मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
बुधवार, दिनांक 23 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
एन.डी.पी.एस.
एक्ट तथा
सी.एम. हेल्प
लाईन
[गृह]
1. ( *क्र. 4041 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 5 वर्षों में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत कुल कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? दर्ज प्रकरणों में ऐसे कितने मामले हैं, जिसमें मादक पदार्थों की जप्ती सी.एस.पी./एस.डी.ओ.पी. या राजपत्रित अधिकारियों द्वारा की गयी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित एक्ट में मादक पदार्थों की जप्ती सी.एस.पी./एस.डी.ओ.पी. से कम रैंक के अधिकारी नहीं कर सकते? मादक पदार्थों की जप्ती कम रैंक के पुलिस अधिकारियों द्वारा करने के कारण स्पष्ट करें। (ग) आरोपियों द्वारा सी.एम. हेल्प लाईन 181 पर की गयी ऐसी कितनी शिकायतें लंबित हैं, जो न्यायालय में विचारधीन हैं तथा लंबित शिकायतों का निराकरण न करने के कारण किन-किन अधिकारियों को दंडित किया गया है, जबकि प्रकरणों का निराकरण न करने में उनका कोई दोष नहीं है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में विगत 05 वर्षों में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत 13744 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। 117 प्रकरणों में मादक पदार्थो की जप्ती सी.एस.पी./एस.डी.ओ.पी. या राजपत्रित अधिकारियों द्वारा की गई है। (ख) जी नहीं। एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के फा.क्र.बी. 6-35-पांच-पृ.आ. 854-901 नारकोटिक्स ड्रग्स एण्ड सायकोट्रोपिक सब्सटेन्स एक्ट 1985 की धारा 41 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार मादक पदार्थों की जप्ती कम रैंक के पुलिस अधिकारियों द्वारा करने हेतु प्राधिकृत करती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लंबित शिकायतों के निराकरण न करने के लिए किसी भी पुलिस अधिकारी को दंडित नहीं किया गया है।
पुरानी पेंशन बहाली एवं शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
2. ( *क्र. 2624 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्राथमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के शिक्षकों के परिवार को बिना शर्त अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के शिक्षकों के पानसेमल, जिला बड़वानी में क्रमोन्नति आदेश आज दिनांक तक भी जारी नहीं हुए हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के पानसेमल, जिला बड़वानी के शिक्षकों के सातवें वेतन की दोनों किश्तें एवं ऐरियर राशि का भुगतान भी नहीं किया गया है? (ड.) क्या गुरूजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान नहीं की जा रही है? (च) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) एवं (ड.) सही है, तो इनका निराकरण किया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अध्यापक संवर्ग में नियुक्त प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। (ख) अनुकंम्पा नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक/सी-3-12/2013/1/3, दिनांक 29 सितम्बर, 2014 में वर्णित शर्तों के प्रावधान अनुसार दी जा रही है। (ग) प्राथमिक शिक्षकों के आदेश जारी किये जा चुके हैं। माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति देने की कार्यवाही प्राक्रियाधीन है। (घ) पानसेमल, जिला बड़वानी के 248 शिक्षकों को सातवें वेतनमान की दोनों किश्तों का भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र शिक्षकों के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) गुरूजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान करने के कोई नियम नहीं है। (च) उत्तरांश (क), (ख), (ग), (घ) एवं (ड.) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के स्वीकृत/अस्वीकृत प्रकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( *क्र. 2202 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-2022 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत हुए और कितने प्रकरण अस्वीकृत हैं और कितने प्रकरण लंबित हैं? समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि सहायता में दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह का दिनांक प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई, उसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन नहीं होने से हितग्राहियों द्वारा कोई भी आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधों के संबंध में
[गृह]
4. ( *क्र. 3729 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पिछले पांच वर्षों के दौरान महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति के ऊपर कितने अपराध हुये हैं? (ख) वर्षवार, वर्गवार (श्रेणीवार) एवं अपराधवार जानकारी दें तथा अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. में पिछले पांच वर्षों के दौरान महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के ऊपर घटित अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार।
वन अधिकार के लंबित आवेदन
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 3364 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले में दिसम्बर 2021 की स्थिति में कितने वन अधिकार (वनभूमि के पट्टा) के आवेदन पत्र लंबित हैं? परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में उक्त आवेदन पत्र किस स्तर पर एवं क्यों लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ग) जिला विदिशा अंतर्गत सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों हेतु विभाग को प्राप्त हुए एवं विभाग द्वारा उन दावों पर क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में दावे निराकरण हेतु लंबित नहीं है। निरस्त दावों का पुन: परीक्षण कर निराकरण एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। निरस्त दावों में से 119 दावों को मान्य किया जा चुका है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
गौशालाओं की अनियमितताओं की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
6. ( *क्र. 2536 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी गौशालाएं संचालित हैं? वर्तमान में वहां पर कुल कितने पशु हैं तथा उक्त पशु कहां से प्राप्त हुए हैं तथा उक्त पशु के आहार एवं अन्य व्यवस्थाओं हेतु गौशाला प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना शासन से अनुदान प्राप्त हुआ है तथा वर्तमान तक किन-किन कार्यों पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या उक्त प्राप्त राशि में व्यय की गई राशि की निगरानी हेतु कोई व्यवस्था है? हाँ तो वह क्या है? क्या जांच या निगरानी के दौरान कोई अनियमित्ताएं पाई गईं हैं? हाँ तो क्या कोई कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 04 गौशालाएं संचालित हैं। वर्तमान में इन गौशलाओं में कुल 512 गौवंश उपलब्ध हैं। इन गौशालाओं में पशु पालकों द्वारा छोड़ा गया निराश्रित गौवंश एवं पुलिस अभिरक्षा से प्राप्त हुआ है। प्रदाय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ, व्यय राशि के संबंध में जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति द्वारा गौशालाओं को प्रदाय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है तथा गौशालाओं के आय व्यय पर सी.ए. ऑडिट कराने का प्रावधान है। अनियमितता संबंधी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगों की समस्याओं का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( *क्र. 2649 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त, नि:शक्तजन मध्यप्रदेश की नियुक्ति क्यों की गई है तथा उनके द्वारा दिव्यांगजनों को शासन के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा क्यों नहीं की जाती है तथा दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं किया जाता है? (ख) रायसेन जिले में दिव्यांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग उपकरण एवं शल्य क्रिया उपचार सहायता तथा वृद्धजनों हेतु सहायक उपकरणों का वितरण का कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) रायसेन जिले में पात्र सभी दिव्यांगों के पास दिव्यांग प्रमाण-पत्र न होने के कारण उनको शासन के द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, पात्र सभी दिव्यांगों के दिव्यांग प्रमाण पत्र कब तक बनवा दिये जायेंगे? (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में दिव्यांगों की समस्याओं के निराकरण हेतु मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिले तथा पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ, कब तक निराकरण होगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधान अनुसार आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश की नियुक्ति की गई है। दिव्यांगजनों की समस्याओं के संबंध में आयुक्त, नि:शक्तजन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) रायसेन जिले में दिव्यांगजनों/वृद्धजनों को चिकित्सकों/मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर नियमित रूप से शल्य क्रिया उपचार सहायता/कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरित किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रायसेन जिले में मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर दिव्यांगजनों हेतु नियमित रूप से दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जाकर पात्रतानुसार विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
8. ( *क्र. 4067 ) श्री प्रदीप पटेल [ श्री पंचूलाल प्रजापति ] : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, जिला अनूपपुर के द्वारा पदीय दायित्वों के प्रति स्वेच्छाचारिता, घोर लापरवाही, नियम विरूद्ध कार्य करने के आधार पर कलेक्टर अनूपपुर द्वारा क्र. 7015/स्था./तीन-एक/2021, अनूपपुर दिनांक 21 दिसंबर, 2021 से अपने अभिमत के साथ जांच प्रतिवेदन आयुक्त, शहडोल संभाग को प्रेषित किया था? एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या आयुक्त, शहडोल संभाग द्वारा दिनांक 22.12.2021 को कलेक्टर अनूपपुर के जांच प्रतिवेदन से सहमत होते हुये सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास अनूपपुर के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत् अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य विभाग, भोपाल को की थी? पत्रों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित पत्रों में उपरोक्त वर्णित सहायक आयुक्त के विरूद्ध 10 (दस) गंभीर आरोप प्रमाणित पाये जाने के बावजूद क्यों प्रश्न तिथि तक विभाग द्वारा उक्त आरोपी को निलंबित न कर विभागीय जांच तक नहीं की है? कारण दें। नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) राज्य शासन उक्त अधिकारी को कब तक निलंबित करेगा? उक्त के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने वाले कौन-कौन नाम/पदनाम के अधिकारियों को प्रश्नतिथि तक चिन्हित कर लिया गया है? उन्हें राज्य शासन कब तक निलंबित कर, उनके विरूद्ध विभागीय जांच के आदेश जारी करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) आयुक्त शहडोल संभाग के पत्र दिनांक 22.12.2021 से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में कुछ बिन्दु स्पष्ट नहीं होने से स्पष्ट कराने हेतु कमिश्नर, शहडोल संभाग एवं आयुक्त, जनजातीय कार्य, मध्यप्रदेश को पत्र दिनांक 10.01.2022 को लिखा गया है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
9. ( *क्र. 2910 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में मण्डला जिले से कुल कितनी शिकायतें मिली हैं? (ख) उपरोक्त अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया एवं कितनी शिकायतें हैं, जो शासन स्तर की होने के कारण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? प्रतिवेदन सहित विभागवार जानकारी देवें। (ग) क्या निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं? (ड.) मण्डला जिले से ऐसी शिकायतें जो शासन स्तर से संबंधित होने के कारण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं, जिनके निराकरण हेतु शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में मण्डला जिले से कुल 27,016 शिकायतें मिली हैं। (ख) उक्त अवधि में कुल 25,227 शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं 129 शिकायतें प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं। शिकायतों की विभागवार संख्या एवं प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है। (घ) ऐसे 1,030 मामले हैं, जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं। (ड.) सी.एम. हेल्पलाईन में लंबित शिकायतों के निराकरण हेतु संबंधित विभागों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
10. ( *क्र. 3932 ) श्री मनोज चावला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम जिले अंतर्गत अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं पर ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु वर्ष 2019-20 में लेप्स हुई राशि क्या पुन: विभाग को प्राप्त हो गयी है? यदि हाँ, तो कितनी प्राप्त हुई है और कितनी शेष है? इस राशि से कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं? सूची देवें। (ख) रतलाम जिले में अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं पर ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई है और इससे कितने हितग्राही, किसकी अनुशंसा से लाभान्वित हुए हैं? तहसीलवार सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) रतलाम जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई है और कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस जनप्रतिनिधि/अधिकारी की अनुशंसा से कितनी-कितनी राशि के हुए हैं? तहसीलवार सूची उपलब्ध करवाएं। (घ) अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु विभाग से प्राप्त राशि का उपयोग करने की, क्या नियमावली है? उसकी प्रति देवें। अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु कौन-कौन सी योजनायें विभाग द्वारा संचालित हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2020-21 में राशि रू. 35.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना से राशि रू. 18,70,575/- आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन के विस्तार हेतु राशि रू. 35.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। वर्ष 2021-22 में पृथक से योजना संचालित नहीं है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन के विस्तार का कार्य भी सम्मिलित है। इस योजना में वर्ष 2021-22 में राशि रू. 42.01 लाख का आवंटन रतलाम जिले को दिया गया है। लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में नवीन हितग्राहियों का चयन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में राशि रू. 107.41 लाख तथा वर्ष 2021-22 में राशि रू. 42.01 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
अवैध रूप से शराब/बीयर की तस्करी
[गृह]
11. ( *क्र. 1377 ) श्री संजय शुक्ला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील आम्बेडकर नगर महू, जिला इन्दौर अन्तर्गत थाना किशनगंज में दिनांक 05.01.2022 को एवं थाना करही, तहसील महेश्वर, जिला खरगोन में दिनांक 31.01.2022 को अवैध रूप से बीयर/शराब परिवहन करते समय जप्त की जाकर अपराध पंजीबद्ध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो जप्त शराब/बीयर पर लगाये गये होलोग्राम किस संस्थान के थे? क्या होलोग्राम नकली थे? हाँ या नही? यदि नहीं, तो शासकीय होलोग्राम तस्करों के पास कैसे प्राप्त हुये? उक्त होलोग्राम विभाग द्वारा किस डिस्टलरीज/संस्थान/अन्य किस को अलॉट किये थे? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अवैधानिक शराब/बीयर किस डिस्टलरीज/संस्थान के होलोग्राम की जप्त की गई? क्या जप्त श्ाराब/बीयर पर लगे होलोग्रामों अनुसार डिस्टलरीज/संस्थानों के संचालकों को भी आरोपी बनाया जायेगा? हाँ या नही? यदि हाँ, तो क्या आई.पी.सी. की धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया जाकर कार्यवाही की जायेगी या की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) थाना किशनगंज जिला इंदौर में जप्तशुदा बीयर में MOUNT EVEREST BREWERIES LTD. नाम की संस्था का होना पाया गया है, होलोग्राम के असली/नकली के संबंध में जांच जारी है। थाना करही, जिला खरगोन में जप्त देशी मदिरा प्लेन का बैच नं. 223, दिसम्बर, 2021 एवं देशी मदिरा मसाला का बैच नं. 086 सितम्बर, 2021 होना पाया गया है। जप्तशुदा शराब एवं बीयर पर लगे होलोग्राम के संबंध में विवेचना जारी है। (ग) जप्तशुदा शराब/बीयर पर लगे होलोग्राम की जांच उपरांत विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी।
गौशाला ट्रस्ट की भूमि के उपयोग/निर्माण के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
12. ( *क्र. 1448 ) श्री संजय यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिंजारा पोल ट्रस्ट गौशाला की जिला जबलपुर के रानी ताल क्षेत्र स्थित भूमि पर व्यवसायिक भवन किसके द्वारा बनवाया जा रहा है? (ख) उक्त भूमि पर व्यवसायिक मार्केट का निर्माण किसके आदेश से कराया जा रहा है? (ग) क्या गौशाला की भूमि पर व्यवासयिक मार्केट का निर्माण किया जा सकता है? (घ) गौशाला ट्रस्ट की भूमि के उपयोग/निर्माण के क्या नियम शर्ते हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) पिंजारा पोल ट्रस्ट गौशाला, जबलपुर विभाग अंतर्गत पंजीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) गौशाला ट्रस्ट की भूमि के उपयोग/निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा कोई भी नियम/शर्त जारी नहीं किए गए हैं।
थाना रतनगढ़, जिला नीमच में दर्ज अपराध
[गृह]
13. ( *क्र. 3395 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपराध क्रमांक 0155, वर्ष 2021 थाना रतनगढ़, जिला नीमच किस संबंध में दर्ज कराया गया है? प्रकरण में लगी धारा, आरोपियों के नाम तथा प्रकरण की वर्तमान स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या दर्ज अपराध में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है? यदि हाँ, तो क्या आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सदर मदरसा, जीलानी अंजुमन इस्लाम, जाट तह. जावद, जिला नीमच द्वारा दिनांक 07 जनवरी, 2022 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय नीमच में कब्रिस्तान की जमीन पर असामाजिक तत्वों द्वारा क्षेत्र की फिजा बिगाड़ने की नीयत से एक समाज विशेष (तेली समाज) के लोगों द्वारा बोर्ड लगाने की सूचना प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो आवेदन पत्र पर क्या एवं किसके विरूद्ध कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शिकायतकर्ता द्वारा घटना की सी.डी. भी उपलब्ध कराई गई थी, परंतु पुलिस द्वारा एक वर्ग विशेष के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी, नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अपराध क्रमांक 155, वर्ष 2021 थाना रतनगढ़, जिला नीमच में भेडापीर शाह की दरगाह पर फरियादी नूरशाह पिता लाल शाह से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दरगाह में तोड़फोड़ एवं मारपीट किये जाने के संबंध में दर्ज कराया गया है। प्रकरण में धारा 295, 329, 147, 148, 149 भा.द.वि. एवं धारा 3 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 के तहत अज्ञात 24 व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। वर्तमान में प्रकरण विवेचना में है। आसपास के क्षेत्र के सी.सी.टी.व्ही. फुटेज के आधार पर संदेहियों से पूछताछ कर तकनीकी विवेचना की जा रही है। (ख) दर्ज अपराध में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) सदर मदरसा, जीलानी अंजुमन इस्लाम जाट द्वारा पुलिस अधीक्षक नीमच को आवेदन पत्र दिया गया है। उक्त आवेदन पत्र के अनावेदकगण राकेश पिता लखमीचन्द्र तेली, अनिल पिता ओमजी तेली, विजय पिता रामचन्द्र तेली, नवीन पिता ओमप्रकाश तेली, अरविन्द पिता इन्दरमल तेली, राजू पिता ऊंकारलाल तेली, दीपक पिता इन्दरमल, पूरण पिता देवीलाल, बनवारीलाल पिता धन्नालाल, कालु पिता धन्नालाल, चिनु पिता गोरीलाल, इन्दरमल तेली, सुनील पिता राजू तेली, अनिल पिता राजू तेली के विरुद्ध शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा 107, 116 (3) जा.फौ. के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाकर 25000-25000 की राशि से बाउन्ड ओव्हर कराया गया है। (घ) शिकायतकर्ता द्वारा सी.डी. उपलब्ध कराई गई थी। पुलिस द्वारा सी.डी. में आये व्यक्तियों राकेश पिता लखमीचन्द्र तेली, अनिल पिता ओमजी तेली, विजय पिता रामचन्द्र तेली, नवीन पिता ओमप्रकाश तेली, अरविन्द पिता इन्दरमल तेली, राजू पिता ऊंकारलाल तेली, दीपक पिता इन्दरमल, पूरण पिता देवीलाल, बनवारीलाल पिता धन्नालाल, कालु पिता धन्नालाल, चिनु पिता गोरीलाल, इन्दरमल तेली, सुनील पिता राजू तेली, अनिल पिता राजू तेली के विरुद्ध शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा 107, 116 (3) जा.फौ. के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाकर 25000-25000 की राशि से बाउन्ड ओव्हर कराया गया है। पुलिस द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही की गई है।
मेडिकल कॉलेज का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
14. ( *क्र. 4049 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में मेडीकल कॉलेज स्वीकृत होकर भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो कॉलेज निर्माण कार्य हेतु किस स्थल पर भूमि का चयन किया गया है? सर्वे क्र. रकबा सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या श्योपुर जिले के साथ मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों की टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होकर निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुके हैं? यदि हाँ, तो श्योपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हुआ? अब टेण्डर प्रक्रिया कब तक पूर्ण करायी जाकर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा? विलम्ब का क्या कारण रहा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। कॉलेज निर्माण हेतु ग्राम नागदा, तहसील श्योपुर में भूमि का चयन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्योपुर में चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य हेतु भारत सरकार के उपक्रम Bridge & Roof Company (India) Limited (B.R.C.L.) का चयन किया गया है। बी.आर.सी.एल. द्वारा टेन्डर प्रक्रिया की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि विकास बैंक के परिसमापन एवं बकाया स्वत्वों का भुगतान
[सहकारिता]
15. ( *क्र. 3131 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में भूमि विकास बैंक का परिसमापन किया गया है, यह परिसमापन किन वर्षों में किया गया है? (ख) क्या ग्वालियर एवं चम्बल सम्भाग के भूमि विकास बैंक का परिसमापन हुए लम्बा समय होने के बाद कितने कर्मचारियों का वेतन, ग्रेच्युटी के पैसे बकाया हैं? (ग) प्रदेश की भूमि विकास बैंकों को वर्ष 2016 में नॉन पेमेन्ट की संख्या अधिक होने, ऋण की वसूली नहीं होने पर बैंक को बन्द कर दिया गया था, लेकिन उनके सेवानिवृत कर्मचारियों का वेतन, ग्रेच्युटी का पैसा आज तक क्यों नहीं दिया गया है? (घ) क्या सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के लाखों रूपये बकाया होने से उन्हें जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश हैं कि कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का पैसा किसी हाल में नहीं रोका जाना चाहिये, न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना करने के क्या कारण हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016. (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैकों के सदस्य कृषकों एवं कर्मचारियों द्वारा समय पर कृषि ऋणों की वसूली न हो पाने से एवं कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण वेतन ग्रेच्युटी भुगतान कतिपय बैकों में शेष है। (घ) राज्य शासन द्वारा जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैकों के कर्मचारियों के हित में उनकी संविलियन योजना वर्ष 2015 से दिनांक 30.09.2021 तक पृथक-पृथक अवधि हेतु लागू कर, उन्हें विभिन्न सहकारी संस्थाओं/बैकों में यथा संभव संविलियन किया गया। कर्मचारियों की ग्रेच्युटी भुगतान हेतु जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के परिसमापकों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार लेनदारी देनदारी का निपटान तय कर प्राथमिकता क्रम से वित्तीय सक्षमता के आधार पर किया जाना संभव है।
दुग्ध संघ उज्जैन में दुग्ध उत्पाद संग्रहण एवं विक्रय
[पशुपालन एवं डेयरी]
16. ( *क्र. 4110 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दुग्ध संघ उज्जैन में दिनांक 01.01.2019 से 25.02.2022 तक घी का कितना उत्पादन हुआ? इस अवधि में कितना दूध किन संग्रहण केन्द्रों से क्रय किया गया? माहवार, वर्षवार देवें। इस अवधि के घी विक्रय की जानकारी भी देवें। (ख) उत्पादित घी, दही, छाछ व अन्य उत्पादों की कब-कब सैंपलिंग की गई? प्रति सैंपलिंग की जानकारी देवें। इनके परिणामों पर किसकी जिम्मेदारी तय की गई? प्रत्येक सैंपलिंग के संदर्भ में देवें। (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मऊखेड़ी के दुग्ध संग्रहण केन्द्र व चिलिंग सेंटर के संबंध में दिनांक 01.05.2020 से 25.02.2022 तक कितना दुग्ध संग्रहण हुआ? माहवार देवें। इसकी सैंपलिंग कब-कब की गई व उसके क्या परिणाम रहे, की जानकारी देवें। (घ) सैंपलिंग के परिणाम विपरीत आने पर किन अधिकारियों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) 5166.128 मैट्रिक टन घी का उत्पादन हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) 786533 लीटर दूध संग्रहण किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। दुग्ध संघ द्वारा प्रत्येक दिन दुग्ध संग्रहण केन्द्र से प्राप्त दूध का सेम्पल लेकर टेस्टिंग की जाती है तथा फेट एवं एस.एन.एफ. के आधार पर दूध का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
17. ( *क्र. 3988 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत ग्वालियर जिला में वर्ष 2018-19 से 2021-22 में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले में उक्त वर्षों में किस विभाग/संस्था द्वारा किस दिनांक को किस कन्या का कन्यादान योजना में विवाह कराया गया? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावेंl (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त वर्षों में जिन कन्याओं के विवाह कराए गए हैं, उनका नाम/पिता का नाम/पता/विवाह दिनांक/विभाग अथवा संस्था का नाम तथा नगद/प्रदाय सामग्री की विस्तृत सूची उपलब्ध करावेंl
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत ग्वालियर जिले में वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कुल 4,52,00,000/- की राशि प्राप्त हुई थी। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में उक्त वर्षों में स्थानीय निकाय एवं जनपद पंचायतों द्वारा कन्या विवाह योजनांतर्गत वर्ष 2018-19 में 1257 एवं वर्ष 2019-20 में 399 कन्याओं के विवाह कराये गये, वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कोविड-19 के कारण कोई विवाह नहीं कराये गए। (ग) ग्वालियर जिले में कराये गए कन्याओं के विवाह की नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायतवार विस्तृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध कमांक 24/16
[गृह]
18. ( *क्र. 928 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड के थाना सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 24/16 में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? क्या फरियादी एवं गवाह शासकीय कर्मचारी है, क्या उक्त प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट लगा दी गई है? यदि हाँ, तो क्या सभी गवाह अपने बयान से मुकर गए हैं? यदि हाँ, तो जो शासकीय कर्मचारी अपने बयानों से मुकरे हैं, उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या फरियादी भी अपने बयान से मुकर चुका है? यदि नहीं, तो किस आधार पर पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट पेश की गई और उसमें कौन-कौन लोग दोषी हैं, उन पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला भिण्ड के थाना सिटी कोतवाली में फरियादी श्री सुनील खेमरिया, निरीक्षक सिटी कोतवाली भिण्ड की रिपोर्ट पर से अपराध क्रमांक 24/2016, धारा 353, 225, 186, 34 भा.द.वि. में दर्ज किया जाकर विवेचना की गई है। प्रकरण की विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर खात्मा कता किया जाकर माननीय न्यायालय में स्वीकृति हेतु पेश किया गया है, जो माननीय न्यायालय में लंबित है। फरियादी एवं गवाह शासकीय कर्मचारी हैं। गवाह अपने बयान से नहीं मुकरे हैं। (ख) जी नहीं। फरियादी द्वारा एफ.आई.आर. एवं अपने कथन में घटना की ताईद की है, किन्तु प्रकरण में अन्य साक्षीगण के कथन एवं विवेचना से प्रकरण के न्यायालय में अभियोजन चलाने हेतु पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाये गये, इसीलिए प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में विवेचक द्वारा दिनांक 16.09.2016 को खात्मा क्रमांक 28/16 कता कर माननीय न्यायालय में प्रेषित किया गया, जो माननीय न्यायालय में लंबित है।
नवीन गौशालाओं में गौवंश रखने बाबत्
[पशुपालन एवं डेयरी]
19. ( *क्र. 3485 ) श्री राकेश मावई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाओं का निर्माण कहां–कहां पर कितनी–कितनी राशि से कराया गया? गौशाला का नाम एवं व्यय राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में मुरैना जिले की सभी गौशालाओं में कितने-कितने गौवंश कहां-कहां पर रखे जा रहे हैं? उनकी देख-रेख की जिम्मेदारी कौन कर रहा है? प्रति गौवंश पर कितनी-कितनी राशि किस-किस गौशाला पर व्यय की जा रही है? गौवंश की संख्या एवं व्यय राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या मुरैना जिले में आवारा गौवंश किसानों की फसल को खाकर चौपट कर रहे हैं और गौशाला में गौवंश नहीं रखे जा रहे हैं तथा गौवंश पर राशि व्यय करना विभाग द्वारा दिखाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार बनाई गई गौशालाओं में गौवंश क्यों नहीं रखे जा रहे हैं? गौवंश पर इतनी बड़ी राशि व्यय करने का क्या औचित्य है? कब तक इन गौशालाओं में गौवंश रखे जायेंगे और गौवंश की रखने की व्यवस्था की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) भारी फसलों के नुकसान की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। मुरैना जिले में निराश्रित गौवंश हेतु 29 गौशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जिसमें से 15 गौशालाएं संचालित की जाकर चारा-भूसा हेतु प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायतों के द्वारा संचालित गौशालाओं में गौवंश न होने के कारण अनुदान राशि प्रदाय नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुरैना जिले में वर्ष 2018 से वर्तमान तक मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत कुल स्वीकृत 82 गौशालाओं में से 15 गौशालाओं में गौवंश रखे जा रहे हैं। गौशालाओं में गौवंश स्थानीय निकायों द्वारा रखे जाते हैं। जिन गौशालाओं में गौवंश उपलब्ध हैं, उन गौशालाओं को चारा-भूसा हेतु राशि प्रदाय की गई है। जिनमें गौवंश नहीं हैं, उन्हें राशि प्रदाय नहीं की गई है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
व्यापम घोटाले के प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया जाना
[गृह]
20. ( *क्र. 3628 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले पर वर्ष 2013 से 2021 तक एस.टी.एफ. द्वारा सी.बी.आई. के छोड़कर दर्ज प्रकरणों के क्रमांक जिस परीक्षा पर दर्ज हुआ, उनका नाम, दिनांक, न्यायालय में चालान पेश करने की दिनांक सहित सूची देवें तथा क्या उक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में खात्मा (closure) करने हेतु न्यायालय में आवेदन किस दिनांक को पेश किया गया? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक, प्रकरण की दिनांक सहित तथा खात्मा हेतु पेश आवेदन की प्रति देवें। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा किस-किस वर्ष की पी.एम.टी. परीक्षा से संबंधित प्रकरण को विवेचना के दौरान विभाग स्तर पर नस्तीबद्ध कर दिया गया, उक्त प्रकरणों के संदर्भ में व्यापम से पत्र किस दिनांक को प्राप्त हुआ था तथा प्रकरण किस दिनांक को नस्तीबद्ध किये जाने के आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश ''क'' की अवधि में व्यापम घोटाले के एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज कितने प्रकरणों में न्यायालय द्वारा अंतिम फैसला दिया गया, उसमें से कितने में आरोप सिद्ध हुआ तथा कितने में आरोपी बरी हुये? प्रकरण क्रमांक, प्रकरण की दिनांक, न्यायालय का वाद तथा आदेश की दिनांक सहित सूची देवें। (घ) क्या सी.बी.आई. घोटाले के प्रकरणों में चालान पेश करने की जानकारी राज्य शासन को देती है? यदि हाँ, तो उनसे प्राप्त पत्र की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उपरोक्त प्रकरण में से किसी भी प्रकरण में खात्मा की कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा पी.एम.टी. परीक्षा से संबंधित कोई भी पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरण को विवेचना के दौरान विभाग स्तर पर नस्तीबद्ध नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरण नीति
[जनजातीय कार्य]
21. ( *क्र. 4013 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक f-6-1/2021/f/9, दिनांक 24 जून, 2021 द्वारा राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति प्रकाशित की गई थी? क्या उक्त नीति का विभाग द्वारा खरगोन जिले में अक्षरश: पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों एवं हाँ तो क्या? विभाग द्वारा खरगोन के कार्यालय को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के ऑनलाइन ऑफलाइन स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया, कितनों का नहीं? उपरोक्त स्थानांतरण आदेश जारी करते समय स्थानांतरण नीति की कंडिका 20 का पालन किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो इसका स्पष्ट कारण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा खरगोन जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने कर्मचारियों के प्रशासकीय स्थानांतरण किए गए? किए गए स्थानातरणों में स्थानांतरण नीति की कंडिका 13 व कंडिका 9.3 अनुसार की गई कार्यवाही की छायाप्रति सहित विवरण देवें। (ग) स्थानांतरण नीति की कंडिका 45 अनुसार सभी स्थानांतरण आदेशों में ट्रेजरी में प्रयुक्त होने वाली एम्पलाई कोड डालना अनिवार्य था? यदि हाँ, तो क्या पालन किया गया? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जनजातीय कार्य विभाग खरगोन द्वारा स्थानांतरण नीति का पालन किया गया है। विभाग अंतर्गत खरगोन कार्यालय में ऑनलाईन/ऑफलाइन स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु 680 आवेदन प्राप्त हुए थे। स्थानांतरण नीति का पालन करते हुए कार्यालय द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री महोदय एवं कलेक्टर खरगोन के अनुमोदन उपरांत 205 कर्मचारियों के प्राशासकीय स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं। स्थानांतरण नीति की कंडिका 20 का पालन किया गया है। (ख) विभाग अंतर्गत कार्यालय खरगोन में तृतीय श्रेणी के 193 एवं चतुर्थ श्रेणी के 12 कर्मचारियों के प्रशासकीय स्थानांतरण किये गये हैं। स्थानांतरण नीति की कंडिका 13 अनुसार की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। तत्समय की वर्तमान स्थिति में स्थानांतरित कर्मचारियों के एम्पलाई कोड कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने से नहीं डाले जा सके।
नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( *क्र. 3922 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा सत्र 2020-21 एवं 2021-22 में नवीन व पूर्व से संचालित नर्सिंग कॉलेजों के कराये गये निरीक्षण की रिपोर्ट दें। (ख) सत्र 2020-21 एवं 2021-22 में नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण किन-किन के द्वारा किये गये? (ग) सत्र 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली किन-किन संस्थाओं के मान्यता आवेदन में स्वयं के अकादमिक भवन होने का उल्लेख था? सूची, उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सही है कि उक्त संस्थाओं को निर्देश जारी कर उनके स्वयं के अकादमिक भवन होने के दस्तावेजों को कौंसिल में जमा कर, सत्यापन कराने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त के पालन में किस-किस संस्था द्वारा कौन-कौन से दस्तावेज कौंसिल में जमा किये गये? समस्त दस्तावेजों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ड.) क्या यह सही है कि सत्र 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली कतिपय संस्थाओं द्वारा स्वयं के अकादमिक भवन होने की गलत जानकारी भरकर आवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध की गयी समस्त कार्यवाही के अभिलेख पटल पर रखें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सत्र 2020-21 में नवीन व पूर्व से संचालित 329 नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सत्र 2021-22 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) सत्र 2020-21 में निरीक्षण दलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सत्र 2021-22 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) अकादमिक भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष दस्तावेजों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) जी हाँ। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
प्रभारी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[जनजातीय कार्य]
23. ( *क्र. 3715 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले में कौन-कौन से कार्यालयों में कितने प्रभारी अधिकारी के रूप में किन-किन अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रभार दिए गए हैं? क्या प्रभारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त होकर व विभागीय जांच लंबित है? यदि हाँ, तो इन्हें किस प्रावधान के तहत प्रभार दिए गए हैं? नाम, पदनाम विभाग सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रभारी अधिकारी के रूप में सौंपे गए दायित्व में शासन के पत्र क्रमांक/शि.स्थां–1/884/14455, दिनांक 18.8.2020 द्वारा जारी निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो मध्य प्रदेश वित्त संहिता व कोषालय संहिता एवं वित्त शक्तियों के नियम विपरीत प्रभार देने के क्या प्रावधान है? नियम सहित जानकारी देवें और आहरण संवितरण की पात्रता नहीं रखने वाले कर्मचारियों की सूची भी देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 24.8.2020 को पत्र क्रमांक 1095 द्वारा पत्र आयुक्त, आदिवासी विकास, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल को अलीराजपुर जिले में वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारियों के बजाय कनिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रभारी के रूप में दायित्व सौंपें जाने के संबंध में पत्र भेजा गया था, जिस पर शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? क्या शासन जिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 1. सुश्री जानकी यादव, प्रभारी सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, अलीराजपुर। 2. श्री संजय परवाल, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, अलीराजपुर। 3. श्री प्रतापसिंह डावर, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, जोबट। 4. श्री रामानुश शर्मा, खण्ड शिक्षा अधिकारी, सोण्डवा। 5. श्री गिरधर ठाकरे, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, उदयगढ़। 6. श्री अच्छेलाल प्रजापति, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, कट्ठीवाड़ा, श्री विनोद कुमार कोरी, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, च.शे.आ. नगर। उक्त में से किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हैं एवं किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई विभागीय जांच लंबित नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश वित्त संहिता का पालन किया जाकर नियम के विपरीत किसी भी अधिकारी को आहरण संवितरण का प्रभार नहीं दिया गया है। आहरण संवितरण का अधिकार पात्रता रखने वाले अधिकारियों को ही सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उल्लेखित पत्र कार्यालय में अप्राप्त है। वर्तमान में विभाग में कुल 26 जिलों में स्वीकृत सहायक आयुक्त के पदों के विरूद्ध कुल 11 सहायक आयुक्त कार्यरत हैं, अत: वरिष्ठ जिला संयोजकों को प्रभारी सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ किया गया है। इसी अनुक्रम में वरिष्ठ क्षेत्र संयोजकों को प्रभारी जिला संयोजकों का प्रभार दिया गया है। अन्य जिलों में स्थानीय व्यवस्था के तहत जिला कलेक्टर द्वारा विभागीय योजनाओं के सुचारू संचालन के उद्देश्य से प्रभार सौंपे गये हैं।
सहकारी समितियों के कार्य
[सहकारिता]
24. ( *क्र. 3002 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी समितियों द्वारा कौन-कौन से कार्य और व्यापार किये जाते हैं और पन्ना जिले में कौन-कौन सी सहकारी समितियां कब से गठित और संचालित हैं, इनके क्या-क्या कार्य और व्यापार हैं? समितियों में कौन-कौन कर्मचारी किन-किन पदों पर कब से कार्यरत हैं? इनके पदीय दायित्व क्या-क्या हैं? समितिवार एवं कर्मचारीवार बताइये। (ख) प्रश्नांश (क) समितियों द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्रों के संचालन और उचित मूल्य दुकानों एवं अन्य कार्यों/व्यापारों में विगत 03 वर्षों में क्या-क्या अनियमितता किस प्रकार ज्ञात हुई है? प्रश्न दिनांक तक किस-किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब जांच की गयी और क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) समितियों के कार्यों/व्यापारों में अनियमितताओं की जांच और कार्यवाही प्रचलन में है तथा राशि की वसूली की जानी है? यदि हाँ, तो किस-किस समिति की क्या जांच और क्या कार्यवाही कब से प्रचलन में है? किस-किस समिति/कर्मचारी से कितनी-कितनी राशि की वसूली किन कारणों से की जा रही है? जांच एवं कार्यवाही और राशि की वसूली कब तक की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रतिबंधित समितियों को उपार्जन केन्द्रों का संचालन दिया गया और क्या अपचारी/आरोपी एवं दोषी पाये गये कर्मचारियों द्वारा उचित मूल्य दुकानों का संचालन तथा उपार्जन केन्द्रों में कार्य भी किया गया एवं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों और किन-किन समितियों द्वारा किन-किन समितियों के कौन-कौन कर्मचारियों के द्वारा, जबकि इन्हें यह कार्य न सौंपे जाने और हटाये जाने के उच्चाधिकारियों के लगातार निर्देश हैं? यदि नहीं, तो ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपायुक्त द्वारा की गई अनियमितताएं
[सहकारिता]
25. ( *क्र. 3803 ) श्री राकेश गिरि : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के सहकारिता विभाग में उपायुक्त पद पर वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन पदस्थ रहा है? नाम, मूलपद नाम व कार्यकाल बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान में श्री एस.पी. कौशिक, उपायुक्त सहकारिता, टीकमगढ़ के पद पर पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ, तो क्या श्री एस.पी. कौशिक द्वारा की जा रही अवैध वसूली, भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के विरूद्ध आयुक्त (राजस्व) सागर संभाग, सागर द्वारा पत्र क्रमांक चार-2/वि.जां./2021, दिनांक 20.12.2021 से कलेक्टर टीकमगढ़ को जांच करने हेतु आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या जांच प्रतिवेदन में उपायुक्त सहकारिता, श्री एस.पी. कौशिक दोषी पाये गये हैं? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो दोषी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) जांच प्रतिवेदन अनुसार शिकायत में वर्णित अनियमितताओं की पुष्टि हेतु उच्च स्तरीय जांच कार्यालय कलेक्टर टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक/शिका./63/2022, दिनांक 07.02.2022 से आयुक्त सागर संभाग सागर को प्रस्तावित की गई है। कार्यवाही जांच के निष्कर्षाधीन।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जय
किसान ऋण माफी
योजना
[सहकारिता]
1. ( क्र. 38 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला केन्द्रीय सहकारिता बैंक राजगढ़ से ऋण लेने वाले किसानों को भी ऋण माफी योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो योजना प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंक के कितने हितग्राहियों का कितना-कितना ऋण माफ हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध जानकारी में यदि समस्त पात्र हितग्राहियों का ऋण माफ नहीं हुआ है तो शासन उन हितग्राहियों का ऋण कब तक माफ कर देगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टेट कैंसर यूनिट जबलपुर के नये भवन में उपचार शुरू किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( क्र. 54 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान कैंसर अस्पताल जबलपुर में स्टॉफ, उपकरण, बिस्तर सीमित होने के कारण महाकौशल, विंध्य, बुंदेलखण्ड क्षेत्र के 100 से 150 मरीजों को उपचार हेतु प्रतिदिन अन्य शहरों मुंबई, दिल्ली, नागपुर जाना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कॉलेज में स्टेट कैंसर यूनिट के नये भवन का निर्माण कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो नये भवन में कब से मरीजों का उपचार शुरू किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विभाग में बाहर उपचार हेतु जाने वाले मरीजों की संख्या की जानकारी संधारित नहीं हैं। (ख) जी हाँ। (ग) स्टेट कैंसर यूनिट भवन के कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि 31/03/2022 है। भवन हस्तांतरण होने के पश्चात इसे मरीजों के उपचार हेतु शुरू किया जावेगा।
राष्ट्रीय परिवार सहायता से प्राप्त राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( क्र. 298 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष तक की आयु के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई? उनमें से किन-किन को राष्ट्रीय परिवार सहायता के अंतर्गत राशि प्राप्त हुई? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सभी पात्र हितग्राहियों को राशि प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर इस लापरवाही के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष की आयु के कुल 333 सदस्यों की मृत्यु हुई, जिनमें से 265 सदस्यों के परिवार को राष्ट्रीय परिवार सहायता से लाभान्वित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) राष्ट्रीय परिवार सहायता का भुगतान नवीन प्रक्रिया (पी.एफ.एम.एस.) पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रीय परिवार सहायता के शेष कुल 68 हितग्राहियों के भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। अतएव अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में नर्सिंग संस्थाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( क्र. 299 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र में स्थापित होने वाली नवीन नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं हेतु स्वयं के 100 बिस्तरीय अस्पताल होने की आवश्यकता शर्त से छूट प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो अनुसूचित क्षेत्र में प्रदेश के कौन-कौन से स्थान सम्मिलित है? संबंधित अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) सत्र 2020-21 में नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा कौन-कौन सी नवीन नर्सिंग संस्थाओं को अनुसूचित क्षेत्र में स्थापित संस्था मान्य करते हुये मान्यता दी गई है? उक्त सभी संस्थाओं के स्थानावार नाम पते बतावें तथा मान्यता देने की प्रक्रिया की निरीक्षण रिपोर्ट आदि की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल को विगत दो वर्षों में नर्सिंग संस्थाओं से संबंधित मान्यता में अनियमितता आदि सहित समस्त प्रकार की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनके संबंध में की गयी जांच की रिपोर्ट तथा अन्य कार्यवाही की जानकारी शिकायतवार उपलब्ध करावें। (घ) वर्ष 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली कौन-कौन सी संस्थाओं को तथा किन-किन कारणों से मान्यता समाप्त करने का नोटिस दिया गया तथा संबंधित संस्थाओं द्वारा उनके क्या-क्या उत्तर दिये गये? सभी अभिलेख उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित क्षेत्र में सम्मिलित स्थानों की जानकारी तथा अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) सत्र 2020-21 में अनुसूचित क्षेत्र में कुल 55 नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता प्रदान की गयी है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) विगत दो वर्षों में समस्त प्रकार की कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई है कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) कुल 20 संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। संस्थाओं द्वारा दिये गये उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार।
ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा नशीले पदार्थ एवं हथियारों की ऑनलाइन बिक्री
[गृह]
5. ( क्र. 382 ) श्री कमलेश्वर पटेल [ श्री विशाल जगदीश पटेल ] : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा ऑनलाइन नशीले पदार्थ और हथियारों की ऑनलाईन बिक्री किये जाने की जानकारी मिली है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में किस-किस कम्पनी द्वारा कौन-कौन सी आपत्तिजनक वस्तुये ऑनलाइन बेची जा रही हैं? (ग) क्या सरकार द्वारा आपत्तिजनक वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री रोकने के लिए कोई कार्यवाही की गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है और क्या अब इस पर रोक लग गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण एजेंसी का निर्धारण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
6. ( क्र. 406 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन जबलपुर ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग जबलपुर को निर्माण एजेंसी निर्धारित किया हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व हेतु स्वीकृत किन-किन कार्यों के लिये कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि का आवंटन नहीं किया है राशि आंवटन हेतु क्या प्रयास किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण व निर्माणाधीन हैं? किन-किन कार्यों को किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? अपूर्ण एवं निर्माणाधीन कार्यों की स्वीकृत लागत व अवधि क्या हैं क्या शासन इन कार्यों हेतु राशि का शीघ्र ही आवंटन कर इन्हें पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी दुग्ध संघ सागर के अपात्र सुपर स्टॉकिस्ट की निविदा निरस्त किया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
7. ( क्र. 1300 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित सागर द्वारा सुपर स्टॉकिस्ट की नियुक्ति कब और किसके द्वारा की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) से बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित सागर सुपर स्टॉकिस्ट द्वारा निविदा की सम्पूर्ण शर्तें पूर्ण की गई थी? यदि हाँ, तो स्पष्ट बतावें। यदि नहीं, तो सुपर स्टॉकिस्ट किस आधार पर नियुक्त किये गये? सुपर स्टॉकिस्ट निविदा में निर्धारित वार्षिक टर्नओवर की शर्त पूर्ण करते हैं, यदि नहीं, तो वर्तमान में सुपर स्टॉकिस्ट नियुक्त संस्था का अनुबंध तत्काल निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ग) क्या सुपर स्टॉकिस्ट द्वारा दुग्ध पदार्थ प्रदाय का एफ.एम.सी.जी. का अनुभव नियुक्ति दिनांक पर तीन वर्ष का था। यदि नहीं, तो यह सत्य है कि वर्तमान में कार्यरत सुपर स्टॉकिस्ट द्वारा शासन द्वारा निर्धारित निविदा शर्तें पूर्ण नहीं की हैं? क्या शासन अपात्र सुपर स्टॉकिस्ट नियुक्त करने वाले प्रबंध संचालक को दोषी मानते हुये दंडित करेगा यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित, सागर स्तर पर ई-निविदा के माध्यम से सुपरस्टॉकिस्ट की नियुक्ति आदेश क्रमांक 322/विपणन/बुसदुसं/सागर, दिनांक 05.02.2021 द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सुपरस्टॉकिस्ट नियुक्त करने हेतु दुग्ध संघ स्तर से ई-निविदा आमंत्रित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नियुक्त सुपरस्टॉकिस्ट निविदा में निर्धारित टर्न ओव्हर रू.10.00 करोड़ की शर्त पूर्ण नहीं की गयी थी अत: एम.पी.सी.डी.एफ. द्वारा प्रकरण संज्ञान में आने पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दण्डित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। नियमानुसार सुपरस्टॉकिस्ट की नियुक्ति पश्चात वर्तमान सुपरस्टॉकिस्ट के अनुबंध को निरस्त किया जायेगा। (ग) सुपरस्टॉकिस्ट के पास नियुक्ति दिनांक को 03 वर्ष का अनुभव नहीं था एवं टर्न ओव्हर की स्थिति उत्तरांश ''ख'' अनुसार होने के कारण एम.पी.सी.डी.एफ. द्वारा प्रकरण संज्ञान में आने पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दण्डित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
छतरपुर जिले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना मैं नियम विरुद्ध गोदाम निर्माण
[सहकारिता]
8. ( क्र. 1521 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में लागू एकीकृत सहकारी परियोजना अन्तर्गत कितने कृषि साख समिति व बीज उत्पादक समिति को गोदाम निर्माण की अनुमति दी गई तथा उनके गोदाम शासकीय अथवा निजी भूमि पर निर्माण कराया गया सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या बीज उत्पादक मुंगवारी व कृषि साख समिति रामपुर ढिलापुर समिति के नाम पर आवंटित जमीन पर समितियों के द्वारा गोदाम निर्माण किया गया है मय खसरा नक्शा सहित जानकारी देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में शासन के नियमों के विपरीत निर्माण कार्य किया गया तो नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए कौन-कौन दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या यह सत्य है कि बीज उत्पादक समिति एवं कृषि साख समिति रामपुर ढिलापुर के गोदाम निजी भूमि पर परियोजना महाप्रबंधक द्वारा करा दिये गये है दोषियों पर वसूली एवं पुलिस प्रकरण दर्ज की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) छतरपुर जिले में संचालित एकीकृत सहकारी परियोजना अंर्तगत परियोजना बंद होने के बाद जून 2021 में खाता छतरपुर में रहते हुए शाखा बक्स्वाहा में 456 लाख रुपये की एफ.डी.आर. स्थांतरित कर ब्याज सहित 130 लाख रुपये फर्जी दस्तावेज तैयार कर परियोजना के संविदा कर्मचारी द्वारा फर्जी खातों में परियोजना महाप्रबंधक की मिली भगत से विभिन्न चैकों से आहरित कर ली गई? यदि हाँ, तो वसूली एवम् पुलिस प्रकरण कब तक दर्ज कर लिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ख) चैपरिया बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित मुंगवारी एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. रामपुर ढिलापुर के पक्ष में दान पत्र से प्राप्त भूमि पर गोदाम निर्माण किया गया। खसरा नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) चैपरिया बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित मुंगवारी में पंजीकृत दान पत्र की भूमि पर गोदाम निर्माण कराया गया है जबकि पैक्स रामपुर ढिलापुर के गोदाम का निर्माण 100 रूपये के स्टाम्प शुल्क पर संस्था के पक्ष में दान पत्र निष्पादित कराया जाकर किया गया है जिसका वैधानिक परीक्षण कराया जाकर उत्तरदायित्व का निर्धारण कर यथेष्ठ कार्यवाही की जायेगी। (घ) छतरपुर जिले में संचालित एकीकृत सहकारी विकास परियोजना का खाता कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. छतरपुर की शाखा बकस्वाहा में खाता खोलकर विभिन्न व्यक्तियों फर्मों एवं सहकारी संस्थाओं को राशि 1.30 करोड़ अंतरित की गई। राशि 106.92 लाख परियोजना के खाते में विभिन्न व्यक्तियों एवं शाखा बकस्वाहा द्वारा जमा की गई है। शेष राशि की वसूली के निर्देश उपायुक्त सहकारिता छतरपुर को दिये गये है। प्रकरण में दिनांक 04.03.2022 को थाना कोतवाली छतरपुर में उपायुक्त सहकारिता द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है।
छात्रावास आश्रम व बाल सुधार गृह में व्यय राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( क्र. 1547 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर को राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनान्तर्गत निर्माण एवं विकास कार्यों, छात्रावासों, आश्रमों व बालगृहों के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन योजनान्तर्गत किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित की हैं तथा कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित किन-किन छात्रावासों, आश्रमों व बालगृहों को किस-किस योजनामद में कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इनके सुधार, मरम्मत व पुनर्निर्माण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। बालगृह संचालित नहीं हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत राशि आवंटित नहीं की गई, की जानकारी निरंक है। जनजातीय कार्य विभाग की जानकारी के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है।
महिलाओं पर अत्याचार व अपराध की जानकारी
[गृह]
10. ( क्र. 1548 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार व अपराध करने के कितने मामले पंजीकृत है। इनमें कितनी महिलाएं अपराधियों के अत्याचार का शिकार हुई हैं? बतलावें। इसमें कितनी महिलाएं दुष्कृत्य, अपहरण, हत्या, गुमशुदा होने, घरेलू हिंसा की शिकार हुई हैं? जिलावार वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रदेश के किन-किन जिलों में महिलाओं अत्याचार व अपराधों सम्बंधि कौन-कौन से सर्वाधिक मामले पंजीकृत है। इसमें कितनी-कितनी महिलाएं प्रभावित व पीड़ित हुई हैं? (ग) प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध भा.द.वि. की किन-किन धाराओं के अपराधों के कितने-कितने मामले पंजीकृत हैं? कितने प्रतिशत मामलों में महिलाओं द्वारा ही महिलाओं के खिलाफ अपराध में भागीदारी रही हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेसर्स शौर्या हाइजीन, नई दिल्ली के विरुद्ध दर्ज एफ.आई.आर.
[गृह]
11. ( क्र. 1576 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स शौर्याहाइजीन नई दिल्ली, के विरुद्ध थाना बागसेवनिया जिला भोपाल में प्राथमिकी क्रमांक 0448 दिनांक 26/6/2021 दर्ज की गयी है? यदि हाँ, तो आरोपियों की अग्रिम जमानत की याचिका माननीय जिला स्तर न्यायालय जिला भोपाल से ख़ारिज होने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक गिरफ्तारियां क्यों नहीं हुई? क्या कार्यवाहियां न होना यह नहीं दर्शाता कि आरोपियों को राजनैतिक एवं पुलिस संरक्षण प्राप्त हो रहा है? यदि नहीं, तो आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाहियां कब तक की जाएंगी? (ख) क्या मेसर्स शौर्याहाइजीन नई दिल्ली, के विरुद्ध थाना बागसेवनिया जिला भोपाल में दर्ज प्राथमिकी क्रमांक 0448 दिनांक 26/6/2021 कि विवेचना के सम्बन्ध में थाना बागसेवनिया जिला भोपाल द्वारा अलग अलग प्रयोगशालाओं में सेनेटरी पैड्स कि गुणवत्ता की जांचें कराई गयी? यदि हाँ, तो उन जांचों में क्या परिणाम आए? सम्पूर्ण विवरण बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मेसर्स शौर्याहाइजीन नई दिल्ली के विरूद्ध थाना बागसेवानिया जिला भोपाल में अपराध क्रमांक 448/21 धारा 420,409, भा.द.वि. का दर्ज किया गया है। प्रकरण की विवेचना के दौरान एकत्रित साक्ष्य के आधार पर यह पाया गया कि प्रकरण में चालान योग्य पर्याप्त साक्ष्य न होने से दिनांक 29.11.2021 को खात्मा तैयार किया गया है। चूंकि प्रकरण में खात्मा तैयार किया गया है अतः आरोपियों कि गिरफ्तारी नहीं की गई है। आरोपियों को राजनैतिक या पुलिस संरक्षण नहीं दिया गया है। (ख) जाँच रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
वन भूमि पर खेती कर रहे किसानों को पट्टे प्रदाय किया जाना
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 1679 ) श्री संजय शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में जो आदिवासी वर्ग के लोग कई वर्षों से वनभूमि पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। क्या उन किसानों को उक्त भूमि के पट्टे प्रदान करने की शासन की कोई योजना है? यदि हां, तो योजना की पूरी जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि नहीं, तो, क्या भविष्य में इन आदिवासी किसानों के हित में उक्त भूमि के पट्टे शासन द्वारा प्रदान करने की कोई योजना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के तहत वन भूमि पर काबिज वन निवासियों को वन अधिकार पत्र प्रदान किये जाने के प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शस्त्र लायसेंस रिन्यूवल की समय-सीमा
[गृह]
13. ( क्र. 1703 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल संभाग में शस्त्र लायसेंस कितने समय के लिए रिन्यू किया जाता है? क्या शस्त्र लायसेंसों को तीन वर्ष के लिए रिन्यू किया जाता है? (ख) क्या भारत सरकार की विधि एवं विधायी मंत्रालय के द्वारा गजट नोटिफिकेशन दिनांक 13 दिसम्बर 2019 में जारी शस्त्र लायसेंस रिन्यूवल की समय-सीमा तीन वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई है यदि हाँ, तो क्या उक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सभी शस्त्र लायसेंसों को 5 वर्ष के लिए रिन्यू किया गया है यदि नहीं, तो क्यों और इससे जो शस्त्रधारकों को हजारों रूपये का नुकसान हुआ है क्या इसकी भरपाई सरकार करेगी और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी और कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में वर्तमान में तीन वर्ष के लिए शस्त्र लायसेंस नवीनीकृत किये जा रहे हैं। (ख) हाँ, भारत सरकार विधि एवं विधायी मंत्रालय द्वारा गजट नोटिफिकेशन दिनांक 13 दिसम्बर 2019 में जारी शस्त्र लायसेंस रिन्युवल की समय-सीमा 03 वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष की गयी है। प्रश्नांश दिनांक तक सभी शस्त्र लायसेंसों को 05 वर्ष तक के लिए रिन्यु नहीं किया गया है, क्योंकि शस्त्र धारकों द्वारा शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र के साथ नियमानुसार निर्धारित शुल्क 500/- रूपये प्रत्येक वर्ष के मान से केवल 03 वर्ष के लिए कुल 1500/- (एक हजार पांच सौ) का शुल्क चालान जमा किया है। जबकि 05 वर्ष के लिए प्रत्येक वर्ष के मान से कुल 2500/- रू. का शुल्क चालान जमा किया जाना था। इस कारण शस्त्र लायसेसों को 05 वर्ष के लिए नवीनीकृत नहीं किया गया है। चूंकि लायसेंस धारकों द्वारा नियमानुसार निर्धारित प्रत्येक वर्ष के मान से अधिक राशि का चालान प्रस्तुत नहीं किया है जिससे शस्त्र धारकों को हजारों रूपये का नुकसान नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
छात्रावासों में विभागीय अध्यापकों को नियुक्त किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( क्र. 1872 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने छात्रावास कितनी-कितनी क्षमताओं के उपलब्ध है? (ख) क्या इन छात्रावासों में जनजाति विभाग के अधीक्षक/अध्यापक पदस्थ है? यदि नहीं, तो? क्या शिक्षा विभाग के अध्यापक पदस्थ है? (ग) क्या यह सही है कि शिक्षा विभाग के अध्यापक इन छात्रावासों में अधीक्षक का कार्य करने से स्कूलों में कमी के कारण शैक्षणिक स्तर में गिरावट आ रही है? (घ) जिले में शिक्षा विभाग के कितने अध्यापक इन छात्रावासों में पदस्थ है और क्यों? (ड.) क्या शिक्षा विभाग के ऐसे अधिक्षकों को मूल विभाग में वापस किया जाकर विभागीय अध्यापकों को अधीक्षक पद पर पदस्थापना के आदेश जारी किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (च) क्या छात्रावासों में रिक्त अधीक्षक पदों की पूर्ति विशेष भर्ती अभियान के तहत पूर्ण की जाएँगी? यदि हाँ तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति के 39 एवं अनुसूचित जनजाति के 46 छात्रावास संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिक्षा विभाग के 06 शिक्षकों को अपने कार्य के अतिरिक्त छात्रावासों में अधीक्षक के रूप में प्रभार दिया गया है। (ग) शिक्षा विभाग के शिक्षक अपने शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त छात्रावासों में अधीक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं जिसके कारण शैक्षणिक स्तर में गिरावट नहीं आ रही है। (घ) जनजातीय कार्य विभाग में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से शिक्षा विभाग के 06 शिक्षक अपने कार्य के साथ साथ छात्रावासों में अधीक्षकों के अतिरिक्त प्रभार में है। इनकी मूल शाला छात्रावास स्थल के निकट है। (ड.) जी हाँ। विभाग के शिक्षकों की उपलब्धता होने पर विभागीय शिक्षकों को अधीक्षक के पद पर कार्य करने हेतु आदेश जारी किये जायेंगे। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (च) भर्ती की प्रक्रिया निरंतर है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
गौवंश संरक्षण एवं गौशाला और पशु चिकित्सालयों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
15. ( क्र. 2045 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों में पशु चिकित्सकों के कितने-कितने पद स्वीकृत है? कितने चिकित्सक कहाँ-कहाँ पदस्थ है एवं कितने पद रिक्त हैं? उन रिक्त पदों पर पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी। (ख) गौवंश संरक्षण हेतु सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशाला स्वीकृति हुई? कितनी गौशालाओं का कार्य पूर्ण होकर संचालित हो रही है व कितनी असंचालित है? पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार आवारा पशुओं/गौवंश के द्वारा क्षेत्रीय किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है? जिसको मेरे द्वारा जिला प्रशासन मुरैना को अवगत कराया किन्तु प्रश्न दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जानकारी परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) सुमावली विधानसभा के अंतर्गत जनपद पंचायत मुरैना एवं जौरा क्षेत्र अंतर्गत संचालित गौशालाओं में 165 आवारा गौवंश को ले जाकर देख-रेख की जा रही है जिससे क्षेत्रीय किसानों की फसलों को नुकसान से बचाया जा रहा है। भारी फसलों के नुकसान की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
विद्युत आपूर्ति हेतु स्वीकृत राशि
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 2075 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा सौंसर के आदिवासी ग्राम कोडासावली में तीन वर्ष पूर्व बिजली पोल हेतु आदिवासी किसानों के लिये 10 लाख रूपयें स्वीकृत किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा आज तक विद्युत मंडल को राशि प्रदान नहीं की गई क्यों? जिससे आदिवासी किसानों को सिंचाई में भारी कठिनाई उठानी पड़ रही है। (ग) उपरोक्त कार्य कब तक प्रांरभ किया जायेगा तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में प्रदाय सहायता राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
17. ( क्र. 2077 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सौंसर में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इसमें से कितने प्रकरण स्वीकृत, कितने प्रकरण अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही का नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई उसका विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सौंसर, जिला छिन्दवाड़ा में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं होने के कारण हितग्राहियों से कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में यातायात सुधार हेतु ई-चालान/ई-नोटिस
[गृह]
18. ( क्र. 2112 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं अन्य शहरों में जहां ई-चालान/ई-नोटिस की व्यवस्था है वहाँ शहरों में यातायात सुधार हेतु ई-चालान/ई-नोटिस भेजे जाने के लिए यातायात सिग्नल/चौराहे पर लगाए गए कैमरों एवं समय-समय पर उनके सुधार के लिए किस-किस कंपनी/व्यक्ति को किन-किन कार्यों के लिए,कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है जानकारी वर्षवार/माहवार देवें तथा कार्यादेश की प्रतियां भी देवें? उक्त शहरों में उक्त अवधि में ई-चालान/ई-नोटिस एवं रसीद कट्टों से कुल कितनी राशि की वसूली की गई, जानकारी वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश ''क'' संदर्भित उक्त अवधि में कंपनी/व्यक्ति द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने ठेके/कार्य करने की शर्तों का उल्लंघन करने आदि के कारण कंपनी/ठेकेदार/व्यक्ति पर लगाए गए अर्थदंड/भुगतान रोकने आदि के आदेश सहित, अन्य कार्यवाही आदेश जारी किए हो तो उनकी प्रतियां भी देवें? (ग) प्रश्नांश ''क'' संदर्भित ई नोटिस भेजे जाने और ई-चालान बनाए जाने के लिए लागू आदेश/नोटिफिकेशन आदि की प्रतियां देवें? (घ) प्रश्नांश ''ग'' संदर्भित यातायात में व्यवधान उत्पन्न करने वाले मालिकों आदि को दिए गए नोटिस की एवं कार्यवाही आदेश की प्रतियां भी देवें? क्या यातायात अधिनियमानुसार यातायात चालान बनाने आदि में संशोधन किया जा सकता हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में बढ़ते अपराधों की जानकारी
[गृह]
19. ( क्र. 2310 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में वर्ष 2019 से 2021 तक खनन से बने गड्ढों में मिट्टी धस जाने से पानी भर जाने के बाद डूबने से कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई? उसमें बच्चों तथा महिलाओं की संख्या कितनी-कितनी है? इनमें से कितनी दुर्घटना पर किस-किस व्यक्ति पर किस कारण से प्रकरण दर्ज किया गया? कितनी दुर्घटना पर खनन करने वाले ठेकेदार पर प्रकरण दर्ज किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि खनन से बने गड्ढों को नियमानुसार बंद न करने तथा उन गड्ढों में हुई दुर्घटना पर मृत्यु हो जाने पर खनन वाला ठेकेदार तथा जिम्मेदार अधिकारी पर क्यों नहीं कार्यवाही की तथा उन पर प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया गया? इस संदर्भ में नियम कानून की प्रति दें। (ग) इन्दौर में वर्ष 2019 से 2021 तक नहर, तालाब, नदी आदि में बस, कार, ट्रक आदि डूब जाने, बस में करंट फैल जाने, बस पलट जाने, बस के सामने वाले वाहन से टक्कर होने, बस में आग लग जाने की कितनी-कितनी घटनाएं हुई तथा उससे कितने लोग मृत हुये? कुल कितनी घटनाओं में कुल कितनों पर प्रकरण दर्ज हुआ?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जिला इन्दौर के थाना क्षिप्रा में आरोपी खदान संचालक द्वारा खदान के आसपास फेंसिंग न कर उपेक्षापूर्ण आचरण किया गया, फलस्वरूप तीन बच्चों की पानी में डूबने से मृत्यु हुई है। इस कारण आरोपी दर्शन सिंह पर अपराध क्रमांक 395/21 धारा 304 ए भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। शेष में अकाल मृत्यु प्रकरण दर्ज किये गये है। इस संदर्भ में नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
सहकारी शक्कर कारखाना, कैलारस की मशीनरी का विक्रय
[सहकारिता]
20. ( क्र. 2338
) श्री
बैजनाथ
कुशवाह : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सहकारी शक्कर
कारखाना
कैलारस
लिमिटेड जिला
मुरैना की मशीनरी
को विक्रय
हेतु सहकारी
अधिनियम/नियमों
का पालन किया
है? यदि हाँ, तो
प्रति उपलब्ध
करावें। विक्रय
हेतु
नियमावली
प्रति दी
जावें। (ख) क्या
विक्रय हेतु
नियमों के
अंतर्गत
संचालक मण्डल
की अनुमति ली
गई है? जो
वार्षिक सभा (जनरल
मीटिंग) के
अंतर्गत
सहमति ली गई
हो, यदि हाँ, तो
प्रति उपलब्ध
करावें?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) परिसमापक
द्वारा म.प्र.
सहकारी
सोसाइटी अधिनियम
1960 की धारा 71
के
प्रावधानों
के तहत सम्पत्ति
का विक्रय
किया जाता है, इसी
अनुक्रम में
दि मुरैना
मंडल सहकारी
शक्कर
कारखाना
मर्यादित
कैलारस जिला
मुरैना की
मशीनरी का
विक्रय लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग के माध्यम
से परिसमापक
द्वारा कराया
जा रहा है। म.प्र.
सहकारी
सोसाइटी
अधिनियम 1960
की धारा 71
एवं लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग के आदेश
दिनांक 04.10.2021
द्वारा जारी
निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) वर्तमान
में दि मुरैना
मंडल सहकारी
शक्कर
कारखाना
मर्यादित
कैलारस जिला
मुरैना में
संचालक मंडल
कार्यरत नहीं
है, इसे
आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक
सहकारी संस्थाएं
के
कार्यालयीन
आदेश
क्र./विप./श.मिल/2019/2464 दिनांक 10.10.2019 से
परिसमापन में
लाया जाकर
परिसमापक की
नियुक्ति की
गई है, शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
फसल बीमा की राशि में सहकारी बैंकों द्वारा अनियमितता
[सहकारिता]
21. ( क्र. 2374 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2017 में किसानों के लिये स्वीकृत हुई फसल बीमा की करोड़ों रूपयों की राशि को जिला सहकारी बैंक मर्यादित बैतूल सहित बैंक से संबंधित सहकारी समितियों के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अनियमितता किये जाने की शिकायतें विभाग को पुन: प्राप्त हुई है? (ख) क्या सी.सी.वी. खेड़ी कोड ब्रांच के तत्कालीन प्रबंधन द्वारा वर्ष 2018 में फसल बीमा के रूपये 1,88,000/- रूपये अनियमित रूप से स्वयं सहित ब्रांच में पदस्थ केशियर एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के खाते में जमा कर हड़प ली गई थी? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित वर्षों में फसल बीमा की प्राप्त करोड़ो रूपयों की राशि के वितरण एवं उसमें अनियमितता संबंधी प्रकरणों पर क्या विभाग ने एफ.आई.आर. दर्ज कराई है? क्या इसकी जांच हुई तथा जांच के क्या परिणाम प्राप्त हुए?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) बैतूल जिले में पुन: ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। (ग) शाखा प्रबंधक शाखा खेडीकोर्ट जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बैतूल द्वारा दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. किये जाने हेतु थाना सांईखेडा जिला बैतूल में आवेदन प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण थाना स्तर पर विचाराधीन है।
पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी आर्गेनाईजेशन ऑफ एमपी के विरूद्ध कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( क्र. 2414
) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या यह
सही है कि
पैरामेडिकल
टेक्नोलॉजी
आर्गेनाईजेशन
ऑफ एमपी संस्था
(भोपाल) के
अंतर्गत
इन्दौर में
देवी अहिल्या
नर्सिंग
कॉलेज और
हॉस्पिटल
संचालित है?
यदि हाँ, तो
क्या यह सही
है कि इसके
अध्यक्ष व
अन्य सदस्यों
के विरूद्ध
फर्जी
दस्तावेजों
के आधार पर
अनुमति लिए
जाने की
शिकायत की गई
है? शिकायत
पर संस्था के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? संस्था
का पंजीयन कब
निरस्त किया
जावेगा?
क्या
संस्था के
सदस्यों की
सूची में
हेरफेर कर
फर्जी काम
किया गया है? पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) क्या
यह सही है कि
संस्था के
संचालक के पास
कोई वैध
मेडिकल
डिग्री नहीं
है? क्या
इलेक्ट्रो-हौम्योपेथी
को
मध्यप्रदेश में
मान्य किया
गया है? यदि
नहीं, तो
संस्था के
अध्यक्ष इस
पद्धति से किस
आधार पर
मरीजों की जान
के साथ खिलवाड़
कर रहे है
क्या
इलेक्ट्रो-हौम्योपेथी
डिग्री धारक
को डॉक्टर
लिखने की
पात्रता है? पूर्ण
जानकारी
देवें?
(ग) क्या यह
सही है कि
संस्था के
अध्यक्ष एवं
कुछ सदस्यों
के विरूद्ध
इन्दौर के
विभिन्न थानों
में 4 एफ.आई.आर.
दर्ज है? उनके
खिलाफ क्या
कार्यवाही चल
रही है अद्यतन
स्थिति से
अवगत कराएं?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) जी हाँ। जी
हाँ। संस्था
को नोटिस जारी
किया गया। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। प्रकरण
मान. न्यायालय
में
विचाराधीन है, निर्णय
उपरांत
यथोचित
कार्यवाही की
जावेगी। (ख) संस्था
के संचालन
हेतु मेडिकल डिग्री
की आवश्यकता
नहीं है। जी
नहीं, आयुष
विभाग में इलेक्ट्रो-हौम्योपेथी
पाठ्यक्रम
संचालित नहीं है।
प्रकरण मा. न्यायालय
में
विचाराधीन है।
जी नहीं। (ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-02 अनुसार।
गौशालाओं का निर्माण किया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
23. ( क्र. 2438 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश भर में आवारा पशु गाय, बैल बाजार एवं सड़क और खेत में आवारा घुमते हैं? (ख) क्या फसल को नुकसान करते हैं, सड़क पर आये दिन दुर्घटना होती हैं, जिससे गाय एवं मनुष्य दोनों की हानि होती है, बाजार में सब्जी व्यापारी का भी नुकसान होता है? (ग) क्या प्रदेश भर में ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में वार्ड स्तर पर गाय बैल को सुरक्षा हेतु पंचायत स्तर पर गौशाला निर्माण की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) निराश्रित गौवंश के घूमने की समस्या प्रदेश भर में न होकर कुछ जिलों में ही अधिक थी। इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री गौसेवा योजना का क्रियान्वयन चयनित ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। स्थानीय निकायों के माध्यम से इन गौशालाओं में निराश्रित गौवंश को रखा जाता है। (ख) जी हाँ। निराश्रित गौवंश की अधिकता वाले क्षेत्रों में फसल को नुकसान करने के, दुर्घटना के मामले प्रकाश में आए है। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना प्रारंभ की गई है जिसमें निराश्रित गौवंश की संख्या के अनुपात में संबंधित क्षेत्रों में गौशालाएं स्वीकृत की गई है। (ग) जी नहीं। गौशाला का निर्माण मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत प्रदेश में चयनित ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्रों का निराश्रित गौवंश आसपास की ग्राम पंचायतों की गौशालाओं में रखे जाने का प्रावधान है। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं एवं नगरीय निकायों द्वारा नगरीय क्षेत्रों में गौशाला संचालित की जा रही है। निराश्रित गौवंश की समस्या प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सीमित है। अत: प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों एवं नगरीय क्षेत्रों के समस्त वार्डों में गौशाला निर्माण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
पुलिस चौकी का थाना में उन्नयन
[गृह]
24. ( क्र. 2439 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन को पुलिस चौकी को थाना बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है, जो सिंगरौली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र उत्तर प्रदेश, झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्य के सीमा से लगा है, जिसका क्षेत्र काफी बड़ा है? क्या वहां पर लगभग 2 लाख की आबादी है? (ख) क्या पुलिस चौकी गोभा को उन्नयन कर थाना बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से पुलिस मुख्यालय स्तर से अमान्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं है।
मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ सफेमा कानून के तहत कार्यवाही
[गृह]
25. ( क्र. 2487 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रदेश के कितने तस्कर मादक पदार्थ की तस्करी में प्रदेश के बाहर कहाँ-कहाँ पकड़े गए? (ख) प्रश्नांश (क) में संदर्भित क्या इन तस्करों के विरुद्ध "सफेमा कानून" के तहत कार्य वाही हुई, यदि हाँ तो कितने पर, यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवे? (ग) क्या मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में तस्कर पूर्व एवं वर्तमान में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पकड़ाते है तो उनकी सम्पत्तियों को सफेमा कानून में जप्त या अन्य अपराधियों की तरह तोड़ा जाता है यदि हाँ, तो उक्त अवधि में मंदसौर सहित उज्जैन संभाग में किन-किन तस्करों के खिलाफ सफेमा कानून के तहत कार्यवाही हुई, ओर उनकी संपत्ति मकान कब-कब तोड़े गए? दिनांकवार जानकारी देवे? (घ) क्या उक्त जिलों में पुलिस के खिलाफ सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज की गई शिकायत और उनका निराकरण अधिकांश के विरुद्ध न करते हुई डरा धमका के पुलिस द्वारा शिकायत को खत्म किया जाता है यदि नहीं, तो उक्त अवधि में पुलिस कर्मचारी के खिलाफ सी.एम. हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के परिणामों की जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में संदर्भित 05 तस्करों के विरूद्ध सफेमा कानून के तहत कार्यवाही हुई। (ग) जी हाँ। एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत सम्पत्ति की जप्ती का प्रावधान है, जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। कुल 16 शिकायतों में से 09 का निराकरण शेष 07 लंबित है।
वनाधिकार समितियों का गठन
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 2517 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले के 1303 राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों में जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार ग्राम स्तरीय वनाधिकार समितियों का गठन किया गया? 1303 ग्रामों में से कितने ग्रामों की समस्त भूमि वन विभाग ने भा.व.अ. वर्ष 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड कर दी थी? (ख) जिन ग्रामों की समस्त भूमि धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड कर दी गई, उनमें से कितने ग्रामों में व्यक्तिगत वन अधिकार के कितने दावे दिसम्बर, 2021 तक प्राप्त हुए? उसमें से कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किए गए एवं कितनी भूमि के कितने दावे अमान्य किए गए? कितनी भूमि के कितने दावे लम्बित हैं, ब्लाकवार बतावें? (ग) धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड भूमियों को वन भूमि माने जाने का प्रावधान, अधिकार या छूट किस-किस कानून की किस-किस धारा में दिया गया है, किस दिनांक के न्यायालयीन आदेश में दिया गया है, प्रति सहित बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
व्यक्तिगत वन अधिकार धारकों को सुविधा
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 2518 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार व्यक्तिगत वन अधिकार धारकों के लिए सरकार ने कौन-कौन सी योजना बनाई हैं? सरकार की प्रचलित किस-किस योजना का लाभ धारकों को दिए जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) वन अधिकार कानून की धारा 3 (1) के अनुसार दिए गए सामुदायिक वन अधिकार धारकों को भूमि की सुरक्षा भूमि के विकास एवं अन्य किस-किस के लिए सरकार की किन-किन योजनाओं के तहत सहायता उपलब्ध करवाएं जाने के वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं? (ग) बैतूल जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक कितने व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र दिए गए हैं? इनमें से कितने धारको को किस-किस योजना का लाभ दिलवाया गया? कितने सामुदायिक वन अधिकार धारकों को किस-किस योजना से कितनी सहायता उपलब्ध करवाई गई? पृथक-पृथक बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक अधिकार पत्र धारको को भूमि की सुरक्षा एवं भूमि के विकास के संबंध में कोई भी प्रस्ताव/योजना ग्राम सभा से प्राप्त न होने से कोई प्रावधान नहीं किये गये है। (ग) बैतूल जिले में कुल 12,129 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। शेष उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
माननीय उच्च न्यायालय के निर्णयों का पालन
[विधि एवं विधायी कार्य]
28. ( क्र. 2562 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उज्जैन संभाग के कितने प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय पारित किया जाकर उनका पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है तथा कितने प्रकरणों में निर्णय का पालन किया जाना शेष है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कितने प्रकरणों में माननीय न्यायालय के निर्णय का पालन नहीं करने के कारण उन प्रकरणों में अवमानना की स्थिति निर्मित हुई है? अवमानना के दर्ज प्रकरणों का जिलेवार विस्तृत ब्योरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्ज अवमानना प्रकरणों में उत्तरदायित्व निर्धारित कर संबंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध शासन द्वारा कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) कब तक अवमानना के प्रकरणों का निराकरण करवाया जाकर प्रकरण समाप्त किये जा सकेंगे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज होने संबंधी परिपत्र का पालन
[गृह]
29. ( क्र. 2578 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि गृह विभाग के द्वारा पत्रकार पर होने वाली ज्यादती को रोकने व फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज होने पर पुनरावलोकन के लिए जारी परिपत्र दिनांक 1 दिसम्बर, 2014 का पालन किया जा रहा है कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो सीधी एवं सिंगरौली जिले के पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों में खात्मे की कार्यवाही की जानकारी देवें? इसी प्रकार सीधी जिले के अजाक थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 05/2020 में अभी तक खारजी/खात्मा क्यों नहीं लगाया गया? जबकि विभाग में प्रकरण की विवेचना फर्जी व नियम विरूद्ध पाई गई थी? (ख) क्या गृह विभाग जब किसी पत्रकार को प्रताड़ित करने व उसके विरूद्ध फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज करने वाले दोषी पुलिस अधिकारी को मानवीयता के आधार पर दोष मुक्त कर दिया जाता है, तो उसी पुलिस अधिकारी के द्वारा प्रताड़ित हुये पत्रकार को सही न्याय क्यों नहीं दिया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सीधी एवं सिंगरौली जिलों में पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज प्ररकणों में खात्में की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जिला सीधी थाना अजाक में दर्ज प्रकरण क्र. 05/20 की विवेचना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला सीधी द्वारा की जा रही है। प्रकरण विवेचनाधीन है, विवेचना में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) जिला सीधी के थाना अजाक में दर्ज प्रकरण क्र. 05/20 धारा 294, 323, 324, 506, 34 भादवि, 3 (1) द) (ध), 3 (1) (एफ), 3 (1) (जी) एस.सी./एस.टी. एक्ट में श्री चन्द्रगुप्त द्विवेदी तत्का. एस.डी.ओ.पी. चुरहट, सीधी द्वारा बरती गई लापरवाही एवं कदाचरण प्राथमिक जांच में पाया गया। पुलिस महानिदेशक, म.प्र. भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक-पुम/23/ए-1/301/201/दिनांक 23.02.2021 के माध्यम से श्री चन्द्रगुप्त द्विवेदी तत्का. एस.डी.ओ.पी. चुरहट, सीधी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने से तथा निकट भविष्य में सेवानिवृत्त के फलस्वरूप समग्र विचारोपरांत मानवीयता के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया जाकर श्री द्विवेदी को भविष्य के लिए सचेत किया गया है। उक्त अपराध क्रमांक 05/2020 धारा 294, 323, 324, 506, 34 भादवि, 3 (1) द) (ध), 3 (1) (एफ), 3 (1) (जी) एस.सी./एस.टी. एक्ट का अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला सीधी द्वारा किया जा रहा है। प्रकरण विवेचनाधीन है, प्रकरण में साक्ष्य संकलन किया जा रहा है, इसके पश्चात उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधिनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी।
सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी
[गृह]
30. ( क्र. 2650 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सड़क दुर्घटना में किन-किन की मृत्यु कब-कब हुई तथा कौन-कौन घायल हुए? ज्ञात एवं अज्ञात वाहन सहित विवरण दें? (ख) रायसेन जिले में किस-किस विभाग की किन-किन सड़कों पर कितने ब्लैक स्पॉट हैं, तथा उनपर 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी दुर्घटनायें घटित हुईं? (ग) रायसेन जिले में शासन के द्वारा ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं को रोकने हेतु क्या-क्या प्रावधान किये जा रहे हैं, तथा इस हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में कितनी राशि दी गई? (घ) क्या रायसेन जिले में बारना नदी से सिन्दूर नदी तक राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर मार्ग निर्माण कर रहे ठेकेदार के द्वारा डायवर्सन के बोर्ड एवं सूचना पटल न लगाये जाने के कारण भी अनेक दुर्घटनायें हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार, एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में ब्लैक स्पॉट के परिशोधन हेतु राशि रूपये 12.53 लाख आवंटित की गयी। पी.डब्ल्यू.डी. (एन.एच.) द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 15.66 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 47.00 लाख आवंटित की गई। (घ) जी नहीं।
राज्य पशु चिकित्सा परिषद में वित्तीय अनियमितताएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
31. ( क्र. 2719 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय पशु चिकित्सा परिषद एवं राज्य पशु चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रार एवं अध्यक्ष के पद पर एक ही अधिकारी के पद पर एक ही अधिकारी आसीन है यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या दो पद धारित अधिकारी के विरूद्ध पूर्व भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष रहते हुये कंट्रोल ऑडिटर जनरल भारत सरकार द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के कारण 39 लाख की रिकवरी के लिये मध्यप्रदेश शासन को लिखा गया था? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्तमान वर्ष में रजिस्ट्रार पद हेतु पूर्व संचालक डॉ. आर.के. रोकड़े, का नामांकन प्रस्तावित किया गया है, यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या डॉ. रोकड़ के विरूद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति संबंधी प्रकरण मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय में, तथा वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में प्रकरण लोकायुक्त में जारी है, यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? (ड.) क्या राज्य पशु चिकित्सा परिषद में अध्यक्ष पद पर पूर्व में माननीय मंत्री महोदय की महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की घोषणा उपरांत इंडियन वेटेरिनरी एसोसिएशन महिला प्रकोष्ठ, प्रोग्रेसिव वेटेरिनरी डॉ. वेलफेयर एसोसिएशन (म.प्र.), जो पशु चिकित्सकों के अधिकारों के लिये निरन्तर कार्य कर रही है को बनाने की योजना है? यदि हाँ, तो महिला वर्ग को कब तक नेतृत्व प्रदाय किया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या पशुपालन विभाग द्वारा खरीदी जा रही दवाई की दवाई कंपनियों द्वारा कंटेट जो बताये जाते है वह न दिया जाकर अन्य कंटेट दिया जा रहा है यदि हाँ, तो क्या दोषी कंपनियों पर कार्यवाही की जायेगी और यदि नहीं, तो क्यों? (छ) क्या पशुपालन विभाग द्वारा खरीदी जा रही दवाई की तय मात्रा से अधिक मात्रा में दवाई कंपनियों द्वारा दवाई का कंटेट मिलाना बताया जा रहा है जो कि संभव ही नहीं है ऐसी स्थिति में दोषियों पर कार्यवाही की गई है और यदि नहीं, तो क्यों तथा एंटीबायोटिक में भी गलत कंटेंट मिलाया जा रहा है एवं क्रमिनाशक में गलत शब्द एस्ट्रनल यूज लिख कर प्रदाय किया जा रहा है क्या इस प्रकार कोई कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। किसी भी राज्य की पशु चिकित्सा परिषद में पंजीकृत पशु चिकित्सक, भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् अधिनियम 1984 (52) की धारा (4) के अनुसार अध्यक्ष निर्वाचित किया जाता है। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् अधिनियम 1984 (1984 का 52) की धारा 42 (1) के अंतर्गत शासन की पूर्व अनुमति से रजिस्ट्रार की नियुक्ति की जाती है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। (ड.) राज्य पशु चिकित्सा परिषद् में अध्यक्ष का निर्वाचन भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् अधिनियम 1984 (52) की धारा (36) के अंतर्गत पशु चिकित्सा परिषद् के सदस्यों द्वारा किया जाता हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गौशाला के संधारण के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
32. ( क्र. 2720 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को भोपाल जिले के बैरसिया स्थित गौशाला में सैकड़ों गायों के शव/कंकाल मिलने की जानकारी है? (ख) उपरोक्त गौशाला कब से किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है? इस संस्था को पिछले 10 वित्तीय वर्ष में कितना-कितना अनुदान प्रदाय किया गया है? (ग) क्या बैरसिया गौशाला में गायों के शव/कंकाल मिलने पर संस्था संचालक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) गौशाला में सैकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था और उसके संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या सरकार इस घटना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में गौशाला के अनुदान लेने वाली सभी संस्थाओं का ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगी? (ड.) प्रदेश में एवं भोपाल जिले में कुल कितनी गौशालाएं शासन द्वारा अनुदान प्राप्त हैं एवं कितनी गौशालाएं अनुदान प्राप्त करने हेतु प्रतिक्षारत हैं? सूची उपलब्ध करायें? (च) क्या अनुदान प्राप्त गौशाला में स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो शासकीय चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं या निजी चिकित्सकों से ईलाज कराया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। मात्र 87 गौवंश के शव पाए गए थे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। अपराध दर्ज कराया गया है। (घ) संबंधित संस्था की संचालिका के विरूद्ध थाना बैरसिया में अपराध पंजीबद्ध कर, गौशाला का पंजीयन निरस्त किया गया। प्रदेश मं संचालित गौशालाओं को प्रदाय राशि का सी.ए. से आडिट कराए जाने का प्रावधान है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (च) पंजीकृत गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के स्वास्थ्य परिक्षण विभाग के निकटस्थ संस्था के चिकित्सकों द्वारा किया जाता है तथा टीकाकरण, औषधि उपलब्ध कराई जाती है।
लम्बित जांचों को पूर्ण करना
[जनजातीय कार्य]
33. ( क्र. 2881
) श्री
सूबेदार सिंह
सिकरवार
रजौधा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) जिला
मुरैना में
विभाग के
वर्तमान जिला
संयोजक के
पदस्थी
दिनांक से
प्रश्न दिनांक
तक एवं जिला
कार्यालय में
अन्य कर्मचारियों
के विरूद्ध
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? कितनों
की जांच की
गयी और कितनी
लम्बित हैं? जांच
प्रतिवेदन की
प्रतियां एवं
लम्बित जांच
की अद्यतन
स्थिति से
अवगत करावे। (ख)
विधानसभा
प्रश्न क्र. 1116 (तारांकित)
दिनांक 24.12.21
के उत्तरांश (ज्ञ)
में उल्लेखित
जांच
प्रतिवेदन
प्राप्त हो गया
है? यदि हाँ, तो
जांच अधिकारी
के अभिमत से
अवगत करावें।
यदि नहीं, तो
विलम्ब के
क्या कारण हैं
और कब तक जांच
पूर्ण कर ली
जावेगी?
(ग) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में वर्तमान
जिला संयोजक जिला
मुरैना में
एवं कार्यालय
में अन्य
पदस्थ कर्मचारी
कितने समय से
पदस्थ हैं और
विभाग द्वारा
एक ही स्थान
पर कितनी अवधि
में पदस्थ
रखने का नियम
है? (घ) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में जांच के
दौरान जिला
संयोजक को पद
से क्यों नहीं
हटाया गया? आरोपी
अधिकारी को पद
पर बने रहने
से जांच प्रभावित
होगी, क्या
आरोपी
अधिकारी को पद
से हटाकर की
गयी अनियमिताओं
एवं
भ्रष्टाचार
जांच की जा सकेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) प्राप्त
शिकायत की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट 'अ'
अनुसार
है। शिकायत
की जांच हेतु
जिला कलेक्टर
को लिखा गया
है, विवरण जानकारी संलग्न
परिशिष्ट 'अ'
के
कॉलम 5 में उल्लेखित है। शिकायतों
का जांच प्रतिवेदन
जिला कलेक्टर
मुरैना से
प्राप्त
नहीं हुआ है। (ख)
जी नहीं।
प्रश्न क्रमांक
1116 के प्रश्नांश
'क' में उल्लेखित
शिकायतों का
जांच
प्रतिवेदन
प्राप्त
नहीं हुआ है।
प्रश्न क्रमांक
1116 में (ज्ञ)
प्रश्नांश
नहीं है। शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) तीन
वर्ष की अवधि
तक पदस्थ
रखने का नियम है।
जिला संयोजक, जनजातीय
कार्य विभाग, जिला
मुरैना
कार्यालय में
पदस्थ
कर्मचारियों
की सूची जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट 'ब'
अनुसार
है। (घ)
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है।
नियम विरुद्ध अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
34. ( क्र. 2889 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय सेवक की मृत्यु उपरान्त उसके आश्रित परिवार को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 3-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 25/09/2014 से की जाती है? या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में कोई पृथक से आदेश प्रसारित किए गए? (ख) सागर जिले अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के कितने आवेदन प्राप्त हुए एवं विभाग अंतर्गत रिक्त पदों की विस्तृत जानकारी वर्षवार, पदवार एवं संस्थावार देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में विभाग में प्राप्त आवेदनों में से अनुकंपा नियुक्ति देने वाले अधिकारी का नाम, अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारी का नाम, विभागवार, विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्तमान में कितने प्रकरण अनुकंपा हेतु लंबित है? लंबित रहने का कारण क्या है एवं इसके लिए कौन दोषी है? क्या दोषी अधिकारी के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/सी-3-12/2013/1/3 दिनांक 29/09/2014 के प्रावधान अनुसार ही अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है। आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा कोई पृथक से आदेश प्रसारित नहीं किया गया है। (ख) सागर जिले अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभागान्तर्गत जिले में अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्राप्त आवेदनों का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। विभाग में पद रिक्त पदों का विसतृत जानकारी वर्षवार, पदवार एवं संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में विभाग प्राप्त आवेदनों में से अनुकंपा नियुक्ति देने वाले अधिकारी का नाम अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारी का नाम जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्तमान में जिले में कोई अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
छात्रवृत्ति राशि का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
35. ( क्र. 2957 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रबंध संकाय के तहत पी.जी.डी.एम. के दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति की जाती है? यदि हाँ, तो प्रति छात्र प्रतिवर्ष अधिकतम कितनी दी जाती है? (ख) उक्त पाठ्यक्रम में सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष में अध्ययन हेतु कितने छात्रों द्वारा प्रवेश लिया गया? कितने छात्रों को सत्र 2019-20 में किस दर से छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति की जानी थी? कितने छात्रों के आवेदन स्वीकृत किये गये? कितने अस्वीकृत हुये? कितने लम्बित रहे? लम्बित रहने के क्या कारण हैं? स्वीकृत आवेदनों में से कितने छात्रों को किस दर से छात्रवृत्ति भुगतान की गयी? (ग) क्या इसी सत्र में अध्ययनरत छात्रों में से जिन छात्रों के आवेदन स्वीकृति हेतु विभागीय स्तर पर लम्बित रहे हैं उन्हें शासन के नवीनतम आदेश दिनांक 17.03.2020 द्वारा भूतलक्षी प्रभाव से कम छात्रवृत्ति राशि स्वीकृत की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? विभागीय स्तर पर जांच हेतु लम्बित रखे गये आवेदनों के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? विभाग द्वारा उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) सत्र 2019-20 के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत रहे समस्त पात्र छात्रों को एक समान दर से अधिकतम छात्रवृत्ति राशि की प्रतिपूर्ति हेतु प्रभावी कार्यवाही कब तक की जायेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रति छात्र वर्ष 2019-20 तक अधिकतम राशि रूपये 1,66,800/- दी जाती थी। (ख) उक्त पाठ्यक्रम में सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष में अध्ययन हेतु 9,999 छात्रों द्वारा प्रवेश लिया गया। 9,999 छात्रों को वर्ष 2019-20 में अधिकतम राशि रूपये 1,66,800/- दर से छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति की जानी थी। 7,101 छात्रों के आवेदन स्वीकृत किये गये। शेष 2,898 आवेदन लंबित रहे जो ए.जी.एम.पी. की आपत्तियों के कारण लंबित है। स्वीकृत आवेदनों में से 7101 छात्रों को राशि रूपये 1,65,522/- की दर से छात्रवृत्ति भुगतान की गयी। (ग) लंबित आवेदनों पर कार्यवाही ए.जी.एम.पी. की आपत्तियों के कारण लंबित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सत्र 2019-20 के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत रहे समस्त पात्र छात्रों को महालेखाकार मध्यप्रदेश द्वारा लगाई गयी आपत्तियों के निराकरण पश्चात् पात्रता अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा प्रदान किया जाना संभव नहीं है।
छात्रावासों एवं आश्रमों का संचालन एवं निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
36. ( क्र. 3003 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में विभाग द्वारा कितनी-कितनी क्षमता के किस कक्षा के विद्यार्थियों हेतु छात्रावास/आश्रम/शिक्षा केंद्र कब से एवं कहां-कहां संचालित हैं? संस्थावार किन-किन पदों पर कौन-कौन शासकीय सेवक कब से कार्यरत हैं? क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध हैं और किन-किन सुविधाओं एवं साधनों की आवश्यकता है? (ख) प्रश्नांश (क) छात्रावासों/आश्रमों एवं शिक्षा केन्द्रों हेतु विगत 03 वर्षों में किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस हेतु कब-कब प्राप्त हुई एवं किस मांग एवं आवश्यकता के चलते किन-किन प्रस्तावों एवं आदेशों से कितनी लागत से क्या-क्या सामग्री किस-किस से एवं कब-कब क्रय की गयी एवं क्या-क्या कार्य कराये गए? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या नवीन भवनों का निर्माण और मरम्मत के कार्य कराये गए? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि एवं किन आदेशों से? कार्यवार, कार्यों के प्रस्ताव किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए? कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति किन शासकीय सेवकों द्वारा प्रदान की गयी और कार्यों को किन तकनीकी अधिकारी के पर्यवेक्षण में कब-कब कराया गया? कार्यों की माप और माप का सत्यापन किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत् विभागीय संस्थाओं के निरीक्षण और पर्यवेक्षण के क्या निर्देश एवं नियम हैं? क्या निर्देशानुसार कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में किस नाम और पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा इन संस्थाओं का कब-कब निरीक्षण किया गया और प्रतिवेदन किस सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत किए गए और क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय संस्थाओं के उन्नयन और सुविधाओं में वृद्धि की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो क्या इनका परीक्षण करवाते हुये कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) पन्ना जिले में विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विभाग द्वारा जिले में आश्रम/शिक्षा केंद्र संचालित नहीं है। छात्रावासों में समस्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। जी हाँ। निर्देशों के तहत विभागीय अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किये गये। किये गये निरीक्षण की जानकारी प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित पुस्तकालय परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ड.) पन्ना जिले में संचालित समस्त छात्रावासों में समस्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति-जनजाति मद से प्रदाय की गयी राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
37. ( क्र. 3007 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति मद से कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गयी? वर्षवार, मदवार, कार्य का नाम, राशि सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्षवार, मदवार, स्वीकृत कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रश्न दिनांक तक अप्रारंभ है? कार्यवार जानकारी से अवगत करावें। तथा अपूर्ण एवं अप्रारंभ होने के कारणों से भी अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अपूर्ण/अप्रारंभ कार्य को कब तक पूरा करा लिया जावेगा तथा विभाग द्वारा अपूर्ण/अप्रारंभ कार्य के लिए निर्माण एजेन्सी के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? दिनांकवार की गयी कार्यवाही से अवगत करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। निर्माण एजेंसी को कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 10.11.2021 को निर्देशित किया गया है। सभी कार्य प्रगतिरत हैं। अपूर्ण कार्य शीघ्रता से पूर्ण कराये जायेंगे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में राष्ट्रीय परिवार सहायता राशि का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
38. ( क्र. 3008 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले एवं श्रम योजना के अंतर्गत पंजीकृत 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई है? उनमें से किन-किन हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता के अंतर्गत राशि प्रदाय की गयी एवं कितने शेष हैं? नगरीय क्षेत्र एवं विकासखंड के पृथक-पृथक ग्रामवार जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष राशि प्रदान न करने के क्या कारण हैं एवं विलंब होने के कारण जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, की गयी तो कब तक की जावेगी एवं शेष पात्र हितग्राहियों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले एवं श्रम योजना के अन्तर्गत पंजीकृत 18 से 60 वर्ष की आयु के 923 सदस्यों की मृत्यु हुई है। उनमें से 275 हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। शेष हितग्राहियों को श्रम विभाग की योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। कोई भी पात्र हितग्राही का प्रकरण भुगतान हेतु शेष नहीं है। नगरीय क्षेत्र एवं विकासखण्ड के पृथक-पृथक ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) समस्त प्रकरणों में राशि का भुगतान किया जा चुका है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर में स्टाफ नर्सेस की भर्तियां
[चिकित्सा शिक्षा]
39. ( क्र. 3041 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 में GRMC ग्वालियर में स्टाफ नर्स की भर्तियां हुई हैं? यदि हाँ, तो विवरण श्रेणीवार देवें। (ख) क्या उक्त भर्तियों में म.प्र. शासन GAD का Circular वर्ष 2003 का पालन किया है? यदि नहीं, तो पालन न करने का क्या कारण है? (ग) कितने अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति श्रेणी के चयनित उम्मीदवार जो की सामान्य श्रेणी पर शासन द्वारा GAD अनुसार चयनित किये गये? श्रेणीवार विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार त्रुटि के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित श्रेणी के उम्मीदवार के साथ हुये अन्याय की क्या सरकार पूर्ति करेगी? इस त्रुटि के लिए दोषियों के खिलाफ सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? या क्या कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिकायत पर जांच की जा रही है, जिसके उपरांत Circular के पालन के संबंध में स्थिति स्पष्ट की जावेगी। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
पेंशनरों के बैंक खाते आधार से लिंक करवाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
40. ( क्र. 3055 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में किस-किस योजना में कितने-कितने व्यक्तियों को पेंशन मिल रही है? ग्राम पंचायतवार, नगरीय निकायवार संख्या बतायें। (ख) विभिन्न योजनाओं में पेंशन प्राप्त कर रहे वृद्ध, विधवा, दिव्यांग के बैंक खाते आधार से लिंक कराने हेतु विभाग के द्वारा किस-किस अधिकारी के क्या-क्या दायित्व निर्धारित किये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में पेंशन प्राप्त कर रहें कितने व्यक्तियों के बैंक खाते आधार से लिंक हैं? ग्राम पंचायतवार, नगरीय निकायवार संख्या बतायें तथा शेष व्यक्तियों के बैंक खाते कब तक आधार से लिंक होंगे? (घ) पेंशनरों के बैंक खाते आधार से लिंक करवाने के संबंध में दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में स्वीकृति अथवा राशि आहरण हेतु हितग्राही के पेंशन खाते को आधार से लिंक होना अनिवार्य नहीं है किन्तु राशि आहरण प्रक्रिया को बेहतर सुगम बनाने हेतु हितग्राहियों के बैंक खातों को उनकी सहमति के पश्चात आधार लिंक करने की कार्यवाही संबंधित अधिनियम एवं नियम के अनुसार किये जाने हेतु जिलों को निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) रायसेन जिले में अधिकांशत: पेंशन हितग्राहियों के बैंक खाते आधार से लिंक है। जिला स्तर पर आधार से बैंक खाते लिंक नहीं होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 3056 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा जनजातीय कार्य विभाग को वन ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने का अधिकार दिया है? (ख) यदि हाँ, तो जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्रदेश के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन सांसद, विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रदेश के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम कब तक घोषित कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। वन अधिकार अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन हेतु प्रशासकीय/नोडल विभाग जनजातीय कार्य विभाग है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों के तहत वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन के अधिकार जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों को प्रदत्त हैं, जिसमें राजस्व, वन एवं जनजातीय कार्य विभाग का प्रतिनिधित्व रहता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र सिलवानी का पत्र क्रमांक 382 दिनांक 25.08.2020 दिनांक 04.01.2021 को प्राप्त हुआ। पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) वन ग्रामों के राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की कार्यवाही प्रचलित है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत वन अधिकारों को मान्यता प्रदान करने की कार्यवाही अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
वारासिवनी एवं खैरलांजी में अधिकारी/कर्मचारी विहीन पशु चिकित्सालय का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
42. ( क्र. 3071 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी में कहां-कहां पशु चिकित्सालय/औषधालय संचालित है तथा उन चिकित्सालयों/औषधालयों में अधिकारी/कर्मचारियों के स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त पदों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी में पशु चिकित्सालय/औषधालय सोनझरा एवं डोंगरमाली वर्तमान में अधिकारी/कर्मचारी विहीन हैं तथा चिकित्सालय/औषधालय के भवनों में ताले डले हैं? यदि हाँ, तो क्षेत्र के कृषकों तथा पशुपालकों के पशु चिकित्सालय/औषधालय की सुविधा से वंचित रखे जाने का क्या कारण है? पशु चिकित्सालय/औषधालय सोनझरा एवं डोंगरमाली की दुर्दशा के लिये कौन जिम्मेदार है तथा इस व्यवस्था को कब तक दुरूस्त कर लिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) मुख्य ग्राम ईकाई सोनझरा नियमित रूप से खोली जाती है श्री एम.एल.शेन्डे, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देकर कार्य संपादित करवाया जा रहा है एवं पशु औषधालय डोंगरमाली श्री पी.एल.कुम्भरे को अतिरिक्त प्रभार देकर कार्य संपादित कराया जा रहा है। क्षेत्र के कृषक तथा पशुपालकों को चिकित्सा सुविधायें दी जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में लोक सेवा केन्द्रों का संचालन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
43. ( क्र. 3093 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा केन्द्रों का संचालन PPP मॉडल से किस एजेंसी द्वारा किस दिनांक से किन शर्तों से किया जा रहा है अनुबंध की प्रति देवें तथा बतावें कि एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ करते समय कुल कितनी सेवायें शामिल थी तथा 31 जनवरी 2022 को कितनी सेवाएं शामिल है? (ख) लोक सेवा केन्द्रों का संचालन करने वाली एजेंसी की क्या शासन की और से कितनी राशि, किस-किस अवधि में, किस अनुसार दी जा रही है तथा जनता के लिये जाने वाले शुल्क किसके हिस्से में जा रहा है लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम 2010 की प्रति देवें तथा सेवा प्रारंभ से 2020-2021 तक एजेंसी को भुगतान किये गये शुल्क की जानकारी वर्षवार देवें? (ग) वर्ष 2019 से 2021 तक प्रतिवर्ष प्राप्त आवेदन तथा उससे प्राप्त कुल राशि की जानकारी देवें तथा बतावें कि प्रति वर्ष किस-किस सेवा के लिये कितने-कितने आवेदन प्राप्त हो रहे है? (घ) अधिनियम 2010 में आवेदक से शुल्क लिए जाने का उल्लेख किस धारा में है तथा शुल्क का निर्धारण एजेंसी स्तर पर होता है या शासन स्तर पर होता है? उसका सूत्र बतावें तथा नोटशीट की प्रति देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा केन्द्रों को PPP मॉडल पर निरंतर संचालित करने हेतु जिला स्तर पर वर्ष 2019 में निविदा आमंत्रित करते हुए लोक सेवा केन्द्र संचालकों का चयन किया गया है। लोक सेवा केन्द्र संचालकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। संबंधित जिला एवं लोक सेवा केन्द्र संचालक के मध्य अनुबंध प्रारूप निविदा (RFP) में संलग्न है। निविदा (RFP) का प्रारूप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत सर्वप्रथम 26 सेवाओं को अधिसूचित कर अधिनियम के दायरे में रखा गया था तथा 31 जनवरी 2022 की स्थिति में 564 अधिसूचित सेवाएं शामिल है। (ख) शासन के निर्णय अनुसार वर्तमान में संचालित लोक सेवा केन्द्रों को A एवं B वर्गों में विभाजित करते हुए Viability Gap Funding (VGF) की व्यवस्था आदेश क्र. 6-8/2019/लोसेप्र/61 दिनांक 01.03.2019 द्वारा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत चयनित सेवाओं के लिए प्रोसेस फीस रू. 35/- एवं ई-गर्वनेंस सोसायटी का शुल्क रू. 5/- है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम प्रारंभ वर्ष 2011 से 2020-2021 तक भुगतान की गई Viability Gap Funding (VGF) राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2019 से 2021 तक प्रतिवर्ष प्राप्त आवेदन तथा उससे प्राप्त शुल्क (राशि) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है। वर्ष 2019 से 2021 तक सेवावार प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। (घ) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 में शुल्क लिये जाने का उल्लेख नहीं है। शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार आवेदन प्रोसेस शुल्क निर्धारित हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के संबंध में
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
44. ( क्र. 3102 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु जनजाति समुदाय के विकास के लिए वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री निवास पर, वर्ष 2016 में देवास में महापंचायत एवं 31 अगस्त 2021 को मुक्ति दिवस के अवसर पर महापंचायत का आयोजन कर विभिन्न घोषणाएं की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त महापंचायतों में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा क्या-क्या घोषणाएं की गई? विवरण दें। (ग) उक्त कौन-कौन सी घाषणाएं एवं पूर्ण सतत् की गई तथा कौन-कौन सी घोषणाएं किन-किन कारणों से लंबित हैं एवं इन घोषणाओं को कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी संस्थाओं में निर्वाचन कराया जाना
[सहकारिता]
45. ( क्र. 3114 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी भी सहकारी संस्था में विधि अनुसार कितने वर्षों में निर्वाचन किया जाता है। क्या मध्यप्रदेश की विभिन्न सहकारी संस्थाओं में वर्षों से निर्वाचन नहीं किया गया है? (ख) इन्दौर जिले में कितनी सहकारी संस्थाओं में कब-कब से निर्वाचन नहीं कराया गया है? इनमें से कितनी संस्थाओं में प्रशासकों की नियुक्ति की गई? (ग) क्या चुनाव हेतु निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है, किन्तु वहां पर कोई भी अधिकारी पदस्थ न होने से निर्वाचन नहीं हो पा रहे हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश की सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन कार्यक्रम कब जारी किए जावेंगे? इनके चुनाव कब किए जावेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारी संस्थाओं में विधि अनुसार 05 वर्षों में निर्वाचन कराए जाने का प्रावधान है। जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी का गठन किया गया है,एवं म.प्र.राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के पद पर दिनांक 15.03.2022 को नियुक्ति कर दी गई है निर्वाचन के संबंध में प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जायेगी।
सहकारिता से सम्बन्धित बैंक की जानकारी
[सहकारिता]
46. ( क्र. 3133 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सहकारिता से सम्बन्धित कितनी बैंक वर्तमान में संचालित हो रही है? उनके नाम, उनका क्षेत्र सहित फरवरी 2020 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में जिला सहकारी बैंक, नागरिक सहकारी बैंक व्यवसायिक बैंकों ने कितने कालातीत (डिफाल्टर) ऋण प्रकरण है? बैंकवार फरवरी 2022 की स्थिति में संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या शासन उक्त कालातीत ऋण प्रकरणों को एक मुश्त समाधान योजना की कोई नीति बना रहा है? शासन द्वारा कई बार दो लाख तक के ऋण माफ किये गये हैं? फिर अधिक राशि के ऋण प्रकरणों में समाधान योजना लागू क्यों नहीं की जा रही है? (घ) क्या प्रदेश में संचालित राष्ट्रीयकृत बैंकों में यह योजना लम्बे समय से लागू है? इन बैंकों से बड़े-बड़े पूँजीपति हजार, सैकड़ों, करोड़ों का ऋण लेते हैं, लेकिन सहकारी व्यवसायिक, नागरिक सहकारी बैंकों से किसान, गरीब, छोटे दुकानदार के प्रकरणों में यह नीति लागू नहीं करने का क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में चिकित्सा सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
47. ( क्र. 3159 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी एवं ऑकोलॉजी जैसी सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं का अभाव होने से यहाँ दूर दराज से आने वाले मरीजों को पूर्ण चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या शासन उक्त चिकित्सा सुविधाओं को प्रारंभ कराये जाने पर शीघ्र विचार करेगा तथा कब तक? (ख) अतारांकित प्रश्न क्र. 1186 दिनांक 24.12.2021 के उत्तरांश में बताया गया था, कि कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस हेतु बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर को संचालनालय से दिनांक 08.12.2021 को पूर्ण जानकारी (डी.पी.आर. सहित) प्रस्तुत करने हेतु निर्देश किया गया था। क्या उक्त जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना हेतु अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। उक्त रोगों से पीड़ित मरीजों के चिकित्सालय में आने पर चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं अनुसार मेडिसिन विभाग तथा रेडियोथेरेपी विभाग के चिकित्सकों द्वारा यथोचित उपचार किया जाता है। शासन द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा, महाविद्यालय सागर में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार जिले में संचालित स्कूलों/हॉस्टलों में अव्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
48. ( क्र. 3247 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में विभाग के अंतर्गत कहां-कहां पर आवासीय विद्यालय/हॉस्टल एवं स्कूल संचालित हैं? (ख) क्या शिक्षा परिसर (बेगन्दा) धामनोद का संचालन एवं रख-रखाव, देख-रेख विभाग द्वारा ही किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो उस कन्या शिक्षा परिसर में वर्तमान कितनी-कितनी बालिकाएं किस-किस कक्षा में अध्ययनरत रह कर वहीं निवास करती हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कन्या शिक्षा परिसर में छात्राओं के अनुपात में प्राचार्य, शिक्षकों, अन्य स्टॉफ, पीने का पानी, शौचालय, बाउण्ड्रीवॉल, सुरक्षा हेतु चौकीदार, बिजली, फर्नीचर, पलंग विस्तर, खाद्य सामग्री, रसोई का सामान आदि में से क्या कमी है, इस कमी की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिले में संचालित विद्यालय एवं स्कूलों में कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूल बंद थे, उक्त अवधि में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? क्या यह व्यय की गई राशि कागजों में व्यय कर आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं? यदि नहीं, तो क्या इसकी जांच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक, दो एवं तीन' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांकित कन्या शिक्षा परिसर में वर्तमान में कक्षावार प्रवेशित/निवासरत छात्राओं की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
कक्षा |
छात्राओं की संख्या |
1 |
कक्षा 6 वीं |
70 |
2 |
कक्षा 7 वीं |
70 |
3 |
कक्षा 8 वीं |
70 |
4 |
कक्षा 9 वीं |
70 |
5 |
कक्षा 10 वीं |
69 |
6 |
कक्षा 11 वीं |
45 |
7 |
कक्षा 12 वीं |
55 |
|
योग |
449 |
(घ) संस्था में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत एवं रिक्त पदों के जानकारी तथा रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत अतिथि शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'चार' अनुसार है। (ड.) जिले में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय तथा कन्या शिक्षा परिसरों में विगत दो वर्षों में समय-समय पर किये गये व्यय की मदवार जानकारी निम्नानुसार है:-
व्यय का मद |
व्यय राशि |
पाठ्य पुस्तक और अध्ययन सामग्री |
225484 |
छात्र –छात्राओं हेतु बिस्तर सामग्री |
4175657 |
परीक्षा सामग्री मान्यता शुल्क |
937510 |
शिष्यवृत्ति |
2149018 |
मानदेय |
487667 |
खेलकूद, सांस्कृतिक एवं प्रसाधन सामग्री |
209360 |
कम्प्यूटर एवं इलेक्ट्रिक सामग्री |
57000 |
कार्यालय व्यय |
258850 |
किसी भी संस्था द्वारा आर्थिक अनियमितता नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
49. ( क्र. 3254
) श्री
सज्जन सिंह
वर्मा : क्या
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 22
फरवरी 2021 को बजट
सत्र 2021-22 के लिए
महामहिम राज्यपाल
महोदया के
अभिभाषण के
बिंदु क्र.60
में अनुसूचित
जाति, जनजाति, पिछड़ा
वर्ग, घुमक्कड़
अर्द्धघुमक्कड़
एवं अन्य
पात्र
विद्यार्थियों
को लगभग 676
करोड़ की
छात्रवृत्ति
वितरित किये
जाने का उल्लेख
है? (ख) यदि हाँ, तो पिछड़ा
वर्ग एवं
घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड
वर्ग के
कितने-कितने
पात्र
विद्यार्थियों
को
कितनी-कितनी
राशि की
छात्रवृत्ति
किस-किस वर्ष
वितरित की दी गई
एवं
कितने-कितने
विद्यार्थियों
को प्रश्न दिनांक
तक कितनी राशि
की
छात्रवृत्ति
किन कारणों से
नहीं दी जा
सकी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता
के प्रश्न क्र.1157
दिनांक 24
दिसम्बर 2021
के उत्तर में
पिछड़े वर्ग
के अध्ययनरत 131867
छात्र/छात्राओं
को
छात्रवृत्ति
का भुगतान बजट
के अभाव में
लंबित है एवं
छात्रवृत्ति
न मिलने की 6416
शिकायतों का
निराकरण बजट
आवंटन के अभाव
में लंबित है? (घ) प्रदेश
के पिछड़े
वर्ग के
छात्र/छात्राओं
की छात्रवृत्ति
के राशि राज्यांश
एवं केद्रांश
कितने-कितने
प्रतिशत है? वर्ष
2021 एवं 2021-22 हेतु
पंजीकृत
छात्र/छात्राएं
की संख्या के
अनुपात में
राज्य एवं
केन्द्र
सरकार द्वारा
राशि उपलब्ध
नहीं कराने के
कारण
कितनी-कितनी
संख्या में
छात्र/छात्राएं
छात्रवृत्ति
से वंचित है? इसके
लिए जिम्मेदार
कौन-कौन है और
कब तक
छात्रवृत्ति
उपलब्ध करा
दी जायेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग
एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण ( श्री
रामखेलावन
पटेल ) : (क) जी
हाँ। (ख) वित्तीय
वर्ष 2019-20 में
पिछड़ा वर्ग
पोस्ट मैट्रिक
छात्रवृत्ति
पोर्टल
अनुसार 597914
विद्यार्थियों
को राशि रूपये
864.76 करोड़
तथा वित्तीय
वर्ष 2020-21 में 482583
विद्यार्थियों
को राशि रूपये
489.98 करोड़ की
छात्रवृत्ति
वितरित की गई है।
छात्रवृत्ति
का वितरण सतत्
है। विमुक्त
घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
जनजाति विकास
भोपाल (म.प्र.) के
द्वारा दी गई
जानकारी
अनुसार वित्तीय
वर्ष 2019-20 में 38,663
विद्यार्थियों
को राशि रूपये
2.09 लाख तथा
वर्ष 2020-21 में 30,890
विद्यार्थियों
को कुल राशि
रूपये 1.93 लाख
वितरित की गई है।
वर्ष 2021-22 हेतु
छात्रवृत्ति
पोर्टल पर
आवेदन भरने की
प्रक्रिया
प्रचलन में है।
(ग) स्कॉलरशिप
वितरण कार्य
प्रक्रियाधीन
है। आवेदन के
परीक्षण
उपरांत
पात्रता पाये
जाने पर ही
भुगतान संभव
हो पाता है। (घ) प्रदेश
के पिछड़ा
वर्ग के
छात्र/छात्राओं
की छात्रवृत्ति
की राशि राज्यांश
शतप्रतिशत है
एवं केन्द्रांश
के रूप में
अल्पसंख्यक
जनसंख्या के
आधार पर एक
निश्चित राशि
का नोशनल
एलोकेशन कर एक
सीमित
प्रतिशत में
उपलब्ध कराई
जाती है। भारत
सरकार को इस
वित्तीय
वर्ष 2021-22 हेतु
कुल राशि
रूपये 110.88 करोड़
(रूपये एक सौ
दस करोड़
अट्ठासी लाख) का
प्रस्ताव
भेजा गया है। छात्रवृत्ति
का वितरण सतत्
होने से शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ (बंजारा) समाज हेतु प्राप्त आवंटन
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
50. ( क्र. 3367 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ (बंजारा) समाज के लिये कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किस-किस ग्राम में किस कार्य हेतु किन-किन हितग्राहियों को कितना-कितना लाभ दिया गया? (नाम, पिता/पति का नाम, जाति) ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बंजारा समाज के कल्याण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य, किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत के कराये गये अथवा कराये जा रहे हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (घ) विधानसभा क्षेत्र शमशाबाद अंतर्गत बंजारा समाज किन-किन ग्राम मजरा/टोला में निवासरत है? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
बंजारा समाज हेतु योजनायें
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
51. ( क्र. 3368 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़, बंजारा जनजाति कल्याण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? विदिशा जिले की किन-किन तहसीलों में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़, बंजारा जनजाति के कितने-कितने परिवार निवास कर रहे हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में विधानसभा क्षेत्र शमशाबाद में बंजारा समाज को शासन द्वारा किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया है? बंजारा समाज के वर्तमान में किस वर्ग में शमिल किया गया है? (ग) शासन द्वारा बंजारा जनजाति को आदिवासी में शामिल किये जाने हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो बंजारा समाज को क्या आदिवासी समाज में शामिल किया जाएगा? (घ) शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र में बंजारा समाज के छात्र-छात्राओं हेतु छात्रावास की क्या व्यवस्था है? यदि नहीं, तो, जनसंख्या के आधार पर शमशाबाद विधानसभा में बंजारा समाज के छात्र-छात्राओं हेतु पृथक से छात्रावास खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है। बंजारा समाज को विमुक्त जनजाति वर्ग में शामिल किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एक बालक एवं एक बालिका छात्रावास संचालित है। जिसमें बंजारा समाज के छात्र-छात्राओं को भी प्रवेश की सुविधा उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जांच कराकर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाना
[गृह]
52. ( क्र. 3381 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र. 1048 दिनांक 24.12.2021 में सिद्धार्थ केसरवानी पिता प्रमोद केसरवानी की मृत्यु नयागांव थाना चित्रकूट में की गई व लाश नदी में फेक कर आत्महत्या का रूप दिया गया? इस प्रकरण की जांच की प्रति PM रिपोर्ट की प्रति देते हुए बतावे की जांच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रश्न में रीवा जिले के थाना जनेह सूती रेस्ट हाउस में काम कर रहे मजदूर की मृत्यु पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर गैर इरादतन हत्या का अपराध क्यों नहीं पंजीबद्ध किया गया? इसकी जांच किस अधिकारी द्वारा की गई? जांच की प्रति देते हुए बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में अशोक कोल की हत्या कर लाश पेड़ में लटकाने की जांच की जा रही है जानकारी दी गई थी। जांच पूरी की गई हो तो प्रति देते हुए बतावे की किन-किन पर अपराध पंजीबद्ध किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति की हत्या कर लाश नदी में फेंकने की उच्चस्तरीय जांच कराकर क्या अपराधियों को दंडित करायेंगे एवं प्रश्नांश (ख) व (ग) की भी जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराये जाने बाबत् निर्देशित करेंगे, जिससे गरीब को न्याय मिल सके?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मर्ग जांच में यह पाया गया कि मृतक सिद्धार्थ केसरवानी निवासी ब्यौहरी की मृत्यु पानी में डूबने एवं श्वास अवरूद्ध हो जाने के कारण हुई है। मर्ग जांच में कोई अपराध घटित होना नहीं पाये जाने से जांच नस्तीबद्ध की गई है। जांच उप निरीक्षक बी.एस. तोमर द्वारा की गई है। जांच रिपोर्ट एवं पी.एम. रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) मृतक धीरेन्द्र कोल की मर्ग जांच पर अपराध का घटित होना नहीं पाये जाने से मर्ग जांच दिनांक 20.07.2021 को नस्तीबद्ध की गई है। जांच सहायक उप निरीक्षक प्रमोद पाण्डेय द्वारा की गई है। जांच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) विधानसभा तारांकित प्रश्न 1048 दिनांक 24.12.2021 के प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर में मर्ग क्रमांक 13/21 थाना अतरैला में जांच जारी होने की जानकारी दी गई थी। उक्त मर्ग जांच जारी है। जांच में आये एकत्रित साक्ष्य के आधार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित मर्ग जांच में अपराध घटित होना नहीं पाया गया तथा मर्ग जांच नस्तीबद्ध की गई है। प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित मर्ग की जांच जारी है, अतः वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[गृह]
53. ( क्र. 3382 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा कितने निर्माण कार्य वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक में किन-किन जगहों पर कितनी-कितनी लागत से किन-किन संविदाकारों को कार्यादेश जारी कर कराये गये, अनुबंधानुसार क्या कार्य कराये गये? कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच व पर्यवेक्षण कब-कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? पर्यवेक्षण हेतु कितनी राशि व्यय हुई, का विवरण कार्यवार, जिलावार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों के मूल्यांकन व उनकी गुणवत्ता की जांच उपयोग की जाने वाली सामग्री गुणवत्तायुक्त है अथवा नहीं की जांच कब-कब किन-किन के द्वारा की गयी का विवरण कार्यवार जिलावार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों पर कर्मकार मंडल को उपकर की राशि कब-कब किन-किन माध्यमों से ली गई का विवरण देयकवार देवें एवं कितना लेना शेष है? उपकर की राशि अगर नहीं ली गई तो क्यों? इसके लिये किनको दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) के कार्य गुणवत्ता विहीन अनुबंध की शर्तों से हटकर कराये गये प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार सक्षम अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण व निरीक्षण नहीं किया गया, व्यक्तिगत हित पूर्ति कर संविदाकारों को लाभान्वित किया गया एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार उपकर की राशि की वसूली नहीं की गई, ठेकेदारों को लाभ दिया गया इन सबके लिये दोषी जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खातेगांव में निवासरत टाकिया जाति के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
54. ( क्र. 3393 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या देवास जिले की खातेगांव तहसील में लगभग 100 परिवार कई पीढ़ियों से पत्थर तराशकर गृह कार्य के उपकरण सिलबट्टा, चक्की बनाने का कार्य करते हैं, पत्थर को (टांकने) तराशने के कारण इन्हें (टाकिया) कहां जाता है इस कारण इन्हें जातियों की अनुसूची में अन्य पिछड़ा वर्ग का माना गया है? (ख) समूचे मध्यप्रदेश में इस जाति के लोगों के रिश्तेदार (भटोला) जाति के होने से अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत माने गये हैं लेकिन इन्हें विसंगतीपूर्वक आदिवासी होने के बाद भी अनु.जन.जाति वर्ग का नहीं माना जा रहा है? (ग) इन लोगों के रंग रूप, बोली, पहनावां, पूर्वज सभी की समानता भटोला जाति जिसे देवास जिले की ही अन्य तहसील में अनुसूचित जनजाति माना गया है के समान है फिर भी इन्हें अ.ज.जा. का दर्जा खातेगांव तहसील में अप्राप्त है। क्या विभाग अतिशीघ्र जांच कराकर/टीम भेजकर इन्हें अ.ज.जा. वर्ग में सम्मिलित करने हेतु उचित कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 एवं 2002 के तहत भारत सरकार द्वारा म.प्र. राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 16 पर गोंड के साथ भटोला जनजाति संपूर्ण म.प्र. राज्य के लिये अनुसूचित जनजाति अधिसूचित हैं। जबकि टाकिया जाति अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 40 पर पारधी, बहेलिया के साथ क्षेत्रीय बंधन के साथ अधिसूचित है। जिसमें देवास जिला शामिल नहीं हैं। (ग) अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमांक 16 पर गोंड जनजाति के साथ अधिसूचित भटोला जनजाति एवं अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 40 पर पारधी, बहेलिया के साथ अधिसूचित टाकिया जाति दोनों पृथक-पृथक समूह की जनजातियां हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नाबालिग बच्चियों के साथ हुई दरिंदगी के मुकदमे
[गृह]
55. ( क्र. 3396 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नाबालिग बच्चियों के साथ दरिंदगी/ज्यादती हुई तथा कितने मुकदमे दर्ज हुए एवं किन-किन मामलों में पुलिस द्वारा चालान किये गये की जानकारी थानावार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने मामलों में आरोपियों को माननीय न्यायालय द्वारा फांसी की सजा के आदेश दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी, 2019 से कितनी नाबालिग बालिकाओं के अपहरण हुए एवं उनमें से कितनी बालिकाएं पुलिस द्वारा दस्तयाब की गई थानावार जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी, 2019 से 31 दिसम्बर, 2021 तक मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में कितनी व्यस्क महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायें हुई? जिलेवार आकंड़ों सहित जानकारी उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 28 फरवरी 2022 तक नाबालिग बच्चियों के साथ दरिंदगी/ज्यादती के 11173 मामले दर्ज हुए जिसमें पुलिस द्वारा 10551 मामलों में चालान माननीय न्यायालय पेश किये गये। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 28 फरवरी 2022 तक 14 मामलों में 15 आरोपियों को माननीय न्यायालय द्वारा फांसी की सजा के आदेश दिये गये। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 28 फरवरी 2022 तक 23035 नाबालिग बालिकाएं अपहृत हुई। उनमें से 21316 नाबालिग बालिकाओं को पुलिस द्वारा दस्तयाब किया गया। थानावार जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। (घ) दिनांक 01 जनवरी 2019 से दिनांक 31 दिसम्बर 2021 तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 7553 वयस्क महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायें घटित हुई। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में समाहित है।
विभागीय पदों के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 3439
) श्री
शैलेन्द्र
जैन : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश
जनजाति/अनुसूचित
जाति कल्याण विभाग
में उपायुक्त, सहायक
आयुक्त,
जिला
संयोजक,
क्षेत्र
संयोजक,
मंडल
संयोजक सी.ई.ओ., पी.ओ.
एवं अधीक्षक
के कितने पद
रिक्त है? इनका
प्रभार
किन-किन विभाग
के
अधिकारियों/कर्मचारियों
के पास प्रश्न
दिनांक तक है? सूची
उपलब्ध
करायें। अन्य
विभाग को
विभागीय पदों
का प्रभार
क्यों दिया
जाता है? (ख) प्रश्नांश
''क'' वर्णित
कितने पदों पर
नियमित/परिवीक्षा/बिना
तृतीय समयमान
प्राप्त किये
अधिकारी
कार्य कर रहे
है? क्या
शासन अन्य
विभाग एवं
शिक्षक
संवर्ग को प्रशासनिक
पदों से हटाकर
विभागीय
प्रशासनिक/कार्यपालिक
अधिकारियों
को प्रभार सौंपेगा
तथा कब तक? (ग) प्रश्नांश
''क'' वर्णित
पदों में से
सागर संभाग
में कौन-कौन
से पद रिक्त
है? क्या यह
सही है कि, वर्षों
से
अधिकारियों/कर्मचारियों
के रिक्त पदों
पर
व्याख्याता/शिक्षक
प्रश्न दिनांक
तक कार्यालय
में संलग्न है, जिससे
विभागीयों
कार्यों एवं
योजनाओं का क्रियान्वयन
प्रभावित
होता है? क्या
शासन संलग्न
किये गये इन
व्याख्याता/शिक्षकों
को मूल
पदस्थापना पर
भेजा जाना
सुनिश्चित
करेगा तथा कब
तक?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
बस्ती विकास योजना के प्राप्त प्रस्ताव
[अनुसूचित जाति कल्याण]
57. ( क्र. 3474
) श्री
प्रियव्रत
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
राजगढ़ जिले
की खिलचीपुर
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत प्रश्नकर्ता
द्वारा
अनुसूचित
जाति
बस्तियों में
निर्माण
कार्य हेतु
पत्राचार
किया गया था? (ख) यदि
हाँ, तो
कितने प्रस्ताव
प्राप्त
हुये हैं? कितनी
स्वीकृतियां
प्रदान की गई
हैं? (ग) यदि नहीं, तो
कब तक स्वीकृतियां
प्रदान की
जायेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जी
हाँ। (ख) 05
कार्यों के
प्रस्ताव
प्राप्त हुए
हैं। प्रकरण
विचाराधीन
हैं। (ग) समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
ग्राम बगलवारा एवं गोलापटी को थाना नोहटा में शामिल किया जाना
[गृह]
58. ( क्र. 3504 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सगरा के ग्राम सगरा व कठई थाना नोहटा में तथा इसी ग्राम पंचायत का ग्राम बगलवारा थाना कुम्हारी में आता है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत गोलापटी का ग्राम गोलापटी थाना कुम्हारी में एवं शेष 2 ग्राम खेड़ार, टपरिया थाना नोहटा में आते हैं जिससे घटना घटित हो जाने पर या थाना संबंधी कार्य से ग्रामवासियों को 20 किलोमीटर दूर थाना कुम्हारी व 30 किलोमीटर दूर एस.डी.ओ.पी. कार्यालय पथरिया जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों ग्रामों को थाना कुम्हारी से हटाकर थाना नोहटा में जोड़ने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा कब तक बगलवारा व गोलापटी को थाना कुम्हारी से हटाकर थाना नोहटा में जोड़ा जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गए पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। ग्राम बगलवारा की थाना कुम्हारी से दूरी 20 कि.मी. एवं चौकी बनवार थाना नोहटा से दूरी 23 कि.मी. एवं थाना नोहटा से दूरी 40 कि.मी. होने के कारण ग्राम बगलवारा को यथावत रखा गया है। ग्राम गोलापाटी को थाना नोहटा में सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा केंद्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार
[लोक सेवा प्रबन्धन]
59. ( क्र. 3516 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से लोक सेवा केंद्र संचालित हैं? (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों में नि:शुल्क सेवाओं के बदले में अतिरिक्त राशि की मांग किये जाने की कोई शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो किन-किन लोक सेवा केन्द्रों की शिकायत मिली है? (ग) क्या 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक किसी लोक सेवा केंद्र पर छापा मारकर जाँच की गई है? यदि हाँ, तो किस किस लोक सेवा केंद्र की जांच की गई तथा किस-किस केंद्र में अव्यवस्था पाई गई? (घ) क्या उपरोक्त सभी केन्द्रों पर सेवा का निर्धारित शुल्क, शिकायत के लिए फोन नम्बर, आधार सेवा और आयुष्मान सेवा के लिए शासन की निर्धारित फीस चस्पा करके प्रदर्शित की गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में 02 लोक सेवा केन्द्र सौंसर एवं मोहखेड़ संचालित है। (ख) एवं (ग) निरंक (घ) लोक सेवा केन्द्रों में शासन के निर्देश चस्पा हैं।
पिछड़ा वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप का प्रदाय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
60. ( क्र. 3518 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे [ श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.), श्री आलोक चतुर्वेदी ] : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग के आई.आई.टी., आई.आई.एम. या आई.आई.एफ.एम. में प्रवेश लेकर पढ़ाई कर रहे, मेडिकल में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) पास कर चुके और इंजीनियरिंग में प्रवेश की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई), एन.एल.आई.यू., बीई, एम.एस.सी. विद कंप्यूटर समेत कॉलेज के बेसिक कोर्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों को पिछले दो साल से स्कॉलरशिप नहीं मिली है? (ख) ऐसे कितने छात्र हैं जिन्हें वर्ष 2020-21 और 2021-22 की स्कॉलरशिप नहीं मिली है तथा कुल कितने रूपये की स्कॉलरशिप नहीं दी गई है? (ग) पिछड़ा वर्ग के छात्रों को निर्धारित समयानुसार स्कॉलरशिप नहीं दिए जाने का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) उक्त पाठ्यक्रमों हेतु छात्रवृत्ति के आवेदन पोर्टल पर किये जाने की प्रक्रिया है। पोर्टल पर आवेदन प्राप्त होने पर परिक्षण उपरांत पात्रता होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता है। (ख) 1,03,323 विद्यार्थियों की वर्ष 2020-21 की छात्रवृत्ति अभी लंबित है। वर्ष 2021-22 हेतु विद्यार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन भरने की प्रक्रिया प्रचलन में है। अत: राशि बताना संभव नहीं है। (ग) स्कॉलरशिप वितरण कार्य प्रक्रियाधीन है। आवेदन के परीक्षण उपरांत पात्रता पाये जाने पर ही भुगतान संभव हो पाता है।
कृषि साख समितियों में भण्डारित किये गये खाद
[सहकारिता]
61. ( क्र. 3529 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में खरीफ 2021 एवं रबी 2021-22 में डी.ए.पी., सिंगल सुपर फॉस्फेट, वर्मी कम्पोस्ट ए सिटी कंपोस्ट एवं आर्गेनिक मैन्योर और खाद की मात्रा किस-किस कंपनी की कितनी-कितनी भण्डारित हुई? जिलेवार जानकारी दें। (ख) विपणन संघ द्वारा इन जिलों के लिये कितनी-कितनी डी.आई. किस-किस कंपनी की कब-कब जारी की गयी? जिलेवार एवं तिथिवार विवरण दें। (ग) खाद के भण्डारण के संबंध में पंजीयक, सहकारी संस्थाएं म.प्र. द्वारा जून 2021 में क्या निर्देश जारी किये गये थे? क्या इन निर्देशों का पालन हुआ? यदि हाँ, तो किस-किस स्तर पर एवं क्या? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें? (घ) सहकारी समितियों में किस कंपनी के खाद की अधिक सप्लाई हुई और क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या इसके भुगतान के पूर्व विपणन संघ ने गुणवत्ता की जांच करायी थी? यदि हाँ, तो किस-किस कंपनी की कब-कब एवं क्या रिपोर्ट है? कंपनीवार, जिलेवार जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? इसके लिये विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? (ड.) गुणवत्ता की जाँच कराने के पश्चात कितने कंपनियों की जाँच अमानक आयी है और उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और गुणवत्ता अमानक आने की स्थिति में किस किस कंपनी के ऊपर एफ.आई.आर. कार्यवाही हुई? जिलेवार जानकारी दें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में बायोकेमिस्ट्री विषय हेतु भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
62. ( क्र. 3550 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा के अधीन विज्ञप्ति क्रमांक/5833/स्था./राज/विज्ञप्त-9/2021 विदिशा दिनांक 14/12/2021 द्वारा बायोकेमिस्ट्री विषय हेतु प्राध्यापक/सह प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक (पदोन्नति/सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले पद) की भर्ती संबंधित जिन आवेदकों ने आवेदन दिये हैं उनकी सूची देवें? (ख) बायोकेमिस्ट्री विषय के पदों में भर्ती हेतु नियत की गयी शैक्षणिक अहर्ताएं (भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद द्वारा शैक्षणिक पद विशेष के लिये निर्धारित अहर्ता) उपलब्ध कराने की कृपा करें। (ग) दिनांक 15.02.2022 को हुए साक्षात्कार में बायोकेमिस्ट्री विषय हेतु प्राध्यापक/सह प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक पदों की भर्ती हेतु क्या एम.बी.बी.एस. आवेदक उपलब्ध होते हुए पी.एच.डी/एम.एस.सी. आवेदक का चयन किया जा सकता है और यदि हाँ, तो जिस नियम के तहत उनका चयन किया गया है, उस नियम की कॉपी उपलब्ध कराने की कृपा करें। (घ) विज्ञप्ति क्रमांक/5833/स्था./राज/विज्ञप्त-9/2021 विदिशा दिनांक 14/12/2021 के तहत बायोकेमिस्ट्री विषय हेतु प्राध्यापक/सह प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक पदों के लिये दिनांक 15.02.2022 को हुए साक्षात्कार में चयनित आवेदकों के नाम एवं उनकी शैक्षणिक योग्यता की जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 3 अनुसार है।
चोरी हुए वाहनों की जिलेवार संख्या
[गृह]
63. ( क्र. 3597 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर, इन्दौर एवं भोपाल में वर्ष 2019 से 2021-22 तक किस प्रकार दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया तथा चार पहिये से अधिक पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहन चोरी हुये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में चोरी हुये वाहनों में से कितने-कितने वाहन चोरी से वापस प्राप्त कर लिये तथा कितने उत्तर दिनांक तक शेष है वर्षवार जिलेवार जानकारी देवें प्रश्नांश (क) अवधि में तथा वाहन की केटेगरी के कुल कितने वाहन चोरी हुये तथा कितने वापस चोरों से प्राप्त कर लिये? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में वाहन चोरी के कितने प्रकरणों में वाहन चोर पकड़ाये तथा कितने चोरी के वाहन खरीदने वाले पकड़ाये तथा इस अवधि में न्यायालय में वाहन चोरी के कितने प्रकरणों में फैसले हुए, कितने प्रकरण में आरोप सिद्ध हुआ तथा कितने प्रकरण में बरी हुये? (घ) वर्ष 2019-2020 से 2021-2022 तक में निजी कार जीप की चोरी के सबसे ज्यादा प्रकरण वाले पांच शहर के वर्षवार नाम बतावें तथा बतावें कि इसकी रोकथाम हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार। (घ) निजी कार जीप की चोरी के सबसे ज्यादा प्रकरण वाले पांच शहर के वर्षवार नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। वाहन चोरी की रोकथाम हेतु सक्रिय वाहन चोरों पर सतत् निगाह रखी जा रही है एवं डोजियर फार्म भरे जाकर पूछताछ की जाती है। एक ही स्थान से लगातार वाहन चोरी के प्रकरणों में, ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर लगातार गस्त किया जाकर चोरी की घटनाओं पर नियंत्रण का प्रयास किया जाता है। बड़े शहरों के प्रमुख चैराहों एवं मोहल्ले में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाये गये है। जो सिटी सर्विलांस से अटैच है जिनके माध्यम से चोरी गये वाहन की बरामदगी में मदद मिलती है। स्मार्ट सिटी के सी.सी.टी.व्ही. कैमरे का भी वाहन चोरी के प्रकरण में बरामद करने में मदद ली जाती है। पार्किंग स्थल पर निगाह रखने हेतु समय पर पार्किंग के ठेकेदारों को कैमरे लगाने की समझाईश भी दी जाती है एवं कई पार्किंग स्थलों पर कैमरे लगाये गये है। भोपाल आई.एप. के माध्यम से भोपाल शहर के विभिन्न जगहों पर लगे कैमरे से भी वाहन बरामद करने में मद्द ली जाती है। चोरी गये वाहनों की वी.डी.पी. पोर्टल के माध्यम से चेकिंग की जा रही है। वाहन चोरी रोकने के लिये शहर के आम नागरिकों को थाने में मोहल्ला समिति की मीटिंग के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है।
करंट लगने से महिला की मृत्यु
[गृह]
64. ( क्र. 3748 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तराना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिद्धिपुर निपानिया में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र से करंट लगने से एक महिला की मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की प्रति देवें। (ख) उक्त घटना स्थल पर मौका मुआयने के दौरान इस घटना में किसकी लापरवाही से महिला को करंट लगा और मृत्यु हुई? (ग) क्या मृत्यु उपरांत भी मर्ग की जांच के बहाने प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. थाने द्वारा नहीं की गयी है? क्या पुलिस अधिनियम में मृत्यु के हर मामले में मर्ग की जांच के बाद ही एफ.आई.आर. दर्ज़ की जाती है? इस प्रकरण में जांच अधिकारी किस-किस को नियुक्त किया गया है और किसके द्वारा किया गया है? (घ) क्या मौके स्थल की नजरी नक्शा, जब्त सामग्री एवं गवाह की प्राथमिक रूप से पूर्ण जानकारी इंद्राज की गयी है? यदि हाँ, तो प्रति दें और यदि नहीं, तो किस दबाव के कारण प्रारम्भिक कार्यवाही में पुलिस विभाग मृत्यु उपरांत भी एफ.आई.आर. दर्ज़ करने के लिए तैयार नहीं है? (ङ) घटना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक जांच में कितने व्यक्ति दोषी पाये गए हैं? क्या सौर ऊर्जा संयंत्र से जुड़े कार्मिक अफसर या संचालक को इस जांच के दायरे में लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रति देवें और यदि नहीं, तो कारण बताएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। ग्राम सिद्धिपुर निपानिया में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र से करंट लगने से नहीं अपितु घास काटते समय साफ्ट रोटेट ब्लेड में साडी का पल्लू एवं बाल लिपट जाने से एक महिला की मृत्यु हुई है। मृतिका गुलाब बाई पति रामसिंह राठौर की मृत्यु पर थाना तराना जिला उज्जैन में मर्ग क्रमांक 06/2022 पंजीबद्ध कर जाँच की जा रही है। (ख) घटना स्थल के मुआयने के दौरान महिला की करंट लगने से मौत होना नहीं पाई गई। (ग) प्रश्न दिनांक तक मर्ग जाँच में कोई अपराध नहीं होना पाये जाने पर एफ.आई.आर. नहीं की गई हैं। जी नहीं, मर्ग जाँच के पूर्व भी घटना के संबंध में संज्ञेय अपराध घटित होने की सूचना प्राप्त होने पर एफ.आई.आर. की जा सकती है। मर्ग की जाँच निरीक्षक भीमसिंह पटेल थाना प्रभारी थाना तराना के निर्देश पर प्र.आर. 1274 मांगीलाल मीणा द्वारा की जा रही है। (घ) जी हाँ। मौके स्थल का नजरी नक्षा, जप्त सामग्री एवं गवाह के संबंध में पूर्ण जानकारी ली गई है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुलिस द्वारा निष्पक्ष जाँच की जा रही है। अब तक प्राप्त तथ्यों के आधार पर अपराध घटित होना नहीं पाये जाने से एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। (ड.) प्रश्न दिनांक तक मर्ग जाँच में कोई व्यक्ति दोषी नहीं पाया गया है। मर्ग की जाँच जारी है। जाँच में पाये तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
आदिवासी मंत्रणा समिति के निर्णयों का पालन
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 3762 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में आदिवासी मंत्रणा समिति अस्तित्व में है? यदि हाँ, तो समिति की बैठक कब-कब आयोजित हुई तथा बैठक में क्या निर्णय लिये गये? निर्णयों में से कितने निर्णयों का पालन किया गया? जिन निर्णयों का पालन नहीं हुआ है कब तक उनका पालन किया जावेगा। (ख) विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 75 (1) से मध्यप्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार को वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? अनूपपुर जिले में इस राशि से कब-कब, कौन-कौन से कार्य करवाये गये, इन कार्यों की पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति के साथ विस्तृत जानकारी बतावें। (ग) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले से प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मदों हेतु किन-किन कार्यों के प्रस्ताव भेजे गये? क्या भेजे गये प्रस्तावों की राशि अनूपपुर जिले को प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि प्रदाय की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक यह राशि अनूपपुर जिले को प्रदाय कर दी जावेगी? प्रश्नांकित अवधि में जिले में कितने हितग्राही लाभान्वित हुये? संख्यात्मक जानकारी उपलबध करावें। (घ) अनूपपुर जिले में बैगा विकास के लिये कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गई? कार्य का नाम राशि सहित विवरण दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश में आदिवासी मंत्रणा परिषद वर्तमान में मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 4 दिसंबर 2020 को प्रकाशन के अनुसार अस्तित्व में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''चार'' अनुसार है। जी हाँ, भेजें गए प्रस्तावों में से भारत सरकार द्वारा अनूपपुर जिलें हेतु स्वीकृत कार्यों की राशि प्रदाय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' में उल्लेख अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मदों में हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत नहीं हुये है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''पांच'' अनुसार है।
अनूपपुर जिले में चल रही हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
66. ( क्र. 3763 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिये अनूपपुर जिले में विगत पांच वर्षों में हितग्राही मूलक एवं स्वरोजगार की किन-किन योजनाओं से हितग्राहियों को किस प्रकार एवं कब-कब लाभान्वित किया गया? (ख) अनूपपुर जिले में कौन-कौन से ग्राम एवं टोले जनजाति बाहुल्य हैं इसमें विगत 5 वर्षों में कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य किन मांगों एवं प्रस्तावों आवश्यकताओं के चलते स्वीकृत करके कब-कब कराये गये, किन-किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यों की प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति दी गई, कार्य की माप एवं सत्यापन किया गया और कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र जारी किया गया, कार्यवार, स्थलवार विवरण उपलब्ध करावें? (ग) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक की अवधि में अनुसूचित जाति बस्ती के विकास योजना, अनूसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना, आदिवासी उपयोजना अंतर्गत कब-कब कितनी राशि प्राप्त ही, उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहां-कहां पर किसकी अनुसंशा पर स्वीकृत किये गये, कौन-कौन से कार्य कब पूर्ण हुये उक्त कार्यों का मूल्यांकन तथा अंतिम मूल्यांकन किस-किस ने कब-कब किया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) बाहुल्य ग्राम एवं टोले की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है पांच वर्षों में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। कार्य की प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति, कार्य का माप एवं सत्यापन तथा कार्य पूर्णता सम्बन्धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है (ग) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है, आदिवासी उपयोजना के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
अर्जित अवकाश देयकों का भुगतान न किया जाना
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 3773 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डिण्डौरी जिले के शहपुरा विकासखण्ड में वर्ष 2016 से 2022 तक कितने शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं और उनमें से कितने शिक्षकों को अर्जित अवकाश का लाभ कितने-कितने दिनों का दिया गया है तथा कितने शिक्षक शेष है किनका अर्जित अवकाश का निराकरण नहीं किया गया है, कब तक निराकरण किया जावेगा? (ख) ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के पालन पर कार्य करने वाले शिक्षकों को डिण्डौरी जिले के विकासखण्ड शहपुरा में अर्जित अवकाश नहीं दिया जा रहा हैं? अर्जित अवकाश नगदीकरण प्राप्त नहीं होने का क्या कारण है, जबकि अन्य जिलों में शिक्षकों को अर्जित अवकाश का लाभ दिया गया है सेवा निवृत्त शिक्षकों को अर्जित अवकाश का भुगतान कब तक होगा? (ग) सेवानिवृत्त शिक्षकों को कितने दिनों का अर्जित अवकाश नगदीकरण की पात्रता हैं? यदि हाँ, तो कितनों का? (घ) शिक्षकों द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय जनगणना बी.एल.ओ. कार्य एवं अन्य सभी शासकीय कार्य किये हो तो शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों की भांति अर्जित अवकाश मिलना चाहिये? यदि हाँ, तो क्यों नहीं दिया जा रहा हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) डिण्डौरी जिले के शहपुरा विकासखंड में वर्ष 2016 से 2022 तक कुल 84 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं इनमें से नियमानुसार 20 शिक्षकों को अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान किया जा चुका है। 10 शिक्षकों को भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है शेष शिक्षकों को पात्रता नहीं आती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) नियमानुसार अर्जित अवकाश का लाभ दिया जा रहा है एवं शिक्षकों के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ग) सेवानिवृत्त शिक्षकों को जिला कलेक्टर के आदेश पर ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय कार्य करने पर एक वर्ष में 15 दिवस तथा विभागाध्यक्ष के आदेश पर कार्य करने पर 30 दिवस तक पात्रता है तथा सम्पूर्ण सेवा अवधि में खाते में जमा अवकाश अथवा अधिकतम 300 दिवस के अर्जित अवकाश नगदीकरण की पात्रता होती है। (घ) नियमानुसार अवकाश दिया जा रहा है।
उच्च अधिकारियों की स्वीकृति के बगैर दौरे एवं प्रबंध कमेटियों का गठन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
68. ( क्र. 3790 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध एवं उच्च अधिकारियों के बिना अनुमोदन/स्वीकृति के शासकीय दौरे, परिवार सहित किये जाने एवं एक लाख से कम आय वाली प्रबंध कमेटियों का गठन किया जाने को लेकर प्रशासक द्वारा शासन को आरोप पत्र प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या सीईओं को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण कार्यवाही लंबित रखी गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण है? (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अभी तक कौन-कौनसी प्रबंध कमेटियों का गठन किया गया और कहां-कहां के दौरे किये गये? इन दौरों से बोर्ड को क्या लाभ हुआ और कितनी राशि व्यय हुई? अलग-अलग बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा गठित प्रबंध कमेटियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा रायसेन, विदिशा, रतलाम, उज्जैन, देवास, इंदौर, धार, आगरमालवा, मंदसौर, नीमच, बुरहानपुर एवं जबलपुर के दौरे किये गये। इन दौरों से बोर्ड को राशि रूपये 3124275/- का लाभ हुआ और राशि रूपये 74266/- व्यय हुई है।
सेवा सहकारी समितियों में हुई अनियमितताओं की जाँच
[सहकारिता]
69. ( क्र. 3796 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछली सरकार के समय किसानों के कर्ज माफी के दौरान सेवा सहकारी समितियों में बड़े पैमाने में किसानों के ऋण के सम्बंध में अनियमिततायें पायी गयी थी जिसकी जांच में कौन-कौन सी सेवा सहकारी समितियों में नियम विरुद्ध काम हुए और जांच में कौन-कौन लोग दोषी पाए गए और उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) किसानों के ऋण खातों में हेराफेरी कर शासन को और किसानों को जो आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है, उसकी भरपाई कहाँ से और कैसे की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुरई
आदिवासी
विकास खंड में
किए गए कार्य
[जनजातीय कार्य]
70. ( क्र. 3797 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में आदिवासी विकासखंड कुरई में जनजाति कल्याण के लिए आपके द्वारा क्या-क्या कार्य कराए गए? कार्यों का उल्लेख ग्रामवार और इन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई अवगत कराएं। (ख) कुरई क्षेत्र में भविष्य के लिए क्या कार्य योजना बनाई गई है और इन कार्यों के लिए क्या राशि बजट तय किया गया है? (ग) बरघाट विधानसभा के अंतर्गत माडा पैकेट अंतर्गत कितने ग्राम चिन्हित किये गए हैं और उन ग्रामों में आदिवासी जनजाति लोगों के कल्याण के लिए क्या योजना बनाई गई? और क्या काम किया गया? (घ) विकासखंड कुरई में बालक/बालिकाओं के कितने आश्रम हैं? उन आश्रमों में कितने बच्चे अध्ययनरत हैं? कुरई मुख्यालय में नवीन कन्या आश्रम भवन बनना था जो कि वर्षों से लंबित हैं, क्यों नहीं बन पा रहा है? यदि बनेगा तो कब तक बनेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -तीन एवं चार अनुसार है। (घ) विकासखण्ड कुरई में 03 बालक एवं 04 बालिका के आश्रम संचालित है। आश्रमों में 150 बालक एवं 200 बालिका अध्ययनरत है। कुरई मुख्यालय में नवीन कन्या आश्रम संचालित नहीं है, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चरित्र प्रमाण पत्र में कांट-छांट के आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
71. ( क्र. 3805 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के थाना लहार से जारी श्री पुष्पेन्द्र बघेल, ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत मडोरी तहसील लहार जिला भिण्ड का चरित्र सत्यापन कब और किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया? प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध कराये तथा चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद-सहित बतायें। (ख) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत लहार जिला भिण्ड ने दिनांक 25.01.2021, 05.01.2022 एवं 28.01.2022 को पत्र लिखकर थाना प्रभारी लहार से श्री पुष्पेन्द्र बघेल, ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत मडोरी द्वारा जनपद पंचायत लहार में प्रस्तुत चरित्र सत्यापन में कांट-छांट किये जाने के संबंध में स्पष्ट अभिमत चाहा गया था? (ग) यदि हाँ, तो शासकीय अधिकारी द्वारा जनहित में मांगी गई जानकारी देने के क्या नियम हैं एवं कितनी अवधि में जानकारी दिया जाना अनिवार्य है? (घ) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार द्वारा दिनांक 28.01.2022 को थाना प्रभारी लहार को लिखे पत्र के संबंध में थाना प्रभारी द्वारा स्पष्ट अभिमत न देकर श्री पुष्पेन्द्र बघेल को बचाने का प्रयास किया गया है? यदि नहीं, तो चरित्र प्रमाण में कांट-छांट कर प्रस्तुत करने वाले श्री पुष्पेन्द्र बघेल के विरूद्ध कार्यवाही न करने के क्या कारण है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्री पुष्पेन्द्र बघेल, ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत मडोरी तहसील लहार का चरित्र सत्यापन संयुक्त रूप से तत्कालीन थाना प्रभारी लहार, स्वास्थ्य अधिकारी समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लहार एवं अनुविभागीय अधिकारी/कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा पदनाम से किया जाकर चरित्र प्रमाण-पत्र जारी किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। थाना प्रभारी लहार द्वारा दिनांक 28.01.2022 को ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपत पंचायत लहार जिला भिण्ड को अवगत कराया गया था कि श्री पुष्पेन्द्र बघेल के दस्तावेज की छायाप्रति में स्पष्ट न होने से यह कहना संभव नहीं है कि चरित्र सत्यापन फार्म थाना लहार द्वारा ही जारी किया गया है। (ग) शासकीय अधिकारी द्वारा जनहित में मांगी गई जानकारी देने के संबंध में समय-सीमा का स्पष्ट निर्धारिण नहीं किया गया है। (घ) यह कहना सही नहीं है। अपितु श्री पुष्पेन्द्र बघेल ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत मडोरी तहसील लहार जिला भिण्ड का चरित्र सत्यापन के मूल दस्तावेज अस्पष्ट छायाप्रति होने से यह कब किस थाने व अधिकारी द्वारा जारी किया गया इसका निर्धारण संभव नहीं है।
नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी की जानकारी
[गृह]
72. ( क्र. 3848 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 से 2020 तक लगभग कितने बच्चे लापता हुए हैं और उनमें से लगभग कितने बच्चे वापस अपने घरों को लौट सके हैं? इन 03 वर्षों में शेष बच्चों की बरामदगी के लिये पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस मुख्यालय के रिकॉर्ड अनुसार कुल कितने नाबालिग लड़के लड़कियां व छोटे बच्चे लापता होने के प्रकरण दर्ज हैं? पुलिस द्वारा इनकी खोजबीन एवं बारामदगी के लिये क्या-क्या प्रयास किये गये? कितने बच्चे खोजबीन कर वापस अपने घरों पर आ सकें? (ग) मध्यप्रदेश में मानव दुर्व्यापार की रोकथाम के लिये पुलिस विभाग ने क्या-क्या कड़े कदम उठाये हैं तथा कितने संगठित गिरोह के अपराधियों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. में वर्ष 2018 से 2020 तक 30052 बच्चे लापता हुये है, इन 03 वर्षों की अवधि में गुम हुये बच्चों में से 28713 बच्चे दस्तयाब होकर वापस अपने घर लौटे हैं। शेष बच्चों की बरामदगी के लिये ऑपरेशन मुस्कान अभियान चलाकर, विशेष टीम गठित कर, तकनीकी अनुसंधान कर तलाश की गई। 04 माह से अधिक अवधि के प्रकरणों का अनुसंधान राजपत्रित अधिकारीगण से कराया जाकर, सतत् प्रयास किये गये हैं। (ख) दिनांक 01.01.2021 से दिनांक 28.02.2022 तक पुलिस मुख्यालय के रिकार्ड अनुसार कुल 13340 नाबालिग लड़के, लड़कियां व छोटे बच्चे लापता होने के प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस द्वारा लापता बच्चों की खोजबीन एवं बरामदगी हेतु प्रदेश स्तर पर ऑपरेशन मुस्कान अभियान चलाकर, सायबर अनुसंधान कर, विशेष टीमें गठित कर, ट्रेक द मिसिंग चाईल्ड पोर्टल पर दर्ज कर, सोशल मीडिया का उपयोग कर खोजबीन एवं बरामदगी के प्रयास किये गये हैं। इस अवधि में 15117 बच्चे दस्तयाब होकर वापस अपने घर आ गये हैं, जिनमें इस अवधि के पूर्व के गुमशुदा बच्चों की बरामदगी भी शामिल हैं। (ग) म.प्र. में मानव दुर्व्यापार की रोकथाम हेतु जनमानस को जागरूक करने म.प्र. पुलिस द्वारा प्रदेश व्यापी 'सम्मान' अभियान जनवरी 2021 से प्रारंभ किया गया है। महिला सुरक्षा के संदेश के प्रचार-प्रसार हेतु जागरूक एवं सशक्त बालिका के प्रतीक के रूप में शुभंकर 'गुड्डी' विकसित किया गया हैं। महिला अपराधों को रोकने में सकारात्मक भूमिका निर्वाहन करने वाले नागरिकों को 'असली हीरो' के रूप में चयनित कर सम्मान किया जा रहा है। प्रदेश के 52 जिलों के महिला थानों को मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई के रूप में अधिसूचित कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है। मानव दुर्व्यापार में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान हेतु उप निरीक्षक स्तर से अनिम्न स्तर के अधिकारी को अनुसंधान हेतु प्राधिकृत किया गया है। नाबालिग बच्चों के अपहरण/व्यपहरण के प्रकरणों में समस्या के विश्लेषण, अपराध की रोकथाम के सुझाव तथा बालिकाओं को शोषण से बचाने के संबंध में शोध/अध्ययन हेतु अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्था भोपाल तथा महिला अपराध शाखा पुलिस मुख्यालय के मध्य एक समझौता (MOU) किया गया है। मानव दुर्व्यापार रोकने हेतु अपराधों की मुख्यालय स्तर पर निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारीगण का सतत् प्रशिक्षण भी प्रक्रियाशील है। प्रदेश में वर्ष 2018 से 2020 तक मानव दुर्व्यापार के संगठित गिरोह के गिरफ्तार आरोपीगण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उज्जैन ज़िले में अपराधों की समीक्षा
[गृह]
73. ( क्र. 3862 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन ज़िले में नोटबंदी से आज तक कितने किसानों, व्यापारियों, बेरोजगारों के आत्महत्याओं के मामले सामने आए है? आत्महत्या किस कारणों से की गयी है? सभी मामलों में कितनी प्राथमिकी दर्ज़ हुई है और उनके निराकरण की स्थिति क्या है? (ख) उज्जैन ज़िले में उक्त अवधि में सूदखोरी से परेशान होकर लूट, डकैती, चोरी जैसी घटनाओं से पीड़ित होकर कितने गंभीर मामले सामने आए है? कितनों पर प्रकरण दर्ज़ हुए है? (ग) उज्जैन ज़िले में प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में अपराधों का ग्राफ बढ़ा है अथवा घटा है? यदि बढ़ा है तो उसके कारण देते हुए अपराधों की रोकथाम के लिए क्या उपाय किए गए है? किन अपराधों को शासन ने गंभीरता से लिया है? अपराधों को लेकर वरिष्ठ कार्यालयों द्वारा कब कब समीक्षाएं की गयी है? समीक्षाओं का कार्य विवरण देते हुए दिये गए निर्णयों पर अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा दिये गए पालन प्रतिवेदनों की प्रतियाँ देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में समीक्षा, निरीक्षण के उपरांत क्या अपराधों में कमी आई है? यदि नहीं, तो उचित समाधान के लिए वरिष्ठ विभागीय अधिकारी क्या कार्ययोजना लेकर चल रहे है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में उज्जैन जिले में उल्लेखित शीर्ष के अपराधों के ग्राफ में किसी वर्ष उतार एवं किसी वर्ष चढ़ाव परिलक्षित हुआ है। त्यौहारों के अवसर तथा सामाजिक कार्यक्रमों में अधिक आवागमन होने से जिले में कुछ शीर्षों के अपराध में वृद्धि हुई है। चिन्हित श्रेणी के सनसनीखेज अपराधों के संबंध में अनुसंधान हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर से दिशा निर्देश जारी किए गये हैं तथा शासन द्वारा उक्त श्रेणी के अपराधों की प्रतिमाह समीक्षा की जाती है। अपराधों में वृद्धि परिलक्षित होने पर अपराध नियंत्रण हेतु समय-समय पर वरिष्ठ कार्यालयों में बैठक आयोजित कर थाना स्तर से कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए जाते हैं तथा निर्धारित अवधि उपरांत कार्यों की समीक्षा भी की जाती है। इस संबंध में उज्जैन जिले में आयोजित बैठकों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) उज्जैन जिले में प्रश्नांश अवधि में वरिष्ठ कार्यालय द्वारा समीक्षा, निरीक्षण के उपरांत कतिपय अपराध शीर्षों में कमी परिलक्षित होने के अपेक्षित परिणाम प्राप्त हुए हैं। अपराध नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश (ग) के उत्तर में समाहित है।
विपणन सहकारी समिति में गबन राशि वापस कराया जाना
[सहकारिता]
74. ( क्र. 3865 ) श्री राकेश गिरि : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला में वर्ष 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट में विपणन सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ में 5.26 लाख रूपये का खाद बिक्री में गबन हुआ है? यदि हाँ, तो, गबन राशि पर अद्यावधि कितना ब्याज बैठता है? वर्षवार गबन की गई राशि, गबनकर्ता कर्मचारी के नाम सहित बताये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या गबन की गई सम्पूर्ण राशि मय ब्याज संस्था में जमा हो चुकी है? यदि हाँ, तो जमा ब्यौरे दें। यदि नहीं, तो कब तक जमा कराई जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार गबन समयावधि में पदस्थ उपपंजीयक का नाम, मूल पदनाम एवं वर्तमान पदस्थापना स्थान बताये? गबनकर्ता के विरूद्ध उपपंजीयक द्वारा तत्समय प्रशासनिक स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या गबनकर्ता के विरूद्ध उपपंजीयक द्वारा यथासमय प्राथमिकी दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो प्रति दें, यदि नहीं, तो, प्राथमिकी दर्ज न कराने के लिये क्या उपपंजीयक, उत्तरदायी है? क्या दोषी सहित समय पर प्राथमिकी दर्ज न कराने वाले उपपंजीयक के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बताये। यदि नहीं, तो क्यों।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। विपणन सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ के वर्ष 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट में खाद बिक्री के कमीशन की राशि रुपये 5.26 लाख की राशि तत्कालीन कर्मचारियों से वसूली योग्य दर्शाया जाकर वैधानिक कार्रवाई हेतु लेख किया गया है। ब्याज राशि की दर तथा गणना न्यायालयाधीन मामले में अभिनिर्धारित होगी। खाद बिक्री के कमीशन की राशि संस्था में कम जमा किये जाने वाले 03 दोषी संस्था कर्मचारियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। वसूली योग्य राशि पर ब्याज की गणना मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के तहत दर्ज प्रकरण में पारित आदेशानुसार की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। गबन कर्ताओं के विरूद्ध की गई कार्रवाई का विवरण संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। विपणन सहकारी समिति को पहुंचायी गई हानि की प्रतिपूर्ति हेतु दोषियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के तहत न्यायालय में दिनांक 09.03.2022 से वाद प्रस्तुत है। (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के अंतर्गत न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलन में है। वसूली की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न नहीं उठता।
अनुकंपा नियुक्ति का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
75. ( क्र. 3874 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिम जाति अनुसूचित जाति विभाग में अत्याचार अधिनियम के तहत वर्ष 2018 में प्रश्न दिनांक तक कितने हत्या के प्रकरणों में पीड़ित को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है? (ख) क्या अत्याचार अधिनियम के तहत सागर संभाग में प्रश्न क्रमांक 1485 की जानकारी अनुसूचित जाति विभाग जिला दमोह द्वारा त्रुटिपूर्ण/गलत दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) की जानकारी किस अधिकारी द्वारा त्रुटिपूर्ण/गलत दी गई? क्या विभाग द्वारा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत कब तक पीड़ितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाकर परिवार का पुर्नवास कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। दमोह जिले द्वारा विधान सभा सत्र दिसम्बर 2021 में प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' में एक समानता जैसी स्थिति निर्मित प्रतीत होने की जानकारी त्रुटिपूर्ण दी गई। (ग) विधान सभा सत्र दिसम्बर 2021 में प्रश्न क्रमांक 1485 की त्रुटिपूर्ण जानकारी के लिये कलेक्टर दमोह के माध्यम से जिला संयोजक एवं शाखा प्रभारी लिपिक (अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1955 का क्रियान्वयन) जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग, जिला दमोह से स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) योजना नियम 2016 की कंडिका 10 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुरूप पीड़ितों के आश्रितों के पुनर्वास की कार्यवाही जिला कलेक्टरों द्वारा की जाती है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
76. ( क्र. 3876 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 प्रश्न दिनांक तक में प्रदेश के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों एवं महाविद्यालयों आदि में अनुसूचित जाति वर्ग के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस वर्ष में कितने-कितने छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई थी? इनमें से किस-किस वर्ष में कितने-कितने छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति किन कारणों से नहीं मिल पाई है? (ग) उक्त छात्रवृत्ति नहीं मिलने के संबंध में सी.एम. हेल्पलाईन पर उक्त अवधि में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, उसमें कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया एवं कितनी शिकायतें किन कारणों से शेष हैं? (घ) उक्त छात्रवृत्ति की राशि में राज्यांश एवं केन्द्रांश का कितने-कितने प्रतिशत हिस्सेदारी है एवं केन्द सरकार से उक्त अवधि में किस-किस वर्ष में कितने-कितने प्रतिशत कितनी-कितनी राशि कम की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) छात्रवृत्ति की राशि में राज्यांश की 40 प्रतिशत एवं केंद्रांश की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उक्त अवधि में केंद्र सरकार ने राशि में कमी नहीं की है।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
77. ( क्र. 3878 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इदौर शहर के थाना संयोगितागंज में अपराध क्रमांक 127/2021, दिनांक 2 अप्रैल, 2021 किस-किस के विरूद्ध किन-किन धाराओं में पंजीबद्ध किस की ओर से कराया गया है? क्या उक्त सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर चालान मा. न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो इस गंभीर प्रकरण में पुलिस द्वारा तत्परता से कार्यवाही नहीं करने के लिए किन-किन जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ख) क्या उक्त के संबंध में आरोपियों द्वारा मा. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर 482 का आवेदन/याचिका बचाओं हेतु लगाया था, जिसमें मा. न्यायालय में पुलिस/शासन द्वारा इस प्रकरण से इन्वेस्टिगेशन के दौरान पाये गये समस्त तथ्यों के आधार ऑब्जेक्शन रिप्लाई (रिपोर्ट) फाइल की गई थी, जिसमें स्पष्ट है कि फरियादी को आरोपीगण एवं पुलिस की मिली भगत से झूठा फंसाया गया था? यदि हाँ, तो उक्त फाइल की रिपोर्ट को पटल पर रखें। (ग) प्रश्नांकित प्रश्न से यह सप्ष्ट है कि पुलिस की आरोपियों से मिलीभगत से फरियादी के विरूद्ध षडयंत्र पूर्वक अपराध पंजीबद्ध कर झूठा फंसाया गया था? यदि हां, तो पुलिस के उक्त कृत के लिए उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जायेगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना संयोगितागंज में दिनांक 02.04.2021 को अप.क्र. 127/21 धारा 406, 409, 385, 389, 120-बी भादवि के अन्तर्गत आरोपीगण के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। प्रकरण विवेचनाधीन है, विवेचना में आये साक्ष्य अनुसार आरोपियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) जी नहीं। (ग) यह कहना सही नहीं है कि पुलिस की आरोपियों से मिलीभगत से फरियादी के विरूद्ध षडयंत्र पूर्वक अपराध पंजीबद्ध कर झूठा फंसाया गया है। प्रश्नागत प्रकरण अभी विवेचनाधीन है। शेष प्रत्युत्तर प्रश्नांश ''क'' में समाहित है।
जनजातीय गौरव दिवस खर्च राशि की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 3892 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 15.11.2021 को भोपाल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस एवं दिनांक 22.11.2021 को मण्डला जिले के ग्राम रामनगर में आयोजित इसके समापन कार्यक्रम में कुल कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु खर्च की गई? इस हेतु खर्च राशि किन-किन मदों या योजनाओं से सम्बंधित थी? (ख) क्या अष्ठान योजना अंतर्गत प्रदेश के आदिवासी जिलों के जिला मुख्यालय व ब्लॉक मुख्यालयों में सामुदायिक भवन बनाने हेतु जो राशि उपलब्ध थी, उसका व्यय उपरोक्त आयोजन में किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु खर्च की गई? क्या यह राशि पर्यटन विभाग को उपरोक्त सामुदायिक भवनों के निर्माण हेतु दिया जाना था? यदि हाँ, तो अब क्या इन सामुदायिक भवनों का निर्माण हो सकेगा?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट ''अ''
एवं ''ब'' अनुसार है। व्यय
योजना
क्रमांक 9853-26-आदिवासी
संस्कृति का
परिक्षण एवं
विकास देवठान
सेमीनार
कार्यशाला
सम्मेलन मद
में किया गया है।
(ख) जी नहीं। शेष
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "अठारह"
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[सहकारिता]
79. ( क्र. 3894 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में दिनांक 12 फरवरी 22 को कितने किसानों को कितनी बीमा राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में किया गया? उपरोक्त में से कितने किसानों को बैंक खाते में दी गई कितनी बीमे की राशि को बाद में उनके द्वारा लिए गये बकाया कर्ज के बदले में वापस जमा कर ली गई? (ख) उपरोक्त किसानों द्वारा लिये गए कर्ज के भुगतान की अंतिम तिथि क्या थी? क्या अंतिम तिथि के पहले ही किसानों के खातों से राशि का भुगतान कराया गया? यदि कराया गया है तो उसके क्या कारण थे? और किसके आदेश से कराए गए? आदेश की प्रति देवें। (ग) क्या बैंक द्वारा किसानों की सहमति के बगैर डेबिट वाउचर के बगैर राशि को उनके खातों से निकाल दिया गया है?यदि हाँ तो क्या आर.बी.आई. के नियमानुसार किसी खाता धारक की सहमति के बगैर, बैंक अधिकारी खातों से राशि वापस ले सकता है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? (घ) यदि नहीं, तो क्या ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, जिनके द्वारा जबरदस्ती किसानों के खातों से भुगतान की अंतिम अवधि पूर्ण होने के पहले ही राशि को डेबिट कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान
[सहकारिता]
80. ( क्र. 3899 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजेन्द्रसूरी साख सहकारी समिति राजगढ़ में 30 जनवरी, 2022 की स्थिति में जमाकर्ताओं की संख्या तथा कुल राशि तथा बकायादारों की संख्या तथा कुल ऋण राशि कितनी है? (ख) मई 2018 से 20 फरवरी 2022 तक कितने जमाकर्ताओं को कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कितने बकायादारों से कितनी राशि वसूली गई तथा बतावें कि जिन जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान किया गया उनका चयन किस आधार पर किया गया? (ग) 30 जनवरी 2022 तक प्रश्नाधीन साख समिति की चल सम्पत्ति कितनी है, अचल संपत्ति क्या-क्या है तथा उसका संभावित बाजार मूल्य क्या है? क्या अचल संपत्ति का विक्रय कर जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नाधीन साख समिति में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने अधिकारी तथा कर्मचारी कार्यरत हैं? उनका मासिक वेतन-भत्ता कुल मिलाकर कितना है तथा उसका भुगतान किस प्रकार किया जा रहा है? किस माह तक के वेतन का भुगतान कर दिया गया है? (ड.) प्रश्नाधीन साख समिति में यदि बकायादारों से वसूली नहीं हो पाई तो जमाकर्ताओं को भुगतान कैसे किया जाएगा? (च) जिला सहकारी बैंक में राजेन्द्रसूरी साख सहकारी संस्था का बचत खाता किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है? उक्त खाते का स्टेटमेन्ट भी दिया जावे।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम घोटाले की जांच के प्रकरण
[गृह]
81. ( क्र. 3901 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले संबंधी वर्ष 2007 से वर्ष 2011 तक अन्य कई विचाराधीन जांच के प्रकरण नस्तीबध्द कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि किसके निर्देश पर बंद किये गये? उन आदेश, नोटशीट की प्रति देवें तथा पी.एम.टी. वर्ष 2011 की जांच के दौरान एकत्रित समस्त दस्तावेज की प्रति देवें। (ख) क्या वर्ष 2012 तथा 2013 में पी.एम.टी. परीक्षा के दौरान एम.बी.बी.एस. की काउंसलिंग बंद होने के बाद निजी चिकित्सा महाविद्यालयों ने शासन से प्राप्त सूची के स्थान पर अपात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया तथा प्रवेश देने पर निजी चिकित्सा महाविद्यालय पर प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो इस बिन्दु पर वर्ष 2009 से वर्ष 2013 तक की पी.एम.टी. परीक्षा की जांच की गई या नहीं? (ग) क्या वर्ष 2009 से 2011 की नस्तीबद्ध की गई जांच में खण्ड (ख) में उल्लेखित बिन्दु पर जांच की गई हो तो उसके परिणाम से वर्षवार जानकारी दें कि पी.एम.टी. के माध्यम से निजी कॉलेज में भर्ती की जांच को एस.टी.एफ. ने सी.बी.आई को प्रकरण सौंपने के पूर्व वर्ष 2012 तथा वर्ष 2013 की जांच की थी या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
साधारण/विशेष सभा का आयोजन
[सहकारिता]
82. ( क्र. 3906 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था में प्रारंभ से लेकर अभी तक कुल कितने सदस्य हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) संस्था की विगत 5 वर्षों में कब-कब साधारण/विशेष सभा आयोजित की गई? दिनांकवार बतावें। इसमें कितने सदस्यों को बुलाया गया और कितने सदस्य उपस्थित रहे? सभा की सूचना सभी सदस्यों को देने के लिए क्या तरीका अपनाया गया? (ग) क्या कुछ पुराने सदस्यों ने इस बात की शिकायत की है कि उन्हें साधारण/विशेष सभा की सूचना समय पर नहीं मिली? जिस समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित की है, उसका सर्कुलेशन भी कम है? यदि हाँ, तो संस्था की पुनः साधारण/विशेष सभा कब बुलाई जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) इंदौर स्थित जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के गत निर्वाचन वर्ष 2018 में संस्था द्वारा प्रस्तुत सदस्यता सूची अनुसार कुल 1990 सदस्य है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संस्था की विगत 5 वर्षों में दिनांक 30-03-2018 एवं दिनांक 27-05-2018 को विशेष साधारण सभा तथा दिनांक 16-06-2019 को वार्षिक साधारण सभा आयोजित की गई। संस्था में संचालक मण्डल के स्थान पर दिनांक 07-01-2020 से म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (12) के अंतर्गत प्रशासक नियुक्त है। प्रशासक द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार विशेष साधारण सभा दिनांक 30-03-2018 में 174 सदस्य एवं वार्षिक साधारण सभा दिनांक 16-06-2019 में 142 सदस्य उपस्थित रहे। जबकि निर्वाचन संबंधी विशेष साधारण सभा दिनांक 27-05-2018 में उपस्थित सदस्यों की जानकारी प्रशासक को अप्राप्त रही है। विशेष/साधारण सभा दिनांक 30-03-2018 एवं 16-06-2019 की सूचना सदस्यों को देने के लिये क्या तरीका अपनाया गया था, तत्संबंधी अभिलेख प्रशासक को अप्राप्त रहे है। विशेष साधारण सभा दिनांक 27-05-2018 की सूचना स्थानीय दैनिक समाचार पत्र ''इंदौर समाचार'' में प्रकाशित कराई गई थी। (ग) संस्था सदस्यों की शिकायत न होकर राजगृही प्लाट पीड़ित परिवार संघ इंदौर की ओर से श्री जगदीश पाण्डे द्वारा पत्र दिनांक 09-12-2021 से संस्था की विशेष साधारण सभा दिनांक 27-05-2018 के संबंध में शिकायत उप आयुक्त सहकारिता जिला इंदौर को प्राप्त हुई थी। उक्त साधारण सभा की सूचना स्थानीय दैनिक समाचार पत्र ''इंदौर समाचार'' में प्रकाशित कराई गई थी। आम सभा की सूचना विधिवत प्रकाशित कराये जाने के कारण पुन: साधारण सभा या विशेष साधारण सभा बुलाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन जेल का निर्माण
[जेल]
83. ( क्र. 3909 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 94, उत्तर दिनांक 10 फरवरी 2019 की कंडिका (क) में शासन ने बताया है कि जेल का निर्माण 1905 में हुआ तथा वर्तमान में जेल छोटी पड़ रही है। क्या छोटी जेल में संख्या से अधिक बंदियों को रखना बंदियों के मानव अधिकार का हनन है? क्या जेल मेन्युअल के अनुसार बंदियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए उचित है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो शासन राजगढ़ में नवीन जेल का निर्माण क्यों नहीं कर रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। बंदियों को स्थान की कमी अवश्य है, किन्तु उनके अधिकारों के तहत भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की नियमानुसार सुविधाएं उपलब्ध हैं। जी हाँ। (ख) नवीन जेल निर्माण का प्रस्ताव विचाराधीन है, कलेक्टर, राजगढ़ द्वारा पर्याप्त भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। तदानुसार कार्य के नक्शे व प्राक्कलन तैयार कर सक्षम स्तर पर निर्णय के उपरान्त ही आगामी कार्यवाही संभव हो सकेगी।
दलित के साथ अपमानजनक व्यवहार
[गृह]
84. ( क्र. 3923 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि छतरपुर जिले के भगवा थाने के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुण्डलया में गत 9 फरवरी, 2022 को श्री दयाचंद पिता श्री भागीरथ अहिरवार को गाँव के दबंगों ने गाली-गलौच की, डी.जे. बंद करा दिया और घोड़ी पर बारात निकालने से रोककर अपमानित किया? (ख) क्या यह भी सच है कि दूल्हा स्वयं पुलिसकर्मी है तथा उसके द्वारा पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट करने के बाद प्रशासन ने कार्यवाही की और दूसरे दिन 10 फरवरी, 2022 गुरूवार को कलेक्टर, एस.पी. और कई थानों की पुलिस की मौजूदगी में वापस लौटने पर बारात को गाँव में घुमाया गया? (ग) दलितों के अपमान की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (घ) भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सरकार क्या कार्यवाही करने जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही नहीं है कि जिला छतरपुर के थाना भगवा के ग्राम कुण्डलया में 09 फरवरी 2022 को श्री दयाचंद पिता श्री भागीरथ अहिरवार से दलित होने के कारण गाँव के दबंगो ने गाली-गलौच की एवं डी.जे. बन्द किया और घोड़ी पर बारात निकालने से मना किया। अपितु वस्तु स्थिति यह है कि दिनांक 09/02/2022 को श्री दयाचंद घोड़े पर बैठकर गाँव में अपने परिजनों, रिश्तेदारों के साथ बैण्ड बाजे सहित गाँव में राछ फिराने के लिये निकला था जो अन्य मुहल्लों से राछ फिराकर वापिस अपने मुहल्ले आ रहा था तभी मंदिर के पास वाली गली में कुछ लोगों ने बैण्ड वालों से कहा कि यहां पर मंदिर है। मंदिर के सामने से घोड़े पर बैठकर नहीं निकला जाता, दूसरे रास्ते से निकल जाओ। तब श्री दयाचन्द एवं उसके परिजन मय बैण्ड एवं घोड़े के दूसरे रास्ता से अपने घर चले गये। गाँव के लोगों द्वारा श्री दयाचन्द के साथ कोई गलत बर्ताव एवं गाली-गलौच नहीं की गई। (ख) हाँ यह सही है कि दूल्हा श्री दयाचन्द अहिरवार जिला टीकमगढ में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। श्री दयाचन्द के द्वारा पुलिस अधीक्षक छतरपुर को उक्त संबध में कोई रिपोर्ट नहीं की गई और न ही कोई आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया किसी अंजान व्यक्ति के द्वारा फोन पर पुलिस को यह सूचना दी गई। उक्त सूचना पर दिनांक 10 फरवरी 2022 को कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, छतरपुर द्वारा स्वंय गाँव में भ्रमण किया गया और संवेदनशीलता एवं जागरूकता हेतु श्री दयाचन्द अहिरवार के बारात की वापसी पर होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम सम्मान पूर्वक दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर सम्पन्न कराया गया। (ग) दलितों के अपमान की इस प्रकार की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जागरूकता एवं संवेदनशीलता हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं और अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल्य क्षेत्रों में जनचेतना शिविर का आयोजन कर इन वर्गों के व्यक्तियों को अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों से अवगत कराया जाता है एवं उनके साथ घटित घटनाओं पर त्वरित रूप से विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के साथ अपमान की किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो इस हेतु शासन द्वारा प्रदेश के 51 जिलों में विशेष अजाक पुलिस थाने, अपराधों के पर्यवेक्षण हेतु 10 पुलिस अधीक्षक अजाक रेंज स्तर पर स्थापित किए गए हैं और इन वर्गों के मामलों में विचारण हेतु 43 विशेष न्यायालय तथा 7 विशेष सत्र न्यायालयों को अधिकृत किया गया है। इन वर्गों की शिकायतों पर समुचित वैधानिक कार्यवाही हेतु समय-समय पर पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं, तथा ऐसे ग्रामों/कस्बों में जहाँ एस.सी./एस.टी. एक्ट के मामले अधिक घटित होते है, वहां पर जन चेतना शिविरों का अयोजन आपसी सामन्जस्य और सद्भाव हेतु किया जाता है। पुलिस द्वारा उन क्षेत्रों में विशेष रूप से भ्रमण भी किया जाता है।
किसानों से धोखाधड़ी की प्राप्त शिकायतें
[गृह]
85. ( क्र. 3926 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना मनावर को मार्च 2020 में मनावर कृषि-उपज मंडी के चार व्यापारियों द्वारा 45 किसानों से लगभग 1.86 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने शिकायत प्राप्त हुई? उक्त मामले में प्रश्न दिनांक तक किस-किस को गिरफ्तार कर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) मामले में धोखाधड़ी की राशि दोषियों से वसूलकर किसानों को दे दी गई? यदि नहीं, तो कब तक किसानों को राशि दी जाएगी? (ग) विगत पांच वर्षों में प्रदेश के किन-किन कृषि मंडियों में किसानों से धोखाधड़ी कर फसल की राशि नहीं देने के मामले सामने आए हैं? उक्त मामलों में क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कृषि उपज मंडी मनावर के चार व्यापारियों द्वारा 45 किसानों से लगभग 1,08,68,758 रूपये की धोखाधड़ी करने की लिखित शिकायत मंडी सचिव मनावर ने प्रस्तुत की थी। उक्त शिकायत के आधार पर थाना मनावर जिला धार में अप. क्रमांक 212/20 धारा 420, 406, 34 भादवि दिनांक 16.03.2020 को कायम कर विवेचना में लिया गया था। प्रकरण में आरोपी नरेन्द्र, कमल, अक्षत, विकास एवं गणेष की गिरफ्तारी की गई। प्रकरण में पाँचों आरोपियों के विरूद्ध चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है, जो माननीय न्यायालय में दिनांक 22.04.2021 से विचाराधीन है। (ख) प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, माननीय न्यायालय से प्रकरण के निराकरण के अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
आरक्षित बैकलॉग पदों का अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तन
[चिकित्सा शिक्षा]
86. ( क्र. 3927 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विज्ञप्ती-क्रमांक 1897/स्था/विज्ञप्त/2018 दिनांक-25/01/2018, विज्ञप्ती-क्रमांक 2496/ स्था/विज्ञप्त/2018 दिनांक 10/09/2018, विज्ञप्ती-क्रमांक 1481/स्था/विज्ञप्त/2019 दिनांक-31/05/2019 एवं विज्ञप्ती-क्रमांक 6845/स्था/विज्ञप्त-8/2020/विदिशा दिनांक-05/11/2020 में सह-प्राध्यापक अ.ज.जा. के लिए 5 पद रिक्त थे? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र-क्रमांक एफ-6 -1/2002/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक-04/07/2020 एवं 17/09/2021 को अनदेखा कर बैकलॉग के पदों को विज्ञप्ति-क्रमांक-1271/स्था/विज्ञप्त-8/2021/विदिशा दिनांक 16/03/2021, विज्ञप्ति-क्रमांक-2667/स्था/विज्ञप्त-8/2021/विदिशा दिनांक 11/06/2021 एवं विज्ञप्ती-क्रमांक-5833/ स्था/विज्ञप्त-9/2021/विदिशा दिनांक-14/12/2021 में अ.ज.जा. के आरक्षित बैकलॉग पदों को विलोपित कर अनारक्षित श्रेणी में दर्ज किया गया? (ग) किस प्रचलित नियम/अधिनियम के तहत आरक्षित बैकलॉग पदों को अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तित करने का प्रावधान है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अ.ज.जा. बैकलॉग पदों को प्रश्नांश (ख) के विज्ञप्ति द्वारा अनारक्षित वर्ग से पूर्ति कर त्रुटि हुई है? यदि हाँ, तो उक्त त्रुटि के जिम्मेदार कौन-कौन हैं? किसकी क्या-क्या जवाबदेही तय की गई है? (ङ) क्या प्रश्नांश (क) के रिक्त अ.ज.जा. बैकलॉग पदों को प्रश्नांश (ख) की विज्ञप्ति द्वारा अनारक्षित में श्रेणी दर्ज करना विधिसम्मत है? (च) क्या प्रश्नांश (घ) की त्रुटि को सुधारने के लिए कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? यदि नहीं, तो कब तक किसकी क्या जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की जाएगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, संस्था द्वारा संधारित त्रुटिपूर्ण रोस्टर में सुधार किया गया है। (ग) आरक्षित बैकलॉग पदों को अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तित करने का प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंदियों से आपत्तिजनक सामग्री मिलने पर कार्यवाही
[जेल]
87. ( क्र. 3930 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2020 से लेकर जनवरी 2022 तक प्रदेशों की जेलों में कितनी बार तलाशी ली गई तथा तलाशी के दौरान कितनी आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई? (ख) क्या प्रदेश की जेलों में बंदियों से आपत्तिजनक सामग्री मिलने पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि हाँ, तो कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं? (ग) क्या जेल में मोबाइल, नशीले पदार्थ बंदियों को उपलब्ध करवाये जाने के कई प्रकरणों में जेल अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? अगर हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश अवधि में प्रदेश की जेलों में जेल मैन्युअल, 1968 के नियम-185, 232, 457 एवं 467 के प्रावधानानुसार नियमित तलाशी कराई गई है। उक्त नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जेलों पर तलाशी एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है। एक ही जेल में दिन में अनेक बार सम्पूर्ण/पृथक-पृथक भाग में तलाशी कराई जाती है, साथ ही निरीक्षणकर्ता अधिकारी, जिला/पुलिस प्रशासन द्वारा भी समय-समय पर जेलों में तलाशी कराई जाती है। अत: प्रश्नांश अवधि में प्रदेश की जेलों में कितनी बार तलाशी कराई गई, इसकी संख्यात्मक जानकारी दी जाना व्यवहारिक प्रतीत नहीं होता है। प्रश्नांश अवधि में तलाशी के दौरान जिन जेलों पर जिन दिनांकों को आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है, उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ, जिला जेल, रतलाम में दिनांक 13/01/2020 को नवीन आमद के बंदी की तलाशी में 04 नग स्मेक की पुड़िया बरामद होने पर बंदी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। शेष जेलों पर आपत्तिजनक सामग्री मिलने पर संबंधित बंदी के विरूद्ध मध्यप्रदेश जेल मैन्युअल, 1968 के नियम-723 के तहत जेल अपराध दर्ज कर नियमानुसार दंडित किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रदेश की जेलों में मोबाइल, नशीले पदार्थ बंदियों को उपलब्ध कराए जाने का कोई प्रकरण नहीं है। तलाशी के दौरान जिन अधिकारी/कर्मचारियों के पास प्रतिषिद्ध सामग्री बरामद हुई, उनके विरूद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
महिला प्रताड़ना की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
88. ( क्र. 3943 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिवनी के अंतर्गत तहसील कुरई में कार्यरत पटवारी ज्योति उइके ने पुलिस विभाग में उप निरीक्षक के पद पर थाना बरगी, जिला जबलपुर में पदस्थ श्री विजय धुर्वे द्वारा किये गये देह शोषण की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है? यदि हाँ, तो कर्मचारी की विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या श्री विजय धुर्वे ने ज्योति उइके से विवाह का झांसा देकर सगाई की, वर्ष 2019 में शादी के आमंत्रण पत्र छपने के बाद दहेज की मांग की और देह शोषण-बलात्कार करते हुये विवाह करने से इंकार कर दिया? जिस पर विजय धुर्वे के विरूद्ध थाना लालबर्रा जिला बालाघाट में रिपोर्ट दर्ज की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो श्री विजय धुर्वे के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विगत 03 वर्षों से प्रताड़ित महिला ज्योति उइके द्वारा इस संबंध में पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों आई.जी. जबलपुर, डी.आई.जी. छिन्दवाड़ा, पुलिस अधीक्षक, जबलपुर एवं पुलिस अधीक्षक, सिवनी को भी कार्यवाही हेतु आवेदन दिया गया है? क्या दोषी कर्मचारी श्री विजय धुर्वे को पुलिस विभाग द्वारा बचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बताएं। यदि नहीं, तो प्रताड़ित महिला को कब तक न्याय मिल पायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, शिकायत पर कर्मचारी के विरूद्ध जिला बालाघाट द्वारा थाना वारासिवनी में अप.क्रं. 0/2019 धारा 376 (2) (एन), 417 भादवि एवं धारा 4 दहेज एक्ट का दिनांक 08.06.2019 को पंजीबद्ध कर असल घटना स्थल थाना लालबर्रा जिला बालाघाट का होने से असल अपराध क्रमांक 278/19 कायम किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) (1) विजय धुर्वे के विरूद्ध थाना लालबर्रा में अप.क्रं. 278/19, धारा 376 (2) (एन), 417 भादवि एवं धारा 4 दहेज एक्ट कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण होने पर चालान मान्नीय न्यायालय पेश किया गया है। (2) विजय धुर्वे के विरूद्ध संस्थित विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित पाये जाने पर उनके वेतन में एक वेतन वृद्धि के बराबर कमी के दण्ड से संचयी प्रभाव से पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा दण्डित किया गया है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्नांश ''ग'' अनुसार दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है।
किसानों को मांग अनुसार उर्वरक, डी.ए.पी. एवं यूरिया का प्रदाय
[सहकारिता]
89. ( क्र. 3944 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सहकारी संस्था में कुल कितनी संख्या में यूरिया एवं डी.ए.पी. खाद उपलब्ध हैं? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या शासन द्वारा किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु जमीन के अनुपात में कोई सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सहकारी संस्था में किसानों को उनकी आवश्यकता या मांग अनुसार उर्वरक डी.ए.पी., यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) क्या किसानों को गोदामों में पर्याप्त उर्वरक होने के उपरांत भी मांग अनुसार कब डी.ए.पी., यूरिया उपलब्ध कराया जायेगा? इस संबंध में शासन द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देशा जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार, जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) सहकारी समितियों द्वारा उर्वरक की उपलब्धता, किसानों की मांग एवं पात्रता अनुसार डी.ए.पी. एवं यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.एम.टी. घोटाले में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालकों से पूछताछ
[गृह]
90. ( क्र. 3960 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले में पी.एम.टी. वर्ष 2012 तथा पी.एम.टी. वर्ष 2013 में दर्ज प्रकरण में विवेचना के दौरान निजी चिकित्सा महाविद्यालय के संचालकों से पूछताछ की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो बतावें कि किस-किस मेडिकल कॉलेज के किस संचालक से किस दिनांक को किस बिन्दु पर पूछताछ की गई थी? (ग) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा, डॉ. आनन्दराय, आशिष चतुर्वेदी, अभय चोपड़ा की पी.एम.टी. वर्ष 2012 तथा वर्ष 2013 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में स्टेट कोटे की भर्ती में सप्रमाण शिकायत करने के बाद भी पूछताछ में निजी चिकित्सा महाविद्यालय के संचालकों को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया है? (घ) क्या पुलिस महानिरीक्षक के संज्ञान में है कि सी.बी.आई. ने एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज पी.एम.टी. वर्ष 2012 तथा पी.एम.टी. वर्ष 2013 के प्रकरण में अपनी विवेचना के दौरान स्टेट कोटे की भर्ती में निजी चिकित्सा महाविद्यालय के संचालकों को आरोपी बनाया है? यदि हाँ, तो क्या एस.टी.एफ. की भूमिका की जांच की जावेगी? (ड.) क्या पी.एम.टी. वर्ष 2007 से वर्ष 2011 की परीक्षा में फर्जीवाड़े की शिकायतों तथा कथित जांच के बाद नस्तीबद्ध कर दिया है? यदि हाँ, तो क्या सी.बी.आई. के इस संदर्भ में पेश चालान के मद्देनजर फिर से पी.एम.टी. वर्ष 2007 तथा पी.एम.टी. वर्ष 2011 की जांच की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। एस.टी.एफ. द्वारा पी.एम.टी. परीक्षा 2012 के संबंध में दर्ज किए गए प्रकरण में निजी चिकित्सा महाविद्यालय श्री अरविंदो इंस्ट्टीटयूट ऑफ मेडिकल सांइस इंदौर के संचालक डॉ. विनोद भण्डारी से पूछताछ की गई थी। (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालय श्री अरविंदो इंस्ट्टीटयूट ऑफ मेडिकल सांइस इंदौर के संचालक डॉ. विनोद भण्डारी से दिनांक 30/01/2014 को प्रकरण की विवेचना के संबंध में पूछताछ की गई थी। (ग) पी.एम.टी. वर्ष 2012 तथा वर्ष 2013 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में स्कोरर्स द्वारा सीट रिक्त करने के उपरांत अन्य अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के संबंध में सी.बी.आई. द्वारा विवेचना की गई। (घ) जी हाँ। सी.बी.आई. से प्राप्त जानकारी अनुसार पी.एम.टी. वर्ष 2012 तथा पी.एम.टी. 2013 के प्रकरण में अपनी विवेचना के दौरान निजी चिकित्सा महाविद्यालय के संचालकों को आरोपी बनाया है। जी नहीं। (ड.) व्यापम संबंधी प्राप्त समस्त शिकायतों में जांच की गई। जांच के दौरान प्राप्त साक्ष्यानुरूप कार्यवाही की गई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 09/07/15 के परिपालन में सी.बी.आई. द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
डेरियों का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
91. ( क्र. 3962 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में विभाग के द्वारा कितनी डेयरी किस माध्यम से चलाई जा रही हैं? (ख) इन डेरियों में कुल कितनी भूमि लगी है तथा कितने दुधारू पशु विद्यमान हैं? इन सभी डेयरी से विभाग ने कुल कितना शुद्ध मुनाफा कमाया? (ग) इन डेरियों से कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है? (घ) सिवनी मालवा विधानसभा की कीरतपुर डेयरी फार्म में कितनी भूमि लगी है तथा कितने दुधारू पशु हैं? वर्ष 2018-19 व वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2020-21 में कितना शुद्ध मुनाफा कमाया गया? कितने अधिकारी एवं कर्मचारी कार्य कर रहे हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश में विभाग के द्वारा डेयरियों का संचालन नहीं किया जाता है। अत: संख्या का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कीरतपुर में डेयरी फार्म नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी बैंक अंतर्गत संचालित सहकारी समितियां
[सहकारिता]
92. ( क्र. 3963 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत केन्द्रीय सहकारी बैंक के अंतर्गत जिले भर में कार्यरत अन्य बैंक ब्रांच भी संचालित की जा रही हैं तो किन-किन स्थानों पर? साथ ही कितनी सेवा सहकारी समितियां पूरे जिले भर में किन-किन स्थानों पर कार्यरत हैं? स्थानवार, कार्यवार जानकारी दें। (ख) बताएं कि वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण जिले भर में उपरोक्त उल्लेखित दोनों प्रकार की व्यवस्थाओं को संचालित किये जाने हेतु किस-किस प्रकार के निर्माण कार्य किये गये, हो रहे, अपूर्ण व अप्रारंभ रहे? वर्षवार बताएं। (ग) जानकारी दें कि उपरोक्तानुसार शासन/विभाग अंतर्गत आने वाले किये गये कार्यों की स्वीकृति लागत से अधिक लागत के कार्य किन-किन स्थानों पर हुए जहां-जहां पर अतिरिक्त राशि दी गई तो कितनी-कितनी बढ़ाकर दी गई व किस-किस समिति के द्वारा किन-किन कार्यों एवं स्थानों पर कितनी-कितनी दी गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है।
निजी बचत कंपनियों के संबंध में
[गृह]
93. ( क्र. 3964 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अल्प बचत, छोटी बचत एवं प्रतिदिन सेविंग के नाम पर उज्जैन संभाग में अनेक निजी, प्राईवेट कंपनियां फर्म्स, संस्थान तथा निजी रूप से भी दैनिक बचत किये जाने के नाम पर सदस्य बनाकर सेविंग (बचत) किये जाने के कार्य निरंतर रूप से कर रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन सेविंग (बचत) के नाम पर लाखों/करोड़ों रूपये एकत्रित किये जाते हैं तो क्या शासन/विभाग अथवा किसी व्यवस्था द्वारा इस प्रकार के कार्य किये जाने की अनुमति ली जाती है? (ग) अवगत कराएं कि उज्जैन संभाग के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधितों द्वारा जमा राशि नहीं लौटाए जाने, उसमें गबन करने, अमानत में खयानत करने, हड़प जाने इत्यादि अन्य प्रकार की भी कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (घ) बताएं कि उपरोक्तानुसार उल्लेखित प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के साथ ही वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जिलेवार कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उपरोक्त वर्षों के अंतर्गत कितने लाखों/करोड़ों रूपये हड़प लिये गये? तत्संबंधी कितने प्रकरण पंजीकृत होकर क्या कार्यवाही की जा रही है तथा अवैध रूप से किये जा रहे अवैधानिक कार्यों को रोके जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति सलाहकार एवं निगरानी समिति का गठन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
94. ( क्र. 3967 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-23/2/2884/4/25/पार्ट दिनांक 06/12/2006 द्वारा राज्य में सभी जिले अनुसूचित जाति उपयोजना के जिला स्तर पर नियोजन/अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की सक्षम व्यवस्था हेतु अनुसूचित जाति सलाहकार एवं निगरानी समितियों का गठन करने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो, नरसिंहपुर जिले में जिला स्तर पर अनुसूचित जाति सलाहकार एवं निगरानी समिति का गठन क्यों नहीं किया गया हैं? (ग) क्या उक्त सलाहकार एवं निगरानी समिति के गठन के संबंध में अधोहस्ताक्षरी द्वारा पत्र क्रमांक 275/NSP/21 दिनांक 29.08.2021 तथा तत्संबंध में स्मरण पत्र क्रमांक 308/NSP/21 दिनांक 24.12.2021 के माध्यम से सदस्यों के नामों की अनुशंसा की गयी हैं। (घ) यदि हाँ, तो जिले के कलेक्टर द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवही की गयी थी? यदि कार्यवाही नहीं की गयी थी, तो इसके क्या कारण हैं तथा कब तक उक्त सलाहकार एवं निगरानी समिति का गठन कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) समिति का गठन किया जा चुका है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) समिति का गठन किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर नियुक्ति
[सहकारिता]
95. ( क्र. 3970 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. विदिशा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर नियुक्ति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा 24 दिसम्बर, 2021 को विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1462 द्वारा नियुक्ति हेतु दैनिक समाचार पत्रों के विज्ञापन की छायाप्रति उपलब्ध कराए जाने हेतु अनुरोध किया था? उक्त छायाप्रति कब तक उपलब्ध कराई जायेगी? (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1462 दिनांक 24.12.2021 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा आगामी व्यवस्था होने तक अस्थाई रूप से वर्तमान पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. विदिशा की नियुक्ति/प्रभार दिनांक 23.11.2021 तक सौंपे जाने का हवाला दिया है? क्या उक्त अवधि व्यतीत होने के पश्चात पूर्ण केडर के अधिकारी की नियुक्ति अभी तक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा में नहीं किए जाने के संबंध में कारण सहित जानकारी दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
96. ( क्र. 3972 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? योजनाओं के नाम एवं योजनाओं के लाभ के संबंध में निर्धारित योग्यता एवं नियमों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में संचालित योजनाओं के माध्यम से विदिशा जिला अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवकों के रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराये गये एवं कुल कितने आवेदन उक्त वर्गों से प्राप्त हुये थे? हितग्राहीवार, नामवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु जिले को लक्ष्य दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या? विगत 3 वर्षों में उक्त लक्ष्य की पूर्ति की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) वर्तमान में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
जिला सहकारी बैंक एवं सहकारी समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
97. ( क्र. 3974 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम-हरदा जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत कुल कितने सहकारी बैंक एवं कितनी सहकारी समितियां कार्यरत हैं? विधानसभा क्षेत्रवार बताएं। (ख) दिनांक 30.06.2921 की स्थिति पर इन समितियों में कितनी समितियां डिफाल्टर हैं तथा समितियों के कितने कृषक सदस्य डिफाल्टर हैं? (ग) डिफाल्टर कृषक सदस्यों से कुल कितनी राशि वसूली योग्य है? बैंकवार बतायें। (घ) कुल राशि में मूलधन राशि क्या है तथा इस पर लगने वाले ब्याज की राशि क्या है? बैंकवार बताएं।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित नर्मदापुरम की दोनों जिलों नर्मदापुरम एवं हरदा में क्रमश: 6 एवं 16 कुल 22 बैंक एवं 151 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 115 समितियां डिफाल्टर हैं। 22541 कृषक सदस्य डिफाल्टर हैं। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी
[गृह]
98. ( क्र. 3983 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना चीनौर जिला ग्वालियर में अपराध क्र.18/2021 दिनांक 2 फरवरी 2021 को फरयादिया श्रीमती सुनीता पत्नी पुरूषोत्तम कुशवाह द्वारा दौलत सिंह कुशवाह के हाथ में पिस्टल तथा अन्य के हाथों में लाठियां लिये हुये अपराध करना बताकर अपराध पंजीयन कराया था? क्या घटना के समय दौलत सिंह कुशवाह एवं अन्य सैन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया चीनौर के सी.सी.टी.वी. कैमरे में दिख रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या यह अपराध झूठा मनगढ़त है? यदि हाँ, तो ऐसे साफ-साफ झूठे प्रकरण कायम कराने वाली फरियादिया के विरूद्ध शासन नीति अनुसार कार्यवाही की जावेगी? क्या इस अपराध को असत्य मानकर पूरा अपराध प्रकरण समाप्त किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) फरियादिया श्रीमती सुनीता के देवर बेताल एवं ससुर पूरन कुशवाह के ऊपर थाना चीनौर में कितने-कितने अपराध किन-किन दिनाकों में पंजीबद्ध हैं? सूची दें। इन अपराधों में अपराध दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? क्या यह जिलाबदर की श्रेणी में आते हैं? यदि हाँ, तो इनको कब तक जिलाबदर किया जावेगा? (ग) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार एवं घाटीगाँव अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के अन्तर्गत आने वाले थानों में कितने-कितने अपराध पंजीबद्ध किन-किन व्यक्तियों के द्वारा किन-किन व्यक्तियों के विरोध में पंजीबद्ध कराये हैं? उनमें प्रकरण दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक वर्तमान स्थान पर पदस्थ दिनांक, बैज न. एवं मोबाइल न. सहित पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, थाना चीनौर जिला ग्वालियर में दिनांक 02.02.2021 को फरियादिया श्रीमती सुनीता पत्नी पुरूषोत्तम कुशवाह द्वारा दौलतसिंह कुशवाह आदि के विरूद्ध अप. क्र. 18/21, धारा 452, 294, 323, 6, 34 भादवि, को पंजीबद्ध कराया गया है। प्रकरण में आरोपी सुखसिह, श्यामसिंह, रविन्द्रसिंह सभी जाति कुशवाह निवासीगण ग्राम चीनौर के विरूद्ध दिनांक 06.03.2022 को चालान क्रमांक 18/22 कता किया गया एवं आरोपी दौलतसिंह कुशवाह के विरूद्ध धारा 173 (8) जाफौ के अन्तर्गत अनुसंधान जारी है। सेण्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया शाखा चीनौर के सी.सी.टी.व्ही. फुटेज के संबंध में विवेचना जारी है। विवेचना के दौरान एकत्रित साक्ष्य के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। कल्लू उर्फ बेताल कुशवाह के विरूद्ध वर्ष 2015 के बाद वर्ष 2021 में अप. क्र. 19/21 धारा 451, 294, 6, 34 भादवि पंजीबद्ध हुआ है, जो साधारण किस्म का होकर पारिवारिक विवाद है तथा पूरन कुशवाह के विरूद्ध वर्ष 2015 से अपराध पंजीबद्ध नहीं है। उनकी गतिविधि वर्तमान में समाज एवं आमजन के लिये खतरा नहीं होने से जिला बदर की श्रेणी में नहीं आते हैं। यदि इस के संबंध में यह समाधान हो जायेगा कि वह ऐसी रीति में कार्य कर रहा है या उसकी ऐसी रीति के संबंध में कार्य करने की संभावना है जिससे राज्य की सुरक्षा पर या लोक व्यवस्था बनाये रखने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, तब म.प्र. राज्य सुरक्षा अधि. 1990 के तहत कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति
[जनजातीय कार्य]
99. ( क्र. 3984 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2020 से 25 फरवरी 2022 तक ग्वालियर जिले में किस-किस पंचायत में तथा नगरीय निकाय क्षेत्रों में किन-किन नगरीय निकायों के किन-किन वार्डों में क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की अनुशंसा पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस निर्माण एजेन्सी से किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? उन निर्माण कार्यों की दिनांक 25 फरवरी 2022 की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) ग्वालियर जिले में अनु. जाति तथा अनु. जनजाति के बालक तथा बालिकाओं के अध्ययन के लिये कितने-कितने किस-किस स्तर के कितने-कितने सीटर के छात्रावास/आश्रम संचालित हैं? उन छात्रावासों में स्वीकृत सीट के विरूद्ध 25 फरवरी 2022 की स्थिति में कितने-कितने बालक तथा बालिकायें निवासरत रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं? विवरण दें। भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत छात्रावासों/आश्रमों में निवासरत तथा अध्ययनरत छात्रों का नाम, पिता का नाम, छात्र/छात्रा के गाँव का पता किस कक्षा में वर्तमान में अध्ययनरत हैं, पूर्ण विवरण दें। (ग) जनजाति कार्य, अनु. जाति कल्याण विभाग ग्वालियर में 25 फरवरी 2022 की स्थिति में ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक, मुख्यालय एवं मोबाइल नम्बर दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। अनुसूचित जाति के 1333 बालक तथा बालिकाएं निवासरत होकर शिक्षा ग्रहण कर रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब-1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
गृह निर्माण सहकारी संस्था की जांच
[सहकारिता]
100. ( क्र. 3991 ) श्री हर्ष यादव [ श्री धरमू सिंग सिरसाम ] : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 839 (तारांकित) दिनांक 11/08/2021 एवं प्रश्न क्र. 1499 दिनांक 24/12/2021 (तारांकित) में बताया गया है, कि नेता जी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था के संबंध में जांच प्रचलन में है? इसके जांचकर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ख) इस संबंध में आयुक्त सहकारिता विभाग एवं मान. मंत्री जी सहकारिता को दिसंबर 2021 में कितने पत्र प्राप्त हुए? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक इन पर कार्यवाही होगी? (ग) क्या कारण है कि जांच प्रारंभ हुए 6 माह हो गए लेकिन जांच अभी तक पूर्ण नहीं हुई? यदि जांच पूर्ण हो गई है तो उसके संक्षिप्त निष्कर्षों से अवगत करावें। जांच लंबित रखकर सदस्यों को प्लाटों से वंचित रखने वाले संस्था के भ्रष्ट पदाधिकारियों को कब तक संरक्षण दिया जायेगा? (घ) कब तक जांच पूर्ण कर आरोपियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी? कब तक इसका जांच प्रतिवेदन प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दिया जाएगा? प्रश्नांश (ख) अनुसार मान. मंत्री जी सहकारिता एवं आयुक्त सहकारिता क्या पत्रों पर कार्यवाही कर जांच शीघ्र पूर्ण करायेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। कार्यालय उपायुक्त सहकारिता जिला-इन्दौर के आदेश क्रं/गृहविधि/2021/1529 दिनांक 28-07-2021 के द्वारा म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अन्तर्गत जांच हेतु सुश्री वर्षा श्रीवास, सहायक आयुक्त अंकेक्षण (सहकारिता) जिला-इन्दौर को अधिकृत किया गया था। उक्त आदेश में आंशिक संशोधन करते हुये संशोधित आदेश क्रं/गृहविधि/2021/3039 दिनांक 03-12-2021 के द्वारा सुश्री वर्षा श्रीवास, सहायक आयुक्त के स्थान पर 03 सदस्यीय जांच दल गठित किया गया। जांचकर्ता अधिकारियों के नाम श्री संजय कौशल, अंकेक्षण अधिकारी, श्री आर.एस. गरेठिया, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक एवं श्री संजय कुचनकर, सहकारी निरीक्षक है। (ख) इस संबंध में आयुक्त सहकारिता को दिसम्बर 2021 में 02 पत्र प्राप्त हुये हैं। पहला पत्र संस्था की सहकारी अधिनियम की धारा 59 के अंतर्गत जांच हेतु दल गठन करने का आदेश क्रमांक 3039 दिनांक 03-12-2021 है तथा दूसरा पत्र श्री सुनील सर्राफ माननीय विधायक कोतमा का पत्र क्रमांक 247/बी.पी.एल. दिनांक 24-12-2021 है जिसमें संस्था की धारा 59 की जांच के संबंध में जानकारी चाही गई थी। कार्यवाही पूर्ण हो जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जांच पूर्ण हो गई है। जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष एवं अभिमत की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पर म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 61 के वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत तामीली प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला इंदौर के द्वारा संस्था को निर्देशित किया गया है। तामीली प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। जांच पूर्ण होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 3994 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय सेवक की मृत्यु उपरान्त परिवार को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 3-4/2013/1/3 भोपाल, दिनांक 25/09/2014 से किया जाता है या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में कोई पृथक से आदेश प्रसारित किए गए? विस्तृत विवरण देवें। (ख) सागर जिले अन्तर्गत कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास) सागर के आदेश क्रमांक/स्था./आवि./2020-21/101 सागर दिनांक 12/04/2021 के अनुसार नियुक्त किए गए कर्मचारी का आवेदन विभाग में कब प्राप्त हुआ? आवेदन प्राप्ति के समय सागर जिले अंतर्गत विभाग में रिक्त पदों की सूची एवं नियुक्त कर्मचारी की शैक्षणिक योग्यता, पात्रता परीक्षा एवं विशेष योग्यता के समस्त दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित आदेशानुसार मृतक शासकीय सेवक जल वाहक के स्थान पर प्राथमिक शिक्षक पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम एवं वर्तमान में पदस्थापना की विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में नियुक्त कर्मचारी को प्रश्नांश (क) में दर्शित शासन निर्देशानुसार अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधानुसार नियम विरूद्ध नियुक्त करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुकंपा नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग के प्रश्नांश में उल्लेखित ज्ञापन दिनांक 29/09/2014 में दिये गये प्रावधान अनुसार दी जाती है। विभाग के पृथक से अनुकंपा नियुक्ति के नियम नहीं है। (ख) सागर जिले अंतर्गत कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास) सागर के आदेश क्रमांक/स्था./आ.वि./2020-21/101 दिनांक 12/04/2021 के अनुसार नियुक्त किया गए कर्मचारी का आवेदन विभाग में दिनांक 02/11/2020 को प्राप्त हुआ। आवेदन प्राप्ति के समय सागर जिले अंतर्गत विभाग में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। नियुक्त कर्मचारी (श्री मुकुल तिवारी) की शैक्षणिक योग्यता, पात्रता परीक्षा एवं विशेष योग्यता के समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शित आदेशानुसार मृतक शासकीय सेवक, जल वाहक के पुत्र को प्राथमिक शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने वाले अधिकारी श्री सी.एल. वर्मा डिप्टी कलेक्टर कार्यालय कलेक्टर, जिला सागर व तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग सागर वर्तमान में पदस्थापना कार्यालय कलेक्टर, जिला सागर अधीन-अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) देवरी जिला सागर में है। (घ) उत्तरांश (ग) प्रकरण का परीक्षण कराया जा रहा है। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
संस्थाओं के परिसमापन व पंजीयन निरस्त की जानकारी
[सहकारिता]
102. ( क्र. 3996 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 657 दिनांक 11/08/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि जांच के निष्कर्षाधीन लेख किया था? प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्यों लेख किया था? क्या सक्षम अधिकारी जांच निष्कर्षाधीन तक पहुंच गई हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए जांच निष्कर्षाधीन में पहुंचने में विलंब किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों विलंब किया जा रहा है? (ग) जिला छतरपुर में वर्ष 2005 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन संस्थाओं को परिसमापन में डाला गया एवं पंजीयन को निरस्त किया गया था? (घ) क्या शासन के नियम के अनुसार कार्यशील संस्थाओं को परिसमापन में डाला जा सकता है? (ड.) क्या उक्त संस्थाओं के पंजीयन निरस्त के पूर्व संस्था के सदस्यों एवं कर्मचारियों को सूचना दी गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (च) क्या उक्त संस्थाओं के बैंक में संचालित सभी खातों को बंद किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। प्रश्न क्रमांक 657 के प्रश्नांश (ड.) में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में जांच के निष्कर्षाधीन का लेख किया गया था। उक्त प्रश्न के उत्तर के साथ संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित 08 प्रकरणों में से 04 प्रकरणों में आदेश जारी किये गये जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नही। कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ग) संस्थाओं के परिसमापन व पंजीयन निरस्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश सहकारी सोयायटी अधिनियम 1960 की धारा 69 (1) तथा 69 (2) के तहत निम्न स्थितियों में समितियों को परिसमापन में डाला जा सकता है - (1) यदि, धारा 59 के अधीन जांच की जा चुकने या धारा 60 के अधीन निरीक्षण किया जा चुकने के पश्चात या किसी सोयाइटी के कम से कम तीन-चौथाई सदस्यों द्वारा किये गये आवेदन के प्राप्त होने पर, रजिस्ट्रार की यह राय हो कि सोसाइटी का परिसमापन कर दिया जाना चाहिये, तो वह उसका परिसमापन कर दिया जाने का निर्देश देते हुए आदेश जारी कर सकेगा. (2) रजिस्ट्रार, स्वप्रेरणा से, किसी सोसाइटी का परिसमापन किये जाने का निदेश देते हुए आदेश कर सकेगा - (ए/क) जहां उस सोसाइटी ने अपने रजिस्ट्रीकरण के युक्तीयुक्त समय के भीतर कार्य करना प्रारंभ नहीं किया हो अथवा जहां उस सोसाइटी ने कार्य करना बंद कर दिया हो, या (बी/ख) जहां रजिस्ट्रार की राय में वह सोसाइटी मुख्यत: किसी व्यक्ति के या व्यक्तियों के या समूह के हितको न कि साधारणत: सदस्यों के हित को संप्रवर्तित करने के लिए कार्य करती रही हो, या (सी/ग) जहां उस सोसाइटी ने इस अधिनियम, नियमों या उपविधियों के अधीन की किन्हीं ऐसी शर्तों का, जो रजिस्ट्रीकरण या प्रबंध के बारे में हों, अनुपालन करना बन्द कर दिया हो, या (डी/घ) जहां कोई प्राथमिक उधार सोसाइटी सदस्यों से अपनी पूरी अतिशोध्य मांग लगातार तीन सहकार वर्षों तक वसूल न करके व्यक्तिक्रम करती रहे तथा अतिष्ठान के पश्चात भी वह सोसाइटी पूरी अतिशोध्य मांग वसूल करने में असफल रहे। (ड.) एवं (च) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भर्ती परीक्षा निरस्त करने संबंधी
[सहकारिता]
103. ( क्र. 4002 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपेक्स बैंक द्वारा पिछले वर्ष 104 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किस तारीख को प्रारम्भिक परीक्षा ली गई? (ग) इसमें कितने अभ्यर्थियों ने भाग लिया था तथा उनसे कुल कितनी राशि फीस के रूप में ली गई? (घ) उपरोक्त प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम किस तारीख को घोषित किया गया? (ङ) क्या इसके बाद मुख्य परीक्षा आयोजित न करके भर्ती निरस्त कर दी गई? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (च) क्या परीक्षा निरस्त करने के बाद अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई फीस उन्हें वापस की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) अधिकारियों के 104 पदों पर भर्ती हेतु ऑनलाइन प्रारम्भिक परीक्षा दिनांक 20.03.2021 एवं दिनांक 27.03.2021 को आयोजित की गई थी। (ग) परीक्षा में कुल 1389 अभ्यर्थियों ने भाग लिया तथा अभ्यर्थियों से फीस राशि रू. 19,09,456.09 प्राप्त हुई। (घ) प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम क्रमश: दिनांक 03.05.2021 एवं 18.05.2021 को घोषित किया गया। (ड.) जी हाँ। प्रारम्भिक परीक्षा उपरांत विज्ञप्त किए गए पदों पर समुचित संख्या अभ्यर्थी के उपलब्ध न होने से भर्ती संबंधी प्रक्रिया (मुख्य परीक्षा) नहीं की गई। (च) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाईसेंसी शस्त्र का नवीनीकरण
[गृह]
104. ( क्र. 4003 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धारा 107,116 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता, 151 दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा 110 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही हेतु कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना किसी शस्त्र लाईसेंसी को उसके लाईसेंसी शस्त्र के नवीनीकरण के लिये अपात्र घोषित किये जाने हेतु पर्याप्त है? (ख) इस प्रकार की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के चलते जिला दण्डाधिकारी नरसिंहपुर द्वारा विगत् 5 वर्षों में निरस्त किये गये शस्त्र लायसेंसियों की जानकारी प्रदान करें। (ग) विगत 3 वर्ष में जिला दण्डाधिकारी नरसिंहपुर द्वारा धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत कितने आदेश जारी किये गये? उक्त आदेश के उल्लंघन पर धारा 188 भा.द.वि. के तहत कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये? कितने अपराधों में अपराध प्रमाणित पाये जाने पर आरोप पत्र तैयार किये गये? कितने प्रकरणों में आरोप पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किये गये एवं कितने प्रकरणों में जिला दण्डाधिकारी नरसिंहपुर द्वारा माननीय न्यायालय की ओर ऐसे प्रकरणों में आरोप पत्र को माननीय न्यायालय की ओर प्रेषित किये जाने व आरोप विरचित किये जाने के संबंध में परिवाद पत्र संबंधित न्यायालय की ओर प्रेषित किये गये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला दण्डाधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार धारा 107,116 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता धारा 151 दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा 110 दण्ड प्रक्रिया संहिता संदिग्ध आचरण की श्रेणी में आता है, जिसके आधार पर लाईसेंसी शस्त्र के नवीनीकरण के लिए अपात्र घोषित किये जाने हेतु म.प्र. गृह विभाग के परिपत्र क्र. एफ-04-01/2020/दो-ए (3)/24 भोपाल दिनांक 07.01.2021 की कण्डिका 4 की उप कण्डिका 4.3 अनुसार पर्याप्त है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
सहकारी संस्थाओं की तहसीलवार जानकारी
[सहकारिता]
105. ( क्र. 4005 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन और बड़वानी जिले की प्राथमिक सहकारी संस्थाएं कितनी हैं? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित सेवा सहकारी संस्थाएं, आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाएं एवं विपणन संस्थाओं के निर्वाचन नियमानुसार नियत समय पर कराए गए हैं? यदि हाँ, तो बताएं। नहीं तो कारण सहित जानकारी देते हुए बताएं कि उक्त निर्वाचन प्रक्रिया में विलम्ब हेतु कौन जिम्मेदार है? जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें। (ग) क्या म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण का पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों? इस पर कब तक नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी? (घ) किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर दिए जाने वाले ऋण के साथ ही सहकारी समितियों को अग्रिम ब्याज पर अनुदान दिया जा रहा है? नहीं तो क्यों? क्या समितियों को पुनः ब्याज पर अनुदान दिए जाने का कोई प्रस्ताव है? हाँ तो कब तक दिया जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) खरगोन में 1230 और बड़वानी में 1175 प्राथमिक सहकारी संस्थाएं पंजीकृत हैं। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निर्वाचन न होने का मुख्य कारण संस्थाओं से संशोधित प्रारूप में अद्यतन संशोधित सदस्यता सूची अप्राप्त रहने। विगत दो वर्षों से कोरोना संक्रमण/लॉकडाउन के कारण संपूर्ण प्रदेश की अन्य गतिविधियों के प्रभावित होने आदि कारणों से प्रदेश की सहकारी संस्थाओं का निर्वाचन कार्य भी प्रभावित हुआ है। इसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं है। (ग) म.प्र.राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी की नियुक्ति के आदेश दिनांक 15.03.2022 को जारी कर दिये गये है। (घ) जी नहीं। योजना में प्रावधान न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
106. ( क्र. 4006 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा क्या-क्या योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं? (ख) खरगोन जिले में कृत्रिम अंग उपकरण और अन्य योजनाओं के शिविर लगाए गए हैं? अगर हाँ तो कहाँ-कहाँ? नहीं तो क्यों? (ग) खरगोन जिले में इंदिरा गांधी, राष्ट्रीय वृद्धा, विधवा, निःशक्त और सामाजिक सुरक्षा से कितने हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं? विधानसभा क्षेत्र कसरावद के हितग्राहियों का योजनावार विवरण दें। (घ) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कसरावद विधानसभा के निःशक्त, उच्च शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री कल्याणी सहायता और मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन योजना के कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने स्वीकृत हुए? कितने शेष हैं? शेष हैं तो क्यों।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जिला स्तर से पात्र दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण चिकित्सक के परामर्श पर नियमित रूप से वितरित किये जाते हैं। खरगोन जिले में विगत 02 वर्षों में कोविड-19 महामारी के कारण पृथक से कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरण और अन्य योजनाओं के शिविर आयोजित नहीं हुये है। (ग) योजनांतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। निराकरण हेतु आवेदन पत्र शेष नहीं है।
नियम विरूद्ध दोहरे आरक्षण का लाभ
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
107. ( क्र. 4009 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में कौन-कौन सी जातियां सम्मिलित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत हुलखेड़ी निवासी नरेन्द्र सिंह पटेल द्वारा कार्यालय नायब तहसीलदार उप तहसील कुरावर से अन्य पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र (प्रकरण क्र. 04B121/09-10 ) प्राप्त कर वर्ष 2009-10 पंचायत निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षित सरपंच पद के चुनाव में सम्मिलित होकर निर्वाचित हुये तथा पुन: उक्त व्यक्ति द्वारा कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व तहसील नरसिंहगढ़ से अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण-पत्र (प्रकरण क्र. 9379/बी-121 एवं प्रमाण-पत्र क्र.RS/442/0104/425/2014 ) प्राप्त कर वर्ष 2014-15 पंचायत निर्वाचन में अनुसूचित जाति वर्ग हेतु आरक्षित सरपंच पद के चुनाव में सम्मिलित होकर निर्वाचित हुये तथा वर्तमान तक प्रधान के पद पर हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त व्यक्ति द्वारा नियम विरूद्ध लिये गये दोहरे आरक्षण का लाभ अपराध की श्रेणी में आता हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रकरण की शासन स्तर से जांच करवाकर संबंधित के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आने वाली जातियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ, उक्त व्यक्ति नरेन्द्र सिंह पटेल द्वारा नियम विरूद्ध लिया गया दोहरा आरक्षण के संबंध में कलेक्टर राजगढ़ के आदेश क्रमांक 483/स्टेनो/2022 नरसिंहगढ़ दिनांक 02.03.2022 द्वारा तहसीलदार नरसिंहगढ़ के निर्देशन में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाकर जांच कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
पंजीबद्ध प्रकरणों की अद्यतन स्थिति
[गृह]
108. ( क्र. 4010 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला अंतर्गत थाना प्रभारी पुलिस थाना बोड़ा के पत्र क्रमांक 609/21 दिनांक 30.06.2021 से पुलिस अधीक्षक जिला राजगढ़ को प्रेषित जानकारी में सरल क्रमांक 3 पर अंकित अपराध क्रमांक 346/2004 (धारा 353, 294, 6, भादवि) का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका हैं? यदि हाँ, तो उक्त अपराध से संबंधित पुलिस केस डायरी एवं चालान की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त जानकारी से संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कब-कब किन-किन थानों में किस-किस धारा में क्या-क्या प्रकरण पंजीबद्ध हैं तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या संबंधित व्यक्ति पर पांच अथवा उससे अधिक प्रकरण प्रश्न दिनांक तक पंजीबद्ध हो चुके हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त व्यक्ति के विरूद्ध धारा 110 के तहत कार्यवाही प्रस्तावित की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक धारा 110 के तहत कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना बोड़ा के अपराध क्रमांक 346/2004 धारा 353, 294, 6, भादवि में चालान तैयार किया जाकर आरोपी नरेन्द्र पिता उमराव सिंह निवासी हूलखेडी के विरुद्ध माननीय न्यायालय नरसिंहगढ में वर्ष 2004 में चालान प्रस्तुत किया गया था जिसमें आरोपी को दिनांक 18.08.05 को दोषमुक्त किया गया है। पुलिस अधीक्षक राजगढ़ द्वारा अवगत कराया गया है कि उपरोक्त प्रकरण की केस डायरी व चालान की छायाप्रति माननीय न्यायालय से चाही गई थी। न्यायालय में वर्ष 2012 के पूर्व का रिकार्ड नष्टीकरण होने व थाना बोडा एवं ए.डी.पी.ओ. कार्यालय में भी रिकार्ड उपलब्ध न होने से प्रकरण की केस डायरी एवं चालान की प्रति दी जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त जानकारी से संबंधित व्यक्ति आरोपी नरेन्द्र पिता उमराव सिंह सिसोदिया के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। उक्त आरोपी के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही इस्तगासा क्र. 11/22 धारा 110 जा.फौ. का दिनांक 03.02.2022 को तैयार कर एस.डी.एम. न्यायालय नरसिंहगढ में पेश किया गया है।
जिला स्तर के कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 4014 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-6-1/2021/एफ/9 दिनांक 24/06/2021 द्वारा राज्य में जिला स्तर के कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति शासन द्वारा प्रसारित की गई थी। क्या जनजाति कार्य विभाग द्वारा उक्त नीति का अक्षरश: पालन खरगोन जिले में किया गया? यदि हाँ, तो इस आदेश की कंडिका 25 अनुसार यदि किसी कर्मचारी को प्रशासकीय आधार पर पूर्व में स्थानांतरित किया गया तो उसे पुनः उसी स्थान पर पदस्थ नहीं किया जावेगा? क्या सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग खरगोन द्वारा निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में हुए समस्त स्थानांतरण आदेशों की छायाप्रति पूरक जानकारी के साथ देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा खरगोन जिले में दिनांक 31/8/2021 को जारी स्थानांतरण आदेशों के बाद क्या कोई स्थानांतरण आदेश/संशोधन/निरस्तीकरण या अन्य कोई आदेश पद स्थापना परिवर्तन हेतु जारी किया गया? यदि हाँ, तो स्थानांतरण नीति की कंडिका 12 का उल्लंघन नहीं है? इस संबंध में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अवधि समाप्ति पश्चात आदेश जारी करने संबंधी कोई निर्देश पृथक से प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए। नहीं किए तो आदेश क्यों जारी किया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जनजातीय कार्य विभाग खरगोन द्वारा स्थानांतरण नीति का पालन किया गया है। म.प्र. शासन की स्थानांतरण की स्थानांतरण नीति की कंडिका 25 अनुसार शिकायती जांच के परिणाम स्वरूप प्रथम दृष्टि में दोष सिद्ध पाये गये किसी भी कर्मचारी को पुन: उसी स्थान पर पदस्थ नहीं किया गया है। विगत 3 वर्षों में हुए समस्त स्थानांतरण आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। खरगोन जिले में विभाग अंतर्गत स्थानांतरण आदेश के बाद संशोधन सूची कार्यालयीन आदेश क्रमांक/8004/आदिम/स्था.2/2021 खरगोन दिनांक 27/09/2021 एवं कार्यालयीन आदेश क्रमांक/8002/ आदिम स्था.2/2021 खरगोन दिनांक 27/09/2021 द्वारा कलेक्टर महोदय एवं माननीय प्रभारी मंत्री महोदय के अनुमोदन उपरांत जारी की गई है। कंडिका 12 के अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा संशोधन संबंधित कार्यवाही की गई है। इस संबंध में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अवधि समाप्ति प्रश्चात कोई आदेश जारी करने संबंध कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए तथा माननीय कलेक्टर महोदय एवं माननीय प्रभारी मंत्री महोदय के अनुमोदन के पश्चात स्थानीय व्यवस्था हेतु आदेश जारी किये गये है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[जनजातीय कार्य]
110. ( क्र. 4018 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में विगत कई वर्षों से अधिकांश जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत प्राथमिक, माध्यामिक, हाई एवं उ.मा. विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इन अतिथि शिक्षकों को पूर्व में शिक्षा गारंटी के गुरूजी की भाँति परीक्षा आयोजित कर इन्हें भी नियमित करने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या वर्तमान में प्रचलित महंगाई को दृष्टिगत रखते हुये अतिथि शिक्षकों के न्यूनतम मानदेय में बढ़ोत्तरी की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या अतिथि शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य दिवस का ही मानदेय दिया जाता है? अगर हाँ तो क्या अन्य कर्मचारियों की भाँति अतिथि शिक्षकों को पूरे माह का मानदेय देने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रं एफ 1-10/2021/20-1 भोपाल दिनांक 01/02/2021 में प्रयोगशाला शिक्षक के रिक्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में नियुक्ति आदेश जारी हो चुके हैं? अगर यह सही है, तो क्या मंत्री महोदय जनजातीय कार्य विभाग में भी स्कूल शिक्षा विभाग की भाँति नियुक्ति आदेश जारी कर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जनजातीय कार्य विभाग के भर्ती नियम में प्रयोगशाला शिक्षक का ग्रेड-पे अनुकंपा नियुक्ति हेतु तृतीय श्रेणी के लिए निर्धारित ग्रेड-पे से अधिक होने से शासन के नियमानुसार प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है।
नवीन न्यायालय भवन हेतु भूमि का आवंटन
[विधि एवं विधायी कार्य]
111. ( क्र. 4021 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 1551, दिनांक 24 दिसम्बर 2021 नागदा में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण के प्रश्न (क) से (ग) तक के उत्तर में बताया कि जानकारी एकत्रित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या जानकारी एकत्रित कर ली गई है? (ख) नागदा में नवीन न्यायालय भवन निर्मित करने हेतु ग्राम पाडल्या भूमि सर्वे नं. 1401 रकबा 2.300 हेक्टेयर महादेव चबूतरा व्यवस्थापक कलेक्टर उज्जैन हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा भूमि किन-किन शर्तों पर उपलब्ध कराई जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
112. ( क्र. 4022 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2020 से दिनांक 25 फरवरी 2022 तक लूट, डकैती की कितनी घटनाओं की एफ.आई.आर. जिले के थाना क्षेत्रों में दर्ज हुई? विवरण दें। इनमें से कितने केसों में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है? थानेवार, वर्षवार विवरण दें। (ख) थाना नागदा मण्डी में फरियादी संजय कुमार की रिपोर्ट पर अपराध क्र. 0100 दिनांक 24/02/2022 को धारा 394, 342 भादवि में दर्ज की गई? यदि हाँ, तो इसमें कितने आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है तथा कितना लूट का माल बरामद किया गया है? कितने आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष है? शेष आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कर लिया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। 02 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है, 48,25,000/- रूपये का माल बरामद किया गया है। 04 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पदों की पूर्ति हेतु आरक्षण प्रक्रियाओं का पालन
[चिकित्सा शिक्षा]
113. ( क्र. 4034 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले अंतर्गत इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइनसेस, छिंदवाड़ा जिले में चिकित्सा् शिक्षा महाविद्यालय की स्वीकृति म.प्र. शासन द्वारा प्रदान की गई है? महाविद्यालय में क्या अनु.जाति/अनु.ज.जा./अ.पि.वर्ग/सामान्य वर्गों के लिए पद स्वीकृत हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्गवार पदों का पूर्ण विवरण बतावें। क्या इन स्वीकृत पदों में पीडियाट्रिक्स (शिशु रोग) में कितने पद भरे/रिक्त हैं? वर्गवार सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या इन पदों की पूर्ति हेतु शासन की नीति अनुसार आरक्षण प्रक्रियाओं का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो निर्धारित रोस्टर क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार चिकित्सा शिक्षा अंतर्गत स्वीकृत प्राध्यापक/सह प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा क्या प्रावधान किया गया है? (ङ) प्रश्नांश (ग) व (घ) अनुसार आरक्षित पदों को किन नियमों व प्रक्रिया के तहत अनारक्षित पदों में परिवर्तित किया गया है या किया जा रहा है? बिंदुवार पूर्ण जानकारी दें। (च) प्रश्नांश (घ) के अनुसार क्या किसी पद का विलोपन या पदों की संख्या कम की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग का चुनाव किन नियमों के तहत किया जाता है? बिंदुवार पूर्ण जानकारी दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अपितु शासन द्वारा महाविद्यालय हेतु सृजित किए गए विभागवार पदों पर नियमानुसार आरक्षण रोस्टर लागू होता है। (ख) वर्गवार पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। पीडियाट्रिक्स में भरे/रिक्त पदों की वर्गवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। राज्य स्तरीय रोस्टर निर्धारित है। (घ) चिकित्सा महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सह प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के पदों की पूर्ति हेतु ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018 लागू है। (ड.) आरक्षित पदों को अनारक्षित पदों में परिवर्तित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जी हाँ। स्वीकृत पदों पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू आरक्षण नियम लागू होते हैं। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
सहकारिता विभाग में गबन के मामले
[सहकारिता]
114. ( क्र. 4039 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले अंतर्गत सहकारिता विभाग में सेवा सहकारी समितियों के गबन के कितने मामले चिन्हित हैं? समितिवार वर्षवार गबन की राशि एवं दोषियों के नाम बताएं। गबन की राशि में से कितनी राशि की वसूली हुई है? अभी तक वसूल न की गयी राशि की वजह क्या है तथा कब तक राशि की वसूली की जावेगी? (ख) सेवा सहकारी समिति देवरी और चोरहटा समिति में रामलोटन तिवारी व अन्य के द्वारा कितनी राशि का गबन किया गया है? इसकी वसूली कब तक की जावेगी? अभी तक वसूली न होने की वजह क्या है एवं दोषी कौन है? (ग) क्या समितियों के गबन के मामले में एफ.आई.आर. हुई? अगर नहीं हुई तो क्यों? यदि दोषी हैं तो कब तक एफ.आई.आर. की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 90 गबन के मामले चिन्हित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वसूली की कार्यवाही की जा रही है तथा राशि वसूल कर लिये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) राशि रू. 175.02 लाख। मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 58-बी के अंतर्गत डिक्री जारी कर वसूली हेतु विक्री अधिकारी की नियुक्ति की गई है। कोविड -19 महामारी के कारण कार्यों में व्यवधान होने, बैंक शाखा स्तर पर कर्मचारियों की कमी एवं कार्य अधिक होने के कारण वसूली की कार्यवाही नहीं हो सकी है। राशि वसूल कर लिये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) समिति भंवर के गबन प्रकरण राशि रू 58.56 लाख के प्रकरणों को छोड़कर अन्य गबन मामले में एफ.आई.आर. हो चुकी है। समिति भंवर में एफ.आई.आर. किये जाने हेतु बैंक स्तर से दिनांक 07.03.2020 को थाना सिंहपुर में आवेदन प्रस्तुत किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का प्रदाय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
115. ( क्र. 4040 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था? कितने अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिला है एवं कितने अभ्यर्थियों को नहीं मिला है? सत्र 21-22 में छात्रवृत्ति आवेदन हेतु पोर्टल क्यों नहीं खोल गया है? (ख) जिन छात्र-छात्राओं को आज दिनांक तक छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिला है, तो क्या उन अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा? यदि मिलेगा तो कब तक? (ग) एक ही जिले में उसी पाठ्यक्रम में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को अलग-अलग छात्रवृत्ति क्यों प्रदान की जा रही है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) सतना जिले में वर्ष 2019-20 में 25,756 विद्यार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन किया गया जिनमें से 25,751 विद्यार्थियों को राशि 27,95,22,727 तथा वर्ष 2020-21 में 27,376 विद्यार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन किया गया जिनमें से 14,407 को नियमानुसार एवं पात्रतानुसार छात्रवृत्ति वितरित की गई। वर्ष 2019-20 के शेष बचे 05 विद्यार्थियों हेतु राशि रूपये 45,232 तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 के शेष बचे 12,969 विद्यार्थियों रूपये 15,78,69,383 की छात्रवृत्ति वितरण का कार्य सतत् है। सत्र 2021-22 का नवीन छात्रवृत्ति पोर्टल म.प्र. स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट (एम.पी.एस.ई.डी.सी.) द्वारा खोला गया है। जिस पर विद्यार्थियों द्वारा आवेदन भरे जा रहे हैं। (ख) छात्रवृत्ति का कार्य सतत् है। (ग) छात्रवृत्ति का निर्धारण संस्था विशेष द्वारा किया जा रहा है वास्तविक शुल्क अथवा शासकीय संस्थान के समतुल्य के आधार पर होता है, इस कारण छात्रवृत्ति एक समान नहीं होती है।
पंजीबद्ध प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच
[गृह]
116. ( क्र. 4043 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना एम.जी. रोड इन्दौर में अपराध क्र. 18/22 दिनांक 15.01.2022 को पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ तो उक्त अपराध में कहाँ के किन-किन निवासियों के विरूद्ध किन-किन धाराओं में पंजीबद्ध किया गया है? घटना स्थल कहाँ का था? (ख) क्या घटना दिनांक को आरोपीगण पुलिस थाना एम.जी. रोड थाना अन्तर्गत मौजूद थे या नहीं? (ग) उक्त अपराध क्र. 18/22 में लगभग डेढ़ माह बाद धारायें किस आधार पर कौन-कौन सी लगाई गई? क्या धारा बढ़ाने का अधिकार पुलिस अधिकारी का है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध लगाई गई धाराओं को हटाते हुए दोषी पुलिस अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता एवं अन्य कांग्रेस पक्ष के तीन विधायकों के साथ भोपाल में दिनांक 17.01.2022 को पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने हेतु आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो इस प्रकरण की जांच किस स्तर के पुलिस अधिकारी से कराई गई और जांच के क्या निष्कर्ष रहे? यदि जांच नहीं कराई गई तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस थाना एम.जी. रोड इन्दौर में अपराध क्र. 18/2022 धारा 420, 120-बी, 34 भादवि के अंतर्गत आरोपीगण (1) करन पिता मुरली मोरवाल, निवासी बड़नगर, जिला उज्जैन, म.प्र. (2) डॉक्टर देवेन्द्र स्वामी पिता बिहारी लाल स्वामी, प्रभारी मेडिकल ऑफिसर, शासकीय चिकित्सालय, बड़नगर, जिला उज्जैन, म.प्र., के विरूद्ध दिनांक 15.01.2022 को पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर धारा 201,467,468,471 भादवि बढाई गई हैं। प्रकरण का घटना स्थल, थाना एम.जी. रोड, इंदौर के क्षेत्रातंर्गत जिला न्यायालय इंदौर का है। (ख) प्रश्नांश के संबंध में प्रकरण की विवेचना जारी है। (ग) प्रकरण की विवेचना के दौरान आये साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण में धारा 201, 467, 468, 471, भादवि बढ़ाई गई हैं। प्रकरण की विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण में धारा बढ़ाने का अधिकार पुलिस अधिकारी/विवेचक को है। (घ) जी हाँ। उक्त आवेदन पत्र जाँच हेतु निरीक्षक थाना प्रभारी महिला थाना नगरीय पुलिस इंदौर की ओर जाँच हेतु भेजा गया है। आवेदन पत्र में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में विधिवत जाँच जारी है। आवेदन पत्र की जाँच में आये साक्ष्यों के आधार पर विधि-सम्मत कार्यवाही की जावेगी।
शिकायत की जांच
[गृह]
117. ( क्र. 4044 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 06.04.2021 को पुलिस कमिश्नर, इंदौर को आवेदन दिया गया था। यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? पुलिस कमिश्नर इन्दौर तथा असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर इन्दौर को दिनांक 01.04.2021 को घटना के पूर्व करण द्वारा शिकायत की गई थी? उसमें क्या कार्यवाही की गई? (ख) अपराध क्र. 85/02.04.2021 में जमानत के बाद करण मोरवाल द्वारा पुलिस आयुक्त महोदय/पुलिस उपायुक्त (डी.सी.पी.) एवं थाना प्रभारी महिला पुलिस थाना इन्दौर को झूठी शिकायत करने के संबंध में दिनांक 29.12.2021 को आवेदन दिया गया था? उक्त आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत की जांच किस स्तर के अधिकारी से कराई गई? उसमें क्या निष्कर्ष आये? सम्पूर्ण जांच की प्रति उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 06.04.2021 को पुलिस कमिश्नर, इंदौर एवं 01.04.2021 को असिस्टेंट कमिश्नर, इंदौर को प्रस्तुत आवेदन पत्र की जांच की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। है। उक्त आवेदन पत्रों की जांच में आवेदक द्वारा बचाव एवं दबाव बनाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करना पाया गया है। जांच रिपोर्ट दिनांक 12.07.2021 एवं 05.07.2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) दिनांक 29.12.2021 को आवेदक द्वारा किसी झूठे शिकायती आवेदन पत्र की पुनरावृत्ति पर कार्यवाही करने के पूर्व आवेदक को शिकायत पर सुनवाई का अवसर तथा अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान कर सूचित करने हेतु लेख कर प्रस्तुत किया था। (आवेदन पत्र की छायाप्रति संलग्न है।) आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के पूर्व ही महिला थाना में दर्ज प्रकरण क्रमांक 85/21 में विवेचना पूर्ण कर चालान क्र. 01/85/21 दिनांक 08.11.2021 को कता कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत की जांच अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (तत्कालीन अति पुलिस अधीक्षक) से कराई गई है। जिसकी जांच रिपोर्ट की प्रति संलग्न है। जांच रिपोर्ट दिनांक 03.07.2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
बेस्ट आरक्षकों की पदोन्नती
[गृह]
118. ( क्र. 4047 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल (एस.ए.एफ.) के इंदौर स्थित प्रशिक्षण संस्थान आर.ए.पी.टी.सी. में नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण के 23वें बैच की समाप्ति पर ऑल राउण्ड बेस्ट स्थान प्राप्त करने वाले आर. पंकज पाण्डेय को प्रधान आरक्षक के पद पर किस नियम के तहत पदोन्नत किया गया? संबंधित के पदोन्न्त आदेश सहित समस्त नियमों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल के इंदौर स्थित प्रशिक्षण संस्थान आर.ए.पी.टी.सी. में नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण के 24वें बैच में भी 23वें बैच की भांति ऑल राउण्ड बेस्ट स्थान प्राप्त करने वाले आर. गिरजेश सिंह को आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्न्त क्यों नहीं किया गया जबकि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 23वें बैच के आरक्षक पंकज पाण्डेय को ऑल रॉउण्ड बेस्ट होने पर पदोन्नत किया गया था? ऑल राउण्ड बेस्ट होने की स्थिति में दोनों आरक्षकों को पदोन्नति के नियम समान रूप से लागू क्यों नहीं किए गए? 24वें बैच के ऑल राउण्ड बेस्ट आर. गिरजेश सिंह के पदोन्नति आदेश कब तक जारी कर दिए जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विसबल नियम 1973 के पैरा (58) के अनुसार पदोन्नति दी गई थी, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) आर.ए.पी.टी.सी. में नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण के 24वें बैच में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने पर आरक्षक गिरजेश सिंह को सर्वश्रेष्ठ नव आरक्षक का कप, प्रमाण-पत्र तथा राशि रू. 5000/- नगद पारितोषक दिया गया था। समग्र परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
वीरता पदक प्राप्त अधिकारियों/कर्मचारियों की पदोन्नति
[गृह]
119. ( क्र. 4052 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त करने वाले प्रदेश के अधिकारियों/कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त कर्मचारियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है? (ख) क्या राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त प्रदेश के कर्मचारियों को भविष्य में कोई पदोन्नति दी जायेगी अथवा नहीं? अगर पदोन्नति दी जायेगी, तो पदक प्राप्त दिनांक से ही पदोन्नति दी जायेगी अथवा आगामी दिनांक को आधार मानकर? (ग) राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त प्रदेश के कर्मचारियों को प्राप्त होने वाला पदक भत्ता कितने वर्षों में बढ़ाया जाता है और राज्य सरकार द्वारा अंतिम बार पदक भत्ता वर्ष 2012 में (रूपये 900/- से रूपये 2000/- वर्तमान में प्रदाय) ही बढ़ाया गया था? उसके पश्चात आज दिनांक तक पदक भत्ते में कोई वृद्धि नहीं की गई? वर्तमान समय को देखते हुये पदक भत्ते की राशि (रू. 2000/-) बहुत कम प्रदर्शित लगती है जबकि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 में ही परमवीर चक्र, शौर्य चक्र आदि पदक भत्तों में दोगुनी वृद्धि की गई। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ऐसी कोई वृद्धि नहीं की गई, ऐसा क्यों? (घ) क्या भविष्य में राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त प्रदेश के कर्मचारियों को प्राप्त होने वाला पदक भत्ते में वृद्धि की जायेगी और अगर वृद्धि की जायेगी तो कितनी वृद्धि की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त करने वाले प्रदेश के अधिकारियों/कर्मचारियों को क्रम पूर्व पदोन्नति का प्रावधान न होने से पदोन्नति नहीं दी गई। नियमानुसार पदोन्नति दी जाती है। कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। (ख) नियमानुसार पदोन्नति दी जायेगी। पदक प्राप्ति दिनांक से ही पदोन्नति दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) राष्ट्रपति के वीरता पदक प्राप्त प्रदेश के कर्मचारियों को प्राप्त होने वाला पदक भत्ता समय-समय पर भारत सरकार द्वारा संशोधित किया जाता है। तद्नुरूप राज्य सरकार द्वारा भत्ते की राशि में वृद्धि की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तर 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रजक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
120. ( क्र. 4064 ) कुँवर प्रद्युम्न सिंह लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रजक समाज को किन-किन जिलों में अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा गया है तथा कितने जिलों में पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आते हैं? (ख) क्या सीहोर-विदिशा रायसेन में इन्हें अनुसूचित जाति में रखा गया है और अन्य जिलों में पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किया गया है? (ग) क्या शासन सभी जिलों में रजक समाज के लोगों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखे जाने के लिए कोई ठोस कदम उठायेगा तो कब तक? (घ) क्या इस संबंध में कोई प्रस्ताव राज्य शासन की ओर से भारत सरकार को भेजा गया है? कब तक इसका निराकरण कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश की अनुसूचित जातियों की सूची में रजक समाज अंकित नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी सलाहकार कमेटी की बैठक
[जनजातीय कार्य]
121. ( क्र. 4074 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2003 से आज दिनांक तक आदिवासी सलाहकार कमेटी (T.A.C.) की बैठक कब-कब आयोजित की गई? बैठक में कौन-कौन सदस्य उपस्थित थे? क्या-क्या प्रस्ताव रखा गया था? क्या-क्या प्रस्ताव पास हुए? पारित प्रस्ताव के अनुसार कौन-कौन से प्रस्ताव अनुसार कार्य हुए? कमेटी में कौन-कौन सदस्य आमंत्रित थे? (ख) टी.ए.सी. बैठक कितने-कितने समय में आयोजित की जाती हैं एवं क्या नियम हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''एक'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''तीन'' अनुसार है।
उप निरीक्षकों की पदोन्नति
[गृह]
122. ( क्र. 4076 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में 2010 बैच वाले उप निरीक्षकों को कार्यवाहक निरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अभी भी कुछ शेष हैं? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक पदोन्नत किया जायेगा? (ग) किसी कारण से शेष की पदोन्नति नहीं हो पाई थी? यदि अब उन सब का विभागीय तौर पर निराकरण हो गया है, तो क्या पदोन्नति होगी? नाम सहित बतायें कि किस-किस की पदोन्नति होगी तथा किसकी अभी रूकेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय छानबीन समिति द्वारा सजा/बड़ी सजा/जांच/विभागीय जांच/आपराधिक प्रकरण आदि लंबित होने के कारण जो उप निरीक्षक अयोग्य पाये गये, उनको कार्यवाहक तौर पर उच्च पद का प्रभार नहीं दिया गया है। भविष्य में आगामी छानबीन समिति की बैठक आयोजित होने पर संबंधित के अभिलेखों के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा। (ग) आगामी छानबीन समिति द्वारा तत्समय व्याप्त स्थिति एवं सेवा अभिलेखों के आधार पर परीक्षण उपरांत उच्चतर प्रभार हेतु अनुशंसा की जायेगी, कौन-कौन पात्र होगा अभी से इसका निर्धारण करना संभव नहीं है।
विद्युत लाइन विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
123. ( क्र. 4087 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना (बजट शीर्ष 4722) एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाइन विकास योजना (बजट शीर्ष 84) के अंतर्गत जिला बालाघाट में वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया गया था? वर्षवार एवं योजनावार जानकारी प्रदान करें। उक्त योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में जिला बालाघाट में कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी के वि.ख. वारासिवनी एवं खैरलांजी में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना (बजट शीर्ष 4722) एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाइन विकास योजना (बजट शीर्ष 84) के अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कौन-कौन से विकास कार्य किये एवं उनमें कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ग) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी के वि.ख. वारासिवनी एवं खैरलांजी में अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाइन विकास योजना के अंतर्गत कार्य कराये जाने हेतु वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कौन-कौन से कृषकों द्वारा आवेदन किया गया था? क्या इन कृषकों को योजना का लाभ प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन कृषकों को क्या-क्या लाभ प्रदान किया गया है? यदि नहीं, तो पात्र कृषकों को योजना का लाभ से वंचित रखे जाने का क्या कारण है एवं कब तक लंबित प्रकरणों का निराकरण कर दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। 03 प्रकरणों में लाभ दिया गया। शेष रहे 07 प्रकरण विचाराधीन हैं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
[सहकारिता]
124. ( क्र. 4089 ) श्री जितु पटवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में 38 सहकारी बैंक हैं तथा 40 सोसायटी के माध्यम से किसानों को ऋण दिया गया है? यदि हाँ, तो बतावें कि 31 जनवरी 2022 को सहकारी बैंकों में कितने कृषकों का ऋण शेष है तथा कुल ऋण राशि क्या है तथा कितने कृषक ओवरड्यू की श्रेणी में हैं? (ख) बतावें कि हाल ही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कितने ऋणधारी कृषकों के खाते में राशि प्राप्त हुई? कितने ओवरड्यू कृषकों को बीमा राशि निकालने पर खाते में रोक लगा दी गई है? (ग) क्या वर्ष 2019 में कमलनाथ सरकार द्वारा कर्जमाफी की घोषणा से लाभान्वित सहकारी बैंक के खातेदार 28 लाख कृषकों के खाते को ओवरड्यू श्रेणी में रखा है? यदि हाँ, तो उसका कारण बतावें तथा इस संदर्भ में प्राप्त आदेश की प्रति देवें। (घ) क्या शासन सभी कृषकों को जिनके खाते सहकारी बैंक ने ओवरड्यू माने हैं, फसल बीमा की राशि निकालने की छूट देगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी बैंकों में आर्थिक अनियमितता
[सहकारिता]
125. ( क्र. 4090 ) श्री जितु पटवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की किस-किस जिला सहकारी बैंक में आर्थिक अनियमितता] भ्रष्टाचार, राशि जमा करने और निकालने में गड़बड़ी आदि के संबंध में शिकायत पर जांच की गई? वर्ष 2017 से 2021 की स्थिति में जानकारी दें तथा बतावें कि किस-किस जांच में आरोप सिद्ध हुये? कितने में शिकायत नस्तीबद्ध हुई तथा कितनी जांच प्रक्रियाधीन है? (ख) प्रदेश की किस-किस सहकारी बैंक में नियमित ऑडिट नहीं हुआ है? उसके कारण सहित सूची देवें तथा बतावें कि जिन बैंकों में नियमानुसार ऑडिट नहीं हुआ उनमें किसी प्रकार के आर्थिक घोटाले पाये गये? यदि हाँ, तो राशि तथा जिम्मेदार के नाम सहित जानकारी दें। (ग) अपेक्स बैंक की पिछले पांच साल के लाभ हानि के खाते देवें तथा बतावें कि इन पांच वर्षों में एन.पी.ए. कितना-कितना था तथा लाभ हानि का आंकड़ा क्या है तथा 20 फरवरी 2022 तक प्रदेश स्तर पर आर्थिक गड़बड़ी के कितने प्रकरण जिला सहकारी बैंक को मिलाकर विभिन्न एजेंसी में तथा विभागीय जांच में प्रचलन में हैं तथा उसमें कितनी राशि समाहित है? (घ) क्या शासन जिला सहकारी बैंकों में हजारों करोड़ की गड़बड़ी को देखते हुये इसकी उच्च स्तरीय जांच करवायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक तथा प्रदेश की सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में प्रतिवर्ष नियमित रूप से अंकेक्षण हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) अपेक्स बैंक के गत पांच वर्षों के लाभ हानि खाते पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार, पांच वर्षों में एन.पी.ए. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार तथा लाभ हानि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबंधित शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में गड़बड़ी/अनियमितताओं की जानकारी अथवा शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल जांच कराई जाकर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति के उत्थान हेतु स्वीकृत योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
126. ( क्र. 4103 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 अप्रैल 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान एवं विकास कार्यों हेतु विभिन्न योजनाएं एवं मदों से विदिशा जिले को कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? योजनावार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। केन्द्र सरकार द्वारा किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि दी गई है? बतावें। जिलों को राशि आवंटित करने के क्या नियम हैं? नियम/निर्देशों/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण एवं कितने अप्रारंभ हैं? अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे? कितना-कितना बजट जिलों को प्राप्त हुआ? उसमें से कितना उपयोग किया एवं कितनी राशि लेप्स हुई? जिलेवार राशि सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के खेतों/घरों पर विद्युत लाइन विस्तार एवं पंप कनेक्शन हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? हितग्राही का नाम सहित जानकारी बतावें। (घ) विदिशा जिले में अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को कितनी योजनाओं का लाभ दिया गया? हितग्राही का नाम, वर्षवार पृथक-पृथक राशि सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) विदिशा जिले में अनुसूचित जनजाति विभाग के कौन-कौन से छात्रावास एवं विद्यालय संचालित हैं? इनमें शिक्षक एवं वार्डन कब से पदस्थ हैं? छात्रावास एवं विद्यालयवार जानकारी देवें तथा उनमें कितनी छात्र-छात्राओं की संख्या दर्ज हैं? इन छात्रावासों को कितना-कितना बजट उपलब्ध कराया गया? किस-किस मद में राशि व्यय की गई है? (च) आहार अनुदान योजना कितने जिलों में संचालित हैं तथा कितने जिलों में योजना संचालित नहीं है? क्या केवल 15 जिलों में ही कुपोषण हैं? यदि नहीं, तो क्या अन्य जिलों में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? शेष जिलों में आहार अनुदान योजना कब तक प्रारंभ की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) अनुसार है। योजनावार, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) अनुसार है। केन्द्र मद से जिले को प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) अनुसार है। जिलों को राशि आवंटित किये जाने के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ब) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (स) अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (द) अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (इ) एवं (फ) अनुसार है। (च) आहार अनुदान योजना 15 जिलों में संचालित है। 37 जिलों में संचालित नहीं है। शेष जिलों के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
लंबित छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
127. ( क्र. 4106 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 17 दि. 24-12-2021 के (ख) उत्तर अनुसार वर्ष 2020-21 में 3,87,124 विद्यार्थियों की छात्रावृत्ति लंबित है? उनमें बड़वानी जिले के कितने विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति लंबित है? विद्यार्थी नाम, कॉलेज नाम, लंबित राशि सहित देवें। (ख) यह छात्रवृत्ति राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ग) प्रश्न क्र. 17 (तारांकित) दि. 24-12-2021 के (ग) उत्तर अनुसार 1210 करोड़ रू. राशि की आवश्यकता छात्रवृत्ति वितरण हेतु है तो इस संबंध में वित्त विभाग म.प्र. शासन को पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा दि. 01-06-2021 से 25-02-2022 तक कितने पत्र लिखे गये व उनका क्या प्रति उत्तर रहा की प्रमाणित प्रतियों सहित जानकारी देवें। (घ) कब तक पूरे प्रदेश में लंबित छात्रवृत्ति राशि का भुगतान विद्यार्थियों को कर दिया जाएगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) छात्रवृत्ति की राशि का वितरण कार्य प्रचलित है। (ग) प्रश्न क्रमांक 17 (तारांकित) दिनांक 24-12-2021 के (ग) के उत्तर अनुसार 1210 करोड़ रूपये राशि की आवश्यकता छात्रवृत्ति वितरण हेतु है तो इस संबंध में वित्त विभाग म.प्र. शासन को पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वित्त विभाग द्वारा द्वितीय अनुपूरक बजट से कुल राशि रूपये 100.00 करोड़ उपलब्ध कराये गये जिनका वितरण कार्य सतत् है। (घ) छात्रवृत्ति की राशि का वितरण कार्य बजट उपलब्धता के आधार पर सतत् है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
केन्द्र सरकार से प्राप्त आवंटन
[जनजातीय कार्य]
128. ( क्र. 4107 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्र शासन ने विभाग के बजट में कमी कर दी है? वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में विभाग को केन्द्र सरकार ने विभाग को कितना बजट आवंटित किया? तीनों वर्षों के बजट की तुलनात्मक जानकारी मदवार देवें। (ख) प्रश्न क्रमांक 1856 तारांकित दिनांक 1 मार्च, 2021 के (ख) उत्तर अनुसार मद 0802, 0102 में कमी आने पर विभाग ने केन्द्र शासन को कितने पत्र लिखे? सबकी छायाप्रति देवें। क्या इस उत्तर में उल्लेखित मदों के अतिरिक्त अन्य किसी मद या योजना में केंद्र सरकार से राशि प्राप्त नहीं होती? यदि होती है तो पूर्ण जानकारी विभाग के संबंध में देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मद 0802 व 0102 में कमी आने पर कितने विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति प्रभावित हुई? कक्षावार, जिलावार संख्या देवें। मद क्रमांक 0102 में राज्यांश में कमी करने के कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिन विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति प्रभावित हुई है, कब तक उनकी समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग में 0802, 0102 के बजट में कोई कमी नहीं आई है, शासन द्वारा वास्तविक व्यय के आधार पर केन्द्रांश की पूर्ण राशि 03 वर्षों में जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्था की जांच
[सहकारिता]
129. ( क्र. 4111 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 805 दिनांक 11/08/2021 के (ख) उत्तर अनुसार उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला उज्जैन द्वारा दिनांक 17/12/2019 को आवेदकगणों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। इस पर प्रश्न दिनांक तक हुए समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। (ख) 02 वर्ष होने के बाद भी प्रश्न क्रमांक 805 दिनांक 11/08/2021 के (क) उत्तर अनुसार न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं उज्जैन के द्वारा दिए निर्णय का पालन न होने के उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इस निर्णय की प्रमाणित प्रति भी देवें। (ग) कब तक उक्त निर्णय का पालन सुनिश्चित कर दिया जाएगा? इसमें विलंब के समस्त कारण भी देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला उज्जैन द्वारा मध्य प्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 53 (2) के अंतर्गत दिनांक 22.07.2019 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था, समस्त पत्राचार की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, उज्जैन संभाग, उज्जैन के आदेश दिनांक 13.12.2019 के अनुसार संस्था द्वारा प्रस्तुत निगरानी अस्वीकार करते हुये संस्था के संचालक मण्डल को दिनांक 17.12.2019 तक कारण बताओ सूचना पत्र का जबाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे, संस्था द्वारा दिनांक 17.12.2019 को जबाव प्रस्तुत कर अवगत कराया गया था कि संस्था के प्रबंधक श्री बने सिंह को दिनांक 17.12.2019 को निलंबित कर दिया गया है। इस प्रकार संस्था द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र में अधिरोपित आरोप का निराकरण कर दिये जाने से कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं रह गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाऐं उज्जैन के निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार निर्णय का पालन हो जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कस्तूरबा वनवासी कन्या आश्रम के कर्मचारियों को छठा वेतनमान
[जनजातीय कार्य]
130. ( क्र. 4114 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग से शत्-प्रतिशत अनुदान प्राप्त कस्तूरबा कन्या आश्रम निवाली, वरला एवं धनोरा में कार्यरत समस्त कर्मचारियों की सूची, नाम, पदनाम, स्थापना दिनांक एवं वर्तमान में दिये जा रहे वेतनमान सहित देवें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या उक्त कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो कौन जिम्मेदार है? (ग) जनजाति कार्य विभाग बड़वानी से छठे वेतनमान के संबंध में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? उन समस्त पत्रों की प्रतिलिपि देवें। शाखा प्रभारी का नाम बतावें एवं उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) छठे वेतनमान के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के समान ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के पालन में जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करें कि क्या माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार छठे वेतनमान का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) में अध्ययनरत संस्थाओं की बालिकाओं को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक एवं गणवेश दी जा रही है या नहीं? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही करेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) शैक्षणिक संवर्ग में शिक्षाकर्मी/संविदा को अध्यापक संवर्ग का वेतनमान एवं अन्य कार्यरत शिक्षकों/कर्मचारियों को पांचवे वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। अशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों को छठवां वेतनमान स्वीकृत नहीं होने से उक्त वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। (ग) बड़वानी जिला अंतर्गत छठे वेतनमान के संबंध में प्राप्त आवेदन पत्र अनुसार की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। दिनांक 13/10/2021 से अनुदान शाखा का कार्य श्री नारायण सोलंकी लेखापाल द्वारा संपादित किया जा रहा है। (घ) कार्यवाही परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं।
रिलायंस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज की मान्यता
[चिकित्सा शिक्षा]
131. ( क्र. 4118 ) श्री सुनील सराफ : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिलायंस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज कोतमा द्वारा विभाग में संस्था प्रारंभ करने हेतु अनुमति/मान्यता प्राप्त करने संबंधी आवेदन, निरीक्षणकर्ता अधिकारी का जांच प्रतिवेदन, जारी की गई अनुमति/मान्यता की आदेश की प्रतियां देवें। (ख) नर्सिंग कॉलेज प्रारंभ करने हेतु शासन द्वारा जारी आदेश/नियमों की प्रतियां उपलब्ध करावें। रिलायंस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज कोतमा जिला अनूपपुर के भवन/भूमि संबंधित स्वामित्व के अभिलेख उपलब्ध करावें। क्या वर्तमान कॉलेज उसी भवन में संचालित हैं, जिसके लिए उसे मान्यता प्रदान की गई है या अन्य भवन में? जानकारी भौतिक सत्यापन की प्रमाणित प्रति सहित देवें। (ग) उपरोक्त कॉलेज में पदस्थ समस्त प्रशासनिक, शैक्षणिक अमले की शैक्षणिक योग्यता के अभिलेख, नियुक्ति आदेश, स्थापना दिनांक से दिसंबर 2021 तक के प्रदत्त वेतन बिल की प्रति उपलब्ध करावें। समस्त पी.एफ. नंबर, कर्मचारी अंशदान, नियोक्ता अंशदान सहित जानकारी माहवार, कर्मचारीवार देवें। (घ) शासन द्वारा जारी आदेश/नियमों के परिपालन में क्या रिलायंस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज कोतमा, जिला अनूपपुर को जारी की गई अनुमति/मान्यता में समस्त नियमों, शर्तों की पूर्ति की गई है? यदि नहीं, तो संस्था एवं इन्हें अनुमति/मान्यता प्रदान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) संस्था संचालक द्वारा प्रारंभ करने की अनुमति/मान्यता के आवेदन, निरीक्षणकर्ता के जांच प्रतिवेदन एवं जारी की गई मान्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) शासन द्वारा जारी आदेश/नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ग) पदस्थ प्रशासनिक अमले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं व छात्रवृत्ति की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
132. ( क्र. 4119 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही है? अप्रैल 2019 से जनवरी 2022 तक योजनावार विस्तृत जानकारी आवंटित बजट एवं व्यय की जानकारी सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अप्रैल 2019 से जनवरी 2022 तक अनूपपुर जिले में आवंटित विभागीय लक्ष्यों एवं उसकी पूर्ति की जानकारी विधानसभावार, ग्रामवार, हितग्राही मूलक योजनाओं में हितग्राहियों की संख्या एवं उन्हें दिये गये लाभों की सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या वर्तमान सत्र तक की विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कोतमा विधानसभा की विद्यालयवार देय एवं लंबित राशियों का विवरण दें। अब तक भुगतान क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या विधानसभा कोतमा क्षेत्र के समस्त विद्यालयों में पेयजल विद्युत कनेक्शन एवं शौचालय की सुविधा उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? विद्यालयवार अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। आंवटन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'', ''स'', ''द'' अनुसार है। (ख) अप्रैल 2019 से जनवरी 2022 तक अनूपपुर जिले में आवंटित विभागीय लक्ष्यों एवं उसकी पूर्ति (आवंटन/व्यय) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
लंबित अनुदान राशि का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
133. ( क्र. 4122 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र में दि.01.01.19 से 25.02.2022 तक जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत कितने कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, स्वीकृति दिनांक, लागत, स्थान नाम सहित देवें। कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति भी साथ में देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितने हितग्राहियों को कितनी योजनाओं में लाभ दिया गया? योजना नाम, हितग्राही नाम, अनुदान राशि, भुगतान हो चुका/लंबित सहित देवें। लंबित अनुदान राशि का भुगतान कब तक होगा? (ग) क्या कारण है कि कुछ कार्य लंबे समय से अपूर्ण हैं, इनमें कितना कार्य व भुगतान हो चुका है? प्रतिशत अनुसार जानकारी देवें। ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) अनुदान राशि लंबित रहने व कार्य अपूर्ण होने के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र में दि. 01.01.2019 से 25.02.2022 तक जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) भुगतान योग्य राशि लम्बित नहीं होने एवं प्रगतिरत होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषक समितियों का परिसीमन
[सहकारिता]
134. ( क्र. 4127 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में कृषक समितियों का परिसीमन पूर्व में कब किया गया था? आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कृषक समितियों के परिसीमन के संबंध में दिये गए पत्र क्र. 405 दिनांक 23.11.2021 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन (परिसीमन) विगत कई वर्षों से नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संस्थाओं के पुनर्गठन हेतु विभाग के निर्देशानुसार भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लि. भोपाल द्वारा संस्थाओं से निर्धारित प्रारूप में प्रस्ताव चाहे गये हैं।
नवीन थाना बनाये जाने के मापदण्ड
[गृह]
135. ( क्र. 4128 ) श्री विष्णु खत्री : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन थाना बनाये जाने के विभाग के क्या मापदण्ड हैं? (ख) क्या बैरसिया विधानसभा में ललरिया पुलिस चौकी थाना बनाये जाने की पात्रता रखती है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, है तो विभाग द्वारा ललरिया पुलिस चौकी को पुलिस थाना बनाये जाने की क्या कार्ययोजना है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) क्षेत्र में विगत वर्षों में घटित भा.द.वि. अपराधों की संख्या, क्षेत्रफल, जिला मुख्यालय एवं अन्य पुलिस थानों से दूरी के अतिरिक्त कुल जनसंख्या, संबंधित थाने में दर्ज भा.द.वि. अपराधों की संख्या सहित अन्य मापदण्डों को भी ध्यान में रखा जाता है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिट फंड कंपनियों के अवैध कारोबार की जांच
[सहकारिता]
136. ( क्र. 4130 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यूनाइटेड क्रेडिट को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी लिमि. ग्वालियर एवं द इंदौर सिटीजन सहकारी संस्था गीता टॉकीज रोड ग्वालियर द्वारा रिजर्व बैंक इंडिया के लायसेंस के बिना बैंकिंग कार्य किए जाने की जांच हेतु दिनांक 23.02.2021 को गठित जांच दल के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 1133 दिनांक 24.12.2021 के प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जांच प्रक्रियाधीन हैं एवं जांच निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किस अधिकारी के नेतृत्व में जांच दल का गठन किया गया था एवं जांच दल को कितनी अवधि में जांच पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था? क्या निर्धारित समयावधि में जांच पूर्ण कर ली गई है? जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि जांच पूर्ण नहीं की गई है तो क्यों तथा सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार समय-सीमा में जांच पूर्ण न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त ध्यानाकर्षण सूचना पर चर्चा के दौरान माननीय मंत्री सहकारिता द्वारा भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, गुना, शिवपुरी एवं अशोकनगर जिले में चिटफंड सोसायटियों द्वारा की गई गड़बड़ियों की टाइम बांड जांच कराए जाने हेतु आश्वस्त किया गया था? इसके अतिरिक्त चर्चा के दौरान जिला बालाघाट, भोपाल, मण्डला, जबलपुर में चिटफंडी कंपनियों के फर्जीवाड़े का माननीय सदस्यों द्वारा माननीय मंत्री जी का ध्यान आकर्षित कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। यूनाइटेड क्रेडिट को-ऑपरेटिव्ह सोसाइटी लिमिटेड ग्वालियर के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच हेतु संयुक्त आयुक्त ग्वालियर द्वारा दिनांक 23.02.2021 को जांच दल का गठन किया गया था एवं द इंदौर सिटीजन सहकारी संस्था गीता टॉकीज रोड़ डबरा जिला ग्वालियर के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच हेतु आयुक्त सहकारिता के आदेश क्रमांक शहरी साख/191 भोपाल दिनांक 14.06.2019 से उपायुक्त सहकारिता जिला ग्वालियर को निर्देशित किया गया था परन्तु उक्त दोनों संस्थाओं के संबंध में उक्त शिकायतों में आर.बी.आई. के लायसेंस के बिना बैंकिंग कार्य किये जाने का कोई उल्लेख नहीं था, अपितु अन्य बिन्दुओं पर शिकायत की गयी थी। (ख) यूनाइटेड क्रेडिट को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी लिमिटेड ग्वालियर के संबंध में श्री बी.एल. गुप्ता, सहकारी निरीक्षक के नेतृत्व में जांच दल का गठन किया गया था। तदुपरांत श्री राजीव रूपौलिया, सहकारी निरीक्षक तदुपरांत श्री के.डी. सिंह, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक को जांच हेतु नियुक्त किया गया। आदेश दिनांक 23.02.2021 अनुसार श्री बी.एल. गुप्ता के नेतृत्व में गठित जांच दल को 03 दिवस की अवधि में जांच प्रतिवेदन संयुक्त आयुक्त सहकारिता ग्वालियर के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था। निर्धारित समयावधि में जांच पूर्ण नहीं हुई है परन्तु वर्तमान में जांच पूर्ण हो चुकी है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। द इंदौर सिटीजन सहकारी संस्था गीता टॉकीज रोड डबरा जिला ग्वालियर के संबंध में प्राप्त उक्त आदेश दिनांक 14.06.2019 से 07 दिवस की समयावधि निर्धारित की गयी थी परन्तु उपायुक्त सहकारिता जिला ग्वालियर द्वारा पूर्ण जांच न कर ई.ओ.डब्ल्यू. से जांच कराने का अनुरोध पत्र दिनांक 04.09.2019 से किया था। आयुक्त सहकारिता द्वारा उपायुक्त ग्वालियर के पत्र दिनांक 04.09.2019 को अस्वीकार करते हुए, उक्त शिकायत की जांच पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन 07 दिवस में आवश्यक रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। निर्धारित समयावधि में जांच पूर्ण नहीं हुई थी, परन्तु वर्तमान में जांच पूर्ण हो चुकी है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) जांच पूर्ण हो गयी है। समय-सीमा में जांच पूर्ण न करने वाले सेवायुक्तों का उत्तरदायित्व निर्धारण करने हेतु संयुक्त आयुक्त सहकारिता ग्वालियर को पत्र क्रमांक/शह.साख/2022/120 भोपाल दिनांक 14.03.2022 से निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, सहकारिता विभाग के आदेश क्रमांक/746/2021/15-1 भोपाल दिनांक 09.04.2021 से तद्नुसार जांच दल गठन किया गया है। संशोधित आदेश दिनांक 01.10.2021 अनुसार जांच की कार्यवाही 01 माह में पूर्ण करने के आदेश दिये गये हैं। ग्वालियर एवं चंबल संभाग में बड़ी संख्या में लगभग 248 शहरी साख संस्थाएं पंजीकृत होने से जांच कार्य विस्तृत होने से जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सहकारिता विभाग के आदेश क्रमांक/681/746/2021/ 15-1 भोपाल, दिनांक 09.04.2021 द्वारा कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक जिला भोपाल, मंडला एवं आदेश क्रमांक/683/746/2021/15-1 भोपाल दिनांक 09.04.2021 द्वारा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बालाघाट को माननीय विधायकों द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 23 के संदर्भ में सदन में की गयी चर्चा के अनुक्रम में माननीय सहकारिता मंत्रीजी द्वारा दिये गये आश्वासन के संदर्भ में चिटफंड कंपनियों द्वारा किये जा रहे अवैध कारोबार को रोकने एवं उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। पुलिस अधीक्षक बालाघाट द्वारा पत्र दिनांक 08.06.2021 एवं पत्र दिनांक 11.03.2022 द्वारा अवगत कराया है कि चिटफंड कारोबारी शोमेन्द्र कंकरायने निवासी ग्राम बोलेगाँव के विरूद्ध अपराध क्रमांक 120/2021 कायम किया गया है, जो विवेचनाधीन है। कार्यालय पुलिस अधीक्षक मंडला द्वारा अवगत कराया गया है कि माननीय विधायक श्री नारायण सिंह पट्टा द्वारा उल्लेखित एच.बी.एन. कंपनी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शिकायत प्राप्त होने पर सख्त कार्यवाही की जावेगी, आम जनता को चिटफंड कंपनी के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय नगरीय पुलिस जिला भोपाल द्वारा अवगत कराया है कि दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध प्राप्त 115 शिकायतों में 41 शिकायतों पर अपराध कायम किये गये है। 70 शिकायतों में जांच जारी है। 04 शिकायतों में निकाल किया गया। चिटफंड कंपनियां सहकारिता विभाग से संबंधित नहीं है। माननीय मंत्री जी द्वारा ध्यानाकर्षण के संदर्भ में दिये गये आश्वासन के अनुक्रम में उपरोक्तानुसार यथोचित कार्यवाही करने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जन औषधि संघ के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच
[सहकारिता]
137. ( क्र. 4131 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि संघ को वर्ष 2021 में किस मद से कितनी राशि की आर्थिक सहायता/अंशपूंजी दी गई? अंशपूंजी दिए जाने के संबंध में जन औषधि संघ के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों की क्या जांच पूर्ण कर ली गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) अंशपूंजी दिए जाने के पूर्व अधिकारियों की समिति द्वारा लिए गए निर्णय एवं उस समिति में कौन-कौन विभागीय अधिकारी एवं संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे? नाम एवं पद सहित बताएं। (ग) क्या सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत औषधि संघ के पदाधिकारी/सदस्य सहकारिता विभाग के परिवार के सदस्य हो सकते हैं? यदि हाँ, तो नियम बताएं।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) म.प्र. राज्य सहकारी जन औषधि संघ को वर्ष 2020-21 में मांग संख्या-17-सहकारिता-दो-पूंजी-अनुभाग-4425-सहकारिता पर पूंजीगत परिव्यय (107) क्रेडिट सहकारी समितियों में निवेश 0101-राज्य आयोजन (सामान्य) (6684) नवीन सहकारी संस्थाओं को अंशपूंजी सहायता मद से राशि रू. 5.00 लाख की अंशपूंजी सहायता दी गई। अंशपूंजी दिये जाने के संबंध में शिकायत नहीं प्राप्त हुई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ, म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 एवं नियम 1962 में ऐसा कोई प्रतिषेध नहीं है।
गबन के आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
138. ( क्र. 4137 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गोहद जिला भिण्ड ने पत्र क्र. अ.वि.अ./अ/आ.का./1915 गोहद दिनांक 27.09.2021 के द्वारा गोहद तहसील में हुई ओलावृष्टि में पटवारी आदि द्वारा भ्रष्टाचार किये जाने की थाना गोहद में एफ.आई.आर. दर्ज कराई थी? यदि हाँ, तो करोड़ों रूपये हड़पने वाले आरोपियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या थाना प्रभारी गोहद को तहसीलदार गोहद द्वारा पत्र क्र. 532/क्यू/आ.का./2021 गोहद, दिनांक 01.10.2021 से ओलावृष्टि राहत राशि का गबन करने वाले पटवारी संजय दीक्षित, रामनिवास लोहिया एवं संजय जरारिया के नाम, जांच में दोषी पाये जाने पर पूर्व एफ.आई.आर. में विवेचना कर शामिल करने के लिये पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या थाना प्रभारी गोहद जिला भिण्ड द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर ओलावृष्टि राहत की करोड़ों की राशि के गबन के आरोपियों को संरक्षण दिया जाकर बचाया जा रहा है? यदि नहीं, तो 04 माह से अधिक समय होने के बाद भी अपराधियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? (घ) अनुविभागीय अधिकारी गोहद एवं तहसीलदार गोहद के पत्रों पर कार्यवाही न कर अपराधियों को संरक्षण देने के दोषी थाना प्रभारी के विरूद्ध जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पत्र पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई थी, अपितु तहसीलदार गोहद के पत्र क्रमांक-1292/क्यू/आ.का./ 2021/गोहद, दिनांक 27.07.2021 के पालन में थाना गोहद में अप.क्र. 256/21 धारा 420,409 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण की विवेचना की जा रही है। (ख) जी हाँ। तहसीलदार परगना गोहद द्वारा अप.क्र. 256/21 में पटवारी संजय दीक्षित, रामनिवास लोहिया एवं संजय जरारिया के नाम शामिल करने हेतु पत्र दिया गया था, जिसे विवेचना में शामिल किया गया है, इनके अपराध में लिप्त होने के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध कराने हेतु थाना गोहद द्वारा पत्र क्रमांक-2537/21, 2585/21, 2586/21, 177/22, 178/22 एवं 179/22 तहसीलदार गोहद एवं जांच कमेटी को प्रेषित किये गये है। दस्तावेज अप्राप्त है, जो प्राप्त होने पर विवेचना में आये साक्ष्यों के अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) तहसीलदार गोहद द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखवाते समय आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये थे। दस्तावेज उपलब्ध कराने पत्र प्रेषित किये गये है। दस्तावेज प्राप्त होने पर साक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) अनुविभागीय अधिकारी गोहद एवं तहसीलदार गोहद के पत्रों पर वैधानिक कार्यवाही की गई है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घुमन्तु और अर्द्ध घुमन्तु जनजाति का उत्थान
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
139. ( क्र. 4141 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में घुमन्तु और अर्द्ध घुमन्तु जनजाति निवासरत हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल जनसंख्या का कितना प्रतिशत इनकी आबादी है? क्या विभाग द्वारा आबादी की गणना के लिये सर्वे कराया है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस एजेन्सी के द्वारा, किस-किस प्रोफार्मा के आधार पर, क्या-क्या जानकारी संकलित की गई? जिलेवार संपूर्ण ब्यौरा पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त के संबंध में वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को कुल कितना बजट आवंटित हुआ? कितना बजट किस-किस कार्ययोजना पर व्यय हुआ और कितना बजट किस कारण से व्यय नहीं किया गया? बजट व्यय नहीं होने के लिये कौन जिम्मेदार है? कार्यवार, योजनावार, जिलेवार, उपयोगिता प्रमाण-पत्र सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) उपरोक्त अवधि में गुना जिले में कौन-कौन से कार्यक्रम, कार्य, योजना, कितने-कितने बजट के साथ संचालित की गई? तहसीलवार पृथक-पृथक बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में विभाग में कितनी शिकायतें, किस कार्य के लिये, कब-कब प्राप्त हुई है? उनकी प्रति सहित कृत कार्यवाही से अवगत करायें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जातिगत सर्वे के अभाव में आबादी प्रतिशत बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 91.84 लाख, 2020-21 राशि रूपये 3.000 एवं 2021-22 में राशि रूपये 10.002 लाख का बजट आवंटित हुआ। सर्वेक्षण कार्य नहीं होने से राशि अव्ययित रही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना मिसरोद में दर्ज एफ.आई.आर. क्र. 0122 पर कार्यवाही
[गृह]
140. ( क्र. 4142 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 22.02.2022 को एफ.आई.आर. नं. 0112 थाना मिसरोद में दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो कितने आवेदकों से, कितनी शिकायतों के आधार, किस दिनांक को प्राप्त आवेदन पर, किस धाराओं में, कुल कितनी राशि की धोखाधड़ी की दर्ज की गई? आवेदकों का नाम, पता, आवेदनों की प्रतियां, थाना प्रभारी विवेचना अधिकारी, कायमी कर्ता का नाम/पद/मो.नं. थाना परिसर में लगे सी.सी.टी.व्ही. में आवेदकों के फूटेज, आरोपियों की सम्पूर्ण जानकारी सहित पेन ड्राइव में, हॉर्ड कॉपी सहित सुस्पष्ट, पठनीय प्रमाणित संलग्नकों की पेजिंग एवं फ्लेगिंग, पदमुद्रा अंकित सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विवेचना में किन-किन तथ्यों पर, किन-किन बिन्दुओं पर, किस-किस कार्यालयों/बैंकों से, किस-किस मोबाइल कम्पनियों से, सी-21 माल में घटना अवधि की सी.सी.टी.व्ही. फुटेज सहित अन्य किन-किन बिन्दुओं पर कार्यवाही की गई घटना का सम्पूर्ण ब्यौरा (पेन ड्राइव में) दें। (ग) उपरोक्त के संबंध में थाने में प्रथम फरियादी किस दिनांक को शिकायत लेकर प्रस्तुत हुआ है? 22.02.22 को इतने विलंब के साथ एफ.आई.आर. दर्ज करने के क्या कारण हैं? जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? पूरे प्रकरण में कब तक फरियादियों को न्याय मिल जायेगा? (घ) उपरोक्त के संबंध में थाने में दर्ज एफ.आई.आर. का प्रोफार्मा द्विभाषीय होता है? यदि हाँ, तो प्रोफार्मा के द्विभाषीय रूपान्तरण की सम्पूर्ण व्याख्या कर स्पष्ट करें। किस कॉलम में अंग्रेजी एवं हिन्दी में अर्थ क्या होता है? क्या यह अनुवाद किसी विषय विशेषज्ञ से कराया गया है? यदि हाँ, तो किस से और कब? यदि नहीं, तो गलत प्रोफार्मा क्यों उपयोग किया जा रहा है? क्या मुख्यमंत्री की घोषणा क्र. बी-1207 दिनांक 14.09.17 का उल्लंघन उक्त प्रोफार्मा में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग इसके किन-किन स्तर के किन-किन अधिकारियों पर कब तक जिम्मेदारी तय करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आवेदक से शिकायत के आधार पर थाना मिसरोद जिला भोपाल में अप. क्र.112/22 एफ.आई.आर. दर्ज की गई है उनके नाम पता, धोखाधड़ी की जानकारी, धाराएं आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। थाना प्रभारी उप निरीक्षक श्री आर.बी शर्मा मो.नं. 9479990688 हैं। विवेचना अधिकारी एवं कायमी कर्ता उप निरीक्षक श्री रोहित कुमार नागर मो.नं. 9131943070 हैं। प्रकरण विवेचनाधीन होने के कारण प्रश्नांश ''क'' की शेष जानकारी दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। (ख) प्रकरण धोखाधड़ी से संबंधित है, इसलिये विवेचना संबंधित तथ्यों पर अवलोकन कर विवेचना की जाकर आरोपीगणों के विरूद्ध साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं। अतः प्रकरण विवेचनाधीन होने के कारण प्रश्नांश ''ख'' की शेष जानकारी दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। । (ग) फरियादी राजकुमार सक्सेना प्रथम बार दिनांक 18.02.22 को थाना मिसरोद में शिकायत लेकर उपस्थित हुआ। जांच पूर्ण की जाकर दिनांक 22.02.22 को अपराध क्रमांक 112/22 धारा 420,406,34 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया। अतः प्रकरण में एफ.आई.आर. करने में कोई देरी नहीं हुई है। प्रकरण की विवेचना जारी है, विधि संगत कार्यवाही की जा रही है। (घ) थाने में दर्ज एफ.आई.आर. का प्रोफार्मा द्विभाषीय होता है। समस्त कालमों में हिन्दी एवं अंग्रेजी में उल्लेखित विषयों का आशय समान होता है। एफ.आई.आर. सी.सी.टी.एन.एस. सॉफ्टवेयर का भाग है जिसका मूल रूप राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो नई दिल्ली से जारी किया गया है। गलत प्रोफार्मा का उपयोग नहीं किया जा रहा है। अतः अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का प्रश्न नहीं होता।
सहकारी बैंक की मुख्य शाखा की स्थापना
[सहकारिता]
141. ( क्र. 4154 ) श्री संजय यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बरगी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जिसके अंतर्गत 6 सोसायटी क्रमश: सुकरी/बरगी/सहजपुरी/मोहास/तेवर तिलहरी/उमरिया आती है, जिनका जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुख्यालय गोहलपुर जबलपुर समितियों से 40 से 60 कि.मी. की दूरी में बनाया गया है? क्षेत्र के कृषकों को सहकारी बैंक से संबंधित छोटे-छोटे कार्यों को करवाने हेतु लम्बी दूरी तय कर बार-बार जबलपुर आवागमन करना पड़ता है? जिला सहकारी बैंक जबलपुर का मुख्यालय सिवनीटोला बरगी विधान सभा में स्थापना हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की है? (ख) प्रश्नांश (क) सही है तो बताया जावे कि प्रदेश शासन कि सहकारिता विभाग द्वारा सिवनीटोला बरगी विधान सभा में सहकारी बैंक मुख्यालय स्थापना हेतु क्या-क्या कठिनाई आ रही है? उक्त समस्याओं के निदान हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? सहकारी बैंक मुख्यालय सिवनीटोला बरगी विधान सभा में स्थापित होना है, तो उसकी क्या रूपरेखा है? यदि नहीं, तो प्रस्ताव के निरस्ती के कारण सहित संपूर्ण जानकारी प्रदान की जावे। क्या भविष्य में विभाग इसका परीक्षण कराकर सहकारी बैंक की मुख्य शाखा सिवनीटोला बरगी में खोले जाने हेतु शासन/स्थानीय प्रशासन स्तर पर लगातार प्रयास करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला जबलपुर अंतर्गत बरगी विधान सभा क्षेत्र की 06 पैक्स समितियां यथा-तेवर, बरगी, मोहास, सिवनी, सुकरी एवं सहजपुरी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, जबलपुर की बैंक की शाखा गोहलपुर से संबद्ध है जिनकी दूरी बैंक शाखा गोहलपुर से लगभग 18 से किलोमीटर है तथा पैक्स के दूरस्थ ग्रामों की दूरी बैंक शाखा गोहलपुर से लगभग 60 किलोमीटर तक है। पैक्स समितियों के कृषक सदस्यों को उनकी आवश्यकता एवं पात्रता अनुसार कृषि आदान पैक्स समितियों के मुख्यालय से ही प्राप्त हो जाता है, उन्हें बैंक की शाखा गोहलपुर आने की आवश्यकता नहीं होती है। किसानों द्वारा समर्थन मूल्य में विक्री की गई उपज का भुगतान कृषक द्वारा पंजीयन के समय दिये बैंक खाते में जमा होता है जिसमे यह आवश्यक नहीं है कि बैंक खाता जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा में ही स्थित हो। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के पत्र क्र./एनबी/एचओ/डीओएल/2228/जे1/201516 दिनांक 30 सितम्बर 2015 में निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जबलपुर की प्रशासक कमेटी की बैठक दिनांक 09.10.2020 के विषय/निर्णय क्र. 2 के परिपालन में नई बैंक शाखा सिवनीटोला में खोलने की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के पत्र क्र./एनबी/एचओ/डीओएल/2228/जे 1/201516 दिनांक 30 सितम्बर 2015 में निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर की प्रशासक कमेटी की बैठक दिनांक 09.10.2020 के विषय/निर्णय क्र. 2 के परिपालन में नई बैंक शाखा सिवनीटोला में खोलने की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। माननीय सदस्य विधानसभा क्षेत्र बरगी जिला जबलपुर को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जबलपुर के पत्र दिनांक 23.10.2020 से इस संबंध में अवगत कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कॉलेज में पी.जी. कोर्स प्रारंभ करने की प्रक्रिया
[चिकित्सा शिक्षा]
142. ( क्र. 4163 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मेडिकल कॉलेज में पी.जी. कोर्सेस कब से प्रारंभ होंगे? इसके लिये अब तक क्या-क्या प्रयास किये गये? (ख) क्या मेडकिल कॉलेज अस्पताल को सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाने के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार की स्वीकृति मिल गई है? इसे केन्द्र सरकार से स्वीकृति दिलाने के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का विधिवत उद्घाटन अभी तक क्यों नहीं हो पाया? इसमें क्या अड़चन आ रही है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रतलाम मेडिकल कॉलेज में पी.जी. कोर्स प्रारंभ करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में 03 पी.जी. सीट्स प्राप्त हो चुकी है तथा पैथोलॉजी एवं माईक्रोबायोलॉजी विभाग में एन.एम.सी. द्वारा बताई गई कमियों को पूरा किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुपर स्पेशिलिटी की स्थापना संबंधी प्रस्ताव भारत शासन को संचालनालय के पत्र क्रमांक 894-A दिनांक 29.11.2021 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 55 दिनांक 31.01.2022 को प्रेषित किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रारंभ किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुरूस्कार निधि में बढ़ोत्तरी
[गृह]
143. ( क्र. 4164 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश एवं जिले से पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सबसे अच्छा कार्य करने पर उनका उत्साहवर्धन करने हेतु प्रतिवर्ष, तत्काल एवं राष्ट्रीय पर्व पर पुरूस्कार देने की प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या योजनायें हैं? कृपया ऐसे आदेशों/योजनाओं की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रदेश के ऐसे कौन-कौन से पांच जिले हैं जहां वर्ष 2020 एवं 2021 वर्ष के अंत में लंबित अपराध एवं लंबित मर्ग आदि का उत्कृष्ट निराकरण किया गया है? कृपया ऐसे जिलों के नाम बताकर यह भी बताएं कि वहां के पुलिस अधीक्षकों को पुरूस्कार रूप में किस-किस को, किस प्रकार सम्मानित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के ऐसे कौन-कौन से पुलिस थाने हैं, जिन थानों में वर्ष 2020 एवं 2021 के अंत में लंबित अपराध एवं मर्ग आदि का पूर्ण निराकरण लंबित अपराध भी शून्य किए गए हैं? यहां के पुलिस अधीक्षक द्वारा किस थाने के किस पुलिस थाना प्रभारी को क्या-क्या पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया है? क्या उपरोक्त सम्मान मेहनत के आधार पर कम नहीं है? पुरूस्कार निधि को बढ़ाया जावेगा तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जिले के पुलिस अधीक्षकों को केवल लंबित अपराध एवं लंबित मर्ग आदि के उत्कृष्ट निराकरण के आधार पर पुरूस्कृत नहीं किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) वर्ष 2020 के लंबित अपराधों के निराकरण के सबंध में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2021) पर तत्कालीन थाना प्रभारी, बडागाँव निरीक्षक मैना पटेल एवं थाना प्रभारी बम्हौरीकला, उप निरीक्षक रश्मि जैन को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। वर्ष 2021 के पूर्व एवं वर्ष 2021 के लंबित अपराधों के निराकरण किये जाने के फलस्वरूप तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक आर.पी. चौधरी एवं उप निरीक्षक रश्मि जैन, थाना प्रभारी बम्हौरीकला को 0-0 रूपये नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया गया है। वर्ष 2021 के लंबित अपराधों के निराकरण हेतु उप निरीक्षक रश्मि जैन, थाना प्रभारी बम्हौरीकला को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2022) को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। मेहनत के आधार पर उचित रूप से सम्मानित किया जाता है। वर्तमान में पुरूस्कार निधि बढाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
नवीन संस्थाओं का गठन
[सहकारिता]
144. ( क्र. 4165 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं कब से संचालित हैं? इनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले ग्राम तथा उन ग्रामों के कृषक सदस्यों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि वर्तमान में इनमें कौन-कौन समिति प्रबंधक विक्रेता एवं अन्य कब से पदस्थ हैं? इनके नाम, पद, समय सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि नवीन प्राथमिक कृषि नवीन साख सहकारी संस्था खोले जाने हेतु विभाग ने कौन-कौन से नियम बनाए हैं? ऐसे नियमों/आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। जिले में ऐसे कौन-कौन से नवीन उपरोक्त संस्थाएं हैं, जिनका पुनर्गठन कर नवीन संस्थाएं जिले में बनाई जा सकती हैं? संपूर्ण जानकारी दें। नवीन संस्थाएं बनाई जावेंगी तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समितियों द्वारा गत तीन वर्षों में कितने कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड पर कितना अल्पावधि कृषि ऋण वितरण किया गया? समितिवार, वर्षवार राशि एवं संख्या बतावें। उक्त वितरित ऋण में से कितने कृषकों की कितनी राशि की वसूली की गई? समितिवार, वर्षवार राशि एवं संख्या बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) नवीन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का गठन नहीं किया जाता है अपितु वर्तमान संस्थाओं से ही पुनर्गठन कर नवीन संस्था बनाई जा सकती है। इस हेतु निर्धारित मापदण्ड की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निर्धारित मापदण्ड अनुसार यदि कोई प्रस्ताव प्राप्त होता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
145. ( क्र. 4270 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के मामले विचाराधीन हैं? प्रदेश में वर्तमान में फर्जी जाति प्रमाण-पत्रधारी व्यक्तियों की संख्या कितनी है? कितने फर्जी प्रमाण-पत्रधारी व्यक्ति शासकीय नौकरी में हैं? विभागवार, वर्गवार, जिलेवार प्रति सहित बताएं। (ख) फर्जी जाति प्रमाण-पत्र धारण करने के दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों/संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध किस प्रचलित नियम/अधिनियम/कानून के तहत क्या कार्यवाही करने का प्रावधान है? (ग) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय अंतर्गत लोकायुक्त व अन्य माध्यम से फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर कर्मचारियों/अधिकारियों की नियुक्ति एवं पदोन्नति संबंधी प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? किन-किन फर्जी जाति प्रमाण-पत्रधारी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही प्रचलित है? प्रति सहित बताएं। (घ) क्या श्री सुरेशचंद्र वर्मा, प्रभारी मुख्य अभियंता, मध्य क्षेत्र, लोक निर्माण विभाग, जबलपुर फर्जी प्रमाण-पत्र धारण कर नौकरी हासिल की है? यदि नहीं, तो उनकी जाति प्रमाण-पत्र की सत्यप्रति उपलब्ध कराएं। श्री वर्मा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत याचिका एवं उक्त याचिका में उल्लेखित माननीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली में वर्मा द्वारा प्रस्तुत याचिका/अभ्यावेदन की प्रति उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 529 प्रकरण विचाराधीन हैं। राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा की गई जांच अनुसार 443 प्रकरण फर्जी पाये गये हैं। शासकीय नौकरी से पृथक करने का अधिकार क्षेत्र संबंधित व्यक्ति के नियोक्ता कार्यालय को है। अत: यह बताया जाना संभव नहीं है कि कितने फर्जी प्रमाण-पत्र धारी शासकीय नौकरी में है। शेष का प्रश्न नहीं उठता। (ख) छानबीन समिति द्वारा प्रमाण-पत्र फर्जी पाये जाने पर म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक/एफ-7-74-2003/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 21 जुलाई 2003 अनुसार जाति प्रमाण-पत्र फर्जी एवं गलत पाये जाने पर संबंधित लोक सेवक के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रावधान है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) प्रकरण में जांच प्रक्रियाधीन है। जब तक निर्णय नहीं हो जाता, तब तक जाति प्रमाण-पत्र फर्जी है, बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। श्री वर्मा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत याचिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का संचालन
[चिकित्सा शिक्षा]
146. ( क्र. 4282 ) श्री जितु पटवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर का सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल किस दिनांक से प्रारंभ हुआ तथा 20 फरवरी 2022 तक उसमें कितने आउटडोर तथा इनडोर मरीजों का इलाज किया गया? (ख) क्या प्रश्नाधीन अस्पताल 4 बेड का है कि 20 फरवरी 2022 की स्थिति में इसमें कितने मरीज भर्ती हैं तथा अस्पताल हेतु कितने चिकित्सक तथा विभिन्न पैरामेडिकल स्टॉफ के पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद भरे हैं तथा कितने पद खाली हैं? (ग) क्या व्यापक ने प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को बिल्कुल खराब कर दिया है तथा उसी का परिणाम है कि प्रदेश शिशु, बाल तथा मातृ, मृत्यु दर में देश में प्रथम स्थान पर है? क्या शासन प्रश्नाधीन अस्पताल में शीघ्र पूर्ण नियुक्ति करेगा? (घ) प्रश्नाधीन अस्पताल की बिल्डिंग, मशीनरी सहित लागत क्या है तथा इसमें सुपर स्पेशलिटी की कितनी ब्रांच में ऑपरेशन प्रक्रिया प्रारंभ हो गया हैं तथा कितनी ब्रांच में प्रारंभ होना शेष है? (ड.) क्या कई बार विज्ञापन जारी करने के बाद भी प्रश्नाधीन अस्पताल में डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ ने नियुक्ति में रूचि नहीं दिखाई? यदि हाँ, तो नियुक्ति हेतु कितनी बार विज्ञापन जारी किये गये तथा अभी तक कितनों के स्थान पर कितनों की नियुक्ति हुई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल दिनांक 28/08/2020 को प्रारंभ किया गया तथा 20 फरवरी, 2022 तक इसमें आउटडोर में 1079 तथा इनडोर में 6063 मरीजों का इलाज किया गया। (ख) जी नहीं। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, इन्दौर 402 बिस्तरीय है। दिनांक 20 फरवरी, 2022 की स्थिति में इसमें 30 मरीज भर्ती थे। अस्पताल हेतु चिकित्सक तथा विभिन्न पैरामेडिकल स्टॉफ के स्वीकृत, भरे तथा रिक्त पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। जी हाँ। (घ) सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के निर्माण हेतु राशि रू. 146.00 करोड़ तथा उपकरण हेतु राशि रूपये 80.00 करोड़ स्वीकृत किये गये है। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के 11 विभागों में ऑपरेशन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है तथा 03 शेष है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कलेक्टर द्वारा निर्माण संस्थाओं पर कार्यवाही
[सहकारिता]
147. ( क्र. 4316 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर इंदौर द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था (पूर्व में विदुर नगर) इंदौर के संबंध में दिनांक 01.04.2021 से 28.02.2022 तक सहकारिता विभाग को कितने पत्र/आदेश दिये गये? सभी की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ख) इस संबंध में कलेक्टर इंदौर को उपरोक्त (क) अवधि में कितने पत्र कहाँ से प्राप्त हुये की जानकारी पत्रवार देवें। क्या यह सत्य है कि कलेक्टर इंदौर द्वारा प्रश्नांश (क) उल्लेखित संस्था व झूलेलाल गृह निर्माण संस्था इंदौर का रिकार्ड जब्त करके बिन्दुवार जांच के निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ग) क्या कारण है कि कई शिकायतों के बाद भी प्रश्नांश (क) अनुसार संस्था के विरूद्ध जांच जानबूझकर लंबित की जा रही है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कलेक्टर इंदौर द्वारा जारी आदेशों की प्रमाणित प्रति देवें। जांच लंबित रखने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिये विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक यह जांच पूर्ण की जाकर जांच प्रतिवेदन प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दिया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) कलेक्टर इंदौर द्वारा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था (पूर्वं नाम विदुरनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था) इंदौर के संबंध में दिनांक 01.04.2021 से 28.02.2022 तक सहकारिता विभाग को कुल 02 पत्र दिये गये हैं। पत्रों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग राउ जिला इंदौर के पत्र क्रमांक/1445/री-राउ/2022 दिनांक 09.03.2022 के द्वारा विधान सभा प्रश्न के संबंध में प्रदत्त जानकारी अनुसार इस संबंध में कलेक्टर इंदौर को प्रश्नांश ''क'' में एक पत्र चन्द्रकुमार भवानी की शिकायत प्राप्त हुई, उक्त शिकायत में ही सहपत्र के रुप में आयुक्त कार्यालय के पूर्व पत्र की प्रति भी संलग्न प्राप्त हुई है। द्वितीय पत्र श्री हेमन्त सोनवणें से प्राप्त हुआ है। पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित संस्था की जांच म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत कराई गई है। जांच दल द्वारा जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन दिनांक 02.03.2022 को प्रस्तुत किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखित जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष एवं अभिमत की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
रजक समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किये जाने हेतु प्रस्ताव
[अनुसूचित जाति कल्याण]
148. ( क्र. 4361 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रजक (धोबी) समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने हेतु क्या कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त प्रस्ताव कब से परीक्षणाधीन है? प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) रजक (धोबी) समाज को कब तक अनुसूचित जाति में शामिल कर लिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बागरी समाज को स्थायी प्रमाण-पत्र जारी करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
149. ( क्र. 4462 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के बागरी जाति जो कि म.प्र. की अनुसूचित जाति की सूची में क्र.-2 पर दर्ज है। मूल जाति बागरी है, जिनकी भारत सरकार की जनगणना 2021 के अनुसार जनसंख्या 11528 है। इनमें राजपूत व ठाकुर की उपजाति सम्मिलित नहीं हैं, को अ.जा. के प्रमाण-पत्र जारी क्यों नहीं किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ, तो वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में जारी बागरी जाति के जाति प्रमाण पत्रों की सूची देवें। (ग) क्या वर्तमान में सिवनी जिले में बागरी अ.जा. के विदयार्थियों को अ.जा. के लिये प्रदाय की जाने वाली सुविधाओं का लाभ प्रदत्त है या नहीं है? यदि है तो विगत दो वर्ष में कितने विदयार्थियों को लाभ दिया गया? सूची प्रदाय करें। यदि नहीं, तो किस आदेश के तहत नहीं दिया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में भारत सरकार की जनगणना, सरकार के राजपत्र दिनांक 30 अगस्त 2007 द्वारा संविधान की अ.जा. में आदेश 19 में संशोधन के उपरांत ही की गई जिसके अनुसार नगरीय निकाय निर्वाचन एवं पंचायत निर्वाचन में अ.जा. के आरक्षित पदों में बागरी जाति के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है परन्तु स्थायी जाति प्रमाण-पत्र जारी करते समय प्रमाण-पत्र के आवेदन पत्रों के लिये गठित उच्च स्तरीय छानबीन समिति के निर्णय दिनांक 12 मार्च 2003 को आधार बनाते हुये सम्पूर्ण सिवनी जिले के बागरी जाति के सदस्यों के अ.जा. के प्रमाण पत्रों के लिये आवेदनों को निरस्त कर दिया जाता है? तत्संबंध में विरोधाभास क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) म.प्र. राज्य के लिए अनुसूचित जाति से संबंधित जारी संविधान आदेश 1976 के सरल क्र. 2 (यथा संशोधित वर्ष 2007) पर बागरी/बागडी जाति का उल्लेख है। भारत सरकार की जनगणना 2021 नहीं हुई है। बागरी जाति के प्रमाण-पत्र का दावा करने वाले अभ्यर्थियों के संबंध में बागरी/बागडी मान्य किये जाने के पूर्व प्रकरणों का व्यक्तिश: परीक्षण करने के उपरांत पात्रतानुसार जारी किये जाने के निर्देश हैं। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छात्रवृत्ति में वृद्धि
[जनजातीय कार्य]
150. ( क्र. 4477 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासकीय प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शालाओं तथा शासन से मान्यता प्राप्त शालाओं में कक्षा 01 से 05, कक्षा 06 से 08, कक्षा 09-10 तथा कक्षा 10-12 में अध्ययनरत अनु.जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं को शासन द्वारा एक सत्र में कितनी छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में वृद्धि किस वर्ष में कब-कब की गई? (ग) क्या वर्तमान में प्रदान की जा रही छात्रवृत्ति में वृद्धि किये जाने का प्रस्ताव/योजना विभाग में प्रस्तावित है? यदि प्रस्तावित की गई है तो, प्रस्तावित छात्रवृत्ति के संबंध में जानकारी देवें। (घ) प्रस्तावित छात्रवृत्ति को शासन द्वारा कब तक स्वीकृत किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति की दरों की जानकारी निम्नानुसार है।
योजना क्र. |
योजना का नाम |
वार्षिक दर (10 माह हेतु) |
|||
बालक |
बालिका |
छात्रावासी |
गैर छात्रावास |
||
3.1 |
राज्य छात्रवृत्ति कक्षा 1 से 5 |
2/- |
2/- |
- |
- |
3.1.1 |
राज्य छात्रवृत्ति कक्षा 6 से 8 |
200/- |
600/- |
- |
- |
3.1.2 |
राज्य छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं 10वीं |
600/- |
1300/- |
- |
- |
3.2 |
केन्द्र प्रवर्तित प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं, 10वीं |
|
|
62/- (बालक/बालिका) |
3000/- (बालक/बालिका) |
3.3 |
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालयीन |
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत विद्यार्थियों को निर्वाह भत्ता एवं अन्य अनिवार्य समस्त नॉन रिफण्डेबल शुल्क देय होता है। |
3800/- (बालक/बालिका) निर्वाह भत्तानोट: विद्यार्थी को नि:शुल्क भोजन एवं आवास होने पर यह दर 1/3 होगी |
2300/- (बालक/बालिका) (निर्वाह भत्ता) |
अनुसूचित जाति की छात्रवृत्ति की दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति की जानकारी - (1) कक्षा 01 से 05 में छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि वर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग, मंत्रालय के आदेश दिनांक F-12-37/2017/25-2/2099 दिनांक 26/12/2017 को राशि रूपये 15/- रूपये प्रतिमाह (बालिकाओं हेतु) के स्थान पर 25/- रूपये प्रतिमाह की गई है। (2) कक्षा 06 से 08 में बालिका छात्रवृत्ति की दर में वृद्धि वर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग, मंत्रालय के आदेश के आदेश दिनांक F-12-37/2017/25-2/2099 दिनांक 26/12/2017 को राशि रूपये 50/- प्रतिमाह के स्थान पर 60/- रूपये (बालिकाओं हेतु) प्रतिमाह की गई है। (3) केन्द्र प्रवर्तित प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं व 10वीं छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि भारत शासन द्वारा वर्ष 2019-20 में भारत शासन के आदेश क्रमांक 19012/03/2017 दिनांक 01/12/2019 को की गई है। (4) मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक F12-18/2017/25-2/32 दिनांक 08/01/2018 द्वारा अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत (कक्षा 11वीं 12वीं) के विद्यार्थियों हेतु शासकीय शैक्षणिक संस्था में अध्ययनरत होने पर वर्ष 2017-18 से आय सीमा का बंधन समाप्त किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
राष्ट्रपिता
पर अभद्र टिप्पणी
करने पर
कार्यवाही
[गृह]
1. ( क्र. 172 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को नरसिंहपुर में कथा वाचक तरूण मुरारी द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को देशद्रोही बताने और उन पर अभद्र टिप्पणी किये जाने की जानकारी है? (ख) यदि हाँ, तो इसके लिये क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या यह सच है कि सरकार इस गंभीर अपराध के लिये सख्त कार्यवाही न करके अपराधी को बचाने का प्रयास कर रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हाँ, इस संबंध में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। (ख) थाना स्टेशनगंज में प्रार्थी रोहित पटेल निवासी इन्द्र कालोनी की रिपोर्ट पर दिनांक 03.01.2022 को अपराध क्रमांक 10/22 धारा 504 (1) 505 (1) (क) (सी) 505 (2), 153- (बी) (1) (सी) भा.द.वि. का आरोपी कथा वाचक तरूण मुरारी उर्फ रमेश पिता कन्हैयालाल शर्मा उम्र 57 साल निवासी सारंगपुर जिला राजगढ़ म.प्र. के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। (ग) नहीं, यह सच नहीं है कि उक्त प्रकरण में सरकार अपराधी को बचाने का प्रयास कर रही है। प्रकरण में वैधानिक कार्यवाही की जाकर आरोपी को दिनांक 04.01.2022 को धारा 41-ए सी.आर.पी.सी. के अन्तर्गत नोटिस तामील किया गया है। प्रकरण में विधि सम्मत प्रक्रियानुसार चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जावेगा।
बड़वानी जिले में यूरिया वितरण
[सहकारिता]
2. ( क्र. 315 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में कृषकों को यूरिया वितरण हेतु सोसायटी में पंजीकृत या अपंजीकृत कृषकों हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है? आदेश एवं परिपत्र की प्रति बतावें। (ख) दिनांक 01.04.2021 से दिनांक 31.01.2022 तक जिले की समितियों द्वारा कृषकों को कितनी मात्रा में यूरिया प्रदान किया गया? (ग) यूरिया निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचे जाने संबंधी कितने ज्ञापन अथवा शिकायतें प्राप्त हुई तथा इस संबंध में कितनी संख्या में जांच कर कितने प्रकरण दर्ज किए गए? (घ) बड़वानी जिले में वर्तमान अवधि में कुल कितनी मात्रा में यूरिया किस-किस कंपनी से कितना-कितना प्राप्त हुआ? क्या यह मात्रा शासन द्वारा तय की गई अनुमानित मात्रा के बराबर है या अनुमान से कितनी कम है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारी संस्थाओं में यूरिया वितरण हेतु किसानों के पंजीयन का कोई प्रावधान नहीं है, सहकारी संस्थाओं के द्वारा कृषक सदस्यों को पात्रता अनुसार यूरिया उपलब्ध कराया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 16744 मे.टन। (ग) उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला बड़वानी से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में यूरिया निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर विक्रय किये जाने संबंधी ज्ञापन अथवा शिकायतें नहीं प्राप्त हुई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सी.एम. हेल्प लाईन के सम्बन्ध में
[लोक सेवा प्रबन्धन]
3. ( क्र. 473 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 21 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्प लाईन में राजगढ़ जिले से कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) उपरोक्त अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? (ग) क्या निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है? (घ) यदि हाँ, तो कितने ऐसे मामले हैं जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं? (ङ) राजगढ़ जिले में कितनी ऐसी शिकायतें हैं जो एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 01 जनवरी से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में राजगढ़ जिले से कुल 92,166 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) उपरोक्त अवधि में कुल 85,401 शिकायतों का निराकरण किया गया है (जिनमें से 69,455 संतुष्टिपूर्ण बंद, 14,207 स्पेशल क्लोजर, 710-नॉट कनेक्टेट, 1,062-आंशिक बंद) शिकायतों का निराकरण किया गया। (ग) जी, हाँ। (घ) 3,737 मामलें जिनमें निराकरणकर्ता लेवल अधिकारी द्वारा निराकरण दर्ज करने के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं। (ड.) राजगढ़ जिले में कुल 329 शिकायतें हैं जो एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित हैं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
4. ( क्र. 741 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र सीधी, सिंगरौली में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत, कितने प्रकरण अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही का नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई उसका विवरण बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सीधी, सिंगरौली में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं किये जाने के कारण हितग्राहियों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपेक्स बैंक में भर्ती की जानकारी
[सहकारिता]
5. ( क्र. 743 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपेक्स बैंक द्वारा पिछले वर्ष 104 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी? यदि हाँ, तो किस तारीख को प्रारम्भिक परीक्षा ली गई? (ख) इसमें कितने अभ्यर्थियों ने भाग लिया था तथा उनसे कुल कितनी राशि फीस के रूप में ली गई? उपरोक्त प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम किस तारीख को घोषित किया गया? (ग) क्या यह सच है कि इसके बाद मुख्य परीक्षा आयोजित न करके भर्ती निरस्त कर दी गई यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) क्या परीक्षा निरस्त करने के बाद अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई फीस उन्हें वापस की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। अधिकारियों के 104 पदों पर भर्ती हेतु ऑनलाईन प्रारम्भिक परीक्षा दिनांक 20.03.2021 एवं दिनांक 27.03.2021 को आयोजित की गई थी। (ख) परीक्षा में कुल 1389 अभ्यर्थियों ने भाग लिया तथा अभ्यर्थियों से फीस राशि रू.19,09,456.09 प्राप्त हुई। प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम क्रमश: दिनांक 03.05.2021 एवं 18.05.2021 को घोषित किया गया। (ग) जी हाँ। प्रारम्भिक परीक्षा उपरांत विज्ञप्त किए गए पदों पर समुचित संख्या में अभ्यर्थी के उपलब्ध न होने से भर्ती संबंधी प्रक्रिया (मुख्य परीक्षा) नहीं की गई। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
6. ( क्र. 791 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र देपालपुर 203 में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत, कितने प्रकरण अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं। (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही का नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई उसका विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से जिले में कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं होने के कारण हितग्राहियों से कोई भी आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र पर कार्यवाही
[गृह]
7. ( क्र. 997 ) श्री विष्णु खत्री : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि डाँ. सीतासरन शर्मा माननीय सदस्य द्वारा पुलिस महानिदेशक को पत्र क्र. 2918 दिनांक 08.10.2021 से एवं पुलिस अधिक्षक, होशंगाबाद को अपने पत्र क्रमांक 2915 दिनांक 08.10.2021 को पत्र एवं ई-मेल से अनुरोध किया था कि (1) मेरी शिकायत की पुन: जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जावे। (2) विधायक निधि का दुरूपयोग संबंधी मेरी शिकायत असत्य पाई जावे तो मेरे विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जावे। (3) यदि स्थानीय पुलिस प्रशासन को समुचित प्रमाणित तथ्यों के बाद भी श्री हरेन्द्र नारायण के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने में असुविधा हो तो कृपया इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग या गृह विभाग से मार्गदर्शन लेने का कष्ट करें। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त तीनों अनुरोधों के संबंध में बिन्दुवार क्या-क्या कार्यवाही/निर्णय किया गया। यदि कार्यवाही/निर्णय नहीं किया गया तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्त शिकायत की पुलिस द्वारा जांच की गई यदि हाँ, तो किसके द्वारा। जांच में प्रश्नकर्ता पर conflict of interest का आरोप एवं विधायक निधि का दुरूपयोग किया जाना पाया गया। यदि हाँ, तो कब एवं कितनी राशि का? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में विधायक निधि का दुरूपयोग नहीं पाया गया तो क्या प्रश्नकर्ता के विरूद्ध लगाये गये आरोप असत्य, झूठे एवं फर्जी तथ्यों के आधार पर लगाए गए थे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) इस विषय में रिट याचिका क्रमांक 5206/2020 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है। जिसके निर्णय उपरांत ही समुचित कार्यवाही न्यायोचित है। (ग) एवं (घ) जानकारी उत्तरांश 'ख' में समाहित है।
बाल अपराध संख्या की जानकारी
[गृह]
8. ( क्र. 1549 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मासूम अबोध बच्चों, किशोरियों, नाबालिग बालिकाओं, छात्राओं पर बाल अपराध सम्बंधी कितने मामले पंजीकृत हैं। इसमें अपहरण, छेड़छाड़, गुमशुदा (लापता) ब्लैक मेलिंग हत्या, आत्महत्या, दुष्कृत्य, सामूहिक दुष्कृत्य, अपहरण व दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या सम्बंधी कितने-कितने मामले पंजीकृत हैं? कितनी किशोरियां, नाबालिग बालिकाएं व छात्राएं हैवानियत का शिकार हुई हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जिलावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने लापता बच्चों, किशोरियों, बालिकाओं व छात्राओं की खोजकर उन्हें सकुशल घर पहुंचाया गया है। कितने लापता (गुमशुदा) हैं? (ग) प्रदेश में पाक्सों एक्ट व भा.द.वि. की धारा 376 के पंजीकृत प्रकरणों में वर्षवार कितने-कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं? नेशनल क्राइम अपराध ब्यूरों के अनुसार बाल अपराधों के मामलों में प्रदेश देश में किस नम्बर पर हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) प्रदेश में पॉक्सो एक्ट व भा.द.वि. की धारा 376 के पंजीबद्ध प्रकरणों में वर्षवार कितने प्रतिशत वृद्धि हुई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स''अनुसार है। एन.सी.आर.बी., नई दिल्ली द्वारा पृथक से राज्यों के स्थानों से संबंधित जानकारी प्रकाशित नहीं की जाती है, प्रदेश स्तर की जानकारी जो एस.सी.आर.बी. से प्राप्त हुई पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
विपणन सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड की दाल मिल का विक्रय
[सहकारिता]
9. ( क्र. 1575 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड का दाल मिल विक्रय हेतु समाचार पत्र राज एक्सप्रेस में एक बार ही विक्रय हेतु विज्ञापन प्रकाशित कराना उचित था? (ख) सहकारिता की चल व अचल सम्पत्ति को क्या बिना सक्षम अधिकारी के विक्रय हेतु स्वीकृति लेने के बिना विक्रय किया जा सकता है? यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) संस्था की दाल मिल विक्रय नहीं की जाती तो कितने लोगों को रोजगार मिल सकता था?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, सहकारी संस्था अपनी सम्पत्ति सक्षम अधिकारी की स्वीकृति प्राप्त किये बिना नहीं विक्रय कर सकती। प्रश्नांश 'क' अन्तर्गत दाल मिल विक्रय करने हेतु संस्था का तत्कालीन संचालक मंडल एवं प्रबंधक उत्तरदायी है। उप आयुक्त सहकारिता जिला भिण्ड द्वारा पत्र क्र./विधानसभा/2022/175, दिनांक 07.03.2022 द्वारा दी गई जानकारी अनुसार समिति प्रबंधक दिनांक 31.01.2018 को सेवानिवृत्त हो चुका है तथा तत्कालीन संचालक मंडल को उप पंजीयक भिण्ड के आदेश दिनांक 11.12.2020 से अधिक्रमित किया जाकर संचालकों को पद से विरत किया जा चुका है। अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, उप संभाग भिण्ड के द्वारा दाल मिल के विद्युत मोटर का मूल्यांकन रू. 20,000/- तथा लोहा रू. 16/- प्रति किलो की दर से किया गया था जिसके विरूद्ध संस्था द्वारा विद्युत मोटर रू. 24,000/- तथा रू. 16.20 प्रति किलो की दर से 20.15 क्विंटल लोहा रू. 32,643/- विक्रय किया गया, इसके साथ ही रू. 250/- प्रति क्विंटल की दर से 40 क्विंटल लकड़ी रू. 10,000/- में विक्रय की गई है। यद्यपि तत्कालीन संचालक मंडल एवं संस्था प्रबंधक द्वारा बिना सक्षम अधिकारी के ही संस्था की सम्पत्ति का विक्रय किया है किन्तु अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, उप संभाग भिण्ड द्वारा दिये गये स्टीमेट से अधिक दर पर ही उक्त सम्पत्ति विक्रय की गई है। तत्कालीन संस्था प्रबंधक के सेवानिवृत्त हो जाने तथा संचालक मंडल के कार्यरत न होने से उन पर अब किसी भी प्रकार की कार्रवाई संभव नहीं है। (ग) संस्था की दाल मिल इकाई वर्ष 1992 से ही बंद होने के कारण लोगों को रोजगार मिलने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ के संबंध में
[सहकारिता]
10. ( क्र. 1577 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ, मध्य प्रदेश सहकारिता विभाग कि पंजीकृत शीर्ष सहकारी संस्था है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ द्वारा मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक कि सदस्यता हेतु आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उन्हें सदस्यता प्रदान की गयी? यदि नहीं, तो सहकारिता अधिनियम कि किस धारा एवं नियम के अंतर्गत विवरणों सहित दस्तावेज़ प्रदान करें। (ग) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ, के विरूद्ध विभागीय जांचे प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो जांचों की वर्तमान परिस्थिति क्या है? उपरोक्त शिकायतों कि जांच किन अधिकारियों द्वारा की जा रही है? इन जांचों का निराकरण कब तक होगा दस्तावेजों सहित बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां, दिनांक 21.06.2018 से। (ख) जी हाँ। जी नहीं, म.प्र. राज्य सहकारी जन औषधि एवं विपणन संघ मर्यादित भोपाल द्वारा प्रस्तुत सदस्यता आवेदन के संबंध में म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल की उपविधि क्रमांक 07 (1) (ग) के अन्तर्गत सदस्यता प्रदान किये जाने की पात्रता परीक्षणाधीन, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जांचे प्रक्रियाधीन है, प्राप्त शिकायतों की जांच संभागीय संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग भोपाल, उप आयुक्त सहकारिता जिला भोपाल एवं संयुक्त आयुक्त सहकारिता मुख्यालय भोपाल द्वारा की जा रही हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के कैंसर रोग विभाग के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
11. ( क्र. 1761 ) श्री आरिफ मसूद : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के अधीनस्थ हमीदिया अस्पताल के कैंसर रोग विभाग में गामा कैमरा निर्धारित समय-सीमा में सी.एम.सी. ना कराने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है एवं क्या मेमोग्राफी मशीन क्रय दिनांक से प्रश्न दिनांक तक चालू नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सामाजिक कार्यकर्ता बी.पी. सराठे दिनांक 15/01/2022 से बंद पड़ी मशीनों को चालू करवाने के लिए पद यात्रा कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या हमीदिया अस्पताल के चिकित्सक कैंसर मरीजों को निजी संस्थानों/अस्पतालों में उपचार हेतु रेफर करते हैं जबकि शासन द्वारा करोड़ों रूपयों की मशीनें हमीदिया अस्पताल में स्थापित की गई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में बंद मशीनों को विभाग द्वारा कब तक चालू करा दिया जाएगा? लापरवाही के लिए क्या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जांच की जा रही है, जांच उपरांत दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) बंद मशीनों को विभागों द्वारा क्रियाशील करने की कार्यवाही प्रचलन में है, जिन्हें शीघ्र ही चालू कराया जावेगा। उत्तरांश ''क'' अनुसार।
प्रश्न का उत्तर असत्य/गुमराह दिया जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
12. ( क्र. 2020 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी-मार्च 2021 में प्रश्न क्र. 6433 एवं अगस्त 2021 में प्रश्न क्र. 766 के प्रश्नों के उत्तर प्रश्नांश अनुसार दिये गये हैं? यदि हाँ, तो शासन/संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास द्वारा डाईंग केडर के पद घोषित किये जाने के विभागीय आदेशों की प्रति क्यों नहीं दी गयी? क्या कारण हैं? भर्ती नियमों को एडॉप्ट करने की प्रति के स्थान पर डाईंग केडर घोषित करने के विभागीय आदेश की प्रति सहित उत्तर देवें। नहीं तो क्यों? (ख) क्या उक्त विधानसभा प्रश्नों के उत्तरों में सक्षम अधिकारी/सी.एम.एच.ओ. गैस राहत द्वारा कार्यालयीन रिकार्ड अनुसार गैस राहत विभाग में कोई भी पद विभागीय आदेशानुसार डाईंग केडर के पद घोषित नहीं किये जाने के स्पष्ट उल्लेख/ हवाले के बावजूद संचालक, गैस राहत/कमला नेहरू द्वारा प्राप्त सही उत्तर/जानकारी के स्थान पर विपरीत उत्तर/जानकारी देकर सदन को निरन्तर गुमराह किया जा रहा हैं? (ग) क्या प्रश्नों के सक्षम अधिकारी/सी.एम.एच.ओ. गैस राहत द्वारा सही उत्तर के स्थान पर कतिपय अधिकारियों द्वारा विपरीत/असत्य उत्तर दिये जाने पर दिनांक 03.11.2021 को स्पीड पोस्ट सेवा भारत सरकार के माध्यम से सभी संबंधितों को वास्तविकता से अवगत कराया गया हैं? क्या सक्षम अधिकारी/ सी.एम.एच.ओ. गैस राहत के द्वारा भी प्राप्त निर्देशोंपरान्त उनके पत्र क्र. 11653, दिनांक 25.10.2021 को शासन/संचालक गैस राहत को वास्तविक/तथ्यात्मक स्थिति बताई गई है? उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या प्रभावी कार्यवाही की गई? निष्कर्षों सहित दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन/विभाग प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये प्रश्नों के सक्षम अधिकारी/सी.एम.एच.ओ. गैस राहत द्वारा दिये गये सही उत्तर/जानकारी के स्थान पर विपरीत/ असत्य उत्तर देकर सदन को गुमराह किये जाने वाले दोषियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर स्पष्ट तथ्यात्मक अभिमत सहित देगा? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। विभागीय आदेश क्रमांक एफ-1-2/ 2007/47 दिनांक 08-02-2008 के द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के भर्ती नियम 1988-1989 गैस राहत विभाग में एडॉप्ट किये गये है। अत: उक्त नियमों में समय-समय पर किये गये संशोधन का पालन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ 13-05/2021/47 दिनांक 30-07-2021 द्वारा संचालक गैस राहत एवं पुनर्वास को प्रकरण में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
योजनाओं तथा हितग्राही की सूची
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
13. ( क्र. 2048 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा गूंगे बहरे, विकलांग एवं नि:शक्तजनों के लिये विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना चलाई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विकलांगजनों को आपके विभाग द्वारा बेटरी चलित ई-रिक्शा उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो सुमावली विधानसभा के कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ मिला है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिव्यांगजनों के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित बस्तियों में किये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( क्र. 2049 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में अनूसूचित जाति मोहल्लों में सी.सी. खरंजा/नलकूप खनन एवं सामुदायिक भवन निर्माण के लिए प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस पंचायत में स्वीकृत की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सी.सी. खंरजा/ नलकूप खनन एवं सामुदायिक भवन निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
पूर्व अतारांकित प्रश्न क्रमांक 28 (1599) दिनांक 17 जुलाई 2019 के संदर्भ में
[चिकित्सा शिक्षा]
15. ( क्र. 2233 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1599 दिनांक 17.07.2019 में लोकल खरीदी की स्वीकृति किन-किन के द्वारा कब-कब दी गई? सामग्री की स्टॉक रजिस्टर में एन्ट्री की गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा प्रमाणीकरण किया गया? पर्चेसिंग की स्वीकृति किस सक्षम अधिकारी द्वारा दी गई? सामग्री का परीक्षण किया गया? सामग्री का वितरण किसके द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कर्मचारियों के विरूद्ध जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जांच में कौन दोषी पाये गये? किन कर्मचारी/ अधिकारी द्वारा अनियमितता की गई थी? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामग्री किन एजेन्सियों के माध्यम से किस-किस दिनांक को क्रय की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) लोकल खरीदी की स्वीकृति सक्षम अधिकारी संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक द्वारा दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में संबंधित स्टोर कीपर एवं प्रभारी अधिकारी, स्टोर शाखा द्वारा प्रमाणीकरण किया गया। पर्चेसिंग की स्वीकृति सक्षम अधिकारी संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक द्वारा दी गई। जी हाँ। सामग्री का वितरण संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक की अनुमति से संबंधित स्टोर कीपर द्वारा किया गया। (ग) जी नहीं। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। परीक्षण उपरांत अधिकारियों/कर्मचारियों पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार।
सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पद पर भर्ती
[पशुपालन एवं डेयरी]
16. ( क्र. 2246 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के कुल स्वीकृत पदों के 5 प्रतिशत पदों पर प्रतिवर्ष भर्ती का शासन का कोई नियम है? यदि हाँ, तो यह भर्तियां प्रतिवर्ष हो रही है, यदि हाँ, तो अभी तक कितनी भर्तियां हुई और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) नियम दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पदों पर भर्ती होना थी इसके विरूद्ध कुल कितने पदों पर भर्ती हुई? संख्या बतायें और यदि भर्ती नियम से कम पदों पर हुई है, तो क्यों? (ग) क्या शेष पदों को विभाग आगामी भर्ती वर्ष 2022-23 में जोड़कर भर्ती करेगा? यदि हाँ, तो कुल कितने पदों पर आगामी वर्ष में भर्ती होगी और कब तक? (घ) वर्ष 2020-21 में हुई सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में आज दिनांक तक कुल कितने पदों पर पदस्थापना हो चुकी है और कितने पद रिक्त है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संबंध में पदस्थ कर्मचारियों में कितनों के पास दो वर्षीय पशु पालन डिप्लोमा है और कितनों के पास डिप्लोमा के अलावा अन्य डिग्रियां हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। विभाग में वर्षवार भर्ती संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नियम दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नवीन स्वीकृत पदों एवं 5 प्रतिशत के आधार पर कुल 1156 पदों पर भर्ती होनी थी। जिसमें से 1016 पदों पर नियुक्ति हुई है शेष पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने से रिक्त रहे। (ग) नियमानुसार भर्ती की जाएगी। 194 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) वर्ष 2020-21 में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 201 पदों पर पदस्थापना हो चुकी है। 201 में से वर्तमान में कर्तव्य पर उपस्थित न होने के कारण 10 सहायक पशु चिकित्सा की नियुक्ति निरस्त की गई जिनकी प्रतीक्षा सूची से पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) सिर्फ 98 के पास पशुपालन डिप्लोमा तथा 103 के पास डिग्री है।
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का पालन न होना
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 2300 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उप सचिव, जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक/1746/2423/2020/25/1/दिनांक 21/12/2021 और पत्र क्रमांक/747/766/2020/25/1 दिनांक 09/12/2021 की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतावें कि क्या प्रकरण का निराकरण दिनांक 31/03/2022 से पहले कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित प्रकरण में सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र सी/3-22/93/3/एक, दिनांक 30 अगस्त 1993 का पालन कब तक कर लिया जायेगा? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) और प्रश्नांश (ख) से संबंधित प्रकरण में वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक प्राप्त सभी आवेदनों की प्रतियां और उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। प्रकरण परीक्षणाधीन है निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। प्रकरण परीक्षणाधीन है।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त विभाग द्वारा देय सुविधाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( क्र. 2352 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा नि:शक्तजनों को क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जा रही हैं व उनके संचालन हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या मार्गदर्शिका नियत की गयी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में योजनाओं हेतु वर्ष 2019-20 से फरवरी 2022 तक बजट में कितनी राशि स्वीकृति उपरांत जिला मुरैना को दी गई? वर्ष एवं विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त प्राप्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़, जिला मुरैना में नि:शक्तजनों को किस-किस कार्य हेतु राशि/सामग्री दी गई नि:शक्त व्यक्ति का नाम पता, देय राशि, वर्ष, दिनांक, कार्य विवरण, मांग संख्या, लेखा एवं उप शीर्ष सहित बतावें? (घ) क्या योजनाओं का लाभ देने हेतु नि:शक्त व्यक्ति का नि:शक्तता प्रतिशत आदि का भी प्रावधान हैं? योजनावार बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिव्यांगजनों के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) पेंशन से संबंधित योजनातंर्गत दिव्यांगजनों को वर्ष 2019-20 से राज्य स्तर से सीधे पात्र हितग्राहियों के खाते में नियमानुसार राशि प्रदाय की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
योजनाओं की जानकारी
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
19. ( क्र. 2353 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त, घुमक्क्ड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं व उनको क्रियान्वयन संचालन हेतु क्या-क्या नियम निर्मित हैं? प्रति दी जावे। (ख) वर्ष 2018-19 से 22 फरवरी 2022 तक उपरोक्त विभाग को बजट में कितना प्रावधान होकर जिला मुरैना को दिया गया एवं बजट में से विधानसभा क्षेत्र 03 सबलगढ़ को कितनी राशि प्रदाय की जाकर किन-किन गांवों में राशि स्वीकृत की गई, की जानकारी में ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत, योजना विवरण, प्रदाय राशि, देयक दिनांक, क्रियान्वयन एजेंसी का नाम, मांग संख्या, लेखा एवं उप शीर्ष सहित दी जावे? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि द्वारा सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2018-19 से 22 फरवरी 2022 तक विभाग को प्राप्त बजट प्रावधान राशि रूपये 22.16 करोड़, में से जिला मुरैना को आवंटित बजट राशि रूपये 1.61 करोड़ है। विधानसभा क्षेत्र 03 सबलगढ़ को कोई राशि प्रदाय नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
आउटसोर्स कर्मचारियों के संबंध में
[सहकारिता]
20. ( क्र. 2377 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ में जिला बैतूल एवं आमला में आउटसोर्स कंपनी वर्ल्ड क्लास के माध्यम से विभिन्न केन्द्रों पर कौन-कौन डाटा एंट्री ऑपरेटर कार्यरत हैं? (ख) क्या विपणन संघ द्वारा नवीन टेंडर Ace Manpower Pvt. Ltd Bhopal को दिया गया है? यदि हां, तो क्या उक्त कंपनी के द्वारा पूर्व में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर से दिनांक 01 जून, 2021 से नवीन नियुक्ति के नाम पर 20-20 हजार रूपये नाजायज मांग कर निरंतर कार्य करने के लिये कहा गया है? साथ ही नाजायज मांग पूर्ण न करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है? (ग) क्या राज्य विपणन संघ कम्प्यूटर ऑपरेटरों से अवैध राशि की मांग करने वाली एजेंसी के विरूद्ध जांच कराकर दण्डनीय कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुपालन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन
[पशुपालन एवं डेयरी]
21. ( क्र. 2430 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के अंतर्गत पशुपालन विभाग को विभिन्न योजनावार कितने हितग्राहियों को विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया? हितग्राहियों के नाम सहित विस्तृत विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राही सामान्य वर्ग के कितने हितग्राही आरक्षित वर्ग के लाभान्वित हुए? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये? प्रशिक्षण कार्यक्रम में वर्ष अनुसार विभाग योजनाओं अंतर्गत व्यय राशि का विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) लाभान्वित हितग्राहियों की सामान्य वर्ग के 04 एवं आरक्षित वर्ग के 78 कुल 82 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राप्त राशि
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( क्र. 2433 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2018-19, 2019-20, 2020-21 में क्लीनिकल प्रशिक्षण हेतु शासकीय चिकित्सालयों/ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कितने-कितने बिस्तर, किन-किन निजी नर्सिंग संस्थाओं को आवंटित किये गये थे? जिलेवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्लिनिकल प्रशिक्षण के एवज में शासकीय चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि, निजी नर्सिंग संस्थाओं से प्राप्त हुई? जानकारी जिलेवार, संस्थावार बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्लिनिकल प्रशिक्षण के एवज में शासकीय चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राप्त होने वाली कितनी-कितनी, किस-किस निजी नर्सिंग संस्था के ऊपर बकाया है? (घ) क्लिनिकल प्रशिक्षण के एवज में शासकीय चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को अप्राप्त या बकाया राशि प्राप्त करने हेतु कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) क्लिनिकल प्रशिक्षण के एवज में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को निजी नर्सिंग संस्थाओं से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में क्लिनिकल प्रशिक्षण के एवज में निजी नर्सिंग संस्थाओं से राशि बकाया नहीं है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
23. ( क्र. 2453 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षण संस्थान में पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रियाधीन है। आवेदन परीक्षण उपरांत पात्रता पाये जाने पर भुगतान संभव होता है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
छोटे पुलिस कर्मचारियों के लंबित प्रकरण
[गृह]
24. ( क्र. 2486 ) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में वर्तमान
में छोटे
पुलिस
कर्मचारी
सिपाही आदि
द्वारा अपने
वरिष्ठ
अधिकारी को की
गई कुल कितनी
अपीलें 5 वर्षों से
लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) संदर्भित
इनमें से
कितनी अपीलें 2 वर्षों से
अधिक समय से
लंबित है
जानकारी देवें? (ग) क्या
उक्त
कर्मचारियों
की अपील का
समय पर निराकरण
नहीं होने से
छोटे पुलिस
कर्मचारी
सिपाही आदि को
मानसिक, आर्थिक
एवं शारीरिक
परेशानी का
सामना करना पड़ता
है और कभी-कभी
वे आत्महत्या
जैसी डरावनी दशा
का शिकार हो
जाते है? यदि हाँ, तो विभाग
द्वारा
अपीलों के ठोस
निराकरण के लिए
क्या प्रयास
किए जा रहे है? (घ) क्या
विभाग द्वारा
छोटे पुलिस
कर्मचारी सिपाही
आदि की अपीलों
के निराकरण के
लिए वरिष्ठ
अधिकारी को
समय
निर्धारित
किया है यदि
नहीं,
तो
क्यों? अपीलों
के निराकरण
नहीं करने पर
कितने वरिष्ठ
अधिकारियों
के खिलाफ क्या
कार्यवाही 1 जनवरी 2018 से
प्रश्न
दिनांक तक की
गई?
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से (घ) की जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
पुलिसकर्मियों द्वारा प्रेषित आवेदन
[गृह]
25. ( क्र. 2533 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद रेंज के एक जिले से दूसरे जिले में कितने आवेदन अन्तरित किए गए? उक्त आवेदन पर क्या समाधान प्राप्त हुआ? (ख) उक्त अंतर जिला अंतरित आवेदन में किसके द्वारा समीक्षा की जाती है और कर्मचारी की समस्या के निदान के लिए क्या दिशा-निर्देश पी.एच.क्यू. से समय-समय पर दिए जाते हैं? उक्त आदेश के परिपालन और समीक्षा का क्या सिस्टम है? (ग) होशंगाबाद रेंज आई.जी. द्वारा पुलिसकर्मियों के जिला स्तर पर दिए आवेदन पर क्या समीक्षा कब-कब की गई? यदि नहीं, की गई तो क्या कारण हैं? (घ) जो आवेदन पेंडिंग हैं, एक जिले से दूसरे जिले में अन्तरित किए गए उनमें कब तक निराकरण और समाधान आवेदनकर्ता को प्राप्त होगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। वरिष्ठ कार्यालयों द्वारा समय-समय पर समीक्षा की जाकर कर्मचारियों की समस्याओं का निदान किया जाता है। (ग) नर्मदापुरम जोन में पुलिस कर्मचारियों के द्वारा जो आवेदन समय-समय पर दिये जाते है। पुलिस महानिरीक्षक नर्मदापुरम जोन द्वारा समय-समय पर तत्काल कार्यवाही की जाकर समुचित निराकरण विधि/नियमानुसार किया जाता है। (घ) वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय नर्मदापुरम में कोई भी आवेदन पत्र निराकरण हेतु लंबित नहीं पाया गया है।
विमुक्त जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत राशि का आवंटन
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
26. ( क्र. 2563 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वित्तीय वर्ष 2019-20 में विमुक्त जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कितनी राशि आवंटित की गई थी? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई जानकारी में नीमच जिले को कितनी राशि आवंटित की गई तथा आवंटित राशि के विरुद्ध क्या-क्या कार्य कराये गये? कार्यवार स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि का ग्राम पंचायतवार ब्योरा देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये कार्यों में स्वीकृत राशि के विरुद्ध कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा उन्हें कितनी राशि का भुगतान किया गया है और कितना भुगतान अंतिम किश्त के रुप में अब भी किया जाना शेष है। ग्राम पंचायतवार राशि का ब्यौरा देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में दर्शाये गये पूर्ण कार्यों के विरुद्ध उन्हें अंतिम किश्त का भुगतान किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें और यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मतदाताओं की जानकारी
[विधि एवं विधायी कार्य]
27. ( क्र. 2618 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी जिला ग्वालियर को पत्र क्र. 25/विधा./17-द.वि./ग्वा. दिनांक-18.01.2022 को लिखे गये पत्र पर उत्तर दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) 17- ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के अन्तर्गत आने वाले मतदान केन्द्रों क्रमांक-1 से क्रमांक 287 तक के वर्ष-2018 के मतदाताओं की पोलिंगवार महिला, पुरूष एवं अन्य मतदाताओं की अलग-अलग संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) वर्ष-2022 तक वर्तमान में पोलिंगवार महिला, पुरूष एवं अन्य मतदाताओं की पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) पोलिंगवार वर्ष-2018 से वर्ष-2022 तक मतदाताओं की संख्या में हुई वृद्धि एवं कमी की भी पृथक से जानकारी उपलब्ध करायें? (ड.) वर्ष-2018 से वर्ष-2022 तक प्रत्येक पोलिंग पर जुड़ने वाले मतदाताओं की संख्या एवं विलोपित मतदाताओं की संख्या उपलब्ध करावें? (च) वर्ष-2018 से वर्ष-2022 तक पोलिंगवार विलोपित मतदाताओं के विलोपन का कारण उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पशुपालन विभाग की संचालित योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
28. ( क्र. 2634 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पशुपालन विभाग के द्वारा पशु पालकों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है? समस्त योजनाओं की जानकारी एवं उनके क्रियान्वयन से संबंधित विभागीय दिशा निर्देशों की प्रतियां देवें? (ख) पशु आहार यूनिट को बढ़ावा देने एवं स्थापित करने के लिए विभाग के द्वारा क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए है? उनकी प्रति देवें? (ग) पशु आहार यूनिट स्थापित करने के लिए कौन-कौन से विभागीय लाइसेन्स आवश्यक है? उन लाइसेन्स की जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) आत्मनिर्भर भारत मिशन के अंतर्गत ए.एच.आई.डी.एफ. योजना में पशु आहार यूनिट स्थापित करने की गाईडलाईन एवं समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ग) विभाग द्वारा कोई भी लाइसेंस प्रदाय नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जेल में धार्मिक स्थलों का रख-रखाव
[जेल]
29. ( क्र. 2638 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की केन्द्रीय जेलों के अंदर धार्मिक उपासना के लिए जेल मेन्यूअल के अनुसार पूरी आजादी है? निर्देश एवं प्रतिवेदन देवें? (ख) क्या मध्यप्रदेश की केन्द्रीय जेलों में सभी धर्मों के लिए समान रूप से धार्मिक उपासना के लिए मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च इत्यादि उपलब्ध हैं? अगर हाँ तो प्रत्येक पूजास्थल का जेलवार, उपलब्ध सुविधानुसार जानकारियां दी जावे एवं यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन के पास कोई कार्य योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पूजास्थलों में मूलभूत सुविधाएं, जैसे बैठने के लिए फर्श, पानी एवं धूप से बचाव के लिए टीन शेड या छत उपलब्ध है या नहीं? प्रत्येक पूजा स्थल का जेलवार, उपलब्ध सुविधा अनुसार जानकारियां दी जावें? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जेलों में धार्मिक उपासना एवं कैदियों के सुधार हेतु पण्डित/ मौलवी/पादरी आदि की नियुक्ति की गई है? क्या उनके उपदेश होते हैं? यदि हाँ, तो वे स्वैच्छिक होते हैं या जेल प्रबंधन के निमंत्रण पर होते हैं? इस सबंध में दिशा-निर्देशों की प्रति देवें? (ड.) केन्द्रीय जेल बड़वानी के सभी धार्मिक प्रार्थना स्थलों की छायाप्रति देवें एवं क्या इन धार्मिक स्थलों में जनसहयोग से विकास के कार्य किए जा सकते हैं या नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नियमावली के नियम 672, 673 एवं 674 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जेलों में कैदियों द्वारा भक्ति उपासना हेतु बैरिकों के अंदर चित्र लगाकर तथा बैरिकों के बाहर चार दीवारी के अंदर प्रतीक स्वरूप मंदिर/मस्जिद आदि स्वयं के श्रम से स्थापित हैं। जेलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पृथक से कार्य योजना बनाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी हाँ, स्वैच्छिक एवं जेल प्रबंधन के निमंत्रण पर उपदेश होते हैं। पृथक से दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के अ.क्र.-1 अनुसार है। नियमों में दिये गये प्रावधानों के अतिरिक्त पृथक से कोई दिशा-निर्देश नहीं है।
जप्त वाहनों की नीलामी
[गृह]
30. ( क्र. 2665 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में थाना, पुलिस चौकी में जब्त कितने वाहन खड़े हैं? बस, जीप, कार, मोटरसायकिल, स्कूटर की संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में जब्त वाहन उनके मालिकों को क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? वाहन स्वामी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर वाहन न लेने की स्थिति में उक्त वाहनों को नीलाम क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के वाहनों में से लावारिस वाहन कितने हैं तथा उक्त वाहनों को नीलाम क्यों नहीं किया जा रहा हैं? (घ) पुलिस द्वारा जब्त ज्ञात एवं लावारिस वाहनों की नीलामी के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं तथा उक्त निर्देशों का रायसेन जिले में पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) माननीय न्यायालय से वाहन रिलीज करने पर वाहन, मालिक को प्रदाय किया जाता है। नीलामी कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जिला रायसेन में 455 वाहन लावारिस है जिनके निराकरण के लिये कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) धारा 102 एवं 41 (1) 4 जा.फौ. में जप्तशुदा ज्ञात वाहनों का निराकरण माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार किया जाता है तथा जो अज्ञात (लावारिस) वाहन धारा 25 पुलिस एक्ट के तहत जप्त किये जाते है, संबंधित एस.डी.एम. कोर्ट के निर्देशानुसार नीलामी की कार्यवाही की जाती है।
कर्मचारियों का नियमितीकरण
[जनजातीय कार्य]
31. ( क्र. 2671 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिलें में विभाग में दैनिक वेतन तथा मस्टर पर कौन-कौन कर्मचारी कब से कार्यरत हैं तथा उनका नियमितीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या माह नवम्बर 2020- 21 में विभाग के कर्मचारियों द्वारा जिला मुख्यालय रायसेन में धरना दिया गया था? जिला संयोजक के लिखित आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ था? यदि हाँ, तो संयोजक के पत्र की प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन क्यों नहीं दिया जाता है तथा उनको प्रतिमाह वेतन मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा उनको कब तक नियमित किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) दैनिक वेतन भोगी एवं स्थाईकर्मियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। मस्टर पर कोई भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। नियमानुसार नियमितीकरण की कार्यवाही प्रकियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) हाँ। पत्र की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) वेतन, प्रतिमाह दिया जाता है। बजट व्यवस्था अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जिला अंतर्गत रिक्त पदों के विरूद्ध नियमितीकरण हेतु कार्यरत स्थाईकर्मियों की सूची सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार संभागीय आयुक्त (राजस्व) संभाग भोपाल को भेजी गई है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
पात्र महिला-पुरूषों को पेंशन का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
32. ( क्र. 2703 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक वृद्धा पेंशन, निराश्रित पेंशन व विकलांगता पेंशन के कुल कितने पात्र महिला-पुरूष हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने पात्र महिला-पुरूषों को वृद्धा पेंशन, निराश्रित पेंशन व विकलांगता पेंशन मिल रही है? कितने पात्र महिला-पुरूषों को उक्त पेंशन नहीं मिल रही है? न मिलने का क्या कारण है? पात्रता रखने वाले महिला-पुरूषों को उपरोक्त पेंशन का लाभ कब तक प्रदान किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार पेंशन के पात्र महिला-पुरूषों को पेंशन का लाभ न मिलने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही हुई? कार्यवाही न होने का क्या कारण रहा? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही कब तक प्रस्तावित की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) कटनी जिले की जनपद पंचायत बडवारा अंतर्गत निम्नानुसार पात्र हितग्राहियों को पेंशन का लाभ प्रदान किया जाता है। (1) - वृद्धावस्था पेंशन-पुरूष–3430 महिला–2639 (2) -निराश्रित पेंशन -पुरूष- 830 महिला–3317 (3) - विकलांग पेंशन- पुरूष-427 महिला-175 (ख) जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार। सभी पात्र हितग्राहियों को पेंशन का लाभ प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवार से पद की पूर्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
33. ( क्र. 2735 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में सह-प्राध्यापक के 3 पद स्वीकृत हैं जिसमें दिनांक 01.01.2018 की स्थिति में 2 पद सामान्य श्रेणी व 1 पद अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित था? क्या उक्त एक पद अनुसूचित जनजाति का आरक्षित पद को अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवार से भरा गया है? यदि हाँ, तो क्या यह आरक्षण नियमों के विपरीत है? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में कार्यवाही की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि आरक्षण नियमों का उल्लंघन किया गया तो क्या इसमें सुधार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यथास्थिति स्पष्ट करें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हां, जी हाँ। जी नहीं, वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018 के प्रभावशील होने से उक्त नियमों में उल्लेखित प्रावधानांतर्गत रोस्टर संधारित कर भर्ती की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उत्तर असत्य दिये जाने के संबंध में
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
34. ( क्र. 2773 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ताओं के पत्र दिनांक 3.11.2021 को मान. मुख्यमंत्री/मुख्य सचिव एवं विभागीय मंत्री/अपर मुख्य सचिव/संचालक/सी.एम.एच.ओ., गैस राहत, भोपाल को स्पीड पोस्ट सेवा, भारत सरकार के माध्यम से भेजकर फरवरी-मार्च, 2021 में अता. प्रश्न क्रमांक 6433 एवं अगस्त 2021 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 766 का उत्तर सक्षम अधिकारी/सी.एम.एच.ओ. गैस राहत द्वारा सही दिये जाने के बावजूद वरिष्ठ कार्यालय द्वारा विपरीत/असत्य देने वाले दोषियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही का अनुरोध किया गया है? (ख) क्या उपरोक्त प्रश्नों के विपरीत/ असत्य उत्तर देकर सदन में आश्वासन की स्थिति निर्मित कर दिये जाने पर निर्देशानुसार की जा रही जांच में संचालक, गैस राहत द्वारा चाहे गये अभिमत पर सक्षम अधिकारी/सी.एम.एच.ओ. गैस राहत भोपाल द्वारा उनके पत्र क्रमांक 11653 दिनांक 25.10.21 के द्वारा संचालक एवं शासन को विभागीय आदेशानुसार कोई भी पद डाईंग केडर का घोषित नहीं किये जाने का उल्लेख करते हुए को वास्तविक स्थिति से तथ्यों सहित अवगत कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायत व पत्र पर किन-किन के द्वारा निर्देश दिये गये? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या प्रभावी कार्यवाही किस-किस के द्वारा की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जानबूझकर दोषियों को बचाया जा रहा है? (घ) क्या शासन/विभाग प्राप्त शिकायत एवं पत्र के बिन्दुओं की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए उस पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करते हुए विधानसभा प्रश्नों का सही उत्तर देने के साथ-साथ विपरीत/असत्य उत्तर देकर सदन की अवमानना करते हुए आश्वासन की स्थिति निर्मित कर दिये जाने वाले दोषियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हां। प्राप्त शिकायत पर जांच की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार (घ) उत्तरांश (क) से (ग) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यापम घोटाले से संबंधित प्रकरणों में अनियमित तरीके से खात्मा लगाना
[गृह]
35. ( क्र. 2849 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले से संबंधित प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द करने के बाद कितने प्रकरण एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज किए गए एवं कितनों में खात्मा लगाया गया? (ख) एस.टी.एफ. द्वारा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर दर्ज किए गए कितने प्रकरणों पर खात्मा लगवाया गया? जबकि वह संबंधित तहसीलदारों की रिपोर्ट पर दर्ज किए गए थे। ऐसे में इन प्रकरणों पर किस आधार पर खात्मे की कार्यवाही की गई? (ग) परिवहन आरक्षण भर्ती में क्या सरकार द्वारा पूर्व में भी महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को पुरूष अभ्यार्थियों द्वारा भरा गया है? यदि हाँ, तो कब? (घ) व्यापम घोटाले से जुड़ा प्रकरण इंदौर में पंजीबद्ध किया गया था? प्रकरण की जानकारी जिस कम्प्यूटर में थी, वह कम्प्यूटर तत्कालीन आई.जी. के मार्गदर्शन में की जा रही विवेचना को अधिकारियों द्वारा गायब कर दिया गया। क्या इस प्रकरण में सरकार द्वारा इन्हें प्रमुख आरोपी बनाया गया है? (ड.) क्या व्यापम घोटाले में पी.एम.टी.-2012 तथा पी.एम.टी.-2013 की परीक्षा में व्यापम द्वारा जांच में पाए गए रोल नम्बर सेटिंग्स पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए? यदि हाँ, तो पी.एम.टी.-2007 से 2011 तक रोल नम्बर सेटिंग्स पर प्रकरण क्यों नहीं किए गए?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन क्षेत्र में निवास करने वाले जनजाति समाज को रोजगार देना
[जनजातीय कार्य]
36. ( क्र. 2863 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 अंतर्गत बरघाट विधानसभा क्षेत्र में कितने लोगों के भूमि पट्टा हेतु आवेदन प्राप्त हुए और कितनों के निरस्त किए गए निरस्ती का क्या कारण था? (ख) बरघाट विधानसभा अंतर्गत खुरई विकासखंड में एक नेशनल पार्क स्थित है जिससे शासन को काफी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है लेकिन वहां के मूल निवासी जनजाति को इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है जिसके कारण रोजगार के लिए अन्य क्षेत्रों में लोगों को पलायन करना पड़ता है जबकि शासन की नीति अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान किये जाने हेतु क्या प्लान है? (ग) पेंच नेशनल पार्क अंतर्गत कितने रिसोर्ट बने हैं उनकी संख्या एवं मालिक का नाम एवं निवास स्थान सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) 20 नेशनल पार्क बफर एवं कोर दोनों क्षेत्रों में वर्तमान में कितनी सफारी-जिप्सी कब से रजिस्टर्ड है इनके मालिक का नाम एवं निवास स्थान सहित जानकारी दें, साथ ही रिसोर्ट के साथ पेंच पार्क एवं बफर में क्षेत्र की आबादी के अनुपात में जनजाति वर्ग के कितने व्यक्तियों द्वारा सफारी जिप्सी का संचालन किया जा रहा है मालिक का नाम एवं पता सहित संपूर्ण जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) शासन की नीति एवं स्थानीय सलाहकार समिति, पेंच टाईगर रिजर्व के निर्णय अनुसार लॉज/रिसोर्ट में स्थानीय लोगों को 80 प्रतिशत रोजगार प्रदान किये जाने का प्रावधान है। बैठक दिनांक 07.01.2022 में यह भी निर्णय लिया गया है कि तब तक केवल अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के स्थानीय लोगों के वाहनों का पंजीयन किया जावेगा जब तक कि उस क्षेत्र में सामाजिक जनसंख्या के अनुपात अनुसार इस वर्ग के वाहनों की संख्या बराबर न हो जावे। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के स्थानीय लोगों को पर्यटन गाईड के रूप में भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है
विभाग के निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
37. ( क्र. 2880 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कुल कितनी राशि निर्माण विकास कार्य हेतु उपलब्ध करायी गयी है? विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त प्राप्त राशि में से कितने कार्य किन-किन प्रतिनिधियों एवं अन्य के प्रस्ताव अनुसार स्वीकृत किये गये हैं? उनके नाम व पद पता सहित जानकारी दी जावे? विज्ञप्ति प्रकाशन दिनांक व स्वीकृत ऐजेंसी का नाम पता व निविदा दर आदि सहित विवरण देवें? (ग) उपरोक्त प्राप्त राशि में से कहां-कहां और क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये की जानकारी मांग संख्या, लेखा शीर्ष, उपशीर्ष आदि सहित की जानकारी देते हुए यह भी स्पष्ट करें कि स्वीकृत कार्य कितने पूर्ण हो चुके हैं और कितने अधूरे हैं? अधूरे कार्यों में विलम्ब के क्या कारण हैं उन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम 2018 अनुसार कार्य स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। कार्यों की एजेंसी ग्राम पंचायत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। कार्य प्रगतिरत हैं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अनियमिततायें
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
38. ( क्र. 2993 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण लंबित है और कितने स्वीकृत हुये? कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता दी गई? (ख) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई उसका विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) डिण्डोरी जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत प्रदेश में कोविड-19 के कारण जिले में कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं होने के कारण कोई भी आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पचौर में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण
[विधि एवं विधायी कार्य]
39. ( क्र. 3009 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की पचौर तहसील में न्यायालय स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को स्वीकृति प्रदान की गयी है एवं कहां संचालित हैं? (ख) क्या न्यायालय भवन निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उसका सर्वे नंबर तथा कितना रकवा चयनित किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जावेगा? (ग) न्यायालय भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है? उक्त राशि का भवन निर्माण में कब तक उपयोग कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा न्यायालय भवन निर्माण हेतु राशि की मांग की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक सेवा केन्द्रों की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
40. ( क्र. 3010 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजगढ़
जिले में 1 अप्रैल 2019 से
प्रश्नांकित
दिनांक तक
कितने लोक
सेवा केन्द्र
संचालित हो
रहे हैं? लोक सेवा
केन्द्र
संचालन के
क्या
नियम/निर्देश
हैं? राजगढ़
जिले में लोक
सेवा केन्द्र
किसके द्वारा
संचालित किये
जा रहे हैं
एवं उनकी अवधि
कितने वर्षों
के लिए होती
है? संचालक
का नाम एवं
केन्द्रवार
संचालन अवधि की
जानकारी से
अवगत करावें। (ख)
प्रश्नांकित
अवधि में
कितने आवेदन
प्राप्त हुए
एवं कितने
आवेदन का
निराकरण किया
गया एवं कितने
निराकरण हेतु
शेष है? लोक
सेवा
केन्द्रवार
जानकारी से
अवगत करावें। (ग)
प्रकरण के
निराकरण में
निर्धारित
अवधि से विलंब
से निराकरण
होने के लिए
कौन व्यक्ति
जिम्मेदार है? संचालनकर्ता
या संबंधित
विभाग के
अधिकारी?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) राजगढ़
जिले में 01
अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित
दिनांक तक कुल
09 लोक
सेवा केन्द्र
संचालित हो
रहे हैं। लोक
सेवा केन्द्र
संचालन के
नियम/निर्देश
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है।
लोक सेवा
केन्द्र
संचालन की
सामान्य
अवधि कुल 03
वर्षों के लिए
होती है।
संचालक का नाम
एवं केन्द्रवार
संचालन अवधि
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है।
(ग) प्रकरण के
निराकरण में
निर्धारित
अवधि से विलंब
से निराकरण
होने पर सेवा
अनुसार
संबंधित विभाग
के पदाभिहित
अधिकारी जिम्मेदार
होते हैं।
व्यापम घोटाले के आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
41. ( क्र. 3017 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले के संबंध में शासन को किस-किस के द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में शिकायतें प्राप्त हुई और किस-किस जांच एजेंसी से जांच की जाकर किन-किन के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से मामले किन-किन के विरूद्ध विचाराधीन/प्रचलन में हैं तथा यह भी अवगत करावें कि किन-किन के मामले किन-किन कारणों से बंद कर दिए गए? (ग) क्या व्यापम घोटाले के कुछ ऐसे मामले भी जिनके संबंध में शिकायतें प्राप्त होने के बावजूद जांच नहीं कराई गई है? यदि नहीं, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करायेंगे और यदि हाँ, तो किन कारणों से जांच नहीं कराई गई? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कलेक्टर इंदौर द्वारा सहकारी गृह निर्माण संस्था पर कार्यवाही
[सहकारिता]
42. ( क्र. 3028 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24.01.2022 को कलेक्टर इंदौर को हेमंत सोनवणें निवासी इंदौर द्वारा दिए पत्र जिसमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण संस्था अहिरखेड़ी, इंदौर पर कार्यवाही का निवेदन है पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) सहकारिता विभाग के प्रश्न क्र. 4910 दिनांक 22.03.2021 के (ख) उत्तर में यह स्पष्ट उल्लेख है कि संस्था प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक किसी भी सदस्य को प्लाट आवंटन या विक्रय नहीं हुआ तो फिर किस आधार पर इस भूमि पर संस्था द्वारा सैकड़ों प्लाट किसे विक्रय कर दिए गए? उप आयुक्त सहकारिता इंदौर जांच के नाम पर इसके दोषियों को लंबे समय से संरक्षण दे रहे हैं? क्या कलेक्टर इंदौर इस संस्था की जांच करवाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कब तक इस संस्था के अभी तक हुए प्लाट विक्रय की जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दी जाएगी? प्रश्नांश (ख) अनुसार उल्लेखित प्रश्नांश (ग) उत्तर में यह भी दर्शाया है कि संस्था का अभिन्यास अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है जिससे शेष प्लाटों की जानकारी निरंक है? कब तक इस संस्था के क्रय विक्रय पर रोक लगाई जाएगी? शेष प्लाटों की जानकारी भी देवें। (घ) कब तक संस्था के पदाधिकारियों पर इस संबंध में एफ.आई.आर. कराई जाएगी? क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की जीरो टालरेंस नीति यहां लागू नहीं होगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) कलेक्टर जिला इंदौर को संबोधित श्री हेमंत सोनवणें का पत्र (दिनांक 24.01.2022) में नेताजी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर पर कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है। उक्त संस्था की जांच म.प्र.सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत कराई गई है। (ख) प्रश्न क्रमांक 4910 दिनांक 22.03.2021 के उत्तर (ख) में किसी भी सदस्य को प्लाट विक्रय नहीं किया जाना उल्लेखित किया है। उक्त संस्था की म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत कराई गई जांच में भी संस्था द्वारा किसी भी सदस्य को ग्राम अहिरखेडी की भूमि पर भूखण्ड का विक्रय/पंजीयन नहीं कराया जाना प्रतिवेदित किया गया हैं। प्रश्न के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग राउ जिला इंदौर के पत्र क्रमांक/1446/री-राउ/2022 इंदौर दिनांक 09.03.2022 द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार कार्यालय कलेक्टर के पत्र दिनांक 22.02.2022 से संस्था के संबंध में जांच कर कार्यवाही उपायुक्त सहकारिता जिला इंदौर को लिखा गया है। संस्था की धारा 59 के अंतर्गत जांच प्रतिवेदन जांच दल द्वारा प्रस्तुत किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में संस्था की जांच में संस्था द्वारा सदस्यों को कोई प्लाटों का विक्रय नहीं किया जाना प्रतिवेदित किया गया है। अतः संस्था के द्वारा प्लाट विक्रय की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। चूंकि संस्था द्वारा प्लाटों का विक्रय नहीं किया जा रहा है। अतः रोक लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संस्था की भूमि का अभिन्यास संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्वीकृत नहीं होने से शेष प्लाटों की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) संस्था के संबंध में म.प्र.सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत जांच कराई गई है। जांच प्रतिवेदन पर म.प्र.सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 61 के वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत संस्था से तामीली प्रतिवेदन प्राप्त करने की कार्यवाही उपायुक्त, सहकारिता जिला इंदौर द्वारा की जा रही है। तामीली प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
कर्मचारियों की ग्रेच्युटी/अवकाश नगदीकरण
[सहकारिता]
43. ( क्र. 3039 ) श्री
पी.सी. शर्मा : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
राज्य तिलहन
संघ के
संविलियन पश्चात्
कार्यरत व
सेवानिवृत्त
सेवायुक्तों
को ग्रेच्युटी
व अवकाश
नगदीकरण की राशि
के भुगतान में
भ्रष्टाचार
की शिकायत
लोकायुक्त व
अन्य
विभागों से
प्राप्त हुई
है? जांच
कार्यवाही
में बैंक
खातों, मोबाईल
व गूगल पे
द्वारा रिश्वत
प्राप्त
करने की
शिकायत है
जांच की
अद्यतन
स्थिति/की गई
कार्यवाही
बतायें? (ख)
क्या तिलहन
संघ
संयंत्रों, प्लांटो
व अन्य से
सेवानिवृत्त
लगभग दो दर्जन
सेवायुक्तों
को 2-3 वर्ष
पश्चात भी
सेवानिवृत्ति
उपादानों से
वंचित रखा है
ऐसे वास्तव
में कितने लोग
है? नाम, पद, सेवानिवृत्ति
वर्ष,
भुगतान
योग्य राशि, न देने
का कारण
बतायें? (ग) क्या
तिलहन संघ से
संविलियत सेवायुक्तों
को
पुनरीक्षित
वेतनमान
पात्रता
संबंध में
सामान्य
प्रशासन
विभाग के आदेश
क्रमांक 407/426/2019/1/3
दिनांक 29.03.2019 द्वारा
सहकारिता
विभाग को नोडल
विभाग नियुक्त
किया है? यदि हाँ, तो क्या
कार्यवाही आज
तक की गई है? कब तक
इस संबंध में
स्पष्ट
आदेश जारी कर
भ्रम/विसंगति
का निराकरण
करेंगे?
यदि नहीं, तो क्यों
नहीं?
(घ)
प्रश्नांश
(ग) अंतर्गत
वाणिज्यिक कर
विभाग के
कितने प्रकरण/पत्र
कब-कब मिले
हैं? इस पर
क्या
कार्यवाही
हुई? विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 753 उत्तर
दिनांक 21.12.2021 अनुसार इन
सेवायुक्तों
को पांचवा
वेतनमान लाभ
की पात्रता
नहीं है? संविलियन
नीति,
वित्त/सामान्य
प्रशासन
विभागों
द्वारा
परिपत्र/आदेशों
अनुसार स्पष्ट
करें कि, पात्रता है
अथवा नहीं?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[सहकारिता]
44. ( क्र. 3065 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में सेवा सहकारी संस्था तथा आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था कहाँ-कहाँ संचालित है उनमें समिति सेवक के पद पर कौन-कौन कार्यरत हैं तथा उनका मूल पद क्या है? (ख) जिला रायसेन में समिति सेवक के कितने पद कब से एवं क्यों रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) जिला रायसेन में समिति सेवकों द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दूकान के सेल्समेनों को कम वेतन क्यों दिया जा रहा है कारण बताएं? (घ) शासन द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दूकान के संचालन हेतु कितनी राशि दी जाती है? समिति सेवकों द्वारा उक्त राशि का विगत दो वर्षों में क्या-क्या उपयोग किया गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 104 पद दिनांक 31.03.2021 से रिक्त हैं। रिक्त पदों पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के सहायक समिति प्रबंधकों से संवर्ग में भर्ती किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) निर्धारित नियमों एवं मापदण्डों के अनुसार ही वेतन दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रू. 8400/-. सेल्समेन का वेतन, स्टेशनरी, दुकान भवन किराया भुगतान, गोदाम किराया भुगतान एवं कांटा, बांट एवं सील आदि के मरम्मत पर व्यय हेतु।
जिला रायसेन में मेडीकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
45. ( क्र. 3066 ) श्री रामपाल सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में प्रदेश में कुल कितने शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हैं तथा उनमें कितनी-कितनी सीटें किस-किस श्रेणी की हैं? (ख) जिला चिकित्सालयों को मेडीकल कॉलेज में अपग्रेड करने के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? (ग) जिला रायसेन में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने हेतु जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों द्वारा निरंतर मांग की जा रही है? जिला रायसेन में चिकित्सा महाविद्यालय कब तक प्रारंभ होगा? (घ) दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को जिला रायसेन में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के संबंध में किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा समय-समय पर लोकहित में नीतिगत निर्णय लिये जाते है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। शेष प्रश्न उत्तरांश ''ग'' अनुसार।
पुरानी बंदूकों/हथियारों को डिस्प्ले में परिवर्तित किए जाना
[गृह]
46. ( क्र. 3116 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विभिन्न लोगों के पास पुरानी बंदूकें/भरमार/हथियार हैं? जो अब चलाने योग्य नहीं हैं? क्या उन्हें जिला प्रशासन/रक्षित निरीक्षक से अनुमति लेकर डिस्प्ले श्रेणी में रखा गया है? इन्दौर संभाग में कितने लोगों को अनुमति जारी की गई है? (ख) प्रदेश में पुरानी भरमार बंदूकें जो अब चल नहीं सकती हैं को डिस्प्ले श्रेणी में परिवर्तित करने के क्या नियम हैं? विस्तार से बतावें कि इसके लिए किस अधिकारी को आवेदन करना होता है? इसकी अनुमति किसके द्वारा प्रदान की जाती हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घायल व्यक्ति की मृत्यु होने पर एफ.आई.आर. दर्ज किया जाना
[गृह]
47. ( क्र. 3130 ) डॉ.
सतीश सिकरवार
: क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) क्या
दिनांक 03.02.2022 को रात्रि
ठेडला मोड़
थाना गोवर्धन
जिला श्योपुर
में धर्म सिंह
सिकरवार
पुत्र हरी
सिंह उम्र 48 वर्ष
निवासी ग्राम
टुडीला थाना
जौरा मुरैना दुर्घटना
में घायल को
पुलिस 100
वाहन ने मध्य
रात्रि में
उठाकर
गोवर्धन
अस्पताल में छोड़ा
था? (ख) क्या
उक्त व्यक्ति
की एफ.आई.आर.
थाना गोवर्धन में
क्यों नहीं की
गई? इस
उदासीनता का
कौन
अधिकारी-कर्मचारी
जिम्मेदार है, पूर्ण
जानकारी दी
जावें। (ग) क्या
उक्त घायल
व्यक्ति को मुरैना
पहुंचाया गया? जहाँ
से रिफर कर, ग्वालियर
के जयारोग्य
अस्पताल के
ट्रामा सेन्टर
में भर्ती हुआ? दिनांक
5.2.2022 को
इलाज के दौरान
मौत हो गई, जानकारी
दी जावें? (घ) पुलिस
गोवर्धन जिला
श्योपुर की 'निग्लीजेन्स' से
गरीब,
अनपढ़
घायल की
मृत्यु के बाद
भी, एफ.आई.आर.
नहीं हुई क्या
पुलिस
एफ.आई.आर.
करेगी?
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) थाना
बैराड़ के डायल
100 वाहन
को दिनांक 03.02.2022 को
प्रातः यह
सूचना
प्राप्त हुई
कि उमरी में मेन
रोड पर एक
व्यक्ति मोटर
सायकिल
फिसलकर गिरने
से घायल है, 108 की
आवश्यकता है।
घायल व्यक्ति
धर्मसिंह
पुत्र
हरिसिंह
सिकरवार को 108
एम्बुलेंस से
बैराड़
अस्पताल
रवाना किया
गया जो कि
दिनांक 03.02.2022 के प्रातः
अस्पताल
बैराड़ पहुंचा
था। (ख) घायल
व्यक्ति
धर्मसिंह
पुत्र श्री
हरिसिंह सिकरवार
ने मोड पर
स्वयं की मोटर
साईकल फिसलकर
गिर जाने से
घायल होना डायल-100 स्टाफ
को बताया था।
घायल द्वारा
कोई पुलिस कार्यवाही
नहीं करवाने
की बात बताने
के कारण एफआईआर
दर्ज नहीं की
गई, अतः
उदासीनता का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) सी.एच.सी.
अस्पताल
बैराड़ के
चिकित्सक से
प्राप्त
जानकारी के
अनुसार
प्राथमिक
उपचार के पश्चात
घायल
धर्मसिंह
सिकरवार को
उनके परिजन व
अटेंडर उनके
वाहन से ईलाज
हेतु अस्पताल
से ले गये थे।
ग्वालियर के
जे.ए.एच.
अस्पताल के
ओ.पी.डी. रजिस्टर
के अनुसार
घायल
धर्मसिंह को
जयारोग्य अस्पताल
ग्वालियर में
भर्ती कराया
था जहाँ दौराने
ईलाज दिनांक 05.02.2022 को
उनकी मृत्यु
हो गई। (घ) जे.ए.एच.
अस्पताल
ग्वालियर के
ओ.पी.डी.
रजिस्टर में
मृतक
धर्मसिंह के
भाई द्वारा
लिखा है कि, स्वयं
की गलती से
चोट आई है, पुलिस
कार्यवाही
नहीं कराना है
तथा परिजन पीएम
नहीं कराना
चाहते। मृतक
धर्मसिंह
सिकरवार को
श्वांस की
बीमारी होने
से दवा लेने
जाना तथा
स्वयं की मोटर
सायकिल से
वापस लौटते समय
फिसलकर स्वयं
गिरने के पश्चात
पुलिस
कार्यवाही
नहीं चाहने
तथा उसके उपरांत
उसके परिजनों
द्वारा स्वयं
जे.ए.एच. ग्वालियर
में ईलाज
कराये जाने
तथा ईलाज के
दौरान उसकी
मृत्यु होने
से, पीएम
कराने एवं
पुलिस
कार्यवाही
करने से
इन्कार करने
से, मर्ग
कायमी ना हो
सकने से
प्रकरण
पंजीबद्ध नहीं
हो सका है।
उक्तानुसार
घटनाक्रम में
नेग्लीजेंस
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
छात्र-छात्राओं की संख्या एवं छात्रवृत्ति की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
48. ( क्र. 3136 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर चम्बल संभाग के कितने प्री-मैट्रिक छात्रावास, आश्रम, शालाओं, पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के वर्तमान में कितने छात्र-छात्राओं की संख्या है? प्रत्येक छात्रावासों की संख्या, कक्षा सहित जानकारी वर्ष 2020, वर्ष 2021, फरवरी 2022 की स्थिति में दी जावें (ख) उक्त समयावधि में चिकित्सा, इन्जीनियरिंग, वित्त, साइन्स तथा आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, स्नातकोत्तर के कितने छात्रों को छात्रावास एवं गैर छात्रावासों को छात्रवृत्ति दी गई हैं? (ग) शासन चिकित्सा, इन्जीनियरिंग, आयुर्वेदिक के छात्रों को छात्रवृत्ति में बढोत्तरी करने की कोई योजना है? शासन इसमें कब तक बढोत्तरी करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '2' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास एवं विभागीय जानकारी
[जनजातीय कार्य]
49. ( क्र. 3173 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मन्दसौर जिले में आदिम जाति विभाग अंतर्गत कुल कितने बालक-बालिका छात्रावास हैं? वर्ष 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक छात्रावास में बालक-बालिका की कुल कितनी संख्या रही है? उसमें से छात्रावास में उपस्थिति कितनी थी? (ख) छात्रावास में कौन-कौन सी सुविधाएं प्रतिदिन के मान से छात्र-छात्राओं को दी जाती हैं? क्या विभाग द्वारा सम्पूर्ण सुविधाएं छात्र-छात्राओं को दी जा रही हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से छात्रावास कौन-कौन सी सुविधाओं से वंचित हैं? सूचीवार जानकारी दें? (ग) मन्दसौर जिले के समस्त छात्रावासों में शासन द्वारा कितना बजट, दिनांक 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक तक पृथक-पृथक रुप से प्राप्त हुआ है? जानकारी छात्रावास अनुसार आय एवं व्यय व खर्च किन-किन मदों में हुआ है? विस्तृत जानकारी दिनांक एवं प्रयोजनवार उपलब्ध करावें? (घ) आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत मन्दसौर जिले में कुल कितने पद हैं? कितने रिक्त हैं? किन-किन पदों पर पदस्थापना है व वर्तमान में कहां-कहां कार्यरत हैं? पदों की स्थिति क्या है? नाम, पद सहित समस्त छात्रावासों की जानकारी उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभाग द्वारा 01 सीनियर बालक छात्रावास एवं 01 कन्या आश्रम शाला कुल 02 छात्रावास/आश्रम संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ'अनुसार है। (ख) छात्रावासों में निवासरत छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन प्रात: चाय, नाश्ता, दोपहर भोजन, सायंकाल स्नेक्स व रात्रिकालीन भोजन मीनू अनुसार दिया जा रहा है। छात्रावास/आश्रमों में सम्पूर्ण सुविधाएं छात्र-छात्राओं को दी जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब'अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'स'अनुसार है।
मन्दसौर-नीमच जिले की पंजीकृत गौशाला के अनुदान की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
50. ( क्र. 3179 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंजीकृत गौशालाओं को शासन द्वारा अनुदान देने का कोई प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक मन्दसौर व नीमच जिले में कितना-कितना अनुदान, गौशालाओं को दिया गया है? गौशालावार राशि की जानकारी उपलब्ध करवायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी कितनी गौशालाएं हैं जो अनुदान पाने से वंचित हैं व वंचित कितनी अनुदान राशि है? वंचित गौशालाओं को अनुदान किस कारणवश नहीं दिया गया है? इन गौशालाओं की कितनी राशि व सामग्री देना शेष है? विस्तृत जानकारी गौशालावार उपलब्ध करवायें? (ग) मन्दसौर व नीमच जिले की वंचित गौशालाओं को अनुदान देने की आगामी क्या योजना है? शासन द्वारा कब तक गौशालाओं को अनुदान प्राप्त होगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) मन्दसौर व नीमच जिले में कोई गौशाल अनुदान पाने से वंचित नहीं है। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिसकर्मियों की अपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता
[गृह]
51. ( क्र. 3182 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जनवरी,2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अफीम, डोडा चूरा तस्करी एवं हनी ट्रेप जैसे मामलों में किन-किन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध उनकी संलिप्तता और झूठे प्रकरण बनाये जाने की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई है? नाम एवं पदवार जिलेवार जानकारी विस्तृत विवरण सहित उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये पुलिसकर्मियों में से नीमच जिले के कौन-कौन पुलिसकर्मी दोषी पाये गये हैं तथा किन-किन के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं और किन-किन के विरुद्ध नियमित विभागीय जांच संस्थित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में ऐसे कौन-कौन पुलिसकर्मी हैं, जिनके विरुद्ध अफीम, डोडा चूरा तस्करी एवं हनी ट्रेप जैसे मामलों में संलिप्तता पाये जाने के बावजूद भी उनके विरुद्ध न तो अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं और न ही नियमित विभागीय जांच संस्थित की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में लंबित प्रकरणों में कब तक शासन दोषी पाये गये पुलिसकर्मियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए नियमित विभागीय जांच के आदेश जारी कर सकेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उज्जैन संभाग में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अफीम, डोडा चूरा तस्करी एवं हनी ट्रेप जैसे मामलों में जिला रतलाम में 10, जिला मंदसौर में 25, जिला नीमच में 31 पुलिसकर्मियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) नीमच जिले के आर. महेन्द्र झाला व आर अनवर खान तथा दो अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 483/20 दिनांक 28.12.2020 धारा 365, 327, 384, 323, 342, 341, 34 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं आदेश क्रमांक पुअ/नीमच/स्टेनो/02/21 दिनांक 03.01.2021 द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के पैरा (ख) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर सेवा से पदच्युत किया गया है। 2-उनि कमलेश गौड, आर. सतीश कुशवाह आर. चंदन सिंह, आर. कमलसिंह एवं आर. आनंदपाल सिंह के विरूद्ध विभागीय जांच क्रमांक 01/21 संस्थित की गई जो प्रमाणित पाए जाने से उपरोक्त पुलिसकर्मियों को सेवा से पदच्युत किया गया है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संबंध में जानकारी निरंक है। (घ) कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है।
कृषकों की समस्या का निराकरण
[सहकारिता]
52. ( क्र. 3218 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सेवा सहकारी समिति हथियागढ़ में कौन-कौन से ग्रामों के कितने-कितने किसान सदस्य है, ग्रामवार सदस्यों की संख्या सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भखरवारा ग्राम सेवा सहकारी हथियागढ से कितनी दूरी पर स्थित तथा इस ग्राम की सेवा सहकारी समिति कुआं से कितनी दूरी है। (ग) क्या शासन ग्राम भखरवारा के कृषकों को सेवा सहकारी समिति हथियागढ आने जाने एवं खाद,बीज लाने तथा अपनी कृषि उपज बेचने में होने वाली परेशानियों के निराकरण हेतु इस ग्राम के कृषकों को उनके ग्राम की निकटवर्ती सेवा सहकारी समिति कुआं में सम्मिलित करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक,यदि नहीं तो, क्यों नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता के द्वारा ग्राम मेहनियां (राम) को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. बहोरीबंद में जोड़ने हेतु प्रेषित पत्र पर सहायक आयुक्त सहकारिता कटनी द्वारा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारिता संस्थाएं भोपाल को दिनांक 27/08/2021 को प्रेषित पत्र पर कब क्या कार्यवाही की गई एवं ग्राम मोहनियां (राम) के कृषकों को किस प्रकार से कब तक बहोरीबंद सोसायटी से संबद्ध कर दिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारियों का नियमितीकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
53. ( क्र. 3363 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती की गई थी? यदि हाँ, तो कुल कितनी नियुक्तियां की गई? (सूची वांछनीय) (ख) उपरोक्त लोकसेवकों की परिवीक्षा अवधि क्या थी एवं परिवीक्षा अवधि की पूर्णता हेतु भर्ती के समय क्या मापदंड निर्धारित थे? (ग) क्या उपरोक्त परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने पर वर्ष 2018 में भर्ती किये गये सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारियों का नियमितीकरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2018 में समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी के पदों पर कुल 281 नियुक्तियां की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) नियुक्ति आदेश की शर्त अनुसार अनिवार्य रूप से दो वर्ष के भीतर विभागीय परीक्षा उर्त्तीण तथा प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत नियमानुसार परिवीक्षा अवधि समाप्त करने का प्रावधान का मापदण्ड निर्धारित था। (ग) जी नहीं। नियुक्ति आदेश की शर्त पूर्ण करने के उपरांत नियमानुसार परिवीक्षा अवधि समाप्त की जावेगी।
पशु रोगी कल्याण समिति का गठन
[पशुपालन एवं डेयरी]
54. ( क्र. 3369 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अन्तर्गत पशु रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो समिति के गठन का उद्देश्य/नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश 'क' के क्रम में समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों की जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त समिति की बैठक कितने-कितने अन्तराल से करने का नियम है एवं जिला विदिशा में उक्त बैठकें कब-कब आयोजित की गई? कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। (ग) समिति के गठन से लेकर प्रश्न दिनांक तक उक्त समिति के खाते में कितनी-कितनी राशि जमा की गई? कितनी-कितनी राशि किस कार्य पर व्यय की गई? वर्षवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। समिति की साधारण सभा की बैठक वर्ष में 01 बार तथा शासी निकाय की बैठक 02 माह के अंतराल से करने के नियम है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' एवं ''फ'' अनुसार है।
सहकारी समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
55. ( क्र. 3370 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का संचालन किया जा रहा है? उक्त समितियों के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों एवं कृषकों की संख्या समितिवार बतावें। (ख) कृषकों की संख्या को देखते हुये सहकारी समितियों की संख्या का विस्तार करने की शासन की कार्य योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में विधानसभा क्षेत्र शमशाबाद अंतर्गत कितनी सहकारी समितियां खोले जाने के लिये प्रस्तावित हैं? सूची उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 154। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन के निर्धारित मापदण्ड के अन्तर्गत कोई प्रस्ताव प्राप्त होता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित न करने वालों पर कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
56. ( क्र. 3387 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशुपालन विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है तो उनकी जानकारी देवें। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक में शहडोल व रीवा जिले को कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन से प्रदान की गई, का विवरण वर्षवार जिलावार, जनपदवार देते हुये बतावें कि प्राप्त राशि अनुसार व्यय की स्थिति योजनावार क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में से बैंक, सार्ड कुक्कुट विकास योजना एवं रिस्क मैनेजमेन्ट पशुधन योजना के लाभ से कितने हितग्राहियों/कृषकों को लाभान्वित किया गया, का विवरण वर्षवार, जनपदवार, प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को नहीं दिया गया, शासन द्वारा प्राप्त राशि का व्यय भी नहीं हुआ, पात्र योजना के लाभ से वंचित हुये, इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) विभाग में संचालित योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को ही दिया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवेदन पत्रों का समय पर निराकरण न करने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[विधि एवं विधायी कार्य]
57. ( क्र. 3388 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में जिला शहडोल व रीवा में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनें विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया गया? इन शिविरों में कितने हितग्राहियों को किन-किन विभाग के किन-किन योजनाओं के लाभ से लाभान्वित किया गया, का विवरण शिविरवार, जिलावार, वर्षवार, विभागवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की आयोजित शिविरों के शिविर स्थल पर कितने आवेदन किन-किन विभाग से संबंधित प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों का विवरण नाम व पते सहित देते हुये बतावें कि संबंधित आवेदन किन-किन विभागों के थे इन आवेदन पत्रों पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही कर निराकरण किया गया एवं कितने आवेदन प्रश्नांश दिनांक तक लंबित हैं? इस पर क्या कार्यवाही किन-किन पर करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आयोजित शिविरों में शिविर स्थल में प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण बाबत् अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ एवं हुजूर को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रीवा द्वारा दिनांक 20.01.2022 को पत्र क्रमांक 1008 द्वारा आवेदन पत्रों की संख्या एवं निराकृत आवेदनों की संख्या की जानकारी चाही गई थी। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ हुजूर द्वारा संबंधितों को कार्यवाही बाबत् निर्देश दिये गये थे लेकिन आज भी कार्यवाही कर आवेदन पत्रों का निराकरण क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आयोजित शिविरों में प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार शिविर स्थल पर प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण लंबी अवधि बीतने के बाद भी नहीं किया गया, इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोवारी जाति को पिछड़ा वर्ग सूची से विलोपित करना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
58. ( क्र. 3398 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोवारी जाति मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग सूची के किस क्रमांक पर शामिल है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के पत्र क्रमांक/अनु./39/2018/501 भोपाल दिनांक 24/07/2018 के माध्यम से सचिव पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विभाग मंत्रालय भोपाल को गोवारी जाति को पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 1 से विलोपित करने बाबत् आयोग की अनुशंसा अनुसार कार्यवाही करने के लिये लिखा था? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न दिनांक तक गोवारी जाति को पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 1 से विलोपित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक किया जायेगा? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) गोवारी जाति मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग सूची के सरल क्रमांक 01 पर शामिल है। (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा अनुसार गोवारी जाति को विलोपित करने की कार्यवाही पर राज्य शासन ने अंतिम निर्णय नहीं लिया है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों से सेवा शुल्क लिये जाने की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
59. ( क्र. 3425 ) श्री जितु पटवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम में कितनी सेवाएं 31 जनवरी 2022 की स्थिति में शामिल हैं? उसमें से कितनी-कितनी सेवाओं में किस स्तर के अधिकारी और कर्मचारी की जवाबदेही तय की गई है तथा वर्ष 2017 से 2021 तक कितने प्रकरणों के अधिनियम के नियमों का पालन नहीं हुआ? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही हुई? जिलेवार बतावें। (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम में ऐसी सेवाएं क्यों नहीं शामिल हैं, जिसमें केन्द्रीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस., आई.पी.एस. आदि) के अधिकार, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की जवाबदेही हो? (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत सेवा की मांग करने वाले से कितना-कितना शुल्क क्यों लिया जाता है? यह शासन स्तर पर वहन क्यों नहीं किया जाता? वर्ष 2017 से 2021 तक लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत वर्षवार, जिलेवार बतायें कि कितना-कितना शुल्क कितने-कितने आवेदकों से लिया गया? (घ) लोक सेवा गारंटी अंतर्गत का कौन सी एजेन्सी किस अवधि से किन शर्तों पर सेवा कर रही है? शासन तथा एजेन्सी के बीच अनुबंध की प्रति देवें तथा बतावें कि एजेन्सी द्वारा वसूले गये सेवा शुल्क में राज्य शासन का कितना हिस्सा है तथा 2017 से 2021 तक इस मद में राज्य शासन को कितनी राशि प्राप्त हुई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत 31 जनवरी 2022 की स्थिति में 564 सेवाएं शामिल है। पदाभिहित अधिकारी, प्रथम अपीलीय एवं द्वितीय अपील प्राधिकारी की सेवावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम का पालन करते हुए प्रकरणों का निराकरण किये जाने का दायित्व संबंधित पदाभिहित अधिकारी का है। अधिनियम अनुसार आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में न करने पर शास्ति लगाए जाने का प्रवधान है। अत: शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता। (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं में राज्य प्रशासनिक/केन्द्रीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी विभिन्न सेवाओं के लिए पदाभिहित अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी/द्वितीय अपील प्राधिकारी शामिल है। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत चयनित सेवाओं के लिए प्रोसेस फीस रू. 35/- एवं ई-गर्वनेंस सोसायटी का शुल्क रू. 5/- है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2017 से 2021 तक लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदन एवं शुल्क का वर्षवार, जिलेवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स''अनुसार है। (घ) लोक सेवा केन्द्रों को PPP मॉडल पर निरंतर संचालित करने हेतु जिला स्तर पर वर्ष 2019 में निविदा आमंत्रित करते हुये लोक सेवा केन्द्र संचालकों का चयन किया गया है। लोक सेवा केन्द्र संचालकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। संबंधित जिला एवं लोक सेवा केन्द्र संचालक के मध्य अनुबंध प्रारूप निविदा (RFP) में संलग्न है। निविदा (RFP) का प्रारूप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। वर्ष 2017 से 2021 तक प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
मध्यप्रदेश में प्रदाय किए गये शस्त्र लायसेंस
[गृह]
60. ( क्र. 3481 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में मध्यप्रदेश में प्रदाय किए गये वर्जित व अवर्जित बोर, रिवाल्वर, पिस्टल के कितने शस्त्र लायसेंस जारी किए गए हैं? जिलेवार संख्यात्मक विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शस्त्र लायसेंस को जारी करने के लिए क्या मापदण्ड अपनाए गए हैं? (ग) क्या वर्जित बोर, रिवाल्वर एवं ऐसे अन्य सभी शस्त्र जो वर्जित श्रेणी में आते हैं, के लायसेंस केन्द्र सरकार द्वारा जारी होते हैं? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में वर्जित बोर लायसेंस जारी करने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितने प्रकरण अनुशंसा सहित केन्द्र सरकार को भेजे गए हैं? जारी किए गए वर्जित लायसेंस का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक सेवा केन्द्रों में प्राप्त आवेदन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
61. ( क्र. 3482 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत तहसील व टप्पा कार्यालयों में स्थापित लोक सेवा केन्द्रों पर विगत 2 वर्षों में प्राप्त आवेदनों का विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों का समय-सीमा के अन्दर निराकरण हुआ हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) के आवेदनों के निराकरण में लगी समय-सीमा का तुलनात्मक विवरण उपलब्ध कराएं कि क्या निराकरण में समयावधि कम या ज्यादा रही है? यदि हां, तो इस पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत तहसील खिलचीपुर एवं जीरापुर में स्थापित लोक सेवा केन्द्रों पर विगत 02 वर्षों में प्राप्त आवदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों म.प्र. शासन के लोक सेवा गारंटी पोर्टल http://www.mpedistrict.gov.in/ पर अधिकांश का निराकरण समय-सीमा में हुआ है, कुछ प्रकरणों में पदाभिहित अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में निराकरण नहीं हुआ है जिसके मुख्य कारण कोरोना काल में पदाभिहित अधिकारियों के द्वारा महामारी के कारण समय पर निराकरण न कर पाना, इंटीग्रेटेड पोर्टलों का सर्वर डाउन अथवा धीमा रहना, तकनीकी समस्या होना है। (ग) प्रश्नांश (क) के आवेदनों के निराकरण में लगी समय-सीमा का तुलनात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। उक्त प्रकरणों में समय-सीमा पर समीक्षा उपरांत लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों तहत कार्यवाही की जा रही है।
फर्जी तरीके से पी.एम.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करने के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
62. ( क्र. 3492 ) श्री राकेश मावई : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न वर्ष 2006 से 2013 तक की अवधि में कितने-कितने छात्रों को फर्जी तरीके से पी.एम.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद कॉलेजों में प्रवेश लेने की जानकारी प्राप्त होने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया? वर्षवार कॉलेजवार छात्रों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में फर्जी तरीके से पी.एम.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करके कॉलेजों में प्रवेश लेने के बाद प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से डिग्री प्राप्त करने के उपरांत जानकारी मिलने के बाद कितने छात्रों की डिग्री निरस्त की गई अथवा निरस्त की जा सकती है? कॉलेजवार छात्रों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रदेश में सरकार द्वारा एक डॉक्टर तैयार करने में एक छात्र पर कॉलेजों में लगभग कितने रूपये खर्च किया जाता है? प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित छात्रों पर शासन की लगभग कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) क्या व्यापम कांड के बाद बर्खास्त के बदले किसी योग्य छात्र को सीट नहीं मिली जिससे डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश को नये डॉक्टर नहीं मिल पाये? इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि दोषियों पर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (घ) प्रकरण की जांच एस.टी.एफ. एवं सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
63. ( क्र. 3493 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में 27 से अधिक जिला सहकारी बैंकों में वेतन निर्धारण में करीब 405 करोड़ की गड़बड़ी का मामला सामने आया और विभाग ने संचालक मण्डल से वूसली के आदेश दिये? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किस-किस बैंक से कितनी वसूली की गई तथा कितनी राशि वसूली हेतु शेष है? बैंकवार राशि की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रदेश में कई जगह जिला सहकारी बैंकों और 300 से अधिक सहकारी समितियों में खरीदी राशि में हेरफेर के मामलों को विभाग द्वारा सत्यापन कराने पर अनियमिताएं पाई गई? यदि हाँ, तो किस-किस जिले की सहकारी बैंको एवं समितियों में कितनी-कितनी राशि की हेरा-फेरी कर अनियमितताएं की गई? बैंक/समितियों के नाम एवं राशि सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रदेश के सहकारी बैंक शाखाओं में वर्षों से ऑडिट नहीं हुआ है? कैग (CAG) की रिपोर्ट में ऐसी गड़बडि़यां पर आपत्ति उठाई गई और सहकारी संस्थाओं के 800 करोड़ से ज्यादा की गड़बडि़यां बताई तथा 80 से ज्यादा ऐसी शाखाएं बताई गई जिनमें राशि जमा करने और निकालने के दस्तावेज ही गायब मिलें? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? प्रश्न दिनांक तक दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? बैंकवार एवं समितिवार जानकारी देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, प्रदेश की कुछ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में छठवें वेतनमान का निर्धारण स्वीकृति दिनांक से न कर पूर्व दिनांक से करने के कारण पुन: वेतन निर्धारण कर अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली के निर्देश दिये गये थे परन्तु उनमें से कुछ बैकों के कर्मचारियों द्वारा माननीय न्यायालय में प्रकरण लगाये जाकर स्थगन प्राप्त करने से आयुक्त सहकारिता कार्यालय द्वारा बैंकों को सातवें वेतनमान की स्वीकृति के समय उक्त प्रकरणों में माननीय न्यायालय में होने वाले निर्णय के पालन के संबंध में कर्मचारियों से वचन पत्र लेकर आगामी कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। ऐसी कोई रिपोर्ट विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
विभाग की योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
64. ( क्र. 3505 ) श्री धर्मेन्द्र
भावसिंह लोधी
: क्या
पशुपालन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जबेरा
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्ष 2020 -2021 एवं 2021 -2022 में
पशुपालन एवं
डेयरी विभाग
द्वारा
कौन-कौन सी
योजनाए
संचालित है? योजनाओं
का नाम सहित
सम्पूर्ण
जानकारी प्रदाय
करे? (ख) शासन
की पशुपालन
योजना एवं
डेयरी योजना
के लिए कितने,पशुपालकों
को क्या-क्या
लाभ दिया गया
है? योजना
का नाम, हितग्राहियों
की संख्या की
जानकारी दें। (ग)
जबेरा
विधानसभा में
पशु टीकाकरण
की क्या स्थिति
है?
कितने पशुओं
का टीकाकरण हो
चुका है तथा
कितने शेष है? विभाग
को कितना
लक्ष्य
प्राप्त हुआ
था गांव के नाम
टीकाकरण की
संख्या सहित
सम्पूर्ण
विवरण दें।
पशुपालन
मंत्री ( श्री
प्रेमसिंह
पटेल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
अनैतिक समिति संचालन के संबंध में
[सहकारिता]
65. ( क्र. 3512 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 में बृजेन्द्र विपणन सहकारी समिति मर्यादित बडामलहरा जिला छतरपुर द्वारा बिना कार्यालयीन आदेश के खाद्यान्न/कैरोसिन का उठाव किया था? (ख) क्या उक्त कृत्य की जांच सहकारिता विस्तार अधिकारी बडामलहरा से कराए जाने पर उक्त समिति को दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन प्रदाय करें। (ग) क्या उक्त समिति की 2020 में सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायत दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, शिकायत एवं उसके निराकरण की पूरी जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में क्या शासन उक्त समिति द्वारा संचालित दुकानों को निरस्त कर उक्त दुकानों/समिति के अनैतिक संचालन में सहयोगी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। शिकायत एवं उसके निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी के पद पर भर्ती
[पशुपालन एवं डेयरी]
66. ( क्र. 3540 ) श्री संजय शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु पालन विभाग में पशुपालन में डिप्लोमा करने पश्चात सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी के पद पर नौकरियां दी जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013,2015,2017,2020 में स.प.चि.क्षे. भर्ती परीक्षा में ऐसे कितने अभ्यार्थी है? जिनकी नियुक्ति स.प.क्षे. के पद पर हुई? जिनकी योग्यता पशुपालन डिप्लोमा न होकर अन्य भिन्न योग्यता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या स.प.चि.क्षे. के पद पर नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये? क्या कई अभ्यार्थियों द्वारा स.प.चि.क्षे. के पद पदस्थापना के पश्चा्त कुछ समय में ही नौकरियां छोड़ दी है? यदि हाँ, तो किन-किन के द्वारा नौकरी छोडी गई? रिक्त पदों सहित जानकारी दे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में डिप्लोमाधारियों की नियुक्ति हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? यदि हाँ, तो स.प.चि.क्षे. के रिक्त पदों पर कब तक नियुक्तियां दी जायेगी? समय-सीमा बताये? पशु चिकित्सक एवं स.प.चि.क्षे. के रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराये? सामान्य प्रशासन विभाग पत्र क्र. 3-5/2010/1/3 दिनांक 10 मार्च 2010 जारी निर्देश का पालन वर्तमान में भी भर्ती नियमों में किया जायेगा? (घ) क्या कई वेटेनरी डॉक्टर अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त है? यदि हाँ, तो कब से किन-किन विभागों में पदस्थ हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। रिक्तियों अनुसार। वर्ष 2013,2015, 2017,2020 में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पद पर कुल 482 अभ्यार्थियों की भर्ती की गई है, जिनकी योग्यता डिप्लोमा से भिन्न उच्च शैक्षणिक योग्यता है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के सीधी भर्ती के 905 पद रिक्त है। (ग) वर्तमान में संचालनालय के पत्र क्रमांक 10620/स्था.ब/दिनांक 29.11.2021 के द्वारा 194 पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेश्नल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को मांग पत्र भेजा गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 288 पद रिक्त है एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के सीधी भर्ती के 905 पद रिक्त है। सामान्य प्रशासन विभाग पत्र क्रमांक 3-5-2010/1/3 दिनांक 10 मार्च,2010 में दिये गये निर्देशों के तहत शासन से अनुमति उपरांत 5 प्रतिशत सीधी भर्ती के रिक्त पदों की भर्ती प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से नियमों में निर्धारित चयन प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए किया जाता है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
राज्य पुलिस सेवा व राज्य प्रशासनिक सेवा के संबंध में
[गृह]
67. ( क्र. 3557 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2008 से अप्रैल 2020 के बीच राज्य पुलिस सेवा व राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने पद बढ़ाये गये और राज्य पुलिस सेवा के पदों को दुगने करने का औचित्य क्या है? उक्त अवधि में जिले/अनुभाग की कितनी संख्या बढ़ी है? (ख) क्या दिनांक 01.04.2020 को राज्य प्रशासनिक सेवा के कुल स्वीकृत पद 873 है व राज्य पुलिस सेवा के कुल स्वीकृत पद 1276 है इन 1276 पदों पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के वेतन आवास कार्यालय में कितना राजस्व वित्तीय वर्ष 2020-21 में खर्च किया गया? क्या राज्य पुलिस सेवा के पदों के युक्तियुक्तकरण की कोई योजना है? (ग) क्या पुलिस मुख्यालय भोपाल में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना पुलिस मुख्यालय आई.जी. ऑफिस, डी.आई.जी. ऑफिस व अन्य कार्यालयों में की जाती है उनको शासन के द्वारा क्या कार्य सौंपे गये हैं? सौंपे गये कार्य के संबंध में शासन के गजट/नोटिफिकेशन/पुलिस रेगुलेशन की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) वर्तमान में भोपाल इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने से इन स्थानों पर करीब 26 अतिरिक्त आई.पी.एस. अधिकारियों को पदस्थ किया गया है तो क्या कुछ राज्य पुलिस सेवा के अतिरिक्त पद समर्पित करने की कोई योजना है अगर है तो कितने पद समर्पित किये जा रहे हैं? वित्तीय वर्ष 2008-09 में व 2019-20 में वेतन भत्तों में खर्च कितना-कितना किया गया? संवर्गवार (भारतीय पुलिस सेवा, राज्य पुलिस सेवा, निरीक्षक से आरक्षक तक) बतायें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2008 अप्रैल से वर्ष 2020 अप्रैल तक राज्य पुलिस सेवा के 611 पदों की वृध्दि हुई है। पदों में उपरोक्त बढ़ोत्तरी पुलिस के बढ़ते कार्यों तथा अपराधों के जुड़ते नये प्रकार तथा पर्यवेक्षण को प्रभारी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। उक्त अवधि में 04 जिले एवं 39 पुलिस अनुभाग की संख्या बढ़ी है। राज्य प्रशासनिक सेवा में वर्ष 2008 से 2020 तक सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक बी-1/44/2010/2/एक दिनांक 21 जून, 2013 द्वारा 74 पद एवं आदेश क्रमांक बी-1/98/2018/2/एक दिनांक 29 दिसम्बर, 2018 द्वारा 99 पदों की वृद्धि हुई है। (ख) जी हाँ। राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का बजट में पृथक से वेतन, आवास, कार्यालय का आदि का प्रावधान नहीं होने से वास्तविक व्यय भार निकाला जाना संभव नहीं है। राज्य पुलिस सेवा के पदों का युक्तियुक्तकरण करने की कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ग) जी हाँ। राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों की पदस्थापना पुलिस मुख्यालय, आई.जी. कार्यालय, डी.आई.जी. कार्यालय एवं अन्य कार्यालय जहाँ कहीं भी पद स्वीकृत है, में की जाती है। पुलिस मुख्यालय एवं आई.जी., डी.आई.जी. कार्यालयों में रापुसे अधिकारी विभिन्न पर्यवेक्षण संबंधी कार्य करते है जिनमें प्रमुखतया पत्रों, नस्तियों का व्यवहरण, परीक्षण, प्रस्ताव तैयार करना, अधीनस्थ स्टॉफ का पर्यवेक्षण, अन्य विभागों/ कार्यालयों/अधीनस्थ/वरिष्ठ कार्यालयों से संवाद/समन्वय आदि होता है। पुलिस रेग्युलेशन के खण्ड तीन में कार्यों का विस्तृत विवरण का उल्लेख किया गया है, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट 'अ' पर है। (घ) भोपाल एवं इन्दौर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने पर राज्य पुलिस सेवा के कोई भी पद समर्पित नहीं किये गये है। वित्तीय वर्ष 2008-09 में एवं 2019-20 में वेतन भत्तों में खर्च की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' पर है।
नरसिंहपुर जिले में संचालित लोक सेवा केन्द्र
[लोक सेवा प्रबन्धन]
68. ( क्र. 3593 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले सहित गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं? (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों में नि:शुल्क सेवाओं के बदले में अतिरिक्त राशि की मांग किये जाने की कोई शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो किन-किन लोक सेवा केन्द्रों की शिकायत मिली है? (ग) क्या 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक किसी लोक सेवा केन्द्र पर छापा मारकर जांच की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस लोक सेवा केन्द्र की जांच की गई तथा किस-किस केंद्र में अव्यवस्था पाई गई? (घ) क्या उपरोक्त सभी केंद्रों पर सेवा का निर्धारित शुल्क, शिकायत के लिए फोन नम्बर, आधार सेवा और आयुष्मान सेवा के लिए शासन की निर्धारित फीस चस्पा करके प्रदर्शित की गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) नरसिंहपुर जिले सहित गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र में क्रमश: 08 लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं:- 1. लोक सेवा केन्द्र गोटेगांव, 2. लोक सेवा केन्द्र नरसिंहपुर, 3. लोक सेवा केन्द्र करेली, 4. लोक सेवा केन्द्र गाडरवारा, 5. लोक सेवा केन्द्र चीचली, 6. लोक सेवा केन्द्र साईंखेड़ा, 7.लोक सेवा केन्द्र चावरपाठा, 8. लोक सेवा केन्द्र तेन्दुखेड़ा। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक जिले के सभी लोक सेवा केन्द्रों में समय-समय पर औचक निरीक्षण किया गया है। आकस्मिक निरीक्षण के दौरान लोक सेवा केन्द्र करेली में अव्यवस्था पाई गयी थी जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुये अव्यवस्थाओं को दूर किया गया। साथ ही संबंधित लोक सेवा केन्द्र मैनेजर को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जा चुकी है। (घ) जी हाँ। जिले के सभी लोक सेवा केन्द्रों पर सेवा का निर्धारित शुल्क, शिकायत के लिए फोन नम्बर, आधार सेवा और आयुष्मान सेवा के लिए शासन की निर्धारित फीस संबंधी फ्लेक्स चस्पा करके प्रदर्शित की गई है।
एस.टी.एफ. तथा सी.बी.आई. द्वारा दर्ज प्रकरण
[गृह]
69. ( क्र. 3602 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2021 तक एस.टी.एफ. तथा सी.बी.आई. द्वारा विभिन्न न्यायालय में दर्ज कितने प्रकरणों में फैसले हुये? कितने प्रकरण में आरोप सिद्ध हुये तथा कितने में आरोपी बरी हुये? प्रकरण अनुसार क्रमांक प्रकरण की दिनांक, न्यायालय का नाम फैसले की दिनांक आरोपियों की संख्या सहित सूची देवें। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले के दर्ज प्रकरणों में सी.बी.आई. को दिये गये प्रकरणों को छोड़कर ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमें कुछ या सभी आरोपियों को पकड़ा नहीं जा सका एवं कुल कितने आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं? (ग) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले के दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों को विवेचना के दौरान नस्तीबद्ध कर दिया गया? उनकी सूची,प्रकरण क्रमांक, दिनांक, धाराए आरोपी के नाम तथा नस्तीबद्ध करने के कारण सहित सूची देवें तथा एफ.आई.आर. की प्रति देवें। (घ) आई.पी.सी. के अनुसार सम्पुष्टि कारक साक्ष्य क्या हैं तथा क्या संपुष्टि कारक साक्ष्य न होने पर प्रकरण दर्ज किया जा सकता है तथा न्यायालय में चालान पेश किया जा सकता है? प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रकरण नस्तीबद्ध करने हेतु न्यायालय में पेश किये गये आवेदनों की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा याचिका क्र. 372/15 में पारित आदेश दिनांक 09.07.2015 तक के समस्त प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द किए जा चुके है, जिनकी जानकारी सी.बी.आई. से संकलित की जा रही है। उपरोक्त प्रकरण के अतिरिक्त एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज/विवेचित प्रकरणों में किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा निर्णय नहीं दिया गया है। (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में कुल 05 प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। उपरोक्त प्रकरणों में विवेचना प्रचलन में है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा याचिका क्र. 372/15 में पारित आदेश दिनांक 09.07.2015 के परिपालन में समस्त प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द करने के पश्चात एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज/विवेचित किसी भी प्रकरण को नस्तीबद्ध नहीं किया गया है। किसी भी प्रकरण को नस्तीबद्ध की कार्यवाही नहीं किए जाने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नही। (घ) सम्पुष्टि कारक साक्ष्य की परिभाषा भा.द.वि. में नहीं हैं। विवेचना के दौरान सम्पुष्टि कारक साक्ष्य होने संबंधी परीक्षण किया जाता है। साक्ष्य की उपलब्धता के आधार पर विवेचना पूर्ण की जाती है। प्रश्नांश (ग) अनुसार शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
दोषियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने बावत
[गृह]
70. ( क्र. 3604 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय न्यायालय सतना के निर्देश पर थाना कोलगवां जिला सतना में अपराध क्रमांक 52/22 दिनांक 08.01.2022 को अभिषेक तिवारी अस्मिता पयासी एवं शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक सांय कालीन शाखा सतना के विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत क्यों नहीं किया? कब करेंगे और अब तक न करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अपराधियों के विरूद्ध और प्रकरण किसी थाने में दर्ज है? यदि है तो उन अपराधों की क्या स्थिति है? चालान प्रस्तुत हुआ या नहीं? गिरफ्तारी हुई या नहीं, पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में मुख्य आरोपी अभिषेक तिवारी को दिनांक 03.03.2022 को गिरफ्तार किया गया है। अस्मिता पयासी, शशि शेखर पाण्डेय (शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक सायंकालीन शाखा सतना) की गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। प्रत्येक आरोपी की गिरफ्तारी हेतु 5,000/-रूपये की इनाम उद्घोषणा कराई गई है। (ग) आरोपी अभिषेक तिवारी के विरूद्ध जिला सतना के थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 320/2020 धारा 420,406,418 भा.द.वि. का पंजीबद्ध है, जिसमें आरोपी को गिरफ्तार कर चालान तैयार किया जाकर दिनांक 04.03.2022 को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
आवासीय विद्यालयों में पदस्थ अध्यापकों का संविलियन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
71. ( क्र. 3611 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुसूचित जाति विकास विभाग म.प्र.शासन द्वारा संचालित ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों में प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के पद पर पदस्थ अध्यापकों को नवीन शिक्षक संवर्ग अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक के पद पर संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति सहित जानकारी देवें। (ख) क्या सभी संभागों में संचालित शासकीय ज्ञानोदय आवासी विद्यालयों में कार्यरत प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के अध्यापकों का संविलियन आदेश जारी किये जा चुके है? कब जारी किये गये? (ग) यदि हाँ, तो सागर संभाग में संचालित शासकीय ज्ञानोदय आवासी विद्यालयों में कार्यरत प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के अध्यापकों का संविलियन आदेश 03 वर्ष हो जाने के पश्चात भी जारी क्यों नहीं किये गये? (घ) सागर संभाग में संचालित शासकीय ज्ञानोदय आवासी विद्यालयों में कार्यरत प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के अध्यापकों का संविलियन आदेश किस स्तर पर एवं किस अधिकारी द्वारा रोके गये है? क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) ज्ञानोदय विद्यालय शहडोल, ग्वालियर, मुरैना, जबलपुर में प्रयोगशाला सहायक का पद रिक्त होने से संविलियन नहीं किया गया है। ज्ञानोदय विद्यालय, नर्मदापुरम में प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के पद पर सीधी भर्ती से पद पूर्ति न होने से संविलियन नहीं हुआ है। ज्ञानोदय विद्यालय सागर में कार्यरत प्रयोगशाला सहायक संविदा शिक्षक वर्ग 2 के प्रयोगशाला सहायक के लिए शिक्षक वर्ग 2 का पोर्टल पर विकल्प नहीं होने से संविलियन नहीं हो पाया है। ज्ञानोदय विद्यालय, इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं रीवा में प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के पद पर पदस्थ अध्यापकों को नवीन शिक्षक संवर्ग अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक के पद पर संविलियन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) ज्ञानोदय विद्यालय शहडोल, ग्वालियर, मुरैना, जबलपुर में प्रयोगशाला सहायक का पद रिक्त होने से संविलियन नहीं किया गया है। ज्ञानोदय विद्यालय, नर्मदापुरम में प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के पद पर सीधी भर्ती से पद पूर्ति न होने से संविलियन नहीं हुआ है। ज्ञानोदय विद्यालय सागर में कार्यरत प्रयोगशाला सहायक संविदा शिक्षक वर्ग 2 के प्रयोगशाला सहायक के लिए शिक्षक वर्ग 2 का पोर्टल पर विकल्प नहीं होने से संविलियन नहीं हो पाया है। ज्ञानोदय विद्यालय, इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं रीवा में प्रयोगशाला सहायक वर्ग 2 के पद पर पदस्थ अध्यापकों को नवीन शिक्षक संवर्ग अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक के पद पर संविलियन किया गया है। (घ) प्रकरण प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कर्मचारीयों के जाति प्रमाण-पत्रो की जांच
[जनजातीय कार्य]
72. ( क्र. 3621 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम प्रशासन द्वारा प्रदेश में शासकीय कार्यालयों में कार्यरत कितने कर्मचारी के जाति प्रमाणपत्र तथा दस्तावेजों की जांच पिछले दस वर्षों में की गई? उसमें किस विभाग में कितने कर्मचारी अधिकारी हैं तथा रतलाम जिले में ही कार्यरत किस-किस विभाग के कितने कर्मचारी अधिकारी हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार इस अवधि में कितने प्रकरण में जांच पूरी होकर छानबीन समिति को रिपोर्ट भेज दी गई है तथा कितने में जांच पूर्ण होना शेष है? कितने जांच में सही तथा कितने फर्जी पाये गये? फर्जी प्रमाण-पत्र तथा दस्तावेज वाले कर्मचारी में अधिकारियों के नाम विभाग का नाम सहित सूची देवें। (ग) छानबीन समिति द्वारा पिछले दस वर्षों में फर्जी पाये गये जाति प्रमाण तथा दस्तावेज के बारे में बतावें कि उसमें से कितने रतलाम जिला प्रशासन द्वारा बनायें गये थे? उन फर्जी जाति प्रमाण-पत्र तथा दस्तावेज बनाने वाले कर्मचारी अधिकारी का नाम तथा तत्कालीन पद स्थापना तथा वर्तमान पद स्थापना तथा उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) रतलाम जिला प्रशासन के पास शासकीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी के जाति प्रमाण-पत्र तथा दस्तावेजों की जांच हेतु लंबित प्रकरणों की 20 फरवरी, 2022 की स्थिति में सूची प्रस्तुत करें तथा वे प्रकरण जांच प्रक्रिया में किस दिनांक को शामिल किये गये तथा लंबित होने के कारण क्या हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभिन्न दुर्घटनाओं में हुई मृत्यु की जानकारी
[गृह]
73. ( क्र. 3625 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से 2021 तथा 01 जनवरी 2022 से 20 फरवरी 2022 तक नदी, तालाब, नहर, कुएं, खदान पर बने पानी के गड्ढ़े आदि में व्यक्ति, वाहन के डूब जाने, खदान पर बने गड्ढ़े में मिट्टी धस जाने के कितने-कितने प्रकरण हुये तथा उसमें कितने व्यक्ति की मृत्यु हुई तथा कितने घायल हुये? (ख) वर्ष 2018 से 2021 तक तथा 01 जनवरी 2022 से 20 फरवरी 2022 तक सड़कों पर घूम रहे सांड तथा गाय के हमले तथा कुत्ते के काटने के कितने प्रकरण दर्ज हुये, कितने घायल हुये तथा कितने मृत हुये? (ग) वर्ष 2015 से 2021 तक कारखानों, फेक्ट्री में कार्य करते हुये तथा भवन सड़क निर्माण के दौरान कितने श्रमिको/कर्मचारी की मृत्यु हुई? (घ) वर्ष 2017 से 20 फरवरी 2022 तक कितने लोगो ने पूछ-ताछ के दौरान पुलिस थानों में तथा विचारधीन कैदी ने जेल में आत्महत्या की तथा कितने तबीयत खराब होने से थोड़े दिन बाद मृत हुये। (ड.) प्रश्नांश ''क'' से ''घ'' तक में उल्लेखित प्रकरणों घटनाओं की कुल संख्या कितनी है तथा इनमें से कुल कितनी घटनाओ पर पुलिस में प्रकरण दर्ज हुये तथा कितने ठेकेदार, कम्पनी मालिक तथा नगर निगम अधिकारी, पुलिस अधिकारी पर प्रकरण दर्ज किये गये? उनकी सूची देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' ''ब'' ''स'' ''द'' में समाहित है। ठेकेदार, कम्पनी मालिक तथा नगर निगम अधिकारी, पुलिस अधिकारी पर प्रकरण दर्ज किये गये है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार।
जिले में संचालित गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
74. ( क्र. 3629 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक सम्पूर्ण जिला मुरैना के किस-किस ब्लॉक अंतर्गत शासन द्वारा किस-किस स्थान पर गौशालाओं की स्वीकृति प्रदाय की गई? कितनी गौशालाओं को किस-किस ब्लॉक के किस-किस स्थान पर खोला गया? कितनी स्वीकृत गौशालाएं किस-किस ब्लॉक के किस-किस स्थान पर बन्द हो चुकी हैं? बन्द होने के कारणों के साथ जिले की स्वीकृत सभी गौशालाओं की जानकारी वर्षवार, ब्लॉकवार, चयनित स्थानवार, सूची सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त सभी गौशालाओं के संचालन हेतु विभाग द्वारा विगत एक वर्ष में मासिक कितना-कितना बजट किस-किस कार्य हेतु उपलब्ध कराया जाता है? किस-किस विभाग द्वारा उक्त गौशालाओं का संचालन किया जाता है तथा प्रत्येक गौशालाओं में विगत एक वर्ष में किस-किस माह में कुल कितने पशुओं को रखा गया, जिनमें से कितने पशुओं की प्रतिमाह मृत्यु हो गई? पशुओं की मृत्यु के कारणों को स्पष्ट करते हुए जानकारी ब्लॉकवार सूची सहित उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले की समस्त गौशालाओं में वर्तमान में पदस्थ कर्मचारियों के नाम, पता, मोबाइल नम्बरों, नियुक्ति दिनांक की सूची सहित नियुक्ति आदेशों की छायाप्रति के साथ-साथ जानकारी ब्लॉकवार, उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ' 'एवं ''ब''अनुसार। (ग) गौशालाओं में कर्मचारियों की पदस्थी का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत गौशाला के निर्माण एवं संचालन का दायित्व ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग हेतु संचालित योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
75. ( क्र. 3637 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण हेतु वर्तमान में शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? उक्त योजनाओं के माध्यम से पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण वर्ग के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय कराई गई है, विधानसभावार, योजनावार, वर्षवार, जनपद पंचायतवार, ग्रामवार एवं हितग्राहीवार जानकारी देवें? (ख) निवाड़ी जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पदनाम, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय सहित जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) निवाड़ी जिले में विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं लाभांवित हितग्राहियों की हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं है।
भवन अनुमति संबंधी
[सहकारिता]
76. ( क्र. 3705 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी विपणन प्रक्रिया समिति बड़नगर का भवन 80 वर्ष पुराना होकर जिसको डिसमेंटल कर नवीन भवन की अनुमति उपायुक्त सहकारी समिति उज्जैन से प्राप्त हो चुकी है, उक्त अनुमति प्रस्ताव आयुक्त पंजीयक एवं सहकारी संस्था भोपाल को कब प्राप्त हुआ? भवन की अनुमति के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) सहकारी प्रक्रिया समिति बड़नगर की वार्षिक साधारण सभा में अनुमोदन प्रस्ताव क्रमांक 10 दिनांक 02.02.2017 वार्षिक साधारण निर्णय क्र. 09 दिनांक 23.09.2017 द्वारा भवन निर्माण हेतु स्टीमेट अनुसार रूपये 66 लाख 27 हजार 537 का प्रस्ताव पारित कर भवन निर्माण की अनुमति नगर पालिका परिषद बड़नगर से प्राप्त कर ली है स्वयं के व्यय से भवन निर्माण का प्रस्ताव को कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ग) भवन निर्माण अनुमति में विलम्ब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया समिति बड़नगर के 80 वर्ष पुराने भवन को डिसमेंटल की अनुमति उप आयुक्त सहकारिता जिला उज्जैन द्वारा दी गई थी तथा नवीन भवन निर्माण की अनुमति का प्रस्ताव आयुक्त सहकारिता को दिनांक 01.09.2016 को प्रेषित किया था, जो आयुक्त सहकारिता कार्यालय को दिनांक 08.09.2016 को प्राप्त हुआ था जिसके संबंध में आयुक्त सहकारिता द्वारा पत्र दिनांक 01.10.2016 से उप आयुक्त सहकारिता उज्जैन से संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन के माध्यम से अतिरिक्त जानकारी प्रेषित करने हेतु लेख किया गया। संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन से पत्र दिनांक 08.07.2019 से प्रस्ताव प्राप्त हुआ, तत्पश्चात आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 18.09.2019 द्वारा संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन को लेख किया गया कि म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 44 (3) में प्रावधान है कि गृह निर्माण सहकारी संस्था से भिन्न किसी भी सोसाइटी द्वारा, विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिये सृजित निधि से भिन्न अपनी निधियों में से किसी निधि का स्थावर या जंगम या संपत्ति में विनिधान नहीं किया जायेगा, के अनुक्रम में दिनांक 31.03.2019 की स्थिति में अद्यतन वित्तीय प्रावधान की जानकारी से अवगत कराये जाने हेतु लेख किया गया। (ख) सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया समिति बड़नगर के संचालक मंडल द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 10 दिनांक 02.02.2017 एवं वार्षिक साधारण सभा के निर्णय क्रमांक 03 दिनांक 23.09.2017 द्वारा भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी तथा नगर परिषद से भवन निर्माण की अनुमति भी प्राप्त कर ली गई थी जो दिनांक 14.12.2016 तक ही प्रभावशील थी, इसके साथ ही संस्था के वित्तीय पत्रक अनुसार भवन निधि राशि भवन निर्माण हेतु पर्याप्त नहीं थी, संस्था द्वारा वर्ष 2020-21 में लाभ का विभाजन कर भवन निधि में प्रावधान किया गया किन्तु संस्था द्वारा नगर पालिका परिषद से भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त कर नहीं प्रेषित की गई। (ग) संस्था के पास तत्समय भवन निर्माण निधि में पर्याप्त राशि उपलब्ध न होने तथा वर्तमान में नगर पालिका परिषद से विधिवत अनुमति प्राप्त न किये जाने से। कोई अधिकारी दोषी नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा में चल रहे निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
77. ( क्र. 3764 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस योजना में किस-किस नियम के तहत कराया गया? निर्माण के मूल्यांकन एवं सत्यापन की सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें। ऐसे कितने कार्य हैं जो अपूर्ण हैं? जिनका पूर्णता प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दी गई समयावधि में अनूपपुर जिले में कितने छात्रावास-आश्रम संचालित हैं? विभाग द्वारा इन संचालित छात्रावासों-आश्रमों को क्या-क्या सामग्री प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांकित अवधि में इन छात्रावासों-आश्रमों में छात्र-छात्राओं के अध्ययन एवं रख रखाव एवं अन्य सुविधाओं हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी राशि किस-किस पर व्यय की गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश (क) के संबंध में पुष्पराज विधानसभा क्षेत्र में निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। निर्माण के मूल्यांकन एवं सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दी गई समयावधि में अनूपपुर जिले में 76 छात्रावास, 30 आश्रम कुल 106 छात्रावास संचालित है। विभाग द्वारा संचालित इन छात्रावासों में से 4 आदिवासी महाविद्यालयीन छात्रावासों को आर.ओ. एवं एल.ई.डी. टी.वी. तथा कम्प्यूटर सेट एवं 6 जूनियर छात्रावासों को कम्प्यूटर सेट तथा एकलव्य आदर्श आवासीय विघालय, अनूपपुर में 136 नग क्वायर फोम गद्दा एवं 3 कन्या शिक्षा परिसर में 602 नग क्वायर फोम गद्दा प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में अनूपपुर जिला अन्तर्गत संचालित छात्रावासों-आश्रमों में छात्र-छात्राओं के अध्ययन एवं रख-रखाव तथा अन्य सुविधाओं एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
पुलिस की अवैधानिक कार्यवाही
[गृह]
78. ( क्र. 3784 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश कितने डकैतों के सक्रिय गैंग है? गैंगों के नाम अपराधों की संख्या बतायें? क्या शासन की सख्त कानून व्यवस्था के कारण गैंगों का सफाया हो गया है? यदि हाँ, तो कितने गैंगों के सदस्यों एवं परिवार के व्यक्तियों पर आई.पी.सी. की धाराओं के साथ डकैती अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज किये गये हैं? कृपया वर्ष 2008 से फरवरी 2022 तक वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें क्या वर्तमान में डकैत गैगों की अधिकता न होने के कारण डकैती अधिनियम की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो कृपया कारण सहित बतायें। यदि नहीं, तो बतायें कि उक्त अधिनियम की क्या आवश्यकता है? (ख) वर्ष 2008 से जनवरी 2022 तक ग्वालियर चंबल संभाग में कितने लूट सहित अन्य प्रकरणों में डकैती अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं? कृपया वर्षवार, जिलावार, थानावार जानकारी दें। (ग) ग्वालियर, चंबल संभाग में वर्ष 2021-22 में टोल प्लाजा पर लूट की कितनी घटनाएं घटित हुई हैं? जिलावार-थानावार विवरण देते हुये बतायें कि थाना चिरूला जिला दतिया के प्रकरण क्रमांक 60/2021 में डगरई टोल प्लाजा से प्राप्त घटना के फुटेज विवरण में पवन अहिरवार (अ.जा.) वर्ग का लड़ाई-झगड़ा दिखाया गया है? यदि हाँ, तो कृपया विवरण दें। क्या ऐसे सभी अ.जा. वर्ग के मामलों की उच्च स्तरीय अथवा सी.आई.डी. जांच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) ग्वालियर चंबल संभाग में वर्ष 2003 से 2022 जनवरी तक कितने-कितने अपराध घटित हुए हैं? कृपया अपराध की श्रेणियों सहित वर्षवार-थानावार-जिलावार अलग-अलग विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में डकैतों के सक्रिय गैंग नहीं है। मध्यप्रदेश डकैती प्रभावित क्षेत्र अधिनियम के तहत लूट, डकैती, डकैती की योजना के अपराधों के साथ कार्यवाही किये जाने से तथा इसमें कठोर प्रावधान होने से अपराधों एवं डकैतों की गतिविधियों पर नियंत्रण रहता है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। इसके लागू रहने से नये डकैत नहीं पनप रहे हैं इस कारण इस अधिनियम की आवश्यकता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) ग्वालियर चंबल संभाग में वर्ष 2021-22 में टोल प्लाजा पर लूट की घटनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स''अनुसार। जी हाँ। थाना चिरूला जिला दतिया के प्रकरण क्रमांक 60/2021 के अनुसंधान में टोल प्लाजा डगरई के सी.सी.टी.व्ही. फुटेज प्राप्त किये गये है विवेचना में सी.सी.टी.व्ही. फुटेज का अवलोकन पर पंचनामा बनाया गया जिसमें पवन अहिरवार निवासी दतिया का लड़ाई-झगड़ा होते दिख रहा है। फुटेज जप्त कर अनुसंधान में शामिल किया गया है। प्रकरण में फरियादी अनुसूचित जाति वर्ग का नहीं है, अतः प्रकरण अ.जा. वर्ग का नहीं है। आरोपियों के संबंध में निष्पक्ष अनुसंधान किया जा रहा है, प्रकरण में उच्च स्तरीय अथवा सी.आई.डी. जाँच की आवश्यकता नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
अधिनियम 1989 के प्रकरणों में अनुसंधान
[गृह]
79. ( क्र. 3785 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के नियम 7 में किसी अपराध का अन्वेषण ऐसे पुलिस अधिकारी द्वारा किया जायेगा जो पुलिस उप अधीक्षक स्तर के रैंक से कम का न हो? क्या उक्त नियम के विपरीत पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा पत्र क्र./पुमु/ अजाक/28/ए-1विवि/2200/2020 दिनांक 12 जून, 2020 के माध्यम से पुलिस अधीक्षक दतिया को निरीक्षक स्तर रैंक के अधिकारी से अन्वेषण कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? कृपया कारण सहित बताये कि अधिनियम के विपरीत उक्त आदेश जारी क्यों किया गया हैं? (ख) क्या अधिनियम के प्रावधान को प्रतिवादित करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बब्बू vs स्टेट ऑफ एम.पी. 2020 एवं बच्चूसिंह vs स्टेट ऑफ एम.पी. में उप पुलिस अधीक्षक से निम्न स्तर के अधिकारी के अन्वेषण/अनुसंधान कार्य को शून्य तथा निष्प्रभावी माना गया है। यदि हाँ, तो क्या इसके बावजूद अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण देने के लिए पुलिस मुख्यालय ने उक्त निर्देश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें? यदि नहीं, तो क्या अ.जा. वर्ग के हितों को देखते हुए उक्त आदेश निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ग्वालियर चंबल संभाग में उक्त आदेश जारी करने के पश्चात जनवरी 2022 तक कितने-कितने प्रकरणों में निरीक्षक स्तर के अधिकारी से अन्वेषण कार्य कराया गया हैं? कृपया जिलावार, थानावार प्रकरणों की विस्तृत जानकारी दें। (घ) अ.जा./अ.ज.जा. प्रकरणों में जून 2020 से जनवरी 2022 तक निरीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा किये गये अन्वेषण कार्य से कितने अपराधियों को सजा हुई हैं तथा कितने अपराधी बरी हुए हैं? ऐसे कितने अधिकारी हैं जिन्होंने थाना स्तर पर ही उक्त प्रकरणों में अपराधियों की जमानते ले ली हैं? कृपया जिलावार, थानावार विवरण देते हुए बतायें कि क्या शासन दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए पुलिस मुख्यालय के आदेश को अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के हितों को देखते हुए अधिनियम की भावनाओं के मद्देनजर निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक कृपया जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम 1995 के नियम 7 में अन्वेषण उप पुलिस अधीक्षक से अनिम्न अधिकारी द्वारा कराए जाने का प्रावधान है परन्तु अ.जा./ज.जा. (अत्या. निवा.) अधिनियम की 1989 की धारा 9 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए म.प्र. राज्य ने दिनांक 07 अक्टूबर, 2017 को प्रकाशित राजपत्र क्रमांक एफ. 12-99-2017-बी-1-दो भोपाल के माध्यम से पुलिस निरीक्षक रेंक के समस्त अधिकारियों को अधिनियम के अधीन गिरफ्तारी का अन्वेषण और अभियोजन की शक्तियाँ प्रदान की गई है अर्थात म.प्र. राज्य में निरीक्षक स्तर का अधिकारी अधिनियम के अधीन किसी भी अपराध की विवेचना करने हेतु सक्षम है। पुलिस मुख्यालय से गंभीर प्रकृति के अपराधों की विवेचना उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से कराया जाना नियत किया गया है, परन्तु महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में महिला विवेचना अधिकारी बाध्यता होने के कारण एवं महिला उप पुलिस अधीक्षक की उपलब्धता पर्याप्त न होने के कारण प्रश्नांश में वर्णित आदेश क्रमांक पुमु/अजाक/28/ए-1 विविध/2200/2020 दिनांक 12 जून 2020 के माध्यम से महिला उप पुलिस अधीक्षक की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने पर ऐसे प्रकरणों की विवेचना निरीक्षक स्तर के अधिकारी से कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया हैं। अतः विधि के अनुसार प्रशासनिक निर्देश दिये गये है। (ख) क्रिमिनल अपील क्रमांक 123/2020 मध्य प्रदेश राज्य विरूद्ध बब्बू राठौर में घटनाक्रम वर्ष 2011 का है जबकि मध्य प्रदेश शासन द्वारा राजपत्र के माध्यम से निरीक्षक स्तर के अधिकारी को विवेचना हेतु सक्षम वर्ष 2017 में किया गया है इस प्रकार प्रश्नांश में वर्णित न्याय दृष्टांत राजपत्र के प्रभावशील होने से पूर्व का है जो सुसंगत नहीं है। शेष प्रश्नांश का औचित्य नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। उपरोक्त बिन्दु (क) एवं (ख) में वर्णित जानकारी के आलोक में स्पष्ट है कि शासन से जारी राजपत्र एवं पुलिस मुख्यालय से जारी निर्देश विधि अनुसार है। शेष प्रश्नांश का औचित्य नहीं है।
बेरोजगारों को प्रशिक्षण के नाम पर शासन की राशि का दोहन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
80. ( क्र. 3791 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित बेरोजगार अभ्यार्थियों के लिये नि:शुल्क रोजगारोन्मुखी सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना 2020 कोचिंग संस्था का चयन विभाग द्वारा बार-बार नियम व शर्तें बदलने के कारण प्रशिक्षण कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है? (ख) यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि किन-किन प्रशिक्षण संस्थाओं ने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया? इस प्रक्रिया में एक से तीन नम्बर तक कौन-कौन सी संस्थायें रहीं? उनका नाम, पता एवं फोन नम्बर सहित किन-किन छात्रों ने कहां-कहां प्रशिक्षण प्राप्त किया और इस सम्पूर्ण कार्यवाही में किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि शासन की व्यय हुई?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। योजना अंतर्गत प्रशिक्षण कार्य संचालित है। (ख) योजना नियम प्रावधानों में प्रजेन्टेशन का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्नांश (ख) के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम प्रक्रिया में उलझाकर आवास आवंटन
[सहकारिता]
81. ( क्र. 3794 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासक के नियंत्रण में शिल्पी गृह निर्माण सहकारी समिति कोलार रोड भोपाल में वैध हैं अथवा अवैध है तो इसे वैध करने हेतु क्या नियम प्रक्रिया हैं? इस कालोनी में विद्युत व्यवस्था शासन द्वारा कब तक कितनी राशि में उपलब्ध करा दी जावेगी? (ख) निशातपुरा पन्ना नगर आवासीय योजना के अंतर्गत किस दिनांक से कितने आवेदक पंजीकृत हैं जिन्हे मध्यप्रदेश गृह निर्माण संस्था भोपाल द्वारा आज दिनांक तक आवास/भूखण्ड उपलब्ध नहीं कराये गये हैं उन्हें कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि बोर्ड द्वारा बकाया राशि पर आवास आवंटियों से जिस दर पर ब्याज वसूलता है क्या उसी दर पर पंजीकृत आवेदकों को आवास आवंटन के अभाव में जमा राशि पर ब्याज देगा? यदि हाँ, तो कितना और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित यह अवगत करावें कि पंजीकर्ताओं की कब से व कितनी राशि जमा है उस पर ब्याज सहित कितनी राशि का भुगतान किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रशासक के नियंत्रण में शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित कोलार रोड वैध है कालोनी में विद्युत व्यवस्था हेतु शासन से राशि उपलब्ध कराने का कोई प्रावधान नहीं है, संस्था प्रबंधन द्वारा ही अपनी कालोनी में विकास कार्य एवं विद्युत व्यवस्था कराई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) निशातपुरा पन्नानगर (देवकीनगर) आवासीय योजना के अन्तर्गत दिनांक 21.08.2010 से दिनांक 30.03.2011 तक कुल 159 आवेदन पंजीकृत हुए है। उक्त आवेदको को आज दिनांक तक आवास/भूखंड उपलब्ध नहीं कराये क्योंकि उक्त योजना शासन/मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना मंडल द्वारा निरस्त की जा चुकी है एवं निरस्तीकरण की सूचना पंजीयनकर्ताओं को पत्र के माध्यम से दे दी गई थी। (ग) नही, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना मंडल द्वारा बकाया राशि पर मंडल नियमानुसार योजना अनुसार ब्याज की वसूली की जाती है। ऐसे पंजीकृत हितग्राहियों को जिनकी राशि आवास आवंटन के अभाव में बोर्ड के पास जमा रहती है, उनको पंजीयन जमा राशि पर उक्त दिनांक से योजना निरस्तीकरण की अंतिम सूचना तक हितग्राही को योजना अनुसार 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का भुगतान किया जाता है।
दोषियों के विरूद्ध जांच एवं अपराध पंजीबद्ध
[गृह]
82. ( क्र. 3795 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना बागसेवनिया भोपाल में राज्य सहकारी जन औषधि विपणन मर्यादित के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 0067/2019 को खात्मा को पुन: विवेचना के लिए वापिस भेजा हैं? यदि हाँ, तो विवेचना किसके द्वारा की जा रही हैं? प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए यह अवगत करावें कि यदि विवेचना नहीं की जा रही है तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) खाद्य औषधि प्रशासन के आदेश क्रमांक 317 दिनांक 01/10/2020 के संबंध में दिनांक 02/11/2020 को थाना शाहजहानाबाद भोपाल में एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना बागसेवनिया के अप0 क्र. 67/20 में साक्ष्य का अभाव होने से मामले में खात्मा क्रमांक 28/20 दिनांक 12.06.2020 को कता कर न्यायालय स्वीकृति हेतु भेजा था। माननीय न्यायालय द्वारा मामले में पुनः विवेचना के कोई आदेश नहीं दिये है। अपितु खात्मा के स्थान पर खारिजी भेजे जाने के निर्देश दिये है। अतः प्रकरण में सक्षम न्यायालय में खारिजी प्रस्तुत की जावेगी। (ख) खाद्य औषधि के आदेश क्रमांक 317 का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। खाद्य औषधि प्रशासन द्वारा आदेश क्रं 318 दिनांक 01.10.2020 थाना शाहजहानाबाद भोपाल में कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने अपने कार्यालयीन आदेश की प्रति सूचनार्थं भेजी थी, जिसमें लेख था कि कार्यवाही पृथक आवेदन प्रस्तुत किया जावेगा किंतु प्रथम सूचना दर्ज करने हेतु पृथक से आवेदन प्रस्तुत नहीं किया था। यद्यपि प्रेषित आदेश की सूचनार्थं प्रतिलिपि की जांच पर एवं दस्तावेजों के अवलोकन पर पाया गया कि प्रकरण में मिथ्या अनुभव प्रमाण-पत्र सक्षम प्राधिकारी सुरेन्द्र चौधरी द्वारा रावेन्द्र सिंह को दिया गया था। रावेन्द्र सिंह एवं आशु द्वारा लाइसेंस आवेदन करते समय अपने-अपने दस्तावेजों के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था, जो मिथ्या अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर निरस्त कर दिया गया है। प्रकरण में रावेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह के यहां कार्य कर चुका है, इसका सत्यापन हुआ है, यद्यपि यदि किसी व्यक्ति को हानि हुई है तो वह रावेन्द्र सिंह है। जिसके द्वारा सुरेन्द्र चौधरी पर प्रथम सूचना दर्ज मिथ्या अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने के आधार पर कराई जा सकती है। आदेश की प्रति के आधार पर कोई कार्यवाही संभव नहीं है। जांच पूरी की जाकर जांच निष्कर्ष प्रतिवेदन राज्य औषधि कार्यालय भोपाल मध्यप्रदेश को भेजा जा चुका है। वर्तमान में इस संबंध में कोई भी जांच थाना शाहजहानाबाद भोपाल में प्रचलित नहीं है।
थाने में प्राथमिकी दर्ज
[गृह]
83. ( क्र. 3798 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री महोदय बताएं कि थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के क्या नियम हैं? क्या प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोई विशेष शुल्क निर्धारित किया गया है? (ख) क्या प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए किसी जाने-माने बड़े व्यक्ति की सिफारिश या किसी राजनीतिक पार्टी के नेता की आवश्यकता पड़ती है? यदि हाँ, तो क्यों और नहीं तो संबंधित थानेदार पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? (ग) माननीय न्यायालय के द्वारा यदि किसी की अग्रिम जमानत रद्द की जाती है तो संबंधित व्यक्ति की गिरफ्तारी थानेदार या पुलिस अधीक्षक के विवेक पर निर्भर करता है? इस संबंध में क्या नियम है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाने में किसी संज्ञेय अपराध की रिपोर्ट होने पर धारा 154 जा.फौ. के तहत प्रकरण दर्ज किया जाता है। जी नहीं, प्रथम सूचना पत्र की एक प्रति फरियादि को नि:शुल्क प्रदान की जाती है। (ख) जी नहीं। सुसंगत नहीं है। (ग) जी नहीं। धारा 41 जा.फौ. में अभियुक्त की गिरफ्तारी के संबंध में विस्तृत प्रावधान दिये गये है।
विशिष्ट सेवा पदक
[जेल]
84. ( क्र. 3801 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विशेष सेवा राष्ट्रपति पदक के अधिकारी कर्मचारियों को मेडल भत्ता दिया जाता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विशिष्ट सेवा पदक अन्य वीरता पदक के समान असाधारण कार्य की श्रेणी में आता है या नहीं? (ग) 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) एवं 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के मुख्य समारोह में राष्ट्रपति पदक प्राप्त अधिकारी कर्मचारियों को दीर्घा में बैठने का स्थान दिया जाता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जेल विभाग में प्रावधान नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छात्रावास/स्कूलों में हुए व्यय एवं रिक्त पदों
[अनुसूचित जाति कल्याण]
85. ( क्र. 3806 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा कहां-कहां बालक एवं बालिका छात्रावास/स्कूल संचालित हैं और उनमें कितने-कितने छात्र/छात्राएं निवासरत एवं अध्ययनरत हैं? संस्थावार पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) लहार विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित कल्याण विभाग के अंतर्गत बालक एवं बालिका छात्रावास/स्कूल संचालित हैं और उनमें कितने-कितने छात्र/छात्राएं निवासरत एवं अध्ययनरत हैं? (ग) उपरोक्त छात्रावासों एवं स्कूलों में कितने एवं किस-किस श्रेणी के पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने एवं कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब-कब से कार्यरत हैं एवं कितने एवं कौन-कौन से पद रिक्त हैं? (घ) 1 अप्रैल, 2020 से 31 जनवरी, 2022 तक भोजन, कपड़े एवं सफाई कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, माहवार विवरण दें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भिंड जिले में विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। भिंड जिले में विभाग द्वारा कोई स्कूल संचालित नहीं है। (ख) लहार विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। लहार विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कोई स्कूल संचालित नहीं है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
लोक सेवा केंद्र का संचालन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
86. ( क्र. 3834 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कौन-कौन से लोक सेवा केंद्र किन-किन फर्मों व कंपनियों द्वारा संचालित हैं? कंपनी व फर्म के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों में नि:शुल्क सेवाओं के बदले में अतिरिक्त राशि की मांग किये जाने की कोई शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो किन-किन लोक सेवा केन्द्रों की शिकायत मिली है? (ग) क्या प्रदेश में 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक किसी लोक सेवा केंद्र पर छापा मारकर जाँच की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस लोक सेवा केंद्र की जांच की गई तथा किस-किस केंद्र में अव्यवस्था पाई गई? (घ) क्या उपरोक्त सभी केन्द्रों पर सेवा का निर्धारित शुल्क, शिकायत के लिए फोन नम्बर, आधार सेवा और आयुष्मान सेवा के लिए शासन की निर्धारित फीस चस्पा करके प्रदर्शित की गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा केन्द्र संचालन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिले में किसी भी माध्यम से अतिरिक्त राशि की मांग संबंधी शिकायत अप्राप्त है। (ग) जी नहीं। जिले में किसी भी प्रकार की अनियमित्ता संबंधी शिकायत अप्राप्त है। (घ) जी हाँ।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ की जानकारी
[सहकारिता]
87. ( क्र. 3835 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ की अलीराजपुर जिले में कुल कितनी बैंक शाखाएं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बैंक शाखाओं कोर बैंकिंग व्यवस्था कब-कब चालू की गई? बैंक शाखावार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन शाखाओं में कोर बैंकिंग व्यवस्था चालू की गई तत्समय में बैंक के शाखा प्रबंधक केशियर एवं कर्मचारी कौन-कौन पदस्थ थे और वर्तमान में कहां और किस पद पर पदस्थ है? नाम, पदनाम सहित बैंक शाखावार सूची देवे।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 07। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना का क्रियान्वयन
[पशुपालन एवं डेयरी]
88. ( क्र. 3836 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में गौवंश की संख्या कितनी है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या मध्यप्रदेश में पाई जाने वाली गायों की संख्या एक दशक में कम हुई है? यदि हाँ, तो कम होने का क्या कारण रहा? (ग) राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में मौजूदा किन नस्लों की गायों का संरक्षण व उन्नयन किया जा रहा है? केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कौन-कौन सी योजनान्तार्गत प्राप्त बजट व व्यय की जिलेवार जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रदेश में गौ नस्ल सुधार पर क्या-क्या कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं? योजनावार जानकारी उपलब्ध कराएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। गौवंश के कम होने का मुख्य कारण कृषि कार्यों में मशीनीकरण एवं पशुपालकों में अधिक दूध उत्पादन क्षमता की गौवंश पालने में रूची है जिससे विगत एक दशक में गौवंश में मामूली कमी पाई गई है। (ग) राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत प्रदेश में मालवी, निमाडी, केनकथा, ग्वालाव के अतिरिक्त गिर एवं साहीवाल नस्ल का संरक्षण एवं उन्नयन किया जा रहा है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, रिस्क मैनेजमेंट एवं पशुधन बीमा, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नेशनल कामधेनू ब्रीडिंग सेंटर, राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम आदि योजनाऐं क्रियान्वित है, किन्तु इन योजनाओं के अंतर्गत जिलेवार बजट प्राप्त नहीं होता है। (घ) प्रदेश में नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, भ्रूण प्रत्यारोपण (ई.टी.टी./आई.व्ही.एफ.) तकनीक कार्यक्रम, सेक्स सार्टेड सीमन उत्पादन, राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम नंदीशाला एवं समुन्नत मुर्रा पाडा प्रदाय, नेशनल कामधेनू ब्रीडिंग सेंटर, गौ नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान, प्राकृतिक गर्भाधान (नंदीशाला योजना), बधियाकरण, आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे है।
शासकीय आवास आवंटन
[गृह]
89. ( क्र. 3837 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में कितने शासकीय आवास अशासकीय लोगों को आवंटित किए गए हैं? (ख) भोपाल में कितनी सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं को 1 अप्रैल 19 के बाद शासकीय आवास आवंटित किए गए हैं? सूची उपलब्ध कराएं एवं उक्त अवधि के लिए किन-किन शर्तों पर व किस दर पर दिए गए हैं। (ग) 1 अप्रैल, 2019 के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने आवास किन-किन निजी संस्थाओं और व्यक्तियों से रिक्त कराए गए हैं? नामवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) भोपाल में किन-किन संस्थाओं ने आवास आवंटित करने के लिए आवेदन दिये? संस्था का नाम व दिनांक बताएं एवं इनमें से कितनी संस्थाओं को आवास आवंटित किए गए हैं? नाम बताएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनजातीय कार्य विभाग में किये गए कार्य
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 3839 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2016-17 में कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) भारत सरकार द्वारा किन-किन गतिविधियों में राशि व्यय करने के निर्देश दिए गए थे? (ग) विभाग द्वारा किन-किन गतिविधियों पर यह राशि व्यय की गई है? गतिविधियों से जुड़े हितग्राहियों के नाम बताएं जाएं। (घ) उक्त योजना में अनियमितता किए जाने से संबंधित कितने शिकायतें क्रियान्वयन एजेंसी को प्राप्त हुई हैं और उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) केन्द्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जनजाति कृषकों की आजीविका को समृद्ध करने उनके पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार के लिए जैविक कृषि आदान सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रांश राशि रू. 5400.00 लाख एवं मध्य प्रदेश के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए विशेष शत प्रतिशत जैविक कृषि आदान सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रांश राशि रू. 2000.00 लाख आवंटित की गई। (ख) भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति कृषकों की आजीविका को समृद्ध करने उनके पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार के लिए जैविक कृषि आदान सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत बायलाजिकल नाईट्रोजन हारवेस्ट प्लाटिंग एवं वर्मी कंपोस्ट यूनिट हेतु राशि आवंटित की गई थी। (ग) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा बायलोजीकल नाईट्रोजन हार्वेस्ट प्लांटिग, लिक्विड बायो फर्टिलाईजर, बायो पेस्टीसाईड, फास्फेट रीच आर्गेनिक मैन्योर (प्रोम) एवं प्रोसेसिंग, पैकिंग मटेरियल विथ पी.जी.एस. लोगो, मदों पर उक्त राशि व्यय की गई। उक्त योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की सत्यापित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्त योजना में अनियमितता से संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी किसान कल्याण तथा कृषि विकास को कुल 03 शिकायतें प्राप्त हुई। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। उक्त योजना के क्रियान्वयन के संबंध में तत्कालीन संयुक्त संचालक, श्री के.पी. अहरवाल को शासन द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया था। मंत्री परिषद आयटम क्रमांक 15, दिनांक 02/11/2021 के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग से जारी पत्र द्वारा योजना के ''स्वीकृत मदों से भिन्न मदों में व्यय करने की जांच की जावे और दोषियों की जिम्मेदारी नियत की जावे'', के निर्देश जारी किये गये।
वेतनमान की पात्रता
[सहकारिता]
91. ( क्र. 3843 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से शासन के विभिन्न विभागों में वर्ष 1999 से 2012 तक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहकर सेवानिवृत्त हुये, सेवायुक्तो को विधान सभा प्रश्न क्रमांक 754 उत्तर दिनांक 24.12.2021 के अंतर्गत दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट करें कि पाचवां वेतनमान की पात्रता है अथवा नहीं? क्या उनका वेतन राज्य शासन के सेवायुक्तों के अनुरूप होगा अथवा नहीं? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों? (ख) (क) अंतर्गत सा.प्र.वि. में प्रतिनियुक्ति पर एवं संविलियत कितने सेवायुक्तों को राज्य शासन के सेवायुक्तों के अनुरूप वेतन निर्धारण किया गया है? कितनो का लंबित है? नाम, पद, वेतनमान बतायें। क्या कहीं विसंगति है? यदि है तो कब तक सभी सेवायुक्तों को समान रूप से पांचवे वेतनमान का लाभ स्वीकृत होगा? (ग) तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति/ संविलियत पर पंचायत, सहकारिता, महिला, बाल विकास, स्वास्थ्य, संसदीय कार्य, नर्मदा घाटी, खाद्य, विज्ञान प्रोद्यौगिकी, सूक्ष्म लघु, वित्त, विधि विधायी, लोक सेवा प्रबंधन, कृषि (मंडी बोर्ड) आदि विभागों में पदस्थ सेवायुक्तों को राज्य शासन के सेवायुक्तों के अनुरूप पांचवां वेतनमान का लाभ 10-15 वर्षों से मिल रहा हैं (प्रमाण स्वरूप विधान सभा प्रश्न क्रमांक 7175 उत्तर दिनांक 08.04.2011) क्या यह सामान्य प्रशासन विभाग के संज्ञान में है? स्पष्ट करें। (घ) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 753 उत्तर दिनांक 21.12.2021 में कहा गया है कि शासन में प्रतिनियुक्ति पश्चात वाणिज्यिक कर विभाग में संविलियत तिलहन संघ सेवायुक्तों को वेतन निर्धारण में पाचवां वेतनमान लाभ की पात्रता नहीं है? क्या सामान्य प्रशासन विभाग सहमत है? यदि हाँ, तो यह भ्रम/विसंगति दूर करेंगे? स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
समयमान वेतनमान की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
92. ( क्र. 3844 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा व्याख्याता प्राचार्य संवर्ग को 24 वर्ष की सेवा उपरांत द्वितीय समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में व्याख्याता प्राचार्य संवर्ग के कितने कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने के आदेश जारी किए गए हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं और कितने कर्मचारियों को द्वितीय समयमान वेतनमान प्रदान करने के आदेश शेष हैं? उनकी भी सूची दें। जिन कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया जाना शेष है उन्हें कब तक द्वितीय समयमान वेतनमान प्रदान करने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे? (ख) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग में भी स्कूल शिक्षा विभाग के व्याख्याता संवर्ग के समान वेतन भत्ता आदि प्रदान किए जाने की शासन की नीति है? यदि हाँ, तो बताएं कि स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता प्राचार्य संवर्ग को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है किंतु आदिम जाति कल्याण विभाग में आज दिनांक तक व्याख्याता प्राचार्य संवर्ग को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान वेतनमान के आदेश जारी क्यों नहीं किए गए है? भविष्य में कब तक जारी किए जाने की योजना है? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ग) क्या कुछ संभागीय उपायुक्त कार्यालय द्वारा एक साथ डीपीसी में पात्र पाए गए व्याख्याता प्राचार्य संवर्ग के कर्मचारियों के द्वितीय समयमान वेतनमान के पृथक-पृथक आदेश जारी किए जा रहे है एक साथ नहीं? क्या इस प्रकार पृथक-पृथक आदेश जारी करने के पीछे निजी स्वार्थ सिद्ध करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कृपया सभी पात्र कर्मचारियों के द्वितीय समयमान, वेतनमान के आदेश कब तक जारी होंगे? कृपया पात्र एवं अपात्र लोगों की सूची दें अपात्रता के कारण बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, व्याख्याता प्राचार्य संवर्ग को द्वितीय समयमान वेतनमान दिया गया है। मुख्यालय की एवं संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार है, जिन कर्मचारियों के आदेश जारी होना है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ब अनुसार है। जिन व्याख्याता, प्राचार्यो को समयमान वेतनमान की पात्रता है, उन्हे समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नही। (ख) जी हाँ, जनजातीय कार्य विभाग के व्याख्याता संवर्ग को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान वेतनमान देने के शासन आदेश क्रमांक 544/183/2021/25/1 दिनांक 9.03.2021 जारी किये गये है, जिसके संदर्भ में कार्यालयीन पत्र क्रमांक/शिक्षा स्था.2/604/2021/8877 दिनांक 24.05.2021 द्वारा समस्त संभागीय उपायुक्त को कार्यवाही करने हेतु निर्देश जारी किये गये है, प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट स अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समयमान वेतनमान देने की प्रक्रिया पदोन्नति की प्रक्रिया के समान है, ऐसे प्रकरणों में जिनमें विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में एक ही दिनांक को अनुशंसा की है और उनके आदेश अलग-अलग तिथियों में जारी किये गये है का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण में प्राप्त निष्कर्ष उपरांत कार्यवाही की जावेगी। समयमान वेतनमान देने की प्रक्रिया सतत् चलने वाली प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, पात्रता रखने वाले एवं विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करने वाले व्याख्याता/प्राचार्य को समयमान वेतनमान समिति की अनुशंसा के अनुसार दिया जाता है। पात्र की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार है, अपात्र की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट द अनुसार है, अपात्र होने का कारण गोपनीय चरित्रावली की ग्रेडिग अनुसार निर्धारित मापदण्ड अनुसार कम अंक होने से।
अधिकारियों का स्थानांतरण
[सहकारिता]
93. ( क्र. 3849 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सहकारिता विभाग के आदेश क्र./एफ 1-2/2020/15-2, दिनांक 13-03-2020 के द्वारा किन-किन अधिकारियों का स्थानांतरण बैतूल से होशंगाबाद किया गया था? क्या उक्त आदेश का पालन हो गया है? यदि नहीं, तो क्या उक्त आदेश निरस्त कर दिया गया है? (ख) यदि उक्त आदेश निरस्त नहीं किया गया है तो क्या शासन का आदेश न मानने वाले ऐसे अधिकारियों पर क्या-क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? क्या शासन के उक्त आदेश का पालन कराया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) श्री के.व्ही. सोरते, उप आयुक्त सहकारिता। जी नहीं। जी नहीं। (ख) प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार कार्यवाही की जाती है एवं होशंगाबाद जिले में उप आयुक्त सहकारिता का कार्य अतिरिक्त रूप से श्री सोरते, द्वारा संपादित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधियों की जानकारी
[जेल]
94. ( क्र. 3853 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की जेलों में फांसी की सजा प्राप्त कितने अपराधी बंद है? कितने मामलों में न्यायालयों में अपील लम्बित हैं? मा. म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर ने फांसी की सजा प्राप्त कितने अपराधियों के अपील प्रकरणों में फांसी की सजा की पुष्टि की हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) मा. म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर एवं सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में फांसी की सजा प्राप्त कितने अपराधियों की फिजीकल सुनवाई हेतु अपील लम्बित हैं? (ग) प्रदेश में दुष्कृत्य के कितने मामलों में फांसी की सजा सुनवाई गई है? मा. म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर एवं मा. सर्वोच्च न्यायालय में अपील सुनवाई हेतु कितने-कितने प्रकरण लम्बित हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. की जेलों में प्रश्नांश तक की अवधि में फांसी (मृत्यु दण्ड) की सजा से दण्डित बंदियों की संख्या 43 है। मान. उच्च/उच्चतम न्यायालय में कुल 43 मृत्यु दण्डित बंदियों की अपील लंबित है। प्रश्नांश तक की अवधि में मान. उच्च न्यायालय के द्वारा 07 मृत्यु दण्डित बंदियों की फांसी की सजा की पुष्टि की है। (ख) मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर एवं सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में फांसी की सजा प्राप्त 43 मृत्यु दण्डित बंदियों की अपील लंबित है, किन्तु संबंधित बंदी को उपस्थित कराये जाने विषयक कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) मध्यप्रदेश में प्रश्नांश अवधि तक की स्थिति में दुष्कृत्य मामलों में कुल 25 बंदियों को फांसी (मृत्यु दण्ड) की सजा सुनाई गई है। माननीय उच्च/उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हेतु 25 दुष्कृत्य मामलों के बंदियों की अपील लंबित हैं।
निलंबन एवं अभियोजन स्वीकृति
[विधि एवं विधायी कार्य]
95. ( क्र. 3861 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के ऐसे कितने मामले है जिनमें कोर्ट में गलत जवाब देने पर निलंबन किए जाने के आदेश जारी किए है? निलंबित अधिकारियों के नाम, पते और निलंबन तारीख सहित निलंबन आदेश की प्रति के साथ पिछले 05 वर्षों का संपूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) शासन के पास ऐसे कितने मामले है जिनमें विभागीय रूप से प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्त कलेक्टर आदि के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी गयी है? उन याचिकाओं की सूची प्राप्ति दिनांक शिकायतकर्ता का नाम पद सहित किस विभाग किस अधिकारी के विरुद्ध पायी गयी उस अधिकारी का नाम, पद और मोबाइल नंबर और प्रकरण की विषय वस्तु सहित अभियोजन स्वीकृति की दिनांक सहित प्रस्तुत करें। (ग) शासन के पास विगत 05 वर्षों में कितने विभागों से कितने अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति दी गयी है? उन प्रकरणों में कितने मामले गंभीर कितने मामले सामान्य प्रकृति के थे? वर्गीकरण के आधार पर अभियोजन स्वीकृति के आदेश की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं एवं विभागवार अभियोजन स्वीकृति की प्रतियाँ प्रदान करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ एवं विमुक्त जनजाति की सूची में सम्मिलित
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
96. ( क्र. 3879 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति वर्ग की सूची में सम्मिलित कुछ जातियों को घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ एवं विमुक्त जनजाति की सूची में सम्मिलित किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में भारत सरकार का कोई आदेश है या इस संबंध में संसद से कोई प्रस्ताव/कानून पास किया गया था? (ग) क्या उक्त जातियों को जनजातियों की सूची में सम्मिलित कर जनजाति वर्ग के समान सुविधा उपलब्ध कराने का अधिकार राज्य सरकार को है? यदि हाँ, तो कारण/आदेश/नियम सहित स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो किस आधार/ आदेश के तहत उक्त अनुसूचित जातियों को जनजातीय की सूची में सम्मिलित किया गया?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी, नहीं। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बोरोन जिंक एवं प्रोम प्रदाय कंपनियों को नियम विरूद्ध भुगतान
[सहकारिता]
97. ( क्र. 3880 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन संघ द्वारा खरीफ 2021 एवं रबी 2021-22 में किस-किस को बोरोन जिंक एवं प्रोम की कितनी डी.आई. कब-कब जारी की गयी? दिनांकवार जिलेवार जानकारी दें। (ख) विपणन संघ द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को यह खाद कब-कब प्रदाय की गयी थी? जिलेवार जानकारी दें। क्या यह खाद समितियों में कंपनियों ने सीधे भण्डारित कर दी और बाद में उसकी डीआई को जारी कर नियमितीकरण की कार्यवाही की गयी? (ग) वरूण एवं एडवांस क्राप दोनों कंपनियों के प्रोम का अत्यधिक भंडारण हुआ? यदि हाँ, तो जिंक बोरोन की मात्रा एवं मूल्य बतायें। (घ) इन कंपनियों को कब-कब कुल कितना भुगतान किया गया तथा कितना भुगतान अभी शेष है? क्या भुगतान के पूर्व गुणवत्ता परीक्षण के निर्देश थे? यदि हाँ, तो कब-कब भुगतान के पूर्व परीक्षण कराया गया और भुगतान कब-कब किये? जिलेवार जानकारी दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए नि:शुल्क कोचिंग
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
98. ( क्र. 3893 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित बेरोजगार अभ्यार्थियों के लिए नि:शुल्क रोजगारोन्मुखी सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना वर्ष 2020 के अंतर्गत इन वर्गों के शिक्षित बेरोजगारों के लिए कोचिंग क्लास चलाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर कितने-कितने शिक्षित बेरोजगारों के लिए कोचिंग क्लास चल रही है? (ग) योजना आरम्भ होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने शिक्षित बेरोजगारों को कोचिंग प्रशिक्षण दिया जा चुका है? (घ) यदि अभी तक कोई कोचिंग क्लास आरम्भ नहीं हुई है तो इस विलम्ब का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना वर्ष 2021 संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजना आरंभ होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक 7002 शिक्षित बेरोजगारों को कोचिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रश्नांश (घ) का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
99. ( क्र. 3896 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों व कॉलेजों में पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को वर्ष 2020-21 व वर्ष 2021-22 में कुल कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जानी थी? इनमें से कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति क्यों नहीं दी गई है? (ख) क्या वर्ष 2020-21 में उपरोक्त में से पांच लाख विद्यार्थियों में से अधिकांश को अभी तक पूर्ण छात्रवृत्ति का वितरण नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने विद्यार्थी हैं, जिन्हें पूर्ण छात्रवृत्ति नहीं दी गई है? यदि हाँ तो क्यों? कब तक इन्हें पूर्ण छात्रवृत्ति दे दी जाएगी? (ग) क्या वर्ष 2021-22 में उपरोक्त में से लगभग 6 लाख विद्यार्थियों को अब तक छात्रवृत्ति नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? कब तक इन्हें छात्रवृत्ति दे दी जाएगी? (घ) द्वितीय अनुपूरक बजट में इस हेतु कितनी राशि विभाग को दी गई है? क्या इस राशि में से उपरोक्त छात्रवृत्ति दी जा सकेगी? यदि नहीं, तो उपरोक्त विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति कैसे व कब तक दी जाएगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 में छात्रवृत्ति पोर्टल अनुसार 585906 विद्यार्थियों को कुल राशि रूपये 638.71 करोड़ स्वीकृत की गई है जिसमें 482583 विद्यार्थियों को कुल राशि रूपये 489.98 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की गई है। शेष बचे 103323 विद्यार्थियों को कुल राशि रूपये 148.73 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरण का कार्य सतत् है वित्तीय वर्ष 2021-22 में विद्यार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन भरे जा रहे है। प्रदेश के सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों की छात्रवृत्ति योजना कक्षा 6 से 12 तक का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 200.00 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि 165.00 करोड़ का बजट आवंटन स्कूल शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल राशि रूपये 207.00 करोड़ का प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग की मांग अनुसार कार्यवाही की गई है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2020-21 के 103323 की छात्रवृत्ति वितरण का कार्य लंबित है जिसके वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) वर्ष 2021-22 में छात्रवृत्ति आवेदन भरे जा रहे हैं। आवेदनों के परीक्षण उपरांत पात्रता पाये जाने पर भुगतान किया जायेगा। सतत् प्रक्रिया होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) द्वितीय अनुपूरक बजट में पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत उपलब्ध राशि रूपये 100.00 करोड़ विभाग को प्राप्त है। इसमें से 88 करोड़ का वितरण किया जा चुका है।
भूमि विकास बैंक के कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान
[सहकारिता]
100. ( क्र. 3898 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 से भूमि विकास बैंक के बंद होने पर वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी को वेतन एवं ग्रेच्युटी का 6 वर्ष बाद भी भुगतान नहीं किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की बैंक बंद कर परिसमापक के अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? उन्हें वर्ष 2016 से वर्ष 2021 तक कुल कितने वेतन का भुगतान किस राशि से किया गया तथा इस अवधि में कुल कितनी ऋण वसुली की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कर्मचारियों का वेतन एवं ग्रेच्युटी शेष है, शेष वेतन, देय ग्रेच्युटी राशि देवें तथा बतावें कि शासन का यह कारण/तर्क कि ऋण वसूली से भुगतान किया जाएगा, श्रम कानून तथा सुशासन के विरूद्ध नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क) तथा (ग) अनुसार बतावें कि क्या ऋण की वसूली नहीं होगी तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन एवं ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जाएगा? (ड.) बतावें कि भूमि विकास बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के शेष वेतन एवं ग्रेच्युटी का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैकों के सदस्य कृषकों से एवं कर्मचारियों द्वारा समय पर कृषि ऋणों की वसूली न हो पाने से एवं कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण वेतन ग्रेच्यूटी भुगतान कतिपय बैकों में शेष है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) सेवानिवृत्त सेवायुक्तों एवं संविलियत कर्मचारियों के वेतन एवं ग्रेच्यूटी का भुगतान जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के परिसमापकों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार लेनदारी देनदारी का निपटान तय कर प्राथमिकता क्रम से वित्तीय सक्षमता के आधार पर किया जाना संभव है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उद्यमी विकास संस्थान का मैपसेट में विलय
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 3900 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उद्यमी विकास संस्थान का मैपसेट में विलय किये जाने का प्रशासकीय निर्णय वर्ष 2017 में लिया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। (ख) क्या मुख्य मंत्री जी की अध्यक्षता में दिनांक 24/12/2019 को सम्पन्न जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा भी विलय करने का आदेश दिया गया था? यदि हाँ, तो, उस आदेश पर क्या कार्यवाई हुई? (ग) क्या उद्यमी विकास संस्थान का मैपसेट में विलय किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक जारी किये जाएगे? (घ) वर्ष 2017 में प्रशासकीय निर्णय होने एवं मुख्य मंत्री जी के निर्देशों के पश्चात 5 वर्ष तक आदेश जारी नहीं करने के कारण क्या हैं? (ङ) क्या उद्यमी विकास संस्थान का मैपसेट में विलय किया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) एवं (ड.) प्रक्रियाधीन।
व्यापम घोटाले के सम्बन्ध में
[गृह]
102. ( क्र. 3908 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या STF ने वर्ष 2014 में विज्ञप्ति प्रकाशित कर व्यापम घोटाले पर आवेदन मंगवाए थे यदि हाँ, तो विज्ञप्ति की प्रति देवें तथा बतावें कि कितने आवेदन एस.टी.एफ. ने जांच हेतु रखे, कितने थाने में भेजे तथा कितने नस्तीबद्ध किए, STF की जांच तथा थाने में भेजे आवेदन में से कितने जांच के बाद फाइल कर दिए गए, कितनों पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा कितने जांच प्रक्रिया में लंबित है, STF तथा थानों की अलग-अलग जानकारी दिनांक 25/02/22 की स्थिति में देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जांच प्रक्रिया में लंबित आवेदनों को 7 वर्ष का समय हो गया है? कारण बतावें? (ग) क्या मा.उच्चतम न्यायालय के फैसले का बहाना कर STF ने 5 वर्षों तक जांच प्रक्रिया स्थगित कर दी? क्या यह मा.उच्चतम न्यायालय की अवमानना नहीं है? क्या यह भी सही है कि 2019 में माननीय मंत्री जी के आदेश से जांच प्रक्रिया पुनः प्रारंभ कर दी, यदि हाँ, तो मा.उच्चतम न्यायालय के किस आदेश से 2015 से 2019 तक जांच प्रक्रिया रोकी गई क्या शासन उस आदेश को खारिज कर जांच का आदेश दे सकते हैं? शासन के आदेश के प्रति देवें। (घ) पूर्व विधायक पारस सकलेचा के 2014 के आवेदन पर उनके बयान 2019 में 5 साल बाद क्यों लिए गए तथा ढ़ाई साल होने के बाद भी उनके बयान की विवेचना का कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। उपरोक्त विज्ञप्ति के संदर्भ में 02 आवेदन पत्रों की जांच एसटीएफ द्वारा की जा रही है। एक आवेदन पत्र तत्कालीन एसआईटी (व्यापम) जिला भोपाल को प्रेषित किया गया था। किसी भी आवेदन पत्र को नस्तीबद्ध नहीं किया गया। एक आवेदन पत्र पर अपराध पंजीबद्ध कर सी.बी.आई. को स्थानांतरित किया गया। दो आवेदन पत्रों पर जांच प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। लंबित आवेदन पत्रों में विभिन्न आरोपों का विस्तृत लेख होने से प्रत्येक आरोप की बिन्दुवार जांच की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन पत्रों पर जांच स्थगित नहीं की गई है। जी नही, शिकायत जांच पूर्व से ही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा के आवेदन पत्रों में विभिन्न आरोपों का विस्तृत लेख होने से प्रत्येक आरोप की बिन्दुवार जांच की जा रही है।
उपार्जन केन्द्र में खरीदी के नियम
[सहकारिता]
103. ( क्र. 3911 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपार्जन केन्द्र के माध्यम से खरीदी करने का नियम है? यदि हाँ, उपार्जन केन्द्र पर प्रति क्विंटल कितनी राशि व्यय की जाना चाहिए? हां, तो इस संबंध में शासन स्तर से आदेश जारी किये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हां, है तो वर्ष 2020-21 राजगढ़ जिले में कितने उपार्जन केन्द्र बनाये? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार राजगढ़ जिले में बनाये गये उपार्जन केन्द्र द्वारा कितना उपार्जन किया? उपार्जन केन्द्र अनुसार जानकारी दें तथा प्रति क्विंटल कितना व्यय हुआ? उपार्जन केन्द्र अनुसार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार क्या प्रति क्विंटल राशि से अधिक राशि व्यय की गई? कोई अनियमितता हुई? तो क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, उपार्जन केन्द्र पर समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु भारत शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर से व्यय करने का प्रावधान है तथापि आयुक्त सहकारिता के स्तर से गेहूँ उपार्जन हेतु राशि रूपये 16.76 एवं धान उपार्जन हेतु राशि रूपये 15 प्रति क्विंटल की अधिकतम दर निर्धारित की गई है। (ख) राजगढ़ जिले में वर्ष 2020-21 में गेहूँ उपार्जन हेतु 89 एवं चना, मसूर, सरसों उपार्जन हेतु 30 उपार्जन केन्द्र बनाये गये, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ, दोषी व्यक्तियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के एवं अधिक व्यय की गई राशि की वसूली करने के निर्देश दिये गये हैं।
नि:शक्तजनों को दी जाने वाली सुविधाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
104. ( क्र. 3912 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय नियम अनुसार नि:शक्तजनों को केलीपरस/बेसाखी/श्रवण यंत्र/हाथ से चलने वाली ट्रायसायकल/पेट्रोल तथा डीजल से चलने वाली ट्राय सायकल/इलेक्ट्रॉनिक ट्राय सायकल देने का नियम है? यदि हाँ, तो? नियम की जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) यदि हाँ, है तो 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ विधान सभा अन्तर्गत कितने नि:शक्तजनों को क्या उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं? उपकरणों का नाम बताते हुए सूची उपलब्ध करायें? (ग) कंडिका (क) एवं (ख) अनुसार क्या पात्रता अनुसार समस्त नि:शक्तजनों को उपकरण उपलब्ध करा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें। नहीं तो कुछ लंबित प्रकरण रह गये हों तो? कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) शेष पात्र दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराने हेतु ऐलिम्को के सहयोग से परीक्षण/चिन्हांकन करने हेतु दिनांक 9.3.2022 एवं 11.3.2022 को शिविर आयोजित किये गये है।
कार्यों एवं सामग्री का क्रय
[जनजातीय कार्य]
105. ( क्र. 3917 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कराये गए कार्यों का विवरण योजनावार, मदवार, व्यय राशि की जानकारी, पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों का विवरण, कार्यों से सम्बंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी, पूर्ण कार्यों हेतु जारी पूर्णता प्रमाण-पत्र, अपूर्ण कार्यों हेतु अपूर्णता का कारण सहित बतावें? (ख) विभाग द्वारा रीवा जिले में संचालित छात्रावास/आश्रम के नाम, स्थान, बच्चों की संख्या, पदस्थ स्टॉफ की जानकारी पदस्थापना दिनांक सहित उपलब्ध करायें, प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में संचालित छात्रावासों एवं आश्रमों हेतु क्या-क्या सामग्री किस माध्यम से खरीदी गई? सामग्री से सम्बंधित क्रय आदेशों एवं किये गए भुगतान की जानकारी उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) छात्रावास/आश्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब'अनुसार है। गुढ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत छात्रावासों में क्रय आदेश एवं किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
छात्रों को शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति
[जनजातीय कार्य]
106. ( क्र. 3918 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित समस्त योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करायें, हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभार्थी हितग्राहियों का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति के साथ प्राप्त होने वाली छात्रवृत्ति राशि एक शैक्षणिक सत्र में कितने माह तक की दी जाती है? क्या प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लिए अलग-अलग है? शिक्षण शुल्क के साथ अन्य एवं परीक्षा शुल्क प्रदान किया जाता है या नहीं? एमपी ट्रास के माध्यम से छात्रों को प्राप्त होने वाली शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति के निर्धारण का क्या प्रारूप है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) रीवा जिले में विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के संचालित योजनाओं एवं हितग्राही मूलक योजना, लाभार्थी का विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत अनूसुचित जनजाति विद्यार्थियों को 1 अप्रैल या संस्था में प्रवेशित माह (जो बाद में हो) तक से लेकर उस सत्र की परीक्षा होने तक निर्वाह भत्ता के भुगतान का प्रावधान है। शैक्षणिक शुल्क की प्रतिपूति शासन द्वारा निर्धारित दर अनुसार की जाती है तथा निर्वाह भत्ता की दर पाठ्यक्रम के सभी वर्षों (प्रथम, दितीय एवं तृतीय) हेतु समान होती है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क, निर्वाह भत्ता, दिव्यांग भत्ता, स्टडी टूर चार्जेस, थ्रीसिस टायपिंग चार्जेर्स एवं अन्य समस्त अनिवार्य शुल्कों का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। एम.पी.टास पोर्टल पर भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देश 01.07.2010 एवं म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्रमांक 172 दिनांक 18.3.2019 के प्रावधान अनुसार पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दरों का निर्धारण किया गया है।
छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
107. ( क्र. 3919 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के महाविद्यालयों में अध्ययनरत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के भुगतान की कितनी राशि और कितने छात्रों की बकाया है? विगत 3 वर्षों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रदेश में अध्ययनरत अशासकीय महाविद्यालय के अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के छात्रवृत्ति हेतु क्या शासकीय महाविद्यालयों से अलग आवेदन एवं भुगतान की प्रक्रिया लागू की गई है या कोई योजना है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) प्रदेश के महाविद्यालयों में अध्ययनरत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। विगत 03 वर्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालयों हेतु संबंधित प्राचार्य से स्वीकृति उपरांत भुगतान सहायक संचालक द्वारा एवं अशासकीय महाविद्यालय हेतु स्वीकृति/भुगतान संबंधित जिले के सहायक संचालक द्वारा किया जाता है।
फर्जी तरीके से पीएमटी पास छात्र
[चिकित्सा शिक्षा]
108. ( क्र. 3924 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में अलग-अलग वर्ष 2006 से वर्ष 2013 तक की अवधि में कितने-कितने छात्रों को फर्जी तरीके से पीएमटी पास करके भर्ती होने की जानकारी मिलने के बाद बर्खास्त कर दिया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में अलग अलग कितने-कितने छात्र ऐसे हैं, जिनकी पढ़ाई पूरी होने के बाद भी फर्जी तरीके से पीएमटी पास करके भर्ती होने की जानकारी मिलने के कारण डिग्री निरस्त की गई है, या निरस्त की जा सकती है? (ग) एक चिकित्सक तैयार करने के लिए सरकार एक छात्र पर लगभग कितना खर्च करती है? (घ) (क) और (ख) में उल्लेखित छात्रों पर शासन का लगभग कितना खर्च हुआ?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (घ) छात्रवार जानकारी संधारित नहीं है।
अ.ज.जा. के बैकलॉग पदों की नियम-विरुद्ध पूर्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
109. ( क्र. 3928 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विज्ञप्ती-क्रमांक 317/स्था/विज्ञप्त/2018 दिनांक-18/04/2018, विज्ञप्ती-क्रमांक 2823/स्था/विज्ञप्त/2019 दिनांक-09/03/2019, विज्ञप्ती-क्रमांक 319/स्था/विज्ञप्त/2019 दिनांक 10/05/2019 में सह-प्राध्यापक अजजा के लिए आरक्षित पद रिक्त थे? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र-क्रमांक एफ-6-1/2002/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक-04/07/2020 एवं 17/09/2021 को अनदेखा कर बैकलॉग पदों को विज्ञप्ति-क्रमांक 8733/स्था.प्र.द्वि./ न.सि.चौ.शा.चि. महा./2021/खंडवा दिनांक 18/12/2021 में संस्था-स्तर पर (इन-हाउस) अजजा के आरक्षित बैकलॉग पदों को विलोपित कर अनारक्षित श्रेणी में दर्ज किया गया? (ग) किस प्रचलित नियम/अधिनियम के तहत आरक्षित बैकलॉग पदों को अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तित करने का प्रावधान है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अजजा बैकलॉग पदों को प्रश्नांश (ख) के विज्ञप्ति द्वारा अनारक्षित वर्ग से पूर्ति कर त्रुटि हुई है? यदि हाँ, तो उक्त त्रुटि के जिम्मेदार कौन-कौन हैं? किसकी क्या-क्या जवाबदेही तय की गई है? (ङ) क्या प्रश्नांश (क) के रिक्त अजजा बैकलॉग पदों को प्रश्नांश (ख) की विज्ञप्ति द्वारा अनारक्षित श्रेणी में दर्ज करना विधिसम्मत है? (च) क्या प्रश्नांश (घ) की त्रुटि को सुधारने के लिए कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? यदि नहीं, तो कब तक किसकी क्या जवाबदेही तयकर क्या कार्यवाही की जाएगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, संस्था द्वारा विभागवार संधारित त्रुटिपूर्ण रोस्टर में सुधार किया गया है। (ग) आरक्षित बैकलॉग पदों को अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तित करने का प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (घ) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कार्यालयों में पदस्थ शैक्षणिक अमला
[जनजातीय कार्य]
110. ( क्र. 3929 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभागों के अंतर्गत संचालित धार जिले के विभिन्न शासकीय कार्यालयों में शैक्षणिक अमलों (प्राचार्य, व्याख्याता, अन्य) को पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो इनके नाम, पदनाम, शासकीय कार्यालयों में पदस्थी की अवधि तथा इनके कुल सेवा काल में इनके द्वारा किये गये शैक्षणिक कार्य की अवधि की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) ऐसी कौन-सी मजबूरी है जिसके कारण इतने शैक्षणिक अमले को स्कूलों से कार्यालयों में पदस्थ कर, प्रशासनिक कार्य लिया जा रहा है? क्या इससे शैक्षणिक संस्थाओं (स्कूलों, छात्रावासों, आश्रमों, अन्य) की शैक्षणिक-व्यवस्था प्रभावित नहीं हो रही है? क्या इससे इन शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ रहे बच्चों के रिजल्ट प्रभावित नहीं हो रहे? इन विभागों अंतर्गत संचालित शैक्षणिक संस्थाओं (स्कूलों, छात्रावासों, आश्रमों, अन्य) के कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं बोर्ड के रिजल्ट के विगत् 10 वर्षों के आंकड़े उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विभिन्न शासकीय कार्यालयों में पदस्थ समस्त शैक्षणिक अमलों को हटाया जाकर, वापस स्कूलो में पदस्थ करने संबंधी कार्यवाही की जाएगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। संलग्न किये गये शिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट (अ) अनुसार है। (ख) शिक्षकों को अस्थाई रूप से शासन के प्राथमिकता वाले कार्यों जैसे निर्वाचन नामावली एवं ई.व्ही. एम एवं वी.वी.पेड संबंधी कार्य, छात्र-छात्राओं के स्थायी जाति प्रमाण-पत्र, डाटा एन्टी कार्य तथा कोविड 19 टीकाकरण कार्यों के संपादन हेतु संलग्न किया गया है। संलग्नीकरण से शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो इस दृष्टि से संबधित संस्था में पदस्थ अन्य शिक्षकों से शिक्षकीय कार्य कराया जाता है। धार जिला अंतर्गत संचालित शैक्षणिक संस्थाओं के कक्षा 10 एवं 12वीं के विगत 10 वर्षों के परीक्षा परिणाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट (ब) अनुसार है। (ग) शिक्षकों से लिया जा रहा कार्य समाप्ति पश्चात शैक्षणिक संस्थाओं में पदस्थ करने संबंधी कार्यवाही की जावेगी।
विद्युत व्यवस्था किये जाना
[सहकारिता]
111. ( क्र. 3933 ) श्री मनोज चावला : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिल्पी निर्माण सहकारी समिति (वार्ड क्रमांक 82-83) भोपाल द्वारा अपने पंजीकृत सदस्यों को आवंटित भूखण्ड विकास शुल्क लेकर अथवा बिना विकास शुल्क के भूखण्ड का आवंटन किया गया था? यदि विकास शुल्क लिया गया है तो इस शुल्क की कितनी राशि संस्था के पास जमा है विवरण दें। नहीं लिया गया तो क्यों? (ख) क्या इस समिति द्वारा रहवासियों हेतु विद्युत व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं, तो विद्युत व्यवस्था हेतु समिति को कितनी राशि का व्यय वहन करना पडेगा? वर्तमान में समिति के खाते में जमा राशि का उपयोग करते हुए विद्युत व्यवस्था हेतु शासन द्वारा ऐसी व्यवस्था की जावेगी जिससे रहवासियों को समुचित विद्युत उपलब्ध हो सके? (ग) क्या शासन इस संस्था में नियुक्त प्रशासक को ऐसे निर्देश/आदेश जारी करेगा कि वह संस्था में जमा राशि का उपयोग विद्युत व्यवस्था हेतु करने की कार्यवाही करेगा, जिससे रहवासियों को विद्युत व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल (वार्ड क्रमांक 82-83) द्वारा अपने पंजीकृत सदस्यों को आंशिक विकास शुल्क लेकर भूखण्डो का आवंटन किया गया है। संस्था में वर्तमान में राशि 35,20,321/- रूपये जमा है। (ख) जी नहीं। विद्युत व्यवस्था हेतु समिति को कितनी राशि का व्यय करना पडेगा, यह बताया जाना संभव नहीं है। उपायुक्त, सहकारिता जिला भोपाल द्वारा संस्था के प्रशासक को दिये गये निर्देशानुसार संस्था द्वारा निर्णय लिया जाकर समिति के खाते में जमा राशि का उपयोग करते हुए विद्युत व्यवस्था की जा सकेगी। (ग) संस्था के प्रशासक को उपायुक्त, सहकारिता जिला भोपाल के द्वारा पत्र क्र./ विधानसभा/2022/674 दिनांक 09-03-2022 के द्वारा संस्था में जमा राशि से संस्था में विद्युत व्यवस्था की नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा गया है। संस्था की उपविधि के प्रावधानों अनुसार निर्णय लिया जाकर संस्था में जमा राशि का उपयोग कर, रहवासियों को विद्युत व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी।
राजनैतिक दल के लोगों को पी.एस.ओ. उपलब्ध कराया जाना
[गृह]
112. ( क्र. 3934 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा जनवरी 2021 से फरवरी, 2022 तक निजी सुरक्षा में (पी.एस.ओ.) पदस्थ किये गये हैं? यदि हाँ, तो किनको किन कारणों से दिये गये हैं? कारणों सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) यदि पी.एस.ओ. उपलब्ध कराये गये हैं तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नियम विरूद्ध उपलब्ध कराये गये हैं तो शासन पी.एस.ओ. को तत्काल वापिस लेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 24 जून, 2003 में निहित प्रावधान के अंतर्गत पदस्थ किये गये है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्मित गौशालाओं का व्यवस्थापन
[पशुपालन एवं डेयरी]
113. ( क्र. 3945 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत कुल कितनी पंचायतों में गौशाला स्वीकृत की गई थी? कुल कितनी गौशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कितनी पंचायतों में कार्य अधूरा है? जनपद पंचायतवार विवरण उपलबध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पंचायतों में निर्मित की गई गौशालाओं के संचालन एवं प्रबंधन हेतु कितने कर्मचारियों का प्रावधान किया गया है? नियुक्त किये गये कर्मचारियों को कितना मानदेय प्रदाय किया जा रहा है तथा किस मद से भुगतान किया जा रहा है? (ग) क्या विभाग द्वारा गौशालाओं के नियमित संचालन हेतु स्थायी रूप से कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रस्तावित की गई है? यदि नही, तो गौशाला संचालन की स्थायी व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पंचायतों में निर्मित की गई गौशालाओं का संचालन एवं प्रबंधन महिला स्वसहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। वर्तमान में विभाग के पास इस संबंध में कोई कार्य योजना विचाराधीन नहीं है।
वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत खारिज किये गये दावों की जाँच
[जनजातीय कार्य]
114. ( क्र. 3946 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत पट्टे देने का क्या प्रावधान है? (ख) सिवनी जिले के अंतर्गत वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत पट्टे प्राप्त करने हेतु कुल कितने आवेदन योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये, कुल कितने स्वीकृत हैं? कितने प्रकरण साक्ष्य के अभाव या अन्य कारणों से निरस्त कर दिये गये हैं, कितनी संख्या में वर्तमान में प्रकरण लंबित हैं तथा लंबित रहने का क्या कारण है? लंबित आवेदनकर्ता के नाम सहित ग्रामवार, विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) निरस्त किये गये वन अधिकार दावें कौन-कौन से ग्राम के हैं? ग्रामवार आवेदक के नाम सहित जानकारी देवें तथा यह भी बतायें कि निरस्त किये गये दावों पर पुनर्विचार होगा? यदि हाँ, तो क्या योजना है? यदि नहीं, तो, निरस्त किये गये आवेदक वर्तमान में नवीन आवेदन कर सकते हैं? (घ) शत-प्रतिशत पात्र आवेदकों को पट्टे वितरण हेतु शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो कारण बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। जिला सिवनी में निराकरण हेतु कोई दावा लंबित न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। जी हाँ, निरस्त दावों का पुन: परीक्षण कर निराकरण एमपी वनमित्र पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। निरस्त दावों पर पुनर्विचार किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सभी पात्र दावेदारों को वन अधिकार पत्र प्रदान किये जाने हेतु निरस्त दावों का पुन: परीक्षण कर निराकरण किया जा रहा है। प्रदेश में निरस्त दावों में से 35,050 दावों को मान्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस थाना एवं चौकियों की जानकारी
[गृह]
115. ( क्र. 3948 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत कितने थाना एवं कितनी चौकियां हैं? (ख) इनमें कितने थानों में थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी स्थायी पदस्थ हैं एवं कितने थानों एवं चौकियों में प्रभारी स्थायी पदस्थ हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 40 थाना एवं 16 चौकियां है। (ख) किसी भी थाना एवं चौकी में थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी की पदस्थापना अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक के लिये की जाती है। स्थाई रूप से किसी अधिकारी की पदस्थापना नहीं की जाती है। जिले के 24 थानों में निरीक्षक, 10 थानों में कार्यवाहक निरीक्षक, 05 थानों में उप निरीक्षक, 01 थाने में कार्यवाहक उप निरीक्षक एवं 12 पुलिस चौकी में उप निरीक्षक, 03 पुलिस चौकी में कार्यवाहक उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी अस्थाई रूप से पदस्थ है। 01 पुलिस चौकी में पदस्थापना नहीं है।
मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्वीकृत बिल्डिंग
[चिकित्सा शिक्षा]
116. ( क्र. 3949 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित मेडिकल विश्वविद्यालय के भवन के लिए अब तक कितनी राशि स्वीकृत हुई है? (ख) स्वीकृत राशि में से कितनी राशि का निर्माण हो चुका है? (ग) वर्तमान में क्या-क्या निर्माण कार्य चल रहा है? (घ) भविष्य में स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जबलपुर स्थित विश्वविद्यालय के भवन के लिये राशि रूपये 20.38 करोड़ की स्वीकृत की गई है। (ख) स्वीकृत राशि में से राशि रूपये 18.78 करोड़ का निर्माण कार्य हो चुका है। (ग) वर्तमान में बाउण्ड्रीवॉल एवं वाहन पार्किंग निर्माण का कार्य चल रहा है। (घ) मार्च, 2022 तक कार्य पूर्ण होना संभावित है।
पन्ना जिले में यातायात व्यवस्था
[गृह]
117. ( क्र. 3951 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले अन्तर्गत विकासशील नगर पंचायत अमानगंज, गुनौर, देवेन्द्रनगर एवं अन्य जगहों पर यातायात सुचारू रूप से चलायमान रखने के लिए किस यातायात अधिकारी/कर्मचारी को नियुक्त किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन जगहों की यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी आखिर किसकी है और बिगड़े यातायात व्यवस्था के लिये जिम्मेदार कौन है? क्या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पन्ना जिले के अन्तर्गत विकासशील नगर पंचायत अमानगंज, गुनौर, देवेन्द्रनगर में पृथक से यातायात बल स्वीकृत नहीं है। उक्त कस्बों में संबंधित थाना बल से ही यातायात संचालित किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन जगहों की यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गुनौर के निर्देशन में थाना प्रभारी अमानगंज, गुनौर एवं देवेन्द्रनगर की है। संबंधित थाना के बल द्वारा यातायात संचालित करने हेतु पाईंट लगाये जाते हैं एवं आवश्यकतानुसार डियूटी लगाई जाती है। उक्त कस्बों में यातायात व्यवस्था को ओर बेहतर करने के लिए एवं सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए यातायात थाने से भी बल लगाया जाता है। उक्त संबंध में संबंधित थाना प्रभारियों को पृथक से निर्देश भी जारी किये गये हैं। यातायात व्यवस्था में लापरवाही पाये जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी पर नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की जाती है।
पशु चिकित्सकों एवं भवनों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
118. ( क्र. 3952 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के प्रत्येक पशु चिकित्सालय में स्वीकृत पद एवं वर्तमान में भरे पद एवं रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावें तथा रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा? (ख) क्या जिले में पशु चिकित्सकों के पास एक से अधिक प्रभार हैं? जिन पशु चिकित्सकों के पास एक से अधिक प्रभार हैं, उनकी सूची उपलब्ध करावे? (ग) पन्ना जिले अन्तर्गत कितने पशु चिकित्सालयों की बिल्डिंग उपयोग लायक है एवं कितनी जर्जर हालत में है और जो बिल्डिंग जर्जर हालत में उनके स्थान पर नव निर्माण कार्य कराया जायेगा या उन्ही में सुधार कार्य कराया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) स्वीकृत 35 कार्यरत 08 रिक्त 27। पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 24 पशु चिकित्सालयों की बिल्डिंग उपयोग लायक है। 02 पशु चिकित्सालय हरदुआ खम्हरिया एवं रैपुरा की बिल्डिंग उपयोग लायक नहीं है। बजट उपलब्धता के आधार पर निर्माण/सुधार की कार्यवाही निरंतर प्रक्रिया है।
अतिथि शिक्षकों के ऐरियर, वेतन भुगतान
[जनजातीय कार्य]
119. ( क्र. 3959 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2017 से 2022 तक जनवरी माह अनुसार विभाग द्वारा रतलाम जिले के संचालित शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तथा कक्षा 09 से 12 में कुल नांमाकनांक, स्थायी अध्यापकों की संख्या तथा अतिथि शिक्षक की संख्या कितनी-कितनी है? (ख) क्या अतिथि शिक्षक मानदेय में आदेश दिनांक 03.10.2018 से वृद्धि वर्ष के किस माह से की गई थी? नवम्बर 2018 की स्थिति में कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत थे तथा कितनो को मानदेय का एरियर दे दिया गया तथा कितनों को नहीं दिया गया? देय, मानदेय का एरियर्स नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या जीएफएम पोर्टल पर अतिथि शिक्षकों के अनुभव कार्य दिवस कम प्रदर्शित हो रहे है? यदि हाँ, तो कितने अतिथि शिक्षक ने सुधार हेतु आवेदन किया है? कितने आवेदन पर सुधार कर दिया गया तथा कितने शेष हैं? (घ) क्या जीएफएम पोर्टल पर सभी अतिथि शिक्षक के अनुभव प्रमाण-पत्र, प्रमाणित नहीं किये गये? यदि हाँ, तो कारण बतावें कितने अतिथि शिक्षकों के क्लेम फार्म जनरेट करने हेतु विभिन्न संकुल कार्यालय में विचाराधीन हैं? कितने जिला कार्यालय में विचाराधीन है? इन्हे कब तक प्रमाणित किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) कक्षा 01 से 08वीं तक नामांकन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है एवं स्थायी अध्यापकों तथा अतिथि शिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ख) वृद्धि माह अगस्त 2018 से की गई है। नवम्बर 2018 की स्थिति में कुल 557 अतिथि शिक्षक कार्यरत थे। समस्त अतिथि शिक्षकों के मानदेय के एरियर का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जीएफएम पोर्टल पर सभी अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र प्रमाणित किये गये है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अतिथि शिक्षकों के संकुल कार्यालय एवं जिला कार्यालय में कोई भी क्लेम फार्म विचाराधीन नहीं है।
थाना में दिये गये आवेदनों पर बिना जांच किये कार्यवाही
[गृह]
120. ( क्र. 3961 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र के थानों में थाना प्रभारियों द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक अपराध पर नियंत्रण हेतु किन-किन तिथियों में कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत अधिकारियों की टीम गठित की गई? यदि हाँ, तो उसमें कौन-कौन थे? (ग) क्या आवेदकों द्वारा आवेदन पत्र थाने में दिये गये और उनकी जांच की गई? राजनैतिक दबाव से उनकी जांच निरस्त कर दी? ऐसे कितने आवेदन पत्र हैं, नाम सहित बतायें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) थानों में दिये गये किसी भी आवेदन पत्र की जांच राजनैतिक दबाव में निरस्त नहीं की गई है। प्राप्त आवेदन पत्रों पर विधिसम्मत कार्यवाही अमल में लायी जाती है।
केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं अधीनस्थ शाखाओं में पदस्थापना
[सहकारिता]
121. ( क्र. 3965 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं इसके अधीनस्थ जिले भर में बैंक शाखाएं संचालित की जा रही हैं, तथा मार्केटिंग सोसायटी एवं विभिन्न सेवा सहकारी समितियां भी संचालित की जाकर सहकारिता के जिलेवार कार्यों को कर रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिले भर में किन-किन स्थानों पर शासन/विभाग द्वारा संचालन किया जा रहा हैं? इस हेतु वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कार्यालयीन विभागीय कार्यों को किये जाने हेतु कौन-कौन समिति व शाखा प्रबंधक पदस्थ होकर कार्यरत हैं? वर्षवार, स्थानवार जानकारी दें। (ग) बताएं कि ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जिनको एक से अधिक कार्यभार सौंपा गया हैं? (घ) बैंक के प्रधान कार्यालय में कितने ऐसे समिति प्रबंधक कार्यरत हैं, जो विगत कई वर्षों से कार्यभार बदल-बदल कर कितने वर्षों से एक की कार्यालय में कार्यरत हैं, तथा कितने ऐसे अधिकारी/कर्मचारी सपूर्ण जिले भर में है, जो एक ही शाखा अथवा समिति में तीन वर्षों से अधिक समयावधि बीतने के बाद भी कार्यरत है? कितने ऐसे अधिकारी/कर्मचारी हैं जिनके विरूद्ध आर्थिक अनियमितता की शिकायत प्रमाणित होने अथवा अपराध सिद्ध होकर दण्डित होने के बावजूद कार्य कर रहे है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) बैंक के प्रधान कार्यालय में 5 समिति प्रबंधक पदस्थ हैं जिसमें से एक समिति प्रबंधक विगत कई वर्षों से कार्यभार बदल-बदल कर 11 वर्षों से एक ही कार्यालय में कार्यरत है तथा 79 ऐसे अधिकारी/कर्मचारी संपूर्ण जिले भर में है, जो एक ही शाखा अथवा समिति में तीन वर्षों से अधिक समयावधि बीतने के बाद भी कार्यरत हैं। ऐसे 12 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं जिनके विरूद्ध आर्थिक अनियमितता संबंधी आरोप प्रमाणित/आंशिक प्रमाणित/अंकेक्षण में वर्णित है, के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है।
चिकित्सा महाविद्यालयों के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
122. ( क्र. 3966 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा उज्जैन संभाग अंतर्गत उज्जैन, नीमच, मंदसौर एवं रतलाम जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किये जाकर रतलाम मेडिकल कॉलेज संचालित होकर कार्यरत भी हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार स्वीकृतियां किन-किन वर्षों में दी गई व रतलाम मेडिकल कॉलेज को छोड़कर प्रश्नांश (क) उल्लेखित तीनों स्थानों हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाहियां पूर्ण की जा चुकी हैं? बताएं। (ग) नीमच, मंदसौर एवं उज्जैन के चिकित्सा महाविद्यालय का कब, किस स्थान पर कितनी लागत का कार्य स्वीकृत किया जाकर कब पूर्ण होगा व किस एजेंसी के द्वारा किया जाएगा? (घ) रतलाम मेडिकल कॉलेज में कार्य स्वीकृति से लेकर प्रारंभ करने तथा प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने कार्य अपूर्ण रहे व कितने अप्रारंभ होकर आगामी समय में किये जाना हैं तथा मेडिकल कॉलेज में सीट वृद्धि कितनी हुई एवं रतलाम मेडिकल कॉलेज का अस्पताल कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, नीमच, मंदसौर एवं रतलाम जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किये गये है तथा रतलाम में कॉलेज स्वीकृत होकर संचालित है। उज्जैन में चिकित्सा महाविद्यालय स्वीकृत नहीं है। (ख) नीमच एवं मंदसौर की प्रशासकीय स्वीकृति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। नीमच तथा मंदसौर में चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण हेतु परियोजना क्रियान्वयन ईकाइ (पी.आई.यू.) का चयन किया गया है। पी.आई.यू. द्वारा दोनों चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण हेतु निर्माण एजेन्सी से दिनांक 22.02.2022 को अनुबंध किया जा चुका है। (ग) नीमच तथा मंदसौर में चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण हेतु क्रमश: राशि रूपये 255.78 करोड़ तथा राशि रूपये 270.59 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 08/12/2021 को जारी की गई है। (घ) रतलाम मेडिकल कॉलेज में कार्य स्वीकृति हेतु राशि रूपये 293.56 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया, जिससे समस्त स्वीकृत किये गये कार्य पूर्ण हो चुके है तथा मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 30 ई.डब्ल्यू.एस. सीट की वृद्धि हुई है। रतलाम मेडिकल कॉलेज का अस्पताल का संचालन प्रारंभ हो चुका है।
किसानों को अमानक स्तर का उर्वरक प्रदाय
[सहकारिता]
123. ( क्र. 3968 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में प्रोम, माइक्रो न्यूट्रेट एवं अन्य उर्वरक यथा बोरोन एवं जिंक किसानों को विक्रय किये गये थे? उर्वरक की मात्रा, मूल्य एवं कंपनी का नाम सहित जानकारी दें। (ख) उक्त उर्वरकों को कितने नमूने कब-कब लिए गए तथा उन नमूनों की जांच उपरांत क्या रिपोर्ट प्राप्त हुई? कंपनी का नाम, उर्वरक एवं नमूनेवार जानकारी दें। (ग) माइक्रो न्यूट्रेट उर्वरकों प्रोम एवं जिंक के लिए गुणवत्ता के क्या मानदंड निर्धारित किये गये हैं? (घ) क्या उक्त उर्वरक जांच में घटिया/अमानक स्तर के पाये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त कंपनियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध एक्सग्रेशिया की राशि का भुगतान
[सहकारिता]
124. ( क्र. 3969 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में किन-किन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को एक्सग्रेशिया का भुगतान कराने की अनुमति पंजीयक, सहकारी संस्थायें मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा दी गई, तथा किन-किन बैंकों ने एक्सग्रेशिया की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? बैंकवार विवरण दें। (ख) एक्सग्रेशिया की अनुमति किन मानदण्डों के आधार पर दी जाती है एवं उक्तावधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के लिये गये अंकेक्षण-ऑडिट एवं लाभ हानि की स्थिति क्या थी? (ग) क्या एक्सग्रेशिया की राशि का भुगतान नियमानुसार किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृद्धावस्था पेंशन के लिए अनिवार्य गरीबी रेखा की बाध्यता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
125. ( क्र. 3971 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वृद्धावस्था पेंशन हेतु गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नाम होने की अनिवार्यता है? यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रति उपलब्ध कराए? (ख) क्या शासन वृद्धावस्था पेंशन हेतु गरीब, मजदूर एवं शासन की अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ देने के लिए गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम होने की अनिवार्यता को निरस्त किये जाने के संबंध में विचार करेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन में बी.पी.एल. की अनिवार्यता है किन्तु राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करने हेतु 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध भी पात्र हैं जो बी.पी.एल. नहीं हैं किंतु निराश्रित हैं साथ ही वृद्धाश्रम में निवासरत वृद्ध जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो, तथा अन्य किसी प्रकार की पेंशन का लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हो उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत पेंशन का लाभ प्रदाय किया जाता है। विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ 2-87/2010/26-2, दिनांक 25/06/2013 एवं क्रमांक एफ 2-87/2016/26-2, दिनांक 27/09/2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त घुमक्कड एवं अर्द्ध घुमक्कड जनजातीय वर्ग को जाति प्रमाण-पत्र
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
126. ( क्र. 3973 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय वर्ग को जाति प्रमाण-पत्र दिये जाने के संबंध में शासन के क्या नियम हैं? (ख) विदिशा जिला अंतर्गत कौन कौन सी जाति अथवा वर्ग विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय वर्ग में आते हैं? जातिवार जानकारी उपलब्ध कराए? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय वर्ग के कितने हितग्राहियों ने जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने हेतु नियमानुसार आवेदन प्रस्तुत किए? उनमें से कितनों के जाति प्रमाण पत्र बनाए गये एवं कितनों के नहीं? जिनके जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाए गये हैं, उनके कारण सहित जानकारी दें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
कार्यरत न्यायालय से संबंधित जानकारी
[विधि एवं विधायी कार्य]
127. ( क्र. 3975 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिला में कितनी प्रथम श्रेणी न्यायालय कार्यरत (संचालित) है? शहर के नाम सहित बताएं? (ख) नर्मदापुरम जिला में कितनी A.D.J. कोर्ट कहां-कहां संचालित हैं? (ग) इन A.D.J. कोर्ट की D.J. कोर्ट से क्या दूरी है? (घ) नर्मदापुरम जिला में और कितनी A.D.J. कोर्ट खोलने की योजना कब तक है तथा सिवनी मालवा में एडीजे कोर्ट कब तक खोली जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविलियन/स्थानांतरण के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
128. ( क्र. 3977 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों के स्कूल शिक्षकों को सामान्य क्षेत्र के शिक्षा विभाग में संविलियन/स्थानांतरण किये जाने का कोई नियम/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो आदिम जाति कल्याण विभाग के शिक्षकों को स्वयं के व्यय पर आवेदन किये जाने पर विभाग द्वारा स्थानांतरण किये जाने की अनापत्ति प्रमाण पत्र दिये जाने की कोई समय अवधि निश्चित हैं? अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के नियम निर्देश की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग के शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के शिक्षकों को एक दूसरे के विभाग में संविलियन/स्थानांतरण किये जाने की प्रक्रिया को और सरल एवं पारदर्शी बनाऐ जाने हेतु सरकार द्वारा दोनों विभागों के माध्यम से कोई नई संविलियन/ स्थानांतरण नीति बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में स्वयं के व्यय पर आपके विभाग से शिक्षा विभाग में संविलियन/स्थानांतरण अथवा स्थानांतरण हेतु विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने हेतु सम्पूर्ण ग्वालियर, चंबल संभाग से किस-किस शिक्षक के आवेदन किस-किस दिनांक को विभाग को प्राप्त हुए तथा विभाग द्वारा किन-किन शिक्षकों को किस नियम निर्देश के क्रम में अनापत्ती एवं स्थानांतरण किये गए? जानकारी सूची सहित उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिन शिक्षकों के आवेदन विभाग में आज दिनांक तक विचाराधीन हैं, उनकी अनापत्ति प्रमाण पत्र न जारी किये जाने का कारण बताते हुऐ उन आवेदनों की सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्राप्त आवेदनों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी शिक्षक को शिक्षा विभाग में स्थानांतरण/एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई। (घ) विभाग में शिक्षकों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन/प्रतिनियुक्ति हेतु अनापत्ति जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश (ग) अनुसार।
अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
129. ( क्र. 3985 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना एण्डोरी जिला भिण्ड में अपराध क्र.19/2022 दिनांक 12/02/2022 को फरियादी रिन्कू सिंह गुर्जर द्वारा किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कराया था? क्या फरियादी रिन्कू गुर्जर द्वारा पुलिस अधीक्षक भिण्ड को इन अपराधियों से जान का खतरा है, इस बावत आवेदन दिया है? यदि हाँ, तो आवेदन की छायाप्रति दें। पुलिस द्वारा अपराध दिनांक से एवं पुनः पुलिस अधीक्षक भिण्ड को दिये पत्र दिनांक से 25 फरवरी, 2022 तक अपराधियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? अभी तक अपराधियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी दोषी है उनका, नाम, पद बतावें। क्या दोषी पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें। (ख) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले के अन्तर्गत आने वाले थानों में कितने-कितने अपराध पंजीबद्ध किन-किन व्यक्तियों के द्वारा किन-किन व्यक्तियों के विरोध में किन-किन दिनांको में पंजीबद्ध कराये हैं उनमें प्रकरण दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ग) जिला भिण्ड के पुलिस थानों में कौन-कौन थाना प्रभारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना एण्डोरी जिला भिण्ड में फरियादी रिंकू सिंह गुर्जर की रिपोर्ट पर दिनांक 12.02.22 को आरोपी सब्जा उर्फ सत्यपाल पुत्र मुंशी सिंह गुर्जर, मुंशी सिंह पुत्र सुमेर सिंह गुर्जर सुजानसिंह पुत्र सुमेर सिंह गुर्जर, कल्ली पुत्र सुजान सिंह गुर्जर, माधौ पुत्र नाथू सिंह, निवासी गण ग्राम कैथौदा के विरुद्ध अपराध क्रमांक 19/22 धारा 307, 294, 506, 34 भादवि, 25/27 आम्र्स एक्ट पंजीबद्ध कराया गया था। फरियादी ने पुलिस अधीक्षक भिण्ड को उक्त अपराधियों से जान का खतरा होने के आशय का आवेदन नहीं दिया था, अपितु पुलिस उप महानिरीक्षक चंबल रेंज को एक आवेदन दिया था जिसमें जान से मारने की धमकी दिये जाने का उल्लेख है। आवेदन की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। पुलिस उप महानिरीक्षक चंबल रेंज को दिया गया उपरोक्त आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक भिण्ड कार्यालय में दिनांक 25.02.2022 को प्राप्त हुआ था। प्रकरण की विवेचना एवं आरोपीगण के गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
सामूहिक विवाह के शासकीय प्रावधान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
130. ( क्र. 3986 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामूहिक विवाह योजना के क्या प्रावधान हैं? भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2019 से 25 फरवरी, 2022 तक कितने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह किये गये? क्या सभी को शासन की योजना के तहत लाभ दिया गया? उनका नाम, पता सहित जानकारी देवें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विवाह सहायता योजना में नाम, पिता का नाम, जाति, ग्राम, विकासखण्ड सहित बतावें कि कितने प्रकरण 1 जनवरी 2019 से 25 फरवरी 2022 तक बनाये गये? कितने प्रकरण लंबित हैं? कितने प्रकरण में राशि प्रदाय नहीं की गयी? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? दोषियों के नाम, पद बतावें। क्या दोषियों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा जनकल्याण के लिये प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या योजनायें किस दिनांक वर्ष से चलाई जा रही हैं? इन योजनाओं का भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस-किस हितग्राही को 1 जनवरी 2019 से 25 फरवरी 2022 तक योजनावार क्या-क्या लाभ दिया है? हितग्राही का नाम, पिता/पति का नाम, जाति, ग्राम, ग्राम पंचायत एवं किस योजना का क्या लाभ किस दिनांक को दिया गया है सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग में ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी 25 फरवरी 2022 की स्थिति में पदस्थ है उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक, मुख्यालय एवं मोबाईल नम्बर सहित सम्पूर्ण जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सामूहिक विवाह योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2019 से 25 फरवरी 2022 तक कुल 07 मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन किए गये जिसमें 211 हितग्राहियों के विवाह सम्पन्न कराये गये। सभी 211 हितग्राहियों को शासन की योजना का लाभ दिया गया है। नाम, पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2019 से 25 फरवरी 2022 तक कुल 211 हितग्राहियों के प्रकरण बनाये गए, सभी 211 हितग्राहियों को राशि प्रदाय की गई, कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। लाभांवित हितग्राहियों की सूची उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। योजनांतर्गत मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह योजना एवं नि:शक्त विवाह योजनांतर्गत लाभ दिये गए हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (घ) कार्यालय सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जिला ग्वालियर में 25 फरवरी, 2022 की स्थिति में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''घ'' अनुसार।
ग्वालियर एवं चंबल संभाग में कुक्कुट चूजों का वितरण
[पशुपालन एवं डेयरी]
131. ( क्र. 3987 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता द्वारा पिछले सत्र में पूछे गए प्रश्न क्रमांक 56 (1126) अतारांकित 24/12/21 (ग) के अनुसार उत्तर में जानकारी संकलित करना बताया गया l उत्तर (ग) अनुसार ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिलों में वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक किस मदर यूनिट संचालक द्वारा किस दिनांक को बीपीएल हितग्राहियों को राशि व चूजे वितरित किए? विधानसभा का नाम/ग्राम का नाम/हितग्राही का नाम/ पिता-पति का नाम/जाति/ग्राम पंचायत का प्रस्ताव क्रमांक/बीपीएल क्रमांक/कुल प्रदाय चूजे/ सामग्री या राशि/सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम व पद सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावेंl
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सहकारी समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
132. ( क्र. 3989 ) श्री सुरेश राजे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक ग्वालियर के अधीन कहाँ-कहाँ सहकारी समितियां संचालित हैं? समिति प्रबंधक/सहायक/सेल्समेन के संस्थावार स्वीकृत, भरे, रिक्त पदों की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावेंl (ख) वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक खरीफ एवं रबी की फसलें समर्थन मूल्य पर क्रय करने हेतु किस स्थान की सहकारी संस्था को अधिकृत किया गया है? वर्षवार बतावेंl (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार खरीफ 2021-22 में किस सहकारी संस्था द्वारा समर्थन मूल्य पर किस ग्राम के किस कृषक की कौन सी फसल कितनी मात्रा में किस दर से कुल कितनी राशि की खरीफ फसल क्रय की गई? उसमें से कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितनी राशि का भुगतान करना शेष है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावेंl
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मांझी जाति की उपजातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने
[जनजातीय कार्य]
133. ( क्र. 3990 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मांझी जनजाति के अध्ययन हेतु गठित विशेषज्ञ समिति की बैठक दिनांक 06/08/2018 के निर्णय प्रतिवेदन में जिला ग्वालियर में निवासरत बाथम, केवट, ढीमर, भोई, मल्लाह, निषाद जनजाति में समाहित करने हेतु मान्य कर लिया है? यदि हाँ, तो कब तक पिछड़ा वर्ग की सूची के सरल क्रमांक 12 से विलोपित किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मांझी जाति की उक्त उप-जातियां बाथम, केवट, ढीमर, भोई, मल्लाह, निषाद इत्यादि को पिछड़ा वर्ग की सूची के सरल क्रमांक 12 से विलोपित कर मांझी अनुसूचित जनजाति की सूची के सरल क्रमांक 29 पर कब तक अंकित की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण प्रस्तुत करें l
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विशेषज्ञ समिति प्रतिवेदन दिनांक 06.08.2018 में विंध्य प्रदेश सरकार के पत्र दिनांक 07.01.1950 के संदर्भ में समिति द्वारा अनुसंशा की गई है, कि धीमर/डीमर, भोई कहार, केवट, निषाद, मल्लाह अदि जातियों को अनुसूचित जनजाति की अनुसूची की माझी जनजाति के समक्ष सम्मिलित की जाये एवं अधिसूचना जारी की जाये। उपरोक्त अनुसंशा प्रतिवेदन राज्य शासन के पत्र दिनांक 29.08.2018 द्वारा अधिसूचना जारी करने हेतु प्रस्ताव सचिव, भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली को भेजा गया। भारत सरकार के पत्र दिनांक 13.03.2020 में उल्लेख किया गया है, कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया (मोडेलिटीज) का पालन करते हुए प्रस्ताव पर भारत के महापंजीयक एवं राष्टीय अनुसूचित जनजाति आयोग और कम्पेंटमेंट औथारिटी द्वारा लिये गये निर्णय अनुरूप प्रकरण पर असहमति व्यक्त करते हुए प्रस्ताव अमान्य किया गया हैं। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अनुसूचित जनजाति में जोड़े जाने का अधिकार भारत सरकार को है। अत: शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य परीक्षण एवं सहायक उपकरणों का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
134. ( क्र. 3992 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के नि:शक्तजनों के परीक्षण हेतु विकासखण्ड स्तर/जिलास्तर पर शिविर लगाए जाने हेतु निर्देश प्रसारित किए गए हैं? यदि हाँ, तो विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कहाँ-कहाँ शिविर आयोजित किए गए? वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में आयोजित शिविरों में विधानसभा देवरी के किन-किन नि:शक्तजनों का परीक्षण किया जाकर 40 प्रतिशत से अधिक प्रतिशत के प्रमाण पत्र जारी किए गए? विकासखण्डवार/हितग्राहीवार बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जारी प्रमाण पत्रधारियों को विभाग द्वारा कौन-कौन से सहायक उपकरण (ट्राईसाईकिल, कैलियरर्स, छडी, व्हीलचेयर, कान मशीन, मोटर साईकिल इत्यादि) उपलब्ध कराए गए? हितग्राहीवार बताएं। यदि नहीं, तो इसके लिए क्या विभाग के विकासखण्ड स्तर पर पदस्थ अमला जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो विभाग इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों एवं क्या विभाग विकासखण्ड स्तर पर शिविर आयोजित कर परीक्षण व नि:शक्तजनों को प्रमाण पत्र के साथ-साथ सहायक उपकरण उपलब्ध कराएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ, परीक्षण शिविर आवश्यकतानुसार समय-समय पर विकासखण्ड/जिला स्तर पर आयोजित होते है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह निर्माण सहकारी संस्था अनियमितताओं पर कार्यवाही
[गृह]
135. ( क्र. 3993 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हेमंत सोनवणे निवासी इंदौर द्वारा दिनांक 24/01/2022 को पुलिस कमिश्नर इंदौर को नेता जी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण संस्था अहिरखेड़ी इंदौर की अनियमितताओं पर कार्यवाही हेतु दिए पत्र की क्या कोई जाँच की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कब तक जाँच कर कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या कारण है कि विधानसभा प्रश्न क्र. 4910 दिनांक 22/03/2021 सहकारिता विभाग में स्पष्ट है, कि संस्था के किसी भी सदस्य को प्लाट विक्रय नहीं किया गया तो भी संस्था के किसी भी पदाधिकारी पर प्रश्न दिनाँक तक कार्यवाही नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आवेदक द्वारा माह जनवरी में थाना द्वारकापुरी इंदौर में यही आवेदन दिया था, उस पर की गई कार्यवाही की भी जानकारी देवें। क्या संस्था से दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं? यदि नहीं, तो कब तक किए जाऐंगे? (घ) कब तक इस प्रकरण की जिसमें सदस्यों को प्लाट विक्रय न कर अन्यत्र विक्रय कर दिए गए की जांच की जाकर सदस्यों को लाभ दिलाया जाएगा? कब तक संस्था के दस्तावेज प्राप्त कर उनकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हेमंत सोनवणें निवासी इन्दौर द्वारा दिनांक 24.01.2022 को पुलिस आयुक्त इन्दौर को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था एवं आवेदक द्वारा इसी आशय का आवेदन पत्र थाना प्रभारी, थाना द्वारिकापुरी को भी दिया गया था। आवेदन पत्र की जांच में पाया गया कि ''आवेदक द्वारा करीब आठ-नौ माह पूर्व सहकारिता विभाग को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें सहकारिता विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने पर पुलिस विभाग को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है एवं आवेदन पत्र का संबंध सहकारिता विभाग से होना पाया गया है। '' तदोपरांत थाना प्रभारी, थाना द्वारिकापुरी द्वारा उक्त आवेदन पत्र, आवेदक के कथन सहित उपायुक्त, सहकारिता विभाग इन्दौर की ओर आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4910 दिनांक 22.03.2021 के उत्तर 'ख' में किसी भी सदस्य को प्लाट विक्रय नहीं किया जाना उल्लेखित किया है। उक्त संस्था की म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत कराई गई जांच में भी संस्था द्वारा किसी भी सदस्य को संस्था की भूमि पर भूखण्ड का विक्रय/पंजीयन नहीं कराया जाना प्रतिवेदित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश 'क' में समाहित है। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गबन की शिकायतों की जांच
[सहकारिता]
136. ( क्र. 3995 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सहकारी समितियों एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्मचारियों पर कब-कब गबन की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) क्या उक्त सभी शिकायतों पर कार्रवाई को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो की गई कार्रवाई की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या गबन करने वाले दोषी कर्मचारी एवं अधिकारियों को बचाने की दृष्टि से कार्यवाही में विलंब किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों कार्यवाही करने में विलंब किया जा रहा है? (घ) क्या शासन विलंब से कार्यवाही करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ड.) जिला छतरपुर की किन-किन सेवा सहकारी समितियों में कौन-कौन कर्मचारी किस-किस पद पर पदस्थ है? मूलपद एवं नाम बताएं। (च) उक्त सेवा सहकारी समितियों में पदस्थ कर्मचारियों को प्रश्न दिनांक तक वेतन देना शेष है एवं उक्त कर्मचारियों पर किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि बकाया है? मूलपद एवं नामवार सूची उपलब्ध कराएं।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2010 से प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) एवं (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार हनन की शिकायत
[गृह]
137. ( क्र. 3999 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक मानवाधिकार आयोग द्वारा पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार हनन की कुल कितनी शिकायतें भेजी गई? जिलेवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) इनमें से कितनी शिकायतें पुलिस प्रताड़ना, मारपीट, एफआईआर दर्ज न करने के संबंध में थी? जिलेवार जानकारी प्रदाय करें। (ग) उपरोक्त अवधि में हिरासत के दौरान प्रताड़ित, मारपीट, एफआईआर दर्ज करने से मना करने के मामले में कितने पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही की गई? जिलेवार जानकारी प्रदाय करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
अपेक्स बैंक से निकाले गये कर्मचारियों की बहाली
[सहकारिता]
138. ( क्र. 4000 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपेक्स बैंक भोपाल द्वारा 1995 में कनिष्ठ लिपिक सह-गोडाउन कीपर के पद पर नियुक्तियां की थी? यदि हाँ तो कितने लोगों की नियुक्ति की गई? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या नियुक्त कर्मचारियों को सेवा से निकाला गया था? यदि हाँ तो क्यों? किस आदेशानुसार? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में सेवा से निकाले गए कितने कर्मचारियों को पुनः सेवा में रखा गया? किस आदेशानुसार ऐसा किया गया। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में 02 कर्मचारियों को किस कारण सेवा में प्रश्न दिनांक तक पुनः नहीं लिया गया? सेवा में लिए गए सभी कर्मचारियों को समान वेतनमान का लाभ किस कारण प्रदाय नहीं किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस थानों की स्थापना
[गृह]
139. ( क्र. 4007 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कसरावद विधानसभा क्षेत्र में पुलिस चौकियों को थाना बनाने का कोई प्रस्ताव है? अगर हाँ तो कहाँ-कहाँ? (ख) अहीरखेड़ा चौकी और खलटाका पुलिस चौकी को उन्नयन कर थाना बनाने के लिए पूर्व सत्रों में दिए गए आश्वासन अनुसार कब तक थाना बनाये जावेंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत थाना कसरावद, बलकवाड़ा और चौकी खामखेड़ा, खलटाका और अहीरखेड़ा में स्वीकृत पदों के अनुरूप पदपूर्ति की गई है? यदि नहीं, तो क्यों, कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) अहीरखेडा चौकी का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, चौकी खलटाका थाने में उन्नयन का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया। (ग) जी नहीं। पदपूर्ति सीधी भर्ती, पीआर-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पशुऔषधालयों के सबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
140. ( क्र. 4008 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने पशुऔषधालय संचालित हैं? इनमें कितने पद कर्मचारियों के स्वीकृत हैं एवं कितने रिक्त हैं? पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अन्तर्गत नवीन पशुऔषधालय खोलने के कोई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ तथा कब तक खोले जावेगें? (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी गौशालाऍ प्रश्न दिनांक तक संचालित हैं? इन गौशालाओं में प्रतिदिन प्रति गाय के लिए वर्तमान में 20 रुपये दिये जा रहे हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं? क्या गायों पर व्यय की जाने वाली राशि को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है? हाँ तो कब तक बढ़ाया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। योजना अनुमोदन उपरांत। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 05 गौशालाऍ संचालित है। गौशालाओं में प्रतिदिन प्रति गौवंश हेतु 20 रूपये का प्रावधान है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
141. ( क्र. 4011 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत विभाग द्वारा एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां, कितनी राशि के क्या-क्या कार्य कब-कब स्वीकृत किये तथा वर्तमान में उक्त कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या हैं? वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्री-मैट्रिक बालक अनुसूचित जाति छात्रावास कुरावर पहुँच मार्ग पर सी.सी. रोड व नाली निर्माण कार्य लागत राशि 18.00 लाख के प्राक्कलन सहित राशि स्वीकृत करने हेतु पत्र क्रमांक 3451 दिनांक 12.01.2022 से कलेक्टर जिला राजगढ़ को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य हेतु वांछित राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त निर्माण कार्य हेतु राशि की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बजट की उपलब्धता अनुसार निर्णय लिये जाते हैं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति छात्रावासों में मूलभूत अधोसंरचना विकास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
142. ( क्र. 4012 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत संचालित अनुसूचित जाति छात्रावासों को किस-किस मद में कितनी राशि कब-कब किन-किन प्रयोजन हेतु प्राप्त हुई हैं तथा प्राप्त राशि का कब-कब, किस-किस प्रयोजन में किन-किन सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति से व्यय किया गया? छात्रावासवार जानकरी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त छात्रावासों में छात्रावास अधीक्षक के पद पर कौन-कौन, कब-कब से पदस्थ हैं? क्या सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को स्थानांतरण अथवा युक्ति-युक्तकरण कर परिवर्तन करने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या और कब? (ग) उपरोक्तानुसार विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत संचालित किन-किन छात्रावासों का स्व-भवन है व वर्तमान में भवन के मरम्मत/जीर्णशीर्ण संबंधी क्या स्थिति हैं एवं कौन-कौन से छात्रावास स्व-भवनविहीन हैं तथा प्रश्न दिनांक तक छात्रावास भवनों की मरम्मत तथा स्व-भवनविहीन छात्रावासों के नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त संबंध में कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विभिन्न मदों में प्राप्त राशि कलेक्टर की स्वीकृति से व्यय की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सभी छात्रावास विभागीय भवन में संचालित हैं। अत: भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है। तीन छात्रावास भवनों में मरम्मत कराये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
कर्मचारियों का संलग्नीकरण
[जनजातीय कार्य]
143. ( क्र. 4015 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1810 दिनांक 1 मार्च, 2021 के उत्तर में दिया गया है की मूल पदस्थापना के अतिरिक्त अन्य जगह कोई भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है जबकि कार्यालय जिला कलेक्टर खरगोन के द्वारा आदेश क्रमांक 5881/2021 खरगोन दिनांक 22 अप्रैल, 2021 एवं सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग खरगोन का पत्र क्रमांक/1799/आदिम/स्था./2021खरगोन दिनांक 6/3/2021 द्वारा जिला अंतर्गत विकासखंड अंतर्गत संलग्नीकरण किए शिक्षकों का संलग्नीकरण निरस्त करने हेतु आदेश जारी किए गए हैं। क्या यह सही है यदि है तो समस्त आदेशों की छायाप्रति सहित जिन कर्मचारियों का संलग्नीकरण निरस्त किया गया उनके संलग्नीकरण समाप्ति के आदेशों की छायाप्रति देवें। इन कर्मचारियों के रिलीव एवं जॉइनिंग लेटर की छाया प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रश्नकर्ता को असत्य जानकारी दी गई यदि असत्य जानकारी गई है तो इस प्रकार असत्य जानकारी देने वाले समस्त दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? क्या कर्मचारी सदन को भी गुमराह कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन अधिकारियों/कर्मचारियों ने प्रश्न के उत्तर का निरीक्षण एवं परीक्षण किया उन अधिकारियों के नाम एवं पदनाम सहित सूची देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों का स्थानांतरण
[जनजातीय कार्य]
144. ( क्र. 4016 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में विभाग द्वारा जून 2021 से सितंबर 2021 तक कितने स्थानांतरण/ संलग्नीकरन/कार्यसुविधा की दृष्टि से आदेशित किए गए उन कर्मचारियों/अधिकारियों की सूची नाम, पदनाम, वर्तमान पदस्थापना दिनांक व स्थान, नवीन पदस्थापना स्थान, अनुमोदन कलेक्टर एवं प्रभारी मंत्री का इन समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जिनका की स्थानांतरण हो गया है परंतु वर्तमान तक रिलीव नहीं हुए हैं? रिलीव नहीं होने का क्या कारण है? कब तक उन्हें रिलीव किया जाएगा एवं ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्हें रिलीव कर दिया गया है परंतु उसके पश्चात भी नवीन पदस्थापना पर ज्वाइन नहीं किया गया है, उसका क्या कारण है? कब तक ज्वाइन करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थानांतरण हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों/नेताओं ने पत्र लिखे थे? समस्त पत्रों की छाया प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने स्थानांतरण किए गए जहां पर कर्मचारी अधिकारी का पद ही नहीं था? ऐसी स्थिति में स्थानांतरण स्थान परिवर्तित करने हेतु क्या दिशानिर्देश हैं एवं स्थान परिवर्तित किन नियमों के आधार पर किया गया? उनकी छायाप्रति देवें। किन-किन अधिकारियों का स्थानांतरण स्थान परिवर्तित किया गया? सूची दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) 195 स्थानांतरित कर्मचारियों को रिलीव किया जा चुका है। 08 कर्मचारियों को न्यायालयीन प्रकरण होने से एवं 02 कर्मचारियों को कर्मचारी संघ के पदाधिकारी होने से कार्यमुक्त नहीं किया गया है। (ग) जनप्रतिनिधियों/नेताओं से प्राप्त पत्रो की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। (घ) खरगोन जिले में ऐसा कोई स्थानांतरण नहीं किया गया जहां पर कर्मचारी/अधिकारी का पद ही नहीं था। किसी भी अधिकारी का स्थानांतरण स्थान परिवर्तित नहीं किया गया है।
मध्यप्रदेश में विधान परिषद का गठन
[संसदीय कार्य]
145. ( क्र. 4020 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में विगत कई वर्षों से अन्य राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार बड़े राज्यों की तर्ज पर विधान परिषद की गठन की मांग की जा रही है? इस हेतु नवनिर्मित विधानसभा भवन में विधान परिषद भवन का निर्माण भी किया जा चुका है? क्या माननीय मंत्री जी विधान परिषद के गठन पर विचार करेगें? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या मध्यप्रदेश में विधान परिषद के गठन से आरक्षित वर्ग की सीटों पर एवं सामान्य वर्ग की सीटों पर प्रबुद्व (बुद्विजीवी) नागरिकों को चुनकर आने का अवसर प्राप्त होगा? (ग) क्या विधान परिषद के सदस्यों के निर्वाचन में सहकारिता, पंचायतीराज, विधायकों एवं शिक्षित स्नातकों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या इस व्यवस्था से अनेकों प्रदेश के बुद्विजीवियों को एवं अन्य प्रतिभाओं को मध्यप्रदेश में कानून बनाने का अवसर प्राप्त होगा? यदि हाँ, तो कब तक।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं
स्कॉलरशिप का नवीनीकरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
146. ( क्र. 4023 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पत्र क्र. 29/1227/2021/54-1 दिनांक 07/01/2022 के अनुसार पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप रिन्यु करने के आवेदन की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस कारण से इसे बंद किया गया है? कब तक आवेदन की प्रक्रिया को चालू कर दिया जाएगा? (ख) स्नातक तथा स्नातकोत्तर के नये विद्यार्थियों के पिछड़ा वर्ग, अजा, अजजा वर्ग की नये सत्र के स्कॉलरशिप के फार्म के आवेदन की साईट क्यों बंद है? कब तक आवेदन की साईट चालू कर दी जाएगी? (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग, अजा, अजजा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण वर्ग के विद्यार्थियों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं एवं कितने विद्यार्थियों को इन योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। तकनीकी कारणों से रिन्यु करने के आवेदनों की प्रक्रिया को बन्द किया गया था। विभाग के आदेश क्रमांक 224/2022/54-1, दिनांक 04/03/2022 द्वारा आवेदन भरने की प्रक्रिया को चालू कर दिया है। (ख) स्नातक तथा स्नातकोत्तर के नये विद्यार्थियों के पिछड़ा वर्ग के नये सत्र के स्कॉलरशिप के फार्म की साईट चालू है। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए जिन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग में प्रेषित प्रस्तावों की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
147. ( क्र. 4024 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अजा, अजजा वर्ग के लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए विभागीय स्तर पर कृषि कार्य, सिंचाई हेतु विद्युत व्यवस्था, बिजली लाईन, ट्रांसफार्मर आदि की निःशुल्क व्यवस्था का प्रावधान है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नागदा-खाचरौद क्षेत्र के किसानों के कृषि कार्य, सिंचाई हेतु बिजली लाईन, ट्रांसफार्मर आदि के लिए कितने किसानों के प्रस्ताव जिला संयोजक उज्जैन को कब-कब प्रेषित किए? प्रेषित प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जिला संयोजक उज्जैन को अजा, अजजा बस्ती, मजरा टोला में विकास कार्य अम्बेडकर/सामुदायिक भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रेषित किए हैं? यदि हाँ, तो कब-कब और कौन-कौन से कार्य के प्रस्ताव प्रेषित किए हैं? प्रेषित प्रस्तावों में से कितने कार्यों हेतु कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? (घ) खाचरौद में वर्षों पूर्व बने अम्बेडकर भवन को विभाग ठेकेदार से अपने आधिपत्य में क्यों नहीं ले रहा है? क्या आधिपत्य में ना लेने के कारण भवन जीर्णशीर्ण व जर्जर हो रहा है? विभाग कब तक अपने आधिपत्य में ले लेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) गत 02 वर्षों में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जिला कार्यालय के पत्र क्र. 5782 दि. 04.01.2022 द्वारा निर्माण एजेंसी को भवन नगर पालिका परिषद, खाचरौद को हस्तान्तरण हेतु लिखा गया है। पुनरीक्षित स्वीकृति अनुसार राशि रू. 3.85 लाख जारी की जा चुकी है। शेष समय बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों का नियमितीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
148. ( क्र. 4025 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगर के किन-किन कर्मचारियों को म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्र./44/सी-6/91/3/1 भोपाल दिनांक 16.01.1992 के निर्देशानुसार 40 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर नियमित किया गया है एवं इस नियम के तहत किन कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया गया है? न दिये जाने का कारण एवं कब तक दिया जावेगा? (ख) जिन कर्मचारियों को उपरोक्त नियम के तहत लाभ दिया है तो इनको किस वर्ष संचालक मण्डल की बैठक आयोजित कर उसका अनुमोदन लिया है? (ग) उपरोक्त नियम के तहत जो कर्मचारी पात्रता में आ गये थे उन कर्मचारियों को 2010 के बाद संचालक मण्डल की बैठक में अनुमोदन हेतु प्रस्ताव आज दिनांक तक क्यों नहीं रखा गया? ऐसे कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करायें। जो कर्मचारी उपरोक्त नियम के तहत 2010 में पात्रता के श्रेणी में आ गये हैं उन कर्मचारियों का नियमितीकरण समयमान वेतनमान, वेतनवृ्द्धि, क्रमोन्नति, वेतन का आज दिनाक तक लाभ क्यों नहीं दिया गया? (घ) समस्त जिलों के जिला अंत्यावसायी कार्यालयों में काम कर रहे दैनिक दर/कलेक्टर दर पर कम्प्यूटर आपरेटरों की ज्वाईनिंग दिनांक व कितने वर्षों से काम कर रहे, जानकारी दें? इनके भविष्य के लिये म.प्र. शासन की क्या रणनीति है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समितियों में कार्यरत निम्न कर्मचारियों को म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन दिनांक 16.07.1992 के निर्देशानुसार नियमित किया गया:- 1. श्री राम निवास सखरवार, तदर्थ निम्न श्रेणी लिपिक 2. श्री मूलचंद पटेल, तदर्थ निम्न श्रेणी लिपिक 3. श्री डी.डी. महाजन, तदर्थ निम्न श्रेणी लिपिक 4. श्री आर.एस.दण्डोतिया, तदर्थ निम्न श्रेणी लिपिक। उक्त नियम के तहत श्री राजकुमार रघुवंशी, सहायक ग्रेड-3, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति गुना को लाभ नहीं दिया गया क्योंकि इनकी नियुक्ति पत्र की कंडिका 6 में यह उल्लेखित है कि ''इनकी सेवाओं की निरंतरता चयन समिति के अनुमोदन पर निर्भर होगी'' इस संबंध में समय-समय पर प्रकरण चयन समिति के समक्ष विचारार्थ रखा गया परन्तु चयन समिति द्वारा अनुमोदन प्राप्त नहीं होने से नियमित नहीं किया जा सका है। इनका नियमितीकरण चयन समिति के औपचारिक अनुमोदन उपरांत ही किया जा सकेगा। (ख) नियुक्ति आदेश की शर्तों के अनुसार संचालक मण्डल से अनुमोदन लिया जाना आवश्यक नहीं है। (ग) पात्रता में आने वाले कर्मचारियों को वर्ष 2010 के बाद नियमितीकरण का प्रस्ताव नियमानुसार संचालक मंडल में रखा जाना आवश्यक नहीं है। कर्मचारियों को नियमित नहीं हो सकने के कारण समयमान वेतनमान, वेतनवृद्धि आदि वित्तीय लाभ नहीं दिये जा सके हैं। (घ) निगम के अधीनस्थ जिला अंत्यावसायी कार्यालयों में कार्य कर रहे दैनिक दर/कलेक्टर दर पर कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटरों की ज्वाईनिंग दिनांक व कार्यरत वर्ष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दैनिक दर/कलेक्टर दर पर कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर्स के भविष्य के लिए निगम में कोई भी रणनीति/प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
धोबी/रजक जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
149. ( क्र. 4026 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में धोबी/रजक जाति के साथ दोहरापन क्यों आपनाया जा रहा है क्योकि भारत सरकार द्वारा प्रकाशित भारत का राजपत्र भाग 1 सोमवार 20 सितम्बर 1976 को मिनिस्ट्री ऑफ लॉ जस्टिस एंड कंपनी अफेयर्स द्वारा अनुसूचित जाति/अनूसूचित जनजाति आदेश प्रकाशित किया गया था। (ख) उक्त संविधान संशोधन के अनुसार किसी प्रदेश के एक जिले में कोई जाति अनुसूचित जाति/जनजाति के अंतर्गत आती है तो उसे संपूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के अंदर समाविष्ट कर लिया जावेगा का संशोधन किया गया है और गजट नोटिफिकेशन के अंतर्गत पृष्ठ क्र. 1386 के अनुक्रमांक 30 पर धोबी जाति का भी उल्लेख है। (ग) क्या म.प्र. के 3 जिले रायसेन, भोपाल, सीहोर में धोबी जाति अनुसूचित जाति में 1950 के पूर्व से शामिल है यदि हाँ, तो फिर 1976 के संशोधन के आधार पर धोबी समाज को संपूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है? यदि दर्जा दिया जावेगा तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। कोई दोहरापन नहीं अपनाया जा रहा है। (ख) मध्यप्रदेश में धोबी जाति क्षेत्रीय बंधन के साथ केवल सीहोर, रायसेन और भोपाल में अनुसूचित जाति की श्रेणी में मान्य है। (ग) वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य का गठन दि. 01.11.1956 को किया गया है। वर्तमान में अनुसूचित जाति के संबंध में संविधान आदेश 1976 प्रभावशील है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक मर्यादित शाखा चंदेरी में अनियमितता
[सहकारिता]
150. ( क्र. 4027 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिला केंद्रीय सहकारी बैंक मर्यादित शाखा चंदेरी के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा बैंक खाता धारकों की लाखों रुपए की धनराशि अनाधिकृत रूप से निकालकर व्यक्तिगत उपयोग में लिया गया है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी एवं खाताधारकों का पैसा कब तक वापस कर दिया जावेगा? (ख) क्या गुना जिला केंद्रीय मर्यादित बैंक गुना की शाखा चंदेरी में शाकिर अली खान भृत्य के पद पर पदस्थ होकर कैशियर का कार्य करते थे? यदि हाँ, तो इस प्रकार की लापरवाही क्यों की गई एवं किसके द्वारा की गई? (ग) दिनांक 04/10/2021 को शाकिर अली खान भृत्य से प्राप्त सुसाईड नोट में जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम अंकित हैं उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) खाताधारकों का पैसा उनको कब तक वापिस प्राप्त हो सकेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। बैंक गुना के द्वारा कराई गई जांच में पाये गये निष्कर्ष के आधार पर दोषी पाये गये शाखा प्रबंधक श्री ब्रजेश्वर दयाल श्रीवास्तव को निलंबित किया गया एवं इनके विरूद्ध पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध करा दिया गया है। तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री ओमप्रकाश जैन एवं तत्कालीन लिपिक श्री रामभरोसा (जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं) के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जा रही है। तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री कालूराम शर्मा एवं तत्कालीन बैंकिंग सहायक श्री राजेन्द्र कोली को निलंबित किया गया है। सहकारिता विभाग के द्वारा गठित जांचदल के द्वारा जांच प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शाखा चंदेरी के शाखा प्रबंधक श्री ब्रजेश्वर दयाल श्रीवास्तव द्वारा शाखा में कर्मचारियों की कमी के कारण श्री शाकिर अली खान भृत्य से केशियर का काम लिया जा रहा था। (ग) पुलिस अधीक्षक अशोकनगर से प्राप्त जानकारी अनुसार श्री शाकिर अली खान का सुसाईड नोट उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
रक्षित निरीक्षकों की पदोन्नति
[गृह]
151. ( क्र. 4028 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 2012 बैच के सीधी भर्ती के सब-इंस्पेक्टर को कार्यवाहक निरीक्षक पद पर पदोन्नति दी गई है? अगर दी गई है तो किस नियम के तहत दी गई है? उसे समयमान, वेतनमान के नियम से छूट क्यों प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 2013 बैच के सूबेदार (सीधी भर्ती) को रक्षित निरीक्षक कैडर के 167 पद रिक्त होने पर भी कार्यवाहक रक्षित निरीक्षक पद पर पदोन्नति क्यों नहीं दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जब 2012 बैच के सब-इंस्पेक्टर (सीधी भर्ती) को यह लाभ दिया गया है, तो 2013 बैच के सूबेदारों को क्यों लाभ नहीं दिया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। उक्त कार्यवाही जी0ओ0पी0 148/2021 दिनांक 10.02.2021 में निहित प्रावधान अनुसार की गई है। उप निरीक्षक का पद 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरा जाता है। तीन समयमान- वेतनमान प्राप्त सहायक उप निरीक्षक जिसको उप निरीक्षक बने 04 वर्ष हो गये थे, वह उपरोक्त जी0ओ0पी0 148/2021 अनुसार उच्चतर पद की पात्रता रखते थे, जिस कारण उनसे वरिष्ठ सीधी भर्ती के उप निरीक्षकों को एन0बी0आर0 का लाभ मिलने से समयमान- वेतनमान न मिलने पर भी उच्चतर प्रभार दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उच्चतर का प्रभार देने हेतु जीओपी- 148/2021 दिनांक 10.02.2021 के बिन्दु क्रमांक-5.1 के अनुसार समयमान- वेतनमान के पात्र शासकीय सेवक ही उच्चतर पद का कार्यभार प्राप्त करने हेतु पात्र है। वर्ष 2013 के सीधी भर्ती के सूबेदारों की 10 वर्ष की सेवावधि पूर्ण नहीं होने से उनको समयमान प्राप्त नहीं हुआ है और इस पद पर उप निरीक्षक की तरह पदोन्नति से उपलब्ध अधिकारी न होने से एन0बी0आर0 का लाभ दिया जाना संभव न होने से 2013 बैच के सूबेदारों को उच्चतर पद का प्रभार नहीं दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश का उत्तर उत्तरांश (ख) में समाहित है।
नोटरी के रिक्त पदों की पूर्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
152. ( क्र. 4029 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले की सभी तहसील मुख्यालयों में नोटरी के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो तहसीलवार रिक्त पदों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पदों की नियुक्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं, या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? रिक्त पदों के विरूद्ध कब तक आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे और कब तक रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जायेंगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। निवाड़ी जिले के केवल निवाड़ी तहसील में वर्तमान में नोटरी के 03 पद रिक्त है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। तहसील-निवाडी में रिक्त 03 नोटरी पदों के विरूद्ध नियुक्ति के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, टीकमगढ़/सक्षम प्राधिकारी से अधिवक्ताओं का नवीन अनुशंसित पैनल मंगवाया गया है, जो कि अभी प्राप्त नहीं हुआ है, रिक्त नोटरी पदों पर नियुक्तियॉ कब तक की जावेगी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पुलिस बल की उपलब्धता
[गृह]
153. ( क्र. 4030 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला निवाड़ी का गठन 01 अक्टूबर 2018 को होने के बावजूद भी वर्तमान में पुलिस बल जिला निवाड़ी की वेतन का आहरण जिला-टीकमगढ़ से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या निवाड़ी जिले में स्वीकृत पदों की तुलना में पुलिस बल की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है? यदि हाँ, तो जिले में स्वीकृत कार्यालयवार, स्वीकृत पदों के नाम, पदों की संख्या, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी देवें। (ग) क्या पुलिस बल की उपलब्धता के संबंध में पूर्व में भी विधानसभा में प्रश्न लगाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों आज दिनांक तक पुलिस लाईन का बल उपलब्ध न हो सका?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सॉफ्टवेयर में जिला निवाड़ी के डी.डी. कोड में तकनीकी समस्या होने के कारण। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अनुकंपा नियुक्ति का लाभ
[जनजातीय कार्य]
154. ( क्र. 4033 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-1-23/2010/20-1 भोपाल, दिनांक 23.06.2010 के पालन में वर्ष 2011 के पश्चात से अनुकंपा नियुक्ति का लाभ विभाग के अध्यापक संवर्ग को नहीं दिया जा रहा है? (ख) बैतूल जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिसमें अनुकंपा नियुक्ति के एवज् में दिवंगत के आश्रित परिवार के खाते में एकमुश्त 1 लाख रूपये की राशि का भुगतान कर प्रकरणों को नस्तीबद्व कर दिया गया है? नामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) दिवंगत के आश्रित परिवार को 1 लाख का भुगतान कर प्रकरण नस्तीबद्व कर देना क्या यह उचित है? इससे प्रतीत होता है कि शासन अपने दायित्वों से बचना चाहती है? यदि नहीं, तो इन प्रकरणों में नियमानुसार कब तक अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी जावेगी? (घ) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला शिक्षक के पद को तृतीय श्रेणी का मानकर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है? तो क्या जनजातीय कार्य विभाग भी इसी आधार पर प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देंवेगा। यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों जबकि शिक्षा नीति दोनों की समान हैं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अध्यापक संवर्ग के आश्रितों को पात्रता अनुसार वर्ष 2018 तक अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया गया है। वर्ष 2018 से अध्यापक संवर्ग का संविलियन शिक्षक संवर्ग में किया जाने के पश्चात अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान अनुसार शिक्षक संवर्ग के आश्रितों को पात्रता अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। (ख) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत बैतूल जिले में किसी भी अध्यापक संवर्ग के प्रकरण में अनुकंपा नियुक्ति के एवज में दिवंगत के आश्रित परिवार के खाते में एकमुक्त 1 लाख रूपये की राशि का भुगतान कर प्रकरण को नस्तीबद्ध नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। आदिम जाति कल्याण विभाग के भर्ती नियम में प्रयोगशाला शिक्षक का ग्रेड-पे अनुकंपा नियुक्ति हेतु तृतीय श्रेणी के लिये निर्धारित ग्रेड-पे से अधिक होने से शासन के नियमानुसार प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है।
विद्यालय भवन निर्माण कार्य पूर्णता
[जनजातीय कार्य]
155. ( क्र. 4036 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला एवं डिंडौरी जिले में ऐसे कितने विद्यालय एवं छात्रावास भवन निर्मित किये गये हैं जो निर्माण एजेंसी द्वारा विभाग को हैण्ड ओवर नहीं किये गये हैं? जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश द्वारा कलेक्टर डिण्डोरी को प्रेषित पत्र क्र.छात्रावास/ 805/2019/15351 दिनांक 7/06/2019 संदर्भित म.प्र. शासन आ.जा.क.वि. मंत्रालय का पत्र क्रमांक 269/289/2019/25-2 दिनांक 10/05/2019 मध्यप्रदेश के संदर्भित पत्र एवं कार्यालयीन पत्र क्र.छात्रावास/805/2019/7346 दिनांक 18/03/2019 के द्वारा ग्राम मोहनिया में आदिवासी कन्या छात्रावास संचालित करने हेतु पत्र प्रेषित किया था? सुव्यवस्थित भवन निर्माण होने के बावजूद क्या कारण है कि प्रश्न दिनांक तक आदिवासी कन्या छात्रावास का संचालन क्यों नहीं किया जा रहा है, जबकि कमको मोहनिया वि.ख. अमरपुर जिला डिण्डोरी में हायर सेकंडरी विद्यालय संचालित हैं? (घ) संचालन हेतु कलेक्टर डिण्डोरी एवं सहायक आयुक्त डिण्डोरी द्वारा कौन-कौन सी आवश्यक कार्यवाही की गई हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला मण्डला एवं जिला डिण्डोरी की जानकारी निरंक। (ख) जिला मण्डला एवं जिला डिण्डोरी की जानकारी निरंक। (ग) जी हाँ। कन्या छात्रावास कमकोमोहनिया स्वीकृत नहीं है। ग्राम कमकोमोहनिया में बालक आश्रम शाला भवन छतिग्रस्त होने के कारण नवनिर्मित कन्या छात्रावास भवन में बालक आश्रम शाला संचालित करने की अनुमति कलेक्टर डिण्डोरी के द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक/1246/2018 डिण्डोरी दिनांक 07.09.2018 से दी गई है। (घ) प्रश्न 'घ' के सम्बन्ध में जिला डिण्डोरी द्वारा छात्रावास संचालन का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
156. ( क्र. 4037 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई? उपरोक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जिन्होंने शासन की राशि का अपव्यय किया तथा जाँच अभिमतानुसार दोषी पाए गए? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में क्या सभी दोषियों पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या-क्या? यदि नहीं, तो किन-किन पर कार्यवाही किन कारणों से नहीं की गई? सभी की विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में किन-किन पर FIR दर्ज की गई? FIR की प्रति प्रदाय करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रशासक पर लगे आरोपों के संबंध में
[सहकारिता]
157. ( क्र. 4038 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंधक/विक्रेता जटाशंकर प्राथ. उप सहकारी भण्डार मर्या. बक्स्वाहा जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 04/03/2020 को संस्था के प्रशासक बदलने के लिए पत्र उपायुक्त सहकारिता छतरपुर को दिया था? यदि हाँ, तो प्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त पत्र में संस्था के प्रशासक पर क्या आरोप लगाए गये थे? उक्त आरोपों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या उक्त पत्र पर लगाए गए आरोपों की जाँच अधिकारियों द्वारा नहीं की गई? यदि नहीं, तो किस कारण एवं किस नियम के अंतर्गत जाँच नहीं की गई? उक्त कार्य में लापरवाही करने में कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या के संबंध में
[गृह]
158. ( क्र. 4045 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के गंजबासौदा में काला पठार में श्री मोहन सिंह पुत्र श्री गंगराराम लोधी द्वारा प्रताड़ना से तंग आकर दिनांक 12 फरवरी 2022 को आत्महत्या कर ली थी? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या सुसाइड नोट में पटवारी श्री पुष्पेन्द्र तिवारी का नाम है? (ग) यदि पटवारी श्री पुष्पेन्द्र तिवारी का नाम है तो उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है? उसकी गिरफ्तारी कब तक की जावेगी? (घ) सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम हैं, उन पर कब तक एफ.आई.आर. दर्ज की जावेगी? साथ ही उनकी गिरफ्तारी कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। घटना के संबंध में थाना गंजबासौदा शहर में अपराध क्रमांक 64/22 धारा 306,34 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध होकर विवेचनाधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) सुसाइड नोट में अंकित पटवारी श्री पुष्पेन्द्र तिवारी के विरूद्ध मृतक मोहन सिंह लोधी द्वारा उसकी भूमि का गलत बटान करने व रिश्वत लेने का उल्लेख किया है। मृतक की भूमि के गलत बटान का प्रकरण वर्तमान में अनुविभागीय दंडाधिकारी बासौदा के न्यायालय में विचाराधीन है। पटवारी पुष्पेन्द्र तिवारी के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही अनुविभागीय दंडाधिकारी बासौदा से प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत की जावेगी। (घ) सुसाइड नोट में कुल 08 व्यक्तियों के नाम है, जिनमें से मर्ग जांच उपरांत दिनांक 14.02.2022 को अपराध क्रमांक 64/22 धारा 306,34 भादवि का आरोपी यशपाल सिंह पिता शिशुपाल सिंह यादव, 2-प्रेमपालसिंह पिता शिशुपाल सिंह यादव, 3-श्रीमति मालती पत्नि प्रेमपाल यादव निवासी एस.जी.एस. कॉलेज के पास बासौदा, 4-प्रवीण जैन पुत्र छोटेलाल जैन, 5-महेश पुत्र मनोहर नामदेव उम्र 40 साल निवासी गोकुल धाम कॉलोनी बासौदा के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी महेश नामदेव को दिनांक 14.02.2022 को ही गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया है। सुसाइड नोट में उल्लेखित अन्य शेष व्यक्ति 1-पटवारी पुष्पेन्द्र तिवारी 2-भागीरथ रघुवंशी 3-तीरथ सिंह रघुवंशी के विरूद्ध आत्महत्या के उत्प्रेरण संबंधी भूमिका का निर्धारण अपराध की विवेचना के दौरान आये साक्ष्य अनुसार किया जावेगा।
पैरामेडिकल मद की राशि से कम्प्यूटर खरीदी
[चिकित्सा शिक्षा]
159. ( क्र. 4046 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एमबीबीएस एवं पीजी छात्रों को डिजीटल ट्रेनिंग प्रदान करने के लिये कम्प्यूटर एक्सटेंडेड लायब्रेरी हेतु पैरामेडिकल मद की राशि से जेम पोर्टल के माध्यम से 1691051 रूपये के कम्प्यूटर खरीदे गये हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गयी? (ख) उक्त कार्य की अनुमति किस स्तर से प्राप्त की गई? (ग) क्या इस मद की कार्यवाही नियमानुसार की गई है? यदि नहीं, तो इस हेतु कौन दोषी हैं एवं इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थपना
[चिकित्सा शिक्षा]
160. ( क्र. 4048 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित शासकीय गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में किस-किस पद के कितने पद स्वीकृत हैं? प्रत्येक पद हेतु निर्धारित योग्यता क्या है? उत्तर दिनांक तक कितने पद भरे हैं? कौन-कौन से कितने पद कब से रिक्त हैं? (ख) स्वीकृत पद के अनुरूप प्रत्येक पद पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदस्थी दिनांक, क्या वह स्वीकृत पद के अनुरूप निर्धारित योग्यताधारी हैं? पूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या इन रिक्त पदों के विरूद्ध किसी अधिकारी/कर्मचारी को अटैच/प्रतिनियुक्ति/डेपुटेशन पर कार्य करने हेतु संलग्न किया है? यदि हां, तो संलग्न प्रत्येक पदवार संबंधित कर्मचारी का नाम, उसका मूल पद एवं विभाग, संलग्न दिनांक सहित जानकारी दें। (घ) विभाग द्वारा रिक्त पदों को स्थाई रूप से भरने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? इन स्वीकृत रिक्त पदों को स्थाई रूप से कब तक भरा जायेगा? (ड़) क्या स्वीकृत स्थाई पद के रिक्त रहने से महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है? यदि हां, तो इन रिक्त पदों को स्थाई रूप से अब तक क्यों नहीं भरा गया? यदि नहीं, तो स्थाई स्वीकृत इन रिक्त पदों को भरने की क्या आवश्यकता है? क्या विभाग द्वारा इन रिक्त पदों के डाइंग केडर की कार्यवाही की जायेगी? यदि हां, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) रिक्त पदों को भरे जाने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जी नहीं। एन.एम.सी. के मापदण्डानुसार एवं अस्पताल में मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी विकासखण्ड में शैक्षणिक कार्य
[जनजातीय कार्य]
161. ( क्र. 4051 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नर्मदापुरम जिला के एकमात्र आदिम जाति विकासखण्ड केसला में कितने शासकीय माध्यमिक शालाएं हैं, कितने हाई स्कूल एवं कितने हायर सेकेंडरी स्कूल किन ग्रामों में संचालित किए जा रहे हैं? कितने शासकीय हाई स्कूल का उन्नयन किया जा रहा है? (ख) इन पाठशाला में आवासीय पाठशाला कहां-कहां है? (ग) किन-किन हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में बालिका अथवा बालक छात्रावास विद्यमान हैं? (घ) किन हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में छात्रावास निर्माण प्रस्तावित हैं? क्या शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल साधपुरा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल सुखतवा शासकीय हाई स्कूल झुंनकर शासकीय हाई स्कूल डांडीवाड़ा शासकीय हाई स्कूल कोहदा में छात्रावास निर्माण की योजना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आदिवासी विकासखण्ड केसला के अन्तर्गत माध्यमिक शाला आश्रम सहित-76, हाई स्कूल-21, हायर सेकेण्डरी-14 संचालित किये जा रहे है। संचालित ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निम्नांकित शालाओं में आवासीय पाठशाला संचालित है:-1. आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तवानगर, 2. एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भरगदा, 3. जनजातिय कन्या आश्रम केसला (चूरना), 4. जनजातीय बालक आश्रम (अंग्रेजी माध्यम केसला), 5. जनजातीय कन्या आश्रम सुखतवा, 6. जनजातीय बालक आश्रम केसला (पोढार) (ग) आदिवासी विकास खण्ड केसला में निम्नांकित हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बालिका अथवा बालक छात्रावास विघमान है:- 1. उ.मा.वि. कोहदा बालक छात्रावास 2. उ.मा.वि.सुखतवा, बालक छात्रावास 3. उत्कृष्ट उ.मा.वि. केसला एवं बालक हाईस्कूल केसला, बालक छात्रावास 4. उ.मा.वि. जमानी बालक छात्रावास 5. उ.मा.वि. सेमरीखुर्द,बालक छात्रावास 6. उ.मा.वि. तवानगर बालक छात्रावास 7. कन्या हाईस्कूल केसला, कन्या छात्रावास (घ) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुखतवा परिसर में सीनियर जनजातीय बालक छात्रावास सुखतवा निर्माणाधीन प्रस्तावित है। शेष संस्थाओं में नहीं है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुखतवा परिसर में सीनियर जनजातीय बालक छात्रावास सुखतवा नवीन भवन स्वीकृत है, निर्माण कार्य हेतु कार्य एजेंसी पीआईयू है। शेष जानकारी निरंक है।
पवई विधान सभा में विभागीय विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
162. ( क्र. 4062 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों एवं मजरो-टोलों में विकास एवं निर्माण के कार्य स्वीकृत किए जाने एवं क्या-क्या कार्य और किस प्रकार कराये जाने के शासनादेश/विभागीय निर्देश क्या हैं? कार्यस्थल के चयन एवं कार्यों को प्रस्तावित करने, कार्यों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति और कार्यों के पर्यवेक्षण एवं माप और भुगतान की जिम्मेदारी किन-किन शासकीय सेवकों की होती है? (ख) पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम और नगरपरिषदों के कौन-कौन वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग की बहुलता के हैं? इन ग्रामों/वार्डों की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग के नागरिकों एवं कुल नागरिकों की जनसंख्या क्या है? क्या इन ग्रामों/वार्डों में विकास एवं निर्माण के कार्य विगत 05 वर्षों में कराये गये? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी लागत से किन-किन कार्यों को किस मांग/आवश्यकता के चलते किस कार्य/निर्माण एजेंसी द्वारा कब-कब किया गया? (ग) विभाग द्वारा पवई विधान सभा अंतर्गत विगत 05 वर्षों में किस नगर परिषद के किन वार्डों और किन-किन ग्रामों के किन-किन स्थानों पर बस्ती विकास योजना के कार्य कब-कब किए गये? किए गये कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति और क्या उपयोगिता है? कार्यवार बताइये। (घ) अनुसूचित जाति के कृषकों हेतु कौन-कौन सी योजनाए संचालित हैं? इन योजनाओं का हितग्राहियों/कृषकों द्वारा किस प्रकार और किस प्रक्रिया से लाभ प्राप्त किया जा सकता है तथा विगत 05 वर्षों में पवई विधान सभा के कितने और किन-किन हितग्राहियों/कृषकों को किस प्रक्रिया से चयनित और किस-किस योजना के तहत किस प्रकार लाभान्वित किया गया? क्या सामग्री उपकरण प्रदाय की गई? क्या अनुदान दिया गया? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में और पन्ना जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन के दायित्ववान विगत 05 वर्षों में पदस्थ/कार्यरत शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम बताइये और क्या बस्ती विकास मद के कार्य एवं योजनाओं का क्रियान्वयन नियत मानकों एवं निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप हैं? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। निर्माण कार्य विभाग के निर्माण नियम के अनुसार कार्य कराये जाते हैं। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 05 वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
पन्ना जिले में विभागीय योजनाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
163. ( क्र. 4063 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्तमान में केन्द्र/राज्य की किन-किन योजनाओं का संचालन किया जा रहा हैं और हितग्राहियों द्वारा योजनाओं का लाभ किस प्रक्रिया से प्राप्त किया जा सकता हैं एवं उन्नत प्रजाति के पशुओं के पालन में विभाग द्वारा किस-किस प्रकार से मार्गदर्शन किया जाता हैं? (ख) पन्ना जिले में किन-किन प्रजातियों के पशु पाये जाते हैं और किन-किन प्रजातियों के पशुओं को व्यापारिक दृष्टि से पाला जाता हैं? विगत 05 वर्षों में पन्ना जिले में पशुपालन सहित अन्य विभागीय योजनाओं हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किए गए और कितने और किन-किन हितग्राहियों को किस-किस प्रकार किस-किस योजना से वर्षवार लाभान्वित किया गया? किन लक्ष्यों की पूर्ति हुई और किन लक्ष्यों की पूर्ति किन कारणों से अपूर्ण रही तथा जिले में विभागीय कार्यों की समीक्षा से भी अवगत करायें। (ग) पन्ना जिले में पशुओं के उपचार के चिकित्सालय एवं औषधालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इनमें संस्थावार क्या-क्या संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध हैं और किन सुविधाओं की आवश्यकता हैं? इन संस्थाओं में किन-किन पदों पर कौन-कौन शासकीय सेवक कब से कार्यरत हैं? इनके क्या पदीय दायित्व हैं? (घ) जिला रोगी पशुकल्याण समिति के क्या-क्या कार्य हैं और पन्ना जिले में विगत 03 वर्षों में समिति द्वारा कब-कब बैठकों का आयोजन किया गया एवं क्या प्रस्ताव पारित किए गए? कितनी राशि समिति को प्राप्त हुई और कितनी राशि किन-किन कार्यों में कब-कब व्यय की गयी? (ड.) क्या पन्ना जिले में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की अवधारणा पर डेयरी सहित विभागीय अन्य रोजगार मूलक योजनाओं के संचालन की संभावनाओं का परीक्षण कराया जाकर इन व्यावसायिक/रोजगार मूलक गतिविधियों को प्रारंभ किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि पन्ना सहित संपूर्ण बुंदेलखंड अंचल में पशुपालन प्रमुखता से किया जाता है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) पन्ना जिले में मुख्यत: गाय, भैस, भेड, बकरियों को व्यापारिक दृष्टि से पाला जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जिला पन्ना में भारत सरकार की केन्द्र प्रवर्तित योजना राष्ट्रय पशुधन मिशन-2021 अंतर्गत उद्यमिता विकास की विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियों की 15 आवेदन को बैंक लोन स्वीकृति हेतु भेजा गया है। सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड अंचलों में पशुपालन की पशु नस्ल विकास तथा उद्यमिता विकास की रोजगार मूलक गतिविधियों को शामिल किया गया है।
नियमों के विपरीत कार्य
[जनजातीय कार्य]
164. ( क्र. 4068 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा होशंगाबाद में केसला परियोजना अन्तर्गत स्कूलों में कक्ष निर्माण एवं बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी/पी टी ए के माध्यम कराये गये? विभाग के निर्माण कार्य कराये जाने के क्या नियम हैं? नियमों की एक प्रति दें। विभाग द्वारा पी.टी.ए द्वारा कितनी राशि तक के कार्य कराये जा सकते हैं? कितनी राशि तक के कार्य दिनांक 01-04-2018 से प्रश्नतिथि तक कहां-कहां कराये गये? राशिवार/कार्यवार/माहवार/वर्षवार/ भुगतानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कराये गये कार्यों के आदेश (वर्क आर्डरों) एवं किस-किस नाम/पदनाम के तकनीकी अधिकारियों के द्वारा इन कार्यों का मूल्यांकन एवं सुपरवीजन किया, की सूची कार्यवार/स्थल के नामवार दें। उक्त उल्लेखित कार्यों की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों की एक-एक प्रति कार्यवार/माहवार/वर्षवार दें। (ग) क्या प्रश्नांश (5) में वर्णित कार्यों की जी एस टी की राशि कर्मचारियों एवं अधिकारियों की लापरवाही के कारण जमा नहीं किये जाने से पेनाल्टी की राशि रूपये छ: (6) लाख लगभग शासन द्वारा किस जारी आदेश से किस मद से जमा की गई है? जारी आदेशों की एक प्रति एवं मद का नाम दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में नियमों के विपरीत किस नाम/पदनाम को शासन द्वारा प्रश्नतिथि तक चिन्हित किया गया है? सूची दें। अगर नहीं किया गया है, कारण दें? कब तक इन्हें निलंबित कर शासन विभागीय जांच के आदेश जारी करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं पीटीए के माध्यम से विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं कराया गया। विभाग से निर्माण कार्य कराये जाने के नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा पीटीए से कार्य कराये जाने की जानकारी निरंक है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिटायरमेंट आयु पूर्ण कर्मचारियों संबंधी
[सहकारिता]
165. ( क्र. 4069 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक और सहकारी समितियों के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत रायसेन जिले में सहकारी समितियों में कितने सहायक प्रबंधक निर्धारित रिटायरमेंट की आयु सीमा पूर्ण करने के बाद भी पदस्थ हैं? समितिवार, नामवार, उनके आधार की छायाप्रतिवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत रिटायरमेंट की उम्र पूरी कर चुके कर्मचारियों को रिटायर किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष है। (ख) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
166. ( क्र. 4071 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में विषयांकित योजना में विगत पांच वर्षों में आवंटित राशि तथा योजना में कराये गये कार्यों की जानकारी प्रश्न दिनांक तक वित्तीय वर्ष अनुसार देवें। (ख) जिले में अनुसूचित जनजाति के कितने कृषकों के खेतों में विद्युतीकरण के प्रकरण लंबित हैं? क्या विगत दो वर्षों से पंप ऊर्जीकरण के लिए अलग से बजट न देकर उसे विषयांकित योजना में जोड़ दिया गया है? (ग) क्या शासन यह देखते हुए की शासन ने कृषक योजना बंद कर दी है, शासन अनुसूचित जनजाति का वर्ग के कृषकों के खेतों में विद्युतीकरण की मांग को देखते हुये बालाघाट जिले में इस हेतु अलग से बजट देने पर विचार करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में अनुसूचित जनजाति के खेंतों में विद्युतीकरण कार्यों के 07 प्रकरण लम्बित है। जी हाँ। (ग) जी नहीं कृषकों के खेतों में विद्युतीकरण कार्य की योजना वर्तमान में संचालित है, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिले में संचालित गौशालाऍ
[पशुपालन एवं डेयरी]
167. ( क्र. 4080 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितनी गौशालायें संचालित हैं? किन-किन संस्थाओं, संगठनों, समूहों द्वारा संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) की किन-किन गौशालाओं को शासन द्वारा जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय अनुदान दिया गया? किस-किस मद में दिया गया? संस्थावार, वर्षवार, राशिवार विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सतना जिले में कुल 61 गौशालाएं संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही
[गृह]
168. ( क्र. 4081 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने भू-माफिया, खनिज माफिया एवं शासकीय जमीनों को कूट रचित दस्तावेज तैयार कर निजी स्वत्व में दर्ज कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक 23 दिनांक 18.07.2019 के माध्यम से जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिये थे? शिकायतकर्ता ने शिकायत के साथ प्रमाणित दस्तावेज लगाये हैं इसके बावजूद थाना प्रभारी कोलगवां एवं चौकी प्रभारी बाबूपुर ने प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की है? तत्कालीन चौकी प्रभारी ने दिनांक 04.09.2017, 06.09.2017, 12.08.2017, 08.08.2017 को खनिज माफिया एवं भू-माफिया को नोटिस जारी की थी तथा अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर एवं खनिज अधिकारी सतना को दिनांक 14.08.2017 जानकारी हेतु पत्र जारी किया था? (ख) क्या थाना कोलगवां में अपराध क्रमांक 168/16 थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 169/17 दर्ज है उक्त संबंध में तारांकित प्रश्न क्रमांक 762 दिनांक 06.03.2017 था उक्त संबंध में अपराध अनुसंधान के सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पत्र क्रमांक 198 दिनांक 15.02.2017 को पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र जारी कर (क) से (घ) तक की जानकारी मांगी थी तीन वर्ष होने के बाद मात्र 16 कृषकों में से 3 कृषकों की आराजी पर अपराध दर्ज हुआ है ईश्वर प्रताप सिंह की आराजी की जांच होने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक अपराध दर्ज नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अगर सही है तो कब तक उक्त मामलों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर दी जायेगी? नहीं की जायेगी तो बिन्दुवार कारण सहित बतायें। पुलिस अधीक्षक सतना स्वयं उक्त दोनों बिन्दुओं का अनुशरण करेंगे तो थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी की लापरवाही स्पष्ट नजर आयेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र. 23, दिनांक 18.07.2019 के द्वारा न.पु.अ./उ.पु.अ. मुख्यालय को अवैध उत्खनन एवं अन्य बिन्दुओं पर कार्यवाही किये जाने बाबत् निर्देशित किया गया था तत्कालीन चौकी प्रभारी द्वारा जाँच के क्रम में प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र, नोटिस जारी किये गये है। प्रकरण मूलतः राजस्व एवं खनिज विभाग से संबंधित है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रघुराज नगर सतना एवं खनिज अधिकारी सतना को जानकारी के लिये दिनांक 14.08.2017 को पत्र जारी किये है। उक्त प्रकरण के संबंध में एक उच्च स्तरीय जाँच दल आयुक्त रीवा, संभाग रीवा के नेतृत्व में गठित हुआ था जिसने अपनी जाँच रिपोर्ट प्रमुख सचिव म.प्र. शासन को प्रेषित की गई थी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर पुलिस को कार्यवाही हेतु निर्देश प्राप्त होने पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। थाना कोलगंवा में अप.क्र. 168/16 धारा 420, 467, 468, 34 भादवि में साक्ष्य संकलन कर आरोपियों की गिरफ्तारी कर धारा 173 (8) जा.फौ. के तहत अनुसंधान प्रक्रिया जारी रखते हुये चालान न्यायालय प्रस्तुत किया गया है। अन्य संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने संबंधी जाँच प्रतिवेदन राजस्व विभाग से अनुशंसा सहित प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही नहीं हो सकी है। ईश्वर प्रताप सिंह की आराजी के संबंध में थाना कोतवाली में अप0 क्र. 169/17 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि खसरा नं. 329, 342, 342 (2) पर पंजीबद्ध होकर धारा 173 (8) जा.फौ. के तहत् अनुसंधान में है। खसरा नं. 342 (2) ईश्वर प्रताप सिंह के नाम होना पाई गई है। यह एक फर्जी नाम है। वर्तमान में उपरोक्त आराजियॉं कलेक्टर सतना द्वारा शासकीय घोषित कर दी गई है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर दोषियों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ग) ग्राम सोनौरा में शासकीय आराजी को दस्तावेज को खुर्द-बुर्द कर निजी स्वत्व में लेने पर से थाना कोलगंवा में अपराध 168/16 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि एवं थाना कोतवाली जिला सतना में अपराध क्रमांक 169/17 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि पंजीबद्ध किया गया है। रामस्थान मौजा की शासकीय आराजी में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर खुर्द-बुर्द कर निजी स्वत्व में लेने के संबंध में उच्च स्तरीय जाँच दल की रिपोर्ट के आधार पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही हेतु प्रस्ताव पुलिस विभाग को प्रेषित नहीं किया गया है। भविष्य में पुलिस को कार्यवाही हेतु निर्देश प्राप्त होने पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।
ओ.बी.सी. वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति वितरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
169. ( क्र. 4088 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में प्रदेश के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कितने ओ.बी.सी. छात्र अध्ययनरत रहे हैं? क्या उक्त वर्षों में अध्ययनरत ओ.बी.सी. छात्रों की संख्या के अनुरूप छात्रवृत्ति हेतु पर्याप्त राशि शासन द्वारा उपलब्ध करा दी गई थी? यदि हाँ, तो उक्त वित्तीय वर्ष में ओ.बी.सी. छात्रवृत्ति हेतु शासन द्वारा वर्षवार कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो अध्ययनरत ओ.बी.सी. छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान हेतु पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं कराये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रवृत्ति एवं ओ.बी.सी. छात्रवृत्ति के लिये केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की वित्तीय सहभागिता एक समान है? यदि हाँ, तो केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार का उक्त छात्रवृत्तियों में वित्तीय सहभागिता का अनुपात क्या है? यदि नहीं, तो असमानता का क्या कारण है? (ग) क्या वर्ष 2019-20 में 1.5 लाख वर्ष 2020-21 में 3.00 लाख एवं वर्ष 2021-22 में 6.00 लाख ओ.बी.सी. छात्र छात्रवृत्ति से वंचित हैं? यदि हाँ, तो ओ.बी.सी. छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित रखे जाने का क्या कारण है तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है? कब तक इन छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जावेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। असमानता के कारण भारत सरकार की योजनाओं में पृथक-पृथक मापदंड और राशि का प्रावधान है। (ग) छात्रवृत्ति वितरण की कार्यवाही सतत् है वर्ष 2021-22 हेतु पोर्टल पर आवेदन प्रक्रियाधीन है। पात्रता के परीक्षण उपरांत भुगतान होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
पेंशन योजना में अनियमितता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
170. ( क्र. 4091 ) श्री जितु पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा किस-किस केटेगरी की कितनी पेंशन योजना चल रही है? वर्ष 2015 से 2021 तक उन योजना के हितग्राही की इन्दौर जिले की सूची देवें तथा योजना अन्तर्गत प्रतिमाह कितनी राशि देय है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में वर्ष 2015 से 2021 तक कितनी-कितनी कुल राशि का भुगतान किया गया तथा हितग्राही की संख्या तथा कुल भुगतान राशि में प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (ग) पेंशनधारी के वास्तविक सत्यापन हेतु क्या निर्देश हैं तथा उस अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में कब-कब सत्यापन किया गया? रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि सत्यापन में क्या पाया गया? (घ) विभिन्न पेंशन योजना में हितग्राही की मृत्यु की जानकारी विभाग कैसे प्राप्त करता है तथा बतावें कि प्रश्नाधीन अवधि में कितने हितग्राहियों को मृत्यु के बाद भी तीन चार महीने से कई महीने बाद तक पेंशन का भुगतान होता रहा, इससे कितनी अधिक कुल राशि का भुगतान हुआ? (ड.) विभाग में विभिन्न योजना में भ्रष्टाचार तथा आर्थिक अनियमितता को लेकर कितनी विभागीय जांच 20 जनवरी की स्थिति में चल रही है तथा लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. से आये कितने प्रकरण जांच हेतु लंबित है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विभाग अंतर्गत 06 केटेगरी की पेंशन याजनाऐं संचालित की जा रही है। वर्ष 2015 से फरवरी 2019 तक प्रति हितग्राही प्रतिमाह रूपये 300/- के मान से पेंशन राशि तथा मार्च 2019 से 2021 तक प्रति हितग्राही प्रतिमाह रूपये 600/- के मान से पेंशन प्रदाय की जा रही है। इंदौर जिले के पेंशन हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में वर्ष 2015 से वर्ष 2021 तक भुगतान की गई राशि हितग्राहियों की संख्या एवं भुगतान की गई राशि में प्रतिवर्ष वृद्धि एवं कमी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) पेंशन धारियों के भौतिक सत्यापन किये जाने की एक सतत प्रक्रिया है। हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन के संबंध में समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों की प्रति तथा उक्त योजनाओं के अंतर्गत सत्यापन के दौरान मृत हितग्राही पलायन कर गये हितग्राही एवं अपात्र हितग्राहियों का प्रतिमाह डाटा समग्र पेंशन पोर्टल पर अपडेट किया जाकर वास्तविक पात्र हितग्राहियों को जून 2017 से राज्य स्तर से सीधे पेंशन हितग्राहियों भुगतान किया जा रहा है। पेंशन हितग्राहियों की जानकारी समय-समय पर पेंशन पोर्टल पर देखी जा सकती है। दिशा निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) विभिन्न पेंशन योजना में हितग्राही की मृत्यु् की जानकारी विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत सचिव एवं नगरीय क्षेत्र में वार्ड प्रभारी के द्वारा पेंशन पोर्टल पर अपडेट कराई जाती है। मृत्यु के पश्चात हितग्राहियों के खातों में यदि पेंशन राशि जमा हो जाती है ऐसे हितग्राहियों के खातों में जमा राशि को बैंकों/निकायों के माध्यम से शासकीय खजाने में राशि जमा कराई जाती है। (ड.) इंदौर जिले में उक्त योजनाओं में भ्रष्टाचार, विभागीय जाँच लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्लू. संबंधी कोई प्रकरण जाँच हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु औषधालयों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
171. ( क्र. 4104 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितने पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय संचालित हैं? इन औषधालयों में कितने भवन हैं? कितने औषधालय भवन विहीन है? 1 अप्रैल 2014 से कितने औषधालयों के भवन स्वीकृत हुये एवं किस निर्माण एजेंसियों द्वारा निर्माण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं एवं कौन-कौन से पद कब से और किस कारण से रिक्त हैं और कितने पदों पर पदस्थापनाएं हैं? चिकित्सालय एवं औषधालयवार जानकारी भेजें। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं की छायाप्रति उपलब्ध करावें। 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है? हितग्राहियों के नाम सहित बतावें। विदिशा जिले में किस-किस मद में कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ? कितना-कितना व्यय किया गया? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) पशु चिकित्सालय लटेरी में पशु चिकित्सक का पद कब से रिक्त है? कब तक पशु चिकित्सालय लटेरी में पदपूर्ति कर दी जावेगी? पशु औषधालय बांसखेड़ी अस्पाल, गरेंठा एवं आनंदपुर का उन्नयन पशु चिकित्सालय में कब-तक कर दिया जावेगा? उन्नयन की क्या नीति है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'', ''फ'' एवं ''ज'' अनुसार है। (घ) जनवरी 2020 से रिक्त है। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पशु औषधालय बांसखेडी अस्पताल, गरेठा एवं आनंदपुर का उन्नयन प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
172. ( क्र. 4105 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी ग्राम पंचायतों में गौशालों स्वीकृत की गई हैं? विकासखण्ड एवं जिलावार जानकारी देवें। इन गौशालाओं में से कितनी गौशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कितनी ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण अधूरा है एवं कितनी गौशालाओं का कार्य अप्रारंभ है? गौशालावार जानकारी देवें। अधूरी गौशालाओं का निर्माण कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? कितनी गौशालाओं का संचालन प्रारंभ हो गया है एवं कितना-कितना गौवंश का भरण-पोषण हो रहा है? उक्त गौशालाओं में नलकूप खनन हेतु, सबमर्सिवल पंप, ओवरटेंक निर्माण हेतु एवं विद्युत व्यवस्था हेतु किन-किन गौशालाओं में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? विकासखण्ड एवं जिलेवार जानकारी देवें एवं शेष गौशालाओं में कब-कब राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? बतावें। (ख) वर्तमान में म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल में कितनी गौशालाएं पंजीबद्ध हैं एवं कितनी गौवंश का भरण पोषण हो रहा है? पंजीकृत गौशाला का नाम सहित जिलेवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) मुख्यमंत्री गौसेवा, योजनांतर्गत संचालित गौशालाओं में गौवंश के भरण पोषण हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है? गौशाला का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, माह, वर्ष गौवंश की संख्या, प्रदाय की गई राशि, माह एवं वर्षवार जानकारी विकासखण्डवार एवं जिलावार जानकारी देवें। संचालन के उपरांत भी कितनी गौशालाओं को गौवंश के भरण पोषण के लिए राशि नहीं दी जा रही है? कब तक दी जावेगी? गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल द्वारा कितनी पंजीकृत संस्थाओं/समितियों को कब-कब और कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है? गौशाला का नाम, माहवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड भारत सरकार में मध्यप्रदेश की कितनी गौशालाएं पंजीकृत हैं? बतावें। 1 अप्रैल 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितना-कितना अनुदान, सामग्री एवं राशि प्रदाय की गई है? गौशाला का नाम, प्रदाय राशि सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्यों को बोर्ड में गैर-पंजीकृत गौशालाओं का निरीक्षण करने का अधिकार है? यदि हां, तो नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रेषित पत्र श्री कृष्ण गौशाला एवं गौ संवर्धन समिति लटेरी रोड सिंरोज के टीन शेड स्वीकृत करने हेतु प्राप्त हुआ था? यदि हां, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई एवं उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं विदिशा द्वारा प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ' 'अनुसार। गौशालाओं के निर्माण कार्य की पूर्ण होने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। संचालित गौशालाओं एवं उनमें उपलब्ध गौवंश एवं भरण पोषण हेतु प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार। गौशालाओं में नलकूप खनन, सबमर्सिवल पंप, ओवर हेड टेंक निर्माण, विद्युत व्यवस्था हेतु गौशालाओं को प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार। वर्ष 2020-21 में निर्मित गौशालाओं में विद्युत व्यवस्था पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत 15वे वित्त आयोग से की जावेगी। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'अनुसार। इस प्रकार के कोई निर्देश नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। प्रस्ताव कार्य परिषद की बैठक में रखा गया था, परिषद द्वारा राशि रू. 5.00 लाख की स्वीकृति का अनुमोदन दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई' अनुसार।
गांधी मेडिकल कॉलेज में उप रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
173. ( क्र. 4108 ) श्री बाला बच्चन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/06/2020 से 25/02/2022 अवधि में गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में उप रजिस्ट्रार पद पर भर्ती हुई है? यदि हाँ, तो इससे संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) क्या संचालनालय द्वारा उपरजिस्ट्रार पद की अर्हताओं में ऐसा निर्धारण किया गया जिसमें पूरे प्रदेश में एकमात्र उम्मीदवार ही अर्हता प्राप्त कर पाया? यदि नहीं तो बताएं कि उप रजिस्ट्रार पद के साक्षात्कार दिनांक पर प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में क्या 500 बिस्तर के अस्पताल का अनुभव रखने वाला कोई पद था? (ग) अर्हता निर्धारण संबंधी समस्त प्रक्रिया के दस्तावेजों की प्रति देवें। (घ) नियम विरूद्ध की गई इस नियुक्ति को कब तक निरस्त किया जाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति व जनजाति पर हुए अत्याचारों पर कार्रवाई
[गृह]
174. ( क्र. 4109 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 25.02.2022 तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर हुए अत्याचार के अपराधों की जानकारी पंजीबद्ध कुल अपराधों की संख्या, गिरफ्तार संख्या, गिरफ्तारी हेतु शेष आरोपियों की संख्या, चालान किए गए अपराधों एवं आरोपियों की संख्या, चालान नहीं किए अपराधों की संख्या सहित जिलेवार बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार विवेचनाधीन प्रकरणों की संख्या भी जिलेवार देवें। (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें 6 माह से अधिक समय से चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है? जिलेवार जानकारी देवें। यही जानकारी गिरफ्तारी हेतु शेष आरोपियों की संख्या के विषय में जिलेवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इन प्रकरणों में चालान कब तक प्रस्तुत होगा व शेष गिरफ्तारियॉं कब तक कर ली जाएगी? 6 माह से अधिक लंबित चालान प्रकरणों के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। लंबित प्रकरणों में शीघ्र निराकरण करने हेतु संबंधित को निर्देशित किया गया है
विभागीय कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
175. ( क्र. 4112 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्रमांक 5157 दिनांक 17/03/2021 के (क) उत्तर अनुसार विभाग के स्वीकृत कार्यों में एक ही विधानसभा में बहुतायत में कार्य स्वीकृत किए गए जबकि महिदपुर विधानसभा क्षेत्र की अनुसूचित जाति बस्तियों में समानुपात में कार्य स्वीकृत नहीं किए गए क्यों? (ख) कब तक महिदपुर विधानसभा क्षेत्र की अनुसूचित जाति बस्तियों में कार्य स्वीकृत किए जाएंगे? दिनांक 16/02/2021 से 25/02/2022 तक उज्जैन जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद में कितनी राशि के कौन से कार्य किन विधानसभा क्षेत्रों में स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, दिनांक, लागत सहित विधानसभावार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार समानुपात में कार्य स्वीकृत नहीं करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 2018 के प्रावधान अनुसार उपलब्ध बजट से कार्य स्वीकृत किये गये हैं। समानुपात रूप से कार्य स्वीकृति की अनिवार्यता नहीं है। (ख) विधानसभावार स्वीकृति के नियम नहीं हैं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा जंक्शन व महिदपुर की गृह निर्माण संस्थाओं की जानकारी
[सहकारिता]
176. ( क्र. 4113 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 5957 (तारांकित) दिनांक 22.03.2021 के (क) उत्तर अनुसार नागदा जंक्शन एवं महिदपुर की संस्थाओं के पास स्थापना/पंजीयन दिनांक को कितनी भूमि कहां पर थी की जानकारी संस्था नाम, रकवा नंबर, कुल रकवा सहित नागदा जंक्शन व महिदपुर के संबंध में पृथक-पृथक देवें। (ख) स्थापना/पंजीयन के समय से इन संस्थाओं के सदस्यों के नाम संस्थावार देवें। इनमें से कितने सदस्यों को भूखण्ड/प्लाट दिए गए हैं? कितनों के बाकी हैं? नाम सहित संस्थावार पृथक-पृथक देवें। (ग) संस्था के सदस्यों के अन्यत्र प्लाट विक्रय करने वाले नागदा जंक्शन व महिदपुर की संस्थाओं के पदाधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिये विभाग कब तक इन पर कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक संस्था के सदस्यों को भूमि/प्लाट प्रदान हो जाएंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार। (ग) प्रश्नांश की जांच हेतु उपायुक्त, सहकारिता जिला उज्जैन को निर्देशित किया गया है, जांच उपरांत ही स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार।
जैतहरी जिला अनूपपुर के छात्रावास संबंधी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
177. ( क्र. 4120 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनूपपुर जिले के नगर परिषद जैतहरी के वार्ड क्रमांक 08 की भूमि खसरा क्रमांक 746 में प्री-मैट्रिक कन्या अनुसूचित जाति छात्रावास 01 जनवरी 2017 से संचालित है? (ख) क्या जैतहरी में जिस भूमि पर उक्त छात्रावास संचालित है यह भूमि आबादी की भूमि है जिसका भू अधिकार या भूमि का स्वामी मकान मालिक नहीं हैं? (ग) क्या आबादी की भूमि जिस पर आबाद व्यक्ति का मात्र भूमि या भवन पर कब्जा है वह एक शासकीय संस्था को अपना मकान किराये पर दे सकता है? यदि हाँ, तो उक्त संबंधित नियमावली की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो उक्त अवैध अनुबंध कर लाभ पहुंचाने वाले अधिकारी एवं लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त छात्रावास अनुबंध में लिखे अनुसार 01 जनवरी 2017 से संचालित बताया गया है जबकि उक्त अनुबंध 15 मार्च 2017 को निष्पादित किया गया है? तो क्या अनुबंध पूर्व ही छात्रावास संचालित कर दिया गया? यदि हाँ, तो विभाग कब तक इसकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जैतहरी में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 746 पर वर्ष 1996-97 से श्री अनिल कुमार गुप्ता आत्मज श्री रामकृपाल गुप्ता का नाम भूमि स्वामी के रूप में दर्ज है। (ग) जी नहीं। जिस भूमि पर छात्रावास निर्मित है उसमें मकान मालिक श्री अनिल कुमार गुप्ता का नाम पंचसाला खसरा में दर्ज है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शासन द्वारा वर्ष 2015-16 में स्वीकृत अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास जैतहरी पूर्व में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के कन्या छात्रावास के कुछ कक्षों में संचालित किया गया। स्थानाभाव के कारण अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास जैतहरी श्री अनिल कुमार गुप्ता के भवन में दिनांक 01.01.2017 से छात्रावास का संचालन प्रारंभ किया गया। उक्त मकान संबंधी अनुबंध दिनांक 15.03.2017 को तथा भवन का किराया कलेक्टर द्वारा अनुमोदन पश्चात भाडा नियंत्रण अधिकारी, अनूपपुर द्वारा दिनांक 28.12.2017 को निर्धारित किया गया जिसके लिए कोई भी दोषी नहीं है। अत: जांच किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस कमिश्नर इंदौर को दिए पत्र पर कार्यवाही हेतु
[गृह]
178. ( क्र. 4121 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दि. 24-01-2022 को पुलिस कमिश्नर इंदौर को दिए पत्र में इच्छित जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, यह कब तक करा दी जाएगी? इसके बिन्दुवार विवरण देवें। पत्र की तामिली दिनांक 28-01-2022, कार्यालय पुलिस आयुक्त इंदौर है? (ख) इस संबंध में पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुणाल फाइनेंस 303, अपोलो स्क्वायर इंडस्ट्रीयल एस्टेट अपोजिट नारायण कोठी इंदौर से किए समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। (ग) क्या कारण है कि पत्र के बिंदु क्रमांक 03 में अधिक पेनल्टी, ब्याज राशि वसूलने के प्रकरणों में कुणाल फाइनेंस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है? इन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 24.01.2022 को पुलिस आयुक्त इन्दौर को दिया गए पत्र को जांच में लेकर जानकारी एकत्र की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश के संबंध में पत्राचार से संबंधित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांगत आवेदन पत्र जाँच में है। जाँच में आये साक्ष्य अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
इंदौर में लंबित आवेदनों का निराकरण
[गृह]
179. ( क्र. 4123 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस कमिश्नर इंदौर को श्रीमती शांता पति श्री सदाशिव कौतुक द्वारा फरवरी, 2022 में दिए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या कारण है कि पत्र में उल्लेखितों से कोई पूछताछ नहीं की गई? कब तक इनसे पूछताछ कर ली जाएगी? (ख) उपरोक्तानुसार आवेदिका से धोखाधड़ी करने वालों पर कब तक अपराध दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कृपालदासा माय निवासी सुदामा नगर इंदौर द्वारा सी.एस.पी अन्नपूर्णा क्षेत्र इंदौर द्वारा नवंबर, 2021 में दिए आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्यों कोई कार्यवाही नहीं की गई? कब तक इनके आवेदन का निराकरण कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदिका श्रीमती शांता कौतुक पति श्री सदाशिव कौतुक एवं अनावेदक श्याम पिता गौरीशंकर खण्डेलवाल के कथन लेखबद्ध किये गये है। आवेदिका श्रीमती शांता कौतुक एवं अनावेदक श्याम खण्डेलवाल के मध्य हुये जमीन खरीदने के अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने संबंधी परिवाद क्र. 01ए/16 दिनांक 17.12.2015 को आवेदिका शांता कौतुक द्वारा मान. न्यायालय, इन्दौर में अनावेदक श्याम खण्डेलवाल के विरुद्ध लगाया गया है, जो मान. न्यायालय में 12.01.2016 को स्वीकार किया गया। उक्त परिवाद वर्तमान में मान. न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त पैरा अनुसार आवेदक व अनावेदक से पूछताछ कर ली गई है। आवेदक व अनावेदक से पूछताछ कर लिये जाने से यह प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) इस संबंध में पूर्व से आवेदिका द्वारा मान. न्यायालय इन्दौर में परिवाद पेश किया गया है जो मान. न्यायालय इन्दौर में विचाराधीन है। मान. न्यायालय द्वारा विचारण में लेने के कारण मान. न्यायालय से निराकरण या आदेशानुसार पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाना उचित होगा। (ग) आवेदक श्री कृपालदास माटा को मोबाईल नंबर 9826041920 पर कई बार फोन लगाकर कथन देने हेतु पाबंद करते कथन देने हेतु उपस्थित नहीं हुये। दिनांक 04.03.2022 आवेदक श्री कृपालदास माटा के पास के कथन लेने हेतु पहुंचने पर, आवेदक द्वारा थाना प्रभारी द्वारिकापुरी इंदौर को, ''दिये गये आवेदन पत्र पर कोई कार्यवाही न करने के संबंध में लिखित आवेदन पत्र पेश किया गया है। '' एवं शिकायत के संबंध में फोन पर चर्चा करते, आवेदक द्वारा अनावेदिका ज्योति वर्मा से आपसी समझौता होना बताया है।
धोखाधड़ी करने वाली फर्म पर कार्यवाही
[गृह]
180. ( क्र. 4124 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना नीलगंगा उज्जैन को अर्पित द्विवेदी की हस्ताक्षर जांच रिपोर्ट लगभग 02 माह पूर्व प्राप्त हो गई लेकिन केवल 01 मामले में अपराध दर्ज किया गया हस्ताक्षर जांच रिपोर्ट से संबंधित अन्य प्रकरणों में अपराध दर्ज न कर उसे संरक्षण देने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें? कब तक शेष प्रकरणों में अपराध दर्ज कर लिया जाएगा? (ख) क्या कारण है कि उक्त अधिकारी द्वारा अर्पित द्विवेदी को संरक्षण देते हुए उसकी गिरफ्तारी प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई? कब तक ये गिरफ्तारी हो जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? संरक्षणकर्ता पुलिस अधिकारी पर इसके लिए शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) पुलिस उपायुक्त अपराध भोपाल एवं पुलिस कमिश्नर भोपाल को माह फरवरी, 2022 में राकेश विश्वकर्मा द्वारा दिए आवेदन पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? इस संबंध में पत्र में उल्लेखितों से क्या पूछताछ कर ली गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आवेदक के पत्रानुसार धोखाधड़ी करने वाली फर्म पर कब तक अपराध दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना नीलगंगा जिला उज्जैन में आरोपी अर्पित द्विवेदी के विरूद्ध उसके हस्ताक्षर जाँच से संबंधित शिकायतों की जाँच के आधार पर दो प्रकरण (1) आवेदक रूपसिंह पँवार के हस्ताक्षर जाँच रिपोर्ट के संबंध में अप.क्र. 15/22 धारा 420,406 भा.द.वि. एवं (2) आवेदक चंद्रशेखर जाट के हस्ताक्षर जाँच रिपोर्ट के संबंध में 128/22 धारा 420,406 भा.द.वि. पंजीबद्ध किये जाकर दोनों प्रकरणों की विवेचना की जा रही है। दोनों प्राप्त हस्ताक्षर जाँच रिपोर्ट पर अपराध दर्ज किये गये हैं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आरोपी अर्पित द्विवेदी उक्त दोनों प्रकरणों में फरार होकर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। आरोपी को किसी अधिकारी के द्वारा संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित आवेदन पत्र की जाँच पर दोनों पक्षों के बीच में आपसी समझौता होना पाया गया है। (घ) दोनों पक्षों में आपसी समझौता होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
लोकायुक्त
में जांच
प्रचलित होने
के बाद भी
पदस्थ किया
जाना
[सहकारिता]
181. ( क्र. 4133 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. में कितने प्रकरण कब-कब से पंजीकृत हैं? अधिकारियों के नाम सहित विवरण दें। (ख) क्या लोकायुक्त के ट्रेप प्रकरण के एक अधिकारी को राजगढ़ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जबलपुर में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध जबलपुर बैंक से संबंधित प्रकरण भी लोकायुक्त में दर्ज है? (ग) यदि हाँ, तो इन पदस्थापनाओं के लिए कौन उत्तरदायी है एवं क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) ई.ओ.डब्ल्यू.
कार्यालय एवं
अपेक्स बैंक
से प्राप्त जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है, लोकायुक्त
संगठन की जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख) जी
हाँ। (ग) पदस्थापना
नियमानुसार
होने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "पैंसठ"
स्थानांतर पर प्रतिबंध होने के बावजूद स्थानांतर आदेश जारी किया जाना
[जनजातीय कार्य]
182. ( क्र. 4138 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उपायुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास चम्बल संभाग मुरैना ने पत्र क्र./ संभा.उपा./स्था./2021/201 मुरैना, दिनांक 24.09.2021 के द्वारा स्थानांतरण पर प्रतिबंधित अवधि में अनुसूचित जनजातीय विकासखण्ड कराहल जिला श्योपुर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय उधमपुरा से पद रिक्त कर श्रीमती अंजना निगम प्राथमिक शिक्षक का स्थानांतरण नियम विरूद्ध भिण्ड जिले में करने हेतु जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग जिला भिण्ड को आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त नियम विरूद्ध किए गए स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर स्थानांतर आदेश जारी करने वाले उपायुक्त, आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास चंबल संभाग मुरैना के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड ने अर्द्ध-शासकीय पत्र क्र.3086 भिण्ड दिनांक 04.01.2020 को श्री होतमसिंह सुमन अर्द्ध-कुशल कारीगर/ तत्कालीन अधीक्षक सीनियर बालक छात्रावास क्र.05 भिण्ड के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही बावत् आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग म.प्र. भोपाल को जावक क्र.25/ आ.जा.क./स्था./ 2019/3087 भिण्ड, दिनांक 04.01.2020 को लिखा था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक श्री होतमसिंह के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब तक अवगत कराया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास चंबल संभाग मुरैना के आदेश क्रं/संभा.उपा./स्था./2021/201 मुरैना,दिनांक 24.09.2021 के द्वारा श्रीमती अंजना निगम प्राथमिक शिक्षक शा.प्रा.वि. उधमपुरा, कराहल जिला श्योपुर को सत्र 2021-22 के लिये शैक्षणिक व्यवस्था की दृष्टि से भिण्ड में सत्रांत तक कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है जो स्थानांतरण की परिधि में नहीं आता है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संबंधित पत्र में श्री होतमसिंह के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का उल्लेख न होकर छात्रावास में भय का वातावरण निर्मित करने एवं वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त होने के कारण इन्हें पुन: भिण्ड जिले में पदस्थ नहीं किये जाने की अनुशंसा की गई है। श्री होतमसिंह सुमन को शिकायत के आधार पर कार्यालयीन आदेश क्रमांक शिक्षा स्थापना.4/2019/29522 दिनांक 09.11.2019 के द्वारा जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण मुरैना के विकल्प पर प्रशासकीय स्थानांतरण किया गया। मुरैना किये गये स्थानांतरण को निरस्त करने हेतु श्री सुमन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में याचिका दायर की गई। याचिका के पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में श्री सुमन द्वारा अभ्यावेदन प्रस्तुत कर मुरैना किया गया स्थानांतरण निरस्त करने हेतु निवेदन किया गया। तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड के अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 04.01.2020 में की गई अनुशंसा के आधार कार्यालयीन आदेश क्रं./स्था-2/180/2020/4737 दिनांक 22.02.2020 के द्वारा श्री होतमसिंह सुमन का मुरैना जिले में किया गया स्थानांतरण यथावत मान्य किया जाकर अभ्यावेदन अमान्य किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कार्यालयीन आदेश क्रं./स्था-2/180/2020/4737 दिनांक 22.02.2020 के द्वारा कार्यवाही की जा चुकी है। भिण्ड पदस्थी के दौरान प्राप्त शिकायतों की जांच जिला स्तर पर की जा रही है। जांच में प्राप्त निष्कर्ष उपरांत गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
पुलिस विभाग में देय भत्ते का भुगतान
[गृह]
183. ( क्र. 4143 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क)
पुलिस विभाग
में देय भत्ते
किस दर से, किस
कार्य के लिये, कब से
दिये जा रहे
हैं? भत्ते
लागू होने के
बाद से क्या-क्या
संशोधन कर नई
दरें कब-कब
निर्धारित की
गई हैं? इनमें
से कितने भत्ते
किस कारण से
कब से बंद कर
दिये गये हैं? विभाग
वर्तमान में
लागू किन-किन
भत्तों की
दरों में
परिवर्तन, समाप्त
करने की
कार्यवाही कर
रहा है?
यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में पुलिस
विभाग में
सायकिल भत्ता
किस-किस स्तर
के
पुलिसकर्मियों
पर कितना-कितना
प्रदाय किया
जा रहा है? क्या
विभाग की मंशा
कम्प्यूटर
युग में अपने
कर्मियों से
सायकिल युग का
काम लेने की
है? कब तक
इसे संशोधित
कर नवीन
साधनों के भत्ते
देने पर
कार्यवाही की
जायेगी?
यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या
उपरोक्त के
परिप्रेक्ष्य
में विभाग में
टर्न आउट
चैकिंग करने
की प्रक्रिया
है? यदि
हाँ, तो
इसके अंतर्गत
किस स्तर के
अधिकारी/कर्मचारी
आते हैं? क्या-क्या
नियमों,आदेशों
का पालन कर क्या-क्या
चेक, किस-किस
स्तर के
अधिकारियों
को करने का
दायित्व
सौंपा गया है? जब
विभाग मूच्छों
के रखरखाव के लिये
भत्ता
प्रदाय करता
है तो किस
आधार पर विभाग
में कार्यरत
आरक्षक चालक 1555
एम.टी.पुल
भोपाल को आदेश
क्रमांक 31
दिनांक 17/1/22 में बिना
सक्षम स्वीकृति
के निलंबित कर
दिया गया।
नियम विरूद्ध
कार्यवाही के
लिये विभाग ने
किसकी जिम्मेदारी
तय कर क्या
कार्यवाही की
है? यदि
नहीं,
तो
क्यों? (घ) उपरोक्त
के
परिप्रेक्ष्य
में फूड भत्ता
कितना लागू है? मंहगाई
के दौर में
फूड भत्ता कम
होने से
पुलिसकर्मियों
के मनोबल एवं
सेहत पर
विपरीत
प्रभाव नहीं
पड़ेगा?स्पष्ट
करें। कब तक
फूड भत्ता
बढ़ाया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे गये परिशिष्ट''अ'' अनुसार।
साइकिल भत्ता
को समाप्त कर
थानों में
पदस्थ
निरीक्षक से
आरक्षक स्तर
के कर्मचारियों
को प्रतिमाह 15 लीटर
पेट्रोल
भत्ता दिये
जाने का
प्रस्ताव प्रक्रियाधीन
है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। पुलिस
रेग्यूलेशन
के पैरा-554 एवं विशेष
सशस्त्र बल
के नियम 1973 पैरा-59 के अनुसार
वरिष्ठ
अधिकारियों
द्वारा टर्न
आउट चैक किये
जाने का
प्रावधान है।
मध्य प्रदेश
पुलिस में
मूच्छों के
रखरखाब के
लिये अलग से
प्रतिमाह
भत्ता का
प्रावधान नहीं
है। नियुक्ति
के समक्ष
प्राधिकारी
को सजा/इनाम
स्वीकृत करने
का अधिकार
प्रदत्त है।
आरक्षक (चालक) 1555
एमटीपूल
पुलिस में
पदस्थ होकर
को-फ्राड में
तैनात था। उप
पुलिस
महानिरीक्षक
(कार्मिक) के आदेश
दिनांक 10.01.2022 द्वारा
आरक्षक चालक
के निलंबन
आदेश को
निरस्त किया
गया। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) वर्तमान
में पौष्टिक
आहार भत्ता 650/- प्रतिमाह
दिया जा रहा
है। पौष्टिक
आहार भत्ता
बढाये जाने का
प्रस्ताव
वित्त विभाग
द्वारा
स्थगित रखा
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
फार्मासिस्टों की समस्याओं का निराकरण
[चिकित्सा शिक्षा]
184. ( क्र. 4155 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विभागीय मंत्री की टीप क्रमांक 1987 दिनांक 25.03.21 के सन्दर्भ में संचालनालय चिकित्सा शिक्षा म.प्र. द्वारा अपने पत्र क्रमांक 418 दिनांक 19.04.21, 491 दिनांक 13.05.21 एवं 68/स्था./अराज/2022 दिनांक 14.01.2022 द्वारा फार्मासिस्टों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं को पत्र भेजकर बिन्दुवार जानकारी अभिमत सहित 07 दिवस में चाही गयी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिष्ठाताओं द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गयी एवं उक्तानुसार क्या कार्यवाही की गयी? प्रस्ताव शासन को कब भेजा गया? (ग) उपरोक्त अनुसार 07 दिवस के स्थान पर लगभग 01 वर्ष पश्चात् भी किन-किन अधिष्ठाताओं द्वारा जानकारी नहीं भेजी गयी है? माननीय विभागीय मंत्री एवं शासन/विभाग के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले अधिष्ठाताओं को कब तक निलंबित किया जाकर जानकारी कब तक प्राप्त कर ली जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) समस्त 15 अधिष्ठाताओं से जानकारी प्राप्त हो चुकी है, संघ की 09 मांगों के निराकरण हेतु प्रस्ताव संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा से दिनांक 30.07.2021 को प्राप्त हुआ, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार जानकारी प्राप्त हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना
[जनजातीय कार्य]
185. ( क्र. 4157 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से वर्ष 2021-22 तक प्रावधान एवं व्यय का विवरण देवें। व्यय के विरूद्ध जारी स्वीकृति एवं आवंटन आदेशों की प्रतियां दें। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 से वर्ष 2021-22 तक अनुसूचित जाति विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति हेतु चयनित सभी छात्र-छात्राओं की सूची उपलब्ध करावें। चयनितों की शैक्षणिक योग्यता और जिस कोर्स हेतु भेजा गया, सभी का विवरण दें। (ग) प्रश्नावधि में विदेश अध्ययन हेतु चयन करने के लिए चयन समिति की बैठकें कब-कब हुई? सभी कार्यवाही विवरणों की प्रति देवें। (घ) विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति से संबंधित नियम/निर्देशों की प्रति दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) (राशि लाख में)
क्रं. |
वर्ष |
प्रावधान |
व्यय |
रिमार्क |
1 |
2016-17 |
110.00 |
194.02 |
मूल प्रावधान राशि रूपये 110.00 लाख है राशि रूपये 106.00 लाख पुनर्विनियोजन से योजना में प्राप्त हुये। |
2 |
2017-18 |
300.00 |
131.54 |
मूल प्रावधान राशि रूपये 300.00 लाख में से 50.00 लाख अन्य योजना में पुनर्विनियोजन किये गये है। |
3 |
2018-19 |
200.00 |
161.33 |
- |
4 |
2019-20 |
200.00 |
197.75 |
- |
5 |
2020-21 |
220.00 |
101.32 |
- |
6 |
2021-22 |
220.00 |
151.33 |
- |
योजना वर्ष 2016-17 से ग्लोबल है। वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक की स्वीकृत एवं आवंटन आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2016-17 से वर्ष 2021-22 तक विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत विभागीय संबीक्षा एवं चयन समिति की बैठक के कार्यवाही विवरणों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिरशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति से संबंधित नियम/निर्देशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
186. ( क्र. 4158 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौशालाओं के संचालन हेतु संबंधित पंचायत को राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या नियम निर्देश हैं? क्या दो माह का व्यय अग्रिम उपलब्ध कराये जाने का निर्देश है? (ख) सतना जिले में कहां-कहां वर्तमान में गौशालायें संचालित हैं? इन्हें कब से संचालन हेतु राशि नहीं जारी की गई है? शासन द्वारा राशि न दिये जाने से इनका संचालन किस प्रकार किया जा रहा है? (ग) जिले में गौशालाओं के संचालन हेतु कब तक सभी गौशालाओं से संबंधित पंचायतों को राशि उपलब्ध करा दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ'' अनुसार। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब'' अनुसार। जिला सतना में संचालित गौशालाओं को माह फरवरी 2022 में राशि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना में भेज दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिले में गौशालाओं के संचालन हेतु माह फरवरी 2022 में राशि उपलब्ध करा दी गई है।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
187. ( क्र. 4160 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौशालाओं के संचालन हेतु संबंधित पंचायत को राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या नियम निर्देश हैं? क्या यह दो माह का व्यय अग्रिम उपलब्ध कराये जाने का निर्देश है? (ख) छतरपुर जिले में कहां-कहां वर्तमान में गौशालायें संचालित हैं? इन्हें कब से संचालन हेतु राशि नहीं जारी की गई है? शासन द्वारा राशि न दिये जाने से इनका संचालन किस प्रकार किया जा रहा है? (ग) जिले में गौशालाओं के संचालन हेतु कब तक सभी गौशालाओं से संबंधित पंचायतों को राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? (घ) कब तक सभी गौशालाओं का निर्माण पूर्ण करा दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) मुख्यमंत्री योजना की गौशालाओं के गौवंश के चारा-भूसा हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत छतरपुर को मध्यांचल ग्रामीण बैंक छतरपुर के चैक क्रमांक 778580 दिनांक 02.06.2021 राशि रू. 4080000/- तथा चैक क्रमांक 778604 दिनांक 24.05.2021 राशि रू. 2069460/- अनुदान राशि प्रदाय किया गया था। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, छतरपुर द्वारा गौशालाओं को राशि प्रदाय की जाती है। वर्तमान में गौशालाओं को प्रदाय करने हेतु म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल द्वारा राशि रू. 57.91 लाख जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति, जिला छतरपुर को जारी की जा चुकी है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौशाला का कार्य प्रारंभ कराने के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
188. ( क्र. 4166 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौ-शालाओं का निर्माण मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा कराया जाता है एवं गौ-शालाओं के रखरखाव एवं उनके संचालन का उत्तर दायित्व ग्राम पंचायतों को सौंपा गया है? अगर हाँ तो इससे संबंधित समस्त आदेशों की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि क्या आजीविका मिशन की महिला स्व-सहायता समूह अथवा स्वयं सेवी संस्थाओं को भी ग्राम पंचायतें अनुबंध कराकर दे सकती हैं? गौ-शालाओं में उपलब्ध गौ वंश के भरण हेतु राशि प्रति दिवस प्रति गौ वंश के मान से कितना-कितना प्रदाय किया जाता है? क्या दी जाने वाली राशि कम नहीं है? अगर प्रश्न का उत्तर हाँ तो कब और कितनी तक राशि बढ़ाई जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी लागत से मनरेगा मद गौ-शालाओं एवं गौ-चारागाहों का निर्माण किया जा चुका है? प्रत्येक के नाम सहित यह भी बताएं कि और कहां-कहां की गौ-शालाएं निर्माण कराने स्वीकृत हैं कहां-कहां की स्वीकृत की जाना शेष हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि विभाग द्वारा इन गौ संचालन हेतु एवं इन गौवंश भरण-पोषण हेतु प्रश्न दिनांक तक इन ग्राम पंचायतों में कितनी-कितनी राशि भेजी जा चुकी हैं? जिले की शेष गौ-शालाएं एवं चारागाहों के निर्माण हेतु विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या पहल की है? शेष गौ-शालाओं का निर्माण कराया जायेगा, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु प्रति गौवंश प्रति दिवस राशि रूपये 20/- प्रदाय किए जाने का प्रावधान है। बजटीय प्रावधान अनुसार गौशालाओं को राशि प्रदाय की जाती है। वर्तमान में राशि बढाए जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। वर्तमान में कोई स्वीकृति गौशाला निर्माण की नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार।
जिलों से बुलाये गए पुलिस बलों को वापस कर नये रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
189. ( क्र. 4167 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा इंदौर एवं भोपाल जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली पूर्ण रूप से कब से लागू हो गई है? लागू होने वाली दिनांक से पूर्व इन जिलों में पुलिस बल कितना था और लागू होने वाली दिनांक से या उसके बाद से प्रश्न दिनांक तक यहां पर कितना पुलिस बल हो गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह भी बताएं कि प्रश्नांश (क) के सफल संचालन हेतु प्रदेश के कौन-कौन से जिले से कितना-कितना पुलिस बल लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिन जिलों से पुलिस बल लिया गया है उन जिलों में कितनी पुलिस बल रहना चाहिए था और अब कितना-कितना शेष बचा है? क्या शेष बचा पुलिस बल जनता की सुरक्षा हेतु एवं अपराधों के नियंत्रण हेतु कम नहीं है? अगर है तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने रिक्त पदों को भरने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इंदौर एवं भोपाल भेजे गए पुलिस बल को उन जिलों में वापस भेजा जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? प्रदेश के समस्त रिक्त पदों को भरा जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन द्वारा दिनांक 09.12.2021 से इंदौर एवं भोपाल जिले में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई है। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के पूर्व एवं लागू होने के उपरांत भोपाल एवं इंदौर की जिले की बल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। शासन द्वारा पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद बल की वृद्धि नहीं की गई। (ख) नव वर्ष में कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन हेतु पुलिस मुख्यालय भोपाल के पत्र कमांक विशा/31/पीए-2021-16-ए/559-ए, दिनांक 31.12.2021 के माध्यम से नगरीय पुलिस जिला इंदौर को विभिन्न जिलों से कुल 560 नव प्रशिक्षित आरक्षक उपलब्ध कराये गये है। इसी प्रकार नगरीय पुलिस जिला भोपाल में विभिन्न जिलों से कुल 645 नव प्रशिक्षित आरक्षक उपलब्ध कराये गये हैं। जिलावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जिन जिलों से इंदौर एवं भोपाल में पुलिस बल लिया गया है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। उपरोक्त बल कानून व्यवस्था ड्यूटी हेतु लिया गया है। उपरोक्त बल कम होने से जनता की सुरक्षा एवं अपराधों के नियंत्रण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चूंकि बल को मूल इकाई को वापिस किया जायेगा रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) अतिरिक्त पुलिस बल को पुनः उनकी मूल इकाई को परिस्थिति अनुरूप वापिस किया जायेगा। 6000 रिक्त पदों के भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय कार्य विभाग के स्कूल
[जनजातीय कार्य]
190. ( क्र. 4267 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित उत्कृष्ट, गुरुकुलम, एकलव्य, MPSARAS स्कूलों के हॉस्टल्स में स्टूडेंट्स के लिए क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? स्टूडेंट्स से परिजनों को मिलने के लिए गेस्टरूम की क्या व्यवस्था है? भोजन का साप्ताहिक-मेन्यू क्या है? पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ख) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भोपाल में स्टूडेंट्स के लिए प्रति-माह प्रति-स्टूडेंट कितनी राशि आवंटित की जाती है? स्टूडेंट्स से परिजनों को मिलने के लिए गेस्टरूम की व्यवस्था क्यों नहीं है? स्टूडेंट्स को वर्तमान में दिए जाने वाले भोजन की साप्ताहिक-मेन्यू एवं अन्य सामग्रियों का ब्यौरा देवें। (ग) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 89 ट्राईबल ब्लाकों में संचालित प्राईमरी, मिडिल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में क्या खेल सामग्री, खेल-ग्राऊंड एवं अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराने का प्रावधान है? ब्यौरा देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में धार जिला अंतर्गत मनावर, उमरबन, निसरपुर विकासखंड अंतर्गत जनजातीय विभाग के किन-किन स्कूलों में कितने क्षेत्रफल का खेल-ग्राऊंड है, किन-किन स्कूलों में नहीं है, कब तक खेल-ग्राऊंड बनाए जाएंगे? पृथक-पृथक प्रति-सहित बताएं। (ङ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में धार जिला अंतर्गत मनावर, उमरबन, निसरपुर विकासखंड अंतर्गत जनजातीय विभाग के किन-किन स्कूलों में 01/04/2016 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या खेल सामग्री दी गई? क्रय खेल सामग्री की रसीद, ब्रांड, एजेंसी, दिनांक, सत्यापन करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम, वर्तमान नियुक्ति की पृथक-पृथक प्रतिसहित वर्षवार जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विद्यार्थियों के पालकों के विद्यालय या छात्रावास में उपस्थित होने पर उनको छात्रावास भवन में स्थित सभा कक्ष/अधीक्षक कक्ष में संस्था प्राचार्य/अधीक्षक द्वारा बैठक व्यवस्था की जाती है। जिसमें विद्यार्थियों से पालकों कि मीटिंग की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विद्यार्थियों के पालकों के विद्यालय या छात्रावास में उपस्थित होने पर उनको छात्रावास भवन में स्थित सभा कक्ष/अधीक्षक द्वारा बैठक व्यवस्था की जाती है। जिसमें विद्यार्थियों से पालकों की मीटिंग की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच प्रक्रिया
[जनजातीय कार्य]
191. ( क्र. 4288 ) श्री जितु पटवारी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जाति प्रमाण पत्र हेतु बनी छानबीन समिति के सदस्य कौन-कौन हैं तथा वर्ष 2016 से 2021 तक वर्षवार कितने प्रमाण पत्र की छानबीन शुरू की? कितनी जांच पूरी हुई तथा उसमें कितने सही तथा कितने फर्जी पाये गये तथा कितनी जांच लंबित है? (ख) छानबीन समिति ने वर्ष 2016 से 2021 में जिनकी जांच प्रारंभ की उसमें से कितने-कितने किस विभाग के किस स्तर के पद के अधिकारी/कर्मचारी हैं तथा जो जांच में फर्जी पाये गये उनका नाम, वर्तमान पदस्थापना तथा की गई कार्यवाही से अवगत कराये? (ग) पिछले 10 वर्षों में कितने जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये? उनमें से कितने नौकरी से बर्खास्त किये गये? कितनों पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया तथा कितने अभी तक कार्यरत हैं? (घ) फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर विभाग स्तर क्या कार्यवाही, कितनी अवधि में की जाना है? इस संदर्भ में जारी निर्देश/परिपत्र की प्रति देवें तथा बतावें कि उस अनुसार कार्यवाही न होने पर जिम्मेदार पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) भारतीय दण्ड विधान के तहत फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी प्राप्त करने पर न्यूनतम कितनी सजा का प्रावधान है? क्या शासन इस पर सजा के प्रावधान हेतु पहल करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) छानबीन समिति के सदस्य निम्नानुसार है :- अध्यक्ष - प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग, सदस्य सचिव - आयुक्त, जनजातीय कार्य, सदस्य - म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, सदस्य - अनुसूचित जनजाति अनुसंधान संस्थान के प्रतिनिधि, विशेष आमंत्रित सदस्य - निदेशक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग राज्य कार्यालय, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा क्रमांक एफ 7-1/96/ आ.प्र./ एक दिनांक 4.12.1998 द्वारा निदेशक, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भोपाल को विशेष आमंत्रित सदस्य नामांकित किया गया है। वर्ष 2016 से 2021 तक 192 प्रकरण की जांच शुरू की। राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा सत्य पाये गये प्रकरण 24 है तथा फर्जी पाये गये प्रकरणों की संख्या 13 है एवं लंबित प्रकरण 155 है। (ख) वर्ष 2016 से 2021 में जिनकी जांच प्रारंभ की जानकारी विभागवार/पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। तथा उक्त अवधि में फर्जी पाये गये कर्मचारी/अधिकारियों की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। कार्यवाही के संबंध में लेख है कि सामान्य प्रशासन विभाग आरक्षण प्रकोष्ठ के परिपत्र क्रमांक एफ 1/सा.प्र.वि./आ.प्र. दिनांक 1 अगस्त 1996 के अनुसार प्रकरण में निर्णय उपरांत विधि अनुरूप कार्यवाही करने का दायित्व संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के नियोक्ता कार्यालय का है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है)। (ग) विगत 10 वर्षों में छानबीन समिति द्वारा की गई जांच कार्यवाही में निर्णय अनुसार अमान्य किये गये प्रकरणों की संख्या 206 है। शेष प्रश्न के संबंध में उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा प्रकरणों में निर्णय दिये जाने के उपरांत विधि अनुरूप कार्यवाही किये जाने हेतु विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर एवं पुलिस विभाग को लेख किया जाता है एवं नौकरी से बर्खास्त किये जाने का दायित्व शासकीय कर्मचारी के नियोक्ता/विभाग कार्यालय का है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा किये जाने के संबंध में छानबीन समिति द्वारा अपनायी जाने वाली प्रक्रिया की प्रति संलग्न है। उच्च स्तरीय छानबीन समिति की प्रक्रिया का स्वरूप अर्द्धन्यायिक होने से समय-सीमा में प्रकरण का निराकरण किया जाना संभव नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (ड.) जाति प्रमाणपत्र फर्जी/गलत पाये जाने पर संबंधित लोकसेवक के विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र एफ 7-74-2003/आ.प्र./एक दिनांक 21.07.2003 के तहत कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशालाओं को मिलने वाला अनुदान
[पशुपालन एवं डेयरी]
192. ( क्र. 4363 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिलांतर्गत स्थापित गौशालाओं में गौवंश के लिए चारा, पानी आदि हेतु दिए जाने वाला अनुदान समय पर दिया जा रहा है? (ख) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिलांतर्गत स्थित गौशालाओं में प्रत्येक माह कितना अनुदान स्वीकृत हुआ? उक्त अनुदान किस-किस तिथि में किन-किन माह में गौशालाओं को प्राप्त हुआ? गौशालानुसार जानकारी प्रदाय करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) छतरपुर जिले में गौशाला के गौवंश के लिए चारा भूसा अनुदान बजट उपलब्धता अनुसार दिया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सेन समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
193. ( क्र. 4417 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 23/03/2007 को विधानसभा में पूर्ण बहुमत से सेन समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने हेतु अशासकीय संकल्प बहुमत से पारित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में केन्द्र सरकार के संबंधित विभाग से कब-कब पत्र व्यवहार किया गया? (ग) प्रश्नांकित पर केन्द्र सरकार द्वारा क्या-क्या प्रत्युत्तर विभाग को अभी तक दिये हैं? पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (घ) प्रश्नांकित सेन समाज को प्रदेश में अनुसूचित जाति में सम्मिलित किये जाने हेतु कब तक कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में निरंक जानकारी दी गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सी.एम. हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायत
[लोक सेवा प्रबन्धन]
194. ( क्र. 4468 ) श्री मनोज चावला : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्प लाइन में रतलाम जिले से कुल कितनी शिकायतें मिली हैं? उपरोक्त अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? (ख) क्या निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है? (ग) यदि हाँ, तो कितने ऐसे मामले हैं जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं? (घ) रतलाम जिले में कितनी ऐसी शिकायतें हैं जो एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित हैं? (ड.) ऐसी कितनी शिकायतें दर्ज हुई हैं जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता के चलते उन पर कार्यवाही हुई है? सूची उपलब्ध कराएं।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 01 जनवरी 2021 से 09 मार्च 2022 तक रतलाम जिले में कुल - 44,613 शिकायतें प्राप्त हुई है:- कुल शिकायतें-44,613, निराकृत शिकायतें-41,261, लंबित-3,352 (ख) जी हाँ। (ग) नियमानुसार कार्यवाही करने के उपरांत भी कुल 4,106 शिकायतों में शिकायतकर्ता असंतुष्ट होना पाया गया है। (घ) रतलाम जिले में आज दिनांक को 01 वर्ष से अधिक कुल 297 शिकायतें लंबित प्रदर्शित हो रही है। (ड.) समाधान ऑनलाईन कार्यक्रम में शिकायत क्रमांक 11748807 चयनित होने से कलेक्टर महोदय द्वारा पत्र क्रमांक/2025/विकास-स्था./2022, रतलाम, दिनांक 03/03/2022 के माध्यम से प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, म.प्र. शासन भोपाल को श्री आर.बी.एस.दण्डोतिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पिपलौंदा के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने संबंधी एवं संबंधित कर्मचारी श्री राजीव कुमार आर्य, सहायक वर्ग:-02 जनपद जावरा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत जावरा के पत्र क्रमांक/647/ संबल/2022 जावरा, दिनांक 02/03/2022 के द्वारा निलंबत किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
चिकित्सालयों में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेण्डरों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
195. ( क्र. 4488 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित जयारोग्य चिकित्सालय समूह के नियंत्रणाधीन चिकित्सालयों हेतु दिनांक 01 जनवरी 2021 से उत्तर दिनांक तक ऑक्सीजन सिलेंडर दान स्वरूप प्राप्त हुये? यदि हां, तो किसके द्वारा दिये गये- उसका नाम, पता, दिनांक, ऑक्सीजन सिलेंडर की साइजवार संख्या सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) जयारोग्य चिकित्सालय समूह के पास दिनांक 31.12.2020 की स्थिति में ऑक्सीजन के कुल कितने सिलेंडर (भरे एवं खाली) थे? सिलेंडर की साइजवार संख्या सहित पूर्ण विवरण दें? दिनांक 01 जनवरी 2021 से उत्तर दिनांक तक कितनी शासकीय धन राशि से कितने ऑक्सीजन सिलेंडर कब-कब क्रय किये गये? (ग) जयारोग्य चिकित्सालय समूह के पास उत्तर दिनांक तक वास्तविक रूप से कुल कितने ऑक्सीजन सिलेंडर हैं? क्या विभाग द्वारा इन ऑक्सीजन सिलेंडरों का नियमित भौतिक सत्यापन किया जाता हैं? यदि हां, तो दिनांक 01जनवरी 2021 से उत्तर दिनांक तक किसके द्वारा कब-कब सत्यापन किया गया? सत्यापन रिपोर्ट उपलब्ध कराये। क्या नियमित भौतिक सत्यापन हेतु कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हां, तो क्या? यदि नहीं,तो ऑक्सीजन सिलेंडर (भरे एवं खाली) की नियमित भौतिक जांच/सत्यापन के लिये विभाग कब तक कार्ययोजना बनायेगा? (घ) क्या सभी सिलेंडर सही स्थिति में कार्य कर रहे हैं?यदि हां,तो कितने?नहीं तो कितने एवं उनके सुधार हेतु क्या कार्ययोजना बनाई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) दिनांक 31/12/2020 की स्थिति में 497 डी टाईप ऑक्सीजन सिलेण्डर, 110 बी टाईप तथा 30 ए टाईप सिलेण्डर चिकित्सालय में उपलब्ध थे। दिनांक 01 जनवरी 2021 के बाद राशि रूपये 40,00,000/- (चालीस लाख रूपये) द्वारा 275 ऑक्सीजन सिलेण्डर क्रय किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) उत्तर दिनांक को वास्तविक रूप से 585 सिलेण्डर है। जी हाँ। सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। 90 सिलेण्डरों के वाल्व खराब है, जिनके सुधार हेतु वर्क ऑर्डर जारी किये गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार।