मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
बुधवार, दिनांक 23 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
एन.डी.पी.एस.
एक्ट तथा
सी.एम. हेल्प
लाईन
[गृह]
1. ( *क्र. 4041 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 5 वर्षों में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत कुल कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? दर्ज प्रकरणों में ऐसे कितने मामले हैं, जिसमें मादक पदार्थों की जप्ती सी.एस.पी./एस.डी.ओ.पी. या राजपत्रित अधिकारियों द्वारा की गयी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित एक्ट में मादक पदार्थों की जप्ती सी.एस.पी./एस.डी.ओ.पी. से कम रैंक के अधिकारी नहीं कर सकते? मादक पदार्थों की जप्ती कम रैंक के पुलिस अधिकारियों द्वारा करने के कारण स्पष्ट करें। (ग) आरोपियों द्वारा सी.एम. हेल्प लाईन 181 पर की गयी ऐसी कितनी शिकायतें लंबित हैं, जो न्यायालय में विचारधीन हैं तथा लंबित शिकायतों का निराकरण न करने के कारण किन-किन अधिकारियों को दंडित किया गया है, जबकि प्रकरणों का निराकरण न करने में उनका कोई दोष नहीं है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में विगत 05 वर्षों में एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत 13744 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। 117 प्रकरणों में मादक पदार्थो की जप्ती सी.एस.पी./एस.डी.ओ.पी. या राजपत्रित अधिकारियों द्वारा की गई है। (ख) जी नहीं। एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के फा.क्र.बी. 6-35-पांच-पृ.आ. 854-901 नारकोटिक्स ड्रग्स एण्ड सायकोट्रोपिक सब्सटेन्स एक्ट 1985 की धारा 41 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार मादक पदार्थों की जप्ती कम रैंक के पुलिस अधिकारियों द्वारा करने हेतु प्राधिकृत करती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लंबित शिकायतों के निराकरण न करने के लिए किसी भी पुलिस अधिकारी को दंडित नहीं किया गया है।
पुरानी पेंशन बहाली एवं शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
2. ( *क्र. 2624 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्राथमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के शिक्षकों के परिवार को बिना शर्त अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के शिक्षकों के पानसेमल, जिला बड़वानी में क्रमोन्नति आदेश आज दिनांक तक भी जारी नहीं हुए हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के पानसेमल, जिला बड़वानी के शिक्षकों के सातवें वेतन की दोनों किश्तें एवं ऐरियर राशि का भुगतान भी नहीं किया गया है? (ड.) क्या गुरूजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान नहीं की जा रही है? (च) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) एवं (ड.) सही है, तो इनका निराकरण किया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अध्यापक संवर्ग में नियुक्त प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। (ख) अनुकंम्पा नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक/सी-3-12/2013/1/3, दिनांक 29 सितम्बर, 2014 में वर्णित शर्तों के प्रावधान अनुसार दी जा रही है। (ग) प्राथमिक शिक्षकों के आदेश जारी किये जा चुके हैं। माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति देने की कार्यवाही प्राक्रियाधीन है। (घ) पानसेमल, जिला बड़वानी के 248 शिक्षकों को सातवें वेतनमान की दोनों किश्तों का भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र शिक्षकों के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) गुरूजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान करने के कोई नियम नहीं है। (च) उत्तरांश (क), (ख), (ग), (घ) एवं (ड.) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के स्वीकृत/अस्वीकृत प्रकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( *क्र. 2202 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-2022 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत हुए और कितने प्रकरण अस्वीकृत हैं और कितने प्रकरण लंबित हैं? समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि सहायता में दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह का दिनांक प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई, उसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन नहीं होने से हितग्राहियों द्वारा कोई भी आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधों के संबंध में
[गृह]
4. ( *क्र. 3729 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पिछले पांच वर्षों के दौरान महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति के ऊपर कितने अपराध हुये हैं? (ख) वर्षवार, वर्गवार (श्रेणीवार) एवं अपराधवार जानकारी दें तथा अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. में पिछले पांच वर्षों के दौरान महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के ऊपर घटित अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार।
वन अधिकार के लंबित आवेदन
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 3364 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले में दिसम्बर 2021 की स्थिति में कितने वन अधिकार (वनभूमि के पट्टा) के आवेदन पत्र लंबित हैं? परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में उक्त आवेदन पत्र किस स्तर पर एवं क्यों लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ग) जिला विदिशा अंतर्गत सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों हेतु विभाग को प्राप्त हुए एवं विभाग द्वारा उन दावों पर क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में दावे निराकरण हेतु लंबित नहीं है। निरस्त दावों का पुन: परीक्षण कर निराकरण एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। निरस्त दावों में से 119 दावों को मान्य किया जा चुका है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
गौशालाओं की अनियमितताओं की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
6. ( *क्र. 2536 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी गौशालाएं संचालित हैं? वर्तमान में वहां पर कुल कितने पशु हैं तथा उक्त पशु कहां से प्राप्त हुए हैं तथा उक्त पशु के आहार एवं अन्य व्यवस्थाओं हेतु गौशाला प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना शासन से अनुदान प्राप्त हुआ है तथा वर्तमान तक किन-किन कार्यों पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या उक्त प्राप्त राशि में व्यय की गई राशि की निगरानी हेतु कोई व्यवस्था है? हाँ तो वह क्या है? क्या जांच या निगरानी के दौरान कोई अनियमित्ताएं पाई गईं हैं? हाँ तो क्या कोई कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 04 गौशालाएं संचालित हैं। वर्तमान में इन गौशलाओं में कुल 512 गौवंश उपलब्ध हैं। इन गौशालाओं में पशु पालकों द्वारा छोड़ा गया निराश्रित गौवंश एवं पुलिस अभिरक्षा से प्राप्त हुआ है। प्रदाय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ, व्यय राशि के संबंध में जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति द्वारा गौशालाओं को प्रदाय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है तथा गौशालाओं के आय व्यय पर सी.ए. ऑडिट कराने का प्रावधान है। अनियमितता संबंधी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगों की समस्याओं का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( *क्र. 2649 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त, नि:शक्तजन मध्यप्रदेश की नियुक्ति क्यों की गई है तथा उनके द्वारा दिव्यांगजनों को शासन के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा क्यों नहीं की जाती है तथा दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं किया जाता है? (ख) रायसेन जिले में दिव्यांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग उपकरण एवं शल्य क्रिया उपचार सहायता तथा वृद्धजनों हेतु सहायक उपकरणों का वितरण का कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) रायसेन जिले में पात्र सभी दिव्यांगों के पास दिव्यांग प्रमाण-पत्र न होने के कारण उनको शासन के द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, पात्र सभी दिव्यांगों के दिव्यांग प्रमाण पत्र कब तक बनवा दिये जायेंगे? (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में दिव्यांगों की समस्याओं के निराकरण हेतु मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिले तथा पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ, कब तक निराकरण होगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधान अनुसार आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश की नियुक्ति की गई है। दिव्यांगजनों की समस्याओं के संबंध में आयुक्त, नि:शक्तजन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) रायसेन जिले में दिव्यांगजनों/वृद्धजनों को चिकित्सकों/मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर नियमित रूप से शल्य क्रिया उपचार सहायता/कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरित किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रायसेन जिले में मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर दिव्यांगजनों हेतु नियमित रूप से दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जाकर पात्रतानुसार विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
8. ( *क्र. 4067 ) श्री प्रदीप पटेल [ श्री पंचूलाल प्रजापति ] : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, जिला अनूपपुर के द्वारा पदीय दायित्वों के प्रति स्वेच्छाचारिता, घोर लापरवाही, नियम विरूद्ध कार्य करने के आधार पर कलेक्टर अनूपपुर द्वारा क्र. 7015/स्था./तीन-एक/2021, अनूपपुर दिनांक 21 दिसंबर, 2021 से अपने अभिमत के साथ जांच प्रतिवेदन आयुक्त, शहडोल संभाग को प्रेषित किया था? एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या आयुक्त, शहडोल संभाग द्वारा दिनांक 22.12.2021 को कलेक्टर अनूपपुर के जांच प्रतिवेदन से सहमत होते हुये सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास अनूपपुर के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत् अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य विभाग, भोपाल को की थी? पत्रों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित पत्रों में उपरोक्त वर्णित सहायक आयुक्त के विरूद्ध 10 (दस) गंभीर आरोप प्रमाणित पाये जाने के बावजूद क्यों प्रश्न तिथि तक विभाग द्वारा उक्त आरोपी को निलंबित न कर विभागीय जांच तक नहीं की है? कारण दें। नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) राज्य शासन उक्त अधिकारी को कब तक निलंबित करेगा? उक्त के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने वाले कौन-कौन नाम/पदनाम के अधिकारियों को प्रश्नतिथि तक चिन्हित कर लिया गया है? उन्हें राज्य शासन कब तक निलंबित कर, उनके विरूद्ध विभागीय जांच के आदेश जारी करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) आयुक्त शहडोल संभाग के पत्र दिनांक 22.12.2021 से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में कुछ बिन्दु स्पष्ट नहीं होने से स्पष्ट कराने हेतु कमिश्नर, शहडोल संभाग एवं आयुक्त, जनजातीय कार्य, मध्यप्रदेश को पत्र दिनांक 10.01.2022 को लिखा गया है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
9. ( *क्र. 2910 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में मण्डला जिले से कुल कितनी शिकायतें मिली हैं? (ख) उपरोक्त अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया एवं कितनी शिकायतें हैं, जो शासन स्तर की होने के कारण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? प्रतिवेदन सहित विभागवार जानकारी देवें। (ग) क्या निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं? (ड.) मण्डला जिले से ऐसी शिकायतें जो शासन स्तर से संबंधित होने के कारण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं, जिनके निराकरण हेतु शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में मण्डला जिले से कुल 27,016 शिकायतें मिली हैं। (ख) उक्त अवधि में कुल 25,227 शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं 129 शिकायतें प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं। शिकायतों की विभागवार संख्या एवं प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है। (घ) ऐसे 1,030 मामले हैं, जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं। (ड.) सी.एम. हेल्पलाईन में लंबित शिकायतों के निराकरण हेतु संबंधित विभागों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
10. ( *क्र. 3932 ) श्री मनोज चावला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम जिले अंतर्गत अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं पर ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु वर्ष 2019-20 में लेप्स हुई राशि क्या पुन: विभाग को प्राप्त हो गयी है? यदि हाँ, तो कितनी प्राप्त हुई है और कितनी शेष है? इस राशि से कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं? सूची देवें। (ख) रतलाम जिले में अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं पर ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई है और इससे कितने हितग्राही, किसकी अनुशंसा से लाभान्वित हुए हैं? तहसीलवार सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) रतलाम जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई है और कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस जनप्रतिनिधि/अधिकारी की अनुशंसा से कितनी-कितनी राशि के हुए हैं? तहसीलवार सूची उपलब्ध करवाएं। (घ) अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु विभाग से प्राप्त राशि का उपयोग करने की, क्या नियमावली है? उसकी प्रति देवें। अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु कौन-कौन सी योजनायें विभाग द्वारा संचालित हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2020-21 में राशि रू. 35.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना से राशि रू. 18,70,575/- आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन के विस्तार हेतु राशि रू. 35.00 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। वर्ष 2021-22 में पृथक से योजना संचालित नहीं है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन के विस्तार का कार्य भी सम्मिलित है। इस योजना में वर्ष 2021-22 में राशि रू. 42.01 लाख का आवंटन रतलाम जिले को दिया गया है। लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में नवीन हितग्राहियों का चयन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में राशि रू. 107.41 लाख तथा वर्ष 2021-22 में राशि रू. 42.01 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
अवैध रूप से शराब/बीयर की तस्करी
[गृह]
11. ( *क्र. 1377 ) श्री संजय शुक्ला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील आम्बेडकर नगर महू, जिला इन्दौर अन्तर्गत थाना किशनगंज में दिनांक 05.01.2022 को एवं थाना करही, तहसील महेश्वर, जिला खरगोन में दिनांक 31.01.2022 को अवैध रूप से बीयर/शराब परिवहन करते समय जप्त की जाकर अपराध पंजीबद्ध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो जप्त शराब/बीयर पर लगाये गये होलोग्राम किस संस्थान के थे? क्या होलोग्राम नकली थे? हाँ या नही? यदि नहीं, तो शासकीय होलोग्राम तस्करों के पास कैसे प्राप्त हुये? उक्त होलोग्राम विभाग द्वारा किस डिस्टलरीज/संस्थान/अन्य किस को अलॉट किये थे? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अवैधानिक शराब/बीयर किस डिस्टलरीज/संस्थान के होलोग्राम की जप्त की गई? क्या जप्त श्ाराब/बीयर पर लगे होलोग्रामों अनुसार डिस्टलरीज/संस्थानों के संचालकों को भी आरोपी बनाया जायेगा? हाँ या नही? यदि हाँ, तो क्या आई.पी.सी. की धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया जाकर कार्यवाही की जायेगी या की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) थाना किशनगंज जिला इंदौर में जप्तशुदा बीयर में MOUNT EVEREST BREWERIES LTD. नाम की संस्था का होना पाया गया है, होलोग्राम के असली/नकली के संबंध में जांच जारी है। थाना करही, जिला खरगोन में जप्त देशी मदिरा प्लेन का बैच नं. 223, दिसम्बर, 2021 एवं देशी मदिरा मसाला का बैच नं. 086 सितम्बर, 2021 होना पाया गया है। जप्तशुदा शराब एवं बीयर पर लगे होलोग्राम के संबंध में विवेचना जारी है। (ग) जप्तशुदा शराब/बीयर पर लगे होलोग्राम की जांच उपरांत विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी।
गौशाला ट्रस्ट की भूमि के उपयोग/निर्माण के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
12. ( *क्र. 1448 ) श्री संजय यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिंजारा पोल ट्रस्ट गौशाला की जिला जबलपुर के रानी ताल क्षेत्र स्थित भूमि पर व्यवसायिक भवन किसके द्वारा बनवाया जा रहा है? (ख) उक्त भूमि पर व्यवसायिक मार्केट का निर्माण किसके आदेश से कराया जा रहा है? (ग) क्या गौशाला की भूमि पर व्यवासयिक मार्केट का निर्माण किया जा सकता है? (घ) गौशाला ट्रस्ट की भूमि के उपयोग/निर्माण के क्या नियम शर्ते हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) पिंजारा पोल ट्रस्ट गौशाला, जबलपुर विभाग अंतर्गत पंजीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) गौशाला ट्रस्ट की भूमि के उपयोग/निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा कोई भी नियम/शर्त जारी नहीं किए गए हैं।
थाना रतनगढ़, जिला नीमच में दर्ज अपराध
[गृह]
13. ( *क्र. 3395 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपराध क्रमांक 0155, वर्ष 2021 थाना रतनगढ़, जिला नीमच किस संबंध में दर्ज कराया गया है? प्रकरण में लगी धारा, आरोपियों के नाम तथा प्रकरण की वर्तमान स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या दर्ज अपराध में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है? यदि हाँ, तो क्या आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सदर मदरसा, जीलानी अंजुमन इस्लाम, जाट तह. जावद, जिला नीमच द्वारा दिनांक 07 जनवरी, 2022 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय नीमच में कब्रिस्तान की जमीन पर असामाजिक तत्वों द्वारा क्षेत्र की फिजा बिगाड़ने की नीयत से एक समाज विशेष (तेली समाज) के लोगों द्वारा बोर्ड लगाने की सूचना प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो आवेदन पत्र पर क्या एवं किसके विरूद्ध कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शिकायतकर्ता द्वारा घटना की सी.डी. भी उपलब्ध कराई गई थी, परंतु पुलिस द्वारा एक वर्ग विशेष के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी, नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अपराध क्रमांक 155, वर्ष 2021 थाना रतनगढ़, जिला नीमच में भेडापीर शाह की दरगाह पर फरियादी नूरशाह पिता लाल शाह से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दरगाह में तोड़फोड़ एवं मारपीट किये जाने के संबंध में दर्ज कराया गया है। प्रकरण में धारा 295, 329, 147, 148, 149 भा.द.वि. एवं धारा 3 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 के तहत अज्ञात 24 व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। वर्तमान में प्रकरण विवेचना में है। आसपास के क्षेत्र के सी.सी.टी.व्ही. फुटेज के आधार पर संदेहियों से पूछताछ कर तकनीकी विवेचना की जा रही है। (ख) दर्ज अपराध में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) सदर मदरसा, जीलानी अंजुमन इस्लाम जाट द्वारा पुलिस अधीक्षक नीमच को आवेदन पत्र दिया गया है। उक्त आवेदन पत्र के अनावेदकगण राकेश पिता लखमीचन्द्र तेली, अनिल पिता ओमजी तेली, विजय पिता रामचन्द्र तेली, नवीन पिता ओमप्रकाश तेली, अरविन्द पिता इन्दरमल तेली, राजू पिता ऊंकारलाल तेली, दीपक पिता इन्दरमल, पूरण पिता देवीलाल, बनवारीलाल पिता धन्नालाल, कालु पिता धन्नालाल, चिनु पिता गोरीलाल, इन्दरमल तेली, सुनील पिता राजू तेली, अनिल पिता राजू तेली के विरुद्ध शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा 107, 116 (3) जा.फौ. के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाकर 25000-25000 की राशि से बाउन्ड ओव्हर कराया गया है। (घ) शिकायतकर्ता द्वारा सी.डी. उपलब्ध कराई गई थी। पुलिस द्वारा सी.डी. में आये व्यक्तियों राकेश पिता लखमीचन्द्र तेली, अनिल पिता ओमजी तेली, विजय पिता रामचन्द्र तेली, नवीन पिता ओमप्रकाश तेली, अरविन्द पिता इन्दरमल तेली, राजू पिता ऊंकारलाल तेली, दीपक पिता इन्दरमल, पूरण पिता देवीलाल, बनवारीलाल पिता धन्नालाल, कालु पिता धन्नालाल, चिनु पिता गोरीलाल, इन्दरमल तेली, सुनील पिता राजू तेली, अनिल पिता राजू तेली के विरुद्ध शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा 107, 116 (3) जा.फौ. के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाकर 25000-25000 की राशि से बाउन्ड ओव्हर कराया गया है। पुलिस द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही की गई है।
मेडिकल कॉलेज का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
14. ( *क्र. 4049 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में मेडीकल कॉलेज स्वीकृत होकर भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो कॉलेज निर्माण कार्य हेतु किस स्थल पर भूमि का चयन किया गया है? सर्वे क्र. रकबा सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या श्योपुर जिले के साथ मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों की टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होकर निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुके हैं? यदि हाँ, तो श्योपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हुआ? अब टेण्डर प्रक्रिया कब तक पूर्ण करायी जाकर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा? विलम्ब का क्या कारण रहा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। कॉलेज निर्माण हेतु ग्राम नागदा, तहसील श्योपुर में भूमि का चयन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्योपुर में चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य हेतु भारत सरकार के उपक्रम Bridge & Roof Company (India) Limited (B.R.C.L.) का चयन किया गया है। बी.आर.सी.एल. द्वारा टेन्डर प्रक्रिया की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि विकास बैंक के परिसमापन एवं बकाया स्वत्वों का भुगतान
[सहकारिता]
15. ( *क्र. 3131 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में भूमि विकास बैंक का परिसमापन किया गया है, यह परिसमापन किन वर्षों में किया गया है? (ख) क्या ग्वालियर एवं चम्बल सम्भाग के भूमि विकास बैंक का परिसमापन हुए लम्बा समय होने के बाद कितने कर्मचारियों का वेतन, ग्रेच्युटी के पैसे बकाया हैं? (ग) प्रदेश की भूमि विकास बैंकों को वर्ष 2016 में नॉन पेमेन्ट की संख्या अधिक होने, ऋण की वसूली नहीं होने पर बैंक को बन्द कर दिया गया था, लेकिन उनके सेवानिवृत कर्मचारियों का वेतन, ग्रेच्युटी का पैसा आज तक क्यों नहीं दिया गया है? (घ) क्या सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के लाखों रूपये बकाया होने से उन्हें जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश हैं कि कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का पैसा किसी हाल में नहीं रोका जाना चाहिये, न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना करने के क्या कारण हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016. (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैकों के सदस्य कृषकों एवं कर्मचारियों द्वारा समय पर कृषि ऋणों की वसूली न हो पाने से एवं कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण वेतन ग्रेच्युटी भुगतान कतिपय बैकों में शेष है। (घ) राज्य शासन द्वारा जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैकों के कर्मचारियों के हित में उनकी संविलियन योजना वर्ष 2015 से दिनांक 30.09.2021 तक पृथक-पृथक अवधि हेतु लागू कर, उन्हें विभिन्न सहकारी संस्थाओं/बैकों में यथा संभव संविलियन किया गया। कर्मचारियों की ग्रेच्युटी भुगतान हेतु जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के परिसमापकों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार लेनदारी देनदारी का निपटान तय कर प्राथमिकता क्रम से वित्तीय सक्षमता के आधार पर किया जाना संभव है।
दुग्ध संघ उज्जैन में दुग्ध उत्पाद संग्रहण एवं विक्रय
[पशुपालन एवं डेयरी]
16. ( *क्र. 4110 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दुग्ध संघ उज्जैन में दिनांक 01.01.2019 से 25.02.2022 तक घी का कितना उत्पादन हुआ? इस अवधि में कितना दूध किन संग्रहण केन्द्रों से क्रय किया गया? माहवार, वर्षवार देवें। इस अवधि के घी विक्रय की जानकारी भी देवें। (ख) उत्पादित घी, दही, छाछ व अन्य उत्पादों की कब-कब सैंपलिंग की गई? प्रति सैंपलिंग की जानकारी देवें। इनके परिणामों पर किसकी जिम्मेदारी तय की गई? प्रत्येक सैंपलिंग के संदर्भ में देवें। (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मऊखेड़ी के दुग्ध संग्रहण केन्द्र व चिलिंग सेंटर के संबंध में दिनांक 01.05.2020 से 25.02.2022 तक कितना दुग्ध संग्रहण हुआ? माहवार देवें। इसकी सैंपलिंग कब-कब की गई व उसके क्या परिणाम रहे, की जानकारी देवें। (घ) सैंपलिंग के परिणाम विपरीत आने पर किन अधिकारियों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) 5166.128 मैट्रिक टन घी का उत्पादन हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) 786533 लीटर दूध संग्रहण किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। दुग्ध संघ द्वारा प्रत्येक दिन दुग्ध संग्रहण केन्द्र से प्राप्त दूध का सेम्पल लेकर टेस्टिंग की जाती है तथा फेट एवं एस.एन.एफ. के आधार पर दूध का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
17. ( *क्र. 3988 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत ग्वालियर जिला में वर्ष 2018-19 से 2021-22 में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले में उक्त वर्षों में किस विभाग/संस्था द्वारा किस दिनांक को किस कन्या का कन्यादान योजना में विवाह कराया गया? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावेंl (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त वर्षों में जिन कन्याओं के विवाह कराए गए हैं, उनका नाम/पिता का नाम/पता/विवाह दिनांक/विभाग अथवा संस्था का नाम तथा नगद/प्रदाय सामग्री की विस्तृत सूची उपलब्ध करावेंl
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत ग्वालियर जिले में वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कुल 4,52,00,000/- की राशि प्राप्त हुई थी। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में उक्त वर्षों में स्थानीय निकाय एवं जनपद पंचायतों द्वारा कन्या विवाह योजनांतर्गत वर्ष 2018-19 में 1257 एवं वर्ष 2019-20 में 399 कन्याओं के विवाह कराये गये, वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कोविड-19 के कारण कोई विवाह नहीं कराये गए। (ग) ग्वालियर जिले में कराये गए कन्याओं के विवाह की नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायतवार विस्तृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध कमांक 24/16
[गृह]
18. ( *क्र. 928 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड के थाना सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 24/16 में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? क्या फरियादी एवं गवाह शासकीय कर्मचारी है, क्या उक्त प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट लगा दी गई है? यदि हाँ, तो क्या सभी गवाह अपने बयान से मुकर गए हैं? यदि हाँ, तो जो शासकीय कर्मचारी अपने बयानों से मुकरे हैं, उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या फरियादी भी अपने बयान से मुकर चुका है? यदि नहीं, तो किस आधार पर पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट पेश की गई और उसमें कौन-कौन लोग दोषी हैं, उन पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला भिण्ड के थाना सिटी कोतवाली में फरियादी श्री सुनील खेमरिया, निरीक्षक सिटी कोतवाली भिण्ड की रिपोर्ट पर से अपराध क्रमांक 24/2016, धारा 353, 225, 186, 34 भा.द.वि. में दर्ज किया जाकर विवेचना की गई है। प्रकरण की विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर खात्मा कता किया जाकर माननीय न्यायालय में स्वीकृति हेतु पेश किया गया है, जो माननीय न्यायालय में लंबित है। फरियादी एवं गवाह शासकीय कर्मचारी हैं। गवाह अपने बयान से नहीं मुकरे हैं। (ख) जी नहीं। फरियादी द्वारा एफ.आई.आर. एवं अपने कथन में घटना की ताईद की है, किन्तु प्रकरण में अन्य साक्षीगण के कथन एवं विवेचना से प्रकरण के न्यायालय में अभियोजन चलाने हेतु पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाये गये, इसीलिए प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में विवेचक द्वारा दिनांक 16.09.2016 को खात्मा क्रमांक 28/16 कता कर माननीय न्यायालय में प्रेषित किया गया, जो माननीय न्यायालय में लंबित है।
नवीन गौशालाओं में गौवंश रखने बाबत्
[पशुपालन एवं डेयरी]
19. ( *क्र. 3485 ) श्री राकेश मावई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाओं का निर्माण कहां–कहां पर कितनी–कितनी राशि से कराया गया? गौशाला का नाम एवं व्यय राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में मुरैना जिले की सभी गौशालाओं में कितने-कितने गौवंश कहां-कहां पर रखे जा रहे हैं? उनकी देख-रेख की जिम्मेदारी कौन कर रहा है? प्रति गौवंश पर कितनी-कितनी राशि किस-किस गौशाला पर व्यय की जा रही है? गौवंश की संख्या एवं व्यय राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या मुरैना जिले में आवारा गौवंश किसानों की फसल को खाकर चौपट कर रहे हैं और गौशाला में गौवंश नहीं रखे जा रहे हैं तथा गौवंश पर राशि व्यय करना विभाग द्वारा दिखाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार बनाई गई गौशालाओं में गौवंश क्यों नहीं रखे जा रहे हैं? गौवंश पर इतनी बड़ी राशि व्यय करने का क्या औचित्य है? कब तक इन गौशालाओं में गौवंश रखे जायेंगे और गौवंश की रखने की व्यवस्था की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) भारी फसलों के नुकसान की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। मुरैना जिले में निराश्रित गौवंश हेतु 29 गौशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जिसमें से 15 गौशालाएं संचालित की जाकर चारा-भूसा हेतु प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायतों के द्वारा संचालित गौशालाओं में गौवंश न होने के कारण अनुदान राशि प्रदाय नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुरैना जिले में वर्ष 2018 से वर्तमान तक मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत कुल स्वीकृत 82 गौशालाओं में से 15 गौशालाओं में गौवंश रखे जा रहे हैं। गौशालाओं में गौवंश स्थानीय निकायों द्वारा रखे जाते हैं। जिन गौशालाओं में गौवंश उपलब्ध हैं, उन गौशालाओं को चारा-भूसा हेतु राशि प्रदाय की गई है। जिनमें गौवंश नहीं हैं, उन्हें राशि प्रदाय नहीं की गई है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
व्यापम घोटाले के प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया जाना
[गृह]
20. ( *क्र. 3628 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले पर वर्ष 2013 से 2021 तक एस.टी.एफ. द्वारा सी.बी.आई. के छोड़कर दर्ज प्रकरणों के क्रमांक जिस परीक्षा पर दर्ज हुआ, उनका नाम, दिनांक, न्यायालय में चालान पेश करने की दिनांक सहित सूची देवें तथा क्या उक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में खात्मा (closure) करने हेतु न्यायालय में आवेदन किस दिनांक को पेश किया गया? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक, प्रकरण की दिनांक सहित तथा खात्मा हेतु पेश आवेदन की प्रति देवें। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा किस-किस वर्ष की पी.एम.टी. परीक्षा से संबंधित प्रकरण को विवेचना के दौरान विभाग स्तर पर नस्तीबद्ध कर दिया गया, उक्त प्रकरणों के संदर्भ में व्यापम से पत्र किस दिनांक को प्राप्त हुआ था तथा प्रकरण किस दिनांक को नस्तीबद्ध किये जाने के आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश ''क'' की अवधि में व्यापम घोटाले के एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज कितने प्रकरणों में न्यायालय द्वारा अंतिम फैसला दिया गया, उसमें से कितने में आरोप सिद्ध हुआ तथा कितने में आरोपी बरी हुये? प्रकरण क्रमांक, प्रकरण की दिनांक, न्यायालय का वाद तथा आदेश की दिनांक सहित सूची देवें। (घ) क्या सी.बी.आई. घोटाले के प्रकरणों में चालान पेश करने की जानकारी राज्य शासन को देती है? यदि हाँ, तो उनसे प्राप्त पत्र की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उपरोक्त प्रकरण में से किसी भी प्रकरण में खात्मा की कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा पी.एम.टी. परीक्षा से संबंधित कोई भी पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरण को विवेचना के दौरान विभाग स्तर पर नस्तीबद्ध नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरण नीति
[जनजातीय कार्य]
21. ( *क्र. 4013 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक f-6-1/2021/f/9, दिनांक 24 जून, 2021 द्वारा राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति प्रकाशित की गई थी? क्या उक्त नीति का विभाग द्वारा खरगोन जिले में अक्षरश: पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों एवं हाँ तो क्या? विभाग द्वारा खरगोन के कार्यालय को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के ऑनलाइन ऑफलाइन स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया, कितनों का नहीं? उपरोक्त स्थानांतरण आदेश जारी करते समय स्थानांतरण नीति की कंडिका 20 का पालन किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो इसका स्पष्ट कारण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा खरगोन जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने कर्मचारियों के प्रशासकीय स्थानांतरण किए गए? किए गए स्थानातरणों में स्थानांतरण नीति की कंडिका 13 व कंडिका 9.3 अनुसार की गई कार्यवाही की छायाप्रति सहित विवरण देवें। (ग) स्थानांतरण नीति की कंडिका 45 अनुसार सभी स्थानांतरण आदेशों में ट्रेजरी में प्रयुक्त होने वाली एम्पलाई कोड डालना अनिवार्य था? यदि हाँ, तो क्या पालन किया गया? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जनजातीय कार्य विभाग खरगोन द्वारा स्थानांतरण नीति का पालन किया गया है। विभाग अंतर्गत खरगोन कार्यालय में ऑनलाईन/ऑफलाइन स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु 680 आवेदन प्राप्त हुए थे। स्थानांतरण नीति का पालन करते हुए कार्यालय द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री महोदय एवं कलेक्टर खरगोन के अनुमोदन उपरांत 205 कर्मचारियों के प्राशासकीय स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं। स्थानांतरण नीति की कंडिका 20 का पालन किया गया है। (ख) विभाग अंतर्गत कार्यालय खरगोन में तृतीय श्रेणी के 193 एवं चतुर्थ श्रेणी के 12 कर्मचारियों के प्रशासकीय स्थानांतरण किये गये हैं। स्थानांतरण नीति की कंडिका 13 अनुसार की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। तत्समय की वर्तमान स्थिति में स्थानांतरित कर्मचारियों के एम्पलाई कोड कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने से नहीं डाले जा सके।
नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( *क्र. 3922 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा सत्र 2020-21 एवं 2021-22 में नवीन व पूर्व से संचालित नर्सिंग कॉलेजों के कराये गये निरीक्षण की रिपोर्ट दें। (ख) सत्र 2020-21 एवं 2021-22 में नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण किन-किन के द्वारा किये गये? (ग) सत्र 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली किन-किन संस्थाओं के मान्यता आवेदन में स्वयं के अकादमिक भवन होने का उल्लेख था? सूची, उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सही है कि उक्त संस्थाओं को निर्देश जारी कर उनके स्वयं के अकादमिक भवन होने के दस्तावेजों को कौंसिल में जमा कर, सत्यापन कराने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त के पालन में किस-किस संस्था द्वारा कौन-कौन से दस्तावेज कौंसिल में जमा किये गये? समस्त दस्तावेजों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ड.) क्या यह सही है कि सत्र 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली कतिपय संस्थाओं द्वारा स्वयं के अकादमिक भवन होने की गलत जानकारी भरकर आवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध की गयी समस्त कार्यवाही के अभिलेख पटल पर रखें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सत्र 2020-21 में नवीन व पूर्व से संचालित 329 नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सत्र 2021-22 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) सत्र 2020-21 में निरीक्षण दलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सत्र 2021-22 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) अकादमिक भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष दस्तावेजों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) जी हाँ। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
प्रभारी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[जनजातीय कार्य]
23. ( *क्र. 3715 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले में कौन-कौन से कार्यालयों में कितने प्रभारी अधिकारी के रूप में किन-किन अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रभार दिए गए हैं? क्या प्रभारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त होकर व विभागीय जांच लंबित है? यदि हाँ, तो इन्हें किस प्रावधान के तहत प्रभार दिए गए हैं? नाम, पदनाम विभाग सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रभारी अधिकारी के रूप में सौंपे गए दायित्व में शासन के पत्र क्रमांक/शि.स्थां–1/884/14455, दिनांक 18.8.2020 द्वारा जारी निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो मध्य प्रदेश वित्त संहिता व कोषालय संहिता एवं वित्त शक्तियों के नियम विपरीत प्रभार देने के क्या प्रावधान है? नियम सहित जानकारी देवें और आहरण संवितरण की पात्रता नहीं रखने वाले कर्मचारियों की सूची भी देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 24.8.2020 को पत्र क्रमांक 1095 द्वारा पत्र आयुक्त, आदिवासी विकास, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल को अलीराजपुर जिले में वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारियों के बजाय कनिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रभारी के रूप में दायित्व सौंपें जाने के संबंध में पत्र भेजा गया था, जिस पर शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? क्या शासन जिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 1. सुश्री जानकी यादव, प्रभारी सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, अलीराजपुर। 2. श्री संजय परवाल, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, अलीराजपुर। 3. श्री प्रतापसिंह डावर, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, जोबट। 4. श्री रामानुश शर्मा, खण्ड शिक्षा अधिकारी, सोण्डवा। 5. श्री गिरधर ठाकरे, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, उदयगढ़। 6. श्री अच्छेलाल प्रजापति, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, कट्ठीवाड़ा, श्री विनोद कुमार कोरी, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, च.शे.आ. नगर। उक्त में से किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हैं एवं किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई विभागीय जांच लंबित नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश वित्त संहिता का पालन किया जाकर नियम के विपरीत किसी भी अधिकारी को आहरण संवितरण का प्रभार नहीं दिया गया है। आहरण संवितरण का अधिकार पात्रता रखने वाले अधिकारियों को ही सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उल्लेखित पत्र कार्यालय में अप्राप्त है। वर्तमान में विभाग में कुल 26 जिलों में स्वीकृत सहायक आयुक्त के पदों के विरूद्ध कुल 11 सहायक आयुक्त कार्यरत हैं, अत: वरिष्ठ जिला संयोजकों को प्रभारी सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ किया गया है। इसी अनुक्रम में वरिष्ठ क्षेत्र संयोजकों को प्रभारी जिला संयोजकों का प्रभार दिया गया है। अन्य जिलों में स्थानीय व्यवस्था के तहत जिला कलेक्टर द्वारा विभागीय योजनाओं के सुचारू संचालन के उद्देश्य से प्रभार सौंपे गये हैं।
सहकारी समितियों के कार्य
[सहकारिता]
24. ( *क्र. 3002 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी समितियों द्वारा कौन-कौन से कार्य और व्यापार किये जाते हैं और पन्ना जिले में कौन-कौन सी सहकारी समितियां कब से गठित और संचालित हैं, इनके क्या-क्या कार्य और व्यापार हैं? समितियों में कौन-कौन कर्मचारी किन-किन पदों पर कब से कार्यरत हैं? इनके पदीय दायित्व क्या-क्या हैं? समितिवार एवं कर्मचारीवार बताइये। (ख) प्रश्नांश (क) समितियों द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्रों के संचालन और उचित मूल्य दुकानों एवं अन्य कार्यों/व्यापारों में विगत 03 वर्षों में क्या-क्या अनियमितता किस प्रकार ज्ञात हुई है? प्रश्न दिनांक तक किस-किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब जांच की गयी और क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) समितियों के कार्यों/व्यापारों में अनियमितताओं की जांच और कार्यवाही प्रचलन में है तथा राशि की वसूली की जानी है? यदि हाँ, तो किस-किस समिति की क्या जांच और क्या कार्यवाही कब से प्रचलन में है? किस-किस समिति/कर्मचारी से कितनी-कितनी राशि की वसूली किन कारणों से की जा रही है? जांच एवं कार्यवाही और राशि की वसूली कब तक की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रतिबंधित समितियों को उपार्जन केन्द्रों का संचालन दिया गया और क्या अपचारी/आरोपी एवं दोषी पाये गये कर्मचारियों द्वारा उचित मूल्य दुकानों का संचालन तथा उपार्जन केन्द्रों में कार्य भी किया गया एवं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों और किन-किन समितियों द्वारा किन-किन समितियों के कौन-कौन कर्मचारियों के द्वारा, जबकि इन्हें यह कार्य न सौंपे जाने और हटाये जाने के उच्चाधिकारियों के लगातार निर्देश हैं? यदि नहीं, तो ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपायुक्त द्वारा की गई अनियमितताएं
[सहकारिता]
25. ( *क्र. 3803 ) श्री राकेश गिरि : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के सहकारिता विभाग में उपायुक्त पद पर वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन पदस्थ रहा है? नाम, मूलपद नाम व कार्यकाल बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान में श्री एस.पी. कौशिक, उपायुक्त सहकारिता, टीकमगढ़ के पद पर पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ, तो क्या श्री एस.पी. कौशिक द्वारा की जा रही अवैध वसूली, भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के विरूद्ध आयुक्त (राजस्व) सागर संभाग, सागर द्वारा पत्र क्रमांक चार-2/वि.जां./2021, दिनांक 20.12.2021 से कलेक्टर टीकमगढ़ को जांच करने हेतु आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या जांच प्रतिवेदन में उपायुक्त सहकारिता, श्री एस.पी. कौशिक दोषी पाये गये हैं? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो दोषी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) जांच प्रतिवेदन अनुसार शिकायत में वर्णित अनियमितताओं की पुष्टि हेतु उच्च स्तरीय जांच कार्यालय कलेक्टर टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक/शिका./63/2022, दिनांक 07.02.2022 से आयुक्त सागर संभाग सागर को प्रस्तावित की गई है। कार्यवाही जांच के निष्कर्षाधीन।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जय
किसान ऋण माफी
योजना
[सहकारिता]
1. ( क्र. 38 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला केन्द्रीय सहकारिता बैंक राजगढ़ से ऋण लेने वाले किसानों को भी ऋण माफी योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो योजना प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंक के कितने हितग्राहियों का कितना-कितना ऋण माफ हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध जानकारी में यदि समस्त पात्र हितग्राहियों का ऋण माफ नहीं हुआ है तो शासन उन हितग्राहियों का ऋण कब तक माफ कर देगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टेट कैंसर यूनिट जबलपुर के नये भवन में उपचार शुरू किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( क्र. 54 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान कैंसर अस्पताल जबलपुर में स्टॉफ, उपकरण, बिस्तर सीमित होने के कारण महाकौशल, विंध्य, बुंदेलखण्ड क्षेत्र के 100 से 150 मरीजों को उपचार हेतु प्रतिदिन अन्य शहरों मुंबई, दिल्ली, नागपुर जाना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कॉलेज में स्टेट कैंसर यूनिट के नये भवन का निर्माण कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो नये भवन में कब से मरीजों का उपचार शुरू किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विभाग में बाहर उपचार हेतु जाने वाले मरीजों की संख्या की जानकारी संधारित नहीं हैं। (ख) जी हाँ। (ग) स्टेट कैंसर यूनिट भवन के कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि 31/03/2022 है। भवन हस्तांतरण होने के पश्चात इसे मरीजों के उपचार हेतु शुरू किया जावेगा।
राष्ट्रीय परिवार सहायता से प्राप्त राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( क्र. 298 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष तक की आयु के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई? उनमें से किन-किन को राष्ट्रीय परिवार सहायता के अंतर्गत राशि प्राप्त हुई? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सभी पात्र हितग्राहियों को राशि प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर इस लापरवाही के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष की आयु के कुल 333 सदस्यों की मृत्यु हुई, जिनमें से 265 सदस्यों के परिवार को राष्ट्रीय परिवार सहायता से लाभान्वित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) राष्ट्रीय परिवार सहायता का भुगतान नवीन प्रक्रिया (पी.एफ.एम.एस.) पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रीय परिवार सहायता के शेष कुल 68 हितग्राहियों के भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। अतएव अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में नर्सिंग संस्थाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( क्र. 299 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र में स्थापित होने वाली नवीन नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं हेतु स्वयं के 100 बिस्तरीय अस्पताल होने की आवश्यकता शर्त से छूट प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो अनुसूचित क्षेत्र में प्रदेश के कौन-कौन से स्थान सम्मिलित है? संबंधित अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) सत्र 2020-21 में नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा कौन-कौन सी नवीन नर्सिंग संस्थाओं को अनुसूचित क्षेत्र में स्थापित संस्था मान्य करते हुये मान्यता दी गई है? उक्त सभी संस्थाओं के स्थानावार नाम पते बतावें तथा मान्यता देने की प्रक्रिया की निरीक्षण रिपोर्ट आदि की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल को विगत दो वर्षों में नर्सिंग संस्थाओं से संबंधित मान्यता में अनियमितता आदि सहित समस्त प्रकार की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनके संबंध में की गयी जांच की रिपोर्ट तथा अन्य कार्यवाही की जानकारी शिकायतवार उपलब्ध करावें। (घ) वर्ष 2020-21 में मान्यता प्राप्त करने वाली कौन-कौन सी संस्थाओं को तथा किन-किन कारणों से मान्यता समाप्त करने का नोटिस दिया गया तथा संबंधित संस्थाओं द्वारा उनके क्या-क्या उत्तर दिये गये? सभी अभिलेख उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित क्षेत्र में सम्मिलित स्थानों की जानकारी तथा अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) सत्र 2020-21 में अनुसूचित क्षेत्र में कुल 55 नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता प्रदान की गयी है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) विगत दो वर्षों में समस्त प्रकार की कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई है कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) कुल 20 संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। संस्थाओं द्वारा दिये गये उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार।
ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा नशीले पदार्थ एवं हथियारों की ऑनलाइन बिक्री
[गृह]
5. ( क्र. 382 ) श्री कमलेश्वर पटेल [ श्री विशाल जगदीश पटेल ] : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा ऑनलाइन नशीले पदार्थ और हथियारों की ऑनलाईन बिक्री किये जाने की जानकारी मिली है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में किस-किस कम्पनी द्वारा कौन-कौन सी आपत्तिजनक वस्तुये ऑनलाइन बेची जा रही हैं? (ग) क्या सरकार द्वारा आपत्तिजनक वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री रोकने के लिए कोई कार्यवाही की गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है और क्या अब इस पर रोक लग गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण एजेंसी का निर्धारण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
6. ( क्र. 406 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन जबलपुर ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग जबलपुर को निर्माण एजेंसी निर्धारित किया हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व हेतु स्वीकृत किन-किन कार्यों के लिये कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि का आवंटन नहीं किया है राशि आंवटन हेतु क्या प्रयास किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण व निर्माणाधीन हैं? किन-किन कार्यों को किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? अपूर्ण एवं निर्माणाधीन कार्यों की स्वीकृत लागत व अवधि क्या हैं क्या शासन इन कार्यों हेतु राशि का शीघ्र ही आवंटन कर इन्हें पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी दुग्ध संघ सागर के अपात्र सुपर स्टॉकिस्ट की निविदा निरस्त किया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
7. ( क्र. 1300 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित सागर द्वारा सुपर स्टॉकिस्ट की नियुक्ति कब और किसके द्वारा की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) से बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित सागर सुपर स्टॉकिस्ट द्वारा निविदा की सम्पूर्ण शर्तें पूर्ण की गई थी? यदि हाँ, तो स्पष्ट बतावें। यदि नहीं, तो सुपर स्टॉकिस्ट किस आधार पर नियुक्त किये गये? सुपर स्टॉकिस्ट निविदा में निर्धारित वार्षिक टर्नओवर की शर्त पूर्ण करते हैं, यदि नहीं, तो वर्तमान में सुपर स्टॉकिस्ट नियुक्त संस्था का अनुबंध तत्काल निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ग) क्या सुपर स्टॉकिस्ट द्वारा दुग्ध पदार्थ प्रदाय का एफ.एम.सी.जी. का अनुभव नियुक्ति दिनांक पर तीन वर्ष का था। यदि नहीं, तो यह सत्य है कि वर्तमान में कार्यरत सुपर स्टॉकिस्ट द्वारा शासन द्वारा निर्धारित निविदा शर्तें पूर्ण नहीं की हैं? क्या शासन अपात्र सुपर स्टॉकिस्ट नियुक्त करने वाले प्रबंध संचालक को दोषी मानते हुये दंडित करेगा यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित, सागर स्तर पर ई-निविदा के माध्यम से सुपरस्टॉकिस्ट की नियुक्ति आदेश क्रमांक 322/विपणन/बुसदुसं/सागर, दिनांक 05.02.2021 द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सुपरस्टॉकिस्ट नियुक्त करने हेतु दुग्ध संघ स्तर से ई-निविदा आमंत्रित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नियुक्त सुपरस्टॉकिस्ट निविदा में निर्धारित टर्न ओव्हर रू.10.00 करोड़ की शर्त पूर्ण नहीं की गयी थी अत: एम.पी.सी.डी.एफ. द्वारा प्रकरण संज्ञान में आने पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दण्डित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। नियमानुसार सुपरस्टॉकिस्ट की नियुक्ति पश्चात वर्तमान सुपरस्टॉकिस्ट के अनुबंध को निरस्त किया जायेगा। (ग) सुपरस्टॉकिस्ट के पास नियुक्ति दिनांक को 03 वर्ष का अनुभव नहीं था एवं टर्न ओव्हर की स्थिति उत्तरांश ''ख'' अनुसार होने के कारण एम.पी.सी.डी.एफ. द्वारा प्रकरण संज्ञान में आने पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दण्डित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
छतरपुर जिले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना मैं नियम विरुद्ध गोदाम निर्माण
[सहकारिता]
8. ( क्र. 1521 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में लागू एकीकृत सहकारी परियोजना अन्तर्गत कितने कृषि साख समिति व बीज उत्पादक समिति को गोदाम निर्माण की अनुमति दी गई तथा उनके गोदाम शासकीय अथवा निजी भूमि पर निर्माण कराया गया सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या बीज उत्पादक मुंगवारी व कृषि साख समिति रामपुर ढिलापुर समिति के नाम पर आवंटित जमीन पर समितियों के द्वारा गोदाम निर्माण किया गया है मय खसरा नक्शा सहित जानकारी देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में शासन के नियमों के विपरीत निर्माण कार्य किया गया तो नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए कौन-कौन दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या यह सत्य है कि बीज उत्पादक समिति एवं कृषि साख समिति रामपुर ढिलापुर के गोदाम निजी भूमि पर परियोजना महाप्रबंधक द्वारा करा दिये गये है दोषियों पर वसूली एवं पुलिस प्रकरण दर्ज की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) छतरपुर जिले में संचालित एकीकृत सहकारी परियोजना अंर्तगत परियोजना बंद होने के बाद जून 2021 में खाता छतरपुर में रहते हुए शाखा बक्स्वाहा में 456 लाख रुपये की एफ.डी.आर. स्थांतरित कर ब्याज सहित 130 लाख रुपये फर्जी दस्तावेज तैयार कर परियोजना के संविदा कर्मचारी द्वारा फर्जी खातों में परियोजना महाप्रबंधक की मिली भगत से विभिन्न चैकों से आहरित कर ली गई? यदि हाँ, तो वसूली एवम् पुलिस प्रकरण कब तक दर्ज कर लिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ख) चैपरिया बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित मुंगवारी एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. रामपुर ढिलापुर के पक्ष में दान पत्र से प्राप्त भूमि पर गोदाम निर्माण किया गया। खसरा नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) चैपरिया बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित मुंगवारी में पंजीकृत दान पत्र की भूमि पर गोदाम निर्माण कराया गया है जबकि पैक्स रामपुर ढिलापुर के गोदाम का निर्माण 100 रूपये के स्टाम्प शुल्क पर संस्था के पक्ष में दान पत्र निष्पादित कराया जाकर किया गया है जिसका वैधानिक परीक्षण कराया जाकर उत्तरदायित्व का निर्धारण कर यथेष्ठ कार्यवाही की जायेगी। (घ) छतरपुर जिले में संचालित एकीकृत सहकारी विकास परियोजना का खाता कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. छतरपुर की शाखा बकस्वाहा में खाता खोलकर विभिन्न व्यक्तियों फर्मों एवं सहकारी संस्थाओं को राशि 1.30 करोड़ अंतरित की गई। राशि 106.92 लाख परियोजना के खाते में विभिन्न व्यक्तियों एवं शाखा बकस्वाहा द्वारा जमा की गई है। शेष राशि की वसूली के निर्देश उपायुक्त सहकारिता छतरपुर को दिये गये है। प्रकरण में दिनांक 04.03.2022 को थाना कोतवाली छतरपुर में उपायुक्त सहकारिता द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है।
छात्रावास आश्रम व बाल सुधार गृह में व्यय राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( क्र. 1547 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर को राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनान्तर्गत निर्माण एवं विकास कार्यों, छात्रावासों, आश्रमों व बालगृहों के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन योजनान्तर्गत किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित की हैं तथा कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित किन-किन छात्रावासों, आश्रमों व बालगृहों को किस-किस योजनामद में कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इनके सुधार, मरम्मत व पुनर्निर्माण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। बालगृह संचालित नहीं हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत राशि आवंटित नहीं की गई, की जानकारी निरंक है। जनजातीय कार्य विभाग की जानकारी के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है।
महिलाओं पर अत्याचार व अपराध की जानकारी
[गृह]
10. ( क्र. 1548 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार व अपराध करने के कितने मामले पंजीकृत है। इनमें कितनी महिलाएं अपराधियों के अत्याचार का शिकार हुई हैं? बतलावें। इसमें कितनी महिलाएं दुष्कृत्य, अपहरण, हत्या, गुमशुदा होने, घरेलू हिंसा की शिकार हुई हैं? जिलावार वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रदेश के किन-किन जिलों में महिलाओं अत्याचार व अपराधों सम्बंधि कौन-कौन से सर्वाधिक मामले पंजीकृत है। इसमें कितनी-कितनी महिलाएं प्रभावित व पीड़ित हुई हैं? (ग) प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध भा.द.वि. की किन-किन धाराओं के अपराधों के कितने-कितने मामले पंजीकृत हैं? कितने प्रतिशत मामलों में महिलाओं द्वारा ही महिलाओं के खिलाफ अपराध में भागीदारी रही हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेसर्स शौर्या हाइजीन, नई दिल्ली के विरुद्ध दर्ज एफ.आई.आर.
[गृह]
11. ( क्र. 1576 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स शौर्याहाइजीन नई दिल्ली, के विरुद्ध थाना बागसेवनिया जिला भोपाल में प्राथमिकी क्रमांक 0448 दिनांक 26/6/2021 दर्ज की गयी है? यदि हाँ, तो आरोपियों की अग्रिम जमानत की याचिका माननीय जिला स्तर न्यायालय जिला भोपाल से ख़ारिज होने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक गिरफ्तारियां क्यों नहीं हुई? क्या कार्यवाहियां न होना यह नहीं दर्शाता कि आरोपियों को राजनैतिक एवं पुलिस संरक्षण प्राप्त हो रहा है? यदि नहीं, तो आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाहियां कब तक की जाएंगी? (ख) क्या मेसर्स शौर्याहाइजीन नई दिल्ली, के विरुद्ध थाना बागसेवनिया जिला भोपाल में दर्ज प्राथमिकी क्रमांक 0448 दिनांक 26/6/2021 कि विवेचना के सम्बन्ध में थाना बागसेवनिया जिला भोपाल द्वारा अलग अलग प्रयोगशालाओं में सेनेटरी पैड्स कि गुणवत्ता की जांचें कराई गयी? यदि हाँ, तो उन जांचों में क्या परिणाम आए? सम्पूर्ण विवरण बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मेसर्स शौर्याहाइजीन नई दिल्ली के विरूद्ध थाना बागसेवानिया जिला भोपाल में अपराध क्रमांक 448/21 धारा 420,409, भा.द.वि. का दर्ज किया गया है। प्रकरण की विवेचना के दौरान एकत्रित साक्ष्य के आधार पर यह पाया गया कि प्रकरण में चालान योग्य पर्याप्त साक्ष्य न होने से दिनांक 29.11.2021 को खात्मा तैयार किया गया है। चूंकि प्रकरण में खात्मा तैयार किया गया है अतः आरोपियों कि गिरफ्तारी नहीं की गई है। आरोपियों को राजनैतिक या पुलिस संरक्षण नहीं दिया गया है। (ख) जाँच रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
वन भूमि पर खेती कर रहे किसानों को पट्टे प्रदाय किया जाना
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 1679 ) श्री संजय शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में जो आदिवासी वर्ग के लोग कई वर्षों से वनभूमि पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। क्या उन किसानों को उक्त भूमि के पट्टे प्रदान करने की शासन की कोई योजना है? यदि हां, तो योजना की पूरी जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि नहीं, तो, क्या भविष्य में इन आदिवासी किसानों के हित में उक्त भूमि के पट्टे शासन द्वारा प्रदान करने की कोई योजना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के तहत वन भूमि पर काबिज वन निवासियों को वन अधिकार पत्र प्रदान किये जाने के प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शस्त्र लायसेंस रिन्यूवल की समय-सीमा
[गृह]
13. ( क्र. 1703 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल संभाग में शस्त्र लायसेंस कितने समय के लिए रिन्यू किया जाता है? क्या शस्त्र लायसेंसों को तीन वर्ष के लिए रिन्यू किया जाता है? (ख) क्या भारत सरकार की विधि एवं विधायी मंत्रालय के द्वारा गजट नोटिफिकेशन दिनांक 13 दिसम्बर 2019 में जारी शस्त्र लायसेंस रिन्यूवल की समय-सीमा तीन वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई है यदि हाँ, तो क्या उक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सभी शस्त्र लायसेंसों को 5 वर्ष के लिए रिन्यू किया गया है यदि नहीं, तो क्यों और इससे जो शस्त्रधारकों को हजारों रूपये का नुकसान हुआ है क्या इसकी भरपाई सरकार करेगी और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी और कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में वर्तमान में तीन वर्ष के लिए शस्त्र लायसेंस नवीनीकृत किये जा रहे हैं। (ख) हाँ, भारत सरकार विधि एवं विधायी मंत्रालय द्वारा गजट नोटिफिकेशन दिनांक 13 दिसम्बर 2019 में जारी शस्त्र लायसेंस रिन्युवल की समय-सीमा 03 वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष की गयी है। प्रश्नांश दिनांक तक सभी शस्त्र लायसेंसों को 05 वर्ष तक के लिए रिन्यु नहीं किया गया है, क्योंकि शस्त्र धारकों द्वारा शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र के साथ नियमानुसार निर्धारित शुल्क 500/- रूपये प्रत्येक वर्ष के मान से केवल 03 वर्ष के लिए कुल 1500/- (एक हजार पांच सौ) का शुल्क चालान जमा किया है। जबकि 05 वर्ष के लिए प्रत्येक वर्ष के मान से कुल 2500/- रू. का शुल्क चालान जमा किया जाना था। इस कारण शस्त्र लायसेसों को 05 वर्ष के लिए नवीनीकृत नहीं किया गया है। चूंकि लायसेंस धारकों द्वारा नियमानुसार निर्धारित प्रत्येक वर्ष के मान से अधिक राशि का चालान प्रस्तुत नहीं किया है जिससे शस्त्र धारकों को हजारों रूपये का नुकसान नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
छात्रावासों में विभागीय अध्यापकों को नियुक्त किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( क्र. 1872 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने छात्रावास कितनी-कितनी क्षमताओं के उपलब्ध है? (ख) क्या इन छात्रावासों में जनजाति विभाग के अधीक्षक/अध्यापक पदस्थ है? यदि नहीं, तो? क्या शिक्षा विभाग के अध्यापक पदस्थ है? (ग) क्या यह सही है कि शिक्षा विभाग के अध्यापक इन छात्रावासों में अधीक्षक का कार्य करने से स्कूलों में कमी के कारण शैक्षणिक स्तर में गिरावट आ रही है? (घ) जिले में शिक्षा विभाग के कितने अध्यापक इन छात्रावासों में पदस्थ है और क्यों? (ड.) क्या शिक्षा विभाग के ऐसे अधिक्षकों को मूल विभाग में वापस किया जाकर विभागीय अध्यापकों को अधीक्षक पद पर पदस्थापना के आदेश जारी किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (च) क्या छात्रावासों में रिक्त अधीक्षक पदों की पूर्ति विशेष भर्ती अभियान के तहत पूर्ण की जाएँगी? यदि हाँ तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति के 39 एवं अनुसूचित जनजाति के 46 छात्रावास संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिक्षा विभाग के 06 शिक्षकों को अपने कार्य के अतिरिक्त छात्रावासों में अधीक्षक के रूप में प्रभार दिया गया है। (ग) शिक्षा विभाग के शिक्षक अपने शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त छात्रावासों में अधीक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं जिसके कारण शैक्षणिक स्तर में गिरावट नहीं आ रही है। (घ) जनजातीय कार्य विभाग में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से शिक्षा विभाग के 06 शिक्षक अपने कार्य के साथ साथ छात्रावासों में अधीक्षकों के अतिरिक्त प्रभार में है। इनकी मूल शाला छात्रावास स्थल के निकट है। (ड.) जी हाँ। विभाग के शिक्षकों की उपलब्धता होने पर विभागीय शिक्षकों को अधीक्षक के पद पर कार्य करने हेतु आदेश जारी किये जायेंगे। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (च) भर्ती की प्रक्रिया निरंतर है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
गौवंश संरक्षण एवं गौशाला और पशु चिकित्सालयों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
15. ( क्र. 2045 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों में पशु चिकित्सकों के कितने-कितने पद स्वीकृत है? कितने चिकित्सक कहाँ-कहाँ पदस्थ है एवं कितने पद रिक्त हैं? उन रिक्त पदों पर पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी। (ख) गौवंश संरक्षण हेतु सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशाला स्वीकृति हुई? कितनी गौशालाओं का कार्य पूर्ण होकर संचालित हो रही है व कितनी असंचालित है? पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार आवारा पशुओं/गौवंश के द्वारा क्षेत्रीय किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है? जिसको मेरे द्वारा जिला प्रशासन मुरैना को अवगत कराया किन्तु प्रश्न दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जानकारी परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) सुमावली विधानसभा के अंतर्गत जनपद पंचायत मुरैना एवं जौरा क्षेत्र अंतर्गत संचालित गौशालाओं में 165 आवारा गौवंश को ले जाकर देख-रेख की जा रही है जिससे क्षेत्रीय किसानों की फसलों को नुकसान से बचाया जा रहा है। भारी फसलों के नुकसान की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
विद्युत आपूर्ति हेतु स्वीकृत राशि
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 2075 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा सौंसर के आदिवासी ग्राम कोडासावली में तीन वर्ष पूर्व बिजली पोल हेतु आदिवासी किसानों के लिये 10 लाख रूपयें स्वीकृत किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा आज तक विद्युत मंडल को राशि प्रदान नहीं की गई क्यों? जिससे आदिवासी किसानों को सिंचाई में भारी कठिनाई उठानी पड़ रही है। (ग) उपरोक्त कार्य कब तक प्रांरभ किया जायेगा तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में प्रदाय सहायता राशि
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
17. ( क्र. 2077 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सौंसर में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इसमें से कितने प्रकरण स्वीकृत, कितने प्रकरण अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही का नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई उसका विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सौंसर, जिला छिन्दवाड़ा में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं होने के कारण हितग्राहियों से कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में यातायात सुधार हेतु ई-चालान/ई-नोटिस
[गृह]
18. ( क्र. 2112 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं अन्य शहरों में जहां ई-चालान/ई-नोटिस की व्यवस्था है वहाँ शहरों में यातायात सुधार हेतु ई-चालान/ई-नोटिस भेजे जाने के लिए यातायात सिग्नल/चौराहे पर लगाए गए कैमरों एवं समय-समय पर उनके सुधार के लिए किस-किस कंपनी/व्यक्ति को किन-किन कार्यों के लिए,कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है जानकारी वर्षवार/माहवार देवें तथा कार्यादेश की प्रतियां भी देवें? उक्त शहरों में उक्त अवधि में ई-चालान/ई-नोटिस एवं रसीद कट्टों से कुल कितनी राशि की वसूली की गई, जानकारी वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश ''क'' संदर्भित उक्त अवधि में कंपनी/व्यक्ति द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने ठेके/कार्य करने की शर्तों का उल्लंघन करने आदि के कारण कंपनी/ठेकेदार/व्यक्ति पर लगाए गए अर्थदंड/भुगतान रोकने आदि के आदेश सहित, अन्य कार्यवाही आदेश जारी किए हो तो उनकी प्रतियां भी देवें? (ग) प्रश्नांश ''क'' संदर्भित ई नोटिस भेजे जाने और ई-चालान बनाए जाने के लिए लागू आदेश/नोटिफिकेशन आदि की प्रतियां देवें? (घ) प्रश्नांश ''ग'' संदर्भित यातायात में व्यवधान उत्पन्न करने वाले मालिकों आदि को दिए गए नोटिस की एवं कार्यवाही आदेश की प्रतियां भी देवें? क्या यातायात अधिनियमानुसार यातायात चालान बनाने आदि में संशोधन किया जा सकता हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में बढ़ते अपराधों की जानकारी
[गृह]
19. ( क्र. 2310 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में वर्ष 2019 से 2021 तक खनन से बने गड्ढों में मिट्टी धस जाने से पानी भर जाने के बाद डूबने से कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई? उसमें बच्चों तथा महिलाओं की संख्या कितनी-कितनी है? इनमें से कितनी दुर्घटना पर किस-किस व्यक्ति पर किस कारण से प्रकरण दर्ज किया गया? कितनी दुर्घटना पर खनन करने वाले ठेकेदार पर प्रकरण दर्ज किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि खनन से बने गड्ढों को नियमानुसार बंद न करने तथा उन गड्ढों में हुई दुर्घटना पर मृत्यु हो जाने पर खनन वाला ठेकेदार तथा जिम्मेदार अधिकारी पर क्यों नहीं कार्यवाही की तथा उन पर प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया गया? इस संदर्भ में नियम कानून की प्रति दें। (ग) इन्दौर में वर्ष 2019 से 2021 तक नहर, तालाब, नदी आदि में बस, कार, ट्रक आदि डूब जाने, बस में करंट फैल जाने, बस पलट जाने, बस के सामने वाले वाहन से टक्कर होने, बस में आग लग जाने की कितनी-कितनी घटनाएं हुई तथा उससे कितने लोग मृत हुये? कुल कितनी घटनाओं में कुल कितनों पर प्रकरण दर्ज हुआ?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जिला इन्दौर के थाना क्षिप्रा में आरोपी खदान संचालक द्वारा खदान के आसपास फेंसिंग न कर उपेक्षापूर्ण आचरण किया गया, फलस्वरूप तीन बच्चों की पानी में डूबने से मृत्यु हुई है। इस कारण आरोपी दर्शन सिंह पर अपराध क्रमांक 395/21 धारा 304 ए भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। शेष में अकाल मृत्यु प्रकरण दर्ज किये गये है। इस संदर्भ में नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
सहकारी शक्कर कारखाना, कैलारस की मशीनरी का विक्रय
[सहकारिता]
20. ( क्र. 2338
) श्री
बैजनाथ
कुशवाह : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सहकारी शक्कर
कारखाना
कैलारस
लिमिटेड जिला
मुरैना की मशीनरी
को विक्रय
हेतु सहकारी
अधिनियम/नियमों
का पालन किया
है? यदि हाँ, तो
प्रति उपलब्ध
करावें। विक्रय
हेतु
नियमावली
प्रति दी
जावें। (ख) क्या
विक्रय हेतु
नियमों के
अंतर्गत
संचालक मण्डल
की अनुमति ली
गई है? जो
वार्षिक सभा (जनरल
मीटिंग) के
अंतर्गत
सहमति ली गई
हो, यदि हाँ, तो
प्रति उपलब्ध
करावें?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) परिसमापक
द्वारा म.प्र.
सहकारी
सोसाइटी अधिनियम
1960 की धारा 71
के
प्रावधानों
के तहत सम्पत्ति
का विक्रय
किया जाता है, इसी
अनुक्रम में
दि मुरैना
मंडल सहकारी
शक्कर
कारखाना
मर्यादित
कैलारस जिला
मुरैना की
मशीनरी का
विक्रय लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग के माध्यम
से परिसमापक
द्वारा कराया
जा रहा है। म.प्र.
सहकारी
सोसाइटी
अधिनियम 1960
की धारा 71
एवं लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग के आदेश
दिनांक 04.10.2021
द्वारा जारी
निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) वर्तमान
में दि मुरैना
मंडल सहकारी
शक्कर
कारखाना
मर्यादित
कैलारस जिला
मुरैना में
संचालक मंडल
कार्यरत नहीं
है, इसे
आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक
सहकारी संस्थाएं
के
कार्यालयीन
आदेश
क्र./विप./श.मिल/2019/2464 दिनांक 10.10.2019 से
परिसमापन में
लाया जाकर
परिसमापक की
नियुक्ति की
गई है, शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
फसल बीमा की राशि में सहकारी बैंकों द्वारा अनियमितता
[सहकारिता]
21. ( क्र. 2374 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2017 में किसानों के लिये स्वीकृत हुई फसल बीमा की करोड़ों रूपयों की राशि को जिला सहकारी बैंक मर्यादित बैतूल सहित बैंक से संबंधित सहकारी समितियों के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अनियमितता किये जाने की शिकायतें विभाग को पुन: प्राप्त हुई है? (ख) क्या सी.सी.वी. खेड़ी कोड ब्रांच के तत्कालीन प्रबंधन द्वारा वर्ष 2018 में फसल बीमा के रूपये 1,88,000/- रूपये अनियमित रूप से स्वयं सहित ब्रांच में पदस्थ केशियर एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के खाते में जमा कर हड़प ली गई थी? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित वर्षों में फसल बीमा की प्राप्त करोड़ो रूपयों की राशि के वितरण एवं उसमें अनियमितता संबंधी प्रकरणों पर क्या विभाग ने एफ.आई.आर. दर्ज कराई है? क्या इसकी जांच हुई तथा जांच के क्या परिणाम प्राप्त हुए?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) बैतूल जिले में पुन: ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। (ग) शाखा प्रबंधक शाखा खेडीकोर्ट जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बैतूल द्वारा दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. किये जाने हेतु थाना सांईखेडा जिला बैतूल में आवेदन प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण थाना स्तर पर विचाराधीन है।
पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी आर्गेनाईजेशन ऑफ एमपी के विरूद्ध कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( क्र. 2414
) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या यह
सही है कि
पैरामेडिकल
टेक्नोलॉजी
आर्गेनाईजेशन
ऑफ एमपी संस्था
(भोपाल) के
अंतर्गत
इन्दौर में
देवी अहिल्या
नर्सिंग
कॉलेज और
हॉस्पिटल
संचालित है?
यदि हाँ, तो
क्या यह सही
है कि इसके
अध्यक्ष व
अन्य सदस्यों
के विरूद्ध
फर्जी
दस्तावेजों
के आधार पर
अनुमति लिए
जाने की
शिकायत की गई
है? शिकायत
पर संस्था के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? संस्था
का पंजीयन कब
निरस्त किया
जावेगा?
क्या
संस्था के
सदस्यों की
सूची में
हेरफेर कर
फर्जी काम
किया गया है? पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) क्या
यह सही है कि
संस्था के
संचालक के पास
कोई वैध
मेडिकल
डिग्री नहीं
है? क्या
इलेक्ट्रो-हौम्योपेथी
को
मध्यप्रदेश में
मान्य किया
गया है? यदि
नहीं, तो
संस्था के
अध्यक्ष इस
पद्धति से किस
आधार पर
मरीजों की जान
के साथ खिलवाड़
कर रहे है
क्या
इलेक्ट्रो-हौम्योपेथी
डिग्री धारक
को डॉक्टर
लिखने की
पात्रता है? पूर्ण
जानकारी
देवें?
(ग) क्या यह
सही है कि
संस्था के
अध्यक्ष एवं
कुछ सदस्यों
के विरूद्ध
इन्दौर के
विभिन्न थानों
में 4 एफ.आई.आर.
दर्ज है? उनके
खिलाफ क्या
कार्यवाही चल
रही है अद्यतन
स्थिति से
अवगत कराएं?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) जी हाँ। जी
हाँ। संस्था
को नोटिस जारी
किया गया। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। प्रकरण
मान. न्यायालय
में
विचाराधीन है, निर्णय
उपरांत
यथोचित
कार्यवाही की
जावेगी। (ख) संस्था
के संचालन
हेतु मेडिकल डिग्री
की आवश्यकता
नहीं है। जी
नहीं, आयुष
विभाग में इलेक्ट्रो-हौम्योपेथी
पाठ्यक्रम
संचालित नहीं है।
प्रकरण मा. न्यायालय
में
विचाराधीन है।
जी नहीं। (ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-02 अनुसार।
गौशालाओं का निर्माण किया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
23. ( क्र. 2438 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश भर में आवारा पशु गाय, बैल बाजार एवं सड़क और खेत में आवारा घुमते हैं? (ख) क्या फसल को नुकसान करते हैं, सड़क पर आये दिन दुर्घटना होती हैं, जिससे गाय एवं मनुष्य दोनों की हानि होती है, बाजार में सब्जी व्यापारी का भी नुकसान होता है? (ग) क्या प्रदेश भर में ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में वार्ड स्तर पर गाय बैल को सुरक्षा हेतु पंचायत स्तर पर गौशाला निर्माण की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) निराश्रित गौवंश के घूमने की समस्या प्रदेश भर में न होकर कुछ जिलों में ही अधिक थी। इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री गौसेवा योजना का क्रियान्वयन चयनित ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। स्थानीय निकायों के माध्यम से इन गौशालाओं में निराश्रित गौवंश को रखा जाता है। (ख) जी हाँ। निराश्रित गौवंश की अधिकता वाले क्षेत्रों में फसल को नुकसान करने के, दुर्घटना के मामले प्रकाश में आए है। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना प्रारंभ की गई है जिसमें निराश्रित गौवंश की संख्या के अनुपात में संबंधित क्षेत्रों में गौशालाएं स्वीकृत की गई है। (ग) जी नहीं। गौशाला का निर्माण मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत प्रदेश में चयनित ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्रों का निराश्रित गौवंश आसपास की ग्राम पंचायतों की गौशालाओं में रखे जाने का प्रावधान है। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं एवं नगरीय निकायों द्वारा नगरीय क्षेत्रों में गौशाला संचालित की जा रही है। निराश्रित गौवंश की समस्या प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सीमित है। अत: प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों एवं नगरीय क्षेत्रों के समस्त वार्डों में गौशाला निर्माण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
पुलिस चौकी का थाना में उन्नयन
[गृह]
24. ( क्र. 2439 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन को पुलिस चौकी को थाना बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है, जो सिंगरौली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र उत्तर प्रदेश, झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्य के सीमा से लगा है, जिसका क्षेत्र काफी बड़ा है? क्या वहां पर लगभग 2 लाख की आबादी है? (ख) क्या पुलिस चौकी गोभा को उन्नयन कर थाना बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से पुलिस मुख्यालय स्तर से अमान्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं है।
मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ सफेमा कानून के तहत कार्यवाही
[गृह]
25. ( क्र. 2487 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रदेश के कितने तस्कर मादक पदार्थ की तस्करी में प्रदेश के बाहर कहाँ-कहाँ पकड़े गए? (ख) प्रश्नांश (क) में संदर्भित क्या इन तस्करों के विरुद्ध "सफेमा कानून" के तहत कार्य वाही हुई, यदि हाँ तो कितने पर, यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवे? (ग) क्या मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में तस्कर पूर्व एवं वर्तमान में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पकड़ाते है तो उनकी सम्पत्तियों को सफेमा कानून में जप्त या अन्य अपराधियों की तरह तोड़ा जाता है यदि हाँ, तो उक्त अवधि में मंदसौर सहित उज्जैन संभाग में किन-किन तस्करों के खिलाफ सफेमा कानून के तहत कार्यवाही हुई, ओर उनकी संपत्ति मकान कब-कब तोड़े गए? दिनांकवार जानकारी देवे? (घ) क्या उक्त जिलों में पुलिस के खिलाफ सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज की गई शिकायत और उनका निराकरण अधिकांश के विरुद्ध न करते हुई डरा धमका के पुलिस द्वारा शिकायत को खत्म किया जाता है यदि नहीं, तो उक्त अवधि में पुलिस कर्मचारी के खिलाफ सी.एम. हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के परिणामों की जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में संदर्भित 05 तस्करों के विरूद्ध सफेमा कानून के तहत कार्यवाही हुई। (ग) जी हाँ। एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत सम्पत्ति की जप्ती का प्रावधान है, जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। कुल 16 शिकायतों में से 09 का निराकरण शेष 07 लंबित है।
वनाधिकार समितियों का गठन
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 2517 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले के 1303 राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों में जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार ग्राम स्तरीय वनाधिकार समितियों का गठन किया गया? 1303 ग्रामों में से कितने ग्रामों की समस्त भूमि वन विभाग ने भा.व.अ. वर्ष 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड कर दी थी? (ख) जिन ग्रामों की समस्त भूमि धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड कर दी गई, उनमें से कितने ग्रामों में व्यक्तिगत वन अधिकार के कितने दावे दिसम्बर, 2021 तक प्राप्त हुए? उसमें से कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किए गए एवं कितनी भूमि के कितने दावे अमान्य किए गए? कितनी भूमि के कितने दावे लम्बित हैं, ब्लाकवार बतावें? (ग) धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड भूमियों को वन भूमि माने जाने का प्रावधान, अधिकार या छूट किस-किस कानून की किस-किस धारा में दिया गया है, किस दिनांक के न्यायालयीन आदेश में दिया गया है, प्रति सहित बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
व्यक्तिगत वन अधिकार धारकों को सुविधा
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 2518 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार व्यक्तिगत वन अधिकार धारकों के लिए सरकार ने कौन-कौन सी योजना बनाई हैं? सरकार की प्रचलित किस-किस योजना का लाभ धारकों को दिए जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) वन अधिकार कानून की धारा 3 (1) के अनुसार दिए गए सामुदायिक वन अधिकार धारकों को भूमि की सुरक्षा भूमि के विकास एवं अन्य किस-किस के लिए सरकार की किन-किन योजनाओं के तहत सहायता उपलब्ध करवाएं जाने के वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं? (ग) बैतूल जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक कितने व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र दिए गए हैं? इनमें से कितने धारको को किस-किस योजना का लाभ दिलवाया गया? कितने सामुदायिक वन अधिकार धारकों को किस-किस योजना से कितनी सहायता उपलब्ध करवाई गई? पृथक-पृथक बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक अधिकार पत्र धारको को भूमि की सुरक्षा एवं भूमि के विकास के संबंध में कोई भी प्रस्ताव/योजना ग्राम सभा से प्राप्त न होने से कोई प्रावधान नहीं किये गये है। (ग) बैतूल जिले में कुल 12,129 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। शेष उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
माननीय उच्च न्यायालय के निर्णयों का पालन
[विधि एवं विधायी कार्य]
28. ( क्र. 2562 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उज्जैन संभाग के कितने प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय पारित किया जाकर उनका पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है तथा कितने प्रकरणों में निर्णय का पालन किया जाना शेष है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कितने प्रकरणों में माननीय न्यायालय के निर्णय का पालन नहीं करने के कारण उन प्रकरणों में अवमानना की स्थिति निर्मित हुई है? अवमानना के दर्ज प्रकरणों का जिलेवार विस्तृत ब्योरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्ज अवमानना प्रकरणों में उत्तरदायित्व निर्धारित कर संबंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध शासन द्वारा कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) कब तक अवमानना के प्रकरणों का निराकरण करवाया जाकर प्रकरण समाप्त किये जा सकेंगे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज होने संबंधी परिपत्र का पालन
[गृह]
29. ( क्र. 2578 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि गृह विभाग के द्वारा पत्रकार पर होने वाली ज्यादती को रोकने व फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज होने पर पुनरावलोकन के लिए जारी परिपत्र दिनांक 1 दिसम्बर, 2014 का पालन किया जा रहा है कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो सीधी एवं सिंगरौली जिले के पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों में खात्मे की कार्यवाही की जानकारी देवें? इसी प्रकार सीधी जिले के अजाक थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 05/2020 में अभी तक खारजी/खात्मा क्यों नहीं लगाया गया? जबकि विभाग में प्रकरण की विवेचना फर्जी व नियम विरूद्ध पाई गई थी? (ख) क्या गृह विभाग जब किसी पत्रकार को प्रताड़ित करने व उसके विरूद्ध फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज करने वाले दोषी पुलिस अधिकारी को मानवीयता के आधार पर दोष मुक्त कर दिया जाता है, तो उसी पुलिस अधिकारी के द्वारा प्रताड़ित हुये पत्रकार को सही न्याय क्यों नहीं दिया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सीधी एवं सिंगरौली जिलों में पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज प्ररकणों में खात्में की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जिला सीधी थाना अजाक में दर्ज प्रकरण क्र. 05/20 की विवेचना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला सीधी द्वारा की जा रही है। प्रकरण विवेचनाधीन है, विवेचना में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) जिला सीधी के थाना अजाक में दर्ज प्रकरण क्र. 05/20 धारा 294, 323, 324, 506, 34 भादवि, 3 (1) द) (ध), 3 (1) (एफ), 3 (1) (जी) एस.सी./एस.टी. एक्ट में श्री चन्द्रगुप्त द्विवेदी तत्का. एस.डी.ओ.पी. चुरहट, सीधी द्वारा बरती गई लापरवाही एवं कदाचरण प्राथमिक जांच में पाया गया। पुलिस महानिदेशक, म.प्र. भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक-पुम/23/ए-1/301/201/दिनांक 23.02.2021 के माध्यम से श्री चन्द्रगुप्त द्विवेदी तत्का. एस.डी.ओ.पी. चुरहट, सीधी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने से तथा निकट भविष्य में सेवानिवृत्त के फलस्वरूप समग्र विचारोपरांत मानवीयता के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया जाकर श्री द्विवेदी को भविष्य के लिए सचेत किया गया है। उक्त अपराध क्रमांक 05/2020 धारा 294, 323, 324, 506, 34 भादवि, 3 (1) द) (ध), 3 (1) (एफ), 3 (1) (जी) एस.सी./एस.टी. एक्ट का अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला सीधी द्वारा किया जा रहा है। प्रकरण विवेचनाधीन है, प्रकरण में साक्ष्य संकलन किया जा रहा है, इसके पश्चात उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधिनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी।
सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी
[गृह]
30. ( क्र. 2650 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सड़क दुर्घटना में किन-किन की मृत्यु कब-कब हुई तथा कौन-कौन घायल हुए? ज्ञात एवं अज्ञात वाहन सहित विवरण दें? (ख) रायसेन जिले में किस-किस विभाग की किन-किन सड़कों पर कितने ब्लैक स्पॉट हैं, तथा उनपर 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी दुर्घटनायें घटित हुईं? (ग) रायसेन जिले में शासन के द्वारा ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं को रोकने हेतु क्या-क्या प्रावधान किये जा रहे हैं, तथा इस हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में कितनी राशि दी गई? (घ) क्या रायसेन जिले में बारना नदी से सिन्दूर नदी तक राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर मार्ग निर्माण कर रहे ठेकेदार के द्वारा डायवर्सन के बोर्ड एवं सूचना पटल न लगाये जाने के कारण भी अनेक दुर्घटनायें हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार, एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में ब्लैक स्पॉट के परिशोधन हेतु राशि रूपये 12.53 लाख आवंटित की गयी। पी.डब्ल्यू.डी. (एन.एच.) द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 15.66 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 47.00 लाख आवंटित की गई। (घ) जी नहीं।
राज्य पशु चिकित्सा परिषद में वित्तीय अनियमितताएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
31. ( क्र. 2719 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय पशु चिकित्सा परिषद एवं राज्य पशु चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रार एवं अध्यक्ष के पद पर एक ही अधिकारी के पद पर एक ही अधिकारी आसीन है यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या दो पद धारित अधिकारी के विरूद्ध पूर्व भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष रहते हुये कंट्रोल ऑडिटर जनरल भारत सरकार द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के कारण 39 लाख की रिकवरी के लिये मध्यप्रदेश शासन को लिखा गया था? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्तमान वर्ष में रजिस्ट्रार पद हेतु पूर्व संचालक डॉ. आर.के. रोकड़े, का नामांकन प्रस्तावित किया गया है, यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या डॉ. रोकड़ के विरूद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति संबंधी प्रकरण मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय में, तथा वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में प्रकरण लोकायुक्त में जारी है, यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? (ड.) क्या राज्य पशु चिकित्सा परिषद में अध्यक्ष पद पर पूर्व में माननीय मंत्री महोदय की महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की घोषणा उपरांत इंडियन वेटेरिनरी एसोसिएशन महिला प्रकोष्ठ, प्रोग्रेसिव वेटेरिनरी डॉ. वेलफेयर एसोसिएशन (म.प्र.), जो पशु चिकित्सकों के अधिकारों के लिये निरन्तर कार्य कर रही है को बनाने की योजना है? यदि हाँ, तो महिला वर्ग को कब तक नेतृत्व प्रदाय किया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या पशुपालन विभाग द्वारा खरीदी जा रही दवाई की दवाई कंपनियों द्वारा कंटेट जो बताये जाते है वह न दिया जाकर अन्य कंटेट दिया जा रहा है यदि हाँ, तो क्या दोषी कंपनियों पर कार्यवाही की जायेगी और यदि नहीं, तो क्यों? (छ) क्या पशुपालन विभाग द्वारा खरीदी जा रही दवाई की तय मात्रा से अधिक मात्रा में दवाई कंपनियों द्वारा दवाई का कंटेट मिलाना बताया जा रहा है जो कि संभव ही नहीं है ऐसी स्थिति में दोषियों पर कार्यवाही की गई है और यदि नहीं, तो क्यों तथा एंटीबायोटिक में भी गलत कंटेंट मिलाया जा रहा है एवं क्रमिनाशक में गलत शब्द एस्ट्रनल यूज लिख कर प्रदाय किया जा रहा है क्या इस प्रकार कोई कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। किसी भी राज्य की पशु चिकित्सा परिषद में पंजीकृत पशु चिकित्सक, भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् अधिनियम 1984 (52) की धारा (4) के अनुसार अध्यक्ष निर्वाचित किया जाता है। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् अधिनियम 1984 (1984 का 52) की धारा 42 (1) के अंतर्गत शासन की पूर्व अनुमति से रजिस्ट्रार की नियुक्ति की जाती है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। (ड.) राज्य पशु चिकित्सा परिषद् में अध्यक्ष का निर्वाचन भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् अधिनियम 1984 (52) की धारा (36) के अंतर्गत पशु चिकित्सा परिषद् के सदस्यों द्वारा किया जाता हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गौशाला के संधारण के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
32. ( क्र. 2720 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को भोपाल जिले के बैरसिया स्थित गौशाला में सैकड़ों गायों के शव/कंकाल मिलने की जानकारी है? (ख) उपरोक्त गौशाला कब से किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है? इस संस्था को पिछले 10 वित्तीय वर्ष में कितना-कितना अनुदान प्रदाय किया गया है? (ग) क्या बैरसिया गौशाला में गायों के शव/कंकाल मिलने पर संस्था संचालक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) गौशाला में सैकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था और उसके संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या सरकार इस घटना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में गौशाला के अनुदान लेने वाली सभी संस्थाओं का ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगी? (ड.) प्रदेश में एवं भोपाल जिले में कुल कितनी गौशालाएं शासन द्वारा अनुदान प्राप्त हैं एवं कितनी गौशालाएं अनुदान प्राप्त करने हेतु प्रतिक्षारत हैं? सूची उपलब्ध करायें? (च) क्या अनुदान प्राप्त गौशाला में स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो शासकीय चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं या निजी चिकित्सकों से ईलाज कराया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। मात्र 87 गौवंश के शव पाए गए थे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। अपराध दर्ज कराया गया है। (घ) संबंधित संस्था की संचालिका के विरूद्ध थाना बैरसिया में अपराध पंजीबद्ध कर, गौशाला का पंजीयन निरस्त किया गया। प्रदेश मं संचालित गौशालाओं को प्रदाय राशि का सी.ए. से आडिट कराए जाने का प्रावधान है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (च) पंजीकृत गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के स्वास्थ्य परिक्षण विभाग के निकटस्थ संस्था के चिकित्सकों द्वारा किया जाता है तथा टीकाकरण, औषधि उपलब्ध कराई जाती है।
लम्बित जांचों को पूर्ण करना
[जनजातीय कार्य]
33. ( क्र. 2881
) श्री
सूबेदार सिंह
सिकरवार
रजौधा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) जिला
मुरैना में
विभाग के
वर्तमान जिला
संयोजक के
पदस्थी
दिनांक से
प्रश्न दिनांक
तक एवं जिला
कार्यालय में
अन्य कर्मचारियों
के विरूद्ध
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? कितनों
की जांच की
गयी और कितनी
लम्बित हैं? जांच
प्रतिवेदन की
प्रतियां एवं
लम्बित जांच
की अद्यतन
स्थिति से
अवगत करावे। (ख)
विधानसभा
प्रश्न क्र. 1116 (तारांकित)
दिनांक 24.12.21
के उत्तरांश (ज्ञ)
में उल्लेखित
जांच
प्रतिवेदन
प्राप्त हो गया
है? यदि हाँ, तो
जांच अधिकारी
के अभिमत से
अवगत करावें।
यदि नहीं, तो
विलम्ब के
क्या कारण हैं
और कब तक जांच
पूर्ण कर ली
जावेगी?
(ग) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में वर्तमान
जिला संयोजक जिला
मुरैना में
एवं कार्यालय
में अन्य
पदस्थ कर्मचारी
कितने समय से
पदस्थ हैं और
विभाग द्वारा
एक ही स्थान
पर कितनी अवधि
में पदस्थ
रखने का नियम
है? (घ) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में जांच के
दौरान जिला
संयोजक को पद
से क्यों नहीं
हटाया गया? आरोपी
अधिकारी को पद
पर बने रहने
से जांच प्रभावित
होगी, क्या
आरोपी
अधिकारी को पद
से हटाकर की
गयी अनियमिताओं
एवं
भ्रष्टाचार
जांच की जा सकेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) प्राप्त
शिकायत की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट 'अ'
अनुसार
है। शिकायत
की जांच हेतु
जिला कलेक्टर
को लिखा गया
है, विवरण जानकारी संलग्न
परिशिष्ट 'अ'
के
कॉलम 5 में उल्लेखित है। शिकायतों
का जांच प्रतिवेदन
जिला कलेक्टर
मुरैना से
प्राप्त
नहीं हुआ है। (ख)
जी नहीं।
प्रश्न क्रमांक
1116 के प्रश्नांश
'क' में उल्लेखित
शिकायतों का
जांच
प्रतिवेदन
प्राप्त
नहीं हुआ है।
प्रश्न क्रमांक
1116 में (ज्ञ)
प्रश्नांश
नहीं है। शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) तीन
वर्ष की अवधि
तक पदस्थ
रखने का नियम है।
जिला संयोजक, जनजातीय
कार्य विभाग, जिला
मुरैना
कार्यालय में
पदस्थ
कर्मचारियों
की सूची जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट 'ब'
अनुसार
है। (घ)
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है।
नियम विरुद्ध अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
34. ( क्र. 2889 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय सेवक की मृत्यु उपरान्त उसके आश्रित परिवार को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 3-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 25/09/2014 से की जाती है? या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में कोई पृथक से आदेश प्रसारित किए गए? (ख) सागर जिले अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के कितने आवेदन प्राप्त हुए एवं विभाग अंतर्गत रिक्त पदों की विस्तृत जानकारी वर्षवार, पदवार एवं संस्थावार देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में विभाग में प्राप्त आवेदनों में से अनुकंपा नियुक्ति देने वाले अधिकारी का नाम, अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारी का नाम, विभागवार, विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्तमान में कितने प्रकरण अनुकंपा हेतु लंबित है? लंबित रहने का कारण क्या है एवं इसके लिए कौन दोषी है? क्या दोषी अधिकारी के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/सी-3-12/2013/1/3 दिनांक 29/09/2014 के प्रावधान अनुसार ही अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है। आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा कोई पृथक से आदेश प्रसारित नहीं किया गया है। (ख) सागर जिले अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभागान्तर्गत जिले में अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्राप्त आवेदनों का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। विभाग में पद रिक्त पदों का विसतृत जानकारी वर्षवार, पदवार एवं संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में विभाग प्राप्त आवेदनों में से अनुकंपा नियुक्ति देने वाले अधिकारी का नाम अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारी का नाम जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्तमान में जिले में कोई अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
छात्रवृत्ति राशि का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
35. ( क्र. 2957 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रबंध संकाय के तहत पी.जी.डी.एम. के दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति की जाती है? यदि हाँ, तो प्रति छात्र प्रतिवर्ष अधिकतम कितनी दी जाती है? (ख) उक्त पाठ्यक्रम में सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष में अध्ययन हेतु कितने छात्रों द्वारा प्रवेश लिया गया? कितने छात्रों को सत्र 2019-20 में किस दर से छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति की जानी थी? कितने छात्रों के आवेदन स्वीकृत किये गये? कितने अस्वीकृत हुये? कितने लम्बित रहे? लम्बित रहने के क्या कारण हैं? स्वीकृत आवेदनों में से कितने छात्रों को किस दर से छात्रवृत्ति भुगतान की गयी? (ग) क्या इसी सत्र में अध्ययनरत छात्रों में से जिन छात्रों के आवेदन स्वीकृति हेतु विभागीय स्तर पर लम्बित रहे हैं उन्हें शासन के नवीनतम आदेश दिनांक 17.03.2020 द्वारा भूतलक्षी प्रभाव से कम छात्रवृत्ति राशि स्वीकृत की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? विभागीय स्तर पर जांच हेतु लम्बित रखे गये आवेदनों के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? विभाग द्वारा उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) सत्र 2019-20 के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत रहे समस्त पात्र छात्रों को एक समान दर से अधिकतम छात्रवृत्ति राशि की प्रतिपूर्ति हेतु प्रभावी कार्यवाही कब तक की जायेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रति छात्र वर्ष 2019-20 तक अधिकतम राशि रूपये 1,66,800/- दी जाती थी। (ख) उक्त पाठ्यक्रम में सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष में अध्ययन हेतु 9,999 छात्रों द्वारा प्रवेश लिया गया। 9,999 छात्रों को वर्ष 2019-20 में अधिकतम राशि रूपये 1,66,800/- दर से छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति की जानी थी। 7,101 छात्रों के आवेदन स्वीकृत किये गये। शेष 2,898 आवेदन लंबित रहे जो ए.जी.एम.पी. की आपत्तियों के कारण लंबित है। स्वीकृत आवेदनों में से 7101 छात्रों को राशि रूपये 1,65,522/- की दर से छात्रवृत्ति भुगतान की गयी। (ग) लंबित आवेदनों पर कार्यवाही ए.जी.एम.पी. की आपत्तियों के कारण लंबित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सत्र 2019-20 के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत रहे समस्त पात्र छात्रों को महालेखाकार मध्यप्रदेश द्वारा लगाई गयी आपत्तियों के निराकरण पश्चात् पात्रता अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा प्रदान किया जाना संभव नहीं है।
छात्रावासों एवं आश्रमों का संचालन एवं निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
36. ( क्र. 3003 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में विभाग द्वारा कितनी-कितनी क्षमता के किस कक्षा के विद्यार्थियों हेतु छात्रावास/आश्रम/शिक्षा केंद्र कब से एवं कहां-कहां संचालित हैं? संस्थावार किन-किन पदों पर कौन-कौन शासकीय सेवक कब से कार्यरत हैं? क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध हैं और किन-किन सुविधाओं एवं साधनों की आवश्यकता है? (ख) प्रश्नांश (क) छात्रावासों/आश्रमों एवं शिक्षा केन्द्रों हेतु विगत 03 वर्षों में किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस हेतु कब-कब प्राप्त हुई एवं किस मांग एवं आवश्यकता के चलते किन-किन प्रस्तावों एवं आदेशों से कितनी लागत से क्या-क्या सामग्री किस-किस से एवं कब-कब क्रय की गयी एवं क्या-क्या कार्य कराये गए? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या नवीन भवनों का निर्माण और मरम्मत के कार्य कराये गए? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि एवं किन आदेशों से? कार्यवार, कार्यों के प्रस्ताव किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए? कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति किन शासकीय सेवकों द्वारा प्रदान की गयी और कार्यों को किन तकनीकी अधिकारी के पर्यवेक्षण में कब-कब कराया गया? कार्यों की माप और माप का सत्यापन किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत् विभागीय संस्थाओं के निरीक्षण और पर्यवेक्षण के क्या निर्देश एवं नियम हैं? क्या निर्देशानुसार कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में किस नाम और पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा इन संस्थाओं का कब-कब निरीक्षण किया गया और प्रतिवेदन किस सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत किए गए और क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय संस्थाओं के उन्नयन और सुविधाओं में वृद्धि की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो क्या इनका परीक्षण करवाते हुये कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) पन्ना जिले में विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विभाग द्वारा जिले में आश्रम/शिक्षा केंद्र संचालित नहीं है। छात्रावासों में समस्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। जी हाँ। निर्देशों के तहत विभागीय अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किये गये। किये गये निरीक्षण की जानकारी प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित पुस्तकालय परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ड.) पन्ना जिले में संचालित समस्त छात्रावासों में समस्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति-जनजाति मद से प्रदाय की गयी राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
37. ( क्र. 3007 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति मद से कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गयी? वर्षवार, मदवार, कार्य का नाम, राशि सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्षवार, मदवार, स्वीकृत कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रश्न दिनांक तक अप्रारंभ है? कार्यवार जानकारी से अवगत करावें। तथा अपूर्ण एवं अप्रारंभ होने के कारणों से भी अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अपूर्ण/अप्रारंभ कार्य को कब तक पूरा करा लिया जावेगा तथा विभाग द्वारा अपूर्ण/अप्रारंभ कार्य के लिए निर्माण एजेन्सी के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? दिनांकवार की गयी कार्यवाही से अवगत करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। निर्माण एजेंसी को कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 10.11.2021 को निर्देशित किया गया है। सभी कार्य प्रगतिरत हैं। अपूर्ण कार्य शीघ्रता से पूर्ण कराये जायेंगे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में राष्ट्रीय परिवार सहायता राशि का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
38. ( क्र. 3008 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले एवं श्रम योजना के अंतर्गत पंजीकृत 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई है? उनमें से किन-किन हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता के अंतर्गत राशि प्रदाय की गयी एवं कितने शेष हैं? नगरीय क्षेत्र एवं विकासखंड के पृथक-पृथक ग्रामवार जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष राशि प्रदान न करने के क्या कारण हैं एवं विलंब होने के कारण जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, की गयी तो कब तक की जावेगी एवं शेष पात्र हितग्राहियों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले एवं श्रम योजना के अन्तर्गत पंजीकृत 18 से 60 वर्ष की आयु के 923 सदस्यों की मृत्यु हुई है। उनमें से 275 हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। शेष हितग्राहियों को श्रम विभाग की योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। कोई भी पात्र हितग्राही का प्रकरण भुगतान हेतु शेष नहीं है। नगरीय क्षेत्र एवं विकासखण्ड के पृथक-पृथक ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) समस्त प्रकरणों में राशि का भुगतान किया जा चुका है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर में स्टाफ नर्सेस की भर्तियां
[चिकित्सा शिक्षा]
39. ( क्र. 3041 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 में GRMC ग्वालियर में स्टाफ नर्स की भर्तियां हुई हैं? यदि हाँ, तो विवरण श्रेणीवार देवें। (ख) क्या उक्त भर्तियों में म.प्र. शासन GAD का Circular वर्ष 2003 का पालन किया है? यदि नहीं, तो पालन न करने का क्या कारण है? (ग) कितने अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति श्रेणी के चयनित उम्मीदवार जो की सामान्य श्रेणी पर शासन द्वारा GAD अनुसार चयनित किये गये? श्रेणीवार विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार त्रुटि के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित श्रेणी के उम्मीदवार के साथ हुये अन्याय की क्या सरकार पूर्ति करेगी? इस त्रुटि के लिए दोषियों के खिलाफ सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? या क्या कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिकायत पर जांच की जा रही है, जिसके उपरांत Circular के पालन के संबंध में स्थिति स्पष्ट की जावेगी। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
पेंशनरों के बैंक खाते आधार से लिंक करवाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
40. ( क्र. 3055 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में किस-किस योजना में कितने-कितने व्यक्तियों को पेंशन मिल रही है? ग्राम पंचायतवार, नगरीय निकायवार संख्या बतायें। (ख) विभिन्न योजनाओं में पेंशन प्राप्त कर रहे वृद्ध, विधवा, दिव्यांग के बैंक खाते आधार से लिंक कराने हेतु विभाग के द्वारा किस-किस अधिकारी के क्या-क्या दायित्व निर्धारित किये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में पेंशन प्राप्त कर रहें कितने व्यक्तियों के बैंक खाते आधार से लिंक हैं? ग्राम पंचायतवार, नगरीय निकायवार संख्या बतायें तथा शेष व्यक्तियों के बैंक खाते कब तक आधार से लिंक होंगे? (घ) पेंशनरों के बैंक खाते आधार से लिंक करवाने के संबंध में दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में स्वीकृति अथवा राशि आहरण हेतु हितग्राही के पेंशन खाते को आधार से लिंक होना अनिवार्य नहीं है किन्तु राशि आहरण प्रक्रिया को बेहतर सुगम बनाने हेतु हितग्राहियों के बैंक खातों को उनकी सहमति के पश्चात आधार लिंक करने की कार्यवाही संबंधित अधिनियम एवं नियम के अनुसार किये जाने हेतु जिलों को निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) रायसेन जिले में अधिकांशत: पेंशन हितग्राहियों के बैंक खाते आधार से लिंक है। जिला स्तर पर आधार से बैंक खाते लिंक नहीं होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 3056 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा जनजातीय कार्य विभाग को वन ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने का अधिकार दिया है? (ख) यदि हाँ, तो जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्रदेश के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन सांसद, विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रदेश के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम कब तक घोषित कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। वन अधिकार अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन हेतु प्रशासकीय/नोडल विभाग जनजातीय कार्य विभाग है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों के तहत वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन के अधिकार जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों को प्रदत्त हैं, जिसमें राजस्व, वन एवं जनजातीय कार्य विभाग का प्रतिनिधित्व रहता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र सिलवानी का पत्र क्रमांक 382 दिनांक 25.08.2020 दिनांक 04.01.2021 को प्राप्त हुआ। पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) वन ग्रामों के राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की कार्यवाही प्रचलित है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत वन अधिकारों को मान्यता प्रदान करने की कार्यवाही अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
वारासिवनी एवं खैरलांजी में अधिकारी/कर्मचारी विहीन पशु चिकित्सालय का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
42. ( क्र. 3071 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी में कहां-कहां पशु चिकित्सालय/औषधालय संचालित है तथा उन चिकित्सालयों/औषधालयों में अधिकारी/कर्मचारियों के स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त पदों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी में पशु चिकित्सालय/औषधालय सोनझरा एवं डोंगरमाली वर्तमान में अधिकारी/कर्मचारी विहीन हैं तथा चिकित्सालय/औषधालय के भवनों में ताले डले हैं? यदि हाँ, तो क्षेत्र के कृषकों तथा पशुपालकों के पशु चिकित्सालय/औषधालय की सुविधा से वंचित रखे जाने का क्या कारण है? पशु चिकित्सालय/औषधालय सोनझरा एवं डोंगरमाली की दुर्दशा के लिये कौन जिम्मेदार है तथा इस व्यवस्था को कब तक दुरूस्त कर लिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) मुख्य ग्राम ईकाई सोनझरा नियमित रूप से खोली जाती है श्री एम.एल.शेन्डे, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देकर कार्य संपादित करवाया जा रहा है एवं पशु औषधालय डोंगरमाली श्री पी.एल.कुम्भरे को अतिरिक्त प्रभार देकर कार्य संपादित कराया जा रहा है। क्षेत्र के कृषक तथा पशुपालकों को चिकित्सा सुविधायें दी जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में लोक सेवा केन्द्रों का संचालन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
43. ( क्र. 3093 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा केन्द्रों का संचालन PPP मॉडल से किस एजेंसी द्वारा किस दिनांक से किन शर्तों से किया जा रहा है अनुबंध की प्रति देवें तथा बतावें कि एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ करते समय कुल कितनी सेवायें शामिल थी तथा 31 जनवरी 2022 को कितनी सेवाएं शामिल है? (ख) लोक सेवा केन्द्रों का संचालन करने वाली एजेंसी की क्या शासन की और से कितनी राशि, किस-किस अवधि में, किस अनुसार दी जा रही है तथा जनता के लिये जाने वाले शुल्क किसके हिस्से में जा रहा है लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम 2010 की प्रति देवें तथा सेवा प्रारंभ से 2020-2021 तक एजेंसी को भुगतान किये गये शुल्क की जानकारी वर्षवार देवें? (ग) वर्ष 2019 से 2021 तक प्रतिवर्ष प्राप्त आवेदन तथा उससे प्राप्त कुल राशि की जानकारी देवें तथा बतावें कि प्रति वर्ष किस-किस सेवा के लिये कितने-कितने आवेदन प्राप्त हो रहे है? (घ) अधिनियम 2010 में आवेदक से शुल्क लिए जाने का उल्लेख किस धारा में है तथा शुल्क का निर्धारण एजेंसी स्तर पर होता है या शासन स्तर पर होता है? उसका सूत्र बतावें तथा नोटशीट की प्रति देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा केन्द्रों को PPP मॉडल पर निरंतर संचालित करने हेतु जिला स्तर पर वर्ष 2019 में निविदा आमंत्रित करते हुए लोक सेवा केन्द्र संचालकों का चयन किया गया है। लोक सेवा केन्द्र संचालकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। संबंधित जिला एवं लोक सेवा केन्द्र संचालक के मध्य अनुबंध प्रारूप निविदा (RFP) में संलग्न है। निविदा (RFP) का प्रारूप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत सर्वप्रथम 26 सेवाओं को अधिसूचित कर अधिनियम के दायरे में रखा गया था तथा 31 जनवरी 2022 की स्थिति में 564 अधिसूचित सेवाएं शामिल है। (ख) शासन के निर्णय अनुसार वर्तमान में संचालित लोक सेवा केन्द्रों को A एवं B वर्गों में विभाजित करते हुए Viability Gap Funding (VGF) की व्यवस्था आदेश क्र. 6-8/2019/लोसेप्र/61 दिनांक 01.03.2019 द्वारा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत चयनित सेवाओं के लिए प्रोसेस फीस रू. 35/- एवं ई-गर्वनेंस सोसायटी का शुल्क रू. 5/- है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम प्रारंभ वर्ष 2011 से 2020-2021 तक भुगतान की गई Viability Gap Funding (VGF) राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2019 से 2021 तक प्रतिवर्ष प्राप्त आवेदन तथा उससे प्राप्त शुल्क (राशि) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है। वर्ष 2019 से 2021 तक सेवावार प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। (घ) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 में शुल्क लिये जाने का उल्लेख नहीं है। शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार आवेदन प्रोसेस शुल्क निर्धारित हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के संबंध में
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
44. ( क्र. 3102 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु जनजाति समुदाय के विकास के लिए वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री निवास पर, वर्ष 2016 में देवास में महापंचायत एवं 31 अगस्त 2021 को मुक्ति दिवस के अवसर पर महापंचायत का आयोजन कर विभिन्न घोषणाएं की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त महापंचायतों में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा क्या-क्या घोषणाएं की गई? विवरण दें। (ग) उक्त कौन-कौन सी घाषणाएं एवं पूर्ण सतत् की गई तथा कौन-कौन सी घोषणाएं किन-किन कारणों से लंबित हैं एवं इन घोषणाओं को कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी संस्थाओं में निर्वाचन कराया जाना
[सहकारिता]
45. ( क्र. 3114 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी भी सहकारी संस्था में विधि अनुसार कितने वर्षों में निर्वाचन किया जाता है। क्या मध्यप्रदेश की विभिन्न सहकारी संस्थाओं में वर्षों से निर्वाचन नहीं किया गया है? (ख) इन्दौर जिले में कितनी सहकारी संस्थाओं में कब-कब से निर्वाचन नहीं कराया गया है? इनमें से कितनी संस्थाओं में प्रशासकों की नियुक्ति की गई? (ग) क्या चुनाव हेतु निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है, किन्तु वहां पर कोई भी अधिकारी पदस्थ न होने से निर्वाचन नहीं हो पा रहे हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश की सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन कार्यक्रम कब जारी किए जावेंगे? इनके चुनाव कब किए जावेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारी संस्थाओं में विधि अनुसार 05 वर्षों में निर्वाचन कराए जाने का प्रावधान है। जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी का गठन किया गया है,एवं म.प्र.राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के पद पर दिनांक 15.03.2022 को नियुक्ति कर दी गई है निर्वाचन के संबंध में प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जायेगी।
सहकारिता से सम्बन्धित बैंक की जानकारी
[सहकारिता]
46. ( क्र. 3133 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सहकारिता से सम्बन्धित कितनी बैंक वर्तमान में संचालित हो रही है? उनके नाम, उनका क्षेत्र सहित फरवरी 2020 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में जिला सहकारी बैंक, नागरिक सहकारी बैंक व्यवसायिक बैंकों ने कितने कालातीत (डिफाल्टर) ऋण प्रकरण है? बैंकवार फरवरी 2022 की स्थिति में संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या शासन उक्त कालातीत ऋण प्रकरणों को एक मुश्त समाधान योजना की कोई नीति बना रहा है? शासन द्वारा कई बार दो लाख तक के ऋण माफ किये गये हैं? फिर अधिक राशि के ऋण प्रकरणों में समाधान योजना लागू क्यों नहीं की जा रही है? (घ) क्या प्रदेश में संचालित राष्ट्रीयकृत बैंकों में यह योजना लम्बे समय से लागू है? इन बैंकों से बड़े-बड़े पूँजीपति हजार, सैकड़ों, करोड़ों का ऋण लेते हैं, लेकिन सहकारी व्यवसायिक, नागरिक सहकारी बैंकों से किसान, गरीब, छोटे दुकानदार के प्रकरणों में यह नीति लागू नहीं करने का क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में चिकित्सा सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
47. ( क्र. 3159 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी एवं ऑकोलॉजी जैसी सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं का अभाव होने से यहाँ दूर दराज से आने वाले मरीजों को पूर्ण चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या शासन उक्त चिकित्सा सुविधाओं को प्रारंभ कराये जाने पर शीघ्र विचार करेगा तथा कब तक? (ख) अतारांकित प्रश्न क्र. 1186 दिनांक 24.12.2021 के उत्तरांश में बताया गया था, कि कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस हेतु बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर को संचालनालय से दिनांक 08.12.2021 को पूर्ण जानकारी (डी.पी.आर. सहित) प्रस्तुत करने हेतु निर्देश किया गया था। क्या उक्त जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना हेतु अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। उक्त रोगों से पीड़ित मरीजों के चिकित्सालय में आने पर चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं अनुसार मेडिसिन विभाग तथा रेडियोथेरेपी विभाग के चिकित्सकों द्वारा यथोचित उपचार किया जाता है। शासन द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा, महाविद्यालय सागर में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार जिले में संचालित स्कूलों/हॉस्टलों में अव्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
48. ( क्र. 3247 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में विभाग के अंतर्गत कहां-कहां पर आवासीय विद्यालय/हॉस्टल एवं स्कूल संचालित हैं? (ख) क्या शिक्षा परिसर (बेगन्दा) धामनोद का संचालन एवं रख-रखाव, देख-रेख विभाग द्वारा ही किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो उस कन्या शिक्षा परिसर में वर्तमान कितनी-कितनी बालिकाएं किस-किस कक्षा में अध्ययनरत रह कर वहीं निवास करती हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कन्या शिक्षा परिसर में छात्राओं के अनुपात में प्राचार्य, शिक्षकों, अन्य स्टॉफ, पीने का पानी, शौचालय, बाउण्ड्रीवॉल, सुरक्षा हेतु चौकीदार, बिजली, फर्नीचर, पलंग विस्तर, खाद्य सामग्री, रसोई का सामान आदि में से क्या कमी है, इस कमी की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिले में संचालित विद्यालय एवं स्कूलों में कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूल बंद थे, उक्त अवधि में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? क्या यह व्यय की गई राशि कागजों में व्यय कर आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं? यदि नहीं, तो क्या इसकी जांच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक, दो एवं तीन' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांकित कन्या शिक्षा परिसर में वर्तमान में कक्षावार प्रवेशित/निवासरत छात्राओं की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
कक्षा |
छात्राओं की संख्या |
1 |
कक्षा 6 वीं |
70 |
2 |
कक्षा 7 वीं |
70 |
3 |
कक्षा 8 वीं |
70 |
4 |
कक्षा 9 वीं |
70 |
5 |
कक्षा 10 वीं |
69 |
6 |
कक्षा 11 वीं |
45 |
7 |
कक्षा 12 वीं |
55 |
|
योग |
449 |
(घ) संस्था में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत एवं रिक्त पदों के जानकारी तथा रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत अतिथि शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'चार' अनुसार है। (ड.) जिले में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय तथा कन्या शिक्षा परिसरों में विगत दो वर्षों में समय-समय पर किये गये व्यय की मदवार जानकारी निम्नानुसार है:-
व्यय का मद |
व्यय राशि |
पाठ्य पुस्तक और अध्ययन सामग्री |
225484 |
छात्र –छात्राओं हेतु बिस्तर सामग्री |
4175657 |
परीक्षा सामग्री मान्यता शुल्क |
937510 |
शिष्यवृत्ति |
2149018 |
मानदेय |
487667 |
खेलकूद, सांस्कृतिक एवं प्रसाधन सामग्री |
209360 |
कम्प्यूटर एवं इलेक्ट्रिक सामग्री |
57000 |
कार्यालय व्यय |
258850 |
किसी भी संस्था द्वारा आर्थिक अनियमितता नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
49. ( क्र. 3254
) श्री
सज्जन सिंह
वर्मा : क्या
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 22
फरवरी 2021 को बजट
सत्र 2021-22 के लिए
महामहिम राज्यपाल
महोदया के
अभिभाषण के
बिंदु क्र.60
में अनुसूचित
जाति, जनजाति, पिछड़ा
वर्ग, घुमक्कड़
अर्द्धघुमक्कड़
एवं अन्य
पात्र
विद्यार्थियों
को लगभग 676
करोड़ की
छात्रवृत्ति
वितरित किये
जाने का उल्लेख
है? (ख) यदि हाँ, तो पिछड़ा
वर्ग एवं
घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड
वर्ग के
कितने-कितने
पात्र
विद्यार्थियों
को
कितनी-कितनी
राशि की
छात्रवृत्ति
किस-किस वर्ष
वितरित की दी गई
एवं
कितने-कितने
विद्यार्थियों
को प्रश्न दिनांक
तक कितनी राशि
की
छात्रवृत्ति
किन कारणों से
नहीं दी जा
सकी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता
के प्रश्न क्र.1157
दिनांक 24
दिसम्बर 2021
के उत्तर में
पिछड़े वर्ग
के अध्ययनरत 131867
छात्र/छात्राओं
को
छात्रवृत्ति
का भुगतान बजट
के अभाव में
लंबित है एवं
छात्रवृत्ति
न मिलने की 6416
शिकायतों का
निराकरण बजट
आवंटन के अभाव
में लंबित है? (घ) प्रदेश
के पिछड़े
वर्ग के
छात्र/छात्राओं
की छात्रवृत्ति
के राशि राज्यांश
एवं केद्रांश
कितने-कितने
प्रतिशत है? वर्ष
2021 एवं 2021-22 हेतु
पंजीकृत
छात्र/छात्राएं
की संख्या के
अनुपात में
राज्य एवं
केन्द्र
सरकार द्वारा
राशि उपलब्ध
नहीं कराने के
कारण
कितनी-कितनी
संख्या में
छात्र/छात्राएं
छात्रवृत्ति
से वंचित है? इसके
लिए जिम्मेदार
कौन-कौन है और
कब तक
छात्रवृत्ति
उपलब्ध करा
दी जायेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग
एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण ( श्री
रामखेलावन
पटेल ) : (क) जी
हाँ। (ख) वित्तीय
वर्ष 2019-20 में
पिछड़ा वर्ग
पोस्ट मैट्रिक
छात्रवृत्ति
पोर्टल
अनुसार 597914
विद्यार्थियों
को राशि रूपये
864.76 करोड़
तथा वित्तीय
वर्ष 2020-21 में 482583
विद्यार्थियों
को राशि रूपये
489.98 करोड़ की
छात्रवृत्ति
वितरित की गई है।
छात्रवृत्ति
का वितरण सतत्
है। विमुक्त
घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
जनजाति विकास
भोपाल (म.प्र.) के
द्वारा दी गई
जानकारी
अनुसार वित्तीय
वर्ष 2019-20 में 38,663
विद्यार्थियों
को राशि रूपये
2.09 लाख तथा
वर्ष 2020-21 में 30,890
विद्यार्थियों
को कुल राशि
रूपये 1.93 लाख
वितरित की गई है।
वर्ष 2021-22 हेतु
छात्रवृत्ति
पोर्टल पर
आवेदन भरने की
प्रक्रिया
प्रचलन में है।
(ग) स्कॉलरशिप
वितरण कार्य
प्रक्रियाधीन
है। आवेदन के
परीक्षण
उपरांत
पात्रता पाये
जाने पर ही
भुगतान संभव
हो पाता है। (घ) प्रदेश
के पिछड़ा
वर्ग के
छात्र/छात्राओं
की छात्रवृत्ति
की राशि राज्यांश
शतप्रतिशत है
एवं केन्द्रांश
के रूप में
अल्पसंख्यक
जनसंख्या के
आधार पर एक
निश्चित राशि
का नोशनल
एलोकेशन कर एक
सीमित
प्रतिशत में
उपलब्ध कराई
जाती है। भारत
सरकार को इस
वित्तीय
वर्ष 2021-22 हेतु
कुल राशि
रूपये 110.88 करोड़
(रूपये एक सौ
दस करोड़
अट्ठासी लाख) का
प्रस्ताव
भेजा गया है। छात्रवृत्ति
का वितरण सतत्
होने से शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ (बंजारा) समाज हेतु प्राप्त आवंटन
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
50. ( क्र. 3367 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ (बंजारा) समाज के लिये कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किस-किस ग्राम में किस कार्य हेतु किन-किन हितग्राहियों को कितना-कितना लाभ दिया गया? (नाम, पिता/पति का नाम, जाति) ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बंजारा समाज के कल्याण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य, किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत के कराये गये अथवा कराये जा रहे हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (घ) विधानसभा क्षेत्र शमशाबाद अंतर्गत बंजारा समाज किन-किन ग्राम मजरा/टोला में निवासरत है? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
बंजारा समाज हेतु योजनायें
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
51. ( क्र. 3368 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़, बंजारा जनजाति कल्याण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? विदिशा जिले की किन-किन तहसीलों में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़, बंजारा जनजाति के कितने-कितने परिवार निवास कर रहे हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में विधानसभा क्षेत्र शमशाबाद में बंजारा समाज को शासन द्वारा किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया है? बंजारा समाज के वर्तमान में किस वर्ग में शमिल किया गया है? (ग) शासन द्वारा बंजारा जनजाति को आदिवासी में शामिल किये जाने हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो बंजारा समाज को क्या आदिवासी समाज में शामिल किया जाएगा? (घ) शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र में बंजारा समाज के छात्र-छात्राओं हेतु छात्रावास की क्या व्यवस्था है? यदि नहीं, तो, जनसंख्या के आधार पर शमशाबाद विधानसभा में बंजारा समाज के छात्र-छात्राओं हेतु पृथक से छात्रावास खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है। बंजारा समाज को विमुक्त जनजाति वर्ग में शामिल किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एक बालक एवं एक बालिका छात्रावास संचालित है। जिसमें बंजारा समाज के छात्र-छात्राओं को भी प्रवेश की सुविधा उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जांच कराकर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाना
[गृह]
52. ( क्र. 3381 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र. 1048 दिनांक 24.12.2021 में सिद्धार्थ केसरवानी पिता प्रमोद केसरवानी की मृत्यु नयागांव थाना चित्रकूट में की गई व लाश नदी में फेक कर आत्महत्या का रूप दिया गया? इस प्रकरण की जांच की प्रति PM रिपोर्ट की प्रति देते हुए बतावे की जांच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रश्न में रीवा जिले के थाना जनेह सूती रेस्ट हाउस में काम कर रहे मजदूर की मृत्यु पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर गैर इरादतन हत्या का अपराध क्यों नहीं पंजीबद्ध किया गया? इसकी जांच किस अधिकारी द्वारा की गई? जांच की प्रति देते हुए बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में अशोक कोल की हत्या कर लाश पेड़ में लटकाने की जांच की जा रही है जानकारी दी गई थी। जांच पूरी की गई हो तो प्रति देते हुए बतावे की किन-किन पर अपराध पंजीबद्ध किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति की हत्या कर लाश नदी में फेंकने की उच्चस्तरीय जांच कराकर क्या अपराधियों को दंडित करायेंगे एवं प्रश्नांश (ख) व (ग) की भी जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराये जाने बाबत् निर्देशित करेंगे, जिससे गरीब को न्याय मिल सके?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मर्ग जांच में यह पाया गया कि मृतक सिद्धार्थ केसरवानी निवासी ब्यौहरी की मृत्यु पानी में डूबने एवं श्वास अवरूद्ध हो जाने के कारण हुई है। मर्ग जांच में कोई अपराध घटित होना नहीं पाये जाने से जांच नस्तीबद्ध की गई है। जांच उप निरीक्षक बी.एस. तोमर द्वारा की गई है। जांच रिपोर्ट एवं पी.एम. रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) मृतक धीरेन्द्र कोल की मर्ग जांच पर अपराध का घटित होना नहीं पाये जाने से मर्ग जांच दिनांक 20.07.2021 को नस्तीबद्ध की गई है। जांच सहायक उप निरीक्षक प्रमोद पाण्डेय द्वारा की गई है। जांच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) विधानसभा तारांकित प्रश्न 1048 दिनांक 24.12.2021 के प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर में मर्ग क्रमांक 13/21 थाना अतरैला में जांच जारी होने की जानकारी दी गई थी। उक्त मर्ग जांच जारी है। जांच में आये एकत्रित साक्ष्य के आधार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित मर्ग जांच में अपराध घटित होना नहीं पाया गया तथा मर्ग जांच नस्तीबद्ध की गई है। प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित मर्ग की जांच जारी है, अतः वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[गृह]
53. ( क्र. 3382 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा कितने निर्माण कार्य वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक में किन-किन जगहों पर कितनी-कितनी लागत से किन-किन संविदाकारों को कार्यादेश जारी कर कराये गये, अनुबंधानुसार क्या कार्य कराये गये? कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच व पर्यवेक्षण कब-कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? पर्यवेक्षण हेतु कितनी राशि व्यय हुई, का विवरण कार्यवार, जिलावार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों के मूल्यांकन व उनकी गुणवत्ता की जांच उपयोग की जाने वाली सामग्री गुणवत्तायुक्त है अथवा नहीं की जांच कब-कब किन-किन के द्वारा की गयी का विवरण कार्यवार जिलावार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों पर कर्मकार मंडल को उपकर की राशि कब-कब किन-किन माध्यमों से ली गई का विवरण देयकवार देवें एवं कितना लेना शेष है? उपकर की राशि अगर नहीं ली गई तो क्यों? इसके लिये किनको दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) के कार्य गुणवत्ता विहीन अनुबंध की शर्तों से हटकर कराये गये प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार सक्षम अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण व निरीक्षण नहीं किया गया, व्यक्तिगत हित पूर्ति कर संविदाकारों को लाभान्वित किया गया एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार उपकर की राशि की वसूली नहीं की गई, ठेकेदारों को लाभ दिया गया इन सबके लिये दोषी जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खातेगांव में निवासरत टाकिया जाति के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
54. ( क्र. 3393 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या देवास जिले की खातेगांव तहसील में लगभग 100 परिवार कई पीढ़ियों से पत्थर तराशकर गृह कार्य के उपकरण सिलबट्टा, चक्की बनाने का कार्य करते हैं, पत्थर को (टांकने) तराशने के कारण इन्हें (टाकिया) कहां जाता है इस कारण इन्हें जातियों की अनुसूची में अन्य पिछड़ा वर्ग का माना गया है? (ख) समूचे मध्यप्रदेश में इस जाति के लोगों के रिश्तेदार (भटोला) जाति के होने से अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत माने गये हैं लेकिन इन्हें विसंगतीपूर्वक आदिवासी होने के बाद भी अनु.जन.जाति वर्ग का नहीं माना जा रहा है? (ग) इन लोगों के रंग रूप, बोली, पहनावां, पूर्वज सभी की समानता भटोला जाति जिसे देवास जिले की ही अन्य तहसील में अनुसूचित जनजाति माना गया है के समान है फिर भी इन्हें अ.ज.जा. का दर्जा खातेगांव तहसील में अप्राप्त है। क्या विभाग अतिशीघ्र जांच कराकर/टीम भेजकर इन्हें अ.ज.जा. वर्ग में सम्मिलित करने हेतु उचित कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 एवं 2002 के तहत भारत सरकार द्वारा म.प्र. राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 16 पर गोंड के साथ भटोला जनजाति संपूर्ण म.प्र. राज्य के लिये अनुसूचित जनजाति अधिसूचित हैं। जबकि टाकिया जाति अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 40 पर पारधी, बहेलिया के साथ क्षेत्रीय बंधन के साथ अधिसूचित है। जिसमें देवास जिला शामिल नहीं हैं। (ग) अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमांक 16 पर गोंड जनजाति के साथ अधिसूचित भटोला जनजाति एवं अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 40 पर पारधी, बहेलिया के साथ अधिसूचित टाकिया जाति दोनों पृथक-पृथक समूह की जनजातियां हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नाबालिग बच्चियों के साथ हुई दरिंदगी के मुकदमे
[गृह]
55. ( क्र. 3396 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नाबालिग बच्चियों के साथ दरिंदगी/ज्यादती हुई तथा कितने मुकदमे दर्ज हुए एवं किन-किन मामलों में पुलिस द्वारा चालान किये गये की जानकारी थानावार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने मामलों में आरोपियों को माननीय न्यायालय द्वारा फांसी की सजा के आदेश दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी, 2019 से कितनी नाबालिग बालिकाओं के अपहरण हुए एवं उनमें से कितनी बालिकाएं पुलिस द्वारा दस्तयाब की गई थानावार जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी, 2019 से 31 दिसम्बर, 2021 तक मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में कितनी व्यस्क महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायें हुई? जिलेवार आकंड़ों सहित जानकारी उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 28 फरवरी 2022 तक नाबालिग बच्चियों के साथ दरिंदगी/ज्यादती के 11173 मामले दर्ज हुए जिसमें पुलिस द्वारा 10551 मामलों में चालान माननीय न्यायालय पेश किये गये। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 28 फरवरी 2022 तक 14 मामलों में 15 आरोपियों को माननीय न्यायालय द्वारा फांसी की सजा के आदेश दिये गये। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 28 फरवरी 2022 तक 23035 नाबालिग बालिकाएं अपहृत हुई। उनमें से 21316 नाबालिग बालिकाओं को पुलिस द्वारा दस्तयाब किया गया। थानावार जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। (घ) दिनांक 01 जनवरी 2019 से दिनांक 31 दिसम्बर 2021 तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 7553 वयस्क महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायें घटित हुई। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में समाहित है।
विभागीय पदों के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 3439
) श्री
शैलेन्द्र
जैन : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश
जनजाति/अनुसूचित
जाति कल्याण विभाग
में उपायुक्त, सहायक
आयुक्त,
जिला
संयोजक,
क्षेत्र
संयोजक,
मंडल
संयोजक सी.ई.ओ., पी.ओ.
एवं अधीक्षक
के कितने पद
रिक्त है? इनका
प्रभार
किन-किन विभाग
के
अधिकारियों/कर्मचारियों
के पास प्रश्न
दिनांक तक है? सूची
उपलब्ध
करायें। अन्य
विभाग को
विभागीय पदों
का प्रभार
क्यों दिया
जाता है? (ख) प्रश्नांश
''क'' वर्णित
कितने पदों पर
नियमित/परिवीक्षा/बिना
तृतीय समयमान
प्राप्त किये
अधिकारी
कार्य कर रहे
है? क्या
शासन अन्य
विभाग एवं
शिक्षक
संवर्ग को प्रशासनिक
पदों से हटाकर
विभागीय
प्रशासनिक/कार्यपालिक
अधिकारियों
को प्रभार सौंपेगा
तथा कब तक? (ग) प्रश्नांश
''क'' वर्णित
पदों में से
सागर संभाग
में कौन-कौन
से पद रिक्त
है? क्या यह
सही है कि, वर्षों
से
अधिकारियों/कर्मचारियों
के रिक्त पदों
पर
व्याख्याता/शिक्षक
प्रश्न दिनांक
तक कार्यालय
में संलग्न है, जिससे
विभागीयों
कार्यों एवं
योजनाओं का क्रियान्वयन
प्रभावित
होता है? क्या
शासन संलग्न
किये गये इन
व्याख्याता/शिक्षकों
को मूल
पदस्थापना पर
भेजा जाना
सुनिश्चित
करेगा तथा कब
तक?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
बस्ती विकास योजना के प्राप्त प्रस्ताव
[अनुसूचित जाति कल्याण]
57. ( क्र. 3474
) श्री
प्रियव्रत
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
राजगढ़ जिले
की खिलचीपुर
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत प्रश्नकर्ता
द्वारा
अनुसूचित
जाति
बस्तियों में
निर्माण
कार्य हेतु
पत्राचार
किया गया था? (ख) यदि
हाँ, तो
कितने प्रस्ताव
प्राप्त
हुये हैं? कितनी
स्वीकृतियां
प्रदान की गई
हैं? (ग) यदि नहीं, तो
कब तक स्वीकृतियां
प्रदान की
जायेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जी
हाँ। (ख) 05
कार्यों के
प्रस्ताव
प्राप्त हुए
हैं। प्रकरण
विचाराधीन
हैं। (ग) समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
ग्राम बगलवारा एवं गोलापटी को थाना नोहटा में शामिल किया जाना
[गृह]
58. ( क्र. 3504 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सगरा के ग्राम सगरा व कठई थाना नोहटा में तथा इसी ग्राम पंचायत का ग्राम बगलवारा थाना कुम्हारी में आता है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत गोलापटी का ग्राम गोलापटी थाना कुम्हारी में एवं शेष 2 ग्राम खेड़ार, टपरिया थाना नोहटा में आते हैं जिससे घटना घटित हो जाने पर या थाना संबंधी कार्य से ग्रामवासियों को 20 किलोमीटर दूर थाना कुम्हारी व 30 किलोमीटर दूर एस.डी.ओ.पी. कार्यालय पथरिया जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों ग्रामों को थाना कुम्हारी से हटाकर थाना नोहटा में जोड़ने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा कब तक बगलवारा व गोलापटी को थाना कुम्हारी से हटाकर थाना नोहटा में जोड़ा जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गए पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। ग्राम बगलवारा की थाना कुम्हारी से दूरी 20 कि.मी. एवं चौकी बनवार थाना नोहटा से दूरी 23 कि.मी. एवं थाना नोहटा से दूरी 40 कि.मी. होने के कारण ग्राम बगलवारा को यथावत रखा गया है। ग्राम गोलापाटी को थाना नोहटा में सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा केंद्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार
[लोक सेवा प्रबन्धन]
59. ( क्र. 3516 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से लोक सेवा केंद्र संचालित हैं? (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों में नि:शुल्क सेवाओं के बदले में अतिरिक्त राशि की मांग किये जाने की कोई शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो किन-किन लोक सेवा केन्द्रों की शिकायत मिली है? (ग) क्या 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक किसी लोक सेवा केंद्र पर छापा मारकर जाँच की गई है? यदि हाँ, तो किस किस लोक सेवा केंद्र की जांच की गई तथा किस-किस केंद्र में अव्यवस्था पाई गई? (घ) क्या उपरोक्त सभी केन्द्रों पर सेवा का निर्धारित शुल्क, शिकायत के लिए फोन नम्बर, आधार सेवा और आयुष्मान सेवा के लिए शासन की निर्धारित फीस चस्पा करके प्रदर्शित की गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में 02 लोक सेवा केन्द्र सौंसर एवं मोहखेड़ संचालित है। (ख) एवं (ग) निरंक (घ) लोक सेवा केन्द्रों में शासन के निर्देश चस्पा हैं।
पिछड़ा वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप का प्रदाय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
60. ( क्र. 3518 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे [ श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.), श्री आलोक चतुर्वेदी ] : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग के आई.आई.टी., आई.आई.एम. या आई.आई.एफ.एम. में प्रवेश लेकर पढ़ाई कर रहे, मेडिकल में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) पास कर चुके और इंजीनियरिंग में प्रवेश की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई), एन.एल.आई.यू., बीई, एम.एस.सी. विद कंप्यूटर समेत कॉलेज के बेसिक कोर्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों को पिछले दो साल से स्कॉलरशिप नहीं मिली है? (ख) ऐसे कितने छात्र हैं जिन्हें वर्ष 2020-21 और 2021-22 की स्कॉलरशिप नहीं मिली है तथा कुल कितने रूपये की स्कॉलरशिप नहीं दी गई है? (ग) पिछड़ा वर्ग के छात्रों को निर्धारित समयानुसार स्कॉलरशिप नहीं दिए जाने का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) उक्त पाठ्यक्रमों हेतु छात्रवृत्ति के आवेदन पोर्टल पर किये जाने की प्रक्रिया है। पोर्टल पर आवेदन प्राप्त होने पर परिक्षण उपरांत पात्रता होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता है। (ख) 1,03,323 विद्यार्थियों की वर्ष 2020-21 की छात्रवृत्ति अभी लंबित है। वर्ष 2021-22 हेतु विद्यार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति पोर्टल पर आवेदन भरने की प्रक्रिया प्रचलन में है। अत: राशि बताना संभव नहीं है। (ग) स्कॉलरशिप वितरण कार्य प्रक्रियाधीन है। आवेदन के परीक्षण उपरांत पात्रता पाये जाने पर ही भुगतान संभव हो पाता है।
कृषि साख समितियों में भण्डारित किये गये खाद
[सहकारिता]
61. ( क्र. 3529 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में खरीफ 2021 एवं रबी 2021-22 में डी.ए.पी., सिंगल सुपर फॉस्फेट, वर्मी कम्पोस्ट ए सिटी कंपोस्ट एवं आर्गेनिक मैन्योर और खाद की मात्रा किस-किस कंपनी की कितनी-कितनी भण्डारित हुई? जिलेवार जानकारी दें। (ख) विपणन संघ द्वारा इन जिलों के लिये कितनी-कितनी डी.आई. किस-किस कंपनी की कब-कब जारी की गयी? जिलेवार एवं तिथिवार विवरण दें। (ग) खाद के भण्डारण के संबंध में पंजीयक, सहकारी संस्थाएं म.प्र. द्वारा जून 2021 में क्या निर्देश जारी किये गये थे? क्या इन निर्देशों का पालन हुआ? यदि हाँ, तो किस-किस स्तर पर एवं क्या? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें? (घ) सहकारी समितियों में किस कंपनी के खाद की अधिक सप्लाई हुई और क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है