेतन समान था। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) की स्थिति सत्‍य होने पर क्‍या समानता के अधिकार की अवहेलना की जाकर कई विभागों में पदोन्‍नतियां प्राप्‍त हुई एवं काफी लम्‍बे समय से वेतन में विसंगतियां हुई? (घ) क्‍या शासन समानता के संवैधानिक अधिकार की रक्षा करते हुए समस्‍त शीघ्रलेखकों के भर्ती दिनांक के आधार पर उन्‍हें उसी दिनांक से वेतन/पदोन्‍नति देने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन की नीति से अवगत करायें।

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) संबंधित विभागों के सुसंगत भर्ती नियमों के अनुसार योग्‍यतायें निर्धारित रहती हैं। (ख) से (घ) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिला चिकित्सालय बड़वानी में नेत्र विभाग की ओ.टी. का संचालन

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

21. ( *क्र. 3653 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. कब से बंद है और क्यों? (ख) ओ.टी. बंद होने के पूर्व यहां कितने ऑपरेशन होते थे? वर्षवार विगत 05 वर्षों की जानकारी देवें l (ग) विभाग के द्वारा आज तक ओ.टी. प्रारंभ नहीं कर पाने के क्या कारण हैं तथा क्या विभाग के द्वारा इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?                (घ) विभाग के द्वारा ओ.टी. कब तक प्रारम्भ कर दी जावेगी?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्‍सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. वर्तमान में चालू है, दिसम्‍बर 2015 से अक्‍टूबर 2017 तक संक्रमण होने के कारण नेत्र विभाग की ओ.टी. बंद थी। (ख) जिला चिकित्‍सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. बंद होने के पूर्व विगत 5 वर्षों की ऑपरेशन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                          (ग) जिला चिकित्‍सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. वर्तमान में चालू है शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला चिकित्‍सालय बड़वानी के नेत्र विभाग की ओ.टी. चालू है ।

परिशिष्ट -''चार''

पनागर में महिला चिकित्सालय की स्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

22. ( *क्र. 62 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिलाओं के लिये स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की सुगमता हेतु महिला चिकित्सा‍लय की स्थापना की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो महिला चिकित्सालय प्रारंभ करने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (ग) क्या वर्तमान में जबलपुर में एकमात्र शासकीय एल्गिन महिला चिकित्सालय है जो पनागर से 20 कि.मी. दूर है? (घ) क्या पनागर मुख्यालय में महिला चिकित्सालय प्रारंभ करने से आस-पास स्थित सैकड़ों ग्रामों की महिलाओं को प्रसूति एवं अन्य सहायता उपलब्ध होगी? यदि हाँ, तो क्या यह प्रस्ताव बनाया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में पनागर मुख्‍यालय पर स्‍वीकृत संस्‍थाओं द्वारा ग्रामीण महिलाओं को चिकित्‍सा सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पेंशन प्रकरण एवं लंबित देयकों का भुगतान

[वित्त]

23. ( *क्र. 2061 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने तथा अन्‍य लंबित देयकों के भुगतान के संबंध में विभाग के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? उक्‍त निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में किन-किन के पेंशन प्रकरण तथा अन्‍य लंबित देयकों के भुगतान के प्रकरण किस कार्यालय में कब से क्‍यों लंबित हैं? इसके क्‍या-क्‍या कारण हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा?                 (घ) सेवानिवृत्ति के पूर्व प्रकरण तैयार करने के संबंध में विभाग के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं तथा उनका भोपाल संभाग के जिलों में अक्षरश: पालन क्‍यों नहीं हो रहा है?

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) सेवानिवृत्‍त/मृत कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने तथा अन्‍य लंबित देयकों के भुगतान के संबंध में म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम, 47,57,58,64 एवं 74 में प्रावधान है। इस क्रम में जारी निर्देश दिनांक 08.11.2017 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ख) भोपाल संभाग के जिलों में दिनांक 30.06.2019 की स्थिति में कुल 443 पेंशन प्रकरण विभिन्‍न कारणों से विभागों में लंबित हैं जिनका विभागवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। (ग) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "दो" में दर्शाई स्थिति के आधार पर निराकरण हो सकेगा। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार।

सिंगरौली में केन्‍द्रीय जिला सहकारी बैंक की स्‍थापना

[सहकारिता]

24. ( *क्र. 2356 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला सिंगरौली विगत 10 वर्षों से संचालित है, किन्‍तु केन्‍द्रीय जिला सहकारी बैंक सिंगरौली अभी तक पृथक नहीं बनाया गया है, जिससे किसानों को निजी कार्यों, सहकारिता से संबंधित कार्यों के लिए सीधी जाना पड़ता है, जबकि सिंगरौली जिले में कई शाखाएं हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इस वर्ष जिला केन्‍द्रीय बैंक सिंगरौली को खोलने की पूर्ति की जावेगी?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, सिंगरौली जिले का गठन विगत 10 वर्ष पूर्व हुआ है तथा सिंगरौली जिले में पृथक से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक स्थापित नहीं है, परन्तु सिंगरौली जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, सीधी की 09 शाखाएं संचालित होने से किसानों को सहकारिता से संबंधित किसी भी कार्य के लिये सीधी नहीं जाना पड़ता है। (ख) जी नहीं।

सामु.स्वा. केन्द्र बण्डा/शाहगढ़ में चिकित्‍सकों के रिक्‍त पदों की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

25. ( *क्र. 3796 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर अंतर्गत बण्डा विधानसभा के ब्लॉक बण्डा एवं शाहगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) उपरोक्त केन्द्रों में पदस्थ कितने डॉक्टर व अन्य स्‍टाफ अन्य कार्यालयों/विभाग में संलग्न हैं? नाम, पदनाम सहित सूची उपलब्ध कराई जावे। उन्हें कब तक मूल संस्था/केन्द्र में वापिस कर दिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण संस्थाओं में शत-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञों के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण, पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। विभाग में कार्यरत स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों की पदस्थापना विशेषज्ञ के रिक्त पदों अनुसार की जाकर, स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेषज्ञ सेवायें प्रदान किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं एन.एच.एम. के माध्यम से स्नातकोत्तर चिकित्सकों की पदस्थापना वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) डॉ. अशोक राजदान, चि.अ. शाहगढ़ की ड्यूटी सा.स्वा.के. शाहपुर लगाई गई थी, सी.एम.एच.ओ. के आदेश दिनांक 10.07.2019 के द्वारा पुनः मूल पदस्थापना स्थल पर कार्य ग्रहण करने हेतु आदेशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -''पाँच''

 

 






भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


जिला अस्‍पतालों में नि: शुल्‍क दवा प्रदाय

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

1. ( क्र. 279 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के जिला अस्‍पतालों में कितने प्रकार की दवाई नि:शुल्‍क दी जाती है? दवाई क्रय कहाँ से की जाती है, इस हेतु निविदा कब-कब निकाली गई? वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) क्‍या अन्‍य प्रदेश के ब्‍लैक लिस्‍ट ठेकेदारों से भी दवाई क्रय की जा रही है? (ग) परसवाड़ा विधानसभा में कितने केन्‍द्रों में एक्‍स-रे मशीन है कितनी चालू हैं, कितनी बंद हैं? (घ) बालाघाट जिले में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के किन किन कार्यों के लिये कितना-कितना बजट 2016 से अब तक प्राप्‍त हुआ है? तथा कितना व्‍यय किया गया?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला अस्पताल में 300 प्रकार की ई.डी.एल. एवं 200 प्रकार की नान ई.डी.एल. दवाईया निःशुल्क दी जाती है, औषधियों का क्रय म. प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन द्वारा की गई निविदा में निर्धारित दरों पर किया जाता है एवं 20 प्रतिशत औषधियां स्थानीय स्तर से क्रय किया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रअनुसार है (ख) जी नहीं। (ग) परसवाड़ा विधानसभा के अंतर्गत सामुदायिक स्वा. केन्द्र परसवाड़ा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लामटा में एक-एक एक्स-रे मशीन स्थापित है तथा चालू अवस्था में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रअनुसार है

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास केन्‍द्रों के कार्य

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

2. ( क्र. 465 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) बालाघाट जिले मे तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के कितने संस्‍थान कहाँ-कहाँ है तथा 2015 से अब तक क्‍या-क्‍या कार्य, कितना-कितना बजट व्‍यय किया गया। (ख) परसवाड़ा विकासखण्‍ड में आई.टी. कब तक स्‍वीकृत करेगे? (ग) बालाघाट जिले मे कितने कौशल विकास केन्‍द्र की अनुमति प्राइवेट संस्‍था को दी गई है? (घ) 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने युवाओं को रोजगार दिया गया ?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) बालाघाट जिले में आई.टी.आई. बालाघाट, बैहर, किरनापुर, बिरसा, पालडोंगरी तथा कौशल विकास केन्‍द्र परसवाड़ा स्थित है। 02 फार्मेसी महाविद्यालय एवं 02 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।    (ख) विकासखण्‍ड परसवाड़ा में नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ करने की योजना नहीं है। (ग) बालाघाट जिले में किसी भी प्राइवेट संस्‍था को कौशल विकास केन्‍द्र की अनुमति नहीं दी गई है। (घ) वर्ष 2015 से अब तक 5547 युवाओं को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया।

वर्तमान में प्रदेश सरकार की ‍वित्‍तीय ‍स्थिति

[वित्त]

3. ( क्र. 512 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की वर्तमान में ‍वित्‍तीय ‍स्थिति क्‍या है? सरकार वित्‍तीय स्थिति से निपटने हेतु क्‍या-क्या उपाय कर रही है? (ख) वर्ष 2003 से 2018 तक सरकार की वित्‍तीय स्थिति क्‍या रही है? (ग) वर्तमान सरकार द्वारा किन-किन स्‍थानों से कितना-कितना ऋण लिया गया है?

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रदेश की वित्तीय स्थिति का ब्यौरा बजट अनुमान 2019-20 में उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान वित्तीय स्थिति के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा कुशल वित्तीय प्रबंधन से वित्तीय स्थिति को सुधारने का सतत् प्रयास किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2003 से 2018 तक सरकार की वित्तीय स्थिति प्रतिवर्ष बजट साहित्य के साथ प्रकाशित होने वाले वित्त सचिव के स्मृति पत्र में दर्शाई गई है, जो पुस्तकालय में दृष्टव्य हैं। (ग) राज्य शासन द्वारा आर. बी. आई. के माध्यम से बाजार ऋण के अतिरिक्त अन्य वित्तीय संस्थाओं जैसे नाबार्ड, ए. डी. बी. आदि, इसके अतिरिक्त लोकलेखे से भी समय-समय पर नियमानुसार ऋण प्राप्त किया जाता है, जिसके अंतिम आंकड़े नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा प्रतिवर्ष जारी वित्त लेखे में उपलब्ध कराये जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में पूर्ण किये जाने शेष हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

जाति प्रमाण पत्र के संबंध में 

[सामान्य प्रशासन]

4. ( क्र. 660 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जाति प्रमाण पत्र बनाने के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में जाति प्रमाण बनाने के किन-किनके आवेदन पत्र किस स्‍तर पर कब से क्‍यों लंबित हैं? कब तक निराकरण होगा? (ख) 1 जनवरी 17 से जून 19 तक रायसेन जिले में धोबी, भिलाला, भील जातियों को किस वर्ग में मान्‍य कर उनके जाति प्रमाण पत्र बनाये गये है? (ग) 1 जनवरी 19 से जून 19 तक की अवधि में मान. मंत्री जी, आयुक्‍त भोपाल संभाग तथा कलेक्‍टर रायसेन को जाति प्रमाण पत्र के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए? (घ) उक्‍त पत्रों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? प्रश्‍नकर्ता विधायक को उक्‍त पत्रों के जबाब कब-कब दिये? यदि नहीं तो कारण बताये, कब तक जवाब देंगे?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। रायसेन जिले में दिनांक 15 जून 2019 की स्थिति में जाति प्रमाण पत्र संबंधी कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) रायसेन जिले में 01 जनवरी 17 से जून 2019 तक धोबी जाति को अनुसूचित जाति वर्ग में तथा भिलाला, भील जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र बनाये जाते है। (ग) केवल कलेक्‍टर रायसेन को दो पत्र दिनांक 28.03.2019 को प्राप्‍त हुए। (घ) प्राप्‍त पत्रों पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को पत्र में उल्‍लेखानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही करने तथा कार्यवाही उपरांत मान. विधायक महोदय को भी अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।

अयोध्‍या उपनगर में अस्‍पतालों की स्‍थापना 

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

5. ( क्र. 763 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के गोविन्‍दपुरा विधानसभा क्षेत्र में राज्‍य शासन द्वारा कितने-कितने अस्‍पताल संचालित किये जा रहे हैं? संचालित अस्‍पतालों का नाम, स्‍थान बिस्‍तरों की संख्‍या के साथ बताया जाए? (ख) क्‍या गोविन्‍दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अयोध्‍या उपनगर में शासकीय अस्‍पताल खोलने की मांग स्‍थानीय रहवासियों के द्वारा की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित स्‍थान पर अस्‍पताल की स्‍थापना के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 20.03.2019 को माननीय मुख्‍यमंत्री जी को लिखे पत्र पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित स्‍थान पर अस्‍पताल की स्‍थापना कब तक कर दी जायेगी?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भेल में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना हेतु भूमि का चयन किया गया है। राष्ट्रीय शहरी मिशन के द्वारा वर्ष 2019-20 की पी.आई.पी. में राशि रूपये 131.96 लाख स्वीकृत हुई है। भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्‍तरांश ‘‘‘‘ के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -''छ:''

सिविल अस्‍पताल सिहोरा में डॉक्‍टर क्‍वाटर बनाये जाना

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

6. ( क्र. 931 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिविल अस्‍पताल सिहोरा में डॉक्‍टर कालोनी बनाये जाने के संबंध में दीर्घ समय से मांग की जा रही है? डॉक्‍टर कालोनी बनाये जाने हेतु उपलब्‍ध स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की भूमि का खसरा एवं रकबा उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत जमीन में डॉक्‍टर कॉलोनी बनाये जाने की क्‍या कार्य योजना हैं? कितने क्‍वार्टर बनाया जाना प्रस्‍तावित हैं कब तक बना लिये जावेंगे?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला जबलपुर से कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) सिविल अस्पताल सिहोरा में 02 एफ 02 जी एवं 02 एच टाईप आवासगृहों के निर्माण कार्य हेतु निर्माण एजेन्सी मध्‍यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम को नियुक्त किया है, भूमि की उपलब्धता के आधार पर आवासगृह निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा, संख्‍या एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जननी एक्सप्रेस योजना में अनियमितता की जाँच

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

7. ( क्र. 1195 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2017-18 से दिनांक 15.06.2019 तक जननी एक्सप्रेस योजनांतर्गत कौन-कौन से वाहन, किस-किस दिनांक से कितने-कितने किराये पर कार्यरत है वाहन मालिक का नाम, वाहन का मॉडल, वाहन का पंजीयन क्र. सहित विकास खण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या उपरोक्तानुसार जननी एक्सप्रेस योजनांतर्गत वाहन विभागीय कर्मचारी/अधिकारियों के परिवार/रिश्‍तेदारों के ही किराये पर लिए गए हैं? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित जननी वाहनों की अधिकतर माईलोमीटर चैन बन्द करके वाहन मालिक को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से कार्य किया जा रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (क) अवधि में जिले की जननी वाहन का किन-किन अधिकारियों के, द्वारा किन-किन दिनांकों को सत्यापन किया गया है?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : जिला राजगढ़ अंतर्गत जननी एक्सप्रेस वाहनों का संचालन एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली अंतर्गत अनुबंधित संस्था जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड को प्रतिवाहन/प्रतिकिलोमीटर रूपये 17.78/- की दर से अनुबंध किया गया है। अनुबंधित संस्था द्वारा राजगढ़ जिले में अनुबंध कर लगाये गये जननी एक्सप्रेस वाहनों की प्रश्‍नानुसार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी, नहीं। (घ) प्रश्‍नांश (क) अवधि में जिला राजगढ़ में जननी एक्सप्रेस वाहन का सत्यापन सिविल सर्जन एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा जिला चिकित्‍सालय राजगढ़- 20.12.2017, खिलचीपुर-19.12.2017, जीरापुर-19.12.2017, सांरगपुर-20.12.2017, माचलपुर-19.12.2017 एवं प्रभारी चिकित्‍सा अधिकारी के द्वारा कुरावर-19.12.2017, ब्यावरा- 20.12.2017 को निरीक्षण किया गया है। जिला नोडल अधिकारी द्वारा दिनांक 15.02.2019 को निरीक्षण किया गया एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा अप्रैल एवं मई 2019 में लॉगबुक का सत्यापन किया गया।

परिशिष्ट -''सात''

अर्बन क्षेत्र में की गई नियुक्ति में अनियमितता

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

8. ( क्र. 1311 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्वालियर संभाग के स्वास्थ्य विभाग मे कोई भी शासकीय नियुक्ति, स्थाई एडहाक, संविदाकर्मी वाक-इन-इन्टरव्यू बगैर तथा प्रादेशिक समाचार पत्र मे विज्ञापित जारी किये बिना नियुक्ति की जा सकती है। (ख) यदि नहीं तो क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ग्वालियर द्वारा अर्बन स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियम विरूद्ध भ्रष्‍टाचार के चलते कितने चिकित्‍सकों की नियुक्ति की गई है प्रादेशिक समाचार मे दी गई विज्ञप्ति की प्रति एवं कार्यालय द्वारा विज्ञापित संबंधी की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि इस तरह का कार्य किया गया है तो संबधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किये जाने का क्‍या प्रावधान है तथा क्या कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक/एन.एच.एम/एच.आर./2018/12182 भोपाल दिनांक 22.12.2018 के द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में ग्वालियर संभाग के जिलों में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों/सिविल डिस्पेंसरी में चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किये जाने हेतु निर्देश दिये गये है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्रअनुसार। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में विधिवत आयुक्त, जनसंपर्क संचालनालय म.प्र. भोपाल को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/एन.एच.एम./2018/16388 ग्वालियर दिनांक 27.12.2018 को पंजीकृत डाक से विज्ञप्ति प्रकाशन हेतु भेजी गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार। जिसके फलस्वरूप समाचार पत्र पत्रिका दिनांक 07.01.2019 आचरण दिनांक 07.01.2019 एवं रोजगार एवं निर्माण दिनांक 07.01.2019 में विज्ञाप्ति प्रकाशित की गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार। विज्ञप्ति उपरांत प्रत्येक बुधवार को वॉक-इन के माध्यम से सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारियों के चयन हेतु समीति गठित की गई। समिति द्वारा वॉक इन के माध्यम से 18 चिकित्सकों का चयन किया गया। (ग) उत्‍तरांश ‘‘’’ एव ‘‘’’ परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मॉडल आई.टी.आई. के संबंध में

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

9. ( क्र. 1415 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा सागर नगर स्थित आई.टी.आई. को मॉडल आई.टी.आई. के रूप में उन्‍नयन हेतु कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन से कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है?     (ख) योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाना प्रस्‍तावित है? कौन-कौन से कार्य प्रारंभ कर लिये गये है? इस योजना की वर्तमान स्थिति‍ क्‍या है तथा कब तक कार्य पूर्ण कर लिये जाएंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा अनुमानित लागत राशि रूपये 406.60 करोड़ स्‍वीकृत की गई है। (ख) 10 आई.टी.आई. के उन्‍नयन की योजना है। जिसमें सिविल वर्क्‍स, उपकरण क्रय एवं प्रशिक्षण संचालन। प्रथमत: सिविल वर्क का कार्य प्रारंभ किया गया है। आई.टी.आई. सागर के भवन निर्माण के लिये राशि रूपये 20.76 करोड़ का कार्यादेश जारी किया गया है। निर्माण कार्य प्रारंभ है। परियोजना को पूर्ण करने की तिथि दिसंबर 2023 निर्धारित है।

आई.टी.पार्क के संबंध में

[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]

10. ( क्र. 1416 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न क्र. 3296 दिनांक 06.03.2017 के उत्‍तरांश में बताया गया था कि आई.टी.पार्क की स्‍थापना हेतु विभाग को ग्राम सिदगुवॉ में 4 हेक्‍टेयर भूमि प्रदाय की गई है तथा प्रश्‍न क्र. 2724 दिनांक 14.03.2018 के उत्‍तरांश में बताया गया था कि, आई.टी.पार्क निर्माण हेतु विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर स्‍वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है? तो क्‍या शासन द्वारा उपरोक्‍तानुसार स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की स्‍वीकृति प्रदान की गई है और कौन-कौन से कार्य कराये जाना सम्मिलित है तथा कब तक पूर्ण करा लिये जायेगें?       (ख) यदि नहीं तो क्‍या शासन बुन्‍देलखण्‍ड क्षेत्र के संभागीय मुख्‍यालय सागर में शिक्षित युवा बेरोजगारों को आई.टी. पार्क का लाभ दिलाये जाने हेतु ठोस कदम उठाते हुये उक्‍त परियोजना पूर्ण करायेगा तथा कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सागर में आई.टी.पार्क निर्माण हेतु मध्‍यप्रदेश राज्‍य इलेक्‍ट्रानिक्‍स विकास निगम द्वारा तैयार किये गये विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन को शासन द्वारा स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रदेश की सूचना प्रौद्योगिकी नीति में प्रदेश के किसी विशेष क्षेत्र के लिए प्रावधान न रखते हुए संपूर्ण प्रदेश के शिक्षित युवाओं के लिये प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अधिकतम अवसर निर्मित करने हेतु प्रावधान रखा जाता है। शासन की ''मध्यप्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएँ एवं इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण निवेश संवर्धन नीति, 2016'' में आई.टी. पार्क का लाभ दिलाये जाने हेतु विभिन्‍न छूट/सुविधाओं का प्रावधान रखा गया है।

कर्मचारियों के संयोजन समाप्त करने के संबंध में

[सामान्य प्रशासन]

11. ( क्र. 1571 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला अंतर्गत कलेक्टर कार्यालय, कमिश्नर कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जिले की सभी जनपदों में एवं अन्य विभागों में कितने कर्मचारी किस-किस विभाग के संयोजित है? कर्मचारी का नाम, पद व विभाग एवं संयोजन कब से है कर्मचारी एवं पदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कर्मचारियों के संयोजन में शासन का प्रतिबंध होने के बाद भी संयोजन क्यों व किसके आदेश से किए गए? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कर्मचारियों के संयोजन से संबंधित विभाग का कार्य प्रभावित होता है तो कर्मचारियों का संयोजन कब तक समाप्त किया जावेगा।

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) कर्मचारियों का संयोजन प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से किया जाता है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।

सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं का समय पर ऑडिट नहीं करना

[सहकारिता]

12. ( क्र. 1597 ) श्री संजय शुक्ला : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभागांतर्गत विगत 05 वर्षों में कई सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा ऑडिट नहीं किये जाने कि शिकायते प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं द्वारा प्रश्न दिनांक तक ऑडिट नहीं कराया गया? क्या कारण है स्पष्ट करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा संस्थाओं से ऑडिट कराये जाने का दायित्व सहकारिता विभाग के अधिकारियों का भी है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो सम्बंधित संस्थाओं से इन अधिकारियों द्वारा ऑडिट क्यों नहीं कराया गया? कारण स्पष्ट करें? इन अधिकारियों की क्या भूमिका है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में ऑडिट समय पर कराने का दायित्व इन सहकारिता के अधिकारियों का भी है? यदि हाँ, तो क्या ऑडिट नहीं कराये जाने वाली संस्थाओं व संस्थाओं पर पदस्थ अधिकारियों पर शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) इंदौर संभागान्तर्गत विगत 05 वर्षों मे कई सहकारी साख संस्‍थाओं/गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं द्वारा ऑडिट नहीं किये जाने की शिकायतें संबंधित जिला कार्यालय को प्राप्‍त नहीं हुई है तथापि विगत 05 वर्षों मे ऑडिट नहीं कराने वाली साख संस्‍थाओं एवं गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं की कारण सहित जानकारी पुस्‍तकालय मे रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सहकारी संस्‍थाओं के अंकेक्षण के दायित्‍व से संबंधित अधिनियम की धारा-58 का प्रावधान पुस्‍तकालय मे रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है रिकार्ड उपलब्‍ध नहीं होने से अंकेक्षण नहीं किया जा सका। अंकेक्षण न हो सकने के कारणों एवं की गई कार्यवाही का संस्‍थावार विवरण पुस्‍तकालय मे रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अधिकारियों की भूमिका अंकेक्षक की नियुक्ति करने, रिकार्ड उपलब्‍ध होने पर अंकेक्षण करने एवं रिकार्ड उपलब्‍ध न होने पर संबंधित संस्‍था पर कार्रवाई करने की होती है। (ग) सहकारी संस्‍थाओं द्वारा संबंधित वित्‍तीय वर्षों का रिकार्ड उपलब्‍ध कराने के उपरान्‍त अंकेक्षण का दायित्‍व विभागीय अधिकारियों का होता है तथा रिकार्ड उपलब्‍ध नहीं कराने वाली संबंधित सहकारी संस्‍थाओं के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में विनिर्दिष्‍ट प्रावधानों के अंतर्गत सक्षम स्‍तर से कार्यवाही की जाना होती है। कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय मे रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति करना

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

13. ( क्र. 1615 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित है? सिविल अस्पताल एवं केन्द्रों में किस प्रकार की कौन-कौन सी सुविधाएं उपचार हेतु उपलब्ध है तथा वर्तमान समय में कौन-कौन सी सुविधाएं मरीजों को प्रदान की जा रही है? सिविल अस्पताल एवं केन्द्रवार जानकारी देवें?        (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिविल अस्पताल एवं केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन हेतु      कौन-कौन से पद स्वीकृत है एवं इन स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पद भरे हुए होकर शेष पद कब से रिक्त है? केन्द्रवार पदनाम सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति कब तक व किस प्रकार से की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। सिविल अस्‍पतालों में ओ.पी.डी., आई.पी.डी., ए.एन.सी. प्रसव, टीकाकरण, एन.आर.सी., एक्‍स-रे, पोस्‍टमार्टम, पैथालॉजी, ब्‍लड स्‍टोरेज यूनिट, आर.एन.टी.सी.पी., आर.व्‍ही.एस., कार्यक्रम के अंतर्गत उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है। सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र- में ओ.पी.डी., आई.पी.डी., ए.एन.सी. की जाँच, प्रसव, टीकाकरण, पोस्‍टमार्टम, एन.आर.सी., एक्‍स-रे, पोस्‍टमार्टम, आर.एन.टी.सी.पी., आर.बी.एस.के., (राष्‍ट्रीय बाल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम) के अंतर्गत उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है। उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर टीकाकरण, ए.एन.सी. जाँच, राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के अंतर्गत हितग्राहियों को आवश्‍यक सेवायें प्रदान की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) चिकित्‍सकों के रिक्‍त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्‍यम से प्रत्‍येक बुधवार वॉक इन इन्‍टरव्‍यू के माध्‍यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्‍सकों की पदस्‍थापना की कार्यवाही निरन्‍तर जारी है। चिकित्‍सकों के नियमित रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्‍टॉफ के पदों की पूर्ति मध्‍य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्‍मीदवारों की जानकारी प्राप्‍त होने पर काउंसलिंग के माध्‍यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।

पूर्व प्रश्न की जानकारी प्रदाय बाबत् 

[सामान्य प्रशासन]

14. ( क्र. 1639 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न संख्या 74 (क्र. 552) दिनांक 20 फरवरी, 2019 के उत्तर की जानकारी एकत्रित कर ली गई है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करायें यदि नहीं तो कब तक उक्त जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में अभी तक जानकारी उपलब्ध न कराने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।  (ख) परीक्षण कराकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

प्रदेश के रोजगार कार्यालय

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

15. ( क्र. 1892 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) 01 जनवरी 2019 की स्थिति में ग्‍वालियर जिले में स्थित रोजगार कार्यालयों में कितने बेरोजगार पंजीकृत है? (ख) पिछले गत 05 वर्षों में जिले के रोजगार कार्यालयों के माध्‍यम से कितने बेरोजगारों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया? वर्षवार, संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार उपलब्‍ध कराने या उन्‍हें बेरोजगारी भत्‍ता देने की कोई नीति सरकार बना रही है? (घ) प्रदेश के प्रायवेट (निजी उद्योगों) में स्‍थानीय गरीब बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये सरकार ने कोई नीति बनाई है?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) 1 जनवरी 2019 की स्थिति में ग्‍वालियर जिले के जिला रोजगार कार्यालय में 1,49,695 बेरोजगार पंजीकृत है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है।      (ग) जी नहीं। (घ) सरकार द्वारा युवा स्‍वाभिमान योजना, मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्‍यमंत्री कौशल्या योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा आई.टी.आई. एवं पॉलीटेक्‍निक के माध्‍यम से कौशल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, जिससे उन्‍हें रोजगार प्राप्‍त हो सके। इसके अतिरिक्‍त जॉब फेयर योजना के तहत रोजगार मेलों का आयोजना किया जाता है जहां उन्‍हें निजी क्षेत्र द्वारा रोजगार के लिये चयनित किया जाता है। 

परिशिष्ट -''आठ''

सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्देश के बाद भी सेवानिवृत्ति को लाभ न दिये जाना 

[सामान्य प्रशासन]

16. ( क्र. 1931 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने सिविल अपील नंबर 670/13 एसएलपी 1428/2009 स्‍टेट आफ झारखण्‍ड विरूद्ध जितेंद्र कुमार श्रीवास्‍तव के प्रकरण में यह निर्णय किया गया है कि सेवानिवृत्ति के पश्‍चात अधिकारियों कर्मचारियों का पेंशन तथा ग्रेच्‍युटी का भुगतान इस आधार पर नहीं रोका जा सकता है कि उनके विरूद्ध विभागीय जाँच अथवा न्‍यायालयीन प्रकरण लंबित है?              (ख) क्‍या पुलिस विभाग के अपने पत्र दिनांक 13.11.18 से यह आदेश दिए गए है कि सेवानिवृत्ति के पश्‍चात न्‍यायालयीन प्रकरण अथवा विभागीय जाँच के आधार पर पेंशन तथा ग्रेच्‍युटी का भुगतान नहीं रोका जावें? (ग) क्‍या पुलिस विभाग के द्वारा जारी उक्‍त पत्र नियमों के विरूद्ध है? यदि नहीं तो सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों को इस संबंध में परिपत्र क्‍यों नहीं जारी किया गया?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

चयनित जन स्वास्थ्य रक्षकों के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

17. ( क्र. 2087 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन स्वास्थ्य रक्षकों को स्वास्थ्य विभाग के साथ जोड़कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई है यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें यदि नहीं तो क्या इस भेदभाव पर शासन कोई नीति बनावेगा यदि हाँ, तो कब तक? (ख) शासन के वचनपत्र में वचन क्रमांक 19.11 के तहत जो नीति अपनाई जाना है उसमें जन स्वास्थ्य रक्षकों की सेवाएं लेकर नगरीय क्षेत्रों में मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्र में जन स्वास्थ्य रक्षकों के साथ जन स्वास्थ्य क्लिनिक को पुनः प्रभावी बनाया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2005 से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अस्तित्व में आने के पश्चात् आशा कार्यकर्ता के क्रियाशील होने से जन स्वास्थ्य रक्षक का कार्य समाप्त हो गया तथा प्रत्येक ग्राम में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) वर्तमान में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन नहीं है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और खाद्य कंपनियों के द्वारा किसानों के साथ धोखाधड़ी 

[सहकारिता]

18. ( क्र. 2133 ) श्री महेश परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तत्कालीन सहकारिता मंत्री एवं राज्य मंत्री को पत्र क्रमांक/क्यू 897/अजिप/2016 दिनांक 21/09/2016 को किसानों के साथ बैंकों और खाद्य कंपनियों द्वारा की गयी धोखाधड़ी एवं नियम विरुद्ध वसूली के खिलाफ शिकायत की गयी थी। उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी एवं क्या परिणाम रहे? (ख) क्या वर्ष 2016 में सहकारी केंद्रीय बैंक की 172 सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा सिंगल सुपर फॉस्फेट की प्रत्येक 50 किलो की बोरी पर बाज़ार भाव की तुलना में 40 रूपये अधिक किसानों से वसूले गए? (ग) क्या बाज़ार मूल्य 260 रूपये के स्थान पर 300 रूपये में सुपर फॉस्फेट की बोरी किसानों को दी गयी? (घ) क्या विगत 7-8 वर्षों से किसानों के साथ उपरोक्तानुसार धोखाधड़ी की जा रही थी? यदि हाँ, तो तत्कालीन शासन ने जाँच की या नहीं? यदि जाँच हुई तो उसमें क्या पाया गया? (ङ) म.प्र. राज्य विपणन संघ भोपाल ने पत्र क्रमांक 965 दिनांक 24/11/2015 तथा शीर्ष सहकारी बैंक पत्र क्रमांक- MPHO 20/कृषि ऋण/2121/10 दिनांक 16 नवंबर के पत्र में सिंगल सुपर फास्फेट की दरों में भिन्नता पाया जाना स्वीकार किया था? स्वीकारोक्ति के कारण क्या थे? क्या ब्याज सहित किसानों से अधिक वसूली गयी राशि लौटाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र कार्यालय आयुक्‍त सहकारिता को प्राप्‍त न होने से इस कार्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई अपितु तत्‍संबंधी पत्र क्र. 895 दिनांक 21.09.2016 प्रशासक म.प्र. राज्‍य सहकारी बैंक को प्राप्‍त होने पर शीर्ष बैंक द्वारा जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक मर्यादित उज्‍जैन को पत्र प्रेषित कर जानकारी प्राप्‍त की गई, खाद का विक्रय निर्धारित दरों पर किया जाना पाया गया। (ख) समितियों द्वारा शासन से निर्धारित दरों पर खाद विक्रय किया जाता है। (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार। (घ) वर्ष खरीफ 2014 में कुछ प्रदायकों द्वारा कम दर पर सिंगल सुपर फास्‍फेट के विक्रय की शिकायत प्राप्‍त हुई। इस संबंध में राज्‍य शासन से जिला कलेक्‍टरों के माध्‍यम से परीक्षण कराया गया जिसमें कुछ प्रदायकों द्वारा कम दर पर सिंगल सुपर फास्‍फेट का प्रदाय निजी डीलरों को किये जाने की पुष्टि हुई थी, विपणन संघ द्वारा प्रदायकों से निष्‍पादित किये गये अनुबंध की कंडिका क्र. 10 (5) के प्रावधान अनुसार अन्‍तर की राशि की कटौती की गई। (ङ) खरीफ 2014 में राज्‍य शासन से जिला कलेक्‍टरों के माध्‍यम से परीक्षण कराने पर कुछ प्रदायकों द्वारा कम दर पर सिंगल सुपर फास्‍फेट का प्रदाय निजी डीलरों को किये जाने की पुष्टि हुई थी, विपणन संघ द्वारा प्रदायकों से निष्‍पादित किये गये अनुबंध की कंडिका क्र. 10 (5) के प्रावधान अनुसार अन्‍तर की राशि की कटौती की गई। संस्‍था स्‍तर पर कृषकों को विक्रय किये गये उर्वरक के ब्राण्‍ड की जानकारी संधारित नहीं किये जाने से कृषकों को भावांतर राशि का भुगतान किये जाने में अपरिहार्य कारणों से कठिनाई होने से उस कंपनी विशेष का स्‍कंध किन-किन किसानों द्वारा उठाया गया है यह जानकारी समिति स्‍तर पर संधारित किये जाने बाबत् अपेक्‍स बैंक को पत्र क्र. 965 दिनांक 24.11.2015 लिखा गया जिसे अपेक्‍स बैंक द्वारा पत्र क्र. एमपी (एचओ)/20/कृषि ऋण/2121, दिनांक 10/16.11.2015 से सभी संबंधितों को पृष्‍ठांकित किया गया। संस्‍था स्‍तर पर कृषकों को विक्रय किये गये उर्वरक के ब्राण्‍ड की जानकारी संधारित न होने से कृषकों को भावांतर की राशि का भुगतान किये जाने में अपरिहार्य कारणों से कठिनाई होने से काटी गई राशि का उपयोग कृषकों के व्‍यापक हित में किये जाने हेतु शासन के निर्देश के तारतम्‍य में उर्वरक विकास कोष में जमा किया जाना है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निजी अस्‍पताल एवं जाँच केन्‍द्रों की शिकायतें

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

19. ( क्र. 2280 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत निजी अस्‍पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) स्‍थापित करने के मापदण्‍ड क्‍या है? (ख) अशोकनगर जिले में कितने निजी अस्‍पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) संचालित है? क्‍या पैथोलॉजी संचालन कर्ता द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन किया जाता है। क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा निजी अस्‍पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) की जाँच की जाती है। (ग) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में अशोकनगर जिले में निजी अस्‍पताल एवं जाँच केन्‍द्र (पैथोलॉजी) के विरूद्ध कितने शिकायती आवेदन प्राप्‍त हुये हैं एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? अगर नहीं की गई तो क्‍यों? (घ) क्‍या संबंधित संस्‍थाओं/ट्रस्‍टों द्वारा आवंटन की शर्तों का पालन किया जा रहा है यदि नहीं तो उन पर क्‍या कार्यवाही हुई।

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग अंतर्गत निजी अस्पताल एवं जाँच केंद्र (पैथोलॉजी) स्थापित करने हेतु मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 अंतर्गत आनलाईन प्रक्रिया अंतर्गत पंजीयन तथा रजिस्ट्रेशन किया जाता है। (ख) अशोकनगर जिले में निजी अस्पताल 08 एवं 05 जाँच केन्द्र (पैथोलॉजी) संचालित है। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -''नौ''

न्‍यायालय भवन हेतु

[विधि और विधायी कार्य]

20. ( क्र. 2357 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला सत्र न्‍यायालय सिंगरौली लगभग 10 वर्षों से पुराने भवन में चल रहा है, क्‍या न्‍यायालय हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है तथा इसके निर्माण हेतु P.I.P.W.D. द्वारा लगभग 25 करोड़ रूपये का प्रस्‍ताव दिया जा चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इसी बजट में स्‍वीकृति प्रदान करेंगे? यदि नहीं तो क्‍यों?

विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) सिंगरौली में 18 न्‍यायालय कक्षों वाले नवीन न्‍यायालय भवन के निर्माण हेतु रूपये 24.27 करोड़ की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है।

चिकित्‍सालयों में पद पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

21. ( क्र. 2432 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सामुदायिक स्‍वा.केन्‍द्र कुण्‍डम एवं प्राथमिक स्‍वा.केन्‍द्र मझगवां में चिकित्‍सक/अन्‍य स्‍टॉफ के कितने-कितने पद स्‍वीकृत किये गये हैं।        (ख) प्रश्‍नांश क सूची अनुसार कितने पद भरे हुये हैं, कितने रिक्‍त हैं? और कब से? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी ।

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में समाहित है। प्रदेश में विशेषज्ञों के 3620 पदों के विरूद्ध मात्र 957 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं उक्त कारण से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुण्डम में विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। विभाग निरंतर रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रयासरत है हाल ही में बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना के संदर्भ में दिनांक 20, 21 एवं 22 जून 2019 को बंधपत्र चिकित्सकों की काउंसलिंग में प्रा. स्वा. के. मझगवां हेतु चिकित्सकों के 02 पद हेतु रिक्तियां प्रदर्शित की गई थी परंतु किसी भी चिकित्सक द्वारा पदस्थापना स्थल का चयन नहीं किया गया। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के पदों की पूर्ति भी निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -''दस''

जिला चिकित्‍सालय पन्‍ना की व्‍यवस्‍था एवं चिकित्‍सकों की पद पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

22. ( क्र. 2441 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय पन्ना को 200 बिस्तर की जगह 300 बिस्तर के उन्नयन किये जाने एवं ट्रामा सेन्टर की स्थापना के लिये तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार आदेश पारित हुए है? यदि हाँ, तो इस पर कार्यवाही कब से की जावेगी और कब तक पूर्ण होगी? (ख) जिला चिकित्सालय पन्ना में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत है स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्सक पदस्थ हैं? चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति शासन कब तक करेगा? यदि नहीं तो क्यों?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल पन्ना की शासन स्वीकृति दिनांक 03.01.2019 एवं ट्रामा सेन्टर की स्थापना की शासन स्वीकृति दिनांक 07.02.2018 को जारी की जा चुकी है। ट्रामा सेन्टर के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिला चिकित्सालय पन्ना का 100 बिस्तर के उन्नयन का साईट प्लान की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जिला चिकित्सालय पन्ना में चिकित्सा विशेषज्ञ के 40 पद स्वीकृत, 30 पद कार्यरत एवं 37 पद रिक्त है। चिकित्सा अधिकारी के 28 पद स्वीकृत, 14 पद कार्यरत एवं 14 पद रिक्त है। चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।

बैतूल जिला चिकित्सालय में संचालित ट्रामा सेंटर

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

23. ( क्र. 2446 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय, बैतूल में ट्रामा सेंटर कब से संचालित है? इस हेतु स्वीकृत मानव संसाधन, भवन एवं अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी दें, स्वीकृत अमले के विरूद्ध पदस्थ अमले की भी जानकारी दें। (ख) जिले में ट्रामा सेंटर के संचालन के बाद प्रश्न दिनांक तक कितने दुर्घटना में घायल मरीजों को अन्य जगह रैफर किया गया है? (ग) ट्रामा सेंटर हेतु आवश्यक सर्जन, चिकित्सकीय, पेरामेडिकल स्टाफ एवं मशीनरी आदि की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी।

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्सालय, बैतूल में ट्रामा सेंटर नवम्बर 2016 से उपलब्ध संसाधन से संचालित है। स्वीकृत मानव संसाधन की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। भवन निर्माण पूर्ण है एवं शासन के आदेश क्रमांक/अ.प्रशा./सेल-3/2018/2017/39 दिनांक 10/01/2017 के द्वारा उपकरण तथा फर्नीचर क्रय करने हेतु आवश्यक बजट उपलब्ध कराया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                       (ख) बैतूल ट्रामा सेंटर के संचालन के बाद प्रश्न दिनांक तक 536 मरीजों को अन्य जगह रैफर किया गया। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। यथा संभव शीघ्र।

परिशिष्ट -''ग्यारह''

जिला चिकित्सालय में सर्जन की अनुपलब्‍धता

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

24. ( क्र. 2447 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय बैतूल में सर्जन नहीं होने के कारण हार्निया, अपेंडिक्स, बच्चेदानी के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इन ऑपरेशन हेतु प्रतीक्षा सूची कितनी है तथा कितने मरीजों को इस प्रकार के ऑपरेशन के लिये अन्यत्र रेफर किया गया है? (ख) क्या जिला चिकित्सालय बैतूल में पूर्व में निजी क्षेत्र के सर्जनों के सहयोग से पी.पी.पी.मोड में हार्निया, अपेंडिक्स, बच्चेदानी के ऑपरेशन कराए गए हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या मरीजों की लंबी प्रतीक्षा सूची के निपटान हेतु क्या पुनः पी.पी.पी.मोड में ऑपरेशन कराये जाने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक उक्त प्रस्ताव पर कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं तो ऑपरेशन समय पर किये जाने एवं लंबी प्रतीक्षा सूची के निपटान हेतु क्या वैकल्पिक व्यवस्था अपनाई जाएगी?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। चूंकि विशेषज्ञ/सर्जरी योग्यता के चिकित्सक उपलब्ध नहीं है प्रतीक्षा सूची निरंक है एवं अन्यत्र रेफर किए गए मरीजों की संख्या 224 है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, विभागीय उम्मीदवार के रूप में एम.एस.सर्जरी अध्ययन किए चिकित्सक की शीघ्र ही पदस्थापना जिला चिकित्सालय बैतूल की जा रही है। (घ) उत्तरांश ’’’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

कम्‍युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलीटेक्निक योजना मे कार्यरत कर्मचारियों को देय मानदेय 

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

25. ( क्र. 2470 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या बालाघाट जिले में वर्ष 2012 से कम्‍युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलीटेक्निक योजना शासकीय पॉलीटेक्निक कालेज बालाघाट में प्रारंभ की गई थी, यदि हाँ, तो कार्य पर रखे गये 10 कर्मचारियों का 20 माह का मानदेय आज तक पूर्ण रूप से भुगतान कर दिया गया? (ख) यदि नहीं तो इनका मानदेय किस कारण से आज दिनांक तक नहीं किया गया? कब तक पूर्ण भुगतान किया जावेगा? (ग) मानव संसाधन विकास विभाग भारत सरकार नई दिल्‍ली द्वारा (1) FTS No 31182/2005 and F.N. 21-7/2005-TV IV date- 08-06-2015 के अनुसार ८ लाख रू एवं (2) FTS No 9712/2015 and F.N. 21-7/2014-TV IV date- 16-02-2015 के अनुसार 26 लाख रूपये म.प्र. शासन को प्रदाय किया गया था, जिसमें से राशि 5.10 लाख रू. की राशि आज दिनांक तक उक्‍त कालेज को योजना के संचालन के लिए क्‍यों नहीं प्रदाय की गई, कब तक शासन के द्वारा कालेज को प्रदाय की जावेगी? (घ) क्‍या ये समस्‍त 10 कर्मचारी आज भी योजनांतर्गत कार्यरत है, यदि नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) संस्‍था में योजनांतर्गत राशि उपलब्‍ध नहीं होने के कारण आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया। बजट प्रावधान होने पर ही संस्‍था द्वारा मानदेय भुगतान किया जा सकेगा। (ग) बजट में प्रावधान नहीं होने के कारण राशि रूपये 5.10 लाख, कॉलेज को योजनांतर्गत प्रदाय नहीं की गई। बजट में उक्‍त राशि का प्रावधान किया गया है। स्‍वीकृति उपरान्‍त राशि कॉलेज को उपलब्‍ध करायी जायेगी। (घ) जी नहीं। वर्तमान में योजना बंद होने के कारण।

सामु.स्‍वा.केन्‍द्र मऊगंज अंतर्गत देवतालाब ढेरा में सं‍चालित अवैध दवा दुकानों की जाँच

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

26. ( क्र. 2529 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र मऊगंज अंतर्गत ग्राम ढेरा एवं देवतालाब में कुल कितनी दवा की दुकानें संचालित है और ये दुकानें कब से संचालित है तथा इनका नवीनीकरण कब कब किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित दवा दुकानों की जाँच विगत 3 वर्षों में कब-कब, किस अधिकारी द्वारा की गयी? अधिकारी का नाम पद एवं जाँच प्रतिवेदनों की प्रति देवें। (ग) क्‍या दुकानों में अवैध रूप से बिक्री किये जा रहे दवाईयों एवं नशीली सीरपों एवं गोलियों की जाँच जिले के राजस्‍व एवं पुलिस अधिकारियों से कराया जाकर अवैध बिक्री पर रोक लगाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो जाँच कब-तक शुरू की जायेगी?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रा.स्‍वा.केन्‍द्रों में डॉक्‍टरों की पदस्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

27. ( क्र. 2530 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र मऊगंज जिला रीवा में चिकित्‍सकों, विशेषज्ञों के कुल कितने पद है? स्‍वीकृत पद के विरूद्ध कितने विशेषज्ञ चिकित्‍सक एवं चिकित्‍सकों की वर्तमान में पदस्‍थापना है? (ख) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र मऊगंज जिला रीवा अंतर्गत प्रा.स्‍वा. केन्‍द्र देवतालाब, मलैगवां (डिघवार) एवं ढेरा में चिकित्‍सकों के कितने पद है तथा वर्तमान में कितनी पदस्‍थापना है? प्राथ.स्‍वा. केन्‍द्रवार चिकित्‍सकों का नाम बताएं? (ग) क्‍या सी.एम.एच.ओ. रीवा द्वारा मनमानी तरीके से उक्‍त प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में कार्यरत चिकित्‍सकों की कार्यानुमति का बहाना बनाकर सामु.स्‍वा. केन्‍द्र मऊगंज में पदस्‍थ किया गया है और उक्‍त प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों को चिकित्‍सक विहीन कर दिया गया है जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में पदस्‍थ चिकित्‍सकों को सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र मऊगंज से वापस कर प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में पदस्‍थ कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्‍या सी.एम.एच.ओ. को मनमानी पदस्‍थापना परिवर्तन करने से प्रतिबंधित किया जायेगा

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विशेषज्ञों के 13 पद स्वीकृत होकर रिक्त हैं। चिकित्सा अधिकारी के 7 पद स्वीकृत होकर 3 चिकित्सक एवं 01 आयुष चिकित्सक कार्यरत हैं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज में कार्य संचालन हेतु पर्याप्त चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने एवं मऊगंज के प्रभारी बी.एम.ओ. को संभागायुक्त रीवा संभाग द्वारा दिनांक 10.5.2019 को आकस्मिक निरीक्षण उपरांत निलंबित किए जाने के कारण स्थानीय स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा चिकित्सकों की ड्युटी मऊगंज लगाई गई थी। इसी प्रकार प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी मऊगंज द्वारा दिनांक 4.6.2019 से रोस्टर अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों की ड्युटी मऊगंज लगाई गई एवं दिनांक 28.6.2019 के द्वारा उक्त आदेश निरस्त किए गए। वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों में से कोई चिकित्सक मऊगंज में कार्यरत नहीं है एवं समस्त चिकित्सक मूल पदस्थापना स्थल पर सेवायें प्रदान कर रहे हैं। (घ) उत्तरांश ’’’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -''बारह''

कौशल उन्‍नयन एवं रोजगार कार्यक्रम का क्रियान्‍वयन

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

28. ( क्र. 2548 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के माध्‍यम से कौशल विकास उन्‍नयन एवं रोजगार हेतु रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिला अन्‍तर्गत विभिन्‍न केन्‍द्रों के माध्‍यम से लगातार अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 की अवधि तक उपरोक्‍त उल्‍लेखित तीनों जिलों में इस हेतु किन-किन केन्‍द्रों पर किस-किस माध्‍यम से कितने आवेदन रोजगार एवं कौशल विकास हेतु प्राप्‍त हुये? (ग) तीनों जिलों के अन्‍तर्गत किन-किन केन्‍द्रों पर अथवा किन-किन कार्यालयों के माध्‍यम से प्राप्‍त आवेदनों पर क्‍या प्रशिक्षण शिविर किये गये, सम्‍मेलन हुये अथवा अन्‍य किस प्रकार प्रोत्‍साहित किया गया? (घ) उपरोक्‍त वर्षों में शासन/विभाग द्वारा उपरोक्‍तानुसार किये जाने वाले कार्यों हेतु वर्षवार कितनी बजट राशि स्‍वीकृत की जाकर उसके माध्‍यम से किन-किन कार्यों पर क्‍या-क्‍या व्‍यय हुआ? रोजगार हेतु प्राप्‍त आवेदनों से कितने नवीन रोजगार प्रारंभ हुये? स्‍वीकृत ऋण प्रकरणों एवं सीधे दिये रोजगार अवसरों की वर्षवार, कार्यवार, नामवार स्‍पष्‍ट जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।

प्रदेश शासन की कृषि ऋण माफी योजना

[सहकारिता]

29. ( क्र. 2589 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की घोषणा अनुसार 15 जून 2019 की स्थिति में धार जिले के जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्‍थाओं के समस्त कृषक सदस्‍यों का दो लाख रूपये तक का कृषि ऋण माफ किया जाकर ऋण की राशि संबंधित कृषको के खाते में समायोजित की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले में प्राथमिक सहकारी समितिवार क्रमशः पचास हजार रूपये से कम ऋण राशि वाले कृषकों की कुल संख्या एवं कुल ऋण राशि, पचास हजार से एक लाख रूपये तक ऋण राशि वाले कृषकों की कुल संख्या एवं कुल ऋण राशि तथा एक लाख से दो लाख रूपये तक ऋण राशि वाले कृषकों की कुल संख्या एवं कुल ऋण राशि जो संबंधित कृषकों के खाते में जमा कर दी गई है, बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं तो धार जिले में ऋण माफी से शेष रहे कृषकों का प्राथमिक सहकारी समितिवार व श्रेणीवार (ऋण राशि पचास हजार रूपये से कम, ऋण राशि पचास हजार से एक लाख रूपये तक, ऋण राशि एक लाख से दो लाख रूपये तक) कृषकों की कुल संख्या व कुल शेष ऋण की राशि सहित पृथक-पृथक बतावें।

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं, रूपये 50 हजार तक के पीए ऋण तथा रूपये 2 लाख तक के एनपीए ऋण माफ किये जाकर ऋण की राशि संबंधित कृषकों के खाते में समायोजित की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।        (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

कृषकों को प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से खाद की आपूर्ति विषयक

[सहकारिता]

30. ( क्र. 2590 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ फसल हेतु कृषकों को खाद का वितरण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो, क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उन समस्त कृषकों को भी पूर्वानुसार उधार में खाद दिया जा रहा है जिनका दो लाख रूपये तक का कृषि ऋण दिनांक 15 जून 2019 तक की स्थिति में बकाया है? (ग) यदि हाँ, तो धार जिले की तोरनोद, तिरला, नौगांव, घाटाबिल्लोद तथा सागौर प्राथमिक सहकारी समिति में उन ऋणि कृषकों की संख्या तथा उपलब्ध करवाये गये समस्त प्रकार के खाद की मात्रा प्रदान करें। (घ) क्या प्राथमिक सहकारी समितियों के प्रबंधकों को दिनांक 15 जून 2019 की स्थिति में ऋणि कृषकों को उधार खाद प्रदान किये जाने हेतु कोई शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ है तथा उनके द्वारा कृषकों को चालू खरीफ फसल के लिये नगद भुगतान पर खाद दिया जा रहा है? (ङ) क्या शासन द्वारा 1 जून 2019 की स्थिति तक ऋणी कृषकों को पूर्वानुसार उधार खाद वितरण करवायेगा?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जिन किसानों पर 15 जून, 2019 की स्थिति पर बकाया ऋण है, उन किसानों द्वारा ऋण जमा करने पर उन्हें भी फसल ऋण एवं खाद प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सहकारिता विभाग के ज्ञाप दिनांक 05.06.2019 के द्वारा ऐसे समस्त किसानों को फसल ऋण एवं खाद, बीज पूर्व वर्षों की भांति प्रक्रिया अनुसार प्रदाय किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार फसल ऋण एवं खाद प्रदाय किया जा रहा है। (ङ) उत्तरांश अनुसार किया जा रहा है।

परिशिष्ट -''तेरह''

जनसंख्‍या नियंत्रित करने हेतु उपाय व उनका असर 

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

31. ( क्र. 2617 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विगत दस वर्षों से प्रदेश की जनसंख्‍या को नियंत्रित करने के दृष्टि से कौन-कौन से उपाय या निर्देश जारी किये गये है ? (ख) जनसंख्‍या नियंत्रण परिवार नियोजन को बढ़ाने शासकीय कर्मचारियों एवं आम नागरिकों को कौन-कौन सी सुविधाएं शासन द्वारा कब-कब प्रारंभ की गयी एवं विगत वर्षों में प्रारंभ की गयी उक्‍त सुविधाओं में से कौन-कौन सी सुविधाएं बंद कर दी गयी? (ग) क्‍या शासन द्वारा जनसंख्‍या नियंत्रित करने के उपायों का असर 2001 एवं 2011 की जनगणना में निकला? यदि हाँ, तो क्‍या? (घ) क्‍या शासन जनसंख्‍या नियं‍त्रण हेतु कठोर प्रावधान लागू करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या एवं कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) दिनांक 29.01.1979 से दो जीवित बच्चों के बाद नसबंदी आपॅरेशन कराने पर दो अग्रिम वेतन वृद्धियां तथा तीन जीवित बच्चों के बाद एक वेतन वृद्धि का प्रावधान था। जिसे दिनांक 07.08.2001 से एक जीवित बच्चे के बाद नसबंदी ऑपरेशन कराने पर दो अग्रिम वेतन वृद्धियां तथा दो जीवित बच्चों के बाद एक वेतन वृद्धि प्रदाय किये जाने का प्रावधान किया है। दिनांक 09.02.2017 से दो बच्चों पर नसबंदी ऑपरेशन कराने पर वेतन वृद्धि की सुविधा बंद कर दी गई है एवं एक बच्चे पर नसबंदी ऑपरेशन कराने पर दो वेतन वृद्धि प्रदाय की जाती है। आम नागरिकों को दो बच्चों पर नसबंदी ऑपरेशन कराने पर ग्रीन कार्ड की सुविधा प्रदाय की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रकृति पूर्णतः स्वैच्छिक है, जिसमें कोई भी नागरिक बिना किसी दबाव के, अपनी इच्छा अनुसार परिवार नियोजन के साधन अपनाने हेतु स्वतंत्र है।

फर्जी ऋण एवं घोटाले के संबंध में

[सहकारिता]

32. ( क्र. 2636 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत समय रायसेन जिले की तहसील बेगमगंज की सोसायटी, मरखेड़ाटप्‍पा, वसिया तथा भुरेक में फर्जी ऋण एवं घोटाले की किस-किस अधिकारी ने किन-किन बिन्‍दुओं की जाँच की, जाँच के क्‍या निष्‍कर्ष रहें। (ख) किन-किन किसानों के नाम फर्जी ऋण प्रकरण बनाकर किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों ने कितनी राशि आहरित की। (ग) वर्तमान में उक्‍त प्रकरण किस स्‍तर पर कब से लंबित है कब तक निराकरण होगा। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के किसानों को नवीन ऋण एवं सोसायटी को पुनर्जीवित करने के संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है।

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित बसिया, भुरेरू तथा मरखेड़ा टप्पा में ऋण वितरण में हुई अनियमितता की जाँच तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जिला रायसेन श्री यतीश त्रिपाठी तथा तत्कालीन महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन श्री पी.एन. धनवाल द्वारा की गई थी। जाँच के बिन्दु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जाँच में तीनों समितियों के 536 सदस्यों को वितरित ऋण राशि रू. 7,23,65,759/- को संदिग्ध माना गया है। (ख) उत्तरांश अनुसार तीनों समितियों के 536 किसानों की राशि रू. 7,23,65,759/- आहरित की गई। आहरण करने वाले 08 अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार तथा कृषक सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।                   (ग) विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जिला रायसेन द्वारा दिनांक 31.12.2018 को आदेश पारित कर समस्त आरोपियों को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया गया है। उक्त निर्णय के विरूद्ध अपील किये जाने हेतु उप संचालक लोक अभियोजन जिला रायसेन से वस्तु स्थिति कलेक्टर जिला रायसेन द्वारा चाही गई है। (घ) प्रश्नांश () की तीनों समितियों में उत्तरांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नागत राशि के दायित्व का निर्धारण कर, उसकी वसूली की कार्यवाही करने के निर्देश उपायुक्त सहकारिता जिला रायसेन को दिये गये है, जिससे प्रश्नगत राशि कृषक से वसूल की जानी है या संबंधित संस्था के उत्तरदायी कर्मचारियों से, इसका निर्धारण कर राशि की वसूली की जावेगी। इन सोसायटी को पुनर्जीवित करने के संबंध में बैंक को उनके सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से योजना लागू करने के निर्देश भी दिये गये है। प्रश्नगत राशि की वसूली होने का उत्तरदायित्व निर्धारित होने के उपरांत कृषकों को ऋण दिया जा सकेगा, शेष पात्र कृषकों को ऋण वितरण का कार्य किया जा रहा है।

मुख्‍यमंत्री सचिवालय में संविदा आधार पर नियुक्ति

[सामान्य प्रशासन]

33. ( क्र. 2648 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2013 जनवरी से वर्ष 2018 अक्‍टूबर तक मुख्‍यमंत्री सचिवालय में मुख्‍यमंत्री के निजी स्‍टॉफ में संविदा आधार पर अधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो उन अधिकारी कर्मचारियों के नाम एवं पद की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। यदि इनमें से कोई अधिकारी एवं कर्मचारी की नियुक्ति शासकीय सेवा से सेवानिवृत्ति होने के बाद की गई हो तो उसकी भी जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्‍या संविदा आधार पर प्रमुख सचिव स्‍तर के अधिकारी को नियुक्‍त किया था यदि हाँ, तो उनका नाम, नियुक्ति किसने की? नियुक्ति की कौनसी प्रक्रिया अपनाई गई। क्‍या नियुक्ति के लिये विज्ञापन निकाला गया था?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार (ग) जी हाँ। श्री एस. के. मिश्रा को प्रमुख सचिव के पद से सेवानिवृत्ति के पश्‍चात् नियुक्ति सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-7 (94)/2017/1-7/स्‍था-3, दिनांक 03.10.2017 से की गई है। मध्‍यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम, 2017 में किए गए प्रावधानानुसार नियुक्ति की गई। जी नहीं।

परिशिष्ट -''चौदह''

चिकित्‍सक, पैरामेडिकल स्‍टॉफ की पद स्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

34. ( क्र. 2651 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अन्‍तर्गत कितने जिला अस्‍पताल, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र एवं उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र संचालित हैं? प्रत्‍येक अस्‍पताल, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में कितने चिकित्‍सक/पैरा मेडिकल स्‍टॉफ एवं कर्मचारियों के पद स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने चिकित्‍सक/कर्मचारी पदस्‍थ हैं? कितने पद रिक्‍त हैं? अस्‍पतालवार, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र एवं उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में रिक्‍त पदों के विरूद्ध चिकित्‍सक/पैरा मेडिकल स्‍टॉफ एवं अन्‍य पदों पर कर्मचारियों की पदस्‍थापना कब तक कर दी जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में शासन द्वारा कितने अस्‍पताल/स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र व उप स्‍थास्‍थ्‍य केन्‍द्र के लिये भवन स्‍वीकृत हैं? कितने भवन बनकर तैयार हैं व कितने निर्माणाधीन हैं? निर्माणाधीन भवन को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या निर्मित उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में पेयजल विद्युतीकरण की व्‍यवस्‍था अभी तक नहीं की गई है? उन्‍हें कब तक पूर्ण कराया जायेगा? निर्मित भवनों में विद्युत/पानी की व्‍यवस्‍था पूर्ण कर स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों को कब संचालित कर दिया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सीधी जिले के अंतर्गत 01 जिला चिकित्सालय, 06 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 189 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। सिंगरौली जिले के अंतर्गत 01 जिला चिकित्सालय, 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 227 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 1. चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एनएचएम के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से की जा रही है। 2. बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है।                               3. चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। 4. इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।         (ग) जिला चिकित्सालय सीधी का 100 बिस्तरीय एम.सी.एच. भवन एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बहरी, पाड़ तथा 33 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण कार्य स्वीकृत है। उक्त संस्थाओं में से जिला चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बहरी, उप स्वास्थ्य केन्द्र बडोखर का भवन निर्माणाधीन है। शेष स्वीकृत संस्थाओं के भवन पूर्व से ही निर्मित है। जिला चिकित्सालय, ट्रामा सेन्टर सिंगरौली, 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु भवन निर्माण कार्य स्वीकृत है। 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बन चुके है। 01 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का कार्य निर्माणाधीन है। शेष संस्थाओं में पूर्व से भवन निर्मित है। (घ) विद्युतीकरण एवं पानी की व्यवस्था निविदा शर्त में शामिल है। भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात की जावेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।

वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसा

[सहकारिता]

35. ( क्र. 2725 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वैद्यनाथन कमेटी के द्वारा अंशपूंजी के बारे में क्या अनुशंसा की गयी थी (ख) क्या सरकार सहकारी संस्थाओं में अंशपूंजी लगाकर वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसाओं को खत्म करना चाह रही है?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसाओं के अन्तर्गत पुनरुद्धार पैकेज के पैरा 4.7 में प्रदेश की त्रिस्तरीय साख संरचना में राज्य सरकार की अंशपूंजी को 25 प्रतिशत तक सीमित रखने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं।

सह. संस्‍थाओं द्वारा गेहूँ, चना, मसूर, सरसों, उड़द की खरीदी 

[सहकारिता]

36. ( क्र. 2770 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरौनिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्ष 2012-13 से 31.5.2019 तक किन-किन सहकारी संस्‍थाओं द्वारा कितना-कितना गेहूँ, चना, मसूर, सरसों, उड़द आदि की खरीदी किसानों से की गई? फसल एवं संस्‍थावार अलग-अलग विवरण दें। (ख) वर्ष 2012-13 से 31.5.2019 तक किन-किन संस्‍थाओं द्वारा फसल एवं संस्‍थावार खरीद स्‍कंद नागरिक आपूर्ति निगम में जमा कराया गया और कितनी राशि खरीद के ऐवज में संस्‍थाओं को प्राप्‍त हुई तथा खरीदा गया स्‍कंद से कितना माल वेयर हाऊस में जमा नहीं कराया गया? संस्‍थावार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्‍या उपरोक्‍तानुसार संस्‍थाओं द्वारा खरीदे गये अनाज का भुगतान किसानों को कर दिया गया? यदि नहीं किया गया तो क्‍यों और संबंधितों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? किसान एवं संस्‍थावार राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या संस्‍था खरीद प्रभारियों द्वारा कम जमा किये गये फसलों के विरूद्ध अंतर की राशि वसूली की गई? यदि हाँ, तो राशि, संस्‍था एवं कर्मचारीवार जानकारी दें और यदि नहीं की गई तो क्‍यों नहीं की गई?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्ष 2012-13 से 2018-19 तक गेहूं उपार्जन का पूर्ण भुगतान हो चुका है, वर्ष 2019-20 में गेहूं का भुगतान जस्‍ट इन टाईम के माध्‍यम से किया गया है, 03 ईपीओ फेल हो जाने से उसका निराकरण कराया जा रहा है, वर्ष 2018-19 में उड़द, मूंग, मूंगफली में कृषकों का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है, वर्ष 2018-19 में चना, मसूर एवं सरसों में कृषकों को ऑनलाईन पत्रक अनुसार कुल खरीदी राशि रू. 515.58 लाख के विरूद्ध कृषकों को राशि रू. 445.42 लाख का भुगतान हो चुका है, 110 कृषकों को राशि रू. 109.46 लाख का भुगतान शेष है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, संस्‍था के स्‍तर पर आई घटती एवं खरीद के संबंध में जाँच कराई जा रही है, कृषकों को भुगतान हेतु कमीशन एवं अन्‍य व्‍यय की राशि रू. 94.26 लाख की क्षतिपूर्ति का प्रस्‍ताव म.प्र. राज्‍य सहकारी विपणन संघ को प्रेषित किया गया है, राशि प्राप्‍त होने पर कृषकों को भुगतान किया जावेगा, शेष राशि के लिये जाँच निष्‍कर्षों के आधार पर वसूली की कार्रवाई की जाकर कृषकों को राशि भुगतान की कार्रवाई की जावेगी। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

संचालक मण्‍डल द्वारा नियुक्तियां

[सहकारिता]

37. ( क्र. 2771 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरौनिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पैक्‍स संस्‍थाओं के संचालक मण्‍डल को कर्मचारी भर्ती करने के अधिकार कब समाप्‍त कर दिये गये थे? (ख) दतिया जिले की विभिन्‍न पैक्‍स समितियों में वर्ष 2012 से किन-किन संस्‍थाओं में संचालक मण्‍डल/प्रशासक द्वारा कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई है। संख्‍यावार जनाकारी प्रदान करें। (ग) क्‍या संचालक मण्‍डल/प्रशासक को नियुक्ति करने के अधिकार नहीं होने के बाद भी नियुक्तियों की गई है और उनका अनुमोदन ए.आर.सी.एस. द्वारा किया तो गलत नियुक्तियां अनुमोदन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये जायेंगे। यदि हाँ, तो कब तक?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वर्ष 2010 में लागू प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कर्मचारी सेवानियम में जिला स्तरीय चयन समिति के गठन का प्रावधान होने से संचालक मंडल को कर्मचारी भर्ती करने के अधिकार समाप्त हो गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार पैक्स समितियों के संचालक मंडल को नियुक्ति के अधिकार नहीं होने के बाद भी नियुक्तियां की गयी जो अनियमित प्रक्रिया है जिसके लिये उत्तरदायी के विरूद्ध प्रशासकीय कार्यवाही की गयी है, अपराधिक प्रकरण न होने से अपराध पंजीबद्ध नहीं कराया गया है। वर्ष 2017 में विधानसभा प्रश्न के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर नियुक्तियों का अनुमोदन करने वाले तत्कालीन सहायक पंजीयक, दतिया श्री एच.पी. जाटव एवं श्री डी.के. चौरसिया के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी। श्री एच.पी. जाटव की मृत्यु हो गई है तथा श्री डी.के. चौरसिया के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश में एक प्रकरण वर्ष 2017 का नवीन होने से नियुक्ति निरस्त करने के निर्देश दिये गये हैं। उक्त नियुक्ति का अनुमोदन करने वाले तत्कालीन सहायक पंजीयक श्री आर.पी. मिश्रा सेवानिवृत्त हो गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -''पंद्रह''

युवाओं को रोजगार के संबंध में 

[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]

38. ( क्र. 2946 ) श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवम्बर-दिसम्बर 2018 विधानसभा चुनाव में शासन ने अपने वचन पत्र में एक लाख बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार देने का वादा किया था? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2019 से जून 2019 तक प्रदेश में कितने बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध हुआ? (ग) इनमें से प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के विधानसभा क्षेत्र इंदौर-2 के कितने बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला है?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सेवाओं के विस्‍तार हेतु जिला स्‍तर पर सूचना प्रौद्योगिकी केन्‍द्र विकसित कर 1 लाख बेरोजगारों को 5 वर्ष अवधि का रियायती ब्‍याज दर पर ऋण बैंकों से उपलब्‍ध का वचन पत्र में उल्‍लेख है। (ख) माह जनवरी 2019 से जून 2019 तक मध्‍यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अधीन पंजीकृत संस्‍था मध्‍यप्रदेश राज्‍य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अंतर्गत संचालित मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्‍यमंत्री कौशल्‍या योजना के अंतर्गत आई.टी.-आई.टी.ई.एस. सेक्‍टर में 826 युवाओं एवं 367 बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जॉब फेयर योजनान्‍तर्गत नियुक्ति हेतु चयनित/रोजगार उपलब्‍ध कराया गया। (ग) माह जनवरी 2019 से जून 2019 तक विधान सभा क्षेत्र इन्‍दौर-2 में मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्‍यमंत्री कौशल्‍या योजना के अंतर्गत 25 बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला।

फर्जी नियुक्तियों की शिकायत पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

39. ( क्र. 2998 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उमरिया में लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग (CMHO एवं सिविल सर्जन सह अस्‍पताल) द्वारा वर्ष 2005 से 2015 तक की गई नियमित तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पदों की फर्जी नियुक्तियों की शिकायतें समय-समय पर शासन को विभिन्‍न स्‍तरों पर प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उन फर्जी नियुक्तियों के लिए दोषी व्‍यक्तियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांकित विभाग द्वारा फर्जी (कूटरचित) ट्रेजरी ई-पेंमेट No. S-4400 42505 से S-4400 42509 दिनांक 17.05.2013, No. S-4400 45795 से               S-4400 45797 तक दिनांक 03.07.2013 No. S-4400 69044 एवं No. S-440069045 दिनांक 03.06.2014 तथा No. 440068249 से S-440068259 तक दिनांक 23.05.2014 के कैशबुक बिल रजि. एवं व्‍हाउचर्स का संधारण नियमानुसार किया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त पृष्‍ठों की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या जिला उमरिया के कर्मचारी Emp. Code No. 440004501 एवं Emp. Code No. 440004422 द्वारा प्रथम नियुक्ति से आज दिनांक तक नियमित रूप से किसी कार्यालय में सेवाएं दी गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है

सीधी जिले की मझौली एवं कुसमी में न्‍यायालय की स्‍थापना 

[विधि और विधायी कार्य]

40. ( क्र. 3021 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के विकासखण्‍ड मझौली में अपर जिला एवं सत्र न्‍यायालय के संचालन की स्‍वीकृति कब मिली थी? न्‍यायालय भवन के निर्माण हेतु कितनी राशि स्‍वीकृति की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में न्‍यायालय भवन का निर्माण कब प्रारंभ किया जावेगा एवं कब पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) सीधी जिले के विकासखण्‍ड कुसमी में सिविल न्‍यायालय संचालन की स्‍वीकृति शासन से कब प्रदान की जावेगी क्‍योंकि शासन के द्वारा समस्‍त विकासखण्‍डों में न्‍यायालय स्‍थापना किये जाने का प्रावधान है?

विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) म.प्र. राजपत्र दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार मझौली जिला सीधी में अपर जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश का एक नवीन पद स्‍वीकृत किया गया है। मझौली जिला सीधी में 2 न्‍यायालयों कक्षों के निर्माण हेतु रूपये 1,28,73,000/- की स्‍वीकृती प्रदान की गई है। (ख) निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय ने कुसमी जिला सीधी में व्‍यवहार न्‍यायालय की स्‍थापना संबंधी मांग माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा तैयार की गई न्‍यायालय स्‍थापना नीति-2014 द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों की प्रतिपूर्ति न होने से नस्‍तीबद्ध कर दी है।

शासकीय विज्ञापनों पर व्यय 

[जनसंपर्क]

41. ( क्र. 3093 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2016 से 10 नवम्बर 2018 तक जनसम्पर्क विभाग और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा प्रदेश, देश और विदेशों में अख़बारों, इलेक्ट्रॉनिक चैनल, पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल सहित स्मारिकाओं आदि को जारी किये गये विज्ञापनों पर खर्च हुई कुल राशि का विवरण देवें। (ख) जनसम्पर्क विभाग और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा 1 जनवरी 2016 से 10 नवम्बर 2018 तक स्वयं अथवा ठेके पर बनवाई गयी टी.व्ही. प्रसारण और सोशल मीडिया के लिए विज्ञापन फिल्मों और न्यूज कैप्‍सूल आदि पर व्यय का पृथक-पृथक विवरण देवें। (ग) 1 जनवरी 2013 से 10 नवम्बर 2018 तक समस्त वेब पोर्टल को दिए गये विज्ञापन किस नीति के तहत दिए गये? क्या सभी वेब पोर्टल और वेबसाईट को समानता से विज्ञापन दिया गया है? (घ) मध्यप्रदेश जनसम्पर्क और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा       1 जनवरी 2013 से 10 नवम्बर 2018 तक क्या एन.जी.ओ. के द्वारा कोई कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे समस्त कराये गये कार्यों तथा उन पर हुए कुल व्यय का विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जनसंपर्क विभाग द्वारा फिल्‍मों और न्‍यूज कैप्‍सूल का निर्माण स्‍वयं अथवा ठेके पर नहीं किया जाता है। इस कार्य के लिए जनसंपर्क द्वारा समाचार पत्रों में खुली निविदा प्रकाशित कर संस्‍थाओं को न्‍यूनतम दर के आधार पर पैनलबद्ध किया जाकर फिल्‍म एवं न्‍यूज कैप्‍सूल का निर्माण कराया जाता है। मध्‍यप्रदेश माध्‍यम द्वारा विज्ञापन फिल्‍मों और न्‍यूज कैप्‍सूल आदि पर राशि रूपये 6,55,10,892/- का व्‍यय हुआ है। विवरण एकत्रित किया जा रहा है। (ग) विज्ञापन नीति के अनुसार। नियमानुसार। (घ) जी हाँ। शासन की जनकल्‍याणकारी योजनाओं का नुक्कड़ नाटक के माध्‍यम से कार्य कराया गया। व्‍यय राशि रूपये 02 करोड़ 84 लाख।

परिशिष्ट -''सोलह''

ऑडिट आपत्तियों का निराकरण 

[जनसंपर्क]

42. ( क्र. 3106 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) सिवनी जिले में कौन-कौन से समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं? सूची उपलब्‍ध करावें।                        (ख) सिवनी जिले से प्रकाशित समाचार पत्रों में प्रदेश/सिवनी जिले के विभिन्‍न निगम, मंडल, बोर्ड, विश्वविद्यालयों के कितने एवं कौन-कौन से विज्ञापन विगत 05 वर्षों में प्रकाशित करवाये तथा उन्‍हें कितना-कितना भुगतान किया गया? वर्षवार, विभागवार ब्‍यौरा क्‍या है? समाचार पत्रों को किस क्रमानुसार विज्ञापन दिये गये? किस नियम का पालन किया गया? (ग) विगत 05 वर्षों में विज्ञापन एवं भुगतान के संबंध में ऑडिट आपत्तियां क्‍या हैं? क्‍या ऑडिट आपत्तियों का निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें। (घ) विभागों के लिये विशेष मीडिया कैम्‍पेन्स का 05 वर्षों का ब्‍यौरा दें। (ड.) समाचार पत्रों के पंजीयन की क्‍या प्रक्रिया/मापदण्‍ड हैं? क्‍या सिवनी जिले से प्रकाशित समाचार पत्र इन मापदण्‍डों का पालन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों से प्रकाशित समाचार पत्रों की माहवार संख्‍या एवं प्रेस के विद्युत देयक बिल का विवरण समाचार पत्रवार उपलब्‍ध करावें। साथ ही शपथ-पत्र एवं समाचार पत्रों में उपयोग होने वाले कागजों (पेपर) के पिछले 05 वर्षों के देयक का विवरण समाचार पत्रवार देवें ।

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नियमानुसार। विज्ञापन नियम का। (ग) पिछले पाँच वर्षों में विज्ञापन प्रभाग का महालेखाकार ग्‍वालियर के दल द्वारा जो ऑडिट किया गया, उसमें जो आपत्तियां आई, उनके निराकरण के लिए पालन प्रतिवेदन महालेखाकार को भेजा जा चुका है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं आता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासन संधारित मंदिरों की जानकारी 

[अध्यात्म]

43. ( क्र. 3142 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) शाजापुर जिले में कहाँ-कहाँ शासन संधारित मंदिर हैं व उन मंदिरों के नाम से        कितनी-कितनी भूमि राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज हैं? तहसीलवार एव मंदिरवार सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित मंदिरों के लिये कितनी भूमि पुजारी की जीविका हेतु तथा कितनी भूमि की नीलामी कर राजस्‍व आय प्राप्‍त की जाय इस हेतु क्‍या शासन ने कोई प्रावधान किये हैं? यदि हाँ, तो शाजापुर जिले में मापदण्‍ड से अधिक भूमि वाले कौन-कौन से मंदिर हैं? क्‍या सरकार उस भूमि को नीलाम करा रही हैं? यदि हाँ, तो क्‍या इससे मंदिरों की आय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा? यदि पड़ेगा तो मंदिर की व्‍यवस्‍थाएं कैसे चलेगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित भूमि की नीलामी से होने वाली राजस्‍व आय का सरकार क्‍या उपयोग करेगी? क्‍या उसे मंदिर के विकास में लिया जायेगा अथवा अन्‍य जगह व्‍यय की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मध्यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति 

[वित्त]

44. ( क्र. 3146 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतन में विभिन्न विसंगतियाँ है? (ख) यदि हाँ, तो लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगतियाँ कब तक दूर की जावेगी?

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विभिन्‍न विभागों के सुसंगत भर्ती नियमों के अनुसार वेतनमान निर्धारित है। वेतन विसंगति के प्रस्‍तावों पर समय-समय पर सक्षम स्‍तर पर निराकरण किया गया है। (ख) उत्‍तरांश "क" के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आधार कार्ड बनाये जाना

[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]

45. ( क्र. 3158 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) मध्‍यप्रदेश में प्रश्‍नांश दिनांक तक कुल कितने नागरिकों के आधार कार्ड बनाये जा चुके हैं? वर्तमान मे जिलेवार संख्‍या बतायें। आधार कार्ड बनाये जाने का कार्य वर्तमान में किन सेंटरों के माध्‍यम से किया जा रहा है? सरकार ने प्रत्‍येक तहसील मे कितनी संख्‍या मे आधार कार्ड बनाने के सेंटर स्‍थापित किए है देवास जिले की तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) क्‍या जिन सेंटरों पर आधार कार्ड बनाये जा रहे है उनकी संख्‍या आबादी के मान से पर्याप्‍त है? क्‍या कुछ बैंकों को भी आधार कार्ड बनाने का कार्य दिया गया है? यदि हाँ, तो खातेगांव, कन्‍नौद तहसील की किन-किन बैंकों में यह कार्य किया जा रहा है? (ग) क्‍या यह सही है कि आधार कार्ड सेंटरों की संख्‍या पर्याप्‍त नहीं होने के कारण कन्‍नौद, खातेगांव, नेमावर, हरणगांव, पानीगांव, अजनास, संदलपुर में नागरिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्‍या सरकार शीघ्र इन स्‍थानों पर आधार कार्ड सेंटर प्रारंभ करने का कार्य करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मध्यप्रदेश में प्रश्‍न दिनांक तक कुल 76792633 नागरिकों के आधार कार्ड बनाये जा चुके हैं। जिलेवार आधार कार्ड बनाये जाने की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। भारत सरकार, भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रदेश में अधिकृत बैंकों एवं पोस्‍ट ऑफिस तथा राज्‍य सरकार द्वारा जिला ई- गवर्नेंस सोसायटी के माध्‍यम से स्‍थापित आधार केन्‍द्रों द्वारा वर्तमान में आधार पंजीयन का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश के 51 जिलों में 1949 आधार सेन्‍टर संचालित हो रहे हैं। देवास जिले की 9 तहसीलों में आधार सेंटरों की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है:- तहसील देवास- 09, तहसील सोनकच्छ- 02, तहसील खातेगांव- 01, तहसील कन्‍नौद- 01, तहसील बागली- 00, तहसील हाटपिपलिया- 02, तहसील उदयनगर- 01, तहसील सतवास- 00, तहसील टोंकखुर्द- 02, (ख) जिन सेंटरों पर आधार कार्ड बनाये जा रहें हैं उनकी संख्या आबादी के मान से पर्याप्त न होने से भारत सरकार, भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रदेश में अधिकृत बैंकों में स्‍थापित आधार केन्‍द्रों के माध्‍यम से आधार पंजीयन का कार्य किया जाता है। तहसील कन्‍नौद एवं खातेगांव में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया इंदौर रोड कन्‍नौद तथा नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक खातेगांव, अजनास में आधार कार्ड बनाने का कार्य किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) प्रदेश में और अधिक आधार सेन्‍टर स्‍थापित करने की आवश्‍यकता को देखते हुए जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के माध्‍यम से आधार पंजीयन केन्‍द्रों की स्‍थापना एवं संचालन करने के लिए समस्‍त जिला कलेक्‍टरों को दिनांक 12-07-2018 द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 

परिशिष्ट -''सत्रह''

नेमावार में सर्वपितृ अमावस्‍या के मेले में सांस्‍कृतिक कार्यक्रम

[अध्यात्म]

46. ( क्र. 3162 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) देवास जिले के प्राचीन नगर नेमावार में जो कि माँ नर्मदा का नाभी स्‍थल भी है वर्ष में 2 बार नवरात्रि के पहले लाखों भक्‍तों की भीड़ एकत्रित होती है एवं 2 दिन का मेला नेमावर के तट पर लगता है। (ख) क्‍या जिस प्रकार म.प्र सरकार के संस्‍कृति विभाग द्वारा प्रदेश भर में कई सारे मेलों में सांस्‍कृतिक कार्यक्रम भजन, नृत्‍य, कवि सम्‍मेलन के लिये राशि प्रदान करके कार्यक्रम करवाये जाते है। उसी के तारतम्‍य में क्‍या वर्ष की एक बड़ी अमावस्‍या जो कि इस बार सितंबर माह 2019 में होगी नेमावार के लिये एक कवि सम्‍मेलन या भजन संध्‍या के कार्यक्रम के लिये विभाग बजट उपलब्‍ध करवायेगा।

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अध्‍यात्‍म विभाग द्वारा मेले की व्‍यवस्‍था हेतु कलेक्‍टर के निर्धारित प्रपत्र में प्राप्‍त प्रस्‍ताव पर अनुदान उपलब्‍ध कराया जाता है।

म.प्र. शासन के फिजीकल डेफीशियट की जानकारी

[वित्त]

47. ( क्र. 3192 ) श्री अजय विश्नोई : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) वित्‍तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 में मध्‍यप्रदेश का फिजीकल डेफीशियेट एवं रेवेन्‍यु सरप्लस कितना था वर्तमान वर्ष 2018-19 के अनुमानित आंकड़े एवं प्रतिशत बतलायें? (ख) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 के कुल कितनी राशि के देयकों का भुगतान शासन द्वारा रोका गया और उनमें से कितनी राशि का भुगतान वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में किया गया? (ग) क्‍या पूर्व शासन काल में अधिकांश वित्‍तीय वर्ष में फिजीकल डेफीशियेट स्‍वीकृत सीमा में था और रेवेन्‍यु सरप्‍लस उपलब्‍ध था?         (घ) क्‍या वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में म.प्र. का वित्‍तीय अनुशासन बिगड़ गया है वित्‍तीय अव्‍यवस्था बन गयी है और विगत वर्ष के भुगतान रोक कर इस वर्ष में भुगतान करके वास्‍तविक फिजीकल डेफीशियेट को सुधारने और ढकने का प्रयास किया गया है

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है।              (ख) राज्य शासन द्वारा आवश्यक देयताओं का नियमानुसार भुगतान कोषालय के माध्यम से किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) राज्य शासन द्वारा वर्ष 2018-19, 2019-20 तथा इनके पूर्ववर्ती वर्षों में    म.प्र.राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत ही वित्तीय अनुशासन एवं राजकोषीय मापदण्डों को बनाए रखा जाता है।

परिशिष्ट -''अठारह''

राजस्‍व आय में वृद्धि

[वित्त]

48. ( क्र. 3194 ) श्री अजय विश्नोई : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2003-04 की तुलना में विगत 15 वर्षों के भाजपा शासन काल में वर्ष 2017-18 तक आते-आते राज्‍य में कुल व्‍यय आठ गुना, राजस्‍व व्‍यय सात गुना और पूंजीगत परिव्‍यय बारह गुना से अधिक हो गया है? (ख) क्‍या वर्ष 2003-04 के मुकाबले 2017-18 में मध्‍यप्रदेश को केंद्र से प्राप्‍त सहायता अनुदान चौदह गुना, केन्‍द्रीय करों में राजस्‍व का हिस्‍सा बारह गुना एवं राज्‍य के स्‍वयं के करों से प्राप्‍त राजस्‍व सात गुना बढ़ गया है? (ग) क्‍या वर्ष 2003-04 में मध्‍यप्रदेश शासन का राजस्‍व प्राप्तियों का कुल 22.44 प्रतिशत हिस्‍सा लिये गये ऋण के ब्‍याज के रूप में चुकाता था और वर्ष 2017-18 में म.प्र. शासन को लिये गये ऋण के ब्‍याज के रूप में मात्र 8.30 प्रतिशत भुगतान करना पड़ा हैं एवं राज्‍य के सकल घरेलू उत्‍पाद की तुलना में पूंजीगत परिव्‍यय का प्रतिशत - FRBM Act द्वारा निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा के अंदर रहा है? (घ) क्‍या वर्ष 2003-04 के मुकाबले विगत 15 वर्षों के शासन काल में राज्‍य और अधिक सम्‍पन्‍न राज्‍य बन गया है।

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) वर्ष 2003-04 की तुलना में वर्ष 2017-18 तक राज्य का कुल व्यय, राजस्व व्यय और पूंजीगत परिव्यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र पर है।        (ख) वर्ष 2003-04 के मुकाबले वर्ष 2017-18 में मध्य प्रदेश को केन्द्र से प्राप्त सहायता अनुदान, केन्द्रीय करों में राजस्व का हिस्सा एवं राज्य के स्वयं के कर से प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र पर है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र पर है। (घ) राज्य में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2003-04 के मुकाबले में विगत 15 वर्षों में बढ़ी है, परन्तु आर्थिक सर्वेक्षण में दिये आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर का मात्र 70.86 प्रतिशत रही है।

परिशिष्ट -''उन्नीस''

आयुष्‍मान योजना

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

49. ( क्र. 3195 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में आयुष्‍मान योजना लागू हैं? यदि हाँ, तो जबलपुर जिले में इस योजना के तहत कौन-कौन से अस्‍पताल कब से पंजीकृत है? (ख) आयुष्‍मान योजना में सामान्‍य बीमारी के उपचार अथवा गंभीर बीमारी की पहचान के लिये क्‍या प्रावधान है? (ग) यदि प्रावधान नहीं है तो क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन, गरीब मरीज के सामान्‍य बीमारी के उपचार और गंभीर बीमारी की जाँच के लिये पूर्व में लागू पं. दीनदयाल उपचार योजना को पुन: प्रारंभ करेगी? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) आयुष्मान भारत योजना में 23 विषय विशेषज्ञताओं में निहित 1399 पैकेजों में सामान्य/गंभीर बीमारियों के पैकेजेस है। चिकित्सक द्वारा मरीज के लक्षणों एवं जांचे (पैथोलॉजिकल,रेडियों डायग्नोसिस) द्वारा सामान्य एवं गंभीर रोगियों का उपचार योजना से सम्बद्ध चिकित्सालय में किया जाता है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -''बीस''

त्‍योंथर में 100 बिस्‍तर हॉस्पिटल निर्माण 

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

50. ( क्र. 3207 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला रीवा सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र त्‍योंथर में 100 बिस्‍तर अस्‍पताल, भवन का निर्माण कार्य स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो स्‍वीकृत दिनांक, क्रमांक एवं स्‍वीकृत राशि की जानकारी दी जाये। (ख) उपरोक्‍त स्‍वीकृत अस्‍पताल का निर्माण कार्य, अब तक प्रारंभ न होने का कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) स्‍वीकृत अस्‍पताल भवन का निर्माण कार्य, कब तक पूर्ण कराया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) भूमि की उपलब्धता न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सामुदायिक स्‍वा. केन्‍द्र का स्‍थान परिवर्तन 

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

51. ( क्र. 3218 ) श्री संजय यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत ग्राम बेलखेडा में सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र की स्‍वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो कब तथा क्‍या सामुदायिक स्‍वा.केन्‍द्र का निर्माण प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्‍वीकृत सामुदायिक स्‍वा.केन्‍द्र के आम जनता की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुये प्रश्‍नकर्ता द्वारा स्‍थान परिवर्तन हेतु संबंधित विभाग को कितने पत्र लिखें? उन पर क्‍या कार्यवाही हुई एवं प्रश्‍नकर्ता को कितने पत्रों का जवाब कब-कब दिया गया? (ग) क्‍या संबंधित विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही नहीं की जाती एवं उनके पत्रों के जवाब भी नहीं दिये जाते? क्‍यों? क्‍या शासन ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही करेगी तो कब तक? यह भी बताया जाये कि स्‍वीकृत सामुदायिक भवन का क्‍या प्रश्‍नकर्ता के पत्रानुसार स्‍थान परिवर्तन कर निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। शासन स्वीकृति दिनांक 03.01.2019 को जारी हुई है। भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्थान परिवर्तन हेतु मान. विधायक जी से दिनांक 24.01.2019, 27.01.2019, 11.06.2019 को पत्र प्राप्त हुऐ है, के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जाता है। उत्‍तरांश ‘‘‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण पत्रों बनाये जाना 

[सामान्य प्रशासन]

52. ( क्र. 3233 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विदिशा जिले के सहरिया, रावत जाति के जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में जारी नहीं किए जाते, जबकि यह जातियां अनुसूचित जनजाति वर्ग की है? उपखण्‍ड अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी क्‍यों नहीं किया जाता ? (ख) सहरिया, रावत जाति के अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के लिए सन् 1950 से रिकार्ड क्‍यों मांगा जाता है? (ग) विदिशा जिले में सहरिया, रावत जाति के जाति प्रमाण पत्र 2015 से जारी करना बंद कर दिया गया है, जबकि 2015 से पहले तक इन जातियों के प्रमाणपत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में जारी किए जाते थे, तो 2015 के बाद बंद क्‍यों किया गया? (घ) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के उपखंड-कुरवाई, सिरोंज, गंजबसौदा में सहरिया, रावत जाति के जाति प्रमाण पत्र बनाना कब से बंद हैं और कितने प्रकरण प्रमाणपत्रों के लंबित हैं?                   (ड.) सहरिया, रावत जातियों के अनुसूचित जनजाति वर्ग के होने का जाति प्रमाण पत्र कब तक जारी करवा दिये जावेंगे?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) विदिशा जिले में सहरिया जाति के जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में जारी किए जाते है। रावत जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग में अधिसूचित नहीं है। अत: इस जाति के व्‍यक्तियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) आवेदक का वर्ष 1950 या उसके पूर्व कि स्थिति में प्रदेश में निवासरत होना आवश्‍यक है। रिकार्ड उपलब्‍ध नहीं होने पर मौके पर जाकर जाँच कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश हैं। (ग) सहरिया जाति के जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। रावत जाति के प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग में 2015 के पूर्व में भी नहीं बनाए गए हैं। (घ) सहरिया जाति के जाति प्रमाण पत्र बासौदा में 0, कुरवाई में 0 एवं सिरोंज में 39 लंबित है। शेषांश उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड) उत्‍तरांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

औकाफ भूमि पर दुकान निर्माण 

[अध्यात्म]

53. ( क्र. 3264 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) माह अप्रैल, 2016 में प्रमुख सचिव धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग को इस आशय की शिकायत की गई थी कि पटवारी हल्‍का क्रमांक 24/02 जौरा जिला मुरैना में संवत 2026 से 2029 तक सर्वे क्रमांक 422 की औकाफ भूमि मिलिभगत सरकार की बेशकीमती भूमि को जौरा को ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी लिमिटेड के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष श्री सूबेदार सिंह सिकरवार द्वारा राजस्‍व विभाग जौरा के अधिकारियों से सांठगांठ कर 5 विश्‍वा पर अवैध व अनाधिकृत एवं दुकान निर्माण कर उसकी बिक्री कर अनुचित लाभ प्राप्‍त करने के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शिकायत सही पाई गई? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी पाये गये? उनके पद व नाम बतावें? (ग) क्‍या इनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत के परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्‍टर न्‍यायालय में प्रकरण क्रमांक 32/2017-18/बी-121 पर विनिश्‍चय किया जावेगा। (ग) प्रकरण में निराकरण होने पर यदि आपराधिक धाराओं योग्‍य मामला पाया गया तो आवश्‍यक कार्यवाही तदनुसार जिला प्रशासन द्वारा की जा सकेगी।

प्राथमिक कृषि साख समिति रजौधा के संबंध में

[सहकारिता]

54. ( क्र. 3266 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्राथमिक कृषि साख समिति रजौधा जिला मुरैना के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.) घोटाले के संबंध में प्रमुख सचिव सहकारिता को मा. मुख्‍यमंत्री जी के सचिवालय से पत्र क्रमांक 658/CM5/ABR/A+ दिनांक 28/02/2019 को प्राप्‍त हुआ है। (ख) यदि हाँ, तो इस पर क्‍या कार्यवाही हुई, का पूर्ण विवरण दिया जावें।

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पत्र में पुलिस थाना चिन्नौनी जिला मुरैना में दर्ज अपराध क्रमांक 22/16 दिनांक 27.02.2016 में जालसाजी कर प्रतिवेदन के अनुसार अपराधी न बनाकर 11 के स्थान पर केवल 03 सदस्यों को अपराधी बनाए जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक जिला मुरैना द्वारा जानकारी दी गयी है कि जिला मुरैना के थाना चिन्नौनी में अपराध क्रमांक 22/16 धारा 420,409,467,468,471 ता.हि. का समिति प्रबंधक श्री रामलला शर्मा, संचालक मंडल अध्यक्ष श्री राजपालसिंह सिकरवार एवं अध्यक्ष श्रीमती सियाबाई सिकरवार के विरूद्ध पंजीबद्ध होकर पुलिस विवेचना में है, जिसमें आरोपीगणों के विरूद्ध साक्ष्य एकत्रित की जा रही है प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य के मुताबिक कार्यवाही की जावेगी। उत्तरांश के पत्र में थाना चिन्नौनी में दर्ज अपराधिक प्रकरण को आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो को सौंपे जाने की मांग की गई है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेजने हेतु कलेक्टर जिला मुरैना को लिखा गया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 

[सहकारिता]

55. ( क्र. 3288 ) श्री राम दांगोरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सन् 2017-18 में सरकार द्वारा किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमे के दावे की जो राशि स्‍वीकृत की गई थी क्‍या उस राशि में से कुछ राशि काटने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो किस मद में कितनी राशि के काटने का प्रावधान था? (ख) यदि नहीं तो क्‍या पंधाना विधानसभा की छैगॉवमाखन समिति जिला सहकारी बैंक खण्‍डवा की शाखा द्वारा नहारसिंह पिता रामसिंह को बीमा दावे के 39572/- रूपए दिनांक 04/08/2018 को स्‍वीकृत करके प्रमाण-पत्र दिया गया था, छैगॉवमाखन समिति द्वारा 10/10/2018 को किसान के खाते में मात्र 39000/- रूपए ही डाले गए, शेष 572/- रूपए की राशि क्‍यों व किस नियम अन्‍तर्गत काटी गई? (ग) क्‍या ऐसी          छोटी-छोटी राशियां जो पूरे प्रदेश में किसानों की काटी गई जिसमें करोड़ों रूपयों की अनियमितता की गई? क्‍या शासन इसकी जाँच सघनता से करायेगा?

सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।  (ख) जी हाँ, सदस्य श्री नहार सिंह पिता राम सिंह के केसीसी ऋण खाते एवं एमटीसी ऋण खाते में राशि रूपये 39,572/- जमा किये गये हैं। सदस्य के बीमा क्लेम राशि में से किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

इन्दौर जिले में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत हॉस्पिटलों में उपचार

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

56. ( क्र. 3295 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से हॉस्पिटल किन-किन बीमारियों के लिये चिन्हित किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या चिन्हित हॉस्पिटलों में प्रतिमाह इलाज हेतु मरीजों की संख्या सुनिश्चित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी व क्यों? कारण बतायें। (ग) इन्दौर जिले में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न पूछे जाने तक  कौन-कौन से हॉस्पिटलों में कितने मरीजों का उपचार किया गया है?

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) इंदौर जिले में आयुष्‍मान योजना से सम्बद्ध हॉस्पिटल की सूची की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।  (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) अस्पतालों एवं मरीजों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट -''इक्कीस''

सी.एम. हेल्‍प लाइन

[लोक सेवा प्रबन्धन]

57. ( क्र. 3321 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क)  सी.एम. हेल्‍प लाइन संचालन हेतु वार्षिक लागत बतायें। (ख)  क्‍या सी.एम. हेल्‍प लाइन क्रमांक 6368181, 8464742, 8544582 नगर निगम सतना के विद्युत कार्यसुधार हेतु एक ही स्‍थान से संबंधित हैं? मोबाईल क्रमांक 9406728035 द्वारा भी वार्ड 37 में रोड में अतिक्रमण के संबंध में शिकायत की गई थी? (ग)  शिकायतवार नगर निगम द्वारा क्‍या कार्यवाही करते हुये जवाब दिया गया है? वर्तमान में शिकायत निराकरण की मौके पर क्‍या स्थिति हैं? (घ) विभाग द्वारा असत्‍य जानकारी देने बावत् विद्युत शाखा प्रभारी/अन्‍य के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क)  वार्षिक लागत/व्‍यय रूपये 19,65,92,338/- करोड़ है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। सी.एम.हेल्‍पलाइन क्रमांक 6368181 पंचायती राज विभाग, जिला होशंगाबाद से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शिकायत क्रमांक 8464742 तथा 8544582 नगर निगम सतना विद्युत कार्य सुधार हेतु एक ही स्‍थान से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। मोबाइल क्रमांक – 9406728035 द्वारा भी वार्ड 37 में रोड में अतिक्रमण से संबंधित कुल 04 शिकायतें दर्ज करायी गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स  अनुसार है। (ग)  जी हाँ। वर्तमान में स्‍ट्रीट लाइट चालू है। शिकायत क्रमांक 230004 सी.एम. हेल्‍पलाइन पोर्टल में दर्ज निराकरण अनुसार शिकायत की जाँच कराई गई थी जो सही पाई गई थी तथा विभागीय अधिकारी के दर्ज जवाब अनुसार मौके पर किया गया अतिक्रमण हटा दिया गया था। वर्तमान में अतिक्रमण अधिकारी स्‍थल निरीक्षण कराया गया, शिकायतकर्ता एवं अनावेदक जिसकी शिकायत की गई है, दोनों से भूमि संबंधी अभिलेख मांगे है एवं अ‍धीक्षक,                    भू-अभिलेख को सीमांकन हेतु पत्र लिखा गया है। (घ)  किसी अधिकारी द्वारा प्रथम दृष्‍टया असत्‍य जानकारी देने की जानकारी विभाग में नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता।

अधीनस्‍थ लेखा सेवा भाग 2 की विभागीय परीक्षाओं का आयोजन

[वित्त]

58. ( क्र. 3322 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क)  क्‍या माह नवम्‍बर-दिसम्‍बर 2012 में मध्‍यप्रदेश अधीनस्‍थ लेखा सेवा में भर्ती हेतु समस्‍त विभागों के कर्मचारियों के लिये मध्‍यप्रदेश अधीनस्‍थ लेखा सेवा भाग 2 की विभागीय परीक्षाओं का आयोजन किया गया था? उसमें किस-किस विभाग के कितनें कर्मचारी अनुत्‍तीर्ण रहे हैं? विभागवार सूची देवें। क्‍या पदों के विरूद्ध ओबीसी वर्ग के लिये पद आरक्षित किये गये थे? यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) अन्‍य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के लिये दिसम्‍बर 2012 के बाद कब-कब परीक्षाओं का आयोजन कराया गया? क्‍या परीक्षा में 6 अवसर दिये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो अनुत्‍तीर्ण परीक्षार्थियों को अभी तक कितनें अवसर कब-कब प्रदान किये जा चुके हैं? (ग)  क्‍या लेखा प्रशिक्षि‍त एवं अधीनस्‍थ लेखा सेवा भाग 1 की परीक्षा उत्‍तीर्ण प्रश्‍नांश (ख) की सूची अनुसार कर्मचारियों हेतु कब परीक्षा का आयोजन किया जावेगा, रिक्‍त पदों की जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अनुत्‍तीर्ण रहे अन्‍य विभागों के कर्मचारियों के लिये शासन द्वारा कोषालय में रिक्‍त पदों के विरूद्ध कब तक रखा जायेगा एवं विभागीय परीक्षायें कराई जावेंगी? यदि नहीं तो इन कर्मचारियों को क्‍या कोई आर्थिक लाभ प्रदान किये जावेगें? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों?

वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। विभागीय परीक्षा में सम्मिलित शासकीय सेवकों की पृथक-पृथक विभागवार सूची तैयार नहीं की जाती है। परीक्षा परिणाम सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। विभागीय परीक्षाओं में रिक्‍त पदों के विरूद्ध अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) अन्‍य विभागों में कार्यरत कमर्चारियों के लिये दिसम्‍बर 2012 के पश्‍चात् वर्ष 2013 में विभागीय परीक्षा आयोजित की गई थी। जी हाँ तत्‍समय विभागीय परीक्षा में 06 अवसर प्रदान किए जाने का प्रावधान था। दिसम्‍बर 2012 के उपरांत वर्ष 2013 में एक अवसर प्रदान किया गया। (ग) मध्‍यप्रदेश अधीनस्‍थ लेखा सेवा राजपत्र (भरती त‍था सेवा शर्तें) नियम,1965 में अधिसूचना दिनांक 25.05.2016 से संशोधन किया गया है, जिसके अनुसार 80 प्रतिशत पद सीधी भरती से एवं 20 प्रतिशत पद पदोन्‍नति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है। संशोधित भरती नियमों के परिप्रेक्ष्‍य में लेखा प्रशिक्षित एवं अधीनस्‍थ लेखा सेवा भाग-1 की परीक्षा उत्‍तीर्ण कर्मचारियों का चयन अधीनस्‍थ लेखा सेवा में किये जाने हेतु विभागीय परीक्षा आयोजित किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मध्‍यप्रदेश माध्‍यम का प्रशासकीय नियंत्रण

[जनसंपर्क]

59. ( क्र. 3348 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी, श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जनसंपर्क विभाग और मध्‍यप्रदेश माध्‍यम का सेट-अप निर्धारित है? यदि हाँ, तो सेट-अप के अनुसार जनसंपर्क विभाग में अपर संचालक, संयुक्‍त संचालक, उप संचालक, सहायक संचालक और सहायक जनसंपर्क अधिकारी के कर्तव्य, कार्य और जिम्‍मेदारियां क्‍या हैं? यदि निर्धारित नहीं हैं तो क्‍या निर्धारित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश माध्‍यम सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत गठित एक स्‍वतंत्र संस्‍था है? यदि हाँ, तो जनसंपर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में किस प्रावधान के अंतर्गत कार्य कर रही है? (ग) मध्‍यप्रदेश माध्‍यम संस्‍था का गठन कब और किस उद्देश्‍य से हुआ था? पिछले पाँच सालों में कौन-कौन सी संस्‍थाएं किन कार्यों के लिए इम्‍पेनल की गई हैं? (घ) माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय द्वारा वर्ष 2010 से 2018 तक कितने सेमीनार और अन्‍य आयोजन किए गए? इनका आयोजन किन-किन संस्‍थाओं के साथ मिलकर किया गया? उन संस्‍थाओं के नाम आयोजन की तिथि सहित विवरण दें। इन प्रत्‍येक आयोजनों पर हुए व्‍यय राशि की भी जानकारी देंवे?

मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। विभाग में पदस्‍थ अधिकारियों का मुख्‍य दायित्‍व सरकार की नीतियों, निर्णयों, योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की जानकारी प्रचार-प्रसार माध्‍यमों से लोगों तक पहुंचाना और जनमानस में शासन की उज्‍जवल छवि प्रस्‍तुत करना है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। संस्‍था के विधान एवं जनसंपर्क विभाग के आदेशों के तहत मध्‍यप्रदेश माध्‍यम जनसंपर्क विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य कर रहा है। (ग) संस्‍था का गठन 01 अक्‍टूबर 1983 को मध्‍यप्रदेश शासन एवं उसके उपक्रमों की जनकल्‍याणकारी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) वर्ष 2010 से 2018 तक विश्‍वविद्यालय में कूल 31 सेमिनार आयोजित किये गये। उन पर लगभग राशि रूपये 24,53,647/- (चौबीस लाख तिरेपन हजार छ: सौ सैता‍लीस) खर्च किये गये। प्रत्‍येक आयोजन पर दिनांक, व्‍यय, मद, राशि सहित पूर्ण विवरण एवं सहयोगी संस्‍था के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

60. ( क्र. 3370 ) श्री आलोक चतुर्वेदी, श्री योगेन्‍द्र सिंह, श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन्